मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च
2017 सत्र
मंगलवार, दिनांक 21 मार्च 2017
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
रायसेन
जिले में
कार्यरत स्व-सहायता
समूह/महिला
मण्डल
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
1. ( *क्र. 3975 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में कितने स्व-सहायता समूह एवं महिला मण्डल दिनांक 01.04.2013 से प्रश्न तिथि तक कार्यरत हैं? विकासखण्ड बाड़ी एवं उदयपुरा में कार्यरत स्व-सहायता समूह एवं महिला मण्डल के नाम, पता एवं वर्षवार बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्व-सहायता समूहों एवं महिला मण्डलों को कितनी राशि दी गई? वर्षवार समूहवार बतावें। (ग) बाड़ी एवं उदयपुरा ब्लॉक में विभाग की कौन-कौन सी योजनाएँ संचालित हैं, उनका लक्ष्य और बजट अनुसार गत दो वर्षों में कितना खर्च किया? क्या उनका अंकेक्षण एवं सत्यापन कराया गया है? क्या इसमें किसी प्रकार की अनियमितता हुई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिले में एस.आर.एल.एम. अंतर्गत महिला मण्डल कार्यरत नहीं है। 3027 स्व-सहायता समूह कार्यरत हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। जी हाँ। मनरेगा/मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम/मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण एवं स्वरोजगार योजना तथा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन का अंकेक्षण एवं सत्यापन कराया गया है। इसमें किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं पाई गई है।
पन्ना जिले में हीरा भंडार क्षेत्रों का आवंटन
[खनिज साधन]
2. ( *क्र. 6881 ) श्री बाला बच्चन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले के पन्ना में हीरा भंडार क्षेत्र को किन शर्तों पर रियों टिंटों को खुदाई हेतु आवंटित किया गया था? अनुबंध की प्रति उपलब्ध करावें तथा बतावें कि क्या उन्होंने आवंटित भूमि पर ही तयशुदा खनन किया था? इसकी प्रमाणित जानकारी देवें। (ख) कंपनी ने उपरोक्त भूमि पर स्थायी/ अस्थायी प्रकृति के कितने निर्माण किए? भूमि वापस करते समय कंपनी द्वारा दी गई सभी संपत्ति स्थायी/अस्थायी की सूची उनके क्षेत्रफल सहित देवें? यदि भवन है तो भवन के कमरों इत्यादि की भी पूर्ण जानकारी देवें? यदि कक्ष या वाहन हैं तो उनके बारे में भी बतावें? (ग) कंपनी ने विगत 10 वर्षों में कितने मूल्य का हीरा उपलब्ध कराया? उसकी सूची देवें। (घ) उपरोक्तानुसार अपनी मर्जी से सेवा शर्तों को पूरा किए बिना काम छोड़कर जाने वाली कंपनी एवं इसकी निगरानी करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले के पन्ना क्षेत्र में प्रश्नाधीन कंपनी को हीरा भण्डार के खनन हेतु कोई क्षेत्र आवंटित नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निशातपुरा पन्नानगर योजना में आवास आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
3. ( *क्र. 5712 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गृह निर्माण मण्डल द्वारा संचालित आवासीय योजना में क्या सभी आवश्यक स्वीकृति प्राप्त होने के पश्चात् भवन पंजीयन का विज्ञापन जारी किया जाता है? यदि हाँ, तो निशातपुरा पन्नानगर योजना में नगर एवं ग्राम निवेश विभाग द्वारा अनुमति प्राप्त किये बिना ही योजना में पंजीयन हेतु विज्ञापन जारी कर राशि क्यों प्राप्त की गई? क्या यह कार्यवाही नियमानुसार थी? बोर्ड की योजना अनुसार भवन निर्माण में विलंब होने से क्या योजना आर्थिक दृष्टि से बोर्ड के लिये या पंजीयनकर्ता की दृष्टि से हितकारी नहीं होती है? यदि नहीं, तो इस योजना को बोर्ड द्वारा आर्थिक दृष्टि से हितकारी नहीं बताकर प्रकोष्ठ योजना क्यों लागू की गई? (ख) क्या इस योजना को वर्ष 2013 में पुन: जीवित करने हेतु आवेदकों द्वारा माननीय मुख्यमंत्री/बोर्ड अध्यक्ष, प्रमुख सचिव, आवास एवं पर्यावरण, म.प्र. शासन से निवेदन करने पर योजना को शासन द्वारा पुन: स्वीकृति दी गई? यदि हाँ, तो उन आवेदकों की सहमति लिये बिना ही स्वतंत्र भवन प्रकोष्ठ से बहुमंजिला भवन निर्माण की योजना बोर्ड द्वारा अपनी मर्जी से क्यों स्वीकृत की गई? (ग) क्या शासन इस योजना में शेष बचे आवेदकों जिनके द्वारा पंजीयन राशि वापिस नहीं ली गई है, उन्हें पंजीयन के आधार पर स्वतंत्र भवन निर्मित कर उसी मूल्य पर आवास उपलब्ध कराकर शेष भूमि पर प्रकोष्ठ के निर्माण की कार्यवाही करने के निर्देश देगा? (घ) यदि उसी स्थान पर भवन उपलब्ध कराने में बोर्ड को कठिनाई है तो नगर निगम सीमा के अंतर्गत उसी क्षेत्रफल या आवेदकों की मांग अनुसार भवन/भूखण्ड पूर्व भवन के मूल्य को आधार मानते हुए उपलब्ध करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। निशातपुरा पन्ना नगर की योजना अंतर्गत अभिन्यास नगर तथा ग्राम निवेश विभाग के पत्र क्र. 2728/जी-211/29/जिला/न.ग्रा.नि./2005 दिनांक 21.09.2005 द्वारा 1158 ई.डब्ल्यू.एस. प्रकोष्ठों हेतु स्वीकृत था। उक्त योजनांतर्गत पंजीयन प्राप्त न होने से योजना पुनरीक्षित कर स्वतंत्र एम.आई.जी. भवनों के निर्माण करने की दृष्टि से योजना का अभिन्यास पुनरीक्षित हेतु दिनांक 25.05.2009 को नगर तथा ग्राम निवेश विभाग को अनुमोदन हेतु प्रेषित किया गया। पुनरीक्षित अभिन्यास स्वीकृति की प्रत्याशा में एम.आईजी. भवनों हेतु पंजीयन आमंत्रित किए गए। पूर्व अभिन्यास आवासीय उपयोग हेतु स्वीकृत था एवं पुनरीक्षित योजना जो कि पुनः आवासीय उपयोग की थी। अतः समस्त कार्यवाही नियमानुसार की गई। भवन निर्माण में विलम्ब होने के दृष्टिगत योजना आर्थिक दृष्टि से हितकारी होने अथवा न होने संबंधी प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्नाधीन योजना आर्थिक दृष्टि से हितकारी नहीं होने संबंधी स्थिति का तात्पर्य यह है कि नगर तथा ग्राम निवेश विभाग द्वारा अभिन्यास का भूमि उपयोग यातायात निर्दिष्ट होने के आशय से निरस्त किया गया। अतः मण्डल द्वारा भूमि उपांतरण हेतु नियमानुसार प्रस्तुत आवेदन अंतर्गत नगर तथा ग्राम निवेश विभाग द्वारा रेलवे की सीमा से 30 मी. चौड़ा खुला क्षेत्र अभिन्यास में छोड़ने की शर्त पर भूमि उपांतरण किया गया। इस शर्त के परिप्रेक्ष्य में अभिन्यास अंतर्गत उपलब्ध होने वाली भूमि में स्वतंत्र भवनों की योजना आर्थिक रूप से साध्य न होने से प्रकोष्ठ भवनों के निर्माण की योजना प्रस्तावित की गई। (ख) जी नहीं। पूर्व में प्रस्तावित स्वतंत्र भवनों की योजना साध्य न होने से प्रकोष्ठ भवनों की योजना प्रस्तावित की गई एवं तत्समय पंजीकृत हितग्राहियों को विकल्प प्रदान किया गया कि वे प्रकोष्ठ भवनों की योजना में शामिल हो सकते हैं अथवा अपनी जमा राशि निर्धारित ब्याज सहित प्राप्त कर सकते हैं। अतः बहुमंजिला भवन निर्माण की योजना परिस्थितिजन्य होने से मण्डल द्वारा अपनी मर्जी से स्वीकृत नहीं की गई। (ग) पूर्व योजनांतर्गत शेष बचे ऐसे आवेदक जिनके द्वारा पंजीयन राशि वापिस नहीं ली गई है, उनके लिए प्रश्नाधीन योजनांतर्गत स्वतंत्र भवन निर्मित कर प्रदान करना पुनरीक्षित अभिन्यास में प्रावधान उपलब्ध न होने के परिप्रेक्ष्य में नहीं किया जा सकता है। शेष हितग्राहियों को मण्डल की रिक्त संपत्ति अथवा नवीन योजनाओं अंतर्गत वर्तमान निर्धारित मूल्य पर संपत्ति प्राप्त करने का विकल्प उपलब्ध है, जिसमें उनके द्वारा जमा राशि निर्धारित ब्याज दर पर संपत्ति के मूल्य में समायोजित की जावेगी। (घ) जानकारी प्रश्नांश (ग) अनुसार है।
ग्वालियर जिले में अवैध उत्खनन पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
4. ( *क्र. 6715 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में प्रश्न दिनांक की स्थिति में किस-किस प्रकार के खनिज के उत्खनन करने की स्वीकृति किस-किस सर्वे नम्बरों से किस-किस व्यक्ति, ठेकेदार या फर्म को किस-किस दिनांक से किस दिनांक तक की अवधि तथा कितने राजस्व की प्राप्ति के लिये दी गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत खदानों से 01 अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितना-कितना राजस्व प्राप्त हुआ है? अलग-अलग खदानवार स्पष्ट करें। (ग) ग्राम मोहना के सर्वे क्रमांक 314/1 अफरोज खान पुत्र सुल्तान खान के नाम से 18.08.2009 से 17.08.2019 तक के लिये खदान स्वीकृत थी? क्या श्री अफरोज खान द्वारा उक्त सर्वे नंबर की खदान को निरस्त करा दिया था? यदि हाँ, तो निरस्ती आदेश की प्रति दें? क्या उस खदान पर मोहना पुलिस की देख रेख में तथा खनिज विभाग के कर्मचारियों/अधिकारियों की मिली भगत से लाखों रूपयों का अवैध उत्खनन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्या प्रश्नकर्ता विधायक के साथ भोपाल से वरिष्ठ अधिकारियों की टीम गठित कर जाँच कराई जा सकती है? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) ग्वालियर जिले में स्वीकृत रेत की खदानों से किस-किस प्रकार के वाहनों से कितनी-कितनी मात्रा के लिये कितनी-कितनी रॉयल्टी वसूली का प्रावधान है? नियम की प्रति उपलब्ध करावें। ठेकेदार द्वारा अधिक राशि वसूलने के लिये क्या दण्डात्मक कार्यवाही का नियम है? यदि है तो प्रति उपलब्ध करावें? क्या ठेकेदार द्वारा रसीद में लिखी राशि का 5-6 गुना अधिक अवैध वसूली की जा रही है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो क्या इसकी जाँच कराई जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) एवं (ख) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। अपितु प्रश्नाधीन खदान को माननीय एन.जी.टी. नई दिल्ली के प्रकरण क्रमांक 34/2016 में माननीय एन.जी.टी. के आदेश दिनांक 04.05.2016 के परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर कार्यालय, जिला ग्वालियर के आदेश दिनांक 31.05.2016 से बंद की गई है। जी नहीं। जिले में समय-समय पर जाँच की कार्यवाही की जाकर, पाए जाने पर अवैध उत्खननकर्ताओं एवं परिवहनकर्ताओं पर कार्यवाही की जाती है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में रेत खनिज की रॉयल्टी प्रति घनमीटर की दर रूपए (रूपये 100/- प्रति घनमीटर) अधिसूचित है। परिवहित की जा रही रेत की मात्रा के आधार पर रॉयल्टी लिये जाने का प्रावधान है। वाहन के आधार पर रॉयल्टी लिये जाने के प्रावधान नहीं है। रेत का विक्रय मूल्य खदान के उच्चतम बोली के आधार पर निर्भर होता है। ठेकेदार द्वारा बाजार में किस दर पर रेत खनिज का विक्रय किया जायेगा, ऐसे कोई प्रावधान नियमों में नहीं हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बिगड़े वनों के सुधार योजना का क्रियान्वयन
[वन]
5. ( *क्र. 290 ) श्री जतन उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिगड़े वनों के सुधार हेतु शासन द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं चलाई जा रही हैं? (ख) छिन्दवाड़ा जिले की सातों विधान सभा क्षेत्र में कौन-कौन से क्षेत्रों में बिगड़े वनों के सुधार हेतु क्या कार्य किये जा रहे हैं? (ग) नये वृक्षारोपण हेतु गड्ढे की खुदाई कहाँ-कहाँ की जा रही है एवं मजदूरों को किस दर से भुगतान किया जा रहा है? भुगतान क्या ई-पेमेंट से दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो कितने मजदूरों का भुगतान ई-पेमेंट से किया गया है और कितने मजदूरों का भुगतान नगद दिया गया है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) कार्य आयोजना के क्रियान्वयन के अन्तर्गत बिगड़े वनों के सुधार की योजना चलाई जा रही है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। वन विभाग द्वारा स्वीकृत जॉब दर एवं श्रमायुक्त म.प्र. शासन इन्दौर द्वारा स्वीकृत मजदूरी की दर से भुगतान ई-पेमेन्ट से किया जा रहा है। जी हाँ। 1470 मजदूरों को मजदूरी का भुगतान ई-पेमेन्ट प्रक्रिया द्वारा किया गया है। नगद भुगतान की जानकारी निरंक है।
औद्योगिक संस्थानों में आवंटित भू-खण्ड
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
6. ( *क्र. 4773 ) श्री अजय सिंह : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक रीवा संभाग में जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के औद्योगिक संस्थानों में आवंटित भूखण्डों में कितने भूखण्ड स्वामियों पर गैर-औद्योगिक गतिविधियाँ संचालित करने के लिये व्यवसायिक दर से भू-भाटक लेने की शास्ति (पेनाल्टी) आरोपित की गई? उनके नाम तथा शास्ति का विवरण क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित ऐसे भू-स्वामियों से कितनी राशि वसूल की गई? कितनी राशि वसूल करना बकाया है? (ग) प्रश्नांश (ख) से संबंधित ऐसे भू-स्वामियों से कब तक वसूल करने तथा ऐसे भू-खण्डधारकों पर क्या कार्यवाही करने का प्रस्ताव है?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) रीवा संभाग के जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्रों के औद्योगिक संस्थानों में आवंटित भू-खण्डों में किसी भी भू-खण्ड स्वामी द्वारा गैर औद्योगिक गतिविधि का संचालन नहीं किया जा रहा है। अतएव शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) से (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आवासीय भूमि का मालिकाना हक प्रदान किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
7. ( *क्र. 3652 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या ब्यौहारी तहसील अंतर्गत नगर पंचायत खांड में शासकीय भूमि में दुकान, भवन इत्यादि बनाकर लोग जीवन यापन कर रहे हैं? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो निर्मित भवन, दुकानों को मध्य प्रदेश शासन के नियमानुसार प्रत्येक आवासीय भूमि का मालिकाना हक प्रदान किये जाने के निर्णय मुताबिक उपरोक्त भवन, दुकान निर्माणकर्ताओं को मालिकाना हक प्रदान कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कब और नहीं तो क्यों और कब तक प्रदान किया जावेगा।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जिला शहडोल तहसील ब्यौहारी के नगर परिषद, खांड के अंतर्गत ग्राम चंदोली में 136 किता रकबा 84.993 हेक्टेयर है एवं ग्राम खांड में 17 किता रकबा 6.795 हेक्टेयर भूमि पर दुकान व भवन इत्यादि निर्मित है जो कि मध्य प्रदेश जल संसाधन विभाग के नाम दर्ज राजस्व अभिलेख है। (ख) प्रश्नांश (क) में अंकित आराजियां मध्य प्रदेश जल संसाधन विभाग दर्ज होने से मालिकाना हक दिया जाना संभव नहीं है।
शासकीय योजनाओं में बैंक द्वारा ऋण प्रदाय
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
8. ( *क्र. 4985 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य एवं केन्द्र शासन की कौन-कौन सी ऋण योजनायें एवं अनुदान सह ऋण योजनायें मध्यप्रदेश में संचालित हैं, जिनमें ऋण हेतु ग्यारण्टी या अनुदान शासन की ओर से दिये जाते हैं? योजनावार पूर्ण विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं के क्रियान्वन में बैंकों की भूमिका की मॉनीटरिंग की कोई व्यवस्था है? यदि हाँ, तो पूर्ण विवरण देवें। (ग) उक्तानुसार योजना क्रियान्वन में बैंको द्वारा सहयोग न करने संबंधी कितनी शिकायतें विगत 03 वर्षों में जिला आगर अंतर्गत नोडल अधिकारी कलेक्टर आगर को प्राप्त हुई हैं? प्राप्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) राज्य एवं केन्द्र की योजनाएं विभिन्न विभागों द्वारा संचालित की जाने के कारण संबंधित विभागों से जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) एवं (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्वयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
9. ( *क्र. 4075 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना क्या है? इस योजना अंतर्गत किस प्रकार से हितग्राहियों को पात्र मानकर किस प्रकार से आवास निर्माण का प्रावधान है? नियम की छायाप्रति देवें एवं इस योजना को कब किस प्रकार से किसके द्वारा प्रदेश में कुल कितनी धन राशि से संचालित किया जा रहा है? वित्त वर्ष 2016-17 में जिलेवार योजान्तर्गत कितना धन आवंटित किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना अंतर्गत पाटन विधानसभा अंतर्गत पाटन एवं मझौली विकास खण्डों के किस-किस ग्राम को कितना-कितना किस श्रेणी का लक्ष्य दिया गया? ग्रामवार सूची देवें एवं ग्रामवार आवास निर्माण का लक्ष्य किसके द्वारा किस प्रकार से कब निर्धारित किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित लक्ष्य अनुसार किस-किस ग्राम के कितने हितग्राहियों को कितनी राशि आवंटित की गई? प्रश्न दिनांक तक इन स्वीकृत प्रधानमंत्री आवासों के निर्माण की अद्यतन स्थिति क्या थी? (घ) प्रश्नांक (ख) एवं (ग) के संदर्भ में ग्रामवार स्वीकृत आवास निर्माण अनुपातिक क्यों नहीं है? क्या कुछ अपात्र नाम भी इस सूची में सम्मिलित होने संबंधी शिकायतें शासन स्तर में प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो क्या इन स्वीकृत आवास निर्माण में प्राप्त हुईं हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन इन स्वीकृत आवास निर्माण में हुई विसंगतियों की जाँच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। भारत सरकार ने वर्ष 2016-17 के लिए प्रदेश को 4,48,147 आवास का लक्ष्य दिया है। जिलेवार धन आवंटन नहीं किया गया है। (ख) विकासखण्ड पाटन एवं मझौली के लिए ग्रामवार लक्ष्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। प्रदेश के वर्ष 2016-17 के लक्ष्य एवं वर्ष 2017-18 के संभावित लक्ष्य के विरूद्ध राज्य स्तर से वंचितता की तीव्रता के आधार पर हितग्राहियों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। (ग) ग्रामवार धनराशि आवंटित करने की व्यवस्था नहीं है। अब तक स्वीकृत आवास अप्रारम्भ से लेकर निर्माण के विभिन्न चरणों में है। (घ) लक्ष्य का आवंटन क्षेत्रवार न होकर हितग्राहियों की परस्पर वंचितता की तीव्रता पर आधारित है। SECC-2011 में सूचीबद्ध परिवारों का भौतिक सत्यापन करने तथा ग्रामसभा में उन पर विचार करके अपात्रों के नाम हटाने की व्यवस्था की गई है। विकासखण्ड पाटन तथा मझौली से अपात्र हितग्राहियों का चयन किये जाने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं है।
इंदिरा आवास की द्वितीय किश्त का भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
10. ( *क्र. 3193 ) श्री रमेश पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में प्रश्न दिनांक तक ऐसे कितने हितग्राही हैं, जिनकी इंदिरा आवास योजना के तहत द्वितीय किश्त शेष है? हितग्राहियों की संख्या विधानसभा क्षेत्रवार बतायें। (ख) क्या कारण है कि इनकी द्वितीय किश्त का भुगतान करने में विलंब किया जा रहा है? (ग) इनकी द्वितीय किश्त का भुगतान लंबित रखने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (घ) इस द्वितीय किश्त का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बड़वानी, सेंधवा, पानसेमल एवं राजपुर के हितग्राहियों द्वारा प्रथम किश्त से अपेक्षित आवास निर्माण नहीं करने के कारण किसी भी प्रकरण में द्वितीय किश्त देय नहीं हुई है। (ख) एवं (ग) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) हितग्राहियों द्वारा प्रथम किश्त के विरूद्ध भौतिक निर्माण कार्य पूर्ण करने पर द्वितीय किश्त का भुगतान किये जाने का प्रावधान है। समय-सीमा नियत करना संभव नहीं है।
आई.ए.पी. योजनांतर्गत वेयर हाउस का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
11. ( *क्र. 5078 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में जिला पंचायत सिवनी अंतर्गत वर्ष 2013 से आज दिनांक तक आई.ए.पी. योजना के तहत वेयर हाउस निर्माण कार्य हेतु लघु उद्योग निगम को कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई? इसका वर्षवार विवरण देवें। (ख) लघु उद्योग निगम ने वर्ष 2013 से अब तक किन-किन एजेंसियों से सिवनी जिले में कहाँ-कहाँ कितनी लागत से निर्माण कराए हैं। एजेन्सी द्वारा कितने वेयर हाउस निर्माण कार्य पूर्ण कराए जा चुके हैं तथा कितने प्रगति पर हैं। निगम द्वारा संबंधित एजेंसी को किस-किस कार्य के लिए कितना-कितना भुगतान किया गया है। (ग) जिला पंचायत सिवनी को लघु उद्योग निगम द्वारा नियुक्त एजेंसी से वेयर हाउस निर्माण के चलते वर्ष 2013 से आज तक कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं और उन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सिवनी जिला अंतर्गत लघु उद्योग निगम को आई.ए.पी. योजना से वेयर हाउस निर्माण हेतु वर्ष 2013 में रू. 149.95 लाख, वर्ष 2014 में रू. 149.95 लाख एवं वर्ष 2015 में रू. 40.00 लाख की राशि प्रदाय की गई। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत सिटी बस का संचालन
[नगरीय विकास एवं आवास]
12. ( *क्र. 900 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन प्रदेश की जनता के बेहतर व सरल आवागमन व परिवहन के लिए जगह-जगह सिटी बस का संचालन कर बेहतर सुविधाएं दे रहा है? यदि हाँ, तो किस माध्यम से किस प्रकार की परिवहन संबंधी सुविधाएं दी जा रही हैं? (ख) क्या सोनकच्छ नगर व आस-पास के ग्रामीण क्षेत्र के हजारों छात्र-छात्राएं, व्यापारी, कर्मचारी महिला-पुरूष प्रतिदिन इंदौर, देवास, उज्जैन से सोनकच्छ आना जाना करते हैं? क्षेत्र में सिटी बसें नहीं चलने के कारण प्रायवेट बस मालिकों द्वारा अपनी मनमर्जी से किराया निर्धारण कर तथा बस स्टेशनों पर गाड़ी न लाकर सीधे बायपास से ही बसों को ले जाया जाता है, जिसके कारण विधानसभा क्षेत्र के हजारों लाखों यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है? क्या इसके निराकरण हेतु शासन कोई ठोस कार्यवाही करेगा या नहीं? (ग) क्या सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र वासियों को यातायात समस्या से निजात दिलाने हेतु विभाग सिटी बस चालू करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। बसों के माध्यम से परिवहन सुविधाएं दी जा रही हैं। (ख) मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम बसों का संचालन बंद किए जाने के कारण वर्तमान में बसों का संचालन निजी बसों के संचालक द्वारा किया जा रहा है। निजी बस संचालकों के मांग के अनुसार परिवहन विभाग द्वारा परमिट जारी किए जाते हैं, बसों का किराया भी परिवहन विभाग द्वारा निर्धारित है। (ग) सोनकच्छ में सिटी बस चलाए जाने की कोई योजना नहीं है।
अवैध निर्माण पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( *क्र. 4953 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अतारांकित प्रश्न संख्या 14 (क्र. 96), दिनांक 03 मार्च 2014 के तहत क्या विभाग के अभिन्यास अनुमोदन क्र. 782/नग्रानि/सी.पी./99 भोपाल दिनांक 09.03.99 के बिन्दु 6 में उल्लेख है कि भूमि स्वामित्व संबंधी किसी भी प्रकार का विवाद होने पर यह अनुमति निरस्त मानी जावेगी? संदर्भित प्रश्न के प्रश्नांश (क) के उत्तर में कृषकों से विवाद होना बताया गया है? यदि विवाद था तो अनुमति निरस्त क्यों नहीं की गयी? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या उक्त प्रकरण का आवेदन अभिन्यास अनुमोदन हेतु नगर निगम भोपाल के माध्यम से ही प्रस्तुत हुआ है? क्या उक्त आदेश में बिन्दु क्रमांक 4 के अनुसार सुपर विजन राशि भोपाल नगर निगम में जमा करवाने को आदेशित किया था? यदि हाँ, तो सुपर विजन नगर निगम भोपाल से क्यों नहीं कराया गया? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत क्या प्रश्न दिनांक तक अवैध निर्माण कार्य चल रहा है? यदि हाँ, तो सम्पूर्ण अवैध निर्माण को कब तक तोड़ दिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। संदर्भित अंताराकित प्रश्न के संबंध में माननीय विधायक की शिकायत प्राप्त होने पर अमलतास गृह निर्माण सहकारी संस्था के स्वामित्व की भूमि रकबा 11.07 एकड़ का सीमाकंन एवं स्थल निरीक्षण करने हेतु शासन द्वारा आदेश जारी कर एक समिति का गठन किया गया है। सीमांकन का कार्य पूर्ण होने के बाद विवाद का निराकरण किया जा सकेगा। (ख) जी हाँ। जी हाँ। क्योंकि तत्समय प्रश्नाधीन क्षेत्र नगर पालिक निगम सीमा से बाहर था। (ग) जी हाँ। संस्था द्वारा अनुमोदित अभिन्यास की स्थिति से भिन्न विकास कार्य करने के कारण म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा-37 (1) के अंतर्गत सूचना पत्र दिनांक 11.03.2013 एवं 16.06.2013 को जारी किये गये हैं। श्रीमान न्यायिक दण्डाधिकारी, प्रथम श्रेणी भोपाल के समक्ष परिवाद दायर है, जिसकी सुनवाई दिनांक 25.03.2017 को नियत है। परिवाद के निर्णय अनुसार अग्रेत्तर कार्यवाही संभव हो सकेगी।
जनभागीदारी से स्वीकृत निर्माण कार्यों की जाँच
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
14. ( *क्र. 1538 ) श्रीमती ममता मीना : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अपर कलेक्टर जिला गुना के जाँच प्रतिवेदन दिनांक 22.07.2016 में 06 सी.सी. रोड निर्माण कार्य की जाँच संयुक्त जाँच दल से कराये जाने का लेख किया गया था? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित संयुक्त जाँच दल द्वारा वर्णित 06 कार्यों की प्रश्न दिनांक तक जाँच नहीं की गई? क्या कारण है? (ग) कार्यपालन यंत्री लो.नि.वि./आर.ई.एस. एवं अनुविभागीय अधिकारी राघौगढ़ कलेक्टर जिला गुना के पत्रों को गंभीरता से लेते हैं अथवा नहीं? कलेक्टर के पत्र क्रमांक 2997 दिनांक 29.07.2016 का प्रश्न दिनांक तक पालन क्यों नहीं किया गया है? पालन न करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (घ) 06 सी.सी. रोड़ निर्माण कार्यों की जाँच किस दिनांक तक करा ली जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) संयुक्त जाँच दल द्वारा वर्णित 06 शिकायतों की जाँच पूर्ण कर ली गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) कलेक्टर के पत्र क्रमांक 2997 दिनांक 20.07.2016 का पालन किये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता (घ) जाँच पूर्ण हो चुकी है।
डाटा एंट्री ऑपरेटरों को कर्मचारी भविष्य निधि का लाभ
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
15. ( *क्र. 4122 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संभागीय योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय तथा जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय में नियुक्त डाटा एंट्री ऑपरेटर कितने वर्षों से कार्यरत हैं? (ख) क्या शासन द्वारा ऐसा कोई प्रावधान है कि इन्हें विभाग में ही नियमित पद पर संविलियन कर दिया जायेगा? (ग) क्या विभाग में कार्यरत डाटा एंट्री ऑपरेटर को कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम 1952 के अंतर्गत कर्मचारी भविष्य निधि का लाभ मिल रहा है? अगर नहीं तो कब तक मिल जायेगा? नहीं तो इसके लिए कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेवार हैं? (घ) क्या अन्य विभागों में कार्यरत डाटा एंट्री ऑपरेटर की भांति जैसे मनेरगा, जन अभियान परिषद, सर्वशिक्षा अभियान में इन्हें भी वेतन का लाभ दिया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) संभागीय योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय तथा जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय में वर्ष 2011 से कार्यरत हैं। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। विभाग द्वारा जारी पद स्वीकृति आदेश में इस प्रकार के कोई प्रावधान नहीं हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ईसागढ़ नगर में महाविद्यालय भवन निर्माण
[उच्च शिक्षा]
16. ( *क्र. 4268 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चंदेरी विधानसभा के ईसागढ़ नगर में महाविद्यालय हेतु भवन निर्माण किया जाना प्रस्तावित है? (ख) यदि हाँ, तो भवन निर्माण कब तक कर दिया जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शासकीय महाविद्यालय ईसागढ़ के भवन निर्माण हेतु लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू.) अशोकनगर के प्राक्कलन अनुसार राशि रूपये 747.30 लाख का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। (ख) समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
ईको विकास समितियों का गठन
[वन]
17. ( *क्र. 6223 ) श्री पंडित सिंह धुर्वे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले के अंतर्गत बफर जोन वन मण्डल द्वारा कितनी ईको विकास समितियों का गठन किया गया है? (ख) गठित समितियों को वर्ष 2013 से वर्तमान तक विभिन्न योजना मदों से कितनी-कितनी राशि उपलब्ध करायी गयी? (ग) प्राप्त राशि से समितियों द्वारा कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि से कराये गये? समितिवार कार्य एवं लागत राशि सहित जानकारी देवें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) 72 (ख) जानकारी निम्नानुसार है :-
वर्ष |
2013-2014 |
2014-2015 |
2015-2016 |
2016-2017 |
राशि |
78,56,438 |
1,24,51,186 |
1,27,92,696 |
74,53,267 |
(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
निविदा स्वीकृति में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
18. ( *क्र. 1802 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिक निगम उज्जैन में ई-टेण्डर क्रमांक 1068 में कितनी निविदाएं प्राप्त हुईं? क्या कोई निगोशिएशन किया गया? यदि हाँ, तो किस नियम के आधार पर? (ख) क्या इस प्रकार के कार्यों का टेण्डर क्वालिटी एण्ड कॉस्ट बेस्ड सिस्टम के अंतर्गत किया जा सकता है? यदि हाँ, तो प्रमाणिक आधार देवें? (ग) क्या उक्त कार्य में न्यायालय से कोई स्थगन प्राप्त हुआ था? यदि हाँ, तो स्थगन के बावजूद किस आधार पर कार्य प्रारंभ कराया गया? क्या उक्त कार्य स्थगन के आधार पर रोका नहीं जा सकता था? (घ) टेण्डर में दर्शायी गई सामग्री का हस्तांतरण ठेकेदार को किस दिनांक को किया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) तीन निविदाएं प्राप्त हुईं। जी हाँ, मध्य प्रदेश कार्य विभाग मैन्यूअल की कंडिका 2.086 के प्रावधान के आधार पर। (ख) जी हाँ। निविदा प्रपत्र। मेयर इन काउंसिल के द्वारा स्वीकृत किया गया। (ग) जी नहीं, अपितु माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर द्वारा रिट पिटीशन क्रमांक 4676/2015 में पारित आदेश दिनांक 06.04.2016 में निविदा एवं कार्यादेश को निरस्त कर दिया गया था, जिसके क्रम में माननीय उच्चतम न्यायालय में दायर एस.एल.पी. क्रमांक 11967/2016 में दिनांक 26.04.2016 को पारित आदेश में माननीय उच्च न्यायालय इंदौर के आदेश को स्थगित किया गया है। उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मजदूरी के विलंबित भुगतान की क्षतिपूर्ति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
19. ( *क्र. 6678 ) श्री मधु भगत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के अंतर्गत मनरेगा योजना के अंतर्गत योजना प्रांरभ से 01.01.2017 तक मजदूरी के विलंबित भुगतान में क्षतिपूर्ति का कितना पेमेंट (राशि) मजदूरों को दिया गया और कितने मजदूरों को नहीं दिया गया? (ख) मनरेगा अधिनियम के अंतर्गत मजदूर को मजदूरी का विलंबित भुगतान की क्षतिपूर्ति देने का क्या प्रावधान है और मजदूरी के विलंबित भुगतान की क्षतिपूर्ति के लिए कौन-कौन अधिकारी, कर्मचारी जिम्मेवार है? नाम और पद सहित उपलब्ध कराएं।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम-2005 की अनुसूची-2 में दिनांक 24 सितम्बर 2013 से मजदूरी के भुगतान में विलम्ब पर क्षतिपूर्ति देने का प्रावधान किया गया है। तब से दिनांक 01.01.2017 तक बालाघाट जिले में रू. 231862/- का क्षतिपूर्ति भुगतान मजदूरों को किया गया है। भारत सरकार के पोर्टल नरेगा सॉफ्ट में क्षतिपूर्ति पाने वाले मजदूरों की संख्या प्रदर्शित नहीं होने से मजदूरों की संख्या बताई जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। बालाघाट जिले में उत्तरांश (क) में वर्णित क्षतिपूर्ति भुगतान के लिए जिम्मेदारी नियत कर दो माह के भीतर वसूली के निर्देश दे दिए गए हैं।
प्रधानंमत्री सड़क योजना में बेरखेड़ी टाडा सड़क का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
20. ( *क्र. 5267 ) श्री महेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बेरखेड़ी टाडा को प्रधानमंत्री सड़क योजना में शामिल किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो प्रशासकीय स्वीकृति कब तक जारी की जावेगी? (ग) यदि नहीं, तो उक्त ग्राम को प्रधानमंत्री सड़क योजना में क्यों शामिल नहीं किया गया? इसके लिए कौन दोषी है? (घ) बेरखेड़ी टाडा को कब तक प्रधानमंत्री सड़क निर्माण कार्य योजना में शामिल किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) बेरखेड़ी टाडा मार्ग को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कोरनेटवर्क में सम्मिलित कराने का प्रस्ताव दिनांक 14.05.2016 को राष्ट्रीय ग्रामीण सड़क विकास एजेंसी, भारत सरकार को भेजा गया है। (ख) से (घ) प्रशासकीय स्वीकृति भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त होने पर निर्भर है जिसके लिए राज्य सरकार द्वारा समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं हैं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
रतलाम में डेवलपमेंट प्लॉन फॉर स्पेशल इण्डस्ट्रियल परियोजना की प्रगति
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
21. ( *क्र. 5126 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ली-एसोसिएट्स साऊथ एशिया प्रायवेट लिमिटेड द्वारा डी.एम.आई.सी. के तहत रतलाम के लिये डेवलपमेंट प्लॉन फॉर स्पेशल इण्डस्ट्रियल 450 करोड़ की डी.पी.आर. 10 स्क्वेयर किलोमीटर की उद्योग परियोजना (जून 2014) दिनांक 06.03.2014 को प्रस्तुत की गई है। (ख) वर्तमान में इस परियोजना के कार्य की प्रगति क्या है? (ग) यह विशेष औद्योगिक क्षेत्र कब से स्वरूप ले लेगा? (घ) क्या इस हेतु कोई राशि बजट में आवंटित की गई है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) डी.एम.आई.सी. परियोजना के चरणबद्ध क्रियान्वयन के अंतर्गत प्रथम चरण में पीथमपुर-धार-महू इन्वेस्टमेंट नोड का विकास किया जा रहा है। रतलाम-नागदा इन्वेस्टमेंट नोड का विकास द्वितीय चरण में प्रस्तावित है। (ग) डी.एम.आई.सी. परियोजना के द्वितीय चरण के क्रियान्वयन के अन्तर्गत। (घ) जी नहीं।
नोटबंदी का प्रभाव
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
22. ( *क्र. 5175 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत सरकार द्वारा नोटबंदी की कार्यवाही की गई जिसमें 1000 एवं 500 के नोटों को बंद किया गया? नोटबंदी के कारण चालू वित्तीय वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) की वृद्धि दर 0.25 से 0.50 प्रतिशत का नुकसान हुआ? यदि हुआ तो इसका असर समाज के किन-किन वर्गों में पड़ा? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नगदी संकट के कारण जी.डी.पी. एवं अन्य सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों, श्रमिकों, किसानों एवं व्यापारियों के व्यापार पर इसका असर दिखाई पड़ा, जो आज भी जारी है, जिसके कारण प्रदेश के सभी क्षेत्र प्रभावित हो रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में संभाग अंतर्गत शासन को मिलने वाले राजस्व पर इसका क्या असर रहा? पिछले वर्ष की तुलना में चालू वर्ष में शासन को मिलने वाले राजस्व में कितनी गिरावट हुई, का तुलनात्मक विवरण 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 का विभिन्न विभागवार देवें? (घ) प्रश्नांश (क) की नोटबंदी से प्रदेश में नोटों को बैंक में जमा करने एवं निकालने के दौरान कितने लोगों की मृत्यु हुई, का विवरण देते हुए बतावें कि इन मृत्युओं के लिए कौन जबावदार है? क्या इनके परिवार को शासन द्वारा क्षतिपूर्ति दी जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ड.) प्रश्नांश (क) के नोटबंदी के कारण सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) में गिरावट आई प्रश्नांश (ख) अनुसार समाज का प्रत्येक वर्ग प्रभावित हुआ, सभी क्षेत्र में इसका असर रहा, बाजार में मंदी रही, श्रमिकों को काम नहीं मिला, इस पर सरकार की क्या योजना है? विभिन्न क्षेत्रों में हुई गिरावट के सुधार बावत सरकार की क्या नीति है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, म.प्र. का सकल घरेलू उत्पाद वर्ष 2016-17 अग्रिम अनुमान के लिये प्रचलित भावों पर रूपये 6 लाख 40 हजार करोड़ हुआ है। यह वर्ष 2015-16 (त्वरित अनुमान) रूपये 5 लाख 44 हजार करोड़ से रूपये 96 हजार करोड़ अधिक है। यह वृद्धि 17.74 प्रतिशत रही है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश की फसल विकास दर 25.81 प्रतिशत रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नही होता। (ख) से (ड.) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है ।
नर्मदा सेवा यात्रा का आयोजन
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
23. ( *क्र. 5315 ) श्री जितू पटवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा सेवा यात्रा शासन द्वारा आयोजित की जा रही है या गैर शासकीय संस्थाओं द्वारा आयोजित की जा रही है आयोजनकर्ता संस्था/व्यक्ति का नाम बतावें तथा क्या यात्रा के प्रारंभ में मुख्यमंत्री जी ने यह सही कहा था कि यह यात्रा शासकीय आयोजन नहीं है? (ख) नर्मदा सेवा यात्रा के मद पर खर्च हेतु कितनी राशि का प्रावधान किस विभाग के किस बजट में किस मद संख्या में रखा गया है तथा इसकी स्वीकृति केबिनेट तथा वित्त विभाग से किस-किस दिनांक को प्राप्त हुई? (ग) नर्मदा यात्रा पर उत्तर दिनांक तक किस-किस मद में कितनी राशि खर्च हुई है? समाचार पत्रों, इलेक्ट्रानिक/टी.वी. मीडिया इत्यादि में प्रचार-प्रसार पर खर्च की गयी राशि की जानकारी मीडिया का नाम, विज्ञापन की दिनांक, विज्ञापन राशि सहित सूची देवें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) नर्मदा सेवा यात्रा शासन द्वारा समाज की सक्रिय भागीदारी से आयोजित की जा रही है। यात्रा के आयोजन हेतु शासन द्वारा योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग नोडल विभाग है। (ख) नर्मदा सेवा यात्रा हेतु सरकार की ओर से कोई राशि प्रस्तावित नहीं की गई है। (ग) नर्मदा सेवा यात्रा वर्तमान में प्रचलन में है।
पनागर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत शौचालयों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
24. ( *क्र. 1506 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पनागर विधान सभा क्षेत्र में पूर्व वर्षों में 2007 से 2015 के मध्य शौचालय निर्माण कराये गये थे, जो आज दिनांक को अस्तित्व में नहीं हैं? (ख) यदि प्रश्नांश (क) सही है तो खुले में शौच की प्रक्रिया कैसे रूकेगी? (ग) क्या ऐसे हितग्राहियों के यहाँ पुन: शौचालय बनाने हेतु कार्यवाही की जावेगी? (घ) यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पनागर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2007 से 2011-12 के मध्य निर्मित शौचालयों में से कई शौचालय क्षतिग्रस्त/अस्तित्वहीन होना प्रतिवेदित है। वर्ष 2012-13 से अब तक निर्मित शौचालय अस्तित्व में हैं। (ख) से (घ) दिनांक 18.09.2016 को निर्देश जारी कर व्यवस्था की गई है, जिसकी प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
नागदा के स्कूलों में मध्यान्ह भोजन का संचालन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
25. ( *क्र. 1581 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न संख्या 60 (क्रमांक 542) दिनांक 8 दिसम्बर 2016 के उत्तर में बताया गया कि नगर पालिका नागदा के स्कूलों में मध्यान्ह भोजन का संचालन कुमकुम तुलसी महिला मण्डल नागदा एवं घनश्याम सेवा समिति नई दिल्ली के द्वारा किया जाता है। संबंधित संस्था द्वारा 2 माह की अवधि में आवश्यक मशीनरी संस्था को क्रय नहीं करने के कारण, कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर दिया गया है, किन्तु उक्त संस्थाओं ने प्रश्न दिनांक तक आवश्यक मशीनें स्थापित नहीं की हैं। (ख) जब संस्था के पास मशीनरी नहीं थी तो इन्हें ठेका किस आधार पर दिया गया था? ठेका अनुबंध की शर्तों का पत्र एवं अनुबंध पत्र की प्रति उपलब्ध करावें। दोषियों पर क्या कार्यवाही की जा रही है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नाधीन प्रश्न एवं उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। कुमकुम तुलसी महिला मण्डल, नागदा द्वारा मध्यान्ह भोजन उपलब्ध कराया जाता है। संबंधित संस्था को मशीनरी स्थापित करने के लिए दी गई 2 माह की अवधि में संस्था द्वारा आवश्यक मशीनरी स्थापित नहीं की गई है। (ख) विभाग के दिशा निर्देश पत्र क्रमांक 8747/22/एम.डी.एम./2016 दिनांक 26.07.2016 में चयनित संस्था को पूर्ण अधोसंरचना एवं आवश्यक मशीनरी सहित केन्द्रीयकृत शेड स्थापित करने के लिए अधिकतम 2 माह की समयावधि देने का प्रावधान है। विभागीय पत्र दिनांक 26.07.2016 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार एवं कुमकुम तुलसी महिला मण्डल, नागदा के साथ निष्पादित अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। कलेक्टर उज्जैन द्वारा संस्था पर रू. 7,784/- एवं 157.25 किलोग्राम खाद्यान्न की शास्ति आरोपित की गई है। संस्था द्वारा 7 दिवस के भीतर आवश्यक मशीनरी स्थापित नहीं करने की दशा में अनुबंध निरस्ती की कार्रवाई कर आगामी शैक्षणिक सत्र हेतु अनुबंध का नवीनीकरण नहीं करने की सूचना संस्था को दी गई है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
इन्दिरा
आवास योजना
अंतर्गत
आवासों की
द्वितीय किश्तों
का भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
1. ( क्र. 164 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दिरा आवास योजना के क्या नियम हैं, उसकी सूची दी जावे? क्या इन्दिरा आवास योजना अंतर्गत पात्र व्यक्ति का कच्चे आवास के सर्वे में नाम होना आवश्यक है? यदि हाँ, तो विकासखण्ड, बड़वाह में ऐसे कितने प्रकरण हैं, जिसमें कच्चे आवास में नाम न होने पर भी आवास स्वीकृत किये गये हैं? क्या कच्चे आवास में नाम होना 3 प्रतिशत के कोटे में भी लागू होता, जिन्हें विधवा, परित्यक्ता, अग्नि दुर्घटना में पूरी तरह जल चुके परिवार को दिये जाने के प्रावधान है? (ख) इन्दिरा आवास योजना के अंतर्गत स्वीकृत प्रकरणों में विगत 2 वित्त वर्षों में ऐसे कितने परिवार हैं जिन्हें सम्पूर्ण राशि का भुगतान किया जा चुका है तथा ऐसे कितने हितग्राही हैं, जिन्हें भुगतान किया जाना शेष है? जिन्हें भुगतान करना शेष है, उनके भुगतान न किये जाने के क्या कारण रहे हैं? (ग) क्या ग्राम पंचायत बाल्या अंतर्गत पीपरीखेड़ा में वित्त वर्ष 2013-14 में श्री रामलाल पिता आपसिंह को आवास हेतु प्रथम किश्त राशि का भुगतान किया गया था, किन्तु द्वितीय किश्त का भुगतान आज दिनांक तक नहीं किया गया है? प्रश्नकर्ता द्वारा संबंधित हितग्राही को लंबित भुगतान हेतु जारी पत्रों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? यदि द्वितीय किश्त का भुगतान किया गया है, तो कब किया गया? यदि नहीं, किया गया तो उसके क्या कारण रहे हैं? दोषीकर्ता अधिकारी कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? द्वितीय किश्त के भुगतान करने के क्या प्रावधान है? कितने दिनों के भीतर भुगतान किया जाना चाहिये? क्या संबंधित द्वारा प्रथम किश्त में प्राप्त राशि का उपयोगिता प्रमाण-पत्र समय पर प्रस्तुत नहीं किया गया था? उपयोगिता प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने एवं मूल्यांकन का दायित्व किसका है? स्पष्ट करें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। यद्यपि इंदिरा आवास योजना के अन्तर्गत कच्चे आवास का सर्वेक्षण कराने का प्रावधान नहीं था, आवेदक का नाम कच्चा आवासधारी की प्रतीक्षा सूची में होना आवश्यक था। विकासखण्ड बड़वाह में ऐसा कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है जिसमें कच्चा आवासधारी नहीं होते हुए भी इंदिरा आवास की स्वीकृति दी गई हो। (ख) 1,015 हितग्राहियों को स्वीकृत अनुदान राशि का पूरा भुगतान किया जा चुका है। शेष 39 हितग्राहियों द्वारा प्रथम किश्त के विरूद्ध निर्धारित भौतिक निर्माण पूर्ण नहीं करने के कारण द्वितीय किश्त देय नहीं हुई है। (ग) छत स्तर तक निर्माण पूर्ण करने पर द्वितीय किश्त देय हो जाती है। श्री रामलाल को द्वितीय किश्त का भुगतान दिनांक 01/03/2017 को किया गया है। भुगतान विलम्ब के लिए उत्तरदायी श्री हेमेन्द्र सिंह चौहान, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, बड़वाह एवं श्री त्रिलोक चन्द्र सोनी, सहायक विकास विस्तार अधिकारी, विकासखण्ड, बड़वाह को लघु शास्ति के लिए कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। श्री रामेश्वर इंगला, ग्राम पंचायत सचिव को निलंबित किया गया है और उनके विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई है। श्री दिनेश, रोजगार सहायक की अनुबंध सेवा समाप्त करने के लिए उन्हें कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है।
नर्मदा नदी के संरक्षण हेतु योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
2. ( क्र. 442 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नर्मदा नदी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए विभाग द्वारा माँ नर्मदा ''नर्मदा घाटी के संरक्षण हेतु कार्य योजना'' बनाई गई थी? यदि हाँ, तो इस योजना में क्या-क्या प्रावधान किये गए हैं? (ख) नर्मदा नदी के तट से 10 किलोमीटर की दूरी पर प्रदेश के कौन-कौन से नगर है? (ग) इन नगरों से नर्मदा नदी में मिलने वाले सीवरेज, गंदे नाले, बरसाती जल निकासी, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन हेतु वर्ष 2013 से अभी तक कितनी-कितनी धनराशि नगरीय निकायों को आवंटित की गई है? (घ) नगरीय निकायों द्वारा प्राप्त धनराशि में से अभी तक क्या-क्या कार्य किये गये? निकायवार जानकारी दी जाए?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। योजना में मुख्यत: सीवरेज एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सम्मिलित है। (ख) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
स्मार्ट सिटी के चयनित नगर
[नगरीय विकास एवं आवास]
3. ( क्र. 443 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश के किन-किन नगरों को भारत सरकार द्वारा स्मार्ट सिटी के रूप में चयनित किया गया है? (ख) भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार द्वारा चयनित नगरों में स्मार्ट सिटी के विकास हेतु कितनी-कितनी धनराशि स्वीकृत की गई है? (ग) विभाग द्वारा किन-किन नगरों में स्मार्ट सिटी का विकास कार्य प्रारंभ किया गया है? (घ) स्मार्ट सिटी में क्या-क्या विकास के प्रावधान किये गए हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) भारत सरकार द्वारा स्मार्ट सिटी योजना अन्तर्गत स्मार्ट सिटी चैलेंज राउण्ड-1 में भोपाल, इंदौर एवं जबलपुर शहर तथा स्मार्ट सिटी चैलेंज राउण्ड-2 में ग्वालियर एवं उज्जैन शहर को स्मार्ट सिटी चयनित किया गया है। (ख) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्तमान में भोपाल, इंदौर एवं जबलपुर शहर में स्मार्ट सिटी से संबंधित विकास कार्य प्रारंभ किए गए हैं। (घ) शहरी विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी गाईड लाईन अनुसार स्मार्ट सिटी मिशन अन्तर्गत प्रावधान जिस में क्षेत्र आधारित विकास के अवयव के रूप में शहर सुधार (Retrofitting), शहर पुनर्विकास या पुनर्नवीनीकरण (Redevelopment), हरित क्षेत्र विकास (Greenfield Development) एवं इनके साथ पैन सिटी विकास (Pan City) के लिए एक पहल के रूप में स्मार्ट समाधान लागू करना। a. रिट्रोफिटिंग-रिट्रोफिटिंग में, शहर द्वारा नागरिकों के परामर्श से 500 एकड़ से अधिक के क्षेत्र को चिन्हित किया जाएगा। चिन्हित क्षेत्र में अधोसंरचनात्मक सेवाओं के वर्तमान स्तर और निवासियों के विजन के आधार पर शहर को स्मार्ट बनाने के लिए शहर कार्य नीति तैयार करेंगे। b. रिडेवलपमेंट- पुनर्विकास से वर्तमान निर्मित वातावरण को परिवर्तित किया जाएगा और मिश्रित भूमि-प्रयोग तथा बढते घनत्व के प्रयोग द्वारा अधोसंरचना सुधार के साथ नए ले-आउट का सुदृढीकरण किया जाएगा। पुनर्विकास में स्थानीय निकाय (यूएलबी) द्वारा नागरिकों के साथ परामर्श से 50 एकड़ से अधिक के क्षेत्र का चयन किया जाकर, उसके विकास की परिकल्पना की गई है। c. ग्रीनफील्ड- (Greenfield) ग्रीनफील्ड विकास नवीकृत योजना, योजना वित्तपोषण और योजना कार्यान्वयन साधनों (जैसे लैण्ड पूलिंग/भूमिपुनर्गठन) का प्रयोग करते हुए पूर्व में खाली पड़े क्षेत्र (250 एकड़ से अधिक) में सुव्यवस्थित समाधानों (Smart Solutions) को आरंभ किया जाएगा और साथ ही किफायती आवासों का प्रावधान विशेषकर गरीबों के लिए भी किया जाएगा। शहरों के आस-पास बढ़ रही आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए ग्रीनफील्ड विकास अपेक्षित है। d. पैन-सिटी विकास - वर्तमान में शहर-व्यापी अधोसंरचना में चुनिंदा सुव्यवस्थित समाधानों (Smart Solutions) के प्रयोग की कल्पना की गई है। स्मार्ट समाधानों के अनुप्रयोग में प्रौद्योगिकी, सूचना और डाटा शामिल है, जो अधोसंरचना और सेवा को सुविधाजनक एवं सरल बनाएंगे। उदाहरणार्थ परिवहन क्षेत्र में (कुशल यातायात प्रबंधन प्रणाली) स्मार्ट समाधान का प्रयोग कर यात्रा समय तथा नागरिकों की लागत में कमी लाना, जिससे उत्पादकता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और उनके जीवन में गुणात्मक सुधार होगा।
सिंहस्थ पंचक्रोषी यात्रा में टेंट सामग्री का क्रय
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
4. ( क्र. 484 ) श्री सतीश मालवीय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत सिंहस्थ पंचक्रोषी यात्रा हेतु टेंट सामग्री किराए पर लेने के लिए किस फर्म की निविदा स्वीकृत हुई? सम्बंधित फर्म को किराए के रुप में कुल कितनी राशि भुगतान की गई? कुल भुगतान योग्य राशि में मेटी के किराए की कुल राशि, दर एवं मात्रा बताएँ। (ख) क्या, सिंहस्थ पंचक्रोषी यात्रा व्यवस्था के लिये मेटी खरीदी गई? यदि हाँ, तो कितने स्क्वेयर फीट, किस दर पर क्रय की गई तथा मेटी क्रय हेतु किस फर्म को कुल कितनी राशि भुगतान की गई? (ग) मेटी क्रय की अपेक्षा सिंहस्थ पंचक्रोषी यात्रा अथवा मुख्य सिंहस्थ मेला कार्यालय द्वारा अधिकृत टेंट ठेकेदार से प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित मात्रा में मेटी किराए पर ली जाने पर कुल कितनी राशि व्यय होती? मेटी किराए पर लेने की अपेक्षा क्रय पर कितना अधिक व्ययभार आया? (घ) मेटी किराए पर लेने के स्थान पर रातों-रात मेटी क्रय का आदेश देने वाले एवं भंडारण क्रय नियमों का पालन किए बिना ही क्रय/भुगतान की कार्यवाही करने वाले अधिकारियों के नाम एवं पदनाम सहित विवरण दें? (ङ) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्रय की गई मेटी में से कितनी मेटी का उपयोग सिंहस्थ पंचक्रोषी यात्रा के बाद कब-कब तथा किस प्रयोजन के लिये किया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) से (ड.) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लघु उद्योग निगम के संभागीय एवं उपसंभागीय कार्यालय का स्थानांतरण
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
5. ( क्र. 572 ) श्री तरूण भनोत : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर स्थित म.प्र. लघु उद्योग निगम के संभागीय एवं उपसंभागीय कार्यालय को इंदौर स्थानांतरित किये जाने की प्रक्रिया क्या शासन स्तर पर चल रही है अथवा शासन का कोई आदेश विधिवत जारी हुआ है? (ख) क्या जबलपुर स्थित उक्त कार्यालय से छिंदवाड़ा, मण्डला, बालाघाट, सिवनी, कटनी, डिण्डौरी एवं जवाहर नवोदय विद्यालय सुकमा (छ.ग.) के कार्य संपादित किये जाते हैं? (ग) वर्णित (ख) हां, तो क्या विभाग के मुख्य महाप्रबंधक एवं प्रभारी महाप्रबंधक जबलपुर/स्थित उक्त कार्यालय को इंदौर से संचालित कर रहे हैं? (घ) यदि वर्णित (ख) (ग) सही है तो उक्त कार्यालय को जबलपुर से ही संचालित किये जाने का विधिवत आदेश कब तक जारी कर दिया जावेगा?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जी नहीं। जबलपुर स्थित मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम के संभागीय कार्यालय को इन्दौर से ही संचालित किये जाने का विधिवत आदेश लघु उद्योग निगम द्वारा जारी किया है। (ख) लघु उद्योग निगम द्वारा वर्तमान में जिला-छिंदवाड़ा, मण्डला, बालाघाट, कटनी, डिण्डौरी में कोई भी निर्माण कार्य नहीं कराये जा रहे हैं। सिवनी जिले में पूर्व स्वीकृत 1 नग निर्माण कार्य एवं जवाहर नवोदय विद्यालय सुकमा जिला सुकमा का कार्य निष्पादित कराया जा रहा है। (ग) से (घ) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के आदेश क्रमांक एफ 6-16/2016/अ-तेहत्तर, दिनांक 23.07.2016 जारी किया गया है। जिसके तहत लघु उद्योग निगम की संपदा एवं निर्माण विभाग की गतिविधियों को 01 जुलाई 2016 से समाप्त किया गया है। दिनांक 01 जुलाई 2016 से संपदा एवं निर्माण विभाग कोई भी नवीन निर्माण कार्य नहीं करेगा, न ही निर्माण एजेंसी बनेगा। संपदा एवं निर्माण विभाग के द्वारा समस्त वर्तमान कार्य चरणबद्ध तरीके से उन कार्यों के समय अवधि अनुसार पूर्ण किये जाएंगे। यह प्रशासनिक निर्णय है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नर्मदा नदी को प्रदूषण मुक्त करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
6. ( क्र. 573 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नर्मदा नदी को प्रदूषण मुक्त करने हेतु शासन स्तर पर कोई कार्य योजना है? यदि है, तो जबलपुर स्थित मां नर्मदा के प्रमुख घाटों जैसे दरोगाघाट, उमाघाट जिलेहरीघाट आदि में मां नर्मदा नदी में मिलने वाले प्रदूषित पानी की रोकथाम हेतु नगर निगम जबलपुर द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में शासन/नगर निगम स्तर पर प्रदूषित पानी की रोकथाम हेतु क्या कार्ययोजना/प्रस्ताव है? इस हेतु कितनी राशि आवंटित है तथा ये कार्य कब तक प्रारंभ होकर किस अवधि तक पूर्ण कर लिये जावेंगे? (ग) जबलपुर स्थित गौर नदी पूरी तरह से दूषित हो चुकी है, जिस कारण इसका अस्तित्व समाप्ति की ओर है, इसके अस्तित्व को बचाने हेतु तथा नदी में मिलने वाले प्रदूषित जल के रोकथाम हेतु शासन स्तर से क्या प्रावधान है? यदि है, तो इसका क्रियान्वयन कब तक होगा? यदि नहीं, है तो शासन इस पर कब तक विचार करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। ग्वारीघाट में माँ नर्मदा नदी में मिलने वाले नाले के जल के उपचार हेतु पूर्व में 1.50 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता का सीवरेज ट्रीटमेंट एवं रिसाईकलिंग प्लांट स्थापित था। वर्तमान में 4.00 लाख लीटर प्रतिदिन के नए प्लांट स्थापित कर कुल क्षमता 5.50 लाख लीटर प्रतिदिन की गई है। (ख) जबलपुर शहर में सीवरेज परियोजना को पूर्ण करने हेतु अमृत योजनांतर्गत राशि रू. 350.00 करोड़ का प्रावधान किया गया है। विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार किया जा रहा है। परियोजना प्रतिवेदन की सक्षम स्वीकृति उपरांत निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर कार्य प्रारंभ किया जाएगा। मार्च 2020 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ग) गौर नदी में मुख्यत: डेरी से प्रदूषण होता है। नदी में प्रदूषित जल मिलने की रोकथाम हेतु राज्य शासन ने इस एवं ऐसी ही अन्य नदियों के किनारे होने वाले प्रदूषण इत्यादि को दृष्टिगत रखते हुए ज्ञापन क्रमांक एफ 23-01/2015/35, भोपाल दिनांक 03.08.2015 एवं दिनांक 08.10.2015 द्वारा व्यवसायिक डेयरी प्रक्षेत्र मार्गदर्शी सिद्धांत 2015 जारी किए हैं। इनके क्रियान्वयन हेतु माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा याचिका क्रमांक 1219/1998 में पारित आदेश दिनांक 15.02.2017 से डेयरी मालिकों से छ: माह में समस्त आवश्यक कार्यवाहियां जिनसे प्रदूषण जल में न जाए पूर्ण कराने हेतु आदेशित किया है। उपरोक्त के सिवाय अन्य कोई विशेष योजना जबलपुर की इस नदी के संबंध में प्रभावशील नहीं है।
सड़क के किनारे संचालित ढाबों में शौचालय निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
7. ( क्र. 625 ) श्री गिरीश गौतम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में रीवा से हनुमना एवं मनगवां से चाकघाट सड़क के किनारे कितने ढाबे संचालित हैं उनके नाम पते सहित जानकारी देवें? (ख) ढाबों के संचालन का लाइसेन्स किस संस्था से प्राप्त किया गया है? सूची उपलब्ध करायें। (ग) क्या उक्त प्रश्नांकित सभी ढाबों में शौचालय का निर्माण किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? बिना शौचालय के ढाबों की संख्या एवं उनका विवरण उपलब्ध करायें तथा सभी ढाबों में शत्-प्रतिशत शौचालय निर्माण करने के लिए क्या कार्यवाही की जायेगी तथा इसे कब तक पूर्ण कर दिया जायेगा? शौचालयविहीन ढाबों के संचालकों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी तथा उन्हें कब तक बंद कर दिया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) उप संचालक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, रीवा में पंजीकृत ढाबों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) शौचालयविहीन ढाबों में शौचालय निर्माण कराने के लिए मार्च 2017 तक का समय दिया गया है। इस अवधि में शौचालय निर्माण नहीं कराने की दशा में ढाबों को बंद करने की कार्रवाई करने के निर्देश जिला कलेक्टर ने दिये है।
एल.एल.बी. की कक्षाएं प्रारंभ कराना
[उच्च शिक्षा]
8. ( क्र. 1037 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर महाविद्यालय में एल.एल.बी. की कक्षाएं प्रारंभ कराने की घोषणा माननीय मुख्यमंत्री जी ने वर्ष 2008 में श्योपुर प्रवास के दौरान की थी? (ख) क्या उक्त घोषणा के पालन में शासन द्वारा उक्त कक्षाएं प्रारंभ कराने हेतु नियमानुसार समस्त कार्यवाहियां पूर्ण भी कर ली हैं? मात्र बार कांउसिल ऑफ इण्डिया नई दिल्ली की अनुमति प्राप्त न होने के कारण उक्त कक्षाएं महाविद्यालय में प्रारंभ नहीं हो पा रही हैं? (ग) यदि हाँ, तो अनुमति प्राप्त करने हेतु वर्तमान तक क्या कार्यवाही की गई? शासन अनुमति प्राप्त करने में सफल क्यों नहीं हो पा रहा है? (घ) क्या अनुमति के अभाव में उक्त कक्षाएं प्रारंभ न होने के कारण श्योपुर जिले के स्नातक पास आउट छात्र एल.एल.बी. की शिक्षा हेतु अन्यत्र जिलों के कालेजों में एडमिशन लेने को विवश है उन्हें कठिनाइयां भी आ रही है? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त घोषणा के मद्देनजर प्रभावी कार्यवाही करके उक्त अनुमति एक निश्चित समय-सीमा में प्राप्त कर उक्त कक्षाएं श्योपुर महाविद्यालय में प्रारंभ करवाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) उक्त संबंध में बार काउंसिल ऑफ इण्डिया, नई दिल्ली से अनुमति हेतु पत्राचार जारी है। (ग) उक्त संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री योजना के तहत स्टेट फण्ड से सड़क निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
9. ( क्र. 1084 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा में ग्राम सैपुरा से मऊकड़वाहा तक एवं वार से पुरैनिया होकर हीरापुर मुख्य सड़क तक एवं मऊ से इमलिया तक एवं अहार से गनेशपुरा होकर लुर्हरा तक, देरी से तिगौड़ा होकर खुड़ौ तक एवं लिधौरा, से पूंछा तक एवं लुर्हरा से नारायणपुर तक जाने हेतु सड़कों का निर्माण नहीं हुआ है तथा इन ग्रामों के निवासियों को आवागमन हेतु भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा रहा है? क्या इन ग्रामों के निवासियों के आवागमन की सुविधा हेतु प्रधानमंत्री योजना के तहत स्टेट फण्ड से सड़कों का निर्माण करायेंगे। यदि हाँ, तो समयावधि बतायें यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित सड़कों के निर्माण किये जाने हेतु शासन द्वारा कोई पहल की गई है तथा उक्त सड़कों के अभाव में कितने ग्रामों के निवासी परेशानी उठा रहे है तथा वर्णित सड़कें अति आवश्यक है या नहीं? क्या इन सड़कों के निर्माण हेतु बजट में राशि मांगे जाने की कोई योजना अभी तक बनाई गई है? यदि हाँ, तो किस योजना के तहत इन सड़कों को स्वीकृत किया जावेगा? यदि नहीं, तो ऐसा क्या कारण है कि इन सड़कों को स्वीकृत नहीं किया जा सकता है? (ग) क्या बरसात के समय आम जनता एवं स्कूली छात्र-छात्रायें बहुत मुसीबत से आवागमन करते हैं और बीमार मरीजों को मुश्किल से चिकित्सालय पहुंचाया जाता है इन सभी समस्याओं का हल करते हुये उक्त प्रश्न में वर्णित सड़कों का निर्माण कब तक करा दिया जावेगा यदि हाँ, तो समयावधि बताये यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
जनपद पंचायत कर्मचारियों की आंशदायी भविष्यनिधि बावत्
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
10. ( क्र. 1440 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की कितनी जनपद/जिला पंचायतों में पदस्थ कर्मचारियों को अंशदायी भविष्य निधि या सामान्य भविष्य निधि योजना कब से लागू है? (ख) विधानसभा क्षेत्र बंडा में पदस्थ कर्मचारियों को नियुक्ति दिनांक से अंशदायी भविष्य निधि उनके किस बैंक/पोस्ट आफिस के खातों में जमा कर प्रत्येक माह कर्मचारियों को सूचना दी जा रही है? संधारित बैंक/पोस्ट आफिस की वर्षवार जानकारी दी जाए। (ग) विधानसभा क्षेत्र बंडा अंतर्गत नियुक्ति दिनांक से कर्मचारियों के खातों में कितनी राशि उनके वेतन से काटकर तथा कितनी राशि जनपद पंचायत में अंशदान के तौर पर मिलाकर जमा की जाती है? (घ) क्या कर्मचारी की अंशदायी भविष्य निधि योजनान्तर्गत काटी गई राशि एवं जनपद पंचायत द्वारा अंशदान के तौर पर एवं अन्य एरियर्स जमा राशि का ऑडिट कार्य संपादित किया जाता है? यदि हाँ, तो विगत 3 वर्ष में क्या-क्या आपत्ति दर्ज की गई है? जानकारी उपलब्ध कराई जाए।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) अंशदायी भविष्य निधि योजना वर्ष 1965 से लागू हैं। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कर्मचारियों के वेतन से 10 प्रतिशत राशि काटकर एवं उतनी ही राशि जनपद पंचायत के उपलब्ध फण्ड में से मिलाकर अंशदायी भविष्य निधि उनके संधारित पोस्ट आफिस/बैंक खातों में अंतरित की जाती हैं। (घ) भविष्य निधि का ऑडिट नहीं होता है। सामान्य ऑडिट में विगत 03 वर्ष में अंशदायी भविष्य निधि के व्यक्ति खातों पर कोई आपत्ति दर्ज नहीं आई हैं। प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता हैं।
मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना अंतर्गत सड़क निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
11. ( क्र. 1445 ) श्री प्रताप सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16 में दमोह जिले में मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के चौथे चरण का कार्य प्रश्न दिनांक तक कितने विधान सभा क्षेत्रों में प्रारंभ नहीं हुआ है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित योजना के तहत क्षेत्रों में कार्य स्वीकृत नहीं हुआ? यदि स्वीकृत नहीं हुआ तो कारण बतलायें? क्या राजस्व संभाग सागर के सभी जिलों में चौथे चरण का कार्य पूर्ण हो चुका है? (ग) यदि इन क्षेत्रों में कार्य नहीं हुआ है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? क्या उन अधिकारियों के खिलाफ शासन कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) चौथे चरण की सड़कों का दमोह जिले में किसी भी विधानसभा क्षेत्र में कार्य प्रारंभ नहीं हुआ हैं। (ख) जी हाँ, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत वित्तीय संसाधन पूर्व से स्वीकृत कार्यों हेतु आबद्ध होने के कारण। राजस्व संभाग सागर के छतरपुर एवं सागर जिले में चौथे चरण के 35 कार्य पूर्ण, 106 प्रगतिरत एवं 13 कार्य अप्रारंभ हैं। (ग) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
ग्राम पंचायतों में रोजगार गांरटी एवं अन्य योजनांतर्गत स्वीकृत कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
12. ( क्र. 1507 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पनागर विधान सभा क्षेत्र में महात्मा गांधी की राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना के अन्तर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक पंचायतवार कितनी राशि से कितने कार्यों की स्वीकृत की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत स्वीकृत राशि के विरूद्ध कितने कार्य पूर्ण किये गये एवं कितनी राशि व्यय हुई? (ग) अपूर्ण कार्यों का विवरण कारण सहित देवें? (घ) क्या अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कराने हेतु जिम्मेवारी एवं समय-सीमा निर्धारित की जाएगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पनागर विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत जनपद पंचायत पनागर में राशि रूपये 4470.16 लाख के 2355 कार्य एवं जनपद पंचायत जबलपुर में राशि रूपये 1343.51 लाख के 888 कार्य स्वीकृत किए गए। (ख) जनपद पंचायत पनागर एवं जनपद पंचायत जबलपुर में क्रमश: 1818 एवं 557 कार्य पूर्ण किए गए और राशि रूपये 1439.21 लाख तथा रूपये 278.85 लाख व्यय हुई। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) महात्मा गांधी नरेगा के तहत निर्माण कार्य श्रमिकों द्वारा रोजगार की मांग एवं ग्राम पंचायत की सक्रियता पर आधारित होने से शासन द्वारा निर्माण पूर्ण कराने की समय-सीमा नियत नहीं की जाती है।
ग्राम केदारपुरा में निर्मित रैनबसेरा का दान-पत्र
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
13. ( क्र. 1540 ) श्रीमती ममता मीना : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अपर कलेक्टर जिला गुना के जाँच प्रतिवेदन दिनांक 22 जुलाई 2016 में ग्राम केदारपुरा में जनभागीदारी से स्वीकृत रैनबसेरा भवन हेतु श्री पुरूषोत्तम द्वारा प्रस्तुत रजिस्टर्ड दान पत्र की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावे। (ख) श्री पुरूषोत्तम द्वारा शासकीय शाला भवन हेतु दान-पत्र का संपादन कराया गया था अथवा रैनबसेरा भवन हेतु? स्पष्ट उल्लेख करें। (ग) श्री पुरूषोत्तम द्वारा ग्राम केदारपुरा में रैनबसेरा निर्माण हेतु किस दिनांक एवं किस कार्यालय में दान-पत्र रजिस्टर्ड कराया गया? (घ) ग्राम केदारपुरा में रैनबसेरा भवन निर्माण हेतु प्रस्तुत रजिस्टर्ड दान-पत्र के आधार पर किस अधिकारी द्वारा अपने आदेश से राजस्व अभिलेखों में इन्द्राज कराया गया? फॉर्म पी-2 में किस अधिकारी द्वारा किस दिनांक को इन्द्राज किया गया?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) दान-पत्र शाला भवन हेतु रजिस्टर्ड कराया गया। (ग) तहसील राघोगढ़ में दिनांक 21.4.2005 को शाला भवन हेतु दान-पत्र रजिस्टर्ड कराया गया। (घ) दान-पत्र के आधार पर ग्राम पंचायत नागरखेड़ी के प्रस्ताव क्रमांक-14, दिनांक 15.5.2005 से नामान्तरण किया गया है। पटवारी द्वारा ग्राम पंचायत ठहराव प्रस्ताव के आधार पर हस्तलिखित खसरे में नामान्तरण इंद्राज किया गया है।
पंचायत विभाग के रिक्त पदों की पूर्ति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
14. ( क्र. 1582 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में मध्यप्रदेश में सहायक विकास विस्तार अधिकारी (ए.डी.ओ.) एवं पंचायत समन्वयक अधिकारी (पी.सी.ओ.) के कुल कितने पद सृजित हैं, उनमें अभी कितने पद रिक्त हैं? (ख) रिक्त पदों की पूर्ति हेतु शासन स्तर पर क्या योजना बनाई गयी है? रिक्त पदों पर कब तक पूर्ति कर दी जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सहायक विकास विस्तार अधिकारियों के 1640 पद स्वीकृत हैं जिनमें से 447 पद रिक्त हैं। पंचायत समन्वय अधिकारियों के 2937 पद स्वीकृत हैं जिनमें से 937 अधिकारी डाइंग कैडर के विरूद्ध कार्यरत हैं और कोई पद रिक्त नहीं है। (ख) सहायक विकास विस्तार अधिकारी के 82 पद भरने के लिए व्यावसायिक परीक्षा मण्डल को लिखा गया है। नियुक्ति की कार्रवाई व्यावसायिक परीक्षा मण्डल द्वारा चयन की प्रक्रिया पूरी होने पर निर्भर होने से समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
स्वच्छ भारत अभियान अंतर्गत प्राप्त आवंटन एवं व्यय राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
15. ( क्र. 1658 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) स्वच्छ भारत अभियान अंतर्गत नगर निगम सतना को शासन से योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक कितना आवंटन प्राप्त हुआ है? आवंटन प्राप्ति का दिनांक एवं राशि की जानकारी दें? (ख) स्वच्छ भारत अभियान के तहत नगर निगम सतना के सभी वार्डों में अब तक कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी लागत के कराये गये हैं? (ग) स्वच्छ भारत अभियान के तहत प्रचार-प्रसार मद में कब-कब कितनी-कितनी राशि का मुद्रण किस-किस संस्था से कब-कब कराया गया है? क्या भंडार क्रय नियम का पालन किया गया है? (घ) अभियान के तहत अन्य व्यय एवं कुल व्यय की जानकारी भी दें? सतना नगर निगम क्षेत्र को कब तक खुले में शौच से मुक्त करा लिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत नगर निगम सतना को राशि रू. 971.91 लाख अनुदान प्रदान किया गया है। शेष प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत सभी वार्डों में 8000 व्यक्तिगत शौचालयों का कार्य स्वीकृत किया गया है। जिनमें से 6129 शौचालयों का निर्माण पूर्ण किया जाकर राशि रू. 846.11 लाख का भुगतान किया गया है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जी हाँ। क्रय नियमों का पालन किया गया है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। नगर निगम सतना क्वालिटी काउंसिल आफ इण्डिया से प्रमाणित होकर खुले में शौच से मुक्त घोषित हो गया है।
जिला योजना समिति की बैठक
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
16. ( क्र. 1663 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 29.04.2016 को जिला योजना समिति सतना की बैठक प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित की गयी थी? (ख) क्या बैठक कार्यवाही के एजेण्डा क्र. 4 की उप कंडिका 7 अनुसार बी.आर.जी.एफ. योजना के तहत अप्रारम्भ/निरस्त कार्यों की राशि एवं ब्याज की राशि रू.6,56,45,006.00 से नवीन कार्यों के स्वीकृत करने एवं व्यय करने की स्वीकृति दी गयी थी? क्या नवीन कार्यों की सूची भी योजना समिति के सदस्यों को दी गयी थी? (ग) नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्वीकृत निर्माण कार्यों के प्रशासकीय स्वीकृति आदेशों का विवरण उपलब्ध कराते हुए गोशवारा भी दें कि अब तक कितनी राशि के निर्माण कार्य स्वीकृत किये जा चुके हैं तथा अभी कितनी राशि शेष बची है? (घ) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) सही है तो यह भी बतायें कि बी.आर.जी.एफ. योजना के कार्यों का अनुमोदन जिला योजना समिति को करने के निर्देश हैं या मात्र राशि का अनुमोदन पर्याप्त है? गाइड लाइन अनुसार परीक्षण कर बतायें? निर्देश भी उपलब्ध करायें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। दिनांक 29.4.2016 को जिला योजना समिति सतना की बैठक प्रभारी मंत्री जी की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी। (ख) जी हाँ। नवीन कार्यों की सूची जिला योजना समिति सतना की आयोजित बैठक में माननीय सदस्यों को उपलब्ध कराई गई थी। (ग) नगरीय क्षेत्र में एक निर्माण कार्य तथा ग्रामीण क्षेत्र में 39 निर्माण कार्य अर्थात कुल 40 निर्माण कार्यों के प्रशासकीय आदेश जारी किये जा चुके है। जिनकी कुल लागत राशि रूपये 3,46,08000/- (रूपये तीन करोड़ छयालिस लाख आठ हजार मात्र) है। कार्यवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। वर्तमान में रूपये 3,10,37,006/- शेष है। (घ) बी. आर. जी. एफ. योजना के निर्माण कार्यों का अनुमोदन मान. प्रभारी मंत्री जी द्वारा किया गया है। शासन निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है।
सोनकच्छ के पीलिया खाल पर पुल निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
17. ( क्र. 1714 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सोनकच्छ से जलेरिया रोड पर स्थित पीलिया खाल पर पुल निर्माण हेतु कोई कार्यवाही की जा रही है? (ख) यदि नहीं, तो क्या क्षेत्रवासियों के हित में विभाग द्वारा उक्त पुल निर्माण में कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या बारिश के दौरान उक्त पीलिया खाल पर पानी अधिक होने से आवगमन बंद हो जाता है? यदि हाँ, तो क्या आगामी बारिश तक उक्त खाल पर बड़ा पुल स्वीकृत किया जा सकेगा या नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत सोनकच्छ से जलेरिया मार्ग पर स्थित पीलिया खाल नाले पर वर्ष 2006 में 25 मीटर लंबाई का 3X1000 एम.एम. व्यास के ह्यूम पाइप का व्ही.सी.डब्ल्यू. निर्मित है। (ग) जी हाँ, अल्प समय के लिए मार्ग अवरूद्ध होता है। जी नहीं, योजना के मापदण्डों के तहत पुल का निर्माण अनुमत्य नहीं है।
हितग्राहियों को पेंशन
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
18. ( क्र. 1715 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र के ग्रामीणजन जो वृद्धा पेंशन, निराश्रित पेंशन, विकलांग पेंशन, विधवा पेंशन के हितग्राही हैं उन्हें विगत कई माह से पेंशन नहीं मिल पा रही है? (ख) क्या कारण है कि हितग्राहियों को पेंशन समय पर नहीं मिल पा रही है? समय पर पेंशन नहीं मिलने के लिए कौन दोषी है? (ग) कब तक सभी हितग्राहियों को पेंशन का भुगतान किया जा सकेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। विधान सभा सोनकच्छ क्षेत्र के निकाय जनपद पंचायत सोनकच्छ, जनपद पंचायत टोंकखुर्द, नगर परिषद् सोनकच्छ, नगर परिषद् टोंकखुर्द, नगर परिषद् पीपलरावा एवं नगर परिषद् भौराया के अंतर्गत सभी पात्र हितग्राहियों को नियमित पेंशन का भुगतान प्रति माह हितग्राहियों के खाते में जमा कराई जा रही है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अल्प वेतन/मानदेय पर नियुक्ति
[खेल और युवा कल्याण]
19. ( क्र. 1817 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग में ग्रामीण युवा समन्वयकों की नियुक्ति किन उद्देश्यों को लेकर की गई है? (ख) उक्त समन्वयकों को कितना मानदेय/वेतन दिया जा रहा है? (ग) विभाग में पदस्थ अन्य संविदा कर्मचारियों को किस मानदेय पर रखा गया है? (घ) क्या उक्त मानदेय एक व्यक्ति की आजीविका चलाने के लिये पर्याप्त है? यदि नहीं, तो क्या इतने अल्प मानदेय पर नियुक्ति से विभाग में नियुक्ति के उद्देश्यों की पूर्ति हो सकेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) विभाग में ग्रामीण युवा समन्वयकों की नियुक्ति जिन उद्दश्यों को लेकर की गई है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) समन्वयकों को 2644/- प्रतिमाह संविदा मानदेय दिया जा रहा है। (ग) विभाग में पदस्थ अन्य संविदा कर्मचारियों के मानदेय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) संविदा ग्रामीण युवा समन्वयकों को रूपये 2644/- प्रतिमाह मानदेय प्राप्त होता है। यह अंशकालीन कर्मचारी है तथा वह अन्य स्थान पर भी पार्ट टाईम कार्य कर सकते हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पंचायत सचिवों का स्थानांतरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
20. ( क्र. 1872 ) श्री मोती कश्यप : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2014 में विभागीय नीति-निर्देश के अंतर्गत राज्य के कई जिलों के ग्राम पंचायत सचिवों के स्थानांतरण किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) अंतर्गत कटनी जिले के किन विकासखण्डों के पंचायत सचिवों के स्थानांतरण किन कारणों से रोक दिये गये हैं और किन कारणों से कालान्तर के वर्षों में नहीं किये गये हैं? (ग) क्या वर्ष 2016 में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कटनी, बड़वारा एवं ढीमरखेड़ा द्वारा कोई जानकारी एवं स्थानांतरण प्रस्ताव जिला पंचायत को प्रस्तुत किये गये हैं और जो जिला प्रभारी मंत्री के अनुमोदनार्थ प्रस्तुत किये गये हैं यदि हाँ, तो उन पर कब क्या कार्यवाही की गई है? (घ) क्या प्रश्नकर्त्ता ने अपने पत्र दिनांक 3-12-2016 द्वारा मा. विभागीय मंत्री को ग्राम पंचायतों की समस्याओं के संबंध में ध्यान आकर्षित कराया है? (ड.) विभाग प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में वि.स. क्षेत्र बड़वारा के पंचायत सचिवों का स्थानांतरण कब तक आदेशित करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) स्थानांतरण नीति 2014 के तहत ग्राम पंचायत के सचिवों के स्थानांतरण की अवधि 01 अगस्त 2014 से 20 अगस्त 2014 तक थी। तत्समय विधान सभा उपचुनाव के कारण आदर्श आचार संहिता प्रभावशील होने से स्थानांतरण नहीं किये गये। वर्ष 2015 में ग्राम पंचायत सचिव के स्थानांतरण की नीति जारी नहीं की गई। वर्ष 2016 में स्थानांतरण नीति अंतर्गत निर्धारित समय-सीमा के भीतर स्थानांतरण प्रस्तावों को सक्षम प्राधिकारी द्वारा अंतिम नहीं किया जा सका। अतः स्थानांतरण नहीं किये गये। (ग) जी हाँ। सक्षम प्राधिकारी द्वारा जिले के सभी विकास खंडों के स्थानांतरण प्रस्ताव निर्धारित समय-सीमा के भीतर अंतिम नहीं किये जाने के कारण स्थानांतरण आदेश जारी नहीं किये जा सके। (घ) जी हाँ। (ड.) वर्तमान में स्थानांतरण पर प्रतिबंध है।
गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले व्यक्तियों को खाद्यान्न उपलब्ध कराना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
21. ( क्र. 1910 ) श्री के.पी. सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत एक वर्ष में शिवपुरी जिले में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले व्यक्तियों की सूची में कितने नाम जोड़े गये? जनपद पंचायतवार संख्या देवें? (ख) उक्तानुसार जोड़े गये व्यक्तियों को खाद्यान्न नहीं मिलने की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है? जनपद पंचायतवार संख्या देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) की शिकायतों में कितनी शिकायतों का निराकरण हो गया है? कितनी शिकायतों का निराकरण शेष है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कुल 12411 नाम जोड़े गये। शिवपुरी में 2617, पोहरी में 1687, कोलारस में 1317, बदरवास में 675, करैरा में 938, नरवर में 987, पिछोर में 618 एवं खनियांधाना में 3572 है। (ख) कुल-373 शिकायतें प्राप्त हुई है। शिवपुरी में 100, पोहरी में 54, कोलारस में 83, बदरवास में 31, पिछोर में 47 एवं खनियांधाना-58, शिकायतें प्राप्त हुई है। (ग) प्रश्नांश (ख) की शिकायतों में 137 शिकायतों का निराकरण हो गया है। 236 शिकायतों का निराकरण शेष है।
ग्राम पंचायत सरसई के निर्माण कार्यों की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
22. ( क्र. 1943 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला भिण्ड के ग्राम पंचायत सरसई में वर्ष 2013 से प्रश्नांश दिनांक तक कौन-कौन से निर्माण किए गए हैं तथा किस मद से किस कार्य के लिए भुगतान किया गया? (ख) त्रैमासिक समीक्षा बैठक वर्ष 2016 में जनपद पंचायत भिण्ड के अनुसार ग्राम पंचायत सरसई के विकास कार्यों की समीक्षा में जाँच हेतु आदेशित किया गया? यदि हाँ, तो जाँच में कौन अधिकारी शामिल किए गए? निरीक्षण रिपोर्ट में क्या कमियां पाई गईं? (ग) क्या जाँचकर्ता और निर्माण एजेंसी ने मिलकर असत्य जाँच प्रतिवेदन तैयार किया है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन दोषी हैं? क्या जाँच कार्यपालन यंत्रियों से करवाई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या प्रश्नांश (क) अंतर्गत मनरेगा के तहत फर्जी मस्टर रोल भरकर भुगतान लिया गया है? यदि हाँ, तो उपयंत्री, सहायक यंत्री और यंत्री ने एम.बी. पर भुगतान की किस आधार पर प्रविष्टि की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रथम जाँच दल में सहायक यंत्री मनरेगा, खंड पंचायत अधिकारी एवं राजस्व निरीक्षक शामिल थे जिनके द्वारा दिनांक 10.11.2016 को जाँच प्रतिवेदन प्रेषित किया गया। मा.विधायक द्वारा जाँच प्रतिवेदन पर मौखिक आपत्ति किये जाने से पुनः पाँच सदस्यीय जाँच दल गठित किया गया जिसमें सहायक यंत्री, खंड पंचायत अधिकारी, नायब तहसीलदार, अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग एवं अनुविभागीय अधिकारी जल संसाधन सदस्य के रूप में शामिल थे। गठित समिति द्वारा दिनांक 04.03.2017 को प्रेषित जाँच प्रतिवेदन में अनियमितता की स्थिति नहीं पाई गई है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते है। (घ) जी नहीं, मजदूरी भुगतान मजदूरों के बैंक खातों में किया गया है। फर्जी मस्टर रोल बनाने के प्रमाण संज्ञान में नहीं आए हैं शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
शिक्षा उपकर की राशि का व्यय
[नगरीय विकास एवं आवास]
23. ( क्र. 1974 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिका हटा व नगर परिषद् हिण्डोरिया में शिक्षा उपकर के नाम पर वर्ष 2011 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि इकट्ठा की गई वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या शिक्षा उपकर के नाम पर वसूल की गई राशियाँ शिक्षा में व्यय नहीं की गई? यदि की गई तो स्थलवार व्यय की जानकारी देवें व नहीं की गई तो क्यों वहाँ के जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद् हटा में शिक्षा उपकर के नाम पर वर्ष 2011 से प्रश्न दिनांक तक इकट्ठा की गई वर्षवार राशि की जानकारी इस प्रकार है वर्ष 2011- 12 में वसूल की गई राशि रूपये 42450 वर्ष 2012-13 में वसूल की गई राशि रूपये 38917 वर्ष 2013-14 में वसूल की गई राशि रूपये 61307 वर्ष 2014-15 में वसूल की गई राशि रूपये 63229 वर्ष 2015-16 में वसूल की गई राशि रूपये 47762 एवं वर्ष 2016-17 में वसूल की गई राशि रूपये 37646 है, इस प्रकार कुल राशि रूपये 291311 है। नगर परिषद् हिण्डोरिया में शिक्षा उपकर लागू नहीं है। (ख) नगर पालिका परिषद् हटा द्वारा शिक्षा उपकर के नाम पर वसूल की गई राशि से प्राथमिक शाला आजाद वार्ड में राशि रूपये 47719 शासकीय उत्कृष्ट स्कूल में राशि रूपये 115496 शासकीय महारानी कन्या शाला में राशि रूपये 110944 प्राथमिक शाला बूढ़ा हटा में राशि रूपये 109855 एवं प्राथमिक शाला बड़ा हटा में राशि रूपये 46714 है, इस प्रकार कुल राशि रूपये 474193 के शालाओं में शौचालयों का निर्माण किया गया है, जिसमें से राशि रूपये 291311 शिक्षा उपकर की वसूली से एवं शेष राशि रूपये 182882 का भुगतान नगर पालिका परिषद् हटा की निकाय निधि से किया गया है। नगर परिषद् हिण्डौरिया में शिक्षा उपकर लागू नहीं होने से जानकारी निरंक है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बुन्देलखण्ड पैकेज के कार्य
[वन]
24. ( क्र. 1975 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह में बुन्देलखण्ड पैकेज अंतर्गत वर्ष 2015-16, 2016-17 में कौन-कौन से कार्य, कितनी राशि से कराये गये? स्थलवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या जिला दमोह में ग्राम खड़ेरा में 50 वर्षों से काबिज किसानों की फसलों को विभाग द्वारा नष्ट किया गया है जिससे क्षेत्रीय किसान आक्रोशित हैं? कितने किसान उक्त भूमि पर कितने वर्ष से काबिज थे (ग) क्या विभाग द्वारा इस प्रकार से कराये गये अनाधिकृत अतिक्रमण की जाँच करायी जाकर संबंधित अधिकारियों पर कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक कार्यवाही की जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उतरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश में भूगर्भ वैज्ञानिकों को प्रशासनिक कार्य में पदस्थ करना
[खनिज साधन]
25. ( क्र. 2059 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्तमान जनवरी 2017 की स्थिति में खनिज साधन विभाग में भूगर्भ वैज्ञानिकों (जियोलाजिस्टों) के कितने पद स्वीकृत हैं एवं कितनों की पदस्थापना की गई? संख्या सहित पूर्ण जानकारी दी जावें। (ख) क्या प्रदेश में जियोलॉजिस्टों को शोध कार्य, सर्वेक्षण कार्य के बजाय उन्हें जिलों में प्रशासनिक पदों पर पदस्थ किया गया है ऐसे अधिकारी प्रदेश के किन-किन जिलों में प्रशासनिक पद, खनिज अधिकारी के पद पर पदस्थ हैं? जिलों के नाम सहित पूर्ण जानकारी दी जावें। (ग) क्या भूगर्भ वैज्ञानिकों की प्रशासनिक पदस्थी के कारण प्रदेश में खनिज सम्पदा, खोज सर्वेक्षण, खोज कार्य प्रभावित हो रहा है, इसे कब समाप्त किया जावेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) विभाग में भूगर्भ वैज्ञानिक के नाम से कोई पद स्वीकृत नहीं है। विभाग में भौमिकी कार्यों हेतु जनवरी 2017 की स्थिति में निम्नानुसार पद स्वीकृत तथा पदस्थापना है:-
पदनाम |
स्वीकृत पद |
पदस्थापना |
अधीक्षण भौमिकीविद् |
5 |
2 |
उपसंचालक (तकनीकी) |
26 |
10 |
सहायक भौमिकीविद् |
38 |
27 |
योग |
69 |
39 |
(ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दर्शित है। (ग) जी नहीं। विभागीय आदेश दिनांक 27.08.2016, 29.11.2016 एवं 27.02.2017 से प्रश्नांश (ख) के साथ संलग्न परिशिष्ट में दर्शित अधिकारियों की पदस्थापना विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों तथा संचालनालय, भौमिकी तथा खनिकर्म मुख्यालय में की गई है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
जनभागीदारी योजना मद से धार्मिक स्थलों पर निर्माण
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
26. ( क्र. 2322 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जन-भागीदारी मद से धार्मिक स्थलों पर कार्य न कराये जाने के आदेश राज्य शासन के हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या विभाग जनहित की दृष्टि से तथा पुनीत कार्य हेतु धार्मिक स्थलों पर जनभागीदारी योजना मद से निर्माण कार्य हेतु संशोधित आदेश किये जावेंगे? (ग) क्या म.प्र. के जिलों में जनभागीदारी योजना मद में लगभग 80-90 लाख प्रति वर्ष आवंटन दिया जाता है? (घ) यदि हाँ, तो वरीयता क्रम के अनुसार धार्मिक स्थलों पर निर्माण कार्य हेतु आदेश कब तक कर दिये जावेंगे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) प्रत्येक जिले के लिए राशि के आवंटन का प्रकार पृथक-पृथक होता है। (घ) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पुजारियों की नियुक्ति
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
27. ( क्र. 2325 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छतरपुर जिले में शासन संधारित मंदिरों में पुजारियों के पद खाली पड़े है? (ख) क्या छतरपुर जिले में 133 ऐसे मंदिर हैं जहां पर पुजारी नियुक्त नहीं किये गये? तहसीलवार ग्राम मंदिर का नाम सहित विवरण दें? (ग) क्या शासन प्रावधानों के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम सभा तथा शहरी क्षेत्रों में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को पुजारियों की नियुक्तियों के अधिकार हैं? (घ) यदि हाँ, तो पंचायतों को तथा राजस्व विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को समुचित निर्देश दिये जावेंगे?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मंदिरों का निर्माण
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
28. ( क्र. 2399 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बालाघाट जिले में ऐसे कितने मंदिर हैं, जिनकी निर्माण की योजना धर्मस्व विभाग में बनाई है? मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिये शासन के पास प्रतिवर्ष कितना आवंटन प्राप्त होता है? विगत 4 वर्षों की जानकारी देवें? (ख) बालाघाट जिले के कितने मंदिरों को सूचीबद्ध किया गया है एवं किया जा रहा है व जिले में मंदिरों के निर्माण के जीर्णोद्धार की कितनी राशि खर्च करने की योजना है? (ग) बालाघाट जिले के मंदिरों के जीर्णोद्धार एवं मरम्मत के लिये पिछले 4 वर्षों में विभाग/कलेक्टर को प्राप्त आवेदनों पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) उपरोक्त अवधि में दी गई राशि की ऑडिट रिपोर्ट कहाँ-कहाँ की संस्थाओं/धार्मिक स्थलों की पूर्ण हो गई है, सूची उपलब्ध करावें।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नगरपालिका
वारासिवनी के
किराये की
दुकानों की
जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
29. ( क्र. 2404 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बालाघाट जिले के वारासिवनी नगर में नगरपालिका द्वारा नजूल भूमि पर कितने व्यक्तियों द्वारा कितनी किराये की दुकान संचालित की जा रही है? संख्या बतावें? (ख) वित्तीय वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में कितने दुकानों का नवीनीकरण किया गया? (ग) नगरपालिका वारासिवनी द्वारा किराये की दुकानों का अनुबंध कितनी राशि का किया गया तथा निर्धारित राशि कितनी-कितनी है? पृथक-पृथक बतावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद्, वारासिवनी द्वारा नजूल भूमि पर 206 व्यक्तियों द्वारा कुल 222 दुकानें संचालित की जा रहीं हैं। (ख) वित्तीय वर्ष 2014-15, 160 दुकानें, वित्तीय वर्ष 2015-16, 164 दुकानें एवं वित्तीय वर्ष 2016-17, 153 दुकानों का नवीनीकरण किया गया है। (ग) नगर पालिका, वारासिवनी द्वारा किराये की दुकानों का अनुबंध मध्य प्रदेश राजपत्र (असाधारण) भारतीय स्टाम्प (मध्य प्रदेश संशोधन) विधेयक 2015 (क्रमांक 23 सन् 2015) के 38 (क) (दो) के अनुसार संपत्ति के बाजार मूल्य का 0.1 प्रतिशत के स्टाम्प पर अनुबंध संपादित किया जाता है, नगर पालिका, वारासिवनी द्वारा अनुबंध की राशि नहीं ली जाती है, नगर पालिका परिषद्, वारासिवनी द्वारा वित्तीय वर्ष 2014-15 में अनुबंध निष्पादन उपरांत कुल 160 दुकानों से राशि रू. 1,96,728/- वित्तीय वर्ष 2015-16 में कुल 164 दुकानों से राशि रू. 2,07,710/- इसी प्रकार वित्तीय वित्तीय वर्ष 2016-17 (माह फरवरी, 2017 की स्थिति तक) कुल 153 दुकानों से रू. 2,52,971/- किराया राशि प्राप्त हुई है, पृथक-पृथक किराया राशि का ब्यौरा निर्धारित प्रारूप में दुकानवार अंकित किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
द्विव्यांग व सामान्य निर्धन वर्ग के प्रतियोगियों के लिये निःशुल्क कोचिंग
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
30. ( क्र. 2451 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रतियोगी परीक्षाओं (यू.पी.एस.सी./एम.पी.पी.एस.सी./एस.एस.सी.) की तैयारी के लिये अनुसूचित जाति/अनुसूचित जन जाति वर्ग के प्रतियोगियों के लिये निःशुल्क कोचिंग की सुविधा जिला स्तर पर प्रदान की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा द्विव्यांग व सामान्य निर्धन वर्ग के प्रतियोगियों के लिये भी इस प्रकार की कोचिंग की सुविधा प्रदान करने की योजना है? यदि हाँ, तो स्पष्ट करें व कब से लागू करेंगे अथवा नहीं तो कारण स्पष्ट करें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्तमान में निःशक्त व सामान्य निर्धन वर्ग के प्रतियोगियों को कोचिंग की कोई योजना संचालित नहीं है।
पी.एम.जी.एस.वाय. एवं मुख्यमंत्री सड़क योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
31. ( क्र. 2604 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा वर्ष २०१३-१४, २०१४-१५, २०१५-१६ एवं २०१६-१७ में गौटेगांव विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्रामीण योजना अन्तर्गत एवं मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में किस किस मार्ग के लिए मरम्मत हेतु राशि जारी की गई एवं उक्त राशि में किस-किस मद से क्या-क्या कार्य स्वीकृत कराये गये सूची उपलब्ध करावें? (ख) वर्तमान में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना अंतर्गत एवं मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना द्वारा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कितनी रोडों का रख-रखाव किया जा रहा है? उन रोडों की वर्तमान में क्या स्थिति है? सूची उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) प्रश्नाधीन अवधि में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अन्तर्गत सड़कों की मरम्मत/संधारण के लिए व्यय की गई राशि की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में मरम्मत/रख-रखाव के लिए स्वीकृति नहीं दी जाती है।
स्वच्छता अभियान में निर्मित शौचालयों की अनुदान राशि का भुगतात
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
32. ( क्र. 2707 ) श्री कैलाश चावला : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच जिले की विभिन्न विधानसभा में प्रश्न दिनांक तक कितने शौचालय का निर्माण स्वच्छता अभियान के अन्तर्गत किया जा चुका है। जनपदवार जानकारी देवें। (ख) उक्त निर्मित किए गए शौचालयों में कितने ऐसे हितग्राही हैं, जिन्हें अनुदान की राशि का भुगतान प्रश्न दिनांक तक नहीं किया गया है? जनपदवार जानकारी प्रदान करें। (ग) इनमें से कितने हितग्राही ऐसे हैं, जिनके शौचालयों का निर्माण किए हुए एक माह से अधिक का समय हो चुका है व इनका भुगतान न किए जाने का क्या कारण है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) नीमच जिले में जनपद पंचायत नीमच में 12,879, जनपद पंचायत जावद में 13,671 एवं जनपद पंचायत मनासा में 18,481 शौचालयों का निर्माण हुआ है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार निर्मित शौचालयों में से जनपद पंचायत नीमच में 80, जनपद पंचायत जावद में 156 एवं जनपद पंचायत मनासा में 150 शौचालयों के हितग्राहियों को जारी प्रोत्साहन राशि का एफ.टी.ओ. उनके बैंक खाते बंद होने से असफल रहा है।
सब इंजीनियर के सहयोग हेतु नियुक्ति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
33. ( क्र. 2960 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा ग्रामीण स्तर पर सब इंजीनियर के सहयोग हेतु किस पद की नियुक्तियां की गयी हैं? (ख) इस नियुक्ति की पात्रता शर्तें क्या है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विभाग अंतर्गत मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद् द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत ग्रामीण सड़क संपर्कता के लिए उपयंत्री के सहयोग हेतु तकनीकी सहायकों की अनुबंध पर नियुक्ति के निर्देश दिए गए थे। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारियों पर दर्ज आपराधिक प्रकरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
34. ( क्र. 2961 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अन्तर्गत जिला होशंगाबाद में विगत 5 वर्षों में ऐसे कितने मुख्य कार्यपालन अधिकारी है जिनके विरूद्ध विभागीय जाँच एवं आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं? (ख) जिला होशंगाबाद में ऐसे कितने मुख्य कार्यपालन अधिकारी है जिनके द्वारा परीक्षा उर्तीण करने के बाद भी परिवीक्षा अवधि समाप्त नहीं की गई है? (ग) जिला होशंगाबाद में क्या कई मुख्य कार्यपालन अधिकारी वर्तमान में ऐसे हैं जिनको नियुक्ति दिनांक के समय का वेतनमान ही दिया जा रहा है एवं उनके वेतन का निर्धारण आज दिनांक तक नहीं किया गया हैं तथा न्यूनतम वेतन प्राप्त कर रहे हैं? यदि हाँ, तो ऐसे मुख्य कार्यपालन अधिकारियों के नाम एवं पदस्थापना बतायें? इनके वेतन का निर्धारण न होने के लिये कौन उत्तरदायी है? कब तक वेतन निर्धारण कर दिया जावेगा तथा दोषियों के विरूद्ध उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, पिपरिया श्री राम निवास गुप्ता के विरूद्ध 02 विभागीय जाँच संस्थित हैं। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत बनखेड़ी के विरूद्ध 01 विभागीय जाँच संस्थित है और लोकायुक्त संगठन में जाँच प्रचलित है। किसी अधिकारी के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज होना विभाग के संज्ञान में नहीं है। (ख) उक्त उत्तरांश 'क' में उल्लेखित दोनों अधिकारियों की परीवीक्षा अवधि समाप्त नहीं की गई है। (ग) जी नहीं। उत्तरांश 'क' में उल्लेखित अधिकारियों की विभागीय जाँच प्रचलित होने के कारण उनकी परीवीक्षा अवधि समाप्त नहीं की गई होने से उन्हें वेतन-वृद्धि नहीं दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध खनन पर हुए जुर्माने की राशि वसूली
[खनिज साधन]
35. ( क्र. 2987 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 8 दिसम्बर 2016 के अतारांकित प्रश्न संख्या 13 ( क्रमांक 93 ) के संदर्भ में बताए कि पलकटोरी जिला अशोकनगर में अवैध खनन पर किन लोगों पर दस करोड़ का जुर्माना किया गया तथा पुलिस रिपोर्ट में नामजद अपराधी आरोपी जिन्हें फरार घोषित किया उन्हें गिरफ्तार न कर उन्हें कोर्ट से स्टे प्राप्त करने का मौका क्यों दिया गया? यादवेन्द्र व अजय ने क्या 2016 में दिसम्बर को कई वाहनों से जुलुस निकालकर पर्चे वितरीत कर आमसभा की व इसके पूर्व 15 अगस्त को मण्डी अशोकनगर में झण्डावंदन किया तथा ईसागढ़ नगर परिषद् में एक सांसद के साथ चुनाव प्रचार किया तो इन तीन मौकों पर फरार घोषित दोनों आरोपियों से जुर्माना वसूल क्यों नहीं किया? (ख) यदि कर लिया गया तो कब? यदि नहीं, तो कब तक वसूल कर लिया जावेगा एवं दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार क्यों नहीं किया? कब तक गिरफ्तारी हो जाएगी तथा 15-20 अज्ञात व्यक्तियों के नाम लोगों ने दिये उन पर कार्यवाही क्यों नहीं हो रही है? (ग) क्या अवैध खनन की विधिवत् शिकायत ग्रीन ट्रिब्यूनल भोपाल में की है, ताकि वे भी जुर्माना नियमानुसार लगा सके? यदि नहीं, तो कब तक करेंगे?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) ग्राम पलटकोरी जिला अशोकनगर में अवैध खनन पर वर्तमान में जुर्माना नहीं किया गया है। वरन जुर्माना लगाने का नोटिस दिया गया है। मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 53 (5) के अंतर्गत अवैध खनन का प्रकरण वर्तमान में कलेक्टर, न्यायालय में विचारधीन है। पुलिस द्वारा नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी के संबंध में किसी भी न्यायालय द्वारा स्टे प्रदान नहीं किया है। जुर्माने का प्रकरण वर्तमान में विचारधीन होने के कारण इसकी वसूली का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर अनुसार अवैध उत्खनन का प्रकरण वर्तमान में कलेक्टर कार्यालय में विचाराधीन है। प्रकरण के अंतिम निराकरण पश्चात् ही वसूली किये जाने का प्रश्न उपस्थित होगा। दो नामजद आरोपी मनोज दांगी एवं लखन यादव को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया है। अज्ञात आरोपियों में से वीर पाल एवं करतार को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जा चुका है। यादवेन्द्र पुत्र देशराज यादव एवं अजय सिंह पुत्र देशराज यादव द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र की अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अशोकनगर द्वारा जाँच की जा रही है। इसलिये इन आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की गई है। (ग) अवैध खनन की शिकायत ग्रीन ट्रिब्यूनल में किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अशोकनगर के नगरपालिका सामुदायिक भवन पर अवैध कब्जे
[नगरीय विकास एवं आवास]
36. ( क्र. 2988 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता दिनांक 8 दिसम्बर 2016 के अतारांकित प्रश्न संख्या 12 ( क्रमांक 92) तथा प्रश्नकर्ता जुलाई 2016 का अतारांकित प्रश्न संख्या 2 (क्रमांक 109) को दिये उत्तर के संदर्भ में बताए कि जब नगरपालिका सामुदायिक विकास भवन पर अवैध कब्जे की 2013 को शिकायत की गई थी तो दिनांक 02.07.16 को 3 वर्ष बाद नोटिस क्यों दिया? इस हेतु दोषियों की पहचान कर क्या कार्यवाही की गई? (ख) उत्तर में अनुविभागीय दण्डाधिकारी अशोकनगर ने 7 जुलाई 2016 को अतिक्रमण हटाकर कब्जे में लेने की कार्यवाही की उसकी 8 महिने में प्रतिमाह क्या कार्यवाही हुई व विलम्ब के दोषी पर क्या कार्यवाही हुई व कब तक अतिक्रमण हटाकर भवन कब्जे में लेकर नगरपालिका को सौंपा जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) वर्ष 2013 में सामुदायिक भवन पर कब्जा होने की प्राप्त शिकायत पर जाँच की गई, तत्समय सामुदायिक भवन का उपयोग स्थानीय नागरिकों द्वारा किया जाकर किसी व्यक्ति विशेष का कब्जा नहीं होना पाया गया था। इस संबंध में स्थानीय नगर पालिका परिषद् द्वारा अपर कलेक्टर जिला अशोकनगर को अवगत किया गया था। वर्ष 2013 से जुलाई 2016 तक सामुदायिक भवन पर कब्जा संबंधी कोई शिकायत अथवा सूचना प्राप्त नहीं हुई इसलिये सामुदायिक भवन पर कब्जा नहीं था भवन का उपयोग स्थानीय नागरिकों द्वारा किया जा रहा था। जुलाई 2016 में शिकायत प्राप्त होने पर भवन रिक्त कराने का नोटिस दिया गया। (ख) सामुदायिक भवन से अवैध कब्जा हटाये जाने हेतु कलेक्टर अशोकनगर द्वारा समिति गठित की गई है, कब्जा हटाये जाने की कार्यवाही गतिशील है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
ई-पंचायत भवन एवं सरकारी उचित मूल्य दुकान भवन निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
37. ( क्र. 2994 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कारण है कि विकासखण्ड सिरमौर की ग्राम पंचायत डिहिया में पिछले 3 वर्षों से रोजगार गारंटी योजना से निर्माणाधीन ई-पंचायत भवन एवं सरकारी उचित मूल्य दुकान भवन का निर्माण पूर्ण नहीं हो सका? (ख) उक्त निर्माणाधीन भवनों का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण हो सकेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्राम पंचायत की शिथिलता के कारण। (ख) प्रश्नाधीन दोनों कार्य जुलाई 2017 तक पूर्ण कराना लक्षित है।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत प्रशिक्षण में अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
38. ( क्र. 3155 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना अंतर्गत कौन-कौन से कोर्स उपलब्ध हैं तथा वर्ष 2012 से 2017 तक कितने हितग्राहियों को क्या-क्या प्रशिक्षण दिया गया है? प्रशिक्षण हेतु चयन की क्या प्रक्रिया है? (ख) राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना अंतर्गत किस-किस एन.जी.ओ. द्वारा कहाँ-कहाँ और कितने-कितने हितग्राहियों को प्रशिक्षण दिया गया है? क्या प्रशिक्षण के दौरान विभागीय अधिकारियों द्वारा भौतिक सत्यापन किया गया है? यदि हाँ, तो किसके द्वारा? (ग) क्या प्रशिक्षणार्थी को स्कॉलरशिप उपलब्ध कराई जाती है यदि हाँ, तो कितनी-कितनी स्कॉलरशिप दी गई? प्रशिक्षण उपरांत वर्तमान में कितने हितग्राहियों को किस तरह का लाभ प्राप्त हो रहा है? (घ) राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना अंतर्गत प्रशिक्षण पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई तथा किस-किस एन.जी.ओ. को प्रशिक्षण हेतु कितनी राशि भुगतान की गई वर्षवार अवगत करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) झाबुआ जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत कोर्स उपलब्ध नहीं है। वर्ष 2012 से 2017 तक हितग्राहियों को दिए गए प्रशिक्षण एवं चयन प्रक्रिया की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत झाबुआ जिले की दस महिलाओं को एन.जी.ओ. एशियन हेरिटेज फाउण्डेशन द्वारा दिल्ली एवं झाबुआ में प्रशिक्षण दिया गया। जी हाँ नई दिल्ली का सुश्री रेणु ठाकुर संकुल सदस्य झाबुआ जिला झाबुआ एवं विकासखण्ड स्तर पर होने वाले प्रशिक्षण का भौतिक सत्यापन श्री नरेशचन्द्र भाल जिला प्रबंधक लघु उद्यमिता विकास द्वारा किया गया। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। प्रशिक्षण उपरान्त 2866 हितग्राही रोजगार एवं स्वरोजगार से अपनी आजीविका चला रहे हैं। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। मिशन अन्तर्गत किसी भी एन.जी.ओ. को कोई भुगतान नहीं किया गया है। एन.जी.ओ. एशियन हेरिटेज फाउण्डेशन नई दिल्ली द्वारा निःशुल्क प्रशिक्षण कराया गया।
कैम्पा योजना
[वन]
39. ( क्र. 3156 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में वन विभाग की कैम्पा योजना अंतर्गत विगत 3 वर्ष में कहाँ-कहाँ तथा कितने-कितने जगह पर पौध रोपण किया गया? विधानसभा क्षेत्रवार अवगत करावें। कैम्पा योजना अंतर्गत किन-किन स्थानों पर तालाब निर्माण, पहुंच मार्ग तथा तार फेन्सिंग कार्य करवाया गया? (ख) कैम्पा योजना अंतर्गत जिले में कब-कब कार्य स्वीकृत किये गये तथा करवाये गये कार्यों पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? कार्यवार अवगत करावें। वर्तमान में उक्त कार्य की क्या स्थिति है? (ग) क्या कई जगह केम्पा योजना अंतर्गत किया गया पौधा रोपण कार्य वर्तमान में अनुपयोगी है? इसके लिए कौन जिम्मेदार है तथा शासन उस पर क्या कार्यवाही करेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
रोपण वर्ष |
विधान सभा क्षेत्र का नाम |
परिक्षेत्र का नाम |
पौधा रोपण स्थल का नाम |
क्षेत्रफल हैक्टर में |
रोपित पौधों की संख्या |
1 |
2 |
3 |
4 |
5 |
6 |
7 |
1 |
2014 |
- |
- |
- |
- |
- |
2 |
2015 |
पेटलावद |
पेटलावल |
1477 बेकल्दा |
50.00 |
67200 |
3 |
2015 |
पेटलावद |
पेटलावल |
999 छोटा सलुनिया |
15.58 |
24240 |
4 |
2015 |
पेटलावद |
पेटलावल |
397/3 खाखरापड़ा |
11.52 |
17200 |
|
|
|
योग-रोपण वर्ष 2015 |
77.10 |
108640 |
|
5 |
2016 |
- |
- |
निरंक |
- |
- |
|
|
|
कुलयोग |
77.10 |
108640 |
कैम्पा योजना अंतर्गत जिला झाबुआ में उक्त वृक्षारोपण क्षेत्रों में तार फेंसिंग कार्य कराया गया। शेष जानकारी निरंक है।
(ख) जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
कार्य स्वीकृत वर्ष |
कार्य संख्या |
किया गया व्यय (माह जनवरी 2017 अंत तक) |
|||
क्षेत्र तैयारी |
रोपण |
रखरखाव |
योग |
|||
1 |
2010 |
14 |
2,39,97,491/- |
92,92,000/- |
1,07,54,248/- |
4,40,43,739/- |
2 |
2011 |
5 |
4,71,490/- |
8,14,490/- |
7,96,817/- |
20,82,797/- |
3 |
2013 |
7 |
73,03,000/- |
36,71,498/- |
16,000/- |
1,09,90,498/- |
4 |
2015 |
2 |
0 |
0 |
0 |
0 |
|
TOTAL |
28 |
3,17,71,981/- |
1,37,77,988/- |
1,15,67,065/- |
5,71,17,034/- |
वर्तमान में उक्त कार्य की स्थिति अच्छी है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वाटरशेड समिति सचिवों को पुन: सेवा में लिया जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
40. ( क्र. 3210 ) श्री मोती कश्यप : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्त्ता ने अपने पत्र दिनांक 12-1-2017 व 31-1-2017 द्वारा माननीय मुख्यमंत्री एवं विभागीय मंत्री को राज्य सरकार के किसी पत्र के साथ वाटरशेड मिशन समिति के सचिवों के विषय में कोई लेख किया है? (ख) क्या विभागीय राजीव गांधी जलग्रहण मिशन के वर्ष 2016 की किसी दिनांक के आदेश द्वारा राज्य की किन्हीं समितियों के सचिवों की सेवायें समाप्त कर समिति अध्यक्ष एवं पंचायत के अधीन कर दिये जाने से किसी संख्या में उच्च शिक्षित युवक बेरोजगार हो गये हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के साथ संलग्न बिहार सरकार के परिपत्र के अनुसार वाटरशेड मिशन समिति के सचिवों की सेवायें निरंतर बनाये जाने की दिशा में कोई प्रयास किये गये हैं और पुन: सेवा में यथावत पदस्थ कर रोजगार प्रदान किया गया है? (घ) क्या विभाग प्रश्नांश (ग) के समान कार्यवाही कर राज्य के बेरोजगार हुए युवा शिक्षितों को रोजगार प्रदान करेगा और कब तक निर्देश जारी कर दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नाधीन पत्र विभाग को प्राप्त नहीं है। (ख) से (घ) भारत सरकार से स्वीकृत जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन परियोजनाओं में प्रशासनिक मद के तहत् उपलब्ध धन राशि समाप्त हो जाने एवं जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन परियोजनाओं का कार्य ग्राम पंचायतों द्वारा कराया जाना संभव होने के परिप्रेक्ष्य में ग्राम स्तरीय वाटरशेड समितियों में मानदेयी सचिवों की सेवाएं बंद की गई हैं। मानदेयी सेवा पूर्णकालिक नहीं थी। अतः शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते।
आवासीय पट्टों का आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
41. ( क्र. 3297 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन द्वारा कोई योजना शहरी क्षेत्र में जमीन के आवासीय पट्टे आवंटित करने के संबंध में प्रचलन में है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि हाँ, तो सागर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने हितग्राहियों को चिन्हित किया गया है तथा इनको कब तक आवासीय पट्टों का आवंटन कर दिया जायेगा? (ग) क्या शासन की इस महत्वपूर्ण योजना का प्रचार-प्रसार पर्याप्त रूप से किया गया था? यदि नहीं, तो जो पात्र हितग्राही इस सूची से वंचित रह गये है, उनके बारे में क्या शासन पुन: विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत आवासीय इकाईयों के निर्माण हेतु पट्टा आवंटन किये जाने के लिए हितग्रहियों का सर्वे किया जा रहा है। सर्वे उपरांत जिला प्रशासन द्वारा पात्रता अनुसार चयन करने पर पट्टा आवंटन किया जायेगा। (ग) जी हाँ। पट्टा आवंटन किये जाने के संबंध में कार्यवाही प्रचलन में है, जो हितग्राही छूट गये हों वे अभी भी नाम जुड़वा सकते हैं।
हाउसिंग बोर्ड द्वारा हितग्राहियों को भवन आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
42. ( क्र. 3370 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के दिनांक 08/12/2016 के तारांकित प्रश्न संख्या 20 (क्रमांक 36) के (ख) उत्तर में बताया गया है कि जिन हितग्राहियों द्वारा भवन की राशि प्राप्त नहीं की गई उन्हें मण्डल की रिक्त सम्पत्ति अथवा नवीन योजना में वर्तमान निर्धारित मूल्य पर भवन उपलब्ध कराया जा सकता है? (ख) यदि हाँ, तो जिस प्रकार मण्डल वर्तमान बाजार दर पर भवन आवंटित करता है तो हितग्राहियों को उसकी जमा पंजीयन राशि पर तत्समय यदि भवन आवंटित हो जाता तो आज उसका बाजार मूल्य क्या होता? स्पष्ट करें। (ग) क्या उसी बाजार दर के आधार पर वर्तमान के बाजार दर की तुलना कर हितग्राहियों को भवन क्यों उपलब्ध नहीं कराया जा सकता हैं? (घ) क्या मण्डल को पूर्व में और वर्तमान में प्राप्त भूमि शासकीय दर पर ही प्राप्त हुई है तथा मात्र निर्माण लागत की ही बढ़ोत्तरी हुई है? यदि हाँ, तो क्या वंचित हितग्राहियों को निर्माण लागत पर भवन उपलब्ध करवाने के आदेश शासन मण्डल को देगा? क्या माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जिस प्रकार रिवेयरा टॉउन, भोपाल के प्रोजेक्ट में जो नीति अपनाई गई थी उसमें दिशा-निर्देश क्या-क्या हैं? क्या मण्डल द्वारा उनका पालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इस योजना का पालन क्यों नहीं करवाया जा रहा है? (ड.) प्रश्नांकित प्रकरण में मूल योजना में आवास आवंटन से वंचित मात्र 6 हितग्राहियों को मण्डल द्वारा स्वीकृत (पंजीयन के समय) योजना में स्वतंत्र भूखण्ड पर पूर्व पंजीयत दर पर भवन निर्मित कर उपलब्ध करवायें जायेंगे, अथवा गृह निर्माण मण्डल के भोपाल की अन्य आवासीय योजनाओं में स्वतंत्र भूखण्ड उपलब्ध करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्तमान में भवन निर्मित न होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांकित भूमि निजी भूमि होने से भू-अर्जन के अवार्ड उपरांत भूमि प्राप्त होने के क्रम में शासकीय दर पर भूमि प्राप्त होने संबंधी स्थिति उत्पन्न नहीं होती है। मण्डल की योजनाओं अंतर्गत केवल निर्माण लागत पर भवन उपलब्ध कराने संबंधी कार्य प्रणाली प्रचलन में नहीं है। मण्डल द्वारा भोपाल में निर्मित रिवेयरा टॉउन अंतर्गत न्यायालयीन प्रकरण में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय में वर्णित न्यायिक सिद्धांत के आधार पर मण्डल द्वारा जारी परिपत्र क्र. 10/सं.प्र. दिनांक 08.06.2016 संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। मण्डल द्वारा उक्त परिपत्र का पालन किया जा रहा है। प्रश्नाधीन योजना का अभिन्यास स्वीकृत न होने से योजना अस्तित्व में नहीं है एवं पुनरीक्षित योजना क्रियान्वित की जा रही है। अतः उक्त परिपत्र का पालन किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) इन 6 हितग्राहियों में से 2 हितग्राहियों द्वारा प्रश्नांकित योजना स्थल के समीप मण्डल की हाउसिंग पार्क योजना में भवन लेने की सहमति उपरान्त उन्हें भवनों के आवंटन आदेश दिये जा चुके हैं। शेष 4 हितग्राहियों ने भी रिक्त संपत्ति का अवलोकन कर लिया है, उनके द्वारा लिखित सहमति प्रदान करने पर मण्डल द्वारा रिक्त संपत्ति अथवा नवीन योजना में वर्तमान निर्धारित मूल्य पर भवन उपलब्ध कराया जा सकता है, जिसमें उनकी जमा राशि में 8 प्रतिशत प्रतिवर्ष की ब्याज दर से समायोजित की जायेगी।
धार जिले के नगर परिषद् राजगढ़ में की गई अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
43. ( क्र. 3376 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर परिषद् राजगढ़ जिला धार अंतर्गत मुख्यमंत्री पेयजय आवर्धन योजना का शुभारम्भ कब एवं किनके द्वारा किया गया एवं वर्तमान में क्या स्थिति है? (ख) क्या पेयजल का मुख्य स्त्रोत पुराना रेलिया डेम के नीचे बना नया डेम है, जो कि लीकेज एवं गुणवत्ता विहीन है? क्या शासन इस आवर्धन योजना के समस्त अवयवों के निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जाँच करेगा? (ग) क्या विगत ग्रीष्मकाल में इस डेम के लीकेज होने के कारण पेयजल परिवहन की स्थिति बनी? क्या शासन पेयजल परिवहन पर व्यय राशि की वसूली घटिया डेम निर्माण एजेंसी से करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर परिषद्, राजगढ़ जिला धार में मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना का शुभारंभ 16 मई 2015 को माननीय श्री कैलाश विजयवर्गीय, तत्का. मंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा किया गया है। वर्तमान में उक्त योजना पूर्ण होकर नगर में लगभग 2.00 एम.एल.डी. मात्रा का जल प्रदाय किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। डेम में लीकेज नहीं है एवं कार्य गुणवत्ताविहीन नहीं है। मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजनान्तर्गत निर्माण कार्यों के पर्यवेक्षण हेतु शासन द्वारा नियुक्त एजेंसी IRMA द्वारा योजनान्तर्गत स्वीकृत समस्त अवयवों की जाँच समय-समय पर एवं योजना पूर्ण होने पर की गई है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। बैराज में संग्रहित जल से किसानों द्वारा सिंचाई की जाने से बैराज के जल में कमी होने के कारण पेयजल परिवहन की स्थिति बनी थी। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सी.सी. रोड निर्माण में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
44. ( क्र. 3378 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पंचायत राजगढ़ जिला धार के बस स्टैण्ड में सी.सी. रोड का निर्माण कार्य कब किया गया? इसकी क्या लागत थी, इस पर कितना व्यय हुआ एवं इसकी कार्य एजेंसी कौन थी? (ख) क्या उक्त कार्य की गुणवत्ता घटिया होने से नगर पंचायत द्वारा इस मार्ग पर लीपा-पोती करने के लिए डामर डाल दिया था, जिसकी जाँच के आदेश कलेक्टर ने दिए थे? (ग) यदि हाँ, तो कार्य एजेंसी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों इसके लिए कौन जिम्मेदार है? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर परिषद्, राजगढ़ जिला धार के बस स्टैण्ड में सी.सी. रोड का निर्माण वर्ष 2013-2014 में किया गया था। यह कार्य नगर परिषद्, राजगढ़ द्वारा नहीं कराया गया है अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। (ग) नगर परिषद्, राजगढ़ द्वारा यह कार्य नहीं कराये जाने के कारण कार्य एजेंसी के विरूद्ध नगर परिषद् द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है। इस प्रकरण में पदीय दायित्व के निर्वहन में लापरवाही बरतने के कारण निकाय के तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री संत राम चौहान को दोषी पाये जाने के उपरान्त असंचयी प्रभाव से 2 वार्षिक वेतन वृद्धियां रोके जाने की शास्ति अधिरोपित की जा चुकी है।
स्वीकृत क्रेशर खादानों से राजस्व आय
[खनिज साधन]
45. ( क्र. 3408 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि धार जिले में तथा धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र में खनिज विभाग अंतर्गत स्वीकृत/संचालित क्रेशर खदानों से शासन को विगत 10 वर्षों में कितने राजस्व की आय हुई है वर्षवार, खदानवार हुई राजस्व आय की जानकारी देवें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', ''ब'' एवं ''स'' पर दर्शित है।
स्वीकृत एवं संचालित खदानें
[खनिज साधन]
46. ( क्र. 3409 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में तथा धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र में खनिज विभाग की कितनी रेत खदानें (काली रेत/बालू रेत) स्वीकृत/संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित खदानों में से कितनी खदानें कब-कब से स्वीकृत हैं? खदानवार जानकारी देवें? कितनी खदानें वर्तमान में चालू हैं? कितनी खदानें बन्द हैं? खदान कब से बन्द है व बन्द होने का क्या कारण है? बन्द खदानों का पूर्ण विवरण उपलब्ध करावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में रेत खनिज की 10 खदानें उत्खनन पट्टे पर एवं 13 खदानें नीलाम खदान के रूप में स्वीकृत हैं। इसकी प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' पर दर्शित है। प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र के संबंध में जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' पर दर्शित है। (ख) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित उत्खनन पट्टा, जिनकी संख्या 10 हैं वर्ष 2010 से स्वीकृत हैं तथा नीलाम खदानें जिनकी संख्या 13 हैं, वे वर्ष 2014 से स्वीकृत हैं। यह समस्त खदानें वर्तमान में बंद हैं। प्रश्नानुसार शेष वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' पर दर्शित है।
मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
47. ( क्र. 3427 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले के विधानसभा क्षेत्र सुरखी अंतर्गत मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में 01 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने मार्ग स्वीकृत हुये हैं, इनमें से कितने सड़क मार्गों के टेंडर जारी कर कार्यादेश जारी हो चुके हैं? कितने शेष हैं? सड़क मार्ग के नामवार, टेण्डर, कार्यादेश एवं कार्यपूर्ण होने के दिनांक सहित अप्रारंभ सड़क मार्गों की भी जानकारी दी जावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण स्वीकृत सड़क मार्ग के निमार्ण कार्य में अत्यधिक विलम्ब हो रहा है, जिसका प्रभाव उनकी लागत पर पड़ रहा है और निर्माण कार्य का स्तर गिरता जा रहा है? (ग) यदि हाँ, तो विलम्ब के कारणों की जाँच ई.एन.सी. स्तर के अधिकारी से कराकर दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जावेगी? (घ) यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) जी नहीं, परिशिष्ट में दर्शायी स्थिति के परिप्रेक्ष्य अत्यधिक विलंब की स्थिति नहीं है। कार्य की लागत में वृद्धि एवं कार्य की गुणवत्ता पर विपरीत प्रभाव होने की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
48. ( क्र. 3428 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले के सुरखी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना अंतर्गत 5 वर्ष के भीतर के 05 वर्ष से ज्यादा अवधि के एवं 10 वर्ष अवधि के कितने सड़क मार्ग ऐसे हैं जो मेन्टीनेंस के अभाव में अत्यंत जर्जर एवं जीर्ण-शीर्ण हो गये हैं? मार्गों के नाम सहित जानकारी देवें? (ख) क्या वास्तव में मेन्टीनेंस के लिए स्वीकृत राशि के फर्जी तौर पर मात्र बिल लगा दिये जाते हैं? मेन्टीनेंस का कार्य न तो ठेकेदार द्वारा किया जाता है और न ही विभाग ठेकेदार के कार्य का सत्यापन ही कराता है जिससे फर्जी बिल की राशि ठेकेदार को प्राप्त हो जाती है और मार्ग यथास्थिति जर्जर एवं जीर्ण स्थिति से बद से बदतर होते जाते हैं? (ग) यदि नहीं, तो क्या विभाग विगत 05 वर्ष के मेन्टीनेंस संबंधी बिलों की जाँच सेल्स टैक्स विभाग से तथा सड़क मार्गों की स्थिति के स्थल निरीक्षण एस.डी.एम., सी.ई.ओ. संबंधित जनपद पंचायत एवं जन प्रतिनिधियों के दल गठन कर करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी नहीं, ठेकेदार द्वारा संधारण कार्य किये जाने के उपरांत ई-मार्ग पोर्टल के माध्यम से देयक प्रस्तुत किया जाता है, जिसके सत्यापन हेतु सहायक प्रबंधक एवं उपयंत्री द्वारा उक्त मार्ग के छायाचित्र अपलोड कर इंडेक्सिंग कर संपन्न कार्य का ही भुगतान किया जाता है। श्री राजेश चौकसे, महाप्रबंधक, श्री आई.पी. चौबे एवं अनिल कुमार जैन, सहायक प्रबंधक तथा श्री के.एस. ठाकुर, उपयंत्री द्वारा प्रश्नाधीन मार्गों का संधारण करने के लिये आवश्यक प्रस्ताव तैयार नहीं करने के लिए जिम्मेदार पाये गये है। इनके विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित करने का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
49. ( क्र. 3560 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन योजनान्तर्गत योजना प्रारंभ दिनांक से जनपदवार कितने हितग्राहियों के प्रकरण बैंकों को प्रेषित किये एवं बैंक द्वारा कितने प्रकरण स्वीकृत किये गये? इनके प्राथमिकता निर्धारण का आधार क्या है? (ख) वित्तीय वर्ष 2016-17 में अब तक प्रेषित ऋण प्रकरणों में कितने प्रकरण स्वीकृत होकर ऋण वितरण हो चुका है? कार्यवाही में विलम्ब का क्या कारण हैं? (ग) हरदा जिले में वित्तीय वर्ष 2016-17 में विधानसभावार विकास खंडवार योजनान्तर्गत आवास प्रकरणों की स्वीकृति का लक्ष्य क्या है और स्वीकृति के मापदण्ड क्या है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) योजनान्तर्गत योजना प्रारम्भ दिनांक से अब तक जनपद पंचायत हरदा, टिमरनी एवं खिरकिया में क्रमशः 3977, 2634 एवं 2064 हितग्राहियों के प्रकरण बैंकों को प्रेषित किए गए जिनमें से क्रमशः 3265, 2266 एवं 1646 प्रकरण बैंकों ने स्वीकृत किए। ग्राम पंचायत को प्राप्त आवेदनों पर ग्रामसभा में चर्चा उपरान्त प्राथमिकता निर्धारित करने की व्यवस्था है और ऐसा प्राथमिकता क्रम बैंकों के लिए बंधनकारी नहीं है। (ख) वर्ष 2016-17 के लिए योजनान्तर्गत हरदा जिले का लक्ष्य 700 हितग्राहियों को आवास ऋण स्वीकृत करने का था। लक्ष्य के विरूद्ध बैंकों को 1487 प्रकरण भेजे गए जिनमें से बैंकों ने 786 प्रकरण स्वीकृत किए और अब तक 681 प्रकरणों में ऋण की प्रथम किश्त का भुगतान हितग्राहियों को किया जा चुका है। विलम्ब की स्थिति नहीं है। (ग) योजनान्तर्गत हरदा जिले के लक्ष्य 700 आवास गृहों में से जिला स्तर पर जनपद पंचायत हरदा को 300, जनपद पंचायत टिमरनी को 255 और जनपद पंचायत खिरकिया को 165 का लक्ष्य दिया गया। स्वीकृति के मापदण्ड बैंक की नीति पर निर्भर हैं जो सामान्यतः हितग्राही के पूर्व ऋण इतिहास एवं पुनर्भुगतान क्षमता पर आधारित होती है।
ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों को बढ़ावा देने के लिए नई योजना प्रारंभ करना
[खेल और युवा कल्याण]
50. ( क्र. 3572 ) श्री राजेश सोनकर : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पिछले 03 वर्षों में खेलों को बढ़ावा देने के लिए खेल से जुड़े युवाओं के उत्थान हेतु क्या-क्या नीतियां बनाई गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पूर्व में संचालित पायका योजना कब समाप्त हुई एवं क्या खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा पायका योजना के स्थान पर ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों को बढ़ावा देने के लिए क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में खेल एवं युवक कल्याण विभाग द्वारा पिछले 05 वित्तीय वर्षों में क्या-क्या योजना चलाई गई व किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि इन्दौर जिला अंतर्गत कौन-कौन से विकासखण्ड/विधानसभा क्षेत्र को आवंटित की गई एवं कितनी राशि व्यय की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में ग्रामीण क्षेत्रो में खेलों को बढ़ावा देने एवं खिलाड़ियों के उत्थान हेतु कब तक योजनाएं बनाई जाकर खेल सामग्री वितरित की जायेगी व क्या-क्या सामग्री वितरित की जाने की योजना है?
