मध्यप्रदेश विधान सभा


प्रश्‍नोत्तर-सूची
दिसम्‍बर, 2024 सत्र


बुधवार, दिनांक 18 दिसम्बर, 2024


भाग-1
तारांकित प्रश्‍नोत्तर



शासकीय भूमि का आवंटन

[राजस्व]

1. ( *क्र. 1283 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) क्‍या तहसील मड़वास जिला सीधी के पटवारी हल्‍का टिकरी के अंतर्गत हाल खसरा क्र. 1142, 1143, 1816, 1817 वर्ष 1957 से 1961 तक मध्‍यप्रदेश शासन की जमीन थी? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में खसरा क्र. 1142, 1143, 1816, 1817 को वृक्षारोपण हेतु कब और किसे आवंटित की गई थी? आदेश की प्रति उपलब्‍ध करायें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में खसरा क्र. 1142, 1143, 1816, 1817 को किस नियम/आदेश के तहत श्री आनंद बहादुर सिंह, पिता श्री रन्‍नूसिंह चौहान के नाम भूमि स्‍वामी दर्ज किया गया? आदेश एवं नियम की प्रति उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में खसरा क्र. 1142, 1143, 1816, 1817 यदि शासकीय भूमि थी तो उसे शासकीय भूमि से निजी भूमि में परिवर्तित किया गया है, पुन: शासकीय भूमि के रूप में दर्ज की जावेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) तहसील मड़वास जिला सीधी के हल्का टिकरी के अन्तर्गत हाल खसरा क्रमांक 1142, 1143, 1816, 1817 के संबंध में जिला अभिलेखागार सीधी से प्राप्त वर्ष 1956-1957 से लगायत 1960-1961 तक के खसरा की प्रमाणित प्रति अनुसार आराजी नम्बर 384 रकबा 3.94 एकड़ (किस्म जंगल), आराजी खसरा नम्बर 386 रकबा 0.24 एकड़, के भूमि स्वामी रन्नू सिंह वल्द शुभकरन सिंह चैहान सा. चैहानन टोला दर्ज अभिलेख है तथा आराजी क्रमांक 397 रकबा 7.05 एकड़ (किस्म जंगल), रन्नू सिंह वल्द शुभकरन सिंह चैहान सा. चैहानन टोला 5.79 हे. 397/1, 15.53 एकड़ 4.00 (किस्म जंगल) छिहोरी वल्द बुद्धि बानी सा.देह भूमि स्वामी दर्ज अभिलेख है। इसी प्रकार अधिकार अभिलेख 1975-1976 के अनुसार खाता क्रमांक 83 खसरा नम्बर 384/1 से निर्मित नम्बर 507, 384/2 से निर्मित नम्बर 508, खसरा क्रमांक 386 से निर्मित नम्बर 511 खसरा क्रमांक 397 से निर्मित नम्बर 532 तथा खसरा क्रमांक 397 से ही निर्मित नम्बर 534 किता 5 कुल रकया 4.34 हे. के भूमि स्वामी रन्नू सिंह वल्द शुभकरन सिंह चैहान सा. चैहानन टोला दर्ज अभिलेख है। इसी तरह नया बन्दोबस्त की तैयार रिनम्बरिंग सूची एवं अधिकार अभिलेख अनुसार आराजी खसरा क्रमांक 534/2 रकबा 0.38 हे. से निर्मित नया हाल नम्बर 1142 खसरा क्रमांक 534/2 रकबा 0.81 हे. से निर्मित नया हाल नम्बर 1143 खसरा क्रमांक 507, 532/1, 507 टू.,532/1 टू. रकबा 0.55 हे. से निर्मित हाल नम्बर 1816, खसरा क्रमांक 507 टू., 508 टू., 511 टू., 532/1 टू. से निर्मित हाल नम्बर 1817 में आनन्द बहादुर सिंह पिता रन्नू सिंह चैहान सा.देह शासकीय पट्टेदार (वृक्षारोपण हेतु) अधिकार अभिलेख अनुसार दर्ज अभिलेख है। प्रमाणित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में नया बंदोबस्त अधिकार अभिलेख के प्रमाणित प्रति अनुसार नया खसरा क्रमांक 1142, 1143, 1816, 1817 में भूमि स्वामी आनन्द बहादुर सिंह पिता रन्नू सिंह चैहान सा.देह शासकीय पट्टेदार (वृक्षारोपण हेतु) दर्ज अभिलेख है। आदेश का हवाला अंकित होना नहीं पाया जाता। प्रमाणित प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में खसरा क्रमांक 1142, 1143, 1816, 1817 एवं 1813, 1814, 1815 के संबंध में भूमि स्वामी आनन्द बहादुर सिंह पिता रन्नू सिंह चैहान सा.देह के द्वारा संहिता की धारा 89 के अन्तर्गत आवेदन पत्र दिनांक 02.05.2007 को पेश होने पर प्रकरण क्रमांक 134/31-6-31/2006-2007 के रूप में पंजीबद्ध किया जाकर दिनांक 06.08.2007 को आदेश पारित किया गया है कि आराजी नम्बर 1142, 1143, 1815, 1816, 1817 में दर्ज शासकीय पट्टेदार एवं आराजी नम्बर 1140/0.020 श्मसान एवं आराजी नम्बर 1813, 1814 पर दर्ज भूमि स्वामी केमला विश्‍वकर्मा के स्थान पर आवेदक का नाम दर्ज किये जाने एवं शेष आराजियों के संबंध में रिनम्बरिंग सूची प्रकरण में पेश न करने से पृथक से कार्यवाही करने का आदेश पारित किया गया है। प्रमाणित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। इसी प्रकार हाल में नया नम्बर 1142, 1143, 1816, 1817 एवं 1815 के संबंध में भूमिस्वामी आनन्द बहादुर सिंह पिता रन्नू सिंह चैहान सा.देह द्वारा बंदोबस्त त्रुटि सुधार एवं रकबा पूर्ति हेतु आवेदन पत्र दिनांक 02.01.2006 को पेश करने पर प्रकरण क्रमांक 24/3-6/2007-2008 के रूप में पंजीबद्ध किया जाकर दिनांक 13.02.2008 को ग्राम टिकरी की नया आराजी नम्बर 1142, 1143, 1815, 1816, 1817 में दर्ज शासकीय पट्टेदार आराजी नम्बर 1140 में श्मसान एवं आराजी नम्बर 1813, 1814 पर दर्ज अनावेदक भूमि स्वामी के स्थान पर आवेदक का नाम स्वतंत्र भूमि स्वामी के रूप में दर्ज किये जाने का आदेश पारित किया गया। प्रमाणित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में खसरा क्रमांक 1142, 1143, 1816, 1817 के संबंध में माननीय न्यायालय कलेक्टर महोदय सीधी के प्रकरण क्रमांक 0066/निगरानी/2020-2021 विचाराधीन होने पर आनन्द बहादुर सिंह पिता रन्नू सिंह सा.शेरगाव्य (चैहानन टोला) के द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में पिटीशन प्रस्तुत किया गया, जिसका 3021644/2022 है, जिसमें माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा दिनांक 08.12.2022 को अग्रिम कार्यवाही पर स्थगन आदेश जारी कर दिया गया है। प्रकरण विचाराधीन होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हो पा रहा है।

 

शासकीय मंदिरों का जीर्णोद्धार

[धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व]

2. ( *क्र. 706 ) श्री सतीश मालवीय : क्या राज्‍य मंत्री, धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रियासत के जमाने में उज्जैन जिले के जो शासकीय मंदिर थे, वे मंदिर कहां-कहां स्थापित हैं? स्थापित सम्पूर्ण मंदिरों की स्थानवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।                (ख) उज्जैन जिले के शासकीय मंदिरों की भूमि जिनके व्यवस्थापक कलेक्टर है, उन मंदिरों की कितनी भूमि कहां-कहां स्थित है? सर्वे नं. रकबा, स्थान सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।         (ग) घट्टिया विधानसभा में कितने शासकीय मंदिर जीण-शीर्ण हैं? जीर्ण-शीर्ण मंदिरों के जीर्णोद्धार के संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? जीर्ण-शीर्ण मंदिरों को कब तक ठीक               किया जावेगा?

राज्‍य मंत्री, धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व ( श्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अनुसार है। वर्तमान में शासन स्‍तर पर जीर्णोद्धार प्रस्‍ताव अप्राप्‍त है। नियमानुसार प्रस्‍ताव प्राप्‍त होने पर कार्य की औचित्‍यता एवं बजट की उपलब्‍धता के आधार पर राशि स्‍वीकृत की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

राजस्‍व अधिकारियों द्वारा सा.प्र.वि. के आदेशों का पालन सुनिश्चित नहीं करना

[राजस्व]

3. ( *क्र. 1321 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                       (क) अधोहस्ताक्षरकर्ता का पत्र क्र. 181, दिनांक 07.06.2024, पत्र क्र. 209, दिनांक 11.06.2024 एवं 234 दिनांक 26.06.2024 जो अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), राघौगढ़, जिला गुना को और पृष्ठा. तहसीलदार, तहसील राघौगढ़ एवं सी.एम.ओ. नगर पालिका परिषद राघौगढ़ को प्रेषित किया गया था? प्राप्ति दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही सा.प्र.वि के आदेश क्रमांक एफ                                        19-76/2007/1/4, भोपाल दिनांक 22.3.2011 में उल्लेखित पांचों बिन्दुओं एवं परिशिष्टों (1, 2) का पालन सुनिश्चित कर किया गया है? कब-कब और क्या-क्‍या कार्यवाही सुनिश्चित की गई? संबंधित अधि./कर्म. का नाम, पदनाम, कार्यालयीन अभिलेखों/नोटशीटों/पत्रों/नियमों की प्रति सहित बतायें। (ख) क्या पत्र पर कृत कार्यवाही से प्रश्‍नकर्ता को संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करा दी गई है? यदि नहीं, तो आदेश के उल्लंघन पर विभाग में किन-किन के विरूद्ध जिम्मेदारी निर्धारित की गई? यदि नहीं, तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) प्रश्‍नकर्ता मान. सदस्‍य के पत्र क्रमांक 181, दिनांक 07.6.2024 के पालन में तहसीलदार राघौगढ़ द्वारा अपने पत्र क्रमांक/आ.का/2024/55, दिनांक 28.06.2024 द्वारा पत्र में वर्णित भूमि पर किये गये अवैध अतिक्रमण को चिन्हित कर सीमांकन करने हेतु दल गठित कर न्यायालयीन प्र.क्र. 0235/अ-12/2024-25 से कस्बा राघौगढ़ स्थित भूमि सर्वे क्रमांक 743, 744/1, 745, 761/1, 763 का सीमांकन दिनांक 13.11.2024 को किया जा चुका है। सीमांकन उपरांत भूमि सर्वे क्रमांक 761/1 पर 07 व्यक्तियों का मकान बनाकर एवं भूमि को रोककर अतिक्रमण पाये जाने से अतिक्रामकों के विरूद्ध म.प्र. भू-राजस्व संहिता की धारा 248 के तहत कार्यवाही प्रचलित की गई है, जिसके संबंध में तहसीलदार राघौगढ़ द्वारा मान. विधायक महोदय को एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगरपालिका परिषद राघौगढ़-विजयपुर को तत्समय ही अवगत कराया गया था। की गई कार्यवाही के पत्रों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। पत्र क्रमांक 209, दिनांक 11.06.2024 के पालन में तहसीलदार तहसील राघौगढ़ द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन पत्र क्रमांक/ना.ना./2024/201, दिनांक 29.10.2024 अनुसार कस्बा राघौगढ़ स्थित भूमि सर्वे क्रमांक 84 रकबा 0.209 हे. वर्तमान खसरा अभिलेख में शासकीय कदीम दर्ज होकर खाली पड़ी है, जिस पर किसी प्रकार का अतिक्रमण नहीं हैं। उक्त भूमि पार्क निर्माण हेतु उपयुक्त होने से नगरपालिका परिषद राघौगढ़-विजयपुर को भूमि सर्वे क्रमांक 84 रकबा 0.209 हे. के खसरा एवं अक्श की प्रति तत्समय ही उपलब्ध करा दी गई है तथा मुख्य नगरपालिका अधिकारी नगरपालिका परिषद राघौगढ़-विजयपुर को पार्क निर्माण के लिये भूमि आवंटन हेतु कलेक्टर के समक्ष म.प्र. नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश 2020 के अंतर्गत नियमानुसार कार्यवाही करने हेतु लेख किया गया है। की गई कार्यवाही से तहसीलदार राघौगढ़ द्वारा मान. विधायक जी को अवगत कराया गया है। पत्र की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। पत्र क्रमांक 234, दिनांक 26.06.2024 के पालन में नायब तहसीलदार राघौगढ़ द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन अनुसार प्राचीन गुफा मंदिर लाडपुरा के रास्ते का अतिक्रमण हटाये जाने के संबंध में न्यायालयीन प्रकरण क्रमांक 0006/68/2024-25 दर्ज किया जाकर मौका स्थल पर पंचानगण के समक्ष भूमि सर्वे क्रमांक 10/1/4 रकबा 0.836 हे. में से पहुंच मार्ग रकबा अनुमानित 0.52 हे. को अतिक्रमण मुक्त किया गया। वर्तमान में गुफा मंदिर एवं आबादी तक का रास्ता खुला हुआ है। आवागमन के लिये अब कोई अवरोध नहीं हैं। उक्त संबंध में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) राघौगढ़ द्वारा भी दिनांक 23.11.2024 को निरीक्षण किया गया था। आवेदक हेमराज भार्गव पुत्र मोतीलाल भार्गव जाति ब्राहम्ण निवासी सारसहेला हाल मुकाम गुफा मंदिर लाडपुरा भी कार्यवाही से संतुष्ट है। उक्त कार्यवाही प्रचलित किये जाने के संबंध में अधोहस्ताक्षरकर्ता मान. विधायक महोदय को पूर्व में ही अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय के पत्र क्रमांक 1435, दिनांक 05.10.2024 द्वारा अवगत कराया जा चुका है। की गई कार्यवाही की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ                              19-76/2007/1/4 भोपाल दिनांक 22.03.2011 में उल्लेखित पांचों बिंदुओं एवं परिशिष्ट (1, 2) का पालन सुनिश्चित किया जा रहा है। पत्र की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। संबंधित अधिकारी कर्मचारी का नाम/पद नाम, कार्यालयीन अभिलेखों/नोटशीटों/पत्रों/नियमों की प्रति के संबंध में सुसंगत दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कार्यवाही से श्रीमान को अवगत कराया गया है पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

कटरा अवैध रेत खदान हादसा एवं मझगवां डम्‍पर ऑटो दुर्घटना की जानकारी

[राजस्व]

4. ( *क्र. 210 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) जबलपुर जिला के तहसील सिहोरा क्षेत्रान्तर्गत दिनांक 05 जून, 2024 को कटरा की अवैध रेत खदान दुर्घटना एवं जून माह में ही हुये ब्लडस्ट से भरे डम्पर द्वारा ऑटो को टक्कर मारने से मृतक कितने-कितने मजदूरों के परिवारों के पीड़ितों एवं घायल व्यक्तियों को जिला प्रशासन एवं शासन ने कब किस मान से कितनी-कितनी राशि की आर्थिक सहायता व अन्य क्या-क्या सुविधाएं प्रदान की है? दुर्घटना में किन-किन मृतकों के पीड़ित परिजनों तथा घायलों को कब से कितनी-कितनी राशि की आर्थिक सहायता नहीं दी गई एवं क्यों? मृतकों व घायलों की सूची सहित जानकारी दें।                     (ख) जिला पुलिस प्रशासन जबलपुर ने अवैध रेत खदान के संचालकों एवं डम्पर के दोषियों के विरूद्ध कब क्या कार्यवाही की है? किस-किस के विरूद्ध कब एफ.आई.आर. दर्ज कर गिरफ्तार किया है एवं किसके विरूद्ध अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है एवं क्यों? (ग) प्रश्‍नांकित दुर्घटनाओं में मृतकों के पीड़ित परिजनों/घायल व्यक्तियों की क्या स्थिति है? घायल मजदूरों के लिये रोजगार एवं जीवन उपार्जन की क्या व्यवस्था की गई है? यदि नहीं, तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।

उप-स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र झौंतेश्‍वर का संचालन

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

5. ( *क्र. 1026 ) श्री महेन्‍द्र नागेश : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव के झौंतेश्‍वर में उप-स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र भवन बना है जो कि कई वर्षों से संचालित नहीं हैं यह उप-स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र कब संचालित होगा? यदि हाँ, तो कब तक होगा? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं? (ख) क्‍या झौंतेश्‍वर उप-स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र में पद रिक्‍त हैं? यदि हाँ, तो इन पदों की पूर्ति कब की जावेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में झौंतेश्‍वर में सिविल अस्‍पताल भवन निर्मित हैं, परंतु मानव संसाधन उपलब्‍ध न होने के कारण संचालित नहीं है, मानव संसाधन की पदस्‍थापना उपरांत संचालित किया जा सकेगा। (ख) जी हाँ, पदपूर्ति की कार्यवाही एक निरंतर प्रक्रिया है, निश्चित समय-सीमा बताया जाना                    संभव नहीं है।

कीट प्रकोप क्षति राशि का भुगतान

[राजस्व]

6. ( *क्र. 957 ) श्री बाला बच्चन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) प्रश्‍न क्र. 2532, दिनांक 10.07.2024 के '' प्रश्‍नांश में उल्लेखानुसार प्रश्‍न क्र. 1103, दिनांक 12.02.2024 में वर्णित जिलों आगर मालवा, देवास, हरदा और सीहोर में फल क्षति राशि का भुगतान किस माध्यम से किया गया? क्या किसानों के खाते में सीधे भुगतान किया गया या किसी अन्य प्रणाली या प्रक्रिया के द्वारा भुगतान किया गया की पूरी जानकारी देवें। (ख) उपरोक्‍तानुसार भुगतान की जानकारी ट्रेजरी वाउचर की प्रमाणित प्रति के साथ देवें। यदि भुगतान सोसायटि‍यों के माध्यम से किया गया तो उसकी भी प्रमाणित प्रति तहसीलवार, जिलावार, भुगतानकर्ता अधिकारी का नाम पदनाम सहित देवें। ट्रेजरी भुगतान की जानकारी भी इसी प्रकार देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार विधानसभा के मूल प्रश्‍न का उत्तर न देकर अन्य उत्तर देने वाले सभी संबंधित अधिकारियों के नाम, पदनाम देवें। प्रश्‍न के उत्तर से संबधित पूरी नस्‍ती की प्रमाणित प्रति देवें। इसके उत्तरदायी अधिकारियों पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) प्रश्‍न क्र. 2532, दिनांक 10.07.2024 के '' प्रश्‍नांश में उल्लेखानुसार प्रश्‍न क्र. 1103, दिनांक 12.02.2024 के परिप्रेक्ष्‍य में वर्णित जिलों आगर मालवा, देवास, हरदा और सीहोर में वर्ष 2020-21 में वित्‍तीय संसाधनों की उपलब्‍धता की सीमा में शासन के निर्णय अनुसार जिला कोषालय द्वारा ई-पे‍मेंट के माध्‍यम से किसानों के खातों में सीधे भुगतान किया गया है। (ख) जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) विधानसभा के मूल प्रश्‍न के अनुक्रम में ही उत्‍तर दिया गया है। नस्तियों की प्रमाणित प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

कारम डैम की जानकारी

[जल संसाधन]

7. ( *क्र. 796 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धरमपुरी विधानसभा में कारम सिंचाई परियोजना डैम विभाग के अधिकारी और ठेकेदार की लापरवाही के कारण फूट गया था, जिसके कारण कई किसानों की फसलें नष्‍ट हो गई थी?                (ख) प्रश्‍नांक (क) अनुसार यदि हाँ, तो उक्त डैम में गुणवत्ताविहीन सामग्री का उपयोग किया गया था? उक्त डैम के निर्माण में उपयोग में ली गई सामग्री की जाँच किस लैब में की गई थी? जाँच रिपोर्ट की प्रमाणित छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या डैम क्षति‍ग्रस्त होने के बाद विभिन्न कार्यों हेतु राशि‍ का व्यय किया गया है? यदि हाँ, तो कब-कब राशि ‍का व्‍यय किया गया है? कार्यवार, राशि‍वार बिल की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें।  

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं धरमपुरी विधानसभा में कारम सिंचाई परियोजना डैम में रिसाव होने से बांध कटाव नियंत्रण तकनीकी का उपयोग करते हुए चैनल बनाकर सुरक्षित पानी की निकासी की गई थी। सुरक्षित जल निकासी के दौरान कुछ किसानों की फसलें नष्ट हो गई। (ख) जी नहीं डैम में गुणवत्ता विहीन सामग्री का उपयोग नहीं किया गया था। डैम के निर्माण में उपयोग में ली गई सामग्री की जाँच कार्यालय उप संचालक, मिट्टी एवं धातु परीक्षण संभाग जल संसाधन विभाग हथाईखेड़ा लैब भोपाल (म.प्र) एवं कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी माही परियोजना गुण-नियंत्रण उपसंभाग क्र.2 लाबरिया जिला धार में की गई थी। जांच रिपोर्ट की प्रमाणित छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 (पृष्‍ठ 1 से 22) अनुसार है।                    (ग) जी हाँ व्यय राशि कार्यवार राशिवार बिल व्हाचर की प्रमाणित प्रतियां पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' (पृष्‍ठ 1 से 226) अनुसार है।

जिला चिकित्‍सालय विदिशा में अनियमितताएं

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

8. ( *क्र. 26 ) श्री मुकेश टंडन : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता ने अनुविभागीय अधिकारी विदिशा की उपस्थिति में माह जुलाई 24 में माधवराव सिंधिया जिला चिकित्‍सालय विदिशा का औचक निरीक्षण किया था? यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त निरीक्षण में वहां पदस्‍थ सिविल सर्जन की प्रशासनिक क्षमता में कमी के कारण अनेक प्रकार की अनियमिततायें पायी गयी थी? (ख) क्‍या प्रश्‍नकर्ता ने मान. मंत्री महोदय लोक स्‍वा. एवं परिवार कल्‍याण विभाग को पत्र क्रमांक 407, दिनांक 31.07.2024 से अवगत कराकर जिला चिकित्‍सालय विदिशा में पायी गई प्रशासनिक अनियमितताओं को देखते हुए शीघ्र जांच करवा कर संबंधित दोषी के विरूद्ध कार्यवाही करने का आग्रह किया था? यदि हाँ, तो अभी तक उक्‍त संबंध में क्‍या कार्यवाही की गई?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

अतिवृष्टि से फसल खराब होने से किसानों को मुआवजा

[राजस्व]

9. ( *क्र. 576 ) श्री श्याम बरडे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र क्र. 189 अंतर्गत अतिवृष्टि से सोयाबीन एवं मक्का की फसल खराब होने से मुआवजा दिए जाने की क्या योजना है?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : जिला बड़वानी अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र क्र. 189 में तहसील पानसेमल एवं तहसील निवाली में अतिवृष्टि से सोयाबीन एवं मक्का की फसल खराब नहीं हुई है। राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6-4 के तहत राहत राशि वितरण की जानकारी निरंक है।

गलत भुगतान करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही

[स्कूल शिक्षा]

10. ( *क्र. 626 ) श्री केशव देसाई : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) भिण्‍ड जिले के आयुक्‍त कोष एवं लेखा मध्‍यप्रदेश कार्यालय के पत्र क्रमांक SFIC/CN255865/GO.RT632/2023DTA, भोपाल दिनांक 23.09.2023 के द्वारा विकासखण्‍ड शिक्षा अधिकारी मेंहगांव जिला भिण्‍ड को रूपये 88,44,876/- के गलत भुगतान का दोषी पाया गया था? यदि हाँ, तो अभी तक दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्‍यों?               (ख) फर्जी भुगतान करने वाले दोषी अधिकारी को जिला शिक्षा अधिकारी भिण्‍ड के पद पर पदस्‍थ करने के साथ ही मेंहगांव ब्‍लॉक शिक्षा अधिकारी के आहरण एवं संवितरण का कार्य दोषी अधिकारी को देने का कारण बतावें? (ग) मेंहगांव विकासखण्‍ड में अनेक प्राचार्य एवं व्‍याख्‍याता पदस्‍थ होने के बाद भी मेंहगांव विकासखण्‍ड के माध्‍यमिक शिक्षक वर्ग 2 को ब्‍लॉक अटेर का ब्‍लॉक शिक्षा अधिकारी के पद पर पदस्‍थ करने का कारण बतायें। वरिष्‍ठ अधिकारियों की उपेक्षा कर माध्‍यमिक शिक्षक वर्ग-2 को विकासखण्‍ड शिक्षा अधिकारी का प्रभार देने का कारण बतावें।  

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं, प्रश्‍नांकित पत्र कार्यालय आयुक्त, कोष एवं लेखा, म.प्र. के पत्र दिनांक 23.9.2023 द्वारा संभागीय संयुक्त संचालक, ग्वालियर एवं चंबल संभाग कोष एवं लेखा को जांच के लिये निर्देशित किया गया था। संयुक्त संचालक, कोष एवं लेखा ग्वालियर के जांच दल द्वारा प्रकरण की जांच कर जांच प्रतिवेदन में राशि रूपये 76,76,205/- का अनियमित भुगतान पाया गया, जो कि कार्यालय में लेखा संबंधी कम्प्यूटर पर कार्य करने वाले सविन्द्र प्रताप सिंह, सहा.ग्रेड-3 जो देयकों का कार्य करता था, उसे अपने स्वयं के दो खातों में एवं अपने सगे संबंधियों के खाते में भुगतान किये जाने का दोषी पाया गया है। जांच प्रतिवदेन प्राप्त होने पर सविन्द्र प्रताप सिंह के विरूद्ध दिनांक 29.12.2023 को थाना मेहगांव, जिला भिण्ड में एफ.आई.आर. दर्ज कराई जाकर तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। उक्त प्रकरण मान. जिला न्यायालय भिण्ड प्रथम अतिरिक्त जज, प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश के समक्ष प्रकरण क्र. 03/2024 (लोकायुक्त) में विचाराधीन होकर लंबित है। जांच में किसी अन्य अधिकारी को दोषी नहीं पाया गया है। (ख) जी नहीं, उत्तरांश '''' के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी अटेर का प्रभार         श्री के.जी. शर्मा, प्राचार्य उच्च पद प्रभार हाईस्कूल, सी.एम. राईज, शा.उ.मा.वि. चौम्हो ब्लॉक अटेर भिण्ड को दिया गया है। अतः शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना एवं प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की जानकारी

[राजस्व]

11. ( *क्र. 446 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना एवं प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से म.प्र. में           कितने-कितने किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है? संख्‍यावार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में उक्त योजनाओं में कितने कृषक को पात्रता मापदण्डों को पूरा करने के उपरांत भी वित्तीय सहायता नहीं दी जा रही है? संख्‍यावार जानकारी उपलब्ध करावें। पात्र किसानों को मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना एवं प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि कब-तक स्वीकृत कर वित्तीय सहायता प्रदान की जावेगी? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में विदिशा जिले की तहसील सिरोंज के ग्राम सेमरा, नूरपुर, पठेरा, समदपुर, भोजपुर, धर्मपुर, कंद्राखेड़ी, चकना तथा तहसील लटेरी के ग्राम आलमपुर, कर्राबर्री, कल्याणपुर, कुंडलपुर, चक्काबू, देहरी, धूमगिर, नयागांव, नैनागढ़, बरखेड़ा, भीला, रानीधार, हफीजपुर खोना, रायपुरा, चमरा कोण्डल के किसानों को मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की पात्रता होने पर भी वित्तीय सहायता प्रदान नहीं की जा रही है? कारण बतावें। उक्त ग्रामों के कृषकों को कब से वित्तीय सहायता का भुगतान नहीं किया जा रहा है? इसके लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में उक्त ग्रामों के कृषकों का मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की राशि स्वीकृत कर कब तक भुगतान किया जावेगा? (ड.) किसान सम्मान निधि का पोर्टल कब से बंद है तथा पोर्टल को चालू करवाने हेतु केन्द्र सरकार को कब-कब पत्राचार किये गये? छायाप्रति उपलब्ध करावें तथा कब तक पोर्टल चालू कर किसान सम्मान निधि का भुगतान करवा दिया जावेगा।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) प्रदेश में मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजना के 81.18 लाख एवं प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि योजना के 81.36 लाख हितग्राहियों को वित्‍तीय सहायता प्रदान की जा रही है। (ख) जानकारी निरंक है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।                                          (ग) प्रश्‍न में उल्‍लेखित विदिशा जिले की तहसील सिरोंज तथा तहसील लटेरी के ग्रामों में मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजना की 09 किश्‍तों का लाभ सतत् रूप से प्रदान किया गया है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्‍तरांश '''' अनुसार प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।                            (ड.) पी.एम. किसान सम्‍मान निधि पोर्टल भारत सरकार द्वारा संचालित है, जो सतत् रूप से कार्यरत है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

खनिज की खदानों के लिए भूमि अधिग्रहण

[राजस्व]

12. ( *क्र. 1159 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) प्रदेश के आदिवासी ब्लॉक में वर्ष 2022 के बाद संचालित सभी मुख्य और गौण खनिज खदानों के लिए राजस्व विभाग द्वारा अधिग्रहि‍त भूमि की जानकारी उपलब्‍ध करायें? खदान का संचालन किस फर्म को कितने समय के लिये दिया गया? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में वर्ष 2022 में "पेसा एक्ट" लागू होने के बाद भी भूमि अधिग्रहण में पेसा एक्ट के प्रावधानों का पालन किया गया या नहीं? पेसा एक्ट के तहत की गयी कार्यवाही की दस्तावेज के साथ जानकारी प्रदान करें। (ग) वर्ष 2024 में अलीराजपुर जिले में "कोल इंडिया लिमिटेड" को जो खदान केंद्र सरकार ने दी है, उसके लिए भूमि सर्वे की अनुमति की जानकारी और भूमि अधिग्रहण की प्रश्‍न दिनांक तक की कार्यवाही की जानकारी दें।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी निरंक है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (ग) अलीराजपुर जिले में कोल इण्डिया लिमिटेड को जो खदान केन्‍द्र सरकार ने दी है, उसके सर्वे की अनुमति शासन द्वारा ही है, इस कार्य हेतु किसी प्रकार भूमि अधिग्रहण नहीं किया गया है।

पेंच व्यपवर्तन योजना माचागोरा डैम

[जल संसाधन]

13. ( *क्र. 1191 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पेंच व्यपवर्तन परियोजना की दायीं तट नहर कार्य पूर्ण हो गया है? यदि नहीं, तो कब तक होगा? (ख) क्या दायीं तट नहर की टेल तक के ग्रामों को सिंचाई का लाभ मिल रहा है? यदि नहीं, तो कब तक मिल पायेगा? (ग) क्या दायीं तट नहर (मुख्य नहर) में पाइप लगाकर पानी अन्यत्र ले जाने की जानकारी विभाग को है? यदि हाँ, तो विभाग इस पर क्या कार्यवाही कर रहा है? (घ) दायीं तट नहर में भांडखापा के पास मुख्य नहर में ही बड़े-बड़े पाइप डाल लिये गये हैं? क्या विभाग इनको बंद कराने के लिए व्यवस्था बनायेगा, ताकि पानी नहर के टेल तक            जा सके?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। कार्य पूर्ण किये जाने की                  समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। नहर के टेल में स्थित ग्रामों में पानी पहुंचाने की निश्चित तिथि बताई जाना संभव नहीं है। तदापि सिंचाई हेतु दायीं तट नहर में सिंचाई हेतु जल प्रवाहित किया जा रहा है। (ग) एवं (घ) जी हाँ। पुलिस एवं प्रशासन की सहायता से समस्या के निदान का प्रयास किया जाना प्रतिवेदित है।

लंबित प्रकरणों की जानकारी

[राजस्व]

14. ( *क्र. 871 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले के अनुभाग बड़ामलहरा में वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने राजस्व प्रकरण लंबित हैं, उनके क्या कारण हैं? (ख) अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बड़ामलहरा द्वारा वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन विभागों की जांच की? जांच प्रतिवेदनों की प्रतियां प्रमाणित कर उपलब्ध करावें। (ग) अनुविभागीय अधिकारी बड़ामलहरा कार्यालय में लंबित प्रकरणों के संबंध में शाखा प्रभारी ने किन-किन अवधियों में नस्ती पर निर्देश संबंधित अधिकारी से प्राप्त किये? नस्ती की प्रतियां उपलब्‍ध करावें। () ऐसे कितने प्रकरण गरीबी रेखा के कार्ड बनाये जाने के संबंध में स्वीकृति हेतु प्रश्‍न दिनांक तक प्राप्त हुए, जिन पर कार्यवाही नहीं की गई? कारण सहित जानकारी देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) छतरपुर जिले के अनुभाग बड़ामलहरा में न्‍यायालय अनुविभागीय अधिकारी (रा.) बड़ामलहरा में वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक 394 राजस्‍व प्रकरण लंबित हैं, प्रकरण न्‍यायालयीन होने से विधिक, प्रक्रियात्‍मक एवं तकनीकी कारणों से लंबित/विचाराधीन है। (ख) अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बड़ामलहरा द्वारा वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक महिला एवं बाल विकास विभाग, आदिम जाति कल्‍याण विभाग, शिक्षा विभाग, नगरीय प्रशासन विभाग, जनपद पंचायत, खाद्य विभाग की जांच की गई है। जांच प्रतिवेदनों की प्रमाणित प्रतियां पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) अनुविभागीय अधिकारी बड़ामलहरा कार्यालय में विभिन्‍न प्रकरणों एवं आवेदनों के संबंध में नस्‍ती (नोटशीट) पर शाखा लिपिक द्वारा पीठासीन अधिकारी से समय-समय पर निर्देश प्राप्‍त किये गये, जिनकी प्रमाणित प्रतियां पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) गरीबी रेखा के कार्ड बनाये जाने के संबंध में स्‍वीकृति हेतु न्‍यायालय अनुविभागीय अधिकारी बड़ामलहरा में वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक ऑनलाईन पोर्टल के माध्‍यम से कुल 482 आवेदन पत्र प्राप्‍त हुये। समस्‍त पूर्ण आवेदनों का निर्धारित समय-सीमा में निराकरण किया जा चुका है, ऐसे आवेदन जिन पर कार्यवाही नहीं की गई है, की संख्‍या निरंक है।

निजी अस्‍पतालों की मनमानी पर लगाम कसना

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

15. ( *क्र. 1275 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निजी अस्पतालों द्वारा मरीजों से अत्यधिक शुल्क वसूलने और अन्य तरह की अनियमितताओं की कितनी शिकायतें गत एक वर्ष में प्राप्त हुई? उन शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? सरकार द्वारा निजी अस्पतालों पर कड़ी निगरानी क्यों नहीं रखी जा रही, जिससे उनके द्वारा वसूले जाने वाले शुल्क को नियंत्रित किया जा सके?                                   (ख) ऐसे कोई नियम लागू किये जायेंगे, जिससे अस्पतालों को अपने शुल्क सूची को सार्वजनिक करना पड़े ताकि मरीजों को उपचार लागत के बारे में पहले से पता चल सके? (ग) विभाग द्वारा मरीजों को अपने अधिकारों के बारे में एवं अत्यधिक शुल्क वसूलने के खिलाफ जागरूकता अभियान क्यों नहीं चलाया जा रहा है?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) निजी अस्‍पतालों द्वारा मरीजों से अत्‍यधिक शुल्‍क वसूलने और अन्‍य तरह की अनियमितताओं संबंधी विगत एक वर्ष में कुल 311 शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं। उन शिकायतों पर विभिन्‍न मुख्‍य चिकित्‍सा एवं स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारियों द्वारा की गयी कार्यवाही की जिलेवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार तथा आयुष्‍मान भारत निरामयम योजना अंतर्गत की गयी कार्यवाही की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। निजी अस्‍पतालों की सतत् निगरानी की जा रही है एवं प्रदेश के विभिन्‍न मुख्‍य चिकित्‍सा एवं स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी व पर्यवेक्षी प्राधिकारी, म.प्र. उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्‍थापनाएं (रजिस्‍ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम द्वारा वर्ष 2024-25 में माह अप्रैल से अद्यतन दिनांक तक कुल पंजीकृत 2354 नर्सिंग होम के विधिवत निरीक्षण उपरान्‍त 654 कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं तथा 156 नर्सिंग होम का पंजीयन निरस्‍त किया गया है। इसके अतिरिक्‍त, आयुष्‍मान भारत 'निरामयम' योजनांतर्गत निजी चिकित्‍सालयों की एन.एच.ए./एस.एच.ए. द्वारा आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस, डेस्‍क ऑडिट तथा थर्डपार्टी ऑडिट एजेंसी द्वारा फील्‍ड ऑडिट के माध्‍यम से कड़ी निगरानी की जा रही है। (ख) जी हाँ। प्रदेश के निजी अस्‍पतालों के लिए विनियामक म.प्र. उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्‍थापनाएं (रजिस्‍ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम, 1973 तथा नियम, 1997 (यथासंशोधित) 2021 में शुल्‍क सूची सार्वजनिक करने के नियम प्रावधानित है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा मरीज के अधिकारों एवं अत्‍यधिक शुल्‍क वसूलने के खिलाफ जागरूकता हेतु समस्‍त मुख्‍य चिकित्‍सा एवं स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारियों (पर्यवेक्षी प्राधिकारियों) को संचालनालयीन पत्र क्रमांक/विनियमन/2024/524-525, दिनांक 02.12.2024 को निर्देशित किया गया है एवं जन-जागरूकता हेतु यथोचित सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म के माध्‍यम से संदेशों का प्रसार किया गया है। आयुष्‍मान भारत कार्यालय द्वारा योजनांतर्गत संबद्ध निजी चिकित्‍सालयों में आई.ई.सी. एवं सिटीजन चार्टर प्रदर्शित करने हेतु आदेशित किया गया है एवं कियोस्‍क स्‍थापित किए गए हैं तथा टोल फ्री नम्‍बर, कॉल सेंटर व आयुष्‍मान भारत के पोर्टल पर भी समस्‍त जानकारी मरीजों की जागरूकता हेतु उपलब्‍ध है।

आउट सोर्स कर्मचारियों की भर्ती, सेवा शर्तों की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

16. ( *क्र. 1061 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय मेडिकल कॉलेज दतिया में आउटसोर्स पर कर्मचारी उपलब्ध कराने हेतु किस कंपनी को कितने वर्ष के लिए ठेका दिया गया है? कंपनी का नाम, पता, ईमेल, कांटैक्ट नंबर के साथ निविदा का विवरण एवं निविदा कमेटी सदस्यों के नाम एवं पद तथा एक्ट के पंजीयन सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) उक्त कॉलेज में कुल कितने व कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं, जिनके प्रति कितने पद व कौन-कौन से भरे गए हैं व कितने शेष हैं? चयनित कर्मचारियों के नाम पते एवं उनकी हाजिरी रजिस्टर की छाया प्रति के साथ जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) जिन आउट सोर्स कर्मचारियों के नाम हाजिरी रजिस्टर में दर्ज हैं, उनको वेतन का भुगतान नकद किया जाता है अथवा ई पेमेंट से? उनका पी.एफ. कटता है कि नहीं? जानकारी दें। (घ) क्या जिन कर्मचारियों को वेतन मिल रहा है, उनके स्थान पर अन्य लोग काम कर रहे हैं? यदि नहीं, तो एक कमेटी बनाकर इसकी जांच कराई जाये? यदि ‌हाँ, तो इसके लिए कौन दोषी है?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) स्‍वशासी चिकित्‍सा महाविद्यालय, दतिया में आउटसोर्स पर कर्मचारी उपलब्‍ध कराने हेतु भारत सरकार के केन्‍द्रीय उपक्रम का निर्धारण विभागीय आदेश क्रमांक 414/एफ-2/1/14/0003/55-2, दिनांक 24.03.2023 द्वारा दिये गये निर्देश के परिपालन में 05 वर्ष (31.03.2028 तक) के लिये अधिष्‍ठाता, स्‍वशासी चिकित्‍सा महाविद्यालय, दतिया एवं एच.एल.एल. इनफ्राटेक सर्विसेस लिमिटेड (हाईट्स नई दिल्‍ली) के बीच दिनांक 05.10.2023 को अनुबंध किया गया है। आदेश एवं अनुबंध की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। उपक्रम का नाम, पता, ईमेल, कांटैक्‍ट नंबर की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।                        (ख) स्‍वशासी चिकित्सा महाविद्यालय, दतिया में स्वीकृत पदों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। समस्त कर्मचारियों के नाम व पता की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। समस्त कर्मचारियों के हाजिरी रजिस्टर की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। (ग) संबंधित कर्मचारियों का वेतन भुगतान ई-पेमेंट से किया जाता है। ई.पी.एफ. का नियमानुसार कटोत्रा किया जाता है। कर्मचारियों को भुगतान की गई राशि का विवरण की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-6 अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

क्षेत्रीय स्वास्थ्य सेवाओं का विस्‍तार

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

17. ( *क्र. 1135 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केंद्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से शासन/विभाग द्वारा नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में नवीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, उप-स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र एवं शहरी स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं में वृद्धि की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2014-15 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सिविल हॉस्पिटल जावरा, महिला एवं बाल चिकित्सालय जावरा, सिविल हॉस्पिटल पिपलोदा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रिंगनोद, पिपलोदा तथा जावरा व पिपलोदा तहसील अंतर्गत नवीन उप-स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र प्रारंभ किए जाने हेतु कितने-कितने बजट की स्वीकृति दी? कितने कार्य पूर्ण रहे, कितने अपूर्ण रहे, कितने प्रगतिरत हैं, कितने अप्रारंभ है? संपूर्ण जानकारी वर्षवार प्रदान करें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्लेखित तहसीलों में विगत वर्षों से ही अनेक दूरस्थ वंचित ग्रामीण क्षेत्रों में नवीन उप-स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र प्रारंभ किए जाने की लगातार मांग की जा रही है, तो उन्हें स्वीकृति कब तक मिल सकेगी? (घ) प्रश्‍नांश (ख) में उल्लेखित दोनों तहसीलों एवं नगरीय क्षेत्र में स्वीकृत विभिन्न उप-स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र भवन निर्माण, निर्माणाधीन स्थिति में ही अपूर्ण रहकर क्षतिग्रस्त हो रहे हैं, गुणवत्ता विहीन कार्य स्पष्ट परिलक्षित हैं तो उनके सुधार एवं कार्य पूर्णता के साथ ही लापरवाही पूर्ण कार्य होने की संपूर्ण जांच परीक्षण कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई कब तक की जा सकेगी?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी, हाँ।                             (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) स्वास्थ्य संस्थाओं की स्थापना/उन्नयन विभाग की एक निरंतर प्रक्रिया है, स्वास्थ्य संस्थाओं की स्थापना/उन्नयन स्थानीय जनसंख्या, संस्था का बैड ऑक्यूपेंसी रेट, स्थानीय आवश्यकता, नजदीकी स्वास्थ्य संस्थाओं की दूरी तथा वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर किया जाता है, निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्‍तरांश '''' में उल्‍लेखित कार्यों में से किसी भी स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र की अपूर्ण निर्माण में क्षतिग्रस्‍त होने की शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। निर्माण कार्य मानक अनुसार गुणवत्‍ता युक्‍त निष्‍पादित कराये जा रहे हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

नियुक्ति पत्र जारी करना

[राजस्व]

18. ( *क्र. 1014 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पटवारी परीक्षा उत्तीर्ण विद्यार्थियों के मूल अभिलेख सत्यापन बावत कार्यवाहियाँ की जा रही है, तो कब से, का विवरण तिथिवार देवें, इनमें से कितने बच्चों के मूल अभिलेखों के सत्यापन की कार्यवाही कर नियुक्ति पत्र जारी किये जा चुके हैं, का विवरण जिलों में पदस्थ अनुसार देवें।                    (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में कितने ऐसे परीक्षा उत्तीर्ण बच्चे/परीक्षार्थी शेष बचे हैं, जिनका                 बार-बार मूल अभिलेख सत्यापन बावत विभाग द्वारा पत्र जारी कर बुलाया जा रहा है, लेकिन वो बार-बार पत्र जारी होने के बाद भी मूल अभिलेख का सत्यापन नहीं करा रहे हैं, फिर भी उन्हीं परीक्षार्थियों/बच्चों को जो परीक्षा उत्तीर्ण किये हैं, क्यों बुलाया जा रहा है? (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार प्रश्‍नांश (ख) के उत्तीर्ण पटवारी परीक्षा के परीक्षार्थियों को ही बार-बार मूल अभिलेख के सत्यापन बावत क्यों बुलाया जा रहा है, जबकि उनके न आने पर अग्रिम पंक्ति के परीक्षार्थियों को जिनके अंक बहुत कम अंतराल में चयन बावत शेष हैं, उनको बुलाकर चयन की कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही, जबकि हर जिले में पटवारियों के पद रिक्त हैं, जिसके कारण विभाग के कार्य प्रभावित हो रहे हैं, इस बावत क्या निर्देश देंगे? अगर नहीं तो क्‍यों? (घ) प्रश्‍नांश (क) अनुसार आयोजित परीक्षा में प्रतीक्षा सूची में जिन विद्यार्थियों का नाम जिले की सूची में था, उनके दूसरे जिले में ज्वाइनिंग व पदस्थापना के क्या निर्देश थे? प्रतीक्षा सूची व कम अंतराल से जिन बच्चों का चयन शेष बचा है, उनके चयन बावत क्या निर्देश देंगे? (ड.) प्रश्‍नांश (क) अनुसार आयोजित परीक्षा में उत्तीर्ण विद्यार्थियों प्रश्‍नांश (ख) अनुसार बार-बार उन्हीं को मूल अभिलेख सत्यापन बावत बुलाकर नियुक्ति में विलम्ब किया जा रहा है, जबकि अगले प्रतीक्षा सूची या कम अंक से नियुक्ति‍ से वंचित विद्यार्थियों की नियुक्ति बावत क्या निर्देश देंगे? अगर नहीं तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। दस्तावेज सत्यापन की कार्यवाही प्रथम काउंसलिंग दिनांक 24.02.2024 द्वितीय काउंसलिंग दिनांक 09.03.2024 एवं तृतीय काउंसलिंग दिनांक 28.10.2024 को की गई है। तीनों काउंसलिंग में 4280 + 492 + 120 = 4892 अभ्यर्थियों को पात्र पाया जाकर नियुक्ति आदेश जारी किए गए हैं। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्‍न (क) के संबंध में जिन अभ्यर्थियों को नियुक्ति आदेश जारी किये जा चुके हैं, उन्हें किसी भी जिले में काउंसलिंग हेतु उपस्थित होने के लिए पुन: सूचना पत्र जारी नहीं किया गया है। द्वितीय एवं तृतीय काउंसलिंग हेतु जो चयन सूची तैयार की गई है, वह पटवारी भर्ती परीक्षा 2022 की विज्ञप्ति की कंडिका 11.10 के अनुक्रम में mponline द्वारा तैयार की गई है, जिसमें लेख है कि MPONLINE, MPESB की प्रेषित सूची में से ऐसे अभ्यर्थियों के नामों को पृथक करने की कार्यवाही करेगा जो प्रथम काउंसलिंग में दस्तावेज सत्यापन हेतु उपस्थित हुए हैं। उपस्थित अभ्यर्थियों (भले ही दस्तावेज सत्यापन में इन्हें पात्र किया गया हो अथवा अपात्र घोषित किया गया हो) के नामों को MPESB की सूची से हटाया जाकर MPONLINE द्वारा जिलों के रिक्त पदों की जिलेवार एवं वर्गवार प्रतीक्षा सूची तैयार की जाकर आयुक्त भू-अभिलेख को प्रेषित की जायेगी। यह प्रतीक्षा सूची ‌द्वितीय काउंसलिंग की चयन सूची होगी। (ग) पटवारी भर्ती परीक्षा 2022 की विज्ञप्ति की कंडिका 11.10 के अनुक्रम में mponline द्वारा तैयार चयन सूची में जो अभ्यर्थी एक बार जिले में उपस्थित हो चुका है, को पुनः नहीं बुलाया गया है। द्वितीय एवं तृतीय काउंसलिंग में अनुपस्थित अभ्यर्थियों को भी जिस जिले में एक बार सूचना पत्र जारी हो चुका है, उसे भी उस जिले में पुन: नहीं बुलाया गया है। हाँ, यदि अन्य जिले की प्रतीक्षा सूची में उसका नाम अन्य अभ्यर्थियों से आगे है और उस जिले में रिक्त पद उपलब्ध हैं, तो ऐसी स्थिति में सूचना पत्र जारी होने की स्थिति निर्मित हुई होगी। प्रदेश में इस भर्ती परीक्षा में विज्ञापित कुल 6755 पदों में से 4892 पदों की नवीन भर्ती होने से प्रदेश में कुल स्वीकृत 24224 पदों में से लगभग 22000 पदों के भरे होने से विभाग का कार्य प्रभावित नहीं हो रहा है। अतः निर्देश की कोई आवश्यकता नहीं है। (घ) द्वितीय एवं तृतीय काउंसलिंग की चयन सूची पटवारी भर्ती परीक्षा 2022 की विज्ञप्ति की कंडिका 11.10 के अनुक्रम में कार्यवाही की गई है। अतः यदि कोई अभ्यर्थी किसी जिले में उपस्थित हो चुका है, तो उस जिले में अभ्यर्थी की उम्मीदवारी निरस्त मानी जाकर यदि अन्य जिले की प्रतीक्षा सूची में उसका नाम अन्य अभ्यर्थियों से आगे है एवं उस जिले में रिक्त पद उपलब्ध है, तो ऐसी स्थिति में सूचना पत्र जारी किया गया होगा। अतः विज्ञप्ति के निर्देशानुसार ही कार्यवाही की गई है। (ड.) प्रश्‍नांश (क) के क्रम में उपस्थित अभ्यर्थियों को बार-बार नहीं बुलाया गया है। द्वितीय एवं तृतीय काउंसलिंग की चयन सूची पटवारी भर्ती परीक्षा 2022 की विज्ञप्ति की कंडिका 11.10 के अनुक्रम में कार्यवाही की गई है। शेष रिक्त पदों की पूर्ति हेतु अतिरिक्त काउंसलिंग की कार्यवाही विचाराधीन है, जिसमें विज्ञप्ति में दिए गए निर्देश अनुसार ही कार्यवाही की जावेगी।

निजी भूमि का अर्जन

[राजस्व]

19. ( *क्र. 356 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) क्या विधानसभा ऑनलाइन प्र.क्र. 556, दिनांक 03.07.2024, प्र.क्र. 343, दिनांक 02.03.2023, प्र.क्र. 338, दिनांक 22.12.2021 में दी गई जानकारी के बाद भी जिला उद्योग केन्द्र बैतूल द्वारा 1974-75 में कब्जा की गई ग्राम टिकारी की निजी भूमि खसरा क्रमांक 1078 रकबा 2.57 का किसान एवं उसके वारिसों को प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी मुआवजा भुगतान नहीं किया गया?                  (ख) यदि हाँ, तो भूमि पर कब्जा कब किया, भूमि का अवार्ड कब हुआ, भूमि का मुआवजा उद्योग विभाग ने कब भू-अर्जन अधिकारी के यहाँ जमा किया, मुआवजा भुगतान हेतु उद्योग विभाग ने      कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की है, भूमि पर वर्तमान में किसका कब्जा है? (ग) भूमि अर्जन पुनर्वासन एवं पुनर्व्‍यवस्थापन में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 24 (2) में क्या प्रावधान है? उसका पालन करने के संबंध में उद्योग विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है, कब तक करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) विधानसभा ऑनलाइन प्र.क्र. 556, दिनांक 03.07.2024, प्र.क्र. 343, दिनांक 02.03.2023, प्र.क्र. 338, दिनांक 22.12.2021 में दी गई जानकारी के बाद जिला उ‌द्योग केन्द्र बैतूल द्वारा 1974-75 में कब्जा की गई ग्राम टिकारी की निजी भूमि खसरा क्रमांक 1078, रकबा 2.57 का किसान एवं उसके वारिसों को प्रश्‍नांकित दिनांक तक मुआवजा भुगतान नहीं हो सकने से स्थिति पूर्व अनुसार ही है। खसरा नम्बर 1078, रकबा 2.57 के कृषक को भू-अर्जन प्रकरण में पारित अवार्ड दिनांक 28.06.1978 अनुसार पारित मुआवजा राशि पर आपत्ति होने से तत्समय भू-अर्जन अधिकारी द्वारा मुआवजा राशि आर.डी. में जमा किये जाने के आदेश दिये गये। (ख) दिनांक 17.12.1974 को उ‌द्योग विभाग द्वारा अर्जित भूमि का कब्जा लिया गया। भूमि का अवार्ड दिनांक 28.06.1978 को पारित किया गया। अधिग्रहित की गई भूमि के एवज में भू-अर्जन हेतु क्षतिपूर्ति का भुगतान कलेक्टर बैतूल को उ‌द्योग संचालनालय मध्यप्रदेश भोपाल के आवंटन आदेश क्रमांक 101, दिनांक 27.03.1979 द्वारा किया गया। खसरा नं. 1078 के कृषकों द्वारा आपत्ति व्यक्त करने के कारण उन्हें देय मुआवजा राशि आर.डी. में जमा किये जाने के आदेश दिये गये। वर्तमान में खसरा नं. 1078 की अर्जित भूमि पर उ‌द्योग विभाग का आधिपत्य है। (ग) भूमि अर्जन पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 24 (2) से संबंधित प्रावधानों की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अर्जित भूमि का आधिपत्य उद्योग विभाग द्वारा लिया जा चुका है। भूमि अर्जन पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 24 (2) के अंतर्गत कार्यवाही वांछनीय नहीं है।

परिशिष्ट - "एक"

सिंचाई परियोजना की पुनरीक्षित स्वीकृति

[जल संसाधन]

20. ( *क्र. 746 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कड़ान सिंचाई मध्यम परियोजना नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत निर्माणधीन है? यदि हाँ, तो लागत सहित जानकारी देवें तथा क्‍या परियोजना का पुनरीक्षित प्रशासकीय प्राक्कलन स्वीकृति हेतु विभाग द्वारा शासन स्तर पर प्रेषित किया गया है? यदि हाँ, तो कब-कब प्रेषित किया गया है? (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति विषय में क्‍या मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा अनुमोदन किया गया है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या परियोजना में गाइड बंड निर्माण का विरोध किया जा रहा है? यदि हाँ, तो पुनरीक्षित प्राक्कलन जिसमें पथरिया हाट की डूब में प्रभावित होने वाली भूमि का अधिग्रहण करने के प्रस्ताव का पुनरीक्षित प्रशासकीय प्रस्ताव साधिकार समिति को भेजा गया है?                                            (घ) क्या पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति के कारण परियोजना का कार्य प्रभावित है एवं परियोजना निर्माण कार्य एवं भू-अर्जन कार्य, नाला बंधान कार्य आदि में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है/कार्य प्रगति भी प्रभावित हो रही है? जानकारी देवें तथा पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रस्‍ताव पर कब तक स्वीकृति प्रदान की जायेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। कड़ान मध्यम सिंचाई परियोजना की मूल प्रशासकीय स्वीकृति 385.79 करोड़ एवं सिंचाई क्षमता 9990 हेक्टेयर है। जी हाँ, परियोजना का पुनरीक्षित प्रशासकीय प्रतिवेदन दिनांक 22.12.2021, 20.03.2023 एवं 13.11.2024 को प्रेषित किया गया। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। ग्राम पथरिया हाट की डूब से प्रभावित होने वाली भूमि के अधिग्रहण को प्रस्ताव में सम्मिलित करते हुये पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रस्ताव साधिकार समिति के समक्ष प्रस्तुत करने हेतु शासन स्तर पर परीक्षणाधीन है। (घ) जी हाँ। पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति के अभाव में ग्राम पथरिया हाट की भूमि का अर्जन न हो पाने के कारण बांध को पूर्ण जल भराव क्षमता तक भरना संभव नहीं हो रहा है। पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

राजस्व विभाग में लंबित प्रकरण

[राजस्व]

21. ( *क्र. 819 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र में कितने राजस्व ग्रामों में चकबंदी नक्शें लागू हैं?                              (ख) प्रश्‍नांश (क) वर्णित जिन ग्रामों में चकबंदी नक्शें लागू नहीं किए गए, उसका क्‍या कारण है तथा कब तक चकबंदी नक्शें लागू किए जायेंगे? (ग) सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र में शासकीय गोहा, छोटा घास, बड़ा झाड़, चरनोई, गुठान, पढ़ाव भूमि, सिंचाई नाली, ड्रेनेज मेंडा पर अतिक्रमण विवादों के कितने मामले हैं, कब से लंबित हैं तथा निराकरण हेतु क्या समय-सीमा है?                                      (घ) सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र में हिंदू संयुक्त परिवार की संपत्ति बंटवारे, नक्शा सुधार, खसरा, खतौनी सुधार के कितने प्रकरण लंबित हैं तथा क्यों क्या इनके निराकरण की कोई समय-सीमा निर्धारित की गई है?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत तहसील सिवनी मालवा में 144 ग्रामों में तथा तहसील डोलरिया में 34 ग्रामों में इस प्रकार कुल 178 ग्रामों में चकबन्दी रिकॉर्ड लागू है। (ख) तहसील सिवनी मालवा में 32 ग्रामों में तथा तहसील डोलरिया में 18 ग्रामों में इस प्रकार कुल 50 ग्रामों में चकबन्दी रिकॉर्ड पूर्ण रूप से तैयार नहीं होने से लागू नहीं किया जा सका है। राजस्व अभिलेख पूर्ण रूप से तैयार होने पर लागू किया जावेगा। राजस्व रिकॉर्ड बनाये जाने का कार्य न्यायालयीन प्रक्रिया का होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।                 (ग) सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत तहसील सिवनी मालवा में 12 अतिक्रमण प्रकरण एवं तहसील डोलरिया अन्तर्गत 8 अतिक्रमण प्रकरण इस प्रकार कुल 20 अतिक्रमण प्रकरण लंबित हैं। जो न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत प्रचलन में हैं, जिनका निराकरण नियमानुसार कार्यवाही कर किया जा रहा है। (घ) सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत तहसील सिवनी मालवा में हिन्दु संयुक्त परिवार की सम्पत्ति बंटवारे के 107 प्रकरण एवं नक्‍शा सुधार, खसरा खतौनी सुधार के 90 प्रकरण तथा तहसील डोलरिया अन्तर्गत बंटवारा के 38 प्रकरण नक्शा बटांकन के 40 प्रकरण इस प्रकार कुल 275 प्रकरण लंबित हैं, जो न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत लंबित हैं। लंबित अविवादित बंटवारा निराकरण की समय-सीमा 90 कार्य दिवस है।

प्रकरणों का खारिज किया जाना

[राजस्व]

22. ( *क्र. 1039 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा सत्र जुलाई 2024 प्रश्‍न क्रमांक 1344 के उत्तर में गुनौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तहसील गुनौर, देवेन्द्रनगर, अमानगंज में वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में नामांतरण के कुल 1870 प्रकरण खारिज करने का उल्लेख किया गया था? यदि हाँ, तो क्या इतने अधिक प्रकरणों को खारिज कर अभिलेखों को शुद्ध न रखना आचरण नियमों का उल्लंघन नहीं है? क्या अभिलेख को शुद्ध रखना राजस्व अधिकारी की जिम्मेदारी नहीं है? क्या संपदा पोर्टल से प्राप्त होने वाले प्रकरणों को अकारण खारिज किये जाने में शासन की मंशा पूरी हो जाती है? इसके लिये जिला स्तर पर कोई कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या प्रश्‍नांश '''' में उ‍ल्‍लेखित विधानसभा प्रश्‍न के उत्‍तर में गुनौर विधानसभा में वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में नामांतरण बंटवारा सीमांकन के 3736 प्रकरण खारिज करने का उल्लेख किया गया है? यदि हाँ, तो इस पर कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या प्रश्‍नांश '''' में वर्णित प्रकरणों में से तहसील अमानगंज में सबसे अधिक 2240 प्रकरण खारिज करने पर यह प्रदर्शित है कि शासन की मंशा के अनुरूप व जनहित में कार्य करने का कोई इरादा नहीं है? क्‍या इतने अधिक प्रकरण अमानगंज तहसील के खारिज करने पर कृषकों को हुई परेशानी के संबंध में जिला स्तर पर संज्ञान लिया जाकर दोषियों पर कोई कार्यवाही की गई है?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। विधानसभा सत्र जुलाई 2024 प्रश्‍न क्रमांक 1344 के उत्तर में गुनौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तहसील गुनौर, देवेन्द्रनगर, अमानगंज में वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में नामांतरण के कुल 1870 प्रकरण प्रावधान अनुसार निरस्त करने की जानकारी दी गई थी। निरस्त किये गये प्रकरणों का निराकरण प्रावधान अंतर्गत किया गया था।                               अतः आचरण नियम के उल्लंघन का प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। अभिलेख को शुद्ध रखना राजस्व अधिकारी की जिम्मेदारी है। संपदा पोर्टल से प्राप्त होने वाले प्रकरणों को नियम विरूद्ध खारिज नहीं किया गया है, अतः कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है। (ख) जी हाँ। उत्‍तरांश (क) में उल्लेखित विधानसभा प्रश्‍न के उत्तर में गुनौर विधानसभा में वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में नामांतरण बंटवारा सीमांकन के 3736 प्रकरण प्रावधान अनुसार विधिक प्रक्रिया का पालन करते हुये निरस्त किये गये हैं। अतः कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है। (ग) उत्‍तरांश '''' में वर्णित प्रकरणों में से तहसील अमानगंज के 2240 प्रकरण प्रावधान अनुसार विधिक प्रक्रिया का पालन करते हुये निरस्त किये गये हैं। राजस्व महाभियान अंतर्गत जिले के तहसीलदारों को प्रकरणों का निराकरण समय-सीमा में किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।

 

सरकारी उप स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र में प्रसव सेंटर की सुविधा

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

23. ( *क्र. 245 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के विभिन्‍न जिलों में अलग-अलग, कितने-कितने सरकारी उप-स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र ऐसे हैं, जो प्रसव सेंटर की सूची में श‍ामिल हैं? (ख) उपरोक्‍त में से कितने उप-स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र ऐसे हैं, जहां प्रसव कराने के लिए कोई चिकित्‍सक पदस्‍थ नहीं है?                          (ग) जिन उप-स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों में चिकित्‍सक उपलब्‍ध नहीं है, उन्‍हें प्रसव सेंटर बनाने का क्‍या औचित्‍य है?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रदेश के विभिन्न जिलों में 376 सरकारी उप-स्‍वास्‍थ्‍य केन्द्र प्रसव सेंटर की सूची में शामिल हैं। (ख) उप-स्‍वास्‍थ्‍य केन्द्र में चिकित्सा अधिकारी का पद स्वीकृत नहीं है। (ग) प्रसव केन्द्र लेवल-1 (उप-स्‍वास्‍थ्‍य केन्द्र) पर ए.एन.एम. द्वारा सामान्य प्रसव कराया जाता है तथा जटिलता की स्थिति में उच्च संस्था पर रेफर किया जाता है। इण्डियन पब्लिक हेल्थ स्टेण्डर्ड 2022 (आई.पी.एच.एस.) भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मापदण्ड अनुसार उप-स्‍वास्‍थ्‍य केन्द्र स्तरीय प्रसव केन्द्रों पर चिकित्सक की आवश्यकता नहीं होती है।

अपर नर्मदा सिंचाई बांध परियोजना

[जल संसाधन]

24. ( *क्र. 257 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला डिंडोरीअनूपपुर के सीमा में नर्मदा अपर सिंचाई बांध परियोजना का निर्माण किया जाना है? इस बांध निर्माण में कितनी भूमि शासकीय एवं कितनी भूमि निजी किसानों से ली जा रही है? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार डिंडोरी जिले में कितने हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई होना है तथा कितने कृषक डिंडोरी जिले के लाभान्वित होंगे? इसी प्रकार अनूपपुर जिले के कितने हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई होना तथा कितने किसान लाभान्वित होना प्रस्तावित है? (ग) क्या बांध निर्माण के पूर्व जिला डिंडोरी एवं जिला अनूपपुर के किसानों से सहमति ली गई है, जबकि मध्य प्रदेश में पेसा कानून लागू है? (घ) क्या बांध निर्माण के विरोध में अनवरत किसानों द्वारा आंदोलन तथा कलेक्टर अनूपपुर/डिंडोरी, मुख्यमंत्री महोदय, राज्यपाल महोदय, राष्ट्रपति महोदय को आवेदन भेज कर किसानों ने बांध न बनाए जाने का निवेदन किया है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा उन आवेदनों पर क्या कार्रवाई की गई है?  

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। बांध निर्माण में ली जाने वाली शासकीय एवं निजी भूमि का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''1" अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार अपर नर्मदा सिंचाई बांध परियोजना से सिंचाई एवं लाभान्वित होने वाले कृषकों की जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "2" अनुसार है। (ग) अपर नर्मदा सिंचाई बाँध परियोजना सन 1979 से अस्तित्व में है, जिसके निर्माण के प्रस्ताव में पूर्व में ग्राम सभाओं से परामर्श किया जाकर उनकी सहमति प्राप्त की गयी है। पेसा कानून अंतर्गत वृहद सिंचाई परियोजना हेतु ग्राम सभाओं से परामर्श किये जाने का प्रावधान है। अपर नर्मदा परियोजना व्यापक जनहित को समर्पित एक शासकीय वृहद परियोजना है। म.प्र. पेसा अधिनियम 2022 के प्रावधान अनुसार भू-अर्जन के पूर्व म.प्र. भू-अर्जन पुनर्वासन, पुनर्व्‍यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2015 के नियम 16 के अनुसार ग्राम सभाओं से परामर्श किया जावेगा।                                                    (घ) कलेक्टर, अनूपपुर एवं कलेक्टर, डिंडोरी द्वारा की गयी कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "3" अनुसार है।

परिशिष्ट - "दो"

अध्यापक संवर्ग का नवीन शिक्षक संवर्ग में संविलियन

[स्कूल शिक्षा]

25. ( *क्र. 1033 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) क्या विभाग द्वारा अध्यापक संवर्ग को नवीन शिक्षक संवर्ग में संविलियन किया गया है? यदि हाँ, तो संविलियन दिनांक को ही नियुक्ति दिनांक माना जा रहा है? यदि हाँ, तो कारण बतावें कि उसकी मूल नियुक्ति दिनांक को ही क्यों नहीं माना जा रहा है? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार शिक्षक संवर्ग की आई.एफ.एम.एस. पोर्टल पर नियुक्ति दिनांक 01 जुलाई, 2018 कर दी गई है? यदि हाँ, तो कारण बतावें। क्या इससे शिक्षक संवर्ग को किसी प्रकार का आर्थिक नुकसान होगा? (ग) उच्च पद प्रभार के लिये नियुक्ति दिनांक मूल नियुक्ति दिनांक को माना जा रहा है? यदि हाँ, तो ग्रेज्युटी में  दिनांक 01 जुलाई, 2018 नियुक्ति दिनांक मानी जा रही है, ये दोहरा मापदंण्ड क्यों? (घ) क्या विभाग द्वारा पदोन्नति और नवीन भर्ती का निश्चित अनुपात रखा गया है? क्या उसी आधार पर नियुक्ति की जा रही है? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें एवं नियम की प्रति देवें। (ड.) क्या शिक्षक संवर्ग को पुरानी पेंशन लागू करने पर शासन स्तर पर कोई कार्यवाही प्रचलित है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें? यदि नहीं, तो क्यों। गुरूजी की तरह एक योजना बनाकर पात्रता परीक्षा लेकर अतिथि शिक्षक को नियमित करने की कोई कार्यवाही प्रचलित है? तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा पंचायत सम्मेलन में यह बात कही थी?  

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग), सेवा शर्तें एवं भर्ती नियम, 2018 के तहत स्थानीय निकाय में कार्यरत अध्यापक संवर्ग के लोक सेवकों को दिनांक 01.07.2018 से नवीन संवर्ग में सुसंगत पदों पर नियुक्त किया गया है। अत शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश "क" अनुसार।                                               (ग) स्थानीय निकाय के अध्यापक संवर्ग के लोक सेवक दिनाक 01.07.2018 एवं उसके पश्चात शासकीय सेवा में नियुक्त हुये हैं। अतः ग्रेच्युटी की गणना के लिये शासकीय सेवा में नियुक्ति दिनांक ही मान्य होगी। नवीन शैक्षणिक संवर्ग के लोक सेवकों हेतु जारी सेवा शर्तें दिनांक 27.7.2019 की कंडिका-3 अनुसार क्रमोन्नति, पदोन्नति हेतु अध्यापक संवर्ग में की गई सेवाओं को गणना में लिये जाने का प्रावधान है। (घ) जी हाँ। (ड.) जी नहीं, वर्ष 2011 से अध्यापक संवर्ग को नवीन अंशदायी पेंशन योजना लागू है। जी नहीं।

 

 



भाग-2

नियम 46 (2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्‍नोत्तर के रुप में परिवर्तित तारांकित प्रश्‍नोत्तर


नर्सिंग कॉलेजों की अवैध मान्‍यताओं की जाँच

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

1. ( क्र. 5 ) डॉ. राजेन्‍द्र कुमार सिंह : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नतिथि तक प्रदेश में किस-किस स्थान के, किस-किस नाम एवं पते वाले नर्सिंग कॉलेजों की जाँच किस-किस नाम की जाँच एजेन्सियों द्वारा कब से की जा रही है? उक्त सभी कॉलेजों के मालिकों के नाम क्या-क्या हैं? उक्त सभी कॉलेजों को किन-किन दिनांकों को सभी औपचारिकतायें पूर्ण कर कॉलेज संचालित करने की अनुमति/आज्ञा तक कब दी गई? जारी सभी आदेशों की एक-एक प्रति दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित नर्सिंग कॉलेजों जिनकी जाँच की गई, क्या-क्या अनियमिततायें कब-कब पाई गई? कॉलेजवार, अनियमितावार जानकारी दें। क्या उक्त कॉलेजों जिनके ऊपर लिखित अनियमितता पाई गई किस नाम/पदनाम के द्वारा पूर्व में जाँच कर एन.ओ.सी./अनुमति दी थी जिसके कारण कॉलेज शुरू हुआ? उक्त एन.ओ.सी./अनुमति/आदेशों की कॉलेजवार एक-एक प्रति दें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कॉलेजों की राज्य शासन द्वारा किन-किन दिनांकों/माहों/वर्षों में अनुमति के आदेश जारी किये? कॉलेजवार सभी आदेशों की      एक-एक प्रति उपलब्ध करायें। (घ) राज्य शासन ने प्रश्‍न तिथि तक किस-किस नाम/पदनाम को फर्जी अनुमति/आज्ञा देने पर कब-कब चिन्हित किया है? सूची दें? उन पर कब व क्या कार्यवाही की जायेगी?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

बेतवा नदी पर स्‍टॉप डेम निर्माण की स्‍वीकृति

[जल संसाधन]

2. ( क्र. 27 ) श्री मुकेश टंडन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) क्या कार्यपालन यंत्री सम्राट अशोक सागर संभाग क्रमांक 02 विदिशा द्वारा बेतवा नदी पर रंगई में स्टॉप डेम बनाने हेतु प्राक्कलन लागत 86.90 लाख का तकनीकी स्वीकृती हेतु पत्र क्रमांक 449/टीएस/जी-508 ए/2024 दिनांक 12.02.2024 अधीक्षण यंत्री जल संसाधन मंडल भोपाल को भेजा था? यदि हाँ, तो क्या तकनीकी स्वीकृति प्रदान की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या प्रश्‍नकर्ता ने पत्र क्रमांक 233 दिनांक 14.03.2024 के द्वारा अधीक्षण यंत्री जल संसाधन मंडल भोपाल को तकनीकी स्वीकृति प्रदान करने हेतु आग्रह किया था? यदि हाँ, तो तकनीकी स्वीकृति प्रदान कर प्रशासकीय स्वीकृति हेतु राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा गया? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या विभाग द्वारा उक्त कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति राज्य शासन से करवा कर जनहित में विदिशा में बेतवा नदी पर रंगई स्टॉप डेम का निर्माण कराया जावेगा? यदि नहीं, तो इसके लिये दोषी कौन है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। कार्यपालन यंत्री सम्राट अशोक सागर संभाग कमांक 2 विदिशा से बेतवा नदी पर रंगई स्टाप डेम बनाने हेतु प्राक्कलन लागत रू.86.90 लाख का प्राप्त हुआ था, प्रस्तावित स्टाप डेम से सिंचाई शून्य एवं जल भण्डार मात्र 0.01 मि.घ.मी. है एवं जिस स्थान पर स्टाप डेम निर्माण की मांग की जा रही है, उस के ऊपर 75 मीटर की दूरी पर विभाग द्वारा पूर्व से रंगई वियर निर्मित है। जिससे वर्तमान में 260 हेक्टेयर में सिंचाई की जा रही है। उक्तानुसार तकनीकी दृष्टि से नवीन स्टाप डेम का निर्माण किया जाना उचित नहीं है। इस कारण तकनीकी स्वीकृति जारी नहीं की गई। (ख) जी हाँ। प्रश्‍न में उल्लेखित पत्र द्वारा अधीक्षण यंत्री से स्टाप डेम निर्माण हेतु आग्रह किया गया था, किन्तु उत्तरांश "क" में उल्लेखित्त कारणों से तकनीकी स्वीकृति जारी नहीं की गई एवं शासन को प्रशासकीय स्वीकृति का प्रस्ताव नहीं भेजा गया। (ग) तकनीकी दृष्टि से निर्माण स्थल उपयुक्त नहीं होने के कारण तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासकीय स्वीकृति की कोई कार्यवाही नहीं की गई। इस के लिये कोई दोषी नहीं है।

असमय वर्षा से सोयाबीन फसल को हुए नुकसान का मुआवजा

[राजस्व]

3. ( क्र. 37 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार विधानसभा में खरीफ 2024 में सोयाबीन की फसल को अतिवृष्टि तथा असमय वर्षा के कारण नुकसान हुआ है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इस विषयक कृषि विभाग व राजस्व विभाग के माध्यम से दल का गठन होकर पटवारी हल्कावार सर्वे किया गया है? यदि हाँ, तो मुख्य रूप से धार विधानसभा में किन-किन पटवारी हल्कों में सोयाबीन फसल में नुकसानी हुई है? सूची सहित बतावें। (ग) क्या उक्तानुसार धार विधानसभा में सोयाबीन की फसल में हुए नुकसानी के संबंध में प्रकरण तैयार कर संबंधित बीमा कंपनी को प्रेषित किये जा चुके हैं? (घ) यदि हाँ, तो धार विधानसभा के उपरोक्त सर्वे में पात्र किसानों को मिलने वाले संभावित मुआवजे के संबंध में संक्षिप्त में विवरण देने का कष्ट करें।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। धार विधानसभा अंतर्गत तहसील धार एवं पीथमपुर में खरीफ 2024 में सोयाबीन की फसल को अतिवृष्टि तथा असमय वर्षा के कारण फसल नुकसान हुआ है। (ख) जी हाँ। तहसील धार अन्‍तर्गत फसल क्षति सर्वे हेतु राजस्‍व विभाग, कृषि विभाग तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग का संयुक्‍त सर्वे दल का गठन किया था। संयुक्‍त सर्वे दल द्वारा पटवारी हल्‍कावार सर्वे उपरांत खरीफ फसल सोयाबीन में 25 प्रतिशत से कम फसल क्षति होना प्रतिवेदित किया गया है। इसी प्रकार तहसील पीथमपुर में संयुक्‍त सर्वे कराया गया। सर्वे में खरीफ फसल सोयाबीन में 25 प्रतिशत से कम फसल क्षति होना प्रतिवेदित किया गया है। विधानसभा क्षेत्र धार के तहसील धार एवं तहसील पीथमपुर में संयुक्‍त सर्वे दल की रिपोर्ट अनुसार सोयाबीन की फसल नुकसानी 25 प्रतिशत से कम होने से जानकारी निरंक है। अत: शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (ग) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में सर्वे दलों से प्राप्‍त रिपोर्ट बीमा कपंनी एच.डी.एफ.सी. एग्रो को आगामी कार्यवाही हेतु प्रेषित की जा चुकी है। (घ) धार विधानसभा अन्‍तर्गत तहसील धार एवं तहसील पीथमपुर के प्रभावित कृषकों की मांग के आधार पर फसल बीमा का लाभ दिलाये जाने हेतु प्रबंधक एच.डी.एफ.सी. फसल बीमा कंपनी को संयुक्‍त सर्वे की सूची दी गई। धार विधानसभा अन्‍तर्गत फसल सर्वे में तहसील धार एवं पीथमपुर में सर्वे दल की रिपोर्ट अनुसार सोयाबीन की फसल नुकसानी 25 प्रतिशत से कम होने से आर.बी.सी. 6-4 अंतर्गत राहत राशि प्रदाय के प्रावधान नहीं होने से आर्थिक सहायता राशि का वितरण नहीं किया गया है।

चिकित्सालयों में आगजनी की घटनाएं

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

4. ( क्र. 40 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सच है कि प्रश्‍नकर्ता द्वारा जुलाई 2024 के सत्र में पूछे गये प्रश्‍न क्रमांक 394 (ख) के उत्तर में विभाग द्वारा बताया गया है कि, जिला चिकित्सालय एवं उससे ऊपर के 62 चिकित्सालयों में निर्धारित मापदण्ड अनुसार अग्निशमन प्रणाली स्थापित है? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त प्रणालियों को संचालित व संधारित किये जाने हेतु संबंधित चिकित्सालय में प्रशिक्षित अमला पदस्थ किया गया है? यदि नहीं, तो क्या विभाग इस हेतु प्रावधान निर्मित करेगा? (ग) यदि हाँ, तो किस स्तर के अधिकारी/कर्मचारियों को किस स्तर के प्रशिक्षण उपरांत इस दायित्व को दिया जाता है? वर्तमान में इस हेतु दायित्ववान अमले के स्वीकृत व भरे पद की जानकारी देवें। (घ) क्या देश के विभिन्न चिकित्सालयों के आई.सी.यू. में हो रही आगजनी की घटनाओं पर विषय विशेषज्ञ की रिपोर्ट का विभाग द्वारा अध्ययन किया जाता है तथा प्रदेश में ऐसी अप्रिय घटना न हो इस परिप्रेक्ष्‍य में रिपोर्ट में दिये गये सुझावों को लागू करवाये जाने की व्यवस्था सुनिश्‍िचत की गई है? (ङ) क्या धार जिला भोज चिकित्सालय में हुए अग्निशमन अंकेक्षण में कुछ कमियां पायी गई है? यदि हाँ, तो क्या उनमें निर्धारित मापदण्ड अनुसार अग्निशम प्रणाली में सुधार व जिम्मेदार अमले की व्यवस्था सुनिश्‍िचत की गई है?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ।                      (ख) चिकित्सालयों में स्थापित अग्निशमन प्रणाली को संचालित व संधारित किये जाने हेतु संबंधित चिकित्सालय में पदस्थ अमले को ही एन.डी.आर.एफ., जिला अग्निशामक विभाग एवं जिला सलाहकार के माध्यम से समय-समय पर प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। (ग) जी हाँ, अग्निशमन प्रणाली संचालित व संधारित किये जाने हेतु संबंधित चिकित्सालय में पदस्थ चिकित्सक, नर्सिंग ऑफिसर, सहायक प्रबंधक, सुरक्षा कर्मियों को प्रशिक्षण एन.डी.आर.एफ. जिला अग्निशमक विभाग फायर सलाहकार द्वारा दिया जाता है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। जी हाँ, आगजनी की घटनाओं को रोकने हेतु विभाग द्वारा दिशा निर्देश बना कर जारी किये गये हैं। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) जी हाँ, धार जिला भोज चिकित्सालय में हुए अग्निशमन अंकेक्षण में कुछ कमियाँ पाई गई थीं, जिसके सुझाव अनुसार जिला भोज चिकित्सालय में फायर फाइटिंग की स्थापना हेतु कार्य विभागीय भवन निर्माण शाखा द्वारा संपादित किया जा रहा है।

संचालित योजनाओं की जानकारी

[मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास]

5. ( क्र. 44 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राज्‍य मंत्री, मछुआ कल्‍याण एवं मत्‍स्‍य विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मत्स्य विभाग जिला हरदा अंतर्गत कितनी व कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है? (ख) संचालित योजनाओं में कौन-कौन हितग्राही पात्र/अपात्र की श्रेणी में आते है? स्पष्ट क‍ीजि‍ए। (ग) हरदा जिले में मत्स्य विभाग अंतर्गत 01 जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितना बजट व कौन-कौन सी मद में स्वीकृत किया गया? (घ) जारी किए गए बजट से कौन-कौन से कार्य किए गए है? जानकारी उपलब्ध करावें। (ड.) कार्यों की पूर्ण/अपूर्ण व वर्तमान स्थिति क्या है?

राज्‍य मंत्री, मछुआ कल्‍याण एवं मत्‍स्‍य विकास ( श्री नारायण सिंह पंवार ) : (क) मत्‍स्‍य विभाग जिला हरदा अंतर्गत संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्‍तकालय में परिशि‍ष्‍ट-अ अनुसार(ख) वह किसान जो अपनी आजीविका का अर्जन मछली पालन/मछली पकड़ना एवं मत्‍स्‍य बीज उत्‍पादन का कार्य करता हो वह पात्र की श्रेणी में आता है। (ग) हरदा जिले को समस्‍त मद अंतर्गत राशि 5,50,17,868/- का आवंटन किया गया जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार।              (घ) एवं (ड.) पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-स अनुसार

प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं का अन्य शालाओं में विलय

[स्कूल शिक्षा]

6. ( क्र. 65 ) श्री महेन्‍द्र केशरसिंह चौहान : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि बैतूल जिले के विधानसभा भैंसदेही में ऐसे कितने प्राथमिक एवं माध्यमिक शालायें संचालित है जिनमें 20 या उससे कम छात्र दर्ज है? सूची उपलब्ध कराये? शासन द्वारा इन्हें अन्य शाला में मर्ज किया जाना है, यदि हाँ, तो कब तक किये जावेगा?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : 20 या उससे कम दर्ज वाली प्राथमिक एवं माध्‍यमिक शालाओं की सूची  संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार है। विभागीय आदेश दिनांक 05/09/2018 के अंतर्गत एक परिसर एक शाला में विद्यालयों को मर्ज करने का प्रावधान है। समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "तीन"

गांधीसागर फॉरेस्ट रिट्रीट एंड फेस्टिवल में प्रोटोकॉल का पालन

[पर्यटन]

7. ( क्र. 75 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या राज्‍य मंत्री, पर्यटन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गांधीसागर फॉरेस्ट रिट्रीट एंड फेस्टिवल का आयोजन 14 अक्‍टूबर 2024 को गांधीसागर जलाशय पर आयोजित किया गया। उक्त कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में जिले के सांसद, क्षेत्र के विधायक एवं जनप्रतिनिधि को आमंत्रित नहीं किया गया। जो कि प्रोटोकाल का उल्‍लंघन है,            (ख) प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने के लिए कोन जिम्मेंदार है, क्या विभाग उस पर कार्यवाही करेगा? (ग) शासकीय कार्यक्रमों में जनप्रतिनिधि को आमंत्रित करना प्रोटोकॉल के तहत आता है और प्रोटोकाल का पालन नहीं हो रहा है, विभाग इसके लिए क्या कार्यवाही कर रहा है।

राज्‍य मंत्री, पर्यटन ( श्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी ) : (क) गांधी सागर आयोजन के प्रथम दिवस अध्‍यक्ष जिला पंचायत मंदसौर श्रीमति दुर्गा डॉ. विजय पाटीदार एवं सरपंच गांधी सागर श्री मनीष परिहार के अतिरिक्‍त मंदसौर कलेक्‍टर के साथ स्‍थानीय प्रशासन के प्रमुख अधिकारी की गरिमामई उपस्थिति में आयोजन हुआ। कार्यक्रम की आयोजक एजेंसी द्वारा दी गई जानकारी अनुसार जिला प्रशासन कार्यालय द्वारा मंदसौर के जनप्रतिनिधियों को गांधी सागर फॉरेस्‍ट रिट्रीट फेस्टिवल के तृतीय संस्‍करण में आमंत्रण भेजा गया था। मध्‍यप्रदेश टूरिज्‍म बोर्ड द्वारा प्रदेश के गंतव्‍यों के  प्रचार-प्रसार हेतु प्रतिवर्ष विभिन्‍न आयोजन/फेस्टिवल किये जाते है, उक्‍त आयोजनों एवं फेस्टिवल में जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित जिला प्रशासन द्वारा किया जाता है। (ख) एवं (ग) उत्‍तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

बैतूल में मेडि‍कल कालेज की स्‍‍थापना

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

8. ( क्र. 86 ) श्री हेमन्‍त विजय खण्‍डेलवाल : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल में शासकीय मेडि‍कल कालेज खोले जाने की घोषणा की गई है? यदि हाँ, तो सरकार द्वारा अभी तक प्रारंभ करने प्रक्रिया के लिये क्या कार्यवाही की गई? (ख) मेडि‍कल कालेज प्रारंभ किये जाने के लिये समय सीमा निर्धारित की गई है यदि हाँ, तो कब तक प्रारंभ किया जावेगा?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। जिला बैतूल में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के आधार पर चिकित्‍सा महाविद्यालय स्‍थापित किये जाने हेतु निविदा जारी की जा चुकी है। (ख) जी नहीं, निश्‍िचत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

शासकीय अस्पतालों में चिकित्सकों के स्वीकृत पदों की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

9. ( क्र. 90 ) श्री हेमन्‍त विजय खण्‍डेलवाल : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के शासकीय अस्पतालों में चिकित्सकों के कितने पद स्वीकृत है एवं स्वीकृत पदों के विरुद्ध कितने चिकित्सक कार्यरत है? (ख) बैतूल जिले के शासकीय अस्पतालों में चिकित्सकों के कितने पद स्वीकृत है एवं स्वीकृत पदों के विरुद्ध कितने चिकित्सक कार्यरत है?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ब अनुसार है।

राजस्व रि‍कार्ड में दर्ज वन भूमि

[राजस्व]

10. ( क्र. 94 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) विधान सभा क्षेत्र आलोट के प्रत्येक राजस्व ग्राम में दर्ज वन भूमि की सूची उपलब्‍ध करावें? ऐसी वन भूमि की सूची जो बंदोबस्त के पूर्व निस्तार चरनोई अथवा अन्य शासकीय मद में दर्ज थी। बंदोबस्त में म.प्र.शासन से वन भूमि में परिवर्तित की गई भूमि किस आदेश से दर्ज हुई आदेश की प्रतिलिपि। (ख) क्‍या निस्तार चरनोई अथवा अन्य शासकीय मद से बंदोबस्त में त्रूटि पूर्ण रूप से गलत इंद्राज कर वन भूमि घोषित किया गया है तो इसकी जानकारी नियमों को दर किनार कर घोषित की गई वन भूमि को क्या पुनः निस्तार चरनोई या अन्य मूल मद में परिवर्तित किया जा सकता है यदि हाँ, तो सरकार कब तक यह कार्य पूरा करेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

भू-राजस्व संहिता 115 के तहत दर्ज मामले

[राजस्व]

11. ( क्र. 95 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) रतलाम जिले की सभी तहसीलों के अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) के कार्यालय में म.प्र.भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 115 के तहत कितने मामले दर्ज हैं। (2) समय की सूची इस प्रकार प्रस्तुत करें (अ) तीन माह (आ) छ: माह (इ) एक वर्ष (ई) दो वर्ष (उ) तीन वर्ष (ऊ) चार वर्ष (ओ) पांच वर्ष (3) 2018 में म.प्र.भू राजस्व संहिता 1959 में संशोधन के बाद धारा 115 के कितने मामले निराकृत हुए। (ख) बिंदु क्रमांक 2 में दी गई तालिका में आंकड़े दें। त्रुटि सुधार के ऐसे मामले जिनमें स्वत्व प्रभावित नहीं होता है, क्या तहसीलदार को पुनः अधिकार देंगे।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) रतलाम जिले की सभी तहसीलों के अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) के कार्यालय में म.प्र.भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 115 के तहत वर्ष 2018 से वर्ष 2024 तक 7556 मामले दर्ज हैं। 2018 में म.प्र.भू-राजस्व संहिता 1959 में संशोधन के बाद धारा 115 के 7529 मामले निराकृत हुए। (ख) प्रश्‍नांश (क) के सन्दर्भ में बिंदु तालिका (2) में दी गई तालिका निम्नानुसार है:-

अनुभाग

रतलाम शहर

रतलाम ग्रामीण

सैलाना

जावरा

आलोट

 (अ) तीन माह

3

33

14

300

32

 (आ) छह माह

67

110

60

52

85

 (इ) एक वर्ष

231

92

92

665

83

 (ई) दो वर्ष

204

345

317

1067

155

 (उ) तीन वर्ष

602

749

277

458

505

 (ऊ) चार वर्ष

167

138

65

97

73

 (ओ) पांच वर्ष

201

102

33

01

63

 (ख) उत्‍तरांश () में तालिका दी गई है। भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 115 में अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व द्वारा कार्यवाही नियमानुसार संपादित की जा रही है। अत: तहसीलदार को अधिकार देने का प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

लक्ष्मण बाग सेवा संस्थान ट्रस्ट के आय-व्यय का ब्‍यौरा

[धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व]

12. ( क्र. 139 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या राज्‍य मंत्री, धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सत्य है कि लक्ष्मण बाग सेवा संस्थान रीवा की चल-अचल संपत्ति का प्रबंधन राज्य शासन के अधीन जिला कलेक्टर के अधिकार क्षेत्र में है? यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2013-2014 से वर्तमान सत्र 2024-25 तक ट्रस्ट को कुल कितनी आय प्राप्त हुई है वर्षवार विवरण उपलब्ध करावें। (ख) लक्ष्मण बाग सेवा संस्थान की संपत्ति से अर्जित आय से होने वाले बड़े खर्चों या निर्माण कार्यों को कराने हेतु शासन के नियमानुसार निविदाओं का आमंत्रण क्यों नहीं किया जातायदि निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया जाता रहा है तो वर्षवार विवरण उपलब्ध करावें।            (ग) प्रश्‍नांश (क) के अनुक्रम में क्या भविष्य में संस्थान के कोष से खर्च होने वाले कार्यों को नियमानुसार टेण्डर प्रक्रिया से कराया जाना सुनिश्‍िचत किया जावेगा? कृपया वित्तीय वर्ष 2013-14 से वित्तीय वर्ष 2024-25 तक हुए कार्यों की वित्तीय स्वीकृति, निर्माण कार्यों हेतु आमंत्रित निविदा का समाचार पत्रों में प्रकाशन एवं कार्यों के भुगतान का विवरण तथा ऑडिट रिपोर्ट उपलब्ध करावें।  (घ) लक्ष्मण बाग सेवा संस्थान ट्रस्ट रीवा के पुनर्गठन की प्रक्रिया राज्य शासन के द्वारा कब तक पूर्ण की जावेगी?

राज्‍य मंत्री, धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व ( श्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी ) : (क) जी हाँ। लक्ष्‍मण बाग संस्‍थान रीवा की चल-अचल संपत्ति का प्रबंधन वर्तमान में राज्‍य शासन के अधीन जिला कलेक्‍टर के अधिकार क्षेत्र में है। कलेक्‍टर वर्तमान में संस्‍थान के प्रशासक है। वित्‍तीय वर्ष 2012-2014 से 2024-2025 तक का वर्षवार आय-व्‍यय का विवरण  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ख) लक्ष्‍मण बाग संस्‍थान की संपत्ति से अर्जित आय से होने वाले बड़े खर्चे जैसे मंदिरों का जीर्णोद्धार, सौंदर्यीकरण आदि का कार्य वर्तमान में शासन के नियमानुसार लोक निर्माण विभाग, म.प्र. गृह निर्माण मण्‍डल आदि के द्वारा निविदा आमंत्रित कर कार्य कराया जाता है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (घ) लक्ष्‍मण बाग संस्‍थान रीवा हेतु ट्रस्‍ट का गठन नहीं किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

चरनोई भूमि पर हितग्राहियों का कब्जा

[राजस्व]

13. ( क्र. 141 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्या यह सत्य है कि विकासखण्ड जवा अंतर्गत ग्राम कोटा खैरहा पटवारी हल्का गेंदुरहा की आराजी भूमि क्र. 31,32,34,36 को स्थानीय 56 भूमिहीन आदिवासी व्यक्तियों को भूमि आवंटन अधिकार पत्र (पट्टा) सत्र 2001-2002 में प्रदाय किये गए थे? यदि हाँ, तो संपूर्ण कार्यवाही विवरण उपलब्ध करावें। (ख) यह कि प्रश्‍नांश (क) के अनुक्रम में 56 आदिवासी परिवारों को पट्टा वितरण एवं इस्तलाबी दर्ज करने की कार्यवाही होने के बावजूद लगभग 22 वर्ष व्यतीत हो जाने के पश्‍चात भी कब्जा नहीं मिल पाने का क्या कारण है? (ग) यह कि उक्त उल्लेखित 56 आदिवासी व्यक्तियों को आवंटित भूमि पर कब्जा कब तक दिलाया जा सकेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ, तहसील जवा विकासखण्ड जवा अंतर्गत वर्ष 2001-02 में चरनोई भूमि बंटन के तहत प्र.क्र. 71/A/-19/2001-02 आदेश दिनांक 15.07.2002 के द्वारा ग्राम कोटा की आ.नं. 31/2 में 07 अनुसूचित जनजाति व्यक्ति, .नं. 32/2 में 12 अनुसूचित जनजाति व्यक्ति, .नं. 34/1 में 17 अनुसूचित जनजाति व्यक्ति तथा आ.नं. 36/2 में 20 अनुसूचित जनजाति व्यक्ति, कुल 56 अनुसूचित जनजाति व्यक्तियों को पट्टा प्रदान किये गए थे। जाँच उपरांत वंटित भूमि जंगल मद दर्ज होने के कारण अनुविभागीय अधिकारी, त्योंथर से पुनर्विलोकन अनुमति पश्‍चात आदेश दिनांक 04.08.2003 के द्वारा उक्त भूमि का आवंटन पट्टा निरस्त किया जा चुका है। वर्तमान में उक्त भूमि म.प्र. शासन दर्ज अभिलेख है। (ख) तहसील जवा विकासखण्ड जवा अंतर्गत ग्राम कोटा में 56 आदिवासी परिवारों को आवंटन भूमि का पट्टा म.प्र. शासन जंगल मद दर्ज होने के कारण निरस्त किया जा चुका है। वर्तमान में उक्त भूमि म.प्र. शासन दर्ज है। इस कारण कब्जा दिये जाने का कोई प्रश्‍न ही नहीं उठता है। (ग) उक्त पट्टे निरस्त होने के कारण कब्जा दिलाये जाने का कोई औचित्य ही नहीं है।

प्रसूति सहायता राशि का भुगतान

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

14. ( क्र. 150 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जननी सुरक्षा एवं मुख्‍यमंत्री श्रमिक सेवा प्रसूति सहायता योजना के अंतर्गत दो बच्‍चों की सीमा तक शासन द्वारा 16 हजार रूपये की सहायता राशि दी जाती है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या राशि प्रदाय की कोई समय-सीमा निर्धारित हैं? यदि हाँ, तो जानकारी दें। (ग) क्‍या यह सही है कि डिलेवरी के 1 वर्ष बाद भी काजल कोल ग्राम निपनिया सहित अन्‍य 3 प्रकरणों में प्रश्‍न दिनांक तक राशि प्राप्‍त नहीं हुई है? (घ) यदि हाँ, तो कब तक राशि दी जायेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न  परिशिष्ट अनुसार। (ख) पात्र हितग्राही को पंजीयन, अनमोल/आर.सी.एच. पोर्टल में पात्रतानुसार राशि का भुगतान किया जाता है। पात्रता की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट में समाहित है। (ग) काजल कोल ग्राम निपनिया के भुगतान में विलंब हुआ जिसके फलस्‍वरूप कुल 3 कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई, जानकारी संलग्‍न  परिशिष्ट  अनुसार। अन्य तीन प्रकरणों में हितग्राही का नाम,पता एवं अन्य विवरण न होने के कारण राशि के भुगतान की जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (घ) काजल कोल ग्राम निपनिया को पात्रतानुसार राशि का भुगतान किया जा चुका है।

परिशिष्ट - "चार"

सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र के नये भवन का निर्माण

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

15. ( क्र. 155 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या 30 वर्ष पूर्व निर्मित प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र पनागर का उन्‍नयन कर सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र बनाया गया है? जिसकी वर्तमान स्थिति अत्‍यंत जर्जर है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र के समकक्ष मापदण्‍डों के अनुसार व्‍यवस्‍थायें उपलब्‍ध हैं? (ग) यदि हाँ, तो बताये कितने मरीज प्रतिदिन ओपीडी में आते हैं, कितने मरीजों के बैठने की व्‍यवस्‍था है? कितने बिस्‍तर उपलब्‍ध हैं? (घ) प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार यदि नहीं, तो क्‍या नये भवन निर्माण हेतु कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र पनागर का भवन 30 वर्ष पूर्व निर्मित किया गया है तथा वर्तमान में स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र का आंशिक भाग जर्जर अवस्‍था में है। (ख) जी हाँ। (ग) सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र पनागर में प्रतिदिन औसतन 200 रोगी ओपीडी में आते है तथा लगभग 40-50 रोगियों की बैठने की व्‍यवस्‍था है। सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र पनागर में 10 बिस्‍तरीय पुरूष वार्ड, 10 बिस्‍तरीय महिला वार्ड तथा 10 बिस्‍तरीय प्रसुति वार्ड निर्मित है, इसके अतिरिक्‍त 10 बिस्‍तरीय पोषण पुनर्वास केन्‍द्र भी उपलब्‍ध है। (घ) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रे‍क्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

पत्रों पर कार्यवाही न होना

[राजस्व]

16. ( क्र. 182 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) प्रश्‍नकर्ता ने जिला कलेक्टर टीकमगढ़ को कुल कितने पत्र प्रेषित किये गये, प्रेषित पत्रों पर प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई विस्तृत विवरण दें? (ख) क्या कलेक्टर टीकमगढ़ द्वारा प्रश्‍नकर्ता के पत्रों को संबंधित विभागों को भेजकर कर्तव्य की इतिश्री कर दी जाती है? उदाहरण के लिए कार्या. अपर कलेक्टर का पत्र क्र. 08 दिनांक 04.07.2024 जांच दल गठन कर दिनांक 05.07.2024 तक जांच प्रतिवेदन मांगना और प्रश्‍न दिनांक तक कार्यवाही न होना क्या कलेक्टर टीकमगढ़ की प्रश्‍नकर्ता के पत्रों की अनदेखी नहीं है? (ग) यदि हाँ, तो दोषी कलेक्टर पर क्या कार्यवाही की जावेगी यदि नहीं, तो जनप्रतिनिधियों द्वारा जनता की समस्याओं के निराकरण का क्या उपाय है? (घ) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित पत्रों का पृथक-पृथक विवरण देकर यह बताये कि पत्रों पर कार्यवाही न होने के लिए कौन-कौन दोषी है, उन पर कब तक कार्यवाही होगी?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) प्रश्‍नकर्ता माननीय विधायक 43-टीकमगढ़ के द्वारा इस कार्यालय को 96 पत्र प्रेषित किये गये थे। जिले के अधीनस्थ शाखा/विभागों के द्वारा समुचित कार्यवाही की गई है एवं विस्तृत प्रकृति के पत्रों पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जी नहीं। माननीय विधायक 43-टीकमगढ़ के द्वारा प्रस्तुत पत्रों पर संबंधित शाखा/विभागों से कार्यवाही पूर्ण करने हेतु भेजे जाकर उक्त पत्रों पर प्रति सप्ताह होने वाली समयकालिक बैठक में समीक्षा की जाती है। अपर कलेक्टर को जाँच हेतु दिये गये पत्र विस्तृत प्रकृति के होने के कारण, अपर कलेक्टर के द्वारा जाँच दल गठित किया गया है, कार्यवाही प्रचलन में है। अतः यह कहना सही नहीं है कि प्रश्‍नकर्ता के पत्रों की अनदेखी की जाती है। (ग) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्य में कोई भी दोषी नहीं है, इसलिए किसी भी प्रकार की कार्यवाही किये जाने की स्थिति परिलक्षित नहीं होती है। माननीय जनप्रतिनिधियों के द्वारा जनता की समस्याओं के निराकरण के लिए लिखित/मौखिक रूप से तथ्यों की जानकारी जिला प्रशासन के संज्ञान में लाये जाने पर कार्यवाही की जाती है तथा संबंधित माननीय विधायकों के लिखित आवेदन पत्रों को अभिलेख पंजी में दर्ज कराया जाकर संबंधित शाखा/विभागों के स्तर से निराकरण किये जाने की कार्यवाही की जाती है, साथ ही उक्त पत्रों पर प्रति सप्ताह होने वाली समयकालिक बैठक में समीक्षा की जाती है एवं माननीय जनप्रतिनिधियों को उक्त संबंध में की गई कार्यवाही से अवगत कराया जाता है। (घ) उत्‍तरांश '''' में वर्णित 96 पत्रों पर जिले के अधीनस्थ विभागों के द्वारा समुचित कार्यवाही की गई है एवं विस्तृत प्रकृति के पत्रों पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, समस्त पत्रों पर कार्यवाही किये जाने के कारण कोई दोषी नहीं है और न ही किसी भी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने की स्थिति निर्मित नहीं होती है।

कान्ह डायवर्सन क्लोज डक्ट परियोजना में अनियमितता की जांच

[जल संसाधन]

17. ( क्र. 197 ) श्री महेश परमार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित 2547 दिनांक 18/07/24 के उत्तर एवं रिकॉर्ड विभाग द्वारा किस किस माध्यम से कब तक दिए जायेंगे। क्या कान्ह नदी के दूषित जल को 16.70 किलोमीटर भूमिगत क्लोज डक्ट से उज्जैन शहर की सीमा के बाहर कालिया देह के पास क्षिप्रा में प्रवाहित करने के कार्य से क्षिप्रा नदी शुद्ध हो सकेगी? (ख) मेसर्स वेंसर उज्जैन को दिनांक 15 मार्च 2024 को राशि 479 करोड 89 लाख का अनुबंध कर कालिया देह के पास प्रदूषित जल बायपास करने की योजना से क्या क्षिप्रा शुद्धीकरण हो सकेगा? (ग) क्या जिला योजना समिति का अनुमोदन लेकर अनुबंध किया गया हैं? यदि हाँ, तो प्रोसिडिंग की कॉपी दें। यदि नहीं, तो मध्यप्रदेश जिला योजना समिति (कामकाज के संचालन की प्रक्रिया) नियम 1999, मध्यप्रदेश जिला योजना समिति अधिनियम 1995, के प्रावधान की अनदेखी और उज्जैन जिले के निर्वाचित जनप्रतिनिधि गण की उपेक्षा के लिए दोषी कौन हैं? उक्त मामले की जांच कौन करेगा कब तक करेगा? (घ) क्या 919 करोड 94 लाख प्रो रेटा के आधार पर क्लोज डक्ट के अलाइमेंट परिवर्तन, 18.5 किलो मीटर कट कवर, 12 कि.मीटर टनल के प्रस्ताव पर 321 करोड 28 लाख वृद्धि कर 919 करोड 94 लाख सिर्फ उज्जैन शहर की क्षिप्रा नदी की बाईपास योजना पर खर्च होंगे? यदि हाँ, तो क्षिप्रा शुद्धिकरण की परियोजना निर्माण क्यों नहीं?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) तारांकित प्रश्‍न 2547 दिनांक 18.07.2024 को उत्तर एवं रिकार्ड तत्कालीन सत्र समय ही  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट - 1, 2, 3, 4, 5, 6 एवं प्रपत्र "अ" के माध्यम से माननीय महोदय को उपलब्ध करा दिये गये थे। जी नहीं। अपितु कान्ह नदी के दूषित जल को भूमिगत क्लोज्‍ड डक्ट एवं टनल जिसकी कुल लंबाई 30.15 कि.मी. है के माध्यम से उज्जैन शहर की सीमा से बाहर गंभीर नदी में व्यपवर्तित करने से उज्जैन शहर की सीमा के अंदर कान्ह नदी का दूषित जल वर्षाकाल छोड़कर शेष अवधि में क्षिप्रा नदी में नहीं मिलेगा। (ख) उत्तरांश '''' के अनुसार। (ग) जी नहीं। अपितु उससे उच्चतर साधिकार समिति से अनुशंसा उपरांत मंत्री परिषद की बैठक दिनांक 15.03.2024 द्वारा स्वीकृति प्राप्त की गई थी। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। उक्त कार्य पूर्ण होने पर कान्ह नदी का दूषित जल व्यपवर्तित होने से साधु-संतों एवं श्रद्धालुओं की धार्मिक आस्थाओं और सिंहस्थ की शुचिता पर प्रभाव नहीं पडे़गा।

दंडात्मक कार्यवाही में विलम्‍ब

[स्कूल शिक्षा]

18. ( क्र. 199 ) श्री महेश परमार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) तारांकित प्रश्‍नांश क्रमांक 145 दिनांक 18/07/24 के अंतर्गत शासन एवं स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रश्‍न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही कब-कब, किस-किस के द्वारा की हैं? कार्यवाही की नोटशीट, संलग्न अधिनियम नीति नियम सहित रिकॉर्ड देवें। (ख) लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के पत्र दिनांक 08/07/24 की नोटशीट पूर्ण सहित फाइल के दस्तावेज की प्रति देवें और संयुक्त संचालक लोक शिक्षण संभाग उज्जैन ने प्रश्‍न दिनांक तक 08/07/24 के आपके पत्र पर कब-कब, किस-किस आधार पर जांच की और प्रतिवेदन प्रस्तुत किया? आरोप पत्र, आधार पत्र, कथन एवं समिति के प्रतिवेदन की प्रतियां देवें। (ग) तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 145 दिनांक 18.07.24 के उतरांश (ग) के अनुसार उत्तरांश (घ) एवं (ड.) में प्राप्त उत्तर के परिपालन में प्रश्‍न दिनांक तक निष्कर्ष अनुसार क्या क्या दंडात्मक कार्यवाही किस-किस के द्वारा कब-कब की गई? जवाब देवें। (घ) सुस्पष्ट दस्तावेज एवं प्रमाण होने के उपरांत दंडात्मक कार्यवाही पर विलंब और दंडात्मक कार्यवाही रोक के क्या-क्या कारण हैं? विवरण देवें। (ड.) शासन के निर्देशों में स्पष्ट रूप से गैर शिक्षकीय कार्यों में संलग्न किए जाने पर संयुक्त संचालक एवं जिला शिक्षा अधिकारी उत्तरदायी होंगे? उक्त निर्देश के उपरांत दोषी को कौन-कौन अधिकारी बचाना चाहते हैं? जबकि सामान्य प्रशासन के नियम अनुसार नोटशीट प्रचलित करने से निर्णय तक की अवधि तय कर रखी है।

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (ग) से (ड.) संबंधित शिक्षकों का संलग्नीकरण करने का आदेश निरस्त किया जा चुका है। शेष के संबंध में जांच प्रतिवेदन पर कार्यवाही प्रचलित है।

सीमांकन की कार्यवाही की जानकारी

[राजस्व]

19. ( क्र. 206 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 457 दिनाँक 03/07/2024 के उत्‍तरांश ()  में बताया था कि खसरा नं. 220/2, 221 की रजिस्ट्री के आधार पर खसरा नं. 223 पर किये गये अतिक्रमण सीमांकन दल गठित कर सीमांकन की कार्यवाही 15 दिवसों में कर दी जावेगी। सीमांकन उपरान्त विधि अनुसार बेदखली की कार्यवाही पर विचार किया जा सकेगा यदि हाँ, तो क्या उक्त 1.822 हे. भूमि का सीमांकन अब तक किया गया या नहीं? यदि सीमांकन की कार्यवाही पूर्ण हो गई है तो उसकी फील्ड बुक, पंचनामा एवं मशीन द्वारा दर्ज किये गये प्वांइटों को खसरा शीट पर फिक्स करने की डिजिटल सी.डी. प्रदान करें। कितने अतिक्रमण पाये गये बतायें? यदि सीमांकन नहीं हुआ है तो क्यों?             (ख) क्या सीमांकन दल श्री सुयोग्य श्रीवास्तव राजस्व निरीक्षक, पटवारी श्री नरेन्द्र यादव के द्वारा दिनाँक 11/11/2024 को उक्त सीमांकन हेतु टोटल स्टेशन मशीन से प्वांइट उठाये गये हैं? यदि हाँ, तो मौके पर खसरा फिक्स कर समिति की भूमि की सीमा कब तक निर्धारित कर सीमांकन पूर्ण किया जावेगा? प्वांइटों की डिजिटल प्रति‍ दें।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जिले की तहसील अधारताल के अंतर्गत सीमांकन दल गठित कर न्यायालय तहसीलदार अधारताल के रा.प्र.क. 0029/अ-12/2024-25 आदेश दिनांक 23.10.2024 के अनुसार दिनांक 11.11.2024 को मौजा लक्ष्मीपुर स्थित भूमि खसरा नंबर 223 का सीमांकन/सर्वे कार्य किया गया जिसमें सोसायटी के अध्यक्ष द्वारा प्रस्तुत सोसायटी का ले-आउट अनुसार ई.डब्ल्यू.एस. हेतु आरक्षित भाग पर 11 व्यक्तियों द्वारा मकान बनाकर लगभग 6 से 8 वर्षों से उक्त भूमि में निवासरत हैं। जिनके नाम एवं विक्रय पत्र में खसरा नंबर-223 से भिन्न खसरा नंबर-220/6 में दर्ज है जबकि मौके पर खसरा नंबर-223 पर काबिज हैं। 11 व्यक्तियों की  सूची  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  '' (पेन ड्राइव) अनुसार एवं फील्ड बुक, पंचनामा  एवं प्वाइंटों की डिजिटल प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  '' (पेन ड्राइव) अनुसार है। आवेदक द्वारा न्यायालय में विधिवत आवेदन प्रस्तुत करने पर विधिक प्रक्रिया के तहत बेदखली करने की कार्यवाही का प्रावधान है। (ख) सीमांकन दल द्वारा दिनांक 11.11.2024 को टी.एस.एम. मशीन से प्वाइंट उठाये गये हैं। सीमांकन कर सीमांकन की  फील्ड बुक, पंचनामा एवं प्वाइंटों की डिजिटल प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  '' (पेन ड्राइव) अनुसार है।

 

गणवेश का वितरण

[स्कूल शिक्षा]

20. ( क्र. 211 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन की स्कूली छात्र/छात्राओं को गणवेश का वितरण करने की निर्धारित नीति, प्रक्रिया एवं व्यवस्था क्या हैं। इसके लिये बजट में कितनी राशि का प्रावधान किया गया। कितनी राशि आवंटित की है एवं कितनी राशि व्यय हुई है? वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक की जानकारी दें।  (ख) जिला जबलपुर को गणवेश का वितरण करने कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? वर्षवार कितने-कितने स्कूलों के कितने-कितने छात्र/छात्राओं के लिये गणवेश का वितरण किया गया एवं इस पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई। किस-किस शैक्षणिक वर्ष में निर्धारित नीति के तहत कितने कितने स्कूलों के कितने-कितने छात्र-छात्राओं को कब से गणवेश का वितरण नहीं किया गया है एवं क्यों? शहरीय एवं ग्रामीण शालाओं की जनपद पंचायत वार जानकारी दें। स्कूलों की सूची दें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में किस स्तर पर गणवेश का वितरण करने की क्या व्यवस्था की गई। इसके लिये वर्षवार कितने कितने स्वसहायता समूहों को कब-कब कितने कितने गणवेश हेतु आदेश दिया गया? कितने-कितने स्वसहायता समूहों ने कब-कब कितने गणवेश का प्रदाय किया हैं। कितने-कितने गणवेश का प्रदाय नहीं किया है एवं क्यों? इन्हें कब-कब कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया। कितने स्वसहायता समूहों को कब से कितनी-कितनी राशि का भुगतान नहीं किया गया एवं क्यों? जानकारी दें क्या शासन निर्धारित समयावधि में गणवेश का वितरण न करने वाले दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) सत्र 2020-21 से सत्र 2024-25 तक गणवेश प्रदाय हेतु निर्धारित प्रक्रिया की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। बजट प्रावधान की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार(ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार। सत्र 2020-21 एवं सत्र 2022-23 में स्व-सहायता समूहों के माध्यम से विद्यालय में नामांकित छात्रों की संख्या के अनुसार गणवेश उपलब्ध कराई गई है। सत्र 2021-22, 2023-24 एवं 2024-25 में विकासखंड स्तर से शालावार भौतिक सत्यापन के अनुसार गणवेश की राशि छात्रों के खातों में उपलब्ध कराई गई है। सत्र 2024-25 में 5402 छात्रों के खाते त्रुटिपूर्ण होने के कारण उनके खातों में राशि अंतरित नहीं हो सकी। खाते में सुधार करते हुये गणवेश की राशि प्रदाय करने की कार्यवाही निरंतर प्रक्रियाधीन है। (ग) सत्र 2020-21 में स्व-सहायता समूहों के खातों में संबंधित विभाग से कार्यादेश के पश्‍चात 75 प्रतिशत राशि राज्य स्तर से अग्रिम एवं गणवेश प्रदाय की पूर्णता उपरांत 25 प्रतिशत की राशि जिला स्तर से ऑनलाईन जारी की गई। सत्र 2022-23 में राशि भुगतान की संपूर्ण कार्यवाही राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से की गई है। भारत शासन के द्वारा गणवेश की राशि आवर्ती मद के रूप में उपलब्ध कराई जाती है। वित्तीय वर्ष में गणवेश प्रदाय नहीं करने तथा पोर्टल में गणवेश वितरण/प्राप्ति का विवरण दर्ज नहीं होने से 25 प्रतिशत की राशि लंबित है। शासन के प्रावधान अनुसार गणवेश प्रदाय की कार्यवाही की गई है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन एवं शहरी आजीविका मिशन से प्राप्त जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है।

नवीन शाला भवनों का निर्माण एवं मरम्मत

[स्कूल शिक्षा]

21. ( क्र. 212 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) प्रदेश शासन ने जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला केन्द्र जबलपुर को किस-किस योजना मद में  नवीन शाला भवनों, अतिरिक्त कक्षों का निर्माण  मरम्मत एवं पुनर्निर्माण हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित की है एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? बतलायें। वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में कितने-कितने स्कूलों के नवीन शाला भवनों का निर्माण, पुनर्निर्माण, अतिरिक्त कक्षों का निर्माण, सुधार एवं मरम्मत कार्य कितनी-कितनी राशि में कब कराया गया हैसूची दें।             (ग) प्रश्‍नांश (क) में कितने-कितने स्कूल किराये के सुविधा विहीन भवनों में संचालित हैं। कितने स्कूलों के भवन जर्जर, खण्डहर एवं सुविधा विहीन हैं। कितने स्कूलों में एक से अधिक कक्षाएं लग रही हैं। कितने स्कूलों में शौचालय एवं इनकी साफ-सफाई की पर्याप्त सुविधाएं नहीं है एवं क्यों? कितने स्कूलों में स्वच्छ पेय जल एवं अन्य पर्याप्त सुविधाएं नहीं है एवं क्यों? सूची दें। (घ) प्रश्‍नांश (क) में कितने जर्जर, खण्डहर एवं सुविधाविहीन स्कूलों को चिंहित कर शाला भवनों, अतिरिक्त कक्षों आदि को कब तोड़ा गया एवं इनका नवीन शाला भवनों का निर्माण, पुनर्निर्माण, अतिरिक्त कक्षों का निर्माण सुधार एवं मरम्मत कार्य हेतु कब कितनी राशि का प्रस्ताव भेजा गया तथा शासन ने कब कितनी राशि आवंटित की हैं। कितनी राशि कब से आवंटित नहीं की है एवं क्यों? सूची दें। (ड.) जबलपुर पूर्व विधानसभा क्षेत्र क्र.-97 से सम्बंधित शाला भवनों की जानकारी/सूची पृथक से दें?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट 'एक' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट 'दो' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट 'तीन' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  'चार' अनुसार है। नवीन भवन निर्माण बजट की उपलब्धता तथा सक्षम समिति की अनुशंसा पर निर्भर है। अतः समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ड.) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट 'पाँच' अनुसार है।

पी.पी.पी. मोड पर मेडिकल कॉलेज खोला जाना

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

22. ( क्र. 246 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सरकार प्रदेश में पी.पी.पी. मोड पर मेडिकल कॉलेज खोलने जा रही है? यदि हाँ, तो किस-किस जिले में किस-किस स्‍थान पर पी.पी.पी. मोड पर मेडिकल कॉलेज खोला जाना प्रस्‍तावित है? (ख) पी.पी.पी. मोड पर मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए क्‍या नियम, शर्तें और प्रक्रिया है, उसकी प्रति उपलब्‍ध कराएं? (ग) पी.पी.पी. मोड पर मेडिकल कॉलेज खोलने के लिये सरकार कौन-कौन सी सुविधाएं, संसाधन और भूमि, भवन, किस दर और किन शर्तों पर सरकारी अस्‍पताल प्रायवेट सेक्‍टर को सौंपने जा रही है? (घ) क्‍या प्रश्‍नांश (क) वर्णित मेडिकल कॉलेजों में आदिवासी और पिछड़े जिलों के सरकारी अस्‍पताल भी शामिल हैं? यदि हां,तो किन-किन जिलों के कौन-कौन से सरकारी अस्‍पताल पी.पी.पी. मोड पर दिया जाना प्रस्‍तावित है?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। राज्‍य शासन की प्रदेश के मुरैना, पन्‍ना, कटनी, अशोकनगर, गुना, भिण्‍ड, टीकमगढ़, धार, बैतूल, खरगोन, सीधी तथा बालाघाट जिले में पी.पी.पी. मोड पर चिकित्‍सा महाविद्यालय स्‍थापित किये जाने की कार्ययोजना हैं। (ख) पी.पी.पी. मोड पर चिकित्‍सा महाविद्यालय स्‍थापित किये जाने हेतु जारी टेण्‍डर प्रारूप की जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट अनुसार(ग) उत्‍तरांश '''' के अनुसार। (घ) जी हाँ। उत्‍तरांश '''' अनुसार।

नागदा को जिला बनाने का लम्बित प्रस्‍ताव

 [राजस्व]

23. ( क्र. 272 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा मार्च 2020 से 2023 तक चार जिले बनाने की घोषणा पर शासन द्वारा गजट नोटिफिकेशन कर 30 दिवसीय आमंत्रित दावें/आपत्तियों का निराकरण कर जिला बनाने हेतु क्या निम्‍न कार्यवाही की गई है। क्र. नवीन जिलों का गठन म.प्र. राजपत्र में प्रथम अधिसूचना दिनांक म.प्र. राजपत्र में अंतिम अधिसूचना दिनांक पुलिस अधीक्षक कलेक्‍टर की पदस्‍थापना दिनांक जिले के दावें/आपत्ति समयावधि समाप्‍त होने के बाद न‍वीन गठित जिले का गठन समय 1. मैहर 05/09/2023 05/10/2023 05/10/2023 01 दिन 2. पांढुर्णा 25/08/2023 05/10/2023 05/10/2023        12 दिन 3. मऊगंज 06/04/2023 13/08/2023 13/08/2023 99 दिन 4. नागदा 28/07/2023 450 दिन से लंबित यदि हाँ, तो मैहर, पांढुर्णा, मऊगंज की तरह नागदा को जिला बनाने के समय-सीमा में दावें/आपत्तियों का निराकरण व सभी औपचारिकताएं पूर्ण हो जाने के बाद 450 दिन से लंबित प्रस्ताव को मंत्री परिषद् में स्वीकृत कर अंतिम गजट नोटिफिकेशन हेतु शासन कब तक कार्यवाही पूर्ण कर लेगा? (ख) विधानसभा प्रश्‍न क्र. 194 दिनांक 12/02/2024 के प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के उत्तर में जी हाँ स्वीकार करते हुए प्रश्‍नांश (ग) जिला बनाने की सभी औपचारिकताएं पूर्ण हो जाने के पश्‍चात नागदा को जिला बनाने के लंबित प्रस्ताव को मंत्री परिषद् में स्वीकृत कर अंतिम गजट नोटिफिकेशन हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? के उत्तर में बताया था कि प्रकरण परीक्षणाधीन है? क्या शासन द्वारा प्रस्ताव का परीक्षण करा लिया गया है? यदि हाँ, तो सम्पूर्ण विवरण दें। नागदा को जिला कब तक घोषित किया जाएगा?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। तीन नवीन जिले बनाये जाने की अधिसूचना जारी की गई है। कार्यवाही विचाराधीन है। समय-सीमा बताया जाना सम्‍भव नहीं है। (ख) जी हाँ। वर्तमान में नवीन प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग का गठन किया गया है। प्रकरण आयोग के समक्ष रखा जाना है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

बालिका एवं बालक छात्रावास में गबन की जाँच

[स्कूल शिक्षा]

24. ( क्र. 274 ) श्री आरिफ मसूद : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) क्या वर्ष 2024 में भोपाल, बैरसिया ब्‍लॉक के कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास की वार्डन ‌द्वारा अवैध तौर पर लाखों रूपये के भुगतान करने का मामला सामने आया था यदि हाँ, तो विभाग ‌द्वारा वार्डन के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई जानकारी उपलब्ध करावें। क्या विभाग वार्डन के विरुद्ध वित्तीय अनियमितताओं की धारा में एफ.आई.आर. दर्ज करवाएगी यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या वर्ष 2022 से 2024 के बीच हथाईखेडा स्थित बालक छात्रावास के वार्डन ने हॉस्टल के बजट की राशि का गबन कर राशि अपनी पत्नी के खाते में ट्रांसफर करा दी थी तथा हॉस्टल में पढ़ने वाले छात्र को वेंडर बनाकर उसके खाते में भी लाखों रूपये की राशि ट्रांसफर करा ली एवं उसी छात्र को बाद में हॉस्‍टल का चौकीदार भी बना लिया यदि हाँ, तो विभाग वार्डन पर शासकीय राशि के दुरुपयोग एवं भ्रष्टाचार सहित अन्य धाराओं पर पुलिस मुकदमा दर्ज कराएगा यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या जिला परियोजना समन्‍वयक (DPC) ने समिति बनाकर हॉस्टल के बजट से हुए सभी भुगतानों की जाँच भी करवाई थी यदि हाँ, तो जाँच रिपोर्ट में किस-किस को दोषी पाया रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध कराने की कृपा करें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या फर्जी मेकर आईडी बनाने वाले अकाउंटेंट को ही इसी हॉस्टल में लेखापाल की जिम्मेदारी दे दी थी यदि हाँ, तो उसके विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) :(क) जी हाँ। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय भोपाल बैरासिया में पदस्थ वार्डन को कार्यालयीन आदेश क्र/जिशिके/जेण्डर/2024/2251 दि. 26.09.2024 के द्वारा वार्डन के प्रभार से मुक्त कर दिया गया है। जिला स्तर से जांच समिति का गठन किया गया है। जांच में दोषी पाये जाने पर संबंधित वार्डन के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेंगी। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ प्रकरण की जांच में           श्री अजय श्रीवास्तव प्रभारी वार्डन दोषी पाये जाने से जिला शिक्षा अधिकारी भोपाल के आदेश क्र./शिकायत/जांच/निलम्बन/2024/22385 दिनांक 06/12/2024 के द्वारा हॉस्टल वार्डन हताईखेडा के पद से मुक्त करते हुए सहायक शिक्षक के पद से निलम्बित कर दिया गया है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। जिला शिक्षा अधिकारी भोपाल के आदेश क्र./शिकायत/जांच/निलम्बन/2024/22395 दिनांक 06/12/2024 के द्वारा श्री अजय श्रीवास्तव सहायक शिक्षक के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित की जा रही है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ग) जी हाँ, जांच प्रतिवेदन संलग्‍न है, जांच प्रतिवेदन में वार्डन को दोषी पाया गया है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। (घ) अकाउंटेंट को हॉस्टल में लेखापाल के प्रभार से हटा दिया गया है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है।

सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र में पदस्‍थ कर्मचारियों की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

25. ( क्र. 279 ) श्री कामाख्या प्रताप सिंह : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामुदायिक स्‍वा.केन्‍द्र नौगांव जिला छतरपुर में रोगी कल्‍याण निधि राशि का वित्‍तीय वर्ष 2020-21 से वित्‍तीय वर्ष 2024-25 तक का आय एवं व्‍यय की राशि का वाउचर की प्रति उपलब्‍ध कराये। (ख) उक्‍त स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र में कण्‍डम की गई सामग्री की विक्रय की अनुमति किसके द्वारा ली गई? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्‍ध कराये। विक्रय की राशि कितनी एवं कहां जमा की गई, विक्रय करने की निविदा सूचना प्रशासन की गई है? यदि हाँ, उसकी प्रति उपलब्‍ध करायें। विक्रय निष्क्रिय सामाग्री एवं वाहनों में यदि संबंधित दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कब तक कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताये। (ग) उक्‍त सामुदायिक स्‍वा.केन्‍द्र में नियमित, संविदा, आउटसोर्स कितना चिकित्‍सक पदस्‍थ हैं? कितने चिकित्‍सक एवं कर्मचारी मूल पदस्‍थापना स्‍थान कहां-कहां ड्यूटी करते हैं नाम, स्‍थान सहित उपलब्‍ध कराये। ओपीडी समय में कौन-कौन चिकित्‍सक ड्यूटी करते हैं। विगत एक माह की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग उपलब्‍ध कराये। क्‍या बीमाओं को मरीज देखने के नियम हैं? कितने कर्मचारी मूल पदस्‍थापना में अन्‍यत्र कार्यरत है उनकी सूची देवें। (घ) शासन द्वारा समस्‍त अनुलग्‍नता पर प्रतिबंध होने के उपरांत उन्हें मूल पदस्‍थापना स्‍थान पर वापिस क्‍यों नहीं किया गया। ओपीडी पर्चा कम्‍प्‍यूटरीकृत न करने के क्‍या कारण है? रोगी कल्‍याण निधि एवं किचिन में आय-व्‍यय राशि का लेखा जोखा की प्रति उपलब्‍ध करायें।

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) रोगी कल्‍याण समिति का वित्‍तीय वर्ष 2020-21 से वित्‍तीय वर्ष 2024-25 तक के आय, व्‍यय तथा वाउचर की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र नौगांव में कण्‍डम की गयी सामग्री की अनुमति जिला स्‍वास्‍थ्‍य समिति की बैठक में कलेक्‍टर/अध्‍यक्ष महोदय द्वारा दिये निर्देशानुसार एवं रोगी कल्‍याण समिति की बैठक में स्‍वीकृति दी गयी जिसकी  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। विक्रय की राशि 87265/- (सतासी हजार दौ सौ पैंसठ रूपये मात्र) चैक क्रमांक 274971 दिनांक 07.03.2022 एवं 11805/- (ग्‍यारह हजार आठ सौ पांच मात्र) चैक क्रमांक 000133 दिनांक 19.03.2024 के द्वारा रोगी कल्‍याण समिति के खाता क्रमांक 34974085906 भारतीय स्‍टेट बैंक नौगांव में जमा की गयी। विक्रय करने की निविदा सूचना सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र नौगांव के सूचना पटल पर की गयी थी। उक्‍तानुसार समस्‍त छायाप्रतियां की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। कंडमनेशन कार्यवाही में यदि कोई कर्मचारी दोषी पाया जाता है तो तत्‍काल अनुशासनात्‍मक कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। दिनांक 20.11.2024 से दिनांक 30.11.2024 तक की सी.सी.टी.वी. रिकॉर्डिंग की हार्डडिस्‍क की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र नौगांव में पदस्‍थ कोई भी कर्मचारी अन्‍यत्र कार्यरत नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र नौगांव में पदस्‍थ किसी भी कर्मचारी की अन्‍यत्र पदस्‍थापना नहीं है। ओ.पी.डी. पर्चा कम्‍प्‍यूटरीकृत करने हेतु रोगी कल्‍याण समिति की बैठक दिनांक 09.09.2024 को निर्णय लिया गया है। बैठक की कार्यवाही मिनिट्स की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। रोगी कल्‍याण समिति एवं किचिन में आय-व्‍यय राशि का लेखाजोखा की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

शासकीय भूमि पर कब्‍जा

[राजस्व]

26. ( क्र. 280 ) श्री कामाख्या प्रताप सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम दौरिया जनपद पंचायत नौगांव जिला छतरपुर में खसरा नं. 850 में किसका मकान बना हुआ है? क्‍या इस खसरा में शासकीय भूमि ‍है? यदि हाँ, तो कब्जा कब तक हटाया जायेगा? कृपया समय-सीमा बतायें। (ख) प्रश्‍नांश "क" के ग्राम अनुसार खसरा नं. 90 में किसका कुल कितने एरिया में शासकीय भूमि में कब्जा है? यह शासकीय भूमि किस उपयोग हेतु विभाग द्वारा आवंटित की है अथवा कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हाँ, तो विभाग/प्रशासन द्वारा कब तक कब्जा से मुक्त कराया जायेगा? समय-सीमा बतायें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अनुसार खसरा पर कब्जाधारियों पर कब तक कार्यवाही की जायेगी? नहीं तो क्यों नहीं? (घ) उपरोक्त कब्जाधारियों पर किस-किस थानों में कौन-कौन सी धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज है? दर्ज मुकदमों पर पुलिस द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) ग्राम दौरिया के शासकीय खसरा नंबर 850 में             श्री धीरज सिंह पिता वीर सिंह ठाकुर का मकान के पीछे का कोना व सेप्टिक टैंक बना पाया गया जिसका अतिक्रमण प्रकरण क्रमांक 09/अ-68/2024-25 दर्ज कर आदेश दिनांक 11/09/2024 को बेदखली आदेश पारित किया गया है। वर्तमान में उक्‍त प्रकरण की अपील क्रमांक 185/अपील/2024-25 अनुविभागीय अधिकारी नौगांव के न्‍यायालय में विचाराधीन है। अपील के निराकरण उपरान्‍त आदेश अनुसार कार्यवाही की जावेगी। (ख) मुख्‍य चिकित्‍सा एवं स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी के द्वारा उप स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र दौरिया के लिये खसरा नंबर 90 में से रकबा 930 वर्ग मीटर आवंटन किये जाने हेतु कलेक्‍टर छतरपुर को प्रेषित आवेदन पत्र, नस्‍ती क्रमांक 356/नजूल/2024/432 से तहसीलदार नौगांव को जांच हेतु प्रेषित किया गया। तहसीलदार नौगांव द्वारा प्रकरण क्रमांक 722/बी-121/2024-25 दर्ज किया जाकर विभागों को अनापत्ति हेतु पत्र जारी किये गये एवं राजस्‍व निरीक्षक व हल्‍का पटवारी को मौका स्‍थल जांच प्रतिवेदन हेतु आदेशित किया गया है। जांच में किसी का कब्‍जा पाये जाने पर कब्‍जा हटाये जाने की कार्यवाही की जायेगी। (ग) अपील प्रकरण के निराकरण उपरान्‍त आदेशानुसार कार्यवाही की जावेगी। मौका स्‍थल की जांच होने उपरान्‍त अवैध कब्‍जा पाये जाने पर कब्‍जा हटाये जाने की कार्यवाही की जावेगी। (घ) क्षेत्र से संबंधित थाना नौगांव में कोई अपराध पंजीबद्ध नहीं है।

पवई क्षेत्र अंतर्गत सिंचाई योजना की जानकारी

[जल संसाधन]

27. ( क्र. 328 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पवई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पिछले 5 वर्षों से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी सिंचाई योजनाओं की स्‍वीकृति शासन/विभाग द्वारा प्रदान की गई है? इनमें से कितनी सिंचाई योजनाओं के कार्य प्रांरभ किये जा चुके है कितनी सिंचाई योजना के कार्य प्रांरभ किया जाना शेष है? कितनी सिंचाई योजना को कार्य पूर्ण हो चुके है ओर कितनी सिंचाई योजना का कार्य अपूर्ण है? सभी सिंचाई योजनाओं की भौतिक स्थिति की जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ख) केन्‍द्र एवं राज्‍य सरकार की योजना हर खेत तक पानी पहुंचाने की है ऐसी स्थिति में पवई विधानसभा के किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए विभाग द्वारा कौन सी योजनाएं तैयार की जा रही है एवं इन योजनाओं का क्रियान्‍वयन कब होगा। (ग) क्‍या केन बेतवा लिंग परियोजना से पवई विधानसभा क्षेत्र के रैपुरा, शाहनगर एवं हरदुआ क्षेत्र के किसानों को सिंचाई सुविधाओं का लाभ मिलेगा? यदि नहीं, तो इन क्षेत्रों में सिंचाई सुविधाओं हेतु सरकार की कौन-कौन सी योजनाएं हैं? (घ) क्‍या केन बेतवा लिंग परियोजना के कारण क्षेत्र की अधिकतर सिंचाई योजनाओं के कार्य को रोक दिया गया है यदि हाँ, तो क्‍यों जबकि विधानसभा के एक बडे़ क्षेत्र को केन बेतवा लिंग परियोजना का लाभ नहीं मिलना है।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) पवई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पिछले 05 वर्षों से दिनांक 30.11.2024 तक कुल 06 सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति शासन द्वारा प्रदान की गई है। इनमें से 05 योजनाओं का कार्य प्रारम्भ किया जा चुका है। 01 योजना का कार्य प्रारम्भ किया जाना शेष है। प्रारम्भ किये गये 05 कार्यों में से 03 का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा 02 का कार्य प्रगति पर है। विवरण संलग्न  परिशिष्ट  के  प्रपत्र-"अ" अनुसार है। (ख) पवई विधानसभा क्षेत्र के किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने के लिये केन बेतवा लिंक परियोजना अंतर्गत प्रेशर एरीगेशन के माध्यम से सिंचाई हेतु योजना स्वीकृत है। साथ ही प्रस्तावित 08 लघु सिंचाई योजनाओं में से 06 योजनाओं बोधा बैराज, पडरियाकला बैराज, पटपरी तालाब, मुराछ बैराज, कटईनाला तालाब, जमुनहा नाला तालाब के डी.पी.आर. मैदानी स्‍तर पर परीक्षणाधीन होना तथा 2 परियोजनाओं डूंडी नाला तालाब एवं झिरमिला बैराज परियोजनाओं के डी.पी.आर. तैयार किये जाना प्रतिवेदित है। जानकारी संलग्न  परिशिष्ट  के  प्रपत्र-"ब" अनुसार है। (ग) जानकारी उतरांश  (ख) अनुसार है। (घ) जी नहीं। केन बेतवा लिंक परियोजना के कारण क्षेत्र की किसी सिंचाई योजना का कार्य नहीं रोका गया है एवं न ही इस संबंध में कोई आदेश-निर्देश जारी हुये हैं।

परिशिष्ट - "पाँच"

हरसी डैम की जानकारी

[जल संसाधन]

28. ( क्र. 335 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर जिले में विधानसभा 18 भितरवार अंतर्गत हरसी डैम जलस्त्रोत का बड़ा संग्रहण केन्द्र है? क्या यह सही है कि हरसी डैम की पार से लगे पहाड़ में खनन कर खण्डे निकालने का कार्य किया गया है/किया जा रहा है यदि हाँ तो क्या विभाग द्वारा कोई अनुमति दी गई है यदि हाँ तो आदेश की प्रति उपलब्ध करायें? (ख) क्या हरसी बाँध की पार से लगे पहाड़ से पार को सहारा मजबूती प्राप्त हो रही है? यदि हाँ तो पहाड़ का खनन करने से हरसी बाँध के अस्तित्व को खतरा हो सकता है? या नहीं स्पष्ट करें? पहाड़ पर खनन किया जा रहा है यह प्रशासन के संज्ञान में है? यदि हाँ तो क्या कार्यवाही की गई स्पष्ट करें? (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार यदि अनुमति नहीं दी गई तो किस फर्म द्वारा हरसी डैम की पार को सपोर्ट देने वाले पहाड़ से खण्डे निकालने का कार्य किया जा रहा है? क्या दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। ग्वालियर जिले में विधानसभा 18 भितरवार अन्तर्गत हरसी डैम जल स्त्रोत का बड़ा संग्रहण केन्द्र है। यह सही नहीं है कि हरसी डैम की पार से लगे पहाड़ में खनन कर खण्डे निकालने का कार्य किया गया है या किया जा रहा है। अपितु हरसी डैम की पार के अन्तिम बायीं छोर पर स्थित रेस्ट हाऊस के पीछे पहाड़ पर अनुपयोगी खुले पत्थरों के उपयोग हेतु साइट ऑर्डर बुक पर बाँध की पार पर चल रहे पिचिंग कार्य की बढी़ हुई मात्राओं के संपादन हेतु निर्देश दिये गये तथा किसी तरह का खनन नहीं किया गया है न ही विभाग द्वारा खनन की कोई अनुमति प्रदान की गई है। (ख) जी नहीं, प्रश्‍नांश (क) अनुसार वर्णित पहाड़ से कोई खनन नहीं किया गया है और न ही किया जा रहा है। पहाड़ के ऊपर अनुपयोगी खुले (लूज) पत्थरों के उपयोग से बाँध के अस्तित्व को कोई खतरा नहीं है एवं पहाड़ से कोई खनन नहीं किया गया है। अतः किसी तरह की कोई कार्यवाही की स्थिति नहीं है।                (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अनुसार कोई दोषी न होने से कार्यवाही की स्थिति नहीं है।

जर्जर स्कूल भवनों का मरम्‍मत कार्य

[स्कूल शिक्षा]

29. ( क्र. 336 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले की विधानसभा 18 भितरवार अंतर्गत इन्टर/हाईस्कूल/माध्यमिक एवं प्राथमिक विद्यालय है? इनमें से कितने शालाओं के भवन बने हुए है? संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार इन भवनों में कितने भवन जीर्णशीर्ण अवस्था में है तथा कितने भवन अति वर्षा के कारण जर्जर हो गये है? ग्रामवार, शाला के नामवार, सूची उपलब्ध करायें। (ग) जर्जर भवनों को कब तक दुरूस्त कराया जायेगा? या आवश्‍यकतानुसार नवीन भवन निर्माण कराया जायेगा? स्पष्ट कर समय सीमा बताएं?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नाधीन जिले की प्रश्‍नाधीन विधानसभा अंतर्गत 338 प्राथमिक, 168 माध्‍यमिक, 22 हाईस्‍कूल एवं 16 हायर सेकेण्‍डरी स्‍कूल इस प्रकार 554 स्‍कूल संचालित है। सभी शालाओं के भवन बने हुये है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ग) शासकीय शालाओं के जर्जर भवनों अथवा कक्षों में कक्षाएं संचालित नहीं करने के निर्देश है। मरम्‍मत हेतु जिलों को राशि प्रदाय की गई है। नवीन भवन निर्माण कार्य बजट की उपलब्‍धता एवं सक्षम की स्‍वीकृति पर निर्भर करता है। अत: निश्‍िचत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

नहरों का मरम्‍मत एवं संधारण कार्य

[जल संसाधन]

30. ( क्र. 339 ) श्री रमेश प्रसाद खटीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019 में आर. बी-सी. संभाग नरवर का पुनर्वियोजन माँ रतनगढ़ परियोजना में किया गया था तो क्यों फिर उसे पुनः आदेश निरस्त कर यथास्थिति क्यों किया गया। फिर दिनांक 08.11-2024 को आर.बी.सी संभाग नरवर पुनः जल संसाधन मैहर के लिये पुनर्वियोजन के आदेश प्रसारित किये गए। (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार इस संभाग का पुनर्वियोजन होने से इस क्षेत्र के लगभग 30.000 हजार हेक्‍टेयर सिंचाई लाखों किसानों की भूमि कैसे सिंचित होगी, इस संभाग के अन्‍तर्गत निर्मित मोहिनी पिकवियर, दो आब नहर आर.वी.सी. नहर उकापला नहर, उप बांध बरूआ आदि का मरम्मत देख-रेख यहाँ से 50 किमी दूर स्थित कार्यालय कार्यपालन यंत्री सिंध परियोजना पक्का बाँध संभाग मड़ीखेड़ा शिवपुरी में सम्मिलित करने के क्या कारण है? (ग) 08.11.2024 को पुनर्वियोजन के आदेश प्रसारित किये गये इससे नहरों बांधों का संचालन, रख-रखा करने हेतु              50-90 किलोमीटर की दूरी हो जायेगी। कार्यालय पुनर्वियोजन होने से कार्यालय में कार्यरत कितने अधिकारी/कर्मचारी प्रभावित होंगे? सूची देवें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। जल संसाधन विभाग द्वारा            समय-समय पर कार्य की महत्वता एवं कार्य व्यापकता को दृष्टिगत रखते हुए संरचनाओं को युक्तियुक्त्तकरण अन्तर्गत परिवर्तन, परिवर्धन, हस्तानांतरण आदि की कार्यवाही सतत् गतिशील रहती है। इसी के अनुक्रम में आदेश क्रमांक आर-1632/2083991/2024/पी-1/31 दिनांक 08-11-2024 के माध्यम से कार्यपालन यंत्री, सिंध परियोजना दांयी तट नहर संभाग, नरवर-शिवपुरी (141) को पुनर्विनियोजन फलस्वरूप कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन संभाग, मैहर (141) में स्थापित किया गया है। (ख) उत्‍तरांश "क" के प्रकाश में वस्तुस्थिति यह है कि मात्र संभागीय कार्यालय का मुख्यालय परिवर्तित हुआ है, तथापि अधीनस्थ उपसंभागीय कार्यालय यथावत मुख्यालय/संरचनान्तर्गत ही स्थापित होने के कारण सिंचाई एवं मरम्मत व देख-रेख का कार्य प्रभावित नहीं होगा। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं हाता है। (ग) उत्‍तरांश () के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। पुनर्विनियोजित कार्यालय में कार्यरत निम्नांकित अधिकारी/कर्मचारी प्रभावित होंगेः- (1) - सहायक यंत्री- 01 (2) - संभागीय लेखापाल -01 (3) - अनुरेखक -01 (4) - सहायक वर्ग 3 -01 (5) - भृत्‍य -01

क्षतिग्रस्त पुल का पुनर्निर्माण

[जल संसाधन]

31. ( क्र. 350 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 721 दिनांक 03.07.2024 के प्रश्‍नांश (क) से (ग) में यह अवगत कराया गया है कि भारी वाहनों के गुजरने से पुल में अधिक कंपन होता है पुल पर वाहन के आवागमन से दुर्घटना की संभावना के कारण कलेक्टर कटनी द्वारा वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित किया है निविदा स्वीकृत होने के पश्‍चात कार्य कराया जाना संभव हो सकेंगे? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न दिनांक तक कार्य प्रारंभ न होने के कारण आवागमन पूर्णतः से बाधित है? क्या विभाग बिना निविदा के स्वयं अथवा अन्य विभाग के माध्यम से कार्य पूर्ण कराये जा सकते हैं यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या जांच कराकर जीप एवं आटो का आवागमन बहाल करायेंगे यदि हाँ, तो कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी नहीं, क्षतिग्रस्त पुल के पुनर्निर्माण के कार्य की निविदा प्रक्रियाधीन होने के कारण कार्य को बिना निविदा के पूर्ण कराया जाना संभव नहीं है। (ग) पुल विशेषज्ञों द्वारा जांच उपरान्त ही समस्त वाहनों का आवागमन निषेध किया गया है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

निजी भूमि का अर्जन

[राजस्व]

32. ( क्र. 357 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) विधानसभा में प्रश्‍न क्रमांक 336 दिनांक 22.12.2021 में दिए गए किस आश्‍वासन क्रमांक के अनुसार इटारसी अनुविभागीय अधिकारी ने नर्मदापुरम वनमंडल की किस दिनांक की अनुशंसा अभिमत एवं पत्र के आधार पर किस प्रकरण क्रमांक आदेश दिनांक से किस खसरा नम्‍बर के कितने रकबे को पृथक करने का आदेश दिया, आदेश की प्रति कलेक्‍टर एवं डी.एफ.ओ. नर्मदापुरम को किस दिनांक को प्रेषित की गई? (ख) ग्राम खटामा के मिसल बन्‍दोबस्‍त में खसरा क्रमांक 83 का पुराना खसरा नम्‍बर वर्ष 1949-50 की खसरा पंजी में किस मद के लिए दर्ज था इसे उप पंजीयक मुद्रांक शुल्‍क होशंगाबाद ने किस क्रमांक पर दिनांक 30.11.1949 को मौरूसी कास्‍तकार के रूप में पंजीबद्ध किया इस भूमि को राजस्‍व विभाग किस कानून की किस धार के अनुसार पट्टे की भूमि मानता है। (ग) अनुविभागीय अधिकारी के आदेश दिनांक 06.06.2024 की अपील कलेक्‍टर के समक्ष प्रस्‍तुत करने की क्‍या समय-सीमा निर्धारित है यह अपील डी.एफ.ओ. किस-किस आधार पर प्रस्‍तुत कर सकता है।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) विधानसभा में प्रश्‍न क्रमांक 336 दिनांक 22.12.2021 में दिए गए आश्‍वासन क्रमांक 175 के अनुसार वनमंडलाधिकारी नर्मदापुरम सामान्‍य के पत्र क्र./मा.चि./6402 दिनांक 31.05.2022 द्वारा अनुविभागीय अधिकारी/वन व्यवस्थापन अधिकारी इटारसी को प्रेषित अभिमत के आधार पर अनुविभागीय अधिकारी/वन व्यवस्थापन अधिकारी इटारसी द्वारा राजस्व प्रकरण क्रमांक 0388/बी-121/2021-22, आदेश दिनांक 06.06.2022 में श्रीमती‍ रंजना व अन्य की ग्राम खटामा तहसील इटारसी स्थित भूमि प.ह.न. 8 खसरा नं. 83/1 रकबा 3.849 हेक्टेर, खसरा नं. 83/2 रकबा 3.849 हेक्टेर, खसरा न. 83/3 रकबा 3.849 हेक्टेर, खसरा न. 83/4 रकबा 3.849 हेक्टेर, कुल रकबा 15.396 हेक्टेर. भूमि को पृथक करने का आदेश दिया। उक्‍त आदेश की प्रति कलेक्‍टर एवं डी.एफ.ओ. को कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) इटारसी द्वारा प्रेषित नहीं की गई। (ख) ग्राम खटामा के मिसल बन्दोबस्त में खसरा क्रमांक 83 का पुराना खसरा नम्बर वर्ष 1949-50 की खसरा पंजी में जंगल मद के लिए दर्ज था। इसे उप पंजीयक मुद्रांक शुल्क होशंगाबाद ने दस्तावेज क्रमांक 1796 दिनांक 06.12.1949 में खसरा क्रमांक 84, 96,116, 118,119,120, 130,131, 132/1, 132/2, 133, 135, 173, 138, 146, 149/1, 155/2, 156, 157, 159, 160 उल्लेखित हैं एवं दस्तावेज क्रमांक 1801 दिनांक 06.12.1949 में खसरा क्रमांक 2,3,4,5,6,7,9,10,17,19,30,31/1, 31/2, 32, 33, 34 35/1, 36, 37, 38 42,51,60,64,66 उल्लेखित हैं, से पंजीबद्ध किये गये है। पंजीकृत विक्रय पत्र में मौरूसी कास्‍तकार भूमि विक्रय किया जाना दर्ज है। शेष प्रश्‍नांश शासन से संबंधित है। (ग) भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 17 में दी गई समय सीमा 03 माह के भीतर उक्त आदेश के विरूद्ध राजस्व विभाग के कलेक्टर को कर सकता हैं। आदेश की सत्यापित प्रति दिनांक 09.07.2024 को प्राप्त होने के उपरांत डी.एफ.ओ. द्वारा शपथ पत्र के माध्यम से कलेक्टर नर्मदापुरम को धारा 5 अवधि विधान अधिनियम सहपठित धारा 47 म.प्र.भू. राजस्व संहिता वास्ते विलंब माफ करने बाबत निवेदन करते हुए भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 17 में दिये गये प्रावधानों के अनुसार श्रीमान कलेक्टर महोदय नर्मदापुरम के समक्ष दिनांक 05.08.2024 को अपील प्रस्तुत की गई है। वनमडलाधिकारी वनमंडल सामान्य नर्मदापुरम के द्वारा प्रस्तुत की गई उक्त वर्णित अपील की प्रति  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

अर्जित भूमि का मुआवजा

[राजस्व]

33. ( क्र. 358 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्या यह सही है कि आन लाईन विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक 556 दिनांक 03/07/2024 प्रश्‍न क्रमांक 343 दिनांक 02/03/2023, प्रश्‍न क्रमांक 338 दिनांक 22/12/2021 में पटल पर दी गई जानकारी के बाद भी जिला उद्योग केन्द्र बैतूल द्वारा वर्ष 1974-75 में कब्जा की गई ग्राम टिकारी की भूमि खसरा नम्बर 1078 रकवा 2.57 एकड़ का संबंधित किसान एवं उनके वारिसों को प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी मुआवजा भुगतान नहीं किया गया। (ख) यदि हाँ, तो उद्योग विभाग ने कब्जा कब किया अवार्ड आदेश किस दिनांक को पारित हुआ, उद्योग विभाग ने मुआवजा राशि किस दिनांक को जमा की किसानों को मुआवजा भुगतान नहीं किए जाने का क्या-क्या कारण रहा है, भूमि पर वर्तमान में कौन काबिज है। (ग) भूमि अर्जन पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 24 (2) में क्या प्रावधान है उस प्रावधान के अनुसार कार्यवाही नहीं करने का क्या कारण हैं।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) विधानसभा ऑनलाइन प्र.क्र. 556 दिनांक 03/07/2024, प्र.क्र. 343 दि. 02/03/2023, प्र.क्र. 338 दि. 22/12/2021 में दी गई जानकारी के बाद जिला उ‌द्योग केन्द्र बैतूल द्वारा 1974- 75 में कब्जा की गई ग्राम टिकारी की निजी भूमि खसरा क्रमांक 1078 रकबा 2.57 का किसान एवं उसके वारिसों को प्रश्‍नांकित दिनांक तक मुआवजा भुगतान नहीं हो सकने से स्थिति पूर्व अनुसार ही है। खसरा नम्बर 1078 रकबा 2.57  के कृषक को भू-अर्जन प्रकरण में पारित अवार्ड दिनांक 28- 06-1978 अनुसार पारित मुआवजा राशि पर आपत्ति होने से तत्समय भू-अर्जन अधिकारी द्वारा मुआवजा राशि आर.डी. में जमा किये जाने के आदेश दिये गये।              (ख) दिनांक 17.12.1974 को उद्योग विभाग द्वारा अर्जित भूमि का कब्जा लिया गया। भूमि का अवार्ड दिनांक 28.06.1978 को पारित किया गया। अधिग्रहित की गई भूमि के एवज में भू-अर्जन हेतु क्षतिपूर्ति का भुगतान कलेक्टर बैतूल को उ‌द्योग संचालनालय मध्यप्रदेश भोपाल के आवंटन आदेश क्रमांक 101 दिनांक 27.03.1979 द्वारा किया गया। खसरा नं. 1078 के तत्समय के भूमिस्वामी द्वारा मुआवजा निधारण आपत्ति व्यक्त करने के कारण उन्हें देय मुआवजा राशि आर.डी. में जमा किये जाने के आदेश दिये गये, इस कारण से मुआवजा भुगतान नहीं किया जा सका। वर्तमान में खसरा नं. 1078 की अर्जित भूमि पर उ‌द्योग विभाग का आधिपत्य है। (ग) भूमि अर्जन पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 24 (2) से संबंधित प्रावधानों की छायाप्रति  संलग्न परिशिष्ट  अनुसार  है। अर्जित भूमि का आधिपत्य उ‌द्योग विभाग द्वारा दिनांक 17.12.1974 को लिया जा चुका है तथा तत्समय के कृषक के वारसान द्वारा प्रश्‍नगत भूमि के संबंध में माननीय व्यवहार न्यायालय बैतूल के समक्ष व्यवहार वाद क्रमांक RCSA/234/2022 संस्थित किया गया है, जो प्रचलित होकर लंबित है। ऐसी स्थिति में भूमि अर्जन पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 24 (2) के अंतर्गत कार्यवाही वांछनीय नहीं हैं।

परिशिष्ट - "छ:"

अस्पताल में मशीनरी एवं स्‍टॉफ की उपलब्‍धता

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

34. ( क्र. 365 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनासा में स्वीकृत 100 बिस्तरीय हॉस्पिटल का निर्माण पूर्ण होकर इसका लोकार्पण भी हो गया है परंतु उसमें आवश्यक सामग्री मशीनरी की उपलब्धता अब तक नहीं कराई गई है कब तक उपलब्ध करा दी जाएगी? (ख) स्वीकृत 100 बिस्तरीय हॉस्पिटल के अनुसार कितना स्टॉफ नियुक्त किया जाना है एवं उनकी पदपूर्ति कब तक पूर्ण कर दी जाएगी?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मनासा हॉस्पिटल में उपलब्‍ध मशीनरी, सामग्री की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार। पद पूर्ति एक निरंतर प्रक्रिया है, समया‍वधि बताई जाना संभव नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन

[राजस्व]

35. ( क्र. 375 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) भू-स्वामी हक की निजी भूमि का अर्जन करने के संबंध में माननीय सर्वोच्च अदालत की              9 जजों की संवैधानिक पीठ ने सिविल याचिका क्रमांक 1012 वर्ष 2002 में दिनांक 5 नवम्बर 2024 को किन-किन उद्देश्यों के लिए अर्जन को विधि सम्मत माना है? (ख) भा.व.अ. 1927 की धारा 11 एवं वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 24 एवं धारा 25 के अनुसार किन-किन उद्देश्यों के लिए भू-स्वामी हक की निजी भूमि और अन्य सम्पत्ति अर्जित की जा सकती है? अर्जन की कार्यवाही हेतु वर्तमान में किस-किस अधिकारी को शासन ने अधिकृत किया है? (ग) भा.व.अ.1927 की धारा 3 एवं धारा 20 के अनुसार भू-स्वामी हक की भूमियों को आरक्षित वन बनाने के संबंध में मुख्य सचिव कार्यालय राज्य मंत्रालय भोपाल ने अपने आदेश क्रमांक 974/एफ 25-08/2015/10-3 दिनांक 1 जून 2015 को क्या-क्या निर्देश किसे दिए हैं? (घ) दिनांक 1 जून 2015 के निर्देशानुसार कितनी निजी भूमि को पृथक किया गया है? यदि पृथक नहीं किया हो तो कारण बतावें। कब तक निजी भूमि पृथक करवाई जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

पंचायत राज व्‍यवस्‍था का अधिकार

[राजस्व]

36. ( क्र. 376 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) क्‍या विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक 5815 दिनांक 17/03/2016 में होशंगाबाद जिले के 936 ग्राम हरदा जिले के 527 ग्राम एवं बैतूल जिले के 1303 राजस्‍व ग्रामों के निस्‍तार पत्रक में दर्ज जिन जमीनों को नियंत्रण, प्रबंधन एवं अधिकार पंचायती राज व्‍यवस्‍था को सौंपा जाना प्रतिवेदित किया है उन जमीनों पर वन विभाग का भी वर्तमान में कब्‍जा हैं। (ख) यदि हाँ, तो कितने ग्रामों के‍ निस्‍तार पत्रक में                    किन-किन प्रयोजनों के लिए किन-किन मदों में दर्ज कितनी-कितनी भूमि वर्तमान में वन विभाग के वर्किंग प्‍लान में दर्ज है इनमें से कितनी भूमि पर वन विभाग का कब्‍जा है कितनी भूमि की           किस-किस अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व के समक्ष भा.व.अ.1927 की धारा 5 से 19 तक की जांच लंबित हैं। (ग) पंचायती राज व्‍यवस्‍था के‍ नियंत्रण, प्रबंधन एवं अधिकार में सौंपी निस्‍तार पत्रक में दर्ज जमीनों को किन-किन कार्यों एवं उद्देश्‍यों के लिए आवंटित करने का वर्तमान में  किस-किस को         क्‍या-क्‍या अधिकार दिया है, क्‍या-क्‍या प्रकिया निर्धारित है, प्रक्रिया की प्रति सहित बतावें?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। पूर्व प्रेषित प्रश्‍न क्रमांक 5815 दिनांक 17/03/2016 के प्रश्‍नांश (ख) में भेजे जवाब अनुसार जिला हरदा अन्तर्गत 51 वनखण्डों के 150 ग्रामों के निस्तार पत्रक में बड़ा झाड़ मद में दर्ज है। 31053.388 हे. भूमि वर्किंग प्लान में दर्ज है एवं वन विभाग का कब्जा है। एक ग्राम कासरनी अनुविभागीय हरदा राजस्व के समक्ष भा. व. अ. 1927 की धारा 5 से 19 तक की जांच लंबित है। बैतूल जिले में 1303 राजस्‍व ग्रामों की            209418 हे. भूमि का का नियंत्रण, प्रबंधन एवं अधिकार पंचायती राज व्‍यवस्‍था को सौंप दिया गया है। इन जमीनों पर वन विभाग का कब्‍जा नहीं है। नर्मदापुरम जिले में 936 राजस्‍व ग्रामों की 137486 हेक्‍टेयर भूमि का नियंत्रण प्रबंधन एवं अधिकार पंचायती राज व्‍यवस्‍था को सौंप दिया गया है। इन जमीनों पर वन विभाग का कब्‍जा नहीं है। (ख) जिला हरदा अन्तर्गत 51 वनखण्डों के 150 ग्रामों के निस्तार पत्रक में बड़ा झाड़ मद में दर्ज है। 31053.388 हे. भूमि वर्किंग प्लान में दर्ज है एवं वन विभाग का कब्जा है। एक ग्राम कासरनी अनुविभागीय हरदा राजस्व के समक्ष भा. व. अ. 1927 की धारा 5 से 19 तक की जांच लंबित है एवं जिला बैतूल एवं नर्मदापुरम अंतर्गत प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर अनुसार वन विभाग का कब्‍जा न होने से प्रश्‍नांश (ख) उद्भूत नहीं होता l (ग) म.प्र.  भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 237 में निस्‍तार अधिकारों के प्रयोग के लिए कलेक्टर द्वारा भूमि पृथक रखा जाना निस्‍तार भूमि का व्‍यपवर्तन संबंधी प्रावधान विहित है। जो पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  अनुसार है। नजूल भूमि का आवंटन म.प्र. नजूल भूमि निवर्तन निर्देश 2020 अंतर्गत किया जाता है।

भुआणा उत्सव का आयोजन

[संस्कृति]

37. ( क्र. 377 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या राज्‍य मंत्री, संस्‍कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में पर्यटन एवं संस्कृति विभाग द्वारा विगत 03 वर्षों में किन-किन जिलों को, कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है एवं इसका व्यय किस कार्य पर किया गया है? जिन जिलों को राशि आवंटित नहीं की गई तो इसका क्या कारण है। संपूर्ण जानकारी वर्षवार, विभागवार, जिलावार, कार्यवार देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित अवधि में मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में आयोजित होने वाले महोत्‍सव, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं मेले हेतु शासन द्वारा कितना बजट, कब-कब तथा किस-किस विभाग से आवंटित किया गया है? यह किस आधार पर आवंटित किया गया है? जानकारी वर्षवार, राशिवार, विभागवार उपलब्ध करावें। (ग) जिला हरदा में पर्यटन एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रारंभ हुए भुआणा उत्सव का आयोजन किस कारण से नहीं किया जा रहा है? क्या पर्यटन विभाग द्वारा इस हेतु कोई बजट उपलब्ध कराये जाने की योजना है? यदि हो तो कितना एवं कब, यदि नहीं, तो क्यों? (घ) हरदा जिले में भुआणा उत्सव प्रतिवर्ष मनाये जाने के राज्य शासन के क्या निर्देश है? इनकी छायाप्रति उपलब्ध करावें। शासन द्वारा भुआणा उत्सव को प्रदेश के अन्य कार्यक्रमों, महोत्सवों के समान महत्व क्यों नहीं दिया जा रहा है? हरदा जिला पर्यटन में पिछड़ा है, इसके क्या कारण है?

राज्‍य मंत्री, संस्‍कृति ( श्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी ) : (क) पर्यटन विभाग की जानकारी निरंक है तथा संस्‍कृति विभाग अंतर्गत जिला स्‍तरीय कार्यालय संचालित न होने से विभाग द्वारा जिलावार बजट आवंटन की कार्यवाही नहीं की जाती है। संस्‍कृति विभाग अंतर्गत संस्‍कृति संचालनालय द्वारा ''अर्थाभावग्रस्‍त साहित्‍यकारों/कलाकरों एवं उनके आश्रितों को मासिक वित्‍तीय सहायता'' योजना संचालन के उद्देश्‍य से योजना अंतर्गत सहायता राशि जारी करने हेतु संबंधित जिले के जिला पंचायत कार्यालय को जिलेवार राशि आवंटित की जाती है। विगत 3 वर्षों में आवंटित राशि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। सामान्‍य प्रशासन विभाग के निर्देशानुसार वर्ष 2022 एवं 2024 में म.प्र. स्‍थापना दिवस आयोजन के लिए भोपाल जिले को छोड़कर एक-एक लाख की राशि अन्‍य जिलों को प्रदाय की गई। (ख) गतिविधियों के संचालन के लिए शासन से जिलावार बजट राशि प्राप्‍त नहीं होती है। अत: जिलेवार गतिविधि के लिये राशि निर्धारित करने की स्थिति निर्मित नहीं होती है। (ग) पर्यटन विभाग की जानकारी निरंक है तथा संस्‍कृति विभाग द्वारा वार्षिक गतिविधियों का कैलेण्‍डर 'कला पंचांग' तैयार किया जाता है। यथासंभव निर्धारित अनुसार ही विभाग अंतर्गत संस्‍कृति संचालनालय एवं अधीनस्‍थ अनुषंगों द्वारा वर्षभर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। जिला प्रशासन, हरदा द्वारा आयोजित 'भुआणा उत्‍सव' वर्ष 2011-12 और वर्ष 2012-13 में विभाग अंतर्गत जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी द्वारा सहयोग किया गया। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

केन-बेतवा लिंक परियोजना

[जल संसाधन]

38. ( क्र. 392 ) श्री नितेन्‍द्र बृजेन्‍द्र सिंह राठौर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन-बेतवा लिंक के पानी से पृथ्वीपुर विधानसभा क्षेत्र वंचित हो रहा है, जबकि बेतवा इसी क्षेत्र से जुड़ी नदी है। यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? (ख) प्रश्‍नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री महोदय को दिनांक 5/11/2024 को इस संदर्भ में प्रेषित पत्र पर क्या कार्यवाही हुई? अवगत करायें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं, केन-बेतवा लिंक परियोजना के पानी से पृथ्वीपुर विधानसभा क्षेत्र वंचित नहीं हो रहा है। (ख) प्रश्‍नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री महोदय को लेख किये गये पत्र दिनांक 05/11/2024 के अनुक्रम में पृथ्वीपुर विधानसभा क्षेत्र के 67 ग्रामों की कृषि योग्य भूमि को उच्च दाब सिंचाई प्रणाली से विकसित किये जाने हेतु सर्वेक्षण कार्य प्रगति पर है, ग्रामों की सूची  संलग्न  परिशिष्ट  अनुसार है।

परिशिष्ट - "सात"

सिंचाई परियोजनाओं में अपेक्षित कार्य में विलंब

[राजस्व]

39. ( क्र. 396 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्‍या कोपरा मध्‍यम सिंचाई योजना जिला सागर के लिये भूमि अर्जन कार्य हेतु शासन द्वारा राशि उपलब्‍ध कराये जाने के बावजूद अपेक्षित गति से कार्य नहीं किया जा रहा है। (ख) कोपरा मध्‍यम सिंचाई योजना के लिये कितनी और कब राशि कलेक्‍टर को प्राप्‍त हुई तथा आज दिनांक तक कितने प्रकरणों में मुआवजा वितरित कर भूमि विभाग को उपलब्‍ध कराई गई है? कृषकवार जानकारी दी जाए? कितने कृषकों को कितनी राशि देना लंबित है? (ग) बरोदा जलाशय योजना जिला सागर के लिये वैकल्पिक वृक्षारोपण हेतु भूमि आरक्षण का प्रकरण किन कारणों से लंबित है तथा कब तक भूमि आरक्षण पूर्ण होगा? परियोजना में नहर कार्य हेतु भूमि अर्जन का कार्य कब तक पूर्ण कर भूमि विभाग को उपलब्‍ध कराई जावेगी? (घ) आपचंद मध्‍यम परियोजना जिला सागर के लिये विस्‍थापन हेतु आवंटित भूमि का कब्‍जा अभी तक क्‍यों नहीं दिया गया है? इस विलंब के लिये कौन अधिकारी उत्‍तरदायी है?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग क्रमांक-01 सागर द्वारा कोपरा मध्यम परियोजनांतर्गत तहसील रहली जिला सागर के प्रभावित 08 ग्रामों के भू-अर्जन प्रस्ताव प्रस्तुत किये जाने पर प्रकरणों में भू-अर्जन हेतु कार्यवाही की जा रही है विस्तृत विवरण हेतु संलग्न परिशिष्ट  अनुसार है। (ख) कोपरा मध्यम सिंचाई परियोजना के लिये जल संसाधन विभाग द्वारा कलेक्टर सागर के पी.डी. खाता क्रमांक-PD/330/1103/30 में मुआवजा राशि 450000000 करोड रूपये मात्र तथा सर्विस चार्ज राशि 11250000-00 रूपये मात्र दिनांक 31/08/2023 को जमा की गई है। कोपरा मध्यम सिंचाई परियोजनांतर्गत संलग्न   परिशिष्ट अनुसार जल संसाधन विभाग द्वारा लेम्स पोर्टल पर प्रकरण पंजीबद्ध किये जाकर भू-अर्जन प्रस्ताव दिनांक 28/11/2024 को कलेक्टर कार्यालय में प्रस्तुत करने पर भू-अर्जन अधिनियम 2013 की धारा 4 के तहत सामाजिक समाघात निर्धारण अध्‍ययन हेतु सामाजिक समाघात निर्धारण दल गठन की कार्यवाही की जा चुकी है।           भू-अर्जन अधिनियम 2013 की धारा 23 के तहत अवार्ड पारित के उपरांत प्रभावित कृषकों को मुआवजा राशि भुगतान की कार्यवाही की जावेगी। (ग) बरौदा जलाशय योजनांतर्गत जिला सागर में वैकल्पिक वृक्षारोपण हेतु न्यायालय कलेक्टर सागर के प्रकरण क्रमांक-0002अ/20 (3)/24-25 में पारित आदेश दिनांक 29/11/2024 द्वारा मौजा सरखेड़ा पट.ह.नं.07 तहसील देवरी जिला सागर स्थित भूमि खसरा नंवर 326 रकवा 75.510 हे. में से रकवा 15.000 हे. भूमि वन विभाग को हस्तांतरित की जा चुकी है। वरोदा जलाशय योजनांतर्गत नहर का कार्य माईक्रो पद्धति द्वारा किया जाना है नहर निर्माण हेतु भूमि अर्जन की आवश्यकता न होने से जल संसाधन विभाग द्वारा भूमि अर्जन के प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं किये गये है। (घ) आपचंद मध्यम परियोजनांतर्गत प्रभावित कुटुंबों के विस्थापन हेतु न्यायालय कलेक्टर सागर के प्रकरण क्रमांक-0093अ/20 (3)/वर्ष 2021-22 में पारित आदेश दिनांक 19/9/2022 तथा राजस्व प्रकरण क्रमांक- 0079अ/20 (3)/वर्ष 2023-24 में पारित आदेश दिनांक 14/6/2024 के द्वारा मौजा आपचंद स्थित शासकीय भूमि खसरा नं. 1073/1 रकबा 5.39 हे. में से रकबा 2.000 हे. भूमि जल संसाधन विभाग को आवंटित की गई है। आवंटित भूमि मौके पर रिक्‍त है जिसका कब्‍जा जल संसाधन विभाग को अंतिम आवंटन आदेश दिनांक 14/06/24 के पश्‍चात दिनांक 28/06/24 को सौंप दिया गया है जिसमें किसी प्रकार का विलंब कारित नहीं किया गया है।

परिशिष्ट - "आठ"

नियम विरुद्ध गाड़‍ियों के चालान एवं लायसेंस की जानकारी

[परिवहन]

40. ( क्र. 433 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एक जनवरी 2023 से आज तक कितने वाहनों की नियम विरुद्ध होने की वजह से कार्यवाही की गई एवं कितनी राशि आरोपित की गई, आरोपित राशि में कितनी राशि जमा की गई जिलावार जानकारी देवें? (ख) 01 जनवरी 2023 से आज दिनांक तक किस-किस प्रकार के लायसेंस जारी किये गये जिलेवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार जारी की गई लायसेंस से कितना फीस की प्राप्ति हुई जिलेवार जानकारी देवें?

परिवहन मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) से (ग) प्रदेश के समस्‍त जिलों की जिलेवार  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। नवगठित जिले मऊगंज की जानकारी रीवा में, मैहर की जानकारी सतना में एवं पांढुर्णा की जानकारी छिंदवाड़ा जिले में शामिल है।

दवाई एवं मशीन खरीदी की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

41. ( क्र. 434 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2023 से आज दिनांक तक कौन-कौन सी दवाई, कितनी-कितनी मात्रा में कहां-कहां से कब-कब, किस से, कितनी दर में खरीदी गई, कब-कब, कितना-कितना राशि भुगतान किया गया। (ख) दवाई खरीदी के क्‍या नियम हैं। मशीन खरीदी में क्‍या नियम हैं जांच मशीन व किट खरीदी के क्‍या नियम हैं। (ग) दवाई के सप्‍लाई हेतु कब-कब निविदा आमंत्रित की गई कौन-कौन फर्म ने निविदा खरीदा एवं फॉर्म भरें। किस-किस दर में फॉर्म भरे, किसकी दर स्‍वीकृत हुई? (घ) 1 जनवरी 2023 से आज दिनांक तक कौन-कौन से मशीन, जांच मशीन, कहां-कहां से किस-किस दर में कब-कब खरीदें तथा कब कब भुगतान कितना कितना कियें। वर्तमान में मशीन कहां-कहां हैं संचालित हैं व बंद हैं। मशीनवार जानकारी दें?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) दवा नीति 2009 यथा संशोधित 2023 तथा भण्‍डार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 यथा संशोधित 2022 के अंतर्गत दवाई तथा मशीन के किट की खरीदी की कार्यवाही की जाती है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

अंधियारी योजना में राशि का आहरण

[राजस्व]

42. ( क्र. 452 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के अंतर्गत वित्‍तीय वर्ष 2010 से प्रश्‍नतिथि तक अंधियारी बांध परियोजना में कब-कब तकनीकी/वित्‍तीय स्‍वीकृति एवं प्रशासकीय स्‍वीकृति कितनी-कितनी रा‍शि के क्‍या-क्‍या कार्य करने, कब-कब जारी की गई? जारी सभी वित्‍तीय तकनीकी एवं प्रशासकीय स्‍वीकृतियों की एक-एक प्रति उपलब्‍ध करायें? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित समयानुसार उक्‍त अंधियारी बांध योजना में          कब-कब व किस-किस कार्य हेतु, कितनी-कितनी राशि की निविदायें जारी की गई? जारी सभी निविदाओं की एक-एक प्रति उपलब्‍ध करायें? (ग) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित समयानुसार उक्‍त कार्य में किस-किस नाम एवं पते को कब-कब, कितनी-कितनी राशि का, किस-किस कार्य हेतु किस-किस निविदा में भुगतान हुआ? निविदावार/वर्षवार/माहवार/राशिवार/कार्यवार/तकनीकी स्‍वीकृतिवार/ प्रशासकीय स्‍वीकृतिवार जानकारी दें? (घ) क्‍या एक ही बांध के कार्य के लिये 5 से 6 बार तक एक ही प्रकार के कार्य करने की प्रशासकीय, तकनीकी एवं वित्‍तीय स्‍वीकृति जारी कर 40 लाख रूपयों से ज्‍यादा का ओव्‍हर पेंमेट किया गया? अगर नहीं तो कुल कितना भुगतान प्रश्‍नतिथि तक किया गया की राशि दें? वर्ष 2010 में निविदा की कुल कितनी राशि रखी गयी विवरण दें?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) सतना जिले के अंतर्गत वित्‍तीय वर्ष 2010 से प्रश्‍न तिथि तक अंधियारी सागर बांध परियोजना में जारी की गई तकनीकी एवं प्रशासकीय स्‍वीकृति की प्रति पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट –'' अनुसार। (ख) उक्‍त निर्माणाधीन बांध में जारी की गई निविदाओं संबंधी प्रपत्र की प्रति पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट –'' अनुसार। (ग) उक्‍त निर्माणाधीन बांध में किये गये भुगतानों का निविदाकारवार विवरण की जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट–'' अनुसार। (घ) उत्‍तरांश (ग) अनुसार उक्‍त निर्माणाधीन बांध में प्रशासकीय एवं तकनीकी स्‍वीकृति से अधिक राशि का भुगतान नहीं किया गया है। प्रशासकीय प्रशासकीय स्‍वीकृति की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट –'' अनुसार।

ग्वालियर संभाग में स्वास्थ्य सुविधाएं

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

43. ( क्र. 474 ) श्री सुरेश राजे : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय ग्वालियर में कार्डियक थोरेसिक सर्जरी यूनिट हेतु आवश्यक पदों की एवं CTVS Unit के उपकरण शासन द्वारा स्वीकृत न करने से ग्वालियर चम्बल संभाग के ह्रदय रोग से पीड़ित मरीजों को दिल्ली आदि स्थानों पर लाखों रूपए खर्च न कर पाने से असमय मृत्‍यु के कगार पर पहुँच रहे हैं? (ख) क्या अधिष्ठाता एवं कार्डियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष द्वारा अनेकों पत्र वर्ष 2021 से उपरोक्त यूनिट प्रारंभ करने एवं नवीन पद व उपकरण स्वीकृत हेतु शासन को लिखे गए हैं? यदि हाँ, तो शासन द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) ग्वालियर चम्बल क्षेत्र के ह्रदय रोग से पीड़ित मरीजों के जीवन रक्षा हेतु बायपास सर्जरी की व्यवस्था कब तक कर दी जाएगी? समयावधि बतावें।

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। शासकीय गजराराजा चिकित्‍सा महाविद्यालय, ग्‍वालियर में कार्डियक थोरेसिक सर्जरी यूनिट के निर्माण एवं उपकरणों से संबंधी परियोजना अंतर्गत विभागीय आदेश दिनांक 09/03/2022 से राशि रूपये 9.08 करोड की प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी की गयी। उक्‍तानुसार भवन निर्माण पूर्णत: की ओर है। जानकारी संलग्‍न  परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ग) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।

परिशिष्ट - "नौ"

नहरों के सीमेंट्रीकरण की स्‍वीकृति

[जल संसाधन]

44. ( क्र. 495 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भारत सरकार एवं मध्‍यप्रदेश सरकार द्वारा केवलारी विधानसभा क्षेत्र में नहरों के सीमेंट्रीकरण हेतु प्रस्‍ताव पास किया गया है? यदि हाँ, तो कितनी राशि स्‍वीकृत की गई हैं? (ख) यदि कार्य की स्‍वीकृति प्रदान कर दी गई है तो कब तक कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा? कार्य में क्‍या समयावधि तय की गई है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ, म.प्र.शासन के प्रस्ताव अनुसार भारत सरकार द्वारा केवलारी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत संजय सरोवर परियोजना की नहरों एवं स्ट्रक्चर्स के सीमेंटीकरण, मरम्मत एवं सुदृढ़ीकरण का प्रस्ताव Extension, Renovation & Modernization (ई.आर.एम.) के तहत दिनांक 27 जुलाई 2023 को आयोजित Advisory Committee की बैठक में अनुमोदित किया गया है। दिनांक 06.10.2023 को आयोजित Investment Clearance Committee की बैठक में मार्च 2023 के Price Level पर राशि रु.332.54 करोड की Investment Clearance की स्वीकृति प्रदान की गयी। (ख) वर्तमान में कार्य की स्वीकृति PMKSY अंतर्गत भारत सरकार की ओर से अपेक्षित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

जिम्‍मेदारों पर कार्यवाही

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

45. ( क्र. 519 ) श्री अभय मिश्रा : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन द्वारा वर्ष 2018 से प्रश्‍नांश दिनांक तक प्राप्‍त आवंटन अनुसार विभाग द्वारा व्‍यय किया गया तो किन-किन मदों में कितनी-कितनी राशि का इस प्राप्‍त राशि का उपयोग रीवा संभाग के जिलों में संचालित शासकीय स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों पर व्‍यय का विवरण देवें? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार रीवा जिले में नेत्र चिकित्‍सकों, नेत्र सहायकों द्वारा स्‍कूल छात्र-छात्राओं का परीक्षण कर चश्‍मा वितरण हेतु कितनी राशि का उपयोग कब-कब किया गया एवं कितने छात्रों को इसका लाभ‍ दिया गया का विवरण विद्यालयवार छात्रवार देवें? (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार प्राप्‍त र‍ाशि से जिला अस्‍पतालों, सिविल अस्‍पतालों, सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों में रेडियोलाजी विभागों (एक्‍स-रे रूम) स्‍वास्‍थ्‍य परिचर्या बाबत् क्‍या निर्देश दिये गये? इसके पालन में किन-किन स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों में सुविधाएं प्रदान की जा रही है अगर नहीं की जा रही है तो क्‍यों?            (घ) प्रश्‍नांश (ग) के तारतम्‍य में रीवा जिले के सेमरिया में संचालित उप स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों में स्‍थापित एक्‍स-रे मशीन का संचालन कई वर्षों से जिसके संबंध में पत्र क्रमांक 602 दिनांक 17.10.2024 के द्वारा कलेक्‍टर रीवा एवं जिला स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी रीवा को लिखा गया था पत्र क्रमांक 369 दिनांक 28.06.2024 के द्वारा आयुक्‍त लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण विभाग भोपाल को चिकित्‍सकों की पद पूर्ति व अन्‍य सुविधाओं बाबत् पत्र लिखा गया जिन पर कार्यवाही की स्थिति क्‍या है? कार्यवाही नहीं की गई तो क्‍यों? (ड.) प्रश्‍नांश (क) अनुसार प्राप्‍त आवंटन का सरकार द्वारा उपयोग नहीं किया गया जिसके कारण प्रश्‍नांश (ख) (ग) एवं (घ) अनुसार योजनाओं का क्रियान्‍वयन नहीं किया गया। मरीजों को लाभ से वंचित रखा गया, समय पर पत्रों का निराकरण कर कार्यवाही नहीं की गई। इन सब अनियमितताओं के लिये कौन-कौन जिम्‍मेदार है? जिम्‍मेदारों के पदनाम सहित का विवरण देते हुए इन पर क्‍या कार्यवाही करेंगे बतावें? अगर नहीं तो क्‍यों?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। निर्देशों के अनुक्रम में सुविधा प्रदाय की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। रीवा जिले के सेमरिया में संचालित सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र में स्‍थापित एक्‍स-रे मशीन के संचालन हेतु रेडियोग्राफर श्री राहुल मिश्रा की ड्यूटी आगामी आदेश तक लगाई जाकर एक्‍स-रे कार्य सुचारू संचालन की व्‍यवस्‍था की गई। (ड.) प्राप्‍त आवंटन के विरूद्ध उपयोग की गई राशि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय द्वारा योजनाओं का संचालन

[परिवहन]

46. ( क्र. 520 ) श्री अभय मिश्रा : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) रीवा व मऊगंज जिले के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में कितने पद किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों के स्वीकृत हैं स्वीकृत पद अनुसार पदस्थ अधिकारियों के नाम पदस्थापना अवधि के विवरण के साथ बतायें कि 03 वर्षों से ज्यादा अवधि से अधिक पदस्थापना पर इनके स्थानांतरण बाबत् शासन के क्या निर्देश हैं प्रति देते हुये बतायें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के तारतम्य में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी रीवा (RTO) के कार्यालय द्वारा शासन द्वारा संचालित आमजन के हित से संबंधित योजनाओं के क्रियान्वयन बाबत् वर्ष 2020 से प्रश्‍नांश दिनांक तक में कौन-कौन सी कार्यवाही की गई इन संचालित योजनाओं के नाम की जानकारी देते हुये बतायें कि योजनावार कितने पात्र हितग्राहियों/आवेदकों को किन-किन योजनाओं के लाभ से कब-कब लाभान्वित किया गया का विवरण उपरोक्त अवधि अनुसार देवें? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार संचालित योजनाओं में शासन के जारी दिशा निर्देशों के पालन में प्राप्त आवेदन पत्रों के निराकरण की स्थिति क्या है, आवेदन पत्र लंबित एवं निरस्त का विवरण पृथक से देवें इन योजनाओं के प्रचार-प्रसार एवं क्रियान्वयन बाबत् कब-कब, कौन-कौन सी कार्यवाहियां की गई का विवरण देवें, इस बाबत् शासन से प्राप्त राशि के आय-व्यय का विवरण भी देवें? सभी जानकारियां प्रश्‍नांश (ख) की अवधि अनुसार देवें? (घ) प्रश्‍नांश (क) के पदस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सौंपे गये उत्तरदायित्वों का निर्वहन करते हुये कब-कब, कौन-कौन सी कार्यवाही परिवहन विभाग से जारी निर्देश के पालन में की गई का विवरण प्रश्‍नांश (ख) की अवधि अनुसार देवें? (ड.) प्रश्‍नांश (क) अनुसार पदस्थ अधिकरियों/कर्मचारियों की पदस्थापना अवधि शासन के जारी निर्देशों से ज्यादा होने पर इनके स्थानांतरण पर/अन्यत्र पदस्थगी बाबत् क्या निर्देश देंगे बतावें साथ ही प्रश्‍नांश (ख) एवं (ग) अनुसार शासन की योजनाओं का क्रियान्वयन सही ढंग से न करने, पात्रों को लाभ से वंचित रखने एवं प्रश्‍नांश (ख) अनुसार अपने उत्तरदायित्वों के निर्वहन करने पर परिवहन विभाग के निर्देशानुसार कार्यवाही न करने इन सब अनियमितताओं के जिम्मेदारों की पहचान कर क्या कार्यवाही करेंगे बतावें अगर नहीं तो क्यों?

परिवहन मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, रीवा में स्वीकृत पद, पदस्थ कर्मचारियों के नाम एवं पदस्थापना अवधि की  सूची  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार  है एवं मऊगंज जिले में पद स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शासन द्वारा समय-समय पर जारी स्थानांतरण नीति अनुरूप शासकीय सेवकों के स्थानांतरण किये जाने का प्रावधान है। वर्तमान में लागू स्थानांतरण नीति की  प्रति  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार  है। (ख) क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में मोटरयान अधिनियम अंतर्गत वाहनों के पंजीयन, परमिट, फिटनेस, चालक लाइसेंस एवं अनुज्ञप्ति तथा शासन द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशानुसार अन्य कार्य संपादित किये जाते है। योजना संबंधी जानकारी निरंक है। (ग) योजना संबंधी जानकारी निरंक है जिसके परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्‍नांश (क) के पदस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा वाहनों के प्रपत्र एवं ड्राइविंग लायसेंस जारी करने संबंधी समस्त कार्य एनआईसी के पोर्टल ''वाहन'' एवं ''सारथी'' पर उन्हें आवंटित यूजर आई.डी. एवं पासवर्ड द्वारा ऑनलाइन संपादित किये जाते हैं, इन सेवाओं को प्रदान करने हेतु आवेदन उक्त पोर्टल पर ऑनलाईन ही प्राप्त होते हैं। इसके अतिरिक्त उनके द्वारा समय-समय पर अपने अधिकार क्षेत्र में वाहन चैकिंग का कार्य किया जाता है।             (ड.) प्रश्‍नांश (क) अनुसार पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों की पदस्थापना अवधि शासन के जारी निर्देशों के अनुसार ही की जाती है। प्रश्‍नांश (ख) एवं (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में योजनाओं का क्रियान्वयन सही ढंग से न करने तथा पात्रों को लाभ से वंचित रखने संबंधी प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

महाराज अजयपार जी की मूर्ति की पूर्ण सुरक्षा

[संस्कृति]

47. ( क्र. 555 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या राज्‍य मंत्री, संस्‍कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना जिले की तहसील अजयगढ़ अंतर्गत समस्त क्षेत्रवासियों की श्रद्धा एवं आस्था के प्रतीक महाराज अजयपाल जी की मूर्ति रीवा पुरातत्व संग्रहालय में स्थायी रूप से रखी है एवं वर्ष में केवल एक दिन मकर संक्रांति के पर्व पर श्रद्धालुओं के दर्शन हेतु अजयपार मंदिर में रखी जाती है? (ख) यदि हाँ तो क्या महाराज अजयपाल की मूर्ति को पूर्ण सुरक्षा के साथ अजयपार किला स्थित मंदिर में स्थायी रूप से रखे जाने हेतु कोई कार्यवाही की जावेगी, जिससे कि समस्त क्षेत्रवासी उनके प्रतिदिन दर्शन कर सके। यदि हाँ, तो कब तक रखी जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?

राज्‍य मंत्री, संस्‍कृति ( श्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी ) : (क) जी नहीं। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्‍तरांश () अनुसार।

सुक्‍ता नदी से सिंचाई

[जल संसाधन]

48. ( क्र. 564 ) श्रीमती छाया गोविन्‍द मोरे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंधाना विधानसभा क्षेत्र के कितने गांवों की कुल कितने हेक्टेयर कृषि भूमि सुक्ता नदी पर स्थित भगवंत राव जलाशय से सिंचित हो रही है? (ख) सुक्ता नदी के आसपास स्थित लगभग 12 असिंचित आदिवासी बाहुल्य गांव जैसे कालंका, नानखेड़ा, गाड़ाघाट, जामला, खारी, गोडियाबाबा, घाटी खास, गोल इमली, काल्यावाडी, देवनालिया, उदयपुर, सतीहता आदि को सिंचित करने हेतु कोई कार्ययोजना प्रस्तावित है? (ग) उक्त असिंचित आदिवासी बाहुल्य गांवों को सिंचित करने हेतु कब तक कार्ययोजना बन कर तैयार होगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) पंधाना विधानसभा क्षेत्र के 39 गांवों की 11090 हेक्टेयर कृषि भूमि सुक्ता नदी पर स्थित भगवंत सागर जलाशय से सिंचित हो रही है।            (ख) सुक्ता नदी के आसपास स्थित लगभग 12 असिंचित आदिवासी बाहुल्य गांव जैसे कालंका, नानखेड़ा, गाड़ाघाट, जामला, खारी, गोडियाबाबा, घाटी खास, गोल इमली, काल्यावाडी, देवनालिया, उदयपुर, सतीहता आदि को सिंचित करने हेतु वर्तमान में कोई कार्य योजना प्रस्‍तावित नहीं है। (ग) उक्‍त असिंचित आदिवासी बाहुल्‍य गांवों को सिंचित किये जाने की कार्य योजना तैयार करने की समय सीमा के संबंध में वर्तमान में बताया जाना संभव नहीं है।

शिक्षकों को क्रमोन्नति वेतनमान

[स्कूल शिक्षा]

49. ( क्र. 615 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षकों को 12 एवं 24 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने पर क्रमशः प्रथम एवं द्वितीय क्रमोन्नति वेतनमान एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों को समयमान वेतनमान दिये जाने का प्रावधान है यदि हाँ तो प्रदेश के कितने लोक सेवकों को उक्त लाभ दिया जा रहा है? जिलेवार जानकारी दें? (ख) यदि प्रश्‍नांश (क) हाँ तो कटनी जिले में किन-किन लोक सेवकों को प्रश्‍न दिनांक तक लाभान्वित किया गया? किन-किन को कितनी राशि का भुगतान किया गया वर्गवार शिक्षकवार जानकारी दें? यदि शासन के आदेश के बाद भुगतान नहीं किया गया है तो संबंधित लोक सेवक को जो आर्थिक क्षति वर्तमान वेतन में तथा भविष्य में एन.पी.एस. में होगी उसके लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी है बताये एवं उन पर क्या कार्यवाही होगी? यदि हाँ तो कब तक नहीं तो क्यो? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में संबंधित लोक सेवकों का समय मान एवं क्रमोनति वेतनमान स्वीकृत न होने की स्थिति में आर्थिक क्षति की भरपाई की जायेगी यदि हाँ तो कब तक, नहीं तो क्यों?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-दो एवं  तीन अनुसार है। यह एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बाताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।            (ग) उत्तरांश '''' अनुसार।

महिला सर्जिकल चिकित्सक के स्‍वीकृत पद

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

50. ( क्र. 646 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खातेगांव विद्यान सभा क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ केन्‍द्रों पर महिला सर्जिकल डिलेवरी चिकित्‍सक के कितने-कितने पद स्‍वीकृत हैं, उन अस्पतालों के नाम बतावें। (ख) अगर सामुदायिक स्वास्थ केन्‍द्र कन्‍नौद में उक्त महिला चिकित्‍सक का पद स्वीकृत है एवं महिला चिकित्सक अगर उपलब्ध है तो फिर कन्‍नौद में सिजेरियन डिलेवरी की सुविधा क्यों नहीं हो पा रही है? (ग) क्‍या कन्‍नौद अस्पताल भी इस श्रेणी से आता है जहाँ गर्भवती महिला की नार्मल डिलेवरी में परेशानी हो तो आपरेशन हो सके एवं आपरेशन में प्रयुक्‍त सारी सुविधा उपलब्ध है अथवा नहीं।

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खातेगांव में 01 पद स्त्रीरोग विशेषज्ञ का स्वीकृत है।  (ख) सिविल अस्पताल कन्नौद में स्त्रीरोग विशेषज्ञ का पद रिक्त है एवं सिविल अस्पताल कन्नौद अंतर्गत निश्‍चेतना विशेषज्ञ की सेवाएं उपलब्ध नहीं होने एवं स्त्रीरोग विशेषज्ञ का पद रिक्त होने से सीजेरियन डिलेवरी की सुविधा नहीं हो पा रही है। (ग) जी हाँ, सिविल अस्पताल कन्नौद सीजेरियन ऑपरेशन हेतु एल-03 संस्था सीमांक के रूप में चिन्हित है, सीजेरियन ऑपरेशन हेतु ऑपरेशन थियेटर एवं आवश्यक उपकरण उपलब्ध है, सिविल अस्पताल कन्नौद में स्त्रीरोग विशेषज्ञ का पर रिक्त होने एवं निश्‍चेतना विशेषज्ञ की सेवाएं उपलब्ध नहीं होने से सीजेरियन डिलेवरी की सुविधा सुनिश्‍िच नहीं हो पा रही है।

माँ रेवा सिंचाई परियोजना से सिंचाई सुविधा

[जल संसाधन]

51. ( क्र. 647 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत माँ रेवा सिंचाई परियोजना के अंतर्गत लाभान्वित होने से वंचित ग्रामों की उक्त परियोजना से कब तक जोड़ा जावेगा, समयावधि बतावें।             (ख) प्रश्‍नकर्ता  विधान सभा क्षेत्र के ग्राम आमला, विक्रमपुर अडडानिया, देवसिराल्या, लिंगापानी, खातामऊ, उतलाय, हतलाय, नांदौन, गढ़वा, बरखेड़ी लिली, मनोरा, कांकड़कुई, करोंदखुर्द एवं करोंद बुजुर्ग इत्यादि ग्रामों को माँ रेवा सिंचाई परियोजना से जोड़े जाने का क्‍या प्रावधान है? (ग) क्या माँ रेवा सिंचाई परियोजना के अंतर्गत प्रश्‍नांश (ख) में उल्लेखित ग्रामों को जोड़े जाने संबंधी कोई योजना चल रही हो तो बतावें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) माँ रेवा सिंचाई परियोजना के अंतर्गत खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के सिंचाई सुविधा से वंचित रहे ग्रामों को इस परियोजना में जोडे़ जाने हेतु वर्तमान में कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। (ख) एवं (ग) प्रश्‍न में उल्‍लेखित माँ रेवा सिंचाई परियोजना से जोड़े जाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

ट्रांसपोर्ट कंपनी के ट्रकों का फिटनेस प्रमाण-पत्र

[परिवहन]

52. ( क्र. 692 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्या विभाग के परिवहन कार्यालय अंतर्गत ग्वालियर जिले में संचालित गुजरात-ग्‍वालियर ट्रांसपोर्ट (श्री पुष्पराज) कंपनी द्वारा संचालित ट्रकों के फिटनेस प्रमाण-पत्र जारी किये गये है, यदि हाँ, तो छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या कम्पनी द्वारा समय-समय पर लायसेंस रिन्यू कराया गया है, यदि हाँ, तो लायसेंस की छायाप्रति उपलब्ध करावें यदि नहीं, तो क्या विभाग कंपनी पर कार्यवाही करेगा? (ग) दिनांक 01.01.2020 से प्रश्‍न दिनांक तक कम्पनी के ट्रकों के चालकों पर पुलिस थाने में मामले दर्ज है एवं चालकों का पुलिस वेरिफिकेशन हुआ है यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करावें और नहीं तो प्रश्‍न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) जिला ग्वालियर के परिवहन कार्यालय में गुजरात-ग्वालियर ट्रांसपोर्ट कंपनी (श्री पुष्पराज) के खिलाफ कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है, प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? संपूर्ण कार्यवाही की छायाप्रति उपलब्ध करावें।

परिवहन मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) गुजरात-ग्वालियर ट्रांसपोर्ट (श्री पुष्पराज) कंपनी के किसी भी ट्रक के फिटनेस प्रमाण-पत्र क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय, ग्वालियर से जारी नहीं किये गये हैं, शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) कम्पनी द्वारा क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय, ग्वालियर से कोई लाइसेंस प्राप्त नहीं किया गया है। अतः शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) कम्पनी द्वारा किसी भी ट्रक चालक का लाइसेंस बनाये जाने संबंधी कोई दस्तावेज/आवेदन क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय, ग्वालियर में प्राप्त नहीं हुये हैं। अतः जानकारी निरंक होने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) गुजरात-ग्वालियर ट्रांसपोर्ट कंपनी (श्री पुष्पराज) के खिलाफ क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय, ग्वालियर में कोई शिकायत प्राप्त नहीं होने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

किसानों का नक्‍शा दुरस्तीकरण

[राजस्व]

53. ( क्र. 696 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) जिला नर्मदापुरम के विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर में ग्राम गढला, गोरा, शुक्करवाड़ा, शिवपुर तहसील माखननगर के साथ-साथ अन्य ग्रामों में भी पूरे गांव के किसानों के जमीनों के नक्शे तथा खसरा नं. गलत रिकार्ड में क्यों चढ़े है? क्या जहां किसान की जमीन है वहां रिकार्ड में किसी दूसरे की जमीन बताई जा रही है? विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई जायें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में यह कार्य राजस्व की चकबंदी बंदोबस्त के तहत कब तक किया जायेगा? क्या इसमें शासन की ओर से मिशल नक्शा शीट दुरूस्त कराई जायेगी? यह कार्य कब किया जायेगा पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या उक्त विसंगति होनें के कारण किसानों को शासन की योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है? इस समस्या के कारण किसानों के सीमांकन तथा बंटवारे के प्रकरण जो काफी समय से लंबित है इनका भी निराकरण कब तक कर दिया जायेंगा?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। रिकार्ड में दर्ज है। अधिकांश खसरे एवं नक्शों का मौका मिलान होता है। जिन किसानों का मौका मिलान नहीं होता है उनके आवेदन पत्र म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 संशोधित वर्ष 2018 की धारा 115 के अन्तर्गत न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के द्वारा सुधार किये जाते है। वर्तमान में उक्त समस्त ग्रामों में खसरा एवं नक्शे लिंकिंग का कार्य राजस्व महा अभियान 3.0 के दौरान निरंतर किया जा रहा है। उक्त ग्रामों नक्शा एवं खसरा की स्थित निम्नानुसार है -

ग्राम का नाम

कुल खसरा

कार्यपूर्ण

शेष लिंकिंग खसरा

गुढ़ला

637

416

221

गोरा,

468

430

38

शुक्करवाड़ाकला

682

424

258

शिवपुर

443

194

249

 

तहसील माखननगर के कुल 112 ग्रामों के राजस्व अभियान 1.0, 2.0 में नक्शे खसरों को लिंक किया गया है। वर्तमान में राजस्व महा अभियान 3.0 के अन्तर्गत खसरा नक्शा लिंक करने की कार्यवाही प्रचलित है। जो आगामी दिसम्बर माह तक पूरी कर ली जावेगी। (ख) उत्‍तरांश '''' अनुसार है।     (ग) समस्त किसानों को शासन की योजना पी.एम. किसान योजना एवं सी.एम.किसान योजना सहित सभी योजनाओं का लाभ प्राप्त हो रहा है। तहसील माखननगर में वर्ष 2024-25 में कुल 382 सीमांकन के प्रकरण दर्ज किये गये जिसमें से 312 का निराकरण कर दिया गया है शेष 70 प्रकरणों का निराकरण किया जा रहा है दिसम्बर माह तक सभी प्रकरणों का निराकरण कर दिया जायेगा इसी प्रकार तहसील माखननगर में बटवारे के 254 प्रकरण दर्ज किए गए जिसमें से 211 प्रकरणों का निराकरण कर दिया गया है शेष 43 बंटवारे के प्रकरणों का निराकरण दिसम्बर माह में कर दिया जावेगा तथा नये आवेदन प्राप्त होने पर सीमांकन एवं बंटवारे का कार्य निरंतर नियमानुसार किया जा रहा है।

स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की बिल्डिंग का निर्माण

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

54. ( क्र. 697 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर के अंतर्गत विकासखंड सोहागपुर एवं माखननगर में किन-किन मदों में उप स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र की बिल्डिंग का निर्माण किया जा रहा हैं नाम एवं स्‍थान सहित बतायें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में इन निर्माण कार्यों का कार्य कब से चल रहा हैं एव कब तक पूरा किया जायेगा? क्‍या इन निर्माण कार्यों का भूमि पूजन किया गया है यदि हाँ, तो कब और नहीं किया गया है तो कब तक भूमि पूजन कराया जायेगा?                 (ग) उपरोक्‍त निर्माण कार्यों के संबंध में कार्य एजेंसी कौन है नाम पता सहित बतायें?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी संलग्‍न  परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्‍न   परिशिष्‍ट  अनुसार है। जानकारी संलग्‍न  परिशिष्‍ट  अनुसार है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी संलग्‍न  परिशिष्‍ट  अनुसार है।

परिशिष्ट - "दस"

आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासियों द्वारा खरीदी जाना

[राजस्व]

55. ( क्र. 717 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी, 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक छिंदवाड़ा तथा पांढुर्णा जिले में किन-किन आदिवासी भाई बहनों की ज़मीन गैर आदिवासियों द्वारा क्रय किये जाने हेतु संबंधित कलेक्टर द्वारा अनुमति दी गई है? (ख) उपरोक्त में अलग-अलग जमीन का क्षेत्रफल, क्रय मूल्य तथा किन-किन लोगों द्वारा इसे ख़रीदा गया विस्तृत जानकारी दीजिए?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जिला छिंदवाड़ा में 1 जनवरी 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक 84 आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासियों द्वारा क्रय करने की अनुमति प्रदान की गई है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट –'' अनुसार। जिला पांढुर्णा का गठन दिनांक 05/10/2023 को हुआ है। किसी भी प्रकरण में विक्रय की अनुमति जारी नहीं की गई है। (ख) वरिष्ठ जिला पंजीयक, जिला छिदवाड़ा द्वारा प्रस्तुत जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट –'' अनुसार

सिविल अस्पताल में चिकित्सकों की पदस्थापना

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

56. ( क्र. 718 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सौंसर अन्तर्गत 100 बेड का सिविल हॉस्पिटल स्वीकृत है किन्तु यहाँ अभी तक हड्डी रोग चिकित्सक, महिला चिकित्सक और एम. डी. मेडिसिन डॉक्टर पदस्थ नहीं है? (ख) उपरोक्त सिविल हॉस्पिटल में इन चिकित्सकों को पदस्थ न किये जाने का क्या कारण है? (ग) उपरोक्त चिकित्सकों को  किस दिनांक तक पदस्थ कर दिया जाएगा?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ, सिविल अस्‍पताल सौंसर में पी.जी. स्त्रीरोग बंधपत्र चिकित्सक पदस्थ होकर सेवाएं प्रदान कर रही है। हड्डी रोग विशेषज्ञ एवं मेडिसिन विशेषज्ञ के पद रिक्त है, पदपूर्ति निरंतर प्रक्रिया है। (ख) प्रदेश में विशेषज्ञों के पद रिक्त होने के कारण सिविल अस्पताल स्तर की संस्थाओं में विशेषज्ञों की            शत्-प्रतिशत पद पूर्ति किए जाने में कठिनाई है। (ग) उत्तरांश '''' के अनुसार निश्‍िचत समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।

स्वचालित अग्निशामक यंत्र लगाये जाने की योजना

[परिवहन]

57. ( क्र. 730 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परिवहन विभाग के अधीनस्थ कार्यालयों, भवनों एवं यात्री बसों में अग्नि दुर्घटना से बचने हेतु क्या व्यवस्था है? (ख) क्या इन कार्यालयों एवं भवनों में स्वचालित अग्निशामक यंत्र (मानव रहित) लगाए गए हैं अथवा नहीं यदि हाँ, तो स्थलवार सूची उपलब्ध कराए? यदि नहीं, तो स्वचालित अग्निशामक (मानव रहित) यंत्र कब तक लगा दिए जाएंगे? इस विषय में विभाग अथवा शासन द्वारा कोई ठोस नीति बनाई गई है या नहीं यदि हाँ, तो कृपया संपूर्ण जानकारी प्रदान करें? (ग) यात्री बसों में अग्नि सुरक्षा के लिए इस प्रकार के स्वचालित अग्निशामक (मानव रहित) उपकरण लगाने के लिए शासन ने कोई योजना बनाई है यदि हाँ, तो पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराए और यदि नहीं, तो शासन इस विषय में गंभीरता से संज्ञान कब लेगा?

परिवहन मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) परिवहन विभाग के अधीनस्थ कार्यालयों, भवनों में अग्नि दुर्घटना से बचने हेतु रेत से भरी बाल्टियों एवं पानी की व्यवस्था की गई है तथा कुछ अधीनस्थ कार्यालयों, भवनों में अग्निशामक सिलेन्डर उपलब्ध कराये गये हैं। मध्यप्रदेश मोटरयान नियम, 1994 के नियम 176 अनुसार प्रत्येक यात्री बसों में क्षमतानुसार एक या अधिक चालू हालत में अग्निशामक यंत्र लगवाये जाते हैं। केन्द्रीय मोटरयान नियम, 1989 के नियम 125ग में विहित प्रावधानों के तहत समस्त नवीन एम 3 प्रवर्ग की टाइप III बसों एवं स्कूल बसों में फायर डिटेक्शन अलार्म (FDAS) एवं संप्रेशन सिस्टम (FDSS) तथा फायर अलार्म एवं प्रोटेक्शन सिस्टम लगा होने पर ही उनका पंजीयन किया जा रहा है। (ख) जी नहीं, भवनों में स्वचालित अग्निशमन यंत्र लगाने की कोई नीति पृथक से निर्मित नहीं है। शासकीय भवनों में अग्नि सुरक्षा के संबंध में मध्‍यप्रदेश भूमि विकास नियम 2012 के नियम 87 में प्रावधान अंकित किए गए। उक्‍त नियम की  प्रति संलग्‍न  परिशिष्‍ट अनुसार  है। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "ग्यारह"

बड़ादेव उद्वहन सिंचाई परियोजना

[जल संसाधन]

58. ( क्र. 734 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) बरगी विधानसभा क्षेत्र हेतु पूर्व में एन.वी.डी.ए. द्वारा प्रस्तावित बड़ादेव उद्वहन सिंचाई परियोजना की डी.पी.आर. कितनी लागत से बनाई गई? कितने गांवों की कितनी भूमि सिंचित होनी थी? कितनी निजी व वन भूमि डूब में आने वाली थी? (ख) उक्त परियोजना जल संसाधन विभाग को क्यों ट्रांसफर की गई? इस विभाग में यह योजना कितनी लागत की मंजूर की गई? योजना अंतर्गत कितनी सिंचाई होगी, कितने गांव की कितनी निजी और कितनी वन भूमि डूब में आएगी? कितने परिवारों को बेदखल किया जाएगा एवं निर्माण काम के अलावा कितनी अतिरिक्त राशि खर्च होगी? (ग) बरगी डैम की बांयी तट नहर से सिंचाई के लिए कितना पानी आरक्षित है? कितने क्षेत्र में सिंचाई मंजूर है? कितने एरिया में सिंचाई का क्षेत्र तैयार हो चुका है कितना बाकी है? बरगी बांध की बाई तट नहर से सिंचाई चालू होने के बाद से प्रतिवर्ष औसत कितना पानी खर्च हो रहा है और नहर के लिए आरक्षित पानी में से कितना पानी बच रहा है, इसके क्या कारण है और इस बचे पानी का क्या उपयोग किया जाएगा? (घ) विभाग में कितनी-कितनी लागत की कितनी सिंचाई परियोजनाएं बांध बनाकर स्वीकृत की गई और कितनी योजनाएं पहले से बनी योजनाओं की कैनाल का पानी उठाकर? कितनी पूर्ण है? कितनी अधूरी है? कौन-कौन ठेकेदार हैं? कब-कब पूरी हुई और कब तक पूरी होगी? योजनावार जानकारी दी जाए।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) बरगी विधानसभा क्षेत्र में पूर्व में प्रस्तावित बड़ादेव संयुक्त उद्वहन सिंचाई परियोजना की डी.पी.आर. एन.वी.डी.ए. द्वारा लागत राशि रू. 625.89 करोड की तैयार की जाना प्रतिवेदित था, जिसमें बरगी बांयी तट नहर से जल उद्वहन कर कुल 116 ग्रामों की 28,000 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई किया जाना प्रस्तावित था। अतः निजी एवं वनभूमि का डूब में आने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) नर्मदा जल विवाद अधिकरण के द्वारा म.प्र. राज्य को आंवटित 18.25 एम.ए.एफ. जल के उपयोग को सुनिश्‍िचत करने के क्रम में मंत्री परिषद के आदेश दिनांक 10.07.2024 में लिये गये निर्णयानुसार परियोजना जल संसाधन विभाग को क्रियान्वयन हेतु हस्तांतरित की गई है। परियोजना की लागत राशि रू.1187.31 करोड की स्वीकृत की गई हैछायाप्रति संलग्न परिशिष्ट-1 पर है। योजना के अंतर्गत 31,500 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई प्रावधानित है। प्राथमिक आंकलन अनुसार परियोजना के डूब क्षेत्र में लगभग 17 ग्रामों की 680.26 हेक्टेयर, निजी भूमि, 140 हेक्टेयर वन भूमि एवं 549 हेक्टेयर शासकीय भूमि आना संभावित है, जिसकी पुष्टि डी.पी.आर. से कर ली गई है। वर्तमान में विस्तृत सर्वेक्षण के अभाव में विस्थापित परिवारों की संख्या, डूब प्रभावित निजी एवं वन भूमि का वास्तविक क्षेत्रफल एवं निर्माण कार्य के अतिरिक्त व्यय की जाने वाली राशि की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (ग) नर्मदा विकास प्राधिकरण द्वारा प्रतिवेदित अनुसार बरगी बांध की बांयी तट नहर से सिंचाई के लिये कुल 1008 एम. सी.एम. जल आरक्षित है। कुल 1,57,000 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई किया जाना प्रस्तावित है। परियोजना के अंतर्गत लगभग 1,52,800 हेक्टेयर क्षेत्र तैयार हो चुका है एवं लगभग 4,200 हेक्टेयर क्षेत्र बाकी है। बांध की बांयी तट मुख्य नहर की सिंचाई चालू होने के बाद प्रतिवर्ष खर्च हो रहे पानी का  विवरण संलग्न परिशिष्ट-अ में है। नहर के आरक्षित पानी में से  संलग्न परिशिष्ट-अ  अनुसार प्रतिवर्ष उपयोग की मात्रा के पश्चात पानी शेष बच रहा है। इसका कारण कृषकों द्वारा स्वयं के सिंचाई के साधन तैयार करने एक साथ संपूर्ण कमाण्ड क्षेत्र में फसल नहीं लगाये जाना आदि हैं। संपूर्ण कमाण्ड क्षेत्र 1,57,000 हेक्टेयर में कृषकों द्वारा पानी का उपयोग की मांग किये जाने पर शेष बचे हुये जल से ही आपूर्ति किया जाना है। (घ) जल संसाधन विभाग के अंतर्गत बरगी विधानसभा क्षेत्र में निर्मित एवं निर्माणाधीन स्वीकृत योजनाओं की  जानकारी संलग्‍न  परिशिष्ट -ब अनुसार है।

परिशिष्ट - "बारह"

क्रमोन्नति/समयमान वेतनमान के लंबित प्रकरण

[स्कूल शिक्षा]

59. ( क्र. 738 ) श्री देवेन्‍द्र कुमार जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले में उच्च माध्यमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक तथा प्राथमिक शिक्षक (गुरूजी से बने प्राथमिक शिक्षक सहित) के प्रथम/द्वितीय क्रमोन्नति वेतनमान एवं तृतीय समयमान वेतनमान स्वीकृति किये जाने संबंधी कोई प्रकरण लंबित हैं? यदि हाँ, तो कितने प्रकरण लंबित हैं तथा उक्त शिक्षकों की क्रमोन्नति/समयामन वेतनमान प्राप्त करने की पात्रता दिनांक क्या थी? शिक्षकों के नाम सहित विद्यालयवार, संकुलवार, विकासखण्डवार सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार शिक्षकों के उक्त क्रमोन्नति एवं समयमान वेतनमान प्रकरण वर्तमान में किस-किस कार्यालय के स्तर पर लंबित है? पात्रता पूरी करने वाले शिक्षकों के क्रमोन्नति एवं समयमान वेतनमान के प्रकरणों के लंबित होने के क्या-क्या कारण हैं? लंबित प्रकरणों को निराकृत किये जाने हेतु संबंधित कार्यालयों द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई है? विस्तृत जानकारी दें? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अनुसार शिक्षकों के लंबित क्रमोन्नति एवं समयमान वेतनमान प्रकरणों की स्वीकृति में होने वाले विलंब हेतु कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं, उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी तथा कब तक शिवपुरी जिले में सभी पात्र शिक्षकों के लंबित क्रमोन्नति एवं समयमान वेतनमान प्रकरणों की स्वीकृति कर उन्हें एरियर्स की राशि का भुगतान कर दिया जावेगा? स्पष्ट समयावधि बतायें।

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-अ एवं  अनुसार है। (ग) विलंब हेतु उत्तरदायित्व निर्धारण हेतु कलेक्टर शिवपुरी से जाँच प्रतिवेदन चाहा गया है। क्रमोन्नति/समयमान वेतनमान स्वीकृति एक सतत् प्रक्रिया है और अभिलेखों एवं गोपनीय चरित्रावलियों एवं अन्य आवश्यक अभिलेख की पूर्ति उपरांत सक्षम स्तर से विभागीय पदोन्नति समिति द्वारा पात्र पाए जाने पर आदेश जारी किये जा सकेंगे। समयवधि बता पाना संभव नहीं है।

सिविल हॉस्पिटल चंदेरी का भवन निर्माण

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

60. ( क्र. 745 ) श्री जगन्‍नाथ सिंह रघुवंशी : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 50 बिस्तर के सिविल हॉस्पिटल चंदेरी की स्वीकृति राज्य शासन के द्वारा कब जारी की गई है? स्वीकृत आदेश एवं बजट आवंटन की प्रति देवेंl                  (ख) वित्तीय स्वीकृति फाइल की प्रमाणित प्रति देवें एवं प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में 50 बेड का हॉस्पिटल के लिए कितनी राशि की आवश्यकता होगी? प्रमुख सचिव के काउंटर हस्ताक्षर से जानकारी देवेंl (ग) 50 बेड के हॉस्पिटल के लिए स्थान का चयन/भूमि आवंटन के लिए प्रश्‍न दिनांक तक की स्थिति में क्या कार्यवाही की गई है? की गई संपूर्ण कार्यवाही की छायाप्रति देवेंl             (घ) विभाग के द्वारा हॉस्पिटल निर्माण के लिए अभी तक कौन-कौन से प्रयास किए गए हैं? जानकारी देवें। (ड.) स्वास्थ्य विभाग के द्वारा राज्य स्तर से हॉस्पिटल भवन निर्माण के लिए  कौन-कौन से अधिकारियों का दल कब-कब आया और उसने क्या रिपोर्ट प्रस्तुत की है? प्रस्तुत रिपोर्ट की कॉपी देवेंl

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) 50 बिस्‍तर के सिविल हॉस्पिटल चंदेरी की प्रशासकीय स्‍वीकृति दिनांक 29.09.2023 को जारी की गयी है। स्‍वीकृति आदेश की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। भारत सरकार राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन नई दिल्‍ली द्वारा आवंटित बजट की स्‍वीकृति की वित्‍तीय स्‍वीकृति की चाही गयी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। अनुबंध अनुसार निर्माण हेतु राशि रूपये 775.64 लाख की आवश्‍यकता है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। विभागीय आदेश दिनांक 07.03.2023 के अंतर्गत राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन संबंधित निर्माण कार्यों की स्‍वीकृति जारी किये जाने हेतु मिशन संचालक राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन को पूर्ण शक्तियां प्रदान की गई है।          (ग) से (ड.) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

जिला चिकित्सालय का मेडि‍कल कॉलेज में संविलियन

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

61. ( क्र. 749 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला चिकित्सालय सागर का मेडि‍कल कॉलेज/महाविद्यालय में संविलियन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक कितने जिला चिकित्सालयों का संविलियन किया गया है? नाम सहित विस्तृत जानकारी देवें। (ख) क्या शासन द्वारा जिले में जिला चिकित्सालय एवं मेडि‍कल कॉलेज/महाविद्यालय संचालित है। यदि हां, तो क्या जिला चिकित्सालय का मेडि‍कल कॉलेज में संविलियन किये जाने की कोई योजना शासन द्वारा बनाई गई है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (ग) क्या जिला चिकित्सालय सागर को शासन स्तर से बुन्देलखण्ड मेडि‍कल कॉलेज/महाविद्यालय, सागर में संविलियन किये जाने हेतु कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही से अवगत करावें। (घ) क्या प्रश्‍नांश (ग) में वर्णित जिला चिकित्सालय के संविलियन उपरांत क्‍या जिला चिकित्सालय के समीपस्थ सिविल अस्पताल मकरोनिया को जिला चिकित्सालय का दर्जा/100 बिस्तरीय अस्पताल उन्नयन की विभाग द्वारा कार्यवाही प्रस्तावित है?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। प्रश्‍न दिनांक तक जिला चिकित्‍सालय सागर का बुन्‍देलखण्‍ड चिकित्‍सा महाविद्यालय सागर में संविलियन हेतु आदेश दिनांक 27.09.2024 को जारी किये गये है, जानकारी संलग्‍न  परिशिष्‍ट अनुसार। (ख) जी हाँ। उत्‍तरांश "क" अनुसार शेष कार्यवाही की जा रही है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्‍तरांश "क" एवं "ख" अनुसार। (घ) जी नहीं।

परिशिष्ट - "तेरह"

पुनर्गठन आयोग का गठन

[राजस्व]

62. ( क्र. 772 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                          (क) म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग का गठन     कब-कब किया गया? यदि हाँ, तो किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों, सहयोगी स्टाफ की नियुक्ति की गई है? अधिकारी, कर्मचारी, सहयोगी स्टाफ के नाम, पदनाम, मोबाइल नंबर, ई-मेल आई.डी. सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग में जिला, संभाग, तहसील, जनपदों के गठन के क्या नियम, निर्देश, आदेश जारी किये गये हैं? नियम, निर्देश, आदेशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में  1 अप्रैल 1993 से प्रश्‍नांकित अवधि तक सिरोंज तहसील को जिला बनाये जाने हेतु विभाग को माननीय मुख्यमंत्री, माननीय मंत्री एवं प्रशासनिक अधिकारियों को प्रमुख सचिव राजस्व, सामान्य, गृह विभाग, आयुक्त भोपाल संभाग, कलेक्टर विदिशा को कब-कब पत्र प्राप्त हुये? उन पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? पत्रों सहित कृत कार्यवाही की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में जिला पुनर्गठन आयोग का गठन कब-कब किया गया? आयोग द्वारा क्या-क्या रिपोर्ट दी गई? निमाड़ी, मऊगंज, आगर मालवा, पांढुर्णा तथा कौन-कौन से जिले बनाने की अनुशंसा की गई अथवा नहीं?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘’’ अनुसार है। (घ) जानकारी उत्‍तरांश (क) अनुसार है। पुनगर्ठन आयोग गठन होने के पूर्व-निवाड़ी, मऊगंज, आगर-मालवा, पांढुर्णा जिले बनाने की अधिसूचना जारी की गई है।

शिक्षकों की भर्ती

[स्कूल शिक्षा]

63. ( क्र. 787 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में उच्च एवं माध्यमिक स्थाई शिक्षक भर्ती 2018 आज तक अधूरी है? यदि हाँ, तो स्थाई शिक्षक भर्ती 2018 के लिए कितने पद स्वीकृत किए गए थे? कितने पदों पर भर्ती की गई और कितने पद शेष हैं? भर्ती प्रक्रिया कब तक पूर्ण की जावेगी? जानकारी दें। (ख) वर्ष 2018 शिक्षक भर्ती के शेष रहे मेरिट होल्डर अभ्यर्थी की पद वृद्धि के लिये तृतीय काउंसलिंग कब तक पूर्ण होगी? (ग) क्‍या विधानसभा क्षेत्र कसरावद में रिक्त शिक्षकों के पदों की अतिथि शिक्षकों के माध्यम से पूर्ति की गई है? यदि हाँ, तो विवरण दें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) अनुसार विधानसभा क्षेत्र कसरावद की शालाओं में पोर्टल पर रिक्त पद दर्शित हो रहे हैं परन्तु संकुल प्राचार्यों द्वारा उन रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों की भर्ती नहीं की गई है? यदि हाँ, तो क्यों? कारण की जानकारी दें।

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। वर्ष 2018 की शिक्षक भर्ती की कार्यवाही पूर्ण चुकी है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) भर्ती प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। अतः प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (ग) जी हाँ। कसरावद विकासखण्ड में जी.एफ.एम.एस पोर्टल अनुसार दिनांक 2.12.2024 की स्थिति में 132 अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं। (घ) अध्यापन की व्यवस्था के दृष्टिगत छात्र उपस्थिति, उपलब्ध कक्षों की संख्या के आधार पर शाला प्रभारी द्वारा आवश्यकतानुसार अतिथि शिक्षकों को उपस्थित कराया गया है।

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का उन्नयन

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

64. ( क्र. 788 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद के मुख्यालय के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को प्रश्‍नकर्ता द्वारा वर्ष 2013 से विगत सत्र जुलाई 2024 तक सदन में उन्नयन कर सिविल अस्पताल बनाने की मांग की जाती रही है परन्तु शासन द्वारा कभी पर्याप्त संसाधन तो कभी बजट की कमी बताते हुए 11 वर्षों से उन्नयन नहीं किया गया है। क्या नवीन बजट सत्र में इसकी स्वीकृति प्रदान की जाएगी? (ख) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कसरावद जिला खरगोन में चिकित्सकों के पद रिक्त हैं? अगर हाँ तो कब से? इन रिक्त पदों की कब तक पूर्ति की जावेगी? (ग) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कसरावद में कोरोना महामारी के दौरान विधायक निधि से 10 बैड का अस्थाई आई.सी.यू. अन्य भवन में बनाया गया है। क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र परिसर में अतिरिक्त हॉल/आई.सी.यू. कक्ष के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की जाएगी? अगर हाँ तो कब तक? समय-सीमा बताएं।

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) स्वास्थ्य संस्थाओं की स्थापना/उन्नयन स्थानीय जनसंख्या, संस्था का बैड आक्यूपेंसी रेट, स्थानीय आवश्यकता, नजदीकी स्वास्थ्य संस्थाओं की दूरी तथा वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर किया जाता है, निर्धारित मापदण्डों अनुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कसरावद को सिविल अस्पताल में उन्नयन की पात्रता नहीं है। जी नहीं। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। पदपूर्ति विभाग की निरंतर प्रक्रिया है, चिकित्सा विशेषज्ञ/चिकित्सा अधिकारी के रिक्त पदों पर पदपूर्ति की कार्यवाही म.प्र. लोक सेवा आयोग के माध्यम से निरंतर जारी है, निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र परिसर में अतिरिक्त हॉल/आई.सी.यू. कक्ष के निर्माण की वर्तमान में कोई योजना नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "चौदह"

छात्रावासों में पदस्‍थ अधीक्षकों की जानकारी

 [स्कूल शिक्षा]

65. ( क्र. 807 ) श्री जगन्‍नाथ सिंह रघुवंशी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत बड़वानी जिले में कुल कितने छात्रावास व अन्य आवासीय संस्थान चलाया जा रहे हैं? उनमें अधीक्षकों की नियुक्ति किन नियमों के तहत तथा कितनी अवधि तक के लिए किए जाने के प्रावधान है। (ख) क्या 3 वर्ष की अवधि पूर्ण होने के पश्चात अधीक्षकों को उक्त कार्य से मुक्त कर मूल संस्था में भेजे जाने के प्रावधान हैं? यदि हाँ, तो बड़वानी जिले में कार्यरत छात्रावास अधीक्षकों के संबंध में अभी तक यह कार्रवाई क्यों नहीं की गई तथा ऐसे कितने अधीक्षक हैं जो 3 वर्ष के बाद भी अधीक्षक के पद पर कार्यरत है सूची? देवें। (ग) क्या यह सत्य है कि ऐसे अधीक्षकों के स्थान पर पदपूर्ति हेतु सार्वजनिक तौर पर अखबारों में विज्ञप्ति का प्रकाशन नहीं कराया गया देवें? यदि हाँ, तो क्या भर्ती प्रक्रिया की जा रही है देवें? (घ) क्या जिला पंचायत की बैठकों में इस संबंध में निर्णय पारित होने के उपरांत भी ऐसे अधीक्षकों को नहीं हटाया गया है, तो उक्त निर्णय के अवमानना करने वाले दोषी अधिकारियों-कर्मचारियों के विरुद्ध शासन क्या दंडात्मक कार्रवाई कर रहा है देवें? यदि नहीं, तो क्यों नहीं देवें? (ड.) विभागीय दिशा-निर्देशों के तहत समय-सीमा में छात्रावास अधीक्षकों को नहीं बदलने के कारण दोषी जिला परियोजना समन्वयक एवं संबंधित शाखा के विरुद्ध शासन क्या दंडात्मक कार्रवाई करेगा? यदि, नहीं तो क्यों नहीं?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) बड़वानी जिले में सर्व शिक्षा अभियान अन्‍तर्गत 06 कस्‍तूरबा गांधी बालिका विद्यालय एवं 12 नेताजी सुभाष चन्‍द्र बोस बालिका छात्रावास कुल 18 छात्रावास संचालित है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ पर है। (ख) जी हाँ। जिला स्‍तर पर चयन प्रक्रिया प्रचलन में है। राज्‍य शिक्षा केन्‍द्र के पत्र क्र/राशिके/एसजीयू/2017/5881 दिनांक 11.08.2017 में दिये गये निर्देशानुसार नवीन वार्डन का चयन व प्रभार होने तक कार्यरत वार्डन के पास ही संबंधित छात्रावास के वार्डन का प्रभार रहेगा। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब पर है। (ग) एवं (घ) जी हाँ। छात्रावास वार्डन की चयन प्रक्रिया प्रचलन में है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ड.) छात्रावास वार्डन की चयन प्रक्रिया प्रचलन में होने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

स्‍थाई चिकित्सा स्‍टाफ की नियुक्ति की योजना

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

66. ( क्र. 820 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या स्वास्थ्य विभाग में स्थाई नियमित चिकित्सा स्टाफ नियुक्त करने हेतु कोई योजना है? (ख) डॉ. भीमराव अम्‍बेडकर सामुदायिक (उन्नत सिविल अस्पताल) स्वास्थ्य केंद्र सिवनी मालवा में मेडिसिन विशेषज्ञ, अस्थि रोग विशेषज्ञ, बाल्य एवं शिशु रोग विशेषज्ञ, महिला रोग विशेषज्ञ, ई.सी.जी. मशीन संचालक एवं सोनोग्राफी मशीन संचालक की स्थाई नियमित नियुक्ति कब तक की जावेगी? (ग) डोलरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सा स्टाफ की स्थाई नियमित नियुक्ति कब तक की जावेगी?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) स्‍वास्‍थ्‍य विभाग में नियमित पदों के विरूद्ध नियुक्ति मध्‍यप्रदेश लोक सेवा आयोग एवं कर्मचारी चयन मण्‍डल के माध्‍यम से की जाती है, पदपूर्ति एक निरंतर प्रक्रिया है। (ख) पदपूर्ति एक निरंतर प्रकिया है, निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ग) उत्‍तरांश (ख) के अनुरूप।

प्रसूति सहायता योजना में मिलने वाली न्यूनतम राशि

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

67. ( क्र. 826 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में प्रसूति सहायता योजना के अंतर्गत वर्ष 2023-24 में कितने आवेदन प्राप्त हुये? संख्यावार जानकारी दी जावे। (ख) प्राप्त हुये आवेदनों में से कितने आवेदन निरस्त किये गये हैं और निरस्त करने का क्या कारण रहा? (ग) आवेदन निरस्त करने वाले दोषी अफसरों एवं कर्मचारियों के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही की गई? अगर नहीं की गई तो कब तक की जावेगी? (घ) क्या निरस्त किये गये आवेदनकर्ता महिलाओं को पुनः राशि जारी की जायेगी? अगर हाँ तो कब तक?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रसूति सहायता योजना अन्तर्गत भुगतान हेतु हितग्राही से आवेदन लेने का कोई प्रावधान नहीं है। गर्भवती महिला का पंजीयन एवं प्रसव का अपडेशन अनमोल आर.सी.एच. पोर्टल पर किया जाता है, जिसमें महिला एवं उसके पति की समग्र आई.डी. एवं बैंक खाते का विवरण इन्द्राज किया जाता है। उक्त के आधार पर योजना की शर्तें एवं पात्रतानुसार महिला के भुगतान की गणना अनमोल आर.सी.एच. पोर्टल में की जाती है तथा उक्त डाटा को ई-वित्त पोर्टल पर हितग्राही के बैंक खाते में भुगतान हेतु प्रेषित कर दिया जाता है। वर्ष 2023-24 में कुल 6.10 लाख हितलाभ कुल राशि रू. 511.89 करोड योजनान्तर्गत भुगतान किये गये। (ख) से (घ) प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नवीन अनुभाग का गठन

[राजस्व]

68. ( क्र. 845 ) श्री ऋषि अग्रवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                          (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता ने गुना जिले के अंतर्गत बमोरी को नवीन अनुभाग (उपखण्‍ड) गठन किये जाने हेतु माननीय मंत्री महोदय को प्रत्‍यक्ष में पत्र क्र. 81/2024 दिनांक 28/06/2024 प्रस्‍तुत किया था।     (ख) प्रश्‍नकर्ता के उक्‍त पत्र पर प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है एवं बमोरी को नवीन अनुभाग (उपखण्‍ड) कब तक बनाया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (‍क) जी हाँ। (ख) विभाग द्वारा दिनांक 05.09.2024 को प्रारंभिक 30 दिवसीय अधिसूचना जारी कर दावे आपत्ति बुलायी जाकर प्रकरण APC के समक्ष निर्णय हेतु रखा गया। APC द्वारा प्रकरण नवीन प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग के समक्ष रखे जाने का निर्णय लिया गया है। शेष समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

उप तहसील को तहसील का दर्जा दिया जाना

[राजस्व]

69. ( क्र. 848 ) श्री अनिल जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा दिनांक 04 सितम्बर 2023 में ओरछा में आयोजित                                    श्री रामराजा लोक के भूमि पूजन कार्यक्रम के दौरान विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत उप तहसील तरीचरकलां को तहसील का दर्जा दिए जाने की घोषणा की गई थी? हाँ अथवा नहीं? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो इस सम्बंध में क्या कार्यवाही की जा रही है एवं कब तक उप तहसील तरीचरकलां को तहसील का दर्जा दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। (ख) तरीचरकलां में तहसील का दर्जा दिए जाने के संबंध में कलेक्‍टर से प्रस्‍ताव प्राप्‍त किया गया है। वर्तमान स्थिति में नवीन प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग का गठन किया गया है। शेष समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

स्‍कूल शिक्षा विभाग की गतिविधियों का समुचित संचालन

[स्कूल शिक्षा]

70. ( क्र. 859 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवगठित जिला-मैहर में स्कूल शिक्षा विभाग की गतिविधियों के समुचित संचालन हेतु जिला शिक्षा अधिकारी मय स्टाफ पदस्‍थ किये जाने तथा कार्यालय भवन स्वीकृत कराकर निर्मित कराये जाने संबंधी कार्यवाही क्या प्रचलन में है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में क्या स्कूल शिक्षा विभाग के जिला शिक्षा अधिकारी मय स्टाफ तथा कार्यालय भवन स्थापित किया जाना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो मैहर जिले के व्यवस्थित संचालन की दृष्टि से कब तक यह व्यवस्‍था पूर्ण की जावेगी? समयावधि बताये जाने का कष्‍ट करें।

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) कार्य सुविधा एवं प्रशासनिक दृष्टि से आवश्यक है, उत्तरांश (क) अनुसार सक्षम स्वीकृति एवं बजट उपलब्‍धता पर निर्भर करेगा।     समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

खेतों में सिंचाई हेतु पानी दिये जाने की नीति

[जल संसाधन]

71. ( क्र. 860 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिला अंतर्गत बाणसागर की पुरवा नहर से किसानों के खेतों में सिंचाई हेतु पानी दिये जाने की क्‍या नीति बनायी गयी है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में क्‍या किसानों की मुख्‍य फसल रबी (गेहूँ) की बुवाई के पूर्व पलेवा के समय विगत दो वर्षों से समय पर पानी नहीं दिया जाता है, क्‍यों? कारण सहित जानकारी दी जावे। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में आये बिन्‍दुओं के कारण समय पर पानी नहर में न छोड़े जाने से किसानों के द्वारा समय पर सही ढंग से गेहूँ की बुवाई न होने से किसानों का कृषि व्‍यवसाय प्रभावित रहता है? यदि हाँ, तो क्‍या निकट भविष्‍य में समय पर पानी दिया जावेगा? (घ) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्‍या कुछ गांवों जैस - धुध चिहाई, रामस्‍थान, खम्‍हरिया आदि में नहर से पानी न प्राप्‍त होने से इन ग्रामों के किसानों द्वारा निजी संसाधनों से सिंचाई की जाती है, उस पर भी पैसा लिया जाता है? यदि हाँ, तो क्‍यों? क्‍या निकट भविष्‍य में इन ग्रामों के किसानों को नहर से पानी पहुँचाये जाने की व्‍यवस्‍था की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) सतना जिला अंतर्गत बाणसागर की पुरवा नहर से किसानों के खेतों में सिंचाई हेतु पानी दिये जाने हेतु ग्रामवार एलान किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"1" अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाये गये ग्रामों में बुवाई के पूर्व कमाण्ड के किसानों को पलेवा हेतु पानी दिया जाता है। विगत दो वर्षों से समय पर पानी नहीं दिये जाने संबंधी शिकायत प्राप्त होना नहीं पाया गया है। विभाग द्वारा रबी सिंचाई हेतु एलान के पश्चात् कृषकों की मांग अनुसार पानी वितरण की व्‍यवस्था सुनिश्चित की जाती है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के अनुसार नहर में समय पर पानी छोड़ा जाता है। किसानों का कृषि व्यवसाय प्रभावित नहीं होता है। रबी सिंचाई 2024 के लिये दिनांक 23.11.2024 को नहर में पानी प्रवाहित कर दिया गया है। वर्तमान में कमाण्ड के कृषक पानी प्राप्त कर रहे हैं। (घ) जी नहीं। ग्राम घुघचिहाई रामस्थान खम्हरिया में बाणसागर के कमाण्ड में आने वाले रकवे में पानी प्रदान किया जाता है। विगत पांच वर्षों में उक्त ग्रामों में की गई सिंचाई की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"2" अनुसार है। म.प्र. सिंचाई अधिनियम 1931 के अध्याय तीन के बिन्दु 26 के अनुसार नदी प्राकृतिक स्त्रोत अथवा प्राकृतिक जल निकास सरणी प्राकृति झील या अन्य प्राकृतिक जल संग्रह में पानी पर समस्त अधिकार सरकार में निहित होगा। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"2" अनुसार है, के तहत कमाण्ड क्षेत्र में आने वाले कृषकों को सिंचाई कर देय है। जिन कृषकों की जमीन बाणसागर के पुरवा नहर के कमाण्ड में आती है उन्हें पानी प्रदाय कर सिंचाई कर की वसूली की जाती है।

लंबित स्‍वत्‍वों का समय-सीमा में भुगतान

[स्कूल शिक्षा]

72. ( क्र. 872 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी इशानगर, बड़ामलहरा में प्रश्‍न दिनांक तक महालेखाकार ग्वालियर द्वारा जारी किये गये प्राधिकार पत्रों को B.E.O ऑफिस में वर्ष 2022 से 1/11/2024 तक कब-कब आवक रजिस्टर पर दर्ज किये गये? विवरण दें। (ख) सेवा निवृत्त कर्मचारियों के स्वत्वों (महालेखाकार द्वारा जो जारी किये गये) का भुगतान प्राप्ति के बाद किन-किन दिनांकों को किया गया? (ग) प्रश्‍नांश "क" एवं "ख" के तहत लंबित प्राधिकार पत्रों का समय-सीमा में भुगतान नहीं किया गया? (घ) क्‍या जिला शिक्षा अधिकारी छतरपुर उक्त प्रकरणों की प्राप्त आवक रजिस्टर के तहत जाँच कर दोषी अधिकारियों के विरूध कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब? नहीं तो क्यों?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। जिला छतरपुर अंतर्गत महालेखाकार ग्वालियर द्वारा प्राधिकार पत्र प्राप्त होने के उपरान्त समस्त कर्मचारी/अधिकारियों को निर्धारित समयावधि में भुगतान की कार्यवाही की गई है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) उत्तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

चिल्‍लर बांध की नहर लाईनिंग कार्य का प्रस्‍ताव

[जल संसाधन]

73. ( क्र. 896 ) श्री अरूण भीमावद : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जल संसाधन विभाग अंतर्गत चिल्लर बांध योजना की नहर लाईनिंग का कार्य किया जाना प्रस्तावित है अथवा नहीं? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार यदि हाँ तो क्या स्वीकृति प्रदान की गई है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो कार्य कब तक पूर्ण किया जावेगा? (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार यदि नहर लाईनिंग का कार्य किया जाता है तो शहरी क्षेत्र से निकलने वाली नहर को अंडर ग्राउंड करने का प्रस्ताव है अथवा नहीं? (घ) प्रश्‍नांश (ग) अनुसार यदि हाँ तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों नहीं?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। चिल्लर बांध की नहर की लाईनिंग का कार्य वर्तमान में प्रस्तावित नहीं होना प्रतिवेदित है। (ख) प्रश्‍नांक (क) के अनुसार उक्त प्रश्‍न नहीं उठता है। (ग) प्रश्‍नांक (क) नुसार नहर लाईनिंग का प्रस्ताव नहीं किया गया है, परन्तु शहरी क्षेत्र से निकलने वाली नहरों को अंडर ग्राउंड किये जाने का प्रस्ताव किया जाना प्रतिवेदित था।    (घ) प्रश्‍नांक (ग) अनुसार प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। स्वीकृति की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

बड़ादेव संयुक्‍त उद्वहन एवं माइक्रो सिंचाई परियोजना की जानकारी

 [जल संसाधन]

74. ( क्र. 914 ) श्री उमंग सिंघार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि    (क) जल संसाधन विभाग जबलपुर के द्वारा बड़ादेव संयुक्त उद्वहन एवं माइक्रो सिंचाई परियोजना का प्राक्कलन लगभग 11 करोड 87 लाख 32 हजार का तैयार किया गया है जो कि वर्तमान में प्रक्रियाधीन है? (ख) क्या उक्त परियोजना में आंशिक परिवर्तन कर 600 करोड का प्राक्कलन नर्मदा विकास प्राधिकरण जबलपुर द्वारा तैयार किया गया जिसे मंजूर नहीं किया गया तो क्यों?                                     (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संबंध में क्या माननीय मुख्यमंत्री को दिनांक 24.08.2024 को प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्र लिखा गया है? यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या शासन वित्तीय हित में नर्मदा घाटी विकास (एन.वी.डी.ए.) के प्रस्ताव अनुसार परियोजना स्वीकृत करने की दिशा में पहल करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। अपितु पूर्व में बरगी बांयी तट नहर से जल उद्वहन कर 28000 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा हेतु राशि रू. 625.89 करोड का डी.पी.आर तैयार किया जाना प्रतिवेदित है। नर्मदा जल विवाद अधिकरण के द्वारा म.प्र. राज्य को आंवटित 18.25 एम.ए.एफ. जल के उपयोग को सुनिश्चित करने के क्रम में जल संरक्षण हेतु बांध बनाया जाना आवश्यक होने से पूर्व प्रस्तुत प्रस्ताव को स्वीकृत न करते हुए पुनरीक्षित प्रस्ताव स्वीकृत किया गया। (ग) जी नहीं। अपितु दिनांक 24.10.2024 का पत्र प्राप्त हुआ है। म.प्र. राज्य को आवंटित जल की पृष्ठ भूमि एवं राज्य के हितों को देखते हुये बड़ादेव संयुक्त उद्वहन परियोजना में बांध का निर्माण कर संग्रहित जल से सिंचाई करना उचित होगा। अतएव प्रस्ताव पर कार्यवाही प्रस्तावित नहीं है। (घ) जी नहीं। अपितु नर्मदा जल अधिकरण के द्वारा म.प्र. राज्य को 18.25 एम.ए.एफ. आंवटित जल की मात्रा के उपयोग को सुनिश्चित करने की पृष्ठ भूमि एवं राज्य के व्यापक हितों को सुरक्षित रखने की दिशा में बांध के निर्माण से जल संग्रहित कर सिंचाई करना ही उचित होगा।

सिंचाई परियोजनाओं की लागत एवं भुगतान

[जल संसाधन]

75. ( क्र. 918 ) श्री चन्‍द्रशेखर देशमुख : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले की पारसडोह एवं वर्धा सिंचाई परियोजनाओं की अनुबंधित लागत कितनी-कितनी है, अनुबंधित राशि में से प्रश्‍न दिनांक तक ठेकेदार को कुल कितना-कितना भुगतान किया जा चुका है? (ख) प्रश्‍नांश (क) में क्या ठेकेदार द्वारा निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण कर परियोजनाएं विभाग को हस्तांतरित कर दी गई हैं? यदि नहीं, तो समय-सीमा बाह्य कार्य करने हेतु ठेकेदार पर कितनी-कितनी पेनाल्टी अधिरोपित की गई है? (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित परियोजनाओं की समय वृद्धि के प्रस्ताव कब-कब किस-किस अधिकारी द्वारा स्वीकृत किए गए? क्या समय वृद्धि स्वीकृति पश्चात, मूल्य वृद्धि के नाम पर अतिरिक्त भुगतान करने के नियम हैं? यदि हाँ, तो नियम की प्रति उपलब्ध कराई जावे।                         (घ) प्रश्‍नांश (क) में वर्धा तथा पारसडोह परियोजना में मूल्य वृद्धि के नाम पर कब-कब कितना-कितना अतिरिक्त भुगतान किया गया है, क्या किया गया अतिरिक्त भुगतान वैध है? यदि नहीं, तो ठेकेदार से कब तक भुगतान की गई अतिरिक्त राशि समायोजित की जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) बैतूल जिले पारसडोह एवं वर्धा सिंचाई परियोजनाओं की अनुबंधित लागत एवं ठेकेदार को भुगतान किये गये राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी नहीं। अनुबंध के प्रावधान अनुसार योजनाएं विभाग को हस्तांतरित नहीं की गई हैं। अनुबंधित अवधि में विश्वव्यापी कोरोना महामारी एवं अन्य कारणों से योजनाएं पूर्ण नहीं हो पाई, परिणाम स्वरूप बिना पेनाल्टी समय वृद्धि की स्वीकृति दी जाना प्रतिवेदित है। (ग) परियोजनाओं में समय वृद्धि स्वीकृति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। जी हाँ, अनुबंध में निहित प्रावधान अनुरूप समय वृद्धि स्वीकृति पश्चात् मूल्य वृद्धि के नाम पर भुगतान करने का कण्डिका 31 प्राईज एडजस्टमेंट के बिन्दु 1 Applicability के उपबिन्दु 2 अनुसार निम्न नियम प्रतिवेदित है :- Applicability - The price adjustment clause shall apply only for the works executed from the date of signing of the agreement until the end of the initial intended completion date of extensions granted for reasons attributed to the Employer by the Engineer for Construction period only. (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। जी हाँ, किया गया भुगतान अनुबंध में निहित प्रावधान अनुसार वैध है, अतः शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "पंद्रह"

व्यक्तिगत वन अधिकारों का ब्यौरा एवं प्रविष्टि

[राजस्व]

76. ( क्र. 921 ) श्री चन्‍द्रशेखर देशमुख : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि   (क) क्या विभाग के पत्र क्र. -F-2-4/2014/सात-7/261 दिनांक 30/05/2022 में दिए गए स्पष्ट प्रावधानों के बाद भी व्यक्तिगत वन अधिकारों का ब्यौरा एवं प्रविष्टि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी में दर्ज किए जाने की कार्रवाई धार, बैतूल एवं हरदा जिले में प्रश्‍न दिनांक तक भी प्रारंभ नहीं की गई है? (ख) धार, बैतूल एवं हरदा जिले के कितने राजस्व ग्रामों में से कितने ग्रामों में ग्राम वन अधिकार समिति बनाई गई है, उनमें से कितने ग्रामों के पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी में दर्ज कितनी वन भूमि पर कितने व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र, वन अधिकार कानून 2006 के अनुसार वितरित किए गए? विकासखंडवार बतावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) वर्णित पत्र के अनुसार कितने ग्रामों के पटवारी मानचित्र, खसरा पंजी एवं संशोधन पंजी में प्रश्‍न अंकित दिनांक तक दर्ज किए गए कितने दावों की प्रविष्टि प्रश्‍न दिनांक तक भी नहीं दर्ज की गई है? प्रविष्टि कब तक दर्ज की जाएगी समय-सीमा सहित बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी निम्‍नानुसार है : धार - व्‍यक्तिगत वन अधिकारों का ब्‍यौरा एवं प्रविष्टि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी में दर्ज नहीं है। हरदा - हरदा जिला अन्‍तर्गत व्‍यक्तिगत वन अधिकार का ब्‍यौरा एवं प्रविष्टि पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी में दर्ज किये जाने की कार्यवाही निरंक है। बैतूल - विभाग के पत्र क्र. -F-2-4/2014/सात-7/261 दिनांक 30/05/2022 में दिये गये निर्देशानुसार की जाने वाली कार्यवाही से संबंधित जिलों के अनुविभागीय अधिकारी (रा.) एवं तहसीलदार को निर्देशित किया गया है। (ख) जानकारी निम्‍नानुसार है :–          धार - धार जिले में कुल 1625 ग्रामों (1612-राजस्‍व ग्राम व 13-वन ग्राम) में वन अधिकार समिति बनाई गई है। धार जिले में वन अधिकार कानून 2006 के अनुसार कुल 18552 व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र वितरित किए गए, जिसकी विकासखंडवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। हरदा - जिला संयोजक जनजातीय कार्य विभाग हरदा अनुसार जिला अन्‍तर्गत 527 527 ग्रामों में से राजस्‍व ग्रामों में से 491 ग्रामों में वन‍ अधिकार समिति बनाई गई है। हरदा जिले के विकासखण्‍ड हरदा के 17 राजस्‍व ग्रामों में 167 वनाधिकार पट्टे, विकासखण्‍ड टिमरनी में 9 ग्रामों में 328 वनाधिकार पट्टे, विकासखण्‍ड खि‍रकिया के 30 ग्रामों में 348 वनाधिकार पट्टे का वितरण किया गया है। बैतूल - बैतूल जिले में 1358 राजस्व ग्राम हैं जिसमें से 1145 ग्रामों में वन अधिकार समिति बनाई गई है। इनमें से 321 ग्रामों के पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी में दर्ज 4920.829 हेक्टे. भूमि पर 4687 व्यक्त्तिगत दावों का वितरण किया गया है। विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) सतत प्रकिया है। कार्यवाही लगातार की जाती है। विस्‍तृत दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्यवाही की जा रही है।

मैस्कॉट हॉस्पिटल पन्‍ना की मान्‍यता

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

77. ( क्र. 923 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में किसी ऐलोपैथिक प्राईवेट नर्सिंग-होम की मान्यता के लिये नर्सिंग-होम की बिल्डिंग, परेशन थिएटर के मानक होने के संबंध में अर्हताएं नियत हैं? क्या नर्सिंग-होम भवन में आपातकालीन गेट, ओ.टी. में 3 प्रवेश द्वार एवं स्क्रब तथा स्टेरलाइजिंग एरिया होना आवश्यक है? प्राईवेट नर्सिंग-होम में डायलिसिस संचालन की पात्रता के क्या नियम हैं? क्या नर्सिंग-होम संचालन के लिये पर्यावरण की अनुमति, ई.टी.पी. प्लांट की स्थापना आवश्यक है? क्या किसी नर्सिंग-होम का संचालक (ओनर) कोई सोसायटी या एम.बी.बी.एस. डॉक्टर का होना अनिवार्य है? (ख) यदि हाँ तो क्या मैस्कॉट हॉस्पिटल पन्ना को मान्यता प्रदान करते समय शासन निर्धारित सभी मानकों की जांच की गई है? क्या मैस्कॉट हॉस्पिटल पन्ना को डायलि‍सिस करने की अनुमति प्रदान की गई है? क्या इस संबंध में समय-समय पर कोई जांच कराई गई है? (ग) क्या मैस्कॉट हॉस्पिटल पन्ना के संचालक (ओनर) डॉक्टर जागृति सिंह एम.बी.बी.एस. डॉक्टर है? यदि नहीं, तो हॉस्पिटल की मान्यता समाप्त की जायेगी? (घ) क्या शासकीय चिकित्सक डॉ. के.पी. राजपूत, मैस्कॉट हॉस्पिटल पन्ना में नियमित तौर पर ओ.पी.डी. का संचालन कर रहे हैं? वर्तमान में डॉ. के.पी. राजपूत की पदस्थापना किस जिले में है? क्या पदस्थापना कार्यालय में उपस्थित रहकर इनके द्वारा पदीय दायित्वों का संपादन किया जा रहा है?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। ऐलोपैथिक नर्सिंग-होम की मान्‍यता के लिये नर्सिंग होम की बिल्डिंग, ऑपरेशन थियेटर संबंधी अर्हताएं जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्राईवेट नर्सिंग-होम में डायलिसिस संचालन हेतु अस्‍पताल का पंजीयन म.प्र. उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्‍थापनाएं (रजिस्‍ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम, 1973 के अंतर्गत पंजीकृत होना आवश्‍यक है। नर्सिंग-होम संचालन के लिए पर्यावरण की अनुमति मध्‍यप्रदेश प्रदूषण निवारण मण्‍डल से जैव चिकित्‍सा अपशिष्‍ट के प्रबंधन के लिए अधिकार पत्र प्राप्‍त करना अनिवार्य है। जी नहीं। (ख) जी हाँ। मैस्‍कॉट हॉस्पिटल पन्‍ना को मान्‍यता प्रदान करते समय मुख्‍य चिकित्‍सा एवं स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी, पन्‍ना द्वारा शासन निर्धारित सभी मानकों की जांच की गई है। संबंधित अस्‍पताल प्रबंधन द्वारा दिनांक 26.09.2023 को डायलिसिस प्रारंभ करने की सूचना प्रदान की गई। जी हाँ। (ग) जी नहीं। जी नहीं। (घ) मुख्‍य चिकित्‍सा एवं स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी, पन्‍ना द्वारा गठित जांच दल द्वारा दिनांक 09.12.2024 को मैस्‍कॉट हॉस्पिटल के औचक निरीक्षण पर डॉ. के.पी. राजपूत, मैस्‍कॉट हॉस्पिटल में उपस्थित मिले। संचालनालय स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं के आदेश क्र. 01 जी/विज्ञप्‍त/सेल-05/2024/174 दिनांक 27/02/2024 द्वारा डॉ. के.पी. राजपूत, चिकित्‍सा अधिकारी की पदस्‍थापना सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र, गोविंदगढ़ जिला रीवा में की गई है। जी नहीं, डॉ. के.पी. राजपूत को कार्यालय मुख्‍य चिकित्‍सा एवं स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी जिला पन्‍ना के पत्र क्रं./स्‍था./विज्ञप्‍त/2024/5598-99 पन्‍ना, दिनांक 07.06.2024 द्वारा पन्‍ना से कार्यमुक्‍त किया गया है। परंतु उक्‍त चिकित्‍सक द्वारा आदेशित पदस्‍थापना स्‍थल पर उपस्थिति नहीं दी गई है एवं वे अनधिकृत रूप से अनुपस्थित है।

मझगांय एवं रूंज बांध के भू-अर्जन का मुआवजा

[जल संसाधन]

78. ( क्र. 924 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना विधानसभा अंतर्गत निर्माणाधीन मझगांय एवं रूंज बांध के भू-अर्जन के मुआवजे की राशि मझगांय परियोजना अंतर्गत 90 प्रतिशत कृषकों को मुआवजा राशि का भुगतान किया जाना प्रतिवेदित है? यदि हाँ, तो जानकारी दें। यदि नहीं, तो प्रश्‍न दिनांक तक कितनी राशि का भुगतान किन-किन को किया जा चुका है? विवरण सहित जानकारी देवें। (ख) क्या मझगांय बांध हेतु विशेष पैकेज के तहत प्रभावित कृषकों को विस्थापन की राशि के भुगतान की स्वीकृति शासन स्तर पर लंबित है? यदि हाँ तो कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी? बतावें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ, पन्ना विधानसभा अंतर्गत निर्माणाधीन रूंज बांध से प्रभावित भूमि के भू-अर्जन की मुआवजे की राशि का 99.50 प्रतिशत कृषकों को भुगतान किया जा चुका है। निर्माणाधीन मझगांय मध्यम सिंचाई परियोजना से प्रभावित भूमि एवं परिसम्पत्तियों के मुआवजा की राशि लगभग 91.17 प्रतिशत से अधिक की राशि कृषकों को भुगतान की जाना प्रतिवेदित है। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। मझगांय बांध हेतु विशेष पैकेज के तहत डूब प्रभावित परिवारों को विस्थापन हेतु एक मुश्त राशि रू. 05.00 लाख प्रति परिवार पुनर्वास अनुदान की स्वीकृति दिनांक 25.11.2024 द्वारा प्रदान की जा चुकी है।

परिशिष्ट - "सोलह"

जलाशयों के निर्माण कार्यों की जानकारी

[जल संसाधन]

79. ( क्र. 927 ) श्री मधु भगत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि     (क) बालाघाट जिला अंतर्गत सातनारी जलाशय, चनई जलाशय, पैताड़नाला जलाशय के निर्माण की स्वीकृति शासन से किस तिथि को प्राप्त हुई? डी.पी.आर. सहित निर्माण का एस्टीमेट उपलब्ध करावें। निर्माण हेतु विज्ञापन, निविदाकार एवं वर्तमान में निर्माण कार्य की गति या भौतिक स्थिति बताएं। वन विभाग की अनापत्ति पत्र भी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित निर्माण कार्य समयावधि में कार्य पूर्ण किया गया? उक्त कार्य हेतु शासन से किस-किस तिथि को कितनी राशि प्राप्त हुई तथा किस कार्य हेतु किस-किस को राशि का कितना भुगतान किस माध्यम से किया गया? जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्‍या उक्त निर्माण कार्य में गुणवत्ता विहीन कार्य किए जाने एवं निम्न स्तर की सामग्री उपयोग किए जाने तथा समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं किए जाने की शिकायत प्राप्त हुई है? शासन स्तर पर क्‍या उक्त निर्माण कार्यों के गुणवत्ता की जांच की जावेगी? यदि हाँ, तो प्रश्‍नकर्ता या प्रतिनिधि को शामिल किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक जांच की जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जिला बालाघाट अंतर्गत सातनारी जलाशय, चनई जलाशय एवं पैताड़नाला जलाशय योजनाओं के निर्माण की स्वीकृति, विज्ञापन, निविदाकार/एजेन्सी का नाम, कार्य की भौतिक प्रगति एवं वन विभाग की अनापत्ति का विवरण इत्यादि पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। योजनाओं के डी.पी.आर. की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। सातनारी जलाशय का अनापत्ति प्रमाण पत्र पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं का कार्य प्रगतिरत है। 03 योजनाओं के निर्माण हेतु शासन से प्राप्त आवंटन का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है, जिसका भुगतान ई-पेमेंट के माध्यम से किया गया है। (ग) जी नहीं, गुणवत्ता विहीन एवं निम्न स्तर की सामग्री उपयोग किये जाने तथा समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं किये जाने के संबंध में किसी भी प्रकार की कोई शिकायत प्राप्त होना प्रतिवेदित नहीं है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

परिवहन विभाग के स्‍वीकृत पदों एवं संचालित चैक पोस्‍ट की जानकारी

[परिवहन]

80. ( क्र. 930 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि    (क) मध्यप्रदेश परिवहन विभाग में अपर आयुक्त, उपायुक्त, सहायक आयुक्त, जिला परिवहन अधिकारी, सहायक जिला परिवहन अधिकारी, उप निरीक्षक के कितने पद स्वीकृत हैं तथा स्वीकृत पदों पर कौन-कौन अधिकारी प्रभारी के रूप में पदस्थ है? विधि अनुरूप प्रभारी नियुक्त करने की क्या पात्रता और नियम है? (ख) मध्यप्रदेश में एक जनवरी 2024 तक कितने चैक पोस्ट संचालित थे तथा समूचे मध्यप्रदेश में इन चैक पोस्टों की कितनी चल-अचल सम्पत्ति है? क्या अब उनका उपयोग परिवहन विभाग द्वारा किया जा रहा है तथा मध्यप्रदेश में कितने नये चैक पॉइंट बनाये गये हैं? उन पर स्वीकृत पद के विरूद्ध कितने प्रभारी पदस्थ हैं? (ग) दिनांक 01 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2024 तक प्रति वर्ष परिवहन के चैक पोस्टों से कितनी आय हुई और वर्तमान में 01 अप्रैल 2024 से 30 सितम्बर 2024 तक चैक पॉइंटों से प्रतिमाह कितना राजस्व प्राप्त हो रहा है? (घ) मध्य‍प्रदेश परिवहन विभाग के अधीन संचालित मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम की वर्ष 2005 में मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में संभाग और राजधानी मुख्यालय पर या अन्य राज्यों में कितनी चल-अचल सम्पत्ति थी तथा अब 31 मार्च 2024 में कितनी चल-अचल सम्प‍त्ति शेष है? (ङ) उपरोक्त के संबंध में कार्यालयीन पत्र क्रमांक/2024/597 दिनांक 30/09/2024 के माध्यम से परिवहन आयुक्त ग्वालियर से जानकारी चाही गई थी, लेकिन आज दिनांक तक अप्राप्त है। संबंधित के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?

