मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2016
सत्र
सोमवार, दिनांक 18 जुलाई, 2016
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
( वर्ग 1 : लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, आयुष, भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास, संसदीय कार्य, स्कूल शिक्षा, आदिम जाति कल्याण, अनुसूचित जाति कल्याण, श्रम, पिछड़ा वर्ग तथा अल्प संख्यक कल्याण, विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्धघुमक्कड़ जाति कल्याण )
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केन्द्र में
संसाधनों की पूर्ति
1. ( *क्र. 76 ) श्री सचिन यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कसरावद विधानसभा क्षेत्र कसरावद में उपचार के लिए एकमात्र शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मौजूद है, जिसमें मुख्यालय कसरावद की सभी 83 ग्राम पंचायतें जिसकी जनसंख्या 2.40 लाख और कसरावद नगर पंचायत की जनसंख्या 25 हजार होकर उपचार के लिए इसी स्वास्थ्य केन्द्र पर निर्भर है? यदि हाँ, तो बतायें कि उक्त जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने हेतु स्वास्थ्य केन्द्र में संसाधनों की कमी है और उपलब्ध संसाधन खराब अवस्था में है? इस कारण वर्तमान में उक्त मरीजों को खरगोन एवं अन्य जिलों में रेफर किया जा रहा है? इस पर शासन एवं संबंधित विभाग क्या कार्यवाही करेगा? (ख) उक्त स्वास्थ्य केन्द्र में महिलाओं के लिए दी जा रही सुविधाओं से संबंधित संसाधन एवं पर्याप्त स्टाफ क्यों उपलब्ध नहीं है? डिजीटल एक्स-रे मशीन आज तक क्यों प्रदाय नहीं की गई? (ग) क्या उक्त स्वास्थ्य केन्द्र में पोस्टमार्टम का कक्ष जीर्ण-शीर्ण अवस्था में होने के कारण डाक्टरों एवं संबंधित परिजनों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है? यदि हाँ, तो बतायें कि नवीन पोस्टमार्टम कक्ष का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण करा दिया जायेगा? (घ) उक्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कसरावद में भर्ती मरीजों के परिजनों को ठहरने हेतु क्या रैन बसेरा के निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान की जायेगी? हाँ, तो कब नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के माध्यम से समुचित स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध कराई जा रही हैं। वर्ष 2015-16 के दौरान संस्था में 3473 आंतरिक रोगी, 2000 प्रसव, 119096 बाह्य रोगी, 25451 मलेरिया जाँच की गई। संस्था में एक्सरे, पैथालॉजी जाँच एवं एम्बुलेंस की सुविधा भी उपलब्ध है। केवल गंभीर रोगियों को अन्य जिलों में रेफर किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) महिलाओं के लिये सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं तथा निर्धारित जांचें की जा रही हैं। डिजीटल एक्सरे मशीन प्रदान करने का प्रावधान सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर नहीं है। (ग) जी हाँ। नवीन पोस्टमार्टम कक्ष निर्माण हेतु कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं। रोगी कल्याण समिति की बैठक में लिये गये निर्णय अनुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, कसरावद में भर्ती मरीजों के परिजनों को ठहरने हेतु अस्पताल परिसर स्थित शिक्षा विभाग के रिक्त भवन में संचालित किया जाना प्रस्तावित है। शिक्षा विभाग द्वारा भवन रिक्त करने पर रैन बसेरा संचालित किये जाने की कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
खेत तक विद्युत लाईन का विस्तार
2. ( *क्र. 401 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग विदिशा में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कृषकों के खेत तक विद्युत लाईन विस्तार (ऊर्जीकरण) हेतु कितने प्रकरण प्राप्त हुये थे? प्रकरणवार, विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कितने किसानों के प्रकरण स्वीकृत कर कार्य पूर्ण करा दिये गये हैं, कितने शेष हैं, शेष का कारण बतायें? शेष प्रकरणों की सूची प्रकरणवार, विधानसभा क्षेत्रवार देवें? (ग) क्या विभाग में संचालित उक्त योजना वर्ष 2016-17 में ऊर्जा विभाग को हस्तांतरित की गई है? यदि हाँ, तो आदिम जाति कल्याण विभाग विदिशा में लंबित प्रकरणों की नस्ती म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, विदिशा/गंजबासौदा को प्रेषित कर दी गई है या नहीं? यदि हाँ, तो किस दिनांक को? नहीं तो कारण देवें? उक्त लंबित प्रकरणों की सूची विधानसभा क्षेत्रवार उपलब्ध करावें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अन्तर्गत जनजाति के 88 तथा अनुसूचित जाति के 445 प्रकरण प्राप्त हुये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘एक’’ अनुसार है। (ख) जनजाति अन्तर्गत 88 प्रकरणों में से 41 प्रकरणों में कार्य पूर्ण कराये गये हैं। आवंटन के अभाव में 47 प्रकरण शेष हैं। जबकि अनुसूचित जाति अन्तर्गत 201 प्रकरण स्वीकृत हुए हैं। 41 कार्य पूर्ण हो गये हैं। विद्युत लाईन विस्तार कार्य हेतु 244 प्रकरण शेष हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘दो’’ अनुसार है। (ग) जी नहीं, सभी योजनाओं की राशि विभाग द्वारा ऊर्जा विभाग को अस्थाई कृषि पंप कनेक्शनों को स्थाई कृषि पंप कनेक्शनों में परिवर्तित करने हेतु हस्तान्तरित की गई है। लंबित प्रकरणों की सूची जिला स्तर पर महाप्रबंधक (संचारण/संधारण) म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं. विदिशा एवं उपमहाप्रबंधक म.प्र.म.क्षे.वि.वि.क. विदिशा एवं गंजबासौदा को दिनांक 28/06/2016 को प्रेषित की गई है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘दो’’ तथा ‘‘तीन’’अनुसार है।
शिक्षकों को पांचवे वेतनमान का प्रदाय
3. ( *क्र. 366 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कस्तूरबा कन्या वनवासी कल्याण आश्रम निवाली में कुल कितने शिक्षक कार्यरत हैं तथा इनको क्या वेतनमान दिया जा रहा है? (ख) क्या उक्त संस्था शासन के द्वारा अनुदान प्राप्त संस्था है? यदि हाँ, तो फिर कर्मचारियों को आज तक चौथा वेतनमान ही क्यों दिया जा रहा है? (ग) क्या कुछ कर्मचारियों को पाँचवा वेतन दिया गया है? यदि हाँ, तो किन कर्मचारियों को किस नियम के तहत दिया गया है? उनके नाम सहित बतावें? (घ) क्या शेष रहे कर्मचारियों को भी पाँचवा वेतनमान दिया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) कस्तूरबा कन्या वनवासी कल्याण आश्रम निवाली में कुल 24 शिक्षक कार्यरत हैं। सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शिक्षकों को चतुर्थ वेतनमान दिया जा रहा है। (ख) जी हाँ। शासन के आदेश क्रमांक एफ-10-33/2007/25-2/ दिनांक 01 जनवरी 2016 के द्वारा अशासकीय संस्थाओं के कर्मचारियों को पाँचवा वेतनमान स्वीकृत किया गया है। पाँचवा वेतनमान देने हेतु वेतन निर्धारण नियमन की कार्यवाही प्रचलन में है, कार्यवाही पूर्ण कर पाँचवां वेतनमान भुगतान किया जावेगा। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। पाँचवा वेतनमान देने हेतु वेतन निर्धारण नियमन की कार्यवाही प्रचलन में है। शीघ्र कार्यवाही पूर्ण कर समस्त पात्र कर्मचारियों को पाँचवां वेतनमान का भुगतान किया जावेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बजट राशि का व्यय
4. ( *क्र. 483 ) श्री संजय उइके : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिवासी उपयोजना मद से विकास हेतु विभाग को बजट दिया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में योजना क्रमांक 8798, 7317, 7648, 5056, 6453, 7199 में कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी राशि का व्यय किया गया एवं नर्सिंग पैरामेडिकल महाविद्यालयों की स्थापना कहाँ-कहाँ की गयी है?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( श्री शरद जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित वित्तीय वर्षों में वर्णित योजना क्रमांकों में राशि का आवंटन प्राप्त नहीं हुआ है। अत: व्यय का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। वित्तीय वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में विभाग द्वारा प्रदेश में कहीं भी पैरामेडिकल एवं नर्सिंग महाविद्यालयों की स्थापना नहीं की गई है।
आगजनी की घटना की जांच/कार्यवाही
5. ( *क्र. 699 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन भोपाल मुख्यालय में दिनांक 05 एवं 06 नवम्बर 2015 की रात्रि में आगजनी की घटना की जाँच आदेशित की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो जाँच निष्कर्ष में क्या तथ्य पाए गए? यदि आगजनी की घटना को षड़यंत्र के तहत अंजाम दिया गया तो इसके लिए कौन-कौन उत्तरदायी हैं, उनके विरूद्ध अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ग) उक्त आगजनी की घटना के संबंध में किस-किस स्तर पर कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं? क्या इन शिकायतों की जाँच कराई गई? यदि हाँ, तो शिकायतों में उल्लेखित बिन्दुओं की जाँच में किन-किन दोषियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के संदर्भ में खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग को प्राप्त फरवरी-अप्रैल 2016 सत्र में प्रश्नकर्ता की ध्यानाकर्षण सूचना क्र. 789 में उल्लेखित विषयवस्तु पर कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों और इसके लिए उत्तरदायी संयुक्त संचालक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन को तत्काल हटाकर ध्यानाकर्षण सूचना क्र. 789 की विषय वस्तु पर कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। इस संबंध में आगजनी की सूचना शाहजहानांबाद पुलिस थाने में आगजनी क्रमांक 04/15 पर दर्ज कराई है। पुलिस द्वारा जाँच की जा रही है। उक्त जाँच के निष्कर्ष प्राप्त नहीं हुये हैं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) उत्तरांश ‘क’ एवं ‘ख’ के अनुसार।
कायाकल्प अभियान के तहत आवंटित बजट
6. ( *क्र. 536 ) श्री जितू पटवारी : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 1 वर्ष में जिला अस्पताल और शासकीय मेडिकल कॉलेज में लापरवाही के कारण कुल कितने बच्चों की मौत हुई, दोषी डॉक्टर और संभागायुक्त (अध्यक्ष कार्यपरिषद मेडिकल कॉलेज) के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ख) कायाकल्प अभियान के तहत म.गांधी, स्मृति चिकि. महा. इंदौर से सम्बद्ध एम.वाय. अस्पताल में क्या-क्या कार्य हुए, विभिन्न कार्य हेतु कुल कितना बजट आवंटित किया गया? (ग) विभिन्न दानदाताओं द्वारा एम.वाय. अस्पताल को विगत 2 वर्ष में कितना दान दिया गया, इसका यूटिलिटी प्रमाण पत्र दिया जाये? राशि कहाँ-कहाँ खर्च की गई।
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( श्री शरद जैन ) : (क) विगत 01 वर्ष में जिला चिकित्सालय, इन्दौर में लापरवाही के कारण नवजात बच्चों की मृत्यु नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एम.वाय. चिकित्सालय इन्दौर को विभिन्न दान दाताओं द्वारा मिशन 2014 से प्रश्न दिनांक तक कुल रूपये 86,31,686/- की राशि दान में प्राप्त हुई है, जिसमें से रूपये 53,43,432/- की राशि व्यय की गई है। शेष राशि बैंक के खाता क्रमांक 34177045200 में जमा है। दान दाताओं से प्राप्त राशि से व्यय की गई राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र देने का कोई प्रावधान न होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्कूलों की वार्षिक कार्य योजना
7. ( *क्र. 507 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन ने जिला शिक्षा केन्द्र जबलपुर में किस-किस योजना मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की है एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई है, किस-किस मद की कितनी-कितनी राशि का उपयोग नहीं किया गया एवं क्यों? योजनाओं की लक्ष्य पूर्ति बतलावें / वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक की वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में सिविल वर्क के तहत कितने-कितने प्राथमिक, माध्यमिक शालाओं की दशा बदलने हेतु नवीन शाला भवनों का निर्माण, अतिरिक्त कक्षों, बाउण्ड्रीवॉल, छात्र-छात्राओं के लिए शौचालयों का निर्माण, शाला भवनों की मरम्मत व शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की गई है। इन पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई है? तहसीलवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्ष 2016-17 की वार्षिक कार्ययोजना में विधानसभा क्षेत्र केंट जबलपुर के कितने प्राथमिक, माध्यमिक शालाओं में कितनी-कितनी राशि के सिविल कार्य कराना स्वीकृत/प्रस्तावित हैं, कितने स्कूल भवन विहीन हैं, कितने स्कूलों में शुद्ध पेयजल व छात्र-छात्राओं के लिए शौचालयों की व्यवस्था नहीं है एवं क्यों? इसके लिए क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक जबलपुर जिले को प्रदाय आवंटन, व्यय एवं शेष राशि की मदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' (I, II तथा III) अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत वर्ष 2013-14 से 2015-16 में प्राथमिक, माध्यमिक शालाओं की दशा बदलने हेतु नवीन शाला भवनों का निर्माण, अतिरिक्त कक्ष, बाउण्ड्रीवॉल, छात्र-छात्राओं के लिए शौचालयों का निर्माण शाला भवनों की मरम्मत व शुद्ध पेयजल की व्यवस्था हेतु स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। वर्ष 2013-14 से 2015-16 के स्वीकृत कार्यों की तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ग) वर्ष 2016-17 की वार्षिक कार्ययोजना में विधानसभा क्षेत्र केन्ट जबलपुर के अंतर्गत 04 प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में अतिरिक्त कक्ष निर्माण हेतु राशि रू. 17.84 लाख एवं 10 प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में बाउण्ड्रीवाल निर्माण हेतु राशि रू. 29.40 लाख के सिविल कार्य भारत शासन को प्रस्तावित किये थे, परन्तु स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई। केन्ट विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कोई भी स्कूल भवनविहीन नहीं है, समस्त शालाओं में पेयजल एवं छात्र/छात्राओं हेतु शौचालय की व्यवस्था उपलब्ध है। शेषांश का प्रश्न ही नहीं उठता।
अस्पतालों में साफ-सफाई एवं सुरक्षा का ठेका
8. ( *क्र. 794 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन, बड़वानी, धार जिले में सफाई एवं सुरक्षा ठेका जिन कंपनियों के पास है उनके नाम सभी प्रकार के लाइसेंस की कॉपी सहित देवें। कंपनी का नाम, अस्पताल के नाम सहित देवें। (ख) इन कंपनियों में कितने कर्मचारी कार्यरत हैं, प्रश्नांश (क) अनुसार बतावें। ये किन-किन स्थानों पर पदस्थ हैं? अस्पताल के नाम सहित जानकारी देवें। (ग) क्या उपरोक्त कर्मचारियों का पी.एफ. कटौत्रा किया जाता है? यदि हाँ, तो कर्मचारी के नाम सहित पी.एफ. राशि का विवरण देवें। यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पंजीकृत श्रमिकों का नवीनीकरण
9. ( *क्र. 260 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 11.12.2015 के अतारांकित प्रश्न संख्या 28 (क्रमांक 499) के उत्तर (ग) पंजीकृत श्रमिकों की विधवाओं को 600 रूपये सहायता प्रतिवर्ष प्रदान की जाती है तथा नि:शक्ति की दशा में 1500 प्रतिमाह भरण पोषण सहायता मण्डल से प्रदान की जाती है तथा (घ) के उत्तर में निर्माण श्रमिकों के पंजीकरण हेतु भिन्न-भिन्न अधिकारी नियुक्त किये गए हैं? (ख) दिनांक 18.12.2015 के परिवर्तित अता.प्रश्न संख्या 78 (क्रमांक 1795) के उत्तर में भाग (ख) में रीवा जिले के समस्त जनपद पंचायतों में ग्राम पंचायत के सचिवों द्वारा वर्ष 2009 से वर्ष 2013 में निम्नानुसार निर्माण श्रमिकों का पंजीयन किया गया है, जिनका विवरण उत्तर में दर्शाया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में रीवा जिले में जनपद पंचायतों द्वारा पंजीकृत कितने श्रमिकों को लाभान्वित किया गया? श्रमिकों के कितने आवेदन किस-किस योजना के लंबित हैं? पंचायत के सचिवों द्वारा पंजीकृत श्रमिकों में से कितने श्रमिकों का पंजीकृत नवीनीकरण का कार्य जनपद पंचायतों द्वारा किया गया? अगर नवीनीकरण नहीं किये गए तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार अगर श्रमिकों को लाभान्वित नहीं किया गया, उनके आवेदन लंबित हैं, नवीनीकरण की कार्यवाही भी जनपदों द्वारा नहीं की गई तो इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं? दोषियों की पहचान कर उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) एवं (ख) प्रश्नांश में जानकारी अपेक्षित नहीं है। (ग) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के अंतर्गत रीवा जिले की जनपद पंचायतों/नगर पंचायतों द्वारा कुल 42,889 पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत लाभान्वित किया गया है, जिसकी सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नांकित अवधि में जिले में योजनावार कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। जिन पंजीकृत निर्माण श्रमिकों ने प्रत्येक वर्ष में 90 दिन निर्माण क्षेत्र में कार्य किया एवं प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किए, उनके परिचय-पत्र नवीनीकरण किए गए हैं। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सतना जिले में नवजात शिशुओं की मृत्यु
10. ( *क्र. 55 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले में अप्रैल से नवम्बर 2015 तक 510 नवजात शिशुओं की मृत्यु हुई है? नवजात मृत्यु, नवजात उपरांत मृत्यु, शिशु मृत्यु एवं बाल मृत्यु की पृथक-पृथक माहवार जनपदवार संख्या बतायें? (ख) जिले में विगत एक वर्ष में जिला बाल मृत्यु समीक्षा समिति की बैठक कब-कब आयोजित की गई तथा क्या-क्या निर्णय लिये गये? (ग) जिले की जिला बाल मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट माहवार उपलब्ध करावें? साथ ही जिले में बाल मृत्यु के कारण बतायें? (घ) जिला स्तरीय समीक्षा में बाल मृत्यु के लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी पाये गये हैं? दोषी पाये गये अधिकारी/कर्मचारियों पर कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, की गई तो क्यों? अगर की जावेगी तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं, प्रश्नावधि में 510 नहीं बल्कि 356 शिशुओं की मृत्यु हुई। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘’ अनुसार है। (ख) सतना जिले में बाल मृत्यु समीक्षा समिति की बैठक दिनांक 15.04.15, 15.05.15, 15.06.15, 15.07.15, 15.08.15, 02.09.15, 15.09.15, 05.10.15, 23.10.15, 04.11.15, 11.11.15 को आयोजित की गई। जिले द्वारा बाल मृत्यु समीक्षा बैठकों के विवरण (निर्णय) कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। (ग) जिला बाल मृत्यु समीक्षा का विवरण/जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है। जिले में बाल मृत्यु के मुख्य कारण समय पूर्व जन्म से सांस में कठिनाई, दस्त, निमोनिया, बुखार, खून की कमी एवं कम वजन आदि हैं। (घ) भारत सरकार के दिशा-निर्देश अनुसार बाल मृत्यु समीक्षा का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा प्रदायगी की कमियों को चिन्हित कर सेवाओं में गुणात्मक सुधार लाना है। कर्मचारियों/अधिकारियों को दोषी मानकर दण्डित करना बाल मृत्यु समीक्षा में समाहित नहीं है। समीक्षा के पश्चात सुधारात्मक कार्यवाही हेतु प्रयास किये जाते हैं जिससे बाल मृत्यु दर में कमी लाई जा सके।
रोगी कल्याण समिति द्वारा दुकानों का निर्माण
11. ( *क्र. 234 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शामगढ़ रोगी कल्याण समिति के प्रारंभ होने से प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी दुकानों का निर्माण किया गया? कौन-कौन से वर्ष में कितनी दुकानों का निर्माण कराया गया है? (ख) कितनी दुकानों को किराये पर दिया गया है? किरायेदारों के नाम और बकाया राशि बतावें। (ग) ऐसी कितनी निर्माणाधीन दुकानें हैं, जिन्हें रोगी कल्याण समिति द्वारा निर्माण किया गया है? उनकी लागत राशि बतावें। (घ) रोगी कल्याण समिति नवीन निर्माणाधीन दुकानों को पहले की तरह प्रस्ताव कर लीज़ (किराये) पर दे सकती है या नहीं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) वर्ष 2001 से कुल 55 दुकानों का निर्माण प्रारंभ हुआ जो वर्ष 2003 में पूर्ण हुआ। वर्ष 2013 में द्वितीय तल की 20 दुकानें निर्माणाधीन हैं। (ख) 54 दुकानें किराये पर दी गईं। वर्तमान में दुकान नं. 12 खाली है एवं रोगी कल्याण समिति के अधिपत्य में है। किरायेदारों के नाम व बकाया राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्तमान में 20 दुकानें द्वितीय तल वर्ष 2013 से निर्माणाधीन हैं। जिसकी लागत राशि रू. 38,50,000/- है। (घ) जी नहीं।
कलार जाति को पिछ्ड़ा वर्ग का प्रमाण पत्र जारी किया जाना
12. ( *क्र. 18 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या म.प्र. पिछड़ा वर्ग एवं अल्प संख्यक कल्याण विभाग के पत्र क्रमांक 6 - 2 / 2014 / 54 - 1 भोपाल दिनांक 24/6/14 के निर्देशों एवं पत्र के साथ संलग्न सूची के क्रमांक 42 अनुसार कलार (जायसवाल) जाति राज्य शासन की अधिसूचना एफ 8 - 5 - पच्चीस - 4 - 84 के कारण म.प्र. राज्य की उन पिछड़ी जातियों में आ गई है जो केन्द्र की म.प्र. की पिछड़ी जातियों की सूची में नहीं आती है एवं इसी पत्र के आधार पर एस.डी.एम. कटनी द्वारा कलार जाति के लोगों के पिछड़े वर्ग के प्रमाण पत्र नहीं बनाये जा रहे हैं जबकि वर्तमान में केन्द्र शासन की म.प्र. की पिछड़ा वर्ग की जाति की सूची में क्रमांक 38 पर अभी भी कलार जाति का उल्लेख है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो केन्द्र शासन के जिस निर्णय के आधार पर यह अधिसूचना जारी की गई है, उसकी प्रति एवं म.प्र. शासन की अधिसूचना की प्रति प्रदान करें? (ग) प्रश्नांश (ख) में यदि उत्तर नहीं, तो इस आदेश को तत्काल निरस्त करते हुए कलार जाति के पिछड़ा वर्ग प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश एस.डी.एम. कटनी को देंगे?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जी नहीं। जी हाँ, संदर्भित पत्र से उत्पन्न भ्रम के कारण एस.डी.एम. कटनी द्वारा कलार जाति के लोगों के पिछड़े वर्ग के प्रमाण पत्र नहीं बनाये जा रहे हैं। (ख) प्रश्नांश (क) भाग के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कलार जाति केन्द्र एवं राज्य शासन द्वारा घोषित पिछड़े वर्ग की सूची में सम्मिलित है। इस संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश कलेक्टर कटनी को जारी किये जा रहे हैं।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में महिला चिकित्सकों की पदस्थापना
13. ( *क्र. 134 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा क्षेत्र -47 के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बल्देवगढ़ एवं खरगापुर का परिक्षेत्र काफी बड़ा एवं व्यापक है तथा प्रसव एवं अन्य गंभीर बीमारियों के चलते महिलाओं को जिला चिकित्सालय एवं अन्य स्थानों पर भटकना पड़ता है तथा आर्थिक परेशानियां होने के कारण कभी-कभी महिलायें मौत का शिकार भी बन जाती हैं और इलाज समय पर नहीं हो पाता है? (ख) क्या खरगापुर एवं बल्देवगढ़ में महिला चिकित्सकों के पद रिक्त हैं और आम जनता इलाज के अभाव में इधर-उधर भटक रही है? क्या ऐसी स्थिति को ध्यान में रखते हुये खरगापुर एवं बल्देवगढ़ अस्पताल में महिला चिकित्सकों की तैनाती करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) यह सही है कि खरगापुर विधानसभा क्षेत्र-47 के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बल्देवगढ़ एवं खरगापुर का परिक्षेत्र काफी बड़ा एवं व्यापक है, लेकिन यह सही नहीं है कि इलाज के अभाव में महिलाओं को भटकना पड़ता है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सुमावली विधान सभा क्षेत्रांतर्गत संचालित शासकीय अस्पताल
14. ( *क्र. 714 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुमावली विधानसभा क्षेत्र मुरैना के शास. अस्पताल ग्राम हुसैनपुर मजरा-सरायछोला में वर्ष 2010 से कितने चिकित्सक, कर्मचारी पदस्थ रहे? उनके नाम, पद सहित जानकारी दी जावे? (ख) वर्तमान में उक्त चिकित्सालय में कौन चिकित्सक पदस्थ हैं? क्या अस्पताल का नियमित संचालन होता है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उक्त अस्पताल में भवन, स्टाफ क्वार्टरों की क्या स्थिति है, उनमें कौन-कौन कर्मचारी, चिकित्सक निवास करते हैं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) सुमावली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम हुसैनपुरा, मजरा-सरायछोला में वर्तमान में कोई स्वास्थ्य केन्द्र संचालित नहीं है, उक्त ग्राम उप स्वास्थ्य केन्द्र नायकपुरा अंतर्गत आते हैं। अतः उक्त ग्रामों में चिकित्सक/कर्मचारी के कोई पद स्वीकृत नहीं है। उप स्वास्थ्य केन्द्र नायकपुरा में एम.पी.डब्ल्यू. मेल एवं महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता का 01-01 पद स्वीकृत है, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता श्रीमती विमला दीक्षित पदस्थ हैं जो रोस्टर अनुसार ग्राम आरोग्य केन्द्रों में भ्रमण करती हैं। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पाटन विधान सभा अंतर्गत चिकित्सकों की पद स्थापना
15. ( *क्र. 828 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में कितने चिकित्सकों / कर्मचारियों के पद शासन द्वारा स्वीकृत हैं? इन स्वीकृत पदों में से कौन-कौन से कितने पद भरे हैं एवं कितने पद रिक्त हैं तथा कहाँ-कहाँ पर किन विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद कब से रिक्त हैं? सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित रिक्त पदों की पूर्ति हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा निरंतर मांग करने एवं विधानसभा के सत्रों में बैठक दिनांक 4 जुलाई 2014 प्रश्न संख्या 41 क्रमांक 984 एवं बैठक दिनांक 24 जुलाई 2015 के परि.अता.प्रश्न संख्या 65 क्रमांक 1077 के जबाव में रिक्त पदों की पूर्ति हेतु कार्यवाही निरंतर प्रचलन में है, शीघ्र पद पूर्ति होगी के आश्वासन के बावजूद प्रश्न दिनांक तक रिक्त पदों की पूर्ति न होने का क्या कारण है? रिक्त पदों की पूर्ति किस प्रकार से कब तक कर दी जावेगी? (ग) क्या पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पाटन में पदस्थ एक डॉक्टर द्वारा अपनी सेवाएं सेठ गोविन्ददास जिला चिकित्सालय जबलपुर में दी जा रही हैं जबकि इनकी पदस्थापना सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पाटन में की गई है ? क्या शासन इनकी सेवाएं मूल पदस्थापना स्थल सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पाटन में देने हेतु बाध्य करेगा एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पाटन की एक मात्र एक्स-रे मशीन किन कारणों से कब से बंद है एवं इसे कब तक किस प्रकार से चालू कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। (ख) जी हाँ, यह सही है कि पूर्व में प्रश्नों के उत्तर में पदपूर्ति किए जाने हेतु विभाग द्वारा आश्वासन दिए गए हैं एवं विभाग द्वारा पदपूर्ति के प्रयास भी किए गए हैं, 04 जुलाई 2014 के उपरांत 14 अधिकारी/कर्मचारियों को पदस्थ किया गया है, सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है। पदपूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है। प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी के कारण पदपूर्ति नहीं की जा सकी है, विशेषज्ञों के कुल स्वीकृत 3266 पदों के विरूद्ध मात्र 1245 विशेषज्ञ उपलब्ध हैं। चिकित्सकों की पदपूर्ति हेतु मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग में 1896 चिकित्सकों की भर्ती की कार्यवाही प्रचलन में है, चयन सूची प्राप्त होने पर काउंसलिंग हेतु प्रदर्शित की जाने वाली रिक्तियों में पी.जी. योग्यताधारी चिकित्सकों हेतु रिक्ति प्रदर्शित की जावेगी। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं, पाटन में पदस्थ किसी चिकित्सक द्वारा सेठ गोविन्ददास चिकित्सालय में सेवायें नहीं दी जा रही हैं। पाटन स्थित एक्स-रे मशीन खराब होने पर समय-समय पर इसे सुधरवाया गया है। वर्तमान में खराब एक्स-रे मशीन का यथाशीघ्र सुधार कराया जावेगा।
हायर सेकेण्डरी शाला भवन की स्वीकृति
16. ( *क्र. 515 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 08.02.2016 को आयोजित जिला योजना समिति जिला राजगढ़ की बैठक में माननीया प्रभारी मंत्री महोदया के निर्देशों के पालन में जिला शिक्षा अधिकारी जिला राजगढ़ द्वारा पत्र क्रमांक/आर.एम.एस.ए./2016/304 राजगढ़, दिनांक 29.04.2016 से आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल मध्यप्रदेश को शा.क.उ.मा.वि. ब्यावरा में जीर्ण-शीर्ण भवन के स्थान पर नवीन भवन निर्माण हेतु संभागीय परियोजना यंत्री लोक निर्माण (पी.आई.यू.) जिला राजगढ़ से राशि रूपये 187.04 लाख का प्राक्कलन तैयार कराकर स्वीकृति हेतु प्रेषित किया गया है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त विद्यालय हेतु नवीन भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या उक्त विद्यालय वर्ष 1963 में हायर सेकेण्डरी में उन्नत हुआ था। लेकिन उन्नयन के बाद से प्रश्न दिनांक तक विद्यालय का स्वयं का भवन नहीं है? क्या उक्त विद्यालय में गत वर्ष 1858 छात्राएं अध्ययनरत् थीं, जिनकी संख्या में वर्तमान में वृद्धि हुई है लेकिन स्थान अभाव के कारण निरंतर छात्राओं का अध्ययन कार्य बाधित हो रहा है? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन प्रश्नांश (क) वर्णित प्राक्कलन अनुसार उक्त विद्यालय हेतु नवीन भवन निर्माण की स्वीकृति प्रथम अनुपूरक बजट में प्रदान करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। शा.क.उ.मा.वि. ब्यावरा के शाला भवन निर्माण हेतु प्रस्ताव प्रेषित किया है। शाला भवन निर्माण की स्वीकृति बजट की उपलब्धता एवं सक्षम समिति से अनुमोदन पर निर्भर करेगा। (ख) जी हाँ। शा.क.उ.मा.वि. ब्यावरा का उन्नयन हुआ है वर्तमान में प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। वर्तमान में उक्त विद्यालय हायर सेकेण्डरी स्कूल, माध्यमिक एवं प्राथमिक विद्यालय के 25 कक्षों में संचालित होकर छात्राएं अध्ययनरत हैं। (ग) शाला भवन निर्माण बजट उपलब्धता पर निर्भर करेगा।
स्थानांतरित कर्मचारियों को कार्यमुक्त किया जाना
17. ( *क्र. 22 ) डॉ. मोहन यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी उज्जैन के पत्र क्रमांक/स्थापना-एस/स्थानां./2016/149, दिनांक 27.01.2016 के द्वारा 40 लिपिक वर्गीय कर्मचारियों का स्थानांतरण किये जाने का उल्लेख किया गया है। उन्हें किस दिनांक को कार्यमुक्त किया गया? पृथक-पृथक कर्मचारियों की पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार स्थानांतरण आदेश के पश्चात् भी संबंधित कर्मचारियों को कार्यमुक्त नहीं किया गया है तो क्यों? कारण बतावें। कब तक कार्यमुक्त कर दिया जावेगा? म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग के ज्ञाप क्रमांक एफ 1-21/2015/20-1/29.04.2015 के बिंदु क्रमांक 12 का उल्लंघन करते हुए कार्यमुक्त किये जाने में देरी के लिये कौन अधिकारी दोषी है। दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। कार्यमुक्त करने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) स्थानीय परीक्षा, बोर्ड परीक्षा, विधानसभा बजट सत्र एवं सिंहस्थ, 2016 होने के कारण कार्यमुक्त नहीं किया गया था। अब कार्यमुक्त कर दिया गया है। अतएव शेषांश का प्रश्न उपस्िथत नहीं होता है।
विभाग में पदस्थ अपर संचालक
18. ( *क्र. 818 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में माह अप्रैल, 2016 की स्थिति में कौन-कौन अपर संचालक कहाँ-कहाँ पदस्थ हैं, कहाँ-कहाँ पद रिक्त हैं? (ख) किस अपर संचालक की शैक्षणिक योग्यता संबंधी प्रमाणपत्र, मार्कशीट, अनुभव प्रमाणपत्र विभाग में अनुपलब्ध हैं? (ग) उपरोक्त तथ्य कब संज्ञान में आये? दस्तावेज गायब होने की जानकारी छिपाने के लिये कौन दोषी व उत्तरदायी है? (घ) विभाग से दस्तावेज गायब होने पर भी एफ.आई.आर. अब तक न कराये जाने के क्या कारण हैं? कब तक एफ.आई.आर. कराई जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कोई नहीं। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रोगी कल्याण समिति द्वारा संचालित योजनाएं
19. ( *क्र. 433 ) श्री मुकेश नायक : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले की पवई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत स्वास्थ्य केन्द्रों/उपस्वास्थ्य केन्द्रों में रोगी कल्याण समिति द्वारा पोषित कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं? संचालित योजनाओं के तहत वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक किस योजना के लिये कितनी राशि आवंटित की गई? योजनावार, वर्षवार, आवंटित राशिवार जानकारी बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत कितनी-कितनी राशि प्रश्न दिनांक तक खर्च की गई कितनी शेष है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) पन्ना जिले की पवई विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत स्वास्थ्य केन्द्रों में रोगी कल्याण समिति द्वारा कोई भी पोषित योजना संचालित नहीं है, न ही किसी योजना के लिये कोई राशि आवंटित की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदिवासी छात्रावासों का संचालन
20. ( *क्र. 767 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल संभाग में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा बालक और बालिका छात्रावास संचालित किए जा रहे हैं? यदि हाँ, तो जिलावार व ब्लॉकवार ब्यौरा दें? (ख) छात्रावासों में अध्ययनरत् विद्यार्थियों की सुविधा के लिए किन-किन वस्तुओं की सप्लाई किन नियमों के तहत हो रही है? भोपाल एवं सीहोर जिले के छात्रावासों में विगत 2 वर्षों में किन-किन वस्तुओं की सप्लाई की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के छात्रावासों में सप्लाईकर्ता फर्म और सप्लाई की गई सामग्री की दरों का ब्यौरा दें? (घ) छात्रावासों में सप्लाई वस्तुओं की गुणवत्ता को लेकर क्या कोई शिकायत सामने आई है? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में प्रचलित कार्यवाही का ब्यौरा दें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। भोपाल सम्भाग में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा जिला भोपाल अन्तर्गत 08 बालक छात्रावास और 02 बालिका छात्रावास संचालित हैं। जिला सीहोर अन्तर्गत 12 बालक और 02 बालिका छात्रावास संचालित किये जा रहे हैं। जिला रायसेन अन्तर्गत 14 बालक और 07 बालिका छात्रावास संचालित हैं। जिला विदिशा अन्तर्गत 01 बालक और 01 कन्या छात्रावास संचालित है तथा जिला राजगढ़ अन्तर्गत कोई छात्रावास संचालित नहीं है। (ख) मध्यप्रदेश शासन, आदिम जाति कल्याण विभाग के ज्ञाप क्रमांक एफ-12-11/2014/25-2 दिनांक 17/06/2014 के पालन में छात्रावास/आश्रम पालक समिति के माध्यम से भण्डार क्रय नियमों के तहत प्रदाय करने वाली एजेंन्सियों से निर्धारित दर पर क्रय किया जाता है। भोपाल एवं सीहोर जिले के छात्रावासों में विगत 2 वर्षों में क्रय की गई सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कटनी जिले को प्राप्त आवंटन व व्यय
21. ( *क्र. 145 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति / जन जाति क्षेत्र विकास योजनांतर्गत कटनी जिले को कितना आवंटन कब-कब प्राप्त हुआ? प्राप्त आवंटन का व्यय कब-कब, किस आधार पर किया गया? वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार पृथक-पृथक बताएं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र के किस-किस ग्राम में किस-किस कार्य के लिये कितनी राशि स्वीकृत की गई? स्वीकृत राशि के विरूद्ध कितना-कितना व्यय हुआ? इन कार्यों की निर्माण एजेंसी कौन है? विकासखण्डवार पृथक-पृथक बताएं। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार अपूर्ण कार्यों के लिये कौन दोषी है? इन दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में की गई अनियमितताओं से संबंधित विगत 5 वर्षों में प्राप्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? शिकायतवार, कार्यवाहीवार विवरण दें।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग अंतर्गत क्षेत्र विकास योजना संचालित नहीं है। अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 तथा अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ख) अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 तथा अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4 अनुसार है। (ग) निर्माण एजेन्सी दोषी है। नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। (घ) विगत 5 वर्षों में अनियमितताओं से संबंधित शिकायत प्राप्त न होने से कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
माडल स्कूल जावरा के स्टाफ हेतु शा. आवासों का निर्माण
22. ( *क्र. 118 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माडल स्कूल जावरा के व्याख्याताओं एवं स्टॉफ अधिकारियों/कर्मचारियों हेतु स्टॉफ क्वार्टर निर्माण किया जाना स्वीकृत होकर कार्य प्रारम्भ हुआ था? (ख) यदि हाँ, तो स्टॉफ क्वार्टर के निर्माण की भूमि का चयन किया जाकर नींव से लेकर छत स्तर तक का कार्य किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो क्या छत स्तर तक का कार्य स्टाफ क्वार्टर के अनेक आवासों का किया जाकर कार्य अपूर्ण है? (घ) यदि हाँ, तो विगत कई वर्षों से अपूर्ण एवं बंद पड़े स्टॉफ क्वार्टर जो कि अब रख रखाव के अभाव में जीर्ण-शीर्ण होने लगे हैं, उनका पुनः निर्माण कार्य कब प्रारम्भ किया जाकर कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा, ताकि शासन/विभाग को होने वाली हानि एवं व्याख्याताओं, स्टाफ अधिकारियों-कर्मचारियों को होने वाली असुविधा से बचा जा सके?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) शेष कार्य रिस्क एवं कॉस्ट पर पूर्ण कराये जाने हेतु तकनीकी स्वीकृति प्रदान करने विषयक संभागीय परियोजना यंत्री लोक निर्माण विभाग, पी.आई.यू. उज्जैन म.प्र. को पत्र क्रमांक 1154/भवन/सिविल/2013 दिनांक 01.10.13 एवं पत्र क्र. 1152/भवन/सिविल/2013 भोपाल दिनांक 01.10.13 प्रेषित किये गये हैं एवं कार्यालयीन पत्र क्र. 2014/भवन/15 भोपाल दिनांक 06.02.15 एवं पत्र क्र. 203/भवन/सिविल/16 भोपाल, दिनांक 24.06.16 द्वारा परियोजना संचालक, (पी.आई.यू) लोक निर्माण विभाग, निर्माण भवन, भोपाल को आवास गृहों का तकनीकी परीक्षण कर स्ट्रेंथ के संबंध में तकनीकी परीक्षण रिपोर्ट प्रेषित करने हेतु लिखा गया है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की अनियमित नियुक्ति
23. ( *क्र. 670 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के अन्तर्गत स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ श्री कमल सिंह पटले की नियुक्ति किस दिनांक को स्वीपर के पद पर की गई थी? नियुक्ति के समय शैक्षणिक अर्हता क्या थी, किस योग्यता के आधार पर पदांकन किया गया था? क्या शैक्षणिक योग्यता बढ़ाने के लिए विभागीय अनुमति ली गयी थी? यदि हाँ, तो कब एवं किस दिनांक को? (ख) क्या पदांकन के समय उक्त व्यक्ति के शाला स्थानांतरण प्रमाण पत्र में अंकित जन्म तिथि के अनुसार आयु 16 वर्ष की थी? क्या 16 वर्ष की आयु में शासकीय सेवा में पदांकन के नियम हैं? यदि हाँ, तो अन्य विभागों में 16 वर्ष की आयु में पदांकन क्यों नहीं किया जा रहा है? यदि नहीं, तो नियम विरूद्ध पदांकन करने वाले अधिकारी पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या वर्ष 2005 में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बालाघाट द्वारा जानकारी में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को सहायक ग्रेड 3 के पद पर पदोन्नत किया गया है? किस नियम के तहत्? नियम बतावें एवं पदोन्नति के समय जिले की रोस्टर स्थिति क्या थी? द्वितीय पदोन्नति 2002 में कितने सहायक ग्रेड 3 कर्मचारियों की पदोन्नति सहायक ग्रेड 2 के पद पर की गई? सन 2002 से प्रश्न दिनांक तक संक्षिप्त में जानकारी देवें? (घ) क्या पदोन्नति उपरांत शैक्षणिक अर्हता प्रमाण पत्रों का सत्यापन मा.शि.म. भोपाल द्वारा किया गया? यदि हाँ, तो कब एवं किस दिनांक को? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतावें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) श्री कमल सिंह पटले की प्रथम नियुक्ति आदेश क्रमांक 261 दिनांक 31.05.1983 के द्वारा की गई थी। नियुक्ति के समय श्री पटले की शैक्षणिक योग्यता 08 वीं उत्तीर्ण के आधार पर पदांकन किया गया था। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जी नहीं। इस विभाग से संबंधित नहीं। पदांकन करने वाले अधिकारी की मृत्यु हो चुकी है। अतः कार्यवाही करना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तृतीय श्रेणी लिपिकवर्गीय सेवा भर्ती नियम, 1989 के तहत्। पदोन्नति के समय रोस्टर अनुसार सहायक ग्रेड-3 का 01 पद अनुसूचित जाति तथा 03 पद अनारक्षित वर्ग के लिए आरक्षित थे, किन्तु रिक्त नहीं थे। वर्ष 2002 में सहायक ग्रेड-3 से सहायक ग्रेड-2 के पद पर पदोन्नति नहीं हुई। इसके पश्चात् कुल 09 कर्मचारियों को सहायक ग्रेड-3 से सहायक ग्रेड-2 के पद पर पदोन्नत किया गया है। (घ) जी नहीं। मध्य प्रदेश शासन पदोन्नति नियम अंतर्गत शैक्षणिक प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराये जाने संबंधी प्रावधान नहीं है।
स्काउट गाईड एवं रेडक्रास की राशि का दुरूपयोग
24. ( *क्र. 322 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 30/03/2016 के अतारांकित प्रश्न संख्या 32 (क्रमांक 6061) के संदर्भ में क्या श्रीमती ऊषा पमनानी को दिए गए अग्रिम की वसूली/समायोजन समय से न कराने तथा रेडक्रास के पैसे से कलेक्ट्रेट की सफाई में हजारों रूपये नियम विरूद्ध खर्च करने तथा शिकायतकर्ता को बिना सुने क्या जाँच दल ने प्रतिवेदन दिया है? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें। यदि जाँच दल ने जाँच नहीं की तो अभी तक जाँच न करने पर जाँच दल के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी। (ख) दिनांक 01.01.2014 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस की जिला शिक्षा विभाग/कलेक्टर कटनी को शिकायतें प्राप्त हुई हैं। शिकायतवार, कार्यवाहीवार विवरण दें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। कलेक्टर, कटनी द्वारा जाँच कराई जा रही है। जाँच प्रतिवेदन अद्यतन अप्राप्त है। जाँच प्रचलन में होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) दिनांक 17/02/2016 को शिकायतकर्ता श्री चन्द्रशेखर अग्निहोत्री द्वारा की गई शिकायत प्राप्त हुई है, जिसकी जाँच प्रचलन में है, प्रतिवेदन अप्राप्त है।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम का पालन
25. ( *क्र. 166 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान क्षेत्र नागदा-खाचरौद में शिक्षा का अधिकार अधिनियम जिसके अंतर्गत SC, ST एवं BPL परिवारों को 25 प्रतिशत नि:शुल्क एडमीशन किये जाते हैं, के तहत वर्ष 2014-15 से 2015-16 तक कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुये? उनमें से कितने पात्र एवं कितने अपात्र हुये? नाम, पते सहित सूची उपलब्ध करावें। (ख) योजना प्रारंभ से आज तक कितने विद्यालयों ने इस योजना में गड़बड़ियां की हैं? उनकी सूची उपलब्ध करावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र नागदा-खाचरौद में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत गैर अनुदान प्राप्त शासकीय विद्यालयों में न्यूनतम 25 प्रतिशत सीटों पर सत्र 2014-15 में 1175 एवं सत्र 2015-16 में 1087 पात्र आवेदन पत्र प्राप्त हुए हैं। शेष जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) उज्जैन जिले के नागदा कस्बे में विकासखण्ड स्तरीय जाँच प्रतिवेदन में प्रथम दृष्टया फर्जी नामांकन का प्रकरण प्रकाश में आया है, जिसकी विस्तृत जाँच हेतु जाँच दल गठित किया गया है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
NFHS राष्ट्रीय
परिवार
स्वास्थ्य
सर्वेक्षण की
रिपोर्ट
1. ( क्र. 19 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के दिनांक 14 मार्च, 2016 की प्रश्न संख्या 63 (क्रमांक 5177) के संदर्भ में बताएं कि प्रदेश में NFHS राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में कुपोषण के चलते 42 प्रतिशत बच्चे ठिगनेपन के शिकार हैं, उसमें सुधार हेतु शासन ने क्या प्रयास किये व उसका क्या नतीजा रहा? (ख) क्या केन्द्र सरकार के रजिस्ट्रार जनरल कार्यालय के सेन्ट्रल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एस.आर.एस.) के 2014 के बेसलाइन सर्वे के अनुसार बीते वर्षों में सभी प्रदेशों के नवजातों की जन्म मृत्यु के जो आंकड़े जुटाये हैं उसमें मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा व्यक्ति प्रति एक हजार बच्चों में 52 बच्चे पहला जन्मदिन मनाने के पहले ही माँ की गोद सूनी कर देते है एवं प्रदेश की 7 करोड़ 27 लाख जनसंख्या में प्रतिवर्ष 1 करोड़ चालीस लाख बच्चे पैदा होते है उनमें 7 लाख 28 हजार की मौत जन्म के एक साल के बीच हो जाती है? इसका क्या कारण है व ग्रामीण अंचल में संस्थागत प्रसव व जन्म के बाद टीकाकरण व जाँच पड़ताल में सुधार हेतु शासन क्या कर रहा है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। महिला एवं बाल विकास विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार वर्तमान में ठिगनेपन के शिकार बच्चों के लिये पृथक से कोई योजना संचालित नहीं है। 5 वर्ष तक के बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हेतु महिला बाल विकास विभाग द्वारा अतिकम वज़न वाले बच्चों को थर्ड मील, सुपोषण अभियान अंतर्गत 12 दिवसीय स्नेह शिविर तत्पश्चात 18 दिवसीय ग्रह भेंट, तत्पश्चात 6 माह तक फॉलो-अप एवं गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास हेतु संदर्भित किया जा रहा है। इसके साथ ही अतिकम वज़न वाले बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हेतु जनप्रतिनिधियों/सामुदाय द्वारा बच्चों की जिम्मेदारी ली जा रही है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा गंभीर कुपोषित बच्चों के प्रबंधन हेतु 316 पोषण पुनर्वास केन्द्र संचालित है। (ख) जी हाँ, रजिस्ट्रार जनरल कार्यालय के सेम्पल रजिस्ट्रेशन सर्वे-2014 के अनुसार प्रदेश में शिशु मृत्यु दर 52 प्रति हजार जीवित जन्म है। शिशु मृत्यु के कारणों में समय पूर्व जन्म एवं सांस लेने में कठिनाई, बर्थ एस्फिक्सीया, संक्रमण, निमोनिया, डायरिया आदि है। ग्रामीण अंचल में संस्थागत प्रसव व जन्म के बाद टीकाकरण में सुधार हेतु शासन द्वारा की जा रही गतिविधियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
डॉक्टरों एवं कर्मचारियों के रिक्त पदों की पूर्ति
2. ( क्र. 21 ) श्री दिनेश राय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिला सिवनी अंतर्गत शासकीय चिकित्सालयों में कितने-कितने पद किस-किस वर्ग में स्वीकृत हैं? उसमें से कितने पदों की पूर्ति की जा चुकी है एवं कितने पद रिक्त हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? नहीं तो कारणों का उल्लेख करें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार चिकित्सकों के पद किस दिनांक से रिक्त हैं और समय रहते इनकी पूर्ति क्यों नहीं की गई? इसके लिये कौन उत्तरदायी है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) उक्त रिक्त/स्वीकृत चिकित्सकों के पदों के अनुसार पूर्ति/पदस्थापना कब तक कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) चिकित्सकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ एवं कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र’’ब’’ अनुसार है। (ख) विभाग रिक्त पद की पूर्ति हेतु निरंतर प्रयास कर रहा है। पर्याप्त मात्रा में विशेषज्ञ/चिकित्सक उपलब्ध नहीं होने से पदपूर्ति नहीं की जा सकी है। हाल ही में लोक सेवा आयोग की प्रतिक्षा सूची में से शासन आदेश दिनांक 10.06.2016 के द्वारा 05 चिकित्सकों को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला सिवनी के अधीन पदस्थ किया गया है। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग से 1896 चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया प्रचलन में है। पदोन्नति/सीधी भर्ती के माध्यम से पैरामेडिकल/नर्सिंग संवर्ग के कर्मचारियों व अन्य सहायक स्टॉफ के पदों की पूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। उत्तरांश ’’ख’’ अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ’’ख’’ अनुसार विशेषज्ञ/चिकित्सकों की पदपूर्ति की प्रक्रिया निरंतर जारी है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जाँच प्रतिवेदन पर कार्यवाही
3. ( क्र. 31 ) डॉ. मोहन यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी आर.के. मिश्रा द्वारा राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान अंतर्गत निर्माण कार्य किये गये भ्रष्टाचार के संबंध में की गई जाँच के संबंध में समस्त कार्यवाही, जाँच प्रतिवेदन, पत्राचार आदि का विवरण उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार दोषी पाये जाने पर आर.के मिश्रा पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही की प्रमाणित प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? यदि कोई कार्यवाही नहीं की हो तो कारण बतावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी श्री आर.के.मिश्रा के विरूद्ध राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान अंतर्गत निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार के संबंध में कोई जाँच नहीं की गई। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान अंतर्गत अतिरिक्त कक्ष के निर्माण में कक्ष कम आकार के बनाने के कारण कलेक्टर जिला उज्जैन के द्वारा कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग, उज्जैन से जाँच कराई गई। कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग ने अपने जाँच प्रतिवेदन में उल्लेख किया है कि निर्माण एजेन्सी लघु उद्योग निगम द्वारा कक्ष निर्धारित मापदण्ड से कम आकार के बनाये गये। प्रतिवेदन के आधार पर कलेक्टर, जिला उज्जैन द्वारा प्रबंध संचालक, म.प्र.लघु उद्योग निगम को संपूर्ण राशि लौटाने एवं लघु उद्योग निगम के दो दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु लिखा गया। जाँच प्रतिवेदन एवं अन्य पत्राचार की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न ही नहीं होता।
अध्यापक संवर्ग की सेवा शर्तें
4. ( क्र. 48 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या अध्यापक संवर्ग को अन्य शिक्षकों की भांति सेवा शर्तें लागू हैं? हाँ, तो क्या इन्हें बीमा, स्वैच्छिक स्थानांतरण, गृह भाड़ा, चिकित्सा प्रतिपूर्ति 6वें वेतनमान प्रमोशन में से क्या-क्या प्राप्त हो रहे हैं? यदि नहीं, तो क्यों? क्या यह बच्चों को अन्य शिक्षकों की भांति नहीं पढ़ाते हैं, यदि हाँ, तो शेष लाभ कब तक उन्हें दिये जावेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : जी नहीं। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। इनका कार्य शासकीय शालाओं में अध्यापन कराना है। अध्यापक संवर्ग स्थानीय निकाय अंतर्गत पंचायत/ नगरीय निकाय के कर्मचारी है। इनकी सेवाएं पृथक से बनाये गये नियम/ निर्देश से शासित होती है। वर्तमान में समूह बीमा योजना, स्वैच्छिक स्थानान्तरण, गृह भाड़ा, चिकित्सा प्रतिपूर्ति का प्रावधान नहीं है। छठवें वेतनमान में वेतन निर्धारण संबधी जारी आदेश शासन निर्देश के अनुसार स्थगित किये गये है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सहायक शिक्षकों की पदोन्नति
5. ( क्र. 56 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा तीन वर्षों से सहायक शिक्षकों की पदोन्नति नहीं की गई, जबकि छ:-छ: माह में पदोन्नति समिति की बैठक बुलाये जाने के निर्देश शासन द्वारा दिये गये है? (ख) क्या जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा सहायक शिक्षकों की पदोन्नति हेतु संकुल केन्द्रों से प्रस्ताव मंगाये गये थे? यदि हाँ, तो पदोन्नति क्यों नहीं की गई? (ग) सतना जिले में सहायक शिक्षकों की पदोन्नति कब तक कर दी जायेगी? क्या सहायक शिक्षक, सहायक शिक्षक से ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं? जबकि सहायक अध्यापक संविदा अवधि पूर्ण करने के बाद तीन वर्ष में ही पदोन्नति प्राप्त कर रहे हैं? (घ) यदि हाँ, तो सहायक शिक्षकों की पदोन्नति करने हेतु शासन की क्या योजना है? क्या व्याख्याता संवर्ग के समान सीधी भर्ती से भरे जाने वाले सहायक शिक्षकों को भी समयमान वेतनमान का लाभ दिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। विगत तीन वर्षों में सहायक शिक्षक से शिक्षक के पद पर दिनांक 12.04.2013 को 283, दिनांक 14.09.2013 को 07, दिनांक 24.05.14 को 32 एवं सहायक शिक्षक से प्राथमिक प्रधानाध्यापक के पद पर दिनांक 02.09.2013 को 117 लोकसेवकों की पदोन्नति की गई। जी हाँ। (ख) जी हाँ। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के पारित निर्णय 20.04.16 द्वारा पदोन्नति नियम, 2002 को निरस्त कर दिये जाने के कारण पदोन्नति की कार्यवाही स्थगित कर दी गई है। (ग) प्रश्नांश (ख) उत्तर के प्रकाश में शासन स्तर से पदोन्नति के संबंध में नवीन दिशा निर्देश प्राप्त होने पर पदोन्नति की कार्यवाही की जावेगी। सहायक अध्यापक एवं संविदा शिक्षकों को तीन वर्ष में पदोन्नति दिये जाने का प्रावधान नहीं है। (घ) सहायक शिक्षकों की पदोन्नति भर्ती एवं पदोन्नत नियम, 1973 के संशोधन 4 अगस्त, 2012 अनुसार की जाती है। वर्तमान में समयमान वेतनमान का लाभ प्रदाय किये जाने का प्रावधान नहीं है।
अनुकम्पा नियुक्ति
6. ( क्र. 67 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में 1 जनवरी 2013 के पश्चात् कितने अध्यापक संवर्ग के शिक्षकों की मृत्यु किस-किस दिनांक को हुई? कितने पीड़ित परिवारों को अनुकम्पा नियुक्ति का लाभ दिया? (ख) उक्त मृत शिक्षकों के nsdl पेंशन स्कीम योजना में कितनी-कितनी राशी जमा थी क्या उनके परिवारों को वह राशि प्रदान कर दी गई है? यदि हाँ, तो उक्त संभाग की दिनांक सहित सूची देवें, यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शिक्षा अधिकार नए नियमों के तहत अनुकम्पा नियुक्ति प्राप्त करने वाले परिवारजन के लिए बी.एड. बी.टी.आई. होना तथा व्यापम की संविदा परीक्षा पास होना अनिवार्य है? यदि हां, तो आकस्मिक मृत्यु के प्रकरण में क्या शासन ऐसे नियमों को अव्यवहारिक नहीं मानता? यदि हाँ, तो प्रदेश शासन ने कब-कब केंद्र सरकार को अव्यवहारिकता से अवगत कराया? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या प्रदेश सरकार अध्यापकों की अनुकम्पा नियुक्ति के सरलीकरण का विचार रखती है? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) उज्जैन संभाग अंतर्गत 01 जनवरी 2013 के पश्चात् 76 अध्यापक संवर्ग के शिक्षकों की मृत्यु हुई है। सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। संभाग अंतर्गत पीड़ित परिवार के 04 सदस्यों को अनुकंपा नियुक्ति दी गई एवं 01 पीड़ित परिवार के सदस्य को उसके आवेदन अनुसार एक मुश्त राशि का भुगतान किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' एवं ''चार'' अनुसार है। त्रुटि सुधार उपरांत भुगतान हेतु प्रकरण एन.एस.डी.एल. को प्रेषित कर दिये गये है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''पाँच'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। भारत सरकार का नि:-शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के प्रभावशील है, जिसका अनुपालन संवैधानिक बाध्यता है।
स्कूलों में शिक्षकों की कमी एवं पेयजल समस्या
7. ( क्र. 71 ) श्री दिनेश राय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधान सभा क्षेत्र में समस्त स्कूलों में शिक्षकों की कमी प्रत्येक स्कूलवार बतायें? (ख) स्कूलों में फर्नीचर, बाउंड्रीवाल, पेयजल की समस्या किन-किन शालाओं में है? स्कूलवार बतायें? (ग) प्रश्नांश (क),(ख) के अनुसार जो समस्या है उसके लिए क्या कार्यवाही की गई? (घ) समस्त समस्याएं कब तक पूर्ण कर दी जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में फर्नीचर का प्रावधान न होने से समस्त शालाओं में यह व्यवस्था नहीं है। बाउण्ड्रीवाल व पेयजल समस्या संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) शिक्षकों के रिक्त पदों की पूर्ति संविदा शाला शिक्षकों की भर्ती/पदोन्नति/ स्थानांतरण/अतिथि शिक्षकों के माध्यम से की जाती है, जो एक सतत् प्रक्रिया है। फर्नीचर, बाउण्ड्रीवाल व पेयजल के स्थाई स्त्रोत की व्यवस्था सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण नहीं की जा सकी है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय स्कूलों का भवन निर्माण
8. ( क्र. 77 ) श्री सचिन यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्ड भीकनगाव, ग्राम बलखडिया एवं अदंड में संचालित शासकीय हाईस्कूल जो भवन विहीन हैं, इन स्कूलों के भवन निर्माण की स्वीकृति नहीं मिलने के क्या कारण हैं? (ख) उक्त शासकीय स्कूलों में वर्तमान में छात्र-छात्राओं की संख्या कितनी-कितनी है और क्या उनके मान से स्कूलों में बैठने की मूलभूत सुविधाएं पर्याप्त है? हाँ, तो बतायें नहीं तो क्यों कारण दें? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित शासकीय स्कूलों के भवन निर्माण की स्वीकृति कब तक प्रदान कर निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा? नहीं तो कारणों का उल्लेख करें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्ड भीकनगांव के शासकीय हाईस्कूल अंदड में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अधियान के तहत सुद्धढ़ीकरण के अंतर्गत 04 कक्ष एवं 01 शौचालय का निर्माण कराया गया है, वर्तमान में शाला का संचालन उक्त कक्षों में किया जा रहा है। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अधियान के तहत भारत शासन द्वारा राशि की उपलब्धता के आधार पर भवन/सुदृढ़ीकरण के कार्य स्वीकृत किए जाते हैं। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अधियान के तहत हाईस्कूल बलखडिया के लिए अभी तक कोई स्वीकृति नहीं दी गई है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के प्रकाश में समय-सीमा दी जाना संभव नहीं है।
आवास आवंटन
9. ( क्र. 79 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या राज्यमंत्री,पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ विभाग द्वारा जो आवास आवंटित किये जाते हैं उसके क्या नियम हैं? नियम की प्रति उपलब्ध करावें? एक परिवार (एक राशन कार्ड पर) के कितने सदस्यों को आवास आवंटित किये जा सकते हैं? जानकारी देवें व किस-किस जाति के लोगों को आवास देने की पात्रता है? जाति की सूची उपलब्ध करावें? (ख) राजगढ़ जिले की नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत हुलखेड़ी में विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ विभाग द्वारा दिनांक 01 जनवरी 2010 से प्रश्न दिनांक तक कितने आवास किस-किस वर्ष में किस-किस व्यक्ति को आवंटित किये? हितग्राही का नाम/पिता का नाम/जाति/वर्षवार सूची उपलब्ध करावें? (ग) क्या प्रश्न की कंडिका (क) में बतायें गये आवास आवंटन के नियम अनुसार ही, प्रश्न की कंडिका (ख) में उपलब्ध कराई गई सूची अनुसार आवास आवंटित किये गये हैं? (घ) प्रश्न की कंडिका (क), (ख),(ग) के अनुसार आवास आवंटन में किसी शासकीय नियम की अनियमितता हुई है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि कोई दोषी है, तो शासन क्या कार्यवाही कब तक करेगा?
