मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च, 2021 सत्र
शुक्रवार, दिनांक 19 मार्च, 2021
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
मेसर्स
साईंनाथ
एसोसियेट्स
द्वारा जमा की
गई जी.एस.टी. की
राशि
[वाणिज्यिक कर]
1. ( *क्र. 4769 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मेसर्स साईंनाथ एसोसियेट्स, कृष्णा कॉम्पलेक्स, सिंधी कैंप, सब्जी मण्डी रोड सतना म.प्र. जिसका जी.एस.टी. क्र. 23AZVPS9017P1ZB है, के द्वारा दिनांक 01 जुलाई, 2017 से प्रश्नतिथि तक वर्षवार, राशिवार कितना-कितना स्टेट जी.एस.टी. विभाग में जमा कराया है? (ख) क्या स्टेट जी.एस.टी. विभाग के द्वारा उक्त फर्म के नगर पालिक निगम सतना/कृषि उपज मण्डी सतना एवं अन्य जगहों एवं पेटी कान्ट्रेक्टर के रूप में कार्य करने पर लिये गये भुगतान की राशि एवं स्टेट जी.एस.टी. को चुकायी गई राशि का बिलवार मिलान प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार किया है? (ग) क्या एंटी एवीजन ब्यूरो, सतना के द्वारा फर्म के द्वारा स्टेट जी.एस.टी./करों की राशि की हेराफेरी करने पर प्रश्नतिथि तक कोई जाँच की है? अगर की है तो क्या पाया गया? बिन्दुवार विवरण दें। (घ) शासन उक्त फर्म के द्वारा शासकीय धनराशि को शासकीय कोष में जमा न करने पर कब व क्या कार्यवाही करेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित करदाता द्वारा जुलाई, 2017 से दिसम्बर 2020 तक कर देयता के विरूद्ध जमा कर की जानकारी इस प्रकार है :- दिनांक 01 जुलाई, 2017 से मार्च 2018 तक की अवधि के लिए बताई गई कर देयता एवं जमा कर निरंक है। वर्ष 2018-19 के लिए बताई गई सी.जी.एस.टी. एवं एस.जी.एस.टी. की कुल कर देयता रूपए 4,04,988/- को इनपुट टैक्स क्रेडिट से समायोजित किया गया है। चालान से जमा कर की राशि निरंक है। वर्ष 2019-20 के लिए बताई गई सी.जी.एस.टी. एवं एस.जी.एस.टी. की कुल कर देयता रूपए 52,69,738/- में से रूपए 45,93,264/- की राशि को इनपुट टैक्स क्रेडिट से समायोजित किया गया है, शेष देय कर रूपए 6,76,474/- की राशि चालान से जमा की गई है। वर्ष 2020-21 की अवधि में अप्रैल 2020 से दिसम्बर 2020 तक के लिए बताई गई सी.जी.एस.टी. एवं एस.जी.एस.टी. की कुल कर देयता रूपए 45,50,916/- में से रूपए 42,92,811/- की राशि को इनपुट टैक्स क्रेडिट से समायोजित किया गया है, शेष देय कर रूपए 3,58,105/- की राशि चालान से जमा की गई है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित फर्म को नगर पालिक निगम सतना, कृषि उपज मण्डी समिति, नगर पालिका परिषद एवं विभिन्न नगर पंचायतों द्वारा वित्तीय वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 में किए गए भुगतान पर 1 प्रतिशत की दर से सी.जी.एस.टी. एवं 1 प्रतिशत की दर से एस.जी.एस.टी. की स्त्रोत पर कटौती (टी.डी.एस.) की गई है। वित्तीय वर्ष 2018-19 की अवधि के लिए जी.एस.टी. एवं एस.जी.एस.टी. के तहत रूपए 40,694/- का टी.डी.एस. उक्त संस्थाओं के द्वारा किया गया है। वित्तीय वर्ष 2019-20 की अवधि के लिए जी.एस.टी. एवं एस.जी.एस.टी. के तहत रूपए 6,04,426/- का टी.डी.एस. उक्त संस्थाओं के द्वारा किया गया है। वित्तीय वर्ष 2020-21 की अवधि के लिए सी.जी.एस.टी. एवं एस.जी.एस.टी. के तहत रूपए 5,62,636/- का टी.डी.एस. उक्त संस्थाओं के द्वारा किया गया है। करदाता द्वारा जी.एस.टी.एन. के पोर्टल पर प्रस्तुत की गई विवरणी में बिलवार जानकारी संबंधित विभागीय अधिकारी को उपलब्ध नहीं रहती है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित करदाता पर एंटी एवीजन ब्यूरो, सतना द्वारा जाँच की कार्यवाही नहीं की गई है। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर अनुसार फर्म का शासकीय कोष में कर जमा नहीं करने की स्थिति नहीं है।
शासकीय भवनों की मरम्मत हेतु विधायक निधि राशि में वृद्धि
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
2. ( *क्र. 5468 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजनान्तर्गत विभागीय पत्र क्रमांक एफ-5-1/96/23/यो-2, भोपाल दिनांक 13.03.1996 एवं पत्र एफ-9-42/96/23/यो-2 क्रमांक भोपाल दिनांक 12.03.1998 से जारी निर्देशानुसार विद्यमान निर्देशों के अनुच्छेद 2.4 के अंतर्गत ग्राह्य सूची के अंत में शासकीय भवनों की मरम्मत संबंधित कार्यों को मार्गदर्शिका से जोड़ा जाकर राशि 1 लाख की वित्तीय सीमा निर्धारित की गयी थी? यदि हाँ, तो तत्कालीन समय में विधायक निधि की वित्तीय सीमा राशि कितनी थी? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित क्या कम विधायक निधि होने पर मरम्मत राशि की सीमा 1 लाख थी, लेकिन निर्माण कार्यों की लागत में वृद्धि होने से समय-समय पर गत वर्षों में लगभग 4.5 गुना विधायक निधि में वृद्धि होने के बावजूद भी वर्तमान में मरम्मत राशि मात्र 1 लाख रु. है, 21 वर्षों बाद भी मरम्मत राशि में वृद्धि नहीं करने के क्या कारण हैं? (ग) क्या वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के जिन विधान सभा क्षेत्रों को विधायक निधि लगभग 12 लाख कम तथा स्वेच्छानुदान लगभग 90 हजार कम मिला था, क्या उन्हें शेष राशि का आवंटन कर दिया है? यही हाँ, तो आदेश की प्रतिलिपि देवें। यदि नहीं, तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। तत्समय विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र योजना अन्तर्गत प्रति विधानसभा क्षेत्र राशि रू. 20.00 लाख (बीस लाख) वित्तीय सीमा निर्धारित थी। (ख) नीतिगत निर्णय होने से यथासमय निर्णय लिया जाता है। (ग) जी हाँ। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
विकासखण्ड सिरोंज/लटेरी में नल-जल योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
3. ( *क्र. 5785 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी के किन-किन ग्रामों में नल-जल योजनाएं प्रगतिरत हैं? उनकी प्रशासकीय स्वीकृति, राशि, अनुबंध क्रमांक व दिनांक, कार्यादेश दिनांक, संभावित पूर्णता दिनांक सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नल-जल योजनाओं को किन-किन ठेकेदारों को कौन-कौन से कार्य आवंटित किये गये एवं ठेकेदारों को कितना-कितना भुगतान कब-कब किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में नल-जल योजनाओं का निरीक्षण किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया है एवं निरीक्षण में क्या कमियां पाई गईं? यदि कमियां पाई गईं तो दोषी ठेकेदारों एवं दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई है? (घ) विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी में जल जीवन मिशन अन्तर्गत कौन-कौन सी नल-जल योजनाएं स्वीकृत की गई हैं एवं क्या पूर्व की स्वीकृत नल-जल योजनाओं को पुन: स्वीकृत किया गया है? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध करावें एवं किस-किस की अनुशंसा पर नल-जल योजनाओं को स्वीकृत किया गया है? (ड.) प्रश्नांश (घ) के संदर्भ में जल जीवन मिशन अंतर्गत कौन-कौन से कार्य किस ठेकेदार को आवंटित किये गये हैं? नाम, भुगतान राशि सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (च) नल-जल योजना ग्राम महोटी, चमर उमरिया, बलरामपुर, झूकरजोगी कब तक प्रारंभ कर दी जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। पूर्व में स्वीकृत योजनाओं को पुनः स्वीकृत नहीं किया गया है, अपितु जल जीवन मिशन की मार्गदर्शिका में निहित प्रावधानों के अनुसार अतिरिक्त आवश्यक कार्यों की रेट्रोफिटिंग योजनाओं की स्वीकृति दी गयी है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (च) ग्राम महोटी की नल-जल प्रदाय योजना का कार्य पूर्ण होकर योजना से जल प्रदाय चालू है। ग्राम चमरउमरिया एवं ग्राम बलरामपुर में पूर्व से स्थापित नल-जल प्रदाय योजनाओं की रेट्रोफिटिंग कार्य की योजनाएं स्वीकृत की गई हैं, कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है। ग्राम झूकरजोगी में पूर्व से स्थापित योजना चालू है तथा योजना का संचालन संधारण ग्राम पंचायत द्वारा किया जा रहा है।
कोरोनाकाल के दौरान विदेशों से आये प्रवासी भारतीय
[अप्रवासी भारतीय]
4. ( *क्र. 5790 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 20 मार्च, 2020 से प्रश्न दिनांक तक गुना जिले के निवासी विदेशों से गुना जिले में आये हैं? यदि हाँ, तो कितने बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या भारत सरकार की कोरोना गाईड लाईन का पालन कराया गया है? यदि हाँ, तो क्या-क्या, कब-कब, किस-किस स्थान/चिकित्सालय में किस-किस कार्यालय में रजिस्टर्ड कराया गया? क्या-क्या जांचे, कब-कब, कहाँ-कहाँ पर, कितनी अवधि के लिये कोरन्टिन किया गया? कितने कोरोना पॉजीटिव पाये गये, कितने नहीं पाये गये, पॉजीटिव होने की स्थिति में क्या-क्या, कब-कब उपचार कराया गया, उपचार उपरांत कितने दिवस के लिये होम कोरन्टिन रहे सहित पृथक-पृथक जानकारी नाम, पते सहित गौशवारा बनाकर बतायें। (ग) विभाग द्वारा विदेश से मध्यप्रदेश लाने हेतु क्या-क्या प्रयास, कब-कब, किस-किस की मदद से कितनी-कितनी राशि खर्च कर, कितने-कितने लोगों के लिये किया गया? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ, (134 व्यक्ति) विदेश यात्रा से गुना जिले में आये थे। (ख) जी हाँ। भारत शासन से प्राप्त दिशा-निर्देशों का पालन किया गया है। इस हेतु शासन से प्राप्त विदेश यात्रा से लौटे व्यक्तियों की सूची मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में संधारित की गई। सभी यात्रियों को 28 दिवस के लिये घर पर ही होम कोरन्टिन किया गया एवं उनकी 28 दिवस मॉनिटरिंग की गई। गुना में विदेश से आये व्यक्तियों में कोई भी पॉजिटिव नहीं पाया गया जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) इस संबंध में वंदे भारत मिशन भारत सरकार द्वारा संचालित है। अत: मध्यप्रदेश शासन द्वारा कोई भी व्यय करने के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
डीजल, पेट्रोल, गैस पर वेट टैक्स कम किया जाना
[वाणिज्यिक कर]
5. ( *क्र. 5720 ) श्री महेश परमार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य सरकार द्वारा डीजल, पेट्रोल, खाद्य सामग्री में वेट टैक्स कम करके प्रदेश की जनता को राहत दिलाई जाएगी? यदि हाँ, तो शासन कब तक यह कार्रवाई करेगा? (ख) डीजल, पेट्रोल की बढ़ती कीमत को लेकर क्या मध्यप्रदेश शासन गैस डीजल पेट्रोल को G.S.T. के दायरे में लाएगा? यदि हाँ, तो कब तक यह प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जाएगा? (ग) मध्य प्रदेश सरकार बढ़ती महंगाई के रोकथाम के लिए G.S.T. के दायरे में डीजल, पेट्रोल, गैस, खाद्य सामग्री को लाने के लिए कौन-कौन सी पहल कब तक करेगी? (घ) वर्तमान में राज्य सरकार का डीजल, पेट्रोल, घरेलू गैस में प्रति लीटर कितना वेट टैक्स वसूली किया जाता है और यह टैक्स वसूली लागत मूल्य का कितने प्रतिशत है? (ड.) क्या राज्य सरकार प्रदेश की जनता को महंगाई से राहत दिलाने के लिए इन उपायों के अलावा और कौन-कौन से उपाय टैक्स वसूली और जी.एस.टी. के दायरे में लाकर कर रही है?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) राज्य शासन द्वारा राज्य हित में वित्तीय आवश्यकताओं एवं आवश्यक संसाधन जुटाने हेतु कर की दरों का निर्धारण किया जाता है। खा़द्य सामग्री पर जी.एस.टी. देय है। जी.एस.टी. के अन्तर्गत कर की दरों के संबंध में निर्णय जी.एस.टी. काउंसिल के द्वारा लिया जाता है। (ख) घरेलू रसोई गैस पर 5 प्रतिशत की दर से जी.एस.टी. देय है, जिसमें 2.5 प्रतिशत सी.जी.एस.टी. एवं 2.5 प्रतिशत एस.जी.एस.टी. है। डीजल एवं पेट्रोल को जी.एस.टी. अधिनियम के दायरे में रखा गया है, किन्तु इस पर जी.एस.टी. कब से देय होगा, यह निर्णय जी.एस.टी. कॉउंसिल द्वारा लिया जावेगा। तत्पश्चात शासन द्वारा निर्धारित तिथि से जी.एस.टी. देय होगा। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार पेट्रोल एवं डीजल जी.एस.टी. अधिनियम के दायरे में है। जी.एस.टी. काउंसिल की अनुशंसा पश्चात शासन द्वारा निर्धारित तिथि से डीजल एवं पेट्रोल पर जी.एस.टी. देय होगा। रसोई गैस एवं खाद्य सामग्री पर जी.एस.टी. देय है। (घ) वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा पेट्रोल पर 33 प्रतिशत वेट, 4 रूपये 50 पैसे प्रतिलीटर अतिरिक्त कर एवं सकल विक्रय पर 1 प्रतिशत उपकर वसूल किया जा रहा है। इसी प्रकार डीजल पर 23 प्रतिशत वेट, रूपये 3 प्रतिलीटर अतिरिक्त कर एवं सकल विक्रय पर 1 प्रतिशत उपकर वसूल किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा डीजल एवं पेट्रोल के विक्रय मूल्य पर टैक्स वसूल किया जाता है। इनके लागत मूल्य के संबंध में विभाग द्वारा जानकारी संधारित नहीं की जाती है। घरेलू रसोई गैस पर 5 प्रतिशत की दर से जी.एस.टी. देय है, जिसमें 2.5 प्रतिशत सी.जी.एस.टी. एवं 2.5 प्रतिशत एस.जी.एस.टी. है। (ड.) क्रूड पेट्रोलियम, पेट्रोल, डीजल, ए.टी.एफ., नेचुरल गैस एवं मानव उपभोग की मदिरा को छोड़कर समस्त मालों और सेवाओं की आपूर्ति पर जी.एस.टी. के दायरे में करदेयता है।
जावरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत शासनाधीन देव स्थान
[अध्यात्म]
6. ( *क्र. 5745 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रतलाम जिला अंतर्गत जावरा विधान सभा क्षेत्र में शासनाधीन कुल कितने मंदिर, देवस्थान, अति प्राचीन मंदिर इत्यादि एवं उक्त आशय के शासनाधीन मंदिरों पर संलग्न भूमियां कहाँ-कहाँ पर स्थित होकर कितनी-कितनी हैं? जानकारी देंl (ख) शासनाधीन उक्ताशय के देव स्थानों की देखभाल, जीर्णोद्धार, आयोजन, प्रयोजन इत्यादि कार्य को किए जाने हेतु मंदिर देव पुजारी के साथ ही क्या मंदिर समितियां भी कार्यरत हैं, तो किन-किन स्थानों पर, बताएंl (ग) जानकारी दें कि प्रश्नांश (क) वर्णित शासनाधीन मंदिरों पर संलग्न कितनी कितनी भूमियां किन-किन स्थानों पर हैं, उन पर नियंत्रण किस प्रकार किया जा रहा है? क्या कहीं किसी मंदिर भूमि पर अतिक्रमण अथवा बलात कब्जा किया गया है तो वे कौन-कौन से स्थान हैं? इस हेतु क्या किया जा रहा है?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लिपिक वर्गीय सचिवालयीन कर्मियों को तृतीय समयमान वेतनमान का भुगतान
[वित्त]
7. ( *क्र. 5569 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार द्वारा अपने सरकारी कर्मचारियों को पदोन्नति के अभाव में एक निश्चित समय-सेवा उपरांत उनको आगामी पद का वेतन, समयमान वेतनमान के रूप में दिया जाता है? (ख) कार्यरत सचिवालयीन लिपिक वर्गीय कर्मचारियों को 30 वर्ष की सेवा उपरांत तृतीय समयमान, वेतनमान किस आगामी पद के अनुरूप दिया जाता है? उस पद का नाम एवं स्वीकृत वेतनमान बताएं। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में प्रश्नांकित 30 वर्ष की सेवा उपरांत अनुभवी लिपिक वर्गीय कर्मचारियों को आगामी पद अनुरूप वेतन का भुगतान किया जा रहा है? यदि नहीं, तो कब तक उनको आगामी पद अनुभाग अधिकारी के स्वीकृत वेतनमान के अनुरूप फिक्सेशन कर एरियर सहित भुगतान किया जावेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं। (ख) समयमान वेतनमान योजना आगामी पद के अनुरूप न होकर उच्चतर वेतनमान पर आधारित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार का वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
8. ( *क्र. 5659 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आंगनवाड़ी केन्द्रों पर देय पोषण आहार प्रदाय हेतु 06 माह से 06 वर्ष के बच्चे, गर्भवती व शिशुवती माताओं को पोषण आहार वितरण हेतु क्या संचालनालय महिला एवं बाल विकास विभाग भोपाल द्वारा पत्र जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो पत्र की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) अप्रैल 2019 से फरवरी 2021 तक जिला मुरैना में प्रदाय पोषणकर्ता की जानकारी, पोषणकर्ता व्यक्ति, स्व-सहायता समूह/संस्था का नाम, पता सहित बतावें। (ग) पोषण आहार प्रदायकर्ताओं द्वारा मुरैना जिले को कितनी राशि का भुगतान व सामग्री गेहूँ, चावल आदि का भुगतान किया गया की जानकारी वर्षवार संस्थावार, आंगनवाड़ी केन्द्रवार, हितग्राही के संख्या सहित बतावें। (घ) क्या सम्पूर्ण पोषण आहार जो एक ही संस्था द्वारा सम्पूर्ण जिलों के आंगनवाड़ी केन्द्रों पर वितरण किया गया, जो शासन के आदेशों के उल्लंघन की श्रेणी में आता है? यदि हाँ, तो संबंधितों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीकृत कर उच्च स्तरीय जाँच प्रश्नकर्ता के समक्ष कराई जावेगी व कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) विभाग के निर्देशानुसार अप्रैल 2019 से दिसम्बर 2019 तक पूरक पोषण आहार सुरूचि फूड प्रायवेट लिमिटेड नई दिल्ली से मार्च 20 से जुलाई 20 तक पूरक पोषण आहार एम.पी. एग्रो बाड़ी रायसेन से एवं अक्टूबर 2020 से फरवरी 2021 तक पूरक पोषण आहार एम.पी. एग्रो शिवपुरी संयंत्र से प्राप्त किया गया। गर्म नाश्ता एवं भोजन/रेडी टू ईट अप्रैल 2019 से फरवरी 2021 तक जिला मुरैना में प्रदाय पोषणकर्ता की जानकारी, स्व-सहायता समूह/संस्था के नाम पते की जानकारी वित्तीय वर्षवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। (ग) मुरैना जिले में कार्यरत पोषण आहार प्रदायकर्ता स्व-सहायता समूहों को भुगतान राशि, आवंटित गेहूं, चावल की जानकारी वर्षवार एवं आंगनवाड़ी केन्द्रवार हितग्राहियों की संख्या सहित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार ही है। (घ) प्रश्नांश अवधि में मुरैना जिले में 1034 स्व-सहायता समूहों द्वारा जिले के आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार वितरण किया गया था। वितरण की व्यवस्था विभाग के निर्देशानुसार की गई। जी नहीं।
सागर जिलांतर्गत विभाग द्वारा राशन का वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
9. ( *क्र. 5818 ) श्री हर्ष यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा टेक-होम 11 से 14 वर्ष की बालिकाओं को कितना राशन वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 तक में बांटा गया? (ख) उपरोक्त जिले में उपरोक्त अवधि में 11 से 14 साल की कितनी बालिकाओं को राशन बांटा गया? (ग) इस जिले में कितनी आंगनवाड़ियां हैं, कौन-कौन सी आंगनवाड़ी पर कितने व्यक्तियों को कितना राशन बांटा अलग-अलग संख्या बताएं? (घ) क्या इस जिले में टेक-होम के अंतर्गत राशन बांटने में गड़बड़ी होने की शिकायत मिली है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सागर जिले में 11 से 14 वर्ष की किशोरी बालिकाओं को वर्ष 2017-18 में मासिक औसतन 16086 बालिकाओं को 3457.513 मैट्रिक टन एवं वर्ष 2018-19 में मासिक औसतन 9354 बालिकाओं को 329.652 मै.टन राशन प्रदाय किया गया। (ख) सागर जिले में वर्ष 2017-18 में 11 से 14 वर्ष की मासिक औसतन 16086 बालिकाओं एवं वर्ष 2018-19 में मासिक औसतन 9354 बालिकाओं को राशन बांटा गया। (ग) उक्त अवधि में सागर जिले में 2629 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित रहे। गर्भवतीधात्री महिलाओं को गेहूँ सोया बर्फी प्रीमिक्स 150 ग्राम, आटा बेसन लड्डू 150 ग्राम,खिचड़ी प्रीमिक्स 150 ग्राम, 06 माह से 03 वर्ष के बच्चों को हलुआ प्रीमिक्स 120 ग्राम, बाल आहार प्रीमिक्स 120 ग्राम एवं किशोरी बालिकाओं को गेहूँ सोया बर्फी 150 ग्राम तथा खिचड़ी प्रीमिक्स 150 ग्राम प्रति दिवस के मान से टेकहोम राशन के रूप में प्रदाय की जाती है। आंगनवाड़ी केन्द्रों पर औसत लाभांवित हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) सागर जिले अंतर्गत टेकहोम राशन में वितरण में किसी भी प्रकार की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतः कार्यवाही का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
पुरानी पेंशन योजना को पुन: शुरू की जाना
[वित्त]
10. ( *क्र. 4327 ) श्री मनोज चावला : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 01 अप्रैल, 2005 के बाद नियुक्त शासकीय कर्मचारियों/अधिकारियों को पुरानी पेंशन स्कीम बंद की गई है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या इस संबंध में प्रदेश के सभी विभागों के कर्मचारी संगठनों से चर्चा की गई थी? (ख) न्यू पेंशन स्कीम के तहत प्रदेश के कुल कितने कर्मचारी और अधिकारी को पेंशन प्राप्त हो रही है? (ग) क्या न्यू पेंशन स्कीम शेयर बाजार जोखिमों पर आधारित है? (घ) प्रदेश के किन-किन सांसद महोदय, विधायकों और जनप्रतिनिधियों द्वारा नवीन सरकार गठन पश्चात माननीय मुख्यमंत्री जी को संबोधित पत्र प्राप्त हुये हैं? (ड.) क्या शासन नई पेंशन स्कीम को खत्म कर पुरानी पेंशन योजना को शुरू करेगा या इस संबंध में कोई कमेटी गठित की गई है?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। भारत सरकार द्वारा लागू की गई पुनर्संरचित राष्ट्रीय पेंश्ान प्रणाली अनुसार ही मध्यप्रदेश शासन द्वारा भी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली लागू की गई। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) न्यू पेंशन स्कीम के तहत् कुल 3183 कर्मचारी/अधिकारी को पेंशन प्राप्त हो रही है। (ग) राष्ट्रीय पेंशन योजना अंतर्गत कर्मचारियों के मूल वेतन एवं मंहगाई भत्ते के योग का 10 प्रतिशत राशि अभिदाता अंशदान तथा 10 प्रतिशत शासकीय अंशदान प्रदान किया जाकर कुल 20 प्रतिशत कर्मचारी के पेंशन खाते (प्रॉन) में जमा होता है। उक्त राशि का निवेश पी.एफ.आर.डी.ए. द्वारा नियुक्त फण्ड मैनेजरों में से अभिदाता द्वारा चयनित फण्ड मैनेजर के माध्यम से किये जाने का प्रावधान है। (घ) विभाग में प्राप्त अभिलेख अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) भारत सरकार की राष्ट्रीय पेंशन योजना के अनुक्रम में अन्य राज्यों के समान मध्यप्रदेश में भी लागू होने से इस योजना के समाप्त करने का या कमेटी गठन का वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्रांतर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्द्र
[महिला एवं बाल विकास]
11. ( *क्र. 5013 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहां पर आंगनवाड़ी/मिनीआंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? इनमें से कौन-कौन से स्वयं के भवन में तथा कौन-कौन से प्राइवेट या अन्य शासकीय भवनों में संचालित हैं? (ख) आंगनवाड़ी केन्द्रों को आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्र के रूप में परिवर्तित करने हेतु शासन द्वारा क्या मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं? प्रश्नांश में उल्लेखित आंगनवाड़ियों में से किन-किन का चयन आदर्श आंगनवाड़ियों के रूप में कर कितनी राशि से कौन-कौन से कार्य करवाये गये? सूची देवें। (ग) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहां पर नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र अथवा मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोला जाना आवश्यक है? क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहां पर पूर्व से निर्माणाधीन आंगनवाड़ी भवन विगत 3 वर्षों के पूर्व से अपूर्ण स्थिति में हैं? क्या शासन इन स्थानों पर पूर्व की स्वीकृति को निरस्त कर नवीन भवन निर्माण प्रस्तावित करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बहोरीबंद एवं रीठी विकासखण्ड में कुल 410 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 44 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। इनमें से 304 स्वयं के भवन में (विभागीय भवन) तथा 50 निजी भवन (किराये) एवं 100 अन्य शासकीय भवनों में संचालित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) आदर्श आंगनवाड़ी हेतु निर्धारित मापदण्ड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। चयनित आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्रों की सूची तथा उन पर व्यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है। (ग) नवीन प्रस्तावित केन्द्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''4'' अनुसार है। अपूर्ण आंगनवाड़ी भवनों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''5'' अनुसार है। जी नहीं। अपूर्ण भवनों में कुछ राशि का व्यय हो चुका है। ऐसी स्थिति में नवीन स्थल पर भवन निर्माण करना संभव नहीं है।
रानी अवंतीबाई बरगी बांध स्थित बांयी तट कैनाल का निर्माण
[नर्मदा घाटी विकास]
12. ( *क्र. 5858 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर, नरसिंहपुर जिले में रानी अवंतीबाई बरगी बांध स्थित बांयी तट कैनाल की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) उक्त का निर्माण कब किया गया था एवं इसकी उम्र क्या तय की गई थी? (ग) उक्त कैनाल के रख-रखाव पर कब-कब कितना-कितना व्यय किया गया है? (घ) बरगी बांध स्थित विद्युत प्लांट में वर्तमान में कितनी विद्युत का उत्पादन हो रहा है? (ड.) नरसिंहपुर जिले की गोटेगांव तहसील की सबकैनाल हरेड़ी नहर की क्या स्थिति है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) आर.डी. 0.00 से 63.420 कि.मी. तक जबलपुर जिले में तथा 63.420 कि.मी. से 135.500 कि.मी. तक नरसिंहपुर जिले में है। वर्तमान में मुख्य नहर में कहीं-कहीं सुधार, रख-रखाव व सफाई की आवश्यकता है। (ख) निर्माण कार्य वर्ष 1980-81 से आरंभ किया गया था एवं इसमें वर्ष 1989-90 से सिंचाई प्रदान की जा रही है। परियोजना प्रतिवेदन अनुसार नहर की उम्र तय नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) दिनांक 01 अप्रैल, 2020 से 28 फरवरी, 2021 तक 4148.05 लाख यूनिट विद्युत उत्पादन हुआ है। (ड.) हरेरी शाखा नहर 0.00 कि.मी. से 52.83 कि.मी. तक जल प्रवाह किया जाता है। 0.00 कि.मी. से 31.300 कि.मी. तक कुछ स्थानों पर सुधार एवं रख-रखाव की आवश्यकता है। नहरों के सुधार हेतु 1142.83 लाख की निविदा आमंत्रित की गई है, जिसमें हरेरी नहर के सुधार हेतु 355.08 लाख भी शामिल है।
गोविन्दपुरा औद्योगिक क्षेत्र भोपाल में स्थापित औद्योगिक इकाइयां
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
13. ( *क्र. 5378 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गोविन्दपुरा औद्योगिक क्षेत्र भोपाल में कुल कितनी औद्योगिक इकाइयां स्थापित हैं तथा उनमें से कितनी कार्यरत् हैं एवं कितनी इकाइयां बंद हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में औद्योगिक इकाइयां बंद होने के क्या कारण हैं? बंद हुई औद्योगिक इकाइयों की पृथक पृथक जानकारी देवें। (ग) गोविन्दपुरा औद्योगिक क्षेत्र भोपाल में ऐसी कितनी औद्योगिक इकाइयां हैं, जो उनके लिए पंजीकृत औद्योगिक उत्पादन न करके अपने भवन परिसर का किसी अन्य कार्य के लिए उपयोग कर रहीं हैं? पृथक-पृथक जानकारी देवें।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) औद्योगिक क्षेत्र गोविंदपुरा भोपाल में कुल 1197 इकाइयां स्थापित हैं, उनमें से 1169 इकाइयां कार्यरत एवं 28 इकाइयां बंद हैं। (ख) इकाइयों के बंद होने के कारणों के अभिलेख विभाग द्वारा संधारित नहीं किये जाते हैं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
विधानसभा सदस्यों को प्रथम/द्वितीय श्रेणी अधिकारियों की निज सहायक हेतु पदस्थापना
[सामान्य प्रशासन]
14. ( *क्र. 5118 ) श्री उमंग सिंघार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय विधानसभा सदस्यों को निज सहायक कार्य हेतु सिर्फ सहायक ग्रेड-3 श्रेणी के कर्मचारी को ही नियुक्त किये जाने का प्रावधान है? (ख) क्या सरकार मध्यप्रदेश में विधायकों को प्रथम या द्वितीय श्रेणी के अधिकारी को निज सहायक के रूप में देने के लिये प्रावधान करेगी? यदि हाँ, तो कब तक एवं यदि नहीं, तो क्या कारण हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। माननीय विधान सभा सदस्यों को तृतीय श्रेणी (लिपिकीय) कर्मचारी की सेवाएं उपलब्ध कराई जाने के निर्देश हैं, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) इस संबंध में वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय चिकित्सालय बीना का उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
15. ( *क्र. 4386 ) श्री महेश राय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग के पास शासकीय चिकित्सालय बीना का उन्नयन करने का प्रस्ताव है? यदि हाँ, तो कितने बिस्तर का? (ख) बीना शहर के विकास के साथ-साथ क्या (चिकित्सालय बीना) शासकीय चिकित्सालय बीना का उन्नयन करने का प्रावधान है? (ग) यदि हाँ, तो क्या 100 बिस्तर के रूप में शासकीय चिकित्सालय बीना का उन्नयन किया जायेगा? (घ) यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) शासकीय चिकित्सालय बीना का उन्नयन शहर के विकास के आधार पर नहीं किया जाता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बिरला हॉस्पिटल सतना द्वारा किये गये उपचार की जाँच
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
16. ( *क्र. 4650 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एम.पी. बिरला हॉस्पिटल सतना में दिनांक 01.1.2020 से 31.12.2020 तक कितने रोगी भर्ती किये गये, उनमें से कितने स्वस्थ्य हुये, कितनों की इलाज के दौरान मृत्यु हुई, इनमें कितनों की मृत्यु का कारण गलत उपचार था? (ख) क्या पंजीयन क्रमांक 199910/9037, दिनांक 11.4.2020, 14192/23-11-2020, 38630 दिनांक 8.12.2020, 15434, दिनांक 4.2.2021 को प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र की श्रीमती रानी मिश्रा पति आर.डी. मिश्रा को इसी अस्पताल में भर्ती किया गया था, इस दौरान कौन-कौन सी बीमारी का इलाज किया गया? (ग) क्या श्रीमती मिश्रा को इसके पूर्व से मात्र मधुमेह एवं दमा की बीमारी थी, किन्तु बिरला अस्पताल द्वारा क्षय रोग की दवाई की गई, जिससे मरीज का पूरा शरीर सूख गया तथा हृदय एवं किडनी भी प्रभावित हो गई और मरीज को अन्यत्र ले जाने की सलाह दी गई, जिससे इन्हें दिनांक 6.2.2021 को किंग्स वे अस्पताल नागपुर में पंजीयन क्रमांक 34290 द्वारा भर्ती कराया गया, जहां पर लाखों रूपये खर्च कर मरीज की जान बची तथा इसका कारण क्षय रोग का गलत उपचार किया जाना था? (घ) क्या बिरला अस्पताल सतना में गलत इलाज कर रहे डाक्टर का पंजीयन निरस्त कर मरीज के शारीरिक एवं आर्थिक क्षति की भरपाई औषधालय प्रबन्धन या संबंधित डॉक्टर से दण्ड स्वरूप कराई जावेगी, ताकि भविष्य में लोगों की गलत इलाज से जानें न जायें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) एम.पी. बिरला हॉस्पिटल सतना में दिनांक 01.01.2020 से 31.12.2020 तक कुल 7478 रोगी भर्ती किये गये, उनमें से कुल 7337 स्वस्थ हुये एवं 141 रोगियों की मृत्यु ईलाज के दौरान हुई। इनमें से किसी भी रोगी के मृत्यु का कारण गलत उपचार नहीं था। (ख) जी हाँ। एम.पी. बिरला हॉस्पिटल प्रबंधन से प्राप्त जानकारी अनुसार श्रीमती रानी मिश्रा का डायबिटीज, दमा, बार-बार यूरीन में संक्रमण, फेफड़ों में इन्फेक्शन, एक्यूट किडनी इन्जूरी, इलेक्ट्रोलाईट इम्बैलेन्स तथा हृदय के एयोर्टिक वॉल्व की बीमारी के लिए किया गया। (ग) जी हाँ। यह कथन सत्य नहीं है कि बिरला अस्पताल द्वारा क्षय रोग की दवाई दिए जाने के कारण मरीज का पूरा शरीर सूख गया तथा हृदय एवं किडनी प्रभावित हो गई। रोगी को लगातार बुखार, वजन कम होना, एन्टीबायोटिक एवं एन्टीफंगल दवाइयों के बारम्बार कोर्स दिए जाने के बावजूद भी निरन्तर यूरीन में संक्रमण होने के लक्षणों के चलते जनाईटो-यूरीनरी ट्रेक्ट में टी.बी. होने की संभावना को दृष्टिगत रखते हुए चिकित्सकीय अनुभव के आधार पर क्षय रोग निरोधक उपचार दिया गया। जी हाँ। जी नहीं। (घ) प्रथम दृष्टया एम.पी. बिरला अस्पताल सतना से प्राप्त जानकारी के आधार पर प्रश्नांकित रोगी का गलत उपचार होना नहीं पाया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुपयोगी परिसम्पत्तियों का निर्वतन
[लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन]
17. ( *क्र. 5804 ) श्री जितू पटवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग के गठन संबंधी कार्यक्षेत्र, वित्तीय अधिकार आदि संबंधी अध्यादेश/परिपत्र की प्रति देवें तथा बतावें कि इस विभाग के अंतर्गत कौन-कौन से विभाग की किस प्रकार की सम्पत्ति विक्रय हेतु चयन की जावेगी? (ख) कौन से विभाग की कौन सी सम्पत्ति बेची जाये, यह निर्णय किस कमेटी द्वारा लिया जाएगा? क्या इस संदर्भ में कैबिनेट में स्वीकृति प्राप्त किया जाना आवश्यक नहीं हैं? (ग) उत्तर दिनांक तक कौन-कौन सी सम्पत्ति किस विभाग की बेचने हेतु अंतिम निर्णय लेकर प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है, उसकी सूची देवें तथा बतावें कि इसमें पारदर्शिता हेतु क्या प्रक्रिया है तथा पूर्व में हुये ई-टेण्डरिंग घोटाले से बचाव हेतु क्या सावधानी रखी जा रही है? (घ) परिसम्पत्ति के विक्रय से जो राशि प्राप्त होगी, वह विभागों के किस मद में किस कार्य के लिये उपयोग होगी? राशि का गुणात्मक उपयोग हो, इस हेतु क्या नियम बनाये गये? यह लोक सम्पत्ति है और इससे विभाग फिजूल खर्ची न करें, क्या ऐसा देखना जरूरी नहीं है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग का गठन म.प्र. राजपत्र (असाधारण) सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय द्वारा दिनांक 26.9.2020 को किया गया है एवं सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 19-65/2020/1/4, दिनांक 8.10.2020 द्वारा लोक परिसम्पत्तियों के युक्तियुक्त प्रबंधन हेतु लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों पर निर्णय हेतु मुख्य सचिव महोदय की अध्यक्षता में साधिकार समिति का गठन किया गया है तथा विभाग के आदेश क्रमांक आर 04/202/76-1, दिनांक 15.2.2021 द्वारा जिले के विभिन्न विभागों द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों में से प्रबंधन का परीक्षण हेतु अनुपयोगी परिसम्पत्तियों के निर्वतन की जिम्मेदारी दी गई है। आदेशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। अंतर्विभागीय विमर्श एवं समन्वय के माध्यम से राज्य की परिसम्पत्तियों का युक्तियुक्तकरण कर समुचित उपयोग सुनिश्चित करना है। अनुपयोगी परिसम्पत्तियों के व्यवसायीकरण/मौद्रीकरण द्वारा शासन को अतिरिक्त राजस्व उपलब्ध कराना है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेख अनुसार विभागों द्वारा इस विभाग को पोर्टल पर इंद्राज की गई परिसम्पत्तियों में से साधिकार समिति द्वारा सम्पत्तियों का चयन किया जाता है। परिसम्पत्तियों के विक्रय हेतु अंतिम निर्णय मंत्रि-परिषद द्वारा लिया जाता है। (ग) सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। प्रश्नांश (ख) में उल्लेख अनुसार चयनित परिसम्पत्तियों की निविदा mptender.gov.in पर एम.पी.आर.डी.सी.सी. द्वारा निकाली जाती है एवं ई-टेण्डर कम ऑक्शन के माध्यम से सम्पन्न की जाती है। विभाग की वेबसाईट www.pam.mp.gov.in/tender पर भी अपलोड की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) शासन की परिसम्पत्तियों के विक्रय से प्राप्त राशि शासन के राजस्व मद 0029 में जमा की जायेगी। उसके अधीन परिसमापन में सहकारी समिति की परिसम्पत्तियों के विक्रय में प्राप्त राशि का उपयोग परिसमापन के देयताओं के भुगतान हेतु किया जायेगा, जिससे गुणात्मक उपयोग हो। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
म.प्र. शासन द्वारा लिये गये ऋण
[वित्त]
18. ( *क्र. 1455 ) डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. सरकार द्वारा पिछले एक वर्ष में कहाँ-कहाँ से और कितना कर्ज लिया गया है? (ख) क्या केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकार पर कर्ज लेने की सीमा निर्धारित की गई है? यदि हाँ, तो कितनी सीमा निर्धारित की गई है? (ग) म.प्र. सरकार द्वारा लिये गये कर्ज से म.प्र. की जनता पर प्रति व्यक्ति कितना भार पड़ेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वित्तीय वर्ष 2018-19 तक लिये गये ऋण का विवरण मध्यप्रदेश सरकार के वित्त लेखे खण्ड-।। के भाग-। के विवरण संख्या 06 एवं 10 में उपलब्ध है। उक्त अवधि के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक के द्वारा वित्तीय वर्षवार जारी किये गये वित्त एवं विनियोग लेखे विधानसभा के पटल पर प्रस्तुत किये जा चुके हैं जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। 2018-19 के पश्चात् की अवधि के वित्त लेखे नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक से प्राप्त नहीं हुये हैं, अत: इन वर्षों की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। राज्य सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 में दिनांक 28.02.2021 तक 35,000 करोड़ रूपये का बाजार ऋण लिया है। अन्य ऋणों के संबंध में अंतिम लेखे नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक से प्राप्त नहीं होने के कारण दर्शायी अवधि में लिये गये कर्ज की जानकारी देना संभव नहीं है। (ख) वर्तमान वित्तीय वर्ष में राज्य शासन को भारत सरकार से 45,573 करोड़ रूपये के बाजार ऋण एवं 2,350 करोड़ रूपये नाबार्ड के माध्यम से ऋण की अनुमति प्राप्त हुई है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में G.S.T. क्षतिपूर्ति बावत् 4542 करोड़ रूपये का अतिरिक्त ऋण प्राप्त होना अनुमानित है। इसके अतिरिक्त पूंजीगत कार्यों के लिये 1320 करोड़ रूपये की अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता के रूप में मिलना संभावित है। (ग) जनसंख्या के नवीनतम आंकड़े उपलब्ध नहीं होने से प्रति व्यक्ति कर्ज के आंकड़े देना संभव नहीं है।
शास. रानी दुर्गावती चिकित्सालय जबलपुर में स्वीकृत पद संरचना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
19. ( *क्र. 3817 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय रानी दुर्गावती (महिला प्रसूति) चिकित्सालय जबलपुर में स्वीकृत पद संरचना के तहत कौन-कौन सा कितना-कितना स्टाफ पदस्थ है एवं कौन-कौन से कितने-कितने पद कब से रिक्त हैं एवं क्यों? इन रिक्त पदों की पूर्ति हेतु जिला प्रशासन एवं शासन ने क्या प्रयास किये हैं? शासन इन रिक्त पदों की पूर्ति कब तक करेगा। (ख) प्रश्नांश (क) में पैरामेडिकल स्टाफ की क्या स्थिति है? इसमें स्टाफ नर्स के स्वीकृत कितने पद रिक्त हैं एवं कितने पदों की आवश्यकता है? शासन इनकी पदस्थी कब तक करेगा? एस.एन.पी.यू. में भर्ती नवजात शिशुओं की देखभाल हेतु कितनी स्टाफ नर्स की आवश्यकता है एवं कितनी पदस्थ हैं? (ग) क्या वर्तमान में 220 बिस्तरीय चिकित्सालय संचालित है? यदि हाँ, तो इस हिसाब से मरीजों व प्रसूति महिलाओं की बढ़ती संख्या को देखते हुये कौन-कौन से कितने-कितने पदों की आवश्यकता है? शासन इन पदों की पूर्ति कब तक करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) शासकीय रानी दुर्गावती (महिला प्रसूति) चिकित्सालय जबलपुर में स्वीकृत पद संरचना के तहत पदस्थ स्टाफ (नियमित एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अन्तर्गत संविदा) एवं पद रिक्तता की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विभाग के अधीन सीधी भर्ती से भरे जाने वाले नियमित पद पूर्ति की कार्यवाही लोक सेवा आयोग एवं प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के माध्यम से निरंतर जारी है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) शासकीय रानी दुर्गावती (महिला प्रसूति) चिकित्सालय जबलपुर में स्वीकृत 122 बिस्तर एवं 20 बिस्तर एस.एन.सी.यू. (एन.एच.एम.) के मान से पैरामेडिकल स्टाफ की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। चिकित्सालय में नियमित स्टाफ नर्स के 25 पद स्वीकृत हैं, जो वर्तमान में सभी भरे हुए हैं। उपरोक्त के अतिरिक्त एस.एन.सी.यू. में भर्ती नवजात शिशुओं की देखभाल हेतु 22 पद संविदा स्टाफ नर्स (एन.एच.एम.) के स्वीकृत हैं एवं 16 कार्यरत तथा 06 पद रिक्त हैं। (ग) जी नहीं। चिकित्सालय में बढ़ती हुयी मरीजों की संख्या को देखते हुये रोगी कल्याण समिति, जनभागीदारी एवं आर.सी.एच. के सहयोग से मरीजों को भर्ती करने के लिये अतिरिक्त वार्डों का निर्माण हेतु विचार किया जावेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना का संचालन
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
20. ( *क्र. 4727 ) डॉ. अशोक मर्सकोले (श्री आरिफ अक़ील) : क्या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार द्वारा मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री रोजगार योजना और मुख्य मंत्री कृषक उद्यमी योजना बंद कर दी गई है? यदि हाँ, तो किस दिनांक से यह योजनाएं बंद की गईं हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार योजनाओं में कितने उद्यमियों ने कर्ज लिया था? योजनाओं को बंद करने के बाद युवा उद्यमियों की कितनी राशि की सब्सिडी रोक दी गई है? (ग) सरकार द्वारा सब्सिडी रोकने के कारण उद्यमी बैंकों द्वारा डिफॉल्टर हो चुके हैं? (घ) इन योजनाओं के अंतर्गत कर्ज लेकर रोजगार करने वाले उद्यमियों के रोजगार बंद होने और डिफॉल्टर होने के लिए कौन उत्तररदायी है?
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) जी नहीं, दिनांक 18.12.2020 पश्चात ऋण वितरण की कार्यवाही स्थगित की गई है। (ख) वित्तीय वर्ष 2020-21 में इन योजनाओं का संचालन नहीं किया गया, इसलिये इस वर्ष आवेदन लेकर किसी भी उद्यमी को कोई कर्ज नहीं दिया गया था। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) किसी भी युवा उद्यमी की सब्सिडी राशि रोके जाने के आदेश शासन द्वारा नहीं दिये गये हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जनसंपर्क निधि की राशि का प्रदाय
[सामान्य प्रशासन]
21. ( *क्र. 3845 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दमोह जिले में वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में जनसंपर्क निधि की राशि प्रदाय की गई है? यदि हाँ, तो विधान सभावार विवरण दें। यदि नहीं, तो क्यों नहीं तथा कब तक व कितनी राशि प्रदाय की जावेगी? (ख) शासन द्वारा विधानसभा सदस्य को एक वित्तीय वर्ष में जनसंपर्क निधि की कितनी राशि प्रदान की जाती है? यदि वार्षिक राशि निश्चित है, तो बताएं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। विधान सभावार विवरण निम्नानुसार है :-
स.क्र. |
वित्तीय वर्ष |
विधान सभा क्षेत्र का नाम |
आवंटित राशि |
1. |
2019-2020 |
पथरिया |
2,50,000 |
2. |
2019-2020 |
दमोह |
2,50,000 |
3. |
2019-2020 |
जबेरा |
2,50,000 |
4. |
2019-2020 |
हटा |
2,50,000 |
5. |
2020-2021 |
पथरिया |
1,25,000 |
6. |
2020-2021 |
दमोह |
1,25,000 |
7. |
2020-2021 |
जबेरा |
1,25,000 |
8. |
2020-2021 |
हटा |
1,25,000 |
शेषांश का प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) प्रति विधान सभा क्षेत्र के लिए माननीय मंत्रीगणों के जनसंपर्क दौरे हेतु वार्षिक राशि ₹ 2,75,000/- निश्चित है।
कोरोना महामारी हेतु केन्द्र सरकार से प्राप्त राशि
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
22. ( *क्र. 5729 ) श्री संजय उइके : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोरोना महामारी से निपटने के लिए केन्द्र सरकार से राशि प्राप्त हुई है? (ख) यदि हाँ, तो केन्द्र सरकार से किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई एवं किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि कब-कब व्यय की गई? जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार एवं जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। राज्य शासन एवं केन्द्र शासन से प्राप्त राशि का एकजाई आवंटन जिलों को किया जाता है। अतः केन्द्र शासन से प्राप्त राशि का जिलेवार व्यय दिया जाना संभव नहीं है।
मुरैना जिलांतर्गत अवैध शराब की बिक्री
[वाणिज्यिक कर]
23. ( *क्र. 4435 ) श्री कमलेश जाटव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला मुरैना में शराब के ठेकेदारों द्वारा अवैध रूप से सिक्योरिटी डिपोजिट करवाकर ग्राम एवं पंचायतों में अवैध शराब की दुकानें चलाई जा रही हैं? यदि हाँ, तो किस नियम के अंतर्गत? वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक विभाग को अवैध शराब की बिक्री एवं तस्करी की कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त शिकायतों के विवरण के साथ उक्त शिकायतों पर की गई समस्त कार्यवाही की जानकारी वर्षवार, विकासखण्डवार उपलब्ध करावें तथा यह भी जानकारी उपलब्ध करावें कि संपूर्ण जिले में किस-किस विकासखण्ड स्तर पर किस-किस स्थान पर किस-किस ठेकेदार को शराब का ठेका दिया गया है? (ग) क्या आबकारी विभाग मुरैना द्वारा जिले की पंचायतों एवं ग्रामों में अवैध रूप से शराब की बिक्री की रोकथाम हेतु कार्यवाही की जाती है? यदि नहीं, तो क्यों और यदि हाँ, तो जिले में जहरीली शराब बनाए जाने के व्यवसाय किस के संरक्षण में चल रहे हैं?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जिला मुरैना में शराब के ठेकेदारों द्वारा अवैध रूप से सिक्योरिटी डिपोजिट करवाकर ग्राम एवं पंचायतों में अवैध शराब की दुकानें नहीं चलाई जा रही हैं। जिला मुरैना में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कुल 141 शिकायतें प्राप्त हुईं। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्षवार एवं ब्लॉकवार शिकायतों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जिला मुरैना में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कुल 141 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से जाँच कराये जाने पर 75 शिकायतें सत्य पाई गईं, जिनमें संबंधित अवैध मदिरा के विक्रेता के विरूद्ध मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। वर्ष 2020-21 में जिला मुरैना की 44 देशी मदिरा दुकानें एवं 15 विदेशी मदिरा दुकानों का निष्पादन संपूर्ण जिले के एकल समूह में किया गया है, जिसके लायसेंसी वाईन ट्रेडर्स पार्टनर राहुल शिवहरे एवं अन्य हैं। विकासखण्डवार मदिरा दुकानों के नाम/स्थानों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जिला मुरैना में किसी भी क्षेत्र में अवैध मदिरा के बिक्री की शिकायत/सूचना मिलने पर विभाग द्वारा तत्समय कार्यवाही की जाती है। जिले में अब तक की गयी, कार्यवाही में जहरीली शराब बनाये जाने के व्यवसाय में किसी भी प्रशासनिक एवं राजनैतिक संरक्षण की संलिप्तता प्रकाश में नहीं आई है।
विभाग द्वारा संचालित योजनाएं
[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
24. ( *क्र. 3234 ) श्री राकेश मावई : क्या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं कहाँ-कहाँ पर संचालित की जा रही हैं? म.प्र. प्रौद्योगिकी परिषद् के गवर्निंग बोर्ड में कौन-कौन सदस्य हैं तथा उनका कार्यकाल कब से कब तक है? नाम सहित जानकारी देवें। (ख) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित योजनाओं के लिए कितनी राशि प्राप्त हुई? वर्षवार योजनावार/मदवार प्राप्त राशि की जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार प्राप्त राशि मुरैना जिलान्तर्गत कब कहाँ किस कार्य पर व्यय की गई है? वर्षवार, कार्यवार जानकारी देवें। इन कार्यों की मॉनिटरिंग एवं निरीक्षण कौन करता है? निरीक्षण रिपोर्ट के विवरण सहित जानकारी देवें। (घ) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक ग्वालियर एवं चंबल संभाग में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी, सूचना एवं इलेक्ट्रॉनिक विभाग तथा पर्यावरण विभाग को कितनी-कितनी राशि कब-कब दी गई तथा उस राशि से क्या-क्या कार्य कराए गए? वर्षवार जानकारी देवें।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) विभाग द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में संपूर्ण प्रदेश में योजनाएं संचालित हैं, परिषद के सदस्यों का कार्यकाल तीन वर्ष का होता है। परिषद में सदस्यों का मनोनयन नाम के आधार पर न करते हुए पदनाम के आधार पर किया जाता है। विस्तरित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) विभाग अंतर्गत म.प्र. विज्ञान प्रौद्योगिकी परिषद की जानकारी निम्नानुसार है :- 1. कैलेण्डर वर्ष 2018 में मुरैना जिला अंतर्गत एक एवं दो दिवसीय नेशनल सेमीनार डेवलपमेंट एण्ड ऑप्टिमाइजेशन ऑफ मेथड फॉर एनालॉसिस आफ फर्मास्वीटकल्स के लिये रू 1,26,000/- (रूपये एक लाख छब्बीस हजार मात्र) का व्यय किया गया। परिषद के अधिकारी निरीक्षण एवं मॉनिटरिंग करेंगे। विभाग अंतर्गत मैप-आई.टी. द्वारा जिला ई-गवर्नेंस सोसाइटी, मुरैना के संचालन हेतु व्यय की गई राशि का वर्षवार विवरण निम्नानुसार है :-
राशि (रु.) |
|||
2018-19 |
2019-20 |
2020-21 |
Total |
रु. 26,55,149 |
रु .28,66,394 |
रु.8,60,879 |
रु. 63,82,422 |
राशि का उपयोग जिला ई-गवर्नेंस सोसाइटी के अंतर्गत पदस्थ कर्मियों के मानदेय एवं सोसाइटी के प्रशासनिक व्यय तथा प्रशिक्षण संचालन हेतु होता है। मॉनिटरिंग एवं निरीक्षण का कार्य जिला ई-गवर्नेंस सोसाइटी, मुरैना के संचालक मण्डल द्वारा किया जाता है। (घ) विभाग द्वारा सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी, सूचना एवं इलेक्ट्रॉनिक विभाग तथा पर्यावरण विभाग को कोई राशि उपलब्ध नहीं करायी गयी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बोड़ा का उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
25. ( *क्र. 5737 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 2218, दिनांक 16 जुलाई, 2019 के उत्तर की कंडिका (ख) अनुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बोड़ा हेतु 300 एम.ए. एक्स-रे मशीन मैप की गई है एवं आवश्यक बजट भी उपलब्ध करा दिया गया है, परंतु दर अनुबंध उपलब्ध न होने के कारण एक्स-रे मशीन क्रय नहीं की गई है तो क्या प्रश्न दिनांक तक एक्स-रे मशीन क्रय कर ली गई अथवा नहीं? यदि नहीं, तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही किन कारणों से कब से किस स्तर पर लंबित है तथा कब तक एक्स-रे मशीन क्रय कर प्रारंभ कर दी जावेगी? (ख) क्या आमजनों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं बहाल किये जाने हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बोड़ा को सिविल अस्पताल में उन्नयन करने तथा आकस्मिक दुर्घटना व प्रसव प्रकरणों में एम्बुलेंस वाहन प्रदाय करने हेतु कोई कार्ययोजना तैयार की गई है? यदि हाँ, तो क्या तथा कब तक उक्त स्वास्थ्य केन्द्र का उन्नयन कर एम्बुलेंस वाहन उपलब्ध करा दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ, जी नहीं। एक्स-रे मशीन संचालन हेतु रेडियोग्राफर का पद रिक्त होने के कारण, विभाग द्वारा पद पूर्ति की कार्यवाही निरन्तर जारी है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बोड़ा से लगभग 10 किलोमीटर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पचौर में जननी एक्सप्रेस एवं 108- एम्बुलेंस वाहन द्वारा क्षेत्रातंर्गत निवासरत आमजन को एम्बुलेंस वाहन की सुविधा प्रदाय की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
मुख्यमंत्री
जल प्रदाय
योजनाओं की जाँच
व कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
1. ( क्र. 58 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह में वर्ष, 2018-19,2019-20 व 2020-21 में कितनी मुख्यमंत्री जल प्रदाय योजनाएं कितनी-कितनी राशि से स्वीकृत की गई जानकारी कार्य एजेंसी व कार्य की स्थिति सहित उपलब्ध करायी जावे। नलकूप खनन हेतु जिला दमोह की हटा व पथरिया विधानसभा क्षेत्र में लगायी गयी रोक कब तक हटायी जावेगी? (ख) उक्त वर्षों में बनायी गयी नल जल योजनाओं से कितने गांव में कितने परिवार पानी पी रहे हैं। क्षेत्रीय भ्रमण उपरांत मुख्यमंत्री जल प्रदाय योजनाओं के निर्माण में की गई लापरवाहियों की पर्याप्त शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। जिला दमोह में बनायी गयी मुख्यमंत्री जल प्रदाय योजनाओं की जाँच उच्च स्तरीय समिति के द्वारा कराये जाने की समय-सीमा सहित कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कोई रोक नहीं लगायी गयी है, रोक हटाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) 18 ग्राम में 5576 परिवार पानी पी रहे हैं। जी नहीं, विभाग को शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधायक स्वेच्छानुदान निधि का प्रदाय
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
2. ( क्र. 1164 ) श्री संजय शर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्र. एम/472, दिनांक 07.06.2020 एवं पत्र क्र. एम/472 दिनांक 07.03.2020 द्वारा विधायक स्वेच्छानुदान निधि हितग्राहियों को प्रदान करने हेतु अनुशंसा पत्र कलेक्टर (योजना मंडल), नरसिंहपुर को प्रदान किये गये थे? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार, यदि हाँ, तो उक्त पत्रों में उल्लेखित हितग्राहियों के खातों में राशि प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं पहुंची है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार, उक्त हितग्राहियों के खातों में राशि कब तक पहुंच जायेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला योजना अधिकारी नरसिंहपुर के आदेश क्रमांक 387 दिनांक 01.03.2021 के माध्यम से हितग्राहीयों के खाते में राशि का भुगतान किया जा चुका है। (ग) उत्तर (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पंधाना विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई योजना की स्वीकृति
[नर्मदा घाटी विकास]
3. ( क्र. 1426 ) श्री राम दांगोरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र पंधाना अंतर्गत सिंगोट, गुड़ी व गांधवा क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति के लगभग 70 गांवों की कृषि भूमि सिंचित नहीं हो पा रही है जिससे इन ग्रामों के किसानों को सूखी खेती एवं बारिश पर निर्भर होना पड़ रहा है जिससे यह किसान आर्थिक रूप से काफी पिछड़े हैं एवं जलस्तर भी 1000 फीट से नीचे चला गया है। (ख) क्या इन ग्रामों के किसानों की असिंचित भूमि के लिए इंदिरा सागर परियोजना से खंडवा उद्यान योजना स्वीकृत की जाएगी या नहीं? (ग) यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृत की जाकर योजना प्रारंभ की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सिंगोट, गुड़ी एवं गांधवा तथा उसके आसपास के ग्रामों में 70 से 75 प्रतिशत क्षेत्र वर्षा आधारित एक फसलीय है तथा शेष क्षेत्र निजी नलकूप आदि अन्य साधनों से द्विफसलीय क्षेत्र है। इन क्षेत्रों में जल संसाधन विभाग द्वारा भाम बैराज एवं भाम मध्यम परियोजना निर्माणाधीन है। (ख) एवं (ग) प्रारम्भिक तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता परीक्षणाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जावर-सिहाड़ा उद्वहन परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
4. ( क्र. 1520 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जावर-सिहाड़ा उद्वहन परियोजना की स्वीकृति किस दिनांक को जारी की गई थी? (ख) उक्त परियोजना की स्वीकृत के समय इसकी लागत क्या थी? वर्ष 2019-20 एवं वर्ष 2020-21 में इस परियोजना के लिये कितना-कितना बजट स्वीकृत किया गया है? (ग) इस परियोजना के लिये किस निर्माण एजेंसी को कार्यादेश दिया गया है? वर्तमान में इस योजना का कार्य कितने प्रतिशत पूर्ण हो चुका है? क्या उक्त कार्य को समय-सीमा में पूर्ण करने के लिये क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के साथ संबंधित विभाग द्वारा बैठक आयोजन किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या इस योजनान्तर्गत बार-बार पेटी कांन्ट्रेक्टर का उपयोग मुख्य निविदाकार द्वारा किया जा रहा है। जिसके कारण इसमें अत्यंत विलंब हो रहा है। यदि हाँ, तो इस योजना के क्रियान्वयन में होने वाले विलंब के लिये दोषी अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ङ) इस परियोजना में कार्यादेश के अऩुसार इसकी कार्य पूर्णता की अवधि क्या है? क्या परियोजना का कार्य समय-सीमा में पूर्ण होगा? अगर नहीं तो इसे समय-सीमा में पूर्ण किये जाने के विभाग द्वारा क्या प्रयास किये जा रहे है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जावर उद्वहन सिंचाई परियोजना की स्वीकृति दिनांक 01/11/2016 को। (ख) रूपये 432.81 करोड़। वर्ष 2019-20 हेतु रूपये 116.39 करोड़ एवं वर्ष 2020-21 हेतु रूपये 55.43 करोड़। (ग) मेसर्स जी.व्ही.पी.आर. इंजीनियर्स लिमिटेड हैदराबाद। 40 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। माननीय राज्यमंत्री जी नर्मदा घाटी विकास विभाग, उपाध्यक्ष एवं सदस्य (अभियांत्रिकी) नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के स्तर पर बैठक आयोजित कर एजेन्सी को कार्य की प्रगति बढ़ाकर समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) कार्य को शीघ्र पूर्ण करने को दृष्टिगत रखते हुये लेबर कान्ट्रेक्टरों से अनुबंध की कंडिका 23.2 के तहत सामग्री प्रदाय कर, कार्य कराया जा रहा है। योजना की पर्यावरणीय स्वीकृति एवं कोविड-19 के कारण विलम्ब हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) 36 माह। पर्यावरणीय स्वीकृति में आंकलित से अधिक समय लगने एवं कोविड-19 के कारण विलम्ब सम्भव है। समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने हेतु समय-समय पर निर्देशित किया गया है।
कोविड-19 महामारी में सेवा देने वाले चिकित्सकों को संविदा नियुक्ति का लाभ
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
5. ( क्र. 2339 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए मार्च 2020 में आयुष चिकित्सक, फार्मासिस्ट, पैरामेडिकल स्टॉफ एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की भर्ती की गई थी? (ख) वर्तमान में इनमें से कितने चिकित्साकर्मी कार्यरत हैं एवं कितनों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित चिकित्सक स्टॉफ जो कोविड-19 महामारी के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर अपने कर्तव्य निर्वहन में रत रहे, क्या उनहें विभाग में रिक्त पदों पर संविदा नियुक्ति प्रदान की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) स्वास्थ्य सेवा से संबंधित विभिन्न विभागों में रिक्त पदों पर आगामी वर्षों में नियुक्ति किस प्रकार की जाएगी? क्या इन नियुक्तियों के समय प्रश्नांश (क) में उल्लेखित चिकित्साकर्मियों को प्राथमिकता के आधार पर संविदा नियुक्ति प्रदान की जाएगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) कोविड-19 महामारी की रोकथाम हेतु जिलों द्वारा पूर्व में नियोजित किये गये अस्थाई चिकित्सा कर्मियों में से वर्तमान में 92 चिकित्सा अधिकारी/स्नात्कोत्तर चिकित्सा अधिकारी, 551 आयुष चिकित्सक, 67 फार्मासिस्ट, 352 लेबोरेट्री टेक्नीशियन, 239 स्टॉफ नर्स एवं 374 अन्य सर्पोट स्टॉफ कार्य कर रहे है। इनमें से 72 चिकित्सा अधिकारी/स्नात्कोत्तर चिकित्सा अधिकारी, 182 आयुष चिकित्सक, 237 फार्मासिस्ट, 1260 स्टॉफनर्स एवं 933 अन्य सर्पोट स्टॉफ को वर्तमान में कोविड-19 महामारी के निरंतर घटते क्रम को देखते हुये निंरतर नहीं किया है। (ग) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा रिक्त पदों की पूर्ति हेतु समय-समय पर प्रकाशित विज्ञप्तियों में उल्लेखित अनुसार सम्मिलित होने एवं निर्धारित चयन प्रक्रिया के सफल होने पर नियमानुसार संविदा नियुक्ति प्राप्त कर सकते है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत स्वीकृत रिक्त पदों हेतु विज्ञप्ति प्रकाशित करते हुये नियुक्ति हेतु चयनित संस्था के माध्यम से आवेदन आमंत्रित किये जाते हैं तदानुसार पात्र आवेदकों को नियत परीक्षा/साक्षात्कार में सम्मिलित होने के उपरांत रिक्त पदों की संख्या एवं आरक्षण अनुसार चयन सूची जारी की जाती है। वर्तमान में उल्लेखित चिकित्सा कर्मियों को प्राथमिकता देने का वर्तमान में कोई प्रावधान नहीं है।
बाल विकास परियोजना अंतर्गत स्वीकृत एवं रिक्त पदों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
6. ( क्र. 2343 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास परियोजना के कितने पद स्वीकृत हैं, एवं इन पद पर कितने परियोजना अधिकारी कार्यरत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कितने परियोजना अधिकारी के विरूद्ध विभागीय जाँच प्रचलन में हैं? और कब से है, पूर्ण विवरण दें विभाग द्वारा विभागीय जाँच कब तक पूर्ण कर इन के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में प्रचलित विभागीय जाँच में विलंब के लिए कौन-कौन से जाँच अधिकारी जिम्मेदार हैं? जिम्मेदार जाँच अधिकारी के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, तो शासन क्या कार्यवाही करेगा और कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) महिला एवं बाल विकास विभाग में परियोजना अधिकारी, एकीकृत बाल विकास परियोजना के 453 पद स्वीकृत है, तथा इन पदों पर 278 परियोजना अधिकारी कार्यरत हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) विभागीय जाँच नियत प्रक्रिया अनुसार की जाती है। विभागीय जाँच में कोई जाँच अधिकारी विलंब हेतु दोषी नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पर्यटन विभाग द्वारा हस्तांतरित सम्पत्तियां