परिवहन मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश परिवहन विभाग में अपर परिवहन आयुक्त (प्रर्व.) का 01 पद, उप परिवहन आयुक्त के 03 पद, क्षेत्रीय उप परिवहन आयुक्त के 10 पद, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के 10 पद, अति. क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी/वरिष्ठ जिला परिवहन अधिकारी के 28 पद, सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के 64 पद, परिवहन उप निरीक्षक के 102 पद तथा मोटरयान परिवहन उप निरीक्षक के 35 पद स्वीकृत हैं। मध्यप्रदेश परिवहन विभाग (राजपत्रित) सेवा भर्ती नियम 2011 की अनुसूची-2 तथा मध्यप्रदेश परिवहन विभाग अधीनस्थ (तृतीय श्रेणी कार्यपालिक) की संशोधित अधिसूचना की अनुसूची-2 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘’’ अनुसार है। स्‍वीकृत पदों के विरूद्ध पदस्‍थ प्रभारी अधिकारियों का पत्रक पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘’’ अनुसार है। कार्य सुविधा को दृष्टिगत रखते हुये प्रभारी अधिकारियों की नियुक्ति की जाती है। (ख) मध्यप्रदेश में 01 जनवरी, 2024 तक 40 परिवहन चैक पोस्ट संचालित थे। उक्त 40 परिवहन चैक पोस्टों में से 19 एकीकृत परिवहन जांच चौकियों की चल-अचल सम्पत्ति का पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘’’ अनुसार है। जी हाँ। उपलब्ध चल-अचल सम्पत्तियों का आवश्यकता अनुसार उपयोग किया जा रहा है। परिवहन आयुक्त कार्यालय के आदेश क्रमांक 47 दिनांक 12.07.2024 के द्वारा परिवहन जांच चौकियों के स्थान पर 45 आर.टी.ओ. चैकिंग पॉइन्ट्स बनाये गये हैं। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। चैकिंग पॉईन्ट वाईस पृथक से कोई पद स्वीकृत नहीं किये गये हैं। कार्य सुविधा की दृष्टि से चैकिंग पॉइन्ट्स पर प्रभारी अधिकारियों की नियुक्ति की जाती है, जिन पर पदस्थ प्रभारी अधिकारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ग) दिनांक 01 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2024 तक प्रतिवर्ष परिवहन चैक पोस्टों से प्राप्त राजस्व का पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। 01 अप्रैल, 2024 से 30 सितम्बर 2024 तक चैक पोस्ट तथा चैकिंग पॉईन्ट से प्राप्त राजस्व का पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है।                                 (ड.) मान. विधायक जी द्वारा उक्त पत्र में चाही गयी चैक पोस्टों की चल-अचल सम्पत्ति की जानकारी प्रदेश के मैदानी कार्यालयों से सम्बन्धित होने के कारण जानकारी संकलित की गयी है, जिसमें आंशिक बिलम्ब हुआ है। मैदानी कार्यालयों से प्राप्त हुई चल-अचल सम्पत्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘’’ अनुसार है। उक्त पत्र कार्यालय की संबंधित शाखा में निरंतर प्रचलन/प्रक्रियाधीन होने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

आदिवासियों की भूमि का सामान्य मद में परिवर्तन

[राजस्व]

81. ( क्र. 932 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्‍दवाड़ा एवं पांढुर्णा जिले के अन्तर्गत वर्ष 01 जनवरी 2018 से 31 अक्‍टूबर 2024 तक कितने आदिवासियों की भूमि को सामान्य मद में परिवर्तित किया गया है? भूमि स्वामी के नाम, पता, भूमि का सम्पूर्ण विवरण, परिवर्तित करने की दिनांक, आदेश की प्रति सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार उल्लेखित वर्षों में छिन्‍दवाड़ा एवं पांढुर्णा जिले में जिन आदिवासी भूमि स्वामियों की भूमि को सामान्य मद में परिवर्तित किया गया है, भूमि को परिवर्तित किये जाने के बाद उक्त भूमि का विक्रय किन-किन व्यक्तियों (विक्रेताओं) को कितनी-कितनी प्रतिफल की राशि लेकर किया गया है? विक्रेताओं के नाम, पता, भूमि का सम्पूर्ण विवरण, विक्रय पंजीयन कराने की दिनांक सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) आदिवासियों की भूमि को सामान्य मद में किस अधिकारी द्वारा परिवर्तित किया जाता है? आदिवासियों की भूमि को सामान्य मद में परिवर्तित किये जाने के शासन/विभाग के क्या दिशा-निर्देश, नियम हैं? नियमों की छायाप्रति उपलब्ध करायें।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) छिन्दवाड़ा जिले के अन्तर्गत वर्ष 01 जनवरी 2018 से 31 अक्टूबर 2024 तक 84 आदिवासियों की भूमि को सामान्य मद में परिवर्तित किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जिला पांढुर्णा का गठन दिनांक 5/10/2023 के पश्‍चात् की जानकारी निरंक है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।                       (ग) आदिवासियों की भूमि को गैर आदिवासी व्‍यक्ति को विक्रय की अनुमति कलेक्टर की पद श्रेणी से अनिम्न पद श्रेणी के किसी राजस्व अधिकारी के द्वारा म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 के तहत देने का प्रावधान विहित है। म.प्र. शासन राजस्व विभाग का परिपत्र क्रमांक एफ2-14/ 2019/सात-7/547 दिनांक 1.12.2022 से दिशा-निर्देश प्रसारित किये गये हैं। छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

निजी अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड से उपचार पर व्‍यय राशि

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

82. ( क्र. 934 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के अन्तर्गत जितने भी निजी अस्पताल आयुष्मान कार्ड से आमजनों के इलाज हेतु अनुबंधित है, उन सभी निजी अस्पतालों में वर्ष     2021-2022-2023 एवं 2024 अक्टूबर माह तक कितने मरीजों का कौन-कौन सी बीमारी का उपचार किया गया है? मरीजों के इलाज में कितनी राशि व्यय हुई है और कितनी राशि आयुष्मान योजनांतर्गत मरीज के इलाज हेतु निजी अस्पताल को प्राप्त हुई है? प्रत्येक वर्षवार, अस्पतालवार, मरीजों के नाम, पता, बीमारी का नाम तथा इलाज में व्यय हुई राशि एवं शासन से प्राप्त हुई राशि की सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) छिन्‍दवाड़ा जिले में जितने भी अनुबंधित अस्पतालों द्वारा आयुष्मान कार्ड के माध्यम से मरीजों का इलाज किया जा रहा है, उन मरीजों के इलाज हेतु अनुबंधित अस्पतालों को क्लेम करने पर शासन द्वारा राशि प्राप्त होती ही है, उसके अलावा अस्पतालों में बीमारी के इलाज के लिये अलग से भी मरीजों से राशि की मांग कर राशि ली जाती है, जबकि आयुष्मान योजना कार्ड धारक मरीजों से योजनांतर्गत इलाज में अलग से राशि लेने के शासन के कोई नियम नहीं हैं। क्या विभाग द्वारा उपरोक्त संबंध में जांच कराई जायेगी और अस्पतालों को स्पष्ट निर्देष प्रदान किये जायेंगे कि आयुष्मान कार्ड धारक मरीजों से योजनांतर्गत इलाज में अलग से राशि न ली जाये? अवगत करायें।

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) छिन्‍दवाड़ा जिले के अंतर्गत आयुष्‍मान योजनांतर्गत सम्‍बद्ध निजी अस्‍पतालों में वर्ष 2021-2022-2023 एवं 2024 अक्‍टूबर माह तक कुल 8269 मरीजों का उपचार किया गया है। मरीजों के नाम, पता एवं बीमारी का नाम निजी जानकारी होने के कारण जानकारी दी जाना संभव नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘’’ अनुसार। (ख) यदि आयुष्‍मान योजनांतर्गत सम्‍बद्ध निजी चिकित्‍सालय द्वारा आयुष्‍मान पात्र हितग्राही से उपचार के दौरान अतिरिक्‍त राशि की मांग की जाती है तो इस संबंध में नेशनल हेल्‍थ अथोरिटी एवं स्‍टेट हेल्‍थ एजेन्‍सी द्वारा जारी गाइड-लाइन अनुसार चिकित्‍सालय के विरूद्ध शिकायत प्राप्‍त होने की स्थिति में नियमानुसार कार्यवाही की जाती है तथा शिकायत सिद्ध होने के उपरांत उक्‍त चिकित्‍सालय के विरूद्ध अर्थदण्‍ड अधिरोपित कर रिकवरी उपरांत हितग्राही को मूल राशि वापिस कर दी जाती है। साथ ही उपरोक्‍त के संबंध में राज्‍य स्‍वास्‍थ्‍य एजेंसी एवं योजनांतर्गत संबद्ध चिकित्‍सालय के मध्‍य हुए एम.ओ.यू. में उल्‍लेखित नियमानुसार चिकित्‍सालय को स्‍पष्‍ट निर्देश दिये गये हैं कि आयुष्‍मान पात्र हितग्राही से उपचार हेतु राशि नहीं ली जा सकती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘’’ अनुसार।

बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जलाशय का निर्माण

[जल संसाधन]

83. ( क्र. 935 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सिहुडी-जलाशय के निर्माण का अनुबंध कब-किस निविदाकार के द्वारा अनुबंध की किन शर्तों के अधीन कब किया गया तथा उसे इस जलाशय का निर्माण कितनी लागत से कब तक पूर्ण करना था? (ख) प्रश्‍न दिनांक तक जलाशय का कितना निर्माण किया जा चुका है तथा किस दिनांक से निर्माण कार्य किन कारणों से बंद है? निर्माण कार्य समय पर पूर्ण न करने पर निविदाकार पर कब-कब क्या कार्यवाही की गई एवं यह भी जानकारी दें कि क्या ठेकेदार को समय पर निर्माण न करने पर उसके विरुद्ध टर्मिनेशन (विखंडन) की क्या कार्यवाही की गई? यदि हाँ तो उसका टर्मिनेशन किस दिनांक को किया गया? यदि नहीं किया गया तो विभाग कब तक टर्मिनेशन (विखंडन) की कार्यवाही कर जलाशय के निर्माण की निविदा पुन: आमंत्रित करेगा? समय-सीमा दें। (ग) प्रश्‍नकर्ता द्वारा विधानसभा की बैठक दिनांक 19/02/2024 को पूछे गये तारांकित प्रश्‍न क्र. 916 का उत्‍तर क्या है? बतलावें एवं यह भी बतलावें की बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पूर्व से निर्मित छपरा जलाशय के कैचमेंट एरिया में मार्बल खदानों द्वारा अपना वेस्टेज मेटेरियल डंप करने के कारण जलाशय की भंडारण क्षमता समाप्त होने पर इस कृत्य के जिम्मेदारों पर कब क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो इसके क्या कारण हैं? इसे पुनर्जीवित करने की विभाग की क्या कोई कार्ययोजना बन रही है? यदि हाँ, तो किए गये कार्यों एवं कितनी लागत से कब तक जलाशय का पुनर्निर्माण कराया जावेगा, इसकी सम्‍पूर्ण जानकारी दें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सिहुडी जलाशय के निर्माण का अनुबंध दिनांक 07.07.2020 को मेसर्स अर्जुन सिंह के द्वारा निर्धारित शर्तों के अधीन किया गया, उक्त जलाशय को लागत राशि रू. 1026.47 लाख से दिनांक 06.10.2021 तक पूर्ण किया जाना था। (ख) प्रश्‍न दिनांक तक जलाशय का निर्माण कार्य 40 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है, उक्त जलाशय का निर्माण कार्य समय-सीमा में पूर्ण न करने एवं दिनांक 01.12.2023 से निर्माण कार्य बंद किये जाने पर ठेकेदार को नोटिस दिया जाना प्रतिवेदित है एवं ठेकेदार के अनुबंध विखण्डन का प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है। विखण्डन की कार्यवाही पूर्ण होने पर शेष कार्य की निविदा आमंत्रित की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्‍नकर्ता द्वारा विधानसभा की बैठक दिनांक 19.02.2024 को पूछे गये तारांकित प्रश्‍न कमांक 916 का विधानसभा को प्रेषित किया जाना लंबित है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

कीट प्रकोप से फसल क्षति

[राजस्व]

84. ( क्र. 960 ) श्री बाला बच्चन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍न क्र. 3116 दिनांक 16.03.2023 एवं प्रश्‍न क्र. 843 दिनांक 11.08.21 से संबंधित उत्‍तर की जिलेवार नस्तियों की प्रमाणित प्रतियां देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार जिन जिलों में प्रभावित कृषकों की संख्‍या बड़ी, उसके कारण जिलावार बतावें। संख्‍या बढ़ने के उत्‍तरदायी अधिकारियों के नाम, पदनाम भी देवें। (ग) विभाग की मद संख्‍या 7249 कीट प्रकोप से फसल क्षति की वर्ष 2020-21, 2021-22 एवं 2022-23 की ऑडिट रिपोर्ट की प्रमाणित प्रति वर्षवार देवें। प्रश्‍न क्र. 1103 दिनांक 12.02.2024 में सीहोर जिले में कृषक संख्‍या 1, 70, 171 प्रश्‍न क्र. 3116 दिनांक 16.06.2024 में कृषक संख्‍या        3, 36, 757 एवं प्रश्‍न क्र. 843 दिनांक 11.08.2021 में 3, 24, 624 बताई गयी। एक ही जिले में तीन प्रश्‍नों में प्रभावित कृषकों की संख्‍या में यह परिवर्तन किस आधार पर हुआ? इन तीनों प्रश्‍नों में संबंधित सभी नस्तियों की प्रमाणित प्रति देवें। (घ) इसकी तृतीय किश्‍त भुगतान के संबंध में संबंधित जिलों में राहत आयुक्‍त कार्यालय भोपाल से जो पत्राचार किया है, उसकी प्रमाणित प्रति देवें एवं यह भुगतान कब तक किया जायेगा, इसकी जानकारी देवें एवं समय-सीमा बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट –'''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट –'''' अनुसार है। (ग) विभाग अंतर्गत योजना शीर्ष 7249- कीट प्रकोप से फसल क्षति की वर्ष 2020-21, 21-22 एवं 22-23 की अंतिम ऑडिट रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। प्रश्‍न क्र. 3116 दिनांक 16.03.2023 एवं प्रश्‍न क्र. 843 दिनांक 11.09.21 में प्रथम एवं द्वितीय किश्‍त के कृषकों की संख्‍या योग कर अंकित कर दी गई थी। प्रथम किश्‍त 167592 कृषकों को एवं द्वितीय किश्‍त 169165 कृषकों को प्रदाय की गई थी। कृषकों की संख्‍या में भिन्‍नता का मुख्‍य कारण प्रथम किश्‍त के भुगतान के समय शेष रहे कृषकों को भी द्वितीय किश्‍त के साथ भुगतान किया गया है जबकि तृतीय किश्‍त प्राप्‍त न होने वाले कृषकों की संख्‍या 170171 है, जिसकी जानकारी अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 1103 दिनांक 05.02.2024 द्वारा पूर्व में प्रेषित की गई थी। अत: उक्‍त तीनों प्रश्‍नों में संबंधित सभी नस्तियों की प्रमाणित प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट –'''' अनुसार है। (घ) कीट प्रकोप से हुई फसल क्षति की तृतीय किश्त के संबंध में विभाग द्वारा संबंधित जिलों में पत्राचार नहीं किया गया है। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

पिछोर को जिला बनाने की घोषणा

[राजस्व]

85. ( क्र. 968 ) श्री प्रीतम लोधी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या दिनांक 21 अगस्‍त 2023 को पिछोर में आयोजित मुख्‍यमंत्री लाड़ली बहन सम्‍मेलन के दौरान प्रदेश के तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री महोदय द्वारा पिछोर को जिला बनाने की घोषणा की गई थी? क्‍या कलेक्‍टर शिवपुरी द्वारा मुख्‍यमंत्री की उक्‍त घोषणा से शासन/मुख्‍यमंत्री कार्यालय को अवगत कराया था? यदि नहीं, तो क्‍यों? इस संबंध में कलेक्‍टर शिवपुरी द्वारा मुख्‍यमंत्री कार्यालय/सामान्‍य प्रशासन विभाग से किये गए पत्राचार की प्रति उपलब्‍ध करावें। (ख ) प्रश्‍नांश (क) उल्‍लेखित घोषणा मुख्‍यमंत्री कार्यालय में कब दर्ज की गई थी और कब और क्‍यों विलोपित की गई? (ग) वर्तमान में प्रदेश सरकार पिछोर को जिला बनाने हेतु क्‍या प्रयास/प्रक्रिया कर रहा है?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्‍तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्‍तरांश (ख) अनुसार है।

शासकीय भूमि पर अवैध कब्‍जा

[राजस्व]

86. ( क्र. 979 ) श्री विष्‍णु खत्री : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) बैरसिया विधानसभा की ग्राम पंचायत अचारपुरा के ग्राम परेवाखेड़ा में शासकीय भूमि का कुल कितना रकवा उपलब्ध है? इसमें से कितनी भूमि रिक्त हैं? जानकारी देवें। (ख) ग्राम परेवाखेड़ा में उपलब्ध शासकीय भूमि पर कुल कितने आवासीय पट्टे वितरित किये गये हैं एवं इन आवासीय पट्टों को कब-कब वितरित किया गया? जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) ग्राम परेवाखेड़ा में कितने परिवार अनधिकृत/अवैध रूप से निवासरत हैं? इन निवासरत परिवारों की संख्या व परिवार के मुखिया के नाम सहित सूची उपलब्ध करावें।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) बैरसिया विधानसभा की ग्राम पंचायत अचारपुरा के ग्राम परेवाखेड़ा में कुल 39.920 हे. शासकीय भूमि का रकबा है। उक्त रकबे में से लगभग 31.00 हे. भूमि रिक्त है। (ख) ग्राम परेवाखेड़ा स्थित शासकीय भूमि खसरा क्रमांक 262 रकबा 8.280 हे. नोईयत चारागाह के अशं भाग पर 111 आवासीय पट्टे जो कि मुख्यमंत्री आश्रित योजना के अन्तर्गत एवं शासकीय भूमि खसरा क्रमांक 217 रकबा 0.580 हे. नोईयत आबादी में प्रधानमंत्री स्वामित्व योजनान्तर्गत 44 आवासीय पट्टे वितरित किये गये हैं। प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना में वितरित आवासीय पट्टों का अधिकार अभिलेख भी भू-अभिलेख की ऑफिशियल वेबसाइट पर उपलब्ध है। (ग) ग्राम परेवाखेड़ा स्थित शासकीय भूमि खसरा क्रमांक 262 रकबा 8.280 हे. नोईयत चारागाह, खसरा क्रमांक 175 रकबा 4.830 हे. नोईयत निस्तार, खसरा क्रमांक 112 रकबा 0.880 हे. नोईयत निस्तार एवं खसरा क्रमांक 217 रकबा 0.580 हे. नोईयत आबादी के अंश भाग लगभग रकबा 7.456 हे. भूमि पर बसाहट हैं। इनमें से 111 परिवारों को मुख्यमंत्री आश्रित योजना 2013 अन्तर्गत पट्टे प्राप्त हुये हैं। निवासरत परिवारों की सख्या क्रमांक 1 से 270 हैं जिसकी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट–'' अनुसार एवं 465 परिवारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–'' अनुसार है।

खाद्य पदा‍र्थों में मिलावट

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

87. ( क्र. 1006 ) श्री कामाख्या प्रताप सिंह : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिला अंतर्गत खाद्य विभाग द्वारा विगत 2 वर्षों में किस-किस एवं किन-किन स्थानों पर मिलावट संबंधी छापे डाले? यदि हाँ, तो सेम्पल में कितनी जगह अमानक स्तर पाये गये। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार इनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध करावें। नहीं तो क्यों नहीं की गई? (ग) जिला अंतर्गत जिला खाद्य अधिकारी द्वारा खाद्य पदार्थों के प्रति जागरूकता का प्रचार-प्रसार किया गया है, यदि हाँ, तो कब-कब एवं व्यय संबंधी जानकारी से अवगत करावें।                   (घ) दोषी दुकानदार क्या अभी क्रय-विक्रय कर रहे हैं? यदि हाँ, तो इनके खिलाफ कब तक कार्यवाही की जावेगी? नहीं तो क्यों नहीं?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘’’ अनुसार। कुल 48 सेम्पल अमानक पाये गये। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘’’ अनुसार(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘’’ अनुसार(घ) दोषी दुकानदार खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 अंतर्गत प्रावधानों के तहत अपने प्रतिष्ठान का संचालन करते है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘’’ अनुसार

भू-अधिकार/पट्टा वितरण में अनियमितता

[राजस्व]

88. ( क्र. 1015 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले के नगर परिषद् ब्यौहारी अन्तर्गत अनुसूचित जाति/जनजाति के नाम कितनी भूमिया हैं? वर्ष 2005 के बाद कितनी ऐसी भूमियां है जिनको पट्टा प्रदान किया गया है का विवरण रकवा व खसरा नंबर सहित देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार आवंटित पट्टे में से कितने ऐसे अनुसूचित जाति/जनजाति परिवार हैं जिनको पट्टा/भू-अधिकार पत्र मौके पर काबिज होने के बाद भी नहीं प्रदान किया गया है जबकि मौके पर काबिज होकर निस्तार कर रहे हैं, तो क्यों? इस बाबत् विभाग कोई कार्यवाही करेगा? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार पट्टा व भू-अधिकार पत्र दूसरे को किन आधारों पर प्रदान किया गया जबकि वास्तविक रूप से मौके पर काबिज व्यक्ति को नहीं प्रदान किया गया है? इस बाबत् विभाग क्या कार्यवाही करेगा? इस अनियमितता के लिये कौन राजस्व अधिकारी जिम्मेदार है? उन पर क्‍या कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो बतावें कि कब तक? अगर नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्‍नांश (क) अनुसार पट्टा/भू-अभिलेख मौके की स्थिति अनुसार प्रदान न करने, अनियमित पट्टा वितरण करने एवं आज भी अनुसूचित जनजाति परिवार को पट्टा न देने पर क्‍या कार्यवाही के निर्देश हैं? बतावें। यदि नहीं, तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) शहडोल जिले के नगर परिषद् ब्‍यौहारी के अन्‍तर्गत अनुसूचित जाति/जनजाति के नाम 84.966 हे. भूमियां हैं। वर्ष 2005 के बाद वर्ष 2007-08 में झुग्‍गी झोपड़ी में निवासरत गरीब आवासहीन अनुसूचित जाति जनजाति के 15 परिवारों को एवं वर्ष                      2013-14 में मुख्‍यमंत्री आश्रय योजना 2013 में 40 परिवारों को आवासहीन पट्टे प्रदान किये गये हैं। सूची संलग्न परिशिष्ट '' एवं '' अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार सभी को पट्टा दिया जा चुका है। कोई शेष नहीं है। (ग) पात्रता अनुसार पट्टे का वितरण किया गया है। पट्टा वितरण में किसी प्रकार की अनियमितता नहीं की गई है। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (घ) प्रश्‍नांश (क) (ग) अनुसार जानकारी निरंक है।

परिशिष्ट - "सत्रह"

कार्यपालन यंत्री मुख्‍यालय का स्‍थान परिवर्तन

[जल संसाधन]

89. ( क्र. 1027 ) श्री महेन्‍द्र नागेश : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जल संसाधन विभाग का कार्यपालन यंत्री मुख्‍यालय नरसिंहपुर में था लेकिन कुछ समय से यह कार्यालय को जबलपुर में संचालित किया जा रहा हैं? यह कार्यालय नरसिंहपुर में कब संचालित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं? (ख) जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री का कार्यालय नरसिंहपुर में क्‍यों नहीं हैं जबकि मध्‍यप्रदेश के समस्‍त जिलों में है? जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री का कार्यालय नरसिंहपुर में कब होगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं? (ग) नरसिंहपुर जिले के जो कार्य हैं वो अन्‍यत्र जिले जबलपुर एवं छिन्‍दवाड़ा से क्‍यों कराये जा रहे हैं? नरसिंहपुर जिले से कब कराये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। जल संसाधन संभाग, नरसिंहपुर कार्यालय जबलपुर से संचालित नहीं किया जा रहा है। संभाग प्रतिस्थापित किये जाने का प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।            (ख) जल संसाधन विभाग तकनीकी वृहद विभाग है, शासन आदेश क्रमांक एफ 1-1/2013/पी-1 (1) दिनांक 03/03/2013 द्वारा निर्माणाधीन परियोजनाओं, सिंचाई योजनाओं के निर्माण कार्यों को द्रुतगति लाने की दृष्टि से उप-संभागों का प्रशासकीय नियंत्रण परिवर्तित करते हुऐ 02 संभाग (जल संसाधन संभाग, नरसिंहपुर (20) सहित) एवं 14 उप-संभागीय कार्यालयों को अन्य संभाग/उप-संभागों में समाहित किया गया था। जहाँ तक प्रत्येक जिले में संभाग स्थापित करने का प्रश्‍न है, कार्यक्षेत्र तथा कार्य व्‍यापकता के आधार पर संभागीय कार्यालयों को स्थापित किया जाता है। उत्‍तरांश "क" के प्रकाश में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्‍तरांश "क" एवं "ख" के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

तालाब एवं स्टॉप डेम का निर्माण

[जल संसाधन]

90. ( क्र. 1034 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता द्वारा वर्ष 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक सरदारपुर विधानसभा से विभाग एवं माननीय मंत्री जी को कितने प्रस्ताव भेजे गये? उनकी प्रति देवें। उन पर क्या कार्यवाही की गई, जिसकी नोटशीट एवं समस्त पत्राचार की छायाप्रति देवें। (ख) क्या गोन्दीरेला तालाब एवं कोटेश्वरी बैराज का सर्वेक्षण कार्य पूर्ण कर लिया गया? डी.पी.आर. विभाग द्वारा तैयार की जा चुकी है, यदि हाँ, तो उसकी प्रति देवें। (ग) बिछिया तालाब की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 29.05.2018 को प्रदान की गई थी। उक्त तालाब में वन विभाग से भूमि आवंटन के लिये क्या पत्राचार किया? उसकी प्रति देवें। क्या वन विभाग द्वारा अनुमति दी गई? यदि हाँ, तो तालाब का निर्माण कब तक प्रारंभ कर दिया जायेगा? यदि नहीं, तो विलंब का क्या कारण है? (घ) क्या मौलाना तालाब में जल रिसाव की सूचना ग्रामीणों द्वारा देने के बाद भी अधिकारी-कर्मचारी द्वारा लापरवाही बरतने से तालाब फूट गया? क्‍या किसानों की फसलें नष्ट हो गईं, खेतों में नुकसान हुआ, उसका मुआवजा कब तक प्रदान किया जाएगा? (ड.) मौलाना तालाब की पाल मरम्मत के लिए विभाग द्वारा कब तक कार्य प्रारंभ किया जाएगा? बतावें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) वर्ष 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक सरदारपुर विधानसभा से विभाग एवं माननीय मंत्री जी को प्रेषित प्रस्ताव की प्रति एवं प्राप्त प्रस्तावों पर की गई कार्यवाही के पत्राचारों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-"अ" अनुसार है।                           (ख) गोन्दीरेला तालाब एवं कोटेश्वर बैराज की साध्यता की साध्यता दिनांक 25.11.2022 व दिनांक 12.11.2021 द्वारा प्रदान की गई है। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"1" अनुसार है। गोन्दीरेला तालाब एवं कोटेश्वर बैराज की संशोधित डी.पी.आर. प्रेषित किये जाने की कार्यवाही मैदानी स्तर पर प्रक्रियाधीन होना प्रतिवेदित है। अतः डी.पी.आर. की प्रति वर्तमान में उपलब्ध कराई जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। बिछिया तालाब के डूब में आ रही वन भूमि 6.173 के समतुल्य राजस्व भूमि वन विभाग को हस्तांतरित की जा चुकी है। प्रतियां पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-"2" अनुसार है। वन प्रस्ताव की स्वीकृति के लिये वन (संरक्षण) अधिनियम 1980 के तहत केंद्र सरकार को प्रकरण प्रेषित है, कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। वन विभाग से अनुमति प्राप्त होने पर तालाब निर्माण हेतु निविदा आमंत्रण की कार्यवाही संभावित है, वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।                  (घ) जी नहीं। मौलाना तालाब में जल रिसाव के संबंध में ग्रामीणों द्वारा कोई भी सूचना विभाग में पंजीबद्ध नहीं है। दिनांक 27.9.2024 की मध्य रात्रि में मौलाना तालाब के कैचमेंट क्षेत्र में अल्प समय में अतिवृष्टि (लगभग 6 इंच) के कारण तालाब पाल क्षतिग्रस्त हो जाना प्रतिवेदित है। तालाब की पाल क्षतिग्रस्त होने से किसी भी प्रकार की जन या पशु हानि नहीं हुई है। पाल क्षतिग्रस्त होने से डाउन स्ट्रीम के खेतों में हुए नुकसान के लिये तहसीलदार (राजस्व) सरदारपुर द्वारा मुआवजा वितरण की राशि प्रभावितों के खाते में 25.10.2024 कोडाल दी गई है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"स" अनुसार है। (ड.) मौलाना तालाब की पाल मरम्मत के लिए विस्तृत प्राक्कलन मैदानी स्‍तर पर तैयार किया जाना प्रस्‍तावित है। वर्तमान में कार्य प्रारंभ करने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

अवैध कॉलोनियों की जांच

[राजस्व]

91. ( क्र. 1040 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा सत्र जुलाई 2024 के प्रश्‍न क्र. 1343 के उत्तर में गुनौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम गुनौर, सिली के 3000 वर्ग फुट से कम भूमि के 219 प्रकरणों के नामांतरण किये जाने का उल्लेख किया गया है? यदि हाँ, तो क्या तहसीलदार एवं उनके प्रतिवेदक कर्मचारी के संज्ञान में यह बात नहीं थी कि यह नामांतरण अवैध कॉलोनियों के हैं और अवैध कॉलोनाईजर बिना रियल स्टेट विनियमन एवं विकास (रेरा) की अनुमति के प्लाट विक्रय कर रहे हैं? क्‍या प्रश्‍न 1343 के उत्‍तर के बाद भी ऐसे नामांतरण किये गये हैं? (ख) क्या यह सही है कि प्रश्‍नांश (क) में उ‍ल्‍लेखित प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा प्रश्‍न के संभावना से तहसीलदार गुनौर एवं उनके अधीनस्‍थ कर्मचारियों द्वारा दिनांक 27.05.2024 को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व गुनौर को अवैध कॉलोनाईजर का प्रतिवेदन भेजा गया? (ग) क्‍या संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल द्वारा अपने पत्र क्रमांक शा.15/का.से./2024/21918 भोपाल दिनांक 15/10/24 द्वारा कलेक्‍टर महोदय पन्‍ना को पत्र प्रेषित कर गुनौर विधानसभा के ग्राम सिली एवं गुनौर की अवैध कॉलोनियों के निर्माण एवं उनके नामांतरण के संबंध कार्यवाही बाबत् पत्र प्रेषित किया गया था? यदि हाँ, तो उक्‍त प्रकरण में क्‍या और कब कार्यवाही की गई है?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। नामांतरण संबंधित प्रकरणों में आवेदकगणों के द्वारा म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा-109, 110 के प्रावधान अंतर्गत लोकसेवा केन्द्र व अन्य माध्यमों से रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के आधार पर आवेदन पत्र प्रस्तुत किये गये थे, जिनको नियमानुसार पंजीयन कर संहिता के प्रावधान अंतर्गत समुचित सुनवाई, नामांतरण नियम प्रक्रिया का पालन करते हुए रजिस्टर्ड विक्रय पर, उक्त भू-खण्डों पर एवं नामांतरण प्रकरण में रोक न होने से निर्विवादित नामांतरण स्वीकृत किये गये हैं जिनका विवरण विधानसभा सत्र जुलाई 2024 के प्रश्‍न क्र. 1343 के उत्तर में जानकारी प्रेषित की जा चुकी है। ऐसे भू-खण्डों को चिन्हित कर म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 339 एवं म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम 2021 के तहत 32 भूमि स्वामी अवैध कॉलोनाईजर के विरूद्ध कार्यवाही हेतु प्रस्ताव सक्षम अधिकारी (कलेक्टर न्यायालय) में प्रस्तुत किये गये है, जो पंजीयन होकर नियमानुसार न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत विचाराधीन है। जी हाँ, प्रश्‍न क्र. 1343 के उत्तर के बाद भी रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के माध्यम से नामांतरण बाबत् प्राप्त लंबित आवेदनों/प्रकरणों में किसी भी प्रकार की विधिक रोक, विवाद न होने एवं म.प्र. शासन के द्वारा चलाये जा रहे राजस्व महाभियान 1.0, 2.0, 3.0 के सफल क्रियान्‍वयन बाबत् लंबित नामांतरण आवेदनों का विधिसंगत निराकरण किया जा रहा है। (ख) जी हाँ, ऐसे                    भू-खण्डों को चिन्हित कर म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 339 एवं म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनी विकास) नियम 2021 के तहत कॉलोनाईजर के विरूद्ध प्रतिवेदन/प्रस्ताव सक्षम अधिकारी को प्रस्तुत किये गये हैं। (ग) जी हाँ। पत्र दिनांक 15.10.2024 कलेक्टर पन्ना कार्यालय में दिनांक 16.10.2024 को प्राप्त हुआ है जिसके क्रम में कलेक्टर पन्ना के कार्यालयीन पत्र क्रमांक/1771/व.लि./2024 पन्ना दिनांक 24/10/2024 के माध्यम से अनुविभागीय अधिकारी रा. गुनौर जिला पन्ना को जांच कर वस्तुस्थिति का प्रतिवेदन भेजने हेतु निर्देशित किया गया। अनुविभागीय अधिकारी रा. गुनौर द्वारा म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 339 एवं म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम 2021 के तहत 32 भूमि स्वामी अवैध कॉलोनाईजर के विरूद्ध कार्यवाही हेतु प्रस्ताव सक्षम अधिकारी (कलेक्टर न्यायालय) में प्रस्तुत किये गये हैं, जो पंजीयन होकर नियमानुसार न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत विचाराधीन है। दर्ज प्रकरणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "अठारह"

निस्तार पत्रक के संबंध में

[राजस्व]

92. ( क्र. 1045 ) श्री संजय उइके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त भू-अभिलेख ग्वालियर को कलेक्टर जिला बालाघाट द्वारा पत्र क्रमांक/1597/अ.भू.अ./नि.प./ 2024 दिनांक 8/10/2024 एवं प्रभारी अधिकारी भू-अभिलेख बालाघाट द्वारा पत्र क्रमांक/1378/ अ.भू.अ./ नि.प./2024 दिनांक 29/08/2024 एवं पत्र क्रमांक/1745/अ.भू.अ./नि.प./2024 दिनांक 08/11/2024 के द्वारा निस्तार पत्रक उपलब्ध कराने पत्र लिखा गया है? (ख) यदि हाँ, तो निस्तार पत्रक किस कारणों से उपलब्ध नहीं कराया गया और कब तक उपलब्ध कराया जावेगा? समय-सीमा बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। (ख) आयुक्त भू-अभिलेख मध्यप्रदेश ग्वालियर के पत्र क्रमांक/1243/14- रिकार्ड/नकल शाखा/2024 ग्वालियर दिनांक 22.11.2024 के द्वारा अवगत कराया गया कि अभिलेखागार में मात्र सिंधिया रियासत कालीन अभिलेख उपलब्‍ध है। अत: चाहे गये निस्तार पत्रक उपलब्ध नहीं होने के कारण उपलब्ध नहीं कराये गये। नवीन निस्तार पत्रक निर्माण कार्य प्रक्रियाधीन है। चूँकी यह कार्य वृहद स्तर का होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

राजस्व अभिलेखागार में उपलब्ध अभिलेख की जानकारी

[राजस्व]

93. ( क्र. 1046 ) श्री संजय उइके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट एवं बैतूल जिले के राजस्व अभिलेखागार में मिसल बन्दोबस्त, वाजिबुल अर्ज, गांव कायदा, मालगुजार से अर्जन के प्रकरण, निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख उपलब्ध है? (ख) यदि हाँ, तो बालाघाट एवं बैतूल जिले में कितने राजस्व ग्राम हैं, उनमें से कितने रैयतवारी ग्राम तथा कितने वीरान ग्राम हैं, कितने ग्राम पूर्णत: एवं कितने ग्राम अंशत: किस नगरीय सीमा में शामिल हैं? इनमें से कितने ग्रामों की किस-किस वर्ष की मिसल बन्दोबस्‍त, वाजिबुल अर्ज एवं गांव कायदा जिला अभिलेखागार में है? (ग) कितने ग्रामों के मालगुजारों से अर्जित भूमि के प्रकरण एवं कितने ग्रामों के निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं किस-किस अवधि में बनाए पटवारी मानचित्र उपलब्ध है?             (घ) इनमें से किस अभिलेखों, प्रकरणों, मानचित्रों का डि‍जि‍टाईजेशन किया है, उनमें से किस-किस को किस वेबसाइट पर ऑनलाइन किया है?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। बैतूल एवं बालाघाट जिले के राजस्व अभिलेखागार में मिसल बन्दोबस्त, वाजिबुल अर्ज, निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख उपलब्ध है। बालाघाट जिले के मालगुजार से अर्जन के प्रकरण उपलब्‍ध नहीं हैं। (ख) जानकारी निम्‍नानुसार है:-
1.
बालाघाट :-

क्र.

राजस्‍व ग्राम

रैयतवारी ग्राम

वीरान ग्राम

1

1318

26

88

 

नगरीय सीमा में शामिल ग्रामों की जानकारी :-

 

क्र.

नगरीय क्षेत्र

पूर्णत: शामिल ग्राम (संख्या)

अंशत: मिल ग्राम (संख्या)

कुल ग्राम

1

बालाघाट

05

0

05

2

वारासिवनी

01

02

03

3

कटंगी

05

0

05

4

लांजी

03

0

03

5

बैहर

05

0

05

6

मलाजखण्‍ड

16

0

16

कुल

35

2

37

 

2. बैतूल जिले में 1358 राजस्‍व ग्राम हैं, इनमें से 65 रैयतवारी ग्राम तथा 67 वीरान ग्राम हैं, 15 ग्राम पूर्णत: एवं 5 ग्राम अंशत: नगरीय सीमा में शामिल हैं। 1303 ग्रामों की वर्ष 1916-17 से 1919-20 की मिसल बंदोबस्‍त एवं वाजिबुल अर्ज जिला अभिलेखागार में है। (ग) जानकारी निम्‍नानुसार है

 

1. बालाघाट :-

क्र.

अधिकार अभिलेख कुल (संख्या)

निस्तार पत्रक कुल (संख्या)

मानचित्र कुल (संख्या)

1

1318

1110

1222

 

2. बैतूल 1358 ग्रामों के निस्‍तार पत्रक, 1169 ग्रामों के अधिकार अभिलेख एवं वर्ष 1968-69 से 1971-72 में बनाए पटवारी मानचित्र उपलब्‍ध है तथा 55 ग्रामों के वर्ष 2014-15 से 2016-17 के अधिकार अभिलेख एवं पटवारी मानचित्र उपलब्‍ध है। (घ) मिसल बंदोबस्‍त, अधिकार अभिलेख एवं मानचित्र का डि‍जि‍टाईजेशन किया है तथा मिसल बंदोबस्‍त, अधिकार अभिलेख एवं मानचित्र को www.mpbhulekh.gov.in साइट पर ऑनलाइन किया है।

बामोर फ्लाइंग चेकिंग के दौरान भारी भ्रष्टाचार

[परिवहन]

94. ( क्र. 1051 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) जिला मुरैना में पूर्व समय में जब परिवहन चौकियां रहती थीं तब अंतिम दो वर्षों में परिवहन चौकियों से औसतन कितना-कितना राजस्व प्राप्त हुआ था एवं वर्तमान में फ्लाइंग चेकिंग के दौरान गत 1 वर्ष में कितना राजस्व प्राप्त हुआ? (ख) क्या पूर्व की तुलना में वर्तमान में कम राजस्व की वसूली हुई है? यदि हाँ, तो भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से फ्लाइंग चेकिंग सिस्टम क्यों लगाया गया है? (ग) बामोर के पास परिवहन फ्लाइंग चेकिंग के द्वारा वैध परिवहन गाड़ियां जिनके पास समस्त दस्तावेज होने के उपरांत भी उनसे पांच-पांच हजार क्यों वसूला जा रहा है? इस भ्रष्टाचार को क्यों नहीं रोका जा रहा है? (घ) बामोर फ्लाइंग चेकिंग के दौरान लगने वाले जाम का जिम्मेदार कौन है? बामोर चेकिंग प्वाइंट को राजस्थान की सीमा पर क्यों नहीं लगाया जा रहा है, जहां से अवैध तस्करों पर लगाम कसी जा सके एवं राजस्व में भी वृद्धि हो सके।

परिवहन मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) एवं (ख) वित्तीय वर्ष 2022-23 में परिवहन चेक-पोस्ट मुरैना द्वारा रू. 4, 29, 16, 200/- (रू. चार करोड उन्तीस लाख सोलह हजार दो सौ) एवं वित्तीय वर्ष 2023-24 में रू. 4, 56, 47, 850/- (चार करोड छप्पन लाख सैंतालीस हजार आठ सौ पचास रू.) राजस्व के रूप में वसूल किये गये। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। वर्तमान में फ्लाइंग चेकिंग के दौरान दिनांक 13 जुलाई 2024 से दिनांक 30 नवम्बर 2024 तक आर.टी.ओ. चेक-पॉइंट मुरैना-1 द्वारा रू. 92, 72, 750/- (रू. बानवे लाख, बहात्तर हजार, सात सौ पचास) राजस्व के रूप में वसूल किया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार है। जी हाँ। परिवहन चैक-पोस्टों पर पारदर्शी व्यवस्था लागू करने तथा सुशासन के उद्देश्य से प्रदेश में ''इजी ऑफ डूइंग बिजनेस'' के अंतर्गत शासनादेश क्रमांक 925/1429257/2023/आठ दिनांक 30.06.2024 द्वारा 1 जुलाई 2024 से प्रदेश के समस्त चैक-पोस्टों को बंद किया जाकर उनके स्थान पर 45 रोड सेफ्टी एंड इंफोर्समेंट चैकिंग पॉइंट संचालित किये जाने का निर्णय लिया गया है। अतः शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।      (ग) वाहनों की चैकिंग के दौरान अवैध रूप से संचालित पाये जाने वाले वाहनों के विरूद्ध मोटरयान अधिनियम 1988, केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989, म.प्र. मोटरयान नियम, 1994 तथा म.प्र. कराधान अधिनियम एवं नियम, 1991 में विहित प्रावधानों के तहत वाहनों पर कार्यवाही की जाकर उनसे नियमानुसार शमन शुल्क एवं मोटरयान कर के रूप में राजस्व वसूली की कार्यवाही की जाती है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) चैकिंग पॉइंट प्रारम्भ किये जाने के उपरांत वाहन रोकने हेतु पर्याप्त स्थान न होने से सीमित संख्या में ही वाहनों को रोका जाकर वाहनों की जांच की जाती है तथा जाम की स्थिति निर्मित न हो इस बात का पदस्थ प्रवर्तन अमले द्वारा पूरा ध्यान रखा जाता है। परिवहन आयुक्त, कार्यालय के आदेश क्रमांक 47, दिनांक 12.07.2024 के द्वारा आर.टी.ओ. चैक पॉइंट मुरैना-1 को आगरा-बॉम्बे रोड उत्तर प्रदेश/राजस्थान सीमा पर वाहनों की चैकिंग हेतु चिन्हांकित किया गया है। उक्त चैक पॉइंट बामौर आगरा-बॉम्बे रोड पर स्थित होकर राजस्थान सीमा के नजदीक है। जहां पर परिवहन विभाग के पदस्थ अमले को मोटरयान अधिनियम 1988, केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989, म.प्र. मोटरयान नियम, 1994 तथा म.प्र. कराधान अधिनियम एवं नियम, 1991 में विहित प्रावधानों के तहत ही वाहनों की जांच किये जाने के अधिकार प्राप्त होने के कारण उक्त अधिनियमों तथा नियमों के तहत ही कार्यवाही की जाती है। जिसके परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "उन्नीस"

नामांतरण प्रक्रिया में अनियमितता

[राजस्व]

95. ( क्र. 1053 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) भू-अभिलेख में नामांतरण किस नियम और कानून के अंतर्गत एवं किसके द्वारा स्वीकृत किए जाते हैं एवं संपूर्ण नामांतरण प्रक्रिया में दस्तावेजों का परीक्षण भू-अभिलेख से मिलान एवं जांच का दायित्व किसका है एवं उक्त प्रक्रिया में किस कानून और किस नियम के अनुसार पटवारी की क्या और कितनी भूमिका है? (ख) क्या राजस्व अभिलेखों में नामांतरण स्वत्व के आधार पर किया जाता है, कब्जा के आधार पर नहीं? क्या वर्तमान में राजस्व अभिलेख ऑनलाइन एवं सार्वजनिक हैं? यदि हाँ, तो नामांतरण में पटवारी रिपोर्ट की क्या आवश्यकता है? राजस्व अधिकारी द्वारा ऑनलाइन उपलब्ध राजस्व रिकॉर्ड से दस्तावेजों का स्वयं मिलान कर नामांतरण स्वीकृत क्यों नहीं किया जा सकता? (ग) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 110 (4) के अनुसार नामांतरण आदेश के पालन में राजस्व अभिलेखों को संशोधित करने का दायित्व किसका है और वर्तमान में उक्त दायित्व का निर्वहन वास्तविक रुप से किससे और क्यों कराया जा रहा है? (घ) क्या विभाग मुरैना विधानसभा क्षेत्र में नामांतरण प्रक्रिया में देरी के कारणों की जांच की जाएगी? इसके समाधान के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं? क्या पटवारी और आर.आई. द्वारा किसानों से लंबी राशि की मांग की जा रही है? यदि नहीं, तो नामांतरण प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न क्यों हो रही है?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 109 तथा 110 एवं मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता संशोधन अधिनियम 2018 के तहत नामान्तरण तहसीलदार द्वारा स्वीकृत किये जाते हैं। नामान्तरण प्रक्रिया में दस्तावेजों के परीक्षण का दायित्व तहसीलदार का है। तहसीलदार भू-अभिलेख का मिलान एवं जांच हेतु पटवारी से वस्तुस्थिति का प्रतिवेदन प्राप्त कर संहिता के प्रावधान के तहत नामान्तरण स्वीकृत करता है। (ख) जी हाँ। राजस्व अभिलेखों में नामान्तरण स्वत्व के आधार पर किया जाता है, कब्जा के आधार पर नहीं। भू-अभिलेख से मिलान एवं तथ्‍यों के स्‍थापन हेतु स्‍थानीय जांच हेतु पटवारी प्रतिवेदन लिया जाता है। (ग) मध्यप्रदेश             भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 110 (4) के अनुसार नामान्तरण के आदेश के पालन में राजस्व अभिलेखों को संशोधित करने का दायित्व तहसीलदार का है। तद्नुसार प्रकरणों में कार्यवाही निर्धारित है। (घ) मुरैना विधानसभा क्षेत्र में नामान्तरण संहिता में विहित प्रावधान अनुसार एवं शासन द्वारा निर्धारित समय-सीमा के अन्तर्गत ही किये जा रहे हैं। पटवारी एवं राजस्व निरीक्षक द्वारा नामान्तरण हेतु राशि की मांग संज्ञान में नहीं लाई गयी है।

आसन बैराज मध्यम सिंचाई परियोजना की जानकारी

[जल संसाधन]

96. ( क्र. 1055 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जौरा जिला मुरैना के विकासखण्ड जौरा में आसन बैराज परियोजना जो वर्षा जल संग्रहण के लिये स्वीकृत की गई थी, वर्ष 2016-17 में क्या पूर्ण हो गई थी? (ख) यदि हाँ, तो इस परियोजना के अंतर्गत किसानों की अधिग्रहित भूमि का मुआवजा दिया गया? यदि हाँ, तो नामवार जानकारी दी जावे और यदि नहीं, तो मुआवजा नहीं दिये जाने के क्या कारण हैं? (ग) परियोजना पूर्ण होने पर आसन बैराज में आज तक वर्षा का जल संग्रहण किया है, यदि नहीं, तो क्या कारण है? क्या इस परियोजना में वर्ष 2020 तक जल संग्रहण हो जाना चाहिए था? यदि नहीं, तो क्यों नहीं हुआ?          (घ) क्या इसमें ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिये यह जल संग्रहण नहीं किया गया है? यदि नहीं, तो 200 करोड रूपये से निर्मित इस योजना का लाभ किन-किन को पहुंचना चाहिए था? वह उससे क्यों वंचित है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। अपितु आसन बैराज मध्यम सिंचाई परियोजना के मुख्य बांध का कार्य वर्ष 2019-20 में पूर्ण हुआ है। (ख) आसन बैराज मध्यम सिंचाई परियोजना से प्रभावित 13 ग्रामों के कृषकों की अधिग्रहित 506.092 हेक्टेयर निजी भूमि के लिये कुल स्वीकृत अवार्ड राशि में से 93 प्रतिशत मुआवजा राशि का भुगतान हो चुका है। विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-क'' अनुसार है। शेष मुआवजा राशि के भुगतान में राजस्व अभिलेखों में भिन्नता, भूमि के नामांकन/बटांकन प्रकरणों में आपत्ति के कारण देरी हो रही है, जो कि भू-अर्जन एवं राजस्व विभाग द्वारा दुरूस्त की जा रही है। शेष रहे कृषकों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-ख'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। बैराज के अप स्ट्रीम में आवागमन हेतु डूब में आ रहे 06 नग पुलियों की जगह 06 नग नवीन उच्च स्तरीय पुल का निर्माण कार्य प्रगतिरत होने एवं डूब से प्रभावित परिवारों का पुनर्स्‍थापन पूर्ण न होने के कारण बैराज में जल का संग्रहण नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। (घ) जी नहीं। यह सही नहीं है कि ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिये जल संग्रहण नहीं किया है, अपितु परियोजना का लाभ मुरैना एवं भिण्ड जिले के कृषकों की 5500 हेक्टेयर की कृषि भूमि में निर्बाध सिंचाई सुविधा प्रदाय कर दिया जाना प्रतिवेदित है। शेष उत्तरांश (ग) अनुसार।

कार्डियोलॉजी विभाग में कार्डियो थोरेसिक विभाग की स्थापना

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

97. ( क्र. 1058 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जयारोग्य चिकित्सा समूह अस्पताल में कार्डियोलॉजी विभाग के अंतर्गत कार्डियो थोरेसिक विभाग की स्थापना करने का प्रस्ताव लोकसभा सदस्य मुरैना से प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा प्रस्ताव पर क्या कार्यवाही की गई?          (ख) क्या कार्डियोलॉजी विभाग द्वारा पत्र क्रमांक 1415 दिनांक 03.10.2024 को संबंधित विभाग में विभिन्न पदों एवं उपकरणों हेतु डीन मेडिकल कॉलेज ग्वालियर से पत्राचार किया गया है? यदि हाँ, तो की गई कार्रवाई का विवरण देवें। (ग) विभाग द्वारा इस संबंध में कब तक निर्णय लिया जाकर जयारोग्य चिकित्सालय समूह अस्पताल में कार्डियोलॉजी विभाग की स्थापना की जावेगी? (घ) क्या डीन मेडिकल कॉलेज ग्वालियर द्वारा इस संबंध में शासन को पत्र लिखा गया है? यदि हाँ, तो अभी तक शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। अधिष्‍ठाता, चिकित्‍सा महाविद्यालय, ग्‍वालियर द्वारा पत्र दिनांक 14.11.2024 से संचालनालय, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा को कार्डियोलॉजी विभाग का प्रस्‍ताव प्रेषित किया गया। प्रस्‍ताव संचालनालय स्‍तर पर परीक्षाणाधीन हैं। ऐसे प्रकरण पर नियमानुसार परीक्षण कर निर्णय लिया जाता है। (ग) उत्‍तरांश (ख) अनुसार। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं। (घ) जी हाँ। शेष उत्‍तरांश (ख) अनुसार।

विकास कार्यों हेतु शासकीय भूमि का आवंटन

[राजस्व]

98. ( क्र. 1062 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                       (क) दतिया जिले की इंदरगढ़ तह. में शास सर्वे नंबर 1118/17, 1119/1, 1266, 1269, 1272, 1274, 1282/1, 1284, 1285, 1286, 1287 कुल किता 11 रकवा 48. 172 हेक्टेयर किस उद्देश्य से, कब, किसको, कितने वर्षों के लिए लीज पर किन सेवा शर्तों के साथ दिए गए हैं? प्रमाणिक दस्तावेजों की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ख) लीज होल्डर द्वारा शासन के साथ जो अनुबंध किया गया, किन सेवा शर्तों के तहत किया, उन सेवा शर्तों में से किन-किन सेवा शर्तों का पालन किया गया और किन-किन का पालन नहीं किया गया, पालन नहीं करने पर शासन द्वारा उनके प्रति क्या कार्रवाई की गई? एग्रीमेंट की छायाप्रति एवं पालन प्रतिवेदन उपलब्ध करायें। (ग) क्या 4 वर्ष व्यतीत हो जाने के बाद अभी तक इस आवंटित भूमि पर कोई विकास कार्य नहीं हुआ है, जिससे कि क्षेत्र के किसी भी व्यक्ति को लाभ मिला हो। साथ ही नगर इंदरगढ़ में अन्य विकास के मार्ग शासकीय भूमि न होने के कारण अवरूद्ध हो गए हैं। यदि नहीं, तो जांच कराई जाएगी? (घ) क्या इंदरगढ़ नगर के विकास को देखते हुए उक्त आवंटित लीज को निरस्त करने की कृपा करेंगे ताकि नगर में विकास कार्यों हेतु शासकीय भूमि उपलब्ध हो सके?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) मुख्य महाप्रबंधक एम.पी.आई.डी.सी. लिमि. क्षेत्रीय कार्यालय ग्वालियर ने पत्र दिनांक 5.12.2024 से संदर्भित भूमि कुल रकवा 48.172 में से एम.पी.आई.डी.सी. को कुल 47.6447 हेक्टेयर भूमि पर तहसील कार्यालय का भवन निर्मित होकर संचालित है। उक्त 47.6447 हेक्टेयर भूमि एथेनाल प्लांट, फलोर मिल प्लांट एवं कृषक परीक्षण केन्द्र की स्थापना के उद्देश्य से दिनांक 20.12.2022 को मेसर्स पार्वती स्वीटनर्स एण्ड पावर लिमि. को 99 वर्ष के लिए लीज पर आवंटित की गई है। लीज-डीड की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, जिसमें सभी शर्तों का उल्लेख है। यह उल्लेखनीय है कि म.प्र. औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग तथा इकाई के मध्य लीज-डीड का निष्पादन दिनांक 01.02.2023 को हुआ है।                 (ख) इकाई को आवंटन 20.12.2022 को किया जाकर भूमि का आधिपत्य दिनांक 15.02.2023 को दिया गया। म.प्र. राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2019 (यथा संशोधित 2022) की कण्डिका 16 (1) के अनुसार वृहद श्रेणी के उद्योगों को लीज-डीड निष्पादन दिनांक से 4 वर्ष की समयावधि में उद्योग में व्यवसायिक उत्पादन प्रारम्भ करना होता है। उक्त नियमानुसार इकाई परियोजना को क्रियान्वयित करने हेतु समयावधि में है। (ग) इकाई को भूमि आवंटन 20.12.2022 को किया जाकर भूमि का आधिपत्य दिनांक 15.02.2023 को दिया गया एवं वर्तमान में इकाई द्वारा निर्माण कार्य भी प्रारम्भ कर दिया गया। (घ) इकाई द्वारा किए जा रहे निर्माण कार्य के दृष्टिगत एवं इकाई के पास औद्योगिक इकाई को उत्पादन में लाने हेतु उपलब्ध समयावधि के दृष्टिगत भूखंड आवंटन आदेश एवं लीजडीड को निरस्त करने की वर्तमान में आवश्यकता नहीं है।

आशा एवं आशा सहयोगी कार्यकर्ताओं की मांगों की पूर्ति

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

99. ( क्र. 1063 ) श्री राजेन्‍द्र भारती : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्वास्थ्य विभाग म.प्र. में आशा एवं आशा सहयोगी कार्यकर्ताओं की नियुक्तियां की गई है? यदि हाँ, तो इनकी पूर्व में क्या-क्या सेवाएं हैं? सेवा शर्तों की प्रतियां प्रदान की जायें। (ख) आशा कार्यकर्ताओं एवं आशा सहयोगी कर्मचारी निरंतर अपनी मांगें शासन के समक्ष रखते रहे हैं। क्या शासन इनकी लंबित मांगें पूर्ण करने पर विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या प्रदेश में आशा कार्यकर्ताओं की ड्यूटी आयुष्मान कार्ड बनाने सहित दूसरे विभागों के कार्यों में लगाई गई है? यदि हाँ, तो कृपया जिलों की सूची प्रदान करें। (घ) क्या प्रदेश के अन्य जिलों में आयुष्मान कार्ड न बनाने के कारण आशा कार्यकर्ताओं को नोटिस जारी किये गये हैं? यदि नहीं, तो दतिया जिले में आशा कार्यकर्ताओं पर दबाव बनाने हेतु कार्यकर्ताओं को नोटिस 1400 दिये गये हैं? यदि हाँ, तो क्यों? कारण सहित बतायें। क्या नोटिस जारी करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही होगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं, आशा का चयन भारत सरकार द्वारा निर्धारित मापदण्‍ड के अनुरूप किया जाता है एवं इनको कार्य के आधार पर प्रोत्‍साहन राशि दिये जाने का प्रावधान है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) समय-समय पर आशा कार्यकर्ताओं एवं आशा पर्यवेक्षक के मांग पत्र प्राप्‍त होते हैं तथा निराकृत किये जाते हैं, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) आयुष्‍मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्‍य योजना के तहत नागरिकों के लिये आयुष्‍मान कार्ड बनाने के लिये आशा को भी सक्रिय बी.आई.एस. आई.डी. में सम्मिलित किया है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ, दतिया जिले में केवल 152 आशाओं को शून्‍य कार्य प्रगति के कारण नोटिस जारी किये गये हैं, आयुष्‍मान कार्ड बनाये जाने का कार्य प्रगति पर न होने के कारण संबंधित अधिकारियों द्वारा पदीय दायित्‍वों के परिपालन में नोटिस जारी किये गये, जिन पर कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

अतिशेष शिक्षकों एवं अतिथि शिक्षकों की जानकारी

[स्कूल शिक्षा]

100. ( क्र. 1065 ) श्री राजेन्‍द्र भारती : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्कूल शिक्षा विभाग में अतिशेष शिक्षकों को अन्य विद्यालयों में पदस्थ करने हेतु क्या मानक तय किये गये थे? उन मामलों के आदेश की प्रति प्रदाय करें। दतिया जिला में अतिशेष शिक्षकों के विद्यालयों के छात्रों की संख्या एवं अतिशेष शिक्षकों की विद्यालयवार एवं विषयवार सूची तथा अतिशेष शिक्षकों के नवीन विद्यालयों में पदस्थापना आदेशों की प्रतियों सहित उस विद्यालयों में दर्ज छात्रों की विषयवार एवं कक्षावार संख्या प्रदान करें। (ख) दतिया जिला में वर्ष 2019 से समस्त विद्यालयों में कार्यरत रहे समस्त अतिथि शिक्षकों की विषयवार, विद्यालयवार सूची, शाला प्रबंधक समिति के प्रस्ताव एवं ठहराव की प्रतियां वर्ष 2019 नवंबर 2024 तक प्रत्येक विद्यालयवार एवं विषयवार, मासिक आधार पर भुगतान की गई राशि की सूची एवं छात्र संख्या वर्षवार प्रदान करें। (ग) क्या जिला शिक्षा अधिकारी दतिया ने प्रश्‍नकर्ता के दिनांक 09/09/2024 को प्रेषित पत्र क्रमांक 32/2024, दिनांक 25/09/2024, पत्र क्रमांक 143/2024 दिनांक 14/10/2024 एवं पत्र क्रमांक 278/2024 के माध्यम से उक्त विषय में जानकारी चाही गई थी, यदि हाँ, तो क्या जानकारी प्रेषित की गई? यदि नहीं, तो क्यों? क्या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा पत्र क्र. एफ 19-76/2007/1/4, भोपाल दिनांक 12/11/2021 से निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो आदेशों की अवहेलना करने पर विभाग कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) जानकारी अत्यंत वृहद स्वरूप की है। लगभग 5000 पृष्ठ की जानकारी होने से एकत्रित की जा रही है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

शासन संधारित मंदिरों के जीर्णोद्धार हेतु प्रदत्त राशि

[धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व]

101. ( क्र. 1067 ) श्री राजेश कुमार शुक्‍ला : क्या राज्‍य मंत्री, धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिजावर विधानसभा अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में शासन संधारित किन मंदिरों के जीर्णोद्धार एवं अन्य कार्यों हेतु कितनी राशि प्राप्त हुई थी? (ख) इन राशि से कितना कार्य किया जा चुका है? कितना शेष है? क्या चयनित सभी मंदिरों का कार्य पूर्ण हो गया है या अभी प्रगतिरत है? विवरण प्रदाय करें। प्रगतिरत कार्य कब तक पूर्ण हो सकेंगे? () क्या द्वितीय एवं अंतिम किश्‍त की राशि निर्माण एजेंसी को प्राप्त हो चुकी है? नहीं तो क्यों? शेष राशि प्रदाय करने हेतु किए गए पत्राचार पर की गई कार्यवाही का विवरण क्या है? कब तक शेष राशि प्रदाय कर दी जाएगी?

राज्‍य मंत्री, धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व ( श्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी ) : (क) बिजावर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वित्‍तीय वर्ष 2021-22 में शासन संधारित कुल 10 मंदिरों के जीर्णोद्धार कार्य हेतु राशि रूपये 18, 68, 863/- (अठारह लाख अड़सठ हजार आठ सौ तिरसठ रूपये) लोक निर्माण विभाग को प्रथम किश्‍त में जारी की गई थी। (ख) स्वीकृत राशि से मंदिरों के जीर्णोद्धार का कार्य किया जा चुका है। कोई कार्य शेष नहीं है। जी हाँ। सभी मंदिरों का कार्य पूर्ण हो गया है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है। (ग) जी नहीं। द्वितीय एवं अंतिम किश्‍त की राशि जारी करने हेतु कलेक्‍टर जिला छतरपुर से स्‍वीकृत कार्य का विस्‍तृत प्रतिवेदन चाहा गया है। बजट की उपलब्‍धता के आधार पर नियमानुसार राशि जारी की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "बीस"

श्री जटाशंकर धाम में रोपवे सहित अन्य कार्यों की जानकारी

[धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व]

102. ( क्र. 1068 ) श्री राजेश कुमार शुक्‍ला : क्या राज्‍य मंत्री, धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले के श्री जटाशंकर धाम में प्रतिमाह कितने अनुमानित तीर्थयात्री आते हैं? (ख) सोमवती अमावस्या, महाशिवरात्रि सहित अन्य त्योहारों पर अनुमानित संख्या कितनी हो जाती है? (ग) इन तीर्थ यात्रियों की सुविधाओं के लिए शासन ने क्या प्रबंध किए हैं? (घ) इन तीर्थ यात्रियों से क्षेत्र की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके, इसके लिए क्या कोई प्रयास किया गया? यदि हाँ, तो प्रयासों का ब्योरा क्या है? यदि नहीं, तो क्या इस पर विचार किया जाएगा? नहीं तो क्यों? (ड.) तीर्थ दर्शन के साथ ही ट्रैकिंग, पर्वतीय सौंदर्य आदि विकसित कर यहां की आर्थिक स्थिति‍ मजबूत करने पर क्या कोई विचार किया जाएगा? (च) श्री जटाशंकर धाम में रोपवे निर्माण हेतु तकनीकी एवं प्रशासनिक, स्वीकृति उपरांत निविदा आमंत्रण में हो रहे विलंब का कारण क्या है? कारणों का निराकरण कर, कब तक निविदा आमंत्रित कर दी जाएगी?

राज्‍य मंत्री, धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व ( श्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी ) : (क) श्री जटाशंकर धाम में प्रत्‍येक माह लगभग 01 लाख से 1.50 लाख तक अनुमानित तीर्थ यात्री आते हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) तीर्थ यात्रियों की सुविधाओं के लिए न्‍यास द्वारा रूकने-ठहरने के लिए सामाजिक धर्म शालाएं बनी हुई हैं। इसके अलावा न्‍यास द्वारा पर्यटक निवास, रैन-बसेरा, मंगल भवन आदि रूकने हेतु पर्याप्‍त व्‍यवस्‍था की गई है। (घ) तीर्थ यात्रियों से क्षेत्र की आर्थिक स्थिति‍ मजबूत होने हेतु न्‍यास द्वारा लगभग 140 दुकानें बनवाई गई हैं, जिसमें आसपास के गांवों के एवं स्‍थानीय लोगों को व्‍यवसाय हेतु रोजगार मुहैया हो रहा है। रोजमर्रा में आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिये न्‍यास द्वारा पेयजल टंकियां बनाकर पेयजल के पर्याप्‍त इंतजाम किये गये हैं। इसके अलावा अमावस्‍या पर्व एवं अन्‍य पर्वों पर तीर्थ यात्रियों के भीड़-भाड़ के नियंत्रण के लिए शासन द्वारा अतिरिक्‍त पेयजल टेंकर लगाकर पेयजल व्‍यवस्‍था उपलब्‍ध कराई जाती है। तीर्थ यात्रियों के लिये मेडिकल टीम उपलब्‍ध रहती है एवं तीर्थ यात्रियों के मंदिर में दर्शन हेतु वाहन पार्किंग की व्‍यवस्‍था हेतु एवं अन्‍य कोई भी घटनायें घटित न हो, इसके लिये शासन द्वारा पर्याप्‍त महिला/पुरूष पुलिस बल तैनात रहता है। (ड.) एवं (च) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

परिशिष्ट - "इक्कीस"

सतना जिले में सरकारी और प्राइवेट पैथोलॉजी का संचालन

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

103. ( क्र. 1072 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में जिला चिकित्सालय सहित कितने सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों, उप-स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पैथोलॉजी का संचालन किया जाता है? क्या जिला अंतर्गत संचालित सभी सरकारी अस्पताल, सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों, उप स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का संचालन/पर्यवेक्षण योग्यताधारी पैथोलॉजिस्ट द्वारा किया जाता है? यदि हाँ, तो जिलेवार, ब्लॉकवार, सभी की अलग-अलग सूची उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो कितने पैथोलॉजी का संचालन योग्यताधारी पैथोलॉजिस्ट द्वारा नहीं किया जाता? जिलेवार, ब्लॉकवार सूची दें। (ख) प्रदेश भर में कितने लैब टेक्निशियन पंजीकृत हैं और कितने टेक्निशियन द्वारा प्राइवेट पैथोलॉजी का संचालन किया गया है? जिलेवार, लैबवार, टेक्निशियनवार, पैथोलॉजी की सूची उपलब्ध करायें। क्या बेसिक और छोटी-छोटी जाँच के लिए भी लैब टेक्निशियन द्वारा संचालित पैथालोजी के लिए पैथोलॉजिस्ट के पर्यवेक्षण की जरूरत है? यदि हाँ, तो फिर प्रदेश भर के लैब टेक्निशियन डिप्लोमाधारी के लैब बंद हो जाने से हजारों युवा बेरोजगार हो जायेंगे और परिवार के जीवन यापन का बड़ा संकट होगा, ऐसी स्थिति में इन लैब टेक्निशियन पैथोलॉजी वालों के लिए सरकार क्या कोई व्यवस्था करेगी? यदि नहीं, तो फिर हजारों युवा बेरोजगार हो जायेगें। क्या ऐसी स्थिति में नियमों पर संशोधन करते हुए प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के पत्र क्र. 1304/ 2024/सलह/मेंडि-2, दिनांक 22/10/2024 के आदेश को निरस्त किया जाएगा जबकि हिमाचल सरकार द्वारा लैब टेक्निशियन को बेसिक जांच और कलेक्शन के लिए लैब संचालक की अनुमति है? मध्यप्रदेश सरकार में यह नियम क्यों लागू नहीं है?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) सतना जिले में जिला चिकित्सालय, सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सहित कुल 56 शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में पैथोलॉजी का संचालन किया जाता है। जी हाँ, जिला चिकित्सालय सतना में पैथोलॉजिस्ट के पर्यवेक्षण में एवं सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में प्रशिक्षित चिकित्सा अधिकारी के पर्यवेक्षण में पैथोलॉजी का संचालन किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रदेश भर में कुल 25712 लैब टेक्निशियन पंजीकृत हैं। प्रायवेट पैथोलॉजी लैब में कार्यरत एवं पंजीकृत लैब टेकिनशियन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। जी हाँ। जी नहीं, प्रदेश भर के डिप्लोमाधारी लैब टेक्निशियन द्वारा संचालित लैब का पर्यवेक्षण योग्यताधारी पैथोलॉजिस्ट द्वारा किया जाना होगा ताकि जनहित में गुणवत्तापूर्ण जाँच रिपोर्ट की प्रदायगी सुनिश्चित हो सके। जी नहीं। हिमाचल सरकार द्वारा विनियामक प्रावधान को लागू करने हेतु मध्यप्रदेश शासन बाध्य नहीं है।

काबिज लोगों को पट्टे का प्रदाय

[राजस्व]

104. ( क्र. 1073 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना विधानसभा के सोहावल ब्लॉक अन्तर्गत ग्राम पंचायत रामस्थान के हनुमान बस्ती, पुरानी बस्ती, भठिया बस्ती, रामस्थान चौराहा एवं कदैहली चूद बस्ती में एस.सी.-एस.टी. बस्ती के लोगों वर्षों से (लगभग 50 वर्ष) से रह रहे हैं? चारों बस्ती में निवासरत एस.सी.-एस.टी. वर्ग के लोगों के लिए आबादी के लिए आवंटित की गई थी किन्तु प्रश्‍न दिनांक तक उक्त स्थान पर वर्षों से काबिज लोगों का पट्टा नहीं दिया गया, क्यों? क्या उक्त स्थान पर काबिज लोगों को पट्टा दिया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों? (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित ग्राम पंचायत की चारों बस्ती की जमीनें किस-किस के नाम से आवंटित की गई हैं? वर्षवार, नामवार, पता सहित सूची उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित चारों बस्ती के कौन-कौन से खसरे नं. पर लीज का आवंटन किया गया है और कब-कब किसके नाम माइनिंग लीज और कौन से खसरा न. पर आबादी के नाम पर आवंटित किया गया है? खसरा नं.वार, लीजवार/व्यक्तिवार, नाम, पता सहित सूची उपलब्ध करायें। (घ) अराजी नं. 1232/8, 1232/18/2, 1251/5, 1232/20/, 1232/20/, 1232/20/, 12/41/1/घ/1, 1232/11, 1232/14/2, 1232/15, क्रमशः 16, 17, 22, 25, 26, 1251/4, 1251/10, 1251/17, 1251/18/, 1251/20, 1251/22, 1251/26, 1251/29, 1251/31, 1247/1/, 998/1/क/1, 998/1/क/2, 1217/6, 1232/9, 1251/15, 1251/19, 1232/3, क्रमशः 5, 10, 12, 13, 1232, 1232/19/1, 1232/19/2, 1232/23, क्रमशः 24.27, 1241/1/घ/2, 1251/13, 1251/14, 1251/16, क्रमशः 24.27. की जमीनें किस-किस नाम के व्यक्ति/फर्म पर कब-कब आवंटित की गई और किस आधार पर आवंटित की गई? वर्षवार, अराजी क्र.वार नाम, पता सहित सूची उपलब्ध करायें। (ड.) अराजी क्र. 1195/क/1 में वर्षों से लोग काबिज हैं पर आज दिनांक तक पट्टा नहीं दिया गया है, क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। सतना विधानसभा के सोहावल ब्‍लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत रामस्‍थान के हनुमान बस्‍ती, पुरानी बस्‍ती, भठिया बस्‍ती, रामस्‍थान चौराहा एवं कदैहली चूद बस्‍ती में एस.सी.-एस.टी. बस्‍ती के लोग वर्षों से निवासरत हैं। चारों बस्‍ती में निवासरत एस.सी.-एस.टी. वर्ग के लोगों के लिये आबादी के लिये 1970 में कोई भूमि आवंटित नहीं की गई थी। अराजी नं. 456 रकवा 0.049 हे. एवं अराजी नं. 457 हे. रकवा 0.045 हे. जो कि म.प्र. शासन आबादी मद में दर्ज है में शासन की स्‍वामित्‍व योजना के तहत पट्टे तैयार किये जा रहे हैं। शेष बसाहट की भूमियां आबादी मद में नहीं होने से पट्टा वितरण नहीं किया जा सका है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित ग्राम पंचायत की चारों बस्‍ती की जमीनें सन् 1970 से प्रश्‍न दिनांक तक आवंटित नहीं की गई हैं, शेष जानकारी निरंक है। (ग) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित ग्राम रामस्‍थान में आवंटित खदानों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (घ) दर्ज आराजियों में मेसर्स अल्‍ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड को खनिपट्टा खनिज (परमाणु एवं हाइड्रोकार्बन ऊर्जा खनिजों से भिन्‍न) रियायत नियम, 2016 के तहत नीलामी प्रक्रिया से आवंटित की गई है। शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ड.) मध्‍यप्रदेश शासन काबिज काश्‍त भूमि दर्ज होने के कारण पट्टा देने की कार्यवाही नहीं की जा सकी।

जिला अस्पताल में रिक्‍त पदों की पूर्ति

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

105. ( क्र. 1075 ) श्रीमती रीती पाठक : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिला अस्पताल में चिकित्सक एवं नर्सिंग स्टाफ के कितने पद स्वीकृत हैं? इनमें से कितने पद रिक्त हैं? इन पदों पर नियुक्तियां कब तक कर दी जायेंगी? (ख) सीधी जिला अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक की नियुक्ति न हो पाने के कारण गंभीर बीमारियों का इलाज सीधी में नहीं हो पा रहा है एवं शल्य क्रिया की व्यवस्था भी ठप्प पड़ी है। समस्त विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति के साथ शल्य क्रिया चिकित्सा कब तक प्रारंभ की जाएगी? (ग) सीधी जिले में 108 के माध्यम से लोगों तक पहुंचने वाली एम्बुलेंस सेवा बहुत ही अव्यवस्थित है, जिससे जरूरतमंदों को समय पर एम्बुलेंस की सुविधा नहीं मिल पाती। इस 108 सेवा को व्यवस्थित करने हेतु क्या कदम उठाए जा रहे हैं? (घ) सीधी जिले में मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति प्रदान की गई थी एवं जमीन चिन्हित करके भूमि पूजन भी किया गया था। इसके लिए बजट की स्वीकृति व मेडिकल कॉलेज के निर्माण में देरी की वजह क्या है, भवन निर्माण कब तक शुरू हो सकेगा? (ङ) सीधी जिले में मुख्यालय के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी जन औषधि केंद्रों के स्थापना की योजना थी, अभी तक कितने जन औषधि केंद्र खोले गए हैं और सीधी में कितने जन औषधि केंद्र कब तक खोले जाएंगे?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। पदपूर्ति एक निरंतर प्रक्रिया है, निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। उपलब्ध विशेषज्ञों द्वारा नियमित इलाज किया जाता है। जिला चिकित्सालय सीधी में 03 शल्य क्रिया विशेषज्ञ पदस्थ है एवं इनके द्वारा उपलब्ध सुविधा अनुसार रोगियों का उपचार किया जाता है। शेष प्रश्‍नांश (क) अनुसार। (ग) सीधी जिले में 108 के माध्यम से लोगों तक पहुंचने वाली एम्बुलेंस सेवा का लाभ समय पर जरूरतमंदों को मिल सके, इस हेतु विभाग द्वारा निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। इस हेतु सुपारात्मक कार्यवाही करते हुये 108 सेवाप्रदाता संस्था द्वारा पूर्व में पदस्थ जिला प्रभारी को पृथक करते हुये नवीन जिला प्रभारी को नियुक्त कर दिया गया है तथा नया जोनल मैनेजर भी जिला सीधी हेतु नियुक्त कर दिया गया है, जिससे एम्बुलेंस वाहनों के संचालन विषयक मॉनिटरिंग को सुदृढ़ किया जा सके। (घ) जी हाँ, सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। जिला सीधी में पी.पी.पी. मोड में चिकित्‍सा महाविद्यालय खोले जाने का निर्णय लिया गया है, निविदा जारी की जा चुकी है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ड.) सीधी जिले में कुल 06 प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केन्द्रों की स्थापना हेतु औषधि विक्रय अनुज्ञप्तियां प्रदाय की गई हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। जिले में आवश्यकता अनुसार जन औषधि केन्द्र संचालित किये जाते हैं। प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केन्द्रों खोले जाने हेतु आवेदक द्वारा फार्मास्यूटिकल्स एण्ड मेडिकल डिवाईसेस ब्यूरो ऑफ इंडिया (पी.एम.बी.आई.) से आवश्यक अनुमति प्राप्त करने के पश्चात् औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 एवं नियमावली, 1945 के अंतर्गत विधिवत् आवेदन प्रस्तुत किये जाने के उपरांत नियमानुसार प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केन्द्रों खोले जाने हेतु अनुमति प्रदत्त की जाती है।

पदस्थ शिक्षकों के स्थानांतरण/नियुक्तियों की जानकारी

[स्कूल शिक्षा]

106. ( क्र. 1076 ) श्रीमती रीती पाठक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले में अतिशेष के आधार पर कई शिक्षकों का स्थानांतरण एक विद्यालय से दूसरे विद्यालय कर दिया है जबकि उसी विद्यालय में पद रिक्त हैं किन्तु विभाग व जिम्मेदार अधिकारियों की मनमानी के फलस्वरूप पोर्टल पर नहीं दर्शाने के कारण विद्यालयों में रिक्त पद नहीं दिख रहे हैं। मामले की विधिवत जांच करते हुए दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही कब तक की जाएगी? (ख) सीधी जिले में अतिथि शिक्षकों को पोर्टल के माध्यम से विद्यालय आवंटित किए गए हैं किन्तु कई विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों/प्राचार्यों द्वारा संबंधित अतिथि शिक्षकों को ज्वाइन नहीं कराया जा रहा है। मामले का संज्ञान लेते हुए कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ग) सीधी जिले में कई उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भवन विहीन हैं, इन विद्यालयों हेतु भवनों की स्वीकृति कब तक होगी?                                                                   (घ) शिक्षा विभाग के कई कर्मचारी अन्य विभागों जैसे जिला पंचायत व अन्य विभागों में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ थे, इनकी प्रतिनियुक्ति समाप्त कर प्रदेश स्तर से मूल विभाग में वापस भेजने के आदेश जारी किए गए हैं किन्तु जिला स्तर पर इन आदेशों पर अमल न करते हुए ये कर्मचारी अभी भी प्रतिनियुक्ति पर पूर्ववत कार्य कर रहे हैं। ऐसे कर्मचारियों को कब तक शिक्षा विभाग में वापस लिया जायेगा? आदेश पर अमल न करने वाले दोषियों पर कब तक कार्यवाही होगी?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। अतिशेष शिक्षकों की काउंसिलिंग से पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी को रिक्त पदों की एवं अतिशेष शिक्षकों से अभ्यावेदन प्राप्त कर वास्तविक स्थिति के आधार पर कार्यवाही के निर्देश दिये गये थे। स्थानांतरण नीति-2022 की कंडिका 3.2 अनुसार तथा उक्त के क्रम में संचालनालय के जारी निर्देशों एवं शालावार सेट-अप के तहत कार्यवाही की गई है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) नियमित शिक्षक की अनुपलब्धता अर्जित अवकाश, स्थानांतरण सेवानिवृत्त मृत्यु, स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति, संतान पालन अवकाश, व्यवसायिक योग्यता प्रवेश, चिकित्सा अवकाश इत्यादि की स्थिति में अध्यापन की व्यवस्था हेतु अतिथि शिक्षक की व्यवस्था की जाती है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) सीधी जिले में कोई भी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भवन विहीन नहीं है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

कूटरचित दस्‍तावेजों के आधार पर भूमियों का विक्रय

[राजस्व]

107. ( क्र. 1079 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला व तहसील मंडला ग्राम देवदरा पहनं 27 के खसरा क्रमांक 157, 158, 159 की भूमियां स्व. महेन्द्र लाल चौधरी द्वारा एम.एस. ईरानी उर्फ़ मेहर बाबा को दान में दी गई थी? यदि हाँ, तो दान-पत्र की प्रति उपलब्ध कराएं। क्या यह सही है कि उक्त भूमियों की देखरेख व व्यवस्थापन के लिए किसी ट्रस्ट का गठन किया गया था? यदि हाँ, तो संबंधित दस्तावेज की प्रतियां उपलब्ध कराएं। (ख) क्या मेहर बाबा ट्रस्ट का पंजीयन दिनांक 17/05/1949 को हुआ था? यदि हाँ, तो इसके बायलॉज पंजीयन दस्तावेज एवं दिनांक 13/05/1949 की डीड की प्रति उपलब्ध कराएं। स्व. देवेंद्रलाल चौधरी द्वारा इन भूमियों के सन्दर्भ में बनाई गई डीड दिनांक 28.11.1987 की प्रति उपलब्ध कराएं। क्या यह सही है कि‍ इस डीड के आधार पर धीरेन्द्र चौधरी को ट्रस्ट का प्रबंधक नियुक्त किया गया था? यदि हाँ, तो इन्हें कब और किन के द्वारा ट्रस्टी नियुक्त किया गया? क्या प्रबंधक की हैसियत से इन्हें उक्त भूमियों को विक्रय करने का अधिकार दिया गया था? यदि हाँ, तो संबंधित दस्तावेज उपलब्ध करावें। उक्त भूमियां किन परिस्थितियों में विक्रय की जा सकती हैं? क्या यह सही है कि खसरा नम्बर 157 की भूमि धीरेन्द्र चौधरी ने स्वयं धीरेन्द्र चौधरी को विक्रय करते हुए मेसर्स वृन्दावन एसोसिएट को विक्रय की जा चुकी है? यदि हाँ, तो इनका नामांतरण करने के पूर्व क्या कोई जाँच की गई? क्या प्रथम दृष्टया यह मामला कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर गलत ढंग से भूमि विक्रय का है? इसमें क्या कार्यवाही की जा रही है एवं की जाएगी? संबंधित दस्तावेजों सहित अवगत करावें। (ग) क्या खसरा क्रमांक 158 की भूमि वर्ष 1954-55 में शासकीय घास मद में दर्ज होना पाया गया है? संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराएं। यह भूमि कब एवं किस नियम से एम.एस. ईरानी के नाम से दर्ज की गई? दस्तावेज उपलब्ध कराएं। इसके लिए कौन दोषी है? उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? (घ) क्या उक्त भूमियों से संबंधित सम्पूर्ण मामला अत्यंत संदेहास्पद एवं सांठगांठ का प्रतीत होता है? इस संबंध में प्रश्‍नकर्ता सहित और किन-किन के द्वारा जाँच हेतु आवेदन दिए गए हैं? उनमें क्या कार्यवाही की गई है एवं की जाएगी? विस्तार से अवगत करावें।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार। जी हाँ। मेहर बाबा चेरिटेबल ट्रस्‍ट का गठन किया गया था। दिनांक 17.05.1949 की रजिस्‍टर्ड ट्रस्‍ट डीड प्रतिलिपि संलग्‍न है। (ख) जी हाँ। नोटराईज्‍ड प्रति संलग्‍न। नोटराईज्‍ड प्रति के अनुसार। स्‍व. देवेन्‍द्र चौधरी पिता महेन्‍द्र लाल चौधरी द्वारा धीरेन्‍द्र चौधरी को सन् 1887 में ट्रस्‍टी घोषित कर नियुक्‍त किया गया था। जी हाँ, प्रबंधक को उक्‍त भूमियों के वैधानिक दायित्‍वों की पूर्ति हेतु 1949 की ट्रस्‍ट डीड में उल्‍लेखित है। दिनांक 17.05.1949 की ट्रस्‍ट डीड में उल्‍लेख है कि ट्रस्‍ट के उद्देश्‍यों की पूर्ति व वैधानिक दायित्‍वों की पूर्ति हेतु उक्‍त भूमियों का विक्रय/पूर्ण निपटान किया जा सकेगा। रजिस्‍ट्रीकरण एवं स्‍टाम्‍प विभाग मध्यप्रदेश के ई-पंजीकरण संख्‍या MP238362024A1618064 पंजीकरण की तिथि 21.05.2024 को पंजीयन प्रमाण पत्र के माध्‍यम से विक्रय किया गया है। म.प्र. भू.रा. संहिता 1959 की धारा 109-110 के निर्धारित प्रक्रिया के तहत किया गया। यह जांच का विषय है, जो गतिशील है। (ग) जी हाँ। प्रथम व्‍यवहार न्‍यायाधीश वर्ग-2 मण्‍डला के व्‍यवहारवाद क्रमांक 39-अ/79 निर्णय दिनांक 10.04.1980 के पालन में एम.एस. ईरानी उर्फ मेहर बाबा प्रबंधक महेन्‍द्र लाल चौधरी का नाम दर्ज किया गया। (घ) जी नहीं। 1. जिला कांग्रेस कमेटी मण्‍डला, विधायक बिछिया, जिला अधिवक्‍ता संघ मण्‍डला, शैलेन्‍द्र चौधरी पिता उपेन्‍द्र लाल चौधरी। जांच कार्यवाही प्रचलन में है।

स्कूल भवनों के मरम्मत कार्यों की जानकारी

[स्कूल शिक्षा]

108. ( क्र. 1081 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा सदन दिनांक 12/02/2024 के तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 1060 के उत्तर में बताया गया था कि कराये गए कार्यों के बिलों की छायाप्रति एकत्रित की जा रही है! इन्हें कब तक उपलब्ध कराया जायेगा? (ख) क्या जिला शिक्षा केंद्र समग्र शिक्षा अभियान मंडला के पत्र क्रमांक/SSA/निर्माण/ 2024/559, दिनांक 25/06/2024 से कार्यों की जाँच हेतु जाँच दल का गठन किया गया था? यदि हाँ, तो जाँच का विस्तृत प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं। जाँच में कौन-कौन दोषी पाए गए, उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? (ग) सदन दिनांक 10/07/2024 के तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 2027, के प्रश्‍नांश (क) व (ख) के उत्तर में बताया गया था कि राज्य शिक्षा केंद्र के पत्र क्रमांक 2880, दिनांक 3/7/2024 के माध्यम से प्रतिवेदन चाहा गया है, इस प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध कराएं। कार्यों की स्वीकृति एवं कार्य कराने में हुई गड़बड़ी के लिए कौन दोषी है? उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? (घ) वर्ष 2019-20 में हुई अतिवृष्टि से स्कूल भवनों को हुई क्षति की मरम्मत हेतु वर्ष 2020-21 में लोक शिक्षण संचालनालय म.प्र. द्वारा प्रदाय राशि से कराये गए कार्यों के एम.बी. एवं पूर्णता प्रमाण-पत्र उपलब्ध करायें। इन कार्यों में हुई गड़बड़ी के लिए कौन दोषी है? उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) विधानसभा सदन दिनांक 12.02.2024 के तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 1060 में चाही गई कार्यों के बिलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे                           परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। जिला शिक्षा केन्‍द्र समग्र शिक्षा अभियान मंडला के पत्र क्रमांक/एस.एस.ए/ निर्माण/2024/559 दिनांक 25.06.2024 के द्वारा कार्य की जांच हेतु 05 जांच दल का गठन किया गया, जांच का विस्‍तृत प्रतिवेदन पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। उक्‍त प्रकरण की 05 टीमों के द्वारा जांच की गई, जिसमें प्राप्‍त जांच प्रतिवेदन अनुसार शाला प्रबंधन समितियों को कार्यालय जिला शिक्षा केन्‍द्र मंडला के पत्र क्रमांक/एस.एस.ए/निर्माण/ 2024/1384 दिनांक 06.12.2024 के द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। तत्‍कालीन उपयंत्री (जनपद शिक्षा केन्‍द्र मवई, बिछिया, मंडला व घुघरी) को जिला शिक्षा केन्‍द्र मंडला के पत्र क्रमांक/एस.एस.ए/निर्माण/ 2024/1385 दिनांक 06.12.2024 के द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया तथा तत्‍कालीन सहायक यंत्री को कार्यालय जिला शिक्षा केन्‍द्र मंडला के पत्र क्र. एस.एस.ए/निर्माण/2024/ 1386 दिनांक 06.12.2024 के द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। प्रत्‍युत्‍तर प्राप्‍त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। (ग) कार्यों की स्‍वीकृति हेतु शाला प्रबंधन समितियों को इस कार्यालय के द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र प्रेषित किया गया है एवं कार्य कराने में हुई अनियमितता के लिए प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार संबंधित को कारण बताओ सूचना पत्र प्रेषित किया गया है। उपरोक्‍त प्रश्‍न के उत्‍तरांश (ख) के अनुसार प्रतिउत्‍तर प्राप्‍त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। सदन दिनांक 10.07.2024 के तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 2027 के उत्‍तरांश (ख) (शा.मा. शाला पीपरपानी जिला मंडला) का जांच प्रतिवेदन पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। अतिवृष्टि से स्‍कूल भवनों को हुई क्षति की मरम्‍मत संबंधी कार्यों में जिले से प्राप्‍त जानकारी अनुसार किसी भी प्रकार की गड़बड़ी/शिकायत संज्ञान में नहीं है।

उद्वहन सिंचाई योजना की स्वीकृति

[जल संसाधन]

109. ( क्र. 1083 ) श्री चैन सिंह वरकड़े : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मण्डला जिले के निवास विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विकासखण्ड नारायणगंज, बीजाडांडी एवं निवास क्षेत्र में उद्वहन सिंचाई योजना लागू करने हेतु तत्कालीन मुख्यमंत्री जी द्वारा दिनांक 7 जून, 2023 को देवरीकला (बबलिया) आमसभा में घोषणा की गई थी। (ख) प्रश्‍नांश (क) यदि हाँ, तो क्‍या विभाग द्वारा उद्वहन सिंचाई योजना का प्रोजेक्ट बनाकर स्वीकृति हेतु शासन को भेजा गया है? कब तक स्वीकृति प्रदान की जायेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। उद्‌वहन सिंचाई योजना लागू करने बरगी बांध के भराव क्षेत्र से पिंडरई, बैलखेडी उद्वहन माईक्रो सिंचाई योजना (प्रस्तावित सिंचाई रकबा 8200 हेक्टेयर) कुडामैली नारायणगंज उद्वहन माईक्रो सिंचाई योजना (प्रस्तावित सिंचाई रकबा 5000 हेक्टेयर) तथा निर्माणाधीन बसानिया बांध के भराव क्षेत्र से निवास उद्‌वहन माईक्रो सिंचाई योजना (प्रस्तावित सिंचाई रकबा 15750 हेक्टेयर) के प्रस्ताव तैयार किये जाना प्रतिवेदित है। इसके लिये लगभग 105 एम.सी.एम. जल की आवश्यकता होगी। वर्तमान में नर्मदा घाटी विकास विभाग अंतर्गत अन्य योजनाएं निर्माणाधीन हैं एवं म.प्र. राज्य को आवंटित नर्मदा जल की कार्य योजना अंतिम की जा चुकी है। अतः जल उपलब्ध होने पर उपरोक्त परियोजनाओं के क्रियान्वयन पर विचार किया जाना संभव हो सकेगा। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

जिला मंडला, ग्राम देवदरा की भूमियों का स्‍वामित्‍व

[राजस्व]

110. ( क्र. 1086 ) श्री चैन सिंह वरकड़े : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) क्या जिला व तहसील मंडला ग्राम देवदरा पहनं 27 के खसरा नंबर 157, 158, 159 की भूमियां ट्रस्ट से संबंधित भूमि हैं? इनसे संबंधित शिकायतों में क्या कोई जाँच की जा रही है? यदि हाँ, तो अब तक के जाँच प्रतिवेदन की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) उक्त भूमियों के वर्ष 1927-28,                1950-51, 1954-55, 1955-56, 1965-66, 1975-76, 1983-84, 1984-85, 1987-88, 1989-90, 1999-2000, 2005-06, 2019-20, 2023-24, 2024-25 के खसरे एवं मिशल की प्रतियां उपलब्ध कराएं। क्या भूमि स्वामी के तौर पर रिकॉर्ड में एम.एस. ईरानी का नाम दर्ज था? उनकी मृत्यु दिनांक 31-01-1969 को होने के बाद रिकॉर्ड में उनके वारिसानों के नाम दर्ज क्यों नहीं किये गए? क्या यह सही है कि उक्त भूमियां पूर्व में पब्लिक ट्रस्ट में थी? यदि हाँ, तो कब और किस नियम के तहत ये भूमियां निजी ट्रस्ट में चली गई? संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराएं।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, एम.एस. ईरानी की मृत्‍यु के पूर्व ही उनके द्वारा सन् 1949 में ही मेहर बाबा चेरिटेबल ट्रस्‍ट का गठन कर लिया गया था। उक्‍त भूमियां पूर्व में लोकन्‍यास पब्लिक ट्रस्‍ट में दर्ज नहीं थी, अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

अधिकारियों की पदस्‍थापना

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

111. ( क्र. 1087 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं में पदस्थ उप संचालक/प्रभारी उप संचालक की नामवार, मूल पदवार तथा संचालनालय में प्रथम पदस्थापना दिनांक सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या विभाग की मलेरिया (व्ही.बी.डी.सी.) शाखा में विगत कई वर्षों से एक ही उप संचालक को प्रभार सौंपा गया है? वर्षों पहले संचालक मलेरिया (व्ही.बी.डी.सी.) के सेवानिवृत्त हो जाने के उपरांत इस उप संचालक द्वारा ही मलेरिया (व्ही.बी डी.सी.) का बजट आवंटन किया जा रहा है जबकि उक्त कार्य संचालक स्तर का है? यदि नहीं, तो उक्त शाखा का बजट आवंटन किसके द्वारा किया जा रहा है? (ग) क्या उक्त शाखा के राज्य सलाहकार के पद का प्रभार पूर्व में संचालक स्तर के अधिकारी के पास होता था? यदि हाँ, तो संचालनालय में वरिष्ठ संयुक्त संचालक/उपर संचालक तथा संचालक पदस्थ होने के बाद भी संचालक/वरिष्ठ संयुक्त संचालक स्तर के पद का कार्य अधिकारी को क्यों सौंपा गया है तथा कब तक प्रभार हटा दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या इस अधिकारी की पत्नी भी संविदा के पद पर म.प्र. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भोपाल में पदस्थ है? यदि हाँ, तो इनकी नियुक्ति किस प्रक्रिया के अनुसार की गई? जानकारी उपलब्ध करायें

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

निर्माण कार्यों की जानकारी

[जल संसाधन]

112. ( क्र. 1089 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में विभाग के समस्त कार्यालयों/विभाग प्रमुख के अधीनस्थ या प्रशासनिक रूप से कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य हेतु आवंटित की गई? तिथिवार, विकासखंडवार, कार्यवार, मदवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित समस्त कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति कार्यादेशों की प्रति तथा राशि भुगतान की समस्त बिल तथा वाउचरों की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित कार्यों सहित सर्राटी जलाशय में विभिन्न प्रकार के कार्य तथा नहरीकरण सहित समस्त कार्यों के संचालन संबंधी कितनी शिकायतें शासन को प्राप्त हुई? अनियमितता के संबंध में समस्याओं का निराकरण किस प्रकार किया गया? संबंधित पर क्या कार्यवाही की गई? जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) सर्राटी जलाशयों के समस्त निर्माण कार्य में निम्न स्तर का कार्य कराया जा रहा है, साथ ही वित्तीय अनियमितता बढ़ती जा रही है। कब तक समस्त कार्यों की उच्च स्तरीय जांच की जावेगी? यदि हाँ, तो क्‍या स्थानीय विधायक एवं जनप्रतिनिधियों को जांच में सम्मिलित किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?                                   (ड.) बालाघाट जिले के समस्त जलाशयों में विभाग सम्‍बन्धित कराये जा रहे समस्त निर्माण कार्यों की विभागीय जांच की जाकर दोषियों पर उचित दंडात्मक कार्यवाही की जावे।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) बालाघाट जिले में वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में विभाग के समस्त कार्यालयों/विभाग प्रमुख के अधीनस्थ या प्रशासनिक रूप से कार्यों हेतु आवंटित की गई राशि की कार्यपालन यंत्रियों से प्राप्त तिथिवार, विकासखंडवार, कार्यवार, मदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित समस्त कार्यों की कार्यपालन यंत्रियों से प्राप्त प्रशासकीय स्वीकृति कार्यादेशों की प्रति तथा राशि भुगतान की समस्त बिल तथा वाउचरों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"ब" अनुसार है। (ड.) विशिष्‍ट शिकायतें प्राप्‍त होने पर गुण-दोष के आधार पर जांच की कार्यवाही की जाना संभव हो सकेगी, समस्‍त जलाशयों में कराये जा रहे समस्‍त निर्माण कार्यों की जांच की आवश्‍यकता नहीं है।

शीघ्रलेखन/मुद्रलेखन परीक्षा परिषद् से आयोजित परीक्षाएं

[स्कूल शिक्षा]

113. ( क्र. 1091 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्कूल शिक्षा विभाग के अधीन लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा शीघ्रलेखन/मुद्रलेखन परीक्षा परिषद् का गठन किया गया था? हाँ या नहीं? (ख) भोपाल जिले में उक्त परीक्षा हेतु कितने परीक्षा केंद्र प्रारम्भ किये गए थे? सूची सहित विवरण प्रदान करें। (ग) शीघ्रलेखन/मुद्रलेखन परीक्षा परिषद् द्वारा भोपाल जिले में वर्ष 2008 से 2012 तक किन-किन केंद्रों पर शीघ्रलेखन तथा मुद्रलेखन की परीक्षाएं आयोजित की गयी? इन केंद्रों में परीक्षावार अनुपस्थित परीक्षार्थियों का अनुपस्थिति पत्रक केंद्राध्यक्ष द्वारा हस्ताक्षरित परीक्षावार/केन्द्रवार उपलब्ध करावें।

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्‍नांश (ख) के संबंध में परिषद् में कोई आदेश/निर्देश उपलब्‍ध नहीं है। किंतु वर्ष 2013 में आयोजित होने वाली अंतिम परीक्षाओं हेतु जारी अधिसूचना के अनुसार भोपाल जिले में शीघ्रलेखन/मुद्रलेखन की परीक्षाओं के लिए 09 परीक्षा केन्‍द्र निर्धारित किये गये थे। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार। (ग) शीघ्रलेखन/ मुद्रलेखन परीक्षा परिषद्, भोपाल द्वारा वर्ष 2008 से 2012 तक भोपाल जिले के जिन परीक्षा केन्‍द्रों पर परीक्षाएं आयोजित की हैं, परिषद् द्वारा घोषित परीक्षाफल अनुसार उनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार। शेषांश की जानकारी उपलब्‍ध नहीं।

अतिथि शिक्षकों की महापंचायत में की गयी घोषणाएं

[स्कूल शिक्षा]

114. ( क्र. 1092 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 02 सितंबर 2023 को तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा अतिथि शिक्षकों की महापंचायत में 04 घोषणाएं की गयी थी? उनमें से कितनी घोषणाओं के आदेश जारी नहीं हो पाए हैं? कारण सहित उत्तर देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में शेष आदेश कब तक जारी किये जायेंगे एवं कैबिनेट की बैठक में लिए जायेंगे? (ग) अतिथि शिक्षकों को शिक्षक भर्ती में 20 अंक बोनस के रूप में दिए जायेंगे? यदि हाँ, तो इस संबंध में आदेश जारी क्यों नहीं किये गए? कब तक जारी किये जायेंगे?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) उतरांश "क" अनुसार शेषांश उद्भूत नहीं होता। (ग) वर्ष 2024-25 में अतिथि शिक्षकों के स्कोर कार्ड में 4 अंक प्रतिवर्ष अध्यापन अनुभव के आधार पर 20 अंक अनुभव हेतु प्रदान किये गये हैं, अतः शेषांश उद्भूत नहीं होता। भर्ती नियमों में अतिथि शिक्षकों को बोनस अंक देने का कोई प्रावधान नहीं है।

परिशिष्ट - "बाईस"

क्रमोन्‍नति हेतु पात्र शिक्षकों की जानकारी

[स्कूल शिक्षा]

115. ( क्र. 1103 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग में प्राथमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक, उच्च माध्यमिक शिक्षक प्रथम (12 वर्ष), द्वितीय क्रमोन्नति (24 वर्ष) हेतु पात्र हैं? जिलेवार नाम सहित विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें तथा कितने शिक्षक अपात्र हैं? कर्मचारी का नाम, अपात्रता का कारण सहित विकासखण्डवार, जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में स्कूल शिक्षा विभाग वल्लभ भवन भोपाल के पत्र क्रमांक/3606/2020/20-1 भोपाल दिनांक 05.10.2023 के अनुक्रम में कार्यालय आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल, संभागीय संयुक्त संचालक भोपाल, संभाग भोपाल एवं जिला शिक्षा अधिकारी विदिशा ने प्राथमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक, उच्च माध्यमिक शिक्षकों के क्रमोन्नति हेतु कब-कब पत्र जारी किये? पत्रों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में संकुल प्राचार्य समस्त विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी समस्त जिला विदिशा एवं जिला शिक्षा अधिकारी विदिशा द्वारा पत्रों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? 12 वर्ष, 24 वर्ष पूर्ण कर चुके लोक सेवकों के विगत 5 वर्षों की गोपनीय चरित्रावली प्रतिवेदन सेवा का सततीकरण सहित जानकारी कब-कब वरिष्ठ कार्यालयों को प्रेषित की गई? यदि नहीं, तो इसके लिए दोषी कौन है? राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) के पात्र माध्यमिक शिक्षक, उच्च माध्यमिक शिक्षक के क्रमोन्नति आदेश कब-तक जारी किये जावेंगे? समय-सीमा बतावें। क्रमोन्नति आदेश जारी न करने के लिए दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) विदिशा जिले के प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक, उच्च माध्यमिक शिक्षकों को छठवे एवं सातवे वेतनमान, क्रमोन्नति एवं महंगाई भत्ते के एरियर राशि का भुगतान हेतु कितने शिक्षकों को राशि का भुगतान नहीं किया गया?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (ग) संभागीय संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण भोपाल संभाग के निर्देश के अनुकम में जिला शिक्षा अधिकारी विदिशा द्वारा समस्त संकुल प्राचार्य की कार्यशाला का आयोजन कर संबंधित लोक सेवकों के क्रमोन्नत/समयमान वेतनमान हेतु गोपनीय चरित्रावली एवं प्रस्ताव प्राप्त कर कार्यवाही की गई। क्रमोन्नति/समयमान वेतनमान एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार है।

संजीवनी क्‍लीनिक के प्रारंभ की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

116. ( क्र. 1104 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में कितने चिकित्सा महाविद्यालय, जिला चिकित्सालय, सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, उप स्वास्थ्य केन्द्र, संजीवनी क्लीनिक संचालित हैं? इसमें कितने पद स्वीकृत हैं? कितने पदों पर पदस्थापना है? कितने पद रिक्त हैं? विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में       1 अप्रैल 2018 से प्रश्‍नांकित अवधि तक उक्त चिकित्सालयों के लिए कौन-कौन सी दवाई, कब-कब क्रय की गई? राशि सहित संपूर्ण विवरण देवें। स्टाक रजिस्टर की छायाप्रति उपलब्ध करावें तथा दवा वितरण की जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में उक्त दवाई व अन्य वस्तु का क्रय कब-कब किया गया है? निविदा जारी की गई? किन-किन कम्पनियों ने भाग लिया? क्रय समिति ने कब अनुमोदन किया? बिना टेण्डर की भी दवाई व अन्य वस्तुएं खरीदी गई है? यदि हाँ, तो विवरण देवें। इसके लिए दोषी कौन है? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में दवाई व अन्य आवश्यक वस्तुओं की खरीदी में आर्थिक अनियमितता की शिकायत प्राप्त हुई? किन-किन व्यक्तियों द्वारा की गई? शिकायती आवेदन की छायाप्रति उपलब्ध करावें एवं दवा खरीदी में किये गये आर्थिक अनियमितता की जांच कौन-कौन से अधिकारी द्वारा कब-कब की गई? जांच प्रतिवेदन की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि जांच नहीं की गई तो इसके लिए दोषी कौन है? बतावें। दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) विदिशा जिले में 01 चिकित्‍सा महाविद्यालय, 01 जिला चिकित्‍सालय, 02 सिविल अस्‍पताल, 07 सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र, 27 प्राथमिक स्‍वा. केन्‍द्र, 201 उप स्‍वा. केन्‍द्र, 05 संजीवनी क्‍लीनिक संचालित है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार। प्रश्‍न के अंतिम भाग की जांच हेतु जांच दल गठित किया जाएगा। (घ) प्रश्‍नांश (क) (ख) एवं (ग) के संदर्भ में जिला क्षय अधिकारी विदिशा द्वारा राष्‍ट्रीय कार्यक्रम में अनियमिततायें भ्रष्‍टाचार फर्जीवाड़ा करने बाबत् शिकायती पत्र श्री संतोष कुमार एडवोकेट, निवासी 130-ए सेक्‍टर गोविन्‍दपुरा, भोपाल द्वारा टी.बी. अधिकारी (एस.टी.ओ) महोदय, मध्‍यप्रदेश शासन, भोपाल को प्रेषित की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार। अपचारी सेवकों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

प्रदेश में डेंगू/चिकनगुनिया से हो रही मृत्‍यु

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

117. ( क्र. 1107 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में डेंगू/चिकनगुनिया का भयंकर प्रकोप जारी है? यदि हाँ, तो विगत 6 माह में प्रदेश के किन-किन जिलों में डेंगू/चिकनगुनिया के कितने मरीज मिले तथा कितने मरीज़ों की मृत्यु हुई? प्रश्‍न दिनांक तक स्थिति से अवगत करावें। (ख) क्या प्रदेश में डेंगू/चिकनगुनिया के प्रकोप को रोकने के लिए शासन द्वारा कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो कार्यवाही दिनांक सहित अवगत करावें। यदि नहीं, तो संपूर्ण प्रदेश में डेंगू/चिकनगुनिया से हो रही मौतों के लिए कौन-कौन दोषी है? क्या दोषियों पर प्रश्‍न दिनांक तक कोई कार्रवाई की गई? यदि हाँ, तो कब-कब तथा क्या-क्या? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतावें।                                      (ग) क्या शासन द्वारा राजधानी भोपाल सहित संपूर्ण प्रदेश में साफ-सफाई की व्यवस्था पर करोड़ों रुपए प्रतिवर्ष व्यय करने के पश्चात भी डेंगू/चिकनगुनिया जैसी जान लेने वाली बीमारियों के कारण प्रदेश में कई व्यक्तियों की मृत्यु हो गई? यदि हाँ, तो असामयिक हो रही इन मौतों के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में शासन के पास डेंगू/चिकनगुनिया/मलेरिया की जांच/उपचार के लिए संपूर्ण व्यवस्था जैसे जांच लैब/जांच उपकरण, अधिकारियों/कर्मचारियों की व्यवस्था है? यदि हाँ, तो क्या-क्या? यदि नहीं, तो क्यों?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ‘‘’’ अनुसार। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ‘‘’’ अनुसार। (ग) जी नहीं, प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। प्रदेश के समस्‍त जिला चिकित्‍सालय एवं अन्‍य चिन्हित कुल 64 स्‍वास्‍थ्‍य संस्‍थाओं में डेंगू एवं चिकिनगुनिया की एलाइजा आधारित जांच उपलब्‍ध है तथा समस्‍त उप स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र, प्रथामिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र, सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र, सिविल अस्‍पताल, जिला अस्‍पताल, चिकित्‍सा महाविद्यालय स्‍तर पर मलेरिया की जांच एवं उपचार की सुविधा उपलब्‍ध है। इसके अतिरिक्‍त आशा कार्यकर्ताओं के पास भी मलेरिया के जांच एवं उपचार की व्‍यवस्‍था उपलब्‍ध है।

परिशिष्ट - "तेईस"

हमीदिया अस्पताल में कार्यरत कर्मचारियों की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

118. ( क्र. 1109 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल में कार्यरत कर्मचारियों में नियमित/प्राइवेट कर्मचारियों की संख्या कितनी है? नियमित/प्राइवेट की पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या हमीदिया अस्पताल में कार्यरत कर्मचारियों द्वारा कार्यालय समय में फिंगरप्रिंट डिवाइस में उपस्थिति दर्ज करने के बाद अपने कार्यस्थल से अनुपस्थित रहते हैं? यदि हाँ, तो क्या अस्पताल प्रबंधन द्वारा ऐसे कर्मचारियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई की गई? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब-कब तथा क्या-क्या कार्रवाई की गई? (ग) क्या अस्पताल में कार्यरत कर्मचारियों व अस्पताल प्रबंधन की मिलीभगत व सांठगांठ से कर्मचारी केवल हाजिरी लगाकर अस्पताल परिसर से गायब हो जाते हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा अस्पताल प्रबंधन के जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) गांधी चिकित्‍सा महाविद्यालय, भोपाल से संबंद्ध चिकित्‍सालयों में नियमित-1262 एवं प्राईवेट (आउटसोर्स) - 1834 कर्मचारी कार्यरत है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) गांधी चिकित्‍सा महाविद्यालय भोपाल से संबंद्ध चिकित्‍सालयों में नियमित कर्मचारियों के लिये फिंगरप्रिंट डिवाईस उपस्थिति का प्रावधान नहीं है तथा आउसोर्स प्राइवेट कर्मचारियों की उपस्थिति डिवाईस के माध्‍यम से ली जा रही है। किसी भी कर्मचारी के विरूद्ध उपस्थिति दर्ज कराने के उपरांत कर्तव्‍यस्‍थल से अनुपस्थित रहने का कोई भी प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है, यदि कोई इस प्रकार का प्रकरण संज्ञान में आता है तो कार्यवाही की जावेगी। (ग) उत्‍तरांश '''' अनुसार।

मोहनपुरा परियोजना अंतर्गत राशि का प्रदाय

[जल संसाधन]

119. ( क्र. 1111 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा राजगढ़ जिले की विधानसभा राजगढ़ अन्‍तर्गत मोहनपुरा परियोजना में दिनांक 1/1/2019 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई दिनांकवार बतावें? (ख) उक्‍त प्राप्‍त राशि में से कब-कब कितनी-कितनी राशि का कौन-कौन सा कार्य किस एजेन्‍सी के माध्‍यम से कराया गया? (ग) क्‍या मोहनपुरा योजना पर नहर हेतु कार्यरत एजेन्‍सी द्वारा व्‍यय राशि के विरूद्ध कार्य किया गया है यदि हाँ तो विवरण देवें? (घ) क्‍या नहरों पर गुणवत्‍तापूर्ण के पाईप लगाये गये हैं यदि हाँ, तो राजगढ़ विधानसभा में सिंचाई हेतु लाईन क्‍यों नहीं चल पा रही है तथा जगह-जगह क्‍यों फूट रही है? (ड.) मोहनपुरा परियोजना की नहर नहीं चलने और बार-बार फूटने का कौन-कौन दोषी है एवं नहर की एजेन्‍सी को किस-किस अधिकारी द्वारा कितना-कितना भुगतान कब-कब किया गया है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) शासन द्वारा, परियोजनावार आवंटन प्रदाय किया जाता है। विधानसभा राजगढ़ अंतर्गत मोहनपुरा परियोजना को प्रदाय की गई राशि का ब्‍यौरा देना संभव नहीं है। (ख) प्रश्‍नांश '' के अनुसार। (ग) जी हाँ, मोहनपुरा परियोजना की पाईप प्रणाली (नहर) हेतु अनुबंधित एजेन्सी द्वारा व्यय राशि के विरूद्ध पूर्ण कार्य किया गया है। विवरण  संलग्न  परिशिष्ट  अनुसार है। (घ) हाँ, नहरों में उपयोग किये गये पाईप गुणवत्तापूर्ण लगाये गये हैं। जिसके फलस्वरुप गत वर्ष 92,000 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की गई है। सिंचाई हेतु लाईन फूटने संबंधित कोई भी घटना प्रतिवेदित नहीं है। (ड.) प्रश्‍नांश (घ) अनुसार कार्य गुणवत्तापूर्वक पूर्ण कार्य किया गया है। अतः कोई भी अधिकारी कर्मचारी दोषी होने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "चौबीस"

नहरों से सिंचाई हेतु पानी की उपलब्‍धता

[जल संसाधन]

120. ( क्र. 1112 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राजगढ़ जिले की विधानसभा राजगढ़ की मोहनपुरा परियोजना से नहरों से सिंचाई हेतु किसी एजेन्‍सी को अधिकृत किया गया है यदि हाँ, तो किन-किन एजेन्‍सी को अधिकृत किया गया है एजेन्‍सी का पूर्ण विवरण देवें। (ख) उक्‍त एजेन्‍सी द्वारा कितना-कितना कार्य किया गया है जिससे रकबा सिंचित हुआ है? (ग) क्‍या अधिकृत एजेन्‍सी द्वारा ड्राईंग एवं‍ डिजाइन अनुसार कार्य किया गया है यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं और यदि हाँ, तो नहरों से सिंचाई क्‍यों नहीं हो पा रही है? (घ) प्रश्‍न दिनांक तक मोहनपुरा परियोजना की नहरों से कितने गांवों में पानी पहुँचा एवं कितने गांवों में पानी नहीं पहुँचा है। पानी नहीं पहुंचने का क्‍या कारण है जिन गांवों में पानी नहीं पहुँचा है क्‍या उनमें भी पानी पहुंचाया जावेगा यदि हां तो कब तक और यदि नहीं, तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न  परिशिष्ट  के प्रपत्र-"अ" अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न  परिशिष्ट  के प्रपत्र-"ब" अनुसार है। (ग) जी हाँ। अधिकृत एजेन्सी द्वारा ड्राईंग एवं डिजाइन अनुसार कार्य किया गया है। भूमिगत प्रेशराईज्ड पाईप प्रणाली (नहर) द्वारा गत वर्ष 92,000 हेक्टेयर द्वारा सिंचाई की जाना प्रतिवेदित है। इस वर्ष 1,24,127 हेक्टेयर सिंचाई लक्षित है। (घ) परियोजना से 726 ग्रामों में से 509 ग्रामों में पानी पहुँचा है एवं 217 ग्रामों में पानी पहुँचाना शेष है। शेष में सिंचाई हेतु अनुबंधानुसार कार्य प्रगतिरत प्रतिवेदित है। निश्चित समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "पच्चीस"