राज्यमंत्री,पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति वर्ग के सदस्यों को आवास निर्माण के अनुदान नियम 2013 एवं संशोधन प्रभावशील दिनांक 01.04.2014 के नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। सामान्यतः एक परिवार के एक व्यक्ति को आवास आंवटित किया जाता है। गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले आवासहीन बेघर परिवारों का चयन ग्राम सभा द्वारा किए जाने के उपरांत आवास आंवटन संबंधी प्रक्रिया सुनिश्चित की जाती है। जाति की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’’ अनुसार है। (ख) राजगढ़ जिले की नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत हुलखेडी में विमुक्त घुमक्कड अर्द्धघुमक्कड़ विभाग द्वारा दिनांक 01 जनवरी 2010 से प्रश्न दिनांक तक मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत नरसिंहगढ़ से प्राप्त प्रस्ताव अनुसार आवास अनुदान राशि स्वीकृत की गई हैः-
क्र.
वर्ष योजना
का नाम हितग्राहियों
की संख्या
राशि (लाखों में)
1. 2014-15 आवास 68 30.60
2. 2014-15 आवास 120 53.90
3. 2015-16 आवास 65 39.00
हितग्राहियों
की सूची पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''स''
अनुसार
है। (ग) जी हाँ।
(घ) माननीय
विधायक महोदय
विधान सभा
क्षेत्र
नरसिंहगढ़
द्वारा ग्राम
हुलखेडी में विमुक्त
घुमक्कड एवं
अर्द्धघुमक्कड
जनजाति आवास
योजना के तहत
निर्मित आवास
निर्माण की शिकायत
की जाँच
अनुविभागीय
अधिकारी
राजस्व नरसिंहगढ़
द्वारा की जा
रही है। जाँच
की प्रक्रिया
प्रचलन में
है।
शिक्षकों का स्थानांतरण
10. ( क्र. 80 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले में जून 2015 में शिक्षा विभाग ने नियमों को दरकिनार कर शिक्षकों/सहायक अध्यापकों के स्थानांतरण किये थे? इस संबंध में जिला प्रभारी मंत्री व अन्य जनप्रतिनिधियों ने तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी पर गलत तरीके से स्थानांतरण के संबंध में तत्कालीन कलेक्टर राजगढ़ को पत्र लिखे व आरोप लगाये गये थे? (ख) प्रश्न की कंडिका (क) की उपलब्ध जानकारी अनुसार शिक्षकों/सहायक अध्यापकों के स्थानांतरण में गलती के लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? इस संबंध में कोई जाँच कमेटी बनाई गई थी? यदि हाँ, तो उस जाँच कमेटी में कौन-कौन अधिकारी नियुक्त थे? जाँच कमेटी द्वारा किस-किस दिनांक को किन-किन बिंदुओं पर जाँच की गई? बिन्दुवार जानकारी दें? (ग) प्रश्न की कंडिका (क), (ख) की उपलब्ध जानकारी अनुसार शिक्षकों/सहायक अध्यापकों के स्थानांतरण में दोषी अधिकारी के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों नहीं की गई?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री (
कुँवर विजय
शाह ) : (क) जी हाँ, जून 2015 में 58
शिक्षकों/सहायक
शिक्षकों के
स्थानातंरण
किये गये। जी
हाँ। (ख) श्री
संतोष कुमार
मिश्रा जिला
शिक्षा अधिकारी
एवं श्री
गोविंद दुबे
लेखापाल (स्थापना
प्रभारी ) कार्यालय
जिला शिक्षा
अधिकारी
राजगढ़ दोषी
है। जी हाँ। मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जिला
पंचायत राजगढ़
द्वारा श्री
जितेन्द्र
कुमार जैन, अतिरिक्त
मुख्य
कार्यपालन
अधिकरी जिला
पंचायत
राजगढ़,
श्री
बी.एस.मीणा, जिला
रोजगार
अधिकारी
राजगढ़ एवं
श्री व्ही.एस.राठौर
जिला
परियोजना
समन्वयक (सर्व
शिक्षा
अभियान) जिला
राजगढ़ जाँच
कमेटी में
नियुक्त किये
गये थे। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''एक'' अनुसार।
(ग)
श्री
संतोष मिश्रा, जिला
शिक्षा
अधिकारी
राजगढ़ को
कलेक्टर, जिला
राजगढ़ के
पत्र दिनांक 24.08.2015 द्वारा
चेतावनी दी
जाकर भविष्य
में कर्तव्य के
प्रति सजग
रहकर कार्य
करने हेतु
पाबंद किया
गया है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''दो'' अनुसार।
श्री
गोविन्द दुबे, लेखापाल
(स्थापना
प्रभारी) कार्यालय
जिला शिक्षा
अधिकारी
राजगढ़ को कलेक्टर, राजगढ़ के
आदेश दिनांक 24.08.2015 द्वारा
निलंबित किया
गया है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''तीन'' अनुसार।
तद्उपरान्त
जिला शिक्षा
अधिकारी जिला
राजगढ़ के
आदेश दिनांक 09.12.2015 द्वारा
निलंबन से
बहाल करते हुए
विभागीय जाँच
प्रचलित है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''चार'' अनुसार।
शेषांश
का प्रश्न ही
उपस्थित नहीं
होता।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बण्डा में रेनोवेशन कार्य
11. ( क्र. 91 ) श्री हरवंश राठौर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बण्डा में रेनोवेशन का कार्य किस ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है एवं उक्त कार्य हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई है एवं आज दिनांक तक कितनी राशि किस कार्य हेतु व्यय की गई? (ख) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बण्डा के भवन निर्माण वर्ष की जानकारी एवं रेनोवेशन कार्य हेतु भवन का उपयंत्री द्वारा स्थल पर रेनोवेशन कार्य हेतु प्राक्कलन एवं पंचनामा तैयार किया गया है या नहीं? यदि हाँ, तो प्राक्कलन एवं पंचनामा रिपोर्ट का विवरण उपलब्ध कराया जाए? (ग) क्या उक्त रेनोवेशन कार्य बिना प्राक्कलन के हो रहा है? यदि हाँ, तो क्या प्राक्कलन में जर्जर दीवारों पर निर्माण कर टीन शेड बनाए जाने का प्रावधान है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) मेसर्स राजेन्द्र सिंह लोधी सागर, राशि रुपये 40.00 लाख, किये गये कार्य पर कोई भुगतान नहीं किया गया है। (ख) भवन निर्माण वर्ष 1967-68 है एवं पूर्व में उन्नयन वर्ष 1985-86 में हुआ है, जी नहीं, रेनोवेशन कार्य का प्राक्कलन वास्तुविद् द्वारा तैयार किया गया है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। जी हाँ किन्तु भवन की दीवारे जर्जर नहीं है, परंतु वर्षाकाल में पानी के रिसाव से बचने के लिये जी.आई.प्रोफाइल शीट का शेड बनाया गया है।
प्रदेश में बच्चों की मृत्यु
12. ( क्र. 101 ) श्री रामनिवास रावत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जून 2016 की स्थिति में प्रदेश में 0-6 एवं 6-12 वर्ष उम्र के बच्चों की संख्या कितनी है. इनमें से कितने बच्चे कुपोषित है. जिलेवार बतावे. यह संख्या कुल बच्चों की संख्या का कितने प्रतिशत है? (ख) 01 जनवरी 2016 से प्रश्नांकित तिथि तक 0-6 एवं 6-12 वर्ष उम्र तक के कितने बच्चों की मृत्यु किन कारणों (मीजल्स, डायरिया, मलेरिया, डेंगू, स्वाईनफ्लु, कुपोषण एवं अन्य बीमारी नाम सहित) से हुई. जिलेवार बतावें? श्योपुर जिले में कुपोषित बच्चों की संख्या तहसीलवार बतावें. (ग) बच्चों की मृत्यु एवं कुपोषण की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा क्या प्रयास किये हैं. शासन की कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं. इन योजनाओं में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कितनी राशि आवंटित की गई है? कितनी राशि अभी तक व्यय की गई है वर्षवार बतावें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) महिला एवं बाल विकास विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार जून 2016 की स्थिति में प्रदेश में 0-6 वर्षीय बच्चों की जिलेवार कुल संख्या, 0-5 वर्षीय कुपोषित बच्चों की संख्या एवं प्रतिशत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जिलेवार 6-12 वर्षीय बच्चों की संख्या एवं उनमें कुपोषण संबंधी कोई प्रतिवेदन राज्य स्तर पर उपलब्ध नहीं है। (ख) प्रश्नांश 01 जनवरी 2016 से प्रश्नांकित तिथि तक 0-6 एवं 6-12 वर्ष उम्र तक के बच्चों की मृत्यु के कारणों (मीजल्स, डायरिया, मलेरिया, डेंगू, स्वाईनफ्लु, कुपोषण एवं अन्य बीमारी नाम सहित) की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। महिला एवं बाल विकास विभाग से प्राप्त श्योपुर जिले में कुपोषित बच्चों की परियोजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। तहसीलवार जानकारी का संधारण नहीं किया जाता है। (ग) स्वास्थ्य विभाग द्वारा बच्चों की मृत्यु एवं कुपोषण की रोकथाम हेतु किये गये प्रयास की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 एवं महिला बाल विकास विभाग द्वारा कुपोषण की रोकथाम हेतु की गई गतिविधियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन योजनाओं पर वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में आवंटित एवं व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है तथा महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं पर वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में आवंटित एवं व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-7 अनुसार है।
शालाओं का उन्नयन
13. ( क्र. 115 ) श्री सुदेश राय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सीहोर के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र 159 सीहोर में वर्ष 2013-14 से आज दिनांक तक प्रा.शाला को मा.शाला, मा.शाला को हाईस्कूल एवं हाईस्कूल को हायर सेकण्डरी स्कूल में उन्नयन की क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा कितनी शाला का उन्नयन किया गया है, केटेगिरी वाईज बतावें? (ख) यदि उन्नयन नहीं हुआ था तो शासन के मापदण्ड हैं, प्रा.शाला से हायर सेकण्डरी स्कूल तक उन्नयन के पृथक-पृथक नियम बतावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) 02 प्राथमिक शालाओं का माध्यमिक शालाओं में, 02 माध्यमिक शालाओं का हाईस्कूल में एवं 02 हाईस्कूल का हायर सेकण्डरी स्कूलों में उन्नयन किया गया है। (ख) निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 अंतर्गत निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियम 26 मार्च 2011 की धारा-4 में पडोस की परिभाषा निम्नानुसार हैः- (1) क्षेत्र या पडोस की सीमाएं जिनके भीतर राज्य सरकार द्वारा स्कूल स्थापित किया जाना है नियम 2 के उपनियम (1) के खण्ड (ट) में यथा परिभाषित क्षेत्र या सीमा होगीः परन्तु यह और कि यदि क्षेत्र के भीतर किसी बसाहट या पडोस की सीमा के भीतर तीन किमी की परिधि में कोई मिडिल स्कूल की सुविधा उपलब्ध नहीं है और 11 से 14 वर्ष की आयु के कम से कम 12 बच्चे उपलब्ध है, तो राज्य सरकार ऐसी बसाहट में मिडिल स्कूल की सुविधा उपबंध करेगी। हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूल के उन्नयन हेतु निर्धारित मापदण्ड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
स्टोर कीपर एवं सिविल सर्जन के विरूद्ध कार्यवाही
14. ( क्र. 135 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री साहू जिला चिकित्सालय टीकमगढ़ में स्टोर (दवाइयों) को बांटे जाने के प्रभारी हैं? क्या साहू स्वास्थ्य केंद्र पलेरा के लिये स्थानांतरित हो चुके थे, परंतु सिविल सर्जन टीकमगढ़ द्वारा भारमुक्त क्यों नहीं किया गया तथा किस नियम के तहत साहू को जिला चिकित्सालय में रखा गया तथा साहू लिपिक वर्ग में है तो किसी अन्य कार्य इन्हें क्यों नहीं सौंपा जाता है? दवाइयों के स्टोर में ही तैनाती क्यों की गई? कारण स्पष्ट करें? (ख) क्या दवाइयों के स्टोर से श्री साहू एवं सिविल सर्जन लाखों रूपयों की दवाओं की कालाबाजारी करते हैं तथा आम जनता को दवाई देने में परेशान करते हैं? क्या साहू एवं सिविल सर्जन की दवाइयों के स्टोर की जाँच करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक समयावधि बतायें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। श्री पी.एन. साहू कम्पाउंडर का स्थानांतरण जिला स्थानांतरण बोर्ड द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पलेरा किया गया था। जिला चिकित्सालय में कार्य की अधिकता, स्टॉफ की कमी एवं श्री साहू के स्थान पर स्थानांतरित फार्मासिस्ट द्वारा कार्य ग्रहण नहीं करने के कारण श्री साहू को उक्त कर्मचारी के उपस्थित होने तक कार्यमुक्त नहीं किया गया है। श्री साहू के लिपिक वर्ग में नहीं आने के कारण इन्हें अन्य कार्य नहीं सौंपे गये। (ख) सिविल सर्जन एवं श्री साहू द्वारा दवाओं की कालाबाज़ारी करने की कोई शिकायत कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, टीकमगढ़ में प्राप्त नहीं हुई है। जिला चिकित्सालय में दवाओं का विधिवत स्टॉक संधारण किया जाता है एवं जिला चिकित्सालय के वार्डों, दवा वितरण केन्द्र, इंजेक्शन रूम आदि को नियमित रूप से दवा प्रदाय की जाती है। अस्पताल में आने वाले एवं भर्ती मरिजों को दवाएँ प्रदान की जाती है। जिला चिकित्सालय टीकमगढ़ सहित जिले की स्वास्थ्य संस्थों के भण्डार का समय-समय पर औचक स्टॉक सत्यापन एवं निरीक्षण कराया जाता है।
अल्पसंख्यक विद्यालयों में अल्पसंख्यक विद्यार्थी की संख्या
15. ( क्र. 144 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में अल्पसंख्यक आधार पर कितने एम.पी बोर्ड एवं सी. बी. एस. सी मान्यता प्राप्त विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है अल्पसंख्यक विद्यालयों को दी जाने वाली मान्यता नियमो की सूची उपलब्ध करायें? (ख) उक्त विद्यालयों में अध्यनरत कितने बच्चे अल्पसंख्यक है तथा कितने अन्य किस-किस श्रेणी के अध्यनरत है? जिलेवार,विद्यालयवार सत्र 2015-16 की जानकारी देवें? (ग) क्या अल्पसंख्यक विद्यालयों में अनिवार्य शिक्षा अधिनियमों के अंतर्गत नि:शुल्क शिक्षा प्राप्त नहीं कराई जाती, तथा वे इस नियम के लिए प्रतिबन्धित नहीं है यदि हाँ, तो क्या सरकार मानती है इसका मुख्य कारण अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों को सुविधा प्रदान करना है, उत्तर यदि हाँ, तो इन विद्यालयों में सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों की संख्या अधिक क्यों है यहाँ अल्प संख्यक विद्यार्थियों से बड़ी फीस एवं डोनेशन क्यों लिया जाता है? उन्हें अपने ही विद्यालयों में नि:शुल्क शिक्षा उपलब्ध क्यों नहीं कराई जाती? (घ) 1 जनवरी 2013 के पश्चात् उक्त विद्यालयों में सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों की संख्या अधिक होने एव अन्य सुविधाओं की जाँच कब-कब किस-किस सक्षम अधिकारी ने की, जाँचकर्ता का नाम विद्यालयों का नाम सहित जानकारी देवें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) उज्जैन संभाग में अल्पसंख्यक संस्थाओं द्वारा 33 एम.पी.बोर्ड तथा 35 सी.बी.एस.सी. से मान्यता प्राप्त विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। अल्पसंख्यक संस्थाओं को मान्यता प्रमाण पत्र राज्य अल्पसंख्यक आयोग भोपाल एवं केन्द्रीय अल्पसंख्यक आयोग नई दिल्ली से जारी किये जाते है। मान्यता नियमों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ' अनुसार है। (ख) उज्जैन संभाग के जिलों में अल्पसंख्यक संस्थाओं द्वारा चलाए जा रहे विद्यालयों में कुल 15006 छात्र अल्पसंख्यक एवं 71608 अन्य श्रेणी के छात्र अध्ययनरत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार। (ग) माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा याचिका क्रमांक डब्ल्यूपी. (सी) नं. 95/2010 में पारित निर्णय दिनांक 12.4.2012 के अनुसार अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थाओं को शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों से मुक्त रखा गया है। इस संबंध में म.प्र. शासन, स्कूल शिक्षा विभाग से जारी निर्देश दिनांक 26.7.2012 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार। (घ) उज्जैन संभाग के जिलों में जनवरी, 2013 के पश्चात् उक्त विद्यालयों में सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों की संख्या अधिक होने एवं अन्य सुविधाओं की जाँच नहीं की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र में स्कूलों का उन्नयन
16. ( क्र. 146 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2012-13 में किन-किन हाईस्कूलों को हायर सेकण्डरी में उन्नयन किया गया है? स्कूलवार विवरण दें तथा क्या उन्नयन अनुसार स्कूलों में प्रवेश दिया गया या नहीं जिले में कितने हाईस्कूल से हायर सेकण्डरी स्कूल के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं? पृथक-पृथक विवरण दें, उनमें से शासन के नियमानुसार कितने निर्धारित मापदण्ड पूर्ण करते हैं, कितने नहीं, कारण सहित बताएं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार जिन स्कूलों का उन्नयन किया गया है उनमें अतिरिक्त भवन बनाए गये हैं यदि नहीं, बनाए गये तो कब तक बनाए जायेंगे? (ग) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा कार्यालयीन पत्र क्रमांक 20 दिनांक 11.04.2016 द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी से बिन्दु क्रमांक 1 से 8 तक की जानकारी चाही गई थी जो निर्धारित समय-सीमा में न दिये जाने के लिए कौन दोषी हैं बताएं उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी तथा चाही गई जानकारी कब तक उपलब्ध करा दी जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रश्नांश अवधि में बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत शासकीय हाईस्कूल खिरैवा क्रमांक-2 एवं शासकीय हाईस्कूल देवगांव एवं हाईस्कूल पिपरिया परोहा का हायर सेकण्डरी स्कूल में उन्नयन किया गया। इन शालाओं में सत्र 2013-14 में प्रवेश दिया गया। वर्ष 2016-17 हेतु जिलों से उन्नयन के प्रस्ताव मंगाये गये हैं, जिनका परीक्षण किया जा रहा है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं, बजट प्रावधान एवं स्वीकृति पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश अनुसार जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा दिनांक 29.04.2016 को माननीय विधायक जी को प्रेषित की है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संविदा शिक्षकों का संविलियन
17. ( क्र. 165 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अता. प्रश्न सं. 86 (क्रमांक-7132) 1 अप्रैल 2016 के उत्तर में संविलियन का प्रकरण मान. उच्च न्यायालय में लंबित होने का उत्तर दिया गया है। यदि हाँ, तो किस संविदा शाला शिक्षक का प्रकरण मान. उच्च न्यायालय में विचाराधीन है एवं किस संविदा शाला शिक्षक का संविलियन हेतु आवेदन विभाग/कार्यालय नगरपालिक निगम कटनी में विचाराधीन है. (ख) क्या मान. उच्च न्यायालय द्वारा प्रकरण में संविलियन पर कोई रोक लगाई गई है.
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। सुश्री संगीता ठाकुर संविदा शाला शिक्षक श्रेणी-3 द्वारा माननीय उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश जबलपुर में रिट याचिका क्रमांक 18438/2015 दायर की गई। उक्त प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। नगर पालिक निगम कटनी के द्वारा संचालित शालाओं में कार्यरत संगीता ठाकुर संविदा शाला शिक्षक श्रेणी-3 एवं श्रीमती रूपभास्कर, संविदा शाला शिक्षक श्रेणी-2 के संविलियन के प्रकरण विचाराधीन है। (ख) जी नहीं।
ठेका श्रमिकों को स्थाई किया जाना
18. ( क्र. 167 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र नागदा खाचरौद नगर में नागदा में केमिकल डिवीजन इण्डस्ट्रीज स्थापित है एवं इस इण्डस्ट्रीज में वर्तमान में स्थाई श्रमिकों से ज्यादा ठेका श्रमिक कार्यरत है, जिन्हें काफी वर्षों से कार्य करते रहने से काफी अनुभव हो चुका है? (ख) क्या इस उद्योग में जब भी स्थाई श्रमिकों की भर्ती होती है तो इन अनुभवी ठेका श्रमिकों को नहीं लिया जाकर अन्य नयी भर्ती कर ली जाती है? (ग) क्या भविष्य में इन ठेका श्रमिकों में से स्थाई कर्मचारियों का चयन किया जावेगा? ऐसी योजना पर विचार चल रहा है? यदि हाँ, तो अवगत करावें एवं नहीं तो कब तक योजना बना ली जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी हाँ। (ख) ठेका श्रमिकों से स्थायी श्रमिकों की भर्ती संबंधी कोई प्रावधान श्रम अधिनियमों में नहीं है। अत: इस आशय की जानकारी संधारित नहीं की जाती है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
30 बिस्तरीय अस्पताल की स्वीकृति
19. ( क्र. 198 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन भोपाल का पत्र क्र./एन.यू.एच.एम./ शहरी स्वास्थ्य/ 2014/ 8745 भोपाल, दिनांक 20.10.2014 के पत्र द्वारा अवगत कराया गया था कि 50 हजार या अधिक जनसंख्या होने पर अस्पताल खोले जाने का प्रावधान है? (ख) यदि पत्र के द्वारा 50 हजार या उससे अधिक जनसंख्या होने पर राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन द्वारा अस्पताल खोले जाने का प्रावधान है तो विधानसभा क्षेत्र नरियावली में स्थित मकरोनिया बुजुर्ग नगर पालिका जिसकी जनसंख्या लगभग 01 लाख से अधिक एवं मतदाताओं की संख्या 60 हजार के लगभग है तो विभाग द्वारा 30 बिस्तरीय अस्पताल की स्वीकृति कब तक दी जावेगी? (ग) यदि विभाग द्वारा पत्र के माध्यम से दी गई सूचना वर्ष 2014 के प्रावधान के अनुसार 50 हजार से अधिक जनसंख्या पर अस्पताल खोले जाने का प्रावधान था तो विभाग द्वारा अस्पताल खोले जाने के संबंध में क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत 50 हजार या इससे अधिक जनसंख्या जिसमें से 30 हजार की जनसंख्या अर्बन पुअर/अर्बन स्लम की होने पर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोले जाने का प्रावधान है। 2.5 लाख या इससे अधिक शहरी आबादी होने की स्थिति में 30 बिस्तरीय शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने का प्रावधान है। (ग) विभाग द्वारा दिनांक 27/02/2016 को मकरोनिया क्षेत्र में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र प्रारंभ कर दिया गया है।
पदोन्नति की प्रक्रिया
20. ( क्र. 199 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्र./ सी/3-7/2002/1/3 भोपाल दिनांक 03 नवम्बर 2009 म.प्र. लोक सेवा पदोन्नति नियम 2002 नियम 6 (3) (4) एवं नियम 7 (4) (5) में जनवरी से 31 दिसम्बर के दौरान शासकीय सेवकों की पदोन्नति के लिये रिक्तियों की गणना कर प्रतिवर्ष पदोन्नति का प्रावधान किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो आदिम जाति कल्याण विभाग में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में रिट पिटीशन क्र. 18324/2010 दिनांक 11.10.2013 के अंतरिम आदेश में शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार 01.01.2012 से प्रश्न दिनांक तक मंडल संयोजक से क्षेत्र संयोजक की पदोन्नति हेतु जातिवार/वर्षवार कितने पद रिक्त है? इन पदों पर पदोन्नति की प्रक्रिया कितने वर्षों से नहीं हुई? (घ) प्रश्नांश (क),(ख) एवं (ग) का पालन नहीं होने से कितने जिलों/जनपदों में शिक्षा संवर्ग/प्रशासन संवर्ग के विभागीय/गैर विभागीय राजपत्रित/अराजपत्रित आहरण संवितरण अधिकारी (अनु.जाति./जनजाति/अन्य) प्रभारी के रूप में कार्यरत है? नाम, मूल पद, कार्यरत पद सहित सूची प्रदान करें।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) आदेश दिनांक 21/07/2010 द्वारा 30 प्रतिशत कटौती के अन्तर्गत क्षेत्र संयोजक/विकासखण्ड अधिकारी के 60 पद समर्पित करते हुए डाइंग कैडर घोषित किये जाने के कारण क्षेत्र संयोजक एवं विकासखण्ड अधिकारी के पद आधिक्य में होने से मंडल संयोजक से क्षेत्र संयोजक के पद पर पदोन्नति नहीं की जा सकी है। वर्ष 2012 से हुए रिक्त पदों पर पदोन्नति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
नवीन स्वास्थ्य केन्द्रों में स्टॉफ एवं संसाधनों की पूर्ती
21. ( क्र. 207 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015-16 में जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जावरा नगर, पिपलोदा तहसील एवं जावरा तहसील में केंद्र/राज्य प्रवर्तित योजना के माध्यम से शहरी एवं ग्रामीण उपस्वास्थ्य केंद्र प्रारम्भ किये जाने की स्वीकृति दी गयी थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त योजना के माध्यम से स्वीकृत जावरा नगर शहरी उपस्वास्थ्य केंद्र प्रारम्भ कर दिया गया है,किन्तु पिपलोदा तहसील एवं जावरा तहसील के स्वीकृत उपस्वास्थ्य केंद्र प्रारम्भ नहीं किये गए है? (ग) क्या पिपलोदा तहसील के ग्राम उम्मेदपुरा, चिपिया एवं सुजापुर तथा जावरा तहसील के ग्राम बिनोली, बहादुरपुर, मोरिया एवं झालवा सहित शहरी केंद्र जावरा की स्वीकृतिया एक ही आदेश से की गयी थी? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन/विभाग द्वारा केंद्र /राज्य प्रवर्तित योजना से स्वीकृत उपस्वास्थ्य केन्द्रों हेतु पूर्ण बजट, समस्त संसाधन एवं आवश्यक डॉक्टर्स,स्टॉफ नर्स, वार्ड बाय तथा अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं के साथ भवनों की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी थी? यदि हाँ, तो पूर्ण जानकारी से अवगत कराये.
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं, वर्ष 2015-16 में जावरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत उप स्वास्थ्य केन्द्रों की स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जावरा शहर में राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र दिनांक 01.04.2016 से प्रारंभ किया गया है। पिपलोदा तहसील व जावरा तहसील के अंतर्गत उप स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) जी नहीं। प्रश्न में उल्लेखित ग्रामों में उप स्वास्थ्य केन्द्र खोलने हेतु प्रशासकीय स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में उप स्वास्थ्य केन्द्र की प्रशासकीय स्वीकृति उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
सहरिया के कल्याण हेतु श्योपुर में प्राप्त राशि एवं व्यय
22. ( क्र. 214 ) श्री रामनिवास रावत : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की विशेष पिछड़ी जनजाति 'सहरिया' के कल्याण हेतु राज्य सरकार एवं केंद्र प्रवर्तित कौन-कौन सी सामुदायिक कल्याण एवं हितग्राही मूलक योजनाएं संचालित है? उक्त योजनाओं में जिला श्योपुर को वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्नांकित दिनांक तक किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त आवंटन में से कार्य स्वीकृत किये जाने हेतु कब-कब गवर्निंग बॉडी की बैठकें आयोजित की गई? इन बैठकों में किस-किस को आमंत्रित किया गया? कौन-कौन उपस्थित हुए? उपस्थित सदस्यों की सूची, बैठकों में सम्मलित होने के लिए भेजे गए सूचना पत्रों की प्रतियां, बैठकों के कार्यवाही विवरण की प्रति एवं अनुमोदित कार्यों की सूची उपलब्ध करावें? (ग) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त राशि को क्लस्टर बनाकर व्यय किये जाने का प्रावधान है. यदि हाँ, तो क्लस्टरों की सूची उपलब्ध कराते हुए जानकारी दें कि किस-किस क्लस्टर में कौन -कौन से कार्य स्वीकृत किये गए? यदि नहीं, तो नियम विरुद्ध राशि व्यय करने के लिए कौन दोषी है? क्या दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त राशि में से अभी तक कितनी राशी किस-किस योजना/मद में व्यय की गई? कितनी व्यय किया जाना शेष है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) अभिकरण की बॉडी के सदस्यों का मनोनयन/गठन नहीं हुआ है। कलेक्टर सह अध्यक्ष द्वारा शासकीय सदस्यों के साथ सम्पन्न बैठक दिनांक 02/11/2015, 26/11/2015 का कार्यावाही विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ एवं ‘‘स’’ अनुसार हैं। (ग) एवं (घ) सीसीडी प्लान अंतर्गत क्लस्टर गठन का प्रावधान नहीं है। विशेष केंद्रीय सहायता अंतर्गत राज्य शासन के आदेश दिनांक 06.01.2015 अनुसार कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘द’’ अनुसार है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हायर सेकण्डरी एवं हाईस्कूलों की व्यवस्था
23. ( क्र. 218 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुनौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने हाईस्कूल, हायर सेकण्डरी स्कूल है एवं उनमें कितने-कितने छात्र/छात्राएं अध्ययनरत है? स्कूलवार सूची उपलब्ध करावें। उक्त हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूलों में कितने कर्मचारी कौन-कौन से स्कूल में पदस्थ हैं, सूची उपलब्ध करावें? (ख) क्या स्कूलों में छात्रों के अनुपात में शिक्षकों को पदस्थ करने का कोई प्रावधान है? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में स्कूलवार ऐसे कितने हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूल हैं, जहां पर छात्र संख्या के अनुपात में भवन उपलब्ध न होने से वर्षाकाल में बैठने की व्यवस्था नहीं हो पाती है और छात्रों को खुले में ही बैठना पड़ता है? (घ) कितने हायर सेकण्डरी व हाईस्कूलों में बाउण्ड्रीवाल हेतु परिसर उपलब्ध है, उनमें कितने स्कूलों में बाउण्ड्रीवाल का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है, कितने निर्माणधीन है? स्कूलवार बतावें। जिन स्कूलों में परिसर उपलब्ध है, उनमें बाउण्ड्रीवाल निर्माण का क्या प्रावधान है? शेष बचे स्कूलों में कब तक बाउण्ड्रीवाल निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश 'क' मे उल्लेखित शासकीय हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूलों में से 04 हाईस्कूल (शास. हाईस्कूल चौकी, शास. हाईस्कूल कठवरिया, शास. हाईस्कूल सुंदरा, शास. हाईस्कूल ककरहटी) जहां छात्र संख्या के मान से भवन न होने के कारण माध्यमिक खण्ड में संचालित किए जा रहे है। (घ) शासकीय हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में (शास. उ.मा.वि.भिलसाय, शास. हाईस्कूल श्यामरडाड, शास. उ.मा.वि. ककरहटी, बालक अमानगंज, कन्या अमानगंज, बालक गुन्नौर, कमताना, महेवा, पटना, रामौली, गढी पडरिया, बालक देवेन्द्र नगर, कन्या देवेन्द्र नगर, जिगदहा, सलेहा संस्कृत विद्यालय में) बाउंड्रीवाल है। मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक एफ 44-12/20-2/2006 भोपाल दिनांक 25.08.2006 द्वारा हाई/हायर सेकेण्डरी शाला भवनों के लिए दो एकड़ भूमि का प्रावधान है। लोक निर्माण विभाग के एस.ओ.आर के अनुसार प्रस्तुत प्राक्कलन में एक एकड भूमि पर बाउंड्रीवाल (दीवार) निर्माण जिसकी चौडाई 8'' एवं उंचाई 8 फिट एवं दो गेट सहित भूमि प्रतिशाला बाउंड्रीवाल निर्माण हेतु राशि रूपये 19,92,000/- स्वीकृत किए जाते है।
घुम्मक्कड़ जाति के लोगों के उत्थान योजनाएं
24. ( क्र. 219 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या राज्यमंत्री,पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गुनौर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किन-किन स्थानों में कितनी संख्या में घुम्मकड़ जाति के लोग निवासरत है? क्या इन घुम्मकड़ जातियों के उत्थान के लिये शासन स्तर से योजनाएं संचालित है? यदि हाँ, तो कितने लोगों को क्या-क्या सुविधाएं प्रदान की गई है, योजनावार बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में गुनौर विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत जसवंतपुरा के पास बंजारा जाति के कितने लोग निवासरत है, परिवारवार सूची उपलब्ध करावें? क्या बंजारा जाति घुमक्कड़ जाति के अंतर्गत आती है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा इस जाति के लिये कौन-कौन सी योजनाएं चलाई जा रही है? (ग) यदि शासन द्वारा घुमक्कड़ जातियों के कल्याण के लिये कोई योजना नहीं चलाई जा रही है तो इन जातियों को शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, सड़क आदि की मूलभूत सुविधाएं कब तक प्रदान की जाएगी, बतावें?
राज्यमंत्री,पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) गुनौर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत घुमक्कड़ जाति अतंर्गत सम्मिलित 30 जातियों में से कोई निवासरत नहीं है। विमुक्त एवं घुमक्कड़ जाति के उत्थान के लिये विभाग द्वारा संचालित मुख्य योजनाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार हैं। वित्तीय वर्ष 2016-17 के प्रथम त्रैमास में आवास योजना अंतर्गत जिला पन्ना से मांग पत्र प्राप्त होने पर कार्यालयीन पत्र क्र. 71,72/73,74 दिनांक 16.05.2016 अनुसार 25 आवासों के लिए राशि रूपये 15.00 लाख का आंवटन जिला पन्ना को प्रदाय किया गया। (ख) गुनौर विधान सभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत जसंवतपुरा एवं मंजरा मोहार में बंजारा जाति के कुल 165 परिवार निवासरत है। परिवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है। बंजारा जाति विमुक्त जाति के अतंर्गत आती है। इस जाति के लिए संचालित मुख्य योजनाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। (ग) इस वर्ग के कल्याण के लिए संचालित मुख्य योजनाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के अंतर्गत इन जातियों को शिक्षा पेयजल सड़क आदि मूलभूत सुविधाओं का लाभ प्रदान किया जा रहा है।
गाड़ोलिया जाति की विकास योजनाएं
25. ( क्र. 235 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राज्यमंत्री,पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र सुवासरा के नगर शामगढ़, सीतामऊ, सुवासरा में गाड़ोलिया लौहार जाति के कितने व्यक्तियों के नाम कूपन तथा परिचय पत्र (वोटर आई.डी.) सूची में दर्ज है? मुखिया के नाम एवं कूपन संख्या तथा जारी किए गए वर्ष का भी उल्लेख कर जानकारी देवें? (ख) शामगढ़ नगर पंचायत में गाड़ोलिया लौहार जाति वर्तमान में जिस स्थान पर निवासरत है वह नगर पंचायत कि सीमा में है या ग्राम पंचायत में? (ग) इन व्यक्तियों को नगर पंचायत की तरफ से व्यक्तिगत मकान (टापरी) में नल, सड़क एवं विद्युत की व्यवस्था की गई है या नहीं अगर नहीं तो कारण बतावें? (घ) गाड़ोलिया जाति के व्यक्तियों के लिए नगर पंचायत की तरफ से भविष्य के लिए क्या योजनाएं बनाई जा रही है?
राज्यमंत्री,पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सुवासरा अंतर्गत गाड़ोलिया लौहार जाति के, नगर शामगढ़ में 17, नगर सीतामऊ में 36 नगर सुवासरा में 25 व्यक्तियों की पात्रता पर्ची बनी हुई है। वोटर आई.डी. सूची में जातिगत जानकारी दर्ज न होने के कारण जातिगत संख्या दिया जाना संभव नहीं है। निकायवार विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शामगढ़ नगर पंचायत में गाड़ोलिया लौहार जाति वर्तमान में नगर परिषद् सीमा से बाहर है एवं ग्राम जामुनिया में निवासरत है। (ग) गाड़ोलिया लौहार वर्तमान में जिस स्थान पर निवासरत है वह नगर परिषद् सीमा से बाहर है। पूर्व में यह ग्राम नगर परिषद् शामगढ़ में आने के कारण इन व्यक्तियों के लिये अस्थाई रूप से पानी की टंकी रखवाकर पेय जल व्यवस्था एवं अस्थाई विद्युत संयोजन लिया जाकर विद्युत व्यवस्था की गई थी। (घ) गाड़ोलिया लौहार वर्तमान में नगर परिषद् की सीमा के बाहर निवासरत होने से निकाय शामगढ़ द्वारा इस संबंध में कोई कार्य योजना तैयार नहीं गई है।
परिशिष्ट - ''आठ''
रोगी कल्याण समिति की आय-व्यय का ब्यौरा
26. ( क्र. 246 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य मंत्री एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक भितरवार विधानसभा क्षेत्र में रोगी कल्याण समिति को किन-किन माध्यमों से कितनी-कितनी आय हुई है तथा अब तक कितनी राशि व्यय की गई है? व्यय का गतिविधिवार ब्यौरा वित्तीय वर्षवार दें? (ख) क्या व्यय की गई राशि भण्डार क्रय नियम/म.प्र. वित्त संहिता के अंतर्गत निहित किये गये प्रावधानों के अंतर्गत की गई है? यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा दें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में भुगतान किये गये वेतन, पारिश्रमिक, मानदेय या अन्य विवरण तथा ली गई सक्षम स्वीकृति की प्रति उपलब्ध कराये? (घ) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में उक्त अवधि में कब-कब रोगी कल्याण समिति की बैठकें की गई है समय पर बैठक न करने के लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी है क्या दोषियों के प्रति कोई कठोर दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ एवं ’’ब’’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’’स’’ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’द’’ अनुसार है। रोगी कल्याण समिति की साधारण सभा एवं कार्यकारणी सभा की समय पर बैठक आयोजित नहीं होने के लिये मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला ग्वालियर से स्पष्टीकरण चाहा गया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के स्पष्टीकरण के आधार पर आगामी कार्यवाही की जायेगी।
छात्र एवं छात्राओं से छात्रवृत्ति कॉलेजों द्वारा वापस लिया जाना
27. ( क्र. 254 ) श्री अजय सिंह : क्या राज्यमंत्री,पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सतना, उज्जैन एवं इंदौर भोपाल जिलों में निजी इंजीनियरिंग/ नर्सिंग/ एम.बी.ए/ सभी विषयों के ग्रेजुएट एवं पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेजों के द्वारा 01.04.2011 से 31.03.2015 तक किस-किस नाम/पते वाले छात्रों एवं छात्राओं को कितनी-कितनी छात्रवृत्ति किन-किन कार्यों के लिये कब-कब दी? स्टूडेंट के नामवार/ पतेवार/राशिवार/ कालेजवार/छात्र संख्यावार/कोर्सवार/ वर्षवार/ माहवार दें? (ख) क्या स्टूडेंटों को छात्रवृत्ति की राशि उनके बैंको के एकाउन्टों में शासन द्वारा दी? क्या कॉलेजों के एकाउण्टों में छात्रवृत्ति की राशि शासन द्वारा दी गयी? (ग) छात्रवृत्ति देने के राज्य शासन के क्या नियम हैं? नियमों की एक प्रति उपलब्ध कराते हुये बतायें कि क्या छात्रवृत्ति शासन कॉलेजों के एकाउण्टों में नियमानुसार दे सकता है? (घ) कितनी-कितनी राशि शासन द्वारा वित्तीय वर्ष 2011 से 31.03.2015 तक में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कॉलेजों के छात्रों को दी गयी? राशिवार/ छात्र संख्यावार/ कॉलेजवार/ वर्षवार/ माहवार जानकारी दें? किस-किस नाम के कॉलेजों की शिकायतें जिला प्रशासन/ पुलिस प्रशासन के पास आई कि उन्होनें छात्रों के एकाउण्ट से राशि स्वयं निकाल ली? शासन द्वारा प्रश्नतिथि तक उनके विरूद्ध क्या व कब कार्यवाही की? बिन्दुवार दें। अगर नहीं, तो क्या कारण थे? नियम बतायें?
राज्यमंत्री,पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जानकारी वृहद स्वरूप की है जिसका संकलन किया जा रहा है। (ख) पिछड़ा वर्ग पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति नियम 2013 के बिन्दु क्रमांक 8.4 अनुसार छात्रवृत्ति का वितरण पूर्णत: आर.टी.जी.एस. के माध्यम से विद्यार्थियों के खाते में किया जाता है तथा शिक्षण शुल्क संस्था के खाते में सीधे जमा किया जाता है। (ग) मध्यप्रदेश शासन पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के आदेश क्रमांक एफ-12-01/11/54-1 दिनांक 12/12/2013 द्वारा पिछड़ा वर्ग मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति विनियम 2013 प्रतिस्थापित किये गये हैं जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। नियम बिन्दु क्रमांक 8.4 अनुसार छात्रवृत्ति का वितरण पूर्णत: आर.टी.जी.एस. के माध्यम से विद्यार्थियों के खाते में किया जाता है तथा शिक्षण शुल्क संस्था के खाते में सीधे जमा किया जाता है। (घ) जानकारी वृहद स्वरूप की है जिसका संकलन किया जा रहा है। कॉलेजों की शिकायतों के संबंध में जानकारी संबंधित जिलों से प्राप्त की जा रही है। प्राप्त शिकायतों का तथ्यात्मक परीक्षण किया जाकर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
28. ( क्र. 261 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 16.03.2016 के परि.अता.प्रश्न संख्या 71 (क्र.4911) के उत्तर के परिशिष्ट 2 अनुसार मदर बोर्ड एवं सी.पी.यू. के खराबी से कम्प्यूटर बंद होने से चालू न होना बताया गया है, साथ ही कम्प्यूटर पुराने होना कहा गया है। बिजली की सिक्योरटी राशि विद्यालय द्वारा कब-कब जमा कर बिजली का कनेक्शन लिया गया? साथ ही बिल भुगतान बाबत् शासन के क्या निर्देश एवं आदेश है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) अनुसार कम्प्यूटर गुणवत्ताविहीन एवं क्रय नियमों का पालन न कर खरीदी की गई जिसके कारण कम्प्यूटर बंद पड़े हैं तो इसके लिए किन-किन को दोषी मानते हुए कार्यवाही करेंगे? क्या कम्प्यूटर गुणवत्ताविहीन खरीदी करने वालों के विरूद्ध वसूली के साथ आपराधिक प्रकरण दर्ज करायेंगे? हां,तो कब तक अगर नहीं तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) हैड स्टार्ट केन्द्रों में बिजली के कनेक्शन हेतु विद्यालय से जमा की गई सिक्योरिटी राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। हैड स्टार्ट केन्द्रों को प्रदाय की जाने वाली कंटिजेंसी एवं शाला आकस्मिक निधि की राशि से विद्युत देयक के भुगतान हेतु निर्देश है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
बस्ती विकास योजना के स्वीकृत कार्य
29. ( क्र. 269 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिम जाति कल्याण विभाग के अंतर्गत आदिवासी एवं अनुसूचित जाति बस्तियों में खरंजा निर्माण, सी.सी. रोड, नाली निर्माण एवं सामुदायिक भवनों के निर्माण व विद्युतीकरण के लिये राशि प्राप्त होती है? इसके लिये क्या मापदण्ड निर्धारित है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों हेतु जिला छतरपुर को वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि शासन से प्राप्त हुई तथा किसकी अनुशंसा पर कितनी राशि आवंटित की गई? मदवार जानकारी दें? (ग) जिला छतरपुर के अंतर्गत समस्त ग्राम पंचायतों में उपरोक्त वर्षों में किन-किन ग्रामों/मजरों में खरंजा निर्माण, सी.सी. रोड, सामुदायिक भवन एवं विद्युतीकरण के कार्य स्वीकृत किये? कार्यवार लागत एवं कार्य एजेंसी सहित जानकारी दें? क्या इन कार्यों की गुणवत्ता की जाँच करायेंगे? (घ) उक्त स्वीकृत कार्यों में बस्ती विकास योजना में स्वीकृत किये गये कार्य, कितने लंबित हैं? शेष कार्य कब तक पूर्ण कराये जायेंगे?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। उपलब्ध वित्तीय संसाधन, जनजाति जनसंख्या तथा मांग के आधार पर जनजाति विद्युतीकरण योजना, तथा अनुसूचित जाति अन्तर्गत राज्य योजना आयोग में प्रस्तुत कार्ययोजना के आधार पर राशि आवंटित की जाती है। जनजाति अन्तर्गत बस्ती विकास योजना नियम/मापदण्डों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में आयुक्त आदिवासी विकास म.प्र. द्वारा जनजाति बस्ती विकास मद अन्तर्गत जनसंख्या के अनुपात में राशि आवंटित की गई है। अनुशंसा के आधार पर राशि आवंटन के नियमों में प्रावधान नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘, ‘‘द‘‘ तथा ‘‘दो‘‘ अनुसार है। कार्यों की गुणवत्ता की जाँच, तकनीकी स्वीकृति कर्ता अधिकारी द्वारा कराने के पश्चात् ही राशि का भुगतान सुनिश्चित किया गया है। अतः जाँच आवश्यक नहीं है। (घ) अपूर्ण/लम्बित कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘दो‘‘ तथा ‘‘इ‘‘ अनुसार है।
शिवपुरी में बजट का दुरूपयोग
30. ( क्र. 288 ) श्री रामसिंह यादव : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा जिला संयोजक महोदय, जिला शिवपुरी को स्मरण पत्र दिनांक 30.11.2015, पत्र क्र. 31 दिनांक 27.04.2016, पत्र क्र. 33 दिनांक 27.04.2016, पत्र क्र. 34 दिनांक 29.04.2016 पत्र क्र. 24, 25, 26, 28 दिनांक 27.04.2016 द्वारा जानकारी चाही थी? यदि हाँ, तो उक्त जानकारी क्यों नहीं उपलब्ध कराई गई? (ख) क्या प्रश्नकर्ता को उक्त वांछित जानकारी इसलिए उपलब्ध नहीं कराई गई? क्योंकि बजट, योजनाओं एवं सामग्री तथा डीजल पम्प क्रय करने में व्यापक पैमाने पर अनियमितताएं, भ्रष्टाचार एवं मनमानी की गई है? यदि नहीं, तो उक्त जानकारी क्यों नहीं दी गई? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित पत्रों के द्वारा वांछित सामान्य जानकारी जो प्रतिवर्ष मार्च में तैयार की जाती है? संलग्न कर बताएं कि किन-किन योजनाओं का बजट किन-किन अन्य योजनाओं में कितना-कितना, किस-किस अन्य कार्य पर व्यय किया गया और कौन-कौन से कार्य कहाँ-कहाँ पर कितनी-कितनी राशि के कराए गए और क्या-क्या सामग्री कितनी-कितनी राशि की कितनी मात्रा में क्रय की गई? (घ) क्या यह सही है कि शिवपुरी जिले में मार्च 2016 में विभिन्न योजनाओं का बजट शेष था? यदि हाँ, तो किस-किस योजना का कितना-कितना बजट शेष था? जिन योजनाओं के लिए बजट आवंटित था? उन योजनाओं के तहत उक्त बजट संबंधित कार्यों पर क्यों नहीं व्यय किया गया?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। डाक पत्र द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ तथा ‘‘ब‘‘ अनुसार है। (ख) जी नहीं। जानकारी उपलब्ध कराई गई। (ग) जी नहीं। योजनान्तर्गत जारी बजट उसी योजना में व्यय किया गया है, अन्य योजना में नहीं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ख‘‘ अनुसार है।
शिवुपरी जिले में सहरिया आदिवासियों के कार्यों में अनियमितताओं की जाँच
31. ( क्र. 289 ) श्री रामसिंह यादव : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले को वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में कितना-कितना बजट किन-किन योजनाओं के अंतर्गत शासन से प्राप्त हुआ? उक्त बजट से क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी राशि के कहाँ-कहाँ पर कब-कब किस मद की राशि से स्वीकृत किए गए? (ख) शिवपुरी जिले में वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में छात्रावासों एवं आश्रमों हेतु क्या-क्या सामग्री कहाँ-कहाँ से कितनी-कितनी राशि की कब-कब क्रय की गई? उक्त सामग्री क्रय करने हेतु क्रय समिति के निर्णय/अनुमोदन की प्रति एवं क्रय समिति के सदस्यों की सूची संलग्न कर जानकारी दें? (ग) क्या वर्ष 2013-14 से वर्ष 2015-16 की अवधि में शिवपुरी जिले में डीजल पम्प क्रय किए गए अथवा डीजल पम्प क्रय हेतु राशि स्वीकृत की गई? यदि हाँ, तो किन-किन के आवेदन पर किस-किस को डीजल पम्प प्रदाय किए गए अथवा डीजल पम्प क्रय हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई? इनमें से कितने हितग्राहियों के पास कृषि भूमि थी और कितने भूमिहीन थे? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में वर्णित अवधि में न तो डीजल पम्प क्रय किए गए और न ही संबंधित हितग्राही को उसके बैंक खाते में राशि उपलब्ध कराई गई? हितग्राही को किस मैक का किस सीरियल नंबर का डीजल इंजन कब उपलब्ध कराया गया? हितग्राही की डीजल पम्प की कैश-मेमो एवं डीजल पम्प प्राप्ति की पावती संलग्न कर जानकारी दें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अन्तर्गत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग अन्तर्गत रिक्त पदों की पूर्ति
32. ( क्र. 307 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने उप स्वास्थ्य केन्द्र संचालित हैं तथा इनके अंतर्गत स्टॉफ में कुल कितने पद स्वीकृत हैं? (ख) क्या समस्त उपस्वास्थ्य केन्द्रों पर स्वीकृत पद अनुसार कर्मचारी पदस्थ हैं? नहीं तो क्या कारण है तथा भविष्य में कब तक पदपूर्ति की जावेगी? (ग) इन उपस्वास्थ्य केन्द्रों पर क्या सुविधा प्रदान की जाती है तथा इन स्वास्थ्य सम्बंधी सुविधाओं के लिये कोई बजट राशि का प्रावधान है? हाँ, तो वह प्रति उपस्वास्थ्य केन्द्रवार क्या है? (घ) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विगत 2013-14 से वर्तमान तक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं उपस्वास्थ्य केन्द्रों में स्वास्थ्य सम्बंधी समस्त सुविधाओं की उपलब्धता हेतु कितनी राशि का अनुदान शासन द्वारा प्रदाय किया गया है? इस राशि का क्या उपयोग होना था तथा किन-किन सुविधाओं पर राशि खर्च की गई है? केन्द्रवार, वर्षवार, राशि की उपलब्धता तथा व्यय सम्बंधी जानकारी प्रदान करें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) 55 उप स्वास्थ्य केन्द्र संचालित हैं। इनमें ए.एन.एम. व एम.पी.डब्ल्यू. के 80 पद स्वीकृत हैं। (ख) जी हाँ। समस्त उप स्वास्थ्य केन्द्रों में ए.एन.एम. कार्यरत हैं, जबकि एम.पी.डब्ल्यू. की सीधी भर्ती शासन द्वारा प्रतिबंधित होने के कारण 22 केन्द्रों में एम.पी.डब्ल्यू. के रिक्त पदों का कार्य नजदीक के उप स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ एम.पी.डब्ल्यू. से कराया जा रहा है। (ग) उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर प्राथमिक उपचार के साथ-साथ टीकाकरण, परिवार कल्याण तथा अन्य राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों एवं राज्य के स्वास्थ्य कार्यक्रमों से संबंधित स्वास्थ्य सुविधायें प्रदान की जाती है। जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
ग्राम बड़ीडीह में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना
33. ( क्र. 319 ) श्रीमती नीलम अभय मिश्रा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सेमरिया के ग्राम पंचायत पुर्वा के अन्तर्गत आदिवासी बाहुल्य ग्राम बड़ीडीह में 200 आदिवासी परिवार निवास करते है? क्या वहां के आदिवासी आज भी प्राथमिक उपचार से वंचित है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा बार-बार शासन को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने हेतु पत्र लिखा गया परंतु आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं हुई? (ग) उपरोक्त आदिवासी ग्राम में कब तक स्वास्थ्य केन्द्र खोला जावेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) जनसंख्या के निर्धारित मापदण्ड के अनुसार ग्राम बड़ीडीह में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने की पात्रता नहीं आती है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हितग्राही मूलक योजनाओं का संचालन
34. ( क्र. 323 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अन्त्यावसायी कार्यालय कटनी एवं सतना जिले में अनुसूचित जाति वर्ग के बेरोजगार व्यक्तियों के स्वरोजगार हेतु कौन-कौन सी हितग्राही मूलक योजनाएं वर्तमान में संचालित है? इन योजनाओं का वर्ष 2011-12 से 2015-16 तक का लक्ष्य एवं ऋण वितरण की स्थिति वर्षवार, योजनावार बताएं? (ख) उक्त हितग्राही मूलक योजनाओं में विगत 3 वर्ष में कितने आवेदन प्राप्त हुए में से कितने प्रकरण बैंक में भेजे गये जिनमें से कितने प्रकरण बैंकों द्वारा स्वीकृत, कितने वितरित/निरस्त एवं कितने प्रकरणों में निगम द्वारा अनुदान राशि प्रदाय की विवरण दें? (ग) क्या निगम द्वारा अनुशंसित दर्जनों ऋण प्रकरण वर्तमान तक निगम कार्यालय में ही एवं संबंधित बैंकों में लंबित पड़े है? नतीजन न तो वर्षवार लक्ष्य पूर्ति हो पा रही है और न ही बेरोजगार व्यक्तियों को उक्त योजनाओं का लाभ मिल पा रहा है? इस स्थिति से निपटने हेतु शासन क्या कार्यवाही करेगा? (घ) क्या शासन उक्त स्वीकृत प्रकरणों को लंबित रखने के कारणों की जाँच करवाकर इनका शीघ्र निराकरण कराकर बेरोजगारों को ऋण वितरण करवाएगा? यदि नहीं, तो क्यों इस हेतु समय-सीमा बताएं?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) अंत्यावसायी कटनी एवं सतना जिले में अनुसूचित जाति वर्ग के बेरोजगार व्यक्तियों के स्वरोजगार हेतु अंत्योदय स्वरोजगार योजना, कपिलधारा योजना, राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त विकास निगम, नई दिल्ली की योजना, मुख्यमंत्री आर्थिक विकास योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री कल्याण योजना एवं सावित्री बाई फुले स्व-सहायता समूह योजनाएं संचालित रही हैं। इन योजनाओं का वर्ष 2011-12 से 2015-16 तक का लक्ष्य एवं ऋण वितरण की स्थिति का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) रोजगार मूल योजनाओं में विगत 3 वर्षों में कटनी एवं सतना जिलों में कुल 2325 आवेदन प्राप्त हुए। बैंकों को 2077 प्रकरण प्रेषित किये गये। 242 प्रकरण निरस्त किये गये एवं 648 प्रकरणों को निगमों द्वारा अनुदान राशि प्रदान की गयी। (ग) जी नहीं। कार्यालय कटनी एवं सतना में कोई प्रकरण लंबित नहीं है। बल्कि संबंधित बैंकों में वर्ष 2015-16 के मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के 179 एवं मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना के 92 प्रकरण लंबित हैं जो चालू वित्तीय वर्ष में बैकों से स्वीकृति उपरांत निराकरण कराया जा रहा है। (घ) जी नहीं। लंबित प्रकरणों का नवीनीकरण किया गया है तथा बैंकों से संपर्क कर निराकरण कराया जा रहा है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जिला चिकित्सालय राजगढ़ में सोनाग्राफी मशीन
35. ( क्र. 343 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला चिकित्सालय राजगढ़ में सोनाग्राफी मशीन स्थापित है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त मशीन कब तथा कहाँ से कितनी लागत में किस प्रक्रिया से क्रय की गई थी? (ग) क्या उक्त जिला चिकित्सालय में स्थापित सोनोग्राफी मशीन चालू है? यदि हाँ, तो इस मशीन को आपरेट करने के लिये शासन द्वारा किसी डॉक्टर की नियुक्ति की गई है? यदि हाँ, तो नाम बतावें और यदि नहीं, तो नियुक्ति नहीं किये जाने का क्या कारण है? शासन द्वारा जनहित में जिला चिकित्सालय में स्थापित सोनोग्राफी मशीन आपरेट करने के लिये शासन द्वारा किसी डॉक्टर की नियुक्ति कब तक कर दी जावेगी? (घ) जिला चिकित्सालय में स्थापित सोनोग्राफी मशीन से आज दिनांक तक कितने मरीजों की सोनोग्राफी हुई है वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला चिकित्सालय राजगढ़ हेतु सोनोग्राफी मशीन (कलर डॉपलर) 26/08/2015 को मेसर्स सुराभि बायोमेडिकल इंस्टूमेन्ट प्रायवेट लिमिटेड से राशि रु 9,45,000/- में खुली निविदा के द्वारा राज्य मद से क्रय की गई है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से पदस्थ है। डॉ. एस. प्रसाद, चिकित्सा अधिकारी, सोनोग्राफी प्रशिक्षण प्राप्त है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्ष 2015-16 में 226 एवं वर्ष 2016-17 (28 जून 2016 तक) 256 रोगियों की सोनोग्राफी की गई है।
आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग का आवंटित बजट
36. ( क्र. 369 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिले के अंतर्गत आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग में विगत दो वित्तीय वर्षों में कितने राशि बजट का प्रावधान आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण हेतु किया गया था? (ख) उक्त बजट का विधानसभावार आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति के लोगों हेतु किन-किन कार्यों के लिए कितना-कितना खर्च किया गया, सूची उपलब्ध करावें? (ग) देपालपुर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत उक्त जाति के कितने हितग्राहियों के लिए कितनी-कितनी राशि किन-किन मदों पर खर्च की गई? (घ) देपालपुर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत उक्त जाति की बस्तियों में सड़क निर्माण और प्रकाश व्यवस्था की वर्तमान में क्या स्थिति है? कितने क्षेत्र अभी भी इन सुविधाओं से वंचित है?