खेल
और युवा
कल्याण
मंत्री (
श्रीमती
यशोधरा राजे
सिंधिया ) : (क) प्रश्नांकित
अवधि में खेल
एवं युवाओं से
संबंधित
यद्यपि कोई
नीतियां नहीं
बनाई गई है
तथापि इस अवधि
में विधायक कप, मुख्यमंत्री
कप का आयोजन, एथलेटिक्स
एवं तैराकी, ट्रायथलॉन
की खेल
अकादमियां
क्रमशः भोपाल
एवं होशंगाबाद
जिले में
स्थापित की गई
तथा युवा
कल्याण के
अंतर्गत ''माँ
तुझे प्रणाम'' एवं
युवाओं के लिए
रोजगारोन्मुखी
प्रशिक्षण
कार्यक्रम
इंदौर एवं
शिवपुरी में
संचालित किए
जा रहे हैं। (ख) पूर्व
संचालित
पायका योजना
वर्ष 2014-15 से
संशोधित हुई, जो भारत
सरकार की
योजना थी। अतः
उसके स्थान पर
अन्य योजना
बनाने का
क्षेत्राधिकार
राज्य शासन को
नहीं होने से
कोई कार्यवाही
की जाना संभव
नहीं है। (ग) प्रश्नांकित
अवधि में
संचालित
योजनाओं से सम्बन्धित
जानकारी संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है। (घ) पूर्व
से ही प्रदेश
में जिला स्तर
पर मध्यप्रदेश
खेल परिषदों
को खेल
सामग्री का
क्रय शीर्ष
अंतर्गत
प्रति वर्ष
आवंटन दिया जा
रहा है तथा
आवश्यकतानुसार
खेल सामग्री
क्रय कर वितरित
की जा रही है। अतः
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
परिशिष्ट
- ''सोलह''
विवेकानन्द कैरियर मार्गदर्शन योजना
[उच्च शिक्षा]
51. ( क्र. 3591 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विवेकानन्द करियर मार्गदर्शन योजना कब से संचालित है? (ख) प्रश्नांश (क) में संचालित योजना अंतर्गत उज्जैन संभाग में विगत 03 वर्षों में कितने महाविद्यालयों द्वारा विद्यार्थियों को कैरियर मार्गदर्शन/रोजगार उपलब्ध कराया गया है? जिलेवार संख्या बतायें। (ग) नीमच जिले में इस योजना की क्या प्रगति व उपलब्धि रही है? महाविद्यालयवार बतायें। (घ) क्या इस योजना को उद्योग विभाग से जोड़ने हेतु कोई योजना शासन के पास विचाराधीन है? यदि हाँ, तो विस्तृत ब्योरा दें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) प्रदेश में विवेकानंद करियर मार्गदर्शन योजना वर्ष 2005-06 से संचालित है। (ख) जिलेवार 07 जिलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) नीमच जिले की प्रगति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) ऐसी कोई योजना विचाराधीन नहीं है किंतु उद्यमिता शिविर में भाग ले रहे वे विद्यार्थी जो अपना स्वयं का व्यवसाय/उद्योग प्रारंभ करना चाहते है उनके लिए प्रारंभिक पंजीयन की प्रकिया जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र के माध्यम से महाविद्यालयों में ही कार्यशाला के दौरान बतायी जाती है।
रोजड़े पकड़ने के अभियान में हेलिकॉप्टर पर खर्च राशि
[वन]
52. ( क्र. 3664 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-17 में सुवासरा विधानसभा के ग्राम ऐरा में बोमा पद्धति से रोजड़े पकड़ने के अभियान में लगाए गए मजदूरों के नाम पर भोजन व अन्य किए गए खर्च राशि की अलग-अलग जानकारी देवें। (ख) क्या अभियान में उपयोग किया गया हेलिकॉप्टर शासन के द्वारा उपलब्ध करवाया गया था या विभाग द्वारा स्वयं के भुगतान पर किसी कंपनी के हेलिकॉप्टर का उपयोग किया गया था? इस पर व्यय की गई राशि की जानकारी देवें? (ग) हेलीकॉप्टर का अभियान में कुल कितने घण्टे उपयोग किया गया तथा उस दिन कितने रोजड़े पकड़े गए? (घ) पूरे अभियान में पकड़े गए रोजड़ों की कुल संख्या एवं अभियान का पूर्ण खर्च बतावें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) भोजन आदि व्यवस्था पर राशि रूपये 2,67,511/- व अन्य व्यवस्था पर राशि रूपये 1,98,222/- का व्यय किया गया है। (ख) जी नहीं। हेलिकॉप्टर निजी व्यक्ति के सौजन्य से प्राप्त कर उपयोग में लिया गया है। हेलिकॉप्टर के लिये ईधन ढुलाई पर कुल राशि रूपये 5,000/- का व्यय किया गया है। (ग) हेलिकॉप्टर का अभियान में लगभग 02 घण्टे उपयोग किया गया था। इसके माध्यम से 12 रोजड़ों को पकड़ा गया। (घ) पूरे अभियान में पकड़े गये रोजड़ों की कुल संख्या 27 है एवं सम्पूर्ण अभियान पर रूपये 41,61,393/- का व्यय हुआ है।
चंदन के पेड़ों की अवैध कटाई
[वन]
53. ( क्र. 3732 ) श्री राजेश सोनकर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिला अंतर्गत वन विभाग द्वारा चंदन के पेड़ के लिए चंदन क्षेत्र को चिन्हित किया गया है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ पर चंदन क्षेत्र चिन्हित किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्तमान में कहाँ-कहाँ पर चंदन के पेड़ हैं? स्थान एवं संख्या बताऍं? चिन्हित क्षेत्रों में चंदन के पेड़ों की वास्तविक स्थिति क्या है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कितने वर्षों पूर्व चंदन क्षेत्र चिन्हित किया गया था? क्या इन क्षेत्रों में अवैध चंदन के पेड़ों की कटाई की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में यदि हाँ, तो विगत 5 वर्षों में कहाँ-कहाँ पर अवैध चंदन के पेड़ों की कटाई हुई है वन विभाग द्वारा अवैध पेड़ों की कटाई करने वालों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? क्या चंदन पेड़ों की तस्करी की रिपोर्ट किसी थाना अन्तर्गत दर्ज हुई है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। रालामण्डल अभयारण्य कक्ष क्रमांक 260 एवं देवगुड़रियां कक्ष क्रमांक 259। (ख) उत्तरांश (क) के वनक्षेत्रों में चंदन के कुल 1518 पेड़ है तथा नवरतन बाग, फारेस्ट कैम्पस के अंतर्गत चंदन के 95 वृक्ष एवं 25 झाड़ियां के रूप में है। राजस्व क्षेत्र में रेसिडेंसी, मल्हार आश्रम व अनेक निजी भूमियों पर नगर पालिका निगम इन्दौर द्वारा चंदन के 44 पेड़ों की गणना की गई है। (ग) 3 वर्ष पूर्व। जी हाँ। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है।
गरीबी रेखा अंतर्गत पंजीकृत व्यक्ति द्वारा रायल्टी भुगतान
[खनिज साधन]
54. ( क्र. 3864 ) श्री मुकेश नायक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परि.अता.प्रश्न संख्या 47 (क्रमांक 2548) दिनांक 15/07/2014 के प्रश्नांश (क) का उत्तर में बताया गया है कि ''शिकायत प्राप्त होने पर भी जाँच कराई जाती है'' यदि हाँ, तो बतायें कि वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक पन्ना जिले से संबंधित और कौन-कौन सी शिकायतों की जाँच कराई गई? (ख) प्रश्नांश (ख) के उत्तर में स्वीकार किया गया था कि ''वन मंडलाधिकारी की आपत्ति की जाँच कराई जायेगी क्या तो क्या जाँच करायी गई यदि हाँ, तो तिथिवार ब्यौरा देते हुये जाँच का विवरण देवें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। प्रश्नाधीन अवधि में प्रश्नाधीन जिले में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' में दर्शित शिकायतों की जाँच की गई है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित प्रश्न क्रमांक 2548 के संबंध में यह उत्तर दिया गया था कि वन मण्डलाधिकारी की आपत्ति के संबंध में परीक्षण कराया जायेगा। इसके संबंध में कलेक्टर खनिज शाखा के प्रतिवेदन दिनांक 06.10.2015 की प्रति पुस्तकालय में रखे के प्रपत्र ''ब'' पर दर्शित है।
युवा स्वरोजगार योजना अन्तर्गत बैंकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
55. ( क्र. 3911 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा युवा स्वरोजगार योजना अन्तर्गत प्रदेश के युवाओं को रोजगार के सुअवसर हेतु बैंकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध करवाये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो योजना के प्रारम्भ होने से प्रश्न पूछे जाने तक इन्दौर जिले के कितने युवाओं द्वारा आवेदन किया गया व उनमें से कितनों को ऋण उपलब्ध कराया गया? विधानसभावार संख्या स्पष्ट करे। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार युवा स्वरोजगार योजना अन्तर्गत प्राप्त आवेदनों की संख्या अधिक होने के कारण अनेक युवा हितग्राहियों को ऋण उपलब्ध नहीं कराया गया है? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें व शेष रहे युवा आवेदकों को ऋण कब तक उपलब्ध करा दिया जावेगा?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांकित योजना दिनांक 01-04- 2013 से 31-07-2014 तक संचालित थी। योजना के संचालन अवधि में इन्दौर जिले में कुल 6120 युवाओं से आवेदन प्राप्त हुए एवं 1740 युवाओं को ऋण उपलब्ध कराया गया। विधान सभावार संख्या निम्नानुसार हैः-
विधानसभा क्षेत्र क्रमांक |
वितरित प्रकरण शहरी क्षेत्र |
वितरित प्रकरण ग्रामीण क्षेत्र |
कुल
वितरित
प्रकरण |
इंदौर विधानसभा क्षेत्र क्रं.1 |
76 |
0 |
76 |
इंदौर विधानसभा क्षेत्र क्रं.2 |
216 |
0 |
216 |
इंदौर विधानसभा क्षेत्र क्रं.3 |
330 |
0 |
330 |
इंदौर विधानसभा क्षेत्र क्रं.4 |
176 |
0 |
176 |
इंदौर विधानसभा क्षेत्र क्रं.5 |
292 |
0 |
292 |
राऊ |
11 |
86 |
97 |
सांवेर |
0 |
178 |
178 |
देपालपुर |
0 |
133 |
133 |
महू |
0 |
242 |
242 |
योग |
1101 |
639 |
1740 |
(ख) जी हाँ, कुल प्राप्त 6120 आवेदनों के विरूद्ध 1740 आवेदकों को ऋण बैंकों द्वारा उपलब्ध कराया गया है। योजना 31.07.2014 को समाप्त होने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय निवास महाविद्यालय में कक्षाएँ संचालित करना एवं प्राचार्य, प्रोफेसरों की नियुक्ति
[उच्च शिक्षा]
56. ( क्र. 3916 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मण्डला जिले के निवास विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मात्र एक महाविद्यालय निवास लगभग २० वर्षों से प्राचार्य एवं प्रोफेसरों की नियुक्ति की प्रतीक्षा में संचालित है? महाविद्यालय में वर्तमान में कितने पद स्वीकृत हैं? (ख) आओ बनाओ अपना म.प्र. यात्रा के दौरान माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने विद्यार्थियों की समस्याएँ सुनते हुये बी.एस.सी. एवं स्नातकोत्तर कक्षाएँ एवं अन्य स्टॉफ जिसमें प्राचार्य, विषयवार प्रोफेसर की नियुक्ति का आश्वासन दिया किंतु आज तक महाविद्यालय में न तो बी.एस.सी. स्नातकोत्तर की कक्षाएँ प्रारंभ हो पाई हैं और न ही प्राचार्य तथा विषयवार प्रोफेसरों की नियुक्ति हो पाई है। क्या वर्णित समस्याओं का सामाधान किया जावेगा यदि किया जावेगा? तो कब तक किया जावेगा यह भी बताने का कष्ट करेंगे?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। मंडला जिले के निवास विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 1987-88 से महाविद्यालय संचालित है जहॉ समय-समय पर प्राचार्य एवं प्राध्यापकों की पदस्थापना होती रही है। महाविद्यालय में वर्तमान में स्वीकृत पदों का विवरण संलग्न परिशिष्ट पर दृष्टांकित है। (ख) जी नहीं। माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा मध्यप्रदेश बनाओ यात्रा के दौरान निवास विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत बी.एस.सी. एवं स्नातकोत्तर की कक्षाएँ तथा शैक्षणिक स्टॉफ की नियुक्ति हेतु जनसमुदाय के समक्ष आश्वासन नहीं दिया गया जिसके संबंध में पूर्व में भी विधानसभा सत्र फरवरी-अप्रैल 2016 के दौरान प्राप्त विधानसभा तारांकित प्रश्न क्रमांक 2518 के माध्यम से अवगत कराया जा चुका है। प्राचार्य के पद पर पदस्थापना पदोन्नति के माध्यम से की जाती है। प्राध्यापक पद से स्नातक प्राचार्य पद पर पदोन्नति की कार्यवाही न्यायालयीन प्रक्रिया के कारण स्थगित है तथा सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति हेतु लोक सेवा आयोग से दिनांक 19.02.2016 को विज्ञापन जारी हो चुका है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दृष्टि एवं श्रवण बाधितार्थ उ.मा. विद्यालय भवन एवं छात्रावास
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
57. ( क्र. 3926 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर नगर स्थित दृष्टि एवं श्रवण बाधितार्थ उ.मा.विद्यालय के भवन एवं छात्रावास निर्माण की स्वीकृति का प्रस्ताव शासन के समक्ष विचाराधीन है? यदि हाँ, तो किस स्थान पर, कितनी लागत का प्रस्तावित किया गया है? (ख) क्या दृष्टि एवं श्रवण बाधितार्थ उ.मा. विद्यालय का भवन एवं छात्रावास काफी पुराना होने से जर्जर हो चुका है, खिड़की एवं दरवाजों के पल्ले टूटे होने से असुरक्षित हैं तथा वर्षा ऋतु में पानी का भराव भी हो जाता है? विद्यालय भवन से दूर स्थित सामुदायिक भवन का उपयोग छात्रावास के रूप में किया जा रहा है तथा छात्रायें अन्यत्र स्थान पर किराये के मकान में निवासरत् हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में यदि हाँ, तो क्या शासन दृष्टि एवं श्रवण बाधित विद्यार्थियों की सुविधाओं को दृष्टिगत रखते हुए नवीन विद्यालय भवन एवं छात्र-छात्राओं को पृथक-पृथक छात्रावास निर्माण की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। पूर्व में निर्मित छात्रावास भवन में पर्याप्त स्थान एवं व्यवस्था न होने से कलेक्टर सागर द्वारा विद्यालय के समीप सामुदायिक भवन में व्यवस्था की गई है। (ग) जी नहीं। वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव शासन विचाराधीन नहीं है।
युवा बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने विषयक
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
58. ( क्र. 3971 ) श्री राजेश सोनकर : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के युवा बेरोजगारों को रोजगार देने हेतु कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? इस हेतु शासन स्तर पर क्या-क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इन्दौर जिला अंतर्गत विगत 3 वर्षों में कितने युवाओं द्वारा शासन की योजनाओं अंतर्गत आवेदन प्रस्तुत किये गये हैं? कितने युवाओं द्वारा योजनांतर्गत व्यवसाय स्थापित किया गया एवं कितने बेरोजगार युवाओं को रोजगार प्राप्त हुआ? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रश्नांश (ख) अवधि में क्या इन्दौर जिला स्तर पर रोजगार मेला आयोजित कर उसके माध्यम से युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये गये? यदि हाँ, तो किन-किन कम्पनियों द्वारा किस-किस पद हेतु मेलों के माध्यम से कितने युवाओं को प्रश्न दिनांक तक रोजगार उपलब्ध कराया गया? (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में स्व-रोजगार/स्वयं के उद्योग स्थापित करने हेतु प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदन स्वीकृत होने के पश्चात् भी प्रश्न दिनांक तक उद्योग स्थापित नहीं किये जा सके हैं? कारण स्पष्ट करें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) विभाग दवारा युवा बेरोजगारों को रोजगार देने हेतु जॉब फेयर योजना संचालित है। इस योजनान्तर्गत प्रदेश के जिला रोजगार कार्यालयों के माध्यम से रोजगार मेले आयोजित कर निजी क्षेत्र में बेरोजगार आवेदकों का वैतनिक रोजगार हेतु चयन कराया जाता है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्त्तर के सन्दर्भ में इन्दौर जिला अन्तर्गत विगत 3 वर्षों में जॉब फेयर योजना अन्तर्गत 5126 युवाओं को रोजगार प्राप्त हुआ। विभाग में स्वयं का रोजगार स्थापित कराये जाने के संबंध में कोई योजना संचालित नहीं है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। कम्पनियों एवं पदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
59. ( क्र. 3993 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सागर एवं राजतगढ़ विकासखंड में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अतर्गत विगत अप्रैल 2015 से दिसम्बर 2016 तक कितने नवीन सड़क मार्ग/पुराने सड़क मजबूतीकरण कार्य स्वीकृत किये गये हैं? (ख) स्वीकृत/पुराने सड़क मजबूतीकरण कार्य की निविदा विभाग द्वारा कब-कब जारी की गई एवं निविदा कार्य किन कार्य एजेंसियों द्वारा लिया गया? (ग) स्वीकृत/पुराने सड़क मजबूतीकरण का कार्य किन-किन सड़क मार्गों में पूर्ण हो चुका है/कितना अपूर्ण हैं/कितने सड़क मार्गों में कार्य प्रारंभ नहीं किया है तथा समयावधि कार्य पूर्ण होने के लिए कितना समय शेष है? सड़क मार्ग वार जानकारी देवें। (घ) यदि निविदा स्वीकृति के बाद सड़क मार्ग का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है तो विभाग द्वारा कार्य एजेंसी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) स्वीकृत कोई भी कार्य अप्रारम्भ नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
नरयावली से कांचरी निर्माण मार्ग
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
60. ( क्र. 3994 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली से कांचरी सड़क मार्ग का निर्माण कार्य प्रधानमंत्री सड़क परियोजना अंतर्गत कब और कितनी लागत से स्वीकृत किया गया था? (ख) उक्त सड़क मार्ग की निविदा कार्य की स्वीकृति कार्य एजेंसी का नाम, निविदा की शर्तें, निर्माण अवधि की समय-सीमा, सड़क मार्ग की गारंटी अवधि दिनांक सहित सड़क निर्माण कार्य पूर्ण की दिनांक सहित जानकारी देवें? (ग) क्या सड़क मार्ग गारंटी अवधि में ही वर्तमान में क्षतिग्रस्त हो गया है एवं इसकी विभाग को कब-कब शिकायतें प्राप्त हुई? (घ) यदि उक्त सड़क मार्ग गारंटी पीरियड अवधि के पूर्व ही क्षतिग्रस्त हो गया है तो विभाग द्वारा निर्माण कार्य एजेंसी द्वारा उक्त मार्ग का रख-रखाव क्यों नहीं किया जा रहा है तथा सड़क मार्ग के घटिया निर्माण के लिए विभाग द्वारा उच्च स्तरीय जाँच कराई जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कांचरी नरयावली सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृति वर्ष 2012-13 में रूपये 122.07 लाख की दी गई है। (ख) निविदा दिनांक 27.12.2012 को स्वीकृत की गई। निर्माण एजेन्सी मैसर्स महेश कुमार गुरू जिला सागर है। निविदा की शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। निर्माण कार्य पूर्ण करने की अवधि दिनांक 15.01.2014 थी। कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। गारंटी अवधि प्रारंभ नहीं हुई है। (ग) सड़क निर्माणाधीन होने से गारन्टी अवधि प्रारंभ नहीं हुई है। शिकायत के संबंध में मान. विधायक का पत्र दिनांक 07.10.2016 को प्राप्त हुआ है। (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार उक्त मार्ग निर्माणावधि में है। भारी वाहनों के परिवहन से निर्माणाधीन मार्ग क्षतिग्रस्त हुआ है। इस सड़क की जाँच नेशनल क्वालिटी मॉनीटर/स्टेट क्वालिटी मॉनीटर द्वारा की गई है अतः उच्च स्तरीय जाँच का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अविकसित कॉलोनी का विक्रय
[नगरीय विकास एवं आवास]
61. ( क्र. 4005 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सैलाना नगर में तीन अविकसित कॉलोनी को विक्रय करने की कालोनाईजर को किस आधार पर अनुमति दी गई तथा नगर पंचायत द्वारा क्या नियमों का पालन किया गया? (ख) क्या पूरी कॉलोनी को विक्रय की अनुमति केवल कॉलोनाईज़र को ही लेना थी, नहीं तो प्रत्येक क्रेता को कैसे विक्रय पत्र रजिस्टर्ड करवाये गये? (ग) क्या नगर पंचायत में बंधक किये गये भू-खण्ड में कालोनाईजर का लायसेंस समाप्त होने के बाद भी नगर पंचायत के पक्ष में पंजीयन कर दिया गया क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) सैलाना नगर में तीन अविकसित कॉलोनियों में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) उपखंड सैलाना के प्रतिवेदन के आधार पर भूखण्ड विक्रय की अनुमति दी गई है। नगर परिषद् सैलाना द्वारा नियमानुसार निर्धारित प्रोसेस शुल्क एवं सुपरविजन शुल्क जमा कराये जाकर नियमों का पालन किया गया है। (ख) जी हाँ, भूखण्ड विक्रय की अनुमति कालोनाईजर को लेना थी, जो कालोनाईजर द्वारा उत्तरांश ''क'' के अनुसार ली गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (ग) आंनद कीर्ति विहार कॉलोनी के कालोनाईजर द्वारा नगर परिषद् सैलाना के पक्ष में बंधक रखे गए भूखण्डों का बंधक पत्र दस्तावेज विलेख उसके कालोनाईजर लाइसेंस की अवधि समाप्त होने के पश्चात किया गया। इस कॉलोनी के कालोनाईजर द्वारा पूर्व में लाइसेंस अवधि के अस्तित्व में रहने के दौरान बंधक पत्र विलेख नोटराईज्ड शपथपत्र दिनांक 12.10.2015 के माध्यम से नगर परिषद् सैलाना के पक्ष में निष्पादित किया गया था। मुद्रांक विधान की धारा 33 के अंतर्गत कालोनाईजर द्वारा बंधक पत्र विलेख रजिस्टर्ड होना चाहिए। अत: कालोनाईजर ने नगर परिषद् सैलाना के पक्ष में उक्त बंधक पत्र में विलेख दिनांक 23.07.2016 को नियमानुसार पंजीकृत करवाया। शेष अन्य 02 कॉलोनियों क्रमश: उदय विहार एवं आंनद विहार कॉलोनी के कालोनाईजरों भू-स्वामियों द्वारा नगर परिषद् के पक्ष में बंधक रखे गए भूखण्डों का विलेख पंजीयन विधि अनुसार कालोनाईजर के लाइसेंस की अस्तित्व अवधि में ही सम्पादित किया गया है।
सी.एम. हेल्प लाइन में प्राप्त शिकायतों का निराकरण
[लोक सेवा प्रबन्धन]
62. ( क्र. 4009 ) श्री गिरीश गौतम : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में सी.एम. हेल्प लाइन में जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितनी शिकायतें दर्ज की गयी? विभागवार संख्या बतायें। (ख) रीवा जिले में प्रश्न दिनांक तक सी.एम. हेल्प लाइन की कितनी शिकायतें लंबित हैं? प्रत्येक विभाग की अलग-अलग एल. 1 एल.2 की बतायें। (ग) क्या सी.एम. हेल्प लाइन में की गयी शिकायतों में जिनका निराकरण करना बता दिया जाता है उन्हीं कामों की पुन: शिकायत की जाती है? ऐसी शिकायतों की भी संख्या विभागवार बतायें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) रीवा जिले में सी.एम.हेल्पलाईन में जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक 108467 शिकायतें दर्ज की गयीं। विभागवार शिकायतों की संख्या संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार हैं। (ख) रीवा जिले में प्रश्न दिनांक तक सी.एम. हेल्पलाईन की 8458 शिकायतें लंबित हैं। प्रत्येक विभाग की अलग अलग एल-1, एल-2 की शिकायतों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। सी.एम.हेल्पलाईन अंतर्गत प्राप्त शिकायतें जिनका निराकरण किये जाने के उपरांत भी शिकायतकर्ता विभिन्न कारणों से उन्हीं कार्यों की पुन: शिकायत कर सकते हैं। ऐसी शिकायतों की संख्या विभागवार संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
भू-भाटक की राशि की वसूल
[नगरीय विकास एवं आवास]
63. ( क्र. 4021 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश के नगरीय निकायों में कॉलोनाईज़र द्वारा भू-भाटक की राशि जमा किये जाने के क्या प्रावधान हैं? क्या इनका पालन किया जा रहा है? (ख) विगत 3 वर्षों में कालोनाईजर्स द्वारा राजस्व विभाग को कितनी राशि भू-भाटक के रूप में जमा कराई है वर्षवार आय बताएं? (ग) क्या रिक्त प्लाटों का वार्षिक भू-भाटक कालोनाईजर्स द्वारा जमा नहीं कराने से उसके खरीदार को जमा कराना पड़ा रहा है? यदि हाँ, तो क्या यह नियमानुकूल है? (घ) यदि नहीं, तो ऐसी किन कॉलोनियों से रिक्त प्लाटों के भू-भाटक की कितनी वसूली की जाना है? इन कालोनाईजर्स पर कितनी राशि बकाया है? इनके वसूली के क्या प्रयास किये गये? क्या शासन को इससे राजस्व की हानि हो रही है? (ड.) क्या विभाग द्वारा राजस्व वृद्धि के लिये ऐसे सभी कालोनाईजर्स से भू-भाटक की वसूली कर राजस्व बढ़ाने के प्रयास किये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पार्षद को अयोग्य घोषित करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
64. ( क्र. 4043 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर पालिका भिण्ड वार्ड क्रं 39 पार्षद मुकेश गर्ग द्वारा 11.1.2017 को श्री रामभानसिंह भदौरिया सहायक राजस्व निरीक्षक कर्मचारी नगर पालिका भिण्ड से झगड़ा गालीगलौज धमकी दी गई? दिनांक 30.1.2017 को रेशमवती महिला कर्मचारी से मुकेश गर्ग द्वारा झगड़ा, गाली गलौच, अश्लील हरकत, कागज फाड़ना आदि गंभीर घटना घटित की गई? यदि हाँ, तो नगर पालिका भिण्ड द्वारा पार्षद के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? पार्षद द्वारा बार-बार कर्मचारियों को झगड़ा कर भययुक्त वातावरण उत्पन्न किया जा रहा है? कार्यवाही न करने के लिए कौन दोषी हैं, अभी तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत पार्षद को अपदस्थ/अयोग्य घोषित करने के लिए क्या मापदण्ड निर्धारित किए गए हैं, छायाप्रति सहित जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत वार्ड क्रं. 39 के पार्षद मुकेश गर्ग को पार्षद के लिए अभी तक अयोग्य घोषित क्यों नहीं किया गया? कब तक घोषित होगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, घटना घटित हुई है, जिसके विरूद्ध श्रीमती रेशमवती भदौरिया द्वारा दिनांक 30.01.2017 को घटित घटना की सिटी कोतवाली भिण्ड में जाकर दिनांक 01.02.2017 को श्री मुकेश गर्ग पार्षद वार्ड क्रमांक 39 के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। निकाय द्वारा पार्षद के विरूद्ध मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 41 के तहत् आवश्यक कार्यवाही करने हेतु सक्षम प्राधिकृत अधिकारी (कलेक्टर, भिण्ड) को पत्र क्रमांक 1075 दिनांक 03.03.2017 भेजा गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 41 के अंतर्गत जिला कलेक्टर (सक्षम प्राधिकारी) भिण्ड को पार्षद पद से हटाये जाने के संबंध में शासन द्वारा अधिकार प्रदत्त किये गये है प्रावधान की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) संबंधित आवेदक द्वारा एफ.आई.आर. की प्रति दिनांक 02.03.2017 को सांयकाल 04:00 बजे कार्यालय में दिये जाने से कलेक्टर (सक्षम प्राधिकारी) भिण्ड को मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 41 के तहत श्री मुकेश गर्ग के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही करने हेतु कार्यालयीन पत्र दिनांक 03.03.2017 को भेजा गया है। अयोग्य घोषित किये जाने की समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
लघु उद्योग निगम के संभागीय एवं उपसंभागीय कार्यालय के कार्य
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
65. ( क्र. 4079 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर स्थित मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम के संभागीय एवं उपसंभागीय कार्यालयों में अक्टूबर 2016 में कितने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कार्यरत थे? प्रश्न दिनांक को यहाँ पर कितने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कार्यरत है? इन दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को सेवा से पृथक करने के क्या कारण है? (ख) क्या वर्तमान समय में जबलपुर स्थित संभागीय एवं उपसंभागीय कार्यालयों में पदस्थ महाप्रबंधक, प्रबंधक, सब इंजीनियर, लेखापाल, लिपिक एवं चर्तुथ श्रेणी कर्मचारियों की सेवायें लघु उद्योग निगम कार्यालय पोलो ग्राउण्ड इंदौर में ली जा रही है? यदि हाँ, तो जबलपुर से लघु उद्योग निगम से संभागीय एवं उप संभागीय कार्यालयों के इंदौर स्थानांतरण के क्या कारण है? (ग) क्या शासन प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अविवेक पूर्ण निर्णय को वापस लेते हुये इन कार्यालयों का संचालन पुन: जबलपुर से किया जावेगा ताकि प्रश्नांश (क) में उल्लेखित दैनिक वेतन भोगियों को अपने कार्य के लिये इंदौर न भटकना पड़े? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जबलपुर स्थित मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम के संभागीय एवं उपसंभागीय कार्यालय में अक्टूबर 2016 में दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी निरंक थे तथा प्रश्न दिनांक को भी निरंक हैं, जिससे किसी कर्मचारी के सेवा पृथक्करण का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) जबलपुर में किसी भी महाप्रबंधक, प्रबंधक, सब इंजीनियर, लेखापाल, लिपिक, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की पदस्थगी नहीं है, जिससे किसी भी कर्मचारी की सेवायें निगम कार्यालय पोलोग्राउण्ड इन्दौर में लिये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। जबलपुर स्थित मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम के संभागीय कार्यालय को इन्दौर से ही संचालित किये जाने का विधिवत आदेश लघु उद्योग निगम द्वारा जारी किया है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के आदेश क्रमांक एफ 6-16/2016/अ-तेहत्तर, दिनांक 23.07.2016 जारी किया गया है। जिसके तहत लघु उद्योग निगम की संपदा एवं निर्माण विभाग की गतिविधियों को 01 जुलाई 2016 से समाप्त किया गया है। दिनांक 01 जुलाई 2016 से संपदा एवं निर्माण विभाग कोई भी नवीन निर्माण कार्य नहीं करेगा, न ही निर्माण एजेंसी बनेगा। संपदा एवं निर्माण विभाग के द्वारा समस्त वर्तमान कार्य चरणबद्ध तरीके से उन कार्यों के समय अवधि अनुसार पूर्ण किये जाएंगे। यह प्रशासनिक निर्णय है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ओरछा में महाविद्यालय की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
66. ( क्र. 4163 ) श्री अनिल जैन : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले की किन-किन तहसीलों में महाविद्यालय एवं कन्या महाविद्यालय संचालित हैं? तहसीलदार संख्या एवं महाविद्यालय प्रारम्भ होने के वर्ष सहित जानकारी दी जावे? (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी की तहसील ओरछा के छात्र-छात्राओं को महाविद्यालयीन शिक्षा के लिए दूरदराज नगरों में जाना पड़ता है या फिर उन्हें उत्तर प्रदेश के समीपस्थ जिला झांसी की संस्थाओं में प्रवेश लेना होता है? (ग) ओरछा तहसील के छात्र-छात्राओं की प्रश्नगत समस्या को देखते हुये ओरछा नगर में शासन द्वारा महाविद्यालय खोले जाने हेतु क्या कोई योजना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो महाविद्यालय कब तक खोला जा सकेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। ओरछा से 25 कि.मी. की दूरी पर शासकीय महाविद्यालय, पृथ्वीपुर संचालित है तथा 30 कि.मी. की दूरी पर शासकीय महाविद्यालय, निवाडी संचालित है। इसके साथ ही 10 कि.मी. की दूरी पर चकरपुर में अशासकीय इन्फोटेक महाविद्यालय संचालित है, जहाँ विद्यार्थी अध्ययन कर सकते हैं। ओरछा से 16 कि.मी. की दूरी पर झांसी (उत्तर प्रदेश) शहर स्थित है, जहाँ विभिन्न महाविद्यालय तथा बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय स्थापित है वहां पर भी विद्यार्थी अध्ययन कर सकते है। (ग) जी नहीं।
बालू का अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
67. ( क्र. 4164 ) श्री अनिल जैन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत प्रश्न दिनांक को किन-किन नदी नालों में किन-किन स्थानों से रेत निकासी हेतु कितने-कितने रकबा के घाट स्वीकृत हैं घाट स्वीकृत दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी रेत की निकासी की जा चुकी है? (ख) क्या कतिपय व्यक्तियों द्वारा स्वीकृत घाट से बाहर भी रेत निकासी की जा रही है? यदि हाँ, तो इसे रोकने के लिए कितने दल गठित किये गये हैं एवं इनके द्वारा कब-कब स्थल निरीक्षण कर क्या कार्यवाही की गई? (ग) रेत के अवैध उत्खनन को रोकने के लिए विभाग द्वारा क्या-क्या कदम उठाये जा रहे हैं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दर्शित है। (ख) जी नहीं। प्रश्नानुसार कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नानुसार कलेक्टर की अध्यक्षता में टास्क फोर्स गठित है। जिसके द्वारा समय-समय पर कार्यवाही की जाती है, इसके अतिरिक्त खनिज विभाग, राजस्व विभाग वन विभाग एवं पुलिस विभाग द्वारा पृथक-पृथक कार्यवाही की जाती है।
प्रदेश के शासकीय विभागों में दिव्यांगों के लिये आरक्षित पद
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
68. ( क्र. 4207 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर जिले में दिव्यांगों के लिये पद आरक्षित किये गये है? यदि हाँ, तो वर्तमान में इन्दौर जिला अन्तर्गत आने वाले शासकीय विभागों में कितने पद स्वीकृत, कार्यरत व रिक्त है? विभागवार सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार इन्दौर जिले में दिव्यांगों के पद रिक्त पड़े हुए है? यदि हाँ, तो संबंधित विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है व रिक्त पदों की पूर्ति कब तक पूर्ण की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। पदपूर्ति की कार्यवाही सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताना संभव नहीं।
अवैध खनन एवं परिवहन पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
69. ( क्र. 4463 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में सभी प्रकार के खनिजों के अवैध उत्खनन एवं परिवहन के विगत 2 वर्षों में कितने प्रकरण कितने वाहन/श्रमिकों पर दर्ज किये गये वर्तमान में उक्त प्रकरणों की स्थिति क्या है? अवैध खनन परिवहन रोकने जिला प्रशासन द्वारा कब-कब क्या-क्या कदम उठाये गये? (ख) जबलपुर जिले में म.प्र. खनिज निगम के कितने एवं कौन-कौन से अधिकृत नाके हैं? उक्त नाकों को कार्यरत करने हेतु खनिज निगम/खनिज विभाग द्वारा जिला प्रशासन को प्रश्नांश (क) अवधि में कब-कब पत्र लिखे गये? जिला प्रशासन द्वारा उक्त नाकों को कार्यरत करने हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गयी? उक्त नाके कब तक चालू कर कार्यरत किये जावेंगे? (ग) क्या शासन सभी मुख्य मार्गों के खनिज नाकों को कार्यरत कर उन पर सी.सी.टी.वी. कैमरे लगायेगा? ताकि अवैध उत्खनन रोका जा सके? यदि हाँ, तो कब तक?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नधीन जिले में श्रमिकों के विरूद्ध प्रश्नाधीन अवधि में कोई प्रकरण दर्ज नहीं किया गया है। प्रश्नाधीन अवधि में अवैध उत्खनन एवं अवैध परिवहन के दर्ज प्रकरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दर्शाई गई है। जिले में अवैध उत्खनन/परिवहन रोकने हेतु नियमित रूप से पुलिस/वन/खनिज/राजस्व विभाग द्वारा निरंतर जाँच की जाती है। प्रकरण प्रकाश में आने पर संबंधित अवैध उत्खनन/परिवहनकर्ताओं के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (ख) प्रश्नाधीन जिले में शहपुरा एवं पनागर में 02 नाके अधिसूचित हैं। अमले एवं संसाधनों के अभाव में अभी ये संचालित नहीं हैं। म.प्र. राज्य खनिज निगम द्वारा कलेक्टर, जबलपुर को विगत 02 वर्षों में पत्र दिनांक 24.01.2016, 26.12.2016 एवं 22.02.2017 से नाका संचालन करने के संबंध में लेख किया गया है। कलेक्टर, जबलपुर द्वारा विभाग को प्रश्नाधीन जिले में 05 नाके स्थापित किए जाने हेतु अमला एवं बजट आवंटन उपलब्ध कराने के लिए पत्र दिनांक 23.02.2017 से लेख किया गया है। इस पर कार्यवाही विचार में होने के कारण प्रश्नानुसार समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नानुसार वर्तमान में प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
म.प्र. लघु उद्योग निगम का कार्य क्षेत्र
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
70. ( क्र. 4464 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. लघु उद्योग निगम के सम्पदा एवं निर्माण कार्य हेतु प्रदेश में कितने डिवीजनल कार्यालय कब से संचालित हैं उपरोक्त डिवीजन कार्यों का कार्य क्षेत्र किन-किन जिलों में है? (ख) क्या लघु उद्योग निगम के जबलपुर डिवीजन के अंतर्गत जबलपुर, सिवनी, मंडला, डिण्डौरी, नरसिंहपुर, बालाघाट, कटनी जिले का कार्य सम्पादित किया जाता है? यदि हाँ, तो जबलपुर के डिवीजन कार्यालय को इंदौर स्थानांतरित क्यों किया गया? क्या इंदौर से जबलपुर सम्भाग के जिलों का कार्य सम्पादित करना उचित होगा? क्या शासन उपरोक्त जबलपुर डिवीजन कार्यालय का इंदौर किया गया स्थानांतरण निरस्त करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के आदेश क्रमांक एफ 6-16/2016/अ-तेहत्तर, दिनांक 23.07.2016 जारी किया गया है। जिसके तहत लघु उद्योग निगम की संपदा एवं निर्माण विभाग की गतिविधियों को 01 जुलाई 2016 से समाप्त किया गया है। दिनांक 01 जुलाई 2016 से संपदा एवं निर्माण विभाग कोई भी नवीन निर्माण कार्य नहीं करेगा, न ही निर्माण एजेंसी बनेगा। संपदा एवं निर्माण विभाग के द्वारा समस्त वर्तमान कार्य चरणबद्ध तरीके से उन कार्यों के समय अवधि अनुसार पूर्ण किये जाएंगे। यह प्रशासनिक निर्णय है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदिवासी क्षेत्र एवं अनुसूचित जाति क्षेत्र उपयोजनाओं के संबंधी
[खेल और युवा कल्याण]
71. ( क्र. 4555 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष २०१५-१६ एवं २०१६-१७ में आदिवासी क्षेत्र उपयोजनाओं एवं अनूसूचित जाति उपयोजनाओं का बजट प्रावधान क्या था? किन-किन मदों में आंवटित राशि का पचास प्रतिशत से कम व्यय किया गया एवं किस कारण? (ख) क्या राजीव गांधी खेल अभियान, ग्रामीण खेल कूद प्रतियोगिता, हॉकी सिंथेटिक टर्फ स्थापना मद राशि में से एक प्रतिशत राशि भी व्यय, नहीं की गई? यदि हाँ, तो क्यों? योजनाओं का लाभ क्यों नहीं दिया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) राशि के अनुपयोग के लिए जिम्मेदार कौन है? क्या विभाग उन पर कार्यवाही करेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) प्रश्नांकित अवधि वर्ष 2015-16 में आदिवासी क्षेत्र उपयोजनाओं अन्तर्गत राशि रू. 3584.02 लाख एवं अनुसूचित जाति उपयोजना अन्तर्गत राशि रू. 3699.65 लाख तथा वर्ष 2016-17 में आदिवासी क्षेत्र उपयोजनाओं अन्तर्गत राशि रू. 4685.21 लाख एवं अनुसूचित जाति उपयोजना अन्तर्गत राशि रू. 5396.44 लाख का बजट प्रावधान रखा गया। उपलब्ध प्रावधान से जिन मदों में 50 प्रतिशत से कम राशि व्यय की गई एवं जिन कारणों से व्यय कम हुआ संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नोत्तर-'ख' में दर्शाई गई स्थिति में राशि के अनुपयोग के लिये किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वर्ष 2015-16 में 13वें वित्त से प्राप्त आवंटन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
72. ( क्र. 4558 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले की जनपद पंचायत देवसर में वर्ष 2015-16 में शासन द्वारा 13वें वित्त योजना (परफार्मेन्स ग्रांट फंड) राशि आवंटित की गई थी? यदि हाँ, तो कितनी राशि प्राप्त हुई बताएँ? (ख) क्या उक्त प्राप्त राशि सभी सदस्यों के क्षेत्र में विकास कार्य हेतु समान अनुपात से वंटित किये जाने के आदेश थे? यदि हाँ, तो क्या सभी सदस्यों के क्षेत्र में समान अनुपात में राशि जारी की गई थी? यदि की गई तो किन-किन ग्राम पंचायतों को किन-किन कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि जारी की गई थी? जनपद सदस्य क्षेत्रवार जानकारी देवें? (ग) क्या उक्त आवंटित राशि के वितरण संबंधी बुलाई गई बैठक दिनांक 16-08-16 को अध्यक्ष/उपाध्यक्ष एवं कुछ सदस्यों द्वारा बैठक का बहिष्कार किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त बैठक किसकी अध्यक्षता में किस नियम के तहत आयोजित कर राशि वितरण का अनुमोदन कर लिया गया? (घ) क्या सी.ई.ओ. जनपद पंचायत देवसर द्वारा तानाशाहीपूर्ण रवैया अपनाते हुए आरक्षित वर्ग की आदिवासी महिला अध्यक्ष/उपाध्यक्ष द्वारा बैठक का बहिष्कार करने के बाद किस हैसियत से बैठक आयोजित कर राशि का अनुमोदन कर लिया गया विवरण सहित बताएँ? क्या इसी जनपद के अंतर्गत फर्जी वेंडरों (दुकान संचालक) जो सचिव व रोजगार सहायक के संबंधीजन हैं,के द्वारा बिना दुकान संचालित किये ही खासकर एस.टी./एस.सी.पंचायतों में सामग्री वितरण दिखाकर फर्जी बिल तैयारकर बिना सरपंचों के हस्ताक्षर के ही राशि निकाल ली जाती है? क्या उक्त गंभीर प्रकरण की जाँच कराकर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। वर्ष 2015-16 में 13वां वित्त आयोग (परफॉरमेंस ग्रान्ट फंड) की राशि के ऐसे कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किये गये। (ग) एवं (घ) उत्तरांश-'क' एवं 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
अ.जा. महिला सरपंच को फर्जी तरीके से धारा 40 की कार्यवाही किया जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
73. ( क्र. 4559 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीधी जिले की जनपद पंचायत मझौली के अंतर्गत ग्राम पंचायत टिकरी में अ.जा.महिला सरपंच के विरुद्ध मनरेगा के कूटरचित दस्तावेज रोजगार सहायक/सचिव द्वारा तैयार कर मस्टररोल में मृत व्यक्तियों/नौकरीपेशा व्यक्तियों के नाम डालकर धारा 40 की कार्यवाही कराने के उद्देश्य से किया गया है? विवरण सहित बताएं। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित आरोप की शिकायत सरपंच द्वारा कलेक्टर सीधी से की गई है, जिस पर जाँच अधिकारी नियुक्त किया गया, जो मौके पर जाकर फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार कर सिर्फ सरपंच के विरुद्ध धारा 40 की कार्यवाही प्रस्तावित करते हुए सी.ई.ओ.जनपद को दी गई? यदि हाँ, तो क्या सी.ई.ओ. जनपद द्वारा अनुशंसा सहित अनुविभागीय अधिकारी को प्रेषित किया गया है? (ग) क्या जनपद पंचायत मझौली में माह जनवरी-फरवरी 2015 विकलांग पेंशन/वृद्धा पेंशन/विधवा पेंशन राशि का वितरण आज दिनांक तक नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो समस्त सरपंच उक्त भुगतान के संबंध में सी.ई.ओ. मझौली को ज्ञापन दिया गया था लेकिन इसके बावजूद भी उक्त माहों की पेंशन राशि का भुगतान संबंधित सी.ई.ओ. द्वारा क्यों नहीं किया गया? क्या इनके खिलाफ कार्यवाही प्रस्तावित की जाएगी? (घ) क्या मनरेगा के तहत कराए गए कार्यों की मजदूरी का भुगतान सी.ई.ओ. मझौली द्वारा जानबूझ कर विगत चार माह से नहीं किया जा राह है? क्या प्रश्नांश (क) में कूटरचित दस्तावेज के आरोपी सचिव एवं रोजगार सहायक के विरुद्ध जाँच कर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम की धारा 40 के अंतर्गत जिला पंचायत सीधी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा गठित जाँच दल से जाँच उपरांत प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर कार्रवाई संस्थित की गई है। जाँच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। अधिनियम की धारा 40 के तहत प्रेषित प्रकरण में संबंधित ग्राम पंचायत सरपंच को अपना पक्ष प्रस्तु्त करने की सुविधा है। (ग) जी नहीं। प्रश्नाधीन अवधि में किये गये पेंशन भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जी नहीं। महात्मा गांधी नरेगा के तहत मजदूरी का कोई भुगतान लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
बैल बाजार को पुन: प्रांरभ किया जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
74. ( क्र. 4650 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परासिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम पंचायत मोरडोंगरी में विगत लगभग 100 वर्षों से बैल बाजार लगाया जाता था तथा इस बाजार से क्षेत्र के छोटे किसान बैलों की खरीदी व बिक्री कर अपने खेतों में किसानी का कार्य करते हुए अपने परिवार का पालन पोषण करते थे किन्तु शासन द्वारा बिना किसी कारण के बैल बाजार को बंद कर दिया गया क्या विभाग द्वारा इस बैल बाजार को बंद करने का कोई आदेश जारी किया गया है? अगर हॉ, तो आदेश की छायाप्रति संपूर्ण जानकारी सहित उपलब्ध करायें? (ख) यदि विभाग द्वारा बैल बाजार को बंद करने का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है तो ग्राम मोरडोंगरी के बैल बाजार को शासन द्वारा नियम विरूद्ध तरीके से क्यो बंद करा दिया गया? (ग) ग्राम मोरडोंगरी के क्षेत्रवासियों व किसानोंकी सुविधाओं को देखते बैल बाजार को शासन द्वारा कब तक पुन: प्रांरभ करने के आदेश जारी कर दिये जायेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांकित बैल बाजार को बंद करने का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता।
रीवा जिले के जनपद पंचायत गंगेव एवं नईगढी के सी.ई.ओ. के विरूद्ध भ्रष्टाचार की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
75. ( क्र. 4707 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्र.-1797 दिनांक 26-02-2015 के (क) अंश में जनपद पंचायत गंगेव के ग्राम पंचायत बांस में स्वीकृत राशि 126.58 लाख, कंदैला में स्वीकृत राशि 82.81 लाख, गढ़ में स्वीकृत राशि 69.29 लाख तथा नईगढ़ी जनपद के ग्राम पंचायत मुडिला में स्वीकृत राशि 57.85 लाख तथा रामपुर में 63.88 लाख की राशि मनरेगा में स्वीकृत की जानकारी दी गई है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में तारांकित प्रश्न क्र.-5972 दिनांक 17.03.2016 के अंश (ख) में 50 लाख से ज्यादा की राशि के एक वित्तीय वर्ष में 50 लाख से अधिक के कार्य नहीं कराने की जानकारी दी गई है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त प्रश्नों की जानकारी में भिन्नता का क्या कारण है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में दोषी मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को कब तक दण्डित कर निलंबन की कार्यवाही करते हुये अंकित पंचायतों में स्वीकृत राशि के द्वारा कराये गये कार्यों की जाँच उच्चस्तरीय कमेटी गठन कराकर करायेंगे तथा दोषी अधिकारियों, सचिवों एवं सरपंचों के विरूद्ध एफ.आई.आर. कराकर उक्त राशि की वसूली कब तक करायेंगे।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) तारांकित प्रश्न क्र. 1797 के उत्तर में दी गई जानकारी 01 जनवरी 2011 से 30.06.2014 तक की है एवं तारांकित प्रश्न क्र. 5972 के उत्तर में दी गई जानकारी एक वित्तीय वर्ष में कराये गये कार्यों की है। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते है।
म.प्र. सरकार द्वारा मनरेगा योजना अंतर्गत मजदूरी विलंब भुगतान की क्षतिपूर्ति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
76. ( क्र. 4755 ) श्री उमंग सिंघार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश सरकार ने मनरेगा योजना के अंतर्गत योजना प्रारंभ से 01.01.2017 तक मजदूरी के विलंबित भुगतान में क्षतिपूर्ति का कितना पेमेंट (राशि) मजदूरों को दिया गया और कितने मजदूरों को नहीं दिया गया, जिलेवार वर्षवार कुल राशि के आंकड़े उपलब्ध कराएँ। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में मजदूरी के विलंबित भुगतान में क्षतिपूर्ति के पेमेंट (राशि) का कब तक भुगतान कर दिया जायेगा? (ग) क्या माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा मजदूरी के विलंबित भुगतान में क्षतिपूर्ति की राशि को तत्काल देने का आदेश दिया गया है? हाँ तो माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश के परिपालन में सरकार द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) योजना प्रारंभ से 01.01.2017 तक मजदूरी के विलंबित भुगतान में क्षतिपूर्ति के पेमेंट (राशि) की जिलेवार एवं वर्षवार जानकारी भारत सरकार के सॉफ्टवेयर नरेगा सॉफ्ट पर प्रदर्शित है, जिसकी प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। भारत सरकार के सॉफ्टवेयर पर मजदूरों की संख्या का उल्लेख नहीं होने से संख्या बताई जाना संभव नहीं है। (ख) विलंबित मजदूरी भुगतान के प्रकरणों में क्षतिपूर्ति का भुगतान एक सतत् प्रक्रिया है। (ग) माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा भारत सरकार को नरेगा अधिनियम के प्रावधान का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए है। राज्य सरकार द्वारा रू. 73.39 लाख का क्षतिपूर्ति भुगतान किया गया है।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार योजना अंतर्गत मजदूरी का भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
77. ( क्र. 4756 ) श्री उमंग सिंघार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के अंतर्गत मनरेगा योजना के अंतर्गत योजना प्रांरभ से 01.01.2017 तक मजदूरी के विलंबित भुगतान में क्षतिपूर्ति का कितना पेमेंट (राशि) मजदूरों को दिया गया और कितने मजदूरों को नहीं दिया गया? (ख) मनरेगा अधिनियम के अंतर्गत मजदूरों को मजदूरी का विलंबित भुगतान की क्षतिपूर्ति देने का क्या प्रावधान है और मजदूरी के विलंबित भुगतान की क्षतिपूर्ति न देने के लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार हैं? नाम और पद सहित उपलब्ध कराएं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में योजनान्तर्गत मजदूरी के विलंबित भुगतान में क्षतिपूर्ति रूपये 17346 का भुगतान मजदूरों को किया गया। भारत सरकार के सॉफ्टवेयर पर मजदूरों की संख्या का उल्लेख नहीं होने से संख्या बताई जाना संभव नहीं है। किसी मजदूर का भुगतान शेष नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते है।
जनभागीदारी योजनांतर्गत जिले में स्वीकृत कार्य
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
78. ( क्र. 4799 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष २०१२ से रतलाम जिले के आलोट विधानसभा क्षेत्र में जनभागीदारी योजनांतर्गत जनप्रनिधि की अनुशंसा पत्र एवं ग्राम पंचायत के कितने प्रस्ताव पत्र कब-कब प्राप्त हुए? (ख) उपरोक्त (क) में स्वीकृति हेतु लंबित प्रस्तावों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) उक्त योजनांतर्गत अनुसूचित जाति विधानसभा क्षेत्र के लंबित प्रस्तावों को कब तक स्वीकृति प्रदान की जाएगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जनप्रतिनिधियों के प्रस्तावों पर स्वीकृति का प्रावधान नहीं है, स्थानीय निकायों से प्राप्त प्रस्तावों पर स्वीकृति जारी की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) आगामी त्रैमास में प्राप्त होने वाले आवंटन से स्वीकृत किया जायेगा।
नगर पालिका सारणी में प्राप्त आवंटन एवं व्यय राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
79. ( क्र. 4809 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगरपालिका सारनी में सितम्बर 2014 के पूर्व विभिन्न मदों में कितनी राशि जमा थी वर्तमान में कितनी राशि जमा है? मदवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) सारनी नगरपालिका के संबंध में मदवार बताएं कि वर्ष 2014 से अब तक कितना आवंटन प्राप्त हुआ और किन-किन कार्यों पर कितना व्यय किया गया? (ग) सारनी में राजीव आवास योजना और हाउसिंग फॉर ऑल में वर्तमान स्थिति क्या है? इन योजनाओं में अभी तक किस कार्य के विरूद्ध कितना व्यय किया जा चुका है? (घ) क्या उक्त योजनाओं में निर्माण कार्य आरंभ हो चुका है? कंसल्टेंसी फर्म को किस आधार पर, कितना भुगतान किया गया है? फर्म के नाम, भुगतान दिनांक, किस कार्य हेतु किस मद से भुगतान हुआ समेत बिंदुवार जानकारी उपलब्ध करवायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) नगर पालिका सारनी में राजीव आवास योजना स्वीकृत नहीं है। प्रधानमंत्री आवास योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' एवं ''द'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
विधानसभा क्षेत्र विकास योजनान्तर्गत स्वीकृत कार्य
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
80. ( क्र. 4867 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले की लहार विधानसभा क्षेत्र में विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना एवं विधायक स्वेच्छानुदान निधि योजना के अंतर्गत लहार विधानसभा क्षेत्र विकास हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2016-17 में किस-किस माह में कौन-कौन से कार्य किस-किस दिनांक को कलेक्टर भिण्ड को स्वीकृत हेतु प्रस्तुत किये गये? दिनांक सहित बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रस्तुत कार्यों को कलेक्टर भिण्ड द्वारा किस-किस दिनांक को स्वीकृत किये गये एवं कौन-कौन से कार्य पूर्ण है कौन-कौन से कार्य अभी प्रांरभ नहीं किये गये? (ग) क्या 6 माह से पूर्व प्रस्तावित कार्यों को कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग भिण्ड द्वारा प्रश्न दिनांक तक प्राक्कलन नहीं बनाये गये वर्ष 2016-17 में प्रस्तावित कार्य समय-सीमा में पूर्ण न कराने के जिम्मेदारों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या उपरोक्त योजना के अंतर्गत कार्यों को पूर्ण कराने हेतु समय-समय पर समीक्षा करने का निर्देश शासन द्वारा दिया गया है? यदि हाँ, तो भिण्ड जिले में समीक्षा न कराने वाले अधिकारियों को दंण्डित किया जावेगा? 31 मार्च 2017 तक स्वीकृत कार्यों की राशि लेप्स के दोषी अधिकारी से वसूली की जावेगी? कार्यों की पूर्ति कराई जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' के कॉलम 3 एवं 5 में एवं स्वेच्छानुदान योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' के कॉलम 3 में उल्लेखित है। (ख) निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' के कॉलम 7, 8 में उल्लेखित है। (ग) अनुशंसित किसी भी कार्य की एजेन्सी कार्यपालन यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग भिण्ड को नहीं बनाया गया है। वर्ष 2016 एवं 2017 में प्रस्तावित कार्य को निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण करा लिया जावेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। समय-समय पर विकास कार्यों की समीक्षा की जाती है। प्रशासकीय स्वीकृति उपरान्त निर्माण एजेन्सियों को राशि दी जाती है। राशि लैप्स न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
81. ( क्र. 4874 ) श्री जितू पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) इन्दौर, नगर निगम हेतु कितने अधिकारी नगर निगमों में नगरीय विकास विभाग मध्यप्रदेश शासन के द्वारा अपने पद से उच्च पद पर प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किये गए हैं? नाम, मूल पद की श्रेणी और प्रतिनियुक्ति के पद की श्रेणी के साथ नगर निगम वार जानकारी देवें। (ख) कितने ऐसे अधिकारी हैं जो नगर निगमों में अपने मूल पद की श्रेणी से दो श्रेणी ऊपर के पद पर प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ है? पिछले 5 वर्ष में ऐसी कितनी प्रतिनियुक्तियां की गई थी? निगमवार कर्मी के नाम, मूल पद की श्रेणी, प्रतिनियुक्ति के पद की श्रेणी और पदस्थ करने के दिनांकों सहित जानकारी देवें। (ग) मूल पद से उच्च श्रेणी के ऊपर के पद पर प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ करने से संबंधित सामान्य प्रशासन विभाग का कोई आदेश है क्या? यदि है तो प्रति उपलब्ध करायें। (घ) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के ऐसे आदेश हैं कि प्रतिनियुक्ति पर समकक्ष पद पर ही पदस्थ किया जाए। यदि हैं तो प्रति उपलब्ध करायें। (ड.) क्या नगरीय विकास विभाग में अलग से प्रतिनियुक्ति पर एक श्रेणी ऊपर और दो श्रेणी ऊपर प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ करने के स्पष्ट उल्लेख सहित नियम बनाए हैं? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (च) ऐसे कितने अधिकारी हैं जिन पर विभागीय और लोकायुक्त या अन्य किसी जाँच के चलते उच्च पद पर प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किया गया है? निगमवार, नाम व पद सहित सूची देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। (ड.) जी नहीं। मध्य प्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 58 में प्रतिनियुक्ति द्वारा पद भरने का प्रावधान है। (च) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
उद्योग विभाग द्वारा शासकीय भूमि लीज़ पर आवंटित करना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
82. ( क्र. 4937 ) श्री सतीश मालवीय : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में शासकीय भूमि उद्योग विभाग द्वारा लीज़ पर आवंटित की गई है? यदि हाँ, तो विगत 05 वर्षों में किन-किन लोगों को दी गई है नाम एवं पता सहित सूची देवें एवं किस प्रयोजन हेतु क्या वर्तमान में उक्त जमीन पर उद्योग चलाये जा रहे है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से किसके द्वारा? (ख) क्या लीज़ पर दी गई भूमि के लिये समय-सीमा तय की गई है? यदि हाँ, तो किन-किन को क्या-क्या समय-सीमा निर्धारित की गई है? क्या ऐसे भी आवंटित पट्टाधारी हैं, जिनकी समय-सीमा पूर्ण हो चुकी है? यदि हाँ, तो किन-किन की, सूची उपलब्ध करावें? (ग) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार लीज़ पर दी गई शासकीय भूमि पर कई आवंटितकर्ता लोगों द्वारा उद्योग स्थापित नहीं किये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन इनके लीज़ पट्टे निरस्त करने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) प्रश्नांश (ख) के अनुसार ऐसे लीज़ पट्टाधारी जिनकी समय-सीमा पूर्ण हो चुकी है, क्या उनकी लीज़ पर दी गई शासकीय भूमि शासन द्वारा अपने कब्जे में ली गई है? यदि हाँ, तो कब किन-किन की ली है? सूची उपलब्ध करावें।
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) से (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जी हाँ। भूमि आंवटन के पश्चात् जिन इकाईयां द्वारा उद्योग की स्थापना नहीं की गई है, उनकी लीजडीड निरस्त की गई। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) किसी भी इकाई की लीज अवधि समाप्त नहीं हुई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्थापित लघु उद्योग
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
83. ( क्र. 4939 ) श्री सतीश मालवीय : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में कितने लघु और कितने बड़े उद्योग स्थापित होकर कार्य कर रहे हैं तथा उनमें कितने कर्मचारियों को रोजगार प्रदान किया गया है? (ख) इन उद्योगों को शासन द्वारा क्या-क्या सुविधायें प्रदान की गई है? (ग) क्या घट्टिया विधानसभा क्षेत्र के लिये किसी निवेशक का आवेदन स्वीकृति हेतु विभाग में लम्बित है? यदि हाँ, तो क्यों?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) तहसील घटि्टया जिला उज्जैन में विभाग द्वारा संचालित औद्योगिक क्षेत्र बांदका में तीन लघु उद्योग इकाईयां कार्य कर रही है, इन इकाईयों में 20 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध है। इकाईयों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार हैं। घटि्टया विधानसभा क्षेत्र में कोई वृहद उद्योग कार्यरत नहीं हैं। (ख) औदयोगिक क्षेत्र में कार्यरत इन लघु उद्योगों को राज्य शासन द्वारा लागत पूँजी अनुदान, ब्याज अनुदान तथा प्रवेश कर छूट की सुविधा प्रदान की गई है। (ग) घटि्टया विधानसभा क्षेत्र के लिए सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम विभाग में किसी नवीन निवेशक का कोई आवेदन स्वीकृत हेतु लंबित नहीं है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
84. ( क्र. 4954 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भिण्ड जिले की सभी नगरीय निकायों में वित्तीय वर्ष 01 अप्रैल 2014 से प्रश्न तिथि तक 02 लाख रूपये से कम राशि के क्या-क्या कार्य, किस-किस स्थान पर, कब-कब किए गए? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित जिले में उक्त समयानुसार मेन्टेनेन्स पर किस-किस स्थान पर, किस-किस प्रकार के क्या-क्या कार्यों पर कितनी राशि, कब-कब व्यय की गयी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कार्यों में से किस-किस को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस-किस रूप में किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित स्थान एवं समयानुसार उक्त सभी कार्यों का गुणवत्ता एवं उपयोगिता प्रमाण पत्रों को किस-किस नाम/पदनाम दी जारी किया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। भुगतान चेक द्वारा किया गया है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है।
उद्योगों को अनुदान
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
85. ( क्र. 4973 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल एवं विदिशा जिले में दो वर्षों में किस-किस योजना के तहत किस-किस उद्योग को कितना अनुदान स्वीकृत कर किस दिनांक को उसका भुगतान किया गया? उद्योगों को कितना अनुदान स्वीकृत कर किस दिनांक को भुगतान किया अनुदान भुगतान के पूर्व विभाग के किस किस अधिकारी ने जाँच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया? (ख) अनुदान प्राप्त किस-किस उद्योग ने कौन-कौन सी मशीनरी किससे कितने मूल्य में क्रय किय जाने की जानकारी जिला उद्योग केन्द्र को प्रदान की, उसका सत्यापन विभाग ने किस दिनांक को किया, सत्यापन के लिए विभाग ने क्या प्रकिया अपनाई?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। विभागीय निरीक्षणकर्ता अधिकारी द्वारा निरीक्षण दिनांक को मशीनों का भौतिक सत्यापन किया गया। सत्यापन (निरीक्षण) दिनांक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। संयंत्र और मशीनरी में किए गए पात्र निवेश के प्रमाणीकरण हेतु चार्टर्ड एकाउंटेंट /इंजीनियर का प्रमाण पत्र/मूल्याकंन रिपोर्ट प्राप्त की गई एवं निरीक्षणकर्ता अधिकारी द्वारा इकाई का निरीक्षण कर क्रय की गई मशीनों का भौतिक सत्यापन किया गया।
अवैध खनिज खनन के प्रकरण
[खनिज साधन]
86. ( क्र. 4975 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर ने डब्लू.ए. क्रमांक 98/2013 दिनांक 3/7/2013 एवं डब्लू.पी.नंबर 8353/2016 दिनांक 13/5/16 में अवैध खनिज प्रकरणों में कलेक्टर द्वारा पारित आदेशों के संबंध में क्या क्या आदेश दिए गये हैं? (ख) 2013 से प्रश्नांकित दिनांक तक विदिशा, बैतूल एवं होशंगाबाद जिले में खनिज विभाग ने कितने अवैध खनिज खनन के कितने प्रकरण कलेक्टर एवं अपर कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत किए इन प्रकरणों में प्रशमन का आदेश खनिज अधिकारी ने किन कारणों से नहीं किया? (ग) किस प्रकरण में कलेक्टर एवं अपर कलेक्टर के द्वारा सुनवाई की जाकर कितना अर्थदंड किये जाने का आदेश किस दिनांक को इन प्रकरणों में माननीय उच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 03/07/13 एवं दिनांक 13/05/16 में दिया एवं दिए गये निर्देशों का पालन क्यों नहीं किया गया? (घ) आदेश दिनांक 03/07/13 एवं दिनांक 13/05/16 के अनुसार कार्यवाही किये जाने के सम्बन्ध में राज्य शासन एवं खनिज संचानालय ने किस दिनांक को पत्र जारी किया? यदि पत्र भी जारी नहीं किया हो तो उसका कारण बतावें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन याचिकाएं कलेक्टर, बुरहानपुर एवं कलेक्टर, बैतूल द्वारा पारित आदेशों के संबंध में थी। प्रश्नानुसार आदेशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शित है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में खनिजों के अवैध उत्खनन के संबंध में जिला विदिशा द्वारा 81, जिला बैतूल द्वारा 31 तथा जिला होशंगाबाद द्वारा 25 प्रकरण कलेक्टर एवं अपर कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत किये गये हैं। जिससे खनिज अधिकारी द्वारा प्रशमन के आदेश नहीं दिये गये। (ग) प्रश्नांश (क) के साथ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शित आदेशों का पालन संबंधित जिलों द्वारा नहीं किये जाने जैसी कोई स्थिति है। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित याचिकाओं में पारित आदेश क्रमश: जिला बुरहानपुर एवं जिला बैतूल द्वारा मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 53 के अंतर्गत की गई कार्यवाही से संबंधित है। इन आदेशों में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा प्रश्नानुसार कार्यवाही किये जाने के निर्देश नहीं दिये गये हैं, अत: प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
प्रश्नकर्ता के प्रश्नों पर कार्यवाही बाबत्
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
87. ( क्र. 4993 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत परफारमेन्स ग्रांट योजना अंतर्गत नियम विरूद्ध आवंटन की कुल कितनी शिकायतें विगत 03 वर्षों में विभाग को प्राप्त हुई हैं एवं इन पर क्या कार्यवाही की गई हैं? (ख) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2014-15 में ग्राम गैलाना एवं मोड़ी में सामुदायिक भवन निर्माण हेतु नियम विरूद्ध राशि तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सुसनेर ने आवंटित की थी? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा शिकायत के आधार पर या स्वतः संज्ञान लेते हुए क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा उक्त संबंध में परि.अता. प्रश्न संख्या 27 (क्रमांक 2513) दिनांक 18.03.15, परि.अता. प्रश्न संख्या 13 (क्रमांक 587) दिनांक 14.12.15, 592 दिनांक 14.12.15, ता.प्र.सं. 24 (क्र. 5357) दिनांक 10.03.16 एवं अता.प्र.सं. 90 (क्र. 1679) दिनांक 22.07.16 के परिप्रेक्ष्य में कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? क्या संबंधित सी.ई.ओ. दोष सिद्ध हुई हैं? यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही पर्याप्त हैं? (घ) क्या दोष सिद्ध सी.ई.ओ. पर कठोर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या व कब तक? क्या प्रकरण को पुनः संज्ञान में लिया जाकर ठोस कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) शासन को कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ख) जी हाँ। दोषी अधिकारी, श्रीमती माधुरी शर्मा, तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, सुसनेर को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया, जिसमें सुनवाई उपरांत श्रीमती शर्मा को विभागीय आदेश क्रमांक 17042 दिनांक 04.12.2015 द्वारा भविष्य के लिये संचेत किया गया। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। दोषी अधिकारी, श्रीमती माधुरी शर्मा, तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, सुसनेर को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया, जिसमें सुनवाई उपरांत श्रीमती शर्मा को विभागीय आदेश क्रमांक 17042 दिनांक 04.12.2015 द्वारा भविष्य के लिये संचेत किया गया। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। दोषी अधिकारी, श्रीमती माधुरी शर्मा, तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, सुसनेर को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया, जिसमें सुनवाई उपरांत श्रीमती शर्मा को विभागीय आदेश क्रमांक 17042 दिनांक 04.12.2015 द्वारा भविष्य के लिये सचेत किया गया। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
पेंशन योजनाओं का क्रियान्वयन
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
88. ( क्र. 4994 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा कौन-कौन सी पेंशन प्रदाय की जा रही हैं? विवरण देवें। (ख) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत पेंशन योजना हेतु पात्र हितग्राहियों के पेंशन भुगतान की क्या स्थिति हैं? जनपद पंचायत/नगर पंचायतवार पूर्ण विवरण देवें? (ग) क्या विधवा पेंशन हेतु बी.पी.एल. कूपनधारी होना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कुल कितनी विधवा महिलायें हैं जिनको बी.पी.एल. कूपन के अभाव में विधवा पेंशन नहीं दी जा रही है? निकायवार सूची उपलब्ध करावें? (घ) क्या माननीय मुख्यमंत्रीजी ने ए.पी.एल. विधवाओं को भी पेंशन दिये जाने हेतु घोषणा की थी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो विधवा महिलाओं को प्रदाय पेंशन की समग्रता को दृष्टिगत रखते हुए एवं जनहित में स्वतः संज्ञान लेते हुए ए.पी.एल. विधवाओं को भी पेंशन प्रदाय किये जाने हेतु निर्णय लिया जावेगा? यदि हाँ, तो क्या व कब तक? विवरण देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) विधान सभा सुसनेर अंतर्गत जनपद पंचायत नलखेडा, सुसनेर एवं नगर पंचायत सुसनेर, सौयतकला, नलखेडा तथा बडागांव के पेंशन योजनाओं में समस्त पात्र हितग्राहियों को माह फरवरी 2017 तक पेंशन का भुगतान किया गया है। (ग) जी हाँ। विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सभी पात्र विधवा महिलाओं को पेंशन प्रदाय की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विधवा महिलाओं को पेंशन दिये जाने की पात्रता का विस्तार करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तीर्थ दर्शन योजना बावत
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
89. ( क्र. 5006 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन के निर्देशानुसार मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना हेतु गठित तीर्थ यात्रा प्रबंध हेतु जिला स्तरीय समिति 2014 में मनोनीत की गई थी यदि हाँ, तो उस समिति की कब कब बैठक हुई उसका कार्यवाही विवरण उपलब्ध करायें? (ख) 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक दतिया जिले से कितने तीर्थयात्री एवं उनके सहायक तथा प्रभारी तीर्थयात्रा पर गये है क्या कलेक्ट्रेट में पदस्थ कर्मचारी के सगे संबंधियों को बार-बार तीर्थयात्रा पर सहायक एवं प्रभारी के रूप में भेजा गया? (ग) क्या भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों के कई तीर्थयात्री तीर्थदर्शन यात्रा पर नहीं गये। क्योंकि उनको इसकी सूचना भी नहीं दी जाती है। वर्ष 2014 से भाण्डेर विधानसभा के कौन-कौन से ग्राम के कौन-कौन तीर्थयात्रियों ने कब इस योजना का लाभ लिया?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नीति के विरूद्ध निर्वाचित महिलाओं के सगे संबंधियों द्वारा कार्य किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
90. ( क्र. 5025 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश में महिला जनप्रतिनिधियों को नगरीय निकायों के चुनाव हेतु 50 प्रतिशत आरक्षण किया गया है? यदि हाँ, तो क्या यह भी सही है कि अधिकांश निर्वाचित महिलाओं के पति व सगे संबंधियों द्वारा ही क्षेत्रीय व कार्यालयीन कार्य किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित तथ्य शासन की नीति के विरूद्ध नहीं हैं? यदि है तो क्या शासन द्वारा महिलाओं को जिस उद्देश्य के चलते आरक्षण का लाभ दिया है, उसके विरूद्ध कार्य करने वालों के विरूद्ध क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या निर्वाचित महिलाओं के कार्य का निर्वहन उनके पति व सगे संबंधियों द्वारा किया जाना शासन की नीति के विरूद्ध किया जाना अपराध की श्रेणी में आता है? यदि हाँ, तो क्या शासन की नीति के विरूद्ध महिला जनप्रतिनिधियों के कार्य करने वालों के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर वैधानिक कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जाता है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, जी नहीं। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वृक्षारोपण के कार्य
[वन]
91. ( क्र. 5079 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में दक्षिण सामान्य वन मण्डल सिवनी के अंतर्गत आने वाले सभी परिक्षेत्रों में क्या शासकीय शालाओं में वृक्षारोपण का कार्य किया गया है। (ख) जिले में वर्ष 2013 से प्रश्न लगने की स्थिति तक की अवधि में वृक्षारोपण किए गए उन शासकीय शालाओं के नामों की सूची, वृक्षारोपण में किए गए व्यय की पृथक-पृथक राशि की जानकारी, वृक्षारोपण उपरांत प्रतिवर्ष शासकीय शालाओं में सफाई व निंदाई के नाम से हुए व्यय की जानकारी उपलब्ध करावें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) वृक्षारोपण एवं उसके उपरांत सफाई एवं निंदाई पर कोई राशि व्यय नहीं की गई है। शालाओं को पौधे नि:शुल्क प्रदान किये गये थे, जिसकी लागत कॉलम 8 में दर्शायी गयी है।
रेत खदानों की जानकारी
[खनिज साधन]
92. ( क्र. 5101 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक खनिज विभाग द्वारा कौन-कौन सी रेत खदानें कितने समय के लिये किस फर्म को आवंटित की गई तथा कितने लोगों को कौन-कौन से ग्राम में निज भूमि से रेत उत्खनन की अनुमति प्रदान की? सर्वे नंबरों सहित जानकारी उपलब्ध कराई जावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार समस्त रेत खदानों में कितने घनफुट रेते उत्खनन को मंजूरी संबंधी ठेकेदार को दी गई है एवं प्रश्न दिनांक तक उसमें से खदान वाले कितने घनफूट रेत उक्त खदानों से उठाई जा चुकी है तथा कितनी उठाई जाना शेष है? (ग) आवंटन के उपरांत कौन सी रेत खदान से कितनी-कितनी रॉयल्टी प्रश्न दिनांक तक जमा हुई? निजी भूमि से रेत उत्खनन किये जाने के संबंध में शासन का क्या नियम है? क्या उक्त खदानों के ठेकेदारों को रेत भण्डारण की स्वीकृति दी गई है? यदि हाँ, तो किसकों और कितनी-कितनी खदानवार जानकारी दे कि किसके द्वारा कहाँ-कहाँ कितना-कितना भण्डारण किया गया है? भण्डारण की रायल्टी विभाग में जमा की गई है या नहीं? (घ) प्रश्नांश (क) अवधि में रेत परिवहन में कितने प्रकरण ओवर लोडिंग एवं कितने प्रकरण अवैध परिवहन के पंजीबद्ध किए गए है? दिनांकवार, वाहनवार, स्थानवार, वाहन मालिक के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। क्या विभाग की मिली भगत से अवैध उत्खनन एवं अवैध परिवहन किया जा रहा है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में वर्ष 2013 में 34 रेत खदानें नीलाम की गई थीं। जो कि पर्यावरण स्वीकृति न मिलने के कारण निरस्त कर दी गई थी। वर्ष 2014 में कोई रेत खदान नीलाम नहीं की गई। वर्ष 2015 में प्रश्न दिनांक तक 11 रेत खदानें दिनांक 31.03.2020 तक के लिये स्वीकृत की गई हैं। उपरोक्त समस्त खदानों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर दर्शित है। निजी भूमि से रेत हटाने की कोई स्वीकृति नहीं दी गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वर्तमान में वर्ष 2015 में प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत की गई खदानें आवंटित हैं। जिसके संबंध में प्रश्नानुसार शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' में दर्शित है। (ग) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' पर दर्शित है। निजी भूमि से रेत उत्खनन के संबंध में मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 68 (5) में प्रावधान हैं। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' पर दर्शित है। (घ) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' में दर्शित है।
पन्ना जिले में संचालित खदानों की जानकारी
[खनिज साधन]
93. ( क्र. 5102 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने खदानों के पट्टे जारी किये गये है और कितने खदानों के पट्टे निरस्त किये गये है? खदान एवं पट्टेधारियों के जारी एवं निरस्त सहित सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या निरस्त किये गये खदानों के पट्टेधारियों से शासन की राशि की वसूली की जानी है? यदि हाँ, तो उन पट्टेधारियों की सूची बकायादरों के नाम व बकाया राशि सहित उपलब्ध करायें? क्या निरस्त खदानों से भी भारी मात्रा में अवैध उत्खनन किया जा रहा है? इसके लिये कौन जिम्मेदार है? शासन उस पर क्या कार्यवाही कर रहा है और क्या कार्यवाही करेगा? (ग) क्या खनिज अधिकारी जिला पन्ना के द्वारा बकायादारों से सांठ-गांठ कर बकाया राशि वसूली के संबंध में कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है? जिससे शासन को करोड़ों रूपयों की राजस्व हानि हो रही है? यदि हाँ, तो ऐसे जिला खनिज अधिकारी के विरूद्ध शासन के द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' में दर्शाई गई है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश की जानकारी प्रश्नांश (क) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' में दर्शाई गई है। जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। बकायादारों के विरूद्ध नियमानुसार मांगपत्र जारी किये जा रहे हैं तथा वसूली हेतु कार्यवाही की जा रही है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध खदान की जाँच और कार्यवाही
[खनिज साधन]
94. ( क्र. 5127 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कुरवाई विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत पठारी तहसील ग्राम बड़ोह में सर्वे नंबर 113/4 में रकबा 0.0750 हेक्टर में वर्ष 2015-16 में पत्थर फर्शी खदान श्री बाल किशन काछी पुत्र श्री दौलत सिंह बड़ोह के नाम आवंटित थी। (ख) क्या बालकिशन काछी की मृत्यु उपरांत लगभग 15 दिन के अंदर ही यह खदान किसी दूसरे व्यक्ति श्री रमेश शर्मा निवासी विदिशा को आवंटित कर दी गई? यदि हाँ, तो आवंटन करने में इतनी जल्दबाजी क्यों की गयी? क्या आवासीय बस्ती और पुरातत्व स्मारकों से 700 मीटर से अधिक दूरी पर खदान आवंटित करने का नियम है जबकि यह खदान सिर्फ लगभग 100 मीटर के अंदर है? फिर भी इसका पुन: आवंटन क्यों कर दिया गया? (ग) क्या यह आवंटन नियमानुसार और निर्धारित अवधि के बाद कार्यवाही पूर्ण करके किया गया है? यदि नियमों का पालन नहीं किया गया तो उसका दोषी कौन है और उस पर क्या कार्यवाही की गई या की जावेगी? क्या नियमानुसार इस खदान के चारों तरफ सीमा निर्धारित कर तार फेंसिंग कराना थी वह क्यों नहीं कराई गई? (घ) क्या सर्वे नंबर 113/4 रकबा 0.750 हेक्टर से पत्थर उत्खनन कार्य पूरा हो चुका है तथा अब उसके नाम पर बगल में दूसरे सर्वे नंबर पर अवैध उत्खनन का कार्य चल रहा है नियमानुसार उक्त रकबे की पैमाइस करके फैंसिंग क्यों नहीं कराई गई। आवंटित रकबे में खुदाई हो चुकी है क्या अब दूसरे रकबे में अवैध उत्खनन कार्य रोकने हेतु कार्यवाही की जाएगी तो कब तक?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में प्रश्नानुसार प्रावधान नहीं है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित खदान मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 35 के अनुसार श्री रमेश शर्मा, निवासी विदिशा के पक्ष में अंतरित की गई है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। खदान पर तार फेंसिंग कराई जा रही है। (घ) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जनपद पंचायतों में टैक्सी की जगह प्रायवेट ए.सी.वाहन किराये पर लेने पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
95. ( क्र. 5130 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मार्च 2016 में अतांराकित प्रश्न संख्या 132 (क्र.3635) में बताया है कि विदिशा जिले में सिर्फ कुरबाई और ग्यारसपुर जनपद पंचायत कार्यालय को प्राइवेट ए.सी. स्कार्पियो वाहन किराये पर लिया गया है बाकी वाहन किराये पर नहीं लिये गये हैं। क्या शासन के नियमानुसार टैक्सी ओर सर्विस टैक्स देने वाली एजेन्सियों से वाहन किराये से लिये जा सकेंगे ऐसी कन्डीशन में कुरवाई और ग्यारसपुर में प्राइवेट वाहन किराये पर क्यों ली गई इसका जिम्मेदार कौन है? क्या दोषियों पर कार्यवाही की जावेगी? दोनों जगह के किराये में भिन्नता है रेट अलग-अलग क्यों है? (ख) प्राइवेट वाहन किराये पर लेने से शासन का सर्विस टैक्स और परिवहन विभाग को टैक्स के टैक्स का जो नुकसान हुआ है क्या वह दोषी से वसूला जायेगा या उसकी पूर्ति कौन करेगा? (ग) क्या प्राइवेट वाहन अभी भी चल रहे हैं। नियमों की अवेहलना की जानकारी के बाद भी विभाग द्वारा इन प्राइवेट वाहनों को क्यों नहीं हटाया गया? अब हटायेंगे तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। किराए पर वाहन लेने के लिये सेवाकार हेतु पंजीकृत फर्मों से निविदा आमंत्रित करने का प्रावधान सुझावात्मक है, बंधनकारी नहीं है। न्यूनतम निविदा पर वाहन किराए पर लेने में अनियमितता की स्थिति नहीं है। भिन्न-भिन्न निविदाओं में भिन्न-भिन्न दर आना अनियमितता की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते है। (ख) वाहन स्वामी देय सभी कर चुकाने के लिये जिम्मेदार है और कर आरोपण के लिये सक्षम प्राधिकारी संबंधित से वसूली कर सकते है। (ग) जी हाँ। वर्तमान में जनपद पंचायत कुरबाई में किराये पर वाहन अनुबंधित है। नियमों की अवहेलना की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
विधायक निधि की स्वीकृति
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
96. ( क्र. 5144 ) श्री के.पी. सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधायकों से विधायक निधि के प्रस्ताव प्राप्त होने के उपरांत कलेक्टर कार्यालय से स्वीकृति जारी करने की कोई समय-सीमा, शासन द्वारा नियत की गई है? (ख) जिला योजना अधिकारी, कार्यालय कलेक्टर, जिला शिवपुरी के कार्यालय में विगत 06 माह से विधायकों के कितने प्रस्ताव स्वीकृति हेतु लंबित है? विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी दें? (ग) क्या विधायक निधि के प्रस्तावों को जानबूझकर लंबित रखा जा रहा है? क्या कारण हैं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। अनुशंसा प्राप्त होने के उपरान्त कार्य की स्वीकृति के लिये 30 दिवस की समय-सीमा निर्धारित है। (ख) मान. विधायकों के कोई भी प्रस्ताव लंबित न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विधायक कप का आयोजना
[खेल और युवा कल्याण]
97. ( क्र. 5170 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधायक कप प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में होना है? यदि हाँ, तो विधान सभा क्षेत्र सीधी में क्यों नहीं आयोजित हुआ? (ख) विधायक कप आयोजित करने के क्या नियम हैं? क्या विधायक से परामर्श आवश्यक है? (ग) यदि हाँ, तो क्या विभागीय अधिकारियों ने सीधी विधान सभा क्षेत्र के प्रश्नकर्ता विधायक से सम्पर्क किया? (घ) यदि नहीं, तो दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही करेंगे और कब तक?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। पूर्व में माननीय विधायक महोदय से चर्चा नहीं हो पाई थी, परन्तु अब माननीय विधायक महोदय से इस सम्बन्ध में चर्चा हुई है। शीघ्र ही माननीय विधायक महोदय से मिलकर स्थान, दिनांक, समय एवं खेल निश्चित कर विधायक कप का आयोजन करवाया जावेंगा। (ख) विधायक कप प्रतियोगिता के दिशा निर्देश संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। (ग) जी हाँ। माननीय विधायक महोदय से दूरभाष पर इस सम्बन्ध में चर्चा हुई है। (घ) प्रश्नोत्तर 'ग' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राजस्व ग्रामों को अभयारण क्षेत्र से डिलीट करने हेतु नियमावली
[वन]
98. ( क्र. 5171 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र पिपरिया अंतर्गत सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर पचमढ़ी अभयारण एवं नेशनल पार्क से कौन-कौन से राजस्व ग्रामों को डिलीट किया गया हैं? नाम सहित विस्तृत जानकारी देवें? (ख) क्या इन ग्रामों के निवासियों को अपनी सम्पत्ति के क्रय विक्रय एवं निर्माण कार्यों की अनुमति देने बावत् नियमावली बनाने हेतु सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देश दिया था? यदि हाँ, तो निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या जिलाध्यक्ष (राजस्व) होशंगाबाद द्वारा इस संबंध में नियमावली बनाने हेतु शासन से आग्रह किया है यदि हाँ, तो नियमावली कब तक बनेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 एवं 4 अनुसार है। (ग) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
हबीबगंज अंडर ब्रिज से ग्राम मिसरोद तक मास्टर प्लान सड़क निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
99. ( क्र. 5183 ) श्री रजनीश सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भोपाल विकास योजना 2005 में प्रस्तावित हबीबगंज अंडर ब्रिज से मिसरोद की मीरा नगर एवं कलियासोत मुख्य नहर के बीच 60 मीटर चौड़ी मुख्य सड़क का पुन: निर्धारण आवास एवं पर्यावरण विभाग का संचालक नगर तथा ग्राम निवेश को संबोधित पत्र दिनांक 29/12/2006 से किया गया? यदि हाँ, तो इससे प्रभावित शासकीय व निजी भू-स्वामियों आपत्तियां या सुझाव मंगाए गये। (ख) भोपाल विकास योजना 2005 के इस 60 मीटर चौड़ी मुख्य मार्ग के निर्माण में आने वाली निजी भू-स्वामियों को किस रूप में मुआवजा देने का प्रावधान है? क्या इसमें आर्थिक अथवा सड़क निर्माण में उपयोग हो रही भूमि के दो दुना एफ.ए.आर. या बिना मुआवजे का प्रावधान भी है? तीनों का प्रावधान परिस्थितियों की स्थिति में निजी भू-स्वामियों को मुआवजें की स्थिति स्पष्ट करें? (ग) पुन: निर्धारण में रिक्त हुई उक्त भूमि के भू-उपयोग के वर्गीकरण की क्या प्रक्रिया रही तथा यह स्पष्ट करें की जिन भू-स्वामियों (निजी एवं अन्य) की भूमि शासकीय पत्र दिनांक 29/12/2006 से प्रभावित हुई अर्थात मार्ग पुन: निर्धारण से रिक्त हुई भूमि का भू-उपयोग क्या है? 29/12/2006 के पत्र से पूर्व में इन निजी भूमियों का भू उपयोग आवासीय एवं मार्ग दर्शाया गया था? अब मार्ग पुन: निर्धारण के उपरान्त इन निजी व शासकीय भूमि का भू उपयोग क्या है? (घ) संचालक नगर तथा ग्राम निवेश को संबोधित पत्र दिनांक 29/12/2006 के पश्चात सड़क पुन: निर्धारण से प्रभावित भूमि जो कि ग्राम अहमदपुर कलॉ प.ह.न. 20 भोपाल के खसरा क्रमांक 7,8,13 व 125/13 का भू उपयोग वर्तमान में क्या है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, भोपाल विकास योजना 2005 की कंडिका 5.32 (4) में आपत्ति/सुझाव बुलाये जाने के प्रावधान नहीं है। (ख) इस मार्ग हेतु पृथक से कोई प्रावधान नहीं है, किन्तु भोपाल विकास योजना 2005 की कंडिका 4.26 के अनुसार किसी भी भूखण्ड के स्वामी द्वारा अपने भूखण्ड में से मार्ग, फुटपाथ, पार्किंग इत्यादि सार्वजनिक उपयोग हेतु भूमि छोड़ी जाती है तो ऐसी दशा में उक्त भूखण्ड पर निर्माण किये जा रहे भवन में सार्वजनिक उपयोग हेतु छोड़ी गई भूमि का दुगुना फर्शी क्षेत्रानुपात अतिरिक्त रूप में स्वीकृत किये जाने का प्रावधान है। भूमि स्वामी को विकास अनुमति दिये जाते समय मार्ग से प्रभावित भूमि के दुगुना एफ.ए.आर. दिये जाने की शर्त लगायी जाती है। भूमि स्वामी द्वारा मार्ग से प्रभावित भूमि का त्यजन किये जाने का राजस्व विभाग के हक में किये जाने पर उक्त अतिरिक्त एफ.ए.आर. का लाभ भवन अनुमति के समय प्राप्त किया जाता है। (ग) प्रस्तावित संशोधित एलाईमेंट में आने वाली शासकीय भूमि राजधानी परियोजना को आवंटन करने तथा निजी भूमि में पूर्व में जारी विकास अनुमति में समाहित भूमि पर सर्विस रोड तथा वृक्षारोपण रखा गया है। पूर्व में प्रदत्त भूमि उपयोग प्रमाण पत्र अथवा अभिन्यास स्वीकृति में कोई परिवर्तन न हो, इसलिए संशोधित एलाईमेंट में पूर्व प्रस्तावित मार्ग की भूमि पर सर्विस रोड तथा त्रिभूज आकार की भूमि पर वृक्षारोपण प्रस्तावित किया गया है। इस प्रकार मार्ग के संशोधित एलाईमेंट से पूर्व का यथावत रहा। जिसमें विकास योजना 2005 के मूल प्रस्ताव तथा प्रस्तावित संशोधित एलाईमेंट से भूमि उपयोग में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। अत: शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) संयुक्त संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय भोपाल का पत्र दिनांक 29/12/16 के पश्चात सड़क पुन: निर्धारण से प्रभावित भूमि ग्राम अहमदपुरा कलॉ प.ह.नं. 20 भोपाल के खसरा क्रमांक 7, 8, 13 व 125/13 का भूमि उपयोग प्रस्तावित आवासीय एवं सर्विस रोड तथा वृक्षारोपण है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
100. ( क्र. 5192 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिरोंज विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत विगत 3 वर्षों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत कितने कार्य कहाँ से कहाँ तक कितनी-कितनी लागत में स्वीकृत किये गये हैं वर्तमान में कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण कार्य चल रहा हैं, कितने कार्य पूर्ण हुए एवं कितने कार्य अपूर्ण है, अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण किया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत स्वीकृति होने के बाद भी अभी तक कौन-कौन सी सड़कों को नहीं जोड़ा गया है? कब तक जोड़े जाने की संभावना है? न जोड़ने का क्या कारण है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश 'क' के संलग्न परिशिष्ट में दर्शाए निर्माणाधीन निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने से वर्तमान में संबंधित ग्राम सड़क से नहीं जुड़े है। वर्ष 2017-18 में जोड़ना लक्षित है। निर्माण कार्य प्रगतिरत होने के कारण।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
101. ( क्र. 5193 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिरोंज विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत विगत 3 वर्षों में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत कितने कार्य कहाँ से कहाँ तक के स्वीकृत किये गये हैं तथा उनकी लागत क्या-क्या है? उक्त स्वीकृत कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हुए एवं कितने कार्य अपूर्ण हैं? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण किया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार स्वीकृत सड़कों में से कहाँ से कहाँ तक कौन-कौन से ग्राम की सड़क स्वीकृत होने के बाद भी आज दिनांक तक कार्य अप्रारंभ है? कब तक प्रारंभ किये जाने की संभावना है? प्रारंभ न करने का क्या कारण हैं?