जिला चिकित्सालयों में चिकित्सकों की नियुक्ति व व्यवस्थाएं

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

121. ( क्र. 1115 ) श्रीमती कंचन मुकेश तनवे : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला स्तर पर संचालित चिकित्सालयों में चिकित्सकों की कमी के चलते स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू संचालित नहीं हो रही है, जिसके चलते ऑपरेशन एवं उपचार में विलम्ब से जन सामान्य असंतुष्ट है। (ख) जिला चिकित्सालय खण्डवा में निश्‍चेतक, रेडियोलॉजी, मेडिसिन, महिला प्रसूति में 05-05 विशेषज्ञों, चिकित्सकों की अत्यधिक आवश्‍कता है, कि पूर्ति हेतु क्या कार्यवाही की गई एवं निराकरण कब तक हो जायेगा? (ग) जिला चिकित्सालय खण्डवा में विगत दो वर्षों में हुई चिकित्सकों की नियुक्ति, पदस्थापना, संलग्नीकरण की जानकारी देने का कष्ट करें। (घ) यदि मूल पदस्थापना से अन्यत्र संलग्नीकरण या दायित्व दिए गए हैं, यदि हाँ, तो इन्हें मूल विभाग व स्थान पर कब तक पदस्थ किया जावेगा।

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) :  (क) स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के मानव संसाधनों के अतिरिक्‍त उक्‍त चिकित्‍सालय में अतिरिक्‍त निश्‍चेतना विशेषज्ञ- 02, मेडिकल विशेषज्ञ- 04, स्‍त्री रोग विशेषज्ञ- 05 के चिकित्‍सक सेवाएं दे रहे है। इस अनुसार जिला चिकित्‍सालय सुचारू रूप से संचालित है। ऑफिसर चिकित्सा स्वास्थ्य सेवायें सुचारू रूप में संचालित हो रही है। जानकारी संलग्‍न  परिशिष्‍ट-अ अनुसार। (ख) उत्‍तरांश () अनुसार, विशेषज्ञों की पद पूर्ति हेतु विगत वर्ष विभिन्न  विशेषज्ञताओं में सीधी भर्ती के माध्यम से नियुक्ति की कार्यवाही की गई जिसके अंतर्गत विभिन्न योग्यताओं में 08 विशेषज्ञों की नियुक्ति जिला चिकित्सालय खण्डवा में की गई है। पदपूर्ति एक निरंतर प्रक्रिया है, निश्‍िचत समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ग) उत्‍तरांश () अनुसार। जिला चिकित्सालय खण्डवा में विगत दो वर्षों में की गई चिकित्सकों की नियुक्ति संबंधी जानकारी संलग्‍न  परिशिष्‍ट-ब अनुसार। जिला चिकित्सालय खण्डवा के अंतर्गत कोई विशेषज्ञ या चिकित्सक संलग्न नहीं है। (घ) उत्तरांश () अनुसार शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "छब्बीस"

स्‍वास्‍थ्‍य विभाग में स्टॉफ की उपलब्धता

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

122. ( क्र. 1119 ) श्री राजन मण्‍डलोई : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला बड़वानी के विकासखण्ड बड़वानी व पाटी के शासकीय सामुदायिक स्वास्‍थ्‍य केन्द्र, शासकीय प्राथमिक स्वास्‍थ्‍य केन्द्र, शासकीय उपस्वास्‍थ्‍य केन्द्रों में स्वीकृत पदों के विरूद्ध रिक्त पदों पर प्रश्‍न दिनांक तक पूर्ति कर दी गई हैं? (ख) यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध कराई जाये। (ग) यदि पूर्ति नहीं कि गई तो कारण बतावें व पूर्ति कब तक की जायेगी?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जिला बड़वानी के विकासखण्ड बड़वानी व पाटी के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रों में स्वीकृत पदों के विरूद्ध रिक्त पदों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -'''' अनुसार है।           (ग) पदपूर्ति एक निरंतर प्रक्रिया है, निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।

छात्रावासों का संचालन

[स्कूल शिक्षा]

123. ( क्र. 1120 ) श्री राजन मण्‍डलोई : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में ऐसे कितने कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास बनकर तैयार हैं जिनमें छात्रावासों का संचालन नहीं किया जा रहा है। (ख) क्या ऐसे छात्रावास क्षतिग्रस्तता की ओर बढ़ रहे हैं यदि हाँ, तो उनमें संचालन कब से प्रारंभ कर दिया जाएगा? (ग) क्या विभाग द्वारा छात्रावास भवनों का निर्माण किया जाकर राशि का अपव्यय किया गया है यदि नहीं, तो इतने समय से हैंड ओवर होने के पश्चात भी अभी तक उन भवनों में छात्राओं को प्रवेश क्यों नहीं दिया गया है।               (घ) भवन हैंड ओवर होने के बाद से छात्रावासों में प्रवेश नहीं देने के दोषियों के विरुद्ध शासन क्या कार्रवाई कर रहा है? नहीं तो क्यों नहीं? (ड.) संबंधित छात्रावास के निविदा, तुलानात्मक पत्रक, स्वीकृत नक्शा, तकनीकी स्वीकृति, प्रशासकीय स्वीकृति, कार्यादेश, गुणवत्ता सम्बन्धी लैब टेस्ट, रिपोर्ट व विभाग को भवन हैंड ओवर कब किये गए की प्रमाणित प्रति देवें।

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) बड़वानी जिले में राज्य शिक्षा केन्द्र के ऐसे 04 कस्तुरबा गांधी बालिका छात्रावास बनकर तैयार है, जिनमें छात्रावासों का संचालन नहीं किया जा रहा है तथा समग्र शिक्षा सेकेण्डरी एजुकेशन के अंतर्गत 06 बालिका छात्रावास संचालित है तथा सभी 06 समग्र शिक्षा (सेके. ऐजु.) छात्रावास हैंडओवर होकर संचालित है। (ख) जी नहीं। राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा संचालित सभी कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास में बाह्य विद्युतिकरण (बिजली कनेक्शन) ट्रांसर्फामर स्थापन उपरांत संचालन प्रारंभ किया जावेगा। इस हेतु कार्यवाही प्रारंभ है। समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है तथा समग्र शिक्षा सेकेण्डरी एजुकेशन के विषय में प्रश्‍नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में निरंक। (ग) जी नहीं। राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा संचालित सभी कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास के विषय में उतरांश "ख" अनुसार तथा समग्र शिक्षा (सेके. ऐजु.) के सभी 06 छात्रावास हैंड ओवर हो गये है एवं वर्तमान में नवीन भवन में छात्राएं प्रवेशित होकर निवासरत है। (घ) राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा संचालित सभी कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास के विषय में उत्तरांश "ख" अनुसार शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है तथा समग्र शिक्षा (सेके. ऐजु.) के विषय में प्रश्‍नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट पर है।

डबरा नगर में बस स्टैंड का निर्माण

[परिवहन]

124. ( क्र. 1128 ) श्री सुरेश राजे : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                            (क) विधानसभा क्षेत्र 19 डबरा में शहर के मुख्य मार्ग पर मध्यप्रदेश शासन सड़क परिवहन निगम बस स्टैंड (डिपो) की भूमि किस कारण किस फर्म को कितनी राशि में बेची गई? पूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाएं? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार क्या राज्य परिवहन निगम डबरा बस स्टैंड जनहित में बनाया जायेगा? यदि हाँ, तो समयावधि बतावें? डबरा बस स्टैंड की भूमि विक्रय होने से राज्य सड़क परिवहन निगम से अनुबंधित बस एवं प्राइवेट बस तथा अन्य चार पहिया वाहन मुख्य मार्ग के दोनों ओर खड़े होने से आये दिन जाम लगता है एवं दुर्घटनाएं होती हैं ऐसी स्थिति में डबरा शहर में बस स्टैंड किस स्थान पर कब तक स्थापित किया जायेगा? समयावधि बतावें और यदि नहीं, तो कारण बतावें।

परिवहन मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) डबरा बस स्‍टैण्‍ड (डिपो) की भूमि अनुपयोगी होने के कारण लोक परिसम्‍पत्‍ति प्रबंधन विभाग द्वारा बस स्‍टैण्‍ड (डिपो) की भूमि का विक्रय निम्‍न फर्मों को किया गया :- 1. मुख्‍य भाग डबरा बस डिपो के अवार्डी मेसर्स श्री गणपति कंस्‍ट्रक्‍शन को कुल राशि रूपये 5,52,75,000/- पर विक्रय की गई। 2. शेष भाग डबरा बस डिपो के अवार्डी मेसर्स श्री राजीव शर्मा को कुल राशि रूपये 3,83,85,000/- पर विक्रय की गई। (ख) शहर डबरा में एक अन्‍य बस स्‍टैण्‍ड नगर पालिका डबरा द्वारा संचालित किया जा रहा है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

शुगर मिल स्थित भूमि की कार्यवाही

[राजस्व]

125. ( क्र. 1131 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम गोगापुर-महिदपुर रोड स्थित शुगर मिल भूमि सर्वे           क्र. 345 रकबा 1.22 हे. प्रकरण क्र.4536/2024-25 न्यायालय नायब तहसीलदार महिदपुर के समक्ष विचाराधीन है? उक्त प्रकरण में प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? प्रतिवेदन देवें। क्या उक्त भूमि पूर्व से ही उद्योग विभाग व सहकारी संस्था की रही? यदि हाँ, तो जानकारी दें कि कब एवं किसके द्वारा उक्त भूमि को निजी भूमि के रूप में हस्तांतरित कराया गया? दस्तावेजों की छायाप्रति उपलब्ध कराएं। (ख) उक्त भूमि बंदोबस्त के समय भूमि सर्वे नं. 203 रकबा 1.22 हे. सन् 1974-1975-1980 तक शुगर मिल महिदपुर रोड उद्योग विभाग को विनिमय विलेख के आधार पर हस्तांतरित की गई थी? यदि हाँ, तो क्या भूमाफियाओं द्वारा राजस्व दस्तावेजों में हेर-फेर कर अवैधानिक तरीके से रजिस्ट्री कराई गई है? यदि हाँ, तो किसके द्वारा क्रय एवं विक्रय की गई? भूमि संबंधित दस्तावेज, रजिस्ट्री, दावे-आपत्तियों की छायाप्रति उपलब्ध कराएं? (ग) उक्त भूमि के संबंध में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ उज्जैन में शिकायत क्रमांक 158/2021 दिनांक 21/09/2021 को की गई थी? उक्त शिकायत के संबंध में प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? प्रतिवेदन देवें। क्या दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही की जाएगी? (घ) प्रश्‍नकर्ता द्वारा उक्त भूमि के प्रकरण के संबंध में प्रेषित पत्र क्रमांक 0395/010/2024 दिनांक 22/10/2024 के माध्यम से न्यायालय नायब तहसीलदार महिदपुर से स्थानांतरित कर माननीय कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत करना चाहा गया था। प्रेषित पत्र पर प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ, उक्त प्रकरण न्यायालय नायब तहसीलदार महिदपुर के समक्ष विचाराधीन रहा है, फिर उक्त प्रकरण की आपत्ति के बाद योग्य आदेशार्थ कलेक्टर उज्जैन को भेजा गया और उनके यहाँ से प्रकरण को तहसीलदार तहसील घट्टिया के न्यायालय में अग्रिम कार्यवाही एवं अंतिम निराकरण के लिए अंतरित किया गया। उपलब्ध रिकार्ड में खसरे के कॉलम 03 में भूमि स्वामी के रूप में उद्योग विभाग व सहकारी संस्था का नाम नहीं रहा है लेकिन कॉलम 12 की कैफियत में शुगर मिल, विनिमय, की विवरणी अंकित रही इस संबंध में कलेक्टर कार्यालय उज्जैन से जारी पत्र क्रमांक/2024/9958 दिनांक 29.10.2024 अनुसार रिकार्ड उपलब्ध नहीं है। इसलिए संदर्भित हस्तांतरण की जानकारी उपलब्ध नहीं है। (ख) वर्ष 1925-26 में बंदोबस्त पूर्व खसरे में सर्वे नं 118 रकबा 2.42 को बंदोबस्त बाद सर्वे नं 203 रकबा 3.02 है निजी भूमि स्वामी स्वत्‍व की रही। भूमि स्वामी का नाम नाथीबाई रहा। खसरा वर्ष 1977-78 में सर्वे नं 203 रकबा 3.02 के कॉलम नं 12 में विनिमय संबंधी प्रविष्टि दर्ज रही किन्तु किसी आदेश का उल्लेख नहीं है। खसरा वर्ष 1992-93 नामान्तरण पंजी क्रं 24 आदेश दिनांक 22.02.1992 से हिम्मतलाल दत्तक पुत्र स्वरूप का नामान्तरण प्रमाणित हुआ, भूमि स्वामी का नाम निरन्तर खसरा वर्ष 2019-20 तक दर्ज रहा। पुनः बिना किसी आदेश के उल्लेख के खसरा वर्ष 2008-09 से वर्ष 2012-13 तक खसरे के कॉलम नं 12 में काबिज उद्योग विभाग के सहायक संस्थान के परिसमापक पंजीयक शुगर कारखाना महिदपुर रोड की प्रविष्टि दर्ज रही जिससे खसरा वर्ष  2013-14 अनुसार प्रकरण क्रं 23/अ-6-अ/2013.14 आदेश दिनांक 07.06.2014 से प्रविष्टि को विलोपित किया गया। भू-माफियाओं द्वारा राजस्व दस्तावेजों में हेर-फेर असंवैधानिक तरीके से रजिस्ट्री कराई गई है या नहीं, इस शिकायत के संबंध में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ उज्जैन में जांच चल रही है। भूमि संबंधी दस्तावेज रजिस्ट्री, दावा आपत्ति संबंधित कार्यालय में उपलब्ध नहीं है। (ग) आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ उज्जैन में शिकयत क्र. 158/21 का सत्यापन जारी है। सत्यापन पूर्ण होने पर विधि अनुरूप कार्यवाही की जावेगी।                  (घ) उपरोक्त प्रकरण माननीय विधायक जी महिदपुर की आपत्ति के बाद किसी अन्य न्यायालय में अंतरण के लिए योग्य आदेशार्थ कलेक्टर उज्जैन को भेजा गया और उनके यहाँ से प्रकरण को दिनांक 18.11.2024 के प्रोसेडिंग आदेश द्वारा तहसीलदार तहसील घट्टिया के न्यायालय में अग्रिम कार्यवाही एवं अंतिम निराकरण के लिए अंतरित किया गया।

सायबर तहसील अंतर्गत नामांतरण

[राजस्व]

126. ( क्र. 1132 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                         (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा साइबर तहसील अंतर्गत भूमि के विक्रय पत्र के साथ ही राजस्व अभिलेख में भी नामांतरण करने के संबंध में आदेश प्रदान किए हैं? हाँ तो इस संबंध में जारी पत्र, परिपत्र, राजपत्र, आदेशों की प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराते हुए जानकारी प्रदान करें कि आदेश के अनुसार क्रेता विक्रेता को तहसीलदार के समक्ष उपस्थित होकर शपथ पत्र एवं मूल दस्तावेज प्रस्तुत करना अनिवार्य है या नहीं? हाँ तो किस आदेश एवं नियम के तहत? (ख) उज्जैन जिले में उक्त आदेश प्राप्त होने के बाद से आज दिनांक तक आई.जी. आर.एस. के माध्यम से आर.सी.एम.एस. (राजस्व) में कितने आवेदन साइबर भोपाल भेजे गए एवं कितने आवेदन स्वीकृत एवं अस्वीकृत किए गए हैं? संबंधित तह. न्यायालय को अग्रेषित आवेदन के क्या आधार है। संबंधित तहसीलदार ने अग्रेषित किये आवेदनों पर क्या कार्यवाही की है सायबर तह. से कितने प्रकरणों में सीधे नामांतरण हुए हैं तहसीलवार, ग्रामवार, सर्वे क्रमांकवार, प्रकरण क्रमांकवार सूची देवें। (ग) क्या शासन द्वारा उक्त आदेश प्राप्त होने के बाद भी साइबर तहसीलदार के स्थान पर जिले में तहसीलदार (विशेषकर नागदा- खाचरौद, महिदपुर, झारड़ा) द्वारा नियमों के विपरीत आवेदक/अनावेदक को अनुपस्थित बताते हुए बिना गुणदोषों के आधार पर साक्ष्य अधिनियम एवं भू-राजस्व संहिता तथा लोक सेवा गारंटी अधिनियम का हवाला देते हुए अवैधानिक रूप से नामान्तरण प्रकरण निरस्त करते हुए किसानों को परेशान करने के उद्देश्य से शासन के नियमों की अवहेलना की गई है? यदि हाँ, तो संबंधित अधिकारी पर क्या कार्रवाई की गई?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता (साइबर तहसील की प्रक्रिया) नियम 2022 की प्रति पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार(ख) जिला उज्जैन जिले में दर्ज एवं निराकृत प्रकरण की जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार। शेष प्रकरणों में नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है, जो निरंतर प्रक्रिया है। (ग) मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता (साइबर तहसील की प्रक्रिया) नियम 2022 के अनुसार ही तहसीलदार द्वारा कार्यवाही की जाती है। उज्‍जैन जिले की सभी तहसीलों में साइबर तहसील अंतर्गत प्राप्त आवेदनों का निराकरण नियमानुसार गुण दोषों के आधार पर किया जाता है।

क्षेत्रीय शिक्षण संस्थानों के संबंध में

[स्कूल शिक्षा]

127. ( क्र. 1136 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि   (क) क्या आदर्श उ.मा.वि. (मॉडल स्कूल) जावरा में विगत किस वर्ष से अब तक नवीन स्थाई शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की जा रही है, तो किन कारणों से? साथ ही विद्यालय के कुल कितने पद स्वीकृत होकर उनके विरुद्ध कितने शिक्षक किस नियम प्रक्रिया के अंतर्गत कार्यरत है? संपूर्ण जानकारी दें। (ख) ग्राम सुजापुर में बालिका छात्रावास भवन निर्माण एवं हायर सेकेंडरी भवन निर्माण की मांग विगत कई वर्षों से की जा रही है तो बजट में सम्मिलित कर इन्हें कब तक स्वीकृति दी जा सकेगी? (ग) विगत पिछले कई वर्षों से जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जावरा तहसील एवं पिपलोदा तहसील के अंतर्गत आने वाले भवन विहीन हायर सेकेंडरी एवं हाई स्कूल के योग्य संचालन हेतु नवीन भवन निर्माण की स्वीकृति बजट में सम्मिलित कर कब तक दी जा सकेगी? (घ) पिपलोदा एवं जावरा नगर में प्रगतिरत सी.एम. राइज स्कूल निर्माण कार्य कितना पूर्ण हुआ, कितना अपूर्ण रहा, कुल कितना बजट स्वीकृत होकर किन-किन कार्यों पर कितना व्यय हुआ एवं क्या विभिन्न कार्यों में आउटडोर स्टेडियम, इंडोर स्टेडियम, आधुनिक लेब, लाइब्रेरी इत्यादि के अलावा कोई अन्य आवश्यक कार्य भी सम्मिलित किए गए हैं? संपूर्ण कार्य प्रगति एवं कार्य योजना की जानकारी दें।

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) आदर्श उ.मा.वि. (मॉडल स्‍कूल) जावरा में वर्ष 2008 से स्‍थाई शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई है। आवश्‍यकतानुसार अंशकालीन शिक्षकों से कार्य करवाया जा रहा है। उल्‍लेखनीय है कि अंशकालीन शिक्षकों के पक्ष में मान. उच्‍च न्‍यायालय द्वारा याचिका क्रमांक-3373/2024 में आदेश दिनांक 22.04.2024 के अनुसार the petitioners who are still working shall be permited to continue at their respective post and any selection made shall be subject to final decision of this writ petition. उक्‍त आदेश को दृष्टिगत रखते हुए चयन की कार्यवाही नहीं की गई है। आदर्श उमावि (मॉडल स्‍कूल) जावरा में कुल शिक्षकों के स्‍वीकृत पद एवं कार्यरत की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-'''' अनुसार। (ख) एवं (ग) शासकीय हाई एवं हायर सेकेण्‍डरी स्‍कूल भवन एवं छात्रावास का निर्माण बजट की उपलब्‍धता तथा सक्षम समिति की स्‍वीकृति पर निर्भर करता है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-'''' अनुसार
परिशिष्ट - "सत्ताईस"

दलोदा में निर्मित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का संचालन

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

128. ( क्र. 1139 ) श्री विपीन जैन : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दलोदा में निर्मित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को शुरू कराये जाने हेतु विभाग के जिला प्रमुख द्वारा क्या-क्या कार्यवाहियां/पत्राचार विभाग को किये गये है? किए गए पत्राचार की छायाप्रतियां और विवरण देंवे? (ख) क्या दलोदा में निर्मित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र विभाग के पोर्टल पर दर्ज नहीं है क्या पोर्टल पर दर्ज नहीं होने के कारण वहां पर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जा रही है? (ग) विभाग द्वारा करोड रुपए खर्च कर दलोदा में बनाया गया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भवन कब तक वीरान पड़ा रहेगा? दलोदा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को बिना स्वास्थ्य सुविधाएं शुरू किये क्यों लोकार्पित कर दिया गया है(घ) क्या वर्तमान में दलोदा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नये भवन में स्वास्थ्य सुविधाओं का संचालन हो रहा है यदि हाँ, तो कार्यरत स्टॉफ और सुविधाओं का विवरण दें और यदि नहीं, तो क्यों और कब तक स्वास्थ्य सुविधाओं का संचालन शुरू कर दिया जाएगा? (ड.) क्या विभाग की विकास शाखा द्वारा उक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के संचालन संबंधी ऑनलाइन प्रक्रिया कर दी गई है यदि नहीं, तो क्यों और कब तक यह प्रक्रिया कर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदाय कर दी जाएगी?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्तमान में लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा विभाग अंतर्गत स्‍वास्‍थ्‍य संस्‍थाओं की जानकारी प्रदर्शित करने वाला कोई भी पोर्टल संचालित नहीं है। (ग) मानव संसाधन स्‍वीकृति तथा स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं हेतु संसाधन उपलब्‍ध कराये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) जी नहीं, उत्‍तरांश (ग) अनुसार। (ड.) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

घोड़ारोज़ और जंगली सुअरों से नुकसान और दुर्घटनाएं

[राजस्व]

129. ( क्र. 1142 ) श्री विपीन जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) प्रदेश के किसानों के खेतों में घोड़ारोज़ और जंगली सूअरों से हो रहे नुकसान और दुर्घटनाओं की रोकथाम और उनके स्थाई समाधान करने हेतु राज्य शासन की क्या योजना है? (ख) प्रदेश के विभिन्न जिलों में 1 जनवरी 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक घोड़ारोज़ और जंगली सुअरों से फसलों को हो रहे नुकसान और दुर्घटनाओं के संबंध में सीएम हेल्पलाइन में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है? जिलेवार शिकायतों का विवरण देवे? (ग) प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्रश्‍नांश (ख) की अवधि में कितने पीड़ित किसानों और इनके कारण हुई दुर्घटनाओं से प्रभावित हितग्राहियों द्वारा मुआवजे हेतु जिला कलेक्टर कार्यालय, अनुविभागीय स्तर, तहसील स्तर पर आवेदन किए गए हैं? उसका विवरण जिलेवार देवे? (घ) क्या पीड़ित किसानों और दुर्घटनाओं के हितग्राहियों को मुआवजा प्रदाय किया गया है यदि हाँ, तो कितना, जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराये?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6-4 के अंतर्गत वन्‍य प्राणियों से फसल क्षति, मकान क्षति, कपडे, खाद्यान्‍न तथा बर्तनों की हानि के लिए राहत राशि प्रदाय के प्रावधान है। वन्‍यप्राणियों से जनहानि, पशुहानि, जन घायल एवं पशु घायल होने पर वन विभाग द्वारा क्षतिपूर्ति राशि प्रदाय की जाती है। जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जिलेवार  जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-''''  अनुसार है। (घ) जी हाँ । जिलेवार जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है।

भादवामाता मेले को मेला पंचाग में शामिल किया जाना

[धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व]

130. ( क्र. 1143 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या राज्‍य मंत्री, धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में मेला पंचांग में वर्तमान में कितने मेलों को शामिल किया गया है और 1 जनवरी 2020 से कुल कितनी राशि कहां-कहां पर किस कार्य हेतु दी गई?                    (ख) प्रश्‍नांश (क) में संदर्भित उक्त अवधि में नीमच विधानसभा के भादवामाता मंदिर नवरात्रि मेले हेतु कब-कब जिला कलेक्टर ने विभाग को पत्र लिखे? उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या म.प्र. तीर्थ स्थान एवं मेला प्राधिकरण भोपाल द्वारा अपने पत्र क्रमांक 983 दिनांक             19 दिसंबर 2022 को नीमच जिले स्थित भादवामाता नवरात्रि मेले को पंचांग में शामिल करने हेतु पत्र लिखा था? यदि हां, तो पत्र पर की गई कार्यवाही की वर्तमान स्थिति से अवगत कराएं।                   (घ) क्या म.प्र. तीर्थ स्थान एवं मेला प्राधिकरण द्वारा जनवरी 2023 में नीमच स्थित भादवामाता मेले हेतु राशि रुपये 10 लाख स्वीकृत की गई थी? यदि हां, तो वर्तमान में यह राशि किस मद में कहां पर संरक्षित है, इसे भादवामाता मेला समिति को कब तक उपलब्ध करा दी जाएगी?

राज्‍य मंत्री, धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व ( श्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी ) : (क) प्रदेश में मेला पंचांग में वर्तमान में कुल 1591 मेलों को शामिल किया गया है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट- '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ग) भादवामाता मंदिर में नवरात्रि मेला प्राधिकरण के मेला पंचाग में सम्मिलित कर लिया गया है। (घ) जी हाँ। कलेक्‍टर जिला नीमच के शासकीय खाते की जानकारी प्राप्‍त न होने के कारण राशि का अन्‍तरण नहीं किया जा सका। वर्तमान में यह राशि प्राधिकरण के खाते में संरक्षित है। प्राधिकरण से स्‍वीकृत अनुदान राशि मेला समिति को जारी नहीं की जाती है। राशि जिला कलेक्‍टर को आवंटित की जाती है। कलेक्‍टर नीमच से मेला आयोजन के उपरांत प्रशासन द्वारा किये गये व्‍यय के देयकों की अभिप्रमाणित छायाप्रतियां एवं कलेक्‍टर जिला नीमच के शासकीय खाता की जानकारी प्राप्‍त होने पर ही राशि का आवंटन नियमानुसार संभव होता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

कस्तूरबा बालिका छात्रावास में अनियमितता

[स्कूल शिक्षा]

131. ( क्र. 1145 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर, रतलाम, नीमच जिलों में कुल कितने कस्तूरबा बालिका छात्रावास कक्षा 1 से 8 (राज्य शिक्षा केंद्र) तथा 9 से 12 (टाइप 4, स्कूल शिक्षा विभाग) कहाँ-कहाँ स्थित हैं तथा इनमें कुल कितनी बालिकाएँ वर्तमान में पंजीकृत हैं, सूची उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्‍नांश (क) में संदर्भित उक्त छात्रावास में 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितनी शिकायतें विभाग को प्राप्त हुईं, उन पर क्या कार्यवाही की गई, शिकायतकर्ता के नाम स्थान सहित जानकारी दें। (ग) 1 जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक प्रश्‍नांश (क) में संदर्भित उक्त छात्रावास वर्ष में कुल कितने दिन चलते हैं। उपरोक्त अवधि की मेस (भोजनशाला) की उपस्थिति पंजी की प्रतिलिपि, कैशबुक की प्रतिलिपि, छात्र उपस्थिति रजिस्टर की प्रतिलिपि, उक्त अवधि में बैंक स्टेटमेंट की प्रतिलिपि, बिलों की प्रतिलिपि, वर्षवार बिल वाउचर की प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं। (घ) 1 जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक प्रश्‍नांश (क) में संदर्भित उक्त छात्रावास वर्ष में विभाग द्वारा कब-कब, कुल कितनी-कितनी राशि छात्रावासों को प्रदान की गई? इसकी उपयोगिता की जांच एवं निरीक्षण के लिए विभाग के क्या-क्या निर्देश हैं? वर्ष में कितनी बार इन छात्रावासों की जांच आवश्यक है? उक्त अवधि में जांच अधिकारी का नाम, जांच में पाई गई अनियमितता आदि की जानकारी देते हुए बताएं कि उक्त अवधि में कब-कब इन छात्रावासों का ऑडिट/निरीक्षण किया गया? उसकी रिपोर्ट की प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं। ऑडिट कंडिका की जानकारी भी दें।

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। (ख) कक्षा 1 से 8 तक के छात्रावासों में वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक कोई भी शिकायत जिले में प्राप्‍त नहीं हुई है। कक्षा 9 से 12 बालिका छात्रावास नीमच में 01 शिकायत श्री गोपाल नायक ग्राम रातडिया द्वारा की गई थी। प्रतिवेदन अनुसार शिकायत निराधार पाई गई। प्राचार्य एवं सिविल सर्जन का प्रतिवेदन पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है। (ग) एवं (घ) छात्रावास वर्ष में लगभग 10 माह तक संचालित होते है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-''3'' अनुसार है। कक्षा 1 से 8 तक के छात्रावासों में निरीक्षण प्रतिवेदनों तथा ऑडिट रिपोर्ट में कोई अनियमितता परिलक्षित नहीं हुई है।

स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

132. ( क्र. 1151 ) श्री हरी सिंह सप्रे : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुरवाई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र प्राथमिक/स्वास्थ्य केंद्र/उपस्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र कहाँ-कहाँ संचालित है? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार उक्‍त स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों में कितने चिकित्‍सक/पैरामेडिकल स्‍टॉफ के पद स्‍वीकृत है तथा स्‍वीकृत पद के विरूद्ध कितने चिकित्‍सक/पैरामेडिकल स्‍टॉफ कौन-कौन से स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र में पदस्‍थ है अस्‍पताल वार नाम सहित जानकारी देवें? स्‍वीकृत पद अनुसार कितने पद रिक्‍त है अस्‍पतालवार बतावें?         (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में उपरोक्‍त स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों में चिकित्‍सा/उपचार की कौन-कौन सी सुविधाएं है एव क्‍या क्‍या उपकरण उपलब्‍ध है एव किन-किन उपकरणों/मशीनों की आवश्‍यकता है स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रवार जानकारी देवें? (घ) कुरवाई में संचालित सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र को सिविल हॉस्पिटल में उन्‍नयन हेतु विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की जा रही है? कब तक सिविल हॉस्पिटल की सुविधा कुरवाई को मिलेगी?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार। (घ) स्‍वास्‍थ्‍य संस्‍थाओं की स्‍थापना/उन्‍नयन विभाग की एक निरंतर प्रक्रिया है, स्‍वास्‍थ्‍य संस्‍थाओं की स्‍थापना/उन्‍नयन स्‍थानीय जनसंख्‍या, संस्‍था का बेड ऑक्‍यूपेंसी रेट, स्‍थानीय आवश्‍यकता, नजदीकी स्‍वास्‍थ्‍य संस्‍थाओं की दूरी तथा वित्‍तीय संसाधनों की उपलब्‍धता के आधार पर किया जाता है, निश्चित समयावधि बतायी जाना संभव नहीं है।

जिला अस्पताल एवं सिविल अस्पताल की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

133. ( क्र. 1154 ) डॉ. राजेश सोनकर : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा जिला अस्पताल देवास एवं सिविल अस्पताल सोनकच्छ में वर्ष 2018-19 से प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन लेखा शीर्षों में आवंटन प्राप्त हुआ तथा किन-किन कार्यों पर व्यय किया गया? वर्षवार जानकारी उपलब्ध कराए? (ख) विभाग द्वारा स्वास्थ्य विभाग की मॉनिटरिंग हेतु कितने अधिकारियों को नियुक्त किया व मॉनिटरिंग अधिकारी कौन-कौन है पदस्थापना की दिनांक सहित पदनाम बतायें। (ग) विभाग को जिला देवास एवं सोनकच्छ विधानसभा की कितनी शिकायतें वर्ष 2018-19 से प्रश्‍न दिनांक तक प्राप्त हुई है। जांच अभिमत सहित विवरण दें? (घ) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार प्रश्‍न दिनांक तक महालेखाकार की कौन-कौन सी ऑडिट कंडिकाएं लंबित है?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार। सिविल अस्पताल सोनकच्छ पृथक से डी.डी.ओ. न होने के कारण आवंटन प्राप्त नहीं होता है। (ख) स्वास्थ्य विभाग की मॉनीटरिंग हेतु पृथक से अधिकारियों को नियुक्त नहीं किया गया है अपितु समय-समय पर आवश्‍यकता अनुसार वरिष्‍ठ अधिकारियों, मुख्‍य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी तथा खण्ड चिकित्सा अधिकारी द्वारा मॉनीटरिंग की जाती है। अधिकारियों की पदस्थापना की दिनांक एवं पदनाम सहित  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार। (ग) विभाग को जिला देवास एवं सोनकच्छ विधानसभा की वर्ष 2018-19 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल 03 शिकायत प्राप्त हुई जाँच अभिमत के विवरण की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार। (घ) प्रश्‍नांश (क) अनुसार प्रश्‍न दिनांक तक महालेखाकार की ऑडिट कंडिकाएं की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार।

झाबुआ विधान सभा को स्‍वीकृत फंड की जानकारी

[धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व]

134. ( क्र. 1160 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या राज्‍य मंत्री, धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019 में तत्कालीन सरकार ने झाबुआ विधान सभा के कितने धार्मिक स्थलों के जीर्णोद्धार और विनिर्माण के लिए कितना-कितना फंड दिया? (ख) प्रश्‍न दिनांक तक कितने कार्य पूर्ण हो गए और यदि नहीं, हुए, तब क्यों नहीं हुए। क्‍या इस वित्तीय वर्ष में अपूर्ण कार्य को पूर्ण करने की योजना है या नहीं।

राज्‍य मंत्री, धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व ( श्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) स्‍वीकृत 09 मंदिरों में से 04 मंदिरों के कार्य पूर्ण किये गये है। 03 मंदिरों का कार्य अपूर्ण है। शेष मंदिरों में से 01 मंदिर के कार्य हेतु निविदा प्रक्रिया की गई है एवं 01 मंदिर में स्‍थान रिक्‍त नहीं होने से कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। द्वितीय किश्‍त के संबंध में प्रक्रिया प्रचलित है। बजट की उपलब्‍धता के आधार पर नियमानुसार राशि जारी की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "अट्ठाईस"

शिक्षकों को समयमान वेतनमान एवं क्रमोन्नति का लाभ

[स्कूल शिक्षा]

135. ( क्र. 1165 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्राथमिक, माध्यामिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों को समयमान वेतनमान दिये जाने हेतु शासन द्वारा आदेश जारी कर सक्षम अधिकारी को आदेश जारी करने हेतु अधिकृत किया गया है। यदि हाँ, तो शिवपुरी जिले में आज दिनांक तक कितने प्राथमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों को प्रथम एवं द्वितीय समयमान वेतनमान एवं क्रमोन्नति का लाभ दिए जाने के आदेश जारी किये गये हैं? सूची उपलब्ध करायी जावे। (ख) प्रश्‍नांश '' के अनुसार शिवपुरी जिले में कार्यरत कितने प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों को आज दिनांक तक समयमान वेतनमान एवं क्रमोन्नति का लाभ दिये जाने के आदेश जारी किये गये हैं। यदि नहीं, तो क्यों? आदेश कब तक जारी कर दिए जाएंगे, समयावधि बतायें? (ग) शिवपुरी जिले में उच्च माध्यमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक एवं प्राथमिक शिक्षक कार्यरत हैं उनको कोरोना काल वर्ष 2020 की वेतन वृद्धि की एरियर राशि का कितने शिक्षकों को भुगतान कर दिया तथा कितने शिक्षक भुगतान से शेष हैं यदि शेष है तो उनको कब तक किया जाएगा। संकुल बार सूची उपलब्ध कराए।

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। शिवपुरी जिले के 1435 प्राथमिक शिक्षक, 292 माध्यमिक शिक्षकों के क्रमोन्नति आदेश जारी किए गये हैं। जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-''एक'' अनुसार। उच्च माध्यमिक शिक्षक संवर्ग को समयमान वेतनमान का लाभ दिये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक की जानकारी उत्तरांश "क" अनुसार। उच्च माध्यमिक शिक्षक संवर्ग को समयमान वेतनमान का लाभ दिया जाना सतत् प्रकिया है। समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) कोरोना काल वर्ष 2020 की वेतनवृद्धि एरियर राशि भुगतान की जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-''दो'' अनुसार है। शेष 28 शिक्षकों की जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-''तीन'' अनुसार है। यह एक सतत् प्रकिया है। समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

श्री महादेव मंदिर बिजरौनी की माफी भूमि की जानकारी

[राजस्व]

136. ( क्र. 1174 ) श्री महेंद्र रामसिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम बिजरौनी परगना कोलारस जिला नरवर (हाल तहसील बदरवास जिला शिवपुरी) के मंदिर महादेव जी के नाम पर वर्ष 1931 में सर्वे नंबर 158 भूमि रकबा 146 बीघा माफी की भूमि पुजारी रूपपुरी गुरू, गनपत गुरू, हीरापुरी गुरू व कृपाल गुरू राजस्व रिकार्ड में दर्ज थी? क्या उक्त भूमि वर्ष 1931 के बाद के वर्षों में भी राजस्व रिकार्ड में दर्ज रही है? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार क्या उक्त भूमि वर्ष 1931 के बाद राजस्व रिकार्ड में नहीं है यदि हाँ, तो क्यों व किस कारण से दर्ज नहीं है? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अनुसार क्या वर्ष 1931 से प्रश्‍न दिनांक तक सर्वे नंबर 158 में कोई परिवर्तन किया गया है यदि हाँ, तो कब-कब, वर्षवार परिवर्तित रिकार्ड उपलब्ध करावें? वर्तमान में उक्त सर्वे नंबर पर क्या मंदिर के अधिपत्य में है यदि नहीं, तो उक्त सर्वे नंबर पर वर्तमान में किस-किस का वैध/अवैध कब्जा है नाम, पिता का नाम, पते सहित जानकारी उपलब्ध करावें?                   (घ) क्या शासन उक्त भूमि को वैध/अवैध कब्जे से मुक्त कराकर पुनः मंदिर के अधिपत्य में वापिस किये जाने हेतु कार्यवाही करेगा।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) :  (क) तहसीलदार तहसील बदरवास के प्रतिवेदन अनुसार जिला अभिलेखागार, तहसील कार्यालय व हल्‍का पटवारी के पास उपलब्‍ध रिकॉर्ड के अनुसार तत्‍कालीन सर्वे क्रमांक 158 (पुराना) जिसकी स्थिति निम्‍नानुसार है-

वर्ष

सर्वे नंबर

रकबा

(बीघा में)

अभिलेखागार की स्थिति

रिमार्क

वर्ष 1921 की स्थिति (संवत् 1978)

158

4 बीघा 13 विश्‍वा

शंकरिया बल्‍द मनका कौम कलार साकिन देह दाखिलकार

जिला अभिलेखागार में वर्ष 1931 का रिकार्ड उपलब्‍ध नहीं है।

वर्ष 1950, 1951 की स्थिति

158

4 बीघा 13 विश्‍वा

रामप्रसाद पुत्र गोरेलाल जाति ब्राह्मण निवासी ग्राम

जिला अभिलेखागार से प्राप्‍त रिकॉर्ड अनुसार

वर्ष 1961-62 की स्थिति

376

5 बीघा 13 विश्‍वा

रामप्रसाद पुत्र गोरेलाल जाति ब्राह्मण निवासी ग्राम

वर्ष 1961-62 में चकबंदी उपरांत भूमि सर्वे क्रमांक 158 से 376 निर्मित हुआ है।

वर्ष 1972-73 से 1992 तक की स्थिति

310

4 बीघा 13 विश्‍वा

रामप्रसाद पुत्र गोरेलाल जाति ब्राह्मण निवासी ग्राम

बंदोबस्‍त वर्ष 1972-73 में सर्वे क्रमांक 376 से 310 निर्मित हुआ।

वर्ष 1993-1994 से 2010-11 तक की स्थिति

310

0.972 हे.

रामप्रसाद पुत्र गोरेलाल जाति ब्राह्मण निवासी ग्राम

तहसील कार्यालय से प्राप्‍त रिकॉर्ड के अनुसार

वर्तमान स्थिति

310

0.972 हे.

रामभरोषा पुत्र रामदयाल जाति नाई नि. ग्रा. भूमिस्‍वामी

 

 

जिला अभिलेखागार रिकॉर्ड शाखा से प्राप्त रिकॉर्ड अनुसार भूमि सर्वे क्र. 158 व उसके परिवर्तित सर्वे क्रमांकों की भूमि मंदिर महादेव जी के नाम पर दर्ज नहीं रही। जिला अभिलेखागार से प्राप्त रजिस्टर खातेजात जमाबंदी वर्ष 1961-62 में मंदिर श्री महादेव जी के नाम से निम्‍न भूमि दर्ज है-

क्र.

सर्वे नं.

रकवा (बीघा में)

कृषक तथा पिता का नाम

जाति निवास स्‍थान

1

3784

6 बीघा 15 विश्वा

मंदिर श्री महादेव जी भूमिस्‍वामी व्‍यवस्‍थापक परमानंद पुत्र रामलाल जाति ब्राह्मण

2

3785

8 बीघा 9 विश्‍वा

3

3795

4 बीघा

योग

कुल किता 3

19 बीघा 5 विश्‍वा

(ख) 1. जिला अभिलेखागार से प्राप्‍त रिकॉर्ड वर्ष 1921 (संवत् 1978)  के अनुसार भूमि सर्वे क्रमांक 158 रकबा 4 बीघा 13 विश्‍वा शंकरिया वल्‍द मनका कौम कलार साकिन देह दाखिलकार के नाम पर भूमिस्‍वामी स्‍वत्‍व पर दर्ज है। 2. जिला अभिलेखागार से प्राप्‍त रिकॉर्ड अनुसार वर्ष 1931 के बाद वर्ष 1950-51 में भूमि सर्वे क्र. 158 रकबा 4 बीघा 13 विश्‍वा भूमि रामप्रसाद पुत्र गोरेलाल जाति ब्राह्मण के नाम पर दर्ज है। शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता। (ग) जिला अभिलेखागार से प्राप्‍त रिकॉर्ड वर्ष 1921 में भूमिस्‍वामी शंकरिया वल्‍द मनका कौम कलार साकिन देह दाखिलकार के स्‍थान पर वर्ष 1951-52 में रामप्रसाद पुत्र गोरेलाल जाति ब्राह्मण दर्ज है तथा वर्ष 1961-62 के रिकॉर्ड अनुसार भूमि सर्वे क्र. 158 से 376 निर्मित हुआ जिसमें भूमिस्‍वामी सर्वे क्र. 158 एवं सर्वे क्र. 376 में एक समान है (रामप्रसाद पुत्र गोरेलाल जाति ब्राह्मण)। इसके उपरांत वर्ष 1972-73 में बंदोबस्‍त उपरांत सर्वे क्र. 376 से सर्वे क्र. 310 निर्मित हुआ, जो कि रामप्रसाद पुत्र गोरेलाल के नाम भूमिस्‍वामी स्‍वत्‍व पर दर्ज है। वर्ष 2005-06 में रामप्रसाद पुत्र गोरेलाल के स्‍थान पर उसकी पुत्री रतनकुवंर पुत्री रामप्रसाद जाति ब्राह्मण निवासी ग्राम भूमिस्‍वामी दर्ज है। इसके उपरांत कम्‍प्‍यूटर खसरा वर्ष 2011-12 में भूमि सर्वे क्रमांक 310 रकबा 0.972 हे. भूमि रामकुमारी पत्‍नी शिवकुमार के नाम पर दर्ज है तथा वर्ष 2016-17 में भूमि सर्वे क्र. 310 रकबा 0.972 हे. भूमि रामभरोषा पुत्र रामदयाल जाति नाई के नाम पर दर्ज है। 2. वर्तमान में उक्‍त सर्वे क्र. म‍ंदिर के नाम पर दर्ज नहीं है उक्‍त भूमि पर किसी का अवैध कब्‍जा नहीं है। बल्कि रामभरोषा पुत्र रामदयाल जाति नाई के नाम ही भूमिस्‍वामी स्‍वत्‍व पर दर्ज है। (घ) जिला अभिलेखागार व तहसील बदरवास से प्राप्‍त रिकॉर्ड अनुसार भूमि सर्वे क्रमांक 158 कभी भी मंदिर महादेव जी के नाम पर दर्ज नहीं रहा है। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

इलाज के दौरान सुविधा हेतु भवन का निर्माण

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

137. ( क्र. 1178 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन की नागपुर महाराष्ट्र में कोई भूमि उपलब्ध है? यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश से महाकौशल, बुंदेलखंड एवं विंध्य क्षेत्र के आर्थिक रूप से कमजोर गरीब वर्ग के लोग जो इलाज कराने के लिए नागपुर जाते है, उनकी सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए उक्त भूमि पर भवन निर्माण कराये जाने पर विचार करेगा और कब तक? (ख) यदि म.प्र. शासन की भूमि नागपुर महाराष्ट्र में उपलब्ध नहीं है तो भी क्या शासन मरीजों और उनके परिजनों को नागपुर में इलाज के दौरान ठहरने एवं चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने की दृष्टि से दिल्ली के एमपी भवन की तर्ज पर भवन का निर्माण एवं उसी स्थान पर उनके उचित मार्गदर्शन के लिए मेडिकल हेल्प डेस्क शुरू करने हेतु महाराष्ट्र सरकार से नागपुर में भूमि लीज पर लेकर भवन निर्माण कराये जाने पर विचार करेगा तथा कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

शासकीय स्कूलों के भवन एवं पहुँच मार्ग की व्‍यवस्‍था

[स्कूल शिक्षा]

138. ( क्र. 1181 ) श्री मथुरालाल डामर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले के अन्तर्गत कितने शासकीय हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल संचालित हैं? संचालित स्कूलों के स्वयं के कितने भवन हैं, कितनो के नहीं, कितने भवन निर्माणाधीन हैं और कितने जीर्णशीर्ण है? स्कूल भवन से गांव की दूरी बतावें। (ख) उपरोक्त स्कूलों में से कितने स्कूलों में शाला पहुँच मार्ग नहीं है? कितने स्कूलों में कच्चा पहुँच मार्ग है यदि मार्ग नहीं है तो क्यों नहीं है? (ग) क्या स्कूल विद्युतीकरण व्यवस्था का संचालन न होने से छात्रों को कक्षों में बैठने में असुविधा हो रही है एवं पहुंच मार्ग न होने से छात्रों को बारिश के दौरान आने-जाने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है? (घ) प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत स्कूलों में बाहरी विद्युतीकरण की व्यवस्था कब तक कराया जावेगा?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-''एक'' एवं ''दो'' अनुसार है। (ख) प्रश्‍नाधीन जिला अंतर्गत संचालित सभी शासकीय हाईस्‍कूल एवं हायर सेकेण्‍डरी स्‍कूलों में शाला पहुँच मार्ग उपलब्‍ध है। 06 विद्यालयों में कच्‍चा पहुँच मार्ग है। अत: शेषांश उद्भूत नहीं होता। (ग) प्रश्‍नाधीन जिला अंतर्गत शासकीय समस्‍त हाई एवं हायर सेकेण्‍डरी स्‍कूलों में विद्युत सुविधा उपलब्‍ध है। अत: शेषांश उद्भूत नहीं होता एवं 06 विद्यालयों में कच्‍चा पहुँच मार्ग होने से बारिश के दौरान स्‍थानीय पंचायत के सहयोग से आवागमन व्‍यवस्‍था कर ली जाती है।               (घ) उत्‍तरांश '' के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

श्‍योपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती प्रक्रिया

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

139. ( क्र. 1183 ) श्री बाबू जन्‍डेल : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर में मेडिकल कॉलेज कब से प्रारम्भ हो जावेगा? जानकारी दें। (ख) मेडिकल कॉलेज में किस-किस वर्ग के कुल कितने पद स्वीकृत है? पदवार अवगत कराएं? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार स्वीकृत पदों पर नियुक्ति के क्या नियम है? नियम, शर्तों भर्ती/चयन प्रकिया आदेशों की छायाप्रति उपलब्ध कराएं? (घ) क्या कुछ पदों पर डीन या मेडिकल कॉलेज प्रभारी द्वारा स्थानीय (श्योपुर) स्तर पर भी भर्ती/चयन प्रक्रिया की जावेगी? यदि हाँ, तो कौन-कौन से पदों पर एवं कब तक जानकारी दें।

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) श्योपुर मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य प्रचलन में है। अतः निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।    (ख) श्योपुर मेडिकल कॉलेज में स्वीकृत पदवार, वर्गवार पदों की  जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार(ग) शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के लिये स्वीकृत पदों पर नियुक्ति एवं सेवा शर्तों के संबंध में मध्यप्रदेश चिकित्‍सा शिक्षा (राजपत्रित) सेवा भर्ती नियम, 2023, यथा संशोधित 2024 एवं मध्यप्रदेश चिकित्‍सा शिक्षा (अराजपत्रित) सेवा भर्ती तथा पदोन्‍नति नियम, 2023, यथा संशोधित 2024 की  जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार। (घ) सीनियर रेसीडेंट की चयन प्रक्रिया संबंधी कार्यवाही विभागीय आदेश क्रमांक 89/एफ 2-42/2007/1/55 (पार्ट) भोपाल, दिनांक 12.01.2024 में दिये गये प्रावधान अनुसार चिकित्सा महाविद्यालय स्तर पर की जाती है, की  जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-''3'' अनुसार। निश्चित समयसीमा बताया जाना संभव नहीं है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

जमुनिया माइक्रो इरीगेशन योजना

[जल संसाधन]

140. ( क्र. 1192 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जमुनिया माइक्रो इरीगेशन से किसानों को पानी देने की अवधि कब तक की थी? (ख) इस योजना में कितने ग्राम सम्मिलित हैं और कितने हेक्टेयर जमीन सिंचित है? (ग) इससे किसानों को कब तक पानी मिल जाएगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जमुनिया माइक्रो इरीगेशन सिस्टम से रबी सिंचाई 2024, किसानों को माह नवम्बर वर्ष 2024 से सिंचाई हेतु पानी दिया जाना निर्धारित था। (ख) परियोजना से 32 ग्रामों की 10300 हेक्टेयर भूमि सिंचित किया जाना प्रावधानित है।                (ग) जमुनिया माइक्रो इरीगेशन सिस्टम से दिनांक 17.11.2024 से प्रारंभ कर आवश्‍यकतानुसार पानी दिया जाना लक्षित है।

सिंचाई हेतु नवीन तालाब निर्माण की स्वीकृति‍

[जल संसाधन]

141. ( क्र. 1197 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत झिरन्या विकासखण्ड के पहाड़ी क्षेत्र में वर्तमान में सिंचाई हेतु कौन-कौन सी तालाब निर्माण या बैराज निर्माण की योजना विभाग द्वारा प्रस्तावित है? जानकारी दें तथा यह भी बतायें की समस्त प्रस्तावित संरचनाओं की साध्यता प्राप्त हो चुकी है? यदि नहीं, तो क्या कारण है तथा कब तक साध्यता प्रदाय की जायेगी? (ख) क्‍या पहाड़ी अंचल पर सिंचाई हेतु पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु तालाब निर्माण की स्वीकृति‍ जारी की जायेगी? यदि हाँ, तो कृपया समयावधि ‍एवं कौन-कौन सी संरचनाओं की स्वीकृति‍ प्रदाय की जायेगी जानकारी दें तथा यदि नहीं, तो क्या कारण है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत झिरन्या विकासखण्ड के पहाड़ी क्षेत्र में वर्तमान में विभाग द्वारा 04 तालाब व 01 बैराज प्रस्‍तावित किये गये थे जिनका  विवरण संलग्न  परिशिष्ट  अनुसार है। उक्‍त परियोजनाऐं व्‍यवहारिक रूप से प्रथम दृष्‍टया असाध्‍य प्रतीत होती है अत: योजनाओं की स्‍वीकृति की संभावना एवं समय सीमा वर्तमान में बताया जाना संभव नहीं है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर अनुसार योजनाओं की स्‍वीकृति की संभावना एवं समय सीमा वर्तमान में बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "उनतीस"

मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति‍

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

142. ( क्र. 1198 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या खरगोन जिले अन्तर्गत मुख्यालय पर नवीन मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति‍ शासन द्वारा प्रदाय की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त स्वीकृति‍ हेतु वर्तमान तक विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही का विवरण बतायें। यदि नहीं, तो क्या कारण है? (ग) खरगोन में मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति कब तक प्रदाय की जायेगी?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ । जिला खरगोन में 100 एम.बी.बी.एस. सीट प्रवेश क्षमता का नवीन चिकित्‍सा महाविद्यालय की स्‍थापना किये जाने की सैद्धांतिक सहमति मध्‍यप्रदेश शासन चिकित्‍सा शिक्षा विभाग द्वारा दिनांक 05.07.2023 को जारी की गई हैं। (ख) चिकित्‍सा महाविद्यालय खरगोन की स्‍थापना हेतु प्रथम चरण में बॉउन्‍ड्रीवाल निर्मित किये जाने हेतु राशि रूपये 378.08 लाख की स्‍वीकृति दिनांक 25.08.2023 के द्वारा जारी की गई हैं। (ग) पी.पी.पी. मोड पर खरगोन में मेडिकल कॉलेज खोलने की निविदा जारी की जा चुकी है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

कार्यपालन यंत्री को मुख्‍य अभियंता का प्रभार

[जल संसाधन]

143. ( क्र. 1201 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में प्रभारी मुख्‍य अभियंता पद (जल संसाधन विभाग) में कार्यरत         श्री अशोक कुमार डेहरिया, जिनका मूल पद कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन विभाग है, उन्‍हें किस नियम/आदेश के तहत सिवनी में प्रभारी मुख्‍य अभियंता, जल संसाधन विभाग पद में पदस्‍थ किया गया है? साथ ही श्री डेहरिया को जिला रीवा में भी मुख्‍य अभियंता, जल संसाधन विभाग का अतिरिक्‍त प्रभार किस नियम/आदेश के तहत दिया गया है? (ख) श्री अशोक कुमार डेहरिया का मूल जिला छिन्‍दवाड़ा है, उसके बाद भी उन्‍हें छिन्‍दवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, मंडला सहित अन्‍य जिले के जल संसाधन विभाग के मुख्‍य अभियंता, जल संसाधन विभाग के पद पर पदस्‍थ किया गया?                (ग) अशोक कुमार डेहरिया, मूल पद कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन विभाग को किस आधार/नियम के तहत मुख्‍य अभियंता बनाया गया है, क्‍योंकि वर्तमान में उनसे भी ज्‍यादा वरिष्‍ठ अधिकारी प्रदेश के जिलों में कार्यरत हैं? वरिष्‍ठ अधिकारियों को मुख्‍य अभियंता पद का प्रभार न देकर कार्यपालन यंत्री को किस आधार पर मुख्‍य अभियंता पद का प्रभार दिया गया? इन्‍हें तुरंत सिवनी के मुख्‍य अभियंता जल संसाधन विभाग के पद से हटाकर आज तक इनके द्वारा जितने भी निर्माण कार्य के विरूद्ध भुगतान किए हैं, उनकी जांच कर कार्यवाही की जाए। प्रदेश स्‍तरीय टीम गठित कर जांच कराई जाए।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

अहमदपुर का नाम देवीपुरा परिवर्तित किया जाना

[राजस्व]

144. ( क्र. 1203 ) श्री सुदेश राय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                             (क) नियम 117 के अधीन अशासकीय संकल्प की सूचना दिनांक 09.08.2023 द्वारा एवं समय- समय पर प्रश्‍नकर्ता  द्वारा विभाग में किये गये पत्राचार पर जिला सीहोर अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र सीहोर के ग्राम अहमदपुर का नाम देवीपुरा परिवर्तित करने के संबंध में विभाग द्वारा आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई जानकरी दें। (ख) क्या विभाग द्वारा प्रस्ताव तैयार कर आगामी कार्यवाही हेतु केन्द्र शासन को प्रेषित किया गया है, यदि नहीं, तो प्रस्ताव कब तक प्रेषित किया जावेगा? बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। सीहोर के ग्राम अहमदपुर का नाम देवीपुरा परिवर्तित करने के संबंध में कलेक्‍टर सीहोर से प्रस्‍ताव प्राप्‍त कर लिया गया है। (ख) प्राप्‍त प्रस्‍ताव के आधार पर भारत सरकार के परिपत्र दिनांक 11 सितम्‍बर 1958 के अनुसार 14 बिंदुओं की जानकारी सहित प्रस्‍ताव प्रशासकीय अनुमोदन उपरांत भारत सरकार को भेजा जा रहा है।

रिक्‍त पदों की जानकारी

[स्कूल शिक्षा]

145. ( क्र. 1204 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्कूली शिक्षा विभाग के अंतर्गत प्रदेश में सहायक ग्रेड-3 के कितने पद स्वीकृत है? (ख) कितने पद पर वर्तमान में कार्यरत है? (ग) कितने पद दिनांक 1 नवंबर 2024 की स्थिति में रिक्त है? रिक्त पदों की जानकारी प्रवर्गवार एवं जिलेवार प्रदान की जावे।

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "तीस"

रजिस्‍ट्रार नर्सेस कांउसिल के विरूद्ध शिकायत

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

146. ( क्र. 1208 ) श्री उमंग सिंघार : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्सिंग संस्थाओं को गलत ढंग से मान्यता दिये जाने के विरूद्ध कितनी शिकायतें दिनांक 01.01.2020 से प्रश्‍न तिथि तक प्राप्त हुई? (ख) क्या नर्सिंग संस्थाओं को मान्यता दिलाने एवं असत्य निरीक्षण रिपोर्ट देने के दोषी लोक सेवक सुश्री चांद, रजिस्ट्रार नर्सेस रजिस्ट्रेशन कांउसिल के विरूद्ध माननीय मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र दिनांक 10.10.2024 प्रश्‍नकर्ता द्वारा लिखा गया है? यदि हां, तो विभाग द्वारा इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? कार्यवाही नहीं करने के लिए कौन दोषी है? (ग) प्रश्‍न (क) के प्रकाश में संबंधितों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? प्रकरणवार विवरण दें? (घ) क्या नर्सिंग कांउसिल की रजिस्ट्रार अनीता चांद पर अनियमितताओं के आरोपों की जांच के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय ने निर्देश दिये है तो कब? विभाग ने इस संबंध में क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो क्यों?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) जी हां, लोक सेवक सुश्री चांद को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है तथा संचालनालय लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा के पत्र क्रमांक 3157/स्‍था/नर्सिंग/2024 दिनांक 02.12.2024 द्वारा जांच समिति गठित की गई है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार(ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' एवं ''3'' अनुसार(घ) जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

ज्‍वाइन्‍ट वेन्‍चर अनुबंध न होने से शासन को हानि

[जल संसाधन]

147. ( क्र. 1209 ) श्री उमंग सिंघार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विभागीय निर्माण संबंधी निविदाओं में ज्‍वाइन्‍ट वेन्‍चर को भाग लेने का प्रावधान है, यदि हाँ, तो वर्ष 2020-21 से वर्ष 2024-25 तक ऐसे कौन से निर्माण कार्य हैं जिनमें ज्‍वाइन्‍ट वेन्‍चर की निविदा आवेदित की गई हो? निर्माण कार्य का नाम, निविदा स्‍वीकृति की दिनांक, निविदा स्‍वीकृति करने वाले अधिकारी का नाम व पद एवं जानकारी उपलब्‍ध कराएं। (ख) उपरोक्‍त में से कौन-कौन सी निविदाओं में अपंजीकृत ज्‍वाइंट वेंचर अनुबंध मान्‍य कर स्‍वीकृत किए गए, उनसे संबंधित निविदाकार का नाम एवं निविदा राशि का विवरण दिया जाये? (ग) क्‍या भारतीय पंजीयन अधिनियम के अनुसार इस प्रकार के दस्‍तावेज अनिवार्य रूप से पंजीयत होना चाहिये। यदि हाँ, तो अनुबंध पंजीयत न किये जाने का क्‍या कारण है? क्‍या अनिवार्य रूप से पंजीयन होने के बाद भी अपंजीयत अनुबंध स्‍वीकार करने से पूरी निविदा प्रक्रिया दूषित हो गई है? (घ) अपंजीयत ज्‍वाइन्‍ट वेन्‍चर एग्रीमेंट स्‍वीकार करने से विगत 5 वर्षों में शासन को पंजीयन शुल्‍क की कितनी हानि हुई है? क्‍या इस कर अपवंचन अनियमितता की जांच आर्थिक अपराध शाखा से कराई जावेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों? (.) जिन अभियंताओं ने बगैर पंजीयन के ज्‍वाइन्‍ट वेन्‍चर एग्रीमेंट स्‍वीकार किये है उनके विरूद्ध क्‍या विभाग अनुशासनात्‍मक कार्यवाही प्रारंभ करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है। निविदा स्वीकृति शासन द्वारा गठित विभिन्न स्तरीय समितियों के माध्यम से की जाती है। अत: किसी अधिकारी का नाम दिये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। प्रावधान अनुसार निविदा में भाग लेने के पूर्व ही निविदाकारों को ज्वाईंट वेंचर में भाग लेने की स्थिति में, ज्वाईंट वेंचर एग्रीमेंट का नोटराईज्ड अथवा रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है। अतः शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में निविदा प्रक्रिया दूषित नहीं होना प्रतिवेदित है। (घ) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शासन को पंजीयन शुल्क की कोई हानि नहीं हुई है। अतः शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (ड.) उत्‍तरांश (ख), (ग) एवं (घ) के परिप्रेक्ष्य में निविदा स्वीकार करने वाले अभियंताओं के विरूद्ध कार्यवाही करने की स्थिति उत्पन्न नहीं होती है।

दोषी चिकित्‍सक के विरूद्ध कार्यवाही

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

148. ( क्र. 1212 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा के तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 3354 दिनांक 18.07.2024 के प्रश्‍न के उत्तर में सिविल अस्पताल लहार जिला भिण्ड में ब्लॉक मेडिकल आफिसर के पद पर पदस्थ डॉ. विजय कुमार शर्मा के 26.01.2001 के पश्चात तीसरी संतान होने के बाद भी वर्ष 2015 में चिकित्सीय अवैध नियुक्ति की अभी तक जांच न कराकर दोषी व्यक्ति को संरक्षण देने वाले अधिकारियों के विरूद्ध जांच कराकर क्या दण्डित किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) डॉ. विजय कुमार शर्मा द्वारा 3 फर्जी समग्र आई.डी. बनाकर धोखाधड़ी करने की उच्च स्तरीय जांच क्यों नहीं कराई गई? कारण स्पष्ट करें। (ग) उपरोक्त प्रकरण की जांच कराकर दोषी चिकित्सक को लगातार शासकीय सेवा में रखने का कारण बतायें एवं जांच कब तक पूर्ण की जायेगी? समय-सीमा बतायें।

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) विधान सभा तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 3354 दिनांक 18.07.2024 के परिप्रेक्ष्य में सिविल अस्पताल लहार जिला भिण्ड़ में ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर के पद पर पदस्थ डॉ. विजय कुमार शर्मा के विरूद्ध जांच संबंधी कार्यवाही प्रचलन में है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार।            (ग) उत्तरांश (क) अनुसार निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

अवैध कॉलोनाइजर के विरूद्ध कार्यवाही

[राजस्व]

149. ( क्र. 1213 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के समस्त राजस्व न्यायालयों के प्रकरणों को कब किन परिस्थितियों एवं दस्तावेजों के आधार पर किसके द्वारा आरसीएमएस पोर्टल में रजिस्ट्रेशन किया जाता है एवं क्यों? (ख) प्रदेश में कॉलोनाइजर द्वारा किन परिस्थितियों एवं दस्तावेजों के आधार पर सिंचित एवं असिंचित भूमि को भूखंडों में विक्रय किस नियम व निर्देशों का पालन करते हुए कॉलोनी का निर्माण कर सकता है? (ग) वर्ष 2010 से प्रश्‍न दिनांक तक जिला छतरपुर के हल्का मौजा छतरपुर, बगौता, अमानगंज, पठापुर, बकायन, नारायणपुरा, देरी, ढडारी, ललौनी, बरकौहां, चन्पुरा, सौरा, गोरगांव, धमौरा एवं मौराहा में समस्त कॉलोनाइजरों द्वारा सिंचित एवं असिंचित खसरा नंबरों को शासन के नियम के तहत भूखंडों में विक्रय किया गया है? (घ) यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) क्या उक्त सिंचित एवं असिंचित भूमि में भूखंडों के विक्रय पत्र में प्रदर्शित रोड का रकबा समस्त भू-स्वामी के नाम दर्ज है? यदि नहीं, तो क्यों? (च) उक्त हल्का मौजो में किन-किन खसरा नंबरों के विक्रय पत्र होने के उपरांत भू-स्वामी के नाम रकबा न होने के कारण नामांतरण आवेदन खारिज किया गया है! (छ) वर्ष 2010 से प्रश्‍न दिनांक तक जिला छतरपुर के न्यायालय कलेक्टर, अपर कलेक्टर अनुविभागीय अधिकारी एवं तहसीलदार द्वारा कब-कब प्रकरण दर्ज कर अवैध कॉलोनाइजरों को नोटिस जारी किए गए हैं।              (ज) क्या उक्त कार्यवाही को पूर्ण कर लिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता (राजस्य न्यायालयों की प्रक्रिया) नियम 2019 के अंतर्गत भाग एक मामले का पंजीयन संबंधित नियम प्रावधान  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता की धारा 59 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''''अनुसार है। (ग) जी हाँ, जहां खसरा नंबरों में अवैध कॉलोनाईजर के द्वारा प्लॉट विक्रय किये गये है वहां कॉलोनाईजर एक्ट के तहत कार्यवाही की जा रही है। (घ) प्रश्‍नांश "ग" के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जी नहीं, क्योंकि रोड का रकबा भूमि स्वामी के नाम दर्ज नहीं किया जाता है। (च) 2456 मौजा छतरपुर खसरा क्रमांक 3656, 3664 एवं 3680 मौजा सौरा खसरा क्रमांक 131, 313 एवं मौजा खसरा क्रमांक 929, 930, 1349, 1388 पर विकय पत्र के पश्चात् नामांतरण आवेदन निरस्त किये गये है। (छ) न्यायालय अपर कलेक्टर, छतपुर द्वारा वर्ष 2010 से प्रश्‍न दिनाक तक 08 अवैध कॉलोनाइजरों के विरूद्ध कारण बताओं नोटिस जारी किये गये है तथा 34 प्रकरण दर्ज किये गये, जिसमें से 13 प्रकरण निराकृत किये गये। (ज) जी नहीं। अपर कलेक्टर न्यायालय में 21 प्रकरणों में कार्यवाही न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत प्रचलित है।

शासन के नियम व निर्देशों का उल्‍लंघन

[राजस्व]

150. ( क्र. 1214 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला तहसील हल्‍का मौजा छतरपुर के खसरा नंबर 3664 में बंदोबस्‍त से प्रश्‍न दिनांक तक कब से कब तक शासन एवं खास्‍त गाड़ी खाना दर्ज था? (ख) क्‍या उक्‍त खसरा नंबर में शासन के नियम एवं सीलिंग एक्‍ट के तहत भू-स्‍वामी के नाम दर्ज एवं कॉलोनाइजर एक्‍ट के तहत भूखंडों में विक्रय की गई थी? यदि हाँ, तो संपूर्ण दस्‍तावेजों की प्रति उपलब्‍ध कराई जाए। (ग) यदि नहीं, तो क्‍या उक्‍त प्रश्‍न के माध्‍यम से पटवारी से आयुक्‍त तक की संज्ञान में आने के उपरांत उक्‍त भूमि को शासन दर्ज करने के आदेश जारी किए जाएंगे? यदि नहीं, तो क्‍यों।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) 1- प्रश्‍नांकित भूमि खसरा नंबर 3664 मौजा छतरपुर की भूमि तत्‍कालीन बंदोबस्‍त (वर्ष 1939-40) से संवत 2008-09 वर्ष (1951-52) तक रिक्‍त रांकड नवैयत में दर्ज रही। संवत 2009-10 (वर्ष 1952-53) में खासगत नवैयत में बसरा नंबर 3267 के अनुसार दर्ज रही। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। 2- संवत 2011 से 2024 तक खसरा नंबर 3664 भूमि खासगत नवैयत के रूप में 3268 के अनुसार दर्ज रही जिसकी लगानी 49.62 रूपये दर्ज है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। 3 - वर्ष 1979-80 से 2003-04 तक भूमि खसरा नंबर 3554 खासगत गाडीखाना बसरा नंबर 3268 के अनुसार दर्ज रहा। वर्ष 2004-05 में कॉलम नंबर 03 में खासगत गाडीखाना बसरा नंबर 3704 के अनुसार दर्ज है। (ख) जी नहीं। प्रश्‍नांश (क) अनुसार उल्‍लेखित भूमि खसरा नंबर में सीलिंग के संबंध में टीप अंकित नहीं है। अभिलेख में भूमि स्‍वामी स्‍वत्‍व पर दर्ज है। भू-स्‍वामियों द्वारा भूमि के छोटे-छोटे टुकड़ों में रजिस्‍टर्ड विक्रय विलेख के माध्‍यम से भूमि वि‍क्रय किये जाने पर अवैध कालोनी घोषित किये जाने के संबंध में प्रकरण विचाराधीन हैं। (ग) जांच अनुसार नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।

असत्य आदेश बनाकर शासन की भूमि का विक्रय

[राजस्व]

151. ( क्र. 1221 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या फर्जी, असत्य, आलोच्य, आदेश अनुविभागीय अधिकारी बल्देवगढ़ का दिनांक 20/02/2024 को बनाकर सामूहिक कृषि साख सहकारी समिति ग्राम-रमसगरा तह. खरगापुर की कृषि भूमि खसरा क्र. 482/1, 482/18, 483/31, 482/32, 482/36, 483 कुल रकबा 4.191 हे. एवं 484, 484/31, 484/32, 484/36, 487, 489, 490, 496, 504/1, 506, 512, 514, 516, 518 रकबा-12.872 हे. भूमि दिनांक 24/3/24 को विक्रय कर दी एवं शासन के रिकार्ड में क्रेता क्रांति देवी एवं रामदेवी के नाम दर्ज हो गई? रजिस्ट्री के उपरांत नाम दर्ज किये जाने हल्का पटवारी को तह. खरगापुर दारा आदेश जारी किया गया क्या? दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतियां उपलब्ध करायें। (ख) क्या इन विक्रेताओं ने दिनांक 24/3/24 को रविवार अवकाश के दिन रजिस्ट्री क्यों कराई तथा इन्हीं क्रेताओं ने दिनांक 29/3/24 को गुडफ्राईडे के अवकाश के दिन रजिस्ट्री पुनः इन्हीं विक्रेताओं को करा दी? इससे संदेह उत्पन्न होता है कि इन भू-माफियाओं के गिरोह के सम्पर्क में उप पंजीयक अधिकारी, टीकमगढ़ सहभागिता भ्रष्टाचार की इच्छापूर्ति करके निभा रहे हैं। क्या उप पंजीयक टीकमगढ़ की जांच कराकर इनके विरुद्ध कार्यवाही करेंगे क्या? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्या अनुविभागीय अधिकारी बल्देवगढ़ के द्वारा तहसीलदार खरगापुर को इन भू-माफियाओं के विरुद्ध एफ.आई.आर. कराये जाने का आदेश जारी किया था परन्‍तु तहसीलदार खरगापुर ने भ्रष्ट आचरण करते हुये लेन-देन करके अज्ञात के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज किये जाने का प्रतिवेदन पुलिस चौकी देरी में क्यों दिया गया, जब पटवारी के कथनों से स्पष्ट होता है कि जिनके द्वारा पटवारी पर दबाव बनाकर-धमकाकर शासकीय रिकार्ड नाम दर्ज कराया गया, उनको मुख्य आरोपी क्यो नहीं बनाया गया? कारण स्पष्ट करें। (घ) क्या पटवारी पर दबाव एवं धमकाने वाले व्यक्तियों एवं विक्रेताओं तथा क्रयकर्ताओं को आरोपी बनाकर एवं सहयोगी के रूप में उप पंजीयक अधिकारी टीकमगढ़ के विरुद्ध एफ.आई.आर. कब तक करा दी जावेगी, जिससे शासन की बेशकीमती भूमि को बचाया जा सके तथा भू-माफियाओं को सबक भी मिल सके, जिससे भू-माफियाओं का गिरोह भविष्य में और कोई भूमियों को नहीं बेच सके?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) सामूहिक कृषि साख सहकारी समिति ग्राम रमसगरा तहसील खरगापुर की कृषि को विक्रय होने से संबंधित अनुविभागीय अधिकारी बल्देवगढ़ के संज्ञान में आने पर पूर्व का आदेश निरस्त करते हुए प्रश्‍नांश भूमि को यथावत सहकारी समिति ग्राम रमसगरा तहसील खरगापुर भू-अभिलेख रिकार्ड में दर्ज किया गया जो आज भी अभिलेख में अद्यतन स्थिति में है। आदेश की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मुख्य उपपंजीयक टीकमगढ़ म.प्र. के द्वारा पत्र क्रमांक 128/उ.पं./2024 दिनांक 03.11.2024 के द्वारा प्रतिवेदन प्रेषित किया गया कि कार्यालय महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक मध्यप्रदेश भोपाल के पत्र क्रमांक 543/सांख्यिकी/2024 भोपाल दिनांक 19 फरवरी 2024 के द्वारा मार्च में अवकाश के दिनों में होली को छोड़कर दस्तावेजों का पंजीयन करने का निर्देश दिया था। मार्च में अवकाश के दिनों में उपपंजीयक कार्यालय खुला रहा व सभी के दस्तावेजों का पंजीयन किया गया। इससे यह स्पष्ट है कि उपपंजीयक की किसी प्रकार की सहभागिता नहीं है। (ग) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बल्देवगढ़ द्वारा भू-माफियाओं के विरूद्ध नाम सहित कोई आदेश एफ.आई.आर. हेतु स्पष्ट रूप से जारी नहीं किया गया है और न ही इस कार्यालय से पुलिस चौकी देरी के लिये कोई प्रतिवेदन एफ.आई.आर. हेतु आज दिनांक तक भेजा गया। तत्कालीन पटवारी छिदारी द्वारा कभी भी उपस्थित होकर इस कार्यालय में ऐसा कोई कथन नहीं दिया गया कि हमें धमकाकर रिकार्ड में नाम दर्ज कराया गया, अतः धमकी देने वाले को आरोपी बनाने का प्रश्‍न की उत्पन्न नहीं होता है। वर्तमान में पटवारी पिछले 06-07 महीनों से निलंबित है एवं विभागीय जांच जारी है। (घ) उत्‍तरांश (क) से  (ग) के अनुक्रम में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

जिला शिक्षा अधिकारी टीकमगढ़ द्वारा भ्रष्टाचार

[स्कूल शिक्षा]

152. ( क्र. 1222 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत बजट सत्र 2024 के दौरान प्रश्‍नकर्ता के तारांकित प्रश्‍न क्र. 1198 के उत्तर उद्‌भूत हुआ था कि प्राथ. शिक्षक ऊदल प्रसाद की दो से अधिक जीवित संताने है इसलिये इनके नियुक्ति‍  आदेश को निरस्त किया जाये इस आशय का आदेश लोक शिक्षण  संचालनालय भोपाल द्वारा दिनांक 13/5/24 को जिला  शिक्षा अधि‍कारी टीकमगढ़ को जारी किया गया था परंतु जिला-शिक्षा अधिकारी टीकमगढ़ ने कार्यवाही नहीं की? कारण की जानकारी दें। (ख) क्या जिला शिक्षा अधिकारी टीकमगढ़ द्वारा अपने वरिष्ठ कार्यालय के पत्र को प्राथमिकता नहीं देते हुये और न ही विधान सभा की कार्यवाही को पूर्ण किये जाने के तहत किसी प्रकार का कोई आदेश जारी नहीं किया गया। यदि किया गया है तो प्रश्‍नकर्ता के पत्र क्र. 202/2024 दिनांक 19/9/24 का निराकरण करते हुये प्रश्‍नकर्ता को कार्यवाही से अवगत क्यों नहीं कराया गया कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या जिला शिक्षा अधिकारी टीकमगढ़ के द्वारा विधान सभा जैसी महत्वपूर्ण कार्यवाही को अवरुद्ध करने हेतु भ्रष्टाचार का मार्ग अपनाकर संबंधी प्राथ. शिक्षक का बचाव किया गया है क्या भ्रष्टाचार कदाचरण के तहत जिला-शिक्षा अधिकारी टीकमगढ़ को इतनी घोर लापरवाही बरतने पर "विधि" सम्मत कार्यवाही करेंगे। यदि हाँ, तो कब तक समयावधि बतायें यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। (घ) क्या जिला शिक्षा अधिकारी टीकमगढ़ इस प्रकार से शासन के आदेशों का पालन नहीं करने में पारंगत है और इनको हेरा-फेरी करने में महारथ भी हासिल है। क्या ऐसी मनमानी करने वाले शिक्षा अधिकारी के कार्यालय तथा इनकी लापरवाहियों/शिकायतों की जाँच कराने हेतु कमेटी गठित कर क्षेत्रीय विधायक को शामिल करते हुये जाँच करायेगें यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यो? कारण स्पष्ट करें।

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। जिला शिक्षा अधिकारी, टीकमगढ़ के आदेश दिनांक 21.06.2024 द्वारा श्री ऊदल प्रसाद लोधी, प्राथमिक शिक्षक, शासकीय प्राथमिक शाला गुजरायतन की नवीन शैक्षणिक संवर्ग में की गई नियुक्ति को निरस्त किया गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश '' अनुसार वर्णित आदेश जारी किया गया। जिला शिक्षा अधिकारी टीकमगढ़ के पत्र दिनांक 04.12.2024 द्वारा माननीय विधायक जी को अवगत कराया गया। (ग) जी नहीं। उत्तरांश '' एवं ख' के अनुक्रम में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।           (घ) उत्तरांश ''  के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

शिक्षाकर्मी भर्ती में फर्जी दस्‍तावेजों की जांच

[स्कूल शिक्षा]

153. ( क्र. 1240 ) श्री प्रीतम लोधी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पिछोर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विकासखंडों में शिक्षाकर्मी भर्ती के दौरान फर्जी दस्‍तावेजों के आधार पर अपात्र लोगों की नियुक्ति को लेकर लगातार गंभीर शिकायतें विभाग को की गई है? इन शिकायतों की जांच व कार्यवाही का विवरण देंवे? (ख) क्‍या विभाग प्रश्‍नांश (क) उल्‍लेखित क्षेत्र में तत्‍समय हुई शिक्षाकर्मी भर्ती में अनियमितताओं और फर्जी दस्‍तावेजों का परीक्षण कराकर दोषियों को दंडित करेगा? नहीं तो क्‍यों? (ग) क्‍या विभाग प्रश्‍नांश (क) उल्‍लेखित क्षेत्र में हुई भर्ती में नियुक्‍त शिक्षकों की अंकसूची और अन्‍य दस्‍तावेजों का सत्‍यापन करायेगा यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्‍यों?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) से (ग) कलेक्‍टर शिवपुरी के आदेश क्रमांक /शिक्षा‍/शिकायत-1/2024/7792-7793, दिनांक 05.12.2024 के द्वारा प्रकरण की जांच हेतु जांच समिति गठित की गई हैं। जांच उपरांत गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।

किसानों के पानी का उद्योगों में उपयोग

[जल संसाधन]

154. ( क्र. 1265 ) श्री गौरव सिंह पारधी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजीव गांधी डेम सिंचाई परियोजना जिला बालाघाट के पानी या जल वितरण में क्या उद्योग के लिए जल आरक्षित किया गया है? (ख) क्या एथान नेचुरल बायोफ्यूल प्राइवेट लिमिटेड ग्राम बांसी जिला बालाघाट के साथ 0.306 एम.सी.एम. प्रतिवर्ष पानी देने का राजीव सागर डैम के लेफ्ट बैंक मैन कैनाल से एग्रीमेंट किया गया है? (ग) क्या पूर्व में एथान नेचुरल बायोफ्यूल प्राइवेट लिमिटेड को उपयोग के पानी की अनुमति चनई चन्दन नदी पर स्टॉप डेम बनाकर पानी लेने की अनुमति‍ प्रदान की गई थी और अगर की गई थी तो फिर नहर का पानी लेने की अनुमति बाद में क्यों प्रदान की गई?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं, राजीव गांधी बांध सिंचाई परियोजना (बावनथडी) की प्रशासकीय स्वीकृति वर्ष 1975 में जारी की गयी थी जिसमे जल का औद्योगिक उपयोग हेतु प्रावधान नहीं था। (ख) जी हाँ, अनुबंध किया गया है। (ग) जी हाँ, एथान नेचुरल बायोफ्यूल प्राइवेट लिमिटेड को उपयोग के पानी की अनुमति चनई चन्दन नदी पर स्टॉप डेम बनाकर पानी लेने की अनुमति प्रदान की गई थी। कम्पनी द्वारा पृथक से राजीव सागर बांध की बांयी तट मुख्य नहर से जल आवंटन मांग के परिप्रेक्ष्य में 0.306 मि.घ.मी. जल आवंटन किया गया है।

निजी कालोनियों का निर्माण

[राजस्व]

155. ( क्र. 1268 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) विगत पांच वर्षों में बेगमगंज एवं सिलवानी नगरों के तीन-चार किलोमीटर के दायरे में 3000 वर्गफिट से कम के कितने भूखण्‍डों के नामांतरण किये गये हैं? क्रेता विक्रेता एवं क्षेत्र की विस्‍तृत जानकारी दें। क्‍या यह भूखण्‍ड कालोनी के रूप में विकसित किये गये है और क्‍या यह भूमि हस्‍तांतरण रहवासी उपयोग के लिये किये गये हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) उल्‍लेखित क्षेत्र में भूमि हस्‍तांतरण कर छोटे-छोटे भूखण्‍डों के रूप में विक्रय कर क्‍या कॉलोनियों का निर्माण किया जा रहा है? क्‍या रहवासी उपयोगी हेतु इन कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाओं का विकास किया गया है अथवा कालोनी/भूखण्‍डों के विक्रेताओं द्वारा कॉलोनी के विकास हेतु सक्षम अनुमतियाँ प्राप्‍त की गई है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) यदि बिना सक्षम अनुमतियाँ प्राप्‍त किये भूखण्‍डों का विकास व विक्रय रहवासी उपयोग हेतु किया जा रहा है तो स्‍थानीय राजस्‍व अधिकारियों व पटवारियों ने अब तक इस संबंध में क्‍या-क्‍या कार्यवाही की है?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) विगत पांच वर्षों में बेगमगंज एवं सिलवानी नगरों के तीन चार किलोमीटर के दायरे में 3000 वर्गफिट से कम के तहसील बेगमगंज अंतर्गत कुल 1947 एवं तहसील सिलवानी अंतर्गत कुल 1434 भूखण्डों के नामांतरण किये गये है। क्रेता विक्रेता एवं क्षेत्र की जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट अनुसार। भूखण्डों का उपयोग क्रेता द्वारा मकान बनाकर रहने के लिये किया जा रहा है। (ख) प्रश्‍नांश () उल्लेखित क्षेत्र में भूमि हस्तांतरण कर छोटे-छोटे भूखण्डों पर मकान निर्माण होने से कॉलोनी का निर्माण हो चुका हैं कॉलोनी में मूलभूत सुविधा नगरपालिका परिषद् द्वारा प्रदाय की जाती है। कॉलोनी/भूखण्डों के विक्रेताओं को सक्षम अनुमति संबंधी प्रस्तुत करने हेतु सूचना पत्र जारी किये गये। (ग) उपरोक्त भूखण्ड विक्रेताओं को पूर्व में भी नोटिस जारी किये गये थे एवं जवाब उपरांत जांच की कार्यवाही प्रचलन में है।

एन.एच.एम. का गुणवत्‍ताहीन निर्माण कार्य

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

156. ( क्र. 1269 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत पांच वर्षों में लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा विभाग एवं राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन द्वारा रायसेन जिले में क्‍या-क्‍या निर्माण कार्य, कहां-कहां, कितनी-कितनी लागत के स्‍वीकृत किये गयेकिन-किन कार्यों का निर्माण अनुबंध अनुसार समय सीमा में नहीं कराया जा सका और क्‍यों? (ख) प्रश्‍नांश (क) उल्‍लेखित  निर्माण कार्यों का अत्‍यंत गुणवत्‍ताहीन व अनुबंध की शर्तों के विपरीत किये जाने व समय सीमा में पूर्ण न किये जाने हेतु कौन उत्‍तरदायी है? इस मामले में जांच कर कब तक कार्यवाही की जावेगी नहीं तो क्‍यों? (ग) प्रश्‍नांश (क) उल्‍लेखित निर्माण कार्य किस-किस तकनीकी अधिकारी की देख-रेख में कराए गए और इन्‍होंने व वरिष्‍ठ अधिकारियों ने कब-कब निर्माण स्‍थल का भ्रमण व निरीक्षण कियागुणवत्‍ताहीन निर्माण कार्य की जांच कब तक कराकर उत्‍तरदायित्‍व निर्धारित किया जायेगा?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) रायसेन जिले में विगत 5 वर्षों के लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा विभाग तथा राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन के द्वारा कराये जा रहे निर्माण कार्यों की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार हैनिर्माण कार्य गुणवत्‍तापूर्ण एवं अनुबंध की शर्तों अनुसार कराये जा रहे है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार  कार्य निर्माण एजेन्सियों के उपयंत्री, सहायक यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री द्वारा सम्‍पन्‍न कराये जा रहे है तथा वरिष्‍ठ अधिकारियों के द्वारा समय-समय पर निर्माण स्‍थल का निरीक्षण किया गया है। गुणवत्‍तापूर्वक निर्माण कार्य किये जा रहे है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

संचालित स्‍कूल के भवनों की जानकारी

[स्कूल शिक्षा]

157. ( क्र. 1273 ) डॉ. प्रभुराम चौधरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में शासकीय हायर सेकेण्‍डरी, हाई स्कूल, मिडिल स्कूल, प्राथमिक स्कूल संचालित है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार संचालित संस्थाओं के भवनों की वर्तमान में जीर्ण-शीर्ण स्थिति है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी संस्थाएँ हैं एवं उनका मरम्मत कार्य कब तक पूर्ण किया जावेगा? (ग) विभाग द्वारा निरीक्षण उपरांत जीर्ण-शीर्ण भवनों के मरम्मत हेतु कितनी-कितनी राशि किस-किस संस्था को आवंटित की गई है? संस्थावार, राशिवार विगत तीन वर्षों की जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) सांची विधानसभा अंतर्गत संचालित स्कूलों में छात्र/छात्राओं के अनुपात के आधार पर भवन नहीं है? नवीन भवनों की स्वीकृति एवं अतिरिक्त भवनों के निर्माण की स्वीकृति कब तक की जावेगी?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-''01'' अनुसार है। (ख) प्राथमिक/माध्‍यमिक शालाओं की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-''01'' अनुसार है। हाई/हायर सेकेण्‍डरी स्‍कूलों की जानकारी निरंक है। मरम्मत कार्य बजट की उपलब्‍धता पर निर्भर करता है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं। (ग) प्राथमिक/माध्‍यमिक शालाओं की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-''01'' अनुसार एवं हाई/हायर सेकेण्‍डरी स्‍कूलों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट -''02'' अनुसार है। (घ) प्राथमिक/माध्‍यमिक शालाओं की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-''01'' अनुसार एवं हाई/हायर सेकेण्‍डरी स्‍कूलों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-''03'' अनुसार है। नवीन भवनों के निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।

मुख कैंसर के बढ़ते प्रभाव की रोकथाम

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

158. ( क्र. 1276 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या भोपाल में मुख कैंसर के मरीज देश में सबसे अधिक हैं? (ख) यदि हाँ, तो राज्य सरकार द्वारा मुख कैंसर को रोकने और उपचार के लिए कौन- कौन से कदम उठाए जा रहे हैं? (ग) क्या सरकार ने किसी अध्ययन या सर्वेक्षण के माध्यम से यह पता लगाने का प्रयास किया है कि भोपाल सहित प्रदेश में इस बीमारी के बढ़ने के प्रमुख कारण क्या हैं? यदि हाँ, तो विस्‍तृत विवरण देवें। (घ) क्या भोपाल सहित प्रदेश में तंबाकू उत्पादों की बिक्री और उपयोग पर नियंत्रण हेतु सख्त कानून लागू किए जा रहे हैं? (ड.) भोपाल के सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में मुख कैंसर के उपचार के लिए सुविधाओं को बेहतर बनाने की क्या योजना है?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) आई.सी.एम.आर. के नेशनल कैंसर  रजिस्ट्री  प्रोग्राम की वर्ष 2020 की रिपोर्ट के अनुसार  देश में मुख कैंसर के सर्वाधिक मरीज  पुरूषों में अहमदाबाद  (19.5 प्रति 1,00,000) तथा महिलाओं में  इस्ट खांसी हिल्स (5.8 प्रति 1,00,000)  में हैं। देश में  मुख कैंसर की दर के आधार पर  भोपाल के पुरूष द्वितीय स्थान पर तथा महिला छठवें स्थान पर हैं रिपोर्ट का लिंकः https://ncdirindia.org/All_Reports/Report_2020/resources/ NCRP_2020_2012_16.pdf (ख) गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल के रेडियोथेरेपी विभाग में मुख के कैंसर को रोकने एवं उपचार हेतु वर्तमान में कीमोथेरेपी से उपचार हेतु वर्तमान में कीमोथेरेपी से उपचार किया जा रहा है। भोपाल जिला अस्पताल में ओरल कैंसर के प्रारंभिक लक्षणों की जांच दंत चिकित्सकों द्वारा की जाती हैं तथा जिला कैंसर नोडल अधिकारी के माध्यम से कैंसर के रोगियों को डे-केयर कैंसर कीमोथेरेपी सेवायें प्रदाय की जा रही हैं। (ग) आई.सी.एम.आर. के नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम की वर्ष 2020 की रिपोर्ट के अनुसार मुख कैंसर की दर भोपाल के पुरूषों में (14.3 प्रति 1,00,000) एवं महिलाओं में (4.6 प्रति 1,00,000) पाई गई। इस बीमारी के बढ़ने के प्रमुख कारणों का पता लगाने हेतु विशेष अध्ययन नहीं किया गया हैं। (घ) जी हाँ। (ड.) गांधी चिकित्सा महाविद्यालय के पैथोलॉजी विभाग एवं नाक-कान-गला विभाग में कैंसर के लक्षण के साथ आने वाले मरीजों के लिए कैंसर स्क्रीनिंग एवं बायोप्सी की जाती हैं तथा आवश्यकतानुसार शल्यक्रिया की जाती हैं। नॉन कम्युनिकेबल डिसीज कार्यक्रम अंतर्गत 30 से 65 वर्ष आयुवर्ग के सभी हितग्राहियों की मुख कैंसर की जांच ओरल विजुअल परीक्षण के माध्यम से प्रशिक्षित मेडिकल ऑफिसर, दंत चिकित्सक एवं स्टॉफ नर्स द्वारा सभी स्वास्थ्य संस्थाओं पर नियमित रूप से की जाती हैं।

सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों का सिविल अस्‍पताल में उन्‍नयन

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

159. ( क्र. 1281 ) श्री बृज बिहारी पटैरिया : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले के देवरी सामुदायिक स्वास्‍थ्‍य केन्द्र का उन्नयन सिविल अस्पताल 100 बिस्तर हेतु विभाग द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है, यदि नहीं, तो क्या चालू वित्तीय वर्ष में स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी। यदि हाँ, तो समय सीमा बतायें।           (ख) क्या वि.खं. केसली जो आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है में सामुदायिक स्वास्‍थ्‍य केन्द्र को सिविल अस्पताल में उन्नयन कब तक कर दिया जावेगा। क्या इस स्वास्‍थ्‍य केन्द्र में सोनोग्राफी हेतु मशीनें एवं चिकित्सक भी उपलब्ध नहीं है, यदि हाँ, तो कब तक उपलब्ध करा दिया जावेगा। नहीं तो क्यों? (ग) क्या कई वर्षों से सामुदायिक स्वास्‍थ्‍य केन्द्र केसली में एवं इस क्षेत्र के किसी भी स्वास्‍थ्‍य केन्द्र में महिला चिकित्सक की पदस्थापना नहीं है, यदि हां, तो कब तक पदस्थ कर दिया जावेगा। त्वरित समस्या के निदान हेतु किसी महिला चिकित्सक की साप्ताहिक अस्थाई डयूटी के आदेश दिये जा सकते है। यदि हाँ, तो कब तक। (घ) क्या आदिवासी बाहुल्य दूरस्थ अंचल सहजपुर प्राथमिक स्वास्‍थ्‍य केन्द्र में भी सोनोग्राफी मशीनें, उच्चस्तरीय एक्स-रे मशीन भी उपलब्‍ध नहीं है। यदि हाँ, तो क्या शासन चालू वित्तीय वर्ष में उच्च स्तरीय स्वास्‍थ्‍य सुविधाओं के साथ-साथ स्टॉफ भी उपलब्ध करायेगा।

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। स्वास्थ्य संस्थाओं की स्थापना/उन्नयन विभाग की एक निरंतर प्रक्रिया है, स्वास्थ्य संस्थाओं की स्थापना/उन्नयन स्थानीय जनसंख्या, संस्था का बेड आक्यूपेंसी रेट, स्थानीय आवश्यकता, नजदीकी स्वास्थ्य संस्थाओं की दूरी तथा वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर किया जाता है। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) स्वास्थ्य संस्थाओं की स्थापना/उन्नयन विभाग की एक निरंतर प्रक्रिया है, स्वास्थ्य संस्थाओं की स्थापना/उन्नयन स्थानीय जनसंख्या, संस्था का बेड आक्यूपेंसी रेट, स्थानीय आवश्यकता, नजदीकी स्वास्थ्य संस्थाओं की दूरी तथा वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर किया जाता है, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र केसली उन्नयन हेतु अपात्र है। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। जी हाँ, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र केसली में सोनोग्राफी मशीन तथा मशीन संचालन हेतु प्रशिक्षित मानव संसाधन उपलब्ध नहीं है। उपकरण/मशीन की प्रदायगी स्थानीय स्तर से प्राप्त मांग के आधार पर, मशीन संचालन हेतु प्रशिक्षित मानव संसाधन की उपलब्धता विभाग के नियमानुसार की जाती है, यह एक निरंतर प्रक्रिया है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ, स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सा अधिकारी की पदस्थापना की जाती है, इसमें क्षेत्र विशेष में महिला चिकित्सक की पदस्थापना किये जाने का प्रावधान नहीं है। चिकित्सकों का मूल पदस्थापना से अन्‍यत्र स्वास्थ्य संस्था में संग्लनीकरण किये जाने का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ, विभाग के निर्धारित संस्थाओं में आवश्यक उपकरणों की सूची अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में सोनाग्राफी मशीन एवं उच्च स्तरीय एक्स-रे मशीन प्रदान किये जाने का प्रावधान नहीं है। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सिंचाई बांधों के संबंध में

[जल संसाधन]

160. ( क्र. 1284 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले के अंतर्गत गोंड़ सिंचाई परियोजना की स्वीकृति की गई थी? यदि हाँ, तो स्वीकृति वर्ष, स्वीकृत राशि एवं व्यय की गई राशि की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में गोंड़ सिंचाई परियोजना का निर्माण कार्य प्रश्‍न दिनांक तक प्रारम्भ नहीं की गई है? कारण बतायें। निर्माण कार्य कब तक प्रारम्भ कर दिया जावेगा? समय-सीमा बतायें। (ग) जिला सीधी के अंतर्गत अमहोरा बांध, मड़वास की स्वीकृति की गई थी? यदि हाँ, तो स्वीकृति वर्ष, स्वीकृति राशि एवं व्यय की गई राशि की जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में बांध का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। स्वीकृत वर्ष 2017, स्वीकृत राशि रुपये 1097.67 करोड़ एवं परियोजना पर अब तक व्‍यय की गई राशि रुपये 243.97 करोड़ है। (ख) गोंड़ सिंचाई परियोजना का निर्माण कार्य चयनित स्थल में परिवर्तन, भू-अर्जन, वन हस्तांरण एवं पर्यावरण स्वीकृति प्राप्त न हो पाने के कारण अप्रारम्भ है। भू-अर्जन, वन हस्तांरण एवं पर्यावरण स्वीकृति प्राप्त होने के बाद निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा। समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। अमोहरा सिंचाई योजना की प्रशासकीय स्वीकृति म.प्र.शासन जल संसाधन विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्र.एफ -22/6/2015-16/ल.सि./31/102 भोपाल दिनांक 25.01.2016 द्वारा राशि रुपये 1433.33 लाख की प्रदान की गई है। योजना पर अब तक रू.1085.44 लाख व्‍यय किया जा चुका है। (घ) प्रश्‍न (ग) के संदर्भ में बांध में प्रभावित 11.963 हेक्टेयर वन भूमि की स्वीकृति हेतु प्रकरण प्रक्रियाधीन है। समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

वन भूमि को अतिक्रमण से मुक्‍त कराना

[राजस्व]

161. ( क्र. 1287 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) क्‍या भोपाल जिले के ग्राम नीलबड़ में वार्ड क्र. 26 में तहसील हुजूर जिला भोपाल में वन भूमि खसरा क्र. 150 एवं खसरा कमांक 141 में क्या कोई कब्जा है? यदि हाँ, तो किन-किन लोगों का कब्जा है? (ख) यदि कब्जा है तो इस वन भूमि से अतिक्रमण हटाया क्यों नहीं गया है? (ग) वन भूमि को कब तक अतिक्रमण मुक्त कराया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) भोपाल जिले के तहसील हुजूर भोपाल वार्ड क्र.26 में स्थित ग्राम नीलबड़ की भूमि खसरा क्रमांक 150 म.प्र. शासन गोहा एवं खसरा क्रमांक 141 म.प्र. शासन नजूल भूमि के नाम से दर्ज हैं। खसरा क्रमांक 150 एवं खसरा क्रमांक 141 पर अतिक्रमण की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार है। । भूमि पर लंबे समय से अतिक्रमणकारी काबिज होने से उनके द्वारा प्रस्तुत आवेदन पर धारणाधिकार योजना के अन्तर्गत पट्टा प्रदाय किये जाने के लिये उपातंरण हेतु प्रकरण क्रमांक 10/बी-121/2022-23 दिनांक 28/02/2023 प्रस्तावित हैं जो कि न्यायालय कलेक्टर में प्रकरण प्रचलित हैं। (ख) उत्‍तरांश '' अनुसार भूमि पर पाये गये अतिक्रमण को प्रचलित उपातंरण प्रकरण निराकरण उपरांत निर्णय अनुसार कार्यवाही की जावेगी। (ग) राजस्व अभिलेख में उक्त भूमि वन भूमि के रूप में दर्ज नहीं हैं। अतिक्रमण मुक्त करने की कार्यवाही उत्‍तरांश '' अनुसार की जावेगी।

परिशिष्ट - "इकतीस"

प्रदेश के सिविल चिकित्‍सालयों की सुविधाएं

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

162. ( क्र. 1288 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के सिविल चिकित्सालयों में मरीजों को क्या-क्या सुविधायें उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है एवं क्या जौरा एवं कैलारस दोनों चिकित्सालयों में प्रावधान अनुसार मरीजों के लिए जाँच एवं उपचार हेतु पर्याप्त उपकरण उपलब्ध है एवं उपकरणों की क्या स्थिति है? यदि उपकरण काम नहीं कर रहे है अथवा उपलब्ध नहीं है तो उपकरण को ठीक किये जाने अथवा नये उपकरण उपलब्ध कराये जाने के संबंध में की जा रही कार्यवाही से संबंधित समस्त जानकारी दस्तावेजों सहित उपलब्ध करायें। (ख) सिविल चिकित्सालय जौरा एवं कैलारस में कुल कितने तथा किस-किस रोग के विशेषज्ञ चिकित्सकों के कितने-कितने पद स्वीकृत है एवं किस रोग के विशेषज्ञ चिकित्सक पदस्थ है? कितने चिकित्सकों की पदस्थापना किया जाना शेष है। शेष चिकित्सक कब तक पदस्थ किये जायेंगे? (ग) क्या हॉस्पिटल में ताला  लगाये जाने का प्रावधान है। यदि नहीं, तो जौरा सिविल चिकित्‍सालय में ताला  क्यों लगाया जा रहा है एवं जिम्मेदारों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) सिविल चिकित्सालय जौरा एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कैलारस में कितनी एम्बुलेंस होना आवश्यक है एवं कितनी-कितनी एम्बुलेंस उपलब्ध है एवं उन पर कितने चालकों के पद स्वीकृत है एवं कितने चालक पदस्थ है। सूची देवें। क्या कैलारस एवं जौरा में 24 घंटे एम्बुलेंस की सेवा उपलब्ध करायी जा रही है? यदि नहीं, तो क्या वरिष्ठ अधिकारी अवगत है एवं कोई अप्रिय घटना होने पर किसकी जिम्मेदारी तय की जायेगी?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) सिविल अस्पताल स्तर पर विभिन्न आवश्यक स्वास्थ्य सुविधायें जैसे बाह्य रोगी सेवा, आई.पी.डी. उपचार सेवा, इमरजेन्सी सेवा, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवायें, सामान्य प्रसव सेवा, परिवार नियोजन सेवायें, टीकाकरण सेवायें, पैथालॉजी सेवा, एक्स-रे जांच सेवा एवं विभिन्न संचालित राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत समुचित सुविधायें उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है। जी हाँ,  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। उपकरण के अक्रियाशील होने की स्थिति में उनके सुधार एवं रख-रखाव कार्य हेतु, राज्य स्तर से अनुबंधित एजेन्सी के माध्यम से निर्धारित प्रक्रिया अंतर्गत आवश्यकतानुसार समुचित कार्यवाही की जाती है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। नये उपकरणों की प्रदायगी स्थानीय स्तर से प्राप्त मांग एवं आवश्यकता के आधार पर, उपकरण के संचालन हेतु प्रशिक्षित मानव संसाधन की उपलब्धता अनुसार विभाग के प्रचलित नियमानुसार युक्तियुक्तकरण उपरांत की जाती है। यह एक निरंतर प्रक्रिया है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। पदपूर्ति एक निरंतर प्रक्रिया है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। चिकित्सालय में ताला नहीं लगाया जा रहा है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) विभाग द्वारा एम्बुलेंस प्रदाय नहीं की जाती है, अपितु निविदा के माध्यम से चयनित सेवा प्रदाता के माध्यम से एम्बुलेंस सेवायें प्रदाय की जा रही है। भारत शासन के दिशा-निर्देश अनुसार प्रति 05 लाख जनसंख्या पर 01 एडवांस लाईफ सपोर्ट एम्बुलेंस (ए.एल.एस.) एवं प्रति 01 लाख जनसंख्या पर 01 बेसिक लाईफ सपोर्ट एम्बुलेंस (बी.एल.एस.) प्रावधानित है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। जी हाँ। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

नर्सिंग ऑफिसरों की समस्‍याओं पर कार्यवाही

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

163. ( क्र. 1291 ) श्री राजकुमार कर्राहे : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि म.प्र. शासन के निर्देशानुसार म.प्र. शासन के अंतर्गत विभिन्न नर्सिंग कॉलेजों में रिक्त ट्यूटर, एसोसिएट प्रोफेसरों, उप प्राचार्य, प्राचार्यों के पद सीधी भर्ती के माध्यम भरे जायेंगे? (ख) क्या उपरोक्त पद आई.एन.सी. के नियमानुसार प्रमोशन के पद हैं? भारत शासन में विभिन्न राज्यों में उपरोक्त पद प्रमोशन के आधार पर पदोन्नति से भरे जाते हैं? यदि हाँ, तो उपरोक्त पदों में भर्ती या पदोन्नति आई.एन.सी. मापदंड अनुसार म.प्र. शासन द्वारा क्यों नहीं किया जा रहा है? कारण बतावें एवं प्रश्‍नांश (क) के संबंध में प्रश्‍नकर्ता पत्र क्रमांक 425/2024 दि. 28.05.2024 द्वारा अपर मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग को पत्र प्रेषित किया गया था जिसमें बिन्दु क्र. 01 से 05 तक नर्सिंग ऑफिसरों की समस्याओं से अवगत कराया गया है, जिसमें आज प्रश्‍न दिनांक तक आयुक्त चिकित्सा शिक्षा, सतपुड़ा भवन में लंबित है, कारण बतायें। लंबित रखने वाले अधिकारी/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी एवं प्रकरण का निराकरण कब तक किया जायेगा? (ग) क्या पदोन्नति के पदों को भर्ती नियम में परिवर्तन करने से कभी भी म.प्र. में योग्यताधारी नर्सिंग ऑफिसर को पदोन्नति नहीं दी जा सकेगी? यदि हाँ, तो योग्यताधारी एवं वरिष्ठ नर्सिंग ऑफिसर के पदोन्नति करने हेतु म.प्र. शासन के नियम बताने का कष्ट करें। नर्सिंग ऑफिसर के विभिन्न पदों में नियमानुसार पदों में पदोन्नति करने के संबंध में नियम बताने का कष्ट करें। क्या भर्ती नियम में संशोधन किये जाने से नर्सिंग ऑफिसर के प्रमोशन के समस्त रास्ते बंद हो जायेंगे एवं कभी भी इनका प्रमोशन नहीं किया जा सकेगा, ऐसा क्यों?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। पदों के भरे जाने की प्रक्रिया लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा भर्ती नियम राजपत्रित/अराजपत्रित सेवा भर्ती नियम वर्ष 2021 एवं यथा संशोधित मार्च 2024 अनुसार भरे जाना प्रावधानित हैं। (ख) जी हाँ। अन्‍य राज्‍यों से संबंधित होने के कारण शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। संचालनालय के पत्र दिनांक 06.12.2024 द्वारा अधिष्‍ठाता, गांधी चिकित्‍सा महाविद्यालय भोपाल को जांच कर जांच प्रतिवेदन प्रस्‍तुत किये जाने हेतु निर्देशित किया गया है। समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।          (ग) पदोन्‍नति में विधिक बाधा शिथिल होने उपरांत परिचर्या सेवा भर्ती नियम 27 जून 2017 अनुसार कार्यवाही की जा सकती है। समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

स्‍कूलों को राशि आवंटन का प्रदाय

[स्कूल शिक्षा]

164. ( क्र. 1293 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में वित्तीय वर्ष 2022-23 में समग्र शिक्षा अभियान अंतर्गत हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों में मरम्मत के लिये अनुरक्षण मद से कुल कितनी राशि प्रदाय की गई थी।            (ख) जिले के कुल कितने हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल है संख्या बतावें तथा प्रत्येक विद्यालय को कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई थी स्कूलवार संख्या बतावें? (ग) क्या जिला शिक्षा अधिकारी ग्वालियर के द्वारा सांठ-गांठ कर गंभीर आर्थिक अनियमितता तथा भ्रष्टाचार किया गया है? जिसकी शिकायत ई.ओ.डब्ल्‍यू. ग्वालियर में लंबित है? (घ) क्या शासन द्वारा निर्धारित मापदण्डों एवं दिशा-निर्देशों के विपरीत कार्यवाही करने से संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी ग्वालियर को तत्काल निलंबित कर विभागीय जांच संस्थित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक।

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी निरंक हैं। (ख) जिला ग्वालियर अन्तर्गत शा. हाईस्कूलों की संख्या-77 तथा शा. हायर सेकण्ड्री स्कूलों की संख्या-65 है। उत्‍तरांश '''' के क्रम में जानकारी निरंक है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी निरंक है। (घ) उत्तरांश '''' के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

शासकीय स्‍कूल भवनों का संधारण एवं मरम्‍मत कार्य

[स्कूल शिक्षा]

165. ( क्र. 1296 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला सिवनी में शास. हाई एवं हायर सेकेण्‍डरी स्‍कूल भवनों की विभागीय परिसम्‍पत्तियों के संधारण अंतर्गत मरम्‍मत कार्य एवं स्‍मार्ट क्‍लास के लिये सामग्री हेतु वर्ष 2021 से आज दिनांक तक राशि प्राप्‍त हुई है? यदि हाँ, तो किस स्‍कूल भवन के लिये कितनी-कितनी राशि, किस-किस कार्य के लिये प्राप्‍त हुई है एवं उक्‍त कार्य को संपादित/मरम्‍मत कार्य करने की प्रक्रिया विभाग/शासन द्वारा निर्धारित की गई है। क्‍या उक्‍त कार्य विभाग द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के तहत किये गये है, यदि नहीं, तो क्‍यों? क्‍या उक्‍त कार्य के संपादन में की गई अनियमितता के संबंध में स्‍थानीय जनप्रतिनिधियों/संगठनों द्वारा कोई पत्र शासन/विभाग को प्राप्‍त हुए है, यदि हाँ, तो इन पर क्‍या कार्यवाही हुई है? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) में वर्णित कार्य में शिक्षण कार्य के अलावा अन्‍य शासकीय कार्य के लिये प्रतिनियुक्ति में गये शिक्षकों के कारण छात्रगण अच्‍छी/बेहतर शिक्षा से वंचित हो रहे है? यदि हाँ, तो उन शिक्षकों को जो प्रतिनियुक्ति में गये है, को कब तक अपने मूल विभाग/कार्य करने के लिये मुक्‍त किया जावेगा? (ग) क्‍या सिवनी जिले के डी.ई.ओ. कार्यालय में अतिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग शिक्षकों के एजुकेशन पोर्टल व कार्यालय में सेवायुक्‍तों की उपस्थिति में अन‍ियमितता के संबंध में स्‍थानीय समाचार पत्रों व प्रतिनिधियों द्वारा जिला प्रशासन/शासन को कोई पत्र/खबर प्राप्‍त हुई, यदि हाँ, तो उस पर क्‍या कार्यवाही की गई है?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रश्‍नाधीन जिला अंतर्गत शासकीय हाई एवं हायर सेकेण्‍ड्री स्‍कूल की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। जी हाँ। शेषांश उद्भूत नहीं होता है। प्रश्‍नाधीन जिला विशेष हेतु किसी प्रकार की अनियमितता की शिकायत अद्यतन संज्ञान में नहीं है। (ख) स्‍कूलों में शिक्षकों के रिक्‍त पद की अस्‍थायी पूर्ति अतिथि शिक्षकों द्वारा की जाती है। अत: मध्‍यांश उद्भूत नहीं होता। विभाग अंतर्गत शिक्षकों का प्रति नियुक्ति पर जाना एक सतत् प्रक्रिया है। अत: शेषांश उद्भूत नहीं होता है। (ग) जी हाँ। समाचार पत्रों में खबर प्रकाशित की गई थी। जिसका जिला कार्यालय द्वारा खंडन किया गया है।

पेंच व्‍यपवर्तन नहर का निर्माण

[जल संसाधन]

166. ( क्र. 1297 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सिवनी विधान सभा क्षेत्र में पेंच व्‍यपवर्तन नहर निर्माण का कार्य पूर्ण हो गया है? यदि हाँ, तो सिंचाई के लिये किसानों को पानी कब तक उपलब्‍ध करा दिया जावेगा? नहर शाखा         डी 4, के अंतर्गत ग्राम नगझर के पास दो सायफन का निर्माण होना था, वो कार्य करा दिया गया है, यदि नहीं, तो क्‍यों और कब तक पूर्ण करा दिया जायेगा? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) में वर्णित नहर शाखा डी 4 के अंतर्गत किस-किस स्‍थान पर कौन-कौन सा कार्य पूर्ण/अपूर्ण/प्रारंभ है? यदि नहीं, तो क्‍यों और नहर का कार्य कब तक पूर्ण करा दिया जायेगा? क्‍या इस वर्ष माह नवम्‍बर एवं दिसम्‍बर 2024 में किसानों को सिंचाई के लिये नहर में पानी उपलब्‍ध हो जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या सिवनी जिले/विधान सभा स‍िवनी के अंतर्गत निर्माणाधीन/निर्मित नहर निर्माण कार्य के संबंध में स्‍थानीय विधायक/जन प्रतिनिधियों से विभाग/जिला प्रशासन/शासन को कोई पत्र प्राप्‍त हुआ है? यदि हाँ, तो उस पर क्‍या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्‍यों और कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्‍या पेंच नहर निर्माण कार्य में संलग्‍न/पदस्‍थ अधिकारियों की कार्यप्रणाली के संबंध में स्‍थानीय विधायक/प्रतिनिधिगणों से कोई पत्र प्राप्‍त हुआ है? यदि हाँ, तो उस पर क्‍या कार्यवाही की गई है? नहीं तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। तथापि सिवनी विधानसभा के लिये दिनांक 18.11.2024 से जल प्रवाहित है। स्वीकृत डिजाईन अनुसार 01 सायफन का निर्माण किया जाना था, जिसका निर्माण कार्य पूर्ण किया जाना प्रतिवेदित है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) सिवनी ब्रांच केनाल की नहर शाखा डी-4 की कुल लम्बाई 21 कि.मी. है, डी-4 की टेल वितरक नहर की लम्बाई 15.75 कि.मी. एवं डी-4 की उप वितरिका की लम्बाई 19.65 कि.मी. है, जिसमें सभी नहरों की खुदाई का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। शेष कार्य हेतु पूर्णता अवधि जून-2025 लक्षित है। दिनांक 18.11.2024 से नहरों में जल प्रवाहित कर निर्मित प्रभाग में पानी उपलब्ध कराया जाना प्रतिवेदित है। (ग) जी हाँ। मुख्य अभियंता, बैनगंगा कछार, जल संसाधन विभाग, सिवनी द्वारा प्रश्‍नांकित पत्र का उत्तर  संलग्न  परिशिष्‍ट  अनुसार है। (घ) जी हाँ। मुख्य अभियंता, बैन गंगा कछार सिवनी द्वारा नहरों एवं पुल का निर्माण कार्य जून 2025 तक पूर्ण किये जाने के लक्ष्य एवं कालारबांकी एवं बखारी (बंडोल) क्षेत्र के ग्रामों में पेंच परियोजना के जलाशय में अतिरिक्त पानी न होने के कारण छूटे हुए ग्रामों को शामिल किया जाना संभव नहीं होना तथा समस्त कार्य अनुविभागीय अधिकारी, उपयंत्री एवं क्‍वालिटी कंट्रोल की देखरेख में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाकर किया जाना प्रतिवेदित है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "बत्तीस"

नर्सिंग कॉलेजों को नियम विरूद्ध तरीके से मान्‍यता देने पर कार्यवाही

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

167. ( क्र. 1300 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्यप्रदेश में नियम विरूद्ध तरीके से नर्सिंग कॉलेजों को मान्‍यता देने संबंधी प्रकरण में दोषी पाये किन-किन अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु नोटिस जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो संबंधित अधिकारी/कर्मचारियों के नाम, पदनाम सहित नोटिस जारी होने का दिनांक सहित पूर्ण जानकारी दी जाए? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में नोटिस प्राप्त होने वाले दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरुद्ध आज तक क्या कार्यवाही हुई यदि नहीं, तो क्या सभी दोषमुक्त पाये गये? प्रकरण में जिन अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही हुई उनसे संबंधित एवं जो अधिकारी दोषमुक्त पाये उनसे संबंधित जानकारी जिसमें नाम, पदनाम सहित संबंधित दस्तावेजों की छायाप्रतियां उपलब्ध करायी जाएं। (ग) सीबीआई जांच में 70 प्रतिशत नर्सिंग कॉलेजों को नियम विरूद्ध संचालित होना पाये जाने से स्पष्ट है कि प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा एवं भ्रष्टाचार हुआ किन्तु तत्कालीन विभागीय मंत्री जी के कार्यकाल में इस संबंध में कोई कार्यवाही क्यों नहीं हुई? इस संबंध में कौन उत्तरदायी है?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हां, विभाग द्वारा अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार(ख) संबंधितों से प्राप्‍त उत्‍तरों में कार्यवाही हेतु सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा नस्‍ती क्रमांक 2319807/2024/मेडि-17, दिनांक 25.11.2024 को संचालक नर्सिंग सह-चिकित्‍सा कार्यालय को अभिमत हेतु प्रेषित की गई है। मध्‍यप्रदेश नर्सेस रजिस्‍ट्रेशन कौंसिल के द्वारा अधिष्‍ठाता, स्‍वशासी चिकित्‍सा महाविद्यालयों को पत्र क्रमांक 9300 दिनांक 19.06.2024 के द्वारा कारण बताओं सूचना का उत्‍तर कार्यवाही हेतु प्रेषित किए गए। मध्‍यप्रदेश नर्सेस रजिस्‍ट्रेशन कौंसिल के द्वारा लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा, संचालनालय जे.पी.अस्‍पताल परिसर भोपाल को प्राप्‍त उत्‍तर आवश्‍यक कार्यवाही हेतु प्रेषित किए गए। (ग) जी नहीं। उत्‍तरांश '' अनुसार।

पत्रकारों की छवि धूमिल करने का सुनियोजित षड़यंत्र

[परिवहन]

168. ( क्र. 1301 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या माह अक्‍टूबर 2024 में सोशल मिडिया पर जारी सूची जिसमें कि परिवहन विभाग की ओर से पत्रकारों को राशि देने का उल्‍लेख है, की शासन पुष्टि करता है? (ख) यदि हाँ, तो यह पैसा कितने माह से शासन के किस मद से दिया रहा था? यदि नगद के रूप में दिया जा रहा था तो इस ब्‍लैक-मनी के भुगतान हेतु परिवहन आयुक्‍त सहित विभाग के जिम्‍मेदार अधिकारियों के विरूद्ध प्रिवेंशन ऑफ करप्‍शन एक्‍ट के प्रावधानों के तहत कब तक कार्यवाही की जायेगी? जो ब्‍लैक-मनी दी जा रही है वह कहाँ से अर्जित की गई, स्‍त्रोत बताएं। (ग) यदि सूची झूठी है तो क्‍या शासन उत्‍तर के माध्‍यम से इसका खण्‍डन करता है? (घ) वर्तमान सरकार में यदि किसी बड़े भा.ज.पा. के राजनेता के ऊपर सोशल मीडिया पर टिप्‍पणी या गलत खबर प्रकाशित की जाती है तो संबंधित के विरूद्ध तत्‍काल गंभीर धाराओं में एफ.आई.आर. कर गलत तथ्‍यों के प्रसारण पर रोक लगाई जाती है, परंतु लोकतंत्र के चौथे स्‍तम्‍भ पत्रकारों की छवि धूमिल करने हेतु उक्‍त सूची विगत कई दिनों से सोशल मीडिया/व्‍हाटसएप्‍प पर चल रही है तो क्‍या इन सभी पत्रकारों को शासन द्वारा सुनियोजित षड़यंत्र के तहत मानहानि का शिकार बनाया जा रहा है?

