मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च, 2021 सत्र
गुरुवार, दिनांक 18 मार्च, 2021
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
आजीविका
मिशन के
अंतर्गत
अगरबत्ती
मशीनों का
क्रय
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
1. ( *क्र. 5144 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह-अक्टूबर, 2017 से फरवरी, 2021 तक की अवधि में आजीविका मिशन के अंतर्गत रायसेन, छतरपुर जिले के किन-किन विकासखण्डों में स्व-सहायता समूह, ग्राम संगठन एवं संकुल स्तरीय संगठन द्वारा कुल कितनी ऑटोमेटिक इलेक्ट्रॉनिक अगरबत्ती निर्माण की कितनी-कितनी मशीनें कितने-कितने मूल्य की किन एजेन्सी के माध्यम से किस कंपनी की खरीदी जाकर महिला स्व-सहायता समूह को उपलब्ध कराई गयी हैं एवं मशीनों के माध्यम से कितनी राशि की अगरबत्ती का निर्माण किया जाकर, उस राशि को किस खाते में डाला गया? उसकी ऑडिट रिपोर्ट के साथ अगरबत्ती निर्माण के लिये कच्चा माल क्रय करने की बिल वाउचर की छायाप्रति के साथ पृथक-पृथक ब्यौरा दें। (ख) क्या उक्त मशीनें महिला स्व-सहायता समूह द्वारा स्वयं जाकर धार जिले के बदनावर से खरीदी गईं हैं? यदि हाँ, तो उक्त किन-किन महिला स्व-सहायता समूहों को कितनी-कितनी राशि किस माध्यम से उपलब्ध करायी गयी? (ग) उक्त महिला स्व-सहायता समूह सदस्यों द्वारा क्या माइक्रो क्रेडिट प्लान में मशीन खरीदने संबंधी सहमति पंजीयन की जाती है? यदि हाँ, तो उक्त मशीन खरीदी की उन समूह सदस्यों के माइक्रो क्रेडिट प्लान की छायाप्रति उपलब्ध कराएं। यदि समूह सदस्यों के द्वारा माइक्रो क्रेडिट प्लान की गतिविधियों में उक्त गतिविधियों को शामिल नहीं किया गया तो उक्त मशीनें किन नियमों/प्रावधानों के तहत खरीदी गयीं? स्पष्ट करें। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के सहायक राज्य परियोजना प्रबंधक के पत्र क्रमांक 6810/रा.ग्रा.आ.मि./मिशन अंत्योदय/2017, दिनांक 23.10.2017 द्वारा समस्त जिला परियोजना प्रबंधक को भेजा गया था? यदि हाँ, तो पत्र का विवरण देवें। (ड.) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या महिला स्व-सहायता समूह द्वारा किये जा रहे अगरबत्ती निर्माण में की गयी अनियमितताओं आदि के संबंध में विभाग/अजीविका मिशन को शिकायतें प्राप्त हुईं हैं? यदि हाँ, तो कितनी शिकायतें किस-किस के संबंध में प्राप्त हुईं हैं और उनमें क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) माह अक्टूबर, 2017 से फरवरी, 2021 तक की अवधि में आजीविका मिशन के अंतर्गत रायसेन जिले के विकासखण्ड गैरतगंज, बेगमगंज, सिलवानी, उदयपुरा एवं बाड़ी विकासखण्डों में 23 मशीनें तथा छतरपुर जिले के नौगांव, राजनगर, बिजावर, बड़ामलहरा, बकस्वाहा, छतरपुर, लवकुशनगर एवं गौरिहार विकासखण्डों में कुल 51 मशीनें महिला स्व-सहायता समूहों एवं ग्राम संगठनों द्वारा क्रय की गईं। रायसेन के समूह/संगठनों द्वारा मशीनों से अगरबत्ती निर्माण किया गया, जिसके कच्चे माल की राशि रू. 1,59,980/- थी। इस राशि को पुनः कच्चा माल खरीदने एवं परिचालन लागत पर व्यय किया गया तथा लाभांश राशि रू. 5,200/- संगठन के खाते में डाली गयी। छतरपुर के समूह/संगठनों द्वारा कच्चे माल पर राशि रू. 12,46,320/- व्यय किया गया, जिसे पुनः कच्चा माल खरीदने एवं परिचालन लागत पर व्यय किया गया। रायसेन एवं छतरपुर में संबंधित समूह एवं संगठनों द्वारा ऑडिट नहीं कराया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ, रायसेन की कुल 04 महिला स्व-सहायता समूह सदस्यों द्वारा स्वयं जाकर 2 मशीनें धार जिले के बदनावर विकासखण्ड के क्रय की गईं। रायसेन जिले के हर्ष, शांति, सरस्वती एवं रोशनी स्व-सहायता समूहों को बदनावर विकासखण्ड से अगरबत्ती मशीन क्रय हेतु पृथक से कोई राशि प्रदाय नहीं की गई। जिला छतरपुर में धार जिले के बदनावर विकासखण्ड से अगरबत्ती की मशीन नहीं खरीदी गई। (ग) जी हाँ, महिला स्व-सहायता समूह सदस्यों द्वारा माइक्रो क्रेडिट प्लान में मशीन खरीदी संबंधी विवरण अंकित किया जाता है। रायसेन जिले में कुल 04 स्व-सहायता समूहों द्वारा 02 मशीनें क्रय की गईं, समूहों द्वारा माइक्रो क्रेडिट प्लान बनाया गया है। शेष 21 मशीनों का क्रय ग्राम संगठनों/ग्राम उत्थान समितियों द्वारा उपार्जन नियमों का पालन करते हुए किया गया, जो ग्राम संगठन/ग्राम उत्थान समिति के अधिकार क्षेत्र में है। छतरपुर जिले में आजीविका मिशन अंतर्गत 14 समूहों द्वारा मशीन खरीदी की गई जिसका माइक्रो क्रेडिट प्लान बनाया गया है। शेष 37 मशीनों का क्रय आजीविका मिशन अंतर्गत प्रदत्त राशि से नहीं किया गया है, अतः शेष जानकारी निरंक है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) राज्य कार्यालय से जारी मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों को पत्र क्रमांक 6810/रा.ग्रा.आ.मि./मिशन अंत्योदय/2017 भोपाल दिनांक 23.10.2017 का आशय था कि उत्कृष्ट एवं प्रभावी गैर कृषि गतिविधियों से समूह सदस्यों को जोड़ा जाए, जिससे ज्यादा से ज्यादा सदस्यों को आजीविका के नवीन अवसर लाभ प्राप्त हो सकें। क्षेत्रीय प्रयासों एवं प्रगति से भी राज्य कार्यालय को अवगत कराने की दृष्टि से भी पत्र भेजा गया था, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ड.) जी हाँ, उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में अनियमितता आदि के संबंध में विभाग एवं आजीविका मिशन को मुख्य कार्यपालन अधिकारी आजीविका मिशन, सहायक राज्य परियोजना प्रबंधक संचार, आजीविका मिशन, जिला परियोजना प्रबंधक छतरपुर एवं रायसेन जिले में पदस्थ आजीविका मिशन कर्मचारियों के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों पर जाँच कार्यवाही प्रचलन में है। जिला छतरपुर की शिकायत का एक बिन्दु आंशिक प्रमाणित पाये जाने पर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही के लिये कलेक्टर जिला छतरपुर को पत्र क्र. 6378, दिनांक 21.12.2020 से लेख किया गया है। शेष राज्य स्तर पर प्राप्त शिकायतों पर जाँच कार्यवाही प्रचलन में है।
पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत स्वीकृत निर्माण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
2. ( *क्र. 5396 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में जनवरी, 2018 से प्रश्न दिनांक तक ग्राम पंचायतों ने स्वीकृत सभी मदों के निर्माण कार्य को पूर्ण कर लिया है? (ख) क्या उन निर्माण कार्यों का भौतिक सत्यापन एवं मूल्यांकन करा लिया है? यदि नहीं, तो ऐसे कौन से निर्माण कार्य अपूर्ण हैं और क्यों? इन निर्माण कार्यों को कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (ग) क्या पंचायत विभाग के उपयंत्रियों द्वारा अपने क्षेत्रों में रूचि नहीं लिये जाने के कारण पंचायतों में अनेक निर्माण कार्य लंबित हैं? (घ) स्वीकृत निर्माण कार्यों को समय पर पूर्ण न करने पर विभाग द्वारा संबंधित ग्राम पंचायतों पर कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई? प्रश्नांश (क) की अवधि में किन-किन ग्राम पंचायतों में आर्थिक अनियमितता के प्रकरण दर्ज हुये? कितने प्रकरणों में सजा एवं आर्थिक दण्ड वसूली की कार्यवाही की गई? (ड.) क्या विभाग पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों के मांगलिक कार्यक्रमों हेतु पंचायत विभाग से प्रत्येक ग्राम पंचायत में मांगलिक भवनों की स्वीकृति जारी करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी नहीं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ के अंतर्गत जनपद पंचायत जैतहरी में ऐसा प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है। किंतु जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ में ग्राम पंचायत करपा, लपटी, पोंडी, सालरगांदी, किरगी एवं जरही इस प्रकार कुल 6 ग्राम पंचायतों में आर्थिक अनियमितता के प्रकरण विचाराधीन हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ड.) विभाग द्वारा समय-समय पर ग्राम पंचायत की मांग एवं बजट उपलब्धता अनुसार स्वीकृति जारी की जाती है।
स्वीकृत सामुदायिक भवनों के अपूर्ण कार्यों को पूर्ण किया जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
3. ( *क्र. 2621 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायती राज संचालनालय के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2018-19 में नीमच जिले में टाईप-1 एवं टाईप-2 सामुदायिक भवनों एवं उनकी बाउण्ड्रीवाल के निर्माण हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई है? जानकारी विधानसभा क्षेत्रवार उपलब्ध कराई जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत सामुदायिक भवनों के निर्माण हेतु प्रदाय राशि के विरुद्ध नीमच जिले में कितने सामुदायिक भवन एवं उनकी बाउण्ड्रीवाल पूर्ण हो चुकी हैं? पूर्ण एवं अपूर्ण निर्माण कार्यों की जिलेवार सूची उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शाये गये निर्माण कार्यों में से नीमच जिले के अपूर्ण सामुदायिक भवनों एवं उनकी बाउण्ड्रीवाल के निर्माण का कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) में दर्शाये गये निर्माण कार्यों को पूर्ण करने के संबंध में क्या संबंधित ग्राम पंचायतों को द्वितीय किश्त का भुगतान कर दिया गया है? यदि नहीं, तो कब तक द्वितीय किश्त का भुगतान कर दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वित्तीय वर्ष 2020-21 में बजट अभाव के कारण 06 निर्माण कार्यों की द्वितीय किश्त की राशि जारी नहीं की गई है। कार्य पूर्ण होने के संबंध में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) वित्तीय वर्ष 2020-21 में बजट अभाव के कारण 06 निर्माण कार्यों की द्वितीय किश्त की राशि जारी नहीं की गई है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मुरैना क्षेत्रांतर्गत नवीन सड़क का निर्माण
[लोक निर्माण]
4. ( *क्र. 5496 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुरैना क्षेत्र की बहुप्रतिक्षीत रोड जौरा से व्हाया निरार माता होते हुए पहाड़गढ़ तक एवं पहाड़गढ़ से सहसराम तक व सेमई से व्हाया रामपुर होते हुए, जिला श्योपुर की सीमा तक स्वीकृत होकर टेण्डर प्रक्रिया सम्पन्न की जा चुकी है? यदि हाँ, तो ठेकेदार कम्पनी द्वारा कब निविदायें डाली गयीं और किस दिनांक को निविदायें खोली गयीं? (ख) क्षेत्र की उक्त बहुप्रतीक्षित रोडों के लिए क्षेत्र की जनता निर्माण हेतु लालायित है, किंतु उक्त सड़क निर्माण में संबंधित ठेकेदार को कार्यादेश जारी क्यों नहीं किया जा रहा है और कब तक कार्यादेश जारी कर दिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में उक्त सड़क निर्माण हेतु कितनी बार निविदायें किस-किस प्रकार से जारी की गयीं और वर्तमान में किस ठेकेदार कम्पनी को किस दर पर निविदा प्राप्त हुई है? (घ) क्षेत्र की बहुप्रतीक्षित उक्त सड़क निर्माण को कब तक कार्यादेश जारी कर निर्माण प्रारंभ कराया जा सकेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांश में उल्लेखित सेमई से व्हाया रामपुर होते हुए श्योपुर जिले की सीमा तक का मार्ग स्वीकृत नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वर्तमान में निविदा प्रक्रियाधीन होने के कारण कार्यादेश जारी नहीं किया जा सका है। अत: समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है एवं नियमानुसार निविदा प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात ही प्रतिभागी ठेका कंपनी की प्राप्त निविदा दर बताई जा सकेगी। (घ) वर्तमान में निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, अतएव कार्यादेश जारी करने एवं निर्माण कार्य प्रारंभ करने के संबंध में समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
सहायक परियोजना यंत्री बड़वानी के कार्यालय हेतु अनुबंधित वाहन
[लोक निर्माण]
5. ( *क्र. 1588 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग जिला बड़वानी के संभागीय परियोजना यंत्री, परियोजना क्रियान्वयन इकाई बड़वानी एवं सहायक परियोजना यंत्री बड़वानी के कार्यालयों में वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार अनुबंधित वाहनों की जानकारी वर्षवार, कार्यालयवार, वाहन नंबर सहित देवें׀ (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा जारी विभागीय नीति, नियम, निर्देशों की प्रति देवें׀ (ग) प्रश्नांश (क) अनुबंधित वाहनों के संबंध में कार्यालय द्वारा जारी प्रकाशित विज्ञप्ति की कार्यालयीन प्रति देवें׀ (घ) प्रश्नांश (क) में अनुबंधित वाहनों में से कमर्शियल उपयोग के कितने वाहन थे एवं निजी उपयोग के कितने वाहन थे व बिना टेंडर के कितने वाहन अनुबंधित किए गए, उनकी जानकारी देवें एवं नियम विरुद्ध वाहन अनुबंधित करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध विभाग क्या कार्यवाही कब तक करेगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) 17 वाहन कामर्शियल उपयोग के थे। बिना टेण्डर के कोई वाहन अनुबंधित नहीं किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जिला पंचायत सीहोर में अधोसंरचना विकास पर व्यय राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
6. ( *क्र. 4687 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत सीहोर के अधोसंरचना विकास के लिये वर्ष 2016-2017 एवं वर्ष 2017-18 में कुल कितनी राशि व्यय की गई? (ख) क्या प्रश्नांकित अवधि वर्ष 2016-2017 में 145 कार्य की कुल राशि 180 लाख रूपये एवं वर्ष 2017-18 के 190 लाख के कार्य कुल 370 लाख रूपये जिला पंचायत अधिकारी/कर्मचारी की सैलरी मद से व्यय कर अनियमितता की गई थी? क्या इस संबंध में जिला पंचायत सदस्यों द्वारा विभाग को शिकायत की गई थी? (ग) प्रश्नांश (क) अधोसंरचना मद से प्राप्त राशि किन-किन अधिकारियों के कारण लेप्स हुई, कितनी जारी राशि जिला पंचायत के खाते में वापस जमा कराई गई? क्या इसका सी.ई.ओ. जिला पंचायत द्वारा प्रमाण पत्र भी दिया गया था? (घ) क्या विभाग प्रश्नांकित अनियमितता की जाँच कराकर दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) अधोसंरचना विकास के लिए वर्ष 2016-17 में रू. 180.00 लाख व्यय किया गया एवं वर्ष 2017-18 में राशि रू. 7.70 लाख व्यय की गई। (ख) जी नहीं। जी नहीं। (ग) वर्ष 2016-17 की धनराशि आहरण किये जाते समय लेखाधिकारी श्री विजय सिंह कुशवाह पदस्थ थे एवं 2017-18 की धनराशि के आहरण किये जाते समय श्री अमन पस्तोर, जिला कोषालय अधिकारी जिला पंचायत सीहोर में लेखाधिकारी के पद पर नियुक्त थे। वर्ष 2016-17 में कोई राशि वापस जिला पंचायत के खाते में जमा नहीं कराई गई। वर्ष 2017-18 में 113.06 लाख के विरूद्ध 105.36 लाख राशि वापस जिला पंचायत के खाते में जमा कराई गई। सी.ई.ओ. जिला पंचायत स्तर से प्रश्नाधीन प्रमाण पत्र दिये जाने की कोई कार्यालयीन व्यवस्था नहीं है। (घ) प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पत्र क्रमांक 2369, दिनांक 19.02.2021 द्वारा पत्र प्रेषित कर वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 की राशि लैप्स होने के संबंध में तथ्यात्मक विस्तृत प्रतिवेदन प्रेषित करने हेतु लेख किया गया है। विस्तृत जाँच उपरांत ही किसी अधिकारी के दोषी पाये जाने पर उचित कार्यवाही की जा सकेगी।
जल संवर्धन/सिंचाई सुविधा हेतु तालाबों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
7. ( *क्र. 5074 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र विदिशा अंतर्गत वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 एवं 2020-21 में मनरेगा की राशि से कितने जल संवर्धन एवं कृषकों को सिंचाई सुविधा हेतु तालाब निर्माण कार्य कराये गये हैं? जनपद पंचायतवार, संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या मनरेगा की राशि से विभिन्न ग्रामों में स्थित शासकीय पुराने तालाबों का भी जीर्णोद्धार एवं गहरीकरण के कार्य कराये गये? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) अवधि में कितने तालाबों पर उक्त कार्य कराये गये? जनपद पंचायतवार, संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या शासन भू-जल संवर्धन एवं सिंचाई की सुविधा में वृद्धि हेतु कृषकों के हित में स्वयं के खेत में तालाब बनाने के लिये खनिज एवं परिवहन की अनुमति की बाध्यता से कृषकों को मुक्त रखे जाने के संबंध में शीघ्र आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में मनरेगा की राशि से कुल 210 जल संवर्धन एवं कृषकों को सिंचाई हेतु तालाब निर्माण आदि कार्य कराये गये हैं। विधानसभा क्षेत्र विदिशा अंतर्गत जनपद पंचायतवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ, 18 कार्य स्वीकृत किये गये। जनपद पंचायतवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) कृषकों के हित में स्वयं के खेत में तालाब बनाने के लिये खनिज एवं परिवहन की अनुमति लिये जाने बावत कोई भी प्रकरण विभाग के संज्ञान में नहीं होने के कारण शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
प्रदेश में संचालित आई.टी.आई. केन्द्र
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
8. ( *क्र. 5276 ) श्री रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में कितने आई.टी.आई. केन्द्र संचालित हैं? क्या सरकार आवश्यकताओं को देखते हुये नवीन आई.टी.आई. संस्थान खोलने का विचार रखती है? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों? (ख) क्या सरकार उक्त संस्थानों को नवीन तकनीकी युक्त बनाने का विचार रखती है? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो, क्यों?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) प्रदेश में कुल 243 शासकीय आई.टी.आई. संचालित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है एवं 875 निजी आई.टी.आई. संचालित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। प्रदेश में 104 विकासखण्ड ऐसे हैं, जिनमें शासकीय आई.टी.आई. संचालित नहीं है। नए संस्थान खोलना तत्समय उपलब्ध संसाधनों पर निर्भर करता है, अतएव समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
9. ( *क्र. 5230 ) श्री संजय शुक्ला : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण क्रियान्वयन इकाई जिला इन्दौर में पदस्थ कितने अधिकारी/कर्मचारी जल संसाधन विभाग या अन्य विभागों से प्रतिनियुक्ति पर हैं? नाम व पदनाम सहित सम्पूर्ण जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पिछले 05 वर्षों में कौन-कौन से कर्मचारी/अधिकारी घटिया निर्माण की शिकायत व जाँच में दोषी होकर निलंबित हुए हैं? निलंबित कर्मचारी/अधिकारी की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में सहायक प्रबंधक पद पर मध्य प्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण इन्दौर जिले में ही बहाल हुए हैं, उनकी पुन: उसी स्थान पर बहाली क्या नैतिक रूप से उचित है? क्या पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ऐसे निलंबन उपरांत बहाल सहायक प्रबंधक को उनके मूल विभाग जल संसाधन विभाग में पदस्थ करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई इन्दौर में सहायक प्रबंधक के पद पर पदस्थ श्री बी.एल. सोलंकी को प्राधिकरण के आदेश क्रमांक 18707, दिनांक 11.12.2020 द्वारा निलंबित किया गया था। (ग) जी हाँ। संबंधित सड़क के निर्माण में पाई गई अनियमितता के संबंध में सहायक प्रबंधक श्री बी.एल. सोलंकी को महाप्रबंधक मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई इन्दौर द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के आधार पर निलंबित किया गया था। मुख्य महाप्रबंधक इंदौर द्वारा प्रेषित प्रस्ताव में यह स्पष्ट होने से कि श्री बी.एल. सोलंकी संबंधित कार्य में प्रभारी नहीं थे, अतः उन्हें निलंबन से बहाल कर मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई इन्दौर पदस्थ किया गया है। श्री बी.एल. सोलंकी, सहायक प्रबंधक को अन्य इकाई में स्थानांतरण/मूल विभाग वापसी संबंधी प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
मानचित्रकारों की वेतन विसंगति को दूर किया जाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
10. ( *क्र. 3239 ) श्री राकेश मावई : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग में पदस्थ मानचित्रकारों का प्रारिम्भक वेतनमान 2012 से 9300-34800+3200 से कम करके 5200-20200+2400 निर्धारित कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या फरवरी, 2012 के पश्चात् समस्त पदस्थ/कार्यरत मानचित्रकारों को वेतनमान 5200-20200+2400 प्रदान किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित फरवरी, 2012 के पूर्व से पदस्थ विभागीय मानचित्रकारों को पूर्व से प्रदाय प्रारम्भिक वेतनमान 9300-34800+3200 के संबंध में शासन द्वारा क्या निर्णय लिया गया है? क्या वे पूर्ववत इसी वेतनमान पर वर्तमान पद में कार्यरत हैं? यदि हाँ, तो वर्तमान में विभाग में समान पद पर कार्यरत मानचित्रकारों को पृथक-पृथक वेतनमान क्यों दिया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार हाँ तो क्या शासन इस वेतन विसंगति को दूर करके समस्त मानचित्रकारों को पूर्व निर्धारित प्रारम्भिक वेतनमान 9300-34800+3200 नियुक्ति/पदोन्नति से प्रदाय करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जी हाँ। 2006 के पश्चात भविष्य में की जाने वाली पदोन्नति/नियुक्ति पर मानचित्रकारों को वेतनमान 5200-20200+2400 प्रदान किया गया है। (ख) म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग (वेतन आयोग प्रकोष्ठ) मंत्रालय, भोपाल ने आदेश दिनांक 17 अक्टूबर, 2006 के द्वारा, ब्रह्मस्वरूप समिति की अनुशंसा पर मानचित्रकार को वर्तमान में प्रदाय वेतनमान 5000-8000 (9300-34800+3200) के स्थान पर रूपये 4000-6000 (5200-20200+2400) भविष्य में की जाने वाली पदोन्नति/नियुक्ति के संशोधित वेतनमान दिया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
मुरार कन्या छात्रावास का निर्माण
[लोक निर्माण]
11. ( *क्र. 5296 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र के उत्कृष्ट मुरार कन्या छात्रावास स्कूल परिसर में निर्माणाधीन भवन की अनुमानित लागत क्या थी? अभी कितनी राशि का आहरण किया जा चुका है? जनवरी 2021 की स्थिति में जानकारी दी जावे। (ख) उक्त छात्रावास में कितने कमरे, हॉल, बाथरूम प्रस्तावित थे? कितनी मंजिल बनाकर किस समय-सीमा में तैयार होना है? (ग) उक्त छात्रावास के निर्माण की धीमी गति के क्या कारण हैं? अभी तक प्रथम व द्वितीय तल का कितना प्रतिशत कार्य हो चुका है? क्या अगले शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होने से पूर्व छात्रावास छात्राओं को रहने योग्य निर्मित हो सकेगा? पूर्ण जानकारी निर्मित क्षेत्र सहित दी जावे।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) लोक शिक्षण संचालनालय म.प्र. भोपाल द्वारा ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र मुरार में 100 सीटर बालक छात्रावास हेतु प्रशासकीय स्वीकृति राशि रू. 385.30 लाख एवं 100 सीटर कन्या छात्रावास के निर्माण कार्य हेतु राशि रू. 386.40 लाख प्राप्त हुई थी, जो कि एक ही अनुबंध में है। कन्या छात्रावास की अनुमानित लागत 385.89 लाख रू. है। जनवरी 2021 तक राशि रू. 153.94 लाख का आहरण किया जा चुका है। (ख) 100 सीटर बालिका छात्रावास में 25 कमरें, 15 बाथरूम, 01 डायनिंग हॉल एवं 01 कॉमन हॉल, 15 टायॅलेट, 01 वार्डन रूम प्रस्तावित है। 3 मंजिल बनाकर अनुबंधानुसार मार्च 2020 तक पूर्ण होना था। (ग) भूमि विलम्ब से प्राप्त होने के कारण कार्य प्रारंभ होने में विलम्ब हुआ तथा बाद में कोविड-19 के कारण 04 माह निर्माण कार्य बाधित रहा। अभी प्रथम एवं द्वितीय तल में 75 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है एवं अगले शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होने के पूर्व जुलाई-2021 तक छात्रावास का कार्य पूर्ण हो जायेगा। कन्या छात्रावास का कुल निर्मित क्षेत्र 2090 वर्ग मीटर है।
प्रधानमंत्री सड़क योजनांतर्गत मंदसौर वि.स. क्षेत्र में सड़कों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
12. ( *क्र. 5066 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री सड़क योजनान्तर्गत प्रदेश के गांवों को पक्की सड़क से जोड़ा जायेगा? यदि हाँ, तो क्या विधान सभा क्षेत्र मंदसौर के समस्त गांवों को उक्त योजनान्तर्गत पक्की सड़क से जोड़ने की कार्यवाही प्रचलन में ही है? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) उक्त विधान सभा क्षेत्र में अब तक कितनी जनसंख्या तक के गांवों को पक्की सड़क से जोड़ा गया है? (ग) क्या प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के दिशा निर्देशानुसार वर्ष 2001 की जनगणना के आधार पर सामान्य क्षेत्र में 500 व उससे अधिक आबादी तथा मरूस्थल व जनजाति क्षेत्र में 250 व उससे अधिक आबादी की एकल बसावटों व 500 मीटर परिधि के अन्दर आने वाली समूह बसावटों की उपरोक्त आबादी अनुसार डामर सड़कों से जोड़े जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो मंदसौर विधान सभा क्षेत्र में दिनांक 01 जनवरी, 2010 से प्रश्न दिनाँक तक कुल कितनी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत सड़कों को जोड़ा गया है? 500 से अधिक आबादी वाले कितने ग्रामों को नहीं जोड़ा है? (घ) गत 5 वित्तीय वर्षों में मंदसौर विधान सभा में उक्त योजना अंतर्गत कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण कितने-कितने वर्ष के गारंटी समय-सीमा में किया गया, कितनी समय-सीमा में क्षतिग्रस्त हुईं, कितनों को निर्माणकर्ता ठेकेदार से पुन: बनवाया गया, कितनी आज भी क्षतिग्रस्त हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मापदण्डानुसार प्रदेश के सभी पात्र ग्रामों को ही जोड़ा जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) विधानसभा क्षेत्र मंदसौर में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मापदण्डों अनुसार 2001 की जनगणना के आधार पर 500 या उससे अधिक आबादी वाले पात्र ग्रामों को जोड़ा गया है। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। 500 से अधिक आबादी वाले पात्र ग्राम जोड़े जाने हेतु शेष नहीं हैं। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। समय-सीमा में कोई सड़क क्षतिग्रस्त नहीं हुई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रतलाम में सागोद रोड फोरलेन पर रेल्वे ओव्हर ब्रिज का निर्माण
[लोक निर्माण]
13. ( *क्र. 5131 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम में सागोद रोड फोरलेन पर रेल्वे ओव्हर ब्रिज का निर्माण कार्य कब से प्रारंभ होगा? यह ओव्हर ब्रिज कितनी समयावधि में बनकर तैयार हो जायेगा? (ख) उक्त ओव्हर ब्रिज की निर्माण अवधि के दौरान आवागमन के लिये वैकल्पिक मार्ग की क्या योजना बनाई गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) दिनांक 23.01.2021 को कार्यादेश जारी किया गया है। उक्त कार्य 730 दिवस वर्षाकाल सहित पूर्ण किया जाना प्रावधानित है, संभावित पूर्णता दिनांक 22.01.2023 है। (ख) ओव्हर ब्रिज निर्माण अवधि के दौरान आवागमन के लिये रेल्वे समपार क्रमांक 80 से ईश्वर नगर को जोड़ते हुए वैकल्पिक मार्ग बनाने का प्रावधान है।
देवास जिलांतर्गत कन्नौद से बहिरावद मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
14. ( *क्र. 4828 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के अंतर्गत कन्नौद से बहिरावद मार्ग जिसकी लंबाई लगभग 5 कि.मी. है, जिसका लगभग 2 कि.मी. हिस्सा सीमेंट कांक्रीट की सड़क के अप में प्रारंभ और आखिरी में हो चुका है, किंतु सड़क के मध्य का लगभग 3 कि.मी. का हिस्सा ऊबड़-खाबड़ होने से ग्रामीणों को आवागमन में असुविधा हो रही है? (ख) क्या विभाग के पास इस 3 कि.मी. हिस्से को सीमेंट कांक्रीट से निर्मित करने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो इसे किस योजना में पूरी तरह निर्मित करवाया जावेगा? (ग) क्या आगामी बारिश से पहले इस मार्ग के बाकी हिस्से को भी पूरी तरह सीमेंटीकृत कर दिया जावेगा? (घ) क्या इस मार्ग से लगभग 25 गांवों के निवासियों का आवागमन होता है।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) 3 कि.मी. नहीं अपितु 2.7 कि.मी. मजबूतीकरण मद योजना में प्रस्तावित। (ग) वित्तीय संसाधन के दृष्टिगत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (घ) जी हाँ।
निर्माण कार्यों में कन्सलटेन्ट एजेंसियों का उपयोग
[लोक निर्माण]
15. ( *क्र. 5342 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के विभिन्न निर्माण कार्यों की डी.पी.आर. बनाने, गुणवत्ता नियंत्रण करने इत्यादि कार्यों के लिए जिन कन्सलटेन्ट एजेंसियों का उपयोग किया जा रहा है, उनके लिए क्या मापदण्ड तय किए गए हैं? उनमें कार्यरत स्टाफ की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता तथा स्केल के संबंध में क्या कोई गाईड लाईन तय की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रोजेक्ट के गुणवत्ताहीन होने पर यदि कोई दुर्घटना हो जाए तो इन कन्सलटेन्ट एजेंसियों पर क्या कोई जवाबदेही तय की जाती है? (ग) विभाग में स्किल्ड तथा क्वालिफाइड तकनीकी अधिकारी होने के बाद विभाग प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्य कन्सलटेन्ट एजेंसियों से क्यों करवाता है, जबकि कार्यों की जवाबदेही शासकीय अधिकारियों तथा कर्मचारियों पर तय की जाती है? क्या विभाग इन एजेंसियों से कार्य करवाना बंद करेगा? (घ) क्या सरकार ने अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रमोश्ान न मिलने की स्थिति में उच्च्ा पद का प्रभार तथा पदनाम देने हेतु लोक निर्माण विभाग में समिति का गठन किया है? क्या समिति की रिर्पोट आ गई है? पदनाम देने में अधिकारियों-कर्मचारियों की अतिरिक्त शैक्षणिक योग्यता (स्नातक, मेनेजमेंट स्नातक) को प्रदेश के विकास में उपयोग किया जाएगा? अब तक कितने अधिकारियों-कर्मचारियों को पदनाम दे दिया गया है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विभाग के विभिन्न निर्माण कार्यों की डी.पी.आर. बनाने, गुणवत्ता नियंत्रण करने इत्यादि कार्यों के लिए कन्सलटेंट एजेंसियों के उपयोग के मापदण्ड कार्य की आवश्यकता अनुसार तय किए जाते हैं। जी हाँ, कार्यरत स्टाफ की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता तथा स्केल के संबंध में विभिन्न कार्यों हेतु विशेष गाईड लाईन तय की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) शासकीय अधिकारियों के साथ-साथ कन्सलटेंट एजेंसी/निवेशकों पर भी अनुबंध अनुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) पर्याप्त मात्रा में अधिकारी एवं कर्मचारी न होने के कारण एवं किसी परियोजना में विशेष शर्त होने के कारण कंसलटेंट एजेंसियों से कार्य कराया जाता है। निर्माण कार्य हेतु चयनित कंसलटेंट एवं निर्माण कार्य पर पदस्थ शासकीय अधिकारियों की भी जवाबदेही नियमानुसार होती है। जी नहीं। (घ) लोक निर्माण विभाग में ऐसी कोई समिति गठित नहीं है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रोजगार गारंटी योजनांतर्गत कराये गये कार्यों की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
16. ( *क्र. 5124 ) श्री उमंग सिंघार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले की गंधवानी विधानसभा अंतर्गत जनपद पंचायत गंधवानी की ग्राम पंचायत जीराबाद, रेहड़दा, कोसदना, जामली एवं खोजाकुआ में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना, अंतर्गत किये गये कार्यों में मशीन का उपयोग कर भ्रष्टाचार किया गया? (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार क्या मजदूरी भुगतान में धांधली की गई है एवं मजूदरों के खाते बदलकर फर्जी हस्ताक्षर कर फर्जी भुगतान निकाला गया? यदि हाँ, तो इसकी जाँच कब तक की जायेगी? (ग) वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक रोजगार गारंटी योजना, अंतर्गत किये गये कार्यों की एवं भौतिक सत्यापन की जानकारी उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
श्योपुर जिले में संचालित खेल गतिविधियां
[खेल एवं युवा कल्याण]
17. ( *क्र. 4351 ) श्री बाबू जण्डेल : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा श्योपुर जिले को कौन-कौन से खेलों के लिये वर्ष 2018 से प्रश्नांश दिनांक तक कौन-कौन सी खेल सामग्री प्रदान की गई? क्या प्रश्नकर्ता द्वारा खेल सामग्री के मांगपत्र क्रमांक 87, दिनांक 31.01.2019 पर आज दिनांक तक कोई खेल सामग्री उपलब्ध नहीं करवाई गई है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि उपलब्ध करवायी जावेगी तो कब तक? (ख) श्योपुर जिले में वर्ष 2018-19 एवं वर्ष 2019-20 में किन-किन खेलों की गतिविधियों और प्रशिक्षण हेतु क्या-क्या कार्यक्रम कब-कब और कहां-कहां आयोजित किये गये तथा इन पर कितना-कितना व्यय किया गया? कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई और किस-किस मद में क्या-क्या सामग्री क्रय की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) खेल गतिविधियों/प्रशिक्षण कार्य में कितनी राशि व्यय की गई और कितनी राशि शेष रही? मदवार बतावें। (घ) प्रश्नांश (ख) खेल गतिविधियों और प्रशिक्षण में प्रश्नांश (ख) अवधि में किन-किन और कितने प्रतिभागियों द्वारा सहभागिता की गई और किन-किन प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया? (ड.) प्रश्नांश (ख) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में क्या खेल गतिविधियों/प्रशिक्षण कार्यों का आयोजन शासनादेशों/विभागीय निर्देशों के अनुरूप किया गया और इन आयोजनों से खिलाड़ियों की क्षमता में वृद्धि होना ज्ञात हुआ? यदि हाँ, तो कैसे? विवरण बतावें। यदि नहीं, तो क्या सुधार की कार्यवाही की जावेगी?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। जिला स्तर पर खिलाड़ियों को खेल सामग्री का क्रय व क्रय सामग्री के वितरण का निर्णय पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समिति द्वारा किया जाता है। उक्त समिति आवश्यकता का आंकलन कर योग्य संस्था व खिलाड़ियों को खेल सामग्री क्रय व वितरित करने की अनुशंसा खेल एवं युवा कल्याण संचालनालय में करती है, प्रश्नकर्ता माननीय सदस्य द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के लिये क्रिकेट किट व अन्य सामग्री का मांग पत्र दिया था, विभाग के सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण यह प्रदाय नहीं की जा सकी। प्रश्नकर्ता माननीय सदस्य द्वारा खेल सामग्री हेतु अद्यतन मांग पत्र दिया जाता है, तो उस पर जिला स्तरीय समिति द्वारा बजट की उपलब्धता व आवश्यकता को देखते हुए निर्णय लिया जावेगा। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार है। (ड.) जी हाँ, खेल गतिविधियों के आयोजनों, प्रशिक्षकों द्वारा दिये गये प्रशिक्षण से खिलाड़ियों की खेल क्षमता में वृद्धि हुई है। श्योपुर जिले के खिलाड़ियों ने विभिन्न खेल आयोजनों में राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर सहभागिता कर जिले का नाम रोशन किया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सुमावली विधान सभा क्षेत्र में पंचायत/राजस्व भवनों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
18. ( *क्र. 3740 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018-19 एवं वर्ष 2019-20 में विधान सभा क्षेत्र सुमावली में किन-किन पंचायतों में पंचायत भवन व स्व-राज्य भवन निर्मित हैं? कितनी पंचायतों में निर्मित नहीं है? कितने भवन नवीन स्वीकृत हैं? उनके लिये कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है? किन-किन पंचायतों के लिये भवन स्वीकृत हैं? सूची उपलब्ध करायें। (ख) वर्ष 2018-19 एवं वर्ष 2019-20 में विधान सभा क्षेत्र सुमावली में संबल योजना एवं विवाह सहायता राशि योजना के अंतर्गत कितने लोग लाभान्वित हुए हैं? इन दोनों योजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत कितने प्रकरणों को आज दिनांक तक राशि का भुगतान क्यों नहीं किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार विवाह सहायता राशि योजना के अंतर्गत पंचम सिंह पिता श्री जगन्नाथ ग्राम ब्रखमान का पुरा (भैंसाई) ग्राम पंचायत बागचीनी की पुत्री सरिता की शादी हेतु 51,000/- (इक्यावन हजार रूपये) की स्वीकृति जनपद मुख्य कार्यपालन अधिकारी जौरा द्वारा दिनांक 29.06.2020 को प्रदान की गई थी, जिसका पंजीयन क्र. RS/419/1602/2602/2020 है। हितग्राही की पुत्री की शादी 30.06.2020 को थी, किन्तु आज दिनांक तक हितग्राही को विवाह सहायता राशि उपलब्ध नहीं करायी गई है, हितग्राही की विवाह सहायता राशि का गबन किसके द्वारा किया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश (ख) के अनुसार विवाह सहायता राशि योजना के अंतर्गत पंचमसिंह पिता श्री जगन्नाथ ग्राम ब्रखभान का पुरा (भैंसाई) ग्राम पंचायत बागचीनी की पुत्री सरिता की शादी हेतु 51000/- (इक्यावन हजार रूपये) ई.पी.ओ. क्रमांक 269330 द्वारा दिनांक 12.02.2021 को भुगतान कर राशि उपलब्ध करा दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बासमती चावल की जी.आई. टैगिंग
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
19. ( *क्र. 4499 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग ने बासमती चावल की जी.आई. टैगिंग से संबंधित कार्य के लिये किस-किस विशेषज्ञ, अधिवक्ता को गत तीन वर्ष में नियुक्त/अधिकृत किया, उसे किस कार्य के बदले कितनी राशि का किस दिनांक को भुगतान किया गया? (ख) बासमती चावल की जी.आई. टैगिंग का प्रकरण वर्तमान में किस स्तर पर लम्बित है, इस प्रकरण का विभाग ने किस-किस अवधि में किसे इन्चार्ज अधिकारी नियुक्त किया? (ग) बासमती चावल की जी.आई. टैगिंग के संबंध में विभाग को गत तीन वर्षों में किस-किस विशेषज्ञ, अधिवक्ता का क्या-क्या प्रस्ताव प्राप्त हुआ है, उस प्रस्ताव को किन कारणों से अस्वीकृत किया गया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) विभाग द्वारा बासमती चावल की जी.आई. टैगिंग से संबंधित कार्य के लिये गत तीन वर्ष में नियुक्त/अधिकृत किये गये अधिवक्ता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। राशि के भुगतान संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) बासमती चावल की जी.आई. टैगिंग का प्रकरण वर्तमान में माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली में लंबित है। विभाग द्वारा बासमती चावल के जी.आई. टैगिंग हेतु नियुक्त किये गये प्रभारी अधिकारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) बासमती चावल की जी.आई. टैगिंग के संबंध में विभाग को गत तीन वर्षों में प्राप्त प्रस्ताव अनुसार विशेषज्ञ, अधिवक्ता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। प्रस्ताव अस्वीकृत करने का प्रश्न नहीं उठता।
बीज उत्पादक संस्थाओं द्वारा बीज उपार्जन का कार्य
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
20. ( *क्र. 3178 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश बीज प्रमाणीकरण संस्था द्वारा वर्ष 2018 से 2021 प्रश्न दिनांक तक उज्जैन संभाग में बीज उपार्जन किया गया है? यदि हाँ, तो कितने किसानों के यहां बीज उपार्जन किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में बतावें कि किस-किस कम्पनी द्वारा कुल कितना-कितना बीज उपार्जन किया गया और उपार्जित किसानों की कंपनीवार संख्या बतायें। (ग) उज्जैन संभाग में वर्ष 2018 से 2021 प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों का बीज प्रमाणीकरण किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) में दी गई अवधि में उज्जैन संभाग में बीज प्रमाणीकरण संस्था द्वारा कितने किसानों के यहां निरीक्षण कराया गया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) म.प्र. राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था द्वारा सीधे बीज उपार्जन कार्य नहीं किया जाता है, अपितु उज्जैन संभाग में बीज उत्पादक संस्थाओं द्वारा 24709 किसानों का बीज उपार्जन किया गया। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्नांकित अवधि में उज्जैन संभाग में कंपनीवार उपार्जित बीज की मात्रा एवं किसानों की कंपनीवार संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्ष 2020-21 की रबी फसलों का निरीक्षण कार्य जारी है। अत: इसके बीज उपार्जन का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांकित अवधि में उज्जैन संभाग में 20357 किसानों का बीज प्रमाणित किया गया। (घ) प्रश्नांकित अवधि में उज्जैन संभाग में बीज प्रमाणीकरण संस्था द्वारा कुल 36861 कृषकों के यहां निरीक्षण किया गया
बलराम तालाब निर्माण कार्य में अनियमितता
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
21. ( *क्र. 5100 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कटनी एवं सतना जिले के बलराम तालाब कृषकों को स्वयं की जमीन पर निर्माण कराये गये हैं? यदि हाँ, तो वर्षवार, जानकारी देते हुए, यह भी बतायें कि कितनों की तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासनिक स्वीकृति ली गई? (ख) क्या कटनी जिले में बलराम तालाब निर्माण की जन सुनवाई में अनियमितता पाये जाने के कारण तत्कालीन उपसंचालक एवं सहायक भू-संरक्षण अधिकारी तथा प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी को निलंबित किया गया था तथा अंतिम किश्त भुगतान की वसूली के निर्देश दिए गए थे? यदि हाँ, तो क्या वसूली हुई? यदि हाँ, तो जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो उक्त समय में प्राक्कलन अनुसार निर्माण न कराकर माप पुस्तिका (मेजरमेंट बुक) के आधार पर भुगतान करने के लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं, जबकि बलराम तालाब के अनुदान स्वीकृत निर्देश दिनांक 14.10.2008 के बिन्दु क्रमांक 6 के सहबिन्दु में द्वितीय/अंतिम भुगतान शत प्रतिशत कार्य पूर्ण पाये जाने पर भुगतान के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो बिना पूर्ण कार्य के अनुदान राशि का भुगतान कैसे किया गया है, क्या इसके लिए अनुशासनात्मक कार्यवाही के साथ नियम विरूद्ध व्यय की गई राशि संबंधित अधिकारियों से वसूल की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बताएं। (घ) माप पुस्तिका (मेजरमेंट बुक) में कार्य की प्रगति किन अधिकारियों द्वारा भरी गई, किसने अनुशंसा की एवं किसने भौतिक सत्यापन किया? राजपत्रित अधिकारियों द्वारा किये गये भौतिक सत्यापन निरीक्षण प्रतिवेदनों के विवरण उपलब्ध करावें। (ड.) उक्त अवधि में बलराम तालाबों की जो भी शिकायतें उक्त जिलों की प्राप्त हुईं हैं, उनके जाँच प्रतिवेदनों का विवरण देवें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जी हाँ। वर्षवार तकनीकी एवं प्रशासनिक स्वीकृति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) जी हाँ। कमिश्नर जबलपुर द्वारा श्री व्ही.जी. गोस्वामी, सहायक संचालक को दण्डित किया जाकर अनियमित अनुदान भुगतान की राशि रुपये 17000-00 (रुपये सत्रह हजार मात्र) की वसूली हो चुकी है। (ग) बलराम तालाब के जाँच अधिकारी एवं तत्कालीन सहायक संचालक कृषि कटनी श्री व्ही.जी. गोस्वामी को कमिश्नर जबलपुर द्वारा बलराम तालाब के किए गए मूल्यांकन के आधार पर अनुदान भुगतान की कार्यवाही में दोषी पाये जाने पर कमिश्नर जबलपुर द्वारा दण्डित किया जाकर अनियमित भुगतान की राशि रू. 17,000/- की वसूली की जा चुकी है। तत्कालीन उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला कटनी एवं तत्कालीन सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी कटनी के विरुद्ध जाँच प्रक्रियाधीन है। कमिश्नर जबलपुर के आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (घ) कटनी जिले में माप पुस्तिका में कार्य की प्रगति बलराम तालाब के जाँच अधिकारी तत्कालीन सहायक संचालक कृषि कटनी श्री व्ही.जी. गोस्वामी द्वारा श्री एस.एस. चन्देल कृषि विकास अधिकारी कार्यालय सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी कटनी से माप पुस्तिका में बलराम तालाब की माप भरवाकर मूल्यांकन राशि का भुगतान हेतु सत्यापित किया गया है। सतना जिले में माप पुस्तिका भूमि संरक्षण सर्वे अधिकारी द्वारा भरी गई है एवं कृषि विकास अधिकारी भूमि संरक्षण उपसंभाग सतना एवं मैहर द्वारा कार्य भुगतान की अनुशंसा एवं भौतिक सत्यापन किया गया है। सत्यापन रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'तीन' एवं 'चार' अनुसार है। (ड.) सतना जिले में बलराम तालाब की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई तथा कटनी जिले में निम्नानुसार दो शिकायतें प्राप्त हुईं। 1. श्री मनोज तिवारी, ग्राम बचैया के द्वारा की गई शिकायत के जाँच प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'पाँच' अनुसार है। 2. माननीय श्री संजय सत्येन्द्र पाठक, विधायक विजयराघवगढ़ द्वारा की गई शिकायत के जाँच प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'छ:' अनुसार है।
राष्ट्रीय राजमार्ग रीवा से डभौरा के चौड़ीकरण में काटे गये वृक्ष
[लोक निर्माण]
22. ( *क्र. 2121 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 135 रीवा से डभौरा तक हुए मार्ग चौड़ीकरण में कुल कितने वृक्षों को काटा गया तथा कुल कितने नलकूप खराब हो गये? (ख) काटे गए वृक्षों के स्थान पर एक परिपक्व वृक्ष के मुआवज़ा के रुप में कुल कितने नवीन वृक्षों का रोपण किन-किन स्थानों पर करवाया गया? स्थान एवं संख्या सहित विवरण उपलब्ध करावें। (ग) मार्ग निर्माण में खराब हुए नलकूपों के स्थान पर नवीन नलकूप खनन करवाये गए अथवा नहीं? यदि हाँ, तो कुल संख्या एवं स्थान का विवरण उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 135 बी रीवा से डभौरा तक हुए मार्ग चौड़ीकरण में कुल 557 वृक्ष काटे गये हैं तथा 25 नग नलकूप खराब हुए हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
विकासखण्ड हटा में मडियादो-बर्धा मार्ग पर पुल का निर्माण
[लोक निर्माण]
23. ( *क्र. 62 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह अंतर्गत विकासखण्ड हटा में मडियादो-बर्धा पर कितने पुलों का निर्माण पी.आई.यू. के माध्यम से किस कार्य एजेंसी से कराया जा रहा है एवं कितनी राशि से कार्य प्रारंभ है? (ख) पी.आई.यू. द्वारा हटा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कौन से कार्य कराये जा रहे हैं? राशिवार, स्थलवार, कार्य एजेंसी सहित जानकारी उपलब्ध करायी जावे। साथ ही क्षेत्रीय भ्रमण उपरांत कार्यों में अनियमितताओं के संबंध में जाँच करायी जाकर कार्यवाही समय-सीमा सहित प्रस्तावित की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) पी.आई.यू. के माध्यम से नहीं अपितु एन.डी.बी. योजना के माध्यम से निर्माण कराया जा रहा है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
नरयावली विधानसभा क्षेत्रांतर्गत सुदूर सड़क निर्माण की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
24. ( *क्र. 5491 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले की विधानसभा क्षेत्र नरयावली अन्तर्गत अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक मनरेगा योजना से कितनी सुदूर सड़क निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई? विकासखण्डवार लागत लंबाई सहित जानकारी देवें। (ख) सुदूर सड़क निर्माण कार्यों की स्वीकृतियों के संबंध में विभाग द्वारा क्या मापदण्ड तय किये गये थे एवं विभाग ने किस आधार पर सुदूर सड़कों की स्वीकृति प्रदान की गई? (ग) क्या सुदूर सड़क निर्माण कार्यों की स्वीकृति के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो क्या पत्रों में अनुशंसित सड़क निर्माण की स्वीकृति को जिला पंचायत द्वारा सम्मिलित किया गया है? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा अनुशंसित पत्रों के संदर्भ में क्या जिला पंचायत द्वारा प्रश्नकर्ता को इस संबंध में अवगत कराया गया है? यदि नहीं, तो कब तक कराया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) सागर जिले की विधानसभा क्षेत्र नरयावली अन्तर्गत अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक मनरेगा योजना से 16 सुदूर सड़क निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई। विकासखण्डवार लागत लंबाई की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) सुदूर ग्राम सम्पर्क व खेत सड़क उपयोजना के विभाग द्वारा दिनांक 17.12.2013 एवं 23.05.2020 को जारी निर्देशों के अनुक्रम में सक्षम स्तर से स्वीकृतियां प्रदान की गईं हैं। निर्देशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी हाँ, अनुशंसित सड़कों के प्रस्ताव उत्तरांश (ख) के निर्देशों के अनुरूप स्वीकृति योग्य पाये जाने वाली उत्तरांश (क) अनुसार सड़कें सम्मिलित की गईं हैं। शेष अनुशंसित सड़कों के संबंध में परीक्षण की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) जी हाँ, अवगत कराया गया है एवं भविष्य में भी अवगत कराया जाता रहेगा।
महाराजपुर से सहजपुर सीमेंट कांक्रीट सड़क निर्माण की जाँच
[लोक निर्माण]
25. ( *क्र. 5456 ) श्री हर्ष यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देवरी विधानसभा में एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा ठेका कंपनी के.सी.सी. बिल्डकॉन से निर्मित कराई गई महाराजपुर से सहजपुर सीमेंट कांक्रीट सड़क के निर्माण में गड़बड़ी की शिकायतें प्राप्त होने पर उसकी जाँच करवाई गई थी? यदि हाँ, तो उक्त सड़क निर्माण की गड़बड़ी की जाँच कब-कब और किन-किन अधिकारियों एवं एजेंसियों से किन पद्धतियों से कराई गई? जाँच में क्या-क्या गड़बड़ियां पाई गईं? जाँच प्रतिवेदन एवं कार्यवाही से अवगत करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या विभाग द्वारा कराई गई निर्माण की जाँच त्रुटिपूर्ण होने के कारण निर्माण में की गई लापरवाही एवं तकनीकी खामियां सामने नहीं आ सकीं हैं? यदि हाँ, तो बतायें कि विभाग द्वारा क्या सड़क की पुन: जाँच सक्षम एजेंसियों से कराकर दोषियों पर कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो बतायें कि किन कारणों से सड़क में कई स्थानों पर लंबी-लंबी दरारें आईं हैं एवं ढाले गये कांक्रीट पेनल धंसने से सड़क क्षतिग्रस्त हो रही है? सड़क की दोनों पटरियों के बीच एम्सपांसन ज्वाइंट के गेप बढ़ने से उसमें साईकिल एवं बाइकों के टायर फंसने से दुर्घटनायें हो रही हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में विभागीय अधिकारियों द्वारा ठेका कंपनी से गारंटी अवधि में क्षतिग्रस्त सड़क की मरम्मत एवं सुधार कार्य करवाये जाने संबंधी क्या-क्या निर्देश दिये गये हैं? विभागीय निरीक्षण में सड़क किन-किन स्थानों पर क्षतिग्रस्त पाई गई है? अभी तक क्या-क्या मरम्मत एवं सुधार कार्य कराये गये हैं? कौन-कौन से मरम्मत एवं सुधार कार्य शेष हैं जो कराये जाने हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। प्रमुख अभियंता की अध्यक्षता में, एम.पी.आर.डी.सी. के वरिष्ठ अधिकारियों से, उक्त मार्ग की दिनांक 28 फरवरी, 2020 से 05 जून, 2020 के दौरान जाँच कराई गई थी। जाँच प्रतिवेदन एवं पाई गयी स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -1 अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। कांक्रीट के कार्य में समय पर ज्वाईन्ट आदि की कटाई समय पर न होने से दरार आदि उत्पन्न हो जाती है। चूंकि वर्तमान में उक्त कार्य डी.एल.पी. अवधि में है। अतः पाई गई समस्त कमियों का निराकरण अनुबंध के प्रावधान अनुसार कराया जा रहा है। (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
मनरेगा
योजनांतर्गत
ग्राम
पंचायतों में कराये
गये कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
1. ( क्र. 345 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले की उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में अप्रैल 2019 से मार्च 2020 तक की अवधि में मनरेगा अन्तर्गत कितने कार्य कितनी ग्राम पंचायतों में करवाये गये? जनपद पंचायतवार संख्या बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के कार्यों में कितने जाबकार्डधारी मजदूरों को कितनी राशि तथा वेन्डरों को सामग्री मद में कितना भुगतान किया गया। उक्त कार्यों का मूल्यांकन एवं निरीक्षण उक्त अवधि में किस-किस स्तर के अधिकारियों ने किया? (ग) उक्त अवधि में अतिवृष्टि एवं बाढ़ के हालात के ऐसी स्थिति में मजदूरों ने कार्य कैसे किया? (घ) प्रश्नांश (क) की अवधि में कराये गये कार्यों में से फरवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में कितने कार्य पूर्ण हो गये है तथा कितने कार्य अपूर्ण है तथा क्यों कारण बतायें उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) रायसेन जिले की उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में अप्रैल 2019 से मार्च 2020 तक की अवधि में मनरेगा अन्तर्गत जनपद पंचायत उदयपुरा की 68 पंचायतों में 2316 कार्य एवं जनपद पंचायत बाड़ी की 75 पंचायतों में 2149 कार्य स्वीकृत किये गये। (ख) 25176 जाबकार्डधारी मजदूरों को राशि रू.1085.44 लाख तथा वेन्डरों को सामग्री मद की राशि रू. 112.81 लाख का भुगतान किया गया। कार्यों का मूल्यांकन जनपद स्तर के तकनीकी अमले द्वारा एवं निरीक्षण जनपद स्तर व जिला स्तर के अधिकारियों द्वारा किया गया। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में वर्षा-ऋतु के दौरान भवन निर्माण जैसे पक्के काम, वृक्षारोपण के कार्यों सहित अन्य ऐसे कार्य जो वर्षा-ऋतु में कराये जा सकते हैं, उन पर मजदूरों का नियोजन किया गया। (घ) उत्तरांश (क) की अवधि में कुल 4465 कार्य स्वीकृत किये गये जिनमें से फरवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में 237 कार्य पूर्ण हो गये है तथा 1193 कार्य अपूर्ण है। योजना मांग आधारित होने व जॉबकार्डधारी परिवारों द्वारा काम की मांग किये जाने तथा सामग्री मद में राशि के सतत् प्रवाह पर निर्भर होने के कारण अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कराये जाने की निश्चित समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है।
राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण हेतु केन्द्र द्वारा प्राप्त राशि
[लोक निर्माण]
2. ( क्र. 346 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018-19 से फरवरी 2021 तक की अवधि में प्रदेश के किन-किन मार्गों को भारत सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया वर्तमान में उक्त मार्गों की मरम्मत एवं संधारण का कार्य कौन कर रहा है? (ख) वर्ष 2018-19 से फरवरी 2021 तक की अवधि में प्रदेश के किन-किन मार्गों को सैद्धांतिक रूप से राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने हेतु भारत सरकार ने सहमति दी वर्तमान में उक्त मार्गों की मरम्मत एवं संधारण का कार्य कौन कर रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के मार्गों के निर्माण हेतु उक्त अवधि में भारत सरकार से कब-कब कितनी राशि प्राप्त हुई उक्त राशि से क्या-क्या कार्य कहां-कहां कराये गये? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के किन-किन राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण हेतु भारत सरकार से राशि प्राप्त करने हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या प्रयास कार्य एवं कार्यवाही की पूर्ण विवरण दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) उत्तरांश 'क' अनुसार।
नवीन बायपास का निर्माण
[लोक निर्माण]
3. ( क्र. 721 ) श्री
बापूसिंह
तंवर : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
राजगढ़ नगर
में नवीन
बायपास
निर्माण का प्रस्ताव
शासन स्तर पर
लंबित है? (ख) यदि
हाँ तो नवीन
बायपास स्वीकृति
हेतु प्रस्ताव
किस दिनांक को
भारत सरकार को
प्रेषित किया
तथा प्रस्ताव
प्रेषित करने
के दिनांक से
प्रश्न
दिनांक तक क्या-क्या
पत्राचार
म.प्र.
शासन/भारत
सरकार के मध्य
हुआ? (ग) प्रश्न
कंडिका (क)
एवं (ख) के
आधार पर नवीन
बायपास का
कार्य कब
प्रारंभ हो
जायेगा?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव )
: (क) जी
हाँ। (ख) दिनांक
12.03.2020 को, जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ग) भारत
सरकार से स्वीकृति
अपेक्षित है, अत:
समय-सीमा बताई
जाना संभव
नहीं।
सड़क का मरम्मत का कार्य
[लोक निर्माण]
4. ( क्र. 758 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड मुलताई जिला बैतूल के ग्राम जावरा से एनाखेड़ा की सड़क कब स्वीकृत होकर निर्माण कार्य किया गया था? उक्त सड़क की लंबाई/किलोमीटर बताएं। (ख) क्या वर्तमान में यह सड़क उखड़ने के कारण इस मार्ग पर आवागमन अवरूद्ध होकर दुर्घटना की स्थिति बन रही है? (ग) क्या ग्राम जावरा से ऐनखेड़ा तक की उखड़ी हुई सड़कों के पुन: निर्माण की स्वीकृति दी जाकर कार्य प्रारंभ कराया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) दिनांक 23/07/2012 को स्वीकृत किया गया था तथा माह अगस्त 2014 में कार्य पूर्ण किया गया। मार्ग की कुल लंबाई 4.48 कि.मी. है। (ख) जी नहीं मार्ग आंशिक क्षतिग्रस्त हुआ। वर्तमान में मार्ग पर पेंच रिपेयर किया गया है, आवागमन अवरूद्ध नहीं हो रहा है। (ग) वर्तमान में उपलब्ध वित्तीय संसाधन सीमित होने से पुनः निर्माण की कोई योजना नहीं है। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनाओं के अंतर्गत क्षतिपूर्ति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
5. ( क्र. 766 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र मुलताई जिला बैतूल के अंतर्गत प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनाओं में रबी वर्ष 2020-21 में पटवारी हल्का, तहसील एवं जिला स्तर पर बीमित की जाने वाली फसलों कि राजपत्र में जारी अधिसूचना में विकासखण्ड मुलताई के ग्राम जाम एवं सिलादेही पटवारी हल्का नंबर 70 रा.नि.मा. दुनावा में गेहूँ असिंचित फसल अधिसूचित है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित रकबे में पटवारी द्वारा ग्राम सिलादेही में 308.549 एवं ग्राम जाम में 331.47 हेक्टेयर गेहूँ फसल का रकबा सिंचित दर्शाया गया है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित असिंचित रकबे को पटवारी रिकार्ड अनुसार सिंचित रकबे में अधिसूचित किये जाने हेतु नायब तहसीलदार मुलताई द्वारा कलेक्टर बैतूल एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक बैतूल द्वारा अधीक्षक भू-अभिलेख बैतूल को त्रुटि सुधार हेतु लिखा गया था? (घ) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित हल्के में गेहूँ असिंचित होने से मौसम रबी 2020-21 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत फसलों का बीमा नहीं हो पा रहा है? क्या इस त्रुटि को सुधार किया जा कर प्रश्नांश (क) में उल्लेखित हल्के में गेहूँ सिंचित फसल अधिसूचित की जाएगी? यदि हाँ तो कब तक नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) अधिसूचना में रकबे का उल्लेख नहीं किया जाता है। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) अधिसूचना अनुसार उल्लेखित हल्के में गेहूँ असिंचित फसल का बीमा हो रहा है किन्तु गेहूँ सिंचित फसल अधिसूचित नहीं होने से फसल बीमा नहीं हुआ है। अधिसूचना में संशोधन हेतु आयुक्त, भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त ग्वालियर के पत्र दिनांक 14.1.2021 द्वारा प्रस्ताव प्राप्त हुआ किन्तु रबी 2020-21 में बीमांकन की निर्धारित अंतिम तिथि दिनांक 31.12.2020 व्यतीत हो जाने के कारण संशोधित अधिसूचना जारी किया जाना योजना के प्रावधान अनुसार संभव नहीं है।
नरवर की पंचायतों में कराये गये कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
6. ( क्र. 1470 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले के जनपद पंचायत करेरा, नरवर की समस्त पंचायतों में किन-किन मदों से कितने-कितने लागत के कौन-कौन से कार्य वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक कराये गये हैं? जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के अवधि के कार्य कितने लागत से स्वीकृत किये गये थे? विवरण के साथ कार्य की वर्तमान स्थिति क्या है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के पंचायतों में कराये गये विभिन्न मदों के कार्यों में मूल्यांकन राशि से आहरित राशि ज्यादा है तो इस नियम विरूद्ध राशि आहरण में कौन-कौन दोषी है? दोषियों से अन्तर राशि की वसूली करते हुये पुलिस प्रकरण दर्ज करायेंगे? यदि हाँ तो किस-किस के ऊपर कितनी-कितनी राशि के विरूद्ध वसूली अथवा प्रकरण दर्ज करायेंगे? सूची उपलब्ध करायें। (घ) यदि प्रश्नांश (ग) अनुसार अधिक भुगतान ली गई राशि निश्चित समय पर नहीं जमा की गई तो पद से पृथक करते हुये उक्त राशि जमा कराते हुये उक्त कार्य को पूर्ण करा दिया जायेगा? समय-सीमा बताते हुये जानकारी देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) शिवपुरी जिले अंतर्गत जनपद पंचायत करैरा एवं नरवर की किसी भी ग्राम पंचायत में मूल्यांकन राशि से आहरित राशि अधिक नहीं होने से कार्यवाही का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
खेल विकास एवं खेल योजनाएं
[खेल एवं युवा कल्याण]
7. ( क्र. 1571 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग अंतर्गत खेल विकास हेतु कौन-कौन सी योजनाएं संचालित है? पूर्ण विवरण सहित जानकारी देवें? (ख) सीधी/सिंगरौली जिले में खेल मैदान, ऑडीटोरियम, जिम सेंटर इत्यादि हेतु क्या कोई कार्ययोजना है? यदि हाँ तो जिलावर पूर्ण विवरण सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में उक्त खेल मैदानों/जिम सेंटर एवं खेल सामग्री हेतु क्या कोई राशि स्वीकृत की गयी? यदि हाँ तो स्वीकृत राशि सहित पूर्ण जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में स्वीकृत कार्यों की सूची उपलब्ध करायें। स्वीकृत कार्य कब तक पूर्ण कर लिए जायेंगे।
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभागीय नीति अनुसार स्टेडियम/खेल मैदान निर्माण हेतु जिला प्रशासन द्वारा आवश्यक भूमि चिन्हित कर विभाग के नाम आवंटन करना आवश्यक होता है। सीधी/सिंगरौली जिले में विभाग के नाम भूमि आवंटित नहीं होने के कारण खेल मैदान, जिम सेंटर का निर्माण नहीं किया गया है एवं ऑडिटोरियम निर्माण का दायित्व नगरीय प्रशासन का होने के कारण खेल और युवा कल्याण विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारियों द्वारा स्थल निरीक्षण नहीं करना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
8. ( क्र. 1930 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी वर्ष 2018 से वर्ष दिसम्बर 2020 तक मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत लव कुशनगर द्वारा शासन द्वारा संचालित योजनाओं एवं निर्माण कार्यों का कब-कब स्थल निरीक्षण किया गया विवरण देवें। यदि नहीं तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) से उक्त अवधि में क्या शत्-प्रतिशत निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया गया उनमें किन-किन पंचायतों के निर्माण कार्यों एवं अन्य शासन की संचालित योजनाओं पर कहां-कहां अनियमिततायें पाई गई, यदि हाँ, तो किनके विरूद्ध कार्यवाही की गई विवरण देवें? (ग) गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य पाये जाने पर किन-किन कर्मचारियों एवं उपयंत्रियों पर कार्यवाही की गई या की जावेगी। कारण स्पष्ट करें? (घ) ऐसे पंचायत सचिवों/रोजगार सहायकों के नाम बतायें जिनकी नियुक्तियां नियम विरूद्ध की गई हैं ऐसे कर्मचारियों के नाम बतायें एवं ऐसे कितने कर्मचारी जिनके विरूद्ध विभिन्न न्यायालयों में प्रकरण गतिशील हैं।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
रोजगार सहायक रिक्त पदों की पूर्ति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
9. ( क्र. 2299 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रोजगार सहायकों की भर्ती के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश है उनकी प्रति दें रोजगार सहायकों के वेतन/मानदेय भुगतान में भारत सरकार तथा राज्य सरकार का अंशदान कितना-कितना है? (ख) फरवरी 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में किन-किन ग्राम पंचायतों में रोजगार सहायक के पद कब से एवं क्यों रिक्त है रोजगार सहायक पदस्थ न होने की स्थिति में उक्त ग्राम पंचायतों में रोजगार सहायक का काम कौन कर रहा है? (ग) रोजगार सहायकों के रिक्त पदों की पूर्ति तथा भर्ती हेतु मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को भोपाल संभाग के किन-किन विधायकों के पत्र 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कब-कब प्राप्त हुए? (घ) उक्त पत्रों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा की गई कार्यवाही से संबंधित विधायकों को कब-कब अवगत कराया गया? यदि नहीं तो क्यों कब तक अवगत करायेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) ग्राम रोजगार सहायकों की भर्ती के संबंध में शासन के निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार हैं। ग्राम रोजगार सहायकों के वेतन/मानदेय भुगतान के लिये भारत सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा पृथक से कोई अंशदान प्राप्त नहीं होता। (ख) फरवरी 2021 की स्थिति में रायसेन जिले की ग्राम पंचायतों में रोजगार सहायक के रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। रोजगार सहायक न होने की स्थिति में उक्त ग्राम पंचायतों में रोजगार सहायक का कार्य संबंधित ग्राम पंचायत सचिवों द्वारा सम्पादित किया जा रहा है। (ग) ग्राम रोजगार सहायकों के पद पूर्ति हेतु, तत्कालीन माननीय मंत्री जी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग का पत्र दिनांक 12.11.2019, दिनांक 13.11.2019 को प्राप्त हुआ। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के संदर्भ में पत्र दिनांक 05.12.2019 के द्वारा तत्कालीन निज सहायक माननीय मंत्री जी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को अवगत कराया गया है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''चार'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
किसानों के कल्याण के लिए संचालित योजनायें
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
10. ( क्र. 2300 ) श्री रामपाल सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2021 की स्थिति में किसानों के कल्याण के लिए विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जा रही है? पात्रता की शर्तें एवं मापदण्ड सहित पूर्ण विवरण दें। (ख) वर्ष 2018-19 से फरवरी 2021 तक की अवधि में रायसेन जिले में किस-किस योजना में कितने-कितने किसानों को लाभान्वित किया गया? विकासखण्डवार संख्या बतायें तथा कितनी राशि व्यय हुई? (ग) फरवरी 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में किस-किस योजना में कितने किसानों को अनुदान की राशि का भुगतान नहीं हुआ है तथा क्यों? कब तक राशि का भुगतान होगा? (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को 1 जनवरी 2019 से फरवरी 2021 तक की अवधि में प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) कृषकों को अनुदान राशि के भुगतान के संबंध में पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संचालित योजनाओं की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
11. ( क्र. 2766 ) श्री कमलेश जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना में मनरेगा अन्तर्गत कौन-कौन सी हितग्राही मूलक उपयोजनाये जिले में संचालित की जा रही हैं। उक्त उपयोजनाओं के अंतर्गत कौन-कौन परियोजना अधिकारी किस दिनांक से पदस्थ होकर कार्य कर रहे है एवं कितने परियोजना अधिकारियों के स्थानान्तरण कितनी बार किये गये एवं कितनी बार निरस्त किये गये स्थानान्तरण आदेशों एवं निरस्त किये गये स्थानान्तरण के कारण को बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) में संचालित हितग्राही मूलक उपयोजनाओं में अम्बाह एवं पोरसा ब्लाकों में विगत 03 वर्षों में कितने कार्य कितनी ग्राम पंचायतों में कितनी लागत से स्वीकृत किये गये है इनमें से कितने पूर्ण, कितने अपूर्ण/निर्माणाधीन एवं कितने अप्रारंम्भ हैं। ब्लॉकवार जानकारी के साथ अप्रारम्भ कार्यों का कारण स्पष्ट करें तथा क्या किये गये कार्यों में किसी अधिकारी की कोई शिकायत जिला पंचायत को प्राप्त हुई यदि हाँ तो क्या कार्यवाही की गई जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) जिला मुरैना के ब्लॉक अम्बाह एवं पोरसा में प्रश्नांश (क) की हितग्राही मूलक उपयोजनाओं में विगत 03 वर्षों में कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। (घ) जिला मुरैना के ब्लॉक अम्बाह एवं पोरसा में मनरेगा मद से ग्रामीण यांत्रिकीय सेवा द्वारा विगत 03 वर्षों में कराये गये तालाब एवं सड़क निर्माण कार्य बहुत ही घटिया स्तर के है, क्या उक्त कार्यों की जाँच प्रश्नकर्ता की उपस्थिति में कराई जावेगी। यदि नहीं तो क्यों एवं यदि हाँ तो कब तक।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) मुरैना जिले में मनरेगा योजना अंतर्गत प्रमुख रूप से कृषकों के लिये निजी खेत में फलोद्यान, व्यक्तिगत शौचालय, कैटलशेड, खेत तालाब, मेढ़ बंधान आदि हितग्राही मूलक कार्य संचालित हैं। इन हितग्राही मूलक कार्यों हेतु पृथक-पृथक परियोजना अधिकारी पदस्थी का प्रावधान नहीं होने एवं जिला पंचायत मुरैना में मनरेगा अंतर्गत परियोजना अधिकारी पदस्थ नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। ख) उत्तरांश (क) में संचालित हितग्राही मूलक कार्य में विगत 03 वर्षों में 32 कार्य 14 ग्राम पंचायतों में कुल राशि रूपये 45.096/- लाख लागत के स्वीकृत किए गए है। जिनमें से 13 पूर्ण तथा 19 प्रगतिरत की विकासखण्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कार्य अप्रारंभ नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। उक्त किए गए कार्यों में किसी भी अधिकारी के विरूद्ध शिकायत जिला पंचायत के संज्ञान में नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार 32 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। (घ) जिला मुरैना के ब्लॉक अम्बाह एवं पोरसा में मनरेगा मद से ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा विगत 03 वर्षों में कोई कार्य नहीं कराया गया। अतएव शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 44 पर संचालित ढाबों की अनुमति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
12. ( क्र. 2943 ) श्री संजय शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरसिंहपुर जिले के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 44 पर लखनादौन से झिराघाटी के बीच में मेवात, पलवल, चांद, शेर-ए-पंजाब आदि नामों से ढाबा संचालित हैं? यदि हाँ, तो इन ढाबों के संचालन की अनुमति किसके द्वारा प्रदान की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार, क्या इन ढाबों का संचालन क्षेत्र के बाहरी व्यक्तियों द्वारा किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या पुलिस के पास इन ढाबों को संचालित करने वाले व्यक्तियों एवं कर्मचारियों की जानकारी उपलब्ध है? सूची उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार, क्या जिले में आये दिन हो रही लूटपाट एवं अराजक घटनाओं के सम्बंध में पुलिस द्वारा इन ढाबों की जाँच की गई है? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार, बाहरी व्यक्तियों द्वारा बिना किसी अनुमति के संचालित इन ढाबों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। मेवात, पलवल, चांद, शेर-एं पंजाब नाम के ढाबे संचालित है। उपरोक्त ढाबों के संचालन हेतु उक्त संचालक खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के अंतर्गत पंजीयन पाया गया। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषकों को फसल बीमा राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
13. ( क्र. 2961 ) श्री सुरेन्द्र सिंह नवल सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बुरहानपुर जिले में वर्ष 2019-20 में कितने फसल बीमा, किस-किस कम्पनी/एजेंसी द्वारा किये गये सूची प्रदान करें। क्या उन्हें फसल बीमा के क्लेम भुगतान किये जा चुके हैं? यदि नहीं तो क्यों एवं कब तक किये जायेंगे और नहीं किये जाने के क्या कारण है? (ख) बुरहानपुर जिले में 2020-21 के फसल बीमा किन-किन कम्पनी/एजेंसी द्वारा किन-किन फसलों के कितने किये गये सूची प्रदान करें। केला फसल के 2020-21 में कितने बीमा किये गये सूची प्रदान करें। यदि बीमा नहीं किये गये तो क्यों? कारण बतावें एवं कब तक किये जायेंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) वर्ष 2019-20 में बुरहानपुर जिले में किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग अंतर्गत प्रधानमंत्री फसल बीमा का क्रियान्वयन इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी द्वारा किया गया जिसके अंतर्गत खरीफ 2019 में 8907 एवं रबी 2019-20 में 1208 कृषकों की फसलों का बीमा किया गया। खरीफ 2019 में 6489 कृषकों को राशि रू.40368630/- का भुगतान किया गया तथा रबी 2019-20 में दावा भुगतान प्रकियाधीन है। उदयानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग अंतर्गत पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना का क्रियान्वयन यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लि. द्वारा किया गया। जिसके अंतर्गत खरीफ 2019 में 18782 एवं रबी 2019-20 में 4 कृषकों की फसलों का बीमा किया गया। खरीफ 2019 में 18696 कृषकों को राशि रू.310500921/- के दावों का भुगतान किया गया। रबी 2019-20 में दावा राशि निरंक है। (ख) किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग अंतर्गत प्रधानमंत्री फसल बीमा का क्रियान्वयन वर्ष 2020-21 में एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लि. द्वारा किया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग अंतर्गत पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजनांतर्गत खरीफ 2020 एवं रबी 2020-21 के लिये 06 बार निविदायें आमंत्रित करने के बाद भी प्रीमियम दरें अत्यधिक प्राप्त होने के फलस्वरूप बीमा अनुबंध नहीं किया गया।
उतावली पुल से ताप्ती पुल तक फोरलेन रोड निर्माण
[लोक निर्माण]
14. ( क्र. 2965 ) श्री सुरेन्द्र सिंह नवल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बुरहानपुर क्षेत्र के उतावली पुल से ताप्ती पुल तक फोरलेन रोड एवं डिवाइडर संबंधी क्या योजना बनाई गई है, इस योजना का नाम, लागत क्या है? (ख) यदि उक्त प्रकार की योजना नहीं बनाई गई तो क्या उक्त रोड पर दुर्घटना के आंकड़े एवं यातायात दबाव को देखते हुये कोई योजना भविष्य में बनाने का विचार है यदि हाँ, तो जानकारी प्रदान करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांकित योजना भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से संबंधित है। अत: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार।
धनिया की फसल का बीमा
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
15. ( क्र. 3002 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर के अंतर्गत विगत 3 वर्षों में धनिया की फसल के लिए कितने किसानों की उपज का बीमा हुआ है? कितने किसान छूट गये है, कृपया ग्रामवार एवं पंचायतवार सूची उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के कितने किसानों को बीमा का लाभ प्राप्त हुआ है, कृपया वर्षवार एवं ग्रामवार सूची उपलब्ध कराएं। कितने किसानों के खाते में राशि जमा नहीं हुई है, कृपया वर्षवार एवं ग्रामवार सूची उपलब्ध करायें। लाभ से वंचित किसानों को राशि कब तक प्राप्त हो जाएगी। (ग) वर्ष 2020-21 में कितने किसानों की धनिया फसल का बीमा किया गया है, ग्रामवार सूची उपलब्ध कराएं। (घ) क्या वर्ष 2020-21 में क्षेत्र के किसानों की धनिया फसल के नुकसान का सर्वे हुआ है? यदि हाँ, तो मुआवजा संबंधित कार्यवाही का विवरण उपलब्ध कराएं। यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें।
राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण ( श्री भारत सिंह कुशवाह ) : (क) विगत 03 वर्षों में कुल 11690 किसानों की उपज का बीमा हुआ। ऋणी कृषकों के लिये बीमा अनिवार्य है तथा अऋणी कृषकों के लिये बीमा ऐच्छिक है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) विगत 03 वर्षों में कुल 11690 किसान बीमा से लाभांबित हुये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''01'' अनुसार है। कुल 10 किसानों के खातों में राशि जमा नहीं हुई, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''02'' अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) वर्ष 2020-21 में बीमा अनुबंध नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। तहसीलदार जीरापुर जिला राजगढ़ के पत्र दिनांक 03.03.2021 के अनुसार सर्वें में धनिया फसल में कोई नुकसान/क्षति न होने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मध्यान्ह भोजन की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
16. ( क्र. 3241 ) श्री राकेश मावई : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यान्ह भोजन योजना क्या है? वर्तमान में इसमें किस प्रकार के कौन-कौन से आहार वितरण करने का प्रावधान है? मुरैना विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत शहरी एवं ग्रामीण शालाओं में मध्यान्ह भोजन वितरण की क्या व्यवस्था हैं? वर्तमान में स्कूलों में मध्यान्ह भोजन किस-किस एजेंसी को वर्तमान वित्तीय वर्ष में कितनी मात्रा में खाद्यान्न एवं कितनी राशि का आवंटन प्रदान किया गया। जानकारी देवे। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित मध्यान्ह भोजन वितरकों को जिस अनुपात में राशि प्राप्त हुई क्या उसी अनुपात में मीनू अनुसार मध्यान्ह भोजन वितरण हो रहा है? विभाग के कौन-कौन से अधिकारी व कर्मचारी की देख-रेख में मध्यान्ह भोजन का वितरण हो रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित मध्यान्ह भोजन वितरण व्यवस्था हेतु उच्च स्तरीय कमेटी का गठन कर कब तक इसकी जाँच कराई जायेगी? क्या दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक और नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार वित्तीय वर्ष 2017-2018 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में मध्यान्ह भोजन वितरण से संबंधित कितनी शिकायतें कब-कब और कहां-कहां प्राप्त हुई हैं तथा उन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत प्रदेश की समस्त शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं, शासन से अनुदान प्राप्त शालाओं एवं मदरसों तथा राष्ट्रीय बालश्रम परियोजना अंतर्गत संचालित शालाओं में विद्यार्थियों को दोपहर में पका हुआ गर्म एवं रूचिकर भोजन निर्धारित मीनू के अनुसार प्रदाय किया जाता है। वर्तमान में कोविड-19 के कारण शालाएं बंद होने से छात्रों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत खाद्य सुरक्षा भत्ता के रूप में खाद्यान्न (गेंहू एवं चावल) तथा माह मार्च से जुलाई, 2020 तक 110 शैक्षणिक दिवसों हेतु भोजन पकाने की राशि प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला के विद्यार्थियों/अभिभावकों के बैंक खातों में राज्य स्तर से प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से प्रदाय की गई है। माह अगस्त, 2020 से अक्टूबर, 2020 तक 73 शैक्षणिक दिवसों हेतु भोजन पकाने की लागत राशि के समतुल्य मान से विद्यार्थियों को सूखा राशन (दाल एवं तेल) का वितरण क्रियान्वयन एजेन्सी के माध्यम से किया जा रहा है। मुरैना विधानसभा के अंतर्गत क्रियान्वयन एजेन्सियों यथा- स्व-सहायता समूहों, शाला प्रबंधन समिति (SMC), स्वयंसेवी संस्थाओं (NGO) के माध्यम से खाद्यान्न (गेंहू एवं चावल) तथा सूखा राशन (तेल एवं दाल) का वितरण किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं, वर्तमान में कोविड-19 के कारण शालाएं बंद होने से विद्यार्थियों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत खाद्य सुरक्षा भत्ता के रूप में भोजन पकाने की लागत राशि के समतुल्य मान से सूखा राशन (दाल एवं तेल) प्राप्त अनुपात में वितरित किया जा रहा है। प्रधानाध्यापक/प्रभारी शिक्षक, शाला प्रबंधन समिति, विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक, जनपद पंचायत एवं जनपद शिक्षा केन्द्र के अधिकारी/कर्मचारी एवं जिला स्तरीय अधिकारी एवं कर्मचारियों की देख-रेख में खाद्यान्न एवं सूखा राशन का वितरण किया जा रहा है। (ग) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र में गंभीर शिकायत प्राप्त नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
चंबल एक्सप्रेस वे में व्यय होने वाली राशि
[लोक निर्माण]
17. ( क्र. 3280 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चंबल संभाग के लिए प्रस्तावित किया गया चंबल एक्सप्रेस-वे में व्यय होने वाली राशि कितनी है एवं क्या इसका कार्य शुरू कर दिया गया है यदि हाँ तो कहां से कहां तक प्रस्तावित है और यदि नहीं तो क्यों व कब तक किया जायेगा अवधि बतावें। (ख) चंबल एक्सप्रेस वे की लंबाई व चौड़ाई कितनी रखी गई है इस पर कितनी राशि व्यय स्वीकृत की गई है एवं प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि व्यय हुई है। (ग) चंबल एक्सप्रेस वे में कितने भूमि का अधिग्रहण किया गया है रकवा बतायें एवं कितना मुआवजा भूमि स्वामियों को दिया गया है यदि नहीं तो क्यों।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) चंबल एक्सप्रेस-वे (अटल प्रोग्रेस-वे) के निर्माण हेतु निजी भूमि का अधिग्रहण नहीं किया गया है, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
टूटे पुल की जांच
[लोक निर्माण]
18. ( क्र. 3295 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले में सितंबर 2020 में पेंच नदी में आई बाढ़ से साजपानी पुल टूटकर बह गया इसकी जाँच किस स्तर से कराई गई? (ख) इसके जाँच प्रतिवेदन का विवरण देते हुए बतावें कि इस प्रतिवेदन के अनुसार दोषियों के नाम, पदनाम देकर बतावें कि उन पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो कब की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) म.प्र.शासन लोक निर्माण विभाग के आदेश दिनांक 28.09.2020 द्वारा जाँच समिति का गठन किया गया है, जाँच प्रक्रियाधीन है। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जाँच प्रक्रियाधीन है, शेष प्रश्न का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
जबलपुर में संचालित नर्सरियां
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
19. ( क्र. 3366 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उपसंचालक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग जिला जबलपुर के तहत संचालित किन-किन नर्सरियों का विकसित क्षेत्रफल कितना-कितना है? इनमें कौन-कौन कब से किस-किस पद पर पदस्थ है तथा कौन-कौन कब से पद विरूद्ध किस पद पर पदस्थ हैं एवं क्यों? (ख) प्रश्नांकित किन-किन नर्सरियों को राज्य एवं केन्द्र प्रवर्तित किन-किन योजनाओं की किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई तथा कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्यय हुई। इसका सत्यापन कब किसने किया हैं? वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक की जानकारी दें। (ग) प्रश्नांकित किन-किन नर्सरियों को कब-कब कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि की आदान सामग्री एवं किस-किस प्रजाति के कितनी-कितनी मात्रा में फल-फूल के बीज पौधे आदि प्रदाय किये गये। कितने-कितने हितग्राही कृषकों को कितनी-कितनी मात्रा में फल-फूल के बीज एवं पौधे का निःशुल्क वितरण किया गया। कितने-कितने क्षेत्रफल में कब से कब तक किस-किस प्रजाति के फल-फूल के बीज एवं पौधे का रोपण किया गया इस पर और इनकी सुरक्षा,रख-रखाव, देखभाल, सिंचाई आदि पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई। कितने-कितने प्रतिशत फल-फूल के पौधे जीवित हैं एवं कितने प्रतिशत किस कारण से नष्ट या खराब हो गये है? इसका सत्यापन कब-कब किसने किया हैं?
राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण ( श्री भारत सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) नर्सरियों द्वारा हितग्राही कृषकों को फल-फूल के बीज एवं पौधे का नि:शुल्क वितरण नहीं किया गया। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है।
घोटालों के विरुद्ध कार्यवाही
[लोक निर्माण]
20. ( क्र. 3392 ) श्री शिवनारायण सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी से अनूपपुर (छत्तीसगढ़ वार्डर तक), उमरिया-शहडोल होते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग 43 का निर्माण एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा तीन ग्रुप में अलग-अलग तीन ठेकेदारों के माध्यम से कराया गया है तथा उमरिया से शहडोल रोड का निर्माण कार्य जारी है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उमरिया से शहडोल सड़क मार्ग हेतु विभिन्न भूमि धारकों से भूमि अधिग्रहित की गयी तथा एम.पी.आर.डी.सी. के अधिकारियों द्वारा भूमि धारकों से मिलकर बड़े प्लाट को कई टुकड़ों में बांटकर एवं खेतिहर जमीन को व्यवसायिक जमीन दर्शाया जाकर भूमि मुआवजा की रकम काफी बढ़ायी जाकर करोड़ों रुपये का लेन-देन कर, शासन के राजस्व राशि की क्षति पहुँचाई गई? यदि हाँ, तो जानकारी देवें तथा बतावें कि शासन, इसके लिए क्या कदम उठा रहा है? (ग) क्या उमरिया-शहडोल सड़क निर्माण में अधिग्रहित भूमि के मुआवजा वितरण में घोटाला एवं भ्रष्टाचार हुआ है? यदि हाँ, तो बतावें कि इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं एवं अभी तक क्या कार्यवाही की गयी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, जी हाँ। (ख) भूमि नियमानुसार अधिग्रहित की गई। जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उमरिया-शहडोल के अनिर्मित सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
21. ( क्र. 3393 ) श्री शिवनारायण सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा बनाए गए NH-43, कटनी-अनूपपुर (छत्तीसगढ़ सीमा तक) में से उमरिया-शहडोल के कितनी लम्बाई का सड़क निर्माण हो चुका है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उमरिया-शहडोल निर्मित सड़क में किन-किन हिस्सों पर किन-किन कारणों से सड़क निर्माण नहीं कराया गया। अनिर्मित पेंच के किलोमीटर क्रमवार जानकारी देवें। (ग) क्या NH-43 उमरिया-शहडोल के अनिर्मित हिस्सों पर सड़क निर्माण हेतु शासन द्वारा कोई कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ तो अनिर्मित हिस्सों पर सड़क निर्माण कब तक करा दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
खिलाड़ियों के उचित प्रशिक्षण हेतु प्रशिक्षक व्यवस्था
[खेल एवं युवा कल्याण]
22. ( क्र. 3428 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विकासखण्ड स्तर पर स्थापित खेल परिसरों में खिलाड़ियों के प्रशिक्षण हेतु प्रशिक्षक नियुक्त नहीं है, तो क्या शासन खिलाड़ियों के उचित प्रशिक्षण हेतु कोई व्यवस्था करेगा तथा कब तक? (ख) क्या शासन द्वारा सभी खिलाड़ियों को खेलवृत्ति दी जाती रही है, परन्तु विगत 2 वर्षों से केवल खेल ऐशोसिएशन के खिलाड़ियों को ही खेलवृत्ति दी जा रही है? स्कूल के खिलाड़ियों को दी जाने वाली खेलवृत्ति बंद कर दी गई है? यदि हाँ तो क्या शासन सभी खिलाड़ियों को पूर्व की भाँति दी जाने वाली खेलवृत्ति पुनः प्रारंभ करेगा?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) विकासखण्ड स्तर पर स्थापित खेल परिसर में खिलाड़ियों के प्रशिक्षण हेतु खिलाड़ी प्रशिक्षण कल्याण समिति का गठन कर स्थानीय स्तर पर आउटसोर्स प्रशिक्षक की व्यवस्था की जाती है तथा म.प्र. खेल प्राधिकरण के माध्यम से भी स्थानीय आवश्यकतानुसार आउटसोर्स आधार पर प्रशिक्षक की व्यवस्था किये जाने के प्रयास किये जाते है। (ख) जी हाँ, ओलम्पिक, कॉमनवेल्थ, एशियन गेम्स एवं राष्ट्रीय खेलों में खेले जाने वाले खेल तथा किक्रेट, बिलियर्ड-स्नूकर, मलखम्ब एवं शतरंज खेलों की राज्य स्तरीय अधिकृत प्रतियोगिताओं में पदक अर्जित करने वाले खिलाड़ियों को खेलवृत्ति प्रदान की जाती है। स्कूल फेडरेशन आफ इंडिया द्वारा 100 से अधिक खेलों की राज्यस्तरीय प्रतियोगिता करवाई जाती है, जिसमे आधे से अधिक खेल ओलम्पिक, कॉमनवेल्थ, एशियन व राष्ट्रीय खेल में नहीं खेले जाते है। इस कारण स्कूल गेम्स के खिलाड़ियों को खेलवृत्ति दी जाना व्यवहारिक रूप से संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रीवा जिले में प्रस्तावित क्योंटी-जनकहाई मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
23. ( क्र. 3548 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले में प्रमाणित क्योंटी-जनकहाई मार्ग (पनियारी घाट) निर्माण की घोषणा सत्र 2017-18 में माननीय मुख्यमंत्री महोदय के द्वारा की गई थी? यदि हाँ, तो क्या कारण है कि तीन वर्ष व्यतीत हो जाने एवं प्रश्नकर्ता द्वारा कई बार पत्राचार करने के बाद भी अभी तक उक्त मार्ग के कार्य स्वीकृति आदेश जारी नहीं हो सके? (ख) क्या विभाग के जिला स्तरीय कार्यालय के द्वारा भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है? यदि हाँ, तो कब तक उक्त मार्ग निर्माण का डी.पी.आर. मुख्यालय को भेजा जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त मार्ग निर्माण हेतु प्रशासकीय स्वीकृति आदेश कब तक जारी किये जा सकेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, घोषणा वर्ष 2017-18 में नहीं अपितु वर्ष 2016-17 में दिनांक 16-03-2017 को की गई थी। वन विभाग से आवश्यक वनीकरण हेतु मांग पत्र प्राप्त न होने के कारण। (ख) विभाग के जिला स्तरीय कार्यालय द्वारा आवश्यक कार्यवाही पूर्ण की गई, परन्तु वन विभाग के कार्यालय से मांग पत्र अप्राप्त है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
राजस्व ग्रामों को बारहमासी सड़कों से जोड़ने के प्रस्ताव
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
24. ( क्र. 3645 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में राजस्व ग्रामों को बारहमासी सड़कों से एकल सम्पर्कता प्रदान करने हेतु किन-किन जिलों से कितने-कितने किलोमीटर के कितनी राशि के प्रस्ताव शासन को स्वीकृति हेतु प्राप्त हुए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त प्रस्तावों में से नीमच विधानसभा क्षेत्र के किन-किन मार्गों के कितनी-कितनी राशि के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं तथा किन-किन सड़क मार्गों के प्रस्तावों पर शासन स्वीकृति प्रदान की गई है? तहसीलवार ब्योरा दें। इस मार्गों पर कब तक कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा। समय-सीमा बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) में प्राप्त प्रस्तावों में से स्वीकृति हेतु शेष प्रस्ताव कब तक स्वीकृत होगें।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में प्रदेश के राजस्व ग्रामों को बारहमासी एकल सम्पर्कता प्रदान करने हेतु जिलों के नाम, प्रस्तावित किलोमीटर एवं राशि के प्रस्ताव संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' के कालम क्र. 2, 5 एवं 6 के अनुसार है। (ख) नीमच विधानसभा क्षेत्र के प्राप्त प्रस्ताव के मार्गों एवं राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' के कालम क्र. 5 एवं 10 के अनुसार है। मार्गों की स्वीकृति जारी नहीं होने से कार्य प्रारंभ नहीं हुये है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) वर्तमान में आवंटन उपलब्ध नहीं है अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री प्याज कृषक प्रोत्साहन राशि का भुगतान
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
25. ( क्र. 3676 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019 में म.प्र.शासन द्वारा कितने जिलों में मुख्यमंत्री प्याज कृषक प्रोत्साहन योजनान्तर्गत प्याज खरीदी गई? जिलों के नाम बतावें। उक्त जिलों में से कितने जिलों को मुख्यमंत्री प्याज कृषक प्रोत्साहन योजनान्तर्गत प्रोत्साहन राशि का भुगतान प्रदान किया जा चुका है? कितने जिले शेष है? अलग-अलग नाम बतावें। (ख) जिला राजगढ़ अंतर्गत कितने कृषकों ने मुख्यमंत्री प्याज कृषक प्रोत्साहन योजनान्तर्गत प्याज बेची है? विधानसभा क्षेत्रवार संख्या बतावें। (ग) जिला राजगढ़ के कितने कृषकों को मुख्यमंत्री प्याज कृषक प्रोत्साहन योजनान्तर्गत प्रोत्साहन राशि का भुगतान कर दिया गया है? कितने शेष है? शेष रहे किसानों को कब तक प्रोत्साहन राशि का भुगतान कर दिया जावेगा?
राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण ( श्री भारत सिंह कुशवाह ) : (क) वर्ष 2019 में शासन द्वारा 26 जिलों में मुख्यमंत्री प्याज कृषक प्रोत्साहन योजनान्तर्गत प्याज खरीदी गई। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 3146 कृषक। विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी निम्नानुसार है:-
विधानसभा क्षेत्र का नाम |
|||||
राजगढ़ |
ब्यावरा |
नरसिंगढ़ |
सारंगपुर |
खिलचीपुर |
अन्य |
112 |
1112 |
555 |
778 |
562 |
27 |
(ग) जिला राजगढ़ में किसी भी कृषक को प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं किया गया है। कलेक्टर जिला राजगढ़ के जाँच रिपोर्ट अनुसार मण्डियों में प्याज की खरीदी में अनियमितता प्रकाश में आई हैं। जाँच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जाँच उपरान्त योजना के दिशा-निर्देश के अनुसार आवश्यक कार्यवाही की जायेगी।
भवन एवं सड़क निर्माण के अंतिम बिलों का भुगतान
[लोक निर्माण]
26. ( क्र. 3698 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल एवं होशंगाबाद संभाग में गत दो वर्षों में भवन एवं सड़क निर्माण से संबंधित कितने बिलों का अंतिम भुगतान किया गया इनमें से कितने कार्यों का रॉयल्टी क्लियरेन्स प्रमाण पत्र खनिज विभाग से प्राप्त किया? (ख) कितने कार्यों का अंतिम बिल का भुगतान खनिज विभाग से रॉयल्टी क्लियरेन्स प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना किन कारणों से किया? (ग) अंतिम बिल भुगतान के पूर्व रॉयल्टी क्लियरेंस प्रमाण पत्र खनिज विभाग से प्राप्त किए जाने के संबंध में क्या-क्या प्रावधान प्रचलित रहे है उनका पालन नहीं किए जाने का क्या-क्या कारण रहा है? (घ) गत दो वर्षों में जिन बिलों का अंतिम भुगतान किया है उनके रॉयल्टी क्लियरेंस प्रमाण पत्र खनिज विभाग से प्राप्त करने के संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) भोपाल तथा होशंगाबाद संभाग में परियोजना संचालक, पी.आई.यू. अंतर्गत गत दो वर्षों में भवन कार्यों के कुल 123 कार्यों के अंतिम बिलों का भुगतान किया गया है, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) 118 कार्यों के अंतिम बिल का भुगतान खनिज विभाग से रॉयल्टी क्लियरेन्स प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना भुगतान किया गया है। किन्तु अंतिम बिलों में खनिज रॉयल्टी काटकर सीधे खनिज विभाग के मद में जमा करते हुये अंतिम देयक का भुगतान किया गया। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) कार्यों के अंतिम देयकों में ठेकेदारो द्वारा उपयोग की गई कुल खनिज की मात्रा खनिज विभाग द्वारा निर्धारित दरों पर खनिज विभाग के मद में समायोजन करते हुये अंतिम बिलों का भुगतान किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 1 अनुसार है। (घ) खनिज विभाग की रॉयल्टी की राशि सीधे खनिज विभाग को ऑनलाईन खनिज विभाग के मद में जमा की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है।
सड़क निर्माण में राशि का उपयोग
[लोक निर्माण]
27. ( क्र. 3699 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल एवं होशंगाबाद संभाग में गत दो वर्षों में निर्माणाधीन कितनी सड़कों में पावर हाऊस की कितनी राख का उपयोग बेचिंग प्लांट एवं इम्बकमेन्ट में किया, कितनी निर्माणाधीन सड़कों में राख का उपयोग नहीं किया गया। (ख) निर्माणाधीन किस मार्ग की डी.पी.आर. में कितनी राख के उपयोग का प्रावधान किया गया, राख का उपयोग डी.पी.आर. के अनुसार नहीं किए जाने का क्या-क्या कारण रहा है। (ग) निर्माणाधीन मार्गों की डी.पी.आर. में दिए गए प्रावधान के अनुसार सड़क निर्माण में पावर हाऊस की राख का उपयोग किए जाने के संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है कब तक की जावेगी।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है।
RES के द्वारा विकास एवं निर्माण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
28. ( क्र. 3816 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग जबलपुर को शासन एवं जिला प्रशासन जबलपुर ने किन-किन विभागों से संबंधित संचालित किन-किन योजनान्तर्गत प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर कितनी राशि के कौन-कौन से निर्माण एवं विकास कार्यों हेतु निर्माण एजेंसी बनाया गया है? वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितनी राशि आवंटित की है एवं कितनी राशि का आवंटन कब से नहीं किया गया है एवं क्यों? कितनी राशि के स्वीकृत कौन से निर्माण एवं विकास कार्य कब किस एजेंसी से कराये गये हैं? इनका पर्यवेक्षण किसने किया हैं? भौतिक स्थिति से अवगत कराये एवं इनकी निर्माणाधीन अवधि व लागत क्या हैं? (ग) प्रश्नांकित किन निर्माण कार्यों से संबंधित कितनी-कितनी राशि का भुगतान कब किस एजेंसी को किया गया है क्या शासन इन कार्यों में की गई वित्तीय अनियमितता राशि का दुरूपयोग, गुणवत्ता विहीन निर्माण कराने व भ्रष्टाचार की जाँच कराकर दोषी एजेन्सी व अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग जबलपुर को शासन एवं जिला प्रशासन द्वारा निर्माण एजेंसी बनाये जाने एवं प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नांश से संबंधित किसी भी कार्य में वित्तीय अनियमितता, राशि का दुरूपयोग एवं गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य नहीं कराए गए है। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास योजना के वंचित ग्रामों में आवास की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
29. ( क्र. 3871 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत क्या समस्त ग्रामों में प्रधानमंत्री आवास योजना स्वीकृत की गई है? (ख) यदि नहीं तो जनवरी 2021 की स्थिति में ऐसे कौन-कौन से ग्राम हैं जिनमें प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में एक भी आवास स्वीकृत नहीं हुआ है? (ग) क्या प्रधानमंत्री आवास योजना के वंचित ग्रामों में आवास की स्वीकृति हेतु कार्यवाही की जायेंगी? (घ) यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी नहीं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) भारत सरकार के निर्देशानुसार, पात्रतानुसार स्वीकृति की कार्यवाही की जायेगी। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
मृत्यु उपरांत अनुग्रह राशि का भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
30. ( क्र. 3874 ) श्री
सुशील कुमार
तिवारी : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विधानसभा
क्षेत्र
पनागर के
अंतर्गत क्या 19 जनवरी 2021 को जनपद
पंचायत पनागर
एवं जबलपुर के
हितग्राहियों
की मृत्यु
उपरांत
अनुग्रह राशि
संबंधितों के
बैंक खातों
में जमा की गई
है? (ख) यदि
हाँ, तो
हितग्राहियों
की मृत्यु
दिनांक सहित
सूची उपलब्ध
करावें?
(ग)
क्या
मृत्यु
उपरांत
सहायता राशि
भुगतान करने
के लिये कोई
समय-सीमा निर्धारित
है? (घ) यदि
नहीं तो क्या
समय-सीमा निर्धारित
की जायेगी? ताकि
हितग्राहियों
को मृत्यु के
तत्काल
उपरांत राशि
उपलब्ध हो
सके।
पंचायत
मंत्री ( श्री
महेन्द्र
सिंह
सिसौदिया ) : (क) जी हाँ, जनपद
पंचायत पनागर
के 32
हितग्राहियों
की राशि बैंक
खातों में जमा
की गई है। जनपद
पंचायत
जबलपुर के
किसी भी
हितग्राही का नाम
नहीं होने के
कारण राशि जमा
नहीं हुई है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार है।
(ग) जी
हाँ, 90 दिवस। (घ) उत्तरांश ''ग'' के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत पात्र हितग्राहियों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
31. ( क्र. 3947 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के चित्रकूट विधानसभा अन्तर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों एवं नगर परिषदों में प्रधानमंत्री आवास योजाना के कुल कितने पात्र हितग्राही पाये गये? उनमें से किसे-किसे, कितनी-कितनी किश्तें कब-कब, कितनी-कितनी राशि जारी की गईं, पंचायतवार, नगर परिषदों के अन्तर्गत वार्डवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के कौन-कौन से हितग्राहियों को अभी तक योजना की एक भी किश्त नहीं जारी हुई या पहली ही किश्त जारी हुई है, जिन्हें केवल एक किश्त जारी की गई, उन्हें आगे की किश्तें क्यों नहीं जारी की गई तथा जिन्हें एक भी किस्त जारी नहीं हुई, उन्हें कब तक राशि जारी कर दी जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या पात्र लोगों के स्थान पर पैसा लेकर अपात्र लोगों को पात्र बनाकर उन्हें जल्दी-जल्दी किस्ते जारी की गई? इसके लिए क्या किसी अधिकारी/कर्मचारी को आरोपी बताया जायेगा? हाँ तो किसे और कब तक, नहीं तो क्यों? बतायें। (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रधानमंत्री आवासों का भौतिक सत्यापन एक कमेटी गठित कर कराया जायेगा? हाँ तो कब तक, नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जानकारी प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के पोर्टल pmayg.nic.inपर उपलब्ध है। नगर परिषदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। (ख) जानकारी प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के पोर्टल pmayg.nic.inपर उपलब्ध है। हितग्राहियों द्वारा नियमानुसार निश्चित स्तर तक आवास पूर्ण करने पर किश्त देने का प्रावधान है। नगर परिषद की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) एवं (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शहर के मध्य से गुजरने वाले राजमार्गों पर सुरक्षा
[लोक निर्माण]
32. ( क्र. 4035 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहर के मध्य से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग से कितनी दूरी एवं किन सुरक्षा मापदण्डों के अंतर्गत विद्युत पोल अथवा ट्रासंफार्मर लगाए जा सकते हैं। (ख) छतरपुर शहर से गुजरने वाली एन.एच. 34 एवं एन.एच. 39 के सड़क पर ही अथवा सड़क से 03 फीट की दूरी पर कितने विद्युत पोल किन-किन स्थानों पर लगे है। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में यह पोल सड़क निर्माण के पूर्व से लगे हैं अथवा बाद में लगाए गए। यदि पूर्व से लगे है तो निर्माण की अनुमति किस नियम के अंतर्गत दी गई। यदि बाद में लगाए गए तो किस नियम के अंतर्गत। (घ) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या छतरपुर शहर से गुजरने वाले दोनो एन.एच. में लगे विद्युत पोल एवं ट्रांसफार्मर निर्धारित दूरी एवं निर्धारित सुरक्षा मापदण्डो के अनुसार है? यदि नहीं तो इन्हें मापदण्डों के अनुसार क्यों नहीं लगाया गया? इन्हें मापदण्डानुसार लगाने की जिम्मेदारी किस की थी? जिम्मेदारी का निर्वाहन नहीं करने वालों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मापदण्ड हेतु जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रश्न का उत्तर विद्युत वितरण कम्पनी से संबंधित है, उनसे प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) प्रश्न का उत्तर विद्युत वितरण कम्पनी से संबंधित है, उनसे प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। शेष प्रश्न का उत्तर नगर पालिका छतरपुर से संबंधित है, उनसे प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) छतरपुर शहर में मार्ग का चौड़ीकरण कार्य नगर निगम छतरपुर के द्वारा किया जा रहा है। शेष प्रश्नांश 'ग' के उत्तर अनुसार।
अतिरिक्त स्टाम्प शुल्क की वसूली
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
33. ( क्र. 4071 ) श्री जयसिंह मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले के किन-किन ग्राम पंचायतों में योजना क्रमांक 1610 अतिरिक्त स्टाम्प शुल्क वसूली के विरूद्ध अनुदान मद से वर्ष 2018-19 में कितनी-कितनी लागत के सामुदायिक भवन निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत कार्य के विरूद्ध किन-किन कार्य एजेंसी को कितनी-कितनी राशि प्रथम एवं द्वितीय किश्त के रूप में किस-किस तिथि को प्रदाय की गई? यदि राशि प्रदाय नहीं की गई तो प्रदाय न करने का कारण बतायें तथा उक्त राशि कब तक प्रदाय कर दी जावेगी? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में पूर्ण हो चुके एवं ऐसे अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण करा लिये जायेंगे? कार्यों का विवरण बतायें।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में बजट अभाव के कारण 05 निर्माण कार्यों की द्वितीय किश्त जारी नहीं की जा सकी है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
बीना के ग्रामों में स्वीकृत प्रधानमंत्री आवास
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
34. ( क्र. 4120 ) श्री महेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बीना में विगत 05 वर्ष में कितने प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किये गये हैं संख्या बतावें। (ख) विधानसभा क्षेत्र बीना के विकासखंड बीना के ग्राम विहरना,बेलई,देहरी, वेरखेड़ीटाटां, सेमरखेड़ी, पार, जोध, मोहसा, हीगटी, किरौद, सिरचोपी में कितने प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किये गये? (ग) यदि नहीं तो क्यों इसके लिये दोषी कौन है उसके विरुद्ध विभाग क्या कार्यवाही करेगा? (घ) उक्त ग्रामवासियों को कब तक प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत कर दिये जाएंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) कुल 4679 आवास स्वीकृत किये गए। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) SECC-2011 की सूची में दर्ज समस्त पात्र हितग्राहियों को लाभांवित किया जा चुका है।
मंडी शुल्क जमा करने में भ्रष्टाचार
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
35. ( क्र. 4166 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत कृषि उपज मंडी समिति/उपमंडी तथा सब्जी मंडी में कितने व्यापारियों का पंजीयन है? नाम, पंजीयन दिनांक तथा वर्षवार प्राप्त मंडी शुल्क की राशि एवं मंडी प्रागंढ में आवंटित गोडाउन/दुकान की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार मंडी समिति द्वारा वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि मंडी शुल्क के रुप में जमा की गई? वर्षवार, मंडीवार जानकारी से अवगत करावें? (ग) क्या जिन व्यापारियों के द्वारा मंडी में व्यापार नहीं किया जाता है, उन व्यापारियों के नाम मंडी प्रांगढ़ में गोडाउन/दुकान आवंटित है? यदि हाँ तो आवंटन का कारण स्पष्ट करें? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार मंडी एवं उपमंडी में शासन द्वारा मंडी शुल्क 1.5 प्रतिशत के स्थान पर 0.5 प्रतिशत की जाने की सूचना व्यापारियों/किसानों को सचिव द्वारा कब दी गई? पत्र की छायाप्रति देवें? यदि पत्र जारी नहीं किया गया तो क्या व्यापरियों एवं किसानों से मंडी शुल्क 1.5 प्रतिशत की दर से वसूला जाकर शासन को 0.5 प्रतिशत की दर से जमा कराया जा रहा है? (ड.) क्या उक्त प्रकरण की जाँच कराई जाकर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) कृषि उपज मंडी समिति सारंगपुर एवं उपमंडी संडावता तथा कृषि उपज मंडी समिति पचोर एवं उपमंडी उदंखेडी में अनुज्ञप्ति धारी व्यापारी का नाम, पंजीयन दिनांक, आवंटित गोदाम और मंडी फीस की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) कृषि उपज मंडी समिति सारंगपुर में 01 व्यापारी तथा कृषि उपज मंडी समिति पचोर में 10 व्यापारियों को पूर्व से ही गोदाम/दुकान आवंटित की गई थी, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। मंडियों के अनुज्ञप्तिधारी व्यापारी होने तथा कृषकों की कृषि उपज क्रय-विक्रय की जाकर कृषि उपज को मंडी प्रांगण से हटाने के पूर्व भण्डारण करने के कारण गोदाम/दुकान आवंटित हैं। (घ) प्रश्नागत मंडी फीस प्रत्येक 100 रूपये के मान से 1.5 रूपये के स्थान पर 50 पैसे के सम्बन्ध में व्यापारियों को दी जाने वाली सूचना कृषि उपज मंडी समिति सारंगपुर एवं उपमंडी संडावता द्वारा दिनांक 01/12/2020 तथा कृषि उपज मंडी समिति पचोर एवं उपमंडी उदंखेडी में दिनांक 28/11/2020 को दी गई, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। तथा किसानों को लाउड स्पीकर से प्रचार-प्रसार कर सूचित किया गया। किसानों से किसी प्रकार का शुल्क, मंडी द्वारा नहीं लिया जाता है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ड.) म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड आंचलिक कार्यालय भोपाल द्वारा सचिव कृषि उपज मंडी समिति सारंगपुर तथा सचिव कृषि उपज मंडी समिति पचोर को मंडी प्रांगण में व्यापार न करने वाले व्यापारियों को आवंटित दुकान/गोदाम रिक्त करानें के सम्बन्ध में पत्र दिनांक 02/03/2021 द्वारा स्पष्टीकरण जारी किया गया। उत्तर प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर संबंधितों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।
राजगढ़ जिले में विभाग की योजनाएं
[खेल एवं युवा कल्याण]
36. ( क्र. 4223 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या खेल एवं युवा कल्याण विभाग के अंतर्गत युवाओं के लिए वर्तमान योजनाएं संचालित है? यदि हाँ, तो इन योजनाओं के क्रियान्वयन, खेल सामग्री तथा बजट संबंधित प्रावधान का संपूर्ण विवरण उपलब्ध कराएं? (ख) राजगढ़ जिले में युवाओं के प्रोत्साहन हेतु कौन सी योजनाएं संचालित है? कौन सी योजनाएं संचालित नहीं है? कारण सहित विवरण उपलब्ध कराएं। (ग) राजगढ़ जिले में युवाओं को विभिन्न खेलों के लिए उपकरण व खेल सामग्री उपलब्ध कराने के प्रावधान है? यदि हाँ तो विगत 5 वर्षों में विभाग द्वारा राजगढ़ जिले में युवाओं के लिए वितरित खेल सामग्री की संपूर्ण प्रक्रिया का विवरण उपलब्ध करावें? (घ) विगत 5 वर्षों में वितरित सामग्री की विज्ञप्ति खरीदी, भौतिक सत्यापन, डेड स्टॉफ नियमन इत्यादि प्रक्रिया में शासन के नियमों का पालन किया गया है? यदि हाँ तो खेल सामग्री संबंधी निर्धारित प्रक्रिया के पालन की पिछले पाँच वर्ष की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उच्च न्यायालय द्वारा प्राप्त स्थगन का आधार
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
37. ( क्र. 4237 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की जनपद पंचायत राजनगर अंतर्गत ग्राम पंचायत सूरजपुरा के सचिव द्वारा किसी राजनीतिक व्यक्ति के लैटरपैड के लिखे अनुसार माननीय उच्चन्यायालय जबलपुर द्वारा क्या कोई स्थगन प्राप्त किया था? (ख) क्या WP/14415-2019 द्वारा उक्त स्थगन प्राप्त के आधार क्या थे निर्णय की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) से इसके निराकरण में शासन द्वारा समय-सीमा में कोई कार्यवाही की है यदि हाँ तो की गई कार्यवाही के विवरण उपलब्ध करावें? (घ) क्या किसी वरिष्ठ अधिकारी द्वारा इस प्रकरण में जाँच प्रतिवेदन प्रेषित किया है यदि हाँ तो अधिकारी का नाम, पद सहित प्रतिवेदन का विवरण उपलब्ध करावें एवं की गई कार्यवाही की जानकारी देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) ग्राम पंचायत सूरजपुरा के सचिव द्वारा उनका स्थानान्तरण होने के कारण मा. उच्च न्यायालय में प्रकरण दायर करने एवं मान. न्यायालय द्वारा उस पर स्थगन दिया गया था। (ख) मान. उच्च न्यायालय के निर्णय की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। पुलिस अधीक्षक जिला छतरपुर द्वारा जाँच प्रतिवेदन प्रेषित किया गया, जिसके निष्कर्ष अनुसार आवेदन पत्र पर संज्ञेय अपराध का घटित होना नहीं पाया जाता है।
पेय जल परिवहन में लगे ट्रेक्टरों का भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
38. ( क्र. 4247 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चित्रकूट विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत आने वाली पंचायतों द्वारा गर्मी के दिनों में पेयजल हेतु पानी के टैंकरों के परिचालन बाबत ट्रैक्टर ठेके पर लिए जाते हैं? क्या इस प्रकार ठेके पर लिये गये ट्रैक्टरों से संबंधित भुगतान के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के चित्रकूट विधान सभा के कितने ट्रैक्टरों का भुगतान वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक पेंडिग है और क्यों? वर्षवार विवरण दें। इनका भुगतान कब तक किया जायेगा? (ग) उपरोक्त संदर्भ में भुगतान में देरी के लिए क्या कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? यदि हाँ तो उसके खिलाफ क्या कार्यवाही की जाएगी?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। शासन द्वारा आवंटन उपलब्ध होने पर नियमानुसार भुगतान किया जाता है। (ख) ग्राम पंचायत मलगौसा एवं जवारिन के पेयजल परिवहन वर्ष 2019-20 का भुगतान आवंटन उपलब्ध नहीं होने के कारण शेष है, समय-सीमा बताना संभव नहीं। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खरीफ फसल के बीमा मुआवजे का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
39. ( क्र. 4282 ) श्री तरबर सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बण्डा विधानसभा की शाहगढ़ तहसील में वर्ष 2020 में कितने रकबे में कितने किसानों द्वारा सोयाबीन एवं उड़द की बोनी की गई थी? (ख) क्या प्रश्नांश (क) किसानों से फसल बीमा हेतु प्रीमियम राशि जमा हुई थी? यदि हाँ तो कितने किसानों से कितनी राशि? (ग) वर्ष 2020 में शाहगढ़ तहसील में फसल बीमा मुआवजा हेतु उड़द व सोयाबीन में नुकसानी के क्या-क्या मानक निर्धारित थे? क्षेत्र में कुल एवं प्रति हेक्टेयर उड़द एवं सोयाबीन में कितना उत्पादन हुआ विभाग के आंकलन एवं मण्डी में बिक्री रिकार्ड के आधार पर पृथक-पृथक बताये? (घ) शाहगढ़ तहसील में वर्ष 2020 में सोयाबीन में अफलन एवं उड़द में पीला मोजेक से किसानों की फसल को कितना-कितना नुकसान हुआ? (ड.) प्रश्नांश (घ) के संदर्भ में यह भी बताये की शासन के लापरवाह कर्मचारियों जिनके कारण किसानों को फसल बीमा मुआवजा नहीं मिल सका, के विरुद्ध क्या कार्यवाही करेगा और कब और किसानों के फसल बीमा मुआवजा नुकसानी की भरपाई कब तक की जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रतलाम जिले में गोशाला का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
40. ( क्र. 4329 ) श्री मनोज चावला : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में वर्ष 2019- 20 और वर्ष 2020 -21 में कितनी गौशालाओं का लक्ष्य था और कितनी गौशालाएं बनकर तैयार हो गई हैं और कितनों का निर्माण कार्य चल रहा है और कितनी स्वीकृत होना प्रस्तावित है? (ख) रतलाम जिले में कितनी गौशालाएँ स्वीकृत होने के बाद भी जमीन अतिक्रमण होने के कारण लंबित पड़ी हैं? अतिक्रमण हटाकर निर्माण कार्य शुरू करवाने के लिए अभी तक क्या-क्या कार्यवाही शासन द्वारा की गई है? अतिक्रमण हटाकर गौशाला निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर दिया जाएगा?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) वर्ष 2019- 20 में 6 गौशालाओं का लक्ष्य था। 6 गौशालाएं पूर्ण हो गयी हैं। वर्ष 2020 -21 में 66 गौशालाओं का लक्ष्य है। 19 गौशालाएं स्वीकृत होकर प्रगतिरत है। जिले की जनपद पंचायत रतलाम की ग्राम पंचायत सागोद में निर्माणाधीन गौशाला के समीप 400 निराश्रित गौवंशों हेतु गौशाला निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। (ख) उपरांत (क) अनुसार गौशालाओं के निर्माण कार्य स्वीकृत होने के बाद जमीन अतिक्रमण होने के कारण लंबित होने के संबंध में कोई भी जानकारी संज्ञान में न होने के कारण शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
अधूरे भवन का निर्माण
[लोक निर्माण]
41. ( क्र. 4331 ) श्री मनोज चावला : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा रतलाम जिले में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कितने कितने भवन, कितनी कितनी लागत के किस किस विभाग के, बनाए गए हैं? तहसीलवार सूची उपलब्ध कराएं। (ख) बताएं कि प्रश्नांश (क) में अंकित समयावधि में बनाए गए भवनों में कितने भवन पूर्ण हो गए हैं कितने अधूरे है और कितने भवनों का निर्माण कार्य शुरू होना शेष हैं? अधूरे और शेष भवनों की सूची उपलब्ध कराएं और बताएं कि भवन निर्माण अधूरे और शेष भवनों का निर्माण कार्य शुरू नहीं होने का कारण क्या है? अधूरे भवन निर्माण कार्यों में कितना कितना भुगतान विभाग द्वारा संबंधित ठेकेदार को किया गया है? (ग) जावरा तहसील अंतर्गत ग्राम हाटपिपलिया स्थित उप स्वा. केंद्र भवन की स्वीकृति दिनांक,निर्माणकर्ता ठेकेदार का नाम, राशि कितनी थी? क्या ठेकेदार को निर्माण कार्य की पूर्ण राशि भुगतान कर दी गई हैं यदि हाँ, तो भुगतान प्रमाण पत्र, भवन पूर्णता प्रमाण पत्र का विवरण देवे? (घ) बताएं कि क्या उक्त उप स्वा. केंद्र को संबंधित विभाग को हैंड ओवर कर दिया गया है? यदि नहीं तो क्यों? भवन कब तक हैंड ओवर कर दिया जाएगा? क्या उक्त उप स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कार्य अभी भी अधूरा है और संबंधित को पूर्ण राशि भुगतान कर दी गई हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'ब' अनुसार है, इसके अतिरिक्त म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा रतलाम जिले के तहसील रतलाम में 01 भवन, लागत रू. 295.65 करोड़ चिकित्सा शिक्षा विभाग का बनाया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब-1' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) जी हाँ। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। जी नहीं। जी हाँ।
राज्य शासन द्वारा बीमा राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
42. ( क्र. 4347 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कारण है कि मध्य प्रदेश में किसानों का केसीसी होने के बाद भी बीमा राशि तत्काल खाते में नहीं पहुंचती है? (ख) क्या खरीफ 2021 की बीमा राशि सीधे ही बीमित किसान के खाते में पहुंचना चाहिए? यदि हाँ तो सर्वे उन किसानों का होना चाहिए जिनका बीमा नहीं है जो बीमित किसान हैं उनकों जिन किसानों का बीमा नहीं है उनके सर्वे कराने के कारण विलंब से बीमा राशि का भुगतान किया जाता है तब तक आगे की फसल बोने का समय आ जाता है ऐसी स्थिति में शासन क्या कार्रवाई करेगा? (ग) क्या पूर्व की सरकार ने फसल क्षति होने पर सीधे ही किसानों के खाते में 25% राशि डाल दी थी? यदि हाँ तो शेष 75% राशि किसानों के खाते में पहुंचाने के लिए आपकी सरकार क्या कार्यवाही करेगी और कब तक करेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न राजस्व विभाग से संबंधित है। (ग) जी हाँ। वर्ष 2019-20 में अतिवृष्टि से फसल क्षति होने पर प्रभावित कृषकों को स्वीकृत राशि का 25 प्रतिशत के मान से राहत राशि का वितरण किया गया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
43. ( क्र. 4352 ) श्री बाबू जण्डेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्र में लो.नि.वि. द्वारा माह अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से नवीन मार्ग स्वीकृत किये गये है? ? यदि नहीं तो कारण बतावें? (ख) क्या श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत (1) प्रेमसर से पच्चीपुरा पहुंच मार्ग, (2) खोजीपुरा रेलवे स्टेशन से मंगूराम के डेरा तक सड़क विभागीय बजट 2019-2020 सम्मिलित किया गया है? यदि हाँ तो उक्त कार्य अभी तक स्वीकृत कर प्रारम्भ क्यों नहीं कराये गये? कब तक स्वीकृत कर प्रारम्भ करा दिये जावेंगे? यदि नहीं तो कारण बतावें? (ग) लो.नि.वि.द्वारा श्योपुर विधानसभा की किन-किन नवीन सड़कों का निर्माण इस वित्तीय वर्ष में प्रस्तावित है? (घ) विभाग द्वारा सलापुरा से लिंक रोड नागदा एवं अन्य क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत कब तक करा दी जावेंगी? (ड.) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विभाग को पत्र क्रं. 101 दिनांक 1.2.2019 एवं 442 दिनांक 15.07.2019 के द्वारा नवीन सड़कों की मांग की गयी है? यदि हाँ तो उक्त पत्रों पर क्या कार्यवाही हुई? कार्यवाही नहीं हुई तो कारण बतावें। अब कब तक की जावेंगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत श्योपुर विधानसभा क्षेत्र में माह अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक तक बडौदा-मसावनी मार्ग एवं प्रेमसर-हिरनीखेडा-मूढला मार्ग स्वीकृत है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ दर्शाये अनुसार है। (ग) श्योपुर शहर से वर्धाबुजुर्ग रेल्वे स्टेशन तक फोरलेन मार्ग बजट वर्ष 2021-22 में शामिल है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ड.) जी हाँ। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
झाँसी रेल्वे ओवरब्रिज का निर्माण
[लोक निर्माण]
44. ( क्र. 4385 ) श्री महेश राय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाँसी रेल्वे ओवरब्रिज का निर्माण कब तक पूर्ण होना था? (ख) यदि निर्माण की समयावधि का समय पूर्ण हो गया है तो अभी तक निर्माण पूरा क्यों नहीं किया गया विभाग द्वारा ठेकेदार पर क्या कार्यवाही की गयी? (ग) क्या ठेकेदार का टेंडर निरस्त कर नया टेंडर जारी किया जायेगा? यदि हाँ तो कब तक? (घ) झाँसी रेल्वे ओवरब्रिज का निर्माण कब तक पूर्ण हो जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) झांसी रेल्वे ओव्हर ब्रिज के नाम से कोई भी आर.ओ.बी. निर्माणाधीन नहीं है, यद्यपि बीना शहर में बीना कटनी सेक्शन के क्रमांक-308 बी (झांसी फाटक) पर आर.ओ.बी. निर्माणाधीन है जो दिनांक 21.06.2018 तक पूर्ण किया जाना था। (ख) उक्त आर.ओ.बी. ठेकेदार की धीमी गति, निर्माण स्थल पर अतिक्रमण तथा रेल्वे भाग का निर्माण रेल्वे विभाग द्वारा विलम्ब से प्रगतिरत होने के कारण अनुबंधानुसार अवधि में पूर्ण नहीं किया जा सका। ठेकेदार की धीमी गति के कारण अनुबंध के प्रावधानों के अनुरूप दिनांक 26.08.2020 एवं 19.02.2021 द्वारा ठेका निरस्तीकरण के क्रम में कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। (ग) ठेकेदार के द्वारा पुनरीक्षित कार्य योजना के अनुसार यदि कार्य की प्रगति नहीं रखी जाती है तो ठेका निरस्तीकरण की कार्यवाही का प्रावधान है। वर्तमान में समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) दिसम्बर 2021 तक पूर्ण होना संभावित है।
जबलपुर संभाग में नई सड़कों के टेण्डर
[लोक निर्माण]
45. ( क्र. 4453 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नवम्बर 2020 के बाद से अभी तक मध्यप्रदेश में कोई भी नई सड़कों के नये टेण्डर नहीं लगाये गये हैं? (ख) यदि लगाये गये हैं तो उक्त अवधि के उपरांत जबलपुर संभाग में नई सड़कों के लगाये गये टेण्डरों की सूची उपलब्ध करायें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
प्राप्त आवंटन का उपयोग
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
46. ( क्र. 4463 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद पंचायत कटंगी एवं जनपद पंचायत बालाघाट की समस्त ग्राम पंचायतों को वर्ष 2018-19, 2019-20 में प्रश्न दिनांक तक 14वें वित्त आयोग (पंच परमेश्वर) के अंतर्गत कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? उक्त प्राप्त राशि का उपयोग किन-किन कार्यों में किया गया तथा उक्त कार्यों का कितनी राशि का भुगतान किया गया? उनके नाम, एजेंसी के नाम सहित ग्राम पंचायतवार पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना की राशि का उपयोग किये जाने के क्या मापदण्ड/प्रावधान निर्धारित किये गये हैं? (ग) क्या ग्राम पंचायतों के सरपंच, सचिव एवं रोजगार सहायकों की आपसी मिलीभगत से बिना कार्य कराये उक्त योजना की राशि की फर्जी बिल व्हाउचर लगाकर आहरण अपने निजी स्वार्थ हेतु किया गया है? यदि हां, तो क्या इसकी जाँच कराई जावेगी? यदि नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) अवधि में जनपद पंचायत कटंगी के किन-किन ग्राम पंचायतों के ग्रामवासियों द्वारा फर्जी राशि आहरण के संबंध में कब-कब, कहां-कहां शिकायत की गई? शिकायत की जाँच कब व किस सक्षम अधिकारी से कराई गई? जाँच में किन-किन ग्राम पंचायतों के सरपंच, सचिव एवं रोजगार सहायक दोषी पाये गये? उक्त शिकायत शिकायत की जाँच नहीं कराये जाने के क्या कारण हैं? इसके लिए कौन अधिकारी-कर्मचारी दोषी है, उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। ग्राम पंचायत भजियापार जनपद पंचायत कटंगी की शिकायत के आधार पर जाँच कराई गई, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) ग्राम पंचायत भजियापार के ग्रामीणों द्वारा दिनांक 17.02.2020 को फर्जी भुगतान की शिकायत प्राप्त होने पर श्री भोलाराम सार्वे पंचायत समन्वयक अधिकारी, जनपद पंचायत कटंगी से जाँच कराई गई। दोषी पाये जाने पर जनपद पंचायत कटंगी का आदेश क्रमांक/1224/ज.प./स्था. मनरेगा/2020 कटंगी दिनांक 05.09.2020 द्वारा श्री धनेन्द्र चौधरी ग्राम रोजगार सहायक (प्रभारी सचिव) की संविदा सेवा समाप्त की गई है एवं पत्र क्रमांक/1221/ज.प./ स्था.मनरेगा/2020 कटंगी दिनांक 05.09.2020 द्वारा प्रधान प्रशासकीय समिति ग्राम पंचायत भजियापार को प्रधान पद से हटाने हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत बालाघाट की ओर अग्रेषित किया गया है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के कार्यालयीन पत्र क्रमांक/1406/ रीडर/जि.पं./2021 दिनांक 06.03.2021 के द्वारा प्रधान प्रशासकीय समिति ग्राम पंचायत भजियापार को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
तौलकांटा संचालक से अनुबंध राशि की वसूली
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
47. ( क्र. 4466 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड द्वारा दतिया मंडी में स्थापित तौल कांटे की राशि समय पर जमा नहीं करने के कारण कांटा संचालक से अनुबंधानुसार राशि रू.66,94,433/- वसूली के आदेश पत्र क्र. 3539 दिनांक 04.05.2018 दिये गये थे? (ख) क्या अनुबंध की कंडिका 25 के अनुसार प्रबंध संचालक मण्डी बोर्ड भोपाल को ही अंतिम सुनवाई का अधिकार है? (ग) यदि हाँ तो प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रबंध संचालक के आदेश पर शासन द्वारा किस नियम के तहत स्थगन आदेश दिया? नियम की प्रति उपलब्ध कराएं एवं तौल कांटे की राशि कब तक वसूली की जाएगी? यदि नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जी हाँ। कृषि उपज मंडी समिति दतिया में तत्कालीन तौलकांटा संचालक फर्म मे.मानवेन्द्र कंस्ट्रक्शन कम्पनी दतिया के प्रोपराईटर श्री संजय यादव से अनुबंधानुसार राशि रू. 66,94,433/- की वसूली के आदेश प्रबंध संचालक म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल द्वारा पत्र क्रमांक 3539 दिनांक 04.05.2018 से जारी किया गया है। आदेश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित आदेश पर स्थगन नहीं दिया गया। शासन स्तर पर प्रबंध संचालक, मंडी बोर्ड के अपील आदेश दिनांक 25.05.2019 के विरूद्ध प्रस्तुत अपील पर सुनवाई की गई थी। सामान्यत: प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड द्वारा जारी आदेश के विरूद्ध शासन स्तर पर अपील की सुनवाई की जा सकती है। प्रस्तुत प्रकरण में प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड पक्षकार थे एवं उनके द्वारा अपीलीय सुनवाई में क्षेत्राधिकार का विषय नहीं उठाया गया। पारित आदेश के तारतम्य में प्रबंध संचालक, म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड के अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक 1005 दिनांक 16.02.2021 से कलेक्टर दतिया को तौलकांटे की राशि वसूली के लिये निर्देश दिया गया है।
पंचायत एवं जनपद स्तरीय किसान कार्यक्रमों का आयोजन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
48. ( क्र. 4491 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी सिंगरौली जिले के विधान सभा सिंहावल अंतर्गत विगत दिनों पंचायत स्तरीय एवं जनपद स्तरीय किसान कार्यक्रम कहाँ-कहाँ आयोजित किये गये? क्या उक्त कार्यक्रम शासकीय कार्यक्रम थे या राजनैतिक? (ख) ग्राम पंचायत अमिलिया में आयोजित जनपद स्तरीय कार्यक्रम में कौन-कौन से जनप्रतिनिधियों को बुलाया गया था? क्या प्रोटोकाल का पालन किया गया है? यदि नहीं तो क्यों? (ग) उक्त कार्यक्रमों के आयोजन में कितनी राशि व्यय हुई है? व्यय राशि के समायोजन हेतु ग्राम पंचायतों को क्या आवंटन जारी किया गया है? व्यय राशि एवं आवंटन का विवरण देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) सीधी जिले के विधान सभा सिंहावल अंतर्गत ग्राम पंचायत एवं विकासखण्ड स्तरीय किसान कार्यक्रम कृषि विभाग तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सहयोग से दिनांक 18.12.2020 को सभी 100 ग्राम पंचायतों के मुख्यालय में एवं विकासखण्ड स्तरीय कार्यक्रम जनपद पंचायत सभागार सिंहावल में तथा दिनांक 25.12.2020 को सभी 100 ग्राम पंचायतों के मुख्यालय में एवं खण्ड स्तरीय कार्यक्रम ग्राम पंचायत अमिलिया में आयोजित किये गये थे। उक्त कार्यक्रम शासकीय था। जिला सिंगरौली जनपद पंचायत, देवसर के प्रत्येक ग्राम पंचायत एवं जनपद पंचायत स्तर में किसान कार्यक्रम आयोजित किये गये थे। उक्त कार्यक्रम शासकीय थे। किसान कार्यक्रम का आयोजन कृषि विभाग द्वारा नहीं किया गया है। (ख) ग्राम पंचायत अमिलिया में आयोजित जनपद स्तरीय कार्यक्रम में सभी किसान गणमान्य नागरिक एवं निर्वाचित जन प्रतिनिधियों की सहभागिता सुनिश्चित की गयी थी। जिसमें प्रोटोकॉल का पालन किया गया। शेष का प्रश्न ही नहीं उठता है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार, कार्यक्रम आयोजन हेतु कृषि विभाग जिला सीधी को कोई आवंटन प्राप्त नहीं हुआ है एवं उक्त कार्यक्रम के आयोजन में कोई व्यय नहीं किया गया। जिले सिंगरौली के जनपद पंचायत देवसर में आने वाली समस्त ग्राम पंचायतों द्वारा उक्त कार्यक्रम में रूपये 820.00 का बैनर मात्र में व्यय किया गया है। इस कार्य हेतु कोई प़ृथक से आवंटन प्राप्त नहीं हुआ है। कृषि विभाग जिला-सिंगरौली को कोई भी आवंटन प्राप्त नहीं हुआ हैं।
टोल नाकों की स्थापना
[लोक निर्माण]
49. ( क्र. 4500 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किस श्रेणी की किस मद से कितनी लागत तक की निर्मित सड़कों पर टोल नाकों की स्थापना कितने किलोमीटर की दूरी पर की जाकर किस से टोल की वसूली के वर्तमान में क्या-क्या प्रावधान प्रचलित हैं। (ख) टोल नाकों से कितने किलोमीटर के दायरे में आने वाले ग्रामवासियों के निजी चार पहिया वाहन, कृषि ट्रेक्टर एवं अन्य वाहनों को क्या-क्या सुविधाएं दिये जाने के प्रावधान है इन सुविधाओं को दिलवाने की जिम्मेदारी विभाग के किस अधिकारी की निर्धारित की गई है। (ग) बैतूल एवं होशंगाबाद जिले में किस मार्ग के कितने किलोमीटर पर टोल नाका वर्तमान में किस दर से टोल की वसूली कर रहा है किस टोल नाके पर आने-जाने की एक साथ टोल रसीद किन कारणों से किसके आदेश से वर्तमान में नहीं काटी जा रही है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार। (ख) सभी टोल मार्गों पर कृषि प्रयोजन के लिए उपयोग की जाने वाली ट्रेक्टर ट्राली को टोल से छूट प्राप्त है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। बैतूल जिले में बी.ओ.टी. योजनांतर्गत संचालित बैतूल-सारणी-टेकाढाना-जुन्नारदेव-परासिया मार्ग (एस.एच. 45) के अनुबंधानुसार आने-जाने की एक साथ रसीद काटे जाने का प्रावधान नहीं है। बैतूल जिले में बैतूल-परतवाड़ा मार्ग ओ.एम.टी. योजनांतर्गत संचालित मार्ग पर अनुबंधानुसार टोल बूथ पर अग्रिम वापसी पास मांगे जाने के अनुरोध पर प्रति फेरा टोल दर के 1.5 गुना दर (24 घंटो के अंदर वापसी) पर वापसी पास जारी किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पंचायत सचिवों की स्थानांतरण नीति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
50. ( क्र. 4540 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायतराज संचालनालय के पत्र क्र. 1218 दिनांक 30 जनवरी, 2021 को पंचायत सचिवों के स्थानान्तरण के लिये बनाई गई स्थानान्तरण नीति के आधार पर 1 जनवरी, 2018 से प्रश्न दिनांक तक ग्वालियर जिले की जनपद पंचायत भितरवार, घाटीगाँव, डबरा, मुरार में किन-किन पंचायत सचिवों की शिकायतें कितनी-कितनी प्राप्त हुई हैं? उनका नाम, ग्राम पंचायत का नाम स्पष्ट करें। (ख) भितरवार एवं घाटीगाँव जनपद पंचायत में जिन-जिन पंचायत सचिवों की शिकायत उक्त अवधि में हुई है उन सचिवों का नाम, शिकायतकर्ताओं का नाम, पता बतावें। क्या उन शिकायतों की जाँच कराई गई? यदि हाँ तो जाँच कमेटी के कर्मचारियों/अधिकारियों का नाम बतावें। क्या जाँच में पंचायत सचिव दोषी पाये गये? यदि हाँ तो कौन-कौन पंचायत सचिव दोषी है? उनका नाम बतावें। (ग) क्या आदेश क्र. 1218 दिनांक 30 जनवरी, 2021 के अनुसार यदि किसी पंचायत सचिव की शिकायत होती है तो शिकायत की किस निष्पक्ष एजेन्सी या जाँच कमेटी से जाँच कराई जावेगी? क्या उसकी कोई गाईड-लाईन इस स्थानान्तरण नीति में बनाई गई है? यदि हाँ तो उसको स्पष्ट करें। यदि नहीं तो क्या किसी स्तर के कर्मचारी/अधिकारी या कोई अन्य प्राईवेट एजेन्सी से मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत या कोई अन्य अधिकारी जाँच करा सकता है? यदि नहीं तो फिर क्या जाँच एजेन्सी या जाँच कमेटी जिले जनपद के भीतर या बाहर के निष्पक्ष कर्मचारियों/अधिकारियों की बनाई जावेगी? यदि हाँ तो जाँच कमेटी में किस स्तर के कर्मचारी/अधिकारी या कोई जनप्रतिनिधि रखे जावेंगे? यदि हाँ तो उनका नाम, पद एवं पदस्थापना स्थान स्पष्ट करें।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित नीति स्थानान्तरण संबंधी है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रोजगार सहायकों को एन.पी.एस. का लाभ
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
51. ( क्र. 4541 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम रोजगार सहायक संविदा कर्मचारी है? यदि हाँ तो संचालनालय पेंशन भविष्य निधि एवं बीमा के पत्र क्र. 59 दिनांक 4/1/20 की प्रति दें। क्या आदेशानुसार संविदा कर्मचारियों को एन.पी.एस. का लाभ देने का उल्लेख किया गया है? यदि हाँ तो ग्राम रोजगार सहायकों को इस लाभ से क्यों वंचित किया गया है? इसके लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी है? क्या दोषियों के प्रति कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो क्या और कब तक? अब किस दिनांक से ग्राम रोजगार सहायकों को एन.पी.एस. का लाभ दिया जावेगा? (ख) ग्राम रोजगार सहायकों को पंचायत विभाग द्वारा किस आदेश से नियुक्त किया गया था? आदेश की प्रति दें। नियुक्ति दिनांक से प्रश्न दिनांक तक उनको कितना-कितना वेतन (मानदेय) दिया जा रहा है? स्पष्ट करें। क्या इन ग्राम रोजगार सहायकों का वेतन (मानदेय) बढ़ाया जावेगा? यदि हाँ तो कितना और किस दिनांक से? यदि नहीं तो क्यों? कारण सहित स्पष्ट करें। (ग) संचालनालय के पत्र क्र. 932, दिनांक 6/7/2013 के आदेशानुसार क्या ग्राम रोजगार सहायक को सहायक सचिव घोषित किया गया है? आदेश की प्रति दें। आदेश के पालन में विभागीय अधिकारियों द्वारा सहायक सचिव के नाम से पत्राचार क्यों नहीं किया जा रहा? क्या इस गलती को सुधार कर पत्राचार सहायक सचिव के नाम से किये जाने हेतु पुनः मध्यप्रदेश शासन द्वारा निर्देश (आदेश) जारी किये जावेंगे? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी नहीं। ग्राम रोजगार सहायक के संबंध में जारी दिशा-निर्देश में ग्राम रोजगार सहायक ग्राम पंचायत द्वारा चयनित अंशकालिक संविदा सहायक होगें। राज्य शासन द्वारा प्रदत्त किसी भी प्रकार के लाभ, सेवा शर्त व अन्य सुविधाओं की पात्रता नहीं होने का प्रवधान किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) ग्राम रोजगार सहायक की नियुक्ति हेतु जारी दिशा-निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। मानदेय संबंधी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार हैं। मानदेय बढ़ाने का वर्तमान में कोई प्रस्ताव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पत्र क्र. 932 दिनांक 6/7/2013 की कण्डिका-8 में लेख है कि ग्राम रोजगार सहायक को संबंधित ग्राम पंचायत का सहायक सचिव घोषित करने की यह व्यवस्था अस्थायी होगी ओर यह तब तक प्रभावशील रहेगी जब तक कि ग्राम पंचायत के सहायक सचिव हेतु कोई स्थायी व्यवस्था नहीं हो जाती। इस कारण सहायक सचिव के नाम से पत्राचार नहीं किया जाता। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आई.टी.आई. का व्यवस्थित संचालन
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
52. ( क्र. 4550 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) चित्रकूट के बरौंधा आई.टी.आई. खोलने की घोषणा कब हुई थी? इस दिशा में कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या बरौंधा आई.टी.आई. नाम से संचालित इंस्टीट्यूट का अपना न तो भवन है न ही शिक्षक? यदि हाँ तो क्या स्किल डेवलपमेंट के नाम पर यह शिक्षा व्यवस्था पर्याप्त है? यदि नहीं तो इसका जिम्मेदार कौन है? उसके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) बरौंधा आई.टी.आई. का नियमित और व्यवस्थित संचालन कब तक शुरू हो पायेगा?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) चित्रकूट के बरौंधा में आई.टी.आई. खोलने की घोषणा सत्र 2017 में की गई। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शासकीय आई.टी.आई. बरौंधा संचालित करने हेतु ग्राम पंचायत बरौंधा द्वारा निर्मित सामुदायिक भवन अधिग्रहित किया गया था, किन्तु सामुदायिक भवन की स्थिति जीर्ण-शीर्ण होने के कारण यहां पर प्रशिक्षण दिया जाना सम्भव नहीं है। इसलिए वर्तमान में आई.टी.आई. बरौंधा, समीपस्थ शासकीय आई.टी.आई. वीरसिंहपुर में व्यवसाय कोपा का एक यूनिट संचालित किया जा रहा है, जिसमें एक मेहमान प्रवक्ता की नियुक्ति की गई है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) बरौंधा आई.टी.आई. का नियमित और व्यवस्थित संचालन सत्र 2017 से किया जा रहा है।
लेबड़-जावरा एवं जावरा-नयागाँव मार्ग की परियोजना लागत
[लोक निर्माण]
53. ( क्र. 4566 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लेबड़-जावरा तथा जावरा-नयागाँव फोरलेन के लिए निर्माण के पूर्व टेंडर किस लागत के अनुसार डाला गया तथा टोल अवधि की गणना किस लागत के अनुसार की गयी? (ख) क्या उक्त दोनों फोरलेन की लागत अनुबंध के अनुसार क्रमश: 605.48 तथा 450.47 करोड़ थी? यदि हाँ तो बतायें कि 25 वर्ष टोल अवधि क्या इस लागत के अनुसार ही है? (ग) क्या यह सही है कि फोरलेन निवेशकर्ता द्वारा निर्माण लागत 501 करोड़ तथा 907 करोड़ बताई गयी है? यदि यह सही है तो बतायें कि निवेशकर्ता द्वारा बताई गयी लागत का तय करने का आधार क्या है इस सम्बन्ध में दस्तावेज, नोटशीट एवं जो पत्र व्यवहार किया गया है उसका विवरण देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) संदर्भित लागत क्या विभाग स्तर पर अनुबन्ध की शर्तों के अनुसार मानी जायेगी या निवेशकर्ता अनुसार? यदि निवेशकर्ता ने अनुबंध के अतिरिक्त कोई कार्य किया है तो कार्य का नाम, राशि अनुमति देने वाले अधिकारी का नाम, कार्य किये जाने वाली आवश्यकता के कारण सूची देवें तथा बतायें कि अतिरक्त राशि के कारण टोल अवधि क्यों नहीं बढ़ाई गयी? सम्पूर्ण जानकारी देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) अनुबंधानुसार लेबड़-जावरा मार्ग की परियोजना लागत (टी.पी.सी.) रू. 589.31 करोड़ एवं जावरा-नयागाँव मार्ग की परियोजना लागत (टी.पी.सी.) रू. 425.71 करोड़ है, टोल अवधि की गणना लागत अनुसार नहीं की गई है। (ख) जी नहीं, प्रश्नांश में दर्शाई राशि प्रशासकीय स्वीकृति/लागत राशि है। टोल अवधि की गणना लागत अनुसार नहीं की जाती है, अपितु निर्माण पर होने वाला व्यय, टोल अवधि में संधारण पर होने वाला व्यय, टोल संचालन व्यय एवं फिजिबिलिटी रिपोर्ट निर्माण के समय किये गये वास्तविक यातायात गणना की आधार पर टोल प्रारंभ से अंत तक विस्तारित अनुमानित यातायात के अनुसार वित्तीय व्यवहार्यता का आंकलन किया जाकर सुनिश्चित की जाती है। (ग) लेबड़ जावरा मार्ग के निवेशकर्ता द्वारा बताई गई निर्माण लागत 501 करोड़ तथा जावरा-नयागाँव के निवेशकर्ता द्वारा बताई गई निर्माण लागत 907 करोड़ है, उक्त राशि का अनुमोदन म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा नहीं किया गया है, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) लागत अनुबंधानुसार ही मानी जायेगी अनुबंध के अतिरिक्त कार्य (चेंज ऑफ स्कोप) संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
औद्योगिक क्षेत्र सिद्धगुवां में जल प्रदाय योजना
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
54. ( क्र. 4571 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले के औद्योगिक क्षेत्र सिद्धगुवां में जल प्रदाय हेतु शासन द्वारा राशि रू. 1035 करोड़ की स्वीकृत कर योजना का क्रियान्वयन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा किया गया, परन्तु योजनांतर्गत औद्योगिक इकाइयों को जल प्रदाय योजना का लाभ नहीं मिल रहा है? क्या योजना स्वीकृति पूर्व जल स्त्रोतों की क्षमता का विधिवत सर्वे कार्य सही नहीं किया गया? यदि हाँ तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है? (ख) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न क्र. 1412 दिनांक 16.07.2019 के उत्तरांश में बताया गया था कि बेवस नदी पर निर्मित एनिकेट में जल स्त्रोत समाप्त होने से जल प्रदाय बंद है तो क्या शासन कोई वैकल्पिक व्यवस्था कर जल प्रदाय करेगा? यदि हाँ तो कब तक? (ग) क्या यह भी सही है कि औद्योगिक क्षेत्र सिद्धगुवां में स्थापित औद्योगिक इकाइयाँ जलापूर्ति के अभाव में विधिवत रूप से संचालित नहीं हो पा रही हैं एवं नई इकाइयों की स्थापना भी नहीं हो पा रही है? क्या शासन इन्हें सुचारू रूप से जलापूर्ति कराये जाने की व्यवस्था करेगा? यदि हाँ तो कब तक?
