मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
सितम्बर, 2022 सत्र
शनिवार, दिनांक 17 सितम्बर, 2022
[ शुक्रवार, दिनांक 29 जुलाई, 2022 के प्रश्नोत्तर ]
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
फर्जी
प्रमाण पत्र
पर नौकरी
[जनजातीय कार्य]
1. ( *क्र. 690 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या खाद्य एवं औषधि विभाग द्वारा श्रीमती सुषमा कुमरे, औषधि निरीक्षक के पद पर अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर शासकीय सेवा ग्रहण करने संबंधी शिकायत प्राप्त की है? क्या विभागीय छानबीन समिति द्वारा प्रमाण पत्र की पुष्टि की गई है? यदि हाँ, तो किन-किन अधिकारियों द्वारा? नाम, पद बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत खाद्य व औषधि विभाग द्वारा जाति प्रमाण पत्र की पुष्टि हेतु कब-कब पत्र भेजा? जनजाति कल्याण विभाग द्वारा इस संबंध में किये पत्राचार की जानकारी देवें। (ग) विभाग में फर्जी व अमान्य जाति संबंधी प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर शासकीय सेवा में आये किन-किन सेवकों की जांच लंबित है? किन-किन की जांच/पुष्टि वर्ष 2003 से अब तक की गई है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) श्रीमती सुषमा कुमरे (पथरौल), खाद्य निरीक्षक, खाद्य एवं औषधि विभाग, जिला रायसेन के फर्जी एवं कूटरचित जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर शासकीय सेवा प्राप्त करने संबंधी शिकायत सीधे विभाग को प्राप्त हुई। जांच प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) श्रीमती सुषमा कुमरे (पथरौल), खाद्य निरीक्षक, खाद्य एवं औषधि विभाग के जाति प्रमाण-पत्र की पुष्टि/जांच हेतु कार्यालयीन पत्र क्रमांक/जा.प्र. समिति/2081/2017/9893, दिनांक 03.05.2018 पुलिस अधीक्षक भोपाल को जांच हेतु लिखा गया। जनजातीय विभाग द्वारा किये गये पत्राचार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में 01 प्रकरण लंबित/जांच प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सेवानिवृत्त कर्मचारियों का पेंशन निर्धारण
[चिकित्सा शिक्षा]
2. ( *क्र. 1078 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय हमीदिया हॉस्पिटल भोपाल के 1 जनवरी, 2022 से प्रश्न दिनांक तक कितने कर्मचारी/अधिकारी कब-कब सेवानिवृत्त हुये हैं? उनके नाम पद सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सेवानिवृत्त कर्मचारी/अधिकारियों की प्रश्न दिनांक तक पेंशन निर्धारण क्यों नहीं किया गया है? इसके लिये हमीदिया हॉस्पिटल के कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? क्या दोषियों के विरूद्ध कोई दण्डात्मक कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार सेवानिवृत्त कर्मचारी/अधिकारियों का पेंशन निर्धारण कब तक कर दिया जायेगा? (घ) शासकीय हमीदिया हॉस्पिटल भोपाल में रेमडीसिविर इंजेक्शन के घोटाले में हटाये गये श्री तुलसी पाटनिकर, फार्मासिस्ट ग्रेड-2 को पुन: वहीं चार्ज क्यों दिया गया? कारण सहित जानकारी देवें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सेवानिवृत्त अधिकारी/कर्मचारी के पेंशन प्रकरण पेंशन कार्यालय को प्रेषित किए जा चुके हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश ''ख'' अनुसार कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महिला पुलिस की भर्ती
[गृह]
3. ( *क्र. 1280 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिलाओं से जुडे अपराधों की FIR महिला अधिकारी द्वारा ही लिखे जाने के प्रावधान हैं? क्या पुलिस थानों में महिला हेड कांस्टेबल पदस्थ न होने के कारण अन्य पुलिस थानों से महिला अधिकारी बुलाने पड़ते हैं, जिससे पीड़ित महिलाओं को अत्यधिक परेशानी हो रही है? (ख) प्रदेश के विभिन्न थानों में महिलाओं के रिक्त पदों की जानकारी जिले अनुसार बताएं कि महिलाओं की नियुक्तियां कब तक कर दी जायेगी? (ग) क्या म.प्र. पुलिस को मिलने वाली केन्द्रीय सहायता प्रदेश में महिला पुलिस की भर्ती न करने के कारण रोकने या कम करने के संबंध में केन्द्र सरकार द्वारा कोई चेतावनी दी गई है? यदि हाँ, तो पत्र की छायाप्रति उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो केन्द्रीय सहायता में महिला पुलिस की भर्ती संबंधी शर्तों की जानकारी देवें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) महिला संबंधी अपराध बलात्संग, लज्जा भंग, छेड़छाड़, पॉक्सो एक्ट, महिला के साथ प्रकृति विरूद्ध अपराध, एसिड अटैक की एफ.आई.आर. महिला अधिकारी द्वारा लिखे जाने का दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 154 (1) परंतुक के अंतर्गत प्रावधान है। प्रदेश के अधिकतम थानों में अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ हैं, जिन थानों में महिला पुलिस अधिकारी उपलब्ध नहीं है, वहॉ तत्काल नजदीकी थाने से महिला पुलिस अधिकारी को बुलाया जाकर पीडित महिला की शिकायत पर तत्काल कार्यवाही की जाती है। (ख) प्रदेश के विभिन्न भागों में महिलाओं के लिए पृथक से पद स्वीकृत नहीं हैं। (ग) पत्र विभाग में आना नहीं पाया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
महिलाओं के विरूद्ध घटित अपराध
[गृह]
4. ( *क्र. 1489 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में 01 अप्रैल, 2020 से 30 जून, 2022 की अवधि में पुलिस मुख्यालय में प्राप्त जानकारी के अनुसार महिलाओं, अवयस्क बालिकाओं एवं अबोध बच्चियों के साथ बलात्कार, सामूहिक बलात्कार, हत्या किये जाने, जान से मारने का प्रयास, लापता होने, गुम होने एवं अपहरण के संबंध में कितने-कितने प्रकरण किस-किस जिले में दर्ज किए गए तथा इनमें अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग की कितनी पीड़िताएं हैं? जिलेवार विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो की रिपोर्ट अनुसार प्रदेश में उक्त अवधि में महिलाओं के साथ घटित अपराधों में किस-किस में कौन-कौन सा स्थान रहा है? (ग) महिलाओं के साथ घटित अपराधों में हो रही वृद्धि के कारण क्या हैं तथा इस पर रोकथाम के लिए शासन द्वारा कोई कारगर/ठोस कदम क्यों नहीं उठाए जा रहे हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) महिलाओं, अवयस्क बालिकाओं एवं अबोध बच्चियों के साथ बलात्कार, सामूहिक बलात्कार, हत्या, किये जाने, जान से मारने के प्रयास, लापता होने, गुम होने एवं अपहरण के दर्ज किए गये प्रकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) राज्य अपराध ब्यूरो पुलिस मुख्यालय, भोपाल से प्राप्त जानकारी अनुसार राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो, नई दिल्ली द्वारा महिलाओं के साथ घटित अपराधों की वर्ष 2020 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। वर्ष 2021 का प्रकाशन राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो द्वारा वर्तमान समय तक नहीं किया गया है। अतः उक्त जानकारी उपलब्ध नहीं है। महिलाओं के प्रति घटित अपराधों में स्थान से संबंधित जानकारी राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो, नई दिल्ली द्वारा पृथक से प्रकाशित नहीं किये जाने के कारण उपलब्ध नहीं हैं। (ग) महिलाओं के साथ घटित अपराधों में हो रही वृद्धि के मुख्य कारण निम्नानुसार है :- सोशल मीडिया की उपलब्धता तथा दुरूपयोग, निर्वहन रिलेशनशिप की बढ़ती प्रवृत्ति, पारिवारिक बिखराव व पारिवारिक रिश्तों में दूरियाँ, विवाह के लिए न्यूनतम उम्र के संबंध में जागरूकता में कमी, चरित्र निर्माण की दिशा एवं परवरिश में कमी, आदि। रोकथाम के लिए निम्न कदम उठाए जा रहे हैं :- 1. महिला हेल्प डेस्क/उर्जा डेस्क, 2. महिला हेल्पलाइन 1090, 3. सोशल मीडिया-फेसबुक पेज, टि्वटर हेंडल, मैत्री एप, 4. निर्भया पेट्रोलिंग, 5. सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग 6. जनसंवाद शिविर/जागरूकता शिविर, 7. फास्ट ट्रेक कोर्स 8. परिवार परामर्श केन्द्र 9. एम.पी. ई कॉप, 10. उषा किरण योजना 11. समर्थ संगिनी योजना 12. मिशन सुप्रभात के अभियान अपराधों की रोकथाम के लिए चलाये जा रहे हैं।
सड़क दुर्घटना में मृत्यु
[गृह]
5. ( *क्र. 147 ) श्री रामपाल सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी, 2022 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में सड़क दुर्घटना में किन-किन स्थानों पर किन-किन की मृत्यु कब-कब हुई तथा कौन-कौन घायल हुए? ज्ञात एवं अज्ञात वाहन सहित विवरण दें। (ख) 25 जून, 2022 की स्थिति में रायसेन जिले में कहां-कहां पर ''ब्लैक स्पॉट'' हैं तथा उनमें सुधार हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) रायसेन जिल में ''ब्लैक स्पॉट'' सुधारने हेतु प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र 1 जनवरी, 2022 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में माननीय मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) रायसेन जिले में वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में ''ब्लैक स्पॉट'' में सुधार कार्य हेतु कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्यय हुई? पूर्ण विवरण देवें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
खरीदी केन्द्र के कमीशन एवं प्रासंगिक व्यय की राशि का भुगतान
[सहकारिता]
6. ( *क्र. 1276 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि म.प्र. के जिला-भिण्ड, तहसील-गोहद के अन्तर्गत आने वाले चना, मसूर, सरसों खरीदी केन्द्र सेवा सहकारी संस्था मर्यादित पाली (डिरमन) सिरसौदा, शाखा गोहद एवं गोहद शाखा, जिला भिण्ड को वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 के कमीशन एवं प्रासंगिक व्यय की राशि का भुगतान कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक भुगतान कर दिया जावेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जेलों में कैदियों को प्रदत्त सामग्री
[जेल]
7. ( *क्र. 1382 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग में किस-किस स्थान पर किस-किस स्तर की जेलें हैं? इन जेलों में कितने कैदियों को रखने की क्षमता है? प्रश्न दिनांक की स्थिति में इन जेलों में कितने-कितने कैदी रखे गये हैं? वर्तमान में जेल में बंद कैदियों को प्रतिदिन दिये जाने वाले दैनिक कार्य उपयोगी वस्तुओं एवं भोजन की सूची उपलब्ध करायें। इसमें उपवास एवं रोजे होने पर दिये जाने वाले व्यंजन की जानकारी देवें। (ख) 01 जनवरी, 2020 से प्रश्न दिनांक तक जबलपुर संभाग की जेलों में कैदियों के दैनिक उपयोग, भोजन आदि पर कितना-कितना भुगतान किस-किस ठेकेदार/फर्म/व्यक्ति को किया गया? प्रत्येक जेलवार अलग-अलग जानकारी देवें। (ग) जबलपुर संभाग की जेलों में प्रश्न दिनांक की स्थिति में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं तथा कितने-कितने पद किस-किस जेल में कर्मचारी/अधिकारी के रिक्त हैं? पदस्थ कर्मचारी का नाम, पद, वर्तमान पद पर पदस्थापना दिनांक अलग-अलग जेलवार स्पष्ट करें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जबलपुर संभाग के अंतर्गत केन्द्रीय जेल, जबलपुर, नरसिंहपुर, जिला जेल, कटनी, छिंदवाड़ा, सिवनी, मण्डला, बालाघाट, डिण्डौरी, सब जेल, सिहोरा, पाटन, अमरवाड़ा, लखनादौन, बैहर एवं वारासिवनी है। दिनांक 01.07.2022 की स्थिति में इन जेलों में कैदियों को रखने की क्षमता एवं कैदियों की संख्या का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। वर्तमान में जेल में बंद कैदियों को प्रतिदिन दिये जाने वाले दैनिक कार्य उपयोगी वस्तुओं एवं भोजन की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
जांच समिति के प्रतिवेदन पर कार्यवाही
[पशुपालन एवं डेयरी]
8. ( *क्र. 1468 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पशुपालन एवं डेयरी विभाग अन्तर्गत पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ पदों की भर्ती हेतु म.प्र. लोक सेवा आयोग के ज्ञापन क्र./04/परीक्षा/2016 को आयोजित परीक्षा उपरान्त दिनांक 03.10.2017 को जारी चयनसूची में उत्तरप्रदेश शासन के द्वारा जारी निवास तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के जाति प्रमाण पत्र जो कि ग्राम लोहरा, तहसील बारा, जनपद इलाहाबाद (उ.प्र.) की सूची के सरल क्र. 193 में रत्नेश सिंह को अन्य पिछड़ा वर्ग से चयनित होकर दिनांक 06.10.2018 को नियुक्ति की गई है? (ख) अनुपूरक सूची के आवेदकों द्वारा शासन को शिकायतों के माध्यम से ध्यान आकृष्ट कराया गया, तद्उपरान्त संचालनालय द्वारा जांच समिति का गठन किया जाकर समिति के प्रतिवेदन को अपने पत्र क्र./25/स.संचा./पी.ए./शिकायत/2019, भोपाल दिनांक 05.10.2019 को प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन को प्रस्तुत किया जा चुका है? साथ ही उक्त प्रतिवेदन मंत्रालय को भी पत्र क्र./एफ-6-10-019/35, दिनांक 09.10.2021 को भेजा जा चुका है? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) सही है तो आज दिनांक तक उक्त के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? न्यायहित में कब तक कार्यवाही की जायेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी नहीं। पशुपालन एवं डेयरी विभाग अंतर्गत पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ पदों की भर्ती हेतु मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के ज्ञापन क्रमांक 04/परीक्षा/2016 के अनुसार आयोजित परीक्षा उपरांत जारी चयन सूची में रत्नेश सिंह की कार्यालय नायब तहसीलदार, वृत्त त्योंथर, जिला रीवा द्वारा जारी निवास प्रमाण पत्र क्रमांक 333, दिनांक 11.04.2001 जिसमें ग्राम रसदा, तहसील त्योंथर जिला रीवा के निवासी तथा अनुविभागीय अधिकारी अनुभाग त्योंथर जिला रीवा के निवासी तथा अनुविभागीय अधिकारी, अनुभाग त्योंथर जिला रीवा के पुस्तक क्रमांक 53 प्रमाण पत्र क्रमांक 5214/2375/2002 से जाति कुर्मी, पिछड़ा वर्ग का प्रमाण पत्र से चयनित कर दिनांक 06.10.2018 को नियुक्ति की गई है। (ख) जी नहीं। अनुपूरक सूची के आवेदकों द्वारा शासन को शिकायत करने पर संचालनालय द्वारा शिकायत की नियमानुसार प्राथमिक जांच करवाई गई। जांचकर्ता अधिकारी द्वारा पत्र क्रमांक 25/सं.स/पी.ए./शिकायत/2019, दिनांक 05.10.2019 संचालक, पशुपालन मध्यप्रदेश को प्रस्तुत किया गया। उक्त प्रतिवेदन संचालनालय पत्र क्रमांक 11868, दिनांक 25.11.2019 द्वारा शासन को प्रेषित किया गया। (ग) विभागीय जांच प्रचलन में है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
सामुदायिक वन अधिकार का दावा मान्य किया जाना
[जनजातीय कार्य]
9. ( *क्र. 124 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बैतूल जिला वनाधिकार समिति ने मोवाड़ पंचायत के धार्मिक क्षेत्र भोपाली की कितनी-कितनी भूमि का किस दिनांक की बैठक में सामुदायिक वन अधिकार मान्य किया, उस पर किस दिनांक को उत्तर वन मण्डलाधिकारी ने क्या-क्या आपत्ति वन अधिकार कानून 2006, नियम 2007 एवं नियम 2012 की किस धारा के तहत किसे प्रेषित की? किस दिनांक को कितने-कितने क्षेत्र का दावा अंतिम रूप से मान्य किया? (ख) मान्य सामुदायिक वन अधिकार क्षेत्र में फैंसिंग करवाए जाने, जर्जर निर्माण का पुनर्निर्माण करवाने, सुदृढ़ीकरण करवाने, यात्रियों की सुविधा के लिए मार्ग, कुआं, सामुदायिक भवन, शौचालय बनवाए जाने का क्या-क्या अधिकार सामुदायिक वन अधिकार पत्र धारक ग्राम पंचायत को है, इसमें से किस निर्माण की अनुमति किस प्रारूप में किस से लिया जाना आवश्यक है? (ग) जिला वनाधिकार समिति द्वारा बैठक में मान्य दावे पर समिति के सदस्य वन मण्डलाधिकारी उत्तर वनमण्डल बैतूल को आपत्ति दर्ज करवाने, राज्य स्तरीय वनाधिकार समिति के समक्ष अपील प्रस्तुत करने का क्या-क्या अधिकार किस धारा, कंडिका में दिया गया है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) बैतूल जिला वन अधिकार समिति ने मोवाड़ पंचायत के धार्मिक क्षेत्र भोपाली के देव स्थल, शिव गुफा काला बाबा अन्य पूजा स्थल 1.352 हेक्टेयर एवं अम्बामाई भूरा भगत पूजा स्थल 2.050 हेक्टेयर के प्रस्ताव उपखण्ड स्तरीय समिति द्वारा प्रस्तुत किये गये, जिला स्तरीय समिति द्वारा उक्त पूजा स्थल के प्रकरणों में कमी पूर्ति देखी जाकर वन अधिकार पत्र जारी किये जाने हेतु सर्व सम्मति से प्रस्ताव दिनांक 04.07.2020 को पारित किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। दिनांक 17.11.20220 को उत्तर वनमण्डलाधिकारी ने उपखण्ड के द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव पर चतुर्थ सीमाओं/जी.पी.एस. रीडिंग का उल्लेख नहीं किया जाना एवं मानचित्र में उल्लेखित जी.पी.एस. रीडिंग सही नहीं है। गूगल अर्थ में के.एम.एल. फाइल बनाने पर रकबा का अंतर आ रहा है, बताया जाकर मूलत: नस्तियां सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग बैतूल (सचिव जिला वन अधिकार समिति) को त्रुटि सुधार उपरान्त प्रस्तुत करने हेतु वापिस की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। वन अधिकार कानून 2006 नियम 2008 एवं नियम 2012 की किसी धारा के तहत प्रेषित नहीं की गई उपखण्ड स्तर से प्रकरण दिनांक 19.01.2022 को कमी पूर्ति होकर प्राप्त होने पर वनमंडलाधिकारी उत्तर बैतूल को परीक्षण हेतु भेजी गई। जिला स्तरीय समिति की बैठक दिनांक 08.03.2022 में शिवगुफा पूजा स्थल 0.310 हेक्टेयर एवं अम्बामाई भूरा भगत पूजा स्थल 0.270 हेक्टेयर क्षेत्र का दावा अंतिम रूप से मान्य किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ख) मान्य सामुदायिक वन अधिकार पत्र ग्राम पंचायत मोवाड़ के ग्राम भोपाली के पूजा स्थल के है। वन अधिकार पत्र पूजा स्थल के उपयोग हेतु जारी किया गया। किसी भी प्रकार के निर्माण के अधिकार ग्राम पंचायत को नहीं है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जिला वनाधिकार समिति द्वारा बैठक में दावे मान्य पर समिति के सदस्य वनमंडलाधिकारी उत्तर वनमंडल बैतूल को आपत्ति दर्ज करवाने राज्य स्तरीय वनाधिकार समिति के समक्ष अपील प्रस्तुत करने का अधिकार वन अधिकार अधिनियम 2006 एवं नियम 2008 की किसी धारा, कंडिका में उल्लेख नहीं किया गया है।
विमुक्त, घुमन्तु एवं अर्द्धघुमन्तु जातियों हेतु संचालित योजनाएं
[विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण]
10. ( *क्र. 260 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड जवा एवं सिरमौर अंतर्गत किन-किन ग्रामों में विमुक्त, घुमन्तु एवं अर्द्धघुमन्तु परिवार निवासरत हैं? ऐसे परिवारों की संख्या कितनी है? ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) विभाग के द्वारा प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विकासखण्ड जवा एवं विकासखण्ड सिरमौर में ऐसे कुल कितने परिवारों को विभाग के द्वारा किन-किन योजनाओं का लाभ दिलाया जा रहा है? विगत 05 वर्षों का योजनावार विवरण उपलब्ध करावें। (ग) विभाग के द्वारा विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण हेतु रीवा जिले को वर्तमान वित्तीय वर्ष में कितना बजट उपलब्ध कराया गया है? विभाग के द्वारा विमुक्त, घुमन्तु एवं अर्द्धघुमन्तु कल्याण हेतु संचालित योजनाओं का विवरण उपलब्ध करावें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) उक्त समुदायों के सर्वेक्षण के अभाव में परिवारों की जानकारी उपलब्ध नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) विकासखण्ड जवा एवं विकासखण्ड सिरमौर में विगत 04 वर्षों में छात्रवृत्ति योजना अंतर्गत 94 छात्र-छात्राओं को लाभान्वित किया गया है। (ग) वर्तमान वित्तीय वर्ष में कोई राशि आवंटित नहीं की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
वन ग्रामों को राजस्व ग्राम का दर्जा
[जनजातीय कार्य]
11. ( *क्र. 551 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा वन ग्रामों को राजस्व ग्राम का दर्जा देने की घोषणा भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो रायसेन जिले के किन-किन वन ग्रामों को राजस्व ग्राम का दर्जा कब-कब दिया गया? पूर्ण विवरण दें। यदि नहीं, तो कारण बतायें। (ग) वन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित करने के उपरांत उक्त ग्राम के निवासियों को क्या-क्या सुविधायें मिलेंगी? पूर्ण विवरण दें। (घ) वन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित करने के उपरांत उक्त ग्रामों में सड़क निर्माण हेतु प्रचलित वन मार्गों को भी राजस्व मार्ग का दर्जा दिया जायेगा? यदि नहीं, तो कारण बतायें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) मध्यप्रदेश शासन, जनजातीय कार्य विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक/एफ 23-2/2021/25-3/384, दिनांक 22.04.2022 के द्वारा अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 की धारा 3 (1) (ज) के अंतर्गत प्रदेश के 827 वनग्रामों का संपरिवर्तन राजस्व ग्रामों में किये जाने का निर्णय लिया गया। मध्यप्रदेश शासन, जनजातीय कार्य विभाग के पत्र क्रमांक/एफ 23-2/2021/25-3/484, दिनांक 26.05.2022 द्वारा प्रमुख सचिव (राजस्व विभाग, वन विभाग एवं जनजातीय कार्य विभाग) के संयुक्त हस्ताक्षर से प्रदेश के समस्त संभागीय आयुक्त, कलेक्टर वन संरक्षक, वनमंडलाधिकारी, सहायक आयुक्त/जिला संयोजक (जनजातीय कार्य विभाग एवं अनुसूचित जाति कल्याण) को वनग्रामों के राजस्व ग्रामों में संपरिवर्तन करने के लिये अपनाई जाने वाली प्रक्रिया एवं दिशा निर्देश प्रसारित किये गये हैं, जिसमें रायसेन जिले के 11 वनग्राम (पटीमानक चौक, सुआगढ़, राजघाटी, वगपुरा, जमुनिया गोंण्डाखो, गजन्दा, सिंहपुरी, बल्हारपुर, साजड़ी, कोसमी, सालेगढ़) को भी राजस्व ग्राम बनाया जाना शामिल है। (ग) वनग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित होने के उपरांत उलग-अलग विभागों की अलग-अलग सुविधाएं प्राप्त होंगी, जिनकी विस्तृत जानकारी अभी बताया जाना संभव नहीं है। (घ) वनभूमि पर गैर-वानिकी कार्य हेतु वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के प्रावधानों के तहत नोडल एजेन्सी के माध्यम से प्राप्त आवेदनों पर नियमानुसार अनुमति दिये जाने का प्रावधान है।
नवीन शस्त्र लायसेंस बनाने की प्रक्रिया
[गृह]
12. ( *क्र. 839 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र दिमनी के अंतर्गत नवीन शस्त्र लायसेंस के कितने प्रस्ताव जिला कलेक्टर मुरैना को दिनांक 01 जनवरी, 2021 से अप्रैल 2022 तक प्राप्त हुये हैं? इनमें से कितने नवीन शस्त्र लायसेंस स्वीकृत किये गये हैं? (ख) एरिया वृद्धि, वृद्धहस्तांतरण एवं फोती शस्त्र लायसेंसों के कितने प्रस्ताव जिला कलेक्टर को प्राप्त हुये हैं, इनमें से कितने प्रस्ताव स्वीकृत किये गये हैं, कितने स्वीकृत होना शेष हैं? शेष प्रस्ताव कब तक स्वीकृत किये जावेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) के क्रम में नवीन शस्त्र बनवाने हेतु आवेदकों के चरित्र उत्तम हैं, जिसका सत्यापन पुलिस अधीक्षक मुरैना द्वारा किये जाने के बावजूद नवीन शस्त्र लायसेंस क्यों नहीं बनाये गये। (घ) क्या इस संबंध में अधोहस्ताक्षरकर्ता विधायक द्वारा मौखिक एवं लिखित रूप से शस्त्र लायसेंसों के प्रकरणों पर कलेक्टर जिला मुरैना का ध्यान भी आकर्षित कराया गया है? यदि हाँ, तो अधोहस्ताक्षरकर्ता के द्वारा वस्तुस्थिति संज्ञान में लाने के बाद में जिला कलेक्टर द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विधानसभा क्षेत्र दिमनी के अंतर्गत नवीन शस्त्र लायसेंस के कुल 79 प्रस्ताव दिनांक 01 जनवरी, 2021 से 30 अप्रैल, 2022 तक पुलिस अधीक्षक मुरैना से अनुशंसा सहित प्राप्त हुये हैं, इनमें से 16 नवीन शस्त्र लायसेंस स्वीकृत किये गये हैं। (ख) विधानसभा क्षेत्र दिमनी के अंतर्गत अन्य राज्यों हेतु एरिया वृद्धि के 16 प्रस्ताव, वृद्धहस्तांरण एवं फोती शस्त्र लायसेंसों के कुल 33 प्रस्ताव दिनांक 01 जनवरी, 2021 से 30 अप्रैल 2022 तक पुलिस अधीक्षक मुरैना से अनुशंसा सहित प्राप्त हुये हैं, इनमें से 17 वृद्धहस्तांतरण एवं फोती शस्त्र लायसेंस स्वीकृत किये गये हैं। शेष 16 वृद्धहस्तांतरण एवं फोती शस्त्र लायसेंस के प्रस्ताव तथा एरिया वृद्धि के 16 प्रस्ताव विचाराधीन हैं, परीक्षण उपरांत कार्यवाही की जावेगी। (ग) विधानसभा क्षेत्र दिमनी के अंतर्गत नवीन शस्त्र लायसेंस के 63 प्रस्ताव लंबित हैं, इन पर परीक्षण उपरांत कार्यवाही की जावेगी। (घ) हाँ माननीय विधायक द्वारा मौखिक एवं लिखित रूप से शस्त्र लायसेंसों के प्रकरणों पर ध्यान आकर्षित कराया गया है। विधानसभा क्षेत्र दिमनी के अंतर्गत 16 नवीन शस्त्र लायसेंस एवं 17 वृद्धहस्तांतरण व फोती शस्त्र लायसेंस स्वीकृत किये जा चुके हैं, शेष पर कार्यवाही प्रचलित है।
प्रदेश में बढ़ते महिला अपराधों की जानकारी
[गृह]
13. ( *क्र. 1474 ) श्री जितु पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2019 की तुलना में वर्ष 2020 में एस.सी. तथा एस.टी. महिलाओं के साथ बलात्कार के प्रकरण में 115 प्रतिशत वृद्धि हुई? यदि हाँ, तो बतावें कि शासन एस.सी. तथा एस.टी. महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने तथा उनसे बलात्कार करने वालों में खौफ पैदा करने में पूरी तरह असफल रहा है? वर्ष 2014 से 2021 तक एस.सी./एस.टी. महिलाओं से बलात्कार के प्रकरण तथा आरोपी की संख्या वर्षवार जिलेवार बतावें। (ख) एस.सी. तथा एस.टी. महिलाओं के साथ महिलाओं के विरूद्ध घटित अपराधों की संख्या शीर्षवार आई.पी.सी. धारा सहित वर्ष 2014 से 2021 तक एस.सी. तथा एस.टी. महिलाओं की जानकारी अलग-अलग शीर्षवार संख्यात्मक आरोपी की संख्या सहित देवें तथा बतावें कि प्रत्येक वर्ष में कितने प्रतिशत वृद्धि या कमी किस-किस शीर्ष में हुई? (ग) एस.सी. तथा एस.टी. पुरूष तथा महिला द्वारा आत्महत्या के प्रकरण की वर्ष 2015 से जून 2022 तक की जानकारी उपलब्ध करावें तथा बतावें कि इसमें वृद्धि का कारण क्या है? (घ) क्या वर्ष 2018 से 2021 में एस.सी. तथा एस.टी. सदस्यों पर होने वाले अत्याचारों में 40 प्रतिशत की वृद्धि हो गई? (ड.) क्या कमलनाथ सरकार के वर्ष 2019 में एस.सी. तथा एस.टी. समुदाय की हत्या के 119 प्रकरण थे, जो वर्ष 2020 में बढ़कर 162 हो गये? यदि हाँ, तो बतावें कि क्या वर्तमान सरकार अनु.जाति/जनजाति की सुरक्षा में पूरी तरह नाकाम हुई है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं, अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग की महिलाओं के साथ बलात्कार के प्रकरण वर्ष 2019 में 1955 अपराध घटित हुये तथा वर्ष 2028 में 2074 अपराध दर्ज किये गये, वर्ष 2019 की तुलना में 2020 में 3.73 प्रतिशत की वृद्वि हुई है। उक्त वर्ग की महिलाओं की सुरक्षा हेतु शासन प्रतिबद्ध है और आरोपियों के विरूद्ध कठोर वैधानिक कार्यवाही की जा रही है, प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के विरूद्ध घटित अपराधों की शीर्षवार जानकारी अपराधों में वृद्वि और कमी के प्रतिशत सहित पुस्तकालय में परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के पुरूष तथा महिलाओं द्वारा आत्महत्या के प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग पर घटित अत्याचार के अपराधों में वर्ष 2018 की तुलना में वर्ष 2019 में 9 प्रतिशत की वर्ष 2019 की तुलना में 2020 में 29 प्रतिशत की तथा 2020 की तुलना में 2021 में लगभग 4 प्रतिशत की वृद्वि हुई है। शासन द्वारा इन वर्गों की सुरक्षा और संरक्षण हेतु निरंतर विधि अनुसार कार्यवाही की जा रही है। (ड.) यह सही है कि वर्ष 2019 में अनुसूचित जाति तथा जनजाति सदस्यों की हत्या के 119 तथा वर्ष 2020 में 162 प्रकरण दर्ज किये गये हैं? इन वर्गों की सुरक्षा हेतु विधि अनुसार कार्यवाही शासन द्वारा की जा रही है तथा इन वर्गों पर घटित होने वाली घटनाओं पर अपराधियों के विरूद्ध तत्काल कठोर कार्यवाही की गई है।
वृद्धावस्था पेंशन में बी.पी.एल. कार्ड की बाध्यता समाप्त किया जाना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
14. ( *क्र. 1386 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में विगत समय से सामाजिक न्याय विभाग से दिव्यांगों को एवं विधवा महिलाओं को पेंशन हेतु गरीबी राशन कार्ड की बाध्यता सरकार ने समाप्त कर प्रदेश में सभी दिव्यांग एवं विधवा महिलाओं को पेंशन स्वीकृत की गयी है? इसी प्रकार गरीब बी.पी.एल. कार्डधारी वृद्धों एवं निराश्रितों को जो 60 वर्ष से ऊपर के हैं, उन्हें भी पेंशन प्रदाय की जा रही है? (ख) क्या वृद्धावस्था में समस्त वृद्धजनों जो बी.पी.एल. कार्डधारी नहीं हैं, इन्हें भी पेंशन की आवश्यकता रहती है तो उनके लिए भी शासन द्वारा बी.पी.एल. कार्ड की बाध्यता समाप्त कर पेंशन प्रदाय करने हेतु कोई योजना लागू की गयी है? (ग) क्या शासन द्वारा बी.पी.एल. की बाध्यता समाप्ति हेतु कोई कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो कब तक पूर्ण होकर आदेश जारी किया जा सकेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले 60 वर्ष व उससे अधिक आयु के बी.पी.एल. कार्डधारी वृद्धजनों को भारत सरकार की संचालित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के अंतर्गत तथा 60 वर्ष व उससे अधिक आयु के निराश्रित श्रेणी के वृद्ध हितग्राहियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के अंतर्गत पेंशन प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। (ख) पेंशन योजना के अंतर्गत हितग्राही जो बी.पी.एल. कार्डधारी नहीं है, किन्तु निराश्रित श्रेणी के वृद्ध जिनकी आयु 60 वर्ष अथवा उससे अधिक है, उन हितग्राहियों को पात्रता के आधार पर राज्य शासन की सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के अंतर्गत पेंशन प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। (ग) ऐसे हितग्राही जिनकी उम्र 60 वर्ष या उससे अधिक है, परन्तु बी.पी.एल. कार्ड धारी नहीं हैं, उन निराश्रित श्रेणी के हितग्राहियों को पात्रता अनुसार सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत पेंशन प्रदाय करने का प्रावधान है। सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग के आदेश क्रमांक एफ 3-5/2018/26-2, दिनांक 03.5.2018 द्वारा सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के अंतर्गत मुख्यमंत्री कल्याणी (विधवा) महिलाओं का बी.पी.एल. बंधन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 3-8/2018/26-2, दिनांक 06.10.2018 से बी.पी.एल. बंधन समाप्त किया जाकर पात्रता के आधार पर विधवा पेंशन एवं दिव्यांगजनों को पेंशन प्रदाय किये जाने का प्रावधान है।
स्वीकृत, भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
15. ( *क्र. 1150 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. में जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण विभाग में वर्ग एक, वर्ग दो, वर्ग तीन एवं वर्ग चार के कितने स्थाई एवं अस्थाई पद स्वीकृत हैं एवं कब से स्वीकृत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत पदों में कितने पद भरे हैं, कितने रिक्त हैं, कब से रिक्त हैं एवं कब तक भरे जायेंगे? (ग) रिक्त पदों की वजह से जो कार्य प्रभावित हो रहे हैं, उनका संचालन कैसे किया जा रहा है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जनजातीय कार्य विभाग के वर्ग 'एक' एवं वर्ग 'दो' के पदों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्ग 'तीन' तथा वर्ग 'चार' के पदों की जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) भरे एवं रिक्त पदों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्ग 'तीन' एवं वर्ग 'चार' के पदों की जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) उपलब्ध अधिकारियों/कर्मचारियों का यथासंभव बेहतर उपयोग किया जाकर कार्य संपादित कराया जा रहा है।
वनग्रामों को राजस्व ग्राम का दर्जा
[जनजातीय कार्य]
16. ( *क्र. 468 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून, 2006 में वनग्रामों के संबंध में किस-किस धारा में क्या-क्या प्रावधान दिया गया है, किस धारा में पार्क और अभ्यारण्य की सीमा में आने वाले वन ग्रामों को राजस्व ग्राम का दर्जा दिए जाने पर रोक का क्या प्रावधान है? (ख) 925 वनग्रामों को मार्च 2022 तक राजस्व ग्राम का दर्जा नहीं दिए जाने का क्या-क्या कारण रहा है? दिनांक 22 अप्रैल, 2022 को 925 वनग्रामों में से 827 वनग्रामों को किस-किस धारा में दिए गए किस प्रावधान के अनुसार राजस्व ग्राम का दर्जा दिए जाने की घोषणा माननीय मुख्यमंत्री जी के द्वारा की गई है? (ग) जनवरी 2008 से मार्च 2022 तक वनग्रामों को राजस्व ग्राम का दर्जा नहीं दिए जाने का क्या कारण रहा है, इस अवधि में कितने वनग्रामों में कितनी भूमि के कितने दावे मान्य किए गए, कितने दावे अमान्य किए गए? वनमण्डलवार आदिवासी एवं गैर आदिवासी की पृथक-पृथक जानकारी दें। (घ) पार्क एवं अभ्यारण की सीमा में आने वाले वनग्रामों को भी राजस्व ग्राम का दर्जा दिए जाने के संबंध में शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? कब तक करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 एवं नियम 2008 की धारा 2 (च) में वनग्रामों को परिभाषित कर धारा 3 (1) ज में वनग्रामों को राजस्व ग्रामों में संपरिवर्तन का प्रावधान है। अधिनियम की धारा 4 (2) में राष्ट्रीय उद्यान/अभ्यारण्य तथा टाईगर रिजर्व के अंतर्गत क्रमश: क्रिटिकल वन्य प्राणी रहवास तथा क्रिटिकल टाईगर रहवास चिन्हित किये जाने का प्रावधान है। इस प्रकार चिन्हित किये गये क्षेत्रों से ग्रामों को विस्थापन शासन द्वारा विस्थापन हेतु जारी दिशा-निर्देशों के तहत किये जाने का प्रावधान है। (ख) अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 में दिये गये प्रावधानों के अनुसार प्रक्रिया प्रचलित होने के कारण कार्यवाही नहीं की जा सकी। मध्यप्रदेश शासन जनजातीय कार्य विभाग के पत्र क्रमांक/एफ 23-2/2021/25-3/384, दिनांक 22.04.2022 के द्वारा वन अधिकार अधिनियम 2006 की धारा 3 (1) ज के प्रावधान अनुसार प्रदेश के 827 वनग्रामों को राजस्व ग्राम में संपरिवर्तन करने का निर्णय लिया गया है। मध्यप्रदेश शासन जनजातीय कार्य विभाग के पत्र क्रमांक/एफ 23-2/2021/25-3/484, दिनांक 26.05.2022 के द्वारा राजस्व विभाग, वन विभाग एवं जनजातीय कार्य विभाग के संयुक्त पत्र द्वारा वनग्रामों को राजस्व ग्रामों में संपरिवर्तन करने के लिये अपनाई जाने वाली प्रक्रिया एवं दिशा निर्देश प्रसारित किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। मध्यप्रदेश शासन जनजातीय कार्य विभाग के पत्र दिनांक 22.04.2022 के अनुसार लिये गये निर्णय के अनुक्रम में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा 827 वनग्रामों को राजस्व ग्रामों में संपरिवर्तन किये जाने की घोषणा की गई। (ग) उत्तरांश 'क' एवं 'ख' अनुसार। वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत वनग्रामों में मान्य-अमान्य किये गये दावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) राज्य शासन की नीति अनुसार राष्ट्रीय उद्यानों/अभ्यारण्यों में स्थित वनग्रामों को विस्थापित किया जाना है। अत: राजस्व ग्राम बनाये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मेडिकल कॉलेज की स्थापना
[चिकित्सा शिक्षा]
17. ( *क्र. 1372 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2021-22 में कितने मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं? (ख) वर्ष 2022-23 में कितने मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना है? (ग) क्या हर संभाग में मेडिकल कॉलेज हैं? (घ) यदि नहीं, तो उन संभागों में कब तक मेडिकल कॉलेज खोले जायेंगे?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) वर्ष 2021-22 में एक भी चिकित्सा महाविद्यालय नहीं खोले गये हैं। (ख) वर्ष 2022-23 में चिकित्सा महाविद्यालय खोले जाने संबंधी कार्य योजना विचाराधीन नहीं है। (ग) जी नहीं। (घ) शासन द्वारा समय-समय पर लिये गये नीतिगत निर्णय के अनुसार विभाग द्वारा मेडिकल कॉलेज खोले जाने की कार्यवाही की जाती है।
पंजीकृत अपराध पर कार्यवाही
[गृह]
18. ( *क्र. 1204 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या होशंगाबाद जिले के थाना बनखेड़ी में दिनांक 21.04.2022 को भा.द.सं. 1860 की धारा 420, व्यापार और पण्य वस्तु चिह्न अधिनियम की धारा 78 एवं 79 के तहत प्रदीप नामक व्यक्ति (मोबाइल नं. 7696834183) पर अपराध पंजीकृत किया गया है? (ख) यदि प्रश्नांश ''क'' के क्रम में हाँ तो उक्त अपराध में किस-किस व्यक्ति/अपराधियों को गिरफ्तार किया गया, की जानकारी उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो क्यों? अपराध की विवेचना किस पुलिस अधिकारी द्वारा की जा रही है, विवेचना पूर्ण हुई या नहीं? विवेचना अधिकारी का नाम व पदनाम बतावें। (ग) प्रश्नांश 'ख' के क्रम में नहीं तो उक्त अपराध की विवेचना कब तक पूर्ण कर अपराधियों के खिलाफ माननीय न्यायालय में चालान पेश किए जाने की कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रकरण में आरोपी फरार रहने से गिरफ्तारी नहीं हुई है। अपराध की विवेचना उप निरीक्षक देवीलाल पाटीदार थाना बनखेड़ी द्वारा की जा रही है। प्रकरण विवेचनाधीन है। (ग) विवेचना जारी है। विवेचना में एकत्रित साक्ष्य के आधार पर माननीय न्यायालय में चालान पेश करने के संबंध में निर्णय लिया जावेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
सहकारी संस्थाओं का निर्वाचन
[सहकारिता]
19. ( *क्र. 1510 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी स्वायत्त संस्था है? क्या पंजीयक कार्यालय/या पंजीयक उनके कार्यों में हस्तक्षेप कर सकता है? (ख) यदि नहीं, तो दिनांक 01.01.2019 से अभी तक पंजीयक कार्यालय, भोपाल अन्तर्गत कितनी संस्थाओं के निर्वाचन की प्रक्रिया रोकने/स्थगित रखने/या शिकायतों की जांच के संबंध में कितने पत्र किस-किस अधिकारी द्वारा किसके अनुमोदन से लिखे गये और निर्वाचन प्राधिकारी द्वारा इन पर क्या कार्यवाही की गई? क्या यह नियमानुसार है? (ग) कितनी संस्थाओं के निर्वाचन/प्रतिनिधि प्रस्ताव पंजीयक कार्यालय को कब-कब प्राप्त हुए, कब निर्वाचन प्राधिकारी को भेजे, कितने समय पंजीयक कार्यालय में लंबित रखे गये, इसके लिये कौन उत्तरदायी है? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के उत्तरदायी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गौशालाओं के संबंध में
[पशुपालन एवं डेयरी]
20. ( *क्र. 1461 ) श्री संजय शर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तेंदुखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितनी गौशालाएं स्वीकृत हैं? इनमें से कितनी गौशालाओं का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? ग्रामवार जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार इनमें से कौन-कौन सी गौशालाएं प्रश्न दिनांक तक प्रारंभ हो चुकी हैं? नाम सहित जानकारी प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार कौन-कौन सी गौशालाएं वर्तमान में संचालित नहीं हो रही हैं और क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार कौन-कौन सी गौशालाओं के संचालन के लिए कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई है? गौशालावार प्रदाय राशि की जानकारी प्रदान करें। (ड.) प्रश्नांश (घ) अनुसार राशि के अभाव में गौशालाएं कैसे संचालित होंगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) तेंदुखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत 21 गौशालाएं स्वीकृत हैं। इनमें से 06 गौशालाओं का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ''क'' अनुसार इनमें से पीपरपानी, चावरपाठा, सडूमर, उमरपानी, बिलहरा तथा शाहपुर गौशालाएं प्रश्न दिनांक तक प्रारंभ हो चुकी हैं। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार भौरा, भूमियाढाना, डोभी, हीरापुर, खुलरी, नैनवारा, सगोरिया, टेकापार, तिगुवा, करहैया (बारहा), इमलिया (कल्यानपुरा), माल्हनवाड़ा, टेकापार, टिकटोली तथा इमलिया बघौरा में गौशाला निर्माण कार्य प्रगतिरत होने के कारण वर्तमान में संचालित नहीं हो रही है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ड.) संचालन प्रारंभ हो चुकी गौशालाओं को राशि प्रदाय की जा रही है। अत: शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
व्यापम घोटाले की जांच
[गृह]
21. ( *क्र. 1469 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सी.बी.आई. को व्यापम घोटाले के जो प्रकरण सौंपे गये, उनके एस.टी.एफ. या अन्य थाने में दर्ज प्रकरण क्रमांक, दिनांक थाना, धारा, आरोपियों का नाम, न्यायालय में चालान पेश करने की दिनांक, यदि न्यायालय में चालान प्रस्तुत कर दिया होता, सहित सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सारे प्रकरणों में कुल मिलाकर कितने आरोपी थे तथा सी.बी.आई. को प्रकरण सौंपने तक कितने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जा सका था? (ग) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 2379, दिनांक 14 मार्च, 2022 के संदर्भ में बतावें कि विज्ञप्ति क्रमांक 21503/14 के अनुसार जिन दो आवेदनों की जांच की जा रही है, उनके आवेदक के नाम तथा आवेदन की दिनांक सहित बतावें कि आठ वर्ष में विवेचना का कार्य पूर्ण क्यों नहीं हुआ तथा आवेदक के बयान किस-किस दिनांक को दर्ज किये गये?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरणों में दिनांक 13.07.2015 तक कुल आरोपी 4046 थे, जिनमें 27 आरोपियों की मृत्यु हो चुकी थी। प्रकरण सी.बी.आई. को सौंपने तक 956 आरोपियों की गिरफ्तारी होना शेष थी। (ग) विज्ञप्ति क्रमांक 21503/14 के अनुसार दो आवेदन पत्रों में 1. आवेदक का नाम गुमनाम (आपका शुभ चिन्तक), आवेदन दिनांक 16.12.2014 जिसमें आवेदक गुमनाम होने से कथन लेख नहीं किए गए हैं। आवेदन जांच उपरांत नस्तीबद्व किया जा चुका है। 2. आवेदक का नाम मान. पूर्व विधायक श्री पारस सकलेचा, आवेदन दिनांक 11.12.2014 तथा कथन दिनांक 11.09.2019 से 13.09.2019 को लेख किए गए। आवेदन पत्र में विभिन्न बिन्दुओं पर विस्तृत जांच की जा रही है।
अपराधियों पर कार्यवाही
[गृह]
22. ( *क्र. 1397 ) श्री संजय यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर थाना-बेलखेड़ा व शहपुरा थाना क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2014 से दिसम्बर-2018 तक कितने अपराध/प्रकरण घटित/दर्ज हुये? जिलाबदर की कार्यवाही हेतु किन-किन अपराधियों की सूची/प्रतिवेदन भेजा गया? अपराधियों के नाम सहित किन-किन पर क्या-क्या अपराध/प्रकरण दर्ज हैं? सूची प्रदान की जावे। (ख) उक्त थाना क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2019 से दिसम्बर-2020 तक कितने अपराध घटित/दर्ज हुये? जिलाबदर की कार्यवाही हेतु किन-किन अपराधियों का प्रतिवेदन/सूची भेजी गई? अपराधियों के नाम सहित किन-किन पर क्या-क्या अपराध/प्रकरण दर्ज हैं? सूची प्रदान की जावे। (ग) उक्त थाना क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2020 से दिसम्बर-2022 तक कितने अपराध/प्रकरण घटित/दर्ज हुये? जिलाबदर की कार्यवाही हेतु किन-किन अपराधियों का प्रतिवेदन/सूची भेजी गयी? किन-किन पर क्या-क्या अपराध/प्रकरण दर्ज हैं? अपराधियों के नाम सहित सूची प्रदान की जावे। (घ) क्या थाना-बेलखेड़ा व शहपुरा थाना क्षेत्रांतर्गत अपराधियों, माफियाओं शराब माफिया, रेत माफिया, जुआ-सट्टा/मादक पदार्थों का खुला व्यापारियों एवं अपराधियों को स्थानीय पुलिस व थाना प्रभारियों का संरक्षण प्राप्त है? यदि नहीं, तो दोनों थाना क्षेत्रों के पेशेवर अपराधियों पर जिलाबदर की कार्यवाही आज दिनांक तक क्यों नहीं की गई? इसके लिये कौन-कौन दोषी हैं? क्या विभाग दोषियों पर समुचित कार्यवाही कर क्षेत्र को अपराधमुक्त करेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) दिनांक 01.01.2014 से 31.12.2018 तक जिला जबलपुर के थाना-बेलखेड़ा में कुल 1267 एवं थाना-शहपुरा में कुल 1968 अपराध दर्ज हुए हैं। जिलाबदर अपराधियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) दिनांक 01.01.2019 से 31.12.2020 तक जिला जबलपुर के थाना-बेलखेड़ा में कुल 721 एवं थाना-शहपुरा में कुल 926 अपराध दर्ज हुए हैं। जिलाबदर अपराधियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) दिनांक 01.01.2020 से प्रश्न दिनांक 08.07.2022 तक जिला जबलपुर के थाना-बेलखेड़ा में कुल 1017 एवं थाना-शहपुरा में कुल 1403 अपराध दर्ज हुए हैं। जिलाबदर अपराधियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) जी नहीं। अपराधियों के विरूद्ध समुचित वैधानिक कार्यवाही की गई है, कोई दोषी नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। अपराधियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
योजनांतर्गत किये गये कार्य
[जनजातीय कार्य]
23. ( *क्र. 90 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़वानी जिले की चारों विधानसभा क्षेत्रों में जनजाति कार्य विभाग की विभिन्न योजनाओं से प्रदत्त राशि से विगत चार वर्षों में क्या-क्या निर्माण कार्य कहां-कहां कितनी राशि से कराये गये? निर्माण कार्यों की भौतिक स्थिति बतायें। (ख) क्या सभी स्वीकृत कार्य पूर्ण करा लिये गये हैं? यदि नहीं, तो क्यों? किन-किन कार्यों के पूर्ण हो जाने के बाद भी अंतिम किश्त की राशि का भुगतान नहीं किया गया? कारण बतायें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दिव्यांगजनों हेतु शिविरों का आयोजन
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
24. ( *क्र. 1059 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में विभिन्न प्रकार के दिव्यांग/नि:शक्तजनों की संख्या कितनी है? वर्गवार संख्या बताएं। (ख) जिले में विगत 3 वर्षों में कितने दिव्यांग/नि:शक्तजनों के लिये शिविरों का आयोजन कहाँ-कहाँ किया गया? विधानसभावार जानकारी दें। (ग) क्या केन्द्र सरकार द्वारा दिव्यांगजनों को अब तीन पहिया साईकिल के स्थान पर बैटरी चलित तीन पहिया साईकिल वितरित की जाती है? (घ) क्या राज्य सरकार भी प्रदेश में दिव्यांगजनों के हित में बैटरी चलित तीन पहिया साईकिल प्रदाय करने पर विचार करेगी? यदि हाँ, तो क्या इस योजना का लाभ इसी वर्ष प्रदान किया जायेगा? (ड.) क्या विभाग द्वारा विगत कई वर्षों से कृत्रिम हाथ-पैर लगाने के शिविर आयोजित नहीं किये गये हैं, जिसके कारण दिव्यांगजन परेशान हैं? (च) क्या विभाग निःशुल्क कृत्रिम हाथ-पैर लगाने वाले शिविरों का आयोजन आगामी 1 नवंबर मध्यप्रदेश स्थापना दिवस को पूरे मध्यप्रदेश में एक साथ आयोजित किये जाने पर विचार करेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिले में विगत 3 वर्षों में भारत सरकार की एडिप योजनांतर्गत ऐलिम्को द्वारा दिव्यांगजनों के लिये विधान सभा क्षेत्र खण्डवा में जिला स्तरीय परीक्षण शिविर का आयोजन दिनांक 03.03.2020 एवं 06.3.2020 को तथा उपकरण वितरण शिविर दिनांक 25.12.2020 एवं 31.12.2020 को किये गये हैं। (ग) दिव्यांगजनों को चिकित्सक के परामर्श पर पात्रतानुसार ट्राईसायकिल प्रदाय की जाती है। नि:शक्त शिक्षा प्रोत्साहन योजना अंतर्गत विद्यालय/महाविद्यालय में नियमित रूप से अध्ययनरत अस्थि बाधित (शरीर का निचला भाग प्रभावित होने से चलने में अक्षम, न्यूनतम 60 प्रतिशत चलित दिव्यांगता) होने पर दिव्यांगजनों को कक्षा 10 वीं में प्रथम बार प्रवेश लेने पर अथवा स्नातक में प्रवेश लेने पर, एक ही बार मोट्रेट ट्रायसिकल (बैटरी चलित) प्रदाय जाने की योजना संचालित है। (घ) उत्तरांश (ग) के अनुसार नि:शक्त शिक्षा प्रोत्साहन योजना अंतर्गत मोट्रेट ट्रायसिकल (बैटरी चलित) प्रदाय जाने की योजना संचालित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी नहीं, उत्तरांश (ख) अनुसार शिविरों का आयोजन किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (च) आवश्यक होने पर शिविर आयोजित किये जाते हैं। यह सतत् प्रक्रिया है।
सी.एम. हेल्पलाईन में लंबित शिकायतें
[लोक सेवा प्रबन्धन]
25. ( *क्र. 734 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में प्रश्न दिनांक तक सी.एम. हेल्प लाइन में कितनी शिकायतें लंबित हैं? विभागवार जानकारी दें। (ख) उपरोक्त में से कितनी शिकायतें एक माह या उससे अधिक अवधि से लंबित हैं? समाधान में विलम्ब के लिये किन-किन अधिकारियों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) उज्जैन जिला के बड़नगर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत प्रश्न दिनांक तक कितनी शिकायतें ऐसी हैं, जिनमें शिकायतकर्ता समाधान से संतुष्ट नहीं हुआ? ऐसे मामलों में क्या कार्यवाही की गई?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) उज्जैन जिले में प्रश्न दिनांक तक सी.एम. हेल्पलाईन पर कुल 6861 शिकायतें लंबित हैं। विभागवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) एक माह या उससे अधिक अवधि की कुल 3151 शिकायतें लंबित हैं। परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' सी.एम. हेल्पलाईन पर शिकायतों के निराकरण हेतु 04 स्तर (एल-1, एल-2, एल-3 एवं एल-4) बनाये गए हैं। शिकायतकर्ता, निराकरण से संतुष्ट न होने की दशा में शिकायत अगले लेवल पर स्थानांतरित होती है, जिसके कारण शिकायतें एक माह या उससे अधिक अवधि में लंबित होती हैं। अत: शेष प्रश्नांश के उत्तर का प्रश्न नहीं उठता। (ग) उज्जैन जिला की बड़नगर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 9964 शिकायतें ऐसी हैं, जिनमें शिकायतकर्ता समाधान से संतुष्ट नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। शिकायतकर्ता, शिकायत के समाधान से संतुष्ट नहीं होने की स्थिति में मुख्य सचिव, मध्यप्रदेश शासन, भोपाल के पत्र क्रमांक/181/सी.एम.हेल्प/2017 भोपाल, दिनांक 17.08.2017 में दिए गए निर्देशानुसार शिकायतों को स्पेशल क्लोज किया गया है, पत्र की प्रति पुस्ताकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
दवा
विक्रेता
द्वारा
साम्प्रदायिक
सौहार्द
बिगाड़ना
[गृह]
1. ( क्र. 40 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर में कोरोना काल में आम जनता को दवा उपलब्ध हो सके इसलिए दवा दुकानदारों को दुकान खोलने की छूट दी गई थी? (ख) क्या इन्दौर स्थित आजाद नगर के एक दवा दुकान संचालक ने अपनी दुकान की सीढ़ियों पर संत की फोटो लगाकर साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की थी? (ग) यदि हाँ, तो उक्त दुकानदार के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई है? साम्प्रदायिक सोच रखने वाले दुकानदार का ड्रग लायसेंस कब निरस्त किया जावेगा? भविष्य में किसी के भी द्वारा साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश नहीं की जा सके इसके लिए क्या नियम बनाए जा रहे है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। किसी दुकानदार द्वारा सीढ़ियों पर संत की फोटो लगाकर साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश नहीं की गई। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छात्रावास, आश्रम
एवं बाल सुधार
गृहों हेतु
आवंटित राशि
[अनुसूचित जाति कल्याण]
2. ( क्र. 52 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण विभाग जबलपुर को राज्य एवं केन्द्र प्रवर्तित संचालित किन-किन योजनाओं में छात्रावासों, आश्रमों व बाल सुधार गृहों के लिये कितनी-कितनी राशि आवंटित की है एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? छात्रावासों, आश्रमों व बालसुधार गृहों का निर्माण, सुधार व मरम्मत कार्य हेतु स्वीकृत कितनी-कितनी राशि आवंटित की है एवं कितनी-कितनी राशि आवंटित नहीं की है एवं क्यों? वर्ष 2018-19 से 2022-23 तक की जानकारी देवें। (ख) स्वीकृत कितने-कितने सीट के कौन-कौन से छात्रावास भवनों का निर्माण कब कहां-कहां पर किस एजेंसी से कितनी-कितनी राशि में कराया है? कहां-कहां के कौन-कौन से छात्रावासों का निर्माण कार्य कब से अपूर्ण, निर्माणाधीन एवं अप्रारंभ है एवं क्यों? कौन-कौन से छात्रावासों, आश्रमों व बालसुधार गृहों की मरम्मत, सुधार एवं पुनर्निर्माण कार्य कब-कब कितनी-कितनी राशि में कराया है एवं कौन-कौन से खण्डहर, जर्जर व खराब स्थिति में हैं एवं क्यों? सूची दें। (ग) कौन-कौन से बालक/बालिका छात्रावास, आश्रम व बाल सुधार गृहों में अधीक्षक के पद पर कब से कौन-कौन पदस्थ हैं। इनका मूल पद एवं पदस्थी कहां पर है किस-किस के पास कब से एक से अधिक का अतिरिक्त प्रभार है एवं क्यों? किन-किन छात्रावासों, आश्रमों व बाल सुधार गृहों का आकस्मिक निरीक्षण कब-कब किसने किया है एवं कहां-कहां पर क्या-क्या अनियमितताएं, अव्यवस्था व शिकायतें पाई गई है दोषी किस-किस पर कब क्या कार्यवाही की गई?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। विभाग अंतर्गत आश्रम/बाल सुधार गृह संचालित नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' एवं ''द'' अनुसार है। रिक्त पद होने से अतिरिक्त प्रभार दिये गये है।
अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
3. ( क्र. 54 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. शासन अनुसूचित जाति कल्याण विभाग भोपाल ने अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना एवं अन्य संचालित किन-किन योजनाओं में जिला जबलपुर के लिये किन-किन निर्माण एवं विकास कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि की प्रशासकीय स्वीकृति दी हैं एवं कितनी-कितनी राशि आवंटित की हैं? वर्ष 2018-19 से 2022-23 तक की जानकारी देवें। (ख) पूर्व विधान सभा क्षेत्र क्र.97 जबलपुर में स्वीकृत कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से निर्माण एवं विकास कार्य कब किस एजेंसी से कराये गये है। कौन-कौन से कार्य कब से अपूर्ण निर्माणाधीन एवं अप्रारंभ है एवं क्यों? (ग) प्रश्नांकित (ख) में स्वीकृत किन-किन कार्यों से सम्बंधित कितनी-कितनी राशि का आवंटन कब से नहीं किया है एवं क्यों? शासन इन स्वीकृत कार्यों हेतु शेष राशि का आवंटन कब तक कराकर निर्माण कराना सुनिश्चित करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। वर्ष में अप्रारंभ कार्यों को आगामी वर्ष में आवंटन नहीं दिये जाने का निर्णय है, शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
छात्रवृत्ति का भुगतान
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
4. ( क्र. 91 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेंधवा एवं निवाली नोडल के अंतर्गत इंजीनियरिंग कॉलेज, होम्योपैथिक कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज के अंतर्गत वर्ष 2016 से 2022 तक पिछड़ा वर्ग, के किन-किन छात्रों के नाम से छात्रवृत्ति स्वीकृत कर भुगतान किया गया हैं? छात्रों की वर्षवार, कक्षावार सूची देवें। (ख) वर्ष 2016 से 2022 तक की समयावधि में उक्त कॉलेज को पिछड़ा वर्ग, के छात्रों हेतु कितनी-कितनी राशि किस-किस बैंक खाते में भुगतान की गयी? (ग) वर्ष 2016 से 2022 तक की समयावधि में उक्त कॉलेज में कौन-कौन से छात्र विभिन्न सेमेस्टर परीक्षाओं में सम्मिलित हुए तथा उनका परीक्षा परिणाम क्या रहा? छात्रवार जानकारी देवें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) सेंधवा एवं निवाली नोडल के अंतर्गत इंजीनियरिंग कॉलेज, होम्योपैथिक कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज के अंतर्गत वर्ष 2016 से 2022 तक पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों की वर्षवार, कोर्सवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2016 से 2022 तक की समयावधि में कॉलेज के बैंक खाते में वितरित नहीं की गई है। छात्रवृत्ति राशि संबंधित छात्र के बैंक खाते में वितरित की गई है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराना
[सहकारिता]
5. ( क्र. 109 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ की विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा में प्रश्न दिनांक तक प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में कुल कितने कृषक सदस्य हैं? समितिवार जानकारी उपलब्ध करावे। (ख) उपरोक्त में से कितने किसानों के पास जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक द्वारा जारी किसान क्रेडिट कार्ड हैं तथा कितने किसान फसल बीमा से जुड़े हैं? समितिवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) उक्त किसान क्रेडिट कार्ड धारी किसानों में से कितने किसानों को समितियों द्वारा फसल ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है समितिवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सभी सदस्यों को किसान क्रेडिट कार्ड के दायरे में लाकर फसल ऋण उपलब्ध कराने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? अवगत करावें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश "क" में उल्लेखित कृषकों में से 22,542 पात्र सदस्यों को नगदी एवं वस्तु ऋण का वितरण किया गया है। शेष अपात्र सदस्यों को पुराना कालातीत ऋण जमा करने हेतु बैंक द्वारा सलाह दी जा रही है।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
6. ( क्र. 111 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले में इस वर्ष मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत एक भी सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित नहीं किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है तथा इस लापरवाही के लिए कौन-कौन से अधिकारी दोषी हैं? (ग) क्या सरकार दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगी? (घ) क्या मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत जो आवेदन प्राप्त होकर पंजीकृत होने के बाद एकल विवाह संपन्न हुए हैं उन्हें मुख्यमंत्री कन्यादान योजना से लाभ मिलेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन एवं निकाय निर्वाचन प्रक्रिया में अधिकारी कर्मचारी व्यस्त होने से मुख्यमंत्री कन्यादान योजना अंतर्गत सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन नहीं हो सका। शेष का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) उत्तरांश ''ख'' अनुसार। (घ) राजगढ़ जिला अंतर्गत मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजनान्तर्गत निर्धारित प्रक्रिया अनुसार कोई आवेदन पत्र प्राप्त नहीं हुए है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजनान्तर्गत एकल विवाह पर सहायता प्रदान के प्रावधान न होने से एकल विवाह पर सहायता राशि प्रदाय नहीं की जा सकती है।
गौशालाओं को अनुदान
[पशुपालन एवं डेयरी]
7. ( क्र. 148 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 25 जून 2022 की स्थिति में रायसेन जिले में शासकीय एवं अशासकीय संस्थाओं द्वारा किन-किन स्थानों पर गौशालाओं का संचालन किया जा रहा है तथा उनमे कितना-कितना गौवंश है? (ख) क्या यह सत्य है कि शासकीय एवं अशासकीय संस्थाओं द्वारा संचालित गौशालाओं को शासन के निर्देशों के अनुरूप 20 रूपये प्रति गौवंश प्रतिदिन के मान से अनुदान नहीं दिया जा रहा है यदि हाँ, तो क्यों कारण बताये? (ग) 1 जनवरी 2022 से जून 2022 तक की अवधि में रायसेन जिले में शासकीय एवं अशासकीय संस्थाओं द्वारा संचालित किन-किन गौशालाओं किस दर से कितना कितना अनुदान कब कब दिया गया? (घ) प्रश्नांश (क) की किन किन गौशालाओं में बिजली एवं पानी की व्यवस्था नहीं है तथा इस संबंध में विभाग के अधिकारियों ने क्या-क्या कार्यवाही की?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार।
आयुक्त चिकित्सा शिक्षा के विरूद्ध शिकायतों पर कार्रवाई
[चिकित्सा शिक्षा]
8. ( क्र. 159 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुक्त चिकित्सा शिक्षा की नियुक्ति किस आदेश से कब की गई? एक विभाग में आई.ए.एस. अधिकारी कितने समय तक लगातार विभाग में पदस्थ रह सकता है? इसके क्या नियम है? (ख) आयुक्त चिकित्सा शिक्षा के विरूद्ध शासन या मुख्यमंत्री कार्यालय में कितनी-कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? इन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? क्या भविष्य में कार्यवाही की जावेगी? (ग) आयुक्त चिकित्सा शिक्षा के द्वारा नवीन/पूर्व में संचालित चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना हेतु किन-किन टेण्डरों के माध्यम से किन-किन एजेंसियों द्वारा कार्य करवाया जा रहा है? चिकित्सा महाविद्यालयों के निर्माण में पूर्व में कितनी राशि स्वीकृत थी वर्तमान में इस राशि में कितनी बढ़ोत्तरी हुई? मदवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) आयुक्त चिकित्सा शिक्षा द्वारा कितने नर्सिंग रजिस्ट्रार बनने हेतु किये गये आवेदनों को पात्र होते हुए भी अपात्र बताकर अमान्य किया गया है? जिससे भावना कन्नोजिया भी शामिल है? क्या आर्थिक अपराध 441/19, 640/19 एवं जांच प्रकरण 36/2019 दर्ज होने पर भी श्रीमती सुनीता सिजु को वर्तमान रजिस्ट्रार बनाया गया क्यों? रजिस्ट्रार की योग्यता, अर्हताएं, मापदण्ड बतायें। क्या वर्तमान रजिस्ट्रार यह योग्यता धारित थी, अगर नहीं तो चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा किन मापदण्डों के आधार पर इनकी नियुक्ति की गई? क्या रजिस्ट्रार की पद स्थाई है या प्रतिनियुक्ति का? कितने रजिस्ट्रार स्थाई रहे, कितने प्रतिनियुक्ति पर जानकारी देवें। वर्तमान अपात्र रजिस्ट्रार को कब तक हटाया जावेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) आयुक्त चिकित्सा शिक्षा की नियुक्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। शासन की मंशानुसार। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है। (ख) मुख्यमंत्री कार्यालय एवं अन्य से नर्सिंग कौंसिल से संबंधित 02 शिकायतें प्राप्त हुई। शिकायतें आधारहीन होने के कारण नस्तीबद्ध की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है। (ग) आयुक्त, चिकित्सा शिक्षा कार्यालय द्वारा नवीन/पूर्व से संचालित चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना हेतु निविदा आमंत्रित नहीं की जाती है। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। चिकित्सा महाविद्यालयों के निर्माण में पूर्व में मूल प्रशासकीय स्वीकृत तथा पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (घ) रजिस्ट्रार, नर्सिंग कौंसिल बनाने हेतु एक आवेदन पत्र प्राप्त हुआ, जिसमें श्रीमती भावना कनोजिया का आवेदन पत्र शामिल था। श्रीमती भावना कनोजिया के आवेदन करने के पूर्व ही, श्रीमती सिजू, की रजिस्ट्रार, नर्सिग कौंसिल के पद पर विभाग द्वारा पदस्थापना होने के कारण श्रीमती भावना कनोजिया, सिस्टर ट्यूटर, नर्सिंग महाविद्यालय इन्दौर को मध्यप्रदेश नर्सिंग कौसिल में रजिस्ट्रार के पद पर पदस्थ किया जाना संभव नहीं था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। आर्थिक अपराध प्रकरण क्रमांक 441/19 उपलब्ध अभिलेख अनुसार नहीं पाया गया, आर्थिक अपराध प्रकरण क्रमांक 640/19 एवं जांच प्रकरण क्रमांक 36/2019 में जांच की कार्यवाही प्रचलन में है, उपरोक्त तीनों प्रकरणें में श्रीमती सिजू, रजिस्ट्रार नर्सिग कौंसिल के पद पर पदस्थ नहीं थी। रजिस्ट्रार पद की पात्रता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार। रजिस्ट्रार का पद स्थायी तथा प्रतिनियुक्ति दोनों का है। स्थायी एवं प्रतिनियुक्ति पर रहे रजिस्ट्रार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टि-6 अनुसार है। उपरोक्तानुसार उत्तरांश के प्रकाश में शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
बढ़ती चोरी की घटनाएं
[गृह]
9. ( क्र. 160 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 03 सबलगढ़ के पुलिस थाना सबलगढ़ में नगर निरीक्षक स्तर के थाना प्रभारी का प्रभार उप निरीक्षक पर होने से कानून व्यवस्था ध्वस्त है? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) यदि नहीं, तो विगत दो माह में पुलिस थाना सबलगढ़ क्षेत्र में कितनी मोटर साईकल चोरी की घटनाओं में कितनी शिकायती आवेदन प्राप्त हुए व कितनी घटनाओं में अपराध पंजीबद्ध किया गया है? सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या यह भी सच है कि अपराधिक घटनाओं में अपराध पंजीबद्ध न करते हुए आवेदन लेकर फरियादी को चलता कर दिया जाता है? ऐसे कितने आवेदन विगत दो माहों में प्राप्त हुए है एवं आपराधिक घटनाओं में लिप्त किन-किन अपराधियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई है? यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो कारण बताते हुए इसके लिये दोषी अधिकारी कर्मचारियों के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों एवं कार्यवाही कब तक की जावेगी? (घ) पुलिस थाना सबलगढ़ में नगर निरीक्षक स्तर के थाना प्रभारी की पदस्थापना कब तक की जावेगी? समय-सीमा बतावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। थाना सबलगढ़ में नगर निरीक्षक स्तर का पद है किंतु उप निरीक्षक पदस्थ है। प्रभावी पुलिस कार्यवाही के फलस्वरूप कानून/व्यवस्था की स्थिति संतोषजनक है। (ख) विगत दो माह में पुलिस थाना सबलगढ़ क्षेत्र में 08 मोटरसाईकिल चोरी की घटनायें हुई हैं जिन पर कार्यवाही कर अपराध पंजीबद्ध किया गया है। सूची संलग्न परिशिष्ट पर है। मोटरसाईकिल चोरी की घटनाओं के संबंध में कोई भी आवेदन पत्र प्राप्त नहीं हुये हैं। (ग) जी नहीं। विगत दो माह में थाना सबलगढ़ पर फरियादी/आवेदकगण की शिकायत पर से कुल 94 संज्ञेय अपराध तथा 152 असंज्ञेय रिपोर्ट पंजीबद्ध कर अवधि में 101 आरोपियों को गिरफ्तार कर समुचित कानूनी कार्यवाही की गई है। अपराधियों के विरूद्ध समुचित कानूनी कार्यवाही की जाने के कारण किसी पुलिस अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गई है। (घ) पुलिस थाना सबलगढ़ में नगर निरीक्षक स्तर के थाना प्रभारी की पदस्थापना प्रशासनिक कार्य व्यवस्था के आधार पर की जावेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
पैरामेडिकल कोर्सेस समय पर कराया जाना
[चिकित्सा शिक्षा]
10. ( क्र. 294 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभिन्न पैरामेडिकल कोर्सेस निर्धारित समयावधि में पूर्ण नहीं किए जा रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या दो साल की समयावधि का कोर्स छात्रों को चार-चार साल में करना पड़ रहा है? (ग) यदि हाँ, तो क्यों? (घ) क्या छात्रों के भविष्य को देखते हुए शासन द्वारा विभिन्न कोर्सेस को समयावधि में पूर्ण कराया जावेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर द्वारा पाठयक्रमों की परीक्षायें यथासभंव समयावधि में पूर्ण कराई जा रही है। कोविड-19 के कारण पाठयक्रम की परीक्षायें पिछड़ गई थी। विश्वविद्यालय द्वारा पूर्व लंबित समस्त परीक्षायें जनवरी 2022 में आयोजित कर डिग्री पाठयक्रम के परीक्षा परिणाम जारी किये गये है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश (क) के प्रकाश में विभिन्न पैरामेडिकल डिप्लोमा के कोर्सेस की परीक्षायें विश्वविद्यालय,जबलपुर द्वारा आयोजित की जा चुकी है तथा समस्त पाठयक्रमों के परीक्षा परिणाम जुलाई माह अंत तक घोषित किये जायेंगे। सह चिकित्सीय परिषद द्वारा एक वर्षीय सर्टिफिकेट कोर्स की परीक्षा अगस्त माह में आयोजित कर परिणाम सितम्बर माह के अंत तक घोषित किये जायेंगे। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ।
धनगर जाति को अनुसूचित जाति में जोड़ा जाना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
11. ( क्र. 305 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सरकार से धनगर जाति को अनुसूचित जाति की श्रेणी में शामिल किये जाने हेतु मांग की गई है? (ख) क्या सरकार को जानकारी है कि धनगर जाति महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में अनुसूचित जाति की श्रेणी में आती हैं? (ग) यदि हाँ, तो क्या सरकार मध्यपदेश में भी धनगर जाति को अनुसूचित जाति की श्रेणी में शामिल किये जाने हेतु आदेश करेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग में इस प्रकार की कोई मांग अथवा प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। (ख) जी नहीं। (ग) किसी जाति को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल करने का अधिकार भारत सरकार को होने के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गौ-सेवकों के ग्राण्ट की राशि वितरण में की गई अनियमितता
[पशुपालन एवं डेयरी]
12. ( क्र. 346 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आर.जी.एम.-एन.पी.पी.बी. योजनांतर्गत गौ-सेवकों/मैत्रियों को कृत्रिम गर्भाधान के परीक्षण हेतु चयन की प्रक्रिया है? योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक जिला राजगढ़ में कितने गौ-सेवकों/मैत्रियों का प्रशिक्षण का लक्ष्य दिया गया? वर्षवार जानकारी से अवगत करावे। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला राजगढ़ अंतर्गत प्रदाय लक्ष्यानुसार कब-कब आवेदन आमंत्रित किये जाकर चयन समिति द्वारा चयन किया जाकर गौ-सेवकों/मैत्रियों को प्रशिक्षण प्रदाय किया गया? चयन समिति की बैठक की दिनांक ग्रामवार, विकासखण्डवार आवेदकों के नाम पंचायतों के प्रस्ताव क्रमांक दिनांक तथा शैक्षणिक योग्यता तथा ग्राम पंचायत के निवास के संबंधित प्रमाण पत्र तथा चयन समिति की जानकारी से अवगत करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार गौ-सेवक/मैत्रियों को कृत्रिम गर्भाधान के प्रशिक्षण के दौरान स्टाईपेंड प्रदाय करने हेतु कितना-कितना आवंटन प्रदाय किया जाकर प्रशिक्षणार्थियों को राशि प्रदाय की गई? प्रशिक्षणार्थियों के नाम एवं राशि की जानकारी से अवगत करावें। (घ) क्या गौ-सेवकों/मैत्रियों के द्वारा विभागीय कार्य संपादन करने हेतु टेंपरिंग ग्राण्ट की कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई एवं किन-किन गौ-सेवकों/मैत्रियों को टेंपरिंग ग्राण्ट की राशि प्रदाय की गई? गौ-सेवकवार/मैत्रिवार राशि की जानकारी देवें। (ड.) क्या प्रश्नांश (ख) से (घ) अनुसार गौ-सेवक/मैत्रियों के चयन, स्टाईपेंड एवं टेंपरिंग ग्राण्ट की राशि वितरण में की गई अनियमितता की जांच उच्च स्तरीय समिति से कराई जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ''अनुसार है। (ख) योजना के क्रियान्वयन हेतु भारत सरकार के दिशा निर्देश अनुसार चयन की कार्यवाही की जाती है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब''अनुसार है (घ) टेपरिंग ग्रांट की राशि कृत्रिम गर्भाधान के कार्य की उपलब्धि (संख्या) पर प्रशिक्षण संस्थान के द्वारा प्रदाय की जाती है। भारत सरकार के दिशा निर्देशानुसार वर्ष 2020-21 से गौ-सेवकों/मैत्रियों के प्रशिक्षण हेतु टेपरिंग ग्रांट दिये जाने का प्रावधान नहीं है। (ड.) मैत्रियों के चयन,स्टाईपेंड एवं टेपरिंग ग्रांट राशि के वितरण में किसी प्रकार की कोई अनियमितता नहीं हुई है और न ही कोई शिकायत प्राप्त है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिकायत पत्रों का परीक्षण
[जनजातीय कार्य]
13. ( क्र. 378 ) श्री संजय उइके : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या यह सही है कि प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्नोत्तर के रूप में परिवर्तित तारांकित प्रश्न क्रमांक 1342 दिनांक 24/12/2021 के उत्तर में शिकायत पत्रों में उल्लेखित बिन्दुओं का परीक्षण किया जाकर परीक्षण में निम्न तथ्य प्रकाश में आने पर जांच हेतु समिति गठित की जावेगी दिया गया था? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता के शिकायत पत्रों का परीक्षण किस अधिकारी द्वारा किया जा रहा है? उस अधिकारी का नाम एवं पदनाम बतावें? परीक्षण में क्या तथ्य मिले उसकी जानकारी देवें? परीक्षण हेतु जारी आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) विभाग द्वारा शिकायत पत्रों की सीधे जांच न कराकर शिकायत पत्रों के तथ्यों की जांच कराने का निर्णय किन कारणों से लिया गया है? क्या यह सही है कि शिकायत पत्रों के बिन्दुओं की सीधे जांच न कराकर अनियमितता करने वालों को बचाया जा रहा है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
व्यवहार न्यायालय की स्थापना
[विधि एवं विधायी कार्य]
14. ( क्र. 423 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा बहोरीबंद तहसील में व्यवहार न्यायालय की स्थापना का प्रस्ताव स्वीकृत है तथा गजट नोटिफिकेशन-दिनांक 16.12.2016 के द्वारा बहोरीबंद जिला-कटनी के लिये 1 सिविल जज का पद अधिसूचित किया जा चुका है? (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक न्यायालय प्रारंभ न होने के क्या कारण है? क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विधानसभा की बैठक दिनांक 24.12.2021 को पूछे गये प्रश्न क्रमांक 1244 के उत्तर में बताया गया कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित गुणवत्ता के अनुरूप भवन निर्माण की कार्यवाही एवं बहोरीबंद सिविल न्यायालय के प्रशासकीय एवं कार्यालयीन अमले के अंतर्गत तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों की आवश्यकता के फलस्वरूप नवीन पदों के सृजन के प्रस्ताव पर विभागीय कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, उत्तर में यदि हाँ, तो तत्संबंध में क्या कार्यवाही की गई? विवरण सहित जानकारी देवें एवं की गई कार्यवाही की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित पूर्व में पूछे गये प्रश्न के उत्तर में यह भी बतलाया गया था कि बहोरीबंद में सिविल कोर्ट की स्थापना हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, यथा संभव शीघ्रता से तहसील-बहोरीबंद में सिविल कोर्ट की स्थापना की जावेग? यदि हाँ, तो उक्त दिशा में की गई कार्यवाही से अवगत करावे एवं यह भी बतलावे कि बहोरीबंद में व्यवहार न्यायालय की स्थापना किस प्रकार से कब तक कर दी जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) बहोरीबंद जिला कटनी में व्यवहार न्यायालय के संचालन हेतु जिला एवं सत्र न्यायाधीश, कटनी से पूर्व में प्राप्त जानकारी के अनुक्रम में मूलभूत सुविधाओं उपलब्धता के संबंध में विभागीय पत्र क्रमांक 2437/2022/21-ब (एक) दिनांक 29.07.2022 द्वारा कलेक्टर जिला कटनी को लिखा गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'अ' पर है तथा न्यायालय संचालन हेतु आवश्यक प्रशासनिक अमले के पदों की स्वीकृति हेतु विभागीय पत्र क्रमांक 2018/2022/एफ-914/21-ब (एक), दिनांक 15.06.2022 द्वारा वित्त विभाग के अभिमत दिनांक 10.06.2022 पर जानकारी प्रेषित किये जाने का अनुरोध माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर से किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-'ब' पर है। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश (ख) के उत्तर में दी गई जानकारी अनुसार कलेक्टर जिला कटनी एवं माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के समक्ष कार्यवाही विचाराधीन/प्रक्रियाधीन है तथा निश्चित समयावधि बताई जाना सम्भव नहीं है।
खाद परिवहन की जानकारी
[सहकारिता]
15. ( क्र. 433 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों में जिला सहकारी बैंक खरगौन द्वारा विभाग को किस किस संस्था के लिए कितने-कितने उर्वरक खाद आवंटन हेतु मांग पत्र भेजे थे? मांग पत्रों के अनुसार कितना खाद संस्थाओं को भेजा गया? यदि नहीं, भेजा गया तो क्यों कारण सहित विवरण देवें। (ख) क्या विगत 3 वर्षों में जिला सहकारी बैंक के द्वारा मांग अनुसार उर्वरक खाद नहीं भेजे जाने की सूचना/शिकायत की गई है यदि की गई है तो शिकायत एवं उस पर की गई कार्यवाही की जानकरी दें? (ग) उर्वरक खाद परिवहन हेतु विभाग द्वारा ठेकेदारों से किए गए अनुबंध की छाया प्रति क्या उसके अनुबंध अनुसार ठेकेदार कार्य कर रहे हैं? यदि नहीं, कर रहे हैं तो उन पर क्या कार्रवाई की जावेगी? (घ) क्या विगत 3 वर्षों में जिला सहकारी बैंक के मांग होने के बावजूद उर्वरक खाद को गोडाउन/वेयर हाउस में रखा जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों और नहीं तो खरगोन जिले में आए उर्वरक खाद को कब-कब किस दिनांक को किस संस्था को दिया गया और गोडाउन/वेयरहाउस में कितना रखा गया?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सामुदायिक वन अधिकार की मान्यता
[जनजातीय कार्य]
16. ( क्र. 469 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के तहत मंडला, डिंडोरी एवं बैतूल जिले में जिला स्तरीय वनाधिकार समिति ने किस-किस दिनांक को किस-किस ग्राम किस-किस आरक्षित वन कक्ष किस-किस संरक्षित वन कक्ष में कितनी-कितनी भूमि के सामुदायिक वन अधिकारों को मान्यता प्रदान कर दावें को मान्य किया कितनी भूमि के दावें को अमान्य किया? (ख) मान्य सामुदायिक वन अधिकार दावें से संबंधित कौन-कौन सा अधिकार दावें को दिया गया है, दावें पर क्या-क्या प्रतिबंध लगाया गया है, अधिकार एवं प्रतिबंध से संबंधित कानून एवं नियम में क्या-क्या प्रावधान है? (ग) धार्मिक एवं सामाजिक रीति रिवाजों से संबंधित मान्य दावें में वर्णित भूमि पर पहले से ही बने निर्माण कार्यों के पुननिर्माण एवं सदुढ़ीकरण और यात्रियों के लिए अधोसंरचना विकास से संबंधित कार्यों बाबत् क्या क्या छूट दावेदार को प्रदान की गई है यदि छूट नहीं दी गई हो तो इसकी अनुमति किससे लिए जाने की क्या प्रक्रिया निर्धारित की है प्रति सहित बतावें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 एवं नियम 2008 के तहत धार्मिक एवं सामाजिक रीति रिवाजों से बने निर्माण कार्यों के पुनर्निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण और यात्रियों के लिये अधोसंरचना विकास से संबंधित कार्यों बाबत वर्तमान में वन विभाग द्वारा ऐंसी कोई प्रक्रिया संचालित नहीं है।
गृह निर्माण सहकारी समितियों में प्रशासक की नियुक्ति
[सहकारिता]
17. ( क्र. 495 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले में कुल कितनी गृह निर्माण सहाकारी समितियां सहकारिता नियमों के अधीन आज दिनांक की स्थिति में जीवित रूप से पंजीकृत हैं? इनकी कुल संख्या बताते हुये उन संस्थाओं का नाम जहां प्रशासक नियुक्त हैं, प्रशासक नियुक्ति दिनांक दर्शाते हुये बताया जाये। (ख) प्रश्नांश (ख) प्रशासक के अधीन उल्लेखित समितियों के जहां पर 6 माह से अधिक समय से प्रशासक नियुक्त हैं उनका चुनाव कब तक करा लिया जायेगा? (ग) क्या यह सही है कि प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित समितियों में 6 माह से अधिक प्रशासक नियुक्त होने से संस्था के सदस्यों के मौलिक अधिकारों एवं हितों का क्षरण हो रहा हैं? यदि नहीं, तो कैसे?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) 475। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र के कॉलम 08 के अनुसार संस्थाओं के निर्वाचन नहीं हो पा रहे है। प्रशासक नियुक्त होने की दशा में प्रशासक के द्वारा संस्था के सामान्य कार्य सम्पादित किये जाते है।
अ.ज.जा. बस्ती मद से स्वीकृत कार्य
[जनजातीय कार्य]
18. ( क्र. 523 ) श्री उमंग सिंघार : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या धार जिले में 01 अप्रैल, 2020 से प्रश्न दिनांक तक अ.ज.जा. बस्ती मद से विभिन्न कार्य स्वीकृत किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो धार जिले अंतर्गत आने वाली संपूर्ण विधानसभाओं में कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों हेतु स्वीकृत की गई है? विधानसभावार, विकासखण्डवार, कार्यवार एवं राशिवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या गंधवानी विधानसभा में अ.ज.जा. बस्ती मद से आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में विकास कार्यों की स्वीकृति हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो उक्त जारी किये पत्रों में दर्शाये गये कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये एवं स्वीकृत कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृत की छायाप्रति उपलब्ध करावें यदि कोई भी कार्य स्वीकृत नहीं किये गये तो क्यों? कारण स्पष्ट करें एवं उक्त कार्यों की स्वीकृति कब तक प्रदान कर जायेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (ख) के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। विधानसभावार, विकास खण्डवार, कार्यवार एवं राशिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रश्नकर्ता से प्राप्त पत्रों में स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है, प्रश्नांश का शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गौरव दिवस के आयोजन पर व्यय राशि
[जनजातीय कार्य]
19. ( क्र. 524 ) श्री उमंग सिंघार : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या 15 नवम्बर, 2021 को भगवान बिरसा मुण्डा की जयंती को गौरव दिवस के रूप में मनाने हेतु माननीय प्रधानमंत्री जी के आगमन पर कार्यक्रम के सफल आयोजन के नाम से खाद्य सामग्री एवं अलग-अलग जिलों से लाये गये लोगों के परिवहन आदि के नाम से राशि व्यय की गई थी? (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार यदि हाँ, तो भोजन व्यवस्था हेतु कितनी राशि व्यय की गई थी? जिलेवार बतावें तथा प्रत्येक जिले से परिवहन हेतु कितनी-कितनी बसें अधिग्रहित की गई थी? बसों के रजिस्ट्रेशन नबंर सहित बतावें एवं प्रत्येक बस पर लोगों को लाने एवं ले जाने हेतु कितनी-कितनी राशि व्यय की गई थी? जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या क्रांतिकारी टंट्या मामा की गौरव कलश यात्रा हेतु शासन द्वारा राशि का आवंटन किया गया था? यदि हाँ, तो कितनी राशि का आवंटन किया गया था? (घ) उक्त गौरव कलश यात्रा किन-किन जिलों में निकाली गई थी एवं प्रत्येक जिले में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई थी? जिलेवार एवं राशिवार जानकारी उपलब्ध करावे। इन्दौर में 04 दिसम्बर 2021 को टंट्या मामा स्मृति कार्यक्रम में लोगों को लाने हेतु किन-किन जिलों से कितनी बसे अधिग्रहित की गई थी? बसों के रजिस्ट्रेशन नबंर सहित बतावें एवं प्रत्येक बस पर लोगों को लाने ले जाने हेतु कितनी-कितनी राशि व्यय की गई थी? जिलेवार जानकारी बतावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) जी हाँ। राशि रूपये 108.28 लाख मात्र का आवंटन जारी किया गया है। (घ) गौरव कलश यात्रा जिला- खण्डवा, बुरहानपुर, उज्जैन, धार, खरगौन, बड़वानी, झाबुआ, अलीराजपुर, रतलाम, देवास, नीमच, इन्दौर में निकाली गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है।
जिला संयोजक मुरैना का स्थानांतरण
[जनजातीय कार्य]
20. ( क्र. 579 ) श्री राकेश मावई [ श्री अजब सिंह कुशवाह] : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या यह सही है कि जिला संयोजक मुरैना श्री मुकेश पालीवाल को तत्काल अन्यत्र स्थानान्तरण करने बाबत् श्री बंसत प्रताप सिंह, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी भोपाल को प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 1050/2022 दिनांक 30-52022 को दिया गया? यदि हाँ, तो उस पत्र पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या यह भी सही है कि मध्यप्रदेश शासन की स्थानान्तरण नीति की कंडिका 17 के अनुसार कोई भी राज्य अथवा जिला स्तर का अधिकारी एक ही स्थान पर अधिकतम 3 वर्ष तक पदस्थ रह सकता है? यदि हाँ, तो जिला संयोजक मुरैना श्री मुकेश पालीवाल 5 वर्ष से अधिक समय तक एक ही स्थान पर पदस्थ रहने के बाद भी इनका स्थानान्तरण क्यों नहीं किया गया? (ग) क्या विभाग की विभिन्न योजनाओं के संचालन में माह फरवरी, 2022 की स्थिति में मुरैना जिला 36.71 प्रतिशत अंक प्राप्त कर मध्यप्रदेश में 51 वें स्थान पर होकर रेडजोन में पहुंच गया जिसके कारण आयुक्त चंबल संभाग ने दिनांक 8-4-2022 में श्री मुकेश पालीवाल को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया। यदि हाँ, तो फिर भी स्थानान्तरण नीति की कंडिका 18 के अनुसार इनका स्थानान्तरण क्यों नहीं किया गया? (घ) जिला संयोजक मुरैना श्री मुकेश पालीवाल को कब तक मुरैना से अन्यत्र स्थानान्तरण कर दिया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय के ज्ञाप क्रमांक एफ 6-1/2021/1/9 भोपाल दिनांक 24 जून 2021 द्वारा राज्य एवं जिला स्तर के अधिकारियों/कर्मचारियों के लिए स्थानान्तरण नीति निर्धारण की कंडिका क्र. 17 में प्रावधान अनुसार जिलों में पदस्थ प्रथम श्रेणी एवं द्वीतीय श्रेणी के कार्यापालक अधिकारियों के एक ही स्थान पर तीन वर्ष की पदस्थापना पूर्ण कर लेने पर जिले से अन्यत्र प्राथमिकता पर स्थानांतरण किया जा सकेगा। परन्तु कंडिका 18 में यह प्रावधान है कि 'यह अनिवार्य नहीं है कि 3 वर्ष पूर्ण होने पर स्थानांतरण किया ही जावे। (ग) जी हाँ। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
गौ तस्करी एवं गौवध रोकने हेतु कानून
[गृह]
21. ( क्र. 633 ) श्री राम दांगोरे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गोवंश की अवैध तस्करी रोकने के लिए कोई उपाय किए गए हैं? (ख) क्या गोवंश की अवैध तस्करी (परिवहन) करने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाया है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) (क) जी हाँ। गौवंश की तस्करी की सूचना प्राप्त होने पर अपराध दर्ज कर वैधानिक कार्यवाही पूर्ण कर चालान किये जाते हैं। गौवंश तस्करी में संलिप्त वाहनों को राजसात की कार्यवाही की जाती है। प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में चेकिंग कर तस्करी पर रोकथाम की जाती है। मध्यप्रदेश गौवंश प्रतिषेध अधिनियम तथा इसके संशोधन का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। गौवंश की अवैध तस्करी (परिवहन) करने वालों के विरूद्ध सख्त कानून उपलब्ध हैं, जिसमें मध्यप्रदेश गौवंश प्रतिषेध अधिनियम 2004 तथा इसका संशोधन वर्ष 2011 सम्मिलित है। इस अधिनियम में गौवंश परिवहन में संलिप्त वाहनों को राजसात करने का प्रावधान है। अधिनियम के अंतर्गत अपराध संज्ञेय है तथा अजमानतीय है।
जनजातीय विकासखंड बनाया जाना
[जनजातीय कार्य]
22. ( क्र. 634 ) श्री राम दांगोरे : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या पंधाना विधानसभा आरक्षण की दृष्टि से आदिवासी है? क्या पंधाना विधानसभा आदिवासी बाहुल्य है? (ख) पंधाना विधानसभा में कितने विकासखंड जनजाति विकासखंडों में आते हैं? क्या जनजाति विकासखंड बनाने से अन्य वर्गों के राजनीतिक या अन्य क्षेत्रों में आरक्षण पर जनजाति वर्ग का अतिक्रमण होगा? (ग) पंधाना विधानसभा क्षेत्र वर्षों से पिछड़ा हुआ है यदि यह जनजाति विकासखंड बनता है तो अतिरिक्त आर्थिक सहायता मिलेगी जिससे क्षेत्र का विकास होगा आदिवासियों का जीवन स्तर सुधरेगा। (घ) क्या पंधाना को आदिवासी विकासखंड बनाने हेतु आवश्यक कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। जनगणना 2011 के अनुसार पंधाना विधानसभा क्षेत्र में कुल जनसंख्या का जनजाति की जनसंख्या 39.98 प्रतिशत है। (ख) कोई नहीं। जी नहीं। (ग) प्रश्नांश अनुसार उत्तर अपेक्षित नहीं। (घ) भारत सरकार का राजपत्र आसाधारण भाग- II खण्ड-3 उप-खण्ड (i) स. क्रमांक 79 नई दिल्ली, फरवरी 2003 में प्रकाशित अनुसार अनुसूचित क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले विकासखण्ड जनजातीय विकासखण्ड है। अनुसूचित क्षेत्र के निर्धारण का संबंध भारत सरकार के अधिकार क्षेत्र का है। अत: पंधाना को आदिवासी विकासखण्ड घोषित करने की कार्यवाही अनुसूचित क्षेत्र से संबंधित होने के कारण भारत सरकार के अध्याधीन होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना
[चिकित्सा शिक्षा]
23. ( क्र. 840 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कुल कितने चिकित्सा महाविद्यालय कहाँ-कहाँ पर कब से संचालित है, इनमें कितनी-कितनी सीटे किस-किस श्रेणी के छात्र-छात्राओं की है। कृपया सूची उपलब्ध करावें। (ख) जिला मुरैना में चिकित्सा शिक्षा हेतु चिकित्सा महाविद्यालय न होने से छात्र-छात्राओं को प्रदेश के अन्य जिलों में शिक्षा गृहण करने जाना पड़ता है। चिकित्सा शिक्षा हेतु चिकित्सा महाविद्यालय खोलने की मांग जन प्रतिनिधियों एवं छात्र-छात्राओं द्वारा निरंतर की जा रही है। जिला मुरैना में चिकित्सा महाविद्यालय खोलने के संबंध में सरकार कोई विचार कर रही है। अगर हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) प्रदेश में संचालित चिकित्सा महाविद्यालय एवं छात्र-छात्राओं के सीट्स की श्रेणीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। भारत सरकार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय नई दिल्ली को प्रस्ताव भेजा गया जिसकी स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई। चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना हेतु राज्य शासन द्वारा समय-समय पर लिये गये नीतिगत निर्णय अनुसार विभाग द्वारा कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विशेष पिछड़ी जनजातीय परिवारों को पोषण सहायता राशि
[जनजातीय कार्य]
24. ( क्र. 875 ) श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल (गुड्डा) : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विशेष पिछड़ी जनजातियों-सहरिया, बैगा एवं भारिया परिवारों के अच्छे स्वास्थ्य के लिये पोषण स्तर में सुधार की दृष्टि से वर्ष 2018 में विशेष सहायता राशि प्रदान करने की योजना प्रारंभ की गयी है? यदि हाँ, तो इस योजना अंतर्गत कितनी-कितनी राशि प्रदान किये जाने का प्रावधान है? वर्तमान में प्रदेश में योजना संचालन की क्या स्थिति है? (ख) विधानसभा क्षेत्र वारासिवनी में विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति के कहाँ-कहाँ कितने परिवार निवासरत हैं? क्या इन्हें बिन्दु-(क) अनुसार संचालित योजना का लाभ प्रदान किया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस-किस हितग्राही को कितनी-कितनी सहायता राशि प्रदान की गयी है? यदि नहीं, तो बैगा जनजाति के हितग्रहियों को पात्रतानुसार योजना का लाभ प्रदान नहीं किये जाने का क्या कारण है एवं कब तक इन्हें योजना का लाभ प्रदान कर दिया जावेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। योजनांतर्गत विशेष पिछड़ी जनजाति महिला मुखिया हितग्राही को प्रतिमाह राशि रूपए 1000/- दिए जाने का प्रावधान है। योजनातंर्गत प्रदेश के 14 जिलों क्रमश: ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, श्योपुर, मुरैना, डिंडौरी, उमारिया, शहडोल, अनूपपुर, मंडला, बालाघाट, छिंदवाड़ा के विशेष पिछड़ी जनजाति हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया जा रहा है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। समस्त पात्र हितग्राहियों को प्रतिमाह राशि रूपए 1000/- प्रदान किए जा रहे है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परीक्षा एवं मान्यता में हुई अनियमितताओं की जांच
[चिकित्सा शिक्षा]
25. ( क्र. 918 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्रीमती सुनीता शिजू, रजिस्ट्रार म.प्र. नर्सेस काउंसिल की नियुक्ति किस नियम से जारी की गई है? क्या यह उन मापदण्डों की पूर्ति करती है? इनकी मूल पदस्थापना किस विभाग में है और किस पद पर है? (ख) दिनांक 13.10.2021 से 16.10.2021 तक संपन्न परीक्षाओं में मान्यता समाप्त नर्सिंग संस्थाओं को सम्मिलित कराया गया है? अगर कराया गया तो मान्यता समाप्ति किस आधार पर की गई? मान्यता समाप्त होने के उपरांत भी इन्ही कॉलेजों के ईमेल पर प्रवेश पत्र जारी क्यों किये गये? (ग) एक स्थान पर कार्य करते हुये दूसरे स्थान पर अतिमहत्वपूर्ण कार्य परीक्षा प्रभारी बनाया जाना किस नियम के तहत है? क्या श्रीमती जस्सी फिलिप को अपने कार्य के साथ परीक्षा प्रभारी बनाया गया है? अगर हाँ तो क्यों? (घ) आर्थिक अपराध क्र. 741/2019, 640/2019, 1763 एवं जांच प्रकरण 36/2019 दर्ज होने पर भी श्रीमती सुनीता शिजू को वर्तमान रजिस्ट्रार क्यों बनाया गया? रजिस्ट्रार की योग्यतायें अर्हताएं, मापदण्ड बतायें। क्या वर्तमान रजिस्ट्रार यह योग्यता रखती थी? अगर नहीं तो चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा किन मापदण्डों के आधार पर इनकी नियुक्तियां की गई? क्या रजिस्ट्रार का पद स्थाई है या प्रतिनियुक्ति का है? कितने रजिस्ट्रार स्थाई रहे तथा कितने प्रतिनियुक्तियों पर रहे? वर्तमान रजिस्ट्रार को कब तक हटाया जायेगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) श्रीमती सुनीता शिजू की नियुक्ति विभागीय आदेश क्रमांक एफ 2-05/2009/1/55 दिनांक 22/9/2021 से की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-01 अनुसार है। इनकी मूल पदस्थापना गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल में स्टॉफ नर्स, टीचिंग फैकल्टी के पद पर है। (ख) जी नहीं। केवल जी.एन.एम (द्वितीय एवं तृतीय वर्ष) एवं ए.एन.एम. (प्रथम एवं द्वितीय वर्ष) की परीक्षाएं संपादित करायी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) परीक्षा संचालन के कार्य सुविधा की दृष्टि से सप्ताह में 03 दिवस कार्य करने हेतु आदेशित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-02 अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) आर्थिक अपराध क्र. 741/2019, 640/2019, 1763 एवं जांच प्रकरण 36/2019 में जांच की कार्यवाही प्रचलन में है। उपरोक्त प्रकरण में श्रीमती सुनीता शिजू रजिस्ट्रार के पद पर पदस्थ नहीं थी। श्रीमती सुनीता शिजू की नियुक्ति विभागीय आदेश क्रमांक एफ 2-05/2009/1/55 दिनांक 22/9/2021 से की गई है। रजिस्ट्रार की योग्यतायें अर्हताएं, मापदण्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-03 अनुसार है। रजिस्ट्रार का पद स्थायी तथा प्रतिनियुक्ति दोनों का है। स्थायी एवं प्रतिनियुक्ति पर रहे रजिस्ट्रार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-04 अनुसार है। उपरोक्तानुसार उत्तरांश के प्रकाश में शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
मृत व्यक्ति के नाम आपराधिक प्रकरण दर्ज करना
[गृह]
26. ( क्र. 948 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर थाना गढ़ीमलहरा अपराध क्रमांक 0002 दिनांक 02/01/2022 को किसके आवेदन पर किन-किन व्यक्तियों पर एफ.आई.आर. दर्ज की गई थी? (ख) क्या उक्त अपराधी की आवेदन एवं आपराधिक प्रकरण दर्ज के पूर्व ही मृत्यु हो गई थी? यदि हाँ, उक्त व्यक्ति की मृत्यु कब हुई थी? क्या आवेदक द्वारा आवेदन में उक्त व्यक्ति की मृत्यु के संबंध में उल्लेख किया था? (ग) प्रश्नांश (ग) के अनुसार यदि हाँ, तो उक्त अपराधी प्रकरण से संबंधित संपूर्ण दस्तावेजों की प्रति उपलब्ध कराई जाए। यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। (घ) क्या उक्त आपराधिक प्रकरण शासन के नियम व निर्देशों के तहत कायम किया गया था? यदि हाँ, तो नियम व निर्देशों की प्रति उपलब्ध कराई जाए। यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। (ड.) क्या शासन के नियम व निर्देशों के अनुसार आवेदक एवं सक्षम अधिकारी के आदेशों से आपराधिक प्रकरण दर्ज न करने वाले आवेदक एवं सक्षम अधिकारी के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? समय-सीमा बताएं। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला छतरपुर, थाना गढ़ीमलहरा का अपराध क्रमांक 02/2022, धारा 447 भादवि, दिनांक 02.01.2022 को श्री सुनील वर्मा, तहसीलदार, तहसील महाराजपुर, जिला छतरपुर के आवेदन पत्र पर, आरोपी बालमुकुंद तनय महादेव चौरसिया, निवासी कस्बा गढीमलहरा के विरूद्ध कायम किया गया था। (ख) जी हाँ। आरोपी बालमुकुंद तनय महादेव चौरसिया निवासी कस्बा गढीमलहरा की मृत्यु आवेदन पत्र प्राप्त होने एवं अपराधिक प्रकरण दर्ज होने के पूर्व दिनांक 24.04.2018 को हो गई थी। आवेदक द्वारा मृत्यु के संबंध में आवेदन पत्र में कोई उल्लेख नहीं किया था। (ग) प्रकरण से संबंधित समस्त दस्तावेजों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (घ) उक्त अपराधिक प्रकरण दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 154 के अंतर्गत कायम किया गया। जिसकी प्रति पुस्तकालय रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ड.) अपराधिक प्रकरण धारा 154 दण्ड प्रक्रिया सहिता में निहित प्रावधानों के अनुसार कायम कर विवेचना में लिये जाते है। विवेचना में एकत्रित साक्ष्य के आधार पर धारा 173 दण्ड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत प्रकरण के निराकरण का प्रावधान है, उक्तानुसार कार्यवाही विधि सम्मत होने से किसी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही किए जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
एस.ए.एफ. फायरिंग रेंज के मापदंड
[गृह]
27. ( क्र. 995 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एस.ए.एफ. फायरिंग रेंज के लिये शासन के क्या मापदंड, नियम एवं दिशा-निर्देश निर्धारित किये गये है? नियम, निर्देशों की प्रतिलिपि सहित विस्तृत जानकारी देवें। (ख) जिला सागर में किन-किन स्थानों पर एस.ए.एफ. फायरिंग रेंज विभाग द्वारा स्थापित/संचालित किये गये हैं? स्थान विभाग का नाम सहित जानकारी देवें। क्या ये शासन के दिशा निर्देशों के अनुरूप स्थापित किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में संचालित फायरिंग रेंज के लिये शासन द्वारा कब भूमि आरक्षित की गई है? भूमि रकवा सहित जानकारी देवें। एस.ए.एफ. फायरिंग रेंज ग्राम लिधोराहाट में 2019 में पटवारी हल्का नं. 87 की अतिरिक्त भूमि प्रदाय की गई थी? यदि हाँ, तो किस नियम/निर्देशों के परिपालन में? (घ) प्रश्नांश (ग) में दर्शाये फायरिंग रेंज लिधोराहाट को अतिरिक्त भूमि प्रदाय करने के उपरांत ग्रामीणों/जनप्रतिनिधियों द्वारा अतिरिक्त भूमि प्रदाय के संबंध में आपत्ति दर्ज की गई थी? फायरिंग रेंज को मापदंड से अतिरिक्त भूमि आवंटित कर दी गई है तथा समीपस्थ स्थित किसानों की भूमि के डायवर्सन पर रोक लगाई गई है? तो क्या शासन उक्त अतिरिक्त भूमि/रेंज की सीमा वृद्धि को कम/वापिस लेने तथा भूमि डायवर्सन की अनुमति हेतु कोई कार्यवाही कर रहा है? यदि कर रहा है तो कब तक कार्यवाही की जायेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार। (ख) जिला सागर में फायरिंग रेंज हेतु 34.69 एकड़ जमीन राज्य शासन द्वारा ग्राम लिधोरा हाट में 10वीं वाहिनी विसबल सागर को भूमि आवंटित की गई है। उक्त भूमि पर संचालित फायरिंग रेंज शासन के दिशा-निर्देशों के अनुरूप है। (ग) वर्ष 1962 में राज्य शासन द्वारा शासकीय भूमि खसरा क्रमांक 39, 43, 62, 64, 66, 67 एवं 75 पर 34.69 एकड़ जमीन आरक्षित की गई है। ग्राम लिधोराहाट में वर्ष 2019 में पटवारी हल्का क्रमांक 87 की अतिरिक्त भूमि प्रदाय नहीं की गई है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
घुमक्कड़ अर्धघुमक्कड़ परिवारों को आवास उपलब्ध कराना
[विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण]
28. ( क्र. 1021 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ब्यावरा में लोहपिटा समाज के परिवार निवास करते हैं? यदि हाँ, तो किस स्थान पर? क्या उक्त स्थान पर सड़क, विद्युत, पेयजल आदि की व्यवस्था नगर पालिका द्वारा की गई है? यदि हाँ, तो कृपया उचित जांच करवाएं। यदि नहीं, तो क्यों कारण बतावे? (ख) क्या उक्त समाज के लोगों का ब्यावरा नगरपालिका क्षेत्र के अंतर्गत नाम दर्ज है? यदि हाँ, तो उनको मूलभूत सुविधाओं से क्यों वंचित रखा जा रहा है? इसका जिम्मेदार कौन है? (ग) उक्त समाज के कुल कितने परिवार कब से निवास कर रहे हैं? क्या शासन द्वारा इनके लिए कोई नगर में निश्चित स्थान तय किया गया है? (घ) क्या शासन द्वारा इनके निवास के लिए पट्टे वितरण किये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जी, हाँ। उक्त परिवार पुरानी तहसील के पास व इन्द्रा नगर कॉलोनी के पास निवासरत है। उक्त स्थान पर सड़क, विद्युत, पेयजल आदि की व्यवस्था अस्थाई रूप से नगर पालिका द्वारा कराई गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी, हाँ। उक्त समाज के लोगों को मूलभूत सुविधा दी जा रही है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कुल 22 परिवार 20 वर्ष से निवासरत है। जी, नहीं। (घ) जी, नहीं। इस समुदाय के परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से लाभान्वित किया जा रहा है।
शिक्षकों के स्वीकृत एवं रिक्त पदों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
29. ( क्र. 1030 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में प्राथमिक शाला, माध्यमिक शाला व उच्च माध्य. शाला में शिक्षकों के कुल कितने नियमित व बैकलॉग के पद स्वीकृत हैं? इनमें कितने पद भरे व रिक्त हैं? विषयवार बतावें। इसमें कितने पद पदोन्नति के हैं तथा कितने पद सीधी भर्ती के हैं? संख्या बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया इसी वर्ष करवाएंगे या फिर पद रिक्त रह जाएंगे? (ग) वर्तमान में माध्यमिक शिक्षक व उच्च माध्य. शिक्षक भर्ती की द्वितीय काउंसलिंग में पदों की वृद्धि की जावेगी? क्या सभी शिक्षक पात्रता उत्तीर्ण अभ्यार्थी को सत्यापन प्रक्रिया में शामिल किया जावेगा? जिससे बार-बार काउंसलिंग कराने की आवश्यकता खत्म हो सकती है? इस पर अमल किया जावेंगा? (घ) ट्राइवल विभाग व शिक्षा विभाग की चयन व प्रतीक्षा सूची में नाम समान क्यों आ रहे हैं? क्या दोनों विभागों की काउंसलिंग अलग-अलग की जा रही है? (ड.) क्या द्वितीय काउंसलिंग प्रक्रिया में दोनों विभागों की सूची चयन एक साथ जारी करवांएगे, जिसमें चयनित अभ्यार्थी का नाम रिपिट न हों? (च) प्रदेश में नई शिक्षा नीति लागू हो गई है, इसके लागू होते ही प्रथम चरण ट्राइवल क्षेत्र में शिक्षकों के पद भरे जाने हैं, इसको लेकर शासन की क्या योजना हैं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। भर्ती के विरूद्ध किसी संवर्ग के लिये आरक्षित पद रिक्त रह जाने पर बैकलॉग निर्मित होता है। बैकलॉग हेतु पृथक से पद स्वीकृत नहीं होते है। उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं माध्यमिक शिक्षकों के 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से एवं 50 प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाने के नियम है। प्राथमिक शिक्षक के पदों पर विषयवार भर्ती नहीं की जाती है। प्राथमिक शिक्षकों के 100 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से भरे जाने के नियम है। उच्च माध्यमिक शिक्षक व माध्यमिक शिक्षक की विषयवार रिक्त एवं भरे पदों की जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) वर्तमान में 2220 उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं 5704 माध्यमिक शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया चलन में है। उक्त क्रम में उच्च माध्यमिक शिक्षकों के 297 पदों पर माध्यमिक शिक्षकों के 2661 पदों पर चयनित अभ्यार्थियों द्वारा कार्यग्रहण किया जा चुका है। शेष पदों को भरने की प्रक्रिया चलन में है। 11556 प्राथमिक शिक्षकों के स्वीकृत पदों की पूर्ति हेतु प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड म.प्र. द्वारा पात्रता परीक्षा संपन्न कराई जा चुकी है। परीक्षा परीणाम आना शेष है। परीक्षा परीणाम आने के उपरांत आगामी कार्यवाही की जावेगी। (ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जी नहीं, पदों की रिक्तियों के अनुरूप सत्यापन की प्रक्रिया नियमानुसार की जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जनजातीय कार्य विभाग एवं शिक्षा विभाग के रिक्त पदों हेतु संयुक्त भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी मेरिट सूची एक होने के कारण। जी हाँ। (ड.) प्रक्रिया विचाराधीन है। (च) पदों की भर्ती की प्रक्रिया निरन्तर है।
निर्माण कार्यों के आय-व्यय की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
30. ( क्र. 1079 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग शिवपुरी को अ.जा./अ.ज.जा. लाभार्थ संचालित विभिन्न योजनाओं हेतु वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई तथा कितनी-कितनी, कहां-कहां पर किस कार्य के लिये किसकी अनुशंसा पर व्यय की गई? आय व्यय की वर्षवार जानकारी उपलब्ध कराये। वर्तमान में कितनी राशि शेष है? शेष राशि प्रश्न दिनांक तक व्यय क्यों नहीं की गई? (ख) वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक आदिम जाति कल्याण विभाग शिवपुरी के अंतर्गत छात्रावास/आश्रमों के सुद्रणीकरण कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई तथा यह राशि कहां-कहां पर कितनी-कितनी व्यय की गई? वर्षवार आय व्यय की जानकारी देवें तथा सुद्रणीकरण कार्यों के फोटोग्राफ्स भी उपलब्ध करायें? (ग) जिला संयोजक शिवपुरी द्वारा वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक छात्रावास/आश्रमों में कब-कब निरीक्षण किया गया तथा निरीक्षण प्रतिवेदन किन-किन वरिष्ठ अधिकारियों को प्रस्तुत किये गये? निरीक्षण प्रतिवेदनों की प्रतियां सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जिला विपणन अधिकारी कार्यालय से यूरिया खाद का वितरण
[सहकारिता]
31. ( क्र. 1165 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक जिला विपणन अधिकारी कटनी एवं भण्डारण केन्द्र बहोरीबंद से नगद यूरिया वितरण के संबंध में संचालक कृषि के निर्देश पर कलेक्टर कटनी द्वारा सहकारिता एवं कृषि विभाग से जिला विपणन अधिकारी के विक्रय केन्द्र से नगद यूरिया विक्रय की जांच करायी गयी? यदि हाँ, तो करायी गयी जांचों के जांच प्रतिवेदन वर्षवार, अधिकारीवार/कमेटीवार करायी गयी जांच के प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन देवें एवं वर्षवार बीस बोरी से अधिक जिन किसानों को यूरिया खाद दी गयी उन किसानों की कृषकवार, वर्षवार वितरण एवं कृषकों के रकवे की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या जिले में जिन किसानों के पास एक एकड़ जमीन थी उन्हें बीस बोरी से लेकर बीस टन यूरिया का फर्जी वितरण बताया गया और उक्त यूरिया खाद जिला विपणन अधिकारी एवं गोदाम प्रभारी द्वारा खुले बाजार में कालाबाजारी की गयी? यदि हाँ, तो जांच प्रतिवेदन के आधार पर दोषी अधिकारियों पर क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जनजाति/अनुसूचित जाति कल्याण विभाग में रिक्त पदों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
32. ( क्र. 1167 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में जनजाति, अनुसूचित जाति कल्याण विभाग में उपायुक्त, संयुक्त संचालक, अपर संचालक, सहायक आयुक्त, जिला संयोजक, सी.ई.ओ., पी.ओ., क्षेत्र संयोजक, मंडल संयोजक, प्राचार्य एवं व्याख्याता के विषयवार प्रश्न दिनांक तक कितने पद रिक्त हैं? इन प्रशासनिक पदों पर शैक्षणिक संवर्ग एवं अन्य विभाग के कितने अधिकारी किन-किन कार्यालयों भोपाल मुख्यालय, संभागीय कार्यालय अथवा जिला कार्यालय में कार्यरत हैं। विभागीय स्तर पर अधिकारी उपलब्ध होते हुये भी शैक्षणिक संवर्ग एवं अन्य विभाग के अधिकारियों को प्रभार दिये जाने का क्या कारण हैं? (ख) क्या आदिम जाति कल्याण मंत्रणा परिषद की बैठक वर्ष 2021 में विभागीय आदिवासी स्कूलों में व्याख्याता, प्राचार्यों के पद रिक्त होने पर भोपाल मुख्यालय, संभागीय एवं जिला कार्यालयों में संलग्न शैक्षणिक संवर्ग को मूल संस्थाओं में पदस्थ करने का निर्णय मुख्यमंत्री/अध्यक्ष मंत्रणा परिषद द्वारा लिया गया था? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में अब तक कितने प्राचार्य/व्याख्याता/शिक्षक को मूल संस्थाओं में पदस्थ किया गया तथा प्रश्न दिनांक तक कितने कार्यालयों में संलग्न है? पृथक-पृथक सूची उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश ''ख'' एवं ''ग'' में वर्णित संलग्न कर्मचारियों को कौन-कौन से पद के विरूद्ध किन-किन संस्थाओं से वेतन आहरित किया जा रहा है? विभाग की नीति एवं आदेश उपलब्ध करायें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) प्रदेश में जनजातीय, अनुसूचित जाति कल्याण विभाग में रिक्त पदों की जानकारी निम्नानुसार है- उपायुक्त/संयुक्त संचालक-29, अपर संचालक- 07, सहायक आयुक्त-21,जिला संयोजक-41, मण्डल संयोजक-55, प्राचार्य प्रथम श्रेणी- 98, प्राचार्य उ.मा.वि.-614, प्राचार्य हाईस्कूल-434, व्याख्याता की विषयवार जानकारी एकत्रित की जा रही है। शैक्षणिक संवर्ग एवं विभाग के कार्यरत अधिकारी की जानकारी एकत्रित की जा रही है। शैक्षणिक संवर्ग एवं विभाग के कार्यरत अधिकारी की जानकारी जानकारी एकत्रित की जा रही है। शासकीय कार्य बाधित न हो अत: आवश्यकतानुसार प्रशासकीय कारणों से प्रभार दिया जाता है। (ख) जी हाँ। दिनांक 30/11/2021 को एकलव्य आवासीय विद्यालय में शैक्षणिक प्राचार्य एवं व्याख्याताओं जो अंग्रेजी एवं विज्ञान विषय से संबंधित है, को मूल संस्थाओं में पदस्थ करने का निर्णय लिया गया था। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
चिकित्सा महाविद्यालय सागर में चिकित्सा सुविधाएं
[चिकित्सा शिक्षा]
33. ( क्र. 1168 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय सागर में कार्डियोलॉजी, न्यरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी एवं ऑकोलॉजी जैसी सुपरस्पेशलिटी सुविधाओं का अभाव होने से यहाँ दूर दराज से आने वाले मरीजों को पूर्ण चिकित्सा सुविधा न मिलने के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है? क्या शासन उक्त चिकित्सा सुविधाओं को प्रारंभ कराये जाने पर शीघ्र विचार करेगा तथा कब तक? (ख) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न क्र. 1186 दिनांक 24.12.2021 के उत्तरांश में बताया गया था कि, कार्डियोलॉजी विभाग की स्थापना किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। इस हेतु बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय सागर को संचालनालय से दिनांक 08.12.2021 को पूर्ण जानकारी (डी.पी.आर. सहित) प्रस्तुत करने हेतु निर्देश किया गया था। क्या उक्त जानकारी प्राप्त हो गई है। यदि हाँ, तो कार्डियोलॉजी विभाग की स्थापना हेतु अब तक क्या कार्यवाही प्रचलन में है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। उक्त रोगों से पीड़ित मरीजों के चिकित्सालय में आने पर चिकित्सालय में उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं अनुसार मेडिसिन विभाग तथा रेडियोथेरेपी विभाग के चिकित्सकों द्वारा यथोचित उपचार किया जाता है। शासन द्वारा बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय, सागर में कार्डियोलॉजी विभाग की स्थापना की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं। डी.पी.आर. प्रस्ताव प्राप्त किया जा रहा है।
हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक के विरूद्ध प्रशासकीय जांच
[चिकित्सा शिक्षा]
