मध्यप्रदेश विधान सभा


प्रश्‍नोत्तर-सूची
दिसम्‍बर, 2024 सत्र


बुधवार, दिनांक 18 दिसम्बर, 2024


भाग-1
तारांकित प्रश्‍नोत्तर



शासकीय भूमि का आवंटन

[राजस्व]

1. ( *क्र. 1283 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) क्‍या तहसील मड़वास जिला सीधी के पटवारी हल्‍का टिकरी के अंतर्गत हाल खसरा क्र. 1142, 1143, 1816, 1817 वर्ष 1957 से 1961 तक मध्‍यप्रदेश शासन की जमीन थी? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में खसरा क्र. 1142, 1143, 1816, 1817 को वृक्षारोपण हेतु कब और किसे आवंटित की गई थी? आदेश की प्रति उपलब्‍ध करायें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में खसरा क्र. 1142, 1143, 1816, 1817 को किस नियम/आदेश के तहत श्री आनंद बहादुर सिंह, पिता श्री रन्‍नूसिंह चौहान के नाम भूमि स्‍वामी दर्ज किया गया? आदेश एवं नियम की प्रति उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में खसरा क्र. 1142, 1143, 1816, 1817 यदि शासकीय भूमि थी तो उसे शासकीय भूमि से निजी भूमि में परिवर्तित किया गया है, पुन: शासकीय भूमि के रूप में दर्ज की जावेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) तहसील मड़वास जिला सीधी के हल्का टिकरी के अन्तर्गत हाल खसरा क्रमांक 1142, 1143, 1816, 1817 के संबंध में जिला अभिलेखागार सीधी से प्राप्त वर्ष 1956-1957 से लगायत 1960-1961 तक के खसरा की प्रमाणित प्रति अनुसार आराजी नम्बर 384 रकबा 3.94 एकड़ (किस्म जंगल), आराजी खसरा नम्बर 386 रकबा 0.24 एकड़, के भूमि स्वामी रन्नू सिंह वल्द शुभकरन सिंह चैहान सा. चैहानन टोला दर्ज अभिलेख है तथा आराजी क्रमांक 397 रकबा 7.05 एकड़ (किस्म जंगल), रन्नू सिंह वल्द शुभकरन सिंह चैहान सा. चैहानन टोला 5.79 हे. 397/1, 15.53 एकड़ 4.00 (किस्म जंगल) छिहोरी वल्द बुद्धि बानी सा.देह भूमि स्वामी दर्ज अभिलेख है। इसी प्रकार अधिकार अभिलेख 1975-1976 के अनुसार खाता क्रमांक 83 खसरा नम्बर 384/1 से निर्मित नम्बर 507, 384/2 से निर्मित नम्बर 508, खसरा क्रमांक 386 से निर्मित नम्बर 511 खसरा क्रमांक 397 से निर्मित नम्बर 532 तथा खसरा क्रमांक 397 से ही निर्मित नम्बर 534 किता 5 कुल रकया 4.34 हे. के भूमि स्वामी रन्नू सिंह वल्द शुभकरन सिंह चैहान सा. चैहानन टोला दर्ज अभिलेख है। इसी तरह नया बन्दोबस्त की तैयार रिनम्बरिंग सूची एवं अधिकार अभिलेख अनुसार आराजी खसरा क्रमांक 534/2 रकबा 0.38 हे. से निर्मित नया हाल नम्बर 1142 खसरा क्रमांक 534/2 रकबा 0.81 हे. से निर्मित नया हाल नम्बर 1143 खसरा क्रमांक 507, 532/1, 507 टू.,532/1 टू. रकबा 0.55 हे. से निर्मित हाल नम्बर 1816, खसरा क्रमांक 507 टू., 508 टू., 511 टू., 532/1 टू. से निर्मित हाल नम्बर 1817 में आनन्द बहादुर सिंह पिता रन्नू सिंह चैहान सा.देह शासकीय पट्टेदार (वृक्षारोपण हेतु) अधिकार अभिलेख अनुसार दर्ज अभिलेख है। प्रमाणित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में नया बंदोबस्त अधिकार अभिलेख के प्रमाणित प्रति अनुसार नया खसरा क्रमांक 1142, 1143, 1816, 1817 में भूमि स्वामी आनन्द बहादुर सिंह पिता रन्नू सिंह चैहान सा.देह शासकीय पट्टेदार (वृक्षारोपण हेतु) दर्ज अभिलेख है। आदेश का हवाला अंकित होना नहीं पाया जाता। प्रमाणित प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में खसरा क्रमांक 1142, 1143, 1816, 1817 एवं 1813, 1814, 1815 के संबंध में भूमि स्वामी आनन्द बहादुर सिंह पिता रन्नू सिंह चैहान सा.देह के द्वारा संहिता की धारा 89 के अन्तर्गत आवेदन पत्र दिनांक 02.05.2007 को पेश होने पर प्रकरण क्रमांक 134/31-6-31/2006-2007 के रूप में पंजीबद्ध किया जाकर दिनांक 06.08.2007 को आदेश पारित किया गया है कि आराजी नम्बर 1142, 1143, 1815, 1816, 1817 में दर्ज शासकीय पट्टेदार एवं आराजी नम्बर 1140/0.020 श्मसान एवं आराजी नम्बर 1813, 1814 पर दर्ज भूमि स्वामी केमला विश्‍वकर्मा के स्थान पर आवेदक का नाम दर्ज किये जाने एवं शेष आराजियों के संबंध में रिनम्बरिंग सूची प्रकरण में पेश न करने से पृथक से कार्यवाही करने का आदेश पारित किया गया है। प्रमाणित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। इसी प्रकार हाल में नया नम्बर 1142, 1143, 1816, 1817 एवं 1815 के संबंध में भूमिस्वामी आनन्द बहादुर सिंह पिता रन्नू सिंह चैहान सा.देह द्वारा बंदोबस्त त्रुटि सुधार एवं रकबा पूर्ति हेतु आवेदन पत्र दिनांक 02.01.2006 को पेश करने पर प्रकरण क्रमांक 24/3-6/2007-2008 के रूप में पंजीबद्ध किया जाकर दिनांक 13.02.2008 को ग्राम टिकरी की नया आराजी नम्बर 1142, 1143, 1815, 1816, 1817 में दर्ज शासकीय पट्टेदार आराजी नम्बर 1140 में श्मसान एवं आराजी नम्बर 1813, 1814 पर दर्ज अनावेदक भूमि स्वामी के स्थान पर आवेदक का नाम स्वतंत्र भूमि स्वामी के रूप में दर्ज किये जाने का आदेश पारित किया गया। प्रमाणित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में खसरा क्रमांक 1142, 1143, 1816, 1817 के संबंध में माननीय न्यायालय कलेक्टर महोदय सीधी के प्रकरण क्रमांक 0066/निगरानी/2020-2021 विचाराधीन होने पर आनन्द बहादुर सिंह पिता रन्नू सिंह सा.शेरगाव्य (चैहानन टोला) के द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में पिटीशन प्रस्तुत किया गया, जिसका 3021644/2022 है, जिसमें माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा दिनांक 08.12.2022 को अग्रिम कार्यवाही पर स्थगन आदेश जारी कर दिया गया है। प्रकरण विचाराधीन होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हो पा रहा है।

 

शासकीय मंदिरों का जीर्णोद्धार

[धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व]

2. ( *क्र. 706 ) श्री सतीश मालवीय : क्या राज्‍य मंत्री, धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रियासत के जमाने में उज्जैन जिले के जो शासकीय मंदिर थे, वे मंदिर कहां-कहां स्थापित हैं? स्थापित सम्पूर्ण मंदिरों की स्थानवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।                (ख) उज्जैन जिले के शासकीय मंदिरों की भूमि जिनके व्यवस्थापक कलेक्टर है, उन मंदिरों की कितनी भूमि कहां-कहां स्थित है? सर्वे नं. रकबा, स्थान सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।         (ग) घट्टिया विधानसभा में कितने शासकीय मंदिर जीण-शीर्ण हैं? जीर्ण-शीर्ण मंदिरों के जीर्णोद्धार के संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? जीर्ण-शीर्ण मंदिरों को कब तक ठीक               किया जावेगा?

राज्‍य मंत्री, धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व ( श्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अनुसार है। वर्तमान में शासन स्‍तर पर जीर्णोद्धार प्रस्‍ताव अप्राप्‍त है। नियमानुसार प्रस्‍ताव प्राप्‍त होने पर कार्य की औचित्‍यता एवं बजट की उपलब्‍धता के आधार पर राशि स्‍वीकृत की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

राजस्‍व अधिकारियों द्वारा सा.प्र.वि. के आदेशों का पालन सुनिश्चित नहीं करना

[राजस्व]

3. ( *क्र. 1321 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                       (क) अधोहस्ताक्षरकर्ता का पत्र क्र. 181, दिनांक 07.06.2024, पत्र क्र. 209, दिनांक 11.06.2024 एवं 234 दिनांक 26.06.2024 जो अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), राघौगढ़, जिला गुना को और पृष्ठा. तहसीलदार, तहसील राघौगढ़ एवं सी.एम.ओ. नगर पालिका परिषद राघौगढ़ को प्रेषित किया गया था? प्राप्ति दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही सा.प्र.वि के आदेश क्रमांक एफ                                        19-76/2007/1/4, भोपाल दिनांक 22.3.2011 में उल्लेखित पांचों बिन्दुओं एवं परिशिष्टों (1, 2) का पालन सुनिश्चित कर किया गया है? कब-कब और क्या-क्‍या कार्यवाही सुनिश्चित की गई? संबंधित अधि./कर्म. का नाम, पदनाम, कार्यालयीन अभिलेखों/नोटशीटों/पत्रों/नियमों की प्रति सहित बतायें। (ख) क्या पत्र पर कृत कार्यवाही से प्रश्‍नकर्ता को संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करा दी गई है? यदि नहीं, तो आदेश के उल्लंघन पर विभाग में किन-किन के विरूद्ध जिम्मेदारी निर्धारित की गई? यदि नहीं, तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) प्रश्‍नकर्ता मान. सदस्‍य के पत्र क्रमांक 181, दिनांक 07.6.2024 के पालन में तहसीलदार राघौगढ़ द्वारा अपने पत्र क्रमांक/आ.का/2024/55, दिनांक 28.06.2024 द्वारा पत्र में वर्णित भूमि पर किये गये अवैध अतिक्रमण को चिन्हित कर सीमांकन करने हेतु दल गठित कर न्यायालयीन प्र.क्र. 0235/अ-12/2024-25 से कस्बा राघौगढ़ स्थित भूमि सर्वे क्रमांक 743, 744/1, 745, 761/1, 763 का सीमांकन दिनांक 13.11.2024 को किया जा चुका है। सीमांकन उपरांत भूमि सर्वे क्रमांक 761/1 पर 07 व्यक्तियों का मकान बनाकर एवं भूमि को रोककर अतिक्रमण पाये जाने से अतिक्रामकों के विरूद्ध म.प्र. भू-राजस्व संहिता की धारा 248 के तहत कार्यवाही प्रचलित की गई है, जिसके संबंध में तहसीलदार राघौगढ़ द्वारा मान. विधायक महोदय को एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगरपालिका परिषद राघौगढ़-विजयपुर को तत्समय ही अवगत कराया गया था। की गई कार्यवाही के पत्रों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। पत्र क्रमांक 209, दिनांक 11.06.2024 के पालन में तहसीलदार तहसील राघौगढ़ द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन पत्र क्रमांक/ना.ना./2024/201, दिनांक 29.10.2024 अनुसार कस्बा राघौगढ़ स्थित भूमि सर्वे क्रमांक 84 रकबा 0.209 हे. वर्तमान खसरा अभिलेख में शासकीय कदीम दर्ज होकर खाली पड़ी है, जिस पर किसी प्रकार का अतिक्रमण नहीं हैं। उक्त भूमि पार्क निर्माण हेतु उपयुक्त होने से नगरपालिका परिषद राघौगढ़-विजयपुर को भूमि सर्वे क्रमांक 84 रकबा 0.209 हे. के खसरा एवं अक्श की प्रति तत्समय ही उपलब्ध करा दी गई है तथा मुख्य नगरपालिका अधिकारी नगरपालिका परिषद राघौगढ़-विजयपुर को पार्क निर्माण के लिये भूमि आवंटन हेतु कलेक्टर के समक्ष म.प्र. नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश 2020 के अंतर्गत नियमानुसार कार्यवाही करने हेतु लेख किया गया है। की गई कार्यवाही से तहसीलदार राघौगढ़ द्वारा मान. विधायक जी को अवगत कराया गया है। पत्र की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। पत्र क्रमांक 234, दिनांक 26.06.2024 के पालन में नायब तहसीलदार राघौगढ़ द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन अनुसार प्राचीन गुफा मंदिर लाडपुरा के रास्ते का अतिक्रमण हटाये जाने के संबंध में न्यायालयीन प्रकरण क्रमांक 0006/68/2024-25 दर्ज किया जाकर मौका स्थल पर पंचानगण के समक्ष भूमि सर्वे क्रमांक 10/1/4 रकबा 0.836 हे. में से पहुंच मार्ग रकबा अनुमानित 0.52 हे. को अतिक्रमण मुक्त किया गया। वर्तमान में गुफा मंदिर एवं आबादी तक का रास्ता खुला हुआ है। आवागमन के लिये अब कोई अवरोध नहीं हैं। उक्त संबंध में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) राघौगढ़ द्वारा भी दिनांक 23.11.2024 को निरीक्षण किया गया था। आवेदक हेमराज भार्गव पुत्र मोतीलाल भार्गव जाति ब्राहम्ण निवासी सारसहेला हाल मुकाम गुफा मंदिर लाडपुरा भी कार्यवाही से संतुष्ट है। उक्त कार्यवाही प्रचलित किये जाने के संबंध में अधोहस्ताक्षरकर्ता मान. विधायक महोदय को पूर्व में ही अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय के पत्र क्रमांक 1435, दिनांक 05.10.2024 द्वारा अवगत कराया जा चुका है। की गई कार्यवाही की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ                              19-76/2007/1/4 भोपाल दिनांक 22.03.2011 में उल्लेखित पांचों बिंदुओं एवं परिशिष्ट (1, 2) का पालन सुनिश्चित किया जा रहा है। पत्र की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। संबंधित अधिकारी कर्मचारी का नाम/पद नाम, कार्यालयीन अभिलेखों/नोटशीटों/पत्रों/नियमों की प्रति के संबंध में सुसंगत दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कार्यवाही से श्रीमान को अवगत कराया गया है पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

कटरा अवैध रेत खदान हादसा एवं मझगवां डम्‍पर ऑटो दुर्घटना की जानकारी

[राजस्व]

4. ( *क्र. 210 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) जबलपुर जिला के तहसील सिहोरा क्षेत्रान्तर्गत दिनांक 05 जून, 2024 को कटरा की अवैध रेत खदान दुर्घटना एवं जून माह में ही हुये ब्लडस्ट से भरे डम्पर द्वारा ऑटो को टक्कर मारने से मृतक कितने-कितने मजदूरों के परिवारों के पीड़ितों एवं घायल व्यक्तियों को जिला प्रशासन एवं शासन ने कब किस मान से कितनी-कितनी राशि की आर्थिक सहायता व अन्य क्या-क्या सुविधाएं प्रदान की है? दुर्घटना में किन-किन मृतकों के पीड़ित परिजनों तथा घायलों को कब से कितनी-कितनी राशि की आर्थिक सहायता नहीं दी गई एवं क्यों? मृतकों व घायलों की सूची सहित जानकारी दें।                     (ख) जिला पुलिस प्रशासन जबलपुर ने अवैध रेत खदान के संचालकों एवं डम्पर के दोषियों के विरूद्ध कब क्या कार्यवाही की है? किस-किस के विरूद्ध कब एफ.आई.आर. दर्ज कर गिरफ्तार किया है एवं किसके विरूद्ध अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है एवं क्यों? (ग) प्रश्‍नांकित दुर्घटनाओं में मृतकों के पीड़ित परिजनों/घायल व्यक्तियों की क्या स्थिति है? घायल मजदूरों के लिये रोजगार एवं जीवन उपार्जन की क्या व्यवस्था की गई है? यदि नहीं, तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।

उप-स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र झौंतेश्‍वर का संचालन

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

5. ( *क्र. 1026 ) श्री महेन्‍द्र नागेश : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव के झौंतेश्‍वर में उप-स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र भवन बना है जो कि कई वर्षों से संचालित नहीं हैं यह उप-स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र कब संचालित होगा? यदि हाँ, तो कब तक होगा? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं? (ख) क्‍या झौंतेश्‍वर उप-स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र में पद रिक्‍त हैं? यदि हाँ, तो इन पदों की पूर्ति कब की जावेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव में झौंतेश्‍वर में सिविल अस्‍पताल भवन निर्मित हैं, परंतु मानव संसाधन उपलब्‍ध न होने के कारण संचालित नहीं है, मानव संसाधन की पदस्‍थापना उपरांत संचालित किया जा सकेगा। (ख) जी हाँ, पदपूर्ति की कार्यवाही एक निरंतर प्रक्रिया है, निश्चित समय-सीमा बताया जाना                    संभव नहीं है।

कीट प्रकोप क्षति राशि का भुगतान

[राजस्व]

6. ( *क्र. 957 ) श्री बाला बच्चन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) प्रश्‍न क्र. 2532, दिनांक 10.07.2024 के '' प्रश्‍नांश में उल्लेखानुसार प्रश्‍न क्र. 1103, दिनांक 12.02.2024 में वर्णित जिलों आगर मालवा, देवास, हरदा और सीहोर में फल क्षति राशि का भुगतान किस माध्यम से किया गया? क्या किसानों के खाते में सीधे भुगतान किया गया या किसी अन्य प्रणाली या प्रक्रिया के द्वारा भुगतान किया गया की पूरी जानकारी देवें। (ख) उपरोक्‍तानुसार भुगतान की जानकारी ट्रेजरी वाउचर की प्रमाणित प्रति के साथ देवें। यदि भुगतान सोसायटि‍यों के माध्यम से किया गया तो उसकी भी प्रमाणित प्रति तहसीलवार, जिलावार, भुगतानकर्ता अधिकारी का नाम पदनाम सहित देवें। ट्रेजरी भुगतान की जानकारी भी इसी प्रकार देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार विधानसभा के मूल प्रश्‍न का उत्तर न देकर अन्य उत्तर देने वाले सभी संबंधित अधिकारियों के नाम, पदनाम देवें। प्रश्‍न के उत्तर से संबधित पूरी नस्‍ती की प्रमाणित प्रति देवें। इसके उत्तरदायी अधिकारियों पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) प्रश्‍न क्र. 2532, दिनांक 10.07.2024 के '' प्रश्‍नांश में उल्लेखानुसार प्रश्‍न क्र. 1103, दिनांक 12.02.2024 के परिप्रेक्ष्‍य में वर्णित जिलों आगर मालवा, देवास, हरदा और सीहोर में वर्ष 2020-21 में वित्‍तीय संसाधनों की उपलब्‍धता की सीमा में शासन के निर्णय अनुसार जिला कोषालय द्वारा ई-पे‍मेंट के माध्‍यम से किसानों के खातों में सीधे भुगतान किया गया है। (ख) जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) विधानसभा के मूल प्रश्‍न के अनुक्रम में ही उत्‍तर दिया गया है। नस्तियों की प्रमाणित प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

कारम डैम की जानकारी

[जल संसाधन]

7. ( *क्र. 796 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धरमपुरी विधानसभा में कारम सिंचाई परियोजना डैम विभाग के अधिकारी और ठेकेदार की लापरवाही के कारण फूट गया था, जिसके कारण कई किसानों की फसलें नष्‍ट हो गई थी?                (ख) प्रश्‍नांक (क) अनुसार यदि हाँ, तो उक्त डैम में गुणवत्ताविहीन सामग्री का उपयोग किया गया था? उक्त डैम के निर्माण में उपयोग में ली गई सामग्री की जाँच किस लैब में की गई थी? जाँच रिपोर्ट की प्रमाणित छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या डैम क्षति‍ग्रस्त होने के बाद विभिन्न कार्यों हेतु राशि‍ का व्यय किया गया है? यदि हाँ, तो कब-कब राशि ‍का व्‍यय किया गया है? कार्यवार, राशि‍वार बिल की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करावें।  

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं धरमपुरी विधानसभा में कारम सिंचाई परियोजना डैम में रिसाव होने से बांध कटाव नियंत्रण तकनीकी का उपयोग करते हुए चैनल बनाकर सुरक्षित पानी की निकासी की गई थी। सुरक्षित जल निकासी के दौरान कुछ किसानों की फसलें नष्ट हो गई। (ख) जी नहीं डैम में गुणवत्ता विहीन सामग्री का उपयोग नहीं किया गया था। डैम के निर्माण में उपयोग में ली गई सामग्री की जाँच कार्यालय उप संचालक, मिट्टी एवं धातु परीक्षण संभाग जल संसाधन विभाग हथाईखेड़ा लैब भोपाल (म.प्र) एवं कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी माही परियोजना गुण-नियंत्रण उपसंभाग क्र.2 लाबरिया जिला धार में की गई थी। जांच रिपोर्ट की प्रमाणित छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 (पृष्‍ठ 1 से 22) अनुसार है।                    (ग) जी हाँ व्यय राशि कार्यवार राशिवार बिल व्हाचर की प्रमाणित प्रतियां पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' (पृष्‍ठ 1 से 226) अनुसार है।