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आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अन्तर्गत आयुक्त, आदिवासी विकास म.प्र. द्वारा वित्तीय वर्ष 2014-15 में रूपये 1861.48 लाख एवं 2015-16 में रूपये 2363.60 लाख, जबकि आदिम जाति क्षेत्रिय विकास योजना द्वारा क्रियान्वित योजनाओं में बजट प्रावधान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। अनुसूचित जाति मद अन्तर्गत वर्ष 2014-15 में रूपये 3786.61 लाख एवं 2015-16 में रूपये 3336.15 लाख का बजट प्रावधान किया गया। (ख) आयुक्त, आदिवासी विकास म.प्र. द्वारा वित्तीय वर्ष 2014-15 में रूपये 1815.86 एवं 2015-16 में रूपये 2297.07 कुल राशि रूपये 4112.93 लाख का व्यय किया गया। जबकि अनुसूचित जाति विकास द्वारा व्यय की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है तथा आदिम जाति क्षेत्रिय विकास योजना द्वारा व्यय की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) आदिम जाति क्षेत्रिय विकास योजना द्वारा जनजाति के हितग्राहियों के लिये कोई राशि व्यय नहीं की गई है, जबकि आयुक्त, आदिवासी विकास म.प्र. तथा आयुक्त अनुसूचित जाति विकास की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है (घ) जिला स्तर पर जानकारी संधारित नहीं है।
इन्दौर जिले में जिला शिक्षा केन्द्र कार्यालय के अंतर्गत छात्रावास
37. ( क्र. 374 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर में जिला शिक्षा केन्द्र कार्यालय के अंतर्गत कितने बालिका छात्रावास संचालित है? सूची विकासखण्डवार दी जाये? (ख) छात्रावासों के लिये वर्ष 2010-11 से 2014-15 तक कितनी राशि जारी की गई तथा जिला शिक्षा केन्द्र द्वारा इन छात्रावासों के लिए कितनी-कितनी सामग्री क्रय की गई? संख्यावार जानकारी दी जाये? क्या किसी छात्रावास की राशि अभी भी भुगतान करना शेष है? (ग) उपरोक्त छात्रावासों की सामग्री क्रय करने के लिये क्या छात्रावास स्तर पर कमेटी बनाई गई थी? तो उनमें कौन सदस्य है? (घ) क्या सामग्री भण्डार क्रय नियम के अंतर्गत खरीदी गई और सामग्री को स्टॉक रजिस्टर में नियमानुसार पंजीबद्ध किया गया है? उनकी जानकारी उपलब्ध करावें? (ड.) बालिका छात्रावास के प्रभारी एवं सहायकों के नाम एवं पद कार्यरत संस्था की जानकारी दी जाये?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) जारी की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। जिला शिक्षा केन्द्र इंदौर द्वारा छात्रावासों के लिये किसी भी प्रकार की सामग्री क्रय नहीं की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जी नहीं। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर है। (घ) जी हाँ, सामग्री भण्डार क्रय नियमानुसार न खरीदने बाबत कोई शिकायत प्राप्त नहीं है। जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द पर है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-य पर है।
संविलियन आदेश एवं निरस्ती का कारण
38. ( क्र. 377 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 23.02.2016 को 20 सहा. अध्यापकों का संशोधित संविलियन आदेश क्यों एवं किस अधिकारी के द्वारा जारी हुआ, इस आदेश की प्रति देवे? यह आदेश जारी करने से पहले समस्त जानकारी को किसके द्वारा जाँच की गई थी? (ख) उक्त आदेश को लगभग एक माह बाद क्यों निरस्त किया गया, कारण सहित बतायें, प्रति देवें? इस चूक के जिम्मेदार कौन हैं एवं इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या इस संविलियन आदेश हेतु रुपयों के एकत्रीकरण की कोई शिकायत विभाग के पास आई है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) संविलियन तिथि में संशोधन हेतु, सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास खरगोन द्वारा आदेश दिये गये है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। कार्यालय सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास खरगोन के स्थापना शाखा के प्रभारी श्री देवेन्द्र गुप्ता, लेखापाल द्वारा जाँच की गई थी। (ख) म.प्र. स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक/एफ-1-101/2008/20-1 दिनांक 08/10/2008 के तहत संविदा शाला शिक्षक (नियुक्ति एवं सेवा की शर्तें) नियम 2001 एवं संशोधित नियम 2003 के तहत नियुक्त संविदा शाला शिक्षको को लाभ दिया जाना था। त्रुटि संज्ञान में आने से आदेश निरस्त किये गये। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। शाखा प्रभारी श्री देवेन्द्र गुप्ता, लेखापाल को कारण बताओं सूचना पत्र दिनांक 14/05/2016 को जारी कर आदेश दिनांक 20/05/2016 से स्थापना शाखा के प्रभार को हटा दिया गया है। आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार है। (ग) जी नहीं।
सहायक आयुक्त की संदेहास्पद कार्यवाही
39. ( क्र. 378 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भगवानपुरा ब्लॉक में राजकुमारी सेंगर को नियुक्त करने के लिए किस अधिकारी/जनप्रतिनिधी का पत्र/अनुशंसा की गई थी? प्रति देवें। (ख) उक्त होस्टल में पूर्व अधीक्षिका की छात्राओं के शिकायत की एक प्रति देवें, जाँच प्रतिवेदन की प्रति देवें जाँच में लिए कथनों की प्रति देवें, अधीक्षिका को हटाने से पहले शो. कॉज नोटिस एवं इस नोटिस के जवाब की प्रति देवें? यदि नोटिस नहीं दिया गया है तो कारण बतायें? (ग) निर्मला चौहान को शिकायत वाले ही दिन बिना नोटिस दिए एक ही दिन में जाँच और हटाने के आदेश देने में जल्दबाजी क्यों की गई इस प्रकार की एक ही दिन में त्वरित कार्यवाही पूर्व में कब की गई है? (घ) इस संबंध में भगवानपुरा विधायक के पत्र पर की गई कार्यवाही की जानकारी देवें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) श्रीमती राजकुमारी सेंगर को नियुक्त करने हेतु किसी भी अधिकारी/जनप्रतिनिधि का कोई अनुशंसा पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। (ख) श्रीमती निर्मला चौहान अधीक्षिका के विरूद्ध छात्राओं द्वारा की गई शिकायत की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार, कारण बताओं सूचना पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार एवं संबंधित श्रीमती चौहान द्वारा कारण बताओं सूचना पत्र का दिया गया जवाब की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। शिकायत में जाँच नहीं कराई गई है एवं कथन नहीं लिये गये हैं। (ग) श्रीमती निर्मला चौहान अधीक्षिका की पूर्व में दिनांक 03/04/2014 को शिकायत प्राप्त हुई थी जिसमें संबंधित श्रीमती चौहान को कार्यालयीन पत्र क्रमांक/4984 दिनांक 13/05/2014 द्वारा कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया था। तत्पश्चात् दिनांक 08/12/2015 को सहायक आयुक्त आदिवासी विकास खरगोन के प्रवास के दौरान भी शिकायत पाई गई तथा पुन: संबंधित अधीक्षिका श्रीमती निर्मला चौहान के विरूद्ध छात्राओं द्वारा दिनांक 12 जनवरी 2016 को शिकायत की गई। शिकायत की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुये श्रीमती निर्मला चौहान को अधीक्षिका के पद से हटाया गया। (घ) श्रीमती निर्मला चौहान के विरूद्ध बार-बार शिकायत प्राप्त होने के कारण अधीक्षिका के पद से हटाया गया। अत: माननीय विधायक भगवानपुरा के प्रेषित पत्र पर पुन: जाँच कराई जाने की आवश्यकता प्रतीत नहीं हुई।
मिठाई/प्रसादी के वितरण हेतु बजट का प्रावधान
40. ( क्र. 391 ) श्री राजकुमार मेव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में राष्ट्रीय पर्वों जैसे 26 जनवरी एवं 15 अगस्त पर शासकीय स्कूलों में बच्चों को मिठाई/प्रसादी के वितरण हेतु बजट का कोई प्रावधान है? (ख) यदि बजट प्रावधान है तो प्रत्येक संस्था को कितनी-कितनी राशि उपलब्ध कराई जाती है? (ग) यदि बजट प्रावधान नहीं है तो राष्ट्रीय पर्वों पर मिठाई/प्रसादी का वितरण किस मद से किया जाता है? (घ) क्या शासन द्वारा राष्ट्रीय पर्वों पर शासकीय/अशासकीय शिक्षण संस्थाओं में बच्चों को मिठाई/प्रसादी वितरण हेतु कोई नीति, नियम बनाये जावेंगे, ताकि बच्चों को एक समान रूप प्रसादी का वितरण किया जा सके? इस संबंध में नियम एवं बजट प्रावधान कब तक किये जाने की कार्यवाही की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांश में वर्णित विषयों के आयोजन हेतु बजट प्रावधान नहीं है, किंतु सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत प्रदाय की जाने वाले शाला आकस्मिक निधि प्राथमिकता हेतु रूपये 50,000 तथा माध्यमिक शाला हेतु रूपये 70,000 प्रतिवर्ष एवं राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अंतर्गत हाईस्कूल व हायर सेकण्डरी हेतु रूपये 50,000 प्रदाय की जाने वाली वार्षिक अनुदान राशि में से व्यय किया जा सकता है। (ख) उत्तरांश ''क'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ''क'' अनुसार। (घ) ऐसी कोई नीति विचाराधीन नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ (जनजाति बस्ती विकास) के अंतर्गत कार्यों की स्वीकृति
41. ( क्र. 392 ) श्री राजकुमार मेव : क्या राज्यमंत्री,पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जन जाति बस्ती विकास योजनांतर्गत वर्ष 2015-16 में विभाग को कितना बजट स्वीकृत किया गया, विभाग द्वारा कितनी राशि आहरित की गई एवं कितनी राशि वित्तीय वर्ष के अंत में लेप्स हुई? लेप्स होने का कारण बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में वर्ष 2015-16 में खरगोन जिले के लिए कितना बजट प्रावधान किया गया, कितने कार्यों के लिए कितनी राशि स्वीकृत की गई? क्या स्वीकृत राशि का वित्तीय वर्ष में आहरण किया गया? यदि नहीं, तो कारण बतावें? (ग) क्या उपरोक्त प्रश्न क के संदर्भ में विभागीय मद की राशि मांग संख्या 64 योजना क्रमांक 3773 में विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जन जाति बस्ती विकास हेतु राशि 49.00 लाख स्वीकृत की गई एवं राशि का आवंटन जिला स्तर पर सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास विभाग खरगोन को आवंटित की गई? यदि हाँ, तो क्या उक्त राशि का आहरण किया जाकर उपयोग किया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में उक्त मद की राशि का आहरण नहीं हुआ, राशि लेप्स हुई? इसका क्या कारण है एवं इसके लिए कौन दोषी है? क्या दायित्वों का निर्धारण किया गया? यदि नहीं, तो कब तक दायित्वों का निर्धारण कर आवश्यक कार्यवाही की जावेगी एवं क्षेत्र की जनता के विकास हेतु उक्त राशि का पुर्नआवंटन एवं आहरण की अनुमति कब तक प्रदान की जावेगी?
राज्यमंत्री,पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति बस्ती विकास योजना अंतर्गत वर्ष 2015-16 में कुल 400-00 लाख (चार सौ लाख रूपये मात्र) का बजट प्रावधान था। प्रावधान के विरूद्ध 2,17,71000 रूपये दो करोड़ सतरह लाख इकहत्तर हजार मात्र) राशि व्यय हुई है एवं राशि रूपये 1,82,29000 एक करोड़ बयासी लाख उन्तीस हजार) समर्पित हुई हैं। म.प्र. शासन वित्त विभाग द्वारा दिनांक 26-03-2016 अनुसार आहरण पर प्रतिबंध लगा देने के कारण। (ख) वर्ष 2015-16 में खरगोन जिले के लिए 49-00 लाख का बजट प्रावधान किया गया। जिसमें 11 कार्यों के लिए राशि रू 49.00 लाख स्वीकृत गई। जी नहीं। शासन द्वारा आहरण पर प्रतिबन्ध लगा दिये जाने से राशि आहरित नहीं हो सकी। (ग) मांग संख्या 64 योजना क्रंमाक 3773 अन्तर्गत बस्ती निकाय हेतु 49.00 लाख जारी नहीं किया गया है। अपितु मांग संख्या 64 योजना क्रमांक 7397 हेतु 49.00 लाख का आंवटन जारी किया गया है। आहरण में प्रतिबंध लग जाने के कारण राशि का उपयोग नहीं किया जा सका। (घ) जी हाँ। आहरण पर प्रतिबंध होने के कारण राशि लेप्स हुई। इसके लिये कोई दोषी नहीं है। वर्ष 2016-17 के प्रथम त्रैमास में पुनः राशि 49.00 लाख सहायक आयुक्त खरगोन को पुनर्वांटित की जा चुकी है।
प्रवेशित छात्रों के गरीबी रेखा की सूची से नाम कांटा जाना
42. ( क्र. 402 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग अंतर्गत अशासकीय विद्यालयों में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कितने विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में प्रवेशित अनुसूचित जाति/जनजाति विद्यार्थियों को छोड़कर ऐसे कितने विद्यार्थी है जिन्हें गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने से प्रवेश दिया गया है? विद्यालयवार, वर्षवार जानकारी देवें? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) उल्लेखित वंचित समूह को प्रवेश देने के बाद या अगले वर्षों में प्रवेशित छात्र के पालक का नाम गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाली सूची में से नाम कांट दिया गया है या नहीं? ऐसे छात्रों की सूची विद्यालयवार उपलब्ध करावें? (घ) क्या शाला प्रबंधन को उक्त स्थिति में समस्या उत्पन्न हो गई है या नहीं? यदि हाँ, तो उक्त छात्रों को शिक्षा के अधिकार के तहत नि:शुल्क शिक्षा की पात्रता है या नहीं? इस संबंध में विभाग स्पष्ट निर्देश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) जी नहीं। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत नि:शुल्क प्रवेश के प्रावधान के अंतर्गत गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों में बी.पी.एल. श्रेणी के अंतर्गत प्रवेशित बच्चों के परिवार के मुखिया का नाम यदि प्रवेश देने के बाद या अगले वर्षों में बी.पी.एल. सूची से हटा दिया जाता है तो उस स्थिति में विद्यालय में प्रवेशित बच्चे की फीस की प्रतिपूर्ति राज्य शासन द्वारा नहीं की जायेगी। इस संबंध में राज्य शासन द्वारा जारी निर्देश क्रं. 42/129/2016/20-2 भोपाल दिनांक 19.01.2016 की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
डॉक्टरों की पदस्थापना
43. ( क्र. 424 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा सिविल अस्पताल में किस-किस वर्ग के कितने पद स्वीकृत है? स्वीकृत पदों की संख्या वर्गवार बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) पदों के अनुसार कितने-कितने अधिकारी कर्मचारी वर्गवार पदस्थ हैं? सूची उपलब्ध करायें? कितने पद वर्तमान में रिक्त हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार रिक्त पद कब तक भर दिये जावेंगे?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) विभाग रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निरंतर प्रयास कर रहा है। प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी के कारण पदपूर्ति नहीं की जा सकी है, विशेषज्ञों के कुल स्वीकृत 3266 पदों के विरूद्ध मात्र 1245 विशेषज्ञ उपलब्ध हैं। चिकित्सकों की पदपूर्ति हेतु मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग में 1896 चिकित्सकों की भर्ती की कार्यवाही प्रचलन में है। चयन सूची प्राप्त होने के उपरांत चिकित्सकों की उपलब्धतानुसार पदपूर्ति की कार्यवाही की जा सकेगी। शेष सहायक स्टॉफ के पदपूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है, पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
सिविल अस्पताल सिहोरा में ट्रामा सेंटर की स्थापना
44. ( क्र. 425 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिहोरा सिविल अस्पताल एन.एच.7 में स्थित है तथा आये दिन दुर्घटनाओं के कारण पीडि़त लोगों को ट्रामा सेंटर न होने से जिला मुख्यालय मरीज को जाते-जाते मृत्यु हो जाती है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) सिविल अस्पताल में कब तक ट्रामा सेंटर का शुभारंभ कर दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त होने पर। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
सागर संभाग में पदोन्नति
45. ( क्र. 434 ) श्री मुकेश नायक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर संभाग के शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालय में वरिष्ठ अध्यापक तथा अध्यापक वर्ग के कितने पद स्वीकृत है उनमें से सीधी भर्ती तथा पदोन्नति के अलग-अलग बतायें (ख) पदोन्नति से भरे जाने वाले पद पदोन्नति से क्यों नहीं भरे गये तथा इसके लिये कौन जिम्मेदार है? (ग) पदोन्नति से भरे जाने वाले पदों पर पदोन्नति की कार्यवाही कब-तक की जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) सागर संभाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) छतरपुर जिले में पदोन्नति अंतर्गत स्वीकृत सभी पद भरे गये है। सागर, दमोह, पन्ना एवं टीकमगढ़ में पदोन्नति की गई है। पदोन्नति की कार्यवाही एक सतत् प्रक्रिया है। वर्तमान में शेष बचे पदों पर पदोन्नति की कार्यवाही प्रचलन में है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश ’’ख’’ के उत्तर अनुसार। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सागर जिला चिकित्सालय में ट्रामा सेन्टर की अनियमितताएं
46. ( क्र. 447 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिला चिकित्सालय में ट्रामा सेन्टर की स्थापना करने की कार्यवाही प्रचलन में है, यदि हाँ, तो यह कार्य कब प्रारंभ किया गया एवं इसकी लागत क्या है तथा इसके पूर्ण होने की तिथि क्या है? (ख) क्या ट्रामा सेन्टर के निर्माण में विलम्ब हुआ है, यदि हाँ, तो इसका दोषी कौन है? इसके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्या उपरोक्त ट्रामा सेन्टर के निर्माण में गंभीर अनियमितताएं हुई है एवं निर्माण कार्य मानक स्तर पर नहीं किया गया? यदि हाँ, तो क्या इसकी जाँच कराये जाने हेतु जाँच दल का गठन किया जायेगा यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ, जिसके भवन निर्माण का कार्य दिनांक 15.09.2011 को प्रारम्भ किया गया, इसकी पूर्णता दिनांक 25.01.2016 है। (ख) जी हाँ, ठेकेदार दोषी है। अनुबंध अनुसार अधिकतम अर्थदण्ड अधोरोपित किया गया है। (ग) जी नहीं, किन्तु अपर संचालक स्वास्थ्य सेवायें भोपाल के निरीक्षण दिनांक 01.04.2016 के परिपालन में सिविल सर्जन जिला सागर द्वारा पत्र क्रमांक 3232 सागर दिनांक 11.04.2016 द्वारा गुणवत्ता रिपोर्ट के लिये कमेटी का गठन किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शास. प्रा.मा. विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को गणवेश प्रदाय करने हेतु व्यवस्था
47. ( क्र. 448 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शास. प्रा.मा. विद्यालयों में प्रत्येक छात्र-छात्राओं को दो जोड़ी गणवेश खरीदने हेतु 400/- रू. की राशि प्रदाय की जाती है? क्या यह राशि पर्याप्त है, यदि नहीं, तो क्या शासन इसे बढ़ाये जाने पर विचार करेगा? (ख) शास. प्रा.मा. विद्यालयों में शालेय व्यवस्था एवं मरम्मत कार्यों के लिए प्रतिवर्ष कितनी राशि दी जाती है? क्या यह राशि पर्याप्त है, क्या शासन इसे बढ़ाये जाने पर विचार करेगा? (ग) वर्तमान में सागर विधान सभा स्थित शास. प्रा.मा. हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी के कितने विद्यालयों में चार दीवारी तथा कितने चार दीवारी विहीन है? जिनमें चार दीवारी नहीं है, क्या शासन उनकी चार दीवारी बनाये जाने पर विचार करेगा तथा कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। राशि को बढ़ाये जाने का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत शालाऐं व्यवस्था हेतु शासकीय प्राथमिक विद्यालयों मे रू. 5000/- एवं माध्यमिक विद्यालयों मे रू. 7000/- राशि प्रदान की जाती है। शाला भवन के वार्षिक रखरखाव हेतु शाला भवन मरम्मत निधि के अंतर्गत 3 कक्ष तक की शालाओं हेतु रू. 5000/- तथा 3 कक्ष से अधिक शालाओं को रू. 10000/- की राशि भारत शासन द्वारा दी जाती है राशि बढ़ाने हेतु प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शाला भवन के विशेष मरम्मत के लिये प्रथक से आवश्यकतानुसार प्राक्कलन तैयार कर प्रस्ताव भारत शासन को स्वीकृति हेतु प्रेषित किया जाता है। (ग) वर्तमान में सागर विधानसभा स्थित 33 शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में चार दीवारी है तथा 41 शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालय चार दीवारी विहिन है। जिले की वार्षिक कार्ययोजना 2016-17 मे बाउण्ड्रीवाल निर्माण हेतु भारत शासन को प्रस्ताव भेजा गया था। स्वीकृति प्राप्त नही हुई। समय-सीमा बताना संभव नही है। हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
नवीन चिकित्सालय भवन का निर्माण
48. ( क्र. 455 ) श्री सतीश मालवीय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन शहर में नवीन 450 बिस्तर चिकित्सालय भवन निर्माण कार्य हेतु निविदाएं कब आमंत्रित की गई थी? निविदा अनुसार लागत कितनी थी? पूर्ण करने का समय कितना दिया गया थाएवं कितने समय में निर्माण कार्य पूर्ण हुआ? निर्माण एजेन्सी कौन थी? (ख) अस्पताल भवन निर्माण के रेट रिवाईज कितने समय बाद किये गये, कितनी राशि बढ़ाई गई? राशि बढ़ाए जाने के क्या कारण थे? क्या एक वर्ष में लागत इतनी बढ़ गई थी या किसी को लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से रेट रिवाईज किये गये? (ग) क्या विभाग द्वारा रेट रिवाईज की सूक्ष्मता से जाँच कर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) दिनांक 26.03.2014 को निविदा आमंत्रित की गई। निर्माण कार्य हेतु राशि रूपये 62.82 करोड़ की निविदा आमंत्रित की गई थी एवं न्यूनतम प्राप्त एवं स्वीकृत निविदा अनुसार भवन निर्माण लागत राशि रूपये 66.44 करोड़ थी, (बाह्य विद्युतीकरण, एच.वी.ए.सी., जनरेटर, पावर हाउस का कार्य पृथक से संपन्न कराया गया)। अनुबंध अनुसार समयावधि 18 माह। कार्यादेश जारी दिनांक 15.05.2014 होने के बाद कार्य पूर्ण दिनांक 15.03.2016 होने तक लगा समय 22 माह एवं कार्य प्रारम्भ की दिनांक 01.10.2014 से कार्य पूर्ण होने तक लगा समय 17 माह 15 दिवस। निर्माण एजेंसी मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल थी। (ख) जी नहीं, अस्पताल भवन के रेट रिवाईज नहीं किये गये, निर्माण कार्य की मूल प्रशासकीय स्वीकृति राशि रूपये 74.73 करोड़ की दिनांक 23.01.2014 को जारी हुई थी जिसकी पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति राशि रूपये 93.11 करोड़ की दिनांक 09.10.2015 को जारी की गई। चयनित स्थल पर भवन के नीव की गहराई अधिक होने के कारण एवं मूल डी.पी.आर. में कुछ आवश्यक कार्य जैसे-ई.टी.पी. एवं एस.टी.पी. टैंक, इलेक्ट्रिक कंट्रोल रूम, फायर टैंक, वाटर टैंक आदि सम्मिलित नहीं होने के कारण कार्य की लागत में वृद्धि हुई। जी नहीं, किसी को लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से रेट रिवाईज नहीं किये गये। (ग) किसी मद के रेट रिवाईज नहीं किये गये अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय स्कूलों में शौचालय एवं बाउण्ड्रीवाल के संबंध में
49. ( क्र. 456 ) श्री सतीश मालवीय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र घट्टिया में कितने प्राथमिक, माध्यमिक, हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूलों में बालक एवं कन्या हेतु पृथक-पृथक शौचालय, सफाई हेतु जल व्यवस्था सहित चलित अवस्था में है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितनी शालाओं में पृथक-पृथक शौचालय निर्मित नहीं हैं? सूची पृथक से उपलब्ध कराई जावे? (ग) विधानसभा क्षेत्र घट्टिया में कितने प्राथमिक, माध्यमिक, हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूलों में बाउण्ड्रीवाल की आवश्यकता है तथा कितने विद्यालयों में बाउण्ड्रीवाल निर्मित नहीं है, कितने में स्वीकृत है किन्तु निर्मित नहीं हुई है? कारण सहित सूची उपलब्ध करावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विधान सभा क्षेत्र घट्टिया के समस्त शासकीय 321 प्राथमिक एवं 137 माध्यमिक एवं 29 हाई/ हायर सेकण्डरी स्कूलों में बालक-बालिकाओं हेतु पृथक-पृथक शौचालय एवं सफाई हेतु स्थानीय जल व्यवस्था सहित चलित अवस्था में है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के संदर्भ में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) विधान सभा क्षेत्र घट्टिया के शासकीय 277 प्राथमिक एवं 106 माध्यमिक स्कूलों में बाउंड्रीवाल की आवश्यकता है। 05 शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालय में बाउंड्रीवाल स्वीकृत है, परन्तु निर्मित नहीं हुई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। संचालित 29 हाई/हायर सेकण्डरी स्कूलों में से 24 बाउंड्रीवाल विहीन हाई/ हायर सेकण्डरी स्कूलों में बाउंड्रीवाल की जानकारी परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार।
विकास कार्यों में की गई अनियमित्ता के विरूद्ध कार्यवाही
50. ( क्र. 466 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले में अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के अंतर्गत वर्ष 2015-16 में अनुसूचित जाति की बस्तियों के विकास, अनुसूचित जाति बस्तियों में मजरे-टोलों को विद्युतीकरण कार्य एवं अनुसूचित जाति कृषकों को कुओं तक विद्युत लाईन का विकास कार्य (पम्पों के ऊर्जाकरण ) हेतु कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? योजनावार विस्तृत विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित योजनाओं के कितने-कितने कार्य कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किये गये है? तहसीलवार जानकारी बतायें? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित योजनाओं से सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र में किन-किन बस्तियों में मजरे टोलों का विद्युतीकरण कार्य एवं पम्पों का ऊर्जाकरण स्वीकृत किया गया है? पम्पों का ऊर्जीकरण कार्य के अन्तर्गत कितने हितग्राहियों का चयन कर ट्रान्सफार्मर प्रदाय किये गये है? ग्रामवार हितग्राहियों की संख्या तथा उनके विरूद्ध कितनी राशि व्यय की गयी है? (घ) प्रश्नांश (क) में दर्शित योजनाओं में वर्ष 2015-16 में प्रदाय की नयी राशि में से कितनी-कितनी राशि का समर्पण किया गया एवं राशि समर्पण किये जाने का क्या कारण था? योजनावार समर्पण राशि का ब्यौरा देवें? उक्त योजनाओं में अनुसूचित जाति बस्ती विकास, मजरे टोलों के विद्युतीकरण तथा पम्पों के ऊर्जाकरण कार्य हेतु किन-किन जनप्रतिनिधियों द्वारा कार्यों की मांग की गयी थी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जानकारी प्रश्नांश ‘क’ अनुसार है।
निजी संस्थायों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही
51. ( क्र. 467 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अन्तर्गत कितने निजी स्कूल संचालित है? क्या उक्त स्कूलों के संचालन हेतु शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड की पूर्ति करते हुये मान्यता प्रदान की गई है वर्तमान में ऐसे कितने निजी स्कूल है, जिनके पास बच्चों को खेलने हेतु निर्धारित मापदण्ड अनुसार खेल मैदान नहीं है? नाम सहित अवगत करावें? क्या जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा समय-समय पर ऐसे स्कूलों की जाँच कर उनकी मान्यता समाप्त करने का नोटिस दिया गया है? यदि हाँ, तो विगत 3 वर्षों में कब-कब किस-किस संस्था की जाँच कर नोटिस दिया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित निर्धारित मापदण्ड की पूर्ति किये बगैर निजी स्कूलों को संबंधित विभाग द्वारा स्थल निरीक्षण किय बगैर मान्यता प्रदान कर दी गई? यदि हाँ, तो ऐसे दोषी अधिकारी के विरूद्ध शासन जाँच कर कब तक कार्यवाही करेगा? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित निजी संस्थाओं में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक कक्षा नर्सरी से कक्षा 12वीं तक कितने-कितने छात्र-छात्राओं की संख्या दर्ज है और उनके द्वारा कितनी-कितनी प्रवेश शुल्क/मासिक शुल्क निजी संस्थाओं द्वारा वसूली जा रही है? निजी संस्थाओं में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में आर.टी.आई. के तहत (शुल्क माफी) कितने निर्धन छात्र-छात्राओं की संख्या दर्ज हैं? संस्थावार, वर्षवार विवरण देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार जिन निजी संस्थाओं द्वारा 25 प्रतिशत सीटों पर आर.टी.आई के तहत प्रवेश नहीं दिया गया है उन संस्थाओं के विरूद्ध शासन अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जिला राजगढ़ अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर में कुल 207 निजी स्कूल संचालित हैं। जी हाँ। सभी संस्थाओं के पास खेल मैदान उपलब्ध हैं। जी नहीं, विगत 3 वर्षों में जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा किसी भी संस्था की जाँच कर नोटिस नहीं दिया गया है और ना ही इस कार्यालय को निजी संस्थाओं की शिकायत प्राप्त हुई है, जाँच का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांकित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ तथा ‘‘ब‘‘ अनुसार है। निजी शिक्षण संस्थाओं में वर्ष 2015-16 में आर.टी.ई के अंतर्गत 2088 छात्र/छात्राओं को निजी विद्यालयों में प्रवेश दिया गया है। संस्थावार/वर्षवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स‘‘ अनुसार। सत्र 2016-17 हेतु प्रवेश प्रक्रिया प्रचलन में है। (घ) प्रश्नांश ‘‘ग‘‘ के अनुसार जिन 3 निजी संस्थाओं द्वारा 25 प्रतिशत सीटों पर आई.टी.ई के तहत प्रवेश नहीं दिया गया है वे शिक्षण संस्थाएं अल्पसंख्यक संस्थाओं का दर्जा प्राप्त है, जिन्हें शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत 25 प्रतिशत सीट पर प्रवेश देने की बाध्यता नहीं है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
विभाग द्वारा संचालित छात्रावास
52. ( क्र. 479 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या राज्यमंत्री,पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग द्वारा विधानसभा बिजावर में 02 छात्रावास जैतुपर एवं बिजावर में स्वीकृत किए गए है? (ख) यदि हाँ, तो क्या यह छात्रावास स्वयं के भवन में संचालित हो रहे है? यदि नहीं, तो किन भवनों में संचालित हो रहे है? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में शासन द्वारा स्वीकृत उपरोक्त छात्रावास हेतु स्वयं के भवन बनाने हेतु क्या योजना है? इस हेतु अभी तक क्या-क्या प्रयास किए गए?
राज्यमंत्री,पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। जैतपुर का छात्रावास प्राइवेट भवन में एवं बिजावर का छात्रावास अनु.जाति उत्कृष्ट कन्या छात्रावास बिजावर के भवन में संयुक्त रूप से संचालित है। (ग) जैतपुर छात्रावास के निर्माण हेतु भूमि उपलब्ध कराए जाने हेतु कार्यवाही जिला कलेक्टर छतरपुर में प्रक्रियाधीन है भूमि उपलब्ध होने पर बजटीय प्रावधान अनुसार विभाग के छात्रावास भवन के निर्माण कार्य करवाया जा सकेगा। बिजावर में छात्रावास भवन बनाने संबंधी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
विभाग द्वारा संचालित छात्रावास
53. ( क्र. 480 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बिजावर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विभाग के ऐसे कितने छात्रावास है जो स्वयं के भवन में संचालित नहीं हो रहे है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में यह छात्रावास कितने समय से निजी भवनों में संचालित है? विभाग द्वारा इन छात्रावास भवनों में कितनी राशि किराए के रूप में एवं अन्य मद में प्रश्न दिनांक तक खर्च की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उपरोक्त छात्रावास भवनों का स्वयं का भवन बने इस हेतु अभी तक क्या-क्या प्रयास किए गए? छात्रावास का स्वयं का भवन कब तक निर्मित हो सकता है? (घ) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या किराए के भवन में आने के पूर्व खाली पड़े शासकीय भवन को छात्रावास के रूप में उपयोग करने हेतु प्रयास किए गए? यदि हाँ, तो पत्राचार उपलब्ध करावे। यदि नहीं, तो क्यों?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) बिजावर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत आदिवासी विकास विभाग के सभी छात्रावास स्वयं के भवन में संचालित हो रहे हैं। (ख) से (घ) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शाला भवन का निर्माण पूर्ण किया जाना
54. ( क्र. 484 ) श्री संजय उइके : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले की हाईस्कूल कचनारी एवं बिठली (उकवा) के भवन का निर्माण अधूरा है? (ख) यदि हाँ, तो भवन स्वीकृति का वर्ष, कार्य प्रारम्भ का दिनांक, एजेन्सी का नाम, कार्य प्रारम्भ का दिनांक, एजेन्सी का नाम, ठेकेदार को भुगतान राशि सहित जानकारी देवें? (ग) भवनों का निर्माण कार्य किन कारणों से रूका है और कब तक पूरा किया जावेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) लागत में वृद्धि होने से निर्माण कार्य रुका था, पुनरीक्षित स्वीकृति अनुसार कलेक्टर बालाघाट को राशि आवंटित की जा चुकी है। निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण कराया जावेगा। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
ड्रिंकिंग / मिनरल वाटर निर्माता कंपनियों की जाँच
55. ( क्र. 509 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में कौन-कौन सी ड्रिंकिंग/मिनरल वाटर पंजीकृत/लायसेंस प्राप्त निर्माता/कंपनिया हैं? किन-किन निर्माता कंपनियों के द्वारा किस-किस ब्रॉण्ड के नाम से मिनरल वाटर बनाया जाता है। किन-किन निर्माता कम्पनियों के आर.ओ. प्लांट कहाँ-कहाँ पर हैं तथा किस-किस के आर.ओ. प्लांट बी.आई.एस. सर्टीफाईड हैं। इसकी जाँच कब किसने की है? सूची दें। (ख) जबलपुर जिले में स्थित किन-किन निर्माता/कम्पनियों के पास शुद्ध जल के क्या स्त्रोत हैं। गुणवत्तापूर्ण, ड्रिंकिंग/मिनरल वाटर बनाने हेतु कौन-कौन से कैमिकल्स का उपयोग किस मात्रा में किया जाता है। क्या कोई मानक स्तर निर्धारित है और क्या इसका लायसेंस के तहत पालन कराया जा रहा है? (ग) जबलपुर जिले में स्थित किन-किन निर्माताओं/निर्माता कंपनियों के द्वारा बनाये जा रहे किस-किस ब्रॉण्ड के ड्रिंकिंग/मिनरल वाटर के नमूने जाँच हेतु कब किन-किन खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने लिये हैं और इन्हें जाँच हेतु कब-कब भेजा गया? जाँच में कौन से नमूने मिलावटी, दूषित, गुणवत्ता विहीन व मिथ्या छाप पाये गये हैं तथा तत्संबंध में कब-कब किस-किस पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है वर्ष 2014-15 से 2016-17 जून 2016 तक की जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (क) में किन-किन निर्माताओं/निर्माता कम्पनियों के द्वारा मिनरल वाटर के पाउच व वाटल में मन्यूफेक्चरिंग एवं एक्सपायरी डेट का उल्लेख तथा इसमें उपयोग किये जाने वाले कैमिकल्स की मात्रा आदि का उल्लेख नहीं किया जाता है एवं क्यों? इसके लिये दोषी किन-किन निर्माताओं/निर्माता कंपनियों पर कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई है वर्ष 2014-15 से 2016-17 जून 2016 तक की जानकारी दें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) ड्रिंकिंग वाटर खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत नहीं आता है। मिनरल वाटर का कोई भी प्लांट जबलपुर जिले में नहीं है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जिला जबलपुर में मिनरल वाटर निर्माता कंपनियां संचालित न होने से एवं ड्रिंकिंग वाटर खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत न होने से शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (क) के संबंध में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
व्यावरा चिकित्सालय में ट्रामा सेन्टर की स्वीकृति
56. ( क्र. 514 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के परि. अता. प्रश्न संख्या-98 (क्रमांक 3883) दिनांक 4 मार्च 2016 के उत्तर की कंडिका (ख) में बताया गया था कि नगर ब्यावरा में ट्रामा सेन्टर खोले जाने हेतु संपूर्ण उपयोगिता दर्शाते हुये कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला राजगढ़ को निर्देशित किया गया है कि संपूर्ण उपयोगिता दर्शाते हुये प्रस्ताव शीघ्र प्रस्तुत करें? तो क्या उक्त निर्देशों के परिपालन में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला राजगढ़ द्वारा संपूर्ण उपयोगिता दर्शाते हुये प्रस्ताव शासन को प्रेषित कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि उक्त प्रस्ताव शासन को प्राप्त हो चुका है तो उसकी स्वीकृति के संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शासन ब्यावरा नगर स्थित चिकित्सालय जो कि दो राष्ट्रीय राजमार्गों का समागम पर स्थित होकर जिला मुख्यालय की तुलना में सर्वाधिक दुर्घटनाएँ ब्यावरा नगर के आसपास होने से त्वरित उपचार हेतु ट्रामा सेन्टर की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला राजगढ़ द्वारा उपयोगियता दर्शाते हुये पूर्ण प्रस्ताव नहीं भेजा गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। भारत शासन से स्वीकृति प्राप्त होने पर ट्रामा सेन्टर बनाने की कार्यवाही की जायेगी। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
सिंहस्थ 2016 में मृतकों की संख्या
57. ( क्र. 537 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्थ 2016 हेतु विभाग को किस-किस मद हेतु कितना-कितना बजट आवंटित किया गया कितना मदवार खर्च हुआ? (ख) सिंहस्थ में 01 अप्रैल 2011 से 30 मई 2016 के बीच कितने लोगों की एवं कितने साधुओं की मौत हुई जिनका पोस्टमार्टम किया गया? (ग) मृत लोगों को रखने हेतु कितने फ्रीजर की व्यवस्था अस्पतालवार की गई थी एवं उसमें कितने शव कितने दिन रखे गये नाम एवं दिन सहित जानकारी देवें? (घ) क्या विभाग के पास पर्याप्त फ्रीजर न होने के कारण कई लाशे सड़ गयी एवं उनकी बिना शिनाख्त के उन्हें जला दिया गया यदि हाँ, तो ऐसे कितने शव थे?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) सिंहस्थ 2016 हेतु विभाग को नगरीय प्रशासन विभाग से सहायक अनुदान मद में रू. 1,65,00,000/- बजट आवंटित किया गया, जिसमें से रू. 57,91,050/- खर्च हुआ है। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सामु. स्वा. केन्द्र बैरसिया को सिविल अस्पताल का दर्जा
58. ( क्र. 542 ) श्री विष्णु खत्री : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय स्वास्थ्य मंत्री जी द्वारा दिनांक 03.11.2015 को बैरसिया आगमन पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बैरसिया को सिविल अस्पताल के रूप में दर्जा दिये जाने की घोषणा की थी? (ख) यदि हाँ, तो विभाग इसे कब तक सिविल अस्पताल का दर्जा दे देगा? (ग) विभाग द्वारा चालू वित्तीय वर्ष 2016-17 में इस हेतु कितनी राशि आवंटित की गयी है? यदि नहीं, तो विभाग कब तक इस मद में राशि की व्यवस्था करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) 30 बिस्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बैरसिया का 50 बिस्तरीय सिविल अस्पताल में उन्नयन की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) उन्नयन की प्रशासकीय स्वीकृति उपरांत बजट प्रदाय की नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
हाईस्कूल से हायर सेकण्डरी स्कूलों का उन्नयन
59. ( क्र. 543 ) श्री विष्णु खत्री : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र के ग्राम सोहाया, रतुआ, धर्मरा एवं नायसमंद में स्थित हाईस्कूल, हायर सेकण्डरी स्कूलों के रूप में उन्नयन की पात्रता रखते है विभाग इनका उन्नयन कब तक कर देगा? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित शालाओं के उन्नयन हेतु विभाग द्वारा चालू वित्तीय वर्ष में क्या बजट प्रावधान रखा गया है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वर्ष 2016-17 हेतु उन्नयन से संबंधित प्रस्ताव सभी जिलों से मंगवाए जा रहे है। प्रस्तावों का परीक्षण किया जा रहा है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) ‘‘क‘‘ के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
चिकित्सकों के रिक्त पदों की पूर्ति
60. ( क्र. 550 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गोटेगांव विधान सभा क्षेत्रांतर्गत कितने सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित हैं? स्थानवार जानकारी दें। (ख) किन-किन चिकित्सालयों में चिकित्सकों एवं अन्य स्टाफ के पद रिक्त हैं, पदवार जानकारी दें? चिकित्सकों के अतिरिक्त जो पद रिक्त हैं, उन्हें भरे जाने में क्या कठिनाई हैं? उक्त पद कब तक भर दियें जायेंगे, साथ ही चिकित्सकों के पदों की पूर्ति हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है व कब तक रिक्त पद भर दिये जायेंगे? (ग) उक्त क्षेत्र के समस्त चिकित्सालयों में शासन द्वारा निर्धारित औषधियां स्टॉक में उपलब्ध हैं अथवा नहीं? यदि नहीं, तो दवाइयां चिकित्सालयों में रहें यह सुनिश्चित करते हुए कब तक उनकी पूर्ति कर दी जायेगी तथा जानवरों के काटने पर लगने वाले रेबीज इन्जेक्शन चिकित्सालयों में उपलब्ध हैं अथवा नहीं, यदि नहीं, तो क्या शासन यह तत्काल सुनिश्चित करेगा कि रेवीज के भी इन्जेक्शन उपलब्ध रहे जिससे पीडि़तों को कठिनाई का सामना न करना पड़े?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) गोटेगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 01 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गोटेगांव, तथा 04 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र यथा श्रीनगर, बरहेटा, करकबेल, मुशरान पिपरिया संचालित है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है, पर्याप्त मात्रा में विशेषज्ञ/चिकित्सक उपलब्ध नहीं होने से पदपूर्ति नहीं की जा सकी है। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग से 1896 चिकित्सकों की की भर्ती प्रक्रिया प्रचलन में है। पदोन्नति/सीधी भर्ती के माध्यम से पैरामेडिकल/नर्सिंग संवर्ग के कर्मचारियों व अन्य सहायक स्टॉफ के पदों की पूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है, संस्थाओं में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा आमजन का स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ, चिकित्सालयों में निर्धारित औषधियां उपलब्ध है, जानवरों के काटने पर लगने वाले रेबीज इंजेक्शन भी उपलब्ध हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्कूलों का उन्नयन
61. ( क्र. 551 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र गोटेगांव में कितने शासकीय हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूल संचालित हैं, विगत 2 वर्षों में कितने हाईस्कूलों का उन्नयन हायर सेकण्डरी में किया गया है तथा वर्तमान वित्त वर्ष में कितने स्कूलों का उन्नयन प्रस्तावित हैं, स्कूलवार जानकारी दें (ख) उक्त क्षेत्रांतर्गत प्राथमिक, माध्यमिक, हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूल में शिक्षकों के विभिन्न संवर्ग के कुल कितने पद स्वीकृत हैं, कितने पदे भरे हुए हैं, पद रिक्त होने के कारण छात्रों का अध्यापन कार्य किस प्रकार से किया जा रहा है? (ग) जो पद रिक्त है उन्हें कब तक भर दिया जायेगा तथा शासन क्या यह सुनिश्चित करेगा कि रिक्त पदों की पूर्ति होने तक छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो, यदि हाँ, तो किस तरह व कब तक? (घ) उक्त क्षेत्र में ऐसे कितने स्कूल हैं, जो एक शिक्षकीय अथवा शिक्षक विहीन हैं। स्कूलवार जानकारी दें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। विगत 02 वर्षों में शा. हाईस्कूल श्रीनगर का उन्नयन हायर सेकण्डरी में किया गया है। शेषांश की जानकारी बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। पदपूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। अतिथि शिक्षकों के माध्यम से अध्यापन कार्य कराया जाता है। (ग) (ख) अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
रैगांव मुख्यालय में उप-स्वास्थ्य केन्द्र खोला जाना
62. ( क्र. 554 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले की 62 रैगांव विधान सभा मुख्यालय में उप-स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत हैं या संचालित हैं? (ख) क्या विधान सभा मुख्यालय में उप-स्वास्थ्य केन्द्र संचालित नहीं है, जिस कारण रैगांव एवं आस-पास के ग्रामीण जनता को सतना जिला चिकित्सालय आना पड़ता है एवं गंभीर मरीज को लाने, ले जाने पर देरी होने से रास्ते में दम तोड़ देते हैं? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) का उत्तर हाँ, तो क्या विधान सभा मुख्यालय रैगांव में उप-स्वास्थ्य केन्द्र खोले जाने की स्वीकृति प्रदान की जायेगी? (घ) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा उप-स्वास्थ्य केन्द्र खोले जाने हेतु कटौत्री प्रस्ताव राज्यपाल को प्रेषित कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव के माध्यम से एवं विभागीय मंत्री जी से कई बार अनुरोध किया गया, लेकिन आज दिनांक तक अमल नहीं किया गया क्यों? जबकि प्रदेश के कई जिलों में नये स्वास्थ्य केन्द्र खोले गये हैं, ऐसा सौतेला व्यवहार किया जा रहा है, कब तक उप-स्वास्थ्य केन्द्र खोला जायेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, रैगांव विधान सभा मुख्यालय पर उप स्वास्थ्य केन्द्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र दोनों संचालित है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निर्दोष शिक्षक के खिलाफ एफ.आई.आर.