34. ( क्र. 1260 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 50 से ज्यादा नर्सिंग स्टॉफ के साथ छेड़छाड़ व दुष्कर्म के प्रयास के आरोपों से घिरे हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ. दीपक मरावी के खिलाफ प्रशासकीय जांच की कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या दोषी पाये जाने पर डॉ. दीपक मरावी की सेवा समाप्त की जावेगी और यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या पीड़ित नर्सिंग स्टॉफ एवं अन्य महिला स्टॉफ को भविष्य में इस तरह की घटनाओं से पीड़ित न होना पड़े इस हेतु सरकार द्वारा कौन से कदम उठाये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या नर्सिंग स्टॉफ के मान सम्मान की रक्षा के लिये हॉस्पिटल प्रशासन द्वारा डॉ. मरावी के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है? यदि हाँ, तो प्रस्तुत करें और यदि नहीं, तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। जांच रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) जांच समिति के द्वारा प्रस्तुत जांच रिपोर्ट में कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडन की शिकायत का अभिकथन साबित नहीं हो पाया है। शेष का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) नर्सिंग स्टॉफ एवं अन्य महिला स्टॉफ हेतु कार्यालय अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल के आदेश क्रमांक 25836-41 दिनांक 05/12/2020 द्वारा महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडन निवारण प्रतिषेध एवं प्रतितोष अधिनियम 2013 के अंतर्गत कार्यस्थल पर आंतरिक परिवाद समिति गठित की गई थी। अधिष्ठाता कार्यालय के आदेश क्रमांक 11716-21 दिनांक 02/7/2022 के माध्यम से संशोधित समिति का गठन किया गया है। उक्त के अतिरिक्त गोपनीय एवं सुगम तरीके से ऑनलाईन शिकायत क्यू आर कोड स्कैनिंग के माध्यम से दर्ज करने की व्यवस्था की गई है, जिसके स्कैनिंग कोड चिकित्सालय के विभिन्न विभागों/वार्डों में चस्पा किये गये है। (घ) प्रश्नांश ''ख'' अनुसार प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
मध्यप्रदेश में प्रदाय किए गये शस्त्र लायसेंस
[गृह]
35. ( क्र. 1269 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 2 वर्षों में राजगढ़ जिले में प्रदाय किए गये वर्जित व अवर्जित बोर, रिवाल्वर और पिस्टल के कितने शस्त्र लायसेंस जारी किए गए है? संपूर्ण विवरण उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित शस्त्र लायसेंस को जारी करने के लिए क्या मापदण्ड अपनाए गए है? नियम स्पष्ट करें। (ग) क्या वर्जित बोर, रिवाल्वर, पिस्टल एवं ऐसे अन्य सभी शस्त्र जो वर्जित श्रेणी में आते है इनके लायसेंस केन्द्र सरकार द्वारा जारी होते है? यदि हाँ, तो विगत 2 वर्षों में वर्जित बोर लायसेंस जारी करने हेतु मध्यप्रदेश शासन द्वारा कितने प्रकरण अनुशंसा सहित केन्द्र सरकार को भेजे गए है? जारी किए गए वर्जित लायसेंस का नाम पता सहित पूर्ण विवरण उपलब्ध कराएं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विगत 2 वर्षों में राजगढ़ जिले में वर्जित बोर के रिवाल्वर/पिस्टल के कोई शस्त्र लायसेंस जारी नहीं किये गये है तथा विगत 2 वर्षों में राजगढ़ जिले में अवर्जित बोर रिवाल्वर/पिस्टल के 18 शस्त्र लायसेंस जारी किये गये है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) आयुध अधिनियम 1959 एवं आयुध नियम 2016 अनुसार लायसेंस जारी करने हेतु मापदण्ड अपनाये गये है। (ग) राजगढ़ जिले में वर्जित बोर का कोई शस्त्र जारी नहीं किया गया है और न ही इस जिले से कोई प्रस्ताव भेजे गये है।
पशु चिकित्सा विभाग की स्थानांतरण नीति
[पशुपालन एवं डेयरी]
36. ( क्र. 1270 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के अंतर्गत खिलचीपुर एवं जीरापुर तहसीलों में कितने पशु चिकित्सालय एवं औषधालय हैं? नाम सहित बताएं। कितने पशु चिकित्सक, पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी पदस्थ हैं एवं कितने पद रिक्त हैं? स्थान का नाम सहित बताएं। (ख) वर्ष जनवरी 2019 से मार्च 2020 तक खिलचीपुर एवं जीरापुर तहसील के पशु चिकित्सालय एवं औषधालयों में कितने पशु चिकित्सक, पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी अन्य स्थानों से स्थानांतरण होकर किन-किन स्थानों पर पदस्थ हुये, पद व नाम सहित दर्शाएं। (ग) मार्च 2020 के पश्चात्, उक्त दोनों तहसीलों के पशु चिकित्सालय एवं औषधालय से कितने स्थानांतरण अन्य स्थान पर हुए हैं व किन-किन के स्थानांरतण हुए हैं, नाम व पद सहित बताएं। (घ) क्या यह सही है कि जनवरी 2019 से मार्च 2020 के बीच क्षेत्र में अन्य स्थान से स्थानांतरण होकर आये पशु चिकित्सक, पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी के स्थानांतरण मार्च 2020 के पश्चात् क्षेत्र से अन्य स्थानों पर पुन: हो गए हैं? यदि हां, तो स्थानांतरण नीति क्या है? एक व्यक्ति को एक स्थान पर कितने वर्षों तक सेवाएं देने की नीति शासन द्वारा तय की गई है? क्या क्षेत्र में स्थानांतरण नीति के तहत पालन करते हुए स्थानांतरण किए गए हैं? यदि नहीं, तो स्थानांतरण नीति का पालन नहीं करने पर दोषी कौन हैं, उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार। (घ) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। स्थानांतरण नीति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार। जी हाँ। प्रश्न उपस्थित नहीं।
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के निर्वाचित संचालक को अपात्र किया जाना
[सहकारिता]
37. ( क्र. 1272 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के निर्वाचित संचालक मंडल के सदस्यों की समिति यदि बारह माह से अधिक किसी भी ऋण के लिए कालातीत है तो सहकारी अधिनियम के अंतर्गत ऐसे संचालकों को अपात्र घोषित कर पद रिक्त घोषित करने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक छतरपुर के निर्वाचित संचालक मंडल के सदस्यों की समितियों के संचालक को अपात्र घोषित कर पद रिक्त घोषित किया गया? यदि हाँ, तो कब आदेश की प्रति प्रदाय करे? (ग) प्रश्नांश "ख" के अनुक्रम में संयुक्त रजिस्ट्रार सहकारी संस्थान सागर संभाग सागर के द्वारा उक्त संचालकों के पद रिक्त घोषित किए करने के बाद आज दिनांक तक अपात्र संचालक क्यों कार्यरत है? प्रकरण के शीघ्र निराकरण में देरी किस कारण से आ रही है।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) कार्यालय संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं, सागर संभाग सागर के आदेश क्र. विधि/2019/257 से 261 दिनांक 06.03.2019 के द्वारा अपात्र घोषित कर पद रिक्त घोषित किये गये है। आदेश की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 से 5 अनुसार है। (ग) संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं, सागर संभाग सागर के आदेश के विरूद्ध बैंक संचालकों द्वारा अपात्रता के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका क्र. डब्ल्यूपी 6038/2019 दायर की गई थी, जिस पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा आदेश दिनांक 25.03.2019 से स्थगन दिया गया था। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा प्रकरण में दिनांक 16.02.2022 को याचिका का निराकरण करते हुये संयुक्त पंजीयक सागर, संभाग सागर के अपात्रता संबंधी आदेशों को निरस्त किया गया है। इस कारण संचालक मण्डल आज दिनांक तक कार्यरत है।
गौशालाओं की भौतिक स्थिति
[पशुपालन एवं डेयरी]
38. ( क्र. 1273 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2003 से दिसम्बर 2018 तक छतरपुर जिले में कितनी गौशालाएँ शासन द्वारा निर्मित करवाई गई। सभी के नाम, लागत मूल्य एवं भौतिक स्थिति, संचालन की स्थिति सहित बतावें। (ख) जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितनी गौशालाओं के निर्माण की स्वीकृति प्रदाय की गई? सभी की भौतिक स्थिति, संचालन की स्थिति, लागत मूल्य सहित जानकारी प्रदाय करें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) छतरपुर जिले में मनरेगा योजना अंतर्गत जनवरी 2003 से दिसंबर 2018 तक कोई गौशाला निर्मित नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
तारांकित प्रश्न क्र. 1674 दिनांक 14 मार्च 2022 के संबंध में
[सहकारिता]
39. ( क्र. 1281 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विषयांकित प्रश्न के प्रश्नांश (ग) में माननीय मंत्री सहकारिता म.प्र. शासन द्वारा आयुक्त सहकारिता के कर्मचारी सेवा नियम अनुसार प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में कर्मचारियों की नियुक्ति व उनका वेतन निर्धारण करने का दायित्व संबंधित संस्था को बताया गया हैं यदि विभाग के नियमों के पालन का दायित्व संबंधित संस्थाओं का ही हैं तो विभाग की ओर से प्रत्येक जिलों में उप-पंजीयक सहकारिता का क्या दायित्व हैं? विभाग के नियमों का कड़ाई से पालन करवाना मुख्यत: उप-पंजीयक सहकारिता का हैं अत: संस्था द्वारा नियम का पालन न करवाने के लिए शासन द्वारा संबंधित उप-पंजीयकों पर क्या कार्यवाही की गई हैं? यदि नहीं, की गई हैं तो कब तक की जाएगी? (ख) प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों द्वारा नियम विरूद्ध नियुक्तियों तथा वेतन निर्धारण से जो ऋण असंतुलन की स्थिति बनी हैं उसकी प्रति-पूर्ति शासन कैसे करेगा? (ग) भविष्य में जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों से संस्थाओं को प्राप्त ऋण पूरा-पूरा वापस किया जाए यह सुनिश्चित करने के लिए विभाग ने क्या कदम उठाए हैं? (घ) प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में कार्यरत कर्मचारियों को अच्छा वेतन मिल सके इसके लिए शासन क्या योजना बना रहा हैं?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जनजातीय कार्य विभाग में अनुकंपा नियुक्ति के प्रावधान
[जनजातीय कार्य]
40. ( क्र. 1292 ) श्री जयसिंह मरावी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्राथमिक शिक्षक विज्ञान के पद की अनुकंपा नियुक्ति स्कूल शिक्षा विभाग में किये जाने का प्रावधान है, लेकिन जनजातीय कार्य विभाग में अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान नहीं है, क्यों? (ख) यदि विषयांकित विभाग को अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान है तो कब तक लागू किया जायेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जनजातीय कार्य विभाग के भर्ती नियमों में प्रयोगशाला शिक्षक के पद पर नियुक्ति हेतु शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य योग्यता है। अत: स्कूल शिक्षा विभाग की तर्ज पर अनुकंपा नियुक्ति के लंबित प्रकरणों का निराकरण किया जाना संभव नहीं है। सामान्य प्रशासन विभाग के अनुकंपा नियुक्ति के संबंध में जारी परिपत्र दिनांक 20.09.2014 में प्रावधानित निर्देशों के तहत इन प्रकरणों का सतत् निराकरण किया जा रहा है। (ख) उतरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डॉ. अम्बेडकर ऑडिटोरियम निर्माण कार्य की स्वीकृति
[अनुसूचित जाति कल्याण]
41. ( क्र. 1339 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या परासिया विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्र है ये डॉ. अम्बेडकर ऑडिटोरियम भवन निर्माण कार्य कराये जाने हेतु बार-बार निवेदन किया जा रहा है, ऐसी परिस्थिति को देखते हुए परासिया में डॉ. अम्बेडकर ऑडिटोरियम भवन निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान किए जाने हेतु विभाग द्वारा कब तक कार्यवाही की जायेगी? (ख) नगर परासिया में डॉ. अम्बेडकर ऑडिटोरियम भवन निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान किए जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा विभागीय मान. मंत्री महोदया जी एवं श्रीमान प्रमुख सचिव महोदय को अनेकों पत्र प्रेषित किए जा चुके है। जिन पत्रों पर अभी तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ग) नगर परासिया में डॉ. अम्बेडकर ऑडिटोरियम भवन निर्माण कार्य की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जायेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। ऑडिटोरियम का निर्माण विभागीय योजनाओं में प्रावधानित नहीं है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
स्वीकृत निर्माण कार्यों एवं भौतिक स्थिति की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
42. ( क्र. 1340 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना (तामिया) अन्तर्गत सम्पूर्ण छिन्दवाड़ा जिले की प्रत्येक विधानसभाओं से वित्तीय वर्ष 2020-21, 2021-22 व 2022-23 में कौन-कौन से विभिन्न निर्माण कार्यों के प्रस्ताव स्वीकृति हेतु विभाग द्वारा भेजे गये हैं? प्रत्येक विधानसभावार वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उल्लेखित वित्तीय वर्षों में भेजे गये प्रस्तावों में से कौन-कौन से निर्माण कार्य, कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किए गये हैं और शासन द्वारा वित्तीय वर्षों में कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ? प्रत्येक विधानसभावार वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) वित्तीय वर्ष 2021-22 व 2022-23 में स्वीकृत किए गये निर्माण कार्यों में से कौन-कौन से निर्माण कार्य प्रारंभ किए जा चुके है व कौन-कौन से निर्माण कार्य प्रारंभ होना शेष है एवं कौन-कौन से निर्माण कार्य पूर्ण किए जा चुके है और कौन-कौन से निर्माण कार्य अपूर्ण हैं? स्वीकृत निर्माण कार्यों को प्रारंभ नहीं किए जाने एवं निर्माण कार्य के अपूर्ण होने का क्या कारण है? निर्माण कार्यों की प्रश्न दिनांक तक भौतिक स्थिति से अवगत करायें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त न होने तथा वर्ष 2022-23 में प्रस्ताव कार्यपालन समिति की बैठक के पश्चात प्राप्त होने के कारण सम्मलित नहीं किये जा सके। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के संदर्भ में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
जनजातीय वर्ग की योजनाएं
[जनजातीय कार्य]
43. ( क्र. 1341 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) केन्द्र पोषित माडा पाकिट-योजना क्या है, योजनान्तर्गत किस-प्रकार के कौन-कौन से कार्य होते है? बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत इस योजना में कौन-कौन से ग्राम सम्मिलित है, इस योजना का लाभ इन सम्मिलित ग्रामों के पात्र हितग्राहियों को प्राप्त न होने के क्या कारण है? अगर लाभ प्रदान किया गया है तो विगत पांच वर्षों में प्रदान किए गये लाभों का योजनावार-वर्षवार विवरण देवें। (ख) जनजातीय वर्ग के उत्थान-विकास एवं स्वरोजगार हेतु कौन-कौन सी योजनाएं प्रचलन में है, तथा इन योजनाओं से बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र के कहां-कहां के कौन-कौन से हितग्राही लाभांवित हुए? वित वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक हितग्राही के नाम, ग्राम सहित संपूर्ण जानकारी देवें। (ग) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र के कहां-कहां के कौन-कौन से अनुसूचित जाति-जनजातीय वर्ग के कृषकों द्वारा वित वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक सिंचाई के विद्युत पंपों में कनेक्शन हेतु, खेतों में विद्युत लाइन खड़ी करने हेतु कब-कब आवेदन प्रस्तुत किए गये तथा इनमें से कौन-कौन कृषक लाभांवित हुए तथा किन-किन के आवेदन किन कारणों से विभाग के पास लंबित हैं संपूर्ण सूची देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित विद्युत पंपों के कनेक्शन हेतु खेतों में विद्युत आपूर्ति के लंबित आवेदनों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) माडा पाकेट योजना नहीं है अपितु आदिवासी उपयोजना अंतर्गत संचालित परियोजना का चिन्हांकित क्षेत्र है। बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित माडा पाकेट सीहोरा में बहोरीबंद विधानसभा के सम्मिलित ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- एक अनुसार है। माडा पाकेट अंतर्गत संचालित संविधान के अनुच्छेद 275 (1) एवं विशेष केन्द्रीय सहायता में विगत 05 वर्षों में हितग्राही मूलक प्रस्ताव नहीं होने से स्वीकृति प्रदाय नहीं की गई है। (ख) जनजातीय वर्ग के उत्थान विकास एवं स्वरोजगार हेतु जिले में मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना एवं मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना संचालित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- तीन एवं चार अनुसार है। (घ) आवेदन लंबित नहीं होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश में बढ़ते सायबर अपराध
[गृह]
44. ( क्र. 1359 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में 2017 से प्रश्न दिनांक तक सायबर अपराध से निपटने के लिए गृह मंत्रालय ने कुल कितनी राशि खर्च की? विभाग को इस हेतु कुल कितना बजट मिला, इससे अपराध में कुल कितने प्रतिशत की कमी प्रतिवर्ष आई? (ख) क्या प्रश्नकर्ता विधायक के तारांकित प्रश्न क्रमांक 1880 दिनांक 14 मार्च 2022 के उत्तर (घ) में बताया गया है कि दर्ज एवं निराकृत अपराधों की संख्या में 1212 अपराधों का निराकरण प्रश्न दिनांक तक नहीं हो पाया है, तथा उत्तर (क) में बताया गया है 55 करोड़ लगभग अपराध की राशि में से मात्र 6 करोड़ की राशि लौटाई गयी जबकि अभी भी 49 करोड़ की राशि पीड़ितों को लौटाई जाना शेष है। इन आंकड़ों से स्पष्ट है प्रदेश में सायबर अपराधियों से निपटने के लिए विभाग के प्रयास उचित नहीं है। क्या प्रदेश में तकनीकी कौशल से परिपूर्ण बी.टेक,एम.टेक प्रशिक्षितत युवाओं को पुलिस में भर्ती करना आवश्यक हो गया है? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) भविष्य में बढ़ते ऑनलाईन ट्रांजेक्शन को देखते हुए विभाग की सायबर अपराध का प्रतिशत कम करने की क्या योजना है? सायबर अपराध में कमी के लिए केंद्र से किस प्रकार की सहायता विभाग को प्राप्त हो रही है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक सायबर अपराध से निपटने के लिए गृह मंत्रालय से सायबर, पुलिस मुख्यालय भोपाल को राशि रूपये 964533764/का आवंटन किया गया एवं कुल राशि रूपये 751482508/खर्च की गई है। वर्ष 2018 में सायबर अपराधों में 60.81 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वर्ष 2019 में 10.82 प्रतिशत की कमी आई। वर्ष 2020 में 6.26 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वर्ष 2021 में 50.72 प्रतिशत की वृद्धि हुई एवं वर्ष 2022 में प्रश्न दिनांक तक वर्ष 2021 की तुलना में 36.68 प्रतिशत अपराध हुए। (ख) प्रदेश में सायबर अपराधियों से निपटने के लिए सायबर पुलिस मुख्यालय, भोपाल एवं सायबर जोनल कार्यालयों में सायबर अपराध संबंधी प्राप्त शिकायतों पर त्वरित कार्यवाही कर संबंधित सेवा प्रदाता कम्पनी/संस्थान/बैंकों के नोडल अधिकारी को ई-मेल के माध्यम से सूचित कर कार्यवाही की जाती है एवं संदिग्ध बैंक खातों को फ्रॉड की गई राशि को होल्ड/फ्रीज/रिफण्ड की कार्यवाही की जाती है। सायबर पुलिस मुख्यालय, भोपाल द्वारा मध्यप्रदेश के जिलों में पदस्थ पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों को सायबर अपराध अनुसंधान हेतु वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक कुल 210 प्रशिक्षण आयोजित कर कुल 20254 पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया। सायबर पुलिस मुख्यालय, भोपाल एवं सायबर जोन कार्यालयों द्वारा सायबर अपराधों की रोकथाम एवं बचाव हेतु प्रदेश की आम जनता जिसमें महिलाओं/बच्चों/वरिष्ठ नागरिक/छात्र-छात्रायें भी सम्मिलित है, को विगत वर्षों में लगभग 04 लाख लोगों को जागरूक किया गया है। उप निरीक्षक (सायबर) के कैडर निर्माण किये जाने हेतु कार्यवाही प्रचलित है। (ग) गृह विभाग के आदेश क्रमांक एफ 2 (क) 49/2010/बी-3/दो, दिनांक 04.07.2012 द्वारा पुलिस महानिरीक्षक, राज्य सायबर पुलिस म.प्र. के कार्यालय को सायबर एवं उच्च तकनीकी अपराध पुलिस थाना भोपाल के नाम से पुलिस थाना घोषित किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ-1। पुलिस मुख्यालय के आदेश क्रमांक पुमु/निस/विमनि/सायबर/20/2017 दिनांक 31.01.2017 द्वारा प्रत्येक जिला मुख्यालय थाने को सायबर अपराधों हेतु नोडल पुलिस थाना घोषित किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'अ'-2। म.प्र. के समस्त क्षेत्रीय थानों में आई.टी.एक्ट की विवेचना की जा रही है। केन्द्र सरकार के सहयोग से पुलिस आधुनिकीकरण योजना के अन्तर्गत जोनल/रेंज स्तर पर (इन्दौर, जबलपुर, उज्जैन, ग्वालियर, चम्बल रीवा, बालाघाट, शहडोल, सागर, नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, रतलाम एवं खरगोन) कुल 13 सायबर फॉरेंसिंक यूनिट की स्थापना की गई है। भारत सरकार, गृह मंत्रालय द्वारा आम जनता को सायबर अपराध की शिकायतें दर्ज कराने हेतु टोल फ्री नम्बर 1930 की सुविधा प्रदान की गई है। भारत सरकार द्वारा संचालित संस्था 14 C (Indian cyber crime coordination centre के माध्यम से सायबर अपराधों की विवेचना में समन्वय किया जाता है। भारी सरकार की सीसीपीडब्ल्यूसी योजना के अन्तर्गत ज्यूडिशियल अधिकारी/लोक अभियोजन अधिकारी/पुलिस अधिकारियों/कर्मचारी को प्रशिक्षण हेतु वित्तीय सहायता दी गई है।
महिला बलात्कार, हत्या के पंजीबद्ध प्रकरणों की जानकारी
[गृह]
45. ( क्र. 1362 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2021 एवं जून 2022 तक कितने प्रकरण महिला बलात्कार हत्या के पंजीबद्ध हुये है जिलावार, माहवार जानकारी दी जावे। (ख) उक्त समय अवधि में नाबालिक बालिकाओं के अपहरण बलात्कार के साथ हत्याओं के है उनमें कितने प्रकरणों के अपराधियों की गिरफ्तारी हुई है कितने प्रकरणों के अपराधी अभी तक फरार है जिलावार प्रकरण सहित जानकारी दी जावे। (ग) महिला बलात्कार के कितने प्रकरणों में चालान न्यायालय में प्रस्तुत किये गये है कितने प्रकरण जांच में लम्बित है? लम्बित प्रकरणों के क्या कारण है? (घ) उक्त प्रकरणों में कितने प्रकरण अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति के है? संख्या, जिलावार जानकारी दी जावे।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिलावार, माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार। (ख) जिलावार, प्रकरण सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार। (ग) माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किये गये चालान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार। (घ) जिलावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार।
डिफॉल्टर साख सहकारी समितियां
[सहकारिता]
46. ( क्र. 1363 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर चम्बल सम्भाग में कितनी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियाँ डिफॉल्टर है जून 2022 की स्थिति में जिलावार समितियों की संख्या दी जावे। (ख) उक्त तिथि पर कितनी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के कितने प्रबन्धकों एवं कितने कर्मचारियों पर कितनी राशि शेष हैं? जो लम्बे समय से बकाया निकल रही है उनके खिलाफ अभी तक क्या कार्यवाही की गई है समितियों की संख्या दोषी कर्मचारियों की संख्या एवं बकाया राशि की जानकारी दी जावे? (ग) क्या यह सही है कि समितियों के डिफॉल्टर होने से उन पर खाद नहीं दिया गया है। उक्त सम्भागों में कितनी समितियों पर अप्रैल मई 2022 तक यूरिया, डी.ए.पी नहीं पहुँचाया गया है विलम्ब के क्या कारण रहे हैं तथ्यों सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (घ) उक्त सम्भागों को केन्द्र से कितनी मात्रा में यूरिया, डी.ए.पी उपलब्ध कब कराया गया है तथा प्रदेश शासन ने जिलों में कब उठाव कराया गया, पूर्ण जानकारी जून 2022 की स्थिति के अनुसार दी जावे।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पुलिस अनुभाग खजुराहो अंतर्गत दर्ज प्रकरणों की जानकारी
[गृह]
47. ( क्र. 1369 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजनगर विधानसभा क्षेत्र पुलिस अनुविभाग खजुराहो अन्तर्गत आने वाले थानों/चौकियों में जनवरी 2022 से प्रश्नांश दिनांक तक कुल कितने प्रकरण/एफ.आई.आर दर्ज हुई हैं। प्रत्येक के नामवार, प्रकरणवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) से अनुविभाग अन्तर्गत कितने आवेदन/शिकायती पत्र प्राप्त हुये हैं। थाना/चौकीवार जानकारी देवें। कितनों पर क्या-क्या कार्यवाही हुई। जिन पर कार्यवाही नहीं हुई या जांच नहीं हुई ऐसे कुल कितने आवेदन/शिकायतें लंबित हैं। नामवार जानकारी देवें? ऐसें कुल कितने आवेदन प्राप्त हुये जो जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा जांच हेतु एस.डी.ओ.पी कार्यालय भेजे गये? उन पर क्या कार्यवाही हुई है। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या यह सही है कि अनुविभाग अन्तर्गत थानों में पुलिस प्रशासन द्वारा राजनैतिक दबाव में असत्य प्रकरण भी दर्ज किये गये हैं। यदि हाँ, तो शासन ऐसे अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा। यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों? (घ) क्या यह भी सही है कि अनुविभाग के थानों में निर्दोष लोगों को थानों में बुलाना,थानों में बैठाये रखना एवं असत्य प्रकरण दर्ज करना एवं दर्ज करने की धमकियां देना ऐसी भी शिकायतें प्राप्त हो रही हैं? यदि हाँ, तो ऐसे थाना प्रभारियों को कब तक हटा दिया जावेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार। (ख) अनुविभाग अंतर्गत थाना/चौकी में प्राप्त आवेदन/शिकायती पत्र के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार तथा पुलिस अधीक्षक द्वारा जांच हेतु एस.डी.ओ.पी. कार्यालय भेजे गये आवेदनों के संबंध में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार। (ग) एवं (घ) जी नहीं।
अनियमितताओं पर कार्यवाही
[जनजातीय कार्य]
48. ( क्र. 1373 ) श्री हर्ष यादव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) तत्कालीन सहायक आयुक्त, आदिम जाति कल्याण विभाग सागर द्वारा की गई अनियमितताओं एवं नियम विरुद्ध अनुकम्पा के संबंध में वर्ष 2020 से प्रश्नकर्ता एवं अन्य किन-किन के द्वारा कार्यवाही हेतु पत्र प्रेषित किए थे? विस्तृत विवरण देवें एवं प्राप्त पत्रों पर की गई कार्यवाही की विस्तृत जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रश्नकर्ता के पत्र क्र. 1980 दिनांक 23.03.2022, मु. सचिव का पत्र क्र. 1901, मु.स./2022/सामा. दिनांक 24/03/2022, वि.स.प्र.क्र. 1486 दिनांक 24.12.2021 एवं वि.स.प्र.क्र.2889 दिनांक 23/03/2022 के आधार पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है? विस्तृत विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) वि.स. तारांकित प्रश्न क्र. 1486 दिनांक 24.12.2021 के प्रस्तुत जवाब अनुसार अनुकम्पा प्रकरण की जाँच कराकर नियमानुसार कार्यवाही हेतु लेख किया गया है? उक्त कार्यवाही की वर्तमान स्थिति से अवगत करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार जाँच में दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो बताएं। यदि नहीं, तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ, माननीय विधायक श्री हर्ष यादव के पत्र दिनांक 23/03/2022 द्वारा एवं मध्यप्रदेश अनुसूचित जाति/जनजाति कर्मचारी/अधिकारी संघ सागर के पत्र दिनांक 18/04/2022 द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति में अनियमितता के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई थीं। अनियमिता की जांच हेतु आयुक्त जनजातीय कार्य के पत्र क्रमांक/12135 दिनांक 10/06/2022 द्वारा संभागीय आयुक्त सागर को लिखा गया है। जाँच रिपोर्ट अप्राप्त है। (ख) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में जाँच की संबधित कार्यवाही प्रचलित है। (ग) प्रकरण की जाँच हेतु आयुक्त जनजातीय कार्य के पत्र क्र./स्था.6/सी.एम.एस./108/2022/12135 दिनांक 10/6/22 द्वारा संभागीय आयुक्त सागर को लिखा गया है। जाँच की कार्यवाही प्रचलित है। (घ) जाँच रिपोर्ट प्राप्त होने पर गुणदोष के आधार पर निर्णय लिया जायेगा।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना
[सहकारिता]
49. ( क्र. 1378 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र चांचौड़ा में वर्ष 2018-19 एवं 2020-21 में जिला सहकारी बैंकों से अल्पावधि ऋण लेने वाले कितने किसानों का निजी बीमा कंपनी से बीमा कराया गया? कितने प्रीमियम पर कितनी राशि का बीमा किया गया? (ख) क्या किसानों से उनकी सहमति के बिना बीमा किया गया और उनके बैंक खाते से प्रीमियम की राशि काटी गई? (ग) क्या उपरोक्त किसानों को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना में मात्र 330 रूपये के प्रीमियम पर दो लाख की बीमा सुरक्षा मिल सकती थी? (घ) यदि हाँ, तो प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना में बीमा सुरक्षा न देकर निजी बीमा कंपनी से अधिक प्रीमियम पर बीमा किये जाने का क्या कारण है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) निरंक। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सिवनी विधानसभा क्षेत्र में दर्ज चोरी की घटनाएं
[गृह]
50. ( क्र. 1384 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा सिवनी अंतर्गत जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन थानों में चोरियां हुई हैं? क्या नामवार एफ.आई.आर. दर्ज हुई है? थानावार विवरण देवें। (ख) क्या पुलिस प्रशासन की अनदेखी के कारण प्रत्येक थानों में चोरियां हुई हैं, जिसके लिये किन-किन अनुविभागीय अधिकारी एवं थाना प्रभारियों पर विभाग द्वारा कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो विवरण देवें। नहीं तो, क्यों? (ग) क्या सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत व्यापक पैमाने पर विभाग की मिलीभगत से जुआ एवं अवैध शराब की बिक्री गांव-गांव में हो रही है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश ''क'' अवधि में कितने प्रकरण दर्ज हुये हैं? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार। (ख) जी नहीं। चोरी के प्रकरणों में किसी अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) एवं थाना प्रभारियों की किसी प्रकार की लापरवाही न पाये जाने से विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है। (ग) जी नहीं। जुआ एवं अवैध शराब की सूचना पर इनमें लिप्त अपराधियों के विरूद्ध लगातार विधि-सम्मत कार्यवाहियां की जा रही हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार।
आरक्षक से प्रधान आरक्षक पदोन्नति में विसंगति
[गृह]
51. ( क्र. 1387 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पदोन्नति प्रकरण मानननीय सर्वोच्च न्यायालय में लंबित होने के कारण राज्य शासन द्वारा जी.ओ.पी. 148/21, दिनांक 10.02.2021 के अनुसार प्रदेश के समस्त पुलिस विभाग के कर्मचारियों को उच्चतम पद का कार्य प्रभार दिये जाने के आदेश दिये गये हैं? (ख) ग्वालियर एवं चम्बल संभाग रेंजो में जिला पुलिस बल में 10 से 15 वर्ष के सेवाकाल के बाद आरक्षक से प्रधान आरक्षक के पद पर कार्य प्रभार दे दिया गया है जबकि सेवा पूर्ण करने के बाद आरक्षक से प्रधान आरक्षक का कार्य प्रभार नहीं दिया गया है, ऐसा क्यों? (ग) विशेष सशस्त्र बल में प्रधान आरक्षक सामान्य ड्यूटी के रिक्त पदों में से ही आरक्षक ट्रेडमैनों की उच्चतम पद का कार्य प्रभार दे दिया जाता है? अभी तक प्रधान आरक्षक ट्रेड के प्रथम बने पद सृजित नहीं किये गये, ऐसा क्यों? (घ) वर्ष 2009 से विशेष सशस्त्र बल में प्रदेश की उच्च इकाइयों से प्रदेश की सीमावर्ती राज्यों के समीप स्थित 5वीं वाहिनी, 17वीं वाहिनी, 29वीं वाहिनी, 09वीं वाहिनी में स्थानांतरण पर रोक जारी थी जिससे प्रदेश की अन्य इकाइयों से आरक्षक पदोन्नत होकर आरक्षकों का हक छीन लेते हैं, ऐसा क्यों? आरक्षक एक ही पद पर 30 से 35 वर्ष लगातार अपनी ड्यूटी करता रहता है? क्या इस विसंगति को दूर किया जा सकेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) विभाग अंतर्गत ग्वालियर एवं चंबल संभाग रेंजो में जी.ओ.पी. 148/21 में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार योग्य पाये गये कर्मचारियों को वरिष्ठता के आधार पर उच्च पद का कार्यवाहक प्रभार प्रदाय किया गया है। उक्त प्रक्रिया में अयोग्य पाये गये कर्मचारियों को उच्च पद का प्रभार प्रदाय नहीं किया गया है। (ग) पुलिस मुख्यालय के परिपत्र क्रमांक/पुमु/कार्मिक/4/3319/13, दिनांक 19.06.2019 के अनुसार आरक्षक (जी.डी.) एवं आरक्षक (ट्रेडमैन) की भर्ती प्रकिया एवं वेतनमान समान होने की दृष्टि से आरक्षक से प्रधान आरक्षक पद पर पदोन्नति दिये जाते समय आरक्षक (ट्रेड) सहित सभी संवर्गों के पदोन्नति हेतु निर्धारित योग्यता रखने वाले आरक्षक (जी.डी.) तथा आरक्षक (ट्रेड) की प्रथम नियुक्ति दिनांक के आधार पर एक ही वरीयता सूची तैयार कर वरीयता क्रम में आरक्षक से प्रधान आरक्षक का प्रभार दिया जाता है। प्रधान आरक्षक (ट्रेड) का कोई पृथक से पद सृजित नहीं हैं। (घ) सीमावर्ती राज्यों के समीप स्थित विशेष सशस्त्र बल की इकाइयों में किसी प्रकार की स्थानांतरण पर रोक प्रभावशील नहीं है। आरक्षक की वरिष्ठता इकाई स्तर पर होती है तथा रिक्त पदों के विरूद्ध पदोन्नति प्रदान की जाती है।
खाद की गुणवत्ता की जांच
[सहकारिता]
52. ( क्र. 1389 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में खाद भण्डारण तथा भण्डारण उपरांत वितरण/उठाव तथा गुणवत्ता की जांच के क्या नियम हैं? कितनी प्राथमिक साख समितियां भण्डारण हेतु अधिकृत हैं? इन समितियों में 01 जनवरी 2021 से उत्तर दिनांक तक किस-किस कंपनी की कौन-कौन सी खाद की कितनी मात्रा भण्डारित की गई? जिलेवार एवं कंपनीवार जानकारी दें। (ख) क्या भण्डारित खाद के वितरण/उठाव के पूर्व गुणवत्ता की जांच हुई? यदि हाँ तो किस कंपनी के किस खाद की? जांच में कितने नमूने किस कंपनी के अमानक पाये गये? अमानक पाये जाने पर क्या कार्यवाही की गई? कितने दोषियों/कंपनियों पर एफ.आई.आर. दर्ज हुईं? कंपनीवार एवं जिलेवार जानकारी दें। (ग) खाद भण्डारण के संबंध में पंजीयक सहकारी संस्थाओं द्वारा कोई आदेश/निर्देश उक्तावधि में दिये गये? यदि हाँ तो इन निर्देशों का कितनी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों द्वारा पालन किया? कितनी समितियों द्वारा नहीं किया? पालन नहीं करने पर उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? निर्देश की प्रति तथा जिलेवार जानकारी उपलब्ध करायें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पी.जी.डी.एम. के पाठ्यक्रम में अध्ययनरत छात्रों को छात्रवृत्ति
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
53. ( क्र. 1390 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में प्रबंध संकाय के तहत पी.जी.डी.एम. के दो वर्षीय पाठ्यक्रम में अध्ययन हेतु सत्र 2019-20, 2020-21, 2021-22 एवं 2022-23 (उत्तर दिनांक तक) में प्रत्येक सत्र में प्रथम एवं द्वितीय वर्ष में अध्ययन हेतु कितने छात्रों द्वारा प्रवेश लिया? प्रत्येक सत्र के प्रथम वर्ष एवं द्वितीय वर्ष के कितने छात्रों के छात्रवृत्ति हेतु आवेदन प्राप्त हुये? इनमें से कितने स्वीकृत, कितने अस्वीकृत एवं कितने लंबित हैं? लंबित रहने के कारण सहित सत्रवार एवं पाठ्यक्रम वर्षवार बतायें। (ख) छात्रवृत्ति स्वीकृति हेतु क्या मापदण्ड एवं प्रक्रिया है? प्रत्येक सत्र में प्रत्येक छात्र को प्रत्येक पाठ्यक्रम में वर्षवार कितनी छात्रवृत्ति राशि दी जानी थी? कितने छात्रों को किस दर से कितनी राशि स्वीकृत की एवं कितनी भुगतान की? सत्रवार एवं पाठ्यक्रम वर्षवार बतायें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में छात्रों के स्वीकृत आवेदनों में छात्रवृत्ति राशि भूतलक्षी प्रभाव से कम भुगतान की गई? यदि हाँ तो कितने छात्रों की? कारण सहित छात्रवार, सत्रवार एवं पाठ्यक्रम वर्षवार बतायें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही
[चिकित्सा शिक्षा]
54. ( क्र. 1393 ) श्री विनय सक्सेना : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2021-22 हेतु नर्सिंग शिक्षण संस्था संचालन वास्ते म.प्र. नर्सेस रजिस्ट्रेशन कौंसिल को किन-किन संस्थाओं के नवीन एवं नवीनीकरण के मान्यता आवेदन प्राप्त हुए? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कौंसिल द्वारा आवेदित संस्थाओं में से किन-किन संस्थाओं के निरीक्षण कराये गये हैं? किन-किन को मान्यता प्रदाय की जा चुकी है? किन-किन के संबंध में निर्णय होना शेष है? निरीक्षण दल गठन के आदेश व निरीक्षण प्रतिवेदन तथा प्रश्न दिनांक तक आवेदित संस्थाओं को जारी मान्यता की प्रति बतावें। (ग) क्या म.प्र. उच्च न्यायालय ग्वालियर खंडपीठ के आदेश पर ग्वालियर व चम्बल संभाग में संचालित संस्थाओं की दल गठित कर जांच करायी गई है? यदि हाँ, तो निरीक्षण में किस-किस संस्था के संबंध में क्या-क्या कमियां पायी गयी हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में जिन संस्थाओं की मान्यता समाप्त की गयी है उनके नाम, पते, संचालकगण के नाम एवं पते बतावें। (ड.) प्रश्नांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में फर्जी तरीके से मान्यता प्राप्त करने वाली संस्थाओं के संचालकों व सोसायटी प्रबंधन के विरुद्ध क्या-क्या कार्यवाही की जावेगी? (च) उक्त अपात्र संस्थाओं को मान्यता देने के मामले में कौन-कौन जिम्मेदार है? उनके विरुद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गयी है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) वर्ष 2021-22 हेतु कुल 164 नवीन एवं 653 नवीनीकरण हेतु नर्सिंग संस्थाओं के आवेदन प्राप्त हुए है। प्राप्त आवेदन पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) कुल 99 संस्थाओं के कराये गये निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। कुल 50 संस्थाओं को जारी की गई मान्यता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। किसी संस्था के संबंध में निर्णय होना शेष नहीं है। शैक्षणिक सत्र 2021-22 के निरीक्षण दल के गठन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। निरीक्षण प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है। शैक्षणिक सत्र 2021-22 में जारी मान्यता की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-6 अनुसार है। (ग) जी हाँ। संस्था में पायी गई कमियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-7 अनुसार है। (घ) शैक्षणिक सत्र 2020-21 में संस्थाओं की समाप्त की गई मान्यता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-8 अनुसार है। (ड.) मध्यप्रदेश नर्सिंग शिक्षण संस्था मान्यता नियम 2018 के अनुसार संस्थाओं की मान्यता समाप्त की गई है। (च) अपात्र संस्थाओं को मान्यता देने के मामले में दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों को निलंबित किया गया है तथा विभागीय जांच संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-9 अनुसार है।
माफियाओं के विरुद्ध कार्यवाही
[गृह]
55. ( क्र. 1394 ) श्री विनय सक्सेना : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में विगत तीन वर्ष में विभिन्न माफिया विरोधी कार्यवाहियों में विभिन्न अपराधों में संलिप्त किन-किन व्यक्तियों के विरुद्ध किन-किन धाराओं के प्रकरण दर्ज किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किन-किन के अवैध कब्जे/मकान/संपत्ति तोड़े गए? (ग) प्रशासन व पुलिस को अवैध कालोनी निर्माण/अवैध प्लाटिंग की कितनी-कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? उक्त संबंध में कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गयी? शिकायतें व जाँच प्रतिवेदन, एफ.आई.आर. इत्यादि की प्रति देवें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी निरंक है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
विभिन्न योजनांतर्गत स्वीकृत भवनों का निर्माण
[जनजातीय कार्य]
56. ( क्र. 1398 ) श्री संजय यादव : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला जबलपुर में सार्वजनिक कार्यक्रमों हेतु भवनों के निर्माण के तहत विभाग द्वारा विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पी.व्ही.टी.जी.) योजनान्तर्गत 2.00 करोड़ की राशि संभाग स्तरीय सामुदायिक भवन की स्वीकृति जिले को कब प्राप्त हुई है? (पी.व्ही.टी.जी.) योजनान्तर्गत स्वीकृत भवन हेतु अतिक्रमणमुक्त भूमि की मांग करने के उपरान्त क्या विभाग को भूमि का आवंटन हुआ है कि नहीं? यदि नहीं हुआ है, तो विभाग को भूमि का आवंटन कब तक होगा? (ख) प्रश्नकर्ता की विधानसभा में कन्या शिक्षा परिसर निर्माण की स्वीकृति विभाग द्वारा कब जारी की गई है? कन्या शिक्षा परिसर हेतु विभाग द्वारा अतिक्रमणमुक्त भूमि की मांग एवं भूमि के चयन की कार्यवाही हेतु अनेकों बार जिला प्रशासन से पत्राचार किया गया है। विभाग को भूमि का आवंटन हो पाया है कि नहीं? यदि भूमि आवंटन हो गया है, तो स्थान बताया जावे। यदि नहीं, तो अभी तक भूमि आवंटन हेतु क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा जिला प्रशासन को कब-कब पत्राचर कर उक्त योजनाओं हेतु शासकीय भूमि की उपलब्धता की जानकारी दी गई? अनेक बार पत्राचार करने के उपरांत भी भूमि का चयन क्यों नहीं किया गया? कब तक दोनों योजनाओं हेतु भूमि चयन की जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जिला जबलपुर में मध्यप्रदेश शासन, आदिम जाति कल्याण विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक एफ 23-2-2/2020 दिनांक 01-02-2020 द्वारा पी.व्ही.टी.जी योजनान्तर्गत सामुदायिक भवन निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हुई है। ''जी नहीं'' भूमि आवंटन एवं चिन्हांकन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बरगी में कन्या शिक्षा परिसर संचालित नहीं होने से भवन निर्माण की स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई। प्रश्नांश का शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 640 दिनांक 02-09-2021 एवं पत्र क्रमांक 731 ए, दिनांक 23-03-2022 द्वारा विभाग को जानकारी दी गई है। भूमि चयन एवं आवंटन की कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नियमित पदों पर नियुक्ति
[पशुपालन एवं डेयरी]
57. ( क्र. 1401 ) श्री सुनील उईके : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दुग्ध महासंघ, भर्ती वर्गीकरण तथा सेवा शर्तें विनियम-1985'' कर्मचारी भर्ती सेवा उपनियम 18 (भर्ती का तरीका) के उप नियम 18 (1) (ख) में व्यापार प्रशिक्षु (ट्रेड एप्रेंटिस) के नियमानुसार पूर्व वर्षों में दुग्ध महासंघ से संबद्ध दुग्ध संघों में व्यापार शिक्षु (ट्रेड एप्रेंटिस) प्राप्त प्रशिक्षणार्थियों को रिक्त नियमित पदों पर नियुक्तियां देने का नियम है, तो क्या पूर्व वर्षों में एवं महासंघ, चयन परीक्षा वर्ष 2012 एवं 2015 में दुग्ध महासंघ से संबद्ध दुग्ध संघों से व्यापार शिक्षु (ट्रेड एप्रेंटिस) प्राप्त प्रशिक्षणार्थियों को नियमित पदों पर नियुक्तियां दी गई हैं? यदि हाँ, तो सूची एवं आदेश की प्रति देवें। यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार दुग्ध महासंघ से संबद्ध दुग्ध संघों से व्यापार शिक्षु (ट्रेड एप्रेंटिस) प्राप्त प्रशिक्षणार्थी कई वर्षों से वर्तमान में श्रमिक ठेकेदार के माध्यम से कुशल/अर्धकुशल/अकुशल ठेका श्रमिक में कार्यरत है तो क्या भरती सेवा उपनियम 18 (1) के नियमानुसार प्रशिक्षण प्राप्त प्रशिक्षणार्थियों को नियमित पदों पर नियुक्तियां दी गई हैं जबकि तकनीशियन के अत्यधिक पद रिक्त हैं? यदि नियुक्तियां दी गई हो तो सूची एवं आदेश की प्रति एवं व्यापार शिक्षु प्रशिक्षण प्राप्त प्रशिक्षणार्थी जो वर्तमान में ठेकेदार के माध्यम से कार्यरत हैं उनकी सूची उपलब्ध करायें। यदि प्रशिक्षण प्राप्त प्रशिक्षणार्थी को नियमित पदों पर नियुक्तियां नहीं दी गई हैं तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) एम.पी.सी.डी.एफ. कर्मचारी भर्ती, वर्गीकरण तथा सेवा शर्तें विनियम-1985 की कंडिका 18 (भर्ती का तरीका) के उप नियम 18 (1) (ख) में व्यापार प्रशिक्षु (ट्रेड एप्रेंटिस) के तरीके से पदों पर भर्ती का प्रावधान है। दुग्ध संघों में तकनीशियन के पद स्वीकृत है। जी नहीं। प्रतियोगी परीक्षाओं के माध्यम से भर्ती की जाती है जिसमें व्यापार प्रशिक्षुओं की भी पात्रता रहती है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में उपस्थित नहीं होता।
पुलिस थानों में स्वीकृत एवं रिक्त पदों की जानकारी
[गृह]
58. ( क्र. 1405 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल, ग्वालियर एवं सागर संभाग में कुल कितने पुलिस थाना (पुलिस स्टेशन) हैं एवं इन थानों में कितने-कितने पद स्वीकृत हैं? कितने पदों पर पदस्थापना है? कितने पद रिक्त हैं? जिलेवार एवं अनुविभाग थानावार जानकारी उपलब्ध करावें। रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में तीन साल से अधिक आरक्षक, प्रधान आरक्षक, सहायक निरीक्षक, उप निरीक्षक एवं निरीक्षक किन-किन थानों में पदस्थ हैं? थानावार एवं जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। कितने आरक्षक, प्रधान आरक्षक, सहायक निरीक्षक, उप निरीक्षक एवं निरीक्षक गृह जिले में पदस्थ हैं? थानावार एवं जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। गृह जिले में पदस्थापना के क्या नियम निर्देश, आदेश हैं? जानकारी उपलब्ध करावें। गृह जिले में पदस्थ आरक्षक एवं प्रधान आरक्षकों के नाम, पदनाम, पदस्थी थाना, जिले में पदस्थापना दिनांक सहित थानावार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) विदिशा जिले में कितने पुलिस थाने हैं एवं उनमें कितने पद स्वीकृत हैं? कितने पदों पर पदस्थापना है? कितने पद रिक्त हैं? अनुविभागवार जानकारी उपलब्ध करावें। अनुविभाग सिरोंज एवं लटेरी के पुलिस थानों के रिक्त पदों की पदस्थापना कब तक की जावेगी? (घ) अनुविभाग लटेरी के अनुविभागीय अधिकारी का पद कब से रिक्त है? पदस्थापना कब तक कर दी जावेगी? समय-सीमा बतावें। प्रश्नकर्ता के अनुविभागीय अधिकारी एवं पुलिस लटेरी की पदस्थापना हेतु विभाग को कब-कब पत्र प्राप्त हुए?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनुसूचित जाति कल्याण विभाग में संचालित योजनाएं
[अनुसूचित जाति कल्याण]
59. ( क्र. 1406 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) 1 अप्रैल 2018 से प्रश्नांकित दिनांक तक अनुसूचित जाति वर्ग के कल्याण हेतु विभाग द्वारा विदिशा जिले में कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? उक्त योजनाओं के माध्यम से अनुसूचित जाति वर्ग के हितग्राहियों को कितनी-कितनी राशि किस-किस योजना से प्रदान की गई है? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) 1 अप्रैल 2018 से प्रश्नांकित दिनांक तक विदिशा जिले को कितनी-कितनी राशि निर्माण कार्यों हेतु स्वीकृत की गई? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। राशि आवंटन करने के क्या नियम, निर्देश, आदेश हैं? (ग) विदिशा जिले में प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत कितने ग्रामों का चयन किया गया है? विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें एवं इन ग्रामों में कौन-कौन से निर्माण कार्य एवं योजनाओं से कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है? चयन प्रक्रिया के क्या नियम, निर्देश, आदेश हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में कौन-कौन सी ग्राम पंचायतों एवं कार्य एजेन्सी द्वारा कौन-कौन से कार्य किये गये हैं एवं इनको कितना-कितना भुगतान किया गया? कितनी राशि भुगतान हेतु शेष है? शेष राशि का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ड.) विदिशा जिले के विकासखण्ड सिरोंज के ग्राम पंचायत चौड़ाखेड़ी के ग्राम वीरपुर का चयन प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना में क्यों नहीं किया गया जबकि इस ग्राम की शत्-प्रतिशत अनुसूचित जाति के निवासी रहते हैं? इसके लिये दोषी कौन है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''1'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''2'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''3'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''4'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''5'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''6'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''7'' अनुसार है। (ड.) प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना अंतर्गत ग्रामों का चयन भारत सरकार द्वारा किया गया है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
नर्सिंग कॉलेज के विरूद्ध लंबित जांच
[चिकित्सा शिक्षा]
60. ( क्र. 1409 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1089 दिनांक 19 मार्च 2020 के उत्तर की कंडिका (ख) एवं (ग) में बताया गया है कि पाराशर कॉलेज ऑफ नर्सिंग भोपाल के विरूद्ध विभाग द्वारा जांच के निर्देश दिये गये हैं? जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर अग्रिम कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक जांच पूर्ण कर संबंधित के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? जांच प्रतिवेदन एवं निष्कर्षों की प्रति सहित बतावें। यदि नहीं, तो प्रश्न दिनांक तक जांच अपूर्ण रहने के लिये कौन-कौन जिम्मेदार हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त संस्था के विरूद्ध जांच प्रचलित होने के बावजूद भी गत एवं वर्तमान शैक्षाणिक सत्र की मान्यता प्रदान कर दी गई? यदि हाँ, तो क्यों तथा इसके लिये कौन दोषी हैं? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन उक्त संस्था के विरूद्ध अनुशासनात्मक एवं कानूनी कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। जांच रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। जांच उपरांत ही गत वर्ष मान्यता प्रदान की गयी थी। वर्तमान शैक्षणिक सत्र की मान्यता प्रदान नहीं की गयी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश "क" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दोहरे आरक्षण के लाभ की जांच
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
61. ( क्र. 1410 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 4009 दिनांक 23 मार्च 2022 के उत्तर की कंडिका (ख) के अनुसार नरेन्द्र सिंह पटेल द्वारा नियम विरूद्ध लिया गया दोहरा आरक्षण के संबंध में कलेक्टर राजगढ़ के आदेश क्रमांक 483/स्टेनो/2022 नरसिंहगढ़, दिनांक 02.03.2022 द्वारा तहसीलदार नरसिंहगढ़ के निर्देशन में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया जाकर जांच कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त जांच की कार्यवाही पूर्ण कर संबंधित के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि प्रश्न दिनांक तक जांच पूर्ण नहीं हुई, तो इसके क्या कारण एवं कौन-कौन जिम्मेदार हैं? क्या शासन संबंधितों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या और कब तथा कब तक जांच पूर्ण कर कार्यवाही की जावेगी?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) जाँच की कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना
[जनजातीय कार्य]
62. ( क्र. 1413 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास हेतु वित्तीय वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक धार जिले में कुल कितनी राशि प्राप्त हुई? किन-किन कार्यों में कितनी-कितनी राशि खर्च हुई? कृपया विधान सभावार, वित्तीय वर्षवार विस्तृत जानकारी देवें। (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा सरदारपुर विधानसभा अंतर्गत विकास कार्य हेतु प्रस्ताव दिए गए? यदि हाँ, तो उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा अनुसूचित जनजाती बस्ती विकास मद में कृषकों के खेतों में विद्युतीकरण हेतु दिए गए प्रस्ताव पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) उक्त प्रस्तावों पर स्वीकृति नहीं मिलने के कारणों से अवगत कराते हुए यह भी बतावें कि राशि कब तक स्वीकृत कर दी जाएगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ''जी हाँ''। अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजनांतर्गत गठित समिति से अनुमोदन प्राप्त कर कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास मद में कृषकों के खेतों में विद्युतीकरण हेतु प्राप्त प्रस्ताव पर अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजनांतर्गत गठित समिति से अनुमोदन प्राप्त नहीं होने से कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं की गई। (घ) जानकारी प्रश्नांश ''ग'' के उत्तर अनुसार है, योजनांतर्गत जिले में प्राप्त आवंटन की सीमा में समिति से अनुमोदन प्राप्त कर कार्य स्वीकृत किये जाते हैं, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
व्यापम घोटाले की सी.बी.आई. जांच
[गृह]
63. ( क्र. 1414 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 2179, दिनांक 14 मार्च 2022 के संदर्भ में सही उत्तर देवें कि सी.बी.आई. को पात्र कितनी शिकायतें शासन को जांच हेतु भेजी? (प्रश्नकर्ता ने प्रकरण का नहीं, शिकायत का पूछा था)। क्या सी.बी.आई. ने पूर्व विधायक पारस सकलेचा की शिकायत शासन को अपने स्तर पर जांच करने हेतु भेजी थी? यदि हाँ, तो सी.बी.आई. के पत्र की प्रति तथा उस पर की गई कार्यवाही की दिनांक अनुसार जानकारी संबंधित दस्तावेज सहित देवें। (ख) प्रश्न क्र. 2179, दिनांक 14 मार्च 2022 के खण्ड (घ) के संदर्भ में प्राप्त तीन आवेदनकर्ता का नाम बतावें तथा बतावें कि किन दो आवेदन पर विवेचना चल रही है तथा एक आवेदन पर दर्ज प्रकरण के क्रमांक, दिनांक, थाने का नाम सहित एफ.आई.आर. की प्रति देवें तथा वह सी.बी.आई. को किस दिनांक को स्थानांतरित की गई? (ग) क्या व्यापम घोटाले से संबंधित विभाग को लगभग 1300 शिकायतें प्राप्त हुई थीं? यदि हाँ, तो बतावें कि क्या ये शिकायतें विज्ञप्ति क्रमांक 21503/14 के संदर्भ में नहीं प्राप्त हुई थी तथा खण्ड (ख) में उल्लेखित जिन दो आवेदन पर विवेचना चल रही है, बतावें कि विवेचना में 7 वर्ष 6 माह का समय लगने के बाद भी विवेचना पूर्ण क्यों नहीं हुई? क्या आवेदक विभाग को बराबर सहयोग नहीं कर रहे हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) शासन स्तर से संबंधित है। (ख) प्रश्नांश के संदर्भ में प्राप्त 03 आवेदन पत्र में आवेदनकर्ता के नाम - (1) मा. पूर्व विधायक श्री पारस सकलेचा, (2) गुमनाम (आपका शुभ चिन्तक) (3) श्री गुरू प्रसाद द्विवेदी, है। तत्समय जांच में प्रचलित दो आवेदन पत्रों में से एक आवेदन पत्र गुमनाम आवेदक (आपका शुभ चिन्तक) द्वारा प्रेषित किया गया था जो जांच उपरांत नस्तीबद्ध किया जा चुका है। दूसरा आवेदन पत्र मा. पूर्व विधायक श्री पारस सकलेचा द्वारा प्रेषित किया गया जिसकी वर्तमान में जांच जारी है। एक आवेदन पर दर्ज प्रकरण की जानकारी निम्नानुसार है - प्रक.क्र. 107/15 दिनांक 12.02.15 थाना कोहेफिजा सी.बी.आई. को स्थानां. दि. आर.सी.नं. - 2172015 (s) 0029 दि. 01.08.2015. उपरोक्त अपराध की प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। उपरोक्त शिकायतें विज्ञप्ति क्रमांक 21503/14 के संदर्भ में प्राप्त नहीं हुई थी। तत्समय जांच में प्रचलित दो आवेदन पत्रों में से एक आवेदन पत्र गुमनाम आवेदक (आपका शुभ चिन्तक) द्वारा प्रेषित किया गया था जो जांच उपरांत नस्तीबद्ध किया जा चुका है। दूसरा आवेदन पत्र मा. पूर्व विधायक श्री पारस सकलेचा द्वारा प्रेषित किया गया। आवेदन पत्र में विभिन्न बिन्दुओं पर विस्तृत जांच की जा रही है।