जिला चिकित्‍सालय विदिशा में अनियमितताएं

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

8. ( *क्र. 26 ) श्री मुकेश टंडन : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता ने अनुविभागीय अधिकारी विदिशा की उपस्थिति में माह जुलाई 24 में माधवराव सिंधिया जिला चिकित्‍सालय विदिशा का औचक निरीक्षण किया था? यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त निरीक्षण में वहां पदस्‍थ सिविल सर्जन की प्रशासनिक क्षमता में कमी के कारण अनेक प्रकार की अनियमिततायें पायी गयी थी? (ख) क्‍या प्रश्‍नकर्ता ने मान. मंत्री महोदय लोक स्‍वा. एवं परिवार कल्‍याण विभाग को पत्र क्रमांक 407, दिनांक 31.07.2024 से अवगत कराकर जिला चिकित्‍सालय विदिशा में पायी गई प्रशासनिक अनियमितताओं को देखते हुए शीघ्र जांच करवा कर संबंधित दोषी के विरूद्ध कार्यवाही करने का आग्रह किया था? यदि हाँ, तो अभी तक उक्‍त संबंध में क्‍या कार्यवाही की गई?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

अतिवृष्टि से फसल खराब होने से किसानों को मुआवजा

[राजस्व]

9. ( *क्र. 576 ) श्री श्याम बरडे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र क्र. 189 अंतर्गत अतिवृष्टि से सोयाबीन एवं मक्का की फसल खराब होने से मुआवजा दिए जाने की क्या योजना है?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : जिला बड़वानी अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र क्र. 189 में तहसील पानसेमल एवं तहसील निवाली में अतिवृष्टि से सोयाबीन एवं मक्का की फसल खराब नहीं हुई है। राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6-4 के तहत राहत राशि वितरण की जानकारी निरंक है।

गलत भुगतान करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही

[स्कूल शिक्षा]

10. ( *क्र. 626 ) श्री केशव देसाई : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) भिण्‍ड जिले के आयुक्‍त कोष एवं लेखा मध्‍यप्रदेश कार्यालय के पत्र क्रमांक SFIC/CN255865/GO.RT632/2023DTA, भोपाल दिनांक 23.09.2023 के द्वारा विकासखण्‍ड शिक्षा अधिकारी मेंहगांव जिला भिण्‍ड को रूपये 88,44,876/- के गलत भुगतान का दोषी पाया गया था? यदि हाँ, तो अभी तक दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्‍यों?               (ख) फर्जी भुगतान करने वाले दोषी अधिकारी को जिला शिक्षा अधिकारी भिण्‍ड के पद पर पदस्‍थ करने के साथ ही मेंहगांव ब्‍लॉक शिक्षा अधिकारी के आहरण एवं संवितरण का कार्य दोषी अधिकारी को देने का कारण बतावें? (ग) मेंहगांव विकासखण्‍ड में अनेक प्राचार्य एवं व्‍याख्‍याता पदस्‍थ होने के बाद भी मेंहगांव विकासखण्‍ड के माध्‍यमिक शिक्षक वर्ग 2 को ब्‍लॉक अटेर का ब्‍लॉक शिक्षा अधिकारी के पद पर पदस्‍थ करने का कारण बतायें। वरिष्‍ठ अधिकारियों की उपेक्षा कर माध्‍यमिक शिक्षक वर्ग-2 को विकासखण्‍ड शिक्षा अधिकारी का प्रभार देने का कारण बतावें।  

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं, प्रश्‍नांकित पत्र कार्यालय आयुक्त, कोष एवं लेखा, म.प्र. के पत्र दिनांक 23.9.2023 द्वारा संभागीय संयुक्त संचालक, ग्वालियर एवं चंबल संभाग कोष एवं लेखा को जांच के लिये निर्देशित किया गया था। संयुक्त संचालक, कोष एवं लेखा ग्वालियर के जांच दल द्वारा प्रकरण की जांच कर जांच प्रतिवेदन में राशि रूपये 76,76,205/- का अनियमित भुगतान पाया गया, जो कि कार्यालय में लेखा संबंधी कम्प्यूटर पर कार्य करने वाले सविन्द्र प्रताप सिंह, सहा.ग्रेड-3 जो देयकों का कार्य करता था, उसे अपने स्वयं के दो खातों में एवं अपने सगे संबंधियों के खाते में भुगतान किये जाने का दोषी पाया गया है। जांच प्रतिवदेन प्राप्त होने पर सविन्द्र प्रताप सिंह के विरूद्ध दिनांक 29.12.2023 को थाना मेहगांव, जिला भिण्ड में एफ.आई.आर. दर्ज कराई जाकर तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। उक्त प्रकरण मान. जिला न्यायालय भिण्ड प्रथम अतिरिक्त जज, प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश के समक्ष प्रकरण क्र. 03/2024 (लोकायुक्त) में विचाराधीन होकर लंबित है। जांच में किसी अन्य अधिकारी को दोषी नहीं पाया गया है। (ख) जी नहीं, उत्तरांश '''' के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी अटेर का प्रभार         श्री के.जी. शर्मा, प्राचार्य उच्च पद प्रभार हाईस्कूल, सी.एम. राईज, शा.उ.मा.वि. चौम्हो ब्लॉक अटेर भिण्ड को दिया गया है। अतः शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना एवं प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की जानकारी

[राजस्व]

11. ( *क्र. 446 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना एवं प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से म.प्र. में           कितने-कितने किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है? संख्‍यावार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में उक्त योजनाओं में कितने कृषक को पात्रता मापदण्डों को पूरा करने के उपरांत भी वित्तीय सहायता नहीं दी जा रही है? संख्‍यावार जानकारी उपलब्ध करावें। पात्र किसानों को मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना एवं प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि कब-तक स्वीकृत कर वित्तीय सहायता प्रदान की जावेगी? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में विदिशा जिले की तहसील सिरोंज के ग्राम सेमरा, नूरपुर, पठेरा, समदपुर, भोजपुर, धर्मपुर, कंद्राखेड़ी, चकना तथा तहसील लटेरी के ग्राम आलमपुर, कर्राबर्री, कल्याणपुर, कुंडलपुर, चक्काबू, देहरी, धूमगिर, नयागांव, नैनागढ़, बरखेड़ा, भीला, रानीधार, हफीजपुर खोना, रायपुरा, चमरा कोण्डल के किसानों को मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की पात्रता होने पर भी वित्तीय सहायता प्रदान नहीं की जा रही है? कारण बतावें। उक्त ग्रामों के कृषकों को कब से वित्तीय सहायता का भुगतान नहीं किया जा रहा है? इसके लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में उक्त ग्रामों के कृषकों का मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की राशि स्वीकृत कर कब तक भुगतान किया जावेगा? (ड.) किसान सम्मान निधि का पोर्टल कब से बंद है तथा पोर्टल को चालू करवाने हेतु केन्द्र सरकार को कब-कब पत्राचार किये गये? छायाप्रति उपलब्ध करावें तथा कब तक पोर्टल चालू कर किसान सम्मान निधि का भुगतान करवा दिया जावेगा।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) प्रदेश में मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजना के 81.18 लाख एवं प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि योजना के 81.36 लाख हितग्राहियों को वित्‍तीय सहायता प्रदान की जा रही है। (ख) जानकारी निरंक है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।                                          (ग) प्रश्‍न में उल्‍लेखित विदिशा जिले की तहसील सिरोंज तथा तहसील लटेरी के ग्रामों में मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजना की 09 किश्‍तों का लाभ सतत् रूप से प्रदान किया गया है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्‍तरांश '''' अनुसार प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।                            (ड.) पी.एम. किसान सम्‍मान निधि पोर्टल भारत सरकार द्वारा संचालित है, जो सतत् रूप से कार्यरत है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

खनिज की खदानों के लिए भूमि अधिग्रहण

[राजस्व]

12. ( *क्र. 1159 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) प्रदेश के आदिवासी ब्लॉक में वर्ष 2022 के बाद संचालित सभी मुख्य और गौण खनिज खदानों के लिए राजस्व विभाग द्वारा अधिग्रहि‍त भूमि की जानकारी उपलब्‍ध करायें? खदान का संचालन किस फर्म को कितने समय के लिये दिया गया? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में वर्ष 2022 में "पेसा एक्ट" लागू होने के बाद भी भूमि अधिग्रहण में पेसा एक्ट के प्रावधानों का पालन किया गया या नहीं? पेसा एक्ट के तहत की गयी कार्यवाही की दस्तावेज के साथ जानकारी प्रदान करें। (ग) वर्ष 2024 में अलीराजपुर जिले में "कोल इंडिया लिमिटेड" को जो खदान केंद्र सरकार ने दी है, उसके लिए भूमि सर्वे की अनुमति की जानकारी और भूमि अधिग्रहण की प्रश्‍न दिनांक तक की कार्यवाही की जानकारी दें।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी निरंक है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (ग) अलीराजपुर जिले में कोल इण्डिया लिमिटेड को जो खदान केन्‍द्र सरकार ने दी है, उसके सर्वे की अनुमति शासन द्वारा ही है, इस कार्य हेतु किसी प्रकार भूमि अधिग्रहण नहीं किया गया है।

पेंच व्यपवर्तन योजना माचागोरा डैम

[जल संसाधन]

13. ( *क्र. 1191 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पेंच व्यपवर्तन परियोजना की दायीं तट नहर कार्य पूर्ण हो गया है? यदि नहीं, तो कब तक होगा? (ख) क्या दायीं तट नहर की टेल तक के ग्रामों को सिंचाई का लाभ मिल रहा है? यदि नहीं, तो कब तक मिल पायेगा? (ग) क्या दायीं तट नहर (मुख्य नहर) में पाइप लगाकर पानी अन्यत्र ले जाने की जानकारी विभाग को है? यदि हाँ, तो विभाग इस पर क्या कार्यवाही कर रहा है? (घ) दायीं तट नहर में भांडखापा के पास मुख्य नहर में ही बड़े-बड़े पाइप डाल लिये गये हैं? क्या विभाग इनको बंद कराने के लिए व्यवस्था बनायेगा, ताकि पानी नहर के टेल तक            जा सके?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। कार्य पूर्ण किये जाने की                  समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। नहर के टेल में स्थित ग्रामों में पानी पहुंचाने की निश्चित तिथि बताई जाना संभव नहीं है। तदापि सिंचाई हेतु दायीं तट नहर में सिंचाई हेतु जल प्रवाहित किया जा रहा है। (ग) एवं (घ) जी हाँ। पुलिस एवं प्रशासन की सहायता से समस्या के निदान का प्रयास किया जाना प्रतिवेदित है।

लंबित प्रकरणों की जानकारी

[राजस्व]

14. ( *क्र. 871 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले के अनुभाग बड़ामलहरा में वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने राजस्व प्रकरण लंबित हैं, उनके क्या कारण हैं? (ख) अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बड़ामलहरा द्वारा वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन विभागों की जांच की? जांच प्रतिवेदनों की प्रतियां प्रमाणित कर उपलब्ध करावें। (ग) अनुविभागीय अधिकारी बड़ामलहरा कार्यालय में लंबित प्रकरणों के संबंध में शाखा प्रभारी ने किन-किन अवधियों में नस्ती पर निर्देश संबंधित अधिकारी से प्राप्त किये? नस्ती की प्रतियां उपलब्‍ध करावें। () ऐसे कितने प्रकरण गरीबी रेखा के कार्ड बनाये जाने के संबंध में स्वीकृति हेतु प्रश्‍न दिनांक तक प्राप्त हुए, जिन पर कार्यवाही नहीं की गई? कारण सहित जानकारी देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) छतरपुर जिले के अनुभाग बड़ामलहरा में न्‍यायालय अनुविभागीय अधिकारी (रा.) बड़ामलहरा में वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक 394 राजस्‍व प्रकरण लंबित हैं, प्रकरण न्‍यायालयीन होने से विधिक, प्रक्रियात्‍मक एवं तकनीकी कारणों से लंबित/विचाराधीन है। (ख) अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बड़ामलहरा द्वारा वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक महिला एवं बाल विकास विभाग, आदिम जाति कल्‍याण विभाग, शिक्षा विभाग, नगरीय प्रशासन विभाग, जनपद पंचायत, खाद्य विभाग की जांच की गई है। जांच प्रतिवेदनों की प्रमाणित प्रतियां पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) अनुविभागीय अधिकारी बड़ामलहरा कार्यालय में विभिन्‍न प्रकरणों एवं आवेदनों के संबंध में नस्‍ती (नोटशीट) पर शाखा लिपिक द्वारा पीठासीन अधिकारी से समय-समय पर निर्देश प्राप्‍त किये गये, जिनकी प्रमाणित प्रतियां पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) गरीबी रेखा के कार्ड बनाये जाने के संबंध में स्‍वीकृति हेतु न्‍यायालय अनुविभागीय अधिकारी बड़ामलहरा में वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक ऑनलाईन पोर्टल के माध्‍यम से कुल 482 आवेदन पत्र प्राप्‍त हुये। समस्‍त पूर्ण आवेदनों का निर्धारित समय-सीमा में निराकरण किया जा चुका है, ऐसे आवेदन जिन पर कार्यवाही नहीं की गई है, की संख्‍या निरंक है।

निजी अस्‍पतालों की मनमानी पर लगाम कसना

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

15. ( *क्र. 1275 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निजी अस्पतालों द्वारा मरीजों से अत्यधिक शुल्क वसूलने और अन्य तरह की अनियमितताओं की कितनी शिकायतें गत एक वर्ष में प्राप्त हुई? उन शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? सरकार द्वारा निजी अस्पतालों पर कड़ी निगरानी क्यों नहीं रखी जा रही, जिससे उनके द्वारा वसूले जाने वाले शुल्क को नियंत्रित किया जा सके?                                   (ख) ऐसे कोई नियम लागू किये जायेंगे, जिससे अस्पतालों को अपने शुल्क सूची को सार्वजनिक करना पड़े ताकि मरीजों को उपचार लागत के बारे में पहले से पता चल सके? (ग) विभाग द्वारा मरीजों को अपने अधिकारों के बारे में एवं अत्यधिक शुल्क वसूलने के खिलाफ जागरूकता अभियान क्यों नहीं चलाया जा रहा है?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) निजी अस्‍पतालों द्वारा मरीजों से अत्‍यधिक शुल्‍क वसूलने और अन्‍य तरह की अनियमितताओं संबंधी विगत एक वर्ष में कुल 311 शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं। उन शिकायतों पर विभिन्‍न मुख्‍य चिकित्‍सा एवं स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारियों द्वारा की गयी कार्यवाही की जिलेवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार तथा आयुष्‍मान भारत निरामयम योजना अंतर्गत की गयी कार्यवाही की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। निजी अस्‍पतालों की सतत् निगरानी की जा रही है एवं प्रदेश के विभिन्‍न मुख्‍य चिकित्‍सा एवं स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी व पर्यवेक्षी प्राधिकारी, म.प्र. उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्‍थापनाएं (रजिस्‍ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम द्वारा वर्ष 2024-25 में माह अप्रैल से अद्यतन दिनांक तक कुल पंजीकृत 2354 नर्सिंग होम के विधिवत निरीक्षण उपरान्‍त 654 कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं तथा 156 नर्सिंग होम का पंजीयन निरस्‍त किया गया है। इसके अतिरिक्‍त, आयुष्‍मान भारत 'निरामयम' योजनांतर्गत निजी चिकित्‍सालयों की एन.एच.ए./एस.एच.ए. द्वारा आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस, डेस्‍क ऑडिट तथा थर्डपार्टी ऑडिट एजेंसी द्वारा फील्‍ड ऑडिट के माध्‍यम से कड़ी निगरानी की जा रही है। (ख) जी हाँ। प्रदेश के निजी अस्‍पतालों के लिए विनियामक म.प्र. उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्‍थापनाएं (रजिस्‍ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम, 1973 तथा नियम, 1997 (यथासंशोधित) 2021 में शुल्‍क सूची सार्वजनिक करने के नियम प्रावधानित है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा मरीज के अधिकारों एवं अत्‍यधिक शुल्‍क वसूलने के खिलाफ जागरूकता हेतु समस्‍त मुख्‍य चिकित्‍सा एवं स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारियों (पर्यवेक्षी प्राधिकारियों) को संचालनालयीन पत्र क्रमांक/विनियमन/2024/524-525, दिनांक 02.12.2024 को निर्देशित किया गया है एवं जन-जागरूकता हेतु यथोचित सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म के माध्‍यम से संदेशों का प्रसार किया गया है। आयुष्‍मान भारत कार्यालय द्वारा योजनांतर्गत संबद्ध निजी चिकित्‍सालयों में आई.ई.सी. एवं सिटीजन चार्टर प्रदर्शित करने हेतु आदेशित किया गया है एवं कियोस्‍क स्‍थापित किए गए हैं तथा टोल फ्री नम्‍बर, कॉल सेंटर व आयुष्‍मान भारत के पोर्टल पर भी समस्‍त जानकारी मरीजों की जागरूकता हेतु उपलब्‍ध है।

आउट सोर्स कर्मचारियों की भर्ती, सेवा शर्तों की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

16. ( *क्र. 1061 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय मेडिकल कॉलेज दतिया में आउटसोर्स पर कर्मचारी उपलब्ध कराने हेतु किस कंपनी को कितने वर्ष के लिए ठेका दिया गया है? कंपनी का नाम, पता, ईमेल, कांटैक्ट नंबर के साथ निविदा का विवरण एवं निविदा कमेटी सदस्यों के नाम एवं पद तथा एक्ट के पंजीयन सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) उक्त कॉलेज में कुल कितने व कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं, जिनके प्रति कितने पद व कौन-कौन से भरे गए हैं व कितने शेष हैं? चयनित कर्मचारियों के नाम पते एवं उनकी हाजिरी रजिस्टर की छाया प्रति के साथ जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) जिन आउट सोर्स कर्मचारियों के नाम हाजिरी रजिस्टर में दर्ज हैं, उनको वेतन का भुगतान नकद किया जाता है अथवा ई पेमेंट से? उनका पी.एफ. कटता है कि नहीं? जानकारी दें। (घ) क्या जिन कर्मचारियों को वेतन मिल रहा है, उनके स्थान पर अन्य लोग काम कर रहे हैं? यदि नहीं, तो एक कमेटी बनाकर इसकी जांच कराई जाये? यदि ‌हाँ, तो इसके लिए कौन दोषी है?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) स्‍वशासी चिकित्‍सा महाविद्यालय, दतिया में आउटसोर्स पर कर्मचारी उपलब्‍ध कराने हेतु भारत सरकार के केन्‍द्रीय उपक्रम का निर्धारण विभागीय आदेश क्रमांक 414/एफ-2/1/14/0003/55-2, दिनांक 24.03.2023 द्वारा दिये गये निर्देश के परिपालन में 05 वर्ष (31.03.2028 तक) के लिये अधिष्‍ठाता, स्‍वशासी चिकित्‍सा महाविद्यालय, दतिया एवं एच.एल.एल. इनफ्राटेक सर्विसेस लिमिटेड (हाईट्स नई दिल्‍ली) के बीच दिनांक 05.10.2023 को अनुबंध किया गया है। आदेश एवं अनुबंध की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। उपक्रम का नाम, पता, ईमेल, कांटैक्‍ट नंबर की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।                        (ख) स्‍वशासी चिकित्सा महाविद्यालय, दतिया में स्वीकृत पदों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। समस्त कर्मचारियों के नाम व पता की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। समस्त कर्मचारियों के हाजिरी रजिस्टर की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। (ग) संबंधित कर्मचारियों का वेतन भुगतान ई-पेमेंट से किया जाता है। ई.पी.एफ. का नियमानुसार कटोत्रा किया जाता है। कर्मचारियों को भुगतान की गई राशि का विवरण की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-6 अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