63. ( क्र. 556 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले की शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गुनौर में अध्ययनरत अ.जा. एवं अ.ज.जा. के छात्रों की छात्रवृत्ति वर्ष 2013-14 की कितने छात्रों को स्वीकृत की गई थी, छात्रों के नाम सहित स्वीकृत राशि बताएं? (ख) क्या वर्ष 2013-14 की स्वीकृत राशि उसी वित्तीय वर्ष में छात्रों को वितरित नहीं की गई? क्या प्राचार्य द्वारा उक्त राशि का आहरण कर वर्ष 2016 तक छात्रों के नाम वितरित की गई है, जबकि जुलाई, 2014 से ऑन-लाईन भुगतान किये जाने के निर्देश थे? (ग) क्या प्राचार्य शासकीय उत्कृष्ठ उ.मा. विद्यालय गुनौर द्वारा अपनी गलती को छुपाने के लिये माध्यमिक खण्ड में पदस्थ उच्च श्रेणी शिक्षक श्री बृज बिहारी प्रजापति को दोषी बताकर थाना गुनौर में एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है, साथ ही छात्रों के ऊपर भी एफ.आई.आर. दर्ज करवाई गई, जबकि पूर्ण रूप से दोषी प्राचार्य एवं छात्रवृत्ति प्रभारी शिवप्रसाद त्रिपाठी, वरिष्ठ अध्यापक एवं छिद्दीलाल कोरी है, इनके खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है? (घ) क्या फर्जी तरीके से प्राचार्य द्वारा कराई गई एफ.आई.आर. से श्री बृजबिहारी प्रजापति का नाम हटाया जाकर उच्च स्तरीय जाँच कराने के साथ-साथ हैण्ड राइटिंग, हस्ताक्षर मिलान कराया जावेगा एवं जो इस छात्रवृत्ति घोटाले में दोषी छात्रवृत्ति प्रभारी हैं, उनके खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज कराई जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) छात्रवृत्ति स्वीकृति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) संचालनालय के पत्र क्रमांक/समग्र/वि.स/49 दिनांक 06/07/2016 द्वारा प्रकरण की जाँच कर जाँच प्रतिवेदन प्रेषित किए जाने हेतु कलेक्टर पन्ना को लिखा गया है। (घ) प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरांत गुण-दोष के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
सहायक आयुक्त आदिवासी विकास शहडोल द्वारा वित्तीय अनियमितता
64. ( क्र. 562 ) श्रीमती प्रमिला सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहायक आयुक्त आदिवासी विकास शहडोल के विरूद्ध सामग्री क्रय में गंभीर आर्थिक अनियमितताओं की शिकायत प्राप्त हुई है? (ख) शिकायतों की जाँच हेतु क्या राज्य स्तर से कोई जाँच दल का गठन किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो जाँच दल के द्वारा क्या जाँच की गई है? जाँच के क्या निष्कर्ष पाए गए हैं? (घ) जाँच में पाए गए दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक कार्यवाही की जावेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) जी हाँ। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।
अनुसूचित जनजाति बहुल शहडोल संभाग की उपेक्षा किया जाना
65. ( क्र. 563 ) श्रीमती प्रमिला सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिवासी विकास विभाग के संभागीय उपायुक्त, परियोजना प्रशासक, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी व माननीय मंत्री जी को पत्र लिखे गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या पद रिक्त होने पर आदिवासियों के कल्याण के कार्यक्रम प्रभावित नहीं होते हैं? (ग) संभाग व जिले के आदिवासी विकास के महत्वपूर्ण पदों की पूर्ति न कर पाने के क्या कारण हैं? क्या पदों की पूर्ति न कर पाने का कारण यह है कि विभाग में अधिकारी उपलब्ध नहीं है? (घ) यदि हाँ, तो क्या जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी का पद पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को सौंपने सहित सरकार कोई कदम उठाएगी, जिससे गरीबों का कल्याण किया जा सके?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, स्थानीय व्यवस्था के तहत् प्रभार सौंपे जाकर कार्य सम्पन्न कराये जाते हैं। (ग) रिक्त पदों पर पदोन्नति की कार्यवाही प्रचलित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के प्रकाश में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रात्रिकालीन सेवाओं हेतु चिकित्सकों की व्यवस्था
66. ( क्र. 567 ) पं. रमेश दुबे : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चौरई में रात में क्या चिकित्सकों की सेवाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या रात में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चौरई में चिकित्सक उपलब्ध नहीं होने से दुर्घटना अथवा आकस्मिक बीमारी से पीडि़तों के द्वारा रात में ड्यूटी पर उपलब्ध स्टाफ नर्स से अनावश्यक बहस करने और उनके साथ दुर्व्यवहार का मामला प्रकाश में आया है, जिसकी प्राथमिकी भी समय-समय पर थाने में दर्ज करायी गयी है? (ग) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता ने उक्त मामले को लेकर मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य मंत्री, मध्यप्रदेश शासन, प्रभारी मंत्री जिला छिंदवाड़ा, कलेक्टर छिंदवाड़ा एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी छिंदवाड़ा को पत्र प्रेषित किया है? यदि हाँ, तो इस पत्र पर किस स्तर से अब तक क्या कार्यवाही की गयी है? (घ) क्या शासन अथवा प्रशासन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चौरई में रात्रिकालीन सेवाओं हेतु चिकित्सकों की पदस्थापना अथवा व्यवस्था कर उक्त प्रकार की घटना को रोकने का प्रयास करेगा? यदि हाँ, तो कब तक रात्रिकालीन सेवाओं हेतु चिकित्सकों की व्यवस्था कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ, प्रशासनिक व्यवस्था अनुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सक आन कॉल ड्यूटी पर (रात्री कालीन) उपलब्ध रहने का प्रावधान है। (ख) जी हाँ। शेष उत्तरांश ’’क’’ अनुसार। (ग) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य स्वास्थ्य अधिकारी छिन्दवाड़ा से प्राप्त जानकारी अनुसार कोई शिकायत प्राप्त होना नहीं पाई गई है। (घ) उत्तरांश ’’क’’ अनुसार।
दिव्यांग नि:शक्तजन परीक्षण शिविर में चिकित्सकों की लापरवाही
67. ( क्र. 568 ) पं. रमेश दुबे : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम उदय भारत उदय अभियान के तहत जनपद पंचायत चौरई जिला छिंदवाड़ा के परिसर में दिनांक 15.05.2016 को 11.00 बजे दिन से दिव्यांग नि:शक्तजन परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया था? यदि हाँ, तो इस परीक्षण शिविर में किन-किन चिकित्सकों की ड्यूटी किस आदेश के तहत लगायी गयी थी? आदेश की प्रति संलग्न करें। (ख) क्या जिन चिकित्सकों की ड्यूटी लगायी गयी थी, वे चिकित्सक परीक्षण शिविर में काफी विलंब से दोपहर 01.30 बजे पहुंचे और 22 दिव्यांगजन का परीक्षण किये बिना सक्षम अधिकारी को सूचित किये समय पूर्व परीक्षण शिविर छोड़कर चले गये? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) परीक्षण शिविर में चिकित्सकों के विलंब से पहुंचने के लिये शासन किन्हें दोषी मानता है? चिकित्सकों को अथवा व्यवस्था को? क्या प्रश्नकर्ता ने उक्त आशय का पत्र मुख्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य मंत्री, मध्य प्रदेश शासन, कलेक्टर छिंदवाड़ा को प्रेषित किया है? यदि हाँ, तो इन पत्रों पर क्या कार्यवाही हुई है? (घ) क्या शासन उक्त प्रकरण को संज्ञान में लेकर चिकित्सकों के अकर्मणयता, परीक्षण शिविर में देर से पहुंचना, 22 दिव्यांग जन का परीक्षण किये बिना ही शिविर छोड़कर समय पूर्व चले जाना, इत्यादि के लिये चिकित्सकों की जिम्मेदारी नियत कर उनके विरूद्ध कार्यवाही करने और उनके चिकित्सकीय पंजीयन निरस्त करने का आदेश देगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। शिविर में चिकित्सकों की ड्यूटी संबंधी आदेश संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जिला चिकित्सालय से कई चिकित्सकों की ड्यूटी सिंहस्थ में लगी होने के कारण जिला चिकित्सालय में चिकित्सकों की कमी होने के कारण जिला चिकित्सालय में कार्यरत चिकित्सक ड्यूटी करने के पश्चात् चिकित्सक शिविर में उपस्थित हुये। (ग) प्रकरण में विस्तृत जाँच के पश्चात् ही निश्चित रूप से कुछ कहाँ जा सकेगा। (घ) प्रकरण में संभागीय संयुक्त संचालक जबलपुर संभाग को जाँच हेतु पत्र जावक क्रमांक/1123-24 दिनांक 04/07/2016 द्वारा निर्देशित किया गया है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी।
जिला संयोजक की पदस्थापना
68. ( क्र. 575 ) श्रीमती ममता मीना : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गत विधान सभा सत्र के ता. प्रश्न संख्या-3 (क्रमांक 5677) पर चर्चा उपरांत सदन में प्रभारी जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण गुना को हटाया जाकर जाँच का आश्वासन दिया गया था? तो आज दिनांक तक विभागीय जाँच संस्थापित क्यों नहीं की गई है? (ख) गुना जिले में जिला संयोजक के रिक्त पद की पूर्ति हेतु पदस्थापना आज दिनांक तक क्यों नहीं की गई है? विलंब का क्या कारण है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) श्री धीरज मिश्रा प्रभारी जिला संयोजक का स्थानान्तरण विभाग के आदेश क्रमांक 1344-45/1411/2014/1/25 दिनांक दिनांक 02/06/2016 द्वारा किया जा चुका है तथा उनके विरूद्ध जाँच हेतु संचालनालय आदिम जाति क्षैत्रीय विकास योजनाएं भोपाल के पत्र क्रमांक विद्युत/वि.स./आश्वासन/ 972/1572 दिनांक 02/07/2016 द्वारा आयुक्त ग्वालियर संभाग ग्वालियर को लिखा गया है। (ख) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासन राशि का दुरूपयोग
69. ( क्र. 576 ) श्रीमती ममता मीना : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले की वित्तीय वर्ष 2015-16 में आकस्मिक निधि मद में मदवार कितना-कितना आवंटन प्रदान किया गया? (ख) क्या आकस्मिक निधि का आवंटन जिलों को प्रदाय करने के कोई मापदण्ड विभागाध्यक्ष कार्यालयों के है? गुना जिले को आवंटन प्रदाय करने का क्या आधार रहा है? (ग) क्या संस्थाओं को भी संस्थावार आवंटन विभागाध्यक्ष से जारी किया जाता है? यदि हाँ, तो गुना जिले की संस्थाओं को कितना-कितना आवंटन संस्थावार जारी किया गया है? साथ ही क्या जिला एवं विकासखण्ड स्तर को उत्कृष्ट संस्थाओं को आवंटन आकस्मिक निधि में जारी हुआ है? यदि हाँ, तो क्या जिला स्तर पर उक्त प्राप्त आवंटन को अपनी मनमर्जी से अन्य संस्थाओं पर व्यय किया जा सकता है? (घ) गुना जिले की संस्थाओं को वर्ष 2015-16 में संस्थावार आकस्मिक निधि में कितना-कितना आवंटन/भुगतान हुआ है? उक्त आवंटन के उपयोग हेतु जिला कलेक्टर से स्वीकृति ली गई है अथवा नहीं? क्या उक्त राशि के भुगतान के पूर्व कार्यों का सत्यापन कराया गया है? यदि नहीं, तो शासन राशि के दुरूपयोग की जाँच तत्काल कराई जाकर दोषियों पर कार्यवाही कब तक की जावेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अन्तर्गत आकस्मिक निधि नहीं वरन् आकस्मिक व्यय अन्तर्गत निम्नानुसार आवंटन जारी किया गया है:-
स.क्र. |
मद |
आवंटित राशि |
1 |
मांग संख्या 33-0495-22-008 |
4000/- |
2 |
मांग संख्या 41-0494-22-008 |
18900/- |
3 |
मांग संख्या 41-1398-22-008 |
9000/- |
4 |
मांग संख्या 41-8832-22-008 |
400000/- |
(ख)
जी
हाँ। संस्थाओं
की संख्या के
आधार पर
योजनावार आवंटन
प्रदाय किया
जाता है। (ग) जी
नहीं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) प्रश्नांश
अन्तर्गत
आकस्मिक निधि
नहीं वरन्
आकस्मिक व्यय अन्तर्गत
भुगतान राशि
का विवरण संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। इस
राशि से किये
गये कार्यों
का सत्यापन
करवाकर
गुण-दोष के
आधार पर
कार्यवाही की जावेगी।
जिला चिकित्सालय का उन्नयन
70. ( क्र. 599 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिला चिकित्सालय को 100 बिस्तरीय से 200 बिस्तरीय में उन्नयन करने के संबंध में प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न संख्या 13 (क्रमांक 1503) दिनांक 14.03.2016 के प्रश्नांश (घ) 'क' उत्तर में बताया है, कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला श्योपुर से उनके अभिमत सहित प्रस्ताव मंगवाकर परीक्षण किया जावेगा के उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी? तो क्या उक्त प्रस्ताव शासन द्वारा मंगवा लिया है अथवा सी.एम.एच.ओ. श्योपुर द्वारा अभिमत सहित विभाग/शासन को भेज दिया गया है? यदि हाँ, तो ये प्रस्ताव वर्तमान में किस स्तर पर परीक्षणाधीन हैं? इसमें कितना समय लगेगा? (ख) क्या जगह की कमी के कारण मरीजों को हो रही असुविधाओं के मद्देनजर दिनांक 7.10.2015 को जिला योजना समिति द्वारा सर्वसम्मति से जिला चिकित्सालय को 200 बिस्तरीय में उन्नयन का प्रस्ताव तैयार कर शासन को स्वीकृति हेतु भेजने के लिये सी.एम.एच.ओ. श्योपुर को पूर्व में ही निर्देशित किया जा चुका है? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त प्रस्ताव का परीक्षण कार्य अविलम्ब पूर्ण कराकर जिले के मरीजों को उपचार में हो रही असुविधा के मद्देनजर प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान करेगा व इसे अनुपूरक बजट में शामिल करेगा, यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। उन्नयन का प्रस्ताव, परियोजना परीक्षण समिति शासन की और भेजने की कार्यवाही प्रचलन में है। निश्चित समयावधि बताना संभंव नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार कार्यवाही प्रचलन में है।
मानपुर उप-स्वास्थ्य केन्द्र का उन्नयन
71. ( क्र. 600 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माह फरवरी-मार्च 2016 बजट सत्र में स्वास्थ्य विभाग की बजट मांगों पर चर्चा के दौरान श्योपुर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत मानपुर उप-स्वास्थ्य केन्द्र का उन्नयन करने की घोषणा सदन में की थी? (ख) क्या उक्त केन्द्र उन्नयन हेतु शासन की सभी शर्तों को पूरा भी करता है मानपुर की वर्तमान में जनसंख्या 6 हजार से अधिक एवं आस-पास के क्षेत्रों (ग्रामों) की जनसंख्या 40 हजार से अधिक है? (ग) क्या उक्त केन्द्र में वर्तमान जनसंख्या के मान से स्वास्थ्य सुविधाएं नगण्य हैं? क्षेत्र के ही सामान्य/गंभीर मरीजों को उपचार हेतु व प्रसूती महिलाओं को किसी भी समय परिजन डिलेवरी हेतु 35 से 40 कि.मी. की दूरी तय कर या तो जिला चिकित्यालय में अथवा सवाई माधोपुर ले जाने को विवश होते हैं? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन प्रश्नांश (क) में वर्णित घोषणा को दृष्टिगत रखते हुए वर्तमान की जनसंख्या के आधार पर उक्त केन्द्र के उन्नयन के आदेश अविलम्ब जारी करेगा व इस हेतु बजट में प्रावधान करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, मानपुर की स्थानीय जनसंख्या-3726 है एवं इसके आस-पास के क्षेत्रों के 34 ग्रामों की जनसंख्या- 25218 है। इस प्रकार मानपुर क्षेत्र की कुल जनसंख्या-28944 है। (ग) जी नहीं, मानपुर में उप स्वास्थ्य केन्द्र स्तर की सुविधाएं उपलब्ध है एवं जटील प्रकरणों को अन्य स्वास्थ्य संस्थाओं में रेफर किया जाता है। (घ) जी हाँ, उन्नयन की कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तारांकित प्रश्न क्रमांक 6813 दिनांक 03.03.2016
72. ( क्र. 660 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता. प्रश्न संख्या 54 (क्र. 6813) दिनांक 30/03/2016 के उत्तर में स्कूलों के निरीक्षण की जो जानकारी उपलब्ध कराई गई है, अपूर्ण व असत्य है? इसमें वर्ष 2013 से 1-3-2016 तक कुल निरीक्षण 258 बताये गये हैं, जबकि Education पोर्टल पर वर्ष 2013 में 8208, वर्ष 2014 में 12153, वर्ष 2015 में 12297 कुल 32658 निरीक्षण दर्शाये गये है, सदन में दी गई जानकारी एवं पोर्टल पर दी गई जानकारी में भिन्नता क्यों है? जानकारी उपलब्ध कराई जावे? (ख) क्या विभाग द्वारा अपूर्ण एवं असत्य जानकारी देकर सदन को गुमराह करने की कोशिश है, यदि हाँ, तो दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी, यदि नहीं, तो संपूर्ण प्रकरण की उच्च स्तरीय जाँच कराई जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। विधान सभा प्रश्न क्रमांक 6813 में दी गई जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय दतिया के निरीक्षण से संबंधित उपलब्ध जानकारी के आधार पर है। एज्यूकेशन पोर्टल पर निरीक्षण से संबंधित दर्ज जानकारी सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत कार्यरत अमले के निरीक्षण से संबंधित है। (ख) उत्तरांश 'क' के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
छात्रावासों पर अवैध कब्जा
73. ( क्र. 688 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिंड जिले के विधान सभा क्षेत्र मेहगांव के अमायन एवं अड़ोखर में अनुसूचित जाति के छात्रों एवं छात्राओं के लिये विभाग द्वारा बनाये गये छात्रावासों की प्रश्नतिथि तक क्या स्थिति है? क्या विभाग को उक्त छात्रावास ठेकेदारों ने हैण्ड ओवर कर दिये है? (ख) क्या उक्त दोनों छात्रावासों का कार्य अधूरा है? अगर हाँ, तो क्यों? कारण बिन्दुवार दें? अगर नहीं तो विभाग के द्वारा क्या ये छात्रावास संचालित हो रहे है? अगर हाँ, तो कब से? (ग) क्या उक्त दोनों स्थानों के छात्रावासों में निजी रूप से छात्रावास विभाग की अनुमति के बगैर संचालित किये जा रहे हैं? अगर नहीं तो इनमें छात्र कैसे किसकी अनुमति से रह रहे है? अगर अनुमति है तो जारी आदेशों की एक प्रति उपलब्ध करायें? (घ) क्या राज्य शासन उक्त अवैध रूप से संचालित छात्रावासों के संचालन के दोषी जिला स्तर के विभाग प्रमुख एवं मेहगांव विधान सभा क्षेत्र के विभाग के प्रभारी को तत्काल निलंबित कर विभागीय जाँच के आदेश जारी करेगा? अगर हाँ, तो कब तक, अगर नहीं तो क्यों कारण दें? नियमों की एक प्रति दें।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) छात्रावास भवन अमायन पूर्ण होकर विभाग के आधिपत्य में लिया गया है एवं छात्रावास अडोखर का कार्य फिनिशिंग स्तर पर है। (ख) जी नहीं। अमायन छात्रावास भवन का निर्माण कार्य पूर्ण कर भवन में छात्रावास संचालित है। अडोखर छात्रावास का निर्माण कार्य अपूर्ण, रंगाई पुताई का कार्य जारी है। यह छात्रावास शासकीय भवन में संचालित नहीं है। (ग) जी नहीं। शासकीय भवन न होने की स्थिति में निजी किराये के भवन में छात्रावास संचालित किये जाते हैं। यह व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा की जाती है। संचालनालय की अनुमति अपेक्षित नहीं है। (घ) अवैध रूप से कोई छात्रावास संचालित नहीं हो रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डायरेक्टर इण्डस्ट्रियल हैल्थ एण्ड सैफ्टी द्वारा कंपनी हितों में कार्य किया जाना
74. ( क्र. 689 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के रामपुर बाघेलान तह. में स्थित प्रिज्म सीमेंट कंपनी में वर्ष 2010 से 2013 के दौरान सीमेंट सायलो गिरने से हुये हादसे पर कारखाना अधिनियम 1948, कारखानों में कर्मकार क्षतिपूर्ति अधिनियम 1923 में निर्धारित उत्तरदायित्वों के तहत क्या कंपनी के एच.आर.एम (ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट) प्रमुख के विरूद्ध क्यों आपराधिक प्रकरण विभाग द्वारा पंजीबद्ध नहीं कराया? कारण दें? (ख) क्या डायरेक्टर इण्डस्ट्रियल हैल्थ एण्ड सैफ्टी के द्वारा कंपनी से सांठगांठ की गई? अगर नहीं तो सीमेंट सायलो गिरने से किस-किस नाम पते उम्र के लोगों की मृत्यु हुई? कौन-कौन लोग किस प्रकार से घायल हुये? बिन्दुवार विवरण दें? (ग) क्या प्रिज्म सीमेंट में सीमेंट सायलो के गिरने के बाद डायरेक्टर इण्डस्ट्रियल हैल्थ एण्ड सैफ्टी न पूरे मामले में लीपापोती कर कंपनी के हित में कार्य किया जबकि उसे श्रमिकों के हितों का संरक्षण करना चाहिए था? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नियमों के अनुसार शासन एच.आर.एम विभाग के प्रमुख के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण संबंधित थाना क्षेत्र में कब तक दर्ज करवायेगा? अगर नहीं तो क्यों? कारण एवं नियम दें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) कारखाना प्रिज्म सीमेन्ट लि. यूनिट-2, ग्राम मनकहरी, तहसील रामपुर बघेलान जिला सतना में दिनांक-28.09.2010 को निर्माणाधीन सीमेंट सायलो के फिडबिन स्ट्रक्चर के कोलेप्स होने की दुर्घटना घटित हुई थी एवं दिनांक 02.03.2012 को कार्यरत सीमेंट सायलो के गिरने की दुर्घटना घटित हुई थी। दिनांक 28.09.2010 को घटित निर्माणाधीन सीमेंट सायलो के फिडबिन स्ट्रक्चर के गिरने की घटना में कुल 4 लोगों की मृत्यु हुई थी एवं 9 लोग घायल हुए थे, की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। इस दुर्घटना में कारखानें के संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार अधिनियम, 1996 सपठित म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार नियमावली 2002 के नियमों के उल्लंघन स्वरूप 1 आपराधिक प्रकरण माननीय मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सतना के न्यायालय में दिनांक 21.12.2010 को दायर किया गया था जिसका प्रकरण क्र. 4596/2010 है। यह प्रकरण दिनांक 30.11.2013 को निर्णित हुआ इसमें माननीय न्यायालय द्वारा शासन के पक्ष में निर्णित करते हुए अभियुक्तों पर कुल 35,000/- रू. का अर्थदण्ड आरोपित किया गया जो अभियुक्तो द्वारा जमा किया गया। प्रकरण की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। है। चूंकि एच.आर.एम. प्रमुख की इस दुर्घटना तथा सायलो निर्माण में कोई भूमिका न होने के कारण उन पर प्रकरण दायर नहीं किया जा सकता था। दिनांक 02.03.2012 को कार्यरत सायलो गिरने की दुर्घटना में कोई भी श्रमिक दुर्घटनाग्रस्त अथवा प्रभावित नहीं हुआ है। इस दुर्घटना में कारखाना अधिनियम, 1948 सपठित म.प्र. कारखाना नियमावली 1962 के प्रावधानों के उल्लंघन स्वरूप 1 प्रकरण माननीय सी.जे.एम. सतना के न्यायालय में दिनांक-08.05.2012 को दायर किया गया। जिसका प्रकरण क्रमांक-1441/2012 है। यह प्रकरण दिनांक 15.12.2012 को निर्णित हुआ इसमें कारखाने के अधिभोगी एवं प्रबंधक पर 50-50 हजार रूपये का अर्थदण्ड माननीय न्यायालय द्वारा आरोपित किया। इस प्रकार कुल एक लाख रूपये अर्थदण्ड की राशि अभियुक्तों द्वारा जमा की गई। प्रकरण की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। कारखाना अधिनियम 1948 के प्रावधानों के अनुसार कारखाने के अधिभोगी एवं प्रबंधक जिन्हें कारखाना प्रबंधन द्वारा प्रस्तुत फार्म 4 में कारखाने का अधिभोगी एवं प्रबंधक नियुक्त किया है उन्हीं के विरूद्ध प्रकरण दायर किया जाता है। एच.आर.एम. प्रमुख कारखाने के अधिभोगी या प्रबंधक नहीं होने से उनके विरूद्ध प्रकरण दायर नहीं किया जा सकता था। (ख) जी नहीं, डायरेक्टर इंडस्ट्रियल हेल्थ एवं सेफ्टी के द्वारा कंपनी से कोई संठगांठ नहीं की गई। दिनांक-28.09.2010 को - निर्माणाधीन सीमेंट सायलो के फिडबिन स्ट्रक्चर गिरने की दुर्घटना में 4 लोगों की मृत्यु हुई थी एवं 9 लोग घायल हुये थे, की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। दिनांक 02.03.2012 को कार्यरत सायलो के गिरने की घटना में कोई श्रमिक घायल नहीं हुआ था। (ग) यह कहना गलत है कि प्रिज्म सीमेंट में सीमेंट सायलो गिरने के बाद डायरेक्टर इंडस्ट्रियल हेल्थ एवं सेफ्टी ने पूरे मामले में लीपापोती कर कंपनी के हित में काम किया। वास्तविकता यह है कि दिनांक 28.09.2010 को घटित निर्माणाधीन सायलो के फिडबिन स्ट्रक्चर के गिरने की दुर्घटना में भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार अधिनियम, 1996 सपठित म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार नियमावली 2002 के प्रावधानों के उल्लंघन में एक प्रकरण माननीय सीजेएम, सतना के न्यायालय में संबंधित दोषियों के विरूद्ध दिनांक 21.12.2010 को दायर किया था जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। इसी प्रकार दिनांक 02.03.2012 को कार्यरत सायलो गिरने की दुर्घटना में कारखाने के अधिभोगी एवं प्रबंधक के विरूद्ध एक प्रकरण माननीय सी.जे.एम. न्यायालय सतना में दिनांक 08.05.2012 को दायर किया गया था। जिसका विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। इसके अलावा इस दुर्घटना में कारखाने को प्रतिबंधात्मक आदेश दिया जाकर यूनिट-2 के अन्य सायलो की जाँच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया था। जिसका उनके द्वारा पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया था। (घ) कारखाना अधिनियम, 1948 के अंतर्गत कारखाने के अधिभोगी एवं प्रबंधक के विरूद्ध ही प्रकरण दायर किया जा सकता है। एच.आर. प्रमुख कारखाने के अधिभोगी या प्रबंधक नहीं रहे हैं। यहां यह लेख कि श्रम विभाग के अंतर्गत संचालनालय, औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा, म.प्र. पंजीकृत कारखानों में कारखाना अधिनियम, 1948 सपठित म.प्र. कारखाना नियमावली 1962 के प्रावधानों एवं निर्माणाधीन स्थलों पर दुर्घटना में भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार अधिनियम 1996 सपठित म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार नियमावली 2002 के उल्लंघन फलस्वरूप स्वंय माननीय सी.जे.एम. न्यायालय में संबंधितों के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दायर करता है। पुलिस की कार्यवाही का इस विभाग से कोई संबंध नहीं है।
रजिस्ट्रार को पद से हटाया जाना
75. ( क्र. 700 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सत्य है कि प्रश्नकर्ता के फरवरी-मार्च 2015 सत्र के दिनांक 4/3/15 के तारांकित प्रश्न संख्या 1 (क्र.2838) के संदर्भ में मध्यप्रदेश आयुर्वेदिक तथा यूनानी चिकित्सा पद्धति एवं प्राकृतिक चिकित्सा बोर्ड के रजिस्ट्रार के विरूद्ध की गई शिकायतों की जाँच पूर्ण कर ली गई है? (ख) यदि हाँ, तो जाँच के निष्कर्ष क्या रहे एवं निष्कर्ष के आधार पर दोषी पाए जाने पर क्या रजिस्ट्रार को हटाया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या यह भी सही है कि दोषी रजिस्ट्रार के विरूद्ध दिनांक 18.02.2016 को आरोप पत्र जारी किया गया है? यदि हाँ, तो सामान्य प्रशासन विभाग के दिशा-निर्देश के अनुसार आरोप पत्र का प्रति उत्तर प्राप्त कर समय-सीमा में कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री हर्ष सिंह ) : (क) जी हाँ (ख) आरोप पत्र जारी। जी नहीं। आरोप पत्र का उत्तर प्राप्त होने पर परीक्षण किया जायेगा। (ग) जी हाँ। प्रतिवाद उत्तर प्राप्त होने पर परीक्षण किया जावेगा। समय-सीमा बताई जाना संभव नही है।
प्राथमिक व माध्यमिक शालाओं में देयक सुविधायें
76. ( क्र. 702 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अता. प्रश्न संख्या-79 (क्रमांक 2110) दिनांक 1 मार्च 2016 के उत्तर (ख) में जी नहीं दिमनी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में उपलब्ध सुविधाओं से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब पर है, बताया गया है। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब में किचिन शेड एवं बाण्उड्रीवाल के उत्तर में अधिकांश जगह नहीं बताया गया है। यदि हाँ, तो इसके क्या कारण है व शेष स्थानों पर किचिन शेड व बाउण्ड्रीवाल का निर्माण कब तक करा दिया जावेगा? निश्चित समय-सीमा बतावें? (ग) संदर्भित प्रश्न के प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्न के उत्तर (ग) में मापदण्डों के अनुसार सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है, बताया गया है? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश (ख)-(ग) की समस्याओं के निदान हेतु जिला शिक्षा अधिकारी मुरैना द्वारा शासन एवं उच्च अधिकारियों को कब-कब पत्र व्यवहार किया पत्रों की प्रति उपलब्ध करावें एवं पत्रों पर क्या-क्या कार्यवाही हुई? उससे भी अवगत कराया जावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण सभी शालाओं में किचिन शेड एवं बाउण्ड्रीवाल नहीं बनाए जा सके है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। (घ) जानकारी निरंक। प्रश्नांश 'ख' एवं 'ग' की समस्याओं के निदान हेतु जिले द्वारा वार्षिक कार्य योजना में प्रस्ताव दिये गये हैं।
प्रश्न क्र. 2110 का उत्तर
77. ( क्र. 703 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अता. प्रश्न संख्या (क्रमांक 2110) अतारांकित, दिनांक 1 मार्च 2016 के उत्तर (क) के संलग्न परिशिष्ट (अ) के अनुसार जो जानकारी उपलब्ध कराई गई है। उस अनुसार विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में क्या सभी सुविधाएं उपलब्ध है? (ख) यदि नहीं, तो क्यों व उपरोक्त सेवाएं कब तक उपलब्ध करा दी जावेंगी? (ग) यदि समय पर सेवाएं उपलब्ध नहीं कराई गई है तो इस हेतु कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार होकर उनके खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्यवाही कब तक की जावेगी? निश्चित समय-सीमा बतावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भारत शासन से स्वीकृति एवं राशि प्राप्त होने पर शेष सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकेगी। शिक्षकों के रिक्त पदों की पूर्ति संविदा शाला शिक्षकों की भर्ती/पदोन्नति/स्थानांतरण/अतिथि शिक्षकों के माध्यम से की जाती हैं, जो एक सतत् प्रक्रिया है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश 'ख' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अम्बेडकर मांगलिक भवन का निर्माण
78. ( क्र. 715 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुमावली विधान सभा क्षेत्र मुरैना के ग्राम बागचीनी के अम्बेडकर मांगलिक भवन निर्माण की वर्तमान में क्या स्थिति है? (ख) उक्त भवन की कब स्वीकृति हुई एवं आवंटन कब-कब कितनी राशि आंवटित की गई? निर्माण की जिम्मेदारी किस विभाग को दी गई है? (ग) क्या उक्त भवन में पानी की व्यवस्था एवं बाउण्ड्रीवाल नहीं होने से मांगलिक भवन का संचालन विधिवत नहीं हो पा रहा है? (घ) क्या शासन उक्त कार्य हेतु राशि आवंटित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) फिनिशिंग कार्य प्रगति पर है। (ख) भवन की स्वीकृति वर्ष 2006-07 में जारी हुई। भवन निर्माण हेतु राशि रू. 14.77 लाख अप्रैल 2007 में तथा राज्य शासन के ज्ञाप क्रमांक एफ 12-85/2006/4/25, दिनांक 28 अक्टूबर, 2015 के द्वारा ग्राम बागचीनी में डॉ. अम्बेडकर मंगल भवन निर्माण की रू. 22.13 लाख की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति जारी करते हुए अंतर की राशि रू. 7.36 लाख सीधे कार्य एजेन्सी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, मुरैना को आवंटित की गयी है। भवन निर्माण की जिम्मेदारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा को दी गयी है। (ग) वर्तमान में भवन निर्माणाधीन है इसलिये संचालन का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) भवन निर्माणाधीन है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में संचालित शालाएं
79. ( क्र. 718 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में कितनी प्राथमिक शालाएं, कितनी माध्यमिक शालायें, कितने हाई स्कूल एवं कितने हायर सेकेण्ड्री स्कूल संचालित हैं? नामवार जानकारी देवें। (ख) संचालित शालाओं में कितने शिक्षकों एवं व्याख्याताओं के पद स्वीकृत हैं जिसमें कितने पद भरे हैं एवं कितने पद रिक्त हैं? वर्गवार जानकारी देवें एवं रिक्त पदों के विरूद्ध शिक्षण कार्य हेतु विभाग द्वारा क्या व्यवस्था की गई है क्या शासन यह सुनिश्चित करेगा कि शिक्षकों के अभाव में बच्चों का शैक्षणिक कार्य प्रभावित न हो इस हेतु क्या व्यवस्था की गई है तथा रिक्त पदों को कब तक भर दिया जायेगा? (ग) उक्त क्षेत्र में संचालित स्कूलों में वर्ष 2015-16 में दसवीं एवं बारहवीं के परीक्षा परिणाम कितने प्रतिशत रहा? प्रत्येक शालावार जानकारी देवें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। रिक्त पदों के विरूद्ध अतिथि शिक्षकों से शिक्षण कार्य करवाने की व्यवस्था है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
संचालित स्वास्थ्य केन्द्र
80. ( क्र. 719 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में कितने सिविल अस्पताल, कितने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं कितने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र संचालित हैं? (ख) इन अस्पतालों में डॉक्टरों के तथा नर्सिंग स्टाफ एवं अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के कितने पद स्वीकृत हैं जिसमें कितने पद भरे हुये हैं एवं कितने पद कब से रिक्त हैं? रिक्त पदों को कब तक भर दिया जायेगा? (ग) स्टॉफ की कमी के कारण किस प्रकार इन अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवायें संचालित हो रही हैं तथा डॉक्टरों की कमी के कारण स्वास्थ्य सेवायें प्रभावित होती है इसमें सुधार के लिये विभाग क्या विचार कर रहा है? (घ) अस्पताल में किस श्रेणी की कितनी किस्म की दवाएं सरकारी योजनाओं के द्वारा उपलब्ध रहती है? यदि आवश्यकतानुसार दवाएं उपलब्ध नहीं रहती तब इसके लिये तत्कालीन क्या व्यवस्था की जाती है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत 01 सिविल अस्पताल, 02 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 03 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र संचालित हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’’अ’’ अनुसार है। विभाग रिक्त पद की पूर्ति हेतु निरंतर प्रयास कर रहा है। पर्याप्त मात्रा में विशेषज्ञ/चिकित्सक उपलब्ध नहीं होने से पदपूर्ति नहीं की जा सकी है। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग से 1896 चिकित्सकों की की भर्ती प्रक्रिया प्रचलन में है। पदोन्नति/सीधी भर्ती के माध्यम से पैरामेडिकल/नर्सिंग संवर्ग के कर्मचारियों व अन्य सहायक स्टॉफ के पदों की पूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ग) स्वास्थ्य संस्थाओं में उपलब्ध स्टॉफ द्वारा आम-जन को स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान की जा रही हैं। चिकित्सकों की कमी को दूर करने हेतु, मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग से 1896 चिकित्सकों की की भर्ती प्रक्रिया प्रचलन में है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से संविदा नियुक्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है। (घ) विभाग में स्वास्थ्य संस्था अनुसार उपलब्ध रहने वाली दवाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है। यदि आवश्यकतानुसार दवाएँ उपलब्ध नहीं रहती हैं तो जिले स्तर पर लोकल परचेज द्वारा व्यवस्था की जाती है।
सुल्तानिया जनाना अस्पताल का विस्तार
81. ( क्र. 723 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल के सुल्तानिया जनाना अस्पताल को वर्तमान आवश्यकता के हिसाब विस्तार करने के लिए क्या-क्या प्रस्ताव विचाराधीन हैं तथा इसके लिए कितनी-कितनी राशि स्वीकृत हुई और उसका उपयोग नहीं करने के लिए कौन-कौन दोषी हैं और यह भी अवगत करावें कि आवश्यकता अनुसार अस्पताल का कब तक विस्तार होगा? (ख) सुल्तानिया अस्पताल में विगत 5 वर्षों से पदस्थ अमला तथा वर्तमान में कौन-कौन किस-किस पद पर पदस्थ हैं उनके नाम व पद सहित सूची उपलब्ध करावें? (ग) विगत 5 वर्षों से प्रश्न दिनांक की स्थिति में किन-किन अधिकारी एवं कर्मचारियों के विरूद्ध कौन-कौन सी तथा किस-किस आरोप की जांचें कब-कब से प्रचलन में है तथा किन-किन कारणों से लम्बित है और कब तक निराकृत होगी समय-सीमा में शिकायतों का निराकरण नहीं करने के लिए कौन-कौन दोषी हैं उनके विरूद्ध शासन द्वारा क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) जब सुल्तानिया अस्पताल महिला अस्पताल है तो क्या शासन अस्पताल में सम्पूर्ण पद जैसे वार्ड ब्वाय, नर्स, आया, क्लर्क, डाक्टर एवं अधीक्षक आदि समस्त पदों पर महिलाओं को ही पदस्थ करेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें?
राज्यमंत्री,चिकित्सा शिक्षा ( श्री शरद जैन ) : कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) विगत पाँच वर्षों से प्रश्न दिनांक तक सुल्तानिया महिला चिकित्सालय भोपाल के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध ई.ओ.डब्लू की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जी नहीं। सुल्तानिया महिला चिकित्सालय में सम्पूर्ण चिकित्सीय, अधीक्षक, लिपिकीय, अलिपिकीय पदों पर महिलाओं की पदस्थापना की जाना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियम विरूद्ध कार्यवाही करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही
82. ( क्र. 724 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या म.प्र.वक्फ बोर्ड रेग्यूलेशन 1963 नियम 3.2 के अनुसार एवं वक्फ नियम एवं अधिनियम नियम 2000 के अंतर्गत वक्फ बोर्ड की मीटिंग प्रतिमाह होनी चाहिए? यदि हाँ, तो वर्तमान वक्फ बोर्ड की मीटिंग कितने माह से नहीं हो सकी है और मीटिंग न बुलाये जाने के लिए कौन जिम्मेदार है उनके नाम व पद सहित यह बतावें कि नियम एवं अधिनियम का उल्लंघन करने को लेकर शासन द्वारा क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें? (ख) क्या तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी वक्फ बोर्ड द्वारा दिनांक 16.09.95 को शासन को पत्र भेजकर बोर्ड के अध्यक्ष द्वारा बैठक नहीं बुलाने की परिस्थितियां और हठधर्मिता का उल्लेख था तथा उनके पत्र में नोटशीट संलग्न कर कारण भी दर्शाये गये थे? यदि हाँ, तो क्या शासन के आदेश पर दिनांक 09.11.2015 को बोर्ड बैठक आयोजित की गई थी और वक्फ बोर्ड के रेग्यूलेशन 1963 की धारा 13 के अनुसार बोर्ड की मीटिंग शासन स्तर पर निरस्त नहीं कराई जा सकती? (ग) यदि हाँ, तो क्या अपर मुख्य सचिव अध्यक्ष मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड के अनुचित प्रभाव में आकर बोर्ड की मीटिंग सदस्यों को सूचित किए बगैर निरस्त कर दी गई है? यदि हाँ, तो इस नियम विपरीत कार्यवाही के लिए कौन-कौन दोषी है और उसके विरूद्ध शासन द्वारा क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें?
राज्यमंत्री,पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जी हाँ। वर्तमान वक्फ बोर्ड की मीटिंग विगत आठ माह से नहीं हुई है। मीटिंग बुलाये जाने की जिम्मेदारी वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी की है। जिसकी तिथि एवं समय का निर्धारण वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष की सहमति से किया जाना अनिवार्य है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी वक्फ बोर्ड द्वारा अपने उत्तर में माह जुलाई 2016 से बोर्ड की नियमित बैठकें आयोजित करना उल्लेखित किया गया है। (ख) जी हाँ। तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी, वक्फ बोर्ड द्वारा दिनांक 16.09.95 को नहीं अपितु 16.09.2015 को शासन को पत्र लिखा गया। जी हाँ। शासन आदेश दिनांक 15.10.2015 जिसमें मुख्य कार्यपालन अधिकारी, वक्फ बोर्ड को वक्फ बोर्ड की बैठक नवंबर, 2015 में प्रथम सप्ताह में अनिवार्यत: रखने हेतु अधिकृत किया गया था। उक्त पत्र को विधि विभाग के अभिमत के अनुसार एतद जारी किये जाने के दिनांक से प्रभाव शून्य घोषित किया गया। इस कारण अवैधानिक रूप से संपन्न उक्त बैठक की कार्यवाही को निरस्त करने हेतु वक्फ रेग्यूलेशन 1963 की धारा 13 बाधक नहीं है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश 'ख' भाग उत्तर में वर्णित अनुसार राज्य शासन द्वारा केवल वक्फ बोर्ड की बैठक बुलाये जाने संबंधी मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दिये गये निर्देश दिनांक 15.10.2015 को शून्य किया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अतिथि शिक्षकों की भर्ती
83. ( क्र. 727 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में विगत दो वर्षों से कुल कितने अतिथि शिक्षकों की भर्ती की गई थी, वर्गवार (1, 2, 3) स्कूलवार नाम सहित बताएं? (ख) क्या अतिथि शिक्षकों को भर्ती के दौरान पूर्व के अतिथि शिक्षकों को वरीयता नहीं दी जाती है एवं नये अतिथि शिक्षकों को भर्ती कर दी जाती है, जबकि उनका कार्य व्यवहार सराहनीय रहता है? ऐसा क्यों? (ग) क्या माह-जून से शिक्षण संस्थाएं संचालित हो जाती है, मगर अतिथि शिक्षकों की भर्ती माह अगस्त-सितम्बर में की जाती है? समय पर अतिथि शिक्षकों की भर्ती न होने से शैक्षणिक व्यवस्था प्रभावित होती है, ऐसा क्यों? (घ) क्या भविष्य में माह-जून से ही अतिथि शिक्षकों को रखा जावेगा तथा इनके नियमितीकरण में शासन कोई विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) छतरपुर जिले में विगत दो वर्षों में 3227 अतिथि शिक्षकों की भर्ती की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। जिन अतिथि शिक्षकों का परीक्षा परिणाम एवं कार्य-व्यवहार उत्तर रहा हो ऐसे अतिथि शिक्षकों को आवेदन करने पर पुनः चयनित किये जाने में प्राथमिकता दी जाती है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश के उत्तर में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। वर्ष 2016-17 के लिये अतिथि शिक्षकों को रखे जाने संबंधी निर्देश शासन द्वारा दिनांक 30.6.16 को जारी किये जा चुके हैं। अतिथि शिक्षकों को उनके द्वारा अतिथि शिक्षक के रूप में कार्य दिवसों के आधार पर आगामी संविदा शाला शिक्षक नियोजन में बोनस अंक दिये जाने का प्रावधान है। नियमितीकरण के संबंध में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
छतरपुर जिले में शिक्षा विभाग में शिक्षक विहीन शालाएं
84. ( क्र. 728 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में शिक्षा विभाग के कितने स्कूल ऐसे हैं जहाँ शिक्षक नहीं हैं। (ख) शालाओं के नाम संकुलवार बतावें। (ग) रिक्त पड़ी शालाओं में शिक्षकों की पूर्ति कब तक की जायेगी? (घ) यदि शिक्षकों की भर्ती समय से नहीं की गई तो उन शालाओं में शिक्षकों की पूर्ति कैसे की जायेगी? स्पष्ट करें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) 41 प्राथमिक शाला, 126 माध्यमिक शाला एवं 02 हाईस्कूल। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) युक्ति-युक्तकरण प्रक्रिया, पदोन्नति एवं संविदा शाला शिक्षकों की भर्ती से रिक्त पदों की पूर्ति की जावेगी। यह एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) शिक्षकों के रिक्त पदो के विरूद्ध अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति कर शिक्षण कार्य कराए जाने हेतु आवश्यक निर्देश प्रसारित किए जा चुके हैं।
शिक्षित ग्राम योजना का क्रियान्वयन
85. ( क्र. 732 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संपूर्ण शिक्षित ग्राम योजना का ब्यौरा क्या है? (ख) वर्ष 2013 से 2015-16 तक प्रदेश में कितने एवं कौन-कौन से ग्राम शिक्षित ग्राम योजना में चयनित हुए एवं उन्हें क्या पुरस्कार दिए? (ग) उज्जैन संभाग विशेषकर रतलाम जिले में उक्त योजना से कितने ग्राम किस-किस ग्रेड में चयनित हुए? (घ) शिक्षक प्रोत्साहन योजनांतर्गत संभाग में कितने शिक्षकों को पुरस्कार प्रदान किये? जिलेवार पुरस्कार राशिवार ब्यौरा क्या है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। चयनित हुये प्रत्येक ग्राम को पुरस्कार स्वरूप राशि रूपये 10000 (रूपये दस हजार) एवं प्रमाण-पत्र दिया गया। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 पर है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 पर है।
विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति वर्ग की योजनाएं
86. ( क्र. 733 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सरकार ने जिला स्तर पर विमुक्त घुमक्कड़, अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति वर्ग के लोगों का सर्वे करवाया है? यदि हाँ, तो कब एवं किस आधार पर? जिलेवार सर्वे रिर्पोट क्या है? (ख) उपरोक्त (क) वर्ग के बच्चों के लिए सरकार ने कहाँ-कहाँ नये छात्रावास खोलने का निर्णय लिया है? तत्संबंधी ब्यौरा क्या है? (ग) इस वर्ग के लिए सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी के लिए प्रचार-प्रसार की दिशा में सरकार ने अब तक क्या-क्या कदम उठाए है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजातियों की जनसंख्या तथा शैक्षणिक, सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति संबंधी सर्वेक्षण, बेस लाईन सर्वे करवाये जाने हेतु विभाग के पत्र क्रमांक/1177/391/ 2013/62 भोपाल दिनांक 28.12.2015 अनुसार समस्त जिला कलेक्टरों को लिखा गया है। बेस लाईन सर्वे संबंधी रिर्पोट अभी जिलों से प्राप्त नहीं हुई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ठ के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ख) इस वर्ग के बच्चों के लिए म.प्र. शासन विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति कल्याण विभाग भोपाल के आदेश क्र.-एफ 3-7/2013/62 भोपाल दिनांक 5 फरवरी 2015 अनुसार 20 नवीन छात्रावास संचालित करने की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ठ के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। (ग) विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति वर्ग से संबंधित कल्याणकारी योजनाएं प्रति वर्ष विभाग के प्रशासकीय प्रतिवेदन में प्रकाशित होती हैं। प्रशासकीय प्रतिवेदन की प्रतियां प्रचार-प्रसार हेतु जिलों में स्थापित आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला कार्यालय सहायक आयुक्त आदिवासी विकास/जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण को भेजी जाती है। उपरोक्त कार्यालयों द्वारा विभागीय योजनाओं के प्रचार-प्रसार का कार्य किया जाता हैं। इसके अलावा संचालनालय जनसम्पर्क द्वारा प्रकाशित पुस्तिका ’आगे आएं लाभ उठाएं’ में भी विभागीय योजनाओं की जानकारी समाहित की जाकर प्रचार-प्रसार किया जाता है।
कोतमा विधान सभा में रिक्त पदों की पूर्ति
87. ( क्र. 751 ) श्री मनोज कुमार अग्रवाल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत कोतमा विधान सभा क्षेत्र में कुल कितने सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र संचालित हैं? उक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में किस-किस स्तर के कितने-कितने पद स्वीकृत हैं तथा वर्तमान में कितने पद भरे हुये हैं एवं कितने पद कब-कब से रिक्त है? (ख) जो पद रिक्त हैं उन्हें शासन के द्वारा भरे जाने की क्या योजना है जो चिकित्सक से अन्यान्य पद हैं उन्हें न भरने का क्या कारण है तथा जो शेष चिकित्सक के पद हैं वे भी कब तक भर दिये जायेंगे तथा गैर चिकित्सकीय पद भी कब तक भर दिये जायेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जो जनसंख्या के मान से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन होना चाहिये उन्हें कब तक उन्नयन कर दिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है, पर्याप्त मात्रा में विशेषज्ञ/चिकित्सक उपलब्ध नहीं होने से पदपूर्ति नहीं की जा सकी है। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग से 1896 चिकित्सकों की की भर्ती प्रक्रिया प्रचलन में है। पदोन्नति/सीधी भर्ती के माध्यम से पैरामेडिकल/नर्सिंग संवर्ग के कर्मचारियों व अन्य सहायक स्टॉफ के पदों की पूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है, संस्थाओं में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा आम-जन का स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ग) प्रदेश में ब्लाक/शहर की जनसंख्या के मान से मापदण्ड अनुसार पात्रतानुसार स्वास्थ्य संस्थाओं के उन्नयन की कार्यवाही निरंतर जारी है। निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
संविदा कर्मियों की भर्ती
88. ( क्र. 752 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 में अनूपपुर जिले में किस वर्ग के कितने संविदाकर्मी कार्यरत थे? इन संविदाकर्मियों के सेवा नियम की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) अनूपपुर जिले में कितने संविदाकर्मियों की सेवायें लोकसभा चुनाव 2014 के लिये जिला निर्वाचन कार्यालय को उपलब्ध करवाई गई थी? (ग) संविदाकर्मियों की सेवावृद्धि का आदेश जारी किये बिना ही मई 2014 के लोकसभा चुनाव के लिये संविदाकर्मियों की सेवायें किस नियम के तहत उपलब्ध करवाई गई इन संविदाकर्मियों की सेवावृद्धि का आदेश किस दिनांक को जारी किया गया? (घ) संविदाकर्मियों की सेवावृद्धि का आदेश जारी किये बिना ही उनकी सेवायें लोकसभा चुनाव के लिये उपलब्ध कराना क्या नियमानुकूल है? यदि नहीं, तो इस संबंध में कौन दोषी है पद व नाम सहित बतावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वर्ष 2014 में सर्वशिक्षा अभियान अंतर्गत 21 संविदा कर्मचारी कार्यरत थे जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। मिशन की सेवा नियम दिनांक 04.08.1997 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (ख) 13 (ग) जिला निर्वाचन अधिकारी, जिला अनूपपुर के पत्र क्रमांक 83 दिनांक 21.01.2014 के परिपालन में जिले द्वारा कार्यालयीन पत्र क्रमांक 129 दिनांक 05.02.2014 द्वारा कर्मचारियों की सूची जिला निर्वाचन कार्यालय को उपलब्ध कराई गई। जिला शिक्षा केन्द्र द्वारा संविदा कर्मचारी की सेवावृद्धि आदेश क्रमांक 1033 दिनांक 08.08.2013 एवं आदेश क्रमांक 1160 दिनांक 31.08.2013 द्वारा 31 मार्च, 2014 तक के लिए की गई थी, इसके उपरांत प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू होने से संविदा कर्मचारी की सेवावृद्धि आदेश जारी नहीं किये जा सके। राज्य शिक्षा केन्द्र द्वार पत्र क्रमांक/राशिके/नियु./2014/2129 दिनांक 19.03.2014 के माध्यम से उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश से संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों के संविदा नवीनीकरण किये जाने की अनुमति चाही गई थी। कार्यालय मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, मध्यप्रदेश द्वारा पत्र क्रमांक 191/एमसीसी/2014/चार-क/677 दिनांक 10.04.2014 द्वारा दी गई अनुमति के अनुक्रम में राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा पत्र क्रमांक 4298 दिनांक 16.05.2014 के माध्यम से संविदा का नवीनीकरण दिनांक 26.05.2014 तक पूर्ण करने के निर्देश जिलों को जारी किये गये। जिसके परिपालन में इन संविदा कर्मचारियों का संविदा नवीनीकरण जिला शिक्षा केन्द्र द्वारा आदेश दिनांक 11.07.2014 को जारी किया गया। (घ) संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों का कार्य संतोषजनक होने से तथा इन कर्मचारियों का नवीनीकरण आदेश आदर्श आचार संहिता समाप्ति पश्चात जारी किये जाने के दृष्टिगत कार्यरत कर्मचारियों की सेवायें निरंतर मानते हुए लोकसभा चुनाव के कार्य के संचालन हेतु जिलों में कार्यरत अमलों की सेवायें जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा आवश्यकतानुसार ली गई। अत: कार्यवाही नियमानुसार होने से कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है।
वन भूमि के लंबित दावों का निराकरण
89. ( क्र. 753 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी, 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के तहत शहडोल संभाग के शहडोल, उमरिया एवं अनूपपुर जिले में वर्ष 2015-16 तक कितनी वन भूमि के कितने दावे मान्य और कितने दावे अमान्य किये गये, कितने दावे लंबित थे, कितनी अपील उपखण्ड स्तरीय समिति एवं कितनी अपील जिला स्तरीय समिति के समक्ष मार्च 2016 को लंबित थी? (ख) अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक किस जिले में कितनी भूमि के कितने नवीन दावे प्राप्त हुये, कितनी अपील उपखण्ड स्तरीय समिति एवं जिला स्तरीय समिति को प्राप्त हुई? (ग) अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस जिले में जिला स्तरीय समिति की किस दिनांक को आयोजित बैठक में कितनी भूमि के कितने दावे मान्य किये गये, कितने दावे अमान्य किये गये, कितनी अपीलों पर निर्णय लिया गया तथा कितने वन अधिकारी पत्र इस अवधि में वितरित किये गये?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक, दो तथा तीन अनुसार है।
सहायक शिक्षकों को वरिष्ठता क्रम में पदोन्नति
90. ( क्र. 756 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भर्ती पदोन्नति नियम 1973 में संशोधन 4/8/2012 के अनुसार स्नातक योग्यताधारी सहायक शिक्षक को उनके स्नातक विषयमान वरिष्ठता के आधार पर जिला शिक्षा विभाग भिण्ड द्वारा 2012 से प्रश्नांश दिनांक तक किसको पदोन्नति का लाभ दिया गया? (ख) जिला शिक्षा विभाग भिण्ड में 31 जुलाई 2016 तक कौन-कौन सेवानिवृत्त हो रहे हैं? पी.पी.ओ. और जी.पी.ओ. कब जारी किया गया? कौन से भुगतान शेष हैं? 31 दिसम्बर 2016 तक कौन सेवानिवृत्त हो रहे हैं? जानकारी दें? (ग) जिला शिक्षा विभाग भिण्ड में सहायक शिक्षकों को 12/24 वर्ष का सेवाकाल पूर्ण करने के उपरांत नियमानुसार वरिष्ठता/क्रमोन्नति वेतनमान दिया गया है, यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिए कौन उत्तरदायी है? जानकारी दें? (घ) क्या पदोन्नति रिक्त पदों की उपलब्धता व पदोन्नति नियमों में नियम अर्हता पर पदोन्नति होती है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश दिनांक तक कौन सा पद रिक्त होगा? किसको पदोन्नति का लाभ मिलेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) भाषा समूह-140, गणित विज्ञान समूह-90, सामाजिक विज्ञान समूह-145, सहायक शिक्षकों को शिक्षक पद पर पदोन्नति का लाभ दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''एक'' अनुसार। (ख) जिला भिण्ड में दिनांक 31.07.2016 एवं दिनांक 31.12.2016 तक सेवानिवृत्त हो रहे कर्मचारी/अधिकारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''दो'' अनुसार। वर्तमान में 30.06.2016 तक सेवानिवृत्त कर्मचारियों/अधिकारियों के विभागीय जाँच एवं न्यायालयीन प्रकरणों को छोड़कर सभी को पी.पी.ओ. एवं जी.पी.ओ. जारी किये जा चुके हैं। विभागीय जाँच एवं न्यायालयीन प्रकरणों को छोड़कर सभी का भुगतान हो चुका है। (ग) जी हाँ, शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। माध्यमिक विद्यालय में भाषा समूह-73, सामाजिक विज्ञान समूह-45, गणित विज्ञान समूह-124 एवं हाईस्कूल में हिन्दी-07, सामाजिक विज्ञान-03, विज्ञान-6, अग्रेंजी-16, गणित-6, संस्कृत-8 पद रिक्त है। भर्ती पदोन्नति नियम 1973 के संशोधन 4 अगस्त 2012 के प्रावधान अनुसार पदोन्नति का लाभ दिया जायेगा।
त्याग पत्र देने के पश्चात पुन: बहाली
91. ( क्र. 757 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) न्यायालय कलेक्टर जिला भिण्ड के पारित आदेश दिनांक 28-10-2015 सुधीर त्रिपाठी बनाम मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत भिण्ड नैसर्गिक न्याय सिद्धांत के प्रतिकूल और विधि असम्मति जारी किया गया? मा. उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर याचिका क्र. 6070/2010 के प्रतिकूल आदेश जारी किया गया? यदि हाँ, तो क्यों? छायाप्रति सहित जानकारी दें? (ख) क्या सुधीर की नियुक्ति संविदा शाला शिक्षक वर्ग-2 पद पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत अटेर द्वारा 5-7-2003 को की गई? आदेश क्रमांक 1974 दि. 15-10-07 को लापरवाही के कारण सेवा समाप्त की गई? सामान्य प्रशासन समिति द्वारा चेतावनी देकर 12-11-07 को दोषमुक्त किया गया? अध्यापक संवर्ग में संविलियन न होने के कारण 6-7-2009 को त्याग पत्र दिया गया? यदि हाँ, तो किन कारण से संबंधित संस्था में उपस्थित होने का आदेश जारी किया गया? (ग) क्या त्याग पत्र देने के पश्चात पुन: पदस्थ किया जा सकता है? क्या लापरवाही के पश्चात दोष मुक्त किया जा सकता है? मा. उच्च न्यायालय द्वारा याचिका वापस देने के पश्चात न्यायालय कलेक्टर जिला भिण्ड कर्तव्य से अनुपस्थित रहने की अवधि का कटोत्रा कर उपस्थित रहने का आदेश किस नियम से जारी कर सकते हैं? यदि हाँ, तो कारण सहित जानकारी दें? (घ) क्या प्रश्नांश (क) के अंतर्गत आदेश जारी करते समय विधि सम्मति और न्याय संगत का पालन नहीं किया गया? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन दोषी है? अभी तक क्या कार्यवाही की गई? सुधीर को त्याग पत्र से प्रश्नांश दिनांक तक कितना भुगतान किया गया?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) कलेक्टर द्वारा जारी आदेश उपयुक्त है। जारी आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) जी हाँ, नियुक्ति की गई। जी हाँ, सेवा समाप्त की गई। जी हाँ, दोषमुक्त किया गया। जी हाँ, त्याग पत्र दिया गया किन्तु त्याग पत्र स्वीकृत नहीं होने से तथा आवेदक द्वारा स्वंय त्याग पत्र निरस्त/अमान्य करने का आवेदन दिया गया था। उपस्थित होने संबधित आदेश जारी नहीं किया गया। (ग) प्रश्नांश ’’ख’’ के उत्तरांश अनुसार। जिला कलेक्टर पंचायत के द्वारा जारी आदेश के विरूद्ध अपिलीय अधिकारी घोषित है। अपिलीय अधिकारी द्वारा दिनांक 28.12.2015 को आदेश पारित कर प्रकरण का समुचित एवं नियमानुसार निराकरण किया गया है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश ’’क’’ के उत्तरांश अनुसार। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। राशि रूपये 61925/- का भुगतान किया गया है।
विद्यालयों में विद्युत व्यवस्था
92. ( क्र. 761 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्राथमिक शालाओं एवं माध्यमिक शालाओं में जून माह से सितम्बर माह तक विद्यालय के कक्षों में उमस भरी गर्मी से विद्यार्थियों को विशेष परेशानी होती है? क्या उमस भरी गर्मी के निदान हेतु विद्यालयों में विद्युत व्यवस्था कर पंखा आदि की व्यवस्था विभाग द्वारा कराई जा सकेगी? क्या इस प्रकार की कोई योजना बनाई गई है या बनाई जावेगी? (ख) विधान सभा क्षेत्र जौरा में प्राथमिक विद्यालय, माध्यमिक विद्यालय, हाई स्कूल में कितने विद्यालयों में विद्युत कनेक्शन प्रदाय किये गये हैं और कितने विद्यालय विद्युत कनेक्शन हेतु प्रस्तावित हैं? (ग) विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 में विद्यालयों के लिये कितना-कितना मद आवंटित किया गया है, तथा कितनी राशि व्यय की गई है? विद्यालयवार जानकारी उपलब्ध करावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रदेश के 100234 प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में वर्तमान में विद्युत व्यवस्था नहीं है। विद्युत विहीन शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में नवीन योजना अंतर्गत क्रमबद्ध तरीके से विद्युत सुविधा उपलब्ध कराना प्रस्तावित है। (ख) विधान सभा क्षेत्र जौरा में 13 प्राथमिक एवं 08 माध्यमिक शालाओं में विद्युत कनेक्शन उपलब्ध हैं और शेष 459 विद्युत विहीन शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय हेतु कनेक्शन प्रस्तावित है। (ग) विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 में विद्यालयों के लिये विद्युत कनेक्शन हेतु कोई मद आवंटित नहीं किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पदोन्नति सूची में विलम्ब के कारण
93. ( क्र. 762 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला मुरैना में वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 की सहायत शिक्षक से शिक्षक पदों पर होने वाली पदोन्नति की सूची जारी नहीं की गई है? यदि हाँ, तो विलम्ब के कारण क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित पदोन्नति सूची का प्रकाशन आगामी समय में किये जाने की संभावना है? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों? (ग) क्या वर्ष 2014-15 से पूर्व में जारी पदोन्नति सूची में वरीयता क्रम में अनियमितता की गई है? उक्त जारी सूची का विवरण उपलब्ध कराएं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। वर्ष 2016 में आदेश दिनांक 02.01.2016 एवं 18.03.2016 द्वारा सहायक शिक्षक से शिक्षक पद पर कला-48, विज्ञान -07, गणित-6, संस्कृत-01, अग्रेंजी-01, कुल 63 लोक सेवकों की पदोन्नति की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश ‘‘क’’ उत्तर के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) वर्ष 2014-15 में सहायक शिक्षक से शिक्षक के पद पर पदोन्नति सूची जारी नहीं होने से वरीयता क्रम में अनियमितता किये जाने व शेषांश का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता।
कर्मचारियों पर दर्ज प्रकरण
94. ( क्र. 768 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राज्यमंत्री,चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहायक महानिरीक्षक (अपराध) EOW द्वारा सुल्तानिया जनाना अस्पताल भोपाल के अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध आर्थिक अपराध दर्ज किया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन कर्मचारियों पर किन-किन धाराओं में प्रकरण दर्ज किए हैं? ब्यौरा दें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार दर्ज प्रकरणों की विवेचना पूर्ण हो चुकी है? यदि हाँ, तो चालान किस दिनांक को न्यायालय में पेश किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार EOW के पत्र क्रमांक-भोपाल/अप.06/15/426A/2015 के संदर्भ में प्रश्न दिनांक तक की गई? कार्रवाई से अवगत कराएं?
राज्यमंत्री,चिकित्सा शिक्षा ( श्री शरद जैन ) : (क) जी हाँ। जिन अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किया गया है, उनकी विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश में संलग्न परिशिष्ट में उल्लेखित अधिकारियों के विरूद्ध जाँच की कार्यवाही ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा की जा रही है विवेचना पूर्ण किये जाने के संबंध में प्रश्न दिनांक तक ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा कोई जानकारी विभाग को उपलब्ध नहीं कराई गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ‘‘ख’’ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र निर्माण में अनियमितता
95. ( क्र. 782 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ठीकरी जिला बड़वानी में वर्ष 2003-04 में स्वीकृत सामु. स्वा. केंद्र हेतु भूमि दान की गई एवं इसका भूमि पूजन किया गया? इसका टेंडर किस फर्म को मिला, कितना भुगतान कब-कब किया गया? (ख) उपरोक्त निर्माण किस आदेश पर रोका गया आदेश की प्रति देवें? नये स्थान पर निर्माण स्वीकृति के आदेश की छायाप्रति देवें? क्या इसके लिये नवीन तकनीकी व अन्य स्वीकृतियां ली गई? यदि हाँ, तो इसकी समस्त छायाप्रतियां दें? (ग) उपरोक्त नवीन स्थान जो गांव से दूरस्थ है, का चयन किसके द्वारा और क्यों किया गया? संबंधित अधिकारी का नाम, पदनाम, स्थान चयन आदेश की प्रति सहित बतावें? (घ) उपरोक्त भवन दान की जमीन पर निर्मित न होने से शासन को जो लाखों रूपये की क्षति हुई है एवं (ख) व (ग) के लिये दोषी अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही होगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। इसका टेण्डर मेसर्स सुभाष जोशी बड़वानी को मिला था। इस फर्म को एक बार रू. 33680/- का भुगतान दिनांक 18.10.2004 को किया गया। (ख) उक्त निर्माण मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, बड़वानी के आदेश पर रोका गया था। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। जी हाँ नवीन तकनीकी एवं अन्य स्वीकृतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02, 03 एवं 04 अनुसार है। (ग) जी नहीं, नवीन स्थान गांव से दूर नहीं है, नवीन स्थान का चयन सुगम पहुँच होने के कारण कलेक्टर सहित अन्य संबंधित अधिकारियों द्वारा किया गया।
स.क्र. |
अधिकारी का नाम |
पद |
1 |
श्री एस.के. पाल |
कलेक्टर |
2 |
श्री सी.एस.खरत |
कार्यपालन यंत्री,लोक निर्माण विभाग |
3 |
श्री राकेश सार्वे |
अनुविभागीय अधिकारी, लोक निर्माण विभाग |
4 |
श्री ए.के.गीते |
उपयंत्री, लोक निर्माण विभाग |
5 |
श्री एस.एस. बघेल |
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी |
6 |
श्री दुर्गा सिंह चैहान |
ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर |
7 |
श्री बी.आर.पाटेल |
तहसीलदार |
(घ) जी नहीं, अतः किसी भी अधिकारी पर कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
उज्जैन सिंहस्थ 2016 में अमानक खाद्य पदार्थों पर कार्यवाही विषयक
96. ( क्र. 783 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन सिंहस्थ वर्ष 2016 में खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के जिन खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की डियूटी लगाई गई, उनके नाम बताएं? इस संबंध में जारी समस्त आदेशों की प्रमाणित प्रति देवें? इन्हें स्वीकृत मानदेय तथा किए गए भुगतान की रसीद सहित जानकारी भी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार इन खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा जिन-जिन खाद्य प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया उनके नाम बतावें, जिन खाद्य प्रतिष्ठानों पर खामियां पाई गईं, उनके नाम, निरीक्षण की प्रतियों सहित उपलब्ध करावें? (ग) निरीक्षण के दौरान लिये गये सर्विलेंस नमूनों की जाँच में अमानक, असुरक्षित एवं अन्य खराब पाये गये नमूनों के संबंधित प्रतिष्ठानों के विरूद्ध अभिहित अधिकारी जिला उज्जैन द्वारा खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत क्या कार्यवाही की गई? पूर्ण विवरण पृथक-पृथक प्रतिष्ठान अनुसार देवें? (घ) यदि (ग) अनुसार कार्यवाही नहीं की गई तो इसके दोषी अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बतावें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उज्जैन जिले में सामग्री का क्रय
97. ( क्र. 786 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में दि. 01.01.14 से 30.05.16 तक किन फर्मों को दवाएं, सर्जिकल व अन्य खरीदी का ऑर्डर दिया? उनके नाम, सेल टैक्स नंबर सहित देवें? (ख) वर्ष 2014-15, 2015-16 में कितना बजट आवंटित हुआ? 20% स्थानीय खरीदी के प्रावधान से इस समयावधि की खरीदी की जानकारी वर्षवार, फर्म नामवार, फर्म द्वारा दिए बिल, फर्म को किए भुगतान रसीद सहित देवें? (ग) क्या 20% की तय सीमा से अधिक स्थानीय खरीदी की गई? प्रश्नांश (ख) समयावधि अनुसार? यदि हाँ, तो इसके दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) उज्जैन जिले में दिनांक 01.01.14 से 30.05.2016 तक जिन फर्मों को दवाएं, सर्जिकल व अन्य खरीदी का आर्डर दिया गया, उनके नाम, सेल टैक्स नबंर सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-“अ“ अनुसार है। (ख) वर्ष 2014-15, 2015-16 में आवंटित बजट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “ब“ अनुसार है। 20 प्रतिशत स्थानीय खरीदी के प्रावधान से इस समयावधि की खरीदी की जानकारी वर्षवार, फर्म नामवार, फर्म द्वारा दिए बिल, फर्म को किए भुगतान सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “स“ अनुसार है। (ग) सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक जिला उज्जैन द्वारा स्थानीय खरीदी 20 प्रतिशत की तय सीमा से अधिक की गई हैं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी उज्जैन द्वारा स्थानीय खरीदी 20 प्रतिशत की तय सीमा से अधिक नहीं की गई है। जहाँ 20 प्रतिशत की तय सीमा से अधिक क्रय किया गया हैं वहां ऑडिट दल भेज कर जाँच कराई जावेगी एवं गुण दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “द“ अनुसार है।
वक्फ बोर्ड भोपाल का निर्णय
98. ( क्र. 787 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वक्फ बोर्ड भोपाल द्वारा महिदपुर सर्वे क्र. 184, 187/4 भूमि के विषय में दिए निर्णय की छायाप्रति देवे? (ख) समस्त अपीलकर्ताओं के नाम, पते की जानकारी देवें? प्रकरण की प्रथम अपील दिनांक व अंतिम दिनांक तक इनके द्वारा दिए समस्त दस्तावेजों की छायाप्रति देवें? (ग) क्या मान. उच्च न्यायालय के पिटीशन क्र. 1444 दि. 25-02-2008 में कलेक्टर उज्जैन को इस प्रकरण के निराकरण का आदेश दिया गया? तत्पश्चात कलेक्टर, कमिश्नर, राजस्व मंडल में खारिज किया गया? क्या ये तथ्य अपीलकर्ताओं द्वारा वक्फ बोर्ड के संज्ञान में लाए गए? यदि हाँ, तो इसके दस्तावेजों की छायाप्रति देवें तथा वक्फ बोर्ड इस पर निर्णय ले सकता है? (घ) यदि नहीं, तो तथ्य छुपाकर वक्फ बोर्ड को भ्रमित किए जाने पर उपरोक्त निर्णय को निरस्त कर तथ्य छुपाने वालों पर शासन कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) प्रश्न में उल्लेखित महिदपुर सर्वे क्रमांक 184,187/4 की भूमि के संबंध में दिया गया निर्णय वक्फ बोर्ड भोपाल का न होकर म.प्र. वक्फ अधिकरण का है, जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रकरण में अपीलकर्ता के नाम, पता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। प्रश्नांश 'क' भाग में वर्णित निर्णय आदेश के विरूद्ध अपील सिविल रिवीजन क्रमांक 115/16 म्युनिसिपल काउन्सिल महिदपुर चीफ म्यूनिस्पल ऑफिसर म्युनिसिपल काउन्सिल महिदपुर जिला उज्जैन द्वारा दायर की गई, जिसकी विधिवत नोटिस वक्फ बोर्ड को प्राप्त न होने से दस्तावेजों की प्रतियां उपलब्ध नहीं है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। प्रश्नांश (क) से संबंधित प्रकरण का परीक्षण किया जा रहा है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रकरण में तथ्यों का परीक्षण कराकर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। इस हेतु निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
छिंदवाड़ा में आई.टी.डी.पी. फंड की स्वीकृति
99. ( क्र. 790 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले की परियोजना प्रशासक एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना तामिया में वर्ष 2015-16 में 12 निर्माण कार्यों के लिए शासन द्वारा लगभग 82,74,000,00 रू. (बयासी लाख चौहत्तर हजार) की स्वीकृति मिली थी। परंतु आहरण वितरण प्रतिबंध होने से यह राशि शासन को वापिस हो गई थी। इस राशि को कब तक पुन: शासन द्वारा दिया जावेगा? (ख) परियोजना प्रशासक एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना तामिया के लिये पिछले कुछ वर्षों से शासन द्वारा 10.00 करोड़ रूपये (दस करोड़) की राशि आवंटित होती थी? परन्तु इस राशि में शासन द्वारा कटौती की गई है। कटौती करने का क्या कारण है? (ग) परियोजना प्रशासक एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना तामिया के विकास कार्यों के लिए पुन: 10.00 करोड़ रूपये (दस करोड़) की राशि कब तक कर दी जावेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। समर्पित राशि रूपये 82.84 लाख का आवंटन दिनांक 01/07/2016 से दिया जा चुका है। (ख) एवं (ग) भारत सरकार, जनजातीय कार्य मंत्रालय स्तर पर गठित प्रोजेक्ट एप्रेजल कमेटी द्वारा विगत वर्षों में आदिवासी उपयोजना विशेष केन्द्रीय सहायता एवं संविधान के अनुच्छेद 275 (1) अन्तर्गत राज्य शासन द्वारा प्रेषित प्रस्तावों में से कुछ योजनाओं को अमान्य किया गया है तथा कुछ योजनाओं हेतु प्रस्तावित राशि से कम राशि अनुमोदित की गई है। इस कारण परियोजना तामिया को प्रस्तावित राशि से कम राशि आवंटित हुई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मेडिकल कालेज का निर्माण
100. ( क्र. 791 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राज्यमंत्री,चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिन्दवाड़ा जिले में मेडिकल कॉलेज बनाने की घोषणा माननीय मुख्यमंत्री द्वारा की गई थी, जिसकी स्वीकृति शासन द्वारा प्राप्त हो चुकी है, परन्तु मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य अभी तक प्रारंभ नहीं किया गया है? निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किए जाने का क्या कारण है? (ख) छिन्दवाड़ा जिले में मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ कर दिया जायेगा और मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य को कब तक पूर्ण किया जायेगा?