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री ( श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगाँव ) : (क) जी नहीं, अपितु सागर जिले के औद्योगिक क्षेत्र सिद्धगुवां में जल प्रदाय हेतु शासन द्वारा स्वीकृत राशि रूपये 1035.00 करोड़ न होकर राशि रूपये 10.35 करोड़ की योजना का क्रियान्वयन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा किया गया। योजनांतर्गत निर्मित एनिकट में माह जुलाई से नवम्बर/दिसम्बर तक पानी उपलब्ध रहता है एवं जल प्रदाय योजना का लाभ औद्योगिक इकाइयों को मिलता है। शेष माह में कृषकों द्वारा सिंचाई हेतु पानी का उपयोग करने के कारण एनीकट में पानी समाप्त हो जाता है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार औद्योगिक इकाइयों की पानी की मांग अनुरूप विधिवत सर्वेक्षण उपरांत पर्याप्त क्षमता का एनीकट स्त्रोत बेवस नदी पर निर्मित किया गया है। अत: किसी के जिम्मेदार होने का प्रश्न ही नहीं उठता है। (ख) बेवस नदी पर निर्मित एनिकट में माह जनवरी से जून तक जल उपलब्ध न होने के कारण उद्योगों को जल प्रदाय किया जाना संभव नहीं हो पाता है। विभाग द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था के अंतर्गत म.प्र. जल निगम द्वारा उक्त क्षेत्र में क्रियान्वित की जा रही बंडा डेम पर आधारित जल प्रदाय योजना से 4 एम.एल.डी. जल औद्योगिक क्षेत्र हेतु उपलब्ध कराने की मांग की गई है। उक्त जल प्रदाय योजना लगभग 02 वर्ष में पूर्ण होने की संभावना है। (ग) औद्योगिक क्षेत्र में 82 इकाइयां संचालित हैं, नई इकाइयों के प्रस्ताव भी आ रहे हैं एवं वित्तीय वर्ष 2020-21 में 24 नवीन इकाइयों हेतु 24 भू-खण्ड आवंटित किए जा चुके हैं एवं 06 इकाइयों के आवेदन प्रक्रियाधीन हैं। विभाग द्वारा औद्योगिक क्षेत्र में प्रश्नांश (ख) अनुसार वैकल्पिक जल पूर्ति कराने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
खेल और युवा कल्याण की योजनाओं का क्रियान्वन
[खेल एवं युवा कल्याण]
55. ( क्र. 4583 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासन/विभाग द्वारा युवाओं एवं खिलाड़ियों हेतु वर्तमान में कौन-कौन सी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है और कटनी जिले में विगत 03 वर्षों में किन-किन योजनाओं एवं खेल गतिविधियों का क्रियान्वन किया गया? (ख) कटनी जिले में विभाग के कौन-कौन शासकीय सेवक कब से पदस्थ/कार्यरत हैं? (ग) क्या भारत सरकार, मप्र शासन/खेल विभाग की योजनाओं/सुविधाओं को कटनी जिले में लागू/प्रारम्भ करने के लिए विगत 03 वर्षों में कोई मांग/प्रस्ताव जिला/प्रदेश स्तर पर तैयार किए गये? हाँ, तो विवरण दीजिये और वर्तमान स्थिति से अवगत कराईये? (घ) विंध्यालय/महाविद्यालय स्तर पर खेल और युवा कल्याण की कौन-कौन सी योजनाओं और प्रतियोगताओं का शासन द्वारा आयोजन किया जाता हैं? क्या कटनी जिले में भी विगत 03 वर्षों में खेल प्रतियोगिताओं/कार्यक्रमों का आयोजन किया गया हैं? (ङ) प्रश्नांश (घ) यदि हाँ, तो वर्षवार किन-किन कार्यक्रमों/खेल-प्रतियोगिताओं का कब-कब और आयोजन किया गया? आयोजनों/प्रतियोगिताओं में कौन-कौन प्रतिभागी रहे और कितनी-कितनी राशि इन आयोजनों में किस-किस हेतु व्यय की गयी? (च) प्रश्नांश (क) से (ड़) के परिप्रेक्ष्य में क्या वरिष्ठ कार्यालय के निर्देशों के पालन और जिले में खिलाड़ियों/विद्यार्थियों में क्षमता वृद्धि न होने का संज्ञान लिया जाकर कोई कार्यवाही की जायेगी? हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? नहीं तो क्यों?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) विद्यालय/महाविद्यालय स्तर पर खेल और युवा कल्याण द्वारा कोई योजनायें संचालित नहीं की जाती हैं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) प्रश्नोत्तर ''घ'' के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (च) जिला कटनी में खेलकूद गतिविधियों का सुचारू रूप से संचालन किया जा रहा है तथा खिलाड़ियों को नियमित रूप से खेल का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। विभाग का प्रयास रहता है कि अधिक से अधिक खिलाड़ी खेलों में प्रतिभागिता करें, इस हेतु खेलकूद गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कृषि विभाग की योजनाओं का क्रियान्वन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
56. ( क्र. 4584 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा नाफेड सहकारी संस्था से वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में किस प्रक्रिया से कटनी जिले में कितनी मात्रा में क्या-क्या सामग्री, किस-किस दर पर क्रय की गयी और नाफेड को कितना भुगतान किया गया? (ख) क्या म.प्र. भंडार क्रय नियमों के अनुसार शासकीय विभागों द्वारा सामग्री का क्रय खुली ई-निविदा के बिना नहीं किया जा सकता हैं? यदि हाँ, तो प्रश्नांश ''क'' खरीदी किस प्रकार नियमानुसार हैं? बताइये और स्पष्ट कीजिये कि राज्य विपणन संघ द्वारा निरस्त घोषित दरों पर बिना अनुमोदन एवं अधिकार के नाफेड से खरीदी का कारण क्या हैं? (ग) क्या केंद्र सरकार की परंपरागत कृषि विकास योजना के दिशा-निर्देशों में कृषि विभाग, म.प्र. शासन द्वारा शब्द जोड़े गए हैं? हाँ, तो किन शासकीय सेवकों द्वारा क्या-क्या बदलाव किए एवं क्या-क्या शब्द क्यों जोड़े गए? यदि नहीं तो एन.एम.एस.ए. दिशा-निर्देशों की तालिका क्रमांक- 2.1.4, 2.1.5 एवं 2.2.4 में किए गए बदलाव क्या हैं? (घ) प्रश्नांश ''ग'' पी.के.वी.वाई. योजना के क्रियान्वन के भारत सरकार के दिशा-निर्देशों और मध्यप्रदेश शासन के दिशा-निर्देशों में क्या-क्या अंतर एवं बदलाव हैं और यह बदलाव किस अधिकारिता से और क्यों किए गये? (ङ) प्रश्नांश ''क'' से ''घ'' के परिप्रेक्ष्य में सामग्री क्रय करने एवं मार्गदर्शी-निर्देश बदलने और माननीय सदन में प्रस्तुत ध्यानकर्षण क्रमांक-372, के तहत कोई जाँच एवं कार्यवाही प्रचलन में हैं? हाँ, तो जांच/कार्यवाही की प्रगति से अवगत कराईये। नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) वाणिज्य, उद्योग और रोजगार विभाग द्वारा जारी म.प्र. भंडार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग, मध्यप्रदेश शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों अनुसार, नियमानुसार खरीदी की गई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) केन्द्र सरकार की परम्परागत कृषि विकास योजना के Operational Guideline की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 एवं मध्यप्रदेश शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। केन्द्र शासन के एन.एम.एस.ए. के दिशा-निर्देशों की तालिका क्र. 2.1.4, 2.1.5 एवं 2.2.4 के विस्तृत क्रियान्वयन निर्देश कृषि विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। (घ) प्रश्नांश ''ग'' पी.के.वी.वाई. योजना के क्रियान्वयन के भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के क्रियान्वयन हेतु मध्यप्रदेश शासन द्वारा जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये गये एवं कोई बदलाव नहीं किया गया है। (ड.) प्रश्नांश (क) से ''घ'' परम्परागत कृषि विकास योजना से संबंधित है, जबकि ध्यानाकर्षण क्रमांक–372 आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा जैविक खेती प्रोत्साहन हेतु कृषकों की आर्थिक स्थिति सुधारने हेतु लागू की गई विशेष योजना से संबंधित है। जिसका क्रियान्वयन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग ने किया। ध्यानाकर्षण क्रमांक–372 के संदर्भ गठित समिति द्वारा निर्धारित बिन्दुओं पर जाँच प्रक्रियाधीन है। जाँच की कार्यवाही हेतु संबंधितों से जानकारी प्राप्त करने हेतु पत्राचार किया जा रहा है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है। संबंधितों से जानकारी प्राप्त होने पर प्राप्त जानकारी के आधार पर जाँच की कार्यवाही की जावेगी।
अनुबंध अनुसार किये गए कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
57. ( क्र. 4616 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लेबड़-जावरा तथा जावरा-नयागाँव फोरलेन में अनुबंध के अनुसार कितनी बड़ी, मध्यम तथा छोटी पुलिया तथा कितने आर.ओ.बी. बनना थे तथा इनमें से कितनी बनी तथा कितनी नहीं बनी? क्या जावरा नयागाँव फोरलेन चैनेज 251+060 पर समपार फाटक क्रमांक 2टी/2 है तथा इस पर रेल्वे ओवर ब्रिज का प्रावधान फोरलेन में नहीं रखा गया? यदि हाँ तो कारण बतावें। (ख) दोनों फोरलेन की डी.पी.आर. तथा अनुबंध में चैनज 251+060 पर समपार फाटक के संदर्भ में क्या लिखा गया है? यदि यह आर.ओ.बी. सीमेन्ट कम्पनी को बनाना था तो इसके बनाये बिना शासन की अनुमति से टोल कैसे वसूला जा रहा है? क्या बिना आर.ओ.बी. के फोरलेन के निर्माण को अपूर्ण नहीं माना जायेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ तो बतावें क्या अपूर्ण हिस्से के फोरलेन पर टोल लिया जा सकता है? यदि हाँ तो इस सन्दर्भ में परिपत्र उपलब्ध करावें तथा टोल वसूलना प्रारम्भ करने की अनुमति की प्रति देवें। (घ) क्या दोनों फोरलेन पर कई पुलिया को बनाने की जगह कन्सेश्नर को पुरानी पुलिया के उपयोग की सहमति देकर नाम मात्र की पेनाल्टी वसूल की? यदि हाँ तो उन सारी पुलिया की चैनेज साईज नई पुलिया की लागत, वसूली गयी पेनाल्टी सहित सूची देवें तथा जिस आदेश से यह किया गया उसकी प्रति देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जी हाँ, जी हाँ। 1, 00, 000 टी.व्ही.यू. (ट्रेन व्हीकल यूनिट) होने की दशा में रेल्वे ओव्हर ब्रिज में रेल्वे मंत्रालय की भागीदारी का प्रावधान होता है। (ख) डी.पी.आर. में कोई उल्लेख नहीं है। निवेशकर्ता के अनुबंध में उक्त स्थान पर आर.ओ.बी का प्रावधान नहीं था, अनुबंधानुसार कार्य पूर्ण किये जाने के पश्चात् टोल वसूली के अधिकार दिए गए है। जी नहीं, उक्त स्थान पर फोरलेन रोड बनाया गया। (ग) निवेशकर्ता को अनुबंधानुसार कार्य पूर्ण किये जाने के पश्चात ही टोल वसूली के अधिकार दिए गए हैं, टोल वसूली की अनुमति सम्बंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे पारिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
टोल कम्पनी द्वारा लागत राशि से अधिक टोल की गणना
[लोक निर्माण]
58. ( क्र. 4620 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1975 दिनांक 20.03.2020 के खण्ड (घ) के सन्दर्भ में बतावें कि निवेशकर्ता द्वारा निर्माण लागत क्रमश 901 करोड़ तथा 907 करोड़ किस अनुसार बताई गई है? क्या शासन स्तर पर इस लागत का अनुमोदन कर दिया है? यदि हाँ तो उस आदेश की प्रति देवें। (ख) क्या अनुबंध अनुसार कार्य की लागत क्रमश 605.45 करोड़ तथा 450.47 करोड़ है? यदि हाँ तो खण्ड (क) में उल्लेखित लागत तथा अनुबंध की लागत में से टोल अवधि फीस लागत के अनुसार तय की गई है। (ग) क्या निवेशकर्ता ने अनुबंध की राशि के अतिरिक्त क्रमश: 300 करोड़ तथा 450 करोड़ अतिरिक्त लगाये है? यदि हाँ तो उस अनुसार इनकी टोल अवधि क्यों नहीं बढ़ाई गई तथा इस अतिरिक्त राशि में किस-किस स्थान पर कितनी लागत का कौन सा कार्य किया? (घ) क्या प्रश्नाधीन दोनों फोरलेन कि अनुबंध की शर्तें अलग-अलग है तथा बतावें कि शर्तें अलग-अलग होने का कारण क्या है तथा दोनों की शर्तों में अनुबंध में ऐसी कंडिका है कि यातायात की पुनः गणना कर अवधि का पुन: निर्धारण किया जावेगा? यदि हाँ तो सिर्फ उस कंडिका की प्रति देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) निवेशकर्ता द्वारा दी गई सूचना अनुसार व्यय के आधार पर लागत क्रमश: 901 करोड़ तथा 907 करोड़ बताई गई है। जी नहीं। (ख) जी नहीं, उल्लेखित राशि प्रशासकीय स्वीकृति/लागत राशि अनुसार लागत है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उल्लेखित राशि निवेशकर्ता द्वारा बताई गई निर्माण कार्य में व्यय की लागत हो सकती है, जिसका अनुमोदन एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा नहीं किया गया है। उक्त राशि के एवज में टोल अवधि बढ़ाने का अनुबन्ध में कोई प्रावधान नहीं है, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ, लेबड़-जावरा मार्ग का अनुबंध मॉडल कंसेशन एग्रीमेंट अनुसार हुआ है। जावरा-नयागाँव मार्ग का अनुबंध मॉडल कंसेशन एग्रीमेंट लागू होने के पूर्व प्रचलित एग्रीमेंट अनुसार हुआ है। लेबड़-जावरा मार्ग के अनुबंध में प्रावधान है। कंडिका की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जावरा-नयागाँव के अनुबन्ध में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।
अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मूल विभाग में वापसी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
59. ( क्र. 4669 ) श्री तरूण भनोत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. ग्रामीण यांत्रिकी सेवायें विभाग में अन्य विभाग के कितने अधिकारी एवं कर्मचारी पदस्थ हैं? जानकारी उनके नामवार पदवार एवं उनके विभाग में प्रतिनियुक्ति के दिनांकवार जानकारी बताई जावे। (ख) वर्णित (क) के विभाग में अन्य विभाग के पदस्थ अधिकारी एवं कर्मचारी को उनके मूल विभाग में भेजे जाने हेतु पूर्व में कोई आदेश जारी हुए थे? यदि हाँ तो कितने अधिकारी एवं कर्मचारी को भेजा गया? यदि नहीं तो कब तक भेजा जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) म.प्र. ग्रामीण यांत्रिकी सेवायें विभाग में अन्य विभाग के 143 अधिकारी एवं कर्मचारी पदस्थ हैं। जानकारी उनके नामवार, पदवार एवं उनके विभाग में प्रतिनियुक्ति के दिनांकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। सेवानिवृत्ति से एक वर्ष पूर्व मूल विभाग में भेजे जाने के निर्देश हैं। अब तक 24 अधिकारी/कर्मचारियों की सेवाएं मूल विभाग वापस की गई हैं। ग्रा.यां.से. में अधिकारी/कर्मचारियों की कमी होने के कारण उनके मूल विभाग में इनकी सेवाएं वापस नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्राम पंचायतों के भवनों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
60. ( क्र. 4713 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी मालवा विधान सभा क्षेत्र में कितनी ग्राम पंचायत के अपने निजी भवन नहीं है? नाम बतायें। (ख) इन ग्राम पंचायतों के भवन निर्माण कब तक और कितनी लागत से किये जावेंगे? (ग) क्या सभी पंचायतों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा है?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार 24 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन निर्माण के संबंध में समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं।
विद्यालयों में पहुँच मार्ग, खेल मैदान एवं बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
61. ( क्र. 4737 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विद्यालयों में पहुँच मार्ग, खेल मैदान एवं बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण मनरेगा एवं सर्वशिक्षा अभियान कन्वर्जेंस मद से निर्माण किए जाने का निर्देश है। यदि हाँ तो आदेश की प्रति प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश ''क'' के अनुक्रम में विधानसभा क्षेत्र बिजावर के किन-किन विद्यालयों का चयन उक्त मद से कार्य हेतु किया गया? उनमें कौन-कौन से कार्य किए जाने हैं? कार्य प्रांरभ होने की तिथि क्या निर्धारित है? कार्य प्रारंभ होने के बाद कितनी समयावधि में पूर्ण किया जाना है? (ग) प्रश्नांश ''क'' एवं ''ख'' के अनुक्रम में जिन विद्यालयों के सर्वशिक्षा अभियान मद में पर्याप्त राशि नहीं है वहाँ उक्त कार्य किस प्रकार करवाये जावेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ, दिनांक 01.12.2020 को म.प्र. राज्य रोजगार गारंटी परिषद् एवं राज्य शिक्षा केन्द्र के आयुक्त द्वारा संयुक्त हस्ताक्षर से जारी निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत 1. प्राथमिक शाला पिपौरा कला, ग्राम पंचायत रमपुरा 2. माध्यमिक शाला गुलाट, ग्राम पंचायत गुलाट 3. प्राथमिक शाला/माध्यमिक शाला बरद्वाहा, ग्राम पंचायत बरद्वाहा 4. प्राथमिक शाला जैतुपुरा, ग्राम पंचायत बरद्वाहा 5. माध्यमिक शाला कुटिया, ग्राम पंचायत कुटिया एवं 6. प्राथमिक शाला रजापुरा में बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण कराया जा रहा है। क्रमांक 1 का निर्माण पूर्ण कराया गया है एवं शेष कार्य प्रगतिरत हैं। जिन्हें इस वित्तीय वर्ष में पूर्ण कराया जाना लक्षित है। (ग) उत्तरांश ''क'' एवं ''ख'' के अनुक्रम में राशि के अभाव की स्थिति नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
हवाई पट्टी का नवीनीकरण
[लोक निर्माण]
62. ( क्र. 4767 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले में हवाई पट्टी का नवीनीकरण किया गया है? उक्त कार्य को गुणवत्ताविहीन मानकर उपयंत्री को निलंबित किया गया है? विभाग के उपसचिव ने पत्र क्र. 3191 दिनांक 26.12.2020 को कार्यपालन यंत्री सतना को एवं प्रमुख अभियंता ने अनुविभागीय अधिकारी को पत्र क्रमांक 1234 दिनांक 23.12.2020 को कारण बताओ सूचना पर जारी किया था? 15 दिवस के अंदर जवाब मांगा था? प्रमुख अभियंता ने मुख्य अभियंता एवं अधीक्षण यंत्री रीवा को नोटिस जारी क्यों नहीं किया, जब भुगतान करने के निर्देश मुख्य अभियंता ने ही दिये थे? उक्त दोनों संभागीय अधिकारी निरीक्षण करते रहे और घटिया कार्य का रनिंग बिल लगभग 4 करोड़ का भुगतान करवाते रहे? मुख्य अभियंता का भुगतान के लिये लिखे गये सभी पत्रों का विवरण उपलब्ध करायें। (ख) क्या प्रमुख अभियंता ने पत्र क्र. 45 दिनांक 12.01.2020 को तीन सदस्यीय कमेटी का गठन उक्त हवाई पट्टी की जाँच हेतु किया था? उक्त कमेटी के जाँच प्रतिवेदन जमा होने के बाद प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है विवरण उपलब्ध करायें। (ग) सतना हवाई पट्टी के रन-वे में तीन सदस्यीय जाँच कमेटी के द्वारा के कितने जगहों पर लैब टेस्टिंग के लिये नमूने लिये? उक्त सभी जाँच नमूनों की लैब टेस्टिंग रिपोर्ट में क्या डामर कम मात्रा में पाया गया? मुख्य अभियंता ए.आर. सिंह एवं जाँच टीम के द्वारा जो जाँच प्रतिवेदन एवं निष्कर्ष ई.एन.सी. एवं प्रमुख सचिव को लिखित में दिया है उसका विवरण प्रति दें। (घ) हवाई पट्टी जैसी संवेदनशील जगह पर आर्थिक भ्रष्टाचार/घटिया निर्माण करने/करवाने पर मुख्य अभियंता/अधीक्षण यंत्री/कार्यपालन यंत्री/एस.डी.ओ./ उपयंत्री को कब तक शासन निलंबित करेगा? अगर नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। मुख्य अभियंता द्वारा जारी पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार। पी.डब्ल्यू.डी. में प्रचलित विभागीय कार्य में मेन्युल के तहत कार्यवाही की गई है। (ख) जी हाँ। उक्त कमेटी से प्रतिवेदन प्राप्त हो गया है। उक्त प्रतिवेदन की विवेचना उपरांत अतिरिक्त जानकारी जाँच समिति से प्रमुख अभियंता कार्यालय के पत्र दि. 24.02.2021 द्वारा चाही गई है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार। (ग) दो जगह पर नमूने लिये गये है। रिपोर्ट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार। (घ) जाँच कमेटी से प्रमुख अभियंता कार्यालय के पत्र दि. 24.02.2021 की जानकारी प्राप्त होने के पश्चात गुण-दोष के आधार पर संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी।
सतना हवाई पट्टी निर्माण के भुगतान का आदेश
[लोक निर्माण]
63. ( क्र. 4768 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग, रीवा परिक्षेत्र रीवा म.प्र. के पत्र क्रमांक 1354/कार्य/2020-21 या अन्य पत्र क्रमांक रीवा दिनांक 06/08/2020 से कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग संभाग सतना को हवाई पट्टी सतना के अंतिम दायित्वों एवं भुगतान किये जाने पत्र/आदेश जारी किया गया था? क्या टेस्ट रिपोर्ट का हवाला दिया गया था? जारी पत्र एवं टेस्ट रिपोर्ट का विवरण देवें। (ख) क्या कार्यालय अधीक्षण यंत्री, लोक निर्माण विभाग रीवा मंडल, रीवा ने पत्र क्रमांक 9452/कार्य/2021 रीवा दिनांक 28/01/2021 से ए.आर. सिंह मुख्य अभियंता (भवन) लोक निर्माण विभाग, भोपाल को उनके पत्र के जवाब में (दिनांक 27/01/2021) में क्या अपने शासकीय पत्र में लिखा कि सतना के कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग संभाग सतना के द्वारा हवाई पट्टी के निर्माण कार्य का ओ.जी.एल इस कार्यालय को प्रस्तुत नहीं किया गया है, जिससे इस कार्यालय द्वारा एफ.आर.एल. अनुमोदित नहीं किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) में जब सतना रन-वे अनुमोदित ही नहीं है तो प्रश्नतिथि तक कुल कितनी राशि का भुगतान किस-किस उपयंत्री/सहायक यंत्री (एस.सी.ओ.)/कार्यपालन यंत्री के एम.बी. में गणना का गुणवत्ता और उपयोगिता प्रमाण पत्रों को जारी करने पर ठेकेदार को रनिंग भुगतान कब-कब, कैसे-कैसे, कितना-कितना किसके आदेश पर हुआ? जारी सभी प्रपत्रों/आदेश का विवरण देवें। (घ) क्या राज्य स्तरीय जाँच टीम के द्वारा स्थल निरीक्षण कर जाँच के जो सैंपल भोपाल लैब में टेस्ट कराये, क्या वे फेल हुये? सभी टेस्ट रिपोर्टों का विवरण दें। शासन उपयंत्री/एस.डी.ओ./ई.ई./ठेकेदार के विरूद्ध ई.ओ.डब्ल्यू. में प्रकरण कब तक कायम करवाकर ठेकेदार से वसूली कर शासन के खाते में जमा करवायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) जाँच कमेटी द्वारा 13 सेम्पल लिये गये थे, जिसमें से 04 सेम्पल के टेस्ट रिपोर्ट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है एवं शेष 9 रिपोर्ट लैब से आना शेष है जिसके पश्चात् गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।
शासकीय भवनों को जर्जर (कंडम) घोषित किए जाने के नियम
[लोक निर्माण]
64. ( क्र. 4785 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 17-ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत कुल शासकीय भवनों की संख्या कितनी हैं? वर्तमान में उनमें कौन-कौन सी संस्थायें संचालित हैं? संस्था का नाम एवं भवनों की सूची उपलब्ध करावें। (ख) उक्त शासकीय भवनों में से कितने और कौन-कौन से भवन को जर्जर (कंडम) घोषित किया गया है? जर्जर घोषित करने की दिनांक एवं वर्तमान में उक्त भवनों की स्थिति क्या है? (ग) शासकीय भवनों को जर्जर (कंडम) घोषित किए जाने के संबंध में नियम एवं आदेश क्या हैं? शासकीय भवनों को जर्जर घोषित किए जाने के पश्चात कितनी अवधि तक उन्हें उपयोग में लिया जा सकता हैं एवं उक्त भवन में सचालित संस्था के लिए नवीन अथवा वैकल्पिक वयवस्था के लिए क्या नियम हैं? (घ) जर्जर (कंडम) घोषित किए गये भवन में यदि कोई दुर्घटना हो जाती है तो नियमानुसार कौन जिम्मेदार होता है? दोषी के विरुद्ध कार्यवाही का क्या प्रावधान है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कुल भवनों की संख्या 164 है। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जर्जर (कण्डम) घोषित भवनों की संख्या 11 है। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) कार्य विभाग नियमावली के नियमों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जर्जर घोषित होने के बाद उपयोग में नहीं लिया जा सकता। शेष विधि अनुसार। (घ) रिक्त करने की सूचना के बाद भी यदि कोई जर्जर (कण्डम भवन) का उपयोग करता है तो उपयोगकर्ता जिम्मेदार होता है एवं विधि धाराओं के अनुसार कार्यवाही का प्रावधान है।
राशि वितरण में अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
65. ( क्र. 4801 ) श्री पहाड़सिंह कन्नौजे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत पिछले 7 वर्षों में बागली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने हितग्राहियों के आवासों का निर्माण कराया गया? (ख) प्रश्नांश क के संदर्भ में हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत 90 दिवस की मजदूरी देने का प्रावधान है? यदि हाँ तो बतायें कि 7 वर्षों से विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कराये गये प्रधानमंत्री आवास योजना के निर्माणों में किन-किन हितग्राहियों के खाते में कितनी-कितनी राशि डाली गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में ग्रामीणों को दी गई ग्रामवार जानकारी देवें। क्या कई हितग्राहियों के खाते में राशि न डालने की शिकायतें हितग्राहियों द्वारा की गई है? क्या पात्र हितग्राहियों के खाते की राशि अन्य खातों में डालकर भुगतान किया गया? हाँ या नही? यदि हाँ तो इस त्रुटि का जिम्मेदार कौन है? क्या दोषियों पर कार्यवाही की जाएगी?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जानकारी प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के पोर्टल pmayg.nic.in पर उपलब्ध है (ख) जानकारी नरेगा सॉफ्ट की रिपोर्ट R6.9 Sanctioned PMAY (G) houses and Mandays Generated पब्लिक डोमेन पर उपलब्ध है। (ग) जानकारी नरेगा सॉफ्ट की रिपोर्ट R6.9 Sanctioned PMAY (G) houses and Mandays Generated पब्लिक डोमेन पर उपलब्ध है। जी हाँ। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सड़क निर्माण कार्य में अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
66. ( क्र. 4802 ) श्री पहाड़सिंह कन्नौजे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बागली अंतर्गत पिछले 7 वर्षों में सुदूर सड़कों/खेत सड़कों का निर्माण मनरेगा अथवा अन्य किन-किन योजनाओं के तहत निर्माण कराया गया है? विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सुदूर/खेत सड़कों के निर्माण में वन विभाग द्वारा वनग्रामों में अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है? क्या शासन/विभाग वन विभाग से समन्वय कर सुदूर/खेत सड़कों के निर्माण की अनुमति दिलाने में सहयोग करेंगे? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या पंचायत विभाग द्वारा पूर्व में स्वीकृत हो चुकी सड़कों पर पुन: अन्य मदों से सड़क की स्वीकृति प्राप्त कर निर्माण के नाम पर भ्रष्टाचार किया गया है? हाँ या नहीं? यदि हाँ तो इन भ्रष्टाचारियों की जाँच कराई जायेगी? क्या अनियमितता करने वाले दोषियों पर कठोर कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ तो कब तक, नहीं तो कारण बतायें?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बागली अंतर्गत विभाग द्वारा संचालित मनरेगा योजना से वर्ष (2014-15) में 2, (2015-16) में 7, (2016-17) में 15, (2017-18) में 56, (2018-19) में 0, (2019-20) में 6 एवं (2020-21) में 91 कुल 177 सड़कों का निर्माण पिछले 7 वर्षों में सुदूर ग्राम संपर्क सड़क/खेत सड़क योजना से निर्माण कराया गया है। सुदूर ग्राम संपर्क सड़क/खेत सड़क का निर्माण वन विभाग की भूमि पर नहीं कराया गया है। विभाग द्वारा वन विभाग से समन्वय कर अनुमति दिलाने में सहयोग किया जाता है। (ख) विभाग के पत्र क्रमांक 5656/MGNREGS-MP/NR-3/2020 भोपाल, दिनांक 31.12.2020 से मनरेगा अंतर्गत सामुदायिक कार्यों के रख-रखाव हेतु ग्राम परिसम्पत्ति संधारण उपयोजना में क्रियान्वयन के निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जिसके अनुसार 5 से 10 वर्षों पूर्व निर्मित ग्रेवल सड़कों के रख-रखाव के निर्देश है। विधानसभा क्षेत्र बागली अंतर्गत 10 सड़कों के उन्नयन की स्वीकृति प्रदान की गयी है। जिन पर भ्रष्टाचार का कोई मामला संज्ञान में नहीं आया है। अतएव शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
प्रदेश में निर्मित जल संरचनाएं
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
67. ( क्र. 4809 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में जिन 57653 जल संरचनाओं का लोकार्पण हुआ बतावें कि उनमें से मनरेगा से निर्मित धार जिले की जनपदों में कितनी तथा उन जल संरचनाओं से उस जनपद में कितने हेक्टेयर भूमि सिंचित होने का अनुमान हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जल संरचनाएं किस-किस प्रकार की किस-किस जनपद पंचायत में कितनी-कितनी हैं तथा इन संरचनाओं पर कुल कितना खर्च हुआ? किस अवधि में जल संरचनाएं बनीं? (ग) क्या प्रश्नाधीन संरचनाएं वर्ष 2020 में पहली बार बनीं? यदि नहीं तो वित्तीय वर्ष (2018-19) से वर्ष (2019-20) तक की अवधि में इस प्रकार की कितनी जल संरचनाएं धार जिले में निर्मित हुईं? उनमें कितने हेक्टर जमीन सिंचित किये जाने की क्षमता विकसित हुई? (घ) प्रश्नांश (क) तथा (ग) में उल्लेखित जल संरचनाओं से पिछले तीन वर्षों में कितने हेक्टेयर भूमि सिंचित हुई?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
जय किसान फसल ऋण माफी योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
68. ( क्र. 4871 ) श्री बाला बच्चन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01-04-2020 से 15-02-2021 तक (जय किसान फसल ऋण माफी) योजना से संबंधित कितनी बैठकें हुईं? दिनांक सहित जानकारी देवें। (ख) इन बैठकों में उपस्थितों के नाम, पदनाम सहित देवें। (ग) इसकी द्वितीय किश्त की शेष राशि का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा? समय-सीमा देवें। दिनांक 01-10-2020 से 15-02-2021 तक कितनी राशि कितने कृषकों को द्वितीय किश्त के संबंध में प्रदान की गई? जिलावार, कृषक संख्या, राशि सहित जानकारी देवें। (घ) तृतीय किश्त की राशि कब तक प्रदान कर दी जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ऋण माफी योजना का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
69. ( क्र. 4872 ) श्री बाला बच्चन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जय किसान फसल ऋण माफी की द्वितीय किश्त कितने राष्ट्रीकृत बैंकों एवं कितने सहकारी बैंकों/सोसायटियों में डाली गई? बैंक का नाम, राशि सहित दिनांक 01-04-2020 से 15-02-2021 के संदर्भ में जिलावार बतावें। (ख) क्या कारण है कि उपरोक्त अवधि में सहकारी बैंकों/सोसायटियों में उक्त योजना की बेहद कम राशि प्रदान की गई? (ग) कब तक द्वितीय किश्त की पूर्ण राशि का भुगतान कर दिया जाएगा? (घ) तृतीय किश्त की राशि कब तक प्रदान कर दी जाएगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रोजगार सहायकों की सेवा बहाली
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
70. ( क्र. 4882 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले में जून-जुलाई, 2014 में 12वीं कम्प्यूटर डिग्री/डिप्लोमा अनुभव प्रमाण-पत्र के बेस पर ग्राम रोजगार सहायकों की भर्ती निकाली तथा दिनांक 21.08.2014 को परीक्षा आयोजित किये जाने के आदेश जारी किये गये तथा अंतिम सूची के दो अभ्यर्थियों के मध्य दिनांक 21.10.2014 को परीक्षा आयोजित की गई तथा परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी किया गया एवं इसी नियुक्ति पत्र के आधार पर सफल अभ्यर्थियों में 04 वर्ष की (जुलाई-अगस्त, 2015 से अक्टूबर, 2018 तक) सेवा की? (ख) क्या दक्षता परीक्षा में फेल अभ्यर्थियों ने माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका दायर की जिसके आधार पर कलेक्टर जिला रीवा द्वारा ली गई परीक्षा को अमान्य घोषित कर दिया गया, जिसमें सफल अभ्यर्थी सेवा से बाहर हो गए? क्या माननीय न्यायालय जबलपुर के फाइल क्रमांक WP/12165/2015 एवं माननीय सुप्रीम कोर्ट नई दिल्ली के डायरी क्रमांक 34621, 34623/2018 में सभी अदालतों ने रीवा तत्कालिक कलेक्टर को दोषी माना है कि जब गाइड-लाइन में परीक्षा नहीं थी तो क्यों ली गई? यदि हाँ तो क्या सरकार इस महत्वपूर्ण प्रकरण में संज्ञान लेकर चार वर्ष की सेवा कर चुके ग्राम रोजगार सहायकों के अनुभव को दृष्टिगत रखते हुए जिन ग्राम पंचायतों में ग्राम रोजगार सहायकों के पद रिक्त हों उनमें सेवा करने का अवसर प्रदान करेगी? (ग) क्या मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय, भोपाल का पत्र क्रमांक एफ-932/761/13/22/ए भोपाल दिनांक 06.07.2013 के बिन्दु क्रमांक 2 में पंचायत के लिये एक सचिव तथा सहायक सचिव की नियुक्ति का प्रावधान है, अर्थात (राज्य सरकार या विहित प्राधिकारी, किसी ग्राम पंचायत के लिये एक सचिव तथा एक या अधिक सहायक सचिवों को नियुक्त कर सकेगा जो ऐसे कृत्यों का निर्वाहन तथा ऐसे कर्तव्यों का पालन करेंगे जैसे कि राज्य सरकार या विहित प्राधिकारी द्वारा उन्हें समानुदेशित किए जायें? यदि हाँ तो उक्त ग्राम रोजगार सहायकों को जिन ग्राम पंचायतों में ग्राम रोजगार सहायक का पद रिक्त हो उनमें कब तक पदांकित कर दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। प्रथम वरीयता जो कम्प्यूटर दक्षता परीक्षा में उत्तीर्ण थे वह ग्राम रोजगार सहायक के पद पर आज भी कार्यरत हैं। जिन ग्राम पंचायतों में प्रथम वरीयता अनुत्तीर्ण रहे, उन ग्राम पंचायतों में द्वितीय वरीयता जो परीक्षा में उर्त्तीण थे, उन ग्राम पंचायतों में द्वितीय वरीयता के आवेदकों/अभ्यर्थी की नियुक्ति करने के आदेश जारी किये गए। अंतिम सूची के प्रथम वरीयता आवेदक जो कम्प्यूटर व्यवहारिक ज्ञान परीक्षा उत्तीर्ण थे तथा ग्राम रोजगार सहायक के पद पर कार्यरत हैं। ऐसे अभ्यर्थियों की सेवा 04 वर्ष पूर्ण हो चुकी है तथा आज भी कार्यरत हैं। जिन ग्राम पंचायतों में प्रथम वरीयता आवेदक दक्षता परीक्षा अनुत्तीर्ण थे उन पंचायतों में द्वितीय वरीयता के अभ्यर्थी जो कम्प्यूटर दक्षता उत्तीर्ण थे उनकी नियुक्ति की गई थी। ऐसे अभ्यर्थी माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के निर्णय के अनुक्रम में सेवा से पृथक होने के कारण अपनी संविदा सेवा 04 वर्ष पूर्ण नहीं कर पाए। (ख) जी हाँ। माननीय न्यायालय के आदेश के पालन में शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ, किन्तु माननीय न्यायालय के आदेश के पालन में शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
फसल बीमा राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
71. ( क्र. 4903 ) श्री सुनील सराफ : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कारण है कि वर्ष 2018-2019 की फसल बीमा राशि का वितरण कोतमा विधान सभा क्षेत्र के भलमु़ड़ी एवं आस-पास के ग्रामों के 106 किसानों का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है? (ख) इस संबंध में आदिम जाति सेवा सहकारी समिति भलमुड़ी द्वारा दिनांक 18/05/2020 को महाप्रबंधक जिला सहकारी केद्रीय बैंक शहडोल को पत्र लिखने के बाद आज तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं हुई? (ग) कब तक इन किसानों को फसल बीमा राशि का भुगतान कर दिया जाएगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) वर्ष 2018-19 में बीमा कंपनी आई.सी.आई.सी.आई. लोम्बार्ड द्वारा पोर्टल अनुसार बीमा दावा राशि का भुगतान किया गया है। खरीफ 2018 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत भलमुड़ी समिति के 106 कृषकों को भुगतान नहीं होने का कारण यह है कि दर्शित पटवारी हल्का में बीमा दावा राशि निरंक होने के कारण बीमा दावा का भुगतान नहीं हुआ। 71 कृषकों के पटवारी हल्के में बीमा दावा निरंक होने के कारण बीमा दावा राशि निरंक है। शेष 35 कृषकों को बैंकों द्वारा पोर्टल में त्रुटिपूर्ण इन्ट्री की गई है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित 35 कृषकों की पोर्टल में प्रविष्टि। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की प्रचालन मार्गदर्शिका की कंडिका (XXIV-4-ड) के अनुसार बैक यह सुनिश्चित करेंगे कि कृषक संबंधित शाखा/पैक्स की गल्तियों/चूकों/त्रुटियों के कारण योजना के तहत किसी भी लाभ से वंचित न हो, ऐसी त्रुटियों के मामले में संबंधित संस्थान सभी प्रकार के नुकसान की भरपाई करेंगे। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। प्रकरण की जाँच एवं योजना के प्रावधान अनुसार कार्यवाही हेतु जिला कलेक्टर को पत्र लेख किया गया है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
दोषी अभियंताओं के विरूद्ध कार्यवाही
[लोक निर्माण]
72. ( क्र. 4940 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग में उच्च पद के प्रभार देने के क्या नियम हैं? (ख) ऐसे कितने अभियंता हैं जिनके विरूद्ध लोकायुक्त अथवा उच्च जाँच एजेंसी में प्रकरण पंजीबद्ध है उसके बाद भी उन्हें उच्च पद का प्रभार देकर मैदानी पदस्थापना की गई है? (ग) अतिरिक्त परियोजना संचालक पी.आई.यू. इंदौर के अधीन ऐसे कितने सहायक परियोजना यंत्री, परियोजना यंत्री एवं संभागीय परियोजना यंत्री के विरूद्ध लोकायुक्त अथवा अन्य जाँच एजेंसी में प्रकरण पंजीबद्ध होने के बाद भी उन्हें उच्च पद का प्रभार दिया जाकर मैदानी पदस्थापना की गई? (घ) शासन ऐसे दोषी अभियंताओं के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) 11 अभियंता है। (ग) 3 अभियंता है। (घ) पदस्थापना विभाग में काडर में कार्यरत अधिकारियों की उपलब्धता के मान से सक्षम अनुमति प्राप्त कर की गई है, अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कंप्यूटर ऑपरेटरों के नियमितीकरण की समुचित कार्यवाही
[लोक निर्माण]
73. ( क्र. 4992 ) श्री महेश परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत उज्जैन संभाग अंतर्गत जिलों में वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितने कंप्यूटर ऑपरेटर कब कब से कार्यरत हैं? वर्गवार, दैनिक वेतनभोगी/संविदा/आउटसोर्स/ मौखिक/जॉबवर्क के माध्यम से भर्ती किए गए हैं, उनकी जिलेवार, नामवार सूची उपलब्ध कराते हुए जानकारी देवें। (ख) वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक उक्त संभाग से उक्त दोनों विभागों से कुल कितने कम्प्यूटर ऑपरेटरों को सेवा से पृथक किया गया है? पृथक किए जाने के कारण क्या थे? क्या सेवा से अलग करने के दौरान किसी प्रकार के नोटिस जारी कर उपयुक्त सुनवाई किए बिना पृथक किया गया है? यदि हाँ, तो सम्पूर्ण विवरण देवें। (ग) क्या कंप्यूटर ऑपरेटरों को विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक विभाग/कार्यालय से क्या सीधे भुगतान की प्रक्रिया अपनायी गयी है? यदि वेतन की जनरेट पर्ची और जनरेट आइडेंटिफिकेशन के लिए ई-गवर्नेंस के अंतर्गत क्या क्या कार्यवाही की है? (घ) क्या कंप्यूटर ऑपरेटरों को नियमित करने के लिए विभाग द्वारा कोई कार्यवाही प्रस्तावित की गयी है? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध कराएं और यदि नहीं, तो स्पष्ट कारण देवें। (ङ) क्या आउटसोर्स कम्प्यूटर ऑपरेटरों से कार्यालयीन समय से अतिरिक्त समय तक एवं अवकाश के दिनों में कार्य लिया जा सकता है? यदि हाँ, मध्यप्रदेश शासन के किस नियम के तहत एवं कितनी अतिरिक्त राशि के आधार पर?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) लोक निर्माण विभाग, उज्जैन संभाग अंतर्गत जुलाई 2018 से 23 कम्प्यूटर ऑपरेटर कार्यरत हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2019 में एक कम्प्यूटर ऑपरेटर को सेवा प्रदाता एजेंसी द्वारा सेवा से पृथक किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। सेवा प्रदाता ऐजेंसी द्वारा भुगतान किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। कारण बताना संभव नहीं है। (ड.) अनुबंध के प्रावधानों अनुसार कार्य लिया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा निर्मित मार्ग
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
74. ( क्र. 5014 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा विगत 03 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन से ग्रामों में ग्रेवल मार्गों का मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना कब-कब, कितनी कितनी लागत से निर्माण किया गया है? वर्षवार, जनपदवार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्गों में से कौन-कौन से मार्ग मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना अथवा प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से पुनः निर्मित हो चुके हैं तथा कौन-कौन से एकल संपर्क विहिन राजस्व ग्राम किन कारणों से इन योजनाओं से नहीं जुड़ पाये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित ऐसे कौन-कौन से मार्ग हैं, जो अत्यन्त खराब हो चुके हैं तथा समय-समय पर इन मार्गों की मरम्मत या पुनर्निर्माण हेतु आमजन जनप्रतिनिधियों द्वारा मांग की जाती रही है तथा अक्सर समाचार पत्रों में भी इसका उल्लेख होता है? बतलावें। ऐसे मार्गों की सूची देवें, जो पूर्व में विभाग से निर्मित हुये परन्तु किसी अन्य योजना से इनका पुनर्निर्माण नहीं हुआ? (घ) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग का पत्र क्रमांक 401/एम.जी.एन.आर.ई.जी.एस.-एम.पी./एन.आर.-3/2020 भोपाल दिनांक 02-06-2020 क्या है, इसकी छायाप्रति देवें एवं यह भी बतलावें कि इस पत्र की कण्डिका 02 के अनुसार क्या ऊपर उल्लेखित मार्गों की मरम्मत या पुनर्निर्माण किया जा सकता है? उत्तर में यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा विगत 03 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में निर्मित 15 ग्रेवल मार्गों के स्थान, ग्रामों, मार्गों के निर्माण अवधि एवं लागत का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' के कॉलम क्रमांक 2, 3, 4, 5, 6, 7 एवं 8 अनुसार है। वर्षवार, जनपदवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के कॉलम क्रमांक 2, 5 एवं 6 अनुसार है। (ख) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत मार्ग पुन: निर्मित नहीं हुए हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत डामरीकरण करने हेतु (पुन: निर्माण) प्रस्ताव प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को प्रेषित किया गया है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार एकल सम्पर्क विहीन राजस्व ग्राम आवंटन की कमी के कारण नहीं जुड़ पाए हैं। (ग) उत्तरांश 'क' एवं 'ख' में उल्लेखित मार्ग खराब नहीं हुये हैं, समस्त मार्गों पर आवागमन हो रहा है। इन मार्गों की मरम्मत या पुनर्निर्माण हेतु की गई मांग की जानकारी विभाग के संज्ञान में नहीं है। शेष जानकारी निरंक। (घ) प्रश्नांश में अंकित आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। चूंकि मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना वर्तमान में प्रचलन में है। अत: परिपत्र की कंडिका 2 में निहित प्रावधान मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना पर लागू नहीं होते हैं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
कटनी जिले में उद्यानिकी विभाग की योजनायें
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
75. ( क्र. 5015 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्यानिकी विभाग द्वारा प्रदेश में कौन-कौन सी केन्द्र पोषित एवं राज्य शासन पोषित योजनायें संचालित हैं? यह भी बतलावें कि इनमें से कुछ योजनायें कुछ चिन्हित जिलों में ही संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं? किन-किन जिलों में कौन-कौन सी चिन्हित विशेष योजनायें संचालित हैं? सूची देवें। (ग) उद्यानिकी मिशन योजना क्या है? इससे कौन-कौन से कार्य होते हैं? योजना की सम्पूर्ण जानकारी देवें एवं यह भी बतलावें कि कटनी जिले को उद्यानिकी मिशन योजना से वंचित रखने के क्या कारण हैं? किस प्रकार से कब तक कटनी जिले को इस योजना से जोड़ा जावेगा? (घ) कटनी जिला अंतर्गत उद्यानिकी विभाग के कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं तथा इन स्वीकृत पद अनुरूप कौन-कौन कब से पदस्थ है? कितने पद रिक्त है? पदों की पूर्ति किस प्रकार से कब तक होगी? बतलावें।
राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण ( श्री भारत सिंह कुशवाह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। वर्तमान में यह योजना 40 जिलों में संचालित है। शेष 12 जिलों को जोड़े जाने हेतु प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है। समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। सीधी भर्ती से भरे जाने वाले द्यितीय श्रेणी के पदों का प्रस्ताव मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग इंदौर एवं तृतीय श्रेणी के पदों का प्रस्ताव मध्यप्रदेश व्यवसायिक परीक्षा मण्डल भोपाल की ओर मांगपत्र प्रेषित किया गया है। शेष पद पदोन्नति से भरे जाना है, जिस पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय का प्रतिबंध समाप्त होने पर पदोन्नति की प्रक्रिया पूर्ण कर ली जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कृषि उपज मण्डियों में निर्माण कार्यों की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
76. ( क्र. 5060 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किक) कृषि उपज मण्डी समिति नागदा एवं खाचरौद में वर्ष 2018 से 17 फरवरी 2021 तक किन-किन निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गयी? उनमें से कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं? कितने अपूर्ण हैं? कितने अप्रारंभ हैं? नाम व कारण सहित विवरण दें। टेण्डर कार्यादेश की अवधि समाप्त होने के पश्चात विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ख) कृषि उपज मण्डी खाचरौद पहुंच मार्ग के निर्माण के टेण्डर एवं कार्यादेश जारी होने के पश्चात भी रोड का निर्माण कार्य क्यों नहीं प्रारंभ हुआ है? दोषी ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? ग) नागदा नवीन मण्डी प्रागंण हेतु विभाग द्वारा 5.153 हेक्टेयर भूमि कितनी राशी में क्रय की है? नवीन मण्डी प्रागंण में आने-जाने हेतु एक ही रास्ता है? यदि हाँ तो 42 बाय 532 फीट रकबा 0.208 हेक्टेयर भूमि निःशुल्क गोवर्धन सिंह राजपूत द्वारा दुसरे रास्ते हेतु विभाग को दान की जा रही है? विभाग द्वारा भूमि का उपयुक्ता प्रमाण-पत्र कार्यपालन यंत्री म.प्र.राज्य कृषि विपणन बोर्ड तकनीकी उपसंभाग उज्जैन द्वारा दिनांक 27/06/2020 को मण्डी बोर्ड को प्रेषित किया है? यदि हाँ तो निःशुल्क मिल रही भूमि को किसान हित में लेने हेतु विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) कृषि उपज मंडी समिति नागदा एवं खाचरौद में वर्ष 2018 से 17 फरवरी 2021 तक निर्माण कार्यों की स्वीकृति एवं कितने कार्य पूर्ण‚ अपूर्ण तथा अप्रांरभ, नाम व कारण सहित विवरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कृषि उपज मंडी खाचरौद पहुँच मार्ग के निर्माण कार्य की निविदा स्वीकृति उपरांत कार्यादेश दिनांक 06.01.2021 को जारी किया गया, कार्य समयावधि में है, शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) नागदा मंडी के नवीन मंडी प्रांगण हेतु मण्डी बोर्ड द्वारा 5.153 हेक्टेयर भूमि क्रय करने पर कुल राशि रूपये 4, 41, 47, 089/- (कृषकों को भुगतान, स्टाम्प, ड्यूटी पंजीयन, वकील फीस एवं अन्य व्यय जी.एस.टी. शुल्क) का व्यय किया गया। जी हाँ, जिस पर मण्डी बोर्ड प्रशासन द्वारा परीक्षण कर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।
मनरेगा अंतर्गत निर्मित चेक डेम की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
77. ( क्र. 5064 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायतों के अंतर्गत मनरेगा योजनांतर्गत अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितने चेक डेम की कहाँ-कहाँ स्वीकृति दी गई? स्वीकृति किन-किन अधिकारियों के द्वारा दी गई। (ख) प्रश्नांश ''क'' के अनुक्रम में चेक डेम निर्माण के पूर्व जल संसाधन विभाग या ग्रामीण यांत्रिकी सेवा से तकनीकी स्वीकृति लेना आवश्यक होता है। यदि हाँ तो कितनी स्वीकृतियां ली गईं। कितने कार्यों की स्वीकृतियां नहीं ली गईं? कारण सहित बतायें। (ग) मनरेगा अंतर्गत चेक डेम निर्माण की स्वीकृति के पूर्व नस्तियों में किन-किन अधिकारियों का अभिमत लिया जाता है? प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में जिला पंचायत छतरपुर के अति जिला कार्यक्रम समन्वयक के द्वारा उक्त चेक डेम निर्माण की स्वीकृति हेतु सभी अधिकारियों से अभिमत लिया था? यदि नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश ''क'' एवं ''ग'' के अनुक्रम में चेक डेम स्वीकृति के संबंध में प्रतिलिपि कलेक्टर को भेजी जाती है, यदि हाँ तो संख्या बतलावें।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
सचिवों की नियुक्ति में आरक्षण रोस्टर का पालन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
78. ( क्र. 5072 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत सिवनी में सचिवों के वर्गवार कुल कितने पद हैं? उनमें वर्गवार कितने पद भरे हैं एवं कितने पद रिक्त हैं? जनपद पंचायतवार पदस्थ सचिवों की वर्गवार नाम सहित जानकारी उपलब्ध कराएं तथा क्या सचिवों की नियुक्ति में आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं किया गया? (ख) जिला पंचायत सिवनी के सचिवों की वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक के आरक्षण रोस्टर की प्रति उपलब्ध कराऐं। क्या आरक्षण रोस्टर का पालन कर सचिवों की नियुक्ति की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार उक्त रोस्टर अनुसार वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक में कितने सचिवों की नियुक्ति की गई है? वर्गवार नाम सहित बताएं। (घ) जिला पंचायत सिवनी में प्रश्नांश (क) अवधि में सचिवों की अनुकंपा नियुक्ति एवं अन्य नियुक्ति किस अधिकारी द्वारा की गई है? नियुक्ति हेतु जाँच समिति में कौन-कौन सदस्य थे और किस-किस पद पर पदस्थ थे? क्या उक्त नियुक्तियों में आरक्षण नियमों एवं शासन के नियमों का पालन किये बिना नियुक्ति की गई है? यदि हाँ, तो आरक्षण नियमों के उल्लंघन के लिये दोषी को कब तक दंडित किया जावेगा? जाँच कर की गई कार्यवाही से अवगत कराया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
विदिशा जिलांतर्गत मार्गों की जानकारी
[लोक निर्माण]
79. ( क्र. 5076 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर विदिशा अंतर्गत नगरपालिका परिषद् सीमा क्षेत्र में कितने मार्ग वर्तमान में लोक निर्माण विभाग के अधीन है? मार्गों का विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में नगरपालिका परिषद् विदिशा सीमा क्षेत्र के कितने मार्ग नगर पालिका परिषद् विदिशा को हस्तांतरित किये गये?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
विश्राम गृह निर्माण कार्य की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
80. ( क्र. 5121 ) श्री उमंग सिंघार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की गंधवानी विधानसभा मुख्यालय में विश्राम गृह निर्माण कार्य की स्वीकृति हेतु क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार गंधवानी मुख्यालय में विश्राम गृह की स्वीकृति कब तक दी जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) गंधवानी विधान सभा मुख्यालय पर विश्राम गृह के निर्माण कार्य का राशि रू 103.05 लाख का मूल्यांकन समिति द्वारा अनुमोदन किया गया है। स्थायी वित्तीय समिति से स्वीकृति अपेक्षित है। (ख) समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
भर्तियों में अनियमितताओं की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
81. ( क्र. 5146 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017 में अजीविका मिशन द्वारा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फारेस्ट मैनेजमेंट भोपाल के माध्यम से किन-किन पदों की कितनी-कितनी संख्या में भर्ती के लिये विज्ञापन जारी किये गये थे तथा इन किन-किन पदों के लिए योग्यता, अर्हता एवं अनुभव आदि मांगे गये थे? पदवार पृथक-पृथक जानकारी दें। (ख) इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेस्ट मैनेजमेंट भोपाल को चयन एजेन्सी किन नियमों/प्रावधानों/आदेश के तहत बनाया गया तथा क्या इस एजेन्सी को प्रतियोगिता अभ्यर्थियों को परीक्षाओं के माध्यम से अधिकार प्राप्त हैं? यदि हाँ तो नियम/आदेश की प्रति संलग्न करें एवं इस एजेन्सी को इस कार्य हेतु कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में एजेन्सी द्वारा किन-किन पदों के लिये कितने-कितने अभ्यर्थियों का चयन कर सूची विभाग को सौंपी थी? प्रतीक्षा सूची के साथ छायाप्रति संलग्न करें। (घ) अजीविका मिशन को उपरोक्त सौंपी गयी सूची में से किन-किन चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति निरस्त की गयी है एवं जिन चयनित अभ्यर्थियों का नाम आजीविका मिशन द्वारा चयन सूची से हटा दिया गया था, उनमें से कितनों का नाम वापिस लेकर नियुक्ति की गयी है? (ड.) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में राज्य परियोजना प्रबंधक सामुदायिक विकास के पद पर किसका चयन किस प्रक्रिया के तहत किया गया है? क्या इनकी शैक्षणिक योग्यताएं/अर्हताएं एवं अनुभव इस पद के लिए उपयुक्त हैं? क्या इनकी उक्त योग्यताओं का परीक्षण किया गया? क्या इस संबंध में शिकायतें प्राप्त हुईं? यदि हाँ तो उनमें क्या कार्यवाही की गयी? यदि हाँ तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। योग्यता एवं अर्हता सभी पदों के लिये मांगी गयी थी एवं अनुभव एक पद को छोड़कर शेष पदों के लिये मांगे गये थे। (ख) विभागीय निर्णय के अनुसार इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फोरेस्ट मैनेजमेंट भोपाल का चयन किया गया। संस्था द्वारा मिशन की आवश्यकताओं के अनुरूप चयन किये जाने की सहमति दी गई। सहमति पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। आई.आई.एफ.एम. संस्था को 20, 96, 388/- लाख रूपये की राशि का भुगतान किया गया। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द एवं ''ई'' अनुसार है। (ड.) इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फोरेस्ट मैनेजमेंट भोपाल के माध्यम से राज्य परियोजना प्रबंधक-सामुदायिक विकास के पद पर किसी भी व्यक्ति का चयन नहीं किया गया। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मार्ग का निम्न स्तरीय निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
82. ( क्र. 5155 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर से जैथल व्हाया नारायण पानबिहार मार्ग निर्माण निम्न स्तरीय हुआ है? इस पर विभाग ने अब तक कार्यवाही क्यों नहीं की है? (ख) इसका विगत 2 वर्षों में किस-किस अधिकारी ने कब-कब निरीक्षण किया? प्रत्येक निरीक्षण की प्रमाणित विवरण देवें। (ग) मार्ग निर्माण घटिया होने पर संबंधित अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) महिदपुर विधानसभा अन्तर्गत महिदपुर-पानबिहार-जीवाजी नगर मार्ग, लम्बाई 31.935 कि.मी. का गुणवत्तापूर्ण निर्माण ए.डी.बी. द्वारा अनुमोदित सुपरविज़न क्वालिटी कन्सलटेन्ट मेसर्स इण्डियन टेक्नोक्रेट लि. नई दिल्ली की देखरेख में किया गया है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ''1'' अनुसार है। (ग) मार्ग निर्माण घटिया नहीं है, अत: कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
बजट पुस्तिका में किसान हितैषी योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
83. ( क्र. 5163 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा में प्रस्तुत बजट सत्र के दौरान बजट से संबंधित जो साहित्य वितरण किया जाता है उसके खण्ड 08 नामक पुस्तिका में कृषि विकास एवं कृषि कल्याण से संबंधित किसानों के हितार्थ/लाभकारी योजनाओं हेतु वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि मुरैना जिले को आंवटित की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त राशि में से मुरैना जिले के सबलगढ़/कैलारस विकासखण्डों में कितनी राशि के क्या-क्या घटक क्रियान्वित कराये गये, की जानकारी, हितग्राही संख्या का विवरण, वर्ष दिनांक, मांग संख्या, लेखा शीर्ष आदि सहित उपलब्ध करावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
जिला सड़कों के निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
84. ( क्र. 5166 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश की 20 ग्रामीण सड़कों को जिला मार्ग घोषित किया है जिसमें उज्जैन जिले की नागदा से गिदगढ़, किलोड़िया, खुरमुण्डी, झिरमिंरा, दिवेल, चंदोडिया, तरोद, मोकडी मार्ग शामिल हैं? यदि हाँ इस रोड व पुल-पुलिया के निर्माण हेतु शासन की क्या योजना है? रोड निर्माण की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जायेगी? (ख) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में 18 फरवरी, 2021 तक विभाग की कितनी रोडें, पुल, पुलिया, बिल्डिंग निर्माण के अधूरे कार्य पड़े हैं तथा कितने कार्यों का प्रारंभ नहीं हुआ है? प्रत्येक का पृथक-पृथक विवरण दें। (ग) क्या कार्य का पेमेंट नहीं दिए जाने के कारण ठेकेदार द्वारा कार्य बंद कर कार्य अधूरा छोड़ दिया है? यदि हाँ तो किस कार्य के लिए ठेकेदार का कितना-कितना पेमेंट बाकी है? राशि सहित विवरण दें। यदि नहीं तो कार्य पूर्ण करने की अवधि सामाप्त हो जाने के बावजूद भी विभाग द्वारा इनके विरूद्ध क्यों कार्यवाही नहीं की गई है? (घ) क्या बी.ओ.टी. रोड इंदौर-उज्जैन व देवास-भोपाल में टोल नाकों पर वीआईपी व इमरजेंसी लेन को बंद कर दिया गया है? बंद किस कारण से किया है? (ड.) बी.ओ.टी. रोड उज्जैन-जावरा मार्ग पर नागदा बायपास ओव्हर ब्रिज के नीचे महिदपुर रोड की ओर एप्रोच रोड जिससे मण्डी क्षेत्र में सीधे आने हेतु मार्ग का निर्माण हो सके, निर्माण कार्य क्यों नहीं किया गया तथा विभाग एप्रोच रोड निर्माण कार्य हेतु कार्यवाही कर रहा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, जी हाँ। विभाग की किसी योजना में शामिल नहीं है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। अनुबंधानुसार कार्य पूर्ण होने के बाद गुण-दोष के अनुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) इंदौर-उज्जैन फोरलेन मार्ग के अनुबंध में टोल प्लाजा पर वी.आई.पी. एवं इमरजेंसी लेन का कोई प्रावधान नहीं है एवं देवास-भोपाल मार्ग पर वी.आई.पी. एवं इमरजेंसी लेन बंद नहीं की गई है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) उज्जैन-जावरा बी.ओ.टी. अनुबंध में नागदा बायपास ओव्हर ब्रिज के नीचे महिदपुर रोड की एप्रोच रोड सम्मिलित नहीं होने से नहीं किया गया, म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत उक्त कार्य हेतु कोई कार्यवाही प्रचलित नहीं है।
किसानों की वार्षिक आय दोगुना करने की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
85. ( क्र. 5185 ) श्री जितू पटवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 445 दिनांक 28.12.2020 का उत्तर दिलाया जाये? बतावें कि उक्त प्रश्न के उत्तर में ऐसे कौन से आंकड़े एकत्रित करना समय-सीमा में संभव नहीं था, जिसके कारण जानकारी एकत्रित की जा रही है, उत्तर दिया गया? (ख) शासन किसानों की वार्षिक आय दो गुना करना चाहती है तो बतावें कि इस हेतु किस वर्ष में कोई कैलेण्डर बनाया गया? टूलकिट बनाई गई? यदि हाँ तो कैलेण्डर तथा टूलकिट की जानकारी दें। (ग) सीमान्त तथा लघु किसानों की वर्तमान केन्द्र शासन के तीन नये अध्यादेश से फसल बेचने में होने वाली परेशानी पर क्या शासन स्तर पर विचार किया गया है? क्या वे अपनी थोड़ी सी उपज लेकर दुकान दुकान जाकर भाव पूछते रहेंगे तथा उन्हें उचित दर कैसे प्राप्त होगी? (घ) कृषक जब अपनी उपज व्यापारी की दुकान पर जायेगा तो उसका मिलने वाला भाव उचित है या नहीं इसका निर्धारण कैसे करेगा? मण्डी में तो 100-200 व्यापारियों द्वारा उसके माल पर बोली लगाते हैं तथा उसे प्रतिस्पर्धात्मक भाव मिलते हैं? ऐसे में किसानों का शोषण नहीं होगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जानकारी एकृत्रित की जा रही है। (ख) जी हाँ। वर्ष 2016 में किसानों की आय दोगुना करने की घोषणा की गई थी, किन्तु कैलेंडर एवं टूलकिट का कोई प्रस्ताव नहीं था। (ग) वर्तमान में केन्द्र शासन के तीनों कानून पर माननीय सर्वोच्च न्यायालन द्वारा अंतरिम आदेश दिनांक 12.01.2021 जारी कर रोक लगाई गई है। फलस्वरूप कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 के प्रावधान पूर्ववृत लागू है तथा मंडियों में कृषि उपजों का नीलाम कार्य बोली लगाकर सुचारू रूप से चल रहा है। (घ) उपरोक्त प्रश्नांश (ग) अनुसार प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
सडकों का निर्माण एवं मरम्मत कार्य
[लोक निर्माण]
86. ( क्र. 5200 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम भर्री से सोहावल विकासखण्ड मुख्यालय, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय संस्कृत विद्यालय सीधे आने के लिए कोई मार्ग नहीं है। (ख) अगर प्रश्नांश (क) सही है तो क्या भर्री से इटौरा (सोहावल) आने के लिए सतना नदी के जुझार घाट होकर पक्का मार्ग बनाया जावेगा? अगर नहीं तो क्यों? हाँ तो कब तक? (ग) क्या रैगाँव विधानसभा क्षेत्र में सितपुरा से कुलगढी रोड बनी हुई है और कई जगह अतिक्रमण कर लिये गये हैं? अगर हाँ तो रोड का सीमांकन कब तक कराकर अतिक्रमण हटाया जावेगा? नहीं तो क्यों? क्या रोड में ग्रामों के नाम की पट्टिका एवं कि.मी. सूचक पत्थर नहीं लगाए गए हैं? अगर हाँ तो कब तक कार्य कराया जावेगा? नहीं तो क्यों? क्या इसी मार्ग में सितपुरा, रजरवारा रोड में जगह-जगह गड्ढे हो गये हैं? अगर हाँ तो मरम्मत कब तक कराई जावेगी? (घ) रैगाँव विधानसभा क्षेत्र की लोक निर्माण विभाग की जो सडकें जर्जर हालत में हैं उनकी मरम्मत कब तक कराई जायेगी? नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) मार्ग एवं पुल विभाग के अधीन नहीं होने तथा किसी भी योजना में शामिल नहीं होने के कारण। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ, जी नहीं, प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। मार्ग निर्माण के समय रोड में ग्रामों के नाम की पटिट्का एवं किलोमीटर सूचक पत्थर लगाये गये थे, जो कि क्षतिग्रस्त होने के बाद सीमित आवंटन प्राप्त होने के कारण पुनः नहीं लगाये गये है। जी हाँ, भूमि विवाद के कारण 260 मीटर में कार्य नहीं हो सका, मार्ग को मोटरेबल रखने हेतु विभाग में उपलब्ध स्थाई श्रमिकों एवं संसाधन से मरम्मत कार्य कराया जा रहा है। (घ) कुछ मार्ग आंशिक क्षतिग्रस्त है, विभाग में उपलब्ध आवंटन एवं संसाधन अनुसार मार्ग का मरम्मत कराया जा रहा है।
रैगाँव विधानसभा क्षेत्रंतर्गत पंचायतों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