परिवहन मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) से (घ) जी नहीं। परिवहन विभाग सोशल मीडिया पर जारी ऐसी किसी भी सूची की पुष्टि नहीं करता है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

प्रश्‍नकर्ता विधायक द्वारा लोकहित में लिखे पत्रों पर कार्यवाही

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

169. ( क्र. 1311 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता विधायक द्वारा दिनांक 01 जनवरी 2024 से प्रश्‍न दिनांक 20.11.2024 की अवधि में विभागीय प्रमुख सचिव/सचिव लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा मध्‍यप्रदेश शासन को अपनी ई.मेल आई.डी. kamleshwar.d@mpvidhansabha.nic.in से विभागीय ई. मेल. आई.डी. acshealth@mp.gov.in, pshealth@mp.gov.in एवं अन्‍य विभागीय आई.डी. पर सतत् रूप से भेजे गये सभी लोकहित के लिखित पत्रों पर पृथक-पृथक क्या वैधानिक कार्यवाही सदन में उत्तर देने की दिनांक तक की गई है सम्पूर्ण जानकारी पृथक-पृथक पत्रवार की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित प्रश्‍नकर्ता विधायक के प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्रों पर निर्धारित समय-सीमा में विभागीय सक्षम अधिकारी द्वारा कार्यवाही नहीं की गई है और प्रत्येक पृथक-पृथक लिखे गये पत्रों का कोई अंतिम निराकरण सदन में उत्तर देने की दिनांक तक क्यों नहीं किया गया एवं चाही गई जानकारी प्रश्‍नकर्ता विधायक को कब तक उपलब्ध करा दी जावेगी निश्चित समय अवधि बतावें। इसके लिये कौन-कौन विभागीय अधिकारी उत्तरदायी एवं दोषी है पृथक-पृथक नाम, पदनाम वार बतावें। (ग) क्या प्रश्‍नकर्ता विधायक द्वारा प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग को अपने पत्र कमांक 1760/व्ही.आई.पी./2024 दिनांक 20.11.2024 को मध्यप्रदेश के जिलों में पदस्थ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं डीन मेडिकल कॉलेज द्वारा लोकहित में मांगी गई जानकारी प्रश्‍नकर्ता विधायक को कब तक उपलब्ध करा दी जावेगी निश्चित समय अवधि बतावें एवं प्रश्‍नकर्ता के पत्र क्रमांक 1473/व्ही.आई.पी./2024 दिनांक 26.10. 2024 पर प्रमुख सचिव द्वारा कार्यवाही करते हुये जिला रतलाम के मां मेडिकल स्टोर बाजना की आड़ में संचालित झोला छाप डॉक्टर तपन राय के विरूद्ध कब तक प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करा दी जावेगी निश्चित समय अवधि बतावें। यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित प्रश्‍नकर्ता विधायक के लोकहित में लिखे गये सभी लिखित पत्रों पर समय-सीमा में सम्पूर्ण वैधानिक कार्यवाही पूर्ण करते हुये प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्र का अंतिम निराकरण करने के आदेश सक्षम अधिकारी को जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक निश्चित समय अवधि बतावें यदि नहीं, तो क्यों नहीं?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

भ्रष्‍टाचार पर की गई कार्यवाही

[राजस्व]

170. ( क्र. 1312 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला रतलाम के एस.डी.एम. सैलाना के द्वारा अपने पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार करने, अवैध कॉलोनी काटे जाने में सहयोग करने एवं प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्रों पर निर्धारित समय-सीमा में अंतिम निराकरण नहीं करने के संबंध में एवं अन्य पत्र दिनांक 01 जनवरी 2024 से प्रश्‍न दिनांक 20.11.2024 की अवधि में माननीय मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव राजस्व विभाग एवं कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी जिला रतलाम को अपनी ई. मेल आई.डी. kamleshwar.d@mpvidhansabha.nic.in से विभागीय ई-मेल आई. डी. psrevenue@mp.gov.in, dmratlam@nic.in, cm@mp.nic.in, cs@mp.nic.in पर सतत् रूप से भेजे गये थे? यदि हाँ, तो उक्त प्रत्येक पत्र पर प्रमुख सचिव राजस्व एवं संबंधित जिला कलेक्टर रतलाम द्वारा वर्तमान एस.डी.एम. सैलाना को निलंबित कर उनके कार्यकाल में हुये भ्रष्टाचार एवं घोटाले की जांच क्यों नहीं कराई गई? इसके लिये कौन सक्षम अधिकारी दोषी है? (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित प्रश्‍नकर्ता विधायक के प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्र पर मध्यप्रदेश शासन के पूर्व एवं वर्तमान प्रमुख सचिव राजस्व विभाग एवं कलेक्टर रतलाम द्वारा निर्धारित समय-सीमा में कार्यवाही करते हुये अपने अधीनस्थों को जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किये जाने के आदेश दिये गये थे यदि हाँ, तो पत्रवार बतायें कि क्या-क्या आदेश निर्देश जारी किये गये थे। क्या प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्र पर जांच प्रतिवेदन/कार्यवाही विवरण समय-सीमा में प्रस्तुत नहीं करने वाले एवं प्रत्येक पत्र का अंतिम निराकरण नहीं करने वाले संबंधित दोषी अधिकारी, कर्मचारी एवं अन्य के विरुद्ध उन्हें निलंबित करते हुये उनके विरुद्ध विभागीय जांच आदेशित करेंगे यदि हाँ, तो कब तक निश्चित समय अवधि बतायें यदि नहीं, तो क्यो नहीं? (ग) क्या एस.डी.एम. सैलाना कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिये वर्तमान एस.डी.एम सैलाना के कार्यालय में वर्षों से पदस्थ रीडर रवि अवाना, पूर्जा गुर्जर संविदा कर्मचारी, ड्राईवर मुकेश धबई, गृह जिले का पटवारी मुन्नालाल वसुनिया, पटवारी पलाश मकवाना को जिला रतलाम से अन्यत्र स्थानांतरण कर इनके कार्यालय में हुये भ्रष्टाचार एवं इनकी आय से अधिक सम्पत्ति की लोकायुक्त विशेष पुलिस स्थापना से जांच करायेंगे यदि हाँ, तो कब तक निश्चित समय अवधि बतावें। यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या वर्तमान एस.डी.एम. सैलाना के विरुद्ध प्रश्‍नकर्ता विधायक द्वारा की गई गंभीर शिकायतों को दृष्टिगत रखते हुये तत्काल प्रभाव से एस.डी.एम. सैलाना को निलंबित कर अथवा उनका स्थानांतरण कर उनके एस.डी.एम. सैलाना कार्यकाल में हुये व्याप्त भ्रष्टाचार एवं घोटाले की उच्च स्तरीय लोकायुक्त विशेष पुलिस स्थापना से जांच कराने के आदेश जारी करेंगे। यदि हाँ, तो कब तक निश्चित समय अवधि बतावें। यदि नहीं, तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ, प्रश्‍न में उल्लेखित पत्र जिला कार्यालय को प्राप्त हुए है। प्रेषित पत्रों की संख्या 147 है और इन पत्रों पर कार्यवाही का विवरण  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट  अनुसार है। जहां तक एस.डी.एम. सैलाना के विरूद्ध कार्रवाई का प्रश्‍न है, प्रथम दृष्टया कोई साक्ष्य न होने से उनके विरूद्ध किसी कार्यवाही का कोई प्रश्‍न उत्पन्न नहीं होता है। (ख) माननीय विधायक के सभी पत्रों पर कार्रवाई की गई है जिसका विवरण पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट अनुसार है। यथा समय कार्यवाही की गई है। अतः इस कारण किसी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही का कोई प्रश्‍न ही उत्पन्न नहीं होता। (ग) एस.डी.एम. सैलाना सहित किसी कर्मचारी के विरूद्ध किसी अवैधानिक कृत्य का कोई साक्ष्य न होने से इनके विरूद्ध किसी कार्यवाही का प्रश्‍न उत्पन्न नहीं होता। (घ) एस.डी.एम. सैलाना के विरूद्ध प्रथम दृष्टया किसी साक्ष्य के न होने से प्रश्‍न उत्पन्न नहीं होता है।

अतिशेष शिक्षकों की जानकारी

[स्कूल शिक्षा]

171. ( क्र. 1322 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतिशेष शिक्षकों के कार्य का प्रभारी एवं पोर्टल संबंधी तकनीकी कार्यों का प्रभारी एवं संलग्‍न स्‍टॉफ संचालनालय स्‍तर पर किसे बनाया गया है? उनके नाम, पदनाम, पदीय दायित्‍व, कब से एक ही स्‍थान पर पदस्‍थ है, नियमित/संविदा, वेतन, संपत्ति की जानकारी, कितने आवेदन अतिशेष शिक्षकों के प्राप्‍त हुये, कितने निराकृत, कितने किस कारण से लंबित, पोर्टल त्रुटि के कितने प्रकरण                     किस-किस तिथि को अपडेट किसके आदेश पर, कितनी शिकायतें, कितनी अनुशंसा विभागीय/ जनप्रतिनिधियों से प्राप्‍त हुई, कितने कोर्ट, प्रकरण बने, सहित संपूर्ण जानकारी आदेशों की प्रति सहित पृथक-पृथक बतायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में नवीन पद सरंचना संबंधी परिपत्र कब जारी किया गया, जिसके आधार पर अतिशेष शिक्षकों को चिन्हित किया गया? विभागीय पद सरंचना एवं छात्र संख्‍या किस वर्ष से ली गई है? वर्तमान सत्र में शिक्षकों एवं छात्र संख्‍या क्‍यों नहीं ली गई है? जिलेवार अतिशेष शिक्षकों की जानकारी जिले का नाम, विद्यालय का नाम, प्राचार्य का नाम, जिला शिक्षा अधिकारी नाम, उनकी सत्‍यापन की रिपोर्ट सहित गौशवारा बनाकर बतायें। (ग) वाणिज्‍य, समाजशास्‍त्र, संस्‍कृत एवं भूगोल सहित कितने शिक्षकों के पद समाप्‍त किये गये, जिलेवार गौशवरा बनाकर बतायें। वर्ष 2023-24 में नियुक्‍त नवीन शिक्षक कैसे अतिशेष हुये कारण सहित बतायें।       (घ) प्रश्‍नांश (क) के तार‍तम्‍य में अतिशेष शिक्षकों के कार्यों के प्रभारी अधिकारी एवं पोर्टल प्रभारी द्वारा पोर्टल में दर्ज सभी जानकारी सही है? यदि नहीं, तो उनके विरूद्ध कब तक क्‍या कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नांश अनुसार कार्य हेतु संचालनालय स्तर पर पृथक से किसी को भी प्रभारी नहीं बनाए जाने तथा कार्यवाही जिला शिक्षा अधिकारी एवं संयुक्त संचालक स्तर से किए जाने से प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। मध्यांश कुल-3899 आवेदन प्राप्त हुए सभी का निराकरण किया गया है। पोर्टल संबंधी तकनीकी कार्य एम.पी.एस.ई.डी.सी. के माध्यम से किए जाने से प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। शेषांश की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) शासन के परिपत्र दिनांक 15.07.2024 द्वारा नियत पद संरचना अनुसार कार्यवाही किए जाने से प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। शिक्षा पोर्टल पर अतिशेष शिक्षकों की जानकारी रियल टाईम में प्रदर्शित होती है। प्रश्‍नांश अनुसार जानकारी संधारित नहीं की जाती। अतः शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) विभाग द्वारा कोई भी पद समाप्त नहीं किए गये। अतः प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। शालावार विद्यार्थी के नामांकन एवं पद संरचना के आधार पर पद आवंटित दिए गए है। शेषांश प्रतिवर्ष पदसंरचना का आधार विगत वर्ष का नामांकन होने से यह संभव है। (घ) पोर्टल पर जानकारी राज्य स्तर से प्रविष्टि न की जाकर संकुल प्राचार्य एवं जिला शिक्षा अधिकारी के स्तर से की जाती है। जो सतत् प्रक्रिया है। अतः प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

वि.स. क्षेत्र देवरी की लंबित योजनाओं की स्‍वीकृति

[जल संसाधन]

172. ( क्र. 1325 ) श्री बृज बिहारी पटैरिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा देवरी 38 की लंबित जल संसाधन की परियोजनाओं को कब तक स्‍वीकृति प्रदान की जावेगी? (ख) क्षेत्र की टूटी-फूटी नहरों की मरम्‍मत का कार्य कब तक पूर्ण कराया जावेगा कई नहरों का विस्‍तारीकरण का कार्य लंबित है कब तक स्‍वीकृति दी जावेगी? (ग) वर्तमान में पदस्‍थ स्‍टॉफ उपयंत्री/अनुविभागीय अधिकारियों की कमी की पूर्ति कब तक की जावेगी? जिन अधिकारियों की पूर्व से जांच/शिकायतें हैं उन्‍हें कब तक दंडित किया जावेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न  परिशिष्ट  अनुसार है।                   (ख) टूटी-फूटी नहरों का साधारण मरम्मत कार्य, वार्षिक मरम्मत मद एवं संथाओं हेतु प्राप्त राशि से आवश्यकताओं के आधार पर प्रतिवर्ष कराया जाता है। टिकारी बांध की बांयी तट नहर के विस्तारीकरण हेतु सर्वेक्षण कार्य किया जा चुका है एवं मैदानी स्‍तर पर प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। (ग) नवीन स्टॉफ उपयंत्रियों/अनुविभागीय अधिकारियों की पूर्ति एक सतत प्रक्रिया है। जिन अधिकारियों की पूर्व में जांच/शिकायतें है, जांच प्रतिवेदन के आधार पर गुणदोष सिद्ध होने के उपरांत दंडित करने की कार्यवाही की जाती है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "तैंतीस"

प्रभारी प्राचार्य को हटाया जाना

[स्कूल शिक्षा]

173. ( क्र. 1435 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में कब से कौन-कौन से हाईस्‍कूल एवं हायर सेकेण्‍ड्री एवं सी.एम. राइज स्‍कूलों में प्रभारी प्राचार्य पदस्‍थ है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर बतायें कि इन स्‍कूलों में प्रभारी प्राचार्य किस मापदंड नियमों के आधार पर बनाये गये है? कृपया ऐसे नियमों आदेशों की छायाप्रतियाँ प्रदाय करें। इनको वर्तमान में क्‍या-क्‍या अधिकार दिये गये है? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि जो प्रश्‍न दिनांक तक प्रभारी प्राचार्य बने हुये है वह क्‍या-क्‍या मापदंड पूर्ण किये है और क्‍या-क्‍या नहीं? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि वर्ष 2024 का वार्षिक परीक्षा परिणाम हाईस्‍कूल एवं हायर सेकेण्‍ड्री एवं सी.एम. राइज स्‍कूल बोर्ड परीक्षा का क्‍या-क्‍या रहा है? क्‍या वित्‍तीय व्‍यवस्‍थाओं में भारी अनियमितताओं की अतिथि शिक्षकों की नियुक्तियों में, विद्यालयों की व्‍यवस्‍था में, घटते हुये परीक्षा परिणामों में एवं इनकी बोलचाल की भाषा जनप्रतिनिधियों के साथ एवं स्‍कूल के बच्‍चों के साथ ढंग से बात न करने की शिकायतें जिला शिक्षा अधिकारी को लिखित या मौखिक या रिकार्ड के आधार पर शिकायतें प्राप्‍त हुई है? अगर हाँ तो ऐसे भ्रष्‍ट प्रभारी प्राचार्यों को हटाया जावेगा तो कब तक?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''एक'' अनुसार(ख) जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-''दो'' अनुसार(ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) उत्तरांश की जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-''एक'' एवं ''दो'' अनुसार है। (घ) उत्तरांश की जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-''एक'' में समाहित है। शेषांश के संबंध में शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतः शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

चिकित्‍सकों एवं अन्‍य कर्मचारियों के रिक्‍त पदों की पूर्ति

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

174. ( क्र. 1436 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक विभाग के अधीन सीधी भर्ती से भरे जाने वाले पदों पर क्रमश: कब-कब लोक सेवा आयोग एवं प्रोफेशनल एग्‍जामिनेशन बोर्ड के माध्‍यम् से एवं विभाग में चिकित्‍सकों के रिक्‍त पद पर बंधक चिकित्‍सक एवं राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन के अंतर्गत वॉक इन इन्‍टरव्‍यू के माध्‍यम से कब-कब चिकित्‍सकों एवं अन्‍य कर्मचारियों की नियुक्तियां प्रदेश द्वारा की गई है? कृपया ऐसे समस्‍त आदेशों की छायाप्रतियाँ संपूर्ण जानकारी सहित उपलब्‍ध करायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर बतायें कि इसी समयावधि में टीकमगढ़ जिले में कब-कब, कहाँ- कहाँ, किस-किस चिकित्‍सकों की एवं अन्‍य कर्मचारियों की नियुक्तियां हुई है? कृपया नाम, पद सहित संपूर्ण जानकारी प्रदाय करें। क्‍या यह भरे गये पदों को टीकमगढ़ जिले में कम चिकित्‍सकों से भरे जाना अन्‍याय नहीं किया जा रहा है? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि प्रश्‍न दिनांक तक कहाँ-कहाँ, किस-किस चिकित्‍सकों एवं अन्‍य कर्मचारियों के पद सृजित है और किस-किस के, किस चिकित्‍सक एवं कर्मचारियों से रिक्‍त पद कब से भरे है और कहाँ-कहाँ, किसके प्रश्‍न दिनांक तक पद कब से रिक्‍त है? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि जिले के जतारा एवं पलेरा विकासखण्‍डों में चिकित्‍सकों एवं अन्‍य के रिक्‍त पदों को कब तक भर दिया जावेगा?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है ।

जंगली जानवरों द्वारा फसलों के नुकसान का मुआवजा

[राजस्व]

175. ( क्र. 1500 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में वनभूमि की सीमा से लगे क्षेत्रों में खेती करने वाले किसानों की फसलों को जंगली सुअर, नील गाय तथा अन्य जंगली जानवरों द्वारा किये जाने वाले फसलों के नुकसान के लिए मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है? (ख) यदि नहीं, तो क्या सरकार इन किसानों के हित में फसलों के नुकसान के लिए मुआवजा दिए जाने का प्रावधान करेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। वन्‍य प्राणियों से फसलों के नुकसान होने पर राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6-4 के मापदण्‍ड अनुसार राहत राशि दिये जाने के प्रावधान है।                                                      (ख) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

शैक्षणिक कार्य हेतु पदस्थ रीडर से गैर शैक्षणिक कार्य करवाना

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

176. ( क्र. 1618 ) श्री राजेश कुमार शुक्‍ला : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संस्थान में पदपूर्ति विज्ञप्ति सूचना में तय नियमों को अंतिम तिथि उपरांत संशोधित किया जा सकता है? हाँ तो इसके लिए क्या प्रक्रिया है। (ख) प्रश्‍नांश '''' हाँ है तो शा.स्वशासी दंत चिकित्सा महाविद्यालय इंदौर की विज्ञप्ति सूचना क्र/313/स्थापना/विज्ञप्ति/2024, इंदौर दिनांक 25.01.24 में तय प्रोराटा में संशोधन हेतु सभी प्रक्रियाओं एवं अनुमतियाँ ली गई, हाँ तो सभी की छायाप्रतियाँ प्रदाय करें। यह संशोधन क्यो एवं किसके आदेश से किया गया। (ग) प्रश्‍नांश '''' नहीं है तो प्रश्‍नांश '' की विज्ञप्ति के प्रोराटा में संशोधन क्यों हुआ। (घ) शा.स्वशासी दंत चिकित्सा महाविद्यालय इंदौर की विज्ञप्ति सूचना क्र. /313/स्थापना/विज्ञप्ति/2024 इंदौर 25.01.24 में कितने आवेदन प्राप्त हुए। प्रत्येक आवेदक ने कितने दिनों तक संस्थान में शैक्षणिक कार्य किया, कितने दिनों तक अन्य संस्था में गैर शैक्षणिक कार्य किया। अन्य संस्था में गैर शैक्षणिक कार्य किसके आदेश से किया गया। (ड.) ऐसे आवेदक भी है जो नियुक्ति तिथि के कुछ माह उपंरात शैक्षणिक कार्य को छोड़कर अन्यत्र संस्था में गैर शैक्षणिक कार्य हेतु संलग्न किया गया है। यदि हाँ, तो ऐसे अभ्यर्थियों का अनुभव प्रमाण पत्र जारी करते समय डेंटल कौंसिल ऑफ इंडिया के नियम का पालन किया गया? हाँ तो कैसे। (च) दंतचिकित्सा महाविद्यालय इंदौर में शैक्षिक कार्यों हेतु नियुक्त रीडर से आयुक्त चिकित्सा शिक्षा के कार्यालय में गैर शैक्षणिक कार्य करवाने से छात्रों की पढ़ाई बाधित होती है? नहीं तो कैसे? हाँ तो मूल संस्थान कब मुक्त होंगे।

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) से () जानकारी एकत्रित की जा रही है।

जोमैटो बॉय के पुलिस थानों का रजिस्ट्रेशन

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

177. ( क्र. 1666 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) घर-घर खाद्य सामग्री परिवहन के लिए जोमैटो जैसी              ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम् से व्यवसाय करने वाली कंपनियों को FSSAI द्वारा संचालित FOSCOS ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से जारी किए गए लाइसेंस पर नियंत्रण करने की कोई योजना बना रही है? यदि हाँ, तो वर्तमान स्थिति से अवगत कराएं। (ख) प्रश्‍नकर्ता विधायक के तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 1764 दिनांक 14.02.2024 को पूछे गए प्रश्‍न के जवाब में बताया गया कि, इस संबंध में दिनांक 30.01.2024 को गृह विभाग से जानकारी चाही गई थी। क्या जानकारी प्राप्त हो गई है? यदि हाँ, तो उपलब्ध कराएं। (ग) प्रदेश में ऑनलाइन खाद्य डिलीवरी बॉय का प्रत्येक क्षेत्रीय थानों में रजिस्ट्रेशन क्या विभाग आवश्यक समझता है? यदि हाँ, तो इसके लिए विभाग ने कब-कब बैठक कर ऐसे प्रस्ताव तैयार किए और उन पर क्या कार्रवाई की गई? की गई कार्रवाई से अवगत कराएं। यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या विभाग यह मानता है कि बिना रजिस्टर्ड डिलीवरी बॉय खाद्य सामग्री के लिए परिवारों के लिए चिंता का कारण बन सकते हैं? यदि हाँ, तो इनका रजिस्ट्रेशन कब तक कर दिया जाएगा?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) नई दिल्‍ली द्वारा 2021 के अनुसार कार्यवाही की जाती है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार(ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।             (ग) उत्‍तरांश () अनुसार है। (घ) उत्‍तरांश (क) अनुसार शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

खाद्य पदार्थों का निरीक्षण

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

178. ( क्र. 1740 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 20 मार्च 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन में विभाग द्वारा कब और किसके विरूद्ध किन शिकायतों में किन-किन खाद्य पदार्थों में मिलावट, गुणवत्ता, साफ-सफाई सहित अन्य किन-किन बिन्दुओं में औचक निरीक्षण किस-किस एजेन्सी के कितने लोगों की मदद से किया? जिलेवार, दुकानवार, दुकान मालिक का नाम, पता, दुकान में व्यवसाय का विवरण, चेक-लिस्टवार गौशवारा बनाकर पृथक-पृथक बतायें। (ख) उपरोक्त के अनुक्रम में विभाग ने क्या कमियों को इन दुकानों में पाया था? किन खाद्य पदार्थों की त्वरित जांच एवं कितने प्रकरण जांच हेतु किस-किस लैब को भेजे गये? लैब से रिपोर्ट में क्या निकलकर आया सहित जिलेवार संपूर्ण जानकारी का गौशवारा बनाकर बतायें। (ग) जांच में कितनी दुकानों में गुणवत्ता विहीन खाद्य पदार्थ, साफ-सफाई कमी, मिलावटी खाद्य के अतिरिक्त और कौन-कौन सी कमियों में प्रकरण पंजीबद्ध किया गया? इसमें क्या कार्यवाही किसके विरूद्ध आर्थिक दण्ड, लायसेन्स निरस्ती एवं भा.द.स. के अन्तर्गत की गई है? जिलेवार गौशवार बनाकर बतायें। (घ) विभाग के कुल कितने कार्यालय हैं? प्रत्येक कार्यालय में कितना अमला पदस्थ है? कार्यालयवार अधिकारी, कर्मचारी का नाम, पदनाम, पता, मो.नं. पदीय दायित्व, एक ही स्थान पर कब से पदस्थ हैं, कितने आउटसोर्स पर कितने संविदा पर सहित संपूर्ण जानकारी का गौशवारा बनाकर पृथक-पृथक बतायें।

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) से (ग) की जानकारी, गौशवारा के वर्णित कालम में अंकित विवरण  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार।                 (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है।

 

 




 


भाग-3

अतारांकित प्रश्‍नोत्तर


तालाब से अवैध अतिक्रमण हटाया जाना

[राजस्व]

1. ( क्र. 10 ) डॉ. राजेन्‍द्र कुमार सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                     (क) रीवा जिले के पटवारी हल्का दुआरी तहसील हुजूर, नगर रीवा आराजी क्र. 295, 296, 297, 299 एवं 304 में शासकीय तालाब दुआरी पर दो दर्जन से ज्यादा अतिक्रमणकर्ताओं ने क्या अवैध कब्जा कर रखा है? राजस्व विभाग की सूची में इन अवैध अतिक्रमणों में लिप्त लोगों के पास पी.एम. आवास, इन्द्रा आवास, स्वयं के खरीदे प्लाट, ग्रामीण क्षेत्रों में पुश्तैनी पक्के मकान हैं उसके बाद भी अवैध अतिक्रमण किये हुये हैं? सभी अवैध अतिक्रमणकर्ताओं की सूची दें? (ख) क्या यह सत्य है कि तहसीलदार तहसील हुजूर जिला रीवा ने 3 या 4 अप्रैल 2023 को अतिक्रमण हटाने आदेश दिया था? क्या उक्त अवैध अतिक्रमण को धारा 248 के तहत तहसीलदार हुजूर रीवा के हटाने/कार्यवाही करने के आदेश को माननीय उच्च न्यायालय की डबल बैंच के मान. न्यायमूर्ति एक्टिंग चीफ जस्टिस राजेन्द्र मेनन एवं जस्टिस श्रीमति अंजलि पालो की बैंच ने सहीं करार देते हुये रीवा के राजस्व आयुक्त को तीन माह में कार्यवाही करने के आदेश दिये थे? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित अवैध अतिक्रमणों को हटाये जाने के विभिन्न सक्षम न्यायालयों के आदेशों के बाद प्रश्‍नतिथि तक उक्त अवैध अतिक्रमण क्यों नहीं हटाया गया है? कारण एवं नियम बतायें? (घ) क्‍या राज्य शासन अतिक्रमण ना हटाये जाने हेतु दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही प्रश्‍नतिथि तक करेगा? जानकारी दें?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) से  (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

नागदा को जिला बनाने का प्रस्ताव

[राजस्व]

2. ( क्र. 53 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                               (क) तत्कालीन मुख्यमंत्री मान. द्वारा मार्च 2020 से 2023 तक 04 जिले बनाने की घोषणा पर शासन द्वारा गजट नोटिफिकेशन जारी कर 30 दिवसीय आमंत्रित दावे/आपत्तियों का निराकरण कर जिला बनाने हेतु शासन द्वारा कार्यवाही की गई है? (ख) यदि हाँ, तो जिला बनाने की सभी औपचारिकताएं पूर्ण हो जाने के पश्चात नागदा को जिला बनाने के 480 दिन से लंबित प्रस्ताव पर मंत्री परिषद में स्वीकृत कर अंतिम गजट नोटिफिकेशन हेतु शासन कब तक कार्यवाही पूर्ण कर लेगा? (ग) विधानसभा प्रश्‍न क्र. 194 दिनांक 12/02/2024 के प्रश्‍नांश (क), (ख) के उत्तर में जी हाँ स्वीकार करते हुए प्रश्‍नांश (ग) जिला बनाने की सभी औपचारिकताएं पूर्ण हो जाने के पश्चात नागदा को जिला बनाने के लंबित प्रस्ताव को मंत्री परिषद् में स्वीकृत कर अंतिम गजट नोटिफिकेशन हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है, के उत्तर में राजस्व मंत्री महोदय द्वारा बताया गया था कि प्रकरण परीक्षणाधीन है। क्या शासन द्वारा प्रस्ताव का परीक्षण करा लिया गया है? नागदा को जिला कब तक घोषित किया जाएगा? समय-सीमा बतायें।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) मार्च 2020 से 2023 तक 4 नए जिलों के गठन संबंधी गजट नोटिफिकेशन जारी कर दावे आपत्तियां बुलाई गई। परीक्षण उपरांत तीन नये जिले के गठन संबंधी अधिसूचना जारी की गई। (ख) कार्यवाही विचाराधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) नवीन प्रशासनिक इकाइयों के गठन के संबंध में विभाग के आदेश क्रमांक E-F- N0.-1/ 11/ 0001/2024/सात-4 दिनांक 12 मार्च 2024 द्वारा राज्‍य की प्रशासनिक इकाइयों यथा-संभाग, जिला, उपखण्‍ड, तहसील एवं जनपद/विकासखण्‍ड के परिसीमन (सृजन एवं सीमाओं में परिवर्तन) एवं युक्तियुक्‍तकरण के लिए मध्‍यप्रदेश प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग गठित किये जाने की स्‍वीकृति प्रदान की गई। आयोग द्वारा प्रशासनिक इकाइयों के गठन/युक्तियुक्‍तकरण के संबंध में कार्यवाही की जानी है। प्रकरण में आयोग की अनुशंसा प्राप्‍त होने पर तदनुसार आगामी कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

सिंचाई परियोजनाओं की जानकारी

[जल संसाधन]

3. ( क्र. 58 ) श्री महेन्‍द्र केशरसिंह चौहान : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में विगत 10 वर्ष में कौन-कौन सी सिंचाई परियोजनाओं की स्वीकृति प्राप्त होने पर निर्माण किया गया या निर्माण, निर्माणाधीन है परियोजनाओं की लागत एवं निर्माण की स्थिति की जानकारी देवें। (ख) इन सिंचाई परियोजना में किस-किस गोण खनिज का उपयोग किया गया है एवं कितनी मात्रा में किया गया है परियोजनावार की डी.पी.आर. एवं स्टीमेट के अनुसार किया गया है? (ग) क्या इन सिंचाई परियोजना में गोण खनिज के लिए नियम अनुसार शासन को ठेकेदार द्वारा रायल्टी प्रदान की गई है यदि हाँ, तो परियोजनावार कितनी-कितनी रायल्टी जमा की गई है यदि नहीं, तो क्यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-1'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-2'' अनुसार है।                                             (ग) सिंचाई में गौण खनिज के नियमानुसार ठेकेदारों से काटी गई रॉयल्‍टी की राशि जमा किया जाना प्रतिवेदित है। विस्‍तृत विवरण पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।

सी.एम. राईज भैंसदेही की भूमि पर अतिक्रमण

[राजस्व]

4. ( क्र. 59 ) श्री महेन्‍द्र केशरसिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र भैंसदेही के विकासखण्ड भैंसदेही के हाईस्कूल, छात्रावास एवं सी.एम. राईज शासकीय संस्था के समीप शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण किया गया है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ तो किन-किन व्यक्तियों द्वारा अतिक्रमण किया गया है? सूची उपलब्ध करावें। (ग) किये गये अतिक्रमण को कब तक हटा दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। सी.एम. राइज भैंसदेही की भूमि पर अवैध अतिक्रमण किया गया है। (ख) दो व्यक्तियों द्वारा अतिक्रमण किया गया है। उनके नाम इस प्रकार हैं :- 1. रजत पिता सुनिल शिंदे निवासी भैंसदेही। 2. प्रदीप सिंह पिता चंन्द्रचुड़ सिंह किलेदार निवासी भैंसदेही। (ग) राजस्व प्र.क. 002, 003/अ-68 वर्ष 2024-25 में आदेश पारित कर बेदखली आदेश जारी किया जा चुका है, अतिशीघ्र अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जायेगी।

विगत 10 वर्ष में राजस्व भूमि के नवीन पट्टों का वितरण

[राजस्व]

5. ( क्र. 60 ) श्री महेन्‍द्र केशरसिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र भैंसदेही विगत 10 वर्ष में राजस्व भूमि के नवीन पट्टे वितरित किये गये है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ तो विधानसभा भैंसदेही के नगर पंचायत एवं ग्रामों में किस-किस व्यक्ति को कितनी-कितनी भूमि का पट्टा कितने समय के लिए दिया गया है? सूची उपलब्ध करावें? (ग) क्या यह सही है कि विगत 10 वर्ष में पट्टों का नवीनीकरण हुआ है? (घ) यदि हाँ तो किस-किस व्यक्ति के पट्टे का नवीनकरण किया गया है? वर्षवार, व्यक्तिवार सूची उपलब्ध करावें।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी हां, बैतूल जिले के विधानसभा क्षेत्र भैंसदेही में नगरीय क्षेत्र में मुख्‍यमंत्री नगरीय भू-अधिकार (धारणाधिकार) योजना एवं ग्रामीण क्षेत्र में मुख्‍यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना अंतर्गत भू-अधिकार पत्र वितरित किये गये है। (ख) विधानसभा भैंसदेही के नगर पंचायत भैंसदेही क्षेत्र में मुख्‍यमंत्री नगरीय भू-अधिकार (धारणाधिकार) योजना के अंतर्गत मकान के कुल 37 पट्टे 30 वर्ष की अवधि के लिए दिये गये है जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट- अनुसार है एवं ग्रामीण क्षेत्र में मुख्यमंत्री आवासीय भू अधिकार योजना अंतर्गत तहसील भैंसदेही के ग्रामों में कुल 218, तहसील आठनेर के ग्रामों में कुल 11 तथा तहसील भीमपुर के ग्रामों में कुल 54 पट्टे वितरित किये गये है। जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) पूर्व में जारी पट्टों के नवीनीकरण हेतु आवेदन पत्र प्राप्त नहीं होने से विगत 10 वर्षों में पट्टों का नवीनीकरण नहीं किया गया है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के उत्तर के संदर्भ में जानकारी निरंक है।

सिंचाई जलाशयों की लाइनिंग

[जल संसाधन]

6. ( क्र. 62 ) श्री महेन्‍द्र केशरसिंह चौहान : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र भैंसदेही के विकासखण्ड भैंसदेही, आठनेर, भीमपुर में कौन-कौन से बांध (जलाशय) है? (ख) क्या इन जलाशयों से किसानों को पानी मिले इस हेतु नहरें बनाई गई है? (ग) यदि हाँ तो इनमें से कौन-कौन सी नहरें पक्की (सीमेंटीकृत) है? (घ) क्या कच्ची नहरों को पक्की करने की शासन की कोई योजना है? यदि हाँ तो इन नहरों को कब तक पक्की (सीमेंटीकृत) किया जायेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) बैतूल जिले के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र भैंसदेही के विकासखंड भैंसदेही, आठनेर एवं भीमपुर के अंतर्गत 42 जलाशय निर्मित है। जानकारी संलग्‍न  परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। 31 योजनाएं नहर सहित है तथा 11 लघु योजनाएं नहर रहित है, जिनसे सिंचाई हेतु जल उपलब्ध कराया जा रहा है। (ग) विकासखंड भैंसदेही, आठनेर एवं भीमपुर के अंतर्गत निर्मित 42 जलाशयों में से 09 पक्की नहर है। 03 जलाशयों की नहरे आंशिक पक्की है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार है। (घ) जी नहीं। अपितु कार्य की आवश्यकता अनुसार पूर्व निर्मित जलाशयों की नहरों में पक्कीकरण कार्य किया जाता है।

परिशिष्ट - "चौतीस"

फसल क्षति मुवावजा प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

7. ( क्र. 70 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र में किसानों के फसल क्षति मुआवजा के कितने प्रकरण अब तक लंबित है? पूर्ण ब्यौंरा क्या है? (ख) उपरोक्त (क) के प्रकरणों के अब तक लंबित रहने के कारण क्या है?                       (ग) कब तक उपरोक्त प्रकरणों का निराकरण होगा?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जिले में गरोठ विधानसभा क्षेत्र में किसानों के फसल क्षति मुआवजा के लंबित प्रकरण निरंक है। (ख) एवं (ग) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

गांधी सागर गांव को राजस्व ग्राम घोषित किया जाना

[राजस्व]

8. ( क्र. 78 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) गांधी सागर क्षेत्र को राजस्व गांव घोषित करने हेतु विभाग ने अब तक क्या कार्यवाही की है। (ख) गरोठ विधानसभा अंतर्गत गांधीसागर नंबर 3, 8 पर कुल कितने परिवार निवासरत है, कितने ऐसे परिवार जिन्‍हें मूलभूत सुविधा नहीं मिल पा रही है। (ग) क्या शासन इन विस्थापित परिवारों को जमीन का स्वामित्व प्रदाय करने की कोई योजना प्रक्रियाधीन है, यदि हाँ, तो कब तक इन परिवारों को भू-स्‍वामित्‍व का अधिकार प्राप्त हो जाएगा। (घ) गांधीसागर पर निवासरत परिवारों को विद्युत कनेक्शन, नल कनेक्शन भी नहीं दिये जा रहे है, जिससे उनको मूलभूत सुविधा भी नहीं मिल पा रही है, क्या शासन इनको उक्त सुविधाएं उपलब्ध कराएगा यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) गांधीसागर भानपुरा तहसील में होकर राजस्व ग्राम है। (ख) जिले में गरोठ विधानसभा तहसील भानपुरा के अंतर्गत गांधीसागर नं. 38 पर कुल 2303 परिवार निवासरत है। सभी परिवारों को मूलभूत सुविधाएं प्राप्त हो रही है। (ग) म.प्र.शासन की स्वामित्व योजनांतर्गत G.T. पूर्ण करके SOI जबलपुर में नक्शे जमा कर दिये गये है। फायनल ड्राफर प्राप्त होते ही ROR एन्ट्री पूर्ण कर दी जावेगी। (घ) जिले में गांधीसागर में निवासरत परिवारों को गांधीसागर न.3 एवं 8 में सभी प्रकार के विद्युत कनेक्शन नियमानुसार दिये गये है एवं वर्तमान में गांधीसागर नं 3 एवं 8 पर घेरलू प्रकाश/व्यवसायिक प्रकाश/स्ट्रीट लाईट/वाटरवर्क्‍स/औद्योगिक कनेक्शन एवं कृषि पंप सहित कुल 1874 विद्युत कनेक्शन विद्यमान है।

एम्बुलेंस सुविधा की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

9. ( क्र. 80 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ के नागरिकों को मंदसौर चिकित्सालय में गंभीर ऑपरेशन के बाद डिस्चार्ज होने पर गरोठ तक मरीज को पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस सुविधा क्यों नहीं दी जाती है? (ख) यदि 20 किलोमीटर का प्रावधान हैं, तो वह किस आधार पर बनाया गया है? (ग) उपरोक्त (क) सुविधा कब तक प्रदान की जाएगी?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) 108 सेवा अंतर्गत जिला मंदसौर में संचालित जननी एक्‍सप्रेस एम्‍बुलेंस द्वारा वर्ष 2024-25 में माह अप्रैल-2024 से अक्‍टूबर-2024 तक की अवधि के दौरान मंदसौर जिला चिकित्‍सालय से गरोठ ब्‍लॉक की सिजेरियन ऑपरेशन उपरांत प्रसूता को तथा सामान्‍य प्रसव उपरांत कुल 1189 महिलाओं एवं नवजात शिशुओं को ड्रॉपबैक की सुविधा प्रदाय की गई है। (ख) ऐसी कोई नीति नहीं है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं को अन्य शालाओं में मर्ज किया जाना

[स्कूल शिक्षा]

10. ( क्र. 85 ) श्री हेमन्‍त विजय खण्‍डेलवाल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के विधानसभा बैतूल में ऐसे कितने प्राथमिक एवं माध्यमिक शालायें संचालित है जिनमें 20 या उससे कम छात्र दर्ज है? सूची उपलब्ध करायें? (ख) शासन द्वारा इन्हें अन्य शाला में मर्ज किया जाना है? यदि हाँ, तो कब तक किये जावेगा समय-सीमा बतावें?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) यू-डाईस सत्र 2023-24 के अनुसार 20 या उससे कम दर्ज वाली प्राथमिक एवं माध्‍यमिक शालाओं की सूची  संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार है।                                                 (ख) विभागीय आदेश दिनांक 5/9/2018 के अंतर्गत एक परिसर एक शाला में विद्यालयों को मर्ज करने का प्रावधान है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "पैंतीस"

बैतूल जिले में सी.एम. राइज स्कूल की स्वीकृति

[स्कूल शिक्षा]

11. ( क्र. 91 ) श्री हेमन्‍त विजय खण्‍डेलवाल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में कुल कितने सी.एम. राइज स्कूल भवन स्वीकृत है? (ख) भवन कार्य कब तक पूर्ण किया जावेगा?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) बैतूल जिले में प्रथम चरण में कुल 03 सी.एम.राईज स्कूल भवन स्वीकृत है। जानकारी संलग्‍न  परिशिष्ट  अनुसार है।                                                                      (ख) जानकारी संलग्‍न  परिशिष्ट  अनुसार है।

परिशिष्ट - "छत्‍तीस"

शासकीय मंदिरों के पुजारी की अधिवार्षिकी आयु

[धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व]

12. ( क्र. 98 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या राज्‍य मंत्री, धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के शासकीय मंदिरों में कुल कितने पुजारी नियुक्त हैं? शासन द्वारा नियुक्त पुजारियों की अधिवार्षिकी उम्र कितनी है? सेवानिवृत्ति की आयु कब से लागू की गई है। पुजारियों को मिलने वाले मानदेय़ से क्या प्रोफेशनल टेक्स का कटौत्रा किया जाता है। यदि हाँ, तो कितना? (ख) भगवान की पूजा करना न तो सेवा का कार्य है और न ही श्रम का यह भावना और आस्था का कार्य है। क्या उन्हें मस्जिद के ईमाम व मुआज्जिम के समान वेतन दिया जा रहा है। क्या पुजारियों की अधिवार्षिकी उम्र को समाप्त किया जा सकेगा।

राज्‍य मंत्री, धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व ( श्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। पुजारियों के संबंध में अधिवार्षिकी आयु निर्धारित नहीं है। शासन द्वारा पुजारियों के सेवानिवृत्‍त आयु का प्रावधान नियमों में नहीं की गई है। जी नहीं। शेष प्रश्‍न उद्भुत नहीं होता है। (ख) जी हाँ। नियमानुसार वेतन दिया जा रहा है। पुजारियों की अधिवार्षिकी उम्र निर्धारित नहीं होने से प्रश्‍न उद्भुत नहीं होता है।

सी.एम. राईज स्कूल की स्वीकृति

[स्कूल शिक्षा]

13. ( क्र. 113 ) श्री मनोज नारायण सिंह चौधरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि देवास जिले में कुल 15 सी.एम. राइज स्कूल खोले गए है, जिसमें जिले में 5 विधानसभाएं हैं। 15 सी.एम. राइज स्कूल में से प्रत्येक विधानसभा को 3-3 सी.एम. राइज स्कूल की सौगात मिलनी चाहिए थी, किन्तु हाटपिपल्या विधानसभा में मात्र 1 सी.एम. राइज स्कूल सन्नौड में खोला गया है। छात्र-छात्राओं के भविष्य को देखते हुए क्या प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में दो नवीन सी.एम. राइज स्कूल की स्वीकृति दी जायेगी यदि हाँ, तो कब?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : जी हां, स्कूलों का चयन बजट की उपलब्धता एवं सक्षम स्वीकृति अनुसार किया जाता है। अतएव शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

कार्यालयों में संयोजित अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी

[राजस्व]

14. ( क्र. 144 ) श्री सतीश मालवीय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                            (क) उज्जैन कलेक्टर कार्यालय एवं जिले सभी अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं सभी तहसीलदार, अपर तहसीलदार, नायब तहसीलदार कार्यालय में कितने अन्य विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अटैचमेन्ट किया गया? कर्मचारीवार, स्थानवार, सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश '''' अनुसार अटेचमेन्ट के क्या नियम हैं, क्या समय सीमा है, क्या उक्त अटेचमेन्ट (संयोजित) नियम अनुसार किये गये हैं? यदि हाँ, तो नियमों की प्रति उपलब्ध करावें, यदि नियम विरूद्ध अटेचमेन्ट (संयोजित) लागू है तो इनके विरूद्ध कौन-कौन जिम्मेदार है और विभाग इन पर क्या कार्यवाही करेगा? (ग) अटेचमेन्ट (संयोजित) किये गये कर्मचारियों के अटेचमेन्ट से उनके विभाग के कार्य प्रभावित हो रहे हैं? यदि कार्य प्रभावित हो रहे है, तो संयोजित कर्मचारियों को उनके मूल विभाग के कितने समय में भेजा जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय भोपाल के ज्ञाप क्र. सी/3-8/05/3/एक, भोपाल दिनांक 26 अक्टूबर 2005 में प्रदत्त निर्देशानुसार जिला कार्यालय में अन्य विभाग से कर्मियों का रिडिप्लॉयमेंट किया गया है, जो नियमानुसार है। नियम की  प्रति संलग्‍न परिशिष्ट-ब अनुसार है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है।

परिशिष्ट - "सैंतीस"

रिक्त पदों की पूर्ति

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

15. ( क्र. 145 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सत्य है कि विकासखण्ड सिरमौर अंतर्गत नवस्थापित डॉ. भीमराव अंबेडकर सिविल अस्पताल सिरमौर में मेडिसिन विशेषज्ञ, सर्जरी विशेषज्ञ एवं एनेस्थीसिया विशेषज्ञ तथा दंत रोग विशेषज्ञ के पद रिक्त पड़े हैं? यदि हाँ, तो कब तक रिक्त पदों पर विशेषज्ञों की पदस्थापना सुनिश्चित की जा सकेगी? कृपया समय-सीमा बताने का कष्ट करें। (ख) क्या सिविल अस्पताल सिरमौर में एक्सरे मशीन एवं ऑपरेशन थियेटर की उपलब्धता है? यदि हाँ, तो एक्सरे टेक्नीशियन, ओटी असिस्टेंट एवं ड्रेसर की पदस्थापना कब तक सुनिश्चित की जा सकेगी? (ग) सिविल अस्पताल सिरमौर में विद्युत प्रवाह बाधित होने की स्थिति में क्या वैकल्पिक विद्युत सप्लाई व्यवस्था सुनिश्चित की गई है? यदि नहीं, तो आइ.सी.यू. एवं गंभीर वार्डों में सुचारु विद्युत सप्लाई व्यवस्था कब तक सुनिश्चित की जा सकेगी?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। दंत रोग विभाग में एक डेंटल मेडिकल ऑफिसर कार्यरत है तथा संविदा एनेस्थीसिया विशेषज्ञ पदस्थ है। पदपूर्ति एक निरंतर प्रक्रिया है, निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। पदपूर्ति एक निरंतर प्रक्रिया है, निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ग) सिविल अस्‍पताल सिरमौर में विद्युत प्रवाह बाधित होने की स्थिति में वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में इनवर्टर बैट्री का उपयोग किया जा रहा है। नवीन विद्युत ट्रॉसफार्मर स्थापित कराये जाने हेतु राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के आदेश क्रमांक/भवन/ एन.एच.एम./ 2024-25/4615 दिनाक 08.08.2024 द्वारा राशि रूपये 7.60 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है। आदेश की प्रति  जानकारी संलग्‍न  परिशिष्‍ट अनुसार है। विद्युत वितरण कंपनी रीवा द्वारा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जिसकी निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है

परिशिष्ट - "अड़तीस"

 

राजस्‍व अभिलेखों में अनियमितताएं

[राजस्व]

16. ( क्र. 190 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (‍क) क्या यह सही है कि प्रश्‍नकर्ता ने 12 फरवरी 2024 को तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 161 द्वारा टीकमगढ़ शहर के आस-पास के गांव के राजस्व रिकॉर्ड में हेरा-फेरी का प्रश्‍न किया था। यदि हाँ, तो क्या उसमें शासन द्वारा गलत उत्तर दिया था? (ख) यदि प्रश्‍नांश (क) नहीं तो टीकमगढ़ तहसील के प्रकरण के 130/अ-12/3/20-21, सी.2/अ/3/21-22 53अ-12/19-20, 204/अ-12/19-20, 232/अ-12/20-21, सी.003/अ-12/21-22, 131/अ-12/21-22, सी 133/अ-12/21-22, 168/अ-12/21-22, 200 अ-12/21-22,211/अ-12/21-22, 227/अ-12/21-22,240/अ-12/21-22 168/अ-12/21-22, 244/अ-12/21-22, 242/अ-22/21-22, 243/अ-12/21-22, 244/अ-12/21-22, 245/अ-12/21-22, 246/अ-12/21-22, 0339/अ-12/21-22 के आदेशों की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या प्रश्‍नांश (ख) में वर्णित आदेशों में शासन के नियमों की अनदेखी करते हुए किसी व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाया गया है और गरीबों के साथ अन्याय किया गया है? (घ) प्रश्‍नांश (ख) और (ग) में वर्णित अवैध गैर-कानूनी आदेश करने वाले अधिकारी का नाम पद सहित बतावे व उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी बतावें?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। माननीय विधायक श्री यादवेन्द्र सिंह द्वारा फरवरी 2024 को तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 161 में टीकमगढ़ शहर के आसपास के गांव के राजस्व रिकार्ड में हेरा-फेरी का प्रश्‍न किया गया था। राजस्व अभिलेख अनुसार तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 161 का उत्तर सही दिया गया था। (ख) प्रश्‍नांश (ख) में चाही गई प्रकरणों की जानकारी के आदेश की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्‍नांश (क), () एवं (ग) के उत्‍तर के अनुक्रम में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

शासकीय भूमि पर अतिक्रमण

[राजस्व]

17. ( क्र. 191 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि डुमरऊ भाटा हल्का पटवारी किला तहसील टीकमगढ़ के खसरा नं 1117,1717,1180, 1182, 1183, 1184, 1185, 1187, 1179, 1189, 1120, 1214, 1228, 1419, 1427, 1457, 1459, 1463 शासकीय भूमि पर अतिक्रमणकारियों ने अवैध अतिक्रमण कर रखा है? (ख) क्या यह भी सही है कि माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर ने डबलू.पी. 16285/2018 में आदेश पारित कर दिनांक 15/02/2021 को कलेक्टर टीकमगढ़ को अतिक्रमण हटाने हेतु 30 दिवस का समय आदेश पारित के दिनांक से दिया था? (ग) यदि हाँ, तो कलेक्टर टीकमगढ़ द्वारा क्या कार्यवाही की गई कार्यवाही न करने का कारण बतावें? (घ) क्‍या माननीय उच्च न्यायालय के भी आदेशों का पालन न करने वाले अधिकारी/कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। डुमरऊ भाटा हल्का पटवारी किला तहसील टीकमगढ़ के खसरा नम्बर 1717 एवं 1120 निजी भूमि पर दर्ज है। शेष खसरा नम्बर शासकीय मद में दर्ज है जिसके संबंध में अतिक्रमण होने के कारण तहसील न्यायालय में प्रकरण पंजीवद्ध है। (ख) जी नहीं। माननीय न्यायालय द्वारा आदेशित किया गया है कि This petition has been filed in the year 2018, but till date no reply has been field. The petition was lastly listed on 08.08.2018, therefore, it is difficult to ascertain the present existing position. Even otherwise, this petition has been filed asking direction for removal of encroachment over the Government land. We deem it appropriate that the petition be disposed of directing the petitioner to make a fresh representation to the collector, Tikamgarh (respondent No. 3) raising his grievance regarding encroachment over the Government land mentioning Specific names of the encroachers. If that is done within a period of 30 days from today, respondent No.3 shall consider and decide the same within a further period of three months. (ग) प्रश्‍नांश (ख) के पालन में जानकारी निरंक है।                              (घ) माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना नहीं की गई है। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

विधायकों के पत्रों पर कार्यवाही

[स्कूल शिक्षा]

18. ( क्र. 200 ) श्री महेश परमार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                             (क) ई-मेल एवं डाक द्वारा प्रेषित क्रमशः पत्र क्रमांक 185 दिनांक 04/11/24,177 दिनांक 15/10/24 पर प्रश्‍न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही कब-कब, किस-किस के द्वारा की गई है? पत्रानुसार बिंदुवार शिकायत की जांच एवं जांच का प्रतिवेदन, आरोप पत्र, आधार पत्र, समस्त कथन, निष्कर्ष के साथ गठित जांच दल का विवरण मय नोटशीट संलग्न शिकायत, जांच कार्यवाही में प्रयुक्त समस्त दस्तावेज की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल के द्वारा ई. एंड आर. कक्ष से पत्र क्रमांक 857 दिनांक 30/01/2020, अर्द्ध शासकीय पत्र क्रमांक 100 दिनांक 13/08/2021,5841 दिनांक 25/10/21 को जारी कर श्री कर्ण शर्मा को अपात्र बताया गया था? यदि हां,तो प्रस्तुतकर्ता अधिकारी की नोटशीट सहित सभी आदेशों की संपूर्ण नस्ती की प्रतियां एवं संलग्न अधिनियम, नीति, नियम, निर्देश जिनके आधार पर श्री कर्ण शर्मा को अपात्र घोषित कर आदेश जारी किए उनकी प्रमाणित प्रतियां देवें। (ग) क्या आर.एस.के. के योजना कक्ष से जारी 3766 दिनांक 29/04/13,7764 दिनांक 07/08/13,10698 दिनांक 02/12/13,5435 दिनांक 23/06/14,549 दिनांक 24/01/15,1204 दिनांक 16/03/15,4737 दिनांक 18/06/15,791 दिनांक 28/01/16,4973 दिनांक 06/07/16 इन परिपत्र से आवासीय छात्रावास/विद्यालय के प्रस्ताव एवं स्वीकृति की प्रति देवें। (घ) अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 768 दिनांक 3/7/24 एवं 767 दिनांक 3/07/24 के सभी उत्तर के खंडवार तथ्यों को सत्य प्रमाणित करने वाले सभी नोटशीट संलग्न सभी नियम अधिनियम नीति सहित दस्तावेज उपलब्ध करावें।

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) कार्यालयीन अभिलेखों के आधार पर शिकायतों के बिन्‍दुवार तथ्‍यात्‍मक प्रतिवेदन से मान. विधायक जी को राज्‍य शिक्षा केन्‍द्र के पत्र क्र/राशिके/ एमजीयू/2024/5464 दिनांक 06.12.2024 एवं पत्र क्र/राशिके/एमजीयू/2024/5454/दिनांक 05.12.2024 से अवगत कराया गया हैं। बिन्‍दुवार तथ्‍यात्‍मक प्रतिवेदन की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार। पृथक से जांच की कोई आवश्‍यकता नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। नोटशीट एवं संपूर्ण आदेश की प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार।                                (ग) आदेशों की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार(घ) अतारांकित प्रश्‍न क्र.768 दिनांक 03.07.2024 एवं विधान सभा प्रश्‍न क्र.- 767 दिनांक 03.07.2024 के सभी उत्‍तर नोटशीट एवं संपूर्ण आदेश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-5 एवं 6 अनुसार

कटाव घाट स्टोरेज वियर स्कीम की स्वीकृति‍

[जल संसाधन]

19. ( क्र. 205 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रश्‍नकर्ता द्वारा अपने पत्र क्रमांक 1676 दिनाँक 11/09/2024 के द्वारा हिरण जल संसाधन संभाग जबलपुर को जबलपुर जिले की शहपुरा तहसील के अंतर्गत बेलखेड़ा के निकट कटाव घाट स्टोरेज वियर स्कीम बनाकर स्वीकृत करने हेतु पत्र लिखा था? यदि हाँ, तो उपरोक्त कटाव घाट स्टोरेज वियर स्कीम के निर्माण एवं स्वीकृति हेतु अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? उपरोक्त स्कीम को कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) :  जी हाँ, मान. सदस्‍य के पत्र दिनांक 11.09.2024 से कार्यपालन यंत्री, हिरन जल संसाधन संभाग, जबलपुर को जिले की शहपुरा तहसील के अंतर्गत बेलखेड़ा के निकट कटाव घाट स्‍टोरेज वियर स्‍कीम बनाकर स्‍वीकृत करने हेतु पत्र लिखा गया था। परियोजना का स्‍थल निरीक्षण/प्राथमिक सर्वे/साध्‍यता परीक्षण कार्य प्रक्रियाधीन होना प्रतिवेदित है। विभागीय वित्‍तीय एवं तकनीकी मापदण्‍डों के अनुरूप होने पर ही परियोजना की स्‍वीकृति प्रदान की जा सकेगी अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

साइकिलों का वितरण

[स्कूल शिक्षा]

20. ( क्र. 221 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन की स्कूल छात्र/छात्राओं को साइकलों का वितरण करने की निर्धारित नीति प्रक्रिया एवं व्यवस्था क्‍या हैं। इसके लिये बजट में कितनी-कितनी राशि का प्रावधान किया गया। कितनी-कितनी राशि आवंटित की है एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक की जानकारी दें। (ख) जिला शिक्षा विभाग जबलपुर को कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? कब-कब कितनी-कितनी सायकलें प्रदाय की गई एवं कितने-कितने स्कूलों के कितने-कितने छात्र/छात्राओं को शैक्षणिक सत्रवार कब-कब कितनी-कितनी सायकलों का वितरण किया गया एवं कितने-कितने छात्रा/छात्राएं सायकलों से वंचित रही हैं एवं क्यों? शहरीय एवं ग्रामीण शालाओं की पृथक-पृथक जानकारी दें। (ग) जिला जबलपुर में सायकिलों का क्रय एवं उनका प्रदाय करने की किस स्तर पर क्या व्यवस्था की गई। शैक्षणिक सत्रवार कितने-कितने स्कूलों के कितने-कितने छात्र/छात्राओं को कब-कब कितनी-कितनी सायकिलों का वितरण किया गया। कितने-कितने छात्र/छात्राओं के खातों में किस मान से कितनी-कितनी राशि जमा की गई। किस-किस शैक्षणिक वर्ष में कितने-कितने छात्र-छात्राओं को सायकिलों का वितरण नहीं किया गया अथवा सायकिलों का क्रय करने हेतु उनके खातों में कितनी-कितनी राशि जमा नहीं की गई एवं क्यों? क्या शासन इसके लिये दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?



स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट- 01 पर है। (ख) जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय जबलपुर को योजना अंतर्गत राशि अपलब्ध नहीं करायी जाती है, अपितु म.प्र. लघु उद्योग निगम लि. के माध्यम से राशि का भुगतान किया जाता है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट- 01 एवं 02 पर है। (ग) म.प्र. लघु उद्योग निगम लि. मध्यप्रदेश के माध्यम से साईकिल का क्रय एवं चयनित एजेंसी के माध्यम से विकासखण्ड स्तर पर साईकिल प्रदाय किये जाने की व्यवस्था है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-02 पर है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

संजीवनी क्‍लीनिक की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

21. ( क्र. 222 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की महत्वाकांक्षी योजना संजीवनी क्लीनिक के तहत जबलपुर शहर में मूल योजना एवं मूल उद्देश्य के अनुसार अभी तक कितने में से कितने खोले गये है? इनमें उपलब्ध चिकित्सा सुविधाएं संसाधन स्वीकृत एवं पदस्थ स्टाफ की क्या स्थिति हैं। कहां-कहां पर कब से सम्बंधित किन-किन संजीवनी क्लीनिक में कब से कौन-कौन से स्वीकृत पद रिक्त है एवं कौन-कौन सी सुविधाएं, संसाधनों की समुचित व्यवस्था नहीं हैं एवं क्यों? (ख) प्रश्‍नांश (क) में स्वीकृत कितने संजीवनी क्लीनिक में से कितने संजीवनी क्लीनिक के लिये चिकित्सा सुविधाएं संसाधनों व स्वीकृत स्टाफ की पदस्थी की क्‍या व्यवस्था की गई हैं? स्वीकृत कितने संजीवनी क्लीनिक कब से संचालित नहीं किये गये हैं एवं क्यों? सूची दें। (ग) प्रश्‍नांकित स्वीकृत कितने संजीवनी क्लीनिक में से किन-किन वार्डों में संजीवनी क्लीनिक भवनों का निर्माण कराया गया। इनको संचालित करने हेतु क्या-क्या चिकित्सा सुविधाएं संसाधनों एवं स्वीकृत स्टाफ की पदस्थी हेतु क्या व्यवस्था की गई हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्‍नांकित किन-किन वार्डों में कब से निर्मित संजीवनी क्लीनिक भवनों को स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक अपने अधिकार में नहीं लिया है एवं क्यों? वर्तमान में इन निर्मित भवनों की सुरक्षा, देखभाल रखरखाव की क्या व्यवस्था है एवं इनकी क्या स्थिति है? सूची दें।

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जबलपुर शहर में कुल 32 संजीवनी क्‍लीनिक प्रारंभ की जा चुकी है। संजीवनी क्‍लीनिक में ओ.पी.डी. नि:शुल्क जांच, दवाइयां एवं वेलनेस गतिविधि एवं आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराये गए है। संजीवनी क्‍लीनिक में स्वीकृत एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। 32 संस्‍थाओं में से 10 चिकित्‍सक, 11 नर्सिंग ऑफिसर के पद रिक्‍त है, जिनकी नियुक्ति राज्‍य स्‍तर से निरंतर की जा रही है एवं सपोर्ट स्‍टाफ (डाटा एंट्री ऑपरेटर एवं सपोर्ट स्‍टाफ) जिले स्‍तर से आउटसोर्स के माध्‍यम से रखे जाने की स्‍वीकृति प्रदान की गयी है। (ख) 60 स्वीकृत संजीवनी क्‍लीनिक में से 32 संस्थाओं की स्थिति उत्‍तरांश '''' में स्‍पष्‍ट की गई है। 28 संस्‍थायें (20 संजीवनी क्लिनिक में मानव संसाधन की पदस्थापना न होने एवं 08 संस्‍थाओं का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने) से संचालित नहीं किये जा सके है  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है।                                    (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। संस्थाओं को संचालित किये जाने हेतु आवश्यक उपकरण, वित्तीय राशि नि:शुल्क दवाइयां, जांचों की सुविधाएँ एवं चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ की पदस्थापना राज्य स्तर से एवं सपोर्ट स्टाफ आउटसोर्स के माध्‍यम से जिला स्तर से रखे जाने की व्यवस्था की गई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। राज्‍य स्‍तर के निर्धारित मापदण्‍ड अनुसार न होने के कारण अधिकार में नहीं लिया गया है। इन भवनों की सुरक्षा देखभाल नगरीय विकास विभाग द्वारा की जा रही है।

राजस्व रकबें में त्रुटि सुधार

[राजस्व]

22. ( क्र. 227 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 458 दिनांक 03/07/2024 के उत्तर में बताया गया है कि तहसीलदार कोतवाली के प्रकरण क्रमांक 0018/अ-63/2017-18 पारित आदेश दिनांक 20/02/2018 के अनुसार वर्तमान में सोसायटी के नाम 1.820 हे. भूमि सुधार के बाद दर्ज है। यदि हाँ, तो उक्त भूमि सोसायटी के नाम किन-किन खसरों में कितनी-कितनी दर्ज है? वर्तमान स्थिति में खसरों की प्रति प्रदान करें।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : जी हाँ। जबलपुर जिले की तहसील अधारताल अंतर्गत ग्राम-लक्ष्मीपुर में दर्ज सोसायटी एवं सोसायटी के क्रेताओं के नाम दर्ज खसरों की प्रति पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  अनुसार है।

सामान्‍य प्रसव एवं सीजेरियन प्रसव की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

23. ( क्र. 247 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के विभिन्‍न जिलों में वर्ष 2021-22, वर्ष 2022-23, वर्ष 2023-24 और चालू वर्ष में प्रश्‍न दिनांक तक अलग-अलग कितने-कितने सामान्‍य प्रसव और कितने सीजेरियन प्रसव हुये हैं? (ख) हर वर्ष कुल प्रसव में से अलग-अलग कितने प्रतिशत सीजेरियन प्रसव हुये हैं? (ग) क्‍या सरकारी अस्‍पतालों में सीजेरियन प्रसव की संख्‍या में उत्‍तरोत्‍तर वृद्धि हो रही है? यदि हाँ, तो इसका क्‍या कारण है?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रदेश के विभिन्न जिलों में एच.एम.आई.एस. के आधार पर वर्ष 2021-22, वर्ष 2022-23 एवं वर्ष 2023-24 और चालू वर्ष में माह अक्टूबर 2024 तक अलग-अलग निम्नलिखित सामान्य प्रसव एवं सीजेरियन प्रसव हुये है :-

वर्ष

सामान्य प्रसव

सिजेरियन प्रसव

2021-22

1150636

162904

2022-23

1197120

191820

2023-24

1165436

210608

2024-25 (31 अक्टूबर 2024)

629181

118039

 

(ख) कुल प्रसव में से सिजेरियन प्रसव का प्रतिशत निम्नानुसार है:-

वर्ष

कुल प्रसव

सिजेरियन प्रसव

%

2021-22

1313540

162904

12.4

2022-23

1388940

191820

13.8

2023-24

1376044

210608

15.3

2024-25 (31 अक्टूबर 2024)

747220

118039

15.8

(ग) जी हाँ। उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं का चिन्हांकन एवं समय पर प्रबंधन के कारण शासकीय संस्थाओं में सिजेरियन प्रसव की संख्या में वृद्धि हुई है। इसके फलस्‍वरूप मातृ मृत्‍यु दर एवं शिशु मृत्‍यु दर में कमी रही है।

निर्माणाधीन अस्पताल की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

24. ( क्र. 307 ) श्री राकेश शुक्ला : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कैंसर अस्पताल के निर्माण कार्य की वर्तमान स्थिति एवं इसके कब तक पूर्ण होने की संभावना है। (ख) पी.सी. सेठी अस्पताल में नवीन भवन निर्माण की वर्तमान स्थिति से अवगत करवाए। (ग) निर्माण कार्य में आ रही रुकावट से अवगत करवाए। (घ) निर्माण कार्य प्रारंभ न कर पाने की स्थिति में निर्माण एजेंसी का कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर नए टेंडर बुलवाने की क्या योजना है?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) वर्तमान में नवीन कैंसर अस्‍पताल भवन का निर्माण प्लिंथ स्‍तर तक किया जा चुका है तथा दिसंबर 2025 तक निर्माण कार्य पूर्ण होना लक्षित है। (ख) पी.सी. सेठी अस्‍पताल का नवीन भवन निर्माण हेतु पूर्व से निर्मित भवन के ध्‍वस्‍तीकरण किये जाने की निविदा जारी कर कार्यादेश जारी किया गया है तथा ध्‍वस्‍तीकरण के पूर्व अस्‍पताल की वैकल्पिक व्‍यवस्‍था प्रदान करने हेतु अनुबंधित ठेकेदार द्वारा शेड निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया है। (ग) शेड निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा चुका, कोई रूकावट नहीं है। (घ) जी नहीं, ऐसी कोई योजना नहीं है।

नहर निर्माण कार्य की जानकारी

[जल संसाधन]

25. ( क्र. 341 ) श्री रमेश प्रसाद खटीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र करैरा के अंतर्गत आर.बी.सी. संभाग नरवर के अंतर्गत आर.बी.सी. नहर का निर्माण कब पूर्ण होकर चालू की गई थी? (ख) यदि जब से चालू की गई थी तभी से उक्‍त आर.बी.सी. नहर पर लाइंनिंग पूरी तरह जीर्ण-शीर्ण हो गयी है? जिससे पास में लगे कृषकों के खेतों में पानी भर जाने से फसले खराब हो रही है? (ग) उक्‍त नहर पर लाईनिंग का कार्य कब स्‍वीकृत किया जावेगा? समय-सीमा बताएं।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विधानसभा क्षेत्र करैरा के आर.बी.सी. संभाग नरवर अन्तर्गत आर.बी.सी. नहर का सी.सी. लायनिंग का कार्य वर्ष 2006-2007 में पूर्ण कर सिंचाई हेतु चालू की गई थी। (ख) जी नहीं, नहर चालू करने पर तत्समय लाइनिंग में किसी तरह की खराबी नहीं थी एवं आर.बी.सी. नहर सफलता पूर्वक संचालित की गई। किन्तु वर्ष 2021 की अतिवृष्टि पश्चात् विगत 2-3 वर्षों से में कई जगह आर.बी.सी. नहर की सी.सी. लायनिंग क्षतिग्रस्त है। (ग) नहर की लाईनिंग के सुधार हेतु प्रस्‍ताव परीक्षणाधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण विभाग

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

26. ( क्र. 342 ) श्री रमेश प्रसाद खटीक : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) करैरा विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत कितने पोषण एवं  पुनर्वास केन्‍द्र सामुदायिक स्वास्थ केन्द्रों पर संचालित है? उनमें कौन-कौन कार्यरत कर्मचारी किस-किस पद पर कार्य कर रहे? (ख) यदि कार्यरत कर्मचारी कार्य कर रहे है तो कब से उनको कितना वेतन दिया जा रहा है। इनको वेतन देने के क्या नियम है। (ग) क्या शिवपुरी जिले में पोषण एवं पुनर्वास केन्द्रों पर कार्यरत कर्मचारियों को उनके पद अनुसार अन्य जिलों में मिल रहे वेतन की समानता है क्‍या। वर्तमान आठ माह से इनको वेतन नहीं मिला, क्यों। (घ) इनकी सेवा को 15 वर्ष हो गये है इनका संविलियन होगा क्‍या।

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) करैरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र करैरा एवं नरवर में 2 पोषण पुनर्वास केन्द्र संचालित है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जी हाँ। शिवपुरी जिले के पोषण पुनर्वास केन्द्रों पर कार्यरत सभी कर्मचारियों को माह नवंबर 2024 तक के मानदेय/पारिश्रमिक का भुगतान किया जा चुका है। (घ) जी नहीं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मानव संसाधन मैनुअल में उल्लेखित प्रावधान अनुसार आउटसोर्स कर्मचारियों को मिशन अंतर्गत संविलियन का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "उनतालीस"

स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों पर चिकित्‍सकों की पदस्‍थापना

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

27. ( क्र. 343 ) श्री रमेश प्रसाद खटीक : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) करैरा विधानसभा क्षेत्र के सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र करैरा, नरवर तथा प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र मंगरोनी दिनाय, सिरसोद, आमोल पढ़ा में कितने-कितने पद चिकित्‍सकों के स्‍वीकृत है तथा कितने चिकित्‍सक पदस्‍थ है व कितने पद रिक्‍त है? अन्‍य स्‍टाफ सहित बतायें। (ख) सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों पर रिक्‍त चिकित्‍सकों व अन्‍य स्‍टाफ की पूर्ति सरकार द्वारा कब तक की जावेगी? समय-सीमा बतायें।

प मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी  संलग्न  परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ख) पदपूर्ति एक निरंतर प्रक्रिया है, निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "चालीस"

राजस्व विभाग के अमले की पदस्थी

[राजस्व]

28. ( क्र. 347 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) पटवारी, सहायक वर्ग-1, 2 एवं 3 के पदस्थापना संबंधी क्या निर्देश है? क्या उसी तहसील के निवासी पटवारी, सहायक वर्ग-1, 2 एवं 3 क्या उसी तहसील कार्यालय में पदस्थ रह सकते है? यदि हाँ तो किस नियम के तहत? आदेश की प्रति उपलब्ध करायें (ख) क्या विधान सभा 18 भितरवार अंतर्गत ऐसे पटवारी एवं क्लर्क सहायक वर्ग-1, 2 एवं 3 है जो होम तहसील स्तर के निवासी है एवं उसी तहसील कार्यालय में पदस्थ है ऐसे कौन-कौन पदस्थ है उनके नाम की सूची उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार ऐसे पटवारी सहायक वर्ग-1, 2 एवं 3 को कब तक अन्य तहसील में पदस्थ किया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) म.प्र. भू-अभिलेख नियमावली 2020 भाग-एक के अध्याय-एक की कण्डिका क्रमांक 3 में निहित प्रावधान अनुसार पटवारी की गृह तहसील को छोड़कर पदस्थापना की जाती है एवं आयुक्त भू-अभिलेख की पदस्थापना के अन्तर्गत सहायक वर्ग-1, 2 एवं 3 को जिला भू-अभिलेख कार्यालयों में पदस्थ किया जाता है, तहसील स्तर पर पदस्थापना नहीं की जाती है। तहसील कार्यालय में पदस्‍थ सहायक वर्ग-1, 2 एवं 3 को गृह तहसील पर पदस्‍थापना नहीं किये जाने के संबंध में शासन के कोई निर्देश नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। तहसील कार्यालय में पदस्‍थ पटवारी एवं सहायक वर्ग 1, 2 एवं 3 के नाम निम्‍नानुसार है:- तहसील भितरवार में 1-श्री बाकेलाल खण्डेल, पटवारी 2- श्री वीरसिंह रावत, पटवारी 3- श्री संजय सिंह यादव, पटवारी, 4- श्री विजय सहरिया, सहायक ग्रेड-3 तथा तहसील घाटीगांव में 1- श्री विष्णु गोले, पटवारी पदस्‍थ है। (ग) स्थानांतरण नीति जारी होने के पश्चात अन्य तहसील में पदस्थ किये जाने की कार्यवाही की जायेगी।

अति वर्षा के कारण क्षतिग्रस्त नहरों की दुरूस्ती

[जल संसाधन]

29. ( क्र. 348 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर जिले में अति वर्षा होने के कारण मोहना ककैटो नहर वीरपुर बांध तक क्षतिग्रस्त हुई है यदि हाँ तो कहां-कहां और कितना स्पष्ट करें? क्षतिग्रस्त नहर को कब तक सुधारा जावेगा? समय-सीमा बताये? (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित नहर का निर्माण दो वर्ष पूर्व ही कराया गया है? क्या निर्माण के समय कार्य की गुणवत्ता की जांच की गई थी? यदि हाँ तो किसके द्वारा पूर्ण जानकारी दें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्लेखित कार्य की गुणवत्ता की जांच तत्समय नहीं की गई तो इसके लिए कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी एवं कब तक समय सीमा बताएं?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। अपितु अति वर्षा के कारण रायपुर बांध से मामा के बांध तक की कनेक्टिंग चैनल की आर.डी. 1250 से 2450 मी. के मध्य टुकड़ों में क्षति हुई है। कार्य के अनुबंध अनुसार एजेन्सी को 05 वर्षों तक उक्त कार्य का प्रबंधन, संधारण एवं संचालन स्वयं के व्यय पर करना है। क्षतिग्रस्त कनेक्टिंग चैनल की मरम्मत माह फरवरी 2025 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ख) जी हाँ। विभाग के अधीन गुण-नियंत्रण (मापदण्ड) अनुसार समय-समय पर नियमानुसार जांच की जाना प्रतिवेदित है। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के अनुसार प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। अतिवर्षा के कारण नहर में क्षति होना प्रतिवेदित है। अतः कोई दोषी नहीं होने से किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्‍न ही नहीं है।

कृषकवार भू-अभिलेखों की जानकारी

[राजस्व]

30. ( क्र. 352 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उमरिया जिला के पटवारी हल्का नंबर 27 के ग्राम दुब्बार में किन-किन किसानों के कितने-कितने एकड़ भूमि राजस्व विभाग में दर्ज है। बी 1 के अनुसार कृषकवार, खसरावार नंबर एवं रकबावार सहित जानकारी उपलब्ध कराये? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या संयुक्त खातेदार भी है यदि हाँ, तो शामिल शरीक या सह खातेदारवार तथा व्‍यक्तिगत खातेदारवार पृथक-पृथक किसानों की कृषि भूमि की सूची खसरा नंबरवार, रकबावार उपलब्‍ध करावें।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जिला उमरिया के हल्‍का नंबर 27 ग्राम दुब्‍बार की वर्तमान खतौनी, बी-1 अनुसार कृषकवार, खसरावार एवं रकवावार कृषकों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

निजी भूमि का अर्जन

[राजस्व]

31. ( क्र. 382 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                    (क) भोपाल नगर निगम की सीमा में आने वाले ग्राम चन्‍दनपुरा की श्रीमती रजिया बानों एवं श्रीमती शाहिद बानों के नाम पर दर्ज किस खसरा नम्‍बर का कितना रकबा भू-अर्जन प्रकरण क्रमांक 30 अ/82 वर्ष 1987-88 में जल संसाधन विभाग की कलियासोत परियोजना के लिए किस दिनांक के आदेश से अर्जित की गई। (ख) अर्जित की गई भूमि को किस आदेश क्रमांक दिनांक से मध्‍यप्रदेश जल एवं भूमि प्रबंधन संस्‍थान भोपाल याने वाल्‍वी संस्‍था को आवंटित किया वर्तमान में वाल्‍वी संस्‍था का किस खसरा नम्‍बर के कितने रकबे पर नाम दर्ज है कितने रकबे पर निर्माण है कितना रकबा रिक्‍त है? (ग) श्रीमती रजिया बानों एवं श्रीमती शाहिद बानों के नाम पर ग्राम चन्‍दनपुरा में वर्ष 1986-87 में दर्ज कितनी भूमि का अर्जन किए बिना ही किसके आदेश से म.प्र. जल एवं भूमि प्रबंध  संस्‍थान भोपाल का नाम दर्ज किया गया है आदेश की प्रति सहित खसरा नम्‍बर एवं रकबा की भी जानकारी दें?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) भू-अर्जन अधिकारी, भोपाल के प्रकरण क्रमांक 30/अ-82/1987-88 मौजा चन्दनपुरा में अवार्ड दिनांक 05.11.1988 एवं 13.12.1989 से कृषक रजिया बानों पुत्री अ.शकूल एवं शाहिद बानों पुत्री अहमद अली की ग्राम चन्दनपुरा में दर्ज भूमि खसरा क्रमांक 2/2 31/2 रकबा क्रमशः 17.50 एकड़, 10. 97 एकड़ एवं खसरा क्रमांक 3 रकबा 64. 00 एकड़ भूमि अर्जित की गई है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में मध्यप्रदेश जल एवं भूमि प्रबंधन भोपाल याने वाल्वी संस्था का ग्राम चंदनपुरा स्थित भूमि खसरा क्रमांक 3/1 एवं 3/2 में लगभग 1.440 हे. पर निर्माण है तथा शेष रकबा रिक्त है। (ग) अर्जित की गई भूमि के अतिरिक्त शेष भूमि म.प्र. जल एवं भूमि प्रबंध संस्थान भोपाल के नाम दर्ज नहीं होने से प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है।

शासकीय भूमि का आवंटित

[राजस्व]

32. ( क्र. 405 ) श्री योगेन्‍द्र सिंह (बाबा) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम सरजापुर, पटवारी हल्‍का सरजापुर, तहसील कोलारस, जिला शिवपुरी की भूमि खसरा नं. 584 का सीमांकन करवाने के आवेदन के पश्‍चात सीमांकन कब तक किया जाएगा? समय-सीमा में सीमांकन नहीं करने पर दोषित के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? (ख) प्रमुख सचिव राजस्‍व विभाग द्वारा मेरे पत्र क्रमांक 1104 दिनांक 14.11.2024 को दृष्टिगत रखते हुए शिवपुरी कलेक्‍टर से प्रस्‍ताव मंगवाकर शासकीय भूमि का कुल रकबा 8.16 हेक्‍टेयर लीज पर प्रदान करने की कार्यवाही की जाएगी? (ग) गौसंवर्धन तथा गौसंरक्षण हेतु शासकीय भूमि ग्राम सरजापुर पटवारी हल्‍का सरजापुर तहसील कोलारस जिला शिवपुरी की भूमि खसरा नं. 582, 583, 585 तथा 586 कुल रकबा 8.16 हेक्‍टेयर पर अतिक्रमण किया गया है तथा उपरोक्‍त भूमि पर अतिक्रमण किया गया है। उपरोक्‍त भूमि से अतिक्रमणकारियों से अतिक्रमण मुक्‍त कराई जाएगी तथा उक्‍त भूमि को गौसंवर्धन, गौसंरक्षण एवं बकरीपालन हेतु लीज पर आवेदनकर्ता निवासी जगतपुर तहसील कोलारस जिला शिवपुरी को प्रदान की जाएगी?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) ग्राम सरजापुर, पटवारी हल्‍का सरजापुर, तहसील कोलारस, जिला शिवपुरी की भूमि खसरा नं. 584 का सीमांकन हेतु आवेदन मीना भोरिया के द्वारा दिनांक 19.11.2024 को कार्यालय में प्रस्‍तुत किया गया। उक्‍त सर्वे नम्‍बर 584 लीलाबाई आदिवासी के नाम भूमिस्‍वामी स्‍वत्‍व पर दर्ज है। आवेदक मीना भोरिया सर्वे नम्‍बर 584 से किसी भी प्रकार संबंधित न होने से सीमांकन नहीं किया जा सका। (ख) विभागीय पत्र क्रमांक 1503/2374845/ 2024/सात/शाखा-3 भोपाल, दिनांक 29.11.2024 द्वारा माननीय विधायक के पत्र दिनांक 14.11.2024 पर आवश्‍यक कार्यवाही करने हेतु कलेक्‍टर शिवपुरी को प्रेषित किया गया। (ग) ग्राम सरजापुर पटवारी हल्‍का सरजापुर तहसील कोलारस जिला शिवपुरी की भूमि खसरा नं. 582, 583, 585 तथा 586 कुल रकबा 8.16 हेक्‍टेयर शासकीय है उक्‍त सर्वे नम्‍बरों में से सर्वे नम्‍बर 582 एवं सर्वे नंबर 586 पर कुछ अतिक्रमणकर्ता द्वारा अतिक्रमण किया गया है जिसके संबंध में अतिक्रमणकर्ताओं को नोटिस जारी कर नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है।

मूल निवासी प्रमाण निरस्त कर आपराधिक प्रकरण दर्ज करवाना

[राजस्व]

33. ( क्र. 406 ) श्री योगेन्‍द्र सिंह (बाबा) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सारंगपुर, जिला-राजगढ़ का मूल निवासी प्रमाण-पत्र क./आरएस/442/0101/696/2013 दिनांक 01.03.2013 के सम्बन्ध में शिकायत करने पर असत्य कथन के आधार पर असत्य शपथ-पत्र के माध्यम से बनाया गया था। शिकायत के पश्‍चात भी तहसीलदार सारंगपुर द्वारा मूल निवासी प्रमाण-पत्र अभी तक निरस्त नहीं किया तथा दोषी के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण भी दर्ज नहीं करवाया गया है। भ्रष्टाचार एवं आपसी सांठ-गांठ के कारण मूल निवासी प्रमाण-पत्र निरस्त नहीं करने एवं आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं करवाने के दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? (ख) मूल शपथ-पत्र में असत्य कथन के आधार पर मूल निवासी प्रमाण-पत्र की शिकायत करने के 6 माह के पश्‍चात भी मूल निवासी प्रमाण-पत्र निरस्त कर आपराधिक प्रकरण दर्ज क्यों नहीं करवाया गया है? दोषी द्वारा म.प्र. कोटे का दुरूपयोग करके 2013 में सेदियर कॉलेज, भोपाल में बी.एड. में प्रवेश लेने तथा बी.एड. 2014 करने की दोषी होने पर मूल निवासी प्रमाण-पत्र निरस्त करके आपराधिक प्रकरण कब तक दर्ज करवाया जाएगा? (ग) तहसीलदार सारंगपुर, जिला-राजगढ़ द्वारा म.प्र. मूल निवासी प्रमाण-पत्र निरस्त करके तथा आपराधिक प्रकरण दर्ज कराकर रजिस्ट्रार बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल तथा सेवियर कॉलेज भोपाल एवं शिकायतकर्ता को अवगत कराया जाएगा। यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों नहीं? स्पष्ट करें।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) तहसीलदार सारंगपुर के प्रकरण क्रमांक आरएस/442/ 0101/596/2013 दिनांक 01.03.2013 में जारी स्थानीय मूल निवासी प्रमाण पत्र के विरूद्ध शिकायत प्राप्त हुई है। शिकायत के संबंध में जांच सक्षम प्राधिकारी तहसीलदार सारंगपुर के कार्यालय में जांच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जारी किये गये प्रमाण पत्र प्रकरण में प्रस्तुत शपथ पत्र के असत्य का निर्धारण जांच पूर्ण होने के पश्चात ही किया जा सकता है। तदानुसार ही नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही होगी। (ख) उपरोक्तानुसार। (ग) जाँचोपरान्त शिकायतकर्ता को उसके चाहने पर नियम अनुसार प्रतिलिपियां प्रदाय की जावेगी।

अध्‍यापकों का संविलियन

[स्कूल शिक्षा]

34. ( क्र. 407 ) श्री योगेन्‍द्र सिंह (बाबा) : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय कन्‍या उ.मा.वि. सारंगपुर, जिला राजगढ़ के अभ्‍यावेदन दिनांक 14.11.2024 को दृष्टिगत रखते हुए एवं मान. उच्‍च न्‍यायालय इंदौर के प्रकरण क्र. डब्‍ल्‍यू. ए.-409/2024 दिनांक 04.03.2024 को खारिज करने पर आयुक्‍त लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल द्वारा अभी तक प्रकरण क्र. डब्‍ल्‍यू. पी.-12420/2020 के पारित आदेश दिनांक 11.05.2023 की अवमानना करते हुई स्‍कूल शिक्षा विभाग में संवि‍लियन नहीं करने तथा 7वें वेतनमान से वंचित करने के दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जाएगी? स्‍पष्‍ट करें। (ख) मा. उच्‍च न्‍यायालय इंदौर द्वारा प्रकरण क्र.डब्‍लूपी-26690/2018 में लगाये गये सभी आरोपों को निरस्‍त करने के आदेश दिनांक 11.12.2018 में पारित किये गये थे तथा स्‍कूल शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षा विशारद 2004 के संबंध में लगाई गई सभी आपत्तियां मा. उच्‍च न्‍यायालय इंदौर द्वारा दिनांक 25.11.2019, दिनांक 18.02.2020 एवं दिनांक 11.05.2023 में निरस्‍त की जा चुकी हैं, फिर अध्‍यापक का संविलियन स्‍कूल शिक्षा विभाग में नहीं करते हुए 7वें वेतनमान से वंचित करने के दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जाएगी। (ग) मा. उच्‍च न्‍यायालय इंदौर के पारित आदेश दिनांक 11.05.2023 एवं 04.03.2024 की अवमानना करने के दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही करके, पारित आदेशों का पालन करवाकर 7वें वेतनमान एवं अन्‍य हितलाभ कब तक प्रदान किये जाएंगे। हाँ तो कब तक नहीं तो क्‍यों नहीं?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) संबंधित लोक सेवक मान्यता प्राप्त संस्थान से डी.एड./बी.एड. नहीं होने से जिला पात्रता समिति द्वारा अपात्र घोषित किए जाने से नवीन संवर्ग में नियुक्ति नहीं की गई। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) नवीन संवर्ग में नियुक्त शिक्षकों को सातवें वेतनमान की पात्रता आती है। अतः शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।                                   (ग) प्रश्‍नांश '''' एवं '''' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

अनुसूचित जनजाति संवर्ग की भूमि का विक्रय

[राजस्व]

35. ( क्र. 408 ) श्री योगेन्‍द्र सिंह (बाबा) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के अनुसूचित जनजाति संवर्ग के नागरिक एक-दूसरे की भूमि/भूखण्ड का क्रय-विक्रय अनुसूचित जनजाति वर्ग के नागरिकों से एक जिले से दूसरे जिले में करते हैं, उनके क्रय-विक्रय दिशा-निर्देशों/नियमों से अवगत कराया जाएगा? (ख) एक जिले के अनुसूचित जनजाति के आवेदक दूसरे जिले के अनुसूचित जनजाति आवेदक की भूमि/भूखण्ड का क्रय-विक्रय करते हैं, तो पंजीयन कार्यालय, शिवपुरी एवं उप-पंजीयन कार्यालय, कोलारस जिला शिवपुरी द्वारा भूमि का पंजीयन करने में आपत्ति लेते हुए भूमि/भूखण्ड का क्रय-विक्रय करने से मना करने पर, उनके विरूद्ध अनुसूचित जनजाति के नागरिकों को अनावश्यक परेशान करने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी?                                    (ग) शासन द्वारा अनुसूचित जनजाति संवर्ग के लोग आपस में भूमि/भूखण्ड क्रय-विक्रय करने के सम्बन्ध में जारी नियमों एवं दिशा-निर्देशों से अवगत कराया जाएगा?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) अनुसूचित जनजाति संवर्ग के नागरिक एक-दूसरे की भूमि/भूखण्‍ड का क्रय-विक्रय अनुसूचित जनजाति वर्ग के नागरिकों से एक जिले से दूसरे‍ जिले में करने के संबंध में म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 के प्रावधानों का पालन किया जाता है। जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार एक ही जिले के या अन्‍य जिले के आदिम जाति के क्रय-विक्रय के रोक का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है, जिससे शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्‍तरांश '' अनुसार।

निर्माण कार्य की जानकारी

[पर्यटन]

36. ( क्र. 435 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या राज्‍य मंत्री, पर्यटन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अमरकंटक एवं कपिलधारा पर्यटन विभाग द्वारा पर्यटन विकास हेतु प्राक्‍कलन कब बनाया गया। (ख) प्राक्‍कलन में प्रस्तावित राशि कितनी थी प्रशासकीय स्वीकृति कब मिली, किस मद से मिली निविदा कब आमंत्रित की गई, कितने लोग निविदा भरे कार्य का  अनुबंध कब हुआ, आज तक कितना कार्य हुआ, कितना व्यय हुआ, ड्राईंग एवं मापपुस्तिका की सत्यापित जानकारी दें।

राज्‍य मंत्री, पर्यटन ( श्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी ) : (क) डी.पी.आर. (प्राक्कलन सहित) दिनांक 21/08/2020 को बनाया गया। (ख) डी.पी.आर. (प्राक्कलन सहित) की राशि रू. 49.98 करोड़ थी। जिसकी स्‍वीकृति पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दिनांक 08/01/2021 को जारी की गई। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '' एवं '' अनुसार।

बांध व डायवर्सनों से सिंचाई की जानकारी

[जल संसाधन]

37. ( क्र. 436 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिंडौरी जिला में सिंचाई हेतु निर्मित बांध एवं डायवर्सनों में 2022-23 एवं 2023-24 में कितनी बांध एवं डायवर्सन से किस-किस किसान की कितनी-कितनी रकबा किस-किस खसरे नम्‍बर की सिंचाई की गई बांधवार, डायवर्सनवार, कृषकवार जानकारी देवें? (ख) बांध व डायवर्सन निर्माण के समय प्राक्‍क्‍लन में कितनी सिंचाई प्रस्‍तावित थी वर्तमान कितनी सिंचाई हो रही हैं। तुलनात्‍मक जानकारी बांधवार, डायवर्सनवार देवें?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-अ'' अनुसार है। (ख) बांध व डायवर्सन निर्माण के समय प्राक्कलन में प्रस्तावित सिंचाई 41,593 हेक्टेयर प्रस्‍तावित थी। वर्तमान में उक्‍त परियोजना से 7102.49 हेक्टेयर में सिंचाई की जाना प्रतिवेदित है। तुलनात्मक बांधवार, डायवर्सनवार  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-ब'' अनुसार है।

मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजना

[राजस्व]

38. ( क्र. 439 ) श्री चैन सिंह वरकड़े : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                (क) मण्डला जिले के अंतर्गत ऐसे कितने किसान (परिवार) है जो मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना अंतर्गत लाभ लेने से वंचित है। क्या इन वंचित किसानों को मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना से जोड़ने हेतु कार्य योजना है। (ख) मण्डला जिले में कितने किसानों को मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष 6000 रूपये सम्मान निधि प्रदान किये जा रहे हैं। वर्ष 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक की जानकारी प्रदान करें। (ग) प्रश्‍नांश (क) क्या किसानों द्वारा मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना अंतर्गत लाभ लेने हेतु आवेदन प्राप्त हुए हैं? संख्या प्रदान करते हुए वर्ष 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक की जानकारी प्रदान करें।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि योजना में स्‍व-घोषणा उपरांत पंजीकृत पात्र हितग्राहियों को मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजना में जोड़ा जाता है एवं हितग्राहियों द्वारा नियत अनिवार्य कार्यवाही पूर्ण करने पर योजना का लाभ प्राप्‍त होता है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) मण्‍डला जिले में वर्ष 2022 में 133799, वर्ष 2023 में 140824 एवं वर्ष 2024 में माह दिसम्‍बर 2024 की स्थिति में 138863 हितग्राहियों को योजना का लाभ प्रदान किया गया है। (ग) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के अनुक्रम में मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजना में पंजीयन हेतु पृथक से आवेदन की आवश्‍यकता नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।



भूमि का सीमांकन एवं कब्‍जा

[राजस्व]

39. ( क्र. 459 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                    (क) क्या अतारांकित प्रश्‍न क्र. 2478 दिनांक 10.07.2024 के प्रश्‍नांश (ग) एवं (घ) के उत्तर में विभाग द्वारा बताया गया है कि आवेदक उमाशंकर तिवारी पिता रामबदन तिवारी वगैरह को दिनांक 26.06.2024 को मेड़ डलवाकर कब्जा दिया गया है। यदि हाँ, तो अनावेदकों द्वारा कब्जा क्यों नहीं छोड़ा गया। जानकारी देवें? प्रशासन कब तक आवेदक को कब्जा दिलायेगा? नहीं तो क्यों? (ख) क्या पूर्व हल्का पटवारी/आर.आई. बरहना तहसील कोठी जिला सतना द्वारा खसरा नं. 15/1 रकवा 0.111, खसरा नं. 15/2 रकवा 0.111 खसरा नं. 15/3 रकवा 0.112 है. आराजी का सीमांकन नक्शे के आधार पर किया गया? क्या यह सीमांकन सही है? (ग) क्या वर्तमान हल्का पटवारी बरहना आर.आई. के मौके पर उपस्थित में बताया गया की नक्शे के आधार पर उक्त जमीन का सीमांकन गलत है। यदि हाँ, तो वर्तमान राजस्व निरीक्षण द्वारा भूमि का सीमांकन कर आवेदकों को कब्जा कब तक दिला दिया जावेगा एवं गुमराह करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर प्रशासन क्‍या कार्यवाही करेगा? जानकारी देवें?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। उमाशंकर तिवारी को मौके से दिनांक                            26-06-2024 को आवेदक को कब्‍जा दिलाया जा चुका है। वर्तमान में मौके पर भूमि रिक्‍त पड़ी हुई है आवेदक जैसा चाहे भूमि का उपभोग कर सकता है। (ख) जी हाँ। पूर्व में किये गये सीमांकन के आधार पर ही बेदखली आदेश पारित कर आवेदक को कब्‍जा दिलाया गया है। (ग) वर्तमान में राजस्‍व निरीक्षक/पटवारी द्वारा ही आवेदक को मौके से कब्‍जा दिलाया जा चुका है। सीमांकन का कोई आवेदन लंबित नहीं है। कार्यवाही का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

फर्जी मार्कशीट से नौकरी किया जाना

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

40. ( क्र. 460 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय मुख्‍य चिकित्‍सा एवं स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी सतना को ए.एन.एम. उषा सिंह पति विजय कुमार सिंह के मार्कशीट के संबंध में कोई शिकायत प्राप्‍त हुई हैं? अगर हाँ तो क्‍या? शिकायत की एक प्रति उपलब्‍ध करायें? (ख) क्‍या उक्‍त ए.एन.एम. स्‍वास्‍थ्‍य विभाग में जो नौकरी कर रही है उसमें हाई स्‍कूल सर्टिफिकेट 1990 में 10वीं की परीक्षा उत्‍तीर्ण करने की मार्कशीट लगाई गई है? क्‍या उक्‍त मार्कशीट में जन्‍म तिथि 05 जुलाई 1973 दर्ज है? उक्‍त मार्कशीट की एक प्रति दें? (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (क) में दर्ज शिकायत में शिकायतकर्ता के द्वारा ए.एन.एम. के 1985 में ग्‍यारहवीं की परीक्षा उत्‍तीर्ण करने के दस्‍तावेज शिकायत में संलग्‍न किये है? स्‍कूल में दाखिला रजिस्‍टर की प्रति भी संलग्‍न की गई हैं? क्‍या कार्यवाही प्रश्‍न‍ तिथि तक सी.एम.एच.ओ. कार्यालय के द्वारा प्रकरण में की गई? जारी सभी पत्र/आदेशों की एक-एक प्रति उपलब्‍ध करायें? (घ) मार्कशीट फर्जी पाये जाने पर क्‍या कार्यवाही राज्‍य शासन कब तक व क्‍या करेगा?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। शिकायत की प्रति  जानकारी संलग्‍न  परिशिष्‍ट -अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-ब  अनुसार है। (ग) प्राप्‍त शिकायत पर कार्यालय कलेक्‍टर जिला सतना द्वारा जांच समिति गठित की गई है। जांच प्रतिवेदन प्राप्‍त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) उत्‍तरांश (क) अनुसार शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "इकतालीस"

प्राचीन किले को लीज पर देने की जानकारी

[पर्यटन]

41. ( क्र. 471 ) डॉ. राजेन्‍द्र कुमार सिंह : क्या राज्‍य मंत्री, पर्यटन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के माधवगढ़ में स्थित अति प्राचीन किले को क्या लीज पर शासन द्वारा दिया गया है? क्या उक्त प्राचीन किले को लीज पर देने के लिए शासन के किस विभाग द्वारा किस दिनांक को किस अखबार में किन नियम/शर्तों/मापदण्डों के तहत् लीज पर देने निविदा प्रकाशित करवाई थी? निविदा सूचना जो अखबार में छपी उसकी एक प्रति दें? (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित किले के लिये कुल कितनी एवं किस-किस नाम पते वाली फर्मों/व्यक्तियों ने निविदा डाली, किस को निविदा कितने वर्ष की लीज पर कुल कितनी धन राशि किस-किस प्रकार से शासन को देने पर मिली? उक्त किले को राज्य शासन/जिला प्रशासन/अन्य ने किस जारी आदेशों के तहत् किसको एलॉट किया की एक-एक प्रति आदेशों की उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित किले में क्या डेवलप किया जायेगा? राज्य शासन ने क्या सिंगल टेण्डर में उक्त निविदा की स्वीकृति प्रदान की है? क्या यह नियमानुसार है? अगर हाँ तो नियमों की एक प्रति दें? अगर नहीं तो शासन कब तक उक्त निविदा निरस्त करेगा?

राज्‍य मंत्री, पर्यटन ( श्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी ) : (क) जी हां, निविदा सूचना म.प्र. टूरिज्‍म बोर्ड द्वारा दिनांक 07/12/2019 को टाइम्‍स ऑफ इंडिया मुम्‍बई संस्‍करण, इंडियन एक्‍सप्रेस + फाइनेंसियल एक्‍सप्रेस आल एडीसन, बिजनेस एडीसन दिल्‍ली, दैनिक भास्‍कर भोपाल संस्‍करण के समाचार पत्र में निविदा की सूचना प्रकाशित की गई थी। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट 'अनुसार। (ख) 1- एकल निविदा अष्‍ट विनायक सिवीकॉन प्रा.लि. मुम्‍बई की प्राप्‍त हुई है। 2- अष्‍ट विनायक सिवीकॉन प्रा.लि. मुम्‍बई को 90 वर्ष की लीज पर दी गई है। 3- निविदाकार से प्रीमियम की निम्‍नानुसार राशि प्राप्‍त हुई:- (i) 10% राशि रू. 2,50,110/- (ii) 90% राशि रू. 22,20,951/- 4-उक्‍त हेरिटेज परिसंपत्ति जिला कलेक्‍टर सतना के आदेश क्र. 49/19 (111)/2017-18, दिनांक 14/08/2018 द्वारा पर्यटन विभाग को आवंटित की गई। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट 'अनुसार। (ग) उक्त किले में हेरिटेज हॉटल निर्मित किया जाना है। जी हाँ। सिंगल टेण्‍डर में शासन द्वारा निविदा की स्‍वीकृति प्रदान की गई है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट 'अनुसार। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

 

 

सी.एम. राईज स्‍कूलों के निर्माण की प्रगति

[स्कूल शिक्षा]

42. ( क्र. 479 ) श्री राकेश शुक्ला : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                        (क) विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 206 इंदौर में निर्माणाधीन सी.एम. राईज स्‍कूलों के निर्माण कार्य कब तक पूर्ण होने की संभावना हैं। (ख) निर्माण कार्य की एजेंसी कौन हैं। (ग) निर्माण कार्य की गुणवत्‍ता जांच हेतु क्‍या प्रावधान किए गए है। (घ) यदि गुणवत्‍ता की जांच की गई है तो उसकी रिपोर्ट से अवगत करवाएं।

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 206 इन्‍दौर में निर्माणाधीन सी.एम. राईज विद्यालय सी.एम. राईज शासकीय विद्यालय अहिल्‍याक्षम इंदौर की अनुबंधानुसार कार्य पूर्णता दिनांक 23.05.2024, सी.एम. राईज शासकीय मल्‍टी मल्‍हार आश्रम विद्यालय इंदौर की कार्य पूर्णता दिनांक 01.11.2024 एवं सी.एम.राइज शासकीय महाराजा शिवाजी राव विद्यालय इंदौर की कार्य पूर्णता दिनांक 02.11.2024 थी किन्‍तु कार्य पूर्णता की निश्चित समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) निर्माण कार्य की एजेंसी म.प्र. पुलिस आवास एवं अधोसंरचना विकास निगम है। (ग) निर्माण कार्य एजेंसी म.प्र. पुलिस आवास एवं अधोसंरचना विकास निगम के अनुसार निर्माण कार्य की गुणवत्‍ता जांच हेतु अधिकृत तकनीकी संस्‍था/म.प्र. लोक निर्माण विभाग/एन.ए.बी.एल. लैब इत्‍यादि के साथ-साथ कार्य स्‍थल पर स्‍थापित लैब के माध्‍यम से गुणवत्‍ता की जांच की जाती है। (घ) निर्माण कार्य एजेंसी म.प्र. पुलिस आवास एवं अधोसंरचना विकास निगम के अनुसार सभी गुणवत्‍ता रिपोर्ट मानक अनुसार पाई गई है।

रिक्त शासकीय भूमि एवं उसका आवंटन

[राजस्व]

43. ( क्र. 480 ) श्री राकेश शुक्ला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                 (क) विधानसभा 3 इंदौर (206) 1. रिक्त शासकीय भूमि की संपूर्ण जानकारी जैसे कहां है और कितनी है। (ख) शासकीय विभागों को आवंटित भूमि जिस पर अभी तक निर्माण नहीं हुआ है एवं उपयोग भी नहीं हो रहा है कहां और कितनी है। (ग) शासकीय भूमि के कब्जेदार कौन है कहां है और उनके पास कितनी भूमि है।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) तहसील जूनी इंदौर स्थित विधानसभा-3 अन्तर्गत चितावद स्थित शासकीय भूमि की जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट अनुसार। कस्बा इंदौर स्थित रेसीडेंसी क्षेत्र में वर्तमान में सर्वे का कार्य चल रहा है जिनके कोई सर्वे नंबर एवं रकबा नहीं है। (ख) 1-शासकीय भूमि कस्बा इंदौर में नगर पालिक निगम क्षेत्र एवं इंदौर विकास प्राधिकरण, म.प्र.हाउसिंग बोर्ड के नाम है। 2-उक्त विभागों को आवंटित भूमि पर नगर निगम के द्वारा अनुमति प्रदान निर्माण कार्य हुआ है तथा विभाग अपनी योजनाओं के अनुसार उपयोग कर रहा है। 3-उक्त शासकीय भूमियों पर आवंटित विभाग द्वारा कब्जे में लेकर भूमि का विकास कार्य किया गया है और इंदौर नगर की बसाहट की गई है। (ग) ग्राम चितावद की जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट अनुसार

मेडीकल कॉलेज की स्‍थापना

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

44. ( क्र. 484 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन-बड़वानी जिले में एक भी शासकीय मेडीकल कॉलेज नहीं होने के कारण छात्र-छात्राओं को अध्ययन हेतु अन्य जिले इन्दौर, भोपाल, जबलपुर में जाना पड़ता है ऐसे में शासन से उक्त  विद्यार्थियों को क्या-क्या सुविधाएं एवं भत्ते दिये जाते है विस्तृत जानकारी देवें? (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र सेंधवा में शासकीय मेडीकल कॉलेज खोले जाने के संबंध में शासन स्तर पर कोई योजना है यदि हाँ तो उक्त योजना का क्रियान्वयन कब तक किया जावेगा? (ग) शासकीय एवं अर्द्ध शासकीय मेडि‍कल कालेजों में अध्यनरत छात्र-छात्राओं को आवास भत्ता कितना दिया जाता है क्या उन्हें दिया जाने वाला आवास भत्ता इन्दौर, भोपाल, जबलपुर जैसे शहरों के हिसाब से पर्याप्त है अथवा नहीं? यदि‍ उक्त भत्ता कम है तो शासन द्वारा कब तक इसमें वृद्धि की जावेगी?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हां, शासन द्वारा विद्यार्थियों को आवास सहायता राशि प्रदान की जाती है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। जिला खरगोन में पी.पी.पी. मोड के आधार पर चिकित्‍सा महाविद्यालय स्‍थापित किये जाने की कार्य योजना है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ग) आवास सहायता राशि की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। आवास सहायता योजना की दरें, विद्यार्थी की आवास व्‍यवस्‍था हेतु मात्र सहायतार्थ राशि है जिसके संबंध में कार्यवाही जनजातीय कार्य विभाग एवं अनुसूचित जाति विभाग द्वारा की जाती है। आवास सहायता की राशि में वृद्धि हेतु वर्तमान में कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है।

राजस्‍व अभियान के दौरान प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

45. ( क्र. 529 ) श्री अभय मिश्रा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश सरकार द्वारा राजस्‍व प्रकरणों के निराकरण बावत् राजस्‍व अभियान चलाया गया इस अभियान के दौरान रीवा व मऊगंज जिले में कितने प्रकरणों का निराकरण अभियान के दौरान किये गये का विवरण तहसीलवार अनुविभागवार देवें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के राजस्‍व अभियान के दौरान प्रकरणों के निराकरण बावत् शासन के क्‍या निर्देश थे निर्देश की प्रति देते हुये बतावें कि इनमें से कितने ऐसे प्रकरण है जिनका निराकरण नहीं किया गया आज भी राजस्‍व न्‍यायालयों/तहसील न्‍यायालय/अनुविभाग न्‍यायालयों में लंबित हैं, जबकि इनके दायरानुसार इन लंबित प्रकरणों का दायरा दिनांक व लंबित अवधि कितने वर्षों की हो चुकी हैं पृथक-पृथक अनुविभागवार, तहसीलवार, राजस्‍व न्‍यायालयवार बतावें? (ग) प्रश्‍नांश (क) के अभियान के दौरान प्रश्‍नांश (ख) के जारी निर्देशों के पालन में कितने राजस्‍व अधिकारियों कलेक्‍टर, अनुविभागीय अधिकरी राजस्‍व, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार पटवारी हल्‍का व ग्रामों में रात्रि निवास कर प्रकरणों का निराकरण में रूचि दिखाई गयी रात्रि विश्राम कर निराकरण में रूचि नहीं ली गई तो क्यों इस बावत् शासन के क्‍या निर्देश थे? तहसील गुढ़, सेमरिया, रीवा शहर व ग्रामीण की जानकारी पृथक से कानूनगो सर्किलवार देवें? (घ) प्रश्‍नांश (क) अनुसार राजस्‍व अभियान का पालन प्रश्‍नांश (ख) के निर्देशों का पालन कर राजस्‍व न्‍यायालयों द्वारा प्रकरणों का निराकरण नहीं किया गया अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा निर्देशों से हट कर व्‍यक्तिगत हि‍तपूर्ति कर प्रकरणों का निराकरण किया गया जिसके कारण प्रकरणों का समय पर निराकरण नहीं हुआ आज भी प्रकरण न्‍यायालयों में पुराने लंबित हैं तो क्‍यों इन सबके लिये जिम्‍मेदारों पर क्‍या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) रीवा- जी हां। राजस्व अभियान के दौरान रीवा जिले में कुल 67380 प्रकरणों का निराकरण किया गया है। प्रकरणों के निराकरण का विवरण तहसीलवार अनुविभागवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार। मऊगंज-जिला मऊगंज में राजस्व महाभियान चलाया गया इस अभियान के दौरान-तहसीलवार/अनुविभागवार जानकारी निम्न है।

क्रमांक

अनुभाग

तहसील

निराकृत प्रकरणों की संख्या

1

मऊगंज

मऊगंज

3860

2

नईगढ़ी

2449

3

हनुमना

हनुमना

2592

योगः-

8901

(ख) रीवा- राजस्‍व अभियान के दौरान प्रकरणों के निराकरण बावत् शासन के निर्देश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार। निराकरण हेतु कुल 18388 प्रकरण लंबित है। प्रश्‍नांश का शेष भाग की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार। मऊगंज- राजस्व महाभियान के दौरान प्रकरणों का निराकरण बावत् शासन के आदेश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट "स" अनुसार। निराकरण हेतु कुल 2339 प्रकरण लंबित है। प्रश्‍नांश के शेष भाग की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार(ग) राजस्व महाभियान के दौरान जारी निर्देशों का पालन करते हुए राजस्व अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा रूचि रखते हुए ग्रामों में उपस्थित रहकर कार्य किया गया। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता l (घ) राजस्व महाअभियान में शासन के दिये गए आदेश/निर्देश का विधिक प्रक्रिया के तहत भू-राजस्व संहिता में वर्णित प्रावधानों के अनुरूप प्रकरणों का निराकरण किया गया। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता l

जल नीति 2022 का क्रियान्‍वयन

[जल संसाधन]

46. ( क्र. 530 ) श्री अभय मिश्रा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                              (क) क्या प्रदेश के जल संसाधनों के संरक्षण भण्डारण प्रबंधन नियंत्रण एवं सिंचाई रकबे को बढ़ाने के उद्देश्य से जल नीति 2022 तैयार की गई थी यदि हाँ, तो इसके पालन में रीवा जिले में वर्ष 2020 से प्रश्‍नांश दिनांक तक के दौरान कितनी माईनर, सब माईनर एवं बड़ी नहरों के निर्माण बावत् कार्यादेश किन-किन संविदाकारों को किन-किन शर्तों पर कितनी-कितनी लागत पर कितनी अवधि से कराये जाने हेतु दिये गये उनका विवरण, कार्य अनुबंध की शर्तों पर पूरे हुये अथवा नहीं तो क्यों की जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में रीवा जिले के विधानसभा क्षेत्र सेमरिया में भलुहा मोहरबा माईनर नहर के अधूरे निर्माण कार्य को भूमि अधिग्रहित कर कराये जाने के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा अपने पत्र क्रमांक 583/2024 दिनांक 12.10.2024 के माध्यम से कार्यवाही कर निर्माण कार्य पूर्ण कराये जाने का लेख किया गया था उक्‍त कार्यवाही की वर्तमान स्थिति क्या है जानकारी दें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अनुसार रीवा जिले की सेमरिया विधानसभा  अन्तर्गत मझिगवां माईक्रो उद्‌वहन सिंचाई योजना के स्वीकृति हेतु मुख्य अभियंता गंगा कछार रीवा के पत्र क्रमांक 4066/105-107/20 दिनांक 30. 07.2021 द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति चाही गई थी स्वीकृति की स्थिति व कार्य प्रारंभ कब तक करावेंगे अगर नहीं तो क्यों? जानकारी उपलब्‍ध कराएं।                       (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) व (ग) के तारतम्य में सेमरिया अन्तर्गत क्योंटि कैनाल के मुड़ियारी सब माईनर नहर से संलग्न (खुसखुसा) असिंचित रकबे को, सिंचित करने हेतु स्वीकृति के लिये विभाग द्वारा क्या निर्देश दिये जायेंगे, इसी तरह अपर पुर्वा नहर से ग्राम पंचायत तिघरा नाला अन्तर्गत कोलावा बनवाकर 100 मीटर कैनाल का निर्माण कराते हुये धिरवा नाला में जोड़े जाने से किसानों के सिंचित रकबे  में वृद्धि होगी क्‍या इस संबंध में स्वीकृति व निर्माण हेतु कब तक निर्देश देंगे जानकारी दें। यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) प्रश्‍नांश (क) की वर्णित नीति अनुसार प्रश्‍नांश (ख), (ग) एवं (घ) अनुसार उल्लेखित निर्माण कार्यों के निर्माण हे‍तु कब तक स्वीकृति प्रदान करेंगे अगर नहीं तो क्यों जिनकी स्वीकृति बावत् कार्यवाही लंबित है इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है उन जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे बतावें व स्वीकृति बावत् निर्देश देंगे बतावें अगर नहीं तो क्यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ड.) जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

ग्रेसिम उद्योग उज्जैन द्वारा अतिक्रमण

[राजस्व]

47. ( क्र. 591 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा जिला उज्जैन स्थित बंद पड़े भारत कॉमर्स इंडस्ट्रीज की भूमि का विवाद शासन एवं ग्रेसिम इंडस्ट्री के मध्य उच्च न्यायालय में कब से लंबित है? प्रकरण की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) क्या ग्रेसिम उद्योग द्वारा उक्त भूमि पर अतिक्रमण कर गोदाम एवं अन्य निर्माण कर अवैध कब्जा कर माननीय न्यायालय की अवमानना की है? क्या इस संबंध में कोई जनहित में शिकायत प्राप्त हुई है, यदि हाँ, तो उस पर कार्यवाही की गई है? ब्यौरा दें। (ग) माननीय न्यायालय की अवमानना का प्रकरण क्यों कायम नहीं किया गया?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) नागदा जिला उज्जैन स्थित बंद पड़े भारत कॉमर्स इंडस्ट्रीज की भूमि का विवाद शासन एवं ग्रेसिम इंडस्ट्री के मध्य माननीय उच्च न्यायालय में वर्तमान में लंबित नहीं है। माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज के पक्ष में दिनांक 03/04/2018 को आदेश पारित किया गया है। उक्त आदेश के विरूद्ध शासन की ओर से माननीय सर्वोच्च न्यायालय में एस.एल.पी. 15837/2019 दायर की गई है। जो कि वर्तमान में प्रचलित है। (ख) जी नहीं। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा ग्रेसिम उद्योग के विरूद्ध कोई भी आदेश पारित नहीं किया गया है। इसलिए माननीय न्यायालय के किसी आदेश की अवमानना का प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है। ग्रेसिम उद्योग के द्वारा निर्माण के संबंध में शिकायत प्राप्त हुई थी। प्राप्त शिकायत पर राजस्व निरीक्षक एवं पटवारी के संयुक्त जांच दल से जांच कराई गई जिसमें ग्राम मेहतवास स्थित भूमि सर्वे क्र. 321 रकबा 0.0420 हे. पर ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा लिक्विड डिस्चार्ज प्लांट के भाग का निर्माण किया जाना पाया गया था। वर्तमान में माननीय सर्वोच्च न्यायालय में प्रचलित प्रकरण में विवादित भूमि पर यथा स्थिति के आदेश प्राप्ति हेतु महाधिवक्ता से पत्राचार भी किया गया है। प्रकरण माननीय सर्वोच्च न्यायालय में क्र. SLP 15837/2019 शासन विरूद्ध ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज प्रचलित है। (ग) माननीय न्यायालय की अवमानना का कोई प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है।

बरोदिया तालाब के निर्माण में विलंब

[जल संसाधन]

48. ( क्र. 598 ) श्री महेंद्र रामसिंह यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या  विधानसभा क्षेत्र कोलारस के ग्राम बरोदिया तहसील बदरवास में नवीन तालाब वर्ष 2017-18 में स्वीकृति किया गया था? यदि हाँ, तो स्वीकृति आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें?                  (ख) क्या  उक्त तालाब हेतु भूमि अधिग्रहण किया जाकर प्रभावित किसानों को मुआवजा राशि का भुगतान भी किया जा चुका है यदि हाँ, तो किन-किन कृषकों को मुआवजा दिया जा चुका है व कौन-कौन शेष है, जानकारी नामवार, ग्रामवार पृथक-पृथक उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (ग) उक्त तालाब के निर्माण हेतु टेण्डर कब जारी किया गया निर्माण हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गयी? निर्माण की समय-सीमा क्या थी? क्या यह भी सही है कि ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया था। यदि हाँ, तो कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण किया जा चुका है व कितना शेष है? कार्य की वर्तमान अद्यतन स्थिति से अवगत करावें? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार निर्माण कार्य बंद होने के क्या कारण थे इसके लिए कौन-कौन दोषी है नाम, पदनाम सहित स्पष्ट करें? निर्माण कार्य पुनः चालू कराये जाने हेतु क्या कार्यवाही प्रचलन में है उक्त तालाब का निर्माण कार्य कब तक पुनः प्रारंभ कर पूर्ण कर लिया जावेगा समय अवधि बतावें?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। प्रशासकीय स्‍वीकृति  आदेश की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। (ख) योजना से प्रभावित कुल 03 ग्रामों की 121.23 हेक्‍टेयर निजी भूमि में से 154 कृषकों की 78.612 हेक्‍टेयर निजी भूमि आपसी सहमति क्रय नीति के अंतर्गत क्रय करने की अनुमति जिला कलेक्‍टर भू-अर्जन अधिकारी शिवपुरी द्वारा प्रदान की गई है। आज दिनांक तक किसी भी कृषक को मुआवजा वितरित नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। ग्रामवार, नामवार सूची  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-ब अनुसार है। शेष 42.618 हेक्‍टेयर निजी भूमि का अर्जन किया जाना भी शेष है। परियोजना की लागत में वृद्धि होने से पुनरीक्षित प्रशासकीय स्‍वीकृति प्राप्‍त करने की कार्यवाही प्रकियाधीन होना प्रतिवेदित है। (ग) बिजरोनी बरोदिया तालाब (बांध एवं नहर) के निर्माण हेतु दिनांक 12.03.2018 को निविदा जारी की गई थी एवं प्रमुख अभियंता के पत्र क्रमांक-10467/271/ई-टेण्‍डरिंग/2018-19/3720 दिनांक 02.05.2018 द्वारा निविदा स्‍वीकृति की गई है। निर्माण एजेंसी द्वारा अनुबंधित राशि रू.572.17 लाख दिनांक 07.06.2018 को अनुबंध किया जाकर कार्य प्रारंभ किया गया। निर्माण की समय-सीमा 12 माह थी, वर्तमान में मात्र 03 प्रतिशत कार्य पूर्ण एवं 97 प्रतिशत कार्य शेष होना प्रतिवेदित है। (घ) योजना के भू-अर्जन मद में अप्रत्‍याशित वृद्धि होने के कारण सर्वप्रथम योजना की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्‍वीकृति किया जाना आवश्‍यक हो गया है। पुनरीक्षित प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रस्‍ताव परीक्षणाधीन है। अत: कार्य प्रारंभ कर पूर्ण किए जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

सीमांकन उपरांत अतिक्रमण हटाया जाना

[राजस्व]

49. ( क्र. 606 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य नगरपालिका अधिकारी पिपरिया जिला नर्मदापुरम द्वारा वर्तमान वर्ष 2024 में खसरा नं. 35 देवगांव पिपरिया की (शासकीय रोड) रकबा 2.691 हेक्टेयर का सीमांकन कराया जाकर अतिक्रमण हटाये जाने संबंधी आवेदन प्रस्‍तुत किया गया है? (ख) क्या  नगर पालिका द्वारा प्रस्तुत आवेदन अनुसार विभाग द्वारा सीमांकन की कार्यवाही की गयी थी, यदि हाँ, तो उक्त भूमि के सीमांकन में किस-किस का अतिक्रमण पाया गया बतायें, पाये गये अतिक्रमणकारियों पर क्या कार्यवाही की गयी हैं जानकारी दें। यदि नहीं, तो कार्यवाही न किये जाने का क्या कारण रहा? इसके लिये कौन उत्तरदायी हैं क्या संबंधित के विरूद्ध उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। मुख्य नगर पालिका अधिकारी पिपरिया द्वारा सीमांकन हेतु आवेदन पत्र दिया गया है। विधानसभा प्रश्‍न में खसरा नंबर 35 अंकित है परंतु सही खसरा नंबर जिसका आवेदन दिया गया था वह खसरा नंबर 33 है जो राजस्व अभिलेख में 2.691 हे. सड़क शासकीय म.प्र. शासन के नाम से दर्ज है। मुख्य नगरपालिका अधिकारी पिपरिया जिला नर्मदापुरम द्वारा वर्तमान वर्ष 2024 में देवगांव पिपरिया की (शासकीय रोड) रकबा 2.691 हे. भूमि का सीमांकन हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था उक्त भूमि का हल्का पटवारी द्वारा न्यायालय तहसीलदार पिपरिया के रा.प्र.क. 0238/अ-12/2024-25 के अनुसार दिनाक 30 जुलाई 2024 को सीमांकन किया गया। सीमांकन रिपोर्ट अनुसार 1727.3 वर्गफुट रोड की सीमा पर थाना पिपरिया की बाउण्डीवॉल एवं रिक्त भूमि पर थाना पिपरिया का कब्जा पाया गया। उक्त संबंध में सी.एम.ओ. पिपरिया द्वारा आवेदित भूमि पर से थाना प्रभारी थाना पिपरिया का कब्जा हटाने हेतु म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959  के तहत 18 सितंबर 2024 को आवेदन पत्र प्रस्तुत किया है। (ख) जी हाँ। नगर पालिका द्वारा प्रस्तुत आवेदन पर दिनाक 30 जुलाई 2024 को सीमांकन की कार्यवाही की गयी। सीमांकन रिपोर्ट अनुसार 1727.3 वर्गफुट रोड की सीमा पर थाना पिपरिया की बाउण्ड्रीवॉल एवं रिक्त भूमि पर थाना पिपरिया का कब्जा पाया गया। पाये गये अतिक्रमण के विरूद्ध न्यायालय तहसीलदार पिपरिया में राजस्व प्रकरण क्रमांक 0007/अ-68/2024-25 दर्ज करने की कार्यवाही की गई है। प्रकरण न्‍यायालयीन कार्यवाही के तहत विचारार्थ है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

ग्राम कोटवारों को मानदेय प्रदान किया जाना

[राजस्व]

50. ( क्र. 616 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में जिन ग्राम कोटवारों के पास 10 एकड़ से अधिक सेवा भूमि हैं उन्हें रू. 1000 मानदेय देने का प्रावधान है? (ख) प्रश्‍नांश (क) यदि हाँ, तो कटनी जिले को इस व्यवस्था से क्यों वंचित रखा गया है? क्या उक्त संबंध में पृथक से कोई आदेश जारी किए गए हैं? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) यदि नहीं, तो 10 एकड़ से अधिक सेवा भूमि धारक कोटवारों को किस दिनांक तक रू. 1000 मानदेय की राशि उपलब्ध करा दी जावेगी? नहीं तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। (ख) जी नहीं। ऐसा कोई प्रावधान लागू नहीं किया गया है। (ग) जी नहीं, क्‍योंकि ऐसा प्रावधान नहीं होने से प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता।

उज्जैन संभागीय मुख्यालय में एम्स की स्थापना

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

51. ( क्र. 619 ) श्री महेश परमार : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला उज्जैन में आगामी सिंहस्थ 2028 को दृष्टिगत रखकर विश्वस्तरीय स्वास्थ्य संस्थान एम्स की सुविधाओं से वंचित क्यों हैं? कारण बताइए। (ख) क्या विगत एक वर्ष में राज्य सरकार से केंद्र सरकार को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य संस्थान एम्स उज्जैन में स्थापित करने की मांग को लेकर कोई प्रस्ताव मंत्रिमंडल के माध्यम से भेजा गया? यदि हाँ, तो इतनी लंबी अवधि के बाद भी उज्जैन में एम्स की स्थापना क्यों नहीं हुई? (ग) अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 1170 दिनांक 19/02/24 के माध्यम से एम्स की स्थापना संबंधी प्रश्‍न के संज्ञान पर क्या उज्‍जैन में एम्स की स्थापना संभव नहीं है? यदि नहीं, तो क्या कारण है? यदि संभव हैं तो कब तक? मंत्रिमंडल के माध्यम से इस हेतु केंद्र को कब तक प्रस्ताव भेजा जावेगा। जानकारी दें।

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) एम्‍स की स्‍थापना संबंधित कार्य केन्‍द्र सरकार द्वारा किया जाता है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सरकुला मध्यम सिंचाई परियोजना पोहरी के निर्माण की प्रगति

[जल संसाधन]

52. ( क्र. 623 ) श्री देवेन्‍द्र कुमार जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पोहरी जिला शिवपुरी में सरकुला मध्यम सिंचाई परियोजना के निर्माण की स्वीकृति कब हुई थी? परियोजना का निर्माण कार्य पूरा करने के लिये टेंडर की शर्तों के अनुसार कार्यकारी एजेंसी को कब तक का समय दिया गया था? टेंडर के समस्त प्रपत्रों की छायाप्रतियां उपलब्ध करावें?                                              (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार टेंडर की शर्तों के अनुसार परियोजना में कौन-कौन से कार्य कितनी समयावधि में पूर्ण किये जाने हैं? पूरी जानकारी दें? उनमें से कार्यकारी एजेंसी द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य कितने प्रतिशत पूर्ण किये जा चुका है? कौन-कौन से कार्य कितने प्रतिशत अभी भी पूर्ण होना शेष है? कार्य प्रगति की सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अनुसार क्या परियोजना के निर्माण में जिम्मेदारों द्वारा अत्यधिक विलंब किया गया है? जिससे विलंब होने के कारण अंचल के किसानों को परियोजना का लाभ नहीं मिल पाया है तथा उनमें रोष है? निर्माण में विलंब हेतु कौन-कौन जिम्मेदार हैं? उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी? परियोजना का सम्पूर्ण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? निश्चित समयावधि बताएं।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 04.10.2018 एवं निविदा की स्वीकृति दिनांक 24.08.2020 को प्रदान की जाना प्रतिवेदित है। परियोजना का निर्माण कार्य पूर्ण करने के लिए कार्य की समयावधि 42 माह थी (दिनांक 27.02.2024 तक)। निविदा प्रपत्र की छायाप्रति  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट अनुसार है।                                         (ख) परियोजना के निर्माण में टेण्डर की शर्तों के अनुसार परियोजना में बाँध एवं नहर के समस्त कार्य 42 माह में पूर्ण किये जाने थे। अनुबंधित एजेंसी द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक बाँध कार्य 13 प्रतिशत एवं नहर कार्य 15 प्रतिशत पूर्ण किया जा चुका है। बाँध कार्य 87 प्रतिशत एवं नहर कार्य 85 प्रतिशत किया जाना शेष प्रतिवेदित है। (ग) जी नहीं। परियोजना में वन भूमि एवं पर्यावरण स्वीकृति दिनांक 23.10.2023 के उपरांत ही नियमानुसार कार्य प्रारंभ किया जा सका है। किसानों में किसी तरह का रोष व्याप्त होना प्रतिवेदित नहीं है। चूंकि वन एवं पर्यावरण स्वीकृति के बिना कार्य प्रारंभ किया जाना संभव न होने के कारण कोई भी अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार नहीं है। अतः कार्यवाही किए जाने की कोई स्थिति नहीं है। परियोजना का संपूर्ण कार्य दिनांक 21.08.2026 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।