राज्यमंत्री,चिकित्सा शिक्षा ( श्री शरद जैन ) : (क) जी हाँ। अभी प्रशासनिक स्वीकृति जारी नहीं हुई है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश ‘’क’’ के प्रकाश में समय-सीमा बताई जाना सभंव नहीं
म.प्र. वक्फ बोर्ड की संपत्ति पर अतिक्रमण
101. ( क्र. 812 ) श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या राज्यमंत्री,पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड की सार्वजनिक हित की बहुमूल्य संपत्ति बाग नुजहत अफजा आरिफ नगर की भूमि पर अवैध कब्जा हटाये जाने हेतु माननीय उच्च न्यायालय द्वारा रिट पिटीशन नंबर 13895/08 एवं तत्पश्चात अवमानना याचिका क्रमांक 1044/13 में अवैध कब्जा हटाये जाने के निर्देश प्रदान किये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो विगत 3 वर्ष में उक्त जनहित की भूमि से अवैध अतिक्रमण हटाये जाने हेतु अल्पसंख्यक कल्याण विभाग एवं राजस्व विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? अतिक्रमण हटा दिया गया है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों तथा यह माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय एवं अवमानना याचिका में दिये गये आदेशों की अवहेलना नहीं है? (ग) उक्त अवैध कब्जा अब तक न हटाये जाने हेतु कौन उत्तरदायी है तथा अवैध कब्जा कब तक हटा दिया जायेगा एवं दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? निश्चित समयावधि बतायें? (घ) कृपया उक्त संपत्ति से लंबे समय से अवैध वसूली कर रहे व्यक्तियों/संस्थाओं के कारण वक्फ के राजस्व की हो रही हानि की जाँच शासन द्वारा किस जाँच एजेंसी से कब तक कराई जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री,पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्न 'क' भाग में वर्णित भूमि पर अवैध कब्जा हटाने जाने के संबंध में वक्फ बोर्ड के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा एस.डी.एम वृत बैरागढ़, भोपाल द्वारा आपत्ति निराकरण हेतु प्रेषित समस्त प्रकरणों को सामूहिक रूप से निरस्त किया गया, किन्तु वक्फ बोर्ड के वर्तमान मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा पत्र दिनांक 21.03.2016 को उक्त प्रकरणों का आपत्ति का निराकरण कर कब्जा हटाने हेतु एस.डी.एम. वृत बैरागढ़, भोपाल को प्रस्ताव भेजा गया। (ग) प्रश्न के संबंध में वक्फ बोर्ड के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं बोर्ड के वर्तमान अध्यक्ष के परस्पर विरोधाभासी दृष्टिकोण होने के कारण प्रकरण का विधिवत् परीक्षण किया जाकर आगामी कार्यवाही की जायेगी। इस हेतु निश्चत समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (घ) अवैध वसूली संबंधित कोई शिकायत शासन स्तर पर विचाराधीन नहीं है। प्राप्त होने पर कार्यवाही की जायेगी।
म.प्र. वक्फ बोर्ड में निर्माण की अनुमति
102. ( क्र. 813 ) श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड की संपत्ति पर किसी भी निर्माण की अनुमति देने का अधिकार बोर्ड को है अथवा वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को है? नियमों/अधिनियम की प्रति के साथ जानकारी दें? (ख) क्या मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड भोपाल की संपत्ति बाग नुजहत अफजा की भूमि पर बिना बोर्ड की अनुमति के निर्माण हेतु पत्र क्र. 547 दिनांक 10-02-2015 के द्वारा अनुमति प्रदान की गई? यदि हाँ, तो क्या यह अनुमति नियमानुसार प्रस्तुतीकरण कर नियम अनुकूल जारी की गई है अथवा नहीं है? यदि नियमानुकूल नहीं है तो शासन द्वारा नियम विरूद्ध कार्यवाही व निर्माण की अनुमति देने वाले अधिकारी के विरूद्ध अब तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो क्यों तथा कब तक कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्या शासन सार्वजनिक हित की वक्फ संपत्ति पर नियम विरूद्ध दी गई अनुमति से वक्फ को हुये राजस्व के नुकसान के संबंध में शासन को वक्फ बोर्ड द्वारा पत्र क्र. 1270-71 दिनांक 20.04.2016 द्वारा धारा 52 वक्फ अधिनियम की कार्यवाही हेतु प्रस्ताव भेजा गया है? प्रस्ताव के आधार पर दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही सुनिश्चित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री,पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड की संपत्ति पर निर्माण की अनुमति देने का अधिकार वक्फ अधिनियम 1995 संशोधित 2013 की धारा 51 के अनुसार वक्फ बोर्ड को प्राप्त है। बोर्ड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को निर्माण अनुमति देने का अधिकार नहीं है। नियम की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रकरण में अनापत्ति दी गई है। वक्फ अधिनियम के प्रावधान अंतर्गत प्रकरण में परीक्षण उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। इस हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। प्रकरण परीक्षणाधीन है। उक्त पत्र के संबंध में नियमों के अंतर्गत प्रस्ताव का सूक्ष्म परीक्षण के लिये इस कार्यालय के पत्र क्रमांक 2028 दिनांक 07.05.2016 द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी वक्फ बोर्ड से परीक्षणात्मक टीप चाही गई जो अपेक्षित है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी वक्फ बोर्ड से परीक्षणात्मक टीप प्राप्त होने पर नियमों के अंतर्गत कार्यवाही की जावेगी।
विद्युतीकरण योजना के कार्यों में ठेकेदारों द्वारा पुलिंग की जाँच
103. ( क्र. 814 ) श्री हर्ष यादव : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर संभाग के अंतर्गत दिसम्बर 2014 में नई निविदा शर्तें लागू होने के पश्चात विद्युतीकरण में अधिक निविदा दरें स्वीकृत होने के संबंध में किस-किस स्तर से, कब-कब, क्या-क्या शिकायतें वर्ष 2015 एवं 2016 में प्राप्त हुई हैं? शिकायतों पर अब तक की गई कार्यवाही का जिलेवार विवरण दें? (ख) सागर संभाग अन्तर्गत वर्ष 2015 एवं 2016 में विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत निविदा में भ्रष्टाचार व पुलिंग से संबंधित न्यायालयीन याचिकाओं का जिलेवार विवरण व अद्यतन स्थिति बतावें? विवादित टेण्डर निरस्त क्यों नहीं किये गये? (ग) निविदा शर्तें दिसम्बर 2014 के पश्चात प्रशांत इलेक्ट्रिकल, भोपाल को किन-किन जिलों में अन्य ठेकेदारों के साथ किन समान दरों पर निविदा स्वीकृत होने संबंधी शिकायतें प्राप्त हुईं हैं? प्राप्त शिकायतों व की गई कार्यवाही का विवरण दें? (घ) आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा जारी निविदा शर्त दिसम्बर 2014 के आधार पर प्रशांत इलेक्ट्रिकल को अनुसूचित जाति मद की राशि के कहाँ-कहाँ कार्यादेश मिले हैं? विभाग अलग-अलग होते हुए भी दूसरे विभाग की शर्तें क्यों लागू की गई? राशि की वसूली कब तक की जावेगी? नहीं तो क्यों?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अन्तर्गत अनुसूचित जाति की जानकारी एकत्रित की जा रही है, जबकि जनजाति अन्तर्गत दिसम्बर 2014 से नई निविदा शर्तें लागू होने के पश्चात विद्युतीकरण में अधिक निविदा दरें स्वीकृत होने के संबंध में जिला सागर, दमोह एवं टीकमगढ़ में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। छतरपुर एवं पन्ना जिले में प्राप्त शिकायतें निराधार एवं असत्य पाई गई। कलेक्टर पन्ना से प्राप्त जांच प्रतिवेदन अनुसार शिकायत सही नहीं पाई गई हैं। (ख) प्रश्नांश अन्तर्गत निविदा में भ्रष्टाचार व पुलिंग से सम्बंधित कोई भी न्यायालयीन याचिका प्राप्त नहीं हुई है और न ही टेण्डर मे कोई विवाद हुआ है। (ग) सागर संभाग अन्तर्गत केवल पन्ना जिले में प्रशांत इलेक्ट्रिकल भोपाल को अन्य ठेकेदारों के साथ समान निविदा दर 18.90 प्रतिशत एस.ओ.आर से अधिक स्वीकृत करने बाबत् शिकायत की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्कूलों का उन्नयन
104. ( क्र. 815 ) श्री हर्ष यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिलांतर्गत देवरी विधान सभा क्षेत्र के कितने व कौन-कौन से प्राथमिक स्कूल, माध्यमिक शाला में उन्नयन के लिए, माध्यमिक शालायें हाई स्कूल में उन्नयन के लिए व हाई स्कूल उच्चतर माध्यमिक शालाओं में उन्नयन के लिए पात्र हैं? सभी स्कूलों की पात्रता मापदण्डों व अपात्र होने के कारण व विवरण दें? (ख) उक्त क्षेत्र के किन-किन स्कूलों का वर्ष 2016-17 में उन्नयन हेतु विचार किया गया? किनका उन्नयन किया गया? किन-किन का नहीं और क्यों? कारण बतावें? प्रश्नकर्ता द्वारा गत तीन वर्षों में किन-किन विद्यालयों के उन्नयन की मांग शासन से की थी? उन पर विचार न करने का क्या कारण रहा है? (ग) शास. हाई स्कूल रसेना एवं नन्हीं देवरी को हायर सेकण्डरी में उन्नयन हेतु पात्रता मापदण्डों में क्या-क्या कमी है? इनका उन्नयन न किये जाने के क्या कारण है? क्या छात्रहित में शासन/विभाग इन विद्यालयों का उन्नयन करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वर्ष 2016-17 में जनसंख्या, दूरी एवं छात्र संख्या के निर्धारित मापदण्डों के तहत शालाओं के उन्नयन हेत प्रस्ताव जिलों से प्रस्ताव प्राप्त करने की प्रक्रिया प्रचलन में है, क्योंकि प्रत्येक वर्ष शालाओं के उन्नयन की स्थिति परिवर्तनशील होती है। जिससे वर्तमान में पात्र शालाओं की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी उत्तारांश ''क'' अनुसार। प्रश्नकर्ता द्वारा उन्नयन की मांग पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। निर्धारित मापदण्ड अनुसार पात्र न होने से विचार नहीं किया गया। (ग) जनसंख्या के मापदण्ड अनुसार पात्र न होने से विचार नहीं किया गया। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सामग्री क्रय में भंडार क्रय नियम का पालन
105. ( क्र. 822 ) श्री मधु भगत : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, सिवनी, छिंदवाड़ा जिले के अंतर्गत कौन-कौन से प्राधिकारी/कार्यालय/संस्था की क्रय तथा भुगतान के कितनी सीमा तक किस आदेश द्वारा वित्तीय अधिकार प्रत्योजित किये गये है? क्या इनका पालन किया जा रहा है? (ख) उक्त जिलों में वित्तीय वर्ष 2012-13, 2013-14 और 2014-15 में कौन-कौन सी सामग्री किस संस्था/फर्म से किस पर कितनी मात्रा में, किस तिथि को क्रय की, तिथि के क्रम में बताये तथा क्या एक ही मापदण्ड की प्रकार की, कम्पनी की सामग्री अलग-अलग जिलों में, अलग-अलग दर पर खरीदी गई? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है कौन जिम्मेदार है ऑडिट में यह तथ्य क्यों नजर अंदाज किया गया? (ग) क्या सहकारी संस्थाओं/समितियों/बुनकर सहकारी संघ/हस्तशिल्प विकास निगम/खादी ग्रामोद्योग बोर्ड/ म.प्र. हैण्डलूम पावर बुनकर संघ/बुरहानपुर, राज्य उपभोक्ता संघ इत्यादि से वही सामग्री खरीदी गई है जिसके बेचने के लिये वे भंडार क्रय नियम में प्राधिकृत है? यदि नहीं, तो वे मामले कौन-कौन है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश वित्तीय शक्ति पुस्तिका 1995 के भाग-2 में पृष्ठ क्रमांक 315 से 331 पर आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के प्राधिकारी, कार्यालय प्रमुख एवं संस्था प्रमुख को वित्तीय अधिकार प्रत्योजित किये गये हैं। जिसका पालन किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) वित्तीय वर्ष 2012-13, 2013-14 और 2014-15 में क्रय की गई सामग्री का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है। अलग-अलग जिलों में सामग्री का क्रय, गठित जिला क्रय समिति के अनुमोदन से म.प्र. भण्डार क्रय नियमों के प्रावधानानुसार किया जाता है। मापदण्ड अलग-अलग होने पर दरें अलग होना स्वाभाविक है, एवं अलग-अलग समय पर भी दरों में परिवर्तन होना संभव है। अंकेक्षण दल जिस कार्यालय का अंकेक्षण करता है, उसी के अभिलेख देखते हैं, तथा तुलनात्मक अंकेक्षण नहीं करता है। (ग) जी हाँ। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
जामा मस्जिद कटंगी में अनियमितता
106. ( क्र. 829 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राज्यमंत्री,पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा क्रमश: दिनांक 17.02.2014 प्रशासक मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड भोपाल, दिनांक 26.09.2014 सी.ई.ओ. वक्फ बोर्ड मध्यप्रदेश शासन भोपाल, दिनांक 26.09.2014 श्री अंतर सिंह आर्य मंत्री अल्पसंख्यक कल्याण विभाग एवं दिनांक 09.10.2014 कलेक्टर जबलपुर को पत्र लिखकर वक्फ जामा मस्जिद कटंगी पंजीयन क्रमांक 81/86 जिला जबलपुर के मुतवल्ली कमरूल इस्लाम के द्वारा की जा रही विभिन्न अनियमितताओं की जाँच हेतु पत्र प्रेषित किये थे? (ख) यदि हाँ, तो तत्संबंध में शासन द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? अनियमितताओं के संबंध में की गई शिकायतों पर कार्यवाही न किये जाने के कारण बतलावें? (ग) क्या शासन वक्फ जामा मस्जिद कटंगी जिला जबलपुर में वक्फ बोर्ड द्वारा नियुक्त मुतवल्ली कमरूल इस्लाम के द्वारा की जा रही अनियमितताओं संबंधी लगाये गये आरोपों की बिन्दुवार जाँच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रकरण में प्राप्त शिकायतों के संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी वक्फ बोर्ड द्वारा सीनियर ऑडिटर से ऑडिट कराया गया। जिसकी प्रति वक्फ अधिनियम के प्रावधान के अनुसार वक्फ के अध्यक्ष को उत्तर हेतु प्रेषित की गई है, उत्तर प्राप्त होने पर नियमानुसार वक्फ बोर्ड के निर्णय हेतु प्रस्तुत की जावेगी। (ग) वक्फ बोर्ड के निर्णयानुसार वक्फ अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही की जावेगी। इस हेतु निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अध्यापक संवर्ग की स्थानांतरण नीति
107. ( क्र. 851 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अध्यापक संवर्ग की स्थानांतरण नीति क्या है? यह किस वर्ष बनी? प्रति उपलब्ध करायें? (ख) यदि नहीं, तो अध्यापक संवर्ग के लिये अभी तक यह नीति क्यों नहीं बनाई गई तथा कब तक बनाई जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) अध्यापक संवर्ग की स्थानांतरण नीति नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सकों के रिक्त पद
108. ( क्र. 852 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले के अंतर्गत राघौगढ़ विकासखण्ड के नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र राघौगढ़, ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र आवन, विजयपुर तथा जामनेर में चिकित्सकों के कितने पद स्वीकृत हैं? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) उक्त स्वीकृत पदों में से कितने पद किस-किस प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में रिक्त हैं? कितने पद भरे हुये हैं? (ग) उक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जायेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र राघौगढ़ में चिकित्सा अधिकारी के स्वीकृत 03 पदों के विरूद्ध 03 चिकित्सक कार्यरत हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र आवन, विजयपुर एवं जामनेर में पदपूर्ति, मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग से 1896 चिकित्सकों की चयन सूची उपरांत उपलब्धता अनुसार की जा सकेगी। विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी है, पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
आयुक्त आदिवासी विकास के पत्र पर कार्यवाही
109. ( क्र. 853 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 1 मार्च 2016 के अतारांकित प्रश्न संख्या (क्रमांक 2335) की विषय वस्तु विभाग से संबंधित होने से आयुक्त, आदिवासी विकास मध्यप्रदेश के पत्र क्रमांक/जा.प्र. समिति/1519/2016/6920, दिनांक 18.03.16 द्वारा आयुक्त, खाद्य सुरक्षा प्रशासन एवं नियंत्रण खाद्य एवं औषधि प्रशासन भोपाल को लिखा गया था जिसे संयुक्त नियंत्रक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने दिनांक 26.03.2016 को प्राप्त किया था के संबंध में विभाग द्वारा पत्र में उल्लेखित तथ्यों की जाँच कराकर जाँच निष्कर्ष से आयुक्त आदिवासी विकास को अवगत कराया गया है? (ख) यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) एवं (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित आयुक्त आदिवासी विकास के पत्र के आलोक में लेख है कि पूर्व में भी प्रश्नांश में उल्लेखित विषय वस्तु से संबंधित आयुक्त आदिवासी का पत्र कार्यालय खाद्य एवं औषधि प्रशासन में प्राप्त हुआ था। पत्र के साथ संलग्न सहपत्रों में उल्लेखित तथ्यों की वस्तुस्थिति से राज्य शासन को दिनांक 29.03.2016 को अवगत कराया गया है। उल्लेखनीय है कि सामान्य प्रशासन विभाग (आरक्षण प्रकोष्ठ) में भी इसी विषयक शिकायत प्राप्त हुई थी जिसकी जाँच कर उल्लेखित तथ्य सही नहीं पाये जाने के कारण प्रकरण को सामान्य प्रशासन विभाग (आरक्षण प्रकोष्ठ) द्वारा भी नस्तीबद्ध किया गया है।
फीस नियमाक आयोग का गठन
110. ( क्र. 854 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में अशासकीय शिक्षण संस्थाओं द्वारा वसूली जाने वाले फीस आदि पर नियंत्रण रखने के लिए फीस नियामक का आयोग का गठन किया गया है? यदि नहीं, तो कब तक किया जायेगा? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन अशासकीय शिक्षण संस्थाओं द्वारा मनमानी फीस आदि वसूली करने पर कोई अन्य कड़ी कार्यवाही करने हेतु आदेश प्रसारित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। अशासकीय विद्यालयों में शैक्षणिक तथा अन्य शुल्क व अन्य मुद्दों को विनियमित करने संबंधी बिंदु पर विचार करने हेतु राज्य शासन द्वारा विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है। (ख) जी हाँ। फीस में वृद्धि पर नियंत्रण हेतु अधिनियम बनाये जाने की कार्यवाही विचाराधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
प्रदेश में अधिकारियों के फर्जी जाति प्रमाण पत्रों की जाँच
111. ( क्र. 1086 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में पदस्थ अखिल भारतीय सेवा एवं राज्य सेवा के कितने अधिकारियों के वर्तमान में असत्य जाति प्रमाण पत्रों के प्रकरणों की जाँच चल रही है, उनके नाम, पद, पदस्थापना का स्थान सहित जानकारी दी जावें। जुलाई 2016 में जानकारी दी जावें। (ख) उक्त प्रकरणों की प्रारंभिक जाँच में कितने अधिकारियों के प्रमाण पत्र संदिग्ध होने की जानकारी राज्य शासन को प्राप्त हुई है एवं उनकी जाँच प्रक्रिया किस स्थिति में है, तथ्यों सहित पूर्ण जानकारी दी जावे? (ग) क्या जाँच की धीमी गति के कारण उक्त अधिकारियों को अभी तक अच्छे स्थानों पर पदस्थ रखा गया है? क्यों? (घ) क्या शासन ऐसे दागदार अधिकारियों को सेवा से पृथक करने में तीव्रता लायेगा?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) एवं (ख) अनुसूचित जाति एवं जनजाति की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा राज्य प्रशासनिक सेवा अधिकारियों को प्रशासनिक आवश्यकता देखते हुए पदस्थ किया जाता है। (घ) अनुसूचित जनजाति छानबीन समिति द्वारा जाति प्रमाण पत्र की जाँच पश्चात् विधि अनुरूप कार्यवाही किये जाने का निर्णय पारित किया जाता है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
मॉडल
स्कूल जावरा
में स्वीकृत
पद
1. ( क्र. 8 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदर्श (मॉडल) उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जावरा में संगीत/तबला शिक्षक एवं पुस्तकालय सहायक का पद स्वीकृत है या नहीं और अगर स्वीकृत है तो कब से? (ख) सत्र 2015-16 में अंशकालीन शिक्षकों की भर्ती में विद्यालय में संगीत/तबला शिक्षक एवं पुस्तकालय सहायक को रखा गया या नहीं और रखा गया था तो उनके चयनित आवेदकों की सूची की छायाप्रति, उनको दिये गये भुगतान देयकों की छायाप्रति तथा शाला के अंशकालीन शिक्षकों का विषयवार बनाए गये टाइम टेबल की छायाप्रति उपलब्ध करावें तथा उक्त शिक्षकों को किस मद से उनके देयकों का भुगतान किया गया था। क्या किसी सक्षम अधिकारी से अनुमति ली गई थी? यदि हाँ, तो विवरण देवें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) आदर्श (मॉडल) उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जावरा में संगीत/तबला शिक्षक एवं पुस्तकालय सहायक का पद स्वीकृत नहीं है। (ख) सत्र 2015-16 में अंशकालीन शिक्षकों की भर्ती में विद्यालय में संगीत/तबला शिक्षक एवं पुस्तकालय सहायक को रखा गया था। चयनित आवेदकों की सूची की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है।, उनको दिये गये भुगतान देयकों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है तथा अंशकालीन शिक्षकों का विषयवार बनाए गए टाइम टेबल की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। उक्त शिक्षकों को माध्यमिक शिक्षा मण्डल के बजट लेखे के शीर्ष-सी आदर्श विद्यालय-1 अधिकारी/कर्मचारी के वेतन भत्ते से मद से उनके देयकों का भुगतान किया गया था। छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। अंशकालीन शिक्षकों की नियुक्त करने संबंधी स्वीकृति माध्यमिक शिक्षा मण्डल कार्यालयीन आदेश क्र./प्रशासन/स्था./आवि/1789/15 भोपाल, दिनांक 04.06.2015 द्वारा जारी की गई थी। छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-इ अनुसार है।
चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टॉफ की पदस्थापना
2. ( क्र. 38 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र बड़नगर जिला उज्जैन में कौन-कौन से स्वास्थ्य केन्द्र कहाँ-कहाँ पर संचालित हो रहे हैं? कितने नवीन स्वास्थ्य केन्द्र खोले जाने के प्रस्ताव शासन स्तर पर कितने समय से लंबित है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संचालित स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्वीकृत पदों की जानकारी पदनाम सहित तथा स्वीकृत पदों पर पदस्थ एवं कार्यरत चिकित्सक एवं अन्य पैरामेडिकल स्टाफ के नाम, पद, निवास एवं पते सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में स्वीकृत पदों के विरूद्ध चिकित्सक एवं अन्य पैरामेडिकल स्टाफ के आधे पद भी भरे हुए नहीं है? रिक्त पद कब तक भर लिये जावेगें? क्या बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में चिकित्सकों की शीघ्र पदस्थापना की जावेगी यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। 13 नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्रों की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 21.06.2016 के द्वारा जारी की गई है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं, चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ के आधे से ज्यादा पद भरे हुये हैं। रिक्त पदों को भरने की कार्यवाही निरंतर जारी रहती है। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं।
भवन एवं शौचालय विहीन शालाएं
3. ( क्र. 39 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले की बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में कितने प्रा.वि/मा.वि/हाई स्कूल/हायर सेकण्ड्री विद्यालय भवन विहीन हैं तथा कितने विद्यालयों में बाउण्ड्रीवॉल बनाया जाना आवश्यक है एवं कितने विद्यालयों में बालक एवं कन्या शौचालय पृथक-पृथक नहीं हैं कितने विद्यालयों में पेयजल की स्थाई व्यवस्था नहीं है? संस्थावार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने विद्यालयों में भवन, बाउण्ड्रीवॉल, पेयजल एवं शौचालय हेतु राशि स्वीकृत की गई है किंतु कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है अथवा कार्य पूर्ण नहीं किया गया है? संस्थावार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) भवन, बाउण्ड्रीवॉल, पेयजल एवं शौचालय विहीन शालाओं में कब तक यह कार्य स्वीकृत कर इन्हें पूर्ण कर लिया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) उज्जैन जिले की बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में भवन विहीन बाउण्ड्रीवॉल की आवश्यकता वाली एवं पेयजल की स्थाई व्यवस्था नहीं होने वाली प्राथमिक व माध्यमिक शालाओं की संख्या 13,179, 06 तथा 8, 37 व 03 है। संस्थावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' पर है। समस्त प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में पृथक-पृथक बालक एवं बालिका शौचालय है। उज्जैन जिले की बड़नगर तहसील विधान सभा क्षेत्र में 33 हाई/हायर सेकण्ड्री स्कूल संचालित है, जिसमें से 12 भवन विहीन है तथा 25 विद्यालयों में बाउण्ड्रीवॉल की आवश्यकता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1-2-अनुसार है। समस्त हाई/हायर सेकण्ड्री स्कूलों में पृथक-पृथक शौचालय एवं पेयजल की व्यवस्था है। (ख) प्रश्नांश ’’क’’ के संदर्भ में जिन शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालय हेतु भवन बाउण्ड्रीवॉल, पेयजल एवं शौचालय हेतु राशि स्वीकृत की गई किन्तु कार्य प्रारंभ अथवा पूर्ण नहीं किया गया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब''अनुसार है। एक हायर सेकण्ड्री में शाला भवन एवं 4 शालाओं में अतिरिक्त कक्षों (प्रयोगशाला कक्ष, पुस्तकालय कक्ष, आर्टक्राफट कक्ष एवं अतिरिक्त कक्ष के निर्माण हेतु राशि स्वीकृत की गई है । उक्त सभी स्थानों पर निर्माण कार्य जारी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3-पर है। (ग) विधान सभा क्षेत्र बड़नगर अंतर्गत प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालय शौचालय विहीन नहीं है। युक्तियुक्तकरण के तहत खोली गई 02 भवन विहीन शाला एवं 216 प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालय हेतु बाउण्ड्रीवॉल निर्माण की स्वीकृति का प्रस्ताव वार्षिक कार्य योजना वर्ष 2016-17 में भारत शासन को प्रेषित किया गया। स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई है। ग्रामीण क्षेत्र की शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालयों में पेयजल के स्थाई स्त्रोत की व्यवस्था लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग व्दारा की जाती है। कार्यों की स्वीकृति संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। हाई/हायर सेकण्ड्री विद्यालयों में भवन/बाउण्ड्रीवॉल निर्माण हेतु बजट उपलब्धता एवं सक्षम समिति की स्वीकृति पर कार्यवाही हो सकेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मिडिल से हाई स्कूल एवं हाई स्कूल से हायर सेकण्ड्री में उन्नयन
4. ( क्र. 45 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में विगत 01 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने मिडिल स्कूल से हाई स्कूल एवं हाई स्कूल से हायर सेकण्ड्री में उन्नयन किये गये हैं? संपूर्ण जानकारी विधान सभा क्षेत्रवार उपलब्ध करावें? उज्जैन जिले में तय मापदण्ड के अनुसार कितने मिडिल स्कूलों को हाई स्कूल एवं कितने हाई स्कूलों को हायर सेकण्ड्री में उन्नयन किया जाना आवश्यक है? संपूर्ण जानकारी विधान सभा क्षेत्रवार, ग्रामवार, विद्यालयवार उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कितने उन्नयन हुए हाई स्कूल एवं हायर सेकण्ड्री स्कूलों के भवन स्वीकृत कर दिये गये हैं तथा कितने भवन स्वीकृत होना शेष हैं एवं कितने स्कूलों में लेब एवं लायब्रेरी एवं खेल सामग्री की कमी है? संस्थावार संपूर्ण जानकारी विधान सभा क्षेत्रवार उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कितने उन्नयन हुए हाई स्कूल एवं हायर सेकण्ड्री स्कूलों में तय मापदण्ड के अनुसार संपूर्ण स्टाफ यथा प्राचार्य, व्याख्याता, शिक्षक एवं भृत्य आदि की पूर्ति कर ली गई है? कितने विद्यालयों में स्टॉफ की विषयवार, पदवार कमी है? संस्था के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार । वर्ष 2016-17 हेतु उन्नयन से संबंधित प्रस्ताव सभी जिलों से मंगवाए जा रहे है। प्रस्तावों का परीक्षण किया जा रहा है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) नवीन उन्नत शालाओं के आदेश 05.05.2016 एवं 20.05.2016 में हुए हैं, जो वर्तमान शैक्षणिक सत्र से प्रारंभ हुए हैं । राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान अंतर्गत 08 विद्यालयों हेतु भवन स्वीकृत किये गये हैं। शालाओं में नियमानुसार व्यवस्था की जाती है। (ग) नवीन उन्नत शालाओं में पद स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है ।
चिकित्सकों के रिक्त पदों की पूर्ति
5. ( क्र. 50 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सुसनेर में चिकित्सकों के कितने पद रिक्त हैं एवं कितने पद स्वीकृत हैं? क्या इन्हें भरने के लिये विभाग कोई योजना बना रहा है? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों? (ख) विधान सभा क्षेत्र सुसनेर और नलखेड़ा में कितनी OPD स्वीकृत है और कितनी OPD व्यवस्थित रूप से संचालित है? (ग) सुसनेर और नलखेड़ा में संचालित अस्पताल को सिविल अस्पताल का दर्जा कब प्राप्त होगा? क्या इसके लिये कोई गाईड लाईन है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। चिकित्सा अधिकारियों की पदपूर्ति हेतु 1896 चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से प्रचलित है। प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी है, स्वीकृत 3266 पदों के विरूद्ध मात्र 1245 विशेषज्ञ उपलब्ध हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत संविदा नियुक्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत सुसनेर और नलखेड़ा में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सुसने, नलखेडा एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सोयतकलां, बड़ागांव में एक-एक ओ.पी.डी. स्वीकृत एवं व्यवस्थित रूप से संचालित है। (ग) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सुसनेर और नलखेड़ा के उन्नयन हेतु कार्यवाही परीक्षणाधीन है। जी नहीं, वर्तमान में स्वीकृत चिकित्सा संस्था के ओ.पी.डी./आई.पी.डी. एवं विकासखण्ड की जनसंख्या के आधार पर उन्नयन की कार्यवाही की जाती है।
ट्रांसफार्मर की स्वीकृति
6. ( क्र. 51 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सुसनेर में पंप ऊर्जीकरण योजना में किसानों को जो ट्रांसफार्मर दिये गये उनकी प्रशासकीय स्वीकृति एवं लाभांवित किसानों की संख्या उपलब्ध करावें? क्या किसानों को इसका समुचित लाभ मिला या पैसा लेकर ट्रांसफार्मर दिया गया? (ख) 2014-2016 के बीच आवंटित ट्रांसफार्मरों की संख्या एवं उससे लाभांवित किसानों की संख्या बतावें? (ग) प्रति वर्ष विभाग को कितने ट्रांसफार्मर आवंटित करने का लक्ष्य प्राप्त होता है और इसका क्राइटेरिया क्या होता है जिससे ज्यादा से ज्यादा किसानों को लाभ मिल सके? क्या यह बढ़ाया जा सकता है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) प्रश्नांश अन्तर्गत जनजाति वर्ग के 80 कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई, जिसमें 80 ट्रांसफार्मर लगाया जाना सुनिश्चित था। इन कार्यों से 120 किसान लाभान्वित हुये हैं। अनुसूचित जाति वर्ग मद में वर्ष 2014-15 में 57 तथा वर्ष 2015-16 में 48 प्रशासनिक स्वीकृतियाँ प्राप्त हुई इससे क्रमश: 65 तथा 54 किसान लाभांवित हुए। हैं। (ख) प्रश्नांश अन्तर्गत जनजाति वर्ग के 83 कार्य स्वीकृत किये गये जिनमें 83 ट्रांसफार्मर स्थापित करना सम्मिलित था। इन कार्यों से 126 किसान लाभांवित हुए हैं, जबकि अनुसूचित जाति वर्ग अन्तर्गत वर्ष 2014-15 में 89 तथा वर्ष 2015-16 में 112 आवंटित ट्रांसफार्मर से क्रमश: 110 तथा 131 किसान लाभांवित हुए हैं। (ग) ट्रांसफार्मर आवंटित करने का लक्ष्य व क्राइटेरिया निर्धारित नहीं होता। प्रतिवर्ष उपलब्ध वित्तीय संसाधन एवं जिले की जनजाति संख्या तथा मांग के आधार पर जिलों को राशि आवंटित की जाती है।
शिक्षा के अधिकार अंतर्गत निजी विद्यालय में फर्जी नामांकन
7. ( क्र. 52 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन संभाग में 1 जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक निजी विद्यालयों में शिक्षा के अधिकार कार्यक्रम अंतर्गत फर्जी नामांकन दिखाकर सरकार से फीस का पुनर्भरण लिए जाने के प्रकरण पकड़े गए हैं? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ? (ख) क्या विद्यालयों द्वारा फीस पुनर्भरण हेतु वास्तविक फीस से बहुत अधिक फीस दर्शाई गयी हैं? (ग) क्या सरकार द्वारा निजी विद्यालयों में शिक्षा के अधिकार के कार्यक्रम के अंतर्गत नामांकन का सत्यापन किया जाता हैं? यदि हाँ, तो किसके द्वारा और यदि नहीं, तो क्यों? सत्यापन के दौरान जाँच दल ने क्या क्या अनियमितताएं पायी? सत्यापनकर्ता का नाम, विद्यालय का नाम, रिपोर्ट की प्रतिलिपि सहित उक्त अवधि की जानकारी दें. (घ) क्या शिक्षा विभाग सभी निजी विद्यालयों में शिक्षा के अधिकार कार्यक्रम के अंतर्गत नामांकन का सत्यापन करने हेतु कार्ययोजना बनाने का विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) उज्जैन जिले के नागदा कस्बे में विकासखण्ड स्तरीय जांच प्रतिवेदन में प्रथम दृष्टया फर्जी नामांकन का प्रकरण प्रकाश में आया है, जिसकी विस्तृत जांच हेतु जांच दल गठित किया गया है। (ख) अशासकीय स्कूलों द्वारा फीस प्रतिपूर्ति हेतु अन्य बच्चों से वसूली जाने वाली फीस को मांग पत्र में अंकित किया जाता है, परन्तु अधिनियम के प्रावधान अनुसार अशासकीय स्कूलों को फीस प्रतिपूर्ति, राज्य शासन के प्रति बालक व्यय अथवा स्कूल द्वारा ली जाने वाली फीस, इनमें से जो भी कम हो, की जाती है। (ग) शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत नि:शुल्क अध्ययनरत बच्चों के नामांकन का सत्यापन नोडल अधिकारी द्वारा किये जाने की व्यवस्था है। उज्जैन जिले के नागदा कस्बे में विकासखण्ड स्तरीय जांच प्रतिवेदन में प्रथम दृष्टया फर्जी नामांकन का प्रकरण प्रकाश में आया है, जिसकी विस्तृत जांच हेतु जांच दल गठित किया गया है। अन्य जिलों में सत्यापन के समय अनियमितताएं परिलक्षित न होने से इस बावत प्रतिवेदन संलग्न नहीं किये गये हैं। (घ) शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत गैर अनुदान प्राप्त प्रायवेट स्कूलों में नि:शुल्क प्रवेशित बच्चों के नामांकन के सत्यापन की पूर्व से ही व्यवस्था है।
पानी की बोतल एवं केम्पर प्लांट लगाने की शर्तें
8. ( क्र. 70 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में सील बंद पानी की बोतलों एवं केम्पर के प्लांट लगाने हेतु खाद्य सुरक्षा विभाग व भारतीय मानक ब्यूरो (बी.आई. एस.) से लायसेंस लेने की जरुरत पड़ती है? यदि हाँ, तो इंदौर उज्जैन संभाग में कितने सील बंद पानी की कम्पनियों दवारा विभाग में रजिस्ट्रेशन करा रखा है जिलेवार संख्या देवें? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित उक्त लाइसेंस नहीं लेने वाली कम्पनियों के खिलाफ क्या क्या कार्यवाही की गई? (ग) उक्त संभाग में 1 जनवरी 2013 के पश्चात कब-कब, किस-किस सक्षम अधिकारी ने उक्त प्लांटों का दौरा कर जाँच की, जाँच में क्या अनियमितता पाई गई तथा कितनी अशुद्धता पाई गई, प्लांट मालिक के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रदेश में पानी की बोतल एवं केम्पर बेचने के लिए मूल्य किस नियम अंतर्गत तय किये जाते हैं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) सील बंद पानी की बोतलों के प्लांट लगाने हेतु खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 एवं भारतीय मानक ब्यूरो (बी.आई.एस.) से लायसेंस लेना अनिवार्य हैं। कैम्पर जल को खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 की धारा 3 (1) (ञ) के अनुसार खाद्य की परिभाषा में सम्मिलित नहीं होने से खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के दायरे में नहीं आता है। सीलबंद पानी की कम्पनियों की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’ अनुसार है। (ख) देवास जिले में 01 एवं धार जिलें 01 पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर की कंपनी निरीक्षण के दौरान बिना लायसेंस के संचालित पाई गईं। वर्तमान में खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण, नई दिल्ली द्वारा दिनांक 04.08.16 तक लायसेंस/पंजीयन में छूट प्रदान की गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में परिशिष्ट के प्रपत्र - ‘ब’ अनुसार है। (घ) पानी की बोतल एवं कैम्पर बेचने के लिये मूल्य का निर्धारण इस विभाग द्वारा नहीं किया जाता है।
सिवनी जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना
9. ( क्र. 72 ) श्री दिनेश राय : क्या राज्यमंत्री,चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मा. मुख्यमंत्री द्वारा सिवनी विधान सभा में आयोजित कार्यक्रम में सिवनी में पी.पी.पी. मोड का कॉलेज खोलने की घोषणा की गई थी एवं जिस हेतु सुख सागर ग्रुप एवं जिंदल ग्रुप द्वारा आवेदन किया गया? (ख) आवेदन प्राप्त होने के बाद भी मध्यप्रदेश स्तर से देरी करने का क्या कारण है? (ग) प्रश्नांक (क) एवं (ख) के आधार पर कॉलेज खोलने हेतु जिला स्तर से शासकीय जमीन स्थल भी निर्धारित कर दिया गया है फिर क्या कारण है? (घ) जान बूझकर सिवनी जिले में मेडिकल कॉलेज को पी.पी.पी. मोड से दूर रखने के लिए कौन दोषी है? संबंधित के विरूध्द क्या कार्यवाही की गई और कब तक की जावेगी एवं कॉलेज की स्वीकृति कब प्रदान की जावेगी?
राज्यमंत्री,चिकित्सा शिक्षा ( श्री शरद जैन ) : (क) जी हाँ/ पी.पी.पी मोड में सिवनी में चिकित्सा महाविद्यालय खोलने हेतु सुख सागर ग्रुप एवं जिंदल ग्रुप का आवेदन प्राप्त नहीं हुआ। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ट्रामा सेंटर आकस्मिक चिकित्सालय का निर्माण
10. ( क्र. 73 ) श्री दिनेश राय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिला सिवनी विधान सभा क्षेत्र में जिला चिकित्सालय ट्रामा सेंटर एवं आकस्मिक स्वास्थ्य चिकित्सालय की बिल्डिंग का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है एवं उक्त बिल्डिंग का लोकार्पण प्रभारी मंत्री द्वारा किया गया किन्तु उस बिल्डिंग में उदघाटन के दिन टाईल्स टूटे पाये जाना, छतों का क्रेक एवं घटिया निर्माण किया जाना पाया गया है? कार्य गुणवत्ताहीन होने के बावजूद भी लोकार्पण करने का क्या कारण था? (ख) क्या ट्रामा सेंटर एवं आकस्मिक स्वास्थ्य चिकित्सालय में सामग्री का अभाव है एवं दोनों कार्य प्रारंभ नहीं किये गये है न ही टेक्नीशियन है और न ही डॉक्टर है? तो सामग्री एवं टेक्नीशियन डॉक्टरों की व्यवस्था कब तक की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार संबंधित ठेकेदार, संबंधित अधिकारियों के विरूध्द कार्यवाही की जावेगी या नहीं? यदि कार्यवाही की जावेगी तो कब तक? (घ) विधिवत ट्रामा सेंटर एवं आकस्मिक स्वास्थ्य चिकित्सालय प्रारंभ करने की मंशा सरकार की है कि नहीं? यदि है तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। गुणवत्तायुक्त होने पर ही लोकापर्ण किया गया है। (ख) जी हाँ, किन्तु उक्त भवन में आकस्मिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध संसाधनों से प्रारंभ कर दी गई है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) प्रश्न भाग (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ, दोनों कार्य प्रारंभ करने की शासन की मंशा है। उक्त भवन में आकस्मिक चिकित्सा सुविधायें उपलब्ध संसाधन से प्रारंभ कर दी गई है, ट्रामा सेन्टर यथाशीघ्र प्रारंभ किया जावेगा, समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
जाति प्रमाण पत्र
11. ( क्र. 74 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुड़वारा विधान सभा क्षेत्र के कई विद्यालयों ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के जाति प्रमाण बनवाने हेतु आवेदन ही जमा नहीं किये हैं. यदि हाँ, तो जिन विद्यार्थियों के जाति प्रमाण पत्र नहीं बने हैं वह कब तक बन जायेंगें. समयावधि बतायें. (ख) क्या जाति प्रमाण पत्रों के प्रथम एवं द्वितीय अपीलीय अधिकारी द्वारा अपील प्रकरणों पर प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारियों को ही जाँच के आदेश दिये गये हैं. यदि हाँ, तो क्या जाँच अधिकारी द्वारा अपने पूर्व के निर्णय के विपरीत निर्णय न किये जाने की संभावना को देखते हुए स्वयं अपीलीय अधिकारी को जाँच एवं निराकरण के आदेश प्रदान किये जायेंगें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांश अनुसार अनुसूचित जाति के 46 एवं अनुसूचित जनजाति के 11 विद्यार्थियों के जाति प्रमाण पत्र बनाये जाने हेतु आवेदन जमा नहीं हुए हैं। जाति प्रमाण पत्र बनाये जाना एक सतत् प्रक्रिया है। अतः समय अवधि बताया जाना संभव नहीं है। (ख) सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 13 जनवरी 2014 की कंडिका 14, 14.1 एवं 14.2 में प्रावधान है कि जाति प्रमाण पत्र बनाने हेतु आवेदक का आवेदन पत्र अमान्य किये जाने पर अथवा आवेदन का निराकरण समय-सीमा में न होने पर प्रथम अपील जिला कलेक्टर/अपर कलेक्टर को होगी जो 30 दिवस में अपील का निराकरण करेंगे। प्रथम अपीलीय अधिकारी के आदेश के विरूद्ध द्वितीय अपील संभागीय आयुक्त राजस्व के न्यायालय में प्रस्तुत होगी।
रिक्त पदों की पूर्ति
12. ( क्र. 78 ) श्री सचिन यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्र कसरावद के शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में प्रथम श्रेणी महिला चिकित्सक (स्त्री रोग विशेषज्ञ) और एमडी मेडिसीन चिकित्सक का पद किस दिनांक से रिक्त हैं एवं उक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जायेगी? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा पूर्व में उक्त समस्याओं को लेकर लिखे गए पत्र एवं विधान सभा प्रश्नों के बावजूद आज प्रश्न दिनांक तक उक्त पदों की पूर्ति नहीं करने के मुख्य क्या कारण है और इसके लिए कौन जिम्मेदार है? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित समयावधि में उक्त चिकित्सकों की पूर्ति नहीं करने में कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी है? (घ) क्या उक्त चिकित्सालय में एक भी मेडिसिन विशेषज्ञ, शल्य विशेषज्ञ एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं होने के कारण विशेषकर महिलाओं के प्रसव आदि गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों की उपचार के अभाव में मौत हो जाती है तो शासन एवं प्रशासन उक्त पदों की पूर्ति हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) वर्ष 2011 में दिनांक 08.04.2011 को पदों के पुर्नआवंटन अनुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कसरावद में मेडिकल विशेषज्ञ तथा स्त्रीरोग विशेषज्ञ के पद स्वीकृत किए गए तथा पद स्वीकृति दिनांक से पद रिक्त हैं। प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी है स्वीकृत 3266 पदों के विरूद्ध मात्र 1245 विशेषज्ञ उपलब्ध हैं तथा प्राथमिकता अनुसार विभाग वर्तमान में समस्त जिला चिकित्सालयों में भी विशेषज्ञों की शत्-प्रतिशत पदपूर्ति नहीं कर सका है। मेडिसिन/स्त्रीरोग योग्यता के चिकित्सक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होने पर ही पदस्थापना संबंधी कार्यवाही की जा सकेगी, पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी के कारण पदपूर्ति नहीं की जा सकी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। (घ) जी नहीं, वर्तमान में पदस्थ चिकित्सक/सहायक स्टॉफ द्वारा आवश्यकतानुसार स्वास्थ्य सेवायें प्रदान की जाती है। विभाग रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निरंतर प्रयास कर रहा है परंतु प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में विशेषज्ञ/चिकित्सक उपलब्ध न होने से स्वास्थ्य संस्थाओं में शत्-प्रतिशत पदपूर्ति नहीं हो पा रही है। जून 2015 में मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से 1896 चिकित्सकों की भर्ती हेतु विज्ञापन जारी किया गया है परंतु चयन सूची अप्राप्त है। चयन सूची प्राप्त होने पर चिकित्सकों की उपलब्धता अनुसार पदस्थापना संबंधी कार्यवाही की जावेगी।
प्रायवेट नर्सिंग होम/अस्पताल खोलने संबंधी नियम
13. ( क्र. 84 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में निजी नर्सिंग होम/अस्पताल खोलने के क्या नियम हैं? (ख) प्रश्न की कंडिका (क) में उपलब्ध कराई जानकारी में क्या निजी नर्सिंग होम/अस्पताल में मरीजों तथा चिकित्सकों/अधिकारियों/कर्मचारियों एवं एम्बुलेंस के लिए समुचित वाहन पार्किंग होना भी एक कंडिका है? (ग) यदि किसी निजी नर्सिंग होम/अस्पताल द्वारा प्रश्न की कंडिका (क) के दर्शाये गये नियम का उल्लंघन पाया जाता है, तो शासन निजी नर्सिंग होम/अस्पताल के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश में निजी नर्सिंग होम/अस्पताल खोलने हेतु मध्यप्रदेश उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 एवं इसके अन्तर्गत बनाये गये नियम मध्यप्रदेश उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) नियम 1997 लागू है। (ख) जी नहीं। (ग) मध्यप्रदेश उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 एवं नियम 1997 के अनुरूप कार्यवाही की जाती है।
तीन वर्षों से अधिक अवधि से पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी
14. ( क्र. 120 ) श्री के.पी. सिंह : क्या राज्यमंत्री,सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिकायतकर्ता के शिकायती पत्र दिनांक 29.02.2016 के द्वारा प्रमुख सचिव व संचालक गैस राहत एवं पुर्नवास विभाग को स्पीड पोस्ट सेवा भारत सरकार के माध्यम से भेज कर दिनांक 26.02.2016 की विधान सभा प्रश्नोत्तरी में प्रश्न संख्या 84 (क्रमांक 1649) का उत्तर उन्हें असत्य एवं गुमराह दिये जाने के संबंध में दस्तावेजी साक्ष्यों सहित अवगत कराते हुये नियमानुसार कार्यवाही किये जाने का अनुरोध किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो प्राप्त शिकायतों के संक्षिप्त बिन्दुओं का बिन्दुवार उल्लेख करते हुये उन बिन्दुओं पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही किस-किस के द्वारा कब-कब की गई? उसके क्या-क्या निष्कर्ष निकले? बिन्दुवार की गई कार्यवाही से अवगत करावे? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? क्या कारण है? (ग) क्या शासन/विभाग प्रश्नांश (क) में दर्शाये गये प्रश्न क्रमांक 1649 के प्रश्नांशों का उत्तर असत्य एवं गुमराह दिये जाने के संबंध में प्राप्त शिकायतों की गम्भीरता को ध्यान में रखते हुये तत्काल निमयानुसार प्रभावी कार्यवाही करते हुए प्रश्न का उत्तर असत्य एवं गुमराह देने वाले दोषियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के साथ-साथ ही प्रश्नांश (क) से (ग) का उत्तर संचालक गैस राहत एवं पुनर्वास विभाग के अभिमत सहित दिया जाना सुनिश्चित करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री,सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। दिनांक 26.02.2016 की विधान सभा प्रश्नोत्तरी में प्रश्न संख्या 84 (क्र.1649) के उत्तर में प्रश्नांश (ख) व (ग) के उत्तर में तत्कालीन व्यवस्था का उल्लेख किया गया था और संबंधित आदेश संलग्न किये गये थे। (ख) प्राप्त शिकायत 29.02.2016 के संबंध में इस कार्यालय की नोटशीट दिनांक 18.03.2016 एवं स्मरण पत्र दिनांक 03.05.2016 द्वारा संचालक कमला नेहरू से तथ्यात्मक जानकारी चाही गयी। संचालक कमला नेहरू से प्राप्त नोटशीट दिनांक 13.05.2016 के परिप्रेक्ष्य में पुन: इस कार्यालय के पत्र दिनांक 10.06.2016 द्वारा संचालक कमला नेहरू गैस राहत से तथ्यात्मक जानकारी चाही गयी। संचालक कमला नेहरू द्वारा पत्र क्रमांक 1445 दिनांक 06.07.2016 से अवगत कराया गया है कि उक्त शिकायत के संबंध में अधीक्षक इंदिरा गाँधी महिला बाल्य चिकित्सालय से उनके द्वारा प्रतिवेदन प्राप्त किया गया है जिसका परीक्षण किया जा रहा है। परीक्षणोपरान्त तद्नुसार प्रतिवेदित किया जायेगा। उत्तरांश (क) में शेष स्थिति स्पष्ट कर दी गयी है। (ग) उत्तरांश (क) व (ख) में स्थिति स्पष्ट कर दी गई है। अत: शेष बिन्दु पर प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला शिक्षा अधिकारी टीकमगढ़ द्वारा अनियिमतता
15. ( क्र. 136 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनप्रतिनिधियों को अपनी विधान सभा क्षेत्र में शासन स्तर से होने वाली जनकल्याणकारी योजनाओं एवं भवनों आदि के लोकार्पण, भूमि पूजन आदि कार्यक्रमों में शामिल होने हेतु शासन के नियमों में निर्देश हैं? (ख) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र के ग्राम कन्नपुर एवं भानपुरा में हाई स्कूल का लोकार्पण शुभारंभ की प्रश्नकर्ता को जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा कोई सूचना क्यों नहीं दी गई? ऐसा किस नियम के तहत किया गया? कारण स्पष्ट करें (ग) क्या इस प्रकार के किये गये कृत्य पर उक्त जिला शिक्षा अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) शासन के किसी भी विभाग/कार्यालय/ संस्थाओं द्वारा आयोजित शासकीय समारोह/सार्वजनिक कार्यक्रमों में संबंधित क्षेत्र के माननीय सांसद/विधायकों को अनिवार्य रूप से आमंत्रित किये जाने के निर्देश है। (ख) प्रश्नाधीन हाई स्कूल भवन का लोकार्पण/नये भवन में शुभारंभ अभी नहीं हुआ। उत्तरांश के प्रकाश में शेषांश उद्भूत नहीं होता (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न ही उद्भूत नहीं होता।
शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड एवं प्रदत्त राशि
16. ( क्र. 137 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा स्कूल चले हम योजना के तहत टीकमगढ़ जिले को कितनी राशि विकासखण्डवार आवंटित की गई है तथा इसका सदुपयोग टीकमगढ़ जिले के खरगापुर विधान सभा के पलेरा विकासखण्ड एवं बल्देवगढ़ विकासखण्ड में किन-किन मदों किन-किन योजनाओं अनुसार व्यय की गई? (ख) क्या व्यय की गई राशि से छात्रों का लाभ हुआ है या संस्थाओं में बच्चों की आवक बढ़ी है तथा इस योजना का मुख्य संचालनकर्ता कौन था तथा इस योजना से शासन के हित में क्या परिणाम आये विकासखण्डवार संपूर्ण जानकारी दें? (ग) इस योजना को प्रारंभ करने में विधान सभा क्षेत्र खरगापुर के किन-किन जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया और किस विकासखण्ड पर किन-किन दिनांकों में आयोजन किया गया? इसके क्या नियम हैं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) स्कूल चले हम अभियान 2016 के तहत टीकमगढ़ जिले को रू. 475854/- (रू. चार लाख पचहत्तर हजार आठ सौ चौवन मात्र) राशि आवंटित की गई, जिसमें से विकासखण्डवार टीकमगढ़ रू. 106161/-, बल्देवगढ़ रू. 81423/-, पलेरा रू. 67050/-, जतारा रू. 91216/, पृथ्वीपुर रू. 59527/-, निवाड़ी 65265/- आवंटित की गई है। उपरोक्त आवंटित राशि को समग्र शिक्षा पोर्टल से परिवारवार प्रपत्र प्रिंट निकालने, जानकारी अद्यतन कर उसे पोर्टल पर एन्ट्री करने तथा इस कार्य से संबंधित अनुसांगिक गतिविधियों को समय-सीमा में व्यय किए जाने के निर्देश है। उक्त मद में विकासखण्ड पलेरा राशि रू. 56265/- एवं विकासखण्ड बल्देवगढ़ में राशि रू. 68544/- व्यय की गई है। (ख) स्कूल चले हम अभियान 2016 प्रथम चरण के अंतर्गत मुख्यतः ग्राम शिक्षा पंजी/वार्ड शिक्षा पंजी तैयार करने एवं इसके तहत 0 से 18 आयुवर्ग के बच्चों का चिन्हांकन किया गया है। अभियान का संचालनकर्ता विकासखण्ड स्तर पर विकासखण्ड स्रोत समन्वयक है। सर्वे उपरांत जिले के टीकमगढ़ विकासखण्ड में 70774, बल्देवगढ़ 54282, पलेरा 44700, जतारा 60811, पृथ्वीपुर 39685, निवाड़ी 43510 कुल 313762 परिवारों का सर्वे किया गया है। (ग) स्कूल चले हम अभियान 2016 को प्रारंभ करने हेतु विकासखण्ड पर कोई आयोजन नहीं हुआ है। शेषांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट है।
भवन विहीन हाई स्कूल एवं हायर सेकण्ड्री स्कूलों की संख्या
17. ( क्र. 143 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा एवं पिपलोदा तहसील अंतर्गत शासन/विभाग द्वारा हाई स्कूल एवं हायर सेकण्ड्री स्कूल प्रारम्भ किये जाने की घोषणा की है? (ख) यदि हाँ, तो क्या कुछ हाई स्कूल एवं कुछ हायर सेकण्ड्री स्कूल भवन सहित स्वीकृत हुए है एवं कुछ हाई स्कूल एवं हायर सेकण्ड्री भवन विहीन होकर अन्य भवनों में संचालित किये जा रहे है? (ग) यदि हाँ, तो ऐसे कितने हाई स्कूल एवं हायर सेकण्ड्री स्कूल है जो स्वयं के भवनों में संचालित नहीं होकर चलाये जा रहे है? उनकी कुल संख्या कितनी है? (घ) जो भवनविहीन हाई स्कूल एवं हायर सेकण्ड्री स्कूल अन्य भवनों में संचालित किये जा रहे है, उनके भवन कब स्वीकृत किये जाकर अव्यवस्थाओं को समाप्त किया जाएगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नही । (ख) जी हॉ, शैक्षणिक सत्र 2016-17 मे जावरा एवं पिपलोदा तहसील में 05 हाईस्कूल स्वीकृत एवं 01 हायर सेकण्ड्री स्कूल प्रारंभ किया गया है कुछ हाईस्कूल एवं हायर सेकण्ड्री स्कूल अन्य भवनों में संचालित है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) भवन स्वीकृति उपलब्ध बजट प्रावधान एवं सक्षम समिति की स्वीकृति पर निर्भर करेगा।
रिक्त पदों पर पदस्थापना
18. ( क्र. 155 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर एवं कटनी जिलों द्वारा अध्यापक संवर्ग के संबंध में विगत 01 वर्ष से उच्च कार्यालयों से कब-कब, क्या-क्या मार्गदर्शन मांगे गये? क्या संबंधित जिलों को मार्गदर्शन प्राप्त हुए? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो क्यों? कब-तक प्राप्त होंगे? (ख) क्या वर्ष 2013 में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा हाई एवं हायर सेकण्ड्री विद्यालयों के लिये नई पदस्थापना निर्मित कर आदेश/निर्देश प्रसारित किये गये? क्या इसी क्रम में निर्देश दिनांक 11.03.2013 की कंडिका 2 (4) एवं अन्य में उल्लेखित है कि सभी हाई स्कूलों की वर्तमान रिक्तियों में वरिष्ठ अध्यापकों की पदस्थापना की जावेगी, जिससे धीरे-धीरे सभी हाईस्कूलों में वरिष्ठ अध्यापक उपलब्ध होंगे? यदि हाँ, तो क्या कटनी जिले में रिक्त पदों की गणना उक्तानुसार की जा रही है? यदि हाँ, तो गणना पत्रक उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) वर्ष 2013 के पूर्व के हाई स्कूलों की वर्तमान रिक्तियों में अध्यापकों की पदस्थापना की जावेगी अथवा वरिष्ठ अध्यापकों की? प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा कार्यालय आयुक्त लोक शिक्षण एवं जिला कार्यालयों को कब-कब पत्र प्रेषित किये गये इस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों यदि हाँ, तो प्रेषक को अवगत क्यों नहीं कराया गया? विलम्ब की जवाबदारी किसकी है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जबलपुर जिले द्वारा अध्यापको के संविलियन बाबत दिनांक 18.12.2015 एवं नियमित शिक्षकों के पदों पर अध्यापक संवर्ग की पदोन्नति बाबत दिनांक 14.8.2015 के द्वारा मार्गदर्शन चाहा गया जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। जिला जबलपुर को अंतर निकाय संविलियन के संबध में मार्गदर्शन दिया गया है। जिला कटनी द्वारा अध्यापक संवर्ग की पदोन्नति के संबंध में दिनांक 2.2.2016 को मार्गदर्शन चाहा गया है। पदोन्नति की कार्यवाही केवल स्वीकृत पदों पर की जाती है शासन द्वारा जारी नीति स्पष्ट होने से पृथक से मार्गदर्शन नहीं दिया गया है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) शासन आदेश दिनांक 11.3.2013 के द्वारा आदर्श पदसंरचना जारी की गई है। पदस्थापना की नीति जारी नहीं की गई है। शासन नीति में स्पष्ट प्रावधान है कि भविष्य में हाई स्कूलों में रिक्तियां निर्मित होने पर उस पद को समाप्त कर उसका उन्नयन कर वरिष्ठ अध्यापक/ संविदा शाला शिक्षक श्रेणी-1 के पद पर किया जायेगा। पूर्व से संचालित हाई स्कूल में पद स्वीकृति/ पद उन्नयन के आदेश जारी नहीं किये गये है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के अनुसार पद स्वीकृत/पद उन्नयन होने पर ही कार्यवाही पदपूर्ति की कार्यवाही नियमानुसार संभव होगी। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। पत्राचार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
डाटा एन्ट्री ऑपरेटरों के वेतन भुगतान में एक रूपता
19. ( क्र. 156 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के संभागीय माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल, रीवा, ग्वालियर, उज्जैन, जबलपुर में कार्यरत डाटा एंट्री ऑपरेटरों को दिनांक 01.07.2013 से किस दर से वेतन भुगतान किया जा रहा है? (ख) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा रीवा संभाग के माध्यमिक शिक्षा मंडल के कार्यालय में पदस्थ डाटा एंट्री ऑपरेटर को अन्य संभागीय कार्यालयों में पदस्थ डाटा एंट्री ऑपरेटरों से कम वेतन भुगतान क्यों किया जा रहा है तथा समान रूप से वेतन भुगतान किए जाने हेतु कार्यालयीन पत्र क्रमांक 325 दिनांक 20.05.2016 से सचिव माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल को पत्र लिखा था? (ग) यदि हाँ, तो उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई तथा रीवा संभागीय कार्यालय में पदस्थ डाटा एंट्री ऑपरेटरों को समान रूप से अन्य संभागीय कार्यालयों में नियुक्त ऑपरेटरों की भांति वेतन भुगतान किया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) संभागीय अधिकारी, संभागीय कार्यालय, माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल, रीवा ग्वालियर इन्दौर एवं जबलपुर से प्राप्त जानकारी अनुसार संभागीय कार्यालयों में कार्यरत संविदा डाटा एन्ट्री आपरेटरों को दिनांक 01.07.2013 से भोपाल, ग्वालियर, उज्जैन तथा जबलपुर में प्रतिमाह 14,000 तथा रीवा प्रतिमाह रूपये 12000/- भुगतान किया जा रहा है। (ख) संभागीय कार्यालय रीवा एवं अन्य संभागीय कार्यालयों में पदस्थ संविदा डाटा एन्ट्री आपरेटर के वेतन इत्यादि के संबंध में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जी हाँ। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार।
नवीन E.S.I. अस्पताल की संख्या
20. ( क्र. 168 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 05 वर्षों में संपूर्ण म.प्र. में कितने नवीन E.S.I. अस्पताल की राशि स्वीकृत कर कॉर्पोरेशन को दी है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) स्वीकृति आदेश प्रदान करने के बाद भी अस्पताल नहीं बने हैं? इसके लिये कौन दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जा रही है?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) कर्मचारी राज्य बीमा सेवायें, म.प्र. के अंतर्गत विगत 05 वर्षों में संपूर्ण म.प्र. में किसी भी नवीन ई.एस.आई. अस्पताल के लिये राशि स्वीकृत कर कार्पोरेशन को नहीं दी गई हैं, उक्त के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
डिस्पेंसरी में डॉक्टरों एवं अन्य स्टाफ की कमी
21. ( क्र. 169 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा शहर एक प्रसिद्ध औद्योगिक शहर है। शासन द्वारा यहां तीन डिस्पेंसरी संचालित की जा रही है? (ख) इन डिस्पेंसरी में डॉक्टरों एवं स्टाफ के कितने पद स्वीकृत है एवं कितने पद रिक्त है? (ग) रिक्त पदों पर कब तक पूर्ति कर दी जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी नहीं। कर्मचारी राज्य बीमा सेवायें, मध्यप्रदेश के अंतर्गत नागदा शहर में दो डिस्पेंसरी एवं एक चिकित्सालय संचालित किया जा रहा है। (ख) नागदा शहर में संचालित डिस्पेंसरी एवं चिकित्सालय संचालित किया जा रहा है। नागदा शहर में संचालित डिस्पेंसरी एवं चिकित्सालय में 29 डॉक्टरों एवं 120 स्टाफ के पद स्वीकृत हैं, इनमें 34 स्टाफ के पद रिक्त है। (ग) 1. मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग, इंदौर से 70 बीमा चिकित्सा पदाधिकारी/ सहायक शल्य चिकित्सकों की चयन सूची प्राप्त हुई थी। नागदा चिकित्सालय एवं केन्द्रों पर इस विभाग के आदेश दिनांक 04/02/2016 एवं 06/06/2016 से चिकित्सकों की पदस्थापना कर दी गई है। चिकित्सालय एवं केन्द्रों पर अब कोई चिकित्सक का पद रिक्त नहीं है। 2. विभाग में स्टाफ के रिक्त पदों की पूर्ति सीधी भर्ती एवं पदोन्नति द्वारा की जाना है किंतु पदोन्नति पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा एवं शासन द्वारा स्टाफ के सामान्य श्रेणी के पदों की पूर्ति पर रोक लगाये जाने के कारण स्टाफ के रिक्त पदों की पूर्ति के लिये समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विखरे हुये आदिवासियों का आवंटन
22. ( क्र. 204 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग सागर में आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजना भोपाल से विखरे हुये बी.पी.एल. आदिवासियों के लिये वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक कितना वर्षवार आवंटन प्राप्त हुआ? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित आवंटन का किस-किस कार्य में वर्षवार व्यय किया गया? इसमें से विधान सभा क्षेत्र नरयावली अंतर्गत किस-किस ग्राम में किस-किस कार्य में आवंटन का उपयोग किया गया वर्षवार सूची प्रदान करें। (ग) क्या आवंटित राशि का वर्षवार विभाग द्वारा उपयोग नहीं किया गया? जिससे राशि समर्पित/लेप्स हुई। क्या वर्ष 2010 में क्रय किये गये विद्युत पम्पों का वितरण 2016 तक किया गया? क्या इनमें से अनेक विद्युत पम्प धारकों के पास विद्युत लाईन नहीं है? (घ) यदि हाँ, तो विद्युत पम्प धारकों की सूची विधान सभावार एवं वर्षवार वितरण सहित उपलब्ध कराते हुये समर्पित/लेप्स की गई राशियों के लिये कौन-कौन अधिकारी वर्षवार जिम्मेदार है?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी निम्नानुसार है:-
क्रमांक |
वर्ष |
प्राप्त आवंटन |
(1) |
(2) |
(3) |
1 |
2010-11 |
21.20 |
2 |
2011-12 |
31.68 |
3 |
2012-13 |
0.00 |
4 |
2013-14 |
168.00 |
5 |
2014-15 |
133.99 |
6 |
2015-16 |
133.99 |
(ख)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ एवं
ब अनुसार है। (ग)
जी
हाँ। विद्युत
पंप धारकों के
पास विद्युत
लाईन नहीं
होने का कोई
प्रकरण
प्रकाश में
नहीं आया है। (घ)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-स
अनुसार है, शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
सिविल हास्पिटल जावरा के परिसर में हस्तांतरित किया जाना
23. ( क्र. 208 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय महिला चिकित्सालय जावरा काफी पुराना होकर लगातार मरम्मत कर चलाये जाने एवं भवन काफी छोटा होने के कारण लगातार समस्याग्रस्त रहता है? (ख) क्या महिला चिकित्सालय के नजदीक स्थित सिविल हास्पिटल जावरा परिसर में काफी रिक्त भूमि होकर नीलामी के माध्यम से खेती करने के लिए दी जाती है? (ग) क्या जनप्रतिनिधियों, आम जनता एवं रोगी कल्याण समिति के माध्यम से महिला चिकित्सालय को सिविल हास्पिटल परिसर में हस्तांतरित किये जाने की मांग की जा रही है? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन/विभाग क्षेत्र में बढ़ती जनसंख्या एवं वर्तमान महिला चिकित्सालय काफी पुराना एवं छोटा होने के साथ ही जीर्ण-शीर्ण होने की स्थितियों में सिविल हास्पिटल जावरा के परिसर में नवीन महिला चिकित्सालय भवन की स्वीकृति देकर कठिनाई का निराकरण करने हेतु भेजे गए प्रस्ताव पर विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो स्वीकृति कब तक दी जायेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ, किन्तु शासकीय महिला चिकित्सालय, जावरा का पुराने भवन को मरम्मत कर उपयोग में लिया जा रहा है एवं वर्तमान में भवन का उन्नयन कार्य प्रगति पर है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। (घ) सीमित वित्तीय संसाधनों को देखते हुये नवीन महिला चिकित्सालय भवन निर्माण किया जाना संभव नहीं है।
विद्यालयों में व्यायाम सामग्री की उपलब्धता
24. ( क्र. 213 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2009 से प्रश्न दिनांक तक मुड़वारा विधान सभा क्षेत्र के किस-किस शासकीय विद्यालय में किस-किस शासकीय विभाग द्वारा क्या-क्या व्यायाम सामग्री प्रदान की गई है एवं इनमें से किस-किस विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा व्यायाम सामग्री का उपयोग किया जा रहा है. प्रत्येक की सूची प्रदान करें. (ख) प्रश्नांश (क) के अन्तर्गत व्यायाम सामग्री प्राप्त विद्यालयों में से किस-किस विद्यालय में व्यायाम शिक्षक की सुविधा है, सूची प्रदान करें और जिन विद्यालयों में व्यायाम शिक्षक की सुविधा नहीं है उनमें व्यायाम शिक्षक की सुविधा कब तक प्रदान की जावेगी. (ग) प्रश्नांश (क) के अन्तर्गत प्राप्त व्यायाम सामग्री में से कितनी उपयोग योग्य शेष है एवं कितनी नष्ट एवं खराब हो गई है, सूची प्रदान करें.