[पर्यटन]
7. ( क्र. 2544 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग ने अभी तक कुल कितने विभागों से पूर्वनिर्मित डाक बंगले और अन्य सम्पतियाँ हस्तांतरित की और कितनी सम्पतियाँ और लेना प्रस्तावित है? (ख) उक्त संपत्तियों के पुनर्निर्माण पर कितना व्यय किया गया? अभी तक कुल कितनी सम्पतियों को लीज पर प्रायवेट सेक्टर में दिया जा चुका है और कितने और लीज पर दिया जाना प्रस्तावित है? (ग) क्या अन्य विभागों की संपत्तियां अधिग्रहित कर उसमें पुनर्निर्माण कर इस प्रकार उन संपत्तियों को लीज पर दिया जा सकता है? यदि हाँ, तो इस तरह के हस्तांतरण का क्या औचित्य होगा और इससे शासन को क्या और कितना लाभ हुआ, उसकी विगतवार विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराये और अगर इस पूरी प्रक्रिया में कोई लाभ नहीं हुआ तो जो संपत्तियों का हस्तांतरण करने से विभागों को नुकसान हुआ, उसकी भरपाई कौन करेगा और उसके लिये कौन दोषी होगा?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ख) जी नहीं, एक संपत्ति मार्ग सुविधा केन्द्र नीति की अनुरूप निजी निवेशक को संचालन हेतु दी गई है। शेष एक और संपत्ति पर्यटन नीति अनुसार निजी निवेशकों को पर्यटन परियोजना स्थापना एवं संचालन हेतु लीज पर दिया जाना है। (ग) पर्यटन नीति के अनुसार अन्य विभागों से संपत्तियां हस्तांतरित कर निजी निवेशकों को पर्यटन परियोजना स्थापना एवं संचालन हेतु लीज पर देने के प्रावधान है। विभाग (पर्यटन बोर्ड) द्वारा पुनर्निर्माण कर लीज पर देने का कार्य नहीं किया जाता है।
अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों का निराकरण
[सामान्य प्रशासन]
8. ( क्र. 2570 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिला अंतर्गत अनुकम्पा नियुक्ति के अप्रैल 2015 से प्रश्नांश दिनांक कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया विभागानुसार नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावे एवं अनुकम्पा नियुक्ति के कितने प्रकरण किस-किस विभाग के लंबित है विभागानुसार नाम सहित जानकारी देवें। (ख) लंबित प्रकरणों में किन-किन कारणों से अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान नहीं की जा रही है। (ग) अनुकम्पा नियुक्ति के लंबित प्रकरणों का कब तक निराकरण किया जाकर संबंधित को नियुक्ति दी जावेगी।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विभागवार एवं प्रकरणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) विभागवार एवं प्रकरणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।
निरामय योजना की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
9. ( क्र. 2571 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुष्मान भारत मध्यप्रदेश निरामय योजनांतर्गत कितनी-कितनी राशि किस-किस श्रेणी के हितग्राहियों के इलाज हेतु स्वीकृत की जाती है? (ख) योजनांतर्गत होशंगाबाद संभाग, भोपाल संभाग, इंदौर संभाग एवं महाराष्ट्र के अमरावती एवं नागपुर जिले के किन-किन शासकीय एवं अशासकीय चिकित्सालयों में योजना का लाभ मिल सकता है? चिकित्सालयों के नामों की सूची स्थान सहित उपलब्ध करावें। (ग) योजनांर्तगत मरीजों के उपचार हेतु पैकेज में क्या जाँच की राशि सम्मिलित है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) आयुष्मान भारत योजना के हितग्राही को एक वर्ष में प्रति परिवार 5 लाख तक की राशि पैकेज अनुसार, अनुमोदनोपरांत राशि अस्पतालों को स्वीकृत की जाती है तथा वर्ष 2011 की जनणना SECC (सामाजिक, आर्थिक, जातिगत जनगणना) के डाटा में D1 से D7 तक (D6 को छोड़कर), राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा पर्ची धारक परिवार या संबल योजना में पंजीकृत होना, आयुष्मान भारत योजना के हितग्राही होने का मापदण्ड है। (ख) संभाग-भोपाल, होशंगाबाद एवं इंदौर तथा महाराष्ट्र के अमरावती एवं नागपुर जिले में आयुष्मान योजना से संबंधित शासकीय एवं अशासकीय चिकित्सालयों के नामों की स्थान सहित सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ।
जिला चिकित्सालयों में रिक्त पदों की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
10. ( क्र. 2622 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में जिला चिकित्सालयों हेतु चिकित्सकों के कितने-कितने पद स्वीकृत हैं तथा कितने वर्तमान में रिक्त हैं। जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत पदों के विरुद्ध कितने चिकित्सक कार्यरत हैं और कितने चिकित्सक अनाधिकृत रुप से अनुपस्थित हैं? अनाधिकृत रुप से अनुपस्थित चिकित्सकों के विरुद्ध अब तक क्या कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हाँ, तो विस्तृत ब्योरा दें। (ग) रिक्त पदों की पूर्ति हेतु शासन द्वारा अब तक क्या-क्या प्रयास किये जा रहे हैं? नीमच जिला मुख्यालय पर चिकित्सकों के रिक्त पदों के विरुद्ध कब तक पदस्थापना की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) कार्यरत चिकित्सकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। अनाधिकृत अनुपस्थिति चिकित्सकों के संदर्भ में कार्यवाही संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग को नवीन आरक्षण रोस्टर अनुसार चिकित्सा अधिकारियों के रिक्त 727 पदों हेतु मांग-पत्र प्रेषित किया गया एवं मध्यप्रदेश लोक सेवा अयोग द्वारा विज्ञापन जारी किया गया है। चयन सूची प्राप्त होने पर चिकित्सकों की उपलब्धता अनुसार पदस्थापना संबंधी कार्यवाही की जावेगी। इसके अतिरिक्त स्नातकोत्तर पीजी बंधपत्र चिकित्सकों एवं एम.बी.बी.एस. बंधपत्र चिकित्सकों की पदस्थापनाएं रिक्तता अनुसार संस्थाओं में की जा रही है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से प्रत्येक बुधवार वॉक-इन इन्टरव्यू द्वारा चिकित्सकों की पदस्थापना संबंधी कार्यवाही की जा रही है। चिकित्सकों की उपलब्धता अनुसार जिला चिकित्सालय नीमच में पदस्थापना की कार्यवाही की जावेगी, निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र से औषधि अनुज्ञप्ति प्राप्तकर्ता पर एफ.आई.आर
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
11. ( क्र. 2638 ) श्री आरिफ मसूद : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय नियंत्रण खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने अपने आदेश क्र. भोपाल 2020/317 दिनांक 01.10.2020 के जरिये फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र रचित कर मेसर्स मध्यप्रदेश स्टेट को-ऑपरेटिव जन औषधि मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड शॉप/प्लाट नं. ए-7 सुरेन्द्र विहार आशिमा मॉल के पास होशंगाबाद रोड को स्वीकृत औषधि अनुज्ञप्ति को तत्काल प्रभाव से निरस्त करा था? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उपरोक्त आदेश में कूटरचित दस्तावेज के आधार पर अनुज्ञप्ति प्राप्त किया गया है जो कि आई.पी.सी. की धारा 420, 466, 468, 471 के अंतर्गत दण्डनीय है जिस पर विधिक कार्यवाही पृथक से की जा सकेगी उल्लेखित है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में जारी आदेश की प्रतिलिपि थाना प्रभारी, शाहजहांनाबाद भोपाल की ओर सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजी थी? यदि हाँ, तो थाना शाहजहांनाबाद द्वारा अब तक की विधिक कार्यवाही, एफ.आई.आर. का विवरण उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या उपरोक्त प्रकरण संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है उसके बाद भी थाना शहजहांनाबाद द्वारा प्रश्न दिनांक तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई? यदि हाँ, तो क्या तत्काल मामले में संज्ञान लेते हुए एफ.आई.आर. दर्ज की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। कार्यालय थाना प्रभारी, थाना शाहजहांनाबाद भोपाल से प्राप्त जानकारी अनुसार आदेश की प्रति आपराधिक दायित्व के निर्धारण हेतु दस्तावेजों एवं कथनों का संकलन किया जा रहा है। प्रकरण की जाँच वर्तमान में प्रचलन में है। (घ) कार्यालय थाना प्रभारी, थाना शाहजहांनाबाद भोपाल से प्राप्त जानकारी अनुसार आपराधिक दायित्व के निर्धारण हेतु दस्तावेजों एवं कथनों का संकलन किया जा रहा है। प्रकरण की जाँच वर्तमान में प्रचलन में है।
सिंचित/असिंचित कृषि भूमि का बाजार मूल्य
[वाणिज्यिक कर]
12. ( क्र. 2931 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि गढ़ा जलाशय के डूब क्षेत्र में आने वाली सिंचित/असिंचित कृषि भूमि के बाजार मूल्य की कलेक्टर गाईड लाईन में पिछले 10 वर्षों से कोई परिवर्तन नहीं किया गया? यदि हाँ, तो वर्ष 2010-11 से वर्ष 2019-20 में कलेक्टर गाईड लाईन अनुसार जलाशय के डूब में आने वाले तथा डूब क्षेत्र से लगे ग्रामों की सिंचित/असिंचित कृषि भूमि का बाजार मूल्य प्रति हेक्टेयर कितना-कितना निर्धारित किया गया? ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावे। (ख) डूब क्षेत्र की कृषि भूमि एवं इस क्षेत्र से लगे ग्रामों की कृषि भूमि का बाजार मूल्य कलेक्टर गाईड लाईन का निर्धारण किन मापदण्डों, किस नियम कानून की किस धारा/प्रावधानों के अनुसार किया गया? प्रावधानों की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) गढ़ा डूब क्षेत्र में विक्रय की गई कृषि भूमि के उच्चतम बाजार मूल्य के आधार पर क्या कलेक्टर गाईड लाईन में कोई परिवर्तन किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो कारण बतावे। (घ) गढ़ा जलाशय की अधिसूचना प्रकाशित होने के बाद किन-किन ग्रामों के कितने किसानों ने किन-किन विषयों पर लिखित आपत्ति दी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं, पिछले 10 वर्षों के दौरान परिवर्तन किया गया। गढ़ा जलाशय डूब क्षेत्र में आने वाले ग्रामों तथा डूब क्षेत्र से लगे ग्रामों की सिंचित/असिंचित कृषि भूमि के बाजार मूल्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' व 'ख' अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश बाजार मूल्य मार्गदर्शक सिद्धांतों का बनाया जाना और उनका पुनरीक्षण नियम, 2000 एवं मध्यप्रदेश बाजार मूल्य मार्ग दर्शक सिद्धांतों का बनाया जाना एवं उनका पुनरीक्षण नियम, 2018 में विहित प्रावधानों के अंतर्गत कलेक्टर गाईड लाईन का निर्धारण किया गया। प्रावधानों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ग' अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश बाजार मूल्य मार्गदर्शक सिद्धांतों का बनाया जाना एवं उनका पुनरीक्षण नियम, 2018 के नियम 6 में वर्णित मापदण्डों के आधार पर गाईड लाईन दरें निर्धारित की जाती है। उप जिला मूल्यांकन समिति से प्राप्त प्रस्तावों पर उक्त परिप्रेक्ष्य में परीक्षण उपरांत जिला मूल्यांकन समिति द्वारा दरें अनुमोदित की जाती है। नियमों के अनुसार 1 अप्रैल (प्रतिवर्ष) से दरों का पुन: निर्धारण किया जाता है। अत: समय-सीमा का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'घ' अनुसार है।
पब्लिक रजिस्टर्ड एक्ट के तहत ट्रस्ट पंजीकृत
[अध्यात्म]
13. ( क्र. 2963 ) श्री सुरेन्द्र सिंह नवल सिंह : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला बुरहानपुर में पब्लिक रजिस्टर्ड एक्ट के तहत कितने ट्रस्ट पंजीकृत हैं एवं उनके नाम, पंजीकरण का वर्ष एवं वर्तमान पदाधिकारियों की सूची प्रदान करें। (ख) क्या उक्त रजिस्टर्ड ट्रस्टों का निर्वाचन समय-समय पर हो रहा है या नहीं एवं अंकेक्षित लेखे भी प्रतिवर्ष प्रस्तुत किये जा रहे हैं?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जिला बुरहानपुर अन्तर्गत पब्लिक रजिस्टर्ड एक्ट के तहत 234 ट्रस्टों का पंजीकृत है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जाती है।
कोरानाकाल में आंगनवाड़ी केन्द्रों में वितरित पोषण आहार
[महिला एवं बाल विकास]
14. ( क्र. 3180 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोरोनाकाल में आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार वितरण के संबंध में शासन के क्या-क्या आदेश-निर्देश थे? इनकी प्रति उपलब्ध करावें। (ख) माह अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक परियोजनावार उज्जैन संभाग में कितने हितग्राहियों को लाभांवित किया गया? जिलावार संख्या बताएं। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में पोषण आहार मद में देयकों के भुगतान का परियोजनावार विवरण देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) कोरोनाकाल में आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार वितरण के संबंध में जारी निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''01'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''02'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''03'' अनुसार है।
विभिन्न योजनाओं के भुगतान की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
15. ( क्र. 3235 ) श्री राकेश मावई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना में 01 जनवरी, 2018 से प्रश्न दिनांक तक लाड़ली लक्ष्मी योजना, समेकित बाल संरक्षण योजना, दत्तक ग्रहण योजना, पालन-पोषण योजना, प्रवर्तकता योजना, ऊषा किरण योजना, शौर्य दल योजना, बेटी बचाओं योजना, मुख्यमंत्री महिला सशक्तीकरण एवं सशक्त वाहिनी योजना अन्तर्गत कितना-कितना बजट कब-कब प्राप्त हुआ तथा कितनी-कितनी राशि हितग्राहियों को भुगतान करने में व्यय की गई? विकासखण्डवार एवं योजनावार तथा हितग्राही संख्यावार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला मुरैना में 01 जनवरी, 2018 से प्रश्न दिनांक तक विकासखण्डवार कितनी-कितनी बालिकाओं को पूर्ण राशि का भुगतान हो चुका है तथा कितने आवेदन लंबित हैं। उक्त लंबित आवेदनों का योजनावार कब तक निराकरण कराकर हितग्राहियों को लाभ दे दिया जायेगा। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में कितनी-कितनी शिकायतें कब-कब प्राप्त हुई तथा उन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) लाड़ली लक्ष्मी योजना अंतर्गत बालिकाओं के भुगतान की विकासखंडवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। कोई आवेदन लंबित नहीं होने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होताI (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
शासकीय भूमि एवं भवन के विक्रय
[लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन]
16. ( क्र. 3302 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार ने शासकीय भूमि एवं भवन के विक्रय के लिए कोई नीति या नियम बनाये हैं? इस नीति या नियम के दस्तावेज उपलब्ध कराए दि.01.04.2020 से 06.02.21 के संदर्भ में देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रदेश में विक्रय के लिए कौनसी भूमि एवं भवन चिन्हित किए गए हैं उनकी सूची जिलावार भूमि रकवा, भूमि नाम, भवन नाम, भवन आकार सहित विभागवार देवें। (ग) क्या शासन खराब आर्थिक स्थिति जिसके चलते शासकीय भूमि एवं भवन विक्रय की परिस्थिति निर्मित हुई पर श्वेत पत्र जारी करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ 1-03/2020/एक (1) दिनांक 26/9/2020 द्वारा विभाग का गठन अन्तर्विभागीय विमर्श एवं समन्वय के माध्यम से राज्य की परिसम्पत्तियों का युक्तियुक्तकरण कर समुचित उपयोग एवं प्रबंधन सुनिश्चित किये जाने और सम्पत्ति अनुपयोगी पाये जाने पर ही अनुपयोगी परिसम्पत्तियों के व्यवसायीकरण/मौद्रीकरण द्वारा शासन को अतिरिक्त राजस्व उपलब्ध कराने हेतु किया गया है। जिसके लिये सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 19-65/2020/1/4 दिनांक 8/10/2020 द्वारा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में साधिकार समिति का गठन किया गया है तथा विभाग के आदेश क्रमांक आर 04/202/76-1 दिनांक 15/2//2021 द्वारा जिले के विभिन्न विभागों द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों में से प्रबंधन का परीक्षण हेतु अनुपयोगी परिसम्पत्तियों के निर्वतन की जिम्मेदारी दी गई है। आदेशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। यह विभाग शासकीय परिसम्पत्तियों का युक्तियुक्तकरण करते हुए उनका समुचित उपयोग एवं प्रबंधन सुनिश्चित करने का कार्य करता है। विभाग कोई श्वेतपत्र जारी नहीं करेगा।
जबलपुर में नहरों के बैंक पर सड़क निर्माण
[नर्मदा घाटी विकास]
17. ( क्र. 3325 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले की नहरों के बैंक पर आधी अधूरी सड़कें बनाने के कारण आवागमन दुर्लभ है? जिससे कभी भी दुर्घटनायें हो सकती है? (ख) यदि नहीं, तो क्या गत 3 वर्षों में नहरों के बैंक पर सड़क बनाने हेतु कार्य स्वीकृत किये गये हैं? (ग) यदि हाँ, तो दिनांकवार स्वीकृत, पूर्ण एवं अपूर्ण सड़कों की जानकारी प्रश्न दिनांक की स्थिति में देंवे? (घ) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण कराये जायेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। नहरों के बैंकों पर सर्विस रोड का निर्माण निरीक्षण/हल्के वाहनों के उपयोग हेतु किया गया है। नहरों के सर्विस बैंक पर भारी वाहनों का परिचालन प्रतिबंधित होता है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) उत्तरांश (क) अनुसार आवश्यक नहीं है।
जल निगम द्वारा शुद्ध पेयजल का जलप्रदाय
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
18. ( क्र. 3376 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. जल निगम द्वारा ग्रामीण समूह जलप्रदाय योजनाओं के अंतर्गत मण्डला जिले के 446 ग्रामों में घरेलू नल कनेक्शनों के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु अनुमानित 611.28 करोड़ रुपये की लागत से हालोन, ग्रामीण समूह जलप्रदाय योजना स्वीकृत की गई थी? यदि हाँ, तो इसके संबंध में विस्तार से जानकारी प्रदाय करें? (ख) उपरोक्त की स्वीकृति उपरांत क्रियान्वयन हेतु दिनांक 15 मार्च 2020 को दैनिक भास्कर समाचार पत्र में मप्र जल निगम द्वारा ई- निविदा का विज्ञापन प्रकाशित किया गया था? यदि हाँ, तो निविदा प्रकाशन उपरांत किन-किन फर्मों द्वारा इसमें भाग लिया गया था एवं किस फर्म/संस्था/ठेकेदार को यह कार्य प्रदाय किया गया? इस संबंध में संबंधित को कार्यादेश कब जारी किया गया है? (ग) क्या कारण है कि निविदा कार्यवाही पूर्ण होने के बाद भी विगत 11 माह में उपरोक्त कार्य प्रारंभ नहीं कराया गया है? उक्त कार्य कब तक प्रारम्भ करा दिया जाएगा एवं कब तक पूर्ण किया जाएगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। योजना जल जीवन मिशन के अनुरूप पुनरीक्षित करने हेतु शासन द्वारा योजना की प्रशासकीय स्वीकृति पत्र क्रमांक एफ 16-21/2020/2/34/(2949) भोपाल दिनांक 22/09/2020 को निरस्त की गई है। योजना को जल जीवन मिशन के मापदण्ड अनुसार पुनरीक्षित किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रकाशित निविदाएं निरस्त की गईं अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मंत्री स्वेच्छानुदान मद से स्वीकृत राशि का भुगतान
[सामान्य प्रशासन]
19. ( क्र. 3491 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय कलेक्टर जिला सीधी द्वारा मंत्री स्वेच्छानुदान मद वर्ष 2019-20 में कब-कब कितनी-कितनी राशि की आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई है? संख्यात्मक जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत सहायता राशि में से कितने व्यक्तियों को कितनी राशि का भुगतान किया जा चुका है? कितना भुगतान किया जाना शेष है। पृथक-पृथक नाम सहित सूची उपलब्ध करायें? (ग) यदि राशि आवंटन के अभाव में भुगतान नहीं किया गया है तो कब तक आवंटन जारी किया जाकर शेष रहे व्यक्तियों का भुगतान कराया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वित्तीय वर्ष 2019-20 में मंत्री स्वेच्छानुदान मद के अंतर्गत क्रमश: दिनांक 06.02.2020 को ₹ 42,39,000/-, दिनांक 22.02.2020 को ₹ 10,000/-, दिनांक 25.02.2020 को ₹ 43,92,000/-, दिनांक 26.02.2020 को ₹ 6,14,000/- एवं दिनांक 16.03.2020 को ₹ 7,35,000/- राशि की आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार 1360 व्यक्तियों को ₹ 43,71,000/- का भुगतान किया जा चुका है तथा 1574 व्यक्तियों को ₹ 56,19,000/- का भुगतान किया जाना शेष है। भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' तथा भुगतान हेतु शेष राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) वित्तीय वर्ष समाप्त हो चुका है। विगत वित्तीय वर्ष की लेप्स हुई राशि आगामी वित्तीय वर्ष में दिये जाने के कोई नियम/प्रावधान नहीं हैं।
नवनिर्मित रविंद्र भवन की वास्तुविद का चयन
[संस्कृति]
20. ( क्र. 3578 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रविंद्र भवन नवनिर्मित भवन की वास्तुविद का चयन किस संस्था द्वारा किया गया और चयनकर्ता की संस्था कौन सी है? (ख) रविंद्र भवन पर निविदा के समय लागत क्या थी और पूर्ण होने पर निर्माण की लागत क्या है? (ग) समाचार पत्रों के अनुसार नवनिर्मित रविंद्र भवन के स्टेज की त्रुटि वास्तुविद द्वारा की गई तो वास्तुविद पर क्या कार्यवाही की गई?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) नवनिर्मित रवीन्द्र भवन के वास्तुविद का चयन एप्को की वास्तुविद चयन समिति द्वारा किया गया है, चयन समिति की संस्था एप्को है। (ख) प्रारंभिक प्रशासकीय स्वीकृति 1000 सीटर हेतु राशि रु 24.47 करोड़ थी जिसे पुनरीक्षित कर अंतिम रूप से राशि रु 36.18 करोड़ की स्वीकृति 1500 सीटर हेतु जारी की गई। (ग) नवनिर्मित रवीन्द्र भवन के स्टेज निर्माण में कोई त्रुटि नहीं हुई है।
सहायक आबकारी आयुक्त की जाँच
[वाणिज्यिक कर]
21. ( क्र. 3682 ) श्री संजीव सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सत्यनारायण दुबे सहायक आबकारी आयुक्त को शासन की स्थानांतरण नीति की कंडिका 11.11 के प्रावधानों के विपरीत दूसरी बार समान पद पर जबलपुर पदस्थ किया गया है यदि हाँ, तो क्यों? शासन के द्वारा ही अपनी ही नीति का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है? (ख) वर्ष 2018-19 के लिए थोक सैनिक कैंटीन लायसेंस FL/6 को एक माह विलम्ब से देने से शासन को लगभग 3 करोड़ रुपए राजस्व का नुक़सान हुआ है आबकारी आयुक्त के द्वारा सत्यनारायण दुबे को कारण बताओ सूचना पत्र जारी करने के बाद भी आज दिनांक तक किसी प्रकार की विभागीय जाँच नहीं की गई क्यों? (ग) जबलपुर में वर्ष 2020-21 में रिटेंडेर होने से शासन को हुए नुक़सान ( खिसारा) की वसूली क्यों नहीं की जा रही है? सहायक आयुक्त आबकारी के द्वारा विभाग को यह जानकारी दी गई है की खिसारा में 3 करोड़ रूपये वसूल किए गए हैं उक्त वसूल की गई राशि के जमा ट्रेज़री चालान की प्रमाणित प्रति देवें? और यदि वसूल नहीं किए गए है तो असत्य जानकारी देने के लिए क्या कार्यवाही की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) श्री सत्यनारायण दुबे, सहायक आबकारी आयुक्त जिला जबलपुर को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश के निर्देश के परिप्रेक्ष्य में मध्यप्रदेश शासन, वाणिज्यिक कर विभाग के आदेश क्रमांक 2806/3680/2018/2/पांच दिनांक 23.10.2018 द्वारा जिला जबलपुर से आबकारी आयुक्त कार्यालय ग्वालियर में पदस्थ किया गया था। तदोपरांत शासन के आदेश क्रमांक बी-7 (ए) 02/2019/2/पांच दिनांक 05.07.2019 द्वारा मुख्यालय ग्वालियर से जिला जबलपुर पदस्थ किया गया है। अतएव शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वर्ष 2018-19 के लिए थोक सैनिक कैंटीन लायसेंस एफ.एल.-6 को अनुज्ञापन अधिकारी कलेक्टर जबलपुर द्वारा नियमानुसार जारी किया गया था। माह अप्रैल 2018 में यूनिट चलित (रन) कैंटीनों द्वारा मदिरा की मांग न किये जाने से राजस्व की हानि नहीं हुई है। भारत सरकार, रक्षा मंत्रालय, कैंटिन भंडार विभाग, जबलपुर आगार के पत्र क्रमांक ने.बी.डी./ग्रुप-5/2611 दिनांक 16 जनवरी 2019 की और से प्रतिवेदन प्राप्त होने पर श्री सत्यनारायण दुबे, सहायक आबकारी आयुकत जिला जबलपुर के विरूद्ध आबकारी आयुक्त के पत्र क्रमांक 2 (ब) वि.जां./12-19-एस.सी.एन./475 दिनांक 15.04.2019 से कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। श्री दुबे, सहायक आबकारी आयुक्त जिला जबलपुर द्वारा जारी कारण बताओ सूचना पत्र का अंतरिम जवाब प्रस्तुत किया गया है। प्रकरण में उल्लेखित तथ्यों के संबंध में उपायुक्त आबकारी संभागीय उड़नदस्ता जबलपुर/राज्य स्तरीय उड़नदस्ता मध्यप्रदेश भोपाल एवं ऑडिट दल से प्राप्त जाँच प्रतिवेदन का परीक्षण किया जा रहा है। (ग) जबलपुर में वर्ष 2020-21 में रिटेंडर होने से शासन को हुए नुकसान (खिसारा) की वसूली कार्यवाही प्रचलित है। जिला समिति दिनांक 11.02.2021 के आदेशानुसार वर्ष 2019-20 के अनुज्ञप्तिधारियों को लॉकडाउन अवधि के प्रस्तावित रिफण्ड की राशि को खिसारे में समायोजित करते हुए राशि रूपये 3,33,87,700/- का राजस्व वसूल किया जा चुका है। उक्त राशि अनुज्ञप्तिधारी द्वारा वर्ष 2019-20 की न्यूनतम प्रत्याभूति ड्यूटी के रूप में सायबर कोषालय जबलपुर में जमा किये गये थे।
न्यू पेंशन योजना की जानकारी
[वित्त]
22. ( क्र. 3744 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 1 अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त शासकीय कर्मचारियों/अधिकारियों को पुरानी पेंशन स्कीम बंद की गई है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या इसमें कर्मचारी अधिकारी संगठनों से चर्चा की गई थी? यदि हाँ, तो कब-कब, किन-किन संगठनों से क्या-क्या चर्चा की गई थी? क्या कर्मचारी/अधिकारी संगठनों द्वारा न्यू पेंशन स्कीम अंशदायी शेयर बाजार योजनाओं को लागू करने हेतु स्वीकृति दी गई थी? यदि हाँ, तो उनकी स्वीकृति की हस्ताक्षरित प्रति उपलब्ध करावें। यदि स्वीकृति नहीं दी गई थी तो फिर किस आधार पर यह योजना लागू की गई? स्पष्ट करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या सरकार पुन: पुरानी पेंशन को लागू करने का विचार कर रही है तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बताकर स्पष्ट करें। (ग) क्या स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा शिक्षकों के वेतन का आहरण ब्लॉक शिक्षा अधिकारी द्वारा किया जाता है? यदि हाँ, तो शिक्षकों के वेतन के बिल संकुल केन्द्रों पर क्यों बनवाए जाते हैं? यह कौन सी नीति है? स्पष्ट करें।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। भारत सरकार द्वारा लागू की गई पुनर्संरचित राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली अनुसार ही मध्यप्रदेश शासन द्वारा भी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली लागू की गई। राष्ट्रीय पेंशन योजना अंतर्गत कर्मचारियों के मूल वेतन एवं मंहगाई भत्ते के योग का 10 प्रतिशत राशि अभिदाता अंशदान तथा 10 प्रतिशत शासकीय अंशदान प्रदान किया जाकर कुल 20 प्रतिशत कर्मचारी के पेंशन खाते (प्रॉन) में जमा होता है। उक्त राशि का निवेश पी.एफ.आर.डी.ए. द्वारा नियुक्त फंड मैनेजरों में से अभिदाता द्वारा चयनित फंड मैनेजर के माध्यम से किये जाने का प्रावधान है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) भारत सरकार की राष्ट्रीय पेंशन योजना के अनुक्रम में अन्य राज्यों के समान मध्यप्रदेश में लागू है पुरानी योजना को लागू करने का वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। कार्य सुविधा की दृष्टि से विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा संकुल केन्द्रों का सहयोग लिया जाता है।
औषधि निरीक्षक के स्वीकृत पद
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
23. ( क्र. 3818 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर में औषधि निरीक्षक (ड्रग इन्सपेक्टर) के स्वीकृत कितने पद कब से रिक्त हैं एवं क्यों? कौन-कौन औषधि निरीक्षक कब से पदस्थ हैं। पूर्व में कब से किस जिले में पदस्थ थे। पदस्थी के दौरान इनके पास किन-किन जिलों का अतिरिक्त प्रभार था एवं क्यों? (ख) प्रश्नांकित औषधि निरीक्षक ने शासन से मान्यता व लायसेंस प्राप्त संचालित किन-किन मेडिकल स्टोर, सेंटर एजेंसी स्टॉकिस्ट का कब-कब आकस्मिक की जाँच की हैं जाँच में कहाँ-कहाँ पर स्टेट ड्रग स्टेन्डर्ड कन्ट्रोल ऑर्गेनाइजेशन द्वारा जारी लायसेंस के साथ रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट, स्टॉफ आवश्यक संसाधन उपकरण एवं सुविधाएं नहीं पाई गई हैं। एक ही लायसेंस पर एक से अधिक व बिना लायसेंस के कितने-कितने पाये गये हैं। इनके विरूद्ध कब क्या कार्यवाही की गई? पदस्थी दिनांक से फरवरी 2021 की माहवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांकित औषधि निरीक्षक ने कब-कब, कहाँ-कहाँ से किन-किन दवाईयों के नमूने जाँच हेतु लिये है एवं कहाँ-कहाँ से कौन-कौन सी प्रतिबंधित, नशीली, एक्सपायरी दवाईयां कितनी-कितनी मात्रा में जब्त की हैं? जाँच में किन-किन दवाईयों के नमूने अपमिश्रित, दूषित, नकली, गुणवत्ताविहिन व मिथ्याछाप पाये गये है और इस संबंध में कब-कब, किस-किस पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' एवं ''ड'' अनुसार है।
कोरोना वारियर्स को प्रमाण पत्र का प्रदाय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
24. ( क्र. 3872 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर एवं प्रदेश के MBBS डॉक्टर्स, नर्सिंग, पैरामेडिकल स्टॉफ को कोरोना वारियर्स का प्रमाण पत्र दिया गया है? (ख) क्या आयुष, आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, यूनानी एवं पैरामेडिकल स्टॉफ को प्रमाण पत्र नहीं दिया गया है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत स्टॉफ ने कोरोना में कार्य किया है? (घ) यदि हाँ, तो इन्हें प्रमाण पत्र क्यों नहीं दिया गया है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों की जिलों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोरोना वारियर्स को प्रमाण पत्र दिया गया है। (ख) जी नहीं। परन्तु लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों को जिलों द्वारा प्रेषित किये गये नामांकन के आधार पर कोरोना वारियर्स प्रमाण पत्र दिया गया है। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं। परन्तु लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों को जिलों द्वारा प्रेषित किये गये नामांकन के आधार पर कोरोना वारियर्स प्रमाण पत्र दिया गया है।
खोदी गई सड़कों का मरम्मत कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
25. ( क्र. 3994 ) श्री रामपाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में उदयपुरा समूह जल प्रदाय योजना तथा बेगमंगज गैरतगंज समूह जल प्रदाय योजना में सम्मिलित ग्रामों में निर्माण एजेंसी द्वारा कितने वर्षों तक पेयजल उपलब्ध कराया जायेगा। (ख) प्रश्नांश (क) के ग्रामों में निर्माण एजेंसी द्वारा पाईप लाईन बिछाने हेतु खोदी गई सड़कों की मरम्मत/निर्माण क्यों नहीं किया जा रहा है कब तक सड़कों की मरम्मत/निर्माण करवाया जायेगा। (ग) प्रश्नांश (ग) की योजनाओं में किन-किन ग्रामों/स्थानों को सम्मिलित करने हेतु माननीय मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए। (घ) उक्त पत्रों पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा की गई कार्यवाही से कब-कब अवगत कराया पूर्ण विवरण दें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) रायसेन जिले में उदयपुरा समूह जल प्रदाय योजना तथा बेगमगंज-गैरतगंज समूह जल प्रदाय योजना में सम्मिलित ग्रामों में निर्माण एजेंसी द्वारा कार्य पूर्णता दिनांक से 10 वर्षों तक पेयजल उपलब्ध कराया जायेगा। (ख) उदयपुरा समूह जल प्रदाय योजना में पाईप लाईन बिछाने हेतु खोदी गई सड़कों की मरम्मत का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। पाईपलाईन के संचालन एव संधारण के दौरान खोदी गई सड़कों को कार्योंपरान्त मरम्मत की जाकर यथास्थिति में किया जा रहा है। बेगमगंज-गैरतगंज समूह जल प्रदाय योजना में पाईपलाईन बिछाने का कार्य प्रगतिरत है एवं कार्योंपरान्त सड़क मरम्मत का कार्य किया जा रहा है। (ग) 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक रायसेन जिले के माननीय विधायकों से प्राप्त पत्रों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उक्त पत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मान डेम समूह जल प्रदाय योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
26. ( क्र. 4175 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंत्री परिषद की बैठक दिनांक 03.03.2020 में आर.आई.डी.एफ. नाबार्ड के वित्तीय सहयोग से मान डेम समूह जल प्रदाय योजना लागत 257.67 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर विस्तृत सर्वेक्षण का निर्देश दिया गया था? (ख) यदि हाँ, तो इस परियोजना के क्रियान्वयन की अद्यतन स्थिति से अवगत कराएं? यदि डी.पी.आर. बन चुकी हैं तो इसका विवरण देवें। (ग) क्या प्रश्नकर्ता के पत्र पर प्रश्नाधीन योजना में सरदारपुर तहसील के 30 गांवों को शामिल किया गया था? गांवों के नाम बताएं एवं किस-किस गांव में कितने हेक्टेयर भूमि को सिंचाई के लिये पानी उपलब्ध कराया जावेगा? (घ) आर.आई.डी.एफ. नाबार्ड की शर्त अनुसार इस परियोजना का कार्य किस दिनांक तक पूर्ण होना जरूरी है? यदि परियोजना में गावों के चयन में और कार्य करने में किसी भी प्रकार की अनियमितता होती है तो उसकी शिकायत आर.आई.डी.एफ. नाबार्ड के किस कार्यालय में किस अधिकारी को की जा सकती हैं? अधिकारी का नाम तथा कार्यालय का पता देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) क्रियान्वयन अप्रारंभ, योजना को जल जीवन मिशन के मापदण्ड अनुसार पुनरीक्षित किया जा रहा है। जी नहीं, डी.पी.आर. पुनरीक्षित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांकित समूह जलप्रदाय योजना से सिंचाई के लिये पानी उपलब्ध कराने का प्रावधान नहीं है। (घ) उत्तरांश (ख) के संदर्भ में आर.आई.डी.एफ. नाबार्ड मद में स्वीकृत योजना की प्रशासकीय स्वीकृति निरस्त की गयी है, अतः कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
समूह नल-जल योजना की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
27. ( क्र. 4226 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के खिलचीपुर विधान सभा के अंतर्गत विगत 3 वर्षों में समूह नल-जल योजना में कितने ग्रामों का चयन किया गया है? सूची उपलब्ध करवायें। (ख) प्रश्नांश (क) के चयनित ग्रामों में से कितने ग्रामों में समूह नल-जल योजना के तहत कार्य पूर्ण हो चुका है? क्या कार्य पूर्ण होने के पश्चात इन ग्रामों के समस्त घरों में जल वितरण की व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही है? यदि नहीं, तो कब तक व्यवस्था हो जाएगी। (ग) प्रश्नांश (क) के चयनित ग्रामों में से कितने ग्रामों में समूह नल-जल योजना के अंतर्गत कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है या अपूर्ण है? कब तक निराकरण हो जाएगा? सूची उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में राजगढ़ जिले के खिलचीपुर विधानसभा क्षेत्र के 338 ग्रामों का समूह जलप्रदाय योजना में चयन किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) योजना अंतर्गत सभी ग्रामों में कार्य प्रगतिरत है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) योजना अंतर्गत सभी ग्रामों में कार्य प्रारंभ होकर प्रगतिरत है, मार्च 2022 तक पूर्ण होना संभावित है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधायक निधि से स्वीकृत राशि की द्वितीय किश्त का प्रदाय
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
28. ( क्र. 4227 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खिलचीपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत नगर खिलचीपुर, विकासखण्ड खिलचीपुर, जिला राजगढ़ में दिनांक 03/09/2019 को विधायक निधि से स्वीकृत कार्य छारबाग (राजपूत शमशान) बाउण्ड्रीवॉल निर्माण राशि 18.98 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई थी, जिसकी क्रियान्वयन एजेंसी संभागीय परियोजना लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू.) राजगढ़ को बनाया गया था? यदि हाँ, तो क्या इसकी प्रथम किश्त जिला योजना अधिकारी, जिला योजना एवं सांख्यिकी राजगढ़ द्वारा जारी की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या जारी प्रथम किश्त की राशि से निर्माण एजेंसी द्वारा कार्य पूर्ण करवाकर परियोजना यंत्री लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू.) द्वारा जिला योजना सांख्यिकी विभाग, राजगढ़ को उपयोगिता प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किया गया? यदि हाँ, तो किस दिनांक को प्रस्तुत किया गया। (ग) उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त होने के पश्चात क्या जिला योजना एवं सांख्यिकी विभाग, राजगढ़ द्वारा उक्त निर्माण कार्य हेतु द्वितीय किश्त जारी की गई? (घ) यदि नहीं, तो उक्त राशि को योजना एवं सांख्यिकी विभाग के बी.सी.ओ. से परियोजना संचालक लोक निर्माण विभाग (परियोजना क्रियान्वयन इकाई) निर्माण भवन भोपाल के बी.सी.ओ. में राशि डालने में विलंब के क्या कारण हैं? यह राशि कब तक संबंधित विभाग के बी.सी.ओ. में डाल दी जाएगी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) उपयोगिता प्रमाण पत्र दिनांक 04.06.2020 को प्रस्तुत किया गया। (ग) राशि जारी कर दी गई है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिपेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय कर्मचारियों/अधिकारियों की पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करना
[वित्त]
29. ( क्र. 4289 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल 2005 के पश्चात नियुक्त म.प्र.शासन के कर्मचारियों/अधिकारियों के सेवा निवृत्ति उपरांत पुरानी पेंशन किस नियम एवं आदेश के द्वारा बंद की गई? उक्त पेंशन को बंद करने में शासकीय कर्मचारियों/अधिकारियों की सहमति ली गई अथवा नहीं। यदि नहीं, तो क्यों? (ख) न्यू पेंशन स्कीम में किस नियम आदेश के तहत म.प्र. शासन द्वारा कर्मचारियों/अधिकारियों को शामिल किया गया है? सेवानिवृत्ति पश्चात न्यू पेंशन स्कीम में शामिल कर्मचारियों/अधिकारियों को प्रतिमाह कितनी राशि दिए जाने का प्रावधान है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) पुरानी पेंशन स्कीम को बंद किए जाने से म.प्र. शासन के कर्मचारियों/अधिकारियों को क्या लाभ हुआ? सेवानिवृत्ति पश्चात, म.प्र. शासन के कितने कर्मचारियों/अधिकारियों को अब तक न्यू पेंशन स्कीम का लाभ मिल चुका है एवं उन्हें प्रतिमाह कितनी राशि भुगतान की जा रही है?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग के ज्ञाप क्रमांक एफ 9-3/2003/नियम/चार, दिनांक 13-04-2005 द्वारा शासन के अधीन सिविल सेवा व सिविल पदों पर दिनांक 01-01-2005 को या उसके पश्चात् नियुक्त कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना लागू की गयी है। भारत सरकार द्वारा लागू की गई पुनर्संरचित राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली अनुसार ही मध्यप्रदेश शासन द्वारा भी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली लागू की गयी। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश "क" के अनुसार राष्ट्रीय पेंशन योजना के अंतर्गत अभिदाता के पूर्ण सेवाकाल में कुल जमा अंशदान राशि का 60 प्रतिशत राशि अभिदाता के खाते में एकमुश्त अंतरण कर दिया जाता है। शेष 40 प्रतिशत राशि से अभिदाता पी.एफ.आर.डी.ए. द्वारा अधिकृत एन्युटी सर्विस प्रोवाईडर का चयन कर मासिक पेंशन प्राप्त करता है। अभिदाता के खाते में संचित निधि के आधार पर पेंशन (एन्युटी) निर्धारित होती है। (ग) पुरानी पेंशन योजना मध्यप्रदेश सिविल सेवा पेंशन नियम, 1976 से शासित होती है जबकि नवीन पेंशन योजना पी.एफ.आर.डी.ए. द्वारा विनियमित होती है। पृथक-पृथक शासन आदेश होने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
थैलेसीमिया बीमारी को राज्य बीमारी स्कीम में सम्मिलित किया जाना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
30. ( क्र. 4290 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन की किसी योजना के अंतर्गत थैलेसीमिया जैसी गंभीर बीमारी से पीडि़त व्यक्ति या परिवार की सहायता प्रदान की जाती है? (ख) यदि नहीं, तो क्या भविष्य में थैलेसीमिया बीमारी को राज्य बीमारी सहायता स्कीम (RBS) या अन्य किसी योजना में शामिल करने की कोई योजना है? (ग) क्या ग्वालियर जिले के किसी शासकीय अस्पताल में थैलेसीमिया पीड़ित व्यक्ति के लिये ''नेट टेस्टेड ब्लड'' उपलब्ध कराया जाता है? यदि हाँ, तो जानकारी दें। (घ) यदि नहीं, तो ग्वालियर में ''नेट टेस्टेड ब्लड'' उपलब्ध कराने की भविष्य में कोई योजना है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। पृथक से योजना नहीं है। थैलेसीमिया के मरीजों को शासकीय अस्पतालों में जाँच, नि:शुल्क औषधियां एवं रक्ताधान की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है। (ख) जी नहीं। थैलेसीमिया बीमारी के उपचार हेतु ब्लड ट्रांसफ्यूजन पैकेज की सुविधा आयुष्मान भारत ''निरामयम'' योजना में उपलब्ध है। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। वर्तमान में माह जनवरी-2021 से भोपाल एवं इंदौर में हब एवं स्पोक मॉडल से नेट टेस्टेड ब्लड की सुविधा प्रारंभ की गई है।
बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
31. ( क्र. 4345 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में कितनी नल-जल योजना जल जीवन मिशन योजना अन्तर्गत किस-किस ग्राम में स्वीकृत की गई हैं एवं कितनी नल-जल योजना का विस्तारीकरण किया गया? ग्राम के नामवार, राशिवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) ग्राम पिपलु, लोहाना, जलोदिया, व माधौपुरा में स्वीकृत नल-जल योजना का कार्य कब पूर्ण हुआ? किसके द्वारा पूर्णतः प्रमाण पत्र जारी किया गया? इन नल-जल योजनाओं के संबंध में ग्रामीणजनों द्वारा बताया गया की कार्य अपूर्ण होने एवं घटिया किस्म की सामग्री का उपयोग किया गया है इसकी जाँच करवाकर दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) नल-जल योजना के ड्राइंग डिजाईन, उपयोग होने वाले पाईप की गुणवत्ता एवं विस्तारीकरण संबंधित सम्पूर्ण जानकारी ग्रामवार उपलब्ध करावें। (घ) नल-जल योजना के अन्तर्गत सामग्री की क्वालिटी की जाँच किस-किस अधिकारी के द्वारा की जाती है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जल जीवन मिशन के अंतर्गत नल-जल योजनाओं की स्वीकृति वर्ष 2020-21 में प्रारंभ की गयी, स्वीकृत योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। विभाग को शिकायत प्राप्त नहीं हुयी है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (घ) तृतीय पक्ष की परीक्षण रिपोर्ट प्राप्त होने के उपरांत उपयंत्री, सहायक यंत्री, एवं कार्यपालन यंत्री द्वारा सामग्री की जाँच की जाती है।
ट्यूबवेल से निकलने वाले लाल पानी की जांच
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
32. ( क्र. 4364 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम शहर के औद्योगिक क्षेत्र तथा आस-पास के कितने गांव का भूमिगत जल प्रभावित है और कई स्थानों पर वह लाल हो चुका है। ट्यूबवेल से निकलने वाले लाल पानी की ताजा जाँच रिपोर्ट देवें तथा बतावें कि इसका रंग लाल क्यों हुआ तथा इसमें मानव स्वास्थ्य, पशु स्वास्थ्य तथा खेती की उपज के लिये हानिकारक रसायन शामिल है। (ख) प्रश्नांश (क) के उल्लेखित लाल पानी क्या कुछ उद्योगों के भंडार किये हुए परिसंकटमय अपशिष्ट के कारण निकल रहा है या सामान्य प्रक्रिया के तहत निकल रहा है? लाल पानी निकलने की शुरूआत सबसे पहले किस वर्ष में हुई तथा धीरे-धीरे उनके विस्तार में कमी हुई या वृद्धि हुई? (ग) क्या परिसंकट मय अपशिष्ट के लिये कुछ उद्योगों के मालिकों पर विभिन्न धाराओं में विगत 5 वर्षों में प्रकरण दर्ज किया गया था? यदि हाँ, तो उनके नाम, निवास का पता, प्रकरण क्रमांक, पुलिस थाना, धाराए, दिनांक सहित सूची देवें तथा बतावें की किस-किस आरोपी को किस-किस दिनांक को गिरफ्तार किया गया? (घ) क्या केन्द्र सरकार के निर्देश पर कन्सलटेन्ट ने लाल पानी पर रिपोर्ट तैयार की? उसकी प्रति देवें तथा बतावें कि भूमिगत लाल पानी को ठीक करने में कितना खर्च आयगा तथा वह खर्च परिसंकटमय अपशिष्ट का भंडारण करने वाले उद्योगों से वसूला जायगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 7 ग्रामों का। म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राप्त जानकारी अनुसार- रतलाम शहर के औद्योगिक क्षेत्र में विगत वर्षों से बंद हुई इकाईयों के वेस्ट मटेरियल के प्रभाव से आसपास के जल का रंग लाल है। बोर्ड द्वारा विश्लेषित ट्यूबवेल से निकलने वाले जल की विश्लेषण रिपोर्ट, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। औद्योगिक क्षेत्र एवं आसपास के गांवों में भूमिगत जल से मानव स्वास्थ्य पर इसके विपरीत प्रभाव संबंधी जानकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला रतलाम द्वारा निरंक दर्शाई गई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। औद्योगिक क्षेत्र एवं आसपास के गांवों में भूमिगत जल से पशुओं के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव संबंधी जानकारी उप संचालक, पशु चिकित्सालय रतलाम द्वारा निरंक दर्शाई गई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। खेती की उपजाउता पर हानिकारक प्रभाव के संबंध में उप संचालक, कृषि जिला रतलाम द्वारा ''भूमि की उत्पादकता पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं'' बताया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ख) म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राप्त जानकारी अनुसार- मेसर्स सज्जन केमिकल्स प्रा.लि. रतलाम, मेसर्स जयंत विटामिंस लि. रतलाम से जनित एवं इनके बंद होने के पश्चात् जमा हुए परिसंकटमय अपशिष्ट के कारण औद्योगिक क्षेत्र के कुछ भागों में जल का रंग भूरा, लाल एवं पीला है। औद्योगिक क्षेत्र में लाल पानी होने की दशा कार्यालय में उपलब्ध रिकार्ड अनुसार वर्ष 1985-86 से परिलक्षित हुई है। लाल रंग के पानी के विस्तार में कमी बाबत् कोई चलन (ट्रेंड) स्पष्ट नहीं है। भौतिक रूप से देखने पर लाल रंग में कमी परिलक्षित हुई है। (ग) म.प्र.प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राप्त जानकारी अनुसार- उद्योगों के मालिकों पर परिसंकटमय अपशिष्ट नियमों के अंतर्गत दायर विगत 05 वर्षों में दर्ज प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। शेष प्रश्नांश की जानकारी निरंक है। (घ) म.प्र.प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राप्त जानकारी अनुसार- केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दिल्ली द्वारा इसके निपटान आदि हेतु कंसलटेंट नियुक्त कर योजना की डी.पी.आर. तैयार करने हेतु क्षेत्र का विस्तृत पर्यावरणीय अध्ययन कार्य प्रगति पर है एवं रिपोर्ट प्राप्ति उपरांत ही पर्यावरण पर क्या दुष्प्रभाव हुआ, बताया जाना संभव होगा। माननीय सी.जे.एम. न्यायालय रतलाम में इन उद्योगों के विरूद्ध पर्यावरणीय अधिनियमों के तहत कोर्ट केस प्रचलन में है। इन उद्योगों से खर्च वसूली संबंधी कार्यवाही माननीय न्यायालय के निर्णय उपरांत आदेश के अनुरूप किया जाना संभव होगा।
विधायक निधि राशि की लंबी प्रक्रिया को सीमित किया जाना
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
33. ( क्र. 4372 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधायक निधि मद में प्राप्त होने वाली राशि से निर्माण कार्य हेतु प्रस्ताव देने पर निर्माण एजेंसी लोक निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग अथवा ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग नियुक्त करने पर राशि निर्माण एजेंसी तक पहुंचने में अत्यंत लंबी प्रक्रिया है। जिसमें राशि जिला योजना कार्यालय से उनके योजना आर्थिक एवं सांख्यकी विभाग भोपाल पहुंचती है, फिर योजना आर्थिक सांख्यकी भोपाल से निर्माण एजेंसी के भोपाल स्थित कार्यालय (उदाहरणार्थ लोक निर्माण, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा आदि विभाग) पहुंचती है। इसके उपरांत भोपाल से जिले में राशि भेजी जाती है, तब जाकर राशि प्राप्त होने पर निविदा प्रक्रिया प्रारंभ होती है? इस दौरान यदि 31 मार्च के पूर्व निविदा आदि की कार्यवाही पूर्ण होकर कार्य प्रारंभ नहीं होता तो राशि लेप्स हो जाती है और निमार्ण कार्य में अनावश्यक विलंब होता है? जबकि जिला योजना कार्यालय से सीधे जिले के निर्माण एजेंसी कार्यालय को राशि भेजने पर एक लंबी प्रक्रिया बचेगी तथा शीघ्र कार्य पूर्ण हो सकेंगे? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या अनेक विधानसभा क्षेत्रों की राशि उक्त लंबी कार्यवाही के चलते प्रतिवर्ष 31 मार्च को लेप्स हो जाती है? क्या इस महत्वपूर्ण विषय पर विभाग कोई उचित कार्यवाही करेगा, जिससे उक्त लंबी प्रक्रिया को सीमित कर निर्माण कार्य को शीघ्रता से संपन्न कराया जा सके? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही करेगा व कब तक?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) मध्यप्रदेश शासन योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के पत्र क्रमांक 197/365/2021/23/योआसां भोपाल दिनांक 24/02/2021 के द्वारा भुगतान की प्रक्रिया में वित्त विभाग द्वारा किया गया संशोधन जिलों को सूचित कर दिया गया है। इससे राशि जिला योजना कार्यालय से सीधे जिले की निर्माण एजेंन्सी का अंतरित होना संभव हो गया है। (ख) उत्तर ''क'' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जनभागीदारी मद में आवंटन से अधिक राशि के कार्य की स्वीकृती
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
34. ( क्र. 4399 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ अंतर्गत वर्ष 2016-17 से लगातार 2020-21 में प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा जनभागीदारी मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जनभागीदारी मद से जिला राजगढ़ अंतर्गत 25 प्रतिशत एवं 50 प्रतिशत जनभागीदारी मद से किस-किस कार्य हेतु राशि स्वीकृति करने के नियम हैं? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला राजगढ़ की विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर में दर्शित अवधि में किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कौन-कौन से कार्य पूर्ण होकर पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी कर दिये गये हैं? ग्राम पंचायतवार, कार्यवार, स्वीकृत राशि की दिनांक तथा पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी करने वाले अधिकारी के नाम की जानकारी देवें। (घ) क्या जिला राजगढ़ अंतर्गत शासन से प्राप्त आवंटन से भी अधिक राशि जन भागीदारी मद में स्वीकृत की गई है? मुरमीकरण के कार्य तथा ग्रेवल सड़कों के निर्माण की शासन से अनुमति नहीं होने के उपरांत भी नियम विरुद्ध कार्य स्वीकृत किये गये हैं? यदि हाँ, तो दोषियों के विरुद्ध शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जिला राजगढ़ में वित्तीय वर्ष 2016-17 में राशि रू. 756.73 लाख, वर्ष 2017-18 में राशि रू. 788.94 लाख वर्ष 2018-19 में राशि रू. 513.47 लाख, वर्ष 2019-20 में रू.28.85 लाख तथा वर्ष 2020-21 में रू. 536.00 लाख आवंटित की गई। (ख) नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। वित्तीय वर्ष 2016-17 में आवंटित राशि से अधिक के कार्य स्वीकृत किये गये हैं। जनभागीदारी योजना के नियमों में ऐसा कोई प्रतिबन्ध नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रामपायली का धार्मिक एवं पर्यटक क्षेत्र के रूप में विकास
[पर्यटन]
35. ( क्र. 4401 ) श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र वारासिवनी में ग्राम रामपायली एक धार्मिक स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार वन गमन के दौरान भगवान श्री राम के चरण इस स्थान पर पड़े थे। रामपायली को धार्मिक एवं पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के लिये प्रश्नकर्ता द्वारा शासन से अनुरोध किया गया था इस दिशा में शासन द्वारा अभी तक क्या कोई कार्यवाही की गई है? (ख) यदि हाँ, तो रामपायली के विकास के लिये शासन द्वारा क्या कोई स्थल परीक्षण कराया गया है? स्थल परीक्षण उपरांत विकास के लिये कोई प्रारूप तैयार किया गया है तो उसकी प्रति उपलब्ध करावें। (ग) यदि नहीं, तो रामपायली को धार्मिक एवं पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के लिये शासन द्वारा कब तक कार्यवाही कर ली जावेगी?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) समय-सीमा बताये जाना संभव नहीं है।
रामपायली को धार्मिक एवं पर्यटक क्षेत्र के रूप में विकसित करना
[अध्यात्म]
36. ( क्र. 4402 ) श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र वारासिवनी में ग्राम रामपायली एक धार्मिक स्थल के रूप में प्रसिद्ध है, पौराणिक मान्यताओं के अनुसार वन गमन के दौरान भगवान श्रीराम के चरण इस स्थान पर पड़े थे। रामपायली को धार्मिक एवं पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के लिये प्रश्नकर्ता द्वारा शासन से अनुरोध किया गया था, इस दिशा में शासन द्वारा अभी तक क्या कोई कार्यवाही की गई है? (ख) यदि हाँ, तो रामपायली के विकास के लिये शासन द्वारा क्या कोई स्थल परीक्षण कराया गया है? स्थल परीक्षण उपरांत विकास के लिये कोई प्रारूप तैयार किया गया है तो उसकी प्रति उपलब्ध करावें। (ग) यदि नहीं, तो रामपायली को धार्मिक एवं पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के लिये शासन द्वारा कब तक कार्यवाही कर ली जावेगी?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जी हाँ। कलेक्टर जिला- बालाघाट से प्रश्नाधीन प्रस्ताव विभाग को उपलब्ध कराये जाने हेतु एवं संबंधित विभाग से अनुरोध किया गया है। (ख) वर्तमान में कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार। विधिवत प्रस्ताव प्राप्त होने पर परीक्षण उपरांत कार्यवाही की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
रेफ्रीजरेटर मैकेनिक संविदा का नियमितीकरण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
37. ( क्र. 4410 ) श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन के स्वास्थ्य विभाग में टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत जिलेवार कितने रेफ्रीजरेटर मैकेनिक संविदा एवं नियमित पद पर कार्य कर रहे हैं तथा संविदा को नियमित करने के लिये शासन स्तर पर क्या योजना बनाई गई है व एक ही पद पर क्या-क्या वेतनमान दिया जा रहा है? जब पद रिक्त है तो संविदा कर्मचारी को उसी पद पर नियमित क्यों नहीं किया गया? (ख) म.प्र.शासन के स्वास्थ्य विभाग में ऐसे कितने रेफ्रीजरेटर मैकेनिक है जो निश्चित वेतन 10500 रूपये पर विगत 13 वर्षों से अधिक समय से कार्य कर रहे हैं व इनकी वेतन वृद्धि क्यों नहीं की गई? वेतन वृद्धि की शासन स्तर पर क्या योजना है? (ग) क्या म.प्र.शासन के आदेशानुसार अन्य विभागों में पदस्थ संविदाकर्मियों को नियमित कर नियुक्त किया जा चुका है? यदि हाँ, तो बतायें कि स्वास्थ्य विभाग जैसी आपातकालीन सेवाएं जनता को देने वाले संविदा स्वास्थ्यकर्मियों को शासन कब तक नियमित करने का आदेश प्रसारित करेगा? (घ) क्या संविदा पर नियमित पद के विरूद्ध कार्यरत पैरामेडिकल स्टॉफ को 05 जून 2018 के आदेश के परिपालन में नियमित पद के विरूद्ध 90 प्रतिशत वेतनमान का लाभ के आदेश 29 सितम्बर 2018 को प्रसारित किये गये हैं? यदि हाँ, तो नियमित पद के विरूद्ध संविदा पर कार्यरत रेफ्रीजरेटर मैकेनिक को 05 जून 2018 का 90% वेतनमान का आदेश का लाभ क्यों नहीं दिया गया?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दिनांक 05 जून 2018 को संविदा पर नियुक्त अधिकारियों/कर्मचारियों को नियमित पदों पर नियुक्ति के अवसर प्रदान किये जाने हेतु जारी नीति-निर्देश के अनुक्रम में विभाग के अधीन प्रचलित ''मध्यप्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग (अलिपिकवर्गीय) संचालनालय स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित तृतीय श्रेणी सेवा भर्ती नियम, 1989 में मध्यप्रदेश असाधारण राजपत्र दिनांक 02 फरवरी 2019 द्वारा संशोधन किया जाकर'' अपेक्षित व्यक्तियों की संख्या के बीस प्रतिशत पद उन व्यक्तियों के लिए आरक्षित होंगे जो संविदा आधार पर नियुक्त किये गये है'' संबंधी प्रावधान किया गया है, राजपत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। उपरोक्तानुसार नियमों में प्रावधान अनुसार प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के माध्यम से रेफ्रिजिरेटर मेकेनिक हेतु चयन परीक्षा आयोजित किये जाने पर नियमानुसार नियुक्त किया जावेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं, नियमित पदों के विरूद्ध संविदा पर कार्यरत रेफ्रिजिरेटर मेकेनिक को प्रारंभ में रूपयें 6000/- मासिक संविदा वेतन प्रदाय किया गया है एवं राज्य शासन आदेश दिनांक 21.10.2014 द्वारा दिनांक 01.06.2014 से रूपयें 10500/- संविदा मासिक वेतन दिया जा रहा है। मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दिनांक 05 जून 2018 को जारी नीति-निर्देश के अनुक्रम में नियमित पदों के विरूद्ध कार्यरत संविदा रेफ्रिजिरेटर मेकेनिक को विभाग में स्वीकृत नियमित वेतनमान का 90 प्रतिशत मानदेय दिये जाने हेतु कार्यवाही प्रचलित है। (ग) मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दिनांक 05 जून 2018 को जारी नीति-निर्देश अनुसार कार्यवाही की जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। जानकारी उत्तरांश (ख) में समाहित है।
कोविड-19 के दौरान प्रदाय राहत राशि के उपयोग में अनियमितता
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
38. ( क्र. 4451 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ अंतर्गत वैश्विक महामारी कोविड-19 में लॉकडाउन के दौरान बचाव, राहत, सामग्री एवं अन्य सुविधा उपलब्ध कराने हेतु कितनी राशि आवंटित की गई? मदवार आवंटित राशि की जानकारी देवें। आवंटित राशि के विरुद्ध किस-किस कार्य एवं सामग्री को क्रय किया गया? कार्यवार व्यय राशि की जानकारी विधानसभावार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त आवंटन में से कितनी-कितनी राशि क्वारेंटाइन सेन्टर बनाने हेतु, प्रवासी मजदूरों को ठहरने, खाने, रहने की व्यवस्था हेतु तथा स्थानीय सेवा बस्तियों में मजदूरों को भोजन-पानी तथा अन्य जरुरत की व्यवस्था उपलब्ध कराने हेतु तथा प्रवासी मजदूरों को उनके मूल स्थान तक भेजने एवं बाहर के मजदूरों को मुख्यालय तक वापस लाने में व्यय की गई? क्वारेंटाइन सेन्टर का नाम, ठहरने वाले लोगों के नाम, पता तथा जिला के बाहर भेजने वाले प्रवासी मजदूरों की संख्या स्थान वाहन/बस क्रमांक मालिका का नाम, भुगतान की दिनांक एवं राशि की जानकारी देवे? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस-किस सामग्री को क्रय करने तथा क्रय करने की क्या प्रक्रिया अपनाई गई तथा किस फर्म/व्यक्ति को भुगतान किया गया? तथा शेष भुगतान की जानकारी देवें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जिला राजगढ़ को मद क्रमांक 5504 में कुल राशि 3.00 करोड़ का आवंटन प्राप्त हुआ। जिसके विरूद्ध राशि रूपये 87.62 लाख व्यय किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' के कॉलम नं. 4 ए अनुसार है। कोरान्टाईन सेंटर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। क्रय की प्रक्रिया भण्डार क्रय नियमानुसार की गई तथा किसी भी फर्म/व्यक्ति को भुगतान किया जाना शेष नहीं है।
रोजगार एवं उद्योग संवर्धन मूलक योजनाएं
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
39. ( क्र. 4454 ) श्री विक्रम सिंह : क्या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिला अंतर्गत प्रधान मंत्री/मुख्य मंत्री रोजगार मूलक एवं उद्योग संवर्धन मूलक योजनाओं के माध्यम से वर्ष 2018 से वर्ष 2019 तक शासन/विभाग द्वारा क्या-क्या किया गया? (ख) उपरोक्त वर्षों में नवीन रोजगार मूलक कार्यों एवं नवीन उद्योग संवर्धन हेतु जिला सतना के विकासखण्डवार कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुये हैं? सूची प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार प्राप्त आवेदनों में कितने उद्योग धंधे को राशि स्वीकृत की गई है? कितने बैंकों में पड़े हुये हैं? सूची उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत प्रकरणों की सब्सिडी शासन द्वारा कितने समय में हितग्राही को प्रदान की जाती है?