पंचायत
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव )
: (क) एवं
(ख) जानकारी संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है।
परिशिष्ट
- ''तैंतीस''
ग्राम उदय से भारत उदय अभियान की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
102. ( क्र. 5237 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम उदय से भारत उदय अभियान का कार्यक्रम कितनी ग्राम पंचायतों में आयोजित किया गया है? ग्राम उदय से भारत उदय अभियान कार्यक्रम के अन्तर्गत ग्राम पंचायतों से कितने निर्माण कार्यों के आवेदन प्राप्त हुए हैं? संख्या बतायें? (ख) ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के कार्यक्रम के परासिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम पंचायतों में कुल कितने गरीबी रेखा कार्ड बनाये जाने हेतु हितग्राहियों के आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे? इन प्राप्त आवेदन पत्रों में से कितने हितग्राहियों के गरीबी रेखा कार्ड बनाये जा चुके है और कितने हितग्राहियों के आवेदन निरस्त किये गये हैं? (ग) ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के कार्यक्रम के परासिया विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम पंचायतों में कितने हितग्राहियों के कितने पेन्शन प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे? इन प्राप्त आवेदन पत्रों में से कितने हितग्राहियों की पेंशन स्वीकृत की जा चुकी हैं और कितने हितग्राहियों के पेंशन के आवेदनों को निरस्त किये गये हैं? (घ) ग्राम उदय से भारत उदय अभियान कार्यक्रम के अन्तर्गत परासिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत पात्र हितग्राहियों के बी.पी.एल. के कार्ड अभी तक उन्हें प्रदान नहीं किये गये है और पात्र हितग्राहियों को बी.पी.एल.कार्ड कब तक प्रदान कर दिये जायेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कुल 10937 आवेदन प्राप्त हुए। (ख) 1703 गरीबी रेखा के कार्ड बनाये जाने हेतु हितग्राहियों के आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 779 हितग्राहियों गरीबी रेखा में, मापदंड अनुसार पात्रता वाले पाये गये उनके कार्ड बनाये गये, शेष 924 हितग्राहियों के आवेदन निरस्त किये गये हैं। (ग) कुल 255 हितग्राहियों के पेंशन के आवेदन पत्र प्राप्त हुए। उनमें से पात्र रखने वाले 251 हितग्राहियों की पेंशन स्वीकृत की गई है, शेष 04 हितग्राहियों के आवेदन निरस्त किये गये हैं। (घ) जी नहीं। समस्त पात्र हितग्राहियों को बी.पी.एल. (गरीबी रेखा) के कार्ड प्रदाय किये गये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियम विरूद्ध तरीके से रायल्टी जारी करने पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
103. ( क्र. 5238 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परासिया विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत झुर्रेमाल को शासन द्वारा शासकीय निर्माण कार्यों के लिए रेत की रॉयल्टी प्रदान की गई है? जिसका उपयोग पंचायत के निर्माण कार्य हेतु किया जाना है? (ख) क्या विभाग में रेत की रॉयल्टी पर उपसरपंच को हस्ताक्षर कर जारी करने का कोई नियम है? यदि नहीं, है तो ग्राम पंचायत झुर्रेमाल के वर्तमान उपसरपंच के द्वारा किन नियमों के तहत रेत की रॉयल्टी जारी की गई है? (ग) अगर विभाग में उपसरपंच को रेत की रॉयल्टी पर हस्ताक्षर कर जारी करने का प्रावधान नहीं है तो ऐसे नियम विरूद्ध तरीके से रेत की रॉयल्टी पर हस्ताक्षर करने वाले ग्राम पंचायत झुर्रेमाल के उपसरपंच के उपर कानूनी कार्यवाही की जायेगी? अगर हाँ तो ग्राम पंचायत झुर्रेमाल के उपसरपंच के उपर कानूनी कार्यवाही किए जाने हेतु संबंधित अधिकारी को निर्देशित करेंगे।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन ग्राम पंचायत को रेत की रॉयल्टी प्रदान नहीं की गई है। अपितु प्रश्नाधीन ग्राम पंचायत को रेत खनिज के परिवहन हेतु तहसीलदार परासिया द्वारा रॉयल्टी मुक्त अभिवहन पार पत्र प्रदान किये गये हैं। (ख) प्रश्नांश (क) में लेख अनुसार ग्राम पंचायत को प्रदान किये गये रॉयल्टी मुक्त अभिवहन पार पत्र से खनिज परिवहन करने के लिये संबंधित वाहन चालक को प्रदान की जाती है। इस रॉयल्टी मुक्त अभिवहन पार पत्र में छूट प्राप्त व्यक्ति के हस्ताक्षर हेतु नियत स्थान पर सरपंच, उपसरपंच एवं सचिव, ग्राम पंचायत द्वारा हस्ताक्षर किये जा सकते हैं। प्रश्नाधीन ग्राम पंचायत के उपसरपंच द्वारा इसके अतिरिक्त कोई रॉयल्टी रसीदें जारी नहीं की गई हैं। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री अधोसरंचना के अन्तर्गत निर्माणाधीन सड़कें
[नगरीय विकास एवं आवास]
104. ( क्र. 5268 ) श्री
महेश राय :
क्या नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री
महोदया यह बताने
की कृपा
करेंगी कि (क) मुख्यमंत्री
अधोसरंचना के
अन्तर्गत
बीना शहर में
सड़क निर्माण
कार्य कराया
गया था, जिसकी
जाँच में पाया
गया था कि
घटिया सड़क
निर्माण
कराया गया है।
(ख) उक्त
प्रकरण की जाँच
उपरान्त
सड़क का पुन:
सड़क निर्माण
कराने के आदेश
प्रसारित
किये गये। (ग)
यदि हाँ,
तो आज दिनांक
तक सड़क
निर्माण
कार्य
प्रारंभ क्यों
नहीं किया गया? कब तक
करेंगे?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्रीमती माया
सिंह ) : (क) जी
हाँ। जी हाँ। (ख)
जी हाँ,
सड़क
निर्माण में
जो निर्माण स्तरहीन
पाये गये है, उसे
तुड़वाकर पुनर्निर्माण
कराये जाने का
लेख किया गया
है। (ग) जो
निर्माण स्तरहीन
पाये गये, उसका पुनर्निर्माण
संविदाकार
द्वारा नहीं
कराये जाने से
समस्त
बकाया/कटौत्रा
राशि राजसात
करने एवं
पुननिर्माण
के संबंध में
तकनीकी
मार्गदर्शन
का परिषद्
द्वारा संकल्प
पारित किया
गया है, परंतु
संचालनालय, नगरीय
प्रशासन एवं
विकास, म.प्र.
भोपाल द्वारा
मुख्य नगर
पालिका
अधिकारी, नगर
पालिका परिषद्
बीना को स्तरहीन
कार्य का पुनर्निर्माण
कराने एवं
संविदाकार को
काली सूची में
डालने की
कार्यवाही के
लिए पुन:
निर्देशित
किया गया है।
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
ग्राम मोई से पीपल्या कला तक सड़क, नाला निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
105. ( क्र. 5280 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खिलचीपुर विकासखंड के अंतर्गत ग्राम मोई से पीपल्याकला तक सड़क एवं नाले के निर्माण के लिए विभाग द्वारा कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो इस संबंध में डी.पी.आर. तैयार कर किस दिनांक को विभाग के भोपाल मुख्यालय को भेजी गई? (ख) विभाग के भोपाल मुख्यालय द्वारा प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित डी.पी.आर. पर प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही का विवरण उपलब्ध करावें। (ग) विभाग द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़क एवं पुलिया का निर्माण कब तक पूर्ण कराया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) महात्मा गांधी नरेगा के अंतर्गत सुदूर ग्राम संपर्क एवं खेत सड़क उपयोजना के ग्राम मोई से पीपल्याकला सड़क का निर्माण प्रगति पर है। योजना के तहत तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति के लिये राज्य स्तर से स्वीकृति आवश्यक नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं। (ग) महात्मा गांधी नरेगा के तहत निर्माण कार्य श्रमिकों द्वारा रोजगार की मांग एवं ग्राम पंचायत की सक्रियता पर आधारित होने से शासन द्वारा कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा नियत नहीं की जाती है।
महाविद्यालय खिलचीपुर की बाउण्ड्रीवॉल निर्माण
[उच्च शिक्षा]
106. ( क्र. 5281 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय महाविद्यालय खिलचीपुर की बाउण्ड्रीवॉल नहीं होने से अतिक्रमण बढ़ रहा है। यदि हाँ, तो अतिक्रमण रोकने, हटाने के लिए महाविद्यालय प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) शासकीय महाविद्यालय खिलचीपुर की बाउण्ड्रीवॉल बनाने के लिए महाविद्यालय प्रशासन की और से डी.पी.आर. किस दिनांक को उच्च शिक्षा विभाग के भोपाल मुख्यालय को भेजी गई? डी.पी.आर. पर मुख्यालय द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) शासकीय महाविद्यालय खिलचीपुर की बाउण्ड्रीवॉल अब तक तैयार नहीं होने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के नाम बतायें? इन अधिकारियों के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) शासकीय महाविद्यालय खिलचीपुर की बाउण्ड्रीवॉल कब तक तैयार हो जायेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) महाविद्यालय में बाउण्ड्रीवॉल नहीं है। किंतु महाविद्यालय की भूमि पर कोई अतिक्रमण नहीं है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) महाविद्यालय के पत्र दिनांक 10.09.2016 द्वारा प्रस्ताव भेजा गया, प्रस्ताव अपूर्ण होने के कारण पत्र दिनांक 18.11.2016, 28.01.2017, 17.02.2017, 02.03.2017 द्वारा लोक निर्माण विभाग से कमियों की पूर्ति कर पूर्ण प्रस्ताव भेजने हेतु लिखा गया। पूर्ण प्रस्ताव अप्राप्त है। (ग) प्रस्ताव पर निरन्तर कार्यवाही जारी है, अत: प्रश्नांश 'ख' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) समय-सीमा बतायी जाना सम्भव नहीं। वर्तमान में सीमित वित्तीय संसाधनों को दृष्टिगत कर राशि स्वीकृत किए जाने में कठिनाई है।
तहसील हुजूर जिला भोपाल के वार्ड क्रमांक 29 में अतिक्रमण
[नगरीय विकास एवं आवास]
107. ( क्र. 5300 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जिला भोपाल, तहसील हुजूर अंतर्गत नगर पालिका निगम भोपाल के वार्ड क्रमांक 29, नेहरू नगर, भोपाल में म.नं. एस-316 से 324 के सामने 20 फीट चौड़ी शासकीय सड़क पर झुग्गीयां बनी है तथा म.नं. एस 316 से 374 के बीचों बीच बने 20 हजार वर्गफीट शासकीय पार्क पर भू-माफियाओं/असामाजिक तत्वों द्वारा बलपूर्वक अतिक्रमण किया गया है? (ख) क्या जिला प्रशासन से उक्त अतिक्रमण हटाने के लिए नगर निगम, भोपाल द्वारा मदद मांगी गई है? यदि हाँ, तो विलंब के क्या कारण हैं? क्या नगर निगम को पुलिस फोर्स उपलबध करा दी जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक करा दी जाएगी? (ग) जिला प्रशासन तथा नगर निगम के तालमेल के अभाव में स्थानीय नागरिकों को भयंकर गंदगी/अतिक्रमण तथा असामाजिक तत्वों के बीच कब तक रहना पड़ेगा? यहां के नागरिकों को उक्त समस्या से कब तक निजात मिल पाएगी? (घ) क्या जिला प्रशासन संज्ञान लेकर उक्त अतिक्रमण हो हटाकर स्थानीय रहवासियों को भयंकर गंदगी/अतिक्रमण तथा असामाजिक तत्वों के आतंक से मुक्त करा सकता है? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक? उक्त समस्या का निराकरण न हो पाने में दोषी कौन है एवं दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लोक सेवा गांरटी अंतर्गत सेवाओं का निर्धारण
[लोक सेवा प्रबन्धन]
108. ( क्र. 5323 ) श्री लखन पटेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश लोक सेवा गारंटी अधिनियम में कितनी सेवाएं अधिसूचित हैं एवं कितनी सेवाएं चालू है? (ख) क्या दमोह जिले में अधिसूचित सेवाओं में से सभी चालू सेवाओं के आवेदन लोक सेवा केन्द्रों/विभागों के माध्यम से दर्ज हो रहे है? यदि नहीं, तो क्यों तथा किन-किन सेवाओं के आवेदन इस अधिनियम के माध्यम से दर्ज नहीं हो पा रहे हैं? सेवाओं की सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या लोक सेवा गारंटी अधिनियम में अधिसूचित सेवाओं के निराकरण, लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत ही किया जाना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो क्या सभी विभाग इसका पालन कर रहे हैं, नहीं तो क्यों? (घ) दमोह जिले में राजस्व विभाग की सेवा क्रमांक 4.13, 4.14 एवं 4.15 के कितने आवेदन लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत दर्ज किये गये हैं? तहसीलवार नवम्बर 2016 व दिसम्बर 2016 से प्राप्त आवेदनों के क्रमांक एवं आवेदन का नाम उपलब्ध करावें। (ड.) लोक सेवा केन्द्रों पर शासन द्वारा निर्धारित ए एवं बी केटेगिरी में क्रमश: 2000 एवं 1000 आवेदन न आने पर केन्द्र को VGF (Viability Gap Funding) की राशि का भुगतान शासन द्वारा किया जाता है क्या शासन ने ऐसा कोई नियम बनाया है जिससे आवेदन लोक सेवा केन्द्रों पर जाएं और शासन को यह राशि भुगतान न करना पड़े?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) अब तक 28 विभागों की 207 सेवाएं अधिसूचित हैं। इनमें से कुल 142 सेवाएं ऑनलाईन हैं, जो एम पी ई डिस्ट्रिक्ट पोर्टल, एमपी ऑनलाईन पोर्टल एवं अन्य विभागीय पोर्टल से प्रदाय की जा रही हैं। शेष सेवाएं विभागीय स्तर पर दी जा रही हैं। (ख) जी हाँ। दमोह जिले में ऑनलाईन सेवाओं के आवेदन लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से दर्ज हो रहे हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। संबंधित विभागों द्वारा इसका पालन किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) जी नहीं।
राष्ट्रीय चम्बल अभ्यारण में घड़ियालों की मृत्यु एवं अवैध उत्खनन
[वन]
109. ( क्र. 5368 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चम्बल सम्भाग के राष्ट्रीय चम्बल अभ्यारण्य में कितने अधिकारी-कर्मचारी कहाँ-कहाँ पदस्थ हैं? (ख) क्या इन कर्मचारियों की ड्यूटी अभ्यारण के घाटों पर लगाई जाती है? यदि हाँ, तो उनके द्वारा घड़ियालों की मृत्यु, अवैध उत्खनन की जानकारी 2015-16 में कितनी बार रिपोर्ट की तिथिवार पूर्ण जानकारी स्थानों सहित दी जावे? (ग) उक्त समय अवधि में अभ्यारण्य में कितने घड़ियाल मृत पाये, इनमें दुर्घटना में कितने एवं बीमारी से कितनों की मृत्यु हुई? (घ) उक्त समयावधि में अभयारण्य क्षेत्र में कितनी धनराशि किस-किस कार्य पर खर्च की गई, कार्य सहित पूर्ण जानकारी दी जावे।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। वर्ष 2015-16 की समयावधि में राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्य अंतर्गत घड़ियालों की कोई मृत्यु नहीं हुई है। वर्ष 2015-16 की अवधि में अवैध उत्खनन के 100 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी निरंक है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
प्रशासनिक व्यवस्था
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
110. ( क्र. 5403 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनु. क्षेत्रों में पैसा कानून पूर्ण रूप से लागू है? यदि नहीं, तो इसके लिए कौन उत्तरदायी है उस उत्तरदायी अधिकारी का नाम, पदनाम सहित बतावें इसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ख) क्या पैसा कानून की धारा 4 (ड.) (5) को अनु.जाति जनजाति के लोगों के रूपये/रकम लेने देने करने वाले सूदखोरों/साहूकारों पर नियंत्रण के लिए पूर्ण रूप से लागू किया गया है? यदि नहीं, तो इसके जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित बतावें इसके लिए उनपर कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) पैसा कानून की धारा 4 (ग) के तहत अनुसूचित क्षेत्रों में जिला स्तर के पंचायतों के लिए प्रशासनिक व्यवस्था बनाते समय राज्य विधान मंडल संविधान की छठी अनुसूची में दी गयी व्यवस्था को आर्दश रूप मानकर उसी तरह की व्यवस्था कब तक कायम करेगा? (घ) क्या पाँचवी अनुसूची क्षेत्रों में आने वाले जिलों में (स्वायत जिला परिषद्) का गठन किया गया है? यदि नहीं, तो इसके लिये कौन?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) संविधान की छठी अनुसूची प्रदेश में लागू नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता हैं। (घ) पाँचवी अनुसूची क्षेत्र में आने वाले जिलों में जिला पंचायतों का गठन किया गया है। प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
लेप्स राशि की जानकारी
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
111. ( क्र. 5409 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले के विभिन्न शासकीय विभागों में वित्तीय वर्ष 2016-17 में शासन की विभिन्न योजनाओं में प्राप्त आवंटन/राशि का समय पर उपयोग न करने के कारण प्रदत्त आवंटन/राशि लेप्स हुई अथवा राशि समर्पित की गयी है? कुल कितनी राशि 31 दिसम्बर 2016 तक लेप्स/समर्पित हुई है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार बतावें कि किस-किस विभाग को वित्तीय वर्ष 2016-17 में शासन की किन-किन योजनाओं के तहत प्रत्येक तिमाही में या एक मुश्त कितना-कितना आवंटन किस-किस मद में कब-कब आवंटित किया गया था तथा प्राप्त आवंटन/राशि में से संबंधित विभागों के द्वारा कब-कब और कितना-कितना व्यय किस-किस योजना में किस-किस कार्य में किया गया? (ग) समयावधि में आवंटन राशि का उपयोग न करने पर क्या उस विभाग को अगले वित्तीय वर्ष में कम राशि आवंटित की जाती है और समय पर आवंटित राशि का उपयोग न करने के कारण कई योजनाओं को भी वर्ष 2015-16 में बंद करना पड़ा था? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी योजनाओं वर्ष 2016-17 में इस कगार पर आ गयी है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) सागर जिले के विभिन्न शासकीय विभागों में वित्तीय वर्ष 2016-17 में शासन की विभिन्न योजनाओं में प्राप्त आवंटन/राशि का समय-सीमा में उपयोग न होने के कारण 31 दिसम्बर 2016 तक 3372.202 लाख लेप्स/समर्पित हुई है। संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) सागर जिले के विभिन्न विभागों को वित्तीय वर्ष 2016-17 में शासन की विभिन्न योजनाओं में विभागवार प्राप्त आवंटन एवं योजनावार व्यय की विभागवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं।
महिला स्व सहायता समूहों के गठन विषयक
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
112. ( क्र. 5424 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन के महिला नीति के अंतर्गत महिला स्व सहायता समूह के गठन की क्या प्रक्रिया निर्धारित है? (ख) क्या उपरोक्त प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सामान्य एवं BPL व अन्त्योदय कार्डधारी हितग्राहियों को स्व सहायता समूह गठन की मार्गदर्शिका समान है या पृथक से है यदि हाँ, तो इसकी भी जानकारी अलग-अलग प्रति सहित दी जावें? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश (क) (ख) में उल्लेखित समूहों को क्या-क्या सुविधाएं देने का प्रावधान है इसकी भी जानकारी अलग-अलग वर्ग वार (सामान्य, BPL, अन्त्योदय) आदि सहित दी जावे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) म.प्र.शासन की महिला नीति अंतर्गत स्व-सहायता समूह गठन की प्रक्रिया निर्धारित नहीं होने से जानकारी निरंक है। (ख) (क) के परिप्रेक्ष्य में निरंक। (ग) (ख) परिप्रेक्ष्य में निरंक।
नगर निगम सीमा क्षेत्र में संचालित डेयरी, क्रेशर एवं लकड़ी के टाल को अन्यत्र स्थापित करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
113. ( क्र. 5434 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सतना नगरनिगम सीमा क्षेत्र में संचालित डेयरी, क्रेशर एवं लकड़ी के टाल को प्रदूषण एवं आगजनी की घटना से बचाने के लिए तत्कालीन कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी सुखवीर सिंह द्वारा अपने आदेश पत्र क्र.531/8 दिनांक03/09/2010 एवं पत्र क्र.479/8/एस.डब्लू.2010 दिनांक 22 सितम्बर 2010 के जरिये छः वर्ष पूर्व इन कारोबारियों को नगरीय क्षेत्र की पाँच किलोमीटर सीमा से दूर करने के निर्देश दिए गए थे एवं संबंधितों के विरुद्ध धारा 188 के तहत कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए थे? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या उपरोक्त आदेशों पर अमल किया गया या नहीं? (ग) क्या तत्कालीन कलेक्टर के निर्देशों का आज दिनांक तक पालन नहीं कराया गया, जबकि शहर में NH-75 में प्रताप होटल के पास सतना-पन्ना मार्ग में, चौरसिया पेट्रोल पम्प के आगे-पीछे एवं गायत्री ट्रेडर्स के सामने कृष्णनगर में लकड़ी के टाल आज भी संचालित हैं एवं इसी तरह औद्योगिक क्षेत्र में कई क्रेशर स्थापित हैं जो संपूर्ण एरिया आवासीय क्षेत्र के दायरे में आता है? (घ) क्या प्रशासन द्वारा डेयरी, क्रेशर एवं टाल के करोबारियों को अपना व्यवसाय स्थापित करने के लिए ग्राम मटेहना में 83.95 एकड़ जमीन क्रमशः आराजी क्रमांक 59/2,78,79,80/1,329,330,331 आवंटित की गई थी, किन्तु आज दिनांक तक किसी ने इस भूमि का उपयोग नहीं किया? क्या शहर से इन व्यवसायियों को आवंटित जमीन में व्यवसाय सथापित करने हेतु कडाई से पालन सुनिश्चित कराया जाएगा? विवरण सहित बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर पालिक निगम, सतना सीमा क्षेत्र में संचालित डेयरी, क्रेशर एवं लकड़ी के टाल को प्रदूषण एवं आगजनी की घटना से बचाने के लिये तत्कालीन कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी सुखबीर सिंह द्वारा अपने आदेश क्रमांक 479/8/एस.डब्ल्यू/2010 दिनांक 03 सितम्बर 2010 के द्वारा 06 वर्ष पूर्व यह निर्देश दिये गये थे कि ''कोई भी व्यक्ति जिले के नगरीय क्षेत्र की सीमा तथा नगरीय क्षेत्रों की सीमा से लगे हुए ग्रामीण क्षेत्र के 05 किलोमीटर की सीमा के अंदर न तो कोई नया टाल या स्टोन क्रेशर खोल सकेगा न इससे संबंधित किसी प्रकार का नया व्यवसाय कर सकेगा एवं संबंधितों के विरूद्ध धारा 188 के तहत कार्यवाही करने के निर्देश भी दिये गये थे। (ख) उत्तर ''क'' में उल्लेखित आदेश दिनांक 03 सितम्बर 2010 के परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर जिला सतना के संशोधित आदेश क्रमांक 8/एस.डब्ल्यू/2010/531 दिनांक 22.09.2010 के द्वारा नगरीय क्षेत्र से 03 किलोमीटर की सीमा निर्धारित करने के आदेश जारी किये गये, जिसका अमल नगरीय क्षेत्र में किया जा रहा है। (ग) निर्धारित सीमा में संचालित डेयरी क्रेशरों एवं लकड़ी के टालों को ग्राम मटेहना तहसील रघुराजनगर की आराजी क्रमांक 59/2, 78, 79, 80/1, 329, 330, 331 में उद्योग विभाग, नगर पालिक निगम एवं वन विभाग के द्वारा व्यवस्थापन की कार्यवाही की जा रही है। (घ) जी हाँ, प्रशासन द्वारा डेयरी क्रेशर एवं लड़की के टाल के कारोबारियों को अपना व्यवसाय स्थापित करने के लिये ग्राम मटेहना में 83.95 एकड़ जमीन क्रमश: आराजी क्रमांक 59/2, 78, 79, 80/1, 329, 330, 331 आवंटित आराजी में व्यवसाय स्थापित कराने की कार्यवाही शीघ्र पूर्ण कराई जायेगी।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत कम्प्यूटर प्रशिक्षण कार्यक्रम
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
114. ( क्र. 5475 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सैडमेप द्वारा दिनांक 01/01/2013 से प्रश्न दिनांक तक सिवनी जिले में सी.आर.पी. (कम्प्यूटर ट्रेनिंग) के लिये म.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के साथ किये गये अनुबंध एवं अनुबंध के साथ संलग्न दस्तावेजों की जानकारी देवें? इसके लिये इन्हें कितना भुगतान वर्षवार किया गया? अन्य संस्थाओं को प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिये चयनित किस आधार पर किया गया? पूरी प्रक्रिया बतावें? (ख) सिवनी जिले में प्रश्नांश (क) अवधि में कितने प्रशिक्षण कार्यक्रम किन-किन संस्थाओं को किस प्रक्रिया के तहत दिये गये? पूर्ण विवरण, संस्था की जानकारी सहित देवें। किन-किन जगहों पर चयन प्रक्रिया किस प्रकार की गई? एक ही वित्तीय वर्ष में प्रशिक्षण हेतु एक ही संस्था को अधिकतम कितनी राशि के कार्य दिये जा सकते है, जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार मनमाने तरीके से बिना निविदा आमंत्रित किये ह्यूमन रिसोर्स संस्था बरघाट को वर्ष 2015-16 में राशि रूपये 13.60 लाख आवंटित किया गया है? यदि नहीं, तो इस कार्य हेतु कौन-कौन से समाचार पत्रों में विज्ञापन दिये गये, यदि हाँ, तो आबंटित करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (घ) क्या नियम विरूद्ध हुये भुगतान की शिकायत मान. मुख्यमंत्री को करने के बाद भी इसकी जाँच कराई गई? यदि हाँ, तो इसकी जाँच रिपोर्ट उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन एवं संस्था के मध्य कोई अनुबंध न होने के कारण दस्तावेज एवं भुगतान का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। अन्य संस्थाओं को प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिये जिला रोजगार समिति का गठन कर प्रस्तावों के परिक्षणोंपरांत न्यूनतम दर पर प्रशिक्षण हेतु चयनित किया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ग) जी हाँ। वर्ष 2015-16 में संस्थाओं को कौशल उन्नयन एवं नियोजन मार्गदर्शिका-3 के अनुसार जिला रोजगार समिति की बैठक में लिये गये निर्णय अनुसार प्रशिक्षण हेतु रू.13.60 लाख का आवंटन किया गया है जबकि मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत को रू.8.00 लाख की अधिकतम सीमा तक चयनित संस्था के साथ अनुबंध किये जाने के निर्देश है। अधिक व्यय के संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सिवनी का स्पष्टीकरण मांगा गया है। समयावधि बताना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है।
ग्राम पंचायतों में अनियमितताओं पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
115. ( क्र. 5476 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले की विधानसभा क्षेत्र सिवनी छपारा व लखनादौन क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक निर्माण कार्यों में गड़बड़ी करने, राशि का गबन करने, निर्माण कार्य के बिना राशि आहरित करने एवं अन्य आर्थिक अनियमितताओं की जाँच की गई है? यदि हाँ, तो किस-किस शासकीय अधिकारियों द्वारा की गई? (ख) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में जाँचकर्ता शासकीय सेवकों द्वारा क्या जाँच प्रतिवेदन दिये गये थे? साथ ही उक्त अवधि के दौरान जनपद पंचायतों में कौन मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर पदस्थ थे? (ग) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में क्या जाँच प्रतिवेदन पर समक्ष प्राधिकारी द्वारा निर्णय कर कार्यवाही की गई, यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
शिक्षित बेराजगारों को रोजगार उपलब्ध कराया जाना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
116. ( क्र. 5513 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले की उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र में सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम विभाग द्वारा कौन-कौन सी बेरोजगारी उन्मूलन एवं शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराये जाने हेतु क्या योजना संचालित है? (ख) उन उद्यमों द्वारा कितने उद्यमियों को लाभ पहुंच रहा है? (ग) क्षेत्र में बहुआयामी फसले जैसे गन्ना, गेहूँ, धान एवं दालों एवं सब्जियों का बहुतायात उत्पादन होता है। क्या ऐसे उत्पादनों के प्रसंस्करण औद्योगिक उत्पादन हेतु विभाग कृषि आधारित उद्योग लगाने के लिये शासन शिक्षित बेरोजगार एवं शिक्षित युवा कृषकों को प्रोत्साहित करने हेतु क्या कोई विशेष अभियान चलायेगा?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जी हाँ, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के द्वारा रायसेन जिले की उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र में शिक्षित बेरोजगारों को स्वयं का रोजगार उपलब्ध कराये जाने हेतु निम्न योजनाएं संचालित हैः- 1. प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम 2. मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना 3. मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना (ख) उक्त स्वरोजगार योजनाओं के अंतर्गत विगत तीन वर्षों में विधानसभा उदयपुरा क्षेत्रान्तर्गत निम्नानुसार हितग्राहियों को लाभ पहुँचाया गयाः-
क्रं. |
योजना |
लाभान्वित हितग्राही |
1 |
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम |
07 |
2 |
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना |
09 |
3 |
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना |
218 |
|
कुल |
234 |
(ग) मध्यप्रदेश उद्योग संवर्धन नीति, 2014 (दिनांक 22.08.2016 तक संशोधित) के तहत खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को प्रोत्साहित करने हेतु राज्य शासन द्वारा निवेश संवर्धन सहायता, विद्युत खपत सहायता, प्रमाणिकरण प्रतिपूर्ति, शोध एवं विकास को बढ़ावा देने के लिये प्रतिपूर्ति, परिवहन प्रतिपूर्ति,लागत पूंजी अनुदान एवं फूड पार्क/मेगा फूड पार्क के स्थापना पर अनुदान राशि की सुविधा दिये जाने का प्रावधान किया गया हैं। विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नगर निगम व नगर पालिका को अनुदान दिए जाना योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
117. ( क्र. 5536 ) श्री कैलाश चावला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगरीय विकास विभाग द्वारा अविकसित/अवैध कॉलोनी को विकसित किए जाने हेतु नगर निगम व नगर पालिका को अनुदान दिए जाने की योजना किस वर्ष स्वीकृत की गई थी। (ख) उक्त योजना के तहत् योजना लागू दिनांक से 31 दिसम्बर 2016 तक नीमच एवं मंदसौर जिले के किस नगरीय निकाय द्वारा प्रस्ताव विभाग को भेजे गए हैं। उक्त प्रस्तावों के प्रकाश में कितनी धनराशि किस किस नगरीय निकाय को किस दिनांक को आवंटित की गई है। (ग) आवंटित राशि का उपयोग प्रश्न दिनांक तक किस किस नगर पालिका/परिषद् द्वारा कर लिया गया है। किन निकायों द्वारा धनराशि व्यय नहीं हो सकी है, उक्त योजनाओं की प्रगति की समस्या हेतु किस स्तर पर कब कार्यवाही/समीक्षा की गई व समीक्षा में क्या परिणाम पाए गए क्या कई निकायों में अभी भी ऐसी अविकसित कॉलोनी हैं जिसमें बुनयादी सुविधाओं का अभाव होने से नागरिक कठिनाई का अनुभव कर रहे है। (घ) यदि हाँ, तो मनासा विधानसभा क्षेत्र में कितनी कॉलोनिया अविकसित/अवैध चिन्हित की गई उनके विकास हेतु विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) 06 सितम्बर 2013 में दिशा निर्देश जारी किये गये हैं, लेकिन नियमों में संशोधन की कार्यवाही प्रचलन में हैं। (ख) योजना लागू दिनांक 31 दिसम्बर 2016 तक नीमच एवं मंदसौर जिले के किसी भी नगरीय निकायों द्वारा विभाग को प्रस्ताव नहीं भेजे गए हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में राशि के उपयोग एवं समीक्षा का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी हाँ, कई निकायों में अभी भी ऐसी अविकसित कॉलोनिया हैं, जिनमें बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। (घ) मनासा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तीन नगरीय निकाय है जिसमें से नगर परिषद् कुकड़ेश्वर एवं नगर परिषद् रामपुरा में अविकसित/अवैध कॉलोनियां नहीं है, नगर परिषद् मनासा में 03 अवैध एवं 09 अविकसित कॉलोनियां चिन्हित की गई है, इनके विकास हेतु म.प्र. नगर पालिका (कालोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण निर्बंधन तथा शर्त) नियम 1998 के प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही की जा रही हैं।
सकल घरेलू उत्पाद
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
118. ( क्र. 5574 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत पाँच वर्षों की GSDP की जानकारी कृषि क्षेत्र उद्योग क्षेत्र सर्विस सेक्टर तथा अन्य सभी सेक्टर जिसका इसमें समावेश होता है वर्षवार अलग-अलग सेक्टर सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) विगत तीन वर्षों में ऐसा कब-कब हुआ है कि राज्य द्वारा भेजे गये आंकड़ों को केन्द्र शासन ने मानने से इनकार कर दिया हो? भेजे गये आंकड़े तथा केन्द्र शासन द्वारा संशोधित आंकड़ों की जानकारी दें? (ग) क्या राज्य शासन ने अपना पक्ष रखा? यदि हाँ, तो जो पक्ष रखा उसकी प्रति उपलब्ध करावें? (घ) यदि केन्द्र शासन ने राज्य शासन का पक्ष नहीं स्वीकार किया हो तो ऐसी जानकारी भेजने के लिए दोषियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा GSDP का 3.5 प्रतिशत तक कर्ज की सीमा बढ़ाने संबंधी आदेश की प्रति उपलब्ध करावें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जी ऐसा नहीं हुआ है। क्योंकि भेजे गये आकंड़ों को केन्द्र शासन संशोधन नहीं करता। (ग) ऐसी परिस्थिति ही निर्मित नहीं हुई। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवीन तालाब, स्टॉपडेम, बैराज निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
119. ( क्र. 5588 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के अंतर्गत ग्राम संसद में प्राप्त प्रस्तावों में से नवीन तालाब/स्टॉपडेम/बैराज निर्माण के लिए क्या सर्वे किये गए है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नवीन जल संरचनाओं को क्या विभाग की नवीन साध्यता सूची में दर्ज किया गया है? यदि हाँ, तो उपखण्ड शुजालपुर में कौन-कौन सी नदियों/नालो पर बैराज/स्टॉपडेम तथा किन किन तालाबों को साध्यता में दर्ज किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित नवीन जल संरचनाओं में से जल संसाधन विभाग किस किस का निर्माण करेगा? प्रश्न दिनांक तक किस किस नवीन जल संरचनाओं की स्वीकृति प्रदान की गई है? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अभियान में प्राप्त प्रस्तावों के कार्यों को कब तक पूर्ण करने का लक्ष्य है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के तहत प्राप्त आवेदनों के अनुसार चिन्हित स्थलों का निरीक्षण जल संसाधन विभाग के अभियंताओं द्वारा किया जाना प्रतिवेदित है। (ख) जी हाँ। 36 परियोजनाओं की साध्यता की जानकारी जल संसाधन विभाग की वेबसाईट में दर्ज किया जाना प्रतिवेदित है। जल संसाधन विभाग से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) साध्यता सूची में दर्शित 36 परियोजनाओं की जीवित जल क्षमता न्यूनतम होने के कारण परियोजनाएं तकनीकी मापदण्ड पर साध्य नहीं पाई गई हैं। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
वर्किंग प्लान में शामिल भूमि
[वन]
120. ( क्र. 5657 ) श्री मंगल सिंग धुर्वे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के किस वनमंडल के वर्किंग प्लान में कितनी संरक्षित वन भूमि कितनी नारंगी वन भूमि एवं कितनी आरक्षित वन बनाए जाने के लिए प्रस्तावित भूमि शामिल कर ली है? इनमें से कितनी भूमियों के वनकक्ष मानचित्र वन विभाग ने ही तैयार किए हैं? (ख) संरक्षित वन भूमि नारंगी वन भूमि एवं आरक्षित वन बनाए जाने के लिए प्रस्तावित भूमि के वनकक्ष मानचित्र तैयार करने का अधिकार भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 5 से 19 तक में किस अधिकारी को दिया गया है? उस अधिकारी से वन विभाग ने कितने वनकक्ष मानचित्र प्रश्नांकित दिनांक तक स्वीकृत करवाए हैं या अनुमोदित करवाए हैं? (ग) वन व्यवस्थापन अधिकारी से वनकक्ष मानचित्र स्वीकृत करवाए बिना या अनुमोदित करवाए बिना ही वर्किंग प्लान में भूमि शामिल कर वनकक्ष मानचित्र बनाए जाने का क्या कारण रहा है? (घ) वर्किंग प्लान में शामिल संरक्षित वन नारंगी वन एवं आरक्षित वन बनाए जाने के लिए प्रस्तावित भूमि के वनकक्ष मानचित्र का व्यवस्थापन अधिकारी से अनुमोदित करवाए जाने या स्वीकृत करवाये जाने के संबध में वन विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है व कब तक करेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कार्य आयोजना में वन प्रबंधन हेतु सम्मिलित की गई वन भूमियों के मानचित्र वन विभाग द्वारा तैयार किये गये हैं। (ख) वनकक्ष मानचित्र बनाने के अधिकार भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-5 से 19 के संदर्भ में जानकारी निरंक है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भारतीय वन अधिनियम 1927 धारा 27 एवं 34 के संबंध में
[वन]
121. ( क्र. 5658 ) श्री
मंगल सिंग
धुर्वे :
क्या वन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) भारतीय
वन अधिनियम 1927 की धारा 27 एवं
धारा 34
में क्या
प्रावधान है? इन धाराओं
के अनुसार
अधिसूचित
भूमियों को संरक्षित
वन असीमांकित
वन अवर्गीकृत
वन नारंगी वन
समझे गए वन
माने जाने का
प्रावधान किस
कानून की किस
धारा में दिया
है? (ख) धारा
27 एवं
धारा 34
में अधिसूचित
भूमियों
सर्वोच्च
अदालत की
सिविल याचिका
क्रमांक 202/95 में किस दिनांक
के
आदेशानुसार
किस कानून के
दायरे में आने
वाली वन भूमि
परिभाषित
किया कर वन
विभाग को क्या
क्या अधिकार
एवं छूट दी गई
है?
आदेश की प्रति
सहित बतावें। (ग) धारा
27 एवं
धारा 34(अ)
में अधिसूचित
बैतूल जिले
में कितने
ग्रामों की
कितनी भूमि को
वन विभाग ने नारंगी
भूमि सर्वे, नारंगी
वनखण्ड एवं नारंगी
भूमि के आंकड़ों
में किसकी
अनुमति या
सहमति से
शामिल किया? इन
भूमियों के
संबंध में वन
मुख्यालय
सतपुड़ा भवन
भोपाल ने किस दिनांक
को क्या आदेश
या निर्देश
दिए? (घ) निर्वनीकृत
भूमियों को नारंगी
भूमि सर्वे, नारंगी
वनखण्ड एवं नारंगी
भूमि के
आंकड़ों में
शामिल किए
जाने के लिए
कौन जिम्मेदार
एवं दोषी है? उसका पद
एवं नाम सहित
बतावें?
वन
मंत्री ( डॉ.
गौरीशंकर
शेजवार ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-एक
अनुसार है। शेष
का प्रावधान
इन धाराओं में
नहीं है। (ख) दिनांक
12.12.1996 आदेश
प्रति पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-दो
अनुसार है। उक्त
आदेश में
प्रश्नांश
में उल्लेखित
निर्वनीकृत
भूमियों के
संबंध में कोई
उल्लेख नहीं
है। (ग) एक
ग्राम की 3.658 हेक्टेयर
भूमि सर्वे
में शामिल की
गई। अधिसूचित
दोनों
ग्रामों की
कोई भी भूमि
वनखण्ड में
शामिल नहीं की
गई। भारतीय वन
अधिनियम,
1927 की
धारा-34 (अ) में
अधिसूचित
किये गये 829
ग्रामों से 744
ग्रामों की 39,411.473 हेक्टेयर
भूमि नारंगी
इकाई के
प्रारंभिक
सर्वे में
शामिल की जाकर
61
ग्रामों की 3,192.091 हेक्टेयर
भूमि वनखण्डों
में शामिल की गई।
उक्त
भूमियां
विभागीय
परिपत्र
दिनांक 14.05.1996 की
कंडिका-3
में जारी
निर्देशों के तहत्
सम्मिलित की
गई। वन मुख्यालय, सतपुड़ा
भवन, भोपाल
से जारी निर्देश
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-तीन
अनुसार है। (घ)
जानकारी
निरंक है।
वन विभाग अतंर्गत समितियों में कार्यरत श्रमिकों को भुगतान
[वन]
122. ( क्र. 5671 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में वन विभाग के अतंर्गत कुल कितनी व कौन-कौन सी वन समितियां कहाँ-कहाँ कार्य कर रही हैं? इनके कितने श्रमिक कितने पारिश्रमिक पर कहाँ-कहाँ कार्य कर रहे हैं? विकासखण्डवार/समितिवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे? (ख) उक्त वन समितियों में कार्यरत श्रमिकों अथवा कर्मचारियों से शासन द्वारा क्या-क्या कार्य लिये जाने के नियम/निर्देश हैं? कर्तव्य सूची की छायाप्रति एवं इनकी उपस्थिति के संबंध में क्या नियम/निर्देश हैं? (ग) क्या उक्त वन समितियों में संलग्न श्रमिकों को उनके देयकों का भुगतान मासिक/त्रैमासिक अर्द्ध-वार्षिक/वार्षिक किया जाता है? चैक द्वारा या नकद किया जाता है? जनवरी 2016 के उपरांत किस-किस माह का कितने श्रमिकों को कितना भुगतान किया गया तथा किन-किन माहों का भुगतान किन कारणों से होना शेष है? कब तक किया जायेगा? (घ) क्या उक्त समितियों के श्रमिकों से दतिया जिले के अधिकारियों द्वारा नियम विरूद्ध निजी एवं घरेलू कार्यों में तथा जिले से बाहर कार्यों में लगाया गया है? फलस्वरूप विभाग के कार्य प्रभावित हो रहे हैं, साथ ही शासन के लाखों रूपयों का दुरूपयोग हो रहा है? यदि नहीं, तो क्या जाँच कराई जावेगी कि कौन-कौन श्रमिक कहाँ-कहा कब से कार्य कर रहे हैं? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन दोषी है? उनके खिलाफ कब और क्या कार्यवाही की जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) 61 ग्राम वन समिति। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) वन सुरक्षा एवं रख-रखाव। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' एवं 'स' अनुसार है। उपस्थिति के संबंध में कोई अलग से नियम/निर्देश नहीं है। (ग) ई-भुगतान मासिक रूप से किया जाता है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। जनवरी-फरवरी, 2017 का सुरक्षा श्रमिकों का भुगतान बजट उपलब्ध होने पर कर दिया जावेगा। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कारखाना/उद्योग स्थापना की अनुमतियां
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
123. ( क्र. 5674 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दतिया जिले के विकासखण्ड सेवढ़ा के अंतर्गत आने वाले ग्राम छीटपुरा में कोई कारखाना या उद्योग की स्थापना की गई है? यदि हाँ, तो उक्त कारखाने का नाम/पता/उसका कार्य लागत राशि/वित्त पोषित संस्था/बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के नाम/पद/संलग्न कर्मचारी स्टॉफिंग पैटर्न की जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) उक्त कारखाने की योजना का निर्माण शासन के किस विभाग द्वारा किया गया? इसमें शासन के किस-किस विभाग से अनुमति/सहमति लेने के नियम हैं? योजना एवं शासन के नियम/निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध कराई जावे? क्या शासन के नियम अनुसार इस प्रकरण में समस्त अनुमतियां ली गई हैं? (ग) क्या इस कारखाने में उत्पादन में कोई केमिकल का उपयोग किया जायेगा? यदि हाँ, तो किसका? क्या उत्पादन से कोई हानिकारक ठोस, द्रव्य या गैस निकलेंगे? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी इनके रख-रखाव निकासी के लिये क्या व्यवस्था की गई है? (घ) क्या शासन के नियमों का उल्लंघन करते हुये कई आवश्यक अनुमतियों के अभाव में इस कारखाने में उत्पादन कार्य प्रारंभ कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्या पूरे प्रकरण की जाँच कराई जावेगी? इसके लिये कौन-कौन दोषी हैं? उनके खिलाफ कब और क्या कार्यवाही की जायेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) दतिया जिले के विकासखण्ड सेवढ़ा के अंतर्गत आने वाले ग्राम धीरपुरा में मेसर्स माँ पीताम्बरा शुगर एवं पावर लिमिटेड की स्थापना की गयी है। जिसका उत्पाद जैगरी एवं जैगरी पाउडर हैं। अन्य जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। संदर्भित क्षेत्र में वृहद श्रेणी का कोई उदयोग स्थापित नहीं हैं। (ख) उक्त कारखाने की योजना का निर्माण शासन दवारा नहीं किया गया हैं। उदयोग दवारा मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जल अधिनियम 1974 की धारा 25/26 एवं वायु अधिनियम 1981 की धारा 21 के अंतर्गत स्थापना सम्मति प्राप्त की गई है। अन्य संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है। (ग) कारखाने के उत्पादन में किसी भी प्रकार के कैमिकल का उपयोग नहीं किया जा रहा है। उत्पादन से कोई हानिकारक ठोस, द्रव्य एवं गैस नहीं निकलती हैं। (घ) इकाई दवारा शासन की आवश्यक अनुमतियां प्राप्त करने के बाद ही उत्पादन प्रारंभ किया है। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
वन कर्मचारियों को समयमान वेतनमान
[वन]
124. ( क्र. 5679 ) चौधरी चन्द्रभान सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन भोपाल के आदेश क्रमांक एफ 11-17/2014 नियम 4 दिनांक 08/09/2014 के पालन में प्रथम, द्वितीय, तृतीय समयमान वन विभाग के वनरक्षकों को नियुक्त दिनांक से 10-20-30 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के उपरांत दिये जाने के आदेश मध्यप्रदेश शासन को उक्त आदेश के कंडिका 2/4 के पालन में वनमंडलों को पालन हेतु दिये गये हैं? यदि हाँ, तो उक्त आदेश का पालन आज दिनांक तक किन-किन वनमंडलों द्वारा किया गया है एवं कितने वन मंडलों द्वारा नहीं किया गया है? जिनके द्वारा उक्त आदेश का पालन नहीं किया गया है उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या क्रमांक एफ 03/58/2009/10-01-28/08/2015 एवं स्था. 45,48 दिनांक 01/09/2015 से आदेश होने के बाद भी आज तक नियुक्त दिनांक से समयमान वेतनमान नहीं दिया गया है? यदि हाँ, तो क्यों। (ग) क्या वनरक्षकों के समयमान वेतनमान नियुक्त दिनांक से दिलाने हेतु प्रक्रिया प्रचलन में है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो कब तक तीनों समयमान वेतनमान प्रदान किया जायेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी, नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। शासन के उपरोक्त निर्देशानुसार वनमण्डलाधिकारियों द्वारा समयमान वेतनमान दिया गया, परन्तु संबंधित जिले के कोष एवं लेखा द्वारा प्रशिक्षण दिनांक से 10 वर्ष, 20 वर्ष एवं 30 वर्ष का समयमान वेतनमान दिये जाने की टीप अंकित की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
वन कर्मचारियों के वेतनमान
[वन]
125. ( क्र. 5680 ) चौधरी चन्द्रभान सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य के वन कर्मचारियों/अधिकारियों को ब्रम्हस्वरूप वेतन आयोग व अग्रवाल वेतन आयोग द्वारा की गई अनुशंसा छठवें वेतन आयोग में पुलिस राजस्व विभाग के समान वेतनमान स्वीकृत के प्रस्ताव स्था./02/319 दिनांक 22/01/2010 के पूर्व अर्द्धशासकीय टीप क्रमांक 61 दिनांक 10/01/2018 के द्वारा भेजी गई है। यदि हाँ, तो इसे कब तक लागू किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या प्रान्ताध्यक्ष वन कर्मचारी संघ के पत्र क्रमांक स्था./02/319/दिनांक 22/01/2010 के माध्यम से वेतनमान की अनुशंसा के संबंध में अवगत कराया गया है? पदवार वेतनमान स्वीकृति के प्रस्ताव शासन को मंत्री परिषद् से अनुमोदन हेतु भेजे गये हैं, जिनमें 01. वनक्षेत्रपाल का वेतनमान 6500-200-10500, 02. उप-वनक्षेत्रपाल का वेतनमान 5500-175-9000, 03. वनपाल का वेतनमान 4500-125-7000, 04. वनरक्षक का वेतनमान 3500-5200 है। यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या उक्त वेतनमान वन कर्मचारियों को 01/01/2006 से छठवें वेतनमान में स्वीकृत होना था? यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृत किया जायेगा यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या वन कर्मचारियों को वेतनमान देने हेतु भारत सरकार एवं वन मंत्रालय के पत्र क्रमांक एफ नं. 110011/01/2006/डीआईआर आईफएस 25/01/2007 द्वारा वन कर्मचारियों को वेतनमान वनक्षेत्रपाल का 7450-11500 उप-वनक्षेत्रपाल का 6500-10500 एवं वनपाल का 5500 देने हेतु अनुशंसा की गई है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक कार्यवाही की जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (ग) प्रश्न में उल्लेखित टीप दिनांक 10.01.2018 को न प्राप्त होकर अपितु दिनांक 10.01.2008 को विभाग में प्राप्त हुई थी। वन कर्मचारी संघ का पत्र विभाग में अप्राप्त। शासन के विभिन्न विभागों के अंतर्गत गठित सिविल सेवाओं के सदस्यों की देय वेतन सुविधाओं में सापेक्षता के बिन्दु पर मंत्रि-परिषद् आदेश प्राप्त करने की कार्यवाही सामान्य प्रशासन विभाग तथा वित्त विभाग द्वारा समन्वय में की जाती है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। भारत सरकार एवं वन मंत्रालय का उक्त पत्र संयुक्त सचिव, छठवें वेतन आयोग भारत सरकार, नई दिल्ली को संबोधित था। शेष उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार।
महाविद्यालयों का समुचित संचालन
[उच्च शिक्षा]
126. ( क्र. 5686 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के 1000 से अधिक छात्र संख्या वाले सभी महाविद्यालयों में रजिस्ट्रारों की पदस्थापना कर आहरण संवितरण कार्यों में लगे अप्रशिक्षित प्राध्यापकों को अध्यापन कार्यों हेतु वित्तीय कार्यों से मुक्त कर दिया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) में प्रश्नांकित महाविद्यालयों की संख्या के साथ ही रजिस्ट्रारों के स्वीकृत भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी दें। (ग) क्या उच्च शिक्षा विभाग के पत्र क्रमांक 2730/उशिवि./प्रसनिका/2016 भोपाल, दिनांक 16/12/2016 द्वारा प्रदेश के सभी महाविद्यालयों पर वित्तीय अनियमितताओं की शंका व्यक्त की गई है और साथ ही सभी मदों को एक ही कैशबुक में संधारित किये जाने वाले पत्रकों की कोष एवं लेखा (वित्त विभाग) द्वारा अनुमोदित पुस्तिका सीधी जिले के महाविद्यालयों को उपलब्ध करा दी गई है। यदि नहीं, तो कब तक करा दी जावेगी? सीधी जिले में शासकीय महाविद्यालयों में लेखापाल सहायक ग्रेड-2 एवं सहायक ग्रेड-3 के स्वीकृत भरे रिक्त पदों की महाविद्यालयवार सूची दें। (घ) महाविद्यालय शिक्षकों एवं अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति/संलग्नीकरण द्वारा पदस्थों को इनके मूल कार्य हेतु मूल स्थान में वापस कर दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) प्रदेश के 1000 से अधिक छात्र संख्या वाले ऐसे सभी महाविद्यालयों में रजिस्ट्रार के पद स्वीकृत न होने के कारण पदस्थापना करना संभव नहीं है। जिन महाविद्यालयों में आहरण संवितरण के कार्य हेतु पदस्थ प्राध्यापकों को नियुक्त किया जाता है। उनके द्वारा अध्यापन कार्य के अतिरिक्त आहरण संवितरण कार्य संपादित किये जाने के कारण उन्हें मुक्त करने से महाविद्यालय के आहरण संवितरण का कार्य प्रभावित हो जाएगा, अतः मुक्त करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) 1000 से अधिक छात्र संख्या वाले महाविद्यालयों की संख्या 164 है। रजिस्ट्रार के स्वीकृत, भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ग) जी हाँ। सभी मदों के आय-व्यय की एक ही कैशबुक संधारित हो, से तात्पर्य यह है कि निर्धारित एम.पी.टी.सी. 09 के अंतर्गत ही कैशबुक हो, न कि अलग से। दिनांक 16.12.16 की कण्डिका-01 में यही लिखा गया है। अतः वित्त विभाग से अन्य कैश-पुस्तिका का पृथक से अनुमोदन का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। सीधी जिले में लेखापाल, सहायक वर्ग-2 एवं सहायक वर्ग-3 के स्वीकृत, भरे एवं रिक्त पदों की महाविद्यालयवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जी हाँ। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं।
नगर पालिका अध्यक्ष को पद से पृथक किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
127. ( क्र. 5704 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या डबरा नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती सत्यप्रकाशी परसेड़िया को दिनांक ३० जनवरी २०१५ को प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन विभाग भोपाल द्वारा दो वर्ष के लिये अयोग्य घोषित किया गया है? (ख) क्या माननीय उच्च न्यायालय की खण्डपीठ ग्वालियर की डबल बैंच द्वारा ०७ सितम्बर २०१५ द्वारा निर्णय पारित किया जिसमें कलेक्टर महोदय ग्वालियर को कार्यवाही करने हेतु ९० दिवस का समय निर्धारित किया गया? यदि हाँ, तो निर्धारित समय में क्या कार्यवाही की गई? विवरण उपलब्ध करावें। यदि नहीं, की गई तो इसमें कौन दोषी है और उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों (ग) क्या कलेक्टर महोदय जिला ग्वालियर के निर्देश के पालन में उपसंचालक ग्वालियर द्वारा उक्त प्रकरण में जाँच कर दिनांक २० जुलाई २०१६ को नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती सत्यप्रकाशी परसेड़िया को दोषी पाकर कार्यवाही हेतु संचालक, नगरीय प्रशासन भोपाल को पत्र प्रेषित किया गया है? यदि हाँ, तो संचालक द्वारा उक्त प्रकरण में दोषियों के विरूद्ध अपराधिक मामला दर्ज कराने व नगरपालिका को हुई आर्थिक क्षतिपूर्ति की कार्यवाही क्यों नहीं की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ, माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ, ग्वालियर द्वारा याचिका क्रमांक 5953/2015 में दिनांक 07.09.2015 द्वारा पारित निर्णय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। के अनुपालन में कलेक्टर जिला ग्वालियर के आदेश दिनांक 04.02.2016 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है, के अनुसार संभागीय उपसंचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास ग्वालियर संभाग ग्वालियर द्वारा प्रकरण की जाँच की जाकर जांच प्रतिवेदन पत्र दिनांक 20.07.2016 द्वारा कलेक्टर ग्वालियर के पत्र दिनांक 29.07.2016 द्वारा आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास को प्रेषित किया गया। जांच प्रतिवेदन के परिप्रेक्ष्य में संचालनायल नगरीय प्रशासन एवं विकास के पत्र दिनांक 05.12.2016 द्वारा श्री अनिल कुमार दुबे, तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री प्रदीप जादौन तत्कालीन सहायक यंत्री एवं श्री सत्येन्द्र यादव, तत्कालीन उपयंत्री नगर पालिका परिषद् डबरा को आरोप-पत्र जारी किये गये हैं एवं श्रीमती सत्यप्रकाशी परसेड़िया, अध्यक्ष एवं श्री कमलेश पाठक तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी (सेवानिवृत्त) के विरूद्ध कार्यवाही प्रचलित है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। दोषियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही उत्तरांश (ख) में वर्णित है, प्रकरण में गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही प्रचलित है, इसलिये शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
घरौंदा योजना के हितग्राहियों से ब्याज राशि की वसूली
[नगरीय विकास एवं आवास]
128. ( क्र. 5747 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भोपाल विकास प्राधिकरण द्वारा ग्राम सलैया घरौंदा योजना के अतंर्गत समय-सीमा में भवन उपलब्ध न कराने के कारण इस योजना में पंजीकृत उम्मीदवारों द्वारा अपनी राशि वापिस करने की मांग बोर्ड से की गई? ऐसी स्थिति में बोर्ड द्वारा हितग्राहियों की लाखों रूपये की राशि का उपभोग बोर्ड द्वारा किया गया और बोर्ड द्वारा हितग्राहियों की राशि पर ब्याज न देते हुए मूल राशि में से भी 15 से 20 प्रतिशत की कटौती कर राशि इन अल्प आय वाले हितग्राहियों को वापिस की गई? (ख) क्या प्राधिकरण द्वारा जिस प्रकार संपूर्ण राशि जमा न करने पर आवंटियों से 15 से 20 प्रतिशत दाण्डिक ब्याज लगाते हुए राशि की वसूली की जाती है? यदि प्राधिकरण द्वारा समय-सीमा में आवास उपलब्ध न कराने पर आवंटियों द्वारा अपनी राशि वापिस ली जाती है, तो प्राधिकरण द्वारा जमा राशि पर एक ओर तो नियमानुसार ब्याज नहीं दिया जाता वहीं दूसरी ओर आवंटियों से 15 से 20 प्रतिशत राशि की कटौती कर ली जाती है, यह किन नियमों के तहत् कटौती की जाती है? नियमों की छायाप्रति दें। क्या यह न्यायोचित है? (ग) प्रश्नांकित योजना में अल्प आय वर्गीय अफोर्डेबेल हितग्राहियों के द्वारा जमा कराई गई राशि में कटौती कर संचालक मण्डल के निर्णय जिसमें आवेदकों की राशि राजसात कर ली जाती है, क्या यह नियम विरूद्ध नहीं है? क्या प्राधिकरण ऐसे हितग्राहियों की जमा राशि पर ब्याज देते हुए कटौती की गई राशि को वापिस करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) प्राधिकरण द्वारा स्वयं वित्तीय योजना अर्थात हितग्राहियों से प्राप्त राशि के तहत् सलैया घरौंदा योजना में प्रकोष्ठों का निर्माण किया गया है। संचालक मण्डल के निर्णय क्रमांक 1968/15 के अनुसार एल.आई.जी. व ई.डब्ल्यू.एस. प्रकोष्ठों के हितग्राहियों की प्रथम किश्त देय दिनांक के पूर्व पंजीयन राशि वापसी पर 10 प्रतिशत एवं अंतिम किश्त की देय दिनांक के पूर्व 20 प्रतिशत राशि की कटौती कर शेष जमा राशि को बिना ब्याज के वापिस करने का निर्णय लिया गया है। जमा किश्त वापिस करने पर ब्याज देने का कोई प्रावधान नहीं है। (ख) प्राधिकरण द्वारा निर्धारित, किश्त की राशि आवंटी द्वारा विलंब से जमा करने पर विलंब अवधि का ब्याज 12 प्रतिशत की दर से अधिरोपित किया जाता है। आवंटितों द्वारा अपनी राशि वापिस ली जाती है, तो संचालक मण्डल के निर्णय क्रमांक 1968/15 दिनांक 30/10/2015 के अनुसार पंजीयन राशि का 10 प्रतिशत एवं 20 प्रतिशत राशि कटौती की जाती है। संचालक मंडल के निर्णय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। मध्यप्रदेश शासन आवास एवं पर्यावरण विभाग मंत्रालय के ज्ञापन क्रमांक एफ-23-44/2010/32-1 दिनांक 09/11/2011 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है, कि शर्त क्रमांक 5.4 में यह उल्लेखित है कि आवंटियों से आवास का निर्धारित मूल्य प्राप्त करने के लिए आवश्यक समय सारणी संबंधित प्राधिकरण द्वारा निर्धारित की जायेगी। उक्त समय सारणी के अनुसार राशि जमा नहीं करने की स्थिति में भी आंवटन निरस्त कर भवन अन्य योग्य आवंटी को दिया जा सकेगा। ऐसी स्थिति में संबंधित आवंटी द्वारा पूर्व में जमा राशि राजसात कर ली जावेगी के अनुसार 1 बी.एच.के. प्रकोष्ठ के आवंटन निरस्त करने पर पंजीयन राशि रू. 45000/- राजसात कर ली जा रही है एवं 2 बी.एच.के. प्रकोष्ठ के आवंटन निरसत करने पर पंजीयन राशि रू. 100000/- राजसात किया जाता था परन्तु प्राधिकरण द्वारा संचालक मण्डल के निर्णय क्रमांक 1968/15 दिनांक 30/10/2015 एवं 20 प्रतिशत राशि ही राजसात की जा रही है। (ग) मध्य प्रदेश शासन आवास एवं पर्यावरण विभाग मंत्रालय के ज्ञापन क्रमांक एफ-22-44/2010/32-1 दिनांक 09/11/2011 में जमा राशि राजसात करने का प्रावधान है। जबकि प्राधिकरण द्वारा प्रथम किश्त के देय दिनांक के पूर्व आवंटन निरस्त करने पर पंजीयन राशि का 10 प्रतिशत एवं अंतिम किश्त की देय दिनांक के पूर्व आवंटन निरस्त करने पर 20 प्रतिशत राशि की कटौती कर शेष जमा राशि को बिना ब्याज के वापिस करने का प्रावधान है। इस तरह हितग्राहियों को प्राधिकरण द्वारा लाभ ही पहुँचाया जा रहा है। प्राधिकरण न लाभ न हानि के सिद्धांत पर काम करता है, ऐसी स्थिति में हितग्राहियों की जमा राशि पर ब्याज देते हुए कटौती की गई राशि को वापिस किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत बनाया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
129. ( क्र. 5756 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या गुना जिले के गुना/बमोरी विधानसभा में बड़ी ग्राम पंचायतें हैं जिन्हें नगर पंचायत बनाई जाना है? यदि हाँ, तो नगर पंचायत बनाने का क्या प्रावधान है? (ख) क्या माननीय मुख्यमंत्री द्वारा म्यावना ग्राम पंचायत में गुना एवं बमोरी ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत बनाने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो अब तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) गुना जिले की ग्राम पंचायतें म्यावना, बमोरी, रामपुर कालोनी को नगर पंचायत किस नीति से और कब तक नगर पंचायत घोषित किया जावेगा। विवरण सहित अवगत करावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं, गुना जिले के गुना/बमोरी विधानसभा क्षेत्र में ऐसी कोई ग्राम पंचायत नहीं हैं। मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 584 दिनांक 27 दिसम्बर 2011 में प्रकाशित अधिसूचना तथा मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 5 में नगर परिषद् के लिये संक्रमणशील क्षेत्र के गठन का प्रावधान है। (ख) जी हाँ, माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा जन आशीर्वाद रैली म्याना में दिनांक 17 सितम्बर 2008 को ग्राम पंचायत म्याना जिला गुना को नगर पंचायत (परिवर्तित नाम नगर परिषद्) को बनाने की घोषणा की गई थी, इस संबंध में कलेक्टर कार्यालय गुना के पत्र क्रमांक 913 दिनांक 24.09.2008 के द्वारा ग्राम पंचायत म्याना का ठहराव प्रस्ताव आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रमुख सचिव, नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल को भेजा गया था। परंतु उपरोक्त ग्राम पंचायत मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 584 दिनांक 27 दिसम्बर 2011 अधिसूचना अनुसार जनसंख्या का निर्धारित अनुपात पूर्ण नहीं करती है, जिस कारण से नगर परिषद् बनाया जाना संभव नहीं है। (ग) गुना जिले की ग्राम पंचायतें म्याना बमोरी एवं रामपुर कॉलोनी को नगर परिषद् बनाये जाने हेतु 20,000 से अधिक जनसंख्या होना आवश्यक है, जबकि ग्राम पंचायत म्याना की जनसंख्या 9100 ग्राम पंचायत बमोरी की जनसंख्या 6030 एवं ग्राम पंचायत रामपुर कॉलोनी की जनसंख्या 914 है जो कि मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 584 दिनांक 27 दिसम्बर 2011 अनुसार निर्धारित जनसंख्या मापदण्ड को पूर्ण नहीं करती है। इस कारण से नगर परिषद् बनाया जाना संभव नहीं है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
लोक सेवा केंद्र का संचालन
[लोक सेवा प्रबन्धन]
130. ( क्र. 5759 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम, 2010 अंतर्गत रतलाम जिले में कुल कितने लोक सेवा केंद्र संचालित हैं। इनके प्रारंभ से आज दिनाक तक कुल कितने आवेदन प्राप्त हुए? कितने आवेदनों का समय-सीमा में निराकरण किया गया तथा ऐसे कितने आवेदन हैं, जिनका निराकरण निर्धारित समय-सीमा में नहीं हो पाया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में समय-सीमा में निराकरण नहीं होने वाले आवेदनों में किन-किन पदाभिहित आधिकारी पर कितनी-कितनी राशि दंड स्वरूप आरोपित आवेदक को कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ग) समय-सीमा के बाद सेवा प्रदान किए गए आवेदनों में किन-किन पदाभिहित आधिकारी पर दंड स्वरुप कितनी-कितनी राशि आरोपित की गई? यदि नहीं, तो क्यों? उक्त राशि कब तक पदाभिहित अधिकारी से वसूल की जाकर संबंधित आवेदक को भुगतान कर दी जावेगी? राशि वसूली व भुगतान में हुए विलंब के लिए कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी हैं? इनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) रतलाम जिले में वर्तमान में 08 तहसील मुख्यालयों पर लोक सेवा केन्द्र संचालित हैं। प्रारंभ से आज दिनांक तक कुल 8,74,333 आवेदन प्राप्त हुये, जिसमें से 6,90,998 आवेदनों का निराकरण समय-सीमा में किया गया, 1,26,539 आवेदनों का निराकरण समय-सीमा में नहीं हो पाया। (ख) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनांतर्गत सड़क निर्माण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
131. ( क्र. 5762 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनांतर्गत सैलाना विधानसभा क्षेत्र में विगत दो वर्षों से वर्तमान स्थिति तक कितनी रोडों का निर्माण कार्य जारी है तथा कितनों का कार्य बंद है? कार्यों की अद्यतन स्थिति का ब्यौरा देवें, जिसमें कार्य चालू करने का दिनांक, प्रगति, कार्य बंद होने का दिनांक, स्वीकृत राशि, व्यय राशि आदि का ब्यौरा हो? (ख) क्या विभागीय रोडों के निर्माण के पश्चात् रख-रखाव हेतु समय निर्धारित है, तो विभाग द्वारा निर्धारित समय में किन-किन डामरीकृत तथा डब्ल्यू.बी.एम. रोडों पर कब-कब तथा कितनी-कितनी राशि किन एजेंसियों के माध्यम से रख-रखाव पर व्यय की गई एवं क्या-क्या कार्य किया गया? (ग) डब्ल्यू.बी.एम. रोडों का डामरीकरण किये जाने के संबध में शासन के पास कोई कार्यवाही चल रही है? यदि हाँ, तो उक्त रोडों का डामरीकरण कब तक कर दिया जायेगा? (घ) क्या अधूरे रोडों को पूर्ण करने के लिये विभाग कोई कार्यवाही कर रहा है? यदि हाँ, तो कार्य कब से प्रारम्भ हो जायगा तथा उक्त दोषियों के विरुद्ध शासन क्या कार्यवाही कर रहा है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। सड़क निर्माण के अनुबंध में निर्माण पश्चात 5 वर्ष की अवधि तक के लिए सड़क का रख-रखाव शामिल है। सभी स्वीकृत सड़कें डामरीकृत मार्ग की है। अनुबंध के तहत् रख-रखाव के लिए निर्माण एजेन्सी को किए गए भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत सैलाना विधानसभा क्षेत्र में निर्माणाधीन 2 मार्गों को छोड़कर शेष मार्गों का कार्य अधूरा नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
संविदा डाटा एन्ट्री ऑपरेटर सह कार्यालय सहायक का नियमितीकरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
132. ( क्र. 5767 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में मुख्यमंत्री आवास योजनान्तर्गत संविदा डाटा एन्ट्री ऑपरेटर, सह कार्यालय सहायक, सह पी.डी.ए. ऑपरेटर पद पर कितने कर्मचारी पदस्थ हैं? इनका चयन किस आधार पर किया गया था? कितने पद रिक्त हैं और इन पदों को कब तक भरा जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या संविदा डाटा एन्ट्री ऑपरेटर को नियमित किये जाने हेतु विभाग की कोई योजना है? यदि हाँ, तो नियमितिकरण हेतु क्या मापदण्ड तय किये गये हैं? क्या कार्यरत संविदा डाटा एन्ट्री ऑपरेटर को सीधे नियमित किये जाने हेतु विभाग विचार कर निर्णय लेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या मुख्यमंत्री आवास योजना एक निश्चित समयावधि के लिये प्रारंभ की गई थी? यदि हाँ, तो कब तक के लिये? क्या योजना समाप्त होने के बाद योजना में पदस्थ संविदा अधिकारी/कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी जावेगी या अन्य योजनाओं में पदस्थ कर दिया जावेगा? (घ) क्या कार्यरत संविदा डाटा एन्ट्री ऑपरेटर के मानदेय प्रतिवर्ष बढाने के शासन के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो क्या इसका पालन किया जा रहा है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रदेश में मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन के अंतर्गत 225 विकासखण्डों में डाटा एण्ट्री ऑपरेटर सह कार्यालय सहायक संविदा पर कार्यरत हैं। इनका चयन जिला स्तर से विज्ञापन जारी कर शैक्षणिक योग्यता, लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार में प्राप्त अंकों के आधार पर किया गया है। मिशन के अन्तर्गत वर्तमान में 88 विकासखण्डों में डाटा एण्ट्री ऑपरेटर सह कार्यालय सहायक नहीं है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लागू हो जाने के परिप्रेक्ष्य में मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन के अन्तर्गत डाटा एण्ट्री ऑपरेटर की आवश्यकता नहीं है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं। (ग) जी नहीं, प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है। संविदा पर कार्यरत सेवायुक्तों की सेवा अनुबंध अवधि तक सीमित है। अनुबंध सेवायुक्तों को अनुबंध पश्चात् अन्यत्र समायोजित करने की नीति नहीं है। (घ) अनुबंध अवधि समाप्त होने के पश्चात् पुनः अनुबंध किए जाने की दशा में प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत पारिश्रमिक बढ़ाने के लिए वित्त विभाग की सहमति है। दिनांक 01/04/2016 से पारिश्रमिक में 10 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
नगर पंचायत अध्यक्ष एवं सी.एम.ओ. द्वारा की जा रही अनियमितताओं पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
133. ( क्र. 5770 ) श्रीमती नीलम अभय मिश्रा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के सेमरिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत नगर पंचायत सेमरिया में नगर पंचायत अध्यक्ष के पद पर आसीन श्री अजय शुक्ला द्वारा अपने पद का दुरूपयोग करते हुये अपने कार्यकाल में कई प्रकार के अवैधानिक कार्य करवाने एवं अपने पदीय दायित्वों का निर्वहन न कर नगर परिषद् के विकास के कार्यों में अनियमितता बरतने के संबंध में एक वर्ष पूर्व जाँच की फाइल आयुक्त रीवा द्वारा भोपाल भेजी गई थी, जिस पर आज दिनांक तक कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है, क्यों? (ख) क्या श्री बालगोविंद चतुर्वेदी डूडा, मलेरिया अधिकारी के पद पर रहे हैं एवं उन्हें अवैधानिक तरीके से मुख्य नगर पालिका अधिकारी सेमरिया का प्रभार दिया गया है? (ग) क्या नगर परिषद् सेमरिया में राज्य शासऩ से नगर पंचायत विकास हेतु वर्ष 2016 में एक करोड़ रूपये प्राप्त हुये हैं तथा इसके पूर्व भी काफी बड़ी रकम नगर पंचायत के विकास हेतु नगर पंचायत सेमरिया को प्राप्त हुई है? (घ) यदि हाँ, तो उपरोक्त की जा रही अनियमितताओं के दोषी श्री अजय शुक्ला एवं मुख्य नगरपालिका अधिकारी पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। आयुक्त रीवा संभाग द्वारा संभागीय संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास रीवा संभाग से शिकायत की जाँच करायी जाकर जांच प्रतिवेदन के आधार पर कारण बताओ सूचना पत्र का प्रारूप आयुक्त रीवा संभाग के पत्र क्रमांक 6702 दिनांक 23.12.2016 द्वारा श्री अजय शुक्ला अध्यक्ष नगर परिषद् सेमरिया जिला रीवा के विरूद्ध कार्यवाही हेतु विभाग को लिखा गया था, जिस पर परीक्षण उपरांत श्री अजय शुक्ला अध्यक्ष नगर परिषद् सेमरिया को विभाग द्वारा दिनांक 14.03.2017 को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। शेष अपचारियों के प्राप्त आरोप पत्र के विरूद्ध गुणदोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। (ख) जी नहीं। श्री बालगोविंद चतुर्वेदी मलेरिया अधिकारी के पद पर कभी भी पदस्थ नहीं रहे हैं। इनका मूल पद स्वच्छता निरीक्षक है। अध्यक्ष एवं तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री संतोष कुमार पाण्डेय के मध्य विवाद होने तथा जनहित के कार्य प्रभावित होने के कारण कलेक्टर जिला रीवा के आदेश क्रं. 14 दिनांक 11.04.2016 के तहत् प्रशासनिक दृष्टिकोण से श्री बालगोविंद चतुर्वेदी सहायक परियोजना अधिकारी को नगर परिषद् सेमरिया में मुख्य नगर पालिका अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। (ग) जी हाँ। विगत 03 वर्षों में प्रदाय की गई राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) श्री अजय शुक्ला अध्यक्ष नगर परिषद् सेमरिया जिला रीवा को विभाग द्वारा दिनांक 14.03.2017 को कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर दिया गया है। श्री बालगोविंद चतुर्वेदी मूल पद स्वच्छता निरीक्षक तत्कालीन प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी, श्री संतोष कुमार पाण्डेय मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं श्री हरिमित्र श्रीवास्तव तत्कालीन प्रभारी मुख्य नगरपालिका अधिकारी के विरूद्ध आयुक्त रीवा संभाग के पत्र दिनांक 23.12.2016 द्वारा आरोप पत्र जारी किये गये है। प्रकरण में गुणदोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अवैध रेत उत्खनन
[खनिज साधन]
134. ( क्र. 5798 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विकासखण्ड जवा की ग्राम पंचायत भुनगाँव में चल रही रेत खदान के संचालन की अनुमति विभाग द्वारा दी गई है? यदि हाँ, तो किस ठेकेदार को उक्त रेत खदान संचालन हेतु लीज प्रदाय की गयी है? यदि नहीं, तो क्या उक्त अवैध रेत खदान पर अंकुश लगाने संबंधी विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की जावेगी? (ख) उक्त अवैध रेत खनन से अत्यधिक मात्रा में राजस्व की क्षति हो रही है? इस अवैध कार्य में सम्मिलित दोषियों एवं संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। प्रश्नाधीन ग्राम भुनगाँव के संबंध में अवैध रूप से रेत खनन की शिकायत प्राप्त हुई थी। जिस पर नियमानुसार कार्यवाही करते हुए खनि निरीक्षक द्वारा एक वाहन जप्त कर पुलिस अभिरक्षा में रखा गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जिले में समय-समय पर जाँच की कार्यवाही की जाती है। जाँच के दौरान खनिजों के अवैध उत्खनन/परिवहन के प्रकरण प्रकाश में आने पर नियमानुसार दण्डात्मक कार्यवाही की जाती है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन भूमि कम होने की जाँच
[वन]
135. ( क्र. 5815 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में वर्तमान में कितनी वन भूमि है? तारांकित प्रश्न संख्या 22 (क्रमांक १४३३) दिनांक ०१ मार्च २००६ एवं प्रश्न क्रमांक ८३१ दिनांक १७ नवम्बर २००९ में कितनी-कितनी बैतूल जिले में वन भूमि होना बताया गया था? (ख) वन विभाग द्वारा बैतूल जिले के ६८० ग्रामों की कितनी भूमि संरक्षित वन सर्वे में एवं १२९९ ग्रामों की कितनी भूमि नारंगी भूमि सर्वे में शामिल की गई है? इनमें से कितनी-कितनी भूमि राजस्व विभाग के पटवारी मानचित्र, निस्तार पत्रक में दर्ज भूमि है? (ग) ०१ मार्च २००६ से १७ नवंबर २००९ तक एवं दिसंबर २००९ से प्रश्नांकित दिनांक तक वन विभाग ने वनभूमि अंतरित, आवंटित या निर्वनीकृत की है? यदि हाँ, तो किस-किस क्षेत्र की कितनी-कितनी वन भूमि? यदि नहीं, की तो लगातार वन भूमि कम होने का क्या कारण है? (घ) क्या २००६ से बैतूल जिले में लगातार वन भूमि कम होने की जाँच मुख्यालय के विभागीय अधिकारियों द्वारा की गई है? यदि हाँ, तो कब-कब? यदि नहीं, तो क्यों? इसकी जाँच कब तक की जाएगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) 3,79,067.451 हेक्टेयर। तारांकित प्रश्न संख्या 1433 दिनांक 01 मार्च 2006 में 4,81,241.884 हेक्टेयर वन भूमि बैतूल जिले में होना बताया गया। प्रश्न क्रमांक-831 उत्तर दिनांक 17 नवम्बर 2009 की जानकारी वन विभाग द्वारा नहीं दी गई, अपितु अतारांकित प्रश्न क्रमांक-811 उत्तर 17 नवम्बर 2009 में 4,51,038 हेक्टेयर वन भूमि बैतूल जिले में होना बताया गया है। (ख) 680 ग्रामों की 1,49,495 हेक्टेयर सर्वे डिमारकेशन में शामिल की गई तथा 1269 ग्रामों की 1,37,752.393 हेक्टेयर नारंगी भूमि प्रारंभिक सर्वे में शामिल की गई। उक्त भूमियां राजस्व अभिलेखों में दर्ज रही हैं। (ग) जी नहीं। प्रारंभिक सर्वे में शामिल राजस्व भूमियों को नारंगी भूमियों के रूप में त्रुटिवश शामिल करने से वनभूमि के आंकड़ों में भिन्नता पाई गई है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में नारंगी भूमि के आंकड़ों से राजस्व भूमि के आंकड़ों को पृथक कर दिया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्टेडियम की व्यवस्था
[खेल और युवा कल्याण]
136. ( क्र. 5827 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भिण्ड जिले के लहार नगर में इंदिरा गाँधी एवं इन्डोर स्टेडियम में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी कब-कब से पदस्थ हैं? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मंत्री जी खेल एवं युवा कल्याण तथा संचालक खेल को इन्डोर स्टेडियम का आधिपत्य लेने हेतु पत्र लिखा था? यदि हाँ, तो अभी तक आधिपत्य (कब्जा) न लेने का क्या कारण है? (ग) इंदिरा गाँधी एवं इन्डोर खेल स्टेडियम में खिलाडि़यों के लिये वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कौन-कौन सी सामग्री प्रदाय की गई? यदि नहीं, तो कब तक खेल सामग्री प्रदाय कर दी जावेगी? (घ) क्या तत्कालीन पूर्व खेल मंत्री जी श्री पवार ने लहार स्टेडियम में एक प्रशिक्षक की पदस्थापना करने के निर्देश दिये थे? यदि हाँ, तो अभी तक पदस्थापना न करने का कारण बतायें।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) भिण्ड जिले के इंदिरा गाँधी स्टेडियम लहार में श्री पवन कुमार, चैकीदार दैनिक मजदूरी पर दिनांक 12.05.2015 से एवं श्री अनिल श्रीवास, ग्रामीण युवा समन्वयक दिनांक 26.09.2015 से कार्यरत है। इन्डोर स्टेडियम में कोई कर्मचारी कार्यरत नहीं है। (ख) जी हाँ, दिनांक 10.03.2017 को संचालन व संधारण हेतु आधिपत्य ले लिया गया है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में इंदिरा गाँधी स्टेडियम लहार को उपलब्ध कराई गयी सामग्री की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इंडोर स्टेडियम के लिए कोई सामग्री उपलब्ध नहीं करायी गयी है। (घ) पूर्व खेल मंत्री जी के कोई निर्देष अभिलेख में उपलब्ध नहीं है। प्रश्नोत्तर (क) में उल्लेखित कर्मचारी पदस्थ होकर कार्यरत हैं। लहार स्टेडियम के लिए प्रशिक्षक का पद स्वीकृत नहीं होने के कारण प्रशिक्षक पदस्थ नहीं किया गया है।
मानक लागत का निर्धारण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
137. ( क्र. 5861 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा पंच परमेश्वर योजना से सी.सी. सड़क निर्माण एवं नाली निर्माण हेतु 100 मीटर सड़क एवं नाली निर्माण की मानक लागत 2.95 लाख एवं मनरेगा से केवल कूप निर्माण की लागत 2 लाख रूपये शांतिधाम की लागत 1.80 लाख एवं 2.45 लाख के निर्देश जारी किए गए हैं? (ख) यदि हाँ, तो किस एस.ओ.आर. के आधार पर मानक लागत का निर्धारण किया गया है? क्या अलग-अलग क्षेत्र में निर्माण सामग्री के बाजार भाव, मशीनरी किराया एवं मजदूरी अलग-अलग होने से कैसे मानक लागत पर कार्य पूर्ण किया जा सकता है? (ग) क्या विभाग द्वारा तय मानक लागत पर गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य किया जा सकता है? यदि हाँ, तो वर्तमान में तय मानक लागत से अधिक दर में पूर्व में जिला एस.ओ.आर. के आधार पर निर्माण कार्य कराये गए हैं? जिन अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा अधिक दर पर कार्य कराए गए हैं एवं जिला एस.ओ.आर. से प्राक्कलन बनाकर कार्य करने हेतु जिन उच्च अधिकारियों द्वारा निर्देश जारी किए गए हैं उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या मनरेगा के तहत् सी.सी. सड़क निर्माण, कूप निर्माण, शांतिधाम निर्माण में मजदूरी एवं सामग्री का प्रतिशत 60:40 नहीं बैठता है, तो क्या यह राष्ट्रीय ग्रामीण नियोजन ग्यारंटी अधिनियम 2005 की अनुसूची (एक) के कण्डिका 9 का उल्लंघन नहीं है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नाधीन निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ग्रामीण यांत्रिकी सेवा की प्रचलित दर अनुसूची के आधार पर मानक लागत निर्धारित की गई है। जी हाँ, मानक रूपांकन के लिये प्रदेश में संभावित अधिकतम लागत के आधार पर मानक लागत निर्धारित की गई है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। उत्तरांश (क) में दर्शित निर्देशों के जारी किये जाने के पूर्व की अवधि में बनाये गये प्राक्कलन और कराये गये कार्यों की जाँच विचाराधीन नहीं है। (घ) जी नहीं। महात्मा गाँधी नरेगा के तहत् मजदूरी एवं सामग्री व्यय के 60:40 के अनुपात के लिए जिले को इकाई माना गया है।
आजीविका परियोजना का संचालन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
138. ( क्र. 5887 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले में आजीविका परियोजना का संचालन किया जा रहा है। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो उक्त जिले के प्रत्येक जनपद पंचायतों में उक्त परियोजना के कितने कार्यालय संचालित हैं? प्रत्येक कार्यालय में पदवार कितने कर्मचारी पदस्थ हैं? उक्त परियोजना का कार्य क्या है? प्रत्येक परियोजना को किन-किन कार्यों हेतु विगत ०३ वर्षों में कितना लक्ष्य प्रदान किया गया है और कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? (ग) उक्त अवधि में कितनी राशि आवंटित की गई है? प्राप्त राशि किस-किस कार्य हेतु व्यय की गयी है? कार्यवार व्यय प्रक्रिया सहित जानकारी उपलब्ध करायी जावे।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) शहडोल जिले में आजीविका परियोजना का संचालन नहीं किया जा रहा है अपितु म.प्र. ग्रामीण आजीविका मिशन का संचालन किया जा रहा है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। जनपद में संचालित मिशन कार्यालयों में पदस्थ कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। मिशन का कार्य ग्रामीण गरीब परिवारों की महिलाओं के सशक्त स्व-सहायता समूह बनाये जाकर उनका संस्थागत विकास तथा आजीविका के संवहनीय अवसर उपलब्ध कराना है। मिशन के अंतर्गत ग्रामीण युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के अंतर्गत तथा आर.सेटी में स्वरोजगार हेतु प्रशिक्षण दिया जाता है। मिशन अंतर्गत जिला शहडोल में विगत 03 वर्षों में प्रदान किया गया लक्ष्य एवं कार्यों की वर्तमान स्थिति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ग अनुसार है। (ग) उक्त अवधि में राशि रू 4270.80 लाख आवंटित की गई। प्राप्त राशि प्रशिक्षण एवं क्षमतावर्धन सामुदायिक निवेश राशि एवं प्रशासनिक कार्यों हेतु व्यय की गई। कार्यवार व्यय प्रक्रिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-घ अनुसार है।
मनरेगा अन्तर्गत खेल मैदान कार्य के प्राक्कलन में सुधार
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
139. ( क्र. 5905 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायतों में एक खेल मैदान मानक प्राक्कलन अनुसार पर्याप्त स्थान होने पर प्रारंभ किए जाने के निर्देश हैं तथा उनके कार्य करने हेतु मानक प्राक्कलन जिसमें खेल मैदान हेतु 32/- रू. प्रति वर्गफुट राशि निर्धारण भोपाल से ही समस्त मध्यप्रदेश के कार्यों हेतु किया गया है? यदि हाँ, तो क्या सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में खेल मैदान हेतु प्रस्तावित सभी स्थान समतल हैं? नहीं तो जिन ग्राम पंचायतों में खेल मैदान के प्रस्तावित स्थानों में स्थल कटिंग कार्य तथा लेवल बराबर करने हेतु फिलिंग कार्य 15 से.मी. से अधिक है, उनका कार्य एजेंसी द्वारा कैसे कराया जावेगा? (ख) क्या स्थानीय उपयंत्री/सहायक यंत्री को अधिकार हैं कि मैदान की लेवल बराबर करने हेतु कटिंग एवं अधिक की मुरूम फिलिंग का प्रावधान स्थानीय स्तर पर कर लिया जावेगा? नहीं तो क्या कारण हैं? यदि हाँ, तो शासन द्वारा जारी निर्देशों की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें तथा यह भी बतायें कि सभी कार्यस्थल पर मुरूम परिवहन की समान दूरी होती है? नहीं तो क्या कार्यस्थल पर उपलब्ध मुरूम की खदान में वास्तवित परिवहन दूरी की दर से भुगतान हेतु प्राक्कलन में प्रावधान सम्बंधित उपयंत्री द्वारा किया जा सकता है? नहीं तो क्या कारण हैं? हाँ, तो इस संबंध में जारी निर्देश की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) मानक लागत निर्माण के विभिन्न अवयवों तथा अधिकतम लागत को ध्यान में रखते हुये निर्धारित की गई है। जिन प्रकरणों में मानक लागत से अधिक का व्यय अवश्यंभावी है, उनमें प्राक्कलन ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के प्रमुख अभियंता को भेजकर अनुमति ली जा सकती है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते है।
खेत-सड़क कार्य के प्राक्कलन में सुधार
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
140. ( क्र. 5906 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में मनरेगा योजनान्तर्गत मुख्यमंत्री सुदूर ग्राम सम्पर्क सड़क योजनान्तर्गत मानक प्राक्कलन भोपाल से ही बनाकर मिट्टी में निर्माण हेतु 1250/- प्रति रनिंग मीटर तथा मुरूम से कार्य करने हेतु 1100/- रू. प्रति रनिंग मीटर के हिसाब से मार्ग निर्माण की राशि निर्धारित की गई है? (ख) क्या सभी सड़कों पर ग्रेवल/मुरूम के परिवहन हेतु खदान से समान दूरी होती है? क्या पानी टेंकर के भरने हेतु पानी सभी मार्गों पर समान दूरी पर उपलब्ध होता है? यदि नहीं, तो क्या स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप सम्बंधित उपयंत्री एवं सहायक यंत्री वास्तविक परिवहन दूरी का निर्धारण कर मानक प्राक्कलन में संशोधन कर सकते हैं? यदि नहीं, तो अधिक दूरी (परिवहन हेतु) के मार्ग कैसे बनेंगे? (ग) क्या इस प्रकार के प्राक्कलन बनाकर कार्य पर रोक लगाने जैसा प्रतीत नहीं होता? क्या शासन स्तर से नियमों में बदलाव कर कार्य प्राक्कलन स्थल की वास्तविक स्थिती को देखते हुए प्राक्कलन बनाने हेतु निर्देश जारी किये जायेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) महात्मा गाँधी नरेगा के तहत् सुदूर ग्राम संपर्क एवं खेत सड़क उपयोजना अंतर्गत मानक लागत सम्बन्धी निर्देश संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। जी नहीं। निर्माण के विभिन्न अवयवों तथा अधिकतम लागत को ध्यान में रखते हुए मानक लागत नियत की गई है। (ग) जी नहीं। किसी कार्यस्थल विशेष पर कार्य के लिये मानक लागत से अधिक व्यय की आवश्यकता का औचित्य हो तो प्राक्कलन प्रमुख अभियंता, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा को भेजकर युक्तियुक्त स्वीकृति प्राप्त की जा सकती है।
महाविद्यालयों का नामकरण
[उच्च शिक्षा]
141. ( क्र. 5911 ) श्री संजय उइके : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नवीन महाविद्यालय मलाजखण्ड, लालबर्रा एवं किरनापुर के नामकरण हेतु जिला स्तरीय समिति से प्रस्ताव पारित किया गया है? यदि हाँ, तो कब पारित किया गया, प्रस्ताव की प्रति उपलब्ध करावें एवं समिति के कौन-कौन सदस्य हैं? (ख) क्या जिला स्तरीय समिति के नामकरण प्रस्ताव पारित उपरान्त जन सामान्य द्वारा आपत्तियां प्रस्तुत की गई हैं? यदि हाँ, तो आपत्तियों का क्या निराकरण किया गया है? महाविद्यालयों के नामकरण के संबंध में शासन के क्या आदेश, निर्देश हैं? (ग) क्या शासन/कलेक्टर द्वारा उक्त महाविद्यालयों के नामकरण के आदेश जारी कर दिए गए हैं? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। आपत्ति के निराकरण हेतु जिला योजना समिति को पत्र भेजा जा रहा है। शासन के निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (ग) शासकीय महाविद्यालय किरनापुर के नामकरण का आदेश जारी कर दिया गया है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" पर है। शासकीय महाविद्यालय, मलाजखण्ड एवं शासकीय महाविद्यालय, लालबर्रा के नामकरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
वनमण्डलाधिकारी द्वारा वित्तीय अनियमितता
[वन]
142. ( क्र. 5928 ) श्री माधो सिंह डावर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक वन मण्डल अलीराजपुर को कार्य आयोजना मद में कितनी राशि प्राप्त हुई? (ख) क्या तत्कालीन वन मण्डलाधिकारी आर.एस. सिकरवार के द्वारा कार्य आयोजना मद की राशि का उपयोग वार्षिक एक्शन प्लान के अनुसार न कर अन्य कार्यों पर व्यय कर दी गई? यदि हाँ, तो कितनी राशि व्यय की गई? व्यय की गई राशि का कार्यवार विवरण दें। (ग) क्या नियम विरुद्ध व्यय की गई राशि से एक ही ठेकेदार एवं एक ही जे.सी.बी. मशीन के द्वारा पूरे जिले में कार्य करवाये गये हैं? यदि हाँ, तो किस नियम से बताएं। (घ) क्या नियम विरुद्ध वित्तीय अनियमितता करनें पर आर.एस. सिकरवार पर कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) संबंधित अधिकारी पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? बताएं।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष का उपस्थित नहीं होता। (घ) संबंधित को आरोप पत्र जारी किया गया। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वन मण्डल अधिकारी द्वारा समर्पित राशि
[वन]
143. ( क्र. 5932 ) श्री माधो सिंह डावर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक वन मण्डल अलीराजपुर हेतु विभिन्न मदों में कितनी राशि प्राप्त हुई? इसमें से कितनी राशि व्यय की गई? वर्षवार मदवार जानकारी देवें। (ख) क्या उक्त समयावधि में तत्कालीन वन मण्डलाधिकारी अलीराजपुर आर.एस. सिकरवार के द्वारा राज्य शासन को राशि समर्पित की गई? यदि हाँ, तो वर्षवार मदवार समर्पित राशि बताएं। राशि समर्पित करने का कारण बताएं? (ग) क्या समर्पित राशि जिले को वापस की जावेगी। यदि हाँ, तो कब तक। यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। समर्पण त्रैमास के अंतिम माह में अधिकतर दिवसों में सर्वे के कार्य न करने तथा क्षमिकों के बैक खाता संख्या उपलब्ध न होने के कारण किया गया। (ग) जी हाँ। समर्पित शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पट्टे पर संचालित क्रेशर की जानकारी
[खनिज साधन]
144. ( क्र. 5970 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पंचायत बाजीतपुरा तहसील जतारा जिले के राजस्व क्रमांक 111/1, रकबा 2.00 हेक्टेयर पर पट्टाधारी द्वारा क्रेशर संचालित हैं, जिस पर खनिज शाखा के पत्र क्रमांक 3.6.2013 के द्वारा 6 करोड़ 55 लाख 96 हजार की राशि रोड खनिज अधिनियम 53 (5) के तहत् प्रस्तावित की गई थी, उक्त प्रकरण पर आज दिनांक तक कोई वसूली हुई है कि नहीं? जानकारी देवें। (ख) क्या पृथ्वीपुर विधायक द्वारा दिनांक 2.4.2015 के पत्र द्वारा कलेक्टर टीकमगढ़ से इस पूरे प्रकरण पर कार्यवाही के लिये पत्र लिखा गया था? अगर हाँ, तो उस पत्र के जवाब में टीकमगढ़ कलेक्टर द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही कराई गई? (ग) उक्त पट्टे पर संचालित क्रेशर आज दिनांक तक चल रहा है या नहीं? उक्त क्रेशर के नाम पर बिजली विभाग द्वारा कनेक्शन दिया गया है कि नहीं? यदि दिया गया है, तो आज दिनांक तक कनेक्शन है कि नहीं? उसकी जानकारी देवें। (घ) 3.6.2013 से प्रस्तावित वसूली के प्रकरण में आज दिनांक तक वसूली न हो पाने की देरी के लिये कोई अधिकारी जिम्मेदार है? उन पर क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी या नहीं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र पर वर्तमान में क्रेशर संचालित नहीं है। प्रश्नाधीन पट्टाधारी के विरूद्ध मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 53 (5) के अधीन प्रश्नाधीन राशि का अर्थदण्ड प्रस्तावित किया गया है। यह प्रकरण अपर कलेक्टर, टीकमगढ़ के समक्ष अर्धन्यायिक प्रक्रिया के तहत् विचाराधीन है। प्रकरण का अंतिम निराकरण नहीं हुआ है। अत: वसूली किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। माननीय विधायक, विधानसभा क्षेत्र पृथ्वीपुर द्वारा कलेक्टर, टीकमगढ़ को कार्यवाही किये जाने हेतु लेख किया था। जिसके परिप्रेक्ष्य में खनि निरीक्षक, टीकमगढ़ द्वारा जाँच उपरांत दिनांक 13.10.2015 को प्रतिवेदन न्यायालय अपर कलेक्टर, टीकमगढ़ को प्रेषित किया गया है। (ग) जी नहीं। श्री रवि प्रताप सिंह तनय श्री भान सिंह परिहार निवासी चंद्रपुरा के नाम दिनांक 01.10.2010 को कनेक्शन क्रेशर हेतु स्थानांतरित हुआ था। जो कि वर्तमान में अस्थाई रूप से विच्छेदित है। (घ) प्रकरण का निराकरण वर्तमान में नहीं हुआ है। अत: वसूली किये जाने एवं विलंब किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ट्रस्ट
की भूमि पर
अवैध
अतिक्रमण
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
145. ( क्र. 6001 ) श्री बाला बच्चन : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला रायसेन की तहसील उदयपुरा के ग्राम विलगंवा में श्रीराम जानकी मंदिर ट्रस्ट के नाम से कुल कितनी भूमि दर्ज है एवं वर्तमान समय में भूमि पर कौन खेती कर रहा है तथा समस्त भूमि पर क्या फसल बोई गई है? (ख) क्या श्रीराम जानकी मंदिर ट्रस्ट की भूमि तहसीलदार उदयपुरा के अधीन है एवं इन्हीं को उक्त भूमि नीलामी करने के अधिकार है, तो वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक उक्त भूमि कब-कब नीलाम की गई और किसके द्वारा नीलामी में बोली लगाकर भूमि ली गई? उनके नाम बतावें। नीलामी राशि की वर्षवार जानकारी देवें तथा उपरोक्त नीलामी राशि किस मद में जमा है? (ग) क्या उपरोक्त भूमि को केवल एक वर्ष के लिए नीलाम किया गया एवं प्राप्त राशि बैंक खाते में जमा है? शेष वर्षों में भूमि पर अवैध अतिक्रमण कर खेती करवाने के जिम्मेदार कौन है एवं इन पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? उक्त भूमि को कब तक अतिक्रमण मुक्त किया जावेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
146. ( क्र. 6015 ) श्री लखन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना कब से लागू की गई है? इससे पूरे म.प्र. में आज प्रश्न दिनांक तक कितने लोग लाभान्वित हुए हैं? जिलेवार संख्या बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में इस योजना में योजना के लागू होने से आज तक शासन द्वारा कितनी राशि खर्च की जा चुकी है? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में इस योजना में दमोह जिले से लाभान्वित लोगों की संख्या वि.ख.वार बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) म.प्र. में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना अप्रैल 2006 से लागू है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) दमोह जिले से लाभान्वित लोगों की विकास खण्डवार संख्या जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
ग्रामों को मुख्य मार्गों से जोड़ा जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
147. ( क्र. 6027 ) श्री सचिन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के सभी ग्रामों को मुख्य मार्ग से पक्की सड़क निर्माण (पहुँच मार्ग) द्वारा जोड़े जाने की कार्ययोजनाएं एवं लक्ष्य क्या है? नीति दिशा-निर्देश सहित तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? (ख) कसरावद विधानसभा क्षेत्र में कितने ग्राम ऐसे हैं जो पक्की सड़क पहुँच मार्ग निर्माण से वंचित हैं और क्यों? प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत ऐसे कितने पात्र ग्राम हैं जो पक्की सड़क से वंचित हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) परिप्रेक्ष्य में कितने ग्रामों के प्रस्ताव विभागीय स्तर एवं शासन स्तर पर क्या स्वीकृति हेतु भेजे गये हैं? कितने प्रस्ताव स्वीकृत हुए कितने लंबित हैं और क्यों? नहीं भेजने के क्या कारण हैं? प्रश्नांकित दिनांक तक की स्थिति में तत्संबंधी ब्यौरा दें। (घ) उक्त पहुँच विहीन ग्राम पक्की सड़क से कब तक जोड़े जायेंगे तथा इसी वित्तीय वर्ष में सड़क निर्माण के संदर्भ में शासन की क्या कार्ययोजना है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पंचायत विभाग द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत सामान्य विकासखण्डों के वर्ष 2001 की जनसंख्या अनुसार 500 तक की जनसंख्या वाले ग्राम, आदिवासी विकासखण्डों एवं आई.ए.पी. जिलों के 250 तक जनसंख्या वाले ग्रामों को जोड़े जाने की कार्ययोजना एवं लक्ष्य है। साथ ही सामान्य विकासखण्डों में 150 से 499 तक की जनसंख्या एवं आदिवासी विकासखण्डों में 100 से 249 तक की जनसंख्या वाले जिन ग्रामों को मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत ग्रेवल मार्गों से जोड़ा गया है उनका उन्नयन कर डामरीकृत किये जाने की कार्ययोजना एवं लक्ष्य है। नीति तथा दिशा-निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कसरावद विधानसभा क्षेत्र में 34 ग्राम पक्की सड़क पहुँच मार्ग से नहीं जुड़े हैं। क्यों कि यह ग्राम प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मार्गदर्शी दिशा-निर्देशों के अनुसार जोड़े जाने के लिए पात्रता नहीं रखते हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत पात्रता रखने वाला कसरावद विधानसभा क्षेत्र का कोई भी गाँव पक्की सड़क से जोड़े जाने से वंचित नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में कोई प्रस्ताव विभागीय स्तर एवं शासन स्तर पर अब स्वीकृति हेतु नहीं भेजा गया है। अतः कोई प्रस्ताव स्वीकृति हेतु लंबित नहीं है। (घ) निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री द्वारा बाजार के लिए राशि उपलब्ध कराना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