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम क्रमांक-5 में विभाग का नाम तथा कॉलम क्रमांक-3 शासकीय शाला में प्राप्त व्यायाम एवं सामग्री का विवरण है, जिनमें इन शाला के छात्रों द्वारा सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। (ख) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम क्रमांक-6 में अंकित है। शासकीय माध्यमिक शालाओं में व्यायाम शिक्षक के पद स्वीकृत नहीं है। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम क्रमांक-4 एवं 8 में अंकित है।
प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को निजी संस्थाओं को सौंपा जाना
25. ( क्र. 215 ) श्री रामनिवास रावत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में कुछ जिलों की स्वास्थ्य सेवाओं (अस्पतालों में मरीजों का उपचार, जाँच, ऑपरेशन आदि) को निजी संस्थाओं/स्वयं सेवी संस्थाओ को सौंपा गया है? यदि हाँ, तो प्रश्नांकित दिनांक की स्थिति में प्रदेश के किन-किन जिलों में किन-किन स्वास्थ्य केन्द्रों की स्वास्थ्य सेवाएँ किन-किन संस्थाओ को किन-किन शर्तों के तहत कितनी अवधि के लिए सौंपा गया है? उक्त संस्थाओं का मूल रूप से क्या कार्य क्षेत्र हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार निजी संस्थाओ द्वारा मरीजो को किस-किस दर पर कौन-कौन सी सुविधाएं उपलब्ध कराई जावेंगी? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त संस्थाओं को कितनी अवधि की सेवाओं के लिए कितना भुगतान किया जावेगा? अभी तक कितना भुगतान किया गया है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। केवल जिला अलीराजपुर की स्वास्थ्य संस्थाओं में आवश्यक सेवाएं प्रदान करने हेतु राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा दीपक फाउंडेशन, बड़ौदरा, गुजरात के साथ 31 मार्च 2018 तक अनुबंध किया गया है। जिला चिकित्सालय अलीराजपुर एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जोबट में निश्चेतना, स्त्री रोग एवं शिशु रोग विशेषज्ञों की सेवाएं तथा सोनोग्राफी की सेवाएं भारत शासन के बजट प्रावधान अनुसार की गई है। दीपक फाउंडेशन का कार्य क्षेत्र एवं शर्तों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में निजी संस्था द्वारा मरीजों को उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं हेतु राशि नहीं ली जाएगी। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कार्यादेश अनुसार विशेषज्ञों की सेवाएं हेतु निर्धारित मानदेय राशि तथा सोनोग्राफी व्यय हेतु भुगतान किया जाएगा। अभी तक कोई भुगतान नहीं किया गया है।
समयबद्ध क्रमोन्नति का लाभ
26. ( क्र. 216 ) श्री रामनिवास रावत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में संचालित शासकीय अनुदान प्राप्त अशासकीय शिक्षण संस्थाओ में नियुक्त शिक्षकों/कर्मचारियों को अन्य शासकीय कर्मचारियों की भांति समयबद्ध क्रमोन्नति का लाभ देने के निर्देश विभाग द्वारा जारी किये गए है? (ख) यदि हाँ, तो जारी निर्देशों की प्रति उपलब्ध कराते हुए बतावे कि उक्त निर्देशों के क्रम में अभी तक किन-किन जिलों की शासकीय अनुदान प्राप्त अशासकीय शिक्षण संस्थाओं में नियुक्त शिक्षकों/कर्मचारियों को समयबद्ध क्रमोन्नति का लाभ प्रदान कर दिया गया है? किन किन जिलों में नहीं? (ग) श्योपुर जिले की शासकीय अनुदान प्राप्त अशासकीय शिक्षण संस्थाओं में नियुक्त शिक्षकों/कर्मचारियों को समयबद्ध क्रमोन्नति का लाभ देने की कार्यवाही किस स्तर पर किस कारण से लंबित है? कब तक श्योपुर जिले शिक्षकों/कर्मचारियों को समयबद्ध क्रमोन्नति प्रदाय कर दी जावेगी? निश्चित समय-सीमा बतावे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। अपितु, नियम व पात्रतानुसार वरिष्ठ वेतनमान/क्रमोन्नति का लाभ देने के निर्देश है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कार्यवाही जिला स्तर पर स्थानीय निधि संपरीक्षा, ग्वालियर द्वारा लगाई गई आपत्तियों की पूर्ति हेतु लंबित है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित छात्रावास
27. ( क्र. 224 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिलांतर्गत आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित वर्तमान में कितने प्राथमिक, माध्यमिक एवं हाई स्कूल हायर सेकण्ड्री छात्रावास हैं? छात्रावासवार, छात्र संख्या सहित बतावें? उक्त छात्रावासों में आवश्यक सामग्री क्रय करने के क्या प्रावधान है? प्रावधान की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या सामग्री क्रय करने हेतु विज्ञापन या ऑनलाईन निविदा आमंत्रित की जाती है? यदि हाँ, तो वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितनी निविदाएं प्राप्त हुई उनमें से किस फर्म की निविदा स्वीकृत की गई? स्वीकृत फर्म से कितनी राशि की सामग्री का क्रय किया गया वस्तुवार पृथक-पृथक सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या विभाग द्वारा स्वीकृत फर्म से क्रय की जा रही सामग्री की गुणवत्ता के परीक्षण हेतु कोई समिति गठित की गई है? यदि हाँ, तो समिति द्वारा सामग्री की गुणवत्ता का परीक्षण कब-कब किया गया है और यदि नहीं, तो समिति द्वारा सामग्री की गुणवत्ता का परीक्षण न करने का क्या कारण हैं? (घ) क्या छात्रावासों में स्वीकृत फर्म द्वारा उपलब्ध कराई गई सामग्री यथा गद्दा, रजाई, बर्तन, पलंग आदि शासन से निर्धारित से गुणवत्ता के न होकर घटिया स्तर के है? क्या प्रश्नकर्ता की उपस्थिति में समिति बनाकर छात्रावासों में क्रय की गई सामग्री की जाँच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक बतावें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) पन्ना जिलांतर्गत आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा 15 प्री मैट्रिक बालक छात्रावास 07 बालक आश्रम, 02 कन्या आश्रम एवं 01 कन्या पोस्ट मैट्रिक छात्रावास संचालित है। संस्थावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। मध्यप्रदेश शासन आदिम जाति कल्याण विभाग के ज्ञाप क्रमांक-12-11/2014/25-2 दिनांक 17/6/2014 के पालन में छात्रावास/आश्रम पालक समिति के माध्यम से भण्डार क्रय नियमों के तहत सामग्री क्रय किये जाने का प्रावधान है। प्रावधान की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) जिले में सामग्री क्रय करने हेतु विज्ञापन या ऑनलाईन निविदा वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक आमंत्रित नहीं की गई। फलस्वरूप स्वीकृत फर्म से सामग्री क्रय विषयक जानकारी निरंक है। (ग) एवं (घ) प्रश्न (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है।
प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं के बंद करने के नियम
28. ( क्र. 225 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ऐसी प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाएं जिनमें छात्र संख्या क्रमश: 20 एवं 10 से कम है, उन्हें बंद करने हेतु शासन स्तर से 2016-17 में आदेश जारी किया गया है? यदि हाँ, तो गुनौर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसी कितनी शालाएं है, जो बंद की जा रही है? प्राथमिक एवं माध्यमिक शालावार दर्ज छात्र संख्या सहित बतावें? ऐसी बंद की जाने वाली शालाएं जो अन्य शालाओं में मर्ज की जा रही है, उनकी दूरी मर्ज की जाने वाली शाला से कितनी है, शालावार पृथक-पृथक बतावें? (ख) बंद की जाने वाली शालाओं के खोलने के समय दर्ज छात्र संख्या कितनी थी? क्या तत्समय प्रभावशील नियमों का अनुसरण करते हुए ऐसी शालाएं खोली गई है? यदि हाँ, तो लगातार हो रही जनसंख्या वृद्धि के बावजूद भी छात्र संख्या घटाकर शाला बंद करने का क्या कारण है? (ग) बंद की जाने वाली शालाओं के छात्र/छात्राओं की शैक्षणिक व्यवस्था का क्या प्रावधान है? क्या बंद की जाने वाली शालाओं के शिक्षकों का पदांकन उनके द्वारा उपलब्ध कराये गये विकल्प की प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बतावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्कूल उन्नयन के विषय में
29. ( क्र. 245 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में शासन द्वारा सत्र 2016-17 में मा.वि. से हाई स्कूल में तथा हाई स्कूल से हायर सेकण्ड्री किन-किन स्कूलों को उन्नयन किया गया? (ख) मंदसौर जिले में मा.वि.स्कूल से हाईस्कूल एवं हाईस्कूल से हायर सेकण्ड्री में उन्नयन किए गए स्कूलों को उन्नयन करते समय किन-किन नियमों का पालन किया गया? (ग) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र के ग्राम लदुना की कितनी जनसंख्या है एवं लदुना में शासन द्वारा जो स्कूल संचालित किए जा रहे उनकी उच्च (सबसे बड़ी) कक्षा कौन सी है? (घ) ग्राम लदुना की जनसंख्या इतनी ज्यादा होने के बाद भी वहां आज तक हाई स्कूल एवं हायर सेकण्ड्री शासन द्वारा क्यों नहीं प्रारंभ किया गया?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सामान्यतः निर्धारित मापदण्ड यथा दूरी, छात्र संख्या एवं जनसंख्या के आधार पर विचार किया गया है। (ग) कुल जनसंख्या 6,917 (छः हजार नौ सौ सत्रह) संचालित उच्च कक्षा 08वीं है। (घ) 03 कि.मी. पर शासकीय बालक तथा कन्या उ.मा.वि. संचालित है।
छात्रों को दी जाने वाली सुविधायें एवं छात्रवृत्ति
30. ( क्र. 257 ) श्री अजय सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी एवं सतना जिले में आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति हेतु किस-किस स्थान पर छात्र एवं छात्राओं की आश्रम शालायें एवं छात्रावास स्थित है? स्थानवार बतायें कि किन-किन में किस-किस नाम के बालक/बालिकायें किस कक्षाओं के कब से रह रहे हैं? किन-किन में कितने कमरे हैं? कितने बालक/बालिकायें रह रहे हैं? छात्रावासवार जानकारी दें? (ख) राज्य शासन के नियमों के तहत उक्त आश्रम शालाओं एवं छात्रावासों में क्या-क्या सामग्री एवं खान पान की व्यवस्था बालकों/बालिकाओं को नि:शुल्क प्रदान की जाती है? छात्रावासवार जानकारी दें कि किस-किस में प्रश्नतिथि तक क्या-क्या सामग्री भौतिक रूप से उपलब्ध है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित छात्रावासों/आश्रम शालाओं में छात्रावासवार क्या-क्या सामग्री जिला स्तर से एवं शासन स्तर पर 01.04.2011 से 31.03.2015 तक किस-किस दर पर, कब, किस-किस नाम पते वाली संस्थाओं/दुकानों से खरीदी गई? उक्त सामग्री के किस-किस फर्म/दुकानों, किस-किस दर पर टेंडर (निविदा) आये? किस-किस को कितना भुगतान कब किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित छात्रावासों की पुरानी सामग्री का प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित समयानुसार क्या किया गया? सामग्रीवार विवरण दें।
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) सीधी एवं सतना जिलों में आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति हेतु संचालित छात्रावास/आश्रमों से संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) सीधी एवं सतना जिलों में आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति हेतु संचालित छात्रावास/आश्रमों से संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) सीधी एवं सतना जिलों में आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति हेतु संचालित छात्रावास/आश्रमों हेतु जिला स्तर से दिनांक 01/04/2011 से 31/03/2015 तक क्रय की गई सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर में सीधी जिले में उल्लेखित छात्रावास/आश्रमों में उपलब्ध पुरानी सामग्री के अपलेखन की कार्यवाही की जा रही है। सतना जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' में उल्लेखित है।
छात्राओं एवं छात्रों के एकाउण्ट में छात्रवृत्ति सीधे न दिया जाना
31. ( क्र. 258 ) श्री अजय सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में निजी इंजीनियरिंग/नर्सिंग/एम.बी.एस./सभी विषयों के ग्रेज्यूएट एवं पोस्ट ग्रेज्यूएट कॉलेजों के द्वारा 01.04.2013 से 21.03.2015 तक किस-किस नाम/पते वाले छात्रों एवं छात्राओं को कितनी-कितनी छात्रवृत्ति किन-किन कार्यों के लिए कब-कब दी? स्टूडेंट के नामवार/पतेवार/राशिवार/कॉलेजवार/छात्र संख्यावार/ कोर्सवार/वर्षवार/माहवार दें? (ख) क्या स्टूडेंटों को छात्रवृत्ति की राशि उनके बैंकों के एकाउण्टों में शासन द्वारा दी? क्या कॉलेजों के एकाउण्टों में छात्रवृत्ति की राशि शासन द्वारा दी गई? (ग) छात्रवृत्ति देने के राज्य शासन के क्या नियम हैं? नियमों की एक प्रति उपलब्ध कराते हुये बतायें कि क्या छात्रवृत्ति शासन कॉलेजों के एकाउण्टों में नियमानुसार दे सकता है? (घ) कितनी-कितनी राशि शासन द्वारा वित्तीय वर्ष 2011 से 31.03.2015 तक में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कॉलेजों के छात्रों को दी गई? राशिवार/छात्र संख्यावार/कॉलेजवार/वर्षवार/माहवार जानकारी दें? किस-किस नाम के कॉलेजों की शिकायतें जिले/प्रशासन/पुलिस प्रशासन के पास आई कि उन्होंने छात्रों के एकाउण्ट से राशि स्वयं निकाल ली? शासन द्वारा प्रश्न तिथि तक उनके विरूद्ध क्या व कब कार्यवाही की? बिन्दुवार दें? अगर नहीं दी तो क्यों? कारण दें? नियम बतायें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एक एवं दो अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। (ग) नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। जी नहीं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एक एवं दो अनुसार है। कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एच.आई.वी./एड्स प्रतिरोधक कार्यक्रम
32. ( क्र. 264 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में एच.आई.वी./एड्स प्रतिरोधक कार्यक्रम के क्रियान्वयन हेतु कौन-कौन से जिले चिन्हांकित किये गए हैं? विवरण देते हुए बतावें कि इसके क्रियान्वयन हेतु कितनी-कितनी राशि कब-कब प्रदान की गई एवं कब-कब, किस-किस मद पर व्यय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किन-किन जिलों में एस.टी.आई./आर.टी.आई. क्लीनिक ए.आर.टी. तथा आई.सी.टी.सी. के लिए भवन व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई? इन पर कब-कब, कितनी-कितनी राशि खर्च की गई। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वार्षिक कार्ययोजना के अंतर्गत प्राथमिकताओं को अभिनिश्चित करने के लिए एच.आर.जी. (महिला यौनकर्मी, समलैंगिक पुरूष, सुई से नशा करने वाले तथा सेतु आवादी, प्रवासी मजदूर तथा ट्रक चालक) संख्या तथा स्थानों के पहचान हेतु क्या सर्वेक्षण कार्य कराया गया है? यदि हाँ, तो कब-कब? (घ) प्रश्नांश (ख) के सुदृढ़ीकरण बाबत् एस.टी.आई. क्लीनिक में अधोसंरचना तथा प्रयोगशाला बाबत् क्या कार्ययोजना तैयार कर इस हेतु कब-कब, कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ड.) यदि प्रश्नांश (ग) अनुसार सर्वेक्षण का कार्य नहीं कराया गया, फर्जी तरीके से राशि का व्यय दिखाकर राशि का आहरण किया गया, इसी तरह एस.टी.आई./आर.टी.आई. के सुदृढ़ीकरण बाबत् सामग्री का क्रय न कर सुविधाएं उपलब्ध नहीं करायी गई तो इसके लिए कौन-कौन जबावदार है? उनके ऊपर कब-कब, कौन-कौन सी कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के लिए सभी 51 जिले चिन्हांकित किये गये हैं। एस.टी.आई., टी.आई., आई.सी.टी.सी., रक्त सुरक्षा, ए.आर.टी., आई.ई.सी. आदि कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदान की गई राशि एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ख) जिलों में कार्यरत एस.टी.आई./आर.टी.आई. क्लीनिक, ए.आर.टी. तथा आई.सी.टी.सी. के लिए पृथक से भवन का निर्माण नहीं कराया गया है। चिकित्सालय, जहां ये केन्द्र स्थापित हैं, के द्वारा उपलब्ध कराये गये भवन कक्ष में ही संचालित हैं। इन केन्द्रों के संचालन के लिए वित्तीय वर्ष 2015-2016 में राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (ग) जी हाँ, राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन के द्वारा सर्वेक्षण (मेपिंग) का कार्य वर्ष 2008 में कराया गया है। सर्वेक्षण (मेपिंग) की रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है। (घ) जी हाँ, कार्ययोजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-05 अनुसार है व व्यय राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-06 अनुसार है। (ड.) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासन के जारी नियमों के तहत कार्यवाही
33. ( क्र. 265 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 16.03.2016 के अता.प्र.संख्या 73 (क्रमांक 4922) के परिप्रेक्ष्य में क्या राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा 3 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुकी वार्डनों (प्रभारियों) को हटाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो ऐसी कितनी वार्डन हैं जिनकी सेवाएं 3 वर्ष हो चुकी है, लेकिन हटाने की कार्यवाही नहीं की गई, साथ ही राशि के व्यय का विवरण फर्जी एवं कूटरचित आधारों पर दिया गया? (ख) प्रश्नांश (ख) अनुसार जिन वार्डनों की सेवाएं 3 वर्ष पूरी हो चुकी हैं, उनकों नहीं हटाने के लिए किन-किन को दोषी माना जाकर कार्यवाही उनके विरूद्ध की जायेगी? साथ ही अनियमित व्यय की जानकारी देने के लिए किन-किन को दोषी माना जाकर कार्यवाही प्रस्तावित कर कब तक कार्यवाही की जावेगी? अगर नहीं तो क्यों? क्या नियम विरूद्ध व्यय की वसूली के साथ संबंधितों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करायेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) आयुक्त, राज्य शिक्षा केंद्र के पत्र क्र. 2013/7849/भोपाल दिनांक 13.8.2013 के द्वारा सर्वशिक्षा अभियान मिशन के अंतर्गत संचालित बालिका छात्रावास एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में शिक्षा विभाग के अधीनस्थ प्रधानाध्यापक/शिक्षकों को मात्र प्रभार दिये जाने की स्थिति के संबंध में लेख है। फर्जी एवं अनियमित व्यय के दोषियों के विरूद्ध प्रश्नांश (ख) अनुसार कार्यवाही की जा रही है। (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर के परिप्रेक्ष्य में निरंक। अनियमित व्यय की जानकारी प्राप्त होने पर श्रीमती रामकली मांझी वार्डन अगडाल, श्रीमती गणेश कुमारी वर्मा बालिका छात्रावास जवा एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय हनुमना की वार्डन श्रीमती विभा त्रिपाठी को निलंबित किया गया। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय महुली की वार्डन श्रीमती सुनीता साकेत के विरूद्ध विभागीय जाँच की कार्यवाही प्रस्तावित कर दी गई है।
स्वास्थ्य केन्द्रों के निर्माण कार्यों में अनियमितताएँ
34. ( क्र. 270 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला चिकित्सालय छतरपुर व जिले के अंतर्गत प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में विगत वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक रोगी कल्याण समिति में कितनी राशि प्राप्त हुई? रोगी कल्याण समिति से प्राप्त राशि के व्यय के शासन निर्देश क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित विगत वर्षों में किस-किस मद से कौन-कौन से निर्माण कार्य कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किये गये? क्या इन निर्माण कार्यों में स्थानीय जन प्रतिनिधियों से सलाह लिये जाने का प्रावधान है? (ग) रोगी कल्याण समिति के व्यय का ऑडिट विगत वर्षों में किस-किस एजेंसी से कराया गया? जनभागीदारी मद से स्वीकृत राशि शासन की होने से क्या ऑडिट महालेखाकार ग्वालियर से करवाया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों? (घ) उच्चतम दरों पर कम गुणवत्ता का निर्माण कार्य एवं सामग्री क्रय करने हेतु कौन-कौन से अधिकारी जिम्मेदार हैं? शासन के धन का दुरूपयोग करने वालों से इसकी वसूली एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही कब तक की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’’अ’’ अनुसार है। दिशा-निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’’ब’’ अनुसार है। (ख) वर्ष 2012-13 से आज दिनांक तक रोगी कल्याण समिति द्वारा किसी भी संस्था में कोई भी निर्माण कार्य नहीं कराया गया है। जी नहीं। (ग) जिला चिकित्सालय छतरपुर की ऑडिट सी.ए. से कराया गया है। शेष सभी संस्थाओं की ऑडिट महालेखाकार ग्वालियर के ऑडिट दल द्वारा किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) निर्माण कार्य नहीं हुये इस कारण प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय स्कूलों में रिक्त पदों की पूर्ति
35. ( क्र. 280 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पोहरी विधान सभा क्षेत्र के शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक/हाई स्कूल व हायर सेकण्ड्री स्कूलों में कौन-कौन से पद वर्तमान में रिक्त हैं जानकारी पदवार, स्कूलवार, संकुलवार, विकासखण्डवार पृथक-पृथक उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभाग द्वारा वर्तमान में क्या कार्यवाही प्रचलन में है व रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक/हाई स्कूल/हायर सेकण्ड्री स्कूलों के रिक्त पदों की जानकारी पदवार, स्कूलवार, विकासखंडवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ,ब,स,द अनुसार। (ख) प्रश्नांश (क) उत्तर के प्रकाश में रिक्त पदों की पूर्ति वर्तमान में अतिथि शिक्षक के नियुक्ति के माध्यम से की जाती है। पदपूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय हायर सेकण्ड्री स्कूलों में कृषि संकाय बढ़ाये जाने
36. ( क्र. 281 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र पोहरी में कौन-कौन से शासकीय व अशासकीय हायर सेकण्ड्री स्कूल संचालित हैं? उक्त स्कूलों में से कौन-कौन से स्कूलों में कृषि संकाय संचालित हैं व वर्ष 2015-16 में कृषि संकाय में किस-किस स्कूल में कितने-कितने नियमित छात्र परीक्षा में सम्मलित हुए? जानकारी स्कूलवार, कृषि संकायवार, छात्रसंख्या सहित पृथक-पृथक उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या यह सही है कि अधिकांश शासकीय स्कूलों में कृषि संकाय न होने के कारण छात्र-छात्राओं को अशासकीय स्कूलों में मोटी फीस देकर भर्ती होना पड़ता है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में पोहरी विधान सभा क्षेत्र में संचालित हायर सेकण्ड्री स्कूलों में कृषि संकाय बढ़ायें जाने हेतु कोई प्रस्ताव विभाग में प्रचलन में है? यदि हाँ, तो उक्त स्कूलों में कृषि संकाय कब तक प्रारंभ कर दिये जावेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार । (ख) छात्र / छात्राएं शासकीय अथवा अशासकीय विद्यालयों मे प्रवेश लेने के लिये स्वतंत्र है । शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता । (ग) हायर सेकेण्ड्री स्कूलों में कृषि संकाय प्रारम्भ करना बजट उपलब्धता पर निर्भर करेगा । समय सीमा बताया जाना संभव नही है ।
अनुमोदन के बगैर कार्यों की स्वीकृति एवं सामग्री क्रय की जाँच
37. ( क्र. 296 ) श्री रामसिंह यादव : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 में सहरिया विकास अभिकरण एवं क्रय समिति की बैठकें आयोजित हुई? यदि हाँ, तो उक्त बैठकें कब-कब आयोजित हुई और क्या-क्या निर्णय उक्त बैठकों में लिए गए? लिए गए निर्णयों की प्रतिलिपि संलग्न कर जानकारी दें कि इनमें कौन-कौन सदस्य हैं तथा कौन-कौन से सदस्य उक्त बैठकों में उपस्थित थे? (ख) क्या सहरिया विकास अभिकरण एवं क्रय समिति से अनुमोदन लिए बगैर कार्य स्वीकृत किए गए है तथा सामग्री क्रय की गई है? यदि हाँ, तो क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी राशि के समिति के बगैर अनुमति के स्वीकृत किए गए एवं क्या-क्या तथा कितनी-कितनी, कौन-कौन सी सामग्री कितनी राशि की क्रय समिति के अनुमोदन के बगैर क्रय की गई? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा कोलारस विकासखण्ड की तीन आदिवासी बस्तियों ग्राम इमलावदी, वैरासिया एवं गढ़ में पेयजल हेतु हैण्डपम्प खनन कराने के लिए दिनांक 29.04.2016 को कलेक्टर जिला शिवपुरी को पत्र लिखा था? यदि हाँ, तो उक्त आदिवासी बस्तियों में हैण्डपम्प खनन कराने की स्वीकृति कब प्रदान की गई? (घ) शिवपुरी जिले में सहरिया विकास अभिकरण की राशि से अप्रैल-2015 से जून-2016 तक पेयजल हेतु हैण्डपम्प, नलकूप एवं विद्युत मोटर/जनरेटर की स्वीकृति कहाँ-कहाँ के लिए कितनी राशि की कब-कब प्रदान की गई? उक्त कार्यों की ऐजेंसी किसे नियुक्त किया गया था?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी नहीं। अभिकरण की बॉडी के सदस्यों का मनोनयन/गठन नहीं हुआ है। (ख) जी नहीं। जिला कलेक्टर सह अभिकरण के अध्यक्ष के अनुमोदन तथा स्वीकृत अनुसार क्रय की कार्यवाही की गयी है। (ग) जी हाँ। सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण अभिकरण से उक्त ग्रामों में हैण्डपंप स्वीकृत नहीं किये गये हैं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सामुहिक सिंचाई योजना के प्रकरणों स्वीकृति
38. ( क्र. 297 ) श्री रामसिंह यादव : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बदरवास तहसील के ग्राम खतौरा एवं इन्दार के सहरिया आदिवासियों ने सामुहिक सिंचाई हेतु नवीन नलकूप खनन कराकर विद्युत लाईन व ट्रांसफार्मर स्थापित करने हेतु आवेदन जिला संयोजक जिला शिवपुरी के कार्यालय में प्रश्न दिनांक की स्थिति में लंबित है? यदि हाँ, तो उक्त आवेदन कब प्राप्त हुए एवं तकनीकी स्वीकृति कब प्रदान की गई? (ख) बदरवास तहसील के ग्राम खतौरा एवं इन्दार के सहरिया आदिवासियों के सामुहिक सिंचाई हेतु नलकूप खनन कराकर विद्युत लाईन व ट्रांसफार्मर स्थापित करने की स्वीकृति कब तक प्रदान की जाएगी? काफी समय से लंबित उक्त आवेदनों को स्वीकृत क्यों नहीं किया गया? कारण सहित बताएं? उक्त कार्य की स्वीकृति कब तक प्रदान की जाएगी? (ग) शिवपुरी जिले में वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में सामुहिक सिंचाई हेतु नवीन नलकूप खनन कराने एवं विद्युत लाईन व ट्रांसफार्मर स्थापित किए जाने हेतु कितना बजट प्राप्त हुआ? उक्त बजट से कौन-कौन से उक्त कार्य कहाँ-कहाँ पर कितनी राशि से कब-कब स्वीकृत किए गए? उक्त योजनांतर्गत मार्च 2016 में कितना बजट शिवपुरी जिले में शेष था? (घ) क्या शिवपुरी जिले में सहरिया विकास अभिकरण के बजट से वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में बजट उद्देश्य के विपरीत अन्य कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई है अथवा सामग्री क्रय की गई है? यदि हाँ, तो क्या-क्या एवं कितनी-कितनी राशि से क्या स्वीकृति एवं सामग्री हेतु स्वीकृति किसके द्वारा दी गई?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। जिला संयोजक शिवपुरी को आवेदन दिनांक 22/06/2015 को प्राप्त हुआ जिसकी तकनीकी स्वीकृति दिनांक 09/10/2015 को प्राप्त हुई। (ख) सीमित वित्तीय संसाधनों अंतर्गत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में सामूहिक सिंचाई ट्यूबवेल एवं विद्युतीकरण मद में आवंटन जिले को प्राप्त नहीं होने से सामूहिक सिंचाई ट्यूबवेल कार्य स्वीकृत नहीं किये गये। (घ) जी, नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
शालाओं में विद्युत एवं पेयजल की व्यवस्था
39. ( क्र. 308 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कुल कितने ऐसे शाला भवन नवीन निर्मित हैं जिसमें शालाओं का संचालन नहीं हो रहा है तथा संचालन नहीं होने का क्या कारण है? कृपया भवनवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या भीकनगांव विकासखण्ड अंतर्गत लालखेड़ा हाई स्कूल भवन निर्माण पूर्ण होने के पश्चात् भी वहां की स्कूल का संचालन नहीं हो रहा है? हाँ, तो क्या कारण हैं? (ग) भविष्य में हाई स्कूल भवन में कब से संचालन होगा तथा हाई स्कूल भवन में कोई सुविधा के अभाव के कारण नहीं प्रारंभ किया गया है तो उन सुविधाओं की पूर्ति शासन द्वारा कब पूर्ण की जावेगी? (घ) भीकनगांव विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत माध्यमिक, हाई स्कूल एवं हायर सेकण्ड्री की कुल कितनी शालाओं में विद्युत एवं पानी की व्यवस्था नहीं है? उनकी संख्या क्या है तथा इन शालाओं में कब तक विद्युत एवं पेयजल की व्यवस्था की जावेगी तथा किस मद अंतर्गत सुविधा करने हेतु बजट प्रावधान किया गया है? ऐसी शालाएं जिसमें विद्युत एवं पेयजल की सुविधा नहीं है, सूची उपलब्ध करावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी निरंक है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) लालखेडा स्कूल का संचालन दिनांक 04.07.2016 से प्रारंभ कर दिया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ''ख'' के संदर्भ में प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (घ) 11 हाई/हायर सेकण्ड्री तथा 107 माध्यमिक विद्यालय में विद्युत व्यवस्था नहीं है। विद्युतीकरण का कार्य बजट आवंटन पर निर्भर करता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। सभी हाई स्कूल एवं हायर सेकण्ड्री शालाओं में पेयजल की व्यवस्था है। 07 माध्यमिक शालाओं में वैकल्पिक व्यवस्था है। सुविधा विहिन शालाओं की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
शालाओं में शिक्षकों की व्यवस्था
40. ( क्र. 309 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भीकनगांव विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत शिक्षा के अधिकार अधिनियम अन्तर्गत कुल कितने शिक्षक होना अनिवार्य है तथा वर्तमान में कुल कितने शिक्षक पदस्थ हैं तथा कितने शिक्षकों के पद रिक्त हैं? प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल, हायर सेकण्ड्री स्कूल समस्त शालाओं की शालावार शिक्षक की उपलब्धता एवं रिक्त पद की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) भीकनगांव विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान शिक्षा सत्र में कितने अतिथि शिक्षकों की भर्ती की गई है तथा कितने भर्ती करना शेष है? कौन सी शाला के कितने अतिथि शिक्षक भर्ती की जाना है तथा कितने शिक्षकों की भर्ती की गई है, तथा कितने भर्ती करना शेष है? शालावार, विकासखण्डवार प्राथमिक, माध्यमिक, हायर सेकण्ड्री एवं हाई स्कूल की जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या भीकनगांव विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत में ऐसी शालाएं भी है जिसमें शिक्षक एक अतिथि शिक्षक की नियुक्ति न होने से बंद हैं? हाँ, तो शाला का नाम सहित जानकारी देवें? (घ) क्या वित्तीय वर्ष का शिक्षा सत्र प्रारंभ हो चुका है तथा उसके उपरान्त भी समस्त शालाओं में शिक्षकों की सम्पूर्ण व्यवस्था न होने से शिक्षा कार्य प्रभावित हो रहा है, यदि हाँ, तो इसका दोषी कौन है? क्या दोषी अधिकारी/कर्मचारी को चिन्हांकित कर कोई कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत दर्ज छात्र संख्या के मान से प्राथमिक 553, माध्यमिक 249, हाई स्कूल 73 एवं हायर सेकण्ड्री में 103 शिक्षक होना अनिवार्य है। वर्तमान में प्राथमिक 411, माध्यमिक 126, हाई स्कूल 49 एवं हायर सेकण्ड्री में 59 शिक्षक पदस्थ है। रिक्त पदों की संख्या प्राथमिक में 150, माध्यमिक में 123, हाई स्कूल में 24 एवं हायर सेकण्ड्री में 44 है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) वर्तमान सत्र में अभी शिक्षकों की भर्ती नहीं की गई है। रिक्त पदों की संख्या प्राथमिक 150 माध्यमिक 123 हाई स्कूल 24 एवं हायर सेकण्ड्री 44 है, इन रिक्त पदों के विरूद्ध अतिथि शिक्षकों की भर्ती के माध्यम से पद पूर्ति की जावेगी। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अपूर्ण जानकारी का प्रदाय
41. ( क्र. 324 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 16.03.2016 के अतारांकित प्रश्न संख्या 153 (क्रमांक 6515) में जानकारी एकत्र की जा रही है उत्तर दिया था। (ख) यदि जानकारी एकत्र हो गई हो तो दें। यदि नहीं, हुई तो अब तक एकत्र न करने के लिए कौन दोषी है और उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) विभागीय पत्र दिनांक 04.07.2016 द्वारा उत्तर विधान सभा सचिवालय को प्रेषित किया जा चुका है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फैक्ट्रियों में कार्यरत स्थानीय कर्मचारियों की नियुक्ति
42. ( क्र. 325 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी एवं सतना जिले के अंतर्गत कितनी फैक्ट्री संचालित हैं एवं श्रम विभाग में पंजीकृत हैं उनके नाम, स्थान तथा प्रोपराईटर/संचालक सहित पूर्ण विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) की फैक्ट्रियों में श्रम विभाग एवं फैक्ट्री एक्ट के तहत कितने स्थानीय कर्मचारी/मजदूर कार्यरत हैं स्थाई/अस्थाई दैनिक कर्मचारी की जानकारी दें? क्या इन कर्मचारियों की नियुक्ति में नियम/श्रम एक्ट/फैक्ट्री एक्ट का पालन किया गया है? यदि नहीं, तो उसके क्या कारण हैं? (ग) सतना/कटनी जिले में विगत दो वर्षों से फैक्ट्रियों में कार्यरत कर्मचारी/मजदूरों की ई.पी.एफ. राशि कितनी काटी गई तथा उनके ई.पी.एफ. खाते में जमा राशि वर्षवार मजदूरवार/कर्मचारीवार बताएं तथा ई.पी.एफ. खाता नम्बर भी दें।
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) एवं (ख) प्रश्न व्यापक स्वरूप का होने से जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) प्रश्न की जानकारी केन्द्रीय शासन के क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त से संबंधित है। अतः श्रम विभाग द्वारा दी जाना अपेक्षित नहीं है।
राजगढ़ जिले में शासकीय स्कूलों की स्थिति
43. ( क्र. 356 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में किन-किन स्थानों पर शासकीय हायर सेकण्ड्री/हाई स्कूल/माध्यमिक विद्यालय/प्राथमिक विद्यालय संचालित है? उनमें कुल कितने छात्र-छात्रायें दर्ज है? विकासखण्डवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) उक्त संचालित शासकीय हायर सेकण्ड्री/हाई स्कूल/माध्यमिक विद्यालय/प्राथमिक विद्यालय में ऐसे कितने विद्यालय है जिनके पास स्वयं का भवन नहीं है? उक्त विद्यालयों में कब तक भवन स्वीकृत किये जावेंगे? (ग) उक्त संचालित शासकीय हायर सेकण्ड्री/हाई स्कूल/ माध्यमिक विद्यालय/ प्राथमिक विद्यालय में से कितने विद्यालय है जिनके पास स्वयं का भवन है? परन्तु उनमें बाउण्ड्रीवाल नहीं होने से अतिक्रमण हो रहा है? उक्त विद्यालयों में कब तक बाउण्ड्रीवाल स्वीकृत की जावेगी? (घ) उक्त संचालित शासकीय हायर सेकण्ड्री/हाई स्कूल/माध्यमिक विद्यालय/प्राथमिक विद्यालय में ऐसे कितने विद्यालय है जिनके पास किचन शेड, बालक-बालिकाओं के लिये शौचालय तथा पीने के लिये पानी की व्यवस्था नहीं है? उनमें कब तक व्यवस्था कर दी जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''एक'' अनुसार है। (ख) भवन विहीन प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं की जानकारी निरंक है। हाई स्कूल/हायर सेकण्ड्री शालाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) कुल 1561 प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला परिसरों में बाउण्ड्रीवाल नहीं है एवं इन शालाओं में अतिक्रमण की सूचना नहीं है। हाई स्कूल/हायर सेकण्ड्री स्कूलों के भवन एवं अतिक्रमण के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो एवं तीन अनुसार है। बजट उपलब्धता एवं सक्षम स्वीकृति पर निर्भर करता है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) 485 माध्यमिक विद्यालय में किचिन शेड उपलब्ध नहीं है। निर्माण हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। समस्त शालाओं में पीने के पानी एवं शौचालय की व्यवस्था उपलब्ध है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजगढ़ जिले में आयुष औषधालय की स्थिति
44. ( क्र. 357 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में विकासखण्डवार किन-किन स्थानों में आयुष औषधालय संचालित है? (ख) राजगढ़ जिला मुख्यालय एवं विकासखण्डों में संचालित आयुष औषधालय में कुल कितने पद किस श्रेणी स्वीकृत है तथा कितने पद रिक्त है? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी? अवधि सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) राजगढ़ जिला मुख्यालय एवं विकासखण्डों में संचालित आयुष औषधालय में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों की पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) राजगढ़ जिला मुख्यालय एवं विकासखण्डों में संचालित आयुष औषधालय में ऐसे कितने औषधालय संचालित है जिनके पास स्वयं के भवन नहीं है वहां पर कब तक भवन स्वीकृत किये जावेगें?