क्षेत्रीय स्वास्थ्य सेवाओं का विस्‍तार

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

17. ( *क्र. 1135 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केंद्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से शासन/विभाग द्वारा नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में नवीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, उप-स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र एवं शहरी स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं में वृद्धि की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2014-15 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सिविल हॉस्पिटल जावरा, महिला एवं बाल चिकित्सालय जावरा, सिविल हॉस्पिटल पिपलोदा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रिंगनोद, पिपलोदा तथा जावरा व पिपलोदा तहसील अंतर्गत नवीन उप-स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र प्रारंभ किए जाने हेतु कितने-कितने बजट की स्वीकृति दी? कितने कार्य पूर्ण रहे, कितने अपूर्ण रहे, कितने प्रगतिरत हैं, कितने अप्रारंभ है? संपूर्ण जानकारी वर्षवार प्रदान करें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्लेखित तहसीलों में विगत वर्षों से ही अनेक दूरस्थ वंचित ग्रामीण क्षेत्रों में नवीन उप-स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र प्रारंभ किए जाने की लगातार मांग की जा रही है, तो उन्हें स्वीकृति कब तक मिल सकेगी? (घ) प्रश्‍नांश (ख) में उल्लेखित दोनों तहसीलों एवं नगरीय क्षेत्र में स्वीकृत विभिन्न उप-स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र भवन निर्माण, निर्माणाधीन स्थिति में ही अपूर्ण रहकर क्षतिग्रस्त हो रहे हैं, गुणवत्ता विहीन कार्य स्पष्ट परिलक्षित हैं तो उनके सुधार एवं कार्य पूर्णता के साथ ही लापरवाही पूर्ण कार्य होने की संपूर्ण जांच परीक्षण कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई कब तक की जा सकेगी?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी, हाँ।                             (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) स्वास्थ्य संस्थाओं की स्थापना/उन्नयन विभाग की एक निरंतर प्रक्रिया है, स्वास्थ्य संस्थाओं की स्थापना/उन्नयन स्थानीय जनसंख्या, संस्था का बैड ऑक्यूपेंसी रेट, स्थानीय आवश्यकता, नजदीकी स्वास्थ्य संस्थाओं की दूरी तथा वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर किया जाता है, निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्‍तरांश '''' में उल्‍लेखित कार्यों में से किसी भी स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र की अपूर्ण निर्माण में क्षतिग्रस्‍त होने की शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। निर्माण कार्य मानक अनुसार गुणवत्‍ता युक्‍त निष्‍पादित कराये जा रहे हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

नियुक्ति पत्र जारी करना

[राजस्व]

18. ( *क्र. 1014 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पटवारी परीक्षा उत्तीर्ण विद्यार्थियों के मूल अभिलेख सत्यापन बावत कार्यवाहियाँ की जा रही है, तो कब से, का विवरण तिथिवार देवें, इनमें से कितने बच्चों के मूल अभिलेखों के सत्यापन की कार्यवाही कर नियुक्ति पत्र जारी किये जा चुके हैं, का विवरण जिलों में पदस्थ अनुसार देवें।                    (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में कितने ऐसे परीक्षा उत्तीर्ण बच्चे/परीक्षार्थी शेष बचे हैं, जिनका                 बार-बार मूल अभिलेख सत्यापन बावत विभाग द्वारा पत्र जारी कर बुलाया जा रहा है, लेकिन वो बार-बार पत्र जारी होने के बाद भी मूल अभिलेख का सत्यापन नहीं करा रहे हैं, फिर भी उन्हीं परीक्षार्थियों/बच्चों को जो परीक्षा उत्तीर्ण किये हैं, क्यों बुलाया जा रहा है? (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार प्रश्‍नांश (ख) के उत्तीर्ण पटवारी परीक्षा के परीक्षार्थियों को ही बार-बार मूल अभिलेख के सत्यापन बावत क्यों बुलाया जा रहा है, जबकि उनके न आने पर अग्रिम पंक्ति के परीक्षार्थियों को जिनके अंक बहुत कम अंतराल में चयन बावत शेष हैं, उनको बुलाकर चयन की कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही, जबकि हर जिले में पटवारियों के पद रिक्त हैं, जिसके कारण विभाग के कार्य प्रभावित हो रहे हैं, इस बावत क्या निर्देश देंगे? अगर नहीं तो क्‍यों? (घ) प्रश्‍नांश (क) अनुसार आयोजित परीक्षा में प्रतीक्षा सूची में जिन विद्यार्थियों का नाम जिले की सूची में था, उनके दूसरे जिले में ज्वाइनिंग व पदस्थापना के क्या निर्देश थे? प्रतीक्षा सूची व कम अंतराल से जिन बच्चों का चयन शेष बचा है, उनके चयन बावत क्या निर्देश देंगे? (ड.) प्रश्‍नांश (क) अनुसार आयोजित परीक्षा में उत्तीर्ण विद्यार्थियों प्रश्‍नांश (ख) अनुसार बार-बार उन्हीं को मूल अभिलेख सत्यापन बावत बुलाकर नियुक्ति में विलम्ब किया जा रहा है, जबकि अगले प्रतीक्षा सूची या कम अंक से नियुक्ति‍ से वंचित विद्यार्थियों की नियुक्ति बावत क्या निर्देश देंगे? अगर नहीं तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। दस्तावेज सत्यापन की कार्यवाही प्रथम काउंसलिंग दिनांक 24.02.2024 द्वितीय काउंसलिंग दिनांक 09.03.2024 एवं तृतीय काउंसलिंग दिनांक 28.10.2024 को की गई है। तीनों काउंसलिंग में 4280 + 492 + 120 = 4892 अभ्यर्थियों को पात्र पाया जाकर नियुक्ति आदेश जारी किए गए हैं। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्‍न (क) के संबंध में जिन अभ्यर्थियों को नियुक्ति आदेश जारी किये जा चुके हैं, उन्हें किसी भी जिले में काउंसलिंग हेतु उपस्थित होने के लिए पुन: सूचना पत्र जारी नहीं किया गया है। द्वितीय एवं तृतीय काउंसलिंग हेतु जो चयन सूची तैयार की गई है, वह पटवारी भर्ती परीक्षा 2022 की विज्ञप्ति की कंडिका 11.10 के अनुक्रम में mponline द्वारा तैयार की गई है, जिसमें लेख है कि MPONLINE, MPESB की प्रेषित सूची में से ऐसे अभ्यर्थियों के नामों को पृथक करने की कार्यवाही करेगा जो प्रथम काउंसलिंग में दस्तावेज सत्यापन हेतु उपस्थित हुए हैं। उपस्थित अभ्यर्थियों (भले ही दस्तावेज सत्यापन में इन्हें पात्र किया गया हो अथवा अपात्र घोषित किया गया हो) के नामों को MPESB की सूची से हटाया जाकर MPONLINE द्वारा जिलों के रिक्त पदों की जिलेवार एवं वर्गवार प्रतीक्षा सूची तैयार की जाकर आयुक्त भू-अभिलेख को प्रेषित की जायेगी। यह प्रतीक्षा सूची ‌द्वितीय काउंसलिंग की चयन सूची होगी। (ग) पटवारी भर्ती परीक्षा 2022 की विज्ञप्ति की कंडिका 11.10 के अनुक्रम में mponline द्वारा तैयार चयन सूची में जो अभ्यर्थी एक बार जिले में उपस्थित हो चुका है, को पुनः नहीं बुलाया गया है। द्वितीय एवं तृतीय काउंसलिंग में अनुपस्थित अभ्यर्थियों को भी जिस जिले में एक बार सूचना पत्र जारी हो चुका है, उसे भी उस जिले में पुन: नहीं बुलाया गया है। हाँ, यदि अन्य जिले की प्रतीक्षा सूची में उसका नाम अन्य अभ्यर्थियों से आगे है और उस जिले में रिक्त पद उपलब्ध हैं, तो ऐसी स्थिति में सूचना पत्र जारी होने की स्थिति निर्मित हुई होगी। प्रदेश में इस भर्ती परीक्षा में विज्ञापित कुल 6755 पदों में से 4892 पदों की नवीन भर्ती होने से प्रदेश में कुल स्वीकृत 24224 पदों में से लगभग 22000 पदों के भरे होने से विभाग का कार्य प्रभावित नहीं हो रहा है। अतः निर्देश की कोई आवश्यकता नहीं है। (घ) द्वितीय एवं तृतीय काउंसलिंग की चयन सूची पटवारी भर्ती परीक्षा 2022 की विज्ञप्ति की कंडिका 11.10 के अनुक्रम में कार्यवाही की गई है। अतः यदि कोई अभ्यर्थी किसी जिले में उपस्थित हो चुका है, तो उस जिले में अभ्यर्थी की उम्मीदवारी निरस्त मानी जाकर यदि अन्य जिले की प्रतीक्षा सूची में उसका नाम अन्य अभ्यर्थियों से आगे है एवं उस जिले में रिक्त पद उपलब्ध है, तो ऐसी स्थिति में सूचना पत्र जारी किया गया होगा। अतः विज्ञप्ति के निर्देशानुसार ही कार्यवाही की गई है। (ड.) प्रश्‍नांश (क) के क्रम में उपस्थित अभ्यर्थियों को बार-बार नहीं बुलाया गया है। द्वितीय एवं तृतीय काउंसलिंग की चयन सूची पटवारी भर्ती परीक्षा 2022 की विज्ञप्ति की कंडिका 11.10 के अनुक्रम में कार्यवाही की गई है। शेष रिक्त पदों की पूर्ति हेतु अतिरिक्त काउंसलिंग की कार्यवाही विचाराधीन है, जिसमें विज्ञप्ति में दिए गए निर्देश अनुसार ही कार्यवाही की जावेगी।

निजी भूमि का अर्जन

[राजस्व]

19. ( *क्र. 356 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) क्या विधानसभा ऑनलाइन प्र.क्र. 556, दिनांक 03.07.2024, प्र.क्र. 343, दिनांक 02.03.2023, प्र.क्र. 338, दिनांक 22.12.2021 में दी गई जानकारी के बाद भी जिला उद्योग केन्द्र बैतूल द्वारा 1974-75 में कब्जा की गई ग्राम टिकारी की निजी भूमि खसरा क्रमांक 1078 रकबा 2.57 का किसान एवं उसके वारिसों को प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी मुआवजा भुगतान नहीं किया गया?                  (ख) यदि हाँ, तो भूमि पर कब्जा कब किया, भूमि का अवार्ड कब हुआ, भूमि का मुआवजा उद्योग विभाग ने कब भू-अर्जन अधिकारी के यहाँ जमा किया, मुआवजा भुगतान हेतु उद्योग विभाग ने      कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की है, भूमि पर वर्तमान में किसका कब्जा है? (ग) भूमि अर्जन पुनर्वासन एवं पुनर्व्‍यवस्थापन में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 24 (2) में क्या प्रावधान है? उसका पालन करने के संबंध में उद्योग विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है, कब तक करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) विधानसभा ऑनलाइन प्र.क्र. 556, दिनांक 03.07.2024, प्र.क्र. 343, दिनांक 02.03.2023, प्र.क्र. 338, दिनांक 22.12.2021 में दी गई जानकारी के बाद जिला उ‌द्योग केन्द्र बैतूल द्वारा 1974-75 में कब्जा की गई ग्राम टिकारी की निजी भूमि खसरा क्रमांक 1078, रकबा 2.57 का किसान एवं उसके वारिसों को प्रश्‍नांकित दिनांक तक मुआवजा भुगतान नहीं हो सकने से स्थिति पूर्व अनुसार ही है। खसरा नम्बर 1078, रकबा 2.57 के कृषक को भू-अर्जन प्रकरण में पारित अवार्ड दिनांक 28.06.1978 अनुसार पारित मुआवजा राशि पर आपत्ति होने से तत्समय भू-अर्जन अधिकारी द्वारा मुआवजा राशि आर.डी. में जमा किये जाने के आदेश दिये गये। (ख) दिनांक 17.12.1974 को उ‌द्योग विभाग द्वारा अर्जित भूमि का कब्जा लिया गया। भूमि का अवार्ड दिनांक 28.06.1978 को पारित किया गया। अधिग्रहित की गई भूमि के एवज में भू-अर्जन हेतु क्षतिपूर्ति का भुगतान कलेक्टर बैतूल को उ‌द्योग संचालनालय मध्यप्रदेश भोपाल के आवंटन आदेश क्रमांक 101, दिनांक 27.03.1979 द्वारा किया गया। खसरा नं. 1078 के कृषकों द्वारा आपत्ति व्यक्त करने के कारण उन्हें देय मुआवजा राशि आर.डी. में जमा किये जाने के आदेश दिये गये। वर्तमान में खसरा नं. 1078 की अर्जित भूमि पर उ‌द्योग विभाग का आधिपत्य है। (ग) भूमि अर्जन पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 24 (2) से संबंधित प्रावधानों की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अर्जित भूमि का आधिपत्य उद्योग विभाग द्वारा लिया जा चुका है। भूमि अर्जन पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 24 (2) के अंतर्गत कार्यवाही वांछनीय नहीं है।

परिशिष्ट - "एक"

सिंचाई परियोजना की पुनरीक्षित स्वीकृति

[जल संसाधन]

20. ( *क्र. 746 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कड़ान सिंचाई मध्यम परियोजना नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत निर्माणधीन है? यदि हाँ, तो लागत सहित जानकारी देवें तथा क्‍या परियोजना का पुनरीक्षित प्रशासकीय प्राक्कलन स्वीकृति हेतु विभाग द्वारा शासन स्तर पर प्रेषित किया गया है? यदि हाँ, तो कब-कब प्रेषित किया गया है? (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति विषय में क्‍या मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा अनुमोदन किया गया है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या परियोजना में गाइड बंड निर्माण का विरोध किया जा रहा है? यदि हाँ, तो पुनरीक्षित प्राक्कलन जिसमें पथरिया हाट की डूब में प्रभावित होने वाली भूमि का अधिग्रहण करने के प्रस्ताव का पुनरीक्षित प्रशासकीय प्रस्ताव साधिकार समिति को भेजा गया है?                                            (घ) क्या पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति के कारण परियोजना का कार्य प्रभावित है एवं परियोजना निर्माण कार्य एवं भू-अर्जन कार्य, नाला बंधान कार्य आदि में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है/कार्य प्रगति भी प्रभावित हो रही है? जानकारी देवें तथा पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रस्‍ताव पर कब तक स्वीकृति प्रदान की जायेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। कड़ान मध्यम सिंचाई परियोजना की मूल प्रशासकीय स्वीकृति 385.79 करोड़ एवं सिंचाई क्षमता 9990 हेक्टेयर है। जी हाँ, परियोजना का पुनरीक्षित प्रशासकीय प्रतिवेदन दिनांक 22.12.2021, 20.03.2023 एवं 13.11.2024 को प्रेषित किया गया। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। ग्राम पथरिया हाट की डूब से प्रभावित होने वाली भूमि के अधिग्रहण को प्रस्ताव में सम्मिलित करते हुये पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रस्ताव साधिकार समिति के समक्ष प्रस्तुत करने हेतु शासन स्तर पर परीक्षणाधीन है। (घ) जी हाँ। पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति के अभाव में ग्राम पथरिया हाट की भूमि का अर्जन न हो पाने के कारण बांध को पूर्ण जल भराव क्षमता तक भरना संभव नहीं हो रहा है। पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

राजस्व विभाग में लंबित प्रकरण

[राजस्व]

21. ( *क्र. 819 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र में कितने राजस्व ग्रामों में चकबंदी नक्शें लागू हैं?                              (ख) प्रश्‍नांश (क) वर्णित जिन ग्रामों में चकबंदी नक्शें लागू नहीं किए गए, उसका क्‍या कारण है तथा कब तक चकबंदी नक्शें लागू किए जायेंगे? (ग) सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र में शासकीय गोहा, छोटा घास, बड़ा झाड़, चरनोई, गुठान, पढ़ाव भूमि, सिंचाई नाली, ड्रेनेज मेंडा पर अतिक्रमण विवादों के कितने मामले हैं, कब से लंबित हैं तथा निराकरण हेतु क्या समय-सीमा है?                                      (घ) सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र में हिंदू संयुक्त परिवार की संपत्ति बंटवारे, नक्शा सुधार, खसरा, खतौनी सुधार के कितने प्रकरण लंबित हैं तथा क्यों क्या इनके निराकरण की कोई समय-सीमा निर्धारित की गई है?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत तहसील सिवनी मालवा में 144 ग्रामों में तथा तहसील डोलरिया में 34 ग्रामों में इस प्रकार कुल 178 ग्रामों में चकबन्दी रिकॉर्ड लागू है। (ख) तहसील सिवनी मालवा में 32 ग्रामों में तथा तहसील डोलरिया में 18 ग्रामों में इस प्रकार कुल 50 ग्रामों में चकबन्दी रिकॉर्ड पूर्ण रूप से तैयार नहीं होने से लागू नहीं किया जा सका है। राजस्व अभिलेख पूर्ण रूप से तैयार होने पर लागू किया जावेगा। राजस्व रिकॉर्ड बनाये जाने का कार्य न्यायालयीन प्रक्रिया का होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।                 (ग) सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत तहसील सिवनी मालवा में 12 अतिक्रमण प्रकरण एवं तहसील डोलरिया अन्तर्गत 8 अतिक्रमण प्रकरण इस प्रकार कुल 20 अतिक्रमण प्रकरण लंबित हैं। जो न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत प्रचलन में हैं, जिनका निराकरण नियमानुसार कार्यवाही कर किया जा रहा है। (घ) सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत तहसील सिवनी मालवा में हिन्दु संयुक्त परिवार की सम्पत्ति बंटवारे के 107 प्रकरण एवं नक्‍शा सुधार, खसरा खतौनी सुधार के 90 प्रकरण तथा तहसील डोलरिया अन्तर्गत बंटवारा के 38 प्रकरण नक्शा बटांकन के 40 प्रकरण इस प्रकार कुल 275 प्रकरण लंबित हैं, जो न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत लंबित हैं। लंबित अविवादित बंटवारा निराकरण की समय-सीमा 90 कार्य दिवस है।

प्रकरणों का खारिज किया जाना

[राजस्व]

22. ( *क्र. 1039 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा सत्र जुलाई 2024 प्रश्‍न क्रमांक 1344 के उत्तर में गुनौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तहसील गुनौर, देवेन्द्रनगर, अमानगंज में वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में नामांतरण के कुल 1870 प्रकरण खारिज करने का उल्लेख किया गया था? यदि हाँ, तो क्या इतने अधिक प्रकरणों को खारिज कर अभिलेखों को शुद्ध न रखना आचरण नियमों का उल्लंघन नहीं है? क्या अभिलेख को शुद्ध रखना राजस्व अधिकारी की जिम्मेदारी नहीं है? क्या संपदा पोर्टल से प्राप्त होने वाले प्रकरणों को अकारण खारिज किये जाने में शासन की मंशा पूरी हो जाती है? इसके लिये जिला स्तर पर कोई कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या प्रश्‍नांश '''' में उ‍ल्‍लेखित विधानसभा प्रश्‍न के उत्‍तर में गुनौर विधानसभा में वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में नामांतरण बंटवारा सीमांकन के 3736 प्रकरण खारिज करने का उल्लेख किया गया है? यदि हाँ, तो इस पर कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या प्रश्‍नांश '''' में वर्णित प्रकरणों में से तहसील अमानगंज में सबसे अधिक 2240 प्रकरण खारिज करने पर यह प्रदर्शित है कि शासन की मंशा के अनुरूप व जनहित में कार्य करने का कोई इरादा नहीं है? क्‍या इतने अधिक प्रकरण अमानगंज तहसील के खारिज करने पर कृषकों को हुई परेशानी के संबंध में जिला स्तर पर संज्ञान लिया जाकर दोषियों पर कोई कार्यवाही की गई है?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। विधानसभा सत्र जुलाई 2024 प्रश्‍न क्रमांक 1344 के उत्तर में गुनौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तहसील गुनौर, देवेन्द्रनगर, अमानगंज में वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में नामांतरण के कुल 1870 प्रकरण प्रावधान अनुसार निरस्त करने की जानकारी दी गई थी। निरस्त किये गये प्रकरणों का निराकरण प्रावधान अंतर्गत किया गया था।                               अतः आचरण नियम के उल्लंघन का प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। अभिलेख को शुद्ध रखना राजस्व अधिकारी की जिम्मेदारी है। संपदा पोर्टल से प्राप्त होने वाले प्रकरणों को नियम विरूद्ध खारिज नहीं किया गया है, अतः कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है। (ख) जी हाँ। उत्‍तरांश (क) में उल्लेखित विधानसभा प्रश्‍न के उत्तर में गुनौर विधानसभा में वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में नामांतरण बंटवारा सीमांकन के 3736 प्रकरण प्रावधान अनुसार विधिक प्रक्रिया का पालन करते हुये निरस्त किये गये हैं। अतः कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है। (ग) उत्‍तरांश '''' में वर्णित प्रकरणों में से तहसील अमानगंज के 2240 प्रकरण प्रावधान अनुसार विधिक प्रक्रिया का पालन करते हुये निरस्त किये गये हैं। राजस्व महाभियान अंतर्गत जिले के तहसीलदारों को प्रकरणों का निराकरण समय-सीमा में किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।

 

सरकारी उप स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र में प्रसव सेंटर की सुविधा

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

23. ( *क्र. 245 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के विभिन्‍न जिलों में अलग-अलग, कितने-कितने सरकारी उप-स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र ऐसे हैं, जो प्रसव सेंटर की सूची में श‍ामिल हैं? (ख) उपरोक्‍त में से कितने उप-स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र ऐसे हैं, जहां प्रसव कराने के लिए कोई चिकित्‍सक पदस्‍थ नहीं है?                          (ग) जिन उप-स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों में चिकित्‍सक उपलब्‍ध नहीं है, उन्‍हें प्रसव सेंटर बनाने का क्‍या औचित्‍य है?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रदेश के विभिन्न जिलों में 376 सरकारी उप-स्‍वास्‍थ्‍य केन्द्र प्रसव सेंटर की सूची में शामिल हैं। (ख) उप-स्‍वास्‍थ्‍य केन्द्र में चिकित्सा अधिकारी का पद स्वीकृत नहीं है। (ग) प्रसव केन्द्र लेवल-1 (उप-स्‍वास्‍थ्‍य केन्द्र) पर ए.एन.एम. द्वारा सामान्य प्रसव कराया जाता है तथा जटिलता की स्थिति में उच्च संस्था पर रेफर किया जाता है। इण्डियन पब्लिक हेल्थ स्टेण्डर्ड 2022 (आई.पी.एच.एस.) भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मापदण्ड अनुसार उप-स्‍वास्‍थ्‍य केन्द्र स्तरीय प्रसव केन्द्रों पर चिकित्सक की आवश्यकता नहीं होती है।

अपर नर्मदा सिंचाई बांध परियोजना

[जल संसाधन]

24. ( *क्र. 257 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला डिंडोरीअनूपपुर के सीमा में नर्मदा अपर सिंचाई बांध परियोजना का निर्माण किया जाना है? इस बांध निर्माण में कितनी भूमि शासकीय एवं कितनी भूमि निजी किसानों से ली जा रही है? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार डिंडोरी जिले में कितने हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई होना है तथा कितने कृषक डिंडोरी जिले के लाभान्वित होंगे? इसी प्रकार अनूपपुर जिले के कितने हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई होना तथा कितने किसान लाभान्वित होना प्रस्तावित है? (ग) क्या बांध निर्माण के पूर्व जिला डिंडोरी एवं जिला अनूपपुर के किसानों से सहमति ली गई है, जबकि मध्य प्रदेश में पेसा कानून लागू है? (घ) क्या बांध निर्माण के विरोध में अनवरत किसानों द्वारा आंदोलन तथा कलेक्टर अनूपपुर/डिंडोरी, मुख्यमंत्री महोदय, राज्यपाल महोदय, राष्ट्रपति महोदय को आवेदन भेज कर किसानों ने बांध न बनाए जाने का निवेदन किया है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा उन आवेदनों पर क्या कार्रवाई की गई है?  