148. ( क्र. 6028 ) श्री सचिन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावाद विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम बालसमद पीपलगोन खामखेडा एवं खलबुर्जुग में मुख्यमंत्री हाट बाजारों की स्वीकृति जारी करने के उपरांत भी प्रश्नांकित दिनांक तक राशि आवंटित नहीं करने के क्या कारण है? तत्संबंधी ब्यौरा दें। (ख) उक्त कार्यों की आवंटित राशि में विलंब के क्या कारण हैं? कार्यवाहीवार तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? इनमें कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है और क्यों? पदनाम सहित जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त हाट बाजारों की राशि कब-कब आवंटित कर दी जायेगी? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 03.06.2016 को आयुक्त पंचायत भोपाल को प्राप्त पत्र पर प्रश्नांकित दिनांक तक उक्त निर्णय से अवगत नहीं कराये जाने के क्या कारण हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) प्रस्ताव योजना अवधि 31.03.2016 को समाप्त हो जाने के पश्चात प्राप्त होने से वित्तीय स्वीकृति जारी करना सम्भव नहीं है। (घ) जानकारी विधान सभा अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1686 (सदन में उत्तर देने का दिनांक 22.07.2016) में जानकारी दी जा चुकी है।
मार्ग के उन्नयन की प्रशासकीय स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
149. ( क्र. 6053 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र 14 ग्वालियर ग्रामीण के अंतर्गत खुरैरी जिगनियां मार्ग का उन्नयन कार्य कब तथा कितनी लागत का स्वीकृत किया गया? क्या ट्रैफिक अधिक होने की वजह से उक्त मार्ग की क्रस्ट को पुनरीक्षित किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त मार्ग की पुनरीक्षित मार्ग लम्बाई एवं लागत क्या है? (ख) क्या उक्त मार्ग पर अलग अलग हिस्सों में अलग-अलग क्रस्ट का प्रावधान किया गया है? अलग-अलग प्रावधान करने के क्या कारण हैं? क्या उक्त मार्गों से भारी परिवहन सम्पूर्ण मार्ग पर गुजरता है एवं उक्त मार्ग दो जिले को जोड़ता है? उक्त मार्ग पर अलग-अलग क्रस्ट क्यों ली गई? (ग) भिण्ड जिले के अंतर्गत आने वाले मार्ग की क्रस्ट ग्वालियर जिले से अधिक मोटाई में ली गई है जबकि भारी परिवहन ग्वालियर जिले से लेकर भिण्ड जिले तक समान रूप में जाता है, तो भिण्ड जिले के अनुरूप क्रस्ट का प्रावधान क्यों नहीं किया गया है? (घ) क्या शेष लम्बाई में भारी परीवहन के अनुरूप ही क्रस्ट का प्रावधान कर पुन: नवीन प्राक्कलन स्वीकृत किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) खुरैरी से जिगनियां मार्ग के उन्नयन की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 05.12.2014 को राशि रू. 10.51 करोड़ की दी गई। मार्ग के क्रस्ट को पुनरीक्षित कर पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 30.11.2016 को राशि रू. 13.05 करोड़ की दी गई। मार्ग की लंबाई 29.80 किलोमीटर है। (ख) जी हाँ। मार्ग के हिस्सों में यातायात भार एवं घनत्व भिन्न-भिन्न होने के कारण। जी नहीं। जी हाँ। मार्ग के हिस्सों में यातायात भार एवं घनत्व भिन्न-भिन्न होने के कारण। (ग) जी हाँ। जी नहीं। मार्ग के हिस्सों में यातायात भार एवं घनत्व भिन्न-भिन्न है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
वन भूमि पर कृषि हेतु पट्टा
[वन]
150. ( क्र. 6064 ) श्री रामसिंह यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले में कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अतंर्गत जनवरी 2017 की स्थिति में वन भूमि पर खेती की जा रही है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ पर किन-किन वन कम्पार्टमेंट के अतंर्गत कितने-कितने भूमि पर कितने लोगों के द्वारा कब से खेती की जा रही है/फसल उगाई जा रही है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित खेती हेतु वन भूमि पर काबिज व्यक्तियों को उक्त वन भूमि के पट्टे दिए जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक पट्टे दिए जावेंगे? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अतंर्गत वन भूमि पर कई वर्षों से काबिज आदिवासियों/भीलों को उनके कब्जे छुड़ाकर उस भूमि पर वृक्षारोपण किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त वृक्षारोपण कहाँ-कहाँ पर कितना-कितना किया गया है और किन-किन को कब्जे से बेदखल किया गया है? (घ) क्या कोटरी बीट आर.एफ.176 में श्री सरदार, फतरया, फाड़या, रेंझा, बहादुर, सोमसिंह, मंगल, नानला, सिपा आदि सभी जाति भील आदिवासियों को वन भूमि में उनकी खड़ी फसलें उजाड़कर प्लांटेशन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो उक्त सभी जो वर्ष 2000 से काबिज है, को वन अधिकार भी नहीं दिया गया और उन गरीबों की खड़ी फसलें उजाड़ दी? ऐसा क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। वन भूमि पर कृषि हेतु पट्टा वन संरक्षण अधिनियम 1980 के तहत्, भारत सरकार से स्वीकृति उपरांत दिया जा सकता है। (ग) एवं (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम वन समितियों के अंतर्गत लगाए गए चौकीदारों की जानकारी
[वन]
151. ( क्र. 6065 ) श्री रामसिंह यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन मंडल शिवपुरी के अंतर्गत ई-भुगतान प्रारंभ होने पर 01 अप्रैल 2016 से ग्राम वन समितियों में वृक्षारोपण की सुरक्षा हेतु नियमानुसार चौकीदार लगाए गए हैं? यदि हाँ, तो वन परिक्षेत्रवार जानकारी दें कि कौन-कौन चौकीदार कब से कहाँ के लिए लगाए गए हैं? क्या ग्राम वन समितियों से निर्धारित प्रक्रिया के तहत् प्रस्ताव ठहराव लिए गए हैं? (ख) क्या उक्त लगाए गए चौकीदारों का भुगतान ग्राम वन समिति के खाते से किया गया है अथवा सीधे चौकीदारों के खातों में किया गया है? ई-भुगतान शुरू होने के बाद से लगाए गए चौकीदार ग्राम वन समिति क्षेत्र से ही है? क्या लगाए गए चौकीदार की अन्य विभाग में कार्यरत तो नहीं है अथवा छात्र तो नहीं है? क्या वन परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा सत्यापन किया गया है? (ग) क्या यह सही है कि लगाए गए चौकीदार के स्थान पर भुगतान किसी अन्य को किया गया है? (घ) क्या लगाए गए चौकीदारों को किए गए भुगतान का सत्यापन कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, 01 अप्रैल 2016 से ई-भुगतान प्रारंभ होने के दिनांक से राशि चौकीदारों के खाते में जमा की जा रही है। जी हाँ, जी नहीं, जी नहीं, जी हाँ। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत सड़क निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
152. ( क्र. 6092 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में 500 से अधिक जनसंख्या तथा 250 से अधिक जनसंख्या वाले कौन-कौन से ग्राम प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना/मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना से नहीं जुड़े हैं तथा क्यों? कारण बतायें। उक्त ग्रामों में सड़क निर्माण हेतु विभाग की क्या योजना है? (ख) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्मित रायसेन जिले की कौन-कौन सी सड़के गारंटी पीरियेड में हैं? क्या उक्त सड़कों में जगह-जगह गड्ढे, डामर उखड़ना, जर्जर हालत में है? यदि हाँ, तो उक्त सड़कों की मरम्मत ठेकेदारों से क्यों नहीं करवाई जा रही है? (ग) रायसेन जिले में किन-किन सड़कों की गारण्टी अवधि समाप्त हो गई है? उक्त सड़कों की मरम्मत हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) 01 जनवरी, 2016 से प्रश्न दिनांक तक रायसेन जिले की सड़कों की मरम्मत/पुल निर्माण/विशेष पैकेज भारत शासन को भेजने हेतु माननीय मंत्री जी एवं विभाग के अधिकारियों को किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुये तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। जी नहीं। अनुबंध मुताबिक संधारण अवधि में संधारण कराया जाना प्रतिवेदित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिश्ष्टि के प्रपत्र-स अनुसार। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत गारंटी अवधि पूर्ण 106 सड़कों में से 101 के संधारण एवं रख-रखाव के लिए एजेन्सी का निर्धारण किया जा चुका है। शेष 5 सड़कों के लिए संधारण हेतु निविदा आमंत्रित की गई है। मुख्यमंत्री सड़क योजना के तहत् गारंटी अवधि समाप्त होने के पश्चात् संधारण की व्यवस्था नहीं है। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत् निर्मित सड़कों में से 10 हजार किलोमीटर सड़कों का उन्नयन कर डामरीकृत करने की विश्व बैंक सहायित परियोजना के तहत् निविदा प्रक्रिया अगले माह प्रारम्भ होना संभावित है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिश्ष्टि के प्रपत्र-द अनुसार।
स्टेडियम का उपयोग
[खेल और युवा कल्याण]
153. ( क्र. 6096 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बिजावर नगर में नयाताल रोड पर शासकीय महाविद्यालयय में खेल एवं युवा कल्याण विभाग अथवा अन्य विभाग द्वारा स्टेडियम का निर्माण करवाया गया था? (ख) यदि हाँ, तो कब से निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ? कितनी राशि स्वीकृत हुई? निर्माण एजेंसी कौन है? वर्तमान में क्या स्थिति है? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या स्टेडियम का निर्माण पूर्ण हो चुका है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों एवं कब तक पूर्ण होगा? (घ) क्या इस स्टेडियम को विभाग को हस्तांतरित कर दिया है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? (ङ) क्या इस स्टेडियम में खेल गतिविधियां सुचारू रूप से संचालित हो रही हैं? यदि नहीं, तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) बिजावर नगर में जिला पंचायत छतरपुर अन्तर्गत संचालित बी.आर.जी.एफ योजनान्तर्गत लोक निर्माण विभाग छतरपुर द्वारा स्टेडियम का निर्माण करवाया गया है। (ख) बी.आर.जी.एफ. योजनान्तर्गत दिनांक 10.08.2008 को कार्य प्रांरभ हुआ है। जिसके लिए रूपये 25.00 लाख की राशि स्वीकृत हुई थी। निर्माण एजेंसी लोक निर्माण विभाग छतरपुर है। वर्तमान में स्टेडियम संतोषजनक स्थिति में है, खिड़की, दरवाजे आंशिक क्षतिग्रस्त है। (ग) जी हाँ। दिनांक 19.02.2010 को निर्माण पूर्ण हो चुका है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। स्टेडियम के हस्तांतरण उपरांत उसके संचालन व संधारण हेतु अमले की आवश्यकता होती है। विभाग के पास इस हेतु अमला उपलब्ध नहीं होने के कारण हस्तांतरण संभव नहीं है। (ड.) खेल विभाग द्वारा स्टेडियम में खेल गतिविधियां सुचारू रूप से संचालित की जाती हैं किन्तु नियमित नहीं है।
छात्रावास भवन का निर्माण
[उच्च शिक्षा]
154. ( क्र. 6097 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय महाविद्यालयय बिजावर में छात्रावास भवन का निर्माण करवाया गया था? (ख) यदि हाँ, तो कब एवं कितनी राशि स्वीकृत हुई? निर्माण एजेंसी कौन थी? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या उक्त छात्रावास भवन का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुक्रम में क्या उक्त छात्रावास भवन विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? इस भवन की वर्तमान में स्थिति क्या है एवं इसका क्या उपयोग हो रहा है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) दिनांक 31.03.2010 को स्वीकृत राशि रूपये 40.00 लाख एवं निर्माण एजेंसी म.प्र. लघु उद्योग निगम, छतरपुर थी। (ग) जी हाँ। दिनांक 31.01.2012 (घ) जी हाँ। 30.06.2012 को हस्तांतरित कर दिया गया है। छात्राओं द्वारा छात्रावास में प्रवेश न लेने के कारण छात्रावास रिक्त है। वर्तमान रिक्त छात्रावास भवन में स्पोर्ट, गतिविधि कक्ष, राष्ट्रीय सेवा योजना, स्टोर एवं परीक्षाओं के संचालन हेतु कंट्रोल रूम के रूप में उपयोग हो रहा है।
खदानों की आवंटित भूमि से अधिक उपयोग
[खनिज साधन]
155. ( क्र. 6099 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में वर्ष 2010 से कितनी पत्त्थर,गिट्टी, मुरम खदानें किस-किस व्यक्ति के नाम आवंटित की गयी? खदान का क्षेत्रफल, स्थल की जानकारी देवें। इनमें से कितनी खदानों में से आज भी खनिज निकाला जा रहा है? (ख) आवंटित क्षेत्रफल का विभाग द्वारा 2010 के बाद कब-कब सीमांकन किया गया? वर्षवार जानकारी देवें। (ग) क्या आवंटित क्षेत्रफल से अधिक क्षेत्र में खनन किये जाने को लेकर प्रश्नांश (क) अवधि से किसी व्यक्ति विशेष ने खनिज विभाग में कोई शिकायत हुई है? यदि हाँ, तो व्यक्ति के नाम सहित की गई कार्यवाही से अवगत करायें? (घ) क्या यह सही है कि खनिज विभाग के नियम २०१२ के तहत् किसी भी सड़क, फोरलेन सड़क के समीप कोई गड्ढा खदान मालिक द्वारा नहीं खोदा जा सकता? क्या गड्ढा खोदने के पश्चात उसे मालिक द्वारा भरना आवश्यक है? यदि हाँ, तो उक्त जिले में एसे कितने गड्ढे सड़क किनारे चिन्हित कर उन्हें विभाग द्वारा भरवाया गया? क्या विभाग द्वारा 2012 के पूर्व गड्ढे को भरने की कोई नीति तैयार की है? उक्त जिले में सड़क किनारे कितनी खदानें रजिस्टर्ड है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर दर्शित है। (ख) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर दर्शित है। (ग) जी नहीं। कलेक्टर कार्यालय के अभिलेखों के अनुसार प्रश्नानुसार शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) खनिज विभाग में नियम, 2012 के नाम से कोई नियम नहीं है, अत: इसके संदर्भ में चाही गई जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जनपद सी.ई.ओ. का प्रभार
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
156. ( क्र. 6130 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री वेदप्रकाश गुप्ता तिलहन संघ के तृतीय श्रेणी के कर्मचारी हैं और जिला पंचायत दतिया में प्रतिनियुक्ति पर हैं? क्या तिलहन संघ में अनियमितताओं को लेकर निलंबित भी हो चुके हैं? (ख) क्या लगातार शिकायतों के चलते शासन द्वारा श्री गुप्ता की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर दी है? यदि हाँ, तो कब समाप्त की और उनको कार्यमुक्त क्यों नहीं किया गया? यदि न्यायालय से स्थगन मिला तो वह कब मिला? (ग) क्या तिलहन संघ के तृतीय श्रेणी कर्मचारी को किसी प्रकार के वित्तीय अधिकार नहीं दिये जा सकते हैं? इसके बावजूद इन्हें भाण्डेर जनपद का सी.ई.ओ. बनाकर वित्तीय पॉवर क्यों दिये गये है तथा अभी तक भाण्डेर सी.ई.ओ. का प्रभार क्यों नहीं हटाया गया? इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। श्री वेदप्रकाश गुप्ता, तिलहन संघ के द्वितीय श्रेणी के समकक्ष कर्मचारी हैं एवं प्रतिनियुक्ति पर जिला पंचायत दतिया में पदस्थ हैं। श्री गुप्ता तिलहन संघ, के आदेश दिनांक 26.11.92 द्वारा निलंबित हुए थे और आदेश दिनांक 27.10.1993 द्वारा निलंबन से बहाल हुए थे। (ख) विभागीय आदेश दिनांक 01.09.2014 द्वारा श्री गुप्ता सहित 124 सेवायुक्तों की सेवाएं तिलहन संघ को वापिस की गई थीं, जिसे आदेश दिनांक 04.09.2014 द्वारा स्थगित किया गया। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है। विभागीय आदेश दिनांक 01.03.2017 द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, श्री गिरिराज दुबे की पदस्थापना जनपद पंचायत भाण्डेर में की गयी है। श्री दुबे दिनांक 09.03.2017 को अपने कार्य पर उपस्थित हो चुके हैं।
नगरों के लंबित मास्टर प्लान एवं अवैध कॉलोनियाँ
[नगरीय विकास एवं आवास]
157. ( क्र. 6145 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी एवं सागर नगर निगम में वर्तमान में कौन सा मास्टर प्लान लागू है? कब तक के लिये था? इन मास्टर प्लान के अतिरिक्त क्या कोई प्रस्तावित प्लान भी शासन के विचारधीन है? यदि हाँ, तो कब से कब तक का है और कब से विचाराधीन है? कब लागू होगा? (ख) क्या पुराने मास्टर प्लान के कारण विकासकर्ता को जमीनों की बढ़ती कीमत के अनुपात में उचित फ्लोर एरिया रेश्यो नहीं मिलने से अवैध निर्माण बढ़ रहे हैं? शहरों के व्यवस्थित विकास हेतु आवश्यक खुली जगह, पार्किंग, सड़के नहीं बन रही हैं? (ग) कटनी रेल्वे अंतर्गत 02 नवीन रेल्वे स्टेशन मुडवारा एवं साउथ खोले गये हैं? यदि हाँ, तो इन स्टेशनों के आस-पास की भूमि के संबंध में मास्टर प्लान में क्या कार्ययोजना है? यदि कोई प्लान या कार्ययोजना नहीं है, तो क्यों और कब तक योजना बना ली जावेगी? (घ) क्या नगर एवं ग्राम निवेश विभाग दो हेक्टेयर से कम के आवासीय कालोनी के भूखंडीय विकास का अनुमोदन नहीं करता? इसका क्या औचित्य है? क्या दो हेक्टयेर भूमि अर्जित करने में असमर्थ विकासकर्ता अवैध कालोनी बनाने को विवश है? (ड.) कटनी एवं सागर नगर में प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन अवैध कालोनियां एवं बसाहटें है? क्या शासन नियम प्रक्रियाओं को सरल स्पष्ट और परदर्शी बनाने के कदम उठायेगा? यदि हाँ, तो क्या और कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) कटनी नगर में कटनी विकास योजना 2021 एवं सागर नगर में सागर विकास योजना 2011 प्रभावशील है। विकास योजना के प्रस्ताव योजना कालावधि के उपरान्त भी विकास योजना के पुनर्विलोकन, मूल्याकंन एवं उपांतरण अथवा प्रस्तावित विकास योजना के संतृप्त होने तक प्रभावशील रहते हैं। सागर विकास योजना (प्रारूप) 2031 परीक्षणाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। प्रचलित विकास योजना में निर्धारित एफ.ए.आर. की पात्रता होती है, अत: शेष प्रश्नाश: उपस्थित नहीं रहता है। नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय द्वारा जारी विकास अनुमतियों में नियमानुसार खुली जगह, पार्किंग एवं सड़कें प्रावधानित की जाती हैं। (ग) जी हाँ। अंगीकृत विकास योजना में रेल्वे स्टेशन के आस-पास की भूमियों का भूमि उपयोग निर्दिष्ट है। अत: शेष प्रश्नाश: उपस्थित नहीं रहता है। (घ) म.प्र. आवास एवं पर्यावरण विभाग के आदेश क्रमांक एफ-35/2007/32-1 दिनांक 15.11.2012 के द्वारा आदेश दिनांक 15/07/2010 एवं 23/12/2010 को संशोधित करते हुये प्रावधान लागू किये गये है कि, ''निवेश क्षेत्रों में भू-खण्डीय विकास के लिए भूमि या भू-खण्ड का न्यूनतम क्षेत्रफल 2.0 हे. होगा,'' 2.0 हे. क्षेत्रफल का बंधन ऐसे भूमि पर लागू नहीं होगा, जो चारों ओर से विकसित तथा निर्मित है। 2.0 हे. से कम भूमि या भू-खण्ड पर समूह आवास/अपार्टमेंट कॉलोनी के विकास की अनुमति दी जाती है। अत: अवैध कालोनी बनाने के लिए कोई विवश नहीं है। (ड.) नगर पालिका निगम कटनी एवं नगर पालिक निगम सागर से प्राप्त अवैध कॉलोनियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। अवैध कॉलोनियों एवं बसाहटों के संबंध में म.प्र. नगर पालिका प्रावधान (कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण निर्बंधन तथा शर्तें) नियम-1998 के प्रावधान स्पष्ट एवं पारदर्शी है, जिसके अंतर्गत सक्षम प्राधिकारी द्वारा कार्यवाही की जाती है, अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
वॉटर शेड अंतर्गत कराये गये कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
158. ( क्र. 6146 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में वॉटर शेड कमेटी किन-किन ग्रामों में कब से संचालित है? विकासखण्डवार, ग्रामवार विवरण दें। (ख) संचालित वॉटर शेड कमेटी में विगत 05 वर्ष में कौन-कौन से कार्य कहाँ-कहाँ कितनी राशि के कराये गये हैं? कार्यवार सूची देवें। इन कार्यों का मूल्यांकन एवं सत्यापन कब-कब, किसके द्वारा किया गया है? कितने कार्य पूर्ण है? कितने कार्य अपूर्ण हैं? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा? प्रश्नांकित योजना से हुये कार्यों में क्षेत्र की जनता के कृषकों को क्या लाभ हुआ? (ग) वॉटर शेड कमेटी द्वारा कराये गये कार्यों की कार्य एजेंसी कौन है? कार्य एजेंसी का नाम बतावें। क्या संबंधित निर्माण एजेंसियों द्वारा निर्धारित समयावधि के अंदर कार्य पूर्ण किया गया है? यदि नहीं, तो इनके विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? इसके लिये दोषी कौन है? क्या प्रश्नांकित योजना में मजदूरी एवं सामग्री का नगद भुगतान होता है? (घ) वॉटर शेड कमेटी में ग्राम पंचायत के सचिव एवं सरपंच की क्या जवाबदारी है? नियमों की प्रति सहित बताएं।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) कोई कार्य अपूर्ण नहीं है। पूर्ण एवं प्रगतिरत कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। योजना के कार्यों से लगभग 753 हेक्टर में सिंचाई सामर्थ विकसित हुई तथा 2695 कृषक उत्पादन प्रणाली के कार्यों से लाभांवित हुए हैं। (ग) वॉटर शेड समिति स्वयं कार्य एजेंसी है। जी हाँ, अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। मजदूरी एवं सामग्री का नगद भुगतान नहीं किया जाता है। (घ) सरपंच को वर्ष 2012-13 से स्वीकृत परियोजनाओं में वॉटर शेड समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
नगर पालिका पोरसा में भ्रष्टाचार
[नगरीय विकास एवं आवास]
159. ( क्र. 6159 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अम्बाह विधानसभान्तर्गत पोरसा नगर पालिका में 1-1-2014 से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ से कितना-कितना पैसा, किस-किस मद में प्राप्त हुआ है तथा उक्त प्राप्त मदों में से कितना-कितना पैसा, किस-किस वार्ड में, किस-किस की अनुशंसा से किस कार्य हेतु व्यय किया गया है? (ख) क्या वर्तमान में पोरसा शहर में पानी की टंकी तथा शहर में पाईप लाईन बिछाने का कार्य जारी है, जिसके निर्माण में घटिया किस्म की सामग्री का प्रयोग कर शासन को लाखों रूपये की हानि पहुंचाई जा रही है? यदि हाँ, तो क्या शासन ऐसे अधिकारी/ठेकेदार को चिन्हित करने तथा शासन को नुकसान से बचाने हेतु विधानसभा की समिति से उक्त घटिया निर्माण की जाँच करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, निर्माण में गुणवत्तायुक्त सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नदियों पर खनिज उत्खनन की अनुमति
[खनिज साधन]
160. ( क्र. 6236 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले की कासरनी, दतूनी, जामनेर नदियों पर स्थित काली रेत एवं अन्य खनिजों के उत्खनन का पट्टा दिये जाने की क्या प्रक्रिया है? (ख) क्या वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक इन नदियों पर उत्खनन करने की अनुमति किसी व्यक्ति या संस्था को प्रदान की गई है? (ग) यदि हाँ, तो शासन को रॉयल्टी के रूप में कितना राजस्व इन नदियों से आय के रूप में प्राप्त हुआ है? (घ) यदि नहीं, तो इन नदियों का उत्खनन का अधिकार नीलाम नहीं करने से पिछले 5 वर्षों में सरकार की कितनी आर्थिक हानि हुई है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में रेत सहित गौण खनिजों के उत्खनन पट्टा प्रदान करने की प्रक्रिया निर्धारित है। मुख्य खनिज हेतु खान एवं खनिज (विकास तथा विनियमन) अधिनियम, 1957 एवं इसके अधीन निर्मित नियम प्रावधानित है। यह अधिनियम/नियम अधिसूचित है। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित कासरनी एवं दतूनी नदी में उत्खनन की अनुमति नहीं दी गई है। जामनेर नदी में मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम द्वारा उत्खनिपट्टा प्राप्त कर मेसर्स शिवा कार्पोरेशन को वर्ष 2013 से 2015 तक ठेके पर जियागाँव, अगरदा, आमखेडी, संदलपुर, कणा में रेत खनन की अनुमति दी गई थी। वर्ष 2015 के पश्चात यह खदान किसी को नहीं दी गई है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार स्वीकृत अवधि में खदानों से रूपये 31,54,600/- का राजस्व प्राप्त हुआ था। (घ) प्रश्नांश (ग) में दिये उत्तर अनुसार राजस्व की हानि नहीं हुई है। खदानों से खनिज निकासी पर ही राजस्व प्राप्त होता है। अत: वर्तमान में खनिज निकासी न होने के कारण हानि जैसी स्थिति नहीं है।
वन परिक्षेत्र से हरे भरे वृक्षों की अवैध कटाई
[वन]
161. ( क्र. 6240 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. राज्य वन अधिनियम की धाराओं के तहत् वन परिक्षेत्र में स्थित शास. पहाड़ी से हरे-भरे वृक्षों को अवैध रूप से कटाई करना नियमानुसार आपराधिक दण्ड है? यदि हाँ, तो निर्देशों की प्रति उपलब्ध करायें? (ख) क्या मेसर्स डिजियाना इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी इंदौर के द्वारा तहसील गौरिहार के वन परिक्षेत्र लवकुशनगर के अंतर्गत नेहरा चुकेहटा बीट से प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में हरे-भरे वृक्षों (झाड़ियों) की अवैध कटाई कर केन नदी रेत खदान से निर्मित सड़क में कटे हुये वृक्षों का उपयोग किया जा रहा है? क्या ऐसी शिकायतें वन मण्डला अधिकारी सामान्य वन मण्डल छतरपुर को दिनांक 18.01.2017 को आर.टी.आई. कार्यकर्ता के माध्यम से प्राप्त हुई? यदि हाँ, तो शिकायतों की प्रति देवें? (ग) क्या शिकायत के आधार पर वन परिक्षेत्राधिकारी लवकुशनगर से जाँच प्रतिवेदन चाहा गया? यदि हाँ, तो प्रतिवेदन का विवरण देवें? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित फर्म के द्वारा वन विभाग द्वारा जारी एन.ओ.सी. के शर्तों के विरूद्ध कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब तक एन.ओ.सी. निरस्त की जावेगी? क्या वन अधिनियम के विरूद्ध कार्य करने वाली कंपनी के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) क्या अवैध वनों की कटाई वन परिक्षेत्राधिकारी लवकुशनगर के संरक्षण में की जा रही है? यदि हाँ, तो उक्त अधिकारी को निलंबित करते हुये वन अधिनयम के तहत् आपराधिक प्रकरण दर्ज करायें? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी नहीं। ऐसी एक शिकायत वनमंडलाधिकारी, सामान्य वनमंडल छतरपुर को प्रश्नांकित तिथि को आर.टी.आई. कार्यकर्ता के माध्यम से प्राप्त हुई थी, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जी नहीं। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी नहीं। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
ग्राम पंचायतों में अपूर्ण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
162. ( क्र. 6241 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या क्षेत्र के छतरपुर जिले के ज.पं. नौगाँव, लवकुशनगर, गौरिहार अंतर्गत वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में ग्राम पंचायतों द्वारा संबंधित कार्यों की राशि आहरित करने के बावजूद कुछ निर्माण कार्य अपूर्ण हैं तथा कुछ कार्य प्रारंभ ही नहीं हुए हैं? यदि हाँ, तो ऐसे कार्यों के नाम, तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति क्रमांक एवं दिनांक, कार्य की कुल लागत एवं कितनी-कितनी राशि आहरित की गई? (ख) क्या राशि आहरित करने के बावजूद ग्राम पंचायत द्वारा जो कार्य प्रारंभ नहीं किए हैं? उनसे राशि वसूलने हेतु क्या कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब करेगें? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्य कब तक पूर्ण होंगे? निश्चित समयावधि बताएं तथा दो वर्ष से अधिक समय पूर्व जो राशि आहरित की गई है उसे वसूलने हेतु अभी तक क्या कार्यवाही किन-किन के द्वारा की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो इसके लिए कौन दोषी है? (घ) क्या जिन एजेंसियों द्वारा स्वीकृत कार्यों की राशि लगभग 02 वर्ष पूर्व आहरित कर ली थी, फिर भी कार्य प्रारंभ नहीं किया तो उक्त राशि किसके पास जमा थी? उक्त राशि का उपयोग किसके द्वारा कहाँ किया गया? राशि का दुरूपयोग करने पर इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकलाय में रखे परिशिष्ट के कालम-12 में की जा रही कार्यवाही का उल्लेख है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही प्रचलित है, कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) संबंधित एजेंसी के पास, जिस प्रयोजन हेतु राशि दी गई थी, उसका उपयोग उसी प्रयोजन पर किया जाता है। राशि का दुरुपयोग करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कालम-12 के अनुसार। राशि की वित्तीय अनियमितता हेतु तत्कालीन सरपंच एवं सचिव दोषी हैं। उनके विरुद्ध अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के यहाँ प्रकरण पंजीबद्ध कराया गया है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
163. ( क्र. 6252 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रामीण क्षेत्रों में विषयांकित योजना में वर्ष 2011 में कराए गए सामाजिक आर्थिक तथा जातिगत सर्वे के आधार पर हितग्राहियों का चयन किया गया है? (ख) बालाघाट जिले में उक्त चयनित सूची में ऐसे कितने हितग्राही हैं, जिनके खाते में विषयांकित योजना की पहली किश्त तो डाल दी गयी है किन्तु उनके पास आवासीय पट्टा ही नहीं है तथा वे लोग या तो शासकीय भूमि पर कब्जाधारी है अथवा छोटे झाड़ अथवा बड़े झाड़ वाली भूमि पर कब्जाधारी हैं अथवा वन भूमि पर कब्जाधारी हैं? ग्राम पंचायत अनुसार हितग्राहियों के नाम तथा काबिज भूमि की श्रेणी सहित जानकारी दें? (ग) शासन उक्त श्रेणी में चयनित हितग्राहियों को कब तक आवासीय पट्टा उपलब्ध करा देगा, ताकि उन्हें योजना का लाभ मिल सके?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) 24 हितग्राही जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उक्त हितग्राहियों को माह मार्च 2017 के अंत तक आवासीय पट्टा उपलब्ध कराने की कार्यवाही पूर्ण कर ली जायेगी।
सी.एस.आर. के तहत् स्थापित उद्योग
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
164. ( क्र. 6253 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में ऐसे कितने उद्योग स्थापित हैं जो कंपनी एक्ट के तहत् सी.एस.आर. की श्रेणी में आते हैं? औद्योगिक क्षेत्रों के नाम तथा कंपनियों के नाम सहित जानकारी दें। (ख) विगत पाँच वर्षों में कंपनी एक्ट के तहत् इन कंपनियों को सी.एस.आर. के तहत् कितनी राशि खर्च करनी थी तथा कितनी राशि खर्च की गयी? सी.एस.आर. के तहत् एक लाख रूपये या उससे अधिक के जो काम कराए गए हैं, काम के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) कंपनी एक्ट के तहत् सी.एस.आर. की राशि स्थापित क्षेत्र में संबंधित ब्लॉक में या संबंधित जिले में अथवा जिले से भी बाहर क्या खर्च की जा सकती है? नियमों की प्रति देते हुए बताएं।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) से (ग) कंपनी अधिनियम में वर्णित सी.एस.आर. (कार्पोरेट सामाजिक दायित्व) के अंतर्गत नियम व मापदण्ड का निर्धारण भारत सरकार का विषय हैं। भारत शासन के कंपनी अधिनियम में वर्णित सी.एस.आर. (निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व) का पालन कंपनी अधिनियम के प्रावधानों अनुसार संबंधित कंपनियों के दवारा ही किया जाना होता हैं। इसके अंतर्गत राज्य शासन की भूमिका के संबंध में कोई व्यवस्था नहीं हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना के लक्ष्य निर्धारण एवं चयन में हो रही अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
165. ( क्र. 6267 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा प्रश्नोत्तरी दिनांक 8 दिसम्बर 2016 में मुद्रित अता. प्रश्न संख्या 121 (क्र. 1442) के उत्तर के अनुसार जिले में दिनांक 1.3.2015 से 16.3.2015 तक प्राप्त दावा पत्र के कितने आवेदनों का निराकरण किया गया? निराकरण के पूर्व कुल प्राप्त आवेदन पत्रों की जानकारी देवें। (ख) क्या संदर्भित उत्तर के भाग (ख) में जी नहीं दिया गया। जबकि रीवा जिले के अधिकांश पंचायतें में लक्ष्य निर्धारण में व्यापक अनियमितता हुई? लक्ष्य निर्धारण किस आधार पर सरकार/विभाग द्वारा किया गया बतावें। आर्थिक गणना 2011 की तैयार सूची का अनुमोदन ग्राम सभाओं से कराया जा रहा है? जबकि ग्राम सभा को सूची में हस्तक्षेप या बदलने का अधिकार नहीं दिया गया? आवासीय पट्टा/भू-खण्ड धारक न होने वाले हितग्राहियों को भी क्या आवास का लाभ दिये जाने का प्रावधान हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर (घ) अनुसार जिन गरीब आवासहीन परिवारों के नाम आर्थिक गणना 2011 में त्रुटिवश छूट गये उन पात्र लोगों के नाम जोड़ने बाबत् क्या आदेश एवं निर्देश जारी करेंगे? बतावें। अगर नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार आर्थिक जनगणना 2011 के सूची का अनुमोदन ग्राम सभाओं से कराये जा रहे तो क्या ग्राम सभा को सूची में नाम जोड़ने एवं काटने का अधिकार प्रदान करेगें? अगर नहीं तो ग्राम सभा से सूची के अनुमोदन का क्या उद्देश्य है? बतावें। पंचायतों में आवास के लक्ष्य निर्धारण में हुई विसंगति एवं लक्ष्य अनुसार हितग्राहियों के नाम सूची में न होने से चयन में हो रही अनियमितता के लिये कौन जवाबदार है? उन पर क्या कार्यवाही करेंगे? सूची में संशोधन का अधिकार ग्राम सभा को देंगे? देगें तो कब तक बतावें। अगर नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) रीवा जिले के ग्रामों से 99,792 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिसका निराकरण प्राधिकृत अधिकारी द्वारा किया गया है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। भारत सरकार से वर्ष 2016-17 के लिए प्राप्त लक्ष्य एवं वर्ष 2017-18 के लिए संभावित लक्ष्य SECC-2011 में सूचीबद्ध आवासहीन परिवारों में से सर्वोच्च प्राथमिकता आवासहीन परिवारों को, द्वितीय प्राथमिकता शून्य कक्ष कच्चा आवास श्रेणी के एवं तृतीय प्राथमिकता एक कक्ष कच्चा आवास श्रेणी के परिवारों को उनकी परस्पर वंचितता की तीव्रता के आधार पर किया गया है। जी नहीं। SECC-2011 का अनुमोदन ग्राम सभा से 27 एवं 28 फरवरी 2015 को कराया जा चुका है। ग्राम सभा अथवा राज्य सरकार को SECC-2011 में परिवर्तन करने का अधिकार नहीं है। SECC-2011 में सूचीबद्ध परिवारों में से चयनित परिवार पात्र हो तो उसे आवासीय पट्टा नि:शुल्क देने की व्यवस्था की गई है। (ग) प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत् SECC-2011 में नाम जोड़ने के लिए भारत सरकार ने राज्यों को अधिकार नहीं दिए हैं। (घ) जानकारी उत्तरांश (ख) एवं (ग) अनुसार है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
महात्मा गाँधी रोजगार गारंटी योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
166. ( क्र. 6286 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्डौरी जिलों में कुल कितने जॉब कार्ड हैं? वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में प्रत्येक जॉब कार्डधारी को एक वर्ष में कितने दिवस कार्य करने की अधिकार था, उसमें से कितने जॉब कार्डधारी को 100 दिवस का कार्य दिया गया तथा कौन से निर्माण कार्य में काम दिया गया? 100 दिवस कार्य के विरूद्ध कितनी मजदूरी मजदूर को दी गयी। श्रमिकों की संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में डिण्डौरी जिले के कौन-कौन से ग्रामों में मनरेगा के मजदूरी भुगतान लंबित हैं? किस कार्य का भुगतान लंबित है? भुगतान क्यों लंबित है? कब तक लंबित मजदूरी का भुगतान किया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला डिण्डौरी अंतर्गत महात्मा गाँधी नरेगा में कुल 1,62,371 जॉब कार्डधारी परिवार पंजीकृत हैं। प्रत्येक जॉब कार्ड परिवार की मांग अनुसार अधिकतम 100 दिवस का कार्य दिये जाने का प्रावधान है। वर्ष 2014 में 3,159 एवं 2015-16 में 10,923 परिवारों ने 100 दिवस रोजगार लिया है। रोजगार सामुदायिक एवं हितग्राही मूलक कार्यों पर प्रदाय किया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। हितग्राही के बैंक खातों में त्रुटि होने के कारण बैंकों से एफ.टी.ओ. अमान्य (रिजेक्ट) होने के कारण। हितग्राही से बैंक खातों की त्रुटि दूर कराकर भुगतान 15 दिवस में उनके खातों में जमा करने के निर्देश दिये गये हैं।
खेल परिसर का अधूरा निर्माण
[खेल और युवा कल्याण]
167. ( क्र. 6291 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बालाघाट जिले के कटंगी तहसील मुख्यालय में खेल परिसर में गैलरी, उद्घोषक मंच एवं मैदान समतलीकरण का कार्य अधूरा पड़ा हुआ है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक समतलीकरण, अपूर्ण गैलरी तथा उद्घोषक मंच एवं खेल परिसर तक पहुँच मार्ग के कार्य हेतु स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी? (ग) क्या अधूरा खेल परिसर होने से खिलाडि़यों को खेल परिसर का लाभ नहीं मिल रहा है।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) मैदान समतलीकरण का कार्य आरम्भ नहीं हुआ है। गैलरी एवं उद्घोषक मंच निर्माण की आवश्यकता नहीं है। (ख) मैदान समतलीकरण हेतु विभागीय अनुमोदित फर्म को स्थल निरीक्षण कर प्राक्कलन प्रस्तुत करने हेतु लेख किया गया है। पहुँच मार्ग हेतु स्थानीय तौर पर व्यवस्था हेतु निर्देश दिये गये हैं। प्रश्नोत्तर (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ।
पहुँच मार्ग का सीमेंटीकरण
[उच्च शिक्षा]
168. ( क्र. 6292 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शा. महाविद्यालय कटंगी जि. बालाघाट के 220 मीटर पहुँच मार्ग का सीमेंटीकरण का रूपये 28 लाख का प्राक्कलन प्रशासकीय स्वीकृति हेतु उच्च शिक्षा विभाग के पास लंबित है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक मेन गेट से शा. महाविद्यालय भवन तक मार्ग का सीमेंटीकरण कर दिया जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। वर्तमान में सीमित वित्तीय संसाधनों को दृष्टिगत कर राशि स्वीकृत किए जाने में कठिनाई है। (ख) समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
जनपद पंचायत में भर्ती की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
169. ( क्र. 6307 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला रीवा के आदेश क्र./ज.न.प./155/सं.वि.दा./ शा.शिक्षक/02/2001-02, दिनांक 16-08-2001 से श्री उमेश कुमार मिश्र पिता श्री रमणदास मिश्र की नियुक्ति संविदा शिक्षक के पद में शासकीय माध्यमिक शाला अतरैला, जिला-रीवा में की गई है? (ख) यदि हाँ, तो क्या श्री मिश्र को अनुदेशक/प्रेरक का बोनस अंक देकर मेरिट लिस्ट में शामिल किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) यदि हाँ, तो क्या अनुदेशक/प्रेरक के अनुभव का अंक सहायक अध्यापक पद के लिए मान्य नहीं है? क्या उक्त अंक का लाभ श्री मिश्र को देकर अध्यापक पद में नियुक्ति दी गई है। किस नियम एवं आदेश से मान्य किया गया है। (घ) यदि प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) हाँ, तो नियम विरूद्ध अनुदेशक का अध्यापक पद में मान्य अंक निरस्त कर दोषी की सेवा समाप्त कर अपराधिक प्रकरण दर्ज करायेंगे। यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बतायेंगे।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हां। (ग) म.प्र.पंचायत संविदा शाला शिक्षक (नियुक्ति एवं सेवा की शर्तें) नियम, 2001 के नियम 8 के तहत। (घ) प्रश्नांश-‘ग‘ के उत्तर के प्रकाशन में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फर्जी बी.एड. कॉलेजों की जाँच
[उच्च शिक्षा]
170. ( क्र. 6308 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिला के निरांचल शिक्षा महाविद्यालय मेथौरी मनगवां, एक्सीलेन्स कॉलेज ऑफ ऐज्यूकेशन रायपुर कर्चुलियान, राम महाविद्यालय रौरा, बी.एड. कॉलेज मनकहरी, अष्टभुजा महाविद्यालय मऊगंज क्या संचालित हैं। उक्त महाविद्यालयों के संचालन समिति की सूची, धारा-27, 28 की सूची तथा कौन-कौन से संकाय संचालित हैं, की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्तमान में किन-किन को शैक्षणिक स्टॉफ में रखा गया है, की जानकारी नाम, पिता का नाम, पद, योग्यता, नियुक्ति तिथि, देय वेतन की राशि एवं वेतन देने का माध्यम नगद/चेक अंकित कर देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में किन-किन को किस सक्षम अधिकारी के अनुमोदन से कॉलेज कोड-28 के तहत् रखा गया है। (घ) प्रश्नांश (क) के महाविद्यालयों को संचालित करने के लिए संचालन समितियों के आय का साधन क्या दर्शाया गया है तथा वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक एस.सी., एस.टी. एवं ओ.बी.सी. के अध्ययनरत् छात्रों को शासन/विभाग से कितनी छात्रवृत्ति प्राप्त हुई तथा संस्थाओं को शुल्क से कितनी राशि प्राप्त हुई।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। तीन समितियों द्वारा संचालित प्रश्नांकित पाँच महाविद्यालयों के धारा 27 में वांछित संचालन समिति की सूची, धारा 28 में वांछित अंकेक्षण रिपोर्ट सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। प्रश्नांकित महाविद्यालयों में मात्र बी.एड. पाठ्यक्रम संचालित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
ग्राम उदय से भारत उदय अभियान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
171. ( क्र. 6320 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के तहत्, मुडवारा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जनपद पंचायत कटनी में कितने आवेदन ग्रामीण विकास विभाग अन्तर्गत हितग्राही मूलक योजनाओं अन्तर्गत प्राप्त हुये? संख्या बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत् कितने आवेदन पात्र पाये गये और क्या पात्र आवेदकों को लाभान्वित किया गया? यदि हाँ, तो कितने? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के तहत् कितने आवेदकों के आवेदन किन कारणों से अपात्र पाये गये/निरस्त किये गये? यदि हाँ, तो कितने? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में पात्र पाये गये आवेदनों पर एवं आवेदकों को शासन की जन हितैषी योजनाओं का लाभ कब तक प्रदान किया जायेगा? बतायें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के तहत् मुडवारा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जनपद पंचायत कटनी में ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत हितग्राही मूलक योजनाओं के 3606 आवेदन प्राप्त हुए। (ख) 613 आवेदन पात्र पाये गये। सभी पात्र आवेदकों को लाभान्वित किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) 2993 आवेदकों के आवेदन अपात्र पाये गये। गरीबी रेखा पात्रता निर्धारित मापदंडों की शर्तों को पूर्ण नहीं करने के कारण अपात्र पाये गये। (घ) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय महाविद्यालय खोलने हेतु कार्यवाही
[उच्च शिक्षा]
172. ( क्र. 6332 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत नगर सुठालिया एवं आस-पास 60-65 ग्रामों के छात्र-छात्राओं को सुठालिया नगर में महाविद्यालय नहीं होने से उच्च शिक्षा प्राप्त करने हेतु 26 कि.मी. दूर ब्यावरा अथवा समीपस्थ जिला गुना स्थित महाविद्यालय में प्रवेश हेतु आश्रित रहना पड़ता है? क्या प्रश्नकर्ता द्वारा सुठालिया नगर में शासकीय महाविद्यालय खोलने की मांग पर दिनांक 31 जनवरी 2017 को ब्यावरा नगर में आयोजित एन.एच.ए.आई. के फोरलेन भूमि पूजन कार्यक्रम एवं जिला स्तरीय अंत्योदय मेले में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा सुठालिया नगर में महाविद्यालय खोलने की घोषणा की गई है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त घोषणा पर विभाग द्वारा क्या अमलीकरण हेतु क्या कार्यवाही की गई है? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणानुरूप सुठालिया नगर में आगामी शैक्षणिक सत्र से पूर्व शासकीय महाविद्यालय खोलने हेतु कार्यवाही करेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणा का क्रमांक बी. 3271 दिनांक 31.01.2017 है। (ख) सुठालिया में नवीन महाविद्यालय खोले जाने संबंधी प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। (ग) कार्यवाही की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सेमीनार हाँल व अतिरिक्त अध्यापन कक्ष निर्माण की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
173. ( क्र. 6333 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 5276 दिनांक 19 मार्च 2015 के उत्तर की कंडिका (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या महाविद्यालय द्वारा विधिवत् प्रस्ताव विभाग को प्रेषित किये जा चुके हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में महाविद्यालय द्वारा प्रेषित प्रस्तावों पर प्रश्न दिनांक तक क्या कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन महाविद्यालय ब्यावरा में सांस्कृतिक व संस्था के वार्षिक कार्यक्रमों के आयोजन हेतु सेमीनार हाँल निर्माण एवं अध्यापन कार्य हेतु अतिरिक्त अध्यापन कक्ष निर्माण की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) महाविद्यालय से दिनांक 14/10/2016 को प्रस्ताव प्राप्त हुआ था, उसे संशोधित करने हेतु प्राचार्य को भेजा गया है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) महाविद्यालय से प्रस्ताव प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
स्थानांतरण नीति के विरूद्ध कार्यवाही
[वन]
174. ( क्र. 6360 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर वन वृत्त तथा वृत्त के समस्त वन मण्डलों में अप्रैल 2015 से अगस्त 2016 तक मुख्य वन संरक्षक एवं वन मण्डलाधिकारियों द्वारा वन कर्मचारियों तथा दैनिक वेतन भोगियों के स्थानांतरण एवं ड्यूटी आदेश जारी किये गये? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या स्थानांतरण नीतियों का पालन किया गया है तथा क्या स्थानांतरण नीति में ड्यूटी आदेश जारी करने का अधिकार है? (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में वन कर्मचारियों तथा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के आदेश की सूची, आदेश क्रमांक, पत्र क्रमांक दिनांक तथा स्थान सहित प्रदाय करें। (घ) स्थानांतरण नीति के विरूद्ध किस-किस अधिकारी ने आदेश जारी किये? उनका नाम, पद तथा शासन उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही और कब तक करेगा? बतावें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। प्रश्नाधीन अधिकारियों द्वारा वन कर्मचारियों तथा दैनिक वेतन भोगी के स्थानांतरण एवं कार्य आवंटन किये गये हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 में उल्लेखित कर्मचारियों में स्थानांतरण नीति का पालन किया गया है। ड्यूटी आदेश जारी करने का प्रावधान स्थानांतण नीति में नहीं है। (ग) वन कर्मचारियों के आदेश की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2 तथा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 की सूची स्थानांतरण नीति के अनुरूप न पाये जाने के कारण वस्तुस्थिति की जाँच की जा रही है। जाँच उपरान्त अग्रिम कार्यवाही की जावेगी।
वन अपराधियों का संरक्षण
[वन]
175. ( क्र. 6361 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर वनमण्डल के परिक्षेत्र लवकुशनगर में वर्ष 2013-14 तथा 2014-15 में अवैध संचालित आरा मशीनें जप्त की गई? यदि हाँ, तो प्रकरण क्रमांक अपराधियों के नाम ग्राम सहित सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में दर्ज प्रकरणों को आज तक लंबित रख अपराधियों को आश्रय दिया गया। प्रकरणों की अद्यतन स्थिति से अवगत कराया जावे? (ग) क्या वन अधिकारियों के सहयोग से अवैध आरा मशीन का संचालन पुन: प्रारंभ हो गया, जिसकी शिकायत भी वन अधिकारियों को प्राप्त हुई है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में शिकायत के उपरांत आरा मशीनों पर तथा संलिप्त वन अधिकारी पर जिसकी शिकायत प्राप्त हुई उस पर शासन क्या कार्यवाही करेगा और कब तक?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। अवैध आरा मशीनों के संचालन के संबंध में मात्र एक शिकायत प्राप्त हुई है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में 05 प्रकरणों में आरा मशीनों के पुन: अवैध रूप से संचालित होने के कारण जप्त कर विधि अनुसार कार्यवाही की गई है। शेष जानकारी निरंक है।
आवासीय प्रशिक्षण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
176. ( क्र. 6379 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला रीवा में एन.आर.एस.एम./एम.जी.एस.वाई. योजनांतर्गत वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में हितग्राहियों को आवासीय प्रशिक्षण एवं अधोसंरचना के कार्य कराये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो आवासीय प्रशिक्षण में कितने हितग्राहियों ने भाग लिया? कितना व्यय हुआ? वर्षवार बतायें तथा किस एजेंसी को भुगतान किया गया? (ग) इसी क्रम में अधोसंरचना हेतु किन-किन ग्राम पंचायतों को कब-कब, कितनी-कितनी राशि दी गई? विकासखण्डवार, ग्राम पंचायतवार एवं वर्षवार बतायें? निर्माण कार्य यदि कराये गये हैं, तो उनके मूल्यांकन का विवरण उपलब्ध करायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में कोई आवासीय प्रशिक्षण आयोजित नहीं किये गये हैं। अधोसंरचना मद से कार्य स्वीकृत किये गये हैं। (ख) आवासीय प्रशिक्षण न होने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
आई.डब्ल्यू.एम.पी. योजना का संचालन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
177. ( क्र. 6380 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आई.डब्ल्यू.एम.पी. योजना रीवा जिले में संचालित है? यदि हाँ, तो ऐसे विकासखण्डों के नाम बतायें तथा क्रियान्वयन एजेंसी का नाम, विकासखण्डवार बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) में बताये गये विकासखण्डों में योजना कब से संचालित है? विकासखण्डवार वर्षवार एवं कार्यवार कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) में बताये गये वर्षवार, विकासखण्डवार कराये गये कार्यों की तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासकीय स्वीकृति की जानकारी उपलब्ध करायें? (घ) क्या उपरोक्त निर्माण कार्यों के गुणवत्ता की मॉनीटरिंग किसी तकनीकी अधिकारी से कराई गई? यदि हाँ, तो मॉनीटरिंग रिपोर्ट का विवरण उपलब्ध करायें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। आस्थामूलक, वॉटर शेड विकास, आजीविका उन्नयन तथा उत्पादन प्रणाली के कार्यों पर व्यय राशी सहित प्रश्नाधीन जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) तकनीकी स्वीकृति ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के सहायक यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री तथा प्रशासकीय स्वीकृति कलेक्टर द्वारा प्रदान की गई। (घ) निर्माण कार्यों की गुणवत्ता का परिक्षण जिला स्तर से अभियंताओं तथा प्रशासनिक अधिकारियों के दल गठित कर कराया गया है। परिक्षण में कुल 1060 कार्यों में से 1053 कार्य उपयुक्त एवं गुणवत्ता युक्त पाये गये। अतिवृष्टि से 6 तालाब एवं 1 चेक डेम क्षतिग्रस्त होना पाया गया, जिसमें सुधार कार्य प्रारंभ हो चुका है।
वार्ड में विद्युतीकरण एवं अनुसूचित जाति आदिवासियों हेतु विकास कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
178. ( क्र. 6393 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या रीवा जिले के नगर पंचायत मऊगंज के वार्ड क्र. 11 जिसमें आदिवासी, अनु. जाति निवासरत हैं वहाँ पर सम्पूर्ण विद्युतीकरण किया गया है? यदि नहीं, तो क्या शासन अनु. जाति आदिवासी के विकास के लिये अतिरिक्त बजट या जारी बजट में कुछ प्रतिशत राशि इनके विकास के लिये निश्चित की है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रश्नकर्ता द्वारा विदयुतीकरण हेतु माननीय मंत्री संचालनालय, कार्यपालन यंत्री एवं नगर पंचायत को पत्र व्यवहार किया गया? यदि हाँ, तो उन पत्रों पर क्या कार्यवाही की गयी? प्रत्येक की कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में शासन द्वारा जारी बजट राशि का हिस्सा निश्चित कर वार्ड क्रमांक 11 के सम्पूर्ण क्षेत्र में विदयुतीकरण हेतु निर्देश दिया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के प्रकाश में क्या नगर पंचायत मऊगंज अनु. जाति आदिवासी विकास के लिये सजग है? यदि हाँ, तो सम्पूर्ण वार्ड क्रमांक 11 के विदयुतीकरण की समय-सीमा बतावें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि हाँ, तो नगर पंचायत द्वारा अनु.जाति आदिवासियों के विकास के लिए कहाँ-कहाँ, क्या-क्या किस कार्य हेतु राशि आवंटन पर खर्च की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर परिषद् मऊगंज द्वारा वार्ड क्रमांक 11 में सम्पूर्ण विद्युतीकरण कार्य कराने हेतु निकाय द्वारा निविदा आमंत्रित की गई है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। माननीय सदस्य के पत्र व्यवहार के आधार पर निकाय से विद्युतीकरण कार्य की डी.पी.आर. संचालनालय में प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये थे। संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास द्वारा नगर परिषद् को भेजे गये पत्र व्यवहार की प्रतियां जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। नगर परिषद् संचालनालय को डी.पी.आर. दिनांक 04.03.2017 को प्रस्तुत की गई है। (ग) जी नहीं। वार्ड विशेष में विकास कार्य हेतु निर्णय स्थानीय निर्वाचित परिषद् द्वारा लिया जाता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ, कार्य नगर परिषद् मऊगंज द्वारा प्रस्ताव क्रमांक 01 दिनांक 25.02.2017 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है, से स्वीकृति अनुसार किया जाना है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। निकाय द्वारा अनुसूचित जाति आदिवासियों के विकास के लिये किये गये कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
निर्वाचित विधायक को शासकीय कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
179. ( क्र. 6405 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग म.प्र. शासन द्वारा माननीय विधायकों को शासकीय कार्यक्रमों अतिथि के रूप में आमंत्रित किये जाने हेतु स्पष्ट निर्देश हैं? यदि हाँ, तो प्रति देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में नगर पालिका नरसिंहगढ़ जिला राजगढ़ द्वारा दिनांक 08.02.2017 को सुभाषचन्द्र बोस की प्रतिमा का लोकार्पण कार्यक्रम में प्रश्नकर्ता को आंमत्रित नहीं किया गया? यदि हाँ, तो क्या सक्षम अधिकारी का यह कृत्य निर्वाचित विधानसभा सदस्य के प्रति शिष्टाचार का हनन है? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन बार-बार इस संबंध में अनेकों निर्देश प्रसारित किये जाने के बावजूद भी अधिकारियों द्वारा बरती जा रही लापरवाही के विरूद्ध कोई ठोस कदम उठायेगा तथा उक्त दोषी अधिकारी के विरूद्ध अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। निर्देर्शों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) शासन के निर्देशानुसार नगर उदय अभियान अंतर्गत दिनांक 08.02.2017 को समय दोपहर 1:00 बजे नगर पालिका नरसिंहगढ़ प्रांगण में हितग्राहियों को लाभान्वित किए जाने हेतु कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। उक्त कार्यक्रम के साथ ही अध्यक्ष के निर्देशानुसार सुभाष चौक वार्ड नं. 11 में नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण कार्यक्रम भी किया गया जो कि इसी कार्यक्रम का घटक था। आमंत्रण सूचना मान. सांसद, मान. विधायक, जिला कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी एवं तहसीलदार आदि को दी गई थी। मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद्, नरसिंहगढ़ द्वारा मान. विधायक विधान सभा क्षेत्र, नरसिंहगढ़ को भेजे गए आमंत्रण-पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा के अनावरण की सूचना पृथक से किसी को भी नहीं दी गई। (ग) शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
180. ( क्र. 6406 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राजगढ़ जिले की नगर पालिका नरसिंहगढ़ द्वारा एक जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजनांतर्गत कौन-कौन से कार्य कहाँ-कहाँ, कितनी लागत से किन-किन एजेंसियों से कराये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त कार्यों के विरूद्ध कब-कब कितनी राशि का भुगतान किस मद से किन-किन एजेंसियों को किया गया अथवा किया जाना है? (ग) क्या उपरोक्तानुसार कराये गये कार्यों का किसी वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी द्वारा मूल्यांकन किया गया? यदि हाँ, तो कब तथा किन-किन कार्यों के मूल्यांकन में क्या-क्या कमियां पाई गईं तथा प्रश्न दिनांक तक इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, नगर पालिका परिषद् नरसिंहगढ़ द्वारा मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजनान्तर्गत कराये जा रहे कार्यों के मूल्याकंन के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
मास्टर प्लान के तहत निर्माण व विकास कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
181. ( क्र. 6435 ) श्री जितू पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या इंदौर में निर्माण व विकास कार्य मास्टर प्लान के तहत् किया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस मास्टर प्लान के तहत् इंदौर में कार्य किये जा रहे हैं? कार्यरत मास्टर प्लान की प्रति उपलब्ध करायें व बतायें कि बड़ा गणपति से रोज मोहल्ला के बीच रोड़ चौड़ीकरण किस आधार पर किया गया? मास्टर प्लान में इस रोड़ की चौड़ाई कितनी दर्शाए गयी है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बतायें की तोड़े जाने वाले मकानों को कितने समय पूर्व नोटिस दिया गया था? समस्त तोड़े गए घर के मालिक का नाम, पता, कितने स्क्वायर फिट निर्माण तोड़ा गया? कितना मुआवजा बना, कितना मुआवजा दिया गया, कितना मुआवजा शेष है? तोड़े गए घर/दुकान की वैध निर्माण अनुमति कितनी थी व निर्माण को तोड़ने में कितना सरकारी धन खर्च किया गया? टेबल रूप में जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या तोड़े गये प्रत्येक मकान में मालिक को निगम द्वारा मुआवजा प्रदान किया गया है अथवा प्रदान किया जावेगा? यदि हाँ, तो मुआवजे का निर्धारण किस आधार पर किया गया है? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में तोड़े गये मकानों में ऐसे कितने मकान हैं जिनका 50 प्रतिशत या पूर्ण हिस्सा तोड़ा गया है? क्या ऐसे मकान मालिकों को वर्तमान बाजार मूल्य के हिसाब से मुआवजा प्रदान किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक एवं नहीं तो क्यों नहीं? (ड.) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या निगम द्वारा ऐसे मकान मालिकों को तोड़े गये स्क्वायर फिट के बराबर सर्वसुविधायुक्त मकान दिये गये हैं? यदि हाँ, तो कहाँ, किस मकान मालिक को कहाँ एवं कितने स्क्वायर फिट का मकान दिया गया है? नाम सहित जानकारी टेबल देवें। (च) क्या निगम द्वारा लाखों/करोड़ों के मकान तोड़कर मकान मालिकों को मलिन बस्ती में एक-एक कमरे के फ्लेट दिये जा रहे हैं, जहाँ बिजली, पानी, सड़क, ड्रेनेज जैसी कोई सुविधा ही नहीं है? यदि हाँ, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। अंगीकृत इन्दौर विकास योजना 2021 के तहत् कार्य किये जा रहे हैं। अंगीकृत इन्दौर विकास योजना 2021 संचालनालय नगर तथा ग्राम निवेश की बेवसाईड www.mptownplan.nic.in पर अपलोड है। बड़ा गणपति से रोज मोहल्ला के बीच रोड चौड़ीकरण इन्दौर विकास योजना के प्रावधानों के आधार पर किया गया है। इन्दौर विकास योजना 2021 अनुसार मार्ग की चौड़ाई 30.0 मीटर प्रस्तावित है। (ख) मार्ग चौड़ीकरण में बाधक हिस्सों/निर्माण को हटाये जाने हेतु सात दिन का समय प्रदान किया गया था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जी हाँ, रोड चौड़ीकरण में प्रभावित भवन स्वामियों को क्षतिपूर्ति प्रदान की गई है। म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 306 एवं म.प्र. भूमि विकास नियम 2012 के प्रावधानों के आधार पर क्षतिपूर्ति का निर्धारण किया गया है। (घ) 107 मकान। जी नहीं, म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 306 एवं म.प्र. भूमि विकास नियम 2012 के प्रावधानों अंतर्गत वर्तमान बाजार मूल्य के हिसाब से मुआवजा प्रदान किये जाने का प्रावधान नहीं है। उत्तराशं (ग) अनुसार। (ड.) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (च) प्रभावित भवन स्वामियों को आस-पास के क्षेत्र की वैध कॉलोनियों में उपलब्ध प्रकोष्ठों में व्यवस्थापित किया गया है, जहाँ नगर निगम द्वारा सभी बुनियादी सुविधायें यथा बिजली, पानी, सड़क, ड्रेनेज आदि उपलब्ध करायी गई है।
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट
[नगरीय विकास एवं आवास]
182. ( क्र. 6438 ) श्री जितू पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) इंदौर शहर में कुल कितना सीवेज प्रतिदिन निकलता है और उसका क्या उपयोग किया जाता है? (ख) इंदौर शहर के सीवेज के ट्रीटमेंट हेतु शहर में क्या सुविधा है? उपलब्ध सुविधाओं/प्लांटों की कुल शोधन की प्रतिदिन कितनी क्षमता है? उनमें से कितने चल रहे हैं व कितने प्रस्तावित हैं? (ग) क्या सैकड़ों वर्षों पूर्व की ऐतिहासिक कान्ह (खान) नदी में शहर के गंदे पानी का निस्तारण बिना पानी को साफ किये कर दिया जाता है? यदि हाँ, तो क्या यह जल प्रदूषण के केन्द्रीय/राज्यीय नियम के विरूद्ध नहीं है? नियम की प्रति उपलब्ध करायें। (घ) आज दिनांक तक कान्ह नदी के पुनरूद्धार हेतु सरकार ने क्या-क्या प्रयास किये? क्या केन्द्र को कोई राशि हेतु निवेदन किया गया है, तो वह भी बतायें? कान्ह नदी में बिना ट्रीटमेंट किया सीवेज कब तक मिलना बंद हो जायेगा व इस लापवाही के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) इंदौर शहर में लगभग 270 एम.एल.डी. सीवेज निकलता है, नगर निगम द्वारा अभी इसका कोई उपयोग नहीं किया जाता है। (ख) इंदौर शहर में सीवेज के ट्रीटमेंट हेतु कबीटखेड़ी में 03 ट्रीटमेंट प्लान्ट कार्यरत हैं, जिनकी कुल क्षमता 335 एम.एल.डी. हैं। अमृत योजना के अंतर्गत नवीन विकेन्द्रीकृत सीवेज ट्रीटमेंट प्लान्ट का निर्माण किया जाना प्रस्तावित हैं, जिसकी डी.पी.आर. तैयार करने का कार्य अंतिम चरणों में हैं। (ग) जी हाँ, नदी के पानी की गुणवत्ता सुधार हेतु इन्वायरमेंटल प्रोटेक्शन एक्ट 1986 एवं उसके तहत् जारी निर्देशों के पालन स्वरूप कान्ह नदी एवं सरस्वती नदी के किनारे सेकेन्डरी सीवरेज लाईन डालने का कार्य प्रगतिरत है। उक्त एक्ट के तहत् जारी निर्देश दिनांक 09.10.2015 की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। कोई लापरवाही नहीं पाई गई है एवं कोई दोषी नहीं हैं।
मंदिर के प्रबंधन में अनियमितता
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
183. ( क्र. 6469 ) श्री हर्ष यादव : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या टीकमगढ़ जिला अंतर्गत ओरछा स्थित रामराजा मंदिर का प्रशासक कलेक्टर टीकमगढ़ होता है? यदि हाँ, तो प्रशासक के कर्तव्य, उत्तरदायित्व और अधिकार क्षेत्रता क्या-क्या होती है? इस हेतु शासन के कोई परिपत्र, नियम, अधिनियम या नीति प्रचलित है? यदि हाँ, तो विस्तृत जानकारी दें? (ख) क्या कलेक्टर/प्रशासक द्वारा मंदिर की व्यवस्थाओं व आय-व्यय के नियंत्रण हेतु स्टॉफ/कर्मचारी नियुक्त किये गये हैं? यदि हाँ, तो कब से व कितने? क्या इस हेतु शासन से अनुमति ली गई और किस-किस को कब-कब, किस आदेश से किस पद पर नियुक्त किया गया है व इन कर्मचारियों की सेवाओं को किस विभाग के अंतर्गत माना जाता है? (ग) क्या उक्त नियुक्त कर्मचारियों के संबंध में अनियमितताओं की गंभीर शिकायतें विगत तीन वर्षों में विभिन्न स्तरों पर हुई हैं? यदि हाँ, तो शिकायतवार विवरण व उन पर की गई कार्यवाही का विवरण दें? दोषी व अनियमितता करने वाले कर्मचारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही न होने के क्या कारण हैं? क्या ऐसे कर्मचारियों को अन्यत्र स्थानांतरित नहीं किया जा सकता?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
फर्जी अनुभव प्रमाण-पत्र
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
184. ( क्र. 6473 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व लेखाधिकारी मनरेगा (संविदा) जिला राजगढ़ एवं सहायक लेखाधिकारी मनरेगा (संविदा) जनपद पंचायत गंजबासौदा जिला विदिशा द्वारा अपने चयन के समय फर्जी अनुभव प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किये गये थे? क्या इसी आधार पर कलेक्टर राजगढ़ एवं कलेक्टर विदिशा द्वारा उनकी संविदा समाप्त की गई थी? (ख) क्या मा. मत्री जी द्वारा उक्त जाँच उपरांत 18 मार्च 16 को उक्त मामलों में दोषी अधिकारियों के विरूद्ध F.I.R. दर्ज कराने के निर्देश दिये थे? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) वर्णित आदेश के परिपालन में F.I.R. दर्ज की जा चुकी है? यदि हाँ, तो F.I.R. की प्रति उपलब्ध करायें? यदि नहीं, तो F.I.R. कब तक दर्ज की जाएगी? (घ) मा. मंत्री के निर्देश को एक वर्ष बीत जाने के बाद भी F.I.R. दर्ज न कराने के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? दोषी अधिकारी पर क्या कार्यवाही की जायेगी एवं कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) आयुक्त, भोपाल संभाग द्वारा कराई गई जाँच में तत्कालीन लेखाधिकारी (संविदा) सुश्री निगार सुल्तान खान, जिला राजगढ एवं तत्कालीन सहायक लेखाधिकारी (संविदा) सुश्री निगहत परवीन खान, जनपद पंचायत गंजबासौदा, जिला विदिशा द्वारा प्रस्तुत अनुभव प्रमाण-पत्र वैध नहीं होना पाए गए हैं। जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) पुलिस थाना एम.पी. नगर, भोपाल को अपराध की प्रथम सूचना प्रतिवेदन दर्ज करने के लिए लिखा गया है। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) में उल्लेखित कार्रवाई के पूर्व प्रकरण का सम्यक परीक्षण कराने में समय लगा है। किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है।
खेल एवं युवा कल्याण विभाग में जनप्रतिनिधियों की भागीदारी
[खेल और युवा कल्याण]
185. ( क्र. 6477 ) श्री अंचल सोनकर : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2015-16 से 2016-17 तक शासन द्वारा जबलपुर स्थित खेल एवं युवा कल्याण विभाग को कितना बजट आवंटन प्रदाय किया गया? प्राप्त बजट के विरूद्ध किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि खर्च की गई? वर्षवार, मदवार विवरण सहित बतावें। (ख) जबलपुर जिले के अंतर्गत वर्ष 2015-16 से 2016-17 विभाग द्वारा खेल से संबंधित कौन-कौन से खेलों का आयोजन कब-कब, कहाँ-कहाँ पर किया गया? इन आयोजनों में कब-कब, कहाँ-कहाँ पर कितनी राशि व्यय की गयी एवं किन-किन फर्मों से कौन-कौन सी सामग्री क्रय की गयी? फर्मवार सामग्री विवरण सहित विवरण देवें। (ग) क्या जबलपुर जिले में आयोजित खेलों के संबंध में प्रश्न दिनांक तक कभी भी विभाग द्वारा जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक का आयोजन कर खेलों को बढ़ावा देने पर चर्चा नहीं की गई? अगर हाँ, तो क्यों? कारण बतावें। यह भी बताया जावे कि वर्ष 2015-16 से 2016-17 जबलपुर जिले में आयोजित खेलों में जनप्रतिनिधि की क्या भूमिका रही? विभाग द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियों को किये जा रहे नजर अंदाज करने वाले अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध शासन कार्यवाही करेगा, तो कब तक?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ख) जबलपुर जिले के अंतर्गत वर्ष 2015-16 से 2016-17 विभाग द्वारा खेल से संबंधित कौन-कौन से खेलों का आयोजन कब-कब, कहाँ-कहाँ पर किया गया से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार एवं सामग्री क्रय से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ग अनुसार है। (ग) जबलपुर जिले में आयोजित खेलों के संबंध में बैठक आयोजित कर खेलों को बढ़ावा देने के संबंध में स्पष्टतः कोई निर्देश नहीं होने के कारण चर्चा नहीं गई है। तथापि विभागीय आयोजन/कार्यक्रमों में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में आमंत्रित जनप्रतिनिधियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-घ अनुसार है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
निर्वाचित पार्षद द्वारा गरीबी रेखा कार्ड का उपयोग
[नगरीय विकास एवं आवास]
186. ( क्र. 6480 ) श्री अंचल सोनकर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गरीबी रेखा राशन कार्ड जारी करने के क्या नियम हैं? क्या जनप्रतिनिधि जैसे पार्षद/सरपंच/पंच आदि को गरीबी रेखा का कार्ड जारी किया जा सकता है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत्? बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) जबलपुर नगर निगम सीमा के अतंर्गत ऐसे कितने पार्षद हैं जिन्हें गरीबी रेखा का राशन कार्ड अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा जारी करने के आदेश प्रदाय किये गये हैं? सूची देवें। (ग) क्या जबलपुर नगर निगम सीमा के अतंर्गत स्थित सिद्धबाबा वार्ड के तत्कालीन पार्षद श्री प्रदीप उर्फ मुन्ना बेन को गरीबी रेखा का राशन कार्ड जारी किया गया है? यदि हाँ, तो यह भी बताया जावे कि किस नियम के तहत् गरीबी रेखा कार्डधारी किसी भी प्रकार का जनप्रतिनिधि चुनाव में प्रत्याशी बन सकता है? यदि नहीं, तो सिद्धबाबा वार्ड के वर्तमान पार्षद श्री प्रदीप बेन उर्फ मुन्ना बेन ने गरीबी रेखा का कार्ड उपलब्ध होने के उपरांत भी किस नियम के तहत् नगर पालिका निगम जबलपुर का चुनाव लड़ा? बतावें। (घ) क्या श्री प्रदीप बेन उर्फ मुन्ना बेन के द्वारा नगर पालिका निगम चुनाव में अपना प्रत्याशी नामांकन फार्म जमा करते समय गरीबी रेखा कार्ड का उल्लेख नहीं किया गया है, जो अवैधानिक है? क्या शासन सिद्धबाबा वार्ड के पार्षद के विरूद्ध नियम विरूद्ध गरीबी रेखा कार्ड का लाभ लेने एवं नगर पालिका निगम में पार्षद के चुनाव में भ्रामक जानकारी देने की वैधानिक कार्यवाही करेगी, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
परफॉरमेंस ग्रांट की राशि से स्वीकृत कार्यों में अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
187. ( क्र. 6511 ) श्री रामनिवास रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत राज संचालनालय द्वारा परफॉरमेंस ग्रान्ट से वर्ष 2014-15 से 2015-16 तक जनपद पंचायत सीहोर एवं बुधनी की ग्राम पंचायतों में कितने कार्य हेतु कितनी अनुदान राशि उपलब्ध करायी गई है? (ख) उक्त अवधि चंबल संभाग की किन-किन जनपद पंचायतों में कितने कार्य हेतु कितनी राशि प्रदाय की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित अवधि के स्वीकृत कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण अपूर्ण एवं अप्रारम्भ हैं? (घ) क्या शासन स्तर से उक्त स्वीकृति के उपरांत कार्यों की गुणवत्ता की जाँच जिला स्तर से करायी गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में साप्ताहिक हाट बाजार हेतु स्वीकृत कार्यों में से कुल कितने कार्य पूर्ण हुये हैं और कितने कार्य किन कारणों से अपूर्ण हैं? उन्हें कब तक पूर्ण किया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) शासन स्तर से भी संचालित निर्माण कार्यों का पर्यावेक्षण वरिष्ठ तकनीकी अधिकारियों द्वारा स्वतः समय-समय पर किया जाता है, जिसमें कार्यो की गुणवत्ता की जांच भी सम्मिलित रहती है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
शिक्षा उपकर की वसूली
[नगरीय विकास एवं आवास]
188. ( क्र. 6524 ) डॉ. मोहन यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर निगर उज्जैन एवं उज्जैन जिले की समस्त नगर पालिका परिषद् एवं नगर पंचायत द्वारा दिनांक 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितना शिक्षा उपकर वसूला गया तथा उक्त राशि को संबंधित कार्यालयों द्वारा कहाँ व्यय किया गया? नगर निगम एवं नगर पालिका वार वर्षवार जानकारी उपलब्ध कराते हुए उक्त राशि को व्यय करने के संबंध में विभाग के क्या नियम है? नियमों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार क्या संबंधित कार्यालयों द्वारा शिक्षा उपकर की मद में वसूली गई राशि को नियमों के विपरित अन्य मद खर्च कर विधि विरूद्ध कार्य किया गया है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर निगम उज्जैन एवं उज्जैन जिले की समस्त नगर पालिका/नगर परिषदों में दिनांक 01 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक राशि रूपये 12452470/- शिक्षा उपकर वसूला गया, उक्त राशि को स्कूलों, शाला भवन निर्माण, शौचालय निर्माण, हाँल निर्माण एवं वाचनालय आदि में व्यय किया गया, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है, उक्त राशि को व्यय करने संबंधी नियम जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उज्जैन जिले की नगरीय निकायों द्वारा शिक्षा उपकर के मद में वसूली गई राशि को नियमों के विपरीत अन्य मद में खर्च नहीं किया गया है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विकास प्राधिकरणों में नियुक्तियों की जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
189. ( क्र. 6528 ) डॉ. मोहन यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक माननीय उच्च न्यायालय द्वारा म.प्र. के सभी विकास प्राधिकरणों में नियमानुसार प्रक्रिया का पालन किये बिना अवैध रूप से की गई नियुक्तियों की जाँच के संबंध में कोई आदेश पारित किया गया है? यदि हाँ, तो दिए गये आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार मा. उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के पालन में विभाग द्वारा की गई जाँच का संपूर्ण ब्यौरा उपलब्ध कराते हुए जाँच में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी पाए गए? उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) संचालनालय नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा प्रेषित जाँच प्रतिवेदन परीक्षण अन्तर्गत होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
रेत का अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
190. ( क्र. 6547 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तहसील नरवर जिला शिवपुरी स्थित ग्राम कैरूआ, नयागाँव, सिलरा, फतेहपुर में एल.एन.टी. मशीनों द्वारा बड़े पैमाने पर रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के महत्व को देखते हुये खदानों की रोकथाम हेतु शासन के दिशा-निर्देश एवं माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा अनेकों बार घोषणा की गई कि प्रदेश में अवैध उत्खनन को लेकर उच्च स्तर पर कार्यवाही की जाकर किसी को भी बक्शा नहीं जायेगा? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में वर्णित खदानों को लेकर शासन और मुख्यमंत्री के आदेश के पालन में क्या कार्यवाही हुई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र पर राजस्व एवं खनिज दल द्वारा निरीक्षण किया गया है। निरीक्षण में प्रश्नांश (क) अनुसार स्थिति नहीं पाई गई।
निर्माण कार्यों का शिलान्यास एवं उद्घाटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
191. ( क्र. 6558 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगरपालिक निगम मुरैना के गठन के पश्चात् किन-किन माननीय विधायकों के कार्य क्षेत्र को सम्मिलित किया गया? (ख) निगम गठन के पश्चात् से विगत तीन वर्षों से प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक निगम सीमा में कितने निर्माण कार्यों के शिलान्यास एवं उद्घाटन हुए, की जानकारी विस्तार से दी जावे व उद्घाटन, शिलान्यास एवं शिला पट्टिकाओं में उल्लेख हेतु शासन के क्या नियम प्रक्रिया हैं व क्या सभी शिलान्यास उद्घाटन कार्यक्रम में संबंधित माननीय विधायकों को आमंत्रित कर शिलालेखों में नाम अंकित हैं? (ग) क्या कुछ शिला पट्टिकाओं में प्रश्नकर्ता विधायक के नाम का उल्लेख नहीं है? यदि हाँ, तो कारण बताओ?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम मुरैना के गठन में माननीय श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार, विधायक विधानसभा क्षेत्र-5- सुमावली, माननीय श्री रूस्तम सिंह, विधायक, विधानसभा क्षेत्र-6 मुरैना एवं माननीय श्री बलवीर सिंह डण्डोतिया, विधायक, विधानसभा क्षेत्र-7- दिमनी के अंश क्षेत्र को सम्मिलित किया गया है। (ख) नगर पालिका निगम मुरैना, दिनांक 09.09.2015 से अस्तित्व में आया है तब से प्रश्न दिनांक तक 21 निर्माण कार्यों का शिलान्यास एवं उद्घाटन हुआ है, विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उद्घाटन, शिलान्यास एवं शिला पटिट्काओं में उल्लेख हेतु शासन के कोई नियम नहीं है। जी हाँ। (ग) जी हाँ। नगर पालिका निगम मुरैना द्वारा शिलान्यास उद्घाटन कार्यक्रमों में संबधित क्षेत्र के माननीय विधायकों को आमंत्रित कर शिलालेख में नाम अंकित कराया गया है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का कार्यान्वयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
192. ( क्र. 6559 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्द्रीय शासन के ग्रामीण विभाग के अधीन मार्गदर्शी सिद्धांतों के तहत् ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत् रोड निर्माण आदि कार्यों के चयन की क्या प्रक्रिया है? प्रक्रिया की जानकारी फोटो प्रति सहित दी जावे। (ख) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना हेतु भारत सरकार व म.प्र. सरकार द्वारा विगत तीन वर्ष में बजट में कितनी राशि का उल्लेख कर जिलों को राशि वितरित की गई की वर्षवार व जिलावार बतावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में जिलों को प्राप्त राशि में से जिला मुरैना को कितनी राशि प्राप्त हुई? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी दी जावे। (घ) प्रश्नांश (ग) की प्राप्त राशि में से विधानसभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना को कितनी राशि प्राप्त हुई व कहाँ-कहाँ, कितने-कितने मार्गों का निर्माण हुआ, की जानकारी मांग संख्या, योजना का नाम, कार्य विवरण, प्राक्कलन राशि, कार्य आदेश दिनांक, कार्य पूर्ण दिनांक, एजेंसी का नाम बताते हुए कार्यों की उद्यतन स्थिति क्या है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) बजट प्रावधान सड़कवार अथवा जिलेवार नहीं किया जाता है। मार्ग के लिए दी गई प्रशासकीय स्वीकृति के भीतर निर्माण/संधारण/मरम्मत हेतु निर्माण एजेन्सी को भुगतान करने के लिए मैदानी अधिकारियों को अधिकृत किए जाने की व्यवस्था है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत् बजट में जिलेवार अथवा सड़कवार प्रावधान नहीं किया जाता है। वर्षवार केन्द्रांश एवं राज्यांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत् धनराशि जिले अथवा विधानसभा क्षेत्रवार प्रदाय नहीं की जाती है। मुरैना जिले में विगत 3 वर्षों में योजना अंतर्गत सड़क निर्माण पर व्यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
वार्डों का आरक्षण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
193. ( क्र. 6588 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत कटनी के प्रत्येक वार्ड/जिला पंचायत सदस्य क्षेत्र के विगत पिछले दो कार्यकाल में जातिगत एवं महिला आरक्षण तथा अनारक्षण की स्थिति बतायें। (ख) माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अधीन शासन नियमानुसार जातिगत आरक्षण एवं महिला आरक्षण कुल वार्ड/जिला पंचायत सदस्य क्षेत्र का कितना प्रतिशत तक होना चाहिए एवं प्रश्नांश (क) अन्तर्गत वर्तमान सहित पिछले दो कार्यकालों में किये गये आरक्षण क्या इन निर्देशों/नियमों के अनुसार है? यदि नहीं, हैं तो कारण बतायें? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत कटनी से पत्र क्रमांक-1880/02/2016-17 दिनांक-19/12/2016 से इसी विषय/संबंध में जानकारी चाही गयी थी? यदि हाँ, तो शासनादेशों के अनुसार तीन दिवस में पत्र की अभिस्वीकृति एवं प्रश्न दिनांक तक जानकारी उपलब्ध क्यों नहीं करायी गई? कब तक जानकारी दी जावेगी? (घ) क्या वर्तमान जिला पंचायत के कुल 14 में से 7 से अधिक वार्ड/जिला पंचायत सदस्य क्षेत्र जातिगत आधार पर एवं इसी प्रकार 7 से अधिक महिलाओं हेतु आरक्षित हैं? यदि हाँ, तो क्या यह माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अधीन शासन नियमों का उल्लंघन नहीं हैं? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जावेगी एवं यदि नहीं, तो कारण बतायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला पंचायत कटनी के विभिन्न वार्ड के लिए पिछले 02 कार्यकाल में आरक्षण की स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वार्ड आरक्षण के लिए माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देश न होकर आरक्षण मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 के प्रावधानों के तहत् किया गया है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते है। (ग) मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत कटनी ने प्रश्नाधीन पत्र का जबाब दिनांक 25.02.2017 को देना प्रतिवेदित किया है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हे। (घ) वार्ड आरक्षण के लिए माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देश न होकर आरक्षण मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 के प्रावधानों के तहत् किया गया है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते है।
पहुँच मार्ग निर्माण का फर्जी बिल भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
194. ( क्र. 6593 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले की जनपद पंचायत नागौद के अंतर्गत ग्राम पंचायत मौहारी के ग्राम मौहारी के बृजमोहन की चक्की के पास से लालपुर पहुँच मार्ग तक का मुरमीकरण कराये जाने की स्वीकृति वर्ष 2016 में किस आदेश क्रमांक दिनांक से जारी की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के पहुँच मार्ग के मुरमीकरण का कार्य किए बिना कराये गए फर्जी भुगतान किया गया है, जिसकी शिकायत कलेक्टर सतना को दिनांक 09.08.16 एवं 05.09.16 को मौहारी ग्राम के निवासी द्वारा की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्राप्त शिकायतों की जाँच कब किस अधिकारी के द्वारा की गई? जाँच प्रतिवेदन का विवरण उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो कब तक की जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रश्नांकित ग्राम के निवासियों के समक्ष पंचनामा तैयार करवाकर मुरमीकरण का भौतिक सत्यापन कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग मुरमीकरण कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति क्रमांक 13 दिनांक 22.07.2016 द्वारा जारी की गई। (ख) शिकायत कलेक्टर को प्राप्त हुई है। (ग) शिकायत की जाँच हेतु कार्यालय जनपद पंचायत नागौद के पत्र क्रमांक/ज.प./2016-17/30, दिनांक 10.01.2017 द्वारा श्री आर.ए. सिंह, सहायक यंत्री, मनरेगा एवं श्री विजयेन्द्र सिंह, खण्ड पंचायत अधिकारी, जनपद पंचायत नागौद को संयुक्त रुप से अधिकृत किया गया है। (घ) जाँच की कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भू-खण्डों का आवंटन
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
195. ( क्र. 6594 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के औद्योगिक विकास केन्द्र मटेहना में उद्योग लगाने हेतु कुल कितना रकबा आवंटित किया गया था? खसरा नंबर रकबा सहित बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) के आवंटित रकबे में से किन-किन व्यवसायियों को किस-किस उद्योग को लगाये जाने हेतु कितना-कितना रकबा आवंटित किया गया? आवंटित रकबे में किन-किन द्वारा उद्योग लगाया गया? किन-किन के द्वारा नहीं लगाया गया? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में किन-किन भू-खण्ड धारकों द्वारा अवैध कब्जा कितने रकबे पर किया गया है? अतिक्रमणवार जानकारी दें तथा उक्त अतिक्रमण को कब-तक हटा दिया जाएगा और अब-तक न हटाने के लिए कौन जिम्मेदार है।
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) सतना जिले के औद्योगिक क्षेत्र मटेहना में उद्योग हेतु कुल 83.95 एकड़ भूमि का आवंटन किया गया था। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) औद्योगिक क्षेत्र मटेहना में किसी भी भू-खण्ड धारकों द्वारा अवैध कब्जा नहीं किया गया है।
पाईप-लाईन डाले बगैर ही ठेकेदार को भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
196. ( क्र. 6614 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या पी.आई.यू. के अंतर्गत वर्ष 2008-09 में मोती मस्जिद से करबला तक 500 एम.एम. की डी.आई.के. 9 तथा कोहेफिजा से विजय नगर तक 300 एम.एम. की डी.आई.के. 09 पाईप-लाईन डालने का कार्य ऑफश्योर इस्ट्रक्चर लिमिटेड बॉम्बे द्वारा किया गया है? यदि हाँ, तो कितनी राशि से किस उद्देश्य के तहत् पाईप लाईनें डाली गईं तथा फायनल बिड कम्पनी द्वारा नहीं दिए जाने के बावजूद भुगतान बिल किस उपयंत्री, सहायक यंत्री एवं नगर यंत्री द्वारा किस आधार पर सत्यापित किये गये और इस कार्य का प्राक्कलन नगर निगम एस.ओ.आर. की अपेक्षा आयटम रेट पर जारी करने वाले कौन-कौन दोषी है? नाम व पद सहित अवगत करावें कि दोषियों के विरूद्ध प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या बैरागढ़ आवर्धन योजना के 300 एम.एम. के पाईप कोहेफिजा से विजय नगर तक पूर्व से ही डले होने के कारण प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पाईप डालने की अपेक्षा भ्रष्टाचार के चलते भुगतान किया गया? यदि नहीं, तो क्या शासन जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या तथा कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या मोती मस्जिद से करबला तक 500 एम.एम. की डी.आई.के. 9 पाईप-लाईन कोलार का पानी करबला तक पहुँचाने के लिए वर्ष 2008-09 में डाली गई थी? यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांकित 500 एम.एम. की पाईप-लाईन धरातल पर डाली गई है? यदि नहीं, तो यह अवगत करावें कि उक्त पाईप-लाईन डालने का सत्यापन कार्य किन-किन अधिकारियों द्वारा किया गया और वर्तमान में इसका क्या उपयोग किया जा रहा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। राशि रूपये 5.67 करोड़ की पाईप लाईनें डाली गईं। वर्ष 2008-09 में भोपाल में अल्प वर्षा होने से बड़े तालाब का जल स्तर काफी नीचे चला गया था, जिस कारण ईदगाह एवं बैरागढ़ संयंत्र हेतु करबला पम्प हाउस के माध्यम से कोलार का पानी उपलब्ध कराया जाकर पेय-जल आपूर्ति के उद्देश्य के तहत् पाईप लाईनें डाली गई तथा फायनल बिल का भुगतान नियमानुसार संबंधित तत्समय के उपयंत्री, सहायक यंत्री एवं उप परियोजना प्रबंधक द्वारा स्थल पर योजना का कार्य कंपनी द्वारा पूर्ण करने के उपरांत ही माप सत्यापित किये गये। इस कार्य का प्राक्कलन/निविदा आयटम रेट (फार्म-बी) पर समक्ष स्वीकृति उपरांत जारी की गई थी। अत: किसी अधिकारी के दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं। अत: शेषांश का प्रश्न भी उपस्थित नहीं। (ख) जी नहीं, बैरागढ़ आवर्धन योजना के 300 एम.एम. के पाईप कोहेफिजा से विजय नगर पूर्व में नहीं डाले गये थे। शेष प्रश्नांश उपस्थित नही। (ग) जी हाँ। जी हाँ। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
प्रस्तावित घाटे की भरपाई नहीं की जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
197. ( क्र. 6615 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वित्तीय वर्ष 2016-17 अंतर्गत भोपाल नगर पालिक निगम के बजट में प्रस्तावित आय रूपये 209250.24 लाख के विरूद्ध व्यय दिनांक 15 फरवरी 2017 तक किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई तथा व्यय रूपये 209596.86 लाख प्रस्तावित राशि के विरूद्ध किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? मदवार सूची सहित यह अवगत करावें कि क्या संभावित घाटा 6836.65 लाख रूपये का उल्लेख किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो दिनांक 31 मार्च 2017 तक कितनी-कितनी आय, व्यय और घाटा संभावित है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) में उल्लेखित घाटे की भरपाई किस प्रकार से की जावेगी? बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, वित्तीय वर्ष 2016-17 हेतु बजट में अनुमानित राशि रूपये 209250.24 लाख का प्रावधान किया गया है एवं व्यय हेतु अनुमानित राशि रूपये 209596.86 लाख का प्रावधान किया गया है। जिसके उपरांत राजस्व आय का 05 प्रतिशत रिजर्व रखते हुए संभावित घाटा राशि रूपये 6836.65 लाख अनुमानित था। शेष वांछित जानकारी प्राप्त आय एवं व्यय के आंकड़े पुनरीक्षित बजट 2016-17 एवं अनुमानित बजट 2017-18 को तैयार करने की कार्यवाही प्रचलन में है। बजट की जानकारी गोपनीय होने के कारण अभी दी जाना संभव नहीं है। उक्त जानकारी को निगम के बजट वित्तीय वर्ष 2017-18 के साथ प्रस्तुत किया जाना है। अत: वांछित जानकारी बजट पारित होने के उपरांत दी जाना संभव हो सकेगा। (ख) बजट 2017-18 की कार्यवाही प्रचलन में है। वांछित जानकारी 2017-18 का बजट पारित होने के बाद दी जा सकेगी। (ग) घाटे की भरपाई हेतु निगम द्वारा सार्थक प्रयास किये जा रहे हैं।
रोजगार सहायकों की नियुक्ति व वेतन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
198. ( क्र. 6629 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा ग्राम पंचायतों में रोजगार सहायकों की नियुक्ति की है? यदि हाँ, तो किन तय शर्तों में नियुक्ति प्रदान की गई है? ब्यौरा दें। सीहोर जिले में कितनी ग्राम पंचायतों में कितने रोजगार सहायक वर्तमान में कार्यरत हैं? (ख) क्या रोजगार सहायकों को वेतन का भुगतान किया जाता है? यदि हाँ, तो कितना वेतन वर्तमान में दिया जा रहा है? (1) क्या रोजगार सहायकों को श्रम विभाग द्वारा निर्धारित न्यूनतम दर के अनुसार वेतन दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शासन द्वारा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पत्र क्रमांक एफ-932/76/1322/ए भोपाल दिनांक 6/07/13 के द्वारा रोजगार सहायकों को ग्राम पंचायत में सहायक सचिव घोषित किया गया है? यदि हाँ, तो उन्हें पंचायत सचिवों की भॉति अन्य सुविधाएं कब तक प्रदान की जाएंगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, प्रत्येक ग्राम पंचायत में अंशकालीन ग्राम रोजगार सहायक को संविदा पर रखने के लिए ग्राम पंचायत को अधिकृत किया गया है। मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद् द्वारा दिनांक 02.06.2012 को रोजगार सहायकों के सम्बन्ध में जारी दिशा-निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। सीहोर जिले में वर्तमान में 439 ग्राम पंचायतों में अंशकालीन ग्राम रोजगार सहायक कार्यरत् हैं। (ख) अंशकालीन ग्राम रोजगार सहायक का पारिश्रमिक रू. 5000/- प्रतिमाह नियत है। दिनांक 01.04.2017 से प्रतिमाह ग्राम रोजगार सहायक को स्वच्छ भारत अभियान के कार्य के लिए 1000/- एवं प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्य के लिए रू. 1000/- का पृथक से पारिश्रमिक देने के निर्देश दिये गये हैं। अंशकालीन संविदा सेवा के लिए श्रम विभाग द्वारा निर्धारित न्यूनतम दैनिक वेतन लागू होने की स्थिति नहीं है। (ग) जी हाँ। ग्राम रोजगार सहायक अंशकालीन कार्य के लिए संविदा पर कार्यरत् होने से उन्हें ग्राम पंचायत सचिव के समान सुविधाएं देना विचाराधीन नहीं है।
परिवहन एवं विक्रय हेतु अनुमति
[खनिज साधन]
199. ( क्र. 6630 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. गौढ़ खनिज नियम, 1996 के नियम 68 (6) के तहत् पिछले 3 वर्षों में कितने कृषकों को स्वयं की भूमि में नदी के बहाव के साथ आई रेत को समतलीकरण कर रेत को हटाकर, रेत का परिवहन एवं विक्रय (उपयोग) करने हेतु अनुमति दी गई है? क्या वर्तमान में नदी के किनारे के कृषकों को स्वयं की कृषि भूमि में बाढ़ के दौरान आई रेत को हटाकर, समतलीकरण करने एवं विक्रय एवं परिवहन करने की अनुमति दी जा रही है? यदि नहीं, तो कारण बताएं? (ख) म.प्र. में पिछले 3 वर्षों में प्रश्नांश (क) अनुसार कितने कृषकों के ऐसे आवेदन प्राप्त हुए एवं कितने आवेदकों को अनुमति दी गई एवं पूरे प्रदेश में ऐसे कितने प्रकरण जिलेवार लंबित हैं? (ग) राज्य शासन द्वारा म.प्र. खनिज गौढ़ नियम, 1996 के नियम 68 (6) के अंतर्गत रेत खनिज के संबंध में जारी निर्देश दिनांक 29/04/2016 को दिनांक 12/12/2016 के निर्देश क्रं. एफ19-6/2016/12/2 द्वारा क्यों निरस्त किया गया? निरस्त किए जाने के कारणों का विस्तृत ब्यौरा देवें। उपरोक्त निर्देश निरस्त करने के पश्चात् कृषकों के लिए कृषि भूमि समतलीकरण करने हेतु बाढ़ की रेत हटाने एवं विक्रय करने हेतु वर्तमान में क्या व्यवस्था है? (घ) भारत सरकार द्वारा कृषकों को बाढ़ के दौरान आई हुई रेत को कृषि भूमि से हटाने में पर्यावरणीय अनुमति से छूट दी गई है? यह छूट भारत सरकार द्वारा दिए जाने के बावजूद भी राज्य सरकार द्वारा म.प्र. में कृषकों को क्यों नहीं दी जा रही है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शित है। जी नहीं। इसके संबंध में विभाग के निर्देश दिनांक 22.12.2016 संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है, जिसमें कारण स्पष्ट है। (ख) प्रश्नानुसार जानकारी प्रश्नांश (क) के संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ग) जी नहीं। विभाग द्वारा जारी निर्देश दिनांक 29.04.2016 को निर्देश दिनांक 12.12.2016 से निरस्त नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 के नियम 68 (5) में निजी भूमि से गौण खनिजों की उत्खनन अनुज्ञा दिये जाने के प्रावधान हैं। (घ) जी हाँ। भारत सरकार द्वारा दी गई पर्यावरण छूट के उपरांत राज्य सरकार द्वारा इस मामले में पुन: छूट दिया जाना अपेक्षित नहीं है।