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री हर्ष सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
जिला चिकित्सालय राजगढ़ में निर्माण कार्य
45. ( क्र. 358 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला चिकित्सालय राजगढ़ के भवन एवं परिसर में 01 जनवरी, 2014 के बाद कोई निर्माण कार्य करवाये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्न दिनांक तक जिला चिकित्सालय में कौन-कौन से निर्माण कार्य, कितनी-कितनी लागत के करवाये गये हैं? उनकी निर्माण एजेंसी क्या थी ? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) उक्त निर्माण कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? क्या सभी कार्य पूर्ण हो गये है? (घ) यदि नहीं, तो कौन-कौन से कार्य अधूरे पड़े हैं वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें? उक्त कार्य अधूरे रहने का क्या कारण है? अधूरे कार्य कब तक पूर्ण कर दिये जावेंगे?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। जी नहीं। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
इन्दौर जिले में विभाग द्वारा क्रय की गई दवाइयां
46. ( क्र. 376 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिले में वर्ष 2014-15, 2015-16 में कितनी दवाइयां विभाग द्वारा क्रय की गई वर्षवार कितनी दवाइयों पर कितनी राशि का व्यय की गयी? (ख) क्या जाँच उपरांत इन क्रय की गई दवाइयों में कुछ दवाएँ अमानक पाई गई थी? यदि हाँ, तो उनकी संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराये? (ग) जिन दवा विक्रेताओं की दवा अमानक पाई गई उनके नाम एवं उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई, सूची उपलब्ध करावें तथा क्रय समिति के विरूद्ध भी क्या कार्यवाही नहीं की गई बतावें? (घ) क्या उपरोक्त क्रय की गई दवा की एक्सपायरी डेट नजदीक की थी और उपयोग से पूर्व ही वे अनुपयोगी हो गई थी? यदि हाँ, तो जिम्मेदारों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) इंदौर जिले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं सिविल सर्जन द्वारा वर्ष 2014-15, 2015-16 में क्रय की गई दवाइयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। व्यय की गई राशि की जानकारी निम्नानुसार है-
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी |
|||
क्र. |
वित्तीय वर्ष |
व्यय की गई राशि |
|
विभाग द्वारा निर्धारित दरों पर |
स्थानीय क्रय |
||
1. |
2014-15 |
16376544 |
1174077 |
2. |
2015-16 |
13759256 |
निरंक |
|
|
|
|
सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक |
|||
क्र. |
वित्तीय वर्ष |
व्यय की गई राशि |
|
विभाग द्वारा निर्धारित दरों पर |
स्थानीय क्रय |
||
1. |
2014-15 |
10100607 |
निरंक |
2. |
2015-16 |
11791370 |
निरंक |
(ख) राज्य स्तर की प्रयोगशाला में जाँच उपरांत अमानक पाई गई औषधियां निम्नानुसार है:-
क्रं |
औषधि का नाम |
फर्म का नाम |
बैच न. |
1 |
Syp. Paracetamol 125 mg |
Creative Health care pvt. Ltd. |
GPS-4001 |
2 |
Tab. Clopidogril+asprin |
Bharat Preantral |
T-5172 |
(ग) अमानक पाई गई औषधियों के निर्माता फर्म के विरूद्ध निविदा शर्तों अनुसार कार्यवाही करते हुये फर्मों को नोटिस दिये गये एवं अमानक औषधियों के बैच का रीप्लेंसमेंट कराया गया है। मेसर्स क्रिएटिव हेल्थ केयर द्वारा अमानक बैच का रीप्लेंसमेंट किया गया है एवं भारत पेरेन्टरल के द्वारा रीप्लेंसमेंट की कार्यवाही प्रचलन में है। औषधियां अमानक पाये जाने पर संबंधित फर्म के विरूद्ध कार्यवाही की जाती है एवं क्रय समिति के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जिला चिकित्सालय खरगोन में पदस्थ चिकित्सक
47. ( क्र. 387 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला चिकित्सालय खरगोन में डॉ. श्रीमती स्मिता तिवारी की पदोन्नति स्त्री रोग विशेषज्ञ के पद पर की गई थी? यदि हाँ, तो वे अपने कार्य पर कब-कब उपस्थित हुई? दिनांकवार जानकारी उपस्थिति पंजी की छायाप्रति सहित देवें? (ख) पदोन्नति दिनांक से प्रश्न दिनांक तक अभी तक उन्होंने कुल कितने दिन कार्य किया? क्या इस समयावधि में किसके आदेश से कहाँ कार्यरत रहकर कहीं अन्य जगह कार्य कर रही है? यदि हाँ, तो आदेश की छायाप्रति देवें? (ग) क्या डॉ. श्रीमती स्मिता तिवारी ने क्षेत्रीय परिवार कल्याण प्रशिक्षण केन्द्र इंदौर में E-टाईप आवास पर अनाधिकृत रूप से कब्जा कर रखा है? यदि हाँ, तो क्या बाजार दर से इसका किराया काटा जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भोपाल मुख्यालय पर उपस्थिति पंजी में बिना हस्ताक्षर वेतन
48. ( क्र. 388 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा राजपत्रित अधिकारियों (प्रथम व द्वितीय श्रेणी) को उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर करने से छूट दी गई है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के प्रथम व द्वितीय श्रेणी के अधिकारी उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर किए बिना वेतन प्राप्त कर रहे हैं? उनके नाम, पदनाम बतावें? भोपाल मुख्यालय के संदर्भ में बतावें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार बिना उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर कर वेतन आहरित करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) से (ग) शासन द्वारा राजपत्रित अधिकारियों (प्रथम/द्वितीय श्रेणी) को उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर करने की बाध्यता नहीं है। ऐसे अधिकारी 24 घण्टे कर्तव्य पर उपस्थित माने जाते हैं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दैनिक श्रमिकों/कर्मचारियों को मानदेय/विशेष वेतन का भुगतान
49. ( क्र. 415 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्रम विभाग द्वारा दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों व कर्मचारियों को अकुशल, अर्द्धकुशल, कुशल, उच्च कुशल श्रेणी कितने वर्ष की सेवा पर माना जाता है? इसके मापदण्ड बतावें? (ख) क्या श्रम विभाग द्वारा दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के लिये वर्तमान में प्रभावी मासिक वेतन की दरे निम्नानुसार लागू की गई है :- (1) अकुशल श्रेणी रूपये-6575/- (2) अर्द्धकुशल श्रेणी 7432/- (3) कुशल श्रेणी रूपये 8810/- (4) उच्च कुशल श्रेणी रूपये 10110/-. (ग) यदि हाँ, तो विदिशा जिले में सभी शासकीय विभागों, निगम, मंडल, निकायों, पंचायतों में कार्यरत कितने दैनिक वेतन भोगी कार्यरत हैं, विभागवार जानकारी देवें? क्या उक्त सभी को प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वर्तमान में प्रभावी मासिक वेतन की दर से भुगतान किया जा रहा है या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिये कौन दोषी है? (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित ऐसे कितने दैनिक वेतनभोगी है, जिनकी सेवाएं क्रमश: 10 एवं 20 वर्ष की हो गयी है, क्या इन्हें विशेष वेतन (1500/- एवं 2500/-) का भुगतान किया जा रहा है या नहीं? यदि नहीं, तो कारण बतायें? कब तक विशेष वेतन भुगतान किया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) श्रम विभाग द्वारा न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, 1948 के अंतर्गत अनुसूचित नियोजनों में मध्यप्रदेश शासन श्रम विभाग भोपाल की अधिसूचना दिनांक 10 अक्टूबर, 2014 द्वारा श्रमिकों की श्रेणी/वर्ग का निर्धारण किया गया है जिसके अनुसार श्रमिकों की अकुशल, अर्द्धकुशल, कुशल व उच्चकुशल श्रेणी है। श्रमिकों के उक्त श्रेणीयों के लिए सेवा अवधि का मापदण्ड निर्धारित नहीं है। (ख) श्रमायुक्त मध्यप्रदेश शासन की अधिसूचना दिनांक 01/4/2016 द्वारा न्यूतनम वेतन अधिनियम, 1948 के अंतर्गत वर्तमान में दिनांक 01/04/2016 से 30/09/2016 तक के लिये मासिक दरें निम्नानुसार हैः- (1) अकुशल श्रेणी रूपये- 6850/- (2) अर्द्धकुशल श्रेणी रूपये- 7707/- (3) कुशल श्रेणी रूपये - 9085/- (4) उच्चकुशल श्रेणी रूपये - 10385/- है। (ग) श्रम विभाग में शासकीय विभागों, निगम, मंडल, निकायों, पंचायतों में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी की जानकारी संधारित नहीं की जाती है। विदिशा जिले में वर्तमान में प्रभावी मासिक वेतन दर से कम वेतन के भुगतान की शिकायतें प्राप्त नहीं हुई है। (घ) श्रम विभाग द्वारा अनुसूचित नियोजनों में कार्यरत श्रमिकों/कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन की दरें निर्धारित की गई हैं जिसमें सेवा अवधि के आधार पर विशेष वेतन का प्रावधान नहीं है। अतः श्रम विभाग द्वारा विशेष वेतन का क्रियान्वयन का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
योजनाओं/कार्यों का क्रियान्वयन
50. ( क्र. 445 ) श्री मुकेश नायक : क्या राज्यमंत्री,पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या पन्ना जिले की पवई विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत शासन विभाग द्वारा पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक के वर्ग हेतु मुख्यमंत्री स्वरोजगार एवं प्रशिक्षण स्वरोजगार योजनाओं/कार्यों का क्रियान्वयन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो पवई विधान सभा क्षेत्र में उक्त योजनाओं/कार्यों को किये जाने हेतु वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितना-कितना बजट वर्षवार प्राप्त हुआ है? (ख) क्या प्राप्त बजट राशि से संपूर्ण पवई विधान सभा क्षेत्र में योजनाओं/कार्यों का क्रियान्वयन किया गया? (ग) क्या बजट राशि का उपयोग योजनाओं/कार्यों का ग्रामीण जनता को कोई लाभ हुआ है? यदि हाँ, तो पंचायतवार, वर्षवार हितग्राहियों की संख्यात्मक जानकारी देवें? यदि नहीं, क्यों?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में केवल मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का क्रियान्वयन किया गया है जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र एक अनुसार है। (ख) जी नहीं। विधान सभा क्षेत्र के मान से योजना में बजट राशि की स्वीकृति प्रदान नहीं की जाती। जिले को प्राप्त लक्ष्य के अनुसार प्राप्त आवेदन पत्रों की प्रक्रियानुसार स्वीकृति दी जाती है। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र दो अनुसार है।
प्रभारी सहायकों की पदस्थापना
51. ( क्र. 446 ) श्री मुकेश नायक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ऐसे कितने जिले है जहां पूर्व से ही पदस्थ वरिष्ठ प्राचार्य उ.मा. विद्यालय के बावजूद कनिष्ठ प्राचार्य उ.मा. विद्यालय के रूप में पदस्थ किया गया है उन जिलों के नाम, पदस्थ प्रभारी सहायक संचालक का नाम एवं जिले में ही पदस्थ वरिष्ठ प्राचार्य उ.मा. विद्यालय के नाम व वरिष्ठता सूची में सरल क्रमांक बतावें? (ख) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग भोपाल द्वारा जारी परिपत्रानुसार ऐसे निर्देश है कि किसी भी स्थिति में वरिष्ठ शासकीय सेवक के होते हुए कनिष्ठ शासकीय सेवक को वरिष्ठ पद का प्रभार न सौंपा जाये? यदि हाँ, तो क्या शिक्षा विभाग में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में प्रभारी सहायक संचालक को पदस्थ करने में नियमों की अनदेखी की गई है? (ग) यदि हाँ, तो क्यों तथा कब तक ऐसे प्रभारी सहायक संचालकों को हटाकर वरिष्ठ को प्रभार देते हुये इन्हें प्राचार्य पद पर पदस्थ कर दिया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञाप दिनांक 04/11/1996 में दिए गए निर्देशों के क्रम में प्रशासकीय व्यवस्था के तहत किया गया है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश 'ख' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बीड़ी श्रमिकों के आवास की योजना
52. ( क्र. 454 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर विधान सभा क्षेत्र में कितने बीड़ी श्रमिक हैं, क्या इनके आवास हेतु कोई योजना प्रचलन में है? यदि हाँ, तो अभी तक कितने श्रमिकों को यह सुविधा प्रदान की गई है तथा शेष की आवास सुविधा कब तक दी जा सकेगी? (ख) क्या मान. मुख्यमंत्री महोदय द्वारा बीड़ी श्रमिकों की पंचायत सागर नगर में किये जाने की घोषणा की गई थी, यह पंचायत कब तक आयोजित की जायेगी? (ग) सागर विधान सभा क्षेत्र में कर्मकार मंडल द्वारा अब तक कितने संनिर्माण श्रमिकों के पंजीयन किये गये है? क्या शासन द्वारा वर्तमान में इनके पंजीयन पर रोक लगाई गई है? यदि हाँ, तो कब तक रोक हटा दी जायेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) बीड़ी मजदूरों के हितार्थ कल्याणकारी योजनाएं (स्वास्थ्य, शिक्षा, आवास तथा मनोरंजन) भारत सरकार श्रम मंत्रालय के कल्याण एवं उपकर आयुक्त, श्रम कल्याण संगठन द्वारा संचालित की जाती है। कल्याण एवं उपकर आयुक्त, जबलपुर द्वारा सहायक श्रमायुक्त, सागर को उपलब्ध कराई जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। पंचायत के आयोजन बाबत् कार्यवाही विचाराधीन है। (ग) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के अंतर्गत सागर नगर में अब तक 9768 निर्माण श्रमिकों का पंजीयन किया गया है। शासन द्वारा वर्तमान में इनके पंजीयन पर कोई रोक नहीं लगाई गई है।
पंजीकृत श्रमिकों को योजना का लाभ
53. ( क्र. 473 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ अन्तर्गत भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मण्डल अन्तर्गत कितने श्रमिकों का पंजीयन वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक किया गया है एवं वर्तमान में कितने श्रमिकों का पंजीयन होना शेष है? शेष श्रमिकों के पंजीयन की कार्यवाही कब तक की जावेगी? विकासखण्डवार पंजीकृत श्रमिकों एवं शेष श्रमिकों की जानकारी से अवगत करावें? (ख) जिला राजगढ़ अन्तर्गत विभाग में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में विभिन्न योजनाओं में कितना-कितना आवंटन प्रदाय किया गया? उक्त आवंटन अनुसार पंजीकृत श्रमिकों को प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजना से कितने-कितने श्रमिकों को क्या-क्या लाभ दिया गया? लाभांवित श्रमिकों की जानकारी से अवगत करावें एवं कितने आवेदन विभाग में निराकरण हेतु लंबित है? लंबित आवेदनों का कब तक निराकरण किया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार योजनाओं का उचित क्रियान्वयन एवं सही प्रचार प्रसार न कर हितग्राहियों को लाभान्वित नहीं किया गया तो इसके लिए दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के अंतर्गत जिला राजगढ़ में प्रश्नांकित अवधि में कुल 2218 निर्माण श्रमिकों का पंजीयन किया गया है एवं वर्तमान में श्रमिकों के पंजीयन हेतु आवेदन लंबित नहीं है। विकासखण्डवार पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 है। (ख) जिला राजगढ़ में योजनावार आवंटन प्रदाय नहीं किया जाता है अपितु जिले से मांग अनुसार राशि का आवंटित की जाती है। वित्तीय वर्ष 2015-16 में रूपये 1,75,00,000/- (रूपये एक करोड़ पिछहत्तर लाख मात्र) एवं 2016-17 वर्तमान तक रूपये 50,00,000/- (रूपये पचास लाख मात्र) का आवंटन जारी किया गया। प्रश्नांकित अवधि में राजगढ़ जिले में योजनावार लाभान्वित हितग्राहियों की वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 है तथा प्रश्नांकित अवधि में कोई भी आवेदन निराकरण हेतु लंबित नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लिपिकीय कर्मचारियों की पदोन्नति
54. ( क्र. 474 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्कूल शिक्षा विभाग में कार्यरत लिपिकीय कर्मचारियों के पदोन्नति हेतु क्या नियम है? (ख) वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में जिला राजगढ़ अन्तर्गत स्कूल शिक्षा विभाग में पदोन्नति हुये लिपिकीय कर्मचारियों की सूची प्रदान करें? (ग) यदि नियमानुसार जिला राजगढ़ में लिपिकीय कर्मचारियों की पदोन्नति नहीं हुई है तो क्यों? आगामी पदोन्नति कब तक जावेगी? कृपया अवगत करावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) भर्ती पदोन्नति नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''एक'' अनुसार। (ख) वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में पदोन्नत कर्मचारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''दो'' अनुसार। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जानकारी का प्रदाय
55. ( क्र. 477 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय कलेक्टर आदिम जाति कल्याण शाखा रीवा द्वारा पत्र क्रमांक 5017 रीवा दिनांक 30.10.2014 के द्वारा माड़ा क्षेत्र पिपराही विकासखण्ड हनुमना एवं मऊगंज में बालक/कन्या छात्रावास बहेराडाबर मुनहाई एवं हाटा में खोले जाने हेतु पत्र आयुक्त आदिवासी विकास सतपुड़ा भवन भोपाल को भेजा गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या-85 (क्रमांक 1332) दिनांक 24 जुलाई 2015 के उत्तर में माननीय मंत्रीजी द्वारा (ख) में आश्वासन दिया गया था कि वित्तीय वर्ष 2015-16 में खोले जाने वाले 20 नवीन प्री-मैट्रिक छात्रावासों के प्रस्ताव में शामिल किया गया है? तो 20 नवीन प्री-मैटिक छात्रावासों के खोलने की क्या कार्यवाही की गई कार्यवाही से अवगत करावें? (ग) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में नवीन प्री-मैट्रिक खोले गए छात्रावासों की सूची उपलब्ध करावें? यदि 20 में से कुछ छूट गये है तो उन्हें वित्तीय वर्ष 2016-17 के प्रस्ताव में सम्मिलित किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) कार्यालयीन यू.ओ. टीप क्रमांक-14844 दिनांक 14/7/2015 के सन्दर्भ में शासन के ज्ञाप क्रमांक एफ-12-03/2015/25-2 दिनांक 27/7/2015 द्वारा वित्तीय वर्ष 2015-16 हेतु 20 नवीन प्री मैट्रिक छात्रावास (50 सीटर) खोलने की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। जिसमें सरल क्रमांक-16 पर जिला रीवा के विकासखण्ड महूगंज का नाम शामिल है। (ग) शासन के ज्ञाप क्रमांक एफ-12-03/2015/25-2 दिनांक 27/7/2015 द्वारा वित्तीय वर्ष 2015-16 हेतु 20 नवीन प्री मैट्रिक छात्रावास (50 सीटर) खोलने की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई, छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण सम्मिलित नहीं किया जा सका।
विद्यालय परिसर में पीने के पानी की व्यवस्था
56. ( क्र. 481 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विद्यालयों में पीने के पानी की व्यवस्था हेतु शासन के क्या दिशा निर्देश है? (ख) विधान सभा क्षेत्र बिजावार अंतर्गत ऐसी कितनी शालाएं है जहां प्रश्न दिनांक तक में बच्चों को पीने का पानी विद्यालय में परिसर में उपलब्ध नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में उपरोक्त विद्यालय में पीने का पानी उपलब्घ करने हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई पत्राचार उपलब्ध करावे? यदि पत्राचार नहीं किया गया तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुक्रम में उपरोक्त पत्राचार पर संबंधित विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) सभी विद्यार्थियों हेतु पेयजल उपलब्ध कराने के निर्देश है। सर्व शिक्षा अभियान अन्तर्गत स्वीकृत ग्रामीण/शहरी क्षेत्र की प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में पेयजल हेतु प्रावधान है। ग्रामीण क्षेत्र की शासकीय शालाओं में पेयजल की सुविधा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा की जाती है तथा शहरी क्षेत्र की शासकीय शालाओं में पेयजल की सुविधा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये नगर की नल-जल योजना से व्यवस्था की जाती है। (ख) विधान सभा क्षेत्र बिजावर अन्तर्गत समस्त 15 शासकीय उ.मा.वि. एवं 07 शासकीय हाई स्कूल के विद्यालय परिसर में ही पीने के पानी की व्यवस्था है। बिजावर के अन्तर्गत समस्त शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में पेयजल उपलब्ध है परन्तु 52 शालाओं के परिसर में पेयजल स्त्रोत (हैण्डपम्प) उपलब्धता नहीं है। (ग) पत्रों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तरांश के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा 52 में से 16 हैण्डपम्प खनन का कार्य कराया गया, जिसमें 6 सफल तथा 10 असफल रहे। शेष 36 विद्यालयों में पीने के पानी की सुविधा के लिये हैण्डपम्प खनन कराया जाना है।
सरकारी चिकित्सालय में महिला चिकित्सक की कमी
57. ( क्र. 482 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की बिजावर विधान सभा क्षेत्र में वर्तमान में सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर, महिला डॉक्टरों और अन्य सहयोगी चिकित्सकीय कर्मचारी के कितने पद कब से रिक्त है? (ख) क्या विधान सभा क्षेत्र बिजावर के अंतर्गत आने वाले चिकित्सालयों में पदस्थ डाक्टर, कर्मचारी अपनी पदस्थापना स्थल पर पदस्थ न हो कर अन्य जगह पदस्थ है? यदि हाँ, तो किस आदेश के तहत और क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू रूप से संचालित करने के उद्देश्य से उपरोक्त रिक्त पद पर कब तक नियुक्ति हो जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ख) हाँ है तो विधान सभा बिजावर क्षेत्र में प्रतिनियुक्ति या अन्य जगह पर पदस्थ डॉक्टर, कर्मचारियों को मूल पदस्थापना स्थल पर कब तक पदस्थ कर दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विभाग रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निरंतर प्रयास कर रहा है। पदपूर्ति हेतु 34 संविदा चिकित्सक/ पेरामेडिकल कर्मचारियों की पदस्थापनाएं विभिन्न संस्थाओं में की गई है। विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी होने के कारण पद पूर्ति नहीं की जा सकी है। लोक सेवा आयोग के माध्यम से 1896 चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया प्रचलन में है, शेष तृतीय/चतुर्थ श्रेणी के पदों की पूर्ति पदोन्नति/सीधी भर्ती से किए जाने की कार्यवाही निरंतर जारी है। (घ) उत्तरांश ’’ख’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बजट राशि का व्यय
58. ( क्र. 493 ) श्री संजय उइके : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा गंदी बस्ती विकास योजना, शाला भवन, आश्रम भवन, छात्रावास निर्माण एवं खेलकूद सामग्री, पलंग, मच्छरदानी, गद्दे, चादर, कम्बल हेतु राशि सहायक आयुक्त/जिला संयोजक कार्यालय को उपलब्ध कराई जाती है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2015-16 में जबलपुर सम्भाग के जिलों में कब-कब, कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? (ग) वित्तीय वर्ष 2015-16 में बालाघाट जिले को खेलकूद सामग्री एवं छात्रावास सामग्री (पलंग, गद्दे, चादर, कम्बल, मच्छरदानी एवं अन्य सामग्री) हेतु कितनी राशि दी गई एवं उक्त सामग्री कहाँ-कहाँ से किस-किस एजेन्सी से किस-किस दर पर खरीदी गई?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) वित्तीय वर्ष 2015-16 में जबलपुर संभाग के जिलों को आवंटित राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) वित्तीय वर्ष 2015-16 में बालाघाट जिले को खेलकूद सामग्री एवं छात्रावास सामग्री हेतु प्रदाय राशि, सामग्री प्रदायकर्ता एजेन्सी का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है।
आवंटित बजट/व्यय
59. ( क्र. 494 ) श्री संजय उइके : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के विकास हेतु विभाग को बजट दिया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन योजना/मदों में कितनी-कितनी राशि कहाँ-कहाँ आवंटित की गई? व्यय सहित योजना मदवार उपलब्ध करावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ । (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
परिशिष्ट - ''चौवालीस''
स्कूलों को तम्बाकू व धूम्रपान मुक्त बनाना
60. ( क्र. 510 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन ने सभी विद्यालयों को तम्बाकू मुक्त बनाने व विद्यालय परिसरों में धूम्रपान प्रतिबंधित करने बाबत् कब, क्या दिशा निर्देश जारी किये हैं? छायाप्रति दें। (ख) जिला प्रशासन जबलपुर ने सभी विद्यालयों को तम्बाकू मुक्त बनाने व शैक्षणिक संस्था के 100 गज के दायरे में सिगरेट या तम्बाकू उत्पाद का विक्रय प्रतिबंधित करने हेतु कब-कब कहाँ-कहाँ पर क्या-क्या गतिविधियां संचालित की हैं एवं क्या कार्यवाही की गई है वर्ष 2014-15 से 2016-17 जून 2016 तक की जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) में जारी दिशा-निर्देश के परिपालन में जिला प्रशासन जबलपुर ने तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम 2003 के प्रावधानों के तहत छात्र/छात्राओं को तम्बाकू के खतरों से जागरूक करने हेतु किन-किन विद्यालयों में कब-कब कौन-कौन सी तम्बाकू नियंत्रण गतिविधियाँ आयोजित की हैं वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 की जानकारी दें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जबलपुर कलेक्टर द्वारा 18 फरवरी 2016 को जिले के विकासखण्ड मझौली में लखनपुर, मुरैठ, बघैली, झिगंरई एवं लमकना की समस्त शालाओं के छात्रों, एस.एम.सी सदस्यों, शिक्षकों एवं ग्रामीण जनों को प्रोत्साहित किया गया। साथ ही गांव के युवाओं को तम्बाकू छोड़ने की शपथ दिलाई गई। 84 ग्राम पंचायतों की ग्राम सभाओं में तम्बाकू मुक्ति हेतु विभिन्न विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गये। (ग) अक्टूबर 2015 में पं.ल.श.झा जबलपुर, नवम्बर 2015 में शासकीय हाई स्कूल रामपुर एवं एम.पी.ई.बी. बालक, 2016 में सेन्ट थॉमस अशासकीय विद्यालय जबलपुर, फरवरी 2016 में शास. हाई स्कूल गोकलपुर में तम्बाकू निषेध के संबंध में बच्चों के साथ चर्चा एवं तम्बाकू सेवन के दुष्परिणामों पर अनुभव साझा किये गये। शिक्षा सत्र 2014-15 में सभी विद्यालयों में शनिवार को बालसभा अंतर्गत तम्बाकू से होने वाले रोगों एवं उनसे होने वाली हानियों के बारे में चर्चा की गई। सत्र 2016-17 हेतु विद्यालय का सत्र अभी प्रारंभ हुआ है।
बर्फ फैक्ट्रियों द्वारा अमानक पानी का प्रयोग
61. ( क्र. 513 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में कौन-कौन सी आईस फैक्ट्रीयां कहाँ-कहाँ पर है? किन-किन आईस फैक्ट्रियों में निर्धारित मापदण्ड के तहत बर्फ बनाने के लिए स्वच्छ फिल्टर पानी का उपयोग किया जाता है? इसकी जाँच कब-कब किसने की है वर्ष 2015-16 से जून 2016 तक की जानकारी दें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में संचालित अधिकांश आईस फैक्ट्रियों में बोरिंग के गंदे पानी का उपयोग बर्फ बनाने में किया जाता है, इसी बर्फ का उपयोग पेय एवं खाद्य पदार्थ सामग्री में किया जाता है? यदि हाँ, तो इसके उपयोग से कौन-कौन सी बीमारियों हो सकती हैं? (ग) जबलपुर जिले में पदस्थ किन-किन खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने पदस्थी दिनांक से जून 2016 तक आईस फैक्ट्रियों की कब-कब जाँच की है, जाँच हेतु बर्फ के नमूने लिये है तथा इन्हें जाँच हेतु कब भेजा गया है, यदि नहीं, तो क्यों? क्या शासन इसके लिए दोषी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जबलपुर जिले में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत अनुज्ञप्तिधारी आईस फैक्ट्री जबलपुर आईस फैक्ट्री इंडस्ट्रियल एरिया रिछाई में स्थित है अन्य फैक्ट्रियों में अखाद्य बर्फ का निर्माण एवं विक्रय किया जाता है जो खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत नहीं आती है। रिछाई स्थित जबलपुर आईस फैक्ट्री में निर्धारित मापदण्ड के तहत बर्फ बनाने के लिये स्वच्छ फिल्टर पानी का उपयोग किया जाता है। इसके पानी की जाँच एफएसएसएआई नई दिल्ली द्वारा प्राधिकृत एन.ए.बी.एल लैब से दिनांक 15.02.16 को कराई गई, जिसके अनुसार नमूना मानक स्तर का पाया गया। (ख) नहीं, शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सिविल अस्पताल ब्यावरा में डिजीटल एक्स-रे मशीन प्रदाय करना
62. ( क्र. 532 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला राजगढ़ द्वारा पत्र क्रमांक/अ.प्र./2016-17/4881 राजगढ़ दिनांक 22.04.2016 से संचालक (औ.प्र.) संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें, मध्यप्रदेश भोपाल को दो राष्ट्रीय राजमार्गों से लगे हुये चिकित्सालय सिविल अस्पताल ब्यावरा में डिजीटल एक्स-रे मशीन की त्वरित आवश्यकता दर्शाते हुये मशीन क्रय कर प्रदान करने की मांग की गई है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या सिविल अस्पताल ब्यावरा में डिजीटल एक्स-रे मशीन प्रदान कर दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक डिजीटल एक्स-रे मशीन सहित उसके संचालन हेतु तकनीशियन एक्स-रे मशीन की व्यवस्था की दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। सिविल अस्पताल स्तरीय संस्थाओं में डिजीटल एक्सरे मशीन प्रदाय किये जाने का प्रावधान नहीं है। (ख) जी नहीं। सिविल अस्पताल स्तरीय संस्थाओं में डिजीटल एक्स-रे मशीन प्रदाय किये जाने का प्रावधान नहीं है। सिविल अस्पताल ब्यावरा में 100 एम.ए. की एक्स-रे मशीन उपलब्ध एवं क्रियाशील है तथा रेडियोग्राफर पदस्थ होकर कार्यरत है।
हाई स्कूल शाला भवन निर्माण की स्वीकृति
63. ( क्र. 533 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न संख्या-106 (क्रमांक 5831) दिनांक 16 मार्च 2016 के उत्तर की कंडिका (ख) में बताया गया था कि भवन निर्माण बजट उपलब्धता पर निर्भर करता है? तो क्या नवीन उन्नत शासकीय हाई स्कूल सेमलापार के भवन निर्माण हेतु आगामी प्रथम अनुपूरक बजट में कोई प्रावधान किया गया है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या शासन नवीन उन्नत शासकीय हाई स्कूल सेमलापार में छात्र-छात्राओं का अध्ययन कार्य बाधित न हो इस प्रथम अनुपूरक बजट में भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ, वि.स. प्रश्न संख्या 106 दिनांक 16 मार्च 2016 की उत्तर कंडिका में उत्तर दिया गया था। जी नहीं, बजट प्रावधान शाला के नाम से नहीं किया जाता है। शाला भवन निर्माण बजट उपलब्धता पर निर्भर करेगा। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तरांश के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिंहस्थ में मशीनों की खरीदी एवं टेण्डर प्रक्रिया
64. ( क्र. 538 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चिकित्सा विभाग द्वारा सिंहस्थ 2016 हेतु स्थायी एवं अस्थायी प्रकृति के क्या-क्या कार्य किये गये एवं उस हेतु कितना बजट आवंटित हुआ था एवं कितना खर्च हुआ कितना बचा या कम पड़ा मदवार जानकारी देवें? (ख) सिंहस्थ हेतु किन-किन यंत्रों व मशीन की खरीदी की गई एवं उनकी क्या दर थी मय टेण्डर शर्तों के किन-किन फर्म ने टेण्डर में भाग लिया एवं टेण्डर विजय फर्म के समस्त दस्तावेज जो टेण्डर में मांगे गये छायाप्रति उपलब्ध कराये। (ग) प्रश्न (क) के अंतर्गत स्थायी बने चरक अस्पताल को बनने में कुल कितनी राशि खर्च की गई वहां किस-किस डॉक्टर की ड्यूटी लगाई गई सूची उपलब्ध करायें। (घ) 20/04/16 से 25/05/16 तक कितने मरीज विभागवार इलाज कराने आये तारीखवार जानकारी देवें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुख्यमंत्री बाल योजना
65. ( क्र. 539 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री बाल योजना के अंतर्गत विगत 2 वर्षों में संभागवार कुल कितने प्रकरण प्राप्त हुए उनमें से कितने बच्चों का इलाज संभागवार किया गया? (ख) विगत दो वर्षों में काक्लीयर इम्प्लांट (श्रवण संत्र) लगाना सर्जरी पर कितना पैसा शासन द्वारा चिन्हित अस्पतालों को दिया गया किन-किन अस्पतालों को इन सर्जरी के लिए चिन्हित किया गया है सूची उपलब्ध कराये? (ग) क्या शासकीय अस्पतालों में काक्लीयर इम्प्लांट (श्रवण संत्र) लगाना सर्जरी संभव नहीं है यदि है तो किन-किन अस्पतालों में यह सुविधा है यदि नहीं, तो इस हेतु शासन की क्या योजना है एवं कब तक शासकीय अस्पतालों में इसे शुरू किया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या प्रदेश में कोई सर्वे विभाग द्वारा किया गया है कि कितने बच्चे प्रदेश में अश्रवण की समस्या से ग्रस्त है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) मुख्यमंत्री बाल योजना नाम से कोई भी योजना संचालित नहीं है। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) विगत दो वर्षों में प्रदेश में 170 श्रवण बाधित बच्चों को मध्यप्रदेश शासन द्वारा मान्यता प्राप्त चिकित्सालयों में कॉक्लियर इम्प्लाट लगाया गया। एवं शासन द्वारा चिंहाकित चिकित्सालयों को 884 लाख रूपयें स्वीकृत किये गये। मान्यता प्राप्त चिकित्सालयों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, एक शासकीय चिकित्सालय। AIIMS भोपाल में कॉक्ल्यिर इम्प्लांट लगाये जाने की सुविधा उपलब्ध है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुदान स्वीकृति
66. ( क्र. 552 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग के अंतर्गत नरसिंहपुर एवं कटनी जिले में किस योजना के अनुसार किस ग्राम के कितने आदिवासी को वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की जाकर कितना-कितना अनुदान भुगतान किया गया है? (ख) स्वीकृत राशि एवं स्वीकृत अनुदान से सामग्री या पशु क्रय किए जाने की वर्तमान में क्या प्रक्रिया निर्धारित की गई है, इस प्रक्रिया में भुगतान के क्या प्रावधान किए गए हैं? (ग) वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में स्वीकृत राशि एवं अनुदान के उपयोग का सत्यापन विभाग के किस अधिकारी ने किस दिनांक को किया कितने प्रकरणों में सत्यापन की कार्यवाही किन कारणों से प्रश्नांकित दिनांक तक भी नहीं की जा सकी? सत्यापन की कार्यवाही कब तक पूरी कर ली जावेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) स्वीकृत राशि एवं स्वीकृत अनुदान में सामग्री या पशु क्रय किये जाने के लिए हितग्राही के खाते में राशि जमा कराई जाती है। तत्पश्चात् हितग्राही द्वारा स्वयं की पसंद से सामग्री/पशु क्रय करके स्वयं के खाते से संबंधित विक्रेता/एजेंसी को भुगतान किया जाता है। नरसिंहपुर जिले में वर्ष 2014-15 में स्वीकृत राशि एवं अनुदान के उपयोग का सत्यापन विभाग में पदस्थ मण्डल संयोजक द्वारा दिनांक 24 मार्च 2015 को किया गया। वर्ष 2015-16 में सामग्री क्रय हेतु प्राप्त आवेदनों पर कार्यवाही की जा रही है। क्रय होने के पश्चात् भौतिक सत्यापन की कार्यवाही की जा रही है। कटनी जिले में वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में स्वीकृत राशि/स्वीकृत अनुदान का सत्यापन जनपद पंचायत कटनी के सहायक विकास विस्तार अधिकारी द्वारा दिनांक 08/03/2015, 20/03/2015, 28/03/2015, 20/01/2016 को एवं जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा में पंचायत समन्वयक अधिकारी द्वारा 19/09/2015 से 22/09/2015 तक सत्यापन किया गया। जनपर पंचायत बहोरीबंद में खण्ड पंचायत अधिकारी एवं पंचायत सचिवों द्वारा 27/11/2015 को सत्यापन किया गया। जनपद पंचायत रीठी में पी.सी.ओ. द्वारा दिनांक 11/03/2015, 06/05/2015, 11/05/2015, 16/06/2015, 20/07/2015 एवं 07/08/2015 को सत्यापन किया गया। जनपद पंचायत विजयराघवगढ़ में सहायक विकास विस्तार अधिकारी द्वारा 29/12/2015को सत्यापन किया गया।
हितग्राही मूलक योजनाएं
67. ( क्र. 553 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग के अंतर्गत नरसिंहपुर एवं कटनी जिले में हितग्राही मूलक किस-किस योजना के तहत गत 2 वर्ष में किस-किस वित्तीय वर्ष में कितने आदिवासियों को कितनी राशि स्वीकृत की गई? इसमें कितनी राशि का अनुदान स्वीकृत किया गया विकासखण्डवार बतायें? (ख) हितग्राही मूलक योजनाओं के संबंध में ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत को क्या-क्या अधिकार दिए गए हैं? उसके तहत कितने हितग्राहियों के संबंध में ग्राम सभाओं द्वारा किस-किस दिनांक की बैठक में प्रस्ताव लिए गए? (ग) उपरोक्त अवधि में सामग्री या पशु क्रय किए जाने के संबंध में किस-किस शासकीय कर्मचारी की समिति बनाई किस-किस सामग्री विक्रेता एवं पशु विक्रेता से क्रय किए जाने की अनुमति दी गई? जो कार्यवाही की गई यह शासन के नियमों के अनुकूल थी अथवा नहीं? यदि नहीं, तो दोषियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जबलपुर संभाग के अन्तर्गत नरसिंहपुर एवं कटनी जिले में हितग्राही मूलक योजना के तहत गत वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में आदिवासियों को बैंक से स्वीकृत ऋण राशि शासन से स्वीकृत अनुदान राशि की विकाखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) विभिन्न स्वरोजगार योजनान्तर्गत जिले को प्राप्त लक्ष्य का प्रचार-प्रसार हेतु विज्ञप्ति दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित कर आदिवासियों से आवेदन आमंत्रित किये जाते हैं। जिला स्तर पर गठित समिति से अनुशंसा उपरान्त प्रकरणों के निराकरण हेतु बैंकों को अग्रेषित किया जाता है। हितग्राही मूलक योजनाओं के संबंध में ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत को हितग्राहियों के चयन के अधिकार दिये गये हैं। ग्राम सभाओं द्वारा बैठक में लिये गये प्रस्ताव का हितग्राही एवं दिनांकवार विवरण निम्नानुसार है :-
अनु क्र. |
विवरण |
ग्राम सभा दिनांक |
हितग्राही संख्या |
जिला - कटनी |
|||
1 |
जनपद पंचायत कटनी (विशेष ग्राम सभा) |
26/01/2015 |
25 |
10/02/2015 |
33 |
||
18/09/2015 |
27 |
||
02/10/2015 |
16 |
||
2 |
जनपद पंचायत रीठी |
14/04/2015 |
85 |
3 |
जनपद पंचायत बहोरीबंद |
14/04/2015 |
10 |
4 |
जनपद पंचायत बडवारा |
14/04/2015 |
27 |
5 |
जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा |
14/04/2015 |
30 |
6 |
जनपद पंचायत विजयराघवगढ़ |
15/10/2015 |
17 |
20/10/2015 |
22 |
||
20/11/2015 |
06 |
||
11/01/2016 |
30 |
अनु क्र. |
विवरण |
ग्राम सभा दि. |
हितग्राही सं. |
जिला - नरसिंहपुर |
|||
1 |
जनपद पंचायत चीचली अंतर्गत आयोजित विशेष ग्राम सभा |
14/03/2013 |
34 |
2 |
जनपद पंचायत गोटेगांव अंतर्गत आयोजित विशेष ग्राम सभा |
07/09/2015 |
75 |
3 |
जनपद पंचायत नरसिंहपुर अंतर्गत आयोजित विशेष ग्राम सभा |
07/09/2015 |
80 |
(ग)
उक्त
अवधि में बैंकों
द्वारा ही ऋण
स्वीकृत एवं
वितरण किया
गया है। जिला
स्तर पर
सहायक आयुक्त
आदिवासी
विकास द्वारा
गठित चयन
समिति के अनुसार
संबंधित
बैंकों
द्वारा अपने
नियम शर्तों
के अनुसार ही
सामग्री या
पशु क्रय किये
जाते हैं। विभाग
द्वारा ऋण
प्रदाय नहीं
किये जाते
हैं।
राज्य बीमारी सहायता निधि
68. ( क्र. 560 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा राज्य बीमारी सहायता योजनांतर्गत कौन-कौन सी गंभीर बीमारियों को चिन्हांकित किया गया है एवं कौन-कौन सी बीमारियों के लिये कौन-कौन से निजी चिकित्सालयों को उपचार हेतु अधिकृत किया गया है? (ख) क्या राज्य बीमारी सहायता योजनांतर्गत चिन्हित बीमारियों में लकवा (पैरालाईसिस) बीमारी को भी सम्मिलित किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? क्या इस बीमारी को चिन्हित बीमारियों में सम्मिलित किये जाने पर विचार किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब? (ग) सतना जिले में विधान सभा क्षेत्रवार वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक राज्य बीमारी सहायता योजनांतर्गत कितने मरीजों के प्रस्ताव एवं कितनी राशि के किन-किन बीमारियों के लिये प्राप्त हुये? उनमें से किन-किन बीमारियों के लिये कितनी-कितनी राशि के किस-किस चिकित्सालय को स्वीकृत करते हुए राशि उपलब्ध कराई गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जी नहीं। शासकीय अस्पतालों में निःशुल्क उपचार की व्यवस्था उपलब्ध है। वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार।
मेडिकल कॉलेज की स्थापना
69. ( क्र. 561 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा वर्ष 2015-16 से अब तक किन-किन जिलों में मेडिकल कॉलेजों की स्वीकृति प्रदान की गई है, जिलेवार जानकारी देवें? (ख) क्या सतना जिले में मेडिकल कॉलेज की मांग सभी स्थानीय विधायकों के साथ-साथ समाज सेवियों एवं गणमान्य नागरिकों द्वारा लगातार की जा रही है? यदि हाँ, तो सतना में मेडिकल कॉलेज की स्थापना/स्वीकृति क्यों नहीं दी जा रही है? (ग) क्या वित्तीय वर्ष 2016-17 में सतना जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की स्वीकृति प्रदान की जावेगी? (घ) क्या सतना जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिये भूमि आरक्षित कर ली गई है? यदि हाँ, तो फिर मेडिकल कॉलेज न खोलने का क्या कारण है, कब तक खोला जायेगा, समय-सीमा बताएं?
राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( श्री शरद जैन ) : (क) म.प्र. शासन चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 में चिकित्सा महाविद्यालय, खण्डवा, दतिया, शहडोल, विदिशा एवं रतलाम की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई हैं। (ख) जी नहीं। मा. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में दिनांक 03.02.2016 को चिकित्सा शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के कार्यवाही विवरण की कंडिका 15 में प्रदेश में 05 नये चिकित्सा महाविद्यालय छिन्दवाडा, शिवपुरी, सिवनी, सतना तथा उज्जैन में शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित करने हेतु डी.पी.आर. तैयार कराए जाने तथा शासकीय भूमि में चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित कराने का शीघ्र निराकरण किए जाने के निर्देश दिए गए थे। भारत शासन से सतना में चिकित्सा महाविद्यालय प्रारंभ करने की स्वीकृति प्राप्त न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित ही होता।
निजी भूमि पर स्कूल भवन बनाकर शासन की राशि का अपव्यय
70. ( क्र. 564 ) श्रीमती प्रमिला सिंह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला शहडोल के जनपद पंचायत गोहपारू अंतर्गत ग्राम भुरसी में हायर सेकण्डरी स्कूल भवन निर्मित है? (ख) यदि हाँ, तो भवन में अध्यापन कार्य न कर विद्यार्थियों को पेड़ के नीचे क्यों बैठाया जाता है? (ग) क्या बिना सहमति के स्कूल भवन का निर्माण निजी भूमि में किया गया है, जिसके कारण विद्यालय को अभी तक कब्जा नहीं मिल सका है? (घ) गलत ले ऑउट देने वाले तथा शासन की राशि का अपव्यय करने वालों के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों और हाँ, तो कब तक?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। हायर सेकण्डरी भवन निर्माणाधीन होने के कारण विद्यालय का संचालन पूर्व से निर्मित हाई स्कूल भवन एवं प्रा.शा. तथा मा.शाला भुरसी के अतिरिक्त कक्षों में किया जाता जाता है। (ग) जी नहीं। जमीन विद्यालय के ही कब्जे में है। भूमि पर वर्ष 1954-55 से प्राथमिक, माध्यमिक शाला संचालित है। श्री अवधेश प्रसाद गुप्ता निवासी ग्राम भुरसी द्वारा जिला न्यायालय में वाद दायर होने के कारण, विवाद की स्थिति निर्मित हो गई है। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के उत्तर के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आदिवासी छात्रावास भवन
71. ( क्र. 589 ) श्रीमती ममता मीना : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले को वित्तीय वर्ष 2013-14 में आदिवासी छात्रावास आश्रमों के भवनों के अनुरक्षण/सुदृढ़ीकरण मद में कितना-कितना आवंटन दिया गया था? आवंटन पत्र की क्या-क्या शर्तें थी? (ख) क्या बजट पत्र की शर्तों के तहत जिला कलेक्टर से प्राक्कलन/तकनीकी स्वीकृति उपरांत कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी कराई गई है? क्या बजट उपयोग के पूर्व कलेक्टर की स्वीकृति प्राप्त की गई थी अथवा नहीं? (ग) यदि नहीं, तो लेखापाल द्वारा बिना कलेक्टर की स्वीकृति के आहरण किस प्रकार कराया गया? इस प्रकार शासन की राशि का अपभक्षण करने वाले दोषी कर्मचारी/अधिकारी के विरूद्ध आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) गुना जिले को वर्ष 2013-14 में छात्रावास आश्रमों के सुदृढ़ीकरण मद अंतर्गत रूपये 20.00 लाख एवं अनुरक्षण मद हेतु रूपये 3.03 लाख का आवंटन दिया गया। आवंटन की मुख्य शर्त ''कार्य किये जाने हेतु तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति अनिवार्यत: प्राप्त की जाये'' थी। (ख) सुदृढ़ीकरण मद अंतर्गत प्राप्त राशि रूपये 20.00 लाख से कराये जाने वाले कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति कलेक्टर द्वारा जारी की गई। अनुरक्षण मद की राशि से कराये गये कार्यों की स्वीकृति कलेक्टर से प्राप्त नहीं की गई। (ग) तत्कालीन जिला संयोजक, आदिम जाति कल्याण गुना के निर्देशानुसार अधीक्षकों द्वारा संस्था में कार्य कराये जाने के उपरांत देयकों को लेखापाल द्वारा जिला संयोजक से भुगतान पारित कराकर कोषालय में प्रस्तुत कर संबंधितों को भुगतान कराया गया। राशि का अपभक्षण नहीं हुआ है। प्रक्रियात्मक त्रुटि के लिये संबंधितों के विरूद्ध जाँच कर कार्यवाही की जावेगी।
छात्रावासों में मूलभूत सुविधाएं
72. ( क्र. 590 ) श्रीमती ममता मीना : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले को शासन द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के छात्रावास भवनों में मूलभूत सुविधायें निरंतर रखने हेतु वर्ष 2015-16 में मदवार सुदृढ़ीकरण/अनुरक्षण मद में कितना-कितना आवंटन प्रदान किया गया? (ख) उक्त आवंटन के विरूद्ध संस्थावार कितनी-कितनी राशि कार्यवार स्वीकृत की गई तथा मूलभूत सुविधाओं हेतु क्या-क्या कार्य कराये गये? (ग) यदि नहीं, तो राशि के समर्पण/लेप्स का कारण बतायें? गुना में उपयंत्री कितने वर्षों से पदस्थ है तथा गुना के अलावा कितने जिलों का प्रभार इन पर है? क्या उपयंत्री द्वारा वर्ष 2015-16 में ग्रीष्मकाल में संस्थाओं की मूलभूत सुविधायें जारी रखने हेतु कोई कार्य योजना एवं संस्थाओं के कार्यों को चिन्हित कर प्राक्कलन आदि बनाए गए थे? यदि नहीं, तो विभागीय उपयंत्री का दायित्व क्या है? (घ) उपयंत्री द्वारा अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन न करने से गरीब बच्चों की मूलभूत सुविधायें प्रभावित हुई है? आज दिनांक तक जिला कलेक्टर/विभागीय आयुक्त स्तर से इनके विरूद्ध कार्यवाही क्यों नहीं की गई?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) अनुसूचित जनजाति के छात्रावास/आश्रमों के सुदृढ़ीकरण एवं अनुरक्षण हेतु वर्ष 2015-16 में रूपये 31.24 लाख का एवं अनुसूचित जाति वर्ग हेतु संचालित छात्रावास में सुदृढ़ीकरण हेतु वर्ष 2015-16 में राशि रूपये 67.95 लाख का आवंटन प्रदाय किया गया। (ख) प्रश्नांश अन्तर्गत जनजाति में आवंटन के विरूद्ध कोई कार्य स्वीकृत नहीं किये गये हैं। मूलभूत सुविधा जारी रखने हेतु राशि रूपये 18.54 लाख के कार्य ग्रामीण यांत्रिकी सेवा गुना द्वारा कराये जाने की प्रक्रिया प्रचलित है। अनुसूचित जाति वर्ग के 09 अतिरिक्त कक्षों हेतु राशि रूपये 63.00 लाख लोक निर्माण विभाग के बी.सी.ओ. कोड में आवंटित तथा राशि रूपये 4.95 लाख से कोई कार्य स्वीकृत नहीं कराये गये हैं। (ग) अनुसूचित जनजाति मद की प्रदाय राशि में से रूपये 12.70 लाख का आहरण न होने से तथा अनुसूचित जाति मद की वर्ष 2015-16 में प्राप्त आवंटन की राशि समर्पित की गई। गुना जिले में उपयंत्री दिनांक 10/08/2006 से पदस्थ हैं, गुना जिले के अतिरिक्त शिवपुरी एवं अशोकनगर का अतिरिक्त प्रभार है। ग्रीष्मकाल में उपयंत्री के निलंबित रहने के कारण कार्ययोजना तैयार नहीं की जा सकी। (घ) मूलभूत सुविधायें प्रभावित नहीं हुई है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अध्यापक संवर्ग की पदोन्नति
73. ( क्र. 597 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा एवं रायसेन जिले में जुलाई 16 की स्थिति में अध्यापक संवर्ग तथा शिक्षक संवर्ग में पदोन्नति के कौन-कौन से पद कहाँ-कहाँ रिक्त हैं? सीधी भर्ती के कौन-कौन से पद रिक्त हैं? विद्यालयवार सूची दें। (ख) उक्त रिक्त पदों को पदोन्नति तथा सीधी भर्ती से भरने हेतु विभाग के अधिकारियों ने क्या-क्या कार्यवाही की? (ग) क्या पदोन्नति एक सतत् प्रक्रिया है? यदि हाँ, तो उक्त जिलों में उक्त सतत् प्रक्रिया को क्यों रोक दिया गया है? (घ) उक्त रिक्त पदों को पदोन्नति तथा सीधी भर्ती द्वारा कब तक भर दिया जायेगा? किन-किन रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति क्यों नहीं की गई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विदिशा एवं रायसेन जिले में जुलाई 2016 की स्थिति में अध्यापक/शिक्षक संवर्ग की पदोन्नति एवं सीधी भर्ती के पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पदोन्नति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। सीधी भर्ती के अंतर्गत संविदा शाला शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित करने के संबध में कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश ’’ख’’ के उत्तरांश अनुसार। (घ) पदोन्नति/सीधी भर्ती की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों के नियुक्ति के संबध में शासन आदेश दिनांक 30.6.2016 को जारी किये गये तद्नुसार कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
अतिथि शिक्षकों की मांगों का निराकरण
74. ( क्र. 598 ) श्री वीरसिंह पंवार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण, गुरूजी के समान सुविधायें दिये जाने के संबंध में 01 जनवरी, 15 से जुलाई 16 तक की अवधि में मान. उच्च न्यायालय द्वारा क्या-क्या निर्णय/निर्देश दिये गये? उनकी प्रति दें। (ख) विभाग तथा शासन ने उक्त निर्देशों के पालन में क्या-क्या कार्यवाही की? (ग) 01 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में अतिथि शिक्षकों की समस्याओं के निराकरण नियमितीकरण हेतु मा. मंत्रीजी को किन-किन सांसद/विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए? उक्त पत्रों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) अतिथि शिक्षकों की मांगों के निराकरण हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है? प्रदेश में कार्यरत अतिथि शिक्षक वर्ग 1, 2, 3 की जिलेवार संख्या बतायें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। जारी आदेशों में निर्णय का उद्धरण अंकित है (ख) शासन/संचालनालय द्वारा प्रकरणों में स्पीकिंग आदेश जारी कर प्रकरणों का निराकरण किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार (ग) मान. स्कूल शिक्षा मंत्री जी को मान. विधायक श्री थावरचंद गेहलोत, माननीय विधायक श्री मथुरालाल डामर, मान. विधायक श्रीमती संगीता चारेल, मान. विधायक डॉ. योगेन्द्र निर्मल, मान विधायक श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) मान. विधायक श्री रामेश्वर शर्मा एवं मान. विधायक श्री चैतन्य कुमार काश्यप के पत्र प्राप्त हुए हैं। उन पत्रों के उत्तर में संबंधित विधायकों को वर्तमान नियमों के परिप्रेक्ष्य में गुरूजी की भॉति संविदा शाला शिक्षक नहीं बनाया जा सकता है संबंधी वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया है। (घ) संविदा शाला शिक्षक के नियोजन में अतिथि शिक्षकों को उनके द्वारा किए गए कार्य दिवसों के अनुसार बोनस अंक प्रदान किये जाने का प्रावधान किया गया है। विगत शैक्षणिक सत्र में अतिथि शिक्षकों को 15 अप्रैल तक के लिये ही रखा गया है। वर्तमान सत्र में अतिथि शिक्षक रखे जाने की प्रक्रिया प्रचलन में होने से वर्तमान में सत्र में अभी कोई भी अतिथि शिक्षक कार्यरत नहीं है। वर्तमान में अतिथि शिक्षकों की संख्या बताया जाना संभव नहीं है।
दवाइयों की उपलब्धता
75. ( क्र. 615 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिला चिकित्सालय में सभी मरीजों को शासन निर्देशानुसार कौन-कौन सी व कितने प्रकार की दवाइयां नि:शुल्क दी जाती है? (ख) एक जनवरी 2016 से वर्तमान तक चिकित्सालय को कितनी राशि व दवाइयां प्रदाय की? क्या ये पर्याप्त हैं? यदि हाँ, तो मरीजों को क्यों नहीं उपलब्ध कराई जा रही है? यदि नहीं, तो इस हेतु चिकित्सालय प्रबंधन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या संबंधित विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण पूर्व के वर्षों में देखा गया है कि चिकित्सालय में किसी न किसी बीमारियों की दवाईयों की कमी हमेशा बनी रहती है? उक्त अवधि में तो स्थिति ऐसी निर्मित हो गई कि एन्टीरेबिज इन्जेक्शन व अन्य आवश्यक दवाइयां मरीज बाजार से क्रय कर उपचार करा रहे हैं? नतीजन शासन की नि:शुल्क दवाई वितरण योजना का लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है? (घ) यदि नहीं, तो क्या शासन उक्त तथ्यों की जाँच कराएगा व समस्त प्रकार की दवाईयों की हमेशा उपलब्धता सुनिश्चित करवाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) श्योपुर जिला चिकित्सालय में मरीजों को निःशुल्क दी जाने वाली औषधियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-“अ“ अनुसार है। (ख) जिला चिकित्सालय, श्योपुर को दिनांक 01.01.2016 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त राशि रूपये 30,15,969/- प्राप्त हुए जिसका विवरण निम्नानुसार है:-
क्र. |
मद |
आवंटन प्राप्त दिनांक |
प्राप्त राशि (रूपये में) |
1. |
19-2210-01-196-9999-1473-34-002 |
18.04.2016 |
1736069 |
2. |
19-2210-06-101-9999-8150-34-002 |
25.04.2016 |
125900 |
|
|
योग |
3015969 |
जिला चिकित्सालय में प्राप्त दवाइयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-“ब“ अनुसार है। जिला चिकित्सालय, श्योपुर में दिनांक 01.01.2016 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त बजट के अनुरूप मांग पत्रों के आधार पर क्रय की गई दवाइयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-“स“ अनुसार है। दवाइयां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहती हैं एवं सभी दवाइयां मरीजों को प्रदान की जाती है। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जिला चिकित्सालय, श्योपुर में दवाइयों की कमी के संबंध में पूर्व वर्षों में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है एवं जब भी दवाईयों की कमी होती थी उनकी पूर्ति हेतु मांग-पत्र मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, श्योपुर से प्रस्तुत कर दवाइयों की पूर्ति समय समय पर की जाती रही है। उक्त अवधि में एन्टीरेबिज इंजेक्शन 2300 वॉयल उपलब्ध रहे है जिसका विवरण निम्नानुसार है-*दिसम्बर 2015 से जनवरी 2016-600 वॉयल, *फरवरी से मार्च 2016-800 वॉयल, *मार्च से जून 2016-1500 वॉयल, अन्य उपलब्ध दवाइयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-“ब“ अनुसार है। जिला चिकित्सालय श्योपुर में दवाइयां उपलब्ध रहती है। शासन की निःशुल्क दवाई वितरण योजना का लाभ मरीजों को मिल रहा है। (घ) जी नहीं समय-समय पर आवश्यकता अनुसार दवाइयां उपलब्ध कराई जाती है शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
माध्यमिक शालाओं का उन्नयन
76. ( क्र. 616 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत वर्तमान में कितनी माध्यमिक शालाएं कहाँ-कहाँ संचालित हैं, इनमें से शासन निर्देशानुसार कौन-कौन सी शालाएं उन्नयन हेतु पात्र हैं, उनके नाम बतावें? (ख) उक्त पात्र शालाओं के उन्नयन की कार्ययोजना/प्रस्ताव जो विभाग द्वारा शासन को स्वीकृति हेतु भेजे गये हैं क्या उनमें ग्राम पहाड़ली, रामबड़ौदा, सोठवा माध्यमिक शालाओं के उन्नयन के प्रस्ताव भी शामिल हैं? यदि नहीं, तो क्या इन शालाओं के प्रस्ताव भी शासन को स्वीकृति हेतु भेजे जावेंगे ? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) उक्त शालाओं की कार्ययोजना/प्रस्ताव में शामिल उक्त शालाओं के उन्नयन की कार्यवाही भारत सरकार एवं राज्य बजट से प्रक्रियाधीन हैं तथा माध्यमिक शाला अड़वाड़ व नयागांव निर्धारित मापदण्डानुसार उन्नयन हेतु पात्र न होने से कार्ययोजना/प्रस्तावों में सम्मिलित नहीं है ये जानकारी प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या 133 (क्रमांक 7780) दिनांक 30.03.2016 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में दी है? (घ) उक्त प्रक्रियाधीन कार्यवाही को कब तक पूर्ण करवाकर प्रस्ताव अनुसार माध्यमिक शालाओं का उन्नयन कर दिया जावेगा तथा माध्यमिक शाला अड़वाड़ व नयागांव उन्नयन हेतु क्यों अपात्र हैं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्ष 2016-17 हेतु उन्नयन से संबंधित प्रस्ताव सभी जिलों से मंगवाए जा रहे है। प्रस्तावों का परीक्षण किया जा रहा है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। (घ) वर्ष 2015-16 में प्रावधानित सभी शालाओं के आदेश जारी किये जा चुके है। शालाओं की स्थिति प्रत्येक वर्ष परिवर्तनशील होती है। उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुकंपा नियुक्ति
77. ( क्र. 675 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक जबलपुर संभाग के बालाघाट, नरसिंहपुर जिले में कितने कर्मचारियों को संविदा वर्ग 02 एवं संविदा वर्ग 03 में कितने कर्मचारियों को अनुकंपा नियुक्ति किस योग्यता के आधार पर प्रदान की गई हैं? नाम, पदनाम एवं नियुक्ति दिनांक की जानकारी देवें? (ख) क्या अनुकंपा नियुक्ति संविदा वर्ग 02 एवं संविदा वर्ग 03 में प्रदान किये जाने के पूर्व व्यावसायिक परीक्षा मण्डल से पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण किया जाना आवश्यक है? किन्तु बालाघाट व नरसिंहपुर जिलों में कुछ आवेदकों द्वारा उक्त परीक्षा पास नहीं की गई हैं, फिर भी जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा भारत सरकार एवं राज्य सरकार के नियमों का उल्लंघन करते हुये कुछ कर्मचारियों को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई? यदि हाँ, तो किस-किस को प्रदान की गई हैं? जानकारी देवे? (ग) कितने अभ्यार्थियों के अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरण वर्ष 2008 से प्रश्न दिनांक तक लंबित है? नाम सहित जानकारी देवें? (घ) उक्त दोषी अधिकारी/कर्मचारी के खिलाफ क्या कार्यवाही कि जायेगी और कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जिला बालाघाट में 30 संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3 के पद पर हायर सेकण्डरी के आधार पर एवं 5 संविदा शाला शिक्षक वर्ग-2 के पद पर स्नातक के आधार पर तथा जिला नरसिंहपुर में 18 संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3 के पद पर हायर सेकण्डरी के आधार पर एवं 11 संविदा शाला शिक्षक वर्ग-2 के पद पर स्नातक के आधार पर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई है। नाम पदनाम एवं नियुक्ति दिनांक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार । (ख) जी हाँ। नियम विरूद्ध अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करने की जाँच कराई जा रही है। (ग) संविदा शाला शिक्षक वर्ग 2 एवं 3 के पद पर लंबित अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार । (घ) जिन कर्मचारियों को भारत सरकार एवं राज्य सरकार के नियमों का उल्लंघन करते हुये अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई है उनकी जाँच कराई जा रही है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरांत गुण दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सेवा निवृत्त शिक्षकों की वेतन वृद्धि
78. ( क्र. 677 ) श्री दिनेश राय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में वर्ष 2003 से कितने राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षकों को दो वेतन वृद्धि का लाभ एवं कितने राज्य स्तरीय राज्य पुरस्कृत शिक्षक को एक वेतन वृद्धि का लाभ पा रहे एवं पा चुके? (ख) सेवा निवृत्त राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक एवं राज्य स्तरीय राज्य पुरस्कृत शिक्षक एक समान हैं, फिर पूर्व सेवा निवृत्त राष्ट्रीय/राज्य पुरस्कृत शिक्षक को यह वेतन वृद्धि के आर्थिक लाभ के समान क्या सुविधा या अर्थ लाभ दिया गया या नहीं दिया गया? तो आर्थिक लाभ के बारे में विचार किया जायेगा या नहीं यदि हाँ, तो कब तक? (ग) पूर्व सेवा निवृत्त शिक्षकों को वेतन वृद्धि का लाभ कब तक मिलेगा या नहीं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वर्ष 2003 से म.प्र. राज्य अंतर्गत (शासकीय सेवारत) राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षकों को दो वेतन वृद्धि का लाभ एवं राज्य स्तरीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को एक वेतन वृद्धि का लाभ की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। (ख) म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश दिनांक 24/09/2003 के प्रावधानुसार सम्मानित शिक्षकों को राष्ट्रपति/राज्य स्तरीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को भूतलक्षी प्रभाव से वेतन वृद्धि दिये जाने का प्रावधान नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश 'ख'' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
छात्रों को प्रदत्त सुविधाएं
79. ( क्र. 695 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति की किस-किस स्थान पर छात्र एवं छात्राओं की आश्रम शालायें एवं छात्रावास स्थित हैं? स्थानवार बतायें कि किन-किन में कितने बालक/बलिकायें किस कक्षाओं के कब से रह रहे हैं? किन-किन में कितने कमरे हैं? कितने बालक/बालिकायें रह रहे हैं? छात्रावासवार जानकारी दें? (ख) राज्य शासन के नियमों के तहत उक्त आश्रम शालाओं एवं छात्रावासों में क्या-क्या सामग्री एवं खानपान की व्यवस्था बालकों/बलिकाओं को नि:शुल्क प्रदान की जाती है? छात्रावासवार जानकारी दें कि किस-किस में प्रश्नतिथि तक क्या-क्या सामग्री भौतिक रूप से उपलब्ध है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित छात्रावासों/आश्रम शालाओं में राज्य शासन/जिला स्तर एवं अन्य स्तर से 01.04.2010 से 31.03.2013 तक क्या सामग्री, किस-किस दर पर कब-कब, किस-किस नाम, पते, वाली संस्थाओं/दुकानों से खरीदी गयी? उक्त सामग्री के किस-किस फर्म/दुकानों से किस-किस दर पर टेण्डर (निविदा) आये? किस-किस को कितना भुगतान कब किया गया? विवरण माहवार/वर्षवार/फर्मवार/राशिवार/सामग्री की दरवार उपलब्ध करायें? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित छात्रावासों की पुरानी सामग्री का प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित समयानुसार क्या किया गया? सामग्रीवार/माहवार/वर्षवार विवरण दें? सामग्री का नियमानुसार विक्रय न किये जाने पर किस नाम/पदनाम के विरूद्ध राज्य शासन कब व क्या कार्यवाही कब तक करेगा? अगर नहीं तो क्यों कारण दें, नियम बतायें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) भिण्ड जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग के छात्रावास/आश्रम स्थित नहीं होने के कारण जानकारी निरंक है। अनुसूचित जाति कल्याण विभाग अनुसार शैक्षणिक सत्र 2015-16 की स्थिति में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार आदिम जाति कल्याण विभाग की जानकारी निरंक है। अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के छात्रावासों में विस्तर सामग्री, खानपान व्यवस्था हेतु सामग्री, खेलकूद सामग्री, कम्प्यूटर, लाइब्रेरी, समाचार पत्र, उत्कृष्ट छात्रावासों में प्रवेशित विद्यार्थियों को स्टेशनरी सामग्री नि:शुल्क प्रदाय की जाती है। छात्रावासवार प्रश्नतिथि तक भौतिक रूप से उपलब्ध सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार आदिम जाति कल्याण विभाग की जानकारी निरंक है। अनुसूचित जाति कल्याण विभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। सामग्री शासन द्वारा अधिकृत संस्थाओं से उनकी निर्धारित दरों पर क्रय की गई है। अत: टेण्डर बुलाये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार आदिम जाति कल्याण विभाग की जानकारी निरंक है। अनुसूचित जाति कल्याण विभाग अनुसार कलेक्टर भिण्ड के आदेश क्रमांक 461 दिनांक 27/06/2016 द्वारा समिति का गठन किया गया है। उपलेखन की कार्यवाही नियमानुसार की जावेगी।
बालिकाओं एवं बालकों को मिल रही सुविधा
80. ( क्र. 696 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति की किस-किस स्थान पर छात्र एवं छात्राओं की आश्रम शालायें एवं छात्रावास स्थित हैं? स्थानवार बतायें कि किन-किन में कितने बालक/बालिकायें किस कक्षाओं के कब से रह रहे हैं? किन-किन में कितने कमरे हैं? कितने बालक/बालिकायें रह रहे हैं? छात्रावासवार जानकारी दें? (ख) राज्य शासन के नियमों के तहत उक्त आश्रम शालाओं एवं छात्रावासों में क्या-क्या सामग्री एवं खानपान की व्यवस्था बालकों/बालिकाओं को नि:शुल्क प्रदान की जाती है? छात्रावासवार जानकारी दें कि किस-किस में प्रश्नतिथि तक क्या-क्या सामग्री भौतिक रूप से उपलब्ध है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित छात्रावासों/आश्रम शालाओं में राज्य शासन/जिला स्तर एवं अन्य स्तर से 01.04.2013 से प्रश्नतिथि तक क्या-क्या सामग्री, किस-किस दर पर, कब-कब, किस-किस नाम, पते वाली संस्थाओं/दुकानों से खरीदी गयी? उक्त सामग्री के किस-किस फर्म/दुकानों से किस-किस दर पर टेण्डर (निविदा) आये? किस-किस को कितना भुगतान कब किया गया विवरण माहवार/वर्षवार/ फर्मवार/राशिवार/सामग्री की दरवार उपलब्ध करायें? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित छात्रावासों की पुरानी सामग्री का प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित समयानुसार क्या किया गया? सामग्रीवार/माहवार/वर्षवार विवरण दें? सामग्री का नियमानुसार विक्रय न किये जाने पर किस नाम/पदनाम के विरूद्ध राज्य शासन कब व क्या कार्यवाही कब तक करेगा? अगर नहीं तो क्यों कारण दें, नियम बतायें?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) भिण्ड जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग के छात्रावास/आश्रम स्थित नहीं होने के कारण जानकारी निरंक है। अनुसूचित जाति कल्याण विभाग की शैक्षणिक सत्र 2015-16 की स्थिति में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''क'' अनुसार आदिम जाति कल्याण विभाग की जानकारी निरंक है। अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के छात्रावासों में विस्तर सामग्री, खानपान व्यवस्था हेतु सामग्री, खेलकूद सामग्री, कम्प्यूटर, लाइब्रेरी, समाचार पत्र, उत्कृष्ट छात्रावासों में प्रवेशित विद्यार्थियों को स्टेशनरी सामग्री नि:शुल्क प्रदाय की जाती है। छात्रावासवार प्रश्न तिथि तक भौतिक रूप से उपलब्ध सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार आदिम जाति कल्याण विभाग की जानकारी निरंक है। अनुसूचित जाति कल्याण विभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। सामग्री शासन द्वारा अधिकृत संस्थाओं से उनकी निर्धारित दरों पर क्रय की गई है। अत: टेण्डर बुलाये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार आदिम जाति कल्याण विभाग की जानकारी निरंक है। अनुसूचित जाति कल्याण विभाग अनुसार कलेक्टर भिण्ड के आदेश क्रमांक 461 दिनांक 27/06/2016 द्वारा समिति का गठन किया गया है। अपलेखन की कार्यवाही नियमानुसार की जावेगी।
अवैध नियुक्ति पर कार्यवाही
81. ( क्र. 701 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा प्रमुख सचिव म.प्र. शासन, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को दिनांक 01.04..2014 को देवेन्द्र सिंह परमार सहायक ग्रेड-3 कार्यालय उपसंचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन भिण्ड की अवैध नियुक्ति के संबंध में श्री परमार को सेवामुक्त कर उनके विरूद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करने बाबत् पत्र लिखा गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या संयुक्त संचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन म.प्र. भोपाल ने अपने पत्र क्र. एक/स्थ./1/2016/1281 भोपाल, दिनांक 05.03.2016 को श्री देवेन्द्र प्रताप सिंह पंवार (परमार) को कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर 15 दिवस में अपना पक्ष रखने हेतु नोटिस जारी किया था? (घ) यदि हाँ, तो श्री परमार द्वारा उक्त नोटिस का जबाव क्या निर्धारित समयावधि में नहीं दिए जाने से उनके विरूद्ध एक पक्षीय कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) से (घ) माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ, जबलपुर के समक्ष रिट याचिका क्रमांक 198/1999 श्री मनसुख लाल विरूद्ध अरूण कुमार तिवारी में पारित आदेश के परिपालन में श्री देवेन्द्र सिंह परमार (पंवार), सहायक ग्रेड-3 की अवैधानिक नियुक्ति के संबंध में श्री देवेन्द्र सिंह परमार को कारण बताओ सूचना पत्र दिनांक 05.03.16 को जारी किया गया था, जिसका जवाब समयावधि में प्राप्त हुआ है, जिसका परीक्षण किया जा रहा है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पदोन्नति से संबंधित
82. ( क्र. 708 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अता. प्रश्न संख्या 25 (क्र. 5334) दिनांक 30 मार्च, 2016 के उत्तर (क) में माध्यमिक शिक्षा मंडल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को सहायक ग्रेड-3 के पद पर मंडल के आदेश दिनांक 07.06.2010 में पदोन्नति की शिकायत की जाँच वित्त अधिकारी द्वारा की गई, जाँच प्रतिवेदन पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है? बताया है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्न में उत्तर (ख) में उत्तरांश (क) में उल्लेखित जाँच प्रतिवेदन के परीक्षणोपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी? (ग) यदि उत्तर (क) (ख) सच है तो अभी तक शिकायत में जाँच अधिकारियों द्वारा क्या कार्यवाही की गई? जाँच प्रतिवेदन से अवगत करावें? यदि नहीं, तो कार्यवाही क्यों नहीं की गई व कब तक की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार जाँच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आवंटित राशि
83. ( क्र. 709 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा विगत तीन वर्ष में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय मुरैना को कितनी-कितनी राशि का बजट में प्रावधान होकर कब-कब दी गई? दिनांक, राशि सहित बताया जावें? जानकारी वर्षवार उपलब्ध करावें। (ख) जिला शिक्षा अधिकारी मुरैना द्वारा (क) में प्राप्त राशि किन-किन विधान सभा क्षेत्रों में आवंटित की गई, विधान सभा क्षेत्र व वर्षवार जानकारी दी जावें? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) में चाही गई जानकारी के अनुसार विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना को विगत तीन वर्ष में आवंटित राशि से क्या-क्या कार्य, कितनी-कितनी राशि से, किस-किस क्रियान्वयन एजेंसी द्वारा कराए गये व कार्यों की वर्तमान स्थिति से भी अवगत करावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय मुरैना को विगत 3 वर्षों में निम्नानुसार राशि दी गई। विवरण निम्नानुसार है -
स.क्र. वर्ष
विवरण दिनांक
राशि
1 2013 -14
सुदृढ़ीकरण
कार्य के तहत
अतिरिक्त
कक्ष 07/09/2013 5036000
2 2013 -14
सुदृढ़ीकरण
कार्य के तहत
अतिरिक्त
कक्ष 31/12/2013 25488000
3 2013 -14
सुदृढ़ीकरण
कार्य के तहत
अतिरिक्त
कक्ष 09/01/2014 3005000
योग 33529000
4 2014-15
शौचालय 16/01/2015 7581000
25/03/2015 13110000
योग 20691000
5 2015-16
सुदृढ़ीकरण
कार्य के तहत
अतिरिक्त
कक्ष 15/06/2015 15292000
योग 15292000
(ख) विधान सभा क्षेत्र विद्यालयवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना को वर्ष 2013-14 में सुदृढ़ीकरण के तहत निर्माण कार्य एवं शौचालय हेतु राशि प्रदाय की गई। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। निर्माण कार्यशाला प्रबंधन एवं विकास समिति द्वारा कराया गया।
श्रमिक कार्ड बनाना
84. ( क्र. 716 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुमावली विधान सभा क्षेत्र मुरैना में श्रमिकों के कितने कार्ड जनवरी 2015 से जून 2016 तक बनाये गये हैं? संख्या सहित पूर्ण जानकारी दी जावे? (ख) क्या उक्त विधान सभा क्षेत्र सुमावली में श्रमिक वार्ड बनाने का कार्यक्रम निश्चित तिथियों में संचालित किया गया? यदि हाँ, तो कब-कब कार्ड बनाये गये? (ग) उक्त अवधि में दुर्घटना में मृतक, घायल श्रमिकों को कितनी-कितनी राशि की आर्थिक सहायता प्रदान की गई? नाम, राशि सहित पूर्ण जानकारी दी जावे?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के अंतर्गत सुमावली विधान सभा क्षेत्र मुरैना में जनवरी, 2015 से जून 2016 तक कुल 422 निर्माण श्रमिकों के पंजीयन कर कार्ड बनाये गये हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ख) विधान सभा क्षेत्र सुमावली में श्रमिक कार्ड बनाने का कार्यक्रम दिनांक 16.12.15, 17.12.2015, 23.12.15, 31.12.15 एवं 01.01.16 तिथियों में संपन्न किया गया है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में उक्त योजनांतर्गत आवेदन प्राप्त नहीं होने से सहायता राशि वितरित नहीं की गई है।
शिशु रोग विशेषज्ञ की कमी
85. ( क्र. 717 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुरैना जिले के अम्बाह अस्पताल में शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सक की पदस्थापना के अभाव में लोगों को इलाज हेतु बाहर जाना पड़ता है? (ख) यदि हाँ, तो पदस्थापना कब तक कर दी जावेगी वर्तमान में क्या स्थिति है? क्या दिसम्बर 2014 से शिशु रोग विशेषज्ञ की पदस्थापना नहीं की गई है? उक्त अस्पताल में विभिन्न बीमारियों के सैकड़ों बच्चे प्रतिदिन अस्पताल में आते हैं? चिकित्सक के अभाव में उक्त रोगी बच्चे शहर के निजी अस्पताल में जाने को मजबूर होते हैं? शासन द्वारा इसकी व्यवस्था कब तक कर दी जावेगी? (ग) क्या अम्बाह अस्पताल की न्यू बोर्न यूनिट लंबे समय से बंद पड़ी है? हाँ तो क्यों पूर्ण जानकारी दी जावे?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) यह सही है कि अम्बाह में शिशुरोग विशेषज्ञ पदस्थ नहीं है परंतु यह सही नहीं है कि शिशुरोग विशेषज्ञ के अभाव में लोगों के इलाज हेतु बाहर जाना पड़ता है, अम्बाह में पदस्थ 06 चिकित्सा अधिकारियों द्वारा आम जन को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा रही है। (ख) शीघ्र ही स्नातकोत्तर बंधपत्र चिकित्सकों की पदस्थापना की कार्यवाही की जाना है जिसमें काउंसलिंग में शिशुरोग योग्यता के चिकित्सक हेतु रिक्ति प्रदर्शित कर दी जावेगी। चिकित्सक द्वारा स्थान चयन उपरांत यथाशीघ्र आदेश जारी किए जावेंगे। जी हाँ। जी नहीं उत्तरांश (ख) अनुसार व्यवस्था की जाती है। यथाशीघ्र। (ग) जी नहीं, न्यूबोर्न स्टेब्लाईजिंग यूनिट (एन.बी.एस.यू.) वर्तमान में चालू है।
भवन विहीन शालाएँ
86. ( क्र. 720 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में हायर सेकण्डरी शालाओं के अपने भवन नहीं हैं तथा उनमें अभी शिक्षण कार्य किस प्रकार किया जा रहा है? (ख) भविष्य में इन भवन विहीन हायर सेकण्डरी स्कूलों में भवनों की व्यवस्था विभाग द्वारा कब तक की जायेगी? (ग) भविष्य में जो हायर सेकण्डरी स्कूलों के भवन बनवाने का सरकार का विचार है उसमें कितनी राशि के भवन बनाये जायेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में हायर सेकण्डरी शालाओं की कुल संख्या 16 है जिसमें 01 शाला शा.उ.मा.वि. बनवारी विकासखंड साईखेड़ा भवन विहीन है जो माध्यमिक शाला के भवन में संचालित है। (ख) भवन निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) भवन निर्माण निर्धारित मानक डिजाइन के प्राक्कलन अनुसार पी.आई.यू. द्वारा प्रचलित एस.ओ.आर. पर किया जाता है।
गाडरवारा सिविल अस्पताल में व्यवस्था
87. ( क्र. 721 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र के गाडरवारा मुख्यालय में कितने बिस्तरों का सिविल अस्पताल स्थापित हैं? उसमें कितने डॉक्टर एवं कितने अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी के पद स्वीकृत हैं? (ख) उसमें कितने डॉक्टरों एवं कितने अन्य कर्मचारियों के पद भरे हुये एवं कितने पद रिक्त हैं इन रिक्त पदों को भरने हेतु विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है? (ग) उक्त सिविल अस्पताल कितने क्षेत्रफल में निर्मित हैं एवं कौन-कौन से भवन परिसर के अंदर बने हुए हैं कौन से भवन को और बनाने की आवश्यकता है तथा इन्हें कब बनवा दिया जायेगा? (घ) क्या अस्पताल परिसर की जगह में किसी प्रकार का अतिक्रमण है? यदि हाँ, तो उसे हटाने हेतु अस्पताल प्रबंधन ने अभी तक क्या कार्यवाही की? (ड.) क्या अस्पताल परिसर पूरी तरह से बाउण्ड्रीवाल के द्वारा सुरक्षित है? यदि नहीं, तो पूरे क्षेत्र में बाउण्ड्रीवाल द्वारा सुरक्षित करने हेतु प्रबंधन क्या कार्यवाही करने जा रहा है तथा अतिक्रमण कब तक हटा दिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) सिविल अस्पताल गाडरवारा, 100 बिस्तरीय अस्पताल है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी है, चिकित्सकों की पदपूर्ति हेतु मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग से 1896 चिकित्सकों की चयन प्रक्रिया प्रचलन में है। अन्य तृतीय श्रेणी पैरामेडिकल/नर्सिंग संवर्ग पदों की पदोन्नति/सीधी भर्ती से पूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है। (ग) सिविल अस्पताल गाडरवारा 4.52 हेक्टेयर भूमी क्षेत्र पर निर्मित है। अस्पताल भवन व आवासीय भवन परिसर के अंदर है। एन.टी.पी.सी. द्वारा 04 नये पेइंग वार्ड बनवाने हेतु प्रस्ताव दिया गया है एवं कार्यवाही प्रचलन में है। निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। अस्पताल प्रभारी द्वारा स्थानीय प्रशासन को समय-समय पर लेख किया गया है एवं दिनांक 06.07.2016 को पुनः स्मरण कराया गया है। (ड.) जी नहीं। उत्तरांश (घ) अनुसार। यथाशीघ्र।
वित्तीय अनियमितता एवं भ्रष्टाचार की जाँच
88. ( क्र. 725 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्यमंत्री,पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के सचिव ने अपने पत्र क्रमांक 26 दिनांक 20 अप्रैल 16 को अपर मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड की वित्तीय अनियमितताओं भ्रष्टाचार और गबन की जाँच हेतु 14 बिन्दुओं की जाँच बाबत् लिखा था? (ख) यदि हाँ, तो राज्य शासन द्वारा प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या जाँच करवाई गई? यदि हाँ, तो कौन-कौन दोषी पाए गए और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई और यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रकरण परीक्षणाधीन है। गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
गैस पीडि़त रोगियों के इलाज की व्यवस्था
89. ( क्र. 726 ) श्री आरिफ अकील : क्या राज्यमंत्री, सहकारिता महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बैरागढ़ वृत्त भोपाल द्वारा दिनांक 04 जून, 2016 को आयोजित भोपाल उत्तर विधान सभा की समीक्षा बैठक में गैस राहत विभाग के संचालक एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया गया था कि गैस राहत अस्पतालों से गैस पीड़ितों को रेफर करने से पूर्व यह निश्चय किया जाये कि यहां इलाज क्यों नहीं हो सकता है और जहाँ रेफर किया जा रहा है वहां उस रोग के विशेषज्ञ हैं किसलिये रेफर किया जा रहा है और प्रसूति (डिलेवरी) कराने के नाम राशि/रिश्वत की मांग नहीं की जाये? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या कार्यवाही की गई और क्या यह भी सही है कि वर्तमान समय में गैस राहत अस्पतालों में रोगियों की लम्बी-लम्बी लाईनें लगी रहती है और ओ.पी.डी. का समय समाप्त हो जाने तक रोगियों का चेकअप नहीं हो पाता है? इसके क्या कारण है तथा यह भी अवगत करावें कि अस्पतालों के अधिकांश वार्ड/बैड खाली पड़े रहते हैं? क्या रोगियों की कमी है? यदि नहीं, तो इस अव्यवस्था के क्या कारण है व कौन-कौन जिम्मेदार है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में निर्देशित किए जाने के पश्चात् क्या रोगियों को रेफर करने में अंकुश लगा? डिलेवरी के नाम पर राशि की वसूली पर प्रतिबंध लगा और रोगियों की लम्बी लाईनों को दृष्टिगत रखते हुए डॉक्टरों की व्यवस्था की गई है? यदि हाँ, तो माह जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में कुल कितने-कितने रोगी अस्पतालों में आए और उनमें से कितने रोगियों को भर्ती किया गया? माहवार अस्पतालवार जानकारी देवें?