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) सतना जिले में प्रधान मंत्री/ मुख्य मंत्री रोजगार मूलक योजना एवं नवीन उद्योग के संवर्धन हेतु वर्ष 2018 से वर्ष 2019 तक हितग्राहियों/उद्यमियों को अभिप्रेरित/काउंसलिंग कर उनके प्रकरण तैयार कराये गये तथा ऋण/अनुदान दिलाया गया। (ख) उपरोक्त वर्षों में रोजगारमूलक योजनाओं तथा उद्योग संवर्धन योजनाओं के अंतर्गत प्राप्त प्रकरणों की विकासखण्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (घ) अनुदान राशि का वितरण विभाग के पास उपलब्ध बजट के आधार पर किया जाता है।
बरगी दांई तट नहर परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
40. ( क्र. 4456 ) श्री विक्रम सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा घाटी विकास परियोजनांतर्गत सतना जिले को बरगी नहर का पानी दिये जाने की कब तक योजना है? (ख) सतना जिले की रामपुर बाघेलान विधान सभा में बरगी नहर कहाँ से कहाँ तक के लिये प्रस्तावित है? कौन-कौन से ग्राम इससे प्रभावित होंगे? सूची उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार किन-किन ग्रामों में कितनी भूमि सिंचित होगी और कितने ग्रामों का भूमि अधिग्रहण किया गया है? ग्रामवार सूची उपलब्ध करायें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 2024 का लक्ष्य है। (ख) सनौरा उपशाखा नहर आर.डी. 12.950 कि.मी. से आर.डी. 20.750 कि.मी. तक एवं बेजनाथ उपशाखा नहर का निर्माण कार्य प्रस्तावित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' एवं ''स'' अनुसार है।
भितरवार विधानसभा क्षेत्र में कराये गये निर्माण कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
41. ( क्र. 4543 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा ग्वालियर जिले में 1 अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजना में नवीन निर्माण, मेन्टीनेन्स एवं अन्य कार्यों के लिये कितना-कितना वित्तीय आवंटन प्राप्त हुआ है। प्राप्त आवंटन में से भितरवार विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन से निर्माण कार्य किस-किस स्थान पर कितनी-कितनी वित्तीय स्वीकृति के किस-किस ठेकेदार/एजेन्सी द्वारा किन-किन यंत्रियों के सुपरवीजन में किस दिनांक से कराये गये हैं तथा कराये जा रहे है वर्तमान में उनकी भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है? क्या कार्यों की गुणवत्ता खराब होने सम्बन्धी शिकायतें मिली हैं यदि हाँ, तो किस-किस निर्माण कार्य की? शिकायतकर्ता का नाम, पता तथा शिकायत का विवरण दें? क्या उनकी जाँच कराई गई? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन का विवरण दें? क्या पूर्ण हो चुके कार्यों का लोकार्पण कराया गया है? यदि हाँ, तो किस-किस निर्माण कार्य का कब-कब किसके आतिथ्य में? किस-किस कार्य का लोकार्पाण किया जाना शेष है? सम्पूर्ण विवरण दें। (ख) जल-जीवन मिशन योजना ग्वालियर जिले में किस दिनांक से चालू की गई है इस योजना में चालू दिनांक से प्रश्न दिनांक तक किस-किस स्थान पर किस-किस कार्य के लिये कितनी-कितनी राशि के टेण्डर कब-कब किये गये, किस-किस ठेकेदार/एजेन्सी को कितनी-कितनी दर पर कौन-कौन सा टेण्डर स्वीकृत किया गया है स्वीकृत दिनांक से प्रश्न दिनांक तक किस-किस स्थान पर, कौन-कौन सा निर्माण कार्य प्रारम्भ करा दिया गया है क्या कार्य प्रारम्भ कराने के पूर्व भूमि पूजन कराया गया है यदि हाँ, तो किस-किस स्थान पर किस-किस जनप्रतिनिधि के आथित्य में पूर्व विवरण दें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। जी नहीं, विभाग को शिकायत प्राप्त नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) ग्वालियर जिले में जल जीवन मिशन के अंतर्गत योजना के कार्य दिनांक 21.08.2020 से प्रारंभ किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
कोटेशन पर कराये गये कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
42. ( क्र. 4544 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खण्ड ग्वालियर एवं उनके अधीनस्थ कार्यालयों द्वारा 1 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से निर्माण कार्य तथा सामग्री हेतु किस-किस स्थान पर, किस-किस ठेकेदार/एजेन्सी को कोटेशन पर कब-कब किस-किस आदेश द्वारा दिये गये है? क्या इन कार्यों के लिये दिये गये कोटेशनों की किसी सक्षम अधिकारी से स्वीकृति ली गई है? क्या स्वीकृति कार्यों का कार्य पूर्ण किया जा चुका है यदि हाँ, तो किस-किस कार्य तथा सामग्री प्रदाय के लिये कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई थी? तथा कितना-कितना भुगतान किया गया था? (ख) 1 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस निर्माण कार्य एवं सामग्री के सम्बन्ध में सूचना के अधिकार के तहत किस-किस व्यक्ति द्वारा कौन-कौन सी जानकारी चाही गई थी? क्या चाही गई जानकारी सम्बन्धित को उपलब्ध कराई गई? यदि हाँ? तो कब-कब दिनांक बतावें? यदि नहीं, तो क्यों? अभी तक जानकारी उपलब्ध न कराने के लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी है? क्या दोषियों के प्रति कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ? तो क्या? और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? अब कब तक सूचना के अधिकार के तहत माँगी गई जानकारी प्रदाय करा दी जावेगी।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय मदिरा दुकानों से मदिरा विक्रय के नियम और पालन
[वाणिज्यिक कर]
43. ( क्र. 4578 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मदिरा विक्रय पर बिल देने एवं दुकानों पर मदिरा की दरों के सार्वजनिक प्रदर्शन के संबंध में क्या नियम है और इन नियमों के क्रियान्वन एवं पर्यवेक्षन की ज़िम्मेदारी किन-किन शासकीय सेवकों की होती हैं? तथा उल्लंघन पर क्या कार्यवाही किए जाने का प्रावधान हैं? (ख) शासन/विभाग के नियमों के अंतर्गत क्या प्रत्येक ग्राहक को मदिरा क्रय पर बिल दिया जाना एवं प्रत्येक मदिरा दुकान पर मूल्य-सूची सार्वजनिक प्रदर्शित करना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो क्या वर्तमान में कटनी जिले की प्रत्येक देशी/विदेशी मदिरा दुकानों में इन नियमों का पालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस प्रकार? दुकानवार विवरण दीजिये। नहीं, तो क्या कार्यवाही की गई? (ग) वर्तमान वर्ष में कटनी में संचालित मदिरा दुकानों में निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य/दर पर मदिरा विक्रय से संबन्धित कितनी शिकायतें आबकारी विभाग को प्राप्त हुई एवं प्रकरण ज्ञात हुये? और उनका क्या निराकरण किया गया? (घ) क्या वर्तमान वर्ष में कटनी-जिले की मदिरा दुकानों से अधिकतम विक्रय मूल्य से अधिक मूल्य/दर पर शराब विक्रय किया जाना एवं बिल प्रदाय ना करना पाया गया है? और दुकानों पर सुपठित मूल्य सूची भी प्रदर्शित नहीं हैं? यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही की गयी? नहीं तो संबन्धित शासकीय सेवक ऐसा न होना सत्यापित करेंगे?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के सामान्य अनुज्ञप्ति शर्तों के नियम 18 के अनुसार देशी मदिरा दुकानों पर मदिरा की बिक्री दरों को सार्वजनिक प्रदर्शन करने के नियम है। जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। आबकारी आयुक्त मध्यप्रदेश मोतीमहल, ग्वालियर के पत्र क्रमांक/ठेका/2020/146 कैम्प भोपाल दिनांक 19.08.2020 से विदेशी मदिरा दुकानों पर ब्राण्डवार एवं लेबिलवार मदिरा कि मूल्य सूची प्रदर्शित करना अनिवार्य किया गया है। पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 51 के अंतर्गत क्रियान्वयन एवं पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी आबकारी उपनिरीक्षकों एवं उससे उच्च पद के अधिकारियों की होती है। नियमों के उल्लघंन किये जाने पर संबंधित मदिरा दुकान के अनुज्ञप्तिधारी के विरूद्ध विभागीय प्रकरण कायम किया जाकर शास्ति अधिरोपण किये जाने का प्रावधान है। (ख) मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के नियमों में मदिरा दुकानों से ग्राहकों को बिल दिये जाने का प्रावधान नहीं है, किन्तु प्रत्येक मदिरा दुकान पर मदिरा की बिक्री दरों को सार्वजनिक प्रदर्शन करना अनिवार्य है। वर्तमान में कटनी जिले में संचालित 43 देशी एवं 20 विदेशी मदिरा दुकानों पर मदिरा की मूल्य सूची प्रदर्शन के संबंध में प्रभारी आबकारी उप निरीक्षकों के प्रतिवेदन वृत्तवार दुकानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (ग) वर्तमान वर्ष में कटनी जिले में संचालित मदिरा दुकानों में निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य/दर पर विभिन्न माध्यमों से प्राप्त शिकायतों पर नियमानुसार कार्यवाही की गई, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। (घ) वर्तमान वर्ष में कटनी जिले में मदिरा दुकानों से अधिकतम विक्रय मूल्य से अधिक मूल्य/दर की शिकायत कार्यालय जिला कटनी में लंबित नहीं है। मदिरा विक्रय पर बिल देने का प्रावधान नहीं है। जिले की मदिरा दुकानों पर मूल्य सूची लगाये जाने के निर्देश है जिसका पालन कराया जा रहा है, एवं सुपठित मूल्य सूची न लगे होने संबंधित कोई शिकायत कार्यालय जिला कटनी में प्राप्त नहीं हुई है, अत: कार्यवाही की जानकारी निरंक है।
आर.के.एस.के. अंतर्गत मण्डला जिले में किये गए कार्य
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
44. ( क्र. 4609 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) समर्थन संस्था द्वारा आर.के.एस.के. के तहत मण्डला जिले में कब से कब तक कार्य किया गया? उपरोक्त अवधि में संस्था को किस किस मद अंतर्गत कितना कितना भुगतान किया गया? संस्था द्वारा उपरोक्त कार्य अवधि के दौरान जो व्यय किये गए उनकी सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं? (ख) उपरोक्त अवधि में संस्था द्वारा आयोजित किये गए प्रशिक्षणों की तिथिवार, स्थलवार, प्रशिक्षणार्थियों के नाम पता सहित जानकारी उपलब्ध कराएं? संस्था द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को कब-कब, कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? इस भुगतान की प्रक्रिया क्या रही (चेक, नगद या खाते में), विस्तृत विवरण प्रमाण सहित उपलब्ध कराएं? (ग) संस्था द्वारा किये गए कार्यों की मॉनिटरिंग किन-किन अधिकारियों के द्वारा कब कब की गई? इस दौरान अधिकारियों ने क्या क्या कमियां पाईं? क्या संस्था द्वारा शासन के दिशा निर्देश के अनुसार राशि खर्च की गई? यदि नहीं, तो क्या उपरोक्त लापरवाहियों/अनियमितताओं की जाँच की गई है? यदि हाँ, तो जाँच से संबंधित प्रतिवेदन/रिपोर्ट का विवरण उपलब्ध कराएं? (घ) क्या संस्था द्वारा की गई लापरवाहियां/अनियमितताएं गंभीर प्रकृति की हैं एवं पूर्व की जाँच विस्तार से नहीं की गई है, यदि हाँ, तो क्या पुनः जाँच करवाई जाएगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) संस्था समर्थन के द्वारा आर.के.एस.के. के तहत मण्डला जिले में अगस्त 2016 से सितम्बर 2019 तक कार्य किया गया, संस्था को जिन मद में राशि प्रदान की गई एवं संस्था द्वारा व्यय की गई राशि का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) आयोजित प्रशिक्षणों का तिथिवार जानकारी, प्रशिक्षाणार्थियों की सूची एवं प्रदान की गई नगद राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) संस्था द्वारा किए गए कार्यों की मॉनिटरिंग तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक-एन.एच.एम., जिला कम्यूनिटी मोबेलाइजर, जिला किशोर स्वास्थ्य समन्वयक, विकासखण्ड के अधिकारियों के द्वारा प्रशिक्षण आयोजन के दौरान की गई। जी हाँ संस्था द्वारा शासन के निर्देशानुसार राशि खर्च की गई। संस्था के कार्यों के संबंध में शिकायत प्राप्त होने पर क्षेत्रीय संयुक्त संचालक, जबलपुर द्वारा जाँच की गई। जाँच रिपोर्ट जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जी नहीं, पूर्व की जाँच विस्तार से की गई है। पुनः जाँच की आवश्यकता नहीं है।
3 वर्षों से एक ही कार्यालय में कार्यरत कर्मियों के स्थानांतरण
[सामान्य प्रशासन]
45. ( क्र. 4646 ) श्री महेश राय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले के जिला कोषालय, स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा,वन, राजस्व, विद्युत, पंचायत इत्यादि विभागों में विगत 3 वर्षों से एक ही कार्यालय एवं एक ही शाखा में कितने अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत है? (ख) मध्यप्रदेश शासन के नियमानुसार एक ही कार्यालय में एक ही शाखा में कितने वर्ष तक कार्यरत रहने का प्राबधान है? (ग) यदि समय-सीमा निर्धारित है तो विभाग द्वारा उनका स्थानांतरण क्यों नहीं किया गया? (घ) 3 वर्षों से एक ही कार्यालय एवं एक ही शाखा में कार्यरत अधिकारी/कर्मचारियों के स्थानांतरण कब तक कर दिये जायेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) स्थानांतरण नीति वर्ष 2019-20 की कंडिका 11.4 में प्रावधान अनुसार जिलों में पदस्थ प्रथम श्रेणी एवं द्वितीय श्रेणी के कार्यपालक अधिकारियों के एक ही स्थान पर तीन वर्ष की पदस्थापना पूर्ण कर लेने पर जिले से अन्यत्र प्राथमिकता पर स्थानांतरण किया जा सकेगा। तृतीय श्रेणी कार्यपालिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों का भी एक ही स्थान पर सामान्यत: 3 वर्ष या उससे अधिक पदस्थापना की अवधि पूर्ण कर लेने के कारण स्थानांतरण किया जा सकेगा। इसका आशय यह है कि जिन आधारों पर स्थानान्तरण किया जा सकता है उनमें एक आधार यह भी है। यह अनिवार्य नहीं है कि 3 वर्ष पूर्ण होने पर स्थानान्तरण किया ही जावे। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
संविदा कर्मचारियों के मानदेय में बढोत्तरी एवं नियमितीकरण
[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
46. ( क्र. 4663 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में आई.टी. से संबंधित समस्त प्रकार के प्रशिक्षण हेतु जिलों में ई-दक्ष केन्द्रों की स्थापना की गई है? यदि हाँ, तो बतावें कि किन-किन जिलों में ई-दक्ष केन्द्र संचालित हैं? उनके संचालन हेतु स्वीकृत किये गये पदों एवं भर्ती के संबंध में शासनादेशों की प्रतियां देवें। जिलों में पदस्थ अमले की पूर्ण जानकारी नाम, पदनाम सहित जिलावार देवें। (ख) क्या ई-दक्ष केन्द्र के ट्रेनर, लीड ट्रेनर एवं सहायक ई-गवर्नेन्स प्रबंधक की भर्तियां संविदा आधार पर निश्चित मानदेय पर की गई हैं? यदि हाँ, तो क्या मानदेय/संविदा पारिश्रमिक भुगतान के संबंध में राजपत्र दिनांक 5 जून 2018 में किया गया संशोधन उन पर भी लागू है? क्या राजपत्र अनुसार समकक्ष पदों के वेतनमान का 90 प्रतिशत भुगतान किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या कम योग्यताधारी पद सहायक ई-गवर्नेन्स प्रबंधक के मानदेय/संविदा पारिश्रमिक में बढ़ोत्तरी कर 15000-30000 बेसिक एवं उच्च योग्यताधारी पद ट्रेनर एवं लीड ट्रेनर के पारिश्रमिक/संविदा मानदेय में बढोत्तरी क्रमश: 20000-30000 एवं 25000-35000 किया गया है, जो आनुपातिक रूप सही नहीं है। ऐसा क्यों? स्पष्ट करें तथा बतावें कि उच्च योग्यता के पदों पर एम.सी.ए./एम.टे.क योग्यताधारी ट्रेनर एवं लीड ट्रेनरों का कब तक में मानदेय/संविदा पारिश्रमिक आनुपातिक रूप से बढाया जाकर उनके नियमितीकरण की कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) जी हाँ। शासकीय अधिकारियों/कर्मचारियों के आई.टी. प्रशिक्षण हेतु ई-दक्ष केन्द्रों की स्थापना की गई है। पदों एवं भर्ती के संबंध में आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। ई-दक्ष केन्द्रों की सूची तथा पदस्थ अमले की जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जी हाँ। ई-दक्ष केन्द्र के लीड ट्रेनर तथा ट्रेनर एवं सहायक ई-गवर्नेन्स प्रबंधक की भर्ती संविदा आधार पर निश्चित मानदेय पर की गई है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दिनांक 05 जून, 2018 द्वारा जारी नीति-निर्देश लागू न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विभागीय आदेश क्रमांक एफ.9-2/ 2019/41-2, दिनांक 25-9-2019 द्वारा जिला ई-गवर्नेन्स तथा ई-दक्ष अमले के मासिक मानदेय का युक्तियुक्त पुनर्निधारण किया गया है। सहायक ई-गवर्नेन्स मैनेजर पद की तुलना ट्रेनर पद से की जाना उचित नहीं। दोनो पदों की श्रेणियां भिन्न होने से मानदेय की तुलना नहीं की जा सकती। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दिनांक 05 जून, 2018 द्वारा जारी नीति-निर्देश लागू न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
47. ( क्र. 4690 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक खरगोन जिले में स्वास्थ्य विभाग के किन-किन चिकित्सालय, स्वास्थ्य संस्था, जिला अस्पताल एवं स्वास्थ्य विभाग में अन्य जगह किन-किन आउटसोर्सिंग एजेंसी द्वारा कार्य किया गया। उनकी जानकारी व सूची एवं कार्यरत कर्मचारियों की सूची नाम, पता, ज्वाईनिंग दिनांक, पद, मासिक वेतन, पी.एफ. खाता नंबर, पदस्थ स्थान, रिजाइन/निलंबन दिनांक सहित देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या कर्मचारियों के पुलिस वेरिफिकेशन किए गए? यदि नहीं, किये गये तो कारण सहित विवरण देवें। (ग) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक स्वास्थ्य विभाग जिला खरगोन ओर जिला अस्पताल खरगोन में जिन जिन एजेंसियों ने कार्य किया एजेंसीवार कार्यरत कर्मचारियों के पी.एफ. खाते में कितना कितना पी.एफ. अमाउंट जमा किया? सूची देवें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक खरगोन जिले में स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सालयों स्वास्थ्य संस्थाओं जिला अस्पताल एवं स्वास्थ्य विभाग में अन्य जगह निम्न आउटसोर्स एजेंसियों द्वारा कार्य किया गया। 1. प्रथम नेशनल सेक्युरिटी सर्विसेस इन्दौर। 2. रतन एम्पोरियन धार। 3. कॉमनथेन सेक्युरिटी सर्विसेस इन्दौर। 4. शिवोहम बुंदेलखंड सेक्युरिटी एवं लेबर सर्विसेस प्राय.लि.मि. इन्दौर। संबंधित फर्मों द्वारा प्रदाय कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) आउटसोर्स एजेन्सी द्वारा कुछ कर्मचारियों का पुलिस वेरीफिकेशन कराया गया है तथा शेष कर्मचारियों के पुलिस वेरीफिकेशन ऐजेन्सी के द्वारा कराये जाने हेतु एजेन्सी को पत्र जारी किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) एजेन्सी के कर्मचारियों की कर्मचारीवार जमा पी.एफ. राशि एजेन्सी के पास होती है। अतः एजेंसियों द्वारा महावार जमा की गई पी.एफ. राशि के ई. चालानों की प्रतियां एजेंसीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
मंदिर की भूमि पर कब्जा
[अध्यात्म]
48. ( क्र. 4854 ) श्री संजीव सिंह : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जिला भिण्ड में स्थित भिण्डीऋषि मंदिर से लगी बेशकीमती जामना रोड स्थित 16 बीघा भूमि पर से माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के आदेश से भू-माफिया से मुक्त कराया जाकर अर्थदण्ड से अधिरोपित किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त भूमि वर्तमान में किस स्थिति में है तथा किसका कब्जा है? (ख) क्या उक्त भूमि पर पुनः भू-माफिया द्वारा हथियाने की दृष्टि से मंदिर के पुजारी पर प्राणघातक हमला किया गया तथा उक्त माफी औकाफ की भूमि को पुनः प्राप्त करने की नियत से भू-माफिया द्वारा संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों से मिलकर वर्ष 1970 से नियुक्त पुजारी को हटाये जाने का आदेश पारित किया जाकर नवीन पुजारी की नियुक्ति की गई है? (ग) यदि हाँ, तो क्या उक्त पुराने पुजारी को हटाये जाने का आदेश नियमानुसार किया गया है या नियमों को ताक पर रखकर भू माफियाओं को लाभ पहुंचाने एवं मंदिर औकाफ की बेशकीमती भूमि को खुर्दबुर्द करने की नियत से कार्यवाही की गई है? यदि यह सही है तो शासन ऐसे अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) भिण्डी ऋषि मंदिर की भूमि पर अवैध रूप से अतिक्रमण करने वाले अतिक्रमणकारी विद्याराम पुत्र बद्रीप्रसाद, निवासी भिण्ड पर तहसील भिण्ड के प्रकरण क्रमांक 21/2014-15/अ-68 में पारित आदेश दिनांक 26/02/2015 से 90, 01, 800/- का अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया है। वर्तमान में भूमि रिक्त होकर पुजारी का कब्जा है जिसके विरूद्ध मा. उच्च न्यायालय में रिट पिटीशन क्रमांक 12844/2020 प्रस्तुत की गई है, जो विचाराधीन है। (ख) मंदिर के पुजारी लक्ष्मणदास द्वारा मंदिर से लगी भूमियों की सुरक्षा न किये जाने, मंदिर के आय व्यय का हिसाब प्रस्तुत न किये जाने, मंदिर की भूमियों को बगैर किसी सक्षम अधिकारी के आदेश के अन्य व्यक्ति को किराये पर दिये जाने तथा मंदिर की पूजा अर्चना नहीं किये जाने संबंधी अनियमितताओं के कारण शासन द्वारा जारी निर्देश के पालन में प्रकरण क्रमांक 177/20-21/बी-121 में पारित आदेश दिनांक 14/01/2021 से मंदिर के पुजारी को हटाया जाकर अस्थायी रूप से मंदिर पर श्री अवधूत चरणदास महंत को नियमानुसार नियुक्त किया गया है। (ग) जी हाँ। पुराने पुजारी द्वारा अनियमितता किये जाने के कारण नियमानुसार ही मंदिर के पुजारी पद से पृथक किया गया है।
स्वास्थ्य केन्द्रों में सोनोग्राफी मशीन की सुविधा
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
49. ( क्र. 4857 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में ब्लाक स्तर पर कितने अस्पतालों में/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में सोनोग्राफी मशीन की सुविधा उपलब्ध है? इस मशीन की स्थापना में कितना खर्च एवं स्टाफ चाहिए? (ख) सिविल अस्पताल कन्नौद जिला देवास में प्रतिदिन आसपास के लगभग 200 गांवों के मरीज उपचार के लिये आते हैं जिन्हें सोनोग्राफी करवाने के लिये लगभग 100 कि.मी. दूर इन्दौर-देवास अथवा हरदा जाना पड़ता है जहां इनका समय और पैसा दोनो खर्च होता है तथा गरीब मरीजों को बहुत ही ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। (ग) क्या विभाग नागरिकों/मरीजों की इस समस्या को दृष्टिगत रखते हुए सिविल अस्पताल कन्नौद में शीघ्र सोनोग्राफी मशीन मुहैया करायेगा? (घ) क्या मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखकर विभाग दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में सोनोग्राफी मशीन उपलब्ध करा सकता है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रति सोनोग्राफी मशीन का मूल्य लगभग 10 लाख रूपये है तथा इसका संचालन रेडियोलॉजिस्ट अथवा रेडियोलॉजी में विशेषज्ञता प्राप्त चिकित्सक द्वारा किये जाने का प्रावधान है। (ख) जी हाँ। सुविधा उपलब्ध नहीं होने से मरीज को आवश्यकतानुसार उच्च शासकीय संस्थाओं में निःशुल्क सोनोग्राफी हेतु रेफर किया जाता है। (ग) जी हाँ। नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। (घ) मापदण्ड एवं प्रशिक्षित मानव संसाधन की उपलब्धता अनुसार कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है।
कोरोना के ईलाज पर व्यय राशि
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
50. ( क्र. 4870 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01-04-2020 से 31-01-2021 तक प्रदेश के निजी मेडिकल कालेजों को कोरोना मरीजों के उपचार के लिए कितनी राशि दी गई? कॉलेज का नाम, मरीज संख्या, राशि सहित माहवार देवें। (ख) दिनांक 31-01-2021 की स्थिति में कितनी राशि भुगतान के लिए शेष है? प्रश्नांश (क) अनुसार देवें। (ग) इसके लिए जो मापदंड निर्धारित किए गए हैं, उनकी प्रमाणित प्रति देवें। इनके द्वारा प्रस्तुत बिलों का विवरण प्रश्नांश (क) अनुसार देवें। इन्हें किए भुगतान में कितना T.D.S. काटा गया? कॉलेज नाम, T.D.S. राशि सहित देवें। (घ) क्या कारण है कि निर्धारित मापदंडों का उल्लंघन करके इन कालेजों द्वारा मनमानी दरों के बिलों का भुगतान किया गया? ऐसा करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) प्रदेश के निजी मेडिकल कॉलेजों में दिनांक 01.04.2020 से 31.01.2021 तक कोरोना मरीजों के उपचार के लिए रू. 166.98 करोड़ की राशि दी गई। कॉलेज का नाम, मरीज संख्या एवं राशि सहित माहवार विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) दिनांक 31.03.2021 की स्थिति में राशि रू. 29.95 करोड़ भुगतान हेतु शेष है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) एम.ओ.यू. की शर्तों के आधार पर मापदण्ड निर्धारित किए गये है। प्रमाणित प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। प्रस्तुत बिलों का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। किए गये भुगतान में 7.5 प्रतिशत की दर से राशि रूपये 120741328.98 T.D.S. काटा गया। कॉलेज का नाम तथा T.D.S. राशि का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' अनुसार है। (घ) एम.ओ.यू. में निर्धारित मापदंडों के अनुसार ही अनुबंधित निजी मेडिकल कॉलेजों को नियमानुसार भुगतान किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दैनिक वेतन भोगियों का विनियमितिकरण
[सामान्य प्रशासन]
51. ( क्र. 4906 ) श्री सुनील सराफ : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन की स्थाई कर्मियों को विनियमित करने की योजना 2016 के अन्तर्गत शहडोल संभाग में कितने दैनिक वेतनभोगी श्रमिकों को विनियमित किया गया है? विभागवार जिलेवार बतावें। (ख) प्रश्न दिनांक तक कितने श्रमिकों का विनियमितिकरण शेष है? विभागवार, जिलेवार बतावें। इसका कारण भी देवें। इन्हें कब तक विनियमित कर दिया जाएगा? (ग) क्या स्थाई कर्मियों को अर्जित अवकाश की क्या पात्रता है? इन्हें अर्जित अवकाश, कर्मचारी समूह बीमा, अनुकंपा नियुक्ति का लाभ कब से दिया जाएगा? (घ) इन्हें सातवें वेतनमान का लाभ कब से दिया जाएगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) शहडोल संभाग की विभागवार/जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) सामान्य प्रशासन विभाग के जारी परिपत्र क्र.सी-5-1-2013-1-3 दिनांक 03 मई, 2017 के अनुसार स्थाई कर्मियों को अर्जित अवकाश, कर्मचारी समूह बीमा, अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) दिनांक 07.10.2016 को जारी परिपत्र अनुसार वेतनमान, वेतन वृद्धी, मंहगाई भत्ता, उपादान आदि लाभ देय है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
फार्मासिस्ट एसोसिएशन के पत्रों पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
52. ( क्र. 4928 ) श्री संजय यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्टेट फार्मासिस्ट एसोसिएशन मध्यप्रदेश द्वारा दिनांक 06/02/2021 को फार्मेसी 1948 एवं ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1945 का पालन कराए जाने विषयक ज्ञापन, विभागीय प्रमुख सचिव एवं विभागीय आयुक्त को उनके आधिकारिक ई-मेल आई.डी. पर ऑनलाइन भेजकर कार्यवाही का निवेदन किया गया है। (ख) क्या विभागीय प्रमुख सचिव एवं विभागीय कमिश्नर कार्यालय में पदस्थ कम्प्यूटर ऑपरेटर द्वारा उक्त अधिकारिक ई-मेल आई.डी. में आये ज्ञापनों को डिलीट/फाड़कर रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया है? (ग) यदि नहीं, तो उक्त अधिकारिक ई-मेल आई.डी. पर प्राप्त ज्ञापन पत्र पर संबंधित अधिकारियों द्वारा कब-कब क्या कार्यवाही की गई? इस संबंध में ज्ञापन अनुसार संबंधित जिलों में कब निर्देश जारी किए गए हैं? निर्देशों की प्रतियां उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) इस संबंध में संचालनालय द्वारा आदेश क्रमांक 288 दिनांक 25.02.2021 जारी किया गया है। निर्देश जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्रामों में पानी की समस्या का निदान
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
53. ( क्र. 4929 ) श्री संजय यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जल निगम द्वारा जबलपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल हेतु पड़वार-पड़रिया ग्रामीण जल प्रदाय योजना स्वीकृत कर प्रारंभ की गई है? बरगी विधानसभा के कितने ग्राम इस योजना से लाभान्वित होंगे? सूची उपलब्ध करायें। (ख) क्या बरगी क्षेत्र में योजना कार्य प्रारंभ हो गया है? कार्य की प्रगति क्या है? कब तक पूर्ण हो पायेगा समय अवधि भी बताई जावे। (ग) क्या बरगी विधानसभा के चयनित ग्रामों में पानी की समस्या का निदान होगा? योजना की आगामी कार्यों की स्थिति बताई जावे? यदि योजना के कार्यों को रोका गया है तो कारणों सहित जानकारी दी जावे? योजना को पूर्ण करने की समय-अवधि भी बताई जावे।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। प्रस्तावित पड़वार-पड़रिया समूह जल प्रदाय योजना से बरगी विधानसभा क्षेत्र के 15 ग्राम लाभान्वित होना संभावित हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। योजना जल जीवन मिशन के मापदण्ड अनुसार पुनरीक्षित की जा रही है वित्तीय संयोजन प्राप्त होने पर आगामी कार्यवाही की जा सकेगी। योजना के कार्य प्रारंभ ही नहीं हैं, अतः कार्य रोकने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री सहायता योजना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
54. ( क्र. 4959 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री सहायता योजना के अंतर्गत इलाज हेतु चयनित अस्पतालों का पैनल बनाया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या इलाज का दायरा सीमित होने के कारण मरीज चयनित अस्पतालों में इलाज कराने हेतु मजबूर हैं? (ग) क्या मरीज अपनी सुविधानुसार अस्पताल में इलाज करा सकता है? (घ) यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) मुख्यमंत्री सहायता योजना नामक कोई योजना नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कोरोना काल में मरीजों पर किये गये व्यय की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
55. ( क्र. 5046 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अप्रैल 2020 से जून 2020 तक दिनांक अनुसार बतावें कि रतलाम जिले अन्तर्गत प्रतिदिन शासकीय अस्पतालों में कितने मरीज थे? अनुबंधित अस्पतालों में कितने मरीज थे तथा दोनों प्रकार के अस्पतालों की क्षमता कितनी-कितनी थी? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित अस्पतालों में कोरोना पर 31 जनवरी 2021 तक कितना खर्च शासकीय अस्पतालों से ईलाज में, अनुबंधित अस्पतालों के फिक्सड तथा वेरियेबल जाँच में खर्च हुआ? सब मिलाकर कितना खर्च हुआ? (ग) शासकीय अस्पतालों में तथा अनुबंधित अस्पतालों पर कुल कितने-कितने मरीजों का इलाज 31 जनवरी 2021 तक हुआ तथा दोनों पर औसत खर्च प्रति मरीज कितना-कितना आया? (घ) 31 जनवरी 2021 तक निजी अस्पतालों को अनुबंधित करने के संबध में जारी आदेश/अनुबंध का विवरण रतलाम जिले के संदर्भ में देवें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) अप्रैल 2020 से जून 2020 तक रतलाम जिले में शासकीय अस्पताल में कुल 434 मरीज भर्ती हुये। इनमें सें कोविड-19 पॉजीटिव भर्ती मरीजों की प्रतिदिन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। कोविड-19 पॉजीटिव भर्ती मरीजों के लिये बिस्तर क्षमता 120 थी। शासन द्वारा रतलाम जिले में निजी अस्पताल को कोविड-19 मरीजों के लिए अनुबंधित नहीं किया गया। (ख) शासकीय अस्पतालों में कुल व्यय राशि रूपये 8, 97, 84, 490.00 का विवरण जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) रतलाम जिले के शासकीय अस्पताल में 31 जनवरी 2021 तक कुल 4081 मरीज भर्ती हुये जिनमें सें 2547 मरीज कोविड-19 पॉजीटिव पाये गये। औसत खर्च बता पाना संभव नहीं। (घ) रतलाम जिले में शासन द्वारा निजी अस्पताल को कोविड-19 मरीजों के लिए अनुबंधित नहीं किया गया। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री की घोषणा का क्रियान्वयन
[सामान्य प्रशासन]
56. ( क्र. 5047 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री ने अपनी रतलाम यात्रा के दौरान मुम्बई दिल्ली 08 लेन के आसपास रतलाम में 1800 एकड़ में औद्योगिक पार्क बनाने की घोषणा की थी? यदि हाँ, तो इसके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी किस विभाग को दी गई है तथा इसे किस अवधि तक पूर्ण किया जायेगा? (ख) इस पार्क में लगने वाली भूमि में कितनी शासकीय है तथा कितनी निजी है? निजी जमीन का उपयोग किस पैटर्न से किया जायेगा तथा क्या यह पार्क पी.पी.पी. माँडल में बनाया जायगा? (ग) इस पार्क के डेवलपमेंट में क्या 1800 करोड़ खर्च होगें या इससे कम या ज्यादा खर्च होंगे? राशि की व्यवस्था कैसे की जावेगी तथा पार्क बनाने की घोषणा उपरांत इस सन्दर्भ में किये गये कार्यों की दिनांक अनुसार जानकारी दें। (घ) अपनी यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री जी ने और क्या-क्या घोषणाएं की?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। उक्त घोषणा के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग को दी गई है। घोषणाओं के क्रियान्वयन की एक सतत प्रक्रिया है। संबंधित विभाग द्वारा अपने निहित प्रावधानों/प्रक्रिया/नियमों के तहत कार्यवाही की जाती है। अतः क्रियान्वयन की निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ख) पार्क में लगने वाली कुल भूमि 1799.195 हेक्टेयर में से 1542.403 हेक्टेयर शासकीय भूमि एवं 256.792 हेक्टेयर निजि भूमि को शामिल किया जाना प्रस्तावित है। निजि भूमि का उपयोग आपसी सहमति से लेण्डपुलिंग के आधार पर किया जावेगा। पार्क निर्माण पी.पी.पी. माँडल से किए जाने का वर्तमान में कोई योजना नहीं है। (ग) जी हाँ। इस पार्क के डेवलपमेंट पर लगभग रूपये 1850.00 करोड़ का व्यय अनुमानित है। उक्त निर्माण हेतु राशि की व्यवस्था औद्योगिक पार्क में विकसित होने वाले विभिन्न श्रेणी के उपयोग के भूखण्डों को विक्रय कर किया जावेगा। घोषणा उपरांत किये गये कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
कर्मचारियों के अभिलेखों की समीक्षा
[सामान्य प्रशासन]
57. ( क्र. 5099 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक सी 3-10/2019/एक/3 भोपाल, दिनांक 06 जुलाई, 2019 के द्वारा 50 वर्ष की आयु अथवा 20 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले सेवकों के अभिलेखों की समीक्षा करने अक्षम अथवा अक्षमता से कार्य करने वाले सेवकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति 30 दिवस में पूर्ण करने के निर्देश सभी विभागों को दिए गए थे। यदि हाँ, तो किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग तथा उससे सम्बद्ध म.प्र. राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम, म.प्र. राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्थ, म.प्र. कृषि विपरण बोर्ड, म.प्र.राज्य जैविक प्रमाणीकरण संस्था में यदि हाँ, तो कौन-कौन से सेवक किस-किस पद के उक्त छानबीन समीक्षा में कब-कब अक्षम और अक्षमता से कार्य करना पाये गये और किन-किन को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई? जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के अन्तर्गत सेवकों के अभिलेखों की समीक्षा के क्या मापदण्ड नियत किये गये? उसकी प्रति दें। शारीरिक अक्षमता, मानसिक अक्षमता, कार्य न करने की अक्षमता, गबन, घोटाला, धोखाधड़ी अनेकोबार से दण्डित सेवकों को भी छानबीन में शामिल किया गया। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) अन्तर्गत समीक्षा में विभागों ने छानबीन में अनिवार्य सेवानिवृत्ति योग्य पाये सेवकों पर कोई कार्यवाही न कर प्रकरणों को दबाया गया है। यदि हाँ, तो उक्त के जिम्मेवार अधिकारियों पर शासन कब तक और क्या कार्यवाही करेगा? विभागवार जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन निर्देश जारी कर खुद भूल जाता है? यदि नहीं, तो जारी निर्देश की समीक्षा कब-कब की किस-किस विभाग ने प्रगति रिर्पोट नहीं दी? उन पर क्या कार्यवाही हुई? कब तक निर्देश का पालन सुनिश्चित करेगा।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। शेषांश की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) जी नहीं। समय-समय पर विभागों को स्मरण कराया जाता है।
जनप्रतिनिधियों के पत्रों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
58. ( क्र. 5120 ) श्री उमंग सिंघार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले की गंधवानी विधानसभा क्षेत्र की समस्याओं को लेकर वर्ष 1 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर धार को पत्र जारी किये थे? यदि हाँ, तो कौन-कौन से पत्र जारी किये गये? उनकी जानकारी सूची सहित उपलब्ध की जाये। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जारी किये गये पत्रों को लेकर जिला कलेक्टर धार द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जारी किये गये पत्रों को लेकर की गई कार्यवाही से संबंधित जनप्रतिनिधि को अवगत कराया गया अथवा नहीं? यदि अवगत कराया गया तो उक्त पत्रों का एवं आदेश का विवरण उपलब्ध कराया जाये? यदि अवगत नहीं कराया गया तो कारण बतायें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में उल्लेखित परिशिष्ट के कालम क्रमांक 8 में प्राप्त पत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी का उल्लेख किया गया है। (ग) जी हाँ। पत्रों पर की गई कार्यवाही से सूचना पत्र के माध्यम से जनप्रतिनिधि को अवगत कराया गया है। आदेश एवं विवरण का उल्लेख प्रश्नांश (क) के उत्तर में उल्लेखित परिशिष्ट में किया गया है। जिन आवेदनों में कार्यवाही प्रचलित है। उनमें कार्यवाही पूर्ण होने पर अवगत कराया जावेगा।
प्रदेश में कोरोना इलाज हेतु व्यय राशि
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
59. ( क्र. 5132 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 31 जनवरी, 2021 तक कोरोना इलाज के लिए प्रदेश में कुल कितनी राशि खर्च हुई तथा इस मद में केन्द्र से कितनी सहायता प्राप्त हुई? शासकीय अस्पतालों का कुल खर्च तथा निजी अनुबंधित अस्पतालों को शासन द्वारा प्रदान की गई कुल देय राशि बतावें। (ख) क्या अनुबंधित निजी अस्पतालों को 200 करोड़ से ज्यादा का भुगतान शासन द्वारा किया गया तथा अनावश्यक रूप से बेड आरक्षित कर उन्हें लाभ पहुंचाने का षड़यंत्र किया गया? यह भी बतावें कि अप्रैल, 20 से फरवरी, 21 तक प्रत्येक माह की 5 तारीख तक कुल कितने बेड आरक्षित थे तथा उनमें मरीज कितने-कितने थे? नाम, पते सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) शासकीय अस्पताल तथा निजी अनुबंधित अस्पतालों में प्रति मरीज कुल कितना-कितना खर्च आया? शासकीय अस्पतालों में प्रति मरीज खर्च में क्या-क्या मद को जोड़ा गया है? क्या डॉक्टर पैरामेडिकल स्टाफ का वेतन भी इसमें शामिल है? यदि नहीं, तो फिर यह खर्च प्रति मरीज ज्यादा नहीं है। (घ) अनुबंधित किन-किन निजी चिकित्सालय में जनवरी, 2021 तक कुल कितने-कितने मरीजों का इलाज हुआ? फिक्सड तथा वेरियेबल चार्ज कितना आया तथा प्रति मरीज औसत खर्च कितना हुआ? सम्पूर्ण जानकारी आंकड़ों सहित देवें एवं साथ ही अनुबंधित निजी अस्पतालों द्वारा प्रस्तुत देयक बिल विवरण सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। भारत शासन एवं राज्य शासन द्वारा संक्रमित व्यक्तियों की जानकारी के संबंध में गोपनीयता बनाये रखने के निर्देश हैं। अतः मरीजों के नाम, पते की जानकारी उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है। (ग) निजी अनुबंधित अस्पतालों में प्रति मरीज व्यय रू. 49648/- है। शासकीय अस्पतालों में प्रति व्यक्ति मरीज पर होने वाले व्यय की जानकारी संधारित नहीं की जाती है। शासकीय अस्पतालों में किये गये व्यय में सम्मिलित मदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' एवं ''ई'' अनुसार है।
शासकीय सम्पत्तियों की नीलामी
[लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन]
60. ( क्र. 5133 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन ने हाल ही में लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग बनाकर बेश कीमती शासकीय संपत्तियों को बेचने का निर्णय लिया है? यदि हाँ, तो यह निर्णय किस स्तर पर और किस के आदेश से लिया गया? सम्पूर्ण दस्तावेज सहित जानकारी बतावें। (ख) लोक सम्पत्ति में जन कल्याणकारी योजनाओं के कार्यालय खोलना, गरीबों के लिए भवन बनाना, लोक साहित्य-कला के केन्द्र स्थापित करना, शिक्षण केन्द्र बनाना, स्किल डेवलपमेंट के केन्द्र खोलना आदि कल्याणकारी कार्य हेतु उपयोग करने की जगह उन्हें नीलाम क्यों किया जा रहा है? क्या सरकार सरकारी सम्पत्तियों की नीलामी पर रोक लागयेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। सामान्य प्रशासन विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ 1-03/2020/एक (1) दिनांक 26/9/2020 द्वारा विभाग का गठन अन्तर्विभागीय विमर्श एवं समन्वय के माध्यम से राज्य की परिसम्पत्तियों का युक्तियुक्तकरण कर समुचित उपयोग एवं प्रबंधन सुनिश्चित किये जाने और सम्पत्ति अनुपयोगी पाये जाने पर ही अनुपयोगी परिसम्पत्तियों के व्यावसायीकरण/मौद्रीकरण द्वारा शासन को अतिरिक्त राजस्व उपलब्ध कराने हेतु किया गया है। जिसके लिये सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 19-65/2020/1/4 दिनांक 8/10/2020 द्वारा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में साधिकार समिति का गठन किया गया है तथा विभाग के आदेश क्रमांक आर 04/202/76-1दिनांक 15/2/2021 द्वारा जिले के विभिन्न विभागों द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों में से प्रबंधन का परीक्षण हेतु अनुपयोगी परिसम्पत्तियों के निर्वतन की जिम्मेदारी दी गई है। आदेशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा जिला स्तरीय नजूल निर्वतन समिति को अनुपयोगी परिसम्पत्तियों के प्रबंधन हेतु परीक्षण करने की जिम्मेदारी दी गई है। यदि समिति आवश्यक समझती है, तो परिसम्पत्ति को अन्य विभाग के कार्यों के प्रयोग हेतु आवंटन प्रदाय किया जा सकता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लीज डीड की शर्तों का उल्लघंन
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
61. ( क्र. 5167 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नागदा भगतपुरी औद्योगिक क्षेत्र में प्लाट विकसित किए गए हैं? औद्योगिक प्लाटों को किन-किन लोगों को कब-कब आवंटित, किन-किन शर्तों पर किया गया है? (ख) आवंटित प्लाटों में कितनी इकाइयों द्वारा उद्योग स्थापित नहीं किया गया है? (ग) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 109 (क्रमांक 3509) दिनांक 22 जुलाई, 2019 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में अवगत कराया था कि इस क्षेत्र में 27 उद्योग कार्यरत हैं? यदि हाँ, तो इनमें से कितने उद्योग चल रहे हैं? कितने बंद हो गए हैं? 1 अगस्त, 2020 से 10 फरवरी, 2021 तक चालू उद्योगों में कितना-कितना उत्पादन हुआ? पृथक-पृथक इकाईवार विवरण दें। (घ) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 34 (क्रमांक 348) दिनांक 17 दिसम्बर, 2019 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में बताया गया कि लीजडीड की शर्तों का उल्लंधन करने पर लीजडीड निरस्तीकरण हेतु नियमानुसार समयावधि सूचना पत्र जारी किये गये हैं? सूचना-पत्र की कॉपी उपलब्ध कराते हुए लीज अभी तक निरस्त क्यों नहीं गई? निरस्त कर अन्य इच्छुक व्यवसायियों को प्लाट उपलब्ध कराने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? (ड.) औद्योगिक क्षेत्र फर्नाखेड़ी में निर्माण एवं बाह्य विद्युतीकरण कार्य हेतु राशि रूपये 461.66 लाख की स्वीकृति जारी कर टेण्डर आमंत्रित किए गए थे? यदि हाँ, तो टेण्डर किस कम्पनी को कितनी समयावधि में कार्य पूर्ण करने हेतु आवंटित हुए तथा उन्होंने अभी तक क्या-क्या कार्य किया? विलंब का क्या कारण है?
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) से (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) नागदा के भगतपुरी उमरानी औद्योगिक क्षेत्र में प्रश्नगत 27 इकाइयों में से 16 इकाइयां उत्पादन में है तथा 11 इकाइयां उत्पादन में नहीं है। इकाईवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। इकाइयों के उत्पादन की जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 एवं ''4'' अनुसार है। निरस्त भू-खंडों का आधिपत्य प्राप्त किया जाना प्रक्रियाधीन है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है।
तेजस्विनी योजना को पुनर्जीवित किया जाना
[महिला एवं बाल विकास]
62. ( क्र. 5344 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में किन-किन ग्राम पंचायतों की महिला स्व-सहायता समूह तेजस्विनी योजना के तहत कार्य कर रही हैं? जिले अनुसार संख्यात्मक जानकारी दें। क्या तेजस्विनी योजना से जुड़े महिला स्व-सहायता समूहों को किसी शासकीय योजना के तहत न तो कार्य कराया जा रहा है न ही ऋण स्वीकृत किए जा रहे हैं? यदि हाँ, तो इसका कारण बताएं। (ख) क्या बालाघाट जिले सहित तेजस्विनी से जुड़े महिला स्व-सहायता समूहों की मांग पर शासन प्रदेश में कार्यरत सभी महिला स्व-सहायता समूहों को राज्य आजीविका मिशन (SRLM) से जोड़ने पर विचार करेगा? यदि नहीं, तो क्या तेजस्विनी योजना को पुनर्जीवित किया जाएगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रदेश के 06 जिलों में तेजस्विनी योजना के तहत कार्य कर रही महिला स्व-सहायता समूह की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। 06 जिलों के स्व-सहायता समूहों द्वारा सत्र 2020-21 में कक्षा 1 से 8 के विद्यार्थियों के लिये शालाओं में गणवेश प्रदाय का कार्य किया जा रहा है एवं डिण्डौरी, छतरपुर, पन्ना जिलों के महिला एवं बाल विकास अन्तर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्द्र में पोषण आहार, गुड़, चिक्की आदि का वितरण किया जा रहा है। (ख) तेजस्विनी ग्रामीण महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम अन्तर्गत गठित स्व-सहायता समूहों को राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में (SRLM) विलय करने की प्रक्रिया शासन स्तर पर प्रचलन में है।
प्रदेश में WDDF भुगतान प्रणाली
[वित्त]
63. ( क्र. 5351 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में WDDF भुगतान प्रणाली कब से कब तक लागू रही? इसके सॉफ्टवेयर तैयार करने तथा संचालन करने में शासन को कितना खर्च आया? (ख) IFMIS प्रणाली प्रदेश में कब से लागू की गयी है? इसके लिए किस आई.टी. कम्पनी या संस्था को सिस्टम बनाने का कार्य दिया गया? प्रश्न दिनांक तक कम्पनी को कितना भुगतान किया गया है? क्या प्रतिवर्ष मेन्टेनेंस हेतु राशि भुगतान करने के आदेश है? यदि हाँ, तो इस हेतु खर्च की गयी राशि की जानकारी दें। (ग) WDDF प्रणाली की किस कमी के कारण IFMIS प्रणाली लागू की गयी? WDDF प्रणाली बनाते समय इन कमियों को क्यों ध्यान में नहीं रखा गया? इसके लिए कौन दोषी है तथा उस पर क्या कोई कार्यवाही की गयी है? IFMIS प्रणाली को लागू करते समया क्या IT ऑडिट सर्टिफिकेट लिया गया है? यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो बिना सर्टिफिकेट के इसे किस नियम के तहत लागू कर दिया गया? (घ) आवंटन होने के बावजूद IFMIS प्रणाली बंद होने के कारण विभिन्न निर्माण विभागों को समय पर GST (TDS) जमा नहीं करने से कितनी राशि पेनाल्टी के रूप में देनी पड़ी तथा शासन को हुई क्षति के लिए जिम्मेदार अधिकारियों से क्यों यह राशि वसूली जायेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) Works Department Drawl Facility (WDDF) पृथक से कोई प्रणाली नहीं है। यह केन्द्रीयकृत राज्य वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (C-SFMS) अंतर्गत प्रदान की गई एक प्रकिया है। C-SFMS के माध्यम से निर्माण विभागों के आहरण वर्ष 2007 से दिनांक 30-04-2018 तक जारी रहे। दिनांक 01-05-2018 से निर्माण विभागों के भुगतान IFMIS के माध्यम से किये जा रहे हैं। WDDF प्रक्रिया पर C-SFMS अंतर्गत Software तैयार करने तथा संचालन करने पर खर्च पृथक से बताना संभव नहीं है। (ख) IFMIS प्रणाली के लिए दिनांक 07-07-2010 को अनुबंध किया गया। इसके लिए मेसर्स टी.सी.एस. लिमिटेड को कार्य दिया गया। प्रश्न दिनांक तक कम्पनी को रूपये 79.06 करोड़ का कुल भुगतान किया गया है। हाँ। अनुबंध अनुसार प्रतिवर्ष मेंटेनेन्स हेतु भुगतान प्रावधानित है। मेंटेनेन्स पर अब तक 44.07 करोड़ का भुगतान किया गया है। (ग) WDDF की कमी के कारण IFMIS लागू नहीं की गई। अपितु C-SFMS की अनुबंध अवधि समाप्त होने के कारण एवं नवीन टेक्नोलॉजी आने के कारण IFMIS प्रणाली लागू की गई है। उपर्युक्त के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता। IFMIS प्रणाली का IT ऑडिट महालेखाकार ऑडिट द्वारा किया जा रहा है। अनुबंध में प्रावधान अनुसार थर्ड पार्टी टेस्टिंग कराई जाकर लागू किया गया है। थर्ड पार्टी टेस्टिंग के लिए भारत सरकार की संस्था Standardisation Testing and Quality Certification (STQC) को अधिकृत किया गया है। (घ) IFMIS प्रणाली बंद नहीं हुई है। अभी क्रियान्वित है। GST (TDS) जमा करना एक निरंतर प्रक्रिया है। शेष प्रश्नांश संबंधित नहीं।
सेवानिवृत्त अधिकारियों व कर्मचारियों के पेंशन प्रकरण
[वित्त]
64. ( क्र. 5470 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय सेवा से सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को कितने दिनों में पेंशन स्वीकृत की जाती है? विगत 03 वर्षों में उज्जैन संभाग में सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के पेन्शन स्वीकृत करवाने व पेन्शनरों के फिक्सेशन के कितने प्रकरण विभाग में आये? (ख) उक्त अवधि में कितने अधिकारियों और कर्मचारियों की पेन्शन प्रारम्भ की गई और कितने पेन्शनरों के फिक्सेशन किये गये? क्या उक्त अवधि में कई प्रकरणों में पेन्शन स्वीकृत करने व फिक्सेशन में विलम्ब हुआ है? यदि हाँ, तो विभाग ने दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की? क्या विलम्ब की अवधि के लिए 9 प्रतिशत ब्याज की दर से सेवानिवृत्त कर्मचारी को भुगतान किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो उक्त अवधि में कुल कितना भुगतान किया? क्या जिस अधिकारी/कर्मचारी का दोष पाया जाता है तो उनके विरूद्ध कार्यवाही कर वसूली किये जाने का भी प्रावधान है। उक्त कार्यवाही सेवानिवृत्त कर्मचारी के संबंधित प्रशासनिक विभाग के द्वारा की जाती है? (ग) विगत तीन वर्षों में सरकार को उज्जैन संभाग में सेवानिवृत्त अधिकारियों व कर्मचारियों की कुल कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? सरकार द्वारा उक्त पर क्या कार्यवाही की गई? जिलेवार विवरण देवें।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) शासकीय सेवा में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को जिला पेंशन कार्यालय में पेंशन प्रकरण संबंधित कार्यालय प्रमुख द्वारा प्रस्तुत करने पर नियमानुसार होने की स्थिति में पेंशन कार्यालय द्वारा सेवानिवृत्ति तिथि के एक सप्ताह बाद पी.पी.ओ./जी.पी.ओ. प्राधिकार पत्र जारी किये जाने का प्रावधान है। विगत तीन वर्षों में उज्जैन संभाग में निम्नानुसार पेंशन प्रकरणों में Pay- Fixation पश्चात ही पेंशन स्वीकृत की गई :- जिला उज्जैन प्राप्त पेंशन प्रकरण-1502 स्वीकृत पेंशन-1502, जिला देवास प्राप्त पेंशन प्रकरण-604 स्वीकृत पेंशन-588, जिला रतलाम प्राप्त पेंशन प्रकरण-801 स्वीकृत पेंशन-801, जिला मंदसौर प्राप्त पेंशन प्रकरण-632 स्वीकृत पेंशन-620, जिला नीमच प्राप्त पेंशन प्रकरण-399 स्वीकृत पेंशन-399, जिला शाजापुर प्राप्त पेंशन प्रकरण-639 स्वीकृत पेंशन-631 एवं जिला आगर-मालवा प्राप्त पेंशन प्रकरण-179 स्वीकृत पेंशन-179 कुल योग-प्राप्त पेंशन प्रकरण-4756 एवं स्वीकृत पेंशन प्रकरण 4720. (ख) उक्त अवधि में 4720 अधिकारियों और कर्मचारियों की पेंशन Pay- Fixation उपरांत प्रारंभ की गई है। विभागों से प्राप्त समस्त पेंशन प्रकरणों का जिला पेंशन कार्यालयों में नियत अवधि में निराकरण किया जाता है। उक्त अवधि में पेंशन स्वीकृत करने में कोई विलंब प्रमाणित नहीं है। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। इसलिए दोषियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी निरंक है। विभागों में पेंशन प्रकरणों के विलंब के लिए दोषी कर्मचारी के विरूद्ध की गई कार्यवाही संबंधी जानकारी इस कार्यालय में उपलब्ध नहीं है। वर्तमान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी हाँ। (ग) कार्यालय अभिलेख के अनुसार जानकारी निरंक है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
जिला चिकित्सालयों में स्थापित सी.टी. स्केन मशीन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
65. ( क्र. 5514 ) श्री रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितने जिला चिकित्सालयों में सी.टी. स्केन मशीन स्थापित हैं तथा उनमें से कितनी चालू है और कितनी बन्द हैं? (ख) क्या सरकार खराब अथवा बन्द सी.टी स्केन मशीनों को चालू करायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रदेश में 48 जिला चिकित्सालयों में 16 स्लाईस/32 स्लाईस की सी.टी. स्केन मशीन पी.पी.पी. मोड पर स्थापित करने की कार्यवाही प्रचलन में है।
प्रदेश में डीजल व पेट्रोल की दरों में वृद्धि
[वित्त]
66. ( क्र. 5515 ) श्री रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में डीजल व पेट्रोल की दरों में जनवरी 2020 से जनवरी 2021 तक कब-कब कितनी बढ़ोत्तरी कमी हुई? (ख) क्या सरकार पेट्रोल व डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी को देखते हुये आमजन व किसानों को राहत प्रदान करने हेतु राज्य स्तर के करो में कमी कर पेट्रोल डीजल की दरों को कम करने के संबंध में कोई विचार कर रही हैं? अगर नहीं, तो क्यों? (ग) क्या पड़ोसी राज्यों में डीजल पेट्रोल की दरे मध्यप्रदेश से कम होने की वजह से पड़ोसी राज्यों से लगते जिलों में अवैध माफिया पर नियंत्रण कर आपराधिक मामले दर्ज करने हेतु शासन की कोई कार्य योजना है?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) प्रदेश में विक्रय होने वाले डीजल व पेट्रोल का प्रति लीटर विक्रय मूल्य निर्धारण पेट्रोलियम कम्पनियों द्वारा किया जाता है। विभाग द्वारा डीजल, पेट्रोल विक्रय मूल्य की जानकारी संधारित नहीं की जाती है। अत: जनवरी, 2020 से जनवरी, 2021 तक प्रदेश में पेट्रोल एवं डीजल के विक्रय मूल्य की जानकारी विभाग में संधारित नहीं है। (ख) राज्य शासन द्वारा प्रदेश की वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति व आवश्यक संसाधन जुटाने तथा आधारभूत संरचनाओं के विकास के लिए आवश्यक राजस्व संग्रहण की दृष्टि से कर की दरों का निर्धारण किया जाता है। इसी कड़ी में डीजल व पेट्रोल पर कर की दरें निर्धारित की गई है। कर की दरों में परिवर्तन के संबंध में यथा आवश्यकतानुसार यथा समय निर्णय लिया जाता है। (ग) कर अपवंचन की रोकथाम हेतु विभाग में प्रवर्तन की कार्यवाहियां निरंतर की जा रही है।
माँ वाग्देवी की प्रतिमा वापस लाने के प्रयास
[संस्कृति]
67. ( क्र. 5533 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या धार स्थित पुरातत्व विभाग की भोजशाला धार में पूर्व में माँ वाग्देवी की प्रतिमा स्थापित थी? (ख) क्या यह सही है कि लंदन (इंग्लैण्ड) के म्यूजियम में माँ वाग्देवी की प्रतिमा स्थापित है। (ग) क्या प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने धार में माँ वाग्देवी की प्रतिमा लाकर भोजशाला स्थापित करने की घोषणा की थी? (घ) मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने माँ वाग्देवी की प्रतिमा वापस लाने हेतु कब-कब एवं क्या-क्या प्रयास किए?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) एवं (ख) जी हाँ. (ग) जी नहीं. (घ) विभाग अंतर्गत पुरातत्व संचालनालय द्वारा महानिदेशक, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, नई दिल्ली से पत्र दिनांक 28.11.2015 द्वारा माँ वाग्देवी (सरस्वती) प्रतिमा को लंदन (इंग्लैण्ड) से वापस लाने की कार्यवाही का अनुरोध किया गया है, जिसमें दिनांक 07.06.2016 एवं दिनांक 01.05.2017 के पत्रों से स्मरण भी कराया गया।
शुद्ध के लिए युद्ध अभियान
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
68. ( क्र. 5541 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के अंतर्गत बैतूल जिला एवं जबलपुर संभाग अंतर्गत जिलों में कितने सैंपल लिए गए थे? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने सेंपल लिए गये? उक्त सेम्पल में से कितने सही पाये गये और कितने फेल हुये? जानकारी प्रदान करें। (ग) शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के अंतर्गत कितने सेम्पल माननीय न्यायालय में कितने चालान पेश किये गये और उसमें से कितनों को सजा मिली? जिलेवार जानकारी प्रदान करें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कॉलम क्रमांक-3 पर अंकित है। (ख) शुद्ध के लिये युद्ध अभियान वर्ष 2018 से प्रारंभ नहीं किया गया अपितु वर्ष 2019 में प्रारंभ किया गया था। अभियान अंतर्गत लिये गये नमूनों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कॉलम 3 पर एवं सही पाये गये नमूनें व फेल पाये गये नमूनों की जानकारी कॉलम नं. 4 एवं 5 पर अंकित है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कॉलम क्रमांक- 6 एवं 7 पर तथा प्रकरणों में सजा संबंधित जानकारी कॉलम क्रमांक- 8 एवं 9 पर अंकित है।
उप स्वास्थ्य केन्द्रों का कायाकल्प
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
69. ( क्र. 5560 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में कितने आरोग्य केन्द्र (हेल्थ एवं वेलनेस सेन्टर) बनाये गये हैं? (ख) सिवनी जिले के ग्रामीण क्षेत्रों को उप स्वास्थ्य केन्द्रों को कायाकल्प कर बनाये गये हेल्थ एवं वेलनेस सेन्टर में प्रत्येक के कायाकल्प में कितनी राशि किस एजेन्सी व कितने सेन्टरों का कायाकल्प हो पाया? सूची उपलब्ध करावें। कितने सेन्टरों का कायाकल्प होना शेष हैं? उनमें निर्धारित सुविधाएं प्रदान हो चुकी हैं ऐसे सेन्टरों पर कितनी सी.एच.ओ. पदस्थ हो चुकी हैं? क्या वे नियत स्थल पर रहकर सेवाएं दे रही हैं? (ग) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भोपाल के अधीनस्थ सिवनी जिले में इस शाखा के के.डी.पी.एम. (जिला कार्यक्रम अधिकारी) व मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी सिवनी में कितनी बार इन केन्द्रों का भ्रमण किया? वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक की तिथिवार जानकारी देवें। क्या ये सेन्टर निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप कायाकल्प व व्यवस्थित हो चुके हैं? ब्यौरा बिन्दुवार देवें। (घ) उप स्वास्थ्य केन्द्रों का कायाकल्प कर सब हेल्थ वेलनेस सेन्टर बनाया गया है तो उप स्वास्थ्य केन्द्रों में पूर्व से ही पदस्थ व निवासरत ए.एन.एम. व वही पदस्थ की गई सी.एच.ओ. को वहीं रहकर सेवाएं देना है, तब इसके लिये क्या ए.एन.एम. व सी.एच.ओ. का निवास मुख्यालय संयुक्त रहेगा? यदि हाँ, तो ऐसी स्थिति में सी.एच.ए. निवास अलग बनाये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) सिवनी जिले में 139 आरोग्य केन्द्र (हेल्थ एवं वेलनेस सेन्टर) बनाये गये हैं। (ख) कायाकल्प संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। सिवनी जिले में कुल 107 सी.एच.ओ. की पदस्थापना की गई है। सी.एच.ओ. निवास निर्माण प्रक्रिया प्रचलन के कारण सी.एच.ओ. द्वारा उप स्वास्थ्य केन्द्र के निकटस्थ निवास करते हुये स्वास्थ्य सेवायें प्रदान की जा रही है। (ग) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भोपाल के अधीनस्थ सिवनी जिले के डी.पी.एम. (जिला कार्यक्रम अधिकारी) के द्वारा 15 हेल्थ एवं वेलनेस सेन्टर व मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा 11 हेल्थ एवं वेलनेस सेन्टर का भ्रमण किया। तिथिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। जी हाँ, कुछ उप स्वास्थ्य केन्द्र निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप कायाकल्प व्यवस्थित हो चुके हैं। बिन्दुवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) जी हाँ, उप स्वास्थ्य केन्द्रों में पूर्व से ही पदस्थ एवं निवासरत ए.एन.एम. व वही पदस्थ की गई सी.एच.ओ. को वहीं रहकर सेवाएं देना है। जी हाँ, ए.एन.एम. व सी.एच.ओ. का निवास मुख्यालय संयुक्त रहेगा। जी हाँ, सी.एच.ओ. के लिये निवास अलग बनाये जायेंगे। सी.एच.ओ. निवास निर्माण प्रक्रिया प्रचलन में है।
नगर कोषालयों का संविलियन
[वित्त]
70. ( क्र. 5581 ) श्री विनय सक्सेना : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर एवं ग्वालियर के नगर कोषालय के संविलियन पश्चात जिला कोषालय इंदौर एवं ग्वालियर के पद बढ़ाये गये हैं किन्तु नगर कोषालय जबलपुर के जिला कोषालय जबलपुर में संविलियन होने पर पद नहीं बढ़ाए गये? यदि हाँ, तो कारण बतावें। (ख) नगर कोषालय एवं जिला कोषालय जबलपुर में आज दिनांक में कितने-कितने पेंशन प्रकरण लंबित हैं? लंबित रहने के क्या कारण है? (ग) क्या कोषालयीन कम्प्यूटराईजेशन परियोजना लागू होने से मानव संसाधन के समुचित उपयोग युक्तियुक्तकरण एवं संविलियन जैसी कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो प्रदेश के किन-किन कोषालयों में कितने कितने कार्य की कमी आई तथा कामों में कितनी-कितनी तीव्रता आई? आंकड़े सहित युक्तियुक्तकरण एवं संविलियन के आधार बतावें। (घ) कोषालयीन कम्प्यूटराईजेशन परियोजना लागू होने से इंदौर/ग्वालियर/जबलपुर के अतिरिक्त क्या अन्य किसी जिले में कोषालयीन कार्यों में कमी परिलक्षित नहीं हुयी है? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो उनका युक्तियुक्तकरण एवं संविलियन कब किया जायेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। नगर कोषालयों की संविलियन के पूर्व ही जिला कोषालय जबलपुर "ए'' श्रेणी का कोषालय था, जबकि इंदौर व ग्वालियर कोषालय "बी'' श्रेणी के कोषालय थे। जिन्हें संविलियन पश्चात "ए'' श्रेणी के कोषालय बनाया गया। अत: "ए'' श्रेणी के कोषालय के सेटअप अनुसार इंदौर एवं ग्वालियर कोषालयों के पदों में वृद्धि की गई है। (ख) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। कोषालय के डी.डी.ओ. की संख्या में कमी हुई है। प्रदेश में डी.डी.ओ. की संख्या पूर्व में 10267 थी, जो घटकर क्रमश: 5633 रह गयी है। डिजिटलाईजेशन के फलस्वरूप कार्य में लगने वाले समय व श्रम में भी कमी हुई है। इसी आधार पर पूरे प्रदेश के कोषालयों व उपकोषालयों का युक्तियुक्तकरण/संविलियन किया गया है। ग्वालियर/जबलपुर/इंदौर एवं भोपाल को छोड़कर प्रत्येक जिले में एक ही कोषालय है। म.प्र. कोषालय संहिता के प्रावधानों के अनुसार प्रत्येक जिले में न्यूनतम एक कोषालय होना चाहिए, अत: जिन जिलों में एक ही कोषालय है वहां संविलियन नहीं किया गया है। ग्वालियर/जबलपुर/इंदौर में 02-02 कोषालय थे, अत: उक्त जिलों में सिटी कोषालयों को जिला कोषालयों में संविलियन किया गया है। (घ) प्रश्नांश "ग'' अनुसार इंदौर/ग्वालियर/जबलपुर के अतिरिक्त शेष कोषालयों का पूर्व में ही युक्तियुक्तकरण किया जा चुका है, किंतु निम्न कोषालयों को संविलियन नहीं किया गया है :- 1. वल्लभ भवन कोषालय में मंत्रालयीन प्रशासकीय विभागों/विधानसभा/विभागाध्यक्ष का आहरण संवितरण कार्य होने से संविलियन नहीं किया गया है। 2. विन्ध्याचल कोषालय में विभागाध्यक्ष कार्यालय आहरण अधिकारी है साथ ही साईबर कोषालय का कार्य भी होता है। अत: अभी इसका संविलियन नहीं किया गया है। 3. अत: उक्त दोनों कोषालयों में से किसी कोषालय का भोपाल जिला कोषालय में संविलियन उपरोक्त आधार पर संभव नहीं है। इस प्रकार भोपाल के कोषालय को छोड सभी कोषालयों का युक्तियुक्तकरण व आवश्यकतानुसर संविलियन किया जा चुका है।
विधवा/परित्यक्ता महिलाओं को परिवार पेंशन का लाभ
[वित्त]
71. ( क्र. 5596 ) श्री सुनील उईके : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सेवानिवृत्त व्यक्ति पर आश्रित परित्यक्ता/विधवा बेटी को भी परिवार पेंशन पाने की पात्रता है? यदि हाँ, तो पात्रता की शर्तें क्या हैं? (ख) केंद्र शासन द्वारा पुरानी पेंशन योजना अंतर्गत सेवानिवृत्त कर्मचारी के ऊपर निर्भर परित्यक्ता/विधवा बेटी को पेंशन देने का प्रावधान किया गया है तथा परित्यक्ता/विधवा बेटी की आयु सीमा का कोई बंधन भी नहीं रखा गया है, किंतु क्या राज्य शासन द्वारा परित्यक्ता/विधवा बेटी को पेंशन पाने की पात्रता शर्तों में 25 वर्ष की आयु सीमा का बंधन रखा गया है? यदि हाँ, तो एक समान कार्य में केंद्र और राज्य शासन में किस आधार पर नियमों में भिन्नता रखी गई है? (ग) पिछले 10 वर्षों में कितने प्रकरणों में 25 वर्ष से अधिक उम्र की परित्यक्ता/विधवा बेटियों को परिवार पेंशन योजना का लाभ दिया गया, चाहे वह किसी न्यायालय के आदेश पर ही दिया गया हो? विभागवार सूची उपलब्ध करावें।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) मध्यप्रदेश सिविल सेवा पेंशन नियम, 1976 के नियम 47 के 14 (ख) (ii) के अनुसार राज्य शासन द्वारा समय-समय पर विहित किये गये आय के मापदण्ड के अधीन रहते हुए विधवा पुत्री या विच्छान्न विवाह पुत्री 25 वर्ष की आयु पूरी करने तक अथवा उसके पुनर्विवाह की तारीख इनमें से जो भी पूर्ववत हो परिवार पेंशन की पात्रता होगी। 14 (ख) (IV) अनुसार यथास्थित राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर नियत किये गये अनुसार आय/आश्रिता मापदण्ड संबंधी वार्षिक प्रमाण पत्र प्रस्तुत करेंगे। (ख) जी हाँ। भारत सरकार का पेंशन एवं पेंशन कल्याण विभाग के कार्यालयीन ज्ञाप क्रमांक 1/13/2009/P&PW (E) दिनांक 28-02-2011 केन्द्रीय कर्मचारी हेतु लागू है। जी हाँ। राज्य शासन के कर्मचारियों को मध्यप्रदेश सिविल सेवा पेंशन नियम, 1976 लागू है। भारत सरकार एवं राज्य सरकार के पेंशन नियम पृथक-पृथक है। (ग) विधवा पुत्री या विच्छान्न विवाह पुत्रियों को पेंशन हेतु कोई पृथक प्रवर्ग नहीं है। अत: कोई सूची संधारित नहीं होती।
स्वतंत्रता संग्राम सैनानी की अविवाहित पुत्रियों को सम्मान निधि
[सामान्य प्रशासन]
72. ( क्र. 5598 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभागीय परिपत्र 06/09/1995 के अनुसार राज्य सम्मान निधि स्वतंत्रता संग्राम सैनानी तथा उसकी पत्नी के मरणोपरांत उसकी आश्रित अविवाहित पुत्री को अंतरण की जाती थी? इस प्रावधान को शासन द्वारा दिनांक 08/09/2004 द्वारा समाप्त कर दिया गया है? किस कारण से समाप्त किया गया? शासन को इस आदेश के समाप्त होने पर कितनी राशि की बचत हुई? (ख) नागदा जिला उज्जैन में स्व. सत्य नारायण सिंह तोमर व स्व. शंकरलाल माथने की 3 अविवाहित पुत्रियों द्वारा वर्ष 2012 से निरंतर मांग कर सम्मान निधि दिये जाने की मांग कर रही है? यदि हाँ, तो उन्हें सम्मान निधि क्यों नहीं दी जा रही है? कारण सहित विवरण दें। (ग) एक तरफ सरकार बेटी बचाओं की बात कर रही है वहीं दूसरी ओर स्वतंत्रता संग्राम सैनानी की अविवाहित बेटियों की पेंशन बंद की गई है? क्या शासन स्वतंत्रता संग्राम सैनानी की बेटियों की पेंशन पुनः चालू करने का आदेश प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रदेश सरकार द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सैनिक सम्मान निधि में कितनी राशि दी जा रही है? स्वतंत्रता संग्राम सैनानी पति, पत्नी दोनों की मृत्यु के पश्चात बेरोजगार आश्रित परिवार के सदस्यों को कौन-कौन सी सुविधा प्रदान कर रही है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। विभाग का प्रशासकीय निर्णय है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ख) जी हाँ, मांग की गई थी, प्रावधान न होने से स्वीकृत नहीं की गई। (ग) प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (घ) रूपये 25000/- प्रतिमाह सम्मान निधि दी जा रही है। शासकीय सेवा में प्राथमिकता देने का प्रावधान है।
जनभागीदारी से किये गये कार्यों की जानकारी
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
73. ( क्र. 5604 ) श्री जजपाल सिंह जज्जी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अशोकनगर जिले में मार्च 2019 से आज दिनांक तक जनभागीदारी से कौन-कौन से एवं कितने कार्य स्वीकृत किये गये हैं? राशि सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) यदि हाँ, तो कितने कार्य पूर्ण हो चुके हें? कितने अपूर्ण हैं? अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कर लिया जावेगा?