पुलिस चौकी का उन्नयन
[गृह]
64. ( क्र. 1417 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद में अहिरखेडा और खलटांका पुलिस चौकी कब से संचालित है? वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक थाना बलकवाडा, कसरावद और अहिरखेडा चौकी पर कितने गंभीर अपराध और किसानों की फसल चोरी और मोटर पंप चोरी के कितने प्रकरण पंजीबद्ध हुए हैं? कितनों के निराकरण हुए हैं एवं कितने शेष हैं? (ख) क्या खलटांका चौकी और अहिरखेडा चौकी को उन्नयन कर थाना बनाने का कोई प्रस्ताव है? अगर हाँ तो कब तक स्वीकृति प्रदान की जाएगी? समय-सीमा बताएं। (ग) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत थाना कसरावद, बलकवाडा के साथ ही चौकी खामखेडा, खलटांका और अहिरखेडा में कितने-कितने पद कर्मचारियों के स्वीकृत हैं एवं कितने रिक्त हैं? इन रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विधान सभा क्षेत्र कसरावाद में अहिरखेडा पुलिस चौकी दिनांक 18.02.1981 एवं खलटांका पुलिस चौकी दिनांक 17.11.1997 से संचालित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) स्वीकृत एवं रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
उपयोजना राशि का दुरूपयोग
[जनजातीय कार्य]
65. ( क्र. 1421 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) टी.एस.पी. और एस.सी.एस.पी सब स्कीम राशियों के उपयोग की मॉनिटरिंग का दायित्व किस विभाग के कर्तव्याधीन है? (ख) क्या मॉनिटरिंग कर्तव्य पश्चात जनजातीय कार्य विभाग आश्वस्त है कि वर्तमान तक टी.एस.पी.-सब स्कीम राशि से गैर-आदिवासी हितग्राहियों को और एस.सी.एस.पी-सब स्कीम से गैर-अनुसूचित जाति हितग्राहियों को लाभान्वित नहीं किया गया? (ग) मॉनिटरिंग कर्तव्य अनुसार जल संसाधन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, लोक निर्माण, ग्रामीण विकास, नगरीय विकास, किसान कल्याण, ऊर्जा विभाग की किन-किन स्कीमों में टी.एस.पी.-टी.एस.एस. और एस.सी.एस.पी/एस.सी.एस.एस. का पैसा हितग्राही कल्याणकारी योजनाओं से हटकर वेतन-भत्तों, कार्यालय व्यय सहित अन्य मदों पर खर्च हो रहा है? (घ) जल संसाधन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, लोक निर्माण, ग्रामीण विकास, नगरीय विकास, किसान कल्याण, ऊर्जा विभाग यह कैसे सुनिश्चित कर रहे हैं कि टी.एस.पी.-एस.सी.एस.पी राशियों का उपयोग इसी वर्ग के कल्याण के लिए हो रहा है? यदि नहीं, हो रहा तो कैसे सुनिश्चित होगा? (ड.) क्या जल संसाधन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, लोक निर्माण, ग्रामीण विकास, नगरीय विकास, किसान कल्याण, ऊर्जा विभाग टी.एस.पी./एस.सी.एस.पी राशियों का उपयोग नियम विरूद्ध अन्य वर्ग के लिए कर रहे हैं? जानकारी देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो एवं 'तीन' अनुसार है। (ग) से (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार है।
जनजातीय अनुसंधान एवं विकास के कार्य
[जनजातीय कार्य]
66. ( क्र. 1427 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग का नाम जनजातीय कार्य ही क्यों है? इसका नाम जनजातीय कल्याण और विकास क्यों नहीं है? क्या विभाग का उद्देश्य मात्र आदिवासी योजना तथा उपयोजना की राशि खर्च करना है? उसका यह लक्ष्य नहीं है कि इससे जनजातीय का कल्याण और विकास हो? (ख) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 2118 दिनांक 14.03.2022 के संदर्भ में बतावें कि क्या जनजातीय अनुसंधान एवं विकास संस्था द्वारा सभी उन्हीं बिन्दुओं पर अनुसंधान तथा जनजाति का विकास किया जायेगा जो विभाग द्वारा संस्था को निर्देशित किये जावेंगे? यदि हाँ, तो बतावें कि पिछले 05 वर्षों में विभाग ने संस्था को किस-किस बिन्दु पर अनुसंधान तथा किस विषय पर विकास करने हेतु निर्देशित किया? निर्देश की प्रति देवें तथा किये गये कार्य के परिणाम से अवगत करावें। (ग) क्या विभाग जनजातीय अनुसंधान एवं विकास संस्था को बाल मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर, किशोर मृत्यु दर, गर्भवती महिला मृत्यु दर, जनजाति की औसत आयु, जनजाति में कुषोषण का प्रतिशत, जनजाति की प्रति परिवार वार्षिक आय, जनजाति के पास 2000 में कुल जमीन तथा जून 2022 में कुल जमीन, जनजाति कृषक की औसत जोत, जनजाति में 2000 में तथा जून 2022 में कृषक तथा खेतिहर मजदूर का प्रतिशत संबधी अनुसंधान करने हेतु निर्देशित करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनियमितताओं की जांच
[गृह]
67. ( क्र. 1429 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी को संबोधित रतलाम जिला अंतर्गत नगर परिषद् पिपलौदा के विगत अध्यक्ष एवं पूर्व अध्यक्ष दोनों के कार्यकाल वर्ष 2010 से लेकर 2019 तक की गई अनियमितताओं, भ्रष्टाचार, नियम विरुद्ध कार्यों की जांच किए जाने संबंधी माननीय मुख्यमंत्री जी का पत्र विभाग को जांच हेतु प्राप्त हुआ है? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्तानुसार पत्र में उल्लेखित वर्षों में किए गए भ्रष्ट कदाचरण के कार्यों की जांच किए जाने हेतु माननीय मुख्यमंत्री जी ने पत्र पंजीयन क्रमांक 2411/सी एम एस/एम एल ए/222/2022 के द्वारा दिनांक 15/06/2022 को गृह विभाग द्वारा जांच किए जाने हेतु पत्र प्रेषित किया है? (ग) यदि हाँ, तो विगत वर्षों में हुए पत्र में उल्लेखित गंभीर अनियमितताओं, नियम विरुद्ध किए गए कार्यों एवं भ्रष्टाचार की संपूर्ण जांच किए जाने हेतु शासन/विभाग द्वारा किस प्रकार की जांच एजेंसी बनाकर यह जांच की जाएगी? (घ) जांच कब से प्रारंभ की जाकर कितनी अवधि में किस सक्षम अधिकारी के नेतृत्व में अथवा नियमानुसार किस एजेंसी के माध्यम से जांच कर दोषियों के विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध करते हुए कार्यवाही की जाएगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। शिकायती पत्र को पुलिस अधीक्षक जिला रतलाम को जांच हेतु प्रेषित किया गया। पुलिस अधीक्षक रतलाम द्वारा अवगत कराया गया है कि नगर परिषद् पिपलौदा के पूर्व अध्यक्ष तथा वर्तमान अध्यक्ष के विरूद्ध की गई शिकायत के क्रम में संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास द्वारा संबंधित मुख्य नगरपालिका अधिकारियों एवं अध्यक्षों को आरोप-आधार पत्रादि जारी किये हैं। वर्तमान में कार्यवाही शासन स्तर पर प्रचलित है। (ख) पुलिस अधीक्षक जिला रतलाम की जानकारी अनुसार भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (संशोधन) 2018 की धारा 17-ए के प्रावधनों का उल्लेख करते हुए लेख किया गया है कि कोई पुलिस अधिकारी शासन के पूर्वोनुमोदन के बिना किसी ऐसे अपराध में कोई जांच या पूछताछ या कोई अन्वेषण नहीं करेंगे। जिसे इस अधिनियम के अधीन लोकसेवक द्वारा अभिकथित रूप से कारित किया गया है, जहां ऐसा अभिकथित अपराध लोक सेवक द्वारा उसके शासकीय कृत्यों या कर्तव्यों के निर्वहन में की सिफारिशों या लिये गये विनिश्चय से संबंधित है। (ग) एवं (घ) श्रीमती पटेल, पूर्व अध्यक्ष नगर परिषद् पिपलौदा जिला रतलाम को विभागीय पत्र क्रमांक एफ 4-17/2018/18-3 दिनांक 16.12.2020 को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया। श्रीमती पटेल द्वारा दिनांक 10.12.2021 को प्रतिवाद उत्तर प्रस्तुत किया गया, तद्पश्चात समक्ष सुनवाई नियत की गई। सुनवाई उपरांत आदेश प्रारूप उच्च स्तर पर प्रस्तुत किया गया है। श्री श्याम बिहारी पटेल पूर्व अध्यक्ष नगर परिषद् पिपलौदा जिला रतलाम को विभागीय पत्र क्रमांक एफ 4-03/2021/18-3 दिनांक 17.03.2021 को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया। श्री पटेल द्वारा दिनांक 10.12.2021 को प्रतिवाद उत्तर प्रस्तुत किया गया, तद्पश्चात समक्ष सुनवाई नियम की गई। सुनवाई उपरांत आदेश प्रारूप उच्च स्तर पर प्रस्तुत किया गया है।
रतलाम मेडिकल कॉलेज की जानकारी
[चिकित्सा शिक्षा]
68. ( क्र. 1430 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा जनहित में प्रारम्भ किये गये रतलाम मेडिकल कॉलेज सम्पूर्ण जिले के साथ ही अन्य जिलों से भी आने वाली स्वास्थ्य संबंधी कठिनाईयों को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका अर्पित कर रहा है? (ख) यदि हाँ, तो बताएं कि यह किस वर्ष में प्रारम्भ होकर प्रश्न दिनांक तक स्वास्थ्य संबंधी किन-किन समस्याओं/बीमारियों के उपचार हेतु सक्षम होकर कार्यरत है? (ग) बताएं कि मेडिकल कॉलेज में उक्तानुसार कार्य किये जाने हेतु कितने पद स्वीकृत होकर उन पर कौन-कौन पदस्थ है, कितने रिक्त हैं? साथ ही कितने छात्र–छात्राओं का प्रवेश होकर अध्ययनरत हैं? (घ) वर्तमान में मेडिकल कॉलेज में आमजन को स्वास्थ्य सम्बंधी कौन-कौन सी सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं? किस-किस प्रकार की विशेषज्ञता है तथा आगामी समय में स्वास्थ्य सुविधा में वृद्धि किये जाने हेतु किस-किस प्रकार के प्रस्ताव शासन/विभाग के अधीनस्थ विचाराधीन हैं?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध चिकित्सालय अप्रैल 2020 में कोविड महामारी के प्रथम चरण में प्रारंभ किया गया। तत्पश्चात चिकित्सालय द्वारा कोविड संक्रमण के द्वितीय चरण तथा 2021 में डेंगू के मरीजों को इलाज उपलब्ध कराया गया। दिनांक 26.05.2022 से चिकित्सालय को चरणबद्ध तरीके से प्रारंभ करते हुये प्रथम चरण में मेडिसिन, चर्म रोग, मनोरोग एवं पी.एम.आर. विभाग की ओ.पी.डी. तथा आई.पी.डी. तथा द्वितीय चरण में हड्डी रोग, स्त्री रोग, आंख, कान, गले के रोग, शिशु रोग तथा सर्जरी की ओ.पी.डी तथा आई.पी.डी. की सुविधा प्रारंभ की जा चुकी है। (ग) चिकित्सा महाविद्यालय हेतु स्वीकृत, भरे तथा रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (घ) उत्तरांश 'ख' अनुसार सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। आगामी समय में चिकित्सालय में रीनल ट्रांसप्लान्ट यूनिट तथा आई.व्ही.एफ. सेन्टर की सुविधा विकसित करने संबंधी कार्यवाही पर विचार किया जायेगा।
सहारा इंडिया कंपनी के विरूद्ध शिकायत पर कार्यवाही
[गृह]
69. ( क्र. 1433 ) श्री मनोज चावला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में 1 जनवरी 2022 से प्रश्न दिनांक तक सहारा इंडिया लिमिटेड कंपनी के विरुद्ध जनता की शिकायतों के संदर्भ में कितनी राशि का भुगतान प्रशासन द्वारा करवाया गया है? जिलेवार बताएं। (ख) सहारा इंडिया प्रमुख सुब्रतो राय को प्रदेश के विभिन्न जिलों में उसके विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज होने के बावजूद भी अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया है? (ग) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 1907 दिनांक 19/3/22 के प्रेषित उत्तर के बिंदु (घ) में कहा गया कि सहारा इंडिया कंपनी से पैसा दिलाने के संबंध में राजस्व विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर जगह-जगह कैंप लगाया जा रहे हैं, तो बताएं कि प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के विभिन्न जिलों में इस हेतु कहाँ-कहाँ, किस-किस दिनांक को कितने-कितने कैंप लगाए गए हैं और उसमें कितने शिकायतकर्ताओं के आवेदन लेकर उन्हें उनकी जमा पूंजी वापस लौटाई गई है? (घ) शासन द्वारा प्रदेश के विभिन्न जिलों और स्थानों पर सहारा इंडिया की संपत्ति को विक्रय कर जनता का पैसा क्यों नहीं दिलाया जा रहा है? (ड.) सहारा इंडिया कंपनी पर कार्यवाही करने हेतु अभी तक कोई समिति क्यों नहीं बनाई गई हैं और यदि बनाई जाएगी तो कब तक? प्रदेश के किन-किन माननीय विधायकों ने सहारा इंडिया कंपनी से पैसा वापस करने के संदर्भ में पत्राचार किया है? सूची देवें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार। (ख) अभियुक्त के विरूद्ध पंजीबद्ध प्रकरणों की विवेचना गतिशील है। विवेचना में एकत्रित साक्ष्य के आधार पर गिरफ्तारी के संबंध में निर्णय लिया जावेगा। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार। (घ) विभिन्न जिलों एवं सस्थानों पर जनता से सहारा इंडिया कम्पनी के विरूद्ध शिकायत प्राप्त होने पर विधिसम्मत कार्यवाही की जाती है तथा पीड़ित को राशि वापस लौटाये जाने के प्रयास किए जाते हैं। (ड.) सहारा इंडिया कम्पनी एवं अन्य निवेश कम्पनियों के विरूद्ध शिकायत प्राप्त होने पर विधिसम्मत कार्यवाही की जा रही है। इन कम्पनियों पर कार्यवाही किये जाने के लिये विधिक प्रावधान उपलब्ध है। अतः कोई समिति नहीं बनाई गई। प्रदेश के माननीय विधायकों के द्वारा सहारा इंडिया कम्पनी से पैसा वापस दिलाये जाने के संदर्भ में किये गए पत्राचार की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार।
अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजनांतर्गत निर्माण कार्यों का क्रियान्वयन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
70. ( क्र. 1434 ) श्री मनोज चावला : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रतलाम जिले में अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना अंतर्गत वर्ष 2020-21, वर्ष 2021-22 वर्ष 2022-23 में कितनी राशि का आवंटन विभाग से प्राप्त हुआ है और प्राप्त राशि से किस-किस जनप्रतिनिधि की अनुशंसा से कितनी कितनी राशि के निर्माण कार्य कहाँ-कहाँ स्वीकृत किए गए हैं? वर्षवार सूची देवें। (ख) विभाग द्वारा बस्ती विकास योजना अंतर्गत उक्त वर्षों में निर्माण कार्य के क्रियान्वयन हेतु बैठकों का आयोजन कब-कब किया गया है? (ग) प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा विधानसभा क्षेत्र 223 (अ.जा) आलोट अंतर्गत निर्माण कार्य के संबंध में विभाग को कितने कार्यों की अनुशंसा प्राप्त हुई है और उनमें से कितने कार्य विभाग द्वारा स्वीकृत किए गए हैं? वर्षवार सूची उपलब्ध कराएं। (घ) विभाग को प्राप्त राशि से निर्माण कार्य करने के संबंध में शासन के क्या प्रोटोकोल हैं? क्या यह सही है कि निर्माण कार्य की राशि स्वीकृत करने के संबंध में प्रोटोकॉल का उल्लंघन हुआ है? (ड.) वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक योजना अंतर्गत कितने कार्य अधूरे हैं और कितने शुरू ही नहीं हुए हैं? इस संबंध में अभी तक क्या कार्यवाही की गई है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी
[गृह]
71. ( क्र. 1437 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 1008 दिनांक 24.12.2021 के उत्तर में मृतक नरेन्द्र कुमार अहिरवार तनय हरिचरण अहिरवार मर्ग क्रमांक 31/21 की जांच जारी है। जांच के तथ्यों के आधार पर विधिसम्मत कार्यवाही किये जाने का उल्लेख किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो क्या जांच पूरी की गयी है? यदि हाँ, तो जांच अनुसार कार्यवाही कब तक की जायेगी? (ग) क्या कोई भी व्यक्ति अपने दोनों हांथ बाध सकता है? यदि नहीं, तो हत्या मानकर हत्या के आरोपियों को कब तक गिरफ्तार किया जायेगा।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) मर्ग सदर की जांच जारी है। जांच पूर्ण होने पर एकत्रित साक्ष्यों के आधार पर विधिसम्मत कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) डॉक्टर से प्राप्त क्योरी रिपोर्ट में लेख है कि मृतक द्वारा स्वयं अपने हाथ बांधा जाना संभव है। मेडिको लीगल भोपाल की रिपोर्ट में भी मृतक की मृत्यु के संबंध में यह उल्लेख किया गया है, कि मृतक के द्वारा मृत्यु सुनिश्चित करने हेतु अपने हाथ बांध लेने का उपक्रम असामान्य नहीं है। चूंकि मर्ग जांच जारी है, अतः गिरफ्तारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अत्याचार अधिनियम के तहत अनुकंपा नियुक्ति
[अनुसूचित जाति कल्याण]
72. ( क्र. 1440 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि सागर संभाग में आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विभाग में अत्याचार अधिनियम के तहत वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने हत्या के प्रकरणों में पीड़ितों को अनुकम्पा नियुक्ति दी गई है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जनजातीय कार्य विभाग द्वारा किये गये कार्यों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
73. ( क्र. 1443 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भीकनगांव विधानसभा अन्तर्गत वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक विभाग अन्तर्गत कुल कितने विकास कार्य/विद्युतीकरण/हितग्राही मूलक कार्य कराये गये हैं? कृपया कार्य का नाम, स्वीकृत लागत, स्वीकृत वर्ष, व्यय राशि, कार्य की भौतिक स्थिती एवं कार्य एजेन्सी के विवरण सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) वर्तमान में कुल कितने कार्य अपूर्ण हैं तथा अपूर्ण रहने का क्या कारण हैं तथा कब तक अपूर्ण कार्य पूर्ण किये जायेंगे? वर्तमान में खरगोन जिलान्तर्गत विभाग के पास कौन-कौन से मद में कितनी राशि शेष है तथा उक्त शेष राशि से कौन-कौन से कार्य कराये जा सकते हैं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) भीकनगांव विधानसभा अन्तर्गत वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक विभाग अन्तर्गत कुल 84 विकास कार्य/विद्युतीकरण कार्य/हितग्राही मूलक कार्य स्वीकृत किये गये। कार्य का नाम, स्वीकृत लागत, स्वीकृत वर्ष, व्यय राशि, कार्य की भौतिक स्थिति एवं कार्य एजेन्सी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांकश 'ख' के सम्बन्ध में 27 कार्य अपूर्ण है। अपूर्ण रहने के कारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। अपूर्ण कार्य पूर्ण किये जाने की समय-सीमा बताया जाना सभंव नहीं है। खरगोन जिले में मदवार शेष राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। शेष राशि से मद अनुसार योजनान्तर्गत एवं नियमों के अनुसार कार्य स्वीकृत कराये जा सकते हैं।
दर्ज अपराधों के प्रकरणों पर कार्यवाही
[गृह]
74. ( क्र. 1444 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा अन्तर्गत वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने अपराध पंजीबद्ध किये गये हैं तथा दर्ज अपराधों में कितने प्रकरणों पर कार्यवाही की गई है? कृपया जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) कितने पंजीबद्ध अपराधों पर कार्यवाही लंबित है? वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक बालिका गुमशुदगी एवं महिला अपराध के कितने प्रकरण पंजीबद्ध हुए हैं तथा उनमें से कितनों पर कार्यवाही की गई है तथा कितने प्रकरण लंबित है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) पंजीबद्ध प्रकरणों पर कार्यवाही लंबित होने तथा उनके कारणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' में समाहित है। शेष प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब''अनुसार।
विनिमय के आधार पर बकरा प्रदाय
[पशुपालन एवं डेयरी]
75. ( क्र. 1446 ) श्री सुरेश राजे : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पशुपालन एवं डेरी विकास विभाग ग्वालियर अंतर्गत विकासखण्ड भितरवार, घाटीगांव एवं डबरा में वर्ष 2018-19 से 2022-23 में विनिमय के आधार पर हितग्राहियों को बकरा वितरण की लक्ष्य-पूर्ती, विकासखण्ड एवं वर्षवार बतावें l (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार वर्ष 2018-19 से 2022-23 में विनिमय के आधार पर ग्वालियर जिला के हितग्राहियों को वितरित किये गए बकरे की जानकारी में विकासखण्ड का नाम/ग्राम पंचायत/प्रस्ताव क्रमांक/दिनांक/ग्राम का नाम/हितग्राही का नाम/पिता-पति का नाम/जाति/बी.पी.एल. क्रमांक/बकरा क्रय राशि/हितग्राही से ली गयी राशि/डॉ. का नाम तथा पद जिसके द्वारा वितरित किये/बकरा वितरण दिनांक/भौतिक सत्यापनकर्ता अधिकारी की जानकारी देंl
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) प्रश्न ''क'' में उल्लेखित अवधि में विभाग अंतर्गत विनिमय के आधार पर हितग्राहियों को बकरा वितरण की योजना संचालित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थिति नहीं होता है।
निजी सुरक्षा के मापदण्ड
[गृह]
76. ( क्र. 1449 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर संभाग अन्तर्गत जिला छतरपुर में माननीय विधायकों को छोड़कर किन-किन को निजी सुरक्षा हेतु (पी.एस.ओ) उपलब्ध कराये गये हैं? नाम, पद सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में जिन्हें निजी सुरक्षा में पी.एस.ओ उपलब्ध कराये गये है, क्या विशेष शाखा द्वारा समीक्षा कराई गई है? सुरक्षा के क्या मापदण्ड निर्धारित किये गये एवं किन की सिफारिश पर निजी सुरक्षा प्रदान कराई गई है? (ग) पुलिस मुख्यालय भोपाल एवं पुलिस अधीक्षक छतरपुर द्वारा किन-किन को निजी सुरक्षा हेतु पी.एस.ओ उपलब्ध कराये गये? पृथक-पृथक नामवार जानकारी देवें। क्या यह सही है कि सुरक्षा के निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति नहीं होने पर भी निजी सुरक्षा प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो क्यों? नहीं तो क्या सुरक्षा वापिस ली जावेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला छतरपुर में माननीय विधायकों को छोड़कर विशिष्ट एवं अन्य विशिष्ट व्यक्तियों को नियमानुसार मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) 24 जून 2003 में निहित प्रावधानों के अंतर्गत निजी सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है। नाम एवं पद की जानकारी सुरक्षा की दृष्टि से दी जाना उपयुक्त नहीं है। (ख) जी हाँ। मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) 24 जून 2003 में निहित प्रावधानों के अंतर्गत सुरक्षा प्रदाय की गई है। (ग) पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा विशिष्ट एवं अन्य विशिष्ट व्यक्तियों को नियमानुसार मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) 24 जून 2003 में निहित प्रावधानों के अंतर्गत निजी सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है। नाम एवं पद की जानकारी सुरक्षा की दृष्टि से दी जाना उपयुक्त नहीं है।
न्यायालय भवन के निर्माण हेतु भूमि का चयन
[विधि एवं विधायी कार्य]
77. ( क्र. 1454 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि नागदा में न्यायालय भवन निर्माण हेतु स्थान का चयन कब तक कर लिया जाएगा? विलम्ब का क्या कारण है? विवरण दें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : तहसील नागदा में नवीन न्यायालय भवन के निर्माण हेतु शासकीय भूमि महादेव का चबूतरा, ग्राम पांडल्याकला, भूमि सर्वे नं. 1400/1 रकबा 2.300 हेक्टेयर की भूमि (वास्तविक रूप से न्यायालय भवन के निर्माण हेतु) उपलब्ध भूमि 1.47 हेक्टेयर में से 132 के.व्ही.ए. टावर को हटाये जाने की स्थिति में भूमि आवंटित करने तथा उपरोक्त चयनित भूमि से लगी हुई एगोशदीप एज्युकेशन एण्ड रिसर्च प्रायवेट लिमिटेड, नागदा के सर्वे क्रं. 1401/1 रकबा 1.254 हेक्टेयर की निजी भूमि को अधिग्रहित किये जाने की स्थिति दोनों स्थानों की भूमि तहसील नागदा में नवीन न्यायालय भवन के निर्माण हेतु चयनित की जाकर चयनित भूमि के आवंटन के संबंध में शासन से आवश्यक कार्यवाही हेतु अनुरोध किया गया है। तहसील नागदा में नवीन न्यायालय भवन के निर्माण हेतु चयनित भूमि के आवंटन के संबंध में अग्रिम कार्यवाही शासन के द्वारा किया जाना है।
बैंकों द्वारा शासकीय योजनाओं हेतु ऋण प्रदाय
[सहकारिता]
78. ( क्र. 1457 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की विभिन्न सरकारी योजनाओं के लिए गत तीन वर्षों में कौन-कौन सी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक तथा प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों द्वारा कितना-कितना कर्ज दिया गया है? बैंकवार, योजनावार समितियों की संख्या, किसानों की संख्या तथा राशि की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) उपरोक्त में कितना कर्ज वसूल किया गया है तथा कितना कालातीत हो गया है? बैंकवार, योजनावार समितियों की संख्या, किसानों की संख्या तथा राशि की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) बैंकों द्वारा कालातीत ऋणों की वसूली हेतु क्या उपाय किये गये हैं?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
एडवाईजरी कम्पनियों के संचालकों के विरुद्ध कार्यवाही
[गृह]
79. ( क्र. 1458 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर, भोपाल सहित प्रदेश के शहरों में वर्ष 2015 के पश्चात प्रश्न दिनांक तक एडवाईजरी कम्पनियों के संचालकों के विरुद्ध किन-किन थानों में कितने अपराध किन-किन कारणों से किन नियमों का उल्लंघन करने पर दर्ज किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित दर्ज किये गये अपराधों में अपराध क्रमांक, धारा, आरोपियों के नाम और प्रकरण की वर्तमान स्थिति सहित जानकारी देवें। यदि जांच लंबित है तो क्यों? जांच के दौरान कितने आरोपी फरार हैं? कितनों पर कितना इनाम घोषित किया गया है? न्यायालयों में प्रकरणों की स्थिति क्या है? कितने प्रकरणों में खात्मा पेश किया गया है? कौन-कौन से खात्मा प्रकरण कोर्ट ने किन-किन कारणों से वापस लौटाए? सभी के आदेशों की प्रतिलिपियां देवें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) संदर्भित आरोपी एडवाईजरी कम्पनियों के संचालकों के सम्बन्ध में सेबी सहित अन्य सम्बन्धित विभागों को यदि पत्र लिखे हों तो वहां से प्राप्त जवाबों की प्रितिलिपि भी देवें। एडवाईजरी कम्पनियां संचालित करने के नियम/शर्तें क्या हैं? उनकी प्रतिलिपियां भी देवें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार। (ग) सेबी तथा अन्य विभागों को लेख किये गये पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' में समाहित है। पत्र एवं प्राप्त जवाबों की प्रतिलिपि एवं एडवाईजरी कंपनियों के संचालन करने के नियम/शर्तों के संदर्भ में सेबी द्वारा थाने को भेजी गई नियमावली पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार।
भ्रष्टाचार एवं लापरवाही की जांच
[सहकारिता]
80. ( क्र. 1460 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा पत्र क्रं.JSP/NSP/8087 दिनांक 20/01/2022 को कलेक्टर नरसिंहपुर को दिया गया था। यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या सहकारी समिति मर्या. सिमरिया केन्द्र नयाखेड़ा में हो रहे भ्रष्टाचार एवं लापरवाही की जांच कराई गई? यदि हाँ, तो संपूर्ण जानकारी प्रदान करें। यदि नहीं, तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। शिकायत की जांच करवाई गई। (ख) जी हाँ। जांच प्रतिवेदन की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
आदिवासी महिला डेयरी विकास परियोजना की जांच
[पशुपालन एवं डेयरी]
81. ( क्र. 1462 ) श्री संजय उइके : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिवासी महिला डेयरी विकास परियोजना जिला बालाघाट, सिवनी, छिन्दवाड़ा, बड़वानी, धार, झाबुआ के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 228/2021-22, दिनांक 07/08/2021 में उल्लेखित बिन्दुओं की प्राथमिक जांच हेतु समिति गठित की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो समिति गठन के बाद कब–कब किन–किन जिलों की जांच की गयी? नहीं की गयी तो किन कारणों के कारण नहीं की गयी? (ग) समिति द्वारा की गई जांच प्रतिवेदन मय दस्तावेज के उपलब्ध करावें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) जांच प्रचलन में है। जांच में विलम्ब हेतु समिति सदस्यों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। (ग) जांच प्रचलन में है। अत: जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है।
नियम विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कर मकान तोड़ने की कार्यवाही
[गृह]
82. ( क्र. 1463 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में बढ़ते अपराधों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से पुलिस प्रशासन, जिला प्रशासन एवं नगरीय प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में अपराधियों के मकान/दुकान तोड़े गए हैं? यदि हाँ, तो भोपाल जिले में कुल कितने-कितने अपराधियों के मकान/दुकान किस नियम के तहत विगत 01 वर्ष में कब-कब तोड़े गए? बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि अपराधियों के स्वामित्व के मकान दुकान नहीं होने की दशा में उनके परिजनों के अवैध रूप से मकान/दुकान तोड़े गए हैं? यदि नहीं, तो जिन अपराधियों के मकान/दुकान तोड़े गए हैं उनके स्वामित्व के दस्तावेज उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि ऐसे कौन-कौन से अपराधी हैं जिनके स्वामित्व के मकान/दुकान नहीं होने के कारण तोड़े बगैर ही अमला वापिस लौट गया? (घ) पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार क्या पहले से जेल में बंद अपराधियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कर मकान तोड़े गए हैं? यदि हाँ, तो ऐसे कौन-कौन अपराधी हैं? भोपाल जिले के संदर्भ में यह अवगत करावें कि नियम विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कर मकान तोड़ने की कार्यवाही करने वालों के विरूद्ध शासन द्वारा प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या-क्या कार्यवाही की गई और यदि नहीं, तो मामले को लंबित रखने के क्या कारण है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
हमीदिया अस्पताल की जांच मशीनों की जानकारी
[चिकित्सा शिक्षा]
83. ( क्र. 1464 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गांधी मेडिकल कॉलेज अन्तर्गत हमीदिया अस्पताल में स्थापित ब्रेकीथेरेपी मशीन, कोबाल्ट मशीन और ई.जी.ई. मशीनें रख-रखाव के अभाव में बंद हैं? यदि हाँ, तो कब-कब से और उक्त मशीनों के मरम्मत हेतु विभाग द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) यदि नहीं, तो यह अवगत करावें कि जब अस्पताल की उपरोक्त जांच मशीनें खराब हैं तो गरीब रोगियों की जांच नि:शुल्क कैसे हो रही है? यदि नहीं, तो किस-किस जांच की कितनी-कितनी राशि रोगियों को व्यय करना पड़ती है?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। मात्र कोबाल्ट-60 मशीन सोर्स क्षमता समाप्त हो जाने के कारण दिनांक 30.08.2019 से बंद है। मशीन की CMC करने एवं नवीन सोर्स लोड करने हेतु सतत् प्रयास किये जा रहे हैं। (ख) ब्रेकीथेरेपी एवं ई.ई.जी. (ई.जी.ई.) मशीनों द्वारा मरीजों को समुचित उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है। केन्द्र एवं राज्य शासन द्वारा संचालित योजनाओं के अंतर्गत मरीजों को नि:शुल्क उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है।
महिलाओं के विरूद्ध घटित अपराधों की जानकारी
[गृह]
84. ( क्र. 1470 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में 2014-15 से 2021-22 तक महिलाओं के विरूद्ध घटित अपराधों की शीर्षवार जानकारी देवें तथा बतावें कि प्रत्येक शीर्ष में अनुसूचित जाति एवं जनजाति महिलाओं की संख्या, कुल आरोपियों की संख्या कितनी-कितनी है तथा प्रतिवर्ष कितने प्रतिशत वृद्धि या कमी हुई है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में महिला अपराध के शीर्ष में दर्ज कितने प्रकरणों में न्यायालय के फैसले में आरोप सिद्ध हुये तथा कितने में आरोपी बरी हुये? वर्षवार तथा शीर्षवार जानकारी देंवे। किस-किस शीर्ष में न्यायालय में सक्सेस रेट क्या है? (ग) क्या वार्षिक प्रतिवेदन 2021-22 में महिलाओं के प्रति अपराधों की शीर्षवार जानकारी की टेबल नहीं दी गई है? ऐसा क्यों किया गया है? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में कितने बालक तथा बालिका गुम हुई तथा कितने को ढूंढ लिया गया है तथा कितनों को नहीं खोजा जा सका है? उपरोक्त 07 वर्षों में कुल मिलाकर कितने बालक तथा बालिका गुम हुए तथा कितना को नहीं खोजा जा सका?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) महिलाओं के विरूद्ध घटित शीर्षवार जानकारी, अनुसूचित जाति/जनजाति महिलाओं की संख्या, आरोपियों की संख्या, प्रतिवर्ष कमी/वृद्धि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) महिला अपराध के शीर्षों में न्यायालय में सजा/बरी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' में समाहित है। (ग) मध्यप्रदेश शासन गृह विभाग एवं राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो पु.मु. भोपाल द्वारा वार्षिक प्रतिवेदन 2021-22 में वांछित जानकारी अनुसार प्रतिवेदन प्रेषित किया गया है। (घ) वर्ष 2014 के पूर्व बालक 544 बालिका 1554 लंबित थे, वर्ष 2014 से 30 जून 2022 तक गुम बालक 18470, गुम बालिका 61007 हुए है। इस प्रकार कुल बालक 19014, बालिका 62561 गुम हुए है। उक्त प्रश्नांकित अवधि में बालक 17963, बालिका 59422 को ढूंढ निकाला गया है। बालक 1051, बालिका 3139 को नहीं खोजा जा सका है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार।
अनु. जाति एवं अनु. जनजाति पर हो रहे अत्याचारों पर कार्यवाही
[गृह]
85. ( क्र. 1478 ) श्री बाला बच्चन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 25.02.2022 से 30.06.2022 तक अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों पर हुए अत्याचार के अपराधों की जानकारी, पंजीबद्ध कुल अपराधों की संख्या, गिरफ्तार आरोपी संख्या, गिरफ्तारी हेतु शेष आरोपियों की संख्या, चालान किए गए/चालान नहीं किए गए आरोपियों की संख्या सहित जिलेवार देवें। (ख) प्रश्न क्र. 4109 दिनांक 23.03.2022 में लंबित चालान नहीं किए, कितने प्रकरणों में चालान प्रस्तुत कर दिए गए हैं? कितनी लंबित गिरफ्तारियां हुई हैं की जानकारी जिलेवार पृथक-पृथक देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार जिन प्रकरणों में चालान प्रस्तुत होना व गिरफ्तारी शेष है उनमें कब तक ये कार्य पूर्ण होंगे? जिलावार बतावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का भुगतान
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
86. ( क्र. 1479 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 4106, दिनांक 23-03-2022 के (क) उत्तर में वर्णित बड़वानी जिले में जो छात्रवृत्ति लंबित दर्शाई है, उनमें कितने विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का भुगतान हो चुका है, की जानकारी विद्यार्थी नाम, कॉलेज नाम सहित देवें। (ख) प्रश्न दिनांक की स्थिति में बड़वानी जिले में कितने विद्यार्थियों की कितनी छात्रवृत्ति लंबित है? विद्यार्थी नाम, कॉलेज नाम, लंबित राशि सहित देवें। इसका भुगतान कब तक कर दिया जाएगा? (ग) दिनांक 30-06-2022 की स्थिति में प्रदेश के कितने विद्यार्थियों की कितनी छात्रवृत्ति कब से लंबित है? वर्षवार विद्यार्थी संख्या, छात्रवृत्ति राशि सहित देवें। इसका भुगतान कब तक कर दिया जाएगा? (घ) प्रथम अनुपूरक बजट 2022 में छात्रवृत्ति राशि का प्रावधान करने के लिए जो पत्राचार किया गया है, उसकी प्रमाणित प्रति देवें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) प्रश्न क्रमांक 4106, दिनांक 23/03/2022 के उत्तर में वर्णित बड़वानी जिले में कुल 792 विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति लंबित थी, उनमें से 652 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का भुगतान हो चुका है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) प्रश्न दिनांक तक 531 विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति राशि रू 1, 31, 32, 852/- का भुगतान लंबित है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। छात्रवृत्ति की राशि का भुगतान कार्य प्रचलन में है। (ग) वर्ष 2020-21 में 14, 323 विद्यार्थी एवं वर्ष 2021-22 में 1, 10, 015 विद्यार्थी, इस प्रकार कुल 1, 24, 338 विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति लंबित है, जिसका वितरण कार्य सतत है। (घ) वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रथम अनुपूरक बजट में छात्रवृत्ति राशि की मांग नहीं की गई है।
सहायक आयुक्त को निलंबित कर राशि की वसूली
[जनजातीय कार्य]
87. ( क्र. 1482 ) श्री सुनील सराफ : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्न क्र. 2328 दि. 14-03-2022 के (क) उत्तर अनुसार दिनांक 10-01-2022 को कमिश्नर, शहडोल संभाग, शहडोल एवं आयुक्त जनजातीय कार्य को जो पत्र लिखा गया था उस पर प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही से अवगत करावें। (ख) क्या कारण है कि 2 करोड़ 86 लाख 80 हजार 196 रू. की राशि सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य जिला अनूपपुर पर अधिरोपित होने के बावजूद जांच को लंबित किया जा रहा है? ऐसा करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अधिकारी को कब तक निलंबित किया जाकर इनसे राशि वसूल की जाएगी एवं एफ.आई.आर. कराई जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) एवं (ख) प्रकरण परीक्षणाधीन है। (ग) प्रकरण परीक्षणाधीन होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्टे वेकेट कराने की कार्यवाही
[गृह]
88. ( क्र. 1483 ) श्री सुनील सराफ : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 2329 दिनांक 14-03-2022 के परिशिष्ट (अ) में बिन्दु क्र. 05 में जिस अपराध क्रमांक 393/19 में राजकुमार शुक्ला को मा. उच्च न्यायालय जबलपुर से स्टे प्राप्त हुए लगभग 03 वर्ष हो गए। क्या विभाग द्वारा स्टे वेकेट कराने की कोई कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो इन्हें संरक्षण देने का कारण बतावें। (ख) कब तक स्टे वेकेट कराकर संबंधित की गिरफ्तारी की जाएगी? स्टे वेकेट न कराकर संरक्षण देने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (ग) राजकुमार शुक्ला के संबंध में ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा जो रिपोर्ट एस.पी. अनूपपुर/थाना भालूमाड़ा जिला अनूपपुर को सौंपी गई है, उसकी प्रमाणित प्रति देवें। यह कब प्रदान की गई? क्या कारण है कि इस रिपोर्ट पर कार्यवाही न कर इसे लंबित रखा गया है? इस पर कब तक कार्यवाही होगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला अनुपपुर के थाना भालूमाड़ा के अप.क्र. 393/19 धारा 409, 120 बी के आरोपी राजकुमार शुक्ला ने माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका क्रमांक-डब्ल्यू.पी. 21071/2019 दायर की थी जिसमें माननीय उच्च न्यायालय ने ''no coercive action be taken against the petitioner'' का आदेश दिनांक 04.10.2019 को दिया था। उक्त याचिका में जिला पुलिस अनूपपुर ने पक्षकार बनने के लिये आवेदन पत्र दाखिल किया है। आरोपी को संरक्षण नहीं दिया गया। (ख) उपरोक्त प्रश्नांश ''क'' अनुसार माननीय न्यायालय में शासन की ओर से समुचित कार्यवाही की गई है। चूंकि संरक्षण नहीं दिया गया है, अतः कार्यवाही नहीं की गई। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित ई.ओ.डब्ल्यू. की रिपोर्ट की प्रति 25.02.2020 को थाना भालूमाड़ा को प्रदान की गई है जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। ई.ओ.डब्ल्यू. की रिपोर्ट विवेचना में शुमार की गई है। प्रश्नांश ''क'' अनुसार माननीय न्यायालय से दिशा-निर्देश प्राप्त होने के उपरांत विवेचना में ई.ओ.डब्ल्यू. की रिपोर्ट पर आगामी कार्यवाही की जावेगी।
गृह निर्माण संस्थाओं द्वारा भू-खण्ड प्रदाय कराया जाना
[सहकारिता]
89. ( क्र. 1486 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 4113 दिनांक 23.03.2022 के (क) उत्तर में वर्णित (1) शेषशाही गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्या. नागदा (2) मंगलम गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्या. नागदा (3) बी.सी. आई. स्टॉफ गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्या. नागदा (4) बैरवा गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्या. नागदा जिला उज्जैन के पास कितनी भू-खण्ड रकबा है? पृथक-पृथक बतावें। (ख) उपरोक्तानुसार भू-खण्ड स्थान नाम, भू-खण्ड क्रय दिनांक सहित देवें। (ग) क्या कारण है कि इन संस्थाओं ने किसी भी सदस्य को न तो भू-खण्ड दिए और न ही जमा राशि वापस की? प्रत्येक संस्था के संदर्भ में कारण सहित देवें। मंगलम गृह निर्माण संस्था मर्या. नागदा में आवास संघ से कितना ऋण लिया एवं वर्तमान में कितना ऋण इस संस्था पर बकाया है की जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार भू-खण्ड न देने एवं राशि वापस नहीं करने वाले संस्था के अध्यक्ष एवं पदाधिकारियों पर कब तक एफ.आई.आर. कराई जाएगी? यदि नहीं, तो इन्हें संरक्षण देने वाले संबंधित विभागीय अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? इन संस्थाओं के सदस्यों को कब तक भू-खण्ड प्रदान कर दिए जाएंगे?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) संस्थावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। मंगलम गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित नागदा के 25 सदस्यों को आवास संघ द्वारा राशि रू. 23, 15, 000/- ऋण दिया गया था, जिसकी संपूर्ण अदायगी आवास संघ को की जा चुकी है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है।
चिकित्सालयों को बिना ई.टी.पी. एवं एस.टी.पी. प्लांट के संचालन की अनुमति
[चिकित्सा शिक्षा]
90. ( क्र. 1490 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के कौन-कौन से निजी एवं शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के साथ संलग्न चिकित्सालयों में ई.टी.पी. तथा एस.टी.पी. प्लांट हैं तथा किन-किन में नहीं है? उनके नाम पता सहित बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उपरोक्त चिकित्सालयों ने कब-कब म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से चिकित्सालय संचालन हेतु अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त किये? उनकी अनापत्ति प्रमाण-पत्र व दिनांक सहित अलग-अलग जानकारी दें। (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में किन-किन चिकित्सालयों में बिना ई.टी.पी. तथा एस.टी.पी. प्लांट के म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा अनापत्ति प्रदान की गई? अनापत्ति जारी करने वाले अधिकारी का नाम एवं पद सहित बतायें। (घ) क्या म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनापत्ति के बिना तथा ई.टी.पी. तथा एस.टी.पी. प्लांट के बिना किन-किन अधिकारियों द्वारा चिकित्सालय संचालन की अनुमति प्रदान की गई है? उन अधिकारियों के नाम एवं पद सहित विवरण दें। क्या उपरोक्त नियम विरूद्ध अनुमति दिये जाने वालों के विरूद्ध जांच कराकर कार्यवाही कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध चिकित्सालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार। निजी चिकित्सालयों से संबंधित जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार। निजी चिकित्सा महाविद्यालयों से संबंधित जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं '2' अनुसार। (घ) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
घुमक्कड़ व अर्द्धघुमक्कड़ जाति वर्ग को सुविधाओं का प्रदाय
[विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण]
91. ( क्र. 1493 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन आदिम जाति कल्याण विभाग के ज्ञापन क्र.16209/XXV/GEN/IK/63, दिनांक 21 सितम्बर 1963 द्वारा प्रदेश में 30 घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ (नोमेडिक एवं सेमी-नोमेडिक) एवं 21 विमुक्त जनजाति डिनोटीफाइड ट्राइब्स की सूची का दिनांक 28 जून 2013 में प्रकाशन किया जाकर इन जातियों को जनजाति वर्ग के समान सुविधाएं दी गयी थीं? यदि हाँ, तो दिनांक 21 सितम्बर 1963 के ज्ञापन की प्रति संलग्न करें। (ख) क्या उक्त ज्ञापन के अनुसार राज्य सरकार को उक्त जातियों को जनजाति वर्ग के समान सुविधाएं देने के अधिकार हैं? यदि हाँ तो भारत सरकार/राज्य सरकार के किन आदेश/नियम के तहत? यदि राज्य सरकार को यह अधिकार नहीं है तो किस आधार पर उक्त सुविधाएं उक्त जातियों को दी जा रही हैं? (ग) क्या घुमक्कड़ विभाग का गठन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा किया गया? यदि हाँ, तो किस कानून/आदेश/नियम के तहत किया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार विभाग द्वारा उक्त जातियों के कल्याण/विकास पर अब तक कितनी राशि व्यय की गई है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश 'क' के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (घ) विगत 2 वर्षों में वित्तीय वर्ष 2020-21 में राशि रूपये 19.34 करोड़ व वित्तीय वर्ष 2021-22 में राशि रूपये 17.58 करोड़ व्यय की गई है।
चिकित्सालयों एवं मेडिकल कॉलेजों में स्वास्थ्य सुविधाएं
[चिकित्सा शिक्षा]
92. ( क्र. 1498 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के कितने चिकित्सालय एवं मेडिकल कॉलेज हैं? उनके नाम, पते, चिकित्सालय एवं कॉलेज में स्वीकृत, पदस्थ एवं रिक्त पदों का पृथक-पृथक गौशवारा साहित विवरण बतायें। रिक्त पदों को भरने हेतु विभाग ने वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की? (ख) उपरोक्त के संबंध में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक विभागवार क्या-क्या चिकित्सा सुविधायें वर्तमान में चालू हैं? चिकित्सालयवार एवं कॉलेजवार विभाग का नाम, उपकरणों के नाम, कितने चालू एवं कितने कब से बंद हैं? कब-कब उपकरणों का पंजीयन कराया गया? कितने वर्तमान में पंजीकृत हैं? कितने किस कारण से अपंजीकृत हैं? कौन-कौन से उपकरणों का कार्य आउटसोर्स के माध्यम से किस फर्म/एजेन्सी को किस दर पर दिया गया सहित संपूर्ण जानकारी दें। (ग) क्या कोविड-19 के बाद प्रदेश के चिकित्सालयों एवं मेडिकल कॉलेजों में स्वास्थ्य सुविधाओं में वृद्धि हुई है? यदि हाँ, तो कब, क्या और कितनी लागत से कहाँ-कहाँ पर? वर्तमान अद्यतन स्थिति क्या है? (घ) उपरोक्त अवधि में कॉलेजों से उत्तीर्ण चिकित्सकों को अनुबंधित किया जाता है? यदि हाँ, तो वर्षवार कितने चिकित्सकों को किन-किन नियमों एवं आदेशों के तहत अनुबंधित किया गया है? वर्षवार पृथक-पृथक बतायें। उनकी अद्यतन स्थिति क्या है? अनुबंध नियमों एवं आदेशों का उल्लंघन करने पर किस पर क्या कार्यवाही की गई?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं '2' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 एवं '4' अनुसार। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनुसूचित जाति वर्ग के उत्थान हेतु शासन की योजनाएं
[अनुसूचित जाति कल्याण]
93. ( क्र. 1501 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा ग्रामों एवं बस्तियों में सड़क, पुल, छात्रावास, स्कूल भवन, हैण्डपम्प एवं अनुसूचित जाति वर्ग के उत्थान हेतु कौन-कौन सी शासन की योजनाएं संचालित हैं? सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला सिंगरौली में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा वर्ष 2018 से प्रश्नांश दिनांक तक में कितनी राशि उपलब्ध कराई गई? वर्षवार जानकारी बतावें। उक्त बजट में कौन-कौन से कार्य कराये गये हैं? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार अनुसूचित जाति कल्याण संबंधी प्राप्त राशि द्वारा कराये जा रहे कार्यों की वर्तमान भौतिक स्थिति क्या है? कार्य गुणवत्ता विहिन हैं तो जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार राशि आने के कितने दिनों बाद कार्य प्रारंभ कराये जाते हैं? समय पर कार्य न कराने वाले दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के ऊपर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। गुणवत्ता विहीन कार्यों की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) राशि/आवंटन प्राप्त होने पर प्रभारी मंत्री जी के अनुमोदन उपरांत राशि कार्य एजेन्सी को जारी की जाकर कार्य प्रारंभ कराये जाते हैं, शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
दिव्यांग व्यक्तियों हेतु शासन की योजनाएं
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
94. ( क्र. 1502 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंगरौली जिले में दिव्यांग श्रेणी के व्यक्ति निवासरत हैं? अगर हाँ तो पृथक-पृथक सूची उपलब्ध करावें। यह भी बतावें कि ऐसे दिव्यांग व्यक्तियों हेतु शासन की कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में ऐसे दिव्यांग श्रेणी के व्यक्तियों को रोजगार के क्या प्रावधान रखे गये हैं? स्थानीय स्तर पर कितने दिव्यांग व्यक्तियों को शासकीय एवं निजी कंपनियों/ओ.बी. कंपनी में नौकरी/रोजगार उपलब्ध कराये गये की पृथक-पृथक सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार अगर रोजगार उपलब्ध नहीं कराये गये हैं तो कब तक उन्हें आत्मनिर्भर बनाने हेतु रोजगार उपलब्ध करा दिये जायेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार रोज़गार उपलब्ध कराये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति का भुगतान
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
95. ( क्र. 1504 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में ओ.बी.सी. वर्ग के पात्र छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक लंबित है? यदि हाँ, तो किन कारणों से कितने छात्रों की कुल कितनी छात्रवृत्ति लंबित है? वर्षवार व कोर्सवार जानकारी देवें। (ख) इन छात्रों की छात्रवृत्ति कब तक दी जावेगी?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) मध्यप्रदेश में पिछड़ा वर्ग के पात्र छात्र-छात्राओं की लंबित छात्रवृत्ति वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' एवं ''दो'' अनुसार है। (ख) विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति भुगतान अभिलेखों के परीक्षण उपरांत पात्रता अनुसार सतत् रूप से किया जा रहा है।
मोबाइल की सी.डी.आर. निकालने के संबंध में
[गृह]
96. ( क्र. 1505 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में कितने लोगों के मोबाइल की सी.डी.आर. (काल डिटेल रिकार्ड) निकाली गई है? (ख) क्या पुलिस द्वारा किसी व्यक्ति के मोबाइल की सी.डी.आर. (काल डिटेल रिकार्ड) निकालने से पहले किसी प्राधिकृत अधिकारी से अनुमति ली जाती है? यदि हाँ, तो इसके लिए किस अधिकारी की अनुमति ली जाना आवश्यक है? (ग) क्या किसी व्यक्ति के मोबाइल की सी.डी.आर. (काल डिटेल रिकार्ड) निकालने से पहले उसके खिलाफ एफ.आई.आर. होना आवश्यक है? यदि हाँ, तो क्या प्रदेश में पुलिस द्वारा इसका पालन किया जाता है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भू-खण्ड आवंटन किये जाने के नियम
[सहकारिता]
97. ( क्र. 1508 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गृह निर्माण सहकारी समिति में पति एवं पत्नी दोनों को सदस्य बनाकर भू-खण्ड आवंटित किये जाने के क्या नियम हैं? (ख) यदि नियम/प्रावधान नहीं हैं तो क्या दानिश गृह निर्माण सहकारी समिति भोपाल में श्री लोकेन्द्र सिंह सेंगर एवं उनकी पत्नी श्रीमती अनुश्री को सदस्य बनाकर भू-खण्ड आवंटित किये गये हैं? यदि हाँ, तो इन दोनों सदस्यों के सदस्यता आवेदन, शपथ-पत्र, सदस्यता दिनांक, सदस्यता अंशपूंजी किस माध्यम से कितनी जमा हुई एवं भू-खण्ड की रजिस्ट्री की प्रति दी जाये। (ग) क्या सहकारिता विभाग के अंतर्गत जन औषधि संघ की उपाध्यक्ष अनुश्री सिंह उपाध्यक्ष थीं? यदि हाँ, तो कब से कब तक? किस प्राथमिकता उपभोक्ता भण्डार से प्रतिनिधि थीं तथा उन्होंने क्या पता दिया था? कब सदस्य बनी थीं? अपनी वैवाहिक स्थिति के बारे में क्या उल्लेख किया था? उनका सदस्यता आवेदन/सदस्यता का निर्णय, प्राथमिक उपभोक्ता से औषधि संघ के लिये प्रतिनिधि निर्वाचन के दस्तावेज उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) से क्या स्पष्ट है कि उनके द्वारा धोखाधड़ी का कृत्य किया गया है? दोनों संस्थाओं में क्या उनके विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दायर कराया जायेगा एवं सहकारी विधान के अनुरूप कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जन औषधि सहकारी संघ को शासकीय अंशपूंजी का प्रदाय
[सहकारिता]
98. ( क्र. 1511 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जन औषधि सहकारी संघ को कितनी शासकीय अंशपूंजी कब दी गई? अंशपूंजी देने के लिये गठित कमेटी में कौन-कौन सदस्य थे? उनकी बैठक कब हुई? कार्यवाही विवरण की प्रति दें। (ख) क्या विपणन कक्ष द्वारा इस संस्था को अंशपूंजी देने की अनुशंसा की थी? अंशपूंजी देते समय इस संस्था के विरूद्ध कितनी शिकायतें जांच हेतु लंबित थीं? विपणन कक्ष की अनुशंसा के बिना तथा शिकायतें लंबित होने के बाद अंशपूंजी स्वीकृत करने के लिये कौन-कौन उत्तरदायी है? (ग) क्या अंशपूंजी स्वीकृति देने हेतु गठित कमेटी में संयुक्त आयुक्त भी उपस्थित थे? उनकी बहू/पुत्रवधु इस संघ की उपाध्यक्ष थीं? (घ) यदि हाँ, तो विभाग के अधिकारी को गठित कमेटी में किस आधार पर रखा गया था?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नागरिकता के प्रकरणों का निराकरण
[गृह]
99. ( क्र. 1515 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गृह (पार-पत्र) विभाग द्वारा जिलाधिकारियों को अपने पत्र क्रमांक 1507/827/2019/ए-1/दो, दिनांक 09.10.2019 के माध्यम से भारतीय नागरिकता के प्रकरणों को ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से शासन स्तर पर भेजने हेतु भारत सरकार, गृह मंत्रालय विदेशी प्रभाग, नई दिल्ली के पत्र क्रमांक 26030/266/2014 - आईसी- II (Vol.II) दिनांक 16.09.2019 की प्रति भेजी गई थी? (ख) क्या अपर मुख्य सचिव, गृह विभाग के कक्ष में दिनांक 29.10.2021 को इस संबंध में वीडियो कान्फ्रेंस भी आयोजित की गई थी, जिसमें जिलाध्यक्षों को नागरिकता के प्रकरण यथाशीघ्र निपटाने के निर्देश जिलाध्यक्षों को दिये गये थे? (ग) यदि हाँ, तो 29.10.2021 से अब तक नागरिकता के कितने प्रकरण शासन स्तर पर निपटाये गये? जिलेवार निपटाये गये प्रकरणों की संख्या दें। (घ) क्या गृह (पार-पत्र) विभाग द्वारा अपने पत्र क्रमांक 135/827/2019/ए- 12 दो, दिनांक 20-05-2022 द्वारा कलेक्टर्स को निर्देशित किया गया कि लंबित प्रकरणों का निराकरण करने हेतु जिलों में विशेष शिविर आयोजित कर नागरिकता आवेदनों को आई.व्ही.एफ.आर.टी. के माध्यम से ऑनलाईन शासन स्तर पर भिजवाना सुनिश्चित करें। (ड.) यदि हाँ, तो किस-किस जिले ने कब-कब विशेष शिविर आयोजित किये और आई.व्ही.एफ.आर.टी. के माध्यम से कितने-कितने ऑनलाईन आवेदन शासन को भिजवाये और उनमें से कितने आवेदकों को शासन से भारतीय नागरिकता प्रदान की गई? जिलेवार आवेदकों के नाम सहित बतायें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। 07 प्रकरण निराकृत किये गये। जिला रीवा के 06 एवं जिला मंदसौर का 01 प्रकरण। (घ) जी हाँ। (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है। 08 ऑनलाइन आवेदन दिनांक 29.10.2021 के उपरांत प्राप्त हुए है, जो प्रक्रियाधीन हैं। जिला रतलाम - 1. श्रीमती आवा श्राफ पत्नी श्री अरशद कान्ट्रेक्टर, जिला देवास - 1. श्री संतोष पुत्र श्री आनंदमल, 2. श्री हरीश पुत्र श्री आनंदमल, 3. श्री सुरेश कुमार पुत्र श्री आनंदमल, 4. श्रीमती पुष्पा बाई पत्नी श्री जयपालदास, 5. श्री पपरेश पुत्र श्री गूल्लूमल, 6. श्री लख्खूमल पुत्र श्री गूल्लूमल, 7. श्रीमती माया बाई पत्नी श्री गूल्लूमल.