राज्यमंत्री,सहकारिता ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) विभाग द्वारा रेफरल चिकित्सा संस्थायें चिन्हित की गई है‚ जहाँ पर परिस्थितिजन्य कारणों से विषय विशेषज्ञ की उपलब्धता‚ दक्षता एवं चिकित्सीय सुविधा अनुसार रोगियों को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल सकारण रेफर किया जाता है। तत्संबंध में संचालक‚ कमला नेहरू चिकित्सालय द्वारा उनके पत्र क्रमांक 922 दिनांक 07.05.2016 से समस्त चिकित्सालयों के अधीक्षकों को निर्देश जारी किये गये है कि मरीज के उपचार में विशेष ध्यान दिया जाये और चिकित्सालय में रेफरल से सबंधित पंजी ई-हॉस्पिटल तथा हार्ड कॉपी में संधारित की जाएं। कामन रेफरल फार्म एवं संस्थाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। कुछ चिकित्सालयों में मरीजों की संख्या ज्यादा है‚ इसके कारण लम्बी लाइन रहती है‚ प्रयास किया जा रहा है कि और चिकित्सक उपलब्ध कराये जाऐं जिससे यह व्यवस्था और सुदृढ़ की जा सके। चिकित्सालय में आने वाले मरीजों को चिकित्सकों द्वारा आवश्यकतानुसार भर्ती कर उपचार की व्यवस्था की जाती है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में निर्देशित किये जाने के पश्चात् रोगियों को अन्य चिकित्सालयों में रेफर किये जाने के कारणों का विस्तृत उल्लेख रेफर फार्म में किया जा रहा है। प्रसूति के नाम पर रिश्वत मांगने की शिकायत के संबंध में संचालक‚ कमला नेहरू चिकित्सालय के पत्र क्रमांक 922 दिनांक 07.05.2016 द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, गैस राहत तथा चिकित्सालय अधीक्षकों को आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित कर पालन प्रतिवेदन भेजने के निर्देश दिये गये हैं। उक्त कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है। जहाँ तक सवाल है रिश्वत का‚ इस संबंध में जनता को जागरूक किया गया है। चिकित्सालयों में नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था है‚ का बोर्ड लगवाया गया है। यह भी बोर्ड में लिखा गया है कि अगर कोई पैसा मांगता है तो उस चिकित्सालय के अधीक्षक को सूचित किया जाए। माह जनवरी 2016 से माह मई 2016 तक गैस राहत चिकित्सालयों में वाह्य रोगी एवं आन्तरिक रोगी विभाग में आए रोगियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार।
अध्यापक संवर्ग की स्थानान्तरण नीति
90. ( क्र. 729 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अध्यापक संवर्ग के कर्मचारियों को भी म.प्र. शासन के कर्मचारियों के अनुसार स्थानान्तरण की सुविधा संबंधी नीति तैयार की जायेगी? (ख) यदि हाँ, तो कब तक अध्यापक संवर्ग की स्थानान्तरण नीति जारी कर दी जावेगी। (ग) यदि नहीं, तो बगैर स्थानान्तरण नीति के स्थानान्तरण किए जावेंगे या कोई ऐसा विकल्प निकाला जावेगा, जिससे कि इन लोगों को शासकीय कर्मचारियों के स्थानान्तरण जैसा लाभ मिल सके। (घ) यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) अध्यापक संवर्ग का एक निकाय से दूसरे निकाय में अंर्तनिकाय ऑनलाईन संविलियन किये जाने का प्रावधान नहीं है इस हेतु संविलियन नीति शासन स्तर पर विचाराधीन है। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
छात्रावास अधीक्षकों का प्रभार
91. ( क्र. 730 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा कुल कितने छात्रावास संचालित हैं, सूची उपलब्ध करायें? (ख) क्या एक छात्रावास अधीक्षक को एक से अधिक छात्रावासों का प्रभार दिया गया है? यदि हाँ, तो ऐसे छात्रावास अधीक्षकों की सूची प्रभार सहित उपलब्ध कराये? (ग) क्या विभाग में अधिक से अधिक शिक्षक उपलब्ध हैं? फिर भी अतिरिक्त प्रभार क्यों दिये जा रहे हैं? (घ) क्या इस शिक्षण सत्र में प्रत्येक छात्रावास में एक अधीक्षक रखने की व्यवस्था की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) अनुसूचित जाति के 72, अनुसूचित जनजाति के 13 एवं विमुक्त घुम्मकड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति के 06 कुल 91 छात्रावास/आश्रम। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जिला अन्तर्गत 06 सहायक शिक्षक/संविदा शिक्षक ऐसे हैं, जिनके पास अधीक्षक का प्रभार नहीं है। शीघ्र ही इन्हें प्रभार सौंपा जावेगा। शेष संस्थाओं में शिक्षकों की पद पूर्ति होने पर अधीक्षकों का प्रभार सौंपा जायेगा। (घ) समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
स्वच्छ विद्यालय मिशन का क्रियान्वयन
92. ( क्र. 749 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्वच्छ विद्यालय मिशन के अंतर्गत वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में जिलावार कितने शौचालयों का निर्माण किया गया है? (ख) उपरोक्त अवधि में किस-किस मद से कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई एवं किस-किस जिले में कितना-कितना उपयोग किया गया? (ग) उपरोक्त (क) की अवधि में स्वीकृत शौचालय निर्माण में उज्जैन संभाग के कितने कार्य अधूरे व गुणवत्ताहीन पाये गये एवं कौन-कौन से? निर्माण एजेंसी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) हाई/हायर सेकण्डरी स्कूलों में निर्मित शौचालय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) हाई/हायर सेकण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। उपरोक्त अवधि में शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में शौचालयों के निर्माण हेतु मदवार प्राप्त राशि एवं जिलेवार उपयोग की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) उज्जैन संभाग में कोई अपूर्ण एवं गुणवत्ताहीन नहीं पाया गया। उपरोक्त (क) अवधि में उज्जैन संभाग अन्तर्गत उज्जैन जिले के विकासखण्ड तराना की सेटेलाईट शाला कनासिया नाका में शौचालय निर्माण का कार्य अधूरा है, निर्माण एजेंसी के विरूद्ध जिला स्तर पर कार्यवाही प्रचलन में है। संभाग के शेष समस्त शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में शौचालयों के निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पाठ्य पुस्तक का मुद्रण
93. ( क्र. 750 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पाठ्य पुस्तक निगम की योजनाओं का ब्यौरा क्या है तथा योजनांतर्गत विगत तीन वर्षों की उपलब्धि का ब्यौरा क्या है? (ख) विगत तीन वर्षों में निगम द्वारा पाठ्य पुस्तकों के प्रकाशन हेतु आमंत्रित की गई निविदाओं एवं निविदाओं की दर सहित पूर्ण ब्यौरा दें? (ग) विगत तीन वर्षों में कितनी संख्या में पाठ्य पुस्तकें मुद्रित करवायी व कितना भुगतान मुद्रण एजेंसी को दिया ? वर्षवार एजेंसीवार जानकारी दें? (घ) उपरोक्त अवधि में पाठ्य पुस्तकों की मांग विरूद्ध मुद्रण संख्या का ब्यौरा दें?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री (
कुँवर विजय
शाह ) : (क) 1.
योजनायें
:- 1.1
पाठ्य पुस्तकों
का प्रकाशन:-
कक्षा 11
एवं 12 की
विज्ञान एवं
वाणिज्य
संकाय की
पाठ्यपुस्तकों
का प्रकाशन। 1.2
निःशुल्क पाठ्य
पुस्तक वितरण
योजनान्तर्गत
कक्षा 1 से
कक्षा 8 के
लिए राज्य
शिक्षा
केन्द्र को
पाठ्य पुस्तकों
तथा पाठ्य
सामग्री का
प्रदाय। 1.3
निःशुल्क पाठ्य
पुस्तक वितरण
योजनान्तर्गत
कक्षा 9 से
कक्षा 12 के
लिए लोक
शिक्षण संचालनालय
को पाठ्य पुस्तकों
तथा पाठ्य
सामग्री का
प्रदाय। 1.4. पंजीबद्ध
पुस्तक
विक्रेताओं
के माध्यम से
मद क्रमांक 1.1 से 1.3
में वर्णित
पाठ्य पुस्तकों
को खुले बाजार
में उपलब्ध
कराना। 1.5
विभिन्न
शैक्षणिक एवं
अन्य
गतिविधियों
के लिए अनुदान
उपलब्ध कराना।
1.6 निगम
का अधोसंरचना
विकास।
2. उपलब्धियां:-
2.1
विगत तीन
शिक्षा सत्र 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में
उपरोक्त मद क्रमांक
1.1, 1.2, 1.3 तथा 1.4 के
अन्तर्गत
पुस्तकों एवं
पाठ्य
साम्रगी का शत्
प्रतिशत
प्रदाय किया
गया। 2.2
उपरोक्त मद 1.5
अन्तर्गत
वर्ष 2013-14,
2014-15
एवं 2015-16 में
क्रमशः रू. 123.32 लाख, रू. 1340.00
लाख एवं रू. 1325.34 लाख की अनुदान
राशि विमुक्त
की गई। 2.3
वित्तीय वर्ष 2015-16 में
अधोसंरचना
विकास के
अन्तर्गत एक
गोदाम का
निमार्ण
पूर्ण किया
गया। (ख) से (घ) जानकारी
संकलित की जा
रही है।
प्राथमिक शिक्षा के लिए स्कूल खोले जाना
94. ( क्र. 754 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक शिक्षा के लिये स्कूल खोले जाने की वर्तमान में क्या नीति है? मिडिल स्कूल, हाई स्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूल खोले जाने की क्या नीति वर्तमान में है? नियम, निर्देश की प्रति के साथ जानकारी दें? (ख) शासकीय स्तर पर संचालित प्राथमिक स्कूल, मिडिल स्कूल, हाई स्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूलों को बंद किया जाकर अन्य स्कूलों में समायोजित किये जाने या मिलाये जाने की क्या नीति बनाई गई है उस नीति का क्रियान्वयन किस दिनांक से किया जाना प्रस्तावित किया गया है? (ग) शहडोल संभाग के शहडोल, उमरिया, अनूपपुर जिले में वर्तमान में किस विभाग के द्वारा कितने प्राथमिक स्कूल, मिडिल स्कूल, हायर सेकण्डरी स्कूल एवं हाई स्कूल संचालित किये जा रहे है? कितने-कितने निजी स्कूल संचालित किये जा रहे है? पृथक-पृथक सूची उपलब्ध करायें? (घ) प्रश्नांश (ग) के जिलों में शासकीय स्तर पर संचालित कितने स्कूलों को बंद किया जाना प्रस्तावित है उन स्कूलों को कब तक बंद कर दिया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) शासकीय प्राथमिक विद्यालय से माध्यमिक विद्यालय के संबंध में उन्नयन हेतु निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 अंतर्गत निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियम 26 मार्च 2011 की धारा-4 में पड़ोस के तहत-‘‘ (1) क्षेत्र या पड़ोस की सीमाएं जिनके भीतर राज्य सरकार द्वारा स्कूल स्थापित किया जाना है नियम 2 के उपनियम (1) के खण्ड (ट) में यथा परिभाषित क्षेत्र या सीमा होगी परंतु यदि क्षेत्र के भीतर किसी बसाहट या पड़ोस की सीमा में एक कि.मी. की परिधि के भीतर प्रायमरी स्कूल की सुविधा नहीं है और 6 से 11 वर्ष की आयु के कम से कम 40 बच्चे उपलब्ध है तो राज्य सरकार ऐसी बसाहट में प्रायमरी स्कूल की सुविधा उपबंध करेगी परंतु यह और कि यदि क्षेत्र के भीतर बसाहट या पड़ोस की सीमा के भीतर तीन कि.मी. की परिधि में कोई मिडिल स्कूल की सुविधा उपलब्ध नहीं है और 11 से 14 वर्ष की आयु के कम से कम 12 बच्चे उपलब्ध है, तो राज्य सरकार ऐसी बसाहट में मिडिल स्कूल की सुविधा उपबंध करेगी। हाई स्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूल के मापदण्ड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चौकीदार एवं सुरक्षाकर्मियों का मानदेय भुगतान
95. ( क्र. 755 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्रमायुक्त, मध्यप्रदेश, इंदौर द्वारा वन विभाग की संयुक्त वन प्रबंधन समितियों में कार्यरत चौकीदार एवं छात्रावास-आश्रम में कार्यरत पार्ट-टाईम कर्मियों को किये जाते रहे भुगतान संबंधी विगत दो वर्षों में जाँच के दिये गये निर्देशों के बाद भी शहडोल संभाग के शहडोल, उमरिया एवं अनूपपुर जिले में श्रम विभाग द्वारा जाँच कर प्रश्नांकित दिनांक तक भी कार्यवाही नहीं की गई है? (ख) श्रमायुक्त द्वारा विगत दो वर्षों के दौरान किस दिनांक को जारी पत्र में क्या-क्या निर्देश दिये गये, उस निर्देश के अनुसार किस जिले की कितनी संयुक्त वन प्रबंधन समितियों एवं कितने आश्रम छात्रावासों को प्रश्नांकित दिनांक तक श्रम विभाग ने जाँच कर कितने कर्मियों के बयान दर्ज करायें? (ग) श्रम अधिनियम 1948 में चौकीदार एवं सुरक्षाकर्मियों को मानदेय का भुगतान किये जाने एवं रसोईये, सफाईकर्मी, चौकीदार को पार्ट टाईम मजदूरी का भुगतान किये जाने का प्रावधान दिया है? भुगतान की दर निर्धारित करने का अधिकार किस धारा में किसको दिया गया है? (घ) श्रमायुक्त द्वारा जारी पत्रों के अनुसार श्रम विभाग कब तक सभी के बयान दर्ज कर कम भुगतान की गई अंतर की राशि के भुगतान हेतु प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत करेगा? समय-सीमा सहित बतायें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) श्रमायुक्त, म.प्र. के निर्देश के अनुक्रम में शहडोल संभाग में वांछित जाँच की गई है। जाँच के दौरान निर्धारित दर से कम भुगतान के प्रकरण नहीं पाये गए। अतः अनुवर्ती कार्यवाही की स्थिति निर्मित नहीं हुई। (ख) श्रमायुक्त द्वारा प्रश्नांकित अवधि में पत्र क्र. 1/4/नवम/प्रवर्तन/2014/ 32473-525 दिनांक 01.10.2014 जारी कर निर्देश दिए गए थे कि समितियों द्वारा स्वंय के सदस्यों से स्वेच्छा से सुरक्षा कार्य कराए जाने पर नियुक्त-नियोक्ता संबंध स्थापित नहीं होते हैं तथा ऐसे सदस्य कर्मकार की परिधि में नहीं आते है। जहाँ समितियों द्वारा सुरक्षाकर्मी अथवा चौकीदार के रूप में अन्य व्यक्तियों से कार्य कराया जाता है, वहाँ यह सुनिश्चित किया जाए कि यह कार्य वास्तव में पूर्णकालिक है अथवा अंशकालिक, इस आधार पर उन्हें निर्धारित वेतन का भुगतान सुनिश्चित कराया जाए। तद्नुसार वन विभाग से जिले में कार्यरत संयुक्त वन प्रबंधन समितियों की जानकारी प्राप्त कर उनके न्यूनतम वेतन अधिनियम, 1948 के अंतर्गत निरीक्षण कराए जाए तथा उनमें कार्यरत श्रमिकों को न्यूनतम वेतन का भुगतान सुनिश्चित कराया जावे एवं उल्लंघन पाए जाने पर यथोचित वैधानिक कार्यवाही की जावे। उक्त निर्देशों के पश्चात् शहडोल संभाग के अनूपपुर एवं शहडोल जिले में दो-दो छात्रावासों में कार्यरत 12 श्रमिकों के बयान दर्ज किये गये। (ग) श्रम अधिनियम, 1948 नाम से कोई श्रम अधिनियम नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। तथापि न्यूनतम वेतन अधिनियम, 1948 की धारा 3 में राज्य शासन को अधिसूचित नियोजनों में न्यूनतम वेतन की दर निर्धारित करने का अधिकार है। अधिनियम की धारा 2 (डी) में श्रम आयुक्त को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर परिवर्तनशील मंहगाई भत्ता निर्धारित करने के अधिकार दिए गए हैं। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बेबी किट/मदर किट का प्रदाय
96. ( क्र. 759 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला चिकित्सालय भिण्ड में बेबी किट/मदर किट प्रदाय की जाती है? यदि हाँ, तो जनवरी 13 से जून 16 तक किन को प्रदाय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत क्या प्रावधान निर्धारित किए गए हैं? जनवरी 13 से जून 16 तक कितना बजट दिया गया? कितना व्यय किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत किस संस्था से किस आदेश के तहत कितनी बेबी किट/मदर किट क्रय की गई? किस चिकित्सालय को कितनी आवंटित की गई? (घ) क्या ग्रामीण क्षेत्र में बेबी किट/मदर किट प्रदाय नहीं की जाती है? ग्रामीण क्षेत्र के चिकित्सालय के द्वारा हितग्राहियों को क्यों नहीं दी जा रही है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। एस.सी.एन.यू. में भर्ती नवजात शिशुओं व मेटरनिटी वार्ड की प्रसूताओं को किट प्रदाय की गई है। (ख) शासकीय चिकित्सालय में प्रसव होने पर प्रसूता को मदर किट/बेबी किट प्रदाय करने का प्रावधान है। राज्य एवं एन.एच.एम. के जे.एस.एस.के मद से बेबी किट/मदर किट का उपार्जन किया जाता है। आवंटित बजट एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत म.प्र. राज्य हथकरघा बुनकर सहकारी संघ मर्यादित एवं म.प्र. राज्य पावरलुम बुनकर सहकारी संघ से भण्डार क्रय नियमों के तहत बेबी किट/मदर किट क्रय की गई है। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’’अ’’ एवं प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है। (घ) जी नहीं, ग्रामीण क्षेत्र में भी बेबी किट/मदर किट प्रदाय की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बस्ती विकास मद में गंभीर अनियमितता
97. ( क्र. 760 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के अंतर्गत जनवरी 14 से 30-6-16 तक किन ग्राम पंचायतों में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा हरिजन बस्ती विकास मद में से कार्य स्वीकृत किए गए? उनमें अनु. जाति का कितना प्रतिशत निवासरत है? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत किसकी अनुशंसा से कार्य स्वीकृत किए गए? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कार्य स्वीकृति के लिए क्या प्रावधान है? क्या 50 प्रतिशत अनुसूचित जाति आबादी वाले प्रकरण स्वीकृत होंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) भिण्ड विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत जनवरी 14 से जून 16 तक कहाँ पर कार्य स्वीकृत किए गए?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) अनुसूचित जाति बस्ती विकास नियमों में कार्य की स्वीकृति हेतु अनुशंसा प्राप्त करने का प्रावधान नहीं है। (ग) अनुसूचित जाति बाहुल्य बस्ती से तात्पर्य ऐसे ग्रामों/बस्ती/वार्ड/मजरे/टोलों/पारों से है जिनमें वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार अनुसूचित जातियों की जनसंख्या, कुल जनसंख्या का 40 प्रतिशत या उससे अधिक हो अथवा जहाँ कम से कम अनुसूचित जातियों के 20 परिवार निवास करते हों। अनुसूचित जाति की आबादी के प्रतिशत घटते अनुक्रम में सूची तैयार की जायेगी। यह सूची जिले के लिए अनिवार्य प्राथमिकता क्रम में होगी। उपलब्ध राशि से कार्य स्वीकृत करते समय सबसे अधिक प्रतिशत आबादी वाली बस्तियों में प्राथमिकता से कार्य स्वीकृत किये जायेंगे। प्रस्तावित बस्तियों में प्रकरण स्वीकृति संबंधी समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
सुल्तानिया जनाना अस्पताल के अधीक्षक का प्रभार
98. ( क्र. 773 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राज्यमंत्री,चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. चिकित्सा विभाग ने अपने आदेश क्र. एफ.13-4/2007/1/55 दिनांक 10.2.2010 में तत्कालीन अधीक्षक डॉ. करण पीपरे को क्रय में अनियमितता करने के आरोप में दो वेतन वृद्धियां संचयी प्रभाव से रोकने के दंड से दंडित किया है? (ख) क्या सुल्तानिया जनाना अस्पताल भोपाल के अधीक्षक रहते हुए डॉ. करण पीपरे पर गंभीर अनियमितता के आरोप प्रमाणित होने के बाद भी अस्पताल अधीक्षक पद का प्रभार दिया गया? (ग) क्या क्रय में अनियमितता करने वाले डॉ. करण पीपरे को सुल्तानिया जनाना अस्पताल भोपाल के अधीक्षक पद से हटाकर स्वच्छ छवि के योग्य डॉक्टर की नियुक्ति की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री,चिकित्सा शिक्षा ( श्री शरद जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) डॉ. करण पीपरे, प्राध्यापक, रेडियोथेरेपी विभाग, चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल के विरूद्ध दण्डावधि समाप्त हो जाने के कारण प्रशासकीय आधार पर अधीक्षक सुल्तानिया जनाना चिकित्सालय, भोपाल का अतिरिक्त प्रभार जनहित में प्रशासकीय दृष्टि से दिया गया है। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मजदूरों का शोषण
99. ( क्र. 780 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग की जानकारी में है कि वर्ष 2016-17 में सागर जिले के वनमंडल अधिकारियों के द्वारा दूसरे जिले के मजदूरों से कार्य कराकर उनकी मजदूरी का भुगतान नहीं किया? जिसके कारण उन्हें माह जून 2016 में सागर के कलेक्टर कार्यालय में धरना देना पड़ा? (ख) क्या मजदूरों को उनकी मजदूरी का पैसा न मिलने पर वे श्रम कार्यालय भी गये थे, परन्तु उनकी शिकायत विभाग द्वारा नहीं ली गयी न ही उनके हित संरक्षित किये गये? (ग) विभाग ने मजदूरों के हित संरक्षित करने के लिये इस प्रकरण में अपनी ओर से क्या कार्यवाही की है? (घ) यदि श्रम विभाग द्वारा प्रश्नांश कंडिका (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रकरण में कोई कार्यवाही नहीं की गयी है, तो क्यों? क्या श्रम विभाग मजदूरों के हित संरक्षण की दिशा में कार्यवाही/पहल करेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) जी नहीं। श्रम कार्यालय सागर में इस आशय की जानकारी नहीं है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) - (ख) के उत्तर से स्पष्ट है कि श्रम कार्यालय में शिकायत प्राप्त नहीं होने से कार्यवाही नहीं की गई। तथापि वन मंडल अधिकारी, उत्तर वन मंडल सागर ने प्रश्न के संबंध में जानकारी दी है कि श्रमिकों का भुगतान माह जून, 2016 में कर दिया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भोपाल के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा कार्यक्षेत्र का उल्लंघन
100. ( क्र. 784 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के भोपाल जिले के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के मध्य कार्य विभाजन किया गया है? यदि हाँ, तो इसकी पूरी जानकारी आदेश/आदेशों की छायाप्रति सहित देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कौन-कौन से खाद्य सुरक्षा अधिकारी सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना अन्य दूसरे खाद्य सुरक्षा अधिकारी के आवंटित क्षेत्रों में विधि विरूद्ध नमूना कार्य/निरीक्षण कर रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने जिन अन्य क्षेत्रों में नमूने लिये हैं, उनकी जानकारी संस्थान नामवार, नमूनावार, दिनांक, स्थान नाम सहित विगत 1 वर्ष के संदर्भ में देवें? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार अन्य क्षेत्रों में कार्य संचालन के लिये दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? समय-सीमा बतावें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ। आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’ अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब’ अनुसार है। (ग) तीन खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा बिना अभिहित अधिकारी की अनुमति के अधिकारिता से बाहर नमूना लेने की कार्यवाही की गई है, जिनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा रही है।
जिला शिक्षा अधिकारी राजगढ़ द्वारा गलत जानकारी दी जाना
101. ( क्र. 785 ) श्री बाला बच्चन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शिक्षा अधिकारी राजगढ़ द्वारा कलेक्टर राजगढ़ को भेजे गए पत्र क्र./शिकायत/टी.एल.2016/1788, दिनांक 23.05.16 में श्री नरेश गोयल के विरूद्ध विभागीय जाँच प्रचलन में होना बताया गया? क्या यह सत्य है? (ख) यदि हाँ, तो इस विभागीय जाँच की पूरी जानकारी की प्रमाणित प्रति देवें? यह जाँच कब से चल रही है? किस स्तर के अधिकारी द्वारा यह जाँच की जा रही है? उनका नाम, पदनाम सहित बतावें? (ग) यदि विभागीय जाँच 23.05.16 के पहले नहीं चल रही थी तो किस कारण से ये जानकारी शासन को दी गई? स्पष्ट करें? (घ) विभागीय जाँच प्रचलन की गलत जानकारी देने वाले संबंधित अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? समय-सीमा बतावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (ग) श्री नरेश गोयल की विभागीय जाँच दिनांक 06.05.2015 से संस्थित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
उज्जैन D.E.O./J.D. द्वारा सामग्री क्रय
102. ( क्र. 788 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दि. 01.01.13 से 30.05.16 तक उज्जैन D.E.O./J.D. द्वारा क्रय की सामग्री की जानकारी सामग्री नाम, सप्लाई फर्म का नाम, फर्म द्वारा प्रस्तुत बिल, फर्म का टिन नंबर, फर्म का सेल्स टैक्स नंबर सहित वर्षवार बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार इन फर्मों को किए भुगतान की जानकारी भी रसीद/प्राप्ति के अनुसार वर्षवार बतावें? (ग) इसके लिए की गई टेंडर प्रक्रिया की पूरी जानकारी (क) अनुसार समयावधि की देवें? (घ) क्या बिना टेंडर प्रक्रिया के उपरोक्त खरीदी की गई? यदि हाँ, तो इसके दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जिला शिक्षा अधिकारी उज्जैन द्वारा क्रय की गई सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जिसमें सामग्री का नाम कालम नंबर 4,फर्म का नाम कालम नंबर 5, फर्म का टिन नंबर कालम नंबर 6, फर्म द्वारा प्रस्तुत बिल क्रमांक व दिनांक कालम नंबर 7, फर्म का सेल्स टेक्स नंबर कालम क्रमांक 8 पर वर्षवार अंकित है। संयुक्त संचालक लोक शिक्षण उज्जैन संभाग द्वारा क्रय की गई सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है, जिसमें सामग्री का नाम कालम नंबर 2, फर्म का नाम कालम नंबर 4, फर्म का टिन नंबर कालम नंबर 6, फर्म द्वारा प्रस्तुत बिल क्रमांक व दिनांक कालम नंबर 5, फर्म का सेल्स टेक्स नंबर कालम क्रमांक 6 पर वर्षवार अंकित है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार फर्मों को किये गये भुगतान की जिला शिक्षा अधिकारी उज्जैन की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के कालम क्रमांक 10 एवं संयुक्त संचालक लोक शिक्षण उज्जैन संभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब के कालम क्रमांक 7 पर संलग्न है। (ग) क्रय की गई सामग्री के लिये टेंडर प्रक्रिया की जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी उज्जैन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के कालम 11 एवं संयुक्त संचालक लोक शिक्षण उज्जैन संभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब के कालम 8 पर अंकित है। (घ) प्रश्नांश की जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी उज्जैन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के कालम 11 एवं संयुक्त संचालक लोक शिक्षण उज्जैन संभाग पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब के कालम 8 अनुसार है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
ग्रेसीम इंडस्ट्रीज के प्रकरणों की अद्यतन स्थिति
103. ( क्र. 789 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा जं. उज्जैन जिला स्थित ग्रेसीम इंडस्ट्रीज के विरूद्ध चल रहे प्रकरणों की अद्यतन स्थिति बतावें। (ख) इन प्रकरणों में विगत 01 वर्ष में कितनी तारीखें लगी और इनमें कितनी तारीखों में उद्योग के अधिकारी उपस्थित नहीं हुए? उपस्थित न होने के कारण स्पष्ट करें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज, नागदा के विरूद्ध सहायक श्रम आयुक्त कार्यालय, उज्जैन से प्राप्त प्रचलित न्यायालयीन प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर अनुसार है तथा उप संचालक कार्यालय, औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा, उज्जैन से प्राप्त प्रचलित न्यायालयीन प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर अनुसार । (ख) सहायक श्रम आयुक्त कार्यालय, उज्जैन द्वारा दायर प्रकरणों में न्यायालयों में विभिन्न प्रकरणों में 4 से 7 तारीखें लगी है। जिनमें उद्योग के अधिकारी/संबंधित पक्षकार उपस्थित नहीं होने की जानकारी है। जिसका कारण न्यायालय द्वारा कतिपय प्रकरणों में प्रेषित नोटिस तामील नहीं होना बताया गया है। उप संचालक कार्यालय, औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा, उज्जैन द्वारा दायर प्रकरणों में न्यायालयों में विभिन्न प्रकरणों में 3 से 6 तारीखें लगी है। इनमें 2 प्रकरणों के अतिरिक्त अन्य में उद्योग के अधिकारी/संबंधित पक्षकार के उपस्थित होने की जानकारी नहीं है। न्यायालय में उपस्थित नहीं होने के कारण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर अनुसार ।
हाई स्कूल व हायर सेकण्डरी स्कूलों का उन्नयन
104. ( क्र. 793 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2012 से अभी तक कितने हाई स्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूलों के उन्नयन के प्रस्ताव विभाग द्वारा भेजे गये हैं और उन प्रस्तावों में से कितने हाई स्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूलों के उन्नयन के प्रस्तावों को स्वीकृति दी जा चुकी है? कितने प्रस्तावों को विभाग द्वारा निरस्त किये गये हैं? इन प्रस्तावों को निरस्त करने का क्या कारण है? (ख) परासिया विधान सभा क्षेत्र में ऐसे कितने हाई स्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूल संचालित हैं, जिनके लिए सरकारी भवन उपलब्ध नहीं है? ऐसे सभी हाई स्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूलों के लिए सरकारी भवन निर्माण कार्यों की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विभाग द्वारा भेजे गए प्रस्तावों में से 01 शास. हाई स्कूल दबक एवं 04 उ.मा.वि. (1) शा. उ.मा.वि. झुर्रेमाल (2) शा. उ.मा.वि. कोहका (3) शा. उ.मा.वि. कोठार (4) शा. उ.मा.वि. मानकादेही खुर्द का उन्नयन किया गया है। सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण सभी शालाओं का उन्नयन संभव नहीं हो पाता है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) परासिया विधान सभा क्षेत्र में 06 हाई स्कूल एवं 08 हायर सेकण्डरी संचालित है, जिनके स्वयं के भवन नहीं है परंतु उक्त सभी हाई स्कूल एवं हायर सेकण्डरी उसी ग्राम में माध्यमिक शाला भवन अथवा अन्य शासकीय भवनों में संचालित है। भवन निर्माण बजट प्रावधान उपलब्धता पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
डी.एड. पाठ्यक्रम की मान्यता
105. ( क्र. 796 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या डॉ. भीमराव अम्बेडकर हेल्थ एण्ड एज्यूकेशन सोसायटी टिमरनी जिला हरदा को म.प्र. शासन से उच्च शिक्षा विभाग या मा.शि. मण्डल भोपाल से मान्यता प्राप्त है? यदि हाँ, तो क्या डी.एड. पाठ्यक्रम की मान्यता है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में डी.एड. उपाधि प्राप्त अभ्यर्थी को संविदा के रूप में नियुक्ति दी गई है और दी गई है तो उनके नाम की जानकारी बतावें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या नियुक्ति नहीं दी गई है? माननीय न्यायालय में याचिका लगाई जाने के बाद मा. न्यायालय से जीतने वालों की सूची भी उपलब्ध करावें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) डॉ. भीमराव अम्बेडकर हेल्थ एण्ड एज्यूकेशन सोसायटी टिमरनी हरदा से डी.एड. उपाधि प्राप्त किसी भी अभ्यार्थियों को स्कूल शिक्षा विभाग जिला हरदा अंतर्गत संविदा शाला शिक्षक के पद पर नियुक्ति नहीं दी गई है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। न्यायालयीन प्रकरण का स्पष्ट उल्लेख नहीं होने से जानकारी दी जाने में कठिनाई है।
बिना पी.एफ. नम्बर ग्रेच्युटी कर्मचारी की सूची
106. ( क्र. 797 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतन एम्पोरियम धार, कामनेत्र सिक्योरिटी एजेंसी इंदौर, ईगल सिक्योरिटी एजे. भोपाल के कितने कर्मचारी कहाँ-कहाँ कार्यरत हैं? कर्मचारी का नाम, कार्य स्थान नाम, एजेंसी नाम सहित बतावें? (ख) प्रश्न (क) अनुसार इन एजेंसियों के कितने कर्मचारियों का P.F. ग्रेच्युटी आदि अन्य कटौत्रे किए गए? उन कर्मचारियों के नाम, P.F. नंबर कटौत्रा राशि सहित विगत 2 वर्ष की जानकारी वर्षवार देवें? (ग) बिना P.F. नंबर, ग्रेच्युटी सुविधा के कितने कर्मचारी कार्यरत हैं? उनकी सूची देवें?
खाद्य मंत्री ( श्री ओम प्रकाश धुर्वे ) : (क) (1) रतन एम्पोरियम धार के कार्यरत कर्मचारियों संबंधी वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (2) कामनेत्र सिक्योरिटी एजेंसी, इंदौर के नाम से कार्यरत एजेंसी विभागीय रिकार्ड में नहीं है। (3) ईगल सिक्योरिटी सर्विसेज एण्ड लेबर सप्लायर्स, भोपाल के कार्यरत कर्मचारियों संबंधी वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) कर्मचारियों से ग्रेच्युटी के संबंध में कटौत्रे का प्रावधान नहीं है। पी.एफ. (प्रोवीडेंट फण्ड) नम्बर एवं कटौत्रे संबंधी जानकारी राज्य के श्रम विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। (ग) वांछित जानकारी राज्य के श्रम विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है।
सेवा से पृथक किये गये कर्मचारी की बहाली
107. ( क्र. 811 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड भोपाल के एक कर्मचारी को वर्ष 2009 में गबन एवं गंभीर आर्थिक अनियमितताओं का दोषी पाये जाने के कारण सेवा से पृथक किया गया था तथा लोकायुक्त प्रकरण में शासन द्वारा कराई गई जाँच में भी उक्त कर्मचारी को गबन के लिए संदिग्ध पाया गया था एवं क्या गबन के आरोपी कर्मचारी को नियम विरूद्ध एवं अधिकारविहीन रूप से पुन: सेवा में बहाल कर दिया है तथा उक्त सेवा से पदच्युति अवधि में से दो वर्ष की राशि का भुगतान भी अधिकार विहीन रूप से किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त अनियमितता के लिये कौन अधिकारी दोषी हैं? उनके विरूद्ध अब तक क्या जाँच व कार्यवाही की गई तथा बर्खास्तशुदा कर्मचारी से गबन की गई राशि तथा उसे भुगतान की गई वेतन की राशि अब तक वसूल की गई अथवा नहीं? यदि नहीं, की गई तो क्यों तथा जब स्वंय बोर्ड यह मानता है कि यह अनियमितता है तो कार्यवाही में विलंब का क्या कारण है तथा उक्त कार्यवाही कब तक कर ली जावेगी? (ग) जब कर्मचारी को नियम विरूद्ध सेवा में बहाल किया गया है तो उसे सेवा से अब तक पृथक किया गया अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों तथा उसे कब तक सेवा से पृथक कर प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित राशि की वसूली मय ब्याज की जायेगी ? निश्चित समयावधि बतायें ।
राज्यमंत्री,पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रकरण का परीक्षण किया जा रहा है। परीक्षणोपरान्त गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ग) प्रश्नांश (ख) भाग में वर्णित उत्तर के अनुसार प्रकरण में अनियमित कार्यवाही पाये जाने पर वक्फ बोर्ड स्तर से नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। इस हेतु निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली व स्वीकृत पदों पर पदस्थापना
108. ( क्र. 816 ) श्री हर्ष यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवरी विधान सभा क्षेत्र में वर्तमान में कितने व कहाँ-कहाँ उपस्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हैं? इनमें किस-किस वर्ग के कितने-कितने स्वीकृत पद रिक्त हैं? रिक्त पदों पर पदस्थापना हेतु क्या प्रयास किये गये हैं? (ख) चिकित्सक विहीन स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सा सुविधायें कैसे संचालित की जाती हैं? क्या शासकीय अस्पताल देवरी में 5 जून 2016 को चिकित्सा अधिकारी की अनुपस्थिति व इलाज न हो पाने के कारण 4 दिन के शिशु की असमय मौत हो गई? इन अव्यवस्थाओं को ठीक किये जाने हेतु विभाग द्वारा क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (ग) तहसील स्तर पर पोस्ट-मार्टम कक्षों को सुविधा व उपकरण युक्त करने हेतु क्या प्रयास किये गये हैं? सागर जिला चिकित्सालय में शव रखने हेतु केबिनेट बॉडी क्रय किये जाने के बावजूद उपयोग न किये जाने के क्या कारण हैं? इस हेतु कौन उत्तरदायी है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है। प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी है, प्रदेश में चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती हेतु लगभग प्रतिवर्ष ही मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग को मांग पत्र प्रेषित किए जा रहे हैं। पैरामेडिकल संवर्ग के कर्मचारियों हेतु हाल ही में 950 पदों की पूर्ति मध्यप्रदेश व्यवसायिक परीक्षा मण्डल से प्राप्त चयन सूची अनुसार की गई है जिसके अंतर्गत 19 फार्मासिस्ट ग्रेड-1, 07 लेब टेक्नीशियन एवं 04 रेडियोग्राफर का आवंटन सागर सी.एम.एच.ओ. के अधीन किया गया है। नर्सिंग संवर्ग में पदोन्नति/सीधी भर्ती की कार्यवाही निरंतर जारी है। हाल ही में बंध-पत्र के अनुक्रम में आदेश दिनांक 17.6.2016 के द्वारा 02 चिकित्सकों की पदस्थापना सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, देवरी की गई है। पदपूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है। (ख) चिकित्सक विहिन संस्थाओं में वैकल्पिक व्यवस्था की जाती है। यह सही नहीं है कि 05 जून 2016 को चिकित्सा अधिकारी की अनुपस्थिति में इलाज न होने के कारण 2 दिन के शिशु की असमय मौत हो गई, शिशु की मौत अस्पताल में लाने के पूर्व हो चुकी थी। अनुपस्थित चिकित्सक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। (ग) तहसील स्तर पर पोस्ट मार्टम की सुविधा एवं आवश्यक उपकरण उपलब्ध हैं। सागर जिला चिकित्सालय में शव रखने हेतु केबिनेट बॉडी का उपयोग किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सी.बी.आई. के साथ हुए पत्र व्यवहार का विवरण
109. ( क्र. 817 ) श्री हर्ष यादव : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 में हुए स्किल डेव्हलपमेंट राशि डायवर्सन की अनुमति के संबंध में दिनांक 31 मार्च 2015 से अब तक भारत सरकार से कब-कब पत्र व्यवहार किये गये? पत्रों की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या केन्द्र सरकार से फंड डायवर्सन की अनुमति प्राप्त हो गई है? यदि हाँ, तो पत्र की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या स्किल डेव्हलपमेंट की राशि डायवर्सन बाबत् अप्रैल 2015 से दिसम्बर 2015 की अवधि में आदिम जाति कल्याण विभाग व सी.बी.आई. के बीच पत्राचार हुआ था? यदि हाँ, तो समस्त पत्राचार की प्रति उपलब्ध करावें? (घ) वर्ष 2014-15 में स्किल डेव्हलपमेंट के अलावा अन्य किन-किन मदों की राशि को अन्य कार्यों में उपयोग का आवंटित किया गया और क्यों?
आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश अवधि में कोई पत्राचार नहीं हुआ हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लेखापाल के पद पर भर्ती
110. ( क्र. 821 ) डॉ.
गोविन्द सिंह :
क्या स्कूल
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) सर्व
शिक्षा
अभियान के तहत
वर्ष 2014-15, 2015-16 से 2016-17
की भारत सरकार
को कितनी राशि
का प्रस्ताव
अनुमोदन हेतु
भेजा गया? उक्त वर्षों
में भारत शासन
से बजट स्वीकृति
के तहत कितनी
राशि प्राप्त
हुई? (ख) प्रश्नांश
(क) में
प्राप्त
राशि में से
स्वीकृत
कार्ययोजना
के किस किस मद
में कितनी राशि
खर्च की गई? (ग) सर्व
शिक्षा
अभियान के तहत
राज्य
शिक्षा केन्द्र
में पदीय संरचना, जिला स्तरीय
पद विकासखण्ड
स्तरीय पद
में से कितने
पद
प्रतिनियुक्ति
से तथा संविदा
से भरे गए हैं? (घ) राज्य
शिक्षा केन्द्र
के विकासखण्ड
स्तरीय पद
लेखापाल के
सीधी भर्ती से
स्वीकृत 2208 पदों
में से कितने
पद भरे हैं
तथा शेष की
भर्ती अभी तक
क्यों नहीं
की गई?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री (
कुँवर विजय
शाह ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-1 पर है। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-2 पर है।
(ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-3 पर है। (घ)
भारत सरकार
की प्रोजेक्ट
एप्रूवल
बोर्ड द्वारा
सर्वशिक्षा
अभियान मिशन
की वार्षिक
कार्ययोजना
वर्ष 2015-16
में
प्रस्तावित 2208
लेखापाल के
पदों में से
पूर्व से
विकासखण्ड स्तरीय
पदों पर
संविदा/प्रतिनियुक्ति
आधार पर
कार्यरत
लेखापालों को
समाहित करते
हुए 244
लेखापाल के
पदों की ही
स्वीकृति
प्रदान की गई
थी। सर्वशिक्षा
अभियान मिशन
की वार्षिक
कार्ययोजना
वर्ष 2016-17
में भी
लेखापाल के 2208 पदों की
पूर्ति के
संबंध में बजट
प्रस्तावित किया
गया था। मानव
संसाधन विकास
मंत्रालय, नई
दिल्ली के
पत्र दिनांक 30.6.2016 द्वारा
प्रोजेक्ट
एप्रूवल
बोर्ड के
कार्यवाही
विवरण अनुसार
वर्ष 2016-17
हेतु वर्ष 2015-16 के
स्वीकृत
लेखापाल के
पदों के
अतिरिक्त 399
लेखापाल के
पदों की
स्वीकृति दी
गई है।
राजीव गांधी शिक्षा मिशन के तहत निर्माण कार्य
111. ( क्र. 840 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वित्त वर्ष 2009-10 से प्रश्न दिनांक तक राजीव गांधी शिक्षा मिशन के तहत कहाँ-कहाँ पर कितनी लागत से कौन-कौन से निर्माण प्रारंभ कराये गये? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित निर्माण कार्यों की निर्माण एजेन्सी कौन थी एवं इनमें से कितने निर्माण कार्य कब पूर्ण हुये कितने किन कारणों से प्रश्न दिनांक तक अपूर्ण हैं? सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (क) उल्लेखित निर्माण कार्यों का क्या संपूर्ण भुगतान कर दिया गया है? यदि नहीं, तो किन निर्माण कार्यों का कितना भुगतान शेष है? अभी तक भुगतान न होने के क्या कारण हैं क्या शासन इसकी जाँच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित निर्माण कार्यों की निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत, शाला प्रबंधन समिति, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा थी। 362 निर्माण कार्य पूर्ण करा लिये गये हैं, शेष 31 अपूर्ण निर्माण कार्य स्पिल ओवर की राशि प्राप्त न होने के कारण अपूर्ण है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ग) जी नहीं, 12 पूर्ण निर्माण कार्यों की राशि रूपये 15.84 लाख एवं 31 अपूर्ण निर्माण कार्यों की राशि रूपये 42.61 लाख का भुगतान शेष है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। भारत शासन से पर्याप्त आवंटन (स्पिल ओवर की राशि) प्राप्त न होने के कारण। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
पाटन विधान सभा अंतर्गत संचालित शासकीय शालायें
112. ( क्र. 841 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन सी प्राथमिक शाला, मिडिल स्कूल, हाई स्कूल, हायर सेकण्डरी स्कूल शासन द्वारा संचालित हैं? छात्र-छात्राओं की दर्ज संख्या एवं कार्यरत शिक्षकों की संख्या सहित सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कौन-कौन सी प्राथमिक शाला, मिडिल स्कूल एवं हाई स्कूल क्रमश: मिडिल स्कूल-हाई स्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूल में उन्नयन की पात्रता रखते हैं इन पात्र शालाओं का कब तक किस प्रकार से उन्नयन कर दिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कौन-कौन सी शालाएं भवन, बाउंड्रीवॉल, खेल मैदान, शौचालय विहीन हैं तथा कौन-कौन सी शालाएं जर्जर शाला भवनों में लग रही है सूची सहित संपूर्ण जानकारी देवें एवं उल्लेखित उक्त कमियां किस प्रकार से कब तक दूर कर दी जावेगी? (घ) शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शालाओं में किन-किन प्रकार के कौन-कौन से शिक्षक पदस्थ होना आवश्यक है? अधिनियम अनुरूप इनकी पदस्थापना कब तक किस प्रकार से कर दी जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार एवं अधिनियम 2009 अंतर्गत निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियम 26 मार्च 2011 की धारा-4 में पड़ोस की परिभाषा अनुसार माध्यमिक शाला की उपलब्धता है। वर्ष 2016-17 हेतु हाई स्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूल में उन्नयन से संबंधित प्रस्ताव सभी जिलों से मंगवाए जा रहे हैं। प्रस्तावों का परीक्षण किया जावेगा। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। कमियों की पूर्ति बजट एवं सक्षम स्वीकृति पर निर्भर करता है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। शिक्षकों के रिक्त पदों की पूर्ति संविदा शाला शिक्षकों की भर्ती/पदोन्नति/ स्थानांतरण/अतिथि शिक्षकों के माध्यम से की जाती हैं, जो एक सतत् प्रक्रिया है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
डॉक्टर एवं अन्य पदों की पूर्ति
113. ( क्र. 848 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पृथ्वीपुर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में डॉक्टर एवं अन्य स्टाफ के पद रिक्त है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से पद रिक्त हैं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रवार पदवार बतावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित पदों को भरा जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, भरा जावेगा तो कारण बतायें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। विभाग रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निरंतर प्रयास कर रहा है। प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी है, स्वीकृत प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी के कारण पदपूर्ति नहीं की जा सकी है, विशेषज्ञों के कुल स्वीकृत 3266 पदों के विरूद्ध मात्र 1245 विशेषज्ञ उपलब्ध हैं। चिकित्सकों की पदपूर्ति हेतु मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग में 1896 चिकित्सकों की भर्ती की कार्यवाही प्रचलन में है। पैरामेडिकल/नर्सिंग संवर्ग की पदपूर्ति की कार्यवाही निरंतर प्रचलन में है, पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
स्वीकृत एवं रिक्त पदों की पूर्ति
114. ( क्र. 849 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पृथ्वीपुर विधान सभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक कितने प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल, हायर सेकण्डरी स्कूल वर्तमान में संचालित हैं, की ग्रामवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित स्कूलों में किस-किस श्रेणी में कितने शिक्षक/कर्मचारी के पद स्वीकृत हैं? कितने खाली हैं एवं कितने भरे हैं? जानकारी दें। (ग) क्या उक्त रिक्त पदों को भरा जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो कारण बताएं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। पदपूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्कूलों का उन्नयन
115. ( क्र. 850 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पृथ्वीपुर विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 13-14 से अभी तक प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं का उन्नयनीकरण किया गया है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी शालाओं का ग्रामवार बताएं? (ख) क्या वर्ष 16-17 में विधान सभा क्षेत्र पृथ्वीपुर के प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं का उन्नयनीकरण का प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी? ग्रामवार बताएं। (ग) क्या प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं के उन्नयनीकरण हेतु शासन स्तर पर कोई मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या हैं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 अंतर्गत नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियम 26 मार्च 2011 की धारा-4 में पड़ोस की परिभाषा अनुसार- '' (1) क्षेत्र या पड़ोस की सीमाएं जिनके भीतर राज्य सरकार द्वारा स्कूल स्थापित किया जाना है नियम-2 के उपनियम (1) के खण्ड (ट) में यथा परिभाषित क्षेत्र या सीमा होगी: परन्तु यदि क्षेत्र के भीतर किसी बसाहट या पड़ोस की सीमा में एक कि.मी. की परिधि के भीतर प्रायमरी स्कूल की सुविधा नहीं है और 6 से 11 वर्ष की आयु के कम से कम 40 बच्चे उपलब्ध है तो राज्य सरकार ऐसी बसाहट में प्रायमरी स्कूल की सुविधा उपलब्ध करेगी परन्तु यह और कि यदि क्षेत्र के भीतर किसी बसाहट या पड़ोस की सीमा के भीतर 3 कि.मी. की परिधि में कोई मिडिल स्कूल की सुविधा उपलब्ध नहीं है और 11 से 14 वर्ष की आयु के कम से कम 12 बच्चे उपलब्ध है, तो राज्य सरकार ऐसी बसाहट में मिडिल स्कूल की सुविधा उपलब्ध करेगी ।