मीट मार्केट में संचालित दुकानें
[नगरीय विकास एवं आवास]
200. ( क्र. 6657 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राजगढ़ जिले में क्या नगर पालिका द्वारा मीट मांस व्यवसायियों का पंजीयन किया जाता है? यदि हाँ, तो जिला मुख्यालय पर कितनी मीट की दुकानें किन व्यवसायियों द्वारा संचालित की जा रही हैं। नाम, पता का नाम तथा संचालित स्थान के नाम सहित बतावें। (ख) क्या शासन द्वारा मीट व्यवसायियों के व्यवसाय के लिये मीट मार्केट का निर्माण करवाया गया है। यदि हाँ, तो कब और कहाँ पर? बतावें। क्या उक्त मीट मार्केट का उपयोग व्यापारियों द्वारा किया जा रहा है? यदि हाँ, तो विवरण दिया जाये। यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) क्या नगर में पुराने बस स्टैण्ड पर हनुमान जी के मंदिर के सामने, कई मोहल्लों एवं मुख्य सड़कों पर ही मीट की दुकानें संचालित हो रही हैं, जिससे उसके आस-पास की जनता और वहाँ से गुजरने वाले व्यक्तियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। यदि हाँ, तो उक्त दुकानों को उक्त मीट मार्केट में नहीं लगवाने का क्या कारण है? इसके लिए कौन दोषी है? (घ) उक्त अवैध स्थानों पर लग रही मीट की दुकानें मीट व्यवसायियों द्वारा मीट मार्केट में कब तक संचालित करवायी जा सकेंगी। यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ वर्ष 2013-14 में पुराने बस स्टैण्ड के समीप मीट मार्केट का निर्माण कराया गया है, अत: मीट मार्केट का उपयोग व्यवसायियों द्वारा किया जा रहा है, इस प्रकार कुल 10 मीट की दुकानें लगाई जा रही हैं। (ग) जी हाँ, पुरानी बस स्टैण्ड पर 03 व्यवसायियों द्वारा हनुमान मंदिर के सामने अवैध स्थानों पर मांस विक्रय की दुकानें संचालित की जा रही थीं, दुकानें लगाने की सूचना प्राप्त होते ही दुकानें बंद करा दी गई हैं। (घ) उक्त अवैध दुकानों को दिनांक 04.03.2017 को मीट मार्केट में व्यवस्थापन कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री अन्त्योदय आवास योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
201. ( क्र. 6658 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले में जिला पंचायत राजगढ़ द्वारा मुख्यमंत्री अन्त्योदय आवास योजनान्तर्गत वर्ष 2015-16 के 231 एवं 3 प्रतिशत इंदिरा आवास अंतर्गत 42 आवास का लक्ष्य मिला था? यदि हाँ, तो क्या जिला पंचायत राजगढ़ द्वारा लक्ष्य अनुसार आवास स्वीकृत किये गये हैं? हितग्राहियों की सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या जिला पंचायत राजगढ़ द्वारा मुख्यमंत्री अन्तयोदय आवास अंतर्गत लक्ष्य के विरूद्ध 142 आवास स्वीकृत कर 126 आवास की एंट्री पोर्टल पर की गई तथा 3 प्रतिशत इंदिरा आवास योजनान्तर्गत 39 आवास स्वीकृत किये गये? यदि हाँ, तो स्वीकृत आवासों की राशि संबंधित हितग्राहियों को उपलब्ध कराई जा चुकी है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उक्त स्वीकृत आवासों की राशि संबंधित हितग्राहियों को कब तक उपलब्ध कराई जावेगी? (घ) क्या उपरोक्तानुसार जिले को प्राप्त आवास के अंतर्गत लक्ष्य के विरूद्ध स्वीकृति उपरांत शेष आवास स्वीकृति की कार्यवाही विभाग द्वारा की जावेगी।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जिला पंचायत, राजगढ़ द्वारा मुख्यमंत्री अन्त्योदय आवास योजना के तहत् 144 आवास गृहों तथा इंदिरा आवास गृहों के विवेकाधीन 3 प्रतिशत आवास के तहत् 39 आवास गृह स्वीकृत किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) लागू हो जाने से। (ग) से (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होते है।
ग्राम रोजगार सहायकों का संविलियन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
202. ( क्र. 6675 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम रोजगार सहायक को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पत्र क्रमांक एफ-932/761/ 1322/ए भोपाल दिनांक 06.07.2013 के द्वारा पंचायत सहायक सचिव घोषित किया गया था? यदि हाँ, तो अधिनियम की धारा 69 (1) की शक्तियां प्रदान करते हुए स्थायी पद पर पंचायत सचिव की भांति जिला संवर्ग में संविलियन किया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या ग्राम रोजगार सहायकों का संविलियन पंचायत सचिवों में जब तक नहीं हो पाता। तब तक उनके मानदेय को 5000/- से बढ़ाकर 20,000 किया जावेगा। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में कब तक कार्यवाही पूर्ण की जावेगी बताएं। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) (ग) के परिप्रेक्ष्य में शासन को किन-किन जन-प्रतिनिधियों, विधानसभा के सदस्यों द्वारा मांग की गई है? उन पर मांगवार, कार्यवाहीवार विवरण दें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नाधीन विभागीय पत्र द्वारा ग्राम रोजगार सहायक को ग्राम पंचायत का सहायक सचिव नियुक्त करने हेतु जिला कलेक्टरों को निर्देश दिये गये हैं। जी नहीं। (ख) एवं (ग) जी नहीं, ग्राम रोजगार सहायक महात्मा गाँधी नरेगा योजना के तहत् अंशकालीन कार्य हेतु ग्राम पंचायत द्वारा संविदा पर रखे गये हैं। दिनांक 01.04.2017 से ग्राम रोजगार सहायकों को स्वच्छ भारत अभियान के कार्य के लिए रू. 1,000/- एवं प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्य के लिए रू. 1,000/- प्रतिमाह का पृथक से पारिश्रमिक देने का निर्णय लिया गया है। (घ) माननीय राज्यमंत्री तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास एवं माननीय विधायक श्री कुंवर जी कोठारी के माध्यम से ग्राम रोजगार सहायक संगठन के आवेदन प्राप्त हुए है, जिनमें मानदेय के स्थान पर एक निश्चित वेतन देने ग्राम रोजगार सहायक की पंचायत सचिव रिक्त पद पर भर्ती करने एवं न्यूनतम वेतन बढ़ाकर रू. 20,000/- करने आदि सम्बन्धी मांग है। की गई कार्रवाई का विवरण उत्तरांश (ख) अनुसार है।
शिकायत निवारण की विभागीय स्थिति
[जन शिकायत निवारण]
203. ( क्र. 6695 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/प्रशासन द्वारा प्रदेश भर में जन शिकायत निवारण हेतु जन समस्या निवारण शिविर, विभागीय जन-सुनवाई केन्द्र, समाधान ऑन-लाईन, लोक सेवा प्रदाय गारंटी नियम अंतर्गत तथा अन्य प्रकार से भी शिकायतों का निपटारा किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्राप्त शिकायत/आवेदनों पर कार्यवाही कर संबंधितों को अवगत कराया जाता है, तो क्या आवेदन पर कार्यवाही किये जाने की समयावधि भी नियमानुसार सुनिश्चित रहती है? (ग) यदि हाँ, तो रतलाम जिला अंतर्गत जावरा अनुविभागीय क्षेत्र में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन ग्रामों में किस वर्ष में, किस माह में, शिकायत निवारण हेतु जनसमस्या शिविर उपरोक्त उल्लेखित (क) जैसे क्या-क्या आयोजन हुए? प्राप्त आवेदनों निराकृत प्रकरणों की संख्यावार जानकारी दें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) लोक सेवाओं के प्रदाय की गारंटी अधिनियम के अंतर्गत, अधिसूचित सेवाओं के आवेदनों पर ही कार्यवाही की जाती हैं। प्रश्न में उल्लेखित अन्य माध्यमों से शिकायत का निराकरण किया जाता है। (ख) जी हाँ। लोक सेवाओं के प्रदाय की गारंटी अधिनियम में निराकरण की समय-सीमा निश्चित है, शेष में नहीं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
विधायक निधि से पूर्ण एवं अपूर्ण कार्यों की जानकारी
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
204. ( क्र. 6706 ) श्री रजनीश सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र केवलारी अंतर्गत वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक विधायक निधि से कितने कार्य, कितनी राशि के स्वीकृत किये गये हैं? विकासखण्डवार विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विधायक निधि से स्वीकृत कार्यों में कितने कार्य अपूर्ण हैं? बतायें। साथ ही अपूर्ण होने के कारण भी स्पष्ट करें। (ग) विधायक निधि के कार्यों जो वर्षों से अपूर्ण पड़े एवं कुछ निर्माण कार्यों की राशि भी संबंधित एजेंसियों द्वारा आहरण कर ली गई है, तो अपूर्ण निर्माण कार्यों का जिम्मेवार कौन है और उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अपूर्ण कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कॉलम-9 में तथा अपूर्ण रहने के कारण 10 में उल्लेखित है। (ग) अपूर्ण निर्माण कार्यों को पूर्ण करने में लापरवाही बरतने पर संबंधितों के विरूद्ध संक्षम अधिकारी द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।
टीम सदस्यों को दायित्व मुक्त करना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
205. ( क्र. 6716 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य कार्यपालन अधिकारी, स्टेट लेवल नोडल ऐजेन्सी आई.डब्ल्यू. एम.पी. संचालक, राजीव गाँधी जल ग्रहण क्षेत्र प्रबंधन मिशन, भोपाल का पत्र क्र. 15081/22/वि-9/आर जी एम/पी.एम.के. एस.वाय./स्था./2016 भोपाल दिनांक 16/12/2016 पत्र को उपलब्ध करावें। क्या उक्त पत्र के आदेशानुसार ग्वालियर जिला अन्तर्गत वर्ष 2009-10 में स्वीकृत परियोजना में संविदा पर पदस्थ समस्त टीम सदस्यों को 1 माह का मानदेय भुगतान दिया जाकर तत्काल प्रभाव से दायित्व मुक्त किया गया है? यदि हाँ, तो ग्वालियर जिले में ऐसे कितने टीम सदस्य हैं? उनका नाम, पद पदस्थापना दिनांक, जन्म दिनांक, पदस्थ जिला स्पष्ट करें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार पद से हटाये गये संविदा टीम सदस्यों जो विगत 8-8, 10-10 या उससे भी अधिक वर्षों से कार्यरत थे? अब उनको अचानक हटा दिये जाने से क्या उनके भविष्य के बारे में म.प्र. शासन ने कोई विचार नहीं किया? यदि किया है, तो क्या इनको पुन: उसी पद पद या अन्य विभाग में वापिस लिया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो शासन (विभाग) द्वारा इन टीम सदस्यों पर करोड़ों रूपया प्रशिक्षण एवं क्षमतावर्धन पर व्यय कर अनुभवी एवं कार्यकुशल बनाने का क्या औचित्य था? (ग) इस घोर लापरवाही के लिये कौन-कौन वरिष्ठ अधिकारी दोषी है? उनके नाम स्पष्ट करें? इन दोषी लापरवाह अधिकारियों को क्या दण्डित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्या प्रशिक्षित, अनुभवी एवं कार्यकुशल टीम सदस्यों को पुन: सेवा में ले लिया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पत्र की प्रतिलिपि संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) एवं (ग) महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन की नई परियोजनाएं लेने का नीतिगत निर्णय लिया गया है। इन परियोजनाओं में आवश्यकता अनुसार अनुबंध नियुक्ति से उत्तरांश (क) में वर्णित संविदा सेवायुक्तों को लाभ मिलना संभावित है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं।
सड़क विहीन गाँवों में सड़क निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
206. ( क्र. 6748 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर जिले के खेरखेड़ी, नेवजखेड़ी, साहब्बूदीखेड़ा, रूस्तमपुर, खासपुरा, खांडाखेड़ी, हनुमंतखेड़ा, कुठाली, सेमलीखेड़ा, कलाली, आदमखेड़ा, सुरतीकापुरा आदि गाँवों को जोड़ने वाली सड़कों का निर्माण किया जा चुका है? यदि हाँ, तो मुख्यमंत्री/प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना तहत् इन्हें किन-किन मुख्य मार्गों से जोड़ा गया? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित गाँवों की मुख्य मार्ग से दूरी कितनी-कितनी है? यदि इन गाँवों में सड़कों का निर्माण नहीं किया गया है, तो क्या कारण है? क्या मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में मुख्य मार्ग से गाँव की दूरी का कोई बंधन है? यदि हाँ, तो फिर इन गाँवों को मुख्य मार्ग से कैसे जोड़ेंगे? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित गाँवों को मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए रोजगार गांरटी से सड़क बनाना है, तो उसकी कार्य एजेंसी क्या होगी? क्या ग्राम पंचायतें रोजगार गांरटी से सड़क बनाने के लिए बाध्य हैं? यदि ग्राम पंचायतें बाध्य नहीं हैं, तो मजदूर आधारित योजना होने से मजदूरी की मांग पर यह योजना निर्भर करती है, ऐसे में गाँवों को सड़कों से कैसे जोड़ेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत् 500 मीटर दूरी तक के ग्राम को मार्ग से जुड़ा हुआ माना गया है। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत् ग्राम की मुख्य मार्ग से न्यूनतम दूरी एक किलोमीटर से अधिक होना चाहिए। ऐसे ग्रामों को मुख्य मार्ग से पंच परमेश्वर योजना, सुदूर ग्राम संपर्क तथा सुदूर खेत सड़क उपयोजना के तहत् जोड़ा जा सकता है। (ग) संबंधित ग्राम पंचायत महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना अथवा पंच परमेश्वर योजना के तहत् सड़क बना सकती है। प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनांतर्गत हितग्राहियों को रोजगार
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
207. ( क्र. 6749 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत शाजापुर जिले में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कितने हितग्राहियों के प्रकरण रोजगार हेतु स्वीकृत किए गए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना व हितग्राहियों में से वर्ष 2015-16 में जिन हितग्राहियों को ऋण दिया गया था, क्या उनमें मार्जिन मनी अनुदान राशि संबंधित बैंकों को प्रदान कर दी गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) मध्यप्रदेश उद्योग संचालनालय भोपाल के पत्र क्रं. 5275-5282 दिनांक 28/06/2016 के द्वारा क्या ऐसे प्रकरणों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया, जिनमें ऋण वितरण इस पत्र के पूर्व किया जा चुका था? यदि नहीं, तो क्या ऐसे हितग्राहियों कि मार्जिन मनी अनुदान राशि संबंधित बैंक को जारी की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक।
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) योजनान्तर्गत शाजापुर जिले में वर्ष 2015-16 में 359 एवं 2016-17 में (फरवरी तक) 307 हितग्राहियों के प्रकरण स्वरोजगार हेतु स्वीकृत किये गये। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वर्ष 2015-16 में स्वीकृत हितग्राहियों में से 282 को वर्ष 2015-16 में हितग्राहियों को मार्जिन मनी सहायता राशि प्रदान की गई शेष 77 हितग्राहियों को वर्ष 2016-17 में मार्जिन मनी सहायता राशि प्रदान की गई। (ग) जी नहीं, उद्योग संचालनालय मध्यप्रदेश, भोपाल के पत्र क्रमांक 5275-5282, दिनांक 28-06-2016 के द्वारा कुछ प्रकरण प्रतिबंधित किए गए थे, परन्तु उक्त दिनांक से पूर्व वितरित प्रकरणों पर मार्जिन मनी अनुदान पात्रता हेतु प्रतिबंध नहीं था। मार्जिन मनी अनुदान बैंक शाखाओं द्वारा नोडल बैंकों से सीधे क्लेम किया जाता है, जिसकी जानकारी बैंक शाखा में संधारित की जाती है।
जिला खनिज अधिकारी की पदस्थापना
[खनिज साधन]
208. ( क्र. 6762 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में जिला खनिज अधिकारी के पद पर कौन अधिकारी कब से पदस्थ है? उसकी योग्यता क्या है? (ख) शासन के नियमों के आधार पर खनिज अधिकारी के पद पर पदस्थ होने वाले व्यक्ति की योग्यता क्या होनी चाहिये? क्या वर्तमान में पदस्थ अधिकारी उस योग्यता की पूर्ति करते हैं? यदि हाँ, तो शासन के नियमों/आदेश की प्रति उपलब्ध करावें और यदि नहीं, तो ऐसे अधिकारी को पदस्थ रखे जाने का क्या कारण है? (ग) क्या वर्तमान में पदस्थ जिला खनिज अधिकारी शासन के मापदण्डों के आधार पर अपने पद के अनुरूप योग्यता नहीं रखते हैं फिर भी ऐसे अधिकारी को जिला खनिज अधिकारी के पद पर पदस्थ किये जाने का क्या कारण है? इनका मूल पद तथा विभाग क्या है तथा इनकी पदस्थापना शासन के किस मापदण्ड के आधार पर की गई है? यदि शासन के नियमों के अनुसार इनकी पदस्थापना नहीं है, तो उक्त पद पर पदस्थ करने के लिये किस-किस अधिकारी की भूमिका रही है? शासन के नियम विरूद्ध पदस्थ करने पर अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी तथा नियुक्त खनिज अधिकारी को कब तक हटा दिया जावेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में जिला खनिज अधिकारी के पद पर किसी अधिकारी की पदस्थापना नहीं है। दिनांक 27.02.2017 से जिले में सहायक खनि अधिकारी की पदस्थापना की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) विभागीय भर्ती नियम यथा मध्यप्रदेश भौमिकी तथा खनिकर्म (श्रेणी-1 और श्रेणी-2) भर्ती नियम, 1965 के अनुसार खनिज अधिकारी की सीधी भर्ती हेतु पद की शैक्षणिक योग्यता भू-विज्ञान में स्नातकोत्तर उपाधि या अनुपयुक्त भू-विज्ञान में एम.टेक. उपाधि अथवा सहायक खनि अधिकारी के पद पर 5 वर्ष की सेवा खनि अधिकारी के पद पर पदोन्नति हेतु आवश्यक है। वर्तमान में पदस्थ अधिकारी खनि अधिकारी नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्तमान में पदस्थ अधिकारी खनि अधिकारी नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगरीय क्षेत्रों की कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव
[नगरीय विकास एवं आवास]
209. ( क्र. 6794 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़वानी जिले के नगरीय क्षेत्रों के संबंध में विस्तारित कॉलोनियाँ प्रश्नकर्ता द्वारा 19-7-2016 के परि.अता.संख्या 26 प्रश्न (क्रमांक 364) के द्वारा नगरीय क्षेत्र खेतिया, पानसेमल एवं पलसूद में कॉलोनी वासियों को मूलभूत सुविधाएं प्राप्त नहीं होने से विभाग के द्वारा सम्बंधित कॉलोनाईजर के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जानकारी दी गई थी, तो क्या कार्यवाही की गई है? (ख) ऐसी कॉलोनियों में निवासरत् लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने हेतु विभाग के पास क्या कोई कार्ययोजना है? यदि है, तो कब तक उसका क्रियान्वयन प्रारम्भ हो जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) बड़वानी जिले के नगरीय क्षेत्रों के संबंध में विस्तारित कॉलोनियों के अतारांकित संख्या 26 प्रश्न 364 के उत्तर के संबंध में कार्यालय कलेक्टर बड़वानी के आदेश क्रमांक 6004/रीडर/2016 दिनांक 29.10.2016 द्वारा जिले की समस्त नगरीय निकाय क्षेत्रान्तर्गत स्थित कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाओं की जाँच हेतु संयुक्त दल गठित किया जाकर जाँच दल द्वारा नगर परिषद् खेतिया, पानसेमल एवं पलसुद में स्थित कॉलोनियों की मौके पर जाकर जाँच की गई है। इस संबंध में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) राजपुर, सहायक संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश खरगोन द्वारा निरीक्षण कर संबंधित कॉलोनाईजर के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तुत की गई है। संबंधित कॉलोनाईजर के विरूद्ध म.प्र. नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 339 ग, 339 घ एवं म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनाईजर रजिस्ट्रिकरण, निर्बंधन तथा शर्तें) नियम 1998 के तहत् सुनवाई उपरांत कार्यवाही की जावेगी। (ख) नियमानुसार जल प्रदाय एवं विद्युत प्रदाय जैसी मूलभूत सुविधाएं कॉलोनी वासियों को प्रदाय की जा रही है। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर, बड़वानी के निर्णय अनुसार कार्यवाही की जायेगी।
महाविद्यालयों में भवन एवं स्टॉफ की कमी
[उच्च शिक्षा]
210. ( क्र. 6795 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या महाविद्यालय पानसेमल में शासन के द्वारा भवन स्वीकृत किया गया है? यदि हाँ, तो निर्माण कार्य क्यों नहीं हो रहा है? क्या भूमि उपलब्ध होने के बावजूद भी कार्य प्रारम्भ नहीं किया जा रहा है? कारण स्पष्ट करें एवं कब तक कार्य प्रारम्भ कर दिया जावेगा? (ख) महाविद्यालय पानसेमल एवं निवाली में प्राध्यापकों के कितने पद स्वीकृत हैं तथा वर्तमान में कितने पदस्थ हैं? (ग) क्या रिक्त पदों पर शीघ्र पदस्थापना की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो फिर शैक्षणिक कार्य कैसे संभव होगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। शैक्षणिक संवर्ग अंतर्गत रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग से दिनांक 19.02.16 को विषयवार विज्ञापन जारी किया जा चुका है। लोक सेवा आयोग से चयनित अभ्यार्थियों की सूची प्राप्त होने पर रिक्त पदों की पूर्ति प्राथमिकता के आधार पर की जावेगी। निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। वर्तमान व्यवस्थान्तर्गत रिक्त पदों के विरूद्ध विषय विशेषज्ञ के अतिथि विद्वानों को आमंत्रित कर शैक्षणिक कार्य सुचारू रूप से संचालित है।
मिनी स्टेडियम निर्माण की जानकारी
[खेल और युवा कल्याण]
211. ( क्र. 6802 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वर्ष 2006 में 23 जून को मा. मुख्यमंत्री में डिण्डौरी नें मिनी स्टेडियम निर्माण हेतु शिलान्यास (भूमि पूजन) किया था? अगर हाँ, तो बतावें मिनी स्टेडियम निर्माण की ड्रॉइंग क्या थी? प्राक्कलन, खसरा नम्बर, रकबा, मद निर्माण एजेंसी, कार्य पूर्ण होने का अनुमानित समय बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार मिनी स्टेडियम का निर्माण कहाँ हुआ? निर्माण कब प्रारम्भ हुआ? किस मद से कितनी राशि, निर्माण कब पूरा होगा? कितनी राशि व्यय हुई? शिलान्यास तिथि से कितने वर्ष बाद कार्य प्रारम्भ हुआ? (ग) मिनी स्टेडियम का निर्माण अगर प्रारम्भ नहीं हुआ है, तो क्यों नहीं हुआ? कब निर्माण प्रारम्भ होगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। मिनी स्टेडियम की ड्रॉइंग एवं प्राक्कलन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जिसका खसरा नं. 352/1/5 रकबा 3.161 है। उक्त स्टेडियम का निर्माण आई.ए.पी. योजना के तहत् लोक निर्माण विभाग डिण्डौरी द्वारा किया जा रहा है। निर्माण कार्य पूर्ण करने की निश्चित तिथि बतायी जाना संभव नहीं है। (ख) जिला मुख्यालय के बिरसा मुण्डा में दिनांक 20.10.2014 से आई.ए.पी. योजना से रू. 217.17 लाख की लागत से मिनी स्टेडियम का कार्य प्रारंभ किया गया है। निश्चित तिथि बताई जाना संभव नहीं है, अब तक रू. 165.13 लाख का व्यय हुआ है। शिलान्यास तिथि से लगभग 9 वर्ष बाद कार्य प्रारंभ हुआ। (ग) निर्माण प्रारंभ हो गया है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा पद का दुरूपयोग
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
212. ( क्र. 6803 ) पं. रमेश दुबे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत छिन्दवाड़ा के द्वारा वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन सचिवों को किन-किन आरोपों में निलंबन किया गया? किन-किन को कब-कब बहाल कर स्थान परिवर्तन कर कहाँ-कहाँ पदस्थ किया गया? किन-किन सचिवों का आपसी रजामंदी से स्थान परिवर्तन किया गया? क्या इन कार्यों का जिला पंचायत के सामान्य प्रशासन समिति से अनुमोदन लिया गया? नहीं तो क्यों? क्या यह नियमानुकूल है? (ख) क्या मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत छिन्दवाड़ा द्वारा जिला पंचायत उपाध्यक्ष को प्रदाय की गई लिपिकीय सुविधायें बिना उपाध्यक्ष की सहमति के छीन ली गई? हाँ, तो क्यों? क्या यह कार्यवाही विधिसम्यक है? (ग) जिला पंचायत छिन्दवाड़ा के सभी विभागों में जनवरी 2015 से कितने वाहन कब से किराये से संचालित हो रहे हैं? वाहन का प्रकार, क्रमांक, अनुबंध की प्रति सहित अनुबंध की अवधि, इन वाहनों में उपयोग किये गये डीजल, मासिक भुगतान की गई राशि, डीजल पर व्यय किस मद से किया गया? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) जिला पंचायत के अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों के संबंध में उपाध्यक्ष द्वारा उच्चाधिकारियों एवं शासन-प्रशासन को शिकायतें प्रस्तुत की गई हैं? क्या प्रश्नकर्ता ने भी उक्त के संबंध में शासन-प्रशासन को पत्र प्रेषित किया है? हाँ, तो इन शिकायतों पर किस स्तर से क्या कार्यवाही की गई है? नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में आपसी रजामंदी से स्थान परिवर्तन किसी भी सचिव का ग्राम पंचायत में नहीं किया गया है। सचिवों के निलंबन एवं बहाली की कार्यवाही मध्यप्रदेश पंचायत सेवा (ग्राम पंचायत सचिव सेवा भर्ती और सेवा की शर्तें) नियम 2011 के तहत की गई है जो नियमानुकूल है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्नांकित कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित कार्यवाही प्रशासकीय श्रेणी की है। जो विधि सम्बद्ध है। (ग) प्रश्नांकित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार। (घ) जी हाँ। की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ पर है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खाते
बंद करने एवं
पुन: खोलने
में हुई
अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
213. ( क्र. 6804 ) पं. रमेश दुबे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के विकासखण्ड चौरई, बिछुआ, हर्रई और अमरवाड़ा में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक मनरेगा योजनान्तर्गत कितने हितग्राहियों के खातों को फ्रीज किया गया? फ्रीज खातों को पुन: अनफ्रीज क्यों किया गया? (ख) प्रश्नांधीन विकासखण्डों में किन-किन कार्यों का निर्माण कार्य पूर्ण होने के पूर्व सी.सी. जारी की गई कार्य अपूर्ण होने के बाद भी कार्य की सी.सी. जारी क्यों की गई तथा उक्त परिस्थिति में कार्य की सी.सी.खोलने की क्या प्रक्रिया हैं? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार हितग्राही के खाते फ्रीज करने एवं अपूर्ण निमार्ण कार्यों की सी.सी. जारी करने के पूर्व मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत से आदेश प्राप्त करने के कोई निर्देश हैं? यदि हाँ, तो उक्त खातों को फ्रीज करने अथवा अपूर्ण निर्माण कार्यों की सी.सी. जारी करने के पूर्व मुख्य कार्यपालन अधिकारी से आदेश प्राप्त किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिए कौन दोषी है? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार हितग्राहियों के खाते फ्रीज करने के पश्चात पुन: खोलने, अपूर्ण निर्माण कार्यों की सी.सी. जारी करने के पश्चात पुन: खोलने में भ्रष्टाचार की शिकायत अन्य माध्यमों से अथवा प्रश्नकर्ता ने प्रस्तुत किया है? यदि हाँ, तो क्या शासन प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्लेखित मामलों की जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही का आदेश देगा? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक महात्मा गाँधी नरेगा योजनांतर्गत विकासखण्ड चौरई, बिछुआ, हर्रई और अमरवाड़ा में क्रमश: 38676, 18997, 21113 एवं 55923 हितग्राहियों के खाते फ्रीज हुए। खातों को अनफ्रीज करने के कारण निम्नानुसार हैं :- (1) एफ.टी.ओ. रिजेक्ट होने पर बैंक द्वारा हितग्राहियों के खाते स्वत: (ऑटोमेटिक) अनफ्रीज किए जाते हैं। तथा (2) पोस्ट-ऑफिस/सहकारी बैंक के खाते को बंद कर व्यावसायिक बैंक में नया खाता खुलवाने की दशा में (3) हितग्राही के संयुक्त खाते को पृथक खाते में बदलने की स्थिति में एवं (4) हितग्राही के बैंक खाते/बैंक विवरण की डॉटा एन्ट्री में त्रुटि की दशा में हितग्राही का खाता अनफ्रीज हो जाता है। (ख) प्रश्नाधीन विकासखण्डों में निर्माण कार्य पूर्ण होने के पूर्व पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी नहीं किए गए हैं। योजनांतर्गत भारत सरकार के पोर्टल पर प्रगति की जानकारी में त्रुटिपूर्ण प्रविष्टि की गई, जिसका सुधार राज्य स्तर से किया गया है। (ग) हितग्राही के बैंक खाते फ्रीज करने के लिए जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अधिकृत हैं। योजना के अंतर्गत निर्माण कार्यों को पूर्ण किए बगैर यथास्थिति बंद करने के लिए भी जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अधिकृत है। योजनांतर्गत दोनों कार्यों के लिए भारत सरकार के पोर्टल पर एन्ट्री करने के अधिकार केवल जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को हैं और उन्हें ही पासवर्ड जारी किए गए हैं। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं। (घ) माननीय प्रश्नकर्ता की शिकायत विभाग को प्राप्त नहीं हुई है। अनियमितता का कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं होने से शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
पेय-जल योजनांतर्गत अनियिमतताओं की जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
214. ( क्र. 6813 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सुवासरा, सीतामऊ, शामगढ़ नगर में यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. पेय-जल योजना के अतंर्गत उक्त तीनों नगरों के किन-किन मोहल्लों में कितने-कितने फिट नवीन पाईप-लाईन डाली गई है? मोहल्लों के नाम एवं वार्डों के क्रमांक सहित जानकारी देवें। (ख) दिनांक 08 दिसम्बर 2016 के प्रश्न संख्या 161 (क्रमांक 1711) के उत्तर में सुवासरा नगर में पेय-जल योजना हेतु तैयार की गई सर्वे व नक्शे एवं मूल नक्शे दोनों की प्रतिलिपियों में अंतर होने का कारण बतावें? (ग) उक्त तीनों नगरों में ऐसे कितने मोहल्ले हैं जिनमें पुरानी पाईप-लाईनों में नई पाईप-लाईन जोड़ी गई है? मोहल्लों के नाम एवं पाईप की लम्बाई तथा उक्त तीनों नगरों के किन-किन मोहल्लों में पाईप-लाईन नहीं है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. पेय-जल योजना के अंतर्गत नगर परिषद् सुवासरा एवं शामगढ़ तथा मुख्यमंत्री शहरी पेय-जल योजनांतर्गत नगर परिषद् सीतामऊ के मोहल्लों एवं वार्डों में डाली गई पाईप-लाईन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मूल योजना में स्वीकृत नक्शे में केवल उस क्षेत्र को दर्शाया गया है जहाँ नवीन पाईप-लाईन डाली जानी है जबकि ठेकेदार द्वारा संपूर्ण क्षेत्र का सर्वे कर पूर्व से डली लाइनों को भी शामिल कर ड्रॉइंग तैयार की गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
मनरेगा की राशि से खेल मैदान निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
215. ( क्र. 6814 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में किन-किन पंचायतों एवं ग्राम पंचायतों के ग्रामों में खेल मैदान हेतु भूमि चिन्हित है तथा ग्रामों में खेल मैदान निर्माण हेतु मनरेगा राशि के तहत् कितनी राशि एक खेल मैदान निर्माण हेतु स्वीकृत की जाती है? मजदूरी तथा सामग्री के प्रतिशत की जानकारी देवें। (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में मनरेगा राशि के तहत् विगत 5 वर्ष में कितनी राशि से कितने ग्रामों में खेल मैदान का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा किन-किन ग्रामों में खेल मैदान निर्माणाधीन है एवं कितने शेष हैं? (ग) उपरोक्त ग्रामों में करवाए गए खेल मैदानों पर खर्च की गई राशि एवं ग्रामों के नाम बतावें। (घ) ग्राम पंचायत के मुख्यालय में सम्मिलित ग्रामों में भी खेल मैदान निर्माण हेतु मनरेगा से राशि स्वीकृत कर खेल मैदान का निर्माण किया जा सकता है या नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–1 अनुसार है। राज्य स्तर से मानक लागत रूपये 32/- प्रति वर्ग मीटर निर्धारित की गई है। जिसके आधार पर खेल मैदान के क्षेत्रफल के अनुसार लागत की गणना करने के निर्देश हैं। दर्शकों की बैठक व्यवस्था तथा महिला एवं पुरूष प्रसाधन सुविधा के लिये रूपये 33000/- मानक लागत नियत है। मजदूरी एवं सामग्री अनुपात 60:40 है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) महात्मा गाँधी नरेगा के तहत् प्रत्येक ग्राम में एक खेल मैदान बनाने के निर्देश दिये गये हैं।
राजीव गाँधी जल ग्रहण मिशन अंतर्गत कार्यक्षेत्र
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
216. ( क्र. 6821 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों से राजीव गाँधी जल ग्रहण मिशन अंतर्गत जिला अनूपपूर की पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितनी संस्थाओं द्वारा कार्य कराया जा रहा है तथा संस्था का कार्यक्षेत्र कौन सा हैं, जिसमें कार्यों का संपादन किया जा रहा है? संस्था का नाम, शामिल क्षेत्र सहित विवरण देवें। (ख) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में राजीव गाँधी जलग्रहण मिशन अंतर्गत वर्ष 2015 के पश्चात तथा वर्तमान तक कहाँ पर कौन-कौन से कार्य किस संस्था द्वारा किये गये हैं तथा कार्यों की लागत तथा वर्तमान भौतिक स्थिति क्या है? (ग) वर्तमान में चल रहे कार्यों के ग्रामों में वर्ष 2016-17 में कौन-कौन से कार्य कराये जायेंगे तथा उनसे क्या लाभ होगा? तत्संबंधी प्रोजेक्ट रिपोर्ट तथा पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत चल रही सभी परियोजनाओं में वर्ष 2016-17 का वार्षिक आयोजना का विवरण उपलब्ध करायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) परियोजना कार्यों से भू-जल का पुनर्भरण और सिंचाई में वृद्धि होना अपेक्षित है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
राजीव गाँधी जल ग्रहण मिशन अंतर्गत वार्षिक आयोजना का विवरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
217. ( क्र. 6829 ) सुश्री
मीना सिंह :
क्या पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) राजीव
गाँधी जल
ग्रहण मिशन
अंतर्गत
मानपुर
विधानसभा क्षेत्र
के अंतर्गत
वर्तमान
स्थिति में
कितनी संस्थाओं
द्वारा कार्य
कराया जा रहा
है तथा संस्था
का
कार्यक्षेत्र
कौन सा है
जिसमें कार्यों
का संपादन
किया जा रहा
है?
संस्था का
नाम,
शामिल
क्षेत्र सहित
विवरण देवें। (ख) मानपुर
विधानसभा
क्षेत्र में
राजीव गाँधी
जलग्रहण मिशन
अंतर्गत 2015 के पश्चात
तथा वर्तमान
तक कहाँ पर
कौन–कौन
से कार्य किस
संस्था
द्वारा किये
गये हैं तथा
कार्यों की
लागत तथा
वर्तमान
भौतिक स्थिति
क्या है? (ग) वर्तमान
में वर्ष 2016-17 में चल
रहे कार्यों
के ग्रामों
में कौन–कौन
से कार्य
कराये जायेंगे
तथा उनसे क्या
लाभ होगा? तत्संबंधी
प्रोजेक्ट
रिपोर्ट तथा
मानपुर
विधानसभा
क्षेत्र के अंतर्गत
चल रही सभी
परियोजनाओं
में वर्ष 2016-17 का
वार्षिक
आयोजना का
विवरण उपलब्ध
करायें?
पंचायत
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव )
: (क) एवं
(ख) जानकारी संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार है। (ग)
वर्ष 2016-17 की
कार्ययोजना संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब
अनुसार है।
प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री सड़क योजनांतर्गत मुख्य सड़कों से जोड़ा जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
218. ( क्र. 6830 ) सुश्री मीना सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मानपुर विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री सड़क योजना/प्रधानमंत्री सड़क योजना के मापदण्डों के अतंर्गत कितने ग्रामों के पहुँच मार्गों के निर्माण कार्य कर मुख्य सड़कों से जोड़ा जाना शेष हैं? जिला स्तरीय अधिकारियों/कर्मचारियों से सर्वे कराकर प्रश्न दिनांक तक पहुँच मार्गवार जानकारी उपलब्ध करावें। साथ ही उक्त योजनाओं के मापदण्डों के अन्तर्गत कितने छूटे हुये एवं कितने ग्रामों को डबल कनेक्टिविटी कर जोड़ा जाना आवश्यक है और कितने ग्रामों को मुख्य मार्गों से जोड़ा जाना आवश्यक है? (ख) उक्त विधानसभा क्षेत्र के अतंर्गत ग्रामों को मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिये पहुँच मार्ग निर्माण कार्यों के लिये विभाग के समक्ष कितने-कितने प्रस्ताव जिला स्तर से शासन के निर्देश पर स्वीकृति हेतु पिछले वित्तीय वर्ष में प्राप्त हुए और उस पर प्रश्न दिनांक तक की अद्यतन स्थिति क्या है? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित प्रस्तावों में कौन-कौन से पहुँच मार्गों की स्वीकृति जारी की गई और उनके निर्माण कार्य कब तक करा दिये जायेंगे? शेष की स्वीकृति आदेश कब तक जारी कर इसी वित्तीय बजट में निर्माण कार्य कब तक करा दिये जायेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत् निर्धारित मापदण्डों के अंतर्गत चयनित मार्गों में से संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' में दर्शाए निर्माणाधीन मार्गों को छोड़कर शेष पूर्ण किए जा चुके हैं। दोनों योजनाओं के तहत् ग्रामों को डबल कनेक्टिविटी देने का प्रावधान नहीं है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। योजना के अंतर्गत वित्तीय संसाधन पूर्व से स्वीकृत कार्यों के लिए आबद्ध होने से नवीन मार्गों की स्वीकृति के लिए समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
भोपाल विकास प्राधिकरण के अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध प्रकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
219. ( क्र. 6844 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत चार वर्षों में लोकायुक्त में भोपाल विकास प्राधिकरण के किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कितने प्रकरण दर्ज हुए हैं? प्रकरण वर्तमान में किस-किस स्तर पर किन-किन कारणों से लंबित है? प्रकरणवार जानकारी दें। (ख) क्या कटारा हिल्स स्थित विवेकानंद परिसर में मकानों एवं सड़कों के घटिया निर्माण संबंधी जाँच के संबंध में विभाग द्वारा लोकायुक्त कार्यालय को जानकारी प्रेषित की गई थी? यदि हाँ, तो कब एवं क्या? पूर्ण विवरण दें। (ग) क्या उक्त संबंध में लोकायुक्त कार्यालय द्वारा वांछित जानकारी उपलब्ध न कराए जाने के कारण पुन: वांछित जानकारी प्रेषित किए जाने संबंधी पत्र विभाग को प्रेषित किया गया है? यदि हाँ, तो वांछित जानकारी प्रेषित न किए जाने का क्या कारण है एवं इस हेतु कौन दोषी है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? (घ) क्या प्रश्नांश (घ) में वांछित जानकारी लोकायुक्त कार्यालय को प्रेषित कर दी गई है? यदि हाँ, तो कब एवं क्या? पूर्ण विवरण दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) भोपाल विकास प्राधिकरण में उपलब्ध जानकारी के अनुसार विगत चार वर्षों में भोपाल विकास प्राधिकरण के किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध प्रकरण दर्ज नहीं हुआ। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। जानकारी दिनांक 19/12/2016 को प्रेषित की गई। जानकारी में जाँच प्रतिवेदन सहित कुल 3868 सत्यापित पृष्ठ संलग्न कर प्रेषित किये गये है। (ग) जी हाँ। प्राधिकरण द्वारा उक्त जानकारी दिनांक 19/12/2016 को लोकायुक्त कार्यालय में उपलब्ध करा दी गई है। (घ) उत्तराशं (ख) एवं (ग) अनुसार।
जल आर्वधन योजनांतर्गत स्वीकृत राशि एवं कार्य की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
220. ( क्र. 6845 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिका परिषद् नरसिंहपुर शहर को जल आर्वधन योजना अंतर्गत चिनकी (माँ नर्मदा नदी) से जल प्रदाय हेतु कार्य किया जा रहा है। उक्त योजनांतर्गत कितनी राशि (ऋण) स्वीकृत की गई है? (ख) स्वीकृत राशि से कितने रूपयों का भुगतान कुल कार्यों में किया जा चुका है? कितनी राशि शेष है? (ग) इस योजना में कौन-कौन से कार्य किए जाना थे? कौन-कौन से कार्य किए जा चुके हैं? कौन-कौन से कार्य होना बाकी हैं? कार्य पूर्ण करने की अवधि दिनांक क्या थी? कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (घ) शहर में इस योजना के द्वारा उपभोक्ताओं को कब तक जल प्रदाय किया जावेगा? जितना कार्य किया जा चुका है, उसकी टेस्टिंग हुई है कि नहीं? जानकारी प्रदान करें। (ड.) नगरपालिका परिषद् करेली द्वारा करेली शहर को जल आवर्धन योजना अंतर्गत ग्राम रातीकारा के सगौनाघाट (माँ नर्मदा नदी) से जल प्रदाय हेतु कार्य किया जा रहा है उक्त योजनांतर्गत कितनी राशि स्वीकृत की गई है? (च) स्वीकृत राशि से कितने रूपयों का भुगतान कुल कार्यों में किया जा चुका है? कितनी राशि शेष है? (छ) इस योजना में कौन-कौन से कार्य किए जाने थे? कौन-कौन से कार्य किए जा चुके हैं? कौन-कौन से कार्य होना बाकी हैं? कार्य पूर्ण करने की अवधि दिनांक क्या थी? कार्य पूर्ण कब तक कर लिया जावेगा? जानकारी देवें। (ज) शहर में इस योजना के द्वारा उपभोक्ताओं को कब तक जल प्रदाय किया जावेगा? जितना कार्य किया जा चुका है, उसकी टेस्टिंग हुई है, की जानकारी प्रदान करें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। योजना के क्रियान्वयन हेतु राशि रू. 549.90 लाख शासन अनुदान एवं हुडको ऋण राशि रू. 2199.59 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई है। (ख) वर्तमान तक राशि रू. 2335.00 लाख का भुगतान किया जा चुका है एवं राशि रू. 395.45 लाख शेष है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) शहर में इस योजना के द्वारा अप्रैल, 2017 में जल प्रदाय किया जाना लक्षित है। योजना का कार्य अभी अपूर्ण है, कार्य पूर्ण होने के पश्चात टेस्टिंग की जायेगी। (ड.) जी हाँ। नगर पालिका, करेली की जल प्रदाय योजना यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. योजनांतर्गत स्वीकृत है। योजना की लागत राशि रू. 3024.00 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई है। योजना के क्रियान्वयन हेतु निकाय को राशि 2721.60 लाख जारी की गई है। (च) वर्तमान तक राशि रू. 1687.70 लाख का भुगतान किया जा चुका है एवं राशि रू. 1336.26 लाख शेष है। (छ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ज) शहर में इस योजना से सितम्बर, 2017 तक जलप्रदाय किया जाना लक्षित है। योजना का कार्य अभी अपूर्ण है, कार्य पूर्ण होने के पश्चात टेस्टिंग की जायेगी।
दोष सिद्ध के बावजूद कार्यवाही न होना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
221. ( क्र. 6852 ) श्री हर्ष यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत एवं ग्रामीण विभाग के प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी स्तर के अधिकारियों के विरूद्ध अनियमितता, भ्रष्टाचार, कदाचरण आदि के मामलों में विभागीय जाँच वर्ष 2016-17 या इससे पूर्व दो वर्षों में पूर्ण हो चुकी है? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित मामलों में किन-किन प्रकरणों में अधिकारियों को दोष सिद्ध पाया गया है? किस-किस प्रकरण में नियमानुसार कार्यवाही की गई है? किन-किन अधिकारियों के मामले में जाँच प्रतिवेदन अनुसार कार्यवाही की जाना लंबित है? कार्यवाही लंबित होने के क्या कारण हैं? (ग) दोष सिद्ध अधिकारियों पर ठोस कार्यवाही न कर किनके द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है? कब तक इन प्रकरणों में वैधानिक कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गायत्री तालाब सौंदर्यीकरण में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
222. ( क्र. 6869 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धार जिले की कुक्षी नगर पंचायत में गायत्री तालाब सौंदर्यीकरण एवं सफाई कार्य हेतु किस फर्म का चयन कब हुआ? कार्य की लागत एवं पूर्णता दिनांक बतावें। क्या कार्य पूर्ण हो गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) इस फर्म में उपरोक्त कार्य में कितने श्रमिकों/कर्मचारियों को कार्य पर नियुक्त किया? उनकी जानकारी श्रमिक/कर्मचारी का नाम, उनके पी.एफ. नंबर, पी.एफ. कटौत्रा राशि की जानकारी कर्मचारी/श्रमिक अंशदान, नियोक्ता अशंदान सहित देवें। कार्य प्रांरभ होने से प्रश्न दिनांक तक बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्य की डी.पी.आर. की प्रमाणित प्रति देवें। यह डी.पी.आर. कार्य किस फर्म से करवाया गया? इसकी टेंडर प्रक्रिया की जानकारी देवें। (घ) कार्य में विलंब के लिए दोषी डी.पी.आर. में अनियमितता के दोषी अधिकारियों एवं पी.एफ. कटौत्रा में फर्जीवाड़ा करने वाली फर्मों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) चयनित फर्म से उक्त जानकारी नगर परिषद् अथवा राज्य शासन स्तर पर संधारित नहीं की जाती है। अत: जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ग) डी.पी.आर. की प्रमाणित प्रति एवं टेण्डर प्रकिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) कार्य में विलम्ब के लिए ठेकेदारों के विरूद्ध निविदा एवं अनुबंध की शर्तों के अनुरूप समुचित कार्यवाही प्रस्तावित कर उनके द्वारा जमा अमानत राशि राजसात की गई है। पी.एफ. कटौत्रा संबंधी जानकारी उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में दिया जाना संभव नहीं है। डी.पी.आर. तैयार करने में किसी प्रकार की अनियमितता नहीं होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
पेंशन में अनियमितता
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
223. ( क्र. 6870 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में विधवा, वृद्धावस्था पेंशन स्वीकृति उपरांत कितने हितग्राहियों को प्रदाय की जा रही है? जनपद पंचायतवार संख्या बताएं? क्या स्वीकृत हितग्राहियों को नियमित पेंशन भुगतान हो रहा है? (ख) धार जिले में प्रश्न दिनांक कि स्थिति में जनपद पंचायतवार विधवा पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन के कितने प्रकरण लंबित है? (ग) क्या श्रीमती मीराबाई पति चैना निवासी ग्राम बडदा डही की मृत्यु दिनांक 20.10.2014 को हो गई थी, उसके उपरांत भी विधवा पेंशन उसके खाते में जमा की गई है? यदि हाँ, तो कब तक और क्यों? (घ) क्या यह गंभीर त्रुटि नहीं है? यदि हाँ, तो इसके लिये उत्तरदायी कौन-कौन है? उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जी हाँ स्वीकृत समस्त पात्र हितग्राहियों को नियमित पेंशन का भुगतान किया जा रहा है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ, श्रीमती मीराबाई पति चैना निवासी ग्राम बडदा जनपद पंचायत डही की मृत्यु दिनांक 10.11.2014 को हो गई थी। जिसकी सूचना संबंधित ग्राम पंचायत बडदा सचिव श्री कमल किशोर गर्ग के द्वारा जनपद डही को सूचना नहीं दिये जाने के कारण मृत्यु उपरांत भी विधवा पेंशन राशि का भुगतान हितग्राही के खाते में सूचना के अभाव के कारण माह 2016 तक जमा की जाती रही। (घ) जी हाँ, यह गंभीर त्रुटि है। इसके लिये ग्राम पंचायत बडदा के सचिव श्री कमल किशोर गर्ग पूर्णतः उत्तरदायी है। सचिव श्री कमल किशोर गर्ग के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित कर कार्यवाही की जा रही है।
रेत की ओव्हर लोडिंग किया जाना
[खनिज साधन]
224. ( क्र. 6876 ) श्री रामनिवास रावत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017 में प्रश्न दिनांक तक होशंगाबाद एवं सीहोर जिले में गौण खनिज रेत की कौन-कौन सी खादानें किस-किस के नाम से स्वीकृत/आवंटित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में होशंगाबाद एवं सीहोर जिले से रेत का ओव्हर लोडिंग परिवहन कर भोपाल लाये जाने पर माह फरवरी 2016 में कितने वाहनों को पकड़ा गया एवं कितने वाहनों पर किस प्रकार की कार्यवाही करते हुए राजसात किये गये? वाहनों के नंबर, वाहन मालिक का नाम, पता सहित सूची देवें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर दर्शित है। (ख) प्रश्नानुसार 09 प्रकरण दर्ज कर 5,70,000/- का अर्थदण्ड आरोपित कर जमा कराया गया है। वाहन राजसात नहीं किये गये हैं। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर दर्शित है।
रेत खनन में पकड़ाये डंपरों पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
225. ( क्र. 6882 ) श्री बाला बच्चन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर संभाग में खनन के कितने प्रकरण विगत 1 वर्ष में दर्ज किए गए? इसमें कितने डंपर पकड़े गये? जिलावार बतावें। ओव्हर लोडिंग व अवैध रेत खनन के बारे में पृथक-पृथक बतावें। (ख) उक्त अवधि में आर.टी.ओ. कार्यालय (संबंधित जिलों ) से विभाग ने जो पत्राचार किया उसकी जानकारी देवें। अगर नहीं किया है या जिन प्रकरणों में नहीं किया उसका कारण बतावें? (ग) 18-19 फरवरी 2017 को भोपाल में जो रेत का परिवहन करते हुए डंपर पकड़ाने पर विभाग ने अब तक क्या कार्यवाही की? 102 डंपर अगले दिन 68 होने के लिए जिम्मेदार कौन है? क्या पूरी कार्यवाही की वीडियोग्राफी कराई गई? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार पकड़े गए डंपरों में से कितने डंपर मुक्त किए एवं क्यों उनके बारे में पूरी जानकारी देवें? यह भी बतावें कि इसके जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? जिलेवार बतावें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नानुसार खनन के प्रकरण दर्ज किये जाने का प्रावधान नहीं है। प्रश्नाधीन संभाग में अवैध खनन के विगत 01 वर्ष में दर्ज प्रकरणों एवं वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अवैध खनन के प्रकरणों में ओव्हर लोडिंग के प्रकरण दर्ज नहीं किये जाते हैं। (ख) प्रश्नाधीन संभाग के किसी भी जिले द्वारा आर.टी.ओ. कार्यालय से पत्राचार नहीं किया है। आर.टी.ओ. कार्यालय से पत्राचार किया जाना बंधनकारी नहीं है। (ग) प्रश्न में दर्शित तिथि में भोपाल में कोई कार्यवाही नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्न से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रकरणों में प्रशमन उपरांत अर्थदण्ड जमा होने पर डम्पर मुक्त किये गये हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परफॉरमेंस ग्रान्ट की राशि का उपयोग व वितरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
226. ( क्र. 6886 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा प्रदेश के जिला एवं जनपद पंचायतों में परफॉरमेंस ग्रांट से राशि स्वीकृति व उसके उपयोग व विवरण के संबंध में दिशा–निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशों का प्रदेश की राजगढ़ जिले की जिला पंचायत एवं समस्त जनपद पंचायतों द्वारा पालन किया गया है अथवा नहीं? (ख) क्या राजगढ़ जिले की जनपद पंचायत ब्यावरा में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त परफॉरमेंस ग्रान्ट की राशि नियत दिशा-निर्देशों का पालन न करते हुये प्राप्त कुल आवंटन से अधिक की स्वीकृतियां ग्राम पंचायतों में जारी कर दी गई है तथा उन ग्राम पंचायतों को प्रथम किश्त की राशि भी जारी कर दी गई है? (ग) यदि हाँ, तो क्या यह उक्त संबंध में जनपद सदस्यों द्वारा सक्षम अधिकारियों को शिकायत करने पर जाँच कराई जा चुकी है? यदि हाँ, तो की गई जाँच में क्या-क्या निष्कर्ष प्राप्त हुये तथा इसमें कौन-कौन अधिकारी–कर्मचारी दोषी पाये गये तथा दोषियों के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जनपद पंचायत ब्यावरा द्वारा राज्य वित्त आयोग के दिशा निर्देश के बिंदु क्रमांक 3.5 के उप बिंदु 02 का पालन नहीं किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) जी हां। जनपद पंचायत ब्यावरा की तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी के विरूद्ध सक्षम अधिकारी से जांच कराई जाकर अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
वाणिज्य
उद्योग एवं
रोजगार हेतु
संचालित
योजनाएं
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
1. ( क्र. 308 ) श्री जतन उईके : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा वाणिज्य उद्योग एवं रोजगार हेतु कौन-कौन सी योजनाएं वर्तमान में संचालित हैं? योजनाओं का विवरण बतायें? (ख) छिन्दवाड़ा जिले में वर्ष 2013-14 से कौन से उद्योग की कहाँ-कहाँ स्थापना की गई है? क्या उनमें स्थानीय नागरिकों को रोजगार प्रदान करने के नियम लागू हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में स्थापित किन-किन उद्योगों को शासन की कौन-कौन सी योजनाओं के तहत कितना-कितना अनुदान कब-कब प्राप्त हुआ?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मध्यप्रदेश शासन, वाणिज्य उद्योग और रोजगार विभाग की उद्योग संवर्धन नीति, 2014 (माह अक्टूबर,2016 तक संशोधित) अनुसार योजनायें संचालित हैं। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) छिंदवाड़ा जिले में विभाग के अधीन औद्योगिक क्षेत्र में वर्ष 2013-14 से वर्तमान तक 40 उद्योग स्थापित हुए हैं, विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। उद्योग संवर्धन नीति, 2010 (यथासंशोधित 2012) में प्रदेश में स्थापित होने वाले नवीन उद्योगों में सहायता योजनाओं के परिप्रेक्ष्य में उद्योगों के साथ निष्पादित किये जाने वाले अनुबंधों में, न्यूनतम 50 प्रतिशत रोजगार स्थानीय व्यक्तियों को दिये जाने का प्रावधान रहा है। (ग) वाणिज्य उद्योग और रोजगार विभाग के माध्यम से वृहद इकाई- रॉयल यूनिफोर्स रूफिंग प्रा.लि. को वर्ष 2013-14 से वर्ष 2014-15 तक की अवधि में रू. 149.85 लाख वैट/सी.एस.टी. प्रतिपूर्ति सहायता के रूप में दिया गया है।
ग्राम वन समितियों का गठन
[वन]
2. ( क्र. 321 ) श्री जतन उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के छिन्दवाड़ा जिले के पांढुर्ना विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वन विभाग द्वारा विगत 03 वर्षों में कहाँ-कहाँ पर ग्राम समिति बनाई व इसमें कौन-कौन से व्यक्तियों को लिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में ग्राम वन समितियों को विगत 03 वर्षों में क्या-क्या कार्य कराये गये व उस पर कितना-कितना खर्च किया गया है? (ग) वन विभाग को किस-किस मदों से कितनी-कितनी राशि 03 वर्षों में प्राप्त हुई व विभाग द्वारा कौन-कौन क्षेत्रों में विभिन्न मदों से क्या-क्या कार्य जनता/वन सुरक्षा हेतु किये गये हैं? (घ) प्रश्नांश (क) संदर्भ में क्या वन विभाग में विभिन्न मदों से भुगतान ई-पेमेंट से किया जा रहा है? यदि हाँ, तो लाघघोंगरी, अम्बाड़ा पांढुर्ना रेन में निर्माण कार्य भुगतान का विवरण उपलब्ध करायें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) छिन्दवाड़ा जिले के पांढुर्णा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत वन विभाग द्वारा विगत तीन वर्ष (2014-15, 2015-16 एवं 2016-17) में ग्राम वन समिति नहीं बनाई गई हैं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
मण्डला जिले को मनरेगा के अंतर्गत प्राप्त राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
3. ( क्र. 392 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2013-2014 से प्रश्न दिनांक तक मनरेगा अंतर्गत कुल कितनी राशि मण्डला जिले को प्राप्त हुई है? उक्त राशि से कौन-कौन से विकास कार्य कराये गये जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के कार्यों में क्या जनप्रतिनिधिगण (मान. विधायक, मान. सांसद) की अनुशंसाएं अनिवार्य है? यदि हाँ, तो मण्डला जिले में उक्तावधि में कौन-कौन से कार्यों पर मान. सांसद, मान. विधायको, की अनुशंसा ली गई है? यदि नहीं, तो क्यों? नियमत: जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) की अवधि में मनरेगा कार्यों में हुई अनियमितताओं की कितनी शिकायतें किन-किन कार्यों के लिये कहाँ-कहाँ से आईं? उपरोक्त अवधि में मनरेगा कार्यों के भुगतान प्रश्नांश अवधि में कब-कब किए गए? क्या मजदूरी भुगतान वर्तमान में लंबित है? कब तक भुगतान हो जायेगा? (घ) मण्डला जिले में मनरेगा कार्यों की जाँच कब-कब, किस-किस जिला स्तर के उच्चधिकारी ने की है? उसमें क्या-क्या कमियां प्राप्त हुई उन पर क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में मण्डला जिले को कुल राशि रू. 16579.81 लाख दिये गये। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मनरेगा के तहत प्रश्नाधीन अवधि में प्राप्त शिकायतों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर दी गई है, जिनमें से जो शिकायत जाँच में निराकृत पाई गई उनका भुगतान हो चुका है। शेष लंबित भुगतान शिकायतों के निराकरण उपरान्त गुण दोषों के आधार पर होगा जिसकी समय-सीमा बतलाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
खदानों की लीज, रायल्टी
[खनिज साधन]
4. ( क्र. 393 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला विधान सभा अंतर्गत विगत 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने पत्थर/रेत खदनों को कितने समय तक के लिए लीज पर दिया गया है? रॉयल्टी की दरों का क्या मापदण्ड है? लीज पर किन-किन व्यक्तियों को पत्थर/रेत की खदानों को दिया गया है? पत्थर एवं रेत खदानों का अलग-अलग विवरण देवें? (ख) प्रश्न दिनांक तक बकाया रॉयल्टी भुगतान न करने वालों पर क्या कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या और कब? विवरण दें? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में यदि नहीं, तो इसके लिए कौन-कौन से अधिकारी कर्मचारी दोषी है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नाधीन अवधि में क्रशर से गिट्टी निर्माण हेतु पत्थर खदानों को लीज पर दिया गया है। रेत खनिज हेतु कोई खदान लीज पर नहीं दी गई है। पत्थर खनिज के संबंध में प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। गौण खनिजों की रायल्टी दरें मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 की अनुसूची-2 में अधिसूचित हैं। (ख) प्रश्नांश (क) के संलग्न परिशिष्ट में दर्शित खदानों पर कोई रॉयल्टी बकाया नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) में दिये उत्तर के प्रकाश में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अतिरिक्त विषय का संचालन
[उच्च शिक्षा]
5. ( क्र. 689 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अता.प्रश्न क्रमांक 1068 दिनांक 08/12/2016 में अवगत कराया गया था कि शासकीय एस.एस. महाविद्यालय सिहोरा में अतिरिक्त विषय प्रारंभ करने की कार्यवाही प्रचलन में है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कौन-कौन से विषय कब से आरंभ किये जावेंगे एवं कितनी कितनी सीटें इनमें होगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ वर्तमान में सीमित संसाधनों की कमी के कारण शासकीय एस.एस. महाविद्यालय सिहोरा में अतिरिक्त विषय प्रारंभ करने में कठिनाई है। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
6. ( क्र. 692 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विकासखण्ड सिहोरा एवं कुण्डम के अधीन 1/1/2009 से प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री सड़क योजना अंतर्गत किन-किन ग्रामों से सड़क निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई। ग्रामवार सूची वर्षवार, सड़क की लंबाई, लागत, कार्य की स्थिति सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) योजनांतर्गत वर्ष 2016-17 में कौन-कौन सी सड़कें प्रस्तावित हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित योजना एवं अवधि में कोई सड़क का निर्माण कार्य प्रस्तावित नहीं है।
महासंघ की मांगों पर निर्णय
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
7. ( क्र. 695 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंचायत राज संचालनालय द्वारा पंचायत सेवा शासकीय अधिकारी कर्मचारी महासंघ की मांगों में दिनांक 19/01/2016 एवं 27/06/2016 को शासन को बिन्दुवार प्रतिवेदन भेजते हुये शासन स्तर से आदेश जारी किये जाने के प्रस्ताव किये गये थे? (ख) प्रश्नांश (क) प्रतिवेदन अनुसार शासन स्तर से किन-किन बिन्दुओं पर निर्णय लिया जाकर आदेश जारी किये जा चुके हैं? आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो कब तक आदेश जारी कर दिये जायेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
वन क्षेत्र स्थित मंदिरों का रख-रखाव
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
8. ( क्र. 815 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) देवास जिले में वन क्षेत्र के अंदर स्थित कौन-कौन से मंदिर हैं एवं उन मंदिरों के रख-रखाव का जिम्मा किस विकास के पास है मंदिरों एवं विभाग का नाम बतावें। (ख) क्या इसी प्रकार मध्यप्रदेश में वन क्षेत्र के अंदर जो मंदिर हैं वह लोगों के लिए आस्था का केन्द्र बनते जा रहे है? इन मंदिरों पर धर्मावलम्बियों को असुविधा ना हो इस हेतु क्या शासन विभाग व्यवस्थित निर्माण किये जाने के लिए कोई योजना बना रहा है? यदि हाँ, तो बतावें। (ग) मध्यप्रदेश के वन क्षेत्रों में स्थित मंदिरों तक जाने में दर्शनार्थियों को ऊबड़-खाबड़ रास्तों से गुजरना पड़ता है, क्या उक्त मंदिर तक पहुंचने की लिए शासन की मार्ग निर्माण कराये जाने हेतु क्या योजना है? (घ) अगर शासन द्वारा मार्ग निर्माण करवाया जावेगा तो कब तक?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) देवास जिले में वन क्षेत्र में आने वाले मंदिरों एवं उनके रख-रखाव के विवरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नांश 'ख' एवं 'ग' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थिति नहीं होता।
मंदिरों की नाम से कृषि भूमि के संबंध में
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
9. ( क्र. 819 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) देवास जिले अंतर्गत ऐसे कितने मंदिर हैं जिनके पेठे कृषि भूमि है एवं उक्त मंदिर पेठे जो कृषि भूमि है वह किसके नाम से है? (ख) देवास जिले के अंतर्गत ऐसे कितने मंदिर हैं जिनका प्रबंधक कलेक्टर को नियुक्त किया गया है? तो क्या उक्त कृषि भूमि की पावती कलेक्टर के नाम से है या मंदिर के पुजारियों के नाम से है? (ग) अगर मंदिर की कृषि भूमि की पावती कलेक्टर के नाम से है तो कृषि भूमि हेतु आवश्यक खाद बीज हेतु क्या व्यवस्था की जाती है? (घ) क्या देवास जिले अंतर्गत मंदिर के पुजारियों को मंदिर की कृषि भूमि पर ऋण दिये जाने संबंधी प्रावधान हैं?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) देवास जिले के अंतर्गत 860 शासन संधारित मंदिर है इन मंदिरों में से 7 मंदिर भूमिहीन है। शेष मंदिर 853 भूमि वाले हैं जिनके पेठे 308.789 हे. भूमि है। कृषि भूमि के प्रबंधक कलेक्टर देवास है। (ख) देवास जिले के अंतर्गत 860 शासन संधारित मंदिर है। सभी शासन नियंत्रित मंदिरों के प्रबंधक कलेक्टर देवास है। (ग) वर्ष 2008 से कृषि भूमि पुजारियों के हवाले रखी गई है। उनके द्वारा ही व्यवस्था की जाती है। (घ) जी नहीं।
मंदिरों की भूमि
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
10. ( क्र. 1063 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ऐसे कितने मंदिर किस-किस नाम से कहाँ-कहाँ स्थित है जिनके संरक्षक कलेक्टर हैं? (ख) राजस्व अभिलेखों में उक्त मंदिरों के नाम से कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी भूमि दर्ज है, का रकबा व सर्वे नंबर क्या है? इन भूमियों पर कौन-कौन वर्तमान में काबिज है, का नाम, पता बतावें। (ग) क्या श्योपुर शहर के सीताराम जी मंदिर, नरसिंह मंदिर व अवध बिहारी मंदिर सहित शहर व ग्रामीण क्षेत्र के दर्जनों मंदिर ऐसे हैं जिनकी सैकड़ों बीघा भूमि पर अन्य लोगों का अवैध कब्जा है? यदि हाँ, तो उक्त भूमियों को अवैध कब्जे से मुक्त कराने हेतु शासन द्वारा वर्तमान तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उक्त अवैध कब्जों को हटाने हेतु संबंधित मंदिरों के पुजारियों व अन्य की ओर से कितने आवेदन शासन/जिला प्रशासन को प्राप्त हुए इन पर क्या कार्यवाही की गई यदि नहीं, तो क्यो? कब तक कार्यवाही करके उक्त मंदिरों की भूमियों को अवैध कब्जे से मुक्त करा लिया जावेगा? अवैध कब्जों को लेकर कितने प्रकरण कब से माननीय न्यायालय व अन्य प्रशासनिक न्यायालयों में विचाराधीन हैं?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नवीन आवासीय एवं व्यवसायिक कालोनियों का विकास
[नगरीय विकास एवं आवास]
11. ( क्र. 1321 ) श्री राजकुमार मेव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) इंदौर विकास प्राधिकरण, इंदौर एवं नगर पालिका निगम, इंदौर द्वारा वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस स्थान पर किस नाम से आवासीय, व्यवसायिक कालोनियों एवं स्कीमों का विकास एवं निर्माण किया गया? किस-किस कालोनी/स्कीम में कितने-कितने आवासीय भूखण्ड, व्यवसायिक भूखण्ड अथवा भवनों का निर्माण किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या प्राधिकरण एवं नगर पालिका निगम द्वारा विकसित स्कीमों एवं कालोनियों में आवासीय एवं व्यवसायिक भूखण्डों एवं भवनों में बी.पी.एल. धारकों, गरीब वर्गों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण का प्रावधान है? यदि हाँ, तो किस वर्ग के लिए कितने-कितने आवासीय भूखण्ड/भवन एवं व्यवसायिक भूखण्ड/भवन का प्रावधान किया जाकर कितनों को आवंटित किये गये? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में प्राधिकरण एवं नगर पालिका निगम द्वारा विकसित स्कीमों/कालोनियों में गार्डन, शिक्षा एवं सामाजिक कार्यों के लिए नियमानुसार स्थान आरक्षित किये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या उनका निर्माण एवं विकास किया गया है? यदि हाँ, तो बतावें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में उक्त स्कीमों/ कालोनियों में आरक्षित एवं अन्य वर्ग के लोगों को विकसित स्कीमों/कालोनियों में भवन अथवा भूखण्डों का आधिपत्य सौंप दिया गया? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। क्या व्यवसायिक स्कीमों/ कालोनियों में व्यवसाय स्थापित करने हेतु प्राधिकरण अथवा नगर पालिका निगम से अनुमति लिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदन प्राप्त हुये कितनों में अनुमति दी गई, कितनों में अनुमति नहीं दी गई और कितने लंबित है? यदि अनुमति नहीं दी गई तो कारण स्पष्ट करें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) इन्दौर विकास प्राधिकरण इन्दौर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। नगर पालिक निगम इन्दौर द्वारा वर्ष 2013-14 से किसी भी आवासीय, व्यवसायिक कॉलोनियों एवं स्कीमों का विकास एवं निर्माण नहीं किया गया है। किसी भी कॉलोनी/स्कीम में आवासीय भूखण्ड, व्यवसायिक भूखण्ड अथवा भवनों का निर्माण नहीं किया गया है। (ख) इन्दौर विकास प्राधिकरण इन्दौर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' 'द' एवं 'इ' अनुसार है। नगर पालिक निगम इन्दौर के उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) इन्दौर विकास प्राधिकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'फ' अनुसार है। नगर पालिक निगम इन्दौर के उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' 'द' एवं 'इ' अनुसार है। प्राधिकारी की योजनाओं में स्वीकृत ले-आउट, आवंटन तथा लीज की शर्तों के अनुसार व्यवसाय स्थापित करने हेतु पृथक से अनुमति लेने का प्रावधान नहीं है। नगर पालिक निगम इन्दौर के उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्रामों को मुख्य सड़क से जोड़ना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
12. ( क्र. 1330 ) श्री अरूण भीमावद : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना द्वारा ग्रामों को मुख्य सड़कों से जोड़ने की योजना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो योजना का क्रियान्वयन हो रहा है? (ख) शाजापुर विधानसभा क्षेत्र की उक्त योजनान्तर्गत ग्रामों को मुख्य सड़कों से जोड़ने हेतु कौन-कौन सी सड़कें प्रस्तावित हैं? (ग) क्या निम्न मार्ग (1) कॉजाखेड़ा से बंजारों का डेरा (2) लोंदिया मुख्य सड़क से पाण्डूखोरा मार्ग (3) गोपीपुर से साफ्टी (4) भेरूखेड़ा से करेड़ मार्ग (5) अभयपुर से ए.बी. रोड (6) बमोरी से विन्दोनिया रोड (7) छायन से प्रधानमंत्री सड़क मार्ग आदि मुख्यमंत्री सड़क योजना में सम्मिलित हैं? (घ) यदि हाँ, तो कब तक उक्त मार्गों को जोड़ने हेतु क्रियान्वयन होगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) प्रश्नांकित क्षेत्र में नई सड़कें प्रस्तावित नहीं हैं। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत निर्मित शौचालयों का भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
13. ( क्र. 1432 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बंडा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत जनपद पंचायत बण्डा के द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक कितने शौचालयों का निर्माण कराया गया है? पंचायतवार जानकारी दी जाए। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या शौचालयों का निर्माण बेंडर्स एवं हितग्राहियों के द्वारा किया गया है? यदि हाँ, तो ग्राम पंचायतवार कितने शौचालयों का निर्माण वेंडर द्वारा एवं कितने शौचालयों का निर्माण हितग्राही द्वारा किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में कितने शौचालयों का भुगतान वेंडर एवं हितग्राहियों को किया जा चुका है? पंचायतवार जानकारी दी जाए। कितने शौचालयों का भुगतान किस कारण से शेष है? (घ) उक्त योजना के तहत अब तक कितनी ऐसी ग्राम पंचायतें हैं जिनके आज दिनांक तक कार्य प्रारंभ नहीं किए गए हैं।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मुख्यमंत्री आवास योजना का क्रियान्वयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
14. ( क्र. 1435 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री आवास योजना अन्तर्गत शासन के क्या नियम हैं। (ख) बंडा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विगत तीन वर्षों में मुख्यमंत्री आवास योजनान्तर्गत किन-किन ग्राम पंचायतों में कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं एवं कितने स्वीकृत किए गए हैं? शेष प्रकरण किन कारणों से अस्वीकृत किए गए हैं? (ग) विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ऐसे कितने ग्राम हैं जहां हितग्राहियों को मुख्यमंत्री आवास योजना अंतर्गत कोई आवास स्वीकृत नहीं किया गया हैं? स्वीकृत न होने एवं विलम्ब होने के क्या कारण थे? इनके लिए कौन दोषी है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन से संबंधित नीति/दिशा निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित क्षेत्र व अवधि में कुल 3824 आवेदन प्राप्त हुए उनमें से 2302 बैंकों द्वारा स्वीकृत किये गये। शेष प्रकरण बैंकों के लक्ष्य पूर्ति होने के कारण स्वीकृत नहीं किये गये। ग्राम पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित क्षेत्र के 07 ग्राम जो कि बाह्य नजूल क्षेत्र में आते हैं जो कि मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन की नीति/दिशा निर्देश के अंतर्गत पात्रता की श्रेणी में न आने के कारण प्रकरण तैयार नहीं किये गये। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
कपिल धारा कूप निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
15. ( क्र. 1438 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बण्डा अंतर्गत महात्मा गांधी नरेगा योजना से 01 अप्रैल, 2014 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में किस ग्राम पंचायत में कितनी लागत में कितने कार्य स्वीकृत किए गए हैं तथा कितने कार्य पूर्ण/अपूर्ण हैं? ग्राम पंचायतवार संख्या उपलब्ध कराई जाए? (ख) वर्ष 2016-17 में उक्त योजनान्तर्गत कितनी-कितनी लागत से कार्य योजना स्वीकृत की गई है एवं कितना आवंटन प्राप्त हुआ है? पंचायतवार जानकारी दी जाए। (ग) विधानसभा क्षेत्र बण्डा अंतर्गत कपिल धारा योजना लागू होने से अब तक कितने कूप स्वीकृत किए गए हैं। (घ) योजना अंतर्गत स्वीकृत कूपों में से कितने कूपों की सी.सी. जारी की गई है एवं वर्तमान में ऐसे कितने कूप स्वीकृत हैं जो अपूर्ण पड़े हैं इनको पूर्ण कराने के क्या प्रावधान हैं? इन्हें कब तक पूर्ण करा लिया जाएगा? अपूर्ण कूपों की वर्षवार सूची उपलब्ध कराई जाए।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी स्वीकृत कार्य योजना की पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। यह योजना मांग आधारित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) 1887। (घ) कुल स्वीकृत कार्यों में से 1386 कूपों की पूर्णता प्रमाण पत्र (सी.सी.) जारी की गई। शेष 494 अपूर्ण हैं, अपूर्ण कार्य के हितग्राहियों को कार्य पूर्ण कराने हेतु निरंतर संपर्क रखा जा रहा है। पुस्कालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार।
बड़ी मध्यम एवं लघु इकाइयों की स्थापना
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
16. ( क्र. 1476 ) श्री प्रताप सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों में दमोह जिले में कौन-कौन सी बड़ी, मध्यम और लघु उद्योगिक इकाइयां स्थापित की गई हैं? क्या सभी इकाइयां पूर्णरूप से संचालित हैं? प्रत्येक इकाई में क्या-क्या उत्पादन/ निर्माण किया जाता है? इकाईवार बतलावें। प्रत्येक इकाई में कितने लोगों को रोजगार मिल रहा है? (ख) दमोह जिले में संचालित प्रत्येक इकाई को कितनी-कितनी भूमि किन शर्तों के तहत कितनी अवधि के लिए उपलब्ध करायी गई है? प्रश्नांश तिथि तक बड़े, मध्यम और लघु औद्योगिक नवीन इकाइयां स्थापित किये जाने हेतु जिले में कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी भूमि शासन/प्रशासन द्वारा उपलब्ध करायी गई है? प्राप्त भूमि पर अभी तक कितनी इकाइयां स्थापित की जा चुकी हैं? (ग) क्या स्वीकृत एवं संचालित इकाइयों में से कतिपय इकाइयां वर्षों से बंद पड़ी हुई हैं? उसका क्या कारण है? शासन अथवा जिला प्रशासन द्वारा इनको संचालित किये जाने हेतु अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? बंद पड़ी इकाइयों से कितने लोगों को बेरोजगार होना पड़ा है? (घ) क्या बंद पड़े उद्योगों को चालू करने की शासन की कोई योजना है? यदि हाँ, तो उस योजना की जानकारी देवें? यदि नहीं, तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) विगत 05 वर्षों में दमोह जिले में कोई वृहद इकाई स्थापित नहीं हुई हैं। विगत 05 वर्षों में कुल 08 लघु उद्योग इकाइयां स्थापित की गई हैं। इकाईवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ए'' में हैं। (ख) दमोह जिले में संचालित प्रत्येक इकाई को शासन के निर्देशानुसार मध्यप्रदेश औदयोगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 1974, 2008 एवं 2015 की शर्तों के तहत 30 वर्षों की लीज पर दिये गये हैं। उद्योगों को आवंटित भूमि की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-प्रपत्र 'बी' पर है। प्रश्नांश तिथि तक शासन दवारा ग्राम मीदन एवं सगौनी तहसील-बटियागढ़ 497.294 हैक्टेयर शासकीय भूमि प्राप्त हुई थी जो कि वर्तमान में औदयोगिक केन्द्र विकास निगम, सागर के आधिपत्य में हैं। उक्त भूमि पर कोई उद्योग स्थापित नहीं हुआ हैं। (ग) स्वीकृत एवं संचालित इकाइयों में से कोई भी इकाई बंद नहीं हैं। अत: शासन अथवा जिला प्रशासन दवारा संचालित करने हेतु कोई कार्यवाही करने का प्रश्न ही नहीं उठता। (घ) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन वाणिज्य उद्योग और रोजगार विभाग दवारा जारी उद्योग संवर्धन नीति 2014 में बीमार बंद उद्योगों को अधिग्रहण/क्रय कर पुनर्संचालित करने पर, राज्य शासन दवारा दी जाने वाली सुविधाओं हेतु ''विशेष पैकेज 2014'' तक समावेश हैं। जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'सी' अनुसार हैं। बीमार लघु उद्योग श्रेणी उद्योगों के लिये पुनर्जीवन योजना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'डी' अनुसार हैं।
महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
17. ( क्र. 1545 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रामीण विकास मंत्रालय की एक विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट में मनरेगा को उन क्षेत्रों में अधिक फोकस करने हेतु सुझाव दिया है, जहां लोग अत्यंत गरीब एवं अभावग्रस्त जीवन जीने को मजबूर हैं? (ख) क्या इससे सामाजिक आर्थिक समानता लाई जा सकेगी? (ग) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार इस पर विचार कर निर्णय लिया जाएगा? (घ) यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय को विशेषज्ञ समिति ने जो रिपोर्ट प्रस्तुत की है वह विभाग को उपलब्ध नहीं हुई। (ख) से (घ) तक उत्तरांश ''क'' के प्रकाश में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते है।
रहवासी एवं व्यवसायिक पट्टों का वितरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
18. ( क्र. 1559 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिका परिषद गोटेगांव जिला नरसिंहपुर में 2000 के बाद से वर्तमान तक रहवासी एवं व्यवसायिक पट्टे, कितने हितग्राहियों को वितरित किये गये? (ख) जिन उद्देश्यों के लिए इन पट्टों को जारी किया गया, यदि उन उद्देश्यों की पूर्ति नहीं हो रही हो तो क्या जाँच कर इन पट्टों को निरस्त किये जाने की कार्यवाही की जावेगी? (ग) शासन द्वारा पट्टा किन नियमों के तहत प्रदाय किया जाता है एवं हितग्राही चयन के क्या मापदण्ड होते हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद गोटेगांव जिला नरसिंहपुर में मध्य प्रदेश नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृति अधिकारों का प्रदान किया जाना) अधिनियम, 1984 के अंतर्गत 120 हितग्राहियों को पट्टे वितरित किये गये है। (ख) पट्टों की शर्तों के उल्लंघन संबंधी संज्ञान होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ग) मध्य प्रदेश नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृति अधिकारों का प्रदान किया जाना) अधिनियम, 1984 के अंतर्गत निर्धारित मापदण्ड अनुसार पात्र हितग्राहियों को पट्टा प्रदाय किया जाता है।
वन विभाग में किये गये कार्य
[वन]
19. ( क्र. 1561 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गोटेगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने वनमण्डल एवं परिक्षेत्र कार्यालय हैं? उक्त मण्डलों एवं परिक्षेत्र कार्यालयों में विभिन्न श्रेणियों के कितने पद स्वीकृत हैं एवं कितने पद भरे हुए हैं एवं कितने पद कितने समय से रिक्त है (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार गोटेगांव विधानसभा क्षेत्र में स्थित वनमण्डल एवं परिक्षेत्र कार्यालय अंतर्गत वित्त वर्ष 2013-14 से 28.2.2017 तक विभिन्न मदों में कितनी-कितनी राशि वर्षवार प्राप्त हुई एवं कितनी राशि व्यय की गई वर्षवार, स्वीकृत कार्य, राशि, पूर्ण, अपूर्ण, व्यय, शेष राशि सहित सम्पूर्ण जानकारी सूची सहित उपलब्ध करावें। (ग) गोटेगांव परिक्षेत्र में कितनी वन समितियां हैं? इन वन समितियों में उपरोक्त वर्षों में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई एवं कितनी-कितनी व्यय हुई का विवरण उपलब्ध करावें क्या शासन द्वारा जारी की गई राशियाँ समितियों के माध्यम से ही व्यय कराई जानी चाहिये? यदि हाँ, तो नियम की प्रति उपलब्ध करावें? (घ) यदि प्राप्त राशि वन समिति के माध्यम से व्यय नहीं करायी गयी है तो इस संबंध में संबंधित अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) गोटेगांव विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कोई वनमण्डल कार्यालय नहीं है। गोटेगांव विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत 01 वन परिक्षेत्र कार्यालय गोटेगांव में स्थित है। परिक्षेत्र कार्यालय गोटेगांव अंतर्गत विभिन्न श्रेणियों के पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार। इन समितियों को जारी की गई राशि समितियों के माध्यम से ही व्यय करने के संबंध में मध्यप्रदेश शासन वन विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन, भोपाल के ज्ञापन क्रमांक/एफ/22-72/2011/10-2 दिनांक 28 जनवरी 2012 में उल्लेखित प्रावधानों के अनुरूप ही समितियों के माध्यम से व्यय की गई है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम पंचायतों के अपूर्ण कार्य पूर्ण कराना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
20. ( क्र. 1562 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गोटेगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 28.2.2017 की स्थिति में ग्राम पंचायतों द्वारा उन पंचायतों में स्वीकृत कार्यों की राशि आहरित करने के बावजूद कुछ निर्माण कार्य अपूर्ण हैं तथा कुछ कार्य प्रारंभ ही नहीं हुए हैं? (ख) यदि हाँ, तो ऐसे कार्यों के नाम, तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति क्रमांक एवं दिनांक, कार्य की लागत एवं कितनी राशि आहरित की गई? मदवार जानकारी देवें? (ग) क्या राशि आहरित करने के बावजूद ग्राम पंचायत द्वारा कार्य प्रारंभ नहीं किये गये हैं? ऐसे कार्यों की जाँच करवाकर संबंधित के विरूद्ध शासन अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्य कब तक पूर्ण होंगे? दो वर्ष से अधिक समय से पूर्व जो राशि आहरित की गई है उसे वसूलने हेतु अभी तक क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यावाही नहीं की गई तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? क्या विभाग इनके विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी हाँ। संबंधितों के विरूद्ध धारा 92 की कार्यवाही प्रचलित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हितग्राहियों के ऋण प्रकरणों का निराकरण
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
21. ( क्र. 1563 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग विभाग द्वारा जिला नरसिंहपुर अंतर्गत प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना एवं मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना, मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना में युवाओं को रोजगार हेतु ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है? इन योजनाओं की नियमावली की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नरसिंहपुर जिले में युवाओं द्वारा सूक्ष्म लघु उद्योग डालने हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुए? कितने आवेदनों को स्वीकृत किया गया? विधानसभावार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में स्वीकृत आवेदकों में से कितने हितग्राहियों को बैंक लोन उपरांत इकाइयां प्रारंभ कराई जा चुकी हैं एवं कितने आवेदकों के प्रकरण बैंक ऋण न होने के कारण शेष हैं? प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या बैंकों द्वारा आवेदकों के ऋणों को बहाने बना कर टाला जा रहा है? यदि हाँ, तो बैकों द्वारा ऋण नहीं दिये जाने पर शासन द्वारा बैंकों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्या जिन हितग्राहियों को विभाग द्वारा ऋण स्वीकृत किया गया, उन्हें इसका लाभ प्राप्त नहीं हो पावेगा?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा जिला नरसिंहपुर अंतर्गत प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना एवं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में युवाओं को स्वरोजगार हेतु ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना का संचालन इस विभाग के द्वारा नहीं किया जा रहा है। विभाग द्वारा संचालित उक्त योजनाओं की नियमावली पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश 'क' के संदर्भ में वर्ष 2016-17 (प्रश्न दिनांक तक) संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। जी नहीं, टॉस्क फोर्स समिति द्वारा अनुशंसित प्रकरणों को बैंकों को निर्धारित लक्ष्य से अधिक प्रकरण अग्रेषित किये जाते है। बैंकों द्वारा लक्ष्य के अनुरूप प्रकरण स्वीकृत कर शेष प्रकरण वापस किये जाते हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम पंचायतों में अपूर्ण तथा अप्रारंभ कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
22. ( क्र. 1716 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र की पंचायतों में वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 में कितने निर्माण कार्य स्वीकृत हुए हैं? (ख) स्वीकृत निर्माण कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं कितने कार्य प्रगति पर हैं तथा कितने कार्य अप्रारंभ है? (ग) अपूर्ण तथा अप्रारंभ कार्य को कब तक पूर्ण किया जाएगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में 6099 निर्माण कार्य स्वीकृत हुए। (ख) स्वीकृत 6099 कार्यों में से 4073 कार्य पूर्ण एवं 2026 कार्य प्रगतिरत है। (ग) प्रगतिरत कार्य मनरेगा योजना अंतर्गत के है जो मजदूरों की मांग आधारित योजना है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बंद उद्योगों की सूची
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
23. ( क्र. 1837 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में वर्तमान में कितने औद्योगिक क्षेत्र हैं तथा इनमें वर्तमान में किन-किन उद्योगों को कितनी-कितनी जमीन लीज पर कब-कब प्रदान की गई है? उद्योगवार नाम सहित सूची देवें। इसमें से कितनी लीज राशि किस-किस उद्योग की बाकी है? (ख) खरगोन जिला कार्यालय द्वारा अंतिम 20 जमीनों की लीज कब-कब किन कारणों से निरस्त की गई? उद्योगवार नाम सहित सूची देवें। (ग) वर्तमान में खरगोन के औद्योगिक क्षेत्र में कौन-कौन से उद्योग प्रारंभ हैं कौन-कौन से उद्योग किन कारणों से कब से अप्रारंभ है। नाम सहित सूची देवे। बंद उद्योगों की सूची बंद दिनांक सहित उद्योग के नाम एवं प्रोपरायटर के नाम, पता सहित देवें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) खरगोन जिले में विभाग के अंतर्गत 02 औदयोगिक क्षेत्र निमरानी में स्थित हैं, जिनका विवरण इस प्रकार हैं:- 1. फूड प्रोसेसिंग पार्क (एफ.पी.पी.) 2. इंटीग्रेटेड इण्डस्ट्रीयल डेव्हलपमेंट सेन्टर (आय.आय.डी.सी.)। इन औदयोगिक क्षेत्रों में 90 उद्योगों को 5,53,741 वर्ग मीटर भूमि लीज पर प्रदान की गई हैं, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। बकाया लीज राशि वाले 72 उद्योगों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'ब' अनुसार है। (ख) खरगोन जिले में स्थित केवल आई.आई.डी.सी. औदयोगिक क्षेत्र-निमरानी में ए.के.व्ही.एन. इंदौर द्वारा 05 उद्योगों की लीज निरस्त की गई हैं, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार हैं। (ग) खरगोन जिले के आई.आई.डी.सी. एवं एफ.पी.पी. निमरानी में ए.के.व्ही.एन. इंदौर अनुसार 32 प्रारम्भ उद्योगों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' तथा 25 अप्रारम्भ उद्योगों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ई' एवं 19 बंद उद्योगों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'फ' अनुसार हैं। जहाँ तक उद्योग बंद होने की दिनांक का प्रश्न इस संबंध में उल्लेखनीय है कि उद्योगों का बंद होकर प्रारंभ होना एक सतत् प्रक्रिया है, इस कारण उद्योग बंद होने की दिनांक संबंधी जानकारी संधारित नहीं की जाती हैं।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
24. ( क्र. 1920 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पोहरी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत जनवरी 2009 से प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत द्वारा कौन-कौन से विकास कार्य स्वीकृत किए गये? स्वीकृत कार्यों की लागत क्या थी? जानकारी कार्यवार, स्थानवार, विकासखण्डवार पृथक-पृथक उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं व कौन-कौन से कार्य अपूर्ण है व उसके क्या कारण है स्पष्ट करें? अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) संलग्न परिशिष्ट में उल्लेखित सभी अपूर्ण कार्य वर्तमान में अनुबंधावधि में है, जो अनुबंधावधि में पूर्ण कराना लक्षित है।
पंचायत विभाग द्वारा पोहरी में कराये गये विकास कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
25. ( क्र. 1921 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक पोहरी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत बी.आर.जी.एफ., 14 वें वित्त व पंचपरमेश्वर योजना में कुल कितने कार्य मदवार स्वीकृत किए गये? जानकारी विकासखण्डवार वर्षवार उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों की अद्यतन स्थिति क्या है? कुल कितने कार्य पूर्ण व अपूर्ण हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। विकासखण्डवार वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) उतरांश (क) अनुसार कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
पंजीबद्ध मंदिरों में कार्य स्वीकृत कराना
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
26. ( क्र. 1976 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला दमोह अंतर्गत शासन में कितने मंदिर/मठ/मस्जिद पंजीबद्ध हैं? स्थलवार जानकारी उपलब्ध कराये। (ख) क्या विगत 3 वर्षों में उक्त जीर्ण-शीर्ण मठ/मंदिर/ मस्जिदों की मरम्मत या नवीन निर्माण हेतु राशि जारी की गई? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ जारी की गई एवं क्या हटा विधानसभा क्षेत्र के प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित हैं? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ, के कितनी राशि के लंबित है? कब तक स्वीकृति प्राप्त हो जावेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खनिज से प्राप्त आय
[खनिज साधन]
27. ( क्र. 1986 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह में खनन, अवैध उत्खनन से प्राप्त आय, शासन द्वारा खनिज विभाग की वर्ष 2015-16, 2016-17 में कितनी राशि प्राप्त हुई? (ख) जिला स्तर पर प्राप्त आय को व्यय करने के क्या नियम हैं? नियमावली की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुये उक्त राशि किस कार्य में व्यय की जा सकती है एवं व्यय करने के क्या नियम हैं एवं विगत दो वर्षों में यह राशि कहाँ-कहाँ, किस कार्य में व्यय की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में खनिजों से वर्ष 2015-16 में राशि रूपये 37.64 करोड़ तथा वर्ष 2016-17 में फरवरी 2017 तक राशि रूपये 27.40 करोड़ खनिज राजस्व के रूप में प्राप्त हुए हैं। अवैध खनन के प्रकरण में अर्थदण्ड के रूप में वर्ष 2015-16 में राशि रूपये 30,700/- एवं वर्ष 2016-17 में फरवरी माह तक राशि रूपये 15,000/- जमा कराये गये हैं। मध्यप्रदेश ग्रामीण अवसंरचना अधिनियम, 2005 के तहत प्रश्नाधीन जिले में वर्ष 2015-16 में राशि रूपये 1.90 करोड़ तथा वर्ष 2016-17 में फरवरी माह 2017 तक राशि रूपये 2.28 करोड़ की राशि प्राप्त हुई है। (ख) मुख्य खनिज से प्राप्त खनिज राजस्व को जिला स्तर पर व्यय करने का कोई प्रावधान नहीं है। गौण खनिजों से प्राप्त खनिज राजस्व का उपयोग मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 के नियम 56 के अनुसार किए जाने का प्रावधान है। यह नियम अधिसूचित नियम है। गौण खनिज से प्राप्त रॉयल्टी को वित्त विभाग द्वारा बजट आवंटन के माध्यम से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को प्रदान की जाती है। जिला पंचायत दमोह से प्राप्त जानकारी अनुसार प्रश्नाधीन अवधि में कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजनान्तर्गत ऋण की स्वीकृति
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
28. ( क्र. 2142 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में जनवरी, 2014 से 31.12.2016 तक कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुए? कितने प्रकरण स्वीकृत किए गए? (ख) बैंकों द्वारा उपरोक्त में से कितने प्रकरणों में ऋण स्वीकृत किया गया और कितने प्रकरण लंबित हैं? (ग) क्या शासन द्वारा हितग्राहियों के लिये कोई बैंक गारंटी दी जाती है? यदि हाँ, तो कितने प्रकरणों में किन बैंकों में यह गारंटी दी गई? क्या हितग्राही की निजी गारंटी या शासन की गारंटी के बिना बैंक लोन स्वीकृत कर सकते हैं? (घ) बैंकों द्वारा निजी गारंटी के बिना इस योजना में ऋण स्वीकृत किये हैं, ऐसे प्रकरणों की संख्या सहित बतावें?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) झाबुआ जिले में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनान्तर्गत प्रश्नाधीन अवधि में 6231 आवेदन पत्र प्राप्त हुए। विभिन्न विभागों की जिला स्तरीय टास्क फोर्स समिति द्वारा 6231 प्रकरण अनुशंसित किए गयें। (ख) बैंकों द्वारा 2668 प्रकरण स्वीकृत किये गये एवं 3563 प्रकरण लक्ष्य पूर्ति के कारण बैंकों द्वारा वापस किये गये जिन्हें आगामी वित्तीय वर्षों में पुनः बैंकों को प्रेषित किये गये। (ग) जी हाँ, बैंक ऋण की गारंटी CGTMSE (क्रेडिट गारंटी निधि योजना) अंतर्गत दी जाती है तथा शासन द्वारा सी.जी.टी. शुल्क अनुदान के रूप दिया जाता है। कार्यवाही बैंक शाखा द्वारा की जाती हैं। अतः जानकारी बैंक स्तर पर संधारित की जाती है। (घ) ऋण स्वीकृति एवं वितरण की कार्यवाही बैंक शाखा द्वारा की जाती हैं। अतः जानकारी बैंक स्तर पर संधारित की जाती है।
सड़क निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
29. ( क्र.
2196 ) श्री
प्रदीप
अग्रवाल :
क्या पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) दतिया
जिले के
विकासखण्ड
सेंवढ़ा में
प्रधानमंत्री
सड़क योजना
अंतर्गत विगत
तीन वर्षों से
प्रश्न
दिनांक तक
कौन-कौन सी
सड़कें कितनी
लागत की किस
दिनांक को स्वीकृत
की गई?