हरणगांव को तहसील बनाये जाने की कार्यवाही

[राजस्व]

53. ( क्र. 648 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत हरणगांव को तहसील बनाये जाने संबंधी क्‍या कार्यवाही चल रही है? (ख) हरणगांव को तहसील बनाये जाने संबंधी प्रक्रिया में अभी कितना समय लगेगा? समयावधि बतावें। (ग) हरणगांव को तहसील बनाये जाने संबंधी अधिसूचना वर्ष 2023 में जारी हो चुकी थी किन्‍तु फिर भी हरणगांव अभी तक तहसील का दर्जा प्राप्‍त नहीं हुआ है? विलम्‍ब का कारण बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। (ख) इस संबंध में नवीन प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग का गठन किया गया है। प्रकरण विचार हेतु आयोग के समक्ष रखे जाने का निर्णय लिया गया है। शेष समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्‍तरांश '''' एवं '''' के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

चरनोई भूमि की जानकारी

[राजस्व]

54. ( क्र. 658 ) श्री सचिन बिरला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                       (क) चरनोई भूमि को नजूल भूमि में दर्ज करने की क्‍या प्रक्रिया है? नियमों सहित जानकारी दीजिए। (ख) चरनोई भूमि का क्‍या मतलब है? ग्राम खोड़ी तहसील बड़वाह जिला खरगोन में वर्ष 1954-55 के राजस्‍व रिकार्ड में ग्राम खोड़ी में कुल कितनी चरनोई भूमि थी और प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में कुल कितनी चरनोई भूमि ग्राम में शेष है? जानकारी देवें। (ग) चरनोई भूमि पर भू-राजस्‍व संहिता एवं शासन के द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों के अनुसार कौन-कौन सी गतिविधियां हो सकती है और कौन-कौन सी गतिविधियां नहीं हो सकती है? (घ) क्‍या ग्राम खोड़ी तहसील बड़वाह जिला खरगोन में प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में कोई भी भूमि चरनोई हेतु शेष नहीं है? यदि हाँ, तो क्‍या इस संबंध में आवश्‍यक कार्यवाही करेंगे और कब तक करेंगे? (ड.) क्‍या चरनोई भूमि की जमीन की मद का परिवर्तन किया जा सकता है? यदि हाँ, तो कैसे यदि नहीं, तो खसरा नंबर 31 रकबा 18.90 का मद क्‍यों परिवर्तन किया गया? दोषियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता की धारा 237 पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार(ख)  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट अनुसार। ग्राम खोड़ी का वर्ष 1954-55 का रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं होने से वर्ष 1973 -74 का अधिकार अभिलेख अनुसार कुल 09 सर्वे नंबरान का कुल रकबा 19.886 हे. वर्तमान अनुसार ग्राम में चरनोई की भूमि के कुल 10 सर्वे न. होकर कुल रकबा 17.280 हे. है। शेष जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट '' अनुसार।                                  (ग) म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता की धारा 237 पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट–'' अनुसार(घ) चरनोई की भूमि ग्राम खोड़ी में वर्तमान में कुल 10 सर्वे नंबरान का कुल रकबा 17.280 हे. दर्ज है। प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर अनुसार है। (ड.) जी हाँ। पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट पर व्‍यवस्थित प्रावधान अनुसार शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता है।

भूमि हस्तांतरण आदेश की जांच की जाना

[राजस्व]

55. ( क्र. 659 ) श्री सचिन बिरला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) कार्यालय कलेक्टर जिला खरगोन के आदेश क्रमांक 0017-A/भूमि आवंटन/2023 खरगोन दिनांक 13.12.2023 के प्रकरण क्रमांक 17/अ-20 (3)/2023-24 की प्रति एवं इसके संलग्न समस्त अभिलेख जिसमें अनुविभागीय अधिकारी न्यायालय बड़‌वाह, के प्रकरण क्रमांक 0003/अ-74/2023-24 तहसीलदार बड़वाह के न्यायालय में प्रकरण क्रमांक 0011/B/-121/23-24 प्रकरण के समस्त अभिलेख एवं मध्यप्रदेश नजूल भूमि निवर्तन नियम, 2020 की गजट की कॉपी देवें। (ख) प्रकरण में क्या नजूल भूमि नियम 2020 की कंडिका 142 को बिंदु 1. 2. 3. 4 का पालन किया गया है या नहीं? यदि हाँ, तो अभिलेख देवें? (ग) प्रकरण में नियम 48 (ज) में ग्राम पंचायत से  परामर्श कलेक्टर द्वारा आवेदन पत्र का परीक्षण करने में लिया गया है या नहीं? (घ) क्या राज्य शासन अपने अधिकार का उपयोग करते हुए नियम विरूद्ध तरीके से चोरी छिपे किए गये उक्त भूमि आवंटन आदेश को अपास्‍त करेगा या नहीं? हाँ तो कब तक नहीं तो क्यों नहीं? (ड.) क्या विभाग उक्त आदेश जारी करने वालों पर जांच के आदेश जारी करेंगे या नहीं? हाँ तो कब तक नहीं तो क्यों नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट  अनुसार है।                         (ख) प्रकरण में आदेश दिनांक 13/12/2023 द्वारा पूर्व से उद्योग विभाग को आवंटित भूमि का नियमानुसार मध्यप्रदेश औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग का नाम परिवर्तन किया जाना था, इस कारण उक्त प्रकरण में विज्ञप्ति का प्रकाशन तथा ग्राम पंचायत का अभिमत प्राप्त नहीं किया गया। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्‍नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ड.) प्रश्‍नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

 

सिंचाई हेतु नहर की व्‍यवस्‍था

[जल संसाधन]

56. ( क्र. 701 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र सोहागपुर के अंतर्गत सतपुड़ा टाईगर रिजर्व द्वारा वन ग्रामों का विस्‍थापन किया गया है किन्‍तु उपरोक्‍त क्षेत्र में विस्‍थापित आदिवासियों को कृषि कार्य में सिंचाई हेतु वर्तमान में क्‍या व्‍यवस्‍था हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में जल संसाधन विभाग द्वारा क्‍या पूर्व में इन क्षेत्रों में सिंचाई हेतु नहर बनाये जाने का प्रस्‍ताव तैयार किया गया है, यदि हाँ, तो उसके संबंध में जानकारी उपलब्‍ध कराई जाये? (ग) सतपुड़ा टाईगर रिजर्व के विस्‍थापित ग्रामों में किसानों को सिंचाई हेतु नहर कब तक बना दी जायेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर के अंतर्गत सतपुड़ा टाईगर रिजर्व द्वारा विस्थापित ग्रामों के आदिवासियों द्वारा कृषि कार्य में सिंचाई निजी साधनों द्वारा की जाती है। (ख) सतपुड़ा टाईगर रिजर्व के विस्थापित ग्रामों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने हेतु बागरा शाखा नहर के बांयी ओर 4200 हेक्‍टेयर कमाण्ड क्षेत्र को सिंचित करने के लिये तवा परियोजना की बागरा शाखा नहर की आर.डी. 15,360 मी. से जल उद्वहन कर होज सिंचाई प्रणाली का प्राक्कलन तैयार किया जाकर परीक्षणाधीन है। (ग) सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के विस्थापित ग्राम में किसानों को सिंचाई, हेतु नहर के स्थान पर (हौज) प्रेशराइजड पाईप सिंचाई प्रणाली का प्रस्ताव परीक्षणाधीन है निर्माण की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

कान्ह डायवर्शन क्लोज डक्ट परियोजना का क्रियान्वयन

[जल संसाधन]

57. ( क्र. 707 ) श्री सतीश मालवीय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला उज्जैन की जल संसाधन विभाग की 'कान्ह डायवर्शन क्लोज डक्ट परियोजना' कब प्रारंभ होगी कितनी जमीन अधिग्रहित होगी। उक्त प्रोजेक्ट की लागत कितनी है? कार्य प्रारंभ कब किया जावेगा? कार्य पूर्णता की समय-सीमा क्या होगी, इस योजना में घट्टिया विधानसभा में उक्त योजना कितने क्षेत्रफल में संचालित होगी एवं इस योजना की कितनी राशि घट्टिया विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत मय भूमि अधिग्रहण अन्तर्गत खर्च की जावेगी? डी.पी.आर., वर्क आर्डर सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत कितनी जल संरचनाएं जल संसाधन विभाग संचालित की जा रही है? वर्तमान में कितनी संरचनाएं चालू अवस्था में है एवं कितनी जल संरचनाएं जीर्ण-शीर्ण हैं? जीर्ण-शीर्ण संरचनाओं को चालू करने के संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही जा रही है? सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में घट्टिया विधानसभा के कितनी नवीन योजनाओं के कितने प्रस्ताव विगत दो वर्ष में विभाग द्वारा बनाए गए हैं एवं किस-किस स्तर पर लंबित हैं? सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) उज्जैन जिले की जल संसाधन विभाग की कान्ह डायवर्शन क्लोज डक्ट परियोजना का दिनांक 15.03.2024 को अनुबंध संपादित किया जाकर प्रारंभ किया जा चुका हैं। परियोजना में मध्यप्रदेश भूमिगत पाईप लाईन, केबल एवं डक्ट अधिनियम 2012 के अनुसार 241.03 हेक्टेयर अस्थाई रूप से एवं 2.41 हेक्टेयर स्थाई रूप से जमीन अधिग्रहित होगी। योजना की लागत राशि रू.919.94 करोड़ है। अनुबंधानुसार कार्य पूर्णता का समय 42 माह निर्धारित हैं। घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में 69.02 हेक्टेयर क्षेत्रफल में भूमिगत डक्ट निर्माण हैं एवं राशि रू. 156.40 करोड़ व्यय होना संभावित है। भू-अर्जन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से अवार्ड राशि बता पाना संभव नहीं है। विभाग अंतर्गत वर्क आर्डर जारी करने की कार्यवाही प्रचलित नहीं है। डी.पी.आर. की  छायाप्रति  पुस्तकालय में रखे  परिशिष्ट अनुसार है। (ख) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 15 जल संरचनाएं संचालित की जाकर चालू अवस्था में हैं, कोई भी संरचना जीर्ण-शीर्ण अवस्था में नहीं होना प्रतिवेदित है। अतः शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में जानकारी निरंक है एवं प्रस्ताव लंबित होने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

शासकीय अस्पतालों में आया, ड्रेसर एवं ड्रायवर के पद की पूर्ति

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

58. ( क्र. 719 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार ने प्रदेश के शासकीय अस्पतालों के लिए आया ड्रेसर एवं ड्रायवर के पद समाप्त कर दिए हैं और अब इन पदों पर भर्ती बंद कर दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है? (ग) क्या सरकार ने इन पदों के कोई वैकल्पिक व्यवस्था की है? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध कराएं?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) म.प्र.शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक सी-3-1/2003/3/एक दिनांक 06.02.2003 के द्वारा वाहन चालक के पदों की समाप्ति की गई है जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। म.प्र.शासन, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के परिपत्र क्रमांक पी.एच.एम.ई.-0456/ 2024/सत्रह/मेडि-3 दिनांक 05.07.2024 के द्वारा ड्रेसर-2 एवं ड्रेसर-1 के पदों को डाईंग कैडर घोषित करते हुये नवीन भर्ती पर पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। आया का पद राज्य मानव संसाधन के राज्य स्तरीय मानक वर्ष-2024 आदेश क्रमांक पी.एच.एम.ई. 0456/2024/17/मेडि-3 भोपाल दिनांक 05.07.2024 में समाहित किया गया है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) जी हाँ। उपरोक्त पदों की वैकल्पिक व्यवस्था हेतु आदेश क्रमांक पी.एच.एम.ई.-0456/ 2024/17/मेडि-3 भोपाल दिनांक 05.07.2024 जारी किया गया है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है।

शासकीय अस्पतालों में टिटनस के इंजेक्शन की उपलब्धता

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

59. ( क्र. 720 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सौंसर विधानसभा के अंतर्गत आने वाले सरकारी हॉस्पि‍टलों में टिटनस के इंजेक्शन उपलब्ध नहीं हैं? (ख) यदि हाँ, तो इन अस्पतालों में टिटनस के इंजेक्शन न भेजे जाने का क्या कारण है? (ग) क्या सरकार के अंतर्गत आने वाले सरकारी हॉस्पि‍टलों में विभाग तत्काल टिटनस के इंजेक्शन उपलब्ध कराएगा?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। सौंसर विधानसभा के अन्‍तर्गत आने वाले सरकारी हॉस्पिटलों में टिटनस के इंजेक्‍शन पर्याप्‍त मात्रा में उपलब्‍ध है। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) विभाग द्वारा आवश्‍यकतानुसार इंजेक्‍शन उपलब्‍ध कराये जाते है।

प्राध्यापक पद की नियुक्ति में अनियमितता

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

60. ( क्र. 724 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक 2706 दिनांक 10/07/2024 का उत्तर प्रश्‍न दिनांक तक भी नहीं देने का क्या कारण है? कब तक जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी, समय-सीमा सहित बताएं। (ख) प्राध्यापकों की नियुक्ति के दौरान एन.एम.सी. द्वारा दिए गए confirmation of eligibility पत्र की प्रमाणिकता की जांच, पद परिवर्तन की जांच, वरिष्ठता सूची की जांच, ट्रेनिंग और कार्यानुभव की जांच नियुक्ति से पहले किस-किस के द्वारा किन शर्तों/नियमों के तहत की जाती है। जांच के बाद उसकी जानकारी किस प्रारूप में दर्ज की जाती है? म.गा.स्मृ. चिकित्सा महाविद्यालय इंदौर के फिजियोलॉजी विभाग में प्रोफेसर के रिक्त पद पर दिनांक 28/06/2023 को हुई नियुक्ति में उक्त जांच कब की गई और किस प्रारूप में उसे दर्ज किया गया? जांच का विवरण और प्रारूप की प्रति सहित जानकारी देवें। (ग) एक विषय से दूसरे विषय में पद परिवर्तन अमान्य किया गया है? यदि हाँ, तो म.गा.स्मृ. चिकित्सा महाविद्यालय इंदौर के फिजियोलॉजी विभाग में प्रोफेसर के रिक्त पद पर दिनांक 28/06/2023 को हुई नियुक्ति में बायोफिजिक्स से फिजियोलॉजी में परिवर्तन को किस नियम के तहत मान्य किया गया?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

आदिवासी भूमि को खुर्दबुर्द किया जाना

[राजस्व]

61. ( क्र. 725 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                   (क) तहसीलदार रघुराजनगर जिला सतना द्वारा दिनांक 01/06/2023 कलेक्टर सतना को सौंपे गए जांच प्रतिवेदन में क्या अभिमत दिया है? उक्त जांच प्रतिवेदन पर प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) तहसीलदार रघुराजनगर जिला सतना द्वारा दिनांक 28/10/2024 कलेक्टर सतना को सौंपे गए जांच प्रतिवेदन में क्या अभिमत दिया है? उक्त जांच प्रतिवेदन पर प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्‍या नाबालिग आदिवासी की जमीन बिना सक्षम न्यायालय के आदेश के बिना बिक्री नहीं की जा सकती? (घ) यदि नहीं, तो वर्ष 2003 में बिना जांच किए किस आधार पर तत्कालीन कलेक्टर सतना द्वारा प्रश्‍नांश (क) की जमीन की बिक्री की अनुमति दी? (ड.) तत्कालीन एस.डी.एम. और तत्कालीन तहसीलदार रघुराजनगर ने फर्जी प्रतिवेदन के आधार पर वर्ष 2003 में अनपढ़ दुलारी कोल की नाबालिग लड़की सरस्वती कोल की शादी की अनुमति किस आधार पर दी थी?
राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) तहसीलदार रघुराजनगर द्वारा दिनांक 01-06-2023 एवं 28-10-2024 को जांच प्रतिवेदन उपलब्‍ध नहीं कराया गया है। बल्कि तहसीलदार द्वारा मामला क्रमांक 88/74/2022-23 में दिनांक 26-05-2022 से अनु.अधि. (राजस्‍व) के मामला क्र. 158/ 74/ 22-23 दिनांक 20-02-2023 के माध्‍यम से मोजाडेलौरा तहसील रघुराजनगर की आ.नं. 533/2/4 रकवा 1.71 एकड़ भूमि के संबंध में प्रस्‍तुत शिकायत पर जांच प्रतिवेदन उपलब्‍ध कराया गया है जो न्‍यायालयीन प्रकरण क्र. 262/74/2024-25 रामकुमार रावत बनाम म.प्र.शासन विचाराधीन है। न्‍यायालयीन प्रक्रिया के तहत सुनवाई कर निराकरण किया जावेगा। तहसीलदार एवं अनु.अधि. (राजस्‍व) का जांच प्रतिवेदन पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट '' अनुसार(ख) न्‍यायालय तहसीलदार रघुराजनगर के द्वारा कलेक्‍टर को कोई भी जांच प्रतिवेदन नहीं भेजा गया है। अभी प्रकरण में जांच जारी है जांच उपरांत प्रकरण कार्यवाही हेतु भेजा जायेगा। (ग) नाबालिग आदिवासी की जमीन सक्षम न्‍यायालय से अनुमति उपरांत ही विक्रीत की जा सकती है। (घ) प्र.क्र.12/21/2004-05 आदेश दिनांक 07.03.2005 से छोटेलाल कोल तनय खुरईया कोल निवासी टिकुरिया टोला के नाम से तहसीलदार एवं अनु.अधि. (रा.) के जांच प्रतिवेदन के आधार पर भूमि विक्रय की अनुमति प्रदान की गई। आदेश की प्रति पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट '' अनुसार (ड.) प्रश्‍नांश (घ) के उत्‍तर में उल्लिखित प्रकरण में नाबालिग के विवाह की अनुमति नहीं दी गई थी बल्कि आवेदक द्वारा पुत्री के विवाह एवं अन्‍य भूमि क्रय करने हेतु पैसे की आवश्‍यकता होने पर उसके स्‍वामित्‍व के भूमि के विक्रय कि अनुमति शर्तों के आधीन दी गई थी। आदेश की प्रति पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट '' अनुसार

स्वचालित अग्निशामक यंत्र (मानव रहित) की जानकारी

[स्कूल शिक्षा]

62. ( क्र. 731 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता विधायक के विधानसभा क्षेत्र मनासा अंतर्गत स्कूल शिक्षा विभाग के अधीनस्थ कार्यालयों एवं भवनों में अग्नि दुर्घटना से बचने हेतु क्या व्यवस्था है? (ख) क्या प्रश्‍नकर्ता विधायक के विधानसभा क्षेत्र मनासा अंतर्गत इन कार्यालयों एवं भवनों में स्वचालित अग्निशामक यंत्र (मानव रहित) लगाए गए हैं अथवा नहीं यदि हाँ, तो स्थलवार सूची उपलब्ध कराएं? यदि नहीं, तो स्वचालित अग्निशामक (मानव रहित) यंत्र कब तक लगा दिए जाएंगे? इस विषय में विभाग अथवा शासन द्वारा कोई ठोस नीति बनाई गई है या नहीं यदि हाँ, तो कृपया संपूर्ण जानकारी प्रदान करें?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) विभाग अंतर्गत अधीनस्थ कार्यालयों एवं भवनों में यथा संभव अग्निशामक यंत्रों, रेत की बॉल्टि‍यों की व्यवस्था है। साथ ही अग्नि से बचाव संबंधित उपायों पर समय-समय पर प्रशिक्षण एवं मोक ड्रिलकराये जाने के निर्देश है। (ख) जी नहीं। अतः शेषांश प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। इस संबंध में वर्तमान में किसी प्रकार की नीति विचाराधीन नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

 

स्वचालित अग्निशामक यंत्र (मानव रहित)

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

63. ( क्र. 732 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीनस्थ कार्यालयों एवं भवनों में अग्नि दुर्घटना से बचने हेतु क्या व्यवस्था है? (ख) क्या इन कार्यालयों एवं भवनों में स्वचालित अग्निशामक यंत्र (मानव रहित) लगाए गए हैं अथवा नहीं यदि हाँ, तो स्थलवार सूची उपलब्ध कराएं? यदि नहीं, तो स्वचालित अग्निशामक (मानव रहित) यंत्र कब तक लगा दिए जाएंगे? इस विषय में विभाग अथवा शासन द्वारा कोई ठोस नीति बनाई गई है या नहीं यदि हाँ, तो कृपया संपूर्ण जानकारी प्रदान करें?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा विभाग के अधीनस्‍थ कार्यालयों एवं भवनों में आवश्‍यकतानुसार अग्नि दुर्घटना से बचने हेतु स्‍वचालित अग्निशामक (मानव रहित यंत्र) कुछ मानव संचालित अग्निशामक यंत्र, जैसे COसिलेण्‍डर, ए.बी.सी. सिलेण्‍डर, वाटर टैंक, फायर वॉल्‍व एवं सेंड बकेट टाईप आदि लगाये गये है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। वित्‍तीय संसाधनों की उपलब्‍धता अनुसार व्‍यवस्‍था की गई है, निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। इस विषय में शासन द्वारा दिशा-निर्देश जारी किये गये है, दिशा-निर्देश की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

सी.एम. राईज स्कूल की जानकारी

[स्कूल शिक्षा]

64. ( क्र. 748 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2023-24 में शासन द्वारा प्रदेश में कहां-कहां सी.एम. राईज स्कूल संचालित किये जाने हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है? विस्तृत जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित स्वीकृत शासकीय सी.एम. राईज स्कूल मकरोनिया एवं सी.एम. राईज स्कूल कर्रापुर में स्वीकृति उपरांत प्रश्‍न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? विस्तृत जानकारी देवें।                                     (ग) क्या प्रश्‍नांश (ख) में वर्णित स्कूल वर्तमान में सी.एम. राईज स्कूल अंतर्गत संचालित हो रहे हैं? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा स्कूल संचालन करने के संबंध में प्रश्‍नांश दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? जानकारी देवें। (घ) क्या प्रश्‍नांश (ख) में वर्णित स्कूलों के लिए शासन स्तर से भवन निर्माण की राशि/फर्नीचर/पदपूर्ति/अन्य आवश्यक सामग्री विभाग द्वारा कब तक स्वीकृत की जाएगी? जानकारी देवें।

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) वर्ष 2023-24 में सी.एम. राइज स्‍कूल संचालन हेतु कोई स्‍वीकृति प्रदान नहीं की गई हैं, बल्कि वर्ष 2024-25 में 276 विद्यालयों को सी.एम. राईज स्‍कूल संचालन हेतु स्‍वीकृति प्रदान की गई हैं। सूची  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-एक पर है।                       (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-दो पर है। जी हाँ। (घ) भवन निर्माण, फर्नीचर प्रदाय बजट की उपलब्‍धता पर निर्भर करता है। शिक्षकों के पदों की पूर्ति की कार्यवाही सतत प्रक्रिया है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

बड़ादेव उदवहन सिंचाई योजना की जानकारी

[जल संसाधन]

65. ( क्र. 756 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधानसभा क्षेत्र में एन.वी.डी.ए. द्वारा प्रस्तुत बड़ादेव उदवहन सिंचाई योजना की डी.पी.आर. कितनी लागत से बनाई गई? कितने गांवों की कितनी भूमि सिंचित होनी थी? कितनी निजी व वन भूमि डूब में आने वाली थी? (ख) बड़ादेव उदवहन सिंचाई योजना जल संसाधन विभाग को क्यों ट्रांसफर की गई? इस विभाग में यह योजना कितनी लागत की मंजूर की गई? योजना अंतर्गत कितनी सिंचाई होगी कितने गांव की कितनी निजी और कितनी वन भूमि डूब में आएगी? कितने परिवारों को बेदखल किया जाएगा एवं निर्माण काम के अलावा कितनी अतिरिक्त राशि खर्च होगी? (ग) बरगी डैम की बाईतट नहर से सिंचाई के लिए कितना पानी आरक्षित है? कितने क्षेत्र में सिंचाई मंजूर है? कितने एरिया में सिंचाई का क्षेत्र तैयार हो चुका है कितना बाकी है? बरगी बांध की बाईतट नहर से सिंचाई चालू होने के बाद से प्रतिवर्ष औसत कितना पानी खर्च हो रहा है और नहर के लिए आरक्षित पानी में से कितना पानी बच रहा है, इसके क्या कारण है और इस बचे पानी का क्या उपयोग किया जाएगा? (घ) विभाग में कितनी-कितनी लागत की कितनी सिंचाई परियोजनाएं बांध बनाकर स्वीकृत की गई है और कितनी योजनाएं पहले से बनी योजनाओं की कैनाल का पानी उठाकर? कितनी पूर्ण है? कितनी अधूरी है? कौन-कौन ठेकेदार हैं? कब-कब पूरी हुई और कब तक पूरी होगी? योजनावार जानकारी दी जाए। (ङ) कितने एरिया में सिंचाई होगी कितना पानी रोका जाएगा और कितने पानी का उपयोग सिंचाई और बिजली उत्पादन के लिए किया जाएगा? परियोजनावार जानकारी दी जाए। (च) विभागीय योजनाओं में कितनी निजी भूमि और कितनी वन भूमि डूब क्षेत्र में आ रही है? दोनों प्रकार की भूमि अधिग्रहण करने में कितनी लागत आएगी और कितना खर्च हो चुका है? कितनी निजी और वन भूमि का अधिग्रहण हो चुका है और बकाया भूमि का अधिग्रहण कब तक किया जाएगा? परियोजनावार जानकारी दी जाए। (छ) विभाग की कितनी परियोजनाएं की निजी और वन भूमि का अधिग्रहण न होने से लंबित है और कितने दिनों से अधूरे हैं? कितनी भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो गई है और कितनी का मुआवजा वितरित किया जा चुका है, कितना भुगतान किया जाना बाकी है? परियोजनावार जानकारी प्रदान की जाए। निजी और वन भूमि के बदले बकाया मुआवजा राशि कितनी और कब दी जाएगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (छ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

नर्मदा परिक्रमा पथ को सुगम एवं सुंदर बनवाना

[पर्यटन]

66. ( क्र. 789 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या राज्‍य मंत्री, पर्यटन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद में मॉं नर्मदा की परिक्रमा करने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए परिक्रमा पथ को सुगम और सुंदर बनाने के लिए शासन कोई कदम उठा रहा है? अगर हाँ तो क्या? कब तक कार्य पूर्ण किया जाएगा? (ख) विधानसभा क्षेत्र कसरावद अंतर्गत आने वाले परिक्रमा पथ पर ग्राम भट्याण बुजुर्ग, नावड़ाटोड़ी (शालिवाहन), बलगांव और खलटाका यात्रियों के रात्रि विश्राम के स्थान हैं। इन स्थानों पर यात्रियों के रात्रि विश्राम के लिए विभाग विश्राम कक्ष/रैन बसेरा बनाये जायेंगे? अगर हाँ तो कब तक? (ग) प्रश्‍नकर्ता द्वारा सदन में नर्मदा परिक्रमा पथ के निर्माण, सौंदर्यीकरण संबंधी प्रश्‍न उठाए जाने के बाद भी इन कार्यों पर कोई कार्ययोजना तैयार नहीं की गई? क्‍यों जानकारी दें।

राज्‍य मंत्री, पर्यटन ( श्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी ) : (क) वर्तमान में कोई योजना प्रचलित नहीं है। (ख) एवं (ग) उत्‍तरांश (क) अनुसार।

तहसील टप्पा बनाया जाना

[राजस्व]

67. ( क्र. 790 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील टप्पा बनाने के क्या मापदण्ड हैं? बताएँ। (ख) विधानसभा क्षेत्र कसरावद के तहसील भीकनगांव के ग्राम अहीरखेड़ा को तहसील टप्पा बनाया जायेगा? अगर हाँ तो कब तक। (ग) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा अनुसार विभाग ने ग्राम सालोन बी (भाण्डेर, दतिया ) को टप्पा तहसील का दर्जा दिया है? अगर हाँ तो कब। (घ) प्रश्‍नांश (ग) अनुसार क्‍या सालोन बी में तहसील टप्पा वर्तमान में संचालित है? अगर हाँ तो कार्यालय का पता और टप्पा तहसीलदार का नाम बताएँ? नहीं तो क्यों नहीं प्रारंभ हो पाया कारण की जानकारी दें? कब तक प्रारंभ होगा समयावधि बताएँ।
राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) शासन के परिपत्र क्रमांक एफ 1-3/2015/सात/शा.-7 दिनांक 16.01.2015 में उप तहसील बनाये जाने के निर्देश समस्‍त कलेक्‍टरों को दिये गये है। जानकारी  संलग्न परिशिष्‍ट '''' अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश (क) के प्रकाश में परीक्षण उपरांत कार्यवाही की जाती है। समय-सीमा बताना सम्‍भव नहीं है। (ग) जी हाँ। घोषणा क्रमांक बी-4851 दिनांक 28.07.2018 को घोषणा की गई थी। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट '''' अनुसार है।

परिशिष्ट - "बयालीस"

विभागीय कार्यालयों में निर्माण कार्य

[स्कूल शिक्षा]

68. ( क्र. 795 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की धरमपुरी विधानसभा में विभाग के अधीनस्थ कार्यालयों में विगत 5 वर्षों से किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि का आवंटन किया गया? उक्त राशि को किस-किस दिनांक को किस फर्म तथा कार्य एजेंसी/निविदाकार/एकल समूह को भुगतान किया गया? तिथिवार/ कार्यालयवार/विकासखंडवार सूची उपलब्ध करावें? (ख) धरमपुरी विधानसभा में किस कार्यालय/संस्था में कितने पद स्वीकृत है? स्वीकृत पदों के अनुरूप कौन लोकसेवक कहां पर पदस्थ है तथा कहां पर कार्यरत है? क्या यह सही है की मूल पदस्थ संस्था से कई लोकसेवकों को अन्यत्र स्थान पर कार्य करने हेतु आदेशित किया गया है? यदि हाँ, तो आदेशों की प्रति कारण सहित उपलब्ध करावें।                (ग) धरमपुरी विधानसभा में समस्त विकासखण्‍ड शिक्षा अधिकारी को विगत 4 वर्षों में आवंटित राशि तथा समस्त किए गए कार्य तथा भुगतान की गई राशि साथ ही वर्तमान में चल रहे कार्यों और भौतिक स्थिति बतावें? (घ) धरमपुरी विधानसभा में कस्तूरबा गाँधी बालिका छात्रावास कब से संचालित है? इन छात्रावासों को संचालित किये जाने हेतु छात्रावास अधीक्षक की नियुक्ति हेतु कब-कब विज्ञप्ति‍ जारी की गई थी? प्रति उपलब्ध करावें? इन छात्रावासों में किस नियम के तहत अधीक्षक की नियुक्ति की गई है? प्रति उपलब्ध करावें? साथ ही अधीक्षक की नियुक्ति हेतु कब-कब बैठकें आयोजित की गई थी बैठक में किये गए अनुमोदन की प्रमाणित प्रति उपलब्‍ध करावे?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-एक पर है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-दो पर है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन पर है। (घ) धरमपुरी विधानसभा में समग्र शिक्षा अभियान छात्रावास वर्ष 2007 एवं 2011-12 से संचालित है। छात्रावास में अधीक्षक की नियुक्ति हेतु विज्ञप्ति जारी करके नियुक्ति की कार्यवाही नहीं की जाती है। नियुक्ति के संबंध में आयुक्त, लोक शिक्षण एवं राज्य परियोजना संचालक म.प्र. के पत्र क्रमांक/लो.शि.सं./RMSA/बा.छा.2/2010/229 भोपाल, दिनांक 25.08.2011 के बिन्दु क्रमांक 08 अनुसार एवं राज्‍य शिक्षा केंद्र के पत्र दिनांक 11/08/2017 अनुसार विद्यालय की महिला शिक्षिकाओं से वार्डन के पद पर कार्य करने की सहमति प्राप्त की जाती है तथा समस्त महिला शिक्षिका को वार्डन का अतिरिक्त प्रभार कलेक्टर के अनुमोदन से जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा दिया जाता है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-चार पर है।

तालाबों का गहरीकरण

[जल संसाधन]

69. ( क्र. 797 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले की धरमपुरी विधानसभा में सिंचाई तालाब स्थित है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से तालाब स्थित हैं? सूची उपलब्ध करावे? (ख) क्या सिंचाई तालाबों में अत्यधिक मात्रा में मिट्टी या गाद भर जाने के कारण गहरीकरण किये जाने के प्रावधान है? तालाब गहरीकरण किये जाने की गाइड लाइन उपलब्ध करावे? (ग) क्या धरमपुरी विधान सभा में सिंचाई तालाबों का गहरीकरण किया जाना है? यदि हाँ, तो किन-किन तालाबों का गहरीकरण किया जाना है और इन तालाबों को गहरीकरण किये जाने हेतु क्‍या प्रस्ताव शासन को प्रेषित किये गए है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से प्रस्ताव भेजे गए है और यदि नहीं, तो किस कारण? कब तक प्रस्ताव भेजे जायेंगे।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ, धरमपुरी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विभाग द्वारा निर्मित कुल 26 सिंचाई तालाब स्थित है। तालाबों की सूची संलग्‍न  परिशिष्‍ट  अनुसार है।                             (ख) जी नहीं। विभाग के आदेश क्रमांक नि.स./प्र.अ.3484001/पीसी/10, भोपाल दिनांक 01.07.2011 के अनुसार विभाग द्वारा गाद (सिल्‍ट) अथवा तालाब गहरीकरण का कार्य नहीं कराया जाता है। विभाग अंतर्गत तालाब गहरीकरण कराए जाने संबंधी कोई गाइड-लाइन प्रचलित नहीं है अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न नहीं है। विभाग अंतर्गत तालाबों को गहरीकरण किए जाने संबंधी ऐसे कोई प्रावधान नहीं है अत: प्रस्ताव भेजे जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "तैंतालीस"

मांडव में पर्यटन विभाग द्वारा विकास कार्य

[पर्यटन]

70. ( क्र. 798 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या राज्‍य मंत्री, पर्यटन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धरमपुरी विधानसभा अंतर्गत नगर परिषद मांडव में 1 जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक पर्यटन विभाग द्वारा विभिन्न निर्माण कार्य स्वीकृत किये थे? यदि हाँ, तो कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि‍ के स्वीकृत हुए है? वर्षवार, राशिवार व कार्यवार जानकारी उपलब्ध करावें?                                     (ख) उक्त निर्माण कार्यों में से आज दिनांक तक कौन-कौन से निर्माण कार्य पूर्ण, अपूर्ण व प्रगतिरत है? सूची उपलब्ध करावें व इन कार्यों में उपयोग की गई सामग्री व मशीनरी हेतु लगाये गए बिल की प्रमाणित छायाप्रति, मूल्यांकन पुस्तिका की प्रमाणित छायाप्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या मांडव में जी 20 के तहत अतिथियों की व्यवस्था हेतु सुन्दरीकरण के लिए राशि स्वीकृत की गई थी? यदि हाँ, तो किन-किन कार्यों हेतु राशि ‍स्वीकृत की गई थी? तकनीकी स्वीकृति व प्रशासकीय स्वीकृति की प्रमाणित छायाप्रति उपलब्ध करावें? (घ) क्या करोड़ो रूपयों की लागत से निर्मित कार्यों को क्षतिग्रस्त किया जाकर अन्य निर्माण कार्य स्वीकृत किया जाकर शासन की राशि का दुरूपयोग किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसका जिम्मेदार अधिकारी कौन है? क्या जिम्मेदार अधिकारी पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जावेगी यदि नहीं, तो किस कारण? जानकारी दें।
राज्‍य मंत्री, पर्यटन ( श्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी ) : (क) जानकारी संलग्‍न  परिशिष्‍ट  अनुसार।                     (ख) उत्‍तरांश अनुसार। सामग्री एवं मशीनरी कार्यरत एजेंसी द्वारा क्रय या किराये पर ली जाती है। निगम द्वारा सामग्री/मशीनरी उपलब्‍ध नहीं करायी जाती है। (ग) जी 20 के अंतर्गत विधान सभा धरमपुरी मांडव में शासन से अतिथियों की व्‍यवस्‍था एवं सौन्‍दर्यीकरण हेतु कोई राशि प्राप्‍त नहीं हुई है। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "चौवालीस"

नागा होरी डैम के पीड़ितों को मुआवजा

[जल संसाधन]

71. ( क्र. 809 ) श्री जगन्‍नाथ सिंह रघुवंशी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागा होरी डैम की राज्य शासन से जारी की गई स्वीकृति आदेश, प्रशासनिक स्वीकृति, तकनीकी स्वीकृति आदेश की प्रति देवेंl (ख) डैम के डी.पी.आर. रिपोर्ट की प्रति देवें एवं डूब क्षेत्र में आने वाली कुल भूमि का क्षेत्रफल ग्रामवार, कुल प्रभावित परिवार, कुल प्रभावित भू स्वामियों की सूची देवेंl (ग) प्रश्‍न दिनांक के अवधि में किस-किस पीड़ित परिवार को हितग्राही को भूमि/भवन का मुआवजा मिल चुका है एवं कितने पीड़ित को मुआवजा वितरण नहीं किया गया है? सम्‍पूर्ण कार्यवाही की जानकारी देवेंl (घ) मुआवजे से वंचित शेष पीड़ित परिवारों को मुआवजा राशि कब तक प्राप्त हो जाएगी? विलंब का क्या कारण है? इसके लिए दोषी अधिकारी कौन है और उनके विरुद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा एवं कब तक करेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) प्रशासकीय एवं तकनीकी आदेश की प्रतियां (पृ.1 एवं 2) पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। (ख) परियोजना प्रतिवेदन (डी.पी.आर.) एवं भू-स्‍वामियों की ग्रामवार सूची, पुनर्वास सूची (पृ.1 से 114) की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 अनुसार है। (ग) भूमि/भवन वितरित एवं शेष मुजावजा की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-3 अनुसार है। (घ) मुआवजे से वंचित शेष परिवारों का मुआवजा राशि अवार्ड के भुगतान की कार्यवाही प्रचलन में है इसलिए कोई भी अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

पारदर्शी ऑनलाइन सुविधा

[परिवहन]

72. ( क्र. 821 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सड़क दुर्घटनाओं को रोकने हेतु शासन की कोई योजना है। होशंगाबाद जिले में यातायात एवं सड़क सुरक्षा जागरूकता, लायसेंस शिविर तथा पारदर्शी ऑनलाइन सुविधा की जानकारी से जनता को अवगत कराने हेतु शिविरों का आयोजन कब-कब किया गया है? (ख) क्या समय-समय पर स्कूलों कालेजों में जनजागृति अभियान चलाकर लोगों को सुरक्षित यातायात के लिए जागरूक किया जा रहा हैं, सड़क सुरक्षा में किये गए उपाय/कार्यक्रम हेतु विभाग द्वारा कितनी राशि किस-किस मद हेतु व्यय की गई? (ग) क्या ऑनलाईन लायसेंस बनवाने की सुविधा का लाभ बगैर किसी मध्यस्थ पारदर्शी रूप से जनता को मिल रहा है? (घ) विधानसभा सिवनी मालवा में ड्रायविंग लायसेंस शिविर एवं सड़क सुरक्षा जागरूकता शिविर का आयोजन कब किया जावेगा?

परिवहन मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। होशंगाबाद जिले में यातायात एवं सड़क सुरक्षा जागरुकता, लायसेंस शिविर तथा पारदर्शी ऑनलाइन सुविधा की जानकारी से जनता को अवगत कराने हेतु माह अगस्त 2024 से दिसंबर 2024 तक आयोजित किए गए तथा प्रस्तावित शिविरों की  जानकारी संलग्न  परिशिष्ट अनुसार  है। (ख) जी हाँ। सड़क सुरक्षा में किये गए उपाय/कार्यक्रम हेतु विभाग द्वारा विभागीय कार्यक्रमों के अंतर्गत ही जागरूकता के उपाय/कार्यक्रम किये गये है। इसकी जानकारी पृथक से संधारित नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। (ग) जी हाँ। एन.आई.सी. के वाहन पोर्टल के माध्यम से ऑनलाईन लायसेंस बनवाने की सुविधा का लाभ बगैर किसी मध्यस्थ पारदर्शी रूप से जनता को मिल रहा है। (घ) विधानसभा सिवनी मालवा में ड्रायविंग लायसेंस शिविर एवं सड़क सुरक्षा जागरुकता शिविर का आयोजन दिनांक 18/09/2024 एवं 16/10/2024 को किया गया। आगामी शिविर का आयोजन दिनांक 13/12/2024 एवं 27/12/2024 को किया जाना प्रस्तावित है।

परिशिष्ट - "पैंतालीस"

ग्रामीणों को शासन की योजनाओं का लाभ

[जल संसाधन]

73. ( क्र. 844 ) श्री जगन्‍नाथ सिंह रघुवंशी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता विधानसभा क्षेत्र चंदेरी में राजघाट बांध से कुल कितने ग्राम प्रभावित हुए हैं? प्रभावित ग्रामों की सूची, प्रभावित परिवारों की सूची देवेंl (ख) प्रभावित परिवारों के लिए शासन के द्वारा क्या विशेष योजना बनाई गई थी? उसकी प्रति देवे एवं उसके  क्रियान्वयन सम्बन्धी दस्‍तावेज  उपलब्ध करावें l (ग) क्या डूब प्रभावित परिवारों को इस आधार पर शासन की योजनाओं का लाभ प्राप्त नहीं हो पा रहा है कि वह डूब क्षेत्र में निवास कर रहे  हैं? (घ) क्या शासन पीड़ित परिवारों के लिए विशेष योजना बनाकर शासकीय योजनाओं के लाभ से वंचित परिवारों को न्याय दिलाने का आदेश जारी करेगा? हां तो कब तक नहीं तो क्यों नहीं?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) राजघाट बांध से चन्देरी विधान सभा में 20 ग्राम प्रभावित हैं। पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) प्रभावित परिवारों के लिए रू.2000/- पुनर्वास भत्ता दिया गया है। पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ग) जी नहीं, डूब प्रभावित परिवारों को तत्समय पुनर्वास योजना के तहत समस्त लाभ प्रदाय किये जा चुके हैं। वर्तमान में शासन द्वारा संचालित अन्य योजनाओं के लाभ से वंचित नहीं किया जा रहा है। (घ) योजना के समय विस्थापितों को स्वीकृत समस्त लाभ दिये जा चुके हैं। वर्तमान में अन्य कोई योजना प्रस्तावित नहीं होना प्रतिवेदित है।

गौशाला के लिए भूमि परिवर्तन में विलम्‍ब

[राजस्व]

74. ( क्र. 852 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के कार्यालय से भूमि परिवर्तन के प्रकरण निराकरण होने की समय सीमा कितनी निर्धारित है। (ख) गौशाला के लिए भूमि परिवर्तन की समय सीमा क्या है?                                 (ग) अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के कार्यालय में भूमि परिवर्तन के प्रकरणों की जानकारी निम्‍नानुसार (1) तीन माह तक के लंबित प्रकरण (2) छह माह तक के लंबित प्रकरण (3) एक वर्ष से अधिक लंबित प्रकरण (4) रतलाम जिला, उज्जैन जिला तथा देवास जिले की सभी तहसीलों से संबंधित लंबित भूमि परिवर्तन के प्रकरणों की जानकारी प्रदान करें।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता अंतर्गत भू-राजस्व का निर्धारण एवं पुन:निर्धारण नियम 2018 में व्यपवर्तन आवेदन पब्लिक यूजर द्वारा प्रस्तुत किए जाने के उपरांत एवं व्यपवर्तन की सूचना पर उपखण्ड अधिकारी द्वारा 15 दिवस की अवधि में स्वतः ही निराकृत हो जाते है एवं खाता खसरा में उक्त व्यपवर्तन की प्रविष्टि दर्ज हो जाती है। उपखण्ड अधिकारी द्वारा उक्त व्यपवर्तन की पुष्टि की जाती है। (ख) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता अंतर्गत भू-राजस्व का निर्धारण एवं पुन:निर्धारण नियम 2018 में गौशाला के लिए भूमि परिवर्तन संबंधी समय-सीमा का कोई विशिष्ट उल्लेख नहीं है। मध्य प्रदेश नजूल निवर्तन नियम 2020 के अध्याय 6 में गौशाला के लिए नजूल भूमि लायसेंस पर दिए जाने का उल्लेख है। (ग) प्रश्‍नांश 1, 2 एवं 3 की जानकारी का विवरण निम्‍नानुसार है:- जिलेवार लंबित प्रकरण संख्या- जिला देवास - 0 से 3 माह तक के लंबित प्रकरण, 24, 3 माह से 6 माह तक के लंबित प्रकरण, 00, एक वर्ष से अधिक के लंबित प्रकरण, 00 जिला रतलाम - 0 से 3 माह तक के लंबित प्रकरण, 08, 3 माह से 6 माह तक के लंबित प्रकरण, 31, एक वर्ष से अधिक के लंबित प्रकरण, 12, जिला उज्‍जैन - 0 से 3 माह तक के लंबित प्रकरण, 135, 3 माह से 6 माह तक के लंबित प्रकरण, 59, एक वर्ष से अधिक के लंबित प्रकरण, 14 एवं प्रश्‍नांश 4 के जानकारी का विवरण निम्‍नानुसार है:- जिला देवास लंबित प्रकरण – 24, जिला रतलाम- लंबित प्रकरण – 84, जिला उज्‍जैन- लंबित प्रकरण – 208.

किसानों की मुआवजा राशि का प्रदाय

[जल संसाधन]

75. ( क्र. 863 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिलान्‍तर्गत जल संसाधन विभाग द्वारा मटेहना उद्व्‍हन सिंचाई योजना का क्या निर्माण कराया गया है, यदि हॉं, तो इस योजना में ग्राम माद के किसानों की अधिग्रहित भूमि की मुआवजा राशि का भुगतान क्या पूर्णतः किया जा चुका है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में किसानों को भुगतान किये गये मुआवजा राशि की ग्रामवार, किसानवार आराजी नंबर एवं रकबावार तथा प्रत्‍येक किसान को भुगतान की गयी राशिवार वर्षवार पटवारी हल्कावार जानकारी निर्धारित प्रारूप पर उपलब्ध करायी जावे। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) से संबंधित परियोजना में ग्राम माद के किसानों को प्रश्‍न प्रस्तुत दिनांक तक मुआवजा राशि का पूर्ण रुपेण भुगतान नहीं किया गया है, यदि हाँ, तो क्या ऐसे किसानों को वर्तमान प्रचलित दर मुआवजा राशि का भुगतान किया जावेगा। समयावधि सहित भुगतान किये जाने की जानकारी है यदि नहीं, तो कारण सहित जानकारी दी जावे।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ, इस परियोजना में प्रभावित ग्राम माद के किसानों की अधिग्रहित भूमि का मुआवजा पूर्णत: भुगतान किया जा चुका है। (ख) मटेहना उद्वहन सिंचाई परियोजना में प्रभावित माद गॉंव के किसानों के मुआवजा भुगतान राशि का विवरण नामवार, खसरावार, रकबावार जानकारी संलग्‍न  परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ग) ग्राम माद के प्रभावित किसानों के मुआवजा का पूर्णरूपेण भुगतान किया जा चुका है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "छियालीस"

सेवानिवृत्‍त शा.प्रा.अध्‍यापकों के अर्जित अवकाश की राशि का प्रदाय

[स्कूल शिक्षा]

76. ( क्र. 878 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शिक्षा अधिकारी भिण्ड के आदेश क्रमांक/स्था./08/581 भिण्‍ड दिनांक 22/04/2008 के द्वारा प्रा.मा.अधा.वि.भोर बालक गोरमी जिला भिण्‍ड में पदस्‍थ किया गया था यदि हाँ, तो संबंधित शिक्षकों को ग्रीष्मकालीन अवकाश में पदीय दायित्व निर्वहन के क्रम में अर्जित अवकाश स्‍वीकृत किया गया? स्‍वीकृत किये गये अवकाश के दिनों की संख्‍या? (ख) संबंधित शिक्षक प्रा.अ. के पद पर वर्ष 2008 से 30.04.2024 तक कार्यरत रहकर सेवानिवृत्‍त हुआ, 16 वर्ष के कार्यकाल का अर्जित अवकाश स्‍वीकृत कर अवकाश नगदी की पात्रता नहीं है, इस संबंध में शासन के आहरण की प्रति प्रदान की जाये। (ग) प्राचार्य लिपिक, भृत्‍य को ग्रीष्‍म अवकाश में अर्जित अवकाश स्वीकृत किया जाता है अवकाश नगदीकरण सेवानिवृत्‍त उपरांत अधिकतम 300 दिवस का वर्तमान में शिक्षा विभाग द्वारा दिया जा रहा है आदेश की प्रति प्रदान करने की कृपा करें। (घ) प्रा. अ.प्रा.वि. शासकीय बालक गोरमी को अर्जित अवकाश के नगदी का लाभ कब तक प्रदान कर दिया जावेगा, यदि नहीं, तो विधायक का प्रशासनिक कार्य ग्रीष्‍म अवकाश में किस एजेंन्‍सी से कराया गया? किस अधिकारी के द्वारा आहरण प्रसारित किये गये? वर्ष 2008 से 30.04.2024 तक के आदेश की प्रति प्रदान करें।

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जी हॉ। संबंधित शिक्षकों को ग्रीष्मकालीन अवकाश में कार्य हेतु आहुत नहीं किये जाने के कारण अर्जित अवकाश की पात्रता नहीं आती है।                                 (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार(घ) उत्तरांश '''' एवं '''' के अनुक्रम में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

 आर.सी.एम.एस. पोर्टल पर रजिस्‍ट्रेशन

[राजस्व]

77. ( क्र. 880 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के समस्‍त राजस्‍व न्‍यायालयों में आर.सी.एम.एस. पोर्टल में कब क्‍यों किन तथ्‍यों एवं आधारों पर रजिस्‍ट्रेशन किया जाता है? (ख) क्‍या आर.सी.एम.एस. पोर्टल में रजिस्‍ट्रेशन होने के उपरांत आगामी तिथि या कारण बताओ नोटिस जारी या जनरेट होने के उपरांत आगामी तिथि निहित की जाती है? (ग) क्‍या न्‍यायालय अनुविभागीय अधिकारी छतरपुर बडामलहरा में प्रकरण दर्ज किये गये थे? (घ) क्‍या उक्‍त आदेशों को उच्‍च न्‍यायालय द्वारा निरस्‍त किया गया

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) आवेदक द्वारा किसी भी समय आवेदन प्रस्‍तुत करने के पश्‍चात उसके अपील/आवेदन की मद के अनुसार रजिस्‍ट्रेशन किया जाता है। (ख) आर.सी.एम.एस. पोर्टल में प्रकरण के रजिस्‍ट्रेशन होने के उपरान्‍त, प्रकरण में सुनवाई कर आगामी तिथि नियत कर उत्‍तरार्थी/अनावेदकों को तलवी हेतु नोटिस जारी किये जाते हैं। (ग) जी हाँ। (घ) इस संबंध में जानकारी उपलब्‍ध नहीं है।

वार्ड मजरा टोला को राजस्‍व ग्राम घोषित किया जाना

[राजस्व]

78. ( क्र. 883 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हटा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन से वार्ड मजरा टोला एवं राजस्‍व जमीन पर कब्‍जा है जो राजस्‍व ग्राम घोषित नहीं है, यदि नहीं, तो कब वार्ड मजरा टोला को राजस्‍व ग्राम घोषि‍त कर दिये जावेंगे? (ख) क्‍या वार्ड मजरा टोला को राजस्‍व ग्राम घोषित न होने के कारण से दिसम्‍बर 2020 से दिसम्‍बर 2023 तक क्‍या कार्य कराये गये एवं किस-किस योजनाओं का लाभ प्रदान किया गया सूची सहित बतावें। (ग) क्‍या वार्ड मजरा टोला को राजस्‍व ग्राम घोषित न होने के कारण से शासकीय योजनाओं के लाभ लेने से वंचित रहते है, यदि हाँ, तो कब तक योजनाओं का लाभ मिलना प्रारंभ होगा समय-सीमा सहित बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। हटा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले वार्ड, मजरा टोला एवं राजस्व भूमि की जिन भूमियों पर काबिज होकर निवासरत है, कोई भी वार्ड, मजरा टोला को राजस्व ग्राम घोषित किया जाना शेष नहीं है। (ख) वार्ड मजरा टोला पूर्व से राजस्‍व ग्राम घोषित है। शासन द्वारा संचालित समस्त योजनाओं का लाभ पात्रतानुसार लक्षित हितग्राहियों को प्रदान किया जा रहा है। (ग) उत्‍तरांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

सिंचाई परियोजना की जानकारी

[जल संसाधन]

79. ( क्र. 884 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हटा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी पुरानी सिंचाई परियोजनाये है? कितनी नवीन सिंचाई परियोजनायें, कितनी नवीन सिंचाई परियोजनाये हैं एवं कितनी निर्माणाधीन सिंचाई परियोजनाएं संचालित हैं? (ख) क्या हटा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी पुरानी एवं नवीन सिंचाई परियोजनाओं से किस-किस ग्राम के किसानों को लाभ मिल रहा है और कौन-कौन से ग्राम के किसानों को लाभ नहीं मिल रहा है? (ग) क्या हटा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत समस्त ग्रामों के किसानों को सिंचाई परियोजनाओं से कब तक लाभ मिलेगा? समय-सीमा बतावें (घ) क्या हटा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सिंचाई परियोजनायें एवं नहरे क्षतिग्रस्त हैं? यदि हाँ, तो कब तक सुधार कराया जावेगा? समय-सीमा बतावें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जल संसाधन संभाग दमोह अंतर्गत हटा उपसंभाग के हटा विधानसभा क्षेत्र में कुल 30 पुरानी सिंचाई योजनाएं है। नवीन सिंचाई परियोजना शून्य है एवं 03 निर्माणाधीन सिंचाई परियोजनाएं संचालित है। (ख) हटा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत निर्मित 30 पुरानी योजनाओं से कुल 65 ग्रामों को सिंचाई का लाभ मिल रहा है एवं 3 निर्माणाधीन योजनाओं पूर्ण कर कुल 07 ग्रामों को सिंचाई का लाभ दिया जावेगा। सूची संलग्न परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ग) वर्तमान में हटा विधानसभा क्षेत्र के समस्त ग्रामों को सिंचित किये जाने की कोई कार्ययोजना नहीं है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत निर्मित 30 योजनाओं से सिंचाई का लाभ दिया जा रहा है। (घ) हटा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत निर्मित 30 योजनाओं में से 22 जलाशय एवं 8 स्टाप डेम निर्मित हैं। 22 जलाशय की नहरों की मरम्मत आवश्यकता अनुसार की जाती है।

परिशिष्ट - "सैंतालीस"

नजूल/आबादी भूमि घोषित किया जाना

[राजस्व]

80. ( क्र. 885 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला दमोह के अंतर्गत नजूल/आबादी की भूमि घोषित है, यदि हाँ, तो जानकारी देवें। यदि नहीं, तो कब घोषित की जावेगी? समय-सीमा बतावें। (ख) क्‍या विधानसभा क्षेत्र हटा में नजूल/आबादी की भूमि घोषित किये जाने की क्‍या कार्यवाही की गई है, यदि नहीं, तो क्‍यों जानकारी देवें? (ग) क्‍या हटा खास क्षेत्र में गौरीशंकर वार्ड, चण्‍डी जी वार्ड के खसरा नंबर 38, 71/1 22/1 के अंशभाग में नजूल/आबादी की भूमि घोषित है, यदि नहीं, तो कब घोषित की जावेगी? समय-सीमा सहित बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ, जिला दमोह के अंतर्गत नजूल/आबादी की भूमि घोषित है। (ख) विधानसभा क्षेत्र हटा अंतर्गत समय-समय पर शासन के निर्देशानुसार एवं आबादी भूमि की आवश्यकता अनुसार संहिता में वर्णित प्रावधानों के अनुक्रम में आबादी भूमि घोषित किए जाने की कार्यवाही की गयी है। (ग) हटा खास क्षेत्र में गौरीशंकर वार्ड, चंडी जी वार्ड में खसरा नंबर 38, 71/1, 22/1 म.प्र. शासन चारागाह की भूमि है। नगरीय क्षेत्र में लोक प्रयोजन के लिए पृथक रखी भूमि नजूल भूमि नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

पैनिक बटन लगाये जाने

[परिवहन]

81. ( क्र. 890 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कुल रजिस्टर्ड सार्वजनिक परिवहन की बस, टैक्सी और कैब में से अलग-अलग कितने-कितने वाहनों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए प्रश्‍न दिनांक तक पैनिक बटन लगाया गया है? इनमें कितने वाहनों में पैनिक बटन काम कर रहे हैं? (ख) क्या प्रदेश में पैनिक बटन के दबाये जाने पर कार्यवाही के लिए कोई कमांड सेंटर बनाया गया है? यदि हाँ, तो इसमें कितने कर्मचारी कार्यरत हैं तथा क्या यह 24 घंटे कार्य करता है? (ग) क्या केंद्र सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के लिए सार्वजनिक परिवहन की बस, टैक्सी और कैब में पैनिक बटन लगाया जाना अनिवार्य किया क्‍या है? (घ) यदि हाँ, तो प्रदेश के सभी सार्वजनिक वाहनों में पैनिक बटन न लगाये जाने का क्या कारण है?

परिवहन मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) प्रदेश में कुल रजिस्टर्ड सार्वजनिक परिवहन की 25827 बसों एवं 29962 टैक्सी-कैब, कुल 55789 वाहनों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए प्रश्‍न दिनांक तक पैनिक बटन लगाये गये हैं। वाहनों में लगे पैनिक बटन के काम करने के संबंध में स्पष्ट संख्या दिया जाना संभव नहीं है क्योंकि वाहन में आने वाली यांत्रिक खराबी के अनुसार प्रतिदिन संख्या परिवर्तित होती रहती है, अधिक समय तक पैनिक बटन काम न करने की दशा में संबंधित डिवाइस निर्माता कंपनी को कार्यवाही के लिए अवगत कराया जाता है। (ख) जी हाँ। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय, भोपाल में कमांड सेंटर बनाया गया है। इसमें वर्तमान में भारत संचार निगम लिमिटेड के 09 कर्मचारी कार्यरत हैं तथा यह सेंटर 24 घंटे कार्य करता है। (ग) जी हाँ। केंद्रीय मोटरयान नियम, 1989 के नियम 125ज अनुसार महिलाओं की सुरक्षा के लिए सार्वजनिक परिवहन की बस एवं टैक्सी कैब में पैनिक बटन लगाया जाना अनिवार्य किया गया है। (घ) वर्तमान में जो भी सार्वजनिक परिवहन की बस एवं टैक्सी कैब फिटनेस प्रमाण-पत्र हेतु आती हैं, उन समस्त वाहनों में पैनिक बटन लगवाये जाने के उपरांत ही उनका फिटनेस प्रमाण-पत्र जारी किया जाता है।

हाई स्‍कूल विद्यालयों का भवन निर्माण

[स्कूल शिक्षा]

82. ( क्र. 899 ) श्री अरूण भीमावद : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले में कितने हाई स्कूल विद्यालय संचालित हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार कितने हाई स्कूल के भवन है अथवा नहीं हैं? (ग) यदि ‍नहीं है तो क्‍यों नहीं तथा कब तक हाई स्कूलों के भवन निर्माण की स्वीकृत होंगे?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) शाजापुर जिले में शिक्षा विभाग अंतर्गत 50 हाई स्कूल संचालित है। (ख) 23 हाई स्कूल के स्वयं के भवन नहीं है। (ग) शाला भवन स्वीकृति बजट उपलब्‍धता पर निर्भर करता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

माध्‍यमिक विद्यालय कपालिया को हाई स्‍कूल में उन्‍नयन

[स्कूल शिक्षा]

83. ( क्र. 900 ) श्री अरूण भीमावद : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर विधानसभा अन्तर्गत माध्यमिक विद्यालय कपालिया को हाई स्‍कूल में उन्नयन हेतु कोई प्रस्ताव है? (ख) क्या ग्राम कपालिया को माध्यमिक शाला का उन्नयन हेतु विभागीय नियमों के मापदण्डों को पूर्ण करता है? या नहीं? (ग) यदि हाँ, तो कब तक उन्नयन किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) :  (क) एवं (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

मंदिरों का जीर्णोद्धार

[धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व]

84. ( क्र. 901 ) श्री अरूण भीमावद : क्या राज्‍य मंत्री, धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले में ऐसे कितने मंदिर है जिनका संचालन धर्मस्‍व विभाग द्वारा किया जाता है? सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) जिले में ऐसे कितने मंदिरों के जीर्णोद्धार की प्रशासनिक स्‍वीकृति अभी तक हुई है? (ग) यदि हुई है तो क्‍या मंदिरों जीणोद्धार हो गया है? या नहीं? (घ) यदि हां, तो कितने एवं कौन-कौन से मंदिर है? यदि नहीं, है तो किस स्‍तर पर स्‍वीकृति लंबित है तथा कब तक होगी?

राज्‍य मंत्री, धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व ( श्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी ) : (क) जिला शाजापुर अंतर्गत कुल 998 शासन संधारित मंदिर है। जिसका संचालन विभाग द्वारा किया जाता है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'अनुसार है। (ख) शाजापुर जिले अंतर्गत प्रश्‍न दिनांक तक कुल 55 मंदिरों के जीर्णोद्धार कार्यों की प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रदान की गई है। (ग) कुल 55 मंदिरों की स्‍वीकृतियों में से 39 मंदिरों का जीर्णोद्धार कार्य पूर्ण हो चुका है। 8 मंदिरों का कार्य प्रगतिरत है एवं 8 मंदिरों का कार्य अप्रारंभ है। (घ) 39 मंदिरों के जीर्णोद्धार की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'अनुसार है। 8 मंदिरों की प्रगतिरत जानकारी एवं 8 मंदिरों के लंबित कार्यों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'अनुसार है। नियमानुसार प्रस्‍ताव प्राप्‍त होने पर कार्य की औचित्‍यता एवं बजट की उपलब्‍धता के आधार पर राशि स्‍वीकृति की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

 

 

अम्‍बाह एवं पोरसा में डॉक्‍टरों की कमी

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

85. ( क्र. 910 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा 08 अम्बाह के सिविल अस्पताल अम्बाह एवं पोरसा में डॉक्टरों के कितने पद रिक्त हैं? यदि हाँ, तो। (ख) क्या उक्त रिक्त पदों की वजह से मरीजों को सम्पूर्ण बीमारियों का पूर्ण इलाज नहीं मिल पा रहा है? (ग) यदि हाँ, तो सिविल अस्पताल अम्बाह एवं पोरसा में डॉक्टरों के रिक्त पदों को कब तक भरा जायेगा

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी संलग्‍न  परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, उपलब्ध चिकित्सकों एवं सहायक स्टॉफ के माध्यम से मरीजों को यथोचित उपचार प्रदान किया जा रहा है। (ग) पदपूर्ति एक निरंतर प्रक्रिया है, निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "अड़तालीस"

शासकीय भूमि का आवंटन

[जल संसाधन]

86. ( क्र. 919 ) श्री चन्‍द्रशेखर देशमुख : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में गत 5 वर्ष में पूर्ण हुई किस-किस योजना एवं वर्तमान में निर्माणाधीन किस-किस योजना में किस-किस राजस्व ग्राम की कितनी-कितनी शासकीय भूमि, वन भूमि एवं आरक्षित वन एवं संरक्षित वन भूमि का कलेक्टर से विधिवत आवंटन किस-किस दिनांक को प्राप्त हुआ है? वन संरक्षण कानून 1980 के अनुसार अनुमति किस दिनांक को प्राप्त हुई है, आवंटन आदेश एवं अनुमति की प्रति सहित बतावें? (ख) वन भूमि की राज्य शासन एवं भारत शासन से अनुमति प्राप्त किए बिना ही किस-किस योजना का कितने-कितने प्रतिशत कार्य किस-किस ठेकेदार के द्वारा किया गया उसे कितने-कितने राशि का भुगतान प्रश्‍न दिनांक तक किया गया है? (ग) वन भूमि की वन संरक्षण कानून 1980 के अनुसार विधिवत अनुमति प्राप्त किए बिना कार्य प्रारंभ करने, बिल का भुगतान करने का क्या-क्या कारण है? इस संबंध में भारत सरकार की क्या-क्या गाइड लाइन हैं, प्रति सहित बतावें?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) बैतूल जिले के अंतर्गत विगत 05 वर्ष में 16 योजनाएं पूर्ण की गई है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। वर्तमान में 13 निर्माणाधीन योजनाएँ हैं। निर्माणाधीन योजनाओं में अर्जन की गई शासकीय भूमि, वन भूमि की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) राज्य शासन एवं भारत सरकार की अनुमति प्राप्त किये बिना किसी भी योजना अंतर्गत वन-भूमि पर निर्माण कार्य नहीं किया गया है, शेष प्रश्‍नांश उपस्थिति नहीं होता है। (ग) राज्य शासन एवं भारत सरकार की अनुमति प्राप्त किये बिना किसी भी योजना अंतर्गत वन-भूमि पर निर्माण कार्य नहीं किया गया है, शेष प्रश्‍नांश उपस्थिति नहीं होता।

परिशिष्ट - "उन्चास"

धरमपुर में नवीन तहसील खोला जाना

[राजस्व]

87. ( क्र. 925 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                           (क) क्या मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक 694/2021/सात-7 भोपाल दिनांक 02.03.2022 एवं पत्र क्रमांक 437/184/2022/सात/शा-7 भोपाल दिनांक 20.09.2022 के माध्यम से धरमपुर में नवीन तहसील खोले जाने के संबंध में कलेक्टर पन्ना को लेख किया गया था? यदि हां तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? जानकारी दें। (ख) कब तक धरमपुर में नवीन तहसील प्रारंभ की जावेगी? समय-सीमा बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी हां। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) इस संबंध में नवीन प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग का गठन किया गया है। आयोग की अनुशंसा प्राप्‍त होने पर कार्यवाही की जावेगी। शेष समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

अतिशेष शिक्षकों की जानकारी

[स्कूल शिक्षा]

88. ( क्र. 928 ) श्री मधु भगत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) क्या बालाघाट जिले में समस्त वर्ग के अतिशेष शिक्षकों के युक्त युक्तिकरण की कार्यवाही प्रचलन में थी या है? विगत एक वर्ष में किन-किन शिक्षकों के नामों को अतिशेष सूची में शामिल किया गया? सूची उपलब्ध करावें (ख) उपरोक्त अतिशेष शिक्षकों को किस तिथि को अन्य विद्यालयों में पदस्थ किए जाने हेतु काउंसलिंग के लिए बुलाया गया तथा किस शिक्षक की कौन से विद्यालय में पद स्थापना की गई? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। किन-किन शिक्षकों के आदेश आज दिनांक तक अप्राप्त है क्यों? शिक्षकों के काउंसलिंग के पश्चात आदेश प्राप्त नहीं होने के कारण सहित विवरण दें (ग) अतिशेष सूची जारी होने के पश्चात कितने शिक्षकों ने नाम कटवाने के लिए अभ्यावेदन दिया गया? कितने अभ्यावेदन स्वीकार कर नाम अतिशेष सूची से किस आधार पर निरस्त किए गए कारण सहित समस्त शिक्षकों के नाम की सूची उपलब्ध करावें? (घ) क्या चॉइस फिलिंग करने के पश्चात भी कई शिक्षकों के युक्त युक्तिकरण के आदेश अप्राप्त है क्यों? कब तक आदेश किए जाएंगे यदि नहीं, तो क्यों?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की कार्यवाही एक सतत् प्रकिया है। शालावार अतिशेष शिक्षक की स्थिति शिक्षा पोर्टल पर सतत् रूप से प्रदर्शित रहती है, अतः शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जिला बालाघाट के अतिशेष शिक्षकों को अन्य विद्यालयों में पदस्थापना संबंधी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। शेषांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार शिक्षकों के पदस्थापना संबंधी आदेश एम शिक्षा मित्र पर उपलब्ध होते है अतएव शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) कुल 149 अतिशेष शिक्षकों द्वारा अभ्यावेदन प्रस्तुत किए गए। जिन शिक्षकों के अभ्यावेदन मान्य किए गये उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (घ) प्रकरणवार परिक्षण कर आदेश जारी किए जा रहे है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

पदोन्‍नति एवं लोक शिकायत

[स्कूल शिक्षा]

89. ( क्र. 929 ) श्री मधु भगत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                          (क) म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा राज्य शिक्षा सेवा (नवीन शिक्षक संवर्ग) हेतु 30 जुलाई, 2018 को जारी राजपत्र में विशेष टीप में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि "ऐसे प्राथमिक/ माध्यमिक शिक्षक जिन्हें राष्ट्रपति/राज्यपाल पुरस्कार प्रदान किया गया है को पारीबाहर पदोन्नति दी जायेगी? (ख) उपरोक्त संदर्भ में प्रश्‍न दिनांक तक कितने राष्ट्रपति/राज्यपाल पुरस्कृत माध्यमिक शिक्षकों को पारीबाहर पदोन्नति दी गयी है? कृपया संख्या बतायें और यदि नहीं, दी गयी है तो विलंब का क्या कारण है और कब तक दी जायेगी? (ग) क्या भारत का राजपत्र असाधारण भाग-ll खंड 3 उपखंड (i) एक प्राधिकार से प्रकाशित कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय (पेंशन और पेंशन भोगी कल्याण विभाग) अधिसूचना नई दिल्ली 30 मार्च 2021 का क्रियान्वयन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो बताएं? कि मध्य प्रदेश शासन में आदेश जारी कब किए गए? यदि नहीं, किया जा रहा है? तो क्यों नहीं किया जा रहा है?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जी हां। (ख) एक माध्यमिक शिक्षक को पारी बाहर पदोन्नित प्रदाय की गई है। (ग) स्कूल शिक्षा विभाग से संबंधित नहीं।

राजस्व महाभियान 2.0

[राजस्व]

90. ( क्र. 931 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) शासन द्वारा दिनांक 18 जुलाई से 31 अगस्त, 2024 तक राजस्व महाभियान 2.0 के तहत शिवपुरी जिले में कुल कितने प्रकरणों में कितने किसानों के मामलों में राजस्व वृत्तवार दुरूस्ती के प्रकरण भेजे गये? (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित प्रतिवेदित प्रकरणों में जिला शिवपुरी में पदस्थ अनुविभागीय अधिकारियों के द्वारा कितने प्रकरणों में दुरूस्ती कर राजस्व रिकॉर्ड दुरूस्त किया गया और कितने किसानों के प्रकरण निरस्त किये गये? निरस्त किये गये प्रकरणों का कारण बतावें एवं कितने प्रकरण लंबित है तथा लंबित रहने का क्या कारण है? (ग) क्‍या जिला शिवपुरी में अनेक राजस्व अधिकारियों ने राजस्व महाभियान 2.0 में निष्क्रियता/संवेदनहीनता से कार्य कर पदीय दुरूपयोग किये जाने के कारण किसानों में गहन असंतोष व्याप्त है? (घ) क्या सरकार ऐसे निष्क्रिय राजस्व अधिकारियों के पदीय दुरूपयोग के आरोप में कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगी? यदि हाँ, तो समय सीमा बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) शासन द्वारा दिनांक 18 जुलाई से 31 अगस्त, 2024 तक राजस्व महाभियान 2.0 के तहत शिवपुरी जिले दुरस्‍ती के प्रकरणों की अनुभागवार एवं वृत्‍तवार जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट '' अनुसार है। (ख) शिवपुरी जिले में अनुविभागीय अधिकारियों द्वारा प्रकरण दुरस्‍त/निरस्‍त किये गये प्रकरणों की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट '' अनुसार है। (ग) जिले के किसी भी अनुभाग में दुरस्‍ती प्रकरणों के संबंध में कोई अंसतोष नहीं है। (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के उत्‍तर के अनुक्रम में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "पचास"

ग्राम मोरडोंगरीखुर्द में उप तहसील प्रारंभ की जाना

[राजस्व]

91. ( क्र. 933 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र परासिया में दो तहसीले (परासिया एवं उमरेठ) है, ग्राम मोरडोंगरीखुर्द एवं उसके आसपास के क्षेत्र में लगभग 20 से भी अधिक ग्राम पंचायतें है तथा इन पंचायतों की जनसंख्या लगभग 25 से 30 हजार है और ग्राम मोरडोंगरीखुर्द व उसकी आसपास की ग्राम पंचायतों में निवासरत् ग्रामीणजनों को तहसील संबंधी विभिन्न प्रकार कार्यों को कराने के लिए लगभग 20 कि.मी. की दूरी तय कर तहसील उमरेठ जाना पड़ता है, जिससे ग्रामीणजनों को आने-जाने में अनेक असुविधाओं का सामना करना पड़ता है। ऐसी परिस्थितियों को देखते हुए ग्राम मोरडोंगरीखुर्द में उप-तहसील प्रारंभ किया जाना अतिआवश्यक है। क्या ग्रामीणजनों की सुविधा हेतु मोरडोंगरीखुर्द में उप-तहसील प्रारंभ किए जाने हेतु विभाग द्वारा कार्यवाही की जायेगी? अवगत करायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार ग्राम मोरडोंगरीखुर्द में उप-तहसील प्रारंभ किए जाने हेतु विभिन्न औपचारिकताओं एवं कार्यवाही को विभाग द्वारा कब तक पूर्ण करते हुए उप-तहसील प्रारंभ किए जाने हेतु स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी? अवगत कराये।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। परासिया विधानसभा क्षेत्र में दो तहसीले परासिया एवं उमरेठ स्थित है। मोरडोंगरीखुर्द तहसील उमरेठ में स्थित है। तहसील उमरेठ में 03 राजस्व निरीक्षक मण्डल है जिनमें मोरडोगरी खुर्द में 14 पंचायते शामिल है। तहसील मुख्यालय उमरेठ से मोरडोगरी खुर्द की दूरी लगभग 13 किलोमीटर है। राजस्व निरीक्षक मण्डल मोरडोगरी खुर्द के 14 में से 5 पंचायते तहसील मुख्यालय उमरेठ से 5-6 किलोमीटर की दूरी पर है केवल 10 पंचायते ही मोरडोगरी खुर्द के निकट है। जिसकी जनसंख्या लगभग 10-12 हजार होगी, इन ग्रामों में राजस्व प्रकरणों की संख्या भी कम है। (ख) कलेक्‍टर परासिया से ऐसा कोई प्रस्‍ताव प्राप्‍त नहीं हुआ है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

ग्राम कोटवार को प्रदत्त सेवा भूमि

[राजस्व]

92. ( क्र. 936 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) क्या प्रदेश के ग्राम-कोटवारों को पूर्व से सेवा के बदले सेवा भूमि प्रदान की गई है उत्तर में यदि हाँ, तो यह भूमि राजस्व-अभिलेख में किस नाम पर दर्ज किस प्रकार से दर्ज है? बतलावें एवं यह भी बतलावें की इस भूमि पर कौन-कौन सी शासकीय सुविधा ली जा सकती हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में क्या ग्राम-किवलरहा (कछारगांव) के ग्राम-कोटवार बारेलाल आत्मज विश्राम बसोर के नाम पर खसरा नंबर 463 रकबा 2.82 हेक्टेयर सेवा भूमि ग्राम कछारगांव न.ब. 73 पटवारी हल्का नंबर 9 राजस्व निरीक्षक मंडल बाकल तहसील-बहोरीबंद के 2006-07 के राजस्व अभिलेख में दर्ज थी?         (ग) प्रश्‍नांश (ख) के उत्तर में यदि हाँ, तो उल्लेखित सेवा भूमि सन 2011-12 में सन 2015-16 तक राजस्व-अभिलेख में किस नाम से किस पद पर दर्ज थी? बतलावें। अभिलेख की छायाप्रति एवं यह भी बतलावें की वर्ष 2023 24 के राजस्व-अभिलेख में खसरा नंबर 463 किस मद में किसके नाम दर्ज है तथा यह परिवर्तन क्यों हुआ बतलावें? (घ) प्रश्‍नांश (ख) एवं (ग) अनुसार खसरा-नंबर 463 की स्वामित्व का परिवर्तन कर जल संसाधन विभाग के नाम पर दर्ज होने से क्या ग्राम कोटवार को भू-अर्जन का मुआवजा दिया गया है उत्तर में यदि नहीं, तो क्यों नहीं बतलावें, यह भी बतलावें कि ग्राम-कोटवार को भू-अर्जन का मुआवजा किस प्रकार से कब तक दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी हां। ग्राम-कोटवारो को पूर्व से सेवा के बदले सेवा भूमि प्रदान की गई है। अभिलेख में प्रदान की गई भूमि ग्राम नौकर अथवा सेवाभूमि के रूप में दर्ज है। भूमि पर कृषि कार्य पश्‍चात प्राप्‍त फसल की बिक्री सोसायटी इत्‍यादि में की जा सकती है।                             (ख) वर्ष 2006-07 के राजस्‍व अभिलेखों में प्रश्‍नाधीन भूमि खसरा नंबर 463 रकबा 2.82 हेक्टेयर विश्राम वल्‍द बजरिया सा0देह ग्राम नौकर मद में दर्ज थी। (ग) वर्ष 2011-12 में प्रश्‍नाधीन भूमि म.प्र. शासन सेवाभूमि के रूप में राज्‍य शासन द्वारा जारी आदेश के अनुक्रम में दर्ज हुई। वर्ष 2023-24 में प्रश्‍नाधीन भूमि जल संसाधन द्वारा निर्मित जलाशय क्षेत्र में आने के कारण जल संसाधन विभाग के नाम पर अभिलेख में दर्ज है एवं उक्‍त स्थिति जलाशय/डूब क्षेत्र में आने से निर्मित हुई। (घ) मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 231 के अंतर्गत कोटवारों के पारिश्रमिक एवं शर्तों का उल्‍लेख किया गया है। जिसमें उल्‍लेख है कि सेवाभूमि पदानुवर्ति है, उसमें उत्‍तराधिकार नहीं है सेवाभूमि कोटवारी या ग्रामनौकर के पद से लगी हुई है। अत: मुआवजा की स्थिति निर्मित नहीं होती। मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 183 (सेवा भूमि मध्‍यप्रदेश अधिनियम क्रमांक 23, 2018 द्वारा प्रतिस्‍थापित) में भी प्रावधान उल्लिखित है।

आवंटित भूमि से अतिक्रमण हटाया जाना

[राजस्व]

93. ( क्र. 937 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                           (क) क्‍या हरदा जिला अंतर्गत ग्राम चौकड़ी में संचालित शासकीय मॉडल स्कूल को शासन की ओर आवंटित शासकीय भूमि जिसका खसरा नम्बर 98/1 रकबा 4.047 हेक्टेयर है पर कुछ लोगों द्वारा अवैध कब्जा कर पक्का निर्माण कर रखा है? यदि हाँ, तो अतिक्रमणकारियों पर क्या कार्यवाही की गई है? प्रकरण से संबंधी सम्पूर्ण एवं विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्‍या शिकायत उपरांत तहसीलदार खिरकिया द्वारा रा0प्र0क्र.0001/अ-68/2023-24 दिनांक 05/07/2023 को अतिक्रमणकारियों को उक्त शासकीय भूमि से बेदखली आदेश जारी किया गया है? यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक शासकीय मॉडल स्कूल की भूमि पर से अतिक्रमण क्यो नहीं हटाया गया है? अतिक्रमणकारियों को किस अधिकारी का सरंक्षण प्राप्त है व दोषी अधिकारी पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) शासकीय मॉडल स्कूल चौकडी जिला-हरदा की भूमि पर से अतिक्रमण कब तक हटाया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। ग्राम चौकड़ी स्थित भूमि खसरा नम्बर 98/1 रकबा 4.047 हेक्टेयर भूमि का आवंटन मॉडल स्कूल चौकड़ी को नहीं हुआ है। इस प्रकार भूमि खसरा नम्बर 98/1 रकबा 4.047 हे. भूमि शासकीय मॉडल स्कूल चौकड़ी के नाम पर दर्ज नहीं है। (ख) जी हाँ। राजस्व प्रकरण क्रमांक/0001/अ-68/2023-24 में पारित आदेश दिनांक 05.07.2023 द्वारा भूमि ख. न. 98/1 रकबा 4.047 हेक्टेयर शासकीय भूमि नोईयत चारागाह की भूमि के अंश रकबे पर फसल, तार फेंसिंग एवं कच्चे पक्के मकान के अतिक्रमणकारियों को नोटिस देकर धारा 248 म.प्र.भू.रा.सं. के तहत कार्यवाही की गई थी। उक्त के अनुक्रम में फसल, बागड़ एवं सभी नवीन व अस्थाई अतिक्रमण हटा दिया गया था। उक्त भूमि गांव बसाहट से लगी होने के कारण उसके अंश रकबा लगभग 2.000 हेक्टेयर पर 40-50 वर्षों से 35 परिवार मकान एवं टापरी बनाकर निवासरत् है, जिसमें 25 आदिवासी एवं पी. एम आवास योजना के हितग्राहियों के भी आवास बने हुए हैं। उक्त भूमि पर पूर्व से शासकीय प्राथमिक शाला भवन, माध्यमिक शाला भवन एवं परिसर, पंचायत भवन, पानी की टंकी, पक्की सड़क आदि भी बनी हुई है। वर्ष 2015-16 में उक्त भूमि के अंश रकबा पर मॉडल स्कूल भवन चौकड़ी का निर्माण हुआ। जितनी भूमि मॉडल स्कूल निर्माण के समय रिक्त थी, उतनी भूमि वर्तमान में भी मौके पर रिक्त है। इस प्रकार अतिक्रमणकारियों को किसी अधिकारी का सरंक्षण प्राप्त नहीं है। (ग) उत्‍तरांश '' के प्रकाश में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है।

स्वीकृत सिंचाई परियोजना का क्रियान्‍वयन

[जल संसाधन]

94. ( क्र. 938 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र क्र. 136 सिवनी मालवा के आदिवासी विकासखण्ड केसला में दौड़ी (झुनकर) स्वीकृत माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना की लागत क्या है एवं कब तक पूर्ण की जावेगी? (ख) इस माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना से कितने ग्रामों के कितने कृषकों के कितने रकबे में सिंचाई होगी? (ग) इस योजना से केसला विकासखण्ड के कितने ग्रामों के कितने कृषक एवं कुल कितना रकबा सिंचित रहेगा? (घ) इस योजना से वंचित केसला विकासखण्ड के अन्य ग्रामों में कृषकों की सिंचाई की क्या योजना है? कृपया बताने की कृपा करें

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) देवरी (दौड़ी झुनकर) माईक्रो सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति राशि रू.154.33 करोड़ की शासन द्वारा स्वीकृत की गई है। कार्य हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन होना प्रतिवेदित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) इस योजना से केसला विकासखण्ड के 35 ग्रामों के लगभग 11,250 कृषकों की लगभग 7,500 हेक्टेयर भूमि का रकबा सिंचित होगा। (ग) इस योजना से केसला विकासखण्ड़ के 35 ग्रामों के लगभग 11,250 कृषकों की लगभग 7500 हेक्टेयर भूमि का रकबा सिंचित होना प्रतिवेदित है। (घ) वर्तमान में कोई कार्य-योजना स्वीकृत नहीं है।

नियम विरूद्ध प्राचार्यों की अनुपस्थिति‍

[स्कूल शिक्षा]

95. ( क्र. 939 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक शिक्षण संचालनालय के आदेश क्रमांक स्था/1/राज/जी/793/2020/634 भोपाल दिनांक 29/09/2020 के द्वारा उ.मा. विद्यालय के ऐसे कितने प्राचार्य हैं जिनके स्थानांतरण हुये हैं? जानकारी दें। (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) में वर्णित आदेश के परिपालन में प्राचार्य अपनी स्थानांतरित शाला में उपस्थित (ज्वा‍ईन) न होकर लम्बी अवधि (दो वर्ष) तक अपने कर्तव्य से विमुख रहे हैं यदि हाँ, तो सूची प्रदान कर बतायें? (ग) क्या स्थानांतरण आदेश के पश्चात दो वर्ष की अवधि तक अपने कर्तव्य से विमुख रहते हुये संबंधित प्राचार्यो के विरूद्ध उत्तरदायित्व का निर्धारण न करते हुये अवकाश स्वीकृत कर स्थानांतरित शाला में ज्वाईन न कराते हुये पुन: संशोधित स्थानांतरण आदेश जारी किया जाकर अन्य विद्यालय में ज्वाईन कराया गया हैं, यदि हाँ, तो इसका क्या कारण रहा हैं जानकारी दें तथा इसके लिये कौन उत्तररदायी हैं, क्या उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जावेगा यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट में उल्लेखित स.क. 04 पर अंकित प्राचार्य संतान पालन अवकाश पर होने से कार्यभार ग्रहण नहीं किया गया था। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के सरल क्रमाक 4 पर अंकित प्राचार्य स्थानांतरण से पूर्व ही सतान पालन अवकाश पर थी, जिन्हें नियमानुसार एवं पात्रता अनुसार संतान पालन अवकाश स्वीकृत किया गया है। मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश क. एफ 01-74/2021/20-1 दिनांक 31.08.2021 के द्वारा श्रीमती हेमलता दास प्राचार्य का स्थानान्तरण किया गया था। उक्त आदेश के परिपालन में श्रीमती दास द्वारा पदांकित संस्था में कार्यभार ग्रहण किया गया है। अतः शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "इक्यावन"

भू-स्वामी के अधिकार अभिलेख अपडेशन

[राजस्व]

96. ( क्र. 940 ) श्री सतीश मालवीय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                            (क) क्या ग्राम आबादी सर्वे स्वामित्व योजना में भूमिस्वामी के अधिकार अभिलेख का अपडेशन कर हल्का पटवारी द्वारा रिकार्ड ऑनलाइन किया जाना था? यदि हाँ, तो हल्का-बीनपुरा के गाँव-टांडा, तहसील महिदपुर जिला उज्जैन में वर्तमान पटवारी द्वारा कितने भूखंड का प्रकाशन नहीं किया अथवा गलत किया है? प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष आर्थिक लाभ कमाने के उद्देश्य से दुर्भावना रखकर कितने भूखंड को नक्शे में गलत चिन्हित किया है? जानकारी उपलब्‍ध कराएं। (ख) शासन के निर्देश के उपरांत भी अपडेशन में लापरवाही बरतने एवं अप्रत्यक्ष रूप से आर्थिक लाभ कमाने के लिए हल्का बीनपुरा तहसील महिदपुर में पदस्थ पटवारी सुश्री किर्ति नागले द्वारा हल्के के परिवारों से अवैध वसूली की जांच कब तक की जाएगी? (ग) क्या कारण है कि शासन के नियमानुसार 03 वर्ष में पटवारी का हल्का बदलना चाहिए, किंतु वर्तमान पटवारी कीर्ति नागले एक ही हल्के में 04 वर्ष से अधिक पूर्ण कर चुकी है? क्या इस संबंध में प्रशासन द्वारा कार्यवाही की जाएगी, यदि हाँ, तो कब तक? (घ) हल्का बीनपुरा में पदस्थ वर्तमान पटवारी के विरुद्ध विगत 05 वर्षों में कुल कितनी शिकायतें शासन प्रशासन को विभिन्न माध्यमों से प्राप्त हुई है? सभी शिकायतों का जांच अभिलेख एवं पटवारी को दोषी पाए जाने पर की गयी कार्यवाही के प्रतिवेदन की प्रति उपलब्‍ध कराएं।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी हां। पटवारी हल्का बीनपुरा के ग्राम टांडा तहसील महिदपुर जिला उज्जैन में वर्तमान पटवारी द्वारा ग्राम आबादी के 120 भू-खण्ड में से 120 भू-खण्ड का प्रकाशन किया गया है। प्रश्‍न का शेष भाग की जानकारी निरंक है। (ख) अपडेशन में लापरवाही बरतने एवं अप्रत्यक्ष रूप से लाभ कमाने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं होने से जानकारी निरंक है। (ग) म.प्र. सामान्य प्रशासन विभाग भोपाल द्वारा दिनांक 24 जून, 2021 को जारी स्थानांतरण नीति की कण्डिका 17 में यह लेख है कि तृतीय श्रेणी कार्यपालिक अधिकारी एवं कर्मचारी के एक ही स्थान पर सामान्यतः 03 वर्ष या अधिक पूर्ण होने पर स्थानांतरण किया जा सकेगा, लेख है लेकिन साथ ही कण्डिका 18 में भी यह स्पष्ट लेख है कि यह अनिवार्य नहीं है कि 03 वर्ष पूर्ण होने पर स्थानांतरण किया ही जावे। अतः नीति अनुसार ही कार्यवाही की जा रही है। (घ) हल्का बीनपुरा में पदस्थ वर्तमान पटवारी के विरूद्ध विगत 5 वर्ष में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। प्रश्‍न के शेष भाग की जानकारी निरंक।

अतिक्रमण पर कार्यवाही

[राजस्व]

97. ( क्र. 961 ) श्री बाला बच्चन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                             (क) राजपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत ब्राह्मण गांव तह. ठीकरी के ग्राम नन्द‌गांव/रडकोट में चरनोई की भूमि जिसका खसरा नं. 23/1 (5) जो कि 56.0170 हेक्टेयर शासकीय भूमि है। इस पर प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में कितने लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है? इनके नाम, पता सहित देवें                        (ख) क्या कारण है कि शासकीय भूमि पर हुए इस अतिक्रमण से अतिक्रमणकर्ताओं द्वारा अवैध खनन भी किया जा रहा है? इस ओर ध्यान न देने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के नाम, पदनाम सहित देवें। (ग) कब तक यह शासकीय भूमि अतिक्रमण मुक्त करा ली जाएगी? यदि नहीं, तो अतिक्रमणकर्ताओं को संरक्षण देने का कारण बतावें। उत्तर दिनांक की स्थिति में भूमि के भौतिक सत्यापन की रिपोर्ट फोटो सहित उपलब्ध करावें। कब तक अतिक्रमणकर्ताओं पर पुलिस प्रकरण दर्ज करा लिया जाएगा? (घ) इस अतिक्रमण पर संज्ञान न लेने वाले संबंधित अधिकारियों पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) ग्राम रड़कोट, प.ह.नं. 03, तहसील ठीकरी स्थित भूमि खसरा नंबर 23/1, कुल रकबा 56.0170 हे., मद-ना.का.च. में (1) नानुराम पिता मांगीलाल, निवासी ग्राम नन्दगांव का 1.20 हे. भूमि पर तुवर बोकर एवं (2) महेश पिता कालूराम निहाले, निवासी ग्राम नन्दगांव के द्वारा 1.60 हे. भूमि पर कपास फसल बोकर अतिक्रमण किया गया है। (ख) ग्राम नंदगांव/रडकोट में खनिज विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 में अवैध खननकर्ताओं के विरुद्ध अवैध उत्खनन का 01 प्रकरण पंजीबद्ध कर अर्थदण्ड की राशि 47800/- रूपये वसूल की गई है एवं अवैध परिवहन के 07 प्रकरण पंजीबद्ध कर अर्थदण्ड की राशि 215750/- रूपये वसूल की गई है एवं उक्त गांव में अवैध उत्खनन/परिवहन की रोकथाम हेतु सतत निगरानी की जा रही है। इस अनुक्रम में शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है। (ग) दोनो अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध अतिक्रमण के प्रकरण क्रमांक 0039/अ-68/2024-25 एवं क्रमांक 0040/अ- 68/2024-25 दर्ज किये जाकर बेदखली की कार्यवाही प्रचलित है। अतिक्रमणकर्ताओं के विरुद्ध म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 (संशोधित-2018) की धारा 248 के अंतर्गत कार्यवाही प्रचलित होने से वर्तमान में पुलिस में प्रकरण दर्ज कराने का प्रश्‍न उत्पन्न नहीं होता है। मौके पर शेष भूमि ढलान युक्त गड्‌ढानुमा है जो मौके पर पड़त पड़ी होकर झाड़ एवं झाडिया है। स्थल के फोटोग्राफ जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।                                      (घ) शासकीय भूमि पर अतिक्रमणकर्ताओं के विरुद्ध अतिक्रमण प्रकरण दर्ज किया जाकर बेदखली की कार्यवाही की जा रही है। अतः शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है।

परिशिष्ट - "बावन"

घोड़ाडोंगरी जिला बैतूल की जानकारी

[राजस्व]

98. ( क्र. 962 ) श्री बाला बच्चन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                             (क) राजस्‍व विभाग घोड़ाडोंगरी जिला बैतूल को थाना प्रभारी सारणी जिला बैतूल के द्वारा पत्र क्र. 487/2024 दिनांक 30.05.2024 एवं स्‍मरण पत्र 487-ए दिनांक 15.06.2024 के माध्‍यम से जो जानकारी चाही गई थी क्‍या वह जानकारी थाना सारणी जिला बैतूल को उपलब्‍ध करा दी गई है? यदि हाँ, तो इसकी प्रमाणित प्रति देवें। (ख) यदि जानकारी उपलब्‍ध नहीं कराई गई है तो इसके उत्‍तरदायी अधिकारी का नाम, पदनाम देकर कारण स्‍पष्‍ट करें इसके लिए उन पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा देवें। (ग) कब तक यह जानकारी उपलब्‍ध करा दी जावेगी? जानकारी उपलब्‍ध कराने में संबंधित पत्र की प्रमाणित प्रति भी देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी, हां। प्रमाणित प्रति जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में जानकारी निरंक है।

परिशिष्ट - "तिरेपन"

अनुकंपा नियुक्तियों के प्रकरण

[राजस्व]

99. ( क्र. 995 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले में रिक्त पड़े पटवारियों के पदों को भरने के संबंध में अन्य विभागों से प्राप्त एन.ओ.सी. के आधार पर अनुकम्पा नियुक्ति‍यों के प्रकरण तैयार कर आयुक्त भू अभिलेख ग्वालियर भेजे गये थे? (ख) क्या कलेक्टर छतरपुर द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति‍यों के वर्षों से पड़े लंबित प्रकरणों के निराकरण हेतु टी.एल. लगाया गया? (ग) क्या छतरपुर में अन्य विभागों में पद रिक्त नहीं होने के कारण योग्यता के आधार पर पटवारी के पद अनुकम्पा नियुक्ति‍यों के वैधानिक प्रस्ताव तैयार कर अधीक्षक भू अभिलेख छतरपुर को कलेक्टर छतरपुर ने निर्देश दिनांक 23/9/24 को दिये गये जिस‌की पत्रावली कलेक्टर की सहमति से भू अभिलेख ग्वालियर को समय-सीमा में भेजी गई किन्तु प्रकरणों का अनुमोदन दिनांक तक लंबित है? (घ) क्या अनुकम्पा नियुक्ति‍यों के अनुमोदन का आदेश कब तक जारी कर दिये जावेगे? कृपया समय-सीमा बताये

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) एवं (ख) जी हाँ (ग) जी हां। उपरोक्‍त प्रकरण आयुक्‍त, भू-अभिलेख कार्यालय को जिला छतरपुर से प्राप्‍त हुए थे परन्‍तु उपरोक्‍त प्रकरण में कार्यवाही जिला स्‍तर की होने से उपरोक्‍त प्रकरण मूलत: आगामी कार्यवाही हेतु जिला छतरपुर को भेजा गया है। वर्तमान में कोई प्रकरण आयुक्‍त भू अभिलेख कार्यालय में लंबित नहीं है। (घ) मध्‍य प्रदेश शासन सामान्‍य प्रशासन विभाग भोपाल के परिपत्र दिनांक 29.9.2014 के निर्देशो के क्रम नियमानुसार परीक्षण कर पात्रता के आधार पर अनुकम्‍पा नियुक्ति की कार्यवाही जिला स्‍तर से की जानी है। अत: समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

संविलियन के तहत वरिष्‍ठता प्रदान की जाना

[स्कूल शिक्षा]

100. ( क्र. 1004 ) श्री केशव देसाई : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक शिक्षण संचालनालय के पत्र क्रमांक शि.क.67 (3) फी/अध्या. संवि/2017-18/223 भोपाल दिनांक 13.02.2018 के द्वारा पूर्व से कार्यरत निकाय की व्यवस्था समाप्त हो चुकी है? यदि हाँ, तो संपूर्ण जानकारी से अवगत करावें। (ख) क्या लोक शिक्षण संचालनालय के पत्र दिनांक 08.07.2022 के बिन्दु क्रमांक 1 से 4 के द्वारा उच्च माध्यमिक शिक्षकों की वरिष्ठता का निर्धारण का आधार अध्यापक संवर्ग में संविलियन का दिनांक है? यदि हाँ, तो उच्‍च माध्यमिक शिक्षकों की वरिष्ठता सूची का निर्धारण अंतर निकाय संविलियन दिनांक ने क्यों किया जा रहा है? कारण सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या उच्‍च माध्यमिक शिक्षक की वरिष्ठता सूची राज्य स्तरीय है? यदि हाँ, तो उक्त सूची में निकाय के नियमों का पालन क्यों किया जा रहा है शासन के नियमों के विरुद्ध कार्य कर नियम विरुद्ध सूची बनाने वाले संबंधितों के विरुद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी यदि हां तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या उच्‍च माध्यमिक शिक्षक की वरिष्ठता सूची में सुधार कर उसे नियमानुसार बनाया जावेगा यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) भर्ती नियम, 2018 के नियम 17 (3) में उल्लेख है कि ''अध्यापक संवर्ग में एक निकाय से अन्य निकाय में संविलियन किए गए अध्यापकों की संबंधित नवीन निकाय में पदभार ग्रहण करने की दिनांक से वरिष्ठता का निर्धारण किया जाएगा'' के आधार पर कार्यवाही की गई है। (ग) जी हां। प्रश्‍नांश (ख) के उत्तर के अनुसार नियमों का पालन किया गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्‍नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

निर्माण कार्यों में अनियमितता

[स्कूल शिक्षा]

101. ( क्र. 1019 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल व रीवा जिले में संचालित शासकीय विद्यालयों में से प्राथमिक शाला व माध्यमिक शाला के निर्माण बाबत् स्वीकृत कब-कब, किन-किन विद्यालयों के लिये कितनी लागत से की गई का विवरण जिलों के जनपदवार वर्ष 2020 से प्रश्‍नांश दिनांक तक का देवें। (ख) प्रश्‍नांश "क" अनुसार स्वीकृत निर्माण कार्यों की भौतिक स्थित क्या है? इनमें से कितने कार्य पूर्ण किये गये एवं कितने शेष हैं? भुगतान की स्थिति‍ के साथ इनकी गुणवत्ता की जानकारी देवें। इनका निर्माण अनुबंध अनुसार कराया गया या नहीं? इसका सत्यापन कराकर कार्यवाही के निर्देश देंगे? बतावें। (ग) प्रश्‍नांश "क" के तारतम्य में ऐसी कितने विद्यालय हैं जिनके विद्यालय क्षतिग्रस्त टूटे-फूटे हालात में हैं, उनके निर्माण बाबत् विभाग द्वारा कब-कब, कौन-कौन सी कार्यवाही की गई? नवीन स्वीकृति हेतु क्या कार्यवाही की जायेगी। यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्‍नांश "क" के निर्माण कार्य गुणवत्ता विहीन मानक स्तर से हटकर कराये गये अनुबंध का पालन नहीं किया गया, नवीन स्वीकृति के निर्देश जारी नहीं किये गये। इन सब अनियमितताओं हेतु क्या कार्यवाही की जावेगी जानकारी दें। यदि नहीं, तो क्‍यों?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट पर है। (ख) शहडोल जिले में 01 कार्य पूर्ण हैं, जो गुणवत्‍ता युक्‍त है, जिसमें विद्यालय का संचालन हो रहा है तथा 2024-25 के 02 कार्य अपूर्ण है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) रीवा जिले में 41 तथा शहडोल जिले में 43 प्राथमिक एवं माध्‍यमिक शालाओं को क्षतिग्रस्‍त चिन्हित किया गया है। क्षतिग्रस्‍त भवनों का लोक निर्माण विभाग से सत्‍यापन उपरांत मरम्‍मत अथवा नवीन शाला भवन की स्‍वीकृति बजट उपलब्‍धता अनुसार की जाएगी। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "चउवन"

अनियमित व्‍यय पर कार्यवाही

[मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास]

102. ( क्र. 1020 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या राज्‍य मंत्री, मछुआ कल्‍याण एवं मत्‍स्‍य विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले में मत्‍स्‍य पालन विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जा रही है, इन योजनाओं से कितनी समितियों और हितग्राहियों को कब-कब, किन-किन योजनाओं से लाभान्वित किया गया का विवरण वर्ष 2020 से प्रश्‍नांश दिनांक तक का देवें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के तारतम्‍य में मत्‍स्‍य पालन हेतु कितने तालाबों का निर्माण कराया गया का विवरण देते हुए बतावें कि कितने तालाबों को किन समितियों को किन शर्तों पर लीज पर कब दिया गया? इससे कितनी राजस्‍व की प्राप्ति शासन को हुई समितियों के नाम सहित विवरण प्रश्‍नांश (क) की अवधि अनुसार देवें? (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार संचालित योजनाओं का लाभ पात्र समितियों/हितग्राहियों को नहीं दिया गया तालाबों को मनमानी तरीके से लीज पर देकर राजस्‍व की क्षति पहुँचाई गई जो नवीन तालाब मत्‍स्‍य पालन हेतु तैयार कराये गये वो मानक स्‍तर से हटकर मौके पर नहीं है एवं राशि का गबन किया गया क्‍या विभाग इन सब अनियमितताओं पर कार्यवाही के निर्देश प्रदान करेगा? यदि हॉं, तो कब तक और नहीं तो क्‍यों?

राज्‍य मंत्री, मछुआ कल्‍याण एवं मत्‍स्‍य विकास ( श्री नारायण सिंह पंवार ) : (क) प्रश्‍नांश अवधि से प्रश्‍न दिनांक तक शहडोल जिले में विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओं से लाभान्वित समितियों एवं हितग्राहियों की वर्षवार जानकारी संलग्‍न परिशि‍ष्‍ट-अ अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश अवधि से प्रश्‍न दिनांक तक मत्‍स्‍य पालन हेतु तालाबों के निर्माण संबंधी जानकारी संलग्‍न परिशि‍ष्‍ट-ब अनुसार है।                    (ग) योजना प्रावधानों के अनुसार हितग्राहियों द्वारा स्‍वयं की भूमि पर तालाब निर्माण किया गया है। अत: लीज पर देने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता एवं किसी प्रकार की राजस्‍व की हानि नहीं हुई है।

परिशिष्ट - "पचपन"

 

तहसील कार्यालय भवन का निर्माण

[राजस्व]

103. ( क्र. 1025 ) श्री महेन्‍द्र नागेश : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                        (क) क्‍या विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव के अंतर्गत तहसील गोटेगांव जिला नरसिंहपुर में तहसील कार्यालय भवन का निर्माण किये हुये अत्‍यधिक समय व्‍यतीत हो गया हैं? यदि हाँ, तो उक्‍त जर्जर भवन का पुनर्निर्माण कब होगा? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं? (ख) क्‍या उक्‍त भवन की स्थिति जर्जर हो रही हैं एवं वहां भविष्‍य में दुर्घटना हो सकती हैं? क्‍या शासन नवीन भवन निर्माण की स्‍वीकृति‍जारी करेंगा? यदि हाँ, तो कब त‍क यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी हां। तहसील कार्यालय गोटेगांव के नवीन भवन के निर्माण का जिला कार्यालय नरिसंहपुर द्वारा प्रेषित प्रस्ताव विभागाध्‍यक्ष कार्यालय में दिनांक 04/12/2024 को प्राप्त हुआ है जो नियमानुसार परीक्षणाधीन है। (ख) जी हां। प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर अनुसार जिला कार्यालय नरसिंहपुर का प्रस्‍ताव परीक्षणाधीन है। कार्यवाही प्रचलन में है।

शासकीय तथा अशासकीय विद्यालयों में नामांकन एवं बजट

[स्कूल शिक्षा]

104. ( क्र. 1032 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय तथा अशासकीय विद्यालयों में अलग-अलग कक्षा 1 से 5, 6 से 8, 9 से 10 तथा 11 से 12 में छात्रों का नामांकन वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक बतावें कि इस अवधि में स्कूल शिक्षा का बजट कितना कितना था तथा व्यय कितना हुआ? (ख) वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक शासकीय विद्यालयों में 1 से 8 में नि:शुल्क पुस्तक, गणवेश, सायकल कक्षा 6 छात्रवृत्ति तथा मध्यान्ह भोजन के हितग्राही की संख्या तथा व्यय राशि की जानकारी दें तथा बतावें की आलोच्य वर्ष में कक्षा 1 से 8 कक्षावार प्रत्येक विद्यार्थी को कितनी पुस्तके दी गई? (ग) क्या यू डाइस अनुसार 2010-11 में शासकीय विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 में नामांकन 105.29 लाख था 2022-23 में घटकर मात्रा 65.48 लाख रह गया यदि हाँ, तो बतावें कि आबादी में वृद्धि के बाद भी नामांकन में 39.81 लाख की कमी क्यों हुई तथा अशासकीय विद्यालयों में 48.94 लाख से घटकर 42.53 लाख याने 6.41 लाख की कमी क्यों हुई? (घ) क्या शासकीय तथा अशासकीय विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 में कुल नामांकन 2021-22 में 115.82 लाख से घटकर 2022-23 में मात्रा 108.01 लाख रह गया याने 7.81 लाख की कमी हो गई यदि हाँ, तो इसका कारण क्या है? (ड.) क्या प्रदेश में शिक्षा माफिया ने विभाग के अधिकारि‍यों से मिलीभगत कर कक्षा 1 से 8 नामांकन में बोगस संख्या बढ़ाकर बताया क्या यह सही है कि 2010-11 में कुल नामांकन 154.23 लाख से घटकर 2022-23 से 108.01 लाख रह गया याने ग्याराह वर्षों में आबादी एक करोड़ बढ़ी लेकिन नामांकन 46.22 लाख कम हआ क्या शासन इस पर श्वेत पत्र जारी करेगा?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 पर है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-3 एवं 4 पर है। (ग) एवं (घ) जी हाँ। 0 से 6 आयु वर्ग के बच्चों की जनसंख्या में कमी, चाईल्ड ट्रेकिंग के कारण डाटा की शुद्धता एवं छात्रों का शाला से बाहर हो जाना, शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों में नामांकन में कमी के मुख्य कारण है। (ड.) जी नहीं। उत्तरांश (ग) अनुसार नामांकन में कमी हुई है। अतः शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

प्रदेश के स्कूलों के जर्जर भवनों की मरम्मत

[स्कूल शिक्षा]

105. ( क्र. 1035 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर संभाग के प्राथमिक, माध्यमिक विद्यालय, हाई स्कूलों और हायर सेकेंडरी स्कूलों के जर्जर भवनों की मरम्मत के लिए लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा चालू वित्तीय वर्ष में अलग-अलग जिलों के लिए कितनी-कितनी राशि जारी की गई है? (ख) उपरोक्त जिलों में अलग-अलग कितने-कितने प्राथमिक, माध्यमिक विद्यालय, हाई स्कूलों और हायर सेकेंडरी स्कूलों के जर्जर भवनों की मरम्मत की आवश्यकता है तथा इसमें कितना-कितना व्यय होना अनुमानित है? (ग) क्या लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा चालू वित्तीय वर्ष में जारी राशि उपरोक्त सभी प्राथमिक, माध्यमिक विद्यालय, हाई स्कूलों और हायर सेकेंडरी स्कूलों के जर्जर भवनों की मरम्मत के लिए पर्याप्त है? (घ) यदि नहीं, तो प्राथमिक, माध्यमिक विद्यालय, हाई स्कूलों और हायर सेकेंडरी स्कूलों के जर्जर भवनों की मरम्मत के लिए प्राप्त राशि उपलब्ध न कराने का क्या कारण है? (ड.) प्रश्‍नकर्ता द्वारा विभाग को भेजे गए समस्त पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई, पत्रवार की गई कार्यवाही की जानकारी दें? (च) वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक विभाग द्वारा धार जिले में कितनी राशि प्रदान की गई? विधानसभावार, मदवार जानकारी देवें। व्यय की गई राशि की संपूर्ण जानकारी दें।

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) विभाग अंतर्गत जर्जर भवनों के मरम्मत का प्रावधान नहीं है तथापि प्रश्‍नाधीन संभाग में विभाग अंतर्गत विभागीय परिसंपत्तियों के अनुरक्षण हेतु जारी की गई राशि का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक पर है। प्रश्‍नाधीन क्षेत्रांतर्गत प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं हेतु कोई राशि जारी नहीं की गई है। (ख) एवं                                         (ग) नामांकन के आधार पर अति आवश्यकता वाले मरम्मत योग्य प्राथमिक/माध्यमिक भवनों की संख्या एवं अनुमानित व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो पर है। प्रारंभिक रूप से सभी जिलों के हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों के लिए विभागीय परिसंपत्तियों के अनुरक्षण अंतर्गत राशि उपलब्ध करा दी गई है। राशि के उपयोग पश्चात पूर्व जारी राशि के उपयोगिता प्रमाण पत्र एवं मांग के आधार पर आगामी राशि जारी करने का प्रावधान है। अतः निश्चित राशि बताया जाना संभव नहीं है। प्रश्‍नाधीन क्षेत्रांतर्गत प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं हेतु कोई राशि जारी नहीं की गई है। (घ) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ड.) प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्राथमिक/ माध्यमिक शालाओं से संबंधित विभाग को 02 पत्र भेजे गये थे, जिसमें शालाओं में अतिरिक्त कक्ष का लेख किया गया था। शालाओं में अतिरिक्त कक्ष भवनों की वार्षिक कार्ययोजना में स्वीकृति नहीं हुई है। जर्जर एवं जीर्णशीर्ण के विरूद्ध वार्षिक कार्ययोजना 2025-26 में बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों से संबंधित प्राप्त पत्र स्कूल भवन निर्माण कार्य से संबंधित है। चूंकि संबंधित निर्माण कार्य जनजातीय विकासखण्ड में स्थित स्कूलों से संबंधित है, जो जनजातीय कार्य विभाग के कार्य क्षेत्र अंतर्गत है। अतः प्राप्त पत्र जनजातीय कार्य विभाग को आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित कर दिया गया है। (च) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन पर है।

विद्यालयों के परीक्षा परिणाम

[स्कूल शिक्षा]

106. ( क्र. 1041 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुनौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2023-24 का कक्षा 12वीं एवं कक्षा 10वीं का परीक्षा परिणाम क्या रहा है? प्रथम, द्वितीय, तृतीय श्रेणी में उत्तीर्ण एवं असफल विद्यार्थियों की संख्या विद्यालयवार बतावें। कक्षा 10वीं में गणित, विज्ञान एवं अंग्रेजी विषय में प्रथम, द्वितीय, तृतीय श्रेणी में उत्तीर्ण एवं असफल विद्यार्थियों की विद्यालयवार संख्या बतावें। (ख) जिन विद्यालयों का परीक्षा परिणाम कम रहा है उसके लिये जिला शिक्षा अधिकारी पन्ना एवं जिला परियोजना समन्वयक पन्ना द्वारा क्या कार्य योजना बनाई गई है? उस कार्ययोजना के सफल होने के संदर्भ में क्या परीक्षण किये गये है? (ग) क्या जिला शिक्षा अधिकारी पन्ना एवं जिला परियोजना समन्वयक पन्ना द्वारा ऐसे अध्यापकों को चिन्हित किया गया है जो उत्कृष्ट शिक्षण कार्य करते है और जो बहुत निम्न स्तर का शिक्षण कार्य करते है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो उनके द्वारा उनके गोपनीय प्रतिवेदनों में किस प्रकार मतांकन किया जाता है? क्या निम्न स्तर का शिक्षण कार्य करने वाले अध्यापकों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्या जिला शिक्षा अधिकारी पन्ना एवं जिला परियोजना समन्वयक पन्ना की संलिप्तता परिलक्षित नहीं होती है?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2023-24 में कक्षा 12वीं का परीक्षा परिणाम 64.19% तथा कक्षा 10वीं का 60.56% रहा है। प्रश्‍नांश की शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-अ एवं-ब-अनुसार है। (ख) जिले में कम परीक्षा परिणाम वाले विद्यालयों की दक्षता उन्‍नयन और बेहतर परिणाम प्राप्‍त करने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला परियोजना समन्‍वयक पन्‍ना द्वारा बनाई गई परिणामोन्‍मुखी कार्ययोजना जानकारी  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-स/1-अनुसार है। (ग) उच्‍च परीक्षा परिणाम वाले शिक्षकों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-स/2-अनुसार है। न्‍यून परीक्षा परिणाम वाले शिक्षकों की सूची जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-द/1-अनुसार है। उक्‍त के परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न ही नहीं बनता। निम्‍न स्‍तर का शिक्षण कार्य करने वाले शिक्षकों के विरुद्ध की गई कार्यवाही का विवरण जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-ई-अनुसार। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

जी.एफ.एम.एस. पोर्टल पर गलत पद प्रदर्शित होना

[स्कूल शिक्षा]

107. ( क्र. 1042 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन निर्देशानुसार 2024 में पन्ना जिले के बेरोजगार युवकों द्वारा जी.एफ.एम.एस. पोर्टल पर प्रदर्शित रिक्त पदों के आधार पर अतिथि शिक्षक पद के लिये ऑनलाइन आवेदन किये गये थे जिसमें उनकी योग्यता के आधार पर विद्यालयों में उनका चयन ऑनलाइन ही किया गया था? (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) में उल्लिखित प्रक्रिया से चयनित अतिथि शिक्षक, जिस विद्यालय के लिये चयनित किये गये थे, में उपस्थिति ‍देने के लिये पहुंचे तो वहॉ के संस्था प्रमुख द्वारा बताया गया कि वहां पर पद रिक्त नहीं है जबकि पोर्टल पर ऑनलाइन पद रिक्त होने पर ही उसका ऑनलाइन चयन पत्र डाउनलोड हुआ है? क्या पोर्टल पर गलत रिक्त पद प्रदर्शित होने से जिले के बेरोजगार अतिथि शिक्षक परेशान नहीं हुये है? पोर्टल पर गलत पद प्रदर्शित होने के कारण कितने चयनित अतिथि शिक्षकों को किन विद्यालयों द्वारा ज्‍वाइन नहीं कराया गया है? (ग) शिक्षा विभाग के जी.एफ.एस. पोर्टल पर सही रिक्त पद प्रदर्शित कराने की जवाबदेही किसकी थी? यदि वास्तव में विद्यालय में पद रिक्त नहीं है और पोर्टल पर गलत रिक्त पद दर्शित हो रहा है जिससे जिले के बेरोजगार युवक परेशान हुये है, इसके लिये कौन दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जी हां। (ख) अतिथि शिक्षक व्यवस्था के दौरान अतिशेष एवं उच्च पद प्रभार की कार्यवाही प्रचलित होने के कारण नियमित शिक्षकों के द्वारा कार्यभार ग्रहण कर लिये जाने से आवंटित शाला में अतिथि शिक्षक को कार्यभार ग्रहण नहीं कराया गया। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) नियमित शिक्षकों की अनुपलब्‍धता पर अतिथि शिक्षक की व्यवस्था विद्यार्थियों के अध्यापन हेतु अस्थायी रूप से की जाती है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

गैरखाते की दखल रहित भूमि

[राजस्व]

108. ( क्र. 1048 ) श्री संजय उइके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) बालाघाट एवं बैतूल जिले में निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख, खसरा पंजी एवं पटवारी मानचित्र में दर्ज कितनी-कितनी दखल रहित भूमि एवं कितनी-कितनी भूस्वामी हक की भूमि को वन विभाग ने वर्किंग प्लान पी.एफ. एरिया रजिस्टर, पी.एफ. वनकक्ष मानचित्र एवं पी.एफ. वनकक्ष इतिहास में दर्ज कर संरक्षित वन प्रतिवेदित किया जा रहा है? (ख) वर्किंग प्लान में दर्ज संरक्षित वन प्रतिवेदित की जा रही भूमि को कलेक्टर बालाघाट एवं बैतूल ने किस प्रकरण क्रमांक आदेश दिनांक से वन विभाग को आवंटित किया है, आवंटन आदेश की प्रति उपलब्ध करवाए, यदि भूमि आवंटित नहीं की हो तो कारण बतावें? (ग) वर्किंग प्लान में भूमि दर्ज होने एवं वन विभाग का कब्जा होने की प्रविष्टि‍ फसल गिरदावरी के अवसर पर खसरा पंजी में दर्ज नहीं करने का क्या कारण रहा है? प्रविष्‍टि ‍कब तक खसरा पंजी में दर्ज की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) बालाघाट से प्राप्त उत्तर- बालाघाट जिले के वन विभाग से वनमण्‍डलाधिकारी उत्‍तर/दक्षिण (सा.) द्वारा दी गई जानकारी अनुसार मध्‍यप्रदेश राजपत्र में भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 29 एवं 4 में विभिन्‍न अधिसूचनाओं द्वारा प्रकाशित उत्‍तर (सा.) एवं दक्षिण (सा.) से अधिसूचना में दर्शित क्षेत्रफल उत्‍तर (सा.) का 40900.450 हे. एवं दक्षिण (सा.) का क्षेत्रफल 56923.470 हे. इस प्रकार जिले में कुल दखल रहित भूमि का क्षेत्रफल 97823.920 हे. तथा भूमिस्‍वामी हक की 103.737 हे. को वन विभाग ने वर्किंग प्लान पी.एफ. एरिया रजिस्टर, पी.एफ. वनकक्ष मानचित्र एवं पी.एफ. वनकक्ष इतिहास में दर्ज कर संरक्षित वन प्रतिवेदित किया जा रहा है। बैतूल से प्राप्त उत्तर- बैतूल जिले में निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख, खसरा पंजी एवं पटवारी मानचित्र में दर्ज 74612.478 हे. दखल रहित भूमि वन विभाग ने वर्किंग प्लान पी.एफ. एरिया रजिस्टर, पी.एफ. वनकक्ष मानचित्र एवं पी.एफ. वनकक्ष इतिहास में दर्ज कर संरक्षित वन प्रतिवेदित किया जा रहा है। (ख) बालाघाट से प्राप्त उत्तर - वर्किंग प्लान में दर्ज संरक्षित वन प्रतिवेदित की जा रही भूमि के संबंध में बालाघाट कलेक्टर न्‍यायालय में वर्तमान में कोई प्रकरण दर्ज नहीं है। वर्तमान में वर्किंग प्‍लान के लिये आवंटन का प्रस्‍ताव प्राप्‍त नहीं होने से भूमि आवंटित नहीं की गई। बैतूल से प्राप्त उत्तर - वर्किंग प्लान में दर्ज संरक्षित वन प्रतिवेदित की जा रही भूमि आवंटित नहीं की गई, प्रक्रिया प्रचलित है। अत: शेष प्रश्‍नांश की जानकारी निरंक है।                                           (ग) बालाघाट से प्राप्त उत्तर - बालाघाट जिला अंतर्गत वर्किंग प्‍लान में भूमि दर्ज होने एवं वन विभाग का कब्‍जा होने की प्रविष्टि फसल गिरदावरी के अवसर पर खसरा पंजी में दर्ज किये जाने का कोई प्रावधान या शासन के निर्देश प्राप्‍त न होने के कारण खसरा पंजी में प्रविष्टि किये जाने का प्रश्‍न ही नहीं उठता है। बैतूल से प्राप्त उत्तर - वर्किंग प्लान में सम्मिलित भूमि पर फसल गिरदावरी के समय खसरा पंजी में प्रविष्टि दर्ज करने के संबंध में निर्देश प्राप्‍त नहीं है।

राजस्व ग्राम का दर्जा दिये जाने

[राजस्व]

109. ( क्र. 1052 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                         (क) शिवपुरी जिले की कराहल तहसील अंतर्गत मारवाड़ी गुर्जर समाज बाहुल्य लगभग 14 ग्रामों जैसे गोरस, कलमी, बेला, डावली, अजनोई, काली तलाई, पनार, पातालगढ़, आदि एवं वीरपुर एवं बड़ौदा तहसील अंतर्गत लगभग 25 से 30 ग्राम को राजस्व ग्राम क्यों नहीं बनाया जा रहा है? उचित कारण देवें। (ख) इन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित किए जाने के संबंध में शासन द्वारा क्या-क्या कार्रवाई की गई एवं आगामी क्या कार्य योजना है? विस्तृत विवरण देवें। (ग) शासन अपनी मनसा स्पष्ट करें कि इन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित किया जाएगा अथवा नहीं? यदि नहीं, घोषित किया जाना है तो उचित कारण देवें एवं इनमें निवास करने वाले मध्यप्रदेशवासी के साथ अन्याय क्यों किया जा रहा है? (घ) इन ग्रामों में शासन की योजनाओं जैसे पीएम आवास योजना एवं अन्य योजनाएं जो इन्हें राजस्व ग्राम का दर्जा मिलने उपरांत ही मिलेगी का लाभ कब तक प्राप्त हो सकेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) अपर प्रधान मुख्‍य वन संरक्षक (वन भू-अभिलेख) सतपुड़ा भवन भोपाल द्वारा उनके पत्र क्रमांक वनग्राम/2022/582 दिनांक 02.06.2022 से अवगत कराया गया है किया माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय की याचिका क्रमांक 337/1995 में वन भूमियों के निर्वनीकरण पर दिनांक 13.11.2020 से स्‍थगन आदेश पारित किया गया है। माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय के द्वारा आदेश के पश्‍चात ही निर्वनीकरण की कार्यवाही की जा सकती है। (ख) से                                (घ) उत्‍तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

जिला शिक्षा अधिकारी मुरैना द्वारा मनमानी किए जाने

[स्कूल शिक्षा]

110. ( क्र. 1054 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसी कितनी एडिट शालाएं थी जो वर्तमान में बंद पड़ी हैं? सूची देवें। इन बंद पड़ी शालाओं में नवीन कला भवन बनाकर शाला प्रारंभ कब तक की जाएगी?                                             (ख) क्या मुरैना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बिसैठा, विजयपुरा, नाउपुरा, गिरगोनी, घुरैयापुरा एवं छर्रा में नवीन प्राथमिक शाला भवन बनाकर शाला प्रारंभ कराई जाएगी? (ग) क्या मुरैना जिला शिक्षा अधिकारी अपने चहेते शिक्षकों को शैक्षणिक व्यवस्था के अन्तर्गत विद्यालयों से किसी अन्य जगह बुलाकर अपने मन-माने काम कराने की प्रथा को रोकेंगे? ऐसे कितने शिक्षक है जो अपनी पदस्थापना के स्थान के अलावा अन्य जगहों पर ड्यूटी कर रहे हैं? सूची देवें। उक्त शिक्षकों को शैक्षणिक व्यवस्था में पुनः कब तक भेजा जाएगा? (घ) मुरैना विधानसभा के अन्तर्गत ऐसे कितने विद्यालय है, जिनमें 8 से 10 शिक्षक पदस्थ होने के बावजूद सिर्फ 2 से 3 शिक्षक ही पढ़ा रहे हैं? इसका समाधान क्यों नहीं किया जा रहा? क्या मुरैना विधानसभा क्षेत्र के नूराबाद विद्यालय में संस्कृत और गणित विषय के शिक्षकों की व्यवस्था करेंगे?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) भवन निर्माण बजट उपलब्धता एवं सक्षम समिति की स्वीकृति पर निर्भर करता है। (ग) जिला शिक्षा अधिकारी मुरैना द्वारा इस संबध में कोई आदेश जारी नहीं किये जाने से प्रश्‍नांश उत्पन्न नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। मुरैना विधान सभा क्षेत्र के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नूराबाद एवं हाई स्कूल नूराबाद में संस्कृत एवं गणित विद्यालय के शिक्षकों की व्यवस्था है।