87. ( क्र. 5201 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रैगाँव विधानसभा क्षेत्र में कितनी पंचायतें हैं तथा कितनी पंचायतों के भवन नहीं हैं? कब तक इनके भवन निर्माण कराए जावेंगे? जनपदवार, पंचायतवार जानकारी देवें। (ख) क्या सभी पंचायतों में विद्युतीकरण एवं पेय जल व्यवस्था है? अगर नहीं तो कब तक कराई जावेगी? (ग) इन पंचायतों के विद्युतीकरण का लाइट एवं जल प्रदाय योजना का कितना-कितना देयक भुगतान करना अवशेष है? इसका कब तक भुगतान कराकर विद्युत प्रवाह अवरोध से बचाया जावेगा? पंचायतवार, कनेक्शन नम्बर सहित जानकारी देवें। (घ) पंचायतों में बैठक हेतु सदस्यों की बैठक व्यवस्था की क्या स्थिति है? पंचायतवार, जनपदवार जानकारी देवें। (ड.) किन-किन पंचायतों में इन्टरनेट, कम्प्यूटर, टेलीविजन, रेडियो की व्यवस्था उपलब्ध है? इन्टरनेट, कम्प्यूटर की व्यवस्था सभी पंचायतों में कब तक उपलब्ध कराई जावेगी? नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) रैगाँव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 118 ग्राम पंचायतें है। जनपद पंचायत सोहावल अंतर्गत 70 तथा जनपद पंचायत नागौद अंतर्गत 48 ग्राम पंचायतें हैं। इनमें से 08 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन नहीं है। पंचायत भवन निर्माण की समय-सीमा बताना संभव नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। ग्राम पंचायतों में विद्युतीकरण एवं पेयजल व्यवस्था हेतु समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
भिण्ड से ग्वालियर मार्ग का चौड़ीकरण
[लोक निर्माण]
88. ( क्र. 5206 ) श्री संजीव सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड से ग्वालियर मार्ग मध्यप्रदेश सड़क विकास प्राधिकरण के अंतर्गत है? इस मार्ग पर प्रतिदिन कितनी दुर्घटनाएं हो रही हैं? विगत 2 वर्षों की घटनाओं का ब्यौरा पुलिस थानावार प्रेषित करें। (ख) शासन द्वारा अभी तक उपरोक्त मार्ग के चौड़ीकरण कार्य हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई? विवरण प्रस्तुत करें। (ग) दुर्घटनाओं को देखते हुए उक्त मार्ग को 4 या 6 लेन में कब तक परिवर्तित किया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। शेष प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उक्त राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण हेतु प्रस्ताव म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा मुख्य अभियंता, क्षेत्रीय अधिकारी, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भोपाल को दिनांक 16.01.2020 को भेजा गया। इसके पश्चात पुन: दिनांक 01.03.2021 को लेख किया गया। वर्तमान में भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से स्वीकृति अपेक्षित है। (ग) भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से स्वीकृति अपेक्षित होने के कारण वर्तमान समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विक्रेता के विरूद्ध कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
89. ( क्र. 5207 ) श्री संजीव सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में एक जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक ऐसे कितने उर्वरक विक्रेता हैं जिनकी उर्वरक एवं बीज अमानक होने पर उनके विरूद्ध एवं उर्वरक कम्पनी के विरूद्ध पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई गई? विकासखण्डवार एवं अमानक उर्वरक एवं बीज विक्रेताओं सहित जानकारी बताएं। (ख) क्या जिले के उर्वरक पंजीयन अधिकारी द्वारा अमानक उर्वरक बीज वाले विक्रेताओं पर नियमानुसार एफ.आई.आर. न कर अनुज्ञा को निलंबित कर एवं कुछ समय बाद बहाल करके अनियमित कार्य करने के लिए विक्रेता को संरक्षण दिया जाता है? यदि हाँ तो क्यों? यदि नहीं तो फिर विक्रेताओं पर की गई एफ.आई.आर. की जानकारी विकासखण्डवार बताएं। (ग) अमानक उर्वरक बीज वाले विक्रेताओं पर एफ.आई.आर. न करने के लिए विभाग के कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं तथा दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है और कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) भिण्ड जिले में एक जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक उर्वरक नमूना अमानक पाये जाने पर उर्वरक कंपनी के विरूद्ध पुलिस में प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई गई। बीज में अमानक होने पर 1 प्रकरण में पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। विकासखण्डवार अमानक उर्वरक विक्रेताओं एवं अमानक बीज विक्रेताओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिले में उर्वरक पंजीयन अधिकारी द्वारा अमानक उर्वरक में उर्वरक (नियंत्रण) आदेश, 1985 एवं अमानक बीज में बीज (नियंत्रण) आदेश, 1983 के अंतर्गत नियमानुसार कार्यवाही की गई है तथा किसी प्रकार का संरक्षण नहीं दिया गया है। विकासखण्ड गोहद में बीज विक्रय फर्म, न्यू कुशवाहा बीज भण्डार गोहद पर एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है। (ग) अमानक उर्वरक व बीज विक्रेताओं पर उर्वरक (नियंत्रण) आदेश, 1985 एवं बीज (नियंत्रण) आदेश, 1983 के तहत कार्यवाही की गई है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास योजना की सर्वे सूची का पुनर्परीक्षण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
90. ( क्र. 5214 ) श्री राकेश गिरि : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री आवास योजना के बी.एल.सी. घटक के अन्तर्गत टीकमगढ़ एवं बड़ागाँव धसान तहसीलों में वर्ष 2020 में हितग्राहियों का सर्वेक्षण/सत्यापन कराया गया है? यदि हाँ तो सर्वेदल में सम्मिलित अधिकारी/सेवकों/पदधारियों का पदनाम बतायें। क्या सर्वेदल द्वारा आवेदनकर्ता हितग्राही से मौके पर भेटकर पात्र/अपात्र बाबत् अवगत कराया गया? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार, सर्वे उपरान्त क्या सर्वे सूचियों/सत्यापन सूचियों पर दावा/आपत्ति आमंत्रण हेतु प्रकाशन/ग्रामवार मुनादी कराई गई? यदि हाँ तो प्रकाशन, मुनादी का विवरण भुगतान किये गये बिल के विवरण सहित दें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार, क्या टीकमगढ़ तहसील की मवई ग्राम पंचायत में आवेदनकर्ता हितग्राहियों के किसी कारणवश बाहर जाने की दशा में आवेदनकर्ता हितग्राही के पड़ोसी/परिजनों से पूछे बगैर सर्वे/सत्यापन सूची में कई हितग्राहियों के ग्राम में न रहने/छत पक्की/मृत्यु/ट्रेक्टर होने की मिथ्या टिप्पणी दर्ज कर अपात्र घोषित किया गया है? यदि हाँ तो क्यों? यदि नहीं तो हितग्राही से संम्पर्क के बगैर अपात्र क्यों घोषित किया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार, प्रश्नांश (क) अनुरूप पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित करने हेतु क्या योजना में आवेदनकर्ता हितग्राहियों के आवेदनों के आधार पर तैयार सर्वे सूचियों की पुनः जांच/सत्यापन कराया जायेगा? यदि हाँ तो समय-सीमा बतायें। यदि नहीं तो कारण बतायें। पात्र हितग्राहियों को कैसे लाभान्वित किया जायेगा? योजना बतायें।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) से (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
15 लाख रूपये से अधिक लागत के कार्यों की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
91. ( क्र. 5217 ) श्री राकेश गिरि : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र टीकमगढ़ में वर्ष 2017-18 से वर्तमान तक 15 लाख रूपये से अधिक लागत के विकास कार्य जिनकी निर्माण एजेन्सी ग्राम पंचायतें हैं, ऐसे स्वीकृत कार्यों की सूची दें। उनमें से कितने कार्य पूर्ण और कितने अपूर्ण हैं। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार, स्वीकृत कार्य शासन के किस आदेश के तहत स्वीकृत किये गये हैं? आदेश की प्रतियां दें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार कराये गये या कराये जा रहे कार्यों में गुणवत्ता युक्त सामग्री का उपयोग सुनिश्चित करने तथा अपव्यय को रोकने के लिये विभाग द्वारा क्या उपाय किये गये हैं? यदि गुणवत्ता विहीन सामग्री का उपयोग या अपव्यय होना पाया जाता है तो कौन उत्तरदायी होगा? क्या उत्तरदायी से क्षतिपूर्ति कराई जायेगी? यदि नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार क्या सभी कार्यों की वैधानिक स्वीकृति है? यदि नहीं तो इसके लिये कौन दोषी है? दोषी के विरूद्ध कब तक और क्या कार्यवाही की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार कराये जा रहे कार्यों में गुणवत्ता बनाये रखने तथा अपव्यय रोकने के लिये जनपद पंचायत स्तर पर तकनीकी अधिकारी सहायक यंत्री/उपयंत्री नियुक्त किये गये है। कार्य की गुणवत्ता में कमी अथवा अपव्यय की स्थिति पाये जाने पर निर्माण एजेंसी से पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 92 के तहत वसूली का प्रावधान है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ड्रिप सिस्टम की स्थापना
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
92. ( क्र. 5234 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालनालय उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी भोपाल के पत्र क्रमांक/उद्यान/PMKSY/01/2020-21/603/भोपाल/दिनांक/12.02.2021 के अनुसार प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना के घटक पर ड्राप मोर कॉप (माइक्रो इरीगेशन) योजनांतर्गत वर्ष 2020-21 के अतिरिक्त लक्ष्य जिला छिन्दवाड़ा को ड्रिप सिस्टम स्थापना हेतु आवंटित नहीं किया गया है? जिसका क्या कारण है जबकि छिंदवाड़ा जिले में सब्जियों का उत्पादन अन्य जिलों की अपेक्षा बहुत अधिक मात्रा में किया जाता है? अवगत करायें। (ख) छिंदवाड़ा जिले में कंद वाली फसलों के लिये अत्यधिक मांग मिनि स्प्रिंकलर की है जिसके लिए भी बहुत कम (नहीं के बराबर) लक्ष्य दिया गया है और जो लक्ष्य दिया गया है, वह भी सिर्फ अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग हेतु प्रदान किया गया है? इतना कम लक्ष्य देने का क्या कारण है? (ग) सम्पूर्ण प्रदेश में छिन्दवाड़ा जिलों को छोड़कर अन्य सभी जिलों में ड्रिप व मिनि स्प्रिंकलर के अधिक से अधिक लक्ष्य प्रदान किये गये हैं? परन्तु छिंदवाड़ा जिले के किसानों के साथ भेदभाव करते हुए बहुत कम लक्ष्य प्रदान किया गया हैं? कारण सहित अवगत करायें।
राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण ( श्री भारत सिंह कुशवाह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। बजट आवंटन के अनुसार जिलों को लक्ष्य जारी किये गये हैं। वर्ष 2020-21 के लक्ष्यों का विवरण निम्नानुसार है:-
वर्ग |
घटकवार लक्ष्य (रकबा हेक्ट. में) |
|||
ड्रिप |
मिनि/माइक्रो स्प्रिंकलर |
पोर्टेबल स्प्रिंकलर |
योग |
|
सामान्य |
76.20 |
0.00 |
150.00 |
226.20 |
अ.ज.जाति |
11.70 |
5.00 |
25.00 |
41.70 |
अ.जाति |
41.00 |
5.00 |
25.00 |
71.00 |
योग |
128.90 |
10.00 |
200.00 |
338.90 |
(ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राज्य पोषित योजनान्तर्गत नलकूप खनन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
93. ( क्र. 5235 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य पोषित योजनान्तर्गत अजजा/अजा कृषकों के लिए नलकूप खनन योजना पूर्व में संचालित हो रही थी जिस योजना को मध्यप्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2019-20 से बन्द कर दिया गया है? इस योजना को बन्द करने का क्या कारण है? (ख) अजजा/अजा कृषकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए, क्या राज्य पोषित योजनान्तर्गत नलकूप खनन कार्य को पुनः प्रारंभ किए जाने के संबंध में क्या शासन द्वारा आवश्यक कार्यवाही कर, योजना को पुनः प्रारंभ किया जायेगा ताकि सिंचाई का रकबा बढ़े और अधिक से अधिक उत्पादन होने के साथ-साथ किसानों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो सके। अगर हॉ तो कब तक? (ख) पूर्व समय में मध्यप्रदेश सरकार/विभाग द्वारा नलकूप खनन कार्य हेतु अजजा/अजा कृषकों को 25000/- रू. की अनुदान राशि एवं सफल नलकूप होने पर मोटर पम्प लगाने हेतु 15000/- रू. की राशि प्रदान की जाती थी, उक्त राशि को बढ़ाये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही की जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) प्रदेश में अजजा/अजा वर्ग के कृषकों के लिये राज्य पोषित नलकूप खनन योजना दिनांक 31.12.2001 से लगातार संचालित हो रही है। संचालनालय द्वारा वर्ष 2020-21 हेतु अजजा/अजा वर्ग के कृषकों के लिये राज्य पोषित नलकूप खनन योजना के भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य प्रदाय किये गये हैं। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा योजना प्रारंभ दिनांक से आज तक कभी भी इस योजना को बंद नहीं किया गया है। अत: शेष का प्रश्न ही नहीं उठता है। (ख) अजजा/अजा वर्ग के कृषकों के लिये राज्य पोषित नलकूप खनन योजना दिनांक 31.12.2001 से लगातार संचालित है। अत: शेष का प्रश्न ही नहीं उठता है। (ग) अनुदान राशि वृद्धि किये जाने का वर्तमान में औचित्य नहीं है।
तत्कालीन उप संचालक कृषि के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों की जांच
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
94. ( क्र. 5264 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन उप संचालक कृषि श्री जानराव हेडाऊ को गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के कारण निलंबित कर विभागीय जाँच संस्थापित की गई थी? यदि हाँ तो जिला सीहोर, टीकमगढ़, कटनी एवं हरदा की यदि जाँच पूरी हो गई है तो संबंधित जाँच प्रतिवेदन के अनुसार प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ तो बिना जाँच पूर्ण हुये संबंधित अधिकारी को जिले में उप संचालक के पद पर पदस्थ कर वित्तीय अनियमितता करने के लिये स्वतंत्र किया गया है जबकि फर्जी जाति प्रमाण पत्र में दोषी पाये जाने के कारण संबंधितों का जाति प्रमाण पत्र शून्य किया गया है? संबंधित अधिकारी को जिले में पदस्थ करने के लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी है। दोषियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या जाँच अधिकारी ने समय-सीमा में जाँच न करने के लिये दोषी हैं? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) तत्कालीन उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला हरदा श्री जानराव हेडाऊ को गंभीर अनियमितताओं के कारण म.प्र. शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक एफ-4ए/55/2013/14-1 दिनांक 05-07-2016 द्वारा निलंबित कर विभागीय जाँच संस्थित की गई। संस्थित विभागीय जाँच प्रकरणों का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विभागीय जाँच एक अर्द्धन्यायिक प्रक्रिया है। जिसमें गुण दोषों के आधार पर कार्यवाही की जाती है। विभाग का प्रयास रहता है कि विभागीय जाँच की कार्यवाही समय-सीमा में सुनिश्चित की जा सके। विभागीय जाँच अधिकारियों द्वारा विभागीय मुख्य कार्यों के साथ-साथ विभागीय जाँच की कार्यवाही की जाती है। अतएव शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता है।
बलराम तालाबों में की गई अनियमितता की जाँच
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
95. ( क्र. 5265 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर कटनी के पत्र क्रमांक 7925 दिनांक 22.08.2019 द्वारा जाँच दल गठित कर जाँच कराई गई? यदि हाँ तो जाँच अधिकारियों ने प्राक्कलन अनुसार गुणनफल घनमीटर में पेज क्रमांक 02 में क्या त्रुटिपूर्ण अंकित की गई एवं शासन के मार्गदर्शिका के बिन्दु क्रमांक 06 कार्य संपादन की प्रक्रिया स्ववित्तीय प्रकरण के निर्देशों का उल्लंघन करते हुये शासकीय अनुदान का खुले आम भ्रष्टाचार किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ तो गलत जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने वाले दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी? जाँच प्रतिवेदन में योजना की गाईड लाइन के अनुरूप योजना का क्रियान्वयन किया गया है? ऐसा अभिमत अंकित किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या जाँच अधिकारियों ने कृषक के आवेदनों में डाले गये जिले के बैंकों के खाते को बदलते हुये संबंधित कृषि विकास अधिकारी ने अपराधिक कृत्य करते हुये, पन्ना जिले के बैंकों में खाते खुलवाये और किसानों से धोखाधड़ी की गई? क्या जाँच में इसका समावेश न करने के लिए संबंधित जाँच दल संबंधित अधिकारियों को बचाने के लिये दोषी है? संबंधित कृषि विकास अधिकारी के साथ गलत प्रतिवेदन की जाँच कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण स्तर के अधिकारियों से जाँच कराकर कार्यवाही की जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) कलेक्टर कटनी के पत्र क्रमांक/7952/शिकायत शाखा/2019 दिनांक 22.08.2019 के द्वारा विकासखण्ड रीठी के बलराम तालाबों की जाँच कराई गई। जाँच प्रतिवेदन के पृष्ठ क्रमांक 2 में प्राक्कलन अनुसार गुणनफल घनमीटर में लिपिकीय त्रुटि हुई है। योजना में निहित प्रावधान अनुसार कार्यवाही की गई है। भ्रष्टाचार का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) संबंधित अधिकारियों द्वारा गलत जाँच प्रतिवेदन नहीं दिया गया है। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। योजना की गाईड लाइन अनुरूप ही कार्य किया गया है। (ग) जी नहीं। विकासखण्ड रीठी के कृषकों द्वारा मध्यांचल ग्रामीण बैंक बोरी तहसील शाहनगर जिला पन्ना में वर्ष 2017-18 में कृषकों द्वारा स्वयं उपस्थित होकर खाते खोले गये। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
खेल में म.प्र.की स्थिति
[खेल एवं युवा कल्याण]
96. ( क्र. 5269 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. की वर्तमान समय में राष्ट्रीय खेल के अंतर्गत राष्ट्रीय स्तर पर क्या स्थिति है? खेलवार बतावें? विभाग ने विगत वर्षों में स्थिति में क्या-क्या सुधार किया है? तुलनात्मक तालिका के रूप में बतलावें? (ख) म.प्र. राज्य में खेल को और प्रोत्साहन मिले इस हेतु कौन-कौन से कदम उठाये जा रहे हैं।
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) विगत 05 वर्षों में राष्ट्रीय खेलों का आयोजन नहीं हुआ है। वर्ष 2015 में 35वें राष्ट्रीय खेल तिरूवनंतपुरम (केरल) में आयोजित किये गये थे इन खेलों में मध्यप्रदेश 91 पदक प्राप्त कर देश में 6वें स्थान पर रहा था। खेलवार प्राप्त पदक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। विगत वर्षों में विभाग द्वारा किये गये कार्य की तुलनात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (ख) म.प्र. राज्य में खेल को और प्रोत्साहन हेतु विभाग द्वारा विभिन्न योजनायें संचालित है, संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार है।
चुरहट विधान सभा में सड़कों की स्थिति
[लोक निर्माण]
97. ( क्र. 5270 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत चुरहट विधान सभा क्षेत्र में आज दिनांक तक विभागीय क्षेत्राधिकार अन्तर्गत ऐसे कितने ग्राम हैं? जो पक्की सड़क से नहीं जुड़ पाये हैं? नाम बतायें। (ख) क्या इन ग्रामों को पक्की सड़क से जोड़ने की योजना हैं? (ग) यदि हाँ तो कब तक उन ग्रामों को पक्की डामरीकृत अथवा सीमेंट सड़क से जोड़ा जावेगा? (घ) वर्तमान स्थिति कितनी सड़कों पर डामरीकरण की आवश्यकता है़? (ड.) कितनी सड़कों का निर्माण प्रारंभ है? अद्यतन स्थित बतावें। विलम्ब के प्रमुख कारण क्या हैं? सड़कवार बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विभाग के क्षेत्राधिकार में सभी ग्राम पक्की सड़कों से जुडे हुए है। (ख) सड़क विहीन ग्रामों को पक्की सड़क से जोड़ने का कार्य म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण एवं ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के द्वारा किया जाता है, उनसे प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है। (ग) से (ङ) उत्तरांश 'ख' अनुसार।
अम्बाह में पॉलीटेक्निक कॉलेज खोलने बाबत
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
98. ( क्र. 5277 ) श्री रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये सरकार द्वारा अभी तक क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (ख) जिला मुरैना में 06 विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जिनमें केवल एक ही पॉलीटेक्निक कॉलेज मुरैना शहर में हैं। विधानसभा क्षेत्र दिमनी एवं अम्बाह के छात्रों को तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने हेतु तहसील अम्बाह में पॉलीटेक्निक कॉलेज खोलने के संबंध में सरकार द्वारा कोई कार्यवाही की जा रही है? अगर हां, तो कब तक, अगर नहीं, तो क्यों?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) प्रदेश में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये प्रत्येक तकनीकी शिक्षण संस्था में आई.टी. इन्फ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने के साथ-साथ इण्डस्ट्रीज 4.0 पाठ्यक्रम प्रारंभ करने के प्रयास किये जा रहें हैं। (ख) विभाग की नीति अनुसार प्रत्येक जिले में पॉलीटेक्निक महाविद्यालय खोले जाने की नीति है। अत: तहसील अम्बाह में पॉलीटेक्निक खोले जाने के कोई प्रस्ताव नहीं है।
रोजगार गारंटी योजना के तहत किये गये कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
99. ( क्र. 5297 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुमावली विधानसभा क्षेत्र के किन-किन ग्राम पंचायतों में रोजगार गारंटी योजना के तहत वर्ष 2019-20 में कितनी ग्रेवल सड़कें पूर्ण की गई हैं? सड़कों की लम्बाई ग्राम पंचायतों के नाम सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ख) उक्त मार्गों के निर्माण में कितने मजदूरों से कार्य कराया गया मार्गवार तथा कितने कार्यों में मशीनों का उपयोग किया? श्रमिकों के खातो में कितना पैसा रोजगार गारंटी मद से डाला गया? मजदूरों की संख्या, कितने दिन की राशि डाली गई, पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) मजदूरों के कार्य दिवस का सत्यापन किन-किन अधिकारियों द्वारा किया गया? कार्य ठेकेदार के द्वारा या सरपंच सचिवों के द्वारा कराया गया? क्या मजदूरी राशि का भुगतान मजदूरों के खातों में किया गया हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) वर्ष 2019-20 में 21 ग्रेवल सड़कें पूर्ण की गई हैं। सड़कों की लम्बाई ग्राम पंचायतों के नाम सहित पूर्ण जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश 'क' के अनुसार सड़क निर्माण में 74820 मजदूरों से कार्य कराया गया। योजना के प्रावधान अनुसार अकुशल मानव श्रम के बदले में मशीनों का उपयोग नहीं किया गया है बल्कि मार्ग निर्माण के प्राक्कलन में शामिल मशीन आयटम जैसे- मिट्टी की लूजनिंग, रोड रोलर, पानी टेंकर, आदि का उपयोग किया गया है। प्रश्न भाग की शेष जानकारी उत्तरांश 'क' परिशिष्ट में दी गयी है। (ग) मजदूरों के कार्य दिवस का सत्यापन संबंधित ग्राम पंचायत के ग्राम रोजगार सहायक, सचिव, सरपंच, प्रभारी सेक्टर के उपयंत्री, सहायक यंत्री द्वारा किया गया है। निर्माण कार्य ग्राम पंचायतों द्वारा कराया गया है। मजदूरी राशि का भुगतान FTO के माध्यम से मजदूरों के खातों में किया गया हैं।
खेल मैदान संबंधी
[खेल एवं युवा कल्याण]
100. ( क्र. 5303 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सतना विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कितने विभिन्न खेल के मैदान हैं, क्षेत्रफलवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) सतना शहर में खेल के मैदानों की क्या स्थिति है? क्या कुछ मैदान खेल खेलने की स्थिति में नहीं है? यदि हां, तो कब तक खेलने लायक बनाए जाएंगे। (ग) क्या आबादी/क्षेत्रफल के हिसाब से नवीन खेल के मैदान बनाए जाने के नियम है, यदि हां, तो अवगत कराएं। (घ) जिले में प्रतिवर्ष खेल हेतु कितना मद स्वीकृत होता है? पिछले 5 वर्षों के दौरान कितना मद किस-किस खेल के प्रयोजन हेतु खर्च हुआ है, आधुनिक खेल हेतु अतिरिक्त मद की आवश्यकता है तो क्या उपलब्ध कराया जावेगा। (ड.) सतना जिले को आधुनिक खेल के मैदान की आवश्यकता है, तो क्या आधुनिक मैदान बनवाया जाएगा? यदि हां, तो कब तक? जिले में और भी खेल के मैदानों की आवश्यकता हैं तो क्या उन्हें सुरक्षित किया जाएगा।
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में समाहित है। (ग) आबादी/क्षेत्रफल के हिसाब से खेल के मैदान बनाए जाने के नियम नहीं है अपितु खेल अधोसंरचना हेतु विभागीय आदेश क्रमांक 693/30/2017/नौ भोपाल दिनांक 24/03/2017 द्वारा नीति निर्धारित की गई है जो जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (घ) सतना जिले में खेल हेतु स्वीकृत राशि एवं पिछले 5 वर्षों के दौरान खेल के प्रयोजन हेतु खर्च की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार है। जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी सतना द्वारा उनकी आवश्यकता अनुसार उपलब्ध बजट को दृष्टिगत रखते हुये अतिरिक्त राशि का मांग पत्र आने पर राशि उपलब्ध कराई जाती है। (ड.) सतना जिले में स्व. दादा सुखेन्द्र सिंह स्टेडियम निर्मित है जिसमें इण्डोर एवं आउटडोर खेल की आवश्यक सुविधा उपलब्ध है इस स्टेडियम में एथलेटिक सिंथेटिक ट्रेक निर्माण हेतु भारत सरकार को खेलों इण्डिया अधोसंरचना योजना अंतर्गत राशि रू. 7.00 करोड़ का प्रस्ताव प्रेषित किया गया है तथा नागोद में भी लघु खेल परिसर निर्मित है, इसके अलावा सतना जिले में विभाग के स्वामित्व का कोई अन्य खेल मैदान उपलब्ध नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आदान सामग्री का प्रदाय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
101. ( क्र. 5305 ) श्री
सिद्धार्थ
सुखलाल
कुशवाहा : क्या
किसान कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) किसानों
के खेतों में
विभाग द्वारा
जो प्रदर्शन
डाले जाते हैं, उनके
लिए जो आदान
सामग्री
प्रदाय की जाती
है, उनके
गुण नियंत्रण
हेतु
विकासखण्ड
स्तर पर नमूने
लिये जाते है? यदि हां, तो सतना
जिले में
नमूने लिये
गये है, यदि
नहीं तो क्यों? (ख) सतना
जिले में आदान
सामग्री के
अनुसार वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में
कितने नमूने
लिये गये? कितने
मानक और कितने
अमानक नमूने
प्राप्त हुए? (ग) अमानक
नमूनों के
प्राप्त होने
के उपरान्त क्या
कार्यवाही की
गई?
किसान
कल्याण
मंत्री ( श्री
कमल पटेल ) : (क) जी
हाँ। जी हाँ। (ख)
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ग)
11
अमानक नमूनों
के विरूद्ध
विक्रय
प्रतिबंधित, कारण
बताओं सूचना
पत्र जारी
किया गया है।
मुख्यमंत्री/प्रधानमंत्री सड़कों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
102. ( क्र. 5312 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना फेस-1,2,3 की गाईडलाइन क्या है? छायाप्रति उपलब्ध करावें? विकासखण्ड लटेरी के ग्राम मुण्डेला,बीजूखेड़ी,गोलाखेड़ा की कितनी-कितनी जनसंख्या है तथा ग्राम मुण्डेला से लटेरी-नजीराबाद रोडसे व गोलाखेड़ा की आनंदपुर-उनारसीकलां मार्गसे तथा बीजूखेड़ी की लटेरी-नजीराबाद रोड मुख्यबस्ती से वास्तविक कितनी दूरी है तथा उक्त ग्रामों को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में सम्मिलित करवाने हेतु किन-किन अधिकारियों द्वारा ग्रामों का दौरा कर वास्तविक दूरी जानने के प्रयास किये गये? अधिकारी का नाम,पद,भ्रमण दिनांक,प्रतिवेदन की जानकारी सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना की गाइडलाइन क्या है? छायाप्रति उपलब्ध करावें। साथ ही बतावें कि विकासखण्ड सिरोंज के ग्राम मुजफ्फरगढ़, विशेपुर, आंधारेला, महाराजखेड़ी तथा विकासखण्ड लटेरी के ग्राम फतेहगढ़ (जिसमें शत प्रतिशत अनु.जाति के व्यक्ति निवासरत हैं) को मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना से क्यों वंचित किये गये हैं? यदि हां, तो कारण सहित जानकारी देंवे। इन ग्रामों में सड़कों का निर्माण कब-तक कर दिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में मुख्यमंत्री सड़क योजना से स्वीकृत ग्राम सेमरीवशीर की सड़क का निर्माण कब-तक कर दिया जावेगा? वन विभाग से अनुमति के लिए विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? विकासखण्ड सिरोंज के ग्राम कठोतिया की सड़क को क्या सिरोंज-इमलानी मार्ग से जोड़ दिया गया है? यदि हां,तो बतावें। यदि नहीं,तो इसके लिए दोषी कौन है तथा कब सड़क को मुख्य मार्ग से जोड़ दिया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में ग्राम मदागन पंचायत ललितपुर को किस योजना से सड़क से जोड़ा गया है? ग्राम की जनसंख्या बतावें। (ङ) सिरोंज-लटेरी विकासखण्ड की बारहमासी सड़कों से वंचित ग्रामों को कब तक कनेक्टिविटी प्रदान कर दी जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना फेज 1,2,3 की गाइडलाईन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ अनुसार है। विकासखण्ड लटेरी के ग्राम मुण्डेला, बीजूखेड़ी, गोलाखेड़ा के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ब अनुसार है। उक्त ग्रामों को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में सम्मिलित करवाने की माननीय विधायक जी की मांग आने पर महाप्रबंधक, श्री के.के. चौरे एवं उपयंत्री श्री दिवाकर दुबे, म.प्र.ग्रा.स.वि.प्रा., विदिशा द्वारा दिनांक 12.05.2020 को ग्रामों का दौरा किया गया था। ग्राम बीजूखेड़ी का प्रतिवेदन इस कार्यालय के पत्र क्रमांक 504/म.प्र.ग्रा.स.वि.प्रा./2020 दिनांक 14.05.2020 द्वारा कलेक्टर, जिला विदिशा को प्रेषित किया गया था, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- स अनुसार है। अन्य दो ग्रामों हेतु तत्समय पृथक से प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया था। (ख) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना की गाइडलाइन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- द अनुसार है। विकासखण्ड सिरोंज के ग्रामों के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- इ अनुसार है। (ग) ग्राम सेमरीवशीर वनक्षेत्र में होने से नियमानुसार वन विभाग से कार्य करने की अनुमति चाही गई थी। वन मंडल अधिकारी के पत्र क्र. 1455 दिनांक 26.11.2019 एवं पत्र क्र. 1376 दिनांक 24.09.2020 द्वारा अनुमति प्रदान करने में असमर्थता व्यक्त की गई। वन विभाग की अनुमति प्राप्त न होने के कारण ग्राम सेमरीवशीर की सड़क कार्य की स्वीकृति पत्र 1317 दिनांक 02.03.2021 द्वारा निरस्त की गई है। विकासखण्ड सिरोंज के ग्राम कठोतिया की सड़क को सिरोंज इमलानी मार्ग से नहीं जोड़ा गया है। कठोतिया की सड़क ग्राम विशेपुर तक निर्मित है। विशेपुर छूटे हुए ग्रामों की सूची में शामिल है। योजनान्तर्गत आवंटन उपलब्ध होने पर सड़क कार्य स्वीकृत किया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है तथा विशेपुर से कठोतिया मार्ग लंबाई 890 मीटर में एम.पी.आर.सी.पी. के तहत डामरीकरण का कार्य किया गया है। (घ) ग्राम मदागन पंचायत ललितपुर को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत सनोटी से मदागन सड़क निर्माण द्वारा दिनांक 26.09.17 को जोड़ा गया है। ग्राम मदागन पंचायत ललितपुर की जनसंख्या जनगणना 2001 के अनुसार 131 है। (ड.) सिरोंज लटेरी विकासखण्ड के 23 ग्राम मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत बारहमासी सड़कों के निर्माण से छूटे हुये ग्रामों में शामिल हैं। उपलब्ध आवंटन पूर्व स्वीकृत कार्यों के लिये आबद्ध होने से इन कार्यों की स्वीकृति जारी नहीं की जा सकी। आवंटन उपलब्ध होने पर इन ग्रामों को कनेक्टिविटी प्रदान कर दी जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
103. ( क्र. 5313 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी में 1 अप्रैल 2018 से प्रश्नांकित दिनांक तक पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं से ग्राम पंचायत भवन, आंगनवाड़ी भवन, किचिन शेड़, सामुदायिक शौचालय,ई-कक्ष,सामुदायिक भवन, गौशाला निर्माण किन-किन ग्राम पंचायतों में स्वीकृत हुये हैं? प्रशासकीय स्वीकृति सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उपरोक्त कार्यों से कितने कार्य पूर्ण हुये? कितने अपूर्ण हैं? कितने अप्रारंभ है एवं कितनी राशि निर्माण एजेन्सी द्वारा आहरण कर ली गई है? कितनी राशि जनपद पंचायत, जिला पंचायत के पास है? पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इन कार्यों में से कितने कार्यों की राशि सरपंच एवं सचिवों द्वारा आहरण करके कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है? इसके लिए सरपंच/सचिव पर क्या कार्यवाही की गई? यदि हां, तो कार्यवाही का विवरण देवें। यदि नहीं तो इसके लिए दोषी कौन हैं? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अधूरे कार्यों को कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
कन्तोड़ा बायपास सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
104. ( क्र. 5322 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 649 दिनांक 30 दिसम्बर 2020 के उत्तर अनुसार लोक निर्माण विभाग संभाग राजगढ़ अंतर्गत नगर नरसिंहगढ़ के कन्तोड़ा बायपास सड़क निर्माण कार्य के परीक्षणाधीन प्राक्कलन की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति हेतु प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही की गई हैं? यदि हाँ तो बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त वर्णित कंतोड़ा बायपास की वर्तमान अत्यंत जीर्ण-शीर्ण अवस्था, निरंतर घटित हो रही दुघर्टनाओं एवं बाधित आवागमन समस्या के स्थाई निराकरण हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा अपने पत्र दिनांक 29.12.2020 माननीय विभागीय मंत्री जी एवं पत्र दिनांक 21.01.2021 से माननीय मुख्यमंत्री महोदय जी को सड़क निर्माण की स्वीकृति हेतु विशेष आग्रह किया गया था? यदि हाँ तो क्या शासन बजट सत्र 2021 में उक्त मार्ग निर्माण की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष उत्तरांश 'क' अनुसार।
ग्रामीण मार्गों का डामरीकरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
105. ( क्र. 5323 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक 0-200 आबादी ग्राम वाले ऐसे कौन-कौन से मार्ग हैं, जिन पर मुख्यमंत्री सड़क योजनांतर्गत ग्रेवल सड़कों का निर्माण कराया जा चुका है? सम्पूर्ण विवरण सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त वर्णित ग्रेवल सड़कों पर प्रश्न दिनांक तक डामरीकरण कराये जाने हेतु प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में सम्मिलित कर लिया गया है अथवा नहीं? यदि नहीं तो क्या प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा उक्त संबंध में कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ तो क्या? यदि नहीं तो ऐसे सभी मार्गों पर सुगम आवागमन के दृष्टिगत कब तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में सम्मिलित कर डामरीकरण करा दिया जावेगा? विभाग द्वारा वर्तमान में इस संबंध में क्या कार्य योजना बनाई जा रही है?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) प्रश्नांकित क्षेत्र में 0-200 आबादी के ग्रामों में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अन्तर्गत निर्मित 18 ग्रेवल मार्गों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कॉलम क्रमांक 3 एवं मार्ग का सम्पूर्ण विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। जी हाँ। म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण भोपाल के द्वारा 18 सड़कों में से 6 सड़कों को एम.पी.आर.सी.पी. के प्रथम चरण में प्राप्त स्वीकृति अनुसार डामरीकरण कराये जाने हेतु सम्मिलित किया जा चुका है। ग्रेवल सड़कों के डामरीकरण करने का कार्य प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत नहीं किया जाता है। शेष 12 मार्गों को सम्मिलित किये जाने हेतु वर्तमान में कोई योजना नहीं है अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जय किसान ऋण माफी योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
106. ( क्र. 5326 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य सरकार जय किसान ऋण माफी योजना बंद करने पर विचार कर रही है? (ख) यदि हाँ तो इसका क्या कारण है? (ग) जय किसान ऋण माफी योजना से कुल कितने किसान लाभांवित हुए हैं? (घ) कितने किसान ऐसे हैं जिनके नाम ऋण माफी सूची में थे लेकिन उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल सका?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मनरेगा योजना अंतर्गत मजदूरों की मजदूरी भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
107. ( क्र. 5327 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले के सरदारपुर में मनरेगा योजना अंतर्गत काम करने वाले मजदूरों की मजदूरी भुगतान निर्धारित समय से विलंब से होने की शिकायत मिली है? (ख) यदि हॉ तो 31 जनवरी 2021 तक धार जिले की सरदारपुर जनपद पंचायत और आर.ई.एस. में कितने ऐसे मजदूर हैं जिनकी मजदूरी का भुगतान नियमानुसार मस्टर रोल बंद होने के आठ दिन के अंदर न करके विलंब से किया गया? (ग) मनरेगा योजना के अंतर्गत काम करने वाले मजदूरों की मजदूरी भुगतान में विलंब का क्या कारण हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
पंचायत एवं आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
108. ( क्र. 5340 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनावर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किन-किन पंचायतों में प्रश्न-दिनांक तक भी पंचायत भवन और आंगनवाड़ी भवन का निर्माण नहीं हुआ है? किन-किन पंचायतों में पंचायत भवन और आंगनवाड़ी भवन किराये के मकान अथवा अस्थाई मकान में संचालित है? किराए के मकान या अस्थाई भवन में संचालित किए जाने के क्या कारण हैं? (ख) प्रति-वर्ष ट्राईबल सबप्लान की राशि काफी मात्रा में लैप्स होने के मद्देनजर प्रश्न दिनांक तक भी पंचायत भवन और आंगनवाड़ी भवन निर्माण के लिए फंड क्यों नहीं दिया गया? पंचायत भवन और आंगनवाड़ी भवन निर्माण नहीं होने के लिए कौन दोषी है? किसकी क्या जवाबदेही तय की गई है? ब्यौरा दें। (ग) अनुच्छेद 244 (1) अनुसूचित क्षेत्रों के विकास के लिए ट्राईबल सबप्लान की कितनी फीसदी राशि विभाग को किन-किन कार्यों के लिए प्राप्त होती है? मनावर विधानसभा क्षेत्र में जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक टीएसपी फंड के प्राप्ति एवं खर्च का ब्यौरा वर्षवार दें। (घ) आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य की सेवाएं बदतर हालातों में होने के क्या कारण हैं? ट्राईबल सबप्लान की राशि स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए खर्च क्यों नहीं की जा रही है? यदि खर्च की जा रही है तो जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक खर्च की गई राशि का वर्षवार ब्यौरा दें।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) मनावर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सभी ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन निर्मित है, 51 पंचायतों में आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के मकान में संचालित है। शासकीय आंगनवाड़ी भवन उपलब्ध नहीं होने के कारण किराये के भवन में संचालित हो रहे है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) ट्राईबल सब-प्लान अंतर्गत शेष राशि का समर्पण विभाग को किया जाता है, किसी भी प्रकार की राशि लेप्स नहीं हुई। पंचायत भवन एवं आंगनवाड़ी भवनों हेतु प्रश्नांश में उल्लेखित अवधि में कोई फण्ड प्राप्त नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) अनुच्छेद 244 (1) अंतर्गत सहायक आयुक्त आदिवासी विकास धार को किसी भी प्रकार की राशि प्राप्त नहीं होती, शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य की सेवायें बदतर हालात में नहीं है, प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
लीज की भूमि का नवीनीकरण
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
109. ( क्र. 5341 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संविधान के अनुच्छेद 244 (1) क्षेत्र अंतर्गत कॉरपोरेट संस्थानों, औद्योगिक इकाईयों और व्यवसायिक गतिविधियों के लिए किन नियमों/शर्तों के तहत कितनी भूमि लीज पर देने का प्रावधान है? लीज के नवीनीकरण के क्या नियम हैं? तत्संबंधी ब्यौरा दें। (ख) मनावर तहसील जिला धार के क्षेत्र में किस मद की कौन-कौन सी कितनी भूमि किन नियमों-शर्तों के तहत किन औद्योगिक इकाईयों, कॉरपोरेट संस्थानों एवं व्यवसायिक गतिविधियों के लिए किस दिनांक से कितनी अवधि के लिए किनको दी गई है? विकासखंडवार पृथक-पृथक ब्यौरा दें। (ग) प्रश्नांश (ख) की कौन-कौन सी लीज जनवरी 2022 से पूर्व खत्म होने वाली हैं? जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन भूमियों का लीज नवीनीकरण किन नियमों/शर्तों के तहत किया गया? पृथक-पृथक ब्यौरा दें। (घ) प्रश्नांश (ख) की कितनी भूमियों का लीज प्रश्न दिनांक तक समाप्त हो चुका है एवं जिनका लीज नवीनीकरण नहीं हुआ है? क्या उक्त भूमियों के लीज नवीनीकरण की प्रक्रिया चल रही है? यदि हाँ तो किन शर्तों/नियमों के तहत ब्यौरा दें।
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री ( श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव ) : (क) म.प्र. शासन, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के अंतर्गत औद्योगिक एवं व्यावसायिक गतिविधियों के लिए राज्य में म.प्र. राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2019 के नियमों के अधीन भूमि को लीज पर देने के प्रावधान है। (ख) मनावर तहसील, जिला धार क्षेत्र में मेसर्स अल्ट्राटेक औद्योगिक इकाई को विकासखण्ड मनावर ग्राम-टोकी, सोंडूल, गोलपुरा, टिमरनी की 121.203 हेक्टेयर शासकीय भूमि का आवंटन किया गया है, जिसमें 119.372 हेक्टेयर (13046182.34 वर्गफीट) भूमि की लीज का निष्पादन महाप्रबंधक, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र, धार के माध्यम से किया गया है, शेष भूमि 3.129 हेक्टेयर भूमि का आवंटन एम.पी.आई.डी.सी. लि. क्षेत्रीय कार्यालय इंदौर (पूर्व में एकेव्हीएन इंदौर) द्वारा किया गया है। जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र द्वारा म.प्र. राज्य औद्योगिक भूमि एवं औद्योगिक भवन प्रबंधन नियम 2008 के तहत 119.372 हेक्टेयर भूमि की लीज डीड दिनांक 26/06/2013 से दिनांक 25/06/2112 तक की अवधि के लिए की गई है तथा एम.पी.आई.डी.सी.लि. क्षेत्रीय कार्यालय इंदौर (पूर्व में एकेव्हीएन इंदौर) द्वारा मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2015 के तहत 3.129 हेक्टेयर भूमि की लीज डीड दिनांक 01/01/2018 से दिनांक 31/12/2117 तक की अवधि के लिए की गई है। (ग) इकाई की लीज जनवरी 2022 से पूर्व खत्म होने वाली नहीं है। अत: कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। (घ) प्रश्नांश(ख) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक।
सड़क मार्गों का संधारण
[लोक निर्माण]
110. ( क्र. 5357 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लेबड़ से नयागांव व उज्जैन-उन्हेल-नागदा से लेकर जावरा तक के अत्यंत व्यस्तम आवागमन के मार्गों का संधारण शासन/विभाग के नियंत्रण में संबंधित एजेंसियों के द्वारा निरंतर किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ तो वर्ष 2018-19 के लेकर प्रश्न दिनांक तक उक्त मार्गों के अंतर्गत आने वाले टोल नाकों पर विभिन्न वाहनों से वर्ष वार कितनी वसूली हुई तथा उक्त मार्गों पर वर्ष वार सड़क, पुलिया, साईड, वृक्षारोपण, लाईट इत्यादि अन्य प्रकार के भी क्या-क्या कार्य किए गए? वर्षवार बताएं l (ग) उक्त मार्गों के अनेक स्थानों पर सड़क अत्यंत उबड़-खाबड़, जर्जर एवं गड्ढेनुमा होकर आवागमन हेतु अत्यंत गंभीर स्थिति में है जिससे दुर्घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है किंतु संधारण नहीं किया जा रहा तो एजेंसियों के विरुद्ध क्या-क्या कार्यवाहियां कब-कब की गई? (घ) उक्त दोनों मार्गों के संबंध में समस्त क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों व आमजन द्वारा भी ध्यान आकृष्ट करने के बावजूद संधारण नहीं किया जाता न ही सुविधा दी जा रही तो टोल वसूली किस आधार पर की जा रही है तो संबंधितों के विरुद्ध कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही? कब तक संधारण पूर्ण कर सड़कों की स्थिति ठीक हो सकेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) निवेशकर्ता से प्राप्त वर्ष 2015-16 से लेकर फरवरी 2021 तक टोल वसूली की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। निवेशकर्ताओं से प्राप्त शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे पारिशिष्ट के अनुसार-1 अनुसार है। (ग) जी नहीं। परन्तु कुछ स्थानों पर सुधार की आवश्यकता है। संधारण नहीं करने के एवज में उज्जैन-जावरा मार्ग, लेबड़-जावरा मार्ग पर डिले डैमेज लगाये गए है, जिसकी विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। इसके अतिरिक्त लेबड़-जावरा मार्ग पर संधारण कार्य अनुबंधानुसार नहीं करने पर टोल वसूली के अधिकार एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा दिनांक 28.02.2021 को सुबह 6:00 बजे निवेशकर्ता से ले लिये है एवं टोल वसूली की कार्यवाही एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा की जा रही है। (घ) टोल वसूली अनुबंधानुसार की जा रही है। संधारण नहीं करने के एवज में उज्जैन-जावरा मार्ग, लेबड़-जावरा मार्ग पर डिले डैमेज लगाये गए है, जिसकी विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार, इसके अतिरिक्त लेबड़-जावरा मार्ग पर संधारण कार्य अनुबंधानुसार नहीं करने पर टोल वसूली के अधिकार एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा दिनांक 28.02.2021 को सुबह 6:00 बजे निवेशकर्ता से लेते हुए टोल वसूली की कार्यवाही एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा की जा रही है। वर्तमान में मार्ग की स्थिति संतोषजनक है परन्तु संधारण एक सतत् प्रक्रिया है जो आवश्यकता अनुसार कराई जाती है, अत: समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
कृषि सिंचाई योजनाओं का क्रियान्वयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
111. ( क्र. 5358 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत शासन/विभाग द्वारा केंद्र/राज्य प्रवर्तित प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना वाटरशेड विकास अंतर्गत वर्ष 2018 -19 से लेकर प्रश्न दिनांक तक किन-किन ग्रामों में किस-किस प्रकार वाटरशेड विकास के कार्य किए गए? ग्राम पंचायत, ग्रामवार जानकारी देंl (ख) बताएं कि उपरोक्त विधानसभा क्षेत्र/योजना अंतर्गत वाटरशेड विकास कार्यों हेतु ब्लॉकवार कितनी-कितनी राशि वर्षवार स्वीकृत होकर कार्य किए गए? उनमें से कितने पूर्ण हुए,कितने अपूर्ण रहे? (ग) अवगत कराएं कि वर्षवार ग्राम पंचायतवार व ग्रामवार किए गए कार्यों का भौतिक सत्यापन किस-किस सक्षम अधिकारी द्वारा किया गया? (घ) साथ ही उपरोक्त उल्लेखित वर्षों में निर्मित जल संरक्षण संरचनाओं का संधारण किस प्रकार किया जाकर उन्हें संरक्षित किया जा रहा है? जिससे इनका निरंतर उपयोग होता है? इस हेतु किस सक्षम अधिकारी द्वारा निरीक्षण किया जाता है?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (घ) विकासखण्ड जलग्रहण अभियंता व समन्वयक एवं संबंधित जलग्रहण समिति द्वारा संधारण किया जाता है। निरीक्षण मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद तथा सहायक यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा किया जाता है।
रानीताल खेल स्टेडियम के समीप एकत्रित कचरा
[खेल एवं युवा कल्याण]
112. ( क्र. 5361 ) श्री विनय सक्सेना : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जबलपुर स्थित रानीताल खेल स्टेडियम के नजदीक कचरे का पहाड़ निर्मित हो गया है? (ख) प्रश्नांक (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि हाँ, तो क्या उक्त कचरे की दुर्गन्ध एवं प्रदूषित वायु से उक्त स्थल पर निवासरत खिलाड़ियों के स्वास्थ्य पर बुरा असर नहीं पड़ेगा? (ग) विभाग द्वारा खेल मैदान के नजदीक से कचरा हटवाने एवं स्वच्छता बनाए रखने हेतु कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गयी? उसके क्या-क्या परिणाम प्राप्त हुए? (घ) उक्त खेल मैदान में वर्षाकाल में पानी निकासी की जगह ना होने एवं नाला नजदीक होने के कारण पानी भर जाता है और खेल गतिविधियाँ प्रभावित होती हैं इस संबंध में विभाग ने क्या क्या कार्यवाही की है?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2011 से रानीताल ट्रेचिंग ग्राउण्ड में कचरा संग्रहण नहीं किया जा रहा है तथा वर्ष 2011 तक संग्रहित कचरा सूखकर मिट्टी में परिवर्तित हो चुका है। जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड जबलपुर द्वारा कचरा हटाने हेतु आदेश क्रमांक/जी.एस.सी.एल./2021/161 दिनांक 22/02/2021 द्वारा मेसर्स प्रदीप हनुमंत जाधव के., पुणे (महाराष्ट्र) को कार्यादेश दिया जा चुका है। (ग) जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड जबलपुर द्वारा प्रश्नोत्तर ''ख'' अनुसार दिनांक 22.02.2021 को मेसर्स प्रदीप हनुमंत जाधव के., पुणे (महाराष्ट्र) को कचरा हटाने हेतु कार्यादेश दिया जा चुका है। (घ) वर्षाकाल में खेल गतिविधियां प्रभावित नहीं होती है, परिसर में पानी के भराव को रोकने के लिये पेवर ब्लॉक का कार्य कराया गया है तथा नाले का पानी खेल परिसर में न भरे इस हेतु नाले को चेनलाईस भी किया गया है।
प्रश्नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
113. ( क्र. 5367 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग धार जिला धार को प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 19.11.2020, 15.12.2020 एवं 14.01.2021 को प्रेषित पत्रों का आज तक कोई प्रति उत्तर नहीं दिया गया क्यों? (ख) क्या कारण है कि प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता को इच्छित जानकारी नहीं दी गई है? (ग) कब तक जानकारी प्रदान कर दी जाएगी? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार समय पर पत्रों का प्रति उत्तर न देकर प्रोटोकाल का उल्लंघन करने वाले अधिकारी पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) माननीय विधायक महोदय द्वारा चाही गई जानकारी अत्यधिक होने से संग्रहीत करना एवं फोटोकॉपी होने में विलंब हुआ। कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1242/तक./ग्रायांसे/दिनांक 06.03.2021 द्वारा वर्ष 2017-18 की जानकारी प्रेषित कर दी गई है। वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 की जानकारी संकलित कर फोटोकॉपी कराई जा रही है। कार्यालयीन पृ.पत्र क्रमांक 686/स्था/दिनांक 08.03.2021 द्वारा मान. विधायक महोदय को अवगत करा दिया गया था। (ख) जानकारी अत्यधिक होने के कारण फोटोकॉपी कराने में विलंब उत्पन्न हुआ है। वर्ष 2017-18 की जानकारी कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1242/ तक./ ग्रायांसे/दिनांक 06.03.2021 द्वारा वर्ष 2017-18 की जानकारी प्रेषित कर दी गई है। (ग) जानकारी अत्यधिक होने के कारण फोटोकॉपी कराने में विलंब उत्पन्न हो रहा है। शेष जानकारी शीघ्र ही मान. विधायक महोदय को प्रेषित कर दी जावेगी। (घ) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियम विरूद्ध किये गये स्थानांतरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
114. ( क्र. 5368 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय जनपद पंचायत ड़ही जिला धार के पत्र क्र./2096/स्था./2020 दिनांक 18.09.2020 पृ.क्र. 2092/स्था./2020 दिनांक 17.09.2020, प.क्र./2309/स्था./20 दिनांक 17.10.2020 एवं आदेश दिनांक 25.08.2020 द्वारा रोजगार सहायकों के स्थानांतरण एक ग्राम पंचायत से दूसरी ग्राम पंचायत में किस नियम के तहत किए गए? (ख) इस नियम की प्रमाणित प्रति देवें। (ग) यदि किसी नीति/नियम के बिना यह स्थानांतरण किया तो ऐसा करने वाले अधिकारी पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (घ) यदि कार्यवाही नहीं की जाएगी तो कारण बतावें।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
ग्राम रोजगार सहायकों को वित्तीय पावर न दिया जाना
पंचायत और ग्रामीण विकास]
115. ( क्र. 5387 ) श्री
प्रागीलाल
जाटव : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) ग्राम
रोजगार
सहायकों को
किस नियम
प्रक्रिया के
तहत वित्तीय
पावर दिये
जाते है, जबकि
किसी भी विभाग
में संविदाकर्मी
को वित्तीय
पावर नहीं
दिये जाते है? वित्तीय
पावर का
अधिकार नहीं
है? (ख) क्या
आला
अधिकारियों
की मिली भगत
से नियम प्रक्रिया
को ताक पर रखकर
वित्तीय
पावर दिये
जाते हैं, स्थायी
कर्मचारियों
के विशेष
अधिकार छीने
जाते हैं? (ग) क्या
ग्राम रोजगार
सहायक अस्थाई
कर्मचारी हैं? यदि हां,तो इनको वित्तीय
पावर का
अधिकार क्यों
होना चाहिये?
पंचायत
मंत्री ( श्री
महेन्द्र
सिंह
सिसौदिया ) : (क) ग्राम
रोजगार सहायक
की नियुक्ति
के संबंध में
जारी
दिशा-निर्देश
में उनको वित्तीय
अधिकार दिए
जाने का कोई
प्रावधान
नहीं किया गया
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश
'क'
अनुसार।
मण्डी निधि से कराये गये मार्गों का निर्माण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
116. ( क्र. 5397 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर में आने वाले कृषि उपज मंडी समितियों के अंतर्गत 1 जनवरी, 2018 से प्रश्न दिनांक तक मंडी निधि-किसान सड़क अथवा अन्य मदों से कौन-कौन से मार्गों का निर्माण कराया गया? कार्य की लागत, ठेकेदार, गारंटी अवधि सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ अंतर्गत कई ग्राम अत्यंत जीर्ण-शीर्ण हैं व सड़कों में जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे निर्मित हो गये हैं? यदि हाँ तो उक्त मार्गों की स्थिति में सुधार लाकर आवागमन योग्य बनाने हेतु प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) उपरोक्तानुसार क्या उक्त अवधि में निर्मित तथा वर्तमान में चल रहे कार्यों का निरीक्षण एवं भौतिक सत्यापन कब-कब, किन-किन कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री, उपयंत्री द्वारा किया गया? क्या उक्त कार्यों में ठेकेदार द्वारा घटिया सामग्री का उपयोग किया गया? यदि हाँ तो प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा दोषियों के विरूद्ध एवं सड़क मरम्मत हेतु क्या कार्यवाही हुई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जिला अनूपपुर में आने वाले कृषि उपज मंडी समितियों के अंतर्गत 01 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक मंडी निधि किसान सड़क निधि अथवा अन्य मदों से किसी भी मार्ग का निर्माण नहीं किया गया है। उपरोक्त उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न निर्मित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निंरक है।
भावान्तर योजना के अंतर्गत कृषकों को राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
117. ( क्र. 5404 ) श्री संजय यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश की कृषि उपज मंडियों में वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 की अवधि में भावान्तर योजना मध्यप्रदेश सरकार द्वारा लागू कर समर्थन मूल्य से कम दर पर व्यापारियों द्वारा कृषकों से खरीदी करने पर अन्तर की राशि का भुगतान कृषकों को किया गया है? (ख) वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में मध्यप्रदेश के कृषकों को भावान्तर योजना के अंतर्गत कितनी राशि भुगतान की गई है? वर्षवार, फसलवार जानकारी देवें। मण्डी अधिनियम में क्रेता-विक्रेता दो शब्द हैं। विक्रेता कृषक है, इसकी पहचान कैसे कर भावान्तर योजना का लाभ कृषकों को दिया गया है? क्या इस योजना का लाभ व्यापारियों ने भी लिया है? यदि नहीं तो प्रमाण देवें। (ग) क्या मध्यप्रदेश कृषि उपज मण्डी अधिनियम 1972 की धारा 36 (3) में प्रावधान है कि कृषि उपज मण्डी में समर्थन मूल्य से कम दर पर कृषि उपज की बोली प्रारंभ नहीं की जावेगी? यदि हाँ तो वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में कृषि उपज मंडियों में समर्थन मूल्य से कम दर पर कैसे कृषि उपज का विक्रय कराकर व्यापारियों को अवैधानिक लाभ पहुंचाया गया है? क्या उक्त कृत्य मण्डी अधिनियम का स्पष्ट उल्लंघन नहीं है? (घ) कृषि उपज मंडी अधिनियम में भावान्तर योजना का कोई प्रावधान न होने एवं भावान्तर योजना का राज्यपाल द्वारा कोई अध्यादेश जारी न करने के बाद और विधानसभा में मण्डी अधिनियमों में संशोधन पारित किये बिना इसे केवल केबिनेट की मंजूरी से लागू करना क्या नियम विरूद्ध है अथवा नहीं? क्या शासन नियम विरूद्ध जनता के पैसे का दुरूपयोग करने के लिए भावान्तर में व्यय राशि की वसूली दोषियों से कर उन्हें दण्डित करेगी? यदि नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) संचालनालय किसान कल्याण तथा कृषि विकास द्वारा मुख्यमंत्री भावांतर योजना के अन्तर्गत वर्ष 2017-18 में राशि रू. 17606106122/- एवं वर्ष 2018-19 में राशि रू. 2653060730/- का भुगतान कृषकों को किया गया। वर्ष 2018-19 में फ्लैट भावांतर भुगतान योजनान्तर्गत मक्का फसल हेतु राशि रू.1455501160/- का भुगतान कृषकों को किया गया जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। मण्डी बोर्ड द्वारा वर्ष 2017-18 में अक्टूबर 2017 में राशि रू. 1459374079/- एवं नवम्बर 2017 में राशि रू. 2687178100/- कुल राशि रू. 4146552179/- का 50 जिले स्तर पर नोडल जिला मंडी सचिव एवं उप संचालक कृषि के संयुक्त हस्ताक्षर से बैंक में खोले गये खातों से भावांतर योजनान्तर्गत भुगतान किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। टीप :-संचालनालय किसान कल्याण तथा कृषि विकास द्वारा मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजनान्तर्गत वर्ष 2017-18 में जिलों को जारी किये गये आवंटन राशि रू. 17606106122/- में मंडी बोर्ड भोपाल द्वारा 50 जिलों को जारी किये गये आवंटन राशि रू. 4146552179/- शामिल है। (ग) जी हाँ। कृषि उपज मंडियों में आने वाली उपज खुली निलामी पद्धति से निलामी कराई जाती है, समर्थन मूल्य के लिए निर्धारित मानकों के अनुसार औसत गुणवत्ता स्तर से कम स्तर की भी उपज विक्रय हेतु लाई जाती है, जिसका विक्रय खुली निलामी पद्धति से प्रतिस्पर्धामक मूल पर कृषकों की सहमति से किया जाता है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होती। भावांतर भुगतान योजना अन्तर्गत कृषकों के रकबा का उत्पादकता के आधार पर राजस्व विभाग द्वारा किये गये सत्यापन उपरान्त पंजीकृत कृषकों को योजना का लाभ दिया गया है। (घ) भावांतर भुगतान योजना राज्य सरकार की कृषक हितैशी योजना थी, जिसे केबिनेट की मंजूरी के बाद प्रदेश में कृषकों को लाभ देने हेतु लागू किया गया था। योजनान्तर्गत राशि का दुरूपयोग करने का प्रश्न ही नहीं उठता है। मण्डी बोर्ड का उत्तर जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षाएं
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
118. ( क्र. 5405 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2019-20 एवं प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा कौन-कौन सी परीक्षाएं, किस-किस विभाग की, कब-कब आयोजित करने हेतु कार्ययोजना पर कार्य किया जा रहा है एवं उसकी अद्यतन स्थिति क्या है? पृथक-पृथक बतायें। (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के तारतम्य में कौन-कौन सी परीक्षा आयोजित करने के उपरांत परीक्षा परिणाम घोषित किया जा चुका है? कितनी परीक्षाओं को आयोजित किया जाना है? कितनी परीक्षा आयोजित ही नहीं हो सकी है? (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में विभाग से प्रस्तुत पत्रों की प्रति जिसके पालन में परीक्षा आयोजित की जाना है? विभागवार पृथक-पृथक बतायें। संबंधित विभागों से आपके कार्यालय द्वारा कब-कब, क्या-क्या पत्र व्यवहार किया गया? विभागवार, परीक्षावार पृथक-पृथक बतायें। (घ) उपरोक्त के संबंध में क्या कुछ परीक्षाओं के आवेदन पत्र आपके द्वारा भरवा लिये गये है, किन्तु उनकी परीक्षा आयोजित नहीं की गई है? यदि हाँ तो इसके क्या कारण है, परीक्षा कब तक संचालित हो जायेगी? (ड.) प्रश्नांश (घ) के संबंध में क्या परीक्षार्थियों को उनकी परीक्षा फीस वापस की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? व्यापम द्वारा इससे पूर्व भी किसी परीक्षा की फीस वापस की गई थी? यदि हाँ तो कब कब एवं कितने-कितने छात्रों को कितनी-कितनी फीस वापस की गई? परीक्षावार, वर्षवार, छात्र संख्या, फीस राशि सहित पृथक-पृथक बतायें।
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) जी हाँ। कोविड-19 महामारी के कारण परीक्षाओं का आयोजन नहीं किया जा सका। आगामी माहों में परीक्षा का आयोजन किया जाना प्रस्तावित है। (ड.) उत्तरांश ''घ'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। पीईबी द्वारा पीपीटी प्रवेश परीक्षा 2020 आयोजित नहीं की गई है। उक्त परीक्षा हेतु आवेदक अभ्यर्थियों की शुल्क वापसी की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
उज्जैन जिले के औद्योगिक विकास एवं प्रबंधन
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
119. ( क्र. 5417 ) श्री महेश परमार : क्या औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उद्योग नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा उज्जैन जिले के औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए प्रबंध के लिए परियोजना तैयार की गई है? यदि हां, तो कब-कब और उन परियोजनाओं की स्थिति क्या है और किसके द्वारा संचालित की जा रही है? (ख) क्या उज्जैन जिले के सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योगों को छोड़कर अन्य उद्योगों को राज्य द्वारा सहायता दी जा रही है? यदि हाँ तो किन-किन उद्योगों को कब-कब विगत 15 वर्षों में सहायता प्रदान की गई है? पूर्ण विवरण उपलब्ध कराएं। (ग) उज्जैन जिले में निवेश प्रोत्साहन को लेकर विगत 05 वर्षों में कौन-कौन से क्रियाकलाप आयोजित किए गए? उन क्रियाकलापों से किन-किन स्तर के हितग्राहियों को लाभ मिला? (घ) क्या उज्जैन जिले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 19 के अंतर्गत कोई अभियोजन विगत 05 वर्षों में सामने आए हैं? यदि हाँ तो उनकी मंजूरी का विवरण उपलब्ध कराएं। (ङ) क्या विगत 05 वर्षों में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 197 के अंतर्गत अभियोजन को मंजूरी दी गई है?