(ख)
उक्त
स्वीकृत
रोडों में
कौन-कौन से
रोड किन-किन
निर्माण
एजेंसियों
द्वारा
किन-किन
अधिकारियों की
देखरेख में
पूर्ण हो चुके
हैं इनमें कब
तक की गारंटी
है तथा ऐसे
कौन-कौन से
रोड हैं जिन
पर निर्माण
कार्य या तो प्रारंभ
नहीं हुआ है
या अपूर्ण है, उन्हें
कब तक पूर्ण
किया जायेगा? (ग) जिन
स्वीकृत
रोडों पर काम
शुरू नहीं
हुये हैं या
समयावधि
पूर्ण होने के
बावजूद
अपूर्ण हैं
उनकी निर्माण
एजेंसियों के
खिलाफ विभाग
द्वारा क्या
कार्यवाही की
गई? कृत
कार्यवाही का
विवरण उपलब्ध
कराये? (घ) क्या
दतिया जिले
में
प्रधानमंत्री
सड़कों की गुणवत्ता
ठीक नहीं है
निर्माण
एजेंसियों
द्वारा मनचाहे
ढंग से मनचाहे
ओर से पूर्व
में स्वीकृत
साईड चेंज कर
सड़कों का
निर्माण किया
जा रहा है? यदि
नहीं, तो
धीरपुरा-गोहना
मार्ग किस-किस
जगह से होकर जाना
स्वीकृत था
और कहाँ-कहाँ
से होकर
निर्माण
कराया गया है? सड़क स्वीकृति
संबंधी विवरण
उपलब्ध
कराये जावे।
पंचायत
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव )
: (क) एवं
(ख) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है।
(ग) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट में
दी गई है। शेष
प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) जी
नहीं। जी नहीं।
धीरपुरा-गोहना
मार्ग का
निर्माण
स्वीकृत एलायमेंट
पर ही कराया गया
है।
सेवढ़ा में स्वीकृत मार्ग
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
30. ( क्र. 2197 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दतिया जिले के विकासखण्ड सेवढ़ा में प्रधानमंत्री सड़क योजना अंतर्गत इंगुई से भोवई तथा पडरी से बागुर्दन के लिये कोई मार्ग स्वीकृत हुआ है? यदि हाँ, तो मार्ग का नाम/लागत राशि/ स्वीकृति दिनांक/कार्यपूर्ण होने की तिथि/निर्माण एजेंसी का नाम/की जानकारी उपलब्ध कराई जावें। (ख) कंडिका (क) में वर्णित मार्गों के निर्माण कार्य क्या पूर्ण हो गये हैं? यदि हाँ, तो किस दिनांक को पूर्ण हुये? यदि नहीं, तो उनके पूर्ण होने की तिथि क्या है? निर्माण एजेंसी से अनुबंध की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुए जानकारी उपलब्ध करायें कि इन मार्गों के निर्माण में विलंब के लिये कौन-कौन दोषी है? उनके खिलाफ कब और क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्या शासन के करोड़ों रूपये खर्च होने के बावजूद ठेकेदार एवं अधिकारियों की लापरवाही के कारण जनता को शासन की योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा हैं, उन्हें आवागमन में गंभीर समस्यायें है? यदि नहीं, तो जाँच कराई जावे कि समय अवधि खत्म हो जाने के बावजूद अभी तक कार्य पूर्ण क्यों नहीं हुआ? (घ) क्या उक्त मार्गों पर घटिया कार्य गुणवत्ताविहीन होने के साथ-साथ मंद गति से चल रहा है? उसके बावजूद निर्माण एजेंसियों के खिलाफ विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई? यदि नहीं, तो उनके खिलाफ की गई कार्यवाही संबंधी विवरण उपलब्ध कराते हुये, कब तक इनका कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। अनुबंध की छायाप्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) जी नहीं, कार्य पूर्ण नहीं होने से जनता को कुछ असुविधायें हो सकती है। ठेकेदार द्वारा धीमी गति से कार्य करने के कारण अनुबंधानुसार निर्धारित अवधि में कार्य पूर्ण नहीं हो सका है। जाँच कराये जाने की आवश्यकता नहीं है। (घ) जी नहीं, उक्त सड़कों का कार्य पूर्ण करने में विलंब अवश्य हो रहा है किन्तु कार्य निर्धारित गुणवत्ता के अनुसार कराया जा रहा है। कार्य में मंद गति होने के कारण अनुबंधानुसार कार्यवाही की एवं कार्य पूर्ण करने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार।
रिहंद नदी ग्राम हर्राहवा के पास नीलामी के संबंध में
[खनिज साधन]
31. ( क्र. 2256 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंगरौली जिले की रिहंद नदी ग्राम हर्राहवा के पास वर्ष 2015 में रेत की नीलामी D.S. कंपनी को की गयी है, तो क्या यह नदी उत्तरप्रदेश डूब क्षेत्र के अंतर्गत आती है? क्या इसे नीलाम किया जा सकता है, नीलामी कितने रूपये में की गयी है? (ख) क्या भारी लोड की गाडि़याँ चलने के कारण सड़क मार्ग में टूट-फूट हो जाती है, यदि हाँ, तो सड़क की मरम्मत अब कौन करायेगा? क्या अवैध ढंग से अभी तक नीलामी के स्थान पर से रेत निकाली जा रही है, क्या इसका पैसा प्रदेश सरकार को मिल रहा है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र में वर्ष 2015 में कोई नीलामी नहीं की गई है। अपितु दिनांक 29-10-2014 को प्रश्नाधीन क्षेत्र की रेत खदान नीलामी की गई है। यह रेत खदान मेसर्स डी.एस. एण्ड कंपनी द्वारा सर्वोच्च बोली के आधार पर प्राप्त की गई। जी हाँ। यह खदान अधिशासी अभियंता रिहंद बांध सिविल खण्ड, पिपरी जनपद सोनभद्र (उ.प्र.) से अनापत्ति प्राप्त करने के उपरांत नीलाम की गई है। इस खदान की नीलामी रूपये 3,31,00,000/- वार्षिक ठेका धन पर की गई है। (ख) सड़कों पर आवागमन से होने वाली टूट-फूट की मरम्मत की जिम्मेदारी संबंधित सड़क निर्माण एजेन्सी की होती है। प्रश्नाधीन खदान से अवैध ढंग से रेत निकालने के संबंध में कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
समग्र स्वच्छता अभियान में गंभीर अनियमितताएं
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
32. ( क्र. 2326 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रदेश में वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि व्यय की गई? (ख) क्या वर्ष 2013-14 में समग्र स्वच्छता अभियान के तहत छतरपुर जिले में ब्लाक समन्वयक की मिली भगत से गंभीर अनियमितताएं प्रकाश में आई? (ग) यदि हाँ, तो छतरपुर जिले के राजनगर, बिजावर, लवकुशनगर, नौगांव, छतरपुर के ब्लाक समन्वयकों ने तथा CEO द्वारा भुगतान किया गया? उसकी मॉनिटरिंग सही ढंग से क्यों नहीं की गई? (घ) शासन की राशि का दुरूपयोग हुआ, जिसके जिम्मेदार कौन हैं? राज्य स्तर पर टीम गठित कर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) रूपये 1347 करोड़। (ख) प्रश्नांकित अवधि में छतरपुर जिले में किये कार्यों में से कुछ कार्यों की शिकायत प्राप्त हुई थी। जिसकी जाँच कराई गई थी। (ग) उन्हीं कार्यों का भुगतान हुआ है, जो कार्य हो गये थे। इन कार्यों की नियमित मानिटरिंग जिला स्तर पर होती है। (घ) प्रथम दृष्टया जो अधिकारी जिम्मेदार पाये गये उनके विरूद्ध कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ई-टेंडरिंग
[नगरीय विकास एवं आवास]
33. ( क्र. 2327 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग में नोटिफिकेश 2.00 लाख रूपये तक के कार्य ई-टेंडरिंग से कराये जाने का प्रावधान है? (ख) क्या क्रमिक आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा 1.00 लाख तक के कार्य ई-टेंडरिंग से कराये जाने के आदेश प्रसारित किये गये? (ग) यदि हाँ, तो आदेश की प्रति दें तथा यह भी बतायें कि प्रश्नांश (ख) का आदेश जो जारी किया गया वह नियम प्रक्रिया के तहत है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ।
वन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित किया जाना
[वन]
34. ( क्र. 2464 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले की उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन से वन ग्राम हैं? नामवार, तहसीलवार जानकारी देवें? (ख) उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत किस वन ग्राम के कितने आदिवासियों एवं कितने गैर आदिवासियों को प्रश्नांकित तिथि तक कितनी-कितनी वन भूमि के कितने वन अधिकार पत्र वितरित कर दिए हैं? कितने प्रकरण लंबित हैं? कितने प्रकरण अमान्य कर दिए गए है? (ग) वन ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाए जाने की बजाए वन ग्रामों में वन अधिकार पत्र वितरित किये जाने का क्या कारण है? कानून में वन ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाने एवं वन ग्रामों के वन अधिकार पत्र वितरित किये जाने का प्रावधान किस धारा में दिया गया है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) प्रश्नांकित विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सामान्य वनमंडल रायसेन में, मात्र बल्हारपुरा वनग्राम हैं, जो कि वीरान है। उक्त वनग्राम तहसील उदयपुरा वन परिक्षेत्र देवरी के अंतर्गत आता है। इस वनग्राम में किसी भी आदिवासी एवं गैर आदिवासी को प्रश्नांकित तिथि तक वनभूमि का कोई भी वन अधिकार पत्र वितरित नहीं किया गया है। न कोई प्रकरण लंबित है और न ही कोई प्रकरण अमान्य किया गया। (ग) अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 की धारा-3 (1) (क) के तहत व्यक्तिगत वन अधिकार तथा धारा-3 (1) (ज) के तहत वनग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तन के पृथक-पृथक प्रावधान हैं। अत: वन अधिकार अधिनियम, 2006 की धारा-3 (1) (क) में निहित प्रावधानों के तहत ही वनग्रामों में वन अधिकार पत्र वितरित किये जा रहे हैं।
तालाबों के सौन्दर्यीकरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
35. ( क्र. 2594 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंर्तगत उमरिया, भैंसा, बरहटा, बगासपुर, बचई में जो तालाब हैं उनके सौन्दर्यीकरण हेतु शासन की कोई कार्य योजना है? प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो उक्त तालाबों के सौन्दर्यीकरण पानी भराव एवं रास्ते का निर्माण कब तक कर दिया जावेगा? (ख) उक्त कार्य हेतु बजट आवंटन एवं निविदा की प्रक्रिया कब तक होगी।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
36. ( क्र. 2753 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितने कार्य कितनी-कितनी राशि के किस मद से स्वीकृत करवाये गये? विकासखण्डवार एवं वर्षवार संख्या देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्य में से कितने कार्य पूर्ण हैं, कितने कार्य अपूर्ण हैं उक्त कार्य में भुगतान चेक/ड्राप्ट एवं नगद राशि के रूप में किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों में से कितने कार्य ऐसे हैं, जिनको पूर्ण किये बिना अथवा कार्य प्रारंभ किये बिना कार्य से अधिक राशि का भुगतान किया गया? ऐसे कार्यों की पृथक-पृथक संख्या दें? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों में अनियमितता और भ्रष्टाचार की कितनी शिकायतें जिला स्तर पर प्राप्त हुई? शिकायतों का विवरण देते हुये बतावें कि इनमें से किन-किन शिकायतों की जाँच किसके द्वारा कराई गई एवं जाँच के पश्चात् क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' के कॉलम 2 एवं 3 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' के कॉलम 7 एवं 8 अनुसार है। जी नहीं। (ग) जी नहीं। इस प्रकार का कोई भी प्रकरण संज्ञान में नहीं आया। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। जी नहीं।
पंजीकृत ट्रस्ट एवं उनसे संलग्न परिसम्पत्तियाँ
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
37. ( क्र. 2780 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने सामाजिक/धार्मिक/व्यक्तिगत एवं अन्य प्रकार के विभिन्न प्रकार के कार्यों हेतु ट्रस्ट पंजीकृत होकर कार्यरत हैं? (ख) क्या उपरोक्त प्रकार के समस्त ट्रस्ट वर्तमान में प्रश्न दिनांक तक कार्यरत हैं अथवा शिथिल होकर निष्क्रिय हैं? (ग) क्या विभिन्न ट्रस्टों से संलग्न परिसम्पत्तियाँ, भूमि, भवन, नगदी, विभिन्न प्रकार की सामग्री इत्यादि सुरक्षित होकर शासन के नियंत्रण में है तथा राजस्व रिकार्ड में पंजीबद्ध है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कुल 23 मंदिरों के ट्रस्ट का पंजीयन किया गया है। सूची एवं वर्तमान स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्तमान में पंजीकृत ट्रस्ट प्रश्न दिनांक तक कार्यरत है। (ग) विधानसभा क्षेत्रांतर्गत सभी ट्रस्टों में संलग्न परिसम्पत्ति, भूमि, भवन, नगदी विभिन्न प्रकार की सामग्री इत्यादि की सुरक्षा ट्रस्टों के प्रबंधन में है।
खरमोर अभयारण्य क्षेत्र की भूमियों पर संचालित गतिविधियां
[वन]
38. ( क्र. 2989 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले के खरमोर अभयारण्य क्षेत्र में किस-किस विकासखण्ड के किस-किस गाँव की किस-किस सर्वे नंबर की कितनी-कितनी भूमि आती है? उक्त क्षेत्र में कौन -कौन सी गतिविधियाँ प्रतिबंधित हैं व कौन सी गतिविधियाँ की जा सकती हैं? (ख) क्या विगत 5 वर्षों में अधिग्रहीत क्षेत्र में पवन ऊर्जा संयंत्र, खनिज उत्खनन या अन्य कोई गतिविधियाँ हुई हैं? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ पर व विभाग द्वारा उन पर क्या कार्यवाही कब-कब की गई? (ग) क्या खरमोर अभयारण्य के नाम पर पवन ऊर्जा कम्पनियों को संयंत्र लगाने की अनुमति दी जा रही है किन्तु क्षेत्र में स्वीकृत प्रधानमंत्री सड़क बनाने की नहीं? कारण स्पष्ट करें, साथ ही बताएं की पिपलोदा व सैलाना विकासखण्ड आदिवासी क्षेत्र में स्वीकृत प्रधानमंत्री सड़कों की स्वीकृति हुई है, उनमें कितनी सड़कें खरमोर अभयारण्य के कारण नहीं बन पा रही हैं व इन सड़कों को शीघ्र बनाने हेतु क्या शासन रास्ता निकालेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। अभयारण्य की अधिसूचना जारी होने के पश्चात् वसीयती या निर्वसीयती उत्तराधिकार के हक के अतिरिक्त उक्त अधिसूचना में विनिर्दिष्ट क्षेत्र की सीमा में सम्मिलित भूमि में या उस पर कोई नया अधिकार नहीं अर्जित किया जायेगा। इसके अतिरिक्त अभयारण्य क्षेत्र में गैरवानिकी कार्य किया जाना एवं खरमोर पक्षी, उनके आवास/घोंसले, प्रजनन स्थल, अण्डों को नुकसान पहुँचाना प्रतिबंधित है। अभयारण्य क्षेत्र में वानिकी कार्य एवं कृषि कार्य किये जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अन्तर्गत महाप्रबंधक म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण, रतलाम द्वारा पिपलोदा विकासखण्ड के अन्तर्गत ग्राम अंचलपुरा से बामन घाटी तक मार्ग निर्माण (उन्नयन) करने की स्वीकृति चाही गई थी, जिसकी वनमण्डलाधिकारी, सामान्य वनमण्डल रतलाम द्वारा पत्र दिनांक 28.12.2016 से सैद्धान्तिक स्वीकृति तथा पत्र दिनांक 02.01.2017 से औपचारिक स्वीकृति जारी की गई है। वर्तमान में सैलाना अभयारण्य क्षेत्र में किसी भी मार्ग के निर्माण/उन्नयन के प्रस्ताव स्वीकृति हेतु लंबित नहीं है।
नगरपालिका जावरा में रेल्वे फाटक से गाँधी चैराहा तक एकांकी मार्ग निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
39. ( क्र. 3056 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता अता. प्रश्न संख्या 6 (क्रमांक 56 ) दिनांक 11.12.14 एवं अता. प्रश्न संख्या 1 (क्र. 81) दिनांक 11.7.13 के संदर्भ में नगरपालिका जावरा जिला रतलाम में रेल्वेफाटक से गाँधी चौराहा होटल वादी तक एकांकी सड़क निमार्ण योजना की शिकायत की जाँच की प्रगति बताते हुए बताएं कि क्या जाँच पूर्ण कर ली गई है? यदि हाँ, तो कौन दोषी पाए गये व उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्न संख्या 1 ( 81 ) दिनांक 11.7.13 के उत्तर में बताया की विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड व लोक निर्माण विभाग से एन.ओ.सी. प्राप्त नहीं होने से कार्य प्रारंभ नहीं हो सका तो बतायें कि बिना औपचारिकताएं पूर्ण किये योजना की राशि व्यय कर देना आर्थिक अनियमितता की श्रेणी में नहीं आता? यदि आता है तो कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ग) आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ई.ओ.डब्ल्यू. म.प्र. द्वारा भी उक्त शिकायत क्रमांक 57/13 दिनांक 03.05.13 को पंजीबद्ध कर सत्यापन में ली गई व पुलिस अधीक्षक प्रकोष्ठ इकाई को पत्र क्रमांक/अप/शि.क्र.57 -2013/इंदौर/4/(13) 719 दिनांक 10.05.13 को जाँच हेतु लिखा गया था? क्या जाँच हो गई? यदि हाँ, तो विवरण दें? यदि नहीं, तो देरी के कारणों को स्पष्ट करते हुए जाँच कब तक पूर्ण कर ली जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। संयुक्त संचालक एवं कार्यपालन यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास, उज्जैन संभाग के द्वारा की गई जाँच में नगर पालिका परिषद, जावरा के तत्कालीन अध्यक्ष श्री युसुफ कडप्पा एवं तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी, श्री कैलाश सिंह गेहलोत, दोषी पाये गये। श्री कैलाश सिंह गेहलोत, तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी की मृत्यु हो चुकी हैं एवं श्री युसुफ कडप्पा तत्कालीन अध्यक्ष, के विरूद्ध कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) बिना औपचारिकताएं पूर्ण किए योजना में राशि व्यय करना, यह अनियमितता की श्रेणी में आता है। दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही प्रकियाधीन है। (ग) जी हाँ। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ इकाई उज्जैन द्वारा शिकायत क्रमांक 57/13 में शिकायत की जाँच वर्तमान में की जा रहीं है। सयम सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विकास कार्यों की जानकारी का प्रदाय
[नगरीय विकास एवं आवास]
40. ( क्र. 3082 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शहीद गुलाब सिंह वार्ड जबलपुर अंतर्गत इन्द्रा पार्क मैदान जो पुष्पांजलि स्कूल के सामने स्थित है वहां तरणताल, बास्केटबॉल कोर्ट, बालीबॉल कोर्ट, जागिग ट्रेक एवं पूरे मैदान की बाउण्ड्रीवॉल निर्माण का प्रस्ताव नगर निगम जबलपुर द्वारा तैयार किया गया है या उक्त विकास कार्य की पहल की जा चुकी है? (ख) क्या वर्णित (क) के मैदान में उक्त विकास कार्यों की निविदा कर दी गई है? यदि हाँ, तो उक्त कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे? (ग) क्या छोटी लाईन फाटक गोरखपुर जबलपुर में सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ हुये छ: माह से अधिक समय हो चुका है जो अभी तक पूर्ण नहीं हुआ है? उक्त कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा व गोरखपुर मुख्यमार्ग में नगर निगम जबलपुर द्वारा क्या विकास कार्य प्रस्तावित है एवं उक्त मार्ग में सड़क चौड़ीकरण हेतु कार्य कब तक प्रारंभ किया जावेगा? (घ) मदनमहल चौराहा जबलपुर को अतिक्रमण से कब तक मुक्त कर जनहित हेतु ट्रेफिक (यातायात) सिग्नल लगवाये जावेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। निविदा कार्यवाही प्रचलन में है। कार्यपूर्ण करने की अवधि 6 माह निर्धारित की गई है। (ग) जी नहीं। छोटी लाइन फाटक गोरखपुर चौराहा के विकास कार्य हेतु कार्यादेश दिनांक 02.12.2016 को दिया गया है जिसमें 6 माह का समय प्रस्तावित है। गोरखपुर मुख्य मार्ग में छोटी लाइन फाटक से प्रीतम सेठ तिराहे तक की सड़क पर अतिक्रमण हटाने पश्चात् चोड़ीकरण कार्य कराया जा सकेगा व इसी मार्ग में आगे प्रीतम सेठ से कटंगा तिराहे तक एवं प्रीतम सेठ तिराहे से गुरूद्वारा होकर हाऊबाग स्टेशन तक डामरीकरण के कार्य की निविदा आमंत्रण की कार्यवाही की जा चुकी है। निविदा प्राप्ति एवं नियमानुसार स्वीकृति उपरांत कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) मदन महल चौराहा अतिक्रमण मुक्त है, स्थल पर ट्रैफिक (यातायात) सिग्नल हेतु दो नग पोल स्थापित किये गये है। शेष कार्य अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (यातायात) जबलपुर से समन्वय कर किया जा रहा है।
अपूर्ण नालों का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
41. ( क्र. 3083 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जबलपुर में एल.एन.टी. कंपनी द्वारा नाला निर्माण के कितने कार्य अपूर्ण हैं? जानकारी स्थानवार व कार्य की पूर्ण अवधिवार बताई जावे। क्या उक्त कंपनी द्वारा जबलपुर में नाले निर्माण कार्यों को बंद कर दिया है? यदि हाँ, तो नगर निगम जबलपुर द्वारा अपूर्ण नाले निर्माण को कैसे पूर्ण करवायेंगे? (ख) क्या मेडिकल कालेज के सामने नेहरू नगर जबलपुर से लेकर सुलभ कॉम्पलेक्स मेडिकल कालेज जबलपुर के अंदर व धनवंतरी नगर एवं शंकर शाहनगर वार्ड अंतर्गत संतनगर छुई खदान के बीच का नाला, पटेल मोहल्ला से चौधरी मोहल्ला तक का नाला एवं सरदार वल्लभ भाई पटेल वार्ड अंतर्गत गुरूद्वारा के पीछे आदि नालों का निर्माण कार्य अपूर्ण है? (ग) यदि वर्णित (ख) सही है तो उक्त अधूरे नाला निर्माण कार्यों को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) अपूर्ण कार्य की स्थानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। कार्य 31 मार्च, 2017 तक पूर्ण किए जाने का लक्ष्य है, साथ ही कंपनी को समग्र परिस्थितियों का विचार करते हुए समय वृद्धि दिया जाना भी विचाराधीन है। (ख) जी हाँ। (ग) एल.एण्ड.टी. कंपनी को जे.एन.एन.यू.आर.एम. योजना के अंतर्गत स्वीकृत वर्षाजल निकासी परियोजना का कार्य निविदा कार्यवाही पश्चात् दिया गया था। जे.एन.एन.यू.आर.एम. के अंतर्गत शासन से समस्त किश्तें नगर निगम को प्राप्त हो चुकी है। भारत सरकार द्वारा यह योजना समाप्त कर दी गई है। नगर निगम द्वारा स्वयं के स्त्रोत से शेष कार्य किया जा रहा है। उपलब्ध निगम निधि के आधार पर कार्य यथाशीघ्र पूर्ण किया जायेगा।
जनकल्याणकारी योजना के कार्य
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
42. ( क्र. 3120 ) श्री मुकेश नायक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन के अधीनस्थ सभी विभागों निगम मंडल आयोग में किये जाने वाले प्रमुख कार्य योजनाओं के नाम बतायें जो प्रदेश सरकार केन्द्र सरकार के सहयोग से कार्य कर रह है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में समस्त विभागों में प्रदेश के आमजनों के लिये कौन-कौन से जनकल्याणकारी योजनायें संचालित है एवं इन योजना का लाभ लेने के लिये कौन पात्रता रखता है? व्यक्ति एवं संस्था को लाभ प्रदान किये जाने की पात्रता बतायें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
महिला स्व–सहायता समूहों से मध्यान्ह भोजन बनवाया जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
43. ( क्र. 3209 ) श्री मोती कश्यप : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता ने अपने पत्र दिनांक 24-11-2016 एवं 24-12-16 द्वारा कलेक्टर कटनी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कटनी को किसी ग्राम के स्व-सहायता समूह को शाला के छात्रों को देय मध्यान्ह भोजन निर्माण से हटाकर किसी निर्वाचित जनप्रतिनिधि के परिजन शिक्षक के विद्यालय की शाला प्रबंधन समिति को मध्यान्ह भोजन बनाने हेतु दिये जाने पर ध्यानाकर्षित कराया है? (ख) जिला कटनी के किन विकासखण्डों के किन विद्यालयों के स्व–सहायता समूहों के स्थान पर किनके, किन आदेशों से विद्यालय के शाला प्रबंधन समितियों से मध्यान्ह भोजन बनवाया जा रहा है और शाला प्रबंधन समिति के सचिव, शिक्षकों को अध्यापन कार्य से मुक्त कर छात्रों के अध्ययन को प्रभावित किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) स्व-सहायता समूह की ग्रामीण महिलाओं को रोजगार प्रदान करने की नीति के अनुकूल है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) विवादों का निराकरण किस अधिकारी द्वारा और किस समय-सीमा तक किया जाना चाहिये और न किये जाने पर उनके विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की जाना सुनिश्चित है? (ड.) क्या शासन नीति के परिपालन में किस अवधि तक प्रश्नांश (क), (ख) का निराकरण कर महिला स्व-सहायता समूहों को मध्यान्ह भोजन बनाने का कार्य सौंप दिया जावेगा और उन्हें रोजगार प्रदान कर दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट अनुसार है (ग) तात्कालिक व्यवस्था विभाग के निर्देशों के अनुकूल है। (घ) विभाग के पत्र क्र. 382 दिनांक 10.01.2012 द्वारा गठित समिति द्वारा प्राप्त शिकायतें, वाद-विवाद की सुनवाई उपरान्त एक माह के भीतर निर्णय प्राधिकृत अधिकारी द्वारा पारित किये जाने के निर्देश है। (ड.) प्रश्नांश “घ“ के उत्तर के प्रकाश में प्राधिकृत अधिकारी द्वारा पारित निर्णय पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अन्तर्गत व्ही.सी.डब्ल्यू. पुलिया निर्माण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
44. ( क्र. 3287 ) श्रीमती ममता मीना : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में चाचौड़ा विधानसभा क्षेत्र की शासन द्वारा वर्ष 2016 में कितनी व्ही.सी.डब्ल्यू. पुलिया स्वीकृत की गई? दिनांक सहित बतायें। (ख) कितनी व्ही.सी.डब्ल्यू. पुलियों की निविदायें आमंत्रित की गईं? किस दिनांक को कितनी स्वीकृत की गई, कितनी अस्वीकृत की गई? दिनांक सहित अस्वीकृत होने के कारण बतायें। (ग) जिन व्ही.सी.डब्ल्यू. पुलियों की निविदायें अस्वीकृत की गई उसका कारण बतायें। अस्वीकृत पुलियों की निविदायें 6 माह का समय निकलने के बाद आज दिनांक तक पुनः क्यों आमंत्रित नहीं की गईं? (घ) शासन की योजनाओं को जिन अधिकारियों द्वारा अवरूद्ध किया जा रहा है, उन पर क्या कार्यवाही की गई या की जा रही है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) योजनांतर्गत वर्ष 2016 में चाचौड़ा विधान सभा क्षेत्र में कोई भी व्ही.सी.डब्ल्यू. पुलिया स्वीकृत नहीं की गई है अत: शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही
[लोक सेवा प्रबन्धन]
45. ( क्र. 3357 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग अंतर्गत कितने लोक सेवा केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है? संचालित केन्द्रों को कितने वर्षों के लिए किस शर्त के आधार पर सेवाएं देने के लिए कार्यादेश जारी किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) की सेवा केन्द्रों के संचालन हेतु भवन की व्यवस्था किनके द्वारा की जा रही है? संचालित केन्द्र किन भवनों पर संचालित हो रहे हैं? अगर शासकीय भवनों पर संचालित हैं तो संबंधितों द्वारा मासिक किराया किन-किन केन्द्रों द्वारा कितना-कितना किस संबंधित को किस माध्यम से किराया का भुगतान किया जा रहा है? इनके द्वारा बिजली कनेक्शन हेतु क्या शासकीय भवनों का उपयोग कर बिजली प्राप्त की जा रही है? (ग) प्रश्नांश (क) के लोक सेवा केन्द्रों द्वारा शासन द्वारा निर्धारित शुल्क लिया जा रहा है? क्या शासन द्वारा इसका निर्धारण किया गया है विगत एक वर्ष में अवैधानिक रूप से भुगतान प्राप्त करने की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार शुल्क संबंधी रसीदें क्या संबंधित केन्द्रों द्वारा संबंधित हितग्राहियों द्वारा प्रदान की जाती हैं? प्रदान की गई रसीदें निर्धारित शुल्क अनुसार होती हैं? क्या इनका परीक्षण संबंधित अधिकारियों द्वारा समय-समय पर किया गया? (ड.) प्रश्नांश (क) केन्द्रों द्वारा अगर समय पर आवेदन पत्रों निराकरण की जानकारी संबंधितों को नहीं दी जाती, साथ ही अस्वीकृत आवेदन पत्रों को अपिलीय अधिकारी के पास नहीं भेजे तथा शुल्क निर्धारित दर से अधिक वसूला गया तो संबंधित लोक सेवा केन्द्रों एवं उनसे संबंधित अधिकारियों को दोषी मानते हुए क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
उच्च
शिक्षा
मंत्री ( श्री
जयभान सिंह
पवैया ) : (क) रीवा
संभाग अंतर्गत
कुल 35
लोक सेवा केन्द्र
संचालित हैं। जिलावार
विवरण
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
आर.एफ.पी. की
शर्तों के
अनुसार लोक
सेवा केन्द्रों
को 03
वर्ष की अवधि
के लिए
कार्यादेश
जारी किये गये
हैं।
(ख) प्रश्नांश
(क) के लोक
सेवा केन्द्रों
के संचालन
हेतु भवन की
व्यवस्था
संबंधित जिला
ई-गवर्नेंस
सोसायटी
द्वारा की जा
रही है। लोक
सेवा केन्द्रों
के लिए नवीन
भवनों का
निर्माण शासन
द्वारा किया
गया है उनमें
लोक सेवा केन्द्र
संचालित हैं। जिन
स्थानों में
शासकीय भवन
उपलब्ध हैं
वहां शासकीय
भवनों में लोक
सेवा केन्द्र
संचालित हैं। शासकीय
भवनों में
संचालित लोक
सेवा केन्द्रों
से मासिक
किराया लिये
जाने का
प्रावधान
नहीं है। लोक
सेवा केन्द्रों
में संचालकों
द्वारा पृथक
से बिजली कनेक्शन
लिया जाकर
बिजली प्राप्त
की जा रही है। (ग)
जी हाँ।
प्रश्नांश (क) के
लोक सेवा केनद्रों
द्वारा शासन
द्वारा
निर्धारित शुल्क
लिया जा रहा
है। विगत एक
वर्ष में
निर्धारित
शुल्क से
अधिक राशि
मांगे जाने की
प्राप्त
शिकायतों का
जिलावार विवरण
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'ब'
अनुसार है।
प्राप्त
शिकायतों में
से 03 शिकायतें
गलत पाई गईं
तथा 01
शिकायत में
लोक सेवा केन्द्र
सिविल लाईन
सतना के दोषी
कर्मचारी को
सेवा से
निकाला जा
चुका है। (घ) जी
हाँ।
प्रश्नांश (ग) के
अनुसार
निर्धारित
शुल्क की
रसीदें
संबंधित
हितग्राहियों
को प्रदान की
जाती हैं। इनका
परीक्षण
समय-समय पर
संबंधित
अधिकारियों
द्वारा किया जाता
है। (ड.) लोक
सेवा केन्द्रों
द्वारा अगर
समय पर आवेदन पत्रों
के निराकरण की
जानकारी
संबंधितों को नहीं
दी जाती है, साथ ही
अस्वीकृत
आवेदन पत्रों
को अपीलीय
अधिकारी के पास
नहीं भेजें
तथा शुल्क
निर्धारित दर
से अधिक वसूला
जाना पाया
जाता है तो
संबंधित लोक
सेवा केन्द्रों
एवं उनसे
संबंधित
अधिकारियों
के विरूद्ध
सक्षम
प्राधिकारी
द्वारा
कार्यवाही किये
जाने का
प्रावधान है।
स्वीकृत रेत खादानों से राजस्व आय
[खनिज साधन]
46. ( क्र. 3410 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किधार जिले में तथा धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र में खनिज विभाग अंतर्गत स्वीकृत/संचालित रेत खदानों (काली रेत/बालू रेत) से शासन को विगत 10 वर्षों में कितने राजस्व की आय हुई है वर्षवार, खदानवार जानकारी देवें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' पर है।
नगरीय निकायों में मदवार व्यय राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
47. ( क्र. 3414 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धार जिले की धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र की नगरीय निकायों यथा नगर परिषद् माण्डव व धामनोद में विगत 05 वर्षों में कितना-कितना वर्षवार मदवार व्यय किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्थापना व्यय सहित कितनी राशि अन्य कार्यों पर व्यय की गई है? कार्यवार, व्यय राशि की सम्पूर्ण मदवार वर्षवार जानकारी देवें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) नगर परिषद् माण्डव एवं नगर परिषद् धामनौद द्वारा स्थापना व्यय एवं अन्य कार्यों पर राशि व्यय नहीं की गई है, जिस मद की राशि प्राप्त हुई है उसी मद में राशि व्यय की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है।
जंगल क्षति पर कार्यवाही
[वन]
48. ( क्र. 3441 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले के सुरखी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत राहतगढ़ वन परिक्षेत्र में जंगल काटकर खेती करने की, कीमती सागौन की लकड़ी के कटवाने एवं चोरी करवाने सहित वन विभाग की भूमि पर अतिक्रमण एवं अवैध कब्जे करने संबंधी अनेकों शिकायतें विभाग की जानकारी में हैं? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) अनुसार 1.4.2016 से प्रश्न दिनांक तक ऐसी कितनी शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई है और विभाग ने उन पर अब तक कब-कब क्या कार्यवाही की है? क्या वन विभाग की जमीन पर से अवैध कब्जे एवं अतिक्रमण को हटा दिया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में बतावें कि क्या विभाग तहसीलदार द्वारा प्रश्नकर्ता के समक्ष स्थल निरीक्षण करायेगा? (घ) यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वन भूमि पर हुये अवैध कब्जे एवं अतिक्रमण को हटा दिया गया है। (ग) जी नहीं। वन भूमि के स्थल निरीक्षण हेतु क्षेत्रीय वन अधिकारी सक्षम हैं। (घ) उत्त्रांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
काटी गई शेष लकडी शासकीय काष्ट भंडार में जमा कराना
[वन]
49. ( क्र. 3565 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2014 में हरदा जिला अन्तर्गत मकड़ाई रेंज की आमाखाल वृत बीट गोमगॉव में व्यक्तिगत खसरे की जगह शासकीय जंगल से 131 नग 12.562 घनमीटर सागौन लकड़ी काट ली गई थी? (ख) यदि हाँ, तो उक्त काटी गई लकड़ी में से मात्र 50 नग 8.428 घन मीटर लकड़ी ही शासकीय काष्ट भंडार में चालान क्रमांक 14132 से 14134 तक दिनांक 09.10.15 को जमा कराई गई बाकी लकड़ी काष्ट भंडार में जमा नहीं कराये जाने का क्या कारण है व इसके लिये कौन-कौन दोषी है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार काटी गई लकड़ी में से शासकीय काष्ट भंडार में जमा की गई लकड़ी की लम्बाई गोलाई में अंतर होने का क्या कारण है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। काष्ठागार में कम लकड़ी जमा कराने के लिये श्री एस.आर. यादव, तत्कालीन परिक्षेत्राधिकारी, मकड़ाई, श्री प्रदीप चौरे वनपाल तत्कालीन परिक्षेत्र सहायक, आमाखाल एवं श्री राजेन्द्र बांके वनरक्षक तत्कालीन बीटगार्ड, गोमगांव जिम्मेदार पाये गये है। (ग) उत्तरांश (क) के संदर्भ में अंतर का कारण खुर्द-बुर्द हुई लकडि़यों को अन्यत्र स्थलों से एकत्र कर वनकर्मियों द्वारा पूर्ति किये जाने के फलस्वरूप है।
विकास प्राधिकरण इन्दौर द्वारा ई.डब्ल्यू.एस. आवास आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
50. ( क्र. 3579 ) श्री राजेश सोनकर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विकास प्राधिकरण इन्दौर द्वारा पिछले 05 वर्षों में कौन-कौन सी योजनान्तर्गत कहाँ-कहाँ पर एम.आय.जी. एवं ई.डब्ल्यू.एस. आवासों का निर्माण कराया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विकास प्राधिकरण इन्दौर द्वारा कहाँ-कहाँ पर ई.डब्ल्यू.एस. आवास के फ्लैट्स आरक्षित किये? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कितने ई.डब्ल्यू.एस. आवास आवंटित किये गये एवं किन-किन को आवंटित किये गये और कितने ई.डब्ल्यू.एस. आवास आवंटन हेतु रिक्त हैं? (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में ई.डब्ल्यू.एस. आवास आंवटन की प्रक्रिया क्या रही?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) इन्दौर विकास प्राधिकरण, इन्दौर द्वारा पिछले 5 वर्षों में जे.एन.एन.यू.आर.एम. योजना अंतर्गत योजना क्रमांक 155 में 117 ई.डब्ल्यू.एस. फ्लेट एवं योजना क्रमांक 78 पार्ट-1 फेस-2 में 128 ई.डब्ल्यू.एस. फ्लेट का निर्माण कराया गया है। (ख) प्रश्नांश 'क' के संदर्भ में इन्दौर विकास प्राधिकरण द्वारा योजना अंतर्गत फ्लेट व्यवस्थापन एवं पुनर्वास हेतु निर्मित किये गये है, जो कि समाज के सभी वर्गों के पुनर्वास एवं व्यवस्थापन हेतु होकर किसी विशेष वर्ग के लिए आरक्षित नहीं है। (ग) उत्ताशं 'ख' के संदर्भ में जानकारी निरंक है। (घ) जे.एन.एन.यू.आर.एम. योजना एवं योजना क्रमांक 78 पार्ट-1 फेस-2 योजना अंतर्गत ई.डब्ल्यू.एस. आवास के आवंटन हेतु हितग्राहियों की सूची का भौतिक सत्यापन कलेक्टर कार्यालय में राजस्व स्तर के अधिकारी द्वारा किये जाने के पश्चात् प्राधिकारी बोर्ड से सत्यापित सूची का अनुमोदन किया गया। प्राधिकारी बोर्ड से अनुमोदित सूची को कलेक्टर इन्दौर द्वारा अनुमोदन किया गया। उक्त सूची अंतिम अनुमोदन हेतु संभागायुक्त, इन्दौर संभाग को प्रेषित की गई है।
नि:शक्तजनों को मोटोराइज्ड ट्राईसिकल वाहन उपलब्ध करवाई जाना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
51. ( क्र. 3666 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा नि:शक्त व्यक्तियों हेतु कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? (ख) मन्दसौर जिले में माननीय थावरचन्द जी गेहलोद की उपस्थिति में दिनांक 29 मई, 2016 को हुए नि:शक्तजन कल्याण के आयोजन में कितने व्यक्तियों को क्या-क्या लाभ दिया गया? विधानसभा क्षेत्रवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ग) नि:शक्तजनों को वितरित किए गए मोटोराइज्ड ट्राईसिकल एक वाहन की क्या कीमत थी? एक वाहन क्रय करने की राशि का शासन द्वारा या किसी संस्था द्वारा या दोनों के द्वारा कितनी-कितनी राशि के सहयोग से भुगतान किया गया? जानकारी देवें। (घ) वंचित नि:शक्तजनों को मोटोराइज्ड ट्राईसिकल वाहन वितरण करने हेतु किन से सम्पर्क कर योजना का लाभ दिया जा सकता है या दिलाया जा सकता है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) निःशक्तजनों को वितरित की गई एक मोटराईज्ड ट्रॉयसाईकिल की कीमत रूपये 37000/- थी। एक मोटोराईज्ड ट्रॉयसाईकिल क्रय करने के लिए भारत सरकार द्वारा एडिप योजना के तहत राशि रूपये 25000/- एवं शेष राशि रूपये 12000/- माननीय सांसद, मंदसौर द्वारा सांसद निधि से भुगतान किया गया। (घ) वंचित निःशक्तजनों को मोटराईज्ड ट्रॉयसाईकिल वितरण हेतु उप संचालक, सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण जिला मंदसौर के माध्यम से सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग, भारत सरकार से संपर्क किया जा सकता है।
स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत प्रगणकों को मानदेय का भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
52. ( क्र. 3705 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा अशोकनगर जिले में स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत नियुक्त प्रेरकों को मानदेय भुगतान किया जा रहा है? यदि हाँ, तो उनको कब तक का मानदेय भुगतान किया जा चुका है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत नियुक्त प्रेरकों को नियमित करने की शासन की कोई कार्ययोजना है? यदि हाँ, तो विवरण बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। मई 2016 तक। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
टाउनशीप/कॉलोनियों में कॉलोनीनाईजरों द्वारा अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
53. ( क्र. 3729 ) श्री राजेश सोनकर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिला अंतर्गत कौन-कौन सी विधानसभा क्षेत्र में पंचायतों द्वारा पिछले 5 वर्षों में किन-किन कॉलोनी/टाउनशीप को मंजूरी प्रदान की गई व कॉलोनीनाईजरों द्वारा विकास शुल्क के रूप में कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों के लिये जमा की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बतायें की कॉलोनीनाईजरों द्वारा किन-किन शर्तों का पालन कर कॉलोनी/टाउनशीप को विकसित किया जाना अनिवार्य है? क्या कॉलोनीनाईजरों द्वारा इन्दौर शहर एवं आस-पास की पंचायत क्षेत्रों में कॉलोनी/टाउनशीप काटते समय सभी शर्तों का पालन किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कितनी टाउनशीप/कॉलोनियों में कॉलोनीनाईजरों द्वारा पेयजल व्यवस्था, विद्युत व्यवस्था, रोड निर्माण, बगीचों हेतु भूमि आरक्षित की गई व उक्त विद्युत, पेयजल व्यवस्था हेतु क्या-क्या कार्य किये गये? (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या इन्दौर शहर एवं आस-पास के पंचायत क्षेत्रों में निर्मित हो रही टाउनशीप/कॉलोनियों में रहवासियों द्वारा विद्युत व्यवस्था, पेयजल, रोड आदि अनियमितता की कोई शिकायत की जा रही है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
जिला एवं राज्य स्तर पर खेल प्राधिकरण का गठन
[खेल और युवा कल्याण]
54. ( क्र. 3733 ) श्री प्रताप सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वर्ष 2008 में तत्कालीन म.प्र. क्रीड़ा परिषद की जगह राज्य खेल प्राधिकरण बनाने का निर्णय सरकार ने लिया था? (ख) क्या वर्तमान में खेल गतिविधियों के सुचारू संचालन के लिए खेल एवं युवक कल्याण विभाग अंतर्गत राज्य खेल प्राधिकरण और जिला स्तर पर जिला खेल प्राधिकरण का गठन किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या भविष्य में प्रदेश में खेलों के द्वारा प्रतिभाओं को निखारने के लिए ग्रामीण, जिला एवं राज्य स्तर पर संचालन हेतु सरकार की योजना है? यदि हाँ, तो कब तक अमल में लायी जायेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। मात्र म.प्र. खेल प्राधिकरण का गठन किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जिला राज्य एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विभागीय गतिविधियां पूर्व से ही संचालित है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गुना जिले में नवीन नगर पंचायतों का गठन
[नगरीय विकास एवं आवास]
55. ( क्र. 3756 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या गुना जिले में नवीन नगर पंचायतें गठन करने की घोषणा क्षेत्रीय दौरे के समय माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा की थी? यदि हाँ, तो अमल कब तक होगा? (ख) क्या गुना जिले में नवीन नगर पंचायतें गठन करने का प्रस्ताव शासन स्तर पर पेंडिंग है? कब तक स्वीकृति प्रदान करेंगे? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित तथ्य सही हैं तो विभाग स्तर पर सर्वाधिक मतदाता वाली ग्राम पंचायतों को कब तक नगर पंचायत घोषित करेंगे? (घ) गुना जिले में ऐसी कितनी ग्राम पंचायतें हैं जिनकी जनसंख्या एवं मतदाता संख्या म.प्र. में स्थित नगर पंचायतों के बराबर या सम है? यदि है तो कौन-कौन सी? उनका गठन कब तक संभव है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) घोषणा दर्ज नहीं है, इस संबंध में कलेक्टर गुना के पत्र क्रमांक 913 दिनांक 24.09.2008 के द्वारा ग्राम पंचायत म्याना का ठहराव प्रस्ताव आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रमुख सचिव, नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल को भेजा गया था। परंतु उपरोक्त ग्राम पंचायत मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधरण) क्रमांक 584 दिनांक 27 दिसम्बर 2011 नियमानुसार जनसंख्या का निर्धारित अनुपात पूर्ण नहीं करती है, जिस कारण से नगर परिषद बनाया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ, गुना जिला अंतर्गत ग्राम पंचायत मधुसूदनगढ़ को नगर पंचायत बनाये जाने की कार्यवाही नियमानुसार प्रचलन में है, समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश ''ख'' अनुसार कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) निरंक क्योंकि राजपत्र दिनांक 27.12.2011 के अनुसार नगर पंचायत के गठन हेतु जनसंख्या 20,000 से अधिक होना आवश्यक है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गरीबी रेखा सूची में नाम जोड़ना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
56. ( क्र. 3796 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र अशोकनगर के लोक सेवा केन्द्र में गरीबी रेखा सूची (बी.पी.एल.) में नाम जोड़ने हेतु कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुए? (ख) प्राप्त आवेदनों में से कितनों का निराकरण किया गया एवं कितने आवेदन लंबित हैं? लंबित होने का कारण स्पष्ट करें। (ग) इन सभी आवेदनों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 1760 आवेदन पत्र प्राप्त हुए। (ख) एवं (ग) प्राप्त सभी आवेदन निराकृत किए गए। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर उदय अभियान में संलग्न कर्म./अधि. को मानदेय भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
57. ( क्र. 3829 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वर्तमान में विगत 3 चरणों में नगर उदय अभियान संचालित है जिसमें स्कूल शिक्षा, राजस्व नगरीय निकाय, कृषि मण्डी आदि विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की सेवाएं ली जा रही हैं? (ख) क्या शासन नगर उदय अभियान जैसे अतिमहत्वपूर्ण एवं डोर टू डोर, कठिन परिश्रम वाले कार्य में संलग्न किये गये कर्मचारियों को मानदेय भुगतान करेगा? यदि हाँ, तो प्रतिदिन के मान से कितना-कितना, यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। नगर उदय अभियान 03 चरणों में दिनांक 25 दिसंबर,2016 से 05 फरवरी, 2017 तक संचालित किया गया था। (ख) जी नहीं। संबंधित विभागों के कर्मचारियों/अधिकारियों की सेवायें अपने कार्य के साथ-साथ सम्पन्न कराई गई थी, अत: किसी प्रकार के मानदेय का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
वृक्षारोपण के संबंध में
[वन]
58. ( क्र. 3863 ) श्री मुकेश नायक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दक्षिण वन मंडल पन्ना अंतर्गत वृक्षारोपण का कार्य कितने हेक्टेयर जमीन में कितने वृक्षों का रोपण किया गया है रेन्जवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) उक्त वृक्षारोपण कार्य के लिये खाद्य, यूरिया गोबर खाद्य का प्रति वृक्ष के हिसाब से कितनी मात्रा में उपयोग किया गया है कहाँ-कहाँ से क्रय किया गया है वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी देवें। (ग) उक्त वृक्षारोपण कार्य जिस जमीन पर किया है उक्त जमीन का परीक्षण कराया गया है यदि हाँ, तो कहाँ से कराया गया मृदा परीक्षण की रिपोर्ट का विवरण उपलब्ध करावें कि, उक्त जमीन वृक्षारोपण लायक है कि नहीं।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) उक्त वृक्षारोपण कार्य के लिए खाद्य, यूरिया, गोबर खाद का औसत प्रति वृक्ष के हिसाब से खाध (नीमखली, बोनमील) 60.10 ग्राम, यूरिया 30.07 ग्राम, गोबर खाद 0.004 घ.मी. का उपयोग किया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। वन अनुसंधान संस्थान जबलपुर से कराया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। उक्त जमीन वृक्षारोपण के लायक है।
मध्यान्ह भोजन योजना का प्रदाय
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
59. ( क्र. 3866 ) श्री मुकेश नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2010 से 2015 के दौरान राज्य के विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन योजना के चलते छात्रों के नामांकन संख्या में कितनी कमी आई और इसके क्या कारण है? (ख) क्या मध्यान्ह भोजन के वितरण में व्यवधान आया और उपरोक्त 5 वर्षों में 125 से अधिक विद्यालयों 7759 शैक्षणिक दिवसों में भोजन वितरित ही नहीं हुआ। यदि हाँ, तो इसके क्या कारण है और इसके लिये कौन अधिकारी अथवा भोजन आपूर्तिकर्ता जिम्मेदार है। (ग) भारत के नियंत्रण महालेखा परीक्षक के मार्च 2015 को समाप्त वित्त वर्ष के लिये वर्ष 2016 के प्रतिवेदन संख्या एक में बताया गया है कि 300 विद्यालयों में से 187 विद्यालयों में छात्रों का स्वास्थ्य परीक्षण नहीं किया गया और 192 विद्यालयों में माइकोन्यूट्रीयेन्ट्स का वितरण नहीं किया गया था, इसके क्या कारण है और इस चूक के लिये किस अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मध्यान्ह भोजन योजना के कारण राज्य में छात्रों के नामांकन में कमी नहीं आई है। (ख) सभी विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन वितरण का कार्य सुचारू रूप से चल रहा है। समय-समय पर जिला प्रशासन इसकी समीक्षा करता है। किन्हीं कारणवश व्यवधान आता है तो उस पर त्वरित कार्यवाही की जाती है। (ग) प्रश्नांकित प्रतिवेदन प्राप्त होने पर प्रतिवेदन में उल्लेखित टिप्पणी की पुष्टि उपरांत ही उत्तर दिया जाना संभव होगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वेन्डरों की सूचना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
60. ( क्र. 3875 ) श्री मुकेश नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पवई के जनपद पंचायत शाहनगर एवं पवई में कुल कितने वेन्डर एन.आर.जी.एस. में अनुबंधित है? वेन्डरों के नाम रजिस्टर्ड दिनांक सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) उक्त वेन्डरों द्वारा दिसम्बर, 2009 से दिसम्बर, 2013 तक जनपद पंचायत पवई एवं जनपद पंचायत शाहनगर की किन-किन पंचायतों में कितनी-कितनी राशि का क्या-क्या मटेरियल सप्लाई किया गया है, पंचायतवार, राशिवार, जनपद पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत सामग्री के क्रय हेतु वेण्डर अनुबंधित नहीं किए जाते है। वेण्डरों का विभागीय पोर्टल पर पंजीयन किया जाता है। जनपद पंचायत पवई एवं शाहनगर में विभागीय पोर्टल पर पंजीकृत वेण्डरों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) वेण्डर पंजीयन व्यवस्था 01 अप्रैल 2013 से लागू हुई है। 01 अप्रैल 2013 से दिसम्बर 2013 तक जनपद पंचायत पवई एवं शाहनगर की ग्राम पंचायतों द्वारा सामग्री क्रय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है।
शिकायत की जाँच की प्रक्रिया और उसके संबंध में नियम निर्देश परिभाषा
[खनिज साधन]
61. ( क्र. 3876 ) श्री मुकेश नायक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खनिज साधन विभाग मंत्रालय में प्राप्त शिकायतों की जाँच किस नियम, निर्देश, परिपत्र और प्रक्रिया के अनुसार की जाती है? ब्यौंरा देते हुये उनकी प्रति बतायें। (ख) परि.अता. संख्या 28 प्रश्न (क्रमांक 596) दिनांक 01.07.2014 के उत्तर में परिशिष्ट (अ) में महामहिम राजपाल के कार्यालय से प्राप्त शिकायत प्राप्त दिनांक 10.10.2013 के संबंध में कार्यवाही के कॉलम में उत्तर दिया गया है कि शिकायत का विस्तृत विवरण प्राप्त न होने से कार्यवाही नहीं की जा सकी क्या यह उत्तर सही नियमानुसार तथा सक्षम प्राधिकारी से अनुमोदन था? (ग) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित विभाग का उत्तर ''शिकायत का विस्तृत विवरण प्राप्त न होने से कार्यवाही नहीं की जा सकी'' से क्या आशय है विस्तृत विवरण की परिभाषा क्या है और कौन से नियमों से जिस परिभाषा को विभाग ने मानते हुये उत्तर दिया है उसकी प्रति बतायें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) विभाग द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दिये गये निर्देशों का पालन किया जाता है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दिये गये निर्देश दिनांक 24.04.2007 एवं दिनांक 20.11.2014 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ख) जी हाँ। (ग) जाँच हेतु शिकायत का विषय, शिकायत का स्वरूप एवं विषयवस्तु, शिकायतकर्ता का नाम, उसके हस्ताक्षर एवं पूर्ण पता होना आवश्यक है। विभाग द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दिये गये निर्देश अनुसार ही कार्यवाही की जाती है।
जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत सदस्यों द्वारा कार्यों की अनुशंसा
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
62. ( क्र. 3945 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत सदस्यों को भी अपने क्षेत्र के वार्डों के विकास हेतु कार्यों की अनुशंसा किये जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो प्रत्येक सदस्य को कितनी-कितनी क्षेत्र विकास निधि की अनुशंसा किये जाने का प्रावधान है व उसके क्या नियम व निर्देश हैं? (ग) हरदा विधानसभा अन्तर्गत विगत दो वर्षों में कुल कितनी-कितनी राशि जिला पंचायत एवं जनपद पंचायतों में क्षेत्र विकास के लिये किस-किस योजनान्तर्गत प्राप्त हुई व प्राप्त राशि किस-किस मद में किस कार्य हेतु व्यय की गई? सम्पूर्ण जानकारी विकास खंड बार देवें। (घ) हरदा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत सदस्यों को अपने क्षेत्र के वार्डों के विकास हेतु अनुशंसा किये जाने हेतु कब से राशि उपलब्ध नहीं करायी गई? उसका क्या कारण है, उसके लिये दोषी कौन है? उस पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (घ) उतरांश-ग के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
मुक्तिधाम की तरह कब्रिस्तान हेतु राशि उपलब्ध कराये जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
63. ( क्र. 3946 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. के प्रत्येक ग्राम में मुक्तिधाम का विकास व विस्तार किये जाने हेतु मध्य प्रदेश शासन द्वारा राशि उपलब्ध करायी जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि उपलब्ध करायी जा रही है? राशि उपलब्ध कराये जाने का क्या मापदण्ड है? (ग) क्या मुक्तिधाम के साथ-साथ कब्रिस्तान की बाउण्ड्रीवाल अथवा तार फेंसिग व गेट निर्माण आदि के लिये भी राशि स्वीकृति किये जाने का प्रावधान है? (घ) यदि नहीं, तो उसका क्या कारण है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
ग्राम पंचायत लाखी स्वीकृत एवं कराये गये कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
64. ( क्र. 3980 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले के जनपद गोगावा की ग्राम पंचायत लाखी में फरवरी 2015 से जनवरी 2017 तक संपन्न आम सभा/ग्राम सभाओं की दिनांकवार जानकारी देवें। किन-किन ग्राम सभा की वीडियोग्राफी कराई गई है? दिनांकवार बतायें। किन-किन ग्राम सभाओं की वीडियोग्राफी किन-किन कारणों से नहीं कराई गई? दिनांकवार कारण सहित बतायें। (ख) जनवरी 2015 से फरवरी 2017 तक ग्राम पंचायत लाखी में कितने निर्माण कार्य प्रगतिरत अप्रारंभ थे? योजनावार कार्य के नाम व स्थान राशि सहित सूची देवें। (ग) ग्राम पंचायत लाखी के वर्तमान सरपंच द्वारा जनवरी 2015 से फरवरी 2017 तक कितने कार्य किन-किन योजनाओं में स्वीकृत कराये गये? इनमें से कितने कार्य अपूर्ण हैं सूची देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। कोई भी अप्रारंभ कार्य नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
ग्राम पंचायतों में भण्डार क्रय नियमों के अनुसार निविदा आमंत्रण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
65. ( क्र. 3987 ) श्रीमती ममता मीना : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 01 अप्रैल 2014 के उपरांत जनपद पंचायत गुना की ग्राम पंचायतों एवं जनपद पंचायत कार्यालय द्वारा पानी टेंकर क्रय एवं सौर ऊर्जा लाईट स्थापना कार्यों की निविदाएं आमंत्रित की गई थी? यदि हाँ, तो कितने कार्यों की कितनी-कितनी राशि की कार्यवार निविदाएं आमंत्रित की गई? कार्यवार जानकारी दें। (ख) उक्त निविदाओं का प्रकाशन किन-किन समाचार पत्रों में हुआ, निविदा आमंत्रण की जानकारी उपलब्ध करावें? क्या उक्त सामग्री भारत सरकार एवं म.प्र. शासन के उपक्रमों द्वारा उपलब्ध कराई जा सकती थी? यदि हाँ, तो शासन उपक्रमों में क्रय न की जाकर क्यों निविदा प्रक्रिया प्रारम्भ की जाकर सामग्री क्रय की गई? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित सामग्री को म.प्र. भण्डार क्रय नियम एवं सेवा उपार्जन नियम 2015 के अनुसार 25000.00 रूपये से अधिक की राशि की वस्तुओं को भारत ने राष्ट्रीय स्तर पर 1 या 2 समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित कर खुली निविदाएं आमंत्रित करने संबंधी नियम का पालन किया गया था? यदि नहीं, तो क्यों नहीं किया गया? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार कार्यवाही न करने वाले दोषी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत गुना एवं पंचायत सचिवों के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। ग्राम पंचायत स्तर से प्रश्नांकित प्रयोजन हेतु सीमित निविदा (कोटेशन) के माध्यम से दरें आमंत्रित की गई। कार्यवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। जी हाँ। सीमित निविदा (कोटेशन) के आधार पर सामग्री न्यूनतम दर पर क्रय की गई। (ग) जी नहीं। अपितु सामग्री क्रय हेतु सीमित निविदा (कोटेशन) आमंत्रित कर क्रय की कार्यवाही की गई। (घ) विषय शासन के संज्ञान में प्रश्न के माध्यम से आया है। परीक्षण उपरांत ही प्रश्नांकित कार्यवाही का निर्णय लिया जाएगा।
टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग के तहत प्राप्त ऑनलाइन आवेदन पत्र
[नगरीय विकास एवं आवास]
66. ( क्र. 3989 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगरीय प्रशासन विभाग अंतर्गत टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग के तहत पूरे प्रदेश में विगत छः माह के अन्दर कितने कम्प्यूट्रीकृत ऑनलाइन आवेदन पत्र एप्रूव होने के लिए प्राप्त हुए हैं? दिनांकवार जानकारी देवें? (ख) क्या नगर निगम भोपाल एवं अन्य जिलों में बिल्डिंग परमीशन के लिए कम्प्यूट्रीकृत ऑनलाइन आवेदन पत्र प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ, तो कितने प्राप्त हुए तथा कितने की अनुमति दी गई? दिनांकवार बताएं। (ग) क्या नगर निगम भोपाल के ग्राम चन्दनपुरा में एक शैक्षणिक संस्थान द्वारा ग्राम चन्दनपुरा/छावनी से ग्राम चीचली तक जाने हेतु ग्रामवासियों द्वारा उपयोग की जाने वाली सार्वजनिक सड़क को गेट लगाकर बंद कर दिया गया है, जिस संबंध में नगर निगम भवन अनुज्ञा शाखा द्वारा दिनांक 02/06/2016 को संबंधित शैक्षणिक संस्थान को नोटिस भी दिया गया था? यदि हाँ, तो क्या वह गेट मार्ग से हटा दिया गया? यदि नहीं, तो कब तक हटा दिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) म.प्र. के चार नगर भोपाल, इन्दौर, ग्वालियर एवं जबलपुर में कम्प्यूट्रीकृत ऑनलाईन व्यवस्था लागू की गई है, जिसके अंतर्गत विगत 6 माह में दिनांक 01/09/2016 से 28/02/2017 तक कुल 510 आवेदन पत्र प्राप्त हुये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'ब' अनुसार है। (ग) माननीय उच्च न्यायालय प्रकरण डब्ल्यू.पी. 17165/15 श्री नितिन लालचंदानी विरूद्ध म.प्र. शासन एवं अन्य संज्ञान में आने पर दिनांक 02/06/2016 को शैक्षणिक संस्थान को सूचना पत्र दिया गया, जिसका उत्तर शैक्षणिक संस्थान द्वारा दिनांक 27/06/2016 को प्रस्तुत किया गया। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा प्रकरण अंतर्गत अंतिम निर्णय जारी किये जाने के पश्चात् कार्यवाही की जा सकेगी।
नलकूप खनन
[नगरीय विकास एवं आवास]
67. ( क्र. 3996 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिका मकरोनिया बुजुर्ग द्वारा नगर पालिका गठन के उपरांत कितने हैण्डपम्प खनन कार्य किये गये? (ख) नगर पालिका मकरोनिया बुजुर्ग द्वारा किये गये खनन कार्य में नगर पालिका द्वारा खनन कार्य के पूर्व सर्वे/स्त्रोत हेतु कार्य किया गया था? यदि किया गया था तो सर्वे का कार्य किस एजेंसी द्वारा किया गया एवं सर्वे में किये व्यय की जानकारी देवें? (ग) नलकूप खनन के उपरान्त नगर पालिका द्वारा कितने हैण्ड पम्प संधारण/स्थापित किये गये एवं संधारण कार्य में किये गये व्यय की जानकारी तथा कितने हैण्डपम्प संधारण का कार्य आज प्रश्न दिनांक तक नहीं हुआ? (घ) नलकूप खनन कार्य का मापदण्ड किस सक्षम अधिकारी द्वारा लिया गया एवं किस आधार पर कार्य एजेंसी को भुगतान किया गया एवं कितने नलकूप खनन में जलस्तर नहीं आया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) 60 (साठ)। (ख) जी हाँ, पायोनियर ग्राउण्ड वाटर सागर द्वारा सर्वे कार्य किया गया सर्वे कार्य पर राशि रू. 71,200/- व्यय हुआ। (ग) 60 (साठ), नवीन हैण्डपंपों पर संधारण में कोई व्यय नहीं किया गया है, तत्कालीन ग्राम पंचायत कार्यकाल में खनित हैण्डपंपों पर राशि रू. 2,61,850.00 संधारण पर व्यय हुए है। 60 (साठ) हैण्डपंपों का संधारण कार्य आज दिनांक तक नहीं हुआ है। (घ) उपयंत्री द्वारा माप किया गया अनुमोदन संभागीय कार्यपालन यंत्री द्वारा किया गया, जिसके उपरांत एजेन्सी को भुगतान किया गया। 05 नलकूप खनन में जल स्तर प्राप्त नहीं हुआ है।
मानदेय में विसंगति के संबंध में
[उच्च शिक्षा]
68. ( क्र. 3999 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान शिक्षा सत्र में अतिथि सहायक प्राध्यापक को रूपये 275/- प्रति कालखण्ड अधिकतम रूपये 875/- प्रति कार्य दिवस के अनुसार भुगतान किया जा रहा है एवं अतिथि ग्रंथपाल एवं अतिथि क्रीड़ा अधिकारी को रूपये 580/- प्रति कार्य दिवस के अनुसार भुगतान किया जा रहा है? (ख) क्या विगत शिक्षा सत्र 2015-16 में शासन ने अपने विज्ञापन में अतिथि विद्वान सहायक प्राध्यापकों को रूपये 600/- प्रति कार्य दिवस मानदेय भुगतान किया था एवं अतिथि विद्वान क्रीड़ा अधिकारी एवं ग्रंथपालों को रूपये 580/- प्रति कार्य दिवस मानदेय का भुगतान किया गया था? (ग) क्या यू.जी.सी. के अनुसार सहायक प्राध्यापक, क्रीड़ा अधिकारी एवं ग्रंथपाल के वेतनमान व पे-ग्रेड स्तर समान है, तो उच्च शिक्षा विभाग द्वारा अतिथि सहायक प्राध्यापक क्रीड़ा अधिकारी/ ग्रंथपाल के मानदेय में विसंगति क्यों की जा रही है? (घ) क्या उक्त मानदेय विसंगति को विभाग द्वारा दूर किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। शासन के परिपत्र क्रमांक एफ 01-9/2012/38-1 दिनांक 05.08.14 द्वारा निर्धारित मानदेय का भुगतान किया गया था। (ग) जी हाँ। प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में रिक्त पदों के विरूद्ध आवश्यकतानुसार आमंत्रित अतिथि विद्वानों को शासन के परिपत्र क्रमांक 969/एफ 01-9/2016/38-1 दिनांक 08.08.16 द्वारा निर्धारित मानदेय का भुगतान किये जाने से विसंगति का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश 'ग' के संदर्भ में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
पर्यटन स्थलों का सौंदर्यीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
69. ( क्र. 4007 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सैलाना नगर स्थित कीर्ति स्तम्भ के आस-पास पर्यटकों के लिए उक्त स्थान के सौन्दर्यीकरण एवं बाउन्ड्रीवाल के लिए कितनी राशि विगत विभाग द्वारा स्वीकृत की गई थी। उसके विरूद्ध व्यय की गई राशि कितनी थी? (ख) स्वीकृत राशि के विरूद्ध व्यय की गई राशि कितनी थी? क्या सम्पूर्ण कार्य पूर्ण हो चुके हैं? अपूर्ण कार्य होने पर दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) सैलाना स्थित गोधुलिया तालाब एवं विक्टोरिया तालाब के लिए सौन्दर्यीकरण के लिए कितनी राशि विभाग द्वारा स्वीकृत की गई थी और क्या-क्या कार्य पूर्ण हो चुके हैं? उनकी लागत क्या है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर परिषद, सैलाना निकाय को कीर्ति स्तम्भ की बाउंड्रीवाल निर्माण हेतु शहरी मजदूरी रोजगार कार्यक्रम के अंतर्गत राशि रू.12,70,000/- प्राप्त हुये थे, जिसके विरूद्ध निकाय द्वारा राशि रू. 13,80,815/- का व्यय किया गया। (ख) स्वीकृत की गई राशि के विरूद्ध व्यय की गई राशि रू. 13,80,815/- थी। जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (ग) नगर परिषद, सैलाना को गोधुलीया तालाब एवं विक्टोरिया तालाब के सौंदर्यीकरण के लिये पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन से राशि रू. 69.12 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई थी, जिसके विरूद्ध प्रथम किश्त राशि रू. 32.92 लाख प्राप्त हुए। विक्टोरिया तालाब पर स्टोन पिचिंग का कार्य पूर्ण हो चुका हैं, जिसकी लागत राशि रू. 12.21 लाख हैं। गोधुलीया तालाब पर लागत राशि रू. 59.61 लाख से स्टोन पिचिंग का कार्य एवं लागत राशि रू. 2.98 लाख से चैनलिंक फैबरिक फैसिंग का कार्य पूर्ण हो चुका है।
खेल सुविधाओं में विस्तार
[खेल और युवा कल्याण]
70. ( क्र. 4029 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खेल विभाग द्वारा विगत दो वर्षों में ब्लाक स्तर एवं जिला स्तर के खेलों के कितने आयोजन किये गये? (ख) जिले के कितने खिलाड़ी किन-किन खेलों में राज्य स्तर एवं राष्ट्रीय स्तर तक के खेलों के लिए चयनित हुए? (ग) क्या ऐसे उत्कृष्ट खिलाडि़यों के आगामी प्रशिक्षण के लिए जिला स्तर पर कोई आवासीय खेल परिसर की व्यवस्था है? यदि नहीं, तो क्या इसका निर्माण कराया जाएगा? (घ) क्या राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय खेल आयोजन के स्तर को देखते हुए प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर अलग-अलग खेलों के आवासीय परिसरों का निर्माण एवं उनके प्रशिक्षित कोचेस नियुक्त किये जाएगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) खेल और युवा कल्याण विभाग द्वारा विगत दो वर्षों में विकासखण्ड एवं जिला स्तर पर किए गए आयोजन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में खेल विभाग की गतिविधियों में खण्डवा जिले से राज्य स्तर एवं राष्ट्रीय स्तर पर चयनित हुए खिलाडि़यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचारणीय नहीं है। (घ) प्रदेश के समस्त जिला मुख्यालयों में पूर्व से ही 02 (01 पुरूष एवं 01 महिला) एवं संभागीय मुख्यालयों के जिलों में 04 (02 पुरूष एवं 02 महिला) प्रशिक्षित प्रशिक्षक नियुक्त हैं, किन्तु अभी सभी जिला मुख्यालयों में आवासीय परिसर निर्माण का कोई प्रस्ताव विभाग के विचाराधीन नहीं है।
निजी विश्वविद्यालयों द्वारा मापदण्डों का पालन
[उच्च शिक्षा]
71. ( क्र. 4034 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में उच्च शिक्षा विभाग के अधीन कितने निजी विश्वविद्यालय कार्यरत हैं? उनकी संख्या नामवार जानकारी दी जाए। (ख) प्रदेश में कितने निजी विश्वविद्यालय द्वारा यू.जी.सी. के स्थापना संबंधी मापदंडों को पूर्ण किया जा रहा है? (ग) क्या ऐसे कई निजी विश्वविद्यालयों का संचालन एक ऑफिस के रूप में किया जाता है जिसके कारण इन विश्वविद्यालयों में पंजीबद्ध छात्र-छात्राएं मात्र डिग्रीधारी बनकर रह जाते हैं? उन्हें उच्च शिक्षा एवं विषय विशेष का ज्ञान नहीं हो पाता है? जिससे युवाओं का भविष्य अधर में है? (घ) यदि हाँ, तो क्या गुणवत्ता के आधार पर शासकीय विश्वविद्यालय की भांति निजी विश्वविद्यालय के मापदण्ड भी समान किये जा सकेंगे ताकि प्रदेश के युवाओं का भविष्य संवर सकें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) म.प्र. में उच्च शिक्षा विभाग के अधीन आज दिनांक तक 24 निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना की अधिसूचना राज्य शासन द्वारा जारी की गई है। जिसमें से 22 निजी विश्वविद्यालय कार्यरत हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) स्थापित समस्त निजी विश्वविद्यालयों द्वारा यू.जी.सी. द्वारा निर्धारित मापदण्डों का पालन करना अनिवार्य है। यू.जी.सी. द्वारा निजी विश्वविद्यालयों का निरीक्षण किया जाता है। (ग) जी नहीं। सभी निजी विश्वविद्यालयों में उपलब्ध अधोसंरचना, फैकल्टी एवं अन्य सुविधाओं का निरीक्षण मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग द्वारा गठित समिति द्वारा किये जाने के उपरान्त ही विश्वविद्यालय की स्थापना की जाती है। स्थापित निजी विश्वविद्यालय में शिक्षण कार्य अनुमोदित अध्यादेशों के अनुरूप नियमित रूप से किया जाता है। (घ) जी नहीं। प्रश्नांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गैरखाते की भूमि
[वन]
72. ( क्र. 4056 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में गैरखाते में किस किस मद में कितनी कितनी भूमि वर्तमान में दर्ज है? इनमें से किस मद की कितनी भूमि की सिविल याचिका क्रमांक २०२/९५ की आई.ए.क्रमांक ७९१-७९२ में दिनांक ०१ अगस्त २००३ को किस कानून के दायरे में आने वाली वन भूमि आदेशित किया गया है? (ख) न्यायालय के आदेश दिनांक ०१ अगस्त २००३ के अनुसार बैतूल जिले में गैर खाते की दर्ज कितनी बडे झाड़ के जंगल, छोटे झाड़ के जंगल एवं पहाड़ चट्टान मद की जमीन वन संरक्षण कानून १९८० के दायरे में आने वाली एवं कितनी-कितनी जमीन वन संरक्षण कानून के दायरे से बाहर की होना राजस्व अभिलेखों में दर्ज किया गया है? यदि नहीं, किया हो तो क्यों? (ग) क्या गैर खाते की सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजनों के लिए दर्ज जमीन वन विभाग राजपत्र में आरक्षित वन या संरक्षित वन अधिसूचित कर सकता है? नारंगी वन एवं असीमांकित वन आदेशित कर सकता है? यदि हाँ, तो भू राजस्व संहिता १९५९ की किन धाराओं के अनुसार? (घ) क्या गैर खाते निस्तारी प्रयोजन के लिए दर्ज जमीनों को वन विभाग वर्किंग प्लान, एरिया रजिस्टर एवं वनकक्ष इतिहास में शामिल कर नियंत्रण एवं प्रबन्धन कर वनोपज का विदेहन कर सकता है? यदि हाँ, तो किन नियमों के तहत?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) प्रश्नांश राजस्व विभाग से संबंधित होने से जानकारी संकलित की जा रही है।
बैंकों द्वारा योजना की राशि का वितरण
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
73. ( क्र. 4068 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र के बैंकों में वर्ष 2016-17 में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, प्रधानमंत्री स्वरोजगार, योजना के लिए कितना बजट आया है। (ख) सत्र 2016-17 में सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र के कितनी बैंकों ने प्राप्त बजट में से कितना-कितना लोन स्वीकृत किया है। शेष कितना बजट बचा है। (ग) चालू सत्र 2016-17 में सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र की बैंकों में मुख्यमंत्री रोजगार योजना, प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना के कितने प्रस्ताव आए, कितने प्रस्ताव पास हुए, कितने निरस्त हुए व कितने प्रस्ताव लंबित हैं?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) राज्य शासन द्वारा विधानसभावार प्रश्नांकित योजनाओं के लिए बजट नहीं दिया जाता है। (ख) उत्तर (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मुख्यमंत्री रोजगार योजना एवं प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना वर्तमान में संचालित नहीं है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगरीय निकाय में पदस्थ कर्मचारियों का नियमितीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
74. ( क्र. 4170 ) श्री अनिल जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) टीकमगढ़ जिले के नगरीय निकायों में कितने कर्मचारी पदस्थ हैं, इनमें से स्थायी, अस्थायी, संविदा, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की संख्या पृथक-पृथक दी जावे। (ख) अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण कब तक किया जायेगा? पदवार जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) टीकमगढ़ जिले की नगरीय निकायों में 1355 कर्मचारी पदस्थ हैं। स्थायी, अस्थायी, संविदा, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा परिपत्र क्रमांक एफ 5-1/2013/1/3 दिनांक 7 अक्टूबर 2016 को जारी निर्देश स्थानीय निकायों में लागू न होने से लाभ दिये जाने का प्रश्न ही उपस्थिति नहीं होता।
गढ़कुण्डार महोत्सव स्थल पर निर्माण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
75. ( क्र. 4173 ) श्री अनिल जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र निमाड़ी की ग्राम पंचायत कुड़ार में गढ़कुण्डार महोत्सव में देश के विभिन्न राज्यों से हजारों की संख्या में पर्यटक आते है? यदि हाँ, तो विगत तीन वर्षों में आने वाले पर्यटकों की वास्तविक अथवा अनुमानित संख्या वर्षवार बतायी जावे? (ख) ग्राम पंचायत कुड़ार में आयोजित होने वाले गढ़कुण्डार महोत्सव के आयोजन स्थल पर उक्त पर्यटकों के रात्रि विश्राम के लिए अब तक विभिन्न विभागों द्वारा बनवाये गये भवन अथवा शेड की संख्या, उनका आच्छादित क्षेत्र (कवर्ड एरिया) एवं लागत राशि सहित जानकारी बतायी जावे? (ग) प्रश्नांश (ख) में निर्मित कराये गये भवन एवं शेड क्या प्रश्नांश (क) में आने वाले पर्यटकों के रात्रि विश्राम के लिये पर्याप्त हैं, यदि नहीं, तो इन पर्यटकों के रात्रि विश्राम हेतु शासन द्वारा क्या कोई स्थायी भवन अथवा शेड निर्माण कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो कितने आच्छादित क्षेत्र (कवर्ड एरिया) का निर्माण कराये जाने हेतु कितनी राशि स्वीकृत की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। जी नहीं। अपितु महोत्सव के समय रात्रि विश्राम हेतु अस्थायी व्यवस्था आवश्यकतानुसार की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम पंचायत ईशानगर में हुए कार्यों के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
76. ( क्र. 4201 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिजावर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत छतरपुर जनपद की ग्राम पंचायत ईशानगर में वर्ष 2011-12 से वर्ष 2016-17 तक मनरेगा योजनान्तर्गत व्यक्तिगत हितग्राहियों के क्या-क्या कार्य हुए है? किए गये कार्य में व्यय हुई राशि की जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) योजनांतर्गत ग्राम पंचायत ईशानगर में ऐसे कितने हितग्राही हैं, जिन्होंने अपने कार्य हेतु प्रयास किया हो लेकिन पात्रता सूची में नहीं आ सके? (ग) प्रश्नांश (क) योजनांतर्गत ग्राम पंचायत ईशानगर में वर्ष 2011-12 से वर्ष 2016-17 तक कुल कितने निर्माण और विकास कार्य किए गये है? कितने प्रगतिरत है? स्वीकृत राशि की जानकारी उपलब्ध करायें? (घ) क्या ग्राम पंचायत ईशानगर में दुकानों का निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो उनका निर्माण किस मद से, किस भूमि पर एवं किस उपयोग हेतु किया गया है वर्तमान में उनकी क्या स्थिति है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) 09 हितग्राही। (ग) प्रश्नांकित अवधि तक कुल 99 हितग्राहीमूलक विकास कार्य किए गये है। 17 कार्य प्रगतिरत है, इन कार्यों हेतु स्वीकृत राशि रूपये 119.44 लाख है। (घ) जी नही। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जनपदवार स्वीकृत आवासों हेतु जारी किश्त
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
77. ( क्र. 4224 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी व सिंगरौली जिले में योजनान्तर्गत वित्तीय वर्षवार 2013 से 2016 तक में जनपदवार कितने आवास स्वीकृत किये गये, उनमें से कितनों को किश्त जारी की गई है एवं कितनों को किश्त जारी नहीं की गई है? कारण सहित विवरण देवें? (ख) ऐसे हितग्राही जिन्हें प्रथम किश्त प्रदाय की गई थी, उन्हें द्वितीय किश्त क्यों जारी नहीं की जा रही है? कारण सहित विवरण देवें? ऐसे कितने हितग्राही है जिनकी किश्त की राशि बैंक खाता गलत होने के कारण भुगतान नहीं हुआ है? क्या खाता सुधार किया जाकर भुगतान किया जा चुका है? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक भुगतान किया जावेगा।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
श्रमिकों का नवीन पंजीयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
78. ( क्र. 4226 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले में जनपद की प्रत्येक पंचायतों में कितने-कितने श्रमिकों का नवीन पंजीयन किये गये हैं और कितने श्रमिकों के पुराने कार्ड का नवीनीकरण किया गया है? क्या मार्च 2017 तक परीक्षण कर पंजीयन कर लिया जावेगा? (ख) उक्त श्रमिकों को शासन से किन-किन योजनाओं का लाभ दिया जाता है? जनपदवार योजनाओं से लाभान्वित किये जाने का विवरण देवें। श्रमिकों को शासन से दी जाने वाली विभिन्न लाभ की योजनाओं में विगत एक वर्ष में कितने आवेदन किन कारणों से लंबित हैं? (ग) क्या यह सच है कि प्रश्नांश (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा की योजना से वंचित है? यदि हाँ, तो क्यों? कितने श्रमिक वंचित हैं कब तक खाद्य सुरक्षा का लाभ दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) श्रम विभाग के अंतर्गत मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के माध्यम से संचालित योजनाओं का लाभ पात्रता मापदण्डों में आने पर लाभान्वित किया जाता है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। पंजीयन एक निरंतर प्रक्रिया है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
सीवेज लाइन की व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
79. ( क्र. 4257 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या राजहर्ष सोसायटी एवं सर्वजन गृह निर्माण समिति, अकबरपुर कोलार रोड, भोपाल के मध्य एक शासकीय नाला है? उक्त नाले में कई सोसायटियों एवं परिवारों का सीवेज पानी मिलता है? (ख) कई वर्षों पूर्व सर्वजन गृह निर्माण समिति नगर निगम, भोपाल को हस्तांतरित करने के पश्चात् भी आज दिनांक तक सीवेज लाईन की स्थायी व्यवस्था प्रशासन द्वारा क्यों नहीं की गई है? (ग) सर्वजन गृह निर्माण समिति के रहवासियों का जब तक सीवेज निकासी की स्थायी व्यवस्था नहीं की जाती तब तक क्या नगर निगम वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में उक्त सोसायटी के रहवासियों के सीवेज लाईन को उक्त नाले में जोड़ने की व्यवस्था करेगा? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों? उक्त नाले पर राजहर्ष सोसायटी के रहवासियों द्वारा पक्का अतिक्रमण कर नाले को सकरा कर दिया गया है। (घ) प्रश्नांकित अतिक्रमण के कारण बरसात के दिनों में पानी के निकास न होने के कारण कई लोगों के घरों में पानी घुस जाता है? क्या नगर निगम द्वारा उक्त नाले पर श्री रायकवार द्वारा एवं अन्य द्वारा किये गये अतिक्रमण को हटाया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्तमान में नगर निगम भोपाल द्वारा इस क्षेत्र की सीवेज व्यवस्था का संधारण किया जा रहा है। कोलार क्षेत्र की सीवेज समस्या के स्थाई समाधान हेतु अमृत परियोजना अंतर्गत राशि रूपये 89.90 करोड़ की योजना तैयार कर निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में सीवेज समस्या के स्थाई समाधान होने तक उसका निराकरण तत्कालिक रूप से समाधान किया जाता है। नाले का चोड़ीकरण करते हुए सफाई करा दी गई है। (घ) जी हाँ। श्री रायकवार एवं अन्य के द्वारा किये गये पक्के निर्माण को निगम द्वारा हटाकर पानी की निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित कर दी गई है। वर्तमान में जलभराव की समस्या नहीं है।
सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योग हेतु भूमि का आरक्षण
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
80. ( क्र. 4262 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पनागर विधान सभा क्षेत्र में सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योग लगाने हेतु उपलब्ध शासकीय भूमि का आंकलन कर उद्योगों के लिये भूमि आरक्षित करने की आवश्यकता है? (ख) यदि हाँ, तो इस संबंध में अब तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) यदि नहीं, तो भविष्य में नये उद्योगों के लिये भूमि उपलब्धता की जानकारी देवें।
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) एवं (ख) औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना भूमि की उपलब्धता, निवेश की संभावना एवं निवेशकों की मांग के आधार पर ही की जाती है। (ग) भविष्य में नये उद्योगों के लिए पनागर विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में भूमि की उपलब्धता नहीं है।
मुख्यमंत्री सड़कों की स्थिति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
81. ( क्र. 4269 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले की चंदेरी विधानसभा में कितनी मुख्यमंत्री सड़कों को प्रधानमंत्री सड़कों में शामिल किया गया है? (ख) इनमें से कितनी सड़कें पूर्ण हो चुकी हैं और कितनी सड़कें अपूर्ण हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
नवीन महाविद्यालय की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
82. ( क्र. 4270 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय मुख्यमंत्री द्वारा जनआशीर्वाद रैली 2013 में अशोकनगर जिले के चंदेरी विधानसभा की तहसील नईसराय में महाविद्यालय खोलने की घोषणा की गई थी? क्या नईसराय में महाविद्यालय खोला जाना प्रस्तावित हो चुका है? (ख) यदि हो चुका है तो महाविद्यालय कब तक प्रारंभ किया जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। यह माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा में शामिल नहीं है। (ख) प्रश्नांश 'क' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शिक्षारत प्रवासी भारतीयों के बच्चों की सूची
[प्रवासी भारतीय]
83. ( क्र. 4312 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रवासी भारतीय विभाग के गठन की आवश्यकता एवं विभाग के कार्यों की जानकारी देवें। क्या यह विभाग केवल निवेश के लिए बनाया है? क्या यह विभाग प्रदेश में शिक्षा प्राप्त करने वाले प्रवासी भारतीयों के बच्चों की जानकारी भी संग्रहित/संकलित/पंजीकृत करता है? यदि नहीं, करता है तो किन कारणों से यह कार्य नहीं संपादित किया जा रहा है? (ख) इस विभाग के सत्र 2015-16 व 2016-17 के प्राप्त एवं व्यय राशि की मदवार जानकारी देवें। इन दो सत्रों में विभाग के द्वारा किये गये कार्यों की विवरण व्यय राशि सहित देवें। (ग) इस विभाग में वर्तमान कार्यरत स्टॉप की जानकारी नाम, पद व पदवार कार्य सूची सहित देवें। स्टॉप को प्रदत्त सुविधाओं की जानकारी पदवार देवें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रवासी भारतीय विभाग का गठन निम्नानुसार उद्देश्यों के लिए किया गया हैः-1- भारत में प्रवेश और प्रवास और उससे निष्कासन। 2-प्रवासी भारतीयों से संबंधित सभी विषय। 3- प्रवासी भारतीयों द्वारा मध्यप्रदेश में निवेश को प्रोत्साहन जिसमें नवाचारी निवेश सम्मलित है। 4- प्रवासी भारतीयों से संबंधित नीति संबंधी विषय। 5- प्रवासी भारतीयों के लिए कार्यक्रमों/योजनाओं से संबंधित विषय। 6- मध्यप्रदेश में विभिन्न शैक्षणिक, तकनीकी और सांस्कृतिक संस्थाओं में जहां कहीं भी अप्रवासी भारतीयों/भारतीय मूल (एन.आर.ई./पी.आई.ओ.) के व्यक्तियों, वि़द्यार्थियों के लिए विवेकाधीन कोटा उपलब्ध हो प्रवेश से संबंधित सूचना एकत्र करना एवं उसका प्रसारण करना। 7- मध्यप्रदेश के अध्ययनरत् अप्रवासी भारतीयों, भारतीय मूल के विद्यार्थियों (एन.आर.ई./पी.आई.ओ.) के लिए छात्रवृत्ति। 8- प्रवासी भारतीय समुदाय और मध्यप्रदेश के बीच मजबूत संबंध सुनिश्चित करने की दृष्टि से मार्केटिंग और संचार की रणनीति बनाना। 9- सरकार और संगठनों को अप्रवासी भारतीयों/भारतीय मूल के निवासियों के योगदान से संबंधित विषय। 10- विदेशों में कौशल संपन्न जनशक्ति की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए व्यावसायिक एवं तकनीकी प्रशिक्षण देने वाले संस्थानों की स्थापना। 11- व्यापार, संस्कृति, पर्यटन, मीडिया, युवाओं के मामले, स्वास्थ्य, शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रवासी भारतीयों के लिये नई पहल। 12. विभागों के कार्यकलापों के प्रभावी अमल के लिए केन्द्रीय मंत्रालयों के साथ आवश्यक समन्वय। 13- ''फ्रैण्ड्स ऑफ मध्य प्रदेश'' एवं ग्लोबल टेलेंट पूल योजना। 14- प्रवासी भारतीयों से संबंधित विषयों पर राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय तथा अंतर्राज्यीय समन्वय। 15- ऐसी सेवाओं से सम्बद्ध समस्त विषय जिनका विभाग से संबध है (वित्त विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग को आवंटित किए गए विषयों को छोड़कर) उदाहरणार्थ-नियुक्तियां, पदस्थापनाएं, स्थानांतरण, वेतन, अवकाश, निवृत्ति वेतन, पदोन्नतियां, भविष्य निधियां, प्रतिनियुक्तियां, दण्ड तथा अभ्यावेदन। (ख) एवं (ग) निरंक।
स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत प्रदत्त जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
84. ( क्र. 4313 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत कार्यालय खरगोन द्वारा विगत 3 वर्षों में जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) बैठक, जिला सतर्कता एवं निगरानी समिति बैठक, जिला योजना समिति बैठक या जिला पंचायत साधारण सभा बैठक में स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत प्रदत्त जानकारियों को चेक करने वाले अधिकारी का नाम व पद बतायें? (ख) क्या उक्त बैठकों में व्यक्तिगत शौचालयों के लक्ष्य, निर्मित शौचालयों की संख्या प्रति बैठक बदलती रही? जिला सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक अगस्त 2015 में सेगाव जनपद पंचायत क्षेत्र में निर्मित शौचालयों की संख्या 1128 थी जबकी जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) बैठक अगस्त 2016 में वर्ष 2015-16 में सेगाव जनपद पंचायत क्षेत्र में निर्मित शौचालयों की संख्या 846 है। यह संख्या कम कैसे हो गई? कारण बताये। (ग) उक्त आंकड़ें गलत/भ्रामक/बिना जांचें भेजने संबंधी कितनी शिकायत/पत्र विगत 3 वर्षों में जिला पंचायत कार्यालय को किसी भी माध्यम से प्राप्त हुए, इन शिकायतों पर की गई कार्यवाही/जवाब का विवरण देवें। (घ) प्रश्नकर्ता की शिकायत पर जिला पंचायत कार्यालय खरगोन में कार्यरत कितने अधिकारी/कर्मचारी को वर्ष 2016 में कारण बताओ नोटिस दिया गया तथा इसके उपरांत क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) श्री प्रदीप कुमार सिंह, जिला समन्वयक, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण), जिला खरगोन। (ख) जी हाँ लिपिकीय त्रुटिवश। (ग) एवं (घ) कार्यक्रम की नियमित समीक्षा की जा रही है एवं समीक्षा में जो कमियां प्रकाश में आती है। उन पर त्वरित कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तत्कालीन सरपंच के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज करना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
85. ( क्र. 4380 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 की धारा 66 (4) के तहत संयुक्त हस्ताक्षर ग्राम पंचायत के तहत संयुक्त हस्ताक्षर ग्राम पंचायत के सचिव के हस्ताक्षर के साथ सरपंच के हस्ताक्षर से ही रकम ग्राम पंचायत से सीधे निकालने का प्रावधान है? (ख) क्या ग्राम पंचायत भटनवारा की तत्कालीन सरपंच श्रीमती रमा सिंह के विरूद्ध गबन की शिकायत की जाँच सी.ई.ओ. जिला पंचायत सतना द्वारा कराई गई थी? (ग) क्या जाँच प्रतिवेदन अनुसार ग्राम पंचायत भटनवारा में राशि रूपये 5,44,000.00 का गबन होना पाया गया है तथा श्रीमती रमा सिंह द्वारा अपने पति सुरेन्द्र सिंह को विभिन्न चेकों के माध्यम से राशि रूपये 3,81,500 एवं स्वयं राशि रू.1,62,500 एक खाता क्र. 76 (परिवर्तित खाता क्र. 8070819961) मध्यांचल बैंक भटनवारा से आहरित कर गबन किया जाना पाया गया है। (घ) यदि प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) सही है तो भटनवारा की तत्कालीन सरपंच श्रीमती रमासिंह के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कराते हुए गबन की गई राशि की वसूली कब तक कर ली जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। आहरित राशि के विरूद्ध कराये गये कार्यों की जाँच हेतु पुनः दिनांक 09.02.2017 को समिति का गठन किया जाकर जाँच कराई जा रही है। (ग) जी हाँ। आहरित राशि के विरूद्ध कराये गये कार्यों की जाँच हेतु पुनः दिनांक 09.02.2017 को समिति का गठन किया जाकर जाँच कराई जा रही है। (घ) उत्तरांश 'ग' अनुसार गठित जाँच समिति द्वारा जाँच के निष्कर्ष के अनुसार कार्यवाही किये जाने का निर्णय लिया जा सकेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन डिपो में वन सम्पदा की हेरा फेरी
[वन]
86. ( क्र. 4477 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर वन मण्डल के अंतर्गत कितने एवं कौन-कौन से वन डिपो हैं? उक्त डिपो में विगत तीन वर्षों में कितनी-कितनी इमारती लकड़ी एवं बांस सम्पदा का आगम-निर्गम प्रति माह हुआ एवं कितनी लकड़ी/बांस बेकार हुई? अलग-अलग प्रकार की लकड़ी की जानकारी दें। (ख) जिले के पिटकुही बन डिपो में वर्ष 2013-14 में काष्ठ एवं बांस भंडारण आगम-निर्गम की जाँच किन-किन अधिकारियों द्वारा की गयी? डिपो में कितनी माला बांस एवं काष्ठ के स्टॉक में कमी पाई गई? उक्त कमी के लिए किन-किन अधिकारी/कर्मचारी को दोषी पाया गया? उक्त डिपो में काष्ठ, बांस की कमी/चोरी के संबंध में विभाग द्वारा क्या-क्या पत्राचार/कार्यवाही की गयी? विवरण देवें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) (1) निस्तार- 40 (2) उपभोक्ता डिपो- 10 (3) बसोड़ी डिपो- 14 (4) काष्ठ डिपो- 01 (5) बांसागार-01. उक्त डिपो में विगत तीन वर्षों में 4740.054 घ.मी. इमारती लकड़ी तथा 33230.242 नो0टन बांस की आमद हुई है तथा 4724.626 घ.मी. इमारती लकड़ी तथा 36370.079 नो0टन बांस का निर्गम हुआ है। आगम एवं निर्गम तथा बेकार हुई लकड़ी की माहवार एवं प्रकारवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शून्य घ.मी. लकड़ी तथा 686.183 नो0टन बांस बेकार हुआ है। (ख) परिक्षेत्र अधिकारी कुण्डम एवं उपवनमंडलाधिकारी सिहोरा द्वारा वर्ष 2013-14 में पिटकुही डिपो में 204.77 नो0टन बांस की कमी हुई जो रिबन्डलिंग के दौरान टूट-फूट हो जाने के कारण हुई। नियमानुसार सक्षम अधिकारी द्वारा अपलेखन की कार्रवाई की गई है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निर्माण कार्यों की समीक्षा
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
87. ( क्र. 4478 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लघु उद्योग निगम के जबलपुर संभागीय कार्यालय के अंतर्गत विगत 3 वर्ष में कौन-कौन से कितनी-कितनी राशि के निर्माण कार्य स्वीकृत हुये? उक्त कार्यों की प्रगति क्या है? निर्माण कार्यों का मापक, मूल्यांकन किन-किन उपयंत्री सहायक यंत्री कार्य पालन यंत्री द्वारा किया जा रहा है? नाम, पद सहित बतायें? (ख) लघु उद्योग निगम द्वारा निर्मित कराये 50 शैय्या अनु.ज.जाति छात्रावास ग्राम करंजिया जिला डिण्डौरी के निर्माण का कितना भुगतान किया गया? उपरोक्त छात्रावास के स्ट्रक्चर डिजाइन (मूल) में बदलाव कर बीमों में परिवर्तन किस सक्षम अधिकारी के आदेश पर किया गया? क्या उपरोक्त निर्माण कार्य की मूल स्ट्रक्चर डिजाइन में परिवर्तन की जाँच करा कर दोषी अधिकारी/कर्मचारी पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) लघु उद्योग निगम के संभागीय कार्यालय जबलपुर में विगत 3 वर्षां में 49 नग कुल राशि रू. 1189.64 लाख के निर्माण कार्य स्वीकृत हुए जिसमें से वर्तमान तक 37 नग कार्य पूर्ण, मात्र 12 नग निर्माण कार्य प्रगतिरत हैं, जो सभी पूर्णता स्तर पर हैं। निर्माण कार्यों का माप एवं मूल्यांकन उपयंत्री श्री नरेन्द्र कुमार कोष्टा, श्री एन.एस. दांगी, श्री सुनील पारे सहायक यंत्री श्री एस.पी. सिंह, श्री एस.आर. धाकड़ एवं कार्यपालन यंत्री श्री आर.के. श्रीवास्तव तथा श्री पी.के. पंचोलिया द्वारा किया गया तथा ये सभी पदस्थ रहे हैं। (ख) 50 शैया आदिवासी छात्रावास भवन ग्राम करंजिया जिला-डिण्डौरी का निर्माण कार्य शासन के निर्धारित मानक अनुसार संपन्न कराया जाकर कार्य मदवार राशि रू. 71.28 लाख मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम पर्यवेक्षण शुल्क सहित का व्यय किया गया है। वर्तमान में कार्य पूर्णता उपरांत दिनांक 19.07.2016 से विभाग के आधिपत्य में होकर संचालित है। भवन निर्माण में किसी भी प्रकार का डिजाईन में बदलाव नहीं किया गया है, जिससे जाँच का प्रश्न ही, उपस्थित नहीं होता है।
अधिकारियों/कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
88. ( क्र. 4551 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में जिला ग्रामीण विकास अभिकरण अंतर्गत पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों को बिना केबिनेट के अनुमोदन के ही जिला पंचायत एवं जनपद पंचायतों में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किया गया है? यदि हाँ, तो किस नियम से? नियम की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के कई अधिकारियों/कर्मचारियों को जिला पंचायतों में पर्याप्त पद रिक्त नहीं होने के कारण जनपद पंचायतों में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किया गया है? यदि हाँ, तो किस नियम से वर्तमान में जिला पंचायत में स्वीकृत अमले के सेटअप एवं नियम की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या भविष्य में जिला ग्रामीण विकास अभिकरण पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों को राज्य शासन द्वारा अन्य राज्यों की तरह लाईन विभागों, जैसे-आर.ई.एस., पी.डब्ल्यू.डी., जल संसाधन, पी.एच.ई. इत्यादि में मर्ज किया जावेगा, यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के अधिकारियों/कर्मचारियों को सभी प्रशासकीय सुविधायें एवं वेतन भत्ते शासकीय सेवकों की भांति दिये जाने के संबंध में विभाग द्वारा पूर्व में कोई दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो दिशा-निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? साथ ही क्या जिला ग्रामीण विकास अभिकरण, ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत आता है अथवा नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। प्रशासकीय आदेश के तहत् अधिकारियों/ कर्मचारियों की पदस्थापना की गयी है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''क'' अनुसार। जिला पंचायत में स्वीकृत अमले का सेटअप एवं नियम पुस्कालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (घ) जी हॉँ। परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। जी हाँ।
रिक्त पदों की पद पूर्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
89. ( क्र. 4594 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा नगरीय निकायो में कर्मचारियों की कमी को दृष्टिगत रखते हुये पदों के पुनर्निर्धारण व जनसंख्या के मान से पदों के निराकरण हेतु क्या नियम/ अधिनियम बनाये गये या पूर्व में संचालित नियम/अधिनियमों में संशोधन किया गया है? की जानकारी दी जावे। (ख) क्या राज्य शासन द्वारा नगरीय निकायों में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु क्या नियम बनाये गये हैं व इन पदों की पूर्ति हेतु नियुक्ति के अधिकार किन-किन को हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में आदर्श कार्मिक संरचना के अनुसार नवीन पदों के भी स्वीकृत हेतु नियमावली में संशोधन किया गया है? यदि हाँ, तो नियमावली की प्रति उपलब्ध करावें? (घ) क्या यह भी सच है कि चतुर्थ श्रेणी के पदों की पूर्ति हेतु सी.एम.ओ. को अधिकारी हैं? यदि हाँ, तो नगरपालिका करैरा में कितने चतुर्थ श्रेणी पदों की नियुक्ति सी.एम.ओ. द्वारा विगत 03 वर्षों में की गई की जानकारी देवें। (ड.) नगर परिषद करैरा जिला शिवपुरी में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के कितने पद रिक्त हैं व कब से एवं नगर परिषद के हित में इनकी पूर्ति कब तक कर दी जायेगी? निश्चित अवधि बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। आदर्श कार्मिक संरचना लागू की गई है, जिसमें निकाय की जनसंख्या के मान से पद स्वीकृत है। (ख) जी हाँ। मध्य प्रदेश नगर पालिका अधिनिमय 1961 की धारा 95 के अंतर्गत पूर्व से ही मध्य प्रदेश नगर पालिका कर्मचारी (भर्ती तथा सेवा शर्ते) निमय 1968 लागू है। जिसमें तृतीय श्रेणी के रिक्त पदों की पूर्ति के अधिकार प्रेसीडेन्ट इन काउसिंल के है। चतुर्थ श्रेणी के पद पूर्ति के अधिकार मुख्य नगर पालिका अधिकारी को है तथा मध्य प्रदेश नगर पालिक निगम (अधिकारियों तथा सेवकों की नियुक्ति तथा शर्तें) नियम 2000 के नियम 5 के उप नियम (3) तथा (5) (3) नियुक्त प्राधिकारी द्वारा अभ्यर्थियों का चयन प्रतियोगिता परीक्षा द्वारा किया जाये। (5) चयन समिति परीक्षा में अभिप्राप्त अंकों के आधार पर अभ्यर्थियों की चयन सूची तैयार करेगी तथा ऐसी सूची में रिक्त पदों की संख्या से अभ्यर्थियों की संख्या दुगनी होगी। यह चयन सूची नियुक्ति प्राधिकारी को प्रस्तुत की जायेगी। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति के अधिकार मुख्य नगर पालिका अधिकारी को है। नगर परिषद करैरा द्वारा विगत तीन वर्षों में कोई नियुक्ति नहीं की गई है। (ड.) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। निकाय में पी.आई.सी. के प्रस्ताव क्रमांक 02 दिनांक 28.01.2017 के अनुसार रिक्त पदों की पदपूर्ति की स्वीकृति दी गई है। पी.आई.सी. प्रस्ताव अनुसार प्रकरण में मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। आदर्श कार्मिक संरचना लागू होने के दिनांक से पद रिक्त है। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
कालोनी विकास की अनुमति
[नगरीय विकास एवं आवास]
90. ( क्र. 4759 ) श्री उमंग सिंघार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या पटवारी हल्का नं. 25 खसरा नं. 326 कुल रकबा 3.2 हेक्टेयर (8 एकड़) ग्राम बर्रई तहसील हुजुर जिला भोपाल की भूमि कालोनी विकास की अनुमति कब दी गई? उक्त खसरा 326 एवं रकबा 3.2 हेक्टेयर में से कितनी भूमि पर कालोनी विकास की अनुमति दी गई? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार नगर निगम और टाउन एंड कन्ट्री प्लानिंग भोपाल द्वारा उक्त भूमि पर नक्शा कब स्वीकृत किया गया? (ग) क्या उपरोक्त प्रश्न क्रमांक (क) की भूमि के अनुसार संपूर्ण भूमि पर कालोनी निर्माण किया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर निगम भोपाल द्वारा कालोनी के विकास की अनुमति जारी नहीं की गई। अनुविभागीय अधिकारी, तहसील हुजूर द्वारा खसरा क्रमांक 326 कुल रकबा 3.2 हे. में से र्फाचून बिल्डर्स को 1.46 हे. भूमि पर दिनांक 08/02/12 एवं मेसर्स फास्टट्रेक रियल स्टेट डेवलपर को 0.80 हे. भूमि पर दिनांक 13/02/12, को कॉलोनी विकास की अनुज्ञा जारी की गई। (ख) नगर निगम भोपाल द्वारा कालोनी के विकास की अनुमति जारी नहीं की गई। नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय भोपाल द्वारा खसरा क्रमांक 326 कुल रकबा 3.2 हे. में से फार्चून बिल्डर्स को 1.46 हे. भूमि पर पत्र क्रमांक 1324 दिनांक 18/08/11, विकासकर्ता फास्टट्रेक रियल स्टेट डेवलपर को 0.80 हे. भूमि पर पत्र क्रमांक 1511 दिनांक 30/10/11 तथा विकासकर्ता सिंग्नेचर इन्फ्रास्ट्रक्चर को 0.9 हे. भूमि पर पत्र क्रमांक 1678 दिनांक 21/09/15 द्वारा विकास अनुज्ञा प्रदान की गई। (ग) प्रश्नांश 'क' की सम्पूर्ण भूमि पर म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 के प्रावधान अंतर्गत विकास अनुज्ञा प्रदान की गई।
लीज़ से प्राप्त रॉयल्टी
[खनिज साधन]
91. ( क्र. 4775 ) श्री अजय सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीहोर जिले के जहाजपुरा की नर्मदा रेत की खदान किस दिनांक से प्रश्न तिथि तक किस नाम के व्यक्ति/फर्म संस्था को लीज़ पर दी गई है? नाम पते सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (ख) के तहत क्या नर्मदा की बीच धारा में रेत निकाली जा सकती है? अगर हां, तो नियमों की एक प्रति दें? उक्त खदान से प्रति दिन कितनी राशि की रॉयल्टी राज्य शासन को प्राप्त हो रही है? जानकारी 01.04.2014 से प्रश्नतिथि तक दें? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत जहाजपुरा में नर्मदा की बीच धारा में से पोक लेन मशीन से रेत निकालने के बाद भी कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है? नियम बतायें। क्या एवं कब तक कार्यवाही की जायेगी? यदि की गई है तो प्रकरणवार दें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में जहाजपुरा की नर्मदा रेत की खदान विभागीय आदेश दिनांक 03.06.2014 से मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम, पर्यावास भवन, ब्लॉक नंबर - 1, द्वितीय तल, अरेरा हिल्स, भोपाल के पक्ष में दिनांक 21.09.2020 तक 10 वर्ष की अवधि हेतु क्वारी लीज पर स्वीकृत है। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्नाधीन रेत खदान से दिनांक 01.04.2014 से दिनांक 12.07.2015 तक रॉयल्टी की राशि रूपये 2,63,78,653/- प्राप्त हुई है। दिनांक 13.07.2015 से प्रश्नाधीन खदान संचालित नहीं है। (ग) जहाजपुरा में नर्मदा की बीच धारा में से पोकलेन मशीन से कोई रेत नहीं निकाली जा रही है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भोपाल तालाब में प्रदूषित जल
[नगरीय विकास एवं आवास]
92. ( क्र. 4776 ) श्री अजय सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भोपाल तालाब में प्रदूषित जल कितनी मात्रा में कहाँ-कहाँ से मिल रहा है? प्रदूषित जल के उपयोग से मानव और जीव-जन्तु पर क्या-क्या दुष्प्रभाव पड़ रहा है? बिन्दुवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत बड़े तालाब के संरक्षण पर किन-किन विभागों/संस्थाओं और नगर निगम भोपाल ने 01 जनवरी, 2014 से प्रश्नतिथि तक कितनी-कितनी राशि किस-किस मद से व्यय की है? विभाग/संस्थावार, व्यय राशिवार, कार्यवार वर्षवार जानकारी दें? (ग) क्या झील संरक्षण के नाम पर बजट से निर्माण कार्य कराये गये हैं? अगर हाँ, तो कितनी कितनी राशि के क्या-क्या निर्माण कार्य किस-किस स्थान पर एक जनवरी, 2014 से प्रश्नतिथि तक कराये गये हैं, का निर्माण कार्यवार/माहवार/वर्षवार/राशिवार विवरण दें? (घ) प्रश्नांश (ख) के तहत क्या झील संरक्षण के नाम पर वास्तविक कार्य न होकर उक्तों ने फिजूल-खर्ची की है? यदि हाँ, तो क्या इसकी उच्च स्तरीय जाँच करायी जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) भोपाल शहर के बड़े तालाब में 5.00 एम.एल.डी. सीवेज संजय नगर, इन्द्रा नगर, शिरीन, भैंसाखेड़ी (चिरायु हॉस्पिटल के पास) एवं बैरागढ़ कला का नाला (सीहोर नाके पास) मिल रहा है। प्रदूषित जल के उपयोग से मानव और जीव जन्तु पर दुष्प्रभाव से संबंधित कोई शिकायत निगम में प्राप्त नहीं हुई है। (ख) नगर निगम भोपाल द्वारा 01 जनवरी 2014 से प्रश्न तिथि तक की गई व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध रेत खनन
[खनिज साधन]
93. ( क्र. 4873 ) श्री जितू पटवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग व होशंगाबाद संभाग में किन-किन नदियों के दोनों किनारों से 5 किलोमीटर के अंदर रेत की खदानें आवंटित की गई हैं जिलेवार, खनन मात्रा स्वीकृतिवार व ठेकेदार का नाम, ठेका स्वीकृत दिनांक, ठेका खत्म होने दिनांक आदि टेबल फार्म में जानकारी देवे। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार 01/01/2015 से 01/01/2017 तक खनिज विभाग व जिला प्रशासन ने अवैध रेत खनन व क्षमता से ज्यादा लोडिंग के कितने प्रकरण दर्ज किये हैं व कितने प्रकरण पुलिस में दर्ज करवाये हैं, जिलेवार जानकारी देवें। साथ ही दर्ज प्रकरणों पर क्या कार्यवाही की गई, की वर्तमान स्थिति भी बतायें। (ग) नर्मदा नदी के दोनों और रेत खनन प्रतिबंधित करने हेतु शासन क्या-क्या प्रभावी कदम उठा रहा है? कब तक नर्मदा नदी किनारे अवैध उत्खनन बंद करा दिया जायेगा? (घ) राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (N-G-T) ने नरसिंहपुर जिले में अवैध खनन की जाँच हेतु जो S.I.T बनाई थी उसकी फाईनल रिपोर्ट जो N-G-T को दी गई का विवरण उपलब्ध कराये व उसका क्या निर्णय हुआ वह भी उपलब्ध कराये।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन संभागों में रेत खनिज की खदानें नदी सीमा में दी गई हैं। इन संभागों में नदी किनारे से 5 कि.मी. के अंदर कोई रेत खदानें आवंटित नहीं की गई हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार नदी सीमा से 5 कि.मी. के अंदर प्रश्नानुसार जानकारी संधारित किये जाने का प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नानुसार नदी सीमा में रेत खनन प्रतिबंधित किये जाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। जिलों में रेत खनिज के अवैध खनन एवं परिवहन की समय-समय पर जाँच की जाती है। प्रकरण प्रकाश में आने पर इसके विरूद्ध कार्यवाही की जाती है। यह एक सतत् प्रक्रिया है। अत: इसकी समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) प्रश्नानुसार वांछित रिपोर्ट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। प्रश्न में उल्लेखित प्रकरण का निराकरण वर्तमान में नहीं हुआ है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निजी भूमि पर मुनारे बनाना
[वन]
94. ( क्र. 4976 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिना मुआवजा दिए निजी भूमि पर मुनारे बनाने, वृक्षारोपण करने एवं किसान को भूमि के उपयोग से रोके जाने का अधिकार वन विभाग को किस कानून, किस नियम, राज्य शासन, भारत शासन एवं न्यायालय ने किस दिनांक को दिया है? (ख) निजी भूमि से सम्बंधित राज्य मंत्रालय भोपाल ने दिनांक 11 जुलाई 2008 एवं 1 जून 2015 को क्या आदेश, निर्देश किस-किस को दिए हैं? उनके सम्बन्ध में वन मुख्यालय भोपाल ने किस दिनांक को पत्र जारी किये? (ग) बैतूल जिले के ग्राम सोनाघाटी एवं झाड़ेगांव के किस किसान की कितनी निजी भूमि के सीमांकन के दौरान निजी भूमि पर मुनारे बने होना पाया गया इन मुनारों को हटा कर वन भूमि पर मुनारे बनाये जाने के सम्बन्ध में वन विभाग ने प्रशनांकित दिनांक तक क्या क्या कार्यवाही की है ! (घ) कब तक निजी भूमि के मुनारे हटा लिए जावेंगे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी निरंक है। (ख) विभागीय पत्र क्रमांक एफ 22/ 82/08/10-3 दिनांक 11 जुलाई 2008 से समस्त क्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि निजी भूमि स्वामी भूमि का उपयोग निर्बाध रूप से कर रहे हैं, की पुष्टि करें। मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन, भोपाल के पत्र क्रमांक/974/एफ-25-08/2015/10-3 दिनांक 01 जून 2015 से समस्त कलेक्टर, म.प्र. को निजी स्वामित्व के भू-खण्डों को वन व्यवस्थापन की कार्यवाही कर वनखण्ड से बाहर करने संबंधी जारी निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। इस संबंध में वन मुख्यालय, भोपाल द्वारा क्षेत्रीय अधिकारियों को जारी किये गये पत्र दिनांक 22.07.2009, 20.07.2009, 03.08.2010, 06.08.2010, 30.08.2010, 09.09.2010 एवं 29.10.2010 की प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) बैतूल जिले के ग्राम सोनाघाटी के श्री ओमप्रकाश अग्रवाल की निजी भूमि के खसरा क्रमांक-72/1 रकबा 0.876 हेक्टेयर एवं खसरा क्रमांक 72/2 रकबा 0.944 हेक्टेयर का भाग वनक्षेत्र के कक्ष क्रमांक-पी-462 में शामिल पाया गया है। वन एवं राजस्व अधिकारियों द्वारा उक्त खसरों की संयुक्त सर्वेकी कार्यवाही दिनांक 08.07.2015 को की गई। ग्राम झाड़ेगांव के श्री मनीष गर्ग के खसरा नम्बर 205/3 की लगभग 3.152 हेक्टेयर भूमि का वन एवं राजस्व विभाग के संयुक्त दल द्वारा दिनांक 12.12.2014 को संयुक्त सीमांकन की कार्यवाही की गई तथा प्रकरण में वनमण्डलाधिकारी उत्तर बैतूल द्वारा परिक्षेत्र अधिकारी बैतूल को जाँच हेतु निर्देशित किया है। (घ) मुख्य सचिव, मध्यप्रदेश शासन, भोपाल के पत्र क्रमांक/974/एफ-25-08/2015/10-3 दिनांक 01 जून 2015 के निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा वन व्यवस्थापन की कार्यवाही में पारित आदेशानुसार मुनारे हटाये जाने/न हटाये जाने बाबत् कार्यवाही की जावेगी।
अवैध खनिज खनन/परिवहन/भण्डारण के प्रकरण
[खनिज साधन]