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
छपारा
में सिविल
न्यायालय
खोला जाना
[विधि एवं विधायी कार्य]
1. ( क्र. 32 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले के विकासखण्ड छपारा के क्षेत्रीयजनों की समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुए सिविल न्यायालय खोले जाने हेतु पत्र क्रमांक 653/नि.स. सिवनी दिनांक 27.9.2021 को विधि एवं विधायी कार्य विभाग को प्रेषित किया गया था? यदि हाँ, तो तहसील छपारा में सिविल न्यायालय खोलने की क्या कार्यवाही की गई? कब तक खोलने की स्वीकृति प्रदान की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में शासन/विभाग क्षेत्रीयजनों की समस्या के निराकरण किये जाने हेतु कोई कारगर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो सिविल न्यायालय खोले जाने हेतु शासन कब तक आदेशित करेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। तहसील मुख्यालय छपारा, जिला सिवनी में व्यवहार न्यायालय कनिष्ठ खण्ड की स्थापना संबंधी मांग माननीय उच्च न्यायालय द्वारा विचारोपरांत अस्वीकार कर दी गई है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के आलोक में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गौसेवकों का पंजीयन
[पशुपालन एवं डेयरी]
2. ( क्र. 33 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में गौशालाओं में 10वीं पास गौसेवकों को 6 माह का प्रशिक्षण देकर स्वतंत्र रूप से पशु चिकित्सा/कृत्रिम गर्भाधान करने हेतु पंजीकृत किया गया है? (ख) क्या प्रदेश में लगभग 3500 डिप्लोमाधारी हैं जिन्होंने वेटनरी विश्वविद्यालय से दो वर्ष अध्ययन कर डिप्लोमा प्राप्त किया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत क्या पशुओं की समुचित चिकित्सा हेतु गौसेवकों की तुलना में डिप्लोमाधारक अधिक योग्य है? (घ) यदि हाँ, तो डिप्लोमाधारकों का पंजीयन क्यों नहीं किया गया है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। प्रदेश में लगभग 2328 डिप्लोमाधारी है। (ग) जी हाँ। (घ) भारतीय पशु चिकित्सा परिषद, अधिनियम 1984 (1984 का सं 52) अनुसार डिप्लोमाधारक राज्य पशु चिकित्सा परिषद में पंजीयन हेतु पात्र नहीं है।
सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी के पदों पर पदस्थी
[पशुपालन एवं डेयरी]
3. ( क्र. 34 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दो वर्षीय पशुपालन डिप्लोमा करने वाले डिप्लोमाधारकों को केवल शासकीय औषधालयों में सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी के एक मात्र पद पर कार्य करने हेतु अधिकृत हैं एवं स्वतंत्र रूप से पशु चिकित्सा करने हेतु अधिकृत नहीं हैं? (ख) क्या गत वर्षों में सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी के पदों पर राज्य शासन द्वारा वेटनरी असिस्टेंट सर्जन (बी.व्ही.एस.सी.) को नियुक्तियां दी गई हैं? (ग) यदि हाँ, तो क्या डिप्लोमाधारकों के साथ अन्याय नहीं है? क्या शासन इस विसंगति पर विचार कर डिप्लोमाधारकों के हित में निर्णय करेगा? (घ) क्या प्रदेश में वेटनरी असिस्टेंट सर्जन को शासकीय पशु चिकित्सा औषधालयों में स्वतंत्र रूप से चिकित्सीय सेवा करने एवं प्राईवेट सेक्टर में काम करने के अवसर प्राप्त हैं? यदि हाँ, तो उन्हें डिप्लोमाधारकों के पदों पर क्यों नियुक्त किया गया हैं?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) भारतीय पशु चिकित्सा परिषद अधिनियम 1984 की धारा 30 के अनुसार कोई भी डिप्लोमाधारी पंजीकृत पशु चिकित्सक के अधीन परिवेक्षण में लघु पशुचिकित्सा कार्य कर सकता है। (ख) सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी के पद पर बी.व्ही.एस.सी. एंड ए.एच. एवं इसके ऊपर के डिग्रीधारी को नियुक्ति दी गई है। (ग) जी नहीं। नियुक्तियां नियमानुसार दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वेटनरी असिस्टेंट सर्जन (पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ) विभाग के पशु चिकित्सक का पदनाम है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चीन और यूक्रेन गए विद्यार्थियों को राज्य में ही शिक्षण देना
[चिकित्सा शिक्षा]
4. ( क्र. 38 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश से प्रतिवर्ष हजारों बच्चे चिकित्सा शिक्षा हेतु विदेश जाते हैं? यदि हाँ, तो कोरोना एवं रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से प्रदेश के हजारों बच्चे पढ़ाई हेतु चीन और यूक्रेन नहीं लौट पा रहे हैं? यदि हाँ, तो इन बच्चों को प्रदेश में ही पढ़ाई जारी रखने हेतु क्या प्रयास किए जा रहे हैं? (ख) मध्यप्रदेश के कुल कितने विद्यार्थी चीन और यूक्रेन पढ़ने हेतु गए थे? चीन और यूक्रेन के चिकित्सा विद्यार्थियों हेतु नेशनल मेडिकल कमीशन से अभी तक क्या पत्राचार किया गया? वहाँ से क्या निर्देश प्राप्त हुए हैं? प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या नेशनल मेडिकल कमीशन द्वारा इस संबंध में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं किन्तु राज्य सरकारों से सहमति नहीं मिलने पर निर्देश जारी नहीं हो पा रहे हैं? चीन और यूक्रेन के विद्यार्थियों को मध्यप्रदेश के चिकित्सा महाविद्यालय में पढ़ाई जारी रखने हेतु सहमति कब तक प्रदान कर दी जावेगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। ऐसे छात्रों की पढ़ाई जारी रखने हेतु नेशनल मेडिकल कमीशन से मार्गदर्शन चाहा गया है। भारत शासन द्वारा निर्णय लिये जाने उपरांत राज्य स्तर पर कार्यवाही की जायेगी। (ख) चिकित्सा शिक्षा हेतु विदेश जाने वाले विद्यार्थी स्वयं के स्तर से शिक्षा हेतु जाते हैं, जिसकी सूचना छात्रों द्वारा शासन को नहीं दी जाती है। नेशनल मेडिकल कमीशन से किया गया पत्राचार की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। नेशनल मेडिकल कमीशन, नई दिल्ली द्वारा राज्य सरकार से सहमति संबंधी कोई पत्राचार नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पीड़ित दलितों को आर्थिक सहायता
[अनुसूचित जाति कल्याण]
5. ( क्र. 51 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में एस.सी./एस.टी. के दलित उत्पीड़न के आपराधिक कितने-कितने मामले किन-किन धाराओं के तहत पंजीकृत किये गये हैं? वर्ष 2019-20 से 2022-23 तक की माहवार व जिलावार जानकारी देवें। (ख) कितने प्रकरणों में कितने पीड़ितों को कितनी राशि की आर्थिक सहायता दी गई। कितने प्रकरण अस्वीकृत किये गये। कितने प्रकरण लम्बित/विवेचना में हैं? कितने प्रकरणों में चालान प्रस्तुत किया गया? जिलावार जानकारी दें। (ग) न्यायालयों में निर्णीत कितने प्रकरणों में कितने अपराधियों को सजा सुनाई गई। कितने प्रकरणों में कितने अपराधियों को फांसी की सजा सुनाई गई। कितने प्रकरण लम्बित हैं? (घ) अपहरण व गुमशुदा (लापता) होने के कितने प्रकरणों में कितनी महिलाओं, बालिकाओं व बच्चों का पता लगाकर उन्हें घर पहुंचाया गया। कितने लापता हैं? कितने प्रकरणों को बंद किया गया है? दलितों पर अपराध के मामलों में देश में प्रदेश किस स्थान पर हैं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बाल अपराध में प्रदेश की स्थिति
[गृह]
6. ( क्र. 53 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग में मासूम व अबोध बच्चों/किशोरियों, नाबालिग बालिकाओं, छात्राओं का अपहरण, अपहरण व हत्या, हत्या, आत्महत्या, गुमशुदा (लापता) होने, दुष्कृत्य, अपहरण व दुष्कृत्य, दुष्कृत्य व हत्या, सामूहिक दुष्कृत्य, यौन शोषण, मानव तस्करी, ब्लैक मेलिंग व छेड़छाड़ से सम्बंधित पंजीकृत कितने-कितने मामलों में कितने-कितने आरोपियों को गिरफ्तार किया गया? कितने आरोपी फरार हैं? कितने आरोपियों को जेल भेजा गया? वर्ष 2018-19 से 2022-23 तक की माहवार जिलावार जानकारी देवें। नोट - जिला जबलपुर की थानावार व माहवार पृथक से जानकारी दें। (ख) प्रश्नांकित पंजीकृत कितने मामलों में आरोप सिद्ध हुये हैं? कितने मामलों में चालान प्रस्तुत किया गया एवं कितने विवेचना में हैं? कितने मामलों में सजा सुनाई गई व 302 पाक्सो एक्ट व भा.दं.सं. की धारा 376 के तहत पंजीकृत कितने प्रकरणों में कितने आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई? (ग) अपहरण व गुमशुदा कितने बच्चों/किशोरियों को बरामद कर उन्हें सकुशल घर पहुंचाया गया? कितने लापता हैं? बाल अपराधों के मामलों में देश में प्रदेश का स्थान किस नम्बर पर हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
7. ( क्र. 67 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में कितनी कन्याओं के सामूहिक विवाह सम्पन्न कराये गये एवं इस पर कितनी राशि व्यय हुई? वर्ष 2019-20 से 2022-23 तक की जनपद पंचायतवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में कितनी कन्याओं, विधवा व तलाकशुदा महिलाओं के विवाह व निकाह सम्पन्न कराये गये? सामग्री की खरीदी व आयोजन पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई तथा कितनी राशि की आर्थिक सहायता दी गई? इसका सत्यापन किसने किया? जनपद पंचायतवार सूची दें। (ग) कोरोना काल में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कितनी-कितनी कन्याओं के सामूहिक विवाह सम्पन्न कराये गये? इस सम्बंध में शासन व जिला प्रशासन के क्या निर्देश थे? किन-किन जनपद पंचायतों में कब कहां-कहां पर आयोजित सामूहिक विवाह में कितनी-कितनी कन्याओं के विवाह सम्पन्न कराये गये? इसमें किन-किन अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया? इनके आयोजन पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? क्या शासन इसमें वित्तीय अनियमितता, राशि का दुरूपयोग व भ्रष्टाचार की जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजनान्तर्गत वर्ष 2019-20 से 2022-23 तक कुल 1136 सामूहिक विवाह/निकाह सम्पन्न कराये गये। जिस पर कुल राशि रुपये 5,79,36,000/- व्यय की गई। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजनान्तर्गत कन्या-1121, विधवा-02 एवं तलाकशुदा-02 महिलाओं के विवाह एवं 11 निकाह सम्पन्न कराये गये। वर्ष 2019-20 से अप्रैल 2022 तक योजनान्तर्गत सामग्री प्रदाय किये जाने का कोई प्रावधान नहीं था अत: योजनान्तर्गत कुल 1136 कन्याओं को प्रति कन्या 48,000/- के मान से कुल राशि रूपये 5,45,28,000/- हितग्राहियों के खाते में एवं आयोजनकर्ता को प्रति जोड़े राशि रूपये 3000/- के मान से कुल राशि 34,08,000/- इस प्रकार कुल राशि रुपये 5,79,36,000/- का भुगतान किया गया, जिसका सत्यापन संबंधित निकाय प्रमुखों द्वारा किया गया। जनपद पंचायतवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग) मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजनांतर्गत कोविड-19 के दौरान विभाग से विवाह आयोजन संबंधी कैलेंडर जारी नहीं होने से शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कोई भी विवाह/निकाह कार्यक्रम आयोजित नहीं काराये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
यूरिया खाद का प्रदाय
[सहकारिता]
8. ( क्र. 100 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में कितना यूरिया खाद सहकारिता समिति को प्रदाय किया गया? (ख) पर्याप्त मात्रा में खाद आपूर्ति नहीं होने से किसानों में खाद की कालाबाजारी रोकने हेतु शासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? समय पर खाद किसानों को उपलब्ध नहीं कराये जाने के क्या कारण है? इसमें कौन अधिकारी दोषी हैं? (ग) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र में किन-किन सहकारी समितियों को कितना-कितना खाद उपलब्ध कराया गया? सोसायटीवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) सहकारी समिति द्वारा खाद कितने किसानों को उपलब्ध करवाया गया? संस्थावार कृषक संख्या उपलब्ध करायें?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र की प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं को पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध रही है, कालाबाजारी के संबंध में कार्यालय उप आयुक्त सहकारिता जिला खरगोन, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक खरगोन एवं जिला विपणन अधिकारी खरगोन को कोई शिकायत नहीं प्राप्त हुई तथा किसानों को उनकी मांग अनुसार खाद उपलब्ध कराया गया है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
बैंकों की योजनाओं अंतर्गत ऋण स्वीकृति
[सहकारिता]
9. ( क्र. 101 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित खरगोन द्वारा वर्ष 2018-19, 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 तक उद्यानिकी प्रकरणों, शासन एवं बैंक की समस्त योजनाओं के अंतर्गत कितनी-कितनी राशि के कितने ऋण स्वीकृत किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित उक्त ऋण स्वीकृति के दौरान उप समितियों की बैठकों का क्या कोरम पूर्ण था एवं सभी कार्यवाही विवरणों के अंत में अध्यक्ष के हस्ताक्षर प्राप्त किये गये? यदि हाँ, तो कार्यवाही विवरण की प्रतियॉं उपलब्ध कराई जायें। नहीं तो संबंधित पर उत्तरदायित्व निर्धारित कर, क्या कार्यवाही की जायेगी? नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) में ऋण स्वीकृति के समय ऋण प्रकरणों में क्या अधीनस्थ अधिकारियों की विपरीत टीप दी गई थी? क्या बंधक की जाने वाली भूमियां अन्य संस्थाओं में बंधक थी? क्या दस्तावेज अपूर्ण थे? (घ) उपरोक्त प्रकरणों में से कितने प्रकरण कालातीत हुए तथा इसके लिये कौन उत्तरदायी है और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। कार्यवाही विवरण की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। जी नहीं। जी नहीं। (घ) चार प्रकरणों में ऋणी द्वारा ऋण की किश्तें जमा नहीं किये जाने से कालातीत है जिसके लिये हितग्राही उत्तरदायी है जिनके विरूद्ध सहकारी अधिनियम के अंतर्गत वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।
गोशालाओं का निर्माण
[पशुपालन एवं डेयरी]
10. ( क्र. 116 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सच है कि पिछले साल ब्यावरा में जयपुर जबलपुर हाईवे तथा अन्य सड़कों पर बड़ी संख्या में निकलने वाले आवारा पशुओं की सड़क दुर्घटना में मौत के बाद ब्यावरा में ओपन गोशाला बनाने के लिए जिला कलेक्टर और जिला पंचायत सी.ई.ओ. को आदेशित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या उपरोक्त गोशाला बनाई गई? यदि हाँ, तो कहां स्थान बतावें। (ग) यदि नहीं, तो इसके लिए कौन-कौन से अधिकारी दोषी हैं तथा उन पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) क्या वर्तमान में नगर में व सड़कों पर भारी संख्या में गोमाता भटक रही है? यदि हाँ, तो शासन कब तक इनकी कोई बेहतर प्रबंधन या वैकल्पिक व्यवस्था करेगी या नहीं जिससे आम नागरिकों व गोमाताओं को बचाया जा सके।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) किसी कंपनी द्वारा उक्त गौशालाओं के निर्माण एवं संचालन में रूचि नहीं लेने के कारण स्मार्ट गौशालाऐं नहीं खोली जा सकीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। जिला राजगढ़ में मुख्यमंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत 133 गौशालाओं में से 68 गौशालाऐं संचालित की जा रही हैं, जिनमें निराश्रित गौवंश को रखा जा रहा है एवं शेष 65 गौशालाऐं जो कि निर्माणाधीन है उनके पूर्ण होने पर उनमें भी गौवंश रखा जाएगा। अशासकीय स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा संचालित 29 गौशालाओं में भी गौवंश रखा जा रहा है।
व्यक्तिगत वन अधिकार के दावे
[जनजातीय कार्य]
11. ( क्र. 129 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बैतूल जिले में जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 के तहत दिसम्बर 2021 तक कितने राजस्व ग्रामों के पटवारी मानचित्र, निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में दर्ज कितने ग्रामों की कितनी भूमियों के कितने दावें मान्य किए कितने दावें किन-किन कारणों से अमान्य किए, आदिवासी एवं गैर आदिवासी की पृथक पृथक जानकारी देवें? (ख) मान्य एवं अमान्य किए गए दावों में से कितने ग्रामों की कितनी भूमि के दावें भा.व.अ. 1927 की धारा 4 के तहत अधिसूचित वर्किंग प्लान में शामिल की गई भूमियों के है, कितने मान्य एवं अमान्य दावें धारा 20 में अधिसूचित आरक्षित वन भूमियों के है वनग्रामों की जानकारी पृथक से देवें? (ग) भा.व.अ. 1927 की धारा 27 एवं धारा 34 अ में डीनोटीफाईड की गई भूमियों एवं माननीय सर्वोच्च अदालत द्वारा याचिका क्रमांक 202/95 की आई.ए. 791-792 में दिनांक 1/8/2003 को मुक्त की गई भूमियों को वन भूमि माने जाने का क्या-क्या कारण रहा है, इस तरह की कितने ग्रामों की कितनी भूमियों के कितने दावें मान्य एवं अमान्य किए गए?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-दो अनुसार है। । (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-तीन अनुसार है।
अपूर्ण तथा अप्रारंभ कार्य
[जनजातीय कार्य]
12. ( क्र. 157 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग रायसेन को किस-किस मद/योजना में कितनी राशि प्राप्त हुई? (ख) उक्त राशि से क्या-क्या कार्य किस-किस की अनुशंसा पर कहां-कहां स्वीकृत किये गये पूर्ण विवरण दें? (ग) 25 जून 2022 की स्थिति में कौन-कौन से कार्य क्यों अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं कार्यवार कारण बताये? (घ) उक्त कार्यों का निरीक्षण कब-कब किस-किस अधिकारी ने किया तथा क्या-क्या अनियमिततायें पायी, पूर्ण विवरण दें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है
पेंशन स्वीकृति तथा वितरण
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
13. ( क्र. 158 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 25 जून 2022 की स्थिति में रायसेन जिले में सामाजिक सुरक्षा/वृद्धावस्था पेंशन वितरण की क्या-क्या व्यवस्था हैं? (ख) उपसंचालक सामाजिक न्याय विभाग रायसेन को 1 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या यह सत्य है कि शासन के निर्देशों के बावजूद भी रायसेन जिले में 5 किमी. की परिधि से दूर विधवा एवं वृद्ध व्यक्ति पेंशन लेने के लिए जा रहे हैं यदि हाँ, तो क्यों कारण बतायें। (घ) ग्राम पंचायत मुख्यालय पर भी विधवा एवं वृद्ध व्यक्ति को प्रतिमाह 7 तारीख तक पेंशन प्राप्त हो जाये इस हेतु शासन तथा विभाग के अधिकारी क्या-क्या कार्यवाही करेंगे पूर्ण विवरण देवें?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) 25 जून 2022 की स्थिति में रायसेन जिले में सामाजिक सुरक्षा पेंशन एवं वृद्धावस्था पेंशन योजना में हितग्राहियों को पेंशन राशि का भुगतान राज्य स्तर से पेंशन पोर्टल के माध्यम से प्रतिमाह सीधे हितग्राहियों के बैंक खाते में किया जा रहा है। बैंकों से 5 कि.मी. की परिधी से दूर ग्राम पंचायतों में बी.सी./पोस्ट आफिस के माध्यम से पेंशन राशि के वितरण हेतु ''पेंशन आपके द्वार'' व्यवस्था लागू की गई है। जिसमें वृद्ध, विधवा एवं दिव्यांगजनों को उन्हीं की ग्राम पंचायतों में पेंशन राशि प्राप्त हो सकें। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) रायसेन जिले की कुल 494 ग्राम पंचायतों में से 05 कि.मी. परिधी से दूर 305 ग्राम पंचायतों का चिन्हांकन किया गया था, जिसमें से 137 ग्राम पंचायतों में ही बैंकों द्वारा बी.सी. नियुक्त किये जाकर पेंशन आपके द्वार के तहत पेंशन वितरण का क्रियान्वयन किया जा रहा है। शेष ग्राम पंचायतों में बी.सी. की नियुक्ति बैंक स्तर से की जाना है। (घ) जिला अंतर्गत ग्राम पंचायत मुख्यालय पर ही विधवा एवं वृद्ध हितग्राहियों को प्रतिमाह की 07 तारीख तक पेंशन प्राप्त हो इस हेतु शासन तथा विभाग द्वारा पोस्ट आफिस एवं बी.सी. के माध्यम से पेंशन वितरण हेतु प्रयास किया जा रहा है। माननीय विधायक महोदय से ग्राम पंचायतों के नाम की सूची प्राप्त कर माह फरवरी 2022 से विकासखण्ड सिलवानी एवं बेगमगंज अंतर्गत 10-10 ग्राम पंचायतों में पोस्ट आफिस की सेवाओं के माध्यम से पेंशन वितरण की जा रही है।
पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति का भुगतान
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
14. ( क्र. 169 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछड़ा वर्ग के अध्ययनरत छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति दिये जाने का क्या प्रावधान/नियम/निर्देश है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या अध्ययनरत पिछड़ा वर्ग के छात्र/छात्राओं को वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो किन कारणों से भुगतान में विलम्ब हुआ है एवं इसके लिये कौन-कौन से अधिकारी कर्मचारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में उक्त छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति का भुगतान कब तक किया जावेगा? समय-सीमा बतावें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) पिछड़ा वर्ग पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति नियम/आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। पिछड़ा वर्ग के अध्ययनरत छात्र/छात्राओं को वर्ष 2020-21 में 6,68,865 छात्र/छात्राओं को एवं वर्ष 2021-22 में 1,69,187 छात्र/छात्राओं को छात्रवृत्ति का भुगतान किया जा चुका है। (ग) छात्रवृत्ति भुगतान की प्रक्रिया सतत है।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
15. ( क्र. 175 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले की जनपद पंचायत सबलगढ़ व कैलारस में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं? विकासखण्डवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदन पत्र पात्र पाये गये एवं कितने आवेदन अपात्र होकर निरस्त किये गये? दोनों की पृथक-पृथक सूची में नाम, पिता का नाम एवं पता सहित जानकारी उपलब्ध करावें। अपात्र किये गये आवेदनों का कारण सहित विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में पात्र आवेदनों में से कितने हितग्राहियों को भुगतान कर दिया गया है? सूची उपलब्ध करावें एवं शेष हितग्राहियों को कब तक भुगतान किया जावेगा? साथ ही इसके दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) कोई आवेदन पत्र प्राप्त नहीं हुए है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गुमशुदा बालक की तलाश
[गृह]
16. ( क्र. 222 ) श्री
तरूण भनोत : क्या
गृह मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
यह सही हैं कि
पूर्वी
करियापाथर, मरघटाई
रोड, जबलपुर
निवासी
राजदीप गुप्ता
पिछले 12
अप्रैल 2013 से लापता
हैं? (ख) यदि
हाँ, तो
शासन द्वारा
गुमशुदा बालक
को तलाश करने
कब तक क्या
कार्यवाही की
गई हैं? (ग) क्या यह
सही हैं कि
बालक राजदीप
गुप्ता के
गुमशुदगी को
लेकर पुलिस
द्वारा अब
जांच बंद कर
दी गई हैं? (घ) क्या
यह सही है कि
इकलौते पुत्र
के अचानक गुम
होने की
स्थिति में
आश्रित
माता-पिता को
राज्य शासन
द्वारा वित्तीय
सहायता
प्रदान किए
जाने पर विचार
करेगी।
गृह
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) दिनांक
14.04.2013 को
सूचनाकर्ता
रामायण
गुप्ता
निवासी पूर्वी
करिया पाथर
थाना
हनुमानताल की
रिपोर्ट पर गुम
इंसान क्र. 31/2013 कायम
कर जांच में
लिया गया है।
गुमशुदा
व्यक्ति श्री
राजदीप की
तलाश हेतु
पम्पलेट
छपवाकर बस
स्टैण्ड, रेल्वे
स्टेशन, जिले
के थानों में
व अन्य
सार्वजनिक
स्थानों पर
चस्पा कराये
गये। गुमशुदा
की तलाश सतना, शहडोल, मानिकपुर
में टीम भेजकर
करायी गई एवं
संभावित
स्थानों पर
लगातार
गुमशुदा की
तलाश एवं दस्तयाबी
के हर संभव
प्रयास किये
गये। गुम
इंसान जांच के
दौरान प्रार्थी
एवं परिजनों
से पूछताछ कर
कथन लेख किये
गये एवं
कन्ट्रोल रूम
जबलपुर को
प्रसारण हेतु सूचना
दी गई। गुम
इंसान जांच
जारी है। (ग) जी
नहीं। (घ)
जी
नहीं। इस
बावत् योजना
संचालित नहीं
है।
मुखिया विहीन नि:शक्तजन संस्थायें
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
17. ( क्र. 223 ) श्री तरूण भनोत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि जबलपुर में नि:शक्त, मूक बधिर, दृष्टि बधिर और मानसिक रूप से अविकसित बच्चों के लिए शहर में पांच-पांच संस्थाएं चल रही है और पांचों संस्थाएं मुखिया विहीन है? (ख) यदि हाँ, तो उसके कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या यह सही है कि मानसिक एवं शारीरिक रूप से नि:शक्त विद्यार्थियों को पढ़ाने वाले पदस्थ शिक्षकों को शासन द्वारा अन्य कार्यों में उपयोग किया जा रहा है? (घ) नि:शक्तजन संस्थाओं में कौन-कौन से पद स्वीकृति के उपरांत भी वर्तमान में खाली पड़ी है?
पशुपालन
मंत्री ( श्री
प्रेमसिंह
पटेल ) : (क) जी नहीं।
जबलपुर में
सामाजिक
न्याय एवं
निःशक्तजन
कल्याण विभाग
अंतर्गत
निःशक्त
मूकबधिर, दृष्टिबाधित
और मानसिक रूप
से अविकसित
बच्चों के लिए
चार शासकीय
संस्थाएं चल रही
है। इन
संस्थाओं में
जिला स्तर से
विभागीय
व्याख्याता
(द्वितीय
श्रेणी) को
प्रभार सौंपा
गया है। (ख) उत्तरांश
'क' के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) जी
नहीं। (घ) शासकीय
संस्थाओं में
स्वीकृत/रिक्त पदों
की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है।
परिशिष्ट
- "बीस"
सुपर स्पेशलिटी में दवाई/उपकरण खरीद में अनियमिततायें
[चिकित्सा शिक्षा]
18. ( क्र. 224 ) श्री तरूण भनोत : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता अधोहस्ताक्षरी ने अपने पत्र क्रमांक 1108 एवं पत्र क्रमांक 1106 दिनांक 11.06.2022 के द्वारा जबलपुर स्थित सुपर स्पेशलिटी चिकित्सालय में दवाइयां/उपकरण खरीदी में हो रही अनियमितताएं एवं भ्रष्टाचार व शासन की नीतियों को ताक में रखकर क्रय करने की शिकायत कमिश्नर जबलपुर संभाग एवं प्रमुख सचिव चिकित्सा विभाग म.प्र. को की थी? यदि हाँ, तो वर्तमान में क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या उक्त पत्र के तारतम्य में शासन द्वारा कमेटी गठित कर जांच प्रारंभ कर दी गई है या नहीं? (ग) यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई है तो इसका दोषी कौन है और दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? कृपया समय भी बतावें।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। संभागायुक्त, जबलपुर संभाग, जबलपुर से शिकायत में उल्लेखित बिन्दुओं पर जांच कर जांच प्रतिवेदन एवं अभिमत प्राप्त करने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश ''क'' अनुसार शेष का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
स्वतंत्र फिजियोथेरेपी काउंसिल का गठन
[चिकित्सा शिक्षा]
19. ( क्र. 228 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2019 में विधान सभा के वर्षाकालीन सत्र में यह संकल्प पारित हुआ था कि मध्यप्रदेश में फिजियोथेरेपी की स्वतंत्र काउंसिल का गठन किया जायेगा? यदि हाँ, तो क्या फिजियोथेरेपी की स्वतंत्र काउंसिल का गठन कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक गठन कर दिया जायेगा? (ख) क्या यह सही है कि 21 जनवरी, 2021 को माननीय मुख्यमंत्री जी ने यह घोषणा की थी कि मध्यप्रदेश शासन ने यह निर्णय लिया है कि फिजियोथेरेपी की पृथक एवं स्वतंत्र काउंसिल का गठन किया जाएगा? यदि हाँ, तो अभी तक क्या-क्या कार्यवाही हुई? यदि नहीं, तो क्यो? कब तक गठन कर दिया जायेगा? (ग) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा फिजियोथेरेपी की पृथक एवं स्वतंत्र काउंसिल के गठन संबंधी शासन के निर्णय की जानकारी माननीय मुख्यमंत्री जी के द्वारा अपने ट्यूटर हैण्डल पर भी प्रसारित की गई थी? क्या यह भी सही है कि माननीय चिकित्सा शिक्षा मंत्री एवं माननीय स्वास्थ्य मंत्री जी के द्वारा भी तदविषयक घोषणायें की गई है? यदि हाँ, तो घोषणाओं की पूर्ति कब तक कर दी जायेगी? (घ) क्या भारत सरकार द्वारा अलाइड हेल्थ केयर एण्ड हेल्थ प्रोफेशनल्स एक्ट पास कर लागू किया गया है? यदि हाँ, तो क्या भारत सरकार के उक्त एक्ट के अनुक्रम में प्रदेश में भी यह अधिनियम लागू किया जाएगा? यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश के राजपत्र में कब तक अधिसूचित कर दिया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। भारत सरकार स्तर पर प्रकाशित राजपत्र दिनांक 28 मार्च, 2021 (असाधारण) द्वारा अलाइड हेल्थ केयर एण्ड हेल्थ प्रोफेशनल्स एक्ट 2021 पारित होने की वजह से फिजियोथेरेपी की स्वतंत्र काउंसिल का गठन नहीं किया गया। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हां, जी हाँ उत्तरांश ''क'' अनुसार। (घ) जी हाँ। जी हाँ। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
अपर सत्र न्यायालय की स्थापना
[विधि एवं विधायी कार्य]
20. ( क्र. 259 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग के द्वारा विकासखण्ड जवा में अपर सत्र न्यायालय की स्थापना के संबंध में कोई कार्यवाही प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो अपर सत्र न्यायालय की स्थापना जवा मुख्यालय में कब तक की जा सकेगी? यदि नहीं, तो क्या कारण है कि विकासखण्ड जवा अंतर्गत लगभग 100 ग्राम पंचायतें होने के बाद भी अभी तक अपर सत्र न्यायालय की स्थापना नहीं की जा सकी? (ख) क्या विकासखण्ड जवा अंतर्गत निवासरत ग्रामीणों को न्यायालय संबंधी कार्यों हेतु लगभग 100 कि.मी. दूर अपर सत्र न्यायालय त्योंथर जाना पड़ता है? यदि हाँ, तो क्या विभाग के द्वारा ग्रामीणजनों एवं अधिवक्ताओं की लंबे समय से की जा रही मांग को दूर कर अपर सत्र न्यायालय की स्थापना जवा मुख्यालय में की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वाहन चालकों के लिए यलो कार्ड बनाना
[गृह]
21. ( क्र. 288 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यातायात पुलिस द्वारा शहर के अंदर वाहनों की चेकिंग की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इससे यातायात व्यवस्था में बाधा उत्पन्न नहीं होती है? (ग) क्या यलो कार्ड होने से वाहनों की चेकिंग में अनावश्यक समय नहीं लगेगा? (घ) क्या यातायात विभाग द्वारा यलो कार्ड बनाये गए हैं? यदि हाँ, तो जबलपुर जिले में वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितने कार्ड बनाये गए हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सामुदायिक वन अधिकारों को मान्यता
[जनजातीय कार्य]
22. ( क्र. 474 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वन अधिकार कानून 2006 की धारा 3 (1) ख में क्या प्रावधान दिया है, भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 234 के तहत बनाए गए निस्तार पत्रक में किस-किस जंगल मद और गैर जंगल मद में किस-किस प्रयोजन के लिए भूमि दर्ज करने का प्रावधान है? (ख) निस्तार पत्रक में दर्ज भूमियों पर धारा 3 (1) ख के अनुसार सामुदायिक वन अधिकारों को मान्यता दिए जाने के संबंध में राज्य मंत्रालय ने किस-किस दिनांक को पत्र जारी किया, किस पत्र में क्या-क्या प्रक्रिया निर्धारित की गई? (ग) निस्तार पत्रक में बड़े झाड़ छोटे झाड़ के जंगल मद में दर्ज कितनी भूमियों एवं निस्तार पत्रक में दर्ज भा.व.अ. 1927 की धारा 4 में अधिसूचित कितने वनखण्डों में शामिल कितनी भूमियों के कितने सामुदायिक वन अधिकार पत्र प्रश्नांकित दिनांक तक मान्य किए गए हैं जिलेवार बतावें? (घ) निस्तार पत्रक में दर्ज भूमियों पर सार्वजनिक प्रयोजनों के सामुदायिक वन अधिकारों को धारा 3 (1) ख के अनुसार यथावत मान्यता दिए जाने के संबंध में शासन क्या कार्यवाही कर रहा हैं कब तक करेगा समय-सीमा बतावें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) वन अधिकार अधिनियम 2006 की धारा 3 (1) ख एवं म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा-234 के प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) राज्य स्तर से जारी निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (घ) उत्तरांश 'ख' अनुसार।
वन अधिकार कानून 2006 के संबंध में
[जनजातीय कार्य]
23. ( क्र. 475 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 में अन्य परम्परागत वन निवासियों याने गैर आदिवासियों के संबंध में किस धारा में क्या-क्या प्रावधान दिया है, किस धारा में तीन पीढि़यों के कब्जे का क्या उल्लेख है? (ख) कानून की धारा 4 (3) में अन्य परम्परागत वन निवासी याने गैर आदिवासी द्वारा किस दिनांक तक अधिभोग में ली गई वनभूमि से संबंधित प्रावधान है? (ग) तीन पीढि़यों के कब्जे का प्रमाण प्रस्तुत नहीं किए जाने पर कितने अन्य परम्परागत वन निवासियों के कितनी भूमि के दावें अमान्य किए गए दावों पर पुनर्विचार किए जाने के संबंध में शासन क्या कार्यवाही कर रहा है, अमान्य दावों की जानकारी जिलेवार बतावें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) वन अधिकार अधिनियम 2006 की धारा 2 (ण) में अन्य परम्परागत वन निवासी याने गैर आदिवासी के संबंध में प्रावधान है:- ''अन्य परम्परागत वन निवासी'' से ऐसा सदस्य या समुदाय अभिप्रेत है, जो 13 दिसम्बर 2005 से पूर्व कम से कम तीन पीढि़यों तक प्राथमिक रूप से वन या वनभूमि में निवास करता रहा है और जो जीविका की वास्तविक आवश्यकताओं के लिये उन पर निर्भर है। स्पष्टीकरण- इस खण्ड के प्रयोजन के लिये ''पीढ़ी'' से 25 वर्ष की अवधि अभिप्रेत है। संचालनालय आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजनायें मध्यप्रदेश भोपाल के पत्र क्रमांक/वन अधि/414/2450ए दिनांक 03.08.2013 के द्वारा अन्य परम्परागत वन निवासियों के दावों के निराकरण हेतु स्पष्टीकरण जारी किया गया है जो जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) वन अधिकार अधिनियम 2006 की धारा 4 (3) में प्रावधान है :- वन भूमि और उसके निवासियों के बाबत किसी राज्य या संघ राज्य क्षेत्र के संबंध में वन में निवास करने वाली अनुसूचित जातियों और अन्य परम्परागत वन निवासियों को, इस अधिनियम, के अधीन वन अधिकारों की मान्यता देना और उनका निहित किया जाना इस शर्त के अध्यधीन होगा कि ऐसी जनजातियों या जनजाति समुदायों या अन्य परम्परागत वन निवासियों ने 13 दिसम्बर 2005 से पूर्व वन भूमि अधिभोग में ले ली थी। (ग) निरस्त दावों का पुन: परीक्षण एम.पी. वनमित्र पोर्टल के द्वारा किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार।
चिकित्सा महाविद्यालय हेतु प्रशासकीय स्वीकृति
[चिकित्सा शिक्षा]
24. ( क्र. 490 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र क्रमांक 64 दिनांक 10.03.2022 के उत्तर में शासकीय पत्र क्रमांक 624/683/2022/2 पचपन दिनांक 08.06.2022 से अवर सचिव महोदय ने यह अवगत कराया कि राजगढ़ जिला मुख्यालय पर नवीन चिकित्सा महाविद्यालय निर्माण हेतु प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है। (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, है तो? शासन राजगढ़ विधानसभा में स्वीकृत चिकित्सा महाविद्यालय का भूमि पूजन कब संपादित करवा देगा?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
म.प्र. फास्ट ट्रेक कोर्ट की स्थापना
[विधि एवं विधायी कार्य]
25. ( क्र. 499 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राज्य में प्रश्न दिनांक की स्थिति में कितने फास्ट ट्रेक कोर्ट स्वीकृत/प्रस्तावित है और उसके विरूद्ध कितने कार्यरत हैं? जिलेवार उनका विवरण बताया जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कोर्ट की स्थापना से किस वर्ग के प्रकरणों का निपटारा किया जायेगा? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कोर्ट के लिये पर्याप्त संख्या में न्यायाधीशों एवं कर्मचारियों की व्यवस्था कर ली गई है? यदि नहीं, तो कब तक कर ली जायेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मध्यप्रदेश राज्य में प्रश्न दिनांक की स्थिति में 67 फास्ट ट्रेक कोर्ट स्वीकृत एवं सभी कार्यरत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पॉक्सों एक्ट एवं महिलाओं के विरूद्ध कारित अपराधों के प्रकरणों का निपटारा उपरोक्त उल्लेखित फास्ट ट्रेक कोर्ट द्वारा किया जा रहा है। (ग) उपरोक्त उल्लेखित फास्ट ट्रेक कोर्ट, न्यायालयों के लिए न्यायाधीशों एवं कर्मचारियों के मौजूदा स्वीकृत पदों के द्वारा ही संचालित है तथा ये फास्ट ट्रेक कोर्ट केन्द्र प्रायोजित योजना के अंतर्गत कार्यरत है।
पुलिस थाना व चौकी के नवीन भवन की स्वीकृत
[गृह]
26. ( क्र. 530 ) श्री उमंग सिंघार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले में आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में आने वाली गंधवानी विधानसभा में पुलिस थाना गंधवानी, पुलिस चौकी जीराबाद एवं पुलिस चौकी केशवी के भवन कई वर्षों पुराने एवं जर्जर अवस्था में हैं एवं पेयजल के भी पर्याप्त मात्रा में संसाधन नहीं हैं? (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार यदि हाँ, तो उक्त पुलिस थाना एवं पुलिस चौकियों में नवीन भवन एवं पेयजल संसाधन हेतु नवीन बोरिंग खनन का कार्य कब तक स्वीकृत किया जायेगा? समय-सीमा बतायें एवं यदि नहीं, तो कारण स्प्ष्ट करें? उक्त क्षेत्र में उक्त सुविधा नहीं होने से क्षेत्रिय जनता में रोष एवं असंतोष व्याप्त है एवं यदि उक्त कार्य स्वीकृत नहीं हुये तो आने वाले समय में जनता उग्र आन्दोलन कर सकती है तथा संपूर्ण जिम्मेदारी सरकार की रहेगी? (ग) क्या उक्त पुलिस थाना एवं चौकियों में पदस्थ विभिन्न प्रकार के अधिकारी एवं कर्मचारी अत्याधिक मात्रा में आदिवासी हैं एवं आदिवासी क्षेत्र में शांति एवं सोहार्द्र बनाये रखने हेतु पूर्णत: कर्मठ, लगनशील एवं ईमानदारी पूर्वक कार्य कर रहे हैं? यदि हाँ, तो ऐसे अधिकारी एवं कर्मचारियों को विभाग द्वारा कब-कब प्रोत्साहित किया गया है एवं यदि नहीं, किया गया है तो कब किया जायेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं, पुलिस थाना गंधवानी भवन की मरम्मत का कार्य वर्ष 2022 में कराया गया है। थाना परिसर में पेयजल हेतु कुएं के पानी को आर.ओ. से फिल्टर करने की व्यवस्था है, जो पर्याप्त है। जीराबाद एक पुलिस सहायता केन्द्र है, जिसके मरम्मत का कार्य समय-समय पर कराया गया है। पुलिस सहायता केन्द्र जीराबाद में भी पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था उपलब्ध है। पुलिस चौकी केशवी का भवन वर्तमान में अच्छी अवस्था में है। पुलिस चौकी केशवी में पेयजन हेतु कुएं तथा टेंकर एवं चौकी के पास लगे हैण्डपंप से पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था की जाती है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) थाने/चौकी में पदस्थ पुलिस कर्मियों को पुलिस रेग्युलेशन के अनुसार अच्छे कार्य संपादित करने पर इनाम दिया जाता है। यह एक सतत् प्रक्रिया है।
सेवा सहकारी संस्थाएं
[सहकारिता]
27. ( क्र. 561 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में किन-किन सेवा सहकारी संस्थाओं में समिति प्रबंधक का पद कब से एवं क्यों रिक्त है समिति प्रबंधक के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) रायसेन जिले में किन-किन सेवा सहकारी संस्थाओं में गबन एवं घोटाला किन-किन कर्मचारियों द्वारा किया गया तथा उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) रायसेन जिले में कौन-कौन सेवा सहकारी संस्था घाटे में चल रही हैं तथा क्यों संस्थावार कारण बतायें? (घ) रायसेन जिले में किन-किन सेवा सहकारी संस्थाओं के पास कहाँ-कहाँ कितनी-कितनी भूमि है तथा वर्तमान में उक्त भूमि का क्या-क्या उपयोग हो रहा है किन-किन स्थानों पर उक्त भूमि पर किस-किस का अतिक्रमण है पूर्ण विवरण देवें?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 में उल्लेखित 104 समितियों में समिति प्रबंधक का पद वर्ष 2007 से भर्ती नहीं होने के कारण रिक्त है। बैंक केडर समिति प्रबंधकों के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु आवेदन केडर कमेटी को प्राप्त हो गये हैं, प्राप्त आवेदन का परीक्षण किया जा रहा है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित रायसेन से संबद्ध 68 प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के पास भूमि है। उक्त भूमि पर कोई अतिक्रमण नहीं है, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
विभाग द्वारा संचालित योजनायें
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
28. ( क्र. 562 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 25 जून, 2022 की स्थिति में रायसेन जिले में विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जा रही हैं पात्रता की शर्तों सहित पूर्ण विवरण देवें। (ख) 25 जून, 2022 की स्थिति में रायसेन जिले में किस-किस योजना में कितने-कितने हितग्राहियों/बच्चों को लाभान्वित किया जा रहा है योजनावार संख्या बतायें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में 1 जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में रायसेन जिले के किन-किन सांसद तथा विधायकों के पत्र विभाग के अधिकारियों को कब-कब मिले तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) में प्राप्त पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं हुआ कारण बतायें तथा इस हेतु विभाग के अधिकारियों ने क्या-क्या प्रयास तथा कार्यवाही की पूर्ण विवरण दें?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ख'' एवं ''ग'' अनुसार।
खरीफ फसलों के लिए खाद्य मांग एवं आपूर्ति
[सहकारिता]
29. ( क्र. 566 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना, अशोकनगर, राजगढ़, विदिशा, सीहोर एवं रायसेन जिले में खरीफ की बुआई प्रारंभ होने के उपरांत खाद वितरण सोसायटियों में प्रश्न दिनांक तक कितनी मांग प्राप्त हुई है? जिलेवार पृथक-पृथक बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में मांग के अनुरूप सोसायटियों में कितना खाद कब-कब आया? मांग एवं आपूर्ति में कितना अंतर है? इस अंतर को पूर्ण करने के लिए विभाग ने क्या लक्ष्य निर्धारित किये हैं? लक्ष्य पूर्ति की निश्चित समय-सीमा बतायें। (ग) मूंग तुलाई हेतु सोसायटियों में रजिस्ट्रेशन नहीं होने के क्या कारण हैं? इस संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? उन पर विभाग ने क्या संज्ञान लिया है? विलंब के लिए जिम्मेदारी तय की गई है? यदि हाँ, तो कब तक मूंग रजिस्ट्रेशन कार्य प्रारंभ हो जायेगा? (घ) क्या डी.ए.पी. 1 हेक्टे. पर 3 बोरी एवं यूरिया 1 हेक्टे. 5 बोरी दी जा रही है? यह नियम कब और किसने बनाये हैं? नियमों की प्रति सहित संपूर्ण जानकारी दें। अधिक खाद उपलब्ध कराने हेतु जनप्रतिनिधियों से पत्र प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ, तो उन पर कब और क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जाति प्रमाण पत्र बनाना
[लोक सेवा प्रबन्धन]
30. ( क्र. 576 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 2 वर्षों में सिवनी जिले अन्तर्गत कितने अनुसूचित जाति/जनजाति के अध्ययनरत छात्र/ छात्राओं के जाति प्रमाण पत्र लोक सेवा केन्द्र द्वारा कितने बनाये गये तथा कितने निरस्त किये गये हैं? निरस्त किये गये आवेदनों के कारण क्या थे तथा शासन द्वारा जाति प्रमाण पत्र बनाये जाने की अवधि बढ़ाई जायेगी? (ख) छात्र/छात्राओं के जाति प्रमण पत्र उनके स्कॉलर रजिस्टर में दर्ज जाति के अनुसार बनाये जा रहे हैं? समग्र आई.डी. आधार कार्ड नहीं होने पर या अन्य जगह की होने पर जाति प्रमाण पत्र बनाने से मना करने पर काफी परेशानी का सामना करने पर मात्र संस्था के पत्र तथा स्कॉलर रजिस्टर में दर्ज जाति का उल्लेख होने पर ही जाति प्रमाण पत्र बनाने के निर्देश लोक सेवा केन्द्रों या संबंधित कलेक्टर को प्रदान किये जायेंगे? (ग) जिन अध्ययनरत छात्र/छात्राओं के जाति प्रमाण पत्र लोक सेवा केन्द्रों द्वारा निरस्त किये गये हैं उनकी समीक्षा कर उन छात्र/छात्राओं के जाति प्रमाण पत्र बनाये जायेंगे तथा इस संबंध में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी? (घ) सिवनी जिले के लोक सेवा केन्द्र द्वारा निरस्त किये गये आवेदनों की समीक्षा करते हुये अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जिला सिवनी में अभियान अंतर्गत विगत 2 वर्षों में अनुसचित जाति/जनजाति के अध्ययनरत छात्र/छात्राओं के कुल 1357 आवेदन प्राप्त हुये जिसमें से 1062 जाति प्रमाण पत्र जारी किये गये एवं 295 आवेदन जाति संबंधित दस्तावेज के अभाव में निरस्त किये गये। जाति प्रमाण पत्र बनाये जाने की अवधि जून 2023 तक बढ़ाई गई है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जिन अध्ययनरत छात्र/छात्राओं के जाति प्रमाण पत्र का निरस्तीकरण जाति की पुष्टि न होने के कारण किया जाता है, ऐसी स्थिति में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) जाति प्रमाण पत्र का निरस्तीकरण जाति की पुष्टि न होने के कारण किया जाता है, ऐसी स्थिति में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
संख्या के अनुपात में जेल निर्माण
[जेल]
31. ( क्र. 635 ) श्री राम दांगोरे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खंडवा जेल के कैदियों को रखने की क्षमता कितनी है? वर्तमान में जेल में कैदियों की संख्या कितनी हैं? जेल में किन-किन जिलों के कैदी है सूची उपलब्ध करावे? (ख) क्या अन्य जिलों से कैदियों को जेल तक लाने में शासन को अतिरिक्त आर्थिक भार सहन करना होता है? (ग) प्रश्नकर्ता क्षेत्र के विचाराधीन कैदियों की मांग है कि आवश्यकता से अधिक कैदी होने के कारण जेल के बैरक में अत्यधिक समस्याएं होती है। क्या खंडवा बुरहानपुर पृथक जेल करने की कृपा करेंगे या इसी जेल को संख्या के अनुपात में बनाने की कृपा करेंगे?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) खण्डवा जेल की क्षमता 196 पुरूष एवं 12 महिला कुल 208 बंदियों की है। वर्तमान में 640 पुरूष एवं 32 महिला कुल 672 बंदी परिरूद्ध हैं। जिलेवार कैदियों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कैदियों को लाने-ले जाने की व्यवस्था पुलिस विभाग द्वारा की जाती है। (ग) जिला जेल खण्डवा का विस्तार कार्य विचाराधीन है। प्रथम चरण में 05 नए बैरकों का निर्माण कार्य प्रगति पर है, कार्य पूर्ण होने पर 100 बंदियों की क्षमता में वृद्धि होगी। द्वितीय चरण में और विस्तार किया जाना प्रस्तावित है, जिससे कैदियों की समस्याओं का निराकरण हो सकेगा। मई, 2019 में वित्त विभाग द्वारा दिए परामर्श अनुसार अधोसंरचना एवं आवर्ती व्यय में कमी को दृष्टिगत रखकर बुरहानपुर में नई जेल के स्थान पर जिला जेल खण्डवा का विस्तार किया जाना विचाराधीन है।
पांचवा वेतनमान लाभ देने में भेदभाव
[सहकारिता]
32. ( क्र. 692 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य तिलहन संघ से सेवायुक्तों को राजस्व, स्वास्थ्य, कृषि विभागों में पांचवा वेतनमान का लाभ देकर प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किया था? यदि हाँ, तो अन्य विभागों द्वारा ऐसा क्यों नहीं किया गया? किन-किन विभागों द्वारा सेवायुक्तों को पांचवा वेतनमान का लाभ देकर प्रतिनियुक्ति सेवा में लिया गया? आदेशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत विधान सभा प्रश्न क्रमांक 7175 उत्तर दिनांक 8.4.11 में कृषि, स्वास्थ्य, विज्ञान प्रोद्योगिकी, नर्मदा घाटी, एन.वी.डी.ए., राजस्व, नगरीय प्रशासन, लोक सेवा प्रबन्धन आदि विभागों में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ सेवायुक्तों को 10-15 वर्षों से पांचवा वेतनमान का लाभ राज्य शासन के कर्मचारियों के अनुरूप दिया गया है, शेष विभागों में पदस्थ सेवायुक्तों को 20 वर्ष पश्चात भी यह लाभ नहीं दिया गया है। क्या यह सही है? यदि हाँ, तो क्यों? नोडल विभाग ने क्या कार्यवाही की? (ग) तिलहन संघ सेवा व शासन में संविलियत कितने सेवानिवृत्त सेवायुक्तों को ग्रेज्युटी उपादान की राशि लेना लंबित है? नाम, पद, सेवानिवृत्ति वर्ष बतायें एवं संविलियन होकर कार्यरत किन-किन सेवायुक्तों को ग्रेज्युटी/ उपादान की राशि दी गई है? नाम, पद, विभाग व राशि बतायें। क्या अनियमितता/भ्रष्टाचार की शिकायत मिली है? शिकायतों का विवरण दें व जिम्मेदार अधिकारियों का नाम, पद बतायें। क्या कार्यवाही की गई? (घ) सामान्य प्रशासन विभाग आदेश दिनांक 29.3.2019 द्वारा राज्य शासन के विभिन्न विभागों में समन्वयन हेतु सहकारिता विभाग को नोडल विभाग नियुक्त किया है? यदि हाँ, तो किन-किन विभागों द्वारा पांचवा वेतनमान स्वीकृति संबंधी मार्गदर्शन चाहा गया है? विभागों के नाम व दिये गये मार्ग निर्देश/दिशा निर्देश की छायाप्रति उपलब्ध करावें व स्पष्ट करें कि इन्हें पांचवा वेतनमान के लाभ की पात्रता है अथवा नहीं?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खाद बीज का आवंटन
[सहकारिता]
33. ( क्र. 749 ) श्री उमंग सिंघार : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की गंधवानी विधानसभा में विकासखण्ड गंधवानी, बाग एवं तिरला में कौन-कौन से खाद का आवंटन कितना-कितना हुआ है? विकासखण्डवार व सोसायटीवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) वर्तमान में प्रत्येक किसान को एक बीघा कृषि भूमि पर कितना-कितना खाद दिये जाने का प्रावधान हैं? गंधवानी, बाग एवं तिरला विकासखण्ड में प्रश्न दिनांक तक किन-किन किसानों को कितना-कितना खाद प्रदान किया गया हैं? किसानों के नाम सहित विकासखण्डवार, सोसायटीवार जानकारी उपलब्ध करावे एवं कितने किसानों को खाद वितरण करना शेष हैं? (ग) गंधवानी, बाग एवं तिरला विकासखण्ड में प्रत्येक सोसायटियों में कौन-कौन से बीज का कितना-कितना आवंटन हुआ है एवं आवंटित बीज किन-किन किसानों को कितना-कितना प्रदान किया गया है? विकासखण्डवार एवं सोसायटीवार किसानों की सूची उपलब्ध करावें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) विकासखण्डवार व सोसायटीवार खाद का आवंटन नहीं किया जाता, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उर्वरक (नियंत्रण) आदेश 1985 में उर्वरक क्रय हेतु भूमि सीमा निर्धारित नहीं होने से संचालनालय कृषि द्वारा उर्वरक क्रय किये जाने के लिये भूमि सीमा निर्धारण नहीं किया गया है। विकासखण्डवार, सोसायटीवार, किसानवार उपलब्ध कराये गये उर्वरक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। संस्था के पात्र समस्त सदस्यों जिनके द्वारा मांग की गई, उन्हें खाद की उपलब्धता एवं पात्रता अनुसार खाद वितरण किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
एकीकरण किये जाने की सहमति
[जनजातीय कार्य]
34. ( क्र. 762 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या यह सही है कि जनजातीय कार्य विभाग की अधीनस्थ संस्था उद्यमी विकास संस्थान एवं मैपसेट का एकीकरण किये जाने हेतु वित्त विभाग द्वारा वर्ष 2017 में सहमति दी गयी थी? (ख) यदि प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ है तो क्या एकीकरण किये जाने का आदेश जारी किया गया है? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) का उत्तर हाँ है तो आदेश की प्रति उपलब्ध कराई जाए? यदि आदेश जारी नहीं किये गये है तो कब तक जारी किये जाएंगे?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
थानों में उपलब्ध बल की जानकारी
[गृह]
35. ( क्र. 763 ) श्री आरिफ मसूद : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था लागू होने के बाद से महिला संबंधी अपराधों को रोकने के लिए प्रश्न दिनांक तक किन थानों में कितना महिला बल (उपनिरीक्षक स्तर) उपलब्ध हैं एवं महिला थाने में कितनी महिला उपनिरीक्षक एवं महिला सहायक उपनिरीक्षक पदस्थ हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या भोपाल पुलिस में कमिश्नरेट व्यवस्था लागू होने के बाद महिला संबंधी अपराधों में वृद्धि हुई हैं यदि हाँ, तो अपराधों में कमी के लिए क्या कार्य योजना बनाई जा रही हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या भोपाल शहर के थानों में उपलब्ध बल, स्वीकृत बल से बहुत कम हैं? यदि हाँ, तो थानों को स्वीकृत बल अनुसार बल कब तक उपलब्ध कराया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों एवं वर्तमान में थानों पर पदस्थ बल की जानकारी उपलब्ध कराएं। (घ) क्या भोपाल पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था लागू होने के बाद भी कई निरीक्षक स्तर के थानों में उपनिरीक्षक स्तर के अधिकारी पदस्थ हैं? यदि हाँ, तो उन थानों में कब तक निरीक्षक पदस्थ किये जाएंगे? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार।
थाना स्तर पर उपलब्ध संसाधन
[गृह]
36. ( क्र. 764 ) श्री आरिफ मसूद : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था लागू होने के बाद थाना स्तर पर संसाधनों में क्या वृद्धि हुई हैं? जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कमिश्नरेट के थानों में उपलब्ध थाना मोबाईल उनके मेक एवं मॉडल की जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में थानों में उपलब्ध थाना मोबाईल के चालकों की नाम सहित थानावार जानकारी उपलब्ध कराएं। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या कई थानों में वाहन चालक उपलब्ध नहीं हैं एवं उनके स्थान पर निजी चालकों से थाना मोबाइलों को चलवाया जा रहा है जिससे पुलिस की गोपनीयता भंग होने की शंका बनी रहती हैं? यदि हाँ, तो कब तक चालकों की पदस्थापना की जाएगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट ''क'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट ''ख'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट ''ग'' अनुसार। (घ) जी नहीं। थाना मोबाइल वाहनों को इकाई में उपलब्ध शासकीय वाहन चालकों से ही चलवाया जा रहा है। बुनियादी प्रशिक्षण दौरान नव आरक्षकों को वाहन चालकों की कमी है उन थानों के प्रशिक्षित चारियों द्वारा जिसके पास वाहन चलाने का लायसेंस है, उनके द्वारा ही थाना मोबाईल चलाया जा रहा है। वाहन चालकों की भर्ती उपरांत थाने में वाहन चालकों की कमी की पूर्ति के प्रयास किये जायेंगे। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आर्थिक अनियमितता पर कार्यवाही