मुआवजा राशि का भुगतान

[राजस्व]

111. ( क्र. 1056 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में आगजनी/अतिवर्षा के दौरान मकान क्षतिग्रस्त होने/जनहानि/पशु हानि होने पर पीड़ित परिवारों को मुआवजा राशि दिये जाने के क्या नियम है? नियम की प्रति उपलब्ध कराई जावें।                              (ख) वर्ष 2023 एवं 2024 (दिनांक 31 अगस्त, 2024 तक) में ग्वालियर-चम्बल संभाग में मुआवजा राशि के संबंध में कितने आवेदन प्राप्त हुये और कितने प्रकरण दर्ज किये गये? (ग) उक्त अवधि में प्रश्‍नांश (ख) में दर्ज कितने प्रकरणों में हितग्राहियों को कितनी-कितनी मुआवजा राशि का भुगतान किया गया? नामवार/ग्रामवार जानकारी दी जावें। (घ) उक्त अवधि में प्राप्त आवेदनों में से शेष रहे प्रकरणों में अब तक सहायता राशि का भुगतान क्यों नहीं किया जा सका और इन प्रकरणों में मुआवजा राशि का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) :  (क) राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6-4 के प्रावधान की प्रति  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब अनुसार है। (ग) जिलेवार/नामवार/ग्रामवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-स अनुसार है।                                      (घ) जिला भिण्‍ड में उक्त अवधि में प्राप्‍त आवेदनों/दर्ज 319 प्रकरणों में से 259 प्रकरणों में प्रभावितों को रूपयें 1,58,71,708/- सहायता राशि का भुगतान किया गया है। शेष प्रकरणों में राहत राशि वितरण की कार्यवाही प्रचलित है। ग्‍वालियर एवं चंबल संभाग के शेष जिलों में राहत राशि वितरण से कोई भी प्रभावित शेष नहीं है।

 

छात्रवृत्ति की राशि का भुगतान

[स्कूल शिक्षा]

112. ( क्र. 1057 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर संभाग के जिलों में शासकीय विद्यालयों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा पिछड़ा वर्ग के कितने छात्र/छात्राओं को शैक्षणिक सत्र 2022-23 तथा 2023-24 की छात्रवृत्ति की राशि का भुगतान क्यों नहीं हुआ? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा तथा आयुक्त लोक शिक्षण द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्‍नांश (क) के छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति की राशि का भुगतान न होने के लिये कौन-कौन जवाबदार है तथा उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्‍नांश (क) के छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति का भुगतान कब तक किया जायेगा और अगर नहीं किया जा सकता है तो क्यों?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) अवितरित छात्रवृत्ति की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट पर है। विद्यार्थियों के बैंक खाते आधार से लिंक नहीं होने/त्रुटिपूर्ण होने/डिबीटी नहीं होने के कारण भुगतान नहीं हुआ। (ख) साप्ताहिक वीडियो क्रॉफेन्सिंग, पत्र आदि के माध्यम से मैदानी स्तर के अधिकारियों को निर्देश दिए गए है। (ग) उत्तरांश '''' के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।                 (घ) विद्यार्थियों के खाते सुधार होने एवं आधार से लिंक होने के साथ ही छात्रवृत्ति राशि अंतरित की जा रही है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "छप्पन"

क्रय आदेशों में शासन के नियमों के पालन की जांच

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

113. ( क्र. 1059 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय मेडिकल कॉलेज दतिया में दिनांक 1/4/2020 से प्रश्‍न दिनांक तक क्या-क्या स्थानीय क्रय आदेश/कार्य आदेश जारी किए गए हैं? उन क्रय आदेशों में भंडार अधिनियम का पालन किया गया अथवा नहीं, भोपाल आरसी के क्रय आदेशों को छोड़कर शेष की छायाप्रति भंडार क्रय नियम सहित उपलब्ध करायें। (ख) उक्त क्रय आदेशों के लिए कब-कब टेंडर जारी किए गए निविदा की शर्तें एवं प्रोसिडिंग रजिस्टर की छाया प्रति उपलब्ध करायें?                                    (ग) उक्त क्रय आदेश किसके द्वारा जारी किए गए, किसके द्वारा स्वीकृत किए गए, किसके द्वारा भुगतान किया गया, अधिकारियों के नाम एवं पद सहित जानकारी दी जाए। (घ) क्या उक्त क्रय आदेशों/कार्य आदेशों में शासन के नियमों का पूर्ण रूपेण उल्लंघन किया गया है, यदि हाँ, तो इसमें कौन-कौन दोषी है उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी? यदि नहीं, तो एक कमेटी बनाकर संपूर्ण प्रकरण की जांच कराई जाए।

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हां। जी हां। शासकीय मेडिकल कॉलेज दतिया में दिनांक 01.04.2020 से प्रश्‍न दिनांक तक जारी किए गये स्‍थानीय क्रय आदेश एवं भण्‍डार क्रय नियमों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) क्रय आदेशों के लिये जारी किये गये टेण्‍डर निविदा शर्ते एवं प्रेसिडिंग रजिस्‍टर की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) क्रय आदेश जारी कर्ता अधिकारी स्‍वीकृत कर्ता अधिकारी एवं भुगतान कर्ता अधिकारी की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (घ) समिति का गठन कर प्रकरण की जांच करायी जावेगी।

अपग्रेड एवं जीर्णशीर्ण विद्यालयों को भवन स्वीकृत करने

[स्कूल शिक्षा]

114. ( क्र. 1060 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले के विकासखंड सेवड़ा में कुल कितने प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल, हॉयर सेकेंडरी स्कूल है, इनमें कितने एवं कौन-कौन से स्कूल के भवन सही (नवीन) एवं किनके जीर्णशीर्ण (पुराने) हैं? स्कूलवार जानकारी देवें। (ख) क्या उक्त स्कूलों में अधिकांश भवन पुराने एवं जीर्णशीर्ण बच्चों की बैठने की यहां उचित व्यवस्था नहीं है यहां कभी भी दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है साथ ही यहां फर्नीचर, पानी, बिजली, शौचालय की भी कोई व्यवस्था नहीं है यदि नहीं, तो कहां-कहां क्या-क्या व्यवस्था है? (ग) क्या अधिकांश स्कूलों को अपग्रेड कर दिया गया है किंतु उनके लिए भवन स्वीकृत न होने से बच्चों को बैठने की जगह नहीं है एक ही कक्षा में दो-दो कक्षाएं लग रही हैं व्यवस्था न होने से बच्चों की पढ़ाई अवरुद्ध हो रही है उन्हें अपग्रेडेशन का लाभ नहीं मिल पा रहा है? (घ) क्या सेवड़ा विकासखंड के अपग्रेड वाले एवं जीर्णशीर्ण भवन वाले स्कूलों हेतु भवन उपलब्ध कराए जाने हेतु कार्य योजना बनाकर राशि उपलब्ध कराने की कृपा करेंगे, यदि हाँ, तो कब तक?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-'एक' अनुसार है।                           (ख) 05 जीर्ण-शीर्ण प्राथमिक शाला की कक्षाएं माध्‍यमिक शाला भवन में संचालित हैं। 33 माध्‍यमिक विद्यालयों में फर्नीचर उपलब्‍ध है। सभी माध्‍यमिक/प्राथमिक शालाओं में बिजली एवं पेयजल व्‍यवस्‍था है। केवल 06 विद्यालयों के शौचालय अनुपयोगी है। प्रश्‍नाधीन हाई एवं हायर सेकेण्‍ड्री स्‍कूलों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट 'दो' पर है। (ग) जी हां। शासकीय प्राथमिक एवं माध्‍यमिक स्‍तर की सभी शालाओं के भवन उपलब्‍ध है। शासकीय हाई/हायर सेकेण्‍ड्री स्‍तर की शालाएं जो अपग्रेड हुई है, उनकी बैठक व्‍यवस्‍था अपग्रेड की गई शासकीय प्राथमिक एवं माध्‍यमिक शालाओं में की जा रही है। पढ़ाई अवरूद्ध होने संबंधी कोई समस्‍या विभाग के संज्ञान में नहीं है। (घ) प्रश्‍नाधीन विकासखण्‍ड अंतर्गत नवीन स्‍कूल भवन निर्माण कार्य बजट की उपलब्‍धता एवं सक्षम समिति की स्‍वीकृति पर निर्भर करता है। अत: निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "सत्तावन"

नवीन शिक्षक संवर्ग के शिक्षकों की नियुक्ति

[स्कूल शिक्षा]

115. ( क्र. 1064 ) श्री राजेन्‍द्र भारती : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. स्कूल शिक्षा विभाग नवीन शिक्षक संवर्ग के शिक्षकों की नियुक्ति तिथि अनुसार IFMIS पोर्टल पर प्रविष्टि कराने पर विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो यह कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) म.प्र. के नवीन शिक्षक संवर्ग के सेवानिवृत्त शिक्षकों को सेवानिवृत्ति उपरांत कितनी राशि प्रदान करने का प्रावधान है? आदेश की प्रति प्रदान करें तथा उनको वर्तमान में अधिकतम कितनी मासिक पेंशन प्रदान की जा रही है। कृपया विभाग द्वारा प्रदान की जा रही न्यूनतम एवं अधिकतम पेंशन का अलग-अलग विवरण दें?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) आई.एफ.एम.आई.एस. पोर्टल पर पूर्व से म.प्र. राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) सेवा की शर्ते एवं भर्ती नियम 2018 के तहत ही नवीन संवर्ग में नियुक्ति तिथि अंकित है। अतः शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) नवीन शिक्षक संवर्ग के शिक्षकों को उनकी शासकीय सेवा की अवधि के आधार पर ग्रेज्यूटी, अवकाश नगदीकरण की पात्रता के आधार पर कार्यवाही की जाती है। नवीन अंशदायी पेंशन योजना अंतर्गत पात्रता अनुसार पेंशन प्राप्त होती है। नवीन अंशदायी पेंशन योजना के तहत निश्चित पेंशन प्राप्त नहीं होती है, यह सेवानिवृत्ति के समय बनने वाले स्वत्वों तथा एन्यूटी खरीदने पर प्राप्त होती है।

भूमि का स्वत्व घोषित करने कk अधिकार

[राजस्व]

116. ( क्र. 1066 ) श्री राजेन्‍द्र भारती : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) क्या वर्ष 2018 में एम.पी.एल.आर.सी. के संशोधन के पूर्व भूमि के स्वत्य (Title Change) करने के अधिकार धारा 57 (2) में शासन में निहित थे? यदि हाँ, तो क्या तहसीलदार/एस.डी.एम को धारा 115-116 में Title Change करने का अधिकार है? यदि हाँ, तो संपूर्ण विवरण दें तथा उक्त धाराओं में क्या-क्या अधिकार है? (ख) क्या दतिया जिले में रामनगर में अनूसूचित जाति, गोविदनगर में आदिवासी भवानीपुर में अनूसूचित जाति वर्ग के व्यक्तियों द्वारा कृषि सहकारी समितियां बनाई गई थी? यदि हाँ, तो कब बनाई गई थी? क्या उक्त सोसायटियों के सभी सदस्य एवं उनकी मृत्यु के उपरांत उनके वारिसानो द्वारा निरतंर रूप से 70 से 80 वर्षों से कृषि कार्य करते आ रहे है? क्या शासन द्वारा कब्जे के आधार पर सभी सदस्यों के वारिसानों को कृषि भूमि पट्टे प्रदान करेगा? यदि नहीं, तो क्योयदि हाँ, तो कब तक पट्टे दिये जायेंगे?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 57 समस्‍त भूमियों पर राज्‍य का स्‍वामित्‍व (State ownership in all lands) म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता संशोधन अधिनियम 2018 के पूर्व धारा 57की प्रति जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। अद्यतन धारा 115 भू-अभिलेख में गलत अशुद्ध प्रविष्टि का शुद्धिकरण से संबंधित है, धारा 116 विलोपित है। अत: शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है। (ख) हां, दतिया जिले के रामनगर में जनता हरिजन सामूहिक कृषि सहकारी समिति मर्या. रामनगर पंजीयन क्रमांक AR/DTA/144/05-06-1970 से पंजीकृत हुई थी जिसे सहायक आयुक्‍त सहकारिता जिला दतिया द्वारा दिनांक 20.03.1987 से पंजीयन निरस्‍त किया जा चुका है। ग्राम गोविन्‍द नगर में आदिवासी सामूहिक कृषि सहकारी समिति मर्या. गोविन्‍द नगर पंजीयन क्रमांक AR/DTA/116/24-11-1979 से पंजीकृत हुई थी जिसका पंजीयन सहायक आयुक्‍त सहकारिता दतिया द्वारा दिनांक 20.03.1987 से निरस्‍त किया जा चुका है। ग्राम भवानीपुर में अनुसूचित जाति वर्ग के व्‍यक्तियों द्वारा अम्‍बेडकर सामूहिक कृषि सहकारी संस्‍था छल्‍लापुरा के नाम से रजिस्‍ट्रेशन क्रमांक AR/DTA/10/24-07-1962 के द्वारा बनायी गई थी, वर्तमान में उक्‍त संस्‍था विगत 30 वर्षों से अकार्यशील (कार्यशील न) होकर परिमापनाधीन है। उक्‍त सोसायटी के सभी सदस्‍यों की मृत्‍यु उपरांत उनके वारिसों के नाम पट्टे दिये जाने का शासन संबंधी कोई प्रावधान नहीं है।

परिशिष्ट - "अट्ठावन"

अवमानना प्रकरणों के केस

[स्कूल शिक्षा]

117. ( क्र. 1069 ) श्री राजेश कुमार शुक्‍ला : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में डब्ल्यू पी प्रकरण 20553/2021 जो छतरपुर जिले के लिपिक संवर्ग कर्मचारियों ने दायर किया था, में पारित आदेश दिनांक 22.02.2022 के परिपालन में शासन ने कार्यवाही नहीं करने पर अवमानना प्रकरण 738/2023 शिवशंकर बेलदार एवं अन्य द्वारा दायर किया गया? (ख) प्रश्‍नांश (क) हाँ है तो आदेश दिनाक 22.02.2022 का परिपालन क्यों नहीं किया गया तथा प्रकरण में दायर अवमानना के शीघ्र निराकरण हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्‍न दिनांक तक माननीय उच्च न्यायालय में ऐसे केसों की संख्या कितनी है? जिसमें स्कूल शिक्षा विभाग के नियमित कर्मचारियों ने विभाग द्वारा प्रकरण में माननीय न्यायालयीन आदेशों की अवहेलना करने पर अवमानना प्रकरण का केस विभाग के विरुद्ध किया। इस प्रकार के अवमानना से बचने एवं प्रकरणों के शीघ्र निराकरण हेतु शासन का दिशा-निर्देश एवं समय सीमा क्या है?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा डब्ल्यू.पी. प्रकरण क्रमांक 20553/2021 में पारित आदेश दिनांक 22.02.2022 के अनुसार प्रकरण नीतिगत होने से प्रक्रियाधीन है। (ग) छतरपुर जिले के ऐसे प्रकरणों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। कर्मचारियों के वेतन-भत्तों से संबंधित प्रकरणों में पात्रता अनुसार परीक्षण कर कार्यवाही की जाती है जो एक सतत् प्रक्रिया है।

परिशिष्ट - "उनसठ"

शिक्षकों की वरिष्ठता एवं पद

[स्कूल शिक्षा]

118. ( क्र. 1070 ) श्री राजेश कुमार शुक्‍ला : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. स्कूल शिक्षा, शिक्षक शिक्षा एवं प्रशिक्षण (राजपत्रित) सेवा भर्ती तथा सेवा की शर्त नियम 2011 को निरसित किया गया है? हाँ तो क्यों? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुक्रम में निरसन के पश्चात इस संवर्ग के कर्मचारियों को स्कूल शिक्षा (CPI) में शामिल किए जाने संबंधी सभी आदेशों की प्रतियां प्रदाय करे। (ग) क्या IASE, CTE, DIET में कार्यरत सभी व्याख्याता, वरि.व्याख्याता, प्राचार्य की उच्च पद हेतु काउंसिलिंग पश्चात उच्च पद के आदेश जारी किए जा चुके है? नहीं तो कब तक जारी होंगे? (घ) क्या शिक्षक शिक्षा संवर्ग अंतर्गत पूर्व में कार्यरत व्याख्याता, वरि.व्याख्याता, प्राचार्य को स्कूल शिक्षा (CPI) में उनके समकक्ष पदों पर कार्यरत व्याख्याता, वरि.व्याख्याता, प्राचार्य के समकक्ष वरिष्ठता एवं पद प्रदाय किया जाना है? हाँ तो कब तक?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जी हां। प्रशासकीय निर्णय अनुसार। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हां। शेष आदेश जारी किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। यह एक सतत् प्रक्रिया है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ वरिष्ठता एवं पदोन्नति प्रदाय किया जाना एक सतत् प्रकिया है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "साठ"

अतिथि‍ शिक्षकों का समायोजन

[स्कूल शिक्षा]

119. ( क्र. 1071 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिला शिक्षा अधिकारी का पद प्रभारी के दायित्व पर है? वर्तमान में जो जिला शिक्षा अधिकारी पदस्थ है, उनके कितने इंक्रीमेंट बंद है और किस कारण से किस-किस सत्र में बंद किए गए थे? वर्षवार, दिनांक सहित सूची उपलब्ध कराएं। (ख) 01/07/2018 की स्थिति में बनाया गया नया कैडर राज्य शिक्षा सेवा में सतना जिले में कितने अध्यापको का संविलियन हो चुका है? कितने शेष है? यदि शेष है तो अभी तक संविलियन नहीं किया गया क्यों? यदि किया जाएगा तो कब तक मे? संविलियन किए गए कितने शिक्षकों को सातवें वेतनमान का एरियर्स दिया जा चुका है? कितने का शेष है? शेष शिक्षकों का एरियर्स कब दिया जाएगा? सतना जिसमे की 12 वर्ष, 24 वर्ष में प्राप्त होने वाली क्रमोन्नति में कितने प्राथमिक, माध्यमिक की क्रमोन्नति की गई है कितने शेष है? क्रमोन्नति पा चुके शिक्षकों का एरियर्स भुगतान किया गया तो शेष का क्यों नहीं किया जा रहा है? सभी प्रश्‍नों की अलग-अलग ब्लॉकवार संख्‍यात्‍मक जानकारी उपलब्ध कराये। (ग) मध्यप्रदेश में कितने अतिथि‍ शिक्षक, रिक्त स्वीकृत शिक्षकों के पदो के स्थान पर लगातार पूर्ण सेवाएं दे रहे हैं? जिलेवार ब्लॉकबार, स्कूलवार संख्‍यात्‍मक जानकारी उपलब्ध कराएं। क्या उक्त अतिथि शिक्षकों को शिक्षाकर्मी, गुरुजी की तरह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14,16,32,19 (1) छ के तहत कार्य अनुभव के आधार पर नियमित समायोजन किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो अल्प मानदेय पर अतिथि शिक्षकों का शोषण कर भविष्य खराब क्यों किया जा रहा है?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) वर्तमान में सतना जिले के जिला शिक्षा अधिकारी पद पर दिनांक 25.11.2024 से श्री तरूणेन्द्र प्रताप सिंह पदस्थ है। इनके कोई भी वेतनवृद्धि बंद नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) सतना जिले में 4802 सहायक अध्यापक, 2112 अध्यापक एवं 572 वरिष्ठ अध्यापकों की नवीन संवर्ग में सुसंगत पदों पर नियुक्ति की गई है। 200 सहायक अध्यापक, 32 अध्यापक एवं 07 वरिष्ठ अध्यापक लोकायुक्त प्रकरण/स्नातक, स्नातकोत्तर योग्यता एवं शिक्षण-प्रशिक्षण योग्यता की अंकसूची मान्यता प्राप्त संस्थान की न होने/प्रशिक्षण योग्यता धारित नहीं होने से शेष है। पात्रतानुसार ही नवीन संवर्ग में नियुक्ति की जा सकती है। नवीन संवर्ग में नियुक्ति होने पर ही सातवें वेतनमान की पात्रता आती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। क्रमोन्नति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (ग) अतिथि शिक्षक व्यवस्था एक सतत् प्रक्रिया है जो नियमित शिक्षकों की अनुपलब्धता यथा पद रिक्त होने, शिक्षकों की सेवानिवृत्ति, स्थानान्तरण, मृत्यु, वीआरएस, लम्बे चिकित्सा अवकाश, अर्जित अवकाश, संतान पालन अवकाश पर जाने अध्यापन हेतु अतिथि शिक्षक व्यवस्था की जाती है। अतिथि शिक्षकों को नियमित करने संबंधी कोई योजना प्रचलित नहीं है।

नहर मरम्‍मत का निर्माण कार्य

[जल संसाधन]

120. ( क्र. 1074 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के कौन-कौन सी विधानसभा के लिए नहर मरम्मत के लिए पिछले 5 वित्तीय वर्षों में कितनी-कितनी राशि जारी की गई है? विधानसभावार, राशिवार, वर्षवार, सूची उपलब्ध कराये। (ख) सतना विधानसभा के लिए पिछले 5 वित्तीय वर्षों में कितनी-कितनी राशि कौन-कौन से गावों के लिए जारी की गई है और कहां-कहां पर और कब-कब मरम्मत का कार्य किया गया? राशिवार, ग्रामवार किए गए कार्यों की सूची दें और कौन-कौन से ग्राम पंचायत के किन-किन स्थानों पर नहर जर्जर है और उक्त स्थानों पर कब-कब रिपेरिंग का कार्य किया गया? ग्राम पंचायतवार स्थानवार, जानकारी उपलब्ध कराये (ग) सतना विधानसभा के कौन-कौन से ग्राम पंचायतों में नहरों का पानी पहुँच रहा है? कौन से ग्राम पंचायत में पानी नहीं पहुँच रहा है? जिन ग्राम पंचायतों में पानी नहीं पहुंच रहा उनका कब तक नहर द्वारा किसानों को पानी उपलब्ध कराया जाएगा? ग्राम पंचायतवार अलग-अलग सूची उपलब्ध कराये और ग्राम पंचायत पाँसी, अकौना में नहर निर्माण कार्य प्रस्तावित था? यदि नहीं, तो क्यों? यदि तो प्रश्‍न दिनांक तक कार्य क्यों नहीं हुआ? (घ) रामपुर बाघेलान विधानसभा के मौहारी कटरा वर्त अंतर्गत ग्राम पंचायत कोरिगवां, ऐरा, केमार नहर निर्माण कार्य स्वीकृत है? यदि हाँ, तो अभी तक नहर निर्माण कार्य क्यों नहीं हो पाया जानकारी उपलब्ध कराये?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विगत 05 वित्तीय वर्षों में जारी की गई राशि एवं किए गए व्यय की विस्‍तृत जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा ग्रामवार राशि जारी नहीं की जाकर मदवार/योजनावार राशि आवंटित की जाती है। नहर मरम्मत के लिये जारी राशि एवं व्यय का विवरण जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। मरम्मत कार्य का अभिलेख ग्रामवार एवं पंचायतवार तैयार नहीं किया जाता बल्कि योजनावार/नहरवार संधारित किया जाता है। सतना विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत किसी भी ग्राम पंचायत में बाणसागर के अधीन नहरें जर्जर नहीं होना प्रतिवेदित है। नहरों की साफ-सफाई एवं नहरों का सुधार कार्य खरीफ एवं रबी सिंचाई के पूर्व समय-समय पर संथावार कराया जाता है। (ग) सतना विधान सभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत कुओं, बारी खुर्द, पतौड़ा, डगढीहा, सोहास, रगौली, खम्हरिया, तिवरियान, रामस्थान, जमोड़ी, मांद, मटेहना, सकरिया, बिरहुली, बेलहटा, सिजहटा एवं माधवगढ़ में पुरवा नहर से सिंचाई होती है। ग्राम पंचायत पासी, अकौना में मझिगवाँ शाखा नहर से सिंचाई प्रस्तावित है। निर्माण कार्य प्रगति पर है। (घ) जी हाँ। प्रश्‍नांश में उल्लेखित पंचायतों में नहर निर्माण कार्य प्रगतिरत है।

परिशिष्ट - "इकसठ"

 

 

कई वर्षों से पदस्थ कर्मचारियों के स्थानांतरण

[परिवहन]

121. ( क्र. 1077 ) श्रीमती रीती पाठक : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                            (क) सीधी जिला परिवहन कार्यालय में कई सहायक ग्रेड-2 व सहायक ग्रेड-3 कर्मचारी 10 से अधिक वर्षों से पदस्थ हैं साथ ही ये स्थानीय निवासी भी हैं आए दिन इनके मनमानी पूर्ण कार्य की शिकायतें स्थानीय जनों द्वारा प्राप्त होती हैं इनकी कर्मचारियों के लिए हमारे सरकार की स्थानांतरण नीति क्या है? (ख) सीधी जिला परिवहन कार्यालय में कुल कितने पद स्वीकृत हैं? यहाँ कौन-कौन से कर्मचारी कितने वर्षों से पदस्थ हैं व कई वर्षों से पदस्थ कर्मचारियों का स्थानांतरण कब तक कर दिया जावेगा?

परिवहन मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) शासन द्वारा समय-समय पर निर्धारित स्थानांतरण नीति के प्रावधानों के अनुरूप ही कर्मचारियों के स्थानांतरण संबंधी निर्णय लिये जाते हैं। स्थानांतरण नीति की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जिला परिवहन कार्यालय सीधी में स्वीकृत पद एवं पदस्थ कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। शासन द्वारा स्थानांतरण से प्रतिबंध हटाये जाने पर शासकीय कर्मचारियों के शासन की स्थानांतरण नीति के तहत स्थानांतरण किये जाते हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

पर्यटन गतिविधियों का विस्तार

[पर्यटन]

122. ( क्र. 1078 ) श्रीमती रीती पाठक : क्या राज्‍य मंत्री, पर्यटन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी विधानसभा में पर्यटन विभाग द्वारा पर्यटन गतिविधियों के विकास हेतु कितना बजट स्वीकृत किया गया है? सीधी विधानसभा में पर्यटन विभाग द्वारा पर्यटन गतिविधियों के उन्नयन हेतु क्या-क्या कार्य किए जा रहे हैं? (ख) सीधी में गोपालदास बांध में नौका विहार, जॉगिंग ट्रैक निर्माण, गोपालदास बांध के समीप स्थित बंद पड़े रेस्ट हाउस को पर्यटन विभाग द्वारा अपने अधीन रिसॉर्ट के रूप में उन्नयन करना, गोरियरा बांध में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देना पर्यटन विभाग द्वारा गोरियरा बांध के समीप एक रिसॉर्ट स्थापित करना, कुर्रवाह में सोन नदी के तट पर इको पार्क निर्माण करना, प्राचीन बढ़ौरा शिव मंदिर को धार्मिक धरोहर घोषित करते हुए उसका उन्नयन करना, गोपालदास मंदिर का उन्नयन और नीलकंठ मौहार मंदिर को धार्मिक धरोहर घोषित करते हुए पर्यटन स्थल के रूप में उन्नयन करना आदि कार्यों की मांग विभाग से प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्र के माध्यम से की गई थी उक्त कार्यों की स्वीकृति की क्या स्थिति है? इन कार्यों को लेकर पर्यटन विभाग की क्या कार्य योजना है?

राज्‍य मंत्री, पर्यटन ( श्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी ) : (क) वर्तमान में कोई बजट प्रस्‍तावित नहीं किया गया है। गोरियारा बांध एवं गोपालदास डेम की प्‍लानिंग एवं डिजाईनिंग स्‍तर पर कार्यवाही प्रचलन में है। पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार की स्‍वेदश दर्शन योजना के अंतर्गत ''वाईल्‍ड लाइफ सर्किट'' में पर्यटन गतिविधियों के उन्‍न्‍यन हेतु कार्य किये गये हैं। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार। (ख) उत्‍तरांश (क) अनुसार।

परिशिष्ट - "बासठ"

परिसंपत्ति मद से कराये गए कार्य

[स्कूल शिक्षा]

123. ( क्र. 1080 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2022-23 में मंडला जिले में विभागीय परिसंपत्ति मद से कराये गए कार्यों के पूर्णता प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराएं? इनमें से कितने कार्यों का मूल्यांकन प्रदाय राशि से कम है? प्रदाय राशि व अंतिम मूल्यांकन राशि सहित जानकारी उपलब्ध कराएं? शेष राशि की विभाग को वापसी की गई या नहीं? यदि नहीं, तो विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या उक्त मद से स्वीकृत 134 कार्यों में से केवल 132 कार्यों की ही प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई थी? शेष 2 कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति किनके द्वारा की गई? राज्य शिक्षा केंद्र के पत्र क्रमांक/निर्माण-1/2023/185, दिनांक 09/01/2023 में उल्लेखित शर्त क्रमांक 1 में प्रशासकीय स्वीकृति केवल कलेक्टर सह मिशन संचालक से कराये जाने का निर्देश है? यदि हाँ, तो उक्त 2 कार्य जो बिना कलेक्टर की प्रशासकीय स्वीकृति के कराये गए हैं उसके लिए कौन दोषी है, उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी?                           (ग) क्या वर्ष 2019-20 में अतिवृष्टि से माशा नंदराम विकासखंड मवई के भवन को हुई क्षति का मरम्मत कार्य वर्ष 2020-21 में लोक शिक्षण संचालनालय से प्रदाय राशि से कराया गया? क्या वर्ष 2022-23 में विभागीय परिसंपत्ति मद से भी इसका मरम्मत कार्य कराया गया? क्या यह राज्य शिक्षा केंद्र के पत्र क्रमांक/निर्माण-1/2023/185,दिनांक 09/01/2023 में उल्लेखित शर्त क्रमांक 6 का उल्लंघन है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन दोषी है? उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? क्या यह सही है कि उक्त दोनों मद से मरम्मत कार्य कराये जाने के बाद भी उक्त शाला भवन को जर्ज़र घोषित किया गया है? यदि हाँ, तो क्या उक्त दोनों मद से मरम्मत के कार्य होने के बाद भी शाला भवन जर्ज़र घोषित होने का विषय संदिग्ध प्रतीत होता है, क्या इसकी जाँच करवाई जाएगी?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) वर्ष 2022-23 में मण्डला जिले में कुल 132 कार्य विभागीय परिसंपत्ति मद से कराये गये। जिनमें से कुल 22 कार्यों के पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी किये गए है, प्रमाण-पत्र संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है, इन 22 कार्यों में से एक कार्य का मूल्यांकन प्रदाय राशि से कम है। प्रदाय राशि व अंतिम मूल्यांकन राशि सहित जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। जी नहीं, शेष राशि जिला कार्यालय में उपलब्ध है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हॉ। उक्त मद से स्वीकृत 134 कार्यों में से 132 कार्यों की ही प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई थी, शेष 2 कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं की गई है। जी हां। कार्यालय जिला शिक्षा केन्द्र के पत्र क्रमांक एस.एस.ए./निर्माण/2024/1387 मंडला दिनांक 06.12.2024 के द्वारा शाला प्रबंधन समितियों धराची एवं पीपरीमाल को ''कारण बताओं सूचना पत्र'' जारी किया गया है, प्रत्युत्तर प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही जारी की जाएगी। (ग) जी हाँ। जी नहीं। उक्त दोनों मद से मरम्मत कार्य नहीं कराया गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग के पत्र क्रमांक 3071/ता./भवन/2023 मंडला दिनांक 24.07.2023 के द्वारा माध्यमिक शाला भवन को जर्जर घोषित किया गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "तिरेसठ"

 

मध्यप्रदेश राज्य मत्‍स्‍य महासंघ का चुनाव

[मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास]

124. ( क्र. 1085 ) श्री चैन सिंह वरकड़े : क्या राज्‍य मंत्री, मछुआ कल्‍याण एवं मत्‍स्‍य विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में 7 बड़े और 19 मझौले कुल 26 जलाशयों का नियंत्रण राज्य मत्स्‍य विकास निगम के पास था जिसे समाप्त कर दिया गया है और केवल प्रशासक के माध्य‍म से कार्य सम्प‍न्नन कराया जा रहा है? (ख) क्या प्रशासक के माध्‍यम से कार्य कराए जाने से मत्‍स्‍य खेट करने वाले हजारों मछुवारा के परिवारों को कम दरों पर काम कराया जाता है, जिससे इन परिवारों की आर्थिक व सामाजिक स्थिति बहुत कमजोर हो गई है और इन्हें काम का उचित रेट नहीं मिल रहा है? (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (क) वर्णित मध्यप्रदेश राज्य मत्‍स्‍य महासंघ का चुनाव कराया जाएगा यदि हाँ, तो कब तक? समय सीमा बतावें यदि नहीं, तो क्‍या स्पष्ट करें?

राज्‍य मंत्री, मछुआ कल्‍याण एवं मत्‍स्‍य विकास ( श्री नारायण सिंह पंवार ) : (क) जी नहीं। संविलियन के समय मत्‍स्‍य विकास निगम के पास 06 बडे़ और 23 मंझोले कुल 29 जलाशय थे। म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 (17 सन 1961 ) के अधीन रजिस्‍टीकृत म.प्र. मत्‍स्‍य महासंघ सहकारी मर्यादित में निहित किया गया। (ख) जी नहीं। जलाशयों से आखेटित मेजर कार्प मछलियों को राशि रूपये 34/- प्रतिकिलो एवं माइनर कार्प मछलियों हेतु राशि रूपये 20/- प्रतिकिलो के मान से भुगतान किया जाता है। (ग) मत्‍स्‍य महासंघ में आयुक्‍त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्‍थाएं म.प्र. द्वारा नामांकित संचालक मंडल पदस्‍थ है। चुनाव कराये जाने की समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

औषधियों के मूल्‍यों पर नियंत्रण

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

125. ( क्र. 1088 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य शासन द्वारा मध्यप्रदेश में औषधियों के मूल्यों के प्रभावी नियंत्रण के लिए ड्रग प्राइस कण्ट्रोल आर्डर (DPCO) के अंतर्गत कार्यवाही करने हेतु किन-किन अधिकारियों को नामित कर शक्तिया प्रदान की गई है? उनके नाम, पदनाम, पदस्थापना, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी बताये। (ख) प्रश्‍नांश (क) के अंतर्गत नामित व्यक्तियों के द्वारा 01 जनवरी, 2017 से अब तक बालाघाट जिले में किन-किन दुकानों के कब-कब निरीक्षण एवं क्या-क्या कार्यवाहियां की गई है? (ग) यदि कार्यवाहियाँ नहीं की गई है तो क्यों नहीं की गई है? शासन इस दिशा में क्या कार्य कर रही है? (घ) क्या जिलों में कार्यरत खाद्य एवं औषधि विभाग के औषधि निरीक्षकों को DPCO के पैराग्राफ 30 के अंतर्गत कार्यवाही करने हेतु अधिकृत किया जा सकता है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? यदि हां, तो जिलों में कार्यरत औषधि निरीक्षकों को ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर के तहत कार्रवाई करने हेतु कब तक अधिकृत किया जाएगा या प्रदेश की भोली-भाली जनता चुनिंदा दवा निर्माताओं द्वारा निर्मित दवाइयां को महंगे दामों पर खरीद कर लुटती रहेगी?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी संलग्‍न  परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) 1 जनवरी, 2017 से बालाघाट जिले में ड्रग्स प्राइज कंट्रोल आर्डर के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त न होने के कारण चाही गई जानकारी निरंक है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ, कार्यवाही प्रचलन में है अतः शेष का प्रश्‍न नहीं उठता है।

परिशिष्ट - "चौंसठ"

सी.एम. राइज स्कूलों में कर्मचारियों की भर्ती

[स्कूल शिक्षा]

126. ( क्र. 1090 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में सी.एम. राइज स्कूल में किस संस्था द्वारा आउटसोर्स कर्मचारी उपलब्ध कराये जा रहे हैं? (ख) बालाघाट जिले में सी.एम. राइज स्कूल में किस-किस पद पर कर्मचारी कार्यरत है? सूची उपलब्ध कराये। (ग) बालाघाट जिले में सी.एम. राइज स्कूल में पदस्थ आउटसोर्स कर्मचारियों के EPF के ESR के चालान की प्रति उपलब्ध करवाएं? (घ) उक्त संस्था द्वारा प्रश्‍नांश (ग) विर्णत स्‍थानों में कर्मचारियों को किये गए भुगतान के वाऊचरों कि प्रति उपलब्ध कराएं? (ङ) लोक शिक्षण संचनालय द्वारा आउटसोर्स कर्मचारियों के भर्ती हेतु कि गई निविदा के समाचार पत्र सहित समस्त अभिलेख सहित निविदा प्रक्रिया कि छायाप्रति उपलब्ध कराएं?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) प्रदेश के सी.एम. राईज स्‍कूलों में एम.पी. कॉन लिमिटेड भोपाल के माध्‍यम से आउटसोर्स कर्मचारी उपलब्‍ध कराये जा रहे है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-एक पर है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-दो पर है।                          (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन पर है। (ड.) उद्योग संचालनालय के पत्र क्र 22/ एमएसएमई/13/12/2227-2233 दिनांक 17/04/2013 के तहत एम पी कॉन लिमिटेड शासकीय संस्‍था होने से सीधे कार्यादेश दिया गया है, अत: निविदा नहीं किये जाने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नक्शा तरमीम एवं बंदोबस्त संबंधी कार्य

[राजस्व]

127. ( क्र. 1093 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन की योजना राजस्व महाभियान 2.0 एवं 3.0 में नक्शा तरमीम के कार्य में प्रदेश एवं जिला बालाघाट के पटवारियों आने वाली तकनीकी एवं व्यवहारिक समस्याओं के संबंध में पटवारी संघ द्वारा बालाघाट जिला सहित किन-किन जिलों में ज्ञापन दिए गए एवं उन ज्ञापनों के निराकरण/समाधान हेतु क्या प्रयास किये गए? की गयी कार्यवाही का विस्तृत विवरण देवें।                               (ख) नक्शा तरमीम की विधिक प्रक्रिया क्या है? क्या राजस्व महाभियान अंतर्गत नक्शा तरमीम कार्य में विधिक प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों एवं इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी पर क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी? समय-सीमा बताएं। (ग) बालाघाट जिला में बंदोबस्त कितने वर्ष पूर्व हुआ था? बंदोबस्त/भू-सर्वेक्षण कराये जाने हेतु शासन की क्या योजना है? बालाघाट जिला में बंदोबस्त/भू सर्वेक्षण कब तक किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) राजस्व महाभियान 2.0 एवं 3.0 में जिलों से प्राप्त जानकारी अनुसार बालाघाट के अतरिक्त 30 निम्न जिलों में भी पटवारी संघ द्वारा ज्ञापन प्रस्तुत किये गये हैं। (आगर-मालवा, अलीराजपुर, अशोकनगर, बैतूल, भोपाल, छतरपुर, छिंदवाड़ा, धार, डिंडौरी, गुना, ग्वालियर, हरदा, नर्मदापुरम, इंदौर, झाबुआ, कटनी, खंडवा, मैहर, मंडला, नीमच, पन्ना, रायसेन, राजगढ़, रतलाम, सागर, शाजापुर, सिवनी, सिंगरौली, उज्जैन, विदिशा), पटवारियों की तकनी‍की एवं व्यवहारिक समस्याओं पर जिला स्तर पर समाधान किया जा रहा है। पटवारी संघ के प्राप्त ज्ञापनों में जिलों से प्रस्ताव प्राप्त कर तकनीकी समस्या का निराकरण किया जा रहा है। (ख) म.प्र. भू राजस्व संहिता 1959 (संशोधन) अधिनियम 2018 के सुसंगत प्रावधानों/नियमों के अनुसार नक्शा तरमीम का कार्य किया जाता है। जी हां। शेष का प्रश्‍न ही उद्भूत नहीं होता। (ग) बालाघाट जिले में वर्ष 1914-15 में लगभग 110 वर्ष पूर्व बंदोबस्त हुआ था। म.प्र.भू.रा. संहिता 1959 एवं भू सर्वेक्षण नियम 2020 में दिये गये प्रवधान अनुसार ग्राम/नगर में नवीन भू सर्वेक्षण कार्य किया जाता है। आयुक्त भू अभिलेख मध्यप्रदेश के पत्र कमांक/11-भू.प्र./2024/351330/984 ग्वालियर दिनांक 18/11/2024 के तारतम्य में जिला बालाघाट अंतर्गत आने वाले ग्राम/नगर में भू सर्वेक्षण किये जाने हेतु म.प्र.भू.रा. संहिता 1959 एवं भू सर्वेक्षण नियम 2020 में दिये गये प्रावधान अनुसार निर्धारित प्रारूप में प्रस्ताव प्राप्त किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। नियमानुसार प्रस्ताव प्राप्त होने पर सर्वेक्षण/पुनः सर्वेक्षण कराया जायेगा।

प्रकरणों के त्वरित निराकरण

[राजस्व]

128. ( क्र. 1094 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभागीय आदेश क्रमांक एफ़ 2-14/2018/सात-7/2021/608 भोपाल दिनांक 06/10/2021 में दिए गए निर्देशानुसार अविवादित फौती, नामांतरण एवं बंटवारा के प्रकरणों का त्वरित निराकरण किये जाने एवं वारिसों/सहखातेदारों की अनुपस्थिति के कारण प्रकरणों में अनावश्यक विलम्ब नहीं किये जाने के संबंध में बिंदुवार विस्तृत आदेश जारी किया गया है? यदि हाँ, तो शासन स्तर से आदेश जारी हो जाने के पश्चात भी जिला बालाघाट के समस्त तहसील न्यायालयों में अविवादित फौती, नामांतरण एवं बंटवारा के कितने प्रकरण दर्ज होने के 6 माह से अधिक समय व्यतीत हो जाने के बाद भी लबित पड़े हुए हैं? संख्यात्मक जानकारी सम्पूर्ण विवरण सहित प्रदान की जाए? इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी एवं कब तक समय सीमा बताएं?                                       (ख) क्या विभाग द्वारा अविवादित नामांतरण एवं बंटवारा के अधिकार ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायतों को दिए जाने हेतु आदेश जारी किये गए थे एवं इस संबंध में rcms पोर्टल पर ग्राम पंचायत सचिवों की आई.डी. बनवाकर उन्हें शासन स्तर से प्रशिक्षण दिलवाया गया? यदि हाँ, तो उक्त आदेश पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गयी एवं rcms पोर्टल में ग्राम पंचायतों की भूमिका क्यों सुनिश्चित नहीं की जा रही है? क्यों एवं कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी, हां। विभागीय आदेश क्रमांक एफ2-14/2018/सात-7/2021/608 भोपाल दिनांक 06-10-2021 में दिये गये निर्देशानुसार अविवादित फौती, नामांतरण एवं बंटवारा के प्रकरणों का त्‍वरित निरा‍करण किये जाने एवं वारिसों/सहखातेदारो की अनुपस्थिति के कारण प्रकरणों में अनावश्‍यक विलम्‍ब नहीं किये जाने के संबंध में बिन्‍दुवार विस्‍तृत आदेश जारी किया गया है। आदेश जारी होने के बाद जिला बालाघाट के समस्‍त तहसील न्‍यायालयों में अविवादित फौती, नामांतरण एवं बटवारा के 6 माह से अधिक अवधि के कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। अत: जानकारी निरंक है। तहसीलवार सूची जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। अत: किसी भी अधिकारी पर अनुशासनात्‍मक कार्यवाही नहीं की गई है। (ख) वर्तमान में अविवादित बंटवारा एवं अविवादित नामांतरण के अधिकार ग्राम पंचायत को नहीं है। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

परिशिष्ट - "पैंसठ"

आदिवासियों की भूमि का विक्रय

[राजस्व]

129. ( क्र. 1095 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पांढुर्णा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2015 से आज तक कितनी आदिवासियों की भूमि विक्रय हुई है? (ख) इनमें से कितनी भूमि गैर आदिवासियों को विक्रय की गई? गैर आदिवासियों को विक्रय की गई भूमि हेतु कब-कब एवं किस आधार पर नियमानुसार वांछित अनुमति दी गई? प्रत्येक विक्रय हेतु जारी की गई अनुमति की प्रति देवें। (ग) ऐसी कितनी आदिवासियों की भूमि का गैर आदिवासियों को विक्रय किया गया जिन्हें नियमानुसार वांछित परमिशन/अनुमति नहीं दी गई? सूची देवें एवं वांछित अनुमति प्राप्त नहीं है उनके विक्रय को रद्द क्‍यों नहीं किया गया?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) कार्यालय वरिष्ठ जिला पंजीयक जिला छिंदवाड़ा के पत्र क्र. 948/व..जि.पं/छिंदवाड़ा दिनांक 07/12/2024 के अनुसार विधानसभा क्षेत्र पांढुर्णा में वर्ष 2015 से आज दिनांक तक कुल 1298 पंजीकृत दस्तावेज द्वारा आदिवासियों की भूमि विक्रय हुई है।                                (ख) पांढुर्णा जिले का गठन 5 अक्टूबर, 2023 को हुआ है। गठन दिनांक से आज दिनांक तक इस कार्यालय द्वारा किसी भी आदिवासी की भूमि को गैर आदिवासी वर्ग को विक्रय अनुमति जारी नहीं की गई है। (ग) ऐसा कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है।

तहसील का दर्जा प्रदान किये जाने

[राजस्व]

130. ( क्र. 1096 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पांढुर्णा जिले गठन के पश्चात किन-किन विभागों के जिला कार्यालय पांढुर्णा में संचालित हो रहे है? (ख) क्या पांढुर्णा जिला गठन के पश्‍चात जिला स्‍तरीय अन्य विभागों के कार्यालय नहीं खुलने से पांढुर्णा जिले के विकास कार्य प्रभावित हो रहे है? (ग) कब तक अन्य विभागों के जिला कार्यालय खोले जायेंगें? समय-सीमा बतायें। (घ) क्या तत्कालीन माननीय मुख्‍यमंत्री जी द्वारा विधानसभा क्षेत्र 128 पांढुर्णा अंतर्गत उप तहसील नांदनवाडी को तहसील का दर्जा दिए जाने की घोषणा की गई थी, यदि हाँ, तो इस ओर क्या‍ कार्यवाही की जा रही है एवं कब तक उप तहसील नांदनवाडी को तहसील का दर्जा दिया जावेगा

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जिला पांढुर्णा गठन के पश्‍चात से कार्यालय कलेक्‍टर पांढुर्णा, कार्यालय पुलिस अधीक्षक पांढुर्णा, जिला कार्यक्रम अधिकारी एकीकृत महिला एवं बाल विकास विभाग तथा कार्यालय उप संचालक पशुपालन एवं डेयरी संचालित हो रहे है। (ख) जी नहीं। विकास कार्य प्रभावित होने संबंधित कोई जानकारी नहीं है। (ग) कार्यवाही प्रचलित है। राजस्‍व विभाग से संबंधित कार्यालय संचालित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

राजस्‍व रिकार्ड में दर्ज कराये जाने

[राजस्व]

131. ( क्र. 1097 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के जिला-पांढुर्ना व छिंदवाड़ा में जनजातीय समुदाय के पेंनकड़ा (देवस्थान) एवं मोक्षधाम/शमशान की भूमि व इसके पहुंच मार्ग राजस्व रिकार्ड में दर्ज हैं? यदि हाँ, तो उनका ग्राम का नाम (स्थान), खसरा नंबर, रकबा की वर्तमान स्थिति की जानकारी देवें। क्या उक्त स्थानों में वर्तमान में अतिक्रमण है? यदि हाँ, तो उसे हटाने हेतु शासन/विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यो और कब तक कि जावेंगी? (ख) प्रदेश के जिले-पांढुर्ना, छिंदवाड़ा व सिवनी में शास. राजस्व मद व इसके अंतर्गत सभी मदो की रिक्त भूमि की तहसीलवार, नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र की खसरा नं., रकबा, मदवार जानकारी देवें। क्या उक्त भूमि में वर्तमान में किसी व्यक्ति व संस्था द्वारा अवैध रूप से कब्जा/अतिक्रमण किया गया है? यदि हाँ, तो वे कौन हैं उनकी जानकारी देवें? क्या इस अतिक्रमित शासकीय भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने हेतु शासन/विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो कब-कब और इससे मुक्त भूमि की जानकारी देवें? यदि नहीं, तो क्यों और कब की जावेगी? (ग) क्या प्रश्‍नांश (ख) में वर्णित जिलों में स्थित शमशान मद की आरक्षित भूमि में वर्तमान समय में किसी के द्वारा अतिक्रमण किया गया है व इस बाबत जिला प्रशासन/ विभाग को कोई शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो उसमें क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक कि जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जिला छिंदवाड़ा एवं पांढुर्ना खदान जनजातीय समुदाय के पेंनकड़ा (देवस्थान) एवं मोक्षधाम/श्मसान की भूमि एवं इसके पहुंच मार्ग राजस्‍व रिकार्ड में दर्ज नहीं है। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है। (ख) प्रदेश के जिले-पांढुर्ना, छिंदवाड़ा व सिवनी में शासकीय राजस्व मद व इसके अंतर्गत रिक्त भूमि, छोटे झाड़ का जंगल मद की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्‍तराश (ख) अनुसार पांढुर्ना, छिंदवाड़ा व सिवनी जिलों की शमसान मद की आरक्षित भूमि में अतिक्रमण के संबंध में जिला प्रशासन/विभाग को कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतः कार्यवाही का प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है।

परिशिष्ट - "छियासठ"

 

नमूने की जांच में कार्यवाही

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

132. ( क्र. 1098 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला-पांढुर्ना, छिंदवाड़ा व सिवनी में खादय एवं औषधि प्रशासन द्वारा जिलो में संचालित खादय पदार्थों के बिक्री व निर्माण संस्थानों की विधिक/ निगरानी नमूने की जांच पृथक-पृथक क्षेत्रों व प्रतिष्ठानों की जाकर दोषियों के विरुद्ध विधिक कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो वर्ष 2022 से आज दिनांक तक कि गई कार्यवाही के स्पष्ट, स्थानवार, प्रतिष्ठानों के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। क्या सुरक्षा मानक अधि. की धारा 2006 (32) के अनुसार दोषी व्यक्तियों/प्रतिष्ठानों द्वारा बार-बार गलती किये जाने पर सिर्फ सुधार सूचना देने का प्रावधान है? यदि नहीं, तो इस प्रकार के दोषियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या जिला-पांढुर्ना, छिंदवाड़ा व सिवनी में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना अंतर्गत कार्य किये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो उनकी कार्य व लागतवार जानकारी देवें क्या उक्त योजना अंर्तगत आशा प्रशिक्षण कार्यक्रम के संबंध में कोई जांच क्र/एन एचएम/आशा/2024/4047 भोपाल, 15/07/2024 प्रक्रिया लंबित है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक कि जावेगी? (ग) क्या जिला-पांढुर्ना, छिंदवाड़ा व सिवनी के प्राथमिक, सामुदायिक व जिला स्वास्थ्य केंद्रों में नर्सिंग व चिकित्सक स्टाफ विभाग द्वारा निर्धारित अवधि में सेवा न देने बाबत स्थानीयजनों द्वारा शिकायत है? यदि हाँ, तो कब तक इसका निराकरण कर लिया जावेगा?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हां, दिनांक 01.01.2022 से 25.11.2024 तक की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' ''2'' अनुसार है। जी नहीं, खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धारा 32 सुधार सूचनाओं के बारे में प्रावधान करती है। जिला पांढुर्ना, छिंदवाड़ा व सिवनी में धारा 32 अंतर्गत की गई कार्यवाहियों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है। (ख) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्यप्रदेश से प्राप्त जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''4'' अनुसार है। (ग) संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें, मध्यप्रदेश से प्राप्त जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''5'' अनुसार है।

निजी विद्यालयों की मान्यता की जानकारी

[स्कूल शिक्षा]

133. ( क्र. 1105 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में 1 अप्रैल, 2019 से प्रश्‍नांकित अवधि तक कितनी निजी विद्यालय एवं मदरसा संचालित है? विकासखण्डवार जानकारी देवें। उक्त विद्यालयों, मदरसों में कितने-कितने छात्र संख्या दर्ज है? वर्षवार व विद्यालय तथा मदरसावार जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में उक्त निजी विद्यालयों, मदरसें शासन के निर्धारित मापदण्ड पूर्ण करते हैं? यदि हाँ, तो स्कूल मान्यता फाइल की छायप्रति उपलब्ध करावें। यदि निजी विद्यालय व मदरसा निर्धारित मापदण्ड पूर्ण नहीं करते हैं? तो उसकी मान्यता एवं नवीनीकरण किन-किन अधिकारियों की अनुशंसा पर मान्यता व नवीनीकरण किया गया? नाम, पदनाम सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में नियम विरूद्ध मान्यता देने वाले अधिकारियों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बतावें। क्या विभाग वरिष्ठ अधिकारियों की समिति बनाकर निजी विद्यालय, मदरसों की जांच की जावेगी? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में उक्त निजी विद्यालय द्वारा मध्यप्रदेश निजी विद्यालय अधिनियम 2017 का उल्लंघन किया है? तो किन-किन निजी विद्यालयों द्वारा किया गया है? उक्त निजी विद्यालयों द्वारा कितनी-कितनी फीस ली जाती है? विद्यालयवार व वर्षवार जानकारी देवें। (ङ) मदरसा को कितना-कितना अनुदान दिया जाता है? मदरसावार व वर्षवार जानकारी देवें।

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) विदिशा जिले में कक्षा 1 से 8 तक संचालित निजी विद्यालया एवं छात्र संख्‍या की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। कक्षा 9 से 12 तक की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। मदरसा की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ख) जी हाँ। कक्षा 1 से 8 तक की मान्‍यता की समस्‍त प्रक्रिया ऑनलाइन की जाती है, जिसमें संस्‍था द्वारा मान्‍यता मापदण्‍डों की पूर्ति हेतु वांछित समस्‍त अभिलेख ऑनलाईन दर्ज है। जिसका सत्‍यापन विकासखण्‍ड स्‍त्रोत समन्‍वयक द्वारा किया जाता है। मान्‍यता हेतु अधिकृत पदाविहित अधिकारी द्वारा परीक्षण उपरांत नवीन/नवीनीकरण के प्रस्‍ताव को मान्‍य/ अमान्‍य किये जाने प्रावधान है। अनुविभागीय अधिकारी द्वारा जांच में 03 विद्यालयों में मान्‍यता मापदण्‍डों को पूर्ण नहीं करने का प्रतिवेदन दिया गया है। इन विद्यालयों के संबंध में नियमानुसार कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। कक्षा 9 से 12 तक की मान्यता की समस्त प्रक्रिया ऑनलाईन की जाती है, जिसमें संस्था द्वारा मान्यता हेतु वांछित समस्त अभिलेख पोर्टल पर दर्ज किये जाते है तथा जिनका सत्यापन संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा गठित दल द्वारा स्थल निरीक्षण किया जाकर ऑनलाईन टीप अंकित की जाती है। संभागीय संयुक्त संचालक परीक्षण उपरांत ऑनलाईन मान्य/अमान्य किये जाने का प्रावधान है। जिला विदिशा की ऐसी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, जिसमें विद्यालयों द्वारा मापदण्ड पूरे नहीं किये हो। म.प्र. मदरसा बोर्ड द्वारा मदरसों की मान्यता एवं नवीनीकरण हेतु संबंधित जिले के जिला शिक्षा अधिकारी से मदरसों का निरीक्षण कराकर अभिमत/अनुशंसा सहित प्रतिवेदन प्राप्त किया जाता है। प्रतिवेदन के आधार पर प्रकरण का परीक्षण कर मदरसों को मान्यता एवं नवीनीकरण जारी किया जाता है। निर्धारित मापदण्ड पूर्ण नहीं करने वाले मदरसों को मान्यता व नवीनीकरण जारी नहीं किया जाता है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। किसी विद्यालय की शिकायत प्राप्त नहीं हुई। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है।

सिंचाई परियोजनाओं की जानकारी

[जल संसाधन]

134. ( क्र. 1106 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा निर्माण एवं विकास कार्यों तथा अन्य कार्यों के लिए कौन-कौन योजनाओं में, किन-किन मदों में, कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? कार्य के नाम सहित, योजनावार, मदवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में भोपाल, ग्वालियर, सागर में विभाग द्वारा कौन-कौन सी लघु, मध्यम, वृहद सिंचाई परियोजनाएं, नदी, तालाब, बैराज आदि स्वीकृत हैं तथा प्रगतिशील हैं? विकासखण्डवार लघु, मध्यम, वृहद् सिंचाई परियोजनावार, जानकारी उपलब्ध करावें। कितनी परियोजनाओं की डीपीआर बन चुकी है? कितनी परियोजनाओं की साध्यता हो चुकी है? कितनी परियोजनाओं की साध्यता होना शेष है? विस्तृत जानकारी परियोजनावार, विकासखण्डवार उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में उक्त सिंचाई परियोजनाओं का कार्य कब से प्रारंभ हैं? कार्यादेश की छायाप्रति, तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति, कार्य पूर्णतः की दिनांक सहित अभी तक हुये कार्य का विवरण एवं ठेकेदार को वर्ष 2016 से प्रश्‍नांकित अवधि तक सिंचाई परियोजनाओं की अद्यतन स्थिति, भुगतान की जानकारी, शेष भुगतान की जानकारी का विवरण माहवार, परियोजनावार बतावें। यदि इन योजनाओं का कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है तो कार्य प्रारंभ कब तक कर दिया जावेगा? समय-सीमा बतावें एवं विलंब के लिए दोषी कौन है? दोषी पर क्या कार्यवाही की गई? कृत कार्यवाही की छायाप्रति तथा कार्य प्रारंभ कब से कर दिया जावेगा? (घ) प्रदेश में कहाँ-कहाँ सिंचाई कौन-कौन सी पद्धति से प्रस्तावित है? कितने रकबा पर हैं? विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

स्वास्थ्य केंद्रों का निजीकरण

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

135. ( क्र. 1108 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार द्वारा सभी शासकीय अस्पतालों/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों का संचालन निजी कंपनियों/संस्थाओं को सौंपकर अस्पतालों के निजीकरण का कार्य किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो शासकीय अस्पताल/सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का निजीकरण किए जाने के पीछे सरकार की क्या मंशा है? क्या अस्पतालों की निजीकरण से प्रदेश के गरीब जनता को नि:शुल्क इलाज की सुविधा मिलेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्‍नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रदेश के अस्पतालों के निजीकरण किया जाकर सरकार द्वारा केवल प्राइवेट कंपनी तथा निजी संस्थाओं को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या मरीज का आयुष्मान योजना अंतर्गत नि:शुल्क इलाज उपरांत स्वीकृत की गई शासकीय धनराशि का भुगतान निजी संस्थाओं को किया जाता है? यदि हाँ, तो क्यों?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

शासकीय मुद्रण तथा लेखन सामग्री विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार

[राजस्व]

136. ( क्र. 1110 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय मुद्रण तथा लेखन सामग्री विभाग अंतर्गत मुद्रणालयों में से रीवा, इंदौर एवं ग्वालियर मुद्रणालय शासन द्वारा बंद कर दिए गए हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या इन मुद्रणालयों को बंद करने के लिए शासन द्वारा कोई आदेश जारी कर राजपत्र में प्रकाशन किया गया था? यदि हाँ, तो आदेश के राजपत्र में प्रकाशन तिथि सहित सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शासकीय मुद्रण तथा लेखन सामग्री विभाग में उप नियंत्रक/सहायक नियंत्रक के कितने पद स्वीकृत होकर प्रश्‍न दिनांक तक कितने पद रिक्त हैं तथा मुद्रणालय में कार्यरत अधिकारियों में से कितने अधिकारी/कर्मचारी कहां-कहां पदस्थ हैं? वर्तमान पदस्थापना की स्थिति से अवगत करावें (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासकीय मुद्रण तथा लेखन सामग्री विभाग के भोपाल स्थित मुख्यालय में कार्यरत कई अधिकारी/कर्मचारी भ्रष्टाचार में संलिप्त होने के कारण अधिकारियों/कर्मचारियों पर विभागीय जांच प्रचलन में है? यदि हाँ, तो विभागीय जांच में शामिल कर्मचारियों के नाम/पदनाम सहित जानकारी से अवगत करावें

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। (ख) मध्‍यप्रदेश शासन, राजस्‍व विभाग के आदेश क्रमांक एफ 3-3/2017/सात/4, दिनांक 16.02.2021 द्वारा तीनों मुद्रणालयों बंद किया गया है, आदेश की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है।

रिक्‍त चिकित्‍सों के पदों की पूर्ति

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

137. ( क्र. 1113 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिला चिकित्‍सालय अन्‍तर्गत विभिन्‍न प्रकार के चिकित्‍सकों के कुल कितने पद स्‍वीकृत है? उनमें से कितने भरे है और कितने रिक्‍त है?                                    (ख) राजगढ़ जिला चिकित्‍सालय में प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन चिकित्‍सक कब से कार्यरत है? उनके नाम, कब से कहॉं पर पदस्‍थ है? (ग) क्‍या राजगढ़ जिला चिकित्‍सालय में रिक्‍त चिकित्‍सकों के पदों की पूर्ति की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्‍यों?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) पदपूर्ति एक निरंतर प्रक्रिया है, निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "सड़सठ"

अतिथि शिक्षकों से रिक्‍त पदों की पूर्ति

[स्कूल शिक्षा]

138. ( क्र. 1114 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश में अतिथि शिक्षकों को नियुक्‍त किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो इस वर्ष 2024-25 में प्रश्‍न दिनांक तक अतिथि शिक्षक कब से किस नियम से कब तक के लिये रखे गये है? (ख) राजगढ़ जिले की विधानसभा राजगढ़ में वि‍भि‍न्‍न प्रकार के अतिथि शिक्षकों के कितने कितने पद कहां-कहां पर रिक्‍त थे? विषयवार बतावें। (ग) उक्‍त पदों में से किन-किन पदों की पूर्ति की गई? विभाग द्वारा रखे गये अतिथि शिक्षकों के नाम, संस्‍था का नाम, विषय एवं स्‍कोर कार्ड में प्राप्‍त अंक सहित बतावें। (घ) प्रश्‍न दिनांक तक विधानसभा राजगढ़ में ऐसे कौन-कौन से स्‍कूल है जिनमें पद रिक्‍त है? क्‍या शासन द्वारा उनमें अतिथि शिक्षको से पूर्ति की जावेगी यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं स्‍कूल का नाम एवं विषयवार बतावें?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 पर है। (ख) अतिथि शिक्षक के लिये पृथक से पद रिक्‍त होने का प्रावधान नहीं है अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-2 पर है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-3 पर है। अतिथि शिक्षकों की व्‍यवस्‍था एक सतत् प्रक्रिया है, जो शिक्षकों के स्‍थानातरण, वीआरएस, सेवानिवृत्ति, मृत्‍यु, सीसीएल, लम्‍बे चिकित्‍सीय अवकाश, अर्जित अवकाश एवं अन्‍य कारण जिससे अध्‍यापन कार्य प्रभावित न हो इस हेतु अतिथि शिक्षको की व्‍यवस्‍था की जाती है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

मध्यप्रदेश मत्स्य पालन निति की जानकारी

[मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास]

139. ( क्र. 1117 ) श्रीमती कंचन मुकेश तनवे : क्या राज्‍य मंत्री, मछुआ कल्‍याण एवं मत्‍स्‍य विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में कुल कितनी मछुआ समितियां पंजीकृत है, इन समितियों के नाम की सूची एवं पंजीयन प्रमाण-पत्र एवं पंजीयन हेतु प्राप्त दस्तावेजों की छायाप्रतियां प्रदान करने का कष्ट करें? (ख) प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में मछुआ समितियां एवं स्व सहायता समूह को पट्टे आवंटित किये गये है, उनके नाम एवं आवंटित पट्टो की छायाप्रति के साथ अनुबंध पत्र की प्रति देवें तथा ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत का अनुमोदन लिया गया है या नहीं, यदि हाँ, तो कार्यवाही विवरण की प्रतियां प्रदान करें और यदि अनुमोदन नहीं लिया गया तो कारण बताने का कष्ट करेंगे। (ग) 10 वर्ष का पट्टा आवंटन हेतु पंचायत एक्ट की धारा 65 के पालन में जिला कलेक्टर के द्वारा जारी किये गये पट्टे के आदेश की प्रतियां प्रदान करने का कष्ट करें। (घ) यदि त्रि स्तर पंचायत राज संस्थाएं का विधिवत अनुमोदन नहीं लिया गया है एवं विधिवत धारा 65 में जिला कलेक्टर से पट्टे आवंटन आदेश जारी नहीं किया गया है, क्या राज्य शासन उक्त अवैध पट्टों को निरस्त करेगा या नहीं।

राज्‍य मंत्री, मछुआ कल्‍याण एवं मत्‍स्‍य विकास ( श्री नारायण सिंह पंवार ) : (क) खण्‍डवा जिले में 68 मछुआ सहकारी समितियां पंजीकृत है जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जी हॉ। शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) पंचायत एक्‍ट की धारा 65 के अनुपालन में जिला कलेक्‍टर द्वारा जारी किये गये पट्टे की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (घ) विधिवत अनुमोदन लिया गया है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

अतिथि शिक्षकों का नियमितीकरण

[स्कूल शिक्षा]

140. ( क्र. 1118 ) श्रीमती कंचन मुकेश तनवे : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत कार्यरत अतिथि शिक्षकों को उनके सेवाकाल के आधार पर उनके भविष्य एवं सेवा को देखते हुए संविदा या नियमित किये जाने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो कब तक इस पर अमल किया जावेगा और यदि नहीं, तो आगे इनके भविष्य के किये क्या कार्य योजना है? (ख) क्या पूर्व वर्षों में पदस्थ अतिथि शिक्षकों को रिक्त पदों पर वरीयता प्रदान करते हुवे नियुक्तियां दी गई है, यदि हाँ, तो पिछले सत्र में कितने कार्यरत थे एवं वर्तमान में कितनों को नियुक्तियां दी गई एवं कितने नियुक्ति हेतु लंबित है और है तो क्यों कारण सहित खंडवा जिले की ब्लाकवार, संकुलवार जानकारी उपलब्ध कराने का कष्ट करें? (ग) क्या अतिथि शिक्षक के रिक्त पदों की जानकारी प्रत्येक सत्रांत पोर्टल पर अपडेट की जाती है, निर्देशों के बाद भी पोर्टल पर समय सीमा में रिक्तियों के अपडेशन कार्य में उदासीनता लापरवाही बरतने वाले कितने अधिकारी कर्मचारियों पर कार्यवाही की गई, उनके नाम की सूची एवं की गई कार्यवाही की छायाप्रतिया उपलब्ध कराने का कष्ट करेंगे। (घ) क्या सत्र आधा बीत जाने के बाद भी अतिथि शिक्षक की नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण नहीं की जा सकी है, जिससे की प्रशिक्षित योग्य आवेदकों में असंतोष व्याप्त है, उक्त प्रक्रिया को कब तक पूर्ण किया जा सकेगा?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। अपितु अतिथि शिक्षक के लिये शिक्षक सीधी भर्ती नियमों में 25 प्रतिशत आरक्षण है, उसी के अनुसार कार्यवाही की गयी है। सीधी भर्ती से शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं/अतिथि शिक्षकों के लिए पृथक से रिक्त पद प्रदर्शित नहीं होते है अतः शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था एक सतत् प्रक्रिया है। शिक्षकों के पदों की रिक्तता यथा स्थानान्तरण, बी.आर.एस., सेवा निवृत्ति, मृत्यु, सी.सी.एल., लंबे चिकित्सीय अवकाश, अर्जित अवकाश एवं अन्य कारण के आधार पर अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था की जाती है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

प्रधानाध्यापक के पद पर पदोन्नति

[स्कूल शिक्षा]

141. ( क्र. 1121 ) श्री राजन मण्‍डलोई : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानाध्यापक के पद पर पदोन्नति हेतु क्या योग्यता है तथा इस संबंध में विभाग के क्या नियम निर्देश हैं? प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या विभाग में कार्यरत उच्च श्रेणी शिक्षकों के अलावा अन्य शिक्षकों को भी जो कनिष्ठ हो प्रधानाध्यापक बनाया जा सकता है तो तत्संबंधी आदेश निर्देश के प्रति उपलब्ध करावें। (ग) यदि नहीं, तो उच्च श्रेणी शिक्षकों के शेष रहते हुए बड़वानी जिले में माध्यमिक शिक्षकों को जो विभाग में वर्ष 2018 में आए हैं किस आधार पर प्रधानाध्यापक का प्रभार सौंपा गया है? तत्संबंधी नियम निर्देश एवं सौंपे गए प्रभार के आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) क्या विभाग प्रश्‍नांश (ग) में जारी आदेश को निरस्त करते हुए वर्ष 2018 के पूर्व से ही नियमित विभागीय उच्च श्रेणी शिक्षकों को प्रधानाध्यापक पद का प्रभार सौंपने की कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं यदि हाँ, तो कब तक?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) वरिष्ठता सह उपयुक्तता के आधार पर पदोन्नति दिये जाने का प्रावधान है। भर्ती तथा पदोन्नति नियम 1973, 2016 एवं 2018 जानकारी  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार(ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) जानकारी निरंक है।                                (घ) उत्तरांश (ग) के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

 

जनशिक्षकों एवं विकासखण्ड अकादमिक समन्वयकों को प्रतिनियुक्ति

[स्कूल शिक्षा]

142. ( क्र. 1122 ) श्री राजन मण्‍डलोई : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल के निर्देशानुसार सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत जिला शिक्षा केन्द्र बड़वानी अंतर्गत कितने जनशिक्षकों एवं विकासखण्ड अकादमिक समन्वयकों को प्रतिनियुक्ति प्रदान की गई हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार क्या जिला शिक्षा केन्द्र बड़वानी द्वारा दिनांक 05/06/2024 को जारी विज्ञप्ति में गणित विषय के शिक्षकों व पूर्व से प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अथवा दो या दो से अधिक कार्यकाल वाले जनशिक्षकों व विकासखण्‍ड अकादमिक समन्वयकों से आवेदन आंमत्रित किए गए थे? (ग) प्रश्‍नांश (क) (ख) के अनुसार यदि हाँ, है तो क्या गणित विषय के शिक्षकों व पूर्व से प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अथवा दो या दो से अधिक कार्यकाल वाले जनशिक्षकों व विकासखण्‍ड अकादमिक समन्वयकों को प्रतिनियुक्ति देने से वंचित किया गया हैं? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) व (ग) के अनुसार यदि हाँ, है तो क्या माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार विज्ञापन जारी होने के बाद व राज्य शिक्षा केन्द्र से जारी प्रतिनियुक्ति नियमों को बदलने का अधिकार जिला कलेक्टर अथवा जिला नियुक्ति समिति को है? (ङ) प्रश्‍नांश (क), (ख), (ग) व (घ) के अनुसार यदि नहीं, तो उक्‍त लापरवाही के लिए जिम्‍मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? क्या नियम विरूद्ध प्रतिनियुक्ति से वंचित किए गए शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति पर नियुक्ति करेगा? यदि हाँ, तो क्या योजना हैं विस्तार से बताएं और नहीं तो क्यों?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट पर है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। बड़वानी जिले की शालाओं में गणित विषय के शिक्षकों की कमी होने से एवं बच्‍चों के शिक्षण कार्य प्रभावित न हो को दृष्टिगत रखते हुए गणित विषय तथा दो या दो से अधिक कार्यकाल वाले जनशिक्षकों एवं विकासखण्‍ड अकादमिक समन्‍वयकों की प्रतिनियुक्ति स्‍थगित रखी गई है। (घ) माननीय उच्‍च न्‍यायालय के आदेशानुसार कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति की कांउसलिंग में सम्मिलित किया गया था। (ड.) जी नहीं। उत्तरांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "अड़सठ"

संचालित योजनाओं की जानकारी

[पर्यटन]

143. ( क्र. 1127 ) श्री सुरेश राजे : क्या राज्‍य मंत्री, पर्यटन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                           (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जा रही है? इनके क्रियान्वयन संबंधी आदेश/नियम की प्रति देवें तथा जिला ग्वालियर में पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु वर्ष 2021-22 से 2024-25 में कितनी-कितनी राशि योजनावार प्राप्त हुई? प्राप्त राशि से किस स्थान पर कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि से स्वीकृत हुए? वर्षवार एवं कार्यवार सहित पूर्ण जानकारी देवें (ख) जिला ग्वालियर अंतर्गत गूजरी महल संग्रहालय एवं पिछोर (विधानसभा डबरा) संग्रहालय अंतर्गत वर्ष 2021-22 से 2024-25 में पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि से करवाए गए? लोक संस्कृति के जन जागरण हेतु किस महाविद्यालय/संस्था से कितने-कितने छात्र-छात्राओं को किस स्थान पर कब से कब तक भ्रमण करवाया गया? प्रत्येक भ्रमण के दौरान कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? उक्त अवधि में इन संग्रहालय का संचालन पर्यटन विभाग अथवा किस संस्था द्वारा किया गया? वर्षवार पूर्ण जानकारी देवें

राज्‍य मंत्री, पर्यटन ( श्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ स्टाफ

[परिवहन]

144. ( क्र. 1129 ) श्री सुरेश राजे : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                           (क) मध्यप्रदेश में पुलिस विभाग से परिवहन विभाग में किस-किस संवर्ग के अधिकारी/कर्मचारी के कितने वर्षों तक प्रतिनियुक्ति/अटेचमेंट पर पदस्थ करने का प्रावधान है? शासन आदेश/नियम की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार वर्तमान में परिवहन विभाग में अन्य किस स्थान के कार्यालय से कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी किस दिनांक से किस स्थान के परिवहन कार्यालय में प्रतिनियुक्ति/अनुलग्न होकर कार्यरत है? पूर्ण जानकारी के साथ सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार मध्यप्रदेश में परिवहन विभाग के चेक पोस्ट बेरियल कहाँ-कहाँ संचालित हैं? इन पर कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी किस दिनांक से पदस्थ हैं संवर्गवार बतावें तथा प्रत्येक चेक पोस्ट से वर्ष 2021-22 से 31 अक्टूबर, 2024 तक कितनी-कितनी आय प्राप्त हुई? वर्षवार पूर्ण जानकारी देवें (घ) प्रश्‍नांश (ग) के अनुसार उक्त अवधि में परिवहन विभाग के किस चेक पोस्ट बेरियल पर कार्यरत किस अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध शिकायत प्राप्त हुई? जिसकी जांच किस अधिकारी के द्वारा करवाई गई? जांच प्रतिवेदन की सत्यापित प्रति उपलब्ध कराएँ।

परिवहन मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश में पुलिस विभाग से परिवहन विभाग में प्रतिनियुक्ति पर अधिकारी/कर्मचारियों को पदस्थ किये जाने के कोई प्रावधान नहीं हैं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) मध्य प्रदेश शासन, गृह विभाग, मंत्रालय वल्लभ भवन, भोपाल के आदेश दिनांक 29 जून, 2024 के द्वारा प्रदेश में अन्तर्राज्यीय सीमाओं पर संचालित परिवहन चैक पोस्ट के स्थान पर 45 रोड़ सैफ्टी इन्फोर्समेंट पॉईन्ट एवं 94 रोड़ सैफ्टी एण्ड इन्फोर्समेंट मोवाईल यूनिट हेतु चिन्हित स्थानों पर जिलेवार सूची अनुसार 211 होमगार्ड जवानों की सेवायें आगामी आदेश तक प्रतिनियुक्ति पर सौंपी गई थी, जिसमें मध्यप्रदेश शासन, गृह विभाग द्वारा दिनांक 12 सितम्बर, 2024 को संशोधित आदेश जारी कर प्रतिनियुक्ति के स्थान पर अस्थाई तैनाती किये जाने के आदेश जारी किये गये है। शासन आदेशों एवं दिनांक 29 जून, 2024 से जिलेवार पदस्थ होमगार्ड की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ग) वर्तमान में मध्यप्रदेश में चैक पोस्ट बैरियर कहीं भी संचालित नहीं हैं। मध्यप्रदेश शासन, परिवहन विभाग, भोपाल के आदेश दि. 30.6.2024 द्वारा प्रदेश में अन्तर्राज्यीय सीमाओं पर संचालित परिवहन जांच चौकियों का संचालन दिनांक 01 जुलाई, 2024 से बन्द किया गया है। शासन आदेश के पालन में परिवहन आयुक्त कार्यालय के आदेश क्रमांक 47 दिनांक 12.07.2024 के द्वारा प्रदेश में चिन्हित स्थानों पर आर.टी.ओ. चैकिंग पॉईंट स्थापित किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। इन चैकिंग पॉईन्ट पर पदस्थ संवर्गवार/दिनांकवार अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। प्रत्येक चैक पोस्ट/चैकिंग पॉईन्टस से वर्ष 2021-22 से 31 अक्टूबर, 2024 तक प्राप्त आय का पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (घ) परिवहन विभाग में पूर्व में संचालित चेक पोस्ट पर पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों एवं जांच अधिकारी तथा जांच अधिकारी द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है।

निर्माण कार्यों की जानकारी

[जल संसाधन]

145. ( क्र. 1133 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र महिदपुर अंतर्गत वर्तमान में कौन-कौन से कार्य निर्माणाधीन है या जिनका निर्माण पूर्ण हो चुका है?निर्माणाधीन कार्यों का कार्यादेश कितनी समयावधि का था? क्या निर्माण कार्य नियत समयावधि में पूर्ण नहीं करने पर विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो कब-कब, किस-किस के द्वारा की गई? जानकारी देवें। (ख) निर्माणाधीन कार्यों का स्थल निरीक्षण एवं गुणवत्ता की जांच कब-कब, किस-किस अधिकारी द्वारा की गयी? निरीक्षण में क्या-क्या कमियां पाई गई? कमियां पाई जाने पर संबंधित पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? जानकारी देवें। (ग) क्‍या महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत क्षिप्रा नदी पर चितावद मेजर प्रोजेक्ट की टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है? यदि हाँ, तो कब तक निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा? क्या डूब प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे किया जा चुका है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से ग्राम एवं कृषि भूमि डूब प्रभावित क्षेत्र अंतर्गत आती है? ग्रामवार, सर्वे क्रमांकवार, नामवार जानकारी देवें। (घ) क्‍या ग्राम एवं कृषि भूमि डूब प्रभावित क्षेत्र में आने के कारण उन्हें शासन द्वारा अन्यत्र आवास एवं कृषि कार्य हेतु भूमि उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है? यदि हां तो इसके लिए शासन के क्या नियम निर्देश है? विवरण देवें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विधानसभा क्षेत्र महिदपुर के अंतर्गत निर्माणाधीन कार्यों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' एवं पूर्ण कार्यों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। निर्माणाधीन कार्यों के समयावधि की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' में दर्शित हैं। भू-अर्जन पूर्ण न होने से बनी हरबाखेड़ी बैराज के निर्माण कार्य को पूर्ण करने हेतु दिनांक 15.07.2025 तक शास्ति के अधिकारों को सुरक्षित रखते हुए समयवृद्धि मुख्य अभियंता, उज्जैन द्वारा प्रदान की जाना प्रतिवेदित है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) निर्माणाधीन हरबाखेड़ी बैराज, सामाकोटा बैराज, डुंगरिया बैराज एवं चितावद वृहद् परियोजना पर विभाग के अधिकारियों के निरीक्षण की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। स्थल पर दिये गये निर्देशानुसार निर्धारित तकनीकी मापदण्ड़ अनुसार गुणवत्तापूर्वक कार्य कराया जाना प्रतिवेदित है। निरीक्षण में कार्य विभागीय मापदण्ड के अनुसार किया गया प्रतिवेदित है। अतः कार्यवाही का प्रश्‍न नहीं उठता। (ग) जी हाँ। दिनांक 19.09.2024 को निर्माण एजेन्सी द्वारा अनुबंध संपादित किया जाकर कार्य प्रारंभ कर दिया गया हैं एवं वर्तमान में चितावद वृहद् परियोजना का सर्वेक्षण कार्य प्रगतिरत हैं। अतः शेष प्रश्‍नांश की जानकारी बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। इसके लिए "भूमि अर्जन, पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013" है।

परिशिष्ट - "उनहत्तर"

शिक्षकों के संविलि‍यन

[स्कूल शिक्षा]

146. ( क्र. 1134 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में कितने शिक्षकों का वर्ग 1, 2 एवं 3 जिनका संविलि‍यन नहीं हुआ है एवं स्थानीय निकाय में ही पदस्थ है? विकासखण्‍डवार, शिक्षकों के नाम, संस्था का नाम, नियुक्ति दिनांक सहित सम्पूर्ण विवरण देवें। (ख) क्या संविलियन नहीं होने वाले शिक्षकों को 1224 वर्ष की क्रमोन्नति‍ की पात्रता है? यदि हाँ, तो किन-किन शिक्षकों को 1224 वर्ष की क्रमोन्नति‍ दी गई है? पृथक-पृथक विकासखंडवार जानकारी देवें। (ग) क्या संविलियन से वंचित निकाय में पदस्थ शिक्षकों को 12 वर्ष की क्रमोन्नति‍ अन्य जिलों में प्रदान कर दी गई है? यदि हाँ, तो जिला शिक्षा अधिकारी उज्जैन द्वारा आयुक्त महोदय भोपाल के मार्गदर्शन प्राप्त करने का हवाला देकर गुमराह किया जा रहा है। ऐसा क्यों? संविलियन करने हेतु शासन के क्या नियम निर्देश है? प्रति उपलब्ध कराएं। जानकारी दे कि कब तक इन्हें क्रमोन्नति‍ प्रदान कर दी जाएगी।

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) जी हां। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (ग) अध्यापक संवर्ग को क्रमोन्नति का लाभ देने के संबध में मध्यप्रदेश शासन, स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय के परिपत्र क्रमांक एफ 1-53/2009/20-1 दिनांक 22.7.2010 जारी किया गया है जिसके तहत क्रमोन्नति की कार्यवाही की गई है। जिला शिक्षा अधिकारी उज्जैन को उनके पत्र दिनांक 21.5.2024 के अनुक्रम में आयुक्त लोक शिक्षण द्वारा मार्गदर्शन प्रदान किया गया है। नवीन भर्ती नियम, 2018 में अध्यापक संवर्ग के लोक सेवकों को नवीन शैक्षणिक संवर्ग में सुसंगत पदों पर नियुक्ति का प्रावधान है, संविलियन का नही, निर्देश की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

रिक्त पदों की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

147. ( क्र. 1137 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सिविल हॉस्पिटल जावरा में सी.टी. स्कैन मशीन, ट्रामा सेंटर, ब्लड बैंक एवं कार्डियक एम्बुलेंस की लगातार मांग की जा रही है तो इसे बजट में सम्मिलित कर स्वीकृति कब तक दी जा सकेगी? (ख) सिविल हॉस्पिटल जावरा में सर्जिकल विशेषज्ञ, बाल रोग, नाक कान गला रोग विशेषज्ञ, एमडी एवं अन्य विशेषज्ञों की कमी लगातार महसूस की जा रही है तो इनकी पदस्थापना के आदेश कब तक दिए जायेंगे? (ग) संजीवनी क्लिनिक शहरी केंद्र जावरा को कब तक प्रारंभ किया जा सकेगा एवं इस हेतु चिकित्सकों एवं स्वीकृत स्टाफ की पद स्थापना कब तक की जायेगी? जानकारी दें। (घ) क्‍या तहसील एवं पिपलोदा तहसील अंतर्गत विभिन्न रिक्त पदों की पूर्ति एवं आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता हेतु कार्यवाही की जा रही है यदि हाँ, तो विभाग इस संबंध में कब तक आदेश जारी करेगा?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) सिविल अस्पताल जावरा, में सी.टी. स्कैन सेवा को वित्तीय रूप से अव्यवहार्य पाया गया है। ट्रामा सेन्टर के संचालन हेतु सिविल अस्पताल प्रावधानित नहीं है। सिविल अस्पताल जावरा में प्रति वर्ष मांग एवं आपूर्ति को देखते हुए ब्लड बैंक के स्थान पर ''ब्लड स्टोरेज यूनिट'' संचालित किया जा रहा है। विभाग द्वारा एम्बुलेंस प्रदाय नहीं की जाती है, अपितु निविदा के माध्यम से चयनित सेवा प्रदाता के माध्यम से एम्बुलेंस सेवायें (मय एडवांस लाईफ सपोर्ट एम्बुलेंस) प्रदाय की जा रही है। सिविल अस्पताल जावरा में प्रावधानित मापदण्ड अनुसार बी.एल.एस. एम्बुलेंस सेवायें उपलब्ध है।                                                                                                              (ख) पदपूर्ति एक निरंतर प्रक्रिया है। अतः निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।                                            (ग) संजीवनी क्लीनिक, जावरा प्रारंभ होकर संचालित है। संजीवनी क्लीनिक पर चिकित्सक एवं सपोर्ट स्टाफ की पदस्थापना की जा चुकी है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। विभिन्न प्रकार के संसाधनों की प्रदायगी व पदपूर्ति एक निरंतर प्रक्रिया है। अतः निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

शासकीय भूमियों के संबंध में

[राजस्व]

148. ( क्र. 1138 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) रतलाम जिला अंतर्गत विभिन्न स्थानों पर ऐसी शासकीय नजूल भूमि एवं शासकीय राजस्व भूमियां किन-किन स्थानों पर है जो कि किसी शासकीय एवं शासनाधीन विभागीय कार्यों में संलग्न नहीं है की ब्लॉकवार, नजूल एवं राजस्व भूमियों की जानकारी दें? (ख) जिला अंतर्गत नजूल एवं राजस्व की ऐसी शेष भूमियां जो शासकीय कार्य में नहीं ली जा रही तो क्या किसी विशेष अनुमति से उन्हें अन्य कार्यों हेतु दिया गया है यदि हाँ, तो कितनी-कितनी अवधि हेतु किन-किन कार्यों के लिए दिया गया है? ब्लॉकवार जानकारी दें। (ग) क्‍या शासकीय नजूल एवं राजस्व के रिक्त पड़ी भूमियों अथवा भवनों पर अतिक्रमण किए जा कर कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से षड्यंत्र पूर्वक निजी भूमि करवाया जा रहा है यदि हाँ, तो ऐसे कितने प्रकरण ब्लॉकवार चिन्हित किये जाकर उन पर क्या कार्यवाही की गई? ब्लॉकवार जानकारी दें। (घ) नियमानुसार दी गई पट्टे पर भूमि, भवन इत्यादि को छोड़कर नियम विरुद्ध अनाधिकृत रूप से उक्ताशय की दोनों भूमियों पर ऐसे कितने कब्जेधारी हैं जिनकी अनुमति की अवधि समाप्त हो चुकी एवं नवीनीकरण नहीं हुआ, जो सीधे-सीधे अवैध कब्जेधारी होकर अतिक्रमण किया हुआ है तो उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) :  (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।

पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों की वेतन वृद्धि एवं पदोन्नति

[स्कूल शिक्षा]

149. ( क्र. 1140 ) श्री विपीन जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) वर्ष 2018 से 2024 तक प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत कितने शिक्षकों को राज्यपाल (राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार) पुरस्कार एवं राष्ट्रपति (राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार) प्राप्त हुए हैं उनके नाम, पद एवं विद्यालय की जानकारी वर्षवार देवें? (ख) क्या राज्यपाल एवं राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को अग्रिम वेतन वृद्धि एवं समय पूर्व पदोन्नति देने का प्रावधान है यदि हाँ, तो इस संबंध में आदेश की छाया प्रति देवें? (ग) क्या वर्ष 2018 से 2024 तक पुरस्कार प्राप्त सभी शिक्षकों को वेतन वृद्धियां एवं पदोन्नतियां दे दी गई है? (घ) यदि वेतन वृद्धि एवं पदोन्नतियां नहीं दी गई है तो क्यों नहीं दी गई एवं कब तक दे दी जाएगी?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

अतिक्रमण को मुक्त किया जाना

[राजस्व]

150. ( क्र. 1141 ) श्री विपीन जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार द्वारा समय-समय पर शासकीय भूमि को अतिक्रमण से मुक्त किए जाने की कार्यवाही की जाती है? यदि हाँ, तो बताएं कि ग्राम फतेहगढ़ तहसील दलोदा जिला मंदसौर में सर्वे क्रमांक 590/1 एवं 590/2 की शासकीय भूमि पर किए गए अतिक्रमण की शिकायतों के बावजूद अतिक्रमण को मुक्त क्यों नहीं किया गया है? (ख) प्रश्‍नकर्ता द्वारा अतिक्रमण को मुक्त करने के संबंध में जिला कलेक्टर मंदसौर को प्रेषित पत्र के संदर्भ में कलेक्टर कार्यालय मंदसौर द्वारा पत्र क्रमांक 13/मंत्रीगण 2024, दिनांक 25/1/24 के माध्यम से अनुभागीय अधिकारी राजस्व मंदसौर को समय-सीमा में जांच और कार्यवाही कर प्रतिवेदन हेतु लिखा गया है? यदि हाँ, तो उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई है की गई संपूर्ण कार्यवाही का विवरण देवें? यदि नहीं, तो क्यों इसके क्या कारण रहे हैं? (ग) फतेहगढ़ तहसील दलोदा में सर्वे क्रमांक 590/1 एवं 590/2 पर वर्तमान में किसका और किस प्रकार का अतिक्रमण है उक्त शासकीय भूमि को कब तक अतिक्रमण मुक्त कर दिया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जिले में म.प्र.भू.रा.स. 1959 की धारा 248 में समय-समय पर शासकीय भूमि पर से अतिक्रमण मुक्त किए जाने की कार्यवाही की जाती है। सर्वे क्रमांक 590/1 रकबा 0.209 हेक्टेयर शासकीय व सर्वे क्रमांक 590/2 रकबा 1.00 हेक्टेयर मद आबादी ग्राम फतेहगढ़ तहसील दलोदा की भूमि है। उक्त दोनों भूमियों पर कोई अतिक्रमण नहीं है। (ख) जी हाँ। माननीय विधायक मन्दसौर द्वारा कलेक्टर महोदय को संबोधित पत्र लिखा गया था जिस पर कलेक्टर महोदय के निर्देशानुसार वस्तुस्थिति के संबंध में माननीय विधायक श्री विपीन जैन को तहसीलदार दलोदा एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मन्दसौर द्वारा दूरभाष पर अवगत कराया गया था कि उपरोक्त दोनों सर्वे क्रमांक पर कोई अतिक्रमण नहीं है। (ग) ग्राम फतेहगढ़ तहसील दलोदा सर्वे क्रमांक 590/1 रकबा 0.209 हेक्‍टेयर शासकीय व सर्वे क्रमांक 590/2 रकबा 1.00 हेक्‍टेयर मद आबादी पर कोई अतिक्रमण नहीं है। सर्वे क्र. 590/2 आबादी की भूमि पर राज्य शासन के निर्देशानुसार स्वामित्व योजना की कार्यवाही प्रचलित है।

 

एस.एन.सी.यू., पी.आई.सी.यू., एन.आर.सी. में अनियमितता

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

151. ( क्र. 1144 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2018 के पश्चात नीमच जिला चिकित्सालय में एस.एन.सी.यू., पी.आई.सी.यू., एन.आर.सी. में औषधीय उपकरण, ऑक्सीजन गैस तथा चिकित्सालय में अन्य निर्माण कार्य, विभिन्न खरीदी पर कितनी राशि व्यय की गई? उक्त अवधि की कैशबुक की प्रतिलिपि मय वाउचर सहित दें। ऑडिट रिपोर्ट की प्रतिलिपि भी दें। औषधीय उपकरण में कौन-कौन सी सामग्री खरीदी गई? उपरोक्त कार्य कॉर्पोरेशन या अन्य से किए गए या स्थानीय स्तर पर किए गए? (ख) प्रश्‍नांश (क) संदर्भित उक्त अवधि में एस.एन.सी.यू., पी.आई.सी.यू., एन.आर.सी. में कितने बच्चे भर्ती हुए व कितनों को रेफर किया गया? रेफर किए जाने का कारण सहित जानकारी दें। उक्त कार्य हेतू जिले में कितनी-कितनी नर्सें एवं डॉक्टर प्रशिक्षित हैं और वर्तमान में इनसे कौन सा कार्य लिया जा रहा है? (ग) विशिष्ट कार्यालयों से एस.एन.सी.यू., पी.आई.सी.यू., एन.आर.सी. में किन-किन अधिकारियों ने किस-किस तिथि को उक्त अवधि में भ्रमण किया? उनके द्वारा कौन-सी कमियाँ पाई गईं और उन्हें सुधारने के लिए क्या निर्देश दिए? पाई गई कमियों के लिए किन-किन के खिलाफ क्या कार्यवाही की? (घ) क्या नीमच, मंदसौर जिलों में एस.एन.सी.यू., पी.आई.सी.यू., एन.आर.सी. में अधिकारियों की लापरवाही और अनियमितता के चलते शासन की राशि का दुरुपयोग हो रहा है? यदि हाँ,तो उक्त कार्यों को लेकर किस-किस व्यक्ति ने कहाँ-कहाँ पर किस प्रकार की शिकायत की, शिकायतकर्ता का नाम और की गई शिकायत की प्रति दिनांक सहित दें?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जनवरी 2018 के पश्चात प्रश्‍न दिनांक तक नीमच जिला चिकित्सालय में एस.एन.सी.यू., पी.आई.सी.यू., एन.आर.सी. में औषधीय उपकरण, आक्सीजन गैस तथा चिकित्सालय में अन्य निर्माण, विभिन्न खरीदी पर कुल राशि- 3,27,58,749.65/- रूपये (तीन करोड़ सत्ताईस लाख अठ्ठावन हजार सात सौ उन्नचास रूपये एवं पैसठ पैसे) व्यय की गई है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार। (ख) प्रश्‍नांश (क) उक्त अवधि में एस.एन.सी.यू.एवं पी.आई.सी.यू. व एन.आर.सी. में कुल 15987 बच्चे भर्ती हुए तथा एस.एन.सी.यू. एवं पी.आई.सी.यू. व एन.आर.सी. से कुल 701 बच्चे रैफर किये गये, रेफर करने का मुख्य कारण जन्मजात विकृति उपचार हेतु शल्यक्रिया आवश्यकता पड़ने पर, गंभीर शिशु जिन्हें श्वास संबंधी समस्या हेतु उच्च स्तरीय वेन्टीलेशन सपोर्ट की आवश्यकता पड़ने पर, गंभीर शिशुओं में उच्च स्तरीय जांच हेतु, जन्मजात मेटाबॉलिक डिसऑर्डर के उपचार इत्यादि है। उक्त कार्य हेतु जिले में 5 शिशु रोग विशेषज्ञ, 2 चिकित्सा अधिकारी एवं 15 नर्स प्रशिक्षित है, उक्त स्टाफ से एस.एन.सी.यू., पी.आई.सी.यू. एवं एन.आर.सी. में उपचार एवं देखभाल संबंधी कार्य लिया जा रहा है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

 

 

शासकीय मंदिरों का जीर्णोद्धार

[धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व]

152. ( क्र. 1146 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या राज्‍य मंत्री, धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच, मंदसौर जिले में कुल कितने मंदिर शासकीय मंदिर के रूप में दर्ज हैं, इनकी कुल कितनी संपत्ति किस-किस प्रकार की नगद/एफडी या अन्य के रूप में दर्ज है?                                        (ख) उक्त जिलों में जिला कलेक्टर को कब-कब, किस-किस मंदिर के जीर्णोद्धार एवं अन्य कार्यों हेतु पंचायतों एवं समितियों से 1 जनवरी 2015 के पश्चात पत्र प्राप्त हुए हैं तथा उक्त अवधि में कितने मंदिरों को जीर्णोद्धार हेतु विभाग से राशि दी गई, दी गई राशि के उपरांत किन-किन मंदिरों का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है एवं किनका शेष है? (ग) उक्त जिलों के कलेक्टर द्वारा धर्मस्व विभाग भोपाल को कब-कब, किस-किस मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए राशि की मांग की गई? पत्र दिनांक सहित की गई कार्यवाही की जानकारी दें नीमच विधानसभा में कुल कितने शासकीय मंदिरों के प्रस्ताव विभाग के पास किन-किन कारणों से लंबित हैं? इन्हें राशि कब तक उपलब्ध करा दी जाएगी?

राज्‍य मंत्री, धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व ( श्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी ) : (क) नीमच जिले में 1440 एवं मंदसौर जिले में 2306 कुल 3746 शासन संधारित मंदिर दर्ज है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। (ख) नीमच जिले में स्थित भादवामाता मंदिर परिसर हेतु राशि रूपये 30.00 लाख की स्‍वीकृ‍त प्रदान की गई है। मंदसौर जिले की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। नीमच विधानसभा अंतर्गत कुल 07 मंदिरों के जीर्णोद्धार प्रस्‍ताव लंबित है। कार्य की औचित्‍यता एवं बजट की उपलब्‍धता के आधार पर राशि स्‍वीकृत की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

शिकायती पत्रों में कार्यवाही

[मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास]

153. ( क्र. 1147 ) श्री नागेन्द्र सिंह : क्या राज्‍य मंत्री, मछुआ कल्‍याण एवं मत्‍स्‍य विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास, मध्यप्रदेश शासन द्वारा अपने पत्र क्र. 263/रा.मंत्री/मं.क. एवं म.वि./2024 भोपाल दिनांक 19.07.2024 द्वारा सचिव, मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास मंत्रालय म.प्र. को जांच एवं कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था? यदि हां तो उपरोक्त पत्र में की गई जांच एवं कार्यवाही से संबंधित समस्त दस्तावेज उपलब्ध करायें यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? यदि कार्यवाही होगी तो कब तक? समय सीमा बतायें। (ख) क्या श्री रमाकान्त त्रिपाठी निवासी नीम चैराहा बोदाबाग रीवा द्वारा श्रीमती अंजना सिंह सहायक संचालक रीवा के विरूद्ध बिन्दुवार शिकायत दिनांक 15.10.2024 को प्रमुख सचिव मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास म.प्र.शासन को दी गई थी? यदि हां तो की गई कार्यवाही से संबंधित समस्त दस्तावेज उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो क्यों? यदि होगी तो कब तक?

राज्‍य मंत्री, मछुआ कल्‍याण एवं मत्‍स्‍य विकास ( श्री नारायण सिंह पंवार ) : (क) जी हां। विभाग का पत्र क्रमांक 833/म/शिकायत/2023-2024 दिनांक 26.06.2024 पत्र क्रमांक 1781/म/शिकायत/ 2024-25 दिनांक 19.09.2024 संयुक्‍त संचालक मत्‍स्‍योद्योग जबलपुर को जांच हेतु पत्र जारी किया गया। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट -अ अनुसार है। (ख) जी हां। पत्र क्रमांक 2972/म/शिकायत/                      2024-25 दिनांक 05.12.2024 संयुक्‍त संचालक मत्‍स्‍योद्योग जबलपुर को जांच हेतु पत्र जारी किया गया। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-ब अनुसार है।

परिशिष्ट - "सत्तर"

विभागीय संचालित योजनाएं एवं दायित्वों की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

154. ( क्र. 1148 ) श्री नागेन्द्र सिंह : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मिशन संचालक एन.एच.एम.मध्यप्रदेश द्वारा आदेश क्र./एन.एच.एम./एम.एच./2024/11720 भोपाल दिनांक 27.08.2024 के माध्यम से जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम अन्तर्गत गर्भवती महिलाओं को संबद्ध निजी सोनोग्राफी सेंटर के माध्यम से निःशुल्‍क सोनोग्राफी सेवाएं प्रदान करने के संबंध में जारी किया गया था? यदि हां तो प्रश्‍न दिनांक तक रीवा जिले में कितनी गर्भवती महिलाओं को निःशुल्‍क सोनोग्राफी सेवा प्रदान की गई? नाम पता सहित विवरण उपलब्ध करायें। साथ ही प्रत्येक निजी सोनोग्राफी सेंटर को किय गये भुगतान संबंधी विवरण उपलब्ध कराये। (ख) रीवा जिले में संचालित प्रॉयवेट क्लीनिक, प्रॉयवेट नर्सिंग होम, प्रॉयवेट अस्पताल पैथोलॉजी सेंटर एवं रिसर्च सेंटरों की जानकारी, संचालक, पदस्थ चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्‍टॉफ, तकनीकी स्‍टॉफ के नाम, पता एवं आवश्‍यक शैक्षणिक आर्हता संबंधी दस्तावेजों सहित उपलब्ध करायें, शासन के दिशा निर्देशों अनुसार जिला/राज्य स्तरीय सत्यापन/निरीक्षण/जांच दल एवं प्राप्त शिकायतों में गठित जांच दल द्वारा की गई जांच/सत्यापन/निरीक्षण रिपोर्ट/प्रतिवेदनों की प्रतियां वर्ष 2017 से प्रश्‍न दिनांक तक उपलब्ध करायें। (ग) रीवा जिले में राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम,दस्तक अभियान, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अन्तर्गत प्राप्त बजट एवं व्यय राशि का मदवार/योजनावार विवरण उपरोक्त कार्यक्रमों हेतु शासन के दिशा-निर्देशों की प्रतियां, दिशा-निर्देशों अनुसार दिये गये प्रशिक्षण, आयोजित शिविरों, प्रदाय किये गये उपचार से संबंधित प्रतिभागियों/लाभार्थियों की नाम, पता सहित सूची वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक उपलब्ध करायें।

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हां। रीवा जिले में 55 गर्भवती महिलाओं को निःशुल्क सोनोग्राफी सेवा प्रदान की गई है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार। भुगतान की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार                                (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार(ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है।

विभागीय कार्यों से संबंधित जानकारी उपलब्‍ध कराया जाना

 [लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

155. ( क्र. 1149 ) श्री नागेन्द्र सिंह : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या चिकित्‍सा शिक्षा विभाग अन्‍तर्गत पदस्‍थ चिकित्‍सकों को प्रॉयवेट प्रैक्टिस करने की अनुमति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो संबधित दिशा निर्देशों की प्रति उपलब्‍ध करायें। (ख) श्‍यामशाह चिकित्‍सा मेडिकल कॉलेज रीवा अन्‍तर्गत संजय गांधी स्‍मृति चिकित्‍सालय रीवा में कराये गये मरम्‍मत एवं रख-रखाव संबंधी कार्यों हेतु किये गये भुगतान की जानकारी वर्ष 2016-18 से प्रश्‍न दिनांक तक उपलब्‍ध करायें। (ग) संजय गांधी चिकित्‍सालय रीवा में कुल कितनी लिफ्टें स्‍थापित हैं? कितनी कार्यशील हैं? परिचालन/संधारण किस फर्म/संस्‍था/व्‍यक्ति द्वारा कब से किया जा रहा है? परिचालन/संधारण करने वाले फर्म/संस्‍था/व्‍यक्ति द्वारा कब से किया जा रहा है? परिचाल/संधारण करने वाले फर्म/संस्‍था/व्‍यक्ति को प्रश्‍न दिनांक तक किये गये भुगतान से संबंधित दस्‍तावेजों की प्रति उपलब्‍ध करायें। परिचालन/संधारण करने वाले फर्म/संस्‍था/व्‍यक्ति द्वारा नियुक्ति कर्मचारियों/ऑपरेटरों के नाम, पता की जानकारी उपलब्‍ध करायें, लिफटों के परिचालन/संधारण हेतु आमंत्रित निविदा से संबंधित समस्‍त दस्‍तावेजों की प्रति उपलब्‍ध करायें।
उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हां। विभाग द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देश की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार।        (ख) श्‍यामशाह चिकित्‍सा मेडिकल कालेज रीवा अंतर्गत संजय गांधी स्‍मृति चिकित्‍सालय, रीवा में कराए गए मरम्‍मत एवं रख-रखाव संबंधी कार्यों हेतु वर्ष 2016-17 से प्रश्‍न दिनांक तक की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार(ग) संजय गांधी स्‍मृति चिकित्‍सालय, रीवा में कुल 11 लिफ्टस स्‍थापित है जिसमें से वर्तमान में 04 लिफ्टस कार्यशील है। वर्तमान में लिफ्टों का परिचालन 14.03.2024 से मेसर्स नेशनल ट्रेडर्स रीवा एवं लिफ्टों का संधारण वर्ष 2020 से मेसर्स फोर्स टेक्‍नोलॉजी, जबलपुर द्वारा किया जा रहा हैजानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार। परिचालन/संधारण करने वाले फर्म/संस्‍था/व्‍यक्ति को प्रश्‍न दिनांक तक किए गए भुगतान के संबंधित दस्‍तावेजों की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार। वर्तमान में लिफ्टों का परिचालन मेसर्स नेशनल ट्रेडर्स रीवा द्वारा किया जा रहा है, फर्म द्वारा नियुक्‍त कर्मचारियों, ऑपरेटरों के नाम, पता की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार। वर्तमान में लिफ्टों का परिचालन हेतु निविदा संबंधी दस्‍तावेज की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-6 अनुसार

निजी अस्‍पतालों द्वारा की जा रही अनियमित्‍ता

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

156. ( क्र. 1150 ) श्री हरी सिंह सप्रे : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में आयुष्‍मान योजना के नाम पर निजी अस्‍पतालों द्वारा पैसे वसूलने के बाद उनका बिल आयुष्‍मान योजना के तहत लगा रहे है तथा बहार से कराई गई जांचे भी उसमें जोड़ी गई है ऐसे कितने अस्‍पताल है तथा उक्‍त अस्‍पतालों द्वारा किये गए फर्जीवाड़े पर विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई अस्‍पतालवार जानकारी देवें? (ख) आयुष्‍मान योजना में गड़बड़ी की कितनी शिकायतें टोल फ्री नम्‍बर पर एवं ऑफलाईन प्राप्‍त हुई एवं उक्‍त शिकायतों के संबंध में निजी अस्‍पतालों पर क्‍या कार्यवाही की गई अस्‍पताल वार जानकारी देवें? यदि नहीं, की गई तो क्‍या कारण है? (ग) प्रदेश की कितने निजी अस्‍पताल आयुष्‍मान योजना में चिन्‍हित है एवं किन- किन बीमारियों हेतु चिन्‍हित है अस्‍पतालवार जानकारी देवें?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) आयुष्मान योजनांतर्गत सम्बद्ध निजी चिकित्सालय द्वारा आयुष्मान पात्र हितग्राही से उपचार के दौरान राशि की मांग की जाती है तो इस संबंध में NHA एवं SHA द्वारा जारी गाईडलाईन अनुसार चिकित्सालय के विरूद्ध शिकायत प्राप्त होने की स्थिति में नियमानुसार कार्यवाही की जाती है तथा शिकायत प्रमाणित होने के उपरांत उक्त चिकित्सालय के विरूद्ध MOU में उल्लेखित शर्तों के उल्लंघन पाए जाने पर SOP के अनुसार एवं NHA/SHA के दिशा-निर्देश अनुसार कार्यवाही की जाती है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार। (ख) आयुष्मान योजना में गड़बड़ी की प्राप्त शिकायतों (टोल फ्री नम्बर एवं ऑफलाईन) के आधार पर संबंधित चिकित्सालय के विरूद्ध SOP के अनुसार एवं NHA/SHA के दिशा-निर्देश अनुसार प्रमाणित होने पर कार्यवाही की जाती है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार।

युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया की जानकारी

[स्कूल शिक्षा]

157. ( क्र. 1153 ) डॉ. राजेश सोनकर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला देवास इन्दौर अंतर्गत युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में शिक्षकों की काउन्सलिंग हुई थी? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो क्या शिक्षकों द्वारा काउन्सलिंग में शालाओं का चयन किया गया था उनमें डीईओ कार्यालय में लिपिक समिति एवं डीईओ द्वारा भरी गई गूगल शीट में शिक्षकों द्वारा चयनित स्थान में परिवर्तन कर गूगल शीट में हेरफेर की शिकायत क्या शिक्षकों एवं कर्मचारी संघटन द्वारा की गयी है? इन शिकायतों पर क्या कार्यवाही हुई? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में क्या काउन्सलिंग में कई शिक्षकों की पदस्थापना समान विषय के शिक्षकों वाली शाला में की गयी है जिससे संबंधित शाला में क्या अधिक शिक्षक अतिशेष हो गये? क्या संदर्भित जिले के डीईओ ने शासन के आदेश की अवहेलना की है? (घ) प्रश्‍नांश (क) में संदर्भित जिले अंतर्गत लिपिक समिति एवं डीईओ समिति द्वारा जिन शिक्षकों को उच्च पद प्रभार पर शासन द्वारा पदस्थापना की गई थी, उनमें कुछ शिक्षकों के पदनाम में ज्वाईनिंग करने के उपरान्त भी पदनाम एवं पदस्थापना में परिवर्तन किया गया है,ऐसे शिक्षकों के नाम एवं पदनाम तथा संस्था का नाम और किस नियम के तहत परिवर्तन किया गया है?विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराने का आग्रह है? दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेंगी एवं कब तक?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जी हां। (ख) देवास जिला अंतर्गत शिक्षकों एवं कर्मचारी संगठनों से किसी प्रकार की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। इन्दौर जिले में प्राप्त शिकायत के संदर्भ में संयुक्त संचालक लोक शिक्षण इन्दौर के आदेश क्र.सीनीपीए/जांच/2024/4237 दिनांक 27.11.24 द्वारा 5 सदस्यीय जांच दल गठित कर जांच करवाई की जा रही है। (ग) उत्तरांश '''' अनुसार। (घ) देवास जिले की जानकारी निरंक है। इन्दौर में जांच उपरांत गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जाएगी।

 

 

स्नातकोत्तर (MDS) पाठ्यक्रम की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

158. ( क्र. 1155 ) डॉ. राजेश सोनकर : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के एकमात्र शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय इंदौर में तीन विषयों में संचालित स्नातकोत्तर (MDS) पाठ्यक्रम क्रमशः           1. ऑर्थोडोंटिक्स 2 से 5 सीट 2. प्रोस्थोडोंटिक्स 3 से 5 सीट 3. ओरल एंड मैक्सिलोफेशल सर्जरी 3 से 5 सीट कुल 7 सीटे हेतु भारतीय दंत चिकित्सा परिषद नई दिल्ली (DCI) द्वारा केंद्र सरकार को मान्यता नवीनीकरण न करने हेतु अनुशंसा की गई है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो क्या भारतीय दंत चिकित्सा परिषद नई दिल्ली (DCI) के द्वारा द्वितीय वर्ष तक की मान्यता का नवीनीकरण किया था? कृपया स्पष्ट जानकारी दें? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में भारतीय दंत चिकित्सा परिषद नई दिल्ली (DCI) द्वारा तृतीय वर्ष सत्र 2025-26 की मान्यता किन कारणों से नवीनीकरण नहीं करने की अनुशंसा की है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में राज्य सरकार द्वारा शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय इंदौर की मान्यता जारी रखने के लिए केंद्र सरकार स्तर पर क्या कार्यवाही की जा रही है? कृपया विस्तृत जानकारी करें।

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार(ग) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार। (घ) राज्‍य सरकार द्वारा शासकीय दंत चिकित्‍सा महाविद्यालय, इंदौर की मान्‍यता जारी रखने हेतु विभागीय पत्र दिनांक 13/11/2024 से केन्‍द्र सरकार से नवीनीकरण की अनुमति जारी रखने हेतु एवं दर्शाई गई कमियों की पूर्ति समय-सीमा में पूर्ण करने हेतु अण्‍डरटेकिंग जारी की गई। केन्‍द्र सरकार द्वारा महाविद्यालय को अपना पक्ष रखने हेतु व्‍यक्तिगत सुनवाई दिनांक 14/11/2024 को नियत की गई महाविद्यालय के प्रतिनिधि द्वारा समस्‍त दस्‍तावेजों के साथ नियत दिनांक को केन्‍द्र सरकार के समक्ष उपस्थित होकर अपना पक्ष रखा जिसका निर्णय आज दिनांक तक अपेक्षित है।

सेंधवा शहर की लीज एवं नजूल भूमि

[राजस्व]

159. ( क्र. 1156 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) नजूल एवं लीज की भूमि पर सेंधवा शहर की बसाहट में आधिपत्य खातेदारों को लेकर राज्य शासन के पास कोई कार्य योजना है। (ख) मध्यप्रदेश में ऐसे कितने शहर एवं ग्राम है जो संपूर्ण नजूल एवं लीज की जमीन पर बसे हुए है।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) वर्तमान में ऐसी कोई योजना विचारधीन नहीं है।       (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "इकहत्तर"

 

 

चिकित्सकों को समयमान/वेतन नहीं दि‍या जाना

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

160. ( क्र. 1158 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चि. शि. विभाग के आदेश क्र. F-1/1/13/0001/2023/1/55], भोपाल, दिनांक 05/10/2023 द्वारा चिकि.शि. विभाग के शासकीय/स्वशासी महाविद्यालयों में चिकित्सकों को समयमान/चयन वेतनमान दिया गया? (ख) मध्यप्रदेश के स्वशासी चिकि. महाविद्यालयों, श्याम शाह चिकि. महा. रीवा के आदेश क्र. 4177-85/स्था/राज/एम0सी/2024, दिनांक 14/02/2024, कार्यालय अधिष्ठाता, गजराराजा चिकि. महा. ग्वालियर के आदेश क्रमांक 11994-12001/स्था/राज/एम0सी/2024, दिनांक 15/04/2024 एवं कार्यालय अधिष्ठाता नेताजी सुभाषचंद्र बोस चिकि. महा. जबलपुर, के आदेश क्रमांक 3883/स्था/राज/24/दिनांक 26/04/2024, द्वारा सहायक प्रध्यापक पद पर कार्यरत चिकित्सकों को समयमान/चयन वेतनमान का लाभ उनके प्रथम पद प्रदर्शक की नियुक्ति दिनांक से दिया गया हैं? (ग) कार्यालय अधिष्ठाता गाँधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल के आदेश क्रमांक 15220-27/स्था/राज/4/2005/भोपाल, दिनांक 19/07/2005, 8058/एम0सी/04/2007, दिनांक 10/04/2007, 2203-09/स्था/राज/4/2005/भोपाल, दिनांक 24/11/2005 एवं 29180-81/स्था/राज/4/2007/भोपाल, दिनांक 20/12/2007 द्वारा प्रदर्शक पद पर नियुक्त चिकित्सकों, जो वर्तमान में कार्यालय अधिष्ठाता, गां. चिकि. महा. भोपाल के आदेश क्रमांक 1055-64/शा.स्वा. चिकि. महा/भोपाल, दिनांक 06/04/2018, आदेश क्रमांक 1086-94/शा.स्वा. चिकि. महा/भोपाल, दिनांक 06/04/2018, आदेश क्र. 1065-74/शा.स्वा. चिकि. महा/भोपाल, दिनांक 06/04/2018 एवं क्रमांक- 27492-99/शा.स्वा.चिकि. महा/भोपाल, दिनांक 29/08/2018, द्वारा सहायक प्राध्यापक पद पदस्थ हैं,  प्रश्‍नांश ''क'' एवं ''ख'' अनुसार समयमान/चयन वेतनमान का लाभ नहीं दिए जाने का विधिवत कारण बताये। यदि समयमान/चयन वेतनमान दिया जाना है तो समय-सीमा बतायें।
उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

अथिति शिक्षकों का नियमितीकरण

[स्कूल शिक्षा]

161. ( क्र. 1161 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2023 में अतिथि शिक्षक के नियमित होने और अन्य मांगों को लेकर पूर्व सरकार के मुख्यमंत्री ने जो घोषणा की थी, उस विषय में आज तक की विभाग की कार्यवाही की जानकारी प्रदान करें। (ख) 11/09/2019 को विभाग आयुक्त ने आदेश "अतिथि शिक्षक/2019/2865" नियमि‍तिकरण हेतु जो दिशा निर्देश दि‍ये गए थे, उस विषय और आदेश के पालन पर विभाग द्वारा आज तक जो भी कार्यवाही की है, उसकी जानकारी प्रदान करें। यदि आदेश का पालन नहीं हुआ तब कौन से कारण बाधक कारण रहे।

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी संलग्‍न  परिशिष्ट  अनुसार है।               (ख) प्रश्‍नाधीन आदेश अतिथि शिक्षकों को सीधी भर्ती में 25 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने के संबध में था। नियमितीकरण संबधित कोई शासन आदेश नहीं है। अतः शेषांश उद्भूत नहीं होता।

परिशिष्ट - "बहत्तर"

पर्यटन विभाग अंतर्गत संचालित योजनाएं एवं आवंटित राशि

[पर्यटन]

162. ( क्र. 1166 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या राज्‍य मंत्री, पर्यटन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग की विभागीय संरचना क्या है तथा पर्यटन विभाग के अंतर्गत कौन-कौन सी सम्पत्तियां/प्राचीन धरोहर/संस्थाऐं/इकाइयां एवं सम्मिलित है उक्त सभी संस्थाओं एवं इकाइयों की संस्थावार एवं जिलेवार तथा तहसीलवार जानकारी उपलब्ध कराये?          (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार मध्यप्रदेश अंतर्गत संचालित संस्थाओं में वित्तीय वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन सी योजनाओं में किन-किन निर्माण/विकास एवं अन्य कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गयी है योजनावार, मदवार, कार्य के नाम, कुल स्वीकृत राशि, तकनीकि स्वीकृति, प्रशासकीय स्वीकृति, कार्यादेश सहित विस्तृत जानकारी जिलेवार तथा तहसीलवार उपलब्ध करायें? (ग) मध्यप्रदेश में विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं में आवंटित राशि के विरूद्ध कितनी राशि किस-किस निर्माण/विकास कार्य पर व्यय की गयी, कितनी राशि शेष है योजनावार, मदवार जानकारी जिलेवार तथा तहसीलवार उपलब्ध करायी जावे? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के अनुसार गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य में लापरवाही, अनियमितता तथा कार्य एजेन्सियों, ठेकेदारों, फर्मों को किये गये भुगतान में अनियमितता की शिकायतों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गयी, जांच प्रतिवेदन एवं की गयी कार्यवाही की जानकारी जिलेवार तथा तहसीलवार उपलब्ध करावे?

राज्‍य मंत्री, पर्यटन ( श्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी ) : (क) विभाग की संरचना की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट एवं अनुसार। संस्‍थाओं एवं इकाइयों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।                                     (ग) उत्‍तरांश अनुसार। (घ) शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

लिपिक संवर्ग को उच्च पद प्रभार दिया जाना

[स्कूल शिक्षा]

163. ( क्र. 1167 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्कूल शिक्षा विभाग में उच्च पद प्रभार योजना का लाभ किन-किन संवर्ग के कर्मचारियों को दिये जाने के आदेश हुये हैं? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) जिला जबलपुर के लिपिक संवर्ग एवं भृत्य संवर्ग के किन-किन कर्मचारियों को उच्च पद प्रभार का लाभ प्रदान हुआ है? यदि नहीं, हुआ है तो क्या कारण है? कब तक लिपिक/भृत्य संवर्ग को उच्च पद प्रभार का लाभ दे दिया जायेगा? निश्चित समय सीमा बतायें? (ग) जिला जबलपुर अंतर्गत लिपिक संवर्ग के कहाँ-कहाँ कितने पद किस दिनाँक से रिक्त हैं? संवर्ग वार सूची उपलब्ध करावें? रिक्त पदों को भरे जाने हेतु शासन की क्या योजना है? जानकारी दें।

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) म.प्र.राजपत्र (असाधारण) दिनांक 20.12.2022 के अनुसार म.प्र. राज्य एवं अधीनस्थ शिक्षा सेवा (सेवा शाखा) भर्ती तथा पदोन्नति नियम 2016 की अनुसूची दो एवं म0प्र0राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) सेवा शर्ते एवं भर्ती नियम 2018 के नियम 5 के उपनियम (4) में स्थापित खण्ड (ग) के अनुसार अनुसूची दो में उल्लेखित संवर्ग के लोक सेवकों को उच्च पद प्रभार का लाभ दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जी नहीं। परीक्षणाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। विधिक कारणों से पदोन्नति की कार्यवाही अवरूद्ध होने के कारण पदोन्नति नहीं की जा रही है। सीधी भर्ती के रिक्त पदों की पदपूर्ति की जाना एक सतत प्रक्रिया है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

स्‍कूल शिक्षा विभाग में संविलियन

[स्कूल शिक्षा]

164. ( क्र. 1175 ) श्री पन्‍नालाल शाक्‍य : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला गुना में कितने सहायक अध्‍यापक, अध्‍यापक एवं वरिष्‍ठ अध्‍यापकों का स्‍कूल शिक्षा विभाग में संविलियन नहीं किया गया है सूची देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) वर्णित कितने सहायक अध्‍यापक, अध्‍यापक एवं वरिष्‍ठ अध्‍यापकों के शिक्षक संवर्ग में डिजीटल आदेश हेतु संयुक्‍त संचालक लोक शिक्षण संभाग ग्‍वालियर में प्रकरण लंबित है। लंबित रखने के क्‍या कारण है, यदि बिना कारण के लंबित रखे गये हैं तो दोषी अधिकारी पर क्‍या कार्यवाही की जायेगी और कब तक? (ग) गुना जिले में रानी लक्ष्‍मी बाई आत्‍मरक्षा कार्यक्रम वित्‍तीय वर्ष 2023-24 में प्रशिक्षण एवं सामग्री क्रय पर कितना बजट व्‍यय किया है विद्यालयवार सूची देवें। प्रशिक्षक का नाम व किस विद्यालय में प्रशिक्षण देने गया एवं प्रशिक्षक की योग्‍यता सर्टिफिकेट की छायाप्रति तथा भुगतान किये गये व्‍यय व्‍हाउचर की छायाप्रति एवं क्रय की गई सामग्री का नाम तथा भुगतान के देयक की छायाप्रति उपलब्‍ध करावें। (घ) जिस विद्यालय में पुरूष प्रशिक्षक गया था उस विद्यालय में नियुक्‍त महिला शिक्षिका का नाम व पदनाम जिसके समक्ष प्रशिक्षण कराया गया है एवं महिला शिक्षिका द्वारा प्रशिक्षण पूर्ण होने के सत्‍यापन की छायाप्रति देवें।

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। गुना जिले में समग्र शिक्षा (सेकेण्ड्री एज्युकेशन) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन एवं समग्र शिक्षा (प्रारभिक शिक्षा) की जानकारी  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-चार अनुसार है। (घ) उत्तरांश '''' अनुसार है।

सब्सिडी प्राप्त तालाब एवं कियोस्क

[मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास]

165. ( क्र. 1176 ) श्री पन्‍नालाल शाक्‍य : क्या राज्‍य मंत्री, मछुआ कल्‍याण एवं मत्‍स्‍य विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अशोकनगर में मछली पालन हेतु कितने तालाब पट्टे पर दिये गये है? सभी हितग्राहियों/समूहों के नाम बतावें। इनमें से कितने समूहों द्वारा पट्टे पर प्राप्त तालाबों को ठेके पर दे दिया है एवं कितने तालाबों की रायल्टी प्रश्‍न दिनांक तक जमा नहीं की गई है? (ख) जिन समूहों द्वारा ठेके पर तालाब दिये गये है एवं जिनके द्वारा रायल्टी प्रश्‍न दिनांक तक जमा नहीं की गई है उनके पट्टे निरस्त करने की कार्यवाही कब तक की जायेगी? (ग) जिला अशोकनगर में सब्सिडी प्राप्त तालाब एवं कियोस्क के हितग्राहियों की विगत पांच वर्षों की सूची देवें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) वर्णित ऐसे कितने हितग्राही है जिन्होंने तालाब/कियोस्क का कार्य पूर्ण कर लिया है परन्तु उन्हें सब्सिडी अभी तक जारी नहीं की गई है। (ङ) प्रश्‍नांश (ग) वर्णित कितने तालाब एवं कियोस्क का निर्माण धरातल पर न होकर केवल कागजों में है एवं सब्सिडी का आहरण कर लिया गया है। शासन की निधि को भ्रष्टाचार की भेट चढ़ाने वाले अधिकारियों के खिलाफ क्‍या कार्यवाही की गई है अथवा नहीं। यदि नहीं, तो कब तक कार्यवाही की जायेगी?