95. ( क्र. 4978 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अवैध खनिज खनन, अवैध खनिज परिवहन एवं अवैध खनिज भण्डारण के प्रकरणों में प्रशासन को प्रशमन करने का अधिकार किस-किस को है? प्रकरणों की सुनवाई का अधिकार किस-किस को है? खनिज विभाग द्वारा प्रस्तावित अर्थदंड कम करने या माफ किये जाने का अधिकार किस-किस को है? पृथक पृथक नियम सहित बतावें। (ख) बैतूल एवं विदिशा जिले में वर्ष 2010-2011 से 2015-2016 तक कितने प्रकरणों में कलेक्टर, अपर कलेक्टर एवं खनिज अधिकारी ने प्रशमन करने के आदेश दिए? किस प्रकरण में सुनवाई कर किस दिनांक को कितना अर्थदंड किये जाने के आदेश दिए? उस प्रकरण में खनिज विभाग ने कितना अर्थदंड किस प्रावधान के अनुसार प्रस्तावित किया था? (ग) कलेक्टर एवं अपर कलेक्टर ने जिन प्रकरणों में प्रस्तावित अर्थदंड कम किया या जिन प्रकरणों को नस्तीबद्ध किया उसमें से किस प्रकरण की किस दिनांक को खनिज विभाग ने किसके समक्ष अपील प्रस्तुत की? यदि अपील प्रस्तुत नहीं की तो उसका कारण बतावें। (घ) अपील प्रस्तुत नहीं किये जाने के लिए शासन किसे जिम्मेदार मानता है? उसके विरुद्ध शासन क्या कार्यवाही कब तक करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 53 (5) में कलेक्टर/अपर कलेक्टर/उपसंचालक/खनि अधिकारी/प्रभारी अधिकारी खनिज शाखा/प्रभारी अधिकारी उड़नदस्ता एवं मध्यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्डारण का निवारण) नियम, 2006 के नियम 18 (5) में कलेक्टर/अतिरिक्त कलेक्टर/संचालक/संयुक्त संचालक/अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) तथा भारसाधक अधिकारी (उड़नदस्ता) को प्रशमन के अधिकार हैं। इन अधिकारियों द्वारा प्रकरण का निराकरण किया जाना अर्धन्यायिक प्रक्रिया है। इसके तहत सुनवाई तथा प्रस्तुत प्रकरण के गुण दोषों के आधार पर प्रश्नानुसार अर्थदण्ड के संबंध में निर्णय लिया जा सकता है। यह दोनों नियम अधिसूचित नियम हैं। (ख) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' पर है। (ग) प्रश्नांश के संबंध में परीक्षण किया जा रहा है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के प्रकाश में वर्तमान में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एम.पी. समाधान पोर्टल पर प्राप्त शिकायतो के निराकरण
[जन शिकायत निवारण]
96. ( क्र. 4995 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एम.पी. समाधान पोर्टल प्रारम्भ होने से लेकर वर्तमान तक सुसनेर विधान सभा क्षेत्र की कुल कितनी शिकायतें एम.पी. समाधान पोर्टल पर प्राप्त हुई हैं? विवरण देवे? (ख) एम.पी. समाधान पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों के निराकरण की समीक्षा किस-किस स्तर पर की जा रही हैं? समीक्षा के दौरान किसी अधिकारी/कर्मचारी पर कार्यवाही की जाती हैं? यदि हाँ, तो विगत 03 वर्षों में आगर जिला अंतर्गत की गई कार्यवाही का विवरण देवे?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) कुल 54 शिकायतें। 45 शिकायतें निराकृत एवं 9 शिकायतें लंबित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे जानकारी परिशिष्ट अनुसार। (ख) जिला स्तर पर कलेक्टर द्वारा एम.पी.समाधान पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों की समीक्षा समयावधि की बैठक में प्रति सप्ताह सोमवार को की जाती है। शिकायतों का निराकरण नियमित रूप से किया जा रहा है। कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रश्नकर्ता के पत्रों के उत्तर प्रेषित करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
97. ( क्र. 4996 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग द्वारा समस्त निकायों को विधायकों के पत्र पर कार्यवाही हेतु या उत्तर प्रेषित करने हेतु निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो तद्संबंधी निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नकर्ता ने विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत नगर परिषद सुसनेर, नलखेडा, बड़ागॉंव एवं सोयतकलां को विगत 03 वर्षों में कितने पत्र लिखे हैं एवं उनमें से किन-किन पत्रों के उत्तर प्रेषित किये गये हैं? पत्रवार पूर्ण विवरण देवे? क्या प्राप्त समस्त पत्रों के उत्तर समय-सीमा में दिये गये या कार्यवाही की गई, विवरण देवे? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अनुसार समय-सीमा में पत्र का उत्तर नहीं देने या कार्यवाही नहीं करने पर समीक्षा की जाकर जवाबदारी तय कर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या व कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। निर्देश की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) निकाय द्वारा पत्रों पर कार्यवाही की गई हैं, अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लघु कृषक बाजारों का हस्तांतरण एवं लोकार्पण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
98. ( क्र. 5001 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत निर्मित लघु कृषक बाजारों का अभी तक हस्तांतरण नहीं हुआ है और न ही लोकार्पण जिससे उनका उपयोग नहीं हो पा रहा है और वह उनमें लोकार्पण के पहिले टूटफूट होने लगी है? (ख) क्या इनके हस्तांतरण/लोकार्पण हेतु जनप्रतिनिधि द्वारा शासन का बार-बार ध्यानाकर्षण कराया था, जिसके परिप्रेक्ष्य में पंचायत राज संचालनालय मध्यप्रदेश के पत्र क्रमांक 4415 दिनांक 12-04-2016 द्वारा लघु कृषक बाजारों के हस्तांतरण/लोकार्पण हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत दतिया को निर्देश जारी किये थे? (ग) क्या उपरोक्त निर्देशों के बावजूद प्रश्न दिनांक तक न तो उनका हस्तांतरण और न ही लोकार्पण हुआ है? इसके साथ ही क्या कार्यवाही की गई उसकी भी सूचना जनप्रतिनिधि को नहीं दी गई जबकि उक्त पत्र में विधायक भाण्डेर को की गई कार्यवाही से अवगत कराने के भी निर्देश दिये गये थे। (घ) यदि प्रश्नांश (क) से (ग) हाँ है तो वरिष्ठ कार्यालयों के निर्देशों का पालन न करने एवं जनप्रतिनिधि को अवगत न कराने के लिए क्या कार्यवाही की जा रही है और उन लघुकृषक बाजारों को कब तक हस्तांतरण कर लोकार्पण कराया जावेगा स्पष्ट तिथि।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांकित विधान सभा क्षेत्र में दो लघु कृषक बाजार यथा पण्डोखर का हस्तांतरण दिनांक 31.1.2017 को किया जा चुका है। नरगढ़ (उन्नाव) में निर्मित लघु कृषक बाजार के हस्तांतरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। लघु कृषक बाजार पण्डोखर में जो टूट-फूट प्रकाश में आई थी उसे ठेकेदार के माध्यम से पूर्ण कराया गया है। (ख) जी हाँ। (ग) लघु कृषक बाजार पण्डोखर का हस्तान्तरण दिनांक 31.01.2017 को सहकारिता विभाग, जिला दतिया को किया जा चुका है एवं लघु कृषक बाजार नरगढ़ (उनाव) का हस्तान्तरण सहकारिता विभाग दतिया को किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। इस संबंध में पंचायत राज संचालनालय के पत्र क्रमांक 6878 दिनांक 16.06.2016 से मान. विधायक को अवगत कराया गया है। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित पत्र द्वारा कार्यवाही की गई है। लघु कृषक बाजार नरगढ़ (उन्नाव) के हस्तांतरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शहरी घरेलू कामकाजी महिलाओं की कल्याण योजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
99. ( क्र. 5090 ) श्री
कमल मर्सकोले
:
क्या नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री
महोदया यह बताने
की कृपा
करेंगी कि सिवनी
जिले में नगर
पालिका
क्षेत्र
सिवनी अंतर्गत
शहरी घरेलू
कामकाजी
महिलाओं के
कल्याण हेतु
बनाई योजना के
तहत वर्ष 2010 से
वर्तमान तक
कितनी
महिलाओं को
पंजीकृत किया
गया है? क्या
ये महिलाएं
योजना के
अनुसार
लाभान्वित
हुई है? यदि
हाँ, तो
कृपया वर्ष 2010 से
वर्तमान तक इन
महिलाओं को
दिए गए
प्रशिक्षण व
पारिश्रमिक, प्रसूति
सहायता,
छात्रवृत्ति, विवाह
सहायता,
चिकित्सा
सहायता,
अनुग्रह
सहायता एवं
जनश्री बीमा
योजना से लाभान्वितों
की संख्या
बताएं। यह भी
जानकारी
देवें कि इस
अवधि में शहरी
घरेलू
कामकाजी
महिलाओं के
कल्याण
योजना में
शासन से कितना
आवंटन प्राप्त
हुआ और कितना
व्यय किया
गया?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्रीमती माया
सिंह ) : सिवनी
जिले के सिवनी
नगरपालिका
क्षेत्र में 2245 शहरी
घरेलू कामकाजी
महिलाओं को
पंजीकृत किया
गया है। लाभान्वित
महिलाओं की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है।
पन्ना जिले में वैध एवं अवैध आवासीय निजी कॉलोनियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
100. ( क्र. 5109 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पन्ना जिले में कितनी आवासीय निजी कॉलोनियाँ है इनमें कितनी वैध है एवं कितनी अवैध है? विगत 5 वर्षों में किस वैध कॉलोनाइजर एवं बिना कॉलोनाइजर लाइसेंस के छोटे-छोटे प्लाट विक्रय करने वाले विक्रेताओं द्वारा कितने-कितने प्लाट काटे गए है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कॉलोनियों में काटे गये प्लाटों में शासन नियमानुसार अनु.जाति/जनजाति वर्ग हेतु आरक्षण का प्रावधान रखा गया है यदि हाँ, तो कॉलोनियों में काटे गये प्लाटों में अनु.जाति/ जनजाति के कितने लोगों को आरक्षण नियमों में प्लाट आवंटित किए गए है? (ग) प्रश्नांश (क) की कॉलोनियों में किनके द्वारा रोड नाली पानी पार्क आदि का निर्माण किया जाकर प्लाटों का विक्रय किया गया है एवं किस-किस विक्रेता/कॉलोनाइजर द्वारा न तो आरक्षण नियमों का पालन किया गया ओर न ही कॉलोनी का विकास किया गया? जिला प्रशासन द्वारा इसके लिए क्या कार्यवाही की गई है तथा इसके लिए कौन उत्तरदायी है? (घ) क्या ऐसे विक्रेताओं व कालोनाइजरों के विरूद्ध जिला प्रशासन द्वारा आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने की कार्यवाही की जावेगी यदि हाँ, तो कब तक बतावें या कालोनाइजर/विक्रेताओं की मिली भगत से क्रेताओं को मूल भूत सुविधाओं से वंचित रखने के लिए मजबूर किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) पन्ना जिले में 09 आवासीय निजी कॉलोनियां हैं, ये सभी कॉलोनियां वैध हैं। विगत 05 वर्षों में वैध कॉलोनाईजर के द्वारा कोई छोटे-छोटे प्लाट नहीं काटे गए है, किन्तु बिना कॉलोनाईजर लायसेंस के 05 व्यक्तियों के द्वारा 147 छोटे-छोटे प्लाट काटे गए है। (ख) मध्य प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 के अध्याय 12-ए की धारा 339-ख में कॉलोनियों में प्लाटों के आवंटन में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिये आरक्षण का प्रावधान नहीं हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ''क'' अनुसार जिन 09 कॉलोनाईजर द्वारा रोड, नाली, पानी, पार्क आदि का निर्माण कराकर प्लाटों का विक्रय किया गया है, उनकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है एवं जिन व्यक्तियों द्वारा कॉलोनी का विकास किये बिना छोटे-छोटे 147 प्लाट का विक्रय किया गया है उनकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जिला प्रशासन द्वारा इन 05 विक्रेताओं के विरूद्ध मध्य प्रदेश अधिनियम 1961 की धारा 339-ग के अंतर्गत न्यायालय कलेक्टर में प्रकरण दर्ज कर लिये गए हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। कॉलोनाईजर का लायसेंस एवं कॉलोनी का विकास किये बिना प्लाट काटकर विक्रय करने वाले 05 विक्रेताओं के विरूद्ध मध्य प्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 339-ग के अंतर्गत न्यायालय कलेक्टर में प्रकरण दर्ज कर लिये गए है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में निर्माण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
101. ( क्र. 5110 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अन्तर्गत वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कितने जिलों के टेंडर अभी तक हुए हैं और कितने जिलों के टेंडर अभी होना शेष हैं? (ख) क्या मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अन्तर्गत पन्ना जिले का टेंडर हो चुका है यदि हाँ, तो कब बतावें यदि टेंडर अभी तक नहीं हुआ हैं तो क्यों? (ग) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अन्तर्गत अभी तक टेंडर न किए जाने के लिए कौन दोषी हैं दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांकित अवधि के सभी 37 जिलों के स्वीकृत कार्यों के टेण्डर जारी किए गए हैं। कोई भी जिला शेष नहीं है। (ख) जी नहीं। प्रश्नाधीन अवधि में पन्ना जिले में सड़क स्वीकृत नहीं होने के कारण। (ग) उत्तरांश 'क' एवं 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
अवैध खदान की जाँच और कार्यवाही
[खनिज साधन]
102. ( क्र. 5132 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कुरबाई विधानसभा क्षेत्र के तहसील कुरबाई के ग्राम कैथोरा की भूमि सर्वे नं. 303, 2/3 रकवा 0.372 पर स्टोन क्रेसर की स्वीकृति दी गई है। वर्ष 2013 से अभी इससे कितने घन मीटर खनिज निकाला गया है तथा इसमें शासन कितनी फीस और रायल्टी तथा वैट कर की प्राप्ति हुई है? क्या इन्होंने पर्यावरण विभाग से स्वीकृति ली है? (ख) यह कि उपरोक्त आवंटित भूमि की जगर दूसरी भूमि सर्वे नं. 303/483 रकवा 2.090 चरनोई तथा सर्वे नं. 303/479 रकवा 13.272 मद नदी भूमि, सर्वे 298 रकवा 4.139 मद नदी, सर्वे नं. 299 रकवा 7.443 मद नदी से उपरोक्त आवंटन धारी रमन कान्ता और मुकेश कुमार द्वारा अवैध उत्खनन किया जा रहा है। विगत दो वर्षों में सक्षम अधिकारियों द्वारा इस क्रेसर मशीन खदान का कब-कब निरीक्षण किया गया और क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) खदान आवंटन के नियम क्या है? क्या नदी से 250 मीटर के अन्दर खदान खोदकर पथ्थर की गिट्टी बनाई जा सकती है। यदि नहीं, तो उपरोक्त आवंटन प्राप्तकर्ता द्वारा ऐसा क्यों किया जा रहा है। क्या शासन इस ओर ध्यान देकर इस अवैध खदान को बन्द कराने की कार्यवाही करेगा? (घ) इस अवैध उत्खनन से पर्यावरण विगड़ रहा है, बीना नदी दूषित हो रही है तथा बीना नगर की पेयजल के लिये बनाये गये स्टाप डेम को क्षति हो रही है। क्या शासन इस ओर ध्यान देकर अवैध उत्खनन बन्द करायेगा तो कब तक?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र के ग्राम केथोरा के सर्वे नंबर 303/2/3 के कुल रकबा 0.372 हेक्टेयर में से रकबा 0.300 हेक्टेयर क्षेत्र पर क्रशर द्वारा गिट्टी निर्माण हेतु पत्थर खनिज का उत्खनिपट्टा स्वीकृत किया गया है। प्रश्नाधीन अवधि में 2406 घनमीटर पत्थर गिट्टी निकाला गया है। इससे शासन को रॉयल्टी के रूप में 1,94,956/- रूपये तथा वेट कर के रूप में 51,840/- रूपये प्राप्त हुए हैं। स्वीकृत खदान में दिनांक 24.09.2013 से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तथा दिनांक 14.12.2016 से पर्यावरण अनापत्ति प्राप्त है। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के प्रावधानों के अंतर्गत गौण खनिज की स्वीकृतियां प्रदान की जाती हैं। यह नियम अधिसूचित नियम है। इस नियम में नदी के किनारे से 100 मीटर के भीतर उत्खनन पट्टा स्वीकृत किया जाना प्रतिबंधित है। प्रश्नाधीन खदान नदी के किनारे से 100 मीटर से अधिक दूरी पर है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। प्रश्नानुसार कोई स्थिति नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खेत, सड़क कार्यों का भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
103. ( क्र. 5166 ) श्री रणजीतसिंह गुणवान : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीहोर जिले में मनरेगा के तहत वर्ष 2013-14 में स्वीकृत अधूरे पड़े खेत, सड़क को पूर्ण करने के निर्देश दिये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो सरपंचों द्वारा कार्य प्रारंभ करने के पश्चात् अभी तक खेत सड़क की राशि का भुगतान क्यों नहीं किया गया? (ग) सीहोर जिले में ऐसे कितने अपूर्ण खेत, सड़क है? विकास खण्डवार जानकारी देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जिन कार्यों का मूल्यांकन हो गया है, उनका भुगतान शेष नहीं है। (ग) सीहोर जिले के विकासखण्ड सीहोर में 137, आष्टा में 187, इछावर में 19, बुधनी में 48 एवं नसरूल्लागंज में 131 कुल 522 अपूर्ण खेत सड़क हैं।
मनरेगा के कार्यों का भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
104. ( क्र. 5168 ) श्री रणजीतसिंह गुणवान : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आष्टा जनपद पंचायत अंतर्गत मनरेगा योजना के वर्ष 2012-13 के कार्यों का भुगतान अभी तक नहीं किया गया हैं? (ख) यदि हाँ, तो अभी तक क्यों भुगतान नहीं किया गया है जबकि बार-बार अधिकारियों द्वारा भुगतान शीघ्र करने को कहा जाता हैं? इसके लिये कौन जिम्मेदार है? (ग) कब तक लंबित राशि का भुगतान कर दिया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में सामग्री के देयक मनरेगा पोर्टल पर सत्यापन के अभाव में इन्द्राज नहीं होने के कारण केवल 14 ग्रामों का भुगतान नहीं किया गया। (ख) जिला प्रशासन द्वारा जनपद स्तरीय सत्यापन समिति के सत्यापन उपरांत भुगतान के निर्देश दिए गए हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ''ख'' में दिए गए निर्देशानुसार कार्यवाही प्रचलन में है।
समिति के पंजीयन की जाँच
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
105. ( क्र. 5181 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या समिति पंजीयन के लिये धारा 27 के लिये दी जाने वाली जानकारी की सत्यता की जाँच की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो पंजीयन क्रमांक 01/01/01/26901/13 पर पंजीकृत समिति हनी होम्स जन कल्याण समिति फेस-1 की जाँच की गई। समिति द्वारा गलत जानकारी देकर पंजीयन कराने पर उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) उक्त समिति द्वारा गलत जानकारी देकर पंजीयन कराये जाने संबंधी लिखित में सूचना दिये जाने के बाद भी समिति पर क्या कोई कार्यवाही नहीं की गई? यदि हाँ, तो क्या नहीं? (घ) शासन उक्त समिति के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा अवगत कराया जावेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। मध्यप्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1973 में धारा 27 में दी जाने वाली जानकारी की सत्यता की जाँच संबंधी प्रावधान नहीं हैं। (ख) जी नहीं। मध्यप्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1973 में धारा 32 में संस्था की जाँच कराये जाने का प्रावधान हैं। समिति पंजीयन की गलत जानकारी देकर पंजीयन कराने की शिकायत धारा 32 (2) के तहत कार्यालय को प्राप्त न होने पर कार्यवाही अपेक्षित नहीं हैं। (ग) उपरोक्तानुसार। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता हैं। (घ) उपरोक्तानुसार।
जनपद पंचायतों में कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटरों के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
106. ( क्र. 5197 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत 10-12 वर्षों में प्रदेश की सभी जनपद पंचायतों में कलेक्टर दर पर कम्प्यूटर ऑपरेटर (दैनिक वेतनभोगी) कर्मचारी कार्यरत हैं? (ख) क्या कुछ जनपद पंचायतों के द्वारा उक्त कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटरों (दैनिक वेतनभोगी) को जनपद पंचायत में लिपिकों के रिक्त पद के विरूद्ध नियमित कर दिया गया है? यदि हाँ, तो शेष रहे कम्प्यूटर ऑपरेटरों (दैनिक वेतनभोगी) को कब तक नियमित किया जावेगा? (ग) क्या मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक एफ 5-3/2006/1/3 भोपाल दिनांक 29 सितम्बर 2014 के द्वारा दैनिक वेतनभोगी/अस्थायी कर्मचारियों के नियमितीकरण हेतु आदेश जारी किया गया यदि हाँ, तो आज दिनांक तक जनपद पंचायतों में पूर्व से दैनिक दर पर कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटर में से कितनों को नियमित किया गया है, यदि नहीं, तो क्यों एवं कब तक नियमित किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जनपद पंचायत के स्वीकृत मूल अमले में प्रश्नांकित पद स्वीकृत नहीं है, इसलिये शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश 'क' के उत्तर में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला/जनपद पंचायतों के मूल कर्मचारियों की रिक्त पदों के विरूद्ध पदोन्नति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
107. ( क्र. 5199 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा जिला/जनपद पंचायतों के मूल कर्मचारियों को रिक्त पदों के विरूद्ध पदोन्नति हेतु आदेश/निर्देश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो विदिशा जिले की कितनी जिला/जनपद पंचायतों में रिक्त पदों के विरूद्ध वर्ष 2008 के पश्चात् पदोन्नति की कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या एकांकी पद पर आरक्षण रोस्टर लागू है तथा क्या वर्तमान में जिला/ जनपद पंचायतों में पदोन्नति की प्रक्रिया प्रतिबंधित है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? यदि रिक्त पदों पर पदोन्नति की कार्यवाही नहीं की गई है तो कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांकित कार्यवाही मध्यप्रदेश पंचायत सेवा (भर्ती तथा सेवा की सामान्य शर्ते) नियम, 1999 के तहत की जाती है, पृथक से निर्देश की आवश्यकता नहीं होती। जिसमें आरक्षण रोस्टर का प्रावधान लागू हो। (ख) पदोन्नति में आरक्षण का विषय माननीय न्यायालय में विचाराधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्टेडियम निर्माण में गुणवत्ताहीन कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
108. ( क्र. 5227 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रामीण यांत्रिकी सेवा सतना द्वारा जनपद पंचायत सोहावल अंतर्गत ग्राम पंचायत माधवगढ़ में स्टेडियम का निर्माण कार्य कराया यजा रहा था? क्या उक्त निर्माण कार्य में 68 लाख से अधिक की राशि व्यय की जा चुकी है? (ख) क्या उक्त स्टेडियम के घटिया निर्माण/गुणवत्ताहीन कार्य किये जाने के कारण पूरा का पूरा स्टेडियम बाढ़ में बह गया है? इस कार्य की गुणवत्ता की जाँच कब तक मुख्य तकनीकी परीक्षक मध्यप्रदेश से करा ली जायेगी? (ग) क्या इस घटिया निर्माण को आपराधिक कृत्य मानते हुए उपयंत्री, सहायक यंत्री, कार्यपालन यंत्री एवं ठेकेदार के विरूद्ध कब तक आपराधिक प्रकरण दर्ज करा लिया जायेगा? (घ) दोषी ठेकेदार को कब तक ब्लैक लिस्टेड कर दिया जायेगा? दोषी अधिकारियों पर कब तक अनुशासनात्मक कार्यवाही कर दी जायेगी तथा उनसे वसूली कब तक करा ली जायेगी? स्टेडियम निर्माण की राशि कब तक कहाँ से मिलेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) प्रारंभिक जाँच में स्टेडियम के बाढ़ में बहने का कारण अनुपयुक्त स्थल चयन एवं गुणवत्ताहीन कार्य होना पाया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रथम दृष्टया दोषी पाये गए अधिकारियों को निलंबित किया जाकर अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारंभ कर दी है। ठेकेदार को ब्लेक लिस्ट करने के लिए नोटिस जारी किया गया है। (घ) ठेकेदार को ब्लेक लिस्ट करने एवं जाँच में वसूलने योग्य क्षति की गणना कर राशि वसूलने की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है।
कर्मचारियों का संविलियन कर उचित वेतन निर्धारण
[नगरीय विकास एवं आवास]
109. ( क्र. 5247 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या पूर्व में नगर पालिक निगम छिन्दवाड़ा के अन्तर्गत 16 ग्राम पंचायतों को नगर पालिक निगम छिन्दवाड़ा में सम्मिलित करते हुए, इन ग्राम पंचायतों में कार्यरत सचिवों, रोजगार सहायक, पम्प चालक वसूली लिपिक, सफाई कर्मचारी, भृत्य, चौकीदार अन्य पंचायत कर्मचारियों को सम्मिलित किया गया है? (ख) अगर हाँ तो उपरोक्त शामिल की गई पंचायतों में नगर निगम द्वारा आयोजित संपत्तिकर एवं अन्य करों, अनापत्ति प्रमाण पत्र एवं कार्य आदेश नगर निगम कार्यालय द्वारा जारी किये जा रहे है? तो फिर सम्मिलित किये गये पंचायत कर्मचारियों को वेतन का भुगतान पंचायतकर्मी के रूप में क्यों किया जा रहा है? जबकि उन्हें नगर निगम के नियमों के आधार पर निगम के कर्मचारी के रूप में उनके वेतन का भुगतान किया जाना चाहिये? (ग) नगर निगम छिन्दवाड़ा का गठन हुए लगभग 02 वर्ष पूर्ण होने को है और इन शामिल किए कर्मचारियों के द्वारा भी लगभग डेढ़ वर्षों से नगर निगम के आदेशानुसार ही कार्य किए जा रहे हैं, जबकि इन कर्मचारियों द्वारा संविलियन किए जाने एवं निर्धारित वेतन प्रदान किए जाने हेतु अनेकों पत्र प्रेषित किये जा चुके है। फिर भी इन कर्मचारियों का संविलियन विभाग द्वारा अभी तक नहीं किये जाने के क्या कारण है? (घ) विभाग द्वारा इन कर्मचारियों का संविलियन कर, उचित वेतन का निर्धारिण कब तक कर दिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) मध्यप्रदेश शासन, नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 4-102/15/18-1 दिनांक 23.06.2016 की कण्डिका 04 अनुसार वेतन तथा भत्तों का भुगतान किया जा रहा है। (ग) उत्त्रांश ''ख'' में उल्लेखित परिपत्र की कण्डिका 03 अनुसार कार्यवाही की जा रही है। (घ) निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
अनियमित्ताओं की जाँच कराये जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
110. ( क्र. 5248 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ता.प्रश्न क्रमांक 1049 दिनांक 8/12/16 के प्रश्नांश (क) के संबंध में बताया गया था कि नगर परिषद बड़कुही क्षेत्रान्तर्गत जलआवर्धन योजना के तहत चल रहे कार्य में उपयोग की जा रही भूमि खसरा क्रमांक 82 व 160 में से कुछ भूमि शासकीय मद में दर्ज है। क्या भूमि खसरा क्रमांक 160 की भूमि डब्ल्यू.सी.एल. के अधिपत्य की भूमि है। उक्त भूमि पर निर्माण कार्य करने के पूर्व निकाय द्वारा डब्ल्यू.सी.एल. से अनुमति प्राप्त की गई है या नहीं? (ख) संदर्भित प्रश्नांश के (ख) के संबंध में बताया गया था कि नगर पालिका अधिनियम की कंडिका 100 (1) के अन्तर्गत भूमि आवंटन की प्रत्याभाषा में निकाय द्वारा उक्त भूमि पर कार्य प्रारंभ किया गया है। क्या धारा 100 (1) में उल्लेखित है कि किसी कम्पनी के अधिपत्य की भूमि बिना कम्पनी के अनुमति प्राप्त किए भूमि निकाय क्षेत्रान्तर्गत होने से निकाय द्वारा कार्य किया जा सकता है या नहीं? (ग) क्या नगर परिषद बड़कुही द्वारा खसरा क्रमांक 160 पर जो ओवरहेड टैन्क निर्माण कराया जा रहा है उस भूमि पर पूर्व में डब्ल्यू.सी.एल. की भूमिगत खदान थी? यदि हाँ, तो उस भूमि पर ओवरहेड टैन्क का निर्माण कितना सुरक्षित है। क्या जिस भूमि पर भूमिगत खदान चली हो उस भूमि पर ओवरहेड टैन्क बनाया जा सकता है या नहीं? जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) संदर्भित प्रश्नांश (घ) के संबंध में बताया गया था कि निर्माण कार्यों की जाँच कलेक्टर छिन्दवाड़ा के द्वारा कराई जा रही है। उपरोक्त संबंध में अभी तक क्या जाँच कराई गई है? विवरण उपलब्ध करायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, खसरा क्रमांक 160 रकबा 0.304 में से 0.6 हैक्टेयर भूमि शासकीय मद में हैं। शासकीय मद की भूमि होने के कारण डब्ल्यू.सी.एल. से अनुमति लिये जाने की आवश्यकता नहीं है। (ख) जी हाँ। प्रश्नाधीन भूमि डब्ल्यु.सी.एल. की न होकर शासकीय होने से उत्तरांश ''क'' के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जाँच प्रचलित है।
हरदोट पंचायत से कजरई सोसायटी जाने वाले मार्ग पर पुल निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
111. ( क्र. 5269 ) श्री महेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायत हरदोट से कजरई सोसायटी जाने वाले मार्ग में पुल निर्माण कराने की कार्ययोजना प्रस्तावित है। (ख) यदि नहीं, तो उक्त पुल निर्माण के संबंध विभाग द्वारा आगामी कार्य योजना है। (ग) क्या उक्त पुल के निर्माण से लगभग 15-20 के ग्रामों के नागरिकों को आने-जाने की सुविधा प्राप्त हो जायेगी। (घ) क्या उक्त सड़क पुल निर्माण की स्वीकृति जारी कर प्रश्नांश (क) के अनुसार कब तक पुल स्वीकृत हो जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश 'क'/'ख' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर पालिका बीना की सीमा में संचालित आरा मशीनें
[नगरीय विकास एवं आवास]
112. ( क्र. 5270 ) श्री महेश राय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिका बीना की सीमा के अन्दर कितनी आरा मशीनें संचालित हो रही है यदि हाँ, तो सूची सहित जानकारी से अवगत करावें? (ख) क्या वन विभाग के द्वारा आरा मशीनों में इस्तेमाल होने वाली लकड़ी का परीक्षण किया जाता है क्या इनको शहर के मध्य संचालन कराने का प्रावधान है? (ग) क्या शहर के मध्य संचालित आरा मशीनों से शहर की सुरक्षा एवं पर्यावरण, ध्वनि प्रदूषण कोई जनहानि की होने की संभावना नहीं हैं? (घ) यदि हाँ, तो क्या शहर की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए इन्हें नगरीय सीमा के बाहर स्थानान्तरित करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो समय-सीमा निर्धारित कर अवगत करावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, 04 आरा मशीनें संचालित हो रही है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्राध्यापकों के रिक्त पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
113. ( क्र. 5282 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविद्यालय खिलचीपुर एवं शासकीय महाविद्यालय जीरापुर में किस-किस विषय के प्राध्यापकों के कितने-कितने पद रिक्त हैं। कुल कितने पद स्वीकृत हैं? किस दिनांक से किस विषय के प्राध्यापक के पद रिक्त हैं? जानकारी पृथक-पृथक उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित खिलचीपुर-जीरापुर के महाविद्यालयों में रिक्त प्राध्यापकों के पदों की पूर्ति के लिए उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिये गये आदेश-निर्देश, पत्राचार का विवरण उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित महाविद्यालयों में विभिन्न विषयों के रिक्त पड़े प्राध्यापकों के पद कब तक भरे जायेंगे? (घ) क्या विभिन्न विषयों के प्राध्यापकों के पद रिक्त होने से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है? यदि हाँ, तो छात्रों की पढ़ाई बेहतर हो सके इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग द्वारा किये गये प्रयास का विवरण उपलब्ध करावें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) प्रश्न अनुसार शासकीय महाविद्यालय, खिलचीपुर एवं जीरापुर में शैक्षणिक संवर्ग में प्राध्यापकों के पदों की समग्र जानकारी पृथक-पृथक महाविद्यालयवार संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित खिलचीपुर एवं जीरापुर के महाविद्यालयों में रिक्त प्राध्यापकों के पदों की पूर्ति के लिए पृथक से कोई कार्रवाई नहीं की गई है वरन् प्रदेश के समस्त शासकीय महाविद्यालयों में विषयवार सहायक प्राध्यापकों के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु दिनांक 19.02.2016 को लोक सेवा आयोग द्वारा विज्ञापन जारी किया गया है। इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिये गये निर्देश के अनुक्रम में जीरापुर महाविद्यालय में स्थानांतरण के इच्छुक सहायक प्राध्यापकों का प्रस्ताव स्थानांतरण में सम्मिलित किया गया है। (ग) उतरांश 'ख' में उल्लेखित विज्ञापन अनुसार लोक सेवा आयोग से चयनित प्रत्याशियों की सूची प्राप्त होते ही प्राथमिकता के आधार पर रिक्त पदों की पूर्ति की जावेगी। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन समितियों की जानकारी
[वन]
114. ( क्र. 5311 ) श्री मुकेश नायक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दक्षिण वन मंडल पन्ना अंतर्गत बुन्देलखण्ड पैकेज द्वितीय चरण में दक्षता विकास के तहत किन-किन ग्राम वन समितियों के कितने सदस्यों को कौन-कौन से प्रशिक्षण दिये गये हैं? (ख) ग्राम वन समिति सदस्यों को प्रशिक्षण देने के उपरांत रोजगारोन्मुखी योजनाओं से जोड़ने हेतु क्या प्रयास किये गये?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा क्षमता विकास का प्रशिक्षण दिया गया। संबंधित सदस्य प्रशिक्षण का लाभ उठाकर स्वयं रोजगारोन्मुखी योजनाओं में जुड़ सकते हैं।
शिकायतों पर कार्यवाही
[जन शिकायत निवारण]
115. ( क्र. 5412 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा समाधान आन लाइन, जनसुनवाई एवं डायल 181 की कार्यवाही/योजना संचालित करवा रखी है तथा इस प्रक्रिया के तहत प्राप्त शिकायतों/आवेदन पत्रों को निराकृत न करने पर संबंधित दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर कार्यवाही करने का भी प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो सागर जिला अंतर्गत 1 अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक उक्त कार्यवाहियों में कितने-कितने प्रकरण किस-किस विभाग के पंजीयत किये गये तथा कितने-कितने प्रकरणों का निराकरण समयावधि में किया गया है? कितने प्रकरणों का निराकरण समयावधि के बाद किया गया? कितने प्रकरण निराकरण हेतु कब-कब से लंबित है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार उक्त लंबित प्रकरणों में राजस्व विभाग के कौन-कौन से प्रकरण लंबित हैं? जिन पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी है? शिकायतकर्ता और शिकायत के विषय सहित पूरी जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में जिन प्रकरणों में निराकरण की कार्यवाही समयावधि में नहीं की गयी है? उन प्रकरणों में अब तक किन-किन अधिकारियों एवं कर्मचारियों को कब-कब, किस प्रकार से दंडित किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतावें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जन सुनवाई एवं सी.एम.हेल्पलाइन (181) में प्राप्त शिकायतों का यथा संभव निराकरण किया जाता है। शेष प्रश्न अनुसार निराकरण की समयावधि हेतु वैधानिक प्रावधान नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" एवं "ब" अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार। (घ) समयावधि का वैधानिक प्रावधान नहीं होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सतना के पत्र क्र. 1368 दिनांक 09/11/2015 के वैधानिकता की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
116. ( क्र. 5442 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले की जनपद पंचायत नागौंद के पत्र क्र.1368 दिनांक 09/11/2015 में किस अधिकारी के हस्ताक्षर हैं तथा उस अधिकारी का नाम तथा मूल पद क्या है? (ख) पत्र क्र. 1368 दिनांक 09/11/2015 द्वारा सहायक अध्यापक के पद पर की गई नियुक्ति के लिए नियोक्ता कौन था? (ग) प्रभारी अधिकारी/विकास अधिकारी हनुमान सिंह को संबंधित को सेवा से पृथक करने का अधिकार किस नियम के तहत दिया गया था? क्या सी.ई.ओ. के.के. पाण्डेय के पदस्थ रहते हुए हनुमान सिंह मुख्य कार्यपालन अधिकारी की सील में हस्ताक्षर करने के लिए अधिकृत थे, यदि हाँ, तो किस आदेश के तहत अधिकृत थे? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित पत्र क्र.1368 दिनांक 09/11/2015 में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के.के. पाण्डेय के हस्ताक्षर क्यों नहीं कराये गए, क्या उक्त पत्र में नियोक्ता के हस्ताक्षर न होने से नियुक्ति अवैधानिक नहीं हैं विवरण सहित जानकारी देवें? क्या जनपद पंचायत नागौंद में पंचायत समन्वय अधिकारी राजेस्वर कुजूर से लिपिकीय कार्य लिया जा रहा है यदि हाँ, तो क्यों, क्या कार्यालय में लिपिक पदस्थ नहीं हैं, यदि हैं तो उन्हें प्रभार क्यों नहीं दिया जा रहा है, क्या कुजूर को प्रभार से हटाते हुए इनके कार्यकाल की संचालित योजनाओं में इनके द्वारा किये गए भ्रष्टाचार की जाँच कराई जाएगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांकित जानकारी यथा श्री हनुमान सिंह, पदनाम-विकास विस्तार अधिकारी, पदस्थापना, जनपद पंचायत, नागौद है। (ख) सहायक अध्यापक की नियुक्ति हेतु सक्षम अधिकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत नागौद है। (ग) नियुक्तिकर्ता अधिकारी को ही प्रश्नांकित अधिकार प्राप्त होते हैं। प्रश्नांकित कार्यवाही प्राधिकृत अधिकारी के अनुमोदन से प्रभारी अधिकारी को मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत नागौद ने नोटशीट पर दिनांक 26.10.2015 को मुख्यालय से बाहर होने प्रवास या अवकाश पर जाने पर सामान्य प्रशासनिक कार्य, नियमानुसार करने हेतु अधिकृत किया था। (घ) प्रश्नांकित अधिकारी समन्वयक के पद पर पदस्थ है, जिनको 7 पंचायतों के कार्यक्षेत्र के साथ-साथ शिक्षा शाखा का कार्य भी आवंटित है। प्रभारी अधिकारी पर ही आवंटित कार्य निपटाने की जवाबदारी होती है, जो स्वयं अथवा लिपिकीय सहयोग से निर्वहन करते हैं। प्रश्नांकित अधिकारी की एकमात्र शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसकी जांच में वे निर्दोष पाए गए।
मुलताई विधानसभा क्षेत्र के स्व-सहायता समूहों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
117. ( क्र. 5448 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुलताई विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 01/01/2013 से दिनांक 31/01/2017 तक कितने स्व-सहायता समूह कार्यरत हैं एवं थे की पूरी जानकारी दें। प्रत्येक समूह के नाम, पते, सदस्य नाम सहित जानकारी देवें। (ख) इन समूहों को (क) अवधि में कितनी खाद्यान्न सामग्री एवं राशि वर्षवार वितरित की गयी? माहवार बतायें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है।
अशासकीय स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से संचालित कार्यक्रम
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
118. ( क्र. 5461 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में विगत तीन वर्षों में किन-किन अशासकीय स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से कौन-कौन से कार्यक्रम संचालित किये जा रहे है? (ख) प्रश्नांश (क) में किन-किन संस्थाओं को किन-किन योजनांतर्गत किन कार्यों हेतु शासन व जिला स्तर पर अनुदान की कितनी राशि स्वीकृत की गई एवं इन्हें कितनी राशि दी गई तथा कितनी राशि व्यय हुई? इसकी जाँच कब व किसने की? (ग) प्रश्नांश (क) में किन-किन संस्थाओं द्वारा किन-किन योजनांतर्गत संचालित किन-किन कार्यक्रमों में कितनी महिलाऐं/बालिकाऐं, बच्चे लाभांवित हुए एवं कितनी राशि व्यय हुई? इसका सत्यापन जाँच कब व किसने की? (घ) क्या शासन प्रश्नांकित संस्थाओं द्वारा संचालित फर्जी कार्यक्रमों व अनुदान राशि का स्वयं के हित में उपयोग करने की जाँच कराकर उन पर कार्यवाही करेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
टैक्स की राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
119. ( क्र. 5477 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण योजना प्रारंभ होने से ग्रामीण अंचल में कार्य कराये गये हैं? कराये गये कार्यों में संस्थाओं को सामग्री पर कितना भुगतान किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के कार्यों में सामग्री भुगतान पर कितनी राशि टैक्स किस-किस फर्म संस्था, डीलर, व्यापारी द्वारा शासकीय खजाने में अदा किया गया और उसका माध्यम क्या था? बिलवार, जिस टिन नं. के माध्यम से जमा किया गया? (ग) क्या सामग्री भुगतान में टैक्स अदा न कर एक तो जहाँ शासन को करोड़ों रूपयों का नुकसान हुआ है वहीं पर दूसरी और कुछ लोगों को अनाधिकृत लाभ पहुंचाया गया है? इसके लिये वाणिज्य कर के अधिकारियों द्वारा जाँच की गई है? (घ) उक्त के संबंध में टैक्स चोरी करने वालों तथा दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) क्या प्रश्नांश (क) योजना में जमा किये गये बिल, संस्था/फर्म के नाम से जमा किये गये है और भुगतान की कार्यवाही व्यक्तिगत बैंक खातों के नाम से की गई है, यदि हाँ, तो ऐसे नियम विरूद्ध किये गये भुगतानों की सूची वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक जनपद पंचायतवार वर्षवार कार्यवार, संस्था/फर्मवार, व्यक्तिवार उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। सामग्री प्रदाय करने वाली संस्थाओं को योजना प्रारंभ से अब तक ग्राम पंचायतों द्वारा राशि रू. 30589.49 लाख का भुगतान किया गया। (ख) मध्यप्रदेश वेट अधिनियम 2002 की धारा 26 (1) तथा 26 (2) के अधीन बिना कान्ट्रेक्ट एवं ग्राम पंचायत के द्वारा कराये गये कार्य का भुगतान वेट कटौत्रा से मुक्त रखे है। अत: शेष प्रश्न नहीं उत्पन्न होता। (ग) से (ड.) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मंदिरों/मठों की भूमि पर कब्जा
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
120. ( क्र. 5478 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सिवनी जिले के अंतर्गत, मंदिरों/मठों के अधीन जमीन लगी हुई है? यदि हाँ, तो किन-किन मंदिरों/मठों से कितनी-कितनी भूमि कहाँ-कहाँ की किन-किन सर्वे नम्बरों की लगी हुई है वर्तमान में उक्त भूमि किनके नाम है तथा उक्त भूमि पर वर्तमान में किनका कब्जा है, भूमि का उपयोग किस प्रयोजन के लिये हो रहा है? (ख) क्या उक्त मंदिरों/मठों से लगी हुई अधीन भूमि पूर्व में संबंधित मंदिरों/मठों के नाम पर थी? बाद में संबंधित मंदिरों/मठों के पुजारियों/सेवादारों ने अपने नाम राजस्व अधिकारी/कर्मचारियों से मिलकर करा ली है? यदि हाँ, तो वह कौन-कौन से मंदिरों/मठों की भूमि है? (ग) क्या प्रश्नाधीन वर्णित मंदिरों/मठों के लिये शासन द्वारा जो भूमि आवंटित की गई थी, उसमें खेती कर उससे होने वाली आमदनी से संबंधित मंदिर/मठ के पुजारी एवं मंदिर का खर्च चल सके, इसके लिये दी गई थी? यदि हाँ, तो उक्त भूमि का व्यवसायिक उपयोग एवं उसमें भवन निर्माण किसकी अनुमति से कैसे किये गये? (घ) क्या प्रश्नाधीन वर्णित मंदिरों/मठों की जमीनो पर दबंगों ने जो अवैध कब्जा कर रखा है, उसे कब्जामुक्त कब तक कराया जायेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जनपत पंचायत के अंतर्गत कार्यरत दैनिक वेतन भोगी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
121. ( क्र. 5484 ) श्री गोपाल परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर जिले के अंतर्गत जनपत पंचायतो में कितने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कार्यरत है और कब? (ख) क्या जनपत पंचायतो में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को शासन रिक्त पद पर नियमित करने की कारवाही करेगा यदि हाँ, तो कब तक करेगा यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) आगर जिले अंतर्गत जनपद पंचायतों के अधीन कोई भी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कार्यरत नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मद वार आवंटन राशि की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
122. ( क्र. 5487 ) श्री गोपाल परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आगर विधानसभा क्षेत्र की नगर परिषदों को प्रतिवर्ष शासन द्वारा कितना अनुदान किस-किस मद में किन-किन कार्यों हेतु उपलब्ध कराया गया है वर्ष 2014 - 15 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी देवें तथा प्राप्त राशि को किस मद में नगर परिषद् द्वारा व्यय की गई है पूर्ण ब्यौरा देवे? (ख) परिषद् द्वारा स्वयं की आय प्राप्त हो रही है तो किस-किस मद में 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी देवे तथा प्राप्त की गई राशि का किस-किस मद में व्यय की गई पूर्ण ब्यौरा देवे? (ग) नगर परिषदों द्वारा कितने भूखंड भवनों का नामान्तरण किया गया और कितने नामान्तरण होने शेष है जानकारी देवे क्या नामान्तरण कार्य पूर्ण नहीं होने से शासन को राजस्व आय में नुकसान किया जा रहा है यदि हाँ, तो कितना नुकसान किया गया है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ग) नगर परिषद कनाड़ द्वारा वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक 142 भूखण्ड भवनों का नामांतरण किया गया। 11 नामांतरण होना शेष है जो प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा में नामांतरण किया जावेगा। नगर परिषद बडोद को वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक 284 नामांतरण आवेदन प्राप्त हुये, जिसमें सभी अभिलेखों की पूर्ति उपरांत विधिवत नामांतरण किये गये। कोई आवेदन नामांतरण हेतु लंबित नहीं है।
ग्राम पंचायत को विभिन्न योजनाओं हेतु धनराशि की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
123. ( क्र. 5488 ) श्री गोपाल परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2015-2016 व 2016-2017 में ग्राम पंचायत को पंच-परमेश्वर योजनान्तर्गत कितनी-कितनी धनराशि आवंटित की गई है वर्षवार एवं पंचायतवार जानकारी देवें? (ख) ग्राम पंचायतो को ग्रामीण जनों की आवश्यकता अनुसार विकास कार्य लंबित है यदि हाँ, तो किस-किस ग्राम पंचायत में कितने कार्य कराये जाने हेतु लंबित है इन लंबित कार्यों हेतु कितनी धनराशि की आवश्यकता होगी ग्राम पंचायत वार बतावें? (ग) क्या शासन इन ग्रामीण जनों की आवश्यकता हेतु धनराशि आवंटित करेगा यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) पंच-परमेश्वर योजनांतर्गत ग्राम पंचायत की आबादी के मान से राशि आवंटित किए जाने का प्रावधान है, इस मापदंड के आधार पर ही कार्य स्वीकृत किए जाते है। प्रश्नांकित अवधि में योजनांतर्गत स्वीकृत कार्यों की पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर उपलब्ध है। (ग) पंच-परमेश्वर योजनांतर्गत ग्राम पंचायत की आबादी के मान से राशि आवंटित किए जाने का प्रावधान है, इस मापदंड के आधार पर ही कार्य स्वीकृत किए जाते है। प्रश्नांकित अवधि में योजनांतर्गत स्वीकृत कार्यों की पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर उपलब्ध है।
नीमच जिले में वन विभाग को आवंटित राशि
[वन]
124. ( क्र. 5537 ) श्री कैलाश चावला : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्ष में नीमच जिले में वन विभाग को किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि आंवटित की गई है व उक्त मदों में कितने कार्य पूर्ण हो चुके है। विधानसभावार/दिनांकवार/मदवार जानकारी देवें। (ख) उक्त कार्यों का सत्यापन किस वरिष्ठ अधिकारी द्वारा किस दिनांक को किया गया है।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
पेयजल हेतु स्टॉप डेम स्वीकृत करने
[वन]
125. ( क्र. 5538 ) श्री कैलाश चावला : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 449 दिनांक 05-09-2016 से प्रबंध संचालक म.प्र.लघु वन उपज संघ भोपाल को नीमच जिले के मनासा विधानसभा क्षेत्र के तेन्दु पत्ते के 20 प्रतिशत लाभांश की राशि पेयजल हेतु स्टॉप डेम स्वीकृत करने हेतु लिखा गया था? (ख) उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई है। यदि नहीं, की गई है तो कब तक कार्यवाही कर राशि स्वीकृत कर दी जावेगी कृपया जानकारी देवें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला यूनियन नीमच के संचालक मण्डल से समस्त औपचारिकताओं की पूर्ति सहित अनुमोदन प्राप्त कर प्रस्ताव चाहे गये। वनमण्डलाधिकारी द्वारा प्रस्तावित ग्रामों में स्टॉप डेम निर्माण कार्य हेतु स्थल निरीक्षण कराया गया। निरीक्षण में प्रश्नाधीन स्थल स्टॉप डेम निर्माण हेतु उपयुक्त नहीं पाया गया। ग्रामीणों को पेयजल हेतु अन्य उपयुक्त वैकल्पिक संरचनाओं के लिये उपयुक्त स्थानों के चयन की कार्यवाही प्रचलन में है। राशि स्वीकृति की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
रूनिजा आम्बा पंचायत में विकास हेतु उपलब्ध राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
126. ( क्र. 5617 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा ग्राम पंचायत रूनिजा एवं आम्बा के विकास हेतु क्या-क्या योजनाएं बनाई हैं तथा विकास कार्य कितने चरणों में करवाया जावेगा? (ख) विभाग द्वारा उपरोक्त पंचायतों में विकास हेतु कितनी राशि का प्रावधान रखा गया है? (ग) उपरोक्त पंचायतों में विकास कार्य कब से प्रारम्भ होगा एवं कब सम्पन्न होगा? समय-सीमा बतावें। (घ) विभाग द्वारा उपरोक्त ग्रामों के विकास हेतु कितनी राशि जारी की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) 14वां वित्त आयोग (पंच-परमेश्वर) के अंतर्गत ग्राम पंचायत रुनिजा हेतु 132.24 लाख एवं आम्बा हेतु 106.24 लाख का प्रावधान किया गया है। मनरेगा योजना मांग आधारित है। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' में उल्लेखित प्रस्तावित चार्ट 14वां वेतन एवं मनरेगा के अंतर्गत लिये गये है। मनरेगा योजना मांग आधारित है, स्थानीय मजदूरों द्वारा रोजगार की मांग किये जाने पर कार्य प्रारंभ होगे। समय-सीमा बतलाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
परफार्मेंस ग्रांट राशि के वितरण में अनियमितताएं
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
127. ( क्र. 5646 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन के पत्र क्रं. ३३५/४७५/२०१६/२२/पं-१ के आदेश का पालन न करते हुए जनपद पंचायत कैलारस के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा संबंधित क्षेत्र के जनपद सदस्य की बिना अनुशंसा के राशि का वितरण किया गया है? यदि हाँ, तो विवरण देवे यदि नहीं, तो वर्ष २०१५-१६ से प्रश्न दिनांक तक राशि वितरण की अद्यतन जानकारी पंचायतवार उपलब्ध कराई जावे? (ख) जनपद पंचायत कैलारस के द्वारा वित्तीय वर्ष २०१५-१६ से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी पंचायतों को कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई और उस राशि में कराये गए निर्माण कार्यों की गुणवत्ता से कौन-कौन अधिकारियों ने अपना अभिमत दिया अभिमत सहित जानकारी उपलब्ध कराई जा सकेगी? (ग) अधिकतम राशि उपयोग करने वाली पंचायत का नाम एवं निर्माण कार्यों की जानकारी उपलब्ध कराई जा सकेगी उपरोक्त जनपद पंचायत द्वारा वर्ष २०१५-१६ से प्रश्न दिनांक तक अपने चहेते सरपंचों को परफार्मेंस ग्रांट बिना सदस्यों की अनुमति के वितरण कर वित्तीय अनियमितता की जाँच कर कार्यवाही कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) अधिकतम राशि उल्लेखित करने वाली ग्राम पंचायत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार उल्लेखित ग्राम पंचायत बहरारा जागीर एवं नेपरी है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन विभाग की जमीन पर अतिक्रमण हटाया जाना
[वन]
128. ( क्र. 5650 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि. अता. प्रश्न संख्या-105 (क्रं. ७५६०) दिनांक २९-०३-२०१६ के उत्तरांश (घ) में यह अवगत कराया गया कि ०२ हेक्टेयर क्षेत्र अतिक्रमण से मुक्त कराने की कार्यवाही की जा रही है, तो अब तक क्या कार्यवाही की गई अद्यतन जानकारी देवें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित अतिक्रमण को हटाया जा चुका है? यदि नहीं, तो अतिक्रमण न हटाये जाने के क्या कारण हैं? अतिक्रमण कब तक हटाया जा सकेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नाधीन वन भूमि दिनांक 30.06.2016 को ही अतिक्रमण से मुक्त करायी जा चुकी है। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पेवर्स निर्माण कार्य की राशि जारी करना
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
129. ( क्र. 5668 ) श्री उमंग सिंघार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की गंधवानी विधानसभा क्षेत्र अतंर्गत विकासखण्ड गंधवानी के ग्राम पंचायत गंधवानी के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र परिसर में पेवर्स के निर्माण कार्य हेतु विधायक निधि वर्ष 2016-17 में 7 लाख 50 हजार रूपये की स्वीकृति हेतु पत्र क्रमांक 7396/दिनांक 17.06.16 को प्रश्नकर्ता द्वारा जारी किया गया था? (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार क्या तकनीकी स्वीकृति आदेश एवं प्रशासकीय स्वीकृति आदेश जारी होने के बाद भी क्रियान्वयन एजेंसी को राशि जारी नहीं की गई? कारण स्पष्ट करें तथा उक्त राशि क्रियान्वयन एजेंसी को कब तक जारी कर दी जायेगी? (ग) उक्त कार्य हेतु विधायक निधि की राशि के विलंब के लिये विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई तथा इसके लिये कौन अधिकारी जिम्मेदार है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) राशि समय-सीमा में जारी किये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मूलभूत एवं वित्त आयोग की राशि का प्रदाय
[नगरीय विकास एवं आवास]
130. ( क्र. 5681 ) चौधरी चन्द्रभान सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगरीय विकास एवं आवास द्वारा नगर पालिक निगम को मूलभूत एवं वित्त आयोग की राशि प्रदान की जाती है? यदि हाँ, तो इसका आधार क्या है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) से संबंधित राशि नगर पालिक निगम छिंदवाड़ा को प्रदान की जा रही है? यदि हाँ, तो नगर पालिक निगम गठन दिनांक से आज तक कितनी-कितनी राशि किस आधार पर प्रदान की गई है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) से संबंधित राशि जनसंख्या के अनुपात में प्रदान की जाती है? यदि हाँ, तो नगर पालिक निगम छिंदवाड़ा की वर्तमान जनसंख्या के आधार पर उक्त राशि प्रदान की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) से संबंधित राशि नगर पालिक निगम छिंदवाड़ा को वर्तमान जनसंख्या के आधार पर कब से प्रदान की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। राज्य वित्त आयोग की अनुशंसा। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ, जी हाँ, प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधि महाविद्यालय सीधी का विधिवत संचालन
[उच्च शिक्षा]
131. ( क्र. 5688 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिला मुख्यालय के विधि महाविद्यालय में स्वीकृत विभिन्न पदों में से भरे एवं रिक्त पदों का विवरण दें। (ख) उक्त महाविद्यालय में अभी तक किन-किन पदों में कौन-कौन से व्यक्तियों की पदास्थापना की गई है? यदि नहीं, कि गई है तो क्यों? (ग) प्रश्नांकित महाविद्यालय के समुचित संचालन हेतु वर्तमान में भवन स्टॉफ एवं अन्य क्या-क्या आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक करा दी जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) विधि महाविद्यालय सीधी में अभी किसी भी व्यक्ति की पदस्थापना नहीं की गई है। विधि विषय के पदों की पूर्ति हेतु मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग से विज्ञापन दिनांक 19.02.2016 जारी अनुसार चयनित अभ्यार्थियों की सूची प्राप्त होने पर पदों की पूर्ति की जावेगी। (ग) विधि महाविद्यालय संचालन हेतु भवन उपलब्ध नहीं है। शेष प्रश्नांश का 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पंचायत समन्वयक अधिकारी का वेतनमान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
132. ( क्र. 5711 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व में मध्यप्रदेश में ग्राम पंचायतों के सचिव पद पर दो प्रकार के कर्मचारी ग्राम सहायक एवं पंचायत कर्मी कार्यरत थे? क्या शासन द्वारा पंचायत कर्मियों को सचिव पद पर नियमित कर अगला वेतनमान दिया गया था? (ख) क्यों इसी प्रकार ग्राम सहायकों को शासन ने सचिव पद को हटाकर वरिष्ठ पद “पंचायत समन्वय अधिकारी“ पर नियुक्त कर ग्राम पंचायत का पर्यवेक्षण एवं निरीक्षण का कार्य सौंपा गया हैं? यदि हाँ, तो पंचायत समन्वय अधिकारी पद पर अगला वेतनमान क्यों नहीं दिया गया? (ग) क्या शासन पंचायत समन्वय अधिकारी को अगला वेतन देगा? यदि हाँ, तो कब तक दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। ग्राम सहायकों के पदों को पुर्नजीवित कर पंचायत समन्वय अधिकारी का नाम दिया गया है तथा पदोन्नति होने पर अगला वेतनमान स्वतः प्राप्त होने लगेगा। (ग) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सड़कों के मार्ग विभाजक
[नगरीय विकास एवं आवास]
133. ( क्र. 5725 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सड़कों की चौड़ाई के मान से उसके ऊपर बनने वाले मार्ग विभाजक की चौड़ाई तय की जाती है या नगर निगम या स्थानीय निकाय अपनी मर्जी से तय करते हैं? (ख) क्या मार्ग विभाजक की चौड़ाई तय करने की कोई नीति बनाई गई है? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावें। (ग) यदि नहीं, तो क्या सड़कों की चौड़ाई के मान से मार्ग विभाजक की चौड़ाई तय की जाएगी या कोई नीति बनाई जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) सड़कों के चौड़ाई के मान से उसके ऊपर बनने वाले मार्ग विभाजक की चौड़ाई भारतीय सड़क कांग्रेस के मानक IRC 86:1983 के अनुसार किया जाना चाहिए परंतु नगरीय निकायों द्वारा सड़कों की चौड़ाई, उन पर मिश्रित यातायात आदि को दृष्टिगत रखते हुए स्थानीय रूप से मार्ग विभाजक की चौड़ाई तय कर ली जाती है। (ख) नगरीय क्षेत्रों में मार्ग विभाजक की चौड़ाई का निर्धारण यदपि उत्तरांश (क) के अनुसार किया जाना चाहिए तथापि स्थानीय आवश्यकताओं को देखते हुए नीति बनाई जाने की आवश्यकता है। (ग) जी हाँ।
अवैध कॉलानियों का नियमितीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
134. ( क्र. 5726 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 5 इन्दौर में कितनी अवैध कॉलोनियाँ हैं? (ख) अवैध कॉलोनियों के नियमितीकरण में नगर-निगम इन्दौर द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? नियमितीकरण में क्या परेशानी आ रही है? कब तक नियमितीकरण किया जावेगा? कॉलोनीवार बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) इंदौर के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 05 में 221 अवैध कॉलोनियाँ हैं। (ख) म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण निर्बधंन तथा शर्ते) नियम 1998 के प्रावधानों के अनुसार नगर निगम इंदौर द्वारा कार्यवाही की जा रही है। नियमितीकरण के कार्यवाही में आ रही कठिनाईयों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
राशि की वसूली
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
135. ( क्र. 5738 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला अनूपपुर अन्तर्गत ग्राम पंचायत देवगमा जनपत पंचायत अनूपपुर तत्कालीन सचिव श्री शुक्ला के विरूद्ध विभागी जाँच में अनियमितता एवं राशि ख्यानत करने कि पुष्टि हुई है। यदि हाँ, तो दोषी सचिव के विरूद्ध क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई। (ख) क्या प्रश्नांकित सचिव के विरूद्ध पुलिस में प्रकरण दर्ज कराया गया है। यदि हाँ, तो कब यदि नहीं, तो कारण बतायें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। श्री राजकुमार शुक्ला को सचिव पद से पृथक कर दिया है। (ख) प्रकरण मान. उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा पारित आदेशानुसार प्रकरण न्यायालय कलेक्टर के यहां विचाराधीन है। सक्षम न्यायालय द्वारा पारित पर ही आगामी कार्यवाही संभव है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अन्त्योदय कार्डधारी द्वारा मध्यान्ह भोजन का अनुश्रवण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
136. ( क्र. 5752 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में अन्त्योदय कार्डधारी निराश्रित वरिष्ठ नागरिकों द्वारा मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के अनुश्रवण किए जाने के संबंध में कोई निर्देश जारी किए गए हैं? यदि हाँ, तो क्या? निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या बैतूल जिले में उक्त निर्देशानुसार अन्त्योदय कार्डधारी निराश्रितों का चयन कर लिया गया है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या चयनित अन्त्योदय कार्डधारी निराश्रितों से अनुश्रवण एवं निरीक्षण कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो माह जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक बैतूल विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किए गए अनुश्रवण एवं निरीक्षण की जानकारी दें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ“ अनुसार है। (ख) जी हाँ। चयन वर्ष 2012 में किया गया। (ग) जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “ब“ अनुसार है।
शासकीय निर्माण कार्य
[खनिज साधन]
137. ( क्र. 5757 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार यह मानती है कि शासकीय निर्माण कार्य आवश्यक है? यदि हाँ, तो निर्माण कार्यों में उपयोग होने वाली रेत मिट्टी एवं गिट्टी के संबंध में क्या नियम है? (ख) क्या इन नियमों का और सरलीकरण किए जाने पर सरकार विचार कर रही है, जिससे रेत, गिट्टी आसानी से उपलब्ध हो सके? (ग) क्या पंचायत द्वारा पंचायत क्षेत्र में होने वाले निर्माण कार्यों के लिए पंचायत क्षेत्र में स्थित नदी-नालों से रेत निकालकर निर्माण कार्य कराया जा सकता है? यदि हाँ, तो इस संबंध में जारी निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) यदि नहीं, तो क्या सरकार इस संबंध में कोई आदेश/स्वीकृति जारी करेगी, जिससे निर्माण कार्यों में रेत आसानी से मिल सके?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। प्रश्नानुसार शासकीय निर्माण कार्य हेतु मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 का नियम 68 प्रावधानित है। इसके अतिरिक्त स्वीकृत खदानों से इन खनिजों का उपयोग क्रय करके किया जा सकता है। (ख) प्रदेश में इन खनिजों की अनुपलब्धता जैसी स्थिति नहीं है न ही इन कारणों से नियमों के सरलीकरण किये जाने पर विचार किया जा रहा है। (ग) इस संबंध में मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 का नियम 3 (3) प्रावधानित है। यह नियम अधिसूचित नियम है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में दिये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधूरे पंचायत भवन का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
138. ( क्र. 5799 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड सिरमौर के ग्राम पंचायत सुरवार के पंचायत भवन के निर्माण प्रारंभ हुए तीन वर्ष हो चुके हैं परन्तु क्या कारण है कि निर्माणाधीन पंचायत भवन अभी तक पूर्ण नहीं हो सका? (ख) उक्त अधूरे पड़े पंचायत भवन को विभाग द्वारा कब तक पूर्ण किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सरपंच, सचिव एवं उपयंत्री की लापरवाही, उदासीनता तथा मॉनिटरिंग न करने के कारण। (ख) भवन निर्माण का कार्य लिंटल लेवल तक पूर्ण हो चुका है कार्य प्रगतिरत है।
बी.आर.जी.एफ. योजनान्तर्गत पंचायत भवन निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
139. ( क्र. 5802 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बी.आर.जी.एफ. योजनान्तर्गत पंचायत भवन जवा के निर्माण हेतु सन 2007-08 में कितनी राशि का आवंटन शासन द्वारा किया गया था? (ख) क्या आवंटित राशि के द्वारा पंचायत भवन जवा का निर्माण कार्य पूर्ण करा लिया गया था अथवा नहीं? यदि नहीं, तो उक्त आवंटित राशि का क्या उपयोग किया गया? (ग) उक्त योजनान्तर्गत प्रायोजित निर्माण कार्य के अधूरा होने के क्या कारण हैं? उक्त निर्माण को कब तक पूरा किया जा सकेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। राशि रू 5.00 लाख। (ख) जी नहीं। आहरित राशि रू 5.00 लाख में से मूल्यांकन अनुसार रु. 390568.00 का उपयोग किया है। (ग) विषयांकित कार्य हेतु उपलब्ध कराई गई राशि का शत्-प्रतिशत् उपयोग न करने के कारण। तत्कालीन सरपंच एवं सचिव से शेष राशि वसूलने की कार्यवाही प्रचलन में है। इसलिये समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
नगर पालिका मंदसौर द्वारा खेल मैदान निर्माण में विलंब
[नगरीय विकास एवं आवास]
140. ( क्र. 5823 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मंदसौर शहर के बालागंज स्कूल खेल मैदान परिसर पर मिनी स्टेडियम निर्माण को लेकर शासन की साधिकार समिति की अनुशंसा पर केबिनेट के निर्णय अनुसार नगर पालिका को निर्माण कार्य योजना तैयार करने का निर्णय किया गया था? यदि हाँ, तो किस वर्ष? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित क्या शासन निर्णय के परिपालन में नगर पालिका ने कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की? प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही से अवगत करायें। (ग) क्या स्कूल शिक्षा विभाग आधिपत्य के खेल परिसर को विकसित करने में नगर पालिका के अधिकारियों, कर्मचारियों ने लापरवाही की है? कार्य विलम्ब के लिए कौन जिम्मेदार है? नगर पालिका द्वारा कब तक खेल मैदान निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। राज्य शासन द्वारा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बालागंज, मंदसौर की परिसर भूमि पर खेल कॉम्प्लेक्स एवं वाणिज्य उपयोग के द्वितीय चरण के निर्माण हेतु पुर्नघनत्वीकरण योजना के क्रियान्वयन करने के लिये नगर पालिका, मंदसौर को पर्यवेक्षण एजेन्सी बनाये जाने की अनुमति वर्ष 2012 में प्रदान की गई है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से प्राप्त राशि का उपयोग न किया जाना
[उच्च शिक्षा]
141. ( क्र. 5833 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के शासकीय महाविद्यालय लहार, बालाजी (मिहोना) एवं आलमपुर को वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार) से किन-किन कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई? (ख) उक्त प्राप्त राशि का उपयोग किन-किन कार्यों हेतु किया गया? प्रत्येक कार्य में व्यय राशि का विवरण दें? (ग) क्या छात्रों एवं महाविद्यालयों की सुविधा हेतु विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से प्राप्त राशि को अभी तक खर्च नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो इसके लिए संबंधित दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या उक्त उपलब्ध राशि का समय-सीमा में उपयोग न करने के कारण यदि राशि लेप्स होती है तो संबंधितों से राशि की वसूली की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) भिण्ड जिले के शासकीय महाविद्यालय लहार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा सत्र 2015-16 में रूपये 10.00 लाख तथा सत्र 2016-17 में राशि रूपये 2,26,800/- विकास कार्य हेतु प्राप्त हुई। बालाजी (मिहोना) एवं आलमपुर को किसी भी कार्य हेतु राशि प्राप्त नहीं हुई है। (ख) शासकीय महाविद्यालय लहार में प्राप्त राशि का उपयोग नहीं किया गया। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। शास. महाविद्यालय लहार में प्राचार्य तथा अन्य शैक्षणिक पद रिक्त होने से राशि व्यय नहीं की गई। यह राशि अभी लेप्स नहीं हुई है, क्योंकि 12वीं पंचवर्षीय योजनान्तर्गत यह राशि 01.04.2012 से 31.03.2017 तक के लिये है। दिनांक 31.03.2017 तक व्यय हेतु सीमित समयावधि होने के कारण यूजीसी से समय-सीमा बढ़ाने हेतु कार्यवाही महाविद्यालय द्वारा की जा रही है। (घ) प्रश्नांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अध्यक्ष की अनुमति के बिना कार्य विभाजन किया जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
142. ( क्र. 5834 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत राज अधिनियम के तहत जिला पंचायत भिण्ड में गठित उप समितियों की बैठके 1 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा बुलाई जाकर संबंधित कार्यों का अनुमोदन प्राप्त किया गया? (ख) 01 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक जिला पंचायत भिण्ड में सामान्य प्रशासन समिति एवं अध्यक्ष की बिना स्वीकृति के किन-किन कार्यों हेतु अग्रिम दिया गया तथा कौन-कौन से कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ने व्यय की? (ग) क्या जिला पंचायत भिण्ड कार्यालय भिण्ड के अंतर्गत कर्मचारियों का कार्य विभाजन सामान्य प्रशासन समिति व अध्यक्ष की अनुमति से करने का नियम है? यदि हाँ, तो मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत भिण्ड ने बिना अनुमति के कार्य विभाजन किन नियमों के तहत किया है? यदि नियम विरूद्ध कार्य विभाजन किया गया है तो क्या उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) 01 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक सामान्य प्रशासन समिति के अनुमोदन के बिना किसी भी कार्य के लिये अग्रिम नहीं दिया गया है। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 52 की उपधारा (1) के खंड (बारह) तथा धारा-47 की उपधारा (1) के खण्ड (क) के प्रावधान अनुसार जिला पंचायत के नियुक्त कर्मचारियों के प्रशासन तथा उन पर नियंत्रण क्रमशः जिला पंचायत एवं जिला पंचायत की सामान्य प्रशासन समिति का है। जिला पंचायत भिण्ड में शासकीय कार्य सुविधा की दृष्टि से किये जाने वाले कार्य विभाजन से यथा समय मान. अध्यक्ष को अवगत कराया जाता है।
मंदसौर शहर में खेल प्रशिक्षण प्रशाल निर्माण
[खेल और युवा कल्याण]
143. ( क्र. 5840 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मंदसौर शहर को खेल प्रशिक्षण प्रशाल निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हुई थी? यदि "हाँ" तो कौन से वर्ष में, इसमें कितनी धन राशि का आवंटन प्राप्त हुआ था? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में योजना का टेंडर, निर्माण एजेंसी तथा ठेकेदार के साथ कौन सी तिथि को अनुबंध किया गया था, कब कार्यादेश जारी किया गया? (ग) उक्त निर्माण कार्य कब तक पूरा होना था? क्या निर्माण कार्य में विलम्ब हुआ है? यदि हाँ, तो विलम्ब का कारण क्या है? क्या ठेकेदार को विलम्ब के चलते सूचना पत्र दिए गये थे? यदि "हाँ" तो कब-कब, किस-किस अधिकारी द्वारा, किस-किस दिनांक को कितनी-कितनी बार सूचना पत्र दिए गये? (घ) निर्माण कार्य की अद्यतन स्थिति क्या है? इसे कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ वर्ष 2011 में रू. 40.00 लाख की लागत को अनुमोदित किया गया है। (ख) निर्माण एजेंसी एवं ठेकेदार के साथ दिनांक 01.10.2013 को अनुबंध किया गया था। तथा दिनांक 01.10.2013 को कार्यदेश जारी किया था। (ग) खेल प्रशिक्षण केन्द्र का निर्माण कार्य जुलाई 2014 तक पूर्ण होना था। ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य में विलंब किया गया है। जी हाँ, ठेकेदार को भी विलंब के लिए मुख्य नगर पालिका अधिकारी मंदसौर द्वारा सूचना पत्र क्रमांक 426 दिनांक 09.02.2013, 9 दि. 18.01.14, 544 दि. 11.02.14, 1350 दि. 07.05.14, 1415 दि. 15.05.14, 2308 दि. 06.08.14, 3812 दि. 23.12.14, 1465 दि. 22.04.14, 1592 दि. 28.04.15, 389 दि. 05.02.15, क्रं. 169 दि. 05.05.15, क्रं. 5316 दि. 19.11.15, 413 दि. 20.01.16, 1946 दि. 22.04.16 एवं 4175 दि. 30.08.16 को सूचना पत्र दिये गये है। (घ) निर्माण कार्य 90 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। निर्माण पूर्ण होने की निश्चित समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
निराश्रित पेंशन धारियों की पेंशन बढाने
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
144. ( क्र. 5879 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में निराश्रितों एवं पात्रता रखने वाले बी.पी.एल. परिवारों को राज्य शासन द्वारा प्रति माह जो पेंशन दी जाती है वह अन्य राज्यों की अपेक्षा काफी कम है? (ख) क्या न्यूनतम पेंशन 1000/- रूपये या इससे अधिक प्रतिमाह प्रत्येक प्रकार के पेंशनधारियों को मिले, इसके लिये शासन द्वारा कोई योजना बनाई जा रही है? (ग) यदि योजना नहीं बनाई गयी है तो कब तक बना ली जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। वर्तमान में शासन स्तर पर पेंशन वृद्धि का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्रामीण क्षेत्र की खेल प्रतिभाओं हेतु योजना
[खेल और युवा कल्याण]
145. ( क्र. 5880 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्रों में संचालित खेल प्रतियोगिताओं के 10 सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों का चयन कर उन्हें जिला स्तर पर खेलने का मौका देने या उन्हें जिला स्तर पर प्रशिक्षित करने की कोई योजना है ताकि ग्रामीण युवाओं को आगे बढ़ने का मौका मिले? क्या विभाग द्वारा ऐसी कोई योजना बनाई जा रही है? (ख) यदि नहीं, तो कब तक बना ली जावेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं। (ख) अभी ऐसी कोई योजना बनाने का प्रस्ताव नहीं है।
जंगली जानवरों से फसलों की सुरक्षा
[वन]
146. ( क्र. 5889 ) श्री रामपाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिये कृत संकल्पित है? (ख) यदि हाँ, तो क्या विधान सभा क्षेत्र ब्यौहारी सहित संपूर्ण शहडोल जिले के वन क्षेत्र से लगे हुये किसानों की फसलों को जंगली सुअर, रोझर तथा अन्य जानवरों द्वारा नष्ट कर दिया जाता है क्या ऐसी स्थिति में किसान या तो खेती करना बंद कर रहे हैं? (ग) क्या विभाग द्वारा जंगली जानवरों को वन क्षेत्र तक सीमित रखने की योजना बनायी जावेगी अथवा जंगल से लगे हुये किसानों को बाउण्ड्री इत्यादि बनाने के लिये अनुदान प्रदान किया जावेगा? यदि हाँ, तो उसकी प्रक्रिया क्या होगी यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) विधानसभा क्षेत्र ब्यौहारी जिला शहडोल के अन्तर्गत स्थित वनक्षेत्र से लगे हुए किसानों की फसलों को जंगली सुअर, रोजड़ा (नीलगाय) तथा अन्य वन्यप्राणियों द्वारा आंशिक रूप से नष्ट करने के प्रकरण प्रकाश में आये हैं। मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम 2010 की सेवा क्रमांक 4.6 के तहत् वन्यप्राणियों से फसलहानि होने पर इन प्रकरणों की जाँच एवं क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान राजस्व विभाग द्वारा प्रभावित कृषकों को किये जाने का प्रावधान है। किसानों द्वारा खेती बंद करने की कोई सूचना इस कार्यालय में नहीं है। (ग) वनक्षेत्र में चारागाह विकास, जल स्रोतों आदि की स्थापना कर वन्यप्राणियों को वनक्षेत्र के अन्दर ही सीमित रखने के प्रयास किये जाते हैं। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत कृषि विभाग द्वारा वन्यप्राणियों से फसल नुकसानी को रोकने हेतु सोलर फैंसिंग कराने के लिए अनुदान राशि उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है। कृषक कृषि विभाग में सम्पर्क कर उक्त योजना का लाभ प्राप्त कर सकते है।
प्राक्कलन स्थानीय परिस्थिति के अनुरूप बनाये जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
147. ( क्र. 5907 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में ग्राम पंचायतों में प्राप्त 14वां वित आयोग की राशि से सीमेंट कॉक्रिट निर्माण कार्य 800/- प्रति वर्ग मीटर कि दर से कराया जाना सुनिश्चित किया गया है? यदि हाँ, तो इस मानक प्राक्कलन में रेत गिट्टी सीमेंट मुरूम की परिवहन दूरी क्या निर्धारित की गई है? प्राक्कलन की प्रतिलिपी उपलब्ध करावें? (ख) क्या सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में सीमेंट कॉक्रिट का कार्य बालू रेती से निर्माण कराये जाने हेतु कार्य एजेंसी को बाध्यता है? यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश में कौन-कौन सी नदियों में बालू रेती प्राप्त होती है? क्या सभी ग्राम पंचायतों की परिवहन दर समान रूप से लगेगी? (ग) यदि नहीं, तो जिन ग्राम पंचायतों में बालू रेती परिवहन की दूरी 100 कि.मी. से अधिक है (जैसे जनपद पंचायत क्षेत्र झिरन्या एवं अन्य) वहां पर कार्य एजेंसी कैसे बालू रेती से कार्य करायेगी? (घ) क्या स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप सामग्री परिवहन दूरी, स्थानीय उपयंत्रियों एवं सहायक यंत्रियों को प्राक्कलन में संशोधन करने का अधिकार है? यदि हाँ, तो कौन से निर्देश हैं जिससे यह संशोधन कर सकते हैं? उपलब्ध करावें यदि नहीं, तो जहाँ पर बालू रेती कि परिवहन दूरी अधिक है वहाँ पर गुणवत्ता पूर्वक सीमेन्ट कॉक्रीट का निर्माण कैसे संभव होगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। ये दरें ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के फरवरी, 2016 की दर अनुसूची (एस.ओ.आर.) के आधार पर मानक दर/प्राक्कलन पर आधारित है। मानक दर/प्राक्कलन संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सीमेंट कांक्रीट निर्माण के लिए रेत मानक आईएस 383-1970 निर्धारित है, इसके अनुरूप ही रेत का उपयोग सीमेंट कांक्रीट निर्माण में किए जाने की बाध्यता है, न कि केवल नदियों की बालू रेत की। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। आवश्यकता नहीं है, उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
जिला खनिज प्रतिष्ठान का गठन
[खनिज साधन]
148. ( क्र. 5912 ) श्री संजय उइके : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश खनिज प्रतिष्ठान नियम 2016 के अन्तर्गत खनन प्रभावित क्षेत्र के विकास हेतु जिला खनिज प्रतिष्ठान का गठन किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो जिला खनिज प्रतिष्ठान मण्डल में लोक सभा सदस्य, विधानसभा सदस्य, जिनके निर्वाचन क्षेत्र में कोई मुख्य खनिज रियायते स्थित हैं एवं अध्यक्ष जिला पंचायत तथा प्रभावित क्षेत्रों के शहरी, स्थानीय निकाय के अध्यक्ष ही पदेन सदस्य होंगे? अन्य कोई दूसरा अप्रभावित क्षेत्र के उक्त प्रतिनिधि नहीं होंगे? (ग) जिला खनिज प्रतिष्ठान के अन्तर्गत गौण खनिज उत्खनन क्षेत्र सम्मिलित है या नहीं? मुख्य खनिज रियायतें कौन-कौन सी हैं? क्या खनन अप्रभावित क्षेत्र में भी राशि व्यय की जा सकती है? (घ) क्या मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम 2016 के नियमानुसार खनन प्रभावित क्षेत्र एवं अप्रत्यक्ष प्रभावित क्षेत्र में ही निधि की राशि व्यय किया जा सकता है अन्य क्षेत्रों में नहीं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 में यह विभेद नहीं है कि, खनन प्रभावित क्षेत्र में मुख्य खनिज के खनन का क्षेत्र होगा अथवा गौण खनिज उत्खनन का क्षेत्र। ऐसे समस्त खनिजों की रियायतें, खान एवं खनिज (विकास तथा विनियमन) अधिनियम, 1957 की धारा 3 (ड.) में अधिसूचित खनिज को छोड़कर, मुख्य खनिज की रियायतें हैं। जी नहीं। (घ) जी हाँ।
वृद्धा एवं विधवा पेंशन योजना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
149. ( क्र. 5918 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में वृद्धा एवं विधवा पेंशन योजना कार्यरत है? (ख) यदि हाँ, तो भारत सरकार द्वारा उक्त योजनाओं में कितनी राशि उपलब्ध कराई जाती है? (ग) रतलाम जिले कि सैलाना विधानसभा में कितने लोगो को वृद्धा एवं विधवा पेंशन प्रदान की जा रही है? तहसीलवार जानकारी देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) भारत सरकार/राज्य शासन द्वारा निम्नांकित दर से पेंशन प्रदाय की जाती हैः- 1. वृद्धावस्था पेंशन वर्ष 60 से 79 वर्ष की आयु तक राशि 200/- केन्द्रांश एवं राशि 100/- राज्यांश मिलाकर रूपये 300/- प्रति माह प्रति हितग्राही को पेंशन प्रदाय की जाती है। 2. वृद्धावस्था पेंशन 80 वर्ष से ऊपर आयु वालो वृद्धों को रूपये 500/- केन्द्रांश प्रति माह प्रति हितग्राही के मान से प्रदाय की जाती है। 3. विधवा पेंशन रूपये 300/- केन्द्रांश प्रति माह प्रति हितग्राही के मान से प्रदाय की जाती है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
होशंगाबाद में संविदा शिक्षकों/अध्यापकों की बहाली में अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
150. ( क्र. 6005 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद जिले में वर्ष 2005 से 2012 की अवधि में कर्तव्य से अनुपस्थित रहे किन-किन संविदा शिक्षकों/अध्यापकों को जिला पंचायत होशंगाबाद द्वारा बहाल किया गया? बहाल किये गये संविदा शिक्षकों/अध्यापकों के नाम, पदनाम, पदस्थापना, स्थल सहित जानकारी देवे? क्या उक्त निर्णय नियमानुकुल है? (ख) क्या प्रश्नांक (क) में उल्लेखित संविदा शिक्षकों/अध्यापकों को सेवा समाप्ति जिला पंचायत होशंगाबाद द्वारा कब-कब की गई? (ग) अनुपस्थित संविदा शिक्षकों/अध्यापकों की बहाली हेतु क्या शासन से मार्गदर्शन प्राप्त किय गया? किन नियमों के आधार पर इन्हें बहाल किया गया? (घ) संविदा शिक्षकों/अध्यापकों की बहाली संबंधी आदेश पर किस दिनांक को किस अधिकारी द्वारा हस्ताक्षर किये गये एवं बहाली संबंधी आदेश एजुकेशन पोर्टल पर किस दिनांक को अपलोड किया गया? बहाली आदेश को पोर्टल पर अपलोड किये जाने में विलंब के क्या कारण रहें? (ड.) अनुपस्थिति अवधि के दौरान अनुपस्थित संविदा शिक्षकों/अध्यापकों के संबंध में आपराधिक रिकार्ड जेल जाने किसी दूसरी संस्था में काम न करने आदि के बारे में दिये शपथ पत्र का सत्यापन किसके द्वारा और कब कराया गया? (च) ऐसे कितने संविदा शिक्षक/अध्यापक है जिनकी बहाली नहीं की जा सकती है नामवार जानकारी देवे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार। विद्यार्थियों के शैक्षणिक भविष्य को ध्यान में रखते हुये कर्तव्य से अनुपस्थित दिवस का कार्य नहीं वेतन नहीं सिद्वांत को आधार मानते हुये बहाली का निर्णय नियोक्ता ने लिया। (ख) उत्तरांश 'क' में उल्लेखित किसी भी संविदा शाला शिक्षक/अध्यापकों की सेवा कभी भी समाप्त नहीं की गई। (ग) संविदा शाला शिक्षकों/अध्यापकों की सेवाएं नियोजन एवं सेवा शर्तों के अध्यधीन मध्यप्रदेश पंचायत सेवा (आचरण) नियम, 1998 के नियम 23 के अनुसार कारण बताओं सूचना पत्र जारी कर संबंधितों से प्राप्त उत्तर में उल्लेखित गुण-दोषों के आधार पर नियोक्ता/नियंत्रण अधिकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत होने के फलस्वरूप 'कार्य नहीं वेतन नहीं' के सिद्धांत पर सेवा में पुनः बहाल करने का निर्णय लिया गया। (घ) संविदा शिक्षकों/अध्यापकों की बहाली संबंधी आदेश दिनांक 30/06/12 एवं दिनांक 02/11/2016 तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत होशंगाबाद के द्वारा जारी किये गये। दिनांक 02.11.2016 को जारी आदेश जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से दिनांक 07.11.2016 को अपलोड किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ङ) प्रश्नांकित जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी होशंगाबाद के पत्र क्रमांक 7006 दिनांक 30.11.2016 के माध्यम से संबंधित प्राचार्यों को निर्देशित कर दी गई है। (च) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
सड़क के किनारे संचालित ढाबे में शौचालय
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
151. ( क्र. 6009 ) श्री गिरीश गौतम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में रीवा से हनुमना एवं मनगवां से चाकघाट सड़क के किनारे कितने ढाबे संचालित है उनके नाम, पते सहित जानकारी देवें? (ख) ढाबों का संचालन लायसेंस किस संस्था से प्राप्त किया गया है सूची उपलब्ध करायें? (ग) क्या उक्त प्रश्नांकित सभी ढाबों में शौचालय का निर्माण किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? बिना शौचालय के ढाबों की संख्या एवं उनका विवरण उपलब्ध कराये तथा सभी ढाबों में शत-प्रतिशत शौचालय निर्माण करने के लिए क्या कार्यवाही की जायेगी तथा इसे कब तक पूर्ण कर दिया जायेगा? शौचालय विहीन ढाबों के संचालकों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी तथा उन्हें कब तक बन्द कर दिया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) उप संचालक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, रीवा में पंजीकृत ढाबों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) शौचालय विहीन ढाबों में शौचालय निर्माण कराने के लिए मार्च 2017 तक का समय दिया गया है। इस अवधि में शौचालय निर्माण नहीं कराने की दशा में ढाबों को बंद करने की कार्यवाही करने के निर्देश जिला कलेक्टर ने दिये है।
लक्ष्य का आवंटन पंचायतवार समान रूप से न किये जाने
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
152. ( क्र. 6049 ) श्री कल्याण सिंह ठाकुर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा विधानसभा क्षेत्र जो विकासखण्ड विदिशा एवं ग्यारसपुर आता है, इसमें प्रधानमंत्री आवास (ग्रामीण) योजना में लक्ष्य का आवंटन किस प्रक्रिया से किया गया है? (ख) क्या प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2016-17 में आवंटित किया गया है जिसमें प्रत्येक पंचायत को जनसंख्या अनुसार समान भाग में दिया गया है? (ग) क्या प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) संचालित है जनपद पंचायत ग्यारसपुर का कुल लक्ष्य 1162 एवं जनपद पंचायत विदिशा का कुल लक्ष्य 759 को पंचायतवार समान भाग में आवंटित किया गया है? नहीं तो क्यों? (घ) क्या प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) को आवंटित लक्ष्य अनुसार पंचायतवार समान भाग में हितग्राहियों की पात्रता अनुसार लक्ष्यों को समय-सीमा में आवंटित किये जाने का निर्धारण किया जावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत लक्ष्य का निर्धारण SECC-2011 में सूचीबद्ध परिवारों में से सर्वोच्च प्राथमिकता आवासहीन परिवारों को, द्वितीय प्राथमिकता शून्य कक्ष कच्चा आवास श्रेणी परिवारों को एवं तृतीय प्राथमिकता एक कक्ष कच्चा श्रेणी आवास परिवारों को उनकी परस्पर वंचितता की तीव्रता के आधार पर किया गया है। (ख) से (घ) जी नहीं। जी नहीं। योजना के तहत लक्ष्य का निर्धारण क्षेत्र पर आधारित नहीं होकर हितग्राही की परस्पर वंचितता पर आधारित है। अतः शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
ग्रीष्मकालीन अवधि में पेयजल आपूर्ति हेतु
[नगरीय विकास एवं आवास]
153. ( क्र. 6054 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वार्ड 61 से 66 के अतंर्गत ग्रीष्मकालीन अवधि में पेयजल आपूर्ति हेतु नगर निगम ग्वालियर द्वारा क्या योजना बनाई गई है, वार्डवार बताई जावें? (ख) क्या नगर निगम ग्वालियर द्वारा अमृत योजना के अतंर्गत वार्ड 61 से 66 को सम्मिलित किया गया? यदि हाँ, तो अमृत योजना के तहत क्या-क्या कार्य कराये जावेंगे? कराये जाने वाले कार्यों की वार्डवार डी.पी.आर. उपलब्ध कराई जाये? (ग) क्या म.प्र. शासन द्वारा प्रदेश के पांचों छावनी परिषदों को नगरीय निकाय की श्रेणी में सम्मिलित किया है यदि हाँ, तो किस दिनांक से अमल में लाया गया है तिथि एवं आदेश की प्रति उपलब्ध कराई जाये म.प्र. शासन द्वारा छावनी परिषदों को सरकार द्वारा विकास कार्यों एवं मूलभूत सुविधाओं हेतु किस मापदण्ड के तहत राशि दी जायेगी तथा दी जाने वाली राशि से कौन-कौन से विकास कार्य कराये जा सकेंगे तथा छावनी परिषदों को प्रतिवर्ष कितनी-कितनी राशि उपलब्ध कराई जावेगी? (घ) क्या म.प्र. शासन द्वारा अमृत योजना के तहत प्रदेश की छावनी परिषदों को सम्मिलित किया गया है यदि हाँ, तो योजना का लाभ छावनी परिषदों को कब से दिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। वार्डवार पेयजल योजना निम्नानुसार है :-
ग्रीष्मकालीन अवधि हेतु प्रस्तावित योजना |
||
वार्ड क्रमांक |
परिवहन |
नलकूप |
61 |
06 टैंकर |
08 |
62 |
03 टैंकर |
08 |
63 |
03 टैंकर |
08 |
64 |
05 टैंकर |
08 |
65 |
07 टैंकर |
08 |
66 |
07 टैंकर |
08 |
(ख) जी हाँ। अमृत योजनांतर्गत प्रत्येक घर नल द्वारा पेयजल उपलब्ध कराना लक्षित है। प्रश्नांश में उल्लेखित वार्डों के लिये विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार किया जा रहा है, जिससे अभी उपलब्ध कराना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। दिनांक 09 जनवरी, 2017 से आदेश की प्रति जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। राज्य वित्त आयोग की अनुशंसा पर वर्तमान जनसंख्या के अनुसार नागरिकों को बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने हेतु दिये जाने वाले अनुदान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) छावनी परिषद के पाँच शहरों में से अमृत योजनांतर्गत नगर पालिक निगम, ग्वालियर, जबलपुर एवं सागर सम्मिलित हैं। ग्वालियर, नगर निगम अंतर्गत स्वीकृत किये गये पेयजल एवं सीवरेज विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन में छावनी परिषद् की सिविल एरिया में प्रावधान किया गया है। डिफेंस एरिया में बल्क कनेक्शन का प्रावधान किया गया है। सागर शहर में अमृत योजना से क्रियान्वित की जा रही सीवरेज परियोजना का विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन दिनांक 15.02.2016 को स्वीकृत हो जाने के कारण छावनी परिषद् को सम्मिलित नहीं किया गया है। जबलपुर शहर की छावनी परिषद् क्षेत्र में छावनी परिषद् द्वारा पेयजल एवं सीवरेज की परियोजना का विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार कर लिया गया है। विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन छावनी परिषद् द्वारा भारत सरकार, रक्षा मंत्रालय को प्रेषित किया जा रहा है।
सामान्य श्रेणी/अस्थाई श्रेणी की विकलांगता
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
154. ( क्र. 6061 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकलांगता को कितने भागों में विभाजित किया गया है? क्या 40 प्रतिशत् की विकलांगता सामान्य श्रेणी की विकलांगता की श्रेणी में आती है एवं विकलांगता का निर्धारण करने का अधिकार किसे प्राप्त है? (ख) प्रश्नांश (क) के अतंर्गत क्या सामान्य श्रेणी/अस्थाई विकलांगता का इलाज या ऑपरेशन से ठीक हो सकती है उत्तर में यदि हाँ, तो समाज कल्याण विभाग का ज्ञापन क्रमांक 2248/26-2/88 दिनांक 07.07.1988 के अतंर्गत जारी आदेश की छायाप्रति देवे एवं यह भी बतलावें की इसके अतंर्गत कार्यरत शासकीय कर्मचारियों को विकलांगता के ठीक हो जाने पर किन-किन लाभों से वंचित किया जाता है? (ग) प्रश्नांश (ख) अतंर्गत विकलांगता का लाभ ले रहे जबलपुर जिले अतंर्गत शिक्षा विभाग के कौन-कौन से कर्मचारियों/अधिकारियों ने विकलांगता के ठीक हो जाने पर सेवा पुस्तिका में कब उसका संधारण कराकर विकलांगता भत्तों का लाभ लेना बंद किया है, सूची देवें? (घ) सामान्य विकलांगता अथवा विकलांगता ठीक होने पर बोर्ड से प्रमाण पत्र प्राप्त कर्मचारियों का शासकीय स्तर पर बार-बार परीक्षण कराने का क्या कोई प्रावधान है, यदि नहीं, तो प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित विकलांगता के ठीक हो जाने पर सेवा पुस्तिका में संधारण कराने वाले कर्मचारियों को क्या पुन: बार-बार परीक्षण कराने का आदेश देने का क्या कारण है? क्या शासन इसकी जाँच कराकर अकारण कर्मचारियों को परेशान करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा? उत्तर में यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक, यदि नहीं, तो क्यों नहीं बतलावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) निःशक्त व्यक्ति (समान अवसर, अधिकार संरक्षण और पूर्ण भागीदारी) अधिनियम 1995 अनुसार विकलांगता को सात भागों मैं विभाजित किया गया है। उक्त अधिनियम की धारा 2 (न) निःशक्त व्यक्ति से अभिप्रेत ऐसा कोई व्यक्ति है, जो किसी चिकित्सा प्राधिकारी द्वारा अभिप्रमाणित किसी निःशक्तता के कम से कम 40 प्रतिशत से ग्रस्त है। (ख) चिकित्सक के एसेसमेंट के पश्चात् ही निःशक्तता प्रमाणित की जा सकती है। समाज कल्याण विभाग का ज्ञापन दिनांक 07/07/88 की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। निःशक्त व्यक्तियों को दी जाने वाली सुविधा का लाभ सशक्त कर्मचारियों को दिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। (ग) विकलांगता भत्ते का कोई प्रावधान नहीं है। अपितु वाहन/परिवहन भत्ता दिये जाने का प्रावधान है। (घ) निःशक्तता हेतु इलाज एक सतत् प्रक्रिया है। प्रभावित के प्रमाणीकरण एवं निःशक्तता में कमी/वृद्धि का आंकलन हेतु परीक्षण की अवधि का कोई मापदण्ड नहीं है।
शिवपुरी के अंतर्गत कराए गए वानिकी कार्य
[वन]
155. ( क्र. 6078 ) श्री रामसिंह यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जुलाई 2015 में वन मंडल शिवपुरी के अंतर्गत ई-भुगतान प्रारंभ होने पर वन परिक्षेत्रों में लगाये मजदूरों की मजदूरी का भुगतान किया गया है? मजदूरी का कितना भुगतान किस बैंक के माध्यम से किया गया हैं? (ख) क्या वन मंडल शिवपुरी के अंतर्गत ई-भुगतान प्रारंभ होने पर समस्त वन परिक्षेत्रों में कराये गये वृक्षारोपण में एवं आई.एफ.एस. कूप वृक्षारोपणों, डैम वन मार्ग, अग्नि लाईन सफाई, फायरवाच आदि समस्त कार्यों में लगाये गये मजदूरों का भुगतान सही हुआ है? (ग) क्या उक्त कार्य में लगाये गये मजदूरों ने ही वास्तव में यहाँ कार्य किया है? इन मजदूरों ने अन्य विभागों में इस अवधि में तो कोई कार्य नहीं किया? क्या लगाये गये मजूदर बाल मजदूर तो नहीं थे? क्या वन परिक्षेत्र अधिकारी ने निरीक्षण करते समय मजदूरों का सत्यापन किया था? (घ) यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ पर किन-किन वन परिक्षेत्र अधिकारियों ने निरीक्षण/सत्यापन किया था?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। जी नहीं। जी नहीं। जी हाँ। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
प्राप्त आवंटन प्लांटेशन एवं वन वृक्षों की गणना की जानकारी
[वन]
156. ( क्र. 6079 ) श्री रामसिंह यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन मण्डल शिवपुरी के अंतर्गत समस्त परिक्षत्रों के वन वृक्षों की गणना 05 विगत वर्षों में की गई वन मण्डल में विगत 5 वर्षों के वृक्षारोपण में पौधों की संख्या क्या है? (ख) शासन की विभिन्न योजनाओं के तहत वर्ष 2011-12 से वर्ष 2015-16 तक वर्षवार कहाँ कितने पौधों का पौधारोपण किया गया? उस पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ग) वित्तीय वर्ष 2011-12 से वर्ष 2015-16 तक कितने प्लांटेशन कहाँ-कहाँ पर कितने-कितने लगाए गए और उन पर कितनी राशि व्यय की गई? इनमें कितनी बाउण्ड्रीवॉल पर कितनी राशि व्यय की गई? उक्त प्लांटेशनों और बाउण्ड्रीवॉल की वर्तमान स्थिति क्या है वन परिक्षेत्रवार एवं कम्पार्टमेंट नम्बर सहित जानकारी दें? (घ) शिवपुरी जिले को वर्ष 2011-12 से वर्ष 2015-16 तक कितना-कितना, किस-किस मद में बजट प्राप्त हुआ है? उक्त प्राप्त बजट आवंटन किस-किस मद में कितना-कितना व्यय किया गया वर्षवार बताएं।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नही। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
खनिज खदान आधारित बंद उद्योग
[खनिज साधन]
157. ( क्र. 6098 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में वर्तमान में एसे कितने उद्योग समूह हैं जो खदानों के आवंटन के आधार पर संचालित हो रहे थे, किन्तु कतिपय कारणों से एसे उद्योग समूह बंद हो गये उनके नाम, स्थान सहित सम्पूर्ण जानकारी देवे? (ख) प्रश्नांश (क) अन्तर्गत प्रश्न दिनांक तक एसे उद्योगों को आवंटित खदानों की वर्तमान स्थिति, उद्योग समूह पर प्रशन दिनांक तक रॉयल्टी वसूली की स्थिति, उद्योग समूह पर कितनी राशि किस दिनांक से बकाया है? (ग) ऐसे बंद उद्योग से रायल्टी वसूली हेतु विभाग द्वारा कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई? इन उद्योगों को खदान हेतु कितनी-कितनी भूमि कब-कब दी गई, दी गई भूमि की जानकारी देवे?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन संभाग में नीमच जिले को छोड़कर शेष जिलों में खदानों का आवंटन उद्योग समूह को नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। नीमच जिले में अल्ट्राटेक औद्योगिक समूह को सीमेंट संयंत्र हेतु चूना पत्थर की खदानें प्रदान की गई हैं। यह उद्योग समूह कार्यरत है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पंचायतों को आवंटित राशि का आहरण/उपयोग
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
158. ( क्र. 6123 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी विकासखण्ड की ग्राम पंचायतों को पंच-परमेश्वर योजनान्तर्गत वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि वर्षवार आवंटित की गई प्राप्त राशि से वर्षवार कितना आहरण किया गया पंचायतवार बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत प्राप्त राशि से ग्रामीण विकास के कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो गये एवं कौन-कौन से कार्य, किन कारणों से, कब से अपूर्ण है, क्या पूर्ण हुये कार्यों के कार्यपूर्णता प्रमाण-पत्र संबंधितों द्वारा दिये गये, यदि हाँ, तो कार्यपूर्णता प्रमाण-पत्र कब उपलब्ध कराये गये, यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के तहत राशि का आहरण कर, कार्य न करने एवं गुणवत्तापूर्ण कार्य न होने के कौन-कौन से प्रकरण, शासन के संज्ञान में आये है, इन पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या जाँच एवं कार्यवाही हुई? शासकीय राशि के अपव्यय एवं कार्यों में अनियमितताओं के कौन-कौन जिम्मेदार पाये गये, प्रकरणवार बतायें ।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' के कॉलम नम्बर 5,7,10 एवं 11 अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' के कॉलम नम्बर 5,7,10 एवं 11 अनुसार। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम उदय से भारत उदय अभियान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
159. ( क्र. 6139 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के अंतर्गत रायसेन जिले में कुल कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुये? उनमें से कितने आवेदन पत्रों का निराकरण हुआ तथा कितने आवेदन निरस्त हुए? कितने लंबित हैं? (ख) उक्त लंबित आवेदन पत्रों का निराकरण कब तक होगा? (ग) रायसेन जिले में मनरेगा अंतर्गत 20 फरवरी 2017 की स्थिति में मजदूरी की कितनी राशि का भुगतान लंबित है? कब तक भुगतान होगा? (घ) 20 फरवरी, 2017 की स्थिति में रायसेन जिले में कितने शौचालय की राशि का भुगतान लंबित है? कब तक भुगतान होगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) लंबित आवेदन पत्रों पर संबंधित विभाग द्वारा कार्यवाही की जा रही है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांकित अवधि तक रु. 99.67 लाख मजदूरी का भुगतान लंबित था, जो कि किये गये कार्यों के मूल्यांकन की प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरांत सतत् प्रक्रिया में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांकित अवधि तक 90 शौचालयों की राशि रूपये 10.80 लाख मजदूरी का भुगतान लंबित था, जो कि किये गये कार्यों के मूल्यांकन की प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरांत सतत् प्रक्रिया में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर उदय अभियान
[नगरीय विकास एवं आवास]
160. ( क्र. 6140 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर उदय से भारत उदय अभियान के अंतर्गत रायसेन जिले की नगर पालिका परिषद/नगर परिषदों में कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुये? कितने आवेदन पत्रों का निराकरण हुआ? कितने आवेदन पत्र लंबित हैं? लंबित आवेदन पत्रों का कब तक निराकरण होगा? (ख) प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के अंतर्गत नगर पालिका/नगर परिषदों में आवास स्वीकृत करने के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं, उनके प्रति दें? आवास हेतु कितनी राशि किन-किन शर्तों पर दी जायेगी? (ग) रायसेन जिले की नगर पालिका/नगर परिषदों में कितने व्यक्ति आवासहीन तथा कच्चे मकानों में निवास कर रहे हैं? उनके आवास स्वीकृति के संबंध में अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? कब तक आवास स्वीकृत होंगे? (घ) रायसेन जिले की नगर पालिका/नगर परिषदों में स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत कितने शौचालयों का निर्माण होना है? फरवरी 2017 की स्थिति में कितने शौचालयों का निर्माण हो गया? शेष शौचालयों का निर्माण कब तक होगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर उदय से भारत उदय अभियान के अंतर्गत रायसेन जिले की नगर पालिका परिषद/नगर परिषदों में कुल 16205 आवेदन पत्र प्राप्त हुये हैं, जिनमें से 15533 आवेदन पत्रों का निराकरण किया गया है, 672 आवेदन पत्र लंबित हैं, लंबित आवेदन पत्रों के निराकरण संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) भारत सरकार आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय के द्वारा जारी मार्गदर्शी सिद्धांत एवं मध्यप्रदेश शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग के जारी आदेश दिनांक 21.01.2016 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। उक्त मार्गदर्शी सिद्धांत एवं मध्यप्रदेश शासन के निर्देशों में किये गये प्रावधान अनुसार राशि उपलब्ध कराई जायेगी। (ग) रायसेन जिले की नगर पालिका/नगर परिषदों में 8907 व्यक्ति आवासहीन तथा कच्चे मकानों में 20610 व्यक्ति निवासरत् हैं, शेषांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार हैं। (घ) रायसेन जिले की नगर पालिका/नगर परिषदों में स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत 9450 शौचालयों का निर्माण होना है, फरवरी 2017 की स्थिति में 5257 शौचालयों का निर्माण कार्य हो गया है, शेष बचे शौचालयों का निर्माण दिनांक 31.03.2017 तक पूर्ण कर दिया जायेगा, निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार हैं।
रोजगार उपलब्ध कराये जाने
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
161. ( क्र. 6158 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले अंतर्गत विगत 5 सालों में कितनों बेरोजगार युवकों का पंजीयन किया गया? इस अवधि में कितने शिविर रोजगार उपलब्ध कराने हेतु लगाये गये? उन पर क्या कितना व्यय हुआ वर्षवार पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने बेरोजगार युवकों को इन शिविरों एवं अन्य माध्यमों से रोजगार उपलब्ध कराया गया, विधानसभावार जानकारी दें? (ग) कटनी जिले अंतर्गत विगत 5 सालों में कितने लोगों के द्वारा स्वयं का व्यवसाय करने या अन्य कार्य हेतु शासन की विभिन्न योजनांतर्गत ऋण प्राप्ति हेतु आवेदन किया गया? इनमें से कितनों को ऋण प्राप्त हुआ?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं दो अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार 4355 बेरोजगार युवक इन शिविरों के माध्यम से एवं थल सेना भर्ती रैली के माध्यम से 735 बेरोजगार युवक लाभान्वित हुए। उक्त जानकारी विधानसभावार संधारित नहीं की जाती है। (ग) सूक्ष्म, लघु और मध्यम, उदयम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार कटनी जिले अंतर्गत विगत 5 सालों में शासन की विभिन्न योजनान्तर्गत स्वयं का व्यवसाय करने हेतु 4060 आवेदकों को ऋण प्राप्त हुआ।
वाटरशेड मिशन के तहत संविदा सचिवों को बरकरार रखने
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
162. ( क्र. 6166 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वाटर शेड मिशन के तहत म.प्र. में कुल कितने सचिवों की नियुक्ति संविदा पर की गई है प्रश्न दिनांक तक की केवल संख्या बतावें? (ख) क्या डायरेक्टर राजीव गांधी मिशन फोर वाटर शेड मैनेजमेंट के पत्र क्रमांक 15067/22/वि.9/आर.जी.एम./पी.एम. के.एस. भोपाल दिनांक 12.12.2016 के अनुसार समस्त संविदा सचिवों को तत्काल प्रभाव से सेवा से पृथक कर दिया है यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? लगभग 5 वर्ष से सेवा कर रहे कर्मचारी अब कहाँ जायेंगे? (ग) क्या शासन प्रश्नांश (ख) में वर्णित आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर सेवा से हटाये गये संविदा सचिवों को पंचायत एवं सामाजिक न्याय विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में पदस्थ करने हेतु आदेश जारी करेगा, यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 3017 (ख) जी हाँ। आवश्यकता नहीं होने के कारण। संविदा कर्मचारियों की सेवा शर्तें पूर्व से निर्धारित होती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्राम चूना भट्टी का शासकीय नाला
[नगरीय विकास एवं आवास]
163. ( क्र. 6189 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या दानिश गृह निर्माण की अवैधानिक कार्यवाही के संबंध में कलेक्टर भोपाल द्वारा प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन के आधार पर दानिश गृह निर्माण सहकारी समिति भोपाल को कारण बताओं सूचना पत्र क्रमांक 1103/प्रवा-1/2012-13 दिनांक 01.07.13 न्यायालय कमिश्नर भोपाल संभाग भोपाल से जारी हुआ है? (ख) यदि हाँ, तो क्या कारण बताओं सूचना पत्र से दानिश गृह निर्माण सहकारी समिति भोपाल द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में डब्ल्यू पी.न. 12216/2013 प्रस्तुत की गई, होकर उसके चरण क्रमांक 5.2 से 5.8 में यह लेख है कि समिति ने ग्राम चूना भट्टी के खसरा क्रमांक 115/69/2 रकबा 4.56 की भूमि में अमलताश -11 की हाउसिंग कालोनी विकसित की है जिसमें से निकल रहे खसरा क्रमांक 70 के शासकीय नाला का स्थान एवं प्रवाह समिति द्वारा टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग विभाग भोपाल के अनुमोदन से दक्षिण एवं पश्चिम दिशा में परिवर्तित किया जाकर उसे मूल नाला से मिलाया है तथा परिवर्तित नाला सार्वजनिक उपयोग में आ रहा है? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) विषयक क्या कार्यवाही की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) यह सही है कि माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के रिट पिटीशन क्रमांक 12216/13 प्रस्तुत की गई है। न्यायालय कमिश्नर भोपाल संभाग, भोपाल के कारण बताओं सूचना पत्र क्रमांक 1103/प्रवा-1/2012-13 दिनांक 01.07.2013 को माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के द्वारा निर्णय दिनांक 17.07.2013 में पारित किया गया है कि Till further orders. It is Directed that no action Shall be taken in pursuance to order dated 01.07.13 against the petitionr अत: माननीय उच्च न्यायायल के आदेश के पालन में इस प्रकरण क्रमांक 29/स्व.निग./12-13 को याचिका के निराकरण तक लंबित रखा गया है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
डी.पी.आर. की कापी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
164. ( क्र. 6202 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले के राहतगढ़ विकासखण्ड अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत ग्राम सागोनी से मढ़देवरा तक के स्वीकृत सड़क मार्ग का टेंडर प्रक्रिया उपरांत अनुबंध हो चुका है? यदि हाँ, तो कब? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में बतावें कि निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ हो जायेगा तथा इस मार्ग के निर्माण होने से कौन-कौन से गांव लाभान्वित होंगे? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार सागोनी से मढ़देवरा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क का डी.पी.आर. और ट्रांस्जिस्ट वाक (Transit walk) की प्रति उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। दिनांक 19.10.2016। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ हो गया है। इससे मढ़देवरा एवं देवलपुर गांव लाभान्वित होंगे। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के अनुसार।