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री ( श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव ) : (क) जी हाँ, उज्जैन जिले के अंतर्गत योजना बनाकर ग्राम ताजपुर एवं डीएमआईसी विक्रम उद्योगपुरी ग्राम नरवर में औद्योगिक क्षेत्र विभाग द्वारा विकसित किये गये है। औद्योगिक क्षेत्र ताजपुर-परियोजना वर्ष 2014 से प्रारंभ होकर वर्ष 2019 को पूर्ण हो चुकी है। भूमि का आवंटन प्रारंभ किया जा चुका है। इसका संचालन एम.पी.आई.डी.सी.लि. क्षेत्रीय कार्यालय इंदौर द्वारा किया जाता है। औद्योगिक क्षेत्र विक्रम उद्योगपुरी-परियोजना वर्ष 2014 से प्रारंभ होकर वर्ष 2020 में 95 % से अधिक प्रगति हो चुकी है। भूमि का आवंटन प्रारंभ किया जा चुका है। इसका संचालन डी.एम.आई.सी. विक्रम उद्योगपुरी लि. उज्जैन द्वारा किया जाता है। (ख) जी हाँ, उज्जैन जिले के वृहद श्रेणी की औद्योगिक इकाईयों को उद्योग संवर्धन नीति के प्रावधानों के अंतर्गत सुविधा/सहायता प्रदाय की गई है। विगत 15 वर्षों में सहायता प्राप्त वृहद औद्योगिक इकाईयों का विवरण संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) विभाग द्वारा संपूर्ण प्रदेश जिसमें उज्जैन जिला भी शामिल है में निवेश हेतु आकर्षक राज्य के रूप में प्रोजेक्ट करने, प्रदेश में उपलब्ध निवेश की संभावनाओं एवं विभिन्न निवेश नीतियों से वैश्विक निवेशकों को अवगत कराने तथा प्रदेश की मार्केटिंग एवं ब्राण्ड बिल्डिंग करने हेतु विभिन्न रोड शो, सेमिनार, प्रर्दशनी, वर्चुअल राउण्ड टेबल/इवेंटस, वेबिनार, वीडियो कॉन्फ्रेंस आदि में भागीदारी/आयोजन करने का कार्य निरंतर किया जाता है। (घ) जी नहीं। (ड.) ‘घ’ के परिप्रेक्ष्य में जी नहीं।
बाउण्ड्रीवॉल का बिना अनुमति निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
120. ( क्र. 5424 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय हाई स्कूल जैतपुरा गुढ़ा विकासखंड रौन जिला भिण्ड की बाउंड्रीवॉल का निर्माण कार्य ग्राम पंचायत की किस योजना के अंतर्गत कितनी राशि स्वीकृत कर कराया जा रहा है? क्या शासकीय हाई स्कूल की बाउंड्रीवॉल निर्माण हेतु शिक्षा विभाग/प्राचार्य से अनुमति ली गई थी? यदि नहीं तो प्राचार्य की बिना अनुमति के दो द्वार बनाकर असामाजिक तत्वों को अवैधानिक गतिविधियां संचालित करने का अड्डा बनाया जा रहा है? यदि नहीं तो बाउंड्रीवॉल दो गेट बनाने का कारण स्पष्ट करें। (ख) क्या ग्रामीणों/स्कूल प्राचार्य ने भवन एवं छात्रों की सुरक्षा हेतु केवल एक द्वार (गेट) बनाने का अनुरोध मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत रौन/थाना प्रभारी मिहोना से किया था? (ग) यदि हाँ तो ग्राम पंचायत के सरपंच/सचिव द्वारा गुणवत्ताहीन बाउंड्रीवॉल का मनमाने तरीके से निर्माण कराए जाने पर दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी? यदि नहीं तो क्यों? (घ) ग्राम पंचायत जैतपुरागुढ़ा के सरपंच/सचिव के विरुद्ध 01 जनवरी 2016 से 31 दिसंबर 2020 तक किन-किन के द्वारा कब-कब शिकायतें की गई? उनकी जाँच किस किस अधिकारी द्वारा की गई? जाँच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध कराएं।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) शासकीय हाईस्कूल जैतपुरागुढ़ा विकासखंड रौन, जिला भिण्ड की बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण ग्राम पंचायत जैतपुरागुढ़ा द्वारा जिला शिक्षा केन्द्र से 55 प्रतिशत राशि रूपये 432960/- तथा मनरेगा से 45 प्रतिशत राशि रूपये 354240/- कुल राशि रूपये 787200/- की लागत से जिला कलेक्टर द्वारा स्वीकृत किया गया है। जिसमें प्राचार्य की सहमति अनुसार बाउण्ड्रीवॉल में एक गेट ही लगाया है। अतएव शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ख) जी हाँ। (ग) ग्राम पंचायत जैतपुरागुढ़ा में शासकीय हाईस्कूल की बाउन्ड्रीवॉल में एक ही गेट लगवाया गया है। कार्य की गुणवत्ता ठीक है। अतएव शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) ग्राम पंचायत जैतपुरागुढा के सरपंच/सचिव के विरूद्ध समाचार पत्र के माध्यम से शिकायत की गई जिसकी जाँच सहायक यंत्री जनपद पंचायत रौन से करायी गयी, जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नियम विरूद्ध रोजगार सहायक के पद पर चयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
121. ( क्र. 5426 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013 में भिण्ड जिले के विकासखण्ड लहार में रोजगार सहायक के पद पर नियुक्ति हेतु कब-कब विज्ञापन जारी किए गए एवं नियुक्ति हेतु क्या क्या सेवा शर्तें निर्धारित थी? विज्ञापन की प्रति व चयन समिति द्वारा चयन की गई सूची की प्रति दें? (ख) क्या उक्त पद पर आवेदन प्रस्तुत करने के पूर्व स्थानीय निवासी होने के साथ ही भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी मतदाता सूची में नाम दर्ज होना अनिवार्य था? यदि हाँ तो श्रीमती विनीता शर्मा द्वारा मतदाता परिचय पत्र हेतु दिनांक 25/07/2012 को आवेदन प्रस्तुत करने के लगभग तीन माह बाद दिनांक 16/10/2012 को मतदाता परिचय पत्र जारी होने के बाद भी श्रीमती विनीमा शर्मा का रोजगार सहायक के पद पर नियम विपरीत चयन किया गया? यदि हाँ तो चयन समिति के अध्यक्ष एवं सदस्यों के नाम एवं पता सहित बतावें? (ग) क्या चयनित समिति द्वारा ग्राम रोजगार सहायक के अन्य 9 आवेदकों को ग्राम पंचायत की भारत निर्वाचन की मतदाता सूची में नाम न होने से अपात्र कर दिया गया था? यदि हाँ तो श्रीमती विनीमा शर्मा का भी आवेदन दिनांक को मतदाता सूची में नाम न होने तथा ग्राम पंचायत का ठहराव प्रस्ताव न होने के बाद भी चयन किया गया? (घ) क्या श्रीमती विनीता शर्मा को ट्रेक इंस्टीट्यूट डबरा जिला ग्वालियर द्वारा जारी हार्डवेयर एवं इंटरनेट कोर्स का प्रमाण पत्र (एक मासिये) शासकीय सेवा हेतु मान्य किया जाता है? यदि नहीं तो क्या प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के सबंध में जाँच कराई जाकर अवैध तरीके से की गई नियुक्ति को निरस्त किया जायेगा? यदि नहीं तो क्यों? क्या सरपंच को परिवार के सदस्यों को रोजगार सहायक के पद पर नियुक्ति करने का नियम है? यदि हां, तो नियम की प्रति प्रस्तुत करें।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जनपद पंचायत लहार में ग्राम रोजगार सहायक की नियुक्ति हेतु जिला पंचायत भिण्ड द्वारा दिनांक 03.07.2012 में विज्ञप्ति जारी की गई थी। ग्राम रोजगार सहायक की नियुक्ति से संबंधित दिशा निर्देश परिशिष्ट के प्रपत्र के प्रपत्र 01 पर एवं चयनित रोजगार सहायकों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार है। (ख) प्रकरण में जाँच कराई जाकर कार्यवाही की जावेगी। (ग) एवं (घ) उत्तरांश “ख” अनुसार।
रायसेन जिले में चिलिंग प्लांट का संचालन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
122. ( क्र. 5437 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रायसेन जिलें में जिला पंचायत के माध्यम से स्वर्ण जयंती स्वरोजगार योजना अंतर्गत चिलिंग प्लांट लगाये गये थे? यदि हाँ तो कितने चिलिंग प्लांट कहाँ-कहाँ पर लगाये गये थे तथा किस-किस महिला स्वसहायता समूह के लिए किस-किस गौशाला में चिलिंग प्लांट संचालित हैं? (ख) उक्त चिलिंग प्लांट एवं संबंधित जनरेटर की कितनी-कितनी कीमत है तथा इसके माध्यम से प्रतिदिन कितना-कितना दूध चिलिंग किया गया एवं कितने समय तक प्लांट क्रियाशील रहा, इससे समूह को क्या आय हुई? (ग) क्या वर्तमान में उक्त सभी चिलिंग प्लांट संचालित हैं? यदि नहीं तो क्यों? स्पष्ट करें। उक्त चिलिंग प्लांट को क्रय करने एवं संधारण करने की क्या क्या शर्तें थी? क्या उनका पालन हुआ है? यदि नहीं तो क्यों? उक्त चिलिंग प्लांट प्रदाय करने वाली कंपनी का नाम एवं पता बतायें? (घ) क्या उक्त चिलिंग प्लांट बेच दिये गये हैं? यदि हाँ तो उससे कितनी आय प्राप्त हुई? यदि नहीं तो क्या वे चोरी हो गये है? यदि चोरी हो गये तो क्या संबंधित थानों में इसकी रिपोर्ट लिखाई गई थी? यदि हाँ तो किन-किन थानों में कब कब? यदि नहीं लिखाई गई तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ, रायसेन जिले में जिला पंचायत के माध्यम से स्वर्ण जयंती स्वरोजगार योजना अंतर्गत विकासखण्ड सिलवानी के ग्राम उचेरा जमुनिया एवं चन्दन पिपलिया में कुल 02 चिलिंग प्लांट लगाये गये थे। उक्त चिलिंग प्लांट दुग्ध सहकारी समिति द्वारा संचालित किये गये थे। वर्तमान में महिला स्व-सहायता समूह के लिए किसी भी गौशाला में चिलिंग प्लांट संचालित नहीं है। (ख) उक्त चिलिंग प्लांट हेतु राशि रू. 9,51,592/- एवं जनरेटर हेतु राशि रू. 4,66,258/- इस प्रकार कुल राशि रू. 14,17,850/- का भुगतान किया गया है। इसके माध्यम से प्रतिदिन औसतन 200 लीटर दूध चिलिंग किया गया। चिलिंग प्लांट दिसम्बर 2010 से नवम्बर 2017 तक क्रियाशील रहा। समूह को सीधे आय न होकर उक्त चिलिंग प्लांट से जुड़े दुग्ध सहकारी समिति के सदस्यों की आय में वृद्धि हुई। (ग) जी नहीं। वर्तमान में उक्त चिलिंग प्लांट संचालित नहीं है। क्योंकि चिलिंग प्लांट से जुडे़ सदस्यों द्वारा दुग्ध समिति के माध्यम से दूध सीधे सांची दुग्ध संघ भोपाल को प्रदाय किया जा रहा है। उक्त दोनों चिलिंग प्लांट को क्रय करने एवं संधारण करने की शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। चिलिंग प्लांट को क्रय करने एवं संधारण करने की शर्तों का पालन हुआ। चिलिंग प्लांट की सामग्री एवं जनरेटर सेट मेसर्स राजस्थान इलेक्ट्रीकल्स एण्ड इंस्ट्रूमेंटस लि., जयपुर (राजस्थान) एवं आई.डी.एम.सी., आनंद (गुजरात) से क्रय किए गए। (घ) जी नहीं। चिलिंग प्लांट बेचे नहीं गए हैं और चोरी भी नहीं हुए है। वर्तमान में एक चिलिंग प्लांट ग्राम उचेरा-जमुनिया में दुग्ध सहकारी समिति के पास है। दूसरा चिलिंग प्लांट सांची विकासखण्ड के ग्राम भादनेर में सुरक्षित रखा गया है।
गोहद-मौ मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
123. ( क्र. 5438 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले का गोहद-मौ मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे आवागमन में असुविधा होती है? (ख) यदि हाँ तो क्या उक्त मार्ग पर ओवरलोड रेत, गिट्टी के डम्पर जो कि अधिकांश अवैध रूप से चलते हैं इस कारण मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है? यदि हाँ तो इसकी रोकथाम की क्या व्यवस्था है? (ग) उक्त मार्ग का निर्माण कब किया गया था तथा कितने वर्ष की गारन्टी अवधि है? क्या उक्त मार्ग दुरूस्त कराया जायेगा? यदि हाँ तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) आंशिक रूप से, जी नहीं। (ख) जी हाँ। उक्त मार्ग पर गौण खनिज के डम्पर आदि द्वारा नियमित परिवहन किया जाता है जिससे मार्ग पर होने वाली क्षति को नियमानुसार सुधार कर संधारण किया जाता है। (ग) दिनांक 30.11.2016 तथा ग्यारंटी अवधि 03 वर्ष। जी हाँ। दिनांक 18.09.2021 तक नवीनीकरण कार्य पूर्ण कराने का लक्ष्य है।
महिला स्व सहायता समूहों का सूक्ष्म बीमा कराये जाने की जांच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
124. ( क्र. 5450 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माह मई 2017 से प्रश्न दिनांक तक आजीविका मिशन से जुड़ी महिला स्व-सहायता समूह के सदस्यों का सूक्ष्म बीमा कराया गया है? (ख) यदि हाँ तो आजीविका मिशन द्वारा विभिन्न जिलों में सूक्ष्म बीमा किन योजना के माध्यम से कराया गया? कुल कितनी प्रीमियम राशि उक्त संस्थाओं द्वारा एकत्र कर जमा की गयी है तथा सूक्ष्म बीमा करने के क्या नियम है? नियमों की छायाप्रति संलग्न करें। (ग) सूक्ष्म बीमा करने वाली योजना के अंतर्गत जिलों में गठित समिति का पंजीयन है? यदि हाँ तो पंजीयन की छायाप्रति दें। यदि पंजीयन नहीं है तो किन प्रावधानों के तहत उक्त योजना के अंतर्गत सूक्ष्म बीमा किया गया अथवा किया जा रहा है? क्या इसका ऑडिट कराया गया है? यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या आजीविका मिशन को इस तरह की योजना बनाने के राज्य शासन की अनुमति अनिवार्य है? यदि हाँ तो योजना की स्वीकृति बतायें। यदि नहीं तो किस आधार पर योजनांर्गत समितियों के माध्यम से मिशन कर्मियों से सूक्ष्म बीमा कराया गया? (ड.) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में समूहों की कितनी महिला सदस्यों का सूक्ष्म बीमा कराया गया है? इससे कितनी राशि किस-किस जिले से एकत्रित कर बैंक खातों में रखी गई है तथा कितनी महिलाओं को दावा क्लेम के आधार कितनी राशि स्वीकृत की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी नहीं। (ख) ‘क’ के उत्तर के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है (ग) सूक्ष्म बीमा करने वाली योजना की जानकारी नहीं है, परन्तु स्व-सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा 14 जिलों में स्व-सहायता हेतु समितियों का पंजीयन किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। ऑडिट कराने का दायित्व समिति सदस्यों का है, जिन जिलों में ऑडिट नहीं हुआ है, उन्हें ऑडिट कराने की सलाह दे दी गई है। (घ) समुदाय सदस्यों द्वारा स्वयं की सहायता हेतु समितियों का गठन करने हेतु राज्य शासन की अनुमति अनिवार्य नहीं है। अतः स्वीकृति बताने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। मिशन कर्मियों से सूक्ष्म बीमा नहीं कराया गया है। (ड.) प्रश्न चूंकि समूह की महिलाओं का सूक्ष्म बीमा नहीं कराया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
इंदौर-बैतूल मार्ग का एलाइनमेंट परिवर्तन किया जाना
[लोक निर्माण]
125. ( क्र. 5451 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर-बैतूल राष्ट्रीय राजमार्ग हरदा-टेमागांव सेक्शन पर फोरलेन बायपास का हरदा कलेक्टर द्वारा अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर एलाइनमेंट परिवर्तन करने की सिफारिश की गई है? यदि हाँ तो क्यों? स्पष्ट करें। (ख) क्या उक्त एलाइनमेंट परिवर्तन किये जाने के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा इंदौर-बैतूल राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्काजाम कर संबंधित उत्तरदायित्वों के विरूद्ध मामले की जाँच करने की मांग की गई थी? यदि हाँ तो क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मार्ग भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधीन है। उनसे प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र -1 अनुसार है। (ख) उत्तरांश 'क' के परिपेक्ष्य में प्रश्न पर कार्यवाही जिला प्रशासन से संबंधित है, उनसे प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
लॉकडाउन के दौरान मनरेगा योजना अंतर्गत मजदूरों को दी गई मजदूरी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
126. ( क्र. 5463 ) श्री सुरेश राजे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक मनरेगा पर कितनी राशि व्यय की गई? कितने मजदूरों को कितनी राशि दी गई? बतायें। (ख) मनरेगा में मशीनों से कार्य कराये जाने के क्या नियम हैं? कितने कार्य मजदूरों से और कितने कार्य बिना मजदूरों के केवल मशीनों से करवाये गये? (ग) क्या जिले में लॉकडाउन सहित पूरे समय अधिकांश कार्य मशीनों से हुआ? मजदूरों के फर्जी नाम दर्ज कर राशि आहरण की गई? कार्यों की गुणवत्ता के लिये शत प्रतिशत निरीक्षण हेतु शासन के क्या निर्देश हैं? क्या इसका पालन किया गया। जानकारी दें। (घ) क्या कार्यस्थल पर प्राक्कलन अनुसार कार्य के सूचना फलक नहीं थे? कार्य प्राक्कलन अनुसार नहीं था?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) ग्वालियर जिले में अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक मनरेगा मद से राशि रू. 13640.3 लाख व्यय किया जाकर 98232 मजदूरों को राशि रू. 7423.14 लाख का व्यय किया गया। (ख) मनरेगा में मशीनों से कार्य कराये जाने के संबंध में नियमों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। शासन के निर्देशानुसार समस्त कार्य मजदूरों से कराये गये है। (ग) जी नहीं। जी नहीं। कार्यों की गुणवत्ता के लिये शतप्रतिशत निरीक्षण हेतु शासन के निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -2 अनुसार है। (घ) जी नहीं। जी नहीं। पूरक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -3 अनुसार है।
7वें वेतनमान का लाभ
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
127. ( क्र. 5474 ) श्री संजय उइके : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या तकनीकी शिक्षा विभाग के सहायक प्राध्यापक, प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक (शारीरिक शिक्षा), विभागाध्यक्ष आदि को 7वें वेतनमान का लाभ आज दिनांक तक नहीं दिया गया है? (ख) यदि हाँ तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिकारी/कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ नहीं दिये जाने के क्या कारण है? विभाग कब तक इन अधिकारी/कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ देगा?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। कर्मचारियों को सातवां वेतनमान का लाभ दिया जा चुका है एवं अधिकारियों को सातवें वेतनमान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है।
उद्यानिकी फसलों का क्षेत्रफल, उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
128. ( क्र. 5475 ) श्री संजय उइके : क्या राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग का दायित्व उद्यानिकी फसलों का क्षेत्रफल, उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने का है? (ख) यदि हाँ तो वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक बालाघाट जिले में जनपद पंचायतवार कितना-कितना क्षेत्रफल, उत्पादकता एवं उत्पादन किया जा रहा है एवं कितनी वृद्धि की गई? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें।
राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण ( श्री भारत सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
पी.आई.यू. उपसंभाग सागर द्वारा कराये जा रहे निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
129. ( क्र. 5490 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. उपसंभाग सागर द्वारा वर्तमान में नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्तमान में कितने निर्माणाधीन कार्य किस-किस विभाग के किये जा रहे है? कार्यवार, कार्य का नाम, स्वीकृत राशि, विभाग का नाम, स्वीकृत कार्य का नाम, स्वीकृति वर्ष, कार्य पूर्णता की तिथि सहित जानकारी देवें। (ख) शासकीय महाविद्यालय मकरोनिया का निर्माण कार्य विभाग द्वारा कब प्रारंभ किया गया था? कार्य पूर्णता की क्या तिथि थी? विभाग द्वारा कार्य पूर्ण न होने पर कार्य एजेंसी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) निर्माण कार्य के समय विभाग द्वारा कब-कब किन-किन एजेंसियों से मटेरियल एवं कार्य गुणवत्ता की जाँच कराई गई? (घ) यदि कार्य एजेंसी ने समय पर कार्य पूर्ण नहीं किया है तो विभाग द्वारा कार्य एजेंसी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हॉ तो कार्य कब तक पूर्ण किया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शासकीय महाविद्यालय मकरोनिया के निर्माण का अनुबंध दिनांक 18.09.2018 को किया गया परन्तु उपलब्ध भूमि पर अतिक्रमण होने के कारण दिनांक 02.03.2019 को ले-आउट दिया जिसमें लगभग 5 माह का विलम्ब हुआ तब जाकर कार्य प्रारंभ किया गया। अनुबंधानुसार कार्य को पूर्ण करने का दिनांक 18 मार्च 2020 था परन्तु मार्च 2020 से जून 2020 तक कोविड-19 लॉकडाउन के कारण कार्य बंद रहा। अतः ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही किया जाना उचित प्रतीत नहीं होता है। (ग) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
वेतन भत्तों के अलावा अतिरिक्त राशि के उपभोग पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
130. ( क्र. 5497 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग के कर्मचारियों के खाते में वेतन भत्तों के अलावा अन्य मद हेतु व्यक्तिगत खातों में दिनांक 01.04.2018 से प्रश्न दिनांक तक धन राशि दी गयी है एवं कर्मचारियों द्वारा उसको आहरण कर उस राशि का उपयोग किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जिला मुरैना में विभाग में ऐसे कितने कर्मचारी हैं जिन्हें वेतन भत्ते के अलावा वेतन के खाते में अतिरिक्त राशि प्रदाय की गयी? उस राशि के व्यय ब्यौरा सहित अधिकारी, कर्मचारी के नाम एवं उस राशि का उपयोग की जानकारी दी जा सकेगी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में उक्त अतिरिक्त राशि का संबंधित अधिकारी, कर्मचारी द्वारा आयकर दिया गया है? यदि हाँ तो विवरण देवें। यदि नहीं तो क्या यह वित्त विभाग के दिशा निर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन नहीं है? (घ) क्या विभाग के कर्मचारी-अधिकारियों को वेतन भत्तों के अलावा अन्य राशि का भुगतान किया गया है? यदि हाँ तो नियम विरूद्ध डाली गयी राशि में संलिप्त अधिकारियों, कर्मचारियों के विरूद्ध क्या जाँच संस्थित कर कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हॉ। लोक निर्माण विभाग संभाग ग्वालियर, वि/यां ग्वालियर एवं मुरैना के अंतर्गत। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शायी गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के स.क्र.150 के समक्ष रिमार्क कालम अनुसार। जी नहीं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शायी गई है। अतः शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
कटनी जिले के औद्योगिक विकास
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
131. ( क्र. 5562 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में इण्डस्ट्रीयल पार्क के निर्माण की विभाग के पास क्या कार्ययोजना है? इससे किस-किस प्रकार के कौन-कौन से उद्योग स्थापित होगे? एक जिला एक उत्पाद योजना अंतर्गत यहां किस प्रकार की कौन-कौन सी उत्पादक यूनिटे किस प्रकार से कब तक स्थापित होगी? (ख) क्या कटनी जिला अंतर्गत रीठी तहसील में देवगांव के पास ग्राम सिमरा में लॉजिस्टिक्स हब बनाने का प्रस्ताव पूर्व से लंबित है,तथा इस हेतु शासकीय भूमि भी आरक्षित की गई है? (ग) यदि हाँ तो इसके निर्माण के संबंध में कब-कब क्या कार्यवाही की गई? इसके निर्माण से क्या-क्या सुविधा उपलब्ध होगी तथा इसके निर्माण का प्रस्ताव वर्तमान में कहां किस स्थिति में लंबित है तथा इसे किस प्रकार से कब तक मूर्तरूप दिया जावेगा।
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री ( श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव ) : (क) कटनी जिले के ग्राम लमतरा एवं चाका में 13.319 हेक्टेयर भूमि में इण्डस्ट्रीयल पार्क कटनी प्रस्तावित है, उक्त प्रस्तावित इण्डस्ट्रीयल पार्क में विविध उत्पादों हेतु भूमि आवंटन किया जावेगा। कटनी जिले हेतु '' एक जिला-एक उत्पाद'' अंतर्गत कटनी के पत्थर एवं स्वीट कार्न (मक्का) को चयनित किया गया है। उक्त उत्पादों से संबंधित इकाईयॉं स्थापित किया जाने का कार्य निजी निवेशकों द्वारा किया जाना है। अत: इकाईयॉं स्थापित किये जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा कटनी जिला अंतर्गत रीठी तहसील में देवगांव के पास ग्राम सिमरा में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश योजना के तहत मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क विकसित किया जाना प्रक्रियाधीन है। इस हेतु शासकीय भूमि आरक्षित है। (ग) वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन के द्वारा की गई कार्यवाही निम्नानुसार है:-
नर्मदा नदी के टापू पर बने भेंट संस्थान का कटाव रोकना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
132. ( क्र. 5676 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले के धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत धरमपुरी से निकल रही मां नर्मदा नदी के बीचों-बीच टापू पर बने भेंट संस्थान बिल अमृतेश्वर शिवलिंग बेक वॉटर से कटाव होने के कारण अस्तित्व समाप्त हो रहा है? (ख) यदि हाँ तो क्या शासन उक्त कटाव को रोकने के लिये बाउण्ड्रीवॉल के निर्माण के लिये विशेष पैकेज से राशि स्वीकृत करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा उक्त भेंट संस्थान के कटाव रोकने हेतु अनेक बार शासन को पत्र लिखे थे? यदि हाँ तो उन पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। (ख) विभाग अंतर्गत मनरेगा योजना से भेंट संस्थान पर गेबियन वाल भाग 1 एवं 2 के दो निर्माण कार्य राशि रू. 99 लाख के स्वीकृत किये गये है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) माननीय सदस्य द्वारा भेंट संस्थान के कटाव रोकने हेतु विभाग को लिखे गये पत्रों की जानकारी संज्ञान में नहीं है।
सी.एस.आर. फंड का कार्यान्वयन
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
133. ( क्र. 5742 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में सी.एस.आर. फंड से संबंधित क्या नियम वर्तमान में प्रचलित हैं? प्रति सहित ब्यौरा दें। (ख) किन-किन प्रकार के कंपनियों/उद्योगों के लिए कितना-कितना सी.एस.आर. फंड कितनी अवधि के लिए किसके पास जमा करने एवं किस प्रकार से खर्च के वर्तमान में क्या नियम/प्रावधान हैं? (ग) सी.एस.आर. फंड के संबंध में संविधान के अनुच्छेद 244 (1) के अंतर्गत स्थापित किन कंपनियों/उद्योगों के लिए क्या प्रावधान/नियम प्रचलित हैं? (घ) आदिवासी विकासखंडों अंतर्गत कंपनियों/उद्योगों को किस प्रकार की सामाजिक-प्राकृतिक जिम्मेदारी के लिए कितने प्रकार के कितना फंड किसे देने/कहां जमा कराने अथवा कितना फंड किन मदों में किसके द्वारा किस प्रकार से खर्च करने का प्रावधान है? (ङ) सी.एस.आर. फंड की निगरानी के लिए क्या नियम है? फंड की कितनी राशि स्थानीय स्तर पर किन कार्यों के लिए खर्च करने का प्रावधान है? (च) उद्योगों/कंपनियों द्वारा सी.एस.आर. फंड जमा नहीं करने पर उनके खिलाफ कार्यवाही करने का क्या प्रावधान है? यदि प्रावधान नहीं है तो विधिसम्मत कारण बताएं। (छ) धार जिला समस्त-क्षेत्र अंतर्गत एवं मनावर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने कंपनी/उद्योग संचालित हैं कितने सी.एस.आर. फंड जमा करते हैं, किन-किन कंपनियों/उद्योगों ने किन नियमों के तहत सी.एस.आर. फंड की कितनी राशि कहां जमा किया, कहां खर्च किया? जमा एवं खर्च राशि का जनवरी 2015 से प्रश्न-दिनांक तक माहवार ब्यौरा धार जिला एवं मनावर विधानसभा क्षेत्र के संबंध में पृथक-पृथक दें।
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री ( श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव ) : (क) सी.एस.आर. फंड के संबंध में भारत सरकार द्वारा प्रशासित कंपनी अधिनियम, 2013, सी.एस.आर. (कार्पोरेट सामाजिक दायित्व नीति) नियम 2014 एवं राज्य शासन के निर्देश दिनांक 13/10/2017 प्रचलित प्रावधान है। सी.एस.आर. फंड से संबंधित जानकारी का संधारण विभाग द्वारा नहीं किया जाता है। मध्यप्रदेश में कार्पोरेट सामाजिक दायित्व का फेसिलिटेशन हेतु दिशा निर्देश दिनांक 13.10.2017 को जारी किये गये। निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भारत सरकार द्वारा अधिसूचित कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 135 अनुसार किसी वित्तीय वर्ष के दौरान रू. 500 करोड़ या अधिक के शुद्ध मूल्य वाली या रू. 1000 करोड़ या अधिक के आवर्त वाली या रू. 5 करोड़ या अधिक के शुद्ध लाभ वाली प्रत्येक कंपनी का बोर्ड यह सुनिश्चित करेगा कि कंपनी प्रत्येक वित्तीय वर्ष में ठीक तीन पूर्ववर्ती वित्तीय वर्षों के दौरान किये गये कंपनी के औसत शुद्ध लाभों का कम से कम 2 प्रतिशत निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व नीति के अनुसरण में खर्च करती है। कार्पोरेट सामाजिक दायित्व के निर्वहन को व्यवस्थित करने के लिये भारत सरकार द्वारा कंपनी अधिनियम के अधीन "कंपनी (कार्पोरेट सामाजिक दायित्व नीति) नियम 2014" जारी किये गये है। इन नियमों के तहत प्रत्येक कंपनी को कार्पोरेट सामाजिक दायित्व की बाध्यता है तथा इस दायित्व का निर्वहन प्रत्येक कंपनी में गठित कार्पोरेट सामाजिक दायित्व समिति के माध्यम से होगा। (ग) से (ङ) कार्पोरेट सामाजिक दायित्व के संबंध में भारत सरकार द्वारा कंपनी अधिनियम के अन्तर्गत "कंपनी (कार्पोरेट सामाजिक दायित्व नीति) नियम 2014" (यथा संशोधित नियम 2021) बनाये गये हैं। इन नियमों के तहत प्रत्येक कंपनी को कार्पोरेट सामाजिक दायित्व की बाध्यता है तथा इस दायित्व का निर्वहन प्रत्येक कंपनी में गठित कार्पोरेट सामाजिक दायित्व समिति के माध्यम से होता है। (च) कंपनी अधिनियम भारत शासन द्वारा प्रशासित है। भारत सरकार द्वारा अधिसूचित कंपनी 2013 की धारा 135 में सी.एस.आर. क्रियान्वयन संबंधी प्रावधान है एवं सी.एस.आर. क्रियान्वयन नहीं करने पर कपंनियों के विरूद्ध की जाने वाली कार्यवाही के संबंध में भी प्रावधान सम्मिलित है। कार्पोरेट सामाजिक दायित्व के निर्वहन को व्यवस्थित करने के लिये भारत सरकार द्वारा कंपनी अधिनियम के अधीन "कंपनी (कार्पोरेट सामाजिक दायित्व नीति) नियम 2014" (यथा संशोधित नियम 2021) जारी किये गये है। जो 1 अप्रैल 2014 से लागू है। इन नियमों के तहत प्रत्येक कंपनी को कार्पोरेट सामाजिक दायित्व की बाध्यता है तथा इस दायित्व का निर्वहन प्रत्येक कंपनी में गठित कार्पोरेट सामाजिक दायित्व समिति के माध्यम से होगा। (छ) विभाग के अधीन निगम द्वारा उद्योग संवर्धन नीति के प्रावधानों के तहत वृहद श्रेणी की औद्योगिक इकाईयों को प्रदाय की जा रही सुविधा/सहायता के परिप्रेक्ष्य में धार जिला अंतर्गत कुल 125 वृहद श्रेणी की नवीन/विस्तार एवं शवलीकृत औद्योगिक इकाई स्थापित है। उद्योग संवर्धन नीति के प्रावधान अनुसार वृहद श्रेणी की औद्योगिक इकाईयों को प्रदाय की जा रही सुविधा/सहायता के परिप्रेक्ष्य में विधानसभा क्षेत्रवार स्थापित इकाईयों की जानकारी संधारित नहीं की जाती है तथापि निगम द्वारा प्रदाय की जा रही सुविधा/सहायता के परिप्रेक्ष्य में ग्राम टोंकी तहसील मनावर में 01 वृहद श्रेणी की औद्योगिक इकाई स्थापित है। वांछित जानकारी का संधारण विभाग द्वारा नहीं किया जाता है। कंपनी अधिनियम भारत शासन द्वारा प्रशासित है।
ग्राम पंचायतों द्वारा जीएसटी की राशि जमा न करना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
134. ( क्र. 5784 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के विकासखण्ड सिरोंज की ग्राम पंचायत भौंरिया, पामाखेड़ी, अमीरगढ़, भगवंतपुर, पगरानी, चौड़ाखेड़ी तथा विकासखण्ड लटेरी की उनारसीकलां, सेमरा मेघनाथ, मड़ावता, झूकरजोगी, मूडरा रतनसी, सावनखेड़ी द्वारा 1 अप्रैल 2018 से 28 फरवरी,2021 तक किन-किन कार्यों में प्रयुक्त सामग्री के बिलों का भुगतान किस-किस फर्म एवं दुकानों को कब-कब किया गया एवं कितनी-कितनी जीएसटी की राशि विभाग को प्राप्त हुई है? बतलावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि जीएसटी की राशि जमा नहीं की गई है? तो कब तक जीएसटी की राशि जमा करवाने हेतु वाणिज्य कर विभाग द्वारा कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यादव ट्रेडर्स कंस्ट्रक्शन GSTIN-23AXCPB1843P1ZL बैंक खाता नंबर 373401010033069 यूनियन बैंक शाखा सिरोंज एवं संस्कार ट्रेडर्स लटेरी द्वारा कितना-कितना जीएसटी जमा किया गया है? पृथक-पृथक विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें। यदि जीएसटी की राशि जमा नहीं की गई है? तो कब तक राशि जमा करवा ली जावेगी? राशि जमा न करवाने के लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं और उन पर क्या कार्यवाही की गई? यादव ट्रेडर्स कंस्ट्रक्शन के मालिक/संचालक के नाम एवं इनके ग्राम पंचायत भौंरिया के सरपंच के साथ व्यक्तिगत अथवा व्यवसायिक कौन से रिश्ते हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में ग्राम पंचायतों के निर्माण कार्यों की सामग्री क्रय करने हेतु जीएसटी की राशि जमा करने के क्या नियम एवं निर्देश हैं? नियमों की छायाप्रति उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
जमीन पर
उद्योग खोलना
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
1. ( क्र. 306 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बड़नगर जिला उज्जैन के ग्राम खेड़ा झलारिया में बिरला समूह द्वारा उद्योग स्थापित करने के लिए लगभग 200 बीघा जमीन क्रय की गई है। समूह द्वारा भूमि का डायवर्सन करा कर पंचायतों से अनापत्ती प्रमाण पत्र भी प्राप्त कर लिया गया है। (ख) यदि हाँ तो उक्त भूमि पर समूह द्वारा उद्योग कब तक स्थापित किया जायेगा? (ग) शासन की ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योग स्थापित करने के संबध में क्या नीति है? जानकारी उपलब्ध करावें।
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री ( श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव ) : (क) कलेक्टर उज्जैन से प्राप्त जानकारी अनुसार बिरला समूह द्वारा ग्राम खेडामाधव एवं झलारिया में भूमि क्रय की गई है, ग्राम खेडामाधव की भूमि का प्रकरण क्रमांक 21/अ-2/2014-15 से 2.56 हेक्टेयर एवं ग्राम झलारिया स्थित भूमि का प्रकरण क्रमांक 22/अ-2/2014-15 से 24.31 हेक्टेयर का भूमि डायवर्सन किया गया है। भूमि डायवर्सन प्रकरण में ग्राम पंचायत का अनापत्ति प्रमाण पत्र लिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। (ख) उक्त भूमि पर उद्योग स्थापना के संबंध में विभाग को जानकरी नहीं है। (ग) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने एवं वृहद श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों को तथा निवेश परियोजनाओं को प्रोत्साहित करने हेतु उद्योग संवर्धन नीति 2014 (यथा संशोधित 2020) लागू की गई है जो संपूर्ण प्रदेश में लागू एवं प्रभावशाली है। उक्त नीति में वृहद श्रेणी की पात्र निवेश परियोजनाओं के लिये विभिन्न सुविधायें/सहायता प्रावधानित की गई हैं।
सड़क निर्माण में काटे गये पेड़
[लोक निर्माण]
2. ( क्र.
372 ) श्री
देवेन्द्र
सिंह पटेल : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) भोपाल-जबलपुर
4
लेन मार्ग
निर्माण
कितने पेड़
काटे गये केम्पा
के तहत इन
पेड़ों को क्या
वैकल्पिक
वृक्षारोपण
करवाया गया? यदि
हाँ तो
कहां-कहां यदि
नहीं तो क्यों
कारण बताये कब
तक वैकल्पिक
वृक्षारोपण करवाया
जायेगा? (ख) भोपाल-जबलपुर
4
लेन निर्माण
में कितने
पेड़ काटे गये
या काटे जा
रहे है इनका
वैकल्पिक
वृक्षारोपण
कहां किया
जायेगा काटे
गये पेड़ों की
लकड़ी का क्या
उपयोग किया
गया? (ग)
भोपाल-जबलपुर
4
लेन निर्माण
में कितने
पेड़ काटे
जाना बकाया है
तथा क्यों
उक्त पेड़ों
को क्यों
नहीं कटवाया
जा रहा है कब
तक कटवाया
जायेगा? (घ) प्रश्नांश
(ग) में विलंब
हेतु कौन-कौन
अधिकारी/कर्मचारी
जवाबदार है
तथा विभाग
द्वारा क्या-क्या
कार्यवाही की
गई?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क)
से (ग)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है।
(घ)
विलम्ब
नहीं हुआ है, अत:
शेष प्रश्न
ही उत्पन्न
नहीं होता।
रोड निर्माण के संबंध में
[लोक निर्माण]
3. ( क्र. 608 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र में शहर ब्यावरा में पीपल चौराहे से लेकर राजगढ़ बाईपास तक एवं रेलवे स्टेशन से नेशनल हाईवे तक का मार्ग पूर्णता क्षतिग्रस्त है? (ख) क्या विभाग द्वारा इस पर कार्य करने हेतु कोई कार्य योजना तैयार की गई है यदि हाँ तो कार्य कब तक प्रारंभ होकर पूर्ण होगा? यदि नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। कार्य योजना की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उद्यानिकी उपकरणों का क्रय एवं वितरण
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
4. ( क्र. 1351 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अलीराजपुर जिले में वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कृषि बागवानी/उद्यानिकी से संबंधित उपकरण-ड्रिप एरीगेशन/स्प्रिंकलर/पावर वीडर/पॉली हाउस-नेट हाउस/पावर रंजन-फोर स्ट्रोक/पावर ट्रिलर आदि खरीदे गये है? (ख) यदि हाँ, तो प्रत्येक उपकरण की मात्रा/प्रमाण सहित आपूर्तिकर्ता या कम्पनी का नाम और भुगतान की गई राशि सहित ब्यौरा देवें? यदि नहीं तो, क्या ऐसे उपकरण शासन से प्राप्त हुऐ है? यदि हाँ तो उपकरणों की मात्रा/प्रमाण बतायें। उपकरणों की गुणवत्ता परखने वाले अधिकारी का नाम, पदनाम सहित बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार प्राप्त उपकरण कितने किसानों को कितने-कितने उपकरण राशि सहित या राशि रहित वितरित किये गये? प्राप्त राशि यदि कोई हो तो सूची सहित उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ग) वितरण सूची अनुसार उपकरणों के सत्यापनकर्ता अधिकारी का मौका प्रतिवेदन, नाम पदनाम सहित बतायें। यदि उपकरण अमानक स्तर के थे या मौके पर किसानों ने स्थापित नहीं किये या सत्यापन नहीं किया गया तो इसके लिए कौन दोषी है? दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी?
राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण ( श्री भारत सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। अलीराजपुर जिले में वर्ष 2015-16 से 2018-19 तक संचालित योजनाओं में की गई अनियमितता के संबंध में लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत प्राप्त हुई है। जिसकी जाँच आयुक्त सह संचालक उद्यानिकी से कराई जा रही है, जो प्रक्रियाधीन है।
विभागीय जाँच के संबंध में जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
5. ( क्र. 1593 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में विभाग के कुल कितने अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच चल रही है? पदनाम,पदस्थ संस्था विभागीय जाँच संस्थित करने के आदेशों का क्रमांक/दिनांक सहित जानकारी देवें। (ख) विभागीय जाँच कितने समयावधि में पूर्ण किए जाने के प्रावधान हैं शासनादेश की प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में निर्धारित समयावधि में जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं करने वाले जाँचकर्ता एवं प्रस्तुतकर्ता अधिकारियों के नाम, पदनाम एवं पदस्थ संस्था की जानकारी देवें एवं विभाग जाँचकर्ताओं की विरूद्ध क्या कार्यवाही कर रहा है, कृत कार्यवाही का विवरण देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के अन्तर्गत कुल 88 अधिकारियों एवं 112 कर्मचारियों, इस प्रकार कुल 200 अधिकारियों, कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच चल रही है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं 'दो' अनुसार है। (ख) शासकीय सेवकों की विभागीय जाँच एक वर्ष में पूर्ण किये जाने के निर्देश है, निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (ग) विभागीय जाँच की कार्यवाही एक अर्द्धन्यायिक प्रक्रिया है, प्रकरणों में जाँच अधिकारियों द्वारा विभागीय मुख्य कार्यों के साथ-साथ विभागीय जाँच की कार्यवाही संपादित करते हुए समय-सीमा में पूर्ण करने का प्रयास किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं 'दो' अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
योजनाओं की जानकारी
[लोक निर्माण]
6. ( क्र. 1597 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के द्वारा बड़वानी जिले में वर्तमान में कौन-कौन सी योजनाएं संचालित है प्रत्येक योजना का नाम एवं योजना के प्रभावी अधिकारी एवं लिपिक की जानकारी देवें। (ख) योजनावार वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक लाभान्वित हितग्राहियों की सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में योजनावार प्राप्त शिकायत एवं उस शिकायत पर की गई जाँच का विवरण वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में देवें जाँच प्रतिवेदन के आधार पर दोषियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) में योजनावार/जनपद पंचायतवार कुल व्यय की जानकारी देवें। (ड.) प्रश्नकर्ता के द्वारा वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक विभाग से संबंधित योजनाओं में किए जा रहे भ्रष्टाचार के संबंधों में लिखे गये पत्रों पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की कृत कार्यवाही का विवरण देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) लोक निर्माण विभाग संभाग बड़वानी जिले में न्यू डेव्हलपमेंट बैंक, न्यूनतम आवश्यकता कार्यक्रम, मजबूतीकरण एवं नवीनीकरण के कार्य की योजना संचालित है। उक्त योजनाओं से संबंधित अनुविभागीय अधिकारी/उपयंत्री प्रभावी अधिकारी होते है। म.प्र. सड़क विकास निगम से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) हितग्राहियों को लाभान्वित करने संबंधित योजना विभाग में प्रचलन में नहीं है। प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में समस्त कार्य ठेका पद्धति से क्रियान्वित किये जाते है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ड़) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता का कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
बायपास निर्माण के संबंध में
[लोक निर्माण]
7. ( क्र. 2028 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की ब्यावरा विधानसभा में ब्यावरा नगर के भीतर पिछले 25 वर्षों से ट्राफिक का भार बहुत अधिक बढ़ गया है, इसके निराकरण के लिए क्या शासन द्वारा सुठालिया रोड से मोतीपुरा ड़कोरा बहादुरपुरा रोड होते हुए नगर के बाहर पीपल हेला जोड़ तक रोड का निर्माण करने की घोषणा पर कोई कार्ययोजना बनाई गई है? (ख) यदि नहीं तो शासन द्वारा उक्त योजना कब तक बनाई जाएगी तथा इस योजना की राशि कब तक स्वीकृत की जाएगी? क्या इस योजना के बनने से नगर एवं विधानसभा क्षेत्र को आवागमन के लिए बहुत अधिक लाभ मिलने की संभावना है। यदि हाँ तो नागरिकों के इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए शासन द्वारा कब तक इस कार्य को प्रारंभ कर दिया जावेगा।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांकित मार्ग को निर्माण करने की घोषणा अप्राप्त है एवं कोई कार्य योजना विचाराधीन नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
कृषकों की आय बढ़ाने की योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
8. ( क्र. 2181 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में दिसम्बर 2015 के अनुसार खेती योग्य कुल जमीन उसमें सिंचित तथा असिंचित कुल जमीन तथा पड़त जमीन का रकबा बतावें तथा बतावें कि दिसम्बर 2004 की तुलना में किस-किस में कितने प्रतिशत की कमी तथा वृद्धि हुई? (ख) क्या विभाग द्वारा अनुसूचित जाति तथा जनजाति के कृषकों की खेती योग्य कुल जमीन सिंचित तथा असिंचित एवं पड़त के रकबे का आंकड़ा एकत्रित किया जाता है? यदि नहीं तो बतावें कि उसके बिना उस वर्ग के कृषकों की आय बढ़ाने की प्रभावी योजना कैसे बनाई जाती है? (ग) प्रदेश में प्रति कृषक वार्षिक आय 2004-05, 2011-12 तथा 2019-20 अनुसार बतावें तथा इसी अवधि में देश की औसत कृषक आय भी बतावें। (घ) वर्ष 2011-12 से 2019-20 में जिन पांच फसलों, में सर्वाधिक प्रतिशत वृद्धि तथा कमी हुई, उनके आंकड़े क्रमानुसार उपलब्ध करायें तथा वृद्धि एवं कमी के करण भी बतावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) आयुक्त भू-अभिलेख एवं बन्दोबस्त ग्वालियर से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रदेश के समस्त क्षेत्रों से संबंधित कृषि सांख्यिकी के आकड़े आयुक्त भू-अभिलेख द्वारा संधारित किया जाते है तथा पब्लिक डोमेन पर उपलब्ध रहते है। अत: आयुक्त भू-अभिलेख द्वारा संकलित आंकड़ों के आधार पर किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग में योजनाएं बनाई एवं संचालित की जाती है। (ग) यह जानकारी विभाग में संधारित नहीं की जाती है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
मृदा परीक्षण लैब
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
9. ( क्र. 2309 ) श्री रामपाल सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में किन-किन स्थानों पर कृषि विभाग की मृदा परीक्षण लैब निर्माण पूर्ण होने के बाद चालू स्थिति में है तथा उनमें वर्ष 2018-19 से फरवरी 2021 तक की अवधि में किस-किस लैब में कितने-कितने किसानों की मिट्टी का परीक्षण किया गया? क्या तकनीकी स्टॉफ एवं आवश्यक संसाधन, उपकरण न होने के कारण लैब प्रारंभ नहीं है? (ख) किन-किन स्थानों पर लैब तैयार होने के बाद भी किन-किन कारणों से मिट्टी परीक्षण की शुरूआत नहीं हो पाई है तथा क्यों कारण बतायें तथा कब तक शुरूआत होगी? निश्चित समयावधि बतायें। (ग) मृदा परीक्षण लैब में किसानों को क्या-क्या सुविधाएं कब से उपलब्ध कराई जायेगी? (घ) मृदा परीक्षण लैब भवन निर्माण का कार्य रायसेन जिले में किन-किन निर्माण एजेंसियों द्वारा किया गया तथा उसका अंतिम मूल्यांकन कब-कब, किस अधिकारी ने किया? कौन-कौन से भवन क्षतिग्रस्त हो गये है तथा क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) रायसेन जिले में 06 नवीन मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं के भवन स्वीकृत किये गये हैं, जिसके अंतर्गत विकासखण्ड - गैरतगंज, बेगमगंज, सिलवानी, बाड़ी, उदयपुरा एवं औबेदुल्लागंज में मृदा परीक्षण प्रयोगशाला भवन का निर्माण कराया गया है। नवीन निर्मित मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं हेतु अमला स्वीकृत नहीं है। वर्ष 2018-19 से फरवरी 2021 तक की अवधि में नवीन निर्मित मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला में मिट्टी परीक्षण कार्य नहीं हो सका है। नवीन निर्मित मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला हेतु आवश्यक अमला, उपकरण आदि आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था होते ही मृदा नमूना परीक्षण कार्य शुरू किया जा सकेगा। (ख) रायसेन जिले में 06 विकासखण्ड-गैरतगंज, बेगमगंज, सिलवानी, बाडी, उदयपुरा एवं औबेदुल्लागंज में नवीन निर्मित मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला के भवन निर्मित हुये हैं। नवीन प्रयोगशालाओं हेतु आवश्यक अमला, उपकरण आदि संसाधनों की व्यवस्था न हो पाने से प्रयोगशालाओं में नमूना परीक्षण कार्य शुरू नहीं हो सका है। निर्मित नवीन मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला हेतु आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था एवं अमला स्वीकृत होते ही मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला में मृदा नमूना परीक्षण कार्य आरंभ हो सकेगा। (ग) निर्मित नवीन मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला हेतु आवश्यक संसाधनों एवं अमले की व्यवस्था होते ही मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला में मृदा नमूना परीक्षण की सुविधा कृषकों को उपलब्ध कराई जा सकेगी। (घ) नवीन मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं के भवन निर्माण का कार्य गैरतगंज, बेगमगंज, सिलवानी, बाड़ी, उदयपुरा एवं औबेदुल्लागंज में मंडी बोर्ड द्वारा कराया गया है। निर्माण एजेन्सियों एवं अंतिम मूल्यांकन इत्यादि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत सड़कों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
10. ( क्र. 2310 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत पात्र किन-किन ग्रामों में सड़कों का निर्माण क्यों नहीं कराया गया? सड़कवार कारण बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के किन-किन ग्रामों के लिये उक्त योजनान्तर्गत सड़क स्वीकृत है परन्तु वन विभाग की अनुमति प्राप्त न होने के कारण सड़क निर्माण का कार्य अप्रारंभ है उक्त ग्रामों में सड़क निर्माण का कार्य प्रारंभ हो इस हेतु विभाग के किस-किस अधिकारी ने क्या-क्या कार्यवाही की पूर्ण विवरण दें? (ग) प्रश्नांश (क) के किन-किन ग्रामों के लिये सड़क स्वीकृत नहीं है तथा क्यों ग्रामवार कारण बताये? कब तक सड़क स्वीकृत होगी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संबंध में माननीय मंत्री जी एवं परियोजना क्रियान्वयन इकाई रायसेन के अधिकारियों को प्रश्नकर्ता विधायक के विगत 02 वर्ष में कितने पत्र प्राप्त हुये तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) रायसेन जिले में फरवरी 2021 की स्थिति में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के पात्र 06 ग्रामों में सड़को का निर्माण इन ग्रामों के एकरेखण अभ्यारण क्षेत्र से होकर गुजरने के कारण नहीं हो सका हैं। मार्गवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है तथा मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत पात्र 39 सड़कों का निर्माण नहीं कराया जा सका था, मार्गवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) उक्त सभी 06 ग्रामों हेतु प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में कोई मार्ग स्वीकृत नहीं हैं। इन ग्रामों के लिए सड़क निर्माण के लिए वन विभाग से अनुमति न मिलने के कारण सड़कें स्वीकृत नहीं हुई हैं। वन विभाग से अनुमति हेतु की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। इसी प्रकार मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में स्वीकृत एवं वन विभाग की अनुमति प्राप्त होने के कारण अप्रारंभ सड़कों की जानकारी एवं वन विभाग से अनुमति प्राप्त न होने के कारण विभाग द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब के कॉलम क्र. 2 एवं 7 अनुसार है। (ग) कारण सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'द' अनुसार है। वन क्षेत्र में स्थित मार्गों हेतु वन विभाग से अनुमति मिलने एवं अन्य मार्गों में योजनांतर्गत आवंटन उपलब्ध होने पर सड़कों की स्वीकृति प्रदान कर निर्माण कार्य कराया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-इ (म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण हेतु) एवं जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई (ग्रामीण यांत्रिकी सेवा हेतु) अनुसार है।
कार्यपूर्णता न करने एवं भुगतान न करने पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
11. ( क्र. 3224 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिंगरौली की विधानसभा क्षेत्र देवसर में मनरेगा योजना अन्तर्गत वित्तीय वर्ष (2019-20) से प्रश्न दिनांक तक कितने निर्माण कार्य स्वीकृत कर प्रारंभ किये गये जनपद पंचायतवार संख्यात्मक जानकारी देवें? वर्तमान में कार्यों की भौतिक स्थिति क्या हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कराये गये निर्माण कार्यों में से कितने कार्य हितग्राही मूलक से संबंधित हैं? पृथक-पृथक जनपद पंचायतवार संख्यात्मक जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के निर्माण कार्यों में मजदूरों के मजदूरी भुगतान व सामग्री के भुगतान की स्थिति क्या है? जनपद पंचायतवार जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार संचालित निर्माण कार्यों में कितने आवेदन मजदूरों द्वारा मजदूरी बाबत् जनपद पंचायतों को दिये गये? (ड.) क्या प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) अनुसार योजनाओं का शासन के जारी-निर्देशों व आदेशों का पालन कर क्रियान्वयन नहीं कराया है कार्य अधूरे हैं मजदूरों की मजदूरी के साथ सामग्री का भुगतान नहीं किया जा रहा है जिसके कारण निर्माण कार्य अधूरे हैं यदि हाँ तो इसके लिये किनको जिम्मेदार मानकर कार्यवाही करेंगे अगर नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जिला सिंगरौली की विधानसभा क्षेत्र देवसर में मनरेगा योजनांतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में जनपद पंचायत देवसर में स्वीकृत कार्य 3545, पूर्ण कार्य 1952 एवं प्रगतिरत कार्य 1593 है। जनपद पंचायत बैढ़न में स्वीकृत कार्य 5290, पूर्ण कार्य 3217 एवं प्रगतिरत कार्य 2073 है। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार कराये गये निर्माण कार्यों में से जनपद पंचायत देवसर में 2966 कार्य एवं जनपद पंचायत बैढ़न में 4792 हितग्राही मूलक कार्यों से संबंधित है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के निर्माण कार्यों में जनपद पंचायत बैढ़न में मजदूरी भुगतान पर राशि रू. 1462.27 लाख एवं सामग्री पर राशि रू. 56.71 लाख तथा जनपद पंचायत देवसर में मजदूरी भुगतान पर राशि रू. 1416.81 लाख एवं सामग्री पर राशि रू. 133.05 लाख का भुगतान किया गया है। (घ) उत्तरांश (क) एवं (ख) अनुसार संचालित निर्माण कार्यों में मनरेगा योजना के प्रावधानों के अंतर्गत अकुशलन श्रम के इच्छुक श्रमिकों द्वारा संबंधित ग्राम पंचायत में रोजगार की मांग के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराया गया है। मजदूरों द्वारा मजदूरी/रोजगार बावत् जनपद में किये गये आवेदन निरंक है। (ड.) जी नहीं, मजदूरों के मजदूरी का भुगतान एफ.टी.ओ. माध्यम से सतत् रूप निर्धारित समय-सीमा में किया जा रहा है एवं सामग्री भुगतान के संबंध में शासन से समय-समय पर आवंटन एवं दिये गये निर्देशों के अनुरूप सतत् किया जा रहा है अतएव शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
उपयोजना में प्राप्त राशि
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
12. ( क्र. 3422 ) श्री संजय उइके : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुसूचित जनजाति उपयोजना (सब स्कीम) के तहत जिला बालाघाट को राशि प्राप्त होती है? (ख) यदि हाँ तो वित्तीय वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्व विद्यालय ग्वालियर की स्थापना एवं जिला बालाघाट स्थित म.प्र. विद्युत मण्डल द्वारा पांच एच.पी. के कृषि पम्पों/थ्रेशरों तथा एक बत्ती कनेक्शन को निःशुल्क विद्युत प्रदाय हेतु प्रतिपूर्ति योजना में कितनी-कितनी राशि विभाग को बजट में प्राप्त हुई? (ग) राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्व विद्यालय ग्वालियर की स्थापना हेतु प्राप्त राशि का किन-किन कार्यों में कितना-कितना व्यय किया गया? विश्व विद्यालय में स्नातक, स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में अनुसूचित जनजाति की कितनी-कितनी सीटें आरक्षित हैं? उसके विरूद्ध कितने-कितने छात्र/छात्राऐं अध्ययनरत हैं? (घ) जिला बालाघाट में पाँच एच.पी. के कृषि पम्पों/थ्रेशरों तथा एक बत्ती कनेक्शन को निःशुल्क विद्युत प्रदाय हेतु प्रतिपूर्ति में बजट से प्राप्त राशि को म.प्र. विद्युत मण्डल को कब-कब, कितनी-कितनी राशि एवं अनुसूचित जनजाति के कितने हितग्राहियों को लाभांवित करने हेतु राशि दी गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जी हां, अनुसूचित जनजाति उपयोजना (सब स्कीम) के तहत जिला बालाघाट को राशि प्राप्त हुई है। (ख) वित्तीय वर्ष 2019-20 से आज दिनांक तक राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय,ग्वालियर की स्थापना हेतु वर्ष 2019-20 में राशि रूपये 1150.00 लाख एवं 2020-21 में राशि रू.1150.00 लाख, कुल राशि रूपये 2300.00 लाख प्राप्त हुई है। म.प्र. विद्युत मंडल द्वारा पाँच एच.पी. के कृषि पंपो/थ्रेशरों तथा एक बत्ती कनेक्शन को नि:शुल्क विद्युत प्रदाय हेतु प्रतिपूर्ति योजना में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड बालाघाट को कोई राशि प्राप्त नहीं हुई हैं। (ग) राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर की स्थापना हेतु वर्ष 2019-20 से आज दिनांक तक प्राप्त कुल राशि रू.2300.00 लाख का व्यय वेतन भत्ते, इत्यादि में किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। विश्वविद्यालय में स्नातक, स्नातकोत्तर, पाठयक्रम में अनुसूचित जनजाति के छात्र/छात्राओं हेतु मध्यप्रदेश के आदेशानुसार अनुसूचित वर्ग के लिए 21 प्रतिशत सीटें आरक्षित है, जिनमें स्नातक में 76 सीटें एवं स्नातकोत्तर में 75 सीटें है। इनके विरूद्ध इस विश्वविद्यालय शैक्षणिक सत्र 2019-20 स्नातक में 72 एवं स्नातकोत्तर में 44 छात्र/छात्राऐं प्रवेशित हुए थे। इसके साथ ही स्नातक शैक्षणिक सत्र 2020-21 हेतु प्रवेश प्रक्रिया जारी है। जबकि स्नातकोत्तर में शैक्षणिक सत्र 2020-21 में अनुसूचित जनजाति के 76 छात्र/छात्राऐं प्रवेशित हुए हैं। (घ) जिला बालाघाट में वर्ष 2019-20 में पांच एच.पी. के कृषि पंपों/थ्रेशरों तथा एक बत्ती कनेक्शन को नि:शुल्क विद्युत प्रदाय हेतु प्रतिपूर्ति में बजट से म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड बालाघाट को कोई राशि प्राप्त नहीं हुई हैं। शेष का प्रश्न ही नहीं उठता। कार्यालय अधीक्षण अभियंता (संचा/संधा) वृत बालाघाट म.प्र. से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में किये गये कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
13. ( क्र. 3464 ) श्री कमलेश जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना में विगत वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने नवीन सड़क कार्यों के साथ-साथ कितने सड़क अनुरक्षण, नवीनीकरण, मजबूतीकरण के कार्य कुल कितने-कितने कि.मी. कराये गये, विगत वर्षों में कितने कि.मी. नवीन एवं नवीनीकरण कार्यों की स्वीकृति प्राप्त हुई। सभी पूर्ण, अपूर्ण अप्रारंभ एवं प्रगतिरत कार्यों की जानकारी, अप्रारम्भ कार्यों के कारण के साथ प्रस्तुत करें। तथा विभाग द्वारा उक्त कार्यों पर उपयोग किये गये खनिजों के विरुद्ध पैकेजवार कितनी रायल्टी वसूल की गई। (ख) प्रश्नांश (क) के उक्त सभी कार्यों की सूची विकासखण्डवार, नवीन सड़क कार्यों के साथ अनुरक्षण, नवीनीकरण तथा मजबूतीकरण के पृथक-पृथक कार्यों की जानकारी वर्षवार निम्नलिखित अनुसार प्रदाय कराई जावे, कार्य का नाम, कार्यादेश क्रमांक अनुबंध क्रमांक अनुबंध की अवधि, कार्य ऐजेन्सी का नाम तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति उपयंत्री का नाम, सहायक प्रबंधक, प्रबंधक का नाम, के साथ उक्त कार्यों के भुगतान का विवरण उपलब्ध करावें। (ग) क्या ग्रामीण क्षेत्रों में नवीन सड़कों को जोड़े जाने हेतु वार्षिक प्लान तैयार करते समय वहाँ के लोकल जनप्रतिनिधियों से प्रस्ताव आमंत्रित किये जाने का शासन का कोई प्रावधान है। यदि हाँ तो विगत पाँच वर्षों में मुरैना जिले में जनप्रतिनिधियों द्वारा कौन-कौन से मार्गों को प्रधानमंत्री सड़क में जोड़े जाने के प्रस्ताव पी.आई.यू. मुरैना को प्राप्त हुए जिनमें से कितने प्रस्तावों को शामिल किया गया? जानकारी विकासखण्डवार, जनप्रतिनिधियों के नामवार, वर्षवार, मार्गों के नाम के साथ उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'ब', 'स' एवं 'द' अनुसार है। (ग) जी नहीं, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की गाइडलाईन में जनसंख्या वर्ष 2001 के अनुसार 500 एवं अधिक आबादी के राजस्व ग्रामों को बारहमासी सड़क से कोर नेटवर्क के आधार पर सम्पर्कता उपलब्ध कराने का प्रावधान है। अतः प्रश्न ही नहीं उठता।
सुरक्षा एजेंसी थर्ड आई सिक्योरिटी सर्विसेस की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
14. ( क्र. 3470 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मण्डी बोर्ड परिसरों/सम्पत्तियों की सुरक्षा हेतु नियुक्त सुरक्षा एजेंसी में थर्ड आई सिक्योरिटी सर्विसेस इंदौर का ठेका दिनांक 31.07.2020 से निरस्त किए जाने के निर्देश दिए गए थे? यदि हाँ तो दिनांक 01.08.2020 से मण्डियों द्वारा मण्डी प्रांगण/परिसर की सुरक्षा व्यवस्था किस प्रकार करायी जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंधित निर्देश जारी होने के बाद मण्डियों ने उक्त एजेंसी से पुन: अनुबंध पूर्व शर्तों के आधार पर किया जाकर सुरक्षा कार्य कराया जा रहा है? यदि हाँ तो मण्डी का नाम, मण्डी की श्रेणी अनुबंध का दिनांक ठेके पर रखे गए सुरक्षाकर्मियों का विवरण प्रतिमाह भुगतान की राशि सहित पूर्ण विवरण दें? (ग) केन्द्र सरकार द्वारा मण्डी के नए प्रावधान लागू होने के बाद मण्डियों की आवक में अत्यंत कमी होने के बाद भी प्रश्नांश (ख) से संबंधित सुरक्षा गार्ड मण्डी में चपरासी/चौकीदारों की पर्याप्त संख्या होने के बाद भी क्यों लगाए गये? बोर्ड के निर्देशों के विपरीत जाकर मण्डियों में सुरक्षा गार्ड लगाकर मण्डियों को आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में मण्डी बोर्ड उच्च स्तरीय जाँच कराकर दोषियों को क्या दण्डित करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जी नहीं। मण्डी बोर्ड परिसरों/सम्पत्तियों की सुरक्षा हेतु नियुक्त सुरक्षा एजेंसी में थर्ड आई सिक्योरिटी सर्विसेस इंदौर का ठेका दिनांक 31/07/2020 से निरस्त किये जाने के निर्देश नहीं दिए गये हैं। सुरक्षा एजेन्सी द्वारा वर्तमान में सुरक्षा का कार्य किया जा रहा है। दिनांक 31/07/2020 को निरस्ती के निर्देश जारी नहीं किये जाने के कारण शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित निर्देश जारी नहीं होने के कारण शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश ''क'', ''ख'' एवं ''ग'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
जय किसान ऋण माफी योजना की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
15. ( क्र. 3500 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले में जय किसान फसल ऋण माफी योजनांतर्गत चरणवार सामान्य/अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति मद में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार प्राप्त मदवार राशि में से कितने-कितने पी.ए. एवं एन.पी.ए. खाताधारक सामान्य, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति कृषकों का कितना-कितना ऋण माफ किया गया? तहसीलवार चरणवार, मदवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) के तारतम्य में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति मद में प्राप्त राशि में कितनी-कितनी राशि सामान्य कृषकों के ऋण माफ करने पर व्यय की गई? चरणवार, तहसीलवार जानकारी देवें? ऐसे किसान जिनका कृषि ऋण माफ कर स्वीकृत किया गया किन्तु उनके खाते में स्वीकृत राशि जमा नहीं की गई, ऐसे किसानों की चरणवार, तहसीलवार संख्यात्मक जानकारी देवें? (घ) अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति मद में प्राप्त राशि को सामान्य कृषकों के लिये व्यय करने के लिये क्या संवैधानिक/वैधानिक प्रावधान है? यदि नहीं तो इस तरह अनियमित व्यय करने के लिये कौन-कौन दोषी हैं तथा दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई, नहीं तो क्यों कब तक की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नदी पर पूल का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
16. ( क्र.
3550 ) श्री
दिव्यराज
सिंह : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
जवा
विकासखण्ड
अंतर्गत
ग्राम सितलहा
एवं ग्राम
जनकहाई के
मध्य महाना
नदी पर पुल
निर्माणाधीन
है? यदि
हाँ तो क्या
उपरोक्त
दोनों
ग्रामों के मध्य
के मार्ग का
निर्माण भी
कराया जाना
प्रस्तावित
है कि नहीं? (ख) क्या
यदि ग्राम
पंचायत
सितलहा से
ग्राम पंचायत जनकहाई
संपर्क मार्ग
का निर्माण
पुल के साथ-साथ
नहीं कराया
जाता तो पुल
का निर्माण
औचित्यहीन हो
जावेगा? यदि हाँ तो
क्या पुल के
साथ ही संपर्क
मार्ग का
निर्माण भी
कराया जावेगा? यदि
हाँ तो
समय-सीमा
बतावें।
पंचायत
मंत्री ( श्री
महेन्द्र
सिंह
सिसौदिया ) : (क) जी
नहीं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) उत्तरांश
(क) के
अनुक्रम में
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
पुल निर्माण/मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
17. ( क्र. 3551 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विकासखण्ड जवा अंतर्गत ग्राम पंचायत खरपटा से ग्राम पंचायत भनिगवां के मध्य नदी पर पुल निर्माण स्वीकृत है? यदि हाँ तो निर्माण कार्य को पूर्ण कराने हेतु विभाग ने क्या समय-सीमा निर्धारित की है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या पुल के संपर्क मार्ग ग्राम खरपटा से बजरहा होते हुए भनिगवां मोर्चा टोला तक का भी निर्माण किया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक इस मार्ग का निर्माण कार्य कराया जा सकेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। माह जून 2021 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम सभा ग्राम पंचायत के अधिकार
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
18. ( क्र. 3710 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम सभा और ग्राम पंचायत को संविधान की 11वीं अनुसूची, पेसा कानून 1996 एवं वन अधिकार कानून 2006 में प्राकृतिक संसाधनों पर कौन-कौन सा अधिकार सौंपा गया है। (ख) बैतूल, हरदा एवं होशंगाबाद जिले में भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 (1) के तहत किस-किस प्रयोजन के लिए दर्ज कितनी जमीनों पर प्रश्नांकित दिनांक तक ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत को क्या-क्या अधिकार सौंपे गए है, कितनी जमीनों का नियंत्रण एवं प्रबंधन सौंपा गया है। (ग) सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजन के लिए निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं पटवारी मानचित्र में दर्ज जमीनों को प्रश्नांकित दिनांक तक भी ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत के अधिकार, नियंत्रण एवं प्रबंधन में नहीं सौंपे जाने का क्या-क्या कारण रहा है?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
पंचायतीराज की सीमा वन क्षेत्र शामिल होने की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
19. ( क्र. 3711 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल, हरदा एवं होशंगाबाद जिला पंचायत एवं उसकी किस जनपद पंचायत की सीमा में कितना आरक्षित वन क्षेत्र एवं कितना संरक्षित वन शामिल है कितना वन क्षेत्र जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत की सीमा से बाहर है? पृथक-पृथक बतावें। (ख) जिला पंचायत, जनपद पंचायत, ग्राम पंचायत एवं ग्राम सभा की सीमा में आने वाले वनक्षेत्रों एवं लघु वनोपज पर संविधान की 11वीं अनुसूची, पेसा कानून 1996 एवं वन अधिकार कानून 2006 में पंचायतीराज व्यवस्था को क्या-क्या अधिकार, नियंत्रण एवं प्रबंधन सौंपा गया है? (ग) हरदा, बैतलू एवं होशंगाबाद जिले में पंचायतीराज संस्थाओं की सीमा में आने वाले वन क्षेत्रों पर पंचायतीराज संस्थाओं को क्या-क्या अधिकार, नियंत्रण एवं प्रबंधन प्रश्नांकित दिनांक तक सौंपा गया है? यदि नहीं सौंपा तो कारण बतावें कब तक सौंपा जावेगा।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
औद्योगिक इकाइयों की जानकारी
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
20. ( क्र. 3755 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सुमावली में कौन-कौन सी औद्योगिक इकाई स्थापित हैं नाम व पते सहित सूची उपलब्ध करावें? वर्तमान में कौन-कौन सी नवीन इकाई स्वीकृत हैं और कहां-कहां लगायी जा रही हैं? शासन द्वारा इन्हें क्या-क्या मदद उपलब्ध कराई गई है? (ख) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के तहत मुरैना जिले में कौन-कौन सी योजनाएं चलायी जा रही है? इन योजनाओं के तहत सरकार द्वारा क्या-क्या मदद दी जाती है?