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। बांध निर्माण में ली जाने वाली शासकीय एवं निजी भूमि का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''1" अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार अपर नर्मदा सिंचाई बांध परियोजना से सिंचाई एवं लाभान्वित होने वाले कृषकों की जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "2" अनुसार है। (ग) अपर नर्मदा सिंचाई बाँध परियोजना सन 1979 से अस्तित्व में है, जिसके निर्माण के प्रस्ताव में पूर्व में ग्राम सभाओं से परामर्श किया जाकर उनकी सहमति प्राप्त की गयी है। पेसा कानून अंतर्गत वृहद सिंचाई परियोजना हेतु ग्राम सभाओं से परामर्श किये जाने का प्रावधान है। अपर नर्मदा परियोजना व्यापक जनहित को समर्पित एक शासकीय वृहद परियोजना है। म.प्र. पेसा अधिनियम 2022 के प्रावधान अनुसार भू-अर्जन के पूर्व म.प्र. भू-अर्जन पुनर्वासन, पुनर्व्‍यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2015 के नियम 16 के अनुसार ग्राम सभाओं से परामर्श किया जावेगा।                                                    (घ) कलेक्टर, अनूपपुर एवं कलेक्टर, डिंडोरी द्वारा की गयी कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "3" अनुसार है।

परिशिष्ट - "दो"

अध्यापक संवर्ग का नवीन शिक्षक संवर्ग में संविलियन

[स्कूल शिक्षा]

25. ( *क्र. 1033 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) क्या विभाग द्वारा अध्यापक संवर्ग को नवीन शिक्षक संवर्ग में संविलियन किया गया है? यदि हाँ, तो संविलियन दिनांक को ही नियुक्ति दिनांक माना जा रहा है? यदि हाँ, तो कारण बतावें कि उसकी मूल नियुक्ति दिनांक को ही क्यों नहीं माना जा रहा है? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार शिक्षक संवर्ग की आई.एफ.एम.एस. पोर्टल पर नियुक्ति दिनांक 01 जुलाई, 2018 कर दी गई है? यदि हाँ, तो कारण बतावें। क्या इससे शिक्षक संवर्ग को किसी प्रकार का आर्थिक नुकसान होगा? (ग) उच्च पद प्रभार के लिये नियुक्ति दिनांक मूल नियुक्ति दिनांक को माना जा रहा है? यदि हाँ, तो ग्रेज्युटी में  दिनांक 01 जुलाई, 2018 नियुक्ति दिनांक मानी जा रही है, ये दोहरा मापदंण्ड क्यों? (घ) क्या विभाग द्वारा पदोन्नति और नवीन भर्ती का निश्चित अनुपात रखा गया है? क्या उसी आधार पर नियुक्ति की जा रही है? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें एवं नियम की प्रति देवें। (ड.) क्या शिक्षक संवर्ग को पुरानी पेंशन लागू करने पर शासन स्तर पर कोई कार्यवाही प्रचलित है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें? यदि नहीं, तो क्यों। गुरूजी की तरह एक योजना बनाकर पात्रता परीक्षा लेकर अतिथि शिक्षक को नियमित करने की कोई कार्यवाही प्रचलित है? तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा पंचायत सम्मेलन में यह बात कही थी?  

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग), सेवा शर्तें एवं भर्ती नियम, 2018 के तहत स्थानीय निकाय में कार्यरत अध्यापक संवर्ग के लोक सेवकों को दिनांक 01.07.2018 से नवीन संवर्ग में सुसंगत पदों पर नियुक्त किया गया है। अत शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश "क" अनुसार।                                               (ग) स्थानीय निकाय के अध्यापक संवर्ग के लोक सेवक दिनाक 01.07.2018 एवं उसके पश्चात शासकीय सेवा में नियुक्त हुये हैं। अतः ग्रेच्युटी की गणना के लिये शासकीय सेवा में नियुक्ति दिनांक ही मान्य होगी। नवीन शैक्षणिक संवर्ग के लोक सेवकों हेतु जारी सेवा शर्तें दिनांक 27.7.2019 की कंडिका-3 अनुसार क्रमोन्नति, पदोन्नति हेतु अध्यापक संवर्ग में की गई सेवाओं को गणना में लिये जाने का प्रावधान है। (घ) जी हाँ। (ड.) जी नहीं, वर्ष 2011 से अध्यापक संवर्ग को नवीन अंशदायी पेंशन योजना लागू है। जी नहीं।

 

 



भाग-2

नियम 46 (2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्‍नोत्तर के रुप में परिवर्तित तारांकित प्रश्‍नोत्तर


नर्सिंग कॉलेजों की अवैध मान्‍यताओं की जाँच

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

1. ( क्र. 5 ) डॉ. राजेन्‍द्र कुमार सिंह : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नतिथि तक प्रदेश में किस-किस स्थान के, किस-किस नाम एवं पते वाले नर्सिंग कॉलेजों की जाँच किस-किस नाम की जाँच एजेन्सियों द्वारा कब से की जा रही है? उक्त सभी कॉलेजों के मालिकों के नाम क्या-क्या हैं? उक्त सभी कॉलेजों को किन-किन दिनांकों को सभी औपचारिकतायें पूर्ण कर कॉलेज संचालित करने की अनुमति/आज्ञा तक कब दी गई? जारी सभी आदेशों की एक-एक प्रति दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित नर्सिंग कॉलेजों जिनकी जाँच की गई, क्या-क्या अनियमिततायें कब-कब पाई गई? कॉलेजवार, अनियमितावार जानकारी दें। क्या उक्त कॉलेजों जिनके ऊपर लिखित अनियमितता पाई गई किस नाम/पदनाम के द्वारा पूर्व में जाँच कर एन.ओ.सी./अनुमति दी थी जिसके कारण कॉलेज शुरू हुआ? उक्त एन.ओ.सी./अनुमति/आदेशों की कॉलेजवार एक-एक प्रति दें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कॉलेजों की राज्य शासन द्वारा किन-किन दिनांकों/माहों/वर्षों में अनुमति के आदेश जारी किये? कॉलेजवार सभी आदेशों की      एक-एक प्रति उपलब्ध करायें। (घ) राज्य शासन ने प्रश्‍न तिथि तक किस-किस नाम/पदनाम को फर्जी अनुमति/आज्ञा देने पर कब-कब चिन्हित किया है? सूची दें? उन पर कब व क्या कार्यवाही की जायेगी?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

बेतवा नदी पर स्‍टॉप डेम निर्माण की स्‍वीकृति

[जल संसाधन]

2. ( क्र. 27 ) श्री मुकेश टंडन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) क्या कार्यपालन यंत्री सम्राट अशोक सागर संभाग क्रमांक 02 विदिशा द्वारा बेतवा नदी पर रंगई में स्टॉप डेम बनाने हेतु प्राक्कलन लागत 86.90 लाख का तकनीकी स्वीकृती हेतु पत्र क्रमांक 449/टीएस/जी-508 ए/2024 दिनांक 12.02.2024 अधीक्षण यंत्री जल संसाधन मंडल भोपाल को भेजा था? यदि हाँ, तो क्या तकनीकी स्वीकृति प्रदान की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या प्रश्‍नकर्ता ने पत्र क्रमांक 233 दिनांक 14.03.2024 के द्वारा अधीक्षण यंत्री जल संसाधन मंडल भोपाल को तकनीकी स्वीकृति प्रदान करने हेतु आग्रह किया था? यदि हाँ, तो तकनीकी स्वीकृति प्रदान कर प्रशासकीय स्वीकृति हेतु राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा गया? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या विभाग द्वारा उक्त कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति राज्य शासन से करवा कर जनहित में विदिशा में बेतवा नदी पर रंगई स्टॉप डेम का निर्माण कराया जावेगा? यदि नहीं, तो इसके लिये दोषी कौन है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। कार्यपालन यंत्री सम्राट अशोक सागर संभाग कमांक 2 विदिशा से बेतवा नदी पर रंगई स्टाप डेम बनाने हेतु प्राक्कलन लागत रू.86.90 लाख का प्राप्त हुआ था, प्रस्तावित स्टाप डेम से सिंचाई शून्य एवं जल भण्डार मात्र 0.01 मि.घ.मी. है एवं जिस स्थान पर स्टाप डेम निर्माण की मांग की जा रही है, उस के ऊपर 75 मीटर की दूरी पर विभाग द्वारा पूर्व से रंगई वियर निर्मित है। जिससे वर्तमान में 260 हेक्टेयर में सिंचाई की जा रही है। उक्तानुसार तकनीकी दृष्टि से नवीन स्टाप डेम का निर्माण किया जाना उचित नहीं है। इस कारण तकनीकी स्वीकृति जारी नहीं की गई। (ख) जी हाँ। प्रश्‍न में उल्लेखित पत्र द्वारा अधीक्षण यंत्री से स्टाप डेम निर्माण हेतु आग्रह किया गया था, किन्तु उत्तरांश "क" में उल्लेखित्त कारणों से तकनीकी स्वीकृति जारी नहीं की गई एवं शासन को प्रशासकीय स्वीकृति का प्रस्ताव नहीं भेजा गया। (ग) तकनीकी दृष्टि से निर्माण स्थल उपयुक्त नहीं होने के कारण तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासकीय स्वीकृति की कोई कार्यवाही नहीं की गई। इस के लिये कोई दोषी नहीं है।

असमय वर्षा से सोयाबीन फसल को हुए नुकसान का मुआवजा

[राजस्व]

3. ( क्र. 37 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार विधानसभा में खरीफ 2024 में सोयाबीन की फसल को अतिवृष्टि तथा असमय वर्षा के कारण नुकसान हुआ है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इस विषयक कृषि विभाग व राजस्व विभाग के माध्यम से दल का गठन होकर पटवारी हल्कावार सर्वे किया गया है? यदि हाँ, तो मुख्य रूप से धार विधानसभा में किन-किन पटवारी हल्कों में सोयाबीन फसल में नुकसानी हुई है? सूची सहित बतावें। (ग) क्या उक्तानुसार धार विधानसभा में सोयाबीन की फसल में हुए नुकसानी के संबंध में प्रकरण तैयार कर संबंधित बीमा कंपनी को प्रेषित किये जा चुके हैं? (घ) यदि हाँ, तो धार विधानसभा के उपरोक्त सर्वे में पात्र किसानों को मिलने वाले संभावित मुआवजे के संबंध में संक्षिप्त में विवरण देने का कष्ट करें।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। धार विधानसभा अंतर्गत तहसील धार एवं पीथमपुर में खरीफ 2024 में सोयाबीन की फसल को अतिवृष्टि तथा असमय वर्षा के कारण फसल नुकसान हुआ है। (ख) जी हाँ। तहसील धार अन्‍तर्गत फसल क्षति सर्वे हेतु राजस्‍व विभाग, कृषि विभाग तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग का संयुक्‍त सर्वे दल का गठन किया था। संयुक्‍त सर्वे दल द्वारा पटवारी हल्‍कावार सर्वे उपरांत खरीफ फसल सोयाबीन में 25 प्रतिशत से कम फसल क्षति होना प्रतिवेदित किया गया है। इसी प्रकार तहसील पीथमपुर में संयुक्‍त सर्वे कराया गया। सर्वे में खरीफ फसल सोयाबीन में 25 प्रतिशत से कम फसल क्षति होना प्रतिवेदित किया गया है। विधानसभा क्षेत्र धार के तहसील धार एवं तहसील पीथमपुर में संयुक्‍त सर्वे दल की रिपोर्ट अनुसार सोयाबीन की फसल नुकसानी 25 प्रतिशत से कम होने से जानकारी निरंक है। अत: शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (ग) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में सर्वे दलों से प्राप्‍त रिपोर्ट बीमा कपंनी एच.डी.एफ.सी. एग्रो को आगामी कार्यवाही हेतु प्रेषित की जा चुकी है। (घ) धार विधानसभा अन्‍तर्गत तहसील धार एवं तहसील पीथमपुर के प्रभावित कृषकों की मांग के आधार पर फसल बीमा का लाभ दिलाये जाने हेतु प्रबंधक एच.डी.एफ.सी. फसल बीमा कंपनी को संयुक्‍त सर्वे की सूची दी गई। धार विधानसभा अन्‍तर्गत फसल सर्वे में तहसील धार एवं पीथमपुर में सर्वे दल की रिपोर्ट अनुसार सोयाबीन की फसल नुकसानी 25 प्रतिशत से कम होने से आर.बी.सी. 6-4 अंतर्गत राहत राशि प्रदाय के प्रावधान नहीं होने से आर्थिक सहायता राशि का वितरण नहीं किया गया है।

चिकित्सालयों में आगजनी की घटनाएं

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

4. ( क्र. 40 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सच है कि प्रश्‍नकर्ता द्वारा जुलाई 2024 के सत्र में पूछे गये प्रश्‍न क्रमांक 394 (ख) के उत्तर में विभाग द्वारा बताया गया है कि, जिला चिकित्सालय एवं उससे ऊपर के 62 चिकित्सालयों में निर्धारित मापदण्ड अनुसार अग्निशमन प्रणाली स्थापित है? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त प्रणालियों को संचालित व संधारित किये जाने हेतु संबंधित चिकित्सालय में प्रशिक्षित अमला पदस्थ किया गया है? यदि नहीं, तो क्या विभाग इस हेतु प्रावधान निर्मित करेगा? (ग) यदि हाँ, तो किस स्तर के अधिकारी/कर्मचारियों को किस स्तर के प्रशिक्षण उपरांत इस दायित्व को दिया जाता है? वर्तमान में इस हेतु दायित्ववान अमले के स्वीकृत व भरे पद की जानकारी देवें। (घ) क्या देश के विभिन्न चिकित्सालयों के आई.सी.यू. में हो रही आगजनी की घटनाओं पर विषय विशेषज्ञ की रिपोर्ट का विभाग द्वारा अध्ययन किया जाता है तथा प्रदेश में ऐसी अप्रिय घटना न हो इस परिप्रेक्ष्‍य में रिपोर्ट में दिये गये सुझावों को लागू करवाये जाने की व्यवस्था सुनिश्‍िचत की गई है? (ङ) क्या धार जिला भोज चिकित्सालय में हुए अग्निशमन अंकेक्षण में कुछ कमियां पायी गई है? यदि हाँ, तो क्या उनमें निर्धारित मापदण्ड अनुसार अग्निशम प्रणाली में सुधार व जिम्मेदार अमले की व्यवस्था सुनिश्‍िचत की गई है?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ।                      (ख) चिकित्सालयों में स्थापित अग्निशमन प्रणाली को संचालित व संधारित किये जाने हेतु संबंधित चिकित्सालय में पदस्थ अमले को ही एन.डी.आर.एफ., जिला अग्निशामक विभाग एवं जिला सलाहकार के माध्यम से समय-समय पर प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। (ग) जी हाँ, अग्निशमन प्रणाली संचालित व संधारित किये जाने हेतु संबंधित चिकित्सालय में पदस्थ चिकित्सक, नर्सिंग ऑफिसर, सहायक प्रबंधक, सुरक्षा कर्मियों को प्रशिक्षण एन.डी.आर.एफ. जिला अग्निशमक विभाग फायर सलाहकार द्वारा दिया जाता है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। जी हाँ, आगजनी की घटनाओं को रोकने हेतु विभाग द्वारा दिशा निर्देश बना कर जारी किये गये हैं। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) जी हाँ, धार जिला भोज चिकित्सालय में हुए अग्निशमन अंकेक्षण में कुछ कमियाँ पाई गई थीं, जिसके सुझाव अनुसार जिला भोज चिकित्सालय में फायर फाइटिंग की स्थापना हेतु कार्य विभागीय भवन निर्माण शाखा द्वारा संपादित किया जा रहा है।

संचालित योजनाओं की जानकारी

[मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास]

5. ( क्र. 44 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राज्‍य मंत्री, मछुआ कल्‍याण एवं मत्‍स्‍य विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मत्स्य विभाग जिला हरदा अंतर्गत कितनी व कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है? (ख) संचालित योजनाओं में कौन-कौन हितग्राही पात्र/अपात्र की श्रेणी में आते है? स्पष्ट क‍ीजि‍ए। (ग) हरदा जिले में मत्स्य विभाग अंतर्गत 01 जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितना बजट व कौन-कौन सी मद में स्वीकृत किया गया? (घ) जारी किए गए बजट से कौन-कौन से कार्य किए गए है? जानकारी उपलब्ध करावें। (ड.) कार्यों की पूर्ण/अपूर्ण व वर्तमान स्थिति क्या है?