[जनजातीय कार्य]
37. ( क्र. 799 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनजाति कार्य विभाग द्वारा छात्र एवं छात्राओं के व्यक्तिगत उपायोग हेतु धार जिले को वित्तीय वर्ष 2016 से प्रश्न तिथि तक कितनी-कितनी राशि का आवंटन किस-किस मद में व्यय करने हेतु जारी किया गया? आवंटन के आदेशों की एक-एक प्रति वर्षवार उपलब्ध कराएं। आवंटन के आदेश के बाद किन-किन खातों में कितनी-कितनी राशि जमा करते हुए क्या-क्या सामग्री की किस-किस के माध्यम से किस दर पर खरीदी की गई? कितनी राशि वर्षवार शेष बची? वर्षवार/मदवार/ आवंटनवार दें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार धार जिले को विभागीय छात्रावासों एवं आश्रमों के भवनों की वार्षिक मरम्मत हेतु कितना-कितना आवंटन दिया गया? आवंटनवार किस-किस स्थान हेतु कितनी-कितनी राशि के क्या-क्या कार्य स्वीकृत किए गए? स्वीकृत सभी आदेशों की एक-एक प्रति वर्षवार उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कार्यों में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण है? कौन-कौन से कार्य अपूर्ण है? सभी पूर्ण एवं अपूर्ण कार्यां को कितना-कितना भुगतान प्रश्न तिथि तक किया गया है? कार्यवार/वर्क आर्डरवार/वर्षवार/राशिवार आवंटनवार जानकारी दें। (घ) क्या विभागीय आर्डर या सी.ए.जी. द्वारा इन कार्यों में हुई अनियमितताओं पर विपरीत टिप्पणी की है? हाँ तो जानकारी दें। इन अनियमितताओं के दोषी सहायक आयुक्तों को राज्य शासन कब तक निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश जारी करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निजी बीमा कम्पनियों से बीमा कराने पर कार्यवाही
[सहकारिता]
38. ( क्र. 832 ) श्री राकेश मावई : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना में वर्ष 2016-17, 2017-18 एवं 2018-19 में जिला सहकारी बैंकों से अल्पावधि ऋण लेने वाले कितने किसानों का निजी बीमा कम्पनियों से कितने-कितने प्रीमियम पर कितनी-कितनी राशि का बीमा कराया गया? बैंकवार किसानों की जानकारी देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार किसानों से उनकी सहमति बिना बीमा किया गया और उनके बैंक खातों से प्रीमियम की राशि काटी गई? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन दोषी हैं? क्या दोषियों पर कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों? (ग) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार किसानों को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना में मात्र 330 रूपये के प्रीमियम पर 2 लाख की बीमा सुरक्षा मिल सकती थी? यदि हाँ, तो प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना में बीमा सुरक्षा न देकर निजी बीमा कम्पनियों से अधिक राशि के प्रीमियम पर बीमा किए जाने का क्या कारण है? इसके लिए दोषियों पर कब तक कार्यवाही की जाएगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) निरंक। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विकलांग हितग्राहियों को ई-रिक्शा (बैटरी चलित) प्रदाय
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
39. ( क्र. 841 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र दिमनी में सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग द्वारा जिला मुरैना में विकलांग हितग्राहियों को विगत दो वर्षों में कितने ई-रिक्शा (बैटरी चलित) प्रदाय किये गये है? (ख) क्या यह सही है, कि पैरों से 80 प्रतिशत विकलांगता होने पर ही ई-रिक्शा (बैटरी चलित) प्रदाय किया जाता है? (ग) ई-रिक्शा (बैटरी चलित) प्रदाय करने हेतु शासन की क्या गाईड लाईन है? ई-रिक्शा प्रदाय करने हेतु नियमों को शिथिल कर पैरों से विकलांग व्यक्ति को ई-रिक्शा प्रदाय करने की प्रक्रिया को सुगम बनाने हेतु सरकार द्वारा प्रयास किये जा रहे है। अगर हां, तो क्या? नहीं तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) विभाग द्वारा ई-रिक्शा (बैटरी चलित) दिये जाने का प्रावधान नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) ई-रिक्शा (बैटरी चलित) प्रदाय करने संबंधी कोई योजना प्रक्रियाधीन नहीं है।
न्यायालयीन प्रक्रिया को सुगम बनाया जाना
[विधि एवं विधायी कार्य]
40. ( क्र. 842 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व के एवं अन्य आपराधिक प्रकरण का निराकरण 10-15 वर्षों तक न्यायालय में विचाराधीन रहता है। इस लम्बी न्यायालयीन प्रक्रिया को सुगम बनाने हेतु न्यायालय में स्टॉफ की पूर्ति के संबंध में क्या शासन द्वारा कोई कार्यवाही की जा रही है? (ख) शासन द्वारा कोर्ट की प्रक्रिया को सुगम बनाने हेतु कोई कार्य योजना तैयार की गई है, जिससे न्यायालयीन प्रक्रिया सुगम व सरल हो सके। (ग) क्या न्यायालय में प्रचलित राजस्व के प्रकरणों के शीघ्र निराकरण हेतु अधिवक्ता वर्ग को एक निश्चित टारगेट दिया जाना प्रस्तावित किया गया है? (घ) यदि प्रश्नांश (ग) का उत्तर यदि हाँ, तो क्या समयावधि में टारगेट पूरा करने वाले अधिवक्ता वर्ग को प्रोत्साहन स्वरूप उन्हें पुरस्कृत करने की कोई प्रक्रिया विभागांतर्गत प्रचलित है। यदि हाँ, तो क्या यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) शासन के समक्ष अधीनस्थ न्यायिक जिला स्थापनाओं हेतु रिजर्व पूल के अंतर्गत तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कुल 3288 एवं डाटा एंट्री आपरेटर्स के 690 पदों के सृजन हेतु मामला लंबित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार। साथ ही, जिला न्यायालयों में अंग्रेजी स्टेनोग्राफर्स एवं हिन्दी स्टेनोग्राफर्स के 1127 अतिरिक्त पदों को सृजित किये जाने हेतु मामला शासन के समक्ष प्रेषित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनुसूचित जाति/जनजाति बाहुल्य बस्तियों का विकास
[अनुसूचित जाति कल्याण]
41. ( क्र. 877 ) श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल (गुड्डा) : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. शासन के जनजातीय कार्य विभाग द्वारा अनुसूचित जाति/ जनजाति बाहुल्य बस्तियों के सर्वांगीण विकास हेतु कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं? योजनाओं की नियमावली संबंधी आदेश की प्रतियां उपलब्ध करावें। (ख) बालाघाट जिले में अनुसूचित जाति/ जनजाति बाहुल्य बस्तियों के सर्वांगीण विकास हेतु वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजना में कितनी-कितनी राशि उपलब्ध करायी गयी है? किस-किस योजना में कौन-कौन से कार्य कराये गये हैं? कार्य करने वाली एजेंसी एवं कार्य की वर्तमान स्थिति की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) बालाघाट जिले में अनुसूचित जाति/जनजाति के कृषकों को कृषि पम्प हेतु विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिये वर्ष 2018-19 से आज दिनांक पर्यन्त तक कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई हैं? क्या वारासिवनी/खैरलांजी विकासखण्ड के अनुसूचित जाति/जनजाति के कृषकों को कृषि पम्प के लिये आवंटन का अभाव के कारण विद्युत कनेक्शन से वंचित किया गया हैं? यदि हाँ, तो किन-किन कृषकों के आवेदन लंबित हैं एवं इनका निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गौशालाओं के संबंध में
[पशुपालन एवं डेयरी]
42. ( क्र. 897 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाराजपुर विधान सभा क्षेत्र में संचालित गौशालाओं को बजट आवंटन की क्या व्यवस्था है? (ख) पशुपालन एवं नस्ल सुधार हेतु संचालित गौशालाओं में सांड उपलब्धता की क्या व्यवस्था है? (ग) शासकीय गौशालाओं में भूसे (चारा) की उपलब्धता हेतु विभाग शासन द्वारा संचालित शासकीय कृषि फार्मों से उत्पादित भूसे (चारा) की मांग क्यों नहीं करता?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) गौशालाओं में संरक्षित गौवंश संख्या के आधार पर रू.20.00 प्रतिगौवंश प्रतिदिवस के मान से अनुदान राशि प्रदाय की जाती है, जिसमें से 15.00 रू. चारा भूसा तथा रू.5.00 सुदाना हेतु प्रावधानित है। (ख) नस्ल सुधार हेतु विभाग अंतर्गत नन्दीशाला योजना संचालित की जा रही है। गौशालाओं की आवश्यकतानुसार उनसे आवेदन प्राप्त होने पर योजना के नियमानुसार सांड प्रदाय किए जाने का प्रावधान है। (ग) म.प्र.गौसंवर्धन बोर्ड द्वारा जिला गौपालन एवं पशुधन संवर्धन समितियों के माध्यम से गौशालाओं में उपलब्ध गौवंश की संख्या के आधार पर, चारा-भूसा हेतु राशि उपलब्ध कराई जाती है। जिसे जिला समिति, गौशालाओं को वितरित करती है। गौशाला प्रबंधन चाहे तो शासकीय कृषि फार्म से भूसा क्रय कर सकता है।
कुम्हार जाति को अनुसूचित जाति की मान्यता
[अनुसूचित जाति कल्याण]
43. ( क्र. 926 ) श्रीमती रक्षा संतराम सरोनिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या एक जिले में एक ही जाति के नागरिकों को दो अलग-अलग तहसीलों में अलग--अलग केटेगरी (आरक्षण की दृष्टि से) के माने जा सकते हैं? (ख) क्या दतिया जिले के भाण्डेर तहसील में कुम्हार जाति को अनुसूचित जाति माना जाता है? यदि हाँ, तो साक्ष्य प्रदान करें, यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या उपरोक्त विषय में कोई कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हाँ, तो विवरण प्रदान करें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। वर्ष 1950 की स्थिति में जिला दतिया में कुम्हार जाति अनुसूचित जाति के रूप में अधिसूचित है। भाण्डेर तहसील वर्ष 1998 के पूर्व ग्वालियर जिला में सम्मिलित थी। वर्ष 1998 में जिलो के पुनर्गठन पश्चात दतिया जिले में सम्मिलित हुई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्राथमिक, माध्यमिक एवं हाईस्कूल संस्थाओं का उन्नयन
[जनजातीय कार्य]
44. ( क्र. 1051 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला सिवनी के लखनादौन विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत प्राथमिक, माध्यमिक एवं हाईस्कूल संस्थाओं के उन्नयन के लिए कितने प्रस्ताव शासन को भेजे गये थे, शासन द्वारा उन्नयन के प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही की गई तथा संस्थाओं का उन्नयन कब तक किया जाएगा? (ख) कन्या हाईस्कूल कहानी, विकासखण्ड घंसौर तथा कन्या हाईस्कूल आदेगांव विकासखण्ड लखनादौन तथा बुनियादी माध्यमिक शाला लखनादौन को हाईस्कूल में उन्नयन हेतु प्रस्ताव शासन को भेजे गये थे, आज दिनांक तक उन प्रस्तावों पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) लखनादौन मुख्यालय जिला सिवनी में संचालित शासकीय कन्या उ.मा.विद्यालय जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है, उक्त भवन निर्माण कार्य की स्वीकृति हेतु अनेकोबार पत्राचार करने के पश्चात भी अभी तक कोई कार्यवाही की गई है अथवा नहीं? नहीं तो कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार शासन द्वारा कब तक कार्यवाही की जाएगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) प्राथमिक शाला से माध्यमिक शाला में उन्नयन की कार्यवाही राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा की जाती है। जिला शिक्षा केन्द्र सिवनी से प्राप्त जानकारी अनुसार लखनादौन विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत प्राथमिक शाला के उन्नयन का कोई भी प्रस्ताव नहीं है। माध्यमिक शाला से हाईस्कूल में उन्नयन हेतु प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कुल 23 प्रस्ताव प्रेषित किये गये और हाईस्कूल से हायर सेकेण्डरी में उन्नयन के कुल 07 प्रस्ताव प्रेषित किये गये। माध्यमिक शाला से हाईस्कूल में उन्नयन राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा केन्द्र अभियान के अन्तर्गत स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा किया जाता है। हाईस्कूल से हायर सेकेण्डरी में उन्नयन के सभी 07 प्रस्ताव का परीक्षण किया गया। उन्नयन हेतु प्रस्तावित सभी हाईस्कूल से उनके निकटतम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की दूरी 08 कि.मी. से अधिक नहीं होने के कारण संस्थाऐं उन्नयन किये जाने हेतु शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं पाई गई। (ख) प्रश्नांकित संस्थाऐं शासन के पत्र क्रमांक एफ 12-36/2017/25-2/185 दिनांक 12/2/2018 से जारी उन्नयन के मापदण्ड के अनुसार निर्धारित पात्रता नहीं रखती है। (ग) शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लखनादौन जिला सिवनी का नवीन भवन निर्मित हो चुका है और संस्था नवीन भवन में संचालित है। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) में दिये उत्तर अनुसार शासन स्तर पर कार्यवाही लंबित नहीं है।
हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी में रिक्त पदों की पूर्ति
[जनजातीय कार्य]
45. ( क्र. 1052 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र लखनादौन जिला सिवनी में कितने हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूल संचालित हैं? उनमें उच्च श्रेणी शिक्षक, व्याख्याता तथा प्राचार्य के पद रिक्त हैं? रिक्त पद पर कब तक पदस्थापना की जावेगी तथा हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी में शासन द्वारा कितने स्वीकृत पद हैं तथा स्वीकृत पद के विरूद्ध कितने कर्मचारी कार्यरत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त संस्थाओं में चतुर्थ श्रेणी कितने पद रिक्त हैं तथा उनको प्रतिमाह वेतन आहरण करने का प्रावधान है? प्रश्न दिनांक तक लखनादौन, घंसौर एवं धनौरा विकासखण्ड में कितने माह का वेतन कर्मचारियों का लंबित है तथा उनका वेतन भुगतान कब तक किया जाएगा? (ग) हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी जिला सिवनी में कितने प्राचार्यों के पद रिक्त हैं तथा शासन द्वारा कितने पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पदों पर प्राचार्यों की पदस्थापना कब तक की जाएगी? (घ) जिला सिवनी में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा कार्यरत कर्मचारियों की पदोन्नति कब तक की जाएगी? सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा पदोन्नति के संबंध में आदेश जारी किये गये हैं तथा उक्त आदेश की प्रत्याशा में पदोन्नति कब तक की जाएगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) 35 हाईस्कूल एवं 31 हायर सेकेण्डरी स्कूल संचालित हैं। जी हाँ। रिक्त पदों की पदस्थापना की कार्यवाही निरंतर प्रक्रिया हैं, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं। हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में शिक्षक संवर्ग के 952 पद स्वीकृत हैं जिसके विरूद्ध 288 कर्मचारी कार्यरत हैं। (ख) चतुर्थ श्रेणी के पद रिक्त नहीं हैं। जी हाँ। लखनादौन, घंसौर एवं धनौरा विकासखण्ड में किसी भी नियमित कर्मचारी का वेतन भुगतान लंबित नहीं हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी प्राचार्यों के 93 पद रिक्त हैं तथा 119 पद स्वीकृत हैं, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दिवंगत कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति
[जनजातीय कार्य]
46. ( क्र. 1053 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनुसूचित जनजाति कार्य विभाग में कार्यरत कर्मचारियों की कोरोना संक्रमण के कारण अथवा बीमारी एवं दुर्घटना में आकस्मिक मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति विभाग द्वारा प्रदान नहीं की गई है। अनुकम्पा नियुक्ति के कितने आवेदन लंबित हैं? आश्रितों को कब तक अनुकम्पा नियुक्ति सभी नियमों को शिथिल करते हुये प्रदान की जावेगी? (ख) सामान्य प्रशासन विभाग के आदेशों के तहत स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रयोगशाला सहायक के पद पर आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की गई थी। फिर जनजातीय विभाग के कर्मचारियों के आश्रितों को प्रयोगशाला सहायक के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति से वंचित कैसे रखा गया है? (ग) सिवनी जिले एवं संपूर्ण म.प्र. में जनजाति विभाग द्वारा प्रयोगशाला सहायक के पद पर आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति के आदेश स्कूल शिक्षा विभाग की तरह कब तक जारी होंगे? दोहरा मापदण्ड कैसे और क्यों अपनाया जा रहा है? क्या दोहरा मापदण्ड समाप्त कर प्रयोगशाला सहायक के पद पर नियुक्ति प्रदान की जायेगी? (घ) जनजातीय कार्य विभाग के आश्रितों को सहायक शिक्षक के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति हेतु उनकी योग्यता के अनुसार बी.एड. तथा बी.टी.सी. का प्रशिक्षण चयन के पश्चात करवाया जा सकता है। इस संबंध में विभाग द्वारा नियमों में शिथिलता प्रदान करते हुए अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) जनजातीय कार्य विभाग के भर्ती नियमों में प्रयोगशाला शिक्षक के पद पर नियुक्ति हेतु शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य योग्यता है। अत: स्कूल शिक्षा विभाग की तर्ज पर अनुकंपा नियुक्ति के लंबित प्रकरणों का निराकरण किया जाना संभव नहीं है। सामान्य प्रशासन विभाग के अनुकंपा नियुक्ति के संबंध में जारी परिपत्र दिनांक 20.09.2014 में प्रावधानित निर्देशों के तहत इन प्रकरणों का सतत निराकरण किया जा रहा है। (ग) एवं (घ) उतरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आदिवासी उपयोजना के अंतर्गत संचालित योजनाएं
[जनजातीय कार्य]
47. ( क्र. 1126 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आदिवासी उपयोजनाओं के अन्तर्गत विभाग की वर्तमान में कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? उन योजनाओं के नाम बतावें? (ख) क्या वर्तमान में जनजातियों उपयोजना के अन्तर्गत आदिवासी कृषकों के खेतों पर कुआं, तालाब, स्टापडेम, विद्युत व्यवस्था जैसी योजनाओं के अंतर्गत लाभांवित किये जाने का प्रावधान हैं? (ग) अगर प्रश्नांश (ख) सही है तो प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र खातेगांव के कितने एवं किन-किन ग्रामों के आदिवासी कृषकों को उक्त योजना का लाभ दिया गया है? ऐसे कृषकों के नाम बतावें। (घ) प्रश्नकर्ता विधान सभा क्षेत्र के कितने जनजातिय के कृषक हैं जिनके प्रकरण लम्बित है ऐसे ग्राम एवं कृषकों के नाम बतावें एवं प्रकरण लम्बित रहने का कारण बतावें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- एक एवं दो अनुसार है। (ख) भारत सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देश अनुसार संविधान के अनुच्छेद 275 (1) के अंतर्गत शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, विद्युतीकरण, सड़क एवं संचार, कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य उद्योग, डेयरी आय सृजित योजना के अंतर्गत क्रिटीकल गेप की पूर्ति हेतु अनुदान दिये जाने तथा प्रधानमंत्री आदि आदर्शग्राम योजना अंतर्गत रोड कनेक्टिविटी, स्कूल, आंगनवाड़ी, स्वास्थ्य उपकेन्द्र, पेयजल, कौशल विकास, सामुदायिक वन विकास, वनधन योजना तथा जल संसाधनों के संरक्षण आदि के लिये विभिन्न विभागों की योजनाओं के अभिसरण पश्चात गेप की पूर्ति हेतु सहायता दिये जाने तथा आदिवासी कृषकों के खेतों में विद्युत व्यवस्था (पंप ऊर्जीकरण) आदि योजना अंतर्गत लाभान्वित किये जाने का प्रावधान है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार खाते गांव विधानसभा क्षेत्र में बागली परियोजना क्षेत्र अंतर्गत तालाब, स्टाप डेम, विद्युत व्यवस्था जैसी योजना के प्रस्ताव प्राप्त नहीं होने से जानकारी निरंक पंपों के ऊर्जीकरण अंतर्गत लाभांवित कृषकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- तीन अनुसार है। (घ) प्रकरण लंबित न होने संबंधी जानकारी निरंक है।
पंजीकृत हितग्राहियों को राशि का भुगतान
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
48. ( क्र. 1202 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना के तहत सामूहिक विवाह कार्यक्रम में सम्मिलित निराश्रित/निर्धन परिवार की कन्या/विधवा/परित्यक्त्ता को आर्थिक सहायता राशि 55000/-प्रति कन्या के मान से उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश 'क' का उत्तर हाँ तो मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना के तहत भोपाल संभाग के अन्तर्गत जिला स्तर/ विकासखण्ड स्तर आयोजित होने वाले सामूहिक विवाह कार्यक्रम हेतु दिनांक 31.05.2022 एवं 05.06.2022 के लिए कितने हितग्राहियों के द्वारा पंजीयन कराए गये? जिलेवार/विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावे? (ग) क्या यह सही है कि प्रश्नांश 'ख' में उल्लेखित हितग्राहियों के पंजीयन उपरांत पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव 2022 की आचार संहिता के कारण जिला प्रशासन द्वारा उक्त सामूहिक विवाह सम्पन्न नहीं कराए गये हैं? यह भी सही है कि उक्त तिथि को सामूहिक विवाह सम्पन्न नहीं कराए जाने के कारण गरीब निर्धन परिवारों ने बाजार से कर्ज लेकर अपनी कन्याओं का विवाह घर पर सम्पन्न कराया है? (घ) यदि प्रश्नांश (ग) के क्रम में हाँ तो, शासन प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित पंजीकृत हितग्राहियों को प्रश्नांश (क) में अंकित आर्थिक सहायता राशि उपलब्ध कराए जाने के संबंध में यथाशीघ्र कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी हाँ। मुख्यमंत्री विवाह/निकाह योजनान्तर्गत सामूहिक विवाह कार्यक्रम में सम्मिलित होकर विवाह सम्पन्न करने पर प्रति पात्र कन्या/विधवा/परित्यक्त्ता को 11,000/- रूपये राशि का अकाउन्ट पेयी चेक एवं राशि रूपये 38 हजार की सामग्री वधू को उपहार के रूप में तथा राशि रूपये 6,000/- सामूहिक विवाह कार्यक्रम करने हेतु आयोजनकर्ता निकाय को दिये जाने का प्रावधान है। इस प्रकार कुल राशि 55,000/- प्रति कन्या के मान से स्वीकृत किये जाने का प्रावधान है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) सामूहिक विवाह करने हेतु वर्ष में और भी तिथियों को प्रावधान है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजनान्तर्गत हितग्राहियों द्वारा एकल विवाह संपन्न कराये जाने पर पृथक से आर्थिक सहायता दिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। (संशोधित योजना 2022 की कंडिका 5.4 अनुसार) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कैंसर विभाग का पृथक से संचालन
[चिकित्सा शिक्षा]
49. ( क्र. 1203 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है विदिशा स्थित अटल बिहारी वाजपेयी, शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में कैंसर विभाग का संचालन पृथक से न किया जाकर सर्जरी विभाग के साथ संचालित किया जा रहा है? जबकि प्रदेश के अन्य चिकित्सालयों में कैंसर विभाग पृथक से संचालित हो रहे है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) के क्रम, हाँ है तो प्रश्नकर्ता द्वारा प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश शासन चिकित्सा शिक्षा एवं आयुक्त राजस्व भोपाल संभाग भोपाल को प्रेषित किए गये पत्र के क्रम में कैंसर विभाग पृथक से संचालित किए जाने के निर्देश दिये गये? यदि हाँ, तो निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो कब तक उक्त संबंध में कार्यवाही की जावेगी?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। जी नहीं, चिकित्सा महाविद्यालय इंदौर एवं जबलपुर में कैंसर अस्पताल पृथक से स्थापित है। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहकारिता विभाग में स्थानांतरण (पदस्थापना) एवं परिक्रमण
[सहकारिता]
50. ( क्र. 1205 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंजीयक सहकारी संस्थाऐं म.प्र. भोपाल द्वारा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों के सेवायुक्तों के (नियोजन, निबन्धन तथा कार्यस्थिति) सेवानियम, अनुसूची, आचरण नियम एवं मानव संसाधन नीति जारी की गई है या नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, है तो नीति की प्रति उपलब्ध करावे। उक्त नीति की किस कंडिका के अनुसार बैंक में नियुक्त सेवायुक्तों के स्थानांतरण एक ही पदस्थापना पर तीन वर्षों से अधिक पदस्थ रहने पर किए जाने का प्रावधान है? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) के क्रम में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित विदिशा (जिला मुख्यालय) में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद एवं प्रभार के रूप में किस दिनांक से कौन सेवायुक्त कार्यरत है, नाम, मूल पदनाम, मूल पदस्थापना स्थल का नाम एवं किस दिनांक से कितने वर्षों से पदस्थ है? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित सेवायुक्त एक ही स्थान पर 03 वर्षों से अधिक अर्थात 8 वर्षों से अधिक अवधि से पदस्थ है या नहीं? यदि हाँ, तों प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित नीति के अनुसार प्रश्नांश (ग) में अंकित सेवायुक्त का स्थानांतरण अन्यंत्र नहीं करने के लिए जिम्मेदार कौन है? कब तक उक्त सेवायुक्त का विभागीय नीति अनुसार अन्यंत्र पदस्थ किया जावेगा? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट बतावें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक कर्मचारी सेवानियम से संबंधित प्रावधान की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) श्री विनय प्रकाश सिंह केडर अधिकारी श्रेणी-1 जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित विदिशा में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर अस्थायी रूप से दिनांक 24.11.2021 से कार्यरत है। श्री सिंह जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित विदिशा के अधिकारी के रूप में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर दिनांक 20.08.2011 से दिनांक 21.11.2021 तक कार्यरत थे। श्री सिंह का जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित विदिशा से संविलियन शीर्ष बैंक केडर सेवा में आदेश दिनांक 02.11.2021 से किया गया है एवं श्री सिंह द्वारा दिनांक 22.11.2021 को शीर्ष बैंक मुख्यालय में अपेक्स बैंक केडर सेवा में संविलियन उपरांत अपनी उपस्थिति दी गई है। (घ) शीर्ष बैंक केडर सेवा में श्री विनय प्रकाश सिंह 03 वर्षों से अधिक अवधि से पदस्थ नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
लोक सेवा केन्द्र की अधिसूचित सेवाएं
[लोक सेवा प्रबन्धन]
51. ( क्र. 1247 ) श्री
प्रणय प्रभात
पाण्डेय : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सेवा
क्रमांक 6.4
मतदाता सूची
एवं सेवा
क्रमांक 4.16 सेवा
प्राप्त करने
हेतु शासन
द्वारा क्या
परिपत्र जारी
किया गया है, क्या
अधिसूचित
सेवा को लोक
सेवा केन्द्र
के माध्यम से
प्राप्त किया
जा सकता है? यदि नहीं, तो यह
सेवा कब तक
उपलब्ध करायी
जावेगी? (ख) प्रश्नांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में सेवा
क्रमांक 6.4 लोक
सेवा केन्द्र
के माध्यम से
अभिप्रमाणित प्रति
किस पोर्टल से
प्राप्त होगी, तथा
प्रति पृष्ठ
कितने रूपये
आवेदक को देने
होंगे, क्या
अभिप्रमाणित
प्रति का
शुल्क
कार्यालय एवं
लोक सेवा
केन्द्र का
भिन्न-भिन्न
हो सकता है, यदि नहीं, तो
अभिप्रमाणित
प्रति पर होने
वाला व्यय लोक
सेवा
केन्द्र/पदाभिहित
अधिकारी को
कैसे प्राप्त
होगा?
(ग)
प्रश्नांश
(क) एवं (ख)
के
परिप्रेक्ष्य
में लोक सेवा
केन्द्र/पदाभिहित
अधिकारी को
मतदाता सूची
की प्रति
प्राप्त न
होने पर समाधान
एक दिवस की
सेवा
प्रभावित हो
रही है, यदि
हाँ तो उसका
निराकरण कब तक
किया जावेगा?
सहकारिता
मंत्री ( डॉ.
अरविंद सिंह
भदौरिया ) : (क) जी हाँ, सामान्य
प्रशासन
विभाग की सेवा
क्रमांक 6.4
मतदाता सूची
प्राप्त
करने एवं
राजस्व
विभाग की सेवा
क्रमांक 4.16 की
सेवा प्राप्त
करने हेतु
परिपत्र जारी
किया गया है।
जी हाँ, शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख)
सेवा
क्रमांक 6.4 को लोक
सेवा केन्द्र
के माध्यम से
अभिप्रमाणित
प्रति
ई-डिस्ट्रिक्ट
पोर्टल से
प्राप्त
होती है। लोक
सेवा केन्द्रों
पर शुल्क, सेवा
के लिये जारी
परिपत्र की
कंडिका 08 के अनुसार
देय होता है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है।
शेष प्रश्नांश
के उत्तर का
प्रश्न नहीं
उठता। (ग) जी नहीं।
लोक सेवा केन्द्रों
के माध्यम से
सेवा क्रमांक 6.4 मतदाता
सूची की प्रति
का प्रदाय
निर्धारित
समय-सीमा में
किया जा रहा
है। अत: शेष
शेष प्रश्नांश
के उत्तर का
प्रश्न नहीं
उठता।
विमुक्त, घुमंतु समाज कल्याण की योजनाएं
[विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण]
52. ( क्र. 1262 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में राज्य शासन द्वारा विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्द्ध घुमक्कड़ समाज के कल्याण के लिए कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है? (ख) वर्ष 2020-21, 2021-22 में विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्द्ध घुमक्कड़ समाज के कल्याण के लिए कितना बजट आवंटित किया गया है और कितना खर्च हुआ किस-किस मद में सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्द्ध घुमक्कड़ समाज के कल्याण के लिए शासन द्वारा स्थाई रोजगार की व्यवस्था है? यदि हाँ, तो क्या यदि नहीं, तो क्यों? (घ) शासन द्वारा विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्द्ध घुमक्कड़ समाज के कल्याण की शिक्षा व स्वास्थ्य के लिए क्या योजना है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जी, हाँ। वर्तमान में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के माध्यम से समाज के इस वर्गों के लिए भी मुख्यमंत्री उद्यम क्रान्ति योजना संचालित है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। शासन के द्वारा संचालित समस्त स्वास्थ्य संबधी योजनाओं की इस वर्ग को भी सुविधाएं प्रदान की जाती है।
राजगढ़ जिले की विभिन्न तहसील में नवीन थाना/चौकी की स्थापना
[गृह]
53. ( क्र. 1271 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के विभिन्न तहसील में नवीन थाना/चौकी खोले जाने के प्रस्ताव या मांग विभाग के पास विचाराधीन हैं? यदि हाँ, तो विवरण उपलब्ध कराएं। (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर के अंतर्गत नवीन थाना/चौकी खोले जाने के प्रस्ताव या मांग विभाग के पास विचाराधीन हैं? यदि हाँ, तो कार्यवाही कब तक पूर्ण की जाएगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधिकारियों/कर्मचारियों के लिये शासकीय भवनों की उपलब्धता
[गृह]
54. ( क्र. 1274 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिला में ऐसी कितने थाने/चौकियां है जहाँ सभी कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी को शासकीय आवासीय भवन नहीं है। (ख) उक्त स्थानों पर कर्मचारियों की पदस्थापना के मान से आवासीय भवन कब तक निर्मित कर दिए जावेंगे।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) छतरपुर जिले के 6 थाने तथा 22 चौकियों में सभी कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी को शासकीय आवास उपलब्ध नहीं है। (ख) मुख्यमंत्री पुलिस आवास योजना के द्वितीय एवं तृतीय चरण में पुलिस अधीक्षक, जिला छतरपुर के अंतर्गत आरक्षक/प्रधान आरक्षक स्तर के 240 आवास एवं एन.जी.ओ. स्तर के 60 आवासों की शासन स्वीकृति प्राप्त है। स्वीकृत आवासों में क्रमशः 144 एवं 36 आवास निर्माणाधीन है। पदस्थापना के मान से आवासीय भवन निर्मित करने की समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
निजी बीमा कम्पनी से अधिक प्रीमियम पर बीमा
[सहकारिता]
55. ( क्र. 1275 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर में वर्ष 2016-17, 2017-18 और 2018-19 में जिला सहकारी बैंकों से अल्पावधि ऋण लेने वाले कितने किसानों का निजी बीमा कंपनी से बीमा कराया गया? कितने प्रीमियम पर कितनी राशि का बीमा किया गया? (ख) क्या यह सच है कि किसानों से उनकी सहमति के बिना बीमा किया गया और उनके बैंक खाते से प्रीमियम की राशि काटी गई? (ग) क्या यह सच है कि उपरोक्त किसानों को प्रधानमन्त्री जीवन ज्योति योजना में मात्र 330 रूपये के प्रीमियम पर दो लाख की बीमा सुरक्षा मिल सकती थी? (घ) यदि हाँ, तो प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना में बीमा सुरक्षा न देकर निजी बीमा कम्पनी से अधिक प्रीमियम पर बीमा किये जाने का क्या कारण है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) निरंक। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बालाघाट में मेडिकल कॉलेज की स्थापना
[चिकित्सा शिक्षा]
56. ( क्र. 1282 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट में मेडिकल कॉलेज प्रस्तावित हैं यदि हाँ, तो शासन द्वारा केन्द्र सरकार को भेजे गए प्रस्ताव की छायाप्रति संलग्न करें यदि नहीं, तो नक्सल प्रभावित जिले बालाघाट में मेडिकल कॉलेज प्रस्तावित न करने का कारण बताए? (ख) क्या नवीन मेडिकल कॉलेज प्रारंभ करने में बालाघाट को प्राथमिकता दी जाएगी यदि नहीं, तो प्राथमिकता किन मापदण्डों पर दी जाती हैं? (ग) बालाघाट जिला चिकित्सालय से छिंदवाड़ा तथा जबलपुर रेफर किये गए ऐसे मरीज जो छिंदवाड़ा तथा जबलपुर मेडिकल कॉलेज ईलाज के लिए पहुंचे हैं उनकी विगत 1 वर्ष की जानकारी प्रति माह अनुसार देने की कृपा करें?
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( श्री विश्वास सारंग ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) शासन द्वारा समय-समय पर नीतिगत निर्णय लिया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) बालाघाट जिला चिकित्सालय से जबलपुर तथा छिंदवाड़ा चिकित्सा महाविद्यालय में इलाज के लिये रेफर किये गये मरीजों की माहवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अन्य पिछड़ा वर्ग अंतर्गत आने वाली जातियों की गणना
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
57. ( क्र. 1283 ) सुश्री
हिना लिखीराम
कावरे : क्या
राज्यमंत्री, पिछड़ा
वर्ग एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) पिछड़ा
वर्ग कल्याण
आयोग के अध्यक्ष
द्वारा अन्य
पिछड़ा वर्ग
के अंतर्गत
आने वाली
जातियों की
गणना के
उद्देश्य से
प्रदेश के
किन-किन जिलों
का भ्रमण किया
गया हैं? (ख) पिछड़ा
वर्ग कल्याण
आयोग द्वारा
पिछड़े वर्ग
की जातियों की
जो गणना की गई
हैं उसकी
जानकारी
विकासखण्ड
अथवा
विधानसभा
अनुसार जो भी
सुविधाजनक हो
देने की कृपा
करे? (ग) पिछड़ा
वर्ग कल्याण
आयोग द्वारा
सुप्रीम
कोर्ट में स्थानीय
निकाय चुनाव
में पिछड़े
वर्ग का आरक्षण
सुनिश्चित
करने हेतु जो
दस्तावेज
प्रस्तुत
किए गए हैं
उनकी
छायाप्रति
उपलब्ध कराए?
राज्यमंत्री, पिछड़ा
वर्ग एवं
अल्पसंख्यक
कल्याण ( श्री
रामखेलावन
पटेल ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार है। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब
अनुसार है। (ग)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-स
अनुसार है।
स्वीकृत निर्माण कार्यों की भौतिक स्थिति
[अनुसूचित जाति कल्याण]
58. ( क्र. 1300 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के अन्तर्गत अनुसूचित जाति कल्याण विभाग को शासन द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं वर्ष 2021-22 एवं वर्ष 2022-23 में कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ है? प्राप्त राशि का उपयोग किन-किन कार्यों एवं निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान किए जाने के लिये किया गया है? प्रत्येक विधानसभावार, वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उल्लेखित वित्तीय वर्षों में स्वीकृत किए गये निर्माण कार्यों में से कौन-कौन से निर्माण कार्य प्रारंभ किए जा चुके है व कौन-कौन से निर्माण कार्य प्रारंभ होना शेष है एवं कौन-कौन से निर्माण कार्य पूर्ण किए जा चुके है और कौन-कौन से निर्माण कार्य अपूर्ण हैं? स्वीकृत निर्माण कार्यों को प्रारंभ नहीं किए जाने एवं निर्माण कार्य के अपूर्ण होने का क्या कारण है? निर्माण कार्यों की प्रश्न दिनांक तक भौतिक स्थिति से अवगत कराये?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण हेतु बजट आवंटन
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
59. ( क्र. 1301 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के अन्तर्गत पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ वर्ष 2021-22 व 2022-23 में किन-किन हितग्राहियों को प्रदान किया गया? प्रत्येक विधानसभावार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) छिन्दवाड़ा जिले के अन्तर्गत पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को शासन द्वारा वर्ष 2021-22 व 2022-23 में कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ है और उस राशि को कहाँ-कहाँ खर्च किया गया है? (ग) पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा वर्तमान में कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जा रही है? उपरोक्त वर्ग के लोगों के लिये शासन की क्या-क्या योजनायें प्रस्तावित है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) छिन्दवाड़ा जिले में प्रश्नाधीन वर्षों में विभाग द्वारा कोई हितग्राही मूलक योजना के तहत कोई लाभ नहीं दिया गया है। (ख) वित्तीय वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 में विभाग को प्राप्त आवंटन एवं मदवार व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विभाग अंतर्गत पोस्टमैट्रिक छात्रवृत्ति योजना, राज्य छात्रवृत्ति योजना, छात्रगृह योजना, विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति योजना, रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण योजना, सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना, मेधावी छात्रवृत्ति योजना, प्रतिभा पुरस्कार योजना, पोस्टमैट्रिक बालक एवं कन्या छात्रावास, अल्पसंख्यक प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना, मैरिट कम मीन्स छात्रवृत्ति योजना, प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम योजना एवं राज्य पुरस्कार योजनाएं संचालित हैं। वर्तमान में कोई योजना प्रस्तावित नहीं है।
विभागीय योजनाओं का लाभ
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
60. ( क्र. 1316 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सुमावली में जनपद जौरा एवं जनपद मुरैना एवं नगर पालिका निगम मुरैना में विभाग द्वारा वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को लाभ दिया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार दिव्यांगजनों एवं नि:शक्तजनों को एडिप योजना एवं मुख्यमंत्री नि:शक्तजन शिक्षा प्रोत्साहन राशि का कितने लोगों को लाभ मिला है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार कितने लोगों को लाभ मिला है? कितने पेंडिंग मामले है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''ब'' अनुसार। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के अनुसार विभिन्न योजनांतर्गत 16003 हितग्राहियों को लाभांवित किया गया है। प्राप्त आवेदनों में से पात्र हितग्राही लाभ हेतु शेष नहीं है।
आरक्षक की पदस्थापना
[गृह]
61. ( क्र. 1318 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या थाना सिविल लाईन मुरैना में पदस्थ आरक्षक संजय गुर्जर को अन्यत्र स्थान पर पदस्थ किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो इन्हें पुन: वापस क्यों लाया गया? जबकि संजय गुर्जर के द्वारा अवैध वसूली रेत माफिया एवं शराब तस्करों को संरक्षण दिया जाता रहा है। (ग) उक्त पर कब तक कार्यवाही की जाएगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। आरक्षक संजय गुर्जर, थाना सिविल लाईन को पुलिस लाईन मुरैना संबद्ध किया गया था। (ख) इन्हें प्रशासनिक दृष्टिकोण से पुलिस लाईन मुरैना से थाना सिविल लाईन स्थानांतरित किया गया है। कार्यालयीन अभिलेख वर्ष 2021 से अभी तक की अवधि में आरक्षक संजय गुर्जर के विरूद्ध अवैध वसूली, रेत माफिया एवं शराब तस्करों को संरक्षण संबंधी कोई लिखित शिकायत पुलिस अधीक्षक कार्यालय मुरैना एवं थाना सिविल लाईन पर प्राप्त नहीं हुई है। (ग) आधार नहीं पाये जाने से कार्यवाही नहीं की गई।
कोषालय संबंधी कार्यों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
62. ( क्र. 1330 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) डी.डी.ओ. नंबर 0512506001 द्वारा दिनांक 01 जनवरी, 2019 से दिनांक 15 जनवरी, 2022 तक कब-कब, कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से एफ.वी.सी. फुली व्हाउचर कॉन्टिन्जेन्ट बिल कोषालय से पारित कराए गए? जानकारी/सूची उपलब्ध करावें। (ख) उपरोक्त अवधि में पारित उपरोक्त एफ.वी.सी. देयकों के बिल देने वाली संस्था का नाम, बिल क्रमांक, बिल दिनांक, बिल की राशि, बिल का भुगतान किस वेन्डर को किस खाते में किया गया, पेड बाय मी विभाग के किस व्यक्ति द्वारा किया गया और उसे भुगतान किस खाते में किया गया, से संबंधित जानकारी/ सूची/ अभिलेख उपलब्ध करावें। (ग) उपरोक्त अवधि में पारित उपरोक्त एफ.वी.सी. देयकों पर स्वीकृति लेने के पूर्व भण्डार क्रय नियमानुसार लगाए गए कोटेशन/निविदा/सूची/अभिलेख उपलब्ध करावें। (घ) उपरोक्त अवधि में एफ.वी.सी. बिलों से खरीदी गई सामग्री का सत्यापन किस व्यक्ति/समिति/ दल द्वारा कब-कब किया गया? सूची दें। किस-किस सामग्री का सत्यापन कराये बिना भुगतान हुआ है? सूची दें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' पर कालम 5 एवं 6 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) कोटेशन/निविदा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (घ) समस्त सत्यापन सचिव राज्य जनजाति आयोग द्वारा किये जाते है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। सत्यापन कराये बिना भुगतान नहीं किये गये है।
थानों की सफाई इत्यादि के कार्यों में लगे कर्मियों का वेतन
[गृह]
63. ( क्र. 1331 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के विभिन्न थानों में साफ-सफाई आदि कार्यों के लिये कर्मियों की नियुक्ति किस प्रकार की गई है? इन्हें किन जिलों में किस मापदंड से वेतन या पारिश्रमिक का भुगतान किया जाता है? क्या यह सही है कि इन कर्मियों को कलेक्टर रेट से भी कम मानदेय दिया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित साफ-सफाई कर्मचारियों के आर्थिक हितों की सुरक्षा व इन्हें उचित वेतन देने हेतु विभाग कब तक क्या कार्यवाही करेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रदेश के विभिन्न थानों में साफ-सफाई आदि कार्यों के लिए कर्मियों की नवीन नियुक्ति प्रावधानित नहीं की गई है। वेतन भुगतान की कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कर्मचारियों को समय पर नियमानुसार मानदेय प्रदान किया जा रहा है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वेतन का भुगतान क्षेत्रफल के आधार पर किया जा रहा है।
एफ.आई.आर. दर्ज नहीं किया जाना
[गृह]
64. ( क्र. 1334 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस थाना पानसेमल जिला बड़वानी में लोक निर्माण विभाग के द्वारा दिनांक 08.03.2022 को एफ.आई.आर. दर्ज करने के लिए जो पत्र लिखा गया था उस पत्र की प्रति देवें एवं पत्र के आधार पर दर्ज एफ.आई.आर. की प्रति देवें। यदि एफ.आई.आर. दर्ज नहीं हुई है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है उसका नाम बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त शिकायत के पश्चात् थाना प्रभारी पानसेमल के द्वारा की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन देवें। (ग) बड़वानी जिले में 01 अप्रैल, 2018 से प्रश्न दिनांक तक धारा 420, 467, 468 में कुल कितनी एफ.आई.आर. दर्ज की गई है थानेवार जानकारी देवें? प्रत्येक की प्रति देवें एवं उनमें से कितने प्रकरणों में आरोपियों को दोष मुक्त किया गया है एवं कितने प्रकरणों में न्यायालय के द्वारा आरोप पर ही बरी किया गया है? एफ.आई.आर. सहित विवरण देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) में कितने प्रकरणों में पुलिस के द्वारा उच्च न्यायालय में अपील की गई है और कितने प्रकरणों की अपील नहीं की गई है पुलिस अधीक्षक के अभिमत सहित प्रतिवेदन देवें? (ड.) प्रश्नांश (घ) में पुलिस अधीक्षक के अभिमत के आधार पर क्या ऐसे प्रकरणों में अपील की जायगी या नहीं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) पुलिस थाना पानसेमल जिला बड़वानी में लोक निर्माण विभाग के द्वारा दिनांक 08.03.2022 को एफ.आई.आर. दर्ज करने के लिये कोई पत्र प्राप्त होना नहीं पाया गया है। चूंकि पत्र प्राप्त नहीं हुआ है अतः एफ.आई.आर. दर्ज नहीं करने के लिये कोई जिम्मेदार नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार थाना पानसेमल द्वारा कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में समाहित है। (ड.) प्रश्नाधीन अवधि में दर्ज प्रकरणों में से थाना बड़वानी के 06 प्रकरणों में फरियादी एवं आरोपीगण के मध्य राजीनामा हो जाने से माननीय न्यायालय में राजीनामा पेश किया गया था, जिसके आधार पर माननीय न्यायालय द्वारा राजीनामा स्वीकार कर आरोपीगणों को दोषमुक्त किया गया है। प्रकरणों में राजीनामा के आधार पर दोषमुक्त होने से प्रकरणों में अपील प्रस्तावित नहीं की गयी।
वक्फ संपत्तियों को डी-नोटीफाई किया जाना
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
65. ( क्र. 1336 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राज्य में विगत 10 वर्षों में प्रश्न दिनांक तक कितनी वक्फ समपत्तियों को डी-नोटीफाई किया गया है उन्हें डी-नोटीफाई जाने के कारण सहित वक्फ सम्पत्तिवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार डी-नोटीफाई किस प्राधिकारी के आदेश से किया गया है? प्रत्येक आदेश की प्रति देवें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) मध्यप्रदेश राज्य में विगत 10 वर्षों में केवल एक वक्फ के खसरा क्र.166-वक्फ दरगाह पीर गदनूरानी कस्बा तराना जिला उज्जैन की भूमि को म.प्र.राज्य वक्फ अधिकरण भोपाल के प्रकरण क्रमांक 1417/96 में पारित निर्णय दिनांक 16.06.2000 तथा माननीय उच्च न्यायालय एकल खण्डपीठ इंदौर की सिविल रिवीजन क्रमांक 954/2000 में दिनांक 10.08.2010 को दिये गये निर्णय अनुसार डी-नोटिफाई किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मान.न्यायालय के निर्णय के पालन में तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी, म.प्र.वक्फ बोर्ड भोपाल द्वारा उक्त खसरे को डी-नोटिफाई किया गया है। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
स्वयंसेवी संस्थाओं की जानकारी
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
66. ( क्र. 1337 ) श्री सुरेश राजे : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग द्वारा स्वयंसेवी संस्थाओं की मान्यता व अनुदान तथा निरीक्षण करने संबंधी शासन आदेश/नियम की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावेंl (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार जिला ग्वालियर अंतर्गत सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग में मान्यता प्राप्त स्वयंसेवी संस्थाएं कहाँ-कहाँ पर संचालित है? स्वयंसेवी संस्था का पंजीयन क्रमांक, दिनांक, अध्यक्ष का नाम, संपर्क, संस्था के संचालन का समय एवं पूर्ण पता सहित विस्तृत विवरण देवें l (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार जिला ग्वालियर अंतर्गत संचालित किस स्वयंसेवी संस्था को वर्ष 2018-19 से 2021-22 में किस प्रयोजन हेतु कितनी अनुदान राशि दी गई? स्वयंसेवी संस्थावार एवं वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावेंl
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार।
नि:शक्तजनों के लिए योजनाएं
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
67. ( क्र. 1342 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा निःशक्तजन के कल्याण हेतु कौन-कौन सी योजनाएं संचालित है, तथा इन योजनाओं का लाभ लेने हेतु क्या-क्या नियम निर्देश है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं से विगत तीन वर्षों में कहां-कहां के कौन-कौन से निःशक्तजन लाभांवित हुए? बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत योजनावार लाभांवित हितग्राही के नाम, ग्राम सहित वर्षवार सूची देवे? (ग) विभाग द्वारा निःशक्तजन हितग्राहियों को मोटराइज्ड ट्रायसाइकल प्रदान करने हेतु बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत तीन वर्षों में कहां-कहां पर शिविर आयोजित कर किन-किन पात्र हितग्राहियों को मोटराइज्ड ट्रायसाइकल प्रदान की गई है, कितने पात्र हितग्राही वंचित है, नाम, ग्राम सहित सूची देवे? (घ) क्या विभाग आगामी समय में बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत परीक्षण शिविर लगाकर पात्र हितग्राहियों का चयन कर तथा प्रश्नांश (ग) के शेष पात्र हितग्राहियों को मोटराइज्ड ट्रायसाइकल प्रदान करने की कोई योजना बनावेगा? उत्तर में यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट''ब''अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार। (घ) प्राप्त आवेदनों में से कोई पात्र हितग्राही लाभ हेतु शेष नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गृह निर्माण समिति द्वारा प्रदाय प्रकोष्ठ की जानकारी
[सहकारिता]
68. ( क्र. 1349 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के दिनांक 14.03.2022 के तारांकित प्रश्न क्र. 2372 के उत्तरांश (ख) में विभाग द्वारा बताया गया है कि संबंधित गृह निर्माण समिति के 40 में से 19 सदस्यों को प्रकोष्ठ प्रदाय किये जा चुके हैं? यदि हाँ, तो जिन सदस्यों को प्रकोष्ठ प्राप्त हो चुके हैं उनका तथा जिन्हें प्रकोष्ठ प्राप्त नहीं हुए हैं उनके नाम, पते आवंटित प्रकोष्ठ क्रमांक सहित सूची प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शेष सदस्यों को अब तक प्रकोष्ठ प्रदाय नहीं किये जाने का क्या कारण है? संपूर्ण दस्तावेज सहित बतावें। उक्त सदस्यों को प्रकोष्ठ प्रदाय कराये जाने हेतु विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? दस्तावेज सहित जानकारी दें। जिन सदस्यों को अब तक प्रकोष्ठ नहीं प्राप्त हुए है? उन्हें कब तक प्रकोष्ठ आवंटित कर दिये जावेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जिन सदस्यों को प्रकोष्ठ आवंटित नहीं हुए हैं उनके प्रकोष्ठों की भौतिक स्थिति क्या है? क्या उन पर किसी ओर का आधिपत्य है अथवा आवंटित किये गये हैं? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में आधिपत्यकर्ता/आवंटिती के नाम, पते सहित सूची प्रदाय करें तथा उक्त आधिपत्य को हटाने/आवंटन निरस्त करने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की है? दस्तावेज सहित जानकारी देवें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनुदान राशि में अनियमितता
[अनुसूचित जाति कल्याण]
69. ( क्र. 1360 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति महिला/लड़की से बलात्कार होने पर पीड़िता द्वारा FIR दर्ज होने से कोर्ट निर्णय आने तक विभिन्न चरणों में दी जाने वाली राशि कितनी पीड़िता को, किस-किस चरण में, वर्ष 2015 के पश्चात दी गयी है कितनी राशि किस-किस चरण में देना शेष है पीड़िता को राशि किन-किन स्थानों पर किन-किन विभागों से कितनी-कितनी प्राप्त हुई? (ख) प्रश्नांश "क" संदर्भित पीड़िताओं को राशि देने के लिए विभाग ने संबंधित विभाग को किस-किस दिनांक को प्रस्ताव भेजे, जवाब की प्रतिलिपि देते हुये बताये की कितनी राशि किस अवधि में मिली? (ग) क्या पीड़िता को दी जाने वाली राशि का उपयोग अन्य कार्यों में किया गया है यदि हाँ, तो कितनी राशि का उपयोग/समायोजन किस अवधि में, किस कार्य के लिए किया गया? सम्बन्धित आदेश पत्रों की प्रतिलिपियां देवें?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विद्युतीकरण व अन्य निर्माण कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
70. ( क्र. 1361 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दमोह जिले के जबेरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी अनुसूचित जाति व जनजाति की बस्तियां विभाग द्वारा चिन्हित की गई है उक्त बस्तियों में से विद्युत विहीन बस्तियों का विद्युतीकरण का सर्वे कब-कब कराया गया है किन-किन बस्तियों के विद्युतीकरण के प्रस्ताव विभाग द्वारा तैयार कराये गए है। यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विद्युतीकरण के कितने प्रस्ताव विभाग द्वारा उच्च स्तर पर भेजे गए है। प्रस्ताव अनुसार कितनी बस्तियों में विद्युतीकरण का कार्य लंबित है क्या ग्राम इमलीडोल के कछरा बस्ती में विद्युतीकरण कार्य प्रस्तावित है यदि हाँ, तो कब तक विद्युतीकरण कार्य किया जायेगा? (ग) विभाग द्वारा विगत तीन वर्षों में कौन-कौन से अधोसंरचना विकास व अन्य निर्माण कार्य स्वीकृत किये गए है तथा किसकी अनुशंसा पर कृपया कार्यवार विवरण देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) जबेरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 2011 की जनगणना के अनुसार अनुसूचित जाति/जनजाति बाहुल्य ग्रामों की चिन्हित सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। विभागीय योजनाओं में विद्युत विहीन बस्तियों के सर्वे का प्रावधान न होने से शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