पाठयक्रमों के संबंध में
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
165. ( क्र. 6212 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भारत सरकार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के, भारतीय पुनर्वास परिषद के अंतर्गत करीब 20 वर्षों से प्रदेश में कितने प्रशिक्षण केन्द्र D.Ed. (H.I.) दो वर्ष का नियमित पाठ्यक्रम संचालित हैं व इनके संचालन का उद्देश्य क्या है? (ख) म.प्र. में पत्राचार से दो वर्ष का B..Ed. (H.I.) का पाठ्यक्रम कितने विश्वविद्यालयों में संचालित है? उक्त दोनों प्रकार D.Ed. (H.I.) एवं B..Ed. (H.I.) के पाठ्यक्रम में प्रशिक्षण के योग्यता को स्पष्ट किया जाये? (ग) म.प्र. शासन वर्ष 1999 वर्ष 2006-07 वर्ष 2009-10 वर्ष 2014-15 में शिक्षक श्रवण बाधितार्थ के पद हेतु कौन-कौन सी योग्यता भर्ती हेतु तय की गई थी वर्षवार जानकारी दें वर्तमान में कुल कितने श्रवण बाधित शिक्षक किस-किस योग्यता के कार्य कर रहे हैं, जानकारी दी जाये। (घ) शासन द्वारा वर्ष 2014-15 सामाजिक न्याय विभाग के भर्ती नियम अनुसार, अब तक कुल कितने शिक्षक श्रवण बाधितार्थ पद हेतु चयनित किये गये हैं, नाम व पदस्थापना स्थल के अनुसार सूची दी जाये?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मध्यप्रदेश में भारतीय पुनर्वास परिषद् के अंतर्गत 10 संस्थाओं के माध्यम से D.Ed Spl.Ed. (H.I.) पाठ्यक्रम संचालित है। इनके संचालन का उद्देश्य विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों हेतु गुणवत्ता पूर्ण शिक्षक तैयार करने, उनकी शैक्षिक आवश्यकताओं को समझ कर उपयुक्त हस्तक्षेप करने तथा गंभीर एवं अतिगंभीर विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों को प्रशिक्षण देने हेतु शिक्षक उपलब्ध कराना है। (ख) म.प्र. में पत्राचार से दो वर्ष का B.Ed. (H.I.) का पाठ्यक्रम मध्यप्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय में संचालित है। पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण की योग्यता संबंधी नियम एवं मापदंडों की जानकारी भारतीय पुनर्वास परिषद् की वेबसाईट www.rehablcouncil.nic.in पर उपलब्ध है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र अ'' अनुसार। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार।
स्वर्ण जयंती शहरी मजदूर योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
166. ( क्र. 6221 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) परियोजना अधिकारी, शहरी विकास, रतलाम श्री एस. कुमार को परियोजना अधिकारी नीमच का प्रभार किस वर्ष में, किस आदेश से तथा किस नियम के अंतर्गत दिया गया था? (ख) श्री एस. कुमार ने परियोजना अधिकारी रहते हुए नीमच जिले की किन-किन नगर पंचायतों को स्वर्ण जयंती शहरी मजदूर योजना कार्यक्रम में सीमेंट-कांक्रीट रोड को कितनी-कितनी राशियां स्वीकृत की थी? (ग) क्या उक्त योजना में गलत कार्यों पर खर्च करने की शिकायते राज्य शासन को प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो उन पर क्या कार्यवाही हुई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश शासन, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग मंत्रालय के आदेश क्रमांक 5379/7492/06/18-1 भोपाल दिनांक 11.12.2006 द्वारा श्री एस. कुमार को प्रभारी परियोजना अधिकारी, जिला शहरी विकास अभिकरण, नीमच में पदस्थ किया गया था। (ख) श्री एस.कुमार ने परियोजना अधिकारी रहते हुए नीमच जिले की नगर पंचायतों को स्वर्ण जयंती शहरी मजदूरी मद योजना कार्यक्रम में सीमेंट-कांक्रीट रोड के लिए कलेक्टर महोदय की स्वीकृति उपरांत निम्नानुसार राशि स्वीकृत की गई है :-
क्र. |
निकाय का नाम |
स्वीकृत राशि (लाखों में) |
1. |
न.पं. रतनगढ़ |
5.81 |
2. |
न.पं. सिंगोली |
14.67 |
3. |
न.पं. जावद |
14.30 |
4. |
न.पं. जीरन |
9.96 |
5. |
न.पं. मनासा |
9.42 |
6. |
न.पं. डीकेन |
4.03 |
7. |
न.पं. कुकड़ेश्वर |
5.00 |
|
योग - |
63.19 |
(ग) उक्त योजना मद में कोई गलत कार्य नहीं हुआ है तथा न ही कोई शिकायत प्राप्त हुई है। शेष कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दानदाता के नाम महाविद्यालय का नाम रखा जाना
[उच्च शिक्षा]
167. ( क्र. 6234 ) श्री मधु भगत : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिलान्तर्गत दानदाता स्व. श्री भीकमचंद शर्मा द्वारा महाविद्यालय निर्माण हेतु ग्राम मानपुर में जनपद शिक्षा केन्द्र को ख.नं. 16/1, 16/2, 16/3, 20/1, 23/3 कुल रकबा 2.59 एकड़ भूमि दान में दी गई। (ख) दानदाता स्व. श्री भीकमचंद शर्मा द्वारा यह भूमि इन शर्तों पर दान में दी गई कि महाविद्यालय का नाम स्व. भीकमचंद शर्मा महाविद्यालय लालबर्रा रखा जावेगा। जिसका प्रस्ताव कलेक्टर बालाघाट द्वारा पत्र क्रमांक 2/010 बालाघाट दिनांक 07/01/2010 को युक्त उच्च शिक्षा मध्यप्रदेश शासन भोपाल को भेजा गया जिसे अब तक स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है तथा यह स्वीकृति क्यों नहीं प्रदान की गई है? (ग) क्या दान की भूमि पर दानदाता के नाम पर महाविद्यालय न होने पर दानदाता के परिवार के लोगों ने आपत्ति ली है, इन आपत्ति निराकरण कब तक हो जायेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ। प्रकरण में दानदाता के नाम पर महाविद्यालय का नाम शासन के नियमानुसार करने के लिए जिलाधीश को पत्र दिनांक 08/03/2017 को प्रेषित किया गया है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जी हाँ। आपत्तियों के निराकरण हेतु शासन के आदेश का पालन करने हेतु जिलाधीश को पत्र लिखा गया है।
अवैध रेत उत्खनन व परिवहन
[खनिज साधन]
168. ( क्र. 6242 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़ जिले अंतर्गत क्षेत्रांतर्गत किन-किन नदियों में किन-किन स्थानों से रेत निकासी हेतु घाट स्वीकृत किये गये हैं? प्रत्येक स्वीकृत घाट का कितना-कितना एरिया है? (ख) क्या स्वीकृत क्षेत्र के बाहर से रेत निकासी की जा रही है, जिससे शासन को मिलने वाली राजस्व की हानि हो रही है? चोरी रोकने के लिए किन अधिकारियों की टीम गठित की गई है, इनके द्वारा कब-कब स्थल का निरीक्षण एवं छापे की कार्यवाही की गई? क्या गठित टीम द्वारा अवैध रेत का परिवहन करते हुये वाहनों/भारी वाहनों के चालान किये गये? यदि हाँ, तो वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितने वाहनों के चालान हुये? (ग) क्या अवैध निकासी रोकने के लिये क्या कोई ठोस योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो विवरण देवें। यदि नहीं, तो क्या शासन को होने वाली राजस्व हानि के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? क्या जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारियों को शासन दायित्वों के निर्वाह के अक्षम होने पर निलंबित करते हुए विभागीय जाँच करायेंगे? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताएं। क्या जाँच में दोषी सिद्ध होने पर सेवानिवृत्त करने की कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताएं।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में रेत निकासी हेतु घाट स्वीकृत किये जाने के प्रावधान नहीं है। प्रश्नाधीन जिलों में रेत खनिज की स्वीकृत खदानों की प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'', ''ख'' एवं ''ग'' में दर्शित है। (ख) जी नहीं। प्रश्नाधीन जिलों में रेत खनिज की निकासी स्वीकृत खदानों से हो रही है। अत: राजस्व हानि जैसी कोई स्थिति नहीं है। छतरपुर जिले में खनिज, राजस्व एवं पुलिस विभाग के अधिकारी/कर्मचारी, पन्ना जिले में खनिज, राजस्व वन एवं पुलिस विभाग के अधिकारी/ कर्मचारी तथा टीकमगढ़ जिले में पुलिस विभाग, राजस्व विभाग, खनिज विभाग एवं जिला संयोजक कल्याण विभाग की टीम गठित है। इस टीम द्वारा समय-समय पर निरीक्षण आदि की कार्यवाही की जाती है। खनिज नियमों में अवैध रेत परिवहन कर रहे वाहनों के चालान करने के प्रावधान नहीं है। प्रश्नाधीन अवधि में रेत खनिज के अवैध परिवहन के प्रकरण एवं इस पर की गई कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''घ'', ''ड़'' एवं ''च'' में दर्शित है। (ग) जी हाँ। जिलों में खनिजों के अवैध उत्खनन, परिवहन की रोकथाम हेतु जिला स्तर पर टास्क फोर्स गठित है। इस टास्क फोर्स में खनिज, राजस्व, पुलिस वन, परिवहन आदि विभागों का अमला शामिल है। विभागीय स्तर पर भी इस संबंध में संबंधित विभागों द्वारा कार्यवाही की जाती है। खनिजों के अवैध उत्खनन एवं परिवहन के प्रकरण प्रकाश में आने पर दण्डात्मक कार्यवाही की जाती है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासन योजना अंतर्गत हितग्राहियों को ऋण
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
169. ( क्र. 6245 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग विभाग द्वारा छतरपुर जिला अंतर्गत प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना एवं मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री स्व-रोजगार, मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना में युवाओं को रोजगार हेतु ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विगत तीन वर्षों में छतरपुर जिले में युवाओं द्वारा सूक्ष्म लघु उद्योग डालने हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुए? कितने आवेदनों को स्वीकृत किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में स्वीकृत आवेदकों में से कितने हितग्राहियों को बैंक लोन उपरांत ईकाईयां प्रारंभ कराई जा चुकी है एवं कितने आवेदकों के प्रकरण बैंक ऋण न होने के कारण शेष हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या बैंकों द्वारा आवेदकों के ऋणों को ऐनकेन प्रकारेण ऋण नहीं दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो बैंकों द्वारा ऋण नहीं दिये जाने पर शासन द्वारा बैंकों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा जिला छतरपुर अंतर्गत प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना एवं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में युवाओं को स्वरोजगार हेतु ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना का संचालन इस विभाग के द्वारा नहीं किया जा रहा है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जी नहीं, बैंकों द्वारा प्राप्त लक्ष्यों के अनुसार ऋण प्रकरण स्वीकृत किये जाते हैं। अत: शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
170. ( क्र. 6258 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर उद्य अभियान के तहत चयनित प्रधानमंत्री आवास योजना के पात्र हितग्राहियों जिन्हें अधिकार पत्र बांटे गये हैं, की जानकारी नगरीय निकाय अनुसार संख्यात्मक दें? (ख) उक्त चयनित हितग्राहियों को जिन्हें अधिकार पत्र दिया गया है, योजना की प्रथम किस्त कब तक इनके खातों में डाल दी जाएगी? (ग) योजना में केन्द्र सरकार द्वारा प्रत्येक आवास में दी जाने वाली डेढ़ लाख रूपये की राशि में से कितनी राशि राज्य को प्राप्त हो चुकी है अथवा केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है? (घ) वर्तमान बजट सत्र में अधिकार पत्र वाले हितग्राहियों को राज्य का अंश एक लाख रूपये उपलब्ध कराने हेतु बजट में कितनी राशि का प्रावधान किया जा रहा है अथवा कर दिया गया है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) संभागवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) वर्तमान दिनांक तक हितग्राहियों को आवंटित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) प्राप्त राशि एवं शेष राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) वित्तीय वर्ष 2017-18 में राशि रू. एक हजार करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
दोषियों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कराये जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
171. ( क्र. 6268 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक क्या रीवा एवं सतना जिले के ग्राम पंचायत में पदस्थ सचिवों के स्थानांतरण/व्यवस्था के तहत ग्राम पंचायतों से हटाने की कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो कितने ऐसे सचिव/पंचायतकर्मी हैं जिनके द्वारा पंचयत का प्रभार नहीं दिया गया है उस पर क्या कार्यवाही की गई? अगर नहीं की गई तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के पंचायतकर्मी/सचिवों के द्वारा प्रभार न दिये जाने पर पंचायत राज अधिनियम के प्रावधान अनुसार क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) के स्थानांतरित सचिवो/पंचायतकर्मियों के प्रभार न देने की कितनी शिकायतें किन-किन जनपद पंचायतों एवं जिला पंचायतों को प्राप्त हुई? शिकायत के अनुसार की गई कार्यवाही का विवरण देते हुए बतावें कि संबंधित सचिव/पंचायतकर्मियों के विरूद्ध प्रभार न देने के लिए दोषी मानकर विधि संगत कार्यवाही कर आपराधिक प्रकरण दर्ज करायेंगे? करायेंगे तो कब तक, अगर नहीं तो क्यों, बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
समयमान वेतनमान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
172. ( क्र. 6273 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग अंतर्गत (पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग) जनपद पंचायतों में मुख्य कार्यपालन अधिकारियों के कितने पद स्वीकृत हैं? उनमें से कितने पद भरे हुए हैं एवं कितने रिक्त हैं और क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को पदोन्नति एवं समयमान वेतनमान देने के शासन द्वारा क्या नियम बनाये गए हैं, की प्रति देते हुए बतावें कि इनमें से कितनों को समयमान वेतनमान का लाभ दिया गया? अगर नहीं तो क्यों? इसके लिए कौन दोषी हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के जिन मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को समयमान वेतनमान का लाभ जिनको नहीं दिया गया, उनको कब तक दिया जावेगा? स्पष्ट बतावें। अगर नहीं दिया जावेगा तो क्यों? जिनको इसका लाभ नहीं दिया गया वे शासन की सुविधा से वंचित हुए, उसके लिए दोषियों पर क्या कार्यवाही करेंगे? क्या संबंधितों को समयमान वेतनमान व पदोन्नति का लाभ इनकी पात्रता अवधि के माह एवं दिनांक से देने के आदेश एवं निर्देश जारी करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांकित संभाग में विभाग के 24 मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत के पद स्वीकृत है, जो भरे हुए है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब' 'अनुसार नियम है। प्रदेश में कुल स्वीकृत मुख्य कार्यपालन अधिकारी,जनपद पंचायत के पदों में से 69 को समयमान-वेतनमान का लाभ दिया गया है। यह एक निरंतर प्रक्रिया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ''ख'' अनुसार।
प्रवासी भारतीय की जानकारी
[प्रवासी भारतीय]
173. ( क्र. 6322 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में कितने प्रवासी भारतीय निवासरत हैं तथा किन-किन देशों से संबंधित है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक प्रवासी भारतीयों के कल्याण व विकास के लिए कितने-कितने बजट का प्रावधान किया गया है वर्षवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में लाभान्वित व्यक्तियों, परिवारों व कॉलोनियों की संख्यात्मक जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में उक्त बजट व्ययवार व्यवस्था के लिए कौन से अधिकारी ने बेहतर कार्य किया है उसे क्या कोई इनाम से नवाजा गया है अथवा किसी दोषी अधिकारी को दण्डित किया गया है ऐसे अधिकारियों की सूची देवें तथा ऐसे कितने प्रवासीय भारतीय आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त पाये गये हैं, देशवार सूची देवें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) असंबंधित। इस प्रकार की जानकारी संकलित नहीं की जाती है। (ख) से (घ) निरंक।
रीवा शहर के पार्कों/मैदानों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
174. ( क्र. 6323 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रीवा शहर में ऐसे कितने मैदान/पार्क हैं, जो राजनैतिक, सार्वजनिक, धार्मिक, सांस्कृतिक व अन्य कार्यक्रमों के लिए उपलब्ध हैं। मैदानों एवं पार्कों की सूची क्षेत्रफलवार, वार्डवार स्थिति की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में रीवा शहर के मध्य में स्थित पद्मधर पार्क के आरक्षण का क्या प्रावधान है एवं किसी भी संस्था को अधिकतम कितने दिनों के लिए आरक्षित किया जाता है। नियमावली के प्रति के साथ जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में उक्त पार्क का प्रतिदिन/मासिक कितना किराया है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में विगत कई महीनों से पार्क में लगे प्रदर्शनी एवं दुकानों के आरक्षण के आदेश की प्रति देते हुए बतायें कि इतने लम्बे समय तक किसी एक संस्था व व्यक्ति को किस प्रकार से यह पार्क आरक्षित है इस आरक्षण के लिए कौन अधिकारी दोषी है, उसके विरुद्ध कौन-सी दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) रीवा शहर के मध्य में नगर निगम में स्थित 01 पद्मधर पार्क है जो राजनैतिक सार्वजनिक, धार्मिक सांस्कृतिक व अन्य कार्यक्रमों के लिये उपलब्ध है, जिसका क्षेत्रफल 1064 वर्गफीट है, यह पार्क वार्ड क्रमांक 18 में स्थित है। (ख) पद्मधर पार्क का आरक्षण आवेदन प्राप्त होने पर सक्षम स्वीकृति उपरांत मेयर इन काउंसिल व निगम परिषद् के निर्णय अनुसार निर्धारित दर पर किया जाता है, पार्क आरक्षित किये जाने की समय-सीमा निर्धारित नहीं है, मेयर इन काउंसिल एवं निगम परिषद् के निर्णय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) पद्मधर पार्क का एम.आई.सी./परिषद् द्वारा निर्धारित शुल्क का विवरण इस प्रकार है :- सार्वजनिक उपयोग हेतु राशि रू. 4,000 प्रतिदिन, व्यक्तिगत उपयोग तथा हाट बाजार प्रदर्शनी व अन्य हेतु राशि रू. 10,000 प्रतिदिन, सार्वजनिक नृत्य/डांडिया/आर्केस्ट्रा आदि पर राशि रू. 15,000 प्रतिदिन एवं धार्मिक/प्रवचन हेतु नि:शुल्क 07 दिवस तक। (घ) प्रदर्शनी प्रबंधक को जारी आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है, चूंकि पार्क नियमों के तहत आवंटित किया गया है तथा नियमानुसार किराया प्राप्त किया गया है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवीन हाट बाजार की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
175. ( क्र. 6334 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी म.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन भोपाल के पत्र क्रमांक/29/22/एन.आर.एल.एम.-एन.आई./16 भोपाल दिनांक 18.01.2016 एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत राजगढ़ के पत्र क्रमांक/10503/विविध/2016 राजगढ़ दिनांक 29.11.2016 से राजगढ़ जिले की तहसील ब्यावरा की ग्राम पंचायत सेमलापार में नवीन हाट बाजार स्वीकृति हेतु प्रस्ताव आवश्यक कार्यवाही हेतु आयुक्त पंचायत राज संचालनालय तिलहन संघ, भोपाल को प्रेषित किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन ग्राम पंचायत सेमलापार में नवीन हाट बाजार की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। उक्त प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड अनुसार न होने एवं अवधि समाप्त होने के कारण कार्यवाही नहीं हो सकी। (ख) उत्तर (क) के संदर्भ में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वेतन विसंगति का निराकरण करना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
176. ( क्र. 6335 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पूर्व में रु. 6500 से रु. 10500 तथा वर्तमान में रु. 9300-34800 ग्रेड पे 4200 के वेतनमान पर कार्यरत है? क्या राज्य वेतन आयोग को विभाग ने रु. 15600-39100 ग्रेड पे 5400 का वेतनमान दिये जाने की अनुशंसा की थी? यदि हाँ, तो वेतन आयोग के समक्ष कब विभागीय पक्ष रखा गया? (ख) क्या राज्य वेतन आयोग ने जुलाई 2009 में दिये गये अपने प्रतिवेदन में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत का वेतनमान 6500 से 10500 के स्थान पर 8000 से 13500 का वेतनमान और विकासखण्ड अधिकारी को 6500 से 10500 का वेतनमान दिये जाने की अनुशंसा की गई थी तथा क्या उक्त वेतनमान की विसंगति को दूर किये जाने हेतु माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा वर्ष 2009 में घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो उक्त घोषणा प्रश्न दिनांक तक लंबित है तथा प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा वेतनमान विसंगति को दूर करने के लिये क्या प्रयास किये गये? (ग) उपरोक्तानुसार क्या माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा एवं राज्य वेतन आयोग की अनुशंसा अनुरूप मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं विकासखंड अधिकारी की वेतनमान विसंगति दूर की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। राज्य वेतन आयोग के कार्यकाल की अवधि में विभाग द्वारा प्रस्तुत किए गए पक्ष का उल्लेख राज्य वेतन आयोग के प्रतिवेदन खण्ड III के अध्याय-24 में उल्लेखित अनुसार संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। विभाग के क्षेत्राधिकार के तहत प्रस्ताव वित्त विभाग को प्रेषित किया गया है। (ग) वित्त विभाग के क्षेत्राधिकार का विषय है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
मिनी स्टेडियम का निर्माण कराने
[खेल और युवा कल्याण]
177. ( क्र. 6398 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न संख्या 62 (क्रमांक 884) दिनांक 9.12.16 के प्रश्नांश (क) (ख) के प्रकाश में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई कार्यवाही से अवगत करावें? (ख) क्या प्रकरण खेल मंत्रालय को भेजा जावेगा या कलेक्टर कार्यालय से ही कार्यवाही पूरी होगी? क्या इसे जानकारी सहित वर्ष 2015-16 में ही खेल विभाग को पत्र भेजने हेतु कलेक्टर रीवा को माननीय मंत्री द्वारा लिखा गया था? यदि हाँ, तो आज तक क्यों नहीं भेजा गया कारण बतावें? भेजा गया तो पत्र की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? भेजा जावेगा तो कब तक?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न संख्या 62 (क्रमांक 884) दिनांक 09.12.2016 के प्रश्न प्रशासकीय विभाग के पत्र क्रमांक एफ-3-153/2016/नौ दिनांक 18.11.2016 के अनुसार स्कूल शिक्षा विभाग को स्थानांतरित हो गया था। स्थानांतरित होने के कारण उक्त प्रश्न का उत्तर स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा दिया गया था। अतः खेल विभाग द्वारा की गई कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) आज दिनांक तक खेल और युवा कल्याण विभाग को कोई प्रस्ताव प्राप्त न होने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश में रिक्त प्रध्यापकों/सहा. प्रध्यापकों पदों के संबंध में
[उच्च शिक्षा]
178. ( क्र. 6422 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में समस्त शासकीय महाविद्यालयों में प्रध्यापक/सहा. प्रध्यापकों के कुल कितने पद स्वीकृत हैं? कितने पदों पर पदस्थापना है व कितने पद रिक्त हैं? (ख) शासकीय महाविद्यालयों से क्या अन्य शासकीय विभाग में प्रध्यापकों/सहा. प्रध्यापकों प्रतिनियुक्ति पर पदस्थापना का नियम है? यदि हाँ, तो नियम की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्न की कंडिका (ख) का उत्तर यदि हाँ, है तो 01 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक उच्च शिक्षा विभाग से अन्य शासकीय विभागों में प्रध्यापक/ सहा. प्रध्यापक प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किये गये? पदवार प्रतिनियुक्ति विभाग का नाम दर्शाते हुये जानकारी दें? (घ) प्रश्न की कंडिक (ख) के आधार पर प्रश्न की कंडिका (ग) अनुसार प्रतिनियुक्ति की पदस्थापना में क्या किसी शासकीय नियम का उल्लंघन हुआ है? यदि हाँ, तो शासन इस संबंध में कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक, क्या कार्यवाही करेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। संशोधित शैक्षणिक सेवा भरती नियम 2015 के नियम 8 की अनुसूची-दो अनुसार प्राध्यापक/सहायक प्राध्यापक के कुल स्वीकृत पदों में से 05 प्रतिशत तक प्रतिनियुक्ति का प्रावधान है। नियम की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ग) की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भण्डार क्रय नियमों का पालन
[नगरीय विकास एवं आवास]
179. ( क्र. 6423 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) एक जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक नगर पालिका नरसिंहगढ़ जिला राजगढ़ द्वारा कौन-कौन सी सामग्री क्रय किये जाने हेतु कब-कब, किन-किन समाचार पत्रों में विज्ञप्ति प्रकाशित की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त अवधि में कौन-कौन सी सामग्री किस-किस दर पर किन-किन फर्मों से कब-कब क्रय अथवा प्राप्त की गई? क्या उक्त क्रय प्रक्रिया में म.प्र. भंडार नियमों का अक्षरश: पालन किया गया है तथा उक्त सामग्री क्रय का किन-किन मदों से कब-कब, किस-किस को भुगतान किया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
खनिज उपलब्ध कराने
[खनिज साधन]
180. ( क्र. 6442 ) श्री जितू पटवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर संभाग के सभी जिलों में कौन-कौन से कुल खनिज उपलब्ध हैं जिलेवार बतावें। वर्षवार, खनिजवार अर्थात् किस-किस खनिज से कुल कितनी आमदनी सरकार को वर्ष 2013 से आज दिनांक तक जिलेवार वर्षवार हुई उसकी जानकारी देवें? (ख) इनमें किन-किन खनिजों का आवंटन वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन प्रायवेट कंपनियों को किया गया फर्मवार वर्षवार, खनिजवार अर्थात् किस-किस खनिज से कितनी आमदनी सरकार को हुई है बतावें एवं कुल कितनी आमदानी हुई, प्रश्नांश (क) की अवधि अनुसार इन्दौर संभाग के सभी जिलों में 25 लाख से अधिक रॉयल्टी एवं एक वर्ष या एक वर्ष से अधिक कार्यकाल के लिये आवंटित की गई उन सभी की सूची प्रोफारमा में बतावें? फर्म का नाम, मालिक का नाम, स्थान पूर्ण पता, कुल रकबा एवं खसरा नं., खनिज का नाम, आवंटन अवधि, राजस्व प्राप्त रकम प्रतिमाह, प्रति टन, प्रति क्युबिक मीटर, दर, कुल रकम बतावें? (ग) होशंगाबाद, सीहोर, खरगौन, रायसेन, नरसिंहपुर जिले में प्रश्न (क) की अवधि में किस गौण खनिज का कितना बाजार मूल्य मान्य करते हुए अवैध खनिज खनन और अवैध खनिज परिवहन के प्रकरणों में कार्यवाही की गयी खननवार व परिवहनवार बतायें? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में प्रश्न (क) की अवधि में किस वाहन से कितने मूल्य का अवैध खनिज परिवहन करते हुए पकड़ा गया उस पर किस दर से कितना बाजार मूल्य मान्य करते हुए क्या दंड दिया गया? साथ ही बताये कि ओवरलोंडिंग के कितने केस समान अवधि में दर्ज कर कार्यवाही की गई व दंड लगाया गया टेबल में जानकारी देवें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर दर्शित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर दर्शित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' पर दर्शित है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' पर दर्शित है।
मान. उच्च न्यायालय के आदेश का पालन
[नगरीय विकास एवं आवास]
181. ( क्र. 6483 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के डब्लू.पी. नं. 3958/2004 पारित आदेश दिनांक 19-5-2005 के अनुक्रम में श्री जयकुमार दुबे कुशल श्रमिक नगर परिषद मऊगंज जिला रीवा के नियमितीकरण के संबंध में संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास रीवा संभाग के पत्र क्र. सं.स./स्था./नियमितीकरण/मऊगंज/2016/1769 रीवा दिनांक 12-9-2016 से 11 बिन्दुओं की जानकारी मांगी गई थी? (ख) यदि हाँ, तो संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास के उपरोक्त पत्र में अपेक्षित जानकारी क्या नगर परिषद मऊगंज द्वारा प्रदाय की गई? (ग) यदि नहीं, तो अपेक्षित जानकारी न भेजने का क्या कारण है? जानकारी कब तक मगायेंगे तथा माननीय उच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 19-5-2015 का पालन सुनिश्चित करायेंगे? (घ) उपरोक्त प्रकरण में दोषी कौन है एवं दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा नियमितीकरण के संबंध में चाही गई जानकारी प्रदाय की गई थी, किन्तु माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रकरण क्रमांक अपील (सिविल) 3595-3612/1999 सचिव, कर्नाटक राज्य एवं अन्य विरूद्ध उमादेवी एवं अन्य के प्रकरण में दिनांक 10.04.2006 को पारित निर्णय में प्रदत्त निर्देशों के अनुसार दैनिक वेतन भोगियों, अस्थाई कर्मचारियों के प्रकरण में कार्यवाही किए जाने के लिए मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 5-3/2006/1/3 दिनांक 16.05.2007 के अनुसार 10 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण न होने के कारण नियमितीकरण की पात्रता नहीं पाई गयी। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
औद्योगिक क्षेत्र सीतापुर में औद्योगिक प्लांट आवंटन
[वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार]
182. ( क्र. 6491 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले के औद्योगिक क्षेत्र सीतापुर में कितने औद्योगिक प्लांट पूर्ण हो चुके हैं? फरवरी, 2017 की स्थिति में जानकारी दी जावें। (ख) औद्योगिक प्लांट आवंटन हेतु कितने आवेदन अभी तक प्राप्त हुये हैं, कितनों का आवंटन किया गया है तथा कितने आवेदन अभी तक लंबित हैं, संख्या सहित पूर्ण जानकारी दी जावे? (ग) मुरैना सीतापुर औद्योगिक क्षेत्र के मध्य के ग्रामों के विकास या विस्थापन की शासन की कोई योजना है? यदि हाँ, तो क्या?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) औदयोगिक प्लांट स्थापित होने की जानकारी निरंक हैं। (ख) औदयोगिक क्षेत्र सीतापुर में भूमि आवंटन हेतु दो आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से एक इकाई मेसर्स मयूर यूनिकोटर्स को 25 एकड़ भूमि आवंटन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन हैं। दूसरी इकाई मेसर्स एस.सी.एम. पैकेजिंग ने भूमि आवंटन हेतु जारी आशय पत्र की शर्तों की पूर्ति नहीं करने के कारण उसे भूमि का आवंटन नहीं किया जा सका हैं। (ग) जी नहीं। मुरैना जिले के सीतापुर औदयोगिक क्षेत्र के मध्य में कोई ग्राम स्थित नहीं होने के कारण, ग्रामों के विकास या विस्थापन की, योजना का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन
[उच्च शिक्षा]
183. ( क्र. 6516 ) श्री रामनिवास रावत : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माह मार्च-अप्रैल 2015 में बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय भोपाल में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त सम्मेलन किन उद्देश्यों को लेकर किन विषयों पर किया गया था तथा इस सम्मेलन पर कुल कितनी राशि किन-किन कार्यों पर व्यय की गई? (ग) उक्त सम्मेलन हेतु क्या पृथक बैंक खाता खोला गया था? यदि हाँ, तो उक्त खाते में किन-किन स्त्रोतों से कितनी-कितनी राशि जमा की गई? (घ) क्या उक्त सम्मेलन हेतु खोले गये बैंक खातों से बिना आडिट कराये भुगतान किये गये है? यदि हाँ, तो नियम विरूद्ध भुगतान के लिए कौन उत्तरदायी है? (ड.) उक्त अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में किन-किन देशों के विदेशी प्रतिभागियों एवं आगन्तुकों ने हिस्सा लिया था? (च) क्या उक्त अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन हेतु भारत सरकार के विदेश मंत्रालय से नियमानुसार अनुमति प्राप्त की गई थी? यदि नहीं, तो क्यों? (छ) उक्त सम्मेलन में विदेशी विश्वविद्यालयों से अनुबंध किये गये हैं? यदि हाँ, तो किस-किस संबंध में अनुबंध किये गये हैं? क्या यह अनुबंध नियमानुकूल हैं? यदि नहीं, तो इसके लिए कौन दोषी हैं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) इस सम्मेलन का उद्देश्य स्टेम सेल की मोलूक्यूलर एवं सेल्यूलर बायोलॉजी के क्षेत्र में चिकित्सकीय उपयोगिता का अध्ययन एवं 21वीं सदी में स्टेम सेल थेरेपी चिकित्सा की वर्तमान स्थिति पर विचार विमर्श करना था तथा सम्मेलन निम्न विषयों पर आधारित था: स्टेम सेल बायोलॉजी, केन्सर बायोलॉजी, ड्रग डिलेवरी/नेनो मेडिसिन, री-जनरेटिव मेडिसिन, इनफ्लेमेशन्स एवं रीसेन्ट ट्रेन्डस इन बायोलॉजी। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्ताकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जी हाँ। भुगतानकर्ता उत्तरदायी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (च) जी नहीं। सम्पूर्ण प्रकरण की जाँच कराई जा रही है। (छ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है। प्रश्नांश 'च' के शेषांश के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुस्तकों के मुद्रण एवं कागज के क्रय में अनियमिताएं
[उच्च शिक्षा]
184. ( क्र. 6517 ) श्री रामनिवास रावत : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों को पाठकीय पुस्तकें मुद्रित कराकर उपलब्ध कराने का दायित्व म.प्र. हिन्दी ग्रंथ अकादमी को दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो विगत 3 वर्षों में से कौन-कौन सी पुस्तकें किन-किन लेखकों की अकादमी ने मुद्रित कराई हैं? (ग) क्या म.प्र. हिन्दी ग्रंथ अकादमी द्वारा पुस्तकें मुद्रित कराने हेतु कागज क्रय किये जाने में की गई आर्थिक अनियमितताओं की शिकायते प्रश्नांश (ख) अवधि में प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो उन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) विगत 3 वर्षों में कितनी कीमत का कितना कागज क्रय किया गया? (ड.) क्या उक्त क्रय कागज की मोटाई एवं लंबाई तथा चौड़ाई में प्रदायकर्ता द्वारा पूर्ति नहीं करने पर भी कागज की राशि का अनियमित भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो इसके लिए दोषी कौन है? (च) क्या म.प्र. हिन्दी ग्रंथ अकादमी के प्रमुख के पद पर कार्यरत अधिकारी के विरूद्ध पूर्व से आर्थिक अनियमितता का प्रकरण विभाग में चल रहा है? यदि हाँ, तो अनियमितता के दोषी अधिकारी को पद पर रखे जाने का औचित्य क्या है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जाँच प्रक्रियाधीन है। निष्कर्ष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ड.) जी नहीं। (च) माननीय विशेष न्यायालय भोपाल में प्रकरण विचाराधीन है।
ई-निविदा के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
185. ( क्र. 6530 ) डॉ. मोहन यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) 1 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक नगर निगम एवं नगर पालिकों में ई-निविदा जारी किये जाने के संबंध में कौन-कौन से पत्र, परिपत्र, निर्देश जारी किये गये? संपूर्ण प्रतियां उपलब्ध करावें? उक्त अवधि में उज्जैन नगर निगम एवं जिले की समस्त नगर पालिका में 200000/- से अधिक राशि के कितने कार्य कराये गये? इस हेतु जारी निविदा की प्रति एवं भुगतान हेतु प्राप्त बिलों की प्रति उपलब्ध करावें? उनका भुगतान कब-कब किया गया? (ख) प्रश्नांश (ख) की जानकारी अनुसार क्या नगर निगम उज्जैन एवं जिले की नगर पालिका के अधिकारियों द्वारा ई-निविदा से संबंधित नियमों का उल्लंघन करते हुए विधि विरूद्ध कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) 01 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक ई-निविदा जारी किये जाने के संबंध में जारी परिपत्र/निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। इस अवधि में रूपये 2,00,000/- से अधिक राशि के कुल 747 कार्य कराये गए हैं। निविदा एवं प्राप्त बिलों की प्रतियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। भुगतान संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ख) जी नही। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्राप्त शिकायतों की जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
186. ( क्र. 6531 ) डॉ. मोहन यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक परियोजना अधिकारी, जिला शहरी विकास अभिकरण उज्जैन, नगर निगम उज्जैन एवं उज्जैन जिले की नगर पालिकाओं के संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? अनुविभागीय अधिकारी द्वारा जाँच कर कितने प्रकरणों में दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करने, राजस्व वसूली करने हेतु प्रतिवेदन दिये गये कितने प्रतिवेदनों पर कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार क्या अनुविभागीय अधिकारी से जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने के पश्चात् भी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है यदि हाँ, तो इसके लिए कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) 01 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक कुल 123 शिकायतें प्राप्त हुई है। अनुविभागीय अधिकारी तराना द्वारा एक प्रकरण नगर परिषद, तराना में पेंयजल के परिवहन से संबंधित जाँचकर जाँच प्रतिवेदन में आर्थिक अनियमितता का प्रतिवेदन कलेक्टर उज्जैन को भेजा गया है। कलेक्टर उज्जैन द्वारा अनुविभागीय अधिकारी से प्राप्त प्रतिवेदन को विभाग को पत्र क्रमांक 09 दिनांक 06.01.2017 से भेजा गया है। (ख) जी नहीं। नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तकनीकी प्रयोगशाला
[नगरीय विकास एवं आवास]
187. ( क्र. 6553 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर परिषद करैरा, जिला शिवपुरी द्वारा कार्यरत पुलिस चौकी से पुल तक बी.टी. रोड, यूशेप आर.सी.सी., कवर्ड नाली एवं फुटपाथ निर्माण के कार्य में तकनीकी प्रयोगशाला स्थापति करने के प्रावधान हैं? यदि हाँ, तो क्या निर्माण एजेंसी द्वारा तकनीकी प्रयोगशाला स्थापित की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या उक्त प्रयोगशाला की व्यवस्था न करने पर मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद करैरा जिला शिवपुरी द्वारा लैब स्थापित करने के नोटिस भी दिये गये है? यदि हाँ, तो क्या इसकी व्यवस्था कर दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या मध्यप्रदेश शासन कार्य की गुणवत्ता व शासकीय धन के उपयोग को लेकर प्रश्नकर्ता विधायक के समक्ष मुख्य नगर पालिका अधिकारी करैरा से लैब से संबंधित प्रकरण की जाँच कराऐगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, जी हाँ। निर्माण कार्य में फील्ड प्रयोगशाला स्थापित करने का प्रावधान है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ, जी हाँ, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) नगर परिषद करैरा, जिला-शिवपुरी में कराये जा रहे कार्यों की गुणवत्ता के संबंध में शिकायत प्राप्त नहीं होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गौण खनिज रायल्टी एवं अतिरिक्त स्टाम्प शुल्क वसूली
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
188. ( क्र. 6568 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा गौण खनिज रॉयल्टी एवं अतिरिक्त स्टाम्प शुल्क वसूली की क्या प्रक्रिया है व उसके संचालन हेतु क्या प्रक्रिया प्रचलन में है? प्रक्रिया की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में तहसील मुरैना व अम्बाह जिला मुरैना में कितनी राशि दोनों मदों में प्राप्त हुई, की जानकारी जनवरी 2014 से जनवरी 2017 तक दी जावे? (ग) प्रश्नांश (ख) में प्राप्त राशि में से दोनों तहसीलों की ग्राम पंचायतों में क्या-क्या कार्य हुए की जानकारी ग्राम पंचायत का नाम, कार्य विवरण, मांग संख्या, लेखा शीर्ष, उप शीर्ष आदि सहित जानकारी दी जावे? (घ) क्या उपरोक्त प्रश्नांश (ग) में प्राप्त राशि में से सभी कार्य पूर्ण हो चुके या शेष हैं, शेष कार्यों की जानकारी देते हुए कब तक पूर्ण कर लिये जायेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) म.प्र. शासन द्वारा गौण खनिज रायल्टी एवं अतिरिक्त स्टाम्प शुल्क वसूली की प्रक्रिया तथा उनके संचालन की प्रक्रिया क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार हैं। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में गौण खनिज अन्तर्गत तहसील मुरैना में स्थित खदानों से 5,70,64,468/- रूपये तथा अम्बाह तहसील में स्थित खदानों से 1,13,000/-रूपये खनिज राजस्व के रूप में प्राप्त हुये हैं। स्टाम्प शुल्क अन्तर्गत तहसील मुरैना में 17,02,15,533/-रूपये एवं तहसील अम्बाह में 4,45,12,140/-रूपये प्राप्त हुये हैं। (ग) प्रश्नांश (ख) में प्राप्त राशि में से दोनों तहसीलों की ग्राम पंचायतों में कोई कार्य स्वीकृत नहीं हुये हैं। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता हैं। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
परफॉरमेंस ग्रांट से प्रदाय राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
189. ( क्र. 6569 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा परफॉरमेंस ग्रांट राशि प्रदाय हेतु क्या मार्गदर्शिका जारी की गई है व यह राशि किन-किन कार्यों में व्यय की जा सकती हैं जानकारी दी जावें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रदेश के मुरैना जिले को कितनी राशि दी गई विगत तीन वर्ष की जानकारी वर्षवार दी जावे? (ग) प्रश्नांश (ख) की प्राप्त राशि में से जिला मुरैना की जनपद पंचायत अम्बाह व मुरैना में वितरित की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) में प्राप्त राशि में से जनपद पंचायत अम्बाह व मुरैना में क्या-क्या कार्य किये गये कार्यों की विस्तृत जानकारी दी जावे क्या सभी कार्य पूर्ण हो चुके है या शेष हैं शेष होने के क्या कारण हैं कार्य कब तक पूर्ण करा दिये जायेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मुरैना जिले को प्रश्नांकित अवधि में 3.00 करोड़ राशि प्रदाय की गई है। (ग) जिला पंचायत सामान्य सभा की बैठक दिनांक 25.01.2017 को कार्ययोजना का अनुमोदन किया गया है, उसके आधार पर कार्यवाही प्रचलित है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
अध्यापक/शिक्षकों के रिक्त पद की पूर्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
190. ( क्र. 6587 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा अतारांकित प्रश्न संख्या 133 (क्रमांक-5239) दिनांक 11/03/2016 के प्रश्नांश (घ) के उत्तर में नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा संचालित विद्यालयों में शिक्षकों की कमी एवं मेयर इन काउंसिल के प्रस्ताव क्रमांक-07 दिनांक-11/09/2015 द्वारा विद्यालयों को संचालन हेतु शासन को हस्तांतरण करने के निर्णय की जानकारी दी गई थी? तो किन-किन विद्यालयों में किन-किन विषयों/संकायों के शिक्षकों/अध्यापकों के कितने-कितने पद रिक्त हैं? इनकी पदपूर्ति हेतु विगत तीन वर्षों में नगर पालिक निगम कटनी द्वारा क्या-क्या कार्यवाही/प्रयास किये गये एवं प्रश्नांश (क) अन्तर्गत एम.आई.सी. के प्रस्ताव पर क्या क्या आगामी कार्यवाही की गई? यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई है तो कब तक की जावेगी? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अन्तर्गत मेयर इन कौंसिल के प्रस्ताव को नगर पालिक निगम कटनी द्वारा राज्य शासन को भेजा गया? यदि हाँ, तो किस दिनांक को एवं यह भी बतायें कि शासन स्तर पर इस प्रस्ताव पर क्या निर्णय/कार्यवाही की गई है? यदि कोई निर्णय/कार्यवाही नहीं की गई है तो कब तक की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर पालिक निगम कटनी, द्वारा संचालित तीनों विदयालयों में आदर्श कार्मिक संरचना की स्वीकृती के पूर्व नगर पालिक निगम कटनी स्वीकृत (पुराना पेट्रन) रचनाक्रम के अनुसार रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। राज्य शासन द्वारा नगर पालिक निगमों के लिये आदर्श कार्मिक संरचना स्वीकृत की गई है, जिसमें मध्यप्रदेश शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग मंत्रालय के ज्ञाप क्रमांक एफ 4-51/2012/18-1 भोपाल दिनांक 28 फरवरी 2014 के परिशिष्ट-2 के अनुसार नगर पालिक निगमों द्वारा संचालित शालाओं के पद डाईग कॉडर घोषित किये गये हैं। पदों को डाईग कॉडर में होने से एवं वर्तमान में तीनों विद्यालयों में विषय विशेषज्ञों की अत्यंत कमी होने से मेयर-इन-काउंसिल की बैठक दिनांक11.09.2015 में लिये गये निर्णय अनुसार शासन को उपरोक्त शालायें संचालित करने की स्वीकृति सर्वसम्मती से प्रदान की गई है। मेयर-इन-काउंसिल के संकल्प के आधार नगर पालिक निगम कटनी द्वारा प्रस्ताव विभाग को प्रेषित किया गया है। (ख) जी हाँ। मेयर-इन-काउंसिल का प्रस्ताव 14.01.2016 को प्राप्त हुआ जिसके परिप्रेक्ष्य में नगर पालिक निगम कटनी द्वारा संचालित तीनों विद्यालयों को स्कूल शिक्षा विभाग को हस्तांतरित करने की कार्यवाही प्रचलन में है।
वन विभाग की योजनाएं
[वन]
191. ( क्र. 6600 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजना में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई। कितनी राशि किस-किस कार्य में किस-किस स्थान में व्यय की गई। (ख) क्या सम्पूर्ण सतना जिले में उचेहरा से परसमनिया मार्ग में जंगल की कटाई की रोकथाम के लिए घास-भूस के टटवा बनाकर लगाये गये है? क्या इन टटवों से वन सम्पदा की चोरी रोकी जा सकती हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में वन सम्पना की चोरी रोकने हेतु किन-किन स्थानों में टटवा लगाए गए हैं। उक्त टटवा लगाने में शासन कुल अभी तक कितना व्यय प्रश्नांकित अवधि में किया गया है। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन से इस तरह चोरी रोकने के उपाय की मंजूरी ली गई है? यदि हाँ, तो कब?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) सतना वनमण्डल में उचेहरा से परसमनिया मार्ग में बांस भिर्रों की सफाई से प्राप्त नाकाबिल शाखाओं से टटवा बनाने का कार्य किया गया है। टटवा बनाने का उद्देश्य चोरी रोकना नहीं है, अपितु जिस क्षेत्र में बांस भिर्रा सफाई की गई है उस क्षेत्र के आवारा पशु जंगल के अंदर घुस कर बांस को नुकसान न पहुंचा सके एवं चराई न कर सकें, जिससे पुनरूत्पादन को कोई नुकसान न हो इस उद्देश्य से सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए टटवा लगाये गये हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) उक्त कार्य की तकनीकी स्वीकृति मुख्य वन संरक्षक, क्षेत्रीय (रीवा) ने प्राधिकार अनुसार प्रदाय की है। स्वीकृति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कस्तूरबा गांधी विश्रांति न्यास काम्पू लश्कर की अनियमितताएं
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
192. ( क्र. 6612 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्वालियर जिले में कस्तूरबा गांधी विग्रति भवन न्यास, काम्पू लश्कर ग्वालियर पंजीकृत है? इस न्यास के अध्यक्ष कलेक्टर ग्वालियर हैं? क्या अशासकीय सदस्य भी मनोनीत किये गये है? मनोनीत अशासकीय सदस्यों में से जीवित कितने हैं अशासकीय रिक्त न्यास सदस्यों की पूर्ति कब तक की जाएगी? समयावधि बतावें। (ख) उक्त न्यास को शासन से कितनी नि:शुल्क भूमि लीज पर दी गई है एवं न्यास की वर्तमान संपत्ति एवं वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक कितनी आय एवं व्यय हुआ? (ग) क्या कस्तूरबा विश्रांति भवन न्यास में निर्मित संपत्ति में रख-रखाव एवं भवन निर्माण किराया जमा कराने तथा प्रशासनिक कार्य हेतु न्यास हेतु वर्ष 1999 से प्रबंधक की नियुक्ति की गई थी यदि हाँ, तो जानकारी दें? प्रबंधक की नियुक्ति के बाद भी वर्ष 2013 में दुकान का किराया जमा करने एवं लिपिकीय कार्य प्रबंधक से नहीं कराया जाकर प्रबंध न्यासी द्वारा किसी आदेश के स्वयं किया जा रहा है एवं अध्यक्ष एवं कलेक्टर ग्वालियर के आदेश क्र./क्यू/एस.टी./15-क/2013-14/2013/17-7-2013 के द्वारा प्रबंधक की सेवायें बहाल करने के बाद भी प्रबंधक को प्रभार नहीं दिया गया है एवं न्यास में कार्य पर नहीं लिया गया है? (घ) क्या प्रबंधक न्यासी द्वारा न्यास की संपत्ति का दुरूपयोग एवं दुकान किराया राशि को न्यास के बैंक खाते में जमा न कर व्यक्तिगत रखकर गबन करने की शिकायते कलेक्टर को प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो शासन ने क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो पुन: कब तक जाँच कराकर दोषी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जायेगी? प्रबंधक न्यासी द्वारा प्रशासकीय कार्य कब तक वापिस लिया जावेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कार्य के नाम पर शासन की राशि को खुर्दबुर्द किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
193. ( क्र. 6618 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या निविदा क्रमांक 47 जलकार्य विभाग द्वारा दिनांक 16 मार्च 2016 को एक 150 लाख रूपये की लागत से 400 एम.एम. डीआई के 9 पाईप फिटिंग कर्बला पम्प से ईदगाह फिल्ट्रेशन तक की निविदा आमंत्रित की गई थी? यदि हाँ, तो क्या यह कार्य धरातल पर सम्पन्न हुआ है? यदि नहीं, तो लगभग एक वर्ष व्यतीत हो जाने के पश्चात् भी कार्य नहीं करने के क्या कारण हैं तथा इस लापरवाही के लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार हैं उनके विरूद्ध शासन द्वारा क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें? (ख) निविदा क्रमांक 2104 जे.एन.एन.यू.आर.एम. के अंतर्गत दिनांक 17 अप्रैल 2016 को 956 लाख रूपये की एक निविदा जारी गई जिसमें डीआई के 9 पाईप 600 एमएम. का कर्बला से ईदगाह तक के लिए निविदा आमंत्रित की गई इसमें एक इंटेक वेल 7 एमजीडी का कर्बला पर बनाने का कार्य होना था? (ग) यदि हाँ, तो क्या न्यू वाटर ट्रीटमेंट प्लांट 3 एमजीडी केपेसिटी का ईदगाह पर बनाने का प्रावधान रखा गया था? यदि हाँ, तो एक ही कार्य की दो निविदाएं एक माह के अंतर से क्यों बुलाई गई? क्या भोपाल में नर्मदा का पानी उपलब्ध कराने के लिए जो प्रोजेक्ट चल रहे है उसमें यह कार्य शामिल क्यों नहीं किए गए क्या पुराने भोपाल में नर्मदा का पानी नहीं दिया जायेगा तथा यह कार्य किस बजट मद से कराया जा रहा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। प्रथम एवं द्वितीय निविदा आमंत्रण में एकल निविदा प्राप्त होने के कारण पुन: निविदा आमंत्रित की गई है। निकाय द्वारा समूचित कार्यवाही किये जाने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। इस निविदा अंतर्गत कर्बला पर 7 एमजीडी के इन्टेकवेल, कर्बला से ईदगाह प्रस्तावित जलशोधन संयत्र तक 600 मिमी व्यास की डीआई पाईप, ईदगाह पर 3 एमजीडी क्षमता के जलशोधन संयत्र एवं इन समस्त कार्यों को एक वर्ष तक संचालन, संधारण किये जाने का कार्य सम्मिलित था। (ग) जी हाँ। इन दोनों निविदाओं के कार्यों का स्वरूप पूर्णत: अलग-अलग है। पुराने भोपाल में नर्मदा का पानी नहीं दिया जायेगा व पुराने भोपाल में प्रस्तावित जोनिंग अनुसार कोलार व बड़ा तालाब से जल प्रदाय किया जाना प्रस्तावित है। जे.एन.एन.यू.आर.एम. मद से।
ऋण की राशि की बंदरबांट किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
194. ( क्र. 6619 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भोपाल नगर निगम प्रशासन द्वारा वित्तीय वर्ष 2009-10 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि का किन-किन एजेंसियों/बैंक से कितने प्रतिशत् ब्याज दर पर ऋण प्राप्त किया गया वर्षवार कार्य तथा बैंक का नाम सहित बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जिन कार्यों के लिए ऋण लिये गये थे वह पूर्ण हो गए है? यदि हाँ, तो कार्यपूर्ण उपरांत कितनी राशि शेष बची तथा कौन-कौन से कार्य अपूर्ण स्थिति में है तथा कब तक पूर्ण हो जावेगें तथा ऐसे कौन-कौन से कार्य हैं जिनके ऋण की राशि का उपयोग अन्य कार्यों में किए जाने के क्या कारण इस लापरवाही के लिए कौन-कौन दोषी है उनके विरूद्ध शासन द्वारा प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें? (ग) क्या कुछ एजेंसियों/बैंक से ऋण स्वीकृत होने के उपरांत निगम प्रशासन द्वारा राशि प्राप्त नहीं करने के बावजूद ऋण की राशि का भुगतान किया गया? यदि नहीं, तो क्या शासन इसकी जाँच कराकर शासन की राशि का दुरूपयोग करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। कार्य पूर्ण उपरांत राशि शेष नहीं बची है, अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। एजेन्सियों/बैंकों से ऋण स्वीकृत होने के उपरांत निगम प्रशासन द्वारा राशि प्राप्त करने के बाद ही ऋण की राशि का पुनर्भुगतान किया गया है। अत: राशि के दुरूपयोग नहीं होने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
अमृत योजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
195. ( क्र. 6622 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर पालिका परिषद गुना द्वारा अमृत योजना का बैंक खाता खुलवाया गया? अगर हाँ तो बैंक खाता क्रमांक, बैंक खाते में कितनी राशि जमा की गई एवं बैंक का नाम बतावें। (ख) गुना विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सिंध नदी पर बनाये जा रहे एनीकेट का निर्माण कार्य किस वर्ष से कराया जा रहा है और कब तक उक्त निर्माण कार्य पूर्ण करा लिया जावेगा। वर्षवार, आवंटन एवं व्यय की जानकारी बतावें। (ग) गुना नगर पालिका परिषद द्वारा वर्ष 2016-17 में कितने नामांतरण हेतु आवेदन परिषद में प्राप्त हुए और कितने नामांतरणों का निराकरण कर दिया गया है? शेष कितने नामांतरण परिषद में लंबित हैं। (घ) नगर पालिका परिषद गुना में आज तक कितने सम्मेलन कराये गये है, (1) समिति के सम्मेलन (2) पी.आई.सी. के संपन्न सम्मेलन (3) परिषद में हुए सम्मेलनों के एजेंडा एवं कार्यवृत्त की जानकारी बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। बैक का नाम यूनियन बैंक शाखा, गुना खाता क्रमांक 410601010023067, खाते में प्राप्त राशि दिनांक 05.11.2016, राशि रू० 25,00,000.00 दिनांक 28.03.2016, राशि रू० 5,94,00,000.00 कुल जमा राशि रू 6,19,00,000.00 (ख) गुना विधानसभा क्षेत्रांतर्गत सिंध नदी पर एनीकट एक्सटेंशन एवं बैंक प्रोटेक्शन का कार्य, कार्यादेश क्र. 5169 दिनांक 21.12.2015 से कराया जा रहा है। उक्त कार्य माह जून, 2017 तक पूर्ण कराये जाने का लक्ष्य है। यह कार्य नगर पालिका निधि से कराया जा रहा है। योजना हेतु शासन से नगर पालिका को कोई आंवटन प्राप्त नहीं हुआ है। वित्तीय वर्ष 2015-16 में राशि रूपये 36.75 लाख तथा वर्ष 2016-17 में राशि रूपये 235.72 लाख व्यय किया गया है। (ग) वर्ष 2016-17 में हक हस्तांतरण हेतु कुल 927 आवेदन प्राप्त हुये जिनमें से 502 प्रकरण स्वीकृत किये गये। शेष प्रकरण 425 में सें 244 प्रकरण दावे-आपत्तियों हेतु समाचार पत्र में प्रकाशित किये जा चुके हैं। दावे-आपत्तियों की समय-सीमा पूर्ण होने उपरांत स्वीकृत करने की कार्यवाही की जायेगी। शेष प्रकरण 181 की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) समिति के 49 सम्मेलन आयोजित किये गये। पी.आई.सी. के 27 सम्मेलन आयोजित किये गये। परिषद के 07 सम्मेलन आयोजित किये गये जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
गेमन इंडिया के सेल्फ असेसमेंट की जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
196. ( क्र. 6635 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या गेमन इंडिया द्वारा भोपाल में किसी प्रोजेक्ट पर कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो प्रोजेक्ट का नाम, लागत एवं कार्य अवधि का ब्यौरा दें? (ख) क्या गेमन इंडिया द्वारा नगर निगम भोपाल को सेल्फ असेसमेंट का ब्यौरा दिया है? यदि हाँ, तो क्या उक्त असेसमेंट के किसी प्रकार की जाँच की गई है यदि हाँ, तो जाँच के क्या निष्कर्ष रहे? क्या कंपनी द्वारा दिए गए असेसमेंट में गलत जानकारी सामने आई है यदि हाँ, तो ब्यौरा दें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार गेमन इंडिया के सेल्फ असेसमेंट की जाँच किस स्तर के अधिकारी द्वारा की गई और जाँच में क्या गलत जानकारी सामने आई? (घ) क्या गलत जानकारी देने के मामले में गेमन इंडिया के खिलाफ क्या कोई कार्यवाही की गई है यदि हाँ, तो ब्यौरा दें? यदि नहीं, तो शासन द्वारा क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जा रही है और कब तक कर ली जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। पुर्नघनत्वीकरण योजनांतर्गत सेन्ट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट (सी.बी.डी.) साउथ टी.टी. नगर भोपाल के नाम से कार्य किया जा रहा है। कार्य की अवधि दिनांक 17.04.2008 से दिनांक 17.04.2013 तक 5 वर्ष है। गेमन इंडिया द्वारा परियोजना का विकास/क्रियान्वयन स्वयं के संसाधनों से किया जा रहा है, इसलिए लागत बताई जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
केन्द्रीय कर्मशाला नगर निगम भोपाल
[नगरीय विकास एवं आवास]
197. ( क्र. 6636 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर निगम भोपाल की केन्द्रीय कर्मशाला में विभिन्न वस्तुओं की सप्लाई के लिए सप्लायर पंजीकृत किए जाते हैं? यदि हाँ, तो कुल कितने सप्लायर पंजीकृत हैं उनके नाम, पता एवं वर्ग सहित ब्यौरा दें। (ख) क्या नगर निगम भोपाल की केन्द्रीय कर्मशाला में वाहनों में सुधार कार्य किया गया है? यदि हाँ, तो विगत 2 वर्ष के दौरान कुल कितने वाहनों पर कितनी राशि खर्च कर सुधार कार्य किया गया? वाहनवार खर्च की राशि का ब्यौरा दें। (ग) क्या वाहनों के सुधार में प्रयुक्त सामग्री सप्लायरों के माध्य से क्रय की गई है? यदि हाँ, तो सामग्री क्रय की क्या प्रक्रिया है? ब्यौरा दें तथा किन-किन सामग्री की किन-किन सप्लायरों ने प्रतिपूर्ति की वर्ग आर्डरवार विगत 2 वर्ष का ब्यौरा दें। (घ) क्या चलित कर्मशाला द्वारा भी वाहनों में सुधार कार्य किया है? यदि हाँ, तो विगत 2 वर्ष के दौरान कितनी राशि के सुधार कार्य किए गए है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। जानकारी वृहद होने से जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) जी हाँ। कोटेशन व ई-निविदा पद्धति, दैनिक समाचार पत्रों, ऑनलाईन एवं निगम वेबसाईट पर विज्ञप्ति प्रकाशन कर सामग्री क्रय की जाती है। शेष जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) चलित कर्मशाला का समय-समय पर दूर-दराज स्थानों पर वाहन खराब होने की स्थिति में गंतव्य स्थल तक आवश्यकतानुसार सुधार सामग्री ले जाने का कार्य लिया जाता है। पृथक से चलित कर्मशाला के लिए सुधार कार्य हेतु राशि का प्रावधान नहीं है।
बालाघाट में तीन अतिरिक्त कक्षों के निर्माण कराने
[उच्च शिक्षा]
198. ( क्र. 6642 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय महाविद्यालय कटंगी जिला बालाघाट में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की संख्या को देखते हुये तीन अतिरिक्त अध्यापन कक्षों के निर्माण की आवश्यकता है? (ख) यदि हाँ, तो उच्च शिक्षा विभाग तीन अतिरिक्त कक्षों के निर्माण की क्या कार्यवाही कर रहा है।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) शासकीय महाविद्यालय, कटंगी, जिला बालाघाट में 03 अध्यापन कक्षों का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में उपलब्ध सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण निर्माण की स्वीकृति में कठिनाई है।
तिरोड़ी, खैरलांजी में कला संकाय में स्नातकोत्तर कक्षाओं का प्रभाव
[उच्च शिक्षा]
199. ( क्र. 6643 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले में शासकीय महाविद्यालय कटंगी, शासकीय महाविद्यालय तिरोड़ी एवं शासकीय महाविद्यालय खैरलांजी में कला संकाय में स्नातकोत्तर कक्षाओं का प्रभाव है। (ख) यदि हाँ, तो क्या उच्च शिक्षा विभाग तीनों महाविद्यालयों में अंग्रेजी (साहित्य) राजनीतिशास्त्र, समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर कक्षायें स्वीकृत करने पर विचार करेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) वर्तमान में वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण बालाघाट जिले में शासकीय महाविद्यालय कटंगी, शासकीय महाविद्यालय तिरोड़ी एवं शासकीय महाविद्यालय खैरलांजी में कला संकाय में स्नातकोत्तर की कक्षाओं को प्रारंभ किये जाने में कठिनाई है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
पृथ्वीपुर निवाडी रोड पर अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
200. ( क्र. 6653 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. रोड डवलपमेंट कार्पोरेशन द्वारा पृथ्वीपुर निवाडी सड़क का निर्माण कार्य किया जा रहा है अगर हां, तो रोड के निर्माण हेतु मुरम खनन हेतु कहाँ-कहाँ की अनुमति ली गई है ग्रामवार, रकबावार, खसरावार एजेंसी नामवार बतावें? (ख) क्या यह सही है कि बिना अनुमति के पृथ्वीपुर निवाडी रोड पर अवैध उत्खनन किया गया है, अगर हां, तो किन-किन लोगों के द्वारा नामवार बतावें? (ग) जिन लोगों के द्वारा अवैध उत्खनन किया गया है उन पर विभाग के द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है और अगर नहीं की गई है तो क्यों कारण सहित बतावें? (घ) जिन लोगों के द्वारा अवैध उत्खनन किया गया है उस जगह का राजस्व अवैध उत्खनन करने वाले से वसूला जायेगा अगर हां, तो कब तक और उनके विरूद्ध शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। निर्माण कार्य किया जा रहा है। प्रश्नाधीन कंपनी को मुरम खनन हेतु कोई उत्खनन अनुज्ञा स्वीकृत नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। प्रश्नाधीन क्षेत्र में अवैध उत्खनन का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (ख) में दिये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मंदिर बटेरी एवं होड़ा माताजी धर्मस्व विभाग में जोडने
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
201. ( क्र. 6659 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधानसभा राजगढ़ में प्राचीन धार्मिक, ऐतिहासिक एवं रमणीय स्थान 1 मॉ बटेरी माताजी एवं 2 मॉ होड़ा माताजी धर्मस्य विभाग में दर्ज है? यदि हाँ, तो बतावें। (ख) क्या उक्त मंदिरों पर श्रद्धालुओं एवं भक्तों का वर्ष दूर-दूर से आना जाना होता है? क्या यहां पर नवरात्रि पर मेला भी लगता है? यदि हाँ, तो क्या यहां पर आने जाने वाले श्रद्धालुओं एवं भक्तों को मूलभूत सुविधायें नहीं होने से परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है? (ग) क्या शासन उक्त अत्यन्त प्राचीन एवं धार्मिक व ऐतिहासिक स्थान को धर्मस्व विभाग में दर्ज करेगा यदि हाँ, तो कब तक? (घ) यदि नहीं, तो क्षेत्र की जनता की धार्मिक भावना एवं सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए उक्त दोनों स्थानों 1. मॉ बटेरी माताजी एवं 2. मॉ होड़ा माताजी मन्दिरों पर सामुदायिक भवन, रास्ते में सी.सी. रोड़ एवं पानी की टंकी, ट्यूबवैल आदि की व्यवस्था कब तक की जावेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खुजनेर में खेल ग्राउण्ड बनाया जाना
[खेल और युवा कल्याण]
202. ( क्र. 6660 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधानसभा राजगढ़ के नगर खुजनेर में खेल ग्राउण्ड बनाया जाना प्रस्तावित है? (ख) यदि हाँ, तो किस स्थान पर बतावें। (ग) क्या इस हेतु शासन द्वारा कोई शासकीय भूमि आवंटित की गई है यदि हाँ, तो कहाँ पर और कितनी भूमि और यदि नहीं, तो कब तक आवंटित की जावेगी? (घ) नगर खुजनेर में खेल ग्राउण्ड कब तक बनाया जा सकेगा।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की परफोरमेंस ग्रांट योजना के अन्तर्गत प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक आउटडोर स्टेडियम का निर्माण किये जाने की योजना है। जिसके तहत विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ के ग्राम पंचायत करनवास में आउटडोर स्टेडियम का निर्माण किया जा रहा है। एक विधानसभा क्षेत्र में एक से अधिक स्टेडियम निर्माण का योजना में प्रावधान नहीं है। (ख) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (क) के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जनहित योजना की जानकारी
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
203. ( क्र. 6680 ) श्री मधु भगत : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परसवाड़ा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वित्त वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना प्रधानमंत्री कार्यक्रम योजनान्तर्गत किन-किन ग्रामों में कितने बेरोजगारों को ऋण स्वीकृति/प्राप्ति हेतु कितने आवेदन उद्योग विभाग को प्राप्त हुये एवं कितना लक्ष्य शासन द्वारा परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र को प्राप्त हुआ? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित इन प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदन स्वीकृत कर विभाग ने बैंकों को भेजा एवं कितने प्रकरण किन कारणों से अस्वीकृत किये गये? कारण सहित वर्षवार संख्यात्मक जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) में स्वीकृत कर बैंकों को भेजे गये कितने प्रकरणों को किस कार्य हेतु कब कितना ऋण स्वीकृत किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित लक्ष्य की पूर्ति न होने एवं बेरोजगारों को शासन की योजनाओं का लाभ न मिल पाने के क्या कारण हैं? इस हेतु शासन क्या कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना/मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना/ प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना अंतर्गत उद्योग विभाग/एम.एस.एम.ई. विभाग को प्राप्त आवेदनों की जानकारी निम्नानुसार हैः-
योजना का नाम |
प्राप्त प्रकरण |
मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना |
141 |
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना |
03 |
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम |
27 |
शासन के द्वारा विधान सभावार लक्ष्य का निर्धारण नहीं किया जाता है। (ख) विभाग द्वारा प्राप्त सभी आवेदन पत्रों को बैंकों को प्रेषित किया गया। अतः प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांकित अवधि में बैंकों द्वारा उद्योग, सेवा, व्यवसाय हेतु स्वीकृत प्रकरणों एवं स्वीकृत राशि का विवरण निम्नानुसार हैः-
योजना का नाम |
स्वीकृत प्रकरण |
स्वीकृत राशि |
मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना |
27 |
82.4 लाख |
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना |
01 |
10.67 लाख |
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम |
07 |
85.80 लाख |
(घ) उत्तर (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन कटाई एवं राशि की जानकारी
[वन]
204. ( क्र. 6681 ) श्री मधु भगत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में बांस एवं अन्य प्रजाति की लकड़ियों के परिवहन के लिए क्या नीति अपनाई जा रही है वर्ष 2016-17 के लिए किस-किस वन क्षेत्र में कहाँ-कहाँ पर कौन सी सड़क का निर्माण किया गया है उक्त सड़क निर्माण हेतु कितनी-कितनी राशि खर्च की गई तथा भुगतान किस-किस माध्यम से किया गया दिनांकवार, बिन्दुवार ब्यौरा देवें? (ख) क्या पहाड़ी क्षेत्रों में बांस एवं वन सम्पदा कटाई हेतु अतिरिक्त राशि खर्च होती है यदि हाँ, तो बताये कि उसके निर्धारण हेतु शासन द्वारा क्या नीति अपनाई जा रही है? (ग) नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में वन कटाई में संलग्न शासकीय एवं गौर शासकीय कर्मचारी हेतु क्या अतिरिक्त भत्ता दिया जा रहा यदि नहीं, तो क्यों यदि हाँ, तो शासन द्वारा क्या नीति अपनाई जा रही है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वन विभाग द्वारा बांस एवं अन्य प्रजाति की लकड़ियों के परिवहन हेतु परिवहन समूह गठित कर निविदा/नीलाम/खुली दर प्रक्रिया के माध्यम से वनोपज परिवहन कार्य सम्पादित कराया जाता है। वर्ष 2016-17 में वनक्षेत्रों में सड़क निर्माण का कार्य नहीं कराया गया है। शेष जानकारी निरंक है। (ख) जी हाँ। बालाघाट वन वृत्त के अंतर्गत स्वीकृत जॉबदर में पहाड़ी क्षेत्रों में वनोपज विदोहन हेतु पृथक से दर निर्धारित है। (ग) जी नहीं। म.प्र. तृतीय श्रेणी (अलिपिक वर्गीय) वन सेवा भर्ती नियम में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में वन कटाई में संलग्न शासकीय एवं गैर शासकीय कर्मचारी हेतु अतिरिक्त भत्ता दिये जाने का प्रावधान नहीं है।
ग्राम उदय से भारत उदय अभियान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
205. ( क्र. 6688 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के तहत पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितने लोगों के नाम गरीबी रेखा की सूची से काटें गये तथा कितने लोगों के नाम गरीबी रेखा की सूची में जोड़े गये? (ख) वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने हितग्राही ने लोक सेवा केन्द्र के माध्यम से गरीबी रेखा की सूची में नाम जोड़ने हेतु आवेदन प्रस्तुत किये इन प्राप्त आवेदन में कितने के नाम जोड़े गये तथा कितने हितग्राहियों का नाम जोड़ा जाना शेष है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में गरीबी रेखा में जोड़े गये पात्र हितग्राहियों में से कितनों को बी.पी.एल. कार्ड बनाकर दिये गए? कितनों को बी.पी.एल. कार्ड दिया जाना शेष है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 5421 काटें गये है तथा 2265 नाम जोड़े गये। (ख) लोक सेवा केन्द्र के माध्यम से प्रश्नांकित अवधि तक गरीबी रेखा की सूची में नाम जोड़ने हेतु कुल 22203 आवेदन प्रस्तुत हुए। जिसमे से 778 नाम जोड़े गये। यह एक सतत प्रक्रिया है शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) 2572 बी.पी.एल. कार्ड बनाकर दिये गये, 471 बी.पी.एल. कार्ड दिया जाना शेष है।
इन्डोर एवं आउटडोर स्टेडियम
[खेल और युवा कल्याण]
206. ( क्र. 6699 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जावरा नगर जिले का मध्य केन्द्र होकर इससे लगभग ढ़ाई सौ से तीन सौ गांवों को ग्रामीण क्षेत्र निरंतर सपंर्कित होकर शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार, व्यवसाय एवं अन्य प्रमुख गतिविधियों का एक बड़ा केन्द्र स्थान है? (ख) यदि हाँ, तो क्या यहां की कबड्डी, फुटबाल, बास्केटवाल, वॉलीवाल, कुश्ती, हेण्डवाल, जूर्डों कराटे, बेडमिंटन एवं टेबल-टेनिस, मलखंब इत्यादि जैसे अनेक खेलों में युवाओं की अत्यधिक गतिविधियां बनी रहती है? (ग) साथ ही क्षेत्र के नागरिकों एवं प्रश्नकर्ता द्वारा एवं अन्य व्यवस्थाओं के माध्यम से भी जावरा नगर में इडोर एवं आउटडोर स्टेडियम बनाए जाने की मांग लगातार की जा रही? साथ ही इस हेतु प्रशासकीय/विभागीय कार्यवाही भी हुई है? (घ) यदि हाँ, तो क्षेत्र के युवाओं की महती एवं महत्वपूर्ण खेल गतिविधियों की आवश्यकताओं की पूर्ति कब तक की जाकर इन्हे बजट में सम्मिलित कर कब तक स्वीकृति दी जाएगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) लगभग मध्य में स्थित है, प्रचलित गतिविधियां निरंतर संचालित होती है। (ख) स्थानीय प्रचलित खेलों में प्रतिभागियों की प्रतिभागिता रहती है। (ग) इण्डोर स्टेडियम के लिये भूमि आरक्षण हेतु कार्यवाही की गई, परंतु भूमि खेल विभाग को हस्तांतरित नहीं हुई है। इस अंतराल में भारत सरकार द्वारा राजीव गांधी खेल अभियान स्थगित कर दी गई है। अत: वर्तमान में इंडोर स्टेडियम निर्माण नहीं किया जा सकता। (घ) प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत निर्मित शौचालयों का भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
207. ( क्र. 6723 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले के अंतर्गत जनपद पंचायत घाटीगांव एवं भितरवार के द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत कितने शौचालयों का निर्माण कराया गया है? ग्राम पंचायतवार संख्या बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या शौचालयों का निर्माण बेण्डर्स एवं हितग्राहियों के द्वारा किया गया है? यदि हाँ, तो बतायें। ग्राम पंचायतवार कितने शौचालयों का निर्माण बेडरों के द्वारा एवं कितने शौचालयों का निर्माण हितग्राहियों के द्वारा किया गया है? पंचायतवार बेण्डर्स एवं हितग्राहियों के द्वारा निर्मित शौचालयों की संख्या बतायें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या निर्मित शौचालयों का भुगतान कर दिया गया है यदि हाँ, तो बतायें? कितने शौचालयों का भुगतान बेण्डरों को एवं कितने शौचालयों का भुगतान हितग्राहियों को किया जा चुका है पंचायतवार संख्या बतायें? कितने शौचालयों का भुगतान अभी शेष है पंचायतवार संख्या बतावें उनका भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिन हितग्राहियों के द्वारा शौचालय निर्माण किया जा चुका है लेकिन उनका भुगतान अभी तक नहीं किया गया है साथ ही एम.आई.एस. सूची में अपात्र बताया जा रहा है जबकि पूर्व में उनका नाम सूची में था ऐसे हितग्राहियों का सूची में नाम जोड़कर भुगतान कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक एक निश्चित समय-सीमा स्पष्ट करें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मनरेगा योजनान्तर्गत स्वीकृत कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
208. ( क्र. 6724 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल 2014 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजनान्तर्गत भितरवार विधानसभा क्षेत्र को प्राप्त हुई है व उसमें जिला स्तर से कितनी राशि के कितने कार्य स्वीकृत कर किस-किस शासकीय विभाग को एजेंसी बनाया कृपया वर्षवार मय वित्तीय एवं भौतिक प्रगति के जानकारी प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) की समयावधि में क्या सभी कार्य मांग करने वाले आवेदनकर्ताओं को उपलब्ध करा दिया गया है? यदि हाँ,? तो कितनों को? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में वनमण्डल सामान्य भितरवार विधानसभा क्षेत्र में किन-किन कार्यों की एजेंसी नियुक्त किया गया? कार्य का नाम, प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक व उपलब्ध कराये गये रोजगार दिवस की संख्या सहित वर्षवार बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांकित योजना मांग आधारित है विधानसभावार आवंटन उपलब्ध नहीं कराया जाता है। जिला स्तर से कोई भी कार्य स्वीकृत नहीं किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ, 84838 मांग करने वाले जॉबकार्डधारी आवेदको को। (ग) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दिव्यांग स्कूल खोलना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
209. ( क्र. 6752 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में दिव्यांग बच्चों के लिये किस-किस जिले में विद्यालय संचालित किये जा रहें हैं? (ख) क्या शाजापुर जिले में दिव्यांग बच्चों का सर्वे किया गया है? यदि हाँ, तो सूची देवें। (ग) क्या शाजापुर जिले के कालापीपल ब्लॉक में दिव्यांग बच्चों की पढ़ाई हेतु विद्यालय खोला जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) वर्तमान में इस संबंध में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रोजगार सहायकों का मानदेय
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
210. ( क्र. 6754 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में रोजगार सहायक को पंचायत सचिव घोषित किया गया है? यदि हाँ, तो कब से? (ख) क्या रोजगार सहायक को केवल मनरेगा के कार्यों को कराये जाने का प्रावधान था और क्या सहायक सचिव से केवल मनरेगा का कार्य कराया जाता है? यदि हाँ, तो अन्य कार्य जैसे पेंशन, मुख्यमंत्री आवास, प्रधानमंत्री आवास आदि कार्य किसके द्वारा किया जावेगा? (ग) क्या रोजगार सहायक को मनरेगा से ही रू 5000/- मानदेय दिया जाता है? रोजगार सहायक अथवा सहायक सचिव ऑनलाईन का समस्त कार्य करता है, तब भी क्या उसको अकुशल श्रमिक की श्रेणी में रखा जा रहा है? क्या मानदेय रू 5000/- मनरेगा से तथा कलेक्टर रेट से कुशल श्रमिक का वेतन जोड़ कर मानदेय दिया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जी हाँ, आवंटित कार्य के साथ-साथ समय-समय पर शासन द्वारा सौंपे गए अन्य कार्य। (ग) जी हाँ। प्रश्नांकित पद मानदेय का है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मंदिरों को जीर्णोद्धार हेतु राशि का आवंटन
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
211. ( क्र. 6757 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पिछले 3 वर्षों में बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में कितने मंदिरों के जीर्णोद्धार हेतु राशि का आवंटन किया गया है, वे कौन-कौन से मंदिर हैं तथा कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? (ख) क्या आवंटित राशि का पूर्ण उपयोग हो गया है या नहीं? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ उपयोग हुआ और कहाँ-कहाँ, कितनी राशि का उपयोग नहीं हुआ है? जिस राशि का उपयोग नहीं हुआ है क्या वह राशि लेप्स हो गयी है या मंदिर को स्वीकृत कर दी गई है (ग) ऐसे मंदिरों की राशि जो उपयोग न होने के कारण लेप्स हो गयी है, उस राशि को पुनः आवंटित करने के लिये क्या कार्यवाही की गई है और क्या उस लेप्स राशि का उपयोग इस वित्तीय सत्र में हो पायेगा या नहीं?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) तहसील बड़नगर में पिछले 3 वर्षों में निम्नानुसार मंदिर के जीर्णोद्धार हेतु राशि स्वीकृत की गई है:- (1) श्री राम मंदिर खरसोदखुर्द - रू 4,50,000/- (2) श्री राम मंदिर घरेरी - रू 4,50,000/- (3) श्री राम मंदिर नाहरखेडी- रू 15,13,000/- (4) श्री राम मंदिर उडसिंग - रू 5,18,000/-। (ख) आवंटित राशि का पूर्ण उपयोग नहीं होने के कारण तथा वित्तीय वर्ष समाप्त होने पर राशि स्वत: ही लेप्स हो गई थी जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र |
मंदिर का नाम |
स्वीकृत राशि |
उपयोग की गई राशि |
उपयोग नहीं हुई राशि |
1 |
श्री राम मंदिर खरसोदखुर्द |
4,50,000/- |
3,60,000/- |
90,000/- |
2 |
श्री राम मंदिर घरेरी |
4,50,000/- |
3,60,000/- |
90,000/- |
3 |
श्री राम मंदिर नाहरखेडी |
15,13,000/- |
6,05,200/- |
9,07,800/- |
4 |
श्री राम मंदिर उडसिंग |
5,18,000/- |
2,07,200/- |
3,10,800/- |
(ग) पुर्नांवटन की कार्यवाही प्रचलित है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बी.एड./एम.एड. महाविद्यालय का संचालन
[उच्च शिक्षा]
212. ( क्र. 6758 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में वर्तमान में कितने बी.एड./एम.एड. महाविद्यालय संचालित किये जा रहे हैं? इनमें से कितने शासकीय हैं तथा कितने अशासकीय हैं? (ख) इनमें प्रत्येक महाविद्यालय में कितने-कितने विद्यार्थी अध्ययनरत हैं? (ग) क्या विभाग की नवीन बी.एड./डी.एड. महाविद्यालय को मान्यता प्रदान करने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो यह मान्यता कब तक प्रदान कर दी जायेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) मध्यप्रदेश में वर्तमान में 584 बी.एड./एम.एड. महाविद्यालय संचालित किये जा रहे हैं। इनमें से 13 शासकीय हैं तथा 571 अशासकीय हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) बी.एड./डी.एड. महाविद्यालय की मान्यता राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान परिषद् (एन.सी.टी.ई.) द्वारा प्रदान की जाती है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
नवीन शासकीय महाविद्यालयों की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
213. ( क्र. 6759 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले 7 वर्षों में विभाग द्वारा उज्जैन-इंदौर संभाग में कितने नये शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किये तथा किस-किस स्थान पर प्रांरभ किये गये? (ख) वर्तमान में कितने नवीन महाविद्यालय स्वयं के भवन में संचालित हो रहे हैं? कितने किराये भवन में संचालित हो रहे हैं तथा कितने किसी अन्य शासकीय भवन में संचालित हो रहे हैं? (ग) उज्जैन एवं इंदौर संभाग में कितने नवीन महाविद्यालय और प्रारंभ करने की शासन की योजना हैं? क्या बड़नगर विधानसभा में नवीन महाविद्यालय प्रारंभ करने की योजना हैं? यदि हाँ, तो कहाँ और कब तक और नहीं तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) कुल 37 शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किए गए। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्तमान में उज्जैन संभाग में 02, इंदौर संभाग में 02, कुल 04 नवीन शासकीय महाविद्यालय स्वयं के भवन में संचालित हो रहे हैं। उज्जैन संभाग में कोई भी नवीन महाविद्यालय किराये के भवन में संचालित नहीं हो रहा है। इंदौर संभाग अंतर्गत 01 नवीन शासकीय महाविद्यालय, किराये के भवन में संचालित हो रहा है। उज्जैन संभाग में 20 एवं इंदौर संभाग में 12, कुल 32 नवीन शासकीय महाविद्यालय अन्य शासकीय भवनों में संचालित हो रहे हैं। (ग) ऐसी कोई शासन की योजना नहीं है।
ग्राम पंचायत उज्जैनिया में स्वीकृत कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
214. ( क्र. 6786 ) श्री सतीश मालवीय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत उज्जैनिया में दिनांक १८-०१-२०१० से दिनांक १३-०१-२०१५ तक भिन्न-भिन्न मदों में पंचायत को कितनी राशि प्राप्त हुई? मदवार वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत उज्जैनिया में कौन-कौन से कार्य किस-किस मद से कहाँ-कहाँ किये गये? कार्यवार दिनांक १८-०१-२०१० से दिनांक १३-०१-२०१५ तक की सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) कितने कार्यों की तकनीकी स्वीकृति ली गई एवं कितने कार्यों की कार्य उपयोगिता प्रमाण-पत्र जारी किये एवं कितने कार्यों को एम.बी. में दर्ज किया गया? कार्यवार, दिनांक १८-०१-२०१० से दिनांक १३-०१-२०१५ तक जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) संबंधित ग्राम पंचायत ने विकास निर्माण को लेकर क्या कार्यवाही संपादित की? निर्माण कार्यों में निर्माण एजेन्सी कौन-कौन थी तथा निर्माण एजेन्सियों को कार्यादेश दिये जाने के पूर्व क्या प्रक्रिया अपनाई गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
आवासहीन परिवारों का सर्वे कर प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
215. ( क्र. 6807 ) पं. रमेश दुबे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड चौरई और बिछुआ जिला छिन्दवाड़ा में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजनान्तर्गत लाभान्वित किये जाने हेतु आवासहीन परिवारों का सर्वे कब और किनके द्वारा किया गया है? ग्रामवार, पंचायतवार एवं विकासखण्डवार आवासहीन परिवारों की संख्यात्मक जानकारी दें? (ख) क्या उक्त सर्वे में विकासखण्ड बिछुआ के ग्राम पंचायत खमरियामाल का आश्रित ग्राम सिंगारदीप के आवासहीन परिवारों का सर्वे छूट गया है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता ने उक्त ग्राम में आवासहीन परिवारों का सर्वे कर पात्र परिवारों को आवासहीन परिवारों की सूची में जोड़कर प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत उन्हें लाभान्वित किये जाने के संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत छिन्दवाड़ा को पत्र प्रेषित किया है? (घ) यदि हाँ, तो इस पत्र पर अब तक क्या कार्यवाही की गई है? कब तक सर्वे कर पात्र परिवारों को आवासहीन परिवारों की सूची में नाम जोड़कर उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांकित योजना अन्तर्गत आवासहीन परिवारों की जानकारी सामाजिक आर्थिक एवं जाति जनगणना-2011 में उपलब्ध जानकारी से ली गई है। विभाग द्वारा पृथक से कोई सर्वे नहीं कराया गया। (ख) से (घ) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तेन्दूपत्ता संग्राहकों को दी जाने वाली सुविधाएं
[वन]
216. ( क्र. 6810 ) श्री रजनीश सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तेन्दूपत्ता संग्राहकों को विभाग द्वारा क्या-क्या सुविधाऐं प्रदाय की जाती हैं? तेन्दूपत्ता संग्राहकों के कल्याणार्थ योजनाओं के संबंध में शासन/विभाग के क्या-क्या निर्देश हैं? उनकी प्रति दें? (ख) सिवनी जिले में 01 जनवरी 2013 से 01 नवम्बर 2016 तक की अवधि में कितने तेन्दूपत्ता संग्राहकों की मृत्यु हुई है? कितने प्रकरण बीमा कंपनी को भेजे गए? कितनों के नहीं कारण सहित बतावें? (ग) बीमा कंपनी तथा विभाग के पास ऐसे कितने प्रकरण कब से लंबित है? इन प्रकरणों का निराकरण कब तक होगा? (घ) जिले में उल्लेखित अवधि में कहाँ-कहाँ तेन्दूपत्ता बोनस का वितरण नहीं हुआ है तथा क्यों? कब तक कर दिया जावेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) तेन्दूपत्ता संग्राहकों को पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार विभागीय निर्देश तथा लघु वनोपज संघ के निर्देशों के संदर्भ में निम्नानुसार सुविधाएँ प्रदान की जाती है- (i) तेन्दूपत्ता संग्राहकों को उनके द्वारा तेन्दूपत्ता संग्रहण अवधि में संग्रहित तेन्दूपत्ता की मात्रा के लिए रुपये 1250/- प्रतिमानक बोरा के मान से संग्रहण पारिश्रमिक का भुगतान किया जाता है। (ii) तेन्दूपत्ता संग्राहकों को उनके द्वारा संग्रहित तेन्दूपत्ते की मात्रा के अनुपात में (तेन्दूपत्ता लॉट के लाभ में होने की स्थिति में) तेन्दूपत्ता प्रोत्साहन पारिश्रमिक (बोनस) का भुगतान किया जाता है। (iii) तेन्दूपत्ता संग्राहक के बच्चों को 60% से अधिक अंक प्राप्त होने की स्थिति में, उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा हेतु एकलव्य शिक्षा विकास योजना के तहत छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। (iv) 18 से 60 वर्ष की उम्र के सभी तेन्दूपत्ता संग्राहकों का भारतीय जीवन बीमा निगम के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा समूह बीमा कराया जाता है। इसके अन्तर्गत सामान्य मृत्यु, आंशिक अपंगता, पूर्ण अपंगता तथा दुर्घटना में मृत्यु की दशा में बीमाधन का भुगतान किया जाता है। (ख) सिवनी जिले में प्रश्नाधीन अवधि में कुल 1691 तेन्दूपत्ता संग्राहकों की मृत्यु हुई है। इन सभी 1691 संग्राहकों के, बीमा प्रकरण, बीमा कम्पनी को भेजे गए हैं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित उत्तर सिवनी एवं दक्षिण सिवनी के पास कोई प्रकरण लंबित नहीं है। भारतीय जीवन बीमा निगम के पास कुल लंबित 93 प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। इन प्रकरणों के निराकरण का संबंध भारतीय जीवन बीमा निगम से होने के कारण, समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है। (घ) सिवनी जिले में तेन्दूपत्ता संग्रहण वर्ष 2015 तथा 2016-17 के बोनस भुगतान की कार्यवाही, तेन्दूपत्ता विक्रय की समस्त कार्यवाही पूर्ण होने के बाद, की जा सकेगी।
अमोदगढ़ (कान्हीवाड़ा) में किये गयें निर्माण कार्य
[वन]
217. ( क्र. 6811 ) श्री रजनीश सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिला अतंर्गत अमोदागढ़ (कान्हीवाड़ा) में वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा कौन-कौन से निर्माण कार्य करायें गये हैं। वर्षवार निर्माण कार्य की जानकारी लागत राशि सहित बतायें? (ख) क्या धार्मिक एवं प्राकृतिक स्थल अमोदागढ़ में पर्यटकों की सुविधा को देखते हुये पक्की सड़क, सीढी़ निर्माण, सामुदायिक भवन आदि के निर्माण कार्य हेतु कोई प्रस्ताव विभाग के समक्ष विचाराधीन है? यदि हाँ, तो विवरण दें। (ग) उक्त स्थान में विभाग द्वारा क्या-क्या सुविधायें पर्यटकों को दी जा रही है एवं उक्त क्षेत्र में विभाग के कितने कर्मचारी अधिकारी कार्यरत है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। पक्की सड़क, सीढ़ी निर्माण, सामुदायिक भवन निर्माण का कोई प्रस्ताव विभाग के समक्ष विचाराधीन नहीं है। (ग) उक्त स्थान को ईको पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। जिसके लिये संलग्न परिशिष्ट में दर्शाये अनुसार निर्माण कार्य प्रगति पर है। क्षेत्र में परिक्षेत्र सहायक कान्हीवाड़ा एवं परिसर रक्षक हिर्रीटोला कार्यरत है।
आदर्श घोषित एवं विकास के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
218. ( क्र. 6817 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा घोषित किए गए आदर्श ग्राम का आधार क्या है? (ख) मंदसौर जिले में कितने आदर्श ग्राम शासन द्वारा विगत 8 वर्षों में घोषित किए गए है तथा किस माह/वर्ष में घोषित किए गए है? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें? (ग) मंदसौर जिले में आदर्श ग्राम घोषित होने के बाद किस ग्राम को सामान्य सुविधा के अतंर्गत अलग से विकास हेतु कितनी राशि एवं सुविधा दी गई है? (घ) आदर्श ग्राम किसकी अनुशंसा पर घोषित किए जाते है? सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विगत 3 वर्षों में घोषित आदर्श ग्राम किसकी अनुशंसा पर किए गए हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रदेश में भारत सरकार, ग्रामीण विकास मंत्रालय की सांसद आदर्श ग्राम योजनान्तर्गत माननीय सांसद की अनुशंसा पर आदर्श रूप से विकसित करने हेतु ग्राम पंचायत का चयन किया जाता हैं तथा भारत सरकार, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजनान्तर्गत 50 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति की जनसंख्या वाले ग्रामों का चयन भारत सरकार के स्तर से किया जाता है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर में दिये गये प्रावधान अनुसार।
सिंहस्थ के नाम से सुविधा एवं खर्च की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
219. ( क्र. 6818 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में उज्जैन सिंहस्थ 2016 के दौरान यात्रियों की सुविधा हेतु किन-किन ग्रामों/ग्राम पंचायतों में क्या-क्या सुविधा एवं कितनी-कितनी राशि दी गई? कार्य के नाम सहित जानकारी देवें? (ख) सिंहस्थ समापन के बाद सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों में सिंहस्थ में उपयोग में ली गई पेयजल टंकी, पी.व्ही.सी., फायबर मूत्रालय एवं अन्य वस्तुएं, सामग्री वितरण की गई? (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने गांव है जो सिंहस्थ 2016 के नाम से प्राप्त राशि को खर्च नहीं कर पाएं है? (घ) सिंहस्थ 2016 के समय विधानसभा क्षेत्र मंदसौर, मल्हारगढ़, गरोठ में यात्रियों की सुविधा हेतु किन-किन ग्रामों में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई थी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांकित प्रयोजन हेतु राशि प्रदाय नहीं की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) 'क' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्रो में प्रश्नांकित प्रयोजन हेतु राशि प्रदाय नहीं की गई।
वन क्षेत्र में अवैध कटाई
[वन]
220. ( क्र. 6833 ) सुश्री मीना सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला उमरिया की मानपुर विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा किस-किस कार्य में कितनी राशि पिछले 2 वित्तीय वर्ष में खर्च की गई? क्या उसमें वनों का विकास, पौधारोपण भी शामिल किया गया था? (ख) वनों की सुरक्षा तथा विकास हेतु क्या-क्या निर्माण उक्त क्षेत्र में किये गये तथा कहाँ-कहाँ किये गये? (ग) जिले में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों ने उक्त क्षेत्र में अवैध कटाई के कितने प्रकरण पंजीबद्ध किये गये? (घ) उमरिया जिले में वनभूमि पर काबिज लोगो को पट्टे देने हेतु क्या कार्यवाही की गई कितने पट्टे दिये गये?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) वन अधिकार अधिनियम के तहत वनभूमि पर काबिज व्यक्तियों को वन अधिकार पत्र देने की कार्यवाही ग्राम वन अधिकार समिति/ग्राम सभा तथा उपखण्ड स्तरीय वन अधिकार समिति के अनुमोदन पश्चात् जिला स्तरीय वन अधिकार समिति से अनुमोदन प्राप्त कर वन अधिकार पत्र पात्र हितग्राहियों को प्रदाय किये जाते है। अभी तक जिले में 5904 हितग्राहियों को वन अधिकार पत्र प्रदय किये गये है।
मापदण्ड की जानकारी के संबंध में
[खनिज साधन]
221. ( क्र. 6834 ) सुश्री मीना सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री गौण खनिज योजना क्या है? इस योजना के संबंध में शासन द्वारा कोई नियम/प्रावधान बनाये गये है यदि हाँ, तो नियम/प्रावधानों की प्रति उपलब्ध करायें? (ख) योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक उमरिया जिले में केन्द्र सरकार अथवा राज्य सरकार से कितनी राशि प्राप्त हुई है कितनी राशि किस-किस कार्य में खर्च हुई? क्या जिला स्तर पर इस हेतु किसी समिति का भी गठन किया गया है यदि हाँ, तो कौन-कौन लोग उस समिति के सदस्य हैं नाम, पदनाम सहित जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) क्या इस योजना से प्राप्त राशि को पेयजल, सी.सी. रोड, स्वास्थ्य के क्षेत्र में खर्च का प्रावधान है? यदि हाँ, तो योजना के मापदण्ड की जानकारी उपलब्ध करायें? क्या उमरिया जिले में इस योजना से संबंधित कोई कार्य योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो उक्त कार्य योजना शासन को स्वीकृति हेतु कब भेजी गई है? जिले के जनप्रतिनिधियों द्वारा इस योजना के अंतर्गत कार्य हेतु प्रस्ताव दिये गये है अथवा पत्र लिखे गये हैं? यदि हाँ, तो किन-किन सदस्यों के द्वारा इस संबंध में प्रस्ताव अथवा पत्र लिखे गये हैं, पत्र की प्रति उपलब्ध करायें तथा प्रस्तुत प्रस्ताव पर हुई कार्यवाही के संबंध में जानकारी उपलब्ध करायें? (घ) प्रस्ताव पर योजना के मापदण्ड के विपरीत कार्य करने वाले अधिकारियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रधानमंत्री गौण खनिज योजना के नाम से कोई योजना विभाग द्वारा नहीं बनाई गई है न ही इस नाम से कोई नियम/प्रावधान बनाए गए हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) से (घ) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अ विक्रम छात्रावास जबलपुर की वाटर प्रूफिंग कार्य
[उच्च शिक्षा]
222. ( क्र. 6846 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16, 2016-17 में आदर्श विज्ञान महाविद्यालय अंतर्गत विक्रम छात्रावास जबलपुर के वाटर प्रूफिंग एवं पुताई कार्य हेतु कितनी राशि कब स्वीकृत हुई थी? (ख) उक्त राशि में से कितनी राशि किस कार्य पर व्यय की गई, कार्यवार जानकारी दें? (ग) कितनी राशि किन कारणों से लेप्स हुई इस हेतु कौन उत्तरदायी है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) वित्तीय वर्ष 2015-16 में महाविद्यालय के पुताई कार्य हेतु राशि रूपये 08.99 लाख तथा 2016-17 में महाविद्यालय की जनभागीदारी मद से वाटर प्रूफिंग हेतु रूपये 09.71 लाख की राशि स्वीकृत की गई। (ख) वाटर प्रूफिंग हेतु स्वीकृत राशि रूपये 06.75 लाख व्यय की गई। वित्तीय वर्ष 2015-16 में पुताई हेतु स्वीकृति राशि लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत निविदा प्रक्रिया आदि के पश्चात् कार्य प्रारंभ किया जाना उसी वर्ष में संभव नहीं हुआ, राशि अव्ययित रही। उक्त पुताई कार्य वित्तीय वर्ष 2016-17 में लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रारंभ कर दिया गया है। (ग) लोक निर्माण विभाग को वित्त विभाग के माध्यम से अनुरक्षण मद के अंतर्गत आवंटन विभाग/मदवार प्राप्त होता है, न की कार्यवार। अत: आवंटन लेप्स होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उप स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
223. ( क्र. 6847 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम खेलागावं तहसील नलखेड़ा जिला आगर में वर्ष 2007 में स्वीकृत उप स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण हेतु स्वीकृत राशि का आज दिनांक तक उपयोग न करने के क्या कारण रहे है? (ख) क्या तत्कालीन सरपंच एवं सचिव के विरूद्ध राशि के गबन का प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की गई है तो ऐसे में स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण कब तक हो पायेगा? राशि गबन से निर्माण कार्य का क्या संबंध है क्या शासन ऐसे निर्देश देगा कि वसूली की कार्यवाही को अलग रखते हुए उप स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण अविलंब करवाया जावे? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों नहीं? (ग) क्या जब तक गबन की राशि न्यायालीन प्रक्रिया से वसूल नहीं होती तब तक उप स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण नहीं होगा ऐसे में जनता को इस लाभ से वंचित रखने की कार्यवाही क्या न्यायसंगत है? यदि नहीं, तो क्या शासन उप स्वास्थ्य केन्द्र निर्माण की अनुमति देगा, ताकि आम जनता को इसका लाभ मिल सकें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांकित कार्य की राशि तत्कालीन सरपंच एवं सचिव के द्वारा गबन किए जाने के कारण उपयोग नहीं की जा सकी। (ख) प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। न्यायालय के निर्णय के उपरांत ही आगामी कार्यवाही की जा सकेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। न्यायालय के निर्णय के उपरांत। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध उत्खनन संबंधी शिकायतों का निराकरण
[खनिज साधन]
224. ( क्र. 6849 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में वर्ष 2016-17 में अवैध उत्खनन की क्या-क्या शिकायतें किन-किन के द्वारा शासन/जिला स्तर पर की गई? (ख) प्राप्त शिकायतों की जाँच किन-किन के द्वारा कब-कब की गई? जाँच में कौन-कौन सी शिकायते सही पाई गई? कुल प्राप्त शिकायतों का निराकरण किस प्रकार किया गया? शिकायतवार विवरण दें? (ग) सत्य पाई गई शिकायतों के मामले में अवैध उत्खननकर्ताओं के विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण दें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में प्रश्नाधीन जिले में सी.एम. हेल्प लाईन एवं अन्य स्त्रोतों से प्राप्त शिकायतों की प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' पर दर्शित है। (ख) एवं (ग) प्रश्नानुसार जानकारी प्रश्नांश (क) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' में दर्शाई गई है।
लंबित आवेदनों की स्थिति
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
225. ( क्र. 6850 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-17 में सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग की कौन-कौन सी योजनायें प्रचलित हैं? प्रचलित योजनाओं में वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक मैहर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत योजनावार कितने आवेदन प्राप्त हुए? प्राप्त आवेदनों में से योजनवार कितने आवेदन स्वीकृत किये गये? कितने किन-किन कारण से निरस्त किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित कितने आवेदन किस कारण किस स्तर पर लंबित हैं? इनका कब तक पूर्णरूपेण निराकरण कर दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है।
चिकित्सा देयकों के भुगतान में अनियमितता
[उच्च शिक्षा]
226. ( क्र. 6851 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा में पदस्थ वरिष्ठ कार्य सहायक श्री भूपाल सिंह के पुत्र अनुराग सिंह के इलाज हेतु मेडीकल बोर्ड से स्वीकृति उपरांत भी चिकित्सा देयकों का भुगतान प्रश्न दिनांक तक नहीं किये जाने के मामले में विभाग में क्या-क्या शिकायतें किस-किस को की गई है? शिकायतवार की गई कार्यवाही का विवरण दें? (ख) क्या इसी प्रकरण में सी.एम. हेल्पलाइन में दिनांक 03.02.2017 को शिकायत क्रमांक 3286688 दर्ज कराई गई है? यदि हाँ, तो अब तक इसका निराकरण न किये जाने के क्या कारण है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) इस संबंध में विभाग में दो शिकायतें प्राप्त हुई हैं। संबंधित के चिकित्सा देयक की प्रतिपूर्ति राशि 1,42,366/- रूपये विश्वविद्यालय के चेक क्रमांक 057150 दिनांक 02/03/2017 द्वारा संबंधित को भुगतान किया जा चुका है। (ख) जी हाँ। संबंधित के देयकों का भुगतान प्रश्नांश 'क' अनुसार किया जा चुका है।
सागर जिले में अवैध उत्खनन की शिकायतें
[खनिज साधन]
227. ( क्र. 6853 ) श्री हर्ष यादव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में वर्ष 2016-17 में अवैध उत्खनन संबंधी क्या-क्या शिकायतें किन-किन के द्वारा की गई है? प्राप्त शिकायतों तथा उन पर की गई कार्यवाही का विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित अवधि में अवैध उत्खनन की कौन-कौन सी शिकायतें जाँच में सही पाई गई है? इन शिकायतों में अवैध उत्खननकर्ताओं पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) सागर जिले में खनिज अधिकारियों द्वारा अपने स्तर पर अवैध उत्खनन के कितने मामले दर्ज किये व क्या प्रभावी कार्यवाही की गई वर्ष 2016-17 की जानकारी दें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शित है। (ख) प्रश्नांश ''क'' में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शित समस्त शिकायतें जाँच उपरांत गलत पाई गई हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नाधीन जिले में वर्ष 2016-17 में अभी तक अवैध उत्खनन के 18 प्रकरण दर्ज किये गये हैं। जिनमें से 12 प्रकरणों का निराकरण कर राशि रूपये 3,85,000/- का अर्थदण्ड वसूल किया गया है। शेष 06 प्रकरण निराकरण हेतु न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को प्रेषित किये गये हैं। जिले में समय-समय पर अन्य विभागों से समन्वय कर संयुक्त रूप से एवं पृथक-पृथक कार्यवाही की जाती है।
योजनाओं में प्राप्त हित लाभों की जानकारी
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
228. ( क्र. 6854 ) श्री हर्ष यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवरी विधानसभा क्षेत्र में सामाजिक न्याय एवं निशक्त जन कल्याण विभाग की विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाओं के अतंर्गत वर्ष 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक योजनावार कितने आवेदन विभिन्न हितलाभों हेतु प्राप्त हुए? प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदन स्वीकृत कर हितलाभ दिये गये हैं? अस्वीकृत आवेदनों में अस्वीकृति का कारण बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित योजनाओं में वर्ष 2016-17 में प्राप्त आवेदनों में से कितने किस स्तर पर क्यों लंबित है? समय-सीमा में निराकरण न किये जाने के क्या कारण है? इस हेतु कौन उत्तरदायी है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) कोई आवेदन लंबित नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जानकारी का प्रदाय
[नगरीय विकास एवं आवास]
229. ( क्र. 6873 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कुक्षी नगर पालिका को विगत 3 वर्षों का स्थापना व्यय कितना रहा वर्षवार देवें? कितना स्थापना व्यय किया जा सकता है बतावें? (ख) तय सीमा से अधिक स्थापना व्यय के क्या कारण हैं? (ग) इसके दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शासन द्वारा स्थापना व्यय की निर्धारित तय सीमा 65 प्रतिशत है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जानकारी का प्रदाय
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
230. ( क्र. 6874 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय कार्यालयों में विधायकों के पत्रों का समय-सीमा में निराकरण किये जाने एवं पंजी संधारित करने के आदेश शासन द्वारा जारी किये गये है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति प्रदाय की जावें? (ख) यदि हाँ, तो क्या कुक्षी विधानसभा क्षेत्र की जनपद पंचायत डही में पंजी का संधारण किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) क्या प्रश्नकर्ता के कार्यालयीन पत्र क्रमांक 829/दिनांक 25.11.2016 जो जनपद पंचायत डही से संबंधित था मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत डही को दिया गया था क्या प्रश्न दिनांक तक उस पर कोई कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) विगत दो वर्षों में जनपद पंचायत डही को प्रश्नकर्ता द्वारा दिये गये समस्त पत्रों की छायाप्रति उन पर की गई कार्यवाही के साथ उपलब्ध करवायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। प्रश्न दिनांक तक संदर्भित पत्र जो कि श्री प्रताप पिता मदन निवासी बडदा को पात्रता पर्ची जारी किये जाने के संबंध में था, पर कार्यवाही करते हुये श्री प्रताप पिता मदन निवासी बडदा को दिनांक 07.12.2016 को समग्र पोर्टल पर पूर्व में दर्ज 02 सदस्य हेतु पात्रता पर्ची जनरेट कर जारी कर दी गई है। परिवार के शेष 03 सदस्यों के नाम तत्समय समग्र पोर्टल पर नहीं थे, जिन्हें बाद में समग्र पोर्टल पर जोड़ दिया गया है, परंतु वर्तमान में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा नवीन पात्रता पर्ची जारी करने की प्रक्रिया स्थगित होने से नये जोड़े गये 03 नामों हेतु नवीन पात्रता पर्ची जनरेट नहीं हो पाई है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
अपूर्ण कार्यों का पूर्ण किया जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
231. ( क्र. 6879 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाचरौद जनपद क्षेत्र जिला उज्जैन की ग्राम पंचायत बोरखेड़ा, पित्रामन द्वारा स्वीकृत समस्त निर्माण कार्यों की जानकारी दिनांक 01.01.10 से 31.12.14 तक के संदर्भ में देवे? (ख) उपरोक्त में से कितने कार्य पूर्ण हैं, कितने अपूर्ण हैं? जानकारी कार्य के नाम सहित देवें? (ग) जो कार्य अपूर्ण हैं कब तक पूर्ण होंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) प्रश्नांश ''क'' के संलग्न परिशिष्ट के क्रमांक 1 पर उल्लेखित कार्य अपूर्ण है, जिसमें राशि वसूली की कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बतलाना संभव नहीं है।