राज्‍य मंत्री, मछुआ कल्‍याण एवं मत्‍स्‍य विकास ( श्री नारायण सिंह पंवार ) : (क) अशोकनगर जिले में कुल 170 तालाब पट्टे पर दिये गये है हितग्राहियों एवं समूहों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट -अ अनुसार। कोई भी जलाशय/तालाब ठेके पर नहीं दिये गये है। (ख) रायल्‍टी का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) अशोकनगर में सब्सिडी प्राप्‍त कियोस्‍क/तालाब की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट -ब अनुसार है। (घ) एवं (ड.) जानकारी निरंक

मंदिरों का जिर्णोद्धार

[धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व]

166. ( क्र. 1179 ) श्री भैरो सिंह बापू : क्या राज्‍य मंत्री, धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला आगर-मालवा एव जिला शाजापुर में कुल कितने शासन संधारित मंदिर है जानकारी देवें तथा कितने मंदिरों के जिर्णोद्धार के प्रस्‍ताव स्‍वीकृति हेतु धर्मस्‍व विभाग में लंबित है जिलेवार मंदिरों के नाम सहित जानकारी देवें? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार वर्ष 2022-23 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने मंदिरों के जिर्णोद्धार के प्रस्‍तावों को स्‍वीकृति विभागवार दी गई है मंदिरों के नाम सहित जिलेवार जानकारी देवें तथा उक्‍त स्‍वीकृत मंदिरों के निर्माण हेतु किस किस एजेन्‍सी को निर्धारित किया है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार उक्‍त जिलों में जिन मंदिरों के निर्माण हेतु स्‍वीकृति दी गई है उनके निर्माण की वर्तमान में अद्यतन स्थिति क्‍या है ऐसे कितने मंदिर है जिनका निर्माण कार्य टेंडर होने के बाद तथा कार्य प्रारंभ होने के बाद प्रश्‍न दिनांक तक रूका पड़ा है? क्‍या उक्‍त मंदिरों का निर्माण कार्य बजट के अभाव में रूका है ऐसे कितने मंदिर है कहां-कहां के है जानकारी देवें? (घ) प्रश्‍नांश (ग) अनुसार उक्‍त मंदिरों हेतु बजट के अभाव में रूके के निर्माण के लिए कब तक बजट का आवंटन कर दिया जायेगा?

राज्‍य मंत्री, धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व ( श्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी ) : (क) जिला आगर-मालवा में 737 एवं जिला शाजापुर में 998 इस प्रकार कुल 1735 शासन संधारित मंदिर है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' एवं '' अनुसार है। (ख) जिला आगर-मालवा हेतु वर्ष 2022-23 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल 03 मंदिरों एवं जिला शाजापुर के अंतर्गत कुल 15 मंदिरों के जीर्णोद्धार कार्य हेतु राशि स्‍वीकृति किये गये है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। स्‍वीकृति कार्य में निर्माण एजेंसी लोक निर्माण विभाग, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा एवं पर्यटन विभाग को नियुक्‍त किया गया है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। (घ) कार्य की औचित्‍यता, बजट की उपलब्‍धता के आधार पर राशि आवंटित की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

भूमि का नामान्तरण

[राजस्व]

167. ( क्र. 1182 ) श्री मथुरालाल डामर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) रतलाम जिले की समस्त तहसीलों में सत्र 2017-18 से प्रश्‍न दिनांक तक कृषि भूमि के नामान्तरण के कितने प्रकरण दर्ज किये गये है? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित कृषि भूमि के नामान्तरण सम्बन्धी कितने प्रकरण स्वीकृत किये गये एवं कितने प्रकरण उपरोक्त अवधि में शेष है? यदि शेष है तो इसका कारण क्या है? जानकारी दें। (ग) उपरोक्त कृषि भूमि के नामान्तरण प्रकरण में से कितने प्रकरण निरस्त किये गये? इसका क्या कारण है, जानकारी देवें?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) रतलाम जिले की समस्त तहसीलों में सत्र 2017-18 से प्रश्‍न दिनांक तक कृषि भूमि के नामान्तरण के 132204 प्रकरण दर्ज किये गये है। (ख) उत्‍तरांश '' में उल्लेखित कृषि भूमि के नामान्तरण सम्बन्धी 123160 प्रकरण स्वीकृत किये गये एवं 3997 प्रकरण प्रचलित है। (ग) उपरोक्त कृषि भूमि के नामान्तरण प्रकरण में से 5047 प्रकरण निरस्त किये गये। सभी नामांतरण प्रकरणों में म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959, की धारा 109, 110 के तहत के प्रावधानों के तहत गुण-दोष के आधार पर निराकरण किया जा रहा हैं जिन प्रकरण में नामान्तरण आवेदन निरस्त किये जाते हैं उनके कारण आदेश में ही अभिलिखित होते है।

शासकीय महाविद्यालयों एवं चिकित्सालयों में संचालित पाठ्यक्रम

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

168. ( क्र. 1185 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 5 जनवरी 2023 को तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री जी ने यह घोषणा की थी कि गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल सहित म.प्र. के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में, भौतिक चिकित्सा फिजियोथैरेपी, बीपीटी बैचलर डिग्री कोर्स शुरू किया जाएगा? यदि हाँ, तो किन-किन महाविद्यालयों में उक्त पाठ्यक्रम प्रारम्भ हो चुके हैं? यदि नहीं, तो कब से प्रारंभ किये जावेगे? (ख) वर्तमान में प्रदेश के किन-किन निजी, शासकीय कालेजों में फिजियोथैरेपी के मास्टर डिग्री पाठ्यक्रम संचालित हो रहे हैं? विषयावार प्रवेश हेतु स्वीकृत सीट्स संख्या बताएं।        (ग) वर्तमान में प्रदेश के शासकीय महाविद्यालय एवं अस्पताल में कितने भौतिक चिकित्सक एवं विशेषज्ञ भौतिक चिकित्सक सेवारत हैं, कार्यरत विषयवार विशेषज्ञ भौतिक चिकित्सक की संख्या बताएं? (घ) भारत सरकार द्वारा बनाए कानून एक्ट 2021 नेशनल अलाइड एंड हेल्थ केयर कौंसिल, कब से मध्यप्रदेश में उक्त कानून लागू किया जायेगा?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। प्रदेश के चिकित्‍सा महाविद्यालयों में संचालित फिजियोथैरेपी पाठ्यक्रम की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। चिकित्‍सा महाविद्यालयों द्वारा एम.पी. ऑनलाईन पोर्टल के माध्‍यम से आवेदन प्राप्‍त होने पर फिजियोथैरेपी पाठ्यक्रम की मान्‍यता प्रदान की जा सकती। (ख) प्रदेश में संचालित निजी एवं स्‍वशासी चिकित्‍सा महाविद्यालयों में फिजियोथैरेपी मास्‍टर डिग्री के संचालित पाठ्यक्रम की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार(ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार(घ) भारत सरकार द्वारा ''नेशनल कमीशन फॉर एलाईड एण्‍ड हेल्‍थ केयर प्रोफेशन्‍स एक्‍ट 2021 (National Commission For Alied & Healthcare Professions Act 2021) लागू किया गया है। जिसके परिपालन में प्रदेश में मध्‍यप्रदेश अलाईड एण्‍ड हेल्‍थ केयर कौंसिल का गठन विभागीय आदेश दिनांक 07 मार्च 2024 को जारी किया गया।

शिकायत पर कार्यवाही

[स्कूल शिक्षा]

169. ( क्र. 1187 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र पिपरिया अन्तर्गत प्राचार्य शासकीय उ.मा.विद्यालय मटकुली के विरूद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी जिला नर्मदापुरम, जनपद सदस्य एवं सरपंच ग्राम पंचायत मटकुली तथा शाला के विद्यार्थियों द्वारा शिकायत पत्र प्राप्त हुआ हैं, यदि हाँ, तो प्राप्त आवेदन पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी बतायें? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार क्या शिकायत की जांच हेतु कोई दल गठित किया गया हैं या किया जा रहा हैं या शिकायत की जांच करायी जा चुकी हैं जानकारी दें? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार यदि शिकायत की जांच हेतु दल गठित किया जा रहा हैं तो यह कार्यवाही कब तक पूर्ण की जाकर जांच करा ली जावेगी बतायें? यदि नहीं, तो कार्यवाही न किये जाने के लिये कौन उत्तरदायी हैं, क्या उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जावेगा जानकारी दें। यदि ही तो क्यों?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी जिला- नर्मदापुरम को शिकायत प्राप्‍त हुई थी। उक्‍त शिकायत की जांच हेतु जांच दल का गठन किया गया है।       (ख) जी हां। शिकायत की जांच हेतु जिला शिक्षा अधिकारी जिला-नर्मदापुरम द्वारा जांच दल का गठन किया गया है। (ग) उत्‍तरांश (ख) अनुसार जांच कार्यवाही प्रचलन में है, समय-सीमा बताना संभव नहीं है। जांच प्रतिवेदन प्राप्‍त होने पर गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति

[जल संसाधन]

170. ( क्र. 1188 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत निम्न सिंचाई योजनाओं के प्रस्ताव स्वीकृति हेतु पूर्व में विभाग द्वारा शासन स्‍तर पर प्रेषित किए जा चुके है। जिनकी स्वीकृति शासन द्वारा अभी तक प्रदान नहीं की गई है, जामुनबर्रा जलाशय, मंडला पंडापुल नाला जलाषय, झुर्रेमाल षंकरपुर रोड खमडोढ़ा नाला पर जलाषय, दमुआ भीमसेन ढाना के पास घटामाली नदी पर कोहका दमुआ बैराज उक्त सभी सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति शासन/विभाग द्वारा कब तक प्रदान कर दी जायेगी? जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित सभी सिंचाई योजनाओं के निर्माण कार्य की स्वीकृति हेतु माननीय मुख्यमंत्री महोदय जी को अनुस्मरण 03 पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2024/404 दि. 15.07.2024 व विभागीय मंत्री महोदय को अनुस्मरण 03 पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2024/389 दि. 15.07.2024 को प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रेषित किए गये है, इन पर स्वीकृति हेतु अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? जानकारी दें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) परासिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत जामुनबर्रा जलाशय का कमाण्ड क्षेत्र दुधी नदी परियोजना के कमाण्ड क्षेत्र से ओवरलेप हो रहा है। अतः योजना का निर्माण किया जाना उचित प्रतीत नहीं होता है। मंडला पंडापुर नाला जलाशय, झुरेमाल शंकरपुर रोड खमडोढ़ा नाला पर जलाशय योजनाओं की वाटर प्लानिंग की स्वीकृति हो चुकी है। डी.पी.आर.  तैयार किया जा रहा है। दमुआ भीमसेन ढाना के पास घाटामाली नदी पर कोहका दमुआ बैराज का कार्य पूर्ण हो चुका है। इस वर्ष जल का भराव किया जा चुका है रबी सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध है। जानकारी संलग्‍न  परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी। हाँ, पत्र क्र.-27/2024/404 दिनांक 15.07.2024 में उल्लेखित योजनाओं की  जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। माननीय विधायक महोदय जी द्वारा जारी पत्र क्र.-127/2024/389/दिनांक 15.07.2024 विभाग को प्राप्त होना प्रतिवेदित नहीं है।

परिशिष्ट - "तिहत्तर"

फसल नुकसान का मुआवजा एवं बीमा राशि का भुगतान

[राजस्व]

171. ( क्र. 1189 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिन्दवाड़ा जिला के चौरई तहसील के अंतर्गत इस वर्ष अतिवृष्टि से कुछ ग्रामो में मक्का की फसल चौपट होने के उपरांत सर्वे कार्य कराया गया है? (ख) कुल कितने ग्रामों में मक्का की फसल चौपट हुई है? (ग) यदि मक्का की फसल चौपट हुई है तो किसानों को मुआवजा एवं बीमा की राशि प्रदान की जावेगी या नहीं और यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। छिंदवाड़ा जिले की चौरई तहसील के अंतर्गत इस वर्ष अतिवृष्टि से जिन ग्रामों में मक्‍का फसल की क्षति हुई है उनका सर्वे कार्य कराया गया है।     (ख) तहसील चौरई अंतर्गत अतिवृष्टि से कुल 10 ग्रामों में मक्‍के की फसल प्रभावित हुई थी। जिसका सर्वे कराया गया। (ग) प्राकृतिक आपदा से फसल क्षति हेतु राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6-4 अंतर्गत राहत राशि प्रदाय के प्रावधान है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के दिशा-निर्देश एवं मापदण्‍ड अनुसार जिन किसानों के द्वारा आवेदन किया जाता है। उनको अधिकृत बीमा कंपनी के माध्‍यम से बीमा राशि प्रदान की जाती है। तहसील चौरई अंतर्गत 96 प्रभावित कृषकों को राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6-4 के प्रावधानों के तहत राहत राशि कुल 6,90,178/- रूपये का भुगतान किया जा चुका है।

पर्यटन केन्द्र खोला जाना

[पर्यटन]

172. ( क्र. 1190 ) श्रीमती सेना महेश पटेल : क्या राज्‍य मंत्री, पर्यटन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर जिले के कौन-कौन से स्थानों पर पर्यटन विभाग के पर्यटन केन्द्र खोले जाने की योजना है? स्थानवार बतावें। (ख) जिले के मिनी कश्मीर कहे जाने वाले जोबट विधान सभा के ग्राम कट्ठीवाड़ा में पर्यटन केन्द्र विकसित करने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो बतावें व योजना में किन-किन स्थानों को चयनित किया गया है? कौन-कौन सी योजनाएं कितनी लागत की है? योजनाएं कब तक पूर्ण होगी? अवधि बतावें। (ग) क्या योजनाओं को तैयार करने हेतु शासन स्तर से विभागों को राशि आवंटित की गई है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी, किस-किस विभाग को, जानकारी वर्षवार बतावें? कितनी-कितनी व्यय की गई राशि के व्हाउचर्स की छायाप्रति उपलब्ध करावें।

राज्‍य मंत्री, पर्यटन ( श्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी ) : (क) अलीराजपुर जिले में वर्तमान में कोई योजना प्रचलित नहीं है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

पेंच माइक्रो 1 परियोजना

[जल संसाधन]

173. ( क्र. 1193 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पेंच माइक्रो 1 परियोजना में कितने ग्राम सम्मिलित हैं एवं कितने हेक्टेयर में सिंचाई होगी? (ख) इसके लिए कितनी राशि स्वीकृत है? (ग) इसका कार्य कब तक पूर्ण हो जावेगा? (घ) इस योजना की वर्तमान स्थिति क्या है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) पेंच माईक्रो-1 परियोजना में 47 ग्राम सम्मिलित है तथा इनसे 13251 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई किया जाना प्रस्तावित है। (ख) कार्य की पुनरीक्षित स्वीकृति राशि रू.14267.28 लाख है। (ग) एवं (घ) कार्य को जून-2026 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। हांलाकि पूर्ण किये जाने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन व्यवस्था

[परिवहन]

174. ( क्र. 1199 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या परिवहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में शासकीय परिवहन व्यवस्था आम नागरिकों के आवागमन की सुविधा हेतु प्रारंभ करने हेतु योजना है? हाँ तो कृपया उसका विवरण देवें तथा कौन-कौन से ग्रामीण क्षेत्र में परिवहन व्यवस्था प्रारंभ की जायेगी? जानकारी प्रदाय करें। (ख) यदि नहीं, तो क्या ग्रामीण आमजन की आवागमन सुविधा हेतु म.प्र. शासन द्वारा शासकीय परिवहन पुनः संचालन हेतु कार्यवाही की जायेगी? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?

परिवहन मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) एवं (ख) ग्रामीण क्षेत्रों के आम नागरिकों को सुलभ सार्वजनिक परिवहन की सुविधा उपलब्‍ध कराने की योजना विचाराधीन है। योजना अभी अंतिम नहीं हुई है। अतएव शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग अन्तर्गत प्राप्त राशि

[धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व]

175. ( क्र. 1200 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या राज्‍य मंत्री, धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग द्वारा कितनी अनुदान राशि प्रदाय की गयी है? उक्त प्रदाय राशि में से कहां-कहां पर कितनी राशि की स्वीकृति जारी की गई है तथा वर्तमान तक कितनी राशि व्यय की गई है? (ख) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत किसी कार्य की स्वीकृति  प्रदान की गई है? हाँ तो कौन-कौन से कार्य किए गये तथा नहीं तो क्‍यों?

राज्‍य मंत्री, धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व ( श्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी ) : (क) खरगोन जिले में वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में विभाग द्वारा अनुदान राशि प्रदाय नहीं की गई है। शेष प्रश्‍न उद्भुत नहीं होता है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍न का प्रश्‍नांश उद्भुत नहीं होता है।

माइक्रो सिंचाई (इंटीगेशन पाइप) में अनियमितता

[जल संसाधन]

176. ( क्र. 1202 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के केवलारी विकासखण्‍ड अन्‍तर्गत संभाग क्रमांक तीन में बिघना हर्रई माइक्रो सिंचाई (इरीगेशन पाइप) परियोजना में अधिकारियों द्वारा निर्माण कम्‍पनी त्रिराज प्रॉयवेट लिमिटेड/ठेकेदार को बिना किसी प्रकार का कार्य किये शासन स्‍तर से कार्य के विरूद्ध स्‍वीकृति राशि लगभग 28 करोड़ 45 लाख रूपये के विरूद्ध लगभग 85 % राशि 24 करोड़ रूपये का भुगतान करने संबंधी प्रश्‍नकर्ता द्वारा दिनांक 04.10.2024 को पत्र क्रमांक 432/वि.के./20 के तहत शिकायत की गई थी, प्रश्‍नकर्ता शिकायत पर दोषियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्‍नकर्ता शिकायत के विरूद्ध बिना कार्य के फर्जी व्‍हाउचर्स बनाकर लगभग 24 करोड़ का त्रिराज प्रॉयवेट लिमिटेड/ठेकेदार को किया गया भुगतान करने वाले दोषियों प्रभारी मुख्‍य अभियंता श्री अशोक कुमार डेहरिया (जल संसाधन माउट सिवनी) प्रभारी कार्यपालन यंत्री श्री विनोद उइके, प्रभारी उपयंत्री/सहायक यंत्री श्री आर.के.सतनामी, श्री शरद सूर्यवंशी, (सहायक यंत्री CE ऑफिस) सहित अन्‍य के विरूद्ध क्‍या जांच की गई एवं इनके विरूद्ध आज तक क्‍या कार्यवाही की गई, कृपया प्रामाणिक दस्‍तावेज उपलब्‍ध करावें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) सिवनी जिले के केवलारी विकासखण्ड अंतर्गत बिजना-हर्रई माइक्रो सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति म.प्र.शासन, जल संसाधन विभाग (मंत्रालय) भोपाल के पत्र क्रमांक-22 (ए)/349-113/2022/एमपीएस/31/404 भोपाल दिनांक 09.03.2023 द्वारा 2600 हेक्टेयर सिंचाई हेतु राशि रू. 28.45 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदाय की गई है। योजना के निर्माण हेतु निविदा आमंत्रित कर न्यूनतम दर निविदाकार मेसर्स त्रिराज वेंचर्स प्रा.लि.जे.व्ही.इंदौर को अनुबंध क्रमांक-01/डी.एल./2023-24 दि. 05.10.2023 को राशि रू. 25.86 करोड़ का अनुबंधित किया गया। जिससे 2,900 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा प्रदाय की जाना है। अनुबंध अवधि दिनांक 04.10.2026 तक है। अनुबंध दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक संबंधित ठेकेदार द्वारा किये गये कार्य हेतु राशि रू. 22.35 करोड़ का भुगतान दर वृद्वि सहित किया गया है, जो 87.82% है। योजना के संबंध में माननीय विधायक महोदय के व्यक्तव्य समाचार पत्र में प्रकाशित (पेपर कटिंग) के आधार पर योजना की वस्तुस्थिति प्रतिवेदन वरिष्ठ कार्यालय को प्रेषित किया गया है। जिसमें योजना से संबंधित कार्य नियमानुसार निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप गुणवत्तापूर्वक कराया जा रहा है। अतः प्रकरण में कोई दोषी नहीं होना प्रतिवेदित है। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार योजना में कार्यों के प्रगति अनुसार राशि रू. 22.35 करोड़ का भुगतान संबंधित निविदाकार को किया गया है। किये गये भुगतान के पूर्व समस्त विभागीय प्रक्रिया का पालन किया गया। ठेकेदार द्वारा कार्यस्थल पर लाई गई सामग्री पाईप लेइंग, पम्प हाऊस निर्माण, स्काडा आदि का विधिवत् माप, माप-पुस्तिका में उपयंत्री द्वारा दर्ज किया जाकर अनुविभागीय अधिकारी द्वारा माप चेक किये गये है तथा 10% माप कार्यपालन यंत्री द्वारा चेक करने के उपरांत नियमानुसार कटौत्राकर ठेकेदार को भुगतान किया गया है। योजना में की गई कार्यवाही से संबंधित समस्त दस्तावेज संभागीय कार्यालय में उपलब्ध है। अतः फर्जी बिल बनाकर भुगतान करने की कोई स्थिति नहीं है। विधिवत् कार्यवाही किये जाने से किसी भी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही किए जाने की स्थिति नहीं निर्मित होना प्रतिवेदित है। योजना के संबंध में प्रश्‍नांश (क) अनुसार जांच प्रतिवेदन विभागाध्‍यक्ष कार्यालय को प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है, जिसमें कोई भी अधिकारी दोषी नहीं होना प्रतिवेदित है।

मेसर्स मेन्‍टाना कन्‍स्‍ट्रक्‍शन कम्‍पनी द्वारा कार्य पूर्ण न करना

[जल संसाधन]

177. ( क्र. 1210 ) श्री उमंग सिंघार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मेसर्स मेन्‍टाना कन्‍स्‍ट्रक्‍शन कम्‍पनी को विभाग द्वारा विगत 10 वर्षों में कहां-कहां किन-किन योजनाओं में कितनी-कितनी लागत का निर्माण कार्य का आदेश किन-किन दिनांक पर दिया गया है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में कौन-कौन सी योजनाओं में भ्रष्‍टाचार/अपूर्ण कार्य/गुणवत्‍ताविहीन कार्य की शिकायतें प्राप्‍त हुई है? प्रकरणवार दें। (ग) प्रश्‍नांश (क) अंतर्गत अनुबंध की शर्तों के अनुसार जो कार्य पूर्ण नहीं किये गये है व अनुबंध की शर्तों का पालन नहीं किया गया है तो इस संबंध में क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) प्रश्‍नांश (क) अंतर्गत अभी तक कुल कितना भुगतान किया गया? कितना शेष है? परियोजना अनुसार जानकारी दें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र- अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश अंतर्गत माँ रतनगढ़ परियोजना एवं गौड़ सिंचाई परियोजना में भ्रष्टाचार/अपूर्ण कार्य/गुणवत्ताविहीन कार्य की शिकायतें प्राप्त होना प्रतिवेदित है। (ग) जी नहीं। प्रश्‍नांश अंतर्गत कार्य अनुबंध की शर्तों अनुसार प्रगतिरत प्रतिवेदित है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र- अनुसार है। (घ) प्रश्‍नांश अंतर्गत कुल भुगतान एवं शेष भुगतान की जानकारी मैदानी अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन अनुसार  जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र- अनुसार है।

 परिशिष्ट - "चौहत्तर"

नर्सिंग कालेजों के विरूद्ध कार्यवाही

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

178. ( क्र. 1211 ) श्री उमंग सिंघार : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में शासकीय व अशासकीय मान्यता प्राप्त नर्सिंग कालेजों की जांच सी.बी.आई. द्वारा की गई जिसकी जांच में इंडियन नर्सिंग कौंसिल के मानक पर अनफिट पाए जाने के कारण मान्यता रद्द की गई तो कुल कितने नर्सिंग कालेजों की मान्यता रद्द की गई? कालेजवार जानकारी दें। (ख) क्या विभाग द्वारा प्रश्‍नाधीन नर्सिंग कालेजों को सील करने के निर्देश दिए है? तो कब कब इस दिशा में क्या कार्यवाही की गई है? आज दिनांक तक कितने नर्सिंग कालेज सील किए गए? सूची उपलब्ध करायें। (ग) नर्सिंग कालेजों को मान्यता देने के संबंध में क्या नियमों में संशोधन किया गया है? क्या नये नियम बनाए गए है? कब व क्या संशोधन किया? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के प्रकाश में प्रदेश के नर्सिंग कालेजों की मान्यता समाप्त करने के संबंध में क्या कोई कार्यवाही की गई है? स्पष्ट जानकारी दें। प्रकरणवार सूची दें।

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। इंडियन नर्सिंग कौंसिल के मानक पर सी.बी.आई. जांच द्वारा अनफिट पाये गये शासकीय व अशासकीय नर्सिंग कॉलेजों की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार(ख) जी हाँ। विभाग द्वारा उत्‍तरांश (क) अनुसार 66 नर्सिंग कॉलेजों को "Close down" करने के निर्देश दिये गये थे। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार(ग) जी हाँ। विभाग द्वारा मध्‍यप्रदेश नर्सिंग शिक्षण संस्‍था मान्‍यता नियम, 2018 एवं संशोधित नियमों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार(घ) उत्‍तरांश (ग) अनुसार Unsuitable नर्सिंग कॉलेजों की सी.बी.आई. रिपोर्ट के आधार पर मान्‍यता समाप्‍त करने संबंधी कार्यवाही की गई है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार।

शासन के नियम व निर्देशों का उल्‍लंघन

[राजस्व]

179. ( क्र. 1216 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के नियम अनुसार अभिलेख रिकॉर्ड सक्षम अधिकारी द्वारा संधारित किया जाता है? यदि हाँ, तो क्या शासन के नियम अनुसार सक्षम अधिकारी के आदेश के बिना शासन की भूमि निजी एवं निजी भू-स्वामी का नाम विलोपित कर शासन एवं अन्य के नाम दर्ज किया जा सकता है? (ख) यदि हाँ, तो क्या रिकॉर्ड संधारित करने वाले अधिकारी द्वारा पद एवं शक्ति का दुरुपयोग कर एवं भ्रष्टाचार के कारण शासन की भूमि निजी एवं निजी भू-स्वामी का नाम विलोपित कर शासन या अन्य व्यक्ति के नाम दर्ज करने वाले अधिकारी दोषी होंगे? (ग) यदि हाँ, तो क्या जिला तहसील छतरपुर के हल्का मौजा छतरपुर खसरा नंबर 3680, 3681, 3683, 3678, 3625, 3627 एवं 3617 एवं हल्का मौजा बगौता 1873 एवं 1874 में बंदोबस्त में दर्ज शासकीय भूमि को शासन के नियम अनुसार सक्षम अधिकारी के आदेश से भू-स्वामी दर्ज की गई थी? यदि हाँ, तो कब-कब बतायें? (घ) यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें? उक्त भूमि को शासकीय से निजी दर्ज करने वाले अधिकारी का मूल पद एवं नाम बताएं। (ड.) क्या कॉलोनाईजर द्वारा छतरपुर एवं बगौता के अन्य खसरा नंबर का विक्रय पत्र निष्पादित कर हल्का मौजा छतरपुर के खसरा नंबर 3671 एवं बगौता 1617 में शासकीय भूमि में विक्रेता द्वारा क्रेता को शासकीय भूमि में कब्जा दिया गया है? (च) यदि हाँ, क्या सक्षम अधिकारी द्वारा उक्त अवैध अतिक्रमण को मुक्त कराने के लिए आदेश जारी करेगा? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें? (छ) क्या उक्त प्रश्‍न के माध्यम से पटवारी से आयुक्त तक की संज्ञान में आने के उपरांत दोषी अधिकारी एवं कर्मचारी के विरोध आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो या लोकायुक्त में प्रकरण दर्ज करने के आदेश जारी करेगा? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) मौजा छतरपुर के खसरा नंबर 3680, 3681, 3683, 3678, 3625, 3627 एवं 3617 बंदोबस्‍त एवं वर्ष 1958-59 में भू-स्‍वामी दर्ज है एवं मौजा बगौता 1873 बंदोबस्‍त एवं वर्ष 1958-59 में भू-स्‍वामी दर्ज है। 1874 बंदोबस्‍त वर्ष में शासकीय है एवं 1958-59 में 1874/1 भूमि स्‍वामी व 1874/2 शासकीय दर्ज है। खसरा नंबर 1874/1 शासकीय से भूमि स्‍वामी के संबंध में कोई टीप अंकित नहीं है। (घ) 1958-59 में ख. नं. 1874/1 में शासकीय से भूमिस्‍वामी किये जाने के संबंध में खसरे में कोई टीप अंकित न होने से अधिकारी का नाम व मूल पद बताया जाना संभव नहीं है। (ड.) मौजा छतरपुर खसरा नंबर 3671 बंदोबस्‍त से वर्तमान अभिलेख में शासकीय मद में दर्ज है। उक्‍त शासकीय भूमि अतिक्रमण से मुक्‍त है, जिसमें किसी भी विक्रेता के द्वारा क्रेता को कब्‍जा इत्‍यादि नहीं दिया गया है। मौजा बगौता के भूमि खसरा नंबर 1617 के वर्तमान अभिलेख में 5 बटांक दर्ज जो कि निजी मद में दर्ज है। (च) अतिक्रमण न होने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (छ) कलेक्‍टर द्वारा प्राप्‍त जानकारी के अनुसार किसी अनियमितता हेतु किसी की जिम्‍मेदारी तय नहीं की जाने से वर्तमान में प्रश्‍न में चाही गई कार्यवाही नहीं की जा सकती।

फर्जी पट्टा कृषि भूमि का 1984-85 में जारी आवेदक की जन्‍म‍तिथि 1985 के संबंध में

[राजस्व]

180. ( क्र. 1223 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले सहित खरगापुर विधान सभा-47 की नायब तहसील- कुड़ीला, में भू-माफियाओं के द्वारा जिले के रिकार्ड रुम में पुराने समय की खसरा-खतौनी में फर्जी तरीके से नाम दर्ज करवा कर राजस्व प्रकरण क्र.-96/अ/10/1984-85 में नायब तहसीलदार कुड़ीला के आदेशानुसार भूमि खसरा क्र./1/1 रकबा 3,228 स्थित भूमि रमपुरा नज.हटा में आवेदक एवं आवेदक की पत्नी के नाम भूमि स्वामी का स्थाई पट्टा जारी किया गया है जिसकी सम्पूर्ण सत्यापित प्रतियां एवं अन्य आदेश तथा खसरा की प्रतियां उपलब्ध करायें। (ख) क्या तत्कालीन नायब तहसीलदार कुड़ीला द्वारा ग्राम-रमपुरा नज- हटा के आवेदक एवं आवेदक की पत्नी के नाम 1984-85 में भूमि खसरा क्र. 1/1 को जब स्थाई पट्टा जारी किया गया तब आवेदक की अंकसूची के अनुसार जन्म तिथि 10/6/85 है एवं आवेदक की पत्नी की उम्र कक्षा 5 वीं की अंकसूची के आधार पर जन्म तिथि 5/3/86 है। क्या आवेदक जन्म लेते ही भूमि का पट्टा बनवाने हेतु नायब तहसीलदार कुड़ीला के समक्ष उपस्थित हो गया था क्या आवेदक की पत्नी 01 वर्ष की उम्र में आवेदक से विवाह हो गया और नायब तहसीलदार कुड़ीला के समक्ष जमीन का पट्टा बनवाने हेतु उपस्थित हो गई। । क्या इस प्रकार के फर्जीवाड़ा को एवं शासकीय रिकार्ड में छेड़छाड़ कर हेरा-फेरी करने वाले, जिले के रिकार्ड रूम में पदस्थ कर्मचारी एवं अधिकारियों की मिली भगत से इस प्रकार से घोर लापरवाही की जा रही है क्या आवेदक एवं उसकी पत्नी के नाम से जारी प‌ट्टे को निरस्त करते हुये मौके से भूमि से बेदखल करते हुये तत्कालीन नायब तहसीलदार कुड़ीला-तीनों के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करायेंगे यदि हाँ, तो कब तक यहि नहीं तो क्यों? (ग) क्या पूरे जिले में इस प्रकार भू-माफिया सक्रिय है तथा जनप्रतिनिधियों का संरक्षण प्राप्त होने से इस प्रकार के कृत्य हो रहे है इसी प्रकार ग्राम-रमसगरा, ग्राम-मऊकड़वाहा में जमीनों की हेरा-फेरी की गई जिसकी शिकायते जिला-कलेक्टर टीकमगढ़ जिम्मेदार अधिकारियों के समक्ष की गई एवं तहसील-खरगापुर, तह. वल्देवगढ़, तह. पलेरा में भू-माफिया गिरोह सक्रिय है इन पर अंकुश लगाये जाने हेतु जिला प्रशासन द्वारा क्या प्रयास किये जा रहे है तथा यह भू-माफिया शासकीय रिकार्ड रूम तक कैसे पहुंच जाते है रिकार्ड में छेड़छाड़ हेतु कौन सहयोग करता है किसकी मिली भगत से यह खेल चल रहा है इसकी जाँच कराकर सम्पूर्ण जानकारी से अवगत करायेंगे क्या? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं, अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।         (ख) उत्‍तरांश '' के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। उत्‍तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सामुदायिक भवन का निर्माण

[धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व]

181. ( क्र. 1224 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या राज्‍य मंत्री, धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल द्वारा पत्र क्र./1215232/2024/68 दिनांक 18.07.2024 को जारी पत्र के अनुसार जिला कलेक्‍टर टीकमगढ़ को आदेश जारी किया गया था कि खरगापुर विधान सभा 47 के विध्‍यवासिनी मंदिर बल्‍देवगढ़ का सौंदर्यीकरण, कालका माता मंदिर देरी पर सामुदायिक भवन एवं महिला/पुरूष शौचालय एवं मंच के सामने टीन शैड, दूबदेई मंदिर में सामुदायिक भवन एवं महिला/पुरूष शौचालय एवं सौंदर्यीकरण एवं घूरा हिंगलाज माता मंदिर पर मंच के सामने टीन शैड निर्माण एवं सौंदर्यीकरण हेतु वांछित जानकारी पत्र में उल्‍लेखित बिन्‍दु क्र. 01 से 07 तक मांगी गई थी उक्‍त आदेश एवं प्रस्‍तावों के संबंध में क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) क्‍या जिला कलेक्‍टर कार्यालय टीकमगढ़ के द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व विभाग को किसी भी प्रकार की कार्यवाही करते हुये जानकारी नहीं भेजी गई है क्‍यों? (ग) क्‍या धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व विभाग की ओर से क्षेत्रीय विधायक को प्रतिलिपि में सूचनार्थ प्रति भेजी गई है उसके अनुसार प्रश्‍नकर्ता द्वारा अनुविभागीय अधिकारी जतारा/बल्‍देवगढ़ को एवं कलेक्‍टर टीकमगढ़ को अपने पत्र क्र. 222/2024 दिनांक 06.08.2024 को जानकारी भेजे जाने का अनुरोध किया था फिर भी जानकारी नहीं भेजी गई ना ही मुझे सूचनार्थ किया गया क्‍या अविलंब जानकारी भेजे जाने की कार्यवाही सुनिश्‍चित करेंगे साथ ही जानकारी भेजने या बनाने हेतु प्राधिकृत या अधिकृत अधिकारी की लापरवाही किये जाने से विरूद्ध विधि संगत कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्‍यों?
राज्‍य मंत्री, धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व ( श्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में शासन स्‍तर पर जीर्णोद्धार प्रस्‍ताव अप्राप्‍त है। (ख) जी हाँ। वर्तमान में कलेक्‍टर से जीर्णोद्धार का प्रस्‍ताव अप्राप्‍त है। (ग) जी हाँ। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) बल्‍देवगढ़ के पत्र दिनांक 29/11/2024 द्वारा कलेक्‍टर जिला टीकमगढ़ को मंदिरों का प्रस्‍ताव प्रेषित कर माननीय विधायक महोदया को पृष्‍ठांकित प्रतिलिपि प्रेषित की गई। आयुक्‍त के माध्‍यम से नियमानुसार प्रस्‍ताव प्राप्‍त होने पर स्‍वीकृति की जाती है।

 

माध्‍यमिक शिक्षकों को स्‍कूल शिक्षा में ज्‍वाईन कराना

[स्कूल शिक्षा]

182. ( क्र. 1237 ) श्री भगवानदास सबनानी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि अपर संचालक, कार्यालय आयुक्‍त, जनजातीय कार्य, म.प्र. ने आयुक्‍त, लोक शिक्षण, म.प्र. की ओर पत्र क्र./शिक्षा स्‍था.3/808/2023/7577 भोपाल, दिनांक 06.04.2023 प्रेषित कर माध्‍यमिक शिक्षकों को स्‍कूल शिक्षा विभाग में ज्‍वाईन कराए जाने हेतु लेख किया गया था, उक्‍त पत्र की प्राप्ति के उपरांत आयुक्‍त लोक शिक्षण म.प्र. ने जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र क्र. यूसीआर/सी/ 253/2023/660 भोपाल, दिनांक 07.04.2023 प्रेषित कर माध्‍यमिक शिक्षकों को कार्यभार ग्रहण कराने हेतु निर्देशित किया गया, आयुक्‍त लोक शिक्षण ने अपने उक्‍त पत्र दिनांक 07.04.2023 के साथ संलग्‍न सूची में विषय विज्ञान के माध्‍यमिक शिक्षकों को क्‍यों सम्मिलित नहीं किया था?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : माध्यमिक शिक्षक नियोजन 2022 (विज्ञापन दिनांक 29.9.2022) अंतर्गत माध्यमिक शिक्षक (विज्ञान) के पद स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत विज्ञापित नहीं किये गये थे। अतः विज्ञान विषय में किसी भी अभ्यार्थी के नियुक्ति आदेश स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी नहीं किये गये। इस कारण उल्लेखित पत्र दिनांक 7.4.2023 में विज्ञान विषय के शिक्षकों को सम्मिलित नहीं किया गया।

प्राथमिकी व विभागीय जांच की स्थिति

[राजस्व]

183. ( क्र. 1241 ) श्री प्रीतम लोधी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्‍या वर्ष 2017-18 में अतिवर्षा के कारण हुई क्षतिपूर्ति हेतु किसानों को मुआवजा वितरण में अनियमितता के मामले में पिछोर व खनियाधाना तहसीलों के तत्‍कालीन नायब नाजिरों पर पुलिस थाना पिछोर में अपराध क्र. 673/2021 एवं थाना खनियाधाना में अपराध क्र. 407/2021 दर्ज किया जाकर विभागीय जांच भी संस्थित की गई थी? यदि हाँ, तो उक्‍त प्रकरणों एवं विभागीय जांच के मामले में कार्यवाही न होने व दोषियों को बचाने के क्‍या कारण हैं? (ख) कब तक, प्रश्‍नांश (क) उल्‍लेखित मामले में समुचित कार्यवाही की जायेगी और कब तक विभागीय जांच पूर्ण कर दोषियों को दंडित किया जायेगा? (ग) दोषियों को संरक्षण देने वाले अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही की जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जिला शिवपुरी में वर्ष 2017-18 अतिवर्षा के कारण हुई क्षतिपूर्ति हेतु किसानों को मुआवजा वितरण में अनियमितता के मामले में पिछोर एवं खनियाधाना तहसीलों के तत्‍कालीन नायब नाजिरों के विरूद्ध पुलिस थाना पिछोर में अपराध क्रमांक 0673/2021 एवं पुलिस थाना खनियाधाना में अपराध क्रमांक 407/2021 दर्ज किया जाकर, विभागीय जांच संस्थित की गई थी। तहसील खनियाधाना के ना‍यब नाजिर द्वारा विभागीय जांच के विरूद्ध दायर माननीय उच्‍च न्‍यायालय खण्‍डपीठ ग्‍वालियर में याचिका 16263/2024 में पारित निर्णय दिनांक 20.6.2024 द्वारा विभागीय जांच के निर्णय पर 01 वर्ष तक कार्यवाही पर रोक लगाई गई है। उक्‍त याचिका के विरूद्ध माननीय उच्‍च न्‍यायालय खण्‍डपीठ ग्‍वालियर डबल बैंच में अपील दायर की गई है। तहसील पिछोर के तत्‍कालीन नायब नाजिर के विरूद्ध विभागीय जांच पूर्ण हो चुकी है एवं तत्‍कालीन नायब नाजिर दोषी पाया गया है। अत: उक्‍त प्रकरणों एवं विभागीय जांच में दोषियों को बचाने का प्रश्‍न उदभूत नहीं होता। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित मामले में तहसील खनियाधाना के नायब नाजिर के विरूद्ध माननीय उच्‍च न्‍यायालय के आदेश के उपरांत कार्यवाही की जावेगी। तहसील पिछोर के नायब नाजिर के विरूद्ध विभागीय जांच पूर्ण की जा चुकी है। तत्‍कालीन नायब नाजिर दोषी पाया गया है जिसमें दिनांक 20 दिसम्‍बर 2024 तक निर्णय किया जावेगा।              (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

प्राथमिक/माध्‍यमिक शाला शिक्षक प्रशिक्षण मानदेय भुगतान न होना

[स्कूल शिक्षा]

184. ( क्र. 1242 ) श्री प्रीतम लोधी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्‍य शिक्षा केन्‍द्र भोपाल द्वारा मध्‍यप्रदेश में 1 फरवरी 2003 से 20 दिसम्‍बर 2024 मध्‍य प्राथमिक एवं माध्‍यमिक शाला शिक्षकों के क्‍या प्रशिक्षण आयोजित किये गये थे यदि हाँ, तो संख्‍या बतावें। आदेशों की प्रतिया उपलब्‍ध करावें। (ख) यदि हाँ, तो क्‍या शिक्षकों एवं मास्‍टर ट्रेनर को कोई मानदेय का प्रावधान रखा गया था यदि हाँ, तो राशि का विवरण पृथक-पृथक उपलब्‍ध करावें।             (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक कितने मास्‍टर ट्रेनर्स एवं शिक्षकों को उक्‍त मानदेय राशि का भुगतान किया जा चुका है, पृथक-पृथक व्‍यक्ति उपलब्‍ध करावें। यदि संबंधित को मानदेय राशि का भुगतान नहीं किया गया तो क्‍यों? (घ) संबंधित सम्‍पूर्ण मानदेय राशि का भुगतान कब कर दिया जायेगा?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जी हां, कार्यालयीन वर्तमान उपलब्‍ध अभिलेखों अनुसार कुल 25 प्रशिक्षण करवाए गए। आदेशों की प्रति की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शिक्षकों को मानदेय का प्रावधान नहीं है। मास्टर टेनर्स को रू.80/- से रू. 1000/- तक प्रति प्रशिक्षण दिवस मानदेय का प्रावधान रहा है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

एपीसी, बीएसी एवं जनशिक्षकों की प्रतिनियुक्ति

[स्कूल शिक्षा]

185. ( क्र. 1270 ) श्री देवेंन्द्र पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्‍य शिक्षा केन्‍द्र अंतर्गत संचालित जिला शिक्षा केन्‍द्र एवं जनपद शिक्षा केन्‍द्र कार्यालयों में एपीसी, बीएसी व जनशिक्षक के पदों पर प्रतिनियुक्ति से भरे जाने का क्‍या प्रावधान है एवं कितनी अवधि के लिए प्रतिनियुक्ति पर पदस्‍थ किया जाता है? (ख) भोपाल संभाग अंतर्गत जिला शिक्षा केन्‍द्रों व जनपद शिक्षा केन्‍द्रों में पदस्‍थ एपीसी, बीएसी व जनशिक्षकों की प्रतिनियुक्ति का विज्ञापन कब जारी किया गया? जारी विज्ञापन की प्रति उपलब्‍ध करावें? क्‍या यह प्रतिनियुक्ति शासन के नियमों के अनुसार की गई है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार जिन लोकसेवकों को बिना विज्ञापन जारी किये गये पदस्‍थ किया गया है अथवा जिनकी निर्धारित प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्‍त हो चुकी है उन्‍हें कब तक हटाया जायेगा? समयावधि बतायें व इस हेतु दोषी व उत्‍तरदायी अधिकारी पर क्‍या कार्यवाही कब तक की जावेगी?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार(ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट – '' अनुसार है। जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट – '' अनुसार है।

पेंशन गणना में सुधार किया जाना

[जल संसाधन]

186. ( क्र. 1271 ) श्री देवेंन्द्र पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या श्री के.रवि ‍सेवानिवृत्‍त कार्यपालन यंत्री, मध्‍यप्रदेश उद्वहन सिंचाई निगम मर्यादित वर्ष 1979 से 1982 की अवधि में पदस्‍थ रहे हैं? क्‍या उक्‍त अवधि में श्री रवि की पदस्‍थापना की गणना उनकी पेंशन गणना में नहीं की गई? (ख) क्‍या श्री रवि द्वारा दिनांक 11.02.2018 को एक अभ्‍यावेदन देकर उक्‍त त्रुटि सुधार करने का आग्रह किया गया था? यदि हाँ, तो उक्‍त अभ्‍यावेदन पर अब तक किस-किस स्‍तर से क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है? विवरण दें। तत्‍संबंधी पत्राचार की प्रतियां उपलब्‍ध करावें। (ग) क्‍या नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण भोपाल द्वारा श्री रवि की पेंशन गणना में सुधार कर दिया गया है? यदि नहीं, तो कब तक उनके अभ्‍यावेदन के बिन्‍दुओं का निराकरण कर दिया जायेगा एवं मध्‍यप्रदेश उद्वहन सिंचाई निगम के पत्र क्रमांक म.प्र.30 सिं.नि./लेखा/2018/142 दिनांक 08.03.2019 की अनुशंसा मानकर कार्यवाही की जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

प्राथमिक शालाओं में विद्यार्थियों का प्रवेश कम होना

[स्कूल शिक्षा]

187. ( क्र. 1272 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इस शैक्षणिक सत्र में शासकीय प्राथमिक शालाओं में कहां-कहां एक भी छात्र ने एडमिशन नहीं लिया है? ऐसे स्‍कूलों का जिलेवार जानकारी देंगे? इन स्‍कूलों में शिक्षक वर्ग कितने कहां-कहां वर्तमान में पदस्‍थ हैं? शैक्षणिक वर्ष 2024-25 का भी बतायें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में शालाओं में प्रवेश न होने के क्‍या-क्‍या कारण है? प्रवेश अवधि की क्‍या-क्‍या कार्यवाही विभाग स्‍तर पर की जा रही है? (ग) शासकीय प्राथमिक शालाओं के बच्‍चों को पढ़ाने में शिक्षण गुणवत्‍ता बढ़ाने क्‍या-क्‍या आधुनिक उपकरण प्रयोग में लाये जा रहे हैं?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) सत्र 2024-25 के यू-डाइस डाटा की प्राविधिक आकड़े के आधार पर जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ख) राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार कक्षा – 1 में प्रवेश की न्‍यूनतम आयु 6 वर्ष होने तथा पालकों का निकटतम अन्‍य शालाओं में प्रवेश दिलाने का विकल्‍प उपलब्‍ध होना मुख्‍य कारण है। विभाग के द्वारा कक्षा-1 में प्रवेश हेतु दिनांक 30 सितंबर 2024 तक 6 वर्ष आयु पूर्ण करने की शिथिलता प्रदान की गई है।             (ग) प्राथमिक/माध्‍यमिक शालाओं के शिक्षकों को टेबलेट एवं विद्यालय में स्‍मार्ट क्‍लास की सुविधा उपलब्‍घ कराई जा रही है।

परिशिष्ट - "पचहत्तर"

बेल बाबा डेम (बरखेड़ा) की जानकारी

[जल संसाधन]

188. ( क्र. 1274 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह हनी बघेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुक्षी विधान सभा क्षेत्र में सिंचाई विभाग द्वारा बेल बाबा डैम (बरखेड़ा) से किसानों के सिंचाई के लिए शासन द्वारा स्वीकृत योजना में डी.पी.आर. बनी है? हाँ तो प्रतिलिपि उपलब्ध करवाये, नहीं तो किस आधार पर कार्य किया जा रहा है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार क्या उक्त डेम पर डी.पी.आर. के अनुरूप काम हो रहा, यदि हाँ, तो किस अधिकारी द्वारा कार्य का भौतिक सत्यापन किया दिनांक सहित बतायें। (ग) क्या सिंचाई के लिए माइनर लाईन जो डाली जा रही है वो घटिया क्वालिटी की है और जो खुदाई होकर लाईन डालनी थी वो भी मापदण्ड अनुसार नहीं की जा रही है और क्या पाईप लाईन ऊपर सतह पर ही छोड़ दी गई है। यदि हाँ, तो इसका जिम्मेदार कौन है और यदि नहीं, तो क्या शासन स्तर पर इसकी जाँच करवाई जाएगी? (घ) क्या किसानों की फसल का भारी नुकसान हो रहा है। यदि हाँ, तो उसका जिम्मेदार कौन है क्या उन पर कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो शासन स्तर पर जांच कर, हो रहे नुकसान के मुआवजा के साथ ठेकेदार और विभागीय अधिकारी पर कार्यवाही की जायेगी हाँ तो कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। डी.पी.आर. की प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-''1'' अनुसार है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ डी.पी.आर. के अनुरूप डैम पर कार्य किया जाना प्रतिवेदित है। योजना के निर्माण के दौरान भौतिक सत्‍यापन करने वाले अधिकारियों की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट -''1'' एवं ''2'' अनुसार है। (ग) जी नहीं सिंचाई के लिए माइनर लाईन को निर्धारित मापदण्‍डों अनुसार डक्‍ट एक्‍ट के तहत उचित खुदाई कर भूमिगत की जा रही है। पाईप लाईन ऊपरी सतह पर नहीं छोड़ी जा रही है। शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न नहीं। (घ) जी नहीं किसानों को भारी फसलों का नुकसान हुआ हो ऐसा कोई भी प्रकरण विभाग के संज्ञान में नहीं आया है। फसलों की कटाई के पश्‍चात ही खेत खाली होने पर संबंधित कृषक की सहमति लेकर भूमिगत नहर का निर्माण किया गया है। डक्‍ट एक्‍ट में निहित प्रावधानों के तहत निर्माण कार्य कराया जा रहा है, जिससे किसी भी हितग्राही का नुकसान नहीं होना प्रतिवेदित है। अत: नुकसान का मुआवजे दिये जाने का एवं जांच कराये जाने का प्रश्‍न ही नहीं उठता।

भूमि स्‍वामित्‍व योजना

[राजस्व]

189. ( क्र. 1277 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में स्‍वामित्‍व योजना के तहत अब तक कितने-कितने जिलों के कितने ग्रामों में भूमि का स्‍वामित्‍व प्रमाण-पत्र प्रदान कर दिये गये है जिले एवं तहसीलवार संख्‍या दें। (ख) उक्‍त योजना को अन्‍य जिलों में लागू करने की सरकार की क्‍या योजना है?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) प्रदेश में स्‍वामित्‍व योजना के तहत स्‍वामित्‍व प्रमाण पत्र प्रदान करने संबंधी जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) उक्‍त योजना प्रदेश के संपूर्ण जिलो में लागू है।

राजस्‍व महाभियान के उद्देश्‍य

[राजस्व]

190. ( क्र. 1278 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2024 में विभाग द्वारा कब-कब राजस्‍व महाभियान चलाये गये अभियान के उद्देश्‍य क्‍या थे तथा अभियान के दौरान उद्देश्‍यों को प्राप्‍त करने में अब तक क्‍या सफलता मिली है। (ख) प्रदेश के जबलपुर एवं ग्‍वालियर जिले में राजस्‍व महाभियान के दौरान कृषकगण अपने खेतों तक सुगमता से पहुंच सके इस हेतु कितने शासकीय रास्‍तों को अतिक्रमण से मुक्‍त कराया गया है जिला/तहसील/ग्रामवार जानकारी दें। (ग) अभियान के दौरान क्‍या चुनौतियाँ रही तथा समाधान करने के लिए सरकार द्वारा क्‍या प्रयास किए गए हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) वर्ष 2024 में राजस्व महाभियान 3 चरणों में चलाया गया। प्रदेश में राजस्व महा-अभियान 1.0, माह जनवरी से 15 मार्च 2024 तक आयोजित किया गया, जिसमे 30 लाख से अधिक प्रकरणों का निराकरण किया गया। राजस्व महा-अभियान 2.0 दिनांक 18/07/2024 से 31/08/2024 आयोजित किया गया, जिसमे 49 लाख से अधिक प्रकरणों का निराकरण किया गया। राजस्व महा-अभियान 3.0” 15/11/2024 से 15/12/2024 तक आयोजित किया जा रहा है।

उद्देश्य -

1-नवीन प्रकरण दर्ज कराना।

2-समय सीमा पार प्रकरणों (नामांतरण,बंटवारा, अभिलेख दुरुस्ती,सीमांकन ) का त्वरित निराकरण।

3-नक्शा बटांकन।

4-आधार से RoR (खसरे) की लिंकिंग।

5-परम्परागत रस्तों का चिन्हांकन।

6- PMKISAN सैचुरेशन।

7-स्वामित्व योजना के तहत आबादी भूमि के सर्वेक्षण।

8-फार्मर रजिस्ट्री।

(ख) जबलपुर एवं ग्‍वालियर जिले में राजस्‍व महाभियान के दौरान आज दिनांक तक 09 रास्‍तों में अतिक्रमण से मुक्‍त कराया गया हैा तहसीलवार, ग्रामवार जानकारी निम्‍नानुसार है-

क्र.

जिला

तहसील

ग्राम

प्रकरण संख्‍या

1

ग्‍वालियर

डबरा

चांदपुर, अकबईबडी, सुल्‍तानपुर, कर्रा

4

2

ग्‍वालियर

मुरार

रतवाई

1

3

ग्‍वालियर

घाटीगांव

मोहना

1

4

जबलपुर

गोरखपुर

भडपुरा

1

5

जबलपुर

मझौली

हिनौता

1

6

जबलपुर

पाटन

कुसली

1

 (ग) पोर्टल एवं डैश बोर्ड से सम्बंधित तकनीकी समस्याएं आई, जिसे विभाग द्वारा तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा समय समय से संपर्क कर निपटाया गया। जिले में मौके में आने वाली समस्याओं को संज्ञान में लेकर विभाग द्वारा उसका समाधान किया गया। समय-समय पर विभाग द्वारा जिलों के साथ VC के माध्यम से मीटिंग कर समस्याओं का समाधान किया गया।

गलत आदेश निरस्‍त किया जाना

[स्कूल शिक्षा]

191. ( क्र. 1279 ) श्री केशव देसाई : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले में श्री श्याम किशोर भारद्वाज की प्रथम नियुक्ति 1998-1999 शिक्षाकर्मी के रूप में माध्यमिक शिक्षक के पद पर हुई, यही हाँ तो जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या श्री भारद्वाज के अलावा और भी सीनियर कई उच्च माध्यमिक शिक्षक गोहद ब्लॉक में पदस्थ है। यदि हाँ, तो सीनियर शिक्षकों को प्रभार न प्रदान करते हुए श्री भारद्वाज को किस माध्यम से प्रभार दिया गया है, क्या विभाग गलत आदेश पर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही करेंगा यदि हाँ, तो कब तक? (ग) जिला भिण्ड (गोहद) में स्कूल में सीनियर उच्च माध्यमिक शिक्षक होने के बाद भी श्री भारद्वाज की नियुक्ति BEO के रूप में की गई है जो नियम विरुद्ध है, क्या विभाग द्वारा हटाने की कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) जानकारी संलग्‍न  परिशिष्ट  अनुसार है। प्रशासनिक कार्य सुविधा के दृष्टिगत विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी गोहद जिला भिण्ड का प्रभार दिया गया है। वित्तीय प्रभार पूर्ववर्ती अधिकारी के पास है। (ग) उतरांश '' के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "छिहत्तर"

संविदा वेतन नीति अनुसार बढ़ाए जाना

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

192. ( क्र. 1280 ) श्री केशव देसाई : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक सी-5-2/2018/1/3, भोपाल दिनांक 22.07.2023 द्वारा संविदा नीति की कंडिका-4 के अनुसार मध्यप्रदेश शासन के समस्त विभागों में कार्यरत संविदा अधिकारियों व कर्मचारियों तथा उक्त संविदा नीति अनुसार भारत सरकार द्वारा पोषित राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, मध्यप्रदेश (एन.एच.एम) को क्रमांक-एन.एच.एम./एच.आर./2023/16584 भोपाल दिनांक 25.09.2023 द्वारा दिनांक 01.08.2023 से वेतनमान में वेतन का लाभ मिला है, परंतु भारत सरकार द्वारा पोषित म.प्र. राज्य एड्स नियंत्रण समिति के अंतर्गत कार्यरत संविदा कर्मचारियों को उक्त संविदा नीति के आधार पर वेतनमान एवं वेतन का लाभ प्राप्त नहीं दिया गया, जिसका उचित कारण देवें। (ख) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, मध्यप्रदेश (एन.एच.एम) के संविदा अधिकारियों/कर्मचारियों के समान ही म..प्र. राज्य एड्स नियंत्रण, समिति में पदों एवं वेतनमान में संविदा कर्मचारी कार्यरत है। उक्त परिपत्र की कंडिका-3 के अनुसार एड्स नियंत्रण, समिति के संविदा कर्मचारियों के लिये अभी तक नियमित पदों की समकक्षकता निर्धारित नहीं की गई। उक्त कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जावेगी समय-सीमा बतावें। (ग) उक्त परिपत्र की कंडिका-क्रमशः 4.1.4 एवं 4.3 के अनुसार दिनांक 01.08.2023 से वेतन पुर्ननिधारित करने एवं वेतनवृद्धि निर्धारित किया जाना था, परन्तु आज दिनांक तक नहीं किया गया, जिसके कारण म.प्र. राज्य एड्स नियंत्रण, समिति में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है उनको उक्त संविदा नीति के अनुसार अब तक वेतनमान पुनरीक्षण क्यों नहीं किया गया उचित कारण बतावें तथा दोषी अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही की जायेगी।       (घ) म.प्र. राज्य एड्स नियंत्रण, समिति में कार्यरत कर्मियों को सा.प्र.वि. के परिपत्र दिनांक 22.07.2023 द्वारा दिनांक 01.08.2023 से संविदा नीति का लाभ देते हुए उक्त दिनांक से एरियर की राशि का भुगतान कब तक किया जावेगा समय-सीमा बतावें।

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मध्‍यप्रदेश राज्‍य एड्स नियंत्रण समिति फर्म एवं सोसायटी अधिनियम 1973 के अंतर्गत पंजीकृत संस्‍था है जो पूर्णतया 100 प्रतिशत नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन, नई दिल्‍ली से प्राप्‍त अनुदान पर निर्भर है। इसमें राज्‍य शासन का अंशदान शून्‍य है। इसकी तुलना राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन मध्‍यप्रदेश से नहीं की जा सकती है। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (ख) से (घ) उत्‍तरांश '' अनुसार।

सागर जिले के देवरी में स्‍कूलों का उन्‍नयन

[स्कूल शिक्षा]

193. ( क्र. 1282 ) श्री बृज बिहारी पटैरिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले के देवरी विधानसभा में कौन-कौन से हाईस्‍कूल एवं हायर सेकेण्‍ड्री स्‍कूल भवन विहीन है, नाम बताएं कौन से स्‍कूल है। जिनके भवन निर्माण हेतु प्रस्‍ताव जिले एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा विभाग एवं शासन को भेजे गये है, जो आज दिनांक तक लंबित है? क्‍या भवन विहीन स्‍कूलों को चालू वित्‍तीय वर्ष में भवन निर्माण हेतु स्‍वीकृति प्रदान की जा रही है? यदि हाँ, तो कब तक स्‍वीकृति प्रदान की जावेगी? यदि नहीं, तो कारण बतायें। (ख) शासन स्‍तर पर विधानसभा क्षेत्र देवरी में कौन-कौन से हाई स्‍कूलों को हायर सेकेण्‍ड्री में उन्‍नयन एवं मिडिल स्‍कूलों को हाई स्‍कूल में उन्‍नयन के प्रस्‍ताव लंबित है? उक्‍त के उन्‍नयन कब तक कर दिये जायेंगे? (ग) कन्‍या मिडिल स्‍कूलों को उन्‍नयन हाईस्‍कूल में कब तक किया जावेगा? किन स्‍कूलों का चयन किया गया है? सूची उपलब्‍ध करायें। (घ) प्राचार्य विहीन स्‍कूलों को कब तक स्‍थाई प्राचार्य पदस्‍थ कर दिये जायेंगे एवं शिक्षकों की कमी की पूर्ति हेतु शासन की क्‍या योजना है? (ड.) वि.स.क्षेत्र देवरी अंतर्गत अतिवृष्टि एवं पुराने भवन होने के कारण किन जगहों की शालाओं को जीर्ण-शीर्ण घोषित किया गया? उन शालाओं के नाम बतायें। उन भवनों के स्‍थान पर कहां-कहां नवीन भवन की स्‍वीकृति दी गई है, उनमें से कितने भवनों के निर्माण कार्य प्रारंभ किये जा चुके है, जो शेष है उनके नाम बतायें, जो अभी तक स्‍वीकृत नहीं हुये है उन्‍हें कब तक स्‍वीकृति प्रदान की जावेगी? यदि नहीं, तो शासन की क्‍या योजना है?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट -'एक' अनुसार है। भवन निर्माण कार्य बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश उद्‌भूत नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट -'दो' अनुसार है। स्कूलों का उन्नयन बजट की उपलब्धता पर निर्भर है अतः निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्‍नाधीन स्कूल का उन्नयन बजट की उपलब्धता पर निर्भर है अतः शेषांश उद्‌भूत नहीं होता। (घ) शासकीय शालाओं में स्थाई प्राचार्य एवं शिक्षकों की पद पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। अतः निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शिक्षकों की कमी पूर्ति हेतु अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था की जाती है। (ड.) प्रश्‍नाधीन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं की जानकारी निरंक है। शासकीय हाई/हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट 'तीन' अनुसार है। नवीन भवन निर्माण कार्य बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

स्‍कूलों में नामांकनांक कम होने की जानकारी

[स्कूल शिक्षा]

194. ( क्र. 1289 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्र. 2884 दिनांक 10.7.24 के खण्ड ''ग'' का अपूर्ण उत्तर दिया गया है पूर्ण उत्तर देवें। 2022-23 में पी.जी.आई. में देश में 20 वां स्थान चिन्ता का विषय क्यों नहीं है? कारण देवें। जबकि 2017-18 में 16 वां स्थान था। 2023-24 में हमारी रैंक क्या तथा 2017-18 से 2023-24 तक पी.जी.आई. के किस-किस मापदण्ड (पैमाने) में हमें कितने अंक मिले और कौन-सा स्थान मिला? (ख) शासकीय विद्यालयों में वर्ष 2023-24 तथा 2024-25 के कक्षा 1 से 8 तथा कक्षा 9 से 12 तक के नामांकनांक राज्य शिक्षा केन्द्र की या विभाग के दस्तावेज अनुसार बतावें। क्या       यू-डाइस डाटा के अलावा और किसी स्तर पर पुस्तकें, गणवेश, छात्रवृत्ति, मध्यान्ह भोजन अदि का वितरण किस आधार पर प्रत्येक विद्यालय में किया जाता है? (ग) अशासकीय विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तथा 9 से 12 के नामांकनांक वर्ष 2019-20 से 2024-25 तक के बतावें तथा आर.टी.ई से प्रवेश के बाद इन विद्यालयों के नामांकनांक में कितने प्रतिशत वृद्धि या कमी हुई? 2024-25 तक आर.टी.ई. में प्रवेशित की जानकारी दें। (घ) स्कूल शिक्षा विभाग से संचालित तथा जनजातीय कार्य विभाग से संचालित शासकीय विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तथा कक्षा 9 से 12 में नामंकनांक वर्ष 2019-20 से 2024-25 के बतावें। (ड.) निःशुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण के संदर्भ में वार्षिक प्रतिवेदन में कक्षा 1 से 8 के हितग्राही की संख्या क्यों नहीं बताई जा रही है? जबकि कक्षा 9 से 12 की संख्या बता रहे है? यू-डाइस के 2023-24 के डाटा के संकलन में है। तो फिर 2210,731 की संख्या कहां से आ गई? वर्ष 2022-23 के यू-डाइस के डाटा 23.82 लाख है तो फिर 24.34 लाख को पुस्तकें कैसे वितरि‍त हो गई, क्या जांच होगी?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट ''1'' अनुसार है। भारत सरकार के द्वारा सत्र 2022-23 का PGI रैंक जारी नहीं किया गया। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। भारत सरकार के द्वारा सत्र 2023-24 का PGI रैंक जारी नहीं किया गया। जानकारी  संलग्‍न परिशिष्ट  ''2'' अनुसार है। (ख) जानकारी  संलग्‍न परिशिष्ट ''3'' अनुसार है। पुस्तकें, गणवेश, छात्रवृत्ति, मध्यान्ह भोजन आदि के वितरण हेतु मुख्य रूप से यू-डाइस डाटा का ही आधार लिया जाता है। (ग) एवं (घ) जानकारी  संलग्‍न परिशिष्ट ''3'' अनुसार है। (ड़) प्रशासकीय प्रतिवदेन सत्र 2023-24 के पृष्ठ क्रमांक 68 में उल्लेख है। वर्ष 2023-24 के कक्षा 9 के प्रावधिक लिये गये हैं पुस्तकों की मांग पूर्व वर्ष के यू-डाइस के आधार पर भेजी जाती हैं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "सतहत्तर"

किसान सम्‍मान निधि का भुगतान न होना

[राजस्व]

195. ( क्र. 1290 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) प्रदेश में कितने किसानों को सम्मान निधि का भुगतान किया जा रहा है एवं विगत 3 वर्षों में कितने किसानों को सम्मान निधि का भुगतान किया जाना बंद किया है? भुगतान बंद किये जाने के कारण क्या रहा? जौरा विधानसभा के किसानों की सूची कारण का उल्लेख करते हुये उपलब्ध करायें। (ख) विगत 3 वर्ष से जानकारी प्रदान किये जाने तक सम्मान निधि का भुगतान बंद किये जाने के उपरांत पुनः भुगतान चालू किये जाने हेतु प्राप्त प्रकरणों में कितनें किसानों का भुगतान प्रारम्भ हो चुका है एवं ऐसे कितने प्रकरण लंबित है एवं लंबित होने का कारण क्या है?जिला मुरैना की तहसीलवार समस्त जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या जौरा विधानसभा अंतर्गत जीवित किसानों को मृत दर्शाकर सम्मान निधि का भुगतान बंद कर दिया गया है? इस संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई एवं जिम्मेदारों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई एवं नहीं की गई तो क्यों नहीं की गई है? (घ) प्रदेश में विगत 5 वर्षों में कितने कृषकों की मृत्यु उपरांत उनके वारिसानों को किसान सम्मान निधि दिये जाने के कितने प्रकरण प्राप्त हुये एवं कितने प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है? कितने जानकारी प्रदान किये जाने की दिनांक लंबित है एवं लंबित होने का क्या कारण है? जिला मुरैना की तहसील वार जानकारी उपलब्ध करायें। (ड.) निजी भूमि को शासकीय एवं शासकीय भूमि को निजी किये जाने हेतु क्या प्रावधान है? तहसील जौरा एवं कैलारस में विगत 5 वर्षों में राजस्व विभाग के पोर्टल पर निजी भूमि को शासकीय एवं शासकीय भूमि को निजी प्रदर्शित होने के कितनी शिकायतें/आवेदन प्राप्त हुये एवं उनका क्या निराकरण किया गया? क्या इस प्रकार के आवेदनों/शिकायतों के निराकरण किये जाने हेतु कोई समय सीमा निर्धारित है? यदि हाँ, तो कितने प्रकरणों समय सीमा में निराकरण किया गया? यदि नहीं, तो जानकारी प्रदान किये जाने की दिनांक तक कितने ऐसे प्रकरण लंबित है? प्रकरण की संख्‍यावार जानकारी प्रदान करें।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) प्रदेश में 81.36 लाख हितग्राहियों को प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि योजना का भुगतान किया जा रहा है। प्रदेश मेंवर्ष 2021-22 से 2.57 लाख हितग्राहियों को योजांतर्गत अपात्रता की श्रेणी में होने से एवं एवं 3.24 लाख हितग्राहियों की मृत्‍यु उपरांत पीएम किसान पोर्टल पर हितग्राहियों की अपात्रता की जानकारी अद्यतन की गई है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) प्रदेश में विगत 3 वर्ष 2021-22 से नवम्‍बर 2024 तक जानकारी प्रदान किये जाने तक सम्मान निधि का भुगतान बंद किये जाने के उपरांत पुनः भुगतान चालू किये जाने हेतु प्राप्त प्रकरणों में से 21697 हितग्राहियों की जानकारी अद्यतन की जा चुकी है। ऐसे हितग्राहियों द्वारा ई-केवायसी की कार्यवाही पूर्ण करने के उपरांत भुगतान की कार्यवाही प्रारंभ की जाती है। कोई प्रकरण लंबित नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। इस संबंध में केवल जौरा विधायक माननीय श्री पंकज उपाध्‍याय जी के पत्र क्रमांक 54/24से श्री मातादीन पुत्र प्रभुदयाल त्‍यागी को मृत दर्शाकर पीएम किसान बंद किये जाने तथा पुन: एक्टिव किये जाने हेतु पत्र प्राप्‍त हुआ था जबकि श्री मातादीन पुत्र प्रभुदयाल का भुगतान मृत होने के कारण बंद नहीं हुआ था, बल्कि अनट्रेसेबल बेनीफिसियरी के कारण बंद हुआ था। जिसे कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1109 दिनांक 09/05/2024 से पुन: एक्टिव किया जा चुका है। अनट्रेसेबल बेनीफिसियरी के कारण बंद होने से किसी के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई है। (घ) पीएम किसान पोर्टल पर इस प्रकार की जानकारी संधारित नहीं है। अत: प्रश्‍नांश की जानकारी निरंक है। मृत्‍यु उपरांत नामांतरण एक सतत् प्रक्रिया है। जिसमें नामांतरण उपरांत वारिसान द्वारा पीएम किसान पोर्टल के माध्‍यम से आवेदन प्रस्‍तुत किया जा सकता है। (ड.) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 में निजी भूमि को शासकीय एवं शासकीय भूमि को निजी किये जाने संबंधी कोई प्रावधान नहीं है यद्यपि संहिता की धारा 115 में भू-अभिलेख में गलत या अशुद्ध प्रविष्‍टि का शुद्धिकरण संबंधी प्रावधान है। तहसील जौरा एवं कैलारस में विगत 5 वर्षों में राजस्व विभाग के पोर्टल पर निजी भूमि को शासकीय एवं शासकीय भूमि को निजी प्रदर्शित होने की कोई भी शिकायत/आवेदन प्राप्त नहीं हुये है।

अकोला में नामान्‍तरण प्रक्रिया

[राजस्व]

196. ( क्र. 1294 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि     (क) ग्राम अकोला तहसील व जिला दलिया के सर्वे क्रमांक 337 रकबा 0.74 में से 0.32 हेक्टेयर भूमि श्री बैकुन्ठी विजयकुँअर, निशा कुमारी जाटव, निवासी-अकोला को विक्रय की गई थी, विक्रय पश्चात इसका नामान्तरण हो चुका था, यदि हाँ, तो खसरा में कब तक इनका नाम रहा है?      (ख) प्रकरण क्रमांक 81/बी-121 वर्ष 2023-24 में तहसीलदार द्वारा सर्वे नं. 337 रकबा 0.74 में नवीन सर्वे क्रमांक 337/2 रकबा 0.42 हे. सृजित कर जितेन्द्र सिंह पुत्र अजमेर सिंह का नाम दर्ज किया है, क्या तहसीलदार को नवीन सर्वे नम्बर सृजित करने का अधिकार है, यदि हाँ, तो नियम संलग्न करें, यदि नहीं, तो तहसीलदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) उक्त आदेश में पटवारी द्वारा सर्वे नं. 337/1 रकबा 0.32 हे. पर किसका अमल किया गया है, इसके लिये जिम्मेदार पटवारी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। यदि हाँ, तो कब तक? (घ) इस प्रकार अनु. जाति के व्यक्ति‍यों की जमीन हड़पी जा रही है? इसी प्रकार जगन, मूंगाराम पुत्रगण नारान जू जाटव निवासी-अकोला की कृषि आराजी सर्वे क्रमांक 316/1 रकबा 0.33 हेक्टेयर भी बिना विक्रय किसी रजिस्ट्रीकरण के दूसरे के नाम कैसे अंकित की गई? इसका नाम कब परिवर्तन किया गया है, इसके लिए कौन जिम्मेदार है। विस्तृत रिपोर्ट अभिलेख सहित संलग्न करें?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

 

 

आवास आवंटन

[जल संसाधन]

197. ( क्र. 1295 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन विभाग के दतिया मुख्यालय में कितने शासकीय आवास हैं तथा किस टाईप के हैं? प्रकारवार संख्या बतायें एवं इनमें कितने भरे तथा कितने रिक्त हैं? (ख) आवास आवंटन के अधिकार किसको है? (ग) उक्त आवास किस-किस शासकीय सेवक को आवंटित किये गये हैं? नाम सहित सूची बतायें। आवंटित कर्मचारियों एवं अधिकारियों के आवेदन पत्रों एवं आवंटन संबंधी मीटिंग की प्रोसिडिंग की भी छायाप्रति संलग्न की जावे।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) दतिया मुख्यालय पर आवास की  जानकारी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"1" अनुसार है। (ख) अधीक्षण यंत्री की अध्यक्षता में गठित भवन आवंटन समिति को आवास आवंटन के अधिकार है। (ग) शासकीय सेवकों को आवंटित किये गये भवनों की  सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"2" अनुसार है। आवेदन पत्र एवं आवंटन संबंधी मीटिंग की प्रोसिडिंग पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''3'' अनुसार है।

खाद्य पदार्थो की बिक्री

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

198. ( क्र. 1298 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सिवनी जिला में खाद्य एवं औषधी प्रशासन द्वारा जिलों में संचालित खाद्य पदार्थों क बिक्री व निर्माण संस्‍थानों की विविध/निगरानी नमूने की जांच पृथक-पृथक क्षेत्रों व प्रतिष्‍ठानों की जाकर दोषियों के विरूद्ध विधिक कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो वर्ष 2022 से आज दिनांक तक की गई कार्यवाही की स्‍पष्‍ट स्‍थानवार, प्रतिष्‍ठानों के नाम सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें। क्‍या सुरक्षा मानक अधिनियम की धारा 2006 (32) के अनुसार दोषी व्‍यक्तियों/प्रतिष्‍ठानों द्वारा बार-बार गलती किये जाने पर सिर्फ सुधार सूचना देने का प्रावधान है, यदि नहीं, तो इस प्रकार के दोषियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) क्‍या जिला सिवनी में एन.एच.एम. योजनान्‍तर्गत वर्ष 2021 से अधोसंरचना निर्माण कार्य किये जा रहे है? यदि हाँ, तो उनकी कार्य व लगातार जानकारी देवें। क्‍या इन कार्यों की गुणवत्‍ता व मजदूरों को निर्माण स्‍थल में मिलने वाली सुविधा में अनियमितता के संबंध में कोई पत्र विभाग/शासन को प्राप्‍त हुआ है, यदि हाँ, तो क्‍या उसकी जांच वरिष्‍ठ अधिकारियों से कराई गई है यदि नहीं, तो क्‍यों?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हां, दिनांक 01.01.2022 से 25.11.2024 तक की गई कार्यवाही की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1''  ''2'' अनुसार। जी नहीं, खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धारा 32 सुधार सूचनाओं के बारे में प्रावधान करती है। जिला सिवनी में धारा 32 अंतर्गत की गई कार्यवाहियों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार(ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार। जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

 

राजस्‍व प्रकरणों के निराकरण में विलंब

[राजस्व]

199. ( क्र. 1299 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सिवनी जिले के राजस्‍व अनुभाग, तहसील, उप तहसील व अन्‍य शाखा में राजस्‍व अधिकारियों की अनियमितताओं/गतिविधियों के कारण स्‍थानीय जनों के राजस्‍व प्रकरणों के निराकरण में विलंब की जनप्रतिनिधियों से कोई शिकायत/पत्र प्राप्‍त हुआ है? यदि हाँ, तो उन पत्रों पर क्‍या कार्यवाही की गई है, यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) क्‍या राजस्‍व विभाग अनुभाग में पदस्‍थ अधिकारियों की कार्य प्रणाली एवं अनिय‍मितताओं की कोई शिकायत स्‍थानीय जनप्रतिनिधियों से प्राप्‍त हुई है, यदि हाँ, तो उस पर क्‍या कार्यवाही की गई है, यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या सिवनी जिले में राजस्‍व विभाग द्वारा अधिसूचित नदी, नालों, नहरों में अतिक्रमण है, यदि हाँ, तो उन्‍हें अतिक्रमण से मुक्‍त कराने हेतु कोई कार्यवाही की जावेगी? क्‍या सिवनी जिले की अधिसूचित मरघट/शमशान घाट की भूमि में अतिक्रमण है, यदि है तो उसमें क्‍या कार्यवाही की गई है, यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) सिवनी जिले के राजस्‍व अनुभाग, तहसील, उप तहसील व अन्‍य शाखा में राजस्‍व अधिकारियों की अनियमितताओं/गतिविधियों के कारण स्‍थानीयजनों के राजस्‍व प्रकरणों के निराकरण में विलंब की जनप्रतिनिधियों से कोई शिकायत/पत्र प्राप्‍त नहीं हुआ है। शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होता है। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होता।

शासकीय/अशासकीय कॉलेजों को दी गई मान्‍यता

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

200. ( क्र. 1302 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश पैरामेडिकल कौंसिल द्वारा सत्र 2020-21, 2021-22, 2022-23 एवं 2023-24 में मध्यप्रदेश के समस्त कॉलेजों को दी गई मान्यता से संबंधित जानकारी और मान्यता प्रमाण-पत्र की प्रमाणित प्रतिलिपि उपलब्ध करायी जाये। (ख) सत्र 2020-21, 2021-22, 2022-23 एवं 2023-24 के पैरामेडिकल कॉलेजों की मान्यता प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों के निर्णयों की प्रमाणित प्रतिलिपि उपलब्ध करायी जाये। (ग) मध्यप्रदेश पैरामेडिकल कौंसिल द्वारा सत्र 2020-21, 2021-22, 2022-23 एवं 2023-24 के पैरामेडिकल कॉलेजों से संबंधित सभी शासकीय और अशासकीय कॉलेजों की निरीक्षण की रिपोर्ट व निरीक्षण के दौरान के समस्त फोटोग्राफ की प्रमाणित प्रतिलिपि उपलब्ध करायी जाये। (घ) सत्र 2020-21, 2021-22, 2022-23 एवं 2023-24 के पैरामेडिकल कॉलेजों की मान्यता हेतु जमा कराये गये सभी दस्तावेज और रिकार्डस् की प्रमाणित प्रतिलिपि उपलब्ध करायी जाये। पैरामेडिकल कॉलेजों के संचालन के लिये पैरामेडिकल कौंसिल द्वारा निर्धारित मापदण्डों की प्रमाणित प्रतिलिपि उपलब्ध करायी जाये। (घ) मध्यप्रदेश के सत्र 2020-21, 2021-22, 2022-23 एवं 2023-24 के समस्त पैरामेडिकल कॉलेजों के भवन और अस्पताल की जानकारी की प्रमाणित प्रतिलिपि उपलब्ध करायी जाये। (ड.) मध्यप्रदेश पैरामेडिकल कौंसिल की 2020 से 2024 तक की समस्त कमेटियों के सदस्यों की जानकारी की प्रमाणित प्रतिलिपि उपलब्ध करायी जाये।

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मध्‍यप्रदेश पैरामेडिकल कौंसिल द्वारा सत्र 2020-21, 2021-22, 2022-23 में दी गई मान्‍यता एवं मान्‍यता प्रमाण पत्र की प्रमाणित प्रति की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। सत्र 2023-24 में किसी भी कॉलेज को मान्‍यता प्रदान नहीं की गई। मान्‍यता प्रक्रिया से संबंधित जानकारी मध्‍यप्रदेश सह चिकित्‍सीय शिक्षा सह चिकित्‍सीय संस्‍थाओं की स्‍थापना के लिये मानक तथा मार्गदर्शक नियम 2007 तथा मध्‍यप्रदेश सह चिकित्‍सा शिक्षा संस्‍थान (मानक और दिशा निर्देश) स्‍थापना नियम 2021 की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ख) सत्र 2020-21, 2021-22 एवं 2023-24 के पैरामेडिकल कॉलेजों की मान्‍यता प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों के निर्णयों की प्रमाणित प्रतियों की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार, सत्र 2023-24 में प्रश्‍न दिनांक तक किसी भी कॉलेज को मान्‍यता प्रदान नहीं की गई। (ग) सत्र 2020-21, 2021-22 के निरीक्षण प्रतिवेदनों की प्रति प्रश्‍नांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार एवं शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है। मान्‍यता प्रक्रिया से संबंधित निर्धारित मापदण्‍ड मध्‍यप्रदेश सह चिकित्‍सीय शिक्षा सह चिकित्‍सीय संस्‍थाओं की स्‍थापना के लिये मानक तथा मार्गदर्शक नियम 2007 तथा मध्‍यप्रदेश सह चिकित्‍सा शिक्षा संस्‍थान (मानक और दिशा निर्देश) स्‍थापना नियम 2021 की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ड.) मध्‍यप्रदेश पैरामेडिकल कौंसिल की 2020 से 2024 तक की मान्‍यता नियम 2021 के अनुसार संस्‍थानों के सत्‍यापन हेतु गठित समिति, पंजीयन समिति एवं परीक्षा मण्‍डल समिति की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है।

शासकीय/अशासकीय विद्यालयों में फ्लेक्‍स बोर्ड लगाने में अनियमितता

[स्कूल शिक्षा]

201. ( क्र. 1303 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता द्वारा जुलाई, 2024 सत्र प्रदेश के विद्यालयों में फ्लेक्स बोर्ड लगाने में अनियमितताओं संबंधी में पूँछे गये तारांकित प्रश्‍न क्र. 999 के उत्तर में शासन द्वारा जानकारी एकत्रित करना बताया है? शासन द्वारा यह जानकारी एकत्रित कर कब तक प्रदान कर दी जायेगी? समय-सीमा बतायी जाये। (ख) शिक्षा सत्र 2022-23 में प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा मण्डल से सम्बद्ध रहे शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों की कुल संख्या क्या थी (मान. न्यायालय के माध्यम से सम्मिलित कराये गये विद्यालयों सहित)? जिलेवार संबंध विद्यालयों की सूची उपलब्ध करायी जाये (ग) क्या जनसंपर्क विभाग के माध्यम से माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा प्रदेश के विद्यालयों में फ्लेक्स बोर्ड लगाने का निर्णय लिया गया था? यदि हाँ, तो किस दिनांक को व कितने विद्यालयों में? फ्लेक्स बोर्ड लगाने की अनुमति से संबंधित नस्ती/नोटशीट की छायाप्रति उपलब्ध करायी जावे। (घ) शिक्षा सत्र 2022-23 में जनसंपर्क विभाग के माध्यम से माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा कितने स्कूलों में फ्लेक्स बोर्ड लगाये गये? जनसंपर्क विभाग द्वारा फ्लेक्स हेतु उपलब्ध करायी दर क्या थी तथा इस दर पर कुल कितने फ्लेक्स बोर्ड लगाये गये पूर्ण जानकारी दी जाये। (ड.) प्रदेश के विद्यालयों में फ्लेक्स बोर्ड लगाने हेतु जनसंपर्क विभाग को किस दिनांक को प्रदेश जारी किया? कार्यादेश सहित समस्त पत्राचार की छायाप्रतियां उपलब्ध करायी जाये।

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) एकत्रित जानकारी के अनुसार शासकीय संस्‍थाओं की संख्‍या 9264 है एवं उक्‍त संस्‍थाओं में 9298 फ्लेक्‍स बोर्ड लगाए गए है। (ख) शिक्षा सत्र 2022-23 में प्रदेश में माध्‍यमिक शिक्षा मण्‍डल से संबद्ध शासकीय विद्यालयों की संख्‍या 9264 एवं अशासकीय विद्यालयों की संख्‍या 8208 थी। जिलेवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) जी हां। जनसंपर्क विभाग के माध्‍यम से माध्‍यमिक शिक्षा मण्‍डल, मध्‍यप्रदेश, भोपाल द्वारा प्रदेश के विद्यालयों में फ्लेक्‍स बोर्ड लगाने का निर्णय मण्‍डल की कार्यपालिका समिति की बैठक दिनांक 25/07/2022 एवं दिनांक 20/12/2022 को लिया गया था। शासकीय कुल 9264 विद्यालयों में 9298 फ्लेक्‍स बोर्ड एवं अशासकीय कुल 8208 विद्यालयों में 12,002 फ्लेक्‍स बोर्ड लगाए गए। शेष प्रश्‍नांश ''विधानसभा सचिवालय की नियमावली के नियम 38 (7) '' के परिप्रेक्ष्‍प में दस्‍तावेजों की प्रति संलग्‍न नहीं की गई है। (घ) शिक्षा सत्र 2022-23 में जनसंपर्क विभाग के माध्‍यम से माध्‍यमिक शिक्षा मण्‍डल द्वारा शासकीय एवं अशासकीय कुल 17,472 विद्यालयों में कुल 21,300 फ्लेक्‍स बोर्ड लगाए गए। जनसंपर्क विभाग द्वारा उपलब्‍ध कराई गई दर प्रति फ्लेक्‍स बोर्ड रू. 9000+1620 जी.एस.टी कुल 10620/- थी। (ड.) प्रदेश के विद्यालयों में फ्लेक्‍स बोर्ड लगाने हेतु जनसंपर्क विभाग को दिनांक 25.07.2022 एवं दिनांक 03.01.2023 को कार्यादेश जारी किये गये थे। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-ब-अनुसार है।

प्रश्‍नकर्ता विधायक द्वारा लिखे गए पत्रों पर की गई कार्यवाही

[राजस्व]

202. ( क्र. 1313 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता विधायक द्वारा दिनांक 01 जनवरी 2024 से प्रश्‍न दिनांक 20.11.2024 की अवधि में प्रमुख सचिव राजस्व विभाग एवं कलेक्‍टर एवं जिला दण्डाधिकारी जिला रतलाम को अपनी ई.मेल आई.डी. kamleshwar.d@mpvidhansabha.nic.in से विभागीय ई-मेल आई.डी. psrevenue@mp. gov.in dmratlam@nic.in पर सतत् रूप से भेजे गये सभी लोकहित के लिखित पत्रों पर पृथक-पृथक क्या वैधानिक कार्यवाही सदन में उत्तर देने की दिनांक तक की गई है सम्पूर्ण जानकारी पृथक-पृथक पत्रवार की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करावे एवं माननीय मुख्यमंत्री तथा मुख्य सचिव कार्यालय से कलेक्टर कार्यालय रतलाम को उक्त अवधि में प्राप्त प्रत्येक पत्र पर जिला कलेक्टर रतलाम द्वारा किये गये अंतिम निराकरण की जानकारी भी उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित प्रश्‍नकर्ता विधायक के प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्रों पर निर्धारित समय-सीमा में संबंधित प्रशासकीय विभाग के प्रमुख सचिव राजस्व एवं कलेक्टर रतलाम द्वारा कार्यवाही नहीं की गई है और प्रत्येक पृथक-पृथक लिखे गये पत्रों का कोई अंतिम निराकरण सदन में उत्तर देने की दिनांक तक क्यों नहीं किया गया? इसके लिये जिला कलेक्टर रतलाम सहित उनके अधीनस्थ पदस्थ कौन-कौन सक्षम अधिकारी उत्तरदायी एवं दोषी है? पृथक-पृथक नाम, पदनामवार बतावें।                         (ग) क्या प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित प्रश्‍नकर्ता विधायक के प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्र पर मध्यप्रदेश शासन के पूर्व एवं वर्तमान प्रमुख सचिव राजस्व विभाग एवं कलेक्टर रतलाम द्वारा निर्धारित समय-सीमा में कार्यवाही करते हुये अपने अधीनस्थों को जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किये जाने के आदेश दिये गये थे यदि हाँ, तो पत्रवार बतावें, क्या प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्र पर जांच प्रतिवेदन/कार्यवाही विवरण प्रस्तुत नहीं करने वाले एवं समय-सीमा में कार्यवाही पूर्ण नहीं करने वाले संबंधित दोषी अधिकारी एवं अन्य के विरूद्ध उन्हें निलंबित करते हुये उनके विरूद्ध विभागीय जांच आदेशित करेंगे यदि हाँ, तो कब तक निश्चित समय अवधि बतावें यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं? (घ) क्या प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित प्रश्‍नकर्ता विधायक के प्रमुख सचिव राजस्व एवं कलेक्टर रतलाम को लोकहित में लिखे गये सभी लिखित पत्रों पर समय-सीमा में सम्पूर्ण वैधानिक कार्यवाही पूर्ण करते हुये प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्र का अंतिम निराकरण करने के आदेश विभागीय प्रमुख सचिव एवं कलेक्टर रतलाम को आदेश जारी करेंगे यदि हाँ, तो कब तक निश्चित समय अवधि बतावें यदि नहीं, तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) :  (क)  से (घ)  जानकारी संकलित की जा रही है।

लोकहित में लिखे गए पत्रों पर कार्यवाही

[स्कूल शिक्षा]

203. ( क्र. 1314 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता विधायक द्वारा दिनांक 01 जनवरी 2024 से प्रश्‍न दिनांक 20.11.2024 की अवधि में विभागीय प्रमुख सचिव/सचिव स्कूल शिक्षा विभाग, आयुक्त स्कूल शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश शासन को अपनी ई-मेल आई.डी. kamleshwar.d@mpvidhansabha.nic.in से विभागीय ई-मेल आई.डी. secy.sed@mp.gov.in, cpibhop@mp.nic.in पर सतत् रूप से भेजे गये सभी लोकहित के लिखित पत्रों पर पृथक-पृथक क्या वैधानिक कार्यवाही सदन में उत्तर देने की दिनांक तक की गई है सम्पूर्ण जानकारी पृथक-पृथक पत्रवार की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करावे। (ख) क्या प्रश्‍नांश "क" में उल्लेखित प्रश्‍नकर्ता विधायक के प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्रों पर निर्धारित समय-सीमा में विभागीय सक्षम अधिकारी द्वारा कार्यवाही नहीं की गई है और प्रत्येक पृथक-पृथक लिखे गये पत्रों का कोई अंतिम निराकरण सदन में उत्तर देने की दिनांक तक क्यों नहीं किया गया एवं चाही गई जानकारी प्रश्‍नकर्ता विधायक को कब तक उपलब्ध करा दी जावेगी निश्चित समय अवधि बतावें। इसके लिये कौन-कौन विभागीय अधिकारी उत्तरदायी एवं दोषी है पृथक-पृथक नाम, पदनामवार बतावें। (ग) क्या प्रश्‍नकर्ता विधायक द्वारा विभागीय प्रमुख सचिव/सचिव स्कूल शिक्षा विभाग, आयुक्त स्कूल शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश शासन को सैलाना विधानसभा क्षेत्र में अपने पत्र क्रमांक 1597/व्ही.आई.पी./2024 दिनांक 05.11. 2024 को भवन विहीन हाई स्कूलों के निर्माण करने, पत्र क्रमांक 1588/व्ही.आई.पी./2024 दिनांक 05.11.2024 को मध्यान भोजन में की जा रही लापरवाही की जांच किये जाने एवं अन्य लोकहित के पत्र लिखकर सभी स्कूलों में शौचालय के निर्माण एवं मरम्मत कराने, पीने के पानी की व्यवस्था कराने, घटिया साईकिल वितरण की शिकायतें में जांच करने हेतु लिखे गये थे यदि हाँ, तो उक्त पत्र पर कौन-कौन सी जांच टीम गठित की गई एवं सदन में उत्तर देने की दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई पृथक-पृथक विस्तृत जानकारी देवें। (घ) क्या  प्रश्‍नांश '''' में उल्लेखित प्रश्‍नकर्ता विधायक के लोकहित में लिखे गये सभी लिखित पत्रों पर समय-सीमा में सम्पूर्ण वैधानिक कार्यवाही पूर्ण करते हुये प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्र का अंतिम निराकरण करने के आदेश सक्षम अधिकारी को जारी करेंगे यदि हाँ, तो कब तक निश्चित समय अवधि बतावें यदि नहीं, तो क्यों नहीं?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।        (ग) प्रश्‍नाधीन पत्र क्रमांक 1597/व्ही.आई.पी/2024 दिनांक 05.11.2024 पत्र पर आवश्यक कार्यवाही हेतु जनजातीय कार्य विभाग को मूलतः प्रेषित कर दिया गया है। पत्र क्रमांक 1588/व्ही.आई.पी/2024 दिनांक 05.11.2024 मध्यान्ह भोजन में लापरवाही की जांच से संबंधित है जिसमें उचित कार्यवाही हेतु पंचायत एव ग्रामीण विकास विभाग को राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा लिखा जा चुका है। (घ) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

नर्सिंग कॉलेजों की मान्‍यता समाप्ति की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

204. ( क्र. 1323 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता में अनियमितताओं की जांच राज्य सरकार ने सी.बी.आई. को सौंपी थी? प्रदेश में सी.बी.आई. रिपोर्ट के आधार पर कितने नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता समाप्त की गई? इन नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने वाले संबंधित अधि./कर्म. और निरीक्षण करने वाले दल की जबावदेही निर्धारित की गई है? यदि हाँ, तो बताये किसके विरूद्ध क्या और यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अपात्र नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता में गड़बड़ियों के संबंध में विभाग ने जिन अधि./कर्म. को नोटिस जारी किये थे? नोटिस की प्रति एवं नोटिस के जवाबों की प्रति साथ ही जवाबों से असंतुष्टि पाये जाने पर कितनों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई अथवा क्या कार्यवाही की अनुशंसा पत्र जारी किये गये उनकी प्रति सहित बतायें एवं म.प्र. में नर्सिंग कॉलेजों से संबंधित पुलिस विभाग में कितने प्रकरण दर्ज है, समस्त प्रकरणों की जानकारी दें। (ग) उपरोक्त के संबंध में कॉलेजों की मान्यता गड़बड़ियों के कारण ही समाप्त हुई है? क्या जब कोई गड़बड़ियां एक से अधिक कॉलेजों में मिलीभगत की जाती है तो उसे घोटाला या फर्जीवाड़ा कहा जाता है? गड़बड़ियों को उजागर करने वालों के विरुद्ध कितने प्रकरण पंजीबद्ध हुये? क्या उनके विरुद्ध दर्ज झूठे प्रकरण वापस लेने हेतु विभाग ने प्रश्‍न दिनांक तक कोई पहल की है? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतायें। कब तक प्रकरण वापस लिये जायेंगे निश्चित समयावधि बतायें। (घ) सत्र 2020-21, 21-22, 22-23, 24-25 की समस्त नर्सिंग कॉलेजों की निरीक्षण रिपोर्ट की प्रति सुस्पष्ट, पठनीय, पदमुद्रा अंकित करके देवें?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं, माननीय उच्‍च न्‍यायलय ग्‍वालियर खण्‍डपीठ में विचाराधीन याचिका डब्‍ल्‍यू.पी. 20438/2021 में पारित आदेश में सी.बी.आई जांच आदेशित की गई। सी.बी.आई रिपोर्ट के आधार पर कुल 66 नर्सिंग कॉलेज की मान्‍यता समाप्‍त की गई। जी हाँ। की गई कार्यवाही की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। (ख) अपात्र नर्सिंग कॉलेजों की मान्‍यता में गड़बडि़यों के संबंध में जारी किये गये नोटिस की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार। प्राप्‍त जवाबों का आयुक्‍त, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा द्वारा परीक्षण किया जा रहा है। पुलिस विभाग में दर्ज प्रकरणों की जानकारी के संबंध में गृह विभाग को पत्र लिखा गया है जानकारी एकत्रित की जा रही है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार। (ग) जी नहीं। पुलिस विभाग में दर्ज प्रकरणों की जानकारी के संबंध में गृह विभाग को पत्र लिखा गया। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) सत्र 2020-21, 21-22, 22-23 के नर्सिंग कॉलेजों की निरीक्षण रिपोर्ट की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार। सत्र 2024-25 की मान्‍यता नवीनीकरण सी.बी.आई रिपोर्ट के आधार पर जारी किये जाने का निर्णय लिया गया है।

एम्बुलेंस सेवाओं एवं सी.एच.ओ. की सेवावृद्धि में घोटाला

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

205. ( क्र. 1324 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अधोहस्ताक्षरकर्ता का पत्र क्र. 736 दिनांक 23.10.24 जो मुख्य सचिव, म.शा. भोपाल को प्रेषित किया गया था, प्राप्ति दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही सा.प्र.वि. के आदेश क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 भोपाल दिनांक 22.3.2011 में उल्लेखित पांचों बिन्दुओं एवं परिशिष्टों (1, 2) का पालन सुनिश्चित कर किया गया है? कब-कब और क्या-क्‍या कार्यवाही सुनिश्चित की गई? संबंधित अधि./कर्म. का नाम, पदनाम, कार्यालयीन अभिलेखों/नोटशीटों/पत्रों/नियमों की प्रति सहित बतायें। (ख) क्या पत्र पर कृत कार्यवाही से प्रश्‍नकर्ता को संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करा दी गई है? यदि नहीं, तो आदेश के उल्लंघन पर विभाग में किन-किन के विरुद्ध जिम्मेदारी निर्धारित की गई? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित स्पष्ट करें।          (ग) उपरोक्त के संबंध में पी.आर.ओ., एन.आर.एच.एम. ने दैनिक समाचार पत्रों एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रकाशित खबरों से विभाग को अवगत कराया है? यदि हाँ, तो उस पर विभाग ने क्या कार्यवाही की? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उपरोक्त के अनुक्रम एन.आर.एच.एम. द्वारा एम्बुलेंस सेवाओं के संबंध में कब निविदा किन शर्तों के पालन में निकाली? किसी फर्म को किस दर पर कितनी अवधि के कितने वाहनों के लिये कार्य सौंपा गया? कितना भुगतान कब, किन कार्यों के लिये किया गया? (ड.) विभाग में कार्यरत सी.एच.ओ. की सेवावृद्धि नहीं होने के बावजूद भी भुगतान कैसे किया जा रहा? क्या समस्त सी.एच.ओ. की सेवाएं समाप्त कर भुगतान की वसूली की जायेगी? विभाग में नियमों का पालन नहीं करने के कारण किस के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) :  (क) से  (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

अतिशेष शिक्षकों के संबंध में जानकारी

[स्कूल शिक्षा]

206. ( क्र. 1326 ) श्री अनिल जैन कालूहेड़ा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश में स्‍कूल शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों को अतिशेष करने संबंधी क्‍या मापदंड है क्‍या मापदंड अनुसार शिक्षकों को (यथा उत्‍कृष्‍ठ विद्यालय, सी.एम.राईज विद्यालय) अतिशेष मानते हुए कार्यवाही की गई है? (ख) क्‍या अतिशेष शिक्षकों को काउंसलिंग में पोर्टल अनुसार अंकित शालाओं में रिक्‍त पद पर पदांकन की कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो पोर्टल पर रिक्‍त पद का परीक्षण काउंसलिंग पूर्व किया गया था? यदि नहीं, हो तो ऐसे शिक्षक जो पोर्टल अपडेट न होने से अति‍शेष व्‍यवस्‍था अंतर्गत प्रभावित हुए है उनके संबंध में विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है? (ग) क्‍या काउंसलिंग अंतर्गत ऐसे शिक्षक जिनके द्वारा असहमति दी गई है एवं अतिशेष में आते है उन्‍हें भी पदांकित संस्‍था से अन्‍यत्र भेजन की कार्यवाही की गई है? (घ) उज्‍जैन जिले में ऐसे कितने शिक्षक है जिनके द्वारा अभ्‍यावेदन प्रस्‍तुत कर नियमानुसार अतिशेष की कार्यवाही से मुक्‍त करने हेतु आवेदन दिया गया एवं उनके संबंध में क्‍या कार्यवाही की गई? यदि‍ नहीं तो कब तक इस संबंध में कार्यवाही की जावेगी।

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट की कंडिका 3.2 अनुसार है। (ख) जी हां। जी हाँ जिला शिक्षा अधिकारी को यह निर्देश दिए गए थे कि रिक्त पदों की पुष्टि करने के उपरांत ही काउंसलिंग करें। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) ऐसे शिक्षक जो अतिशेष में आते है व जिनके द्वारा असहमति दी गई अथवा अनुपस्थित रहे है, उनका प्रशासकीय स्थानांतरण किया जाएगा। (घ) उज्जैन जिला अंतर्गत 160 शिक्षकों के द्वारा अभ्यावेदन प्रस्तुत कर अतिशेष की कार्यवाही से मुक्त रखने हेतु आवेदन पत्र दिये गये थे, जिनमें से गठित समिति द्वारा 14 शिक्षकों के आवेदन अमान्य किये गये है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता

तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का प्रदाय

[स्कूल शिक्षा]

207. ( क्र. 1327 ) श्री अनिल जैन कालूहेड़ा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्‍यप्रदेश में 35 वर्ष सेवा पूर्ण करने वाले तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की चतुर्थ समयमान वेतनमान देने का नियम है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या स्‍कूल शिक्षा विभाग में अन्‍य विभागों की तरह तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को उक्‍त वेतनमान दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या विभाग अपने कर्मचारियों को 35 वर्ष सेवा पूर्ण करने पर चतुर्थ समयमान वेतनमान देगा? यदि हाँ, तो कब तक

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जी हां। (ख) जी हां। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी, हां। कर्मचारी के सेवाकाल में पात्रता अनुसार समयमान वेतनमान प्रदाय किया जाना एक सतत प्रक्रिया है। अतः शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है

तहसील के रिक्‍त पदों को शीघ्र भरना

[राजस्व]

208. ( क्र. 1437 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) टीकमगढ़ जिले में तहसीलों में किस-किस अधिकारियों एवं कर्मचारियों के पद सृजित है एवं किस-किस से कब से प्रश्‍न दिनांक तक भरे है एवं किस-किस के वर्तमान में कब से पद रिक्‍त है? संपूर्ण जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार क्‍या टीकमगढ़ जिले में 9 तहसील होने के बावजूद एक भी फुल फ्रेश तहसीलदार प्रश्‍न दिनांक तक पदस्‍थ नहीं है? अगर नहीं है तो क्‍या-क्‍या कारण है? संपूर्ण जानकारी प्रदाय करें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि क्‍या इन तहसीलों में तहसीलदारों की नियुक्ति न होने से कार्य प्रभावित नहीं हो रहे है? (घ) क्‍या विभाग स्‍थानांतरण नियमों के आधार पर या पदोन्‍नति के आधार पर जिले में तहसीलदारों की नियुक्ति विभाग करेगा तो कब तक? निश्चित समयावधि सहित संपूर्ण जानकारी प्रदाय करें।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) टीकमगढ़ जिले की तहसीलों में अधिकारियों एवं कर्मचारियों के सृजित, भरे, रिक्त पदों का  विवरण संलग्न  परिशिष्ट  अनुसार है। (ख) टीकमगढ़ जिले में वर्तमान में 09 तहसीले है, जिसमें से 01 तहसील में फुलफ्रेश तहसीलदार पदस्थ है तथा 02 तहसीलों में शासन द्वारा बनाये गये प्रभारी तहसीलदार एवं 06 तहसीलों में नायब तहसीलदार/सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख को प्रभारी तहसीलदार के दायित्व निर्वहन करने हेतु दायित्व सौंपे गये है। पदोन्‍नति पर रोक है। (ग) जी नहीं। (घ) आवश्‍यकतानुसार वैधानिक प्रावधानों के तहत पद पूर्ति की जाती है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "अठहत्तर"

स्‍वीकृति प्रदाय करना

[जल संसाधन]

209. ( क्र. 1438 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले के सतधारा बांध के कार्य की वर्तमान अद्यतन जानकारी प्रदाय करते हुये यह भी बतायें कि यह कार्य कब से बंद है, कार्य बंद की दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक जल संसाधन विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या कार्य बंद कार्य को पुन: चालू किये जाने हेतु किया गया है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर बतायें कि वन विभाग द्वारा उपरोक्‍त कार्य पुन: चालू कराने वन विभाग के पास प्रश्‍न दिनांक तक क्‍यों और कब से लंबित है? लंबित कार्य पुन: चालू कराने कब तक स्‍वीकृति प्रदाय करेगा? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि टीकमगढ़ जिले के कौन-कौन से नवीन कार्य वर्तमान में साद्रता प्राप्‍त करने हेतु जिले से भोपाल योजना बनाकर भेजे गये है? संपूर्ण विस्‍तृत जानकारी प्रदाय करें। (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर निश्चित समय-सीमा सहित बतायें कि कब तक सतधारा बांध का बंद कार्य पुन: प्रारंभ हो जावेगा एवं कब तक साद्रता हेतु भेजी गई योजनाओं का परीक्षण उपरांत स्‍वीकृति प्रदाय की जावेगी? कृपया संपूर्ण जानकारी प्रदाय करें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) टीकमगढ़ जिले के सतधारा बांध के कार्य की अद्यतन  जानकारी संलग्‍न  परिशिष्‍ट  के ''प्रपत्र-अ'' अनुसार है। सतधारा बांध का निर्माण कार्य अगस्त 2021 से वन प्रकरण की स्वीकृति के अभाव में बंद है। उक्त योजना से प्रभावित होने वाली वन भूमि के स्टेज-1 की अनुमति भारत-सरकार पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, एकीकृत क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल के पत्र क्रमांक-6/एम.पी.सी./040/2020-बी.एच.ओ. दिनांक 19.01.2023 के द्वारा प्राप्त की जा चुकी है। अनुमति में दर्शाई अभीष्ट औपचारिकताओं की पूर्ति करते हुये स्टेज-2 की स्वीकृति वन-विभाग से प्राप्त करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होना प्रतिवेदित है। (ख) प्रश्‍नांश '' के अनुसार वर्तमान में राजस्व विभाग की भूमि वन विभाग को हस्तांतरण करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होना प्रतिवेदित है। उक्त भूमि का हस्तांतरण हो जाने एवं स्टेज-2 की स्वीकृति उपरांत योजना का कार्य पुनः चालू हो सकेगा। (ग) टीकमगढ़ जिला अन्तर्गत साध्यता हेतु प्रस्तावित नवीन परियोजनाओं की  जानकारी संलग्‍न  परिशिष्‍ट  के ''प्रपत्र-ब'' अनुसार है। (घ) सतधारा बांध का निर्माण कार्य डूब प्रभावित वन भूमि के बदले दी जाने वाली राजस्व भूमि के हस्तांतरण पश्चात एवं वन भूमि की स्टेज-2 की स्वीकृति उपरांत पुनः प्रारंभ किया जावेगा। नवीन परियोजनाओं की साध्यता विभागीय वित्तीय एवं तकनीकी मापदंडों के अनुसार परीक्षण किये जाने के उपरांत उपयुक्त पाये जाने पर ही स्वीकृति प्रदान की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
परिशिष्ट - "उन्यासी"

इन्दौर में लगातार बढ़ रहे कैंसर मरीजों की स्थिति

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

210. ( क्र. 1513 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर शहर में कैंसर के रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है? (ख) यदि हां तो किन कारणों से बढ़ रही है? क्या इन्दौर में अत्यधिक रेडिएशन है? इन्दौर शहर में मोबाइल टॉवर में से कितनों के पास अनुमति है? पर्यावरण विभाग द्वारा अवैध मोबाइल टॉवर के रोकथाम हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? मोबाइल टॉवर वहां से कब हटाए जावेंगे?       (ग) इन्दौर शहर में कितने स्थानों पर रहवासी संघ/रहवासियों द्वारा मोबाइल टॉवर को लेकर आपत्ति ली गई है? क्या दो मोबाइल टॉवरों के मध्य दूरी होना चाहिए? क्या यह सही है कि मोबाइल टॉवर में एंटिना की संख्या सीमित की गई है? यदि हां तो कितने मोबाइल टॉवरों को पास-पास लगाने की अनुमति दी गई है और निर्धारित संख्या में एंटिना की संख्या से अधिक लगाए गए है? इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) इंदौर शहर में कैंसर रोग बढ़ने के कारण का कोइ पृथक से अध्‍ययन चिकित्‍सा महाविद्यालय इंदौर द्वारा नहीं किया गया है। जी नहीं, इस संबंध में कोई अध्‍ययन नहीं किया गया है। अप्रैल 2024 से इंदौर जिले में 411 मोबाइल बीटीएस का रेडिएशन परीक्षण किया गया है और सभी में रेडिएशन का स्तर निर्धारित मानदंडों के भीतर पाया गया है। इन्दौर शहर में कुल 1645 मोबाइल टॉवर की अनुमति हैं। पर्यावरण विभाग द्वारा अवैध मोबाइल टॉवर के रोकथाम हेतु कार्यवाही नहीं की जाती हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) इंदौर शहर में 15 स्थानों पर रहवासी संघ/रहवासियों द्वारा मोबाइल टॉवर को लेकर आपत्ति ली गई है। मध्य प्रदेश शासन सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के आदेश क्रमांक एस.एन.टी./14/0077/2022/2-41 दिनांक 07/08/2023 से मध्य प्रदेश में दूरसंचार सेवा/इंटरनेट सेवा/और अवसंरचन प्रदाताओं द्वारा वायर लाइन या वायरलेस आधारित वाइस या डाटा पहुंच सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए अवसंरचना की स्थापना को सुगम बनाने हेतु नीति-2023 के प्रावधानों के तहत दो मोबाइल टॉवर के मध्य दूरी सीमित नहीं की गई हैं। मध्य प्रदेश शासन सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के आदेश क्रमांक एस.एन.टी./14/0077/2022/2-41 दिनांक 07/08/2023 से मध्य प्रदेश में दूरसंचार सेवा/इंटरनेट सेवा/और अवसंरचन प्रदाताओं द्वारा वायर लाइन या वायरनेस आधारित वाइस या डाटा पहुंच सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए अवसंरचना की स्थापना को सुगम बनाने हेतु नीति-2023 के प्रावधानों के तहत एंटिनों की संख्या सीमित नहीं की गई हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

 

भूमिगत जल स्तर की स्थिति

[जल संसाधन]

211. ( क्र. 1617 ) श्री राजेश कुमार शुक्‍ला : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार को प्रदेश भर के विभिन्न जिलों में लगातार घटते जल स्तर के कारण उत्पन्न गंभीर संकट की जानकारी है? (ख) यदि हां, तो उक्त स्थिति से निपटने के लिए विशेषकर छतरपुर जिले में क्रियान्वित की जा रही योजनाओं का ब्यौरा क्या है? (ग) विगत पांच वर्षों के दौरान छतरपुर जिले में भूमिगत जल स्तर बढ़ाने के लिए किए गए प्रयासों का ब्यौरा दें? इनमें कितनी राशि से क्या कार्य किए गए? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के अनुक्रम में कार्य के पूर्व भूमिगत जल स्तर ओर आज की स्थिति में भूमिगत जल स्तर कितना है? (ड.) क्‍या विगत 05 वर्षों में किए गए कार्यों के कारण भूमिगत जल स्तर में आए अंतर से सरकार संतुष्ट है या और उच्च स्तर के कार्यों की आवश्यकता है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) बुन्देलखण्ड क्षेत्र के 06 जिलों के 09 विकासखण्डों (विकास खण्ड सागर जिला सागर, विकासखण्ड पथरिया जिला दमोह, विकासखण्ड अजयगढ़ जिला पन्ना, विकासखण्ड निवाड़ी, जिला निवाड़ी, विकासखण्ड बल्देवगढ़ एवं पलेरा जिला टीकमगढ़ तथा विकासखण्ड छतरपुर, नौगांव, राजनगर जिला छतरपुर) में लगातार घटते हुये भू-जल स्तर के कारण उत्पन्न गंभीर संकट की स्थिति से निपटने के लिए केन्द्र शासन एवं विश्व बैंक से शत्-प्रतिशत पोषित "अटल भू-जल योजना" का क्रियान्वयन किया जा रहा है। (ग) विगत 04 वर्षों के दौरान अटल भू-जल योजनान्तर्गत छतरपुर जिले के 03 विकासखण्डों क्रमशः छतरपुर, नौगांव एवं राजनगर में भूमिगत जल स्तर को बढ़ाने के लिए रूपये 79.17 करोड़ के मांग एवं आपूर्ति कार्यों का क्रियान्वयन किया गया है। (घ) वर्ष मई 2015 (वर्षा पूर्व) से मई 2024 की तुलना में छतरपुर विकासखण्ड में 0.29 मीटर, नौगांव विकासखण्ड में 0.067 मीटर एवं राजनगर विकासखण्ड में 0.91 मीटर की भूजल स्तर में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। (ड.) भू-जल संवर्धन एक दीर्घ कालीन प्रक्रिया है तथापि भूमिगत जल स्तर बढ़ाने के लिये संपादित किये गये कार्यों के आशारूप परिणाम प्राप्त हुए हैं। संतुष्टि अथवा असंतुष्टि का निष्कर्ष वर्तमान में किया जाना उचित नहीं होगा।

विज्ञापित पदों पर भर्ती संबंधी जानकारी

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

212. ( क्र. 1725 ) श्री केशव देसाई : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गॉधी चिकित्‍सा महाविद्यालय द्वारा जारी विज्ञापन क्रमांक 40434/एम.सी./अराज-5/2024 भोपाल दिनांक 20.11.2024 में गांधी चिकित्‍सा महाविद्यालय, भोपाल एवं संबंद्ध चिकित्‍सा महाविद्यालय भोपाल में कार्यरत/सेवारत कर्मचारियों हेतु विज्ञापन जारी किया गया है जिसमें पदोन्‍नति/सीधी भर्ती से कर्मचारियों की भर्ती किये जाने हेतु उल्‍लेख किया गया है, जिसके आवेदन पत्र भरने की प्रारंभ तिथि 20.11.2024 एवं अंतिम तिथि 22.11.2024 रखी गई है? राज्‍य शासन में सीधी भर्ती एवं पदोन्‍नति दोनों की प्रक्रिया अलग-अलग है एवं दोनों कार्यवाही विज्ञापन द्वारा एक साथ राज्‍य शासन के किस नियम के आधार पर होती है नियम की प्रति उपलब्‍ध करावें साथ ही चिकित्‍सा महाविद्यालय के सेवा भर्ती नियमों की प्रति भी उपलब्‍ध करावें। (ख) मध्‍यप्रदेश शासन, सामान्‍य प्रशासन विभाग के संविदा नीति संबंधी परिपत्र दिनांक 22 जुलाई, 2023 की कंडिका-1.3.1 में सीधी भर्ती के नियमित पद के समकक्ष संविदा पदों पर 05 वर्ष की निरंतर सेवा पूर्ण करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों को सीधी भर्ती के पदों में 50 प्रतिशत पद संविदा कर्मचारियों के लिये आरक्षित किये गये है? उक्‍त के अनुक्रम में लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा विभाग मंत्रालय वल्‍लभ भवन, भोपाल के राजपत्र दिनांक 02 मई 2024 द्वारा लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा विभाग के संविदा कर्मचारियों के लिये विभागों में सीधी भर्ती के नियमित पदों पर 50 प्रतिशत पद संविदा कर्मचारियों के आरक्षित किये जाने के संबंध में पृथक से राजपत्र जारी किया गया है? उक्‍त विज्ञापन में संविदा आरक्षण का उल्‍लेख नहीं किया गया है कारण स्‍पष्‍ट करें। (ग) माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा दिनांक 12.05.2016 को पदोन्‍नति में आरक्षण संबंधी प्रकरण में यथास्थिति लागू किये जाने के निर्देश प्रदान किये गये है जिससे पूरे प्रदेश में पदोन्‍नति की प्रक्रिया बाधित है? इसके बावजूद उक्‍त विज्ञापन में गांधी चिकित्‍सा महाविद्यालय, भोपाल एवं संबंद्ध चिकित्‍सा महाविद्यालय भोपाल में कार्यरत/सेवारत कर्मचारियों से संस्‍था में प्राप्‍त अनुमोदित अनुसूची के आधार पर रिक्‍त पदों पर पदोन्‍नति/सीधी भर्ती की कार्यवाही किये जाने का उल्‍लेख किया गया है? राज्‍य शासन में शासकीय सेवकों की पदोन्‍नति किये जाने के संबंध में नियमों की प्रति उपलब्‍ध करावें। (घ) यदि विज्ञापित पदों को सीधी भर्ती/पदोन्‍नति के माध्‍यम से भरा जाना है तो आरक्षण एवं आयु सीमा का उल्‍लेख विज्ञापन में नहीं किया गया है? शासकीय सेवा में कार्यरत कर्मचारियों हेतु राज्‍य शासन में आयु सीमा संबंधी छूट का राज्‍य शासन के आदेश की प्रति उपलब्‍ध करावें।

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। जारी विज्ञप्ति को अधिष्‍ठाता, चिकित्‍सा महाविद्यालय, भोपाल के सूचना दिनांक 04/12/2024 द्वारा अपरिहार्य कारणों से आगामी आदेश तक निरस्‍त किया गया है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) उत्‍तारांश '''' अनुसार प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

भारत सरकार स्वास्थ्य मंत्रालय के आदेशों का पालन

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

213. ( क्र. 1741 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्वास्थ्य विभाग के पैथोलॉजी रजिस्ट्रेशन के लिये कोई कॉमन पोर्टल उपलब्ध है जो प्रदेश के पूरे पैथोलॉजी को ट्रेक कर सकता है? यदि हाँ, तो प्रदेश में इसको प्रारंभ करने के लिए विभाग के क्या नियम, अनुमति सहित अनिवार्य शर्तें हैं? प्रदेश में संचालित समस्त पैथोलॉजी लैबों की सूची और उसमें कार्यरत पैथोलॉजिस्ट एवं पैरामेडिकल और सपोर्टिक स्टॉफ की सूची जिलेवार गौशवारा बनाकर दें। यदि हाँ, नहीं तो क्यों? कारण सहित बतायें। (ख) उपरोक्त के अनुक्रम में मध्यप्रदेश उपचर्या गृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं अधिनियम 1973 से प्रश्‍न दिनांक तक नियमों में कब-कब और क्या बदलाव किये गये है? नियमों की प्रति सहित बतायें। (ग) प्रमुख सचिव, लोक स्वा. एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग का पत्र क्र. 1304 दिनांक 22/10/24 जारी किया गया है। यदि हाँ, तो इसमें क्या लेख है? क्या आपके पत्र के तारतम्य में पैथोलॉजी का पंजीयन अभी तक किस नियमों के आधार पर किया गया है? (घ) क्या भारत सरकार के पत्र स्वास्थ्य मंत्रालय का पत्र क्रमांक 10 (1)/2018/एनएचएम-1 दिनांक 16/10/18 प्रमुख सचिव स्वास्‍थ्‍य विभाग म.प्र. को भेजा गया था? पत्र प्राप्ति से प्रश्‍न, दिनांक तक विभाग ने इस पर कब और क्या कार्यवाही की गई है? समस्त जानकारी मय दस्तावेजों के उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो क्यों? उल्लेखित पत्र एवं भारत सरकार के राजपत्र के आधार पर इसे अंगीकृत कर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हांप्रदेश के निजी पैथोलॉजी के पंजीयन हेतु नर्सिंग होम सर्विसेस पोर्टल संचालित है। प्रदेश में संचालित निजी पैथोलॉजी प्रारंभ करने के लिए म.प्र. उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्‍थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण एवं अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 तथा नियम 1997 (यथासंशोधित) 2021 के प्रावधानों का पालन किया जाता है जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। प्रदेश में संचालित समस्‍त निजी लैब तथा उसमें कार्यरत पैथोलॉजी संचालक एवं पैरामेडिकल स्‍टॉफ की जिलेवार  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। सपोर्टिक स्‍टॉफ की जानकारी संधारित नहीं की जाती है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) मध्यप्रदेश उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण एवं अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 के नियम 1997 में वर्ष 20072021 एवं 2022 में संशोधन किये गये है जिनकी  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जी हां। पत्र की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। प्रदेश के निजी पैथालॉजी का पंजीयन मध्यप्रदेश उपचर्यागृह एवं रूजोपचार संबंधी स्थापनांए (रजिस्ट्रीकरण एवं अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 के यथासंशोधित नियम 1997 के तहत किया जाता है। (घ) जी हाँ। तत्‍समयउपरोक्‍त पत्र क्‍लीनिकल एस्‍टेबिलिशमेंट एक्‍ट2010 से संबंधित था एवं मध्‍यप्रदेश राज्‍य में मध्यप्रदेश उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण एवं अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 तथा नियम 1997 लागू होने के कारणउक्‍त अधिसूचना लागू नहीं की गई। अत: उक्‍त पत्र पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। प्रदेश में स्‍वयं का विनियामक अधिनियम मध्यप्रदेश उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण एवं अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 के नियम 1997 प्रवृत्‍त होने के कारण भारत सरकार के राजपत्र को अंगीकृत करने हेतु शासन बाध्‍य नहीं है।

खादय विभाग द्वारा लिये गये सैंपल

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

214. ( क्र. 1750 ) श्री पन्‍नालाल शाक्‍य : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में खाद्य विभाग द्वारा जो सैंपल लिये जाते है, उनका समाचार पत्रों में समाचार दिया जाता है परन्‍तु क्‍या जब उन्‍हे क्लिन चिट मिल जाती है तो इसकी सूचना भी विभाग द्वारा समाचार पत्रों में दी जाती है? (ख) मिलावट के सैंपल सभी जांच के बाद शुद्ध पाये जाते है, क्‍या हम लैबों की विश्‍वसनीयता खो रहे है?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 एवं नियम 2011 के अंतर्गत सैंपल कलेक्‍शन एवं उसके परिणामों के समाचार पत्रों में प्रकाशन का उल्‍लेख नहीं है। (ख) उत्‍तरांश '''' अनुसार।