मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च, 2021 सत्र
शुक्रवार, दिनांक 19 मार्च, 2021
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
मेसर्स
साईंनाथ
एसोसियेट्स
द्वारा जमा की
गई जी.एस.टी. की
राशि
[वाणिज्यिक कर]
1. ( *क्र. 4769 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मेसर्स साईंनाथ एसोसियेट्स, कृष्णा कॉम्पलेक्स, सिंधी कैंप, सब्जी मण्डी रोड सतना म.प्र. जिसका जी.एस.टी. क्र. 23AZVPS9017P1ZB है, के द्वारा दिनांक 01 जुलाई, 2017 से प्रश्नतिथि तक वर्षवार, राशिवार कितना-कितना स्टेट जी.एस.टी. विभाग में जमा कराया है? (ख) क्या स्टेट जी.एस.टी. विभाग के द्वारा उक्त फर्म के नगर पालिक निगम सतना/कृषि उपज मण्डी सतना एवं अन्य जगहों एवं पेटी कान्ट्रेक्टर के रूप में कार्य करने पर लिये गये भुगतान की राशि एवं स्टेट जी.एस.टी. को चुकायी गई राशि का बिलवार मिलान प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार किया है? (ग) क्या एंटी एवीजन ब्यूरो, सतना के द्वारा फर्म के द्वारा स्टेट जी.एस.टी./करों की राशि की हेराफेरी करने पर प्रश्नतिथि तक कोई जाँच की है? अगर की है तो क्या पाया गया? बिन्दुवार विवरण दें। (घ) शासन उक्त फर्म के द्वारा शासकीय धनराशि को शासकीय कोष में जमा न करने पर कब व क्या कार्यवाही करेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित करदाता द्वारा जुलाई, 2017 से दिसम्बर 2020 तक कर देयता के विरूद्ध जमा कर की जानकारी इस प्रकार है :- दिनांक 01 जुलाई, 2017 से मार्च 2018 तक की अवधि के लिए बताई गई कर देयता एवं जमा कर निरंक है। वर्ष 2018-19 के लिए बताई गई सी.जी.एस.टी. एवं एस.जी.एस.टी. की कुल कर देयता रूपए 4,04,988/- को इनपुट टैक्स क्रेडिट से समायोजित किया गया है। चालान से जमा कर की राशि निरंक है। वर्ष 2019-20 के लिए बताई गई सी.जी.एस.टी. एवं एस.जी.एस.टी. की कुल कर देयता रूपए 52,69,738/- में से रूपए 45,93,264/- की राशि को इनपुट टैक्स क्रेडिट से समायोजित किया गया है, शेष देय कर रूपए 6,76,474/- की राशि चालान से जमा की गई है। वर्ष 2020-21 की अवधि में अप्रैल 2020 से दिसम्बर 2020 तक के लिए बताई गई सी.जी.एस.टी. एवं एस.जी.एस.टी. की कुल कर देयता रूपए 45,50,916/- में से रूपए 42,92,811/- की राशि को इनपुट टैक्स क्रेडिट से समायोजित किया गया है, शेष देय कर रूपए 3,58,105/- की राशि चालान से जमा की गई है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित फर्म को नगर पालिक निगम सतना, कृषि उपज मण्डी समिति, नगर पालिका परिषद एवं विभिन्न नगर पंचायतों द्वारा वित्तीय वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 में किए गए भुगतान पर 1 प्रतिशत की दर से सी.जी.एस.टी. एवं 1 प्रतिशत की दर से एस.जी.एस.टी. की स्त्रोत पर कटौती (टी.डी.एस.) की गई है। वित्तीय वर्ष 2018-19 की अवधि के लिए जी.एस.टी. एवं एस.जी.एस.टी. के तहत रूपए 40,694/- का टी.डी.एस. उक्त संस्थाओं के द्वारा किया गया है। वित्तीय वर्ष 2019-20 की अवधि के लिए जी.एस.टी. एवं एस.जी.एस.टी. के तहत रूपए 6,04,426/- का टी.डी.एस. उक्त संस्थाओं के द्वारा किया गया है। वित्तीय वर्ष 2020-21 की अवधि के लिए सी.जी.एस.टी. एवं एस.जी.एस.टी. के तहत रूपए 5,62,636/- का टी.डी.एस. उक्त संस्थाओं के द्वारा किया गया है। करदाता द्वारा जी.एस.टी.एन. के पोर्टल पर प्रस्तुत की गई विवरणी में बिलवार जानकारी संबंधित विभागीय अधिकारी को उपलब्ध नहीं रहती है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित करदाता पर एंटी एवीजन ब्यूरो, सतना द्वारा जाँच की कार्यवाही नहीं की गई है। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर अनुसार फर्म का शासकीय कोष में कर जमा नहीं करने की स्थिति नहीं है।
शासकीय भवनों की मरम्मत हेतु विधायक निधि राशि में वृद्धि
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
2. ( *क्र. 5468 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजनान्तर्गत विभागीय पत्र क्रमांक एफ-5-1/96/23/यो-2, भोपाल दिनांक 13.03.1996 एवं पत्र एफ-9-42/96/23/यो-2 क्रमांक भोपाल दिनांक 12.03.1998 से जारी निर्देशानुसार विद्यमान निर्देशों के अनुच्छेद 2.4 के अंतर्गत ग्राह्य सूची के अंत में शासकीय भवनों की मरम्मत संबंधित कार्यों को मार्गदर्शिका से जोड़ा जाकर राशि 1 लाख की वित्तीय सीमा निर्धारित की गयी थी? यदि हाँ, तो तत्कालीन समय में विधायक निधि की वित्तीय सीमा राशि कितनी थी? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित क्या कम विधायक निधि होने पर मरम्मत राशि की सीमा 1 लाख थी, लेकिन निर्माण कार्यों की लागत में वृद्धि होने से समय-समय पर गत वर्षों में लगभग 4.5 गुना विधायक निधि में वृद्धि होने के बावजूद भी वर्तमान में मरम्मत राशि मात्र 1 लाख रु. है, 21 वर्षों बाद भी मरम्मत राशि में वृद्धि नहीं करने के क्या कारण हैं? (ग) क्या वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के जिन विधान सभा क्षेत्रों को विधायक निधि लगभग 12 लाख कम तथा स्वेच्छानुदान लगभग 90 हजार कम मिला था, क्या उन्हें शेष राशि का आवंटन कर दिया है? यही हाँ, तो आदेश की प्रतिलिपि देवें। यदि नहीं, तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। तत्समय विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र योजना अन्तर्गत प्रति विधानसभा क्षेत्र राशि रू. 20.00 लाख (बीस लाख) वित्तीय सीमा निर्धारित थी। (ख) नीतिगत निर्णय होने से यथासमय निर्णय लिया जाता है। (ग) जी हाँ। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
विकासखण्ड सिरोंज/लटेरी में नल-जल योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
3. ( *क्र. 5785 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी के किन-किन ग्रामों में नल-जल योजनाएं प्रगतिरत हैं? उनकी प्रशासकीय स्वीकृति, राशि, अनुबंध क्रमांक व दिनांक, कार्यादेश दिनांक, संभावित पूर्णता दिनांक सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नल-जल योजनाओं को किन-किन ठेकेदारों को कौन-कौन से कार्य आवंटित किये गये एवं ठेकेदारों को कितना-कितना भुगतान कब-कब किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में नल-जल योजनाओं का निरीक्षण किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया है एवं निरीक्षण में क्या कमियां पाई गईं? यदि कमियां पाई गईं तो दोषी ठेकेदारों एवं दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई है? (घ) विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी में जल जीवन मिशन अन्तर्गत कौन-कौन सी नल-जल योजनाएं स्वीकृत की गई हैं एवं क्या पूर्व की स्वीकृत नल-जल योजनाओं को पुन: स्वीकृत किया गया है? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध करावें एवं किस-किस की अनुशंसा पर नल-जल योजनाओं को स्वीकृत किया गया है? (ड.) प्रश्नांश (घ) के संदर्भ में जल जीवन मिशन अंतर्गत कौन-कौन से कार्य किस ठेकेदार को आवंटित किये गये हैं? नाम, भुगतान राशि सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (च) नल-जल योजना ग्राम महोटी, चमर उमरिया, बलरामपुर, झूकरजोगी कब तक प्रारंभ कर दी जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। पूर्व में स्वीकृत योजनाओं को पुनः स्वीकृत नहीं किया गया है, अपितु जल जीवन मिशन की मार्गदर्शिका में निहित प्रावधानों के अनुसार अतिरिक्त आवश्यक कार्यों की रेट्रोफिटिंग योजनाओं की स्वीकृति दी गयी है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (च) ग्राम महोटी की नल-जल प्रदाय योजना का कार्य पूर्ण होकर योजना से जल प्रदाय चालू है। ग्राम चमरउमरिया एवं ग्राम बलरामपुर में पूर्व से स्थापित नल-जल प्रदाय योजनाओं की रेट्रोफिटिंग कार्य की योजनाएं स्वीकृत की गई हैं, कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है। ग्राम झूकरजोगी में पूर्व से स्थापित योजना चालू है तथा योजना का संचालन संधारण ग्राम पंचायत द्वारा किया जा रहा है।
कोरोनाकाल के दौरान विदेशों से आये प्रवासी भारतीय
[अप्रवासी भारतीय]
4. ( *क्र. 5790 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 20 मार्च, 2020 से प्रश्न दिनांक तक गुना जिले के निवासी विदेशों से गुना जिले में आये हैं? यदि हाँ, तो कितने बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या भारत सरकार की कोरोना गाईड लाईन का पालन कराया गया है? यदि हाँ, तो क्या-क्या, कब-कब, किस-किस स्थान/चिकित्सालय में किस-किस कार्यालय में रजिस्टर्ड कराया गया? क्या-क्या जांचे, कब-कब, कहाँ-कहाँ पर, कितनी अवधि के लिये कोरन्टिन किया गया? कितने कोरोना पॉजीटिव पाये गये, कितने नहीं पाये गये, पॉजीटिव होने की स्थिति में क्या-क्या, कब-कब उपचार कराया गया, उपचार उपरांत कितने दिवस के लिये होम कोरन्टिन रहे सहित पृथक-पृथक जानकारी नाम, पते सहित गौशवारा बनाकर बतायें। (ग) विभाग द्वारा विदेश से मध्यप्रदेश लाने हेतु क्या-क्या प्रयास, कब-कब, किस-किस की मदद से कितनी-कितनी राशि खर्च कर, कितने-कितने लोगों के लिये किया गया? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ, (134 व्यक्ति) विदेश यात्रा से गुना जिले में आये थे। (ख) जी हाँ। भारत शासन से प्राप्त दिशा-निर्देशों का पालन किया गया है। इस हेतु शासन से प्राप्त विदेश यात्रा से लौटे व्यक्तियों की सूची मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में संधारित की गई। सभी यात्रियों को 28 दिवस के लिये घर पर ही होम कोरन्टिन किया गया एवं उनकी 28 दिवस मॉनिटरिंग की गई। गुना में विदेश से आये व्यक्तियों में कोई भी पॉजिटिव नहीं पाया गया जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) इस संबंध में वंदे भारत मिशन भारत सरकार द्वारा संचालित है। अत: मध्यप्रदेश शासन द्वारा कोई भी व्यय करने के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
डीजल, पेट्रोल, गैस पर वेट टैक्स कम किया जाना
[वाणिज्यिक कर]
5. ( *क्र. 5720 ) श्री महेश परमार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य सरकार द्वारा डीजल, पेट्रोल, खाद्य सामग्री में वेट टैक्स कम करके प्रदेश की जनता को राहत दिलाई जाएगी? यदि हाँ, तो शासन कब तक यह कार्रवाई करेगा? (ख) डीजल, पेट्रोल की बढ़ती कीमत को लेकर क्या मध्यप्रदेश शासन गैस डीजल पेट्रोल को G.S.T. के दायरे में लाएगा? यदि हाँ, तो कब तक यह प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जाएगा? (ग) मध्य प्रदेश सरकार बढ़ती महंगाई के रोकथाम के लिए G.S.T. के दायरे में डीजल, पेट्रोल, गैस, खाद्य सामग्री को लाने के लिए कौन-कौन सी पहल कब तक करेगी? (घ) वर्तमान में राज्य सरकार का डीजल, पेट्रोल, घरेलू गैस में प्रति लीटर कितना वेट टैक्स वसूली किया जाता है और यह टैक्स वसूली लागत मूल्य का कितने प्रतिशत है? (ड.) क्या राज्य सरकार प्रदेश की जनता को महंगाई से राहत दिलाने के लिए इन उपायों के अलावा और कौन-कौन से उपाय टैक्स वसूली और जी.एस.टी. के दायरे में लाकर कर रही है?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) राज्य शासन द्वारा राज्य हित में वित्तीय आवश्यकताओं एवं आवश्यक संसाधन जुटाने हेतु कर की दरों का निर्धारण किया जाता है। खा़द्य सामग्री पर जी.एस.टी. देय है। जी.एस.टी. के अन्तर्गत कर की दरों के संबंध में निर्णय जी.एस.टी. काउंसिल के द्वारा लिया जाता है। (ख) घरेलू रसोई गैस पर 5 प्रतिशत की दर से जी.एस.टी. देय है, जिसमें 2.5 प्रतिशत सी.जी.एस.टी. एवं 2.5 प्रतिशत एस.जी.एस.टी. है। डीजल एवं पेट्रोल को जी.एस.टी. अधिनियम के दायरे में रखा गया है, किन्तु इस पर जी.एस.टी. कब से देय होगा, यह निर्णय जी.एस.टी. कॉउंसिल द्वारा लिया जावेगा। तत्पश्चात शासन द्वारा निर्धारित तिथि से जी.एस.टी. देय होगा। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार पेट्रोल एवं डीजल जी.एस.टी. अधिनियम के दायरे में है। जी.एस.टी. काउंसिल की अनुशंसा पश्चात शासन द्वारा निर्धारित तिथि से डीजल एवं पेट्रोल पर जी.एस.टी. देय होगा। रसोई गैस एवं खाद्य सामग्री पर जी.एस.टी. देय है। (घ) वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा पेट्रोल पर 33 प्रतिशत वेट, 4 रूपये 50 पैसे प्रतिलीटर अतिरिक्त कर एवं सकल विक्रय पर 1 प्रतिशत उपकर वसूल किया जा रहा है। इसी प्रकार डीजल पर 23 प्रतिशत वेट, रूपये 3 प्रतिलीटर अतिरिक्त कर एवं सकल विक्रय पर 1 प्रतिशत उपकर वसूल किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा डीजल एवं पेट्रोल के विक्रय मूल्य पर टैक्स वसूल किया जाता है। इनके लागत मूल्य के संबंध में विभाग द्वारा जानकारी संधारित नहीं की जाती है। घरेलू रसोई गैस पर 5 प्रतिशत की दर से जी.एस.टी. देय है, जिसमें 2.5 प्रतिशत सी.जी.एस.टी. एवं 2.5 प्रतिशत एस.जी.एस.टी. है। (ड.) क्रूड पेट्रोलियम, पेट्रोल, डीजल, ए.टी.एफ., नेचुरल गैस एवं मानव उपभोग की मदिरा को छोड़कर समस्त मालों और सेवाओं की आपूर्ति पर जी.एस.टी. के दायरे में करदेयता है।
जावरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत शासनाधीन देव स्थान
[अध्यात्म]
6. ( *क्र. 5745 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रतलाम जिला अंतर्गत जावरा विधान सभा क्षेत्र में शासनाधीन कुल कितने मंदिर, देवस्थान, अति प्राचीन मंदिर इत्यादि एवं उक्त आशय के शासनाधीन मंदिरों पर संलग्न भूमियां कहाँ-कहाँ पर स्थित होकर कितनी-कितनी हैं? जानकारी देंl (ख) शासनाधीन उक्ताशय के देव स्थानों की देखभाल, जीर्णोद्धार, आयोजन, प्रयोजन इत्यादि कार्य को किए जाने हेतु मंदिर देव पुजारी के साथ ही क्या मंदिर समितियां भी कार्यरत हैं, तो किन-किन स्थानों पर, बताएंl (ग) जानकारी दें कि प्रश्नांश (क) वर्णित शासनाधीन मंदिरों पर संलग्न कितनी कितनी भूमियां किन-किन स्थानों पर हैं, उन पर नियंत्रण किस प्रकार किया जा रहा है? क्या कहीं किसी मंदिर भूमि पर अतिक्रमण अथवा बलात कब्जा किया गया है तो वे कौन-कौन से स्थान हैं? इस हेतु क्या किया जा रहा है?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लिपिक वर्गीय सचिवालयीन कर्मियों को तृतीय समयमान वेतनमान का भुगतान
[वित्त]
7. ( *क्र. 5569 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार द्वारा अपने सरकारी कर्मचारियों को पदोन्नति के अभाव में एक निश्चित समय-सेवा उपरांत उनको आगामी पद का वेतन, समयमान वेतनमान के रूप में दिया जाता है? (ख) कार्यरत सचिवालयीन लिपिक वर्गीय कर्मचारियों को 30 वर्ष की सेवा उपरांत तृतीय समयमान, वेतनमान किस आगामी पद के अनुरूप दिया जाता है? उस पद का नाम एवं स्वीकृत वेतनमान बताएं। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में प्रश्नांकित 30 वर्ष की सेवा उपरांत अनुभवी लिपिक वर्गीय कर्मचारियों को आगामी पद अनुरूप वेतन का भुगतान किया जा रहा है? यदि नहीं, तो कब तक उनको आगामी पद अनुभाग अधिकारी के स्वीकृत वेतनमान के अनुरूप फिक्सेशन कर एरियर सहित भुगतान किया जावेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं। (ख) समयमान वेतनमान योजना आगामी पद के अनुरूप न होकर उच्चतर वेतनमान पर आधारित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार का वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
8. ( *क्र. 5659 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आंगनवाड़ी केन्द्रों पर देय पोषण आहार प्रदाय हेतु 06 माह से 06 वर्ष के बच्चे, गर्भवती व शिशुवती माताओं को पोषण आहार वितरण हेतु क्या संचालनालय महिला एवं बाल विकास विभाग भोपाल द्वारा पत्र जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो पत्र की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) अप्रैल 2019 से फरवरी 2021 तक जिला मुरैना में प्रदाय पोषणकर्ता की जानकारी, पोषणकर्ता व्यक्ति, स्व-सहायता समूह/संस्था का नाम, पता सहित बतावें। (ग) पोषण आहार प्रदायकर्ताओं द्वारा मुरैना जिले को कितनी राशि का भुगतान व सामग्री गेहूँ, चावल आदि का भुगतान किया गया की जानकारी वर्षवार संस्थावार, आंगनवाड़ी केन्द्रवार, हितग्राही के संख्या सहित बतावें। (घ) क्या सम्पूर्ण पोषण आहार जो एक ही संस्था द्वारा सम्पूर्ण जिलों के आंगनवाड़ी केन्द्रों पर वितरण किया गया, जो शासन के आदेशों के उल्लंघन की श्रेणी में आता है? यदि हाँ, तो संबंधितों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीकृत कर उच्च स्तरीय जाँच प्रश्नकर्ता के समक्ष कराई जावेगी व कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) विभाग के निर्देशानुसार अप्रैल 2019 से दिसम्बर 2019 तक पूरक पोषण आहार सुरूचि फूड प्रायवेट लिमिटेड नई दिल्ली से मार्च 20 से जुलाई 20 तक पूरक पोषण आहार एम.पी. एग्रो बाड़ी रायसेन से एवं अक्टूबर 2020 से फरवरी 2021 तक पूरक पोषण आहार एम.पी. एग्रो शिवपुरी संयंत्र से प्राप्त किया गया। गर्म नाश्ता एवं भोजन/रेडी टू ईट अप्रैल 2019 से फरवरी 2021 तक जिला मुरैना में प्रदाय पोषणकर्ता की जानकारी, स्व-सहायता समूह/संस्था के नाम पते की जानकारी वित्तीय वर्षवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। (ग) मुरैना जिले में कार्यरत पोषण आहार प्रदायकर्ता स्व-सहायता समूहों को भुगतान राशि, आवंटित गेहूं, चावल की जानकारी वर्षवार एवं आंगनवाड़ी केन्द्रवार हितग्राहियों की संख्या सहित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार ही है। (घ) प्रश्नांश अवधि में मुरैना जिले में 1034 स्व-सहायता समूहों द्वारा जिले के आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार वितरण किया गया था। वितरण की व्यवस्था विभाग के निर्देशानुसार की गई। जी नहीं।