राज्‍य मंत्री, मछुआ कल्‍याण एवं मत्‍स्‍य विकास ( श्री नारायण सिंह पंवार ) : (क) मत्‍स्‍य विभाग जिला हरदा अंतर्गत संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्‍तकालय में परिशि‍ष्‍ट-अ अनुसार(ख) वह किसान जो अपनी आजीविका का अर्जन मछली पालन/मछली पकड़ना एवं मत्‍स्‍य बीज उत्‍पादन का कार्य करता हो वह पात्र की श्रेणी में आता है। (ग) हरदा जिले को समस्‍त मद अंतर्गत राशि 5,50,17,868/- का आवंटन किया गया जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार।              (घ) एवं (ड.) पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-स अनुसार

प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं का अन्य शालाओं में विलय

[स्कूल शिक्षा]

6. ( क्र. 65 ) श्री महेन्‍द्र केशरसिंह चौहान : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि बैतूल जिले के विधानसभा भैंसदेही में ऐसे कितने प्राथमिक एवं माध्यमिक शालायें संचालित है जिनमें 20 या उससे कम छात्र दर्ज है? सूची उपलब्ध कराये? शासन द्वारा इन्हें अन्य शाला में मर्ज किया जाना है, यदि हाँ, तो कब तक किये जावेगा?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : 20 या उससे कम दर्ज वाली प्राथमिक एवं माध्‍यमिक शालाओं की सूची  संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार है। विभागीय आदेश दिनांक 05/09/2018 के अंतर्गत एक परिसर एक शाला में विद्यालयों को मर्ज करने का प्रावधान है। समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "तीन"

गांधीसागर फॉरेस्ट रिट्रीट एंड फेस्टिवल में प्रोटोकॉल का पालन

[पर्यटन]

7. ( क्र. 75 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या राज्‍य मंत्री, पर्यटन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गांधीसागर फॉरेस्ट रिट्रीट एंड फेस्टिवल का आयोजन 14 अक्‍टूबर 2024 को गांधीसागर जलाशय पर आयोजित किया गया। उक्त कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में जिले के सांसद, क्षेत्र के विधायक एवं जनप्रतिनिधि को आमंत्रित नहीं किया गया। जो कि प्रोटोकाल का उल्‍लंघन है,            (ख) प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने के लिए कोन जिम्मेंदार है, क्या विभाग उस पर कार्यवाही करेगा? (ग) शासकीय कार्यक्रमों में जनप्रतिनिधि को आमंत्रित करना प्रोटोकॉल के तहत आता है और प्रोटोकाल का पालन नहीं हो रहा है, विभाग इसके लिए क्या कार्यवाही कर रहा है।

राज्‍य मंत्री, पर्यटन ( श्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी ) : (क) गांधी सागर आयोजन के प्रथम दिवस अध्‍यक्ष जिला पंचायत मंदसौर श्रीमति दुर्गा डॉ. विजय पाटीदार एवं सरपंच गांधी सागर श्री मनीष परिहार के अतिरिक्‍त मंदसौर कलेक्‍टर के साथ स्‍थानीय प्रशासन के प्रमुख अधिकारी की गरिमामई उपस्थिति में आयोजन हुआ। कार्यक्रम की आयोजक एजेंसी द्वारा दी गई जानकारी अनुसार जिला प्रशासन कार्यालय द्वारा मंदसौर के जनप्रतिनिधियों को गांधी सागर फॉरेस्‍ट रिट्रीट फेस्टिवल के तृतीय संस्‍करण में आमंत्रण भेजा गया था। मध्‍यप्रदेश टूरिज्‍म बोर्ड द्वारा प्रदेश के गंतव्‍यों के  प्रचार-प्रसार हेतु प्रतिवर्ष विभिन्‍न आयोजन/फेस्टिवल किये जाते है, उक्‍त आयोजनों एवं फेस्टिवल में जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित जिला प्रशासन द्वारा किया जाता है। (ख) एवं (ग) उत्‍तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

बैतूल में मेडि‍कल कालेज की स्‍‍थापना

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

8. ( क्र. 86 ) श्री हेमन्‍त विजय खण्‍डेलवाल : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल में शासकीय मेडि‍कल कालेज खोले जाने की घोषणा की गई है? यदि हाँ, तो सरकार द्वारा अभी तक प्रारंभ करने प्रक्रिया के लिये क्या कार्यवाही की गई? (ख) मेडि‍कल कालेज प्रारंभ किये जाने के लिये समय सीमा निर्धारित की गई है यदि हाँ, तो कब तक प्रारंभ किया जावेगा?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। जिला बैतूल में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के आधार पर चिकित्‍सा महाविद्यालय स्‍थापित किये जाने हेतु निविदा जारी की जा चुकी है। (ख) जी नहीं, निश्‍िचत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

शासकीय अस्पतालों में चिकित्सकों के स्वीकृत पदों की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

9. ( क्र. 90 ) श्री हेमन्‍त विजय खण्‍डेलवाल : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के शासकीय अस्पतालों में चिकित्सकों के कितने पद स्वीकृत है एवं स्वीकृत पदों के विरुद्ध कितने चिकित्सक कार्यरत है? (ख) बैतूल जिले के शासकीय अस्पतालों में चिकित्सकों के कितने पद स्वीकृत है एवं स्वीकृत पदों के विरुद्ध कितने चिकित्सक कार्यरत है?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ब अनुसार है।

राजस्व रि‍कार्ड में दर्ज वन भूमि

[राजस्व]

10. ( क्र. 94 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) विधान सभा क्षेत्र आलोट के प्रत्येक राजस्व ग्राम में दर्ज वन भूमि की सूची उपलब्‍ध करावें? ऐसी वन भूमि की सूची जो बंदोबस्त के पूर्व निस्तार चरनोई अथवा अन्य शासकीय मद में दर्ज थी। बंदोबस्त में म.प्र.शासन से वन भूमि में परिवर्तित की गई भूमि किस आदेश से दर्ज हुई आदेश की प्रतिलिपि। (ख) क्‍या निस्तार चरनोई अथवा अन्य शासकीय मद से बंदोबस्त में त्रूटि पूर्ण रूप से गलत इंद्राज कर वन भूमि घोषित किया गया है तो इसकी जानकारी नियमों को दर किनार कर घोषित की गई वन भूमि को क्या पुनः निस्तार चरनोई या अन्य मूल मद में परिवर्तित किया जा सकता है यदि हाँ, तो सरकार कब तक यह कार्य पूरा करेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

भू-राजस्व संहिता 115 के तहत दर्ज मामले

[राजस्व]

11. ( क्र. 95 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) रतलाम जिले की सभी तहसीलों के अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) के कार्यालय में म.प्र.भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 115 के तहत कितने मामले दर्ज हैं। (2) समय की सूची इस प्रकार प्रस्तुत करें (अ) तीन माह (आ) छ: माह (इ) एक वर्ष (ई) दो वर्ष (उ) तीन वर्ष (ऊ) चार वर्ष (ओ) पांच वर्ष (3) 2018 में म.प्र.भू राजस्व संहिता 1959 में संशोधन के बाद धारा 115 के कितने मामले निराकृत हुए। (ख) बिंदु क्रमांक 2 में दी गई तालिका में आंकड़े दें। त्रुटि सुधार के ऐसे मामले जिनमें स्वत्व प्रभावित नहीं होता है, क्या तहसीलदार को पुनः अधिकार देंगे।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) रतलाम जिले की सभी तहसीलों के अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) के कार्यालय में म.प्र.भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 115 के तहत वर्ष 2018 से वर्ष 2024 तक 7556 मामले दर्ज हैं। 2018 में म.प्र.भू-राजस्व संहिता 1959 में संशोधन के बाद धारा 115 के 7529 मामले निराकृत हुए। (ख) प्रश्‍नांश (क) के सन्दर्भ में बिंदु तालिका (2) में दी गई तालिका निम्नानुसार है:-

अनुभाग

रतलाम शहर

रतलाम ग्रामीण

सैलाना

जावरा

आलोट

 (अ) तीन माह

3

33

14

300

32

 (आ) छह माह

67

110

60

52

85

 (इ) एक वर्ष

231

92

92

665

83

 (ई) दो वर्ष

204

345

317

1067

155

 (उ) तीन वर्ष

602

749

277

458

505

 (ऊ) चार वर्ष

167

138

65

97

73

 (ओ) पांच वर्ष

201

102

33

01

63

 (ख) उत्‍तरांश () में तालिका दी गई है। भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 115 में अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व द्वारा कार्यवाही नियमानुसार संपादित की जा रही है। अत: तहसीलदार को अधिकार देने का प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

लक्ष्मण बाग सेवा संस्थान ट्रस्ट के आय-व्यय का ब्‍यौरा

[धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व]

12. ( क्र. 139 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या राज्‍य मंत्री, धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सत्य है कि लक्ष्मण बाग सेवा संस्थान रीवा की चल-अचल संपत्ति का प्रबंधन राज्य शासन के अधीन जिला कलेक्टर के अधिकार क्षेत्र में है? यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2013-2014 से वर्तमान सत्र 2024-25 तक ट्रस्ट को कुल कितनी आय प्राप्त हुई है वर्षवार विवरण उपलब्ध करावें। (ख) लक्ष्मण बाग सेवा संस्थान की संपत्ति से अर्जित आय से होने वाले बड़े खर्चों या निर्माण कार्यों को कराने हेतु शासन के नियमानुसार निविदाओं का आमंत्रण क्यों नहीं किया जातायदि निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया जाता रहा है तो वर्षवार विवरण उपलब्ध करावें।            (ग) प्रश्‍नांश (क) के अनुक्रम में क्या भविष्य में संस्थान के कोष से खर्च होने वाले कार्यों को नियमानुसार टेण्डर प्रक्रिया से कराया जाना सुनिश्‍िचत किया जावेगा? कृपया वित्तीय वर्ष 2013-14 से वित्तीय वर्ष 2024-25 तक हुए कार्यों की वित्तीय स्वीकृति, निर्माण कार्यों हेतु आमंत्रित निविदा का समाचार पत्रों में प्रकाशन एवं कार्यों के भुगतान का विवरण तथा ऑडिट रिपोर्ट उपलब्ध करावें।  (घ) लक्ष्मण बाग सेवा संस्थान ट्रस्ट रीवा के पुनर्गठन की प्रक्रिया राज्य शासन के द्वारा कब तक पूर्ण की जावेगी?

राज्‍य मंत्री, धार्मिक न्‍यास और धर्मस्‍व ( श्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी ) : (क) जी हाँ। लक्ष्‍मण बाग संस्‍थान रीवा की चल-अचल संपत्ति का प्रबंधन वर्तमान में राज्‍य शासन के अधीन जिला कलेक्‍टर के अधिकार क्षेत्र में है। कलेक्‍टर वर्तमान में संस्‍थान के प्रशासक है। वित्‍तीय वर्ष 2012-2014 से 2024-2025 तक का वर्षवार आय-व्‍यय का विवरण  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ख) लक्ष्‍मण बाग संस्‍थान की संपत्ति से अर्जित आय से होने वाले बड़े खर्चे जैसे मंदिरों का जीर्णोद्धार, सौंदर्यीकरण आदि का कार्य वर्तमान में शासन के नियमानुसार लोक निर्माण विभाग, म.प्र. गृह निर्माण मण्‍डल आदि के द्वारा निविदा आमंत्रित कर कार्य कराया जाता है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (घ) लक्ष्‍मण बाग संस्‍थान रीवा हेतु ट्रस्‍ट का गठन नहीं किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

चरनोई भूमि पर हितग्राहियों का कब्जा

[राजस्व]

13. ( क्र. 141 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्या यह सत्य है कि विकासखण्ड जवा अंतर्गत ग्राम कोटा खैरहा पटवारी हल्का गेंदुरहा की आराजी भूमि क्र. 31,32,34,36 को स्थानीय 56 भूमिहीन आदिवासी व्यक्तियों को भूमि आवंटन अधिकार पत्र (पट्टा) सत्र 2001-2002 में प्रदाय किये गए थे? यदि हाँ, तो संपूर्ण कार्यवाही विवरण उपलब्ध करावें। (ख) यह कि प्रश्‍नांश (क) के अनुक्रम में 56 आदिवासी परिवारों को पट्टा वितरण एवं इस्तलाबी दर्ज करने की कार्यवाही होने के बावजूद लगभग 22 वर्ष व्यतीत हो जाने के पश्‍चात भी कब्जा नहीं मिल पाने का क्या कारण है? (ग) यह कि उक्त उल्लेखित 56 आदिवासी व्यक्तियों को आवंटित भूमि पर कब्जा कब तक दिलाया जा सकेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ, तहसील जवा विकासखण्ड जवा अंतर्गत वर्ष 2001-02 में चरनोई भूमि बंटन के तहत प्र.क्र. 71/A/-19/2001-02 आदेश दिनांक 15.07.2002 के द्वारा ग्राम कोटा की आ.नं. 31/2 में 07 अनुसूचित जनजाति व्यक्ति, .नं. 32/2 में 12 अनुसूचित जनजाति व्यक्ति, .नं. 34/1 में 17 अनुसूचित जनजाति व्यक्ति तथा आ.नं. 36/2 में 20 अनुसूचित जनजाति व्यक्ति, कुल 56 अनुसूचित जनजाति व्यक्तियों को पट्टा प्रदान किये गए थे। जाँच उपरांत वंटित भूमि जंगल मद दर्ज होने के कारण अनुविभागीय अधिकारी, त्योंथर से पुनर्विलोकन अनुमति पश्‍चात आदेश दिनांक 04.08.2003 के द्वारा उक्त भूमि का आवंटन पट्टा निरस्त किया जा चुका है। वर्तमान में उक्त भूमि म.प्र. शासन दर्ज अभिलेख है। (ख) तहसील जवा विकासखण्ड जवा अंतर्गत ग्राम कोटा में 56 आदिवासी परिवारों को आवंटन भूमि का पट्टा म.प्र. शासन जंगल मद दर्ज होने के कारण निरस्त किया जा चुका है। वर्तमान में उक्त भूमि म.प्र. शासन दर्ज है। इस कारण कब्जा दिये जाने का कोई प्रश्‍न ही नहीं उठता है। (ग) उक्त पट्टे निरस्त होने के कारण कब्जा दिलाये जाने का कोई औचित्य ही नहीं है।

प्रसूति सहायता राशि का भुगतान

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

14. ( क्र. 150 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जननी सुरक्षा एवं मुख्‍यमंत्री श्रमिक सेवा प्रसूति सहायता योजना के अंतर्गत दो बच्‍चों की सीमा तक शासन द्वारा 16 हजार रूपये की सहायता राशि दी जाती है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या राशि प्रदाय की कोई समय-सीमा निर्धारित हैं? यदि हाँ, तो जानकारी दें। (ग) क्‍या यह सही है कि डिलेवरी के 1 वर्ष बाद भी काजल कोल ग्राम निपनिया सहित अन्‍य 3 प्रकरणों में प्रश्‍न दिनांक तक राशि प्राप्‍त नहीं हुई है? (घ) यदि हाँ, तो कब तक राशि दी जायेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न  परिशिष्ट अनुसार। (ख) पात्र हितग्राही को पंजीयन, अनमोल/आर.सी.एच. पोर्टल में पात्रतानुसार राशि का भुगतान किया जाता है। पात्रता की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट में समाहित है। (ग) काजल कोल ग्राम निपनिया के भुगतान में विलंब हुआ जिसके फलस्‍वरूप कुल 3 कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई, जानकारी संलग्‍न  परिशिष्ट  अनुसार। अन्य तीन प्रकरणों में हितग्राही का नाम,पता एवं अन्य विवरण न होने के कारण राशि के भुगतान की जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (घ) काजल कोल ग्राम निपनिया को पात्रतानुसार राशि का भुगतान किया जा चुका है।

परिशिष्ट - "चार"

सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र के नये भवन का निर्माण

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

15. ( क्र. 155 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या 30 वर्ष पूर्व निर्मित प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र पनागर का उन्‍नयन कर सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र बनाया गया है? जिसकी वर्तमान स्थिति अत्‍यंत जर्जर है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र के समकक्ष मापदण्‍डों के अनुसार व्‍यवस्‍थायें उपलब्‍ध हैं? (ग) यदि हाँ, तो बताये कितने मरीज प्रतिदिन ओपीडी में आते हैं, कितने मरीजों के बैठने की व्‍यवस्‍था है? कितने बिस्‍तर उपलब्‍ध हैं? (घ) प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार यदि नहीं, तो क्‍या नये भवन निर्माण हेतु कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र पनागर का भवन 30 वर्ष पूर्व निर्मित किया गया है तथा वर्तमान में स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र का आंशिक भाग जर्जर अवस्‍था में है। (ख) जी हाँ। (ग) सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र पनागर में प्रतिदिन औसतन 200 रोगी ओपीडी में आते है तथा लगभग 40-50 रोगियों की बैठने की व्‍यवस्‍था है। सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र पनागर में 10 बिस्‍तरीय पुरूष वार्ड, 10 बिस्‍तरीय महिला वार्ड तथा 10 बिस्‍तरीय प्रसुति वार्ड निर्मित है, इसके अतिरिक्‍त 10 बिस्‍तरीय पोषण पुनर्वास केन्‍द्र भी उपलब्‍ध है। (घ) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रे‍क्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

पत्रों पर कार्यवाही न होना

[राजस्व]

16. ( क्र. 182 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) प्रश्‍नकर्ता ने जिला कलेक्टर टीकमगढ़ को कुल कितने पत्र प्रेषित किये गये, प्रेषित पत्रों पर प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई विस्तृत विवरण दें? (ख) क्या कलेक्टर टीकमगढ़ द्वारा प्रश्‍नकर्ता के पत्रों को संबंधित विभागों को भेजकर कर्तव्य की इतिश्री कर दी जाती है? उदाहरण के लिए कार्या. अपर कलेक्टर का पत्र क्र. 08 दिनांक 04.07.2024 जांच दल गठन कर दिनांक 05.07.2024 तक जांच प्रतिवेदन मांगना और प्रश्‍न दिनांक तक कार्यवाही न होना क्या कलेक्टर टीकमगढ़ की प्रश्‍नकर्ता के पत्रों की अनदेखी नहीं है? (ग) यदि हाँ, तो दोषी कलेक्टर पर क्या कार्यवाही की जावेगी यदि नहीं, तो जनप्रतिनिधियों द्वारा जनता की समस्याओं के निराकरण का क्या उपाय है? (घ) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित पत्रों का पृथक-पृथक विवरण देकर यह बताये कि पत्रों पर कार्यवाही न होने के लिए कौन-कौन दोषी है, उन पर कब तक कार्यवाही होगी?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) प्रश्‍नकर्ता माननीय विधायक 43-टीकमगढ़ के द्वारा इस कार्यालय को 96 पत्र प्रेषित किये गये थे। जिले के अधीनस्थ शाखा/विभागों के द्वारा समुचित कार्यवाही की गई है एवं विस्तृत प्रकृति के पत्रों पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जी नहीं। माननीय विधायक 43-टीकमगढ़ के द्वारा प्रस्तुत पत्रों पर संबंधित शाखा/विभागों से कार्यवाही पूर्ण करने हेतु भेजे जाकर उक्त पत्रों पर प्रति सप्ताह होने वाली समयकालिक बैठक में समीक्षा की जाती है। अपर कलेक्टर को जाँच हेतु दिये गये पत्र विस्तृत प्रकृति के होने के कारण, अपर कलेक्टर के द्वारा जाँच दल गठित किया गया है, कार्यवाही प्रचलन में है। अतः यह कहना सही नहीं है कि प्रश्‍नकर्ता के पत्रों की अनदेखी की जाती है। (ग) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्य में कोई भी दोषी नहीं है, इसलिए किसी भी प्रकार की कार्यवाही किये जाने की स्थिति परिलक्षित नहीं होती है। माननीय जनप्रतिनिधियों के द्वारा जनता की समस्याओं के निराकरण के लिए लिखित/मौखिक रूप से तथ्यों की जानकारी जिला प्रशासन के संज्ञान में लाये जाने पर कार्यवाही की जाती है तथा संबंधित माननीय विधायकों के लिखित आवेदन पत्रों को अभिलेख पंजी में दर्ज कराया जाकर संबंधित शाखा/विभागों के स्तर से निराकरण किये जाने की कार्यवाही की जाती है, साथ ही उक्त पत्रों पर प्रति सप्ताह होने वाली समयकालिक बैठक में समीक्षा की जाती है एवं माननीय जनप्रतिनिधियों को उक्त संबंध में की गई कार्यवाही से अवगत कराया जाता है। (घ) उत्‍तरांश '''' में वर्णित 96 पत्रों पर जिले के अधीनस्थ विभागों के द्वारा समुचित कार्यवाही की गई है एवं विस्तृत प्रकृति के पत्रों पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, समस्त पत्रों पर कार्यवाही किये जाने के कारण कोई दोषी नहीं है और न ही किसी भी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने की स्थिति निर्मित नहीं होती है।

कान्ह डायवर्सन क्लोज डक्ट परियोजना में अनियमितता की जांच

[जल संसाधन]

17. ( क्र. 197 ) श्री महेश परमार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित 2547 दिनांक 18/07/24 के उत्तर एवं रिकॉर्ड विभाग द्वारा किस किस माध्यम से कब तक दिए जायेंगे। क्या कान्ह नदी के दूषित जल को 16.70 किलोमीटर भूमिगत क्लोज डक्ट से उज्जैन शहर की सीमा के बाहर कालिया देह के पास क्षिप्रा में प्रवाहित करने के कार्य से क्षिप्रा नदी शुद्ध हो सकेगी? (ख) मेसर्स वेंसर उज्जैन को दिनांक 15 मार्च 2024 को राशि 479 करोड 89 लाख का अनुबंध कर कालिया देह के पास प्रदूषित जल बायपास करने की योजना से क्या क्षिप्रा शुद्धीकरण हो सकेगा? (ग) क्या जिला योजना समिति का अनुमोदन लेकर अनुबंध किया गया हैं? यदि हाँ, तो प्रोसिडिंग की कॉपी दें। यदि नहीं, तो मध्यप्रदेश जिला योजना समिति (कामकाज के संचालन की प्रक्रिया) नियम 1999, मध्यप्रदेश जिला योजना समिति अधिनियम 1995, के प्रावधान की अनदेखी और उज्जैन जिले के निर्वाचित जनप्रतिनिधि गण की उपेक्षा के लिए दोषी कौन हैं? उक्त मामले की जांच कौन करेगा कब तक करेगा? (घ) क्या 919 करोड 94 लाख प्रो रेटा के आधार पर क्लोज डक्ट के अलाइमेंट परिवर्तन, 18.5 किलो मीटर कट कवर, 12 कि.मीटर टनल के प्रस्ताव पर 321 करोड 28 लाख वृद्धि कर 919 करोड 94 लाख सिर्फ उज्जैन शहर की क्षिप्रा नदी की बाईपास योजना पर खर्च होंगे? यदि हाँ, तो क्षिप्रा शुद्धिकरण की परियोजना निर्माण क्यों नहीं?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) तारांकित प्रश्‍न 2547 दिनांक 18.07.2024 को उत्तर एवं रिकार्ड तत्कालीन सत्र समय ही  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट - 1, 2, 3, 4, 5, 6 एवं प्रपत्र "अ" के माध्यम से माननीय महोदय को उपलब्ध करा दिये गये थे। जी नहीं। अपितु कान्ह नदी के दूषित जल को भूमिगत क्लोज्‍ड डक्ट एवं टनल जिसकी कुल लंबाई 30.15 कि.मी. है के माध्यम से उज्जैन शहर की सीमा से बाहर गंभीर नदी में व्यपवर्तित करने से उज्जैन शहर की सीमा के अंदर कान्ह नदी का दूषित जल वर्षाकाल छोड़कर शेष अवधि में क्षिप्रा नदी में नहीं मिलेगा। (ख) उत्तरांश '''' के अनुसार। (ग) जी नहीं। अपितु उससे उच्चतर साधिकार समिति से अनुशंसा उपरांत मंत्री परिषद की बैठक दिनांक 15.03.2024 द्वारा स्वीकृति प्राप्त की गई थी। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। उक्त कार्य पूर्ण होने पर कान्ह नदी का दूषित जल व्यपवर्तित होने से साधु-संतों एवं श्रद्धालुओं की धार्मिक आस्थाओं और सिंहस्थ की शुचिता पर प्रभाव नहीं पडे़गा।