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री ( श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव ) : (क) सुमावली विधानसभा क्षेत्र में विभाग के अधीन एम.पी. इण्डस्ट्रीयल डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड का कोई भी औद्योगिक क्षेत्र स्थापित नहीं है, न ही किसी वृहद इकाई को अविकसित भूमि आवंटित है। सुमावली विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वृहद उद्योग स्थापित नहीं है न निवेश हेतु कोई प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। (ख) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के तहत मुरैना जिले में ही नहीं अपितु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने एवं निवेश परियोजनाओं को प्रोत्साहित करने हेतु उद्योग संवर्धन नीति 2014 (यथा संशोधित 2020) लागू की गई है। उद्योग संवर्धन नीति 2014 (यथा संशोधित 2020) अंतर्गत मुरैना जिले में स्थापित होने वाली वृहद श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों को सुविधा/सहायता प्रदान की जाती है।
खेल मैदान की जानकारी
[खेल एवं युवा कल्याण]
21. ( क्र. 3756 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र सुमावली के अंतर्गत विभाग द्वारा कितने खेल मैदान कहां-कहां बनाए गए है? तो नाम एवं स्थान स्पष्ट करें? यदि बनाए नहीं गए है, तो क्यों नहीं? (ख) खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा मुरैना जिले में कौन-कौन सी कार्ययोजना क्रियान्वित है? इन योजनाओं के लिए विगत 3 वर्षों में कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है? विधान सभा क्षेत्र सुमावली में कौन-कौन सी खेल विभाग की कार्य योजना क्रियान्वित है?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सुमावली के अंतर्गत विभाग द्वारा कोई भी खेल मैदान नहीं बनाया गया है। विभागीय नीति अनुसार स्टेडियम/ खेल मैदान निर्माण हेतु जिला प्रशासन द्वारा आवश्यक भूमि चिन्हित कर विभाग के नाम आवंटन करना आवश्यक होता है। सुमावली में किसी भी स्थान पर विभाग के नाम भूमि आवंटित नहीं होने के कारण स्टेडियम/खेल मैदान का निर्माण नहीं किया गया है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विधानसभा क्षेत्र सुमावली में खेल विभाग की कोई भी योजना पृथक से क्रियान्वित नहीं है।
पुल पुलियों एवं ओव्हर ब्रिज का निर्माण
[लोक निर्माण]
22. ( क्र. 3825 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण सेतु संभाग जबलपुर को पुल, पुलियों व ओव्हर ब्रिज का निर्माण,पुनर्निर्माण सुधार व मरम्मत कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? कहां-कहां के कौन-कौन से पुल, पुलियों व ओव्हर ब्रिज का निर्माण कराने हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई? इनकी निर्माणाधीन अवधि क्या है? वर्ष 2017-18 से 2020-21 तक की जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में निविदा की स्वीकृत शर्तों के तहत किस-किस निर्माण एजेंसी ने कब से कहां-कहां का कौन-कौन सा कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण नहीं कराया है एवं क्यों? दोषी एजेंसी पर कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? इस पर अभी तक कुल कितनी राशि व्यय हुई? इसे कब तक पूर्ण कराया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के पीस वर्क व एच.आर. पर कितनी-कितनी राशि का कौन-कौन सा कार्य कब-कब किस एजेंसी से कराया है? इसकी गुणवत्ता की जाँच कब-कब किसने की है? बतालवें। (घ) औद्योगिक क्षेत्र रिछाई में निर्माणाधीन ओव्हर ब्रिज का कार्य कब से अपूर्ण है एवं क्यों? दोषी एजेंसी पर क्या कार्यवाही की गई? इसकी निर्माणाधीन अवधि व लागत क्या है? इसका कितना कार्य पूर्ण, अपूर्ण व निर्माणाधीन है तथा इसे कब तक पूर्ण कराया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) निर्माण/पुनर्निर्माण कार्यों हेतु राशि आवंटित नहीं की जाती है आई.एफ.एम.आई.एस. के केन्द्रीकृत सर्वर ग्लोबल रहती है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) उत्तरांश 'क' के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) उत्तरांश 'क' के संबंध में वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक पीस वर्क/एच.आर. के कोई कार्य नहीं कराये गये है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
उद्योगों की स्थापना
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
23. ( क्र. 3826 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन ने जबलपुर जिले में नवीन औद्योगिक इकाइयों की स्थापना, उद्योगपतियों को आकर्षित करने एवं युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने हेतु क्या योजना बनाई है तथा इसके लिये क्या प्रयास किये हैं? बतलावें। (ख) जबलपुर जिले में स्थित किन-किन औद्योगिक विकास केन्द्रों के पास विकसित/अविकसित कितनी-कितनी भूमि है? इनमें छोटी, बड़ी कितनी-कितनी औद्योगिक इकाइयां संचालित/बंद है? शासन ने इस बंद औद्योगिक इकाइयों द्वारा निर्धारित समयावधियों में उत्पादन शुरू न करने पर आवंटित भूमि को वापिस लेने हेतु क्या कार्यवाही की है? औद्योगिक केन्द्र रिछाई में भारत संचार निगम लि. की संचालित टेलीकाम फैक्ट्री को आवंटित कितनी भूमि वापिस लेने हेतु क्या प्रयास किये हैं? (ग) प्रदेश शासन ने एम.पी.आई.डी.सी. के माध्यम से औद्योगिक केन्द्र उमरिया-डुगरिया में कितनी-कितनी भूमि पर कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से विकास कार्य कराये हैं? उद्योगों की स्थापना हेतु क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध कराई है? किन-किन औद्योगिक इकाइयों की स्थापना हेतु किस दर पर कितनी-कितनी भूमि आवंटित की है? कौन-कौन सी औद्योगिक इकाइयां संचालित है? कितनी विकसित भूमि वीरान पड़ी है एवं क्यों? वर्ष 2019-20 से 2020-21 तक की जानकारी दें।
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री ( श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव ) : (क) प्रदेश में निवेश आकर्षित करने एवं रोजगार सृजन करने हेतु उद्योग संवर्धन नीति 2014 यथा संशोधित जून-2020 लागू की गई है। विभागीय नीतियों का व्यापक प्रचार-प्रसार, संगोष्टी, रोड शो इत्यादि के माध्यम से नवीन उद्योगों की स्थापना के प्रयास किये जाते है। सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम विभाग, द्वारा जबलपुर के साथ-साथ सम्पूर्ण प्रदेश हेतु मध्यप्रदेश एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना 2019 के माध्यम से पात्र इकाइयों को विभिन्न सुविधायें प्रदान की जाती है। युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदाय करने हेतु विभाग द्वारा भारत सरकार के प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जा रहा है। (ख) एम.पी.आई.डी.सी. क्षेत्रीय कार्यालय जबलपुर के आधिपत्य में जबलपुर जिले की उपलब्ध विकसित/अविकसित भूमियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जबलपुर जिले में संधारित औद्योगिक क्षेत्रों में 46 औद्योगिक इकाइयां संचालित है तथा 10 बंद है। बंद इकाइयों द्वारा पुन: उत्पादन प्रारंभ नहीं किये जाने पर 7 इकाइयों का भूखण्ड निरस्तीकरण किया जा चुका है तथा तीन इकाइयों की परिसम्पतियां वित्तपोषक बैंकों के आधिपत्य में है। सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम विभाग के अधीन औद्योगिक क्षेत्र रिछाई जिला जबलपुर में भारत सरकार निगम लि. द्वारा टेलीकाम फैक्ट्री के बंद हो जाने के कारण फैक्ट्री को आवंटित 89.34 एकड़ भूमि को वापिस प्राप्त करने के लिये जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र जबलपुर के द्वारा कार्यवाही की जा रही है। (ग) एम.पी.आई.डी.सी. द्वारा 60 हेक्टेयर भूमि में औद्योगिक क्षेत्र उमरिया-डुंगरिया फेस-1 तथा 63.050 हेक्टेयर भूमि में औद्योगिक क्षेत्र उमरिया-डुंगरिया फेस-2 विकसित किया गया है। मदवार, राशिवार तथा उद्योगों की स्थापना हेतु उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। संधारित औद्योगिक क्षेत्रों में 64.595 हेक्टेयर भूमि आवंटन हेतु रिक्त है। वर्ष 2019-20 से 2020-21 तक इकाईवार आवंटित भूमि का विवरण तथा भूमि आवंटन के दर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम विभाग अंतर्गत जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र जबलपुर द्वारा औद्योगिक केन्द्र उमरिया-डुंगरिया में स्थापित उद्योग को निम्नानुसार वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई गई:-
योजना का नाम |
इकाई की संख्या |
राशि |
पूंजी लागत अनुदान |
10 |
89,10,222.00 |
ब्याज अनुदान |
10 |
72,50,069.00 |
अपशिष्ट प्रबंधन अनुदान |
|
25,00,000.00 |
नकली सीमेंट का कारोबार
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
24. ( क्र. 3865 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिलांतर्गत डस्ट एवं घटिया सीमेंट की मिलावट कर नामी कंपनियों की बोरियों में भरकर विक्रय किये जाने का कारोबार विगत समय में पकड़ा गया है? (ख) क्या यह नकली सीमेंट शासकीय निर्माण कार्यों में उपयोग की गई है? (ग) क्या इस कारोबार की गहन जाँच की जायेगी? (घ) क्या नकली सीमेंट बनाने वालों के साथ-साथ शासकीय कार्यों में उपयोग करने वाले ठेकेदारों, विभागीय अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री ( श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बीज उत्पादक समितियों के भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
25. ( क्र. 3937 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में विगत पाँच वर्षों से कृषकों को सब्सिडी पर गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराने हेतु शासन की कौन-कौन सी योजनाएं चल रही हैं? क्या यह योजनाएं अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए हैं योजनाओं के नाम सहित दी जाने वाली सब्सिडी का प्रतिशत भी बतावें? वर्तमान रबी सीजन में इन योजनाओं के होल्ड पर रखने कर कारण बताएं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में पूछी गई योजनाओं हेतु म.प्र. राज्य बीज निगम को बीज उपलब्ध कराना होता हैं? क्या शासकीय योजनाओं के लिए म.प्र. बीज निगम द्वारा बीज उपलब्ध न कराने की स्थिति में विभाग सोसायटी एक्ट में पंजीकृत बीज उत्पादक समितियों से बीज खरीदता है? (ग) बालाघाट जिले में किन-किन समितियों का कितना भुगतान बाकी है जानकारी दें? (घ) बालाघाट जिले में आगामी खरीफ एवं रबी 2021-22 में कुल कितने बीज की आवश्यकता होगी। खरीफ, रबी अनुसार धान गेहू तिलहन की मात्रा अनुसार जानकारी दें? क्या यह सही है कि बालाघाट जिले में समितियों का वर्ष 2016-17 से अब तक लगभग 2.5 करोड़ रूपये का भुगतान बाकी है? भुगतान कब तक कर दिया जाएगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। वर्तमान रबी सीजन में कुल 02 योजनाएं (अन्नपूर्णा एवं सूरजधारा) स्थगित की गयी है। (ख) हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) बालाघाट जिले में खरीफ एवं रबी 2021-22 में लगने वाले बीज की आवश्यक मात्रा का जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। सहकारी समितियों की लंबित भुगतान राशि का जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। योजनाओं के लंबित देयकों का नियमानुसार परीक्षण कर भुगतान की कार्यवाही की जावेगी।
कृषि उपज मण्डी समिति की विभिन्न जानकारियाँ
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
26. ( क्र. 3938 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि उपज मण्डी समिति उज्जैन में कितने लाईसेंसधारी व्यापारी है? दिनांक 30.062020 की स्थिति में सूची देवें। (ख) कौन-कौन व्यापारी प्रागंण में आवंटित भूखण्डों, दुकानों व गोदामों को आवासीय उपयोग कर लाभ ले रहे? सभी की सूची देवें तथा उन गैरकृषि उपज व्यवसायों की सूची जिन्हें भूखण्ड, दुकान व गोदाम, कृषि उपज व्यवसाय के लिए आवंटित किये गये हैं? (ग) कृषि उपज मण्डी समिति उज्जैन के जिन लाईसेंसधारी व्यापारियों द्वारा गैरकृषि उपज का करोबार किया जा रहा है उनके द्वारा दिनांक 01.01.2014 से जमा लीज रेन्ट, पेनल तथा ब्याज की जमा राशि का विवरण देवें। गैर कृषि उपज व्यवसायी एवं आवासीय उपयोग में भूखण्ड, दुकान तथा गोदाम का उपयोग करने वाले व्यापारियों की सूची देवें। (घ) कृषि उपज मण्डी समिति उज्जैन के लाईसेंसधारी व्यापारियों द्वारा दिनांक 01.01.2014 से प्रश्न दिनांक तक माननीय न्यायालयों में वाद दायर किये गये हैं। माननीय न्यायालयों के द्वारा अलग-अलग वाद में पारित आदेश, अपील कोर्ट द्वारा पारित आदेश, न्यायालयीन आदेश के पालन में मण्डी समिति द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण उपलब्घ करावें। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) तक की कार्यवाही के लिए म.प्र.शासन के क्या आदेश-निर्देश हैं? वह देवें एवं इसमें कौन-कौन जिम्मेदार व दोषी हैं? उन पर कब और क्या कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) कृषि उपज मण्डी समिति उज्जैन में दिनांक 30.06.2020 की स्थिति में 1010 लायसेंसधारी व्यापारी हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) कृषि उपज मण्डी समिति उज्जैन के प्रांगण में आवंटित भूखण्डों, दुकानों व गोदामों का आवासीय उपयोग कर लाभ ले रहे व्यापारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो-अ' अनुसार है। जिन व्यापारियों द्वारा आवंटित भूखण्डों, दुकानों व गोदामों का उपयोग गैर कृषि उपज व्यवसाय के लिये किया जा रहा है, उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र दो-ब' अनुसार है। (ग) जिन लायसेंसधारी व्यापारियों द्वारा गैर कृषि उपज का व्यवसाय किया जा रहा है उनके द्वारा दिनांक 01.01.2014 से जमा लीज रेंट, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। उत्तरांश (ख) अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र दो-'अ' अनुसार है एवं जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र दो-'अ' अनुसार है। (घ) दिनांक 01.01.2014 से जिन व्यापारियों द्वारा कृषि उपज मंडी समिति उज्जैन के विरूद्ध माननीय न्यायालय द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश उज्जैन में वाद दायर किये गये हैं, उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। माननीय न्यायालय द्वारा पारित निर्णय के परिप्रेक्ष्य में संबंधित व्यापारियों द्वारा लीज शर्तों का उल्लंघन किये जाने पर मण्डी समिति द्वारा अधिवक्ता के माध्यम से गैर कृषि व्यवसाय करने वाले व्यापारियों को सूचना पत्र जारी किये गये तथा तहसीलदार उज्जैन को भू-राजस्व की धारा 248 के अंतर्गत कब्जे की कार्यवाही किये जाने हेतु पत्र क्रमांक 4153 दिनांक 30.01.2021 जारी किया गया है, जो कि जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-पाँच अनुसार है। (ड.) प्रदेश की कृषि उपज मण्डी समितियों में भूमि एवं सरंचना के आवंटन के लिये वर्तमान में म.प्र. कृषि उपज मण्डी (भूमि एवं सरंचना का आवंटन) नियम-2009 प्रभावशील है। प्रकरण में विधिक कार्यवाही प्रकियाधीन होने से दोषिता का प्रश्न निर्मित नहीं होता है।
श्रमसिद्धि अभियान की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
27. ( क्र. 3967 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्रमसिद्धि अभियान के क्या-क्या उद्देश्य हैं व इनके क्रियान्वयन हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या मार्गदर्शिका, निर्देश प्रचलन में हैं? आदेश की फोटोप्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में अभियान प्रारंभ से अर्थात अप्रैल, 2017 से जनवरी, 2021 तक जिला मुरैना को बजट में कितनी राशि आवंटित की गई व जिले को प्राप्त राशि में से जनपद पंचायत कैलारस, सबलगढ़ जिला मुरैना अर्थात विधानसभा क्षेत्र क्रमांक सबलगढ़ जिला मुरैना को दी गई व प्राप्त राशि से क्या-क्या गतिविधियां संचालित हुईं तथा कितने श्रमिक के किस वर्ष किस मांग संख्या, लेखा शीर्ष आदि में कितनी राशि चैक/कैश की सहायता दी गई?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। मार्गदर्शिका, आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कोविड-19 संक्रमण के फलस्वरूप लॉकडाउन अवधि में ऐसे प्रवासी मजदूर जिन्हें जॉबकार्ड नहीं मिले थे अथवा जॉबकार्ड अकार्यशील हो गये थे उन्हें रोजगार पर नियोजित करने के उददेश्य से श्रमसिद्धि अभियान प्रारम्भ किया गया था। श्रमसिद्धि अभियान अंतर्गत जिला मुरैना में 6617 नवीन जॉबकार्ड बनाए गए व 18509 जॉबकार्डधारियों को रोजगार दिया गया है। श्रमसिद्धि अभियान हेतु आवंटित बजट की जानकारी निरंक है जिससे शेष प्रश्नांश लागू नहीं हैं।
विभागीय योजनाओं एवं बीज वितरण की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
28. ( क्र. 3985 ) श्री कमलेश जाटव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना में आपके विभाग में वर्ष 2018 से कौन-कौन सी किसान कल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है एवं विभाग द्वारा विगत 2018 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस फसल के लिये कितना-कितना बीज खरीदा गया तथा कितने किसान को किस-किस विकासखण्ड में बांटा गया। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्ष 2018 से संचालित योजनाओं के अंतर्गत कितने किसानों को लाभान्वित किया गया एवं किस-किस योजना में कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ। वर्षवार आवंटन के विरुद्ध किये गये व्यय की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार बीज खरीदी एवं वितरण की समस्त जानकारी वर्षवार, विकासखण्डवार कितना बीज दिया गया। कृषक संख्या बताएं। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार उक्त योजनाओं के संचालन एवं क्रियान्वयन किस-'किस अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा किया गया।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जिला मुरैना में विभाग में वर्ष 2018 से संचालित किसान कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। विभाग द्वारा विगत 2018 से प्रश्न दिनांक तक फसलवार बीज खरीदी की जानकारी,बीज वितरण एवं किसानों की विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्ष 2018 से संचालित योजनाओं के अंतर्गत लाभान्वित कृषक एवं आवंटन व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ग अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार बीज खरीदी, वितरण, कृषक संख्या, वर्षवार एवं विकासखडवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ख), (ग) अनुसार उक्त योजनाओं के संचालन एवं क्रियान्वयन जिले में उप संचालक, विकासखण्ड स्तर पर वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी एवं क्षेत्र में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों द्वारा किया गया।
पंचायत सचिवों की अनुकम्पा
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
29. ( क्र. 4058 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में पंचायत सचिवों को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ दिया जाता है? यदि हाँ तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या पंचायत सचिवों के अनुकंपा आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति में आरक्षण, कम्प्यूटर डिप्लोमा, आमेलन आदि शर्तों के लिए पंचायतराज संचालनालय द्वारा जारी निर्देश मंत्रिपरिषद द्वारा पारित किया गया है? यदि हाँ तो पारित मंत्रिपरिषद के निर्णय की जानकारी उलपब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पंचायत सचिवों का 7वां वेतनमान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
30. ( क्र. 4059 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में पदस्थ ग्राम पंचायत सचिवों को 7 वें वेतनमान का लाभ दिया जाना है? यदि हाँ तो किस वर्ष व दिनांक से? (ख) विभाग के 23000 पंचायत सचिवों को 7वें वेतनमान का लाभ दे दिया गया है? यदि हाँ तो किस दिनांक व वर्ष से दिया गया है? यदि नहीं तो 7वें वेतनमान पंचायत सचिवों को नहीं देने का कारण बतायें एवं कब तक दे देने की कार्यवाही पूर्ण कर ली जावेगी? (ग) सिर्फ पंचायत सचिवों को ही 7वें वेतनमान से सरकार ने किस मंशा के कारण वंचित रखा है?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) विभाग द्वारा ग्राम पंचायत सचिवों की वेतन विसंगति के निराकरण हेतु म.प्र. शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आदेश क्रमांक एफ 1-6/2019/22/पंचा-1/715 दिनांक 09.12.2019 से समिति का गठन किया है, समिति की अनुशंसा के अनुक्रम में निर्णय लिया जावेगा। (ख) जी नहीं। शेष उत्तर उत्तरांश-''क'' अनुसार है। (ग) उत्तरांश-''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पंचायत सचिवों की भर्ती
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
31. ( क्र. 4060 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 23000 पंचायतों में पदस्थ पंचायत सचिवों की भर्ती वर्ष 1995-96 से पंचायतकर्मी के रूप में की गई थी? यदि हाँ तो विधानसभा क्षेत्र 162 राजगढ़ के अन्तर्गत अधिकतम नियुक्ति के वर्ष बतायें? (ख) क्या यह सही है कि पंचायत विभाग में नियुक्ति होने वाले किसी भी कर्मचारी संवर्ग में प्रथम दिनांक के वर्ष को सेवाकाल माना जाता है? (ग) क्या यह सही है कि 01.04.2018 के प्रदेश के पंचायत सचिवों को छठवें वेतनमान का लाभ प्रदान करने के आदेश जारी किये गये हैं? यदि हाँ तो यह बतावें कि क्या सेवाकाल की गणना 01.04.2008 से की गई? (घ) क्या यह सही है कि उक्त विसंगति पूर्ण आदेश से सेवाकाल की गणना दिनांक 01.04.2008 से करने से पंचायत सचिवों के 13 वर्षों की वरिष्ठता समाप्त हुई है?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) प्रत्येक ग्राम पंचायत में प्रशासकीय कार्य तथा पंचायत द्वारा सौंपे गये अन्य कर्तव्यों के निर्वहन हेतु कम से कम एक कर्मचारी की व्यवस्था किये जाने के उददे्श्य से म.प्र. शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पत्र क्रमांक एफ 2/12/22/पं-1/95 दिनांक 12 सितम्बर 1995 को पंचायतकर्मी योजना लागू की गई थी, जिसमें ग्राम पंचायतों को पंचायतकर्मी नियुक्त किये जाने के अधिकार दिये गये थे। विधान सभा क्षेत्र 162 राजगढ़ अंतर्गत वर्ष 1995-96 में अधिकतम 89 पंचायतकर्मी की नियुक्ति की गई। (ख) पंचायतकर्मी योजना 1995 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं था। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं।
अतिरिक्त स्टाम्प शुल्क वसूली राशि की उपयोगिता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
32. ( क्र. 4078 ) श्री जयसिंह मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला शहडोल के जनपद पंचायत बुढ़ार के ग्राम पंचायतों में स्टाम्प शुल्क मद से संचालक पंचायतराज संचालनालय भोपाल द्वारा माह अगस्त 2018 में सामुदायिक भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है, यदि हाँ तो ग्राम पंचायतवार नाम, लागत सहित जानकारी से अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में यदि हाँ तो सामुदायिक भवन निर्माण हेतु राशि जारी करने के नियम क्या है? ग्राम पंचायतवार कितनी-कितनी राशि कब जारी की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) में स्वीकृत सामुदायिक भवन निर्माण हेतु राशि जारी नहीं की गई है? तो कौन-कौन जिम्मेदार है? राशि कब तक जारी की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पंचायतराज संचालनालय स्तर से स्वीकृत सामुदायिक भवन की प्रथम किश्त राशि (कुल स्वीकृत राशि का 50 प्रतिशत) संचालनालय द्वारा निर्माण एजेंसी को अग्रिम जारी की जाती है तथा प्रथम किश्त राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र जिला पंचायत के माध्यम से प्राप्त होने पर संचालनालय द्वारा द्वितीय किश्त राशि जिला पंचायत को जारी की जाती है। शेष जानकारी परिशिष्ट संलग्न अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार स्वीकृत 05 निर्माण कार्यों में से 02 निर्माण कार्य की प्रथम किश्त की राशि जारी की गई है। शेष 03 ग्राम पंचायतों – चकौडिया, मोहतरा एवं घोघरी में सामुदायिक भवन निर्माण कार्य निरस्त हो जाने के कारण राशि जारी नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वाटरशेड द्वारा तालाब निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
33. ( क्र. 4112 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना- वाटरशेड के द्वारा वर्ष 2018 से 2021 तक किन-किन ग्रामों में तालाब निर्माण का कार्य किया गया व उक्त कार्य में कितने रेशो (मजदुरी/मटेरियल) के अनुसार कार्य किया जाना था व किस अनुसार कार्य किया गया प्रत्येक कार्य के खर्च का विवरण उपलब्ध करवाएं। (ख) किन-किन ग्रामों में तालाबों के निर्माण का कार्य किया गया सूची उपलब्ध करवाएं व उस पर कितनी राशि मटेरियल पर व कितनी राशि मजदूरों पर खर्च हुई ग्रामवार उनकी सूची उपलब्ध कराने।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) से (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
कम्पनियों का गठन
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
34. ( क्र. 4113 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितनी कम्पनी का गठन शासन स्तर पर तथा कितनी कम्पनी का गठन स्थानीय शासन (नगर निगम) स्तर पर किया गया? कम्पनी का नाम, गठन की दिनांक तथा उद्देश्य सहित सूची देवें। (ख) क्या कम्पनी द्वारा खरीदी, सेवा लेने तथा सेवा देने पर, विक्रय पर राज्य शासन के भण्डार तथा क्रय के नियम लागू होते हैं या नहीं, यदि कम्पनी में शतप्रतिशत शेयर राशि राज्य शासन की है, तो उस पर क्या शासन के भण्डार तथा क्रय के नियम लागू होना चाहिये या नहीं? (ग) विभाग जो कार्य कर रहा है, उसी तरह का कार्य करने के लिये किसी कम्पनी का गठन करना, क्या स्थापना खर्च में वृद्धि नहीं करेगा? भ्रष्टाचार को बढ़ावा नहीं देगा. तथा पारदर्शिता में कमी तथा सुशासन में गिरावट नहीं करेगा? (घ) कम्पनियां किस नियम से स्वीकृत दर पर खरीदी एवं सेवा प्राप्त कर रही हैं? बिना टेण्डर निकाले स्वीकृत दर पर हजारों करोड़ की खरीदी तथा हजारों करोड़ रूपया सेवा कार्य के लिये भुगतान कैसे कर रहे है? (ड.) अनाप-शनाप खर्च एवं खरीदी का सफेद हाथी बनी क्या इन कम्पनियों को बंद किया जायेगा?
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री ( श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव ) : (क) से (ड.) जानकारी संकलित की जा रही है।
अनियमितता करने वाले दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
35. ( क्र. 4167 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला राजगढ़ अंतर्गत महात्मा गांधी ग्राम स्वरोजगार एवं विकास योजनान्तर्गत वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि ग्राम पंचायत के खाते में प्रदाय की गई? ग्राम पंचायतवार कार्यवार राशि की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ग्राम पंचायतों द्वारा डी.पी.आर. तैयार कराई गई थी, उनके दर्शित स्थान पर पूर्व से ही अन्य मद से कार्य कराया गया था? उसी स्थान की पुनः डी.पी.आर. तैयार कर पंचायत द्वारा राशि आहरण की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार पूर्व से ग्राम पंचायत द्वारा डी.पी.आर. तैयार की गई थी उससे अधिक राशि की पुनः डी.पी.आर. बनाई जाकर राशि आहरण की गई? पंचायत के नाम एवं राशि की जानकारी से अवगत करावें? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार योजनान्तर्गत स्वीकृत कार्य शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड अनुसार नहीं किये जा रहे है? कार्यों का मूल्यांकन और तकनीकी कर्मचारी द्वारा किस आधार पर किया जा रहा है?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जिला राजगढ़ अंतर्गत ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी ग्राम स्वरोजगार एवं विकास योजना अंतर्गत वर्ष 2019-20 में राशि रूपये 545111872/- एवं वर्ष 2020-21 में राशि रूपये 544074482/- प्रदाय की गई है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शासन द्वारा समय-समय पर दिये गये निर्देशानुसार जिले की जनपद पंचायतों की ग्राम पंचायतों द्वारा डी.पी.आर. तैयार किये गये थे। जिले की जनपदों की ग्राम पंचायतों के अंतर्गत पूर्व से अन्य मद से किये गये कार्यों की डी.पी.आर. को शामिल नहीं किया गया है। (ग) जिले की जनपद पंचायतों के अंतर्गत स्वीकृत राशि से अधिक राशि की कोई डी.पी.आर. तैयार नहीं की गई है और न ही अधिक राशि आहरण की गई है। (घ) योजनांतर्गत स्वीकृत कार्य शासन के निर्धारित मापदण्ड अनुसार ही किये जा रहे हैं। तकनीकि कर्मचारी द्वारा कार्यों का मूल्यांकन समय-समय पर शासन द्वारा आदेशानुसार दिये निर्देशानुसार किया जा रहा है।
जय किसान योजनांतर्गत ऋण माफी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
36. ( क्र. 4228 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जय किसान ऋण माफी योजना के अंतर्गत जिला राजगढ़ में किसानों का ऋण माफ हुआ है? (ख) यदि हां, तो राजगढ़ जिले में कुल कितने किसानों का ऋण माफ हुआ है? तहसीलवार लाभांवित किसानों की संख्या तथा माफ की गई ऋण राशि का विवरण दें। (ग) क्या उक्त योजना के ऐसे किसान हैं जिनका ऋण माफी में से नाम छूट गया है? यदि हां, तो राजगढ़ जिले में जय किसान ऋण माफी योजना से वंचित किसानों का तहसीलवार संख्या उपलब्ध करावें वंचित किसानों को कब तक ऋण माफी हेतु धनराशि प्राप्त हो जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
म.प्र. में लोक निर्माण विभाग से रोड स्वीकृत होना
[लोक निर्माण]
37. ( क्र. 4232 ) श्री रघुनाथ सिंह मालवीय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीहोर जिले में विगत 3 वर्षों में लोक निर्माण विभाग से कितने रोड की स्वीकृति मिली? (ख) सीहोर जिले में लोक निर्माण विभाग से 2020-21 में कितने रोड के प्राक्कलन/मांग प्रकरण स्वीकृत हुये हैं? (ग) स्वीकृत हुये तो उन पर क्या कार्यवाही हुयी है? बजट सत्र 2020-21 में आष्टा विधानसभा क्षेत्र के कितने रोड जोड़े गये?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) सीहोर जिले में लोक निर्माण विभाग से वर्ष 2020-21 में 09 मार्गों के प्राक्कलन/मांग प्रकरण स्वीकृत हुए है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' एवं प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार वर्षवार दर्शित है। बजट सत्र 2020-21 में आष्टा विधानसभा क्षेत्र के कोई भी कार्य शामिल नहीं।
स्व-कराधान योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
38. ( क्र. 4233 ) श्री रघुनाथ सिंह मालवीय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा पंचायतों को स्व-कराधान योजना के अन्तर्गत परफार्मेन्स ग्रांट दिये जाने के कोई नियम बनाये हैं? (ख) यदि हाँ तो कब-कब और कौन से नियम बनाये हैं? (ग) क्या शासन को ग्राम पंचायत/जिला सीहोर में नियम विरूद्ध परफार्मेन्स ग्रांट दिये जाने की शिकायत प्राप्त हुई है? (घ) यदि हाँ तो शासन द्वारा नियम विरूद्ध ग्रांट दिलाने वाले अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) परफार्मेन्स ग्रांट नियमानुसार जारी की गई है। अत: किसी अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई।
ई-नाम मंडियों के संदर्भ में
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
39. ( क्र. 4249 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ई-नाम मंडी प्रदेश में स्थापित हैं? यदि हाँ तो मंडी का नाम, श्रेणी ई-नाम मंडी स्थापित करने का दिनांक, नियुक्त कर्मचारी संख्या, लैब स्थापित है अथवा नहीं, ई-नाम के लिये भवन की उपलब्धता सहित पूर्ण विवरण दें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अंतर्गत स्थापित लैब के लिये उपकरणों की खरीदी की गई है? यदि हाँ तो मंडी का नाम उपकरणों की संख्या क्रय दिनांक, सप्लायर एजेन्सी का नाम, क्रय मूल्य, भुगतान दिनांक सहित पूर्ण विवरण दें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) (ख) के अन्तर्गत मंडियों के लैब के सभी उपकरणों का प्रयोग/उपयोग हो रहा है? यदि हाँ तो किन-किन उपकरणों से कौन-कौन सी जाँच कितनी-कितनी संख्या में की गई? यदि नहीं तो अनुपयोगी उपकरणों की खरीदी पर भारी भरकम राशि क्यों खर्च की गई? (घ) उक्त ई-नाम मंडियों में ऐसी भी मंडियां हैं जिसमें कृषि उपज विक्रय के लिये आती ही नहीं हैं? यदि हाँ तो ऐसी मंडियों की सूची दें। ऐसी मंडियों को ई-नाम में जोड़ने का क्या औचित्य है? कारण सहित स्पष्ट करें? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश में मात्र डाटा इन्ट्री की जा रही है? ई-नाम से किसानों का कोई सरोकार प्रदेश में नहीं है, मात्र केन्द्र से प्राप्त राशि का दुरूपयोग किया जा रहा है? क्या इसकी उच्च स्तरीय जाँच शासन करायेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो कारण सहित बतायें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जी हाँ। भारत सरकार की ई-नाम योजना मध्यप्रदेश की मंडियों में दिनांक 14 अप्रैल 2016 से लागू है। वर्तमान में मध्यप्रदेश की 80 मण्डियों में यह योजना स्थापित है। पूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। (ख) जी हाँ। पूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार है। (ग) जी हाँ। मण्डी प्रांगण में विक्रय हेतु आने वाली जिन्सों के अनुरूप जाँच (असेइंग) हेतु आवश्यकतानुसार लैब उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है। प्रदेश की समस्त 80 ई-नाम की मंडियों में 31 जनवरी 2021 तक कुल 26,24,004 लाट्स की असेइंग (जांच) की गई है। क्रय किये गये लैब उपकरणों में कोई भी उपकरण अनुपयोगी नहीं है। पूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 03 अनुसार है। (घ) जी नहीं। मध्यप्रदेश की ई-नाम योजना की समस्त 80 मंडियों में कृषि उपज विक्रय के लिये आती हैं। शेष जानकारी निरंक है। (ड.) ई-नाम योजनांतर्गत प्रदेश में मात्र डाटा इन्ट्री नहीं की जाती है। ई-नाम पोर्टल पर ई-प्लेटफार्म की मदद से ई-ट्रेडिंग में 31 जनवरी 2021 तक प्रदेश की 80 मण्डियों में 21,320 अनुज्ञप्तिधारी व्यापारियों द्वारा 33.69 लाख मैट्रिक टन कृषि जिन्सों का व्यापार किया गया। जिसका मूल्य लगभग 10,723.80 करोड़ रूपये हैं। उक्त अवधि में 30,19,715 कृषकों का पंजीयन e-NAM पोर्टल पर किया गया है। भारत सरकार द्वारा कृषकों की सुविधा के लिये पारम्परिक नीलामी के समानान्तर ई-ट्रेडिंग हेतु e-NAM प्लेटफार्म उपलब्ध कराया गया है। योजना के निर्देशानुसार कार्यवाही किये जाने से राशि के दुरूपयोग का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। शेष जानकारी निरंक है।
ग्राम पंचायत बजरंगढ़ में सड़क एवं नाली निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
40. ( क्र. 4442 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पंचायत बजरंगढ़ (गुना) के आंतरिक मार्ग (बायपास से बायपास तक) सड़क एवं नाली निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ होगा? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या कोई योजना प्रस्तावित है? (ग) यदि हाँ तो शीघ्र ही कार्य प्रारंभ करवाया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) ग्राम पंचायत बजरंगढ (गुना) के आंतरिक मार्ग (बायपास से बायपास तक) सड़क एवं नाली निर्माण कार्य हेतु मुख्यालय के पत्र क्रमांक 3328 दिनांक 22.02.2021 के माध्यम से डी.पी.आर. निर्माण हेतु प्राप्त निर्देशों के क्रम में सर्वे कार्य पूर्ण किया जा चुका है। डी.पी.आर. तैयार होने के उपरांत मुख्यालय भोपाल प्रस्ताव प्रेषित किया जावेगा। स्वीकृति उपरांत शीघ्र निर्माण कार्य प्रारंभ करा दिया जावेगा। (ख) जी हाँ, MPRCP के घटक दोहरी संपर्कता में डी.पी.आर. निर्माण कार्य प्रगतिरत है। (ग) स्वीकृति उपरांत शीघ्र निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा।
अनुकंपा नियुक्ति दिया जाना
[कुटीर एवं ग्रामोंद्योग]
41. ( क्र. 4469 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री दिलीप राठौर को उनके पिता स्व. कैलाश राठौर की वर्ष 2011 में हुई मृत्यु उपरांत अभी तक अनुकंपा नियुक्ति क्यों नहीं प्रदान की गई? इनकी अनुकंपा नियुक्ति के संबंध में वर्ष 2011 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न जनप्रतिनिधियों द्वारा की गई अनुशंसा पर की गई कार्यवाही का विवरण दें। (ख) क्या वर्ष 2014 में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा शासकीय सेवक की सेवाकाल में मृत्यु होने पर अनुकंपा नियुक्ति बाबत दिनांक 29.09.2014 को जारी किये गये एकजाई निर्देश कंडिका 3.2 एवं कंडिका 4.7 में निहित प्रावधानों की तरह सहानुभूतिपूर्वक विचार कर विशेष प्रकरण मानकर अनुकम्पा नियुक्ति दिये जाने का प्रावधान है तथा इसी प्रकार कंडिका 7.8 एवं कंडिका 10.1 अनुसार विभाग में पद रिक्त न होने का प्रमाण पत्र देकर प्रकरण उस जिले के कलेक्टर को भेजा जाना है, जिस जिले में दिवंगत शासकीय सेवक मृत्यु पूर्व पदस्थ था? सामान्य प्रशासन विभाग के इस नियम अंतर्गत कुटीर एवं ग्रामोंद्योग विभाग द्वारा श्री दिलीप राठौर को पिता के स्थान पर अनुकंपा नियुक्ति नहीं दिये जाने के क्या नियमयुक्त, विधियुक्त कारण हैं? (ग) स्व. कैलाश राठौर का आकस्मिक निधन 2011 में होने पर तथा उनके पुत्र को अनुकंपा नियुक्ति का अधिकार होने पर एवं पात्र होने पर भी अभी तक उन्हें अनुकंपा नियुक्ति क्यों प्रदान नहीं की गई जबकि अन्य कर्मचारियों को अन्य विभाग में अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई है? इस विभाग के ऐसे कितने अभ्यार्थी हैं, जिन्होंने अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त करने हेतु आवेदन प्रस्तुत किये हैं तथा कितने अभ्यार्थियों ने माननीय उच्च न्यायालय में अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त करने के लिये याचिका दायर की है, याचिकाकर्ता का नाम, पता एवं पिटीशन क्रमांक/वर्ष सहित जानकारी देवें। (घ) श्री दिलीप राठौर को राज्य बुनकर सहकारी संघ भोपाल में या अन्य विभाग में कब तक अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) श्री दिलीप राठौर के पिता स्व. श्री कैलाश राठौर म.प्र. राज्य हथकरघा बुनकर संघ मर्यादित जबलपुर के कर्मचारी थे। म.प्र. राज्य हथकरघा बुनकर सहकारी संघ को पंजीयक सहकारी संस्थाएं म.प्र. के आदेश दिनांक 26/8/2010 से परिसमापन में लाया गया है। संघ के परिसमापन अंतर्गत संघ के अधिकारियों/कर्मचारियों के लिये स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना लागू की गयी है जिसमें 147 कर्मचारियों को स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति दी जा चुकी है। संघ के परिसमापन की कार्यवाही के कारण श्री दिलीप राठौर को अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी गई है। अनुकंपा नियुक्ति हेतु माननीय श्री लालसिंह आर्य, तत्कालीन राज्यमंत्री सामान्य प्रशासन विभाग का पत्र दिनांक 23/5/2015 एवं माननीय श्री पी.सी. शर्मा तत्कालीन मंत्री, विधि विधायी कार्य एवं जनसम्पर्क की टीप दिनांक 17/1/2019 एवं माननीय श्री रामकिशोर कावरे, राज्यमंत्री आयुष (स्वतंत्र प्रभार) की टीप दिनांक 13/1/2021 प्राप्त हुई थी। पत्र/टीप के अनुक्रम में उक्तानुसार वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया है। (ख) जी हाँ, किन्तु स्व. श्री कैलाश राठौर शासकीय सेवक नहीं थे। (ग) संघ में किसी कर्मचारी को अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी गयी है। संघ में अभी तक 13 कर्मचारियों की मृत्यु हुई है, उनके परिजनों द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति हेतु आवेदन किया है तथा 3 कर्मचारियों के परिजनों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ठेकेदार को बकाया राशि का भुगतान
[लोक निर्माण]
42. ( क्र. 4480 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पी.आई.यू. बैतूल में जनसम्पर्क विभाग के भवन का आधिपत्य जनसम्पर्क विभाग को सौंपे जाने के बाद भी अनुबंधकर्ता ठेकेदार को प्रश्नांकित दिनांक तक बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में पी.आई.यू. ने भवन का आधिपत्य किस दिनांक को जनसम्पर्क विभाग को सौंपा उसका उद्घाटन दिवस पर किस ठेकेदार को किस-किस कार्य की कितनी राशि का भुगतान बकाया था? वर्तमान में कितनी राशि का भुगतान किन-किन कारणों से बकाया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में भवन का आधिपत्य जनसम्पर्क विभाग को सौंपे जाने के बाद भी बिलों का भुगतान बकाया होने के लिये कौन-कौन से अधिकारी जिम्मेदार हैं? उनके विरुद्ध शासन क्या-क्या कार्यवाही कर रहा हैं? बकाया बिलों का भुगतान कब तक करवाया जायेगा? (घ) बैतूल जिले में जनसम्पर्क विभाग के भवन एवं बाउण्ड्रीवाल के लिए म.प्र. शासन जनसम्पर्क विभाग राज्य मंत्रालय भोपाल ने किस-किस पत्र क्रमांक दिनांक से कितनी लागत के कार्य की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान करने की जानकारी पी.आई.यू. बैतूल को प्राप्त हुई है।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कोई अधिकारी जिम्मेदार नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष बिल का भुगतान आवंटन प्राप्त होने पर किया जावेगा। (घ) जनसंपर्क कार्यालय भवन बैतूल के निर्माण कार्य हेतु प्रशासकीय स्वीकृति म.प्र. शासन जनसंपर्क विभाग मंत्रालय भोपाल का पत्र क्रमांक 3-42/2017/ज.स./24 भोपाल दिनांक 21.08.2017 के द्वारा 50.00 लाख रुपये की प्रदाय की गयी एवं उक्त कार्य का पुनरीक्षित तकनीकी स्वीकृति प्रदाय कर पुनरीक्षित प्राक्कलन राशि रू. 64.21 लाख का मय-बाउण्ड्रीवॉल निर्माण सहित जनसंपर्क विभाग को प्रेषित किया गया। जनसंपर्क विभाग द्वारा उनके पत्र क्र. 5-24/2020/ज.स./24 भोपाल दिनांक 19.03.2020 द्वारा रू.14.21 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदाय की गई। इस प्रकार कुल प्रशासकीय स्वीकृति 50.00+14.21 = रू. 64.21 लाख दिनांक 22.01.2021 को प्राप्त हुई।
PMR रोड में की गई अनियमिततायें
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
43. ( क्र. 4482 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पांढुरना विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2020 में प्रधानमंत्री सड़क योजना के 11 विकासखण्ड में से 7 विकासखण्ड के टेन्डर लगे 4 विकासखण्ड के टेन्डर क्यों नहीं लगे? टेन्डर कब तक लगेंगे? कार्य कब तक पूर्ण होगा? (ख) (1) मैनीखापा से नान्दनवाडी (2) मोहखेड से कामरी बैतूल (3) पालाखेड, रजाडा, सिमरिया में सभी रोडों का काम कब शुरू होगा? (ग) प्रधानमंत्री सड़क योजना डबल कनेक्टिविटी में प्रस्तावित है? (1) चिमनखापा से भैसाडोंगरी (2) पटारा से पिटेर (3) बैतूल रोड टिकाडी (4) महलारी बाकुल से जापदेई? कब तक पूर्ण होगी?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) प्रश्नाधीन 4 विकासखण्डों के प्रस्ताव अभी स्वीकृति प्राप्त न होने के कारण टेण्डर नहीं लगे है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) वर्तमान में प्रस्ताव स्वीकृति हेतु भारत सरकार के परीक्षणाधीन होने से समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनियमितता की जाँच कराये जाना
[लोक निर्माण]
44. ( क्र. 4494 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. सिंगरौली के क्षेत्रीय सीमा में श्री प्रदीप चढ़ार (सहायक यंत्री) अपने नियुक्ति वर्ष 2012 से अब तक लगातार पदस्थ हैं, प्रोवेशन पीरियड खत्म होने के बाद जुलाई, 2019 से प्रभारी संभागीय परियोजना यंत्री के पद पर वहीं पदस्थ किया गया है, विभाग एवं शासन का इन्हें लगातार एक स्थान में पदस्थ रखने में रूचि रखने का क्या कारण है? (ख) क्या सिंगरौली पी.आई.यू. अंतर्गत डी.एम.एफ. फंड से निर्मित गोदामों के कार्यों में ड्राइंग डिजाइन एवं स्पेशिफिकेशन से हटकर बिना तकनीकी जाँच रिपोर्ट के बिल भुगतान किया गया है क्या ज्यादातर कार्यों में एक ही संविदाकार महेन्द्र सिंह जाट (हरियाणा) है जिसके साथ डी.पी.ई. प्रदीप चढ़ार की सहभागिता है? संविदाकार महेन्द्र सिंह जाट हरियाणा के BID पूरा करने के लिए डी.पी.ई. प्रदीप चढ़ार ने गलत जानकारी देकर प्रमाणित किया है? (ग) क्या महेन्द्र सिंह जाट हरियाणा के कार्यों में उसे लाभ पहुंचाने के लिए डी.पी.ई. प्रदीप चढ़ार ने लोक निर्माण विभाग (भ/स) के सहायक यंत्री तेजस्वनी शुक्ला एवं उपयंत्री संजय श्रीवास्तव को मूल स्थापना से अलग अनुशंसा कर अतिरिक्त प्रभारी के रूप में बिलों के भुगतान में शामिल किया है? क्या उन सभी भुगतान की जाँच की जायेगी? क्या तहसील बहरी अन्तर्गत नव निर्मित रेस्ट हाउस के निर्माण में उपयोग की गई सामग्री गुणवत्ताविहीन है। जाँच कराकर दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के अनुसार विशेष जाँच दल गठित की जाकर जाँच कराई जायेगी? यदि हाँ तो कब तक दोषी व्यक्तियों/फर्म/संस्था पर कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। प्रशासनिक व्यवस्था के तहत। (ख) जी नहीं। जी नहीं। जी नहीं। (ग) जी नहीं। जी नहीं। प्रश्न ही नहीं उठता है। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
कर्जमाफी योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
45. ( क्र. 4542 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक किसान कर्ज माफी योजना में कुल कितना ऋण माफ हुआ है? कुल राशि बतावें तथा ग्वालियर जिले की तहसीलवार संख्या बतावें। (ख) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में किसानों के कल्याण के लिये कौन-कौन सी योजनायें 1 अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक तक चलाई गई थी तथा चलाई जा रही है? उन योजनाओं में कितने हितग्राहियों को क्या-क्या लाभ दिया गया है? योजनावार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ग) ग्वालियर जिले में कृषि विभाग में कौन-कौन कर्मचार/अधिकारी पदस्थ हैं उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक, मुख्यालय बतावें? ऐसे कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी हैं जिन्हें ग्वालियर जिले में 5 वर्ष या उससे अधिक हो चुके हैं उनका नाम, पद, पदस्थापना स्थान बतावें? (घ) ग्वालियर जिले में 1 अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितना-कितना वित्तीय आवंटन किस-किस योजना (मद) में प्राप्त हुआ है उनका किस-किस निर्माण कार्यों में किस-किस स्थान पर कितना-कितना व्यय किया गया है योजना वाईज अलग-अलग पूर्ण विवरण दें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कृषि उपज मण्डियों में कराये गये निर्माण कार्य
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
46. ( क्र. 4547 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले की कृषि उपज मण्डी समितियों में 1 अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या निर्माण कार्य, किस-किस निधि से कितनी-कितनी लागत से किस-किस स्थान पर किस-किस कर्मचारी, अधिकारी/यंत्री के सुपरवीजन में कराये गये है तथा कराये जा रहे है? कार्यों की प्रश्न दिनांक में भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त मण्डियों में 1 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस मण्डी में किस-किस फसल उत्पादन की कितनी-कितनी आवक हुई तथा उक्त आवक से मण्डी को कितना-कितना राजस्व प्राप्त हुआ प्रत्येक मण्डीवाईज एवं वित्तीय वर्षवाईज अलग-अलग जानकारी दें। (ग) ग्वालियर जिले में कार्यालय में एवं जिले में किस-किस मण्डी में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्त है उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक, मुख्यालय दें। इन मण्डियों में एवं कार्यालयों में कितने-कितने पद किस-किस स्तर के कर्मचारियों/अधिकारियों के स्वीकृत है? उनमें कितने पद भरे है तथा कितने पद रिक्त है? इन रिक्त पदों को कब तक भर लिया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) ग्वालियर जिले की कृषि उपज मण्डी समितियों में प्रश्नांकित अवधि में कराये गये निर्माण कार्यों का निधिवार, लागतवार तथा स्थानवार तथा जिन कर्मचारी/अधिकारी के सुपरविजन में कार्य कराये गये/कराये जा रहे हैं की जानकारी कार्यों की भौतिक/वित्तीय स्थिति सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में मण्डीवार आवक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है तथा प्राप्त राजस्व की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) ग्वालियर जिले के अंतर्गत मण्डी बोर्ड, आंचलिक कार्यालय, ग्वालियर का प्रश्नांकित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। मण्डी बोर्ड, तकनीकी संभाग, ग्वालियर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 एवं विद्यमान मंडियों कर जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है तथा उल्लेखित कार्यालयों में स्वीकृत/भरे/रिक्त पदों की जानकारी कार्यालयवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-7 अनुसार है।
औद्योगिक इकाई को प्रदूषित जल उपचार हेतु देय अनुदान
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
47. ( क्र. 4556 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरकार द्वारा एकल प्रदूषित जल उपचार संयंत्र हेतु औद्योगिक इकाई को कितना अनुदान दिया जाने का प्रावधान हैं? (ख) वर्तमान में सरकार के पास अनुदान हेतु, किस-किस औद्योगिक इकाई का प्रकरण, कितने-कितने समय से, किस-किस स्तर पर, किन-किन कारणों से लंबित है तथा उक्त लंबित प्रकरणों का निस्तारण कितनी-कितनी अवधि में किया जाकर अनुदान की राशि का भुगतान कर दिया जायेगा? (ग) क्या सरकार उक्त संयंत्रों हेतु अनुदान की राशि का राज्यांश प्रतिशत बढ़ाने एवं अधिकतम अनुदान राशि की सीमा बढ़ाने का विचार कर रही हैं? यदि हाँ, तो कितना प्रतिशत एवं कितनी राशि तक व नहीं, तो किन-किन कारणों से?
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री ( श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव ) : (क) उद्योग संवर्धन नीति 2014 (यथा संशोधित 2020) के प्रावधान अनुसार वृहद श्रेणी की विनिर्माण इकाइयों को अपशिष्ट प्रबंधन, प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा उपकरण तथा जल संरक्षण उपायों की स्थापना पर किये गये व्यय का 50 प्रतिशत अधिकतम रूपये 1.00 करोड़ की सहायता प्रदान किये जाने का प्रावधान है। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा किसी भी एकल दूषित जल उपचार संयंत्र के लिए अनुदान नहीं दिया जाता है। (ख) वर्तमान में एम.पी.आई.डी.सी. में वृहद श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों के द्वारा अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों की स्थापना पर हुये व्यय की प्रतिपूर्ति अंतर्गत कोई भी स्वीकृत प्रकरण भुगतान हेतु लंबित नहीं होने से शेष प्रश्न लागू नहीं। (ग) उद्योग संवर्धन नीति में वर्तमान प्रावधानों के दृष्टिगत जी नहीं।
सेस्बानिया रोश्ट्राटा बीज खरीदी एवं शिकायतों की जाँच और कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
48. ( क्र. 4585 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में वर्ष 2015-16 से 2019-20 की अवधि में हरी खाद-बीज (सेस्बानिया, रोश्ट्राटा-बीज) खरीदी के लिए वर्षवार कितनी राशि स्वीकृत की गयी तथा उस राशि से किस संस्था से बीज क्रय किया गया और उस संस्था को कितना भुगतान किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) बीजों की जांच/परीक्षण के संबंध में जारी शासनादेश और मार्गदर्शी निर्देश बताइये और क्या क्रय किए गए बीजों की डीएनए जाँच सहित अन्य जांच/परीक्षण कराये गए? यदि हाँ, तो नमूने कब-कब लिए गए? जाँच के क्या परिणाम रहें, यदि नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) बीजों की आपूर्ति किस संस्था द्वारा किस दर पर कब कराई गई, बीजों का भौतिक सत्यापन किन शासकीय सेवकों द्वारा किया गया? (घ) क्या बीजों के नकली, घटिया और अधिक मूल्य पर क्रय किए जाने संबंधी ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक-372, के तारतम्य में संचालक कृषि के संयोजन में गठित जांचदल/समिति की बैठक दिनांक 02/02/2020 के निर्देशानुसार जांच/कार्यवाही पूर्ण हो गयी हैं? हाँ, तो विवरण बताइये, नहीं तो क्यों? (ङ) प्रश्नांश (घ) समिति की अनुशंसाओं पर प्रश्न दिनांक तक किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा कब-कब, किन-किन बिंदुओं पर जाँच की गयी और क्या जांच प्रतिवेदन कब-कब, किन सक्षम प्राधिकारी को प्रदाय किए गए? जांच प्रतिवेदनों पर की गयी कार्यवाही से अवगत कराइए।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) वर्ष 2015-16 से 2019-20 की अवधि में परियोजना संचालक (आत्मा), जिला कटनी द्वारा हरी खाद बीज (सेस्बानिया, रोस्ट्राटा-बीज) का क्रय नहीं किया गया है। अत: शेष का प्रश्न ही नहीं उठता। (ख) वर्ष 2015-16 से 2019-20 की अवधि में संचालित योजनाओं के मार्गदर्शी निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। प्रश्नांश (क) अनुसार शेष का प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शेष का का प्रश्न ही नहीं उठता। (घ) ध्यानाकर्षण सूचना क्र. 372, के तारतम्य में गठित जाँच दल/समिति की बैठक के निर्देशानुसार जाँच प्रक्रियाधीन है। समिति की अनुशंसाओं पर संबंधितों से जानकारी प्राप्त करने हेतु पत्राचार किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ड.) प्रश्नांश (घ) समिति की अनुशंसाओं पर संबंधितों से जानकारी प्राप्त करने हेतु पत्राचार किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। संबंधितों से जानकारी प्राप्त होने पर प्राप्त जानकारी के आधार पर जाँच की कार्यवाही की जावेगी।
विभाग द्वारा किए गये कार्य और योजनाओं का क्रियान्वन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
49. ( क्र. 4586 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के विधानसभा क्षेत्र मुड़वारा में विगत-02 वर्षों में मनरेगा मद से जनपद पंचायतवार कितनी लागत के कितने सामुदायिक कार्य स्वीकृत किए गए संख्या बतावें? किन सक्षम प्राधिकारियों द्वारा किन निर्देशों से कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गयी? कार्यों की वर्तमान में भौतिक स्थिति संख्यात्मक जानकारी से अवगत कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) मनरेगा मद के कार्यों को कराये जाने हेतु जनपद स्तर से तकनीकी अधिकारियों की पृथक से नियुक्ति की गयी हैं? यदि हाँ, तो क्यों? नहीं तो ऐसा न होना सत्यापित किया जायेगा? (ग) कटनी जिले की जनपद पंचायतों में किन-किन पदनाम के कौन-कौन तकनीकी शासकीय सेवक मनरेगा कार्यों हेतु कब से पदस्थ/कार्यरत हैं? इनके क्या दायित्व हैं? (घ) मनरेगा मद के किन-किन कार्यों को किस अनुपात में किस प्रकार स्वीकृत किए जाने के निर्देश हैं? क्या कटनी जिले में जनवरी 2019 से मनरेगा मद के कार्यों की स्वीकृति नियत मापदण्डों और निर्धारित अनुपात के अनुसार हैं? यदि हाँ, तो कैसे? नहीं तो क्या कार्यवाही की जायेंगी? (ङ) क्या मनरेगा मद के कार्यों में अनियमितताओं के कई प्रकरण कार्यवाही हेतु जिला पंचायत कटनी में लंबित हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन से एवं क्या प्रकरण कब से प्रचलन में हैं, जांचकर्ता अधिकारियों द्वारा क्या-क्या प्रतिवेदन किन सक्षम अधिकारियों को कब-कब प्रस्तुत किए गये? सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गयी? प्रकरणवार बताएं।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) विधानसभा क्षेत्र मुडवारा अंतर्गत मनरेगा योजना से राशि रू. 1557.39 लाख के 510 कार्य स्वीकृत किये गये। जनपद पंचायतवार वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। विभाग के पत्र क्र. 7244/22/ वि-10/ग्रायांसे/2016 भोपाल दिनांक 09.12.2016 द्वारा जारी निर्देशों के अनुक्रम में सक्षम प्राधिकारियों द्वारा कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गयी, विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जी नहीं। जनपद स्तर से तकनीकी अधिकारियों की नियुक्ति किये जाने का प्रावधान नहीं है। (ग) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) मनरेगा के तहत स्थल की भौगोलिक स्थिति एवं कार्यों की प्रकृति के अनुरूप तकनीकी अमले द्वारा स्थल निरीक्षण कर कार्यों की तकनीकी स्वीकृतियां प्रदत्त की जाती है, जिसमें तदनुरूप ही श्रम सामग्री अनुपात निर्धारित किया जाता है। ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा मनरेगा योजना क्रियान्वयन हेतु जारी मास्टर परिपत्र वर्ष 2018-19 के पैरा 7.1.2 अनुसार मजदूरी सामग्री अनुपात 60:40 का संधारण कार्यवार न होकर जिला स्तर पर 60:40 के श्रम सामग्री अनुपात का संधारण करते हुये सक्षम प्राधिकारियों द्वारा कार्यों की स्वीकृतियां जारी की गई है। (ङ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
शिकायतों पर जाँच न करने
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
50. ( क्र. 4593 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला उज्जैन सी.एस.आर. एक्ट 2013 के तहत मेसर्स ग्रेसिम इंडस्ट्री बिड़ला ग्राम नागदा ने उक्त कानून के तहत नागदा तथा आस-पास के आंचलिक क्षेत्रों में गत पाँच वर्षों में प्रत्येक वर्ष अनुसार कितनी-कितनी राशि के विकास कार्य किए है? (ख) क्या नागदा शहर एवं आस-पास के क्षेत्रों में ग्रेसिम के द्वारा सी.एस.आर. के तहत किए गए कार्यों में घोटाले के आरोप तथा सी.एस.आर. राशि का धरातल पर भौतिक सत्यापन करने की मांग को लेकर कलेक्टर उज्जैन को वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई थी? (ग) क्या उक्त शिकायतों पर कार्यवाही की गई थी? हाँ या नहीं यदि हाँ तो कार्यवाही से संबंधित विवरण उपलब्ध कराएँ। यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें? (घ) जनसरोकार से जुड़ी शिकायतें कितने दिनों से लंबित पड़ी है? क्या सक्षम अधिकारी द्वारा उक्त शिकायतों का समय-सीमा पर जाँच न करने वाले अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री ( श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव ) : (क) वांछित जानकारी का संधारण विभाग द्वारा नहीं किया जाता है। कंपनी अधिनियम भारत शासन द्वारा प्रशासित है। (ख) कार्यालय कलेक्टर जिला उज्जैन से प्राप्त जानकारी क्रमांक/शिकायत/विधानसभा/ 2021/1965, दिनांक 09/03/2021 अनुसार निरंक शिकायतें प्राप्त हुई है। संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में असंबंधित।
सरपंच एवं पंच के मानदेय/भत्ता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
51. ( क्र. 4597 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों के सरपंच एवं पंचों को पंचायत की बैठकों में भाग लेने के लिए सालाना भत्ता/मानदेय प्रदाय किया जाता है? यदि हाँ तो कितना नियम की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में छतरपुर जनपद अंतर्गत आने वाली प्रत्येक पंचायतों में जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक उक्त बैठकों हेतु प्रत्येक पंच/सरपंचों के भत्ता/मानदेय हेतु कितनी-कितनी राशि कब-कब जनपद पंचायत छतरपुर को प्राप्त हुई? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में छतरपुर जनपद अंतर्गत जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक प्रत्येक पंच/सरपंच ने कुल कितनी बैठकों में भाग लिया उनका कितना मानदेय/भत्ता बनता था? पंचायत अनुसार नामवार जानकारी प्रदाय करें। प्राप्त राशि में कब-कब एवं कितनी-कितनी उनके खातों में आंतरित की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुक्रम में प्रश्न दिनांक तक कितने पंचो/सरपंचों का उक्त भत्ता/मानदेय शेष है, शेष रहने का क्या कारण है? क्या भत्ता/मानदेय हेतु प्राप्त राशि का अन्य मदों में उपयोग किया गया यदि हाँ तो किसमें एवं किस नियम से किया गया? किस सक्षम अधिकारी ने इसकी अनुमति प्रदाय की?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार हैं। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में जनपद पंचायत छतरपुर अंतर्गत जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक पंच/सरपंचों ने बैठक में भाग लिये जाने तथा पंचों को बैठकों के अनुसार निर्धारित मानदेय की राशि एवं भुगतान की गई राशि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है तथा सरपंचों को प्रदाय किए जाने वाले मानदेय एवं भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार हैं। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुक्रम में सरपंच/पंचों शेष रहे भत्ता/मानदेय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' के कॉलम-21 अनुसार हैं। शेष रहने का कारण मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत द्वारा कोषालय में विलंब से देयक प्रस्तुत करने के कारण कोषालय द्वारा देयक निरस्त करने से राशि लेप्स होना रहा हैं। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता हैं।
रतलाम यात्रा के दौरान औद्योगिक पार्क की घोषणा
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
52. ( क्र. 4618 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री जी ने रतलाम यात्रा के दौरान मुम्बई दिल्ली 08 लेन से लगा हुआ 1800 हेक्टेयर का औद्योगिक पार्क बनाने की घोषणा कि यदि हाँ तो इस औद्योगिक पार्क हेतु किस-किस गांव में शासकीय एवं निजी जमीन उपयोग में ली जायेगी? (ख) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1100 दिनांक 18.03.2020 के खण्ड (घ) में यह उत्तर दिया था कि ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधिन नहीं है यदि हाँ तो बतावें की क्या यह सही है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पार्क के निर्माण में लगभग 05 हजार करोड़ से अधिक का खर्च आयेगा बतावें कि इस स्थिति में फंड की व्यवस्था कैसे की जावेगी तथा पार्क निर्माण का कार्य कब से शुरू होगा और कब पूर्ण होगा? (घ) क्या मुख्यमंत्री जी की घोषणा का क्रियान्वयन किस-किस प्रकार किया जायेगा तथा शासन स्तर पर ऐसी कोई प्रक्रिया विचाराधीन है तो प्रस्तावित पार्क का नक्शा प्रदान करें तथा इस पर होने वाली कार्यवाही की अध्ययन स्थिति से अवगत कराएं?
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री ( श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव ) : (क) जी हाँ, माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा दिनांक 04/02/2021 को रतलाम यात्रा के दौरान मुम्बई दिल्ली एक्सप्रेस-वे के निकट 1800 हेक्टेयर भूमि में औद्योगिक पार्क बनाने की घोषणा की गई। औद्योगिक पार्क हेतु ग्राम बिबडोद, जामथुन, जुलवानिया, पलसोढी, रामपुरिया एवं सरवनीखुर्द की शासकीय भूमि प्रस्तावित है, इन्ही ग्रामों की जो भूमि आवश्यक होगी नियमानुसार अधिग्रहित की जायेगी। (ख) जी हाँ, तत्समय में राज्य शासन द्वारा रतलाम में लॉजिस्टिक पार्क खोले जाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं था। (ग) उल्लेखित पार्क की योजना अभी प्रारंभिक स्थिति में है, अत: लागत का अनुमान नहीं किया जा सकता तथा इस कारण से वित्तीय व्यवस्था के स्त्रोत का निर्धारण नहीं किया जा सकता और औद्योगिक पार्क प्रारंभिक स्थिति में होने के कारण कार्य प्रारंभ होना एवं पूर्ण होने का आंकलन नहीं किया जा सकता। (घ) माननीय मुख्यमंत्रीजी की घोषणा के परिप्रेक्ष्य में योजना को क्रियान्वयन करने हेतु भूमि का चयन एवं परियोजना प्रतिवेदन तैयार करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
व्यापम द्वारा आयोजित परीक्षा में अनियमितता
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
53. ( क्र. 4619 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1101 दिनांक 18.03.2020 के तारतम्य में व्यापम द्वारा वर्ष 2008 से 2013 में रोल न. सेटिंग के आधार पर एस.टी.एफ. द्वारा किस-किस वर्ष पर प्रकरण दर्ज किये गये। क्या यह सही है कि 2012-13 में जिस आधार पर प्रकरण दर्ज किये गये उस आधार पर वर्ष 2008 से 11 में दर्ज नहीं किये गये? (ख) क्या रोल नम्बर सेटिंग से फर्जीवाड़े की जाँच व्यापम द्वारा वर्ष 2014-15 में कि गई यदि हाँ तो बतावें कि पुलिस विभाग को इन वर्षों की जाँच के आधार पर प्रकरण दर्ज करने हेतु पत्र लिखा गया तो उसका विवरण देवें? (ग) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1099 दिनांक 18.03.2020 के खण्ड (ग) के सन्दर्भ में बताएं कि अंतिम रूप से चयनित विद्यार्थी के काउन्सलिंग के दौरान दस्तावेजों के परीक्षण में 10वीं तथा 12वीं के दस्तावेज पेश नहीं करते है यदि नहीं करते है यदि नहीं तो उनकी जन्म दिनांक का मूल्यांकन कैसे किया जाता है तथा परीक्षा में शामिल होने के लिये 12वीं की परीक्षा के न्यूनतम प्राप्तांक की शर्त का मूल्यांकन कैसे किया जाता है। (घ) क्या वर्ष 2008 से 2011 में हुये फर्जीवाड़े में अपराधिक प्रकरण शासन के पत्र क्रमांक 1277/CMS/PRS/2019 दिनांक 01.08.2019 के परिपालन में नहीं किया गया यदी हाँ तो उक्त पत्र का विवरण देवें।
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभागीय योजनाओं की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
54. ( क्र. 4634 ) श्री पंचूलाल प्रजापति : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में विभाग की कितनी केन्द्र पोषित एवं कितनी राज्य पोषित योजनाएं संचालित हैं तथा उक्त योजनाओं में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितना आवंटन प्राप्त हुआ तथा कितने-कितने किसान किस-किस प्रकार से लाभान्वित हुये? (ख) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन में कृषि साहित्य के लिये कितनी राशि आवंटित की गई है तथा कितना साहित्य किन-किन संस्थाओं से मंगाया गया तथा कितने कृषकों को वितरित किया गया? लाभान्वित कृषकों की संख्या उपलब्ध करावें? (ग) मनगवां विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने कृषक पंजीकृत हैं तथा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना अन्तर्गत कितने कृषकों को लाभान्वित किया गया है तथा कितने कृषक किस वजह से शेष रह गये है? (घ) मनगवां विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अन्तर्गत वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने कृषकों का फसल बीमा कराया गया है तथा कितने कृषक फसल बीमा योजना से लाभान्वित हुये?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जिले में विभाग अंतर्गत केन्द्र पोषित एवं राज्य पोषित संचालित योजनाओं में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक केन्द्रीय योजनाओं में 4213.769 लाख एवं राज्य पोषित योजनाओं में 290.12 लाख का आवंटन प्राप्त हुआ है। कृषकों को बीज अनुदान, सिंचाई यंत्र, प्रदर्शन (डीबीटी), बायोगैस, नलकूप, कृषक प्रशिक्षण, भ्रमण एवं प्रचार प्रसार से लाभान्वित किए गये हितग्राहियों की संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जिले में विभाग के कृषि अभियांत्रिकी द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ख) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना अंतर्गत कृषि साहित्य के लिए वर्ष 2018-19 में 13.86 लाख, वर्ष 2019-20 में 16.24 लाख एवं वर्ष 2020-21 में 31.78 लाख राशि जिले को आवंटित की गई है। कृषि साहित्य मंगाए जाने की संस्थावार जानकारी एवं साहित्य कृषकों को वितरित की संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारियों एवं क्षेत्रीय अमले के द्वारा आयोजित मेला, प्रदर्शनी, किसान संगोष्ठी, शिविर एवं प्रशिक्षण आदि में साहित्य वितरण कृषकों को किया गया। (ग) रीवा जिले के मनगवां विधानसभा अंतर्गत कुल 39264 कृषक पंजीकृत हैं तथा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना अंतर्गत 22368 कृषकों को लाभान्वित किया गया है तथा 16896 कृषक परिवार अपात्र होने से शेष है। (घ) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत विधानसभा मनगवां में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक 22798 बीमित कृषक है तथा 3235 कृषक फसल बीमा से लाभान्वित हुए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 'ए' एवं 'बी' अनुसार है।
8 लेन निर्माण के वाहनों से खराब हुई सड़के
[लोक निर्माण]
55. ( क्र. 4640 ) श्री मनोज चावला : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले से निकलने वाले 8 लेन एक्सप्रेस वे निर्माण कार्य में चल रहे डंपर द्वारा विभाग की कितनी और कौन-कौन सी सड़के जीर्ण-शीर्ण हो गई है? सूची देवें। (ख) बताएं कि विभाग द्वारा निर्मित रोड पर कितनी क्षमता के वाहन चलाने की अनुमति है उक्त 8 लेन निर्माण कार्य में क्षमता से अधिक लोड वाले वाहन सड़कों पर चलाए जा रहे है इस संबंध में विगत वर्षों में कभी कोई नोटिस, कार्यवाही विभाग द्वारा की गई है यदि है तो विवरण उपलब्ध कराएं और यदि नहीं तो अभी तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं कि गई है? (ग) उक्त निर्माण कार्य से होने वाले सड़कों के नुकसान के लिए कौन जिम्मेदार हैं प्र. के अंतर्गत सड़कों को सही करवाने का कार्य किसका है और यह कार्य कब तक करा दिया जाएगा? (घ) प्र.क्र. 630, दि. 30/12/20 में कहा गया कि उक्त कार्य क्षेत्र विभाग अन्तर्गत नहीं आता है तो बताएं कि उक्त कार्य क्षेत्र किसके अन्तर्गत आता है और इसकी जानकारी कौन सा विभाग संधारित करता है? (ड.) बताएं कि क्या 8 लेन निर्माण कंपनी द्वारा निर्माण कार्य में विभाग की सड़कों पर वाहन चलाने के लिए अनुमति ली गई थी यदि हाँ तो उसका विवरण देवें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) 80 किलो न्यूटन प्रत्येक एक्सल के वजन के वाहन, जी हाँ। जी हाँ। नोटिस पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जी हाँ। भारत सरकार के उपक्रम भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अन्तर्गत आता है एवं जानकारी भी उन्हीं के द्वारा संधारित की जाती है। (ड.) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
8 लेन निर्माण में खराब हुई सड़कों
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
56. ( क्र. 4641 ) श्री मनोज चावला : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले से निकलने वाली 8 लेन एक्सप्रेस वे निर्माण कार्य में चल रहे डंपरो/वाहनों द्वारा विभाग की कितनी और कौन-कौन सी सड़के किस-किस जगह जीर्ण-शीर्ण हो गई है? सूची उपलब्ध कराएं। (ख) बताएं कि विभाग द्वारा निर्मित रोड पर कितनी क्षमता/टन के वाहन चलाने की अनुमति हैं? उक्त 8 लेन निर्माण कार्य में क्षमता से अधिक लोड वाले वाहन सड़कों पर चलाए जा रहें हैं, इस संबंध में कभी को नोटिस/कार्यवाही विभाग द्वारा की गई है? यदि हाँ तो विवरण उपलब्ध कराएं और यदि नहीं तो अभी तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? (ग) बताएं कि उक्त निर्माण कार्य से होने वाले सड़कों के नुकसान के लिए कौन जिम्मेदार है? प्रश्नांश (क) अंतर्गत उल्लेखित सड़कों की मरम्मत/सही करवाने का कार्य किसका है और यह कार्य कब तक करा दिया जाएगा? (घ) बताएं कि क्या 8 लेन निर्माण कंपनी द्वारा निर्माण कार्य में विभाग की सड़कों पर वाहन चलाने के लिए अनुमति ली गई थी? यदि हाँ तो उसकी प्रतिलिपि देवें और यदि अनुमति नहीं ली गई तो किसके आदेश से क्षमता से अधिक भार वाले वाहन सड़कों पर चल रहे है?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) रतलाम जिले से निकलने वाली 8 लेन एक्सप्रेस वे निर्माण कार्य में चल रहे डम्परों/वाहनों द्वारा विभाग की 22 सड़के विभिन्न स्थानों पर प्रभावित हुई हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा निर्मित रोड पर 8 टन की क्षमता वाले वाहनों के लिये बनाई गई हैं। (छायाप्रति संलग्न) हाँ। 8 लेन निर्माण कार्य क्षमता से अधिक लोड वाले वाहनों को सड़को पर चलाये जाने के संबंध में जैसे-जैसे प्राधिकरण की परियोजना क्रियान्वयन इकाई रतलाम के संज्ञान में आया तदोपरान्त प्रशासनिक अधिकारियों एवं प्रोजेक्ट डायरेक्टर एन.एच.आई. परियोजना क्रियान्वयन इकाई रतलाम को कार्यवाही करने हेतु निम्नानुसार पत्र लिखे गये है। अनुविभागीय अधिकारी जावरा (1) पत्र क्र. 174 दिनांक 25.01.2020 (2) पत्र क्र. 699 दिनांक 16.06.2020 (3) पत्र क्र. 1134 दिनांक 04.09.2020 से प्रोजेक्ट डायरेक्टर एन.एच.आई. परियोजना क्रियान्वयन इकाई रतलाम (4) पत्र क्र. 1163 दिनांक 08.09.2020 एवं पत्र क्र. 1321 दिनांक 26.09.2020 से कलेक्टर जिला रतलाम को (5) पत्र क्र. 1640 दिनांक 06.11.2020 से प्रोजेक्ट डायरेक्टर एन.एच.आई. परियोजना क्रियान्वयन इकाई रतलाम तथा (6) आयुक्त महोदय, उज्जैन के अर्द्धशासकीय पत्र क्र. 13 दिनांक 24.12.2020 से भी प्रोजेक्ट डायरेक्टर एन.एच.आई. परियोजना क्रियान्वयन इकाई रतलाम। पत्रों की छायाप्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) एन.एच.आई. एवं निर्माण एजेंसी उत्तरदायी है। सामान्य संधारण का कार्य संबंधित ठेकेदार द्वारा किया जाना है। अत्यधिक प्रभावित सड़को के संधारण हेतु प्रोजेक्ट डायरेक्टर एन.एच.आई. से परियोजना क्रियान्वयन इकाई रतलाम से चर्चा कर कार्यवाही प्रचलन में है। अतः समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (घ) 8 लेन निर्माण कंपनी एवं परियोजना निर्देशक भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई रतलाम द्वारा विभाग से अनुमति संबंधी कोई कार्यवाही नहीं की गई हैं।
पी.डब्ल्यू.डी. रोड का पूर्ण होना
[लोक निर्माण]
57. ( क्र. 4664 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले की पांढुरना के अंतर्गत PWD लावाघोघरी से बीजागोरा मार्ग ध्वस्त हो गया है। मरम्मत का कार्य कब तक पूर्ण होगा? (ख) पालाखेड से रजाड़ा मार्ग भी कब तक पूर्ण होगा? (ग) लोक निर्माण विभाग में पांढुरना क्षेत्र में काम रूके हुये कब तक हो पायेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
हमीदिया अस्पताल परिसर में निर्माणाधीन 2000 बिस्तरीय
[लोक निर्माण]
58. ( क्र. 4675 ) श्री आरिफ मसूद : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हमीदिया अस्पताल परिसर में निर्माणाधीन 2000 बिस्तरीय अस्पताल एवं गांधी मेडिकल कॉलेज विस्तारीकरण दोनों कार्यों के कार्यादेश कब जारी किये गये और अनुबंधानुसार निर्माण कार्य कब पूर्ण होना था? (ख) ठेकेदारों द्वारा विलम्ब से कार्य पूर्ण करने के लिये अनुबंध में अधिकतम कितने प्रतिशत पेनाल्टी काटने का प्रावधान है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में अभी तक कितनी राशि पेनाल्टी के रूप में काटनी थी और कितनी काटी गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में कम पेनाल्टी काटकर ठेकेदार को फायदा पहुँचाने के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है और उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 1. हमीदिया अस्पताल परिसर में निर्माणाधीन 2000 बिस्तरीय अस्पताल के निर्माण कार्य का कार्यादेश दिनांक 03.12.2016 को जारी किया गया था। अनुबंध अनुसार दिनांक 02.12.2018 को कार्य पूर्ण होना था। 2. गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल में 150 से 250 सीट वृद्धि उन्नयन परियोजना का कार्यादेश दिनांक 05.06.2017 को जारी किया गया था, अनुबंध अनुसार दिनांक 04.06.2019 को कार्य पूर्ण होना था। (ख) विलम्ब से कार्य पूर्ण करने पर अधिकतम 10 प्रतिशत तक पेनाल्टी का प्रावधान है। (ग) निर्माण कार्यों की पेनाल्टी का अंतिम निराकरण गुण दोष के आधार पर कार्य पूर्ण होने पर सक्षम अधिकारी द्वारा किया जाता है। ऐसी स्थिति में निर्माण कार्य के देयकों से आज दिनांक तक निम्नानुसार राशि रोकी गई हैः- 1. हमीदिया अस्पताल परिसर में निर्माणाधीन 2000 बिस्तरीय अस्पताल परियोजना हेतु रू. 233.62 लाख। 2. गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल में 150 से 250 सीट वृद्धि उन्नयन परियोजना हेतु रू. 48.27 लाख। (घ) उत्तर (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है।
घटिया सड़क निर्माण कार्य की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
59. ( क्र. 4682 ) श्री राकेश मावई : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला श्योपुर अंतर्गत श्योपुर से ढोढ़र सड़क निर्माण कार्य किस निर्माण एजेंसी द्वारा किया जा रहा है उसकी तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति कितनी-कितनी राशि की जारी की गई है तथा कन्सल्टेंट एजेंसी कौन है? कार्य का मूल्यांकन कब-कब, किस उपयंत्री द्वारा, किस आधार पर, कितनी राशि का किया गया तथा निर्माण कार्य कब तक पूर्ण किया जायेगा? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सड़क निर्माण कार्य स्टीमेंट अनुसार नहीं किया जा रहा है? क्या इसकी जाँच कराई जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों? (ग) क्या आवदा से बछेरी सड़क का डामरीकरण कार्य मार्च 2020 में पूर्ण किया गया और निर्माण एजेंसी की सड़क निर्माण कार्य की 5 साल की गारन्टी है? यदि हाँ तो इस सड़क पर पुन: डामर पेच वर्क कार्य क्यों किया गया है? क्या घटिया डामरीकरण कार्य की जाँच कराई जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) अनुसार निर्माणाधीन सड़कों के घटिया निर्माण कार्य के लिये कौन-कौन दोषी हैं तथा दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में मूल्यांकन का कार्य एस.क्यू.सी. कंसलटेंट द्वारा किया जाता है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सड़क निर्माण का कार्य स्वीकृत स्टीमेट अनुसार ही कराया जा रहा है एवं समय-समय पर वरिष्ठ अधिकारियों तथा कंसलटेंट द्वारा निरीक्षण कर स्टीमेंट अनुसार कार्य कराने हेतु संविदाकार को निर्देशित किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। आबदा से बछेरी मार्ग में भारी वाहनों के यातायात के कारण बारिश में कुछ पॉट होल्स हो गये थे, जिन पर पेच रिपेयर का कार्य रूटीन मेंटेनेन्स में कराया गया। मार्ग का समय-समय पर निरीक्षण राष्ट्रीय/राज्य गुणवत्ता पर्यवेक्षक द्वारा किया गया। जिसमें मार्ग संतोषजनक पाया गया। अतः पृथक से जाँच की आवश्यकता नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) के संबंध में उत्तरांश (ख) एवं (ग) अनुसार निर्माणाधीन/निर्मित सड़क में घटिया निर्माण नहीं पाया गया है। अतः कोई दोषी नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषि उपज मंडी से संबंधित
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
60. ( क्र. 4714 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. की कितनी कृषक उपज मंडिया है? जहाँ मंडी सचिव का पद रिक्त है? (ख) इन्हें कब तक भरा जावेगा? (ग) सिवनी-मालवा विधान सभा में कौन-सी उपमंडियां है? (घ) इन उपमंडियों को किसानहित में कब तक प्रारंभ किया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) मध्यप्रदेश में 259 कृषि उपज मंडियां हैं जिनमें से 67 मंडियों में सचिव के पद रिक्त हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही प्रकियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) सिवनी-मालवा विधानसभा में कृषि उपज मंडी समिति बानापुरा की उपमंडी शिवपुर तथा कृषि उपज मण्डी समिति होशंगाबाद की उपमण्डी डोलरिया स्थित है। (घ) कृषि उपज मंडी समिति बानापुरा की उपमंडी शिवपुर वर्तमान में क्रियाशील है। उपमंडी में 13 अनुज्ञप्तिधारी व्यापारियों द्वारा क्रय-विक्रय का कार्य किया जा रहा है एवं कृषि उपज मण्डी समिति होशंगाबाद की उपमण्डी डोलरिया सीजनल उपमण्डी है। जहां पर अधिसूचित कृषि उपज गेहूँ एवं धान का समर्थन मूल्य पर शासन द्वारा अधिकृत संस्था के माध्यम से उपार्जन किया जाता है एवं उपमण्डी डोलरिया 02 अनुज्ञप्तिधारी व्यापारियों द्वारा क्रय विक्रय किया जा रहा है।
सड़क का डामरीकरण
[लोक निर्माण]
61. ( क्र. 4715 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी-मालवा विधान सभा क्षेत्र क्रमांक 136 में आज दिनांक तक ऐसे कितने ग्राम है? जो पक्की सड़क से नहीं जुड़ पाये है? नाम बतायें। (ख) क्या इन ग्रामों को पक्की सड़क से जोड़ने की योजना है? (ग) यदि हाँ तो कब तक उन ग्रामों को पक्की डामरीकृत अथवा सीमेंट सड़क से जोड़ा जावेगा? (घ) लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्माणाधीन कौन-कौन सी सड़के सिवनी-मालवा क्षेत्र की अपूर्ण है? इन्हें कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 19 ग्राम, नाम की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) वर्तमान में कोई योजना नहीं। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
जय किसान ऋण माफी योजना का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
62. ( क्र. 4726 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य सरकार जय किसान ऋण माफी योजना बंद करने पर विचार कर रही है? यदि हाँ तो क्या कारण है? (ख) जय किसान ऋण माफी योजना से जबलपुर संभाग के कुल कितने किसान लाभांवित हुये है? जिलेवार जानकारी संख्यात्मक प्रदाय करें। (ग) कितने किसान ऐसे हैं जिनके नाम ऋण माफी सूची में थे लेकिन उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल सका? जिलेवार संख्यात्मक जानकारी प्रदाय करें
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
चुरहट विधान सभा के अंतर्गत सड़कों की स्थिति
[लोक निर्माण]
63. ( क्र. 4752 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीधी के चुरहट उप संभाग में भितरी से डाडाटोल मार्ग पर दूरी 4.80 k.M. के निर्माण के लिये भू-अर्जन का बजट में प्रावधान रखा गया था? (ख) क्या प्रश्नकर्ता ने प्रमुख अभियंता तथा मा. मंत्री जी को उक्त सड़क के भू-अर्जन की राशि स्वीकृत करने हेतु 18/01/2021 को पत्र लिखा? यदि हाँ तो मंत्री जी की नोटशीट क्रमांक 226 दिनांक 20/01/2021 पर अभी तक क्या कार्यवाही हुई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) बजट में भू-अर्जन हेतु पृथक से कार्यवार प्रावधान नहीं रहता है। (ख) जी हाँ। मार्ग के संबंध में भू-अर्जन को प्रावधान अनुसार परीक्षण उपरान्त आवंटन की उपलब्धता अनुसार भुगतान की कार्यवाही की जावेगी।
आजीविका भवनों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
64. ( क्र. 4760 ) श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में आजीविका मिशन के अंतर्गत स्व-सहायता समूहों की आजीविका गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए आजीविका भवनों का निर्माण किया जा रहा है? यदि हाँ तो प्रदेश में किस स्तर पर कितने एवं कहाँ-कहाँ आजीविका भवन निर्माण किए जा रहे हैं? भवन निर्माण के मापदण्ड क्या है? प्रत्येक भवन के निर्माण में कितनी राशि स्वीकृत की गई है एवं प्रदेश में इन भवनों के निर्माण में कुल कितनी राशि, किस मद से व्यय की जा रही है? (ख) उक्त योजना (बिन्दु क्रमांक-क) प्रदेश में कब से प्रचलन में है? प्रदेश में आजीविका भवनों के निर्माण की अद्यतन स्थिति क्या है? कितने एवं कौन-कौन से पूर्ण निर्मित भवनों का हस्तांतरण एवं लोकार्पण की कार्यवाही करके इनमें स्व-सहायता समूहों द्वारा कार्य प्रारंभ कर दिये गये है? कितने एवं कौन-कौन से भवन अपूर्ण है? पृथक-पृथक सूची सहित जानकारी प्रदान करें। (ग) क्या आजीविका भवन निर्माण करने वाली एजेंसियों को समस्त राशियों का भुगतान कर दिया गया है? यदि हाँ तो किस-किस एजेंसी को कितनी-कितनी राशि भुगतान की गई है? यदि नहीं तो राशि का भुगतान किस कारण से नहीं किया गया है तथा कब तक भुगतान कर दिया? दस्तावेजों के विवरण सहित जानकारी देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। प्रदेश के 25 जिलों में 159 विकासखण्डों के स्तर पर आजीविका भवनों का निर्माण किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। भवन निर्माण के मापदण्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। प्रत्येक भवन के निर्माण में प्रशासकीय स्वीकृति अनुसार 40 लाख रू. तथा फर्निशिंग कार्य हेतु 10 लाख रू. इस प्रकार कुल राशि 50 लाख रू. स्वीकृत की गई है तथा राशि जिला पंचायतों में जमा वित्त आयोग/मुद्रांक शुल्क/अन्य राशियों से व्यय की जा रही है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ख) आजीविका भवन निर्माण हेतु निर्देश दिनांक 04.09.2017 को जारी किए गए थे। प्रदेश में आजीविका भवनों के निर्माण की अद्यतन स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। पूर्ण निर्मित भवन, हस्तांतरण एवं लोकार्पण तथा स्व–सहायता समूहों द्वारा कार्य प्रारंभ करने की जानकारी एवं अपूर्ण भवनों की पृथक-पृथक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (ग) जी नहीं। भवन निर्माण कार्यों की शेष राशि हेतु आवंटन अपेक्षित है, प्राप्ति उपरांत भुगतान किया जावेगा। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार है।
अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों में शासकीय की जगह स्वशासी लिखा जाना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
65. ( क्र. 4777 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश के रीवा इंजीनियरिंग महाविद्यालय रीवा में दिनांक 29.05.1997 के पश्चात् तृतीय श्रेणी एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की मृत्यु ड्यूटी के दौरान होने पर उनके पुत्र/पुत्री एवं पत्नी में से किसी एक को क्या शासकीय पद पर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गयी है? यदि हाँ तो उक्त समय से अभी तक सभी अनुकंपा नियुक्तियां शासकीय है? यदि नहीं तो क्या नियम अलग-अलग है? यदि नहीं तो शासकीय एवं स्वशासी पदों पर गलत तरह से नियमों का पालन कराने वालों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई है? (ख) इंजीनियरिंग महाविद्यालय रीवा में श्री जैनेन्द्र साहू सहायक ग्रेड-3 एवं श्री किशन लाल लखेरा, भृत्य की अनुकंपा नियुक्ति क्या उक्त महाविद्यालय के स्वशासीकरण के पूर्व की है? यदि नहीं तो क्या शासकीय पद पर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गयी है? यदि हाँ तो श्री उदभान पटेल पंप अटेंडेंट इंजीनियरिंग महाविद्यालय रीवा की शासकीय पद पर अनुकंपा नियुक्ति है? क्या उनके पिता की मृत्यु इंजीनियरिंग महाविद्यालय रीवा के स्वशासीकरण के पूर्व की है यदि हाँ तो इन्हें शासकीय पद पर अनुकंपा नियुक्ति न देने के क्या कारण हैं? (ग) श्री उदयभान पटेल पंप अटेंडेंट इंजीनियरिंग महाविद्यालय रीवा को समयमान वेतनमान के आदेश प्रसारित करने के बाद अभी तक उसका लाभ से वंचित करने वाले के खिलाफ क्या कार्यवाही की जा रही है?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) संस्था के तत्कालीन प्राचार्य द्वारा श्री जैनेन्द्र साहू, सहायक ग्रेड-3 एवं श्री किशन लखेरा, भृत्य की अनुकम्पा नियुक्ति क्रमश: दिनांक 20/07/99, 31/07/99 को स्वशासी के अन्तर्गत नियमानुसार दी गई है। प्राचार्य द्वारा इन कर्मचारियों की नियुक्ति शासकीय संवर्ग में किये जाने संबंधी संशोधित आदेश दिनांक 03/11/1999 द्वारा जारी कर दिया गया। जी नहीं। नियम एक समान हैं। प्रकरण की जाँच कर कार्यवाही की जायेगी। (ख) जी नहीं। संस्था के तत्कालीन प्राचार्य द्वारा श्री जैनेन्द्र साहू, सहायक ग्रेड-3 एवं श्री किशन लखेरा, भृत्य की अनुकम्पा नियुक्ति क्रमश: दिनांक 20/07/99, 31/07/99 को स्वशासी के अन्तर्गत नियमानुसार दी गई है। प्राचार्य द्वारा इन कर्मचारियों की नियुक्ति शासकीय संवर्ग में किये जाने संबंधी संशोधित आदेश दिनांक 03/11/1999 द्वारा जारी कर दिया गया। जी नहीं। स्वशासी के नियम प्रभावशील होने के कारण नियमानुसार नियुक्ति की कार्यवाही की गई। (ग) श्री उदयभान पटेल, हम्माल को समयमान वेतनमान प्रदान किया गया है, किन्तु समयमान वेतनमान निर्धारण के समय श्री पटेल द्वारा वेतन निर्धारण की तिथि पूर्वानुसार रहने संबंधी आवेदन प्रस्तुत किया गया। जिस पर स्थानीय निधि संपरीक्षा, रीवा द्वारा इनके प्रकरण को अमान्य किया गया। इस कारण समयमान वेतनमान का लाभ प्राप्त नहीं हुआ। इनकी तिथि संशोधन हेतु प्रकरण तीसरी बार पुन: स्थानीय निधि संपरीक्षा रीवा को भेजने की कार्यवाही की गई।
गंभीर वित्तीय अनियमितता पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
66. ( क्र. 4778 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला पंचायत सतना में मध्यान भोजन योजनांतर्गत वित्तीय वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक समय-समय पर विभिन्न संस्थाओं से कराई गई सामग्री के मुद्रण/खरीदी की जाँच कराई गई थी? (ख) क्या इसकी जाँच संयुक्त आयुक्त रीवा के द्वारा की जाकर जाँच प्रतिवेदन विभाग को पत्र क्र. 6-विकास/योजना/शिकायत/2016/6680 रीवा दिनांक 22/12/2016 द्वारा भेजा जा चुका है? क्या श्री बी.एस. चंदेल सहायक संचालक वित्त ने भी इसी प्रकरण की जाँच की थी? दोनों अधिकारियों ने स्वीकार किया है कि इस मुद्रण में गंभीर वित्तीय अनियमितता की गई है तथा विधानसभा को गुमराह करने वाली जानकारी भेजी गई है? दोनों जाँच रिपोर्टों का विवरण उपलब्ध करायें? (ग) यदि प्रश्नांश (क) व (ख) सही है तो जिला पंचायत सतना के मुद्रण घोटाले के जनक तत्कालीन परियोजना अधिकारी एवं लेखाधिकारी पर शासन कब तक निलंबित कर विभागीय जाँच करायेगा बतायें?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जाँच संयुक्त आयुक्त (विकास), आयुक्त कार्यालय रीवा के द्वारा एवं सहायक संचालक (वित्त), मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम म.प्र. भोपाल ने भी इसी प्रकरण की जाँच की थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) कार्यवाही प्रचलन में है।
स्टेट जी.एस.टी. द्वारा जनपदों/ग्राम पंचायतों से प्राप्त कर की राशि की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
67. ( क्र. 4779 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के मऊगंज विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत 01/04/2017 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस माल सप्लायर वाले वेंडरों से एवं सर्विस सप्लायरों से कितना-कितना टी.डी.एस. काट कर, जी.एस.टी. संग्रहण करते हुये या जी.एस.टी. का भुगतान, सर्विस/माल सप्लायरों को करने हुये जनपद पंचायतवार/ग्राम पंचायतवार कितनी राशि वाणिज्यिकर विभाग को जमा की गयी? (ख) क्या जनपद पंचायतों/ग्राम पंचायतों द्वारा किये गये भुगतान की राशि का टी.डी.एस. 2 प्रतिशत भुगतान किये गये बिल से काटा जाना आवश्यक है? क्या बिलों में सी.जी.एस.टी./आई.जी.एस.टी./टैक्स की राशि एवं जी.एस.टी. पृथक से दर्शाया जाना आवश्यक? क्या उक्त जनपद पंचायतों/ग्राम पंचायतों ने प्राप्त बिलों में सप्लायरों से दर्शाते हुये बिल लेकर भुगतान किया? क्या वाणिज्य कर विभाग इन गंभीर प्रकरणों की जाँच करेगा? (ग) जनपद पंचायतों एवं ग्राम पंचायतों में बिलों के सत्यापन के संबंध में क्या मापदण्ड अपनाया जाता हैं इसकी जाँच वाणिज्य कर विभाग द्वारा प्रश्नतिथि तक प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयावधि एवं जनपद पंचायतोंवार/ग्राम पंचायतोंवार क्यों नहीं की गई? (घ) कब तक जाँच कर शासन के खाते में राशियों की वसूली कर जमा करवाई जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
क्षेत्रफल एवं मतदाताओं की अधिक संख्या वाली ग्राम पंचायतें
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
68. ( क्र. 4830 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला देवास में ग्राम पंचायतों के गठन के लिये किन नियमों के अनुरूप नवीन ग्राम पंचायतों का निर्माण किया जाता है? जिला देवास में सर्वाधिक मतदाता एवं क्षेत्रफल वाली ग्राम पंचायत एवं आकार/मतदाता के आधार पर सबसे छोटी ग्राम पंचायत कौन सी है? (ख) जिला देवास में ग्राम पंचायतों के परिसीमन की कार्यवाही किस वर्ष में की गई थी? इस दौरान देवास जिले में ग्राम पंचायतों के नवीन गठन को स्वीकृति प्रदान की गई? कितनी नवीन ग्राम पंचायतें आने वाले पंचायत चुनाव के पूर्व अस्तित्व में आ जावेगी? (ग) वर्तमान में नवीन परिसीमन की कार्यवाही के पश्चात देवास जिले में कितनी नवीन ग्राम पंचायतों के गठन की स्वीकृति प्रदान की गई है? प्रत्येक का नाम एवं मतदाता संख्या, जनपद क्षेत्र बतावें। (घ) क्या परिसीमन की कार्यवाही के दौरान जनप्रतिनिधियों/राजनितिक दलों के द्वारा अन्य तहसीलों खातेगांव/कन्नौद में भी पंचायतों का विखण्डन कर नवीन ग्राम पंचायतों के गठन की मांग की गई थी?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) प्रदेश में म.प्र. पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 एवं म.प्र. पंचायत निर्वाचन नियम 1995 के अनुरूप ग्राम पंचायतों का गठन किया जाता है। मतदाता सूची राज्य शासन द्वारा तैयार नहीं की जाती है। (ख) वर्ष 2019 में परिसीमन की कार्यवाही की गई थी, इस दौरान देवास जिले में नवीन ग्राम पंचायतों के गठन को स्वीकृति प्रदान की गई। 17 नवीन ग्राम पंचायते आने वाले पंचायत चुनाव के पश्चात अस्तित्व में आ जावेंगी। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ।
हितग्राही मूलक योजनाओं का क्रियान्वयन
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
69. ( क्र. 4879 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में दिनांक 01-04-2020 से 15-02-2021 तक कितनी हितग्राही मूलक योजनाओं में कितने हितग्राही चयनित किए गए? विधानसभावार बतावें। (ख) उपरोक्तानुसार हितग्राही का नाम, पता, योजना का नाम, अनुदान राशि सहित विधानसभावार बतावें। (ग) कितने हितग्राहियों की अनुदान राशि स्वीकृत कर उन्हें प्रदान कर दी गई है कितनी लंबित है? पृथक-पृथक बतावें। (घ) लंबित अनुदान राशि कब तक प्रदान कर दी जाएगी?
राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण ( श्री भारत सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. |
योजना का नाम |
कुल स्वीकृत अनुदान हितग्राही संख्या |
अनुदान भुगतान हितग्राही संख्या |
अनुदान लंबित हितग्राही संख्या |
1 |
कृषक प्रशिक्षण सह भ्रमण योजना |
313 |
313 |
0 |
2 |
जैविक खेती HDPEवर्मी बेडयोजना |
8 |
8 |
0 |
3 |
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना |
61 |
0 |
61 |
योग |
382 |
321 |
61 |
(घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
हितग्राही मूलक योजनाओं में चयनित हितग्राही
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
70. ( क्र. 4880 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01-04-2020 से 15-02-2021 की अवधि में हितग्राही मूलक योजनाओं में कितने हितग्राही चयनित किए गए? बड़वानी जिले के संदर्भ में विधानसभावार बतावें। (ख) कितने हितग्राहियों की अनुदान राशि स्वीकृत कर उन्हें प्रदान कर दी गई हैं? कितनी लंबित हैं? पृथक-पृथक बतावें। (ग) लंबित अनुदान राशि कब तक प्रदान कर दी जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वर्ष 2020-21 में हितग्राही मूलक स्वरोजगार योजनाओं के नोडल विभाग सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा लक्ष्य होल्ड किये जाने तथा क्रियान्वयन रोके जाने से हितग्राही का चयन नहीं किया गया। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रोजगार मेलों का आयोजन
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
71. ( क्र. 4912 ) श्री सुनील सराफ : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिनांक 01-04-2020 से 15-02-2021 तक प्रदेश में कितने रोजगार मेले कहाँ-कहाँ आयोजित किए गए? इन पर कितनी राशि व्यय की गई? कार्यक्रम स्थल नाम, राशि सहित बतावें। (ख) इसके लिए आयोजक संस्था को कितनी राशि का भुगतान किया गया? स्थलवार भुगतान राशि/ लंबित राशि सहित बतावें। लंबित राशि का भुगतान कब तक करा दिया जायेगा? (ग) प्रदेश में PPP प्रोजेक्ट के तहत जो रोजगार कार्यालय दिए गए है उसके लिए संबंधित फर्म को अब तक कितनी राशि का भुगतान किया गया है? जिलावार, राशि सहित बतावें। (घ) यदि इन्हें भुगतान नहीं किया है तो कारण बतावें। फर्म नाम सहित प्रश्न दिनांक तक लंबित राशि की जानकारी देवें।
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) पी.पी.पी. पार्टनर को अभी तक कोई राशि का भुगतान नहीं किया गया है। (घ) भुगतान नहीं किया गया है। पी.पी.पी. पार्टनर द्वारा जानकारी प्रस्तुत नहीं की गई है। वर्तमान में भुगतान हेतु कोई राशि लम्बित नहीं है।
नियम विरूद्ध आश्रय शुल्क वसूली की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
72. ( क्र. 4945 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर शहर की सीमा से लगी व आस-पास की ग्राम पंचायतों के क्षेत्र में कालोनी विकास के लिये आश्रय शुल्क वसूल किया गया है? यदि हाँ तो कब से वसूल किया गया? वसूल किये गये आश्रय शुल्क की राशि तथा किस मद में यह राशि वसूल की गई है? (ख) क्या उक्त वसूली पंचायतीराज अधिनियम के अनुरूप थी? यदि नहीं तो इस मामले में अब तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के मामले में कालोनाइजर लायसेंस जारी करने वाले, ले आउट मंजूर करने वाले, आश्रय शुल्क जमा करने के आदेश देने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम व वर्तमान पदस्थापना की जानकारी दें। (घ) नियम विरूद्ध तरीके से आश्रय शुल्क वसूली के मामले में क्या शासन में कोई जाँच प्रचलित है? जाँच अधिकारी का नाम, पदनाम जाँच की स्थिति की जानकारी दें व बतावें कि कब तक उक्त जाँच पूरी हो सकेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। जनवरी 2015 से। राशि रूपये 5,45,19,447/- आश्रय शुल्क मद में। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जबलपुर जिले में मटर की प्रोसेसिंग यूनिट लगाये जाने
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
73. ( क्र. 4957 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले में पैदावार के पीक सीजन में किसानों को कम रेट पर मटर बेचना पड़ता है? (ख) क्या कोल्ड स्टोरेज न होने के कारण किसान मटर का भण्डारण नहीं कर पाते हैं? (ग) क्या एक जिला एक उत्पाद में जबलपुर में मटर को चुना गया है? (घ) क्या मटर की प्रोसेसिंग यूनिट लगाने हेतु इनवेस्टर्स को सुविधायें दी जायेंगी? यदि हाँ तो क्या क्या सुविधायें दी जायेंगी?
राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण ( श्री भारत सिंह कुशवाह ) : (क) जी नहीं। मण्डी में दरे, आवक तथा मांग के आधार पर निर्धारित होती है। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
किसानों के हित में मंडी समितियों द्वारा उर्वरक विक्रय प्रारंभ करने
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
74. ( क्र. 4958 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 1992 से 1996 तक मंडी समितियों द्वारा किसानों को उर्वरक विक्रय किया जाता था? (ख) यदि हाँ तो इसे बंद क्यों किया गया? (ग) क्या मंडी समितियों में उर्वरक हेतु गोदाम भी निर्मित किये गये थे? (घ) क्या किसानों के हित में उर्वरक विक्रय फिर से शुरू किया जावेंगा? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जी हाँ। म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा प्रदेश की मंडी समितियों के माध्यम से वर्ष 1992 से 1996 तक उर्वरक का व्यवसाय किया गया था। (ख) बोर्ड संचालक मंडल के आदेशानुसार उर्वरक व्यवसाय बंद किया गया। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं। बोर्ड संचालक मंडल के निर्णय अनुसार व्यवसाय बंद किये जाने से पुनः प्रांरभ करने का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है।
पी.आई.यू. द्वारा निर्मित भवने
[लोक निर्माण]
75. ( क्र. 5007 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. संभाग सतना के अंतर्गत विगत 05 वर्षों से आज तक किन-किन विभागों के भवनों का निर्माण किया गया, लागत सहित बताएं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पूर्ण भवनों की परफॉर्मेंस अवधि कब तक थी/है,पूर्ण भवनों को क्या लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. संभाग सतना द्वारा संधारण हेतु लोक निर्माण विभाग संभाग सतना/संबंधित विभाग को कब-कब हस्तांतरित किए गए, क्या गुणवत्ताविहीन भवनों के निर्माण हो जाने के कारण लोक निर्माण विभाग संभाग सतना पी.आई.यू. द्वारा पूर्ण किए गए भवनों को संधारण हेतु लेने से मना किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार कुल कितने भवन पूर्ण किए गए हैं, संधारण हेतु किन-किन भवनों को लोक निर्माण विभाग को हस्तांतरित किया जाना है, संख्या सहित विभाग का नाम एवं पूर्ण किए गए दिनांक सहित प्रश्नकर्ता को अवगत कराएं, यदि गुणवत्ताविहीन होने के कारण कई वर्षों से भवन-संधारण हेतु लोक निर्माण विभाग को हस्तांतरित नहीं हुई तो दोषी अधिकारी कर्मचारियों के ऊपर कब तक कार्यवाही की जाएगी, यदि नहीं तो क्यों? (घ) परफॉर्मेंस अवधि समाप्त हो जाने के उपरांत क्या पी.आई.यू. द्वारा भवनों का संधारण किया जाता है, यदि हाँ तो संधारण मद में खर्च की गई राशि की कार्यवार जानकारी वर्षवार दें? क्या संधारण न होने से पी.आई.यू. द्वारा निर्मित भवनों की हालत जर्जर हो गई है, ऐसे भवन किस विभाग के है, उनका नाम बताया जाए?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) लोक निर्माण विभाग (भ/स) सतना को संधारण हेतु सौंपे गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार एवं हस्तांतरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। जी नहीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। पूर्ण भवनों के हस्तातंरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का क्रियान्वयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
76. ( क्र. 5033 ) श्री सचिन बिरला : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत बड़वाह विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2015-16 से वर्तमान तक कितनी सड़कों का कहाँ से कहाँ तक निर्माण किया गया? कितनी सड़के कहाँ से कहाँ तक बनाई जाना प्रस्तावित है? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित सड़कों की मेंटेनेंस अवधि किस-किस सड़क की कब तक है? उक्तावधि में कार्य एजेंसी द्वारा कब-कब मरम्मत की गई? जिन कार्य एजेंसियों के द्वारा मरम्मत कार्य नहीं किया गया, उनके नाम बतावें तथा उनके विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) वर्ष 2015-16 से वर्तमान तक खरगौन जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत निर्मित सड़कों की मरम्मत पर कितनी-कितनी राशि खर्च की गई? वर्षवार विवरण दिया जावे? (घ) 1 जनवरी 2019 से वर्तमान तक प्रश्नांश (क) अन्तर्गत सड़कों की मरम्मत के संबंध में प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा जिला खरगौन इकाई के महाप्रबंधक को कितने पत्र लिखे गये, ग्रामीणों द्वारा कितने आवेदन दिये गये उनका विवरण देवें एवं उन पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) बड़वाह विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत 31 सड़कों का निर्माण किया गया जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। इसके अतिरिक्त 2 सड़के सनावद से खंगवाड़ा तथा बड़वाह धामनोद रोड से मुरल्ला प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-3 बैच-2 में अपग्रेडेशन हेतु प्रस्तावित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
विधायक निधि से पंचायतों को दिए जाने वाले टेंकरो हेतु दिशा-निर्देश
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
77. ( क्र. 5061 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में विधायक निधि से सन् 2004 से 17 फरवरी 2021 तक कितने पानी के टेंकर कौन-कौन सी पंचायतों में प्रदान किए गए? नाम, वर्षवार सहित पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) क्या यह सही है कि प्रत्येक पंचायत में 3-3, 4-4 टेंकर खराब अवस्था में पड़े है? इनमें से कितने रिपेयर हो सकते है? कितने भंगार की स्थिति में है? पंचायतों में इसका संधारण क्यों नहीं किया जाता है? शासन ऐसा कोई नियम बनायेगा कि टेंकरों का उपयोग सिर्फ पानी के लिए हो? (ग) वर्ष 2014 ये 17 फरवरी, 2021 तक नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र की प्रत्येक पंचायत में पंच परमेश्वर की राशि, विधायक निधि, से क्या-क्या कार्य करवाये गये है? प्रत्येक का पृथक-पृथक वर्षवार, ग्राम पंचायतवार विवरण दें। (घ) खाचरौद विकासखण्ड में संबल व राष्ट्रीय परिवार सहायता के पात्र शेष रहे हितग्राहियों को कब तक भुगतान कर दिया जायगा? समयावधि सहित संपूर्ण विवरण दे। (ड.) संबल योजना में सत्यापन के पश्चात अनुग्रह राशि के लंबित प्रकरणों और जो छूटे हुए प्रकरण है उनको कब तक राशि का भुगतान किया जाएगा? विवरण दें।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) से (ड.) जानकारी संकलित की जा रही है।
मनरेगा सामग्री/अकुशल मजदुरों के भुगतान में विलम्ब
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
78. ( क्र. 5062 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनरेगा सामग्री भुगतान की क्या प्रक्रिया है? 01 अप्रैल 2019 से 11 फरवरी 2021 तक मटेरियल भुगतान हेतु उज्जैन जिले को कितना आवंटन प्राप्त हुआ? जनपदवार विवरण दें। (ख) जनपद पंचायत खाचरौद में 01 अप्रैल 2019 से 31 जनवरी 2021 तक अकुशल मजदूर/सामग्री के भुगतान किया जाना शेष है? क्या शासन द्वारा भुगतान हेतु कोई प्राथमिकता निर्धारित की गई थी? यदि हाँ तो क्या इसका पालन किया गया? नहीं तो क्यों? (ग) यदि हाँ तो अकुशल मजदूर/ सामग्री का भुगतान 11 फरवरी 2021 की स्थिति में अकुशल मजदूरों का कितना भुगतान शेष है? मनरेगा पोर्टल पर सामग्री केबिल (पुराना) का एमआईएस किया गया? किन्तु उसके बाद के एमआईएस किये गये बिल का भुगतान किया गया है? यदि हाँ तो ऐसे प्राथमिकता विरूद्ध भुगतान क्यों किया गया? कारण सहित विवरण दें। (घ) अकुशल मजदूरों का भुगतान यदि शेष है तो क्यो? उनका भुगतान क्यों नहीं किया? इसके लिए कौन दोषी है? यदि कोई है तो उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) मनरेगा योजनान्तर्गत निर्माण कार्यों पर उपयंत्री व सहायक यंत्री के मूल्यांकन एवं सत्यापन पश्चात क्रियान्वयन एजेन्सी द्वारा मनरेगा पोर्टल के माध्यम से ऑन लाईन सामग्री भुगतान किया जाता है। 01 अप्रैल 2019 से 11 फरवरी 2021 तक मटेरियल भुगतान हेतु जिला उज्जैन द्वारा राशि रूपये 4661.72 लाख का भुगतान किया गया। जनपदवार विवरण इस प्रकार है - खाचरौद- मटेरियल भुगतान राशि रू. 653.87 लाख, तराना- मटेरियल भुगतान राशि रू. 943.97 लाख, महिदपुर- मटेरियल भुगतान राशि रू. 1029.69 लाख, बड़नगर मटेरियल भुगतान राशि रू. 1060.95 लाख, घटिया- मटेरियल भुगतान राशि रू. 566.54 लाख एवं उज्जैन- मटेरियल भुगतान राशि रू. 406.70 लाख किया गया। (ख) जी हां, जनपद पंचायत खाचरौद में 01 अप्रैल 2019 से 31 जनवरी 2021 राशि रू. 715.48 लाख का भुगतान किया जा चुका है, जबकि दिनांक 05 मार्च 2021 तक अकुशल मजदूर/सामग्री का भुगतान राशि रू. 191.03 लाख किया जाना शेष है। हाँ, नरेगा पोर्टल पर उपलब्ध कराई गई राशि का भुगतान निर्धारित प्राथमिकता के अनुक्रम में किया जाता है। (ग) अकुशल मजदूर/सामग्री का भुगतान 11 फरवरी 2021 की स्थिति में अकुशल मजदूरी का राशि रूपये 8.24 लाख एवं सामग्री का राशि रूपये 186.24 लाख का भुगतान शेष है। कार्यालय में प्राप्त बिलों का नियमानुसार एमआईएस किया गया। शासन से प्राप्त निर्देशों के अनुक्रम में प्राथमिकता के आधार पर भुगतान किया गया। (घ) भारत सरकार द्वारा राशि उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण अकुशल श्रम की राशि का भुगतान शेष रहा है। भारत सरकार से प्राप्त आवंटन अनुसार प्राथमिकता के अनुक्रम में अकुशल मजदूरों का भुगतान किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्यालयों में पहुँच मार्ग, खेल मैदान एवं बाउण्ड्रीवॉल निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
79. ( क्र. 5063 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विद्यालयों में पहुँच मार्ग, खेल मैदान एवं बाउण्डीवॉल का निर्माण मनरेगा एवं सर्वशिक्षा अभियान कन्वजेंस मद से निर्माण किए जाने का निर्देश है? यदि हाँ तो आदेश की प्रति प्रदाय करे। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में विधानसभा क्षेत्र छतरपुर के किन-किन विद्यालयों का चयन उक्त मद से कार्य हेतु किया गया? उनमे कौन-कौन से कार्य किए जाने है? कार्य प्रांरभ होने की तिथि क्या निर्धारित है? कार्य प्रारंभ होने के बाद कितनी समयावधि में पूर्ण किया जाना है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में जिन विद्यालयों के सर्वशिक्षा अभियान मद में पर्याप्त राशि नहीं है वहाँ उक्त कार्य किस प्रकार करवाये जावेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। आयुक्त म.प्र. राज्य रोजगार गारंटी परिषद एवं राज्य शिक्षा केन्द्र के संयुक्त हस्ताक्षर से दिनांक 01.12.2020 को ग्रामीण क्षेत्र स्थित शासकीय शालाओं में पहुँच मार्ग, खेल मैदान का विकास एवं बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण किये जाने बावत जारी किये गये निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार हैं। (ख) उत्तरांश (क) के निर्देशों के तहत शासकीय स्कूलों में बाउण्ड्रीवॉल, एप्रोच रोड व खेल मैदान के कार्यों का चिन्हांकन उप संचालक (शिक्षा)/जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा किया जाना है। तदोपरांत कार्य साध्य पाये जाने पर मनरेगा के प्रावधानों के अनुरूप स्वीकृत किये जाने के निर्देश हैं। वर्तमान में कार्य प्रारंभ होने की स्थिति नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
मंदसौर विधान सभा के ग्रामीण क्षेत्रों में खेल मैदान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
80. ( क्र. 5067 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में खेल मैदान के लिए विभाग की क्या कार्य योजना है मंदसौर विधान सभा क्षेत्र की कितनी ग्राम पंचायतों में खेल मैदान के लिए कितनी पंचायतों में भूमि आरक्षित कर ली गयी है कितनी पंचायतों में भूमि राजस्व रिकार्ड में दर्ज हो चुकी है सूची उपलब्ध करायें है? (ख) क्या मंदसौर की एक मात्र नगर पंचायत नगरी के लिए पूर्व में खेल मैदान के हेतु भूमि आरक्षित की गयी थी क्या भूमि राजस्व रिकार्ड में दर्ज हो चुकी है यदि हाँ तो राजस्व रिकार्ड का विवरण देवें? यदि नहीं तो क्यों? (ग) मंदसौर में विभाग ने गत 5 वित्तीय वर्षों में कुल कितनी राशि किस-किस ग्राम पंचायत के, किस-किस खेल मैदान के लिए, किस कार्य हेतु खर्च की? प्रश्नकर्ता विधायक ने मंदसौर विधान सभा की किस-किस पंचायत में खेल मैदान की भूमि आरक्षित एवं राजस्व रिकार्ड में दर्ज कराने हेतु पत्र लिखा उस पर क्या-क्या कार्यवाही हुई? (घ) मंदसौर के दलौदा स्टेडियम के निर्माण के पश्चात खेल मैदान समतलीकरण एवं अन्य कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि कब-कब दी गयी जानकारी देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) म.प्र. राज्य रोजगार गारंटी परिषद भोपाल के पत्र क्रमांक/7618/मनरेगा/2021 दिनांक 26.02.2021 में दिये गये निर्देशानुसार ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक ग्राम पंचायत में खेल मैदान विकसित किया जाने का उल्लेख किया गया है। तहसील कार्यालय मन्दसौर से प्राप्त जानकारी अनुसार जिले की ग्राम पंचायतों में खेल मैदान की भूमि राजस्व रिकार्ड में दर्ज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) नगर परिषद नगरी के खेल मैदान हेतु कलेक्टर मन्दसौर के आदेश क्रमांक/17/अ-59/2010-11/दिनांक 14.03.2011 भूमि सर्वे नंबर 2496 रकबा 4.003 में 2.000 हेक्टेयर भूमि आरक्षित है। जो राजस्व रिकार्ड में दर्ज होकर खसरे की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा गत 5 वित्तीय वर्ष में निर्मित किए गए खेल मैदानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। प्रश्नकर्ता माननीय विधायक द्वारा खेल मैदान की भूमि आरक्षित करने संबंधी कोई पत्र कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा कार्यालय मंदसौर को प्राप्त नहीं हुआ है। (घ) सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजनान्तर्गत माननीय श्री थावरचंद गेहलोत, मंत्री भारत सरकार की अनुशंसा से कलेक्टर जिला मन्दसौर के आदेश क्रमांक/73/जियोस/दिनांक 22.12.2020 द्वारा दलौदा स्टेडियम में रंनिग टेक निर्माण 10.006 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई है। शासन से आवंटन प्राप्त होना शेष है। वर्तमान में कार्य अप्रारंभ है।
संविदा कर्मचारियों को म.प्र. शासन की नीति अनुसार वेतन दिये जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
81. ( क्र. 5075 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में कार्यरत संविदा डाटा एन्ट्री ऑपरेटरों को राज्य शासन की नीति 5 जून, 2018 के अनुसार वेतन तथा सुविधाएं दी जा रही है? यदि नहीं तो शासन के आदेश दिनांक 5 जून के बाद से अभी तक क्या-क्या प्रक्रिया की गई? (ख) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में कार्यरत संविदा डाटा एन्ट्री आपरेटरों को प्रतिवर्ष की भांति पारिश्रमिक/मानदेय में वृद्धि इस वर्ष की गई है, यदि नहीं तो कब तक की जावेगी? (ग) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में कार्यरत संविदा डाटा एन्ट्री आपरेटरों को राज्य शासन की नीति 5 जून 2018 की कंडिका 1.14.2 अनुसार अभी क्या कार्यवाही की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी नीति 05 जून, 2018 अनुसार प्रतिवर्ष संविदा मानदेय/पारिश्रमिक में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर संविदा पर कार्यरत डाटा एन्ट्री आपरेटरों को वेतनवृद्धि सक्षम स्वीकृति उपरांत दी जाती है। नीति में दर्शाये शेष बिन्दुओं पर कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जी नहीं, वित्त विभाग के परिपत्र क्र. 898/2020/नियम/चार दिनांक 29/7/20 एवं संशोधित आदेश क्र. 903/2020/नियम/चार दिनांक 30/7/20 के संदर्भ में संविदा पर कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों की जनवरी 2020 से मानदेय/ पारिश्रमिक में की जाने वाली वृद्धि नहीं की गई है। (ग) उत्तरांश (ख) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निर्माण कार्य के देयकों की जांच कर भुगतान करने
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
82. ( क्र. 5111 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के अनुविभागीय अधिकारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा उपसंभाग रीठी का प्रभार श्री कृष्णकांत गुप्ता सहायक यंत्री जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ तो कार्यालय अधीक्षण यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा मंडल जबलपुर के आदेश क्रमांक 146/ग्रा.या.से./स्था./21 दिनांक 27.01.2021 से कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1469, 1470, 1471 एवं 1472 दिनांक 17.12.2020 से अनुबंधित संविदाकार एवं विभागीय कार्यों के मूल्याकांन, सत्यापन एवं अद्यतन देयकों को तैयार किए जाने, संविदाकार को लाभ पहुँचाने हेतु समिति गठित की गई जबकि वहां सहायक यंत्री कार्यरत हैं। (ग) प्रश्नांश (ख) की समिति क्यों गठित की गई? क्या और भी कार्यों के मूल्यांकन, सत्यापन हेतु समिति गठित की गई है या मात्र इन्ही कार्यों के लिए? गुणवत्ताविहीन कार्यों की जाँच कराने के पश्चात् मूल्यांकन कराया जायेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो कारण बताएं। (घ) क्या सुश्री शबाना बेगम जिला परियोजना प्रबंधक कटनी का स्थानांतरण म.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग म.प्र. शासन के आदेश दिनांक 31.12.2020 से बड़वानी किया गया है। (ड.) प्रश्नांश (घ) यदि हाँ तो उक्त जिला परियोजना अधिकारी को अभी तक भारमुक्त क्यों नहीं किया गया? कब तक किया जावेगा और अब तक भारमुक्त करने के लिए कौन दोषी है?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) उप संभाग रीठी में विभागीय सहायक यंत्री का विभागीय निर्माण कार्यों के प्रति उदासीनता एवं जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा (मनरेगा) का अतिरिक्त प्रभार होने के कारण समय अभाव के कारण अधीक्षण यंत्री ग्रायांसे मंडल जबलपुर के आदेश क्रमांक 146 दिनांक 27.01.2021 में दर्शित निर्माण कार्यों के मूल्यांकन, सत्यापन अद्यतन स्थिति के देयक तैयार किये जाने हेतु समिति का गठन किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। (ड.) म.प्र. डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आदेश क्रमांक 1109/प्रशा./एस.आर.एल.एम./2021 दिनांक 19.02.2021 द्वारा आदेश में आंशिक संशोधन कर यथावत पदस्थ किये जाने के फलस्वरूप भारमुक्त करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यालय न्यायालय प्रारंभ करने
[लोक निर्माण]
83. ( क्र. 5127 ) श्री उमंग सिंघार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की गंधवानी विधानसभा मुख्यालय में न्यायालय (कोर्ट) निर्माण कार्य की स्वीकृति हेतु क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार गंधवानी मुख्यालय में न्यायालय (कोर्ट) की स्वीकृति कब तक दी जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) धार जिले की गंधवानी में न्यायालय के भवन निर्माण हेतु कोई प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
नवलखा बीज कंपनी महीदपुर के विरूद्ध प्रकरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
84. ( क्र. 5156 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवलखा बीज कंपनी महिदपुर के विरूद्ध चल रहे प्रकरण 7704/2017 में लगभग 3 वर्ष से तारीखें नहीं लगने के दोषी अधिकारी कौन हैं? (ख) उनके नाम, पदनाम देकर बतावें कि इसके लिए उन पर कब तक कार्यवाही की जाएगी? (ग) कब तक इसमें तारीखें लगेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली में प्रकरण 7704/2017 प्रचलन में नहीं है, बल्कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली में नवलखा बीज कंपनी महिदपुर के विरूद्ध प्रकरण क्र. 7740/2017 प्रचलन में है, जिसमें लंबित उक्त प्रकरण की सुनवाई का एक निश्चित प्रोटोकॉल है, जिसके तहत सुनवाई तय की जाती है। इसमें किसी का भी दोष नहीं है। (ख) माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली में लंबित सुनवाई सुनिश्चित नहीं होने के संबंध में कोई दोषी नहीं होने से किसी प्रकार की कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता है। (ग) माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली में लंबित उक्त प्रकरण में कब तक तारीखें लगेंगी, यह माननीय सर्वोच्च न्यायालय का प्रोटोकाल है, जिसमें कोई हस्तक्षेप संभव नहीं है।
रोजगार सहायकों के स्थानान्तरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
85. ( क्र. 5161 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में दिनांक 01-01-2019 से 31-03-2020 तक ग्राम पंचायत सचिव व रोजगार सहायकों के कितने स्थानांतरण किनकी अनुशंसाओं से किए गए? (ख) स्थानांतरण समय के अतिरिक्त कितने स्थानांतरण किन नियमों के तहत हुए? उनकी सूची नियम सहित देवें। (ग) नियमों की अवहेलना करके स्थानांतरण करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? कब तक ये स्थानांतरण निरस्त होंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
कुटीर एवं ग्रामोद्योगों को आवंटित राशि
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
86. ( क्र. 5162 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग के अंतर्गत कौन-कौन से कार्य शामिल होकर उनके क्रियान्वयन हेतु शासन की क्या मार्ग दर्शिका प्रचलन में है? की फोटो प्रति सहित बतावें। (ख) जिला मुरैना को अप्रैल 2017 से जनवरी 2021 तक कितनी राशि दी गई व यह राशि नियमों के अनुसार किन-किन कुटीर एवं ग्रामोद्योग कार्यों को दी गई, की जानकारी अप्रैल 2017 से जनवरी 2021 तक कार्य विवरण देयक राशि, हितग्राहियों की संख्या, वर्ष दिनांक, मांग संख्या, लेखा शीर्ष आदि सहित दी जावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विभाग अंतर्गत हाथकरघा, हस्तशिल्प, रेशम एवं खादी ग्रामोद्योग से संबंधित गतिविधियां आती है। इस हेतु संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो (अ) (ब) (स) एवं (द) अनुसार है।
मुख्यमंत्री सड़क योजना की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
87. ( क्र. 5164 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री सड़क योजना अंतर्गत कौन-कौन से सड़क निर्माण कार्य सम्मिलित हैं व उनके संचालन हेतु कोई मार्गदर्शिका निर्मित है? यदि हाँ तो फोटो प्रति उपलब्ध करावें। (ख) वर्ष 2017-2018 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि जिला मुरैना को आवंटित की गई? आवंटित राशि में से किन-किन विधानसभा क्षेत्रों में क्या-क्या कार्य कराये गये हैं? स्थान का नाम, प्रदाय राशि, क्रियान्वयन एजेन्सी मांग संख्या, लेखा शीर्ष सहित बताते हुए जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या स्वीकृत कार्य समयावधि में पूर्ण हो चुके हैं अथवा नहीं, नहीं तो क्यों? कारण सहित बतावें व शेष कार्य कब तक पूर्ण करा दिये जावेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत सामान्य क्षेत्र में 500 से कम एवं आदिवासी क्षेत्र में 250 से कम आबादी के ग्रामों को बारहमासी एकल सम्पर्कता प्रदान करने हेतु ग्रेवल सड़क के निर्माण सम्मिलित हैं। योजना के संचालन हेतु मार्गदर्शिका की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) वर्ष 2017-2018 से प्रश्न दिनांक तक राशि रू. 4,84,48,781/- जिला मुरैना को आवंटित की गई। आवंटित राशि में से विधानसभा क्षेत्रवार कराये गये कार्य, स्थान का नाम, प्रदाय राशि, क्रियान्वयन एजेन्सी, मांग संख्या, लेखाशीर्ष की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब के कॉलम क्रमांक 2 से 9 अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन 15 कार्यों में से 05 कार्य समयावधि में एवं 06 कार्य समयावधि के पश्चात पूर्ण हुये। समयावधि में पूर्ण न होने का कारण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब के कॉलम क्रमांक 11 एवं 13 अनुसार हैं। पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति एवं निविदा प्रक्रिया प्रचलन में है अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पंच परमेश्वर योजना का क्रियान्वयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
88. ( क्र. 5165 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंच परमेश्वर योजना को पुन: प्रारंभ किए जाने के उद्देश्य व क्या-क्या प्राथमिकता है? इस हेतु कोई नियम प्रक्रिया प्रचलन में हो तो बताया जावे। (ख) पंच परमेश्वर योजना में फरवरी से 2020 से प्रश्न दिनांक तक जिला मुरैना को कितनी राशि दी व इस राशि को किन-किन मदों में खर्च करने के उद्देश्य हैं? मदों के नाम बताते हुए विधानसभा क्षेत्र सबलगढ़ जिला मुरैना में व्यय की गई राशि की जानकारी देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) पंच परमेश्वर योजना में फरवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक जिलो मुरैना को राशि रू. 1,48,03,49,928/- प्रदाय की गई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। शासन द्वारा जारी निर्देशों के अनुरूप नवीन अधोसंरचना कार्य, पेयजल व्यवस्था संबंधी संधारण कार्य, स्वच्छता कार्य, जैसे ग्राम पंचायत की मूलभूत आवश्यकताओं को पूर्ण करने का उद्देश्य रखा गया है। विधानसभा क्षेत्र सबलगढ़ में जनपद पंचायत सबलगढ़ की ग्राम पंचायतों द्वारा 9,99,98,156/- एवं जनपद पंचायत कैलारस की 33 ग्राम पंचायतों द्वारा राशि रू. 1,51,93,985.9/- व्यय की गयी, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है।
तकनीकी शिक्षा हेतु आई.टी.आई. कॉलेज खोले जाना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
89. ( क्र. 5199 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या रैगांव विधानसभा क्षेत्र में कोई तकनीकी शिक्षा की शासकीय/अशासकीय संस्था नहीं है। हाँ/नहीं, यदि है तो पूर्ण जानकारी देवें। (ख) अगर प्रश्नांश (क) सही है तो क्या रैगांव, कोठी, सिंहपुर, सितपुरा में औद्यौगिक प्रशिक्षण संस्थान खोले जाएगें? यदि नहीं तो क्यो? (ग) रैगांव विधानसभा क्षेत्र में जो कि अनूसूचित जाति क्षेत्र है, कौशल विकास एवं रोजगार संबंधी कौन सी योजना एवं संस्थाएं हैं? क्या प्रश्नांश (ख) में कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) रैगांव विधानसभा में कोई भी शासकीय/अशासकीय आई.टी.आई. संचालित नहीं है। (ख) एवं (ग) रैगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम कोठी तथा रैगांव सोहावल विकासखण्ड के अंतर्गत आता है, जिसमें 01 शासकीय आई.टी.आई. सतना वर्ष 1963 से तथा 05 प्रायवेट आई.टी.आई. संचालित हैं तथा ग्राम सितपुरा एवं सिंहपुर नागोद विकासखण्ड में आते है। जिसमें 01 प्रायवेट आई.टी.आई. संचालित है। जिसकी दूरी ग्राम सितपुरा से 07 कि.मी. एवं ग्राम सिंहपुर से 15 कि.मी. है। विभाग की नीति प्रत्येक विकासखण्ड में एक आई.टी.आई. खोलने की है। वर्तमान में 104 विकासखण्ड ऐसे हैं जहाँ कोई आई.टी.आई. नहीं है। ग्राम रैगांव, कोठी, सिंहपुर एवं सितपुरा में शासकीय आई.टी.आई. खोलने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
परफॉरमेन्स ग्रान्ट राशि की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
90. ( क्र. 5208 ) श्री संजीव सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले की जनपद पंचायतों से परफॉरमेन्स ग्रान्ट की राशि म.प्र. राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 109 दिनांक 07.03.2019 की प्रति उपलब्ध कराते हुए ग्राम पंचायतों के चयन के आधार एवं मापदण्ड के प्रावधान अनुसार प्राप्त ग्राम पंचायतों की जानकारी बुलाई गई थी? (ख) यदि हाँ तो 01 जनवरी 2019 से भिण्ड जिले की सभी जनपदों से ग्राम पंचायतों के चयन पर जिला पंचायत को प्रेषित किए गए प्रस्ताव की प्रति एवं जिला पंचायत द्वारा संचालनालय/शासन को भेजे गए प्रस्ताव की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) 01 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक परफॉरमेन्स ग्रान्ट की राशि, मापदण्ड एवं नियमानुसार कितनी ग्राम पंचायतों को भिण्ड जिले में राशि आवंटित की गई, जिले में ऐसी कितनी ग्राम पंचायतें है जिनसे कर वसूला जाता है? (घ) क्या जनपद पंचायतों द्वारा अपात्र ग्राम पंचायतों की भी अनुशंसा की गई? यदि हाँ तो विभाग जनपद पंचायतों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि नहीं तो ग्राम पंचायतों द्वारा प्रस्तुत आवेदन/दावा की जांच/परीक्षण किन अधिकारियों/ कर्मचारियों द्वारा कराई गई? उनके नाम उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (घ) नहीं। जिले की जिन ग्राम पंचायतों द्वारा दावा प्रस्तुत किया गया था। जनपद पंचायतों द्वारा उन्हीं की जानकारी प्रस्तुत की, जो की पंचायत राज संचालनालय को भेजी गयी इस कारण पृथक से कोई जांच/परीक्षण नहीं किया गया।
अशासकीय (निजी) आई.टी.आई. प्रारंभ करने के मापदण्ड
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
91. ( क्र. 5209 ) श्री संजीव सिंह : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासन द्वारा अशासकीय (निजी) आई.टी.आई. प्रारंभ करने के संबंध में क्या-क्या मापदण्ड निर्धारित हैं? नियमों की प्रति सहित बतावें। भिण्ड जिले के अंतर्गत किन-किन स्थानों पर अशासकीय (निजी) आई.टी.आई. संचालित हैं? संचालनकर्ता का नाम, व्यवसाय (ट्रेड) छात्रों की संख्या, ट्रेनर का नाम व योग्यता सहित पूर्ण विवरण देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) उल्लेखित संचालित संस्थाएं शासन द्वारा निर्धारित समस्त मापदण्डों की पूर्ति करती हैं अथवा नहीं? यदि नहीं तो प्रश्न दिनांक तक ऐसी संस्थाओं के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ तो क्या? यदि नहीं तो कब तक कार्यवाही की जावेगी तथा विगत पाँच वर्षों में किन-किन अधिकारियों द्वारा इन संस्थानों का कब-कब औचक निरीक्षण किया गया तथा निरीक्षण के दौरान क्या-क्या कमियां पाई गई? संस्थावार बतावें। (ग) उपरोक्तानुसार क्या भिण्ड जिले अंतर्गत संचालित संस्थानों में शासन मापदण्ड अनुरूप भवन, प्रशिक्षित, ट्रेनर, प्रयोग हेतु आवश्यक मशीनरी व अन्य सुविधाओं का अत्यंत अभाव है व उक्त संस्थानों में छात्र-छात्राओं को नियमित अध्ययन नहीं कराया जाकर पूर्ण उपस्थिति दर्शाई जा रही है? यदि हाँ तो क्या शासन उक्त समस्त संस्थानों की जाँच कर नियम विरूद्ध संचालित संस्थाओं के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रोड के किनारों की भराई सड़क के किनारे की मिट्टी से ही करना
[लोक निर्माण]
92. ( क्र. 5216 ) श्री राकेश गिरि : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ से खिरिया को जाने वाले रोड को क्या मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम के द्वारा संधारण एवं रख-रखाव करने हेतु विभाग/शासन की ओर से करार किया गया है? यदि हाँ तो पक्षकारों का नाम, करार की अवधि सहित इसकी शर्तें बतायें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार, करार तिथि से 31.12.2020 तक की अवधि में करारकर्ता या उसक ठेकेदार द्वारा कब-कब, कौन-कौन से तथा कितनी-कितनी राशि के मरम्मत कार्य कराये गये? विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार, कुण्डेश्वर से खिरिया के बीच सड़क के दोनों किनारों की भराई में सड़क के पास की मिट्टी/मुरम उठाकर उपयोग की गई है, जिससे सड़क के दोनों ओर बड़े-बड़े गड्ढे हो गये है और भविष्य में दुर्घटनायें अवश्यंभावी है? क्या करार में सड़क के किनारे की मिट्टी के उपयोग की अनुमति है? यदि हाँ तो क्यों? यदि नहीं तो सड़क के किनारे की मिट्टी/मुरम उपयोग करने के लिये कौन दोषी है? दोषियों पर कब तक कार्यवाही की जायेगी? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार, क्या पुनः सख्त मुरम डलवाकर किनारों की भराई कराई जायेगी? सड़क के दोनो किनारों की भराई में हुए गड्ढे कैसे समतल होगे? क्या दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाकर उनसे क्षतिपूर्ति की राशि वसूल की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) टीकमगढ़-महरौनी मार्ग (एमपी/यूपी सीमा तक) का निर्माण एवं रख-रखाव मेसर्स एस.व्ही.टी. इन्फ्रास्ट्रक्चर (इंडिया) प्रा.लि. भोपाल कंशेसन अनुबंध दिनांक 16.03.2011 के अनुसार किया जा रहा है। कंशेसन अनुबंध मेसर्स एस.व्ही.टी. इन्फ्रास्ट्रक्चर (इंडिया) प्रा.लि. भोपाल एवं म.प्र. सड़क विकास निगम के द्वारा संपादित किया गया, कंशेसन अवधि 15 वर्ष है। शर्तें कंशेसन अनुबंध अनुसार। (ख) उक्त मार्ग बीओटी (टोल+एन्यूटी) योजना अंतर्गत है। तिथिवार मरम्मत कार्यवाही संधारित नहीं की जाती है। अत: तिथिवार मरम्मत राशि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ, जी नहीं। जी हाँ, मापदण्डों अनुसार अतिरिक्त मिट्टी का उपयोग किया जा सकता है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) सड़क के दोनों किनारों की भराई में सड़क के बाहर समतलीकरण का कंशेसन अनुबंध में प्रावधान नहीं है। कोई दोषी नहीं है, शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री फसल बीमा राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
93. ( क्र. 5219 ) श्री बाबू जण्डेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुरैना जिले की सबलगढ़ तहसील के ग्राम मांगरोल के कृषकों द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत वर्ष 2016 में अरहर की फसल का बीमा किया गया था? बीमित फसल अतिवृष्टि के कारण शत-प्रतिशत नष्ट हो गई? जिसका विधिवत सर्वे निरीक्षण तत्काल ही शासन एवं बीमा के अधिकृत अधिकारियों द्वारा खेत-खेत में पहुँचकर किया गया था? सर्वे सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कृषकों की सर्वे सूची में मात्र 10 से 12 प्रभावशाली कृषकों को बीमा राशि का भुगतान कर दिया गया है तथा प्रश्न दिनांक तक लघु एवं सीमान्त, छोटे लगभग 50 से अधिक कृषकों को बीमा राशि का भुगतान अभी तक नहीं किया गया? अभी तक भुगतान न होने का कारण बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) में वर्णित सर्वे सूची के अधिकांश शेष रहे कृषकों को फसल बीमा राशि का भुगतान कब तक किया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) खरीफ 2016 मौसम में मुरैना जिले की सबलगढ़ तहसील के ग्राम मांगरौल के 170 कृषकों का तुअर फसल हेतु बीमा किया गया था। योजना के अनुसार अतिवृष्टि की स्थिति में क्षतिपूर्ति की गणना फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त वास्तविक उपज के आंकडों के आधार पर की जाती है। (ख) बीमा कंपनी से प्राप्त जानकारी अनुसार सबलगढ़ तहसील के ग्राम मांगरौल के लिये व्यक्तिगत क्षतिपूर्ति हेतु कुल 76 हानि की सूचनायें बीमा कंपनी को प्राप्त हुई थी। जलभराव के कारण तुअर फसल प्रभावित होने से प्राप्त हानि की सूचनाओं के आधार पर सर्वे किया गया था और व्यक्तिगत क्षतिपूर्ति के लिये 10 कृषक पात्र पाये गये थे जिन्हें दावा राशि रू. 329207.28 का भुगतान कर दिया गया है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) अनुसार। फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त वास्तविक उपज के आंकडों के आधार पर उपज में कमी नहीं पाई गई थी अत: योजना के अनुसार क्षतिपूर्ति देय नहीं है।
निर्माण कार्य आरम्भ करने के पूर्व राशि आहरित
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
94. ( क्र. 5243 ) श्री राकेश गिरि : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले की जनपद पंचायत टीकमगढ़ की ग्राम पंचायत मवई में 15वें वित्त आयोग द्वारा प्रदत्त राशि में से 6 लाख रूपयों का विभिन्न अवधियों में निर्माण कार्य आरम्भ के दो माह पूर्व, राशि का आहरण किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार, क्या अनाधिकृत रूप से विधि विरूद्ध तरीके से आहरित राशि की जाँच किसी अधिकारी द्वारा कराई गई है? यदि हाँ तो जाँच अधिकारी का नाम, पदनाम सहित जाँच प्रतिवेदन का विवरण उपलब्ध करायें। जाँच में पाये गये दोषियों के नाम, पदनाम बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार, दोषी पाये गये अधिकारी/सेवक के विरूद्ध कब तक और क्या कार्यवाही की जायेगी? क्या अनाधिकृत रूप से आहरित राशि की वसूली की जायेगी? यदि हाँ समय-सीमा बतायें, यदि नहीं तो कारण बतायें।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, शिकायत की जाँच श्री डी.के. शर्मा, सहायक यंत्री, मनरेगा एवं श्री बी.एल. रजक, खण्ड पंचायत अधिकारी, जनपद पंचायत टीकमगढ़ से कराई गई। जाँच प्रतिवेदन में कार्य प्रारंभ होने के पूर्व राशि आहरित किया जाना पाया गया है। राशि का आहरण प्रधान, प्रशासकीय समिति, श्रीमति रजनी खंगार एवं सचिव श्री नंदराम अहिरवार द्वारा किया गया। (ग) जाँच प्रतिवेदन के आधार पर सचिव श्री नंदराम अहिरवार को आहरित की गई राशि के संबंध में कार्यालय जिला पंचायत टीकमगढ के पत्र कार्यालयीन आदेश क्रमांक/पं.प्रको./सचिव/स्था./जि.पं./2021/1043 दिनांक 27.02.2021 से निलंबित किया जा चुका है एवं उक्त राशि की वसूली हेतु धारा - 92 का प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही प्रचलन में है। अर्द्धन्यायिक प्रक्रिया है समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कन्टनजेंसी पद पर व्यय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
95. ( क्र. 5246 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक छतरपुर जिले में उप संचालक कृषि के पद पर पदस्थ रहे अधिकारी द्वारा कंटनजेंसी मद पर वर्षवार कितनी राशि खर्च की गई? कंटनजेंसी राशि किस-किस कार्य पर खर्च की जाती है? (ख) प्रश्नांश (क) समय में पदस्थ रहे अधिकारी ने कंटनजेंसी मद पर जो राशि खर्च की है क्या उसकी जाँच की गई है? यदि नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) अधिकारी ने अपने मूल पद सहित विभिन्न पदों पर रहकर वाहन किराये पर लिये हैं यदि हाँ तो वाहन नम्बर स्वामी सहित बतायें। क्या यह नियम सम्मत है? क्या इसकी जाँच होगी? यदि नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार कंटनजेंसी मद में आवश्यकता अनुसार खर्च की गई राशि का विवरण:- 1-वर्ष 2017-18 राशि 907886 रू मात्र, 2- वर्ष 2018-19 राशि 930412 रू मात्र, 3-वर्ष 2019-20 राशि 467113 रू मात्र, 4- वर्ष 2020-21 राशि 410678 रू मात्र, कंटनजेंसी की राशि कार्यालय व्यय यथा डाक एवं तार व्यय, दूरभाष व्यय, कार्यालय फर्नीचर का क्रय, पुस्तकें, बिजली एवं जल प्रभार, वर्दियां, लेखन सामग्री एवं फार्म, अन्य आकस्मिक व्यय, पेट्रोल, डीजल, किराया महसूल, मुद्रण एवं प्रकाशन आदि कार्यों में खर्च की जाती है। (ख) राशि नियमानुसार व्यय की गई है। अत: जाँच का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष नियम सम्मत है, इसलिये जाँच का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
देवराकलां से देवसरी इंदौर मार्ग के गुणवत्ताहीन निर्माण की जांच
[लोक निर्माण]
96. ( क्र. 5263 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कलेक्टर कटनी को पत्र क्रमांक 52 दिनांक 25.05.2020 द्वारा देवराकलां से देवसरी इंदौर सड़क का घटिया सामग्री का उपयोग कर गुणवत्ता विहीन तथा तकनीकी मापदंडों के अनुरूप नहीं बनाये जाने के कारण प्रश्नकर्ता द्वारा स्वतंत्र एजेंसी से जाँच कराने हेतु लेख किया गया था? यदि जाँच पूर्ण हो गई है तो जाँच प्रतिवेदन का विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ तो जाँच प्रतिवेदन पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? जाँच प्रतिवेदन कार्यवाही हेतु मुख्य अभियंता को कब भेजा गया? प्रश्न दिनांक तक मुख्य अभियंता स्तर पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? प्रकरण किस स्तर पर लंबित है? इसके लिये कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी? नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में यदि जाँच में घटिया निर्माण प्रमाणित पाया गया है तो उक्त रोड का पुन: निर्माण कब किया जायेगा एवं संबंधित ठेकेदार के ऊपर क्या कार्यवाही की जायेगी? नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जाँच प्रतिवेदन मुख्य अभियंता कार्यालय को कलेक्टर कटनी के पत्र क्र. 9694/शिकायत शाखा/विविध/स्था/2020 कटनी दिनांक 23.10.2020 द्वारा भेजा गया। प्रमुख अभियंता के पत्र दिनांक 02.02.2021 द्वारा मुख्य अभियंता जबलपुर को उपरोक्त मार्ग की समुचित जाँच अधीक्षण यंत्री के स्तर के अधिकारी से कराकर शीघ्र चाहा गया था, जो अपेक्षित है। मुख्य अभियंता स्तर पर जाँच लंबित है। जाँच उपरांत गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
लोक निर्माण विभाग में बजट आवंटन में विसंगति
[लोक निर्माण]
97. ( क्र. 5266 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2020-21 में 01 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक जबलपुर, कटनी, सागर, रीवा एवं सतना जिले के अधीनस्थ मार्गों में वार्षिक मरम्मत हेतु एवं आवासीय भवनों तथा गैर आवासीय भवनों के वार्षिक मरम्मत/संधारण हेतु संभागों को कब-कब, कितनी-कितनी राशि का बजट आवंटित किया गया? (ख) दिनांक 01 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक जिलों में प्रश्नांश (क) अनुसार मदों में प्राप्त न होने के कारण कितनी-कितनी बजट राशि के दायित्व लंबित है? संभागवार एवं मदवार जानकारी देवें। जिलों को कम या ज्यादा राशि आवंटित करते समय क्या मापदण्ड अपनाया जाता है? (ग) क्या समस्त जिलों को समान रूप से प्रश्नांश (क) अनुसार मदों में बजट राशि का आवंटन जारी किया गया है, यदि नहीं तो कम या ज्यादा राशि आवंटित करने एवं इस भेदभाव पूर्ण विसंगति के लिये कौन-कौन दोषी हैं? संभागों को समान रूप से बजट आवंटन न करते हुये भेदभाव हेतु एवं विसंगति पूर्ण बजट आवंटित किये जाने हेतु दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार एवं म.प्र. सडक विकास निगम को वर्ष 2020-21 में मार्गों कि मरम्मत हेतु राशि रू 44.00 करोड़ का आवंटन प्रदाय किया गया। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। उपलब्ध बजट आवंटन तथा व्यय हेतु निर्धारित सीमा अनुसार संभागों को आवंटन प्रदाय किया गया। (ग) सड़क तथा भवन मद में जिलेवार आवंटन प्रदाय नहीं किया जाता है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री किसान सिंचाई योजना एवं एन.एम.एस.ए. योजना का आवंटन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
98. ( क्र. 5267 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अंतर्गत प्रदेश को प्राप्त बलराम तालाब एवं एन.एम.एस.ए. योजना में तालाब, छोटे तालाब तथा प्रदर्शनों का लक्ष्य प्राप्त हुआ? यदि हाँ तो प्राप्त लक्ष्य को किस-किस जिले में कितना-कितना किस दिनांक को जारी किया गया? आदेशों की प्रति देवें एवं यह भी बतावें कि जिन जिलों को आवंटन प्रदाय नहीं किया गया उसका क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ तो किस नियम के तहत प्रदेश स्तर पर ऐसी अनियमितता की गई? योजनावार जानकारी देवें। प्रदर्शनों का आवंटन जिलों को दिसंबर के अंतिम सप्ताह में जारी किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में बोनी का समय समाप्त होने के बाद एवं जिलों के साथ आवंटन वितरण में कौन-कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जी हाँ। प्राप्त लक्ष्य के आधार पर जिलों को पत्रों के माध्यम से मांग प्राप्त करने हेतु लिखा गया था, जिलों से प्राप्त मांग के आधार पर दिनांक 26.12.2020 को एन.एम.एस.ए. (आर.ए.डी.) एवं दिनांक 23.01.2021 को बलराम तालाब के लक्ष्य जारी किए गए। आदेशों की प्रतियां जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है। जिलों के मांग के आधार पर आवंटन प्रदाय किया गया है। (ख) जिलेवार जारी लक्ष्य की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) भारत सरकार से माह सितम्बर 2020 में लक्ष्यों की स्वीकृति प्राप्त हुई थी, माह अक्टूबर एवं नवंबर 2020 के मध्य तक चुनाव आचार सहिंता लागू होने से उत्तरांश (क) अनुसार लक्ष्य जारी किए। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
अम्बाह उसैद घाट पर पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
99. ( क्र. 5278 ) श्री रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अम्बाह को उत्तरप्रदेश एवं राजस्थान की सीमा से जोड़ने के लिए चम्बल नदी उसैद घाट पर पीपों का पुल है। उसैद घाट चम्बल पर शासन द्वारा पुल निर्माण की स्वीकृत दी जा चुकी है, लेकिन अभी तक पुल का निर्माण प्रारंभ नहीं किया गया है। (ख) पुल का निर्माण कब प्रारंभ किया जावेगा? इसको पूर्ण करने की समयावधि क्या है? निर्माण ऐजेन्सी का नाम एवं स्वीकृत राशि क्या है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। जी हॉं, निविदा कार्यवाही पूर्ण कर दिनांक 29.01.2017 को कार्य प्रारम्भ किया, ठेकेदार द्वारा कार्य धीमी गति से करने के कारण ठेका निरस्त कर नवीन ठेकेदार को दिनांक 15.02.2021 से कार्यादेश जारी किया गया। (ख) पुल निर्माण कार्य प्रगति पर है। दिनांक 15.02.2021 से 36 माह वर्षाकाल छोड़कर। कार्य एजेंसी मेसर्स सोना बिल्डर्स उंझा गुजरात एवं स्वीकृत राशि रूपये 8969.19 लाख है।
ग्राम पंचायतों में बनाये गये पंचायत भवनों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
100. ( क्र. 5279 ) श्री रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र दिमनी में जनवरी 2018 से जनवरी 2021 के मध्य कितने पंचायत भवनों का निर्माण कार्य कराया गया हैं तथा कितनों में कराया जाना शेष हैं? (ख) क्या सरकार शेष पंचायतों में किसी निश्चित समय-सीमा के अन्दर पंचायत भवन का निर्माण कार्य करायेंगी? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) विधानसभा क्षेत्र दिमनी में आने वाली जनपद पंचायत मुरैना की 27 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन निर्मित है, 02 नवीन गठित ग्राम पंचायत में पंचायत भवन निर्माण होना शेष है। इसी प्रकार जनपद पंचायत अम्बाह की 46 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन निर्मित है, 02 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन जीर्णशीर्ण है। (ख) जी नहीं, शेष ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन निर्माण के संबंध में समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री बीमा योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
101. ( क्र. 5299 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में वर्ष 2020-2021 में खरीफ, रबी फसलों का प्रधानमंत्री बीमा योजना के तहत कितनी हेक्टेयर भूमि में बीमा कराया गया? तहसीलवार पटवारी हल्कावार जानकारी दी जावे। (ख) उक्त क्षेत्र में किन-किन फसलों का बीमा कराया गया तथा कितना प्रीमियम जमा कराया गया? तहसील, पटवारी हल्कावार राशि सहित जानकारी दी जावे। (ग) क्या कृषि क्षेत्र के अधिकारी, कर्मचारियों की उदासीनता के कारण प्रचार, प्रसार के अभाव में किसान उक्त योजना का लाभ लेने से वंचित रह रहे है, योजना को कारगर बनाने के कृषि प्रबंधन द्वारा क्या-क्या उपाय किये गये है? (घ) क्या मत्स्य पालन की इन योजनाओं में शासकीय स्तर पर अधिकारियों, कर्मचारियों की उदासीनता के कारण गरीबी रेखा से जीवन यापन करने वाले मछुआरे की योजना की प्रगति नहीं हो रही है, क्यों? तथ्यों सहित जानकारी दी जावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। विभागीय प्रसार गतिविधियों के माध्यम से योजना का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। न्यूजपेपर, टीवी विज्ञापन, रेडियो, पोस्टर, पम्पलेट, बैंक कार्यालय में बैनर, बैंक स्तर पर टोल फ्री नम्बर के स्टीकर, वैन के द्वारा प्रचार-प्रसार, फ्लेक्स बैनर, जिला/तहसील में बैठक, जनसेवा केन्द्र के लिये प्रशिक्षण व बैंकों के लिये प्रशिक्षण के माध्यम से योजना का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। (घ) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत मत्स्य पालन विभाग में फसल बीमा योजना लागू नहीं है। मत्स्य पालन की इन योजनाओं में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले मछुआरों की प्रगति कर्मचारियों, अधिकारियों की किसी भी प्रकार की उदासीनता के कारण प्रभावित नहीं हो रही है।
हाईब्रिड बीजों का विक्रय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
102. ( क्र. 5304 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले में रिसर्च सीड, हाइब्रिड सीड, प्रमाणित/सत्यरुप बीज का विक्रय किसानों को किया जाता है? यदि हां, तो विकासखण्डवार वर्ष 2019-20 एवं वर्ष 2020-21 में विक्रय मात्रा की जानकारी एवं विवरण दें। (ख) यदि हां, तो उक्त बीजों के विक्रय हेतु अनुमति ली गई या नहीं? अनुमति देने वाले अधिकारी का नाम पद सहित विवरण दें। (ग) अगर बिना अनुमति के उक्त बीजों का विक्रय किया जाता है तो उनके ऊपर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हां, तो कब तक की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) सतना जिले में हायब्रिड व प्रमाणित बीज का विक्रय बीज लाइसेंसधारी निजी विक्रेताओं एवं अन्य संस्थाओं द्वारा किसानों को किया जाता है। विकासखंडवार, वर्षवार विक्रय मात्रा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अधिसूचित किस्मों के बीजों के विक्रय की अनुमति बीज अधिनियम 1966 एवं बीज (नियंत्रण) आदेश 1983 के उपबंधों और शर्तों के अधीन बीज अनुज्ञापन प्राधिकारी/उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास के द्वारा दी जाती है। (ग) बिना अनुमति के अधिसूचित किस्मों के बीजों का विक्रय जिले में नहीं किया जा रहा है। कार्यवाही करने का प्रश्न ही नहीं है।
कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग से संबंधित जानकारी
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
103. ( क्र. 5310 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में कुटीर एवं ग्रामोद्योगों की स्थापना हेतु सहयोग एवं ऋण व अनुदान स्वीकृत करने की योजना संचालित है? यदि हाँ तो कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? योजनाओं की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किन-किन कुटीर एवं ग्रामोद्योग को न्यूनतम एवं अधिकतम किन ऋण एवं कितना अनुदान स्वीकृत किया जाता है? स्वीकृति की क्या प्रक्रिया है? प्रक्रिया के विवरण सहित जानकारी देवें। (ग) 1 जनवरी 2019 से प्रश्नांकित दिनांक तक विदिशा जिले में हितग्राहियों के ऋण स्वीकृत किये गये हैं? हितग्राही का नाम, राशि सहित विकासखण्ड एवं जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी में कितने रेशम केन्द्र संचालित हैं एवं किन-किन ग्रामों में भूमि है एवं कौन-कौन से समूहों द्वारा रेशम केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं? कितने रेशम केन्द्रों को बंद कर दिया गया है? बंद रेशम केन्द्रों में रेशम उत्पादन कर कार्य कब से प्रारंभ कर दिया जावेगा? रेशम केन्द्रों की भूमि पर किन-किन व्यक्तियों का अतिक्रमण है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। प्रदेश में संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक विदिशा जिले में हितग्राहियों को स्वीकृत किये गये ऋण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो (अ), (ब) एवं (स) अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। 16 रेशम केन्द्रों को बंद किया है। आत्मनिर्भर म.प्र. के रोडमेप के तहत 6 रेशम केन्द्र पर रेशम गतिविधियॉं पुन: प्रारंभ करने का निर्णय लिया है, रेशम उत्पादन कार्य जुलाई 2021 से प्रारंभ किया जावेगा। उक्त रेशम केन्द्रों की भूमि पर अतिक्रमण नहीं है।
आजीविका मिशन अंतर्गत महिला स्व-सहायता समूहों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
104. ( क्र. 5311 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में अजीविका मिशन के अंतर्गत कितनी योजनाएं संचालित हैं तथा कितने स्वसहायता समूह गठित हैं? ग्राम पंचायत विकासखण्ड, जिलावार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में 1 अप्रैल 2014 से प्रश्नांकित अवधि तक विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी में स्वसहायता समूह द्वारा क्या-क्या कार्य संपादित किये जा रहे हैं एवं कितना-कितना ऋण प्रदान किया गया है? स्व-सहायता समूहवार जानकारी उपलब्ध करावें। समूह द्वारा कितना-कितना भुगतान किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में स्व-सहायता समूह द्वारा कौन-कौन सी सामग्री किस फर्म या संस्था से क्रय की गई है? स्व-सहायता समूहवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना द्वारा विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी में कितने ऋण किन-किन बैंकों को प्रेषित किये गये हैं एवं क्या व्यक्तियों को ऋण उपलब्ध करा दिये गये हैं? बैंकवार, लाभार्थी का नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ङ) विकासखण्ड सिरोंज के ग्राम भोजपुर के महिला स्व-सहायता समूह द्वारा क्या कार्य किया रहा है? क्या बिजली ट्रांसफार्मर न होने से स्वसहायता समूह की महिलाएं अगरबत्ती निर्माण नहीं कर पा रही हैं? यदि हाँ तो ग्राम भोजपुर के ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि कब तक करवा दी जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) आजीविका मिशन अंतर्गत राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल विकास योजना संचालित है। 8342 स्वसहायता समूह गठित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र – ''अ'' अनुसार है। (ख) समूह आजीविका संवर्धन हेतु मुख्यतः उन्नत कृषि कार्य, किराना दुकान, ऑटो रिक्शा, अगरबत्ती निर्माण, सिलाई कार्य, व्यवसायिक सब्जी उत्पादन, पशुपालन, सेंट्रिंग आदि कार्य संपादित किये जा रहे है, जिनका संधारण समूह स्तर पर होता है। मिशन द्वारा ऋण उपलब्ध नहीं कराया जाता है बल्कि स्वसहायता समूहों को आजीविका सुदृढ़ करने हेतु चक्रीय एवं सामुदायिक निवेश राशि प्रदाय की जाती है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) स्वसहायता समूह स्वतंत्र इकाइयां है। मिशन द्वारा जानकारी संधारित नहीं की जाती है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। जी हाँ। जानकारी परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' के कॉलम 04 अनुसार है। (ङ) महिला स्वहायता समूहों द्वारा उन्नत कृषि, किराना दुकान, ऑटो रिक्शा, अगरबत्ती निर्माण, सिलाई कार्य एवं सेंट्रिंग संबंधित गतिविधियों के कार्य किये जा रहे है। जी नहीं। ट्रांसफार्मर पूर्व से संचालित है। ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि हेतु ग्रामीण समूहों द्वारा आवेदन विद्युत विभाग को किया जा चुका है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना वाटरशेड विकास परियोजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
105. ( क्र. 5325 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत सरकार ग्रामीण विकास मंत्रालय भूमि संसाधन विभाग द्वारा एकीकृत जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्रम अंतर्गत प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना वाटरशेड विकास नवीन परियोजना बनाई गई थी? यदि हाँ तो प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना वाटरशेड विकास परियोजना अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के कितने ग्रामों को सम्मिलित किया गया है? ग्रामों के नाम एवं विकास योजना का विवरण सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या ग्रामीण क्षेत्रों में मिट्टी तालाब, कन्टूर ट्रेन्च, गेबियन जैसी जलसंग्रहण संरचनाएं जो कि ग्रामीण विकास की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, का लाभ विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के एक भी ग्राम में नहीं मिल पा रहा है? यदि हाँ तो क्या शासन प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना वाटरशेड विकास परियोजना अंतर्गत नरसिंहगढ विधानसभा के ग्रामों को सम्मिलित कर कोई कार्ययोजना बनाएगा? यदि हाँ तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एन.आर.आई. कोटे के संबंध में आयुक्त चिकित्सा शिक्षा तथा ए.एफ.आर.सी. की जाँच
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
106. ( क्र. 5329 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रं. 1026 दिनांक 18.03.2020. के खण्ड (क) में उल्लेखित अधिनियम तथा संशोधित अधिनियम की प्रति देवें तथा खण्ड (ख) के संदर्भ में बतावें की दस्तावेज प्राप्त करने हेतु समयावधि 10 माह हो चुकी है अतः अब तक दस्तावेज प्रदान क्यों नहीं किये जा सके जब कि 18.03.2020 को उत्तर दिया गया था की समयावधि में दिया जाना संभव नहीं है। (ख) प्रश्न क्रं. 1026. के खण्ड (ख) में जिन दस्तावेजों की मांग कि गई थी उसकी अवधि अब 11 माह से ज्यादा हो चुकी है? यदि 2011 से 2019 के दस्तावेज में ज्यादा वर्ष है तो प्रश्नकर्ता को 2013 से 2017 के ही दस्तावेज उपलब्ध करा दिये जाय। (ग) एन.आर.आई. कोटे में 2017 में चयनित की आयुक्त चिकित्सा शिक्षा तथा ए.एफ.आर.सी. की जॉंच में क्या विरोधाभास था? (घ) निजी चिकित्सा महाविद्यालय द्वारा क्या वर्ष 2021-22 हेतु फीस वृद्धि का आवेदन प्रस्तुत कर दिया है? यदि हाँ तो उसकी प्रति उपलब्ध कराई जाए ताकि प्रश्नकर्ता विधायक अपनी आपत्ति दर्ज करा सकें। यदि नहीं तो जब भी आवेदन प्राप्त हो उसकी प्रति प्रश्नकर्ता विधायक को अवश्य भेजें।
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) अधिनियम एवं संशोधित अधिनियम जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। प्रश्न क्रमांक 1026 के खण्ड-'ख' में यह लेख किया गया था कि महाविद्यालय द्वारा शुल्क विनियमन हेतु जो दस्तावेज उपलब्ध कराये जाते हैं वह अत्यधिक संख्या में होते है शुल्क विनियमन हेतु निजी चिकित्सा महाविद्यालयों द्वारा प्रस्तुत आवेदन एवं दस्तावेज प्रति महाविद्यालय लगभग 500 पृष्ठ के होते हैं। अत: प्रश्नानुसार 09 वर्षों में सभी महाविद्यालयों द्वारा प्रस्तुत आवेदन एवं दस्तावेज की संख्या हजारों में होने के कारण समयावधि में दिया जाना सम्भव नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) आयुक्त चिकित्सा शिक्षा द्वारा निजी महाविद्यालयों में एन.आर.आई. कोटे में चयनित कुल 107 विद्यार्थियों के प्रवेश निरस्त किये गये थे। ए.एफ.आर.सी. द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में दायर याचिका क्रमांक डब्ल्यू.पी. 13393/2007 द्वारा अंशुल तोमर विरूद्ध मध्यप्रदेश शासन एवं अन्य में पारित निर्णय को आधार मानते हुये, 94 अभ्यार्थियों के प्रवेश को उचित ठहराया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) वर्ष 2021-22 हेतु फीस वृद्धि के कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुए हैं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अधिकारियों के विरूद्ध दर्ज प्रकरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