सागर जिलांतर्गत विभाग द्वारा राशन का वितरण
[महिला एवं बाल विकास]
9. ( *क्र. 5818 ) श्री हर्ष यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा टेक-होम 11 से 14 वर्ष की बालिकाओं को कितना राशन वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 तक में बांटा गया? (ख) उपरोक्त जिले में उपरोक्त अवधि में 11 से 14 साल की कितनी बालिकाओं को राशन बांटा गया? (ग) इस जिले में कितनी आंगनवाड़ियां हैं, कौन-कौन सी आंगनवाड़ी पर कितने व्यक्तियों को कितना राशन बांटा अलग-अलग संख्या बताएं? (घ) क्या इस जिले में टेक-होम के अंतर्गत राशन बांटने में गड़बड़ी होने की शिकायत मिली है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सागर जिले में 11 से 14 वर्ष की किशोरी बालिकाओं को वर्ष 2017-18 में मासिक औसतन 16086 बालिकाओं को 3457.513 मैट्रिक टन एवं वर्ष 2018-19 में मासिक औसतन 9354 बालिकाओं को 329.652 मै.टन राशन प्रदाय किया गया। (ख) सागर जिले में वर्ष 2017-18 में 11 से 14 वर्ष की मासिक औसतन 16086 बालिकाओं एवं वर्ष 2018-19 में मासिक औसतन 9354 बालिकाओं को राशन बांटा गया। (ग) उक्त अवधि में सागर जिले में 2629 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित रहे। गर्भवतीधात्री महिलाओं को गेहूँ सोया बर्फी प्रीमिक्स 150 ग्राम, आटा बेसन लड्डू 150 ग्राम,खिचड़ी प्रीमिक्स 150 ग्राम, 06 माह से 03 वर्ष के बच्चों को हलुआ प्रीमिक्स 120 ग्राम, बाल आहार प्रीमिक्स 120 ग्राम एवं किशोरी बालिकाओं को गेहूँ सोया बर्फी 150 ग्राम तथा खिचड़ी प्रीमिक्स 150 ग्राम प्रति दिवस के मान से टेकहोम राशन के रूप में प्रदाय की जाती है। आंगनवाड़ी केन्द्रों पर औसत लाभांवित हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) सागर जिले अंतर्गत टेकहोम राशन में वितरण में किसी भी प्रकार की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतः कार्यवाही का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
पुरानी पेंशन योजना को पुन: शुरू की जाना
[वित्त]
10. ( *क्र. 4327 ) श्री मनोज चावला : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 01 अप्रैल, 2005 के बाद नियुक्त शासकीय कर्मचारियों/अधिकारियों को पुरानी पेंशन स्कीम बंद की गई है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या इस संबंध में प्रदेश के सभी विभागों के कर्मचारी संगठनों से चर्चा की गई थी? (ख) न्यू पेंशन स्कीम के तहत प्रदेश के कुल कितने कर्मचारी और अधिकारी को पेंशन प्राप्त हो रही है? (ग) क्या न्यू पेंशन स्कीम शेयर बाजार जोखिमों पर आधारित है? (घ) प्रदेश के किन-किन सांसद महोदय, विधायकों और जनप्रतिनिधियों द्वारा नवीन सरकार गठन पश्चात माननीय मुख्यमंत्री जी को संबोधित पत्र प्राप्त हुये हैं? (ड.) क्या शासन नई पेंशन स्कीम को खत्म कर पुरानी पेंशन योजना को शुरू करेगा या इस संबंध में कोई कमेटी गठित की गई है?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। भारत सरकार द्वारा लागू की गई पुनर्संरचित राष्ट्रीय पेंश्ान प्रणाली अनुसार ही मध्यप्रदेश शासन द्वारा भी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली लागू की गई। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) न्यू पेंशन स्कीम के तहत् कुल 3183 कर्मचारी/अधिकारी को पेंशन प्राप्त हो रही है। (ग) राष्ट्रीय पेंशन योजना अंतर्गत कर्मचारियों के मूल वेतन एवं मंहगाई भत्ते के योग का 10 प्रतिशत राशि अभिदाता अंशदान तथा 10 प्रतिशत शासकीय अंशदान प्रदान किया जाकर कुल 20 प्रतिशत कर्मचारी के पेंशन खाते (प्रॉन) में जमा होता है। उक्त राशि का निवेश पी.एफ.आर.डी.ए. द्वारा नियुक्त फण्ड मैनेजरों में से अभिदाता द्वारा चयनित फण्ड मैनेजर के माध्यम से किये जाने का प्रावधान है। (घ) विभाग में प्राप्त अभिलेख अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) भारत सरकार की राष्ट्रीय पेंशन योजना के अनुक्रम में अन्य राज्यों के समान मध्यप्रदेश में भी लागू होने से इस योजना के समाप्त करने का या कमेटी गठन का वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्रांतर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्द्र
[महिला एवं बाल विकास]
11. ( *क्र. 5013 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहां पर आंगनवाड़ी/मिनीआंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? इनमें से कौन-कौन से स्वयं के भवन में तथा कौन-कौन से प्राइवेट या अन्य शासकीय भवनों में संचालित हैं? (ख) आंगनवाड़ी केन्द्रों को आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्र के रूप में परिवर्तित करने हेतु शासन द्वारा क्या मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं? प्रश्नांश में उल्लेखित आंगनवाड़ियों में से किन-किन का चयन आदर्श आंगनवाड़ियों के रूप में कर कितनी राशि से कौन-कौन से कार्य करवाये गये? सूची देवें। (ग) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहां पर नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र अथवा मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोला जाना आवश्यक है? क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहां पर पूर्व से निर्माणाधीन आंगनवाड़ी भवन विगत 3 वर्षों के पूर्व से अपूर्ण स्थिति में हैं? क्या शासन इन स्थानों पर पूर्व की स्वीकृति को निरस्त कर नवीन भवन निर्माण प्रस्तावित करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बहोरीबंद एवं रीठी विकासखण्ड में कुल 410 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 44 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। इनमें से 304 स्वयं के भवन में (विभागीय भवन) तथा 50 निजी भवन (किराये) एवं 100 अन्य शासकीय भवनों में संचालित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) आदर्श आंगनवाड़ी हेतु निर्धारित मापदण्ड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। चयनित आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्रों की सूची तथा उन पर व्यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है। (ग) नवीन प्रस्तावित केन्द्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''4'' अनुसार है। अपूर्ण आंगनवाड़ी भवनों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''5'' अनुसार है। जी नहीं। अपूर्ण भवनों में कुछ राशि का व्यय हो चुका है। ऐसी स्थिति में नवीन स्थल पर भवन निर्माण करना संभव नहीं है।
रानी अवंतीबाई बरगी बांध स्थित बांयी तट कैनाल का निर्माण
[नर्मदा घाटी विकास]
12. ( *क्र. 5858 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर, नरसिंहपुर जिले में रानी अवंतीबाई बरगी बांध स्थित बांयी तट कैनाल की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) उक्त का निर्माण कब किया गया था एवं इसकी उम्र क्या तय की गई थी? (ग) उक्त कैनाल के रख-रखाव पर कब-कब कितना-कितना व्यय किया गया है? (घ) बरगी बांध स्थित विद्युत प्लांट में वर्तमान में कितनी विद्युत का उत्पादन हो रहा है? (ड.) नरसिंहपुर जिले की गोटेगांव तहसील की सबकैनाल हरेड़ी नहर की क्या स्थिति है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) आर.डी. 0.00 से 63.420 कि.मी. तक जबलपुर जिले में तथा 63.420 कि.मी. से 135.500 कि.मी. तक नरसिंहपुर जिले में है। वर्तमान में मुख्य नहर में कहीं-कहीं सुधार, रख-रखाव व सफाई की आवश्यकता है। (ख) निर्माण कार्य वर्ष 1980-81 से आरंभ किया गया था एवं इसमें वर्ष 1989-90 से सिंचाई प्रदान की जा रही है। परियोजना प्रतिवेदन अनुसार नहर की उम्र तय नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) दिनांक 01 अप्रैल, 2020 से 28 फरवरी, 2021 तक 4148.05 लाख यूनिट विद्युत उत्पादन हुआ है। (ड.) हरेरी शाखा नहर 0.00 कि.मी. से 52.83 कि.मी. तक जल प्रवाह किया जाता है। 0.00 कि.मी. से 31.300 कि.मी. तक कुछ स्थानों पर सुधार एवं रख-रखाव की आवश्यकता है। नहरों के सुधार हेतु 1142.83 लाख की निविदा आमंत्रित की गई है, जिसमें हरेरी नहर के सुधार हेतु 355.08 लाख भी शामिल है।
गोविन्दपुरा औद्योगिक क्षेत्र भोपाल में स्थापित औद्योगिक इकाइयां
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
13. ( *क्र. 5378 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गोविन्दपुरा औद्योगिक क्षेत्र भोपाल में कुल कितनी औद्योगिक इकाइयां स्थापित हैं तथा उनमें से कितनी कार्यरत् हैं एवं कितनी इकाइयां बंद हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में औद्योगिक इकाइयां बंद होने के क्या कारण हैं? बंद हुई औद्योगिक इकाइयों की पृथक पृथक जानकारी देवें। (ग) गोविन्दपुरा औद्योगिक क्षेत्र भोपाल में ऐसी कितनी औद्योगिक इकाइयां हैं, जो उनके लिए पंजीकृत औद्योगिक उत्पादन न करके अपने भवन परिसर का किसी अन्य कार्य के लिए उपयोग कर रहीं हैं? पृथक-पृथक जानकारी देवें।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) औद्योगिक क्षेत्र गोविंदपुरा भोपाल में कुल 1197 इकाइयां स्थापित हैं, उनमें से 1169 इकाइयां कार्यरत एवं 28 इकाइयां बंद हैं। (ख) इकाइयों के बंद होने के कारणों के अभिलेख विभाग द्वारा संधारित नहीं किये जाते हैं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
विधानसभा सदस्यों को प्रथम/द्वितीय श्रेणी अधिकारियों की निज सहायक हेतु पदस्थापना
[सामान्य प्रशासन]
14. ( *क्र. 5118 ) श्री उमंग सिंघार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय विधानसभा सदस्यों को निज सहायक कार्य हेतु सिर्फ सहायक ग्रेड-3 श्रेणी के कर्मचारी को ही नियुक्त किये जाने का प्रावधान है? (ख) क्या सरकार मध्यप्रदेश में विधायकों को प्रथम या द्वितीय श्रेणी के अधिकारी को निज सहायक के रूप में देने के लिये प्रावधान करेगी? यदि हाँ, तो कब तक एवं यदि नहीं, तो क्या कारण हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। माननीय विधान सभा सदस्यों को तृतीय श्रेणी (लिपिकीय) कर्मचारी की सेवाएं उपलब्ध कराई जाने के निर्देश हैं, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) इस संबंध में वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय चिकित्सालय बीना का उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
15. ( *क्र. 4386 ) श्री महेश राय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग के पास शासकीय चिकित्सालय बीना का उन्नयन करने का प्रस्ताव है? यदि हाँ, तो कितने बिस्तर का? (ख) बीना शहर के विकास के साथ-साथ क्या (चिकित्सालय बीना) शासकीय चिकित्सालय बीना का उन्नयन करने का प्रावधान है? (ग) यदि हाँ, तो क्या 100 बिस्तर के रूप में शासकीय चिकित्सालय बीना का उन्नयन किया जायेगा? (घ) यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) शासकीय चिकित्सालय बीना का उन्नयन शहर के विकास के आधार पर नहीं किया जाता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बिरला हॉस्पिटल सतना द्वारा किये गये उपचार की जाँच
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
16. ( *क्र. 4650 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एम.पी. बिरला हॉस्पिटल सतना में दिनांक 01.1.2020 से 31.12.2020 तक कितने रोगी भर्ती किये गये, उनमें से कितने स्वस्थ्य हुये, कितनों की इलाज के दौरान मृत्यु हुई, इनमें कितनों की मृत्यु का कारण गलत उपचार था? (ख) क्या पंजीयन क्रमांक 199910/9037, दिनांक 11.4.2020, 14192/23-11-2020, 38630 दिनांक 8.12.2020, 15434, दिनांक 4.2.2021 को प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र की श्रीमती रानी मिश्रा पति आर.डी. मिश्रा को इसी अस्पताल में भर्ती किया गया था, इस दौरान कौन-कौन सी बीमारी का इलाज किया गया? (ग) क्या श्रीमती मिश्रा को इसके पूर्व से मात्र मधुमेह एवं दमा की बीमारी थी, किन्तु बिरला अस्पताल द्वारा क्षय रोग की दवाई की गई, जिससे मरीज का पूरा शरीर सूख गया तथा हृदय एवं किडनी भी प्रभावित हो गई और मरीज को अन्यत्र ले जाने की सलाह दी गई, जिससे इन्हें दिनांक 6.2.2021 को किंग्स वे अस्पताल नागपुर में पंजीयन क्रमांक 34290 द्वारा भर्ती कराया गया, जहां पर लाखों रूपये खर्च कर मरीज की जान बची तथा इसका कारण क्षय रोग का गलत उपचार किया जाना था? (घ) क्या बिरला अस्पताल सतना में गलत इलाज कर रहे डाक्टर का पंजीयन निरस्त कर मरीज के शारीरिक एवं आर्थिक क्षति की भरपाई औषधालय प्रबन्धन या संबंधित डॉक्टर से दण्ड स्वरूप कराई जावेगी, ताकि भविष्य में लोगों की गलत इलाज से जानें न जायें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) एम.पी. बिरला हॉस्पिटल सतना में दिनांक 01.01.2020 से 31.12.2020 तक कुल 7478 रोगी भर्ती किये गये, उनमें से कुल 7337 स्वस्थ हुये एवं 141 रोगियों की मृत्यु ईलाज के दौरान हुई। इनमें से किसी भी रोगी के मृत्यु का कारण गलत उपचार नहीं था। (ख) जी हाँ। एम.पी. बिरला हॉस्पिटल प्रबंधन से प्राप्त जानकारी अनुसार श्रीमती रानी मिश्रा का डायबिटीज, दमा, बार-बार यूरीन में संक्रमण, फेफड़ों में इन्फेक्शन, एक्यूट किडनी इन्जूरी, इलेक्ट्रोलाईट इम्बैलेन्स तथा हृदय के एयोर्टिक वॉल्व की बीमारी के लिए किया गया। (ग) जी हाँ। यह कथन सत्य नहीं है कि बिरला अस्पताल द्वारा क्षय रोग की दवाई दिए जाने के कारण मरीज का पूरा शरीर सूख गया तथा हृदय एवं किडनी प्रभावित हो गई। रोगी को लगातार बुखार, वजन कम होना, एन्टीबायोटिक एवं एन्टीफंगल दवाइयों के बारम्बार कोर्स दिए जाने के बावजूद भी निरन्तर यूरीन में संक्रमण होने के लक्षणों के चलते जनाईटो-यूरीनरी ट्रेक्ट में टी.बी. होने की संभावना को दृष्टिगत रखते हुए चिकित्सकीय अनुभव के आधार पर क्षय रोग निरोधक उपचार दिया गया। जी हाँ। जी नहीं। (घ) प्रथम दृष्टया एम.पी. बिरला अस्पताल सतना से प्राप्त जानकारी के आधार पर प्रश्नांकित रोगी का गलत उपचार होना नहीं पाया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुपयोगी परिसम्पत्तियों का निर्वतन
[लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन]
17. ( *क्र. 5804 ) श्री जितू पटवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग के गठन संबंधी कार्यक्षेत्र, वित्तीय अधिकार आदि संबंधी अध्यादेश/परिपत्र की प्रति देवें तथा बतावें कि इस विभाग के अंतर्गत कौन-कौन से विभाग की किस प्रकार की सम्पत्ति विक्रय हेतु चयन की जावेगी? (ख) कौन से विभाग की कौन सी सम्पत्ति बेची जाये, यह निर्णय किस कमेटी द्वारा लिया जाएगा? क्या इस संदर्भ में कैबिनेट में स्वीकृति प्राप्त किया जाना आवश्यक नहीं हैं? (ग) उत्तर दिनांक तक कौन-कौन सी सम्पत्ति किस विभाग की बेचने हेतु अंतिम निर्णय लेकर प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है, उसकी सूची देवें तथा बतावें कि इसमें पारदर्शिता हेतु क्या प्रक्रिया है तथा पूर्व में हुये ई-टेण्डरिंग घोटाले से बचाव हेतु क्या सावधानी रखी जा रही है? (घ) परिसम्पत्ति के विक्रय से जो राशि प्राप्त होगी, वह विभागों के किस मद में किस कार्य के लिये उपयोग होगी? राशि का गुणात्मक उपयोग हो, इस हेतु क्या नियम बनाये गये? यह लोक सम्पत्ति है और इससे विभाग फिजूल खर्ची न करें, क्या ऐसा देखना जरूरी नहीं है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग का गठन म.प्र. राजपत्र (असाधारण) सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय द्वारा दिनांक 26.9.2020 को किया गया है एवं सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 19-65/2020/1/4, दिनांक 8.10.2020 द्वारा लोक परिसम्पत्तियों के युक्तियुक्त प्रबंधन हेतु लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों पर निर्णय हेतु मुख्य सचिव महोदय की अध्यक्षता में साधिकार समिति का गठन किया गया है तथा विभाग के आदेश क्रमांक आर 04/202/76-1, दिनांक 15.2.2021 द्वारा जिले के विभिन्न विभागों द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों में से प्रबंधन का परीक्षण हेतु अनुपयोगी परिसम्पत्तियों के निर्वतन की जिम्मेदारी दी गई है। आदेशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। अंतर्विभागीय विमर्श एवं समन्वय के माध्यम से राज्य की परिसम्पत्तियों का युक्तियुक्तकरण कर समुचित उपयोग सुनिश्चित करना है। अनुपयोगी परिसम्पत्तियों के व्यवसायीकरण/मौद्रीकरण द्वारा शासन को अतिरिक्त राजस्व उपलब्ध कराना है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेख अनुसार विभागों द्वारा इस विभाग को पोर्टल पर इंद्राज की गई परिसम्पत्तियों में से साधिकार समिति द्वारा सम्पत्तियों का चयन किया जाता है। परिसम्पत्तियों के विक्रय हेतु अंतिम निर्णय मंत्रि-परिषद द्वारा लिया जाता है। (ग) सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। प्रश्नांश (ख) में उल्लेख अनुसार चयनित परिसम्पत्तियों की निविदा mptender.gov.in पर एम.पी.आर.डी.सी.सी. द्वारा निकाली जाती है एवं ई-टेण्डर कम ऑक्शन के माध्यम से सम्पन्न की जाती है। विभाग की वेबसाईट www.pam.mp.gov.in/tender पर भी अपलोड की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) शासन की परिसम्पत्तियों के विक्रय से प्राप्त राशि शासन के राजस्व मद 0029 में जमा की जायेगी। उसके अधीन परिसमापन में सहकारी समिति की परिसम्पत्तियों के विक्रय में प्राप्त राशि का उपयोग परिसमापन के देयताओं के भुगतान हेतु किया जायेगा, जिससे गुणात्मक उपयोग हो। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