दंडात्मक कार्यवाही में विलम्‍ब

[स्कूल शिक्षा]

18. ( क्र. 199 ) श्री महेश परमार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) तारांकित प्रश्‍नांश क्रमांक 145 दिनांक 18/07/24 के अंतर्गत शासन एवं स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रश्‍न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही कब-कब, किस-किस के द्वारा की हैं? कार्यवाही की नोटशीट, संलग्न अधिनियम नीति नियम सहित रिकॉर्ड देवें। (ख) लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के पत्र दिनांक 08/07/24 की नोटशीट पूर्ण सहित फाइल के दस्तावेज की प्रति देवें और संयुक्त संचालक लोक शिक्षण संभाग उज्जैन ने प्रश्‍न दिनांक तक 08/07/24 के आपके पत्र पर कब-कब, किस-किस आधार पर जांच की और प्रतिवेदन प्रस्तुत किया? आरोप पत्र, आधार पत्र, कथन एवं समिति के प्रतिवेदन की प्रतियां देवें। (ग) तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 145 दिनांक 18.07.24 के उतरांश (ग) के अनुसार उत्तरांश (घ) एवं (ड.) में प्राप्त उत्तर के परिपालन में प्रश्‍न दिनांक तक निष्कर्ष अनुसार क्या क्या दंडात्मक कार्यवाही किस-किस के द्वारा कब-कब की गई? जवाब देवें। (घ) सुस्पष्ट दस्तावेज एवं प्रमाण होने के उपरांत दंडात्मक कार्यवाही पर विलंब और दंडात्मक कार्यवाही रोक के क्या-क्या कारण हैं? विवरण देवें। (ड.) शासन के निर्देशों में स्पष्ट रूप से गैर शिक्षकीय कार्यों में संलग्न किए जाने पर संयुक्त संचालक एवं जिला शिक्षा अधिकारी उत्तरदायी होंगे? उक्त निर्देश के उपरांत दोषी को कौन-कौन अधिकारी बचाना चाहते हैं? जबकि सामान्य प्रशासन के नियम अनुसार नोटशीट प्रचलित करने से निर्णय तक की अवधि तय कर रखी है।

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (ग) से (ड.) संबंधित शिक्षकों का संलग्नीकरण करने का आदेश निरस्त किया जा चुका है। शेष के संबंध में जांच प्रतिवेदन पर कार्यवाही प्रचलित है।

सीमांकन की कार्यवाही की जानकारी

[राजस्व]

19. ( क्र. 206 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 457 दिनाँक 03/07/2024 के उत्‍तरांश ()  में बताया था कि खसरा नं. 220/2, 221 की रजिस्ट्री के आधार पर खसरा नं. 223 पर किये गये अतिक्रमण सीमांकन दल गठित कर सीमांकन की कार्यवाही 15 दिवसों में कर दी जावेगी। सीमांकन उपरान्त विधि अनुसार बेदखली की कार्यवाही पर विचार किया जा सकेगा यदि हाँ, तो क्या उक्त 1.822 हे. भूमि का सीमांकन अब तक किया गया या नहीं? यदि सीमांकन की कार्यवाही पूर्ण हो गई है तो उसकी फील्ड बुक, पंचनामा एवं मशीन द्वारा दर्ज किये गये प्वांइटों को खसरा शीट पर फिक्स करने की डिजिटल सी.डी. प्रदान करें। कितने अतिक्रमण पाये गये बतायें? यदि सीमांकन नहीं हुआ है तो क्यों?             (ख) क्या सीमांकन दल श्री सुयोग्य श्रीवास्तव राजस्व निरीक्षक, पटवारी श्री नरेन्द्र यादव के द्वारा दिनाँक 11/11/2024 को उक्त सीमांकन हेतु टोटल स्टेशन मशीन से प्वांइट उठाये गये हैं? यदि हाँ, तो मौके पर खसरा फिक्स कर समिति की भूमि की सीमा कब तक निर्धारित कर सीमांकन पूर्ण किया जावेगा? प्वांइटों की डिजिटल प्रति‍ दें।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जिले की तहसील अधारताल के अंतर्गत सीमांकन दल गठित कर न्यायालय तहसीलदार अधारताल के रा.प्र.क. 0029/अ-12/2024-25 आदेश दिनांक 23.10.2024 के अनुसार दिनांक 11.11.2024 को मौजा लक्ष्मीपुर स्थित भूमि खसरा नंबर 223 का सीमांकन/सर्वे कार्य किया गया जिसमें सोसायटी के अध्यक्ष द्वारा प्रस्तुत सोसायटी का ले-आउट अनुसार ई.डब्ल्यू.एस. हेतु आरक्षित भाग पर 11 व्यक्तियों द्वारा मकान बनाकर लगभग 6 से 8 वर्षों से उक्त भूमि में निवासरत हैं। जिनके नाम एवं विक्रय पत्र में खसरा नंबर-223 से भिन्न खसरा नंबर-220/6 में दर्ज है जबकि मौके पर खसरा नंबर-223 पर काबिज हैं। 11 व्यक्तियों की  सूची  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  '' (पेन ड्राइव) अनुसार एवं फील्ड बुक, पंचनामा  एवं प्वाइंटों की डिजिटल प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  '' (पेन ड्राइव) अनुसार है। आवेदक द्वारा न्यायालय में विधिवत आवेदन प्रस्तुत करने पर विधिक प्रक्रिया के तहत बेदखली करने की कार्यवाही का प्रावधान है। (ख) सीमांकन दल द्वारा दिनांक 11.11.2024 को टी.एस.एम. मशीन से प्वाइंट उठाये गये हैं। सीमांकन कर सीमांकन की  फील्ड बुक, पंचनामा एवं प्वाइंटों की डिजिटल प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  '' (पेन ड्राइव) अनुसार है।

 

गणवेश का वितरण

[स्कूल शिक्षा]

20. ( क्र. 211 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन की स्कूली छात्र/छात्राओं को गणवेश का वितरण करने की निर्धारित नीति, प्रक्रिया एवं व्यवस्था क्या हैं। इसके लिये बजट में कितनी राशि का प्रावधान किया गया। कितनी राशि आवंटित की है एवं कितनी राशि व्यय हुई है? वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक की जानकारी दें।  (ख) जिला जबलपुर को गणवेश का वितरण करने कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? वर्षवार कितने-कितने स्कूलों के कितने-कितने छात्र/छात्राओं के लिये गणवेश का वितरण किया गया एवं इस पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई। किस-किस शैक्षणिक वर्ष में निर्धारित नीति के तहत कितने कितने स्कूलों के कितने-कितने छात्र-छात्राओं को कब से गणवेश का वितरण नहीं किया गया है एवं क्यों? शहरीय एवं ग्रामीण शालाओं की जनपद पंचायत वार जानकारी दें। स्कूलों की सूची दें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में किस स्तर पर गणवेश का वितरण करने की क्या व्यवस्था की गई। इसके लिये वर्षवार कितने कितने स्वसहायता समूहों को कब-कब कितने कितने गणवेश हेतु आदेश दिया गया? कितने-कितने स्वसहायता समूहों ने कब-कब कितने गणवेश का प्रदाय किया हैं। कितने-कितने गणवेश का प्रदाय नहीं किया है एवं क्यों? इन्हें कब-कब कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया। कितने स्वसहायता समूहों को कब से कितनी-कितनी राशि का भुगतान नहीं किया गया एवं क्यों? जानकारी दें क्या शासन निर्धारित समयावधि में गणवेश का वितरण न करने वाले दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) सत्र 2020-21 से सत्र 2024-25 तक गणवेश प्रदाय हेतु निर्धारित प्रक्रिया की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। बजट प्रावधान की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार(ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार। सत्र 2020-21 एवं सत्र 2022-23 में स्व-सहायता समूहों के माध्यम से विद्यालय में नामांकित छात्रों की संख्या के अनुसार गणवेश उपलब्ध कराई गई है। सत्र 2021-22, 2023-24 एवं 2024-25 में विकासखंड स्तर से शालावार भौतिक सत्यापन के अनुसार गणवेश की राशि छात्रों के खातों में उपलब्ध कराई गई है। सत्र 2024-25 में 5402 छात्रों के खाते त्रुटिपूर्ण होने के कारण उनके खातों में राशि अंतरित नहीं हो सकी। खाते में सुधार करते हुये गणवेश की राशि प्रदाय करने की कार्यवाही निरंतर प्रक्रियाधीन है। (ग) सत्र 2020-21 में स्व-सहायता समूहों के खातों में संबंधित विभाग से कार्यादेश के पश्‍चात 75 प्रतिशत राशि राज्य स्तर से अग्रिम एवं गणवेश प्रदाय की पूर्णता उपरांत 25 प्रतिशत की राशि जिला स्तर से ऑनलाईन जारी की गई। सत्र 2022-23 में राशि भुगतान की संपूर्ण कार्यवाही राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से की गई है। भारत शासन के द्वारा गणवेश की राशि आवर्ती मद के रूप में उपलब्ध कराई जाती है। वित्तीय वर्ष में गणवेश प्रदाय नहीं करने तथा पोर्टल में गणवेश वितरण/प्राप्ति का विवरण दर्ज नहीं होने से 25 प्रतिशत की राशि लंबित है। शासन के प्रावधान अनुसार गणवेश प्रदाय की कार्यवाही की गई है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन एवं शहरी आजीविका मिशन से प्राप्त जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है।

नवीन शाला भवनों का निर्माण एवं मरम्मत

[स्कूल शिक्षा]

21. ( क्र. 212 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) प्रदेश शासन ने जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला केन्द्र जबलपुर को किस-किस योजना मद में  नवीन शाला भवनों, अतिरिक्त कक्षों का निर्माण  मरम्मत एवं पुनर्निर्माण हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित की है एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? बतलायें। वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में कितने-कितने स्कूलों के नवीन शाला भवनों का निर्माण, पुनर्निर्माण, अतिरिक्त कक्षों का निर्माण, सुधार एवं मरम्मत कार्य कितनी-कितनी राशि में कब कराया गया हैसूची दें।             (ग) प्रश्‍नांश (क) में कितने-कितने स्कूल किराये के सुविधा विहीन भवनों में संचालित हैं। कितने स्कूलों के भवन जर्जर, खण्डहर एवं सुविधा विहीन हैं। कितने स्कूलों में एक से अधिक कक्षाएं लग रही हैं। कितने स्कूलों में शौचालय एवं इनकी साफ-सफाई की पर्याप्त सुविधाएं नहीं है एवं क्यों? कितने स्कूलों में स्वच्छ पेय जल एवं अन्य पर्याप्त सुविधाएं नहीं है एवं क्यों? सूची दें। (घ) प्रश्‍नांश (क) में कितने जर्जर, खण्डहर एवं सुविधाविहीन स्कूलों को चिंहित कर शाला भवनों, अतिरिक्त कक्षों आदि को कब तोड़ा गया एवं इनका नवीन शाला भवनों का निर्माण, पुनर्निर्माण, अतिरिक्त कक्षों का निर्माण सुधार एवं मरम्मत कार्य हेतु कब कितनी राशि का प्रस्ताव भेजा गया तथा शासन ने कब कितनी राशि आवंटित की हैं। कितनी राशि कब से आवंटित नहीं की है एवं क्यों? सूची दें। (ड.) जबलपुर पूर्व विधानसभा क्षेत्र क्र.-97 से सम्बंधित शाला भवनों की जानकारी/सूची पृथक से दें?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट 'एक' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट 'दो' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट 'तीन' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  'चार' अनुसार है। नवीन भवन निर्माण बजट की उपलब्धता तथा सक्षम समिति की अनुशंसा पर निर्भर है। अतः समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ड.) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट 'पाँच' अनुसार है।

पी.पी.पी. मोड पर मेडिकल कॉलेज खोला जाना

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

22. ( क्र. 246 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सरकार प्रदेश में पी.पी.पी. मोड पर मेडिकल कॉलेज खोलने जा रही है? यदि हाँ, तो किस-किस जिले में किस-किस स्‍थान पर पी.पी.पी. मोड पर मेडिकल कॉलेज खोला जाना प्रस्‍तावित है? (ख) पी.पी.पी. मोड पर मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए क्‍या नियम, शर्तें और प्रक्रिया है, उसकी प्रति उपलब्‍ध कराएं? (ग) पी.पी.पी. मोड पर मेडिकल कॉलेज खोलने के लिये सरकार कौन-कौन सी सुविधाएं, संसाधन और भूमि, भवन, किस दर और किन शर्तों पर सरकारी अस्‍पताल प्रायवेट सेक्‍टर को सौंपने जा रही है? (घ) क्‍या प्रश्‍नांश (क) वर्णित मेडिकल कॉलेजों में आदिवासी और पिछड़े जिलों के सरकारी अस्‍पताल भी शामिल हैं? यदि हां,तो किन-किन जिलों के कौन-कौन से सरकारी अस्‍पताल पी.पी.पी. मोड पर दिया जाना प्रस्‍तावित है?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। राज्‍य शासन की प्रदेश के मुरैना, पन्‍ना, कटनी, अशोकनगर, गुना, भिण्‍ड, टीकमगढ़, धार, बैतूल, खरगोन, सीधी तथा बालाघाट जिले में पी.पी.पी. मोड पर चिकित्‍सा महाविद्यालय स्‍थापित किये जाने की कार्ययोजना हैं। (ख) पी.पी.पी. मोड पर चिकित्‍सा महाविद्यालय स्‍थापित किये जाने हेतु जारी टेण्‍डर प्रारूप की जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट अनुसार(ग) उत्‍तरांश '''' के अनुसार। (घ) जी हाँ। उत्‍तरांश '''' अनुसार।

नागदा को जिला बनाने का लम्बित प्रस्‍ताव

 [राजस्व]

23. ( क्र. 272 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा मार्च 2020 से 2023 तक चार जिले बनाने की घोषणा पर शासन द्वारा गजट नोटिफिकेशन कर 30 दिवसीय आमंत्रित दावें/आपत्तियों का निराकरण कर जिला बनाने हेतु क्या निम्‍न कार्यवाही की गई है। क्र. नवीन जिलों का गठन म.प्र. राजपत्र में प्रथम अधिसूचना दिनांक म.प्र. राजपत्र में अंतिम अधिसूचना दिनांक पुलिस अधीक्षक कलेक्‍टर की पदस्‍थापना दिनांक जिले के दावें/आपत्ति समयावधि समाप्‍त होने के बाद न‍वीन गठित जिले का गठन समय 1. मैहर 05/09/2023 05/10/2023 05/10/2023 01 दिन 2. पांढुर्णा 25/08/2023 05/10/2023 05/10/2023        12 दिन 3. मऊगंज 06/04/2023 13/08/2023 13/08/2023 99 दिन 4. नागदा 28/07/2023 450 दिन से लंबित यदि हाँ, तो मैहर, पांढुर्णा, मऊगंज की तरह नागदा को जिला बनाने के समय-सीमा में दावें/आपत्तियों का निराकरण व सभी औपचारिकताएं पूर्ण हो जाने के बाद 450 दिन से लंबित प्रस्ताव को मंत्री परिषद् में स्वीकृत कर अंतिम गजट नोटिफिकेशन हेतु शासन कब तक कार्यवाही पूर्ण कर लेगा? (ख) विधानसभा प्रश्‍न क्र. 194 दिनांक 12/02/2024 के प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के उत्तर में जी हाँ स्वीकार करते हुए प्रश्‍नांश (ग) जिला बनाने की सभी औपचारिकताएं पूर्ण हो जाने के पश्‍चात नागदा को जिला बनाने के लंबित प्रस्ताव को मंत्री परिषद् में स्वीकृत कर अंतिम गजट नोटिफिकेशन हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? के उत्तर में बताया था कि प्रकरण परीक्षणाधीन है? क्या शासन द्वारा प्रस्ताव का परीक्षण करा लिया गया है? यदि हाँ, तो सम्पूर्ण विवरण दें। नागदा को जिला कब तक घोषित किया जाएगा?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। तीन नवीन जिले बनाये जाने की अधिसूचना जारी की गई है। कार्यवाही विचाराधीन है। समय-सीमा बताया जाना सम्‍भव नहीं है। (ख) जी हाँ। वर्तमान में नवीन प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग का गठन किया गया है। प्रकरण आयोग के समक्ष रखा जाना है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

बालिका एवं बालक छात्रावास में गबन की जाँच

[स्कूल शिक्षा]

24. ( क्र. 274 ) श्री आरिफ मसूद : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) क्या वर्ष 2024 में भोपाल, बैरसिया ब्‍लॉक के कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास की वार्डन ‌द्वारा अवैध तौर पर लाखों रूपये के भुगतान करने का मामला सामने आया था यदि हाँ, तो विभाग ‌द्वारा वार्डन के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई जानकारी उपलब्ध करावें। क्या विभाग वार्डन के विरुद्ध वित्तीय अनियमितताओं की धारा में एफ.आई.आर. दर्ज करवाएगी यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या वर्ष 2022 से 2024 के बीच हथाईखेडा स्थित बालक छात्रावास के वार्डन ने हॉस्टल के बजट की राशि का गबन कर राशि अपनी पत्नी के खाते में ट्रांसफर करा दी थी तथा हॉस्टल में पढ़ने वाले छात्र को वेंडर बनाकर उसके खाते में भी लाखों रूपये की राशि ट्रांसफर करा ली एवं उसी छात्र को बाद में हॉस्‍टल का चौकीदार भी बना लिया यदि हाँ, तो विभाग वार्डन पर शासकीय राशि के दुरुपयोग एवं भ्रष्टाचार सहित अन्य धाराओं पर पुलिस मुकदमा दर्ज कराएगा यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या जिला परियोजना समन्‍वयक (DPC) ने समिति बनाकर हॉस्टल के बजट से हुए सभी भुगतानों की जाँच भी करवाई थी यदि हाँ, तो जाँच रिपोर्ट में किस-किस को दोषी पाया रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध कराने की कृपा करें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या फर्जी मेकर आईडी बनाने वाले अकाउंटेंट को ही इसी हॉस्टल में लेखापाल की जिम्मेदारी दे दी थी यदि हाँ, तो उसके विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) :(क) जी हाँ। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय भोपाल बैरासिया में पदस्थ वार्डन को कार्यालयीन आदेश क्र/जिशिके/जेण्डर/2024/2251 दि. 26.09.2024 के द्वारा वार्डन के प्रभार से मुक्त कर दिया गया है। जिला स्तर से जांच समिति का गठन किया गया है। जांच में दोषी पाये जाने पर संबंधित वार्डन के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेंगी। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ प्रकरण की जांच में           श्री अजय श्रीवास्तव प्रभारी वार्डन दोषी पाये जाने से जिला शिक्षा अधिकारी भोपाल के आदेश क्र./शिकायत/जांच/निलम्बन/2024/22385 दिनांक 06/12/2024 के द्वारा हॉस्टल वार्डन हताईखेडा के पद से मुक्त करते हुए सहायक शिक्षक के पद से निलम्बित कर दिया गया है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। जिला शिक्षा अधिकारी भोपाल के आदेश क्र./शिकायत/जांच/निलम्बन/2024/22395 दिनांक 06/12/2024 के द्वारा श्री अजय श्रीवास्तव सहायक शिक्षक के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित की जा रही है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ग) जी हाँ, जांच प्रतिवेदन संलग्‍न है, जांच प्रतिवेदन में वार्डन को दोषी पाया गया है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। (घ) अकाउंटेंट को हॉस्टल में लेखापाल के प्रभार से हटा दिया गया है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है।

सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र में पदस्‍थ कर्मचारियों की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

25. ( क्र. 279 ) श्री कामाख्या प्रताप सिंह : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामुदायिक स्‍वा.केन्‍द्र नौगांव जिला छतरपुर में रोगी कल्‍याण निधि राशि का वित्‍तीय वर्ष 2020-21 से वित्‍तीय वर्ष 2024-25 तक का आय एवं व्‍यय की राशि का वाउचर की प्रति उपलब्‍ध कराये। (ख) उक्‍त स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र में कण्‍डम की गई सामग्री की विक्रय की अनुमति किसके द्वारा ली गई? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्‍ध कराये। विक्रय की राशि कितनी एवं कहां जमा की गई, विक्रय करने की निविदा सूचना प्रशासन की गई है? यदि हाँ, उसकी प्रति उपलब्‍ध करायें। विक्रय निष्क्रिय सामाग्री एवं वाहनों में यदि संबंधित दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कब तक कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताये। (ग) उक्‍त सामुदायिक स्‍वा.केन्‍द्र में नियमित, संविदा, आउटसोर्स कितना चिकित्‍सक पदस्‍थ हैं? कितने चिकित्‍सक एवं कर्मचारी मूल पदस्‍थापना स्‍थान कहां-कहां ड्यूटी करते हैं नाम, स्‍थान सहित उपलब्‍ध कराये। ओपीडी समय में कौन-कौन चिकित्‍सक ड्यूटी करते हैं। विगत एक माह की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग उपलब्‍ध कराये। क्‍या बीमाओं को मरीज देखने के नियम हैं? कितने कर्मचारी मूल पदस्‍थापना में अन्‍यत्र कार्यरत है उनकी सूची देवें। (घ) शासन द्वारा समस्‍त अनुलग्‍नता पर प्रतिबंध होने के उपरांत उन्हें मूल पदस्‍थापना स्‍थान पर वापिस क्‍यों नहीं किया गया। ओपीडी पर्चा कम्‍प्‍यूटरीकृत न करने के क्‍या कारण है? रोगी कल्‍याण निधि एवं किचिन में आय-व्‍यय राशि का लेखा जोखा की प्रति उपलब्‍ध करायें।

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) रोगी कल्‍याण समिति का वित्‍तीय वर्ष 2020-21 से वित्‍तीय वर्ष 2024-25 तक के आय, व्‍यय तथा वाउचर की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र नौगांव में कण्‍डम की गयी सामग्री की अनुमति जिला स्‍वास्‍थ्‍य समिति की बैठक में कलेक्‍टर/अध्‍यक्ष महोदय द्वारा दिये निर्देशानुसार एवं रोगी कल्‍याण समिति की बैठक में स्‍वीकृति दी गयी जिसकी  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। विक्रय की राशि 87265/- (सतासी हजार दौ सौ पैंसठ रूपये मात्र) चैक क्रमांक 274971 दिनांक 07.03.2022 एवं 11805/- (ग्‍यारह हजार आठ सौ पांच मात्र) चैक क्रमांक 000133 दिनांक 19.03.2024 के द्वारा रोगी कल्‍याण समिति के खाता क्रमांक 34974085906 भारतीय स्‍टेट बैंक नौगांव में जमा की गयी। विक्रय करने की निविदा सूचना सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र नौगांव के सूचना पटल पर की गयी थी। उक्‍तानुसार समस्‍त छायाप्रतियां की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। कंडमनेशन कार्यवाही में यदि कोई कर्मचारी दोषी पाया जाता है तो तत्‍काल अनुशासनात्‍मक कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। दिनांक 20.11.2024 से दिनांक 30.11.2024 तक की सी.सी.टी.वी. रिकॉर्डिंग की हार्डडिस्‍क की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र नौगांव में पदस्‍थ कोई भी कर्मचारी अन्‍यत्र कार्यरत नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र नौगांव में पदस्‍थ किसी भी कर्मचारी की अन्‍यत्र पदस्‍थापना नहीं है। ओ.पी.डी. पर्चा कम्‍प्‍यूटरीकृत करने हेतु रोगी कल्‍याण समिति की बैठक दिनांक 09.09.2024 को निर्णय लिया गया है। बैठक की कार्यवाही मिनिट्स की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। रोगी कल्‍याण समिति एवं किचिन में आय-व्‍यय राशि का लेखाजोखा की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

शासकीय भूमि पर कब्‍जा

[राजस्व]

26. ( क्र. 280 ) श्री कामाख्या प्रताप सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम दौरिया जनपद पंचायत नौगांव जिला छतरपुर में खसरा नं. 850 में किसका मकान बना हुआ है? क्‍या इस खसरा में शासकीय भूमि ‍है? यदि हाँ, तो कब्जा कब तक हटाया जायेगा? कृपया समय-सीमा बतायें। (ख) प्रश्‍नांश "क" के ग्राम अनुसार खसरा नं. 90 में किसका कुल कितने एरिया में शासकीय भूमि में कब्जा है? यह शासकीय भूमि किस उपयोग हेतु विभाग द्वारा आवंटित की है अथवा कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हाँ, तो विभाग/प्रशासन द्वारा कब तक कब्जा से मुक्त कराया जायेगा? समय-सीमा बतायें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अनुसार खसरा पर कब्जाधारियों पर कब तक कार्यवाही की जायेगी? नहीं तो क्यों नहीं? (घ) उपरोक्त कब्जाधारियों पर किस-किस थानों में कौन-कौन सी धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज है? दर्ज मुकदमों पर पुलिस द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) ग्राम दौरिया के शासकीय खसरा नंबर 850 में             श्री धीरज सिंह पिता वीर सिंह ठाकुर का मकान के पीछे का कोना व सेप्टिक टैंक बना पाया गया जिसका अतिक्रमण प्रकरण क्रमांक 09/अ-68/2024-25 दर्ज कर आदेश दिनांक 11/09/2024 को बेदखली आदेश पारित किया गया है। वर्तमान में उक्‍त प्रकरण की अपील क्रमांक 185/अपील/2024-25 अनुविभागीय अधिकारी नौगांव के न्‍यायालय में विचाराधीन है। अपील के निराकरण उपरान्‍त आदेश अनुसार कार्यवाही की जावेगी। (ख) मुख्‍य चिकित्‍सा एवं स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी के द्वारा उप स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र दौरिया के लिये खसरा नंबर 90 में से रकबा 930 वर्ग मीटर आवंटन किये जाने हेतु कलेक्‍टर छतरपुर को प्रेषित आवेदन पत्र, नस्‍ती क्रमांक 356/नजूल/2024/432 से तहसीलदार नौगांव को जांच हेतु प्रेषित किया गया। तहसीलदार नौगांव द्वारा प्रकरण क्रमांक 722/बी-121/2024-25 दर्ज किया जाकर विभागों को अनापत्ति हेतु पत्र जारी किये गये एवं राजस्‍व निरीक्षक व हल्‍का पटवारी को मौका स्‍थल जांच प्रतिवेदन हेतु आदेशित किया गया है। जांच में किसी का कब्‍जा पाये जाने पर कब्‍जा हटाये जाने की कार्यवाही की जायेगी। (ग) अपील प्रकरण के निराकरण उपरान्‍त आदेशानुसार कार्यवाही की जावेगी। मौका स्‍थल की जांच होने उपरान्‍त अवैध कब्‍जा पाये जाने पर कब्‍जा हटाये जाने की कार्यवाही की जावेगी। (घ) क्षेत्र से संबंधित थाना नौगांव में कोई अपराध पंजीबद्ध नहीं है।

पवई क्षेत्र अंतर्गत सिंचाई योजना की जानकारी

[जल संसाधन]

27. ( क्र. 328 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पवई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पिछले 5 वर्षों से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी सिंचाई योजनाओं की स्‍वीकृति शासन/विभाग द्वारा प्रदान की गई है? इनमें से कितनी सिंचाई योजनाओं के कार्य प्रांरभ किये जा चुके है कितनी सिंचाई योजना के कार्य प्रांरभ किया जाना शेष है? कितनी सिंचाई योजना को कार्य पूर्ण हो चुके है ओर कितनी सिंचाई योजना का कार्य अपूर्ण है? सभी सिंचाई योजनाओं की भौतिक स्थिति की जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ख) केन्‍द्र एवं राज्‍य सरकार की योजना हर खेत तक पानी पहुंचाने की है ऐसी स्थिति में पवई विधानसभा के किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए विभाग द्वारा कौन सी योजनाएं तैयार की जा रही है एवं इन योजनाओं का क्रियान्‍वयन कब होगा। (ग) क्‍या केन बेतवा लिंग परियोजना से पवई विधानसभा क्षेत्र के रैपुरा, शाहनगर एवं हरदुआ क्षेत्र के किसानों को सिंचाई सुविधाओं का लाभ मिलेगा? यदि नहीं, तो इन क्षेत्रों में सिंचाई सुविधाओं हेतु सरकार की कौन-कौन सी योजनाएं हैं? (घ) क्‍या केन बेतवा लिंग परियोजना के कारण क्षेत्र की अधिकतर सिंचाई योजनाओं के कार्य को रोक दिया गया है यदि हाँ, तो क्‍यों जबकि विधानसभा के एक बडे़ क्षेत्र को केन बेतवा लिंग परियोजना का लाभ नहीं मिलना है।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) पवई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पिछले 05 वर्षों से दिनांक 30.11.2024 तक कुल 06 सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति शासन द्वारा प्रदान की गई है। इनमें से 05 योजनाओं का कार्य प्रारम्भ किया जा चुका है। 01 योजना का कार्य प्रारम्भ किया जाना शेष है। प्रारम्भ किये गये 05 कार्यों में से 03 का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा 02 का कार्य प्रगति पर है। विवरण संलग्न  परिशिष्ट  के  प्रपत्र-"अ" अनुसार है। (ख) पवई विधानसभा क्षेत्र के किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने के लिये केन बेतवा लिंक परियोजना अंतर्गत प्रेशर एरीगेशन के माध्यम से सिंचाई हेतु योजना स्वीकृत है। साथ ही प्रस्तावित 08 लघु सिंचाई योजनाओं में से 06 योजनाओं बोधा बैराज, पडरियाकला बैराज, पटपरी तालाब, मुराछ बैराज, कटईनाला तालाब, जमुनहा नाला तालाब के डी.पी.आर. मैदानी स्‍तर पर परीक्षणाधीन होना तथा 2 परियोजनाओं डूंडी नाला तालाब एवं झिरमिला बैराज परियोजनाओं के डी.पी.आर. तैयार किये जाना प्रतिवेदित है। जानकारी संलग्न  परिशिष्ट  के  प्रपत्र-"ब" अनुसार है। (ग) जानकारी उतरांश  (ख) अनुसार है। (घ) जी नहीं। केन बेतवा लिंक परियोजना के कारण क्षेत्र की किसी सिंचाई योजना का कार्य नहीं रोका गया है एवं न ही इस संबंध में कोई आदेश-निर्देश जारी हुये हैं।

परिशिष्ट - "पाँच"

हरसी डैम की जानकारी

[जल संसाधन]

28. ( क्र. 335 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर जिले में विधानसभा 18 भितरवार अंतर्गत हरसी डैम जलस्त्रोत का बड़ा संग्रहण केन्द्र है? क्या यह सही है कि हरसी डैम की पार से लगे पहाड़ में खनन कर खण्डे निकालने का कार्य किया गया है/किया जा रहा है यदि हाँ तो क्या विभाग द्वारा कोई अनुमति दी गई है यदि हाँ तो आदेश की प्रति उपलब्ध करायें? (ख) क्या हरसी बाँध की पार से लगे पहाड़ से पार को सहारा मजबूती प्राप्त हो रही है? यदि हाँ तो पहाड़ का खनन करने से हरसी बाँध के अस्तित्व को खतरा हो सकता है? या नहीं स्पष्ट करें? पहाड़ पर खनन किया जा रहा है यह प्रशासन के संज्ञान में है? यदि हाँ तो क्या कार्यवाही की गई स्पष्ट करें? (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार यदि अनुमति नहीं दी गई तो किस फर्म द्वारा हरसी डैम की पार को सपोर्ट देने वाले पहाड़ से खण्डे निकालने का कार्य किया जा रहा है? क्या दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। ग्वालियर जिले में विधानसभा 18 भितरवार अन्तर्गत हरसी डैम जल स्त्रोत का बड़ा संग्रहण केन्द्र है। यह सही नहीं है कि हरसी डैम की पार से लगे पहाड़ में खनन कर खण्डे निकालने का कार्य किया गया है या किया जा रहा है। अपितु हरसी डैम की पार के अन्तिम बायीं छोर पर स्थित रेस्ट हाऊस के पीछे पहाड़ पर अनुपयोगी खुले पत्थरों के उपयोग हेतु साइट ऑर्डर बुक पर बाँध की पार पर चल रहे पिचिंग कार्य की बढी़ हुई मात्राओं के संपादन हेतु निर्देश दिये गये तथा किसी तरह का खनन नहीं किया गया है न ही विभाग द्वारा खनन की कोई अनुमति प्रदान की गई है। (ख) जी नहीं, प्रश्‍नांश (क) अनुसार वर्णित पहाड़ से कोई खनन नहीं किया गया है और न ही किया जा रहा है। पहाड़ के ऊपर अनुपयोगी खुले (लूज) पत्थरों के उपयोग से बाँध के अस्तित्व को कोई खतरा नहीं है एवं पहाड़ से कोई खनन नहीं किया गया है। अतः किसी तरह की कोई कार्यवाही की स्थिति नहीं है।                (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अनुसार कोई दोषी न होने से कार्यवाही की स्थिति नहीं है।

जर्जर स्कूल भवनों का मरम्‍मत कार्य

[स्कूल शिक्षा]

29. ( क्र. 336 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले की विधानसभा 18 भितरवार अंतर्गत इन्टर/हाईस्कूल/माध्यमिक एवं प्राथमिक विद्यालय है? इनमें से कितने शालाओं के भवन बने हुए है? संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार इन भवनों में कितने भवन जीर्णशीर्ण अवस्था में है तथा कितने भवन अति वर्षा के कारण जर्जर हो गये है? ग्रामवार, शाला के नामवार, सूची उपलब्ध करायें। (ग) जर्जर भवनों को कब तक दुरूस्त कराया जायेगा? या आवश्‍यकतानुसार नवीन भवन निर्माण कराया जायेगा? स्पष्ट कर समय सीमा बताएं?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( श्री उदय प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नाधीन जिले की प्रश्‍नाधीन विधानसभा अंतर्गत 338 प्राथमिक, 168 माध्‍यमिक, 22 हाईस्‍कूल एवं 16 हायर सेकेण्‍डरी स्‍कूल इस प्रकार 554 स्‍कूल संचालित है। सभी शालाओं के भवन बने हुये है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ग) शासकीय शालाओं के जर्जर भवनों अथवा कक्षों में कक्षाएं संचालित नहीं करने के निर्देश है। मरम्‍मत हेतु जिलों को राशि प्रदाय की गई है। नवीन भवन निर्माण कार्य बजट की उपलब्‍धता एवं सक्षम की स्‍वीकृति पर निर्भर करता है। अत: निश्‍िचत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

नहरों का मरम्‍मत एवं संधारण कार्य

[जल संसाधन]

30. ( क्र. 339 ) श्री रमेश प्रसाद खटीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019 में आर. बी-सी. संभाग नरवर का पुनर्वियोजन माँ रतनगढ़ परियोजना में किया गया था तो क्यों फिर उसे पुनः आदेश निरस्त कर यथास्थिति क्यों किया गया। फिर दिनांक 08.11-2024 को आर.बी.सी संभाग नरवर पुनः जल संसाधन मैहर के लिये पुनर्वियोजन के आदेश प्रसारित किये गए। (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार इस संभाग का पुनर्वियोजन होने से इस क्षेत्र के लगभग 30.000 हजार हेक्‍टेयर सिंचाई लाखों किसानों की भूमि कैसे सिंचित होगी, इस संभाग के अन्‍तर्गत निर्मित मोहिनी पिकवियर, दो आब नहर आर.वी.सी. नहर उकापला नहर, उप बांध बरूआ आदि का मरम्मत देख-रेख यहाँ से 50 किमी दूर स्थित कार्यालय कार्यपालन यंत्री सिंध परियोजना पक्का बाँध संभाग मड़ीखेड़ा शिवपुरी में सम्मिलित करने के क्या कारण है? (ग) 08.11.2024 को पुनर्वियोजन के आदेश प्रसारित किये गये इससे नहरों बांधों का संचालन, रख-रखा करने हेतु              50-90 किलोमीटर की दूरी हो जायेगी। कार्यालय पुनर्वियोजन होने से कार्यालय में कार्यरत कितने अधिकारी/कर्मचारी प्रभावित होंगे? सूची देवें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। जल संसाधन विभाग द्वारा            समय-समय पर कार्य की महत्वता एवं कार्य व्यापकता को दृष्टिगत रखते हुए संरचनाओं को युक्तियुक्त्तकरण अन्तर्गत परिवर्तन, परिवर्धन, हस्तानांतरण आदि की कार्यवाही सतत् गतिशील रहती है। इसी के अनुक्रम में आदेश क्रमांक आर-1632/2083991/2024/पी-1/31 दिनांक 08-11-2024 के माध्यम से कार्यपालन यंत्री, सिंध परियोजना दांयी तट नहर संभाग, नरवर-शिवपुरी (141) को पुनर्विनियोजन फलस्वरूप कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन संभाग, मैहर (141) में स्थापित किया गया है। (ख) उत्‍तरांश "क" के प्रकाश में वस्तुस्थिति यह है कि मात्र संभागीय कार्यालय का मुख्यालय परिवर्तित हुआ है, तथापि अधीनस्थ उपसंभागीय कार्यालय यथावत मुख्यालय/संरचनान्तर्गत ही स्थापित होने के कारण सिंचाई एवं मरम्मत व देख-रेख का कार्य प्रभावित नहीं होगा। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं हाता है। (ग) उत्‍तरांश () के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। पुनर्विनियोजित कार्यालय में कार्यरत निम्नांकित अधिकारी/कर्मचारी प्रभावित होंगेः- (1) - सहायक यंत्री- 01 (2) - संभागीय लेखापाल -01 (3) - अनुरेखक -01 (4) - सहायक वर्ग 3 -01 (5) - भृत्‍य -01

क्षतिग्रस्त पुल का पुनर्निर्माण

[जल संसाधन]

31. ( क्र. 350 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 721 दिनांक 03.07.2024 के प्रश्‍नांश (क) से (ग) में यह अवगत कराया गया है कि भारी वाहनों के गुजरने से पुल में अधिक कंपन होता है पुल पर वाहन के आवागमन से दुर्घटना की संभावना के कारण कलेक्टर कटनी द्वारा वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित किया है निविदा स्वीकृत होने के पश्‍चात कार्य कराया जाना संभव हो सकेंगे? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न दिनांक तक कार्य प्रारंभ न होने के कारण आवागमन पूर्णतः से बाधित है? क्या विभाग बिना निविदा के स्वयं अथवा अन्य विभाग के माध्यम से कार्य पूर्ण कराये जा सकते हैं यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या जांच कराकर जीप एवं आटो का आवागमन बहाल करायेंगे यदि हाँ, तो कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी नहीं, क्षतिग्रस्त पुल के पुनर्निर्माण के कार्य की निविदा प्रक्रियाधीन होने के कारण कार्य को बिना निविदा के पूर्ण कराया जाना संभव नहीं है। (ग) पुल विशेषज्ञों द्वारा जांच उपरान्त ही समस्त वाहनों का आवागमन निषेध किया गया है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

निजी भूमि का अर्जन

[राजस्व]