107. ( क्र. 5339 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में कार्यरत कितने प्रथम श्रेणी और द्वितीय श्रेणी अधिकारियों के विरुद्ध लोकायुक्त और आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरों में प्रकरण किन मामलों में दर्ज हैं? सूची उपलब्ध कराएं। (ख) प्रदेश में 1 जनवरी 2015 के बाद कितने अधिकारियों को भ्रष्टाचार के मामलों में न्यायालय से सजा सुनाई गई है? (ग) प्रदेश में कितने प्रथम और द्वितीय श्रेणी अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय जाँच की कार्यवाही प्रचलित है? सूची उपलब्ध कराएं। (घ) 1 जनवरी 2015 के बाद कौन-कौन से अधिकारियों को विभागीय जाँच में दंडित किया गया है? किस-किस को दोषमुक्त किया गया है? सूची उपलब्ध कराएं।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
राष्ट्रीय कृषक अनुदान योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
108. ( क्र. 5345 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र सरकार द्वारा विषयांकित योजना बंद कर दी गई हैं? यदि हाँ तो क्या राज्य शासन किसानों में लोकप्रिय इस योजना को पुन: प्रारंभ करने हेतु क्या केन्द्र सरकार से निवेदन करेगा? यदि नहीं तो प्रदेश में इस योजना के बंद होने के क्या कारण हैं? (ख) किसानों के लिए लाभकारी इस योजना को यदि केन्द्र सरकार ने बंद भी कर दिया हो तो क्या राज्य शासन राज्य स्तर पर ही इस योजना को प्रारंभ करने पर विचार करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग में विषयांकित राष्ट्रीय कृषक अनुदान योजना संचालित नहीं रही है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
ग्रामीण खेल मैदानों के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
109. ( क्र. 5359 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा रतलाम जिला अंतर्गत केंद्र राज्य प्रवर्तित मनरेगा योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में युवा खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित व अभ्यास करने हेतु अनेक स्थानों पर विगत 03 वर्षों में खेल मैदानों के निर्माण हेतु राशि आवंटित की गई है? (ख) यदि हाँ तो वर्ष 2009-10 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र जावरा में खेल मैदान निर्माण किए जाने हेतु कितनी राशि स्वीकृत होकर कुल कितने खेल मैदान बनाए गए हैं? जनपद पंचायतवार संख्यात्मक जानकारी दें। (ग) उपरोक्त उल्लेखित वर्षों में कितने खेल मैदान पूर्ण होकर संचालित किये जा रहे हैं तथा कितने अपूर्ण होकर अक्रियाशील हैं तो किन कारणों से? स्थानवार, ब्लाकवार बताएं l (घ) साथ ही अवगत कराएं कि निर्माण होकर कितने खेल मैदान किन कारणों से जर्जर, क्षतिग्रस्त होकर बंद पड़े हैं अथवा अतिक्रमण अनाधिकृत कार्य हुए तो इस हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई समस्त स्वीकृत खेल मैदान कब तक क्रियाशील होकर खिलाड़ियों को सुविधा मिल सकेगी, इस हेतु क्या किया जा रहा है? जिले की ब्लॉकवार जानकारी दें।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी नहीं, मनरेगा योजना अंतर्गत संपादित कार्यों को कार्य स्वीकृति उपरांत निर्माण कार्य के दौरान मूल्यांकन के आधार पर जॉबकार्डधारी श्रमिकों को मजदूरी का तथा सामग्री प्रदायकर्ता वेन्डरों को उनके बैंक खाते में जनपद स्तर से एफटीओ के माध्यम से भुगतान किया जाता है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में राशि रू 480.36 लाख स्वीकृत कर 158 खेल मैदान बनाये गये है। जनपद पंचायत जावरा में 78 खेल मैदानों हेतु राशि रू 196.42 लाख एवं जनपद पंचायत पिपलौदा में 80 खेल मैदानों हेतु राशि रू 283.93 लाख स्वीकृत की गयी है। (ग) 153 खेल मैदान पूर्ण होकर संचालित किये जा रहे है तथा 5 खेल मैदान अकार्यशील न होकर प्रगतिरत है, जिन्हें यथाशीघ्र पूर्ण कराया जाना लक्षित है। स्थानवार एवं जनपदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जिले में जर्जर, क्षतिग्रस्त होकर बंद पड़े है अथवा अतिक्रमण अनाधिकृत कार्य हुये, की शिकायतें संज्ञान में न होने के कारण शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
सड़कों की मरम्मत
[लोक निर्माण]
110. ( क्र. 5360 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिला अंतर्गत शासन/विभाग द्वारा केंद्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से अनेक सड़क मार्गों का निर्माण किया गया तो जिले में विभाग अंतर्गत कुल कितने किलोमीटर सड़क मार्ग स्थित होकर आवागमन के कार्य में आ रहे हैं? (ख) वर्ष 2018-19 से लेकर प्रश्न दिनांक तक उक्त निर्मित सड़कों की मरम्मत, रख-रखाव, साइडों का संधारण व अन्य कार्य भी आवश्यकतानुसार किए जाते हैं तो वह कब-कब किए गए? ब्लॉकवार जानकारी दें l (ग) पैच वर्क, विशेष स्थानों पर डामरीकरण अथवा पूर्ण जर्जर स्थान पर पूर्णतः संधारण तथा जहां सीसी सड़क है उसकी पुनः मरम्मत इत्यादि कार्य भी कब-कब किए गए? (घ) उपरोक्त उल्लेखित वर्षों में प्रश्न दिनांक तक किस सक्षम अधिकारी की उपस्थिति में यह सब किया जाता रहा, उक्त कार्यों पर कुल कितना व्यय हुआ? सड़क मार्गों का भौतिक सत्यापन किस सक्षम अधिकारी की उपस्थिति पर किया जाता रहा? सड़के वर्तमान में भी अत्यंत जर्जर स्थिति में पहुंच गई तो किन कारणों से?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है।
म.प्र. व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद (एम.पी.सी.वे.ट.) के क्रियाकलाप
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
111. ( क्र. 5363 ) श्री विनय सक्सेना : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग के अंतर्गत म.प्र. व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद (एम.पी.सी.वे.ट.) की स्थापना एक स्वशासी इकाई के रूप में की गयी है? यदि हाँ, तो परिषद द्वारा आज दिनांक तक किन-किन विभागों/प्रशिक्षण प्रदाताओं के माध्यम से कौन-कौन सी योजनायें संचालित की गयी? (ख) संचालित योजनाओं को आज दिनांक तक कितने प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षित किया गया तथा कितने प्रशिक्षणार्थियों को रोजगार प्राप्त हुआ संस्थावार, वर्षवार जानकारी देवें। (ग) परिषद को आज दिनांक तक कितने राजस्व की प्राप्ति हुई है/योजनावार, वर्षवार जानकारी देवें। (घ) वर्तमान में परिषद किस रूप में संचालित है? शासन के किस आदेश से परिषद के स्वरुप में परिवर्तन किया गया?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। म.प्र. व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद् (एम.पी.सी.वेट.) सोसायटी के रूप में स्थापना की गई है। परिषद् द्वारा संचालित योजनाएं निम्नानुसार है:-1. शासकीय कौशल विकास केन्द्र, 2. माड्यूलर एम्पलायबल स्किम (एमईएस), 3. आर.पी.एल. योजना प्रशिक्षण प्रदाताओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) शासकीय कौशल विकास केन्द्रों एवं एमईएस योजना एवं आरपीएल योजना के अंतर्गत प्रशिक्षणार्थियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) वर्तमान में राज्य शासन द्वारा मंत्रि-परिषद् की बैठक दिनांक 26/11/2017 में लिए गये निर्णयानुसार तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास के अधीनस्थ राज्य कौशल विकास मिशन एवं वाणिज्य उद्योग और रोजगार बोर्ड को जोड़कर युवा सशक्तिकरण मिशन के अंतर्गत मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार बोर्ड का गठन किया गया। इसे सोसाइटी के रूप में पंजीकृत किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
दुर्घटना में मृत एवं घायलों को मुआवजा
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
112. ( क्र. 5371 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत ग्राम अंबाड़ा से लोंगसरी तक दोहरीकरण सड़क के निर्माणाधीन पुलिया में संकेतक नहीं होने से दिनांक 17-18 फरवरी 2021 को एक मौत व दो घायल होने की जिम्मेदारी किस अधिकारी की है? नाम, पदनाम देकर बतावें। (ख) इसके जिम्मेदार अधिकारी पर कब तक कार्यवाही की जाएगी? (ग) घायलों के इलाज का व्यय तथा मृतक के परिजनों को मुआवजा कब तक विभाग द्वारा प्रदान कर दिया जाएगा?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांश में उल्लेखित दुर्घटना, पुलिस में दर्ज प्रथम सूचना प्रतिवेदन के अनुसार मारूति कार क्र. एम.पी.67बी0447 के चालक द्वारा तेज गति एवं लापरवाही से वाहन चलाकर मोटर साईकल को टक्कर मारने से हुई थी। जिस पर संबंधित थाना में प्रकरण पंजीबद्ध है। प्रश्नाधीन पुलिया पर प्रावधान अनुसार सभी संकेतक लगाये गये है। अतः इसके लिये विभाग का कोई अधिकारी जिम्मेदार नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कार्यालय मद में व्यय की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
113. ( क्र. 5372 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद पंचायत कुक्षी जिला धार द्वारा दिनांक 01.01.2017 से 31.01.2021 तक कार्यालय व्यय मद में कितनी राशि व्यय की गई? वर्षवार बतावें। (ख) इनके द्वारा कितने वाहन किराए पर लिए गए? कितना डीजल व्यय किया गया? (ग) उपरोक्तानुसार भुगतान के लिए कितना T.D.S. काटा गया? फर्मवार बतावें। (घ) यदि T.D.S. नहीं काटा गया तो इसके जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार हैं। (ग) व्यय राशि का भुगतान राशि रूपये 250000/- से अधिक नहीं होने के कारण GST (TDS) नहीं काटा गया हैं। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता हैं।
प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी अधिकारियों की जाँच के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
114. ( क्र. 5376 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में कार्यरत कितने प्रथम श्रेणी और द्वितीय श्रेणी अधिकारियों के विरूद्ध लोकायुक्त और आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरों में प्रकरण किन मामलों में दर्ज हैं? सूची उपलब्ध करायें। प्रश्न दिनांक तक कितने अधिकारियों की विभागीय जॉंच चल रही है? नाम सहित स्पष्ट करें। (ख) प्रदेश में 1 जनवरी, 2015 के बाद कितने अधिकारियों को भ्रष्टाचार के मामलों में न्यायालय से सजा सुनाई गई है? 01 जनवरी, 2018 के बाद कितने प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी अधिकारियों को दण्डित किया गया है एवं दोषमुक्त किया गया है तथा प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरण प्रचलन में हैं? (ग) प्रदेश में कितने प्रथम और द्वितीय श्रेणी अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच पर क्या कार्यवाही हुई है? नहीं तो क्यों नहीं? (घ) 1 जनवरी, 2015 के बाद कौन-कौन से अधिकारियों को विभागीय जाँच में दण्डित किया गया है? किस-किस को दोषमुक्त किया गया है? सूची उपलब्ध करायें।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
मनरेगा योजना में मस्टर रोल का बिना मूल्यांकन भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
115. ( क्र. 5379 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मनरेगा योजना में स्वीकृत सामुदायिक निर्माण कार्य में मस्टर रोल जारी कर उसका भुगतान मूल्यांकन होने के उपरांत ही किये जाने का नियम है? यदि हाँ तो अगर किसी मस्टर रोल पर बगैर मूल्यांकन किये भुगतान किया जाता है तब कौन-कौन से अधिकारी कर्मचारी दोषी माने जायेंगे? पदनाम सहित बतावें? (ख) क्या जिला रायसेन में वर्ष 2019-20 से आज दिनांक तक मनरेगा अन्तर्गत विभिन्न सामुदायिक निर्माण कार्यों में मस्टर रोल पर बगैर मूल्यांकन के भुगतान किया गया है? यदि हाँ तो कितने निर्माण कार्यों में कितनी राशि का भुगतान किया गया है? (ग) यह बतावें कि प्रश्नांश (ख) के तहत हुये अवैधानिक भुगतान में किन-किन दोषी अधिकारी कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है? यदि हाँ तो विवरण दें? यदि नहीं तो कारण बतावें।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। मस्टर रोल पर बगैर मूल्यांकन किये भुगतान किया जाता है तब वेजलिस्ट बनाने वाले से लेकर एफटीओ जारी करने वाले ग्राम रोजगार सहायक अथवा सचिव, सहायक लेखाधिकारी मनरेगा, कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा अधिकारी कर्मचारी दोषी माने जायेंगे। (ख) जी नहीं। जिला रायसेन में प्रश्नाधीन अवधि में मनरेगा योजना से कराये गये विभिन्न सामुदायिक निर्माण कार्यों में मस्टररोल पर बगैर मूल्यांकन के भुगतान किये जाने की जानकारी विभाग के संज्ञान में नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
मनरेगा के तहत निर्माण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
116. ( क्र. 5402 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक की स्थिति में अनूपपुर जिले के अंतर्गत मनरेगा के तहत तालाब, शांतिधाम, पंचायत भवन निर्माण, आगनवाड़ी भवन, शासकीय स्कूल में बाउड्रीवॉल निर्माण के कितने कार्य चल रहे हैं? उक्त कार्यों हेतु कुल कितनी राशि स्वीकृत हुई? (ख) अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितनी-कितनी राशि के कितने कार्य स्वीकृत हुये, कितने पूर्ण, कितने अपूर्ण है कितना भुगतान किया जा चुका है, कितना भुगतान शेष है? भुगतान नहीं होने का कारण सहित बतावे। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के पूर्ण कार्यों में सीसी जारी कर दी गई है? यदि नहीं तो क्यों? कार्यों का मूल्यांकन किस किस अधिकारी द्वारा किया गया हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) मनरेगा के तहत तालाब 14, शांतिधाम 80, पंचायत भवन निर्माण 12, ऑंगनवाड़ी भवन 29 एवं शासकीय स्कूल में बाउड्रीवॉल के 8 निर्माण कार्य चल रहे हैं। उक्त कार्यों हेतु कुल राशि रू. 842.02 लाख स्वीकृत हुई है। (ख) अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कुल कार्य 286 स्वीकृत है। जिसकी स्वीकृत राशि रू. 2409.64 लाख है। पूर्ण कार्य 237 एवं अपूर्ण कार्य 49 हैं। उक्त कार्यों में मूल्यांकन अनुसार राशि रू. 1799.48 लाख का भुगतान किया जा चुका है, प्रगतिरत कार्यों में मूल्यांकन अनुसार कोई भुगतान लंबित नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार 237 पूर्ण कार्यों की सीसी जारी की जा चुकी है। अतएव शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। कार्यों का मूल्यांकन उपयंत्री द्वारा तथा मूल्यांकन का सत्यापन सहायक यंत्री द्वारा किया जाता है।
फसल क्षेत्र विस्तार एवं यंत्रीकरण योजनांतर्गत दिये यंत्र
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
117. ( क्र. 5403 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल संभाग में उद्यानिकी फसल क्षेत्र विस्तार एवं यंत्रीकरण योजना के अंतर्गत जनवरी, 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों को क्या-क्या आदान एवं अन्य सामग्री और क्या-क्या यंत्र दिये गये और सामग्रियों एवं यंत्रों का गुणवत्ता परीक्षण एवं भौतिक सत्यापन किस नाम, पदनाम के कौन से शासकीय सेवकों द्वारा कब-कब किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत योजनाओं के क्रियान्वयन के क्या निर्देश थे और क्या हितग्राहियों को प्रदत्त पौधों के रोपण और वर्तमान स्थिति की जाँच उपरांत अनुदान राशि वितरित की गई? यदि हाँ तो जाँच के क्या प्रतिवेदन थे? यदि नहीं तो क्यों? इस संबंध में विभागीय निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के तहत क्या फसल क्षेत्र विस्तार योजना के तहत लाभान्वित किसानों को ड्रिप सामग्री प्रदाय की गई? यदि हाँ तो किस आदेश के तहत और इन हितग्राहियों से क्या-क्या दस्तावेज चाहे गये थे? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या फसल क्षेत्र विस्तार एवं यंत्रीकरण योजना के क्रियान्वयन में शासनादेश अथवा विभागीय निर्देशों का उल्लंघन होना परिलक्षित है? यदि हाँ तो इन पर क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं तो ऐसा न होना सत्यापित किया जायेगा?
राज्य मंत्री, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण ( श्री भारत सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। हितग्राहियों को प्रदत्त रोपित पौधों के भौतिक सत्यापन उपरान्त अनुदान राशि का वितरण किया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। विभागीय आदेश दिनांक 27.07.2018 द्वारा ड्रिप सहित फल-पौध रोपण करने वाले किसानों को ड्रिप सहित घटक में अनुदान स्वीकृत किया गया है। विभाग द्वारा ड्रिप सामग्री प्रदान नहीं की गई है। MPFSTS Portal पर हितग्राही से पंजीयन के समय भूमि संबंधी खसरा, नक्शा, बैंक पासबुक, आधारकार्ड की छायाप्रति एवं कृषक का फोटो आदि दस्तावेज की आवश्यकता होती है। (घ) जी हाँ। विभागीय पत्र दिनांक 19.10.2020 के द्वारा आयुक्त शहडोल संभाग शहडोल को यंत्रीकरण योजना में जाँच कराने हेतु लिखा गया था। जाँच प्रक्रियाधीन है।
खेल विभाग के छात्रों को रोजगार के अवसर के संबंध में
[खेल एवं युवा कल्याण]
118. ( क्र. 5407 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या खेलों में उत्कृष्ट योगदान करने वाले खिलाडि़यों को प्रादेशिक एवं राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है? यदि हाँ तो वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी खेल प्रतियोगिताओं में, किस-किस खेल के कितने-कितने खिलाडि़यों को कौन-कौन सा पुरस्कार कब-कब कहां-कहां पर दिया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में खेल पुरस्कारों से सम्मानित खिलाडि़यों को प्रदेश सरकार में रोजगार के अवसर प्रदान होते है? यदि हाँ तो किस-किस खेल के किस-किस खिलाडि़यों को किस-किस विभाग में कब-कब रोजगार के अवसर प्राप्त हुये हैं? (ग) गुना जिले में कौन-कौन से खेलों के कौन-कौन से प्रशिक्षक पदस्थ हैं, कितने पद कब-कब से किन-किन कारणों से, कितने-कितने रिक्त हैं, उन पर कब तक पदस्थापना कर दी जायेगी?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2019-20 में विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में पदक प्राप्त करने वाले खिलाडि़यों से पुरस्कार हेतु आमंत्रित आवेदन पत्रों के परीक्षण हेतु समिति गठित की जाना शेष है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हां, विक्रम पुरस्कार प्राप्त खिलाड़ी को सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशानुसार उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित किया जाता है। उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित होने के फलस्वरूप शैक्षणिक योग्यता व पात्रतानुसार तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर शासकीय नियुक्ति प्रदान की जाती है। प्रश्नोत्तर 'क' के संदर्भ में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) गुना जिले में संविदा जिला खेल प्रशिक्षक के 02 पद स्वीकृत है जिसके विरूद्ध श्री दुर्गेश सक्सेना, संविदा खेल प्रशिक्षक ग्रेड-01 (बास्केटबॉल) एवं कु. सुनीता कंवर, संविदा खेल प्रशिक्षक ग्रेड-01 (हॉकी) पदस्थ है। शेषः प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पी.पी.पी. मॉडल में एवं पीपीपी मॉडल के माध्यम से रोजगार के अवसर
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
119. ( क्र. 5408 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रोजगार संचालनालय के अंतर्गत पी.पी.पी. मॉडल क्या है एवं किस-किस विभाग/फर्म/एजेंसी के बीच संचालित हो रही है? पीपीपी मॉडल की लागत क्या है? क्या-क्या कार्ययोजना एवं उसकी अद्यतन स्थित क्या है? जिलेवार पृथक-पृथक बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या पीपीपी मॉडल में प्रदेश के युवाओं को रोजगार का अवसर प्रदान किया जायेगा? यदि हाँ तो किस-किस योग्यता के युवाओं को, कितनी-कितनी संख्या में, कितने-कितने वेतन पर, कितनी-कितनी अवधि के लिये, कब-कब तक रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा? जिलेवार पृथक-पृथक बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में पीपीपी मॉडल से कितने-कितने रोजगार के अवसर, कब-कब उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है? यदि हाँ तो वर्षवार पृथक-पृथक बतायें। यदि नहीं तो क्यों? (घ) उपरोक्त के संबंध में जिन बेरोजगार युवक/युवतियों ने पीपीपी मॉडल के अतिरिक्त अन्य जिलों में पंजीयन करवाया है, उन्हें भी इस योजना का लाभ मिल सकेगा? यदि हाँ तो कैसे? यदि नहीं तो क्यों? (ङ) पीपीपी मॉडल के सफल क्रियान्वयन हेतु किस सेटअप को, किस नियम/निर्देशों, किन-किन विभागों के मार्गदर्शन, तकनीकी/गैरतकनीकी पद्धति को अपनाकर क्रियान्वित किया जा रहा है?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) अनुबंध अनुसार रोजगार संचालनालय के अंतर्गत जन निजी भागीदारी बी.ओ.टी. (बिल्ड ऑपरेट ट्रान्सफर) मॉडल पर आधारित है। जिसके तहत प्लेसमेंट के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जन निजी भागीदारी द्वारा प्रारंभ में आंशिक रूप से वित्त का वहन किया जावेगा एवं संचालनालय द्वारा किये जाने वाले व्ही.डी.एफ. के माध्यम से भुगतान के माध्यम से आंशिक रूप से अपने निवेश एवं लागतों को वसूल करेगा। यह अनुबंध रोजगार संचालनालय मध्यप्रदेश एवं यशस्वी एकेडमी फॉर टेलेन्ट मेनेजमेंट प्रा.लि. शिवाजी नगर पुणे, महाराष्ट्र के मध्य निष्पादित है। पी.पी.पी. पार्टनर को पाँच वर्ष में रू. 19.50 करोड़ व्ही.डी.एफ. का भुगतान किया जायेगा। पी.पी.पी. द्वारा किये जाने वाले कार्य एवं उनकी अद्यतन स्थिति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। सभी तरह की योग्यता के युवाओं को निजी क्षेत्र के नियोजक की मांग के अनुरूप रोजगार उपलब्ध कराया जाता है। रोजगार में नियोजित आवेदक एवं निजी क्षेत्र के नियोजक की सहमति पर कितने भी समय तक आवेदक नियोजित रह सकता है। नियोजक एवं आवेदकों के बीच आपसी सहमति से निर्धारित वेतन पर आवेदक की नियुक्ति दी जाती है। समस्त जिलों में रोजगार मेला के माध्यम से एवं पी.पी.पी. को निर्धारित लक्ष्य का कम से कम 0.1 प्रतिशत प्रत्येक जिले से प्लेसमेंट कराया जायेगा। (ग) पी.पी.पी. मॉडल के अंतर्गत निष्पादित अनुबंध अनुसार चयनित जन निजी भागीदार को निर्धारित लक्ष्य की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जी हाँ। प्रदेश के किसी भी जिले में पंजीकृत आवेदक को पी.पी.पी. के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराया जावेगा। अनुबंध अनुसार प्रदेश में पी.पी.पी. पार्टनर द्वारा स्थापित कॉल सेंटर के माध्यम से प्रदेश के सभी रोजगार कार्यालयों में पोर्टल पर पंजीकृत आवेदकों से संपर्क किया जाता है एवं उन्हें निजी क्षेत्र में नियोजन के संबंध में जानकारी दी जाती है। इसके अतिरिक्त सभी जिले में प्लेसमेंट केम्प एवं रोजगार मेला के माध्यम से आवेदकों को निजी क्षेत्र में नियोजन कराया जाता है। (ङ) पी.पी.पी. मॉडल के अधीन रोजगार संचालनालय मध्यप्रदेश एवं जन निजी भागीदार के मध्य अनुबंध किया गया है। इसी अनुबंध की शर्तों के अधीन ही इस कार्य को क्रियान्वित किया जा रहा है।
कृषि अनुसंधान विश्वविद्यालय और महाविद्यालय खोले जाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
120. ( क्र. 5418 ) श्री महेश परमार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन जिले में कृषि अनुसंधान के लिए विश्वविद्यालय महाविद्यालय की कोई योजना विगत 15 वर्षों से आज तक बनाई गई है? हाँ तो क्या, यदि नहीं तो क्या कारण है? (ख) उज्जैन जिले की किसानों की भूमि सुधार भी जरूरतों की पूर्ति के लिए मशीनरी इंजीनियरिंग विपणन के क्षेत्र में सरकार ने 05 वर्षों में कोई कार्य किया है? यदि हाँ तो अलग-अलग जानकारी देते हुए योजना का पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। (ग) क्या उज्जैन जिले में फसल बीमा योजना का सही समय पर किसानों को लाभ मिल पा रहा है? यदि हाँ तो किन-किन अधिकारियों द्वारा कब- कब लाभ मिलने का वेरिफिकेशन किया गया? (घ) जिले में बायोगैस के विकास के लिए क्या-क्या कार्यक्रम विगत 05 वर्षों में हुए हैं? कितने किसानों को लाभ मिला है?(ङ) जिले में किसानों को जैविक उर्वरक खाद और रासायनिक की उपलब्धता और वितरण के संबंध में विगत 05 वर्षों में क्या क्या कार्यवाही की गई और वर्तमान में क्या की जा रही है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय द्वारा उज्जैन जिले में कृषि अनुसंधान हेतु कोई योजना विगत 15 वर्षों में, तैयार कर नहीं भेजी गई है। इस हेतु शासन स्तर से कोई प्रस्ताव नहीं चाहा गया है। (ख) जिले के किसानों की भूमि सुधार की जरूरतों की पूर्ति के लिए मशीनरी, इंजीनियरिंग एवं विपणन के क्षेत्र में कार्य को विगत 5 वर्षों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी हाँ। समय समय पर जिला स्तर से कलेक्टर जिला-उज्जैन द्वारा समीक्षा की जा रही है। (घ) जिले में बायोगैस के विकास के संबंध में विगत 05 वर्षों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ङ) जिले में किसानों को जैविक उर्वरक खाद और रासायनिक उर्वरकों की उपलब्धता और वितरण के संबंध में विगत 05 वर्षों एवं वर्तमान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
मनरेगा योजना अंतर्गत मशीनों से कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
121. ( क्र. 5429 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के रौन विकासखण्ड की ग्राम पंचायत इमलाहा, जैतपुरा गुढ़ा, रायपुरा नं. 1, चंदावली नं. 1 में दिनांक 01 जनवरी 2020 से दिनांक 10 फरवरी 2021 तक रोजगार गारन्टी योजना (मनरेगा) के अंतर्गत किन कार्यों हेतु कुल कितनी राशि व्यय की गई? (ख) क्या कोरोना काल में लॉकडाउन के तहत मनरेगा योजना में स्वीकृत कार्य जनपद पंचायत रौन के अधिकारियों की मिली भगत से मजदूरों से न कराकर मशीनों से एवं गुणवत्ताहीन कराए गए हैं? यदि हाँ तो क्या इसकी जाँच कराई जाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं तो क्यों? (ग) उपरोक्त अवधि में कराए गए कार्यों में मजदूरों से कौन-कौन से कार्य कराए गए एवं कितने कार्य हेतु कितनी राशि का भुगतान किया गया? मजदूरों की संख्या बतायें।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) विकासखण्ड रौन की दिनांक 01 जनवरी 2020 से 10 फरवरी 2021 तक रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत ग्राम पंचायत इमलाह में 60 कार्यों पर 59.68 लाख, ग्राम पंचायत जैतपुरागुढ़ा में 21 कार्यों पर 45.34 लाख, ग्राम पंचायत रायपुरा में 69 कार्यों पर 70.46 लाख एवं चंदावली नं.1 में 08 कार्यों पर 7.14 लाख रूपये राशि का व्यय किया गया। ग्राम पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी नहीं कोरोना काल में लॉकडाउन के तहत मनरेगा योजना अंतर्गत मजदूरों एवं अनुमत्य मशीनों के द्वारा कार्य कराये गये है। इसकी जाँच अनुविभागीय अधिकारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा उप संभाग गोहद के नेतृत्व में जाँच समिति द्वारा कराई गई। जाँच रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) ग्राम पंचायतवार मजदूरों से कराये गये कार्यों की सूची मय मजदूरी के नाम पता सहित भुगतान की राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
सरपंच/सचिवों पर बकाया राशि की वसूली
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
122. ( क्र. 5431 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के जनपद पंचायत लहार एवं रौन की कौन-कौन सी ग्राम पंचायत के सरपंच/सचिवों पर दिनांक 01 जनवरी 2013 से 31 दिसम्बर 2020 तक कितनी-कितनी राशि बकाया है? उपरोक्त बकाया राशि की वसूली की क्या-क्या कार्यवाही की गई एवं कब तक राशि वसूल कर ली जाएगी? (ख) क्या विधानसभा प्रश्न क्रमांक 490, दिनांक 19/02/2015 में दी गई जानकारी अनुसार जनपद पंचायत लहार जिला भिण्ड द्वारा लगभग 35 ग्राम पंचायतों पर बकाया लाखों रूपये की राशि वसूली के प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) लहार को अनेक वर्षों पूर्व भेजने के बाद भी वसूली नहीं करने के लिए दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं तो क्यों एवं कब तक राशि वसूल की जाएगी?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी संकंलित की जा रही है।
राज्य कृषि विपणन बोर्ड मुख्यालय भोपाल में प्राप्त शिकायतें
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
123. ( क्र. 5434 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड मुख्यालय भोपाल में विगत 3 वर्षों में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में कितने शिकायतकर्ता द्वारा विभाग को प्रश्नांकित अवधि में 2 से अधिक शिकायतें की गई हैं? शिकायतकर्तावार संख्यात्मक विवरण देवें। (ग) प्रश्न (क) और (ख) के संबंध में क्या यह संभावित है कि संबंधितों द्वारा स्वयं की स्वार्थ पूर्ति और व्यक्तिगत द्वेष भावनाओं से शिकायतें की गई हैं तथा ऐसी जॉंचों में शासकीय समय मुद्रा और ऊर्जा का अनावश्यक व्यय तथा कर्मचारियों का मनोबल प्रभावित होता है? (घ) प्रश्न (क), (ख) और (ग) के संबंध में क्या विभाग और कर्मचारियों के हित में एक ही विषय पर प्राप्त एक से अधिक शिकायतों और एक ही शिकायतकर्ता जिनके द्वारा 3 या अधिक शिकायतें की गई उन को बंद करने का प्रशासनिक निर्णय लिया जाएगा? यदि हाँ तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड मुख्यालय भोपाल में वर्षवार प्राप्त शिकायतें क्रमश: वर्ष-2018-19 में 104, वर्ष-2019-20 में 92 एवं वर्ष-2020-21 में 76 इस प्रकार कुल 272 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। (ख) कुल 18 शिकायतकर्ता द्वारा दो से अधिक बार शिकायतें की गई। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। शिकायत बंद करने के पूर्व अभिलेखीय साक्ष्य के आधार पर तथ्यों की जाँच कराई जाकर निर्णय लिया जाता है। शेष का प्रश्न उदभूत नहीं होता है।
औद्योगिक क्षेत्रों का विकास
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
124. ( क्र. 5436 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. औद्योगिक केन्द्र विकास निगम भोपाल के अंतर्गत कौन-कौन से औद्योगिक क्षेत्र कितने-कितने क्षेत्र में विकसित है। औद्योगिक क्षेत्रवार जानकारी दें। (ख) किस-किस औद्योगिक क्षेत्र में कितनी-कितनी भूमि के भूखंड किस-किस को कब-कब आवंटित किये गये हैं। उक्त में से किस-किस भूखंड की हस्तांतरण की प्रक्रिया प्रचलन में है। क्षेत्रवार जानकारी दें। (ग) कितनी-कितनी भूमि के भूखंड अभी आवंटन होना शेष हैं। भूखंड का प्रकार भोपाल की औद्योगिक क्षेत्रवार जानकारी दें। (घ) वर्तमान में भूखण्ड किस दर पर किस प्रक्रिया के तहत आमंत्रित किये जा रहे हैं।
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री ( श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव ) : (क) एमपी इण्डस्ट्रीयल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लि. के क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल (पूर्व में म.प्र. औद्योगिक केन्द्र विकास निगम भोपाल) के अंतर्गत विकसित औद्योगिक क्षेत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–अ अनुसार है। (ख) एमपी इण्डस्ट्रीयल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लि. के क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल अंतर्गत औद्योगिक क्षेत्रों में आवंटित भूखण्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–ब अनुसार है। उक्त में से हस्तांतरण की प्रक्रिया में प्रचलित भूखण्डों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–स अनुसार है। (ग) एमपी इण्डस्ट्रीयल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लि. के क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल अंतर्गत औद्योगिक क्षेत्रों में उत्तर दिनांक तक कितनी-कितनी भूमि के भूखण्ड आवंटन होना (रिक्त भूखण्ड) है एवं भूखण्डों के प्रकार की जानकारी औद्योगिक क्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–द अनुसार है। (घ) औद्योगिक क्षेत्रों में वर्तमान में रिक्त भूखण्ड ऑनलाईन प्रक्रिया से '' प्रथम आओ प्रथम पाओ'' के आधार पर आवंटित किये जा रहे है एवं भूखण्डों के दर की औद्योगिक क्षेत्रवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–ई अनुसार है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत सड़क एवं पुलों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
125. ( क्र. 5441 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत इस वित्तीय वर्ष में लगभग 1209 करोड़ रूपए की लागत से 1584 कि.मी. की लंबाई की सड़कों तथा 139 पुलों का निर्माण कार्य पूर्ण होने के संबंध में जनसंपर्क/माध्यम से विज्ञापन क्र. D 13194/20 दिनांक 18.02.2021 के समाचार पत्रों में दिया गया था? (ख) यदि हाँ तो भिण्ड जिले की कौन-कौन सी सड़कें एवं पुलों का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया है?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। राज्य शासन द्वारा आत्म निर्भर मध्यप्रदेश के अंतर्गत दिये गये विज्ञापन में शासन की अन्य योजनाओं के साथ-साथ प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से संबंधित प्रश्नांकित विवरण शामिल था। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मंत्री बंगलों पर साज सज्जा आदि पर व्यय राशि
[लोक निर्माण]
126. ( क्र. 5442 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी सहित मंत्रिमण्डल के किन-किन सदस्यों के भोपाल स्थित उन्हें आवंटित शासकीय आवासों में माह अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक की अवधि में साज-सज्जा अतिरिक्त निर्माण कार्य आदि कार्यों पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? आवास वार पृथक-पृथक जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित अवधि में उक्त आवासों पर बिजली एवं पानी (जलदर) पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? कृपया आवास वार पृथक-पृथक जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आजीविका मिशन के अंतर्गत अनियमितता किये जाने की जांच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
127. ( क्र. 5445 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले में आजीविका मिशन सहायक राज्य प्रयोजना प्रबंधक के द्वारा मिशन के कर्मचारियों को कारण बताओं सूचना-पत्र जारी किया गया था? यदि हाँ तो यह पत्र कब-कब तथा किस-किस संबंध में जारी किया गया था? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या आजीविका मिशन के लगभग 65 कर्मचारियों द्वारा सहायक राज्य प्रयोजना प्रबंधक के विरूद्ध कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये जाने में भ्रष्टाचार का उल्लेख करते हुये शिकायत की थी? यदि हाँ तो इस शिकायत की जाँच कराई गई? यदि हाँ तो जाँच निष्कर्ष के आधार पर उत्तरदायी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में राज्य मिशन कार्यालय से जारी कारण बताओ नोटिस के संदर्भ में 65 कर्मचारियों द्वारा हस्ताक्षरित उत्तर में श्री दिनेश दुबे के विरूद्ध किसी प्रकरण विशेष या विशिष्ट भ्रष्टाचार का उल्लेख नहीं था। इसके बावजूद राज्य कार्यालय द्वारा समिति गठित कर जाँच कराई गई। जाँच में श्री दुबे के विरूद्ध की गई शिकायत सत्य प्रमाणित नहीं हुई। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गणवेश सिलाई में अनियमितताओं की जाँच एवं कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
128. ( क्र. 5446 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक की अवधि में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की दृष्टि से महिला स्व-सहायता समूहों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिये आजीविका मिशन के अंतर्गत स्कूली बच्चों की गणवेश सिलकर प्रदाय करने हेतु कार्य दिया गया था? (ख) यदि हाँ तो क्या प्रदेश के विभिन्न जिलों में गणवेश सिलाई में की गई आर्थिक अनियमितताओं की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ तो किस-किस जिले से किस-किस स्तर पर क्या-क्या शिकायतें प्राप्त हुई हैं और उन शिकायतों की जाँच उपरांत किन-किन दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आजीविका मिशन के स्व-सहायता समूहों को स्कूली बच्चों की गणवेश सिलाई कर प्रदाय किये जाने का आदेश दिया गया है। (ख) जी हाँ। जिला रायसेन एवं बैतूल जिले की शिकायतें राज्य कार्यालय को प्राप्त हुई हैं। शिकायतों की जाँच कलेक्टर स्तर से कराई जा रही है। दतिया व शाजापुर में जिला स्तर पर प्राप्त शिकायतों की जाँच एवं तद्नुरूप कार्यवाही प्रचलन में है। जांच/कृत कार्यवाही के प्रतिवेदन अभी प्राप्त नहीं हुए हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खेल छात्रावास हेतु नियम विरूद्ध सामग्री खरीदी
[खेल एवं युवा कल्याण]
129. ( क्र. 5452 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) 01 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कम्पोजिट रेसिडेंशियल (खेल छात्रावास) भोपाल हेतु कितनी-कितनी राशि का फर्नीचर व अन्य सामग्री किस-किस संस्था/फर्म से क्रय की गई है? उक्त सामग्री क्रय किये जाने हेतु किस अधिकारी के द्वारा कब स्वीकृति प्रदान की गई? (ख) उक्त सामग्री क्रय करने हेतु क्रय समिति बनाई गई है? यदि हाँ तो समिति के सदस्यों के नाम पद सहित बतायें एवं तुलना पत्रक की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) उपरोक्त सामग्री उक्त अवधि में कुल कितनी राशि की क्रय की गई? यदि 01 करोड़ रूपये से अधिक की सामग्री क्रय की गई है तो नियमानुसार शासन से अनुमति प्राप्त की गई है? यदि हाँ तो बतायें? यदि नहीं तो इसके लिये कौन-कौन उत्तरदायी है? (घ) क्या उपरोक्त सामग्री बाजार मूल्य से अत्यधिक अधिक दरों पर खरीदी गई है? यदि नहीं तो क्या उक्त सामग्री खरीदी की उच्च स्तरीय जाँच कराई जायेगी? यदि हाँ तो कब? यदि नहीं तो क्यों?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में खेल छात्रावास भोपाल हेतु कोई भी फर्नीचर आदि सामग्री क्रय नहीं की गई है। (ख), (ग), (घ) प्रश्नोत्तर (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
फसल बीमा योजना की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
130. ( क्र. 5464 ) श्री सुरेश राजे : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01/04/2020 से 31/01/2021 तक ग्वालियर संभाग में खरीफ व रबी फसलों के किस सीजन की फसल बीमा की कितनी राशि कितने किसानों को वितरित की गई? किसान संख्या, प्रीमियम राशि, खरीफ/रबी फसलवार, तहसीलवार बतावें। (ख) यह भी बतावें कि जिस सीजन की फसल बीमा राशि वितरित की गई उस सीजन की कितनी प्रीमियम राशि ली गई? किसान संख्या, प्रीमियम राशि, खरीफ/रबी फसलवार तहसीलवार बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) अवधि अनुसार ग्वालियर संभाग में कितनी प्रीमियम राशि ली गई? किसान संख्या, प्रीमियम राशि, खरीफ/रबी फसलवार, तहसीलवार बतावें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार इस अवधि के लिए कितना फसल बीमा तय हुआ है? किसान संख्या, राशि सहित तहसीलवार बतावें। इसका वितरण कब तक होगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत ग्वालियर संभाग में दिनांक 1.4.2020 से 31.1.2021 तक वितरित की गई बीमा दावा राशि एवं लाभान्वित कृषकों की जानकारी तथा उक्त अवधि में लाभान्वित कृषकों से प्राप्त प्रीमियम राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त अवधि में वितरित की गई दावा राशि से संबंधित मौसम बर्षों में कुल बीमित कृषकों से प्राप्त प्रीमियम राशि की मौसमवार,फसल एवं तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में ग्वालियर संभाग अंतर्गत बीमांकन की मौसम वर्षवार, फसलवार एवं तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार।
नकली/अवैध खाद कीटनाशक एवं अन्य रसायनों के निर्माण के प्रकरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
131. ( क्र. 5465 ) श्री सुरेश राजे : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ नकली/अवैध खाद कीटनाशक एवं अन्य रसायनों के निर्माण के प्रकरण बनाये गये? कौन-कौन प्रकरणों में एफ.आई.आर. दर्ज की गई कौन-कौन से प्रकरण न्यायालय भेजे गये? (ख) नकली खाद कीटनाशक एवं रसायनों का निर्माण जहॉं पकड़ा गया है वहॉ के कृषि अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) जिन कृषि अधिकारियों के क्षेत्र में नकली सामग्री निर्माण का गोरखधंधा चल रहा है वहॉं के अधिकारियों को दण्डित क्यों नहीं किया गया? क्या शासन उन्हें भी जबावदेह मानेगी? यदि नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जिला ग्वालियर में वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक नकली उर्वरक एवं कीटनाशक निर्माण का कोई प्रकरण नहीं पाया गया है। अत: शेष कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
किसानों का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
132. ( क्र. 5467 ) श्री सुरेश राजे : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर संभाग की कृषि उपज मंडियों में अक्टूबर 2018 से जनवरी 2019 की अवधि में अपनी उपज बेचने वाले अनेक किसानों को उनका भुगतान नहीं मिला हैं? (ख) यदि हाँ तो कितने किसानों का कितना भुगतान बकाया है? (ग) मंडी बोर्ड द्वारा किसानों को उनका भुगतान दिलाने के लिए क्या कार्यवाही की गई? इन किसानों को कब तक उनका भुगतान मिल जाएगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) ग्वालियर संभाग के अंतर्गत स्थापित कृषि उपज मंडी समितियों में माह अक्टूबर 2018 से माह जनवरी 2019 की अवधि में कृषकों की कृषि उपज का भुगतान शेष नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उदभूत नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उदभूत नहीं होता।
किसानों की आय को दोगुना करने
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
133. ( क्र. 5482 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरकार किसानों की आय को दोगुना करने हेतु क्या-क्या कदम उठा रही है? जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत जिला नरसिंहपुर, सागर एवं दमोह में क्या-क्या कदम उठाये गये हैं? कितने किसान लाभान्वित हुऐ हैं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) सरकार द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने के लिये कृषि के क्षेत्र में नई-नई तकनीकियों जैसे फसल सघनता एवं अंतवर्तीय फसलों को बढ़ावा देने के लिये शासन द्वारा धान में मेडा गास्कर पद्धति, धान में उतेरा कल्टीवेशन, अरहर में धारवाड़ पद्धति एवं गन्ना में मल्चिंग पद्धति फसल आधारित प्रदर्शनों एवं अंतवर्तीय फसल प्रयोग आयोजित किये जा रहे है। जिला नरसिंहपुर में शासन द्वारा चना फसल प्रदर्शन संख्या 2400 के लिये 1800 क्विं. बीज तथा मसूर प्रदर्शन संख्या 700 हेतु 280 क्विं. बीज एवं सरसों फसल को बढ़ावा देने 47 क्विं. बीज वितरण किया गया है। साथ-साथ दलहनी फसलों में चना फसल का उत्पादन बढ़ाने के लिये योजनांतर्गत 8480 क्विं. बीज पर 50 प्रतिशत अनुदान 3300 रूपये प्रति क्विं. के हिसाब से किसानों को उनके खाते में भुगतान किया गया तथा मटर की फसल हेतु 30 क्विं. बीज का 50 प्रतिशत अनुदान पर प्रदाय किया गया। चना, मसूर एवं सरसों की उपज का उपार्जन वर्ष 2019-20:- चना, मसूर एवं सरसों का उपार्जन 29 अप्रैल 2020 से प्रारंभ किया गया था। 1. वर्ष 2019-20 (विपणन वर्ष 2020-21) फसल चना का उपार्जन 262797 कृषकों द्वारा कुल खरीदी मात्रा 7.06 लाख मेट्रिक टन तथा कृषकों को राशि रू. 341847.49 लाख का भुगतान किया गया है। 2. फसल मसूर का उपार्जन 1898 कृषकों द्वारा कुल खरीदी मात्रा 0.014 लाख मीट्रिक टन तथा कृषकों को राशि रू. 683.87 लाख का भुगतान किया गया है। 3. फसल सरसों का उपार्जन 42603 कृषकों द्वारा कुल खरीदी मात्रा 1.15 लाख मीट्रिक टन तथा कृषकों को राशि रू.50745.12 लाख का भुगतान किया गया है। 4. रबी वर्ष 2020-21 (विपणन वर्ष 2020-21) में गेहूं के साथ चना, मसूर एवं सरसों उपार्जन किया जा रहा है। निजी क्षेत्र में कस्टम हायरिंग केन्द्र स्थापना:-इस योजना की उप योजना दो के अंतर्गत निजी क्षेत्र में कस्टम हायरिंग केन्द्र स्थापित करने की योजना संचालित की जा रही है जिसके अंतर्गत 40 वर्ष तक की आयु के ग्रामीण युवाओं को 25 लाख रू. राशि तक के कस्टम हायरिंग केन्द्र स्थापित करने के प्रोजेक्ट पर लागत का 40 प्रतिशत (अ.जा. एवं अ.ज.जा. के आवेदकों को 10 प्रतिशत अतिरिक्त) अधिकतम रू. 10 लाख तक का अनुदान बेक ऐण्डेड सब्सिडी के माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है। (ख) नरसिंहपुर जिले में कृषकों को उन्नत कृषि सिंचाई यंत्र, ड्रिप, स्प्रिंकलर, पाईप लाईन एवं विद्युत पंप से वर्ष 2019-20 में 1756 कृषकों एवं 2020-21 में 480 कृषकों को लाभान्वित किया। जिले में चना एवं मसूर के साथ सरसों की अंतर्वतीय खेती के माध्यम से उत्पादन में बढ़ोतरी की जा रही है। साथ-साथ ही विभाग द्वारा कृषकों को गन्ने की फसल के साथ अंतर्वतीय चना, धनियां, सब्जियों की फसलो को उगाने की सलाह दी जा रही है जो किसानों द्वारा अपनाई जा रही है। उक्त फसल तकनीकियों का कृषि विभाग के क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, जिससे किसानों की आय को दोगुना करने हेतु प्रयास किया जा रहा है। सागर जिले में किसानों की आय को दोगुनी करने हेतु पाँच वर्षों के रोडमैप में क्षेत्र विस्तार फसल परिवर्तन, मृदा स्वास्थ्य जांच, फसल प्रदर्शन, सिंचाई संसाधनों में वृद्धि, समर्थन मूल्य में वृद्धि एवं तकनीकी प्रचार प्रसार जैसे कदम उठाये गये है। जिसमें इस वर्ष लगभग 21700 कृषक लाभान्वित किये गये है। दमोह सरकार द्वारा किसानों की आय को दोगुना करने हेतु दमोह जिले के किसानों के लिये संचालित योजनाओं से 72699 लाभान्वित कृषक हुए। कृषकों की विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
पुरातत्व महत्व के स्थलों का अनुरक्षण
[लोक निर्माण]
134. ( क्र. 5487 ) श्री महेश परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा उज्जैन जिले में प्राचीन ऐतिहासिक पुरातत्व महत्व की कौन-कौन से अवशेष और स्थलों का निरीक्षण कब से किया जा रहा है? विगत 05 वर्षों में अनुरक्षण के लिए क्या-क्या कार्य किए और क्या-क्या खर्च किया? (ख) लोक निर्माण विभाग द्वारा विगत 05 वर्षों में उज्जैन जिले में कौन-कौन सी पुरातात्विक स्थलों का अनुरक्षण किया गया है? (ग) लोक निर्माण विभाग द्वारा विगत 05 वर्षों में कौन-कौन सी ऐतिहासिक स्मारकों का अनुरक्षण किया गया है? (घ) उज्जैन नगर और उज्जैन जिले में कब से अनुरक्षण का कार्य किन-किन इमारतों को लेकर किया जा रहा है? शासन से कब कब कितनी राशि स्वीकृत हुई है और उन राशियों को खर्च कहां किया गया है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांकित श्रेणी के निरीक्षण का कोई प्रावधान नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) पुरातात्विक स्थल एवं ऐतिहासिक स्मारक, विभाग की भवन पुस्तिका में अंकित न होने के कारण बताना संभव नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
कृषि यंत्रों पर प्रदात्त अनुदान राशि
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
135. ( क्र. 5492 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा कृषि यंत्रों की खरीदी करने पर किसानों को विभाग द्वारा अनुदान राशि प्रदान की जा रही है? (ख) यदि हाँ तो सागर जिले में वर्ष 2019-20, 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को उपरोक्त अनुदान राशि प्रदान की गई? विकासखंडवार जानकारी देवें। (ग) कृषि यंत्र, दवाई छिड़काव पंप, कटर मशीन एवं ग्रेडिंग मशीन इत्यादि कृषि यंत्रों को कितने किसानों को अनुदान राशि प्रदान करने का विभाग का लक्ष्य था? वर्षवार जानकारी देवें। (घ) यदि नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सागर एवं राहतगढ़ विकासखंड के कितने किसानों द्वारा अनुदान राशि हेतु आवेदन जमा किये थे? उनमें से कितने लंबित हैं? लंबित प्रकरणों पर कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री कमल पटेल ) : (क) जी हाँ। विभाग में संचालित विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत कृषकों को कृषि यंत्र क्रय पर अनुदान दिया जाता है। (ख) सागर जिलें में प्रश्नाधीन अवधि में अनुदान प्रदाय किये गये हितग्राहियों की विकासखण्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में सागर जिले को कृषि यंत्र/उपकरण दवाई छिड़काव पंप, कटर मशीन एवं ग्रेडिंग मशीन इत्यादि के दिये गये लक्ष्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) सागर एवं राहतगढ़ विकासखण्ड के किसानों द्वारा अनुदान पर कृषि यंत्र प्राप्त करने हेतु किये गये आवेदन एवं लंबित प्रकरणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। लंबित प्रकरणों पर, नियमानुसार पात्रता पाई जाने पर स्वीकृति प्रदान कर अनुदान राशि का भुगतान किया जावेगा।
उज्जैन से शामगढ़ व गरोठ के लिए सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
136. ( क्र. 5493 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन से होकर शामगढ, गरोठ के लिए सड़क निर्माण कार्य स्वीकृत हुआ है? यदि हॉं तो इसकी डी.पी.आर. उपलब्ध करावें। इस सड़क का निर्माण घटि्टया विधानसभा क्षेत्र के किस-किस गांव को सड़क मार्ग से जोड़ा गया है? किस-किस गांव के कौन-कौन हल्का नं. के किसान की जमीन अधिग्रहित की गई है और किस-किस किसान की जमीन अधिग्रहित की जाना है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किसानों की जमीन अधिग्रहण के बाद किस-किस को मुआवजा राशि दे दी गई है? किस-किस को मुआवजा राशि नहीं दी गई? कारण सहित बतावें। उक्त सड़क निर्माण के लिए विज्ञप्ति कब बुलाई गई और किस-किस ने टेण्डर डाले? उनकी सूची देवें। निर्माण का ठेका किस-किस कंपनी को दिया गया है? (ग) सड़क निर्माण के लिए कौन-कौन से कुल कितने वृक्ष काटे गये और काटे जायेगें? पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए इतने ही वृक्ष कहॉं लगाए जाएंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधीन है। उनसे प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार। (ग) उत्तरांश 'क' अनुसार।
ग्राम पंचायत सचिवों के स्थानांतरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
137. ( क्र. 5494 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सिवनी के द्वारा 01 मार्च 2020 से आज दिनांक तक कितने ग्राम पंचायतों के सचिवों का संलग्नीकरण अथवा प्रशासकीय व्यवस्था के तहत स्थानांतरण किया गया है? अगर हाँ तो शासन की कौन सी स्थानांतरण नीति, आदेश निर्देशों के तहत स्थानांतरण किया गया है? शासन की नीति के विरूद्ध स्थानांतरण किया गया है तो दोषी अधिकारी कर्मचारियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ख) क्या जिला पंचायत सिवनी द्वारा 01 मार्च 2020 से आज दिनांक तक ग्राम पंचायत सचिवों के नियम विरूद्ध स्थानांतरण किये गये थे? जिला पंचायत सिवनी के द्वारा कितने सचिवों का स्थानांतरण निरस्त किये गये हैं? अगर निरस्त किये गये हैं तो दोषी अधिकारियों कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या उच्च न्यायालय जबलपुर के स्थगन होने के उपरांत भी कितने ग्राम पंचायतों के सचिवों का स्थानांतरण किया गया है? अगर स्थानांतरण किया गया है, तो मान. उच्च न्यायालय जबलपुर के आदेश की अवहेलना के लिये दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सिवनी के द्वारा मार्च 2018 से आज दिनांक तक कितने सचिवों को निलंबन से बहाल किया जाकर निलंबन अवधि को कार्य अवधि माना गया है? सम्पूर्ण जानकारी जनपद पंचायतवार, सचिववार, उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
लॉकडाउन के दौरान वापस आये मजदूरों संबंधी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
138. ( क्र. 5495 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कोविड-19 के कारण लॉकडाउन लागू किये जाने की तिथि कब से कब तक रही? (ख) प्रदेश के सिवनी जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में लॉकडाउन के दौरान वापस आये प्रवासी श्रमिकों की संख्या ग्राम पंचायतवार, जनपद पंचायतवार बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार क्या मजदूरों को मनरेगा में मजदूरी उपलब्ध कराई गई है? वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रश्न दिनांक तक समस्त मजदूरों को किये गये मजदूरी भुगतान की जानकारी जनपद पंचायतवार बतायें। (घ) यदि प्रश्नांश (ख) प्रवासी मजदूरों को मजदूरी उपलब्ध न कराई गई तो मजदूरी उपलब्ध न कराने वाले दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
जिला कार्यालय खोले जाने के सम्बंध में
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
139. ( क्र. 5499 ) श्री अनिल जैन : क्या औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा निवाड़ी जिले में जिला कार्यालय खोले जाने एवं आवश्यक पदों के सृजित करने हेतु कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ तो किन-किन स्तर से क्या क्या कार्यवाही की गई है? कार्यवाही का पत्र क्रमांक दिनांक एवं विवरण सहित बताते हुए इस बावत् अद्यतन स्थिति से अवगत करावें। (ख) निवाड़ी जिले में स्थानीय युवाओं को विभिन्न उद्योगों के स्थापित करने के लिए शासन द्वारा क्या-क्या प्रयास किए जा रहे हैं? बिंदुवार जानकारी दी जावे।
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री ( श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव ) : (क) विभाग के अधीन विभागाध्यक्षों एवं निगमों (कंपनी) के कार्यालय भोपाल एवं संभागीय मुख्यालय स्तर पर है तथा जिला स्तर पर जिला कार्यालय कार्यरत नहीं है। उक्त के प्रकाश में विभाग निवाड़ी जिले में जिला कार्यालय खोले जाने संबंधी कोई कार्यवाही नहीं की गई है। (ख) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा निवाड़ी जिले में ही नहीं अपितु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने एवं वृहद श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों को तथा निवेश परियोजनाओं को प्रोत्साहित करने हेतु उद्योग संवर्धन नीति 2014 (यथा संशोधित 2020) लागू की गई है जो संपूर्ण प्रदेश में लागू एवं प्रभावशील है। उक्त नीति में वृहद श्रेणी की पात्र निवेश परियोजनाओं के लिये विभिन्न सुविधायें/सहायता प्रावधानित की गई हैं एवं म.प्र. शासन, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के अन्तर्गत निवाड़ी जिले में स्थानीय युवाओं को विभिन्न उद्योगों के स्थापित करने के लिए शासन द्वारा किए जा रहे प्रयास की जानकारी निम्नानुसार है:- 1. प्रदेश में औद्योगिकरण को बढ़ावा देने के लिये सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग, मध्यप्रदेश शासन द्वारा म.प्र. एमएसएमई प्रोत्साहन योजना, 2019 जारी की गई है जिसमें निर्माण श्रेणी की एमएसएमई इकाई स्थापित करने पर विभिन्न सुविधाओं का प्रावधान किया गया है। म.प्र. एमएसएमई प्रोत्साहन योजना, 2019 में प्रावधानित सुविधाओं का लाभ निवाड़ी जिले में उद्योग स्थापित करने वाले उद्यमियों को भी प्राप्त होता है। 2. निवाड़ी जिले में स्थानीय युवाओं को विभिन्न उद्योगों में स्थापित करने के लिए औद्योगिक क्षेत्रों हेतु 03 स्थान निवाड़ी भाटा विस्तार, असाटी जंगल, देवेन्द्रपुरा में कुल 52.228 हेक्टेयर भूमि का आधिपत्य प्राप्त किया गया है, जिस पर सर्वे डिमार्केशन एवं अभिन्यास निर्माण का कार्य प्रगति पर है। 3. निवाड़ी जिले में स्थानीय युवाओं को विभिन्न उद्योगों में स्थापित करने के लिए भारत सरकार के प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत बैंकों के माध्यम से उद्योग स्थापनार्थ ऋण उपलब्ध कराया जाता है।
ग्राम रोजगार सहायकों का वेतन का लाभ
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
140. ( क्र. 5504 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत संविदा पर कार्यरत अधिकारी कर्मचारियों को नियमित वेतनमान का 90 प्रतिशत वेतन देने का प्रावधान किया गया है? यदि हां, तो ग्राम रोजगार सहायकों को उक्त लाभ से वंचित क्यों किया गया है, जबकि ग्राम पंचायतों का अधिकांश कार्य ग्राम रोजगार सहायकों द्वारा ही निष्पादित किया जा रहा है? कब तक ग्राम रोजगार सहायकों को 90 प्रतिशत वेतनमान का लाभ दिया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या अन्य संविदा कर्मचारियों की भांति ग्राम रोजगार सहायकों का ईपीएफ कटौती नहीं कराई जा रही है जिससे इनका भविष्य अंधकारमय है? कब तक ईपीएफ कटौती संबंधी आदेश जारी कर दिया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों? जबकि प्रायवेट कम्पनियों तक के कर्मचारियों को ईपीएफ/पीएफ कटौती योजना का लाभ दिया जाता है?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय के पत्र क्र. सी 5-2/2018/1/3/भोपाल दिनांक 05.06.2018 के संदर्भ में नीति अनुसार कार्यवाही की जा रही है। ग्राम रोजगार सहायक ग्राम पंचायत द्धारा चयनित अंशकालिक संविदा सहायक हैं। उन पर सामान्य प्रशासन द्धारा जारी नीति 2018 लागू नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। म.प्र. राज्य रोजगार गारंटी परिषद् के पत्र क्रमांक 5335 दिनांक 02.06.2012 के द्धारा जारी ग्राम रोजगार सहायक की नियुक्ति एवं शर्तों की कण्डिका 18 (1) में लेख है कि ग्राम रोजगार सहायक ग्राम पंचायत द्धारा चयनित अंशकालिक संविदा सहायक होंगे। राज्य शासन द्धारा प्रदत्त किसी भी प्रकार के लाभ, सेवा शर्तें एवं अन्य सुविधाओं की पात्रता नहीं होगी। ग्राम रोजगार सहायक का पद ग्राम पंचायत के अधीन अंशकालिक एकल पद है, अत: ईपीएफ के प्रावधान लागू नहीं होते है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बी.आर.जी.एफ. योजना के कर्मचारियों का संविलियन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
141. ( क्र. 5559 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा बी.आर.जी.एफ. योजना एवं प्रधानमंत्री कृषि सिचांई योजना (वाटरशेड) योजना बंद करने के निर्देश भारत सरकार द्वारा जारी किये गये है? यदि हाँ तो उक्त योजनान्तर्गत विधानसभा क्षेत्र सिवनी में पदस्थ समस्त संविदा कर्मचारियों की सेवा किस विभाग में संविलियन की गई है? सूची उपलब्ध करावें यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (वाटरशेड) अंतर्गत कार्यरत संविदा कर्मचारियों की सेवा अन्य विभागों में ले ली गई है, परन्तु बी.आर.जी.एफ. योजनान्तर्गत निकाले गये संविदा कर्मचारियों से भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाया जाकर सेवाऐं नहीं ली गई है? (ग) क्या बी.आर.जी.एफ. योजनान्तर्गत निकाले गये जिन संविदा कर्मचारियों को कार्य पर नहीं रखा गया है, उन संविदा कर्मचारियों को शासन अन्य किसी विभाग पर पुन:कार्य पर रखने हेतु संबंधित विभाग को निर्देशित करेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या शासन प्रश्नांश (ख) योजनान्तर्गत हटाये गये संविदा कर्मचारी जिनकी उम्र 40 वर्ष से अधिक हो चुकी है, ऐसे कर्मचारियों को मानवीय दृष्टिकोण रखते हुये अन्य भर्ती पदों में अथवा रिक्त पदों में आयु की छूट दी जायेगी? (ङ) प्रश्नांश (ख) बीआरजीएफ योजना अंतर्गत सिवनी विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने डाटा एन्ट्री ऑपरेटर हैं जिन्हें हटाया गया है? जानकारी देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) जी हाँ। बीआरजीएफ योजना बंद करने के निर्देश भारत सरकार द्वारा दिये गये थे। जी नहीं। भारत सरकार कृषि प्रधानमंत्री सिंचाई योजना (वाटरशेड) अंतर्गत प्रचलित परियोजनाओं को 31 मार्च 2021 तक पूर्ण करने के निर्देश दिये गये है। जी नहीं। योजना अंतर्गत संविलियन नहीं किया गया है। संविदा कर्मचारियों के संविलियन की कोई नीति नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। उत्तर प्रश्नांश (क) अनुसार। (घ) जी नहीं। ऐसी कोई नीति नहीं है। (ङ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
पंचायतीराज संस्थानों द्वारा जीएसटी जमा करना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
142. ( क्र. 5743 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले की पंचायतीराज संस्थाओं द्वारा 14 सितंबर 2018 के परिपत्र अनुसार GSTR7 में प्रश्नांकित दिनांक तक भी आवश्यक ब्यौरे प्रस्तुत नहीं किए गए? (ख) उपरोक्त अवधि में जिला पंचायत जिले की जनपद पंचायत एवं ग्राम पंचायतों के द्वारा GSTR7 में किस अवधि की जानकारी प्रस्तुत की गई? यदि नहीं की गई तो वाणिज्य कर विभाग के द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) वाणिज्य कर विभाग 14 सितंबर 2018 से प्रश्नांकित दिनांक तक पंचायतीराज संस्थानों द्वारा किए गए भुगतान पर जीएसटी कटौती के संबंध में कब तक जानकारी संकलित कर प्रश्नकर्ता को उपलब्ध करवाएगा?
पंचायत मंत्री ( श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
नियम विरूद्ध वेतन भुगतान
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
143. ( क्र. 5848 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या रीवा जिला मुख्यालय में श्री अनिल दुबे जिला रोजगार अधिकारी की पदोन्नति वरिष्ठ पद पर होने एवं पदोन्नति पदस्थापना कार्यालय के लिए भारमुक्त न होकर दूसरे विभाग के कार्यों का निष्पादन कर रहे हैं? यदि हाँ तो नियम विरूद्ध रीवा में कार्य करने एवं कराने का आदेश करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध शासन निलंबन एवं विभागीय जाँच कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक? (ख) श्री अनिल दुबे, जिला रोजगार अधिकारी के रूप में तथा अन्य विभागों के कार्यालय प्रमुख के रूप में कब से किसके आदेश के तहत कार्य कर रहे हैं तथा किस-किस विभाग कार्य, किस नियम के तहत कर रहे हैं? शासन के नियम निर्देश की प्रति के साथ जानकारी दी जावें। (ग) श्री अनिल दुबे के वेतन आहरण एवं भुगतान रीवा जिले से न किया जाकर अन्य जिले से किस नियम के तहत किया जा रहा है? क्या नियम विरूद्ध वेतन का आहरण भुगतान किया जा रहा है? यदि हाँ तो नियम विरूद्ध भुगतान की वसूली जिम्मेदार अधिकारियों से शासन करेगा?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं। श्री अनिल दुबे जिला रोजगार अधिकारी, रीवा को विभागीय आदेश दिनांक 16.04.2012 द्वारा पदोन्नत कर उप संचालक, रोजगार के पद पर जिला रोजगार कार्यालय रीवा में पदस्थ किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) स्थानीय व्यवस्था के तहत जिला कलेक्टर द्वारा श्री अनिल दुबे को अन्य विभागों का कार्य सौंपा गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) श्री अनिल कुमार दुबे, का वेतन आहरण उप संचालक, रीवा के पद से किया जा रहा है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।