सामाजिक सुरक्षा पेंशन की जानकारी
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
71. ( क्र. 1364 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर पूर्व विधानसभा में वर्ष 2021 एवं जून 2022 की समय अवधि में कितनी निराश्रित, नि:शक्त विधवाओं को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जा रही है संख्या सहित अनुभागवार जानकारी दी जावें। (ख) वर्तमान में उक्त योजना के कितने आवेदन विभिन्न वर्गों के पुरूष, महिलाओं के लम्बित है उनके निराकरण कब तक किये जा सकेंगे अनुभागवार लम्बित प्रकरणों की संख्या सहित जानकारी दी जावे। (ग) उक्त निराकरण करने वाले अधिकारी, पात्रता सम्बंधी अर्हताओं की पूर्ती हेतु कोई एक स्थान नियत किया गया है जैसे सिंग्ल विण्डो जैसी योजना। उन्हें प्रोत्साहित करना शासन का उद्देश्य है पूर्ण जानकारी दी जावे।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) ग्वालियर पूर्व विधान सभा में वर्ष 2021 एवं जून 2022 की समयावधि में 2715 निराश्रित, नि:शक्त विधवा हितग्राहियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदाय की जा रही है जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्तमान में उक्त योजनाओं के अंतर्गत पुरूष एवं महिलाओं के कोई भी आवेदन लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। नगर सीमान्तर्गत प्रत्येक क्षेत्रीय कार्यालय पर जन-सुविधा हेतु जनमित्र केन्द्र बनाये गये है वर्तमान में 25 क्षेत्रीय कार्यालय के 26 जनमित्र केन्द्र है जिनमें एक छावनी बोर्ड का जनमित्र केन्द्र शामिल है।
वाहन दुर्घटना प्रकरणों एवं मृतकों की जानकारी
[गृह]
72. ( क्र. 1365 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर चम्बल संभाग में वाहन दुर्घटना के प्रकरण एवं मृतको की संख्या सहित वर्ष 2021 एवं जून 2022 की जानकारी जिलावार, माहवार जानकारी दी जावे। (ख) दुर्घटनाओं में मृतक परिवारों के आश्रितों को कितनी आर्थिक सहायता, अन्त्येष्टि सहायता राशि उपलब्ध कराई गई है पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) क्या उक्त दुर्घटना करने वाले वाहनों पर बीमा प्रमाण पत्र पाये गये जिसकी एन्ट्री दुर्घटना के प्रकरणों में वाहनों पर बीमा की गई थी कितने प्रकरणों में वाहनों पर बीमा प्रमाण पत्र नहीं पाये गये पूर्ण जानकारी दी जावे।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
गौशालाओं का संचालन
[पशुपालन एवं डेयरी]
73. ( क्र. 1367 ) श्री हर्ष यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में वर्ष 2018-19 से किन-किन स्थानों पर में कितनी गौ-शालाएं स्थापित की गई है, गौशालाओं के संचालन एंव गौशालाओं में गायों के स्वास्थ्य परीक्षण एंव टीकाकरण के संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की जा रही हैं। विस्तृत विवरण देवें। (ख) उक्त गौ-शालाओं में वर्तमान में कितनी-कितनी गायें रखी गई है एंव विभाग के किन-किन डॉक्टरों द्वारा उन गौशालाओं में जाकर टीकाकरण एंव अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई गई। गौ-शालावार जानकारी दी जाए। (ग) क्या शासन द्वारा इन गौशालाओं के स्थापना हेतु भूमि अथवा अन्य सुविधा उपलब्ध कराई गई है? पृथक-पृथक जानकारी दी जाए। (घ) शासन द्वारा विगत तीन वर्षों में गौ-शालाओं को उनके पालन पोषण हेतु प्रति गाय के मान से कितनी धनराशि एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है? विस्तृत जानकारी गौशालावार देवें।
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। गौशालाओं के संचालन का उत्तरदायित्व ग्राम पंचायतों का है। ग्राम पंचायत अगर गौशाला का संचालन किसी संस्था के माध्यम से करना चाहे तो आजीविका मिशन के महिला स्व सहायता समूह अथवा स्वयंसेवी संस्था से अनुबंध कर सकती है। संबंधित क्षेत्र के पशु चिकितसा सहायक शल्यज्ञ एवं सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारियों द्वारा गौशालाओं में उपलब्ध गौवंश का उपचार, बधियाकरण, टीकाकरण किया जाता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग) जी हाँ। मुख्यमंत्री गौसेवा योजनान्तर्गत सभी संचालित गौशालाओं की स्थापना हेतु भूमि, बिजली, पानी, चैफकटर की सुविधा उपलब्ध कराई गई। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार।
सहकारी ऋण एवं खाद्य बीज की उपलब्धता
[सहकारिता]
74. ( क्र. 1368 ) श्री हर्ष यादव : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि सामग्री के लिए प्रदेश में कृषकों को खाद बीज और अन्य जरूरी सामग्री खरीदने के लिए शून्य प्रतिशत ब्याज की दर से सहकारी ऋण उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है? यदि हो, तो प्रावधान की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रावधान अनुसार वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक सागर जिले में किस-किस प्राथमिक साख सहकारी समिति के सदस्यों को उक्त योजना का लाभ दिया गया है? लाभान्वित कृषकों की संख्यात्मक जानकारी सहकारी समितिवार उपलब्ध करावें। (ग) वर्ष 2022-23 में विधानसभा क्षेत्र देवरी अन्तर्गत किस-किस सहकारी समिति के सदस्यों को ऋण दिया जाना प्रस्तावित है? समितिवार विवरण देवें। (घ) वर्ष 2022-23 में जिले में सहकारी समिति के माध्यम से रासायनिक खाद्य एवं बीजों का आवश्कता अनुसार कितना भण्डारण किया जाना प्रस्तावित किया गया हैं। जिससे आगामी खरीफ एंव रबी के सीजन में कृषकों को खाद बीज आसानी से उपलब्ध हो सके इस हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही हैं।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-01 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-02 अनुसार है। (ग) विधानसभा क्षेत्र देवरी अंतर्गत पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-03 में उल्लेखित प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के पात्र सदस्यों को उनकी मांग अनुसार फसल ऋण दिया जावेगा। (घ) सागर जिले में वर्ष 2022-23 में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के माध्यम से मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित सागर के डबल लॉक केन्द्रों में खाद की उपलब्धता एवं कृषकों की सामयिक मांग अनुसार खाद बीज का भण्डारण कराया जावेगा।
पिछड़ा वर्ग के नवीन छात्रावास
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
75. ( क्र. 1370 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा राजनगर अन्तर्गत पिछड़ा वर्ग के छात्र/छात्राओं के कहां-कहां पर छात्रावास एवं आश्रम संचालित हैं। प्रत्येक छात्रावास/आश्रम में कुल कितने-कितने सीट्स स्वीकृत हैं। (ख) क्या खजुराहो एवं राजनगर में भी पिछड़ा वर्ग के छात्र/छात्राओं हेतु छात्रावास स्वीकृत हैं। यदि हाँ, तो कितनी सीट्स हैं? यदि नहीं, तो क्या शासन छात्रावास आगामी शिक्षण सत्र हेतु स्वीकृत कर रही है। यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों? (ग) क्या विधानसभा अन्तर्गत महाविद्यालयीन छात्र/छात्राओं के लिये छात्रावास संचालित हैं। यदि हाँ, तो स्थान बतावें। यदि नहीं, तो क्या अन्य योजना संचालित हैं।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) विधान सभा राजनगर अंतर्गत पिछड़ा वर्ग के छात्र/छात्राओं के कोई छात्रावास एवं आश्रम संचालित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। ऐसा कोई प्रस्ताव प्रचलन में नहीं है। (ग) विधानसभा अंतर्गत महाविद्यालयीन पिछड़ा वर्ग के छात्र/छात्राओं के लिए छात्रावास संचालित नहीं है। अन्य योजना अंतर्गत छात्रगृह योजना संचालित है।
पुलिसकर्मियों हेतु नवीन आवास की व्यवस्था
[गृह]
76. ( क्र. 1379 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चौचौड़ा थाना अंतर्गत कार्यरत पुलिस कर्मियों हेतु नवीन आवास निर्माण की क्या योजना है? (ख) नवीन आवास निर्माण न होने की अवस्था में वर्तमान में बने आवासों के रख-रखाव की योजना एवं खर्च का ब्यौरा प्रदान करें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मुख्यमंत्री पुलिस आवास योजना के चतुर्थ चरण में पुलिस अधीक्षक जिला गुना के अंतर्गत आरक्षक/प्रधान आरक्षक स्तर के 352 आवास एवं एन.जी.ओ. स्तर के 88 आवासों की स्वीकृति प्राप्त है। (ख) थाना चौचौड़ा में वर्तमान में ''आई'' टाईप के 4 तथा ''जी'' टाइप का 1 आवास सामान्य अवस्था में उपलब्ध है। शासन के नियमों के अंतर्गत मरम्मत की कार्यवाही की जाती है।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
77. ( क्र. 1381 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री कन्यादान योजना अंतर्गत वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक सिवनी जिले में किस-किस विकासखण्ड में कब-कब इस योजना के अंतर्गत कितने-कितने जोडो के विवाह करवाये गये हैं? इस पर कितनी राशि का व्यय किया गया है? किस-किस जोडे को कब-कब, कितनी-कितनी राशि/सामग्री प्रदाय की गई है? नाम, पते सहित विकासखण्डवार, वर्षवार सूची देवें। (ख) कन्यादान योजना के लिये शासन के क्या मापदण्ड/निर्देश हैं?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) मुख्यमंत्री कन्यादान योजना जिला सिवनी में वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 में कोई विवाह सम्पन्न नहीं हुए है। वर्ष 2022-23 में विकासखण्ड बरघाट में 15, कुरई में 14, घंसौर में 5 छपारा में 5 केवलारी में 5 कुल 44 जोडों के विवाह कराये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। विवाह पर कुल 24,20,000/- व्यय किये गये। प्रत्येक जोडे पर रूपये 6,000/- आयोजन में व्यय, 11000/- का चैक प्रत्येक जोड़ों को प्रदाय किया गया है, साथ ही रूपये 38,000/- की गृहस्थी की समग्री प्रदाय की जा रही है। (ख) मुख्यमंत्री कन्यादान योजनान्तर्गत कन्याओं के मापदण्ड/निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' ब'' अनुसार।
कैदियों को मूलभूत सुविधाएं
[जेल]
78. ( क्र. 1383 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में सिवनी जिले की सभी जेलों में बंद कैदियों को प्रतिदिन भोजन एवं अन्य उपयोगी वस्तुओं की सूची उपलब्ध करावें। उपवास एवं रोज होने पर जेलों में दिये जाने वाले व्यंजनों की जानकारी देवें। क्या ये व्यंजन निशुल्क या सशुल्क दिये जाते है? (ख) 01 जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक सिवनी जिला जेल एवं उपजेलों में कैदियों के दैनिक उपयोग भोजन आदि का कितना भुगतान किस-किस ठेकेदार/फर्म/व्यक्ति को किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) अवधि में जेल विभाग के कितने कर्मचारी/अधिकारी दोषी पाये गये हैं? कितने निर्दोष साबित हुये हैं? नाम, पदनाम एवं वर्तमान स्थिति बतावें। जेल अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर दर्ज अपराधों का विवरण देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार जिला जेल सिवनी में प्रश्नांश (ख) अवधि तक किन-किन अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर विभागीय जांच चल रही है एवं कितने कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है? सूची उपलब्ध करावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वर्तमान सिवनी जिले की जेलों में बंद कैदियों को प्रतिदिन भोजन एवं उपयोगी वस्तुओं की सूची तथा उपवास एवं रोजे होने पर दिये जाने वाले व्यंजन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। उक्त सामग्री बंदियों को नि:शुल्क प्रदाय की जाती है। (ख) 01 जनवरी, 2017 से प्रश्न दिनांक तक सिवनी जिला जेल एवं उप जेल में कैदियों के दैनिक उपयोग भोजन आदि का कितना भुगतान किस-किस ठेकेदार/फर्म/व्यक्ति को किये जाने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) अवधि में जेल विभाग के दोषी/निर्दोष पाये गये कर्मचारी/अधिकारी की नाम, पदनाम एवं वर्तमान स्थिति में जानकारी तथा उन पर दर्ज अपराधों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार जिला जेल, सिवनी में प्रश्नांश (ख) अवधि तक अधिकारियों/कर्मचारियों पर विभागीय एवं कितने कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त किये जाने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
गौशालाओं का संचालन
[पशुपालन एवं डेयरी]
79. ( क्र. 1385 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना में कितनी गौ शालाऐं संचालित की जा रही हैं? शासन द्वारा प्रत्येक गौ शाला को प्रतिवर्ष कितना-कितना अनुदान दिया जाता है? वर्तमान में किस गौ शाला में कितनी गाय है? विधानसभावार गांव का नाम गौशाला का नाम संख्या सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावे। (ख) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस गौ शाला ने कितनी-कितनी राशि खर्च की है एवं किस-किस कार्य में खर्च की है? कितनी राशि गौशालाओं के पास शेष बची है? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) यदि जिन गौशालाओं में उपलब्ध गायों की संख्या का अनुपात में निर्धारित मापदण्ड से अधिक राशि प्रदान की जा चुकी है तो क्या उन गौशालाओं से राशि की वसूली की जावेगी? अधिक राशि का भुगतान करने वाले अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी है?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मुरैना जिले में किसी भी गौशाला को अधिक राशि का भुगतान नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता।
सहारा इण्डिया कंपनी में निवेशकों की जमा पूंजी
[गृह]
80. ( क्र. 1388 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जौरा विधानसभा क्षेत्र के निवेशकों के सहारा इण्डिया कंपनी पर लगभग 75 करोड़ रूपया बकाया है जिसकी निवेशकों को भुगतान करने की समयावधि भी पूरी हो गयी है जिनका आज दिनांक तक सहारा इण्डिया कंपनी द्वारा भुगतान नहीं किया गया है ऐसा क्यों? (ख) निवेशकों के द्वारा सहारा इंडिया के खिलाफ कितनी एफ.आई.आर. की गयी है एवं उन पर अब तक क्या कार्यवाही हुई है? यदि कार्यवाही नहीं हुई तो क्यों नहीं हुई तो कब तक होगी? (ग) क्या शासन द्वारा निवेशकों को सहारा इण्डिया कंपनी के द्वारा भुगतान कराने में कोई ठोस कदम उठाये जायेंगे, जिससे निवेशकों को उनका भुगतान हो सके? इसमें दोषी कंपनी के खिलाफ शासन द्वारा कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सहारा इंडिया कंपनी द्वारा निर्धारित समयावधि में निवेशकों को भुगतान न किये जाने पर प्राप्त शिकायतों पर वैधानिक कार्यवाही की गई है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार। (ग) निवेशकों से प्राप्त शिकायतों पर विधिसम्मत् कार्यवाही की जाती है तथा निवेशकों को उनकी राशि प्राप्तकर्ता से लौटाये जाने के प्रयास किये जाते हैं।
अत्याचार की घटनाओं पर अंकुश लगाया जाना
[गृह]
81. ( क्र. 1392 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर संभाग में वर्ष 1 जनवरी 2018 से उत्तर दिनांक तक बाल अपराध एवं महिलाओं-युवतियों तथा नादान बालिकाओं पर अत्याचार के प्रकरण दर्ज करने हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुये? इनमें से कितने आवेदनों पर प्राथमिकी दर्ज हुई कितने आवेदन बिना एफ.आई.आर. के निरस्त हुये कितने लंबित हैं? कितनी एफ.आई.आर. फरियादी के निवेदन पर, स्वसंज्ञान आदि पर दर्ज हुई? वर्षवार एवं जिलेवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में बाल अपराध एवं महिलाओं-युवतियों तथा नादान बालिकाओं पर अत्याचार के दर्ज प्रकरणों में से कितने प्रकरणों में कोर्ट में चालान प्रस्तुत हुये? कितने में अंतिम निर्णय हुआ? कितने में दोषियों को दण्ड हुआ? कितने प्रकरण कोर्ट में निरस्त हुये? घटित एवं पंजीबद्ध वर्गवार अपराधों की वर्षवार एवं जिलेवार जानकारी दें? (ग) ग्वालियर जिले में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में बाल अपराध एवं महिलाओं-युवतियों तथा नादान बालिकाओं पर अत्याचार के दर्ज प्रकरणों में से कितने प्रकरणों में कोर्ट में चालान प्रस्तुत हुये? कितने में अंतिम निर्णय हुआ? कितने में दोषियों को दण्ड हुआ? कितने प्रकरण कोर्ट में निरस्त हुये? घटित एवं पंजीबद्ध वर्गवार अपराधों की वर्षवार एवं पुलिस थानावार जानकारी दें? (घ) बाल अपराध एवं महिलाओं-युवतियों तथा नादान बालिकाओं पर अत्याचार पर अंकुश लगाने एवं इनकी समुचित सुरक्षा तथा दोषियों पर सामाजिक अंकुश लगाने हेतु न्यायालयीन दाण्डिक व्यवस्था के अतिरिक्त शासन द्वारा क्या कोई प्रभावी योजना बनाई है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो उसका क्रियान्वयन कब तक किया जावेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) ग्वालियर संभाग के 04 जिले ग्वालियर, शिवपुरी, गुना एवं अशोकनगर में दिनांक 1 जनवरी 2018 से 30.06.2022 तक बाल अपराध एवं महिलाओं-युवतियों तथा नादान बालिकाओं पर अत्याचार के दर्ज प्रकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेंखित अवधि में बाल अपराध एंव महिलाओं-युवतियों तथा नादान बालिकाओं पर अत्याचार के दर्ज प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' में समाहित है। (ग) ग्वालियर जिलें में उल्लेखित अवधि में बाल अपराध एवं महिलाओं-युवतियों तथा नादान बालिकाओं पर अत्याचार के दर्ज प्रकरणों की थानावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (घ) प्रश्नांश (घ) के संबंध में सचांलनालय महिला एवं बाल विकास विभाग म.प्र. से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार।
कार्यरत स्टैंडिंग कौंसिल
[विधि एवं विधायी कार्य]
82. ( क्र. 1395 ) श्री विनय सक्सेना : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन के विभिन्न विभागों/निगम/मंडल/आयोग/संस्थाओ द्वारा स्टैंडिंग कौंसिल (अधिवक्ता) नियुक्त किये जाने के संबंध में क्या-क्या नियम/निर्देश/प्रकिया/मापदंड है? (ख) वर्तमान में शासन के विभिन्न विभागों/निगम/मंडल/आयोग/संस्थाओ में कौन-कौन स्टैंडिंग कौंसिल नियुक्त है? (ग) शासन के विभिन्न विभागों/निगम/मंडल/आयोग/संस्थाओ के स्टैंडिंग कौंसिल (अधिवक्ता) को मामलों की पैरवी हेतु फीस भुगतान किये जाने के संबंध में क्या नियम/मानक है? (घ) क्या सरकार विभिन्न विभागों/निगम/मंडल/आयोग/संस्थाओ में स्टैंडिंग कौंसिल की नियुक्तियों में पारदर्शिता हेतु नियम बनाएगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) शासन के विभिन्न विभागों/निगम/मंडल/आयोग/संस्थाओं द्वारा स्टैंडिंग कौंसिल (अधिवक्ता) नियुक्त किये जाने हेतु नियम निर्धारित नहीं है। (ख) से (घ) प्रश्नांश 'क' के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विशेष पिछड़ी जनजाति के किसानों को सोलर पम्प का प्रदाय
[जनजातीय कार्य]
83. ( क्र. 1396 ) श्री विनय सक्सेना : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत 5 वर्षों में विशेष पिछड़ी जनजाति के कितने किसानों के खेतों पर सोलर पम्प लगाये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त कार्य हेतु किस दर से कितनी-कितनी राशि व्यय की गयी? (ग) क्या समस्त स्वीकृत हितग्राहियों को लाभ प्राप्त हो चुका है? (घ) क्या उक्तानुसार लाभान्वित हितग्राहियों का सत्यापन विभाग द्वारा कराया गया है? यदि हाँ, तो सत्यापन के अभिलेख देवें? यदि नही, तो क्यों? (ड.) क्या यह सही है कि इन हितग्राहियों में से अनेक को म.प्र. विद्युत् वितरण कंपनी से भी छूट प्राप्त है तथा वे दोहरा लाभ ले रहे हैं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) प्रश्नावधि में विशेष पिछड़ी जनजाति के 512 किसानों के खेतों पर सोलर पम्प लगाये गये। (ख) विवरण निम्नानुसार है :-
क्र. |
पम्प का प्रकार |
संख्या |
कुल लागत व्यय राशि |
हितग्राही अंश |
जनजातीय कार्य विभाग द्वारा वहन की गई राशि |
1 |
2 एच.पी. डी.सी. सबमर्सिबल |
261 |
रू. 2,47,985/- प्रति नग की दर से रू. 6,47,24,085/- |
रू. 3000/- प्रति नग की दर से रू. 7,83,000/- |
रू. 6,39,41,085/- |
2 |
2 एच.पी. डी.सी. सरफेस |
251 |
रू. 2,24,781/- प्रति नग की दर से रू. 5,64,20,031/- |
रू. 2800/- प्रति नग की दर से रू. 7,02,800/- |
रू. 5,57,17,231/- |
3 |
कुल |
512 |
रू. 12,11,44,116/- |
रू. 14,85,800/- |
रू. 11,96,58,316/- |
(ग) जी हाँ। (घ) लाभान्वित हितग्राहियों का सत्यापन म.प्र. ऊर्जा विकास निगम द्वारा कराया गया है। सत्यापन संबंधी अभिलेख पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) योजना अंतर्गत चयनित उक्त 512 हितग्राहियों को विद्युत वितरण कम्पनी से छूट प्राप्त नहीं थी।
बरगी में सिविल कोर्ट का निर्माण
[विधि एवं विधायी कार्य]
84. ( क्र. 1399 ) श्री संजय यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत बरगी में सिविल कोर्ट के लिये न्यायालय भवन/ न्यायाधीशों आवास हेतु शासन द्वारा शासकीय भूमि उपलब्ध कराई गई है, उक्त भूमि में न्यायालय भवन/न्यायाधीशों आवास का निर्माण कार्य होना हैं? न्यायालय भवन/न्यायाधीशों आवास हेतु आवंटित भूमि का आधिपत्य प्राप्त करने जिला न्यायालय जबलपुर को विभाग कब तक निर्देशित करेगा? न्यायालय भवन/न्यायाधीशों आवास के निर्माण हेतु आवंटित भूमि का आधिपत्य जिला न्यायालय जबलपुर द्वारा कब तक प्राप्त किया जावेगा? (ख) क्या न्यायालय भवन/न्यायाधीशों आवास के निर्माण कार्यों की डी.पी.आर. विधि विभाग द्वारा बनाई गई है या नही? विभाग के द्वारा आवंटित भूमि पर न्यायालय भवन/न्यायाधीशों आवास के निर्माण हेतु अभी तक कब और कितनी राशि की स्वीकृति शासन से प्राप्त की गई है, यदि हाँ, तो राशि एवं निर्माण एजेंसी का नाम बतावे? यदि नहीं, तो शासन द्वारा कब तक राशि जारी की जावेगी? (ग) विभागीय प्रमुख सचिव को प्रेषित पत्र क्र. 57/भोपाल/22, दिनांक 21.05.22 पर विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? यदि कोई कार्यवाही की गई है तो की गई कार्यवाही की समस्त नस्ती/पत्राचार की प्रति उपलब्ध करावें? (घ) उक्त पत्र द्वारा मांगी गई जानकारी प्रश्नकर्ता को प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं दी गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, जबलपुर के कार्यालय के ज्ञापन क्रमांक 2398/चार-1-1/2008, दिनांक 16 जुलाई, 2022 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार से प्राप्त जानकारी अनुसार बरगी में सिविल कोर्ट एवं न्यायाधीशों के आवास हेतु शासन द्वारा आवंटित की गई भूमि पर अतिक्रमण मौजूद है। जिसे हटाये जाने एवं भूमि का रिक्त आधिपत्य यथाशीघ्र प्रदाय किए जाने शासन को लेख किया गया है। उक्त भूमि शासन द्वारा अतिक्रमण रहित किए जाने की स्थिति में या उसके स्थान पर अन्य पर्याप्त, उपयुक्त एवं निर्विवादित भूमि का आवंटन प्राप्त होने पर भूमि का आधिपत्य प्राप्त किया जा सकेगा। (ख) बरगी में सिविल कोर्ट एवं न्यायाधीशों के आवास हेतु शासन द्वारा अतिक्रमणमुक्त पर्याप्त, उपयुक्त एवं निर्विवादित भूमि उपलब्ध कराए जाने की अवस्था में पी.डब्ल्यू.डी., पी.आई.यू. द्वारा उसका डी.पी.आर. तैयार करवाया जावेगा। तदानुपरांत जिला एवं सत्र न्यायालय जबलपुर द्वारा उसका परीक्षण कर उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश जबलपुर को भेजा जावेगा। तत्पश्चात उच्च न्यायालय में माननीय अधीनस्थ न्यायालय भवन निर्माण कमेटी के समक्ष परीक्षण हेतु प्रस्तुत किया जावेगा। माननीय कमेटी की अनुशंसा पर डी.पी.आर. को प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति हेतु शासन की ओर प्रेषित किया जावेगा। इस प्रक्रिया के उपरांत शासन द्वारा प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति के संबंध में अग्रिम कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) तत्संबंध में अतिरिक्त सचिव, मध्यप्रदेश शासन, विधि एवं विधायी कार्य विभाग, भोपाल का पत्र क्रमांक 1596/2022/21-ब (एक), भोपाल, दिनांक 30.05.2022 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार प्राप्त हुआ था। रजिस्ट्री के ज्ञापन क्रमांक डी/1320, दिनांक 17.06.2022 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार, के द्वारा उक्त संबंध में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, जबलपुर से जानकारी चाही गई। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, जबलपुर के कार्यालय के ज्ञापन दिनांक 2360, दिनांक 15 जुलाई, 2022 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'द' अनुसार, के द्वारा जिला कलेक्टर, जबलपुर को बरगी, जिला जबलपुर में सिविल न्यायालय एवं न्यायाधीशगण आवास निर्माण हेतु आवंटित भूमि में विद्यमान अतिक्रमण की स्थिति को प्रकट करते हुए भूमि का रिक्त आधिपत्य/कब्जा यथाशीघ्र प्रदान करने लेख किया। (घ) इस प्रश्न का जवाब शासन द्वारा दिया जा सकेगा।
पुलिस को हो रही असुविधा से बढ़ते अपराध
[गृह]
85. ( क्र. 1400 ) श्री संजय यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहरी थाना तिलवारा, जिला जबलपुर हेतु नवीन भवन निर्माण के संबंध प्रश्नकर्ता द्वारा अनेक वार पत्राचार किया है? वर्तमान में थाना संचालन जीर्ण-शीर्ण भवन में किया जा रहा है? क्या भवन निर्माण हेतु शासकीय भूमि भी उपलब्ध है? यदि हाँ, तो थाना भवन निर्माण क्यों नहीं किया गया? (ख) विभागीय अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव को प्रेषित पत्र क्र. 59/भोपाल/22, दिनांक 21.05.22 पर विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? यदि कोई कार्यवाही की गई है तो की गई कार्यवाही की समस्त नस्ती/पत्राचार की प्रति उपलब्ध करावें। उक्त पत्र द्वारा मांगी गई जानकारी प्रश्नकर्ता को प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं दी गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में थाना तिलवारा सिंचाई विभाग के भवन में संचालित है। थाना भवन निर्माण का कार्य प्रक्रियाधीन है। (ख) भवन निर्माण का कार्य प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहकारिता के चुनाव
[सहकारिता]
86. ( क्र. 1403 ) श्री सुनील उईके : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में पृथक सहकारिता चुनाव आयोग का गठन कर चुनाव संपादित कराने पर मंत्री महोदय विचार करेंगे? जिससे सहकारिता के चुनाव निष्पक्ष हो सके। (ख) क्या मध्यप्रदेश में अनुसूचित जनजाति आरक्षित क्षेत्रों में संविधान प्रदत्त अधिकार के तहत सहकारिता के चुनाव में अध्यक्ष पद आरक्षित रखे गये थे? यदि हाँ, तो इसे सरकार ने संशोधन कर अनुसूचित जाति के हितो पर कुठाराघात किया है। क्या इसे पुन: विचार में लाकर संशोधन किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) मध्यप्रदेश में सहकारिता के चुनाव विगत कई वर्षों से लंबित है उसे कब तक कराये जायेंगे? (घ) सहकारिता के संविधान में संशोधन कर दो विषय विशेषज्ञों की समितियों में नियुक्ति का प्रावधान किया गया है? क्या वर्तमान में समितियों के चुनाव में विषय विशेषज्ञों की भर्ती की गई है? यदि हाँ, तो विधानसभा जुन्नारदेव में हुये निर्वाचनों में विषय विशेषज्ञों के नामों की सूची प्रदाय करें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पूर्व में पूछे गये प्रश्न की जानकारी
[गृह]
87. ( क्र. 1404 ) श्री सुनील उईके : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि विधानसभा प्रश्न क्र. 2163 दिनांक 14/03/2022 प्रश्नांश (ख) से (ग) के उत्तर में जानकारी एकत्रित की जा रही का उल्लेख किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त प्रश्न की संपूर्ण जानकारी एकत्रित कर ली गई? यदि हाँ, तो कृपया जानकारी दें। यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। दिनांक 04.05.2022 को उप पुलिस अधीक्षक से अति0 पुलिस अधीक्षक के पद पर पदस्थापना संबंधी विभागीय छानबीन समिति की बैठक सम्पन्न हो चुकी है तथा दिनांक 26.05.2022 को आदेश जारी किये गये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संचालित योजनाओं की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
88. ( क्र. 1407 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) 1 अप्रैल 2018 से प्रश्नांकित दिनांक तक अनुसूचित जनजाति वर्ग के कल्याण हेतु विभाग द्वारा विदिशा जिले में कौन-कौन सी योजनाएं संचालित है? उक्त योजनाओं के माध्यम से अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को कितनी-कितनी राशि किस-किस योजना से प्रदान की गई है? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) 1 अप्रैल 2018 से प्रश्नांकित दिनांक तक विदिशा जिले को कितनी-कितनी राशि निर्माण कार्यों हेतु स्वीकृत की गई वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। राशि आवंटन करने के क्या नियम, निर्देश, आदेश है? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के संदर्भ में कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये? जानकारी उपलब्ध करावें। उक्त कार्यों में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो चुके हैं? कौन-कौन से अपूर्ण हैं? कौन-कौन से अप्रारंभ हैं? पृथक-पृथक वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के संदर्भ में किन-किन ठेकेदारों/ग्राम पंचायत कार्य एजेन्सी द्वारा कार्य किया गया एवं उनको कितना-कितना भुगतान कब-कब किया गया? कितनी राशि भुगतान हेतु शेष है? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। निर्माण कार्य की गुणवत्ता एवं अन्य की प्रदेश तथा जिला स्तर पर कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? उन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब-तक कार्यवाही की जावेगी? (ड.) प्रश्नांश (घ) के संदर्भ में किन ठेकेदारों, ग्राम पंचायतों एवं कार्य एजेन्सियों द्वारा समय पर कार्य पूर्ण नहीं किये गये हैं? उन पर निकाय एवं विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई हैं? कार्यवाहियों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो इसके लिए दोषी कौन है? लापरवाही ठेकेदारों एवं कार्य एजेन्सी को ब्लैक लिस्टेड की कार्यवाही कब-तक की जावेगी? (च) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में स्वीकृत राशि में से कितनी-कितनी राशि विभाग द्वारा विदिशा जिले से वापिस ली गई है? मदवार जानकारी उपलब्ध करावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) अनुसूचित जनजाति वर्ग के कल्याण हेतु विदिशा जिले में संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ''अनुसार है। योजनान्तर्गत हितग्राहियों को प्रदाय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ''अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के सम्बन्ध में विदिशा जिले को निर्माण कार्यों हेतु स्वीकृत राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ''अनुसार है। राशि आवंटन के नियम जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब''अनुसार है। नियम निर्देश, आदेश की छायाप्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब''अनुसार है। (ग) स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। पूर्ण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। अपूर्ण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। अप्रारम्भ कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) निर्माण एजेन्सी एवं कार्यों के भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स''अनुसार है। वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। निर्माण कार्य की गुणवत्ता एवं अन्य की प्रदेश तथा जिला स्तर पर कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। प्रश्नांश का शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) निर्माण एजेन्सी द्वारा कार्य समय पर नहीं किये गये की जानकारी निरंक है। प्रश्नांश का शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (च) विदिशा जिले में स्वीकृत राशि में से कोई राशि वापस नहीं ली गई। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संचालित योजनाओं की जानकारी
[विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण]
89. ( क्र. 1408 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल, 2018 से प्रश्नांकित दिनांक तक विमुक्त, घुमन्तु, अर्द्धघुमन्तु वर्ग के कल्याण हेतु विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित है उक्त योजनाओं के माध्यम से विमुक्त, घुमन्तु, अर्द्धघुमन्तु वर्ग के हितग्राहियों को कितनी-कितनी राशि किस-किस योजना से प्रदान की गई है जिलेवार एवं वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। योजनाओं की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) 1 अप्रैल 2018 से प्रश्नांकित दिनांक तक कौन-कौन से जिले को कितनी-कितनी राशि निर्माण कार्यों हेतु स्वीकृत की गई, जिलेवार व वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। राशि आवंटन करने के क्या नियम, निर्देश, आदेश है छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के संदर्भ में कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये? जानकारी उपलब्ध करावें। उक्त कार्यों में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो चुके हैं? कौन-कौन से अपूर्ण हैं? कौन-कौन से अप्रारंभ हैं? पृथक-पृथक वर्षवार जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) कार्यालय संचालनालय विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजातीय विकास म.प्र. का पत्र क्रमांक 19 भोपाल दिनांक 25.05.2021 के पत्र पर क्या कार्यवाही हुई? यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो कब तक कर ली जावेगी एवं लटेरी में सामुदायिक भवन कब तक स्वीकृत कर लिया जावेगा?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'', ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' के कॉलम क्रमांक 5 अनुसार है। नियम अधिसूचना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ई'' अनुसार है। (घ) जिला कलेक्टर से प्रस्ताव अप्राप्त है। समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन न्यायालय भवन का निर्माण
[विधि एवं विधायी कार्य]
90. ( क्र. 1411 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 2174 दिनांक 14 मार्च 2022 के उत्तर की कंडिका (क) अनुसार जिला न्यायालय राजगढ़ से नरसिंहगढ़ जिला राजगढ़ में 07 न्यायालय कक्षों वाले नवीन न्यायालय भवन के निर्माण के मानचित्र को उच्च न्यायालय की माननीय अधीनस्थ न्यायालय भवन की बिल्डिंग कमेटी द्वारा अनुमोदन किया गया तथा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, राजगढ़ से विस्तृत प्राक्कलन तैयार कराने हेतु लिखा गया हैं। वर्तमान में प्राक्कलन अपेक्षित है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक अपेक्षित प्राक्कलन प्राप्त हो चुका है अथवा नहीं उक्त संबंध में अद्यतन स्थिति क्या हैं? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन नवीन न्यायालय भवन निर्माण की स्वीकृति अविलंब प्रदान करने की कार्यवाही करेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, राजगढ़ से नरसिंहगढ़ जिला राजगढ़ में नवीन न्यायालय भवन निर्माण हेतु प्रस्ताव रजिस्ट्री में प्राप्त हुए हैं, जिसमें 07 न्यायालय कक्षों एवं अन्य कार्यालयीन कक्षों का प्रावधान किया गया है। उक्त प्रस्ताव को उच्च न्यायालय में गठित माननीय अधीनस्थ न्यायालय भवन की कमेटी (कमेटी क्रमांक 04) के समक्ष परीक्षण/अनुमोदन हेतु प्रस्तुत किया जा रहा है। माननीय कमेटी के अनुमोदन के पश्चात उक्त प्रस्ताव को प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति हेतु शासन की ओर प्रेषित किया जावेगा। (ख) यह जानकारी शासन के द्वारा प्रदान की जा सकेगी।
जीर्णशीर्ण भवन को ध्वस्त करना
[जेल]
91. ( क्र. 1412 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले अंतर्गत उपजेल नरसिंहगढ़ परिसर के समीप विभाग के स्वामित्व एवं आधिपत्य में एक पुराना भवन स्थित हैं जो कि वर्तमान में अत्यंत जीर्णशीर्ण अवस्था में हैं तथा कभी भी उक्त भवन के गिरने से जन-धन/पशुधन की हानि संभावित हैं? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त जीर्णशीर्ण भवन को ध्वस्त कर अन्य उपयोग में लेने हेतु कोई कार्यवाही की गई, यदि हाँ, तो क्या यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक उक्त भवन को ध्वस्त कर रिक्त भू-खण्ड का विभाग क्या उपयोग करेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उपजेल नरसिंहगढ़ परिसर में निर्मित जेल अधीक्षक एवं कर्मचारियों के आवास भी जीर्णशीर्ण अवस्था में होकर मरम्मत योग्य हैं, यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त आवासों में आवश्यकतानुसार मरम्मत कार्य की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जेल के समक्ष स्थित पुराने भवन को मरम्मत कर उनमें प्रहरियों के आवास बनाए जाकर उपयोग में लिया गया है। परिसर में केवल 02 फिट चौड़ी व 42 फिट लम्बी एक दीवार जो मरम्मत योग्य नहीं है उसे लोक निर्माण विभाग के माध्यम से ध्वस्त करने की कार्यवाही प्रचलन में है, किन्तु इससे जनधन/पशुधन हानि की कोई आशंका नहीं है। दीवार के ध्वस्त कराए जाने पर उस स्थान का वृक्षारोपण/बगीचे में उपयोग किया जाएगा। इसके अतिरिक्त सभी भवन उपयोग में लिए जा रहे हैं। (ख) पुराने जेल अधीक्षक आवास को मरम्मत कर उपयोग में लिया जा रहा है तथा अन्य आवासों की मरम्मत भी वर्ष 2016 में की गई है, आवश्यकता पड़ने पर सतत् प्रक्रिया के तहत मरम्मत कार्य किए जाएंगे। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नियमों में उपविधियों के संसोधन की प्रक्रिया
[सहकारिता]
92. ( क्र. 1415 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश सहकारी समिति नियमो में उपविधियों के संशोधन की प्रक्रिया के संबंध में क्या प्रावधान है? क्या यह सही है कि उपविधियो में प्रस्तावित संशोधन आमसभा की सूचना के साथ सदस्यों को भेजा जाना चाहिये? (ख) यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश राज्य सहकारी की आमसभा की सूचना दिनांक 02/06/2022 के साथ उपविधियों में प्रस्तावित संशोधन की सूचना सदस्यों को एवं पंजीयक सहकारी संस्थाओं को भेजी गई थी? (ग) यदि नहीं, तो आवास संघ की आमसभा द्वारा उपविधियों के संशोधन के संबंध में लिया गया निर्णय विधि विरूद्ध है इसे कब तक निरस्त किया जायेगा? (घ) मध्यप्रदेश सहकारी समिति अधिनियम की धारा 49 (ई) में शीर्ष सहकारी संस्थाओ में प्रबंध संचालक की नियुक्ति के क्या प्रावधान है क्या आमसभा द्वारा लिया गया निर्णय इस प्रावधान के विरूद्ध है यदि हाँ, तो इसके लिए कौन उत्तरदायी है उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नियम विरूद्ध फसल बीमा की जांच
[सहकारिता]
93. ( क्र. 1416 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा सत्र अगस्त 2021 के प्रश्न क्र. 728 में दी गई जानकारी के परिप्रेक्ष्य में क्या डी.एच.एफ.एल. बीमा कंपनी की जिन बैंकों द्वारा उनसे पालिसी ली गयी, उनके मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को विदेश यात्रा पर भेजा गया था? यदि हाँ, तो उनके नाम, विदेश यात्रा पर जाने का दिनांक, विदेश यात्रा पर एवं उनसे संबंधित अन्य यात्रा पर हुए व्यय की जानकारी दें। क्या आचरण नियमों के अंतर्गत यह उचित है? (ख) क्या उक्त पालिसियों में कोई एजेन्ट/ब्रोकर था? मास्टर पालिसी की प्रति दी जावे। (ग) इस संबंध में कितनी जांच कब से लंबित है? जांच पूर्ण नहीं करने के लिए कौन उत्तरदायी है? उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सामाजिक योजनाओं की जानकारी
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
94. ( क्र. 1420 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगोन जिले में कृत्रिम अंग उपकरण शिविरों का आयोजन किया गया है? हाँ तो कहां-कहां नहीं तो क्यों? (ख) विधानसभा क्षेत्र कसरावद में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धा, विधवा पेंशन और सामाजिक सुरक्षा के कितने हितग्राही प्रश्न दिनांक तक लाभान्वित हो रहे हैं? (ग) जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक कसरावद विधानसभा के निःशक्त, उच्च शिक्षा प्रोत्साहन, मुख्यमंत्री शिक्षा प्रोत्साहन, मुख्यमंत्री कल्याणी सहायता और मुख्यमंत्री अविवाहिता पेंशन योजना के कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं? कितने स्वीकृत हुए हैं, कितने शेष हैं? (घ) मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजनान्तर्गत विधानसभा क्षेत्र कसरावद के वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं? कितनों को लाभान्वित किया गया है, कितने शेष हैं? यदि शेष हैं तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जिला खरगोन में कोरोना महामारी के कारण वर्ष 2021-22 में एवं पंचायत निर्वाचन एवं नगरीय निकाय निर्वाचन होने के कारण कृत्रिम अंग उपकरण शिविरों का आयोजन नहीं किया गया है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट- ''अ'' अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''ब'' अनुसार। (घ) मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजनांतर्गत विधानसभा क्षेत्र कसरावद के वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक 360 आवेदन प्राप्त हुये है। 265 हितग्राहियों को लाभांवित किया गया है, शेष आवेदन पत्र पात्र न होने से लाभांवित नहीं किया गया। प्राप्त आवेदनों में योजनांतर्गत सामूहिक विवाह हेतु कोई पात्र हितग्राही शेष नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम-पंचायत भैंसलाई के कार्यों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
95. ( क्र. 1423 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्राम-पंचायत भैंसलाई में जनजातीय-मद से जो सड़क-निर्माण हुआ है, उसकी डी.पी.आर., भौतिक-सत्यापन की रिपोर्ट, रोड-निर्माण में लगने वाले मैटेरियल, प्रश्नकर्ता-विधायक के समक्ष रोड की जांच कराने के लिए प्रश्नकर्ता द्वारा जिल-प्रशासन धार, जिला पंचायत सी.ई.ओ. को लिखे पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? कब तक उक्त डी.पी.आर., भौतिक-सत्यापन रिपोर्ट, मैटेरियल-कोटेशन उपलब्ध कराकर प्रश्नकर्ता के समक्ष रोड की जांच की जाएगी? (ख) ग्राम-पंचायत भैंसलाई के लिए बजट-2015-16 में जो रोड स्वीकृत हुआ है, उसका निर्माण-कार्य प्रश्न-दिनांक तक किन कारणों से प्रारंभ नहीं हुआ? कब तक निर्माण-कार्य पूर्ण किया जाएगा? (ग) ग्राम-पंचायत भैंसलाई के पिपरी फाटे से नयापुरा गौशाला तक सड़क-निर्माण बाबत माननीय मुख्यमंत्री, जिला-प्रशासन धार, एसडीएम-कुक्षी को प्रश्नकर्ता ने कब-कब पत्र लिखे? उक्त पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? कब तक उक्त सड़क का निर्माण किया जाएगा? (घ) ग्राम-पंचायत भैंसलाई के चरनोई, निस्तार इत्यादि सार्वजनिक-हित की शासकीय-भूमि से निजी/अवैध अतिक्रमण हटाने बाबत जिला-प्रशासन धार, एसडीएम कुक्षी को प्रश्नकर्ता द्वारा कब-कब पत्र लिखे? उक्त पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? कब तक निजी/अवैध अतिक्रमण हटाया जाएगा? (ड.) भैंसलाई की सड़कों का चौड़ीकरण एवं साफ-सफाई के लिए प्रश्नकर्ता द्वारा जिला-प्रशासन धार एवं एसडीएम कुक्षी को लिखे पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? कब तक कार्यवाही की जाएगी? (च) बजट 2022-23 में अपरीक्षित मद में ग्राम-पंचायत भैंसलाई एवं मनावर विकासखण्ड के ग्राम-पंचायत खंडलाई एवं मोरीपुरा में स्वीकृत सड़क का निर्माण-कार्य कब किया जाएगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना कुक्षी अन्तर्गत विशेष केन्द्रीय सहायता एवं संविधान के अनुच्छेद 275- (1) मद अन्तर्गत ग्राम पंचायत भैंसलाय हेतु सड़क निर्माण कार्य स्वीकृत न होने से जानकारी निंरक। जनजातीय कार्य विभाग से ग्राम पंचायत भैंसलाय में सी.सी. रोड निर्माण कार्य के सम्बन्ध में जिला प्रशासन धार, जिला पंचायत सी.ई.ओ. को प्रश्नकर्ता से कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। शेष के सम्बन्ध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (ख) के सम्बन्ध में ग्राम पंचायत भैंसलाय के लिये धार जिले को वित्तीय वर्ष 2015-16 में प्राप्त बजट से जनजातीय कार्य विभाग द्वारा कोई रोड स्वीकृत नहीं किया गया, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) से (च) जनजातीय कार्य विभाग से सम्बन्धित नहीं, अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पीएमटी परीक्षा में फर्जीवाड़े की जांच
[गृह]
96. ( क्र. 1425 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 3960 दिनांक 23.03.2022 के संदर्भ में बतावें। पीएमटी परीक्षा 2012 के संदर्भ में शेष तथा 2013 पीएमटी परीक्षा के संदर्भ निजी चिकित्सा महाविद्यालय के संचालको से पूछताछ क्यों नहीं की गई? वर्ष 2012 तथा 2013 की पीएमटी परीक्षा में घोटाले पर जब सीबीआई ने उन्हें आरोपी बनाया तो एसटीएफ ने अपनी जांच में उन्हें आरोपी क्यों नहीं बनाया? (ख) प्रश्न 3960 दिनांक 23.03.2022 के खण्ड (ख) का स्पष्ट उत्तर देवे कि डॉ भंण्डारी से पीएमटी 2012 के किस बिन्दु पर पूछताछ की गई थी तथा पूछताछ के बाद उन्हें आरोपी क्यों नहीं बनाया गया था तथा बतावें कि खण्ड (घ) के उत्तर अनुसार एसटीएफ की भूमिका की जांच क्यों नहीं की जावेगी। (ग) पीएमटी 2007 से पीएमटी 2011 की परीक्षा में पीएमटी 2012 तथा पीएमटी 2013 की तर्ज पर जो फर्जीवाड़ा हुआ है, क्या पूर्व विधायक पारस सकलेचा की शिकायत का उल्लेख है यदि हाँ, तो बतावें कि इन परीक्षाओं की जांच पीएमटी 2012 तथा पीएमटी 2013 की तरह जांच की विवेचना में शामिल है या नही? (घ) क्या सामान्य प्रशासन विभाग ने पीएमटी परीक्षाओं की जांच के संदर्भ में कोई पत्र दिया है? जिसके आधार पर पीएमटी 2007 से पीएमटी 2011 में फर्जीवाडे की विवेचना रोक दी गई है उस पत्र की प्रति देवें तथा बतावें कि क्या सामान्य प्रशासन विभाग का पत्र आईपीसी की किन धाराओं के तहत गृह विभाग को मान्य है। उक्त पत्र की प्रति देवें। (ड.) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा खण्ड ''घ'' में उल्लेखित पत्र के अलावा इस विषय पर कितने पत्र दिये गये? उनकी प्रति देवें तथा बतावें कि उक्त सभी पत्रों के परिप्रेक्ष्य में कौन-कौन सी परीक्षा में फर्जीवाड़े की विवेचना स्थगित कर दी गई।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एसटीएफ द्वारा पीएमटी परीक्षा 2012 के संदर्भ में दर्ज किये गये प्रकरण में निजी चिकित्सा महाविद्यालय श्री अरविन्दो, इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस इंदौर के संचालक, डॉ विनोद भण्डारी से पूछताछ की गई थी। चूँकि माननीय उच्चतम न्यायालय, नई दिल्ली द्वारा रिट याचिका क्रमांक 372/15 में दिनांक 09.07.2015 को पारित आदेश के परिपालन में व्यापम संबंधी समस्त आपराधिक प्रकरण अग्रिम विवेचना हेतु सीबीआई को हस्तांतरित किये जाने से आगामी कार्यवाही सीबीआई द्वारा की गई है। (ख) निजी चिकित्सा महाविद्यालय श्री अरविन्दो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस इंदौर के संचालक, डॉ विनोद भण्डारी से प्रकरण के संबंध में पूछताछ की गई थी तथा एसटीएफ द्वारा डॉ विनोद भण्डारी को आरोपी बनाया गया था। एसटीएफ द्वारा की गई विवेचना की मॉनिटरिंग माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा की जा रही थी। चूँकि माननीय उच्चतम न्यायालय, नई दिल्ली द्वारा रिट याचिका क्रमांक 372/15 में दिनांक 09.07.2015 को पारित आदेश के परिपालन में व्यापम संबंधी समस्त आपराधिक प्रकरण अग्रिम विवेचना हेतु सीबीआई को हस्तांतरित किये जाने से आगामी कार्यवाही सीबीआई द्वारा की गई है। (ग) प्रश्नांश की जानकारी जिलों से संकलित की जा रही है। (घ) जी नहीं। सामान्य प्रशासन विभाग से जांच रोकने संबंधी एसटीएफ को कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ। (ड.) प्रश्नांश (घ) अनुसार शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं।
मन्दसौर गोलिकाण्ड की जानकारी
[गृह]
97. ( क्र. 1426 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 2117 दिनांक 14 मार्च 22 के संदर्भ में बतावें कि क्या चार वर्ष उपरान्त भी जैन आयोग की रिपोर्ट पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है? क्या गृह विभाग की अन्य आपराधिक प्रकरणों में भी इसी प्रकार कार्यवाही की जाती है? यदि हाँ, तो बतावें कि जैन आयोग की रिपोर्ट पर कार्यवाही कब तक पूर्ण हो जायेगी? (ख) क्या जब तक जैन आयोग की रिपोर्ट पर कार्यवाही पूर्ण होकर उसे विधानसभा के पटल पर नहीं रखा जाता तब तक मंदसौर गोलिकाण्ड से संबधित प्रश्नों का उत्तर दिया जायेगा या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) बतावें कि पिपलियामण्डी में पार्श्वनाथ चौराहे पर तथा थाने पर गोलीकाण्ड का आदेश किसके द्वारा कितने बजे दिया गया तथा इसकी जानकारी तत्कालीन कलेक्टर तथा एस.पी. को कितने बजे किस माध्यम से प्राप्त हुई? (घ) मंदसौर गोलीकाण्ड की विभागीय जांच के बाद किस-किस अधिकारी को किस दिनांक को निलंबित अथवा तबादला किया गया व जांच किस अधिकारी द्वारा की गईं? उसकी प्रति देवें। (ड.) मंदसौर गोलीकाण्ड पर मान.उच्च न्यायालय इन्दौर तथा जैन आयोग में शासन के अभिभाषक कौन-कौन थे तथा उन्हें कितना-कितना भुगतान किया गया?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। अन्य आपराधिक प्रकरणों में इसी प्रकार कार्यवाही नहीं की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। जैन आयोग की रिपोर्ट पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) दिनांक 06.06.2017 को महू-नीमच हाईवे रोड पर बही चैपाटी पर कार्यपालिक दण्डाधिकारी की अनुपस्थिति में तथा थाना पिपलियामंडी एवं आवासीय परिसर में आगजनी, पुलिस को जिंदा जलाने तथा हत्या का प्रयास करने, देशी कट्टे से फायर किए जाने के फलस्वरूप पुलिस द्वारा मानक प्रक्रिया का पालन करते हुए आत्मरक्षार्थ शासकीय एवं प्रायवेट सम्पत्ति की रक्षा के लिए स्थिति की भयावहता को देखते हुए एसडीएम मल्हारगढ़ द्वारा गोलीचालन का आदेश दिया गया। दिनांक 06.06.2017 को 13:30 बजे पुलिस कंट्रोल रूम भोपाल से निरीक्षक विजय सूर्यवंशी द्वारा गोली चलने की सूचना दी। सूचना से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ड.) मंदसौर गोलीकांड की न्यायिक जांच हेतु निम्न शासकीय अधिवक्ता नियुक्त किए गए एवं निम्न भुगतान किया गया:- 1. श्री अविनाश सिरपुरकर, वरिष्ठ अधिवक्ता इंदौर, कुल भुगतान - 18,40,000/- रूपये 2. सुश्री सीमा शर्मा, जूनियर अधिवक्ता इंदौर, कुल भुगतान- 1,75,000/-रूपये 3. श्री कमलाकान्त जोश, अधिवक्ता, मंदसौर, कुल भुगतान- 2,70,000/-रूपये 4. श्री गोपाल कृष्ण, जूनियर अधिवक्ता, मंदसौर, कुल भुगतान- 45,000/- रूपये
विभागीय कार्यों की जानकारी
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
98. ( क्र. 1431 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केंद्र/राज्य शासन द्वारा सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन कल्याण हेतु अनेक योजनाओं के माध्यम से उन्हें सक्षम व आत्मनिर्भर बनाए जाने हेतु कई कार्य किए जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या केंद्र/राज्य प्रवर्तित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से भी कई कार्य निरंतर किए जा रहे हैं? (ग) यदि हाँ, तो वर्ष 2018 -19 से लेकर प्रश्न दिनांक तक किन-किन योजनाओं के माध्यम से किस-किस प्रकार के कार्य किए गए? (घ) साथ में बताएं कि उपरोक्त उल्लेखित वर्षों के अंतर्गत रतलाम जिले के नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में किस-किस प्रकार के उल्लेखनीय कार्य किए गए? साथ ही बताएं कि जिला अंतर्गत तहसील वार किस-किस प्रकार के दिव्यांग जनों को चिन्हित कर उन्हें किस प्रकार की सहायता प्रदान की गई? कुल कितने शेष रहे?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार। चिन्हित दिव्यांगजनों को उपकरण/सहायता/पेंशन प्रदाय की गई है।
विभागीय कार्यों की जानकारी
[विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण]
99. ( क्र. 1432 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केंद्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण हेतु विभिन्न योजनाओं के माध्यम से अनेक कार्य किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या रतलाम जिला अंतर्गत विभिन्न विकासखण्डों में एवं जिला मुख्यालय पर किन-किन स्थानों पर केंद्र स्थापित होकर योजनाओं का क्रियान्वयन उक्त केन्द्रों पर पदस्थ प्रभारी अथवा अधीक्षक के साथ ही विभागीय कार्यों में कौन-कौन सक्षम अधिकारी कार्यरत है? कर्तव्य स्थल एवं कार्यों की जिम्मेदारी सहित अवगत कराएं l (ग) रतलाम जिला अंतर्गत किन-किन विकासखण्डो में इस वर्ग के अंतर्गत आने वाले किन-किन ग्रामों में उन्हें चिन्हित कर योजनाओं से लाभान्वित किया गया? (घ) उपरोक्तानुसार योजनाओं का क्रियान्वयन वर्ष 2014-15 से लेकर प्रश्न दिनांक तक किस-किस प्रकार के कार्य किये गये? साथ ही बस्ती विकास योजना के कार्य किस कार्ययोजना, प्रस्ताव एवं किस की अनुशंसा पर क्रियान्वित हुए? जिले की विकासखण्डवार किये गए कार्यों की जानकारी देंl