32. ( क्र. 357 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) विधानसभा में प्रश्‍न क्रमांक 336 दिनांक 22.12.2021 में दिए गए किस आश्‍वासन क्रमांक के अनुसार इटारसी अनुविभागीय अधिकारी ने नर्मदापुरम वनमंडल की किस दिनांक की अनुशंसा अभिमत एवं पत्र के आधार पर किस प्रकरण क्रमांक आदेश दिनांक से किस खसरा नम्‍बर के कितने रकबे को पृथक करने का आदेश दिया, आदेश की प्रति कलेक्‍टर एवं डी.एफ.ओ. नर्मदापुरम को किस दिनांक को प्रेषित की गई? (ख) ग्राम खटामा के मिसल बन्‍दोबस्‍त में खसरा क्रमांक 83 का पुराना खसरा नम्‍बर वर्ष 1949-50 की खसरा पंजी में किस मद के लिए दर्ज था इसे उप पंजीयक मुद्रांक शुल्‍क होशंगाबाद ने किस क्रमांक पर दिनांक 30.11.1949 को मौरूसी कास्‍तकार के रूप में पंजीबद्ध किया इस भूमि को राजस्‍व विभाग किस कानून की किस धार के अनुसार पट्टे की भूमि मानता है। (ग) अनुविभागीय अधिकारी के आदेश दिनांक 06.06.2024 की अपील कलेक्‍टर के समक्ष प्रस्‍तुत करने की क्‍या समय-सीमा निर्धारित है यह अपील डी.एफ.ओ. किस-किस आधार पर प्रस्‍तुत कर सकता है।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) विधानसभा में प्रश्‍न क्रमांक 336 दिनांक 22.12.2021 में दिए गए आश्‍वासन क्रमांक 175 के अनुसार वनमंडलाधिकारी नर्मदापुरम सामान्‍य के पत्र क्र./मा.चि./6402 दिनांक 31.05.2022 द्वारा अनुविभागीय अधिकारी/वन व्यवस्थापन अधिकारी इटारसी को प्रेषित अभिमत के आधार पर अनुविभागीय अधिकारी/वन व्यवस्थापन अधिकारी इटारसी द्वारा राजस्व प्रकरण क्रमांक 0388/बी-121/2021-22, आदेश दिनांक 06.06.2022 में श्रीमती‍ रंजना व अन्य की ग्राम खटामा तहसील इटारसी स्थित भूमि प.ह.न. 8 खसरा नं. 83/1 रकबा 3.849 हेक्टेर, खसरा नं. 83/2 रकबा 3.849 हेक्टेर, खसरा न. 83/3 रकबा 3.849 हेक्टेर, खसरा न. 83/4 रकबा 3.849 हेक्टेर, कुल रकबा 15.396 हेक्टेर. भूमि को पृथक करने का आदेश दिया। उक्‍त आदेश की प्रति कलेक्‍टर एवं डी.एफ.ओ. को कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) इटारसी द्वारा प्रेषित नहीं की गई। (ख) ग्राम खटामा के मिसल बन्दोबस्त में खसरा क्रमांक 83 का पुराना खसरा नम्बर वर्ष 1949-50 की खसरा पंजी में जंगल मद के लिए दर्ज था। इसे उप पंजीयक मुद्रांक शुल्क होशंगाबाद ने दस्तावेज क्रमांक 1796 दिनांक 06.12.1949 में खसरा क्रमांक 84, 96,116, 118,119,120, 130,131, 132/1, 132/2, 133, 135, 173, 138, 146, 149/1, 155/2, 156, 157, 159, 160 उल्लेखित हैं एवं दस्तावेज क्रमांक 1801 दिनांक 06.12.1949 में खसरा क्रमांक 2,3,4,5,6,7,9,10,17,19,30,31/1, 31/2, 32, 33, 34 35/1, 36, 37, 38 42,51,60,64,66 उल्लेखित हैं, से पंजीबद्ध किये गये है। पंजीकृत विक्रय पत्र में मौरूसी कास्‍तकार भूमि विक्रय किया जाना दर्ज है। शेष प्रश्‍नांश शासन से संबंधित है। (ग) भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 17 में दी गई समय सीमा 03 माह के भीतर उक्त आदेश के विरूद्ध राजस्व विभाग के कलेक्टर को कर सकता हैं। आदेश की सत्यापित प्रति दिनांक 09.07.2024 को प्राप्त होने के उपरांत डी.एफ.ओ. द्वारा शपथ पत्र के माध्यम से कलेक्टर नर्मदापुरम को धारा 5 अवधि विधान अधिनियम सहपठित धारा 47 म.प्र.भू. राजस्व संहिता वास्ते विलंब माफ करने बाबत निवेदन करते हुए भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 17 में दिये गये प्रावधानों के अनुसार श्रीमान कलेक्टर महोदय नर्मदापुरम के समक्ष दिनांक 05.08.2024 को अपील प्रस्तुत की गई है। वनमडलाधिकारी वनमंडल सामान्य नर्मदापुरम के द्वारा प्रस्तुत की गई उक्त वर्णित अपील की प्रति  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

अर्जित भूमि का मुआवजा

[राजस्व]

33. ( क्र. 358 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्या यह सही है कि आन लाईन विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक 556 दिनांक 03/07/2024 प्रश्‍न क्रमांक 343 दिनांक 02/03/2023, प्रश्‍न क्रमांक 338 दिनांक 22/12/2021 में पटल पर दी गई जानकारी के बाद भी जिला उद्योग केन्द्र बैतूल द्वारा वर्ष 1974-75 में कब्जा की गई ग्राम टिकारी की भूमि खसरा नम्बर 1078 रकवा 2.57 एकड़ का संबंधित किसान एवं उनके वारिसों को प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी मुआवजा भुगतान नहीं किया गया। (ख) यदि हाँ, तो उद्योग विभाग ने कब्जा कब किया अवार्ड आदेश किस दिनांक को पारित हुआ, उद्योग विभाग ने मुआवजा राशि किस दिनांक को जमा की किसानों को मुआवजा भुगतान नहीं किए जाने का क्या-क्या कारण रहा है, भूमि पर वर्तमान में कौन काबिज है। (ग) भूमि अर्जन पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 24 (2) में क्या प्रावधान है उस प्रावधान के अनुसार कार्यवाही नहीं करने का क्या कारण हैं।

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) विधानसभा ऑनलाइन प्र.क्र. 556 दिनांक 03/07/2024, प्र.क्र. 343 दि. 02/03/2023, प्र.क्र. 338 दि. 22/12/2021 में दी गई जानकारी के बाद जिला उ‌द्योग केन्द्र बैतूल द्वारा 1974- 75 में कब्जा की गई ग्राम टिकारी की निजी भूमि खसरा क्रमांक 1078 रकबा 2.57 का किसान एवं उसके वारिसों को प्रश्‍नांकित दिनांक तक मुआवजा भुगतान नहीं हो सकने से स्थिति पूर्व अनुसार ही है। खसरा नम्बर 1078 रकबा 2.57  के कृषक को भू-अर्जन प्रकरण में पारित अवार्ड दिनांक 28- 06-1978 अनुसार पारित मुआवजा राशि पर आपत्ति होने से तत्समय भू-अर्जन अधिकारी द्वारा मुआवजा राशि आर.डी. में जमा किये जाने के आदेश दिये गये।              (ख) दिनांक 17.12.1974 को उद्योग विभाग द्वारा अर्जित भूमि का कब्जा लिया गया। भूमि का अवार्ड दिनांक 28.06.1978 को पारित किया गया। अधिग्रहित की गई भूमि के एवज में भू-अर्जन हेतु क्षतिपूर्ति का भुगतान कलेक्टर बैतूल को उ‌द्योग संचालनालय मध्यप्रदेश भोपाल के आवंटन आदेश क्रमांक 101 दिनांक 27.03.1979 द्वारा किया गया। खसरा नं. 1078 के तत्समय के भूमिस्वामी द्वारा मुआवजा निधारण आपत्ति व्यक्त करने के कारण उन्हें देय मुआवजा राशि आर.डी. में जमा किये जाने के आदेश दिये गये, इस कारण से मुआवजा भुगतान नहीं किया जा सका। वर्तमान में खसरा नं. 1078 की अर्जित भूमि पर उ‌द्योग विभाग का आधिपत्य है। (ग) भूमि अर्जन पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 24 (2) से संबंधित प्रावधानों की छायाप्रति  संलग्न परिशिष्ट  अनुसार  है। अर्जित भूमि का आधिपत्य उ‌द्योग विभाग द्वारा दिनांक 17.12.1974 को लिया जा चुका है तथा तत्समय के कृषक के वारसान द्वारा प्रश्‍नगत भूमि के संबंध में माननीय व्यवहार न्यायालय बैतूल के समक्ष व्यवहार वाद क्रमांक RCSA/234/2022 संस्थित किया गया है, जो प्रचलित होकर लंबित है। ऐसी स्थिति में भूमि अर्जन पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 24 (2) के अंतर्गत कार्यवाही वांछनीय नहीं हैं।

परिशिष्ट - "छ:"

अस्पताल में मशीनरी एवं स्‍टॉफ की उपलब्‍धता

[लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा]

34. ( क्र. 365 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनासा में स्वीकृत 100 बिस्तरीय हॉस्पिटल का निर्माण पूर्ण होकर इसका लोकार्पण भी हो गया है परंतु उसमें आवश्यक सामग्री मशीनरी की उपलब्धता अब तक नहीं कराई गई है कब तक उपलब्ध करा दी जाएगी? (ख) स्वीकृत 100 बिस्तरीय हॉस्पिटल के अनुसार कितना स्टॉफ नियुक्त किया जाना है एवं उनकी पदपूर्ति कब तक पूर्ण कर दी जाएगी?

उप मुख्‍यमंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं चिकित्‍सा शिक्षा ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मनासा हॉस्पिटल में उपलब्‍ध मशीनरी, सामग्री की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार। पद पूर्ति एक निरंतर प्रक्रिया है, समया‍वधि बताई जाना संभव नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन

[राजस्व]

35. ( क्र. 375 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) भू-स्वामी हक की निजी भूमि का अर्जन करने के संबंध में माननीय सर्वोच्च अदालत की              9 जजों की संवैधानिक पीठ ने सिविल याचिका क्रमांक 1012 वर्ष 2002 में दिनांक 5 नवम्बर 2024 को किन-किन उद्देश्यों के लिए अर्जन को विधि सम्मत माना है? (ख) भा.व.अ. 1927 की धारा 11 एवं वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 24 एवं धारा 25 के अनुसार किन-किन उद्देश्यों के लिए भू-स्वामी हक की निजी भूमि और अन्य सम्पत्ति अर्जित की जा सकती है? अर्जन की कार्यवाही हेतु वर्तमान में किस-किस अधिकारी को शासन ने अधिकृत किया है? (ग) भा.व.अ.1927 की धारा 3 एवं धारा 20 के अनुसार भू-स्वामी हक की भूमियों को आरक्षित वन बनाने के संबंध में मुख्य सचिव कार्यालय राज्य मंत्रालय भोपाल ने अपने आदेश क्रमांक 974/एफ 25-08/2015/10-3 दिनांक 1 जून 2015 को क्या-क्या निर्देश किसे दिए हैं? (घ) दिनांक 1 जून 2015 के निर्देशानुसार कितनी निजी भूमि को पृथक किया गया है? यदि पृथक नहीं किया हो तो कारण बतावें। कब तक निजी भूमि पृथक करवाई जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

पंचायत राज व्‍यवस्‍था का अधिकार

[राजस्व]

36. ( क्र. 376 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) क्‍या विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक 5815 दिनांक 17/03/2016 में होशंगाबाद जिले के 936 ग्राम हरदा जिले के 527 ग्राम एवं बैतूल जिले के 1303 राजस्‍व ग्रामों के निस्‍तार पत्रक में दर्ज जिन जमीनों को नियंत्रण, प्रबंधन एवं अधिकार पंचायती राज व्‍यवस्‍था को सौंपा जाना प्रतिवेदित किया है उन जमीनों पर वन विभाग का भी वर्तमान में कब्‍जा हैं। (ख) यदि हाँ, तो कितने ग्रामों के‍ निस्‍तार पत्रक में                    किन-किन प्रयोजनों के लिए किन-किन मदों में दर्ज कितनी-कितनी भूमि वर्तमान में वन विभाग के वर्किंग प्‍लान में दर्ज है इनमें से कितनी भूमि पर वन विभाग का कब्‍जा है कितनी भूमि की           किस-किस अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व के समक्ष भा.व.अ.1927 की धारा 5 से 19 तक की जांच लंबित हैं। (ग) पंचायती राज व्‍यवस्‍था के‍ नियंत्रण, प्रबंधन एवं अधिकार में सौंपी निस्‍तार पत्रक में दर्ज जमीनों को किन-किन कार्यों एवं उद्देश्‍यों के लिए आवंटित करने का वर्तमान में  किस-किस को         क्‍या-क्‍या अधिकार दिया है, क्‍या-क्‍या प्रकिया निर्धारित है, प्रक्रिया की प्रति सहित बतावें?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। पूर्व प्रेषित प्रश्‍न क्रमांक 5815 दिनांक 17/03/2016 के प्रश्‍नांश (ख) में भेजे जवाब अनुसार जिला हरदा अन्तर्गत 51 वनखण्डों के 150 ग्रामों के निस्तार पत्रक में बड़ा झाड़ मद में दर्ज है। 31053.388 हे. भूमि वर्किंग प्लान में दर्ज है एवं वन विभाग का कब्जा है। एक ग्राम कासरनी अनुविभागीय हरदा राजस्व के समक्ष भा. व. अ. 1927 की धारा 5 से 19 तक की जांच लंबित है। बैतूल जिले में 1303 राजस्‍व ग्रामों की            209418 हे. भूमि का का नियंत्रण, प्रबंधन एवं अधिकार पंचायती राज व्‍यवस्‍था को सौंप दिया गया है। इन जमीनों पर वन विभाग का कब्‍जा नहीं है। नर्मदापुरम जिले में 936 राजस्‍व ग्रामों की 137486 हेक्‍टेयर भूमि का नियंत्रण प्रबंधन एवं अधिकार पंचायती राज व्‍यवस्‍था को सौंप दिया गया है। इन जमीनों पर वन विभाग का कब्‍जा नहीं है। (ख) जिला हरदा अन्तर्गत 51 वनखण्डों के 150 ग्रामों के निस्तार पत्रक में बड़ा झाड़ मद में दर्ज है। 31053.388 हे. भूमि वर्किंग प्लान में दर्ज है एवं वन विभाग का कब्जा है। एक ग्राम कासरनी अनुविभागीय हरदा राजस्व के समक्ष भा. व. अ. 1927 की धारा 5 से 19 तक की जांच लंबित है एवं जिला बैतूल एवं नर्मदापुरम अंतर्गत प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर अनुसार वन विभाग का कब्‍जा न होने से प्रश्‍नांश (ख) उद्भूत नहीं होता l (ग) म.प्र.  भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 237 में निस्‍तार अधिकारों के प्रयोग के लिए कलेक्टर द्वारा भूमि पृथक रखा जाना निस्‍तार भूमि का व्‍यपवर्तन संबंधी प्रावधान विहित है। जो पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  अनुसार है। नजूल भूमि का आवंटन म.प्र. नजूल भूमि निवर्तन निर्देश 2020 अंतर्गत किया जाता है।

भुआणा उत्सव का आयोजन

[संस्कृति]

37. ( क्र. 377 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या राज्‍य मंत्री, संस्‍कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में पर्यटन एवं संस्कृति विभाग द्वारा विगत 03 वर्षों में किन-किन जिलों को, कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है एवं इसका व्यय किस कार्य पर किया गया है? जिन जिलों को राशि आवंटित नहीं की गई तो इसका क्या कारण है। संपूर्ण जानकारी वर्षवार, विभागवार, जिलावार, कार्यवार देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित अवधि में मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में आयोजित होने वाले महोत्‍सव, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं मेले हेतु शासन द्वारा कितना बजट, कब-कब तथा किस-किस विभाग से आवंटित किया गया है? यह किस आधार पर आवंटित किया गया है? जानकारी वर्षवार, राशिवार, विभागवार उपलब्ध करावें। (ग) जिला हरदा में पर्यटन एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रारंभ हुए भुआणा उत्सव का आयोजन किस कारण से नहीं किया जा रहा है? क्या पर्यटन विभाग द्वारा इस हेतु कोई बजट उपलब्ध कराये जाने की योजना है? यदि हो तो कितना एवं कब, यदि नहीं, तो क्यों? (घ) हरदा जिले में भुआणा उत्सव प्रतिवर्ष मनाये जाने के राज्य शासन के क्या निर्देश है? इनकी छायाप्रति उपलब्ध करावें। शासन द्वारा भुआणा उत्सव को प्रदेश के अन्य कार्यक्रमों, महोत्सवों के समान महत्व क्यों नहीं दिया जा रहा है? हरदा जिला पर्यटन में पिछड़ा है, इसके क्या कारण है?

राज्‍य मंत्री, संस्‍कृति ( श्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी ) : (क) पर्यटन विभाग की जानकारी निरंक है तथा संस्‍कृति विभाग अंतर्गत जिला स्‍तरीय कार्यालय संचालित न होने से विभाग द्वारा जिलावार बजट आवंटन की कार्यवाही नहीं की जाती है। संस्‍कृति विभाग अंतर्गत संस्‍कृति संचालनालय द्वारा ''अर्थाभावग्रस्‍त साहित्‍यकारों/कलाकरों एवं उनके आश्रितों को मासिक वित्‍तीय सहायता'' योजना संचालन के उद्देश्‍य से योजना अंतर्गत सहायता राशि जारी करने हेतु संबंधित जिले के जिला पंचायत कार्यालय को जिलेवार राशि आवंटित की जाती है। विगत 3 वर्षों में आवंटित राशि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। सामान्‍य प्रशासन विभाग के निर्देशानुसार वर्ष 2022 एवं 2024 में म.प्र. स्‍थापना दिवस आयोजन के लिए भोपाल जिले को छोड़कर एक-एक लाख की राशि अन्‍य जिलों को प्रदाय की गई। (ख) गतिविधियों के संचालन के लिए शासन से जिलावार बजट राशि प्राप्‍त नहीं होती है। अत: जिलेवार गतिविधि के लिये राशि निर्धारित करने की स्थिति निर्मित नहीं होती है। (ग) पर्यटन विभाग की जानकारी निरंक है तथा संस्‍कृति विभाग द्वारा वार्षिक गतिविधियों का कैलेण्‍डर 'कला पंचांग' तैयार किया जाता है। यथासंभव निर्धारित अनुसार ही विभाग अंतर्गत संस्‍कृति संचालनालय एवं अधीनस्‍थ अनुषंगों द्वारा वर्षभर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। जिला प्रशासन, हरदा द्वारा आयोजित 'भुआणा उत्‍सव' वर्ष 2011-12 और वर्ष 2012-13 में विभाग अंतर्गत जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी द्वारा सहयोग किया गया। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

केन-बेतवा लिंक परियोजना

[जल संसाधन]

38. ( क्र. 392 ) श्री नितेन्‍द्र बृजेन्‍द्र सिंह राठौर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन-बेतवा लिंक के पानी से पृथ्वीपुर विधानसभा क्षेत्र वंचित हो रहा है, जबकि बेतवा इसी क्षेत्र से जुड़ी नदी है। यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? (ख) प्रश्‍नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री महोदय को दिनांक 5/11/2024 को इस संदर्भ में प्रेषित पत्र पर क्या कार्यवाही हुई? अवगत करायें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं, केन-बेतवा लिंक परियोजना के पानी से पृथ्वीपुर विधानसभा क्षेत्र वंचित नहीं हो रहा है। (ख) प्रश्‍नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री महोदय को लेख किये गये पत्र दिनांक 05/11/2024 के अनुक्रम में पृथ्वीपुर विधानसभा क्षेत्र के 67 ग्रामों की कृषि योग्य भूमि को उच्च दाब सिंचाई प्रणाली से विकसित किये जाने हेतु सर्वेक्षण कार्य प्रगति पर है, ग्रामों की सूची  संलग्न  परिशिष्ट  अनुसार है।

परिशिष्ट - "सात"

सिंचाई परियोजनाओं में अपेक्षित कार्य में विलंब

[राजस्व]

39. ( क्र. 396 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्‍या कोपरा मध्‍यम सिंचाई योजना जिला सागर के लिये भूमि अर्जन कार्य हेतु शासन द्वारा राशि उपलब्‍ध कराये जाने के बावजूद अपेक्षित गति से कार्य नहीं किया जा रहा है। (ख) कोपरा मध्‍यम सिंचाई योजना के लिये कितनी और कब राशि कलेक्‍टर को प्राप्‍त हुई तथा आज दिनांक तक कितने प्रकरणों में मुआवजा वितरित कर भूमि विभाग को उपलब्‍ध कराई गई है? कृषकवार जानकारी दी जाए? कितने कृषकों को कितनी राशि देना लंबित है? (ग) बरोदा जलाशय योजना जिला सागर के लिये वैकल्पिक वृक्षारोपण हेतु भूमि आरक्षण का प्रकरण किन कारणों से लंबित है तथा कब तक भूमि आरक्षण पूर्ण होगा? परियोजना में नहर कार्य हेतु भूमि अर्जन का कार्य कब तक पूर्ण कर भूमि विभाग को उपलब्‍ध कराई जावेगी? (घ) आपचंद मध्‍यम परियोजना जिला सागर के लिये विस्‍थापन हेतु आवंटित भूमि का कब्‍जा अभी तक क्‍यों नहीं दिया गया है? इस विलंब के लिये कौन अधिकारी उत्‍तरदायी है?

राजस्व मंत्री ( श्री करण सिंह वर्मा ) : (क) कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग क्रमांक-01 सागर द्वारा कोपरा मध्यम परियोजनांतर्गत तहसील रहली जिला सागर के प्रभावित 08 ग्रामों के भू-अर्जन प्रस्ताव प्रस्तुत किये जाने पर प्रकरणों में भू-अर्जन हेतु कार्यवाही की जा रही है विस्तृत विवरण हेतु संलग्न परिशिष्ट