वित्त
मंत्री ( श्री
जगदीश देवड़ा )
: (क) जानकारी
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख)
24
कार्य पूर्ण
हो चुके है। 04 कार्य
अपूर्ण है। अपूर्ण
कार्यों को
पूर्ण करवाने
की निश्चित
तिथि बताया
जाना संभव नहीं
है।
परिशिष्ट
- "अठारह"
प्रदेश वासियों को नि:शुल्क कोरोना वेक्सीन का लाभ
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
74. ( क्र. 5645 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार ने कोरोना के लिए लगाए जाने वाले वेक्सीन के दो डोज के लिए कोई शुल्क निर्धारित किया है? यदि हाँ, तो वह कितना है? (ख) क्या सरकार सभी प्रदेश वासियों को कोरोना के लिए लगाए जाने वाले वेक्सीन के दो डोज नि:शुल्क उपलब्ध कराने पर विचार करेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। भारत शासन द्वारा निजी अस्पतालों में कोरोना वैक्सीन लगाये जाने हेतु रूपये 100/- सर्विस चार्ज एवं रूपये 150/- वैक्सीन चार्ज निर्धारित किया है। प्रदेश की सभी शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में कोरोना वैक्सीन निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। (ख) वर्तमान में प्रदेश की समस्त शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में पात्र हितग्राहियों (हेल्थ केयर वर्कर्स, फ्रंट लाईन वर्कर्स, 60 वर्ष अधिक आयुवर्ग तथा 45 वर्ष से 59 वर्ष के को-मोर्बिड हितग्राही) को कोविड-19 का टीका निःशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है। आगामी कार्यवाही भारत शासन से प्राप्त दिशा-निर्देशों के अनुरूप की जावेगी।
नवीन शासकीय महाविद्यालयों की वित्तीय स्वीकृति
[वित्त]
75. ( क्र. 5655 ) श्री संजय यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बजट सत्र म.प्र.शासन की पुस्तक अनुदानों की मांगें (38) वर्ष 2019-20 के मांग संख्या 044, लेखा शीर्ष 2202 की मद क्रमांक 2 (पृष्ट क्र. 38-47) में रू. 3, 0139200/- में प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बरगी के चरगवां एवं शहपुरा में शासकीय महाविद्यालय खोलने हेतु नवीन मद के रूप में शामिल किया गया था। साथ ही बजट सत्र म.प्र. शासन की पुस्तक बजट अनुमान वर्ष 2019-20 के खण्ड 4, (पृष्ट क्र.37) में वर्ष 2019-20 के लिए नवीन व्यय की अनुसूची में भी शामिल किया है? यदि हाँ, तो क्या इसका तात्पर्य यह है कि उक्त महाविद्यालयों को वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है? (ख) उपरोक्त महाविद्यालय के संबंध में आपके विभाग में फाईल (फाईल क्र. एफ 2-6/2019-38-2) कब-कब वित्तीय स्वीकृति के लिए पहुंची एवं विभाग द्वारा क्या-क्या क्योरी लगाई गई एवं क्यों? क्या लगाई गई क्योरी का जवाब विभाग को प्राप्त हो गया है? विभाग की स्वीकृति हेतु नियम की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) विभाग कब तक चरगवां एवं शहपुरा में शासकीय महाविद्यालय खोलने की वित्तीय स्वीकृति जारी करेगा? समय-सीमा बतावें। यदि नहीं, तो कारण देवें। विभाग द्वारा आज तक उक्त संबंध में की गई कार्यवाही की समस्त पत्राचार/प्रस्ताव का विवरण उपलब्ध करायें।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। बजट पुस्तिका में प्रावधान का उल्लेख किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। विभाग की स्वीकृति के नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। चरगवां से 12 किलोमीटर दूरी पर शासकीय महाविद्यालय गोटेगांव एवं शहपुरा से एक अशासकीय महाविद्यालय स्थित है एवं 20 किलोमीटर दूरी पर शासकीय महाविद्यालय पाटन संचालित है। उक्त दोनों स्थान पर 20 से 30 किलोमीटर की दूरी पर दो शासकीय एवं एक अशासकीय महाविद्यालय संचालित है जो दोनों ही स्थान के विद्यार्थी अध्ययन लाभ प्राप्त कर सकते हैं। पूर्व में विधानसभा याचिका क्रमांक 809 में विभाग द्वारा प्रस्तुत प्रति उत्तर से स्पष्ट है कि चरगवां एवं शहपुरा में नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ करने में कठिनाई है। पत्राचार के विवरण संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार।
अवैध/कच्ची शराब के प्रकरणों पर कार्यवाही
[वाणिज्यिक कर]
76. ( क्र. 5660 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 11 जनवरी 2021 को जिला मुरैना से छैरा मानपुर गांव में जहरीली शराब पीने से 28 लोगों की मौत की गंभीर घटना घटित हुई है? (ख) उक्त घटना के लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? उनके नाम व पद बतायें और उन पर क्या कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो बतावें। (ग) क्या घटना से छ: माह पूर्व की अवधि में जिला आबकारी विभाग मुरैना एवं संभागीय उड़नदस्ता संभाग ग्वालियर द्वारा अवैध मदिरा रोकने हेतु कच्ची शराब पकड़ने के कितने प्रकरण बनाये? (घ) क्या उक्त घटना के बाद दैनिक भास्कर ग्वालियर दिनांक 26.01.21 के अंक में प्रकाशित खबर अनुसार विभागीय मंत्री जी के लिखने के बाद भी आबकारी उपायुक्त एवं संभागीय उड़नदस्ता प्रभारी पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। यदि हाँ, तो कार्यवाही क्यों नहीं की गई? कार्यवाही कब तक की जावेगी? पूर्ण विवरण देवें।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) दिनांक 11 जनवरी 2021 की घटना में जिला मुरैना के ग्राम छैरा, मानपुर, महावली, बिलैया का पुरा, हडबांसी एवं रैपुरा जिला आगर सहित कुल 24 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) घटनाक्रम के संबंध में जाँच अभी प्रक्रियाधीन है। प्रथम दृष्टया कलेक्टर, जिला मुरैना एवं पुलिस अधीक्षक, जिला मुरैना को स्थानांतरित किया गया है। अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस), जौरा, थाना प्रभारी, पुलिस थाना बागचीनी एवं प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी, मुरैना तथा वृत्त जौरा के आबकारी उपनिरीक्षक को निलंबित किया जा चुका है। स्थानांतरण/निलबंन आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) आबकारी विभाग मुरैना एवं उपायुक्त आबकारी, संभाग ग्वालियर द्वारा संयुक्त रूप से कार्यवाही करते हुए जिला मुरैना में अवैध मदिरा रोकने हेतु कच्ची शराब के 87 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये जिनमें कच्ची शराब 2889 लीटर जप्त की गयी, जिसकी अनुमानित कीमत 3, 46, 680/- एवं लाहन 3248 किलोग्राम नष्ट की गई, जिसकी अनुमानित कीमत 1, 62, 400/- है। आबकारी विभाग मुरैना एवं उपायुक्त आबकारी, संभागीय उड़नदस्ता, ग्वालियर द्वारा संयुक्त रूप से की गई कार्यवाही में अवैध मदिरा रोकने हेतु कच्ची शराब के 32 प्रकरणों में सहयोग प्रदान किया गया है। (घ) प्रश्नांश (घ) प्रथम दृष्टया सीधे घटना के लिये जिम्मेदार न होने से अभी ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान
[वाणिज्यिक कर]
77. ( क्र. 5673 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम नगर निगम क्षेत्र में वर्ष 2016-17 से 2020-21 तक स्टाम्प ड्यूटी के साथ नगरीय कर की कितनी राशि वसूली गई है? (ख) उक्त वसूली राशि में से नगर निगम रतलाम को कितनी राशि का वर्षवार भुगतान कर दिया गया है? (ग) बकाया स्टाम्प ड्यूटी के नगरीय कर का भुगतान कब तक कर दिया जायगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) रतलाम नगर निगम क्षेत्र में वर्ष 2016-17 से 2020-21 (माह फरवरी 2020 तक) मध्यप्रदेश नगरपालिका निगम अधिनियम 1956 अंतर्गत अतिरिक्त शुल्क के रूप में उद्गृहीत राशि की वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पंजीयन विभाग द्वारा मध्यप्रदेश नगरपालिका निगम अधिनियम 1956 अंतर्गत अतिरिक्त शुल्क की राशि केवल संग्रहित की जाती है। भुगतान की कार्यवाही विभाग के क्षेत्रांतर्गत नहीं आती है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला चिकित्सालय में अत्याधुनिक पैथोलॉजी लैब की स्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
78. ( क्र. 5674 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य शासन द्वारा रतलाम जिला चिकित्सालय के लिये वेट लीज आधार पर स्वीकृत अत्याधुनिक पैथोलॉजी लैब कब तक प्रारंभ कर दी जायेगी? (ख) क्या इस लैब के लिये सभी उपकरण एवं आवश्यक सुविधायें उपलब्ध करवा दी गई हैं और कौन-कौन से उपकरण एवं मशीनें उपलब्ध करवा दी गई हैं तथा किन मशीनों एवं उपकरणों की अभी तक पूर्ति नहीं हो पाई है? (ग) मशीनों और उपकरणों के संचालन और रख-रखाव की क्या व्यवस्था रहेगी एवं संचालन हेतु कितना भुगतान किया जायेगा? (घ) अस्पताल के बाहर के मरीज भी इस पैथोलॉजी लैब में क्या अपनी जांचें करवा सकेंगे और उनका शुल्क क्या रहेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) रतलाम जिला चिकित्सालय के लिये वेट लीज आधार पर स्वीकृत अत्याधुनिक पैथोलॉजी लैब क्रियाशील है। (ख) जी हाँ। निविदा की शर्तों अनुसार लैब के लिए सभी उपकरण एवं आवश्यक सुविधायें उपलब्ध कर दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मशीनों और उपकरणों के संचालन रतलाम जिला चिकित्सालय के लैब टेक्नीशियनों द्वारा की जायेगी और मशीनों और उपकरणों का रख-रखाव की व्यवस्था निविदा की शर्तों अनुसार सर्विस एजेन्सी द्वारा की जायेगी एवं संचालन हेतु निविदा की शर्तों अनुसार जांचों के लिए निर्धारित दर अनुसार की गई जांचों के संख्या के आधार पर भुगतान किया जायेगा। (घ) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
टापू को पर्यटक स्थल घोषित किया जाना
[पर्यटन]
79. ( क्र. 5677 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या धार जिले के धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत धरमपूरी से निकल रही मां नर्मदा नदी के बीचो-बीच मनोरम टापू बना हुआ है, उस टापू पर मर्हिषि दधीची ऋषि का समाधि स्थल है एवं विल्व अमृतेश्वर शिवलिंग विराजमान है, जिसका उल्लेख शिव महापुराण में भी है? यदि हाँ, तो उक्त स्थल के संरक्षण एवं देख-रेख के लिये शासन की क्या योजना है? (ख) क्या सरकार उक्त टापू जो कि ऐतिहासिक है को पर्यटन स्थल घोषित कर सर्वसुविधायुक्त बनायेगी ताकि वह हनुमंतिया पर्यटक स्थल के समान अपनी पहचान बना सके? (ग) यदि हाँ, तो कब तक उक्त स्थल को पर्यटक स्थल घोषित किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। (ख) पर्यटन नीति 2016 संशोधित 2019 के तहत किसी स्थल को पर्यटन स्थल घोषित करने की कोई नीति नहीं है। (ग) उत्तरांश ''ख'' अनुसार।
अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों का निराकरण
[सामान्य प्रशासन]
80. ( क्र. 5680 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर संभाग में अनुकम्पा नियुक्ति के कितने प्रकरण कहाँ-कहाँ पर किन-किन स्तरों पर लंबित है? जिलावार प्रकरण संख्या किस स्तर पर लंबित है? प्रश्न दिनांक की स्थिती में बतावें। (ख) एक वर्ष से अधिक समय से लंबित प्रकरणों की जानकारी प्रश्नांश (क) अनुसार देवें। प्रकरणों की दिनांक, नाम, पता सहित देवें। (ग) कब तक इनका निराकरण कर दिया जाएगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जिलेवार एवं प्रकरणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) लंबित पात्र प्रकरणों का अतिशीघ्र निराकरण किया जाता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
निर्माण कार्यों की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
81. ( क्र. 5688 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले के महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में दिनांक 01/01/17 से 12/02/2021 तक कितने निर्माण कार्य स्वीकृत किए गए? कार्य नाम, लागत, कार्य पूर्ण/अपूर्ण स्थिती सहित देवें। (ख) क्या कारण है कि इस अवधि में निर्मित कुछ कार्य गुणवत्ताहीन हैं? इसकी जाँच कब तक की जाएगी? (ग) इनकी चयनित फर्मों के नाम, अचयनित फर्मों के नाम सहित टेंडर प्रक्रिया की जानकारी प्रश्नांश (क) अवधि अनुसार देवें। चयनित फर्म ने जो कार्य किया उसके कर्मचारियों के P.F. अकाउंट नम्बर कार्यवार, वर्षवार देवें। (घ) इन्हें भुगतान के लिए कितनी T.D.S. राशि काटी गई की जानकारी कार्यवार देवें। इनके निर्माण के समय निरीक्षणकर्ता अधिकारी की टीप का विवरण निरीक्षणवार, कार्यवार देवें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में किये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) तकनीकी अमले द्वारा समय-समय पर स्थल निरीक्षण किया गया है एवं मटेरियल टेस्ट कराये गये हैं, जिसके अनुसार कार्य की गुणवत्ता संतोषजनक है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। शेष जानकारी विभाग में संधारित नहीं की जाती है। (घ) विभिन्न देयकों से काटी गई टी.डी.एस. राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। एक कार्य प्रगतिरत है भुगतान के समय टी.डी.एस. राशि काटी जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
जिला चिकित्सालय अनूपपुर की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
82. ( क्र. 5699 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला चिकित्सालय अनूपपुर में कितने पद स्वीकृत हैं? कितने पद कब से रिक्त हैं एवं रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जायेगी? (ख) जिला चिकित्सालय अनूपपुर में किन-किन बीमारी का उपचार एवं ऑपरेशन किन डॉक्टर के द्वारा किया जाता है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में बीमारी के उपचार एवं शल्य क्रिया हेतु किन उपकरणों की आवश्यकता होती है? कौन से उपकरण प्रश्न दिनांक तक उपलब्ध है? सभी की वर्तमान स्थिति क्या है? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुक्रम में अस्पताल प्रबंधन ने विगत तीन वित्तीय वर्षों से शल्य क्रिया या अन्य कार्यों हेतु किन-किन उपकरणों की मांग शासन से की है? उक्त उपकरणों की आपूर्ति में क्या कोई दिक्कत आ रही है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो आपूर्ति क्यों नहीं की जा रही है? (ड.) 1 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने मरीजों को जिला चिकित्सालय अनूपपुर से अन्यत्र रेफर किया गया? किस कारण किया गया? कितने मरीजों का उपचार अस्पताल संसाधनों से किया जा सकता था?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है, निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) सभी बीमारियों का उपचा परिशिष्ट ''अ'' पर उल्लेखित चिकित्सा अधिकारियों द्वारा किया जाता है। डॉ. अल्का तिवारी, डॉ. सोशन खेस्स एवं डॉ. के.बी. प्रजापति द्वारा ऑपरेशन किया जाता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जी नहीं, मांग पत्र के अनुसार सभी उपकरण उपलब्ध करा दिये गए हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) 01 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक 13547 मरीजों को जिला चिकित्सालय अनूपपुर से आवश्यकतानुसार उच्च स्तरीय शासकीय संस्थाओं में बेहतर उपचार हेतु रेफर किया गया। मरीजों को चिकित्सकों की कमी, हाई रिस्क प्रेगनेंसी, सीवियर एनीमिया एवं टर्शरी उपचार हेतु रेफर किया गया है। अस्पताल में आये समस्त रोगियों के उपचार उपलब्ध संसाधनों से किया जाता है परन्तु चिकित्सकों की कमी, हाई रिस्क प्रेगनेंसी, सीवियर एनीमिया एवं टर्शरी उपचार हेतु रेफर किया जाता है।
पेयजल व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
83. ( क्र. 5700 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर की विधान सभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ के ग्रामीण एवं शहरी अंचलों की बस्ती में अभी से पीने के पानी की समस्या से ग्रसित कितने स्थल हैं जहाँ पर बोर पेयजल स्तर नीचे चले जाने से बंद हो गये है? यदि कोई ऐसा स्थान जहां पर सभी बोर बंद हो गये हैं, वहां पर पेयजल व्यवस्था हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) ग्रामीण अचंलों में संचालित ऐसी कितनी नलजल योजनायें हैं जिनके बोर जल स्तर नीचे चले जाने से बंद हो गये हैं? ऐसे स्थलों पर नल जल योजना को चालू किये जाने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) आगामी ग्रीष्म काल में पेयजल संकट और बढ़ने से ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल उपलब्ध कराने हेतु विभाग द्वारा क्या व्यवस्था की जा रही है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कोई भी शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र वर्तमान में पीने के पानी की समस्या से ग्रसित नहीं है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) जल स्तर की कमी से वर्तमान में कोई भी नलजल योजना बंद नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) आगामी ग्रीष्मकाल में पेयजल संकट प्रभावित ग्रामों/बसाहटों में पेयजल की उपलब्धता के लिये स्थापित हैण्डपम्पों में राइजर पाइप बढ़ाने, सिंगलफेस मोटर पंप स्थापित करने, तथा कम जल आवक क्षमता वाले नलकूपों में हाइड्रो फ्रैक्चरिंग के कार्य आवश्यकता अनुसार कराये जाते हैं।
हैण्डपम्प खनन की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
84. ( क्र. 5710 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में वर्ष 2020 में कितने हैण्डपम्प खनन की स्वीकृति प्रदान की गई थी? नलकूप खनन की संख्या, ठेकेदारों के नाम विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी दी जावे। (ख) सुमावली विधानसभा में उक्त समय अवधि में कितने हैण्डपम्प किस गांव में खनन किये गये? नलकूप (हैण्डपम्प) खनन की संख्या, ठेकेदारों के नाम, गांवों के नाम सहित जानकारी दी जावे। (ग) सुमावली विधानसभा क्षेत्र में हैण्डपम्प खनन के टेण्डर किस वर्ष, माह में हुए? कितने ठेकेदारों ने टेण्डर डाले? कितनों के मंजूर हुए? कितनों के निरस्त किये? निरस्त करने के क्या कारण रहे? निरस्त ठेकेदारों में कितनों ने विभाग में पूर्व में काम किये हैं? तथ्यों सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (घ) क्या सुमावली विधानसभा में जनसंख्या के मान से अधिक हैण्डपम्प खनन कई ग्रामों में कराये हैं? कुछ गांवों में पचास, पिचहत्तर से अधिक खनित हैण्डपम्पों में घटिया पाइपों के कारण कम्प्रेशर देने के बाद पाइप फट गये हैं। क्या विभाग इन्हें दोबारा लगायेगा? जानकारी दी जावे।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 1615 हैण्डपम्पों के खनन की स्वीकृति प्रदान की गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 एवं 4 अनुसार है। (घ) जी नहीं। जी नहीं, प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जौरा मुरैना तहसील में स्वीकृत नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
85. ( क्र. 5714 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले की जौरा मुरैना तहसील में वर्ष 2020 से फरवरी 2021 तक में कौन-कौन से ग्राम में नल-जल योजना स्वीकृत हुई एवं कार्य चल रहे हैं? गांव पंचायतों के नाम सहित जानकारी दी जावे। (ख) उक्त समय अवधि में स्वीकृत कार्यों में नल, टंकी बनाने की निविदायें कब हुईं? कितने ठेकेदारों ने निविदायें डाली तथा किन-किन ठेकेदारों को किन गांवों के कार्य स्वीकृत किये गये तथा उनकी दरें क्या थीं? पूर्ण जानकारी ठेकेदारों के नाम, दर सहित जानकारी दी जावे। (ग) क्या नल योजनाओं में उपयोग होने वाला पाइप निश्चित मार्का व प्रदेश द्वारा निर्धारित मापदण्डों का होना चाहिये जो नहीं लगाया जा रहा है? अन्य सामग्री भी मापदण्डों के अनुकूल नहीं लगाई जा रही हैं? तत्संबंधी पूर्ण जानकारी दी जावे।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) सामग्री निर्धारित मापदंडों के अनुसार लगाई जा रही है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सेवानिवृत्त चिकित्सकों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
86. ( क्र. 5725 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चिकित्सक/विशेषज्ञ संवर्ग के पिछले दो वर्षों में कितने चिकित्सक म.प्र. में सेवानिवृत्त हुए? जिलेवार वर्षवार सेवानिवृत्त चिकित्सकों की सूची उपलब्ध कराई जावे। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सेवानिवृत्त चिकित्सकों/विशेषज्ञों में से कितनों के पी.पी.ओ. जारी नहीं होने के बाद भी कोषालय द्वारा 90% अनुमानित पेन्शन स्वीकृत की जा रही है, कितनों की स्वीकृति नहीं की जा रही है? ऐसा क्यों किया जा रहा है, इसके लिए कौन दोषी हैं? (ग) क्या माननीय उच्चतम न्यायालय का स्थगन है कि सेवानिवृत्त चिकित्सकों से किसी भी प्रकार की कटौती न की जावे, फिर भी चिकित्सकों से कटौती की जा रही है, क्यों? (घ) सेवानिवृत्त चिकित्सकों की पेन्शन एवं अन्य स्वत्वों की राशि आज दिनांक तक उपलब्ध न कराये जाने का दोषी कौन है? विलम्ब से हुई क्षति की भरपाई दोषी अधिकारी/कर्मचारी करेंगे। क्या शासन दोषियों से 14% चक्रवृद्धि ब्याज के साथ भुगतान कराया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) प्रश्नांश (घ) में कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? दोषियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही निरुपित होगी? समय-सीमा बताई जावें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) प्रदेश में जिले अंर्तगत विभागीय संस्थाओं में पिछले दो वर्षों में 260 चिकित्सक/विशेषज्ञ सेवा निवृत्त हुऐ है। जिलेवार वर्षवार सेवानिवृत्त चिकित्सकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 36 सेवानिवृत्त चिकित्सकों/विशेषज्ञों के पी.पी.ओ. जारी नहीं होने के बाद भी कोषालय द्वारा 90% अनुमानित पेन्शन स्वीकृत की गई है। 25 सेवानिवृत्त चिकित्सकों/विशेषज्ञों के पी.पी.ओ. जारी नहीं होने के बाद भी कोषालय द्वारा 90% अनुमानित पेन्शन स्वीकृत नहीं की गई है। संबंधित चिकित्सक/विशेषज्ञ का न जांच न मांग न घटना संबंधी अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी न होने अथवा लोकायुक्त प्रकरण प्रचलित होने/विभागीय जाँच संस्थित होने/वेतन निर्धारण में सुधार हेतु संभागीय कोषालय अधिकारी/जिला कोषालय अधिकारी द्वारा प्रकरण में आपत्ति लिए जाने के कारण प्रकरण प्रक्रियाधीन है। जिला कोषालय/संभागीय कोषालय अधिकारी द्वारा प्रकरणों में समस्त आपत्तियों के निराकरण उपरांत ही पेंशन/स्वत्वों का भुगतान किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मा. उच्चतम न्यायालय द्वारा चार स्तरीय वेतनमान संबंधी अधिक भुगतान की राशि की वसूली पर दिनांक 04.02.2019 में पारित आदेशानुसार ''There shall be stay of recovery untill further orders.'' के पालन में शासन आदेश क्रमांक एफ 3-1/2019/सत्रह/मेडि-1 दिनांक 30.05.2019 के द्वारा मा. उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित निर्णय दिनांक 11 अक्टूबर 2018 के संदर्भ में आदेश जारी किए जा चुके हैं। प्रकरण में मा. उच्चतम न्यायालय द्वारा अंतिम निर्णय पारित किए जाने के उपरांत तदानुसार कार्यवाही की जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ''ख'' एवं ''ग'' में वर्णित तथ्यों के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) उत्तरांश ''ख'' एवं ''ग'' में वर्णित तथ्यों के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सेवानिवृत्त कर्मचारियों को कार्य मुक्त किया जाना
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
87. ( क्र. 5726 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग में ऐसे कितने जिले हैं जहां जिला योजना अधिकारी/जिला सांख्यिकी अधिकारी अपने गृह जिले में पदस्थ हैं? प्रदेश में प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के अधिकारी कितने समय तक एक ही जिले में पदस्थ रह सकते हैं? नियम बताएं। योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग में ऐसे कितने जिले हैं जहां सेवानिवृत्त कर्मचारी कार्यरत हैं। (ख) क्या जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय सतना में पदस्थ सेवानिवृत्त कर्मचारी आर.पी.सिंह एवं डी.पी. यादव द्वारा कार्यालयीन कार्य करने में लापरवाही की जाती है? क्या जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय सतना में पर्याप्त संख्या में कर्मचारी पदस्थ नहीं हैं और यदि उपलब्ध हैं तो सेवानिवृत्त कर्मचारियों को आकस्मिक मद से रखने का क्या औचित्य है? (ग) इन सेवानिवृत्त कर्मचारियों को किस प्रावधान के अन्तर्गत कब से रखा गया है? नियम बताएं एवं किसके आदेश पर रखा गया है? यदि जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय सतना में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को नियम विरुद्ध रखा गया है, तो इन्हें कब तक हटाया जाकर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) विभाग के अंतर्गत अधीनस्थ जिला कार्यालयों में 02 जिलों में जिला सांख्यिकी अधिकारी गृह जिले में पदस्थ है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी दिनांक 04 जून 2019 की स्थानांतरण नीति की कंडिका 11.4 में उल्लेख है कि जिलों में पदस्थ प्रथम श्रेणी एवं द्वितीय श्रेणी के कार्यपालिक अधिकारियों के एक ही स्थान पर तीन वर्ष की पदस्थापना पूर्ण कर लेने पर जिले से अन्यत्र प्राथमिकता पर स्थानांतरण किया जा सकेगा। यह अनिवार्य नहीं है कि तीन वर्ष पूर्ण होने पर स्थानांतरण किया ही जावे। जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय सतना एवं देवास में सेवानिवृत्त कर्मचारी कार्यरत है। (ख) जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय सतना में कार्यरत सेवानिवृत्त कर्मचारियों के संबंध में कार्यालयीन कार्य में लापरवाही संबंधी कोई पत्र प्राप्त नहीं है। जिले में पर्याप्त अमला न होने से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को अनुभव एवं योग्यता के आधार पर कार्य संपादन हेतु रखा गया है। (ग) जिले में सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत 02 प्रतिशत की राशि कार्यालयीन व्यय हेतु प्राप्त होती है उस राशि के अंतर्गत 89-89 दिन की मजदूरी पर कलेक्टर सतना के अनुमोदन पश्चात श्री आर.पी.सिंह को दिनांक 31.03.2015 से एवं श्री डी.पी. यादव को दिनांक 03.01.2015 से तथा जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय देवास में श्री महेश कुमार भावसार को कलेक्टर देवास द्वारा दिनांक 15.03.2018 को प्रदाय अनुमति पश्चात दिनांक 15.03.2018 से रखा गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एम्बुलेंस वाहन सुविधा
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
88. ( क्र. 5738 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले अंतर्गत सिविल मेहताब अस्पताल नरसिंहगढ़, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बोड़ा, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कुरावर एवं तलेन अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों से मरीजों/प्रसूता महिलाओं को लाने ले जाने एवं गंभीर दुर्घटना के मामले में अन्य चिकित्सालय में रेफर करने हेतु प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से वाहनों की स्थाई रूप से उक्त केन्द्रों पर व्यवस्था उपलब्ध हैं तथा उक्त वाहन कितने पुराने होकर किस दिनांक से उक्त स्वास्थ्य केन्द्रों पर संलग्न हैं? (ख) क्या सिविल मेहताब अस्पताल नरसिंहगढ़ में एक एम्बुलेंस वाहन वर्तमान में उपलब्ध हैं जो कि काफी पुराना होकर कंडम स्थिति में हैं एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बोड़ा एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कुरावर एवं तलेन में कोई वाहन व्यवस्था उपलब्ध नहीं हैं तो क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र दिनांक 18.11.2020 से सिविल अस्पताल नरसिंहगढ़ में एक जननी वाहन व एक 108 एम्बुलेंस, स्वास्थ्य केन्द्र बोड़ा में एक एम्बुलेंस वाहन, स्वास्थ्य केन्द्र तलेन में एम्बुलेंस वाहन तथा स्वास्थ्य केन्द्र कुरावर में एक जननी वाहन एवं एक 108 एम्बुलेंस वाहन उपलब्ध करने की मांग माननीय विभागीय मंत्री से की गई थी? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या कोई कार्यवाही की गई हैं? (ग) क्या शासन उक्त वर्णित अस्पताल एवं स्वास्थ्य केन्द्रों पर प्रश्नांश (ख) वर्णित मांग अनुसार एम्बुलेंस वाहन प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) राजगढ़ जिले अंतर्गत सिविल मेहताब अस्पताल नरसिंहगढ़, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कुरावर, एवं तलेन में जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार वाहन उपलब्ध है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बोड़ा में कोई भी वाहन उपलब्ध नहीं होने से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पचोर स्थित 108 एम्बुलेंस वाहन एवं जननी एक्सप्रेस वाहनों द्वारा बोड़ा क्षेत्र के मरीजों/प्रसूता महिलाओं को भी एम्बुलेंस वाहन सेवा उपलब्ध कराई जाती है। (ख) जी हाँ, पूर्व में सिविल मेहताब अस्पताल नरसिंहगढ़ में एक शासकीय वाहन जो कि वर्ष 2000 से आवंटित है एवं कंडम स्थिति में है, वर्तमान में सिविल मेहताब अस्पताल नरसिंहगढ़ में 2019 मॉडल की 01, 108 एम्बुलेंस वाहन एवं 01 जननी एक्सप्रेस वाहन संचालित है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बोड़ा में कोई एम्बुलेंस वाहन उपलब्ध नहीं है, उक्त क्षेत्र हेतु नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पचोर में उपलब्ध जननी एक्सप्रेस एवं 108 एम्बुलेंस वाहनों द्वारा पचोर के साथ-साथ बोड़ा को भी एम्बुलेंस सेवा प्रदाय की जा रही है, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कुरावर में 01 जननी एक्सप्रेस एवं 01 , 108 एम्बुलेंस वाहन संचालित है, इसी प्रकार प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तलेन में भी 01 जननी एक्सप्रेस वाहन संचालित है। जी हाँ, विभाग द्वारा सिविल मेहताब अस्पताल नरसिंहगढ़ में 01 जननी एक्सप्रेस एवं 01, 108 एम्बुलेंस वाहन उपलब्ध है तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कुरावर में जननी एक्सप्रेस एवं 108 एम्बुलेंस वाहन उपलब्ध है तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तलेन में एक जननी एक्सप्रेस वाहन उपलब्ध है। (ग) चूंकि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बोड़ा से लगभग 10 किलोमीटर स्थित पचोर लोकेशन की जननी एक्सप्रेस एवं 108 एम्बुलेंस वाहन द्वारा क्षेत्रांतर्गत निवासरत आमजन को वाहन लाभ प्रदाय किया जा रहा है एवं उक्त प्रश्नांश (ख) वर्णित मांग अनुसार सिविल अस्पताल नरसिंहगढ़, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तलेन एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कुरावर में पूर्व से ही एम्बुलेंस वाहनें संचालित है। अतः प्रश्न भाग के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वास्थ्य केंद्र का उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
89. ( क्र. 5741 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में खाद्य एवं औषधि प्रशासन के कितने खाद्य सुरक्षा अधिकारी (एफएसओ) एक ही जिले में 6 से अधिक वर्षों से पदस्थ हैं? नाम व जिले सहित इन अधिकारियों का ब्यौरा दें। (ख) क्या उक्त अधिकारियों को स्थायी रुप से संबंधित-जिलों में पदस्थ किया गया है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें। यदि नहीं, तो कब अन्यत्र पदस्थापना की जाएगी? (ग) प्रदेश के किन-किन प्रायमरी, सामुदायिक एवं सिविल स्वास्थ्य केंद्रों पर कितने डॉक्टरों/विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है? उक्त स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की भर्ती कब-कब हुई, कब से क्यों नहीं हुई? जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक कारण सहित ब्यौरा दें। (घ) प्रायमरी स्वास्थ्य केंद्र से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से सिविल अस्पताल में उन्नयन के लिए क्या प्रक्रिया वर्तमान में प्रचलित है? जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक इंदौर संभाग में स्वास्थ्य केंद्रों के उन्नयन का प्रखंडवार/वर्षवार ब्यौरा दें। (ङ) मनावर विधानसभा में जनसंख्या (4.5 लाख आबादी) के अनुसार कितने प्रायमरी एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का सामुदायिक एवं सिविल अस्पताल में उन्नयन किया गया? प्रायमरी, सामुदायिक एवं सिविल अस्पतालों में प्रतिवर्ष किस कंपनी/फर्म की कौन-कौनसी कितनी दवाईयां किसके द्वारा वितरित की गईं? जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक की वर्षवार जानकारी ब्यौरा सहित दें। (च) विभाग द्वारा कोरोना-काल में स्वास्थ्य जनजागरुकता के लिए कौन-कौन से मेलों का आयोजन किस दिनांक को कहाँ-कहाँ किया गया?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। राज्य शासन द्वारा जारी स्थानांतरण नीति के अनुरूप पदस्थापना की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) से (च) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
औद्योगीकरण को बढ़ावा देने की नीति
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
90. ( क्र. 5746 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिला अंतर्गत शासन/विभाग द्वारा विभिन्न उद्योगों में निवेश हेतु वर्ष 2015- 16 से लेकर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्य किए गए? (ख) जिले में ऐसे किन-किन स्थानों को विशेष रूप से चिन्हित कर किस-किस प्रकार की कितनी उल्लेखनीय योजनाएं बनाई? (ग) जिले में चयनित अथवा चिन्हित ऐसे कौन-कौन से स्थान हैं, जिन स्थानों को रतलाम रेलवे जंक्शन तथा फोरलेन व टू-लेन के साथ आठ लेन सड़क मार्गों का उल्लेख कर अति विशिष्ट योजना बनाई हो, जो उल्लेखनीय हो? (घ) क्या केंद्र/राज्य प्रवर्तित शासन/विभाग द्वारा प्रश्न (ग) उल्लेखित मुख्य विशेषताओं को दृष्टिगत रखते इण्डस्ट्रीयल कॉरिडोर, डीएमआईसी अथवा कोई अन्य दोनों शासनाधीन उपरोक्त उल्लेखित योजना अथवा किसी अन्य योजना के माध्यम से किसी कोई विशेष कार्य योजना एवं निवेश आकर्षण हेतु फोल्डर उद्योग समिति हेतु बनाए गए हैं? जानकारी दें।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) से (घ) (i) प्रदेश में औद्योगिकरण को बढ़ावा देने तथा उद्योगों में निवेश वृद्धि के लिये समय-समय पर विभाग द्वारा उद्योग नीति जारी की जाती रहीं है तथा वर्तमान में इस कार्य हेतु विभाग द्वारा जारी म.प्र. एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना 2019 प्रभावशील है, जिसके माध्यम से औद्योगिक इकाईयों को विभिन्न सुविधाऐं का लाभ प्राप्त होता है। (ii) वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक विभाग की विभिन्न नीतियों के माध्यम से रतलाम जिले में 66 इकाईयों को रूपये 1473.20 लाख अनुदान स्वीकृत किया गया है। (iii) रतलाम जिले में औद्योगिक इकाईयों को उद्योग स्थापनार्थ भूमि प्रदाय करने के लिये औद्योगिक क्षेत्र कुम्हारी तहसील जावरा के विस्तार के लिये 4.527 हेक्टेयर भूमि पर अधोसंरचना विकसित की जा रही है। (iv) रतलाम जिले के उद्यमियों को औद्योगिक क्षेत्र में रियायती दरों पर भूमि उपलब्ध कराने के लिये ग्राम बीरमावल में 100 हेक्टेयर भूमि चिंहित की गई है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अनुसार रतलाम जिले अंतर्गत विभाग द्वारा विभिन्न उद्योगों में निवेश आकर्षित करने हेतु औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के अधीन ग्राम करमदी में नमकीन क्लस्टर औद्योगिक क्षेत्र के रूप में 18.15 हेक्टेयर भूमि में विकसित किया गया है। नमकीन क्लस्टर औद्योगिक क्षेत्र में अधोसंरचना विकास कार्य कराये गये हैं जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त के अतिरिक्त एल्कोहल प्लांट रतलाम एवं जावरा शुगर मिल की भूमि, औद्योगिक क्षेत्र विकास हेतु चिन्हित की गई है। उक्त भूमि पर उद्योग स्थापना के लिए इच्छुक उद्यमियों से अभिरूचि (Expression of Interest) मांगे गये है, जिसमें औद्योगिक क्षेत्र रतलाम एवं जावरा शुगर मिल में प्रसतावित औद्योगिक क्षेत्र हेतु क्रमश: 97 एवं 244 उद्योगपतियों द्वारा अभिरूचि दर्शाई गई है। इन चिन्हित क्षेत्रों में अभी अधोसंरचना विकास कार्य नहीं किए गए हैं। मुम्बई दिल्ली एक्सप्रेस-वे के निकट औद्योगिक पार्क हेतु ग्राम बिबडोद, जामथुन, जुलवानिया, पलसोढी, रामपुरिया एवं सरवनीखुर्द की भूमि प्रस्तावित है, पार्क की योजना अभी प्रारंभिक स्थिति में है। भूमि का चयन एवं परियोजना प्रतिवेदन तैयार करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उक्त पार्क के विकास हेतु एन.आई.सी.डी.सी. (National Industrial Corridor Development Corporationltd.) के अन्तर्गत चिन्हित नोड्स के प्रभावी क्षेत्र (Influence Rigion) के रूप में अधोसंरचना विकास हेतु सहयोग देने हेतु एन.आई.सी.डी.सी. को पत्र लिखा गया है।
भूमि के बदले भूमि का लाभ दिये जाने के संबंध में
[नर्मदा घाटी विकास]
91. ( क्र. 5764 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निसरपुर पुनर्बसाहट हेतु अधिग्रहित कृषि भूमि के प्रभावित किसान एवं सरदार सरोवर बांध की डूब से प्रभावित किसान एक ही परियोजना से प्रभावित हो रहे है। (ख) यदि हाँ, तो फिर एक परियोजना से प्रभावित किसानों को दिये जाने वाले लाभ में अंतर क्यों किया जा रहा है? (ग) क्या सरदार सरोवर की बांध की डूब से प्रभावित किसानों की कुल भूमि में से 25 प्रतिशत से अधिक भूमि डूब से प्रभावित होती है तो उन्हें भूमि के बदले भूमि का लाभ दिया जा रहा है तो पुनर्बसाहट हेतु भूमि अधिग्रहण से प्रभावित किसानों को क्यों नहीं? (घ) क्या पुनर्बसाहट स्थल पर कृषि भूमि से प्रभावित किसानों के प्रकरणों में हाई कोर्ट इंदौर द्वारा भूमि के बदले भूमि प्रदाय किये जाने के आदेश दिए हैं यदि हाँ, तो इन किसानों को कब तक भूमि के बदले भूमि प्रदाय का लाभ प्रदान कर दिया जावेगा।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) :(क) जी हाँ। (ख) पुनर्बसाहट हेतु अधिग्रहित कृषि भूमि के प्रभावित किसानों को विस्थापित मान्य नहीं किया गया है। पुनर्वास नीति के प्रावधानों में दोनों श्रेणियों के किसानों/प्रभावित परिवारों को देय लाभ के पृथक-पृथक प्रावधान हैं। (ग) सरदार सरोवर परियोजना की डूब से 25 प्रतिशत से अधिक भूमि प्रभावित परिवारों को भूमि के बदले वैकल्पिक भूमि का लाभ दिये जाने का प्रावधान होने से ऐसे परिवारों को लाभ दिया गया है। पुनर्बसाहट स्थल हेतु अधिग्रहित भूमि के प्रभावित कृषकों को विस्थापित मान्य किये जाने का प्रावधान नहीं होने से भूमि के बदले भूमि का लाभ देय नहीं है। (घ) WP क्र. 5594/2016 में दिनांक 08.03.2018 को पारित आदेश में माननीय उच्च न्यायालय ने शिकायत निवारण प्राधिकरण द्वारा पारित आदेश को यथावत रखा है जिसके अनुसार भूमि के बदले भूमि देने के निर्देश हैं। इस आदेश दिनांक 08.03.2018 के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय में पुनरीक्षण याचिका क्र. 1444/2018 दायर की गई है जो वर्तमान में माननीय उच्च न्यायालय में लंबित है। WP क्र. 5228/2016 में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 09.05.2017 को आदेश पारित करते हुये जी.आर.ए. द्वारा वैकल्पिक भूमि आवंटन के आदेश को निरस्त करते हुए भूमि स्वामियों को यह स्वतंत्रता दी थी कि वे माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के प्रकाश में लाभ प्राप्त करने हेतु जी.आर.ए. के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। आवेदक द्वारा आगे कोई कार्यवाही नहीं की गयी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हितग्राहियों को एन.पी.ए. योजना का लाभ
[वित्त]
92. ( क्र. 5791 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना बंद कर नवीन पेंशन योजना प्रांरभ की गई है? यदि हाँ, तो किस नाम से, कब से, किस नियमों/निर्देशों के साथ, किस कार्ययोजना पर एवं वर्तमान में अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न दिनांक तक कितने कर्मचारियों/अधिकारियों को उक्त पेंशन योजना में पंजीकृत किया गया है? कितने शेष है एवं, उन्हें कब तक पंजीकृत किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में क्या नवीन पेंशन प्रणाली को बंद कर पुरानी पेंशन प्रणाली लागू कराने हेतु कर्मचारियों/अधिकारियों के संघ ने, जनप्रतिनिधियों/गणमान्य नागरिकों ने एवं विभाग को विधानसभा सूचना/पत्र/अनुशंसा पत्र प्रेषित किये है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक प्राप्त पत्रों/सूचनाओं/अनुशंसाओं पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) उपरोक्त के संबंध में नवीन पेंशन प्रणाली लागू होने के बाद से कर्मचारियों/अधिकारियों का आकस्मिक निधन हो जाने से उनके परिवार को किस प्रकार सहायता/पेंशन दी जाती है? लम्बित प्रकरणों के शीघ्र निराकरण के लिये क्या शासन कोई दिशा निर्देश जारी करेगा।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं, दिनांक 01-01-2005 से पूर्व नियुक्त कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना प्रचलन में है, जबकि दिनांक 01-01-2005 के पश्चात् नियुक्त कर्मचारियों के लिए नवीन पेंशन योजना प्रभावशील है। म.प्र.शासन वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 13-04-2005 द्वारा म.प्र.सिविल सेवा के पदों पर दिनांक 01-01-2005 के पश्चात् नियुक्त कर्मचारियों के लिए परिभाषित अंशदायी योजना लागू की गई जो कि वर्तमान में राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के नाम से प्रचलित है। भारत सरकार द्वारा दिनांक 01-01-2004 से लागू योजना के अनुक्रम में मध्यप्रदेश में दिनांक 01-01-2005 तथा उसके पश्चात् जारी निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -अ अनुसार। योजना सफलतापूर्वक क्रियान्वित की जा रही है। (ख) दिनांक 01-01-2005 के पश्चात् नियुक्त 4,41,478 कर्मचारियों को संबंधित योजनान्तर्गत पंजीकृत किया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -ब अनुसार। यह सतत् प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत नवीन नियुक्तियां होने पर कर्मचारी/अधिकारियों को पंजीकृत किया जाता है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। भारत सरकार द्वारा लागू की गई पुनर्संरचित राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली अनुसार ही मध्यप्रदेश शासन द्वारा भी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली सफलतापूर्वक लागू की गई। नवीन पेंशन प्रणाली को बंद कर पुरानी पेंशन बहाल किये जाने का कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) म.प्र.शासन वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 06-08-2014 के द्वारा राष्ट्रीय पेंशन योजना के अंतर्गत कर्मचारी/अधिकारी की मृत्यु होने पर मृत्यु दिनांक तक कुल जमा अंशदान राशि का 20 प्रतिशत राशि एकमुश्त मृत्यु अभिदाता के नॉमिनों को दी जाती है। शेष 80 प्रतिशत राशि से पी.एफ.आर.डी.ए. द्वारा नियुक्त ए.एस.जी. से एन्युटी क्रय मासिक पेंशन प्राप्त करता है। इसके साथ ही नॉमिनों को उपादान जी.आई.एस. तथा अवकाश नगदीकरण का भी लाभ दिया जाता है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कर्मचारियों को तृतीय समयमान वेतनमान आगामी पद के अनुरूप दिया जाना
[वित्त]
93. ( क्र. 5794 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सचिवालयीन लिपिक वर्गीय कर्मचारियों को शासन की नीति अनुसार 10, 20, 30 वर्ष के सेवाकाल के उपरांत आगामी पद का वेतनमान समयमान वेतनमान के रूप में दिया जाता है? यदि हाँ, तो पद एवं वेतनमान का स्पष्ट उल्लेख करें। (छठवें वेतनमान अनुसार) (ख) क्या सचिवालयीन अनुभाग अधिकारी के वेतनमान में संशोधन किया गया है यदि हाँ, तो कब से एवं क्या संशोधन किया गया है? वेतनमान बतायें। (ग) क्या सचिवालयीन लिपिक वर्गीय कर्मचारियों को तृतीय समयमान अनुभाग अधिकारियों को दिये जा रहे वेतनमान के अनुरूप दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक संशोधित वेतनमान के अनुरूप तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ कर्मचारियों को दिया जावेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं। समयमान वेतनमान योजना आगामी पद के अनुरूप न होकर उच्चतर वेतनमान पर आधारित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। अनुभाग अधिकारी वेतनमान 9300-34800+4200 को आदेश दिनांक 07-06-2018 से वेतनमान 9300-34800+4800 किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। प्रश्नोत्तर (क) के संदर्भ में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अस्पतालों/स्वास्थ केन्द्र में रिक्त पदों की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
94. ( क्र. 5795 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के अन्तर्गत सिविल अस्पताल लहार एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में कितने-कितने पद किस-किस श्रेणी के स्वीकृत है एवं उन स्वीकृत रिक्त पदों के विरूद्ध कितने पद भरें है एवं कितने पद रिक्त है? पदवार पृथक पृथक विवरण दें? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा सिविल अस्पताल लहार में रिक्त पदों को भरने हेतु कब-कब विभाग को पत्र लिखे गए एवं उन पत्रों पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) सिविल अस्पताल लहार एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में रिक्त पदों की पूर्ति नहीं किए जाने के क्या कारण है एवं कब तक रिक्त पदों की पूर्ति की जाएगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) माननीय सदस्य का पत्र क्रमांक 6328 दिनांक 16.12.2019 के द्वारा डॉ. भागीरथ अर्गल, सर्जरी विशेषज्ञ को यथावत लहार भिण्ड में रखे जाने के लेख के संदर्भ में संचालनालय के आदेश क्रमांक 2375 दिनांक 19.12.2019 के द्वारा डॉ. भागीरथ अर्गल को यथावत लहार में ही रखे जाने संबंधी आदेश जारी किए गए। विभाग रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निरंतर प्रयास कर रहा है, मा. सदस्यों से प्राप्त पत्र के आधार पर रिक्तियॉ तैयार करते हुए काउंसलिंग में प्रदर्शित किया जाता है। कांउसलिंग में उपस्थिति चिकित्सकों द्वारा स्थल चयन करने की स्थिति में पदस्थापना आदेश जारी किए जाते हैं। वर्ष 2020 में 02 नियमित एवं 01 संविदा आर.सी.एच. चिकित्सक की पदस्थापना सिविल अस्पताल लहार में की गई है। सिविल अस्पताल लहार में विशेषज्ञ के 05 तथा चिकित्सा अधिकारियों के 05 पद स्वीकृत है तथा 01 सर्जरी विशेषज्ञ, 01 शिशुरोग विशेषज्ञ व 05 नियमित चिकित्सा अधिकारी एवं 03 संविदा आर.सी.एच. चिकित्सक कार्यरत है। विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी के कारण शतप्रतिशत पद पूर्ति में कठिनाई हो रही है। चिकित्सकों एवं स्टॉफ की उपलब्धता अनुसार पदपूर्ति निरंतर जारी है। (ग) विधानसभा क्षेत्र लहार अंतर्गत सिविल अस्पताल लहार एवं 07 प्राथमिक स्वाथ्य केन्द्र यथा मिहोना, मडण्ड, दबोह, आलमपुर, बरहा, असवार एवं बिजौरारावत पुरा संचालित हैं। सिविल अस्पताल लहार में 05 नियमित एवं 03 संविदा एन.एच.एम. चिकित्सक तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मिहोना में 01 नियमित, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मछण्ड में 01 नियमित व 01 संविदा एन.एच.एम. प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र दबोह में 01 संविदा एन.एच.एम., प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र आलमपुर में 01 नियमित व 01 संविदा एन.एच.एम., प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बरहा में एक संविदा एन.एच.एम., प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र असवार में 01 नियमित एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बिजोरा-रावतपुरा में 01 संविदा एन.एच.एम. चिकित्सक कार्यरत हैं। अतः लहार विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत समस्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में नियमित अथवा संविदा चिकित्सक पदस्थ हैं एवं सहायक स्टॉफ के सहयोग से आमजन को स्वास्थ्य सेवायें प्रदान कर रहे हैं। वर्ष 2020 में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मिहोना, मछण्ड, दबोह, असवार एवं बिजौरा रावतपुरा में 01-01 स्टॉफ नर्स की पदस्थापना भी की गई है। प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी है स्वीकृत 3615 पदों के विरूद्ध 674 विशेषज्ञ कार्यरत है। विशेषज्ञों के शतप्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है एवं मा. उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति के संदर्भ में प्रचलित प्रकरण के कारण माह मई 2016 से पदोन्नति की प्रक्रिया विलंबित होने के कारण विशेषज्ञों के पद भरे जाने में कठिनाई हो रही है। पैरामेडिकल/नर्सिंग संवर्ग के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से संविदा नियुक्ति संबंधी कार्यवाही निरंतर जारी है। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
यांत्रिकी विभाग द्वारा नवीन हैण्डपम्पों का खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
95. ( क्र. 5812 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग द्वारा नवीन नलकूपों/हैण्डपम्पों के खनन कराये जाने बावत् कार्यादेश जारी किये जाते हैं? कार्यादेश की शर्त क्या होती है। शहडोल जिले अंतर्गत वर्ष 2018 से प्रश्नांश दिनांक तक में कितने नवीन नलकूप/हैण्डपम्पों का खनन कराया गया? मदवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार नलकूपों/हैण्डपम्पों के खनन पूर्व प्राक्कलन एवं तकनीकी स्वीकृति किन सक्षम अधिकारियों द्वारा जारी की जाती है? क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अलावा अन्य विभागों को भी प्राक्कलन व तकनीकी स्वीकृति दिये जाने बावत अधिकृत किया गया है? जहां पर निर्माण एजेंसी पंचायत हो वहां प्राक्कलन व तकनीकी स्वीकृति किनके द्वारा जारी की जा रही है अथवा पंचायतों को कार्य कराये जाने की अनुमति नहीं है। तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार खनन कराये गये नलकूपों/हैण्डपम्पों में से कितने कार्य विभाग द्वारा एवं कितने कार्य संविदाकारों द्वारा कराये गये पृथक-पृथक विवरण प्रश्नांश (क) की अवधि अनुसार देवें। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) अनुसार कराये गये नवीन नलकूपों/हैण्डपम्पों के खनन के कार्य प्रश्नांश (ख) अनुसार जारी प्राक्कलन एवं तकनीकी स्वीकृति अनुसार नहीं मौके पर हुए जिसके कारण धंसने एवं पानी न देने की शिकायतें प्राप्त हो रही है। इसकी जाँच क्या उच्च स्तरीय समिति बनाकर जाँच करावेंगे? (ङ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) में उल्लेखित तथ्यों अनुसार कार्यवाही न करने एवं न करवाने वाले किन-किन पर क्या कार्यवाही करेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) प्राक्कलन उपयंत्री एवं सहायक यंत्री द्वारा तैयार किया जाता है एवं तकनीकी स्वीकृति वित्तीय नियम पुस्तिका 1995 में विद्यमान नियमानुसार सक्षम अधिकारी द्वारा जारी की जाती है। जी हाँ। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से संबंधित कार्यों की तकनीकी स्वीकृति विभाग के कार्यपालन यंत्री द्वारा जारी की जा रही है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जी नहीं, कोई शिकायत प्राप्त नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) उत्तरांश 'क' से 'घ' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
समय पर कार्य पूर्ण न करवाने वालों पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
96. ( क्र. 5813 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ब्यौहारी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जल निगम के कार्य 2 वर्ष पूर्व संचालित किये गये तो उनकी वर्तमान में भौतिक स्थिति क्या है? कार्य प्राक्कलन एवं तकनीकी स्वीकृति अनुसार कराये जा रहे हैं? इनकी कार्य अवधि पूर्ण करने की क्या थी? समय पर कार्य न पूर्ण करने पर किन-किन जिम्मेदारों पर कब-कब, कौन-कौन सी कार्यवाही की गई। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अगर संचालित योजना समय पर पूरी नहीं की गई जिसके कारण क्षेत्र में घोर पेयजल संकट उत्पन्न है तो शासन इस बावत् क्या कार्यवाही करेंगा? क्या जल संकट के निवारण बावत् कोई कार्य योजना शासन द्वारा तैयार की गई है तो बतावें? अगर नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) की संचालित योजना को प्राक्कलन एवं तकनीकी स्वीकृति अनुसार कार्य न कराने अनुबंध की शर्तों अनुसार समय पर कार्य न पूर्ण करने के संविदाकार/ठेकेदार पर कब-कब, कौन-कौन सी कार्यवाही प्रस्तावित की गई? (घ) प्रश्नांश (क) की योजना समय पर पूर्ण न कराये जाने एवं न करने वाले जिम्मेदारों की पहचान कर उन पर क्या कार्यवाही करेंगे?साथ ही उपरोक्त (ख) एवं (ग) में उल्लेखित तथ्यों अनुसार जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे, क्या उच्चस्तरीय समिति बनाकर जाँच कराये जाने का निर्देश जारी करेगें? नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जाती है। (ख) जी नहीं, पूर्व से विद्यमान पेयजल व्यवस्था से पेयजल प्रदाय हो रहा है। जी हाँ, कार्ययोजना बनायी गयी है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी। कार्य में विलम्ब मुख्यतः वन विभाग से अनुमति न मिलने के कारण हुआ है, अतः उच्चस्तरीय समिति से जाँच की वर्तमान में आवश्यकता नहीं है।
पेटेन्ट किए जाने की प्रक्रिया
[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
97. ( क्र. 5831 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में पेटेंट से संबंधित क्या प्रावधान प्रचलित है उसके लिए क्या-क्या प्रक्रिया निर्धारित है। प्रति सहित बतावें? (ख) प्रदेश से संबंधित कितने पेटेंट अभी तक पंजीकृत किए गए है उनसे संबंधित जानकारी शासन किस साईड या पोर्टल पर उपलब्ध करवा रहा है। (ग) शासन प्रदेशवासियों को देश के स्तर पर एवं विदेशों में पेटेंट करवाए जाने के संबंध में शासन क्या-क्या आर्थिक सहायता एवं तकनीकी सहायता उपलब्ध करवा रहा है। उसके लिए क्या प्रक्रिया निर्धारित की गई है।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) पेटेंट के संबंध में प्रावधान भारत सरकार, औद्योगिकी नीति और संवर्धन मंत्रालय, नई दिल्ली के अंतर्गत भारतीय पेटेंट कार्यालय, भारत सरकार के अधीनस्थ कार्यालय पेटेंट, डिजाइन और ट्रेड मार्क (CGPDTM) कार्यालय द्वारा प्रशासित है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी भारत सरकार की वेबसाईड https://ipindia.gov.in/ पर है। (ग) भारत सरकार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, नई दिल्ली के तकनीकी सहयोग से कार्यरत पेटेंट सूचना केन्द्र आविष्कारकर्ताओं को उनके आविष्कार का पेटेंट आवेदन करने में सीमित तकनीकी सहयोग प्रदान करता है। राज्य सरकार द्वारा मध्यप्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी आधारित सेवाएं एवं इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण निवेश संवर्धन योजना – 2016 अंतर्गत पेटेंट सहायता प्रदान की जाती है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। एनएसएमई प्रोत्साहन योजना 2019 में किये गये प्रावधान अनुसार प्रदेश में स्थापित होने वाले उद्योगों को घरेलू पेटेंट प्राप्त करने पर व्यय का कुल व्यय 100 प्रतिशत (अधिकतम राशि रू. 5.00 लाख) तथा अंतरराष्ट्रीय पेटेंट प्राप्त करने पर कुल व्यय का 100 प्रतिशत अधिकतम राशि रू. 10.00 लाख की प्रतिपूर्ति विभाग द्वारा की जाती है। अन्य कोई तकनीकि सहायता प्रदान नहीं की जाती है।
समूह पेयजल योजना के निर्माण में गड़बड़ी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
98. ( क्र. 5843 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. जल निगम की सतना जिले मदनपुर परसमनिया पठार समूह पेयजल योजना में ग्रामों में ग्रामों के कुछ हिस्सों/बस्तियों को छोड़कर पाइप लाईन बिछाने का कार्य किया जा रहा है? क्यों मैहर विधानसभा क्षेत्र के कौन-कौन से ग्रामों के कौन-कौन से हिस्से/भागों/बस्ती इस योजना की पहुंच/लाभ से वंचित रहेंगे। डी.पी.आर. में छूट गये इन ग्रामों की बस्तियों/भागों के रहवासियों को पेयजल उपलब्ध कराने की क्या योजना है? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक? वंचित हिस्सों में कब तक कार्य आरंभ किया जायेगा? (ख) क्या उक्त योजना के क्रियान्वयन व निर्माण कार्य में पाइपलाइन आदि बिछाने के कार्य में पंचायतों के स्थाई निर्माणों, सड़कों आदि को खोदा जा रहा है?किन्तु इनका पुनर्निर्माण/संधारण न किये जाने के क्या कारण है? जगह-जगह ग्रामीण कांक्रीट मार्गों को खोदकर कर पाइप लाईन बिछाई गई हैं, किन्तु समतलीय रिकन्सट्रक्शन नहीं किया गया? क्या? इस हेतु कौन दोषी है? (ग) इस योजना में गुणवत्ता नियंत्रण/निर्माण कार्य के सुपरविजन हेतु विभाग/निगम के कौन अधिकारी-कर्मचारी तैनात/पदस्थ है? उनका पदनाम सहित विवरण दें व बतावें कि क्या इनके द्वारा अपने दायित्व का निर्वहन सुचारू रूप से किया जा रहा है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। मैहर विधानसभा के कोई भी ग्राम/बसाहट योजना से वंचित नहीं रहेंगे। सतना जिले में सतना बाणसागर समूह पेयजल योजना में शामिल ग्रामों में पाइप लाइन बिछाने का कार्य प्रगति पर है। इन ग्रामों के सभी बसाहटों में पाइप लाइन बिछाई जायेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। बिछाई गई पाइप लाइनों की हाइड्रो टेस्टिंग उपरांत समतलीकरण किया जा रहा है। योजना की कमीशनिंग उपरान्त खोदे गये हिस्से की सड़क का पुनर्निर्माण किया जायेगा। जी हाँ, पाइप लाइनों की टेस्टिंग उपरांत समतलीकरण किया जा रहा है। रिकन्स्ट्रक्शन का कार्य योजना की पूर्ण कमीशनिंग उपरांत किया जाता है, अतः कोई भी दोषी नहीं है। (ग) इस योजना में गुणवत्ता नियंत्रण/निर्माण कार्य के सुपरविजन हेतु एक विशेषज्ञ संस्था ''मेसर्स थीम इंजीनियरिंग प्रायवेट लिमिटेड जयपुर'' को ''सुपरविजन एवं क्वालिटी कंट्रोल कंसल्टेंट'' के रूप में जल निगम द्वारा अनुबंधित कर तैनात किया गया है। सुपरविजन हेतु विभाग/निगम के तैनात/पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों के नाम पदनाम की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ।
टीकमगढ़ जिले में अनुकम्पा नियुक्ति के केसों का निराकरण
[सामान्य प्रशासन]
99. ( क्र. 5853 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में किसी की मृत्यु हो जाती है और 7 वर्ष तक मृतक का वारिस वयस्क न बन पाने के कारण या शैक्षणिक योग्यता के कारण या विभाग द्वारा औपचारिकताएं पूर्ण न करा पाने के कारण फिर उस वारिस को अनुकम्पा नियुक्ति नहीं मिल पाती है तो शासन ऐसे आदेशों में संशोधन करेगा तो कब तक? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर ऊर्जा, स्कूल शिक्षा, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के टीकमगढ़ जिले में ऐसे कौन-कौन से और किस-किस के केस थे जो अनुकम्पा नियुक्ति में पात्र हो पाने के कारण भी उनके प्रकरणों को विभाग द्वारा औपचारिकतायें पूर्ण न करा पाने के कारण निरस्त कर दिया गया है? ऐसे अनुकंपा नियुक्ति जिले के अधिकारी द्वारा नहीं करने पर प्रश्न दिनांक तक उनके ऊपर क्या-क्या कार्यवाही विभागीय शासन द्वारा की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि उपरोक्त समयवधि में मृतक के वारिस (उत्तराधिकारी) ने कब-कब उपरोक्त विभागों में अनुकम्पा नियुक्ति हेतु आवेदन-पत्र दिये। सम्पूर्ण फाईल सहित प्रस्तुत की और उन विभागों के द्वारा पात्रता प्राप्त होने के बावजूद भी विभाग द्वारा औपचारिकताएं पूर्ण न कराने के कारण प्रकरण निरस्त कर दिया गया है या प्रश्न दिनांक तक प्रकरण लंबित रखे हैं? ऐसे प्रकरणों पर शासन विचार कर कब तक अनुकम्पा नियुक्ति प्रदाय कर देगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) अनुकम्पा नियुक्ति निर्देश दिनांक 29.09.2014 के प्रावधान अभी यथावत हैं। संशोधन की कार्यवाही कब तक होगी की निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जिला टीकमगढ़ के अंतर्गत ऊर्जा, स्कूल शिक्षा, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत किसी भी अनुकम्पा नियुक्ति के पात्र प्रकरण को औपचारिकताएं पूर्ण न करा पाने के कारण निरस्त नहीं किया गया है, इसलिये किसी भी अधिकारी के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही नहीं की गई है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
स्वास्थ्य केन्द्रों का उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
100. ( क्र. 5854 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में सिविल अस्पताल सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, उप स्वास्थ्य केन्द्र नवीन खोले जाने, उन्नयन किये जाने हेतु शासन ने क्या-क्या नियम बनाए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि टीकमगढ़ जिले में जतारा अनुसूचित जाति विधानसभा क्षेत्र में कहाँ-कहां उन्नयन किये जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा जनता की मांग के आधार पर शासन से मांग की जा रही है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि टीकमगढ़ जिले में कहाँ-कहां इस बजट सत्र में उन्नयन किये जाने हेतु स्वीकृति दी जा रही है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर निश्चित समय-सीमा सहित बताएं कि कब तक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जतारा को सिविल अस्पताल में, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र लिधौरा खास को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उप-स्वास्थ्य केन्द्र स्यावनी, परा लारखुर्द, सतगुंवा, खरों एवं बम्हौरी खास को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में उन्नयन कर दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य संस्थाओं की स्थापना/उन्नयन के लिये भारतीय लोक स्वास्थ्य मानकों में जनसंख्या के मापदण्ड निर्धारित है। सिविल अस्पताल में उन्नयन हेतु स्वास्थ्य सेवाओं की उपयोगिता को आधार के रूप में माना जाता है। (ख) मांग/प्रस्ताव अप्राप्त है। (ग) टीकमगढ़ जिले में निम्नानुसार नवीन संस्थाओं की स्थापना/उन्नयन का प्रस्ताव प्रचलित है:-
क्र. |
जिला |
विकासखण्ड |
प्रस्तावित स्वास्थ्य |
1 |
टीकमगढ़ |
टीकमगढ़ |
नवीन प्रा.स्वा.केन्द्र समरा |
2 |
पलेरा |
नवीन प्रा.स्वा.केन्द्र स्यावनी |
|
3 |
बल्देवगढ़ |
नवीन प्रा.स्वा.केन्द्र देरी |
|
4 |
बल्देवगढ़ |
नवीन प्रा.स्वा.केन्द्र कुडीला |
|
5 |
जतारा |
नवीन प्रा.स्वा.केन्द्र गौर |
|
6 |
टीकमगढ़ |
ग्राम अजनौर में नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना |
(घ) मांग/प्रस्ताव, जनसंख्या के मापदण्ड, बैड ऑक्यूपेंसी, स्वास्थ्य सेवाओं की उपयोगिता एवं वित्तीय संसाधन की उपलब्धता अनुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जतारा को सिविल अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र लिधौरा खास को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उप स्वास्थ्य केन्द्र परा लारखुर्द, सतगुवां, खरों एवं बम्हौरी खास को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन किये जाने के लिए आवश्यकता होने पर विचार किया जायेगा। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
बड़वानी जिले में आंगनवाड़ी केन्द्रों द्वारा व्यय
[महिला एवं बाल विकास]
101. ( क्र. 5861 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है? (ख) उक्त केन्द्रों को पोषण आहार एवं अन्य हेतु कितना अनुदान विगत तीन वर्षों में प्रदाय किया गया है तथा किस मद में कितना व्यय किया गया है? (ग) कितना बजट शेष रहा गया है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) बड़वानी जिले में कुल 1649 आंगनवाड़ी केन्द्र व 135 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। (ख) पोषण आहार हेतु अनुदान आंगनवाड़ी केन्द्रों को नहीं दिया जाता है। विगत तीन वर्षों में केन्द्रों को प्रदायित राशि एवं व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र -''अ'' अनुसार है। (ग) शेष बजट की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र -''ब'' अनुसार है।
आबकारी विभाग में दोषियों पर कार्यवाही
[वाणिज्यिक कर]
102. ( क्र. 5862 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला एवं सत्र न्यायालय भोपाल द्वारा प्रकरण क्रमांक RT-No.-5442/2008 में आबकारी विभाग के किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों को दोषी मानते हुए उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही के निर्देश प्रदान किये गये थे। (ख) उक्त निर्देशों के तारतम्य में किन-किन दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की गई है? (ग) किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही होना शेष है। कार्यवाही न किये जाने के क्या कारण हैं? (घ) कब तक कार्यवाही की जायेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) प्रकरण क्रमांक RT No./5442/2008 श्री अजय अरोरा द्वारा व्यक्तिगत शिकायत के रूप में मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी भोपाल के न्यायालय में तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी श्री विनोद रघुवंशी, जिला भोपाल (वर्तमान में उपायुक्त आबकारी भोपाल) स्वर्गीय श्री आर.के. गोयल (सेवानिवृत्त) तत्कालीन सहायक जिला आबकारी अधिकारी भोपाल एवं श्री ओ.पी. शर्मा, सहायक ग्रेड-3 के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया था। जिसमें न्यायालय द्वारा आरोप विचरित किये गये है। प्रकरण अभी ट्रायल स्तर पर है एवं प्रकरण में अभी अंतिम निर्णय नहीं आया है। (ख) प्रकरण क्रमांक RT No. 5442/2008 अभी माननीय मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी भोपाल के न्यायालय में प्रकरण अभी ट्रायल स्तर पर है, जिसमें अपराध सिद्ध होने बाबत कोई अंतिम निर्णय अद्यतन प्राप्त नहीं हुआ है। (ग) प्रकरण क्रमांक RT No. 5442/2008 में न्यायालयीन कार्यवाही मुख्य नयायिक दण्डाधिकारी भोपाल में ट्रायल स्तर पर चल रही है। यदि प्रकरण में अंतिम निर्णय श्री विनोद रघुवंशी एवं श्री ओ.पी. शर्मा, सहायक ग्रेड-3 के विरूद्ध होता है, तो नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) प्रकरण क्रमांक RT No. 5442/2008 में न्यायालयीन कार्यवाही मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी भोपाल में ट्रायल स्तर पर चल रही है। यदि प्रकरण में अंतिम निर्णय श्री विनोद रघुवंशी एवं श्री ओ.पी. शर्मा, सहायक ग्रेड-3 के विरूद्ध होता है, तो नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
खाद्य पदार्थों में मिलावट खोरो के खिलाफ कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
103. ( क्र. 5886 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में शासन द्वारा खाद्य पदार्थों/सिंथेटिक दूध/डेयरी दूध में मिलावट की रोकथाम एवं मिलावट खोरो पर कार्यवाही करने के संबंध में क्या दिशा-निर्देश दिये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत कब-कब किन-किन स्थानों से खाद्य पदार्थों/सिंथेटिक दूध/डेयरी दूध के नमूने एकत्रित कर शुद्धता की जाँच कराई गई हैं तथा जाँच उपरांत क्या-क्या निष्कर्ष प्राप्त हुए एवं प्राप्त निष्कर्षों के आधार पर कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही किन-किन के विरूद्ध की गई? (ग) उपरोक्तानुसार क्या राजगढ़ जिले अंतर्गत खाद्य पदार्थों/सिंथेटिक दूध/डेयरी दूध में भारी मिलावट एवं नकली दूध विक्रय की खबरे गत दिवसों में प्रमुखता से दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित की गई थी? यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा उक्त संबंध में स्व-संज्ञान लेकर कोई ठोस कार्यवाही की गई हैं, यदि हाँ, तो बतावें, यदि नहीं, तो क्या शासन संबंधित उदासीन व अकर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा, यदि हाँ, तो क्या और कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। (ग) खाद्य सुरक्षा प्रशासन जिला राजगढ़ को मिलावटी एवं नकली दूध संबंधित जानकारी दैनिक समाचार पत्र/अन्य माध्यम से प्राप्त होने पर खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006, विनियम 2011 के अंतर्गत कार्यवाही की जाती है। शिकायत संबंधित/अन्य कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
प्राप्त
पत्रों पर
कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
1. ( क्र. 351 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा माननीय सांसद तथा विधायकों से प्राप्त पत्रों में उल्लेखित समस्याओं का एक माह की समय-सीमा में निराकरण के निर्देश दिये है? यदि हाँ, तो रायसेन जिले में उक्त निर्देशों का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है? (ख) प्रश्नकर्ता विधायक के 1 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक माननीय मुख्यमंत्री जी को प्रदत्त पत्र क्र. 86, दिनांक 26.08.2020 मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना वंचित ग्रामों में सड़क स्वीकृत, पत्र क्र. 89, दिनांक 15.10.2020, सड़क निर्माण में वन विभाग की अनुमति, पत्र क्र. 91, दिनांक 15.10.2020 अवैध शराब की बिक्री पर रोक, पत्र क्र. 101 दिनांक 15.10.2020 अध्यापक संवर्ग का शिक्षा विभाग में संविलियन, पत्र क्र. 141, दिनांक 25.10.2020, पेंशन आपके द्वार के अंतर्गत पेंशन भुगतान, पत्र क्र. 147, दिनांक 25.10.2020 प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना फेस।।। के प्रस्तावों की जाँच, पत्र क्र. 178, दिनांक 24.11.2020 रायसेन जिले में समर्थन मूल्य पर क्रय फसल का किसानों को भुगतान, पत्र क्र. 185, दिनांक 24.11.2020 रायसेन जिले में माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणाओं के क्रियान्वयन, पत्र क्र. 208, दिनांक 05.12.2020 रायसेन जिले में जल जीवन मिशन की कार्य योजना में जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा की जाँच करवाने के संबंध में प्रेषित किए गए थे। उक्त पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं को निराकरण हुआ तथा किन-किन समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं हुआ तथा उनका निराकरण कब तक होगा? समय-सीमा बतायें? (ग) प्रश्नकर्ता विधायक से प्राप्त पत्रों के संबंधित अधिकारियों द्वारा कब-कब जवाब दिये किन-किन अधिकारियों द्वारा जवाब क्यों नहीं दिये गये? तथा कब तक पत्रों के जवाब देंगे? (घ) 1 अप्रैल 2020 ये प्रश्न दिनांक तक की अवधि में प्रश्नकर्ता विधायक के पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण नहीं हुआ तथा क्यों कब तक निराकरण होगा? समयावधि बतायें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विधायक निधि जारी करना
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
2. ( क्र. 609 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा जिला राजगढ़ में वर्ष 2019-2020 की विधायक निधि की शेष राशि आज दिनांक तक जारी नहीं करने का क्या कारण रहा? (ख) वर्ष 2019-2020 में कुल कितनी राशि स्वीकृत की गई व कितनी शेष है लगभग 25 लाख रूपये शेष राशि विकास निधि राशि कब तक उपलब्ध होगी? (ग) वर्ष 2019-2020 स्वेच्छा अनुदान की राशि में से कुल कितनी जारी की गई व कितनी शेष रह गई है शेष राशि लगभग रूपये 1,05,000/- कब तक आएगी यदि नहीं, तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा जिला राजगढ़ की वित्तीय वर्ष 2019-20 की पूरी राशि जारी कर दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रावधान अनुसार पूरी राशि रू. 1.85 करोड़ आवंटित कर दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रावधान अनुसार पूरी राशि रू. 15.00 लाख आवंटित कर दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
3. ( क्र. 610 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत बागपुरा मोहनपुरा कुंडालिया परियोजना अंतर्गत नल-जल योजना से कितने गांव जुड़े हैं व योजना का क्रियान्वयन किसके माध्यम से किया जा रहा है? (ख) योजना के तहत कितने कनेक्शन हुए हैं व कितने पानी की टंकियों का निर्माण कहां-कहां किया गया है? सूची उपलब्ध करावें। (ग) कनेक्शन के दौरान ग्राम में जो सी.सी. रोड खुदवाई गई है, उसकी मरम्मत का कार्य कौन कब तक करेगा? (घ) उक्त योजना से कार्य पूर्ण होने की समय अवधि क्या थी।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) राजगढ़ जिले की बांकपुरा-कुशलपुरा एवं मोहनपुरा समूह जलप्रदाय योजना अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के क्रमशः 125 ग्राम एवं 22 ग्राम जुड़े हैं, कुण्डालिया समूह जलप्रदाय योजना में विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के ग्राम सम्मिलित नहीं है, क्रियान्वयन मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा किया जा रहा है। (ख) बांकपुरा-कुशलपुरा समूह जल प्रदाय योजना में 15,678 नल कनेक्शन हुए हैं एवं मोहनपुरा समूह जल प्रदाय में वर्तमान में कोई नल कनेक्शन नहीं हुए हैं, दोनों योजनाओं में 63 टंकियों का निर्माण किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के अनुसार है। (ग) कनेक्शन के दौरान ग्रामों में जो सी.सी. रोड खुदवाई गई है, उसकी मरम्मत का कार्य ठेकेदार द्वारा पाईप लाईन टेस्टिंग उपरांत किया जायेगा। (घ) दोनों योजनाओं के कार्य पूर्ण होने की समय अवधि 24 माह थी।
पेंशन व्यवस्था पुनः चालू करना
[वित्त]
4. ( क्र. 1530 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 1 जनवरी 2005 से नियुक्त शासकीय अधिकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन स्कीम ओ.पी.एस. को बंद कर दिया गया? क्या कारण रहा है? (ख) शासन द्वारा नई पेंशन स्कीम एनपीएस लागू की गई जिसमें पेंशन कितनी मिलती है? क्या वह पर्याप्त है? (ग) उक्त पेंशन कौन दे रहा है व कितनी दी जा रही है? जो पेंशन दी जा रही है वह न्याय संगत है? (घ) 1 जनवरी 2005 के बाद नियुक्त शासकीय अधिकारी कर्मचारियों को पुनः पुरानी पेंशन व्यवस्था को चालू किया जा सकता है या नहीं? यदि हाँ, तो उसे पुनः कब तक प्रारंभ करवायेंगे लाखों कर्मचारी अधिकारी उसका लाभ ले सके और यदि नहीं, तो क्या उक्त अधिकारी कर्मचारी पेंशन उपरांत अपने परिवार का भरण पोषण कैसे कर पाएंगे?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पेंशन योजना लागू करने के क्रम में मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग के ज्ञाप क्रमांक एफ 9-3/2003/नियम/चार, दिनांक 13-04-2005 द्वारा शासन के अधीन सिविल सेवा व सिविल पदों पर दिनांक 01-01-2005 को या उसके पश्चात् नियुक्त कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना लागू की गयी है। (ख) राष्ट्रीय पेंशन योजना के अंतर्गत अभिदाता के पूर्ण सेवाकाल में कुल जमा राशि का 60 प्रतिशत राशि अभिदाता के खाते में एकमुश्त अंतरण की जाती है। शेष 40 प्रतिशत राशि से अभिदाता पी.एफ.आर.डी.ए. द्वारा अधिकृत एन्युटी सर्विस प्रोवाईडर का चयन कर मासिक एन्युटी प्राप्त करता है। एन्युटी राशि उसकी जमा अंशदान राशि पर निर्भर रहती है। (ग) राष्ट्रीय पेंशन योजना के अंतर्गत अभिदाता द्वारा पी.एफ.आर.डी.ए. द्वारा अधिकृत चयनित एन्युटी सर्विस प्रोवाईडर से सीधे अभिदाता को दी जाती है। एन्युटी की राशि अभिदाता के खाते (प्रॉन) में जमा राशि के आधार पर निर्धारित रहती है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्तमान में राज्य शासन में पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कर्मचारियों की पदोन्नति/कार्यप्रभार में अनियमितताएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
5. ( क्र. 1950 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में निचले पदों पर कार्यरत डिप्लोमाधारी नियमित स्थापना के कर्मचारियों को उपयंत्री के पद पर पदोन्नति हेतु क्या नीति/नियम शर्तें हैं। (ख) वर्तमान में विभाग में निचले पदों पर कार्यरत डिप्लोमाधारी नियमित स्थापना के कर्मचारियों की पदोन्नति एवं प्रभार दिये जाने के कितने प्रकरण किस-किस दिनांक से विचाराधीन हैं, नाम पद सहित बतायें। (ग) निचले पदों पर नियमित स्थापना में तकनीकी पद पर कार्यरत् कर्मचारियों जिनके पास 03 वर्षीय सिविल इंजीनियरिंग डिप्लोमा/पार्ट टाईम डिप्लोमा पद पर 10 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके है, उनकी पदोन्नति कब तक की जावेगी। (घ) क्या विचाराधीन प्रकरणों के अनुसार पदोन्नति प्रक्रिया में विलम्ब होने की दिशा में प्रभारी उपयंत्री का पदभार दिया जावेगा? पदोन्नति कब तक की जावेगी।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मध्यप्रदेश लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (अराजपत्रित) सेवा (सेवा की शर्तें तथा भरती) नियम 1976 संशोधित दिनांक 25.11.2011 है। (ख) वर्तमान में कोई प्रकरण विचाराधीन नहीं है। (ग) वर्तमान में माननीय उच्चतम न्यायालय में, पदोन्नति में आरक्षण के प्रकरण में स्थगन होने के कारण सभी पदोन्नतियों पर प्रतिबंध है। अतः निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) वर्तमान में ऐसी कोई प्रक्रिया विचाराधीन नहीं है।
आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
6. ( क्र. 2127 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में आउटसोर्स कंपनियों के माध्यम से विभागों में कुल कितने कर्मचारी कार्यरत हैं? विभागवार सूची उपलब्ध करावे। (ख) आउटसोर्स कर्मचारी किस पद पर व कब से कार्य कर रहे हैं? नाम पदनामवार जानकारी उपलब्ध करवाएं? (ग) विभाग में आउटसोर्स कर्मचारी के लिए कितने प्रतिशत नियुक्त के पद रखने के निर्देश शासन स्तर से दिए गए आउटसोर्स कर्मचारियों का वेतन निर्धारण कैसे किया जाता है? (घ) क्या शासन विभाग स्तर पर आउटसोर्स पर काम करने वाले कर्मचारियों को नियमित करने संबंधित कोई कार्य योजना तैयार की है यदि हाँ, तो बतावे यदि नहीं, तो इनका भविष्य क्या है?
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) से (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। (ग) आउटसोर्स कर्मचारियों को रखने के लिए कोई प्रतिशत की सीमा निर्धारित नहीं की गई है। आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को वेतन श्रमायुक्त कार्यालय मध्यप्रदेश शासन द्वारा जारी अधिसूचना क्रमांक 6/11/अन्वे/पांच/2015/35937-36086, दिनांक 29.09.2020 के अंतर्गत न्यूनतम वेतन नियम 1948 के आधार पर वेतन निर्धारण किया जाता है। (घ) जी नहीं। आउटसोर्सिंग के माध्यम से रखे जाने वाले कर्मचारियों को विभागों द्वारा अपनी आवश्यकता के अनुरूप एक निर्धारित समय-अवधि के लिए रखा जाता है तथा इन कर्मचारियों को आउटसोर्सिंग एजेंसी अथवा विभाग द्वारा स्थायी नियुक्ति नहीं दी जाती है। अत: इनके भविष्य का उत्तरदायित्व विभाग का नहीं है।
स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति
[महिला एवं बाल विकास]
7. ( क्र. 2349 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास परियोजना के स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने परियोजना अधिकारी पदस्थ हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में 1 जनवरी, 2016 से प्रश्न दिनांक तक दंड स्वरूप कितने अधिकारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दी गई हैं तथा कितने अधिकारियों द्वारा स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत किया हैं? सूची प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति हेतु प्रस्तुत आवेदन पत्रों में से कितने अधिकारियों की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति स्वीकृत की गई। यदि नहीं, तो स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति कब तक स्वीकृत कर दी जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विभाग में परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास परियोजना के स्वीकृत 453 पदों के विरूद्ध 322 परियोजना अधिकारी पदस्थ हैं। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में 1 जनवरी, 2016 से प्रश्न दिनांक तक किसी भी परियोजना अधिकारी को दंड स्वरूप स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति नहीं दी गई हैं। 10 परियोजना अधिकारियों द्वारा स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति हेतु आवेदन प्रस्तुत किया है। सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति हेतु प्रस्तुत आवेदन पत्रों में से 08 परियोजना अधिकारियों के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति स्वीकृत की गई है। शेष 02 अधिकारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दिये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
उद्योगों की स्थापना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
8. ( क्र. 2388 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में किन-किन विकासखण्डों में उद्योग स्थापना की क्या-क्या संभावना है तथा कौन-कौन से औद्योगिक क्षेत्र विकसित किये जा रहे है, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र मण्डीदीप एवं रायसेन द्वारा जिले में उद्योग स्थापित हो इस हेतु क्या-क्या कार्यवाही/प्रयास किये गये। (ख) शिक्षित बेरोजगारों को व्यवसाय हेतु कौन-कौन सी योजनाओं में ऋण किन-किन शर्तों पर देने का प्रावधान हैं। (ग) वर्ष 2018-2019 से फरवरी 2021 तक की अवधि में किस-किस योजना में कितने प्रकरण किस-किस बैंक को कब-कब भेजे गये, बैंकों द्वारा किन-किन को किस-किस व्यवसाय हेतु ऋण दिया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) में भेजे गये प्रकरणों में से किस-किस बैंक द्वारा किन-किन को ऋण क्यों नहीं दिया गया प्रकरणवार कारण बताये तथा विभाग के अधिकारियों ने क्या-क्या कार्यवाही की?
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) रायसेन जिला मूलत: कृषि पर आधारित जिला है। जिले में गेहूँ और चावल का उत्पादन मुख्य रूप से होता है। इस आधार पर जिले में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों तथा कृषि पर आधारित उपकरणों एवं उससे संबंधित अन्य गतिविधियों पर आधारित उद्योगों की संभावना है। जिले में उद्यमियों का विकास एवं राईस मिलों पर आधारित क्लस्टर के विकास के लिये जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र रायसेन एवं मण्डीदीप के द्वारा विभागीय योजनाओं एवं गतिविधियों के प्रचार-प्रसार हेतु रोजगार मेले/सेमीनारों का आयोजन किया गया है। (ख) शिक्षित बेरोजगारों को स्वरोजगार के माध्यम से उद्यम स्थापित करने हेतु वर्तमान में भारत सरकार की प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) योजना संचालित है, जिसके प्रावधान/शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) वर्ष 2018-19 से फरवरी 2021 तक की अवधि में विभिन्न स्वरोजगार योजनाओं के अन्तर्गत बैंकों को प्रेषित एवं वितरित प्रकरणों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब अनुसार है। (घ) विभाग द्वारा शासकीय योजनाओं के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 में बैंक शाखाओं द्वारा लक्ष्य पूर्ति करने, प्रकरण अनवायेबल होने, योजना का क्रियान्वयन स्थगित होने आदि कारणों से ऋण वितरित नहीं हुआ। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना अन्तर्गत अवितरित ऋण प्रकरणों के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। बैंक शाखाओं को प्रेषित प्रकरणों के निराकरण हेतु विकासखण्ड स्तरीय बैंकर्स कमेटी, जिला स्तरीय बैंकर्स समिति में कलेक्टर महोदय की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समीक्षा समिति में प्रकरणों के निराकरण की समीक्षा की गई एवं सहायक प्रबंधकों द्वारा बैंक शाखाओं से निरंतर सम्पर्क किया गया।
पर्यटन को बढ़ावा देना
[पर्यटन]
9. ( क्र. 2393 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रायसेन एवं नरसिंहपुर जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार तथा राज्य सरकार की क्या-क्या योजनायें है? (ख) उक्त जिलों में पर्यटन एवं पुरातत्व/प्राचीन दर्शनीय स्थल कौन-कौन से हैं तथा उनके विकास हेतु विगत दो वर्षों में विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या प्रयास किये गये? (ग) उक्त जिलों के पर्यटन स्थलों पर आवागमन सुगम हो इस हेतु बस सेवा/मेट्रो रूट विस्तार हेतु विभाग की क्या योजना है? (घ) भारत सरकार द्वारा पर्यटन एवं पुरातत्व स्थल के विकास हेतु किस-किस योजना में किस आधार पर राशि दी जाती है? प्रश्नांश (क) के जिलों में विगत 2 वर्षों में भारत सरकार द्वारा किस-किस मद योजना में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई तथा उसका क्या उपयोग हुआ?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्तमान में कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। (घ) पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा ''स्वदेश दर्शन'' एवं प्रसाद योजनान्तर्गत पर्यटन स्थलों में पर्यटन अधोसंरचनाओं एवं जनसुविधाओं के विकास हेतु राज्य सरकार द्वारा प्रेषित डी.पी.आर. के अनुसार उचित पाये जाने पर स्वीकृतियाँ प्रदान की जाती है। रायसेन जिले में सांची के आस-पास के विकास हेतु बुद्धिस्ट सर्किट स्वीकृति वित्तीय वर्ष 2016-17 में प्राप्त हुई थी। विगत 2 वर्षों में कोई वित्तीय स्वीकृति पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार से उक्त जिलो हेतु प्राप्त नहीं हुई। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आशा कार्यकर्त्ताओं का मानदेय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
10. ( क्र. 2934 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश के प्रत्येक ग्राम में आशा कार्यकर्ता के रूप में कार्य कर रही हैं उनका मानदेय क्या है व जो मानदेय दिया जा रहा है क्या वर्तमान बढ़ती महंगाई को ध्यान में रखते हुए सही है? (ख) यदि नहीं, तो उन्हें नियमित करने हेतु शासन के पास कोई रणनीति है या नहीं? (ग) यदि हाँ, तो क्या यदि नहीं, तो क्या उनका पारिश्रमिक मानदेय बढ़ाने हेतु शासन कोई कार्ययोजना तैयार कर रहा है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) भारत शासन के दिशा निर्देशों के अनुसार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत आशा कार्यकर्ता एक स्वैच्छिक सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता है जिसे कार्य आधारित प्रोत्साहन राशि दिये जाने का प्रावधान है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) भारत शासन के दिशा निर्देशों के अनुसार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत आशा कार्यकर्ता एक स्वैच्छिक सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता है जिसका चयन ग्राम सभा द्वारा किया जाता है। अतः उन्हें नियमित किये जाने प्रावधान नहीं है। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी नही।
मंदिर पुजारियों को नेमनूक राशि का वितरण ना होना
[अध्यात्म]
11. ( क्र. 3186 ) श्री गोपाल सिंह चौहान : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्न क्रमांक 42 अतारांकित दिनांक 18.12.2019 के (क), (ख) एवं (ग) पर क्या कार्यवाही हुई? क्या पुजारियों की राशि 2 वर्ष से नहीं डाली गई है? नेमनुक राशि कब तक डाल दी जावेगी? विलम्ब में दोषी अधिकारियों, कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही हुई? नाम,पद सहित बताएं?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) प्रश्न क्रमांक 42 अतारांकित दिनांक 18.12.2019 के भाग (क) अनुसार तहसील ईसागढ़ में माह अक्टूबर 2020 तक मानदेय का भुगतान किया जा चुका है। भाग (ख) अनुसार ऐसी कोई योजना विचाराधीन नहीं है। भाग (ग) अनुसार वर्तमान में पुजारियों हेतु पृथक से मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना नहीं है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
डिप्टी कलेक्टर एवं संयुक्त कलेक्टर पदस्थ एवं प्रभार की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
12. ( क्र. 3281 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में कितने डिप्टी कलेक्टर एवं संयुक्त कलेक्टर पदस्थ हैं एवं किस-किस पर क्या-क्या प्रभार हैं। (ख) एस.डी.एम., यू.एस. सिकरवार पर किस-किस विभाग का प्रभार है? (ग) जनपद पंचायत अटेर में कितने पंचायत सचिव एवं जी.आर.एस. पदस्थ हैं और किस-किस जी.आर.एस. पर मूल पंचायत का वित्तीय प्रभार है और किस-किस पर दूसरी पंचायत का प्रभार है। क्या एक सचिव पर एक से अधिक का प्रभार भी है यदि हाँ, तो क्यों ऐसे सचिवों के नाम व ग्राम पंचायत सहित बतावें। (घ) जनपद सी.ई.ओ., एस.डी.एम. को ग्राम पंचायत सचिवों को वित्तीय प्रभार देने का अधिकार है अथवा नहीं एवं उनके द्वारा किन-किन पंचायत सचिवों को वित्तीय प्रभार दिया गया है सूची प्रदाय करें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) भिण्ड जिले में 05 डिप्टी कलेक्टर एवं 01 संयुक्त कलेक्टर पदस्थ है। प्रभार संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-"अ" पर है। (ख) श्री सिकरवार पर विभागीय प्रभार के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत अटेर, जिला योजना एवं सांख्यिकी, भू-अभिलेख/भू-प्रबंधन का प्रभार है। (ग) जनपद पंचायत अटेर में 75 पंचायत सचिव एवं 34 एस.आर.जी.पदस्थ है। पंचायत का कार्य सुचारू रूप से संचालित हो, प्रशासकीय कार्य की सुविधा की दृष्टि से सचिवों को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-"ब" अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अस्पताल का उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
13. ( क्र. 3317 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के कन्नौद स्थित सिविल अस्पताल में आस-पास के लगभग 100 गावों के मरीज प्रतिदिन इलाज के लिये निर्भर हैं गंभीर घायल और बीमार मरीजों को 100 कि.मी. इन्दौर तक उपचार के लिये जाना पड़ता है जिला मुख्यालय के बाद इसी अस्पताल पर मरीजों का सर्वाधिक दबाव है। (ख) क्या विभाग इस अस्पताल में शल्य चिकित्सक, निश्चेतना विशेषज्ञ एवं एम.डी. मेडिसीन के रिक्त पदों पर शीघ्र पदस्थापना करने की व्यवस्था करेगा। (ग) क्या विभाग सिविल अस्पताल कन्नौद को भविष्य में 100 बेड में तब्दील (उन्नयन) करने की कार्ययोजना बना रहा है। (घ) यदि हाँ, तो कब तक इस अस्पताल का उन्नयन हो सकेगा।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) सिविल अस्पताल कन्नौद में आसपास के लगभग सभी गांवों से आने वाले सभी मरीजों का समुचित ईलाज किया जाता है। सिविल अस्पताल कन्नौद में डिलेवरी के लिए लेबर रूम, नसबंदी ऑपरेशन के लिए ओटी रूप, ए.एन.सी./पी.एन.सी. वार्ड, अन्य मरीजों के लिए जनरल वार्ड, एम.एल.सी., एक्सीडेंट एवं घायल मरीजों के लिए ड्रेसिंग रूम, बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण के लिए टीकाकरण केन्द्र, नेत्र रोगियों की जाँच के लिए ऑटोरिफरेक्शन मशीन एवं जाँच रूम, एच.आई.वी. मरीजों के लिए आई.सी.टी.सी. सेंटर, एक्सरे, 32 प्रकार की पैथालॉजी जांचे, न्यू बोर्न बच्चों के लिए एन.बी.एस.यू., कुपोषित बच्चों के लिये 10 बिस्तरीय पोषण पुनर्वास केन्द्र, ब्लड स्टोरेज यूनिट, हृदय रोगियों के लिए ई.सी.जी. मशीन, कार्डियक मल्टीपेरा मॉनिटर, ऑक्सीजन कान्सनट्रेटर, कार्डियक डिफिब्रीलेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर, नेबूलाईजर मशीन, आदि सुविधाएं उपलब्ध हैं। पैथालॉजी जाँच करने के लिए दो लेबोरेटरी टेक्नीशियन, एच.आई.वी. जाँच के लिए एक टेक्नीशियन, रिफ्रेक्शन तथा काउंसलिंग के लिए एक काउन्सलर, एक्सरे के लिए दो एक्सरे टेक्नीशियन, रिफरेक्शन की जाँच के लिए आप्थलमिक असिस्टेंट, ड्रेसिंग के लिए ड्रेसर, एन.बी.एस.यू. यूनिट के एवं मेटरनिटी विंग के लिए 09 स्टॉफ नर्स, 3 ए.एन.एम., इमरजेंसी के लिए कुल 04 चिकित्सक जिसमें एक शिशुरोग एवं नेत्ररोग, विशेषज्ञ चिकित्सक हैं तथा 02 एम.बी.बी.एस. योग्यता के है, के द्वारा चिकित्सालय में आने वाले प्रत्येक मरीज को तुरंत उपचार किया जाता है। अति गंभीर मरीजों को ही ईलाज हेतु जिला चिकित्सालय देवास अथवा एम.वाय. चिकित्सालय इंदौर रेफर किया जाता है। (ख) सिविल अस्पताल कन्नौद में मेडिसिन, सर्जरी एवं स्त्रीरोग विशेषज्ञ के 01-01 पद तथा चिकित्सा अधिकारी के 02 पद स्वीकृत हैं। प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी के कारण पदपूर्ति में कठिनाई हो रही है, 3615 पदों के विरूद्ध मात्र 674 विशेषज्ञ उपलब्ध है तथा विशेषज्ञों के शतप्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है, मई 2016 से पदोन्नति के संदर्भ में माननीय उच्चतम न्यायालय में प्रचलित प्रकरण के कारण पदोन्नति प्रक्रिया विलंबित है। उपलब्धता अनुसार पदस्थापना संबंधी कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) संस्थाओं की स्थापना/उन्नयन के संबंध में जिलों से मांग/प्रस्ताव प्राप्त होने पर भारतीय लोक स्वास्थ्य मानकों के जनसंख्या निर्धारित मापदण्ड अनुसार एवं स्वास्थ्य सेवाओं की उपयोगितानुसार प्राथमिकता तय की जाती है। वर्तमान में जिले से प्रस्ताव अप्राप्त है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के संदर्भ में निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
लोक न्यास अधिनियम 1951 की धारा 24 के संबंध में
[अध्यात्म]
14. ( क्र. 3441 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) लोक न्यास अधिनियम 1951 में व्यवहार प्रक्रिया संहिता की धारा 24 लागू होती है या नहीं। (ख) जानकारी दें कि वर्ष 2019-2020 में लोक न्यास अधिनियम 1951 के अंतर्गत प्रचलित प्रकरणों में प्राप्त कौन-कौन से आवेदन व्यवहार प्रक्रिया संहिता की धारा 24 लागू न होने के कारण निरस्त किये गये। प्रत्येक की जानकारी दें।
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) से (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कलेक्टर एवं एस.डी.एम. के मध्य विवाद से प्राप्त तथ्य
[सामान्य प्रशासन]
15. ( क्र. 3442 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या होशंगाबाद के तत्कालीन कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह एवं तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी, रविश श्रीवास्तव के मध्य विवाद की जाँच आयुक्त होशंगाबाद द्वारा वर्ष 2019 में की गयी थी। यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन से अवगत करावें। (ख) जानकारी दें कि तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी, रविश श्रीवास्तव द्वारा तत्कालीन कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह की किन बिन्दुओं पर शिकायत की गयी थी। क्या श्री श्रीवास्तव की शिकायतों की बिन्दुवार जाँच की गयी? यदि हाँ, तो जाँच में कौन से तथ्य प्रकाश में आये। यदि बिन्दुवार जाँच नहीं की गयी तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) आयुक्त नर्मदापुरम संभाग, होशंगाबाद द्वारा दिनांक 12-13 सितम्बर, 2019 की रात्रि में घटित घटनाक्रम के संबंध में जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया था। जाँच प्रतिवेदन में घटनाक्रम से जुड़े बिन्दुओं के संबंध में वस्तुस्थिति का उल्लेख किया गया। (ख) तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी द्वारा अपने आवेदन में मुख्यतः तत्कालीन कलेक्टर द्वारा उनके साथ अभद्रतापूर्ण व्यवहार करने, नजूल की महत्वपूर्ण नस्तियों को बिना लिखित पावती/ अभिस्वीकृति के तहसीलदार होशंगाबाद को सौंपने, अवैध रेत परिवहन के विरूद्ध उनके द्वारा की जा रही कार्यवाही में अन्य अधीनस्थ स्टाफ को अनुविभागीय अधिकारी के निर्देश का पालन न करने के निर्देश दिया जाना आदि का लेख किया गया। श्री श्रीवास्तव के आवेदन में घटना क्रम से संबंधित बिन्दुओं की जाँच की गई। जाँच में तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी होशंगाबाद द्वारा नर्मदा ऑफिसर्स क्लब की नस्ती एवं अन्य नस्तियां जिन्हें महाधिवक्ता कार्यालय जबलपुर भेजा जाना था, उन्हें कलेक्टर, जिला होशंगाबाद को विलंब से लगभग रात्रि 12 बजे सौंपने के उपरांत तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी को रात्रि लगभग 03 बजे तक रोका जाना एवं उनके वाहन को कलेक्टर निवास पर रखवा लिया जाना पाया गया। इसके अतिरिक्त जाँच में तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी को कुलामडी में रेत उत्खनन से संबंधित जाँच के समय बुलाये जाने एवं किसी अन्य अधिकारी को वहां नहीं भेजे जाने से रेत डंपरों की वैधानिकता की जाँच तत्काल नहीं होना भी पाया गया। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधायक निधि से कोविड-19 हेतु सामग्री उपलब्ध कराना
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
16. ( क्र. 3496 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रश्नकर्ता द्वारा कोविड-19 महामारी के असामान्य परिस्थितियों से निपटने हेतु विधायक निधि से पत्र क्रमांक 367 दिनांक 17.5.2020 को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सिहावल को जाँच परीक्षण, मास्क सेनेटाइजर एवं अन्य उपयोगी सामग्री हेतु अनुशंसा की गई थी, उक्त राशि से कौन-कौन सी सामग्री क्रय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अनुशंसित राशि से यदि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सिंहावल को सामग्री उपलब्ध नहीं कराई गई तो क्यों? फिर उक्त राशि का उपयोग किस प्रयोजन हेतु किया गया है?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। उक्त राशि से वेंटीलेटर मशीन 1 नग एवं शव स्ट्रेचर 2 नग क्रय की गई। (ख) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
चिकित्सालय का उन्नयन एवं विस्तारीकरण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
17. ( क्र. 3822 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय रानी दुर्गावती (महिला प्रसूति) चिकित्सालय वर्तमान में कितने बिस्तरीय स्वीकृत व संचालित हैं? वर्तमान में इसमें कौन-कौन सी सुविधाएं व संसाधनों की आवश्यकता हैं? शासन ने इसमें बढ़ती मरीजों, प्रसूति महिलाओं व नवजात शिशुओं की संख्या को देखते हुये इसका उन्नयन/विस्तारीकरण करने की क्या योजना बनाई हैं? (ख) जिला प्रशासन जबलपुर ने इस संबंध में कब क्या प्रस्ताव भेजा हैं? इस पर शासन ने क्या कार्यवाही की हैं? (ग) क्या शासन इसका उन्नयन एवं विस्तारीकरण की आवश्यकता को देखते हुये इसका उन्नयन व विस्तारीकरण कराना सुनिश्चित करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) शासकीय रानी दुर्गावती (महिला प्रसूति) चिकित्सालय वर्तमान में 142 बिस्तरीय स्वीकृत एवं संचालित है। 142 बिस्तरीय चिकित्सालय के मान से पर्याप्त स्टाफ उपकरण, संसाधन उपलब्ध है। बढ़ती मरीजों, प्रसूति महिलाओं व नवजात शिशुओं की संख्या को देखते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, मध्य प्रदेश द्वारा बिस्तारीकरण कर 10 बिस्तरीय नियोनेटल हाई डिपेनडेन्सी यूनिट (एन.एच.डी.यू.) की स्थापना का प्रावधान किया गया है। (ख) जिला प्रशासन जबलपुर से कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) संस्थाओं की स्थापना/उन्नयन के संबंध में जिलों से मांग/प्रस्ताव प्राप्त होने पर भारतीय लोक स्वास्थ्य मानकों के जनसंख्या/''बैड ऑक्यूपेंसी'' के मापदण्डानुसार एवं स्वास्थ्य सेवाओं की उपयोगितानुसार प्राथमिकता तय की जाती है।
रेफर की गई महिलाएं
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
18. ( क्र. 3998 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला चिकित्सालय रायसेन एवं जिले के अन्य किन-किन स्वास्थ्य केन्द्रों में गर्भवती महिलाओं के प्रसव की सुविधा उपलब्ध है, 19 मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक उक्त स्वास्थ्य केन्द्रों में कितनी गर्भवती महिलायें प्रसव हेतु आई? (ख) उनमें से कितनी महिलाओं को क्यों रेफर किया गया प्रकरणवार कारण बतायें? उक्त महिलायें किस वाहन से किस चिकित्सालय गई? (ग) फरवरी 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में नसबंदी ऑपरेशन फेल हो जाने के कारण सहायता राशि भुगतान करने के किन-किन के प्रकरण किस स्तर पर क्यों लंबित है? (घ) उक्त लंबित प्रकरणों का कब तक निराकरण होगा विलंब के लिए कौन-कौन अधिकारी जवाबदार है।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जिला चिकित्सालय रायेसन के अतिरिक्त 3 सिविल अस्पताल 7 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, 12 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 14 उप स्वास्थ्य केन्द्रों में गर्भवती महिलाओं के प्रसव की सुविधा उपलब्ध है। 19 मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक उक्त स्वास्थ्य केन्द्रों में कुल 21417 गर्भवती महिलाऐं प्रसव हेतु आई। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) फरवरी 2021 तक जिला रायसेन में नसबंदी ऑपरेशन फेल हो जाने के बाद 12 प्रकरण जिला स्तर पर साफ्टवेयर में तकनीकी कारणों से लंबित थे। (घ) उक्त समस्त प्रकरणों का भुगतान किया जा चुका है। साफ्टवेयर में तकनीकी कारणों से विलंब हुआ।
प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
19. ( क्र. 4000 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2021 में रायसेन जिले में कहां-कहां पर प्रधानमंत्री जन औषिधी केन्द्र किन-किन व्यक्तियों/संस्थाओं द्वारा संचालित किये जा रहे है विकासखण्डवार सूची दें। (ख) प्रधानमंत्री जन औषिधी केन्द्रों पर मरीजों को कितने प्रकार की दवाइयां मिलती हैं? (ग) प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र प्रारंभ हो इस हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या प्रयास/कार्यवाही की गई? (घ) प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र स्वीकृति की क्या प्रक्रिया है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) फरवरी 2021 में रायसेन जिले में कुल 3 प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र संचालित है जिनका विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के अंतर्गत वर्तमान में 1449 दवायें है एवं 204 अन्य उत्पाद है। (ग) विभागीय नीति अनुसार शासकीय चिकित्सालयों में सरदार वल्लभ भाई पटेल नि:शुल्क औषधि वितरण योजना संचालित होने के दृष्टिगत स्वास्थ्य संस्थाओं के प्रांगण में व्यवसायिक दुकानें इत्यादि ना खोले जाने का निर्णय लिया गया है। विभाग द्वारा जैनरिक औषधियों के उपयोग हेतु प्रचार-प्रसार किया जाता है। (घ) प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र स्वीकृति की प्रक्रिया पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। ब्यूरो ऑफ फार्मा पी.एस.यू. ऑफ इंडिया (बी.पी.पी.आई.) में विधिवत पंजीकृत होने के पश्चात आवेदक ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत करने की प्रक्रिया के अंतर्गत औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 एवं नियमावली 1945 के नियम 64 की अर्हताओं की पूर्ति कर औषधि विक्रय अनुज्ञप्तियां प्राप्त कर सकता है। यह प्रक्रिया ऑनलाइन है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
20. ( क्र. 4031 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर जिले में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत कितने एन.जी.ओ./अर्द्धशासकीय संस्थाओं द्वारा कार्य किया गया है? सूची सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार एन.जी.ओ./अर्द्धशासकीय संस्थाओं द्वारा क्या-क्या गतिविधिया कब-कब संचालित की गई है? संचालित गतिविधियों की जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार संचालित गतिविधियों के अन्तर्गत किन-किन एन.जी.ओ./अर्द्धशासकीय संस्थाओं को कितनी राशि भुगतान की गई है? क्या भुगतान के पूर्व सत्यापन किया गया है? यदि हाँ, तो सत्यापनकर्ता अधिकारी/कर्मचारियों नाम व पदनाम देवें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) अलीराजपुर जिले में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत 06 एन.जी.ओ. द्वारा कार्य किया गया है, अर्द्धशासकीय संस्थाओं द्वारा कार्य नहीं किया गया है। एन.जी.ओ. की सूची जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
हैण्डपम्प खनन की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
21. ( क्र. 4111 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र में पिछले वित्तीय वर्ष में कितने हैण्डपम्प स्वीकृत किये गए थे व कितने हैण्डपम्प खनन किए थे ग्रामवार सूची उपलब्ध कराएं? (ख) वित्तीय वर्ष 20 21 में कितने हैण्डपम्प स्वीकृत हैं जिनमें से कितने हैंडपंप खनन किए गए ग्रामवार सूची उपलब्ध कराएं हैण्डपम्प स्वीकृति हेतु क्या आधार होता है? (ग) वर्ष 2021- 22 में क्या रणनीति है? कितने हैण्डपम्प स्वीकृत किए जाएंगे? विधानसभा क्षेत्र में कितने हैण्डपम्प वर्तमान में चालू है? कितने हैण्डपम्प बंद हैं? ग्रामवार सूची उपलब्ध कराएं। (घ) वित्तीय वर्ष 19-20 में कितनी मोटर स्वीकृत की गई थी वह कितने मोटर लगाई गई ग्रामवार सूची उपलब्ध कराएं साथ ही वित्तीय वर्ष 20- 21 में कितनी मोटर स्वीकृत है व कितनी लगाई गई ग्रामवार सूची उपलब्ध कराएं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 2019-20 में राजगढ़ जिले हेतु 254 बसाहटों में हैण्डपंप/नलकूप खनन हेतु लक्ष्य आवंटित किया गया था जिसके विरूद्ध ब्यावरा विधानसभा में कुल 51 बसाहटों में नलकूप खनन किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) वर्ष 2020-21 में जिले के लिये 150 बसाहटों में हैण्डपंप/नलकूप खनन हेतु लक्ष्य आवंटित किया गया था जिसके विरूद्ध ब्यावरा विधानसभा में कुल 32 बसाहटों में नलकूप खनन किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। पेयजल समस्याग्रस्त ग्रामों में आवश्यकतानुसार हैण्डपंप/नलकूप खनन कराये जाते हैं। (ग) जल जीवन मिशन कार्यक्रम के अंतर्गत प्रत्येक घर में क्रियाशील घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से पेयजल उपलब्ध कराने का कार्य किया जाएगा, पेयजल समस्याग्रस्त ग्रामों में आवश्यकतानुसार हैण्डपंप स्वीकृत/नलकूप खनित कराये जाते हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) वर्ष 2019-20 में 48 सिंगल फेस मोटर स्वीकृत एवं स्थापित तथा वर्ष 2020-21 में 13 सिंगल फेस मोटर स्वीकृत एवं स्थापित की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
मंदिरों का जीर्णोद्धार
[अध्यात्म]
22. ( क्र. 4186 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासन/विभाग द्वारा केंद्र/राज्य प्रवर्तित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से मन्दिरों के रखरखाव, मरम्मत, जीर्णोद्धार सहित अनेक कार्यों को किये जाने हेतु अनुदान/सहायता राशि स्वीकृत कर प्रदान की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो बताएं कि वर्ष 2018-19 से लेकर प्रश्न दिनांक तक रतलाम जिला अंतर्गत किन-किन स्थानों पर किन-किन कार्यों को किये जाने हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत कर किन-किन कार्यों पर कितना व्यय किया? विकासखंडवार जानकारी देंl (ग) उपरोक्त उल्लेखित वर्षों में जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्नकर्ता द्वारा विभिन्न विभागीय पत्रों एवं विभिन्न माध्यमों से लगातार मंदिरों के जीर्णोद्धार हेतु ध्यान आकृष्ट किया, तो उक्त पत्रों पर क्या-क्या कार्यवाहियां की गई? तहसीलवार जानकारी देंl (घ) अस्थल मंदिर पिपलोदा, नवाबगंज माताजी मंदिर, अंगेठी माताजी मंदिर तथा भीमाखेडी हनुमान मंदिर व शंकर मन्दिर जावरा (पुल बाजार) से मंदिर की वार्षिक आय राशि वर्ष 2018-19 से लेकर प्रश्न दिनांक तक वर्षवार कितनी प्राप्त हुई? उल्लेखित मंदिरों के कोष में अब तक कुल कितनी राशि जमा होकर किन-किन कार्यों पर कितना व्यय हुआ? वर्षवार जानकारी देंl
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार।
स्वास्थ्य केन्द्रों को उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
23. ( क्र. 4231 ) श्री रघुनाथ सिंह मालवीय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत 5 वर्षों में सीहोर जिले में उप-स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत किये गये हैं यदि हाँ, तो कहां-कहां पर? (ख) यदि स्वीकृत हुये तो आष्टा क्षेत्र में कहां-कहां उन्नयन या नये उपस्वास्थ्य केन्द्र/प्राथमिक केन्द्र स्वीकृत किये गये? (ग) यदि नहीं, तो आष्टा क्षेत्र में कई ऐसे ग्राम केन्द्र हैं जहां आस-पास 8-10 हजार ग्रामवासी निवासरत है? इन्हें प्राथमिकता में स्वीकृत करने की कृपा करें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) सीहोर जिले में विगत 5 वर्षों में स्वीकृत स्वास्थ्य संस्थाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विगत 5 वर्ष में आष्टा क्षेत्र में नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र नहीं खोले गये। (ग) संस्थाओं की स्थापना/उन्नयन के संबंध में जिलों से मांग/प्रस्ताव प्राप्त होने पर भारतीय लोक स्वास्थ्य मानकों के जनसंख्या निर्धारित मापदण्डानुसार एवं स्वास्थ्य सेवाओं की उपयोगितानुसार प्राथमिकता तय की जाती है।
खाद्य पदार्थों के सेम्पलों की जाँच लंबित रहना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
24. ( क्र. 4296 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य सरकार ने मिलावट से मुक्ति के लिए अभियान चला रखा है? यदि हाँ, तो अभियान कब से तथा किस उद्देश्य को लेकर चलाया गया? (ख) उक्त अभियान के तहत अभी तक कितने खाद्य पदार्थों के सेम्पलों की जाँच कब से लंबित है? (ग) क्या फूड सेफ्टी एण्ड स्टेण्डर्ड एक्ट के अनुसार लीगल सेम्पलों की जाँच 14 दिन के भीतर करने की समय-सीमा सुनिश्चित हैं? यदि हाँ, तो उक्त लंबित जाँच समय-सीमा में नहीं कराए जाने के लिए कौन-कौन उत्तरदायी हैं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। मिलावट से मुक्ति अभियान 09 नवम्बर 2020 से प्रारंभ किया गया है। अभियान के उद्देश्य से संबंधित निर्देश जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) मिलावट से मुक्ति अभियान के अंतर्गत 3393 नमूनों की जाँच 02 माह से लंबित है। (ग) खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनिम 2006, विनियम 2011 के अनुसार नमूनों की जाँच 14 दिन के भीतर करना प्रावधानिक है, किंतु अधिक समय लगने की स्थिति में इस संबंध में सूचना प्रेषित किये जाने का प्रावधान है। प्रावधान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। अभियान में अधिक नमूनें प्राप्त होने के कारण जाँच में नियत समय से अधिक लग रहा है।
पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमत
[वाणिज्यिक कर]
25. ( क्र. 4337 ) श्री मनोज चावला : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 10 फरवरी 2021 को इंदौर, भोपाल तथा रतलाम में पेट्रोल के रेट क्या थे तथा उसमें केंद्र शासन तथा राज्य शासन का टैक्स तथा शेष कितना-कितना था? क्या प्रदेश में पेट्रोल तथा डीजल पर टैक्स देश में सबसे ज्यादा है? (ख) वर्ष 2014 -15 से 2019-20 तक प्रदेश में पेट्रोल एवं डीजल तथा विभिन्न शराब के विक्रय से कितना-कितना राजस्व प्राप्त हो रहा है तथा आबकारी में खर्च घटाकर शुद्ध राजस्व क्या है? (ग) प्रदेश में 2010 से 2020 तक 31 दिसंबर को शराब विक्रय हेतु कितनी दुकानें, बार, आहतें इत्यादि कितने-कितने हैं तथा बताएं कि 2010 -11 से 2020-21 तक देशी एवं विदेशी शराब की बेची गई मात्रा कितनी-कितनी है वर्षवार बताएं तथा बताएं कि वर्ष 2011-12 से 2019-20 में कितने प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है? (घ) क्या शराब के नशे में अपराध करने का प्रतिशत ज्यादा है यदि हाँ, तो सरकार कुल राजस्व आय की मात्र 2% आय के लालच में पूर्ण शराबबंदी क्यों नहीं करती?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) प्रदेश में वर्तमान में पेट्रोल पर वैट की दर 33 प्रतिशत, 4 रूपये 50 पैसे प्रतिलीटर अतिरिक्त कर एवं सकल विक्रय पर 1 प्रतिशत उपकर देय है। इसी प्रकार डीजल पर वैट की दर 23 प्रतिशत, रूपये 3 प्रतिलीटर अतिरिक्त कर एवं सकल विक्रय पर 1 प्रतिशत उपकर देय है। प्रदेश में विक्रय होने वाले डीजल एवं पेट्रोल का प्रतिलीटर मूल्य निर्धारण विभिन्न पेट्रोलियम कंपनियों द्वारा निर्धारित किया जाता है। विभाग द्वारा प्रतिलीटर विक्रय मूल्य की जानकारी संधारित नहीं की जाती है। अत: 10 फरवरी 2021 को इंदौर, भोपाल तथा रतलाम में पेट्रोल के रेट क्या थे यह जानकारी विभाग में संधारित नहीं है। राज्य शासन द्वारा राज्यहित में आवश्यक आर्थिक संसाधन जुटाने हेतु कर की दरों का निर्धारण किया जाता है। तदनुसार ही वर्तमान में डीजल, पेट्रोल पर वेट की दर प्रचलित है। (ख) जानकारी निम्नानुसार है :-
(राशि करोड में)
वर्ष |
पेट्रोल से प्राप्त राजस्व |
डीजल से प्राप्त राजस्व |
वेट अधिनियम के अंतर्गत शराब पर प्राप्त राजस्व |
2014-15 |
2062.68 |
4414.30 |
367.60 |
2015-16 |
2480.63 |
4714.56 |
472.28 |
2016-17 |
3199.25 |
5686.90 |
493.11 |
2017-18 |
3593.97 |
5619.17 |
540.63 |
2018-19 |
3779.06 |
5256.89 |
633.27 |
2019-20 |
4188.48 |
5635.36 |
938.28 |
शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा आबकारी विभाग के भाण्डागार से विक्रय होने वाली मदिरा पर स्त्रोत पर कटौती के माध्यम से तथा रेस्टोरेंट पर विक्रय होने वाली मदिरा पर वेट वसूल किया जाता है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है।
फूड इंस्पेक्टर की पदस्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
26. ( क्र. 4342 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में कितने फूड इंस्पेक्टर हैं एवं किस फूड इंस्पेक्टर के पास कौन-कौन से कार्य क्षेत्र कब से हैं? (ख) ओ.पी. साहू रीवा जिले में कब से पदस्थ हैं? इन्हें रीवा शहर के मुख्य बाजार का प्रभार कब से दिया गया है? क्या प्रभार में रोस्टर का पालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो जब से इनकी पदस्थापना रीवा में हुई है श्री ओ.पी. साहू को मुख्य बाजार का ही प्रभार लगातार क्यों दिया जा रहा है? रोस्टर संबधी शासन की गाइड लाइन एवं खादय पदार्थों के सेम्पल लेने एवं कार्यवाही करने संबधी शासन के आदेश की प्रति देवें। (घ) रीवा शहर में पिछले पाँच वर्षों से किन-किन खादय पदार्थों के सेम्पल जाँच के लिये लैब के लिये भेजे गये तथा किन- किन दुकानों का निरीक्षण किया गया?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) रीवा जिले में 04 फूड इंस्पेक्टर कार्यरत हैं। कार्यक्षेत्र संबंधित आदेश जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) ओ.पी. साहू रीवा जिले में पदस्थ नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है।
ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ बनाना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
27. ( क्र. 4400 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए ग्रामीण बेराजगार युवक-युवतियों को रोजगार से जोड़कर सरकार का सहयोगी बनाने के उद्देश्य से वर्ष 1995 में म.प्र.शासन द्वारा जनस्वास्थ्य रक्षक योजना की शुरूआत की थी? यदि हाँ, तो क्या इन्हें वर्ष 1995 से 2004 तक किस प्रकार का प्रशिक्षण दिया गया है? और जनस्वास्थ्य रक्षकों को प्रशिक्षित करने का क्या उद्देश्य था? (ख) सरकार जनस्वास्थ्य रक्षकों की नियुक्ति के संबंध में संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं मध्यप्रदेश के आदेश क्र 3/प्र.क./सेल-2/2019/425 दिनांक 11.12.2019 के द्वारा किस प्रकार के परीक्षण का उल्लेख किया गया है और परीक्षण के लिए कितनी अवधि का उल्लेख किया गया है? क्या परीक्षण किया जा चुका है और उस पर क्या निर्णय लिया गया है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जनस्वास्थ्य रक्षकों की नियुक्ति के संबंध में प्रश्नांश में उल्लेखित संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें के आदेश क्रं. 3/प्र.क./सेल-2/2019/425 दिनांक 11.12.2019 जारी नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कार्यों की जाँच कराना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
28. ( क्र. 4418 ) श्री राकेश मावई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1.4.2018 से प्रश्न दिनांक तक मैकेनिकल खण्ड भोपाल अंतर्गत जिला विदिशा एवं रायसेन में कितने-कितने तथा कहां-कहां पर विभागीय मशीनों द्वारा नलकूप खनन कराये गये तथा उन पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विभागीय मशीनों के कलपुर्जों एवं सुधार कार्य पर कितनी राशि व्यय की गई तथा कितने विट हैमरों का उपयोग किया गया? वर्षवार, मशीनवार व्यय राशि की जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार विभागीय मशीनों पर कितने मजदूरों ने काम किया? मजदूरों के नाम एवं भुगतान सहित जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार अवधि में किस अधिकारी को कितना-कितना यात्रा भत्ता भुगतान किया गया? अधिकारीवार, वर्षवार जानकारी देवें। क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार किये गये कार्यों की जाँच कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) प्रश्नांकित अवधि में खण्ड के अंतर्गत मैकेनिकल उपखण्ड विदिशा एवं रायसेन जिले में पदस्थ अधिकारियों द्वारा किसी भी प्रकार का कोई यात्रा भत्ता नहीं लिया गया है। जी नहीं, नलकूप का सत्यापन करते समय जाँच की जाती है। जाँच उपरांत ही अंतिम भुगतान किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चिकित्सालय में कोविड-19 मरीजों पर हुआ व्यय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
29. ( क्र. 4439 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना चिकित्सालय में कोविड-19 मरीजों पर हुए खर्च का मदवार ब्यौरे की पाँच सदस्यीय कमेटी से जाँच कराई जावेगी? (ख) यदि हाँ, तो उक्त जाँच कब तक पूर्ण करा ली जाएगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ, कमेटी गठित कर जाँच कराई जावेगी। (ख) माह अप्रैल 2021 में जाँच पूर्ण करा ली जावेगी।
जाति प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया
[सामान्य प्रशासन]
30. ( क्र. 4545 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में मध्यप्रदेश अंतर्गत निवासरत नागरिकों के जाति प्रमाण पत्र बनाये जाने की क्या प्रक्रिया है? जाति प्रमाण पत्र जारी किए जाने हेतु किन-किन दस्तावेजों की अनिवार्यता की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रक्रिया में किसी नागरिक के पास वर्तमान तक उसके परिवार के सदस्यों का जाति प्रमाण पत्र जारी किए जाने हेतु क्या-क्या प्रमाण की आवश्यकता है? क्या ऐसे प्रकरणों में प्रमाण प्रस्तुत करने की जवाबदारी आवेदक की होगी? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित नागरिकों के बच्चों के जाति प्रमाण-पत्र जारी किए जाने हेतु शासन द्वारा कोई निर्देश जारी किए गए है निर्देशों की प्रति दें? यदि हाँ, तो कौन-कौन अधिकारी आवेदक के निवास स्थान पर जाकर जाँच करेगा और संतुष्ट होने के लिये क्या-क्या साक्ष्य जुटायेगा? (घ) ग्वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र में 1 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक जाति प्रमाण पत्र बनाये जाने हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं? उसमें से कितने स्वीकृत एवं कितने निरस्त किए गए है? निरस्त किए जाने के क्या कारण है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'', ''दो'' एवं ''तीन'' अनुसार। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'', ''दो'' एवं ''तीन'' अनुसार शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) भितरवार विधान सभा के अनुभाग भितरवार के अंतर्गत दिनांक 01.01.2018 से प्रश्न दिनांक तक 15498 जाति प्रमाण पत्र संबंधी आवेदन प्राप्त हुए। जिसमें से 12886 आवेदन पत्र स्वीकृत किये गये तथा 2612 निरस्त किये गये। अनुभाग घाटीगॉव में 01 जनवरी 2018 से 28 फरवरी 2021 तक 11637 आवेदन पत्र प्राप्त हुये जिनमें से 10094 आवेदन पत्र स्वीकृत किये गए एवं 1543 आवेदन पत्र निरस्त किये गये। निवास एवं जाति की पुष्टि न होने से निरस्त किये गये।
आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
31. ( क्र. 4546 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र में 1 अप्रैल 2019 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा किस-किस पंचायत में कौन-कौन से आंगनवाड़ी भवन या अन्य निर्माण कार्य किस-किस ऐजेन्सी/ठेकेदार द्वारा किस-किस कर्मचारी/अधिकारी के सुपरवीजन में कराये गये है तथा कराये जा रहे है उनकी भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है प्रत्येक निर्माण कार्यवार अलग-अलग जानकारी दें। (ख) ग्वालियर जिले की भितरवार विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा 1 अप्रैल 2019 से प्रश्न दिनांक तक महिलाओं और बालकों के कल्याण के लिये कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है? इनमें कितनी-कितनी राशि किस-किस योजना में आवंटित की गई? राशि का व्यय किन-किन कार्यों में किया गया? हितग्राहियों के नाम, पिता/पति का नाम, जाति, ग्राम किस योजना में क्या-क्या लाभ दिया गया है सम्पूर्ण जानकारी स्पष्ट करें? (ग) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में 1 फरवरी 2021 की स्थिति में महिला एवं बाल विकास में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं उनका नाम, पद पदस्थापना दिनांक, मुख्यालय बताएं। (घ) एक ही स्थान पर विगत तीन वर्षों से कौन-कौन कर्मचारी/ अधिकारी पदस्थ है उनका नाम, पद बतावें क्या उनको अन्यत्र स्थानान्तरण किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) ग्वालियर जिले की भितरवार विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा 1 अप्रैल 2019 से प्रश्न दिनांक तक महिलाओं और बालकों के कल्याण के लिये मातृ वंदना योजना एवं लाड़ली लक्ष्मी योजना संचालित हो रही है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजनांतर्गत हितग्राहियों को दी जाने वाली राशि शासन द्वारा सीधे ही हितग्राही के बैंक खाते में स्थानांतरित कर दी जाती है। अर्थात कोई आवंटन इस योजनांतर्गत ग्वालियर जिले को प्राप्त नहीं होता है। दिनांक 1 अप्रैल 2019 से प्रश्न दिनांक तक लाड़ली लक्ष्मी योजनांतर्गत कुल 2471 हितग्राही बालिकाओं को लाभान्वित किया गया है। इस पर कुल 14826000/- की राशि लाड़ली लक्ष्मी निधी में जमा की गयी है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना एवं लाड़ली लक्ष्मी योजनांतर्गत लाभान्वित हितग्राहियों के नाम, पिता/पति का नाम, जाति, ग्राम की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। जी नहीं। किसी भी अधिकारी/कर्मचारी का स्थानांतरण, 'स्थानांतरण नीति' के विहित प्रावधानों के तहत् ही किया जाता है। उक्त नीति के तहत् वर्तमान में उपरोक्त अधिकारियों/कर्मचारियों के स्थानांतरण का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
अधिकारियों की नियुक्ति
[वाणिज्यिक कर]
32. ( क्र. 4576 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वाणिज्यिक कर विभाग के वृत्त कार्यालय सागर में अधिकारियों/कर्मचारियों के कितने पद स्वीकृत है, इनमें कितने भरे तथा कितने रिक्त है? क्या विगत 3 वर्षों से अपीलीय प्राधिकारी (जी.एस.टी. एवं नेट अधिनियम के अंतर्गत) की स्थायी नियुक्ति नहीं की गई है, जिससे व्यापारी/कर सलाहकारों को अपील सुनवाई हेतु भोपाल जाना पड़ता है। क्या शासन अपीलीय प्राधिकारी की स्थायी नियुक्ति करेगा तथा कब तक? (ख) क्या यह सही है कि वाणिज्यिक कर सागर वृत्त में व्यवसायियों की संख्या एवं राजस्व प्राप्ति अन्य वृत्तों की तुलना में सबसे अधिक है, परन्तु अधिकारियों के स्वीकृत पद रिक्त होने से व्यवसायियों एवं कर सलाहकारों की समस्या तथा कार्यों निष्पादन में विलम्ब होता है? क्या शासन उक्त समस्याओं के निदान हेतु कोई व्यवस्था करेगा एवं कब तक? (ग) संभागीय मुख्यालय सागर में वाणिज्यिक कर कार्यालय के नये भवन का लोकार्पण वर्ष 2015 में किया गया था परन्तु फर्नीचर एवं लिफ्ट की व्यवस्था आज दिनांक तक नहीं हो पाई है? क्या शासन इस हेतु शीघ्र ही बजट स्वीकृत करेगा तथा कब तक?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वाणिज्यिक कर विभाग के वृत्त कार्यालय सागर में अधिकारियों/कर्मचारियों के कुल 45 पद स्वीकृत हैं, इनमें से 26 भरे तथा 19 पद रिक्त हैं। पदोन्नति से संबंधित बिन्दु माननीय उच्चतम न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है। अत: वर्ष 2016 से पदोन्नति लंबित है। विभाग में स्वीकृत पदों के विरूद्ध पदोन्नति नहीं होने से उपायुक्त के पद रिक्त हैं। अत: श्री के.एन.मीणा, तत्कालीन संभागीय उपायुक्त एवं अपीलीय प्राधिकारी सतना को सागर संभाग से संबंधित वेट अधिनियम के अपील प्रकरण निराकरण हेतु उनकी नस्ती पर दिनांक 28.07.2016 के आदेश से हस्तांतरित किए गए। श्री मीणा की सेवानिवृत्ति उपरांत दिनांक 21.10.2020 से श्री आनंद भार्गव, उपायुक्त एवं अपीलीय प्राधिकारी इंदौर को सागर संभाग के अपील प्रकरण हस्तांतरित किए गए हैं। जी.एस.टी. के अपील प्रकरण श्री मिर्रा कुम्हार, तत्कालीन राज्य कर संयुक्त आयुक्त एवं अपीलीय प्राधिकारी, मुख्यालय इंदौर को दिनांक 16.05.2018 से, बाद में श्री एस.डी.रिछारिया, राज्य कर संयुक्त आयुक्त, ऑडिट विंग भोपाल को दिनांक 20.06.2019 से एवं श्री रिछारिया की सेवानिवृत्ति के बाद श्री एच.एस.ठाकुर, राज्य कर संयुक्त आयुक्त एवं अपीलीय प्राधिकारी भोपाल को दिनांक 15.01.2021 के आदेश से अपील प्रकरण हस्तांतरित किए गए हैं। अपील प्रकरणों के निराकरण हेतु जारी हस्तांतरण आदेशों में संबधित स्थान में केम्प लगाकर प्रकरणों के निराकरण के निर्देश हैं। उपायुक्तों की कमी के कारण सागर संभाग की अपील उपायुक्तों को उनके मूल कार्य के साथ अतिरिक्त रूप से संपादित किए जाने के आदेश हैं। (ख) यह सही है कि वाणिज्यिक कर विभाग के सागर संभाग के अधीन आने वाले अन्य वृत्तों की तुलना में सागर वृत्त की राजस्व आय अधिक है, किन्तु विभाग में स्वीकृत पदों के विरूद्ध कार्यरत अधिकारियों की संख्या में कमी है। अत: सागर वृत्त के स्वीकृत पदों की पूर्ण प्रतिपूर्ति नहीं की जा सकी है। सागर वृत्त में एक वाणिज्यिक कर अधिकारी, एक सहायक वाणिज्यिक कर अधिकारी, चार वाणिज्यिक कर निरीक्षक तथा तीन कराधान सहायक कार्यपालिक पदों पर कार्यरत हैं। अधिकारियों की उपलब्धता पर रिक्त स्थान की पूर्ति की जा सकेगी। (ग) संभागीय उपायुक्त सागर से अतिरिक्त फर्नीचर एवं लिफ्ट की व्यवस्था का कोई प्रस्ताव मुख्यालय को प्राप्त नहीं हुआ है।
शुद्ध के लिए युद्ध अभियान
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
33. ( क्र. 4594 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के अंतर्गत प्रदेश के अलग-अलग जिलों में कितने सैंपल जाँच हेतु लिए गए? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में कितने सैंपल जाँच उपरांत सही पाये गए कितने फेल हुए? जिलेवार संख्या बताएं। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में कितने प्रकरण में माननीय न्यायालय में चालान पेश किए गए? कितने में दण्ड अधिरोपित किया गया? जिलेवार संख्या बताएं।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, जिसके कॉलम क्रमांक- 03 पर जानकारी अंकित है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जिसके कॉलम क्रमांक- 04 एवं 05 पर जानकारी अंकित है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। दर्ज प्रकरणों की जानकारी कॉलम क्रमांक- 06, 07 पर तथा दण्ड अधिरोपित प्रकरणों की जानकारी कॉलम नं. 08 एवं 09 पर अंकित है।
संविदा कर्मचारियों का यूनिक कोड बनाना
[वित्त]
34. ( क्र. 4598 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालनालय कोष एवं लेखा म.प्र. के पत्र क्रमांक डीटीए/सी-एसएफएमएस/2018/185 भोपाल दिनांक 10.04.2018 के द्वारा संविदा पर रखे गए कर्मचारियों के यूनिक कोड आईडेंटीफिकेशन कोड बनाने के निर्देश थे। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत पदस्थ सहायक वार्डनों के उक्त यूनिक कोड बन चुके है। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में छतरपुर जिले में संविदा पर पदस्थ सभी कर्मचारियों के उक्त कोड बन चुके है। यदि नहीं, तो क्यों? कितने विभाग के कौन-कौन से कर्मचारी शेष है। कब तक यूनिक कोड जारी हो सकेंगे।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। सर्व शिक्षा अभियान परियोजना पंजीकृत सोसायटी के अंतर्गत कार्य कर रही है। इसमें कार्यरत कर्मचारी राज्य शासन के कर्मचारी नहीं है। कर्मचारियों का वेतन का सोसायटी द्वारा भुगतान किया जाता है। अत: इनके एम्पलाई कोड नहीं बनाये जाते है। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उपयंत्री के पद पर नियुक्ति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
35. ( क्र. 4605 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लो.स्वा.यां.वि. में पदस्थ कार्यभारित स्थापना में विभिन्न निचले तकनीकी पदों पर कार्यरत व डिप्लोमाधारी कर्मचारियों द्वारा उपयंत्री बनाने की मांग की गई है? यदि हाँ, तो क्या अन्य कार्य विभाग जैसे लोक निर्माण व जल संसाधन और आर.ई.एस. विभाग के कार्यभारित स्थापना के कर्मचारियों की विभागीय परीक्षा ली जाकर उपयंत्री के पदों पर नियुक्त किया जाता है? यदि हाँ, तो लो.स्वा.यां.वि. के उक्त कर्मचारियों को भी इन पदों पर नियुक्त नहीं करने का क्या कारण है? (ख) क्या लो.स्वा.यां.वि. के प्रश्नांश (क) अनुसार कर्मियों के लिए लो.नि.वि.द्वारा क्या अभिमत दिया है? क्या वर्ष 2013 में मुख्य सचिव म.प्र.शासन की टीप क्र.3239 दिनांक 15.9.13 द्वारा इन कर्मचारियों की विभागीय परीक्षा आयोजित कर उपयंत्री बनाने का परामर्श दिया है तथा आर.ई.एस. सहित अन्य कार्य विभागों से भी वर्ष 2014 में शासन को परामर्श प्राप्त हो गये हैं? यदि सभी तथ्य इनके पक्ष में है तो फिर इन्हें उपयंत्री क्यों नहीं बनाया जा रहा है? (ग) क्या प्रमुख सचिव लो.स्वा.यां.वि.द्वारा अपनी टीप फाईल नं.13-1/2013/1/34 विभागीय यू.ओ.क्र.97 दि.28.2.21द्वारा प्रकरण मंत्री परिषद के समक्ष रखने के लिए प्रमुख अभियंता कार्या.से संक्षेपिका प्राप्त हो चुकी है? यदि हाँ, तो वर्तमान में किस स्तर पर कार्य लंबित है? क्या इस प्रक्रिया को शासन स्वयं लंबित कर रहा है? क्यों बतावें? क्या यदि हाँ, तो उपयंत्री बनाया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। अन्य विभागों द्वारा अपनाई जा रही प्रक्रिया के संबंध में विभाग को कोई जानकारी नहीं है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) लो.नि.वि. द्वारा दिया गया अभिमत संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्ष 2013 में मुख्य सचिव द्वारा विभागीय परीक्षा आयोजित कर उपयंत्री बनाने का परामर्श नहीं दिया गया है परन्तु सामान्य प्रशासन विभाग, वित्त विभाग, जल संसाधन विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग एवं नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण से अभिमत लिया गया था, जिसमें लो.नि.वि. को छोड़कर सभी ने असहमति दी थी। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश 'ग' में उल्लेखित फाईल नंबर एवं टीप विषय से संबंधित नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री राज्य कर्मचारी बीमा योजना
[वित्त]
36. ( क्र. 4607 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य प्रदेश शासन वित्त विभाग द्वारा सभी शासकीय कर्मचारियों के लिए 19 फरवरी 2020 में मुख्यमंत्री राज्य कर्मचारी बीमा योजना का लाभ दिए जाने हेतु क्रियान्वयन आदेश आहरण संवितरण अधिकारियों के लिए जारी किया गया था? यदि हाँ, तो अब तक मंडला जिले में कितने शासकीय कर्मचारियों को इस योजना का लाभ दिए जाने हेतु आहरण संवितरण अधिकारियों द्वारा कार्यवाही की गई है? (ख) मुख्यमंत्री राज्य कर्मचारी बीमा योजना में जिन शासकीय कर्मचारियों को अब तक शामिल नहीं किया गया है तो ऐसे आहरण संवितरण अधिकारियों के खिलाफ अब तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) जिन कर्मचारियों को अभी तक इस योजना के लाभ से वंचित रखा गया है उन्हें कब तक इस योजना में शामिल कर लिया जाएगा विस्तार से बतावें?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। मण्डला जिले के समस्त विभागों के आहरण संवितरण अधिकारियों द्वारा कर्मचारियों के डाटाबेस अद्यतन की कार्यवाही प्रचलित है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वित्त विभाग द्वारा दिनांक 19 फरवरी, 2020 से जारी पत्र में समस्त विभागों से कर्मचारियों के डाटाबेस अद्यतन करने का अनुरोध किया था। जिस पर विभागों द्वारा कार्यवाही प्रचलित की गई है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार डाटाबेस अद्यतन किये जाने के पश्चात् योजना क्रियान्वयन के स्वरूप एवं नियमों के संबंध में निर्णय लिया जायेगा। अत: निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
बरगी बांध की सुरक्षा व्यवस्था
[नर्मदा घाटी विकास]
37. ( क्र. 4709 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रानी अबंति बाई लोधी सागर बांध परियोजना बरगी (जबलपुर) विद्युत यांत्रिक एवं मशीनरी संभाग बरगी के तहत बांध व गैलरी की सुरक्षा, रखरखाव, देखभाल की क्या व्यवस्था हैं? इसके तहत कौन-कौन कब से किस-किस पद पर पदस्थ है। कौन-कौन से कितने पद रिक्त हैं एवं क्यों? बतलावें। (ख) प्रश्नांश (क) में किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्यय हुई? विद्युत सामग्री की खरीदी एवं विद्युत व्यवस्था सुधार पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? इसका सत्यापन कब-कब किसने किया हैं? वर्ष 2017-18 से 2020-21 तक की जानकारी दें। (ग) बांध के गेटों का कब-कब कौन-कौन सा कार्य किस एजेंसी से कितनी-कितनी राशि में कराया गया है। गैलरी का कौन-कौन सा कार्य कब-कब कितनी-कितनी राशि में कराया गया। माह जनवरी 2021 में गैलरी में पानी भर जाने की जाँच कब किससे कराई है और इसमें दोषी अधिकारियों पर कब क्या कार्यवाही की गई है? क्या शासन इसमें कराये गये कार्यों में भ्रष्टाचार व राशि का दुरूपयोग की जाँच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विद्युत यांत्रिकी संभाग द्वारा बांध एवं गैलरी के विद्युत/यांत्रिकी कार्यों से संबंधित रख-रखाव एवं संचालन कराये जाते हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–'स' एवं 'स-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–'द' अनुसार है। माह जनवरी 2021 में गैलरी में पानी भरने की घटना नहीं हुई है। भ्रष्टाचार एवं राशि के दुरूपयोग की कोई शिकायत नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध कॉलोनियों में पंजीयकों/उप पंजीयकों द्वारा रजिस्ट्रियां
[वाणिज्यिक कर]
38. ( क्र. 4780 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंजीयक एवं मुद्रांक कार्यालय रीवा एवं सतना के द्वारा नगर पालिक निगमों के द्वारा घोषित अवैध कॉलोनियों में खुलेआम भूखण्डों की रजिस्ट्रियां कराया जाना वैध है कि अवैध? अगर वैध है तो 01.04.2016 से प्रश्नतिथि तक किन नियमों के आधार पर उक्त अवैध कॉलोनियों में भूखण्डों की रजिस्ट्रियां हुई? क्या पंजीयक/उप पंजीयकों के द्वारा स्थल का निरीक्षण कर अपनी अनुमति/ एन.ओ.सी. दी? क्या रजिस्ट्री दस्तावेजों में देखा गया कि उक्त भूखण्ड वैध कॉलोनी में स्थित है कि अवैध कॉलोनी में? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार एवं जिलों में स्थित जिला पंजीयक पंजीयन एवं मु्द्रांक कार्यालय में नगर पालिक निगम द्वारा घोषित अवैध कॉलोनी की सूची उपलब्ध रहना आवश्यक है? अगर नहीं तो क्यों? अगर आवश्यक है तो कैसे? उक्त समयानुसार अवैध कॉलोनियों में भूखण्डों की रजिस्ट्रियां हुई? (ग) 01.04.2016 से प्रश्नतिथि के दौरान प्रश्नांश (क) में वर्णित नगर पालिक निगमों के द्वारा घोषित अवैध कॉलोनियों में से किस-किस अवैध कॉलोनियों के भूखण्डों का पंजीयन एवं मुद्रांक कार्यालय के द्वारा रजिस्ट्रियां सम्पन्न कराई गई? अवैध कॉलोनियों के नाम/जगहवार/रजिस्ट्री करवाने एवं बेचने वाले के नाम एवं पतेवार/माहवार/वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) उपरोक्त समयानुसार अवैध कॉलोनियों के भूखण्डों की रजिस्ट्री करने वाले किस-किस नाम/पदनाम के उप पंजीयकों/पंजीयकों को राज्य शासन कब तक निलंबित कर विभागीय जाँच के आदेश जारी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) पंजीयन अधिनियम, 1908 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो कॉलोनाईजेशन के परिप्रेक्ष्य में जाँच करने तथा इस आधार पर दस्तावेज के पंजीयन से इंकार करने में पंजीयन अधिकारी को सक्षम बनाता हो। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) पंजीयन अधिनियम/नियमों में अवैध कॉलोनी की सूची पंजीयन कार्यालय में रखे जाने का कोई प्रावधान नहीं है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) व 'ख' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (घ) प्रश्नांश (क) व 'ख' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहायक संचालक को भारमुक्त किया जाना
[महिला एवं बाल विकास]
39. ( क्र.
4911 ) श्री
सुनील सराफ : क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि
(क) विभाग के
आदेश क्रमांक 2462/1933/2020/50-1
दिनांक 09
दिसम्बर, 2020 के
अनुसार
श्रीमती
मंजूषा शर्मा, सहायक
संचालक,
कार्यालय
जिला
कार्यक्रम
अधिकारी, महिला
एवं बाल विकास
जिला-अनूपपुर
का स्थानांतरण
जिला-अशोकनगर
में रिक्त
सहायक संचालक
के पद पर किया
गया लेकिन उन्हें
रिलीव नहीं
किया गया क्यों? (ख) ऐसा
करने के पीछे
कारण बतावें
एवं किसके
आदेश से ऐसा
किया गया? (ग) इन्हें
कब तक रिलीव
कर दिया जाएगा? (घ) कब
तक ये अशोकनगर
ज्वाईन
करेंगी?
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क) कार्यालय
कलेक्टर
द्वारा अवगत
कराया गया कि मध्यप्रदेश
शासन सामान्य
प्रशासन
विभाग के आदेश
क्रमांक एफ 6-1/2019/एक/9
भोपाल दिनांक 04
जून 2019 की कंडिका 11
की उप कंडिका 11.1
में वर्णित
प्रावधान
अनुसार
अनुसूचित
क्षेत्रों से
गैर अनुसूचित
क्षेत्रों
में
स्थानान्तरित
शासकीय
सेवकों को तब तक
भारमुक्त न
किया जाये, जब
तक कि उनके
स्थान पर
पदस्थ
अधिकारी/कर्मचारी
द्वारा पदभार
ग्रहण न कर
लिया गया हो।
अतः संबंधित
को रिलीव नहीं
किया गया है। (ख)
प्रश्नांश
(क) में अंकित
उत्तर के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न ही
नहीं उठता है।
(ग) प्रश्नांश
(क) में अंकित
उत्तर के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न ही
नहीं उठता है।
(घ) प्रश्नांश
(क) में अंकित
उत्तर के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न ही
नहीं उठता है।
श्री राम जानकी ट्रस्ट की जमीन का विक्रय
[अध्यात्म]
40. ( क्र. 4941 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या कटनी नगर पालिका निगम अंतर्गत रोशन नगर में श्री राम जानकी ट्रस्ट की लगभग तीन एकड़ भूमि को व्यवसायिक या कॉलोनी निर्माण के उपयोग हेतु बेचने की अनुमति की याचिका ट्रस्टी द्वारा जिला कलेक्टर कटनी अथवा संभाग आयुक्त जबलपुर के पास लंबित है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त याचिका के आधार क्या हैं? ट्रस्टी द्वारा उक्त भूमि किन कारणों से व्यवसायिक या कॉलोनी निर्माण हेतु विक्रय की जा रही है? क्या इस संबंध में स्थानीयजनों द्वारा की गई शिकायत पर कोई कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) श्री ज्ञानेन्द्रनाथ सर्वराहकार द्वारा अपनी याचिका में भूमि विक्रय के संबंध में मुख्य रूप से यह आधार लिया गया है कि पारिवारिक न्यास की सम्पत्ति वर्णित भूमि का विक्रय करके उससे प्राप्त प्रतिफल से श्रीराम जानकी मंदिर का जीर्णोद्धार एवं नवीनीकरण कर उसका विस्तार करना चाहता है तथा मंदिर के रख-रखाव व व्यवस्था के लिए उपजाऊ जमीन खरीदना चाहता है ताकि उस पर खेती करके मंदिर की व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चल सके।
नवजात बच्चों का टीकाकरण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
41. ( क्र. 4960 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोरोना काल में प्रदेश के 5 लाख से अधिक नवजात बच्चों को जरूरी टीके नहीं लग पाये हैं? (ख) क्या कोरोना काल के बाद बच्चों का टीकाकरण किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो कितने बच्चों का टीकाकरण किया गया है? एवं कितने बच्चे शेष हैं? (घ) कब तक टीकाकरण पूरा कर लिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। बच्चों का टीकाकरण निरंतर किया जा रहा है। (ग) वित्तीय वर्ष 2020-21 में लक्षित 16,40,121 बच्चों के विरूद्ध माह अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 तक प्रदेश में 14,42,116 (88%) बच्चों का टीकाकरण पूर्ण किया गया है। 1,98,005 बच्चे शेष हैं। (घ) टीकाकरण एक सतत् प्रक्रिया है, जिसकी निर्धारित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
लोकतंत्र सेनानियों को सम्मान निधि देना
[सामान्य प्रशासन]
42. ( क्र. 4961 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में प्रश्न दिनांक को कितने लोकतंत्र सेनानी हैं? उनके नाम पता बतावें? (ख) क्या इन्हे सम्मान निधि दी जा रही है? (ग) यदि नहीं, तो क्यों? (घ) लोकतंत्र सेनानी को सम्मान निधि देने के क्या नियम हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जबलपुर जिले में प्रश्न दिनांक तक जीवित लोकतंत्र सेनानियों की संख्या 101 है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) उत्तरांश (ख) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) लोकतंत्र सेनानी सम्मान निधि देने के नियम की प्रति संलग्न है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
प्रोत्साहन राशि में वृद्धि
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
43. ( क्र. 5040 ) श्री संजय शुक्ला : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर संभाग अंतर्गत किन-किन जिलों में कितनी-कितनी आशा कार्यकर्तायें कब से कार्य कर रही है? जिले/विधानसभावार, संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आशा कार्यकर्ताओं से स्वास्थ्य विभाग द्वारा क्या-क्या कार्य कराये जाते हैं व उन्हें कितनी राशि प्रोत्साहन स्वरूप दी जाती है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या आशा कार्यकर्ताओं द्वारा किये जा रहे कार्यों के अनुरूप प्रोत्साहन राशि बहुत ही कम नहीं है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा आशा कार्यकर्ताओं को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को बढ़ाया जायेगा? हाँ या नही? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में यदि हाँ, तो कितनी राशि कब तक बढ़ाई जायेगी? क्या वर्षों से कार्यरत आशा कार्यकर्ताओं को नियमित किया जायेगा? हाँ या नही?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) वर्ष 2006 से आशाएं कार्य कर रही है। प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत आशा कार्यकर्ता एक स्वैच्छिक सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता है। भारत शासन द्वारा अलग- अलग कार्यों के लिए राशि निर्धारित है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। भारत शासन के दिशा निर्देशों के अनुसार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत आशा का चयन ग्राम सभा द्वारा किया जाता है। अत: उन्हे नियमित किये जाने का प्रावधान नहीं है।
बकाया ऋण की जानकारी
[वित्त]
44. ( क्र. 5044 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 से वर्ष 2019-20 तक उधारियों पर कितना-कितना ब्याज दिया गया तथा कितनी ऋण राशि की किस्त का भुगतान किया गया तथा आलोच्य वर्ष में कितना-कितना ऋण भुगतान किया गया तथा आलोच्य वर्ष में कितना-कितना ऋण और लिया गया तथा बकाया ऋण कितना है? (ख) वर्ष 2020-21 का राजकोषीय घाटे जी.एस.डी.पी. का कितना प्रतिशत था, इस अवधि में ऋण राजकोषीय घाटा तथा जी.एस.डी.पी. का कितना प्रतिशत है? क्या यह वित्त आयोग के सुझाव से ज्यादा है? (ग) प्रदेश की कुल उधारियां/ऋण पूछने पर विभाग द्वारा यह उत्तर दिया जाता है कि वित्त लेखे नियंत्रण एवं महालेखा परीक्षक द्वारा वर्तमान में जारी नहीं किये गये? वित्त लेखे क्या शासन की ऋण की जोड़ लगाने का कार्य करता है कि वह उसके पेरामीटर का परीक्षण करता है? अगर विभाग के पास ऋण लेने संबधि आंकड़ों का संधारण नहीं है तो वह वित्त आयोग तथा एफ.आर.बी.एम. एक्ट का पालन कैसे करता है? (घ) अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 तक उधारी पर कितना ब्याज दिया गया, कितना ऋण लिया गया तथा बकाया ऋण कितना है।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक द्वारा वर्ष 2014-15 से 2018-19 तक प्रतिवर्ष जारी किये जाने वाले वित्त लेखे के खण्ड-। में विवरण पत्रक संख्या-2 पर उपलब्ध है। उक्त अवधि के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक द्वारा वित्तीय वर्षवार जारी किये गये वित्त एवं विनियोग लेखे विधानसभा के पटल पर प्रस्तुत किये जा चुके है जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वित्तीय वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि के वित्त लेखे नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक द्वारा अभी जारी नहीं किये गये है। अत: जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ख) वित्तीय वर्ष 2020-21 अभी समाप्त नहीं हुआ है। उक्त वर्ष के लेखे प्राप्त होने पर ही राजकोषीय घाटे का आंकड़ा अंतिम होगा। (ग) जी नहीं। वित्त विभाग के पास सिर्फ अनुमानित आंकड़े होते है। राज्य शासन के लेखे संधारित करने का कार्य नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक द्वारा किया जाता है। राज्य शासन बजट अनुमान एवं पुनरीक्षित अनुमान तथा भारत शासन से भारत के संविधान की धारा-293 (3) के अधीन प्राप्त अनुमति के परिप्रेक्ष्य में F.R.B.M. का पालन करने का प्रयास करता है। (घ) वित्तीय वर्ष 2020-21 के पुनरीक्षित अनुमान के अनुसार राशि रूपये 16,458.64 करोड़ ब्याज के भुगतान के लिये प्रावधान किया गया है। उक्त वित्तीय वर्षों के अंतिम लेखे महालेखाकार से प्राप्त होने शेष है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में जनवरी 2021 तक कुल रूपये 24,000 करोड़ का बाजार ऋण लिया गया। अन्य ऋणों के संबंध में अंतिम लेखे महालेखाकार से प्राप्त नहीं होने के कारण दर्शायी अवधि में लिये गये कर्ज की जानकारी देना संभव नहीं है।
चिकित्सालयों में भर्ती मरीजों का उपचार
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
45. ( क्र. 5045 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 592 दिनांक 30.12.2020 के खण्ड ''क'' के सन्दर्भ में बतावें कि कुल 2,20,551 में से शासकीय अनुबंधित तथा घर पर इलाज के कुल 1,99,789 मरीज होते हैं. तो शेष 20,762 मरीजों का इलाज कहां किया गया तथा उनमें से कितने मृत हुये? (ख) किस-किस निजी चिकित्सा को किस-किस दिनांक से किस दिनांक तक अनुबंधित किया गया. अनुबंधित करने हेतु शासन की और से पहल कर पत्र लिखा या अस्पताल की और से आवेदन प्राप्त हुआ. इस संदर्भ में हुये समस्त पत्र व्यवहार, आदेश तथा अनुबंध का विवरण देवें तथा बतावें कि फिक्सड चार्ज तथा वेरियेबल चार्ज में क्या-क्या सेवा, दवा, सुविधा आदि शामिल है। (ग) अप्रैल तथा मई 2020 में शासकीय अस्पतालों में कितने मरीज के इलाज के संसाधन थे तथा किस-किस शासकीय कोविड सेंटर में कितने-कितने मरीज भर्ती थे, दिनांक अनुसार सूची देवें। (घ) किस-किस निजी चिकित्सालय ने अनुबंधित मरीजों के अलावा अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 तक अपने स्तर पर कितने कोविड मरीज का इलाज किया. अस्पताल अनुसार तथा माह अनुसार संख्या बतावें? (ड.) अनुबंधित किस-किस निजी चिकित्सालयों को अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 तक प्रति मरीज औसत कितना फिक्सड चार्ज तथा कितना वेरियेबल चार्ज का भुगतान किया गया अस्पताल अनुसार औसत खर्च बतावें जिसके आधार पर भुगतान किया गया।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) शेष 20,762 मरीजों का ईलाज अन्य निजी चिकित्सालयों/अन्य निजी चिकित्सा संस्थानों में किया गया तथा उनमें से 811 मरीजों की मृत्यु हुयी। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। संबंधित जिले के कलेक्टर द्वारा प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर संबंधित निजी चिकित्सालय को अनुबंधित किया जाता है। संबंधित जिला कलेक्टर से प्राप्त प्रस्ताव पत्र, स्वीकृत आदेश तथा अनुबंध की छायाप्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। फिक्सड चार्ज तथा वेरियेबल चार्ज में अनुबंध के बिन्दु क्रमांक 6 के 6.1 के कंडिका क्रमांक (ii) के अनुसार सेवा, दवा सुविधा आदि शामिल है। (ग) अप्रैल तथा मई 2020 में शासकीय अस्पतालों में कोविड-19 के सभी मरीज के ईलाज के संसाधन उपलब्ध थे। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) मरीज एवं चिकित्सालयों के मध्य कोई अनुबंध नहीं होता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) अनुबंधित निजी चिकित्सालयों को अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 तक प्रति मरीज औसत फिक्सड चार्ज तथा औसत वेरियेबल चार्ज का अस्पताल अनुसार औसत खर्च का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
अनुदान की राशि पर ब्याज नहीं लेना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
46. ( क्र. 5077 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सूक्ष्म एवं लघु मध्यम उद्योग संचालकों को शासन द्वारा नवीन उद्योगों की स्थापना हेतु 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। (ख) यदि प्रश्नांश (क) के क्रम में हाँ तो क्या उक्त 40 प्रतिशत अनुदान का भुगतान 5 वर्षों में किया जाता हैं? उक्त 40 प्रतिशत अनुदान राशि पर उद्योग संचालकों को बैंक को ब्याज देना पड़ रहा है? जिस कारण से शासन की अनुदान राशि का वास्तविक लाभ उद्योग संचालकों को नहीं मिल पा रहा है? (ग) क्या शासन सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग संचालकों के हित में एक मुश्त 40 प्रतिशत अनुदान राशि दिये जाने अथवा कुल ऋण की 40 प्रतिशत अनुदान राशि को ब्याज मुक्त किये जाने के संबंध में कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों?
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना 2019 के तहत प्रदेश में स्थापित होने वाले उद्यमों के द्वारा प्लांट एवं मशीनरी तथा भवन में किये गये निवेश पर 40 प्रतिशत उद्योग विकास अनुदान प्रदान किया जाता है। (ख) जी नहीं। उत्तर 'क' में वर्णित उद्योग विकास अनुदान 4 वार्षिक किश्तों में प्रदान किया जाता है। योजनान्तर्गत औद्योगिक इकाइयों को दी जाने वाली सहायता अनुदान के रूप में दी जाती है, अत: इस पर ब्याज की देयता का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्तमान में विभाग की ऐसी कोई योजना नहीं है कि उद्योगों को 40 प्रतिशत अनुदान एक मुश्त प्रदान किया जाये। शेष प्रश्नांश का उत्तर 'ख' अनुसार है।
बी.एम.ओ. के विरूद्ध कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
47. ( क्र. 5110 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना जिला शाहनगर के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में बी.एम.ओ. के विरूद्ध थाना शाहनगर में दिनांक 4.12.2020 को थाना प्रभारी को एक सामूहिक ज्ञापन प्रस्तुत किया था तथा एस.डी.एम. शाहनगर एवं अन्य विभागों को भी पृथक-पृथक ज्ञापन दिया था? (ख) यदि हाँ, तो ज्ञापन पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई। (ग) प्रश्नांश (क) के बी.एम.ओ. के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं होने से एक जनहित याचिका क्रमांक डब्लू.पी. 20734-2020 माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रस्तुत की गई जिस पर माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर ने दिनांक 31.12.2020 को निर्णय पारित कर उक्त के विरूद्ध जाँच किए जाने के निर्देश दिए गए है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में संबंधित बी.एम.ओ. को निलंबित कर निष्पक्ष जाँच कराये जाने के निर्देश शासन देगा ताकि जाँच कार्य प्रभावित न हो सके।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ज्ञापन एवं माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर याचिका क्रमांक डब्ल्यू.पी. 20734/2020 के अनुक्रम में कार्यालय कलेक्टर जिला पन्ना ने कार्यालयीन आदेश क्र. 313-14 दिनांक 07.01.2020 द्वारा प्राथमिक जाँच करने/बयान लेने एवं साक्ष्य प्रस्तुत करने हेतु 05 सदस्यीय जाँच समिति का गठन कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने संबंधी निर्देश जारी किये गये है। (ग) जानकारी उत्तरांश (ख) में वर्णित है। (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार कलेक्टर पन्ना द्वारा जाँच समिति का गठन किया जाकर समिति को प्रतिवेदन प्रस्तुत करने संबंधी निर्देश दिये गये है। समिति द्वारा प्रतिवेदन प्रस्तुत किये जाने के पश्चात् गुण-दोष के आधार पर परीक्षण कर संबंधित के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नहर का निर्माण करना
[नर्मदा घाटी विकास]
48. ( क्र. 5114 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के अंतर्गत ढीमरखेड़ा विकासखण्ड में बिछिया माइनर नहर का निर्माण कितने किलोमीटर का किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त से कितने रकबे में सिंचाई की जाना प्रस्तावित है और कितने रकबे में प्रश्न दिनांक तक सिंचाई हो रही है तथा उक्त सिंचाई से कितना राजस्व उक्त नहर निर्माण से प्रश्न दिनांक तक वसूल किया गया है? (ख) नहर का निर्माण और कितने किलोमीटर होना है जितनी नहर का निर्माण हुआ है उसकी मरम्मत किस-किस जगह में कब-कब कितनी लागत से हुई है? पृथक-पृथक निर्माण वर्ष से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में बताएं। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में कोई शिकायत किसी के द्वारा निर्माण वर्ष से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुई हो तो शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 05 किलोमीटर। 320 हैक्टेयर रकबे में प्रस्तावित सिंचाई के विरूद्ध 151 हैक्टेयर रकबे में सिंचाई हो रही है। कुल राशि रूपये 28,236/- की राजस्व वसूली की गई है। (ख) कुल 05 किलोमीटर का, जो पूर्ण हो चुका है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
वर्षवार मातृ शिशु दर की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
49. ( क्र. 5137 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के प्रत्येक जिले में मातृ शिशु दर वर्षवार पिछले पाँच साल में क्या रही? इसे कम करने के शासन द्वारा क्या उपाय किये जा रहे हैं? (ख) मध्यप्रदेश के कितने जिलों में शिशु अस्पताल नहीं हैं? सभी जगह शिशु अस्पताल बनाने की शासन की क्या योजना है? जिस जिले में शिशु मृत्यु दर सबसे कम है क्या उस जिले के मॉडल को अन्य जिले में अपनाया गया? यदि हाँ, तो कहां? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या फरवरी, 2021 में सीहोर जिला चिकित्सालय में टीकाकरण के दौरान बच्चे की मृत्यु हो गई थी? यदि हाँ, तो क्यों? जिम्मेदारों के खिलाफ शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या कालापीपल विधानसभा क्षेत्र के शिशु अस्पताल बनाने के लिए शासन स्तर पर कोई प्रस्ताव तैयार किये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो कब तक पूर्ण हो जायेंगे?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) भारत सरकार द्वारा जारी सेम्पल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एस.आर.एस.) अनुसार जिलेवार मातृ एवं शिशु मृत्यु दर जारी न होने के कारण जानकारी उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं होगा। मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाये जाने हेतु विभाग द्वारा किये जा रहे प्रयास की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रदेश में बच्चों के उपचार हेतु पृथक से शिशु अस्पताल संचालित नहीं हैं, परन्तु बीमार शिशुओं को उपचारित किये जाने हेतु समस्त जिलों में नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (एस.एन.सी.यू.), गंभीर रूप से बीमार बच्चों के उपचार हेतु चिन्हित जिलों में बाल्य गहन चिकित्सा इकाई (पी.आई.सी.यू.), समस्त जिला चिकित्सालय में चिल्ड्रन वार्ड का संचालन एवं उप जिला स्तर पर नवजात शिशु स्थिरीकरण इकाई (एन.बी.एस.यू.) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शिशु मृत्यु दर कम किये जाने हेतु किसी भी जिले में अच्छा कार्य किया जाता है तो उस मॉडल को अन्य जिलों में बेहतर रूप से लागू किया जाता है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। बच्चे की मृत्यु मिल्क एस्पेरेशन (स्तनपान के दौरान सांस नली में दूध रह जाने से हुई मृत्यु) के कारण हुई थी, जिसमें जिला स्तरीय जाँच समिति द्वारा बच्चे की मृत्यु का कारण सांस नली में दूध रह जाने के कारण मृत्यु हो जाने का उल्लेख किया गया है एवं एसफाईलेसिस के कोई भी लक्षण नहीं पाया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) कालापीपल विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में नवजात शिशु स्थिरीकरण इकाई (एन.बी.एस.यू.) का प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किया गया है जिसकी स्वीकृति उपरांत कार्य मार्च 2022 तक पूर्ण हो जायेगा।
पत्रों पर कार्यवाही करना
[सामान्य प्रशासन]
50. ( क्र. 5143 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय विधायक के पत्रों पर कार्यवाही करने के संबंध में शासन द्वारा समस्त विभागों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांश (क) के अंतर्गत जारी दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने पर निलंबन या अनुशासनात्मक कार्यवाही का भी प्रावधान हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के अंतर्गत जारी दिशा-निर्देशों में माननीय विधायकों के पत्रों पर कार्यवाही के संबंध में निर्धारित प्रपत्र व पंजी संधारण की व्यवस्था के भी निर्देश हैं? (घ) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता द्वारा जारी पत्रों पर प्रश्नांश (ग) में निर्धारित दिशा-निर्देश के तहत प्रपत्र, पंजी आदि का अनुपालन जिला मुख्यालय राजगढ़ के विभागों तथा विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर के शासकीय विभागों द्वारा किया जा रहा है? यदि हाँ, तो माह अप्रैल, 2020 से आज प्रश्न दिनांक तक निर्धारित प्रपत्र तथा पंजी की अद्यतन जानकारी उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो सक्षम अधिकरी/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की जाएगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जी हाँ। पृथक से जनप्रतिनिधि पंजी संधारित की जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रदेश में स्टार्टअप पॉलिसी लागू करना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
51. ( क्र. 5147 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में स्टार्टअप पॉलिसी कब से लागू की गई तथा किन-किन वित्तीय वर्ष में इस पॉलिसी के लिए कितनी-कितनी राशि के बजट का प्रावधान किया गया था तथा इस राशि से प्रदेश में अब तक क्या-क्या कार्य संपादित किये जाकर कितने लोगों को लाभान्वित किया गया है? (ख) स्टार्टअप पॉलिसी का उद्देश्य क्या है तथा इस पॉलिसी के लिए केन्द्र सरकार द्वारा राशि किन-किन वर्षों में कब-कब दी गई? (ग) स्टार्टअप इंडिया के लिए विगत 4 वर्ष में कितने स्टार्टअप आगे आये एवं कितने इंक्यूबेशन सेंटर कहां-कहां बनाये गये हैं इनके बनाने में कितनी-कितनी राशि स्वीकृत हुई? वर्तमान में इन सेन्टरों की क्या स्थिति है? यदि बंद हैं तो क्यों?
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) प्रदेश में सर्वप्रथम स्टार्टअप नीति वर्ष 2016 में लागू की गई थी। वर्तमान में विभाग द्वारा जारी मध्यप्रदेश स्टार्टअप नीति, 2019 प्रभावशील है जो कि दिनांक 1/4/2020 से लागू की गई है। वर्षवार बजट प्रावधान निम्नानुसार है:-
वित्तीय वर्ष |
राशि रूपये लाख में |
2018– 2019 |
100.00 लाख |
2019–2020 |
3568.37 लाख |
2020–2021 |
500.00 लाख |
प्रदेश में स्टार्टअप जागरूकता बढ़ाने के लिये स्टार्टअप यात्रा/रोड शोज/कार्यशाला/इन्क्यूबेटर्स मीट आयोजित कराई गई हैं। विभाग द्वारा भारत सरकार की स्कीम फार इन्क्यूबेशन इन अपेरल मैन्युफेक्चरिंग (SIAM) अंतर्गत बनाये गये टेक्सटाईल इन्क्यूबेशन सेंटर ग्वालियर की स्थापना हेतु वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। (ख) राज्य की स्टार्टअप नीति का उद्देश्य संपूर्ण प्रदेश में स्टार्टअप की पहल करने वाले उद्यमियों को चिन्हित करना तथा उन्हें नवाचार (idea) को मूर्तरूप में परिणित करने के लिये शासकीय व्यवस्थाओं एवं इन्क्यूबेशन्स सेंटर के माध्यम से सहयोग प्रदान करना है। प्रदेश की स्टार्टअप नीति क्रियान्वयन हेतु केन्द्र सरकार द्वारा राज्य को कोई राशि प्रदान नहीं की गई है। (ग) स्टार्टअप इंडिया अंतर्गत विगत चार वर्षों में प्रदेश के 1050 स्टार्टअप पंजीकृत हुए है तथा वर्तमान में प्रदेश में 33 इन्क्यूबेशन सेंटर कार्यरत है सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार की स्कीम फार इन्क्यूबेशन इन अपेरल मैन्युफेक्चरिंग (SIAM) अंतर्गत ग्वालियर में बनाये गये अपेरल इन्क्यूबेशन सेंटर में राज्य शासन द्वारा रूपये 4.31 करोड़ का वित्तीय सहयोग प्रदान किया गया है। शेष सभी इन्क्यूबेशन सेंटर्स निजी क्षेत्र/अन्य विभागों के द्वारा स्थापित किये गये हैं।
चाही गई जानकारी उपलब्ध नहीं कराया जाना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
52. ( क्र. 5227 ) श्री पंचूलाल प्रजापति : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पत्र क्र. 468 दिनांक 12.10.2020 द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला चिकित्सालय रीवा म.प्र. से बिन्दुवार जानकारी चाही गई थी? यदि हाँ, तो आज दिनांक तक जानकारी क्यों अपेक्षित है? (ख) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में उक्त पत्र द्वारा वांछित जानकारी उपलब्ध न कराये जाने के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? नहीं तो क्यों? कब तक कार्यवाही की जावेगी तथा दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला चिकित्सालय रीवा ने अपने पत्र क्रमांक/एनएचएम/2021/1713, दिनांक 15.01.2021 द्वारा जानकारी प्रेषित की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रतिनियुक्ति से वापसी
[पर्यटन]
53. ( क्र. 5247 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश में पर्यटन एवं आतिथ्य सत्कार के विशेषज्ञों की कमी की पर्यटन बोर्ड में ऐसे अधिकारियों एवं सलाहकारों की पदस्थापना प्रतिनियुक्ति पर की गयी है जिनका अनुभव पदस्थापना से पूर्व पर्यटन क्षेत्र का नहीं है तथा जिनके पास पर्यटन से संबंधित शैक्षणिक योग्यता भी नहीं है उन्हें पर्यटन से संबंधित महत्वपूर्ण विभाग दिए गए एवं इन आयोग्य लोगों को मोटा वेतन एवं भत्ते दिए जाकर शासन के धन की बर्बादी की जा रही है। (ख) मनोज कुमार सिंह संचालक ग्रामीण पर्यटन जी की उच्च शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश शासन के अंतर्गत समाजशास्त्र के सह-प्राध्यापक हैं कि प्रतिनियुक्ति समाप्ति का आदेश क्रमश: दिनांक 14/01/2019 क्रमांक 1-1/2019/38/1 एवं एफ1-1/2019/38/1 दिनांक 7/03/2020 को उच्च शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा दिया गया परन्तु इनके द्वारा पर्यटन विभाग के माध्यम से उपरोक्त आदेश रद्द करवाए जाकर पुन: पर्यटन बोर्ड में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थापना यथावत रखी गयी कृपया इनके द्वारा संचालक कौशल संवर्धन एवं ग्रामीण पर्यटन रहते हुए किये गये ऐसे महत्वपूर्ण कार्यों का विवरण दे जिसके कारण पर्यटन विभाग द्वारा इनकी प्रतिनियुक्ति समाप्ति के आदेश निरस्त किये गए।
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जी नहीं, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जुलाई 2019 तक डॉ. सिंह संचालक, कौशल संवर्धन के साथ-साथ प्रमुख सचिव पर्यटन के विशेष कर्तव्य स्थल अधिकारी, का कार्य भी देख रहे थे। कौशल संवर्धन के अंतर्गत माननीय मुख्यमंत्री महोदय मध्य प्रदेश शासन के प्राथमिकता पूर्ण कार्यक्रम एवं मध्यप्रदेश विजन 2025 का क्रियान्वयन हेतु 100 ग्रामों में ग्रामीण पर्यटन एवं जनजातीय पर्यटन कार्यक्रम, होमस्टे योजना, महिलाओं हेतु सुरक्षित पर्यटन स्थल कार्यक्रम, कौशल विभाग के माध्यम से युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को संपादित किये जाने के आधार पर उनकी प्रतिनियुक्ति से वापसी रोकने हेतु अनुरोध किया गया था।
उद्यमिता द्वारा लिया गया कर्ज
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
54. ( क्र. 5338 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार द्वारा मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना बंद कर दी गई है? यदि हाँ, तो किस दिनांक से किस कारण से ये योजनाएं बंद की गईं? (ख) इन योजनाओं में मनावर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किन-किन उद्यमियों ने किन योजनाओं के तहत कितना-कितना कर्ज लिया था? कितने डिफाल्टर हो चुके हैं? (ग) इन योजनाओं के अंतर्गत कर्ज लेकर रोजगार करने वाले उद्यमियों के रोजगार बंद होने और उनके डिफाल्टर होने के लिए कौन उत्तरदायी है? (घ) मनावर विधानसभा क्षेत्र के आदिवासी युवा केंद्र एवं राज्य सरकार के किन-किन योजनाओं से किन शर्तों/नियमों के तहत कितना-कितना कर्ज पाने के योग्य हैं? उक्त योजनाओं के तहत जनवरी 2015 से प्रश्न-दिनांक तक मनावर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किसे कितना कर्ज मिला?
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) जी नहीं। दिनांक 18/12/2020 पश्चात ऋण वितरण की कार्यवाही स्थगित की गई है। (ख) वित्तीय वर्ष 2020-21 में इन योजनाओं का संचालन नहीं किया गया, इसलिये इस वर्ष आवेदन लेकर किसी भी उद्यमियों को कोई कर्ज नहीं दिया गया था। किसी भी युवा उद्यमी की सब्सिडी राशि रोके जाने के आदेश शासन द्वारा नहीं दिये गये हैं, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) मनावर विधानसभा क्षेत्र के आदिवासी युवा केंद्र सरकार की स्वरोजगार योजना-प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के तहत सेवा इकाई के लिये राशि रूपये 10 लाख तथा विनिर्माण इकाई के लिये राशि रूपये 25 लाख तक की परियोजना के लिये ऋण ले सकते है, जिसके शर्तें/नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। मनावर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत स्वरोजगार योजनाओं के तहत जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक कर्ज प्राप्त हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
प्रदेश की वैश्विक धरोहर (World Heritage) के संबंध में
[पर्यटन]
55. ( क्र. 5352 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) UNESCO द्वारा प्रदेश में किन-किन स्थानों को वैश्विक धरोहर के रूप में मान्यता दी गयी है? (ख) प्रदेश की वैश्विक धरोहर को केन्द्र सरकार ने विगत पाँच वर्षों में कितनी राशि दी है वित्तीय वर्ष तथा वैश्विक धरोहर अनुसार जानकारी दें? केन्द्र सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि वैश्विक धरोहर में रख-रखाव के लिए दी जाती है या स्थानीय विकास तथा रोजगार को बढ़ावा देने दी जाती है। (ग) केन्द्र सरकार द्वारा दी गयी राशि को खर्च करने के लिए क्या कोई समिति बनायी गयी है यदि हाँ, तो उस समिति में स्थानीय सांसद तथा स्थानीय विधायक का समावेश है? यदि नहीं, तो क्या इन जनप्रतिनिधियों के अध्यक्षता में समिति का गठन किया जायेगा? (घ) विगत पाँच वर्षों में प्रदेश की वैश्विक विरासत में केन्द्र द्वारा दी गयी राशि किन कार्यों में खर्च की गयी?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) यूनेस्को द्वारा निम्न तीन स्थलों को वैश्विक धरोहर की मान्यता दी है :- (1) खजुराहो, जिला छतरपुर (2) सांची, जिला रायसेन (3) भीमबैठका, जिला रायसेन। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) पर्यटन अधोसंरचनाओं के विकास हेतु स्वीकृत कार्यों के क्रियान्वयन हेतु मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम को पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा क्रियान्वयन एजेंसी नियुक्त किया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
शिकायत निवारण समिति द्वारा प्रकरणों का निराकरण
[वित्त]
56. ( क्र. 5374 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्त विभाग के आदेश दिनांक 2 जनवरी, 2021 द्वारा सचिव वित्त की अध्यक्षता में विभागीय शिकायत निवारण नियंत्रण समिति का गठन न्यायालयीन प्रकरणों को सीमित करने के लिए किया गया है? (ख) उक्त समिति के पास कितने आवेदन स्कूल शिक्षा विभाग के सेवानिवृत्त अधिकारियों द्वारा भेजे गए हैं? (ग) समिति के पास प्राप्त आवेदनों पर अब तक क्या कार्यवाही हुई है? (घ) क्या समिति प्राप्त आवेदनों पर सकारात्मक निर्णय लेकर लंबित न्यायालयीन प्रकरणों को समाप्त करा कर अपने उद्देश्य की पूर्ति करेंगी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। वित्त विभाग के आदेश दिनांक 02 जनवरी, 2021 द्वारा मध्यप्रदेश राज्य मुकादमा नीति, 2018 की कंडिका-20 अनुसार वित्त विभाग के अंतर्गत विभागीय शिकायत निवारण समिति का गठन किया गया है तथा उक्त समिति वित्त विभाग के प्रशासकीय नियंत्रण के अधीन विभागाध्यक्ष कार्यालयों (आयुक्त कोष एवं लेखा, आयुक्त संस्थागत वित्त, पेंशन भविष्य निधि एवं बीमा, स्थानीय निधि संपरीक्षा, वित्तीय प्रबंध सूचना प्रणाली, मध्यप्रदेश वित्त निगम एवं दी पी.आई.सी.एल.) में नियुक्त/सेवारत्/सेवानिवृत्त अधिकारियों/ कर्मचारियों के प्रकरणों की समीक्षा हेतु गठित है। उक्त संबंध में आदेश दिनांक 11/02/2021 भी जारी किया गया है। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त समिति मात्र वित्त विभाग के अधीन नियुक्त शासकीय सेवकों के लिए है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जल जीवन मिशन अंतर्गत ग्रामीण घरों में जलापूर्ति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
57. ( क्र. 5380 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जल जीवन मिशन की घोषणा अगस्त 2019 में प्रधानमंत्री द्वारा की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो ग्रामीण घरों में नल द्वारा जलापूर्ति (हर घर जल) सुनिश्चित करने की योजना जल जीवन मिशन में प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र में कितने ग्राम शामिल हैं तथा उन ग्रामों में कितने-कितने कनेक्शन दिये गये है? (ग) प्रश्नांश (क) के प्ररिप्रेक्ष्य में जो गांव शेष बचे हैं उन गांवों को कब तक उक्त योजना का लाभ मिलेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) एक भी ग्राम नहीं, प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्र सम्मिलित नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार, प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बिना योग्यता फर्जी चिकित्सकों द्वारा इलाज किया जाना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
58. ( क्र. 5384 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी रोड करैरा एवं चंदेरी मौती रोड पिछोर में अनेक फर्जी चिकित्सकों द्वारा बिना किसी योग्यता के मरीजों का इलाज कर क्षेत्र के निवासियों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित स्थानों पर एक ही लायसेंस पर कई मेडिकल स्टोर भी इन फर्जी चिकित्सकों द्वारा खोले गये है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) वर्णित स्थानों पर प्रशासन से समय-समय पर जाँच करवाकर फर्जी चिकित्सकों/मेडिकल स्टोरों को बंद करवा कर दोषियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या शासन पूरे शिवपुरी जिले में चिकित्सकों/फर्जी मेडिकल स्टोरों का प्रतिमाह परीक्षण करवाकर फर्जी चिकित्सकों/मेडिकल स्टोरों को बंद करवाने की कार्यवाही करेगा? (ड.) इसके पूर्व प्रशासन द्वारा शिवपुरी जिले में फर्जी चिकित्सकों/ मेडिकल स्टोरों की जाँच वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब की गई तथा किस-किस पर कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। ऐसी कोई जानकारी प्राप्त होने पर जाँच उपरान्त नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। (घ) जी हाँ। (ड.) शिवपुरी जिले में फर्जी चिकित्सकों/मेडिकल स्टोरों की जाँच वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
पैथोलॉजी सेंटरों की दरों में भिन्नता
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
59. ( क्र. 5428 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में संचालित अशासकीय पैथोलॉजी, एक्स-रे, सिटी स्केन एवं एम.आर.आई. सेंटरों में होने वाले टेस्ट/परीक्षणों हेतु लिए जाने वाले शुल्क हेतु क्या मापदण्ड है? (ख) क्या हर पैथोलॉजी, एक्स-रे, सिटी स्केन एवं एम.आर.आई. सेंटरों में कराए जाने वाले टेस्ट/परीक्षणों की शुल्क की दरों में भिन्नता है एवं मनमाने तरीके से इन सेंटरों द्वारा शुल्क की राशि में वृद्धि की जाती है? (ग) यदि हाँ, तो उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन द्वारा शुल्क की दरें तय की जाएगी जिससे जनसामान्य को अधिक भुगतान नहीं करना पड़े? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) प्रदेश के समस्त पंजीकृत पैथोलॉजी, एक्स-रे, सिटी स्केन एवं एम.आर.आई. सेंटरों में होने वाले टेस्ट/परीक्षणों हेतु लिए जाने वाले शुल्क का प्रदर्शन म.प्र. उपचर्या तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनायें (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 तथा नियम 1997 के अनुसूची-दो (नियम 17) तथा अनुसूची-तीन (नियम-18) अनुरूप किए जाने संबंधी मापदण्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। पैथोलॉजी, एक्स-रे, सिटी स्केन एवं एम.आर.आई. सेंटरों में कराए जाने वाले टेस्ट/ परीक्षणों की शुल्क की दरों में भिन्नता है। जाँच हेतु टेस्ट/परीक्षणों की शुल्क की राशि का निर्धारण संबंधित पंजीकृत केन्द्रों द्वारा किया जाता है। (ग) जी नहीं। म.प्र. उपचर्या तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनायें (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 तथा नियम 1997 के वर्तमान प्रावधानों के अनुसार शासन द्वारा शुल्क की दरें तय करने का प्रावधान नहीं है।
चिकित्सों, नर्स तथा पैरा मेडिकल स्टॉफ की कमी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
60. ( क्र. 5448 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इस चालू वित्तीय वर्ष में आर.बी.आई. के रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश में 2500 लोगों पर सिर्फ एक डॉक्टर है एवं नर्स और पैरा मेडिकल स्टॉफ की संख्या 08 है तथा प्रति व्यक्ति के स्वास्थ्य का खर्च 1248 रूपये है जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार प्रति 01 हजार लोगों पर एक डाक्टर होना चाहिए? (ख) क्या विश्व स्वास्थ्य संगठन के मापदंड के अनुसार प्रदेश के नागरिकों को अच्छी स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध कराने की दृष्टि से डॉक्टर, नर्स अन्य पैरा मेडिकल स्टॉफ आदि की व्यवस्था की जायेगी? यदि हाँ, तो इसके लिये क्या कार्य योजना है एवं कब तक उक्त व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ, जी हाँ, प्रति व्यक्ति स्वास्थ्य का खर्च 1248 के स्थान पर 1284 दर्शित है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रति 1 हजार व्यक्तियों पर एक चिकित्सक की अनुशंसा की गई है परंतु कोई मानक निर्धारित नहीं किया गया है। (ख) वर्तमान में प्रदेश की आवश्यकतानुसार स्वास्थ्य केन्द्रों में पद स्वीकृत किए गए हैं एवं केन्द्र सरकार द्वारा जारी भारतीय लोक स्वास्थ्य मानक (आई.पी.एच.एस.) अनुसार समस्त संस्थाओं में पद स्वीकृति संबंधी कार्यवाही प्रचलन में है। प्रदेश में चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित किए जाने हेतु नवीन चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना की जा रही है जिससे आगामी वर्षों में चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है, प्रथम श्रेणी विशेषज्ञ के शत प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है एवं वर्तमान में माननीय उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति के संदर्भ में प्रचलित प्रकरण के कारण पदोन्नति की प्रक्रिया विलंबित है। म.प्र. लोक सेवा आयोग को 727 चिकित्सकों की पदपूर्ति हेतु मांग-पत्र प्रेषित किया गया है। पदपूर्ति हेतु बंधपत्र अंतर्गत एवं संविदा एन.एच.एम. चिकित्सकों की कार्यवाही निरंतर जारी है। पैरामेडिकल संवर्ग/नर्सिंग संवर्ग हेतु भी विभाग निरंतर नियमित/संविदा के माध्यम से पदपूर्ति की कार्यवाही उपलब्धता अनुसार कर रहा है। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
अंग्रेजी में विज्ञापन जारी किया जाना
[जनसंपर्क]
61. ( क्र. 5453 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य सचिव, मध्यप्रदेश शासन द्वारा दिनांक 09-04-1990 को निर्देश दिये थे कि सभी विभाग संचालनालय, निगम या अर्द्धशासकीय संस्थान में कोई भी कार्यवाही अंग्रेजी में होती पाई गई तो उसे शासन के आदेशों की गंभीर अवहेलना तथा कदाचरण माना जावेगा और संबंधित अधिकारी के विरूद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी? (ख) यदि हाँ, तो 01 अप्रैल, 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में किन-किन विभाग, संचालनालयों एवं निगमों द्वारा अंग्रेजी में विज्ञापन जारी किये गये हैं एवं उक्त विज्ञापन अंग्रेजी में दिया जाना क्यों आवश्यक था एवं क्या शासन आदेश का उल्लंघन कर अंग्रेजी में जारी किये गये विज्ञापन के लिये उत्तरदायित्वों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) संबंधित विभाग द्वारा कार्य के स्वरूप और प्रकृति तथा लक्ष्य समूह को दृष्टिगत रखते हुए निविदा/विज्ञापन हिंदी समाचार-पत्रों को हिन्दी में एवं अंग्रेजी समाचार पत्रों को अंग्रेजी में विज्ञापन जारी किये जाते है। जनसंपर्क विभाग (मध्यप्रदेश माध्यम) द्वारा विभिन्न विभागों/निगम, मंडलों के विज्ञापन जारी किये जाते हैं। इनकी विषय-वस्तु संबंधित विभाग द्वारा लक्ष्य समूह को ध्यान में रखकर तैयार कर उपलब्ध कराई जाती है। विभागों द्वारा जिस भाषा में विज्ञापन सामग्री प्रस्तुत की जाती है, उनमें बिना किसी बदलाव के समाचार-पत्रों को प्रकाशन करने हेतु भेज दिया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश में एडाप्ट हैरिटेज योजना
[संस्कृति]
62. ( क्र. 5469 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश में केंद्र सरकार की एडाप्ट हैरिटेज योजना लागू है? यदि हाँ, तो उक्त योजना के अन्तर्गत कौन-कौन से हैरिटेज भवन व किलों को कब-कब कम्पनी व संस्था के एन.जी.ओ. द्वारा गोद लिया गया है? जानकारी देवें। (ख) क्या सरकार ने उक्त संस्थाओं से MOU किया है? यदि हाँ, तो MOU की प्रतिलिपि देवें। (ग) क्या उक्त ऐतिहासिक सम्पदा अपने मूल स्वरूप को खोते जा रही है? यदि हाँ, तो क्या सरकार द्वारा इनके रख-रखाव के लिए कोई प्रावधान किये गये है? यदि हाँ, तो अवगत कराये। (घ) क्या सरकार ने पॉलिसी बनाने एवं फिल्म निर्माताओं को प्रदेश में शूटिंग करने हेतु प्रोत्साहन प्रदान करने हेतु कोई नीति विचाराधीन है? यदि हाँ, तो विवरण देवें।
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जी हाँ। पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार को तीन हेरिटेज भवनों/किलों (स्मारकों) क्रमश: खजुराहो के स्मारकों (Monuments), ग्वालियर किला तथा धुवेला हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुये हैं परंतु अभी तक इस हेतु किसी भी MOU पर हस्ताक्षर नहीं हुये हैं। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। कोई नीति विचाराधीन नहीं है। इस संबंध में पर्यटन विभाग द्वारा पूर्व में ही फिल्म पॉलिसी जारी की गई है, जो म.प्र. टूरिजम बोर्ड के पोर्टल पर उपलब्ध है शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
राज्य सरकार से वित्तीय सहायता प्राप्त करने वाले विश्वविद्यालयों की जमाये
[वित्त]
63. ( क्र. 5471 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में सरकार के किस-किस विभाग की कितनी-कितनी जमायें किस-किस प्राईवेट, सरकारी और सहकारी बैंक में दिनांक 18.02.2021 को जमा थी? चालू, बचत व स्थायी जमायें (एफ.डी.आर.) कितनी तथा किस-किस दर पर कौन-कौन सी बैंक में जमा थी? (ख) उक्त बैंकों में कौन-कौन सी बैंकिंग सुविधायें हैं जो अन्य बैंकों द्वारा इन विभागों व संस्थाओं को दी जा रही है जो जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक द्वारा नहीं दी जा सकती हैं? (ग) क्या जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों में जमायें बढ़ने से इनकी तरलता का लाभ किसानों को ऋण के लिये मिलने की दृष्टि से क्या सरकार ऐसे निर्देश निकालने का विचार कर रही है कि ये विभाग व संस्थायें अपने चालू व बचत खाते जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक की शाखा उपलब्ध होने पर उसमें रखे और स्थायी जमाये उनकी दरें प्रतिस्पर्धी होने पर उनमें ही करायें? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों? (घ) क्या सरकार से वित्तीय सहायता प्राप्त करने वाले विश्वविद्यालयों की जमायें इन बैंकों में रखने पर कोई रोक है? यदि हाँ, तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कृषि विकास की दरें
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
64. ( क्र. 5476 ) श्री संजय उइके : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2004 से 2017 तक मध्यप्रदेश की कृषि विकास दर पूरे विश्व में सबसे ज्यादा बताई गई है? (ख) यदि हाँ, तो दूसरे, तीसरे एवं चौथे स्थान पर कौन-कौन से राज्य आये? (ग) क्या इन राज्यों की कोई प्रमाणित सूची, या भारत सरकार का कोई दस्तावेज, रिपोर्ट उपलब्ध है? यदि हाँ, तो प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वर्ष 2004 से 2017 तक मध्यप्रदेश की कृषि विकास दर उपलब्ध है, परंतु पूरे विश्व तथा विभिन्न राज्यों की कृषि विकास दर के आंकड़े संचालनालय में उपलब्ध नहीं है, इसलिये विकास दर की तुलना संभव नहीं है। मध्यप्रदेश की कृषि विकास दर की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
औद्योगिक केन्द्र स्थापित किया जाना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
65. ( क्र. 5498 ) श्री अनिल जैन : क्या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निवाड़ी जिले में जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के अंतर्गत औद्योगिक क्षेत्रों में किन-किन कम्पनियों, संस्थानों, फर्मों एवं व्यक्तियों को वर्तमान में कितनी-कितनी भूमि आवंटित है? यह भूमि कब किस कार्य हेतु आवंटित की गई थी? औद्योगिक क्षेत्रवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जिस-जिस कार्य के लिये अनुबंध कर भूमि/शेड आवंटित किये गये थे, प्रश्न दिनांक की स्थिति में कौन-कौन सी इकाइयां चालू हैं? कौन-कौन सी बंद या निर्माणाधीन हैं? (ग) क्या विगत 10 वर्षों में विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी में नवीन औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने हेतु भूमि का चयन किया गया था? यदि हाँ, तो किस-किस ग्राम में कौन-कौन से खसरा नम्बर में कितनी-कितनी भूमि का चयन कर आरक्षित की गई थी? इनमें से किन-किन स्थानों पर कौन-कौन से उद्योग/व्यापार/अन्य कार्य हेतु आवंटित की गई है? (घ) क्या यह सही है कि औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित भू-खण्डों के आवंटन के उपरान्त यदि निर्धारित समय-सीमा में कम्पनियों, संस्थानों, फर्मों एवं व्यक्तियों के द्वारा इकाइयां स्थापित नहीं की जाती है तो उक्त कम्पनियों, संस्थानों, फर्मों एवं व्यक्तियों के आवंटित भूखण्डों को निरस्त करने की कार्यवाही की जाती है यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक कितने भूखण्ड निरस्त किये गये है? यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) से (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम में दर अनुबंध की प्रक्रिया
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
66. ( क्र. 5505 ) श्री
अनिरुध्द
(माधव) मारू : क्या
सूक्ष्म, लघु और
मध्यम उद्यम
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मध्यप्रदेश
लघु उद्योग
निगम में दर
अनुबंध की
क्या
प्रक्रिया है? (ख) वर्ष
2019-2020 में
किन-किन
आइटम्स की
निविदाएं
आमंत्रित की गई
एवं किन-किन
आइटम्स का दर
अनुबंध हुआ? (ग) कोविड-19 के कारण
लॉकडाउन समय
में कौन-कौन
से आइटम की
दरें स्वीकृत
कर रेट
कान्ट्रेक्ट
हुआ एवं किन-किन
फर्मों को
सैनिटाइजर, मास्क
एवं ग्लब्स की
सप्लाई
किन-किन
विभागों में
कितनी-कितनी
राशि की
सप्लाई
मध्यप्रदेश लघु
उद्योग निगम
के माध्यम से
की गई? सूची
उपलब्ध कराए। (घ) आज
दिनांक 19
फरवरी, 2021 को
किन-किन आइटम
की दर अनुबंध
मध्यप्रदेश
लघु उद्योग
निगम के साथ
नहीं है और
क्यों? सूची
उपलब्ध
करावें।
सूक्ष्म, लघु और
मध्यम उद्यम
मंत्री ( श्री
ओमप्रकाश
सखलेचा ) : (क) दर
अनुबंध की
प्रक्रिया पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार है। (ख) वर्ष
2019-2020 में
जिन उत्पादों
की निविदाएं
आमंत्रित की
गई एवं जिन उत्पादों
का दर अनुबंध
निष्पादित
किया गया उसकी
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब
अनुसार है। (ग) कोविड-19 के कारण
लॉकडाउन समय
में हेण्डसेनेटाइजर, डिसइनफेक्टेड
एण्ड क्लीनर
कम डिसइनफेक्टेड
की दरें
स्वीकृत कर दर
अनुबंध किया
गया। लघु उद्योग
निगम के
द्वारा मास्क
एवं ग्लब्स की
दरें
निर्धारित
नहीं की गई और
न ही प्रदाय
किया गया।
मध्यप्रदेश
लघु उद्योग
निगम के
माध्यम से
विभिन्न
विभागों को
प्रदाय किये
गये हेण्डसेनेटाइजर
की सूची पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-स
अनुसार है। (घ) सूक्ष्म, लघु और
मध्यम उद्यम
विभाग के
परिपत्र
क्रमांक एफ 6-9/2012/अ-73,
दिनांक
05.09.2018 के
द्वारा मध्यप्रदेश
भण्डार क्रय
तथा सेवा
उपार्जन नियम, 2015 के नियम-6 के
अंतर्गत
परिशिष्ट-अ
में वर्णित
वस्तुएं
मध्यप्रदेश
लघु उद्योग
निगम के माध्यम
से क्रय हेतु
सामग्री
आरक्षण की व्यवस्था
समाप्त की गई
है। अत:
वर्तमान में
मध्यप्रदेश
लघु उद्योग
निगम के माध्यम
से अनिवार्य
रूप से क्रय
हेतु उत्पादों
की निर्धारित
सूची नहीं है।
अत: जिन उत्पादों
का दर अनुबंध
नहीं है,
उन
उत्पादों की
सूची उपलब्ध
कराया जाना
संभव नहीं है।
ए.एन.एम. व आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाने
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
67. ( क्र. 5516 ) श्री रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बढ़ती हुई मँहगाई को दृष्टीगत रखते हुये प्रदेश में कार्यरत ए.एन.एम. एवं आशा कार्यकर्ताओं के मानदेय बढ़ाने पर सरकार कोई विचार कर रही है? (ख) यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत कार्यरत संविदा ए.एन.एम. के कार्य आधारित मूल्यांकन एवं दक्षता आंकलन के अनुसार मासिक मानदेय पर 3 प्रतिशत वार्षिक मानदेय वृद्धि (Increment) पूर्व से ही दिया जा रहा है। भारत शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत आशा कार्यकर्ता एक स्वैच्छिक सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता है, जिसे ग्रामसभा द्वारा चयनित किया जाता है एवं उसे कार्य आधारित प्रोत्साहन राशि दिये जाने का प्रावधान है। (ख) प्रश्न (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
महिला एवं बाल विकास की संचालित योजनाएं
[महिला एवं बाल विकास]
68. ( क्र. 5517 ) श्री रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में महिला एवं बच्चों के विकास हेतु कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? वर्ष 2019-20 में किस योजना पर कितना व्यय किया गया है? व्यय की राशि का विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में जिला मुरैना की विधानसभा क्षेत्र दिमनी में उक्त योजनान्तर्गत किन-किन पंचायतों में कितनी महिला और बच्चों को लाभान्वित किया गया है? पंचायतवार जानकारी देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) जिला मुरैना की विधानसभा क्षेत्र दिमनी में प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना एवं लाडली लक्ष्मी योजना में (छात्रवृत्ति) से लाभान्वित महिलाओं एवं बच्चियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार है। विभाग की शेष योजनाओं में पंचायतवार जानकारी संधारित न की जाकर परियोजनावार जानकारी संकलित की जाती है।
दूध से बने खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
69. ( क्र. 5520 ) श्री रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना में विभाग द्वारा 01 जनवरी, 2019 से जनवरी 2021 तक बिकने वाले दूध तथा दूध से बने खाद्य पदार्थों में मिलावट के कितने प्रकरण दर्ज किये गये हैं? उक्त प्रकरण में अब तक क्या कार्यवाही हुई? (ख) क्या सरकार की मिलावटी दूध के कारोबार को रोकने हेतु कोई प्रभावी कार्य योजना हैं? यदि हाँ, तो विवरण दें? अगर नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जिला मुरैना में विभाग द्वारा 01 जनवरी, 2019 से जनवरी 2021 तक बिकने वाले दूध से बने खाद्य पदार्थों के कुल 47 प्रकरण न्याय निर्णयन अधिकारी न्यायालय (ए.डी.एम.) जिला मुरैना 07 प्रकरण मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी जिला मुरैना न्यायालय में दर्ज किये गये है। उक्त समस्त प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। (ख) दूध सहित विभिन्न खाद्य पदार्थों में मिलावट करने पर खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006, विनियम 2011 के अंतर्गत कार्यवाही प्रावधानित है। जिसके अंतर्गत कार्यवाही की जाती है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
समाधान योजना का क्रियान्वयन
[वाणिज्यिक कर]
70. ( क्र. 5535 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) समाधान योजना के तहत कर की कितनी डिमांड के बदले कितनी राशि ली गई तथा कितने करदाताओं को कितने करोड़ की छूट का लाभ मिला तथा इस योजना की घोषणा किस दिनांक को की गई तथा इसकी घोषणा करने की जरूरत क्यों हुई? (ख) इस योजना के तहत लाभ लेने की पात्रता की कोई शर्ते थी या नहीं थी? जिसने कर की चोरी की, जिन पर पुलिस में प्रकरण दर्ज हुआ, आदि गैर कानूनी तरीके से कर अपवंचन का कार्य करने वाले भी क्या इस छूट के पात्र थे यदि हाँ, तो क्या यह योजना कर चोरी को बढ़ावा नहीं देगी? इसकी पात्रता संबंधी शर्त वाला दस्तावेज, परिपत्र का विवरण उपलब्ध करावें। (ग) डिमांड का 20 प्रतिशत प्राप्त करना तथा 80 प्रतिशत की छूट देना किन समिति द्वारा क्यों तय किया गया यह 40 प्रतिशत- 60 प्रतिशत भी हो सकता था? इससे संबंधी समस्त पत्राचार, नोटशीट, परिपत्र का विविरण देवें। (घ) क्या योजना हेतु विधिक राय ली गई क्या वित्त विभाग से इसकी स्वीकृति प्राप्त की गई? क्या यह माननीय मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया गया था। योजना की घोषणा किस दिनांक को हुई? (ड.) क्या इस योजना में 500 करोड़ की अनियमितता हुई छोटे करदाताओं के नाम पर अडानी, मित्तल, बिडला जैसे बड़े घरानों को 300 करोड़ रूपये की छूट का लाभ मिला, शेष 250 करोड़ में 22500 से ज्यादा कर दाता है?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) मध्य प्रदेश कराधान अधिनियमों की पुरानी बकाया राशि का समाधान अध्यादेश, 2020 दिनांक 26 सितम्बर, 2020 से लागू किया गया। यह योजना 120 दिवस के लिए लाई गई। समाधान योजना की अवधि में बकाया राशि के समाधान हेतु योजना में सम्मिलित विभिन्न कराधान अधिनियमों की बकाया के समाधान हेतु 22517 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें रूपए 714.82 करोड़ की बकाया राशि निहित थी। इन आवेदन पत्रों के परीक्षण पश्चात् 22069 आवेदन स्वीकार किए गए। बकाया राशि के समाधान हेतु प्रस्तुत आवेदनों में निहित बकाया के विरूद्ध अध्यादेश लागू होने के बाद प्रस्तुत आवेदनों के साथ रूपये 146.09 करोड़ की बकाया राशि का भुगतान प्राप्त किया गया। अध्यादेश लागू होने के पूर्व संबंधित बकाया राशि की प्रकरणों में आंशिक जमा राशि रूपए 100.11 करोड़ का समायोजन दिया गया। तत्पश्चात् रूपए 477.96 करोड़ की बकाया राशि का समाधान (अधित्याग) योजना के तहत किया गया। कोविड-19 महामारी एवं लॉकडाउन के कारण व्यवसायी गतिविधियाँ अत्यधिक प्रभावित हुईं, जिससे राजस्व संग्रहण अत्यधिक प्रभावित हुआ। अत: वित्तीय संसाधनों की अनिवार्यत: एवं राजस्व संग्रहण में हो रही कमी को दृष्टिगत रखते हुए राज्य शासन द्वारा विवादित बकाया राशि के समाधान हेतु योजना लाए जाने के संबंध में निर्णय लिया गया। (ख) इस योजना के तहत लाभ दिए जाने के संबंध में पात्रता एवं विभिन्न शर्तों का प्रावधान अध्यादेश में किया गया। मध्य प्रदेश कराधान अधिनियमों की पुरानी बकाया राशि का समाधान अध्यादेश, 2020 की धारा 2 की उपधारा (1) की कंडिका छ: के द्वितीय परंतुक के प्रावधानों अनुसार कर अपवंचन से संबंधित जाँच एवं छापे से संबंधित प्रकरणों की बकाया राशि को योजना में सम्मिलित नहीं किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश कराधान अधिनियमों की पुरानी बकाया राशि का समाधान अध्यादेश, 2020 के खण्ड 4 की सारणी के कॉलम (3) में कर जमा करने तथा कॉलम (4) में ब्याज एवं शास्ति का भुगतान हेतु देय राशि निर्धारित की गई है। प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) बकाया समाधान योजना के प्रस्ताव पर शासन स्तर पर आवश्यक सभी स्वीकृतियाँ प्राप्त की गईं। माननीय मुख्य सचिव महोदय की अध्यक्षता में वरिष्ठ सचिवों की समिति जिसमें वित्त विभाग तथा विधि एवं विधायी कार्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी सम्मिलित होते हैं, से अनुमोदन कराया गया। अध्यादेश के प्रारूप पर मंत्रि-परिषद् के अनुमोदन उपरांत माननीय राज्यपाल महोदय की स्वीकृति पश्चात् समाधान अध्यादेश, 2020 दिनांक 26-09-2020 से लागू किया गया। (ड.) समाधान योजना में 31 मार्च, 2016 को अथवा उसके पूर्व समाप्त होने वाली किसी भी कालावधि के विभिन्न कराधान अधिनियमों के प्रकरणों में लंबित बकाया राशि से संबंधित बकायादारों को सम्मिलित किया गया है, जिसके कारण ही 22517 आवेदन प्राप्त किए जा सके। अत: अनियमितता की कोई स्थिति नहीं है।
कोरोना वैश्विक महामारी में अमानक केमिकल/सामग्री का प्रदाय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
71. ( क्र. 5536 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोरोना वैश्विक महामारी से बचाव और सुरक्षा के लिये स्वास्थ्य विभाग ने और मध्यप्रदेश पब्लिक हैल्थ सर्विसेस आर्गेनाईजेशन कार्पोरेशन लि. भोपाल ने किन-किन मदों से किन व्यवस्थाओं, बचाव आदि कार्यों पर कितनी राशि, किस प्रकार से खर्च की? क्यों किसी कम्पनी ने अमानक केमिकल या सामग्री की सप्लाई/उपयोग की है? तो उस पर क्या कार्यवाही की? (ख) उस कम्पनी ने कुल कितनी राशि की क्या-क्या सामग्रियां/केमिकल्स सप्लाई किये? उस कम्पनी के मालिकों के नाम बताएं। अर्थ दण्ड लगाया हो, ब्लैक लिस्ट किया हो तो उन सभी आदेश की प्रतियां देवें। इस संबंध में अन्य विभागों को कार्यवाही के लिये अनुशंसा की हो या जानकरी दी हो तो उन पत्रों का विवरण देवें। अगर उन विभागो ने पत्र पर जवाब दिया हो तो उनका भी विवरण देवें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। M/s. Sun-AJ-Pharma द्वारा उच्च गुणवत्ता युक्त रिपोर्ट के साथ केमिकल/सामग्री की सप्लाई की गई जिसके बैचों के नमूनों को निविदा शर्तानुसार गुणवत्ता परीक्षण हेतु प्रयोगशाला भेजे गए। प्रयोगशाला द्वारा जाँच में केमिकल/सामग्री के बैचों को अमानक स्तर का घोषित किए जाने के उपरांत उक्त अमानक बैचों के वितरण/उपयोग को रोक दिया गया एवं निविदा शर्तानुसार अर्थदण्ड लगाते हुए फर्म को ब्लैक लिस्ट किया गया। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। उक्त प्रदायकर्ता फर्म M/s. Sun-AJ-Pharma के मालिक का नाम श्री सुनील अजमेरा है। M/s. Sun-AJ-Pharma पर निविदा शर्तानुसार लगाये गये अर्थदण्ड एवं ब्लैक लिस्ट आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। अन्य विभागों द्वारा कार्यवाही कराये जाने का प्रावधान निविदा में वर्णित नहीं है, इस संबंध में अन्य विभागों को सूचनार्थ हेतु दी गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिया जाना
[सामान्य प्रशासन]
72. ( क्र. 5557 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में प्रदेश में पिछड़ा वर्ग के लिये 27 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया है? यदि हाँ, तो किस दिनांक से लागू किया गया है? आरक्षण के क्या मापदंड है? विवरण दें। (ख) शासन द्वारा 27 प्रतिशत आरक्षण को पिछड़ा/अति पिछड़ा वर्ग हेतु कितने-कितने प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है? (ग) मध्यप्रदेश में पिछड़ा वर्ग तथा पिछड़े वर्ग में कौन-कौन सी जातियां आती हैं? पिछड़ा वर्ग तथा अति पिछड़ा वर्ग की कुल कितनी जाति तथा उनकी कुल कितनी संख्या प्रदेश में है? क्या अति पिछड़ा व पिछड़ा वर्ग हेतु एक समान आरक्षण व्यवस्था है? (घ) क्या वर्तमान में प्रदेश स्तर पर ओ.बी.सी. संगठनों द्वारा आगामी जनगणना में पिछड़ा वर्ग की जनगणना किये जाने की मांग की जा रही है? यदि हाँ, तो शासन स्तर से उक्त संबंध में किसी प्रकार के प्रस्ताव केन्द्र शासन अथवा जनगणना आयोग को भेजे जा रहे हैं? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। अन्य पिछड़ा वर्ग को 8 मार्च, 2019 से 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया हैं। आरक्षण हेतु मापदण्ड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''एक''अनुसार। (ख) अति पिछड़ा वर्ग हेतु पृथक से आरक्षण का प्रावधान नहीं हैं। (ग) मध्यप्रदेश राज्य की पिछड़ा वर्ग में आने वाली अधिसूचित जातियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''दो'' अनुसार। इस प्रकार के वर्गीकरणों के अभिलेख संधारण के निर्देश नहीं है उत्तरांश (ख) के प्रकाश में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। जनगणना केन्द्र शासन का विषय है इस संबंध में गृह विभाग को पत्र लिखा जा रहा हैं।
डी.डी.ओ. को जिला कोषालय सागर में स्थानांतरण
[वित्त]
73. ( क्र. 5563 ) श्री महेश राय : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले की कितनी उप कोषालयों को बंद कर दिया गया है एवं कितनी अभी काम कर रही है, उप कोषालय बीना, खुरई एवं जिला कोषालय सागर से कितने (डी.डी.ओ.) कर्मचारियों का वेतन एवं अन्य बिलों का भुगतान किया जा रहा है? (ख) उप कोषालय बीना के अन्य डी.डी.ओ. से जिला कोषालय सागर से वेतन आहरण की सहमति क्यों ली गयी जबकि उप कोषालय बीना अपना कार्य विगत वर्षों की तरह विधिवत रूप से कर रही है? ऐसा करने से कर्मचारियों के आर्थिक प्रकरणों का निराकरण समय से नहीं हो पा रहा है? (ग) उप कोषालय बीना के पुराने डी.डी.ओ. को जिला कोषालय सागर से उप कोषालय बीना वापिस कब तक किया जायेगा या उप कोषालय खुरई में समायोजित किया जायेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) उप कोषालय बंडा को विभागीय आदेश क्रमांक एफ 5-02/ (पार्ट)/04/2020/ई/चार, दिनांक 31-12-2020 द्वारा समाप्त किया गया है। वर्तमान में सागर जिला अंतर्गत 05 उप कोषालय काम कर रहे है। उप कोषालय बीना से 01 डी.डी.ओ., उप कोषालय खुरई से 03 डी.डी.ओ. एवं कोषालय सागर से 178 डी.डी.ओ. के अंतर्गत 22,785 कर्मचारियों के वेतन एवं अन्य बिलों का भुगतान किया जा रहा है। (ख) आहरण संवितरण अधिकारी की सुविधा के लिए उनके द्वारा सहमति दी गई। कर्मचारियों के आर्थिक प्रकरणों का निराकरण समयावधि में किया जा रहा है। (ग) ऐसी कोई कार्यवाही विचाराधीन नहीं है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नलजल योजना के कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
74. ( क्र. 5570 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग सतना, विकासखण्ड सोहावल के ग्राम पवैया एवं झाली में नलजल योजना अंतर्गत कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई थी? स्वीकृत आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या उपरोक्त कार्यों की स्वीकृति के पूर्व कार्यपालन यंत्री सतना द्वारा कार्यपालन यंत्री मउगंज रीवा को निविदाकारों के प्रगतिरत कार्यों के संबंध में जानकारी मांगी थी? यदि हाँ, तो पत्र का विवरण देवें। (ग) क्या कार्यपालन यंत्री मउगंज द्वारा संबंधित निविदाकरों के कार्यों (पूर्ण/अपूर्ण) की जानकारी कार्यपालन यंत्री सतना को दी गई? यदि नहीं, तो क्यों? क्या दोनों जगह पर एक ही व्यक्ति कार्यपालन यंत्री के प्रभार में रहे हैं? यदि हाँ, तो नाम/पद सहित पूर्ण जानकारी देवें। (घ) क्या कार्यपालन यंत्री मउगंज एवं सतना के पद पर पदस्थ एक ही व्यक्ति द्वारा निविदाकारों के अपूर्ण निर्माण कार्यों को छिपाकर, लाभ पहुँचाने हेतु, अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरती गई है, अपूर्ण कार्य छोड़े जाने पर भी नियमानुसार निविदाकारों से नये कार्यों का अनुबंध नहीं कराया जाना चाहिये था, किन्तु मउगंज में अधूरे कार्य छोड़े जाने के बाद, दोनों स्थानों पर कार्यपालन यंत्री के प्रभार में रहे अधिकारी द्वारा नियम विरूद्ध कार्य करते हुये, निविदाकारों से सोहावल विकासखण्ड में नये कार्यों का अनुबंध किया गया, इसके लिये दोषी कार्यपालन यंत्री पर क्या और कब तक में कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ, स्वीकृत आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ, जानकारी दी गई। जी हाँ, श्री जे.पी. द्विवेदी, कार्यपालन यंत्री के प्रभार में रहे हैं। (घ) जी नहीं। वित्तीय अधिकार पुस्तिका-1995 (भाग-2) के अनुसार प्रश्नाधीन निविदा स्वीकृति के लिये सक्षम अधिकारी मुख्य अभियंता जबलपुर द्वारा मेसर्स मारूति कंस्ट्रक्शन कंपनी सतना से प्राप्त न्यूनतम दर की निविदा स्वीकृत की गई है, जिसके अनुक्रम में कार्यपालन यंत्री द्वारा अनुबंध निष्पादित किया गया, कोई दोषी नहीं है, कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सातवें वेतनमान के अनुरूप कर्मचारियों/अधिकारियों के भत्तों में वृद्धि
[वित्त]
75. ( क्र. 5571 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश शासन के कर्मचारियों को 01/01/2016 से सातवें वेतनमान का लाभ प्रदान किया गया है? यदि हाँ, तो कर्मचारियों को वेतन के साथ कौन-कौन से भत्ते प्रदान किये जाने के नियम हैं? शासनादेशों सहित जानकारी देवें। (ख) क्या सातवें वेतनमान प्रदाय किये जाने के उपरांत भी प्रश्नांश (क) अनुसार भत्तों को सातवें वेतनमान के अनुरूप अभी तक संशोधित नहीं किया गया है? क्या प्रदेश के कर्मचारियों/अधिकारियों को वर्तमान में भुगतान किये जा रहे गृह भाड़ा भत्ता/मकान किराया भत्ते के रूप में छठवें वेतनमान के मान से ही राशि का भुगतान किया जा रहा है जबकि वेतनमान परिवर्तित किये 4 वर्ष से अधिक समय व्यतीत हो चुका है। (ग) क्या प्रदेश के कर्मचारियों/अधिकारियों को मिलने वाले भत्तों को सातवें वेतनमान के मान से संशोधित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें। (घ) क्या प्रदेश के अधिकारियों/ कर्मचारियों को दिनांक 01/07/2020 को देय इन्क्रीमेंट के आर्थिक लाभ से वंचित रखा गया है? यदि हाँ, तो उक्त आर्थिक लाभ कब तक में प्रदाय कर एरियर्स राशि भुगतान की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 22 जुलाई, 2017 की कंडिका 15 अनुसार शासकीय सेवकों को यात्रा भत्ता, गृह भाड़ा भत्ता, परियोजना भत्ता, अवकाश यात्रा सुविधा तथा अन्य सुविधाएं जो मूल वेतन से जुड़ी हुई थी, पूर्व के वेतन संरचना के आधार पर ही देय होगी। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) प्रदेश अपनी वित्तीय स्थिति के आधार पर यथा समय निर्णय लेता है। शेष का प्रश्न उपस्थिति नहीं होता। (घ) जी हाँ। राज्य की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में यथा समय उचित निर्णय लिया जाता है।
विभाग द्वारा वितरित सामग्री
[महिला एवं बाल विकास]
76. ( क्र. 5576 ) श्री मनोज चावला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिला बाल विकास विभाग रतलाम को वर्ष 2017-18 से किस-किस कार्य के लिए कितनी-कितनी राशि, वर्षवार विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई हैं? (ख) बताएं कि प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयावधि में रतलाम जिले में विभाग द्वारा जिले अंतर्गत संचालित आंगनवाड़ी केंद्रों पर कौन-कौन सी सामग्री, किस-किस प्रयोजन हेतु उपलब्ध कराई गई हैं? तहसीलवार आंगनवाड़ी केंद्रों को दी गई सामग्रियों की सूची उपलब्ध कराएं और बताएं कि उल्लेखित सामग्रियां किस स्तर पर, किस प्रक्रिया के तहत किस फर्म/एजेन्सी से खरीदी गई है? (ग) बताएं कि रतलाम जिले अंतर्गत संचालित आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से प्रशिक्षण, कहाँ-कहाँ, वर्षवार आयोजित किए गए हैं? वर्षवार आयोजित किए गए प्रशिक्षणों की सूची उपलब्ध कराएं और बताएं कि क्या उन्हें प्रशिक्षण हेतु टीए, डीए का भुगतान शासन द्वारा किया जाता है और यदि नहीं, तो बताएं कि प्रशिक्षण पर व्यय की क्या व्यवस्था है? (घ) क्या प्रश्न अंश (ग) अंतर्गत सभी को टीए, डीए का भुगतान प्रश्न दिनांक तक कर दिया गया है? यदि भुगतान शेष है तो इन्हें टीए, डीए की राशि कब तक उपलब्ध करा दी जाएगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) वर्ष 2017-18 से विभाग द्वारा जिले में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु उपलब्ध कराई गई सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ग) वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक रतलाम जिले अन्तर्गत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा सहायिकाओं हेतु आयोजित प्रशिक्षण की दिनांक एवं वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। आयोजित प्रशिक्षणों पर व्यय विभाग के निर्धारित मापदण्ड/निर्देशानुसार किया जाता है। (घ) वर्ष 2017-18 से 2018-19 तक आयोजित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाओं के प्रशिक्षण हेतु टी.ए. एवं डी.ए. की राशि का भुगतान किया जा चुका है। वित्तीय वर्ष 2019-20 के आयोजित प्रशिक्षण हेतु टी.ए. एवं डी.ए. की 20 प्रतिशत राशि का भुगतान किया जाना शेष है। शेष राशि का भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
विभाग द्वारा क्रय की गई आधार किटें तथा उनका संचालन
[महिला एवं बाल विकास]
77. ( क्र. 5582 ) श्री विनय सक्सेना : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में विभाग द्वारा कितनी-कितनी राशि की आधार किट क्रय की गयी है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कितनी-कितनी आधार मशीन जबलपुर संभाग अन्तर्गत कहाँ-कहाँ संचालित है? जिलेवार बतावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में उक्त मशीनों से गत एक माह में कितने-कितने व्यक्तियों को नामांकन/अपडेशन की सुविधा प्राप्त हुई? जिलावार बतावें। (घ) कितनी-कितनी मशीने बंद स्थिति में हैं या उपयोग नहीं की जा रही है? उनसे शासन को कितनी राशि की हानि हुई है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विगत तीन वर्षों में विभाग द्वारा राशि रुपए 17,55,16,662/- की आधार किट क्रय की गयी है। (ख) जबलपुर संभाग अंतर्गत जबलपुर जिले की परियोजना जबलपुर-3 में आधार मशीन संचालित है। (ग) गत एक माह में 346 व्यक्तियों को नामांकन/अपडेशन की सुविधा नामांकन/अपडेशन की सुविधा प्राप्त हुई है। (घ) 77 मशीने बंद स्थिति में हैं या उपयोग नहीं की जा रही हैं। इनसे विभाग को राशि की कोई हानि नहीं हुई है।
अस्पतालों हेतु प्राप्त आवंटन एवं व्यय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
78. ( क्र. 5583 ) श्री विनय सक्सेना : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले के अस्पतालों/स्वास्थ्य केन्द्रों को विगत एक वर्ष में किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित की गयी? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य हेतु व्यय की गयी? (ग) अस्पतालों में उपचाररत मरीजों के भोजन हेतु क्या मीनू निर्धारित की गयी है? (घ) जबलपुर जिले के अस्पतालों में उपचाररत मरीजों को सी.टी. स्कैन/एम.आर.आई. जाँच की आवश्यकता पड़ने पर कहाँ जांचे करायी जाती हैं? उसमें कितनी-कितनी राशि खर्च होती है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जबलपुर जिले के अस्पतालों/स्वास्थ्य केन्द्रों को विगत एक वर्ष में किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित की गयी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य हेतु व्यय की गयी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) अस्पतालों में उपचाररत मरीजों के भोजन हेतु क्या मीनू निर्धारित की गयी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जबलपुर जिले के अस्पताल में उपचाररत मरीजों को सी.टी. स्कैन/एम.आर.आई. सुविधा न होने से मेडिकल कॉलेज जबलपुर में जाँच कराई जाती है। आयुष्मान कार्डधारी मरीजों की निःशुल्क जाँच की जाती है। गैर आयुष्मान कार्डधारी मरीजों को निर्धारित राशि का भुगतान करना होता है। सी.टी. स्कैन हेतु रू. 1000/- से रू. 2000/- एवं एम.आर.आई. जाँच हेतु रू. 6000/- से रू. 10000/- निर्धारित है।
पेट्रोल एवं डीजल पर लगाये गये टैक्स
[वाणिज्यिक कर]
79. ( क्र. 5597 ) श्री सुनील उईके : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में पेट्रोल एवं डीजल पर कितना टैक्स लगाया जा रहा है? (ख) क्या मध्यप्रदेश में लगाये जाने वाले पेट्रोल एवं डीजल की दर अन्य राज्यों की तुलना में अधिक है? अन्य राज्यों एवं मध्यप्रदेश में लगने वाले टैक्स की तुलनात्मक विवरण उपलब्ध कराये? (ग) क्या राज्य शासन द्वारा पेट्रोल एवं डीजल पर लगने वाले टैक्स में रियायत देने संबंधी कोई प्रस्ताव तैयार किया गया है? तो यदि हाँ, तो क्या? टैक्स कम करने पर कार्यवाही की जायेगी और यदि नहीं, तो क्यों नही?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) मध्यप्रदेश में वर्तमान में पेट्रोल पर वैट की दर 33 प्रतिशत, 4 रूपये 50 पैसे प्रतिलीटर अतिरिक्त कर एवं सकल विक्रय पर 1 प्रतिशत उपकर देय है। इसी प्रकार डीजल पर वैट की दर 23 प्रतिशत, रूपये 3 प्रतिलीटर अतिरिक्त कर एवं सकल विक्रय पर 1 प्रतिशत उपकर देय है। (ख) मध्यप्रदेश में पेट्रोल एवं डीजल पर प्रचलित कर दरों की जानकारी प्रश्नांश (क) के उत्तर में दी गई है। अन्य राज्यों में लगने वाले टैक्स की जानकारी विभाग में संधारित नहीं की जाती है। (ग) पेट्रोल एवं डीजल पर वेट की दर, सेस एवं अतिरिक्त कर के संबंध में नीतिगत निर्णय राज्य शासन द्वारा राज्य हित में वित्तीय आवश्यकताओं एवं आवश्यक संसाधन जुटाने को ध्यान में रखते हुए किया जाता है। तदनुसार ही प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार वर्तमान में पेट्रोल एवं डीजल पर कर दरें प्रचलित हैं।
बैंकों में जमा राशि, एफडी से मंदिरों का जीर्णोंद्वार
[अध्यात्म]
80. ( क्र. 5599 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र नागदा-खाचरोद में शासन संधारित कितने देवस्थान हैं? उनकी कितनी राशि शासन द्वारा प्रकाशित स्मारिका अनुसार किस स्थिति में है? किस बैंक में है? क्या एफडी है तथा जमा करने के पश्चात कितनी राशि ब्याज के रूप में प्राप्त हुई? कुल कितनी राशि जमा है? प्रत्येक का पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) क्या उपरोक्त मंदिरों की जमा राशि का उपयोग उस धर्म स्थान जो जीर्णशीर्ण अवस्था में है के जीर्णोद्वार में किया गया है? यदि नहीं, तो उक्त राशि का क्या उपयोग किया जा रहा है? क्या राशि का अन्य कार्य में खर्च किया गया है यदि हाँ, तो किस कार्य में किया गया है? (ग) वर्ष 2014 से 20 फरवरी 2021 तक विधानसभा क्षेत्र नागदा खाचरोद में किन-किन मंदिरों के लिए कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है तथा उस राशि से क्या-क्या निर्माण कार्य किये गये हैं? प्राचीन फर्नाजी मंदिर व भीकमपुर महादेव मंदिर, गोपाल मंदिर खाचरौद की कितनी राशि जमा है? तथा इनके जीर्णोद्वार हेतु कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों हेतु स्वीकृत की गई है? (घ) मंदिर प्रबंध समितियों के गठन का कोई विषय विचारणीय है? यदि हाँ, तो समिति के गठन, प्रक्रिया क्या चल रही है? कब तक गठन संभावित है?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) विधानसभा क्षेत्र नागदा-खाचरौद में शासन संधारित 359 देवस्थान है। शासन संधारित मंदिरों की राशि भारतीय स्टेट बैंक, शाखा खाचरौद एवं जिला सहकारी बैक शाखा खाचरौद में है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''एक'' अनुसार। जी हाँ एफडी है, जिसकी पृथक-पृथक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''दो'' अनुसार। जमा करने के पश्चात 15,00,224/- राशि ब्याज के रूप में प्राप्त हुई है। (ख) जी हाँ। मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए। (ग) वर्ष 2014 से 20 फरवरी 2021 तक तहसील खाचरौद में कुल 07 मंदिरों के लिए राशि स्वीकृत की गई है, जिनके कार्य पूर्ण है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''तीन'' अनुसार। जमा राशि का विवरण प्रश्नांश (क) में दिये गये जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार। गोपाल मंदिर व भीकमपुर महादेव मंदिर के लिये जीर्णोद्धार हेतु राशि स्वीकृत नहीं हुई है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''तीन'' अनुसार। (घ) शासकीय देवस्थान प्रबंध समिति नियम वर्ष 2019 विभाग द्वारा बनाये गये है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''चार'' अनुसार। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासन द्वारा राशि की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
81. ( क्र. 5600 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय चिकित्सालयों में सफाईकर्मी, चौकीदार आदि की व्यवस्था नहीं है? क्या ऐसे चिकित्सालयों में रोगी कल्याण समिति को उन्हें रखने का अधिकार है? यदि नहीं, तो क्यों तथा अन्य क्या-क्या अधिकार हैं? (ख) क्या राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन आयुक्त के पत्र क्र. 1073 दिनांक 18/07/2019 में आउटसोर्स एजेन्सी के माध्यम से रखे जाने के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो उप सचिव लोक स्वास्थ्य भोपाल के पत्र क्र. 1212 दिनांक 28/08/2019 में पब्लिक हेल्थ सर्विस क.लि. द्वारा व्यवस्था नहीं दी जाती कब तक रोगी कल्याण समिति द्वारा की गई व्यवस्था जारी रहेगी? फिर इसका कड़ाई से पालन क्यों नहीं हो रहा है? (ग) ब्लॉक स्तर के हॉस्पिटलों में डायलिसिस, सी.टी. स्कैन, सोनोग्राफी आदि की अत्याधुनिक मशीनें समाजसेवियों द्वारा दान में दी जाती है परंतु शासन इनका संचालन का खर्चा, विशेषज्ञों की नियुक्ति क्यों नहीं करती है तथा बजट का प्रावधान क्यों नहीं करता है यदि करता है तो नागदा चिकित्सालय में 2 डायलिसिस मशीन हेतु क्या सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है? (घ) विधानसभा क्षेत्र में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, उप स्वास्थ्य केन्द्र कहाँ-कहाँ हैं? इनके कितने के स्वयं के भवन हैं तथा कितने स्टॉफ की नियुक्तियां हैं? इनमें कहाँ-कहां कितने पद रिक्त है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। शासकीय चिकित्सालयों में सफाई कर्मी एवं चौकीदार की व्यवस्था है। जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) संस्था के निर्धारित मापदण्ड अनुसार विशेषज्ञों की उपलब्धता का प्रावधान है। नागदा चिकित्सालय में प्राप्त 02 डायलिसिस मशीन के संचालन हेतु रोगी कल्याण समिति नागदा के माध्यम से मानव संसाधन एवं कन्ज्यूमेबल्स आदि की सुविधा निरन्तर उपलब्ध कराई जाती है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
केन्द्र सरकार के कोविड राहत पैकेज
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
82. ( क्र. 5602 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सूक्ष्म लघु, मध्यम की श्रेणियों में कितनी लागत तथा कितने टर्न ओवर तक सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्यम आते है? (ख) विषयांकित राहत पैकेज के तहत कितने सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्यमों को लॉकडाउन के बाद दुबारा खड़े करने प्रदेश में पूर्व से स्थापित इन उद्यमों को कैसे राहत दी गयी? जिले तथा उद्यमों अनुसार जानकारी दे? (ग) लॉकडाउन के बाद नये उद्यमों को प्रारंभ करने स्टार्टअप इंडिया के तहत कैसे बढ़ावा दिया गया? (घ) जबलपुर संभाग के अंतर्गत इन उद्यमों को बैकों से लोन माध्यम से गारंटी के रूप में कैसे राहत की गयी? जिले, बैंक के नाम तथा उद्यमों के नाम सहित जानकारी दें।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) भारत सरकार की सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग की अधिसूचना 01.07.2020 के अनुसार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम का वर्गीकरण निम्नानुसार है:-
उद्यम का प्रकार |
निवेश एवं टर्न ओवर |
सूक्ष्म |
यंत्र-संयंत्र/उपस्करों में निवेश रू. 1 करोड़ से अधिक नहीं हो और वार्षिक टर्न ओवर रू. 5 करोड़ से अधिक नहीं हो। |
लघु |
यंत्र-संयंत्र/उपस्करों में निवेश रू. 10 करोड़ से अधिक नहीं हो और वार्षिक टर्न ओवर रू. 50 करोड़ से अधिक नहीं हो। |
मध्यम |
यंत्र-संयंत्र/उपस्करों में निवेश रू. 50 करोड़ से अधिक नहीं हो और वार्षिक टर्न ओवर रू. 250 करोड़ से अधिक नहीं हो। |
(ख) लॉकडाउन के पश्चात् उद्योगों को पुन: प्रारंभ होने में सहायता प्रदान करने के लिये भारत सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत पैकेज घोषित किया गया है जिसके तहत उद्योगों को बैंको के माध्यम से आसान किश्तों पर ऋण एवं अन्य सहायता प्रदान किये जाने का प्रावधान किया गया है। उद्योगों को पैकेज अंतर्गत प्राप्त होने वाली सुविधाओं की जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। (ग) राज्य शासन का विषय न होकर विषयवस्तु भारत सरकार के कार्यक्षेत्र की है। (घ) उत्तर (ख) के परिप्रेक्ष्य में सूक्ष्म लघु, और मध्यम उद्यम विभाग से असंबंधित।
महिला बाल विकास से किये गये पोषण आहार घोटाला
[महिला एवं बाल विकास]
83. ( क्र. 5637 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा महिला बाल विकास विभाग एवं शिक्षा विभाग द्वारा संयुक्त रूप से किया गया पोषण आहार घोटाला पकड़ा है? यदि हाँ, तो मार्च 2018 से प्रश्न दिनांक तक बैतूल, ग्वालियर, डिण्डौरी और सिंगरौली में कितने करोड़ का घोटाला पकड़ा गया हैं? (ख) क्या मध्यप्रदेश के अन्य जिलो में भी इस प्रकार के घोटालों के प्रकरण प्रकाश में आये है यदि हाँ, तो उसमें सम्मिलित अधिकारियों/कर्मचारियों के नाम बतावें। क्या उक्त घोटाले की जाँच राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने ई.ओ.डब्ल्यू. को सौंपी हैं? (ग) महिला बाल विकास विभाग द्वारा टेक होम राशन में बच्चियों की संख्या एवं शिक्षा विभाग द्वारा अध्यनरत् बच्चियों की संख्या में कितना अंतर पाया गया हैं? (घ) मध्यप्रदेश सरकार के अधिकारियों द्वारा घोटाले करने वाले अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी नहीं, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 11 से 14 वर्ष की शाला त्यागी किशोरी बालिकाओं को टेकहोम राशन दिया जाता है। शिक्षा विभाग में शाला में उक्त आयु वर्ग की अध्ययनरत बालिकाएं दर्ज होती हैं। अतः दोनो संख्याओं में साम्य का औचित्य नहीं है। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ियों में हो रहे मानदेय घोटाला
[महिला एवं बाल विकास]
84. ( क्र. 5638 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल की आठ महिला एवं बाल विकास परियोजनाओं में सितम्बर 2017 में कोई आंगनवाड़ी में मानदेय घोटाले की शिकायत प्राप्त हुई हैं? (ख) अगर शिकायत प्राप्त हुई है तो किस-किस परियोजना में कौन-कौन लिपिक, लेखापाल अधिकारी के नाम शिकायत में शामिल हैं? (ग) क्या मानदेय घोटाले की पुलिस थाना में एफ.आई.आर. की गई? यदि हाँ, तो किस-किस पर एफ.आई.आर. की गयी? माननीय न्यायालय द्वारा किसी को सजा हुई अथवा नहीं? (घ) क्या विभाग द्वारा जाँच के लिए कोई इसके लिये कमेटी बनाई गई थी? यदि हाँ, तो क्या कमेटी द्वारा कोई कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। शिकायत माह फरवरी 2017 में प्राप्त हुई हैं। (ख) माह फरवरी 2017 में प्राप्त शिकायती पत्र में किसी भी लिपिक, लेखापाल, अधिकारी के नाम का उल्लेख नहीं हैं। (ग) जी हाँ। संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रकरण माननीय न्यायालय में विवेचनाधीन है। अतः शेष का प्रश्न ही नहीं उठता। (घ) जी हाँ। जाँच प्रतिवेदन के आधार पर 08 परियोजना अधिकारियों को एवं 06 लेखा लिपिकों को निलंबित किया गया। आरोप सिद्ध पाए जाने के कारण 04 लेखा लिपिकों को सेवा से पदच्युत किया गया।
दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को स्थायीकर्मी के रूप में नियमित किया जाना
[सामान्य प्रशासन]
85. ( क्र. 5640 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल का परिपत्र आदेश क्रमांक एफ 5-1/2013/1/3 भोपाल दिनांक 7 अक्टूबर 2016 के निर्देशानुसार दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को स्थायी करने के रूप में नियमित करने की योजना थी? (ख) यदि हाँ, तो कलेक्टर जिला कटनी के आदेश क्रमांक 14092/स्थापना शाखा 2016 कटनी दिनांक 09 नवम्बर 2016 को आदेश जारी किया गया था? यदि हाँ, तो कलेक्टर द्वारा अपनी कार्यवाही विवरण जो कमिश्नर जबलपुर संभाग जबलपुर की अध्यक्षता में दिनांक 25/05/2017 को आयोजित की गयी थी। इस बैठक में विभागवार नियमितीकरण करने की सूची का चयन किया गया था। सूची के अनुसार कार्यालय जनपद पंचायत बहोरीबंद के 06 श्रमिकों को नियमितीकरण करने हेतु पात्र पाया गया था यदि हाँ, तो इनमें से कितने श्रमिकों का नियमितीकरण कर निर्धारित वेतनमान दिया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार जनपद पंचायत बहोरीबंद के उन श्रमिकों के नाम बतायें जिनको नियमितीकरण का लाभ प्राप्त हो रहा है और उनकी पदस्थापना कहाँ है? यदि हाँ, तो जनपद पंचायत बहोरीबंद में क्या कोई श्रमिक अभी भी नियमितीकरण हेतु शेष है? यदि हाँ, तो उसका नाम एवं पद बताएं।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। कमिश्नर, जबलपुर संभाग जबलपुर की अध्यक्षता में दिनांक 25/05/2017 को आयोजित बैठक में कार्यालय जनपद पंचायत बहोरीबंद अंतर्गत 06 श्रमिकों को नियमितीकरण करने हेतु पात्र पाया गया था। जिनमें से 04 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को शिक्षा विभाग के अंतर्गत चतुर्थ श्रेणी के पद पर नियमितीकरण कर निर्धारित वेतनमान 4440-7440 पे ग्रेड 1300/- दिया जा रहा है। (ग) कार्यालय जनपद पंचायत बहोरीबंद अंतर्गत 04 विनियमितीकरण हुये कर्मचारियों का नाम एवं पदस्थापना निम्नानुसार है:- (1) श्री रवि कुमार बर्मन- शा.क.मा.शाला स्लीमनाबाद (2) श्री सुखमन पटैल शा.मा.शाला जुझारी (3) श्री गगाराम पटैल- शास.बा.मा.शाला स्लीमनाबाद (4) श्री रविशंकर बर्मन- शास.उ.मा.वि.सिंहुडी बाकल एवं विनियमितीकरण हेतु शेष कर्मचारियों के नाम एवं पदनाम निम्नानुसार है:- (1) श्री सुखलाल चौधरी- समयपाल (2) श्री संतोष दुबे- समयपाल।
कोरोना महामारी से निपटने प्राप्त राशि एवं व्यय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
86. ( क्र. 5652 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोरोना महामारी से निपटने के लिए 31 जनवरी, 2021 तक प्रदेश सरकार को सरकार से अलग-अलग तरीखों से किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई है? (ख) 31 जनवरी 2021 तक उपरोक्त में से किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
पर्यटन स्थलों के विकास कार्य
[पर्यटन]
87. ( क्र. 5662 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. शासन द्वारा पर्यटन स्थलों के विकास हेतु शासन की क्या-क्या कार्य योजनाएं हैं व उनके क्रियान्वयन हेतु क्या-क्या दिशा-निर्देश प्रचलन में है? फोटो प्रति दी जावें। मुरैना जिले में कहाँ-कहाँ पर्यटन स्थल हैं? नाम, पता आदि सहित बतावें। (ख) म.प्र. शासन द्वारा जनवरी 2017 से 2021 तक पर्यटन स्थलों के विकास व अधोसंरचना हेतु शासन के बजट में कितनी राशि का प्रावधान होकर प्रदेश के जिलो को आवंटन किया? जिलेवार एवं वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में जिला मुरैना को प्राप्त राशि में से जिला मुरैना में स्थित कितने पर्यटन स्थलों के विकास (मरम्मत) आदि कार्य किये गये? कार्यों की जानकारी पर्यटन स्थल का नाम, पता, कार्य का विवरण, क्रियान्वयन एजेंसियों का नाम व पता (रजिस्ट्रेशन नंबर) मांग संख्या, लेखा शीर्ष आदि सहित दी जावें। (घ) क्या जिला मुरैना में प्राप्त राशि से किये गये सभी कार्य पूर्ण हो चुके हैं अथवा शेष हैं व शेष कार्य किन कारणों से नहीं हुए इन्हें कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार। विभाग द्वारा जारी नवीन पर्यटन नीति के अंतर्गत किसी स्थल को पर्यटन स्थल घोषित करने की कोई नीति नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार। विभाग द्वारा जिलेवार राशि आवंटित नहीं की जाती है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार।
पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाना
[वित्त]
88. ( क्र. 5663 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2005 के बाद नव नियुक्त शासकीय सेवकों को पुरानी पेंशन योजना से पृथक कर नवीन पेंशन योजना (एन.पी.एस.) प्रारंभ की गयी है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या शासन उक्त शासकीय सेवकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देगी? यदि हाँ, तो कब तक? राज्य शासन के पास ऐसे कोई नियम है जिसके तहत पुरानी पेंशन योजना में सम्मिलित हो सकें? (ग) क्या शासन राजस्थान सरकार की तरह म.प्र. में भी नियम बनाकर पुरानी पेंशन का लाभ देगी? यदि हाँ, तो कब तक?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग के ज्ञाप क्रमांक एफ 9-3/2003/नियम/चार, दिनांक 13/04/2005 द्वारा शासन के अधीन सिविल सेवा व सिविल पदों पर दिनांक 01-01-2005 को या उसके पश्चात् नियुक्त कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना लागू की गयी है। (ख) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश में मिलावटखोरों के विरूद्ध की गई कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
89. ( क्र. 5670 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में मिलावट से मुक्ति अभियान के अंतर्गत मिलावटखोरों तथा नकली सामग्री निर्माण एवं विक्रय करने वाले 30 कारोबारियों के विरूद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अंतर्गत कार्यवाही की गई है एवं 172 मिलावटखोरों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की गई है जैसे कि दिनांक 13 फरवरी, 2021 को प्रदेश के समाचार पत्रों में माफिया एवं अपराध मुक्त मध्यप्रदेश का संकल्प के सरकारी विज्ञापन में उल्लेख किया है? (ख) यदि हाँ, तो किन-किन के विरूद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अंतर्गत एवं मिलावटखोरों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की गई है? उक्त संपूर्ण कार्यवाही की विस्तृत जानकारी दें। (ग) यदि उक्त आंकड़े सरकारी विज्ञापन में गलत दिये हैं तो इसके लिये कौन-कौन उत्तरदायी है और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आलोक में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बच्चों की मौत पर जाँच
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
90. ( क्र. 5681 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल में वर्ष 2020 में बच्चों की मौते होने पर जो जाँच बैठाई गई थी उसके जाँच प्रतिवेदन की प्रमाणित प्रति देवें। (ख) इस प्रतिवेदन के अनुसार किन अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई है? (ग) यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो कब तक की जाएगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) शहडोल जिले में बच्चों की मौत पर की गई जाँच प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जाँच प्रतिवेदन के आधार पर कोई दोषी नहीं पाया गया। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डी.डी.एच. एवं काम्बीनेशन बोर
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
91. ( क्र. 5682 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में दिनांक 01.01.18 से 31.12.18 एवं दिनांक 01.04.2020 से 31.01.2021 तक D.D.H. एवं काम्बीनेशन प्रकार के कितने बोर कहाँ-कहां, कब-कब खनन किए गए? स्थान नाम, दिनांक सहित विधानसभावार, वर्षवार देवें। (ख) उपरोक्तानुसार खनन किए बोर में G.S. पाइप व M.S. पाइप लगाने की जानकारी भी साथ में देवें। (ग) इसके लिए किन फर्मों को कितनी राशि का भुगतान किया गया? फर्म नाम, कार्य नाम, राशि सहित देवें। इनकी कितनी राशि का T.D.S. काटा गया? फर्मवार जानकारी देवें। (घ) प्रत्येक बोर के निरीक्षणकर्ता अधिकारी का नाम, पदनाम देवें। बिना निरीक्षण के कितने बोर का भुगतान किया गया? उनकी सूची देवें। इसके जिम्मेदार अधिकारी का नाम, पदनाम देकर बतावें कि इसके लिए शासन उन पर कब तक कार्यवाही करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी.एस. पाईप एवं एम.एस. पाईप का उपयोग नहीं किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। बिना निरीक्षण किये किसी भी बोर का भुगतान नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कर्मचारियों को प्रदाय भत्तों में बढ़ोतरी किया जाना
[सामान्य प्रशासन]
92. ( क्र. 5685 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों को कितना वाहन भत्ता मिल रहा है? शहरवार विवरण दें। (ख) क्या पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी के साथ प्रदेश के कर्मचारियों के वाहन भत्ते में भी वृद्धि की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या प्रदेश के कर्मचारियों को केन्द्रीय कर्मचारियों के समान महंगाई भत्ता दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो केन्द्रीय कर्मचारियों से कितना कम महंगाई भत्ता दिया जा रहा है? (घ) क्या प्रदेश के कर्मचारियों को दिया जा रहा वाहन भत्ता पांचवें वेतन मान के आधार पर ही दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो छठवें एवं सातवें वेतनमान में वाहन भत्ते में वृद्धि क्यों नहीं की गई? कारण दें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) जी नहीं। जुलाई 2019 में मिलने वाले 5 प्रतिशत महंगाई भत्ते को कोविड-19 के कारण राज्य की वित्तीय स्थिति पर आए विपरीत प्रभाव के तहत आदेश दिनांक 01 अप्रैल, 2020 से स्थगित किया गया है। (घ) जी नहीं। उत्तरांश (क) अनुसार छठवें वेतनमान में वाहन भत्ते में वृद्धि की गई है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं की नियुक्ति में अनियमितता
[महिला एवं बाल विकास]
93. ( क्र. 5690 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दि. 01.01.17 से दि. 31.01.21 तक महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं की कितनी नियुक्तियां की गई है? वर्षवार पृथक-पृथक बतावें। (ख) प्रत्येक नियुक्ति की चयन प्रक्रिया में चयनित व अचयनित अभ्यर्थियों का तुलनात्मक पत्रक देवें। (ग) क्या कारण है कि कम अंकों वाली कई अभ्यर्थी ज्यादा अंक पाने वाली अभ्यर्थियों की जगह चयनित कर ली गई? (घ) ऐसा करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम देकर बतावें कि शासन उन पर कब तक कार्यवाही करेगा? कब तक ये नियुक्तियां निरस्त होंगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' अनुसार है। (ख) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा सहायिका की चयन प्रक्रिया में चयनित व अचयनित अभ्यर्थियों को तुलनात्मक पत्रक क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''02'' एवं ''03'' अनुसार है। (ग) नियुक्ति प्रक्रिया एवं अभ्यर्थियों के चयन की कार्यवाही शासन के नियम निर्देशों के अनुसार ही की गई है। कम अंको वाले अभ्यर्थियों का चयन नहीं किया गया है। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार जानकारी होने से शेष का प्रश्न ही नही।
डी.डी.एच. एवं काम्बीनेशन बोर
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
94. ( क्र. 5691 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में दिनांक 01/01/18 से 31/02/2021 तक D.D.H एवं काम्बीनेशन प्रकार के कितने बोर कहाँ-कहाँ, कब-कब किए गए? विधानसभा क्षेत्रवार, वर्षवार बतावें। (ख) उपरोक्तानुसार खनन किए बोर में G.S पाईप एवं M.S पाईप की जानकारी भी साथ में देवें। (ग) इनका निरीक्षण व भौतिक सत्यापन जिन अधिकारियों ने किया उनके नाम पदनाम देवे। (घ) बिना निरीक्षण एवं भौतिक सत्यापन के कितने बोर का भुगतान किया गया? उनकी सूची देवें। इसके जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा जी.एस. एवं एम.एस. पाईप का उपयोग नलकूपों में नहीं किया जाता है। (ग) निरीक्षण एवं भौतिक सत्यापन करने वाले अधिकारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) निरीक्षण एवं भौतिक सत्यापन किये बिना किसी बोर का भुगतान नहीं किया गया है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विज्ञापनों पर खर्च की गई राशि का विवरण
[जनसंपर्क]
95. ( क्र. 5701 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी, 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के जनसंपर्क विभाग और मध्यप्रदेश माध्यम द्वारा प्रदेश, देश और विदेशों में अखबारों, इलेक्ट्रोनिक चैनल, पत्र-पत्रिकाओं और वेब पोर्टल सहित स्मारिकाओं आदि को जारी किये गये विज्ञापनों पर खर्च हुई कुल राशि का विवरण उपलब्ध करावें। (ख) जनसंपर्क विभाग और मध्यप्रदेश माध्यम् द्वारा उक्त अवधि तक स्वयं अथवा ठेके पर बनवाई गई टी.व्ही. प्रसारण और सोशल मीडिया के लिये विज्ञापन फिल्मों और न्यूज कैप्सूल आदि पर व्यय का पृथक-पृथक विवरण उपलब्ध करावें। (ग) उक्त अवधि तक समस्त वेब पोर्टल को दिये गये विज्ञापन किस नीति के तहत दिये गये? क्या सभी वेब पोर्टल और वेबसाईड को समानता से विज्ञापन दिया गया है? इस हेतु विभाग के क्या निर्देश हैं? निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) मध्यप्रदेश जनसंपर्क और मध्यप्रदेश माध्यम द्वारा उक्त अवधि तक क्या एनजीओं के द्वारा भी कोई कार्य कराये गये हैं? यदि हाँ, तो ऐसे समस्त कराये गये कार्यों तथा उन पर हुये कुल व्यय का विवरण उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र दो अनुसार है। (ग) विज्ञापन नियम 2007/संशोधित नियम 2014 के अनुसार। नियमानुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र तीन अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल प्रदाय हेतु नलजल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
96. ( क्र. 5702 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर के विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल प्रदाय हेतु नल-जल योजना शुरू की गई है? यदि हाँ, तो कब तक योजना में शामिल ग्रामों में पेयजल प्रदाय प्रारंभ कर दिया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार गांव में लाईन बिछाते समय सड़कों को तोड़कर नष्ट कर दिया गया है, इन सड़कों की मरम्मत के लिये क्या प्रावधान हैं? (ग) मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल योजना एवं समूह जल प्रदाय योजना के अंतर्गत उक्त विधानसभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों में पेयजल प्रदाय प्रारंभ कर दिया गया है एवं कितने गांव शेष हैं, जिसमें लाईन डालने का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है? कब तक उक्त ग्रामों में पाइप लाइन डालने का कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा? (घ) मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल योजना एवं समूह जल प्रदाय योजना के अंतर्गत उक्त विधानसभा क्षेत्र के जिन गावों में पाईप लाइन से पेयजल प्रदाय हो रहा है तो क्या उक्त गावों में सुचारू रूप से जल प्रदाय हो रहा है? यदि नहीं, तो इसकी रूकावट किन कारणों से है। (ङ) 01 जनवरी, 2018 से प्रश्न दिनांक तक अनूपपुर जिले में कितना बजट किन-किन मदों में किस-किस कार्य के लिये प्राप्त हुआ एवं कितने कार्यों में खर्च किया गया?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ, योजना की पाईप लाईन बिछाते समय जिन सड़कों को तोड़ा गया है उनको सुधार करने का अनुबंध में प्रावधान है। (ग) मुख्यमंत्री ग्राम नलजल योजना के अन्तर्गत विभाग द्वारा विधानसभा पुष्पराजगढ़ क्षेत्र में विकासखण्ड पुष्पराजगढ़ के ग्राम करौदी, खजुरवार, उफरीकला, सरई, बरटोला, सुलखारी एवं सिघौंरा में जल प्रदाय प्रारंभ कर दिया गया है, मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल योजना अंतर्गत किसी भी योजना में पाईप लाईन डालने का कार्य शेष नहीं है। समूह जलप्रदाय योजना से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है, निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। समूह जलप्रदाय योजना हेतु जिलेवार आवंटन नहीं दिया जाता है, प्रश्नांकित अवधि में दोनों समूह योजनाओं के कार्यों में राशि रूपये 155.11 करोड़ की राशि खर्च की गई है।
आंगनवाड़ी केन्द्र की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
97. ( क्र. 5712 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र हैं, कितनों के भवन है एवं कितनी भवन विहीन हैं तथा कितने केन्द्रों पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका पदस्थ हैं? (ख) कितने केन्द्रों पर कोरोना काल एवं बाद में गर्भवती महिलाओं को पोषण आहार प्रदान किया गया था? मार्च 2020 से जनवरी 2021 की स्थिति में जानकारी दें। (ग) क्या आंगनवाड़ी बंद होने के बाद 'रेडी टू ईट' पोषण आहार घरों पर पहुँचाने की व्यवस्था की गई थी? तहसीलवार, केन्द्रवार जानकारी माह सहित बताई जावे। (घ) क्या ग्वालियर पूर्व विधानसभा के आंगनवाड़ी केन्द्रों पर रेडी टू ईट पोषण आहार कोरोना काल में घर पर पहुँचाया गया था? इसका सत्यापन किस अधिकारी द्वारा कब-कब किया? तिथि, माहवार जानकारी दी जावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) ग्वालियर जिले में 1359 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 99 उप आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। भवन व भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी एवं पदस्थ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) ग्वालियर जिले में 1359 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 99 उप आंगनवाड़ी केन्द्रों पर गर्भवती महिलाओं को कोरोना काल एवं बाद में भी नियमित रूप से पोषण आहार वितरण किया गया है। माह मार्च 2020 से जनवरी 2021 तक सभी 1458 आंगनवाड़ी केन्द्रों पर गर्भवती महिलाओं को टेकहोम राशन वितरण किया गया है। (ग) जी हाँ। ग्वालियर जिले में आंगनवाड़ी केन्द्रों पर रेडी टू ईट पोषण आहार पात्र हितग्राहियों के घरों पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाओं द्वारा घर पर वितरित किया गया है। तहसील/परियोजनावार/केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। सत्यापन परियोजना अधिकारी/पर्यवेक्षकों द्वारा भ्रमण के दौरान किया गया है, जिसकी माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
बच्चों के जन्म-मृत्यु की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
98. ( क्र. 5713 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में कोरोना काल में मार्च 2020 से जनवरी 2021 तक कितने बच्चे पैदा हुए? इनमें बच्चे, बच्चियों की संख्या क्या रही? (ख) क्या उक्त समयावधि में पैदा हुए बच्चों की माताओं पर कोरोना बीमारी का प्रभाव था? पैदा हुए बच्चों में से कितने जीवित रहे, कितनों की मृत्यु किन कारण से हुई? शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों की जन्म-मृत्यु सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) जीवित, मृत बच्चों की उम्र क्या थी? जन्म के कितने दिनों बाद बच्चों की मृत्यु के क्या कारण रहे, कितने बच्चे कोरोना से पीड़ित रहे? संख्या सहित जानकारी दी जावे।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) ग्वालियर जिले में मार्च, 2020 से जनवरी, 2021 में कुल 31332 बच्चे पैदा हुए। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) ग्वालियर जिले में पैदा हुए बच्चों की माताओं में से 123 कोविड पॉज़िटिव पायी गयीं, जिन पर अभी तक कोरोना बीमारी का प्रतिकूल प्रभाव नहीं देखा गया है। पैदा हुए बच्चों में से 30903 जीवित रहे एवं 429 मृत हुए बच्चों के मृत्यु का कारण मुख्यतः जन्म आघात, समय पूर्व प्रसव, वज़न कम होना, निमोनिया संक्रमण, असंचारी बीमारियां तथा डायरिया रोग है। शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों की जन्म-मृत्यु की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जीवित, मृत बच्चों की उम्रवार जानकारी तथा मृत्यु के कारणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। एक बच्चा कोरोना से पीड़ित पाया गया।
मुख्यमंत्री के ओ.एस.डी. की पदस्थापना
[सामान्य प्रशासन]
99. ( क्र. 5722 ) श्री महेश परमार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी के लिए विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी की पदस्थापना शासन ने की हैं? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा ओ.एस.डी. के दायित्व, कर्तव्य निर्धारण और दिशा-निर्देश की प्रमाणित प्रति ओ.एस.डी. के नाम और पद की सूची के साथ देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कौन-कौन से ओ.एस.डी. कब से कार्यरत हैं? (ग) ओ.एस.डी. के कार्यों के पर्यवेक्षण और नियंत्रण के लिए शासन की ओर से क्या व्यवस्था बनाई गयी है? पूर्ण विवरण देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। विभाग द्वारा ओ.एस.डी. के दायित्व, कर्तव्य निर्धारण हेतु कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किए गए है। सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा ओ.एस.डी. के कार्यों के पर्यवेक्षण एवं नियंत्रण किया जाता है।
तहसीलदार को अनुविभागीय अधिकार का प्रभार
[सामान्य प्रशासन]
100. ( क्र. 5727 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर में कितने डिप्टी कलेक्टर एवं संयुक्त कलेक्टर पदस्थ हैं? मूलपद एवं नाम सहित सूची उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या उक्त डिप्टी कलेक्टर एवं संयुक्त कलेक्टर को अतिरिक्त प्रभार अनुविभागीय अधिकारी या अनुविभागीय अधिकारी बनाया जा सकता था? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि हाँ, तो क्या कलेक्टर जिला छतरपुर द्वारा तहसीलदार छतरपुर को अनुविभागीय अधिकारी छतरपुर का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार यदि हाँ, तो किस नियम निर्देशों के तहत? उक्त नियमों की प्रति उपलब्ध कराएं। (ड.) प्रश्नांश (ग) के अनुसार यदि नहीं, तो क्यों? तहसीलदार को अनुविभागीय अधिकारी छतरपुर का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) डिप्टी कलेक्टर एवं संयुक्त कलेक्टर को अनुविभागीय अधिकारी का प्रभार/अतिरिक्त प्रभार दिया जा सकता है। (ग) तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर एवं अनुविभागीय अधिकारी छतरपुर का स्थानांतरण शहडोल हो जाने के कारण तात्कालिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए चालू कार्यभार तहसीलदार छतरपुर को सौंपकर संबंधित अधिकारी को भारमुक्त होने के आदेश कलेक्टर द्वारा दिनांक 03.02.2021 को दिये गये थे। दिनांक 10.02.2021 को अन्य संयुक्त कलेक्टर को अनुविभागीय अधिकारी छतरपुर का प्रभार सौंपा गया हैं। (घ) एवं (ड.) प्रश्नाश (ग) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
101. ( क्र. 5728 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है, उनमें पदस्थ कर्मचारी के नाम, पद सहित सूची उपलब्ध कराएँ। (ख) क्या सतना विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कुछ आंगनवाड़ी केन्द्र निजी भवनों पर संचालित हो रहे है? यदि हाँ, तो क्यों? सूची उपलब्ध कराएं। (ग) यदि प्रश्नांश (ख) सही है तो क्या उन आंगनवाड़ी केन्द्रों के व्यवस्थित संचालन हेतु शासकीय भवन का निर्माण कराया जाएंगा? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सतना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 398 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। शासकीय भवन उपलब्ध न होने के कारण सतना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 305 आंगनवाड़ी केन्द्र निजी (किराये) के भवनों में संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार है। (ग) आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण एक सतत प्रक्रिया है, जो कि वित्तीय संसाधनों पर निर्भर करता है। सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
नई पेंशन योजना (N.P.S.) के संबंध में
[वित्त]
102. ( क्र. 5731 ) श्री संजय उइके : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अप्रैल 2005 के पश्चात शासकीय अधिकारी/कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बन्द कर नई पेन्शन स्कीम (अंशदायी) योजना लागू की गई है? (ख) यदि हाँ, तो क्या नई पेंशन स्कीम शेयर बाजार आधारित योजना है? स्वीकृत अंशदायी पेंशन योजना (एन.पी.एस.) के दिशा-निर्देश की स्वच्छ प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ग) क्या पुरानी पेंशन योजना को बन्द करने एवं नई पेंशन योजना को लागू करने के पूर्व विभिन्न अधिकारी/कर्मचारी संगठनों से चर्चा की गई थी? यदि हाँ, तो कब-कब किन-किन संगठनों से क्या-क्या चर्चा हुई? क्या संगठनों के द्वारा नई पेंशन योजना लागू करने हेतु अपनी सहमति दी थी? (घ) क्या नई पेंशन योजना में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को वृद्धावस्था पेंशन से भी कम पेंशन प्राप्त हो रही है? किन-किन पदों से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को कितनी-कितनी पेंशन प्राप्त हो रही है? इस विषम परिस्थिति को देखते हुये क्या शासन पुरानी पेंशन योजना लागू करेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) राष्ट्रीय पेंशन योजना अंतर्गत कर्मचारियों के मूल वेतन एवं मंहगाई भत्ते के योग का 10 प्रतिशत राशि अभिदाता अंशदान तथा 10 प्रतिशत शासकीय अंशदान प्रदान किया जाकर कुल 20 प्रतिशत कर्मचारी के पेंशन खाते (प्रॉन) में जमा होता है। उक्त राशि का निवेश पी.एफ.आर.डी.ए. द्वारा नियुक्त फंड मैनेजरों में से अभिदाता द्वारा चयनित फंड मैनेजर के माध्यम से किये जाने का प्रावधान है। सेवानिवृत्त होने पर अभिदाता के कुल जमा अंशदान तथा उस पर अर्जित लाभ का 60 प्रतिशत राशि एकमुश्त तथा शेष 40 प्रतिशत राशि पर देय एन्युटी प्रतिमाह पेंशन के रूप में प्रदान की जाती है। अभिदाता की मृत्यु होने पर कुल जमा अंशदान तथा उस पर अर्जित लाभ का 20 प्रतिशत राशि एकमुश्त तथा शेष 80 प्रतिशत राशि पर देय एन्युटी प्रतिमाह प्रदान की जाती है। राष्ट्रीय पेंशन योजना से संबंधित दिशा-निर्देश की प्रति विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (1 से लगातार 9 तक)। (ग) भारत सरकार द्वारा लागू की गई पुर्नसंरचित राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली अनुसार ही मध्यप्रदेश शासन द्वारा भी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली लागू की गई। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) मूल वेतन तथा सेवा अवधि अलग-अलग होने से पेंशन/एन्युटी अलग-अलग होती है। सेवानिवृत्ति पर एकमुश्त भुगतान की जानकारी विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (1 से लगातार 84 तक) किंतु प्राप्त एन्युटी/पेंशन की जानकारी पेंशन फंड संस्था तथा अभिदाता को ही रहती है। विभाग में संधारित नहीं रहती है। वर्तमान में राज्य शासन में पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
103. ( क्र. 5732 ) श्री संजय उइके : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्व. श्रीमति हेलनदास (मेट्रीन) जिला चिकित्सालय सतना (म.प्र.) का निधन कार्य के दौरान दिनांक 21/01/2019 को हो चुका है? (ख) यदि हाँ, तो उनकी एक मात्र उत्तराधिकारी पुत्री शैला रूबिनादास द्वारा अनुकंम्पा नियुक्ति हेतु कब आवेदन किया गया? (ग) अनुकम्पा नियुक्ति हेतु दिये गये आवेदन पर आज दिनांक तक कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) स्वर्गीय श्रीमती हेलनदास (मेट्रन) जिला चिकित्सालय सतना की पुत्री शैला रूबिनादास द्वारा दिनांक 16.07.2019 को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय सतना में संगणक पद हेतु अनुकम्पा नियुक्ति आवेदन प्रस्तुत किया गया। (ग) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला सतना द्वारा उनके कार्यालयीन पत्र पृ. क्र. 4866-67 दिनांक 13.08.2019 द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति हेतु प्राप्त आवेदन मूलतः सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक जिला सतना को प्रेषित कर प्रमाणीकरण एवं नामिनेशन उपलब्ध कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया। तदोपरांत मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्र. सी 3-12/2013/1/3 भोपाल दिनांक 29 सितम्बर 2014 की कंडिका 2.4 में प्रावधानित ''दिवंगत शासकीय सेवक की संतान सिर्फ पुत्री/पुत्रियां हो और वह विवाहित हो तो दिवंगत शासकीय सेवक के आश्रित पति/पत्नि द्वारा नामांकित विवाहिता पुत्री'' एवं दिये गये स्पष्टीकरण कि ''मृतक शासकीय सेवक के आश्रित पति/पत्नी जीवित होने पर ही विवाहित पुत्री को अनुकम्पा नियुक्ति की पात्रता होगी'' संबंधी प्रावधान अन्तर्गत परीक्षणोपरांत आवेदिका की माता स्वर्गीय श्रीमती हेलनदास (मेट्रन) जिला चिकित्सालय सतना (मृत्यु दिनांक 21.01.2019) एवं पिता स्व. बसंत कुमार दास (मृत्यु दिनांक 14.12.2015) को होने के फलस्वरूप अनुकम्पा नियुक्ति हेतु पात्रता नहीं होने के कारण मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला सतना के कार्यालयीन पत्र क्रमांक 928 दिनांक 05.02.2020 द्वारा कंडिका 2.4 का उल्लेख कर अनुकम्पा नियुक्ति आवेदन अमान्य किया गया।
सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग की स्थापना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
104. ( क्र. 5735 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी-मालवा विधानसभा क्षेत्र में कौन से सूक्ष्म एवं लघु उद्योग स्थापित एवं कार्यरत हैं? (ख) क्या कोई उद्यम बंद पड़े हैं? यदि हाँ, तो कौन से उद्यम क्यों बंद पड़े है? (ग) विधान सभा क्षेत्र सिवनी मालवा में कोई उद्यम लगाने की योजना है? हाँ तो कब तक? (घ) क्या तहसील डोलरिया में कोई उद्यम हेतु भूमि पूजन किया गया था?
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) सिवनी-मालवा विधान सभा क्षेत्र में स्थापित सूक्ष्म एवं लघु उद्योग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग (एमपीआईडीसी) अनुसार सिवनी-मालवा विधानसभा क्षेत्र में औद्योगिक क्षेत्र कीरतपुर स्थापित है। उक्त औद्योगिक क्षेत्र में वर्तमान में 12 सूक्ष्म एवं लघु उद्योग स्थापित एवं कार्यरत है, की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ख) बंद उद्योगों की जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। (ग) विभाग द्वारा स्वयं उद्योग स्थापित नहीं किये जाते अपितु स्थापित होने वाले उद्योगों को विभागीय नीति अनुसार सहायता प्रदान की जाती है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग (एमपीआईडीसी) अनुसार विधानसभा क्षेत्र सिवनी-मालवा अंतर्गत औद्योगिक क्षेत्र कीरतपुर में कुल 181 औद्योगिक भूखण्ड आवंटन हेतु उपलब्ध है, जिसमें 12 भूखण्डों पर सूक्ष्म एवं लघु उद्योग स्थापित/कार्यरत है, 40 भूखण्ड उद्यमियों को उद्योग लगाने हेतु आवंटित किये गये है। 04 भूखण्डों में आवंटन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष 125 भूखण्ड आवंटन हेतु आनलाईन उपलब्ध है। (घ) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग (एमपीआईडीसी) अनुसार विधानसभा क्षेत्र सिवनी-मालवा अंतर्गत ग्राम डोलरिया में दिनांक 12.06.2008 को मेसर्स स्टील अथारिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा उद्यम लगाने हेतु भूमि पूजन किया गया था। इकाई द्वारा उद्यम स्थापित न किये जाने के कारण दिनांक 24.02.2018 को इकाई का आवंटन निरस्त कर, दिनांक 02.01.2019 को भूमि का आधिपत्य वापिस किया गया।
मोरन गंजाल वृहद परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
105. ( क्र. 5736 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी-मालवा विधान सभा क्षेत्र में बनने वाली मोरन गंजाल वृहद सिंचाई परियोजना कब स्वीकृत हुई एवं इस परियोजना की प्रस्तावित लागत क्या है? (ख) अभी तक इस परियोजना में कितनी राशि खर्च कर क्या-क्या काम किया गया? (ग) इस परियोजना से कौन-कौन से जिलों के कितने रकबों में सिंचाई हो सकेगी तथा उक्त परियोजना कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? (घ) इस परियोजना में डूब क्षेत्र का रकबा क्या है? कितने ग्राम डूब क्षेत्र में आते हैं तथा इनके विस्थापन की शासन ने क्या व्यवस्था की है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रशासकीय स्वीकृति रूपये 2813.00 करोड़ की दिनांक 18.10.2017 को। कार्य का अनुबंध दिनांक 06/02/2020 को निष्पादित राशि रूपये 1753.50 करोड़। (ख) माह फरवरी 2021 तक कुल रूपये 3.74 करोड़ का व्यय विस्तृत सर्वेक्षण कार्य में किया गया है। (ग) होशंगाबाद जिले की 1286 हेक्टेयर, खण्डवा जिले की 17678 हेक्टेयर एवं हरदा जिले की 29910 हेक्टेयर कुल 48874 हेक्टेयर में। फरवरी 2024 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
शव परीक्षण गृह का निर्माण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
106. ( क्र. 5739 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कुरावर राष्ट्रीय राजमार्ग 46 भोपाल-ब्यावरा पर स्थित है तथा नगर कुरावर की लगभग 15 हजार जनसंख्या सहित आस-पास के लगभग 30 से अधिक ग्रामों के आमजन एवं किसान स्वास्थ्य सुविधा हेतु उक्त केन्द्र पर आश्रित है? (ख) यदि हाँ, तो क्या राजमार्ग स्थित उक्त स्वास्थ्य केन्द्र अंतर्गत दुर्घटनाओं में मृत व्यक्तियों के शव परीक्षण करने हेतु कोई सुविधा एवं वाहन नहीं होकर 25 कि.मी. दूर स्थित सिविल अस्पताल नरसिंहगढ़ अथवा अन्य दूरस्थ स्थानों पर मृतक के परिजनों/पुलिस को जाने हेतु विवश होना पडता है? यदि हाँ, तो क्या उक्त स्वास्थ्य केन्द्र पर शव परीक्षण गृह बनाये जाने हेतु प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? (ग) क्या शासन राष्ट्रीय राजमार्ग पर बढ़ती हुई दुघर्टनाओं की संख्या को देखते हुये प्राथमिकता से उक्त स्वास्थ्य केन्द्र पर शव परीक्षण गृह का निर्माण करवाएगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ, जी हाँ। (ख) जी हाँ। नवीन भवन निर्माण हेतु भूमि की उपलब्धता की जानकारी प्राप्त करने हेतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला राजगढ़ से प्राप्त की जा रही है। भूमि उपलब्ध होने पर पोस्टमार्टम भवन निर्माण की कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) जी हाँ। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
उप स्वास्थ्य केन्द्रों में भवन निर्माण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
107. ( क्र. 5740 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाऐं दे रहे उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर विभागीय मापदण्ड अनुसार क्या-क्या आवश्यक एवं अनिवार्य सुविधा/संसाधन होना चाहिए? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत समस्त उप स्वास्थ्य केन्द्रों में से किन-किन केन्द्रों पर विभागीय मापदण्ड अनुसार आवश्यक एवं अनिवार्य सुविधा/संसाधन का अभाव हैं? क्या विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक अभावग्रस्त केन्द्रों पर सुविधा/संसाधन पूर्ति कर दी जावेगी? (ग) क्या विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत समस्त उप स्वास्थ्य केन्द्रों के भवन निर्माण करा दिये गये हैं? यदि नहीं, तो कौन-कौन से केन्द्र प्रश्न दिनांक तक किन-कारणों से भवन विहीन हैं तथा इनके भवन निर्माण की स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) उप स्वास्थ्य केन्द्र पर 34 प्रकार की दवाओं तथा 05 प्रकार के जांच, टीकाकरण हेतु आवश्यक उपकरण एवं सामग्री गर्भवती महिलाओं के परीक्षण हेतु सामग्री तथा उपकरण की उपलब्धता होनी चाहिए। (ख) विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के समस्त (47) उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर उत्तरांश (क) अनुसार अनिवार्य संसाधन उपलब्ध है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ में उप स्वास्थ्य केन्द्र झाडक्या, गीलाखेड़ी, जमुनिया गोपचोहान, साका जागीर, लसुडल्या हाजी, बेजड, बोकडी, सीका, धनखेडी, निपान्या चेतन, बिजोरी, पटेलपुरा, सुकली, खेडी, कुवंर कोटरी, कांकरवांल, हरलाय भवन विहिन है, उक्त स्वास्थ्य केन्द्र भवन निर्माण के लिये आबादी के पास उपयुक्त भूमि की उपलब्धता एवं वित्त संसाधनों की उपलब्धता होने पर निर्माण की स्वीकृति की कार्यवाही की जाती है, निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
आदिम जनजातियों की नियुक्ति
[सामान्य प्रशासन]
108. ( क्र. 5744 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक 6-1/2002/आव/एफ दिनांक 18/01/2018 द्वारा प्रदेश के बैगा/सहरियां/सहरिया एवं भारिया जनजाति वर्ग के लोगों को भर्ती प्रक्रिया नियुक्ति प्रदान करने हेतु राजपत्र प्रकाशित किया गया? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के पालन में आयुष विभाग में इन जनजाति वर्ग के अभ्यार्थियों को प्रदेश में आयुष औषधालयों में रिक्त चतुर्थ श्रेणी के पदों पर नियुक्तियां हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत किए गए हैं? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध कराएं। (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नियमों का आयुष विभाग द्वारा पालन नहीं किया जा रहा है? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के पालन में आयुष विभाग में प्राप्त आवेदनों पर उपरोक्त नियमों के पालन में नियुक्ति संबंधी कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो विधिसम्मत कारण बताएं। (ङ) आयुष विभाग अंतर्गत जिला श्योपुर, मुरैना, दतिया, ग्वालियर, भिंड, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, मंडला, डिंडौरी, शहडोल, उमरिया, बालाघाट, अनूपपुर तथा छिंदवाड़ा जिलों में संचालित औषधालयों में चतुर्थ श्रेणी के कितने पद रिक्त हैं? जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (च) क्या इन जिलों में चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर विभाग में प्राप्त आवेदनों पर नियुक्ति संबंधी कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब, यदि नहीं, तो कारण बताएं। (छ) शासन उपरोक्त आदेशों का पालन नहीं करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कब तक क्या कार्यवाही करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) से (छ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आंगनवाड़ी भवनों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
109. ( क्र. 5747 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जनसंख्या के मापदंड अनुसार शासन/विभाग द्वारा जावरा नगर, जावरा तहसील एवं पिपलोदा तहसील अंतर्गत कुल कितने आंगनवाड़ी केंद्रों को चिन्हित कर सेवाएं प्रदान की जा रही है? (ख) उपरोक्त स्वीकृत आंगनवाड़ी केंद्रों पर शासन/विभाग के स्वयं के भवन होकर उन केंद्रों पर कौन-कौन कार्यरत हैं? कितने केंद्र स्वीकृत होकर अप्रारंभ है? (ग) समस्त क्षेत्रीय आंगनवाड़ी केंद्रों के ऐसे कितने स्थान हैं, जो भवन विहीन होकर अन्य भवनों अथवा किराए पर संचालित किए जा रहे हैं तो कब से किन-किन स्थानों पर? स्थानवार, ब्लॉकवार बताएंl (घ) स्वीकृत आंगनवाड़ी भवन के ऐसे कितने कार्य हैं जो अप्रारंभ और अपूर्ण एवं स्थान की कठिनाई अथवा राशि की कमी होने से अप्रारंभ है तो समस्त स्वीकृत केंद्रों को स्वयं के भवन कब तक प्राप्त होकर उन्हें संचालित किया जा सकेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जावरा विधानसभा क्षेत्र में जनसंख्या के मापदण्ड अनुसार जावरा नगर में 57, जावरा तहसील में 211 एवं पिपलोदा तहसील में 238 इस प्रकार कुल 506 आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाडी केंद्रों में सेवाएं प्रदान की जा रही है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है, जिसकी समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। स्वीकृत सभी आंगनवाड़ी केन्द्र निरन्तर संचालित है।
रिक्त पद व स्वास्थ्य संसाधनों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
110. ( क्र. 5748 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सिविल हॉस्पिटल जावरा एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पिपलोदा पर स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन हेतु कुल कितने पद स्वीकृत होकर उनके विरुद्ध कितने कार्यरत हैं? (ख) उपरोक्त दोनों केंद्रों के अंतर्गत और कौन-कौन से स्वास्थ्य केंद्र आते हैं? उनके केन्द्रों पर कितने पद स्वीकृत होकर उनके विरुद्ध कितने कार्यरत हैं? (ग) उपरोक्त दोनों केंद्रों पर क्षेत्रीय मरीजों के उपचार, सहयोग हेतु कितनी एंबुलेंस, एक्स रे मशीन, सोनोग्राफी मशीन, ईसीजी मशीन, ब्लड बैंक की सुविधा, ऑपरेशन थिएटर में आधुनिक स्वास्थ्य उपकरणों की क्या स्थिति है? (घ) जावरा सिविल हॉस्पिटल पर स्वास्थ्य सेवा हेतु एमडी व एमएस चिकित्सक के पद किस दिनांक से रिक्त होकर कब तक भरे जा सकेंगे?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) मेडिकल विशेषज्ञ के दो पद वर्ष 2011 से एवं सर्जरी विशेषज्ञ के 02 पद स्वीकृत एवं 01 पद वर्ष 2011 से रिक्त है, पदस्थ एक सर्जरी विशेषज्ञ डॉ. विनोद लहरी, वर्तमान में निलंबित हैं। प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी है। उपलब्धता अनुसार पीजी चिकित्सकों/पीजी बंधपत्र चिकित्सकों की पदस्थापना की कार्यवाही की जावेगी। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्र
[महिला एवं बाल विकास]
111. ( क्र. 5750 ) श्री संजीव सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2021 की स्थिति में भिण्ड जिले में कौन-कौन से आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन हैं? उनके भवन निर्माण की क्या योजना है? किन-किन आंगनवाड़ी केन्द्र भवनों के निर्माण का कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है तथा क्यों? केन्द्रवार कारण बतायें। (ख) उक्त अपूर्ण एवं अप्रारंभ आंगनवाड़ी केन्द्र भवन का कार्य शीघ्र पूर्ण हो इस हेतु विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) फरवरी 2021 की स्थिति में भिण्ड जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के पद कहाँ-कहाँ, कब से एवं क्यों रिक्त हैं? उक्त रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) फरवरी 2021 की स्थिति में भिण्ड जिले में 1462 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण एक सतत प्रक्रिया है, जो कि वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अपूर्ण तथा अप्रारम्भ निर्माण कार्यों की सूची क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ख) राज्य स्तर से अपूर्ण तथा अप्रारम्भ आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण पूर्ण करने हेतु समय-समय पर आयोजित विभागीय वीडियों कान्फ्रेसिंग एवं पत्राचार से निर्देशित किया जाता है तथा जिला स्तर पर आंगनवाड़ी भवनों का कार्य शीघ्र पूर्ण करने के लिए कलेक्टर भिण्ड एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत भिण्ड द्वारा समय-समय पर निर्माण एजेन्सी एवं तकनीकी अधिकारियों की बैठक आयोजित कर समीक्षा की गई है तथा निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण कराने हेतु निर्देशित किया गया है। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण एक सतत प्रक्रिया है, जो कि वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अत: समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ग) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। संयुक्त संचालक, महिला एवं बाल विकास विभाग चम्बल संभाग मुरैना के पत्र क्रमांक 1185-1186 मुरैना दिनांक 20.08.2020 के द्वारा रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विज्ञप्ति प्रकाशित की गई। खण्डस्तरीय चयन समिति द्वारा जारी अनंतिम चयन सूची पर प्राप्त दावा-आपत्तियों के निराकरण हेतु जिला स्तरीय आपत्ति निराकरण समिति की बैठक दिनांक 12.03.2020, 07.12.2020 एवं 28.01.2021 को आयोजित कर पद पूर्ति की कार्यवाही की गई है।
नियमितीकरण में विसंगति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
112. ( क्र. 5753 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सन् 2000 एवं इसके पूर्व नियुक्ति संविदा चिकित्सकों को 2003 में नियमित करने का शासन ने निर्णय लिया था? (ख) प्रश्नांश (क) हाँ है तो उन्हे किस वर्ष में नियमित किया गया? क्या उक्त चिकित्सकों को 05 वर्ष की सेवा अवधि पूरी करने के बाद नियमित किया गया? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या 2005 के बाद नियुक्ति संविदा चिकित्सकों को 02 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने के बाद नियमित किया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (ग) हाँ है तो प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में उक्त चिकित्सकों को 05 वर्ष की सेवा अवधि के बाद क्यों नियमित किया गया? क्या शासन उक्त विसंगति को दूर कर चिकित्सकों को 2003 से नियमितीकरण का लाभ देने पर विचार करेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) नियमितीकरण नियम 2003 की प्रभावशीलता 01 वर्ष पश्चात 10 अगस्त 2004 को समाप्त होने के कारण, दिनांक 01 मार्च 2005 में पुनः मध्यप्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, संविदा नियुक्तियों का नियमितीकरण नियम 2005 जारी किए गए एवं उक्त नियम 01 वर्ष की अवधि हेतु प्रभावशील थे एवं नियमितीकरण नियम 2005 की कण्डिका 06 (1) अनुसार ''इन नियमों के अधीन नियुक्त व्यक्ति, उसके नियमितीकरण के आदेश की तारीख से ज्येष्ठता का हकदार होगा'' के अनुक्रम में प्रदेश के जिलों से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों से प्राप्त प्रस्ताव उपरांत प्रक्रिया पूर्ण कर प्रथम नियमितीकरण आदेश दिनांक 31.12.2005 को जारी किए गए एवं तद्उपरांत कार्यवाही निरंतर जारी है। (ग) मध्यप्रदेश असाधारण राजपत्र दिनांक 04 जनवरी 2007 अनुसार मध्यप्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, संविदा नियुक्तियों का नियमितीकरण नियम 2005 में दिनांक 04 जनवरी 2007 को जारी संशोधन अनुसार नियमितीकरण हेतु पात्रता अंतर्गत वास्तविक संविदा सेवा अवधि 1095 दिवस के स्थान पर दो वर्ष प्रतिस्थापित किये जाने से, पूर्व से कार्यरत ऐसे संविदा चिकित्सकों जिनकी दो वर्ष की संविदा सेवा पूर्ण हो चुकी है एवं नियमितीकरण की तारीख तक निरंतर कार्यरत हैं के नियमितीकरण हेतु संबंधित जिलो से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर नियमितीकरण हेतु निर्धारित प्रक्रिया उपरांत पात्र मान्य करते हुए नियमितीकरण आदेश जारी किए गए हैं। (घ) मध्यप्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, संविदा नियुक्तियों का नियमितीकरण नियम 2005 की कण्डिका 06 ज्येष्ठता (1) में निहित प्रावधान अनुसार संविदा चिकित्सक उसके नियमितीकरण के आदेश की तारीख से ज्येष्ठता का हकदार होगा अनुसार, आदेश जारी होने के दिनांक से नियमानुसार नियमित किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कोविड-19 सेन्टरों पर व्यय राशि की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
113. ( क्र. 5759 ) श्री राकेश मावई : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले को कोरोना काल में कोविड-19 के लिए फरवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितना बजट एवं कौन सी सामग्री शासन से कब-कब प्राप्त हुई? उक्त अवधि में कोविड-19 की रोकथाम एवं बचाव हेतु क्या-क्या मेडीसिन एवं अन्य सामग्री जिला स्तर पर क्रय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त राशि एवं सामग्री में से जिले की अधीनस्थ स्वास्थ्य संस्थाओं को कितनी-कितनी राशि एवं सामग्री प्रदाय की गई? (ग) कोविड-19 की रोकथाम एवं बचाव हेतु जिला में कितने कोविड सेंटर तैयार किये गये, उक्त सेंटर पर प्रश्न दिनांक तक किन-किन कोविड मरीजों का उपचार कितने दिनों तक किया गया। उन मरीजों के उपचार एवं खान-पान में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? मरीजों के नाम, पता सहित बतायें? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार कोरोना अवधि में कोविड-19 से ग्रसित मरीजों के उपचार हेतु बाहर से आये कोरोना वारियर्स जैसे चिकित्सक/पेरामेडीकल/नर्सिंग संवर्ग के अधिकारी/कर्मचारियों की नामवार जानकारी देवें तथा उक्त अवधि में कार्यरत अधिकारी/कर्मचारियों की किन-किन निजी होटलों/लॉज में ठहरने की व्यवस्था की गई तथा उन पर कितनी-कितनी राशि किस कार्य के लिये व्यय की गई? अधिकारी एवं कर्मचारीवार संपूर्ण जानकारी देवें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जिला चिकित्सालय मुरैना को रूपये 13.34 लाख प्रदाय किए गये सामग्री प्रदाय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) जिले में 6 कोविड सेंटर तैयार किये गये। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' एवं ''ई'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''फ'' अनुसार है तथा राशि रूपये 45,99,132/- ठहरने एवं भोजन व्यवस्था पर व्यय की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''फ'' अनुसार है।
मुआवजा राशि का भुगतान
[नर्मदा घाटी विकास]
114. ( क्र. 5766 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सुभाष पिता रामदास मुकाती निवासी कुक्षी जिला धार की नगर कुक्षी में स्थित भूमि सर्वे क्र. 184/2 रकबा 0.121 हेक्टेयर अधिग्रहित की गई है? यदि हाँ, तो कब? इस प्रकरण से संबंधित समस्त दस्तावेजों का विवरण देवें। (ख) क्या उक्त प्रकरण में मुआवजा भुगतान में विलंब के कारण प्रभावित को मुआवजा राशि भुगतान तक ब्याज सहित प्रदान किये जाने के आदेश न्यायालय द्वारा दिये गये है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में यदि हाँ, तो उक्त अधिग्रहित भूमि की मुआवजा राशि संबंधित के वारिसों को कब तक भुगतान कर दी जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। दिनांक 19.08.2003 को अवार्ड पारित हुआ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) भुगतान हेतु कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सिविल अस्पताल में स्वीकृत पद
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
115. ( क्र. 5767 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिविल अस्पताल कुक्षी जिला धार में कुल कितने पद स्वीकृत है? (ख) स्वीकृत पदों में से कितने पद भरे है कितने रिक्त है? (ग) रिक्त पदों पर कब तक पदपूर्ति कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विभाग के अधीन सीधी भर्ती से भरे जाने वाले रिक्त पदों की पूर्ती की कार्यवाही लोक सेवा आयोग एवं प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के माध्यम से निरंतर जारी है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
हैण्डपंपों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
116. ( क्र. 5786 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी में किन-किन ग्रामों, मजरा-टोला, बस्ती में किन-किन स्थानों पर हैण्डपंप स्थापित हैं? बतावें। इनमें से कितने हैण्डपंप चालू हैं कितने स्थायी खराब हैं? कितने सुधार योग्य हैं तथा कितने हैण्डपंप का जल स्तर कम होने से सूख गये हैं? ग्राम, मजरा, ग्राम पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में 1 अप्रैल 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक कितने हैण्डपंपों के प्लेटफॉर्म विभाग या ठेकेदार द्वारा बनाये गये हैं एवं कितनी राशि किस-किस को भुगतान की गई है कितने हैण्डपंप के प्लेटफार्मों के कार्य पूर्ण हैं? कितने अपूर्ण हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किन-किन ग्रामों के हैण्डपंप के बोर में वर्ष 2018 से सिंगल फेस की मोटर डाली गई हैं? बतावें एवं सिंगल फेस की मोटर, रोल पाईप, केवल किन-किन ठेकेदारों से कब-कब क्रय की गई है एवं कितना-कितना भुगतान किया गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में 1 जनवरी 2019 से प्रश्नांकित अवधि तक विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी में किन-किन ग्रामों में हैण्डपंप के बोर खनन करवाये गये हैं? क्या खनन करने से पहले प्रश्नकर्ता को पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया है? यदि हाँ, तो कब? पत्र की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो इसके दोषी कौन है? क्या आगे से क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को हैण्डपंप के खनन करने से पूर्ण जानकारी से अवगत कराया जावेगी? यदि हाँ, तो कब से?यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) प्रश्नकर्ता के 1 जनवरी 2019 से कार्यपालन यंत्री विदिशा एवं सहायक यंत्री सिरोंज को कौन-कौन से पत्र प्राप्त हुए हैं? पत्रों की छायाप्रति उपलब्ध करावें एवं उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है? पृथक-पृथक विवरण देवें। यदि कार्यवाही नहीं की गई है? तो इनके लिए दोषी कौन है? बतावें एवं दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 एवं-4 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। जी नहीं, कोई दोषी नहीं है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों द्वारा जो जानकारी चाही जाती है वह जानकारी उन्हें प्रेषित की जाती है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 एवं 7 के अनुसार है। कोई दोषी नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आंगनवाड़ियों को उपलब्ध कराया गया राशन एवं दवा की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
117. ( क्र. 5787 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र, मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? मजरा टोला एवं ग्राम पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किन-किन आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन हैं तथा कितने आंगनवाड़ी केन्द्र निजी भवनों में संचालित हैं? कितना-कितना किराया भुगतान किया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किन-किन आंगनवाड़ियों में हैण्डपम्प हैं? कितनी आंगनवाड़ी केन्द्र हैण्डपम्प विहीन हैं? (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में महिला एवं बाल विकास विभाग लटेरी का विकासखण्ड कार्यालय कब तक स्वीकृत कर दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विदिशा जिले के विकासखण्ड सिरोंज में 285 आंगनवाड़ी, 109 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र एवं विकासखण्ड लटेरी में 184 आंगनवाड़ी, 97 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। मजरा टोला एवं ग्राम पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। किराये से संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों की सूची एवं किराया भुगतान संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ आंगनवाड़ी केन्द्रों में हैण्डपंप एवं हैण्डपंप विहीन केन्द्रों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में महिला एवं बाल विकास विभाग लटेरी का विकासखण्ड कार्यालय पूर्व से स्वीकृत है एवं उक्त कार्यालय जनपद पंचायत लटेरी के भवन में संचालित है।
प्रदेश में कुपोषण
[महिला एवं बाल विकास]
118. ( क्र. 5788 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कुपोषित बच्चों को उनका कुपोषण दूर करने के लिए राज्य सरकार द्वारा 01 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक की अवधि में किस-किस योजना अंतर्गत कितनी-कितनी राशि व्यय की जा चुकी हैं? कुल कितनी राशि का बजट प्रावधान किया गया? (ख) उक्त बजट राशि किन-किन अन्य मद में व्यय की गयी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्णित अवधि में व्यय राशि का विवरणः-
क्र. |
योजना |
राशि रूपये लाख |
1 |
आंगनवाड़ी सेवाएं |
92160.40 |
2 |
पूरक पोषण आहार |
92367.20 |
3 |
अटल बिहारी वाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन |
6.29 |
वर्णित अवधि में बजट प्रावधान की राशि का विवरणः-
क्र. |
योजना |
राशि रूपये लाख |
1 |
आंगनवाड़ी सेवाएं |
121658.27 |
2 |
पूरक पोषण आहार |
145000.06 |
3 |
अटल बिहारी वाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन |
7.40 |
(ख) उक्त बजट राशि किसी अन्य मद में व्यय नहीं की गई है।
घरेलू नल कनेक्शनों की सुविधा
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
119. ( क्र. 5793 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बता ने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक गुना जिले में महिलाओं की सशक्त भागीदारी एवं पेयजल की योजनाओं से महिलाओं को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से जिले की बसाहटों में पेयजल की व्यवस्था की जा रही है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी बसाहटों में, कब-कब से, कितनी-कितनी लागत की पेयजल योजनाओं का लाभ दिये जाने की कार्ययोजना है? उसकी अद्यतन स्थिति क्या है? कितनी बसाहटों में किस-किस कारणें से शेष है? कब तक बसाहटों में पेयजल की समस्या का समाधान कर दिया जायेगा। जिले का संपूर्ण ब्यौरा दें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उपरोक्त बसाहटों में निर्धारित पानी प्रति व्यक्ति प्रति दिन के आधार पर दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो कितना-कितना, कितनी-कितनी क्षमता के टैंक से, कितनी-कितनी जनसंख्या को बसाहटवार पृथक-पृथक बतायें। (ग) क्या पेयजल हेतु हैण्डपंपों पर निर्भरता कम करते हुये ग्रामीण आबादी को अधिक से अधिक क्रियाशील घरेलू नल कनेक्शनों के माध्यम से पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाना है? यदि हाँ, तो विभाग की क्या कार्ययोजना है एवं उसकी अद्यतन स्थिति क्या है? कितने स्थानों पर उक्त के अनुपालन में कार्य पूर्ण हो गया है? कितने में शेष है? कितने में कार्य ही प्रारंभ नहीं हो पाया है? पृथक-पृथक बतायें। (घ) उपरोक्त के संबंध में कार्ययोजना पर कितनी राशि व्यय की जाना प्रावधानित है, उसमें से कितनी राशि का कब-कब, किस-किस कार्य पर कितनी-कितनी उपयोग कर ली गई है? पृथक-पृथक बतायें। (ड.) उपरोक्त प्रश्नांश के तारतम्य में गुना जिले के राघौगढ़ विधानसभा में कौन-सी योजनाओं पर कितना-कितना कार्य कब-कब, कहाँ-कहां, कितनी-कितनी लागत का किया जाना है, कितनी शेष, कितनी पूर्ण है? संपूर्ण ब्यौरा पृथक-पृथक दें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -1 अनुसार है। गुना जिले के समस्त ग्राम/बसाहटों में जल जीवन मिशन कार्यक्रम के अंतर्गत वर्ष 2023 तक प्रत्येक घर में क्रियाशील घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से पेयजल उपलब्ध करवाया जाना है, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। बसाहटों में प्रत्येक व्यक्ति को 55 लीटर प्रतिदिन पानी प्रदाय करने का प्रावधान है, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
अनुकम्पा नियुक्ति के नियमों में संशोधन
[सामान्य प्रशासन]
120. ( क्र. 5796 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुकंपा नियुक्ति के नियमों से सात वर्ष बंधन को समाप्त करने के लिए विभागीय प्रस्ताव पर तत्कालीन सामान्य प्रशासन मंत्री द्वारा वर्ष 2019-20 में अनुमोदन किया था? यदि हाँ, तो क्या उक्ताशय के आदेश जारी किए जा चुके है यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रस्ताव पर प्रशासकीय अनुमोदन के पश्चात् आदेश जारी न होने से सैकड़ों आवेदक अनुकंपा नियुक्ति से वंचित है? यदि हाँ, तो उक्ताशय के आदेश कब तक जारी किये जायेगें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में पद स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
121. ( क्र. 5797 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बिजौरा (रावतपुरा) तहसील लहार जिला भिण्ड को कब स्वीकृति प्रदान की गई एवं उक्त स्वास्थ्य केन्द्र का भवन कितनी लागत से निर्मित कराया गया? (ख) क्या उक्त स्वास्थ्य केन्द्र प्रारंभ कर दिया गया है? यदि हाँ, तो इस स्वास्थ्य केन्द्र में किस-किस श्रेणी के कितने-कितने पद स्वीकृत हैं एवं स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने पद भरे हैं कितने रिक्त हैं? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जाएगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बिजौरा (रावतपुरा) तहसील लहार जिला भिण्ड की संस्था स्वीकृति आदेश क्रमांक एफ 12-09 / 2018/सत्रह/मेडि-तीन दिनांक 25.09.2018 द्वारा प्रदान की गई, लोक निर्माण विभाग द्वारा भवन निर्माण हेतु राशि रूपये 22.67 लाख का व्यय होना पाया गया है। (ख) जी हाँ। स्वीकृत,कार्यरत एवं रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। रिक्त पदों की पदपूर्ति हेतु विभागीय भर्ती नियमानुसार सीधी भर्ती से कार्यवाही प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड म.प्र. के माध्यम से चयन प्रक्रिया निरंतर जारी है,निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय की जानकारी
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
122. ( क्र. 5810 ) श्री जितू पटवारी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2004-05, 2010-11, 2015-16, 2019-20 की स्थिति में प्रति व्यक्ति आय कितनी है? शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र की प्रति व्यक्ति आय क्या-क्या है? प्रति कृषक वार्षिक आय क्या है तथा यह राष्ट्रीय आय का कितना फीसदी है? (ख) प्रदेश में 2004-05, 2010-11, 2015-16 तथा 2019-20 को कुल कार्यशील जनसंख्या में कृषक, खेतिहर मजदूर, महिला का प्रतिशत कितना-कितना है तथा प्रति व्यक्ति कुल बोया गया क्षेत्रफल तथा कृषि गहनता तथा प्रति व्यक्ति खाद्यान्न उत्पादन कितना-कितना है? (ग) प्रदेश में 2019-20 की प्रति व्यक्ति औसत आयु क्या है तथा यह राष्ट्र की औसत आयु से कितने वर्ष, माह, कम है? पुरूष तथा महिला की औसत आयु में कितना-कितना अंतर हैं? शहरी तथा ग्रामीण औसत आयु में कितना अंतर है? (घ) प्रश्नांश (ख) की अवधि में प्रदेश में उचित मूल्य की दुकानों की संख्या कूपन की संख्या, हितग्राहियों की संख्या, उचित मूल्य की दुकानों से वितरित सामग्री की मात्रा कितनी-कितनी है? (ड.) प्रदेश में वर्ष 2010-11 से 2020-21 तक शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक तथा उच्च/उच्चतम मा.विद्यालय की संख्या तथा कक्षा 1 से 12 तक नामांकन कितना-कितना है?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) मध्यप्रदेश की प्रति व्यक्ति आय (प्रचलित भावों पर) वर्ष 2004-05 में 15442 रूपये, 2010-11 में 32453 रूपये, 2015-16 में 62080 रूपये एवं 2019-20 (त्व.) में 103288 रूपये रही है। प्रदेश की स्थिर भावों पर प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2004-05 में 15442 रूपये 2010-11 में 21706 रूपये, 2015-16 में 47351 रूपये एवं 2019-20 (त्व.) में 62236 रूपये रही है। प्रश्न के शेष भाग की जानकारी विभाग द्वारा पृथक से संकलित नहीं की जाती है। नोट:- स्थिर भावों हेतु वर्ष 2004-05 एवं 2010-11 का आधार वर्ष 2004-05 है व वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2019-20 का आधार वर्ष 2011-12 है। (ख) प्रश्नांश (ख) के अंश भाग कृषि सघनता वर्ष 2018-19 में 171.8 प्रतिशत है। शेषांश की जानकारी विभाग द्वारा पृथक से संकलित नहीं की जाती है। (ग) भारत सरकार के रजिस्ट्रार जनरल एवं सेन्सस कमिश्नर ऑफ इंडिया द्वारा सितम्बर, 2020 में जारी सैम्पल रजिस्ट्रेशन सिस्टम की रिपोर्ट (2014-18) अनुसार म.प्र. में प्रति व्यक्ति औसत आयु 66.5 वर्ष पाई गई है तथा भारत देश की प्रतिव्यक्ति औसत आयु 69.4 वर्ष है तदानुसार म.प्र. की प्रतिव्यक्ति औसत आयु भारत देश से 2.9 वर्ष कम है। म.प्र. में पुरूषों की औसत आयु 64.8 वर्ष है तथा महिलाओं की औसत आयु 68.5 प्रतिशत तदनुसार म.प्र. पुरूषों की औसत आयु महिलाओं की तुलना में 3.7 वर्ष कम है। इसी प्रकार म.प्र. में ग्रामीण क्षेत्र में प्रतिव्यक्ति औसत आयु 65.3 वर्ष है तथा शहरी क्षेत्र में औसत आयु 70.5 वर्ष है तदानुसार ग्रामीण क्षेत्र में प्रति व्यक्ति औसत आयु शहरी क्षेत्र की तुलना में 5.2 वर्ष कम है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - अ, ब, एवं स अनुसार वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 की संलग्न है। (ड.) प्रदेश में वर्ष 2010-11 से 2020-21 तक शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक तथा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की नामांकन संख्याओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 1, 2 एवं 3 अनुसार है।
पदों की पूर्ति किए जाना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
123. ( क्र. 5815 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ब्यौहारी विधान सभा क्षेत्र में संचालित सिविल अस्पताल में स्वीकृत पदों अनुसार डॉक्टरों की पदस्थापना की गई है? स्वीकृत पद की जानकारी के साथ पदस्थ डॉक्टरों के नाम व पद का विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अगर पद स्वीकृति अनुसार डॉक्टरों की पदस्थापना नहीं की गई, मरीज परेशान हो रहे हैं? दवाई के लिये शहडोल व रीवा जा रहे हैं तो इसके लिये किन को जिम्मेदार मानेगे? पद व नाम सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार अस्पताल में डॉक्टरों के स्वीकृत पदों अनुसार रिक्त पदों की पूर्ति कब तक करा देवेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) प्रदेश में विशेषज्ञों/ चिकित्सकों की अत्यधिक कमी के कारण पद स्वीकृति अनुसार पदपूर्ति नहीं की जा सकी है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सिविल अस्पताल ब्यौहारी में 01 नियमित चिकित्सा अधिकारी एवं 01 दंत चिकित्सक पदस्थ है, उपलब्ध चिकित्सकों एवं सहायक स्टॉफ के माध्यम से आमजन को स्वास्थ्य सेवायें प्रदान की जा रही हैं एवं आवश्यकतानुसार औषधि आदि उपलब्ध कराई जा रही है। प्रदेश में विशेषज्ञ एवं चिकित्सकों की कमी के कारण पदपूर्ति में कठिनाई हो रही है। नियमित चिकित्सकों की पदस्थापना हेतु काउंसलिंग में रिक्तियां प्रदर्शित की जाती है, परंतु संबंधित चिकित्सक द्वारा पदस्थापना स्थल के चयन न करने से पद रिक्तता रहती है। इसी प्रकार एन.एच.एम. चिकित्सकों की प्रत्येक बुधवार वॉक इन इन्टरव्यू के माध्यम से पदस्थापना में शहडोल जिले की रिक्तियॉ प्रदर्शित की जाती है परंतु रिक्तियॉ अधिक होने से एवं चिकित्सक द्वारा सहमति नहीं दिए जाने के कारण पदस्थापना नहीं की जा सकी है। विभाग शीघ्र पदस्थापना हेतु पुनः प्रयास करेगा। (ग) रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है, प्रथम श्रेणी विशेषज्ञ के शत प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है एवं वर्तमान में माननीय उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति के संदर्भ में प्रचलित प्रकरण के कारण पदोन्नति की प्रक्रिया विलंबित है। अतः विशेषज्ञों के पद जिन्हें शत प्रतिशत पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है की पूर्ति में कठिनाई हो रही है। म.प्र.लोक सेवा आयोग को 727 चिकित्सकों की पदपूर्ति हेतु मांग-पत्र प्रेषित किया गया है, चयन सूची प्राप्त होने पर पुनः पद रिक्तता दर्शित की जावेगी। उपलब्धता अनुसार बंधपत्र चिकित्सकों की पदस्थापना भी की जावेगी। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
पर्यटक स्थल स्वीकृत
[पर्यटन]
124. ( क्र. 5816 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शहडोल जिले के ब्यौहारी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कितने पर्यटक स्थल हैं का नाम सहित विवरण देवें। वर्ष 2018 से प्रश्नांश दिनांक तक में इनके रख-रखाव एवं विकास बाबत कितनी राशि कब-कब प्रदान की गई, का विवरण वर्षवार उपरोक्त अवधि अनुसार देवें। (ख) ब्यौहारी विधान सभा क्षेत्र में नगर परिषद अंतर्गत गोदावलधाम व ग्राम पंचायत जगमल से देवझड़ को पर्यटक स्थल घोषित किये जाने बाबत क्या कार्यवाही कब तक करेंगे? अगर नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार पर्यटक स्थलों के विकास एवं रख-रखाव बाबत प्राप्त राशि का उपयोग सही ढंग से शासन के जारी दिशा निर्देशों का पालन कर व्यय न किये जाने के जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे? साथ ही प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित स्थानों को कब तक पर्यटक स्थल घोषित?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) विभाग द्वारा जारी नवीन पर्यटन नीति के अंतर्गत किसी स्थल को पर्यटन स्थल घोषित करने की कोई नीति नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) अनुसार।
ग्वालियर जिलों के संबंध में
[महिला एवं बाल विकास]
125. ( क्र. 5827 ) श्री सुरेश राजे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा टेकहोम 11 से 14 वर्ष की बालिकाओं को कितना राशन वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 तक बांटा गया। (ख) उपरोक्त जिले में उपरोक्त अवधि में 11 से 14 साल की कितनी बालिकाओं को राशन बांटा गया? (ग) इन जिले में कितनी आंगनवाड़ियां हैं? कौन-कौन सी आंगनवाड़ी पर कितना राशन कितने लाभार्थियों को बांटा गया, अलग-अलग मात्रा बताएं? (घ) क्या जिले में (क) अवधि में टेक होम के अंतर्गत राशन वितरण में गड़बड़ी/अनियमितता की शिकायतें प्राप्त हुई है। यदि हाँ, तो इस मामले में अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) ग्वालियर जिले में वर्ष 2017-18 में योजना लागू नहीं थी। वर्ष 2018-19 में एम.पी.एग्रो के माध्यम से प्राप्त टीएचआर 11 से 14 वर्ष की शाला त्यागी किशोरी बालिकाओं को कुल -167648 पैकिट वितरण किये गये। (ख) ग्वालियर जिले में वर्ष 2017-18 में योजना लागू नहीं थी। वर्ष 2018-19 में 11 से 14 वर्ष की 3484 शाला त्यागी किशोरी बालिकाओं को टीएचआर बांटा गया है। (ग) ग्वालियर जिले में 1458 आंगनवाड़ी/उप आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। आंगनवाड़ी केन्द्रों पर 11 से 14 वर्ष की शाला त्यागी किशोरी बालिकाओं को वर्ष 2018-19 में टी.एच.आर. वितरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) ग्वालियर जिले में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में टेकहोम राशन वितरण के दौरान गड़बड़ी अनियमितता की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
प्रकाशित समाचारों पर कार्यवाही
[जनसंपर्क]
126. ( क्र. 5832 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचारों की कटिंग कलेक्टर एवं संबंधित विभाग को प्रेषित किए जाने एवं उनके प्रतिवेदनों से संबंधित क्या क्या प्रक्रिया वर्तमान में संचालित है। (ख) बैतूल जिले में 15 अगस्त 2020 से 30 अगस्त 2020 तक किस सामाचार पत्र में प्रकाशित किस सामाचार की कटिंग किस दिनांक को किसे प्रेषित की गई उस पर की गई कार्यवाही से संबंधित प्रतिवेदन की प्रति सहित बतावें। (ग) यदि समाचार पत्र में प्रकाशित समाचार से संबंधित विभाग से प्रतिवेदन प्राप्त नहीं किया हो तो उसका कारण बतावे कब तक प्रतिवेदन प्राप्त कर कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत किया जावेगा।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) संबंधित जिले से प्रमुख समाचार-पत्रों की कटिंग नियमित रूप से कलेक्टर को भेजी जाती है। सम्प्रेषित कटिंग पर कार्यवाही की जानकारी जनसंपर्क कार्यालय को प्राप्त नहीं होती। (ख) बैतूल जिले से संबंधित समाचारों की समाचार पत्रों की कतरने प्रतिदिन अवलोकनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु कलेक्टर को प्रेषित की जाती है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा प्रेषित समाचार पत्र कतरनों पर संबंधित विभाग द्वारा ही कार्यवाही की जाती है।
सूचना के अधिकार का पालन
[सामान्य प्रशासन]
127. ( क्र. 5833 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सूचना के अधिकार 2005 के तहत कलेक्टर बैतूल, अनूपपुर एवं मण्डला के समक्ष गत एक वर्ष में कितनी अपील किस-किस के विरूद्ध प्राप्त हुई उस पर किस दिनांक को क्या आदेश दिया गया? (ख) कलेक्टर द्वारा नि:शुल्क जानकारी उपलब्ध करवाए जाने के लिए आदेश के बाद भी किस विभाग के किस अधिकारी ने प्रश्नांकित दिनांक तक भी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई? (ग) ऐसे अधिकारियों के विरूद्ध कलेक्टर ने कब और क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, की तो कारण बतावें कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) कलेक्टर बैतुल, अनूपपुर एवं मण्डला से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) नि:शुल्क जानकारी उपलब्ध नहीं कराये जाने बावत किसी भी अधिकारी के विरूद्ध शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ग) उपरोक्त प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासन द्वारा कर्मचारियों को प्रदाय सुविधा
[वित्त]
128. ( क्र. 5838 ) श्रीमती मनीषा सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्त विभाग के आदेश क्रमांक एफ 651/2018/नियम-4 दिनांक 08.03.2019 के अनुसार अर्जित अवकाश की सीमा 300 दिन मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठनों की मांग के अनुसार की गई है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा सेवा निवृत्त कर्मचारियों के खाते में जमा अर्जित अवकाश तथा अर्द्धवेतन अवकाश का समायोजन केन्द्र के अनुसार अवकाश नगदीकरण का लाभ देने से कर्मचारियों को क्यों वंचित रखा गया है यह कार्यवाही राज्य शासन के कर्मचारी एवं प्रदेश में पदस्थ भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी, भारतीय वन सेवा के अधिकारी एवं भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों को एक ओर जहां राज्य की संचित निधि से भुगतान किया जाता है ऐसी स्थिति में राज्य के अधिकारी/कर्मचारियों को इस सुविधा से लाभान्वित क्यों नहीं किया जा रहा है? क्या शासन सभी के साथ एकरूपता अपनाते हुए समुचित जादेश जारी करेगा? (ख) राज्य के तृतीय श्रेणी कर्मचारियों को समयमान देने के क्या नियम हैं? क्या समयमान की पात्रता प्रथम नियुक्ति दिनांक से आती है? प्रथम नियुक्ति के उपरांत यदि कर्मचारी द्वारा नियुक्ति कैडर से अन्य कैडर जैसे प्रथम नियुक्ति सहायक ग्रेड-3 के पद पर होने के उपरांत उस कर्मचारी द्वारा अन्य कैडर स्टेनोग्राफर के पद पर नियुक्ति/पदोन्नति की गई हो और उसी कर्मचारी की अन्य संवर्ग लेखाधिकारी के पद पर नियुक्ति/पदोन्नति की गई है तो इस कर्मचारी को दिये जाने वाले समयमान की गणना की अवधि किस आधार पर की जावेगी? (ग) ऐसे सहायक ग्रेड-3 के कर्मचारी जिन्होंने सहायक ग्रेड-3 के पद पर कार्य करते हुए अन्य राज्य शासन की संचालित परीक्षाएं जैसे अधिनस्थ लेखा सेवा परीक्षा उत्तीर्ण कर पदभार ग्रहण किया हो तो ऐसे कर्मचारी के लिए समयमान की गणना का लाभ किस दिनांक से दिया जायेगा यदि नियुक्ति दिनांक से नहीं दिया जाता है तो प्रश्नांश (ख) के कर्मचारी को इसका लाभ किस नियम के तहत दिया गया? तथा इसके अनुमोदन के लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है उसके विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। राज्य सरकार द्वारा शासकीय सेवकों की सेवा शर्तों में संशोधन, सुधार आवश्यकतानुसार किये जाते है। इस प्रक्रिया में कर्मचारी संगठनों की समय-समय पर मांग को संज्ञान में रखा जाता है। राज्य शासन के शासकीय सेवकों के सेवा नियम भारत सरकार के नियमों के समान होने की अनिवार्यता नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के लिए कोई पृथक नियम न होकर सभी संवर्गो हेतु वित्त विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ11-1/2008/नियम/चार,दिनांक 24 जनवरी,2008 एवं एफ 11-17/ 2014 /नियम /चार, दिनांक 30 सितम्बर,2014 से जारी किये गये है। जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -1 एवं 2 अनुसार। जी हाँ। ऐसे प्रकरणों में समयमान की पात्रता नियुक्ति दिनांक से गणना की जाती है। (ग) ऐसे सहायक ग्रेड-तीन के कर्मचारी जो राज्य की संचालित अन्य परीक्षाऐं जैसे अधीनस्थ लेखा सेवा परीक्षा उत्तीर्ण कर पदभार ग्रहण करते है, के संबंध में वित्त विभाग के आदेश दिनांक 20 दिसम्बर, 2013 से वेतन निर्धारण किया जाता है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -3 अनुसार। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कनिष्ठों को प्रभार देने पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
129. ( क्र. 5844 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में क्लॉस वन अधिकारियों की मौजूदगी के बाबजूद जिलों में सी.एम.एच.ओ. व सिविल सर्जन का प्रभार कनिष्ठ क्लॉस- 2 व प्लेन एम.बी.बी.एस चिकित्सकों को दिये जाने के क्या कारण है? क्या ऐसे जिलो व मामलों में यह सुनिश्चित किया गया है कि वरिष्ठ चिकित्सक क्लास वन अधिकारी उक्त प्रभार लेने के अनिच्छुक है? क्या यह सही है कनिष्ठ चिकित्सकों को सी.एम.एच.ओ. व सिविल सर्जन का प्रभार दिये जाने से वरिष्ठ चिकित्सकों में नाराजगी है? (ख) क्या जिलो में पदस्थ वरिष्ठ अधिकारी/चिकित्सक CMHO व सिविल सर्जन का दायित्व निभाने के काबिल नहीं है? (ग) क्या कनिष्ठों को वरिष्ठ अधिकारियों को दरकिनार कर वर्णित पदों का प्रभार दिये जाने से वरिष्ठ चिकित्सक मा. न्यायालय की शरण में जा रहें है व स्थगन प्राप्त कर रहे है? ऐसी स्थितियां निर्मित होने के क्या कारण है? क्या योग्य वरिष्ठ अधिकारियों को इन पदों पर पदस्थ किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा सिविल सर्जन का पद प्रथम श्रेणी का पद होकर 100 प्रतिशत पदोन्नति से पूर्ति किये जाने का प्रावधान है। मई 2016 से पदोन्नति का प्रकरण माननीय उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन होने से पदोन्नति प्रक्रिया विलंबित है, इसलिए इन पदों का प्रभार लोक सेवा आयोग से चयन वर्ष, योग्यता, कार्यानुभव, एवं कार्यक्षमता अनुसार दिया जा रहा है। जी नहीं। जी हाँ, कतिपय जिलों में। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। मई 2016 से पदोन्नति नहीं होना। जी हाँ, योग्यता अनुसार पदोन्नति होने पर पदस्थ किया जावेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विकास के लिये संचालित योजनाएं
[पर्यटन]
130. ( क्र. 5845 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रीवा शहडोल संभाग के कौन-कौन से धार्मिक, ऐतिहासिक, प्राकृतिक व अन्य पर्यटन स्थल विभाग के संज्ञान में है? क्या इनके विकास के लिये कभी कोई योजनायें विभाग द्वारा तैयार की गई है? यदि हाँ, तो उनकी स्थलवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित स्थलों के समुचित विकास के लिये विभाग योजनायें तैयार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? प्रश्नांश (क) वर्णित संभागों के पर्यटन स्थलों की जानकारी उपलब्ध करावें।
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) विभाग द्वारा पर्यटन स्थलों की सूची संधारित नहीं की जाती है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार।
नियमित भर्ती की कार्यवाही
[पर्यटन]
131. ( क्र. 5851 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या पर्यटन विभाग मध्यप्रदेश शासन अंतर्गत स्थापित संस्थान म.प्र. इंस्टीट्यूट ऑफ हॉस्पिटेलिटी ट्रेवल एण्ड टूरिज्म स्टडीज, भोपाल में वर्तमान में स्वीकृत नियमित पदो पर शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक अमले की जानबूझकर अन्य विभागों से प्रतिनियुक्ति पर आये अधिकारियों द्वारा पदों की पूर्ति की जा रही है ! (ख) संबंधित शैक्षणिक योग्यता न रखने वाले प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अपात्र संचालकों द्वारा संस्था का संचालन कराया जा रहा है, यदि हाँ, तो नियमित भर्तियां कब तक कर ली जायेगी, जिससे संस्था का सुचारू संचालन हो सकेगा।
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जी नहीं, म.प्र. इंस्टीट्यूट ऑफ हॉस्पिटेलिटी ट्रेवल एण्ड टूरिज्म स्टडीज, भोपाल में नियमित पदों पर भर्ती हेतु सेवा शर्तें एवं भर्ती नियम का अद्यतन किया जा रहा है। सेवा शर्तें एवं भर्ती नियम के अद्यतन पूर्ण होने के पश्चात शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक अमले के पद पर नियमित भर्ती की जाएगी। (ख) सेवा शर्तें एवं भर्ती नियम के पूर्ण ना होने के कारण प्रतिनियुक्ति पर संचालक की नियुक्ति की गयी है। सेवा शर्तें एवं भर्ती नियम के पूर्ण होने के पश्चात नियमित भर्तियां की जाएगी।
हैण्डपंपों का संधारण कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
132. ( क्र. 5852 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में विभाग में हैण्डपंपों का संधारण कराये जाने की क्या व्यवस्था प्रचलित है? क्या वर्तमान व्यवस्था के अनुरूप कार्य होने से समय पर नल कूपों का संधारण हो पा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या पंचायतों से नलकूपों के संधारण कार्य वापिस लेकर ठेकेदारों के माध्यम से संधारण कराने की स्थिति में कार्य नहीं हो पा रहे है व बड़ी संख्या में हैण्डपंप खराब पड़े है? क्या विभाग आगामी ग्रीष्म ऋतु में पेयजल संकट से निपटने हेतु अभियान चलाकर हैण्डपंप सुधारने/पाईपलाइन बढ़ाने के कार्य करायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) वर्तमान में छतरपुर, जिले में कितने हैण्डपंप खराब हैं? इन्हें सुधारने हेतु किये गये प्रयासों की जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्तमान में विभाग में हैण्डपंपों का संधारण विभागीय हैण्डपंप तकनीशियनों एवं आउटसोर्स के माध्यम से कराये जाने की व्यवस्था प्रचलित है। जी हाँ। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। सतत् हैण्डपंप संधारण प्रक्रिया के तहत निरंतर सुधार कार्य किया जाता है। (ग) कुल 249 हैण्डपंप खराब हैं जिनमें से 92 साधारण खराबी से, 35 जल स्तर नीचे जाने से, 96 लाइन गिरी/भरेपटे होने से, 26 असुधार योग्य होने से बंद हैं। साधारण खराबी से बंद हैण्डपंपों को विभाग द्वारा सतत् संधारण प्रक्रिया के तहत निरंतर सुधार कार्य किया जाता है। जलस्तर नीचे जाने से अस्थायी रूप से बंद हैण्डपंप के स्त्रोतों में वर्षाकाल प्रारंभ होने के उपरांत जलस्तर में वृद्धि होने पर चालू हो जाते हैं, पाइप लाइन गिरने से बंद हैण्डपंपों को निकालने हेतु विभागीय तौर पर प्रयास किये गये।
अधिकारियों/कर्मचारियों को हटाने
[वाणिज्यिक कर]
133. ( क्र. 5855 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर संभाग में ऐसे कौन-कौन से अधिकारी और कर्मचारी है जो पूर्व में भी वहां पदस्थ रहे है, फिर हटाये गये है और फिर पुन: उसी जिले में पदस्थ कर दिये गए है। इन्हें कब तक हटाया जायेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि ऐसे कौन-कौन से कर्मचारी एवं अधिकारी है जो स्वयं अवैध शराब बिकवाने में मुलजिम बनाए गये थे और उस जिले से हटाये गये थे वे पुन: उसी स्थान पर पदस्थ कर दिए गए है? कृपया सम्पूर्ण जानकारी देते हुए स्पष्ट बताएं कि ऐसे कर्मचारियों एवं अधिकारियों को हटाया जावेगा तो कब तक और नहीं तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) संभागीय उड़नदस्ता सागर, कार्यालय उपायुक्त आबकारी सागर से संबंधित जानकारी में प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश शासन, वाणिज्यिक कर विभाग भोपाल का आदेश पृष्ठांकन क्रमांक/बी-7 (ए) 02/2020/पांच दिनांक 16.07.2020 के द्वारा श्री के.के. डोहर, उपायुक्त आबकारी का स्थानांतरण सागर संभाग से उपायुक्त आबकारी जबलपुर संभाग एवं मध्यप्रदेश शासन वाणिज्यिक कर विभाग भोपाल का आदेश पृष्ठांकन क्रमांक/बी-7 (ए) 02/2020/पांच दिनांक 26/07/2020 के द्वारा श्री रामप्रकाश किरार, जिला आबकारी, संभागीय उड़नदस्ता सागर से स्थानांतरण जिला आबकारी अधिकारी खण्ड़वा किया गया। दमोह जिले से श्री अवधकिशोर चौबे, सहायक जिला आबकारी अधिकारी का स्थानांतरण आबकारी आयुक्त मध्यप्रदेश ग्वालियर के आदेश 1 (अ.रा.)/2020/1966 ग्वालियर दिनांक 26.09.2020 से जिला छतरपुर किया गया था। उक्त आदेश को मध्यप्रदेश शासन, वाणिज्यिक कर विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के आदेश पृ. पंजी क्रमांक बी-7 (ए) 02/2020/2/पांच भोपाल दिनांक 13.01.2021 से निरस्त करते हुए जिला दमोह में सहायक जिला आबकारी अधिकारी के पद पर पदस्थ किया गया है। आबकारी विभाग जिला टीकमगढ़ अंतर्गत पदस्थ ऐसे अधिकारी/कर्मचारी जो कि पुन: स्थानांतरण जिला टीकमगढ़ में पदस्थ हैं उनका विवरण निम्नानुसार है :-
क्र. |
नाम अधिकारी/कर्मचारी |
पदनाम |
1 |
श्री राघवेंद्र सिंह बुंदेला |
सहायक जिला आबकारी अधिकारी |
2 |
श्री स्वामी प्रसाद अहिरवार |
आबकारी मुख्य आरक्षक |
3 |
श्री वीरेंद्र सिंह यादव |
आबकारी मुख्य आरक्षक |
4 |
श्री मानसिंह |
आबकारी मुख्य आरक्षक |
5 |
श्री हरप्रसाद अहिरवार |
आबकारी आरक्षक |
6 |
श्री राजेंद्र कठैल |
लेखापाल |
7 |
श्री प्रकाश नारायण पाठक |
सहायक ग्रेड-3 |
8 |
श्री जगदीश बाथम |
वाहन चालक |
स्थानांतरण के संबंध में शासन की नीति के अनुसार कार्यवाही की जाती है। (ख) आबकारी विभाग टीकमगढ़ अंतर्गत पदस्थ 01 आबकारी मुख्य आरक्षक श्री मानसिंह एवं 01 आबकारी आरक्षक श्री हरप्रसाद अहिरवार को थाना चंदेरा के अप. क्रमांक 79/दिनांक 26/04/2020 धारा 34 (1) 188 ता.हि. एवं 51 (ख) आपदा प्रबंधन अंतर्गत सह-आरोपी बनाया गया है, इन्हें क्रमश: कार्यालयीन आदेश क्रमांक 781, 782 दिनांक 27.04.2020 से निलंबित किया गया तथा शासकीय मदिरा दुकानों के संचालन तथा शासकीय मदिरा दुकानों के संचालन तथा शासकीय कार्य की अधिकता को दृष्टिगत रखते हुये शासन राजस्व हित में विभागीय जाँच के निराकरण होने तक शासकीय कार्य हेतु क्रमश: कार्यालयीन आदेश क्रमांक 845, 844 दिनांक 11.06.2020 से बहाल किया गया है। उपरोक्तानुसार दोनों कर्मचारियों को जिला टीकमगढ़ से अन्यत्र जिले में स्थानांतरित नहीं किया गया है। उक्त प्रकरण माननीय न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है एवं उपायुक्त आबकारी संभागीय उड़नदस्ता सागर संभाग सागर के समक्ष विभागीय जाँच प्रक्रियाधीन है। स्थानांतरण के संबंध में शासन की नीति के अनुसार कार्यवाही की जाती है।
नल-जल योजनाओं की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
134. ( क्र. 5856 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में कौन-कौन से ग्रामों में दिनांक 1.4.2018 से कितनी-कितनी लागत के नल-जल योजना प्रश्न दिनांक तक संचालित की जा रही हैं? जनपद पंचायत, ग्राम पंचायत एवं ग्रामवार जानकारी प्रदाय करें एवं यह भी बताएं कि कहाँ-कहां की चालू है, कहाँ-कहां की बंद है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि प्रश्न दिनांक तक अभी जिले में कहाँ-कहां कितनी-कितनी लागत की स्वीकृति की जा चुकी है, जिसका निर्माणाधीन कार्य प्रश्न दिनांक तक संचालित हैं? ऐसे ठेकेदारों का नाम, एवं दर सहित कार्य समयावधि भी क्या है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि प्रश्नकर्ता के जतारा विधानसभा क्षेत्र की ऐसे कौन-कौन से ग्राम, जहां पर नल-जल योजना स्वीकृत नहीं है? एवं कुछ स्वीकृति की प्रत्याशा में लंबित हैं? स्वीकृति की प्रत्याशा में लंबित नल-जल योजनाओं की पूर्णत: स्वीकृति प्रदाय की जावेगी तो कब तक? और नहीं तो क्यों? ऐसी कौन-कौन सी बड़ी ग्राम पंचायतें है जिनमें भीषण पेयजल संकट प्रतिवर्ष गर्मियों में हो जाता है। ऐसे ग्रामों की नल-जल योजना विभाग ने कब-कब और कितनी-कितनी लागत की बनाई है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि बंद नल-जल योजना चालू कब तक करा दी जावेगी? स्वीकृत नल-जल योजना के कार्यों को कब से प्रारंभ कराया जावेगा? जतारा विधानसभा क्षेत्र के प्रत्येक ग्राम की नल-जल योजना कब तक बना दी जावेगी? स्वीकृति की प्रत्याशा में लंबित योजनाओं की राशि कब तक स्वीकृत कर निविदायें आमंत्रित कर दी जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -1 के अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -2 के अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -3 के अनुसार है। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -4 के अनुसार है। (घ) निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। निविदा स्वीकृति उपरान्त अनुबन्ध पश्चात कार्य प्रारम्भ कराया जाता है। निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है। वित्तीय संयोजन की उपलब्धता अनुसार, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मंत्रालय में पदों की संख्या
[सामान्य प्रशासन]
135. ( क्र. 5859 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंत्रालय, मध्यप्रदेश शासन भोपाल में प्रथम श्रेणी, द्वितीय श्रेणी, तृतीय श्रेणी एवं चतुर्थ श्रेणी के कुल कितने कितने पद स्वीकृत हैं। श्रेणीवार बतायें। (ख) उक्त पदों में से कितने पद किन-किन कारणों से रिक्त हैं। श्रेणीवार बतायें। (ग) पदों को भरने हेतु शासन द्वारा क्या योजना है। कब तक पद भर दिये जायेंगे।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मध्यप्रदेश मंत्रालय में प्रथम श्रेणी के 165, द्वितीय श्रेणी के 205, तृतीय श्रेणी के 1505 एवं चतुर्थ श्रेणी के 635 पद स्वीकृत है। (ख) प्रथम श्रेणी के 41, द्वितीय श्रेणी के 79, तृतीय श्रेणी के 347 एवं चतुर्थ श्रेणी के 251 पद रिक्त है। उक्त पद सेवानिवृत्ति, शासकीय सेवकों की मृत्यु, मध्यप्रदेश सिविल सेवा पदोन्नति नियम 2002 के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय में प्रकरण प्रचलित होने से रिक्त है। इसके अतिरिक्त चतुर्थ श्रेणी के पद रिक्त होने का कारण कतिपय पदों की वर्तमान में प्रासंगिकता न होने, भर्ती नियम अनुसार पात्र कर्मचारी उपलब्ध न होना भी है। (ग) पदोन्नति से भरे जाने वाले पदों की पूर्ति माननीय उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन न्यायालयीन प्रकरण के संबंध में निर्णय होने के पश्चात संभव हो सकेगी। सीधी भर्ती के पदों की पूर्ति एक निरन्तर प्रक्रिया है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
विभाग के अंतर्गत संचालित योजनाएं
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
136. ( क्र. 5860 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा सूक्ष्म एवं लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के अंतर्गत युवा स्वरोजगार हेतु कौन-सी योजनाएं संचालित है? (ख) किस-किस योजना में कितना-कितना ऋण किन-किन प्रक्रिया के तहत स्वीकृत किया जाता है? (ग) भोपाल एवं नरसिंहपुर जिले में विगत 5 वर्ष से वर्तमान अवधि तक कितने प्रकरण उक्त योजनाओं के अंतर्गत ऋण हेतु किन कारणों से लंबित हैं? प्रकरणवार जानकारी दें। (घ) कब तक उक्त प्रकरणों का निराकरण किया जावेगा?
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) वर्तमान में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के अंतर्गत युवा स्वरोजगार योजना हेतु कोई भी योजना संचालित नहीं की जा रहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) भोपाल एवं नरसिंहपुर जिले में विगत 5 वर्षों से वर्तमान अवधि तक राज्य शासन की स्वरोजगार योजनाओं के अंतर्गत ऋण प्रकरण हेतु कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश 'ग' के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
137. ( क्र. 5978 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के अन्तर्गत अलग अलग जिलों में कितने सैंपल लिए गए थे? (ख) उपरोक्त सेंपल में से कितने सही पाये गये और कितने फेल हुये? (ग) माननीय न्यायालय में कितने चालना पेश किये गये और उसमें से कितनों को सजा मिली।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जिसके कॉलम क्रमांक- 03 पर जानकारी अंकित है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जिसके कॉलम क्रमांक- 04 एवं 05 पर जानकारी अंकित है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। दर्ज प्रकरणों की जानकारी कॉलम क्रमांक- 06, 07 पर तथा सजा संबंधी प्रकरणों की जानकारी कॉलम नं. 08 एवं 09 पर अंकित है।
डायवर्सन के संबंध में
[सामान्य प्रशासन]
138. ( क्र. 6065 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामान्य वर्ग के 10 प्रतिशत आरक्षण प्रमाण पत्र बनाने के क्या नियम हैं? आवेदन प्राप्ति के कितने दिनों के बाद दिए जाने का प्रावधान है? क्या नागदा-खाचरौद क्षेत्र में नियमों का पालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कितनों को लाभ दिया गया है? कितने वंचित हैं? वंचित के क्या कारण हैं? सम्पूर्ण विवरण दें। (ख) नागदा-खाचरौद क्षेत्र अन्तर्गत कमजोर सामान्य वर्ग के 10 प्रतिशत आरक्षण के प्रमाण पत्र हेतु किन-किन के आवेदन 2019 से 24 फरवरी, 2021 तक प्राप्त हुए हैं? उनके नाम, पता तथा आवेदन की प्राप्ति सहित सम्पूर्ण विवरण दें। (ग) एस.डी.एम. व तहसील कार्यालय नागदा व खाचरौद में 01 जनवरी 2018 से दिनांक 24 फरवरी 2021 तक भूमि डायवर्सन बंटवारा, नामान्तरण, फौती नामन्तरण, जमीनों की नपती, अभिलेख दुरूस्ती व अतिक्रमण संबंधी कितनी शिकायतें व आवेदन प्राप्त हुए? आवेदक के नाम पता, आवेदन की स्थिति सहित विवरण दें। (घ) उपरोक्त समयावधि में उपरोक्त कार्यों हेतु ऐसे कितने प्रकरण हैं जिनके आवेदकों को उसी कार्य हेतु दोबारा आवेदन करना पड़ा? जिसमें फाइलें गुम होने/छुपाने की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? उनकी शिकायतों पर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को 10 प्रतिशत आरक्षण की सुविधा दिए जाने संबंधी परिपत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार हैं। जानकारी एकत्रित की जा रही हैं। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रहीं हैं।