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) राज्य प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से कार्य किये जा रहे है। (ख) जिला रतलाम में जिला स्तर पर सहायक संचालक व निरीक्षक, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा है। विकासखण्ड स्तर का कार्यालय स्थापित नहीं है। जिले में संचालित विमुक्त जाति छात्रावासों में अधीक्षक पदस्थ है, जिनके द्वारा जिलाधिकारी के मार्गदर्शन में नियमानुसार छात्रावास संचालन किया जा रहा है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (घ) वर्ष 2014-15 से लेकर प्रश्न दिनांक तक विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति कल्याण विभाग द्वारा बस्ती विकास योजना, आवास योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना में कार्य किये गये है। बस्ती विकास योजना में किये गये कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' एवं ''स''अनुसार है।
दर्ज प्रकरणों की जानकारी
[गृह]
100. ( क्र. 1435 ) श्री मनोज चावला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 1979 दिनांक 14/03/22 के संदर्भ में बतावें कि यदि एसटीएफ द्वारा 9/7/2015 से अगस्त 2019 तक जांच रोकी गई तो मा. विभागीय मंत्री के दिनांक 3/9/19 के आदेश देने की आवश्यकता क्यों हुई? क्या माननीय मंत्री ने असत्य जानकारी से आदेश निकाला। (ख) क्या पूर्व विधायक पारस सकलेचा की नवंबर-दिसंबर 2014 की शिकायत पर सितंबर-अक्टूबर 2019 में उनके बयान लिए गए यानी लगभग 5 वर्ष बाद? बतावें कि इतना विलंब क्यों हुआ? क्या वे शासन की शिकायत करने के बाद जांच/विवेचना में सहयोग नहीं कर रहे थे? (ग) क्या विधानसभा में पूछे गए कई प्रश्नों में यह उत्तर दिया गया कि माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश क्रमक 372/15 दिनांक 9/7/15 के संदर्भ में जांच रोकी गई? (घ) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1979 दिनांक 14/03/22 के खंड (घ) के संदर्भ में बताएं कि क्या माननीय उच्चतम न्यायालय में रिट पिटिशन क्रमांक 114/15 तथा 115/15 एस टी एफ की जांच पर स्थगन दिया गया है? यदि नहीं, तो जाच क्यों रोकी गई? (ड.) क्या माननीय उच्चतम न्यायालय में किसी प्रकरण में सीबीआई जांच की मांग होने पर राज्य शासन प्रकरण पर जांच/विवेचना नहीं कर सकता जबकि स्थगन नहीं दिया हो?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। एसटीएफ द्वारा किसी भी प्रकरण में जांच नहीं रोकी गई। जी नहीं। यह कहना सही नहीं है कि माननीय मंत्री महोदय द्वारा असत्य जानकारी से आदेश दिया गया था। (ख) व्यापम संबंधी शिकायतों की जांच एजेंसी के निर्धारण के संबंध में रिट पिटीशन के निराकरण उपरांत जांच प्रक्रिया में ली गई। (ग) मान. सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली द्वारा रिट याचिका क्र. 372/15 में दिनांक 09/07/15 को पारित आदेशानुसार व्यापम संबंधी प्रकरणों को सीबीआई के सुपुर्द किए गए। पूर्व में पूछे गए विधानसभा प्रश्नों में चाही गई जानकारी के आधार पर तथ्यात्मक जानकारी लेख की गई है। (घ) निजी चिकित्सा महाविद्यालय के प्रवेश में फर्जीवाडे़ से संबंधित शिकायतों में जांच एजेंसी निर्धारण के संबंध में मान0 सर्वोच्च न्यायालय में रिट पिटीशन क्र. 114/15 एवं 115/15 लंबित है। इसी तारतम्य में ट्रांसफर पिटीशन (सिविल) क्र. 327/15 सहपठित इंटरलोकेटरी नं0 13864/15 दायर की गई है जो एक साथ सुनवाई हेतु लंबित है। अतः मान0 सर्वोच्च न्यायालय में उपरोक्त पिटीशन विचाराधीन होने से निर्णयानुरूप कार्यवाही की जाएगी। (ड.) प्रत्येक प्रकरण की विषयवस्तु के आधार पर ही इस संबंध में निर्णयानुरूप कार्यवाही की जाती है।
चिटफंड कंपनी द्वारा धोखाधड़ी
[गृह]
101. ( क्र. 1436 ) श्री मनोज चावला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1907 दिनांक 14 मार्च 2022 के संदर्भ में बतावें की जून 2022 तक प्रदेश में चिटफंड कंपनी द्वारा धोखाधड़ी करने के कितने प्रकरण दर्ज हुए? जिलेवार प्रकरण क्रमांक, दर्ज दिनांक, चालन पेश करने की दिनांक, अपराधियों की संख्या उनकी गिरफ्तारी की दिनांक सही जानकारी देवें। (ख) मध्य प्रदेश निवेशकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000 तथा दी बेनीग ऑफ अनरेगुलेटेड डिपॉजिट स्कीम 2019 के अनुसार प्रदेश में कितने प्रकरण दर्ज किए गए? कुल आरोपी कितने बनाए गए? कितने गिरफ्तार हुए तथा कितनों की गिरफ्तारी शेष है? (ग) प्रश्नांश (क) तथा (ख) में उल्लेखित कितने प्रकरण न्यायालय में चल रहे हैं? कितनों में फैसला हुआ? कितने में आरोपी को सजा हुई तथा कितना में बरी हुए? (घ) रतलाम जिले में चिटफंड कंपनी की ठगी के खिलाफ दर्ज प्रकरणों के क्रमांक दिनांक न्यायालय में चालान पेश करने की दिनांक सहित सूचना देवें तथा उक्त सारे प्रकरणों में बनाए गए आरोपी के नाम, पिता का नाम, उम्र, निवास का पता, गिरफ्तारी की दिनांक सहित सूची देवें। (ड.) प्रश्नाश (क) तथा (ख) में जिस आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है उन पर कितनी-कितनी राशि घोषित की गई है? सूची देवें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट''ई''अनुसार।
सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण की योजनाएं
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
102. ( क्र. 1438 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले की चंदला विधान सभा क्षेत्र में सामाजिक न्याय एवं निशक्त जन कल्याणकारी (सामाजिक सहायता, राष्ट्रीय निशक्त पेंशन, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, निःशक्त बच्चों की शिक्षा, म.प्र. उभयलिंगी व्यक्तियों की संरक्षण तथा मुख्यमंत्री कल्याणी आदि-आदि) योजनाएं संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (ग) के अनुसार यदि हाँ, तो वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार योजनावार एवं ग्रामवार लाभान्वितों की सूची उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) छतरपुर जिले की विधानसभा चंदला क्षेत्र अंतर्गत सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याणकारी सामाजिक सहायता, राष्ट्रीय नि:शक्त पेंशन मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, नि:शक्त बच्चों की शिक्षा म.प्र. उभयलिंगी व्यक्तियों की संरक्षण तथा मुख्यमंत्री कल्याणी आदि योजनाएं संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जी हाँ। वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार योजनावार एवं ग्रामवार लाभान्वित हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार।
अपराधिक प्रकरण को खारिज किया जाना
[गृह]
103. ( क्र. 1439 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 2152 उत्तर दिनांक 14/03/2022 को माननीय मंत्री जी द्वारा उत्तर दिया था कि रोहित जैन ने कथन में बताया था कि 15/12/2021 को झांसी से पवन एजेंसी के द्वारा मिल्क केक भेजा गया लेख किया था? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो क्या पवन एजेंसी मालिक को आरोपी बनाया एवं उक्त कथन को न्यायालय में पेश किया था? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या आरोपी व्यक्ति को 17/01/2021 को गिरफ्तार किया एवं आरोपी रोहित जैन के पिता पुष्पेंद्र जैन के नाम पर खोवा एवं मिठाई बेचने का लाइसेंस पंजीकृत है लेख किया था? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार यदि हाँ, तो क्या शासन की नियम व निर्देशों के अनुसार उक्त व्यक्ति को आरोपी बनाया जा सकता था? (ड.) प्रश्नांश (घ) के अनुसार यदि नहीं, तो क्या शासन आरोपी व्यक्ति की एफ.आई.आर. को खारिज कर आवेदक के विरुद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज करने के आदेश जारी करेगा? (च) प्रश्नांश (ड.) के अनुसार यदि हाँ, तो समय-सीमा बताएं। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रकरण में पवन एजेंसी मालिक को आरोपी नहीं बनाया गया है क्योंकि विवेचना के दौरान जब्तशुदा मावा के स्त्रोत के संबंध में पवन एजेंसी की तलाश झांसी (उ.प्र.) में की गई, जिसका कोई पता नहीं चला। अभियोजन की दृष्टि से साक्ष्य पूर्ण होने पर चालान किया जाता है। चालान में अभियोजन पक्ष में आवश्यक दस्तावेज संलग्न किये जाते है। आरोपी का कथन आलोच्य प्रकरण में साक्ष्य की दृष्टि से आवश्यक नहीं होने से चालान में सम्मिलित नहीं किया गया है। (ग) जी हाँ। (घ) प्रकरण में एकत्रित साक्ष्य के आधार पर यह पाया गया कि रोहित जैन आरोपी है, अतः उसके पिता को आरोपी नहीं बनाया गया है। (ड.) प्रकरण में एकत्रित साक्ष्य के आधार पर विधि सम्मत कार्यवाही की गई है। प्रकरण की विवेचना पूर्ण कर आरोपी रोहित जैन के विरूद्ध दिनांक 18.01.2022 को माननीय न्यायालय में चालान पेश किया गया है। प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन है, अतः प्रकरण के आवेदक के विरूद्ध प्रकरण दर्ज करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (च) चूंकि प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन है, अतः आवेदक के विरूद्ध प्रकरण दर्ज करने की समय-सीमा उपस्थित नहीं होती।
मकरोनिया थाना अंतर्गत पुलिस चौकी की स्थापना
[गृह]
104. ( क्र. 1441 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मकरोनिया थाना अंतर्गत कितने ग्राम एवं नगर पालिका के वार्ड सम्मिलित हैं? (ख) क्या मकरोनिया थाना अंतर्गत मान. गृह मंत्री जी द्वारा मकरोनिया पुलिस थाना के नवीन भवन के लोकार्पण के समय पुलिस चौकी स्थापना किये जाने की घोषणा की थी? (ग) मान. गृह मंत्री जी की घोषणा एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा लगातार रेल्वे स्टेशन मकरोनिया के समीप पुलिस चौकी स्थापना की मांग की जा रही है? इस संबंध में विभाग द्वारा क्या कोई कार्यवाही की गई है? (घ) यदि कार्यवाही की गई है तो मकरोनिया थाना अंतर्गत पुलिस चौकी की स्थापना/स्वीकृति कब तक प्रदान की जायेगी?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मकरोनिया थाना अंतर्गत 18 वार्ड सम्मिलित हैं, जो नगर पालिका मकरोनिया में आते हैं। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। दीनदयाल नगर में पुलिस चौकी की स्थापना के प्रस्ताव पर परीक्षण किया गया, जो निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं पाए जाने पर अमान्य किया गया। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ट्राय मोटर साईकिल का प्रदाय
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
105. ( क्र. 1442 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग द्वारा निःशक्तजनों को ट्राय मोटर साईकिल प्रदाय किये जाने के क्या नियम, निर्देश हैं? (ख) क्या जनभागीदारी राशि/केन्द्र सरकार की निधि/योजना/सांसद निधि/अन्य योजना से ट्राय मोटर साईकिल निःशक्तजनों को प्रदाय किये जाने/स्वीकृति का प्रावधान है? यदि हाँ, तो विस्तृत जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में सागर जिला अंतर्गत वर्ष 2020-21, 2021-22 एवं 2022-23 में विभाग द्वारा कितने निःशक्तजनों को ट्राय मोटर साईकिल प्रदाय की गई है? विकासखण्डवार जानकारी देवें। (घ) जिला सागर अंतर्गत नरयावली विधानसभा क्षेत्र के वि.ख. सागर एवं राहतगढ़ में योजना प्रारंभ से कितने निःशक्तजनों को ट्राय मोटर साईकिल के आवेदन विभाग को प्राप्त हुये हैं? प्राप्त आवेदनों में कितने स्वीकृत हुये हैं?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार जनभागीदारी राशि/केन्द्र सरकार की निधि/योजना/सांसद निधि/अन्य योजना से राशि लिये जाने का भारत सरकार की नवीन गाइड लाइन अनुसार प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार जिला सागर में वर्ष 2020-21, 2021-22 एवं 2022-23 में विभाग द्वारा मोट्रट ट्रायसाईकिल प्रदाय नहीं की गई है। (घ) उत्तरांश (क) अनुसार जिला सागर अंतर्गत नरयावली विधानसभा क्षेत्र के वि.ख. सागर एवं राहतगढ़ में योजना प्रारंभ से कुल 3 आवेदन प्राप्त हुये एवं 3 आवेदन स्वीकृत हुये।
विभाग द्वारा किये गये कार्यों की जानकारी
[विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण]
106. ( क्र. 1445 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले अन्तर्गत वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक विमुक्त घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण विभाग द्वारा कौन-कौन से कार्य कराये गये है? कृपया कार्य का नाम, स्थान, लागत स्वीकृति दिनांक, कार्य पूर्ण दिनांक एवं कार्य की वर्तमान भौतिक स्थिति सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्न दिनांक तक कोई कार्य अपूण है? हाँ तो कृपया विवरण देवें। क्या जिला खरगोन क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान में कोई कार्य प्रस्तावित या स्वीकृति लंबित है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी हाँ।
शासन की योजनाओं का लाभ एवं भूखण्ड आवंटित
[विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण]
107. ( क्र. 1448 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में विमुक्त, घुमन्तु एवं अर्द्धघुमन्तु जनजातियों के कल्याण हेतु वर्तमान में शासन कौन-कौन सी योजनायें एवं सुविधाएं प्रदान करा रही है। विवरण एवं बजट की जानकारी सहित देवें। छतरपुर जिले में इस योजना में आवास रोजगार समाज भवन दिये जा रहे हैं। ग्रामवार जानकारी देवें। (ख) क्या शासन संभागीय मुख्यालयों पर इस वर्ग के लिये समाज भवन सर्वसुविधायुक्त बनाकर दिये जाने की शासन की योजना है। यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों? (ग) क्या प्रदेश के मुख्यमंत्री जी द्वारा अपनी पूर्व की घोषणा में इस वर्ग को भोपाल में एक करोड़ की लागत से निर्मित भवन उपलब्ध कराया जाना है। यदि हाँ, तो कब तक उपलब्ध करा दिया जावेगा। नहीं तो क्यों? (घ) क्या यह भी सही है कि इस वर्ग की बंजारा जाति को समाज भवन बनाये जाने हेतु चार हजार वर्गफिट को भूखंड वर्ष 2002-03 में जवाहर चौक के समीप भूखण्ड क्रं03 आरक्षित किया गया था। यदि हाँ, तो पत्र की छायाप्रति उपलब्ध करायें। इस वर्ग को भूखण्ड प्रदान किया जा चुका है यदि नहीं, तो कब तक करा दिया जावेगा। क्या बंजारा जाति के लोगों के भूखंड मांग के अभी तक कुल कितने आवेदन मा. मुख्यमंत्री/शासन को दिये गये उन पर क्या कार्यवाही हुई है। नहीं तो क्यों स्पष्ट करें?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सीधा प्रदाय से खाद प्राप्त करने
[सहकारिता]
108. ( क्र. 1452 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में विगत 3 वर्षों में किस-किस सोसाइटी में सीधा प्रदाय के माध्यम से खाद प्राप्त हुआ एवं किस-किस संस्था में सीधा प्रदाय से खाद प्राप्त नहीं हुआ क्या कारण है? सीधा प्रदाय से खाद प्राप्त नहीं होने का क्या कारण है? समय पर डिमांड नहीं दी या समय पर डीडी नहीं दिया तथा सीधा प्रदाय में डिमांड भेजने के बाद भी प्राप्त नहीं हुआ? संपूर्ण जानकारी देवें एवं डिमांड भेजने के बाद भी यदि सीधा प्रदाय से खाद प्राप्त नहीं हुआ तो इसकी जिम्मेदारी किसकी है शासन के पैसे के दुरुपयोग की कार्रवाई किस पर की जावेगी? (ख) खरगोन जिले में सीधा प्रभाव के लिए संस्थाओं द्वारा भेजे गए पत्रों की छायाप्रति देवें एवं किस दिनांक को रेक से वेयरहाउस/भंडारण/गोदाम में खाद खाली हुआ विगत 3 वर्षों की संपूर्ण जानकारी दें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
संलग्न कर्मचारियों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
109. ( क्र. 1453 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि खरगोन जिले में ऐसे कितने कर्मचारी हैं जिन्हें कि अपने मूल पदस्थापना से अलग रखकर कार्य लिया जा रहा है उनकी जानकारी ब्लॉकवार, नाम, पता, मोबाइल नंबर, पदनाम संलग्न दिनांक सहित सूची देवें? संलग्न करने का शासन का कोई नियम है? क्या संलग्न करना शासन के नियमानुसार वैध नहीं है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। आवश्यकता अनुसार शासकीय कार्य बाधित न हो इसलिये अस्थाई तौर पर संलग्नीकरण किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
देवनारायण बोर्ड का गठन
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
110. ( क्र. 1455 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा देवनारायण बोर्ड का गठन किया गया है? (ख) देवनारायण बोर्ड के गठन में किन-किन व्यक्तियों को नियुक्त किया गया है? यदि नहीं, किया गया है तो विलम्ब का क्या कारण है?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) कोई नहीं। कार्यालयीन प्रक्रियावश विलम्ब है जिसके लिए कोई दोषी नहीं है।
प्रदेश में भू-माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही
[गृह]
111. ( क्र. 1459 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के महानगरों सहित प्रदेश के जिन शहरों में गत 1 जनवरी 2019 के पश्चात चलाए गये भूमाफिया अभियान अंतर्गत किन-किन व्यक्तियों के विरुद्ध अपराध दर्ज किये गये, उनका अपराध क्रमांक, धारा, प्रकरण का अंतिम प्रतिवेदन, न्यायालय द्वारा जारी आदेश सहित प्रकरण की वर्तमान स्थिति से अवगत कराये? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित कितने प्रकरणों में किस-किस दिनांक को खात्मा, चालान कोर्ट में पेश किया गया, मा.न्यायालय द्वारा क्या निराकरण आदेश जारी किया गया? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) संदर्भित वर्तमान में कितने प्रकरणों में किस दिनांक से जांच चल रही है जांच पूर्ण नहीं होने के क्या कारण है वर्तमान फरार, जेल में बंद, जमानत पर जेल से छूटे भूमाफियाओं व्यक्ति के नाम, इनाम राशि और उन्हें तलाशने की गयी तथा की जा रही कार्यवाही से अवगत कराये?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
आरोपी की गिरफ्तारी
[गृह]
112. ( क्र. 1465 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 11 मई 2022 की रात्रि 8 बजे थाना ग्यारसपुर जिला विदिशा अन्तर्गत नौलई जोड़ मानौरा के बीच ट्रेक्टर ट्राली की टक्कर से कस्बा पठारी निवासी इजहारूल हसन ऊर्फ भैया मियां की मौत होने के संबंध में रशीदा बी की सूचना पर अपराध क्रमांक 22/22 धारा 174 दिनांक 12 मई 2022 को रात्रि 12 बजे पंजीबद्ध किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो फरयादी द्वारा आरोपी का फोटो व चश्मा पहचान लिया जाने के पश्चात् भी पुलिस द्वारा आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं और कब तक गिरफ्तार कर लिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि उपरोक्त मार्ग पर माह जनवरी 2022 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में ट्रेक्टर ट्राली से कब-कब, कितनी-कितनी सड़क दुर्घटनाएं हुई और किन-किन घटनाओं के किन-किन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया तथा तलाश जारी है? घटनावार बतावें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) दिनांक 11 मई 2022 की रात्रि 8 बजे थाना ग्यारसपुर जिला विदिशा अन्तर्गत नौलई जोड़ मानौरा के बीच ट्रेक्टर ट्राली की टक्कर से कस्बा पठारी निवासी इजहारूल हसन ऊर्फ भैया मियां की मौत होने के संबंध में उसकी पत्नी रशीदा बी की सूचना पर अपराध क्रमांक 22/2022 पंजीबद्ध नहीं किया गया था अपितु मर्ग क्रमांक 22/2022 धारा 174 जा.फौ. पंजीबद्ध किया गया था। प्रकरण में अपराध क्रमांक 82/2022 धारा 279, 337, 304ए भादवि दिनांक 11-12/05/2022 की दरम्यानी रात 12:15 बजे पंजीबद्ध किया गया है। (ख) फरियादिया द्वारा उसको घटनास्थल पर प्राप्त काले रंग का चश्मा एवं पासपोर्ट साईज पुरूष का एक फोटो पुलिस के समक्ष प्रस्तुत करने पर जब्त किया गया है। फरियादिया रशीदा बी द्वारा स्वयं फोटोग्राफ किसका है, इसकी जानकारी पुलिस को नहीं दी गई है तथा फोटो में मौजूद व्यक्ति की पहचान नहीं हो पाई है। प्रकरण में विवेचना जारी है एवं एकत्रित साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों की गिरफ्तारी के संदर्भ में निर्णय लिया जावेगा। (ग) थाना ग्यारसपुर क्षेत्र अंतर्गत माह जनवरी 2022 से प्रश्न दिनांक तक ट्रेक्टर ट्राली से 01 सड़क दुर्घटना घटित हुई है जिसके संबंध में अप. क्र. 82/2022 धारा 279, 337, 304ए भादवि पंजीबद्ध होकर विवेचनाधीन है। विवेचना में एकत्रित साक्ष्य के आधार पर विधि सम्मत कार्यवाही की जावेगी।
जनहित में पारित प्रस्ताव का पालन
[पशुपालन एवं डेयरी]
113. ( क्र. 1466 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आवारा पशु (गाय) के रोड पर खुले में घूमते हुए पाए जाने पर जुर्माने की कार्यवाही किए जाने का प्रस्ताव पारित हुआ था? यदि हाँ, तो यह प्रस्ताव किन कारणों से और कब पारित हुआ? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि प्रस्ताव पारित होने की दिनांक से प्रश्न दिनांक की स्थिति में किस-किस जिले में कितने-कितने आवारा पशु रोडों पर पाए गए और किन-किनके विरूद्ध कितनी-कितनी राशि के जुर्माने की कार्यवाही की गई तथा किन-किनके विरूद्ध किन-किन कारणों से कार्यवाही नहीं की गई?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छात्रवृत्ति की जानकारी
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
114. ( क्र. 1467 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में उच्च शिक्षा अध्ययनरत पिछड़ा वर्ग के गरीब वर्ग के छात्रों को स्टेट स्कॉलरशिप योजना संचालित है? यदि हां, तो क्या माधव इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी एण्ड साइंस ग्वालियर में अध्ययनरत बैचलर आफ आर्किटेक्चर कर रहे छात्रों को भी उक्त योजना का लाभ मिलना चाहिए? (ख) क्या कुछ छात्रों की द्वितीय एवं तृतीय वर्ष की छात्रवृत्ति आज तक प्राप्त नहीं हुई है, जबकि छात्र चतुर्थ वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं? उनके पास आगे पढ़ाई जारी रखने का गहरा संकट है? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) सही है तो वे कौन-कौन से छात्र हैं जिनकी द्वितीय एवं तृतीय वर्ष की छात्रवृत्ति आज दिनांक तक प्राप्त नहीं हुई? उसका क्या कारण है और कब तक प्राप्त होगी?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) वर्ष 2020-21 तक की उक्त पाठयक्रम के पात्र आवेदनों में कोई छात्रवृत्ति लंबित नहीं है। वर्ष 2021-22 की उक्त पाठयक्रम की छात्रवृत्ति भुगतान की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) वर्ष 2021-22 में उक्त पाठयक्रम के द्वितीय वर्ष के 05 विद्यार्थी, तृतीय वर्ष के 04 विद्यार्थी की छात्रवृत्ति का प्रस्ताव नोडल/संस्था से अप्राप्त हैं। छात्रवृत्ति कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। प्रस्ताव प्राप्त होने पर पात्रता अनुसार भुगतान कार्यवाही की जायेगी।
प्रदेश में बढ़ते अपराधों की जानकारी
[गृह]
115. ( क्र. 1471 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वार्षिक प्रतिवेदन 2021-22 के प्रारंभ में लिखा है कि प्रदेश में सफेद पोश अपराधियों द्वारा घटित अपराधों की संख्या तेजी से बढ़ रही हैं। विभिन्न प्रकार के माफिया भी तेजी से बढ़ रहे हैं? महंगाई, बेरोजगारी, बढ़ती हुई गरीबी आदि कारणों से प्रदेश में अपराधों की संख्या में वृद्धि हो रही हैं? (ख) वर्ष 2014 से 2021 तक सनसनीखेज एवं जघन्य अपराधों के चिन्हित प्रकरणों की संख्या बतावें तथा इसमें प्रतिवर्ष सजायाफ्ता का प्रतिशत क्या रहा तथा बतावें कि चिन्हित प्रकरणों को छोड़कर शेष प्रकरणों में सजायाफ्ता का प्रतिशत क्या हैं? (ग) क्या वर्ष 2021 में सनसनीखेज एवं जघन्य अपराधों के चिन्हित प्रकरणों में 45 प्रतिशत प्रकरणों में आरोपी बरी हो गये हैं यदि हाँ, तो बतावें कि विभाग के इतने दावे के बाद यह आकड़ा चिन्ता का विषय नहीं हैं? अति गंभीर अपराध के लगभग 45 प्रतिशत आरोपी बरी हो रहे हैं। (घ) प्रदेश में जून 2022 की स्थिति में माननीय न्यायालय द्वारा जारी कितने समंसों की तामील नहीं हुई है? जिलेवार संख्या बतावें तथा जानकारी देवें कि 10 वर्षों से ज्यादा समय से तामील ना होने वाले समंसों की संख्या क्या है।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मध्य प्रदेश शासन (गृह विभाग) के वार्षिक प्रशासकीय प्रतिवेदन वर्ष 2021-2022 के पृष्ठ क्रमांक 04 में लिखा है कि ''प्रदेश में सफेदपोश अपराधियों द्वारा घटित अपराधों की संख्या बढ़ रही है। '' प्रतिवेदन के इसी पृष्ठ पर लिखा है ''कई प्रकार के माफिया भी तेजी से बढ़ रहे हैं। '' प्रतिवेदन के पृष्ठ क्रमांक 03 पर लिखा है ''संचार के नये-नये साधनों के प्रयोग तथा आवागमन के संसाधन तेजी से बढ़ जाने के कारण, प्रदेश की भौगोलिक स्थिति, जनसंख्या में वृद्धि, बेरोजगारी, शहरीकरण, आर्थिक असमानतायें, औद्योगिकीकरण, बढ़ती हुई महंगाई, बढ़ती हुई गरीबी, नैतिक आदर्शों का अवमूल्यन, आदि कारणों से प्रदेश में अपराधों की संख्या में वृद्धि हो रही है। (ख) अपराध अनुसंधान विभाग, पुलिस मुख्यालय, भोपाल में संकलित जानकारी के अनुसार वर्ष 2014 से 2021 तक सनसनीखेज एवं जघन्य अपराधों के चिन्हित प्रकरणों की संख्या 6878 है। वर्ष 2014 से 2021 तक प्रतिवर्ष सजायाफ्ता का प्रतिशत क्रमशः 71% 72%, 67%, 70%, 71%, 66%, 65% एवं 66% है। वर्ष 2014 से 2021 तक मध्य प्रदेश में सनसनीखेज एवं जघन्य अपराधों के चिन्हित प्रकरणों को छोड़कर शेष प्रकरणों में सजायाफ्ता का वार्षिक औसत प्रतिशत 45.7% से 48.7% के मध्य है। (ग) वर्ष 2021 में चिन्हित प्रकरणों में सजायाफ्ता का प्रतिशत 66% है। 34% प्रकरणों में आरोपी बरी हुए हैं, 45% प्रकरणों में आरोपी बरी नहीं हुए हैं, अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रदेश में जून 2022 की स्थिति में माननीय न्यायालय द्वारा जारी लंबित समंस की जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। 10 वर्ष से अधिक समय से तामील न होने वाले समंस की संख्या शून्य हैं।
प्रदेश की जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों की जानकारी
[जेल]
116. ( क्र. 1472 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की विभिन्न केटेगरी की जेलों में सजायाफ्ता कैदी तथा विचाराधीन कैदी के लिये किस-किस साइज के कितने बैरक कितने कैदी की आवास क्षमता के हैं तथा उनमें कितने कैदी जून 2022 की स्थिति में रह रहे हैं? प्रत्येक जेल अनुसार बैरक अनुसार जानकारी देवें। (ख) विचाराधीन कैदी तथा सजायाफ्ता कैदी के बैरक में क्या-क्या सामग्री तथा सुविधा उपलब्ध है? जैसे टी.वी. पलंग, मच्छरदानी, कुर्सी, टेबल, नाईट लेम्प, अलमारी, पुस्तकें इत्यादि तथा विचाराधीन कैदी के बैरक सजायाफ्ता कैदी के बैरक से कितनी दूरी पर है तथा दोनों बैरक को अलग-अलग कैसे किया जाता है? (ग) प्रदेश की किस-किस जेल में सजायाफ्ता तथा विचाराधीन कैदी के लिये अलग-अलग कौन-कौन से खेल तथा खेल सामग्री की व्यवस्था तथा मैदान है तथा अलग-अलग भोजन केन्टीन की व्यवस्था है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) विचाराधीन कैदी में से 60 से 70 प्रतिशत बरी हो जाते हैं ऐसे में उन्हें सजायाफ्ता कैदियों के साथ भोजन, खेल, अध्ययन, योग, प्रार्थना इत्यादि कराना कैसे उचित है? क्या सुशासन और कल्याणकारी राज्य की परिभाषा में विचाराधीन तथा सजायाफ्ता कैदी के लिये अलग-अलग सेल नहीं होना चाहिये?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विभिन्न केटेगरी की जेलों में सजायाफ्ता, विचाराधीन कैदियों के लिए उपलब्ध बैरकों की साइज, क्षमता व दिनांक 30 जून, 2022 की स्थिति में परिरूद्ध कैदियों की जानकारी जेलवार एवं बैरकवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) बैरकों में उपलब्ध सामग्री व सुविधाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब के कॉलम-7 में दर्शाई गई है। समस्त केन्द्रीय जेलों एवं जिला जेलों जहॉं प्रदेश के लगभग 80 प्रतिशत बंदी (लगभग 41000) रहते हैं उनमें लगभग 46 प्रतिशत (लगभग 19000) सजायाफ्ता कैदी रहते हैं। इन सजायाफ्ता कैदियों को अधिकांशत: पृथक सेक्टरों/बैरकों में रखा जाता है साथ ही विचाराधीन कैदियों को पृथक बैरकों में कुछ अच्छे आचरण वाले सजायाफ्ता कैदियों की निगरानी में नियमानुसार साथ रखा जाता है। तहसील स्तर पर स्थित 73 सब जेलों में 5 प्रतिशत सजायाफ्ता व लगभग 95 प्रतिशत विचाराधीन कैदी रहते हैं। इन सब जेलों में विचाराधीन कैदियों के साथ सजायाफ्ता कैदियों को रखना पड़ता है। सजायाफ्ता से विचाराधीन सेक्टर/बैरकों की दूरी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के कॉलम-9 में दर्शाई गई है। (ग) जेल के भीतर उपलब्ध रिक्त स्थान में उपलब्ध संसाधनों के तहत आउटडोर खेलों की उपलब्ध व्यवस्था में इच्छुक दंडित कैदियों को खिलाया जाता है। केन्टीन की व्यवस्था केन्द्रीय जेलों पर संचालित है तथा जिला जेलों में केन्टीन सुविधा प्रारंभ करने का प्रस्ताव विचाराधीन है। (घ) जेलों की वर्तमान संरचना में भोजन, खेल, अध्ययन, योग, प्रार्थना इत्यादि विचाराधीन एवं सजायाफ्ता कैदियों हेतु पृथक-पृथक व्यवस्था नहीं है। इसका प्रमुख कारण जेलों में विचाराधीन बंदियों की संख्या का आनुपातिक रूप से बाहुल्य होना है।
महंगाई बेरोजगारी से बढ़ते अपराध एवं आत्महत्या के प्रकरण
[गृह]
117. ( क्र. 1475 ) श्री जितु पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अप्रैल 2018 से जून 2022 तक इन्दौर संभाग में कितने लोगों ने किस-किस कारण से आत्महत्या की पुरूष और महिला की संख्या सामान्य वर्ग, पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति तथा जनजाति अनुसार जिलेवार, वर्षवार बतावें। (ख) क्या प्रदेश में महंगाई और बेरोजगारी के कारण सामाजिक ताना-बाना बुरी तरह ध्वस्त हो चुका है तथा कई पूरे-पूरे परिवार आत्महत्या कर रहे हैं तथा कई पुरूष अथवा महिलाएं अपने छोटे-छोटे बच्चों को कुएं में, नदी में फेंक कर या गला घोटकर या जहर देकर मार-काट, खुद आत्महत्या कर रहे हैं? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) का उत्तर हाँ तो बतावें कि वर्ष 2018 से जून 2022 तक कितने पूरे परिवार द्वारा आत्महत्या के प्रकरण दर्ज हुये तथा इसमें कुल संख्या कितनी है तथा कितने पुरूष अथवा महिला अपने छोटे-छोटे बच्चों को मारकर आत्महत्या करने के कितने प्रकरण दर्ज हुए? इसमें कुल मिलाकर कितने पुरूष तथा महिला ने आत्महत्या की तथा कितने बच्चों को मारा गया? (घ) क्या प्रशासकीय प्रतिवेदन 2021-22 में पृष्ठ तीन खण्ड 101 में लिखा है कि बेरोजगारी, शहरीकरण, आर्थिक असमानता, बढ़ती हुई महंगाई, गरीबी आदि कारणों से प्रदेश में अपराधों की संख्या में वृद्धि हो रही है? यदि हाँ, तो यह शासन की असफलता किन आंकड़ों से तय की गई है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश की जेलों में क्षमता से अधिक बंद कैदियों की जानकारी
[जेल]
118. ( क्र. 1476 ) श्री जितु पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 2312 दिनांक दिनांक 14.03.2022 के संदर्भ में बतावें कि 31 जनवरी 2022 की स्थिति में बंदी आवास क्षमता से 17834 बंदी याने लगभग 60 प्रतिशत बंदी क्षमता के विरूद्ध क्यों रखे गये हैं? 30 जून की स्थिति में वर्ष 2014 से 2022 तक बंदी आवास क्षमता तथा उसके विरूद्ध जेलों में परिरूद्ध बंदी की संख्या बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित अवधि में बंदी आवास क्षमता तथा परिरूद्ध बंदी की संख्या सजायाफ्ता तथा विचाराधीन बंदी में पुरूष तथा महिला अनुसार बतावें। (ग) प्रश्न 2312 दिनांक 14.03.2022 अनुसार विचाराधीन बंदी वर्ष 2021 में औसत 247 से अधिक दिन जेल में रहा तथा 35 प्रतिशत प्रकरण से दोषमुक्त नहीं हुई ऐसे में उनका इतने दिन जेल में रहना/रखना मानव अधिकार के लिये गंभीर चुनौती तथा देश के मानव दिवस की अनावश्यक हानि नहीं है? क्या इस बिंदु पर कोई अनुसंधान प्रचलन में है? यदि नहीं, तो क्या प्रचलन में लाया जायेगा? (घ) वर्ष 2014 से जून 2022 तक अनु जाति जनजाति तथा महिलाओं के प्रति अपराध तथा पाक्सो एक्ट में दोष सिद्ध दर कितने कितने प्रतिशत है? (ड.) सजायाफ्ता तथा विचाराधीन कैदियों के लिये अलग अलग जेल क्यों नहीं बनाई जावेगी, चाहे उन्हें पृथक-पृथक रखा जाता है लेकिन भोजन तथा उनकी अन्य गतिविधियां तो शामिल होती हैं, क्या यह उचित है?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जेलों में न्यायालयीन निर्देशों के पालन में बंदियों को रखा जाता है। 30 जून की स्थिति में वर्ष 2014 से 2022 तक बंदी आवास क्षमता तथा उसके विरूद्ध जेलों में परिरूद्ध बंदियों की संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जेल में बंदी को सक्षम न्यायालय के वारंट के आधार पर निरूद्ध रखा जाता है एवं माननीय न्यायालय के आदेशानुसार ही रिहा किया जाता है। विचाराधीन बंदी को जेल में रखने के संबंध में जेल विभाग का कोई विवेकाधिकार नहीं होता है। कोई अनुसंधान/ कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ड.) जेलों में सजायाफ्ता तथा विचाराधीन बंदियों को उपलब्ध बैरिकों/वार्डों में स्थानीय प्रशासनिक व्यवस्था के अंतर्गत पृथक-पृथक रखा जाता है। जेलों की क्षमता में वृद्धि करने हेतु 51 अतिरिक्त बैरिक एवं भिण्ड, छिन्दवाड़ा, इन्दौर, दतिया, बैतूल, दमोह, मंदसौर में नई जेलों के निर्माण की कार्यवाही प्रचलन में है। भोजन व अन्य गतिविधियॉं प्रशासनिक देखरेख में कराई जाती है।
थाना नीलगंगा का प्रकरण
[गृह]
119. ( क्र. 1477 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) थाना नीलगंगा उज्जैन अंतर्गत दर्ज F.I.R. क्रमांक 0015 दिनांक 10/01/2022 एवं एफ.आई.आर. क्रमांक 0128 दिनांक 04.03.2022 में आरोपी अर्पित पिता यतीन्द्र द्विवेदी निवासी 23, अबु परिसर उज्जैन की गिरफ्तारी प्रश्न दिनांक तक नहीं हुई है? क्यों? (ख) क्या कारण है कि थाना नीलगंगा उज्जैन के अधिकारियों द्वारा अर्पित पिता यतीन्द्र द्विवेदी जो एक अन्य प्रकरण में भी आरोपी होकर जमानत पर है, को संरक्षण दिया जा रहा है? (ग) ऐसा करने वाले संबंधित अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही की जाएगी? क्या कारण है कि इन अधिकारियों द्वारा अर्पित पिता यतीन्द्र द्विवेदी को अग्रिम जमानत प्राप्त करने में सहयोग दिया जा रहा है? (घ) अर्पित पिता यतीन्द्र द्विवेदी की कब तक गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) :(क) जी हाँ, थाना नीलगंगा जिला उज्जैन में अपराध क्रमांक 15/2022 धारा 420, 406 भादवि एवं अपराध क्रमांक 128/2022 धारा 420, 406 भादवि वर्तमान में विवेचनाधीन है। आरोपी की निवास एवं संभावित स्थानों पर तलाश की गई। आरोपी अर्पित द्विवेदी घटना दिनांक से ही फरार है। उसकी गिरफ्तारी हेतु दिनांक 11.07.2022 को 5000 रूपये नगद ईनाम की उद्घोषणा की गई है। (ख) आरोपी अर्पित द्विवेदी वर्तमान में जमानत पर नहीं है। अनुसंधानकर्ता अधिकारी ने अग्रिम जमानत का विरोध प्रतिवेदन दिया। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा आरोपी के अग्रिम जमानत आवेदन पत्र को निरस्त किया गया। आरोपी की गिरफ्तारी हेतु प्रयास जारी है। उसके किसी प्रकार का संरक्षण नहीं दिया जा रहा है। (ग) प्रकरण में विधि अनुसार विवेचना की जा रही है। प्रकरण में अग्रिम जमानत हेतु आरोपी को किसी प्रकार का सहयोग/ संरक्षण नहीं दिया जा रहा है। पुलिस ने अग्रिम जमानत का विरोध प्रतिवेदन दिया। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा आरोपी के अग्रिम जमानत आवेदन पत्र को निरस्त किया गया। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) आरोपी की गिरफ्तारी के हर संभव प्रयास किये जा रहे है। पुलिस अधीक्षक उज्जैन द्वारा गिरफ्तारी हेतु 5000 रूपये ईनाम घोषित किया गया है।
गृह निर्माण संस्थाओं का परिसमापन
[सहकारिता]
120. ( क्र. 1480 ) श्री बाला बच्चन : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 2322 (अतारांकित) दिनांक 14/03/2022 के (क) उत्तर में वर्णित 34 गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं के नाम, भूखण्ड रकबा, स्थान नाम, विक्रय हो चुके प्लाट संख्या, शेष प्लाट संख्या सहित संस्थावार देवें। (ख) प्रत्येक परिसमापक के समक्ष कितने लोगों द्वारा भूखण्ड आवंटन के लिए आवेदन किया, इन 34 संस्थाओं के संबंध में संस्थावार जानकारी देवें। परिसमापक के अतिरिक्त इंदौर सहकारिता विभाग में भूखण्ड आवंटन के कितने आवेदन इन संस्थाओं से संबंधित लंबित हैं? संस्थावार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जिन 02 संस्थाओं का पंजीयन निरस्त किया जा चुका है, क्या उनकी समस्त लेनदारी-देनदारी का निष्पादन हो गया है? यदि हाँ, तो इससे संबंधित दस्तावेजों की छायाप्रति संस्थावार देवें। (घ) कब तक प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संस्थाओं का परिसमापन पूर्ण हो जाएगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 1960 एवं मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी नियम, 1962 के प्रावधानों के अनुसार परिसमापन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बड़वानी व धार जिले में प्रदाय बर्तन सामग्री
[जनजातीय कार्य]
121. ( क्र. 1481 ) श्री बाला बच्चन : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत 03 वर्षों में शहडोल की मे. नेशनल एम्पोरियम फर्म द्वारा बड़वानी जिले में बर्तन सामग्री प्रदाय के कितनी राशि के बिल लगाए हैं? प्रत्येक बिल की प्रमाणित प्रति सहित देंवे। (ख) धार जिले में दिनांक 01.04.2020 से 31.03.2022 तक बर्तन सामग्री प्रदाय की जानकारी वर्षवार देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार संबंधित फर्म को किये गये भुगतान की जानकारी राशि, दिनांक, भुगतानकर्ता नाम सहित देवें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) विगत 03 वर्षों में शहडोल की मेरियम फर्म द्वारा बड़वानी जिले में बर्तन नेशनल एम्पों, सामग्री प्रदाय के राशि रू 3984428/- के बिल संबंधित ग्राम पंचायतों को प्रस्तुत किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) धार जिले से संबंधित जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
वर्ष |
ग्राम पंचायतें जिनमें बर्तन दिये गये |
ग्राम जिनमें बर्तन दिये गये |
1 |
2020-21 |
218 |
413 |
2 |
2021-22 |
40 |
74 |
(ग) फर्म द्वारा प्रदाय की गई सामग्री निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप न होने के कारण बिलों का भुगतान नहीं किये जाने से जानकारी निरंक है।
जे.एम.एफ.सी. कोर्ट कोतमा न्यायालय के प्रकरण
[गृह]
122. ( क्र. 1484 ) श्री सुनील सराफ : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजकुमार पिता शंकर दयाल शुक्ला, अपराध क्रमांक 221/07 जिसका चालान जे.एम.एफ.सी. कोर्ट कोतमा में 16-08-2007 को प्रस्तुत किया गया था, की अद्यतन स्थिति की जानकारी देवें। यही जानकारी अपराध क्रमांक 121/14, चालान दिनांक 06-04-2017 तथा अपराध क्रमांक 473/19 चालान दिनांक 20-09-21 न्यायालय कोतमा के संबंध में देवें। (ख) उपरोक्त दो प्रकरण जो जे.एम.एफ.सी. कोर्ट कोतमा व एक न्यायालय कोतमा में विचाराधीन है, के प्रकरण क्रमांक देवें। इनमें कब-कब तारीखे लगी? पृथक-पृथक बतावें। (ग) उपरोक्त तारीखों में शासकीय अधिवक्ता कितनी बार उपस्थित/अनुपस्थित हुए, की जानकारी कोर्टवार, प्रकरणवार देवें। क्या कारण है कि अपराध क्र. 221/07 का निराकरण 15 वर्षों बाद भी नहीं हो पाया? क्या कारण है कि शासकीय अधिवक्ता द्वारा तीनों प्रकरणों में बार-बार तारीखें बढ़वाकर आरोपी को संरक्षण प्रदान किया जा रहा है? (घ) उपरोक्त तीनों प्रकरणों की शीघ्र सुनवाई के लिए विभाग द्वारा क्या कदम उठाए जाएंगे? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
PACS कर्मचारियों की सुविधाएं
[सहकारिता]
123. ( क्र. 1485 ) श्री सुनील सराफ : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की लगभग 4300 सहकारी समितियों PACS में लगभग 550 कार्यरत कर्मचारियों को लागू सेवा नियम 28.09.2018 के अनुसार कर्मचारियों की नियमितीकरण प्रक्रिया क्या पूर्ण कर ली गई है? क्या सेवा नियम में दर्शित कर्मचारी भविष्य निधि एवं ग्रेज्युटी का PACS संस्थाओं में कर्मचारियों को लाभ दिया जा रहा है? (ख) PACS में कार्यरत कर्मचारी को शासन का कर्मचारी माना जा रहा है या श्रमिक माना जा रहा है? स्पष्ट करें। (ग) प्रमुख सचिव सहकारिता के आदेश क्रमांक 474/170/2022/15-/दिनांक 28.03.2022 में PACS कर्मचारियों की सेवाएं अत्यावश्यक प्रवृत्ति की मानी गई हैं तो फिर इन्हें पी.एफ., ग्रेज्युटी व अन्य शासकीय कर्मचारियों की तरह सुविधाएं क्यों नहीं दी जा रही हैं? (घ) इन्हें कब तक प्रश्नांश (क) व (ग) अनुसार सभी सुविधाएं प्रदान की जाएगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
S.D.O.P. महिदपुर द्वारा उच्च न्यायालय इंदौर में दायर याचिका
[गृह]
124. ( क्र. 1487 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) S.D.O.P. महिदपुर द्वारा दिनेश पिता मांगीलाल जैन निवासी महिदपुर रोड जिला उज्जैन की जमानत निरस्ती संबंधी जो याचिका मा. उच्च न्यायालय इंदौर खंडपीठ में दायर की गई है उसकी अद्यतन स्थिति देवें। (ख) इस प्रकरण का क्रमांक, इसमें प्रश्न दिनांक तक कितनी तारीखें लगी, की जानकारी देवें। (ग) इनमें कितनी तारीखों में शासकीय अधिवक्ता उपस्थित/अनुपस्थित रहे की जानकारी देवें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मध्यप्रदेश शासन की ओर से दिनेश पिता मांगीलाल जैन निवासी महिदपुर रोड जिला उज्जैन की जमानत निरस्ती हेतु माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर में लंबित है। (ख) प्रकरण M.C.R.C. क्रमांक 8079/2022 है। प्रश्न दिनांक तक 07 तारीखें लगी हैं। (ग) इनमें सभी तारीखों में शासकीय अधिवक्ता माननीय न्यायालय के समक्ष उपस्थित रहे है।
जिला उज्जैन को आवंटित राशि
[विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण]
125. ( क्र. 1488 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा उज्जैन जिले में दिनांक 01.01.2019 से 30.06.2022 तक कितनी राशि किन-किन कार्यों के लिये आवंटित की गई? विधान सभावार स्थान, नाम राशि सहित देवें। (ख) उपरोक्त अवधि में प्रश्नकर्ता द्वारा कार्य स्वीकृति हेतु जो आवेदन दिए गए उन पर कार्यवाही की जानकारी आवेदनवार देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार कार्य स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जाएगी?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जिले से प्रस्ताव अप्राप्त है। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है।
आवास राहत गृह निर्माण सहकारी समिति की जांच एवं कार्यवाही
[सहकारिता]
126. ( क्र. 1491 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आवास राहत गृह निर्माण सहकारी समिति भोपाल की श्री सुधाकर पांडे द्वारा जांच की गई थी? यदि हाँ, तो जांच प्रतिवेदन की प्रति दें। (ख) आवास राहत गृह निर्माण सहकारी समिति द्वारा वर्ष 2020 से 2022 में कितने भू-खण्डों की रजिस्ट्रियां किस आधार पर किस-किस को कब-कब की गई? (ग) क्या इनमें से कई सदस्यों द्वारा अपने भू-खण्ड अन्य व्यक्तियों को विक्रय कर दिये गये हैं? यदि हाँ, तो किस-किस को कब-कब तथा इसकी अनुमति आवास राहत गृह निर्माण द्वारा कब-कब दी गई? (घ) आवास गृह निर्माण सहकारी समिति को शासकीय भूमि किन सदस्यों को आवंटित करने के लिये उपलब्ध कराई गई थी? प्रश्नांकित तिथि तक समिति के कितने पात्रताधारी सदस्यों द्वारा अपने भू-खण्ड अन्य व्यक्तियों को विक्रय किये गये और उनकी अनुमति कब-कब समिति द्वारा दी गई? भू-खण्ड का क्रमांक, साईज एवं सदस्य का नाम, पता तथा अनुमति देने वाले अधिकारी के नाम बतायें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नगद राशि के चेक एवं उपहार प्रदाय
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
127. ( क्र. 1492 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में मुख्यमंत्री विवाह-निकाय योजना के अंतर्गत माह मई एवं जून 2022 में आयोजित सामूहिक विवाहों में कुल कितने जोड़ों का विवाह सम्पन्न कराया गया जिसमें विभाग द्वारा कितनी राशि के उपहार एवं नगद राशि दी तथा विवाह समारोह की व्यवस्था पर कितनी राशि व्यय हुई? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या सामाजिक न्याय विभाग द्वारा दिनांक 20 मई 2022 को दतिया में मुख्यमंत्री विवाह-निकाय योजना के अंतर्गत 701 जोड़ों का सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त आयोजन पर विवाहित जोड़ों को दी जाने वाली राशि, उपहार, टेंट एवं भोजन आदि पर कुल कितनी राशि व्यय हुई? विवरण दें। (ग) उक्त आयोजन में विवाहित जोड़ों को शासन की ओर से प्रति जोड़े कितनी-कितनी राशि के चेक एवं उपहार दिए जाने का प्रावधान है एवं क्या प्रावधान अनुसार विवाहित जोड़ों को शासन द्वारा निर्धारित राशि के चेक एवं उपहार दिए गए? (घ) क्या उक्त योजनांतर्गत प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विवाह के दिन न तो विवाहित जोड़ों को चेक प्रदान किए और न ही उपहार दिए गये इस संबंध में कलेक्टर दतिया एवं शासन को शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो क्या शिकायतों की निष्पक्ष जांच कराई जाकर जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री प्रेमसिंह पटेल ) : (क) प्रदेश में मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना के अंतर्गत माह मई एवं जून 2022 में 5983 जोडों का विवाह सम्पन्न कराया गया। व्यय राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजनान्तर्गत 20 मई 2022 को जनपद पंचायत दतिया में कुल 703 जोडो का विवाह सम्पन्न किया गया। कन्याओं को राशि रूपये 11000/- का अकाउन्टपेयी चेक के माध्यम से राशि रूपये 7733000/- का व्यय किया गया एवं उपहार तथा आयोजककर्ता पर व्यय निरंक है। (ग) मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजनान्तर्गत नियमानुसार प्रति कन्या को राशि रूपये 11000/- का अकाउन्टपेयी चेक एवं वधु को उपहार सामग्री राशि रूपये 38000/- एवं आयोजकर्ता संस्था को 6000/- रूपये प्रति जोडे के मान से दिये जाने का प्रावधान है। प्रावधान अनुसार जनपद पंचायत दतिया द्वारा कन्या को निर्धारित राशि के चेक वितरण किये गये है। जिले के कर्मचारी/अधिकारी निकाय निर्वाचन प्रक्रिया में व्यस्त होने के कारण उपहार सामग्री के पर्याप्त टेण्डर जारी नहीं किये जा सके थे, पुन: टेण्डर जारी कर 11 जुलाई को दरों का निर्धारण किया जाकर सी.ई.ओ. द्वारा उपहार सामग्री के आदेश जारी किये गये है। शीघ्र ही उपहार सामग्री वितरण की कार्यवाही की जा रही है। (घ) विवाह के दिन कन्याओं को निर्धारित राशि के चेक वितरण किये गये किन्तु विवाह सामग्री के लिए पर्याप्त टेण्डर न होने के कारण पुन: टेण्डर जारी किये गये है। किन्तु जिले के कर्मचारी/अधिकारी निकाय निर्वाचन प्रक्रिया में व्यस्त होने के कारण अब टेण्डर खोले गये है। सी.ई.ओ. द्वारा उपहार सामग्री के आदेश जारी किये गये है। शीघ्र ही उपहार सामग्री वितरण की कार्यवाही की जा रही है। जी हाँ। कार्यवाही प्रचलन में है। जी हाँ प्रश्नांश ''क'' के संबंध में शिकायत प्राप्त हुई थी, शिकायत निराधार होने से कोई कार्यवाही नहीं की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
थाना टी.टी. नगर एवं कमला नगर क्षेत्र में घटित अपराध
[गृह]
128. ( क्र. 1494 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल शहर के थाना टी.टी. नगर एवं कमला नगर अंतर्गत सूचीबद्ध/निगरानी बदमाश/ अपराधी कौन-कौन हैं? उनके नाम, पिता का नाम, पता सहित सूची दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त अपराधियों के विरूद्ध कितने-कितने मामले दर्ज है, उनमें से कितने जेल में हैं एवं कितने बाहर हैं? (ग) उपरोक्तानुसार 01 अप्रैल 2022 से 30 जून 2022 तक की अवधि में किस थाना अंतर्गत कौन से अपराध कितनी संख्या में घटित हुये हैं? उनमें किस-किस अपराध में आरोपियों की गिरफ्तारी किन कारणों से नहीं हो सकी है तथा किस-किस अपराध की विवेचना में लापरवाही बरतने वाले किन-किन पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों की विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में उक्त थाना अंतर्गत मोबाईल चोरी होने, लूटने एवं गुम होने के कितने-कितने मामले दर्ज किये गये? उनमें किस थाना क्षेत्र अंतर्गत कितने-कितने मोबाईल बरामद कर किन-किन आवेदनकर्ताओं को उनके मोबाइल वापिस किये गये एवं कितने मोबाइल किन कारणों से बरामद नहीं किये गये हैं? क्या उक्त क्षेत्रों में मोबाइल चोर गैंग सक्रिय है जो कि विशेषकर हाटबाजार में भीड़ का फायदा-उठाकर मोबाइल चुरा रहे हैं? यदि हाँ, तो क्या पुलिस ने सक्रिय गिरोह की गिरफ्तारी की है? यदि हाँ, तो अपराधियों के नाम पते बतायें। यदि नहीं, तो क्यों? मोबाइल चोरी/गुम होने के मामले में पुलिस की उदासीनता/लापरवाही के लिये किन पुलिस कर्मियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार।
आरोपियों के विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
129. ( क्र. 1495 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर के थाना संयोगिता गंज में दिनांक 02.04.2021 को अपराध क्र. 127/21 में जिन 18 आरोपियों के विरूद्ध पंजीबद्ध किया गया है में एक वर्ष से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद प्रकरण में विवेचना पूर्ण नहीं किये जाने के क्या कारण है? (ख) सामान्यत: प्रकरण विवेचना पूर्ण किये जाने की समय-सीमा क्या निर्धारित है एवं किस स्तर के पुलिस अधिकारी द्वारा विवेचना की जा रही है? उक्त प्रकरण में अभी तक कितने विवेचना अधिकारियों को किन कारणों से बदला गया है और कब विवेचना पूर्ण की जाकर विवेचना में आये साक्ष्य अनुसार आरोपियों के विरूद्ध विधि सम्मत कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्या उक्त प्रकरण में माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर में ऑब्जेक्शन रिप्लाई (रिपोर्ट) फाइल की है? यदि हाँ, तो प्रति संलग्न करायें। (घ) उक्त प्रकरण में पुलिस विवेचना की कार्यवाही में विलंब के लिये दोषी पुलिस अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) इंदौर के थाना संयोगितागंज में दर्ज अपराध क्रमांक 127/21 का घटना क्रम भौगोलिक रूप से अति विस्तृत है, विवेचना में महाराष्ट्र राज्य के ठाणे जिले के दो थानों का क्षेत्र सम्मिलित है, शहर मुम्बई के चार थानों का क्षेत्र सम्मिलित है, इसके अतिरिक्त मध्यप्रदेश के जिला सतना का क्षेत्र भी सम्मिलित है। अपराध में कई आरोपियों एवं उनकी कई कंपनियों के विरूद्ध आरोप लगाये गये है, जिसके दस्तावेजी साक्ष्य एकत्रित किये जा रहे है। उक्त कारणों से लगभग एक वर्ष से विवेचना जारी है। (ख) प्रकरण माननीय न्यायालय के आदेश से पंजीबद्ध किया जाकर विवेचना की जा रही है। उक्त प्रकरण की विवेचना व साक्ष्य संकलन हेतु कोई पूर्व निर्धारित समय-सीमा नहीं है। प्रकरण की एफ.आई.आर. पश्चात विवेचना उप निरीक्षक अक्षय कुशवाहा द्वारा की गई है, प्रकरण की विवेचना की संवेदनशीलता देखते हुये पुलिस अधीक्षक दिनांक 23.07.2021 के आदेश के पालन में उक्त विवेचना तत्कालीन थाना प्रभारी थाना संयोगितागंज निरीक्षक राजीव त्रिपाठी द्वारा की गई। स्थानान्तरण हो जाने के पश्चात अग्रिम विवेचना तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक योगेश सिंह तोमर द्वारा की गई। इनका स्थानान्तरण हो जाने के पश्चात विवेचना वर्तमान थाना प्रभारी निरीक्षक तहजीब काजी द्वारा की जा रही है। विवेचना पूर्ण की जाकर विवेचना में आये साक्ष्य अनुसार आरोपियों के विरूद्ध विधि सम्मत कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है। (ग) प्रकरण के सह अरोपी कमलेश पटेल ने माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर में धारा 482 द.प्र.सं. के अन्तर्गत याचिका एम.सी.आर.सी.-21632/2021 दायर की थी जिसको अपास्त करने के लिये पुलिस विभाग के ओ.आई.सी. द्वारा माननीय न्यायालय में जवाबदावा प्रस्तुत किया था। जवाबदावा की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (घ) प्रकरण की विवेचना में विलंब के लिये कोई पुलिस अधिकारी दोषी नहीं होने के कारण कार्यवाही नहीं की गई।
अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही
[सहकारिता]
130. ( क्र. 1496 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गौरव गृह निर्माण सहकारी संस्था के संबंध में वर्ष 2018 से उत्तर दिनांक तक कुल कितनी शिकायतें प्राप्त हुई, उन शिकायतों की जांचोपरांत क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो उसके लिये दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई अथवा की जावेगी तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार जांच रिपोर्ट के आधार पर 10.01.2020 म.प्र.सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 76 (2) का कारण बताओ सूचना पत्र संस्था के किन-किन पदाधिकारियों को तामील करवाया गया है? यदि तामील नहीं हुआ तो उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार संस्था के जिन पदाधिकारियों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया उसी आधार पर संचालक