म.प्र. शासन द्वारा लिये गये ऋण
[वित्त]
18. ( *क्र. 1455 ) डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. सरकार द्वारा पिछले एक वर्ष में कहाँ-कहाँ से और कितना कर्ज लिया गया है? (ख) क्या केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकार पर कर्ज लेने की सीमा निर्धारित की गई है? यदि हाँ, तो कितनी सीमा निर्धारित की गई है? (ग) म.प्र. सरकार द्वारा लिये गये कर्ज से म.प्र. की जनता पर प्रति व्यक्ति कितना भार पड़ेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) वित्तीय वर्ष 2018-19 तक लिये गये ऋण का विवरण मध्यप्रदेश सरकार के वित्त लेखे खण्ड-।। के भाग-। के विवरण संख्या 06 एवं 10 में उपलब्ध है। उक्त अवधि के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक के द्वारा वित्तीय वर्षवार जारी किये गये वित्त एवं विनियोग लेखे विधानसभा के पटल पर प्रस्तुत किये जा चुके हैं जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। 2018-19 के पश्चात् की अवधि के वित्त लेखे नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक से प्राप्त नहीं हुये हैं, अत: इन वर्षों की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। राज्य सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 में दिनांक 28.02.2021 तक 35,000 करोड़ रूपये का बाजार ऋण लिया है। अन्य ऋणों के संबंध में अंतिम लेखे नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक से प्राप्त नहीं होने के कारण दर्शायी अवधि में लिये गये कर्ज की जानकारी देना संभव नहीं है। (ख) वर्तमान वित्तीय वर्ष में राज्य शासन को भारत सरकार से 45,573 करोड़ रूपये के बाजार ऋण एवं 2,350 करोड़ रूपये नाबार्ड के माध्यम से ऋण की अनुमति प्राप्त हुई है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में G.S.T. क्षतिपूर्ति बावत् 4542 करोड़ रूपये का अतिरिक्त ऋण प्राप्त होना अनुमानित है। इसके अतिरिक्त पूंजीगत कार्यों के लिये 1320 करोड़ रूपये की अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता के रूप में मिलना संभावित है। (ग) जनसंख्या के नवीनतम आंकड़े उपलब्ध नहीं होने से प्रति व्यक्ति कर्ज के आंकड़े देना संभव नहीं है।
शास. रानी दुर्गावती चिकित्सालय जबलपुर में स्वीकृत पद संरचना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
19. ( *क्र. 3817 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय रानी दुर्गावती (महिला प्रसूति) चिकित्सालय जबलपुर में स्वीकृत पद संरचना के तहत कौन-कौन सा कितना-कितना स्टाफ पदस्थ है एवं कौन-कौन से कितने-कितने पद कब से रिक्त हैं एवं क्यों? इन रिक्त पदों की पूर्ति हेतु जिला प्रशासन एवं शासन ने क्या प्रयास किये हैं? शासन इन रिक्त पदों की पूर्ति कब तक करेगा। (ख) प्रश्नांश (क) में पैरामेडिकल स्टाफ की क्या स्थिति है? इसमें स्टाफ नर्स के स्वीकृत कितने पद रिक्त हैं एवं कितने पदों की आवश्यकता है? शासन इनकी पदस्थी कब तक करेगा? एस.एन.पी.यू. में भर्ती नवजात शिशुओं की देखभाल हेतु कितनी स्टाफ नर्स की आवश्यकता है एवं कितनी पदस्थ हैं? (ग) क्या वर्तमान में 220 बिस्तरीय चिकित्सालय संचालित है? यदि हाँ, तो इस हिसाब से मरीजों व प्रसूति महिलाओं की बढ़ती संख्या को देखते हुये कौन-कौन से कितने-कितने पदों की आवश्यकता है? शासन इन पदों की पूर्ति कब तक करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) शासकीय रानी दुर्गावती (महिला प्रसूति) चिकित्सालय जबलपुर में स्वीकृत पद संरचना के तहत पदस्थ स्टाफ (नियमित एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अन्तर्गत संविदा) एवं पद रिक्तता की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विभाग के अधीन सीधी भर्ती से भरे जाने वाले नियमित पद पूर्ति की कार्यवाही लोक सेवा आयोग एवं प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के माध्यम से निरंतर जारी है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) शासकीय रानी दुर्गावती (महिला प्रसूति) चिकित्सालय जबलपुर में स्वीकृत 122 बिस्तर एवं 20 बिस्तर एस.एन.सी.यू. (एन.एच.एम.) के मान से पैरामेडिकल स्टाफ की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। चिकित्सालय में नियमित स्टाफ नर्स के 25 पद स्वीकृत हैं, जो वर्तमान में सभी भरे हुए हैं। उपरोक्त के अतिरिक्त एस.एन.सी.यू. में भर्ती नवजात शिशुओं की देखभाल हेतु 22 पद संविदा स्टाफ नर्स (एन.एच.एम.) के स्वीकृत हैं एवं 16 कार्यरत तथा 06 पद रिक्त हैं। (ग) जी नहीं। चिकित्सालय में बढ़ती हुयी मरीजों की संख्या को देखते हुये रोगी कल्याण समिति, जनभागीदारी एवं आर.सी.एच. के सहयोग से मरीजों को भर्ती करने के लिये अतिरिक्त वार्डों का निर्माण हेतु विचार किया जावेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना का संचालन
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
20. ( *क्र. 4727 ) डॉ. अशोक मर्सकोले (श्री आरिफ अक़ील) : क्या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार द्वारा मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री रोजगार योजना और मुख्य मंत्री कृषक उद्यमी योजना बंद कर दी गई है? यदि हाँ, तो किस दिनांक से यह योजनाएं बंद की गईं हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार योजनाओं में कितने उद्यमियों ने कर्ज लिया था? योजनाओं को बंद करने के बाद युवा उद्यमियों की कितनी राशि की सब्सिडी रोक दी गई है? (ग) सरकार द्वारा सब्सिडी रोकने के कारण उद्यमी बैंकों द्वारा डिफॉल्टर हो चुके हैं? (घ) इन योजनाओं के अंतर्गत कर्ज लेकर रोजगार करने वाले उद्यमियों के रोजगार बंद होने और डिफॉल्टर होने के लिए कौन उत्तररदायी है?
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) जी नहीं, दिनांक 18.12.2020 पश्चात ऋण वितरण की कार्यवाही स्थगित की गई है। (ख) वित्तीय वर्ष 2020-21 में इन योजनाओं का संचालन नहीं किया गया, इसलिये इस वर्ष आवेदन लेकर किसी भी उद्यमी को कोई कर्ज नहीं दिया गया था। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) किसी भी युवा उद्यमी की सब्सिडी राशि रोके जाने के आदेश शासन द्वारा नहीं दिये गये हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जनसंपर्क निधि की राशि का प्रदाय
[सामान्य प्रशासन]
21. ( *क्र. 3845 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दमोह जिले में वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में जनसंपर्क निधि की राशि प्रदाय की गई है? यदि हाँ, तो विधान सभावार विवरण दें। यदि नहीं, तो क्यों नहीं तथा कब तक व कितनी राशि प्रदाय की जावेगी? (ख) शासन द्वारा विधानसभा सदस्य को एक वित्तीय वर्ष में जनसंपर्क निधि की कितनी राशि प्रदान की जाती है? यदि वार्षिक राशि निश्चित है, तो बताएं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। विधान सभावार विवरण निम्नानुसार है :-
स.क्र. |
वित्तीय वर्ष |
विधान सभा क्षेत्र का नाम |
आवंटित राशि |
1. |
2019-2020 |
पथरिया |
2,50,000 |
2. |
2019-2020 |
दमोह |
2,50,000 |
3. |
2019-2020 |
जबेरा |
2,50,000 |
4. |
2019-2020 |
हटा |
2,50,000 |
5. |
2020-2021 |
पथरिया |
1,25,000 |
6. |
2020-2021 |
दमोह |
1,25,000 |
7. |
2020-2021 |
जबेरा |
1,25,000 |
8. |
2020-2021 |
हटा |
1,25,000 |
शेषांश का प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) प्रति विधान सभा क्षेत्र के लिए माननीय मंत्रीगणों के जनसंपर्क दौरे हेतु वार्षिक राशि ₹ 2,75,000/- निश्चित है।
कोरोना महामारी हेतु केन्द्र सरकार से प्राप्त राशि
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
22. ( *क्र. 5729 ) श्री संजय उइके : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोरोना महामारी से निपटने के लिए केन्द्र सरकार से राशि प्राप्त हुई है? (ख) यदि हाँ, तो केन्द्र सरकार से किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई एवं किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि कब-कब व्यय की गई? जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार एवं जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। राज्य शासन एवं केन्द्र शासन से प्राप्त राशि का एकजाई आवंटन जिलों को किया जाता है। अतः केन्द्र शासन से प्राप्त राशि का जिलेवार व्यय दिया जाना संभव नहीं है।
मुरैना जिलांतर्गत अवैध शराब की बिक्री
[वाणिज्यिक कर]
23. ( *क्र. 4435 ) श्री कमलेश जाटव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला मुरैना में शराब के ठेकेदारों द्वारा अवैध रूप से सिक्योरिटी डिपोजिट करवाकर ग्राम एवं पंचायतों में अवैध शराब की दुकानें चलाई जा रही हैं? यदि हाँ, तो किस नियम के अंतर्गत? वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक विभाग को अवैध शराब की बिक्री एवं तस्करी की कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त शिकायतों के विवरण के साथ उक्त शिकायतों पर की गई समस्त कार्यवाही की जानकारी वर्षवार, विकासखण्डवार उपलब्ध करावें तथा यह भी जानकारी उपलब्ध करावें कि संपूर्ण जिले में किस-किस विकासखण्ड स्तर पर किस-किस स्थान पर किस-किस ठेकेदार को शराब का ठेका दिया गया है? (ग) क्या आबकारी विभाग मुरैना द्वारा जिले की पंचायतों एवं ग्रामों में अवैध रूप से शराब की बिक्री की रोकथाम हेतु कार्यवाही की जाती है? यदि नहीं, तो क्यों और यदि हाँ, तो जिले में जहरीली शराब बनाए जाने के व्यवसाय किस के संरक्षण में चल रहे हैं?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जिला मुरैना में शराब के ठेकेदारों द्वारा अवैध रूप से सिक्योरिटी डिपोजिट करवाकर ग्राम एवं पंचायतों में अवैध शराब की दुकानें नहीं चलाई जा रही हैं। जिला मुरैना में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कुल 141 शिकायतें प्राप्त हुईं। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्षवार एवं ब्लॉकवार शिकायतों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जिला मुरैना में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कुल 141 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से जाँच कराये जाने पर 75 शिकायतें सत्य पाई गईं, जिनमें संबंधित अवैध मदिरा के विक्रेता के विरूद्ध मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। वर्ष 2020-21 में जिला मुरैना की 44 देशी मदिरा दुकानें एवं 15 विदेशी मदिरा दुकानों का निष्पादन संपूर्ण जिले के एकल समूह में किया गया है, जिसके लायसेंसी वाईन ट्रेडर्स पार्टनर राहुल शिवहरे एवं अन्य हैं। विकासखण्डवार मदिरा दुकानों के नाम/स्थानों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जिला मुरैना में किसी भी क्षेत्र में अवैध मदिरा के बिक्री की शिकायत/सूचना मिलने पर विभाग द्वारा तत्समय कार्यवाही की जाती है। जिले में अब तक की गयी, कार्यवाही में जहरीली शराब बनाये जाने के व्यवसाय में किसी भी प्रशासनिक एवं राजनैतिक संरक्षण की संलिप्तता प्रकाश में नहीं आई है।
विभाग द्वारा संचालित योजनाएं
[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
24. ( *क्र. 3234 ) श्री राकेश मावई : क्या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं कहाँ-कहाँ पर संचालित की जा रही हैं? म.प्र. प्रौद्योगिकी परिषद् के गवर्निंग बोर्ड में कौन-कौन सदस्य हैं तथा उनका कार्यकाल कब से कब तक है? नाम सहित जानकारी देवें। (ख) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित योजनाओं के लिए कितनी राशि प्राप्त हुई? वर्षवार योजनावार/मदवार प्राप्त राशि की जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार प्राप्त राशि मुरैना जिलान्तर्गत कब कहाँ किस कार्य पर व्यय की गई है? वर्षवार, कार्यवार जानकारी देवें। इन कार्यों की मॉनिटरिंग एवं निरीक्षण कौन करता है? निरीक्षण रिपोर्ट के विवरण सहित जानकारी देवें। (घ) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक ग्वालियर एवं चंबल संभाग में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी, सूचना एवं इलेक्ट्रॉनिक विभाग तथा पर्यावरण विभाग को कितनी-कितनी राशि कब-कब दी गई तथा उस राशि से क्या-क्या कार्य कराए गए? वर्षवार जानकारी देवें।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) विभाग द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में संपूर्ण प्रदेश में योजनाएं संचालित हैं, परिषद के सदस्यों का कार्यकाल तीन वर्ष का होता है। परिषद में सदस्यों का मनोनयन नाम के आधार पर न करते हुए पदनाम के आधार पर किया जाता है। विस्तरित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) विभाग अंतर्गत म.प्र. विज्ञान प्रौद्योगिकी परिषद की जानकारी निम्नानुसार है :- 1. कैलेण्डर वर्ष 2018 में मुरैना जिला अंतर्गत एक एवं दो दिवसीय नेशनल सेमीनार डेवलपमेंट एण्ड ऑप्टिमाइजेशन ऑफ मेथड फॉर एनालॉसिस आफ फर्मास्वीटकल्स के लिये रू 1,26,000/- (रूपये एक लाख छब्बीस हजार मात्र) का व्यय किया गया। परिषद के अधिकारी निरीक्षण एवं मॉनिटरिंग करेंगे। विभाग अंतर्गत मैप-आई.टी. द्वारा जिला ई-गवर्नेंस सोसाइटी, मुरैना के संचालन हेतु व्यय की गई राशि का वर्षवार विवरण निम्नानुसार है :-
राशि (रु.) |
|||
2018-19 |
2019-20 |
2020-21 |
Total |
रु. 26,55,149 |
रु .28,66,394 |
रु.8,60,879 |
रु. 63,82,422 |
राशि का उपयोग जिला ई-गवर्नेंस सोसाइटी के अंतर्गत पदस्थ कर्मियों के मानदेय एवं सोसाइटी के प्रशासनिक व्यय तथा प्रशिक्षण संचालन हेतु होता है। मॉनिटरिंग एवं निरीक्षण का कार्य जिला ई-गवर्नेंस सोसाइटी, मुरैना के संचालक मण्डल द्वारा किया जाता है। (घ) विभाग द्वारा सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी, सूचना एवं इलेक्ट्रॉनिक विभाग तथा पर्यावरण विभाग को कोई राशि उपलब्ध नहीं करायी गयी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बोड़ा का उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
25. ( *क्र. 5737 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 2218, दिनांक 16 जुलाई, 2019 के उत्तर की कंडिका (ख) अनुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बोड़ा हेतु 300 एम.ए. एक्स-रे मशीन मैप की गई है एवं आवश्यक बजट भी उपलब्ध करा दिया गया है, परंतु दर अनुबंध उपलब्ध न होने के कारण एक्स-रे मशीन क्रय नहीं की गई है तो क्या प्रश्न दिनांक तक एक्स-रे मशीन क्रय कर ली गई अथवा नहीं? यदि नहीं, तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही किन कारणों से कब से किस स्तर पर लंबित है तथा कब तक एक्स-रे मशीन क्रय कर प्रारंभ कर दी जावेगी? (ख) क्या आमजनों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं बहाल किये जाने हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बोड़ा को सिविल अस्पताल में उन्नयन करने तथा आकस्मिक दुर्घटना व प्रसव प्रकरणों में एम्बुलेंस वाहन प्रदाय करने हेतु कोई कार्ययोजना तैयार की गई है? यदि हाँ, तो क्या तथा कब तक उक्त स्वास्थ्य केन्द्र का उन्नयन कर एम्बुलेंस वाहन उपलब्ध करा दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ, जी नहीं। एक्स-रे मशीन संचालन हेतु रेडियोग्राफर का पद रिक्त होने के कारण, विभाग द्वारा पद पूर्ति की कार्यवाही निरन्तर जारी है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बोड़ा से लगभग 10 किलोमीटर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पचौर में जननी एक्सप्रेस एवं 108- एम्बुलेंस वाहन द्वारा क्षेत्रातंर्गत निवासरत आमजन को एम्बुलेंस वाहन की सुविधा प्रदाय की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
मुख्यमंत्री
जल प्रदाय
योजनाओं की जाँच
व कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
1. ( क्र. 58 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह में वर्ष, 2018-19,2019-20 व 2020-21 में कितनी मुख्यमंत्री जल प्रदाय योजनाएं कितनी-कितनी राशि से स्वीकृत की गई जानकारी कार्य एजेंसी व कार्य की स्थिति सहित उपलब्ध करायी जावे। नलकूप खनन हेतु जिला दमोह की हटा व पथरिया विधानसभा क्षेत्र में लगायी गयी रोक कब तक हटायी जावेगी? (ख) उक्त वर्षों में बनायी गयी नल जल योजनाओं से कितने गांव में कितने परिवार पानी पी रहे हैं। क्षेत्रीय भ्रमण उपरांत मुख्यमंत्री जल प्रदाय योजनाओं के निर्माण में की गई लापरवाहियों की पर्याप्त शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। जिला दमोह में बनायी गयी मुख्यमंत्री जल प्रदाय योजनाओं की जाँच उच्च स्तरीय समिति के द्वारा कराये जाने की समय-सीमा सहित कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कोई रोक नहीं लगायी गयी है, रोक हटाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) 18 ग्राम में 5576 परिवार पानी पी रहे हैं। जी नहीं, विभाग को शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधायक स्वेच्छानुदान निधि का प्रदाय
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
2. ( क्र. 1164 ) श्री संजय शर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्र. एम/472, दिनांक 07.06.2020 एवं पत्र क्र. एम/472 दिनांक 07.03.2020 द्वारा विधायक स्वेच्छानुदान निधि हितग्राहियों को प्रदान करने हेतु अनुशंसा पत्र कलेक्टर (योजना मंडल), नरसिंहपुर को प्रदान किये गये थे? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार, यदि हाँ, तो उक्त पत्रों में उल्लेखित हितग्राहियों के खातों में राशि प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं पहुंची है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार, उक्त हितग्राहियों के खातों में राशि कब तक पहुंच जायेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला योजना अधिकारी नरसिंहपुर के आदेश क्रमांक 387 दिनांक 01.03.2021 के माध्यम से हितग्राहीयों के खाते में राशि का भुगतान किया जा चुका है। (ग) उत्तर (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पंधाना विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई योजना की स्वीकृति
[नर्मदा घाटी विकास]
3. ( क्र. 1426 ) श्री राम दांगोरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र पंधाना अंतर्गत सिंगोट, गुड़ी व गांधवा क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति के लगभग 70 गांवों की कृषि भूमि सिंचित नहीं हो पा रही है जिससे इन ग्रामों के किसानों को सूखी खेती एवं बारिश पर निर्भर होना पड़ रहा है जिससे यह किसान आर्थिक रूप से काफी पिछड़े हैं एवं जलस्तर भी 1000 फीट से नीचे चला गया है। (ख) क्या इन ग्रामों के किसानों की असिंचित भूमि के लिए इंदिरा सागर परियोजना से खंडवा उद्यान योजना स्वीकृत की जाएगी या नहीं? (ग) यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृत की जाकर योजना प्रारंभ की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सिंगोट, गुड़ी एवं गांधवा तथा उसके आसपास के ग्रामों में 70 से 75 प्रतिशत क्षेत्र वर्षा आधारित एक फसलीय है तथा शेष क्षेत्र निजी नलकूप आदि अन्य साधनों से द्विफसलीय क्षेत्र है। इन क्षेत्रों में जल संसाधन विभाग द्वारा भाम बैराज एवं भाम मध्यम परियोजना निर्माणाधीन है। (ख) एवं (ग) प्रारम्भिक तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता परीक्षणाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जावर-सिहाड़ा उद्वहन परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
4. ( क्र. 1520 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जावर-सिहाड़ा उद्वहन परियोजना की स्वीकृति किस दिनांक को जारी की गई थी? (ख) उक्त परियोजना की स्वीकृत के समय इसकी लागत क्या थी? वर्ष 2019-20 एवं वर्ष 2020-21 में इस परियोजना के लिये कितना-कितना बजट स्वीकृत किया गया है? (ग) इस परियोजना के लिये किस निर्माण एजेंसी को कार्यादेश दिया गया है? वर्तमान में इस योजना का कार्य कितने प्रतिशत पूर्ण हो चुका है? क्या उक्त कार्य को समय-सीमा में पूर्ण करने के लिये क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के साथ संबंधित विभाग द्वारा बैठक आयोजन किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या इस योजनान्तर्गत बार-बार पेटी कांन्ट्रेक्टर का उपयोग मुख्य निविदाकार द्वारा किया जा रहा है। जिसके कारण इसमें अत्यंत विलंब हो रहा है। यदि हाँ, तो इस योजना के क्रियान्वयन में होने वाले विलंब के लिये दोषी अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ङ) इस परियोजना में कार्यादेश के अऩुसार इसकी कार्य पूर्णता की अवधि क्या है? क्या परियोजना का कार्य समय-सीमा में पूर्ण होगा? अगर नहीं तो इसे समय-सीमा में पूर्ण किये जाने के विभाग द्वारा क्या प्रयास किये जा रहे है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जावर उद्वहन सिंचाई परियोजना की स्वीकृति दिनांक 01/11/2016 को। (ख) रूपये 432.81 करोड़। वर्ष 2019-20 हेतु रूपये 116.39 करोड़ एवं वर्ष 2020-21 हेतु रूपये 55.43 करोड़। (ग) मेसर्स जी.व्ही.पी.आर. इंजीनियर्स लिमिटेड हैदराबाद। 40 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। माननीय राज्यमंत्री जी नर्मदा घाटी विकास विभाग, उपाध्यक्ष एवं सदस्य (अभियांत्रिकी) नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के स्तर पर बैठक आयोजित कर एजेन्सी को कार्य की प्रगति बढ़ाकर समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) कार्य को शीघ्र पूर्ण करने को दृष्टिगत रखते हुये लेबर कान्ट्रेक्टरों से अनुबंध की कंडिका 23.2 के तहत सामग्री प्रदाय कर, कार्य कराया जा रहा है। योजना की पर्यावरणीय स्वीकृति एवं कोविड-19 के कारण विलम्ब हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) 36 माह। पर्यावरणीय स्वीकृति में आंकलित से अधिक समय लगने एवं कोविड-19 के कारण विलम्ब सम्भव है। समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने हेतु समय-समय पर निर्देशित किया गया है।
कोविड-19 महामारी में सेवा देने वाले चिकित्सकों को संविदा नियुक्ति का लाभ
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
5. ( क्र. 2339 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए मार्च 2020 में आयुष चिकित्सक, फार्मासिस्ट, पैरामेडिकल स्टॉफ एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की भर्ती की गई थी? (ख) वर्तमान में इनमें से कितने चिकित्साकर्मी कार्यरत हैं एवं कितनों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित चिकित्सक स्टॉफ जो कोविड-19 महामारी के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर अपने कर्तव्य निर्वहन में रत रहे, क्या उनहें विभाग में रिक्त पदों पर संविदा नियुक्ति प्रदान की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) स्वास्थ्य सेवा से संबंधित विभिन्न विभागों में रिक्त पदों पर आगामी वर्षों में नियुक्ति किस प्रकार की जाएगी? क्या इन नियुक्तियों के समय प्रश्नांश (क) में उल्लेखित चिकित्साकर्मियों को प्राथमिकता के आधार पर संविदा नियुक्ति प्रदान की जाएगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) कोविड-19 महामारी की रोकथाम हेतु जिलों द्वारा पूर्व में नियोजित किये गये अस्थाई चिकित्सा कर्मियों में से वर्तमान में 92 चिकित्सा अधिकारी/स्नात्कोत्तर चिकित्सा अधिकारी, 551 आयुष चिकित्सक, 67 फार्मासिस्ट, 352 लेबोरेट्री टेक्नीशियन, 239 स्टॉफ नर्स एवं 374 अन्य सर्पोट स्टॉफ कार्य कर रहे है। इनमें से 72 चिकित्सा अधिकारी/स्नात्कोत्तर चिकित्सा अधिकारी, 182 आयुष चिकित्सक, 237 फार्मासिस्ट, 1260 स्टॉफनर्स एवं 933 अन्य सर्पोट स्टॉफ को वर्तमान में कोविड-19 महामारी के निरंतर घटते क्रम को देखते हुये निंरतर नहीं किया है। (ग) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा रिक्त पदों की पूर्ति हेतु समय-समय पर प्रकाशित विज्ञप्तियों में उल्लेखित अनुसार सम्मिलित होने एवं निर्धारित चयन प्रक्रिया के सफल होने पर नियमानुसार संविदा नियुक्ति प्राप्त कर सकते है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत स्वीकृत रिक्त पदों हेतु विज्ञप्ति प्रकाशित करते हुये नियुक्ति हेतु चयनित संस्था के माध्यम से आवेदन आमंत्रित किये जाते हैं तदानुसार पात्र आवेदकों को नियत परीक्षा/साक्षात्कार में सम्मिलित होने के उपरांत रिक्त पदों की संख्या एवं आरक्षण अनुसार चयन सूची जारी की जाती है। वर्तमान में उल्लेखित चिकित्सा कर्मियों को प्राथमिकता देने का वर्तमान में कोई प्रावधान नहीं है।
बाल विकास परियोजना अंतर्गत स्वीकृत एवं रिक्त पदों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
6. ( क्र. 2343 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास परियोजना के कितने पद स्वीकृत हैं, एवं इन पद पर कितने परियोजना अधिकारी कार्यरत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कितने परियोजना अधिकारी के विरूद्ध विभागीय जाँच प्रचलन में हैं? और कब से है, पूर्ण विवरण दें विभाग द्वारा विभागीय जाँच कब तक पूर्ण कर इन के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में प्रचलित विभागीय जाँच में विलंब के लिए कौन-कौन से जाँच अधिकारी जिम्मेदार हैं? जिम्मेदार जाँच अधिकारी के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, तो शासन क्या कार्यवाही करेगा और कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) महिला एवं बाल विकास विभाग में परियोजना अधिकारी, एकीकृत बाल विकास परियोजना के 453 पद स्वीकृत है, तथा इन पदों पर 278 परियोजना अधिकारी कार्यरत हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) विभागीय जाँच नियत प्रक्रिया अनुसार की जाती है। विभागीय जाँच में कोई जाँच अधिकारी विलंब हेतु दोषी नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पर्यटन विभाग द्वारा हस्तांतरित सम्पत्तियां
[पर्यटन]
7. ( क्र. 2544 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग ने अभी तक कुल कितने विभागों से पूर्वनिर्मित डाक बंगले और अन्य सम्पतियाँ हस्तांतरित की और कितनी सम्पतियाँ और लेना प्रस्तावित है? (ख) उक्त संपत्तियों के पुनर्निर्माण पर कितना व्यय किया गया? अभी तक कुल कितनी सम्पतियों को लीज पर प्रायवेट सेक्टर में दिया जा चुका है और कितने और लीज पर दिया जाना प्रस्तावित है? (ग) क्या अन्य विभागों की संपत्तियां अधिग्रहित कर उसमें पुनर्निर्माण कर इस प्रकार उन संपत्तियों को लीज पर दिया जा सकता है? यदि हाँ, तो इस तरह के हस्तांतरण का क्या औचित्य होगा और इससे शासन को क्या और कितना लाभ हुआ, उसकी विगतवार विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराये और अगर इस पूरी प्रक्रिया में कोई लाभ नहीं हुआ तो जो संपत्तियों का हस्तांतरण करने से विभागों को नुकसान हुआ, उसकी भरपाई कौन करेगा और उसके लिये कौन दोषी होगा?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ख) जी नहीं, एक संपत्ति मार्ग सुविधा केन्द्र नीति की अनुरूप निजी निवेशक को संचालन हेतु दी गई है। शेष एक और संपत्ति पर्यटन नीति अनुसार निजी निवेशकों को पर्यटन परियोजना स्थापना एवं संचालन हेतु लीज पर दिया जाना है। (ग) पर्यटन नीति के अनुसार अन्य विभागों से संपत्तियां हस्तांतरित कर निजी निवेशकों को पर्यटन परियोजना स्थापना एवं संचालन हेतु लीज पर देने के प्रावधान है। विभाग (पर्यटन बोर्ड) द्वारा पुनर्निर्माण कर लीज पर देने का कार्य नहीं किया जाता है।
अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों का निराकरण
[सामान्य प्रशासन]
8. ( क्र. 2570 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिला अंतर्गत अनुकम्पा नियुक्ति के अप्रैल 2015 से प्रश्नांश दिनांक कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया विभागानुसार नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावे एवं अनुकम्पा नियुक्ति के कितने प्रकरण किस-किस विभाग के लंबित है विभागानुसार नाम सहित जानकारी देवें। (ख) लंबित प्रकरणों में किन-किन कारणों से अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान नहीं की जा रही है। (ग) अनुकम्पा नियुक्ति के लंबित प्रकरणों का कब तक निराकरण किया जाकर संबंधित को नियुक्ति दी जावेगी।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विभागवार एवं प्रकरणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) विभागवार एवं प्रकरणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।
निरामय योजना की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
9. ( क्र. 2571 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुष्मान भारत मध्यप्रदेश निरामय योजनांतर्गत कितनी-कितनी राशि किस-किस श्रेणी के हितग्राहियों के इलाज हेतु स्वीकृत की जाती है? (ख) योजनांतर्गत होशंगाबाद संभाग, भोपाल संभाग, इंदौर संभाग एवं महाराष्ट्र के अमरावती एवं नागपुर जिले के किन-किन शासकीय एवं अशासकीय चिकित्सालयों में योजना का लाभ मिल सकता है? चिकित्सालयों के नामों की सूची स्थान सहित उपलब्ध करावें। (ग) योजनांर्तगत मरीजों के उपचार हेतु पैकेज में क्या जाँच की राशि सम्मिलित है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) आयुष्मान भारत योजना के हितग्राही को एक वर्ष में प्रति परिवार 5 लाख तक की राशि पैकेज अनुसार, अनुमोदनोपरांत राशि अस्पतालों को स्वीकृत की जाती है तथा वर्ष 2011 की जनणना SECC (सामाजिक, आर्थिक, जातिगत जनगणना) के डाटा में D1 से D7 तक (D6 को छोड़कर), राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा पर्ची धारक परिवार या संबल योजना में पंजीकृत होना, आयुष्मान भारत योजना के हितग्राही होने का मापदण्ड है। (ख) संभाग-भोपाल, होशंगाबाद एवं इंदौर तथा महाराष्ट्र के अमरावती एवं नागपुर जिले में आयुष्मान योजना से संबंधित शासकीय एवं अशासकीय चिकित्सालयों के नामों की स्थान सहित सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ।
जिला चिकित्सालयों में रिक्त पदों की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
10. ( क्र. 2622 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में जिला चिकित्सालयों हेतु चिकित्सकों के कितने-कितने पद स्वीकृत हैं तथा कितने वर्तमान में रिक्त हैं। जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत पदों के विरुद्ध कितने चिकित्सक कार्यरत हैं और कितने चिकित्सक अनाधिकृत रुप से अनुपस्थित हैं? अनाधिकृत रुप से अनुपस्थित चिकित्सकों के विरुद्ध अब तक क्या कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हाँ, तो विस्तृत ब्योरा दें। (ग) रिक्त पदों की पूर्ति हेतु शासन द्वारा अब तक क्या-क्या प्रयास किये जा रहे हैं? नीमच जिला मुख्यालय पर चिकित्सकों के रिक्त पदों के विरुद्ध कब तक पदस्थापना की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) कार्यरत चिकित्सकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। अनाधिकृत अनुपस्थिति चिकित्सकों के संदर्भ में कार्यवाही संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग को नवीन आरक्षण रोस्टर अनुसार चिकित्सा अधिकारियों के रिक्त 727 पदों हेतु मांग-पत्र प्रेषित किया गया एवं मध्यप्रदेश लोक सेवा अयोग द्वारा विज्ञापन जारी किया गया है। चयन सूची प्राप्त होने पर चिकित्सकों की उपलब्धता अनुसार पदस्थापना संबंधी कार्यवाही की जावेगी। इसके अतिरिक्त स्नातकोत्तर पीजी बंधपत्र चिकित्सकों एवं एम.बी.बी.एस. बंधपत्र चिकित्सकों की पदस्थापनाएं रिक्तता अनुसार संस्थाओं में की जा रही है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से प्रत्येक बुधवार वॉक-इन इन्टरव्यू द्वारा चिकित्सकों की पदस्थापना संबंधी कार्यवाही की जा रही है। चिकित्सकों की उपलब्धता अनुसार जिला चिकित्सालय नीमच में पदस्थापना की कार्यवाही की जावेगी, निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र से औषधि अनुज्ञप्ति प्राप्तकर्ता पर एफ.आई.आर
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
11. ( क्र. 2638 ) श्री आरिफ मसूद : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय नियंत्रण खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने अपने आदेश क्र. भोपाल 2020/317 दिनांक 01.10.2020 के जरिये फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र रचित कर मेसर्स मध्यप्रदेश स्टेट को-ऑपरेटिव जन औषधि मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड शॉप/प्लाट नं. ए-7 सुरेन्द्र विहार आशिमा मॉल के पास होशंगाबाद रोड को स्वीकृत औषधि अनुज्ञप्ति को तत्काल प्रभाव से निरस्त करा था? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उपरोक्त आदेश में कूटरचित दस्तावेज के आधार पर अनुज्ञप्ति प्राप्त किया गया है जो कि आई.पी.सी. की धारा 420, 466, 468, 471 के अंतर्गत दण्डनीय है जिस पर विधिक कार्यवाही पृथक से की जा सकेगी उल्लेखित है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में जारी आदेश की प्रतिलिपि थाना प्रभारी, शाहजहांनाबाद भोपाल की ओर सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजी थी? यदि हाँ, तो थाना शाहजहांनाबाद द्वारा अब तक की विधिक कार्यवाही, एफ.आई.आर. का विवरण उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या उपरोक्त प्रकरण संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है उसके बाद भी थाना शहजहांनाबाद द्वारा प्रश्न दिनांक तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई? यदि हाँ, तो क्या तत्काल मामले में संज्ञान लेते हुए एफ.आई.आर. दर्ज की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। कार्यालय थाना प्रभारी, थाना शाहजहांनाबाद भोपाल से प्राप्त जानकारी अनुसार आदेश की प्रति आपराधिक दायित्व के निर्धारण हेतु दस्तावेजों एवं कथनों का संकलन किया जा रहा है। प्रकरण की जाँच वर्तमान में प्रचलन में है। (घ) कार्यालय थाना प्रभारी, थाना शाहजहांनाबाद भोपाल से प्राप्त जानकारी अनुसार आपराधिक दायित्व के निर्धारण हेतु दस्तावेजों एवं कथनों का संकलन किया जा रहा है। प्रकरण की जाँच वर्तमान में प्रचलन में है।
सिंचित/असिंचित कृषि भूमि का बाजार मूल्य
[वाणिज्यिक कर]
12. ( क्र. 2931 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि गढ़ा जलाशय के डूब क्षेत्र में आने वाली सिंचित/असिंचित कृषि भूमि के बाजार मूल्य की कलेक्टर गाईड लाईन में पिछले 10 वर्षों से कोई परिवर्तन नहीं किया गया? यदि हाँ, तो वर्ष 2010-11 से वर्ष 2019-20 में कलेक्टर गाईड लाईन अनुसार जलाशय के डूब में आने वाले तथा डूब क्षेत्र से लगे ग्रामों की सिंचित/असिंचित कृषि भूमि का बाजार मूल्य प्रति हेक्टेयर कितना-कितना निर्धारित किया गया? ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावे। (ख) डूब क्षेत्र की कृषि भूमि एवं इस क्षेत्र से लगे ग्रामों की कृषि भूमि का बाजार मूल्य कलेक्टर गाईड लाईन का निर्धारण किन मापदण्डों, किस नियम कानून की किस धारा/प्रावधानों के अनुसार किया गया? प्रावधानों की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) गढ़ा डूब क्षेत्र में विक्रय की गई कृषि भूमि के उच्चतम बाजार मूल्य के आधार पर क्या कलेक्टर गाईड लाईन में कोई परिवर्तन किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो कारण बतावे। (घ) गढ़ा जलाशय की अधिसूचना प्रकाशित होने के बाद किन-किन ग्रामों के कितने किसानों ने किन-किन विषयों पर लिखित आपत्ति दी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी नहीं, पिछले 10 वर्षों के दौरान परिवर्तन किया गया। गढ़ा जलाशय डूब क्षेत्र में आने वाले ग्रामों तथा डूब क्षेत्र से लगे ग्रामों की सिंचित/असिंचित कृषि भूमि के बाजार मूल्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' व 'ख' अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश बाजार मूल्य मार्गदर्शक सिद्धांतों का बनाया जाना और उनका पुनरीक्षण नियम, 2000 एवं मध्यप्रदेश बाजार मूल्य मार्ग दर्शक सिद्धांतों का बनाया जाना एवं उनका पुनरीक्षण नियम, 2018 में विहित प्रावधानों के अंतर्गत कलेक्टर गाईड लाईन का निर्धारण किया गया। प्रावधानों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ग' अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश बाजार मूल्य मार्गदर्शक सिद्धांतों का बनाया जाना एवं उनका पुनरीक्षण नियम, 2018 के नियम 6 में वर्णित मापदण्डों के आधार पर गाईड लाईन दरें निर्धारित की जाती है। उप जिला मूल्यांकन समिति से प्राप्त प्रस्तावों पर उक्त परिप्रेक्ष्य में परीक्षण उपरांत जिला मूल्यांकन समिति द्वारा दरें अनुमोदित की जाती है। नियमों के अनुसार 1 अप्रैल (प्रतिवर्ष) से दरों का पुन: निर्धारण किया जाता है। अत: समय-सीमा का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'घ' अनुसार है।
पब्लिक रजिस्टर्ड एक्ट के तहत ट्रस्ट पंजीकृत
[अध्यात्म]
13. ( क्र. 2963 ) श्री सुरेन्द्र सिंह नवल सिंह : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला बुरहानपुर में पब्लिक रजिस्टर्ड एक्ट के तहत कितने ट्रस्ट पंजीकृत हैं एवं उनके नाम, पंजीकरण का वर्ष एवं वर्तमान पदाधिकारियों की सूची प्रदान करें। (ख) क्या उक्त रजिस्टर्ड ट्रस्टों का निर्वाचन समय-समय पर हो रहा है या नहीं एवं अंकेक्षित लेखे भी प्रतिवर्ष प्रस्तुत किये जा रहे हैं?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जिला बुरहानपुर अन्तर्गत पब्लिक रजिस्टर्ड एक्ट के तहत 234 ट्रस्टों का पंजीकृत है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जाती है।
कोरानाकाल में आंगनवाड़ी केन्द्रों में वितरित पोषण आहार
[महिला एवं बाल विकास]
14. ( क्र. 3180 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोरोनाकाल में आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार वितरण के संबंध में शासन के क्या-क्या आदेश-निर्देश थे? इनकी प्रति उपलब्ध करावें। (ख) माह अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक परियोजनावार उज्जैन संभाग में कितने हितग्राहियों को लाभांवित किया गया? जिलावार संख्या बताएं। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में पोषण आहार मद में देयकों के भुगतान का परियोजनावार विवरण देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) कोरोनाकाल में आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार वितरण के संबंध में जारी निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''01'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''02'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''03'' अनुसार है।
विभिन्न योजनाओं के भुगतान की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
15. ( क्र. 3235 ) श्री राकेश मावई : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना में 01 जनवरी, 2018 से प्रश्न दिनांक तक लाड़ली लक्ष्मी योजना, समेकित बाल संरक्षण योजना, दत्तक ग्रहण योजना, पालन-पोषण योजना, प्रवर्तकता योजना, ऊषा किरण योजना, शौर्य दल योजना, बेटी बचाओं योजना, मुख्यमंत्री महिला सशक्तीकरण एवं सशक्त वाहिनी योजना अन्तर्गत कितना-कितना बजट कब-कब प्राप्त हुआ तथा कितनी-कितनी राशि हितग्राहियों को भुगतान करने में व्यय की गई? विकासखण्डवार एवं योजनावार तथा हितग्राही संख्यावार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला मुरैना में 01 जनवरी, 2018 से प्रश्न दिनांक तक विकासखण्डवार कितनी-कितनी बालिकाओं को पूर्ण राशि का भुगतान हो चुका है तथा कितने आवेदन लंबित हैं। उक्त लंबित आवेदनों का योजनावार कब तक निराकरण कराकर हितग्राहियों को लाभ दे दिया जायेगा। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में कितनी-कितनी शिकायतें कब-कब प्राप्त हुई तथा उन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) लाड़ली लक्ष्मी योजना अंतर्गत बालिकाओं के भुगतान की विकासखंडवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। कोई आवेदन लंबित नहीं होने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होताI (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
शासकीय भूमि एवं भवन के विक्रय
[लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन]
16. ( क्र. 3302 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार ने शासकीय भूमि एवं भवन के विक्रय के लिए कोई नीति या नियम बनाये हैं? इस नीति या नियम के दस्तावेज उपलब्ध कराए दि.01.04.2020 से 06.02.21 के संदर्भ में देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रदेश में विक्रय के लिए कौनसी भूमि एवं भवन चिन्हित किए गए हैं उनकी सूची जिलावार भूमि रकवा, भूमि नाम, भवन नाम, भवन आकार सहित विभागवार देवें। (ग) क्या शासन खराब आर्थिक स्थिति जिसके चलते शासकीय भूमि एवं भवन विक्रय की परिस्थिति निर्मित हुई पर श्वेत पत्र जारी करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ 1-03/2020/एक (1) दिनांक 26/9/2020 द्वारा विभाग का गठन अन्तर्विभागीय विमर्श एवं समन्वय के माध्यम से राज्य की परिसम्पत्तियों का युक्तियुक्तकरण कर समुचित उपयोग एवं प्रबंधन सुनिश्चित किये जाने और सम्पत्ति अनुपयोगी पाये जाने पर ही अनुपयोगी परिसम्पत्तियों के व्यवसायीकरण/मौद्रीकरण द्वारा शासन को अतिरिक्त राजस्व उपलब्ध कराने हेतु किया गया है। जिसके लिये सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 19-65/2020/1/4 दिनांक 8/10/2020 द्वारा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में साधिकार समिति का गठन किया गया है तथा विभाग के आदेश क्रमांक आर 04/202/76-1 दिनांक 15/2//2021 द्वारा जिले के विभिन्न विभागों द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों में से प्रबंधन का परीक्षण हेतु अनुपयोगी परिसम्पत्तियों के निर्वतन की जिम्मेदारी दी गई है। आदेशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। यह विभाग शासकीय परिसम्पत्तियों का युक्तियुक्तकरण करते हुए उनका समुचित उपयोग एवं प्रबंधन सुनिश्चित करने का कार्य करता है। विभाग कोई श्वेतपत्र जारी नहीं करेगा।
जबलपुर में नहरों के बैंक पर सड़क निर्माण
[नर्मदा घाटी विकास]
17. ( क्र. 3325 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले की नहरों के बैंक पर आधी अधूरी सड़कें बनाने के कारण आवागमन दुर्लभ है? जिससे कभी भी दुर्घटनायें हो सकती है? (ख) यदि नहीं, तो क्या गत 3 वर्षों में नहरों के बैंक पर सड़क बनाने हेतु कार्य स्वीकृत किये गये हैं? (ग) यदि हाँ, तो दिनांकवार स्वीकृत, पूर्ण एवं अपूर्ण सड़कों की जानकारी प्रश्न दिनांक की स्थिति में देंवे? (घ) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण कराये जायेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। नहरों के बैंकों पर सर्विस रोड का निर्माण निरीक्षण/हल्के वाहनों के उपयोग हेतु किया गया है। नहरों के सर्विस बैंक पर भारी वाहनों का परिचालन प्रतिबंधित होता है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) उत्तरांश (क) अनुसार आवश्यक नहीं है।
जल निगम द्वारा शुद्ध पेयजल का जलप्रदाय
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
18. ( क्र. 3376 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. जल निगम द्वारा ग्रामीण समूह जलप्रदाय योजनाओं के अंतर्गत मण्डला जिले के 446 ग्रामों में घरेलू नल कनेक्शनों के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु अनुमानित 611.28 करोड़ रुपये की लागत से हालोन, ग्रामीण समूह जलप्रदाय योजना स्वीकृत की गई थी? यदि हाँ, तो इसके संबंध में विस्तार से जानकारी प्रदाय करें? (ख) उपरोक्त की स्वीकृति उपरांत क्रियान्वयन हेतु दिनांक 15 मार्च 2020 को दैनिक भास्कर समाचार पत्र में मप्र जल निगम द्वारा ई- निविदा का विज्ञापन प्रकाशित किया गया था? यदि हाँ, तो निविदा प्रकाशन उपरांत किन-किन फर्मों द्वारा इसमें भाग लिया गया था एवं किस फर्म/संस्था/ठेकेदार को यह कार्य प्रदाय किया गया? इस संबंध में संबंधित को कार्यादेश कब जारी किया गया है? (ग) क्या कारण है कि निविदा कार्यवाही पूर्ण होने के बाद भी विगत 11 माह में उपरोक्त कार्य प्रारंभ नहीं कराया गया है? उक्त कार्य कब तक प्रारम्भ करा दिया जाएगा एवं कब तक पूर्ण किया जाएगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। योजना जल जीवन मिशन के अनुरूप पुनरीक्षित करने हेतु शासन द्वारा योजना की प्रशासकीय स्वीकृति पत्र क्रमांक एफ 16-21/2020/2/34/(2949) भोपाल दिनांक 22/09/2020 को निरस्त की गई है। योजना को जल जीवन मिशन के मापदण्ड अनुसार पुनरीक्षित किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रकाशित निविदाएं निरस्त की गईं अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मंत्री स्वेच्छानुदान मद से स्वीकृत राशि का भुगतान
[सामान्य प्रशासन]
19. ( क्र. 3491 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय कलेक्टर जिला सीधी द्वारा मंत्री स्वेच्छानुदान मद वर्ष 2019-20 में कब-कब कितनी-कितनी राशि की आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई है? संख्यात्मक जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत सहायता राशि में से कितने व्यक्तियों को कितनी राशि का भुगतान किया जा चुका है? कितना भुगतान किया जाना शेष है। पृथक-पृथक नाम सहित सूची उपलब्ध करायें? (ग) यदि राशि आवंटन के अभाव में भुगतान नहीं किया गया है तो कब तक आवंटन जारी किया जाकर शेष रहे व्यक्तियों का भुगतान कराया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वित्तीय वर्ष 2019-20 में मंत्री स्वेच्छानुदान मद के अंतर्गत क्रमश: दिनांक 06.02.2020 को ₹ 42,39,000/-, दिनांक 22.02.2020 को ₹ 10,000/-, दिनांक 25.02.2020 को ₹ 43,92,000/-, दिनांक 26.02.2020 को ₹ 6,14,000/- एवं दिनांक 16.03.2020 को ₹ 7,35,000/- राशि की आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार 1360 व्यक्तियों को ₹ 43,71,000/- का भुगतान किया जा चुका है तथा 1574 व्यक्तियों को ₹ 56,19,000/- का भुगतान किया जाना शेष है। भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' तथा भुगतान हेतु शेष राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) वित्तीय वर्ष समाप्त हो चुका है। विगत वित्तीय वर्ष की लेप्स हुई राशि आगामी वित्तीय वर्ष में दिये जाने के कोई नियम/प्रावधान नहीं हैं।
नवनिर्मित रविंद्र भवन की वास्तुविद का चयन
[संस्कृति]
20. ( क्र. 3578 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रविंद्र भवन नवनिर्मित भवन की वास्तुविद का चयन किस संस्था द्वारा किया गया और चयनकर्ता की संस्था कौन सी है? (ख) रविंद्र भवन पर निविदा के समय लागत क्या थी और पूर्ण होने पर निर्माण की लागत क्या है? (ग) समाचार पत्रों के अनुसार नवनिर्मित रविंद्र भवन के स्टेज की त्रुटि वास्तुविद द्वारा की गई तो वास्तुविद पर क्या कार्यवाही की गई?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) नवनिर्मित रवीन्द्र भवन के वास्तुविद का चयन एप्को की वास्तुविद चयन समिति द्वारा किया गया है, चयन समिति की संस्था एप्को है। (ख) प्रारंभिक प्रशासकीय स्वीकृति 1000 सीटर हेतु राशि रु 24.47 करोड़ थी जिसे पुनरीक्षित कर अंतिम रूप से राशि रु 36.18 करोड़ की स्वीकृति 1500 सीटर हेतु जारी की गई। (ग) नवनिर्मित रवीन्द्र भवन के स्टेज निर्माण में कोई त्रुटि नहीं हुई है।
सहायक आबकारी आयुक्त की जाँच
[वाणिज्यिक कर]
21. ( क्र. 3682 ) श्री संजीव सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सत्यनारायण दुबे सहायक आबकारी आयुक्त को शासन की स्थानांतरण नीति की कंडिका 11.11 के प्रावधानों के विपरीत दूसरी बार समान पद पर जबलपुर पदस्थ किया गया है यदि हाँ, तो क्यों? शासन के द्वारा ही अपनी ही नीति का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है? (ख) वर्ष 2018-19 के लिए थोक सैनिक कैंटीन लायसेंस FL/6 को एक माह विलम्ब से देने से शासन को लगभग 3 करोड़ रुपए राजस्व का नुक़सान हुआ है आबकारी आयुक्त के द्वारा सत्यनारायण दुबे को कारण बताओ सूचना पत्र जारी करने के बाद भी आज दिनांक तक किसी प्रकार की विभागीय जाँच नहीं की गई क्यों? (ग) जबलपुर में वर्ष 2020-21 में रिटेंडेर होने से शासन को हुए नुक़सान ( खिसारा) की वसूली क्यों नहीं की जा रही है? सहायक आयुक्त आबकारी के द्वारा विभाग को यह जानकारी दी गई है की खिसारा में 3 करोड़ रूपये वसूल किए गए हैं उक्त वसूल की गई राशि के जमा ट्रेज़री चालान की प्रमाणित प्रति देवें? और यदि वसूल नहीं किए गए है तो असत्य जानकारी देने के लिए क्या कार्यवाही की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) श्री सत्यनारायण दुबे, सहायक आबकारी आयुक्त जिला जबलपुर को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश के निर्देश के परिप्रेक्ष्य में मध्यप्रदेश शासन, वाणिज्यिक कर विभाग के आदेश क्रमांक 2806/3680/2018/2/पांच दिनांक 23.10.2018 द्वारा जिला जबलपुर से आबकारी आयुक्त कार्यालय ग्वालियर में पदस्थ किया गया था। तदोपरांत शासन के आदेश क्रमांक बी-7 (ए) 02/2019/2/पांच दिनांक 05.07.2019 द्वारा मुख्यालय ग्वालियर से जिला जबलपुर पदस्थ किया गया है। अतएव शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वर्ष 2018-19 के लिए थोक सैनिक कैंटीन लायसेंस एफ.एल.-6 को अनुज्ञापन अधिकारी कलेक्टर जबलपुर द्वारा नियमानुसार जारी किया गया था। माह अप्रैल 2018 में यूनिट चलित (रन) कैंटीनों द्वारा मदिरा की मांग न किये जाने से राजस्व की हानि नहीं हुई है। भारत सरकार, रक्षा मंत्रालय, कैंटिन भंडार विभाग, जबलपुर आगार के पत्र क्रमांक ने.बी.डी./ग्रुप-5/2611 दिनांक 16 जनवरी 2019 की और से प्रतिवेदन प्राप्त होने पर श्री सत्यनारायण दुबे, सहायक आबकारी आयुकत जिला जबलपुर के विरूद्ध आबकारी आयुक्त के पत्र क्रमांक 2 (ब) वि.जां./12-19-एस.सी.एन./475 दिनांक 15.04.2019 से कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। श्री दुबे, सहायक आबकारी आयुक्त जिला जबलपुर द्वारा जारी कारण बताओ सूचना पत्र का अंतरिम जवाब प्रस्तुत किया गया है। प्रकरण में उल्लेखित तथ्यों के संबंध में उपायुक्त आबकारी संभागीय उड़नदस्ता जबलपुर/राज्य स्तरीय उड़नदस्ता मध्यप्रदेश भोपाल एवं ऑडिट दल से प्राप्त जाँच प्रतिवेदन का परीक्षण किया जा रहा है। (ग) जबलपुर में वर्ष 2020-21 में रिटेंडर होने से शासन को हुए नुकसान (खिसारा) की वसूली कार्यवाही प्रचलित है। जिला समिति दिनांक 11.02.2021 के आदेशानुसार वर्ष 2019-20 के अनुज्ञप्तिधारियों को लॉकडाउन अवधि के प्रस्तावित रिफण्ड की राशि को खिसारे में समायोजित करते हुए राशि रूपये 3,33,87,700/- का राजस्व वसूल किया जा चुका है। उक्त राशि अनुज्ञप्तिधारी द्वारा वर्ष 2019-20 की न्यूनतम प्रत्याभूति ड्यूटी के रूप में सायबर कोषालय जबलपुर में जमा किये गये थे।
न्यू पेंशन योजना की जानकारी
[वित्त]
22. ( क्र. 3744 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 1 अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त शासकीय कर्मचारियों/अधिकारियों को पुरानी पेंशन स्कीम बंद की गई है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या इसमें कर्मचारी अधिकारी संगठनों से चर्चा की गई थी? यदि हाँ, तो कब-कब, किन-किन संगठनों से क्या-क्या चर्चा की गई थी? क्या कर्मचारी/अधिकारी संगठनों द्वारा न्यू पेंशन स्कीम अंशदायी शेयर बाजार योजनाओं को लागू करने हेतु स्वीकृति दी गई थी? यदि हाँ, तो उनकी स्वीकृति की हस्ताक्षरित प्रति उपलब्ध करावें। यदि स्वीकृति नहीं दी गई थी तो फिर किस आधार पर यह योजना लागू की गई? स्पष्ट करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या सरकार पुन: पुरानी पेंशन को लागू करने का विचार कर रही है तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बताकर स्पष्ट करें। (ग) क्या स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा शिक्षकों के वेतन का आहरण ब्लॉक शिक्षा अधिकारी द्वारा किया जाता है? यदि हाँ, तो शिक्षकों के वेतन के बिल संकुल केन्द्रों पर क्यों बनवाए जाते हैं? यह कौन सी नीति है? स्पष्ट करें।
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। भारत सरकार द्वारा लागू की गई पुनर्संरचित राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली अनुसार ही मध्यप्रदेश शासन द्वारा भी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली लागू की गई। राष्ट्रीय पेंशन योजना अंतर्गत कर्मचारियों के मूल वेतन एवं मंहगाई भत्ते के योग का 10 प्रतिशत राशि अभिदाता अंशदान तथा 10 प्रतिशत शासकीय अंशदान प्रदान किया जाकर कुल 20 प्रतिशत कर्मचारी के पेंशन खाते (प्रॉन) में जमा होता है। उक्त राशि का निवेश पी.एफ.आर.डी.ए. द्वारा नियुक्त फंड मैनेजरों में से अभिदाता द्वारा चयनित फंड मैनेजर के माध्यम से किये जाने का प्रावधान है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) भारत सरकार की राष्ट्रीय पेंशन योजना के अनुक्रम में अन्य राज्यों के समान मध्यप्रदेश में लागू है पुरानी योजना को लागू करने का वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। कार्य सुविधा की दृष्टि से विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा संकुल केन्द्रों का सहयोग लिया जाता है।
औषधि निरीक्षक के स्वीकृत पद
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
23. ( क्र. 3818 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर में औषधि निरीक्षक (ड्रग इन्सपेक्टर) के स्वीकृत कितने पद कब से रिक्त हैं एवं क्यों? कौन-कौन औषधि निरीक्षक कब से पदस्थ हैं। पूर्व में कब से किस जिले में पदस्थ थे। पदस्थी के दौरान इनके पास किन-किन जिलों का अतिरिक्त प्रभार था एवं क्यों? (ख) प्रश्नांकित औषधि निरीक्षक ने शासन से मान्यता व लायसेंस प्राप्त संचालित किन-किन मेडिकल स्टोर, सेंटर एजेंसी स्टॉकिस्ट का कब-कब आकस्मिक की जाँच की हैं जाँच में कहाँ-कहाँ पर स्टेट ड्रग स्टेन्डर्ड कन्ट्रोल ऑर्गेनाइजेशन द्वारा जारी लायसेंस के साथ रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट, स्टॉफ आवश्यक संसाधन उपकरण एवं सुविधाएं नहीं पाई गई हैं। एक ही लायसेंस पर एक से अधिक व बिना लायसेंस के कितने-कितने पाये गये हैं। इनके विरूद्ध कब क्या कार्यवाही की गई? पदस्थी दिनांक से फरवरी 2021 की माहवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांकित औषधि निरीक्षक ने कब-कब, कहाँ-कहाँ से किन-किन दवाईयों के नमूने जाँच हेतु लिये है एवं कहाँ-कहाँ से कौन-कौन सी प्रतिबंधित, नशीली, एक्सपायरी दवाईयां कितनी-कितनी मात्रा में जब्त की हैं? जाँच में किन-किन दवाईयों के नमूने अपमिश्रित, दूषित, नकली, गुणवत्ताविहिन व मिथ्याछाप पाये गये है और इस संबंध में कब-कब, किस-किस पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' एवं ''ड'' अनुसार है।
कोरोना वारियर्स को प्रमाण पत्र का प्रदाय
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
24. ( क्र. 3872 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर एवं प्रदेश के MBBS डॉक्टर्स, नर्सिंग, पैरामेडिकल स्टॉफ को कोरोना वारियर्स का प्रमाण पत्र दिया गया है? (ख) क्या आयुष, आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, यूनानी एवं पैरामेडिकल स्टॉफ को प्रमाण पत्र नहीं दिया गया है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत स्टॉफ ने कोरोना में कार्य किया है? (घ) यदि हाँ, तो इन्हें प्रमाण पत्र क्यों नहीं दिया गया है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों की जिलों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोरोना वारियर्स को प्रमाण पत्र दिया गया है। (ख) जी नहीं। परन्तु लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों को जिलों द्वारा प्रेषित किये गये नामांकन के आधार पर कोरोना वारियर्स प्रमाण पत्र दिया गया है। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं। परन्तु लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों को जिलों द्वारा प्रेषित किये गये नामांकन के आधार पर कोरोना वारियर्स प्रमाण पत्र दिया गया है।
खोदी गई सड़कों का मरम्मत कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
25. ( क्र. 3994 ) श्री रामपाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में उदयपुरा समूह जल प्रदाय योजना तथा बेगमंगज गैरतगंज समूह जल प्रदाय योजना में सम्मिलित ग्रामों में निर्माण एजेंसी द्वारा कितने वर्षों तक पेयजल उपलब्ध कराया जायेगा। (ख) प्रश्नांश (क) के ग्रामों में निर्माण एजेंसी द्वारा पाईप लाईन बिछाने हेतु खोदी गई सड़कों की मरम्मत/निर्माण क्यों नहीं किया जा रहा है कब तक सड़कों की मरम्मत/निर्माण करवाया जायेगा। (ग) प्रश्नांश (ग) की योजनाओं में किन-किन ग्रामों/स्थानों को सम्मिलित करने हेतु माननीय मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए। (घ) उक्त पत्रों पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा की गई कार्यवाही से कब-कब अवगत कराया पूर्ण विवरण दें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) रायसेन जिले में उदयपुरा समूह जल प्रदाय योजना तथा बेगमगंज-गैरतगंज समूह जल प्रदाय योजना में सम्मिलित ग्रामों में निर्माण एजेंसी द्वारा कार्य पूर्णता दिनांक से 10 वर्षों तक पेयजल उपलब्ध कराया जायेगा। (ख) उदयपुरा समूह जल प्रदाय योजना में पाईप लाईन बिछाने हेतु खोदी गई सड़कों की मरम्मत का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। पाईपलाईन के संचालन एव संधारण के दौरान खोदी गई सड़कों को कार्योंपरान्त मरम्मत की जाकर यथास्थिति में किया जा रहा है। बेगमगंज-गैरतगंज समूह जल प्रदाय योजना में पाईपलाईन बिछाने का कार्य प्रगतिरत है एवं कार्योंपरान्त सड़क मरम्मत का कार्य किया जा रहा है। (ग) 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक रायसेन जिले के माननीय विधायकों से प्राप्त पत्रों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उक्त पत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मान डेम समूह जल प्रदाय योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
26. ( क्र. 4175 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंत्री परिषद की बैठक दिनांक 03.03.2020 में आर.आई.डी.एफ. नाबार्ड के वित्तीय सहयोग से मान डेम समूह जल प्रदाय योजना लागत 257.67 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर विस्तृत सर्वेक्षण का निर्देश दिया गया था? (ख) यदि हाँ, तो इस परियोजना के क्रियान्वयन की अद्यतन स्थिति से अवगत कराएं? यदि डी.पी.आर. बन चुकी हैं तो इसका विवरण देवें। (ग) क्या प्रश्नकर्ता के पत्र पर प्रश्नाधीन योजना में सरदारपुर तहसील के 30 गांवों को शामिल किया गया था? गांवों के नाम बताएं एवं किस-किस गांव में कितने हेक्टेयर भूमि को सिंचाई के लिये पानी उपलब्ध कराया जावेगा? (घ) आर.आई.डी.एफ. नाबार्ड की शर्त अनुसार इस परियोजना का कार्य किस दिनांक तक पूर्ण होना जरूरी है? यदि परियोजना में गावों के चयन में और कार्य करने में किसी भी प्रकार की अनियमितता होती है तो उसकी शिकायत आर.आई.डी.एफ. नाबार्ड के किस कार्यालय में किस अधिकारी को की जा सकती हैं? अधिकारी का नाम तथा कार्यालय का पता देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) क्रियान्वयन अप्रारंभ, योजना को जल जीवन मिशन के मापदण्ड अनुसार पुनरीक्षित किया जा रहा है। जी नहीं, डी.पी.आर. पुनरीक्षित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांकित समूह जलप्रदाय योजना से सिंचाई के लिये पानी उपलब्ध कराने का प्रावधान नहीं है। (घ) उत्तरांश (ख) के संदर्भ में आर.आई.डी.एफ. नाबार्ड मद में स्वीकृत योजना की प्रशासकीय स्वीकृति निरस्त की गयी है, अतः कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
समूह नल-जल योजना की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
27. ( क्र. 4226 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के खिलचीपुर विधान सभा के अंतर्गत विगत 3 वर्षों में समूह नल-जल योजना में कितने ग्रामों का चयन किया गया है? सूची उपलब्ध करवायें। (ख) प्रश्नांश (क) के चयनित ग्रामों में से कितने ग्रामों में समूह नल-जल योजना के तहत कार्य पूर्ण हो चुका है? क्या कार्य पूर्ण होने के पश्चात इन ग्रामों के समस्त घरों में जल वितरण की व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही है? यदि नहीं, तो कब तक व्यवस्था हो जाएगी। (ग) प्रश्नांश (क) के चयनित ग्रामों में से कितने ग्रामों में समूह नल-जल योजना के अंतर्गत कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है या अपूर्ण है? कब तक निराकरण हो जाएगा? सूची उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में राजगढ़ जिले के खिलचीपुर विधानसभा क्षेत्र के 338 ग्रामों का समूह जलप्रदाय योजना में चयन किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) योजना अंतर्गत सभी ग्रामों में कार्य प्रगतिरत है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) योजना अंतर्गत सभी ग्रामों में कार्य प्रारंभ होकर प्रगतिरत है, मार्च 2022 तक पूर्ण होना संभावित है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधायक निधि से स्वीकृत राशि की द्वितीय किश्त का प्रदाय
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
28. ( क्र. 4227 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खिलचीपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत नगर खिलचीपुर, विकासखण्ड खिलचीपुर, जिला राजगढ़ में दिनांक 03/09/2019 को विधायक निधि से स्वीकृत कार्य छारबाग (राजपूत शमशान) बाउण्ड्रीवॉल निर्माण राशि 18.98 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई थी, जिसकी क्रियान्वयन एजेंसी संभागीय परियोजना लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू.) राजगढ़ को बनाया गया था? यदि हाँ, तो क्या इसकी प्रथम किश्त जिला योजना अधिकारी, जिला योजना एवं सांख्यिकी राजगढ़ द्वारा जारी की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या जारी प्रथम किश्त की राशि से निर्माण एजेंसी द्वारा कार्य पूर्ण करवाकर परियोजना यंत्री लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू.) द्वारा जिला योजना सांख्यिकी विभाग, राजगढ़ को उपयोगिता प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किया गया? यदि हाँ, तो किस दिनांक को प्रस्तुत किया गया। (ग) उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त होने के पश्चात क्या जिला योजना एवं सांख्यिकी विभाग, राजगढ़ द्वारा उक्त निर्माण कार्य हेतु द्वितीय किश्त जारी की गई? (घ) यदि नहीं, तो उक्त राशि को योजना एवं सांख्यिकी विभाग के बी.सी.ओ. से परियोजना संचालक लोक निर्माण विभाग (परियोजना क्रियान्वयन इकाई) निर्माण भवन भोपाल के बी.सी.ओ. में राशि डालने में विलंब के क्या कारण हैं? यह राशि कब तक संबंधित विभाग के बी.सी.ओ. में डाल दी जाएगी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) उपयोगिता प्रमाण पत्र दिनांक 04.06.2020 को प्रस्तुत किया गया। (ग) राशि जारी कर दी गई है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिपेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय कर्मचारियों/अधिकारियों की पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करना
[वित्त]
29. ( क्र. 4289 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल 2005 के पश्चात नियुक्त म.प्र.शासन के कर्मचारियों/अधिकारियों के सेवा निवृत्ति उपरांत पुरानी पेंशन किस नियम एवं आदेश के द्वारा बंद की गई? उक्त पेंशन को बंद करने में शासकीय कर्मचारियों/अधिकारियों की सहमति ली गई अथवा नहीं। यदि नहीं, तो क्यों? (ख) न्यू पेंशन स्कीम में किस नियम आदेश के तहत म.प्र. शासन द्वारा कर्मचारियों/अधिकारियों को शामिल किया गया है? सेवानिवृत्ति पश्चात न्यू पेंशन स्कीम में शामिल कर्मचारियों/अधिकारियों को प्रतिमाह कितनी राशि दिए जाने का प्रावधान है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) पुरानी पेंशन स्कीम को बंद किए जाने से म.प्र. शासन के कर्मचारियों/अधिकारियों को क्या लाभ हुआ? सेवानिवृत्ति पश्चात, म.प्र. शासन के कितने कर्मचारियों/अधिकारियों को अब तक न्यू पेंशन स्कीम का लाभ मिल चुका है एवं उन्हें प्रतिमाह कितनी राशि भुगतान की जा रही है?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग के ज्ञाप क्रमांक एफ 9-3/2003/नियम/चार, दिनांक 13-04-2005 द्वारा शासन के अधीन सिविल सेवा व सिविल पदों पर दिनांक 01-01-2005 को या उसके पश्चात् नियुक्त कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना लागू की गयी है। भारत सरकार द्वारा लागू की गई पुनर्संरचित राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली अनुसार ही मध्यप्रदेश शासन द्वारा भी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली लागू की गयी। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश "क" के अनुसार राष्ट्रीय पेंशन योजना के अंतर्गत अभिदाता के पूर्ण सेवाकाल में कुल जमा अंशदान राशि का 60 प्रतिशत राशि अभिदाता के खाते में एकमुश्त अंतरण कर दिया जाता है। शेष 40 प्रतिशत राशि से अभिदाता पी.एफ.आर.डी.ए. द्वारा अधिकृत एन्युटी सर्विस प्रोवाईडर का चयन कर मासिक पेंशन प्राप्त करता है। अभिदाता के खाते में संचित निधि के आधार पर पेंशन (एन्युटी) निर्धारित होती है। (ग) पुरानी पेंशन योजना मध्यप्रदेश सिविल सेवा पेंशन नियम, 1976 से शासित होती है जबकि नवीन पेंशन योजना पी.एफ.आर.डी.ए. द्वारा विनियमित होती है। पृथक-पृथक शासन आदेश होने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
थैलेसीमिया बीमारी को राज्य बीमारी स्कीम में सम्मिलित किया जाना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
30. ( क्र. 4290 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन की किसी योजना के अंतर्गत थैलेसीमिया जैसी गंभीर बीमारी से पीडि़त व्यक्ति या परिवार की सहायता प्रदान की जाती है? (ख) यदि नहीं, तो क्या भविष्य में थैलेसीमिया बीमारी को राज्य बीमारी सहायता स्कीम (RBS) या अन्य किसी योजना में शामिल करने की कोई योजना है? (ग) क्या ग्वालियर जिले के किसी शासकीय अस्पताल में थैलेसीमिया पीड़ित व्यक्ति के लिये ''नेट टेस्टेड ब्लड'' उपलब्ध कराया जाता है? यदि हाँ, तो जानकारी दें। (घ) यदि नहीं, तो ग्वालियर में ''नेट टेस्टेड ब्लड'' उपलब्ध कराने की भविष्य में कोई योजना है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। पृथक से योजना नहीं है। थैलेसीमिया के मरीजों को शासकीय अस्पतालों में जाँच, नि:शुल्क औषधियां एवं रक्ताधान की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है। (ख) जी नहीं। थैलेसीमिया बीमारी के उपचार हेतु ब्लड ट्रांसफ्यूजन पैकेज की सुविधा आयुष्मान भारत ''निरामयम'' योजना में उपलब्ध है। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। वर्तमान में माह जनवरी-2021 से भोपाल एवं इंदौर में हब एवं स्पोक मॉडल से नेट टेस्टेड ब्लड की सुविधा प्रारंभ की गई है।
बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
31. ( क्र. 4345 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में कितनी नल-जल योजना जल जीवन मिशन योजना अन्तर्गत किस-किस ग्राम में स्वीकृत की गई हैं एवं कितनी नल-जल योजना का विस्तारीकरण किया गया? ग्राम के नामवार, राशिवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) ग्राम पिपलु, लोहाना, जलोदिया, व माधौपुरा में स्वीकृत नल-जल योजना का कार्य कब पूर्ण हुआ? किसके द्वारा पूर्णतः प्रमाण पत्र जारी किया गया? इन नल-जल योजनाओं के संबंध में ग्रामीणजनों द्वारा बताया गया की कार्य अपूर्ण होने एवं घटिया किस्म की सामग्री का उपयोग किया गया है इसकी जाँच करवाकर दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) नल-जल योजना के ड्राइंग डिजाईन, उपयोग होने वाले पाईप की गुणवत्ता एवं विस्तारीकरण संबंधित सम्पूर्ण जानकारी ग्रामवार उपलब्ध करावें। (घ) नल-जल योजना के अन्तर्गत सामग्री की क्वालिटी की जाँच किस-किस अधिकारी के द्वारा की जाती है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जल जीवन मिशन के अंतर्गत नल-जल योजनाओं की स्वीकृति वर्ष 2020-21 में प्रारंभ की गयी, स्वीकृत योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। विभाग को शिकायत प्राप्त नहीं हुयी है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (घ) तृतीय पक्ष की परीक्षण रिपोर्ट प्राप्त होने के उपरांत उपयंत्री, सहायक यंत्री, एवं कार्यपालन यंत्री द्वारा सामग्री की जाँच की जाती है।
ट्यूबवेल से निकलने वाले लाल पानी की जांच
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
32. ( क्र. 4364 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम शहर के औद्योगिक क्षेत्र तथा आस-पास के कितने गांव का भूमिगत जल प्रभावित है और कई स्थानों पर वह लाल हो चुका है। ट्यूबवेल से निकलने वाले लाल पानी की ताजा जाँच रिपोर्ट देवें तथा बतावें कि इसका रंग लाल क्यों हुआ तथा इसमें मानव स्वास्थ्य, पशु स्वास्थ्य तथा खेती की उपज के लिये हानिकारक रसायन शामिल है। (ख) प्रश्नांश (क) के उल्लेखित लाल पानी क्या कुछ उद्योगों के भंडार किये हुए परिसंकटमय अपशिष्ट के कारण निकल रहा है या सामान्य प्रक्रिया के तहत निकल रहा है? लाल पानी निकलने की शुरूआत सबसे पहले किस वर्ष में हुई तथा धीरे-धीरे उनके विस्तार में कमी हुई या वृद्धि हुई? (ग) क्या परिसंकट मय अपशिष्ट के लिये कुछ उद्योगों के मालिकों पर विभिन्न धाराओं में विगत 5 वर्षों में प्रकरण दर्ज किया गया था? यदि हाँ, तो उनके नाम, निवास का पता, प्रकरण क्रमांक, पुलिस थाना, धाराए, दिनांक सहित सूची देवें तथा बतावें की किस-किस आरोपी को किस-किस दिनांक को गिरफ्तार किया गया? (घ) क्या केन्द्र सरकार के निर्देश पर कन्सलटेन्ट ने लाल पानी पर रिपोर्ट तैयार की? उसकी प्रति देवें तथा बतावें कि भूमिगत लाल पानी को ठीक करने में कितना खर्च आयगा तथा वह खर्च परिसंकटमय अपशिष्ट का भंडारण करने वाले उद्योगों से वसूला जायगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 7 ग्रामों का। म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राप्त जानकारी अनुसार- रतलाम शहर के औद्योगिक क्षेत्र में विगत वर्षों से बंद हुई इकाईयों के वेस्ट मटेरियल के प्रभाव से आसपास के जल का रंग लाल है। बोर्ड द्वारा विश्लेषित ट्यूबवेल से निकलने वाले जल की विश्लेषण रिपोर्ट, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। औद्योगिक क्षेत्र एवं आसपास के गांवों में भूमिगत जल से मानव स्वास्थ्य पर इसके विपरीत प्रभाव संबंधी जानकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला रतलाम द्वारा निरंक दर्शाई गई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। औद्योगिक क्षेत्र एवं आसपास के गांवों में भूमिगत जल से पशुओं के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव संबंधी जानकारी उप संचालक, पशु चिकित्सालय रतलाम द्वारा निरंक दर्शाई गई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। खेती की उपजाउता पर हानिकारक प्रभाव के संबंध में उप संचालक, कृषि जिला रतलाम द्वारा ''भूमि की उत्पादकता पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं'' बताया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ख) म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राप्त जानकारी अनुसार- मेसर्स सज्जन केमिकल्स प्रा.लि. रतलाम, मेसर्स जयंत विटामिंस लि. रतलाम से जनित एवं इनके बंद होने के पश्चात् जमा हुए परिसंकटमय अपशिष्ट के कारण औद्योगिक क्षेत्र के कुछ भागों में जल का रंग भूरा, लाल एवं पीला है। औद्योगिक क्षेत्र में लाल पानी होने की दशा कार्यालय में उपलब्ध रिकार्ड अनुसार वर्ष 1985-86 से परिलक्षित हुई है। लाल रंग के पानी के विस्तार में कमी बाबत् कोई चलन (ट्रेंड) स्पष्ट नहीं है। भौतिक रूप से देखने पर लाल रंग में कमी परिलक्षित हुई है। (ग) म.प्र.प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राप्त जानकारी अनुसार- उद्योगों के मालिकों पर परिसंकटमय अपशिष्ट नियमों के अंतर्गत दायर विगत 05 वर्षों में दर्ज प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। शेष प्रश्नांश की जानकारी निरंक है। (घ) म.प्र.प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राप्त जानकारी अनुसार- केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दिल्ली द्वारा इसके निपटान आदि हेतु कंसलटेंट नियुक्त कर योजना की डी.पी.आर. तैयार करने हेतु क्षेत्र का विस्तृत पर्यावरणीय अध्ययन कार्य प्रगति पर है एवं रिपोर्ट प्राप्ति उपरांत ही पर्यावरण पर क्या दुष्प्रभाव हुआ, बताया जाना संभव होगा। माननीय सी.जे.एम. न्यायालय रतलाम में इन उद्योगों के विरूद्ध पर्यावरणीय अधिनियमों के तहत कोर्ट केस प्रचलन में है। इन उद्योगों से खर्च वसूली संबंधी कार्यवाही माननीय न्यायालय के निर्णय उपरांत आदेश के अनुरूप किया जाना संभव होगा।
विधायक निधि राशि की लंबी प्रक्रिया को सीमित किया जाना
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
33. ( क्र. 4372 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधायक निधि मद में प्राप्त होने वाली राशि से निर्माण कार्य हेतु प्रस्ताव देने पर निर्माण एजेंसी लोक निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग अथवा ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग नियुक्त करने पर राशि निर्माण एजेंसी तक पहुंचने में अत्यंत लंबी प्रक्रिया है। जिसमें राशि जिला योजना कार्यालय से उनके योजना आर्थिक एवं सांख्यकी विभाग भोपाल पहुंचती है, फिर योजना आर्थिक सांख्यकी भोपाल से निर्माण एजेंसी के भोपाल स्थित कार्यालय (उदाहरणार्थ लोक निर्माण, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा आदि विभाग) पहुंचती है। इसके उपरांत भोपाल से जिले में राशि भेजी जाती है, तब जाकर राशि प्राप्त होने पर निविदा प्रक्रिया प्रारंभ होती है? इस दौरान यदि 31 मार्च के पूर्व निविदा आदि की कार्यवाही पूर्ण होकर कार्य प्रारंभ नहीं होता तो राशि लेप्स हो जाती है और निमार्ण कार्य में अनावश्यक विलंब होता है? जबकि जिला योजना कार्यालय से सीधे जिले के निर्माण एजेंसी कार्यालय को राशि भेजने पर एक लंबी प्रक्रिया बचेगी तथा शीघ्र कार्य पूर्ण हो सकेंगे? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या अनेक विधानसभा क्षेत्रों की राशि उक्त लंबी कार्यवाही के चलते प्रतिवर्ष 31 मार्च को लेप्स हो जाती है? क्या इस महत्वपूर्ण विषय पर विभाग कोई उचित कार्यवाही करेगा, जिससे उक्त लंबी प्रक्रिया को सीमित कर निर्माण कार्य को शीघ्रता से संपन्न कराया जा सके? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही करेगा व कब तक?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) मध्यप्रदेश शासन योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के पत्र क्रमांक 197/365/2021/23/योआसां भोपाल दिनांक 24/02/2021 के द्वारा भुगतान की प्रक्रिया में वित्त विभाग द्वारा किया गया संशोधन जिलों को सूचित कर दिया गया है। इससे राशि जिला योजना कार्यालय से सीधे जिले की निर्माण एजेंन्सी का अंतरित होना संभव हो गया है। (ख) उत्तर ''क'' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जनभागीदारी मद में आवंटन से अधिक राशि के कार्य की स्वीकृती
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
34. ( क्र. 4399 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ अंतर्गत वर्ष 2016-17 से लगातार 2020-21 में प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा जनभागीदारी मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जनभागीदारी मद से जिला राजगढ़ अंतर्गत 25 प्रतिशत एवं 50 प्रतिशत जनभागीदारी मद से किस-किस कार्य हेतु राशि स्वीकृति करने के नियम हैं? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला राजगढ़ की विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर में दर्शित अवधि में किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कौन-कौन से कार्य पूर्ण होकर पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी कर दिये गये हैं? ग्राम पंचायतवार, कार्यवार, स्वीकृत राशि की दिनांक तथा पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी करने वाले अधिकारी के नाम की जानकारी देवें। (घ) क्या जिला राजगढ़ अंतर्गत शासन से प्राप्त आवंटन से भी अधिक राशि जन भागीदारी मद में स्वीकृत की गई है? मुरमीकरण के कार्य तथा ग्रेवल सड़कों के निर्माण की शासन से अनुमति नहीं होने के उपरांत भी नियम विरुद्ध कार्य स्वीकृत किये गये हैं? यदि हाँ, तो दोषियों के विरुद्ध शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) जिला राजगढ़ में वित्तीय वर्ष 2016-17 में राशि रू. 756.73 लाख, वर्ष 2017-18 में राशि रू. 788.94 लाख वर्ष 2018-19 में राशि रू. 513.47 लाख, वर्ष 2019-20 में रू.28.85 लाख तथा वर्ष 2020-21 में रू. 536.00 लाख आवंटित की गई। (ख) नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। वित्तीय वर्ष 2016-17 में आवंटित राशि से अधिक के कार्य स्वीकृत किये गये हैं। जनभागीदारी योजना के नियमों में ऐसा कोई प्रतिबन्ध नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रामपायली का धार्मिक एवं पर्यटक क्षेत्र के रूप में विकास
[पर्यटन]
35. ( क्र. 4401 ) श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र वारासिवनी में ग्राम रामपायली एक धार्मिक स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार वन गमन के दौरान भगवान श्री राम के चरण इस स्थान पर पड़े थे। रामपायली को धार्मिक एवं पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के लिये प्रश्नकर्ता द्वारा शासन से अनुरोध किया गया था इस दिशा में शासन द्वारा अभी तक क्या कोई कार्यवाही की गई है? (ख) यदि हाँ, तो रामपायली के विकास के लिये शासन द्वारा क्या कोई स्थल परीक्षण कराया गया है? स्थल परीक्षण उपरांत विकास के लिये कोई प्रारूप तैयार किया गया है तो उसकी प्रति उपलब्ध करावें। (ग) यदि नहीं, तो रामपायली को धार्मिक एवं पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के लिये शासन द्वारा कब तक कार्यवाही कर ली जावेगी?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) समय-सीमा बताये जाना संभव नहीं है।
रामपायली को धार्मिक एवं पर्यटक क्षेत्र के रूप में विकसित करना
[अध्यात्म]
36. ( क्र. 4402 ) श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल : क्या पर्यटन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र वारासिवनी में ग्राम रामपायली एक धार्मिक स्थल के रूप में प्रसिद्ध है, पौराणिक मान्यताओं के अनुसार वन गमन के दौरान भगवान श्रीराम के चरण इस स्थान पर पड़े थे। रामपायली को धार्मिक एवं पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के लिये प्रश्नकर्ता द्वारा शासन से अनुरोध किया गया था, इस दिशा में शासन द्वारा अभी तक क्या कोई कार्यवाही की गई है? (ख) यदि हाँ, तो रामपायली के विकास के लिये शासन द्वारा क्या कोई स्थल परीक्षण कराया गया है? स्थल परीक्षण उपरांत विकास के लिये कोई प्रारूप तैयार किया गया है तो उसकी प्रति उपलब्ध करावें। (ग) यदि नहीं, तो रामपायली को धार्मिक एवं पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के लिये शासन द्वारा कब तक कार्यवाही कर ली जावेगी?
पर्यटन मंत्री ( सुश्री उषा ठाकुर ) : (क) जी हाँ। कलेक्टर जिला- बालाघाट से प्रश्नाधीन प्रस्ताव विभाग को उपलब्ध कराये जाने हेतु एवं संबंधित विभाग से अनुरोध किया गया है। (ख) वर्तमान में कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार। विधिवत प्रस्ताव प्राप्त होने पर परीक्षण उपरांत कार्यवाही की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
रेफ्रीजरेटर मैकेनिक संविदा का नियमितीकरण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
37. ( क्र. 4410 ) श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन के स्वास्थ्य विभाग में टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत जिलेवार कितने रेफ्रीजरेटर मैकेनिक संविदा एवं नियमित पद पर कार्य कर रहे हैं तथा संविदा को नियमित करने के लिये शासन स्तर पर क्या योजना बनाई गई है व एक ही पद पर क्या-क्या वेतनमान दिया जा रहा है? जब पद रिक्त है तो संविदा कर्मचारी को उसी पद पर नियमित क्यों नहीं किया गया? (ख) म.प्र.शासन के स्वास्थ्य विभाग में ऐसे कितने रेफ्रीजरेटर मैकेनिक है जो निश्चित वेतन 10500 रूपये पर विगत 13 वर्षों से अधिक समय से कार्य कर रहे हैं व इनकी वेतन वृद्धि क्यों नहीं की गई? वेतन वृद्धि की शासन स्तर पर क्या योजना है? (ग) क्या म.प्र.शासन के आदेशानुसार अन्य विभागों में पदस्थ संविदाकर्मियों को नियमित कर नियुक्त किया जा चुका है? यदि हाँ, तो बतायें कि स्वास्थ्य विभाग जैसी आपातकालीन सेवाएं जनता को देने वाले संविदा स्वास्थ्यकर्मियों को शासन कब तक नियमित करने का आदेश प्रसारित करेगा? (घ) क्या संविदा पर नियमित पद के विरूद्ध कार्यरत पैरामेडिकल स्टॉफ को 05 जून 2018 के आदेश के परिपालन में नियमित पद के विरूद्ध 90 प्रतिशत वेतनमान का लाभ के आदेश 29 सितम्बर 2018 को प्रसारित किये गये हैं? यदि हाँ, तो नियमित पद के विरूद्ध संविदा पर कार्यरत रेफ्रीजरेटर मैकेनिक को 05 जून 2018 का 90% वेतनमान का आदेश का लाभ क्यों नहीं दिया गया?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दिनांक 05 जून 2018 को संविदा पर नियुक्त अधिकारियों/कर्मचारियों को नियमित पदों पर नियुक्ति के अवसर प्रदान किये जाने हेतु जारी नीति-निर्देश के अनुक्रम में विभाग के अधीन प्रचलित ''मध्यप्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग (अलिपिकवर्गीय) संचालनालय स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित तृतीय श्रेणी सेवा भर्ती नियम, 1989 में मध्यप्रदेश असाधारण राजपत्र दिनांक 02 फरवरी 2019 द्वारा संशोधन किया जाकर'' अपेक्षित व्यक्तियों की संख्या के बीस प्रतिशत पद उन व्यक्तियों के लिए आरक्षित होंगे जो संविदा आधार पर नियुक्त किये गये है'' संबंधी प्रावधान किया गया है, राजपत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। उपरोक्तानुसार नियमों में प्रावधान अनुसार प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के माध्यम से रेफ्रिजिरेटर मेकेनिक हेतु चयन परीक्षा आयोजित किये जाने पर नियमानुसार नियुक्त किया जावेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं, नियमित पदों के विरूद्ध संविदा पर कार्यरत रेफ्रिजिरेटर मेकेनिक को प्रारंभ में रूपयें 6000/- मासिक संविदा वेतन प्रदाय किया गया है एवं राज्य शासन आदेश दिनांक 21.10.2014 द्वारा दिनांक 01.06.2014 से रूपयें 10500/- संविदा मासिक वेतन दिया जा रहा है। मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दिनांक 05 जून 2018 को जारी नीति-निर्देश के अनुक्रम में नियमित पदों के विरूद्ध कार्यरत संविदा रेफ्रिजिरेटर मेकेनिक को विभाग में स्वीकृत नियमित वेतनमान का 90 प्रतिशत मानदेय दिये जाने हेतु कार्यवाही प्रचलित है। (ग) मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दिनांक 05 जून 2018 को जारी नीति-निर्देश अनुसार कार्यवाही की जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। जानकारी उत्तरांश (ख) में समाहित है।
कोविड-19 के दौरान प्रदाय राहत राशि के उपयोग में अनियमितता
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
38. ( क्र. 4451 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ अंतर्गत वैश्विक महामारी कोविड-19 में लॉकडाउन के दौरान बचाव, राहत, सामग्री एवं अन्य सुविधा उपलब्ध कराने हेतु कितनी राशि आवंटित की गई? मदवार आवंटित राशि की जानकारी देवें। आवंटित राशि के विरुद्ध किस-किस कार्य एवं सामग्री को क्रय किया गया? कार्यवार व्यय राशि की जानकारी विधानसभावार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त आवंटन में से कितनी-कितनी राशि क्वारेंटाइन सेन्टर बनाने हेतु, प्रवासी मजदूरों को ठहरने, खाने, रहने की व्यवस्था हेतु तथा स्थानीय सेवा बस्तियों में मजदूरों को भोजन-पानी तथा अन्य जरुरत की व्यवस्था उपलब्ध कराने हेतु तथा प्रवासी मजदूरों को उनके मूल स्थान तक भेजने एवं बाहर के मजदूरों को मुख्यालय तक वापस लाने में व्यय की गई? क्वारेंटाइन सेन्टर का नाम, ठहरने वाले लोगों के नाम, पता तथा जिला के बाहर भेजने वाले प्रवासी मजदूरों की संख्या स्थान वाहन/बस क्रमांक मालिका का नाम, भुगतान की दिनांक एवं राशि की जानकारी देवे? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस-किस सामग्री को क्रय करने तथा क्रय करने की क्या प्रक्रिया अपनाई गई तथा किस फर्म/व्यक्ति को भुगतान किया गया? तथा शेष भुगतान की जानकारी देवें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जिला राजगढ़ को मद क्रमांक 5504 में कुल राशि 3.00 करोड़ का आवंटन प्राप्त हुआ। जिसके विरूद्ध राशि रूपये 87.62 लाख व्यय किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' के कॉलम नं. 4 ए अनुसार है। कोरान्टाईन सेंटर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। क्रय की प्रक्रिया भण्डार क्रय नियमानुसार की गई तथा किसी भी फर्म/व्यक्ति को भुगतान किया जाना शेष नहीं है।
रोजगार एवं उद्योग संवर्धन मूलक योजनाएं
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
39. ( क्र. 4454 ) श्री विक्रम सिंह : क्या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिला अंतर्गत प्रधान मंत्री/मुख्य मंत्री रोजगार मूलक एवं उद्योग संवर्धन मूलक योजनाओं के माध्यम से वर्ष 2018 से वर्ष 2019 तक शासन/विभाग द्वारा क्या-क्या किया गया? (ख) उपरोक्त वर्षों में नवीन रोजगार मूलक कार्यों एवं नवीन उद्योग संवर्धन हेतु जिला सतना के विकासखण्डवार कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुये हैं? सूची प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार प्राप्त आवेदनों में कितने उद्योग धंधे को राशि स्वीकृत की गई है? कितने बैंकों में पड़े हुये हैं? सूची उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत प्रकरणों की सब्सिडी शासन द्वारा कितने समय में हितग्राही को प्रदान की जाती है?
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) सतना जिले में प्रधान मंत्री/ मुख्य मंत्री रोजगार मूलक योजना एवं नवीन उद्योग के संवर्धन हेतु वर्ष 2018 से वर्ष 2019 तक हितग्राहियों/उद्यमियों को अभिप्रेरित/काउंसलिंग कर उनके प्रकरण तैयार कराये गये तथा ऋण/अनुदान दिलाया गया। (ख) उपरोक्त वर्षों में रोजगारमूलक योजनाओं तथा उद्योग संवर्धन योजनाओं के अंतर्गत प्राप्त प्रकरणों की विकासखण्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (घ) अनुदान राशि का वितरण विभाग के पास उपलब्ध बजट के आधार पर किया जाता है।
बरगी दांई तट नहर परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
40. ( क्र. 4456 ) श्री विक्रम सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा घाटी विकास परियोजनांतर्गत सतना जिले को बरगी नहर का पानी दिये जाने की कब तक योजना है? (ख) सतना जिले की रामपुर बाघेलान विधान सभा में बरगी नहर कहाँ से कहाँ तक के लिये प्रस्तावित है? कौन-कौन से ग्राम इससे प्रभावित होंगे? सूची उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार किन-किन ग्रामों में कितनी भूमि सिंचित होगी और कितने ग्रामों का भूमि अधिग्रहण किया गया है? ग्रामवार सूची उपलब्ध करायें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 2024 का लक्ष्य है। (ख) सनौरा उपशाखा नहर आर.डी. 12.950 कि.मी. से आर.डी. 20.750 कि.मी. तक एवं बेजनाथ उपशाखा नहर का निर्माण कार्य प्रस्तावित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' एवं ''स'' अनुसार है।
भितरवार विधानसभा क्षेत्र में कराये गये निर्माण कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
41. ( क्र. 4543 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा ग्वालियर जिले में 1 अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजना में नवीन निर्माण, मेन्टीनेन्स एवं अन्य कार्यों के लिये कितना-कितना वित्तीय आवंटन प्राप्त हुआ है। प्राप्त आवंटन में से भितरवार विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन से निर्माण कार्य किस-किस स्थान पर कितनी-कितनी वित्तीय स्वीकृति के किस-किस ठेकेदार/एजेन्सी द्वारा किन-किन यंत्रियों के सुपरवीजन में किस दिनांक से कराये गये हैं तथा कराये जा रहे है वर्तमान में उनकी भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है? क्या कार्यों की गुणवत्ता खराब होने सम्बन्धी शिकायतें मिली हैं यदि हाँ, तो किस-किस निर्माण कार्य की? शिकायतकर्ता का नाम, पता तथा शिकायत का विवरण दें? क्या उनकी जाँच कराई गई? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन का विवरण दें? क्या पूर्ण हो चुके कार्यों का लोकार्पण कराया गया है? यदि हाँ, तो किस-किस निर्माण कार्य का कब-कब किसके आतिथ्य में? किस-किस कार्य का लोकार्पाण किया जाना शेष है? सम्पूर्ण विवरण दें। (ख) जल-जीवन मिशन योजना ग्वालियर जिले में किस दिनांक से चालू की गई है इस योजना में चालू दिनांक से प्रश्न दिनांक तक किस-किस स्थान पर किस-किस कार्य के लिये कितनी-कितनी राशि के टेण्डर कब-कब किये गये, किस-किस ठेकेदार/एजेन्सी को कितनी-कितनी दर पर कौन-कौन सा टेण्डर स्वीकृत किया गया है स्वीकृत दिनांक से प्रश्न दिनांक तक किस-किस स्थान पर, कौन-कौन सा निर्माण कार्य प्रारम्भ करा दिया गया है क्या कार्य प्रारम्भ कराने के पूर्व भूमि पूजन कराया गया है यदि हाँ, तो किस-किस स्थान पर किस-किस जनप्रतिनिधि के आथित्य में पूर्व विवरण दें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। जी नहीं, विभाग को शिकायत प्राप्त नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) ग्वालियर जिले में जल जीवन मिशन के अंतर्गत योजना के कार्य दिनांक 21.08.2020 से प्रारंभ किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
कोटेशन पर कराये गये कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
42. ( क्र. 4544 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खण्ड ग्वालियर एवं उनके अधीनस्थ कार्यालयों द्वारा 1 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से निर्माण कार्य तथा सामग्री हेतु किस-किस स्थान पर, किस-किस ठेकेदार/एजेन्सी को कोटेशन पर कब-कब किस-किस आदेश द्वारा दिये गये है? क्या इन कार्यों के लिये दिये गये कोटेशनों की किसी सक्षम अधिकारी से स्वीकृति ली गई है? क्या स्वीकृति कार्यों का कार्य पूर्ण किया जा चुका है यदि हाँ, तो किस-किस कार्य तथा सामग्री प्रदाय के लिये कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई थी? तथा कितना-कितना भुगतान किया गया था? (ख) 1 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस निर्माण कार्य एवं सामग्री के सम्बन्ध में सूचना के अधिकार के तहत किस-किस व्यक्ति द्वारा कौन-कौन सी जानकारी चाही गई थी? क्या चाही गई जानकारी सम्बन्धित को उपलब्ध कराई गई? यदि हाँ? तो कब-कब दिनांक बतावें? यदि नहीं, तो क्यों? अभी तक जानकारी उपलब्ध न कराने के लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी है? क्या दोषियों के प्रति कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ? तो क्या? और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? अब कब तक सूचना के अधिकार के तहत माँगी गई जानकारी प्रदाय करा दी जावेगी।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय मदिरा दुकानों से मदिरा विक्रय के नियम और पालन
[वाणिज्यिक कर]
43. ( क्र. 4578 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मदिरा विक्रय पर बिल देने एवं दुकानों पर मदिरा की दरों के सार्वजनिक प्रदर्शन के संबंध में क्या नियम है और इन नियमों के क्रियान्वन एवं पर्यवेक्षन की ज़िम्मेदारी किन-किन शासकीय सेवकों की होती हैं? तथा उल्लंघन पर क्या कार्यवाही किए जाने का प्रावधान हैं? (ख) शासन/विभाग के नियमों के अंतर्गत क्या प्रत्येक ग्राहक को मदिरा क्रय पर बिल दिया जाना एवं प्रत्येक मदिरा दुकान पर मूल्य-सूची सार्वजनिक प्रदर्शित करना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो क्या वर्तमान में कटनी जिले की प्रत्येक देशी/विदेशी मदिरा दुकानों में इन नियमों का पालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस प्रकार? दुकानवार विवरण दीजिये। नहीं, तो क्या कार्यवाही की गई? (ग) वर्तमान वर्ष में कटनी में संचालित मदिरा दुकानों में निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य/दर पर मदिरा विक्रय से संबन्धित कितनी शिकायतें आबकारी विभाग को प्राप्त हुई एवं प्रकरण ज्ञात हुये? और उनका क्या निराकरण किया गया? (घ) क्या वर्तमान वर्ष में कटनी-जिले की मदिरा दुकानों से अधिकतम विक्रय मूल्य से अधिक मूल्य/दर पर शराब विक्रय किया जाना एवं बिल प्रदाय ना करना पाया गया है? और दुकानों पर सुपठित मूल्य सूची भी प्रदर्शित नहीं हैं? यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही की गयी? नहीं तो संबन्धित शासकीय सेवक ऐसा न होना सत्यापित करेंगे?
वित्त मंत्री ( श्री जगदीश देवड़ा ) : (क) मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के सामान्य अनुज्ञप्ति शर्तों के नियम 18 के अनुसार देशी मदिरा दुकानों पर मदिरा की बिक्री दरों को सार्वजनिक प्रदर्शन करने के नियम है। जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। आबकारी आयुक्त मध्यप्रदेश मोतीमहल, ग्वालियर के पत्र क्रमांक/ठेका/2020/146 कैम्प भोपाल दिनांक 19.08.2020 से विदेशी मदिरा दुकानों पर ब्राण्डवार एवं लेबिलवार मदिरा कि मूल्य सूची प्रदर्शित करना अनिवार्य किया गया है। पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 51 के अंतर्गत क्रियान्वयन एवं पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी आबकारी उपनिरीक्षकों एवं उससे उच्च पद के अधिकारियों की होती है। नियमों के उल्लघंन किये जाने पर संबंधित मदिरा दुकान के अनुज्ञप्तिधारी के विरूद्ध विभागीय प्रकरण कायम किया जाकर शास्ति अधिरोपण किये जाने का प्रावधान है। (ख) मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के नियमों में मदिरा दुकानों से ग्राहकों को बिल दिये जाने का प्रावधान नहीं है, किन्तु प्रत्येक मदिरा दुकान पर मदिरा की बिक्री दरों को सार्वजनिक प्रदर्शन करना अनिवार्य है। वर्तमान में कटनी जिले में संचालित 43 देशी एवं 20 विदेशी मदिरा दुकानों पर मदिरा की मूल्य सूची प्रदर्शन के संबंध में प्रभारी आबकारी उप निरीक्षकों के प्रतिवेदन वृत्तवार दुकानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (ग) वर्तमान वर्ष में कटनी जिले में संचालित मदिरा दुकानों में निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य/दर पर विभिन्न माध्यमों से प्राप्त शिकायतों पर नियमानुसार कार्यवाही की गई, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। (घ) वर्तमान वर्ष में कटनी जिले में मदिरा दुकानों से अधिकतम विक्रय मूल्य से अधिक मूल्य/दर की शिकायत कार्यालय जिला कटनी में लंबित नहीं है। मदिरा विक्रय पर बिल देने का प्रावधान नहीं है। जिले की मदिरा दुकानों पर मूल्य सूची लगाये जाने के निर्देश है जिसका पालन कराया जा रहा है, एवं सुपठित मूल्य सूची न लगे होने संबंधित कोई शिकायत कार्यालय जिला कटनी में प्राप्त नहीं हुई है, अत: कार्यवाही की जानकारी निरंक है।
आर.के.एस.के. अंतर्गत मण्डला जिले में किये गए कार्य
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
44. ( क्र. 4609 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) समर्थन संस्था द्वारा आर.के.एस.के. के तहत मण्डला जिले में कब से कब तक कार्य किया गया? उपरोक्त अवधि में संस्था को किस किस मद अंतर्गत कितना कितना भुगतान किया गया? संस्था द्वारा उपरोक्त कार्य अवधि के दौरान जो व्यय किये गए उनकी सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं? (ख) उपरोक्त अवधि में संस्था द्वारा आयोजित किये गए प्रशिक्षणों की तिथिवार, स्थलवार, प्रशिक्षणार्थियों के नाम पता सहित जानकारी उपलब्ध कराएं? संस्था द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को कब-कब, कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? इस भुगतान की प्रक्रिया क्या रही (चेक, नगद या खाते में), विस्तृत विवरण प्रमाण सहित उपलब्ध कराएं? (ग) संस्था द्वारा किये गए कार्यों की मॉनिटरिंग किन-किन अधिकारियों के द्वारा कब कब की गई? इस दौरान अधिकारियों ने क्या क्या कमियां पाईं? क्या संस्था द्वारा शासन के दिशा निर्देश के अनुसार राशि खर्च की गई? यदि नहीं, तो क्या उपरोक्त लापरवाहियों/अनियमितताओं की जाँच की गई है? यदि हाँ, तो जाँच से संबंधित प्रतिवेदन/रिपोर्ट का विवरण उपलब्ध कराएं? (घ) क्या संस्था द्वारा की गई लापरवाहियां/अनियमितताएं गंभीर प्रकृति की हैं एवं पूर्व की जाँच विस्तार से नहीं की गई है, यदि हाँ, तो क्या पुनः जाँच करवाई जाएगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) संस्था समर्थन के द्वारा आर.के.एस.के. के तहत मण्डला जिले में अगस्त 2016 से सितम्बर 2019 तक कार्य किया गया, संस्था को जिन मद में राशि प्रदान की गई एवं संस्था द्वारा व्यय की गई राशि का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) आयोजित प्रशिक्षणों का तिथिवार जानकारी, प्रशिक्षाणार्थियों की सूची एवं प्रदान की गई नगद राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) संस्था द्वारा किए गए कार्यों की मॉनिटरिंग तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक-एन.एच.एम., जिला कम्यूनिटी मोबेलाइजर, जिला किशोर स्वास्थ्य समन्वयक, विकासखण्ड के अधिकारियों के द्वारा प्रशिक्षण आयोजन के दौरान की गई। जी हाँ संस्था द्वारा शासन के निर्देशानुसार राशि खर्च की गई। संस्था के कार्यों के संबंध में शिकायत प्राप्त होने पर क्षेत्रीय संयुक्त संचालक, जबलपुर द्वारा जाँच की गई। जाँच रिपोर्ट जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जी नहीं, पूर्व की जाँच विस्तार से की गई है। पुनः जाँच की आवश्यकता नहीं है।
3 वर्षों से एक ही कार्यालय में कार्यरत कर्मियों के स्थानांतरण
[सामान्य प्रशासन]
45. ( क्र. 4646 ) श्री महेश राय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले के जिला कोषालय, स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा,वन, राजस्व, विद्युत, पंचायत इत्यादि विभागों में विगत 3 वर्षों से एक ही कार्यालय एवं एक ही शाखा में कितने अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत है? (ख) मध्यप्रदेश शासन के नियमानुसार एक ही कार्यालय में एक ही शाखा में कितने वर्ष तक कार्यरत रहने का प्राबधान है? (ग) यदि समय-सीमा निर्धारित है तो विभाग द्वारा उनका स्थानांतरण क्यों नहीं किया गया? (घ) 3 वर्षों से एक ही कार्यालय एवं एक ही शाखा में कार्यरत अधिकारी/कर्मचारियों के स्थानांतरण कब तक कर दिये जायेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) स्थानांतरण नीति वर्ष 2019-20 की कंडिका 11.4 में प्रावधान अनुसार जिलों में पदस्थ प्रथम श्रेणी एवं द्वितीय श्रेणी के कार्यपालक अधिकारियों के एक ही स्थान पर तीन वर्ष की पदस्थापना पूर्ण कर लेने पर जिले से अन्यत्र प्राथमिकता पर स्थानांतरण किया जा सकेगा। तृतीय श्रेणी कार्यपालिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों का भी एक ही स्थान पर सामान्यत: 3 वर्ष या उससे अधिक पदस्थापना की अवधि पूर्ण कर लेने के कारण स्थानांतरण किया जा सकेगा। इसका आशय यह है कि जिन आधारों पर स्थानान्तरण किया जा सकता है उनमें एक आधार यह भी है। यह अनिवार्य नहीं है कि 3 वर्ष पूर्ण होने पर स्थानान्तरण किया ही जावे। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
संविदा कर्मचारियों के मानदेय में बढोत्तरी एवं नियमितीकरण
[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
46. ( क्र. 4663 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में आई.टी. से संबंधित समस्त प्रकार के प्रशिक्षण हेतु जिलों में ई-दक्ष केन्द्रों की स्थापना की गई है? यदि हाँ, तो बतावें कि किन-किन जिलों में ई-दक्ष केन्द्र संचालित हैं? उनके संचालन हेतु स्वीकृत किये गये पदों एवं भर्ती के संबंध में शासनादेशों की प्रतियां देवें। जिलों में पदस्थ अमले की पूर्ण जानकारी नाम, पदनाम सहित जिलावार देवें। (ख) क्या ई-दक्ष केन्द्र के ट्रेनर, लीड ट्रेनर एवं सहायक ई-गवर्नेन्स प्रबंधक की भर्तियां संविदा आधार पर निश्चित मानदेय पर की गई हैं? यदि हाँ, तो क्या मानदेय/संविदा पारिश्रमिक भुगतान के संबंध में राजपत्र दिनांक 5 जून 2018 में किया गया संशोधन उन पर भी लागू है? क्या राजपत्र अनुसार समकक्ष पदों के वेतनमान का 90 प्रतिशत भुगतान किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या कम योग्यताधारी पद सहायक ई-गवर्नेन्स प्रबंधक के मानदेय/संविदा पारिश्रमिक में बढ़ोत्तरी कर 15000-30000 बेसिक एवं उच्च योग्यताधारी पद ट्रेनर एवं लीड ट्रेनर के पारिश्रमिक/संविदा मानदेय में बढोत्तरी क्रमश: 20000-30000 एवं 25000-35000 किया गया है, जो आनुपातिक रूप सही नहीं है। ऐसा क्यों? स्पष्ट करें तथा बतावें कि उच्च योग्यता के पदों पर एम.सी.ए./एम.टे.क योग्यताधारी ट्रेनर एवं लीड ट्रेनरों का कब तक में मानदेय/संविदा पारिश्रमिक आनुपातिक रूप से बढाया जाकर उनके नियमितीकरण की कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ( श्री ओमप्रकाश सखलेचा ) : (क) जी हाँ। शासकीय अधिकारियों/कर्मचारियों के आई.टी. प्रशिक्षण हेतु ई-दक्ष केन्द्रों की स्थापना की गई है। पदों एवं भर्ती के संबंध में आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। ई-दक्ष केन्द्रों की सूची तथा पदस्थ अमले की जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जी हाँ। ई-दक्ष केन्द्र के लीड ट्रेनर तथा ट्रेनर एवं सहायक ई-गवर्नेन्स प्रबंधक की भर्ती संविदा आधार पर निश्चित मानदेय पर की गई है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दिनांक 05 जून, 2018 द्वारा जारी नीति-निर्देश लागू न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विभागीय आदेश क्रमांक एफ.9-2/ 2019/41-2, दिनांक 25-9-2019 द्वारा जिला ई-गवर्नेन्स तथा ई-दक्ष अमले के मासिक मानदेय का युक्तियुक्त पुनर्निधारण किया गया है। सहायक ई-गवर्नेन्स मैनेजर पद की तुलना ट्रेनर पद से की जाना उचित नहीं। दोनो पदों की श्रेणियां भिन्न होने से मानदेय की तुलना नहीं की जा सकती। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दिनांक 05 जून, 2018 द्वारा जारी नीति-निर्देश लागू न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
47. ( क्र. 4690 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक खरगोन जिले में स्वास्थ्य विभाग के किन-किन चिकित्सालय, स्वास्थ्य संस्था, जिला अस्पताल एवं स्वास्थ्य विभाग में अन्य जगह किन-किन आउटसोर्सिंग एजेंसी द्वारा कार्य किया गया। उनकी जानकारी व सूची एवं कार्यरत कर्मचारियों की सूची नाम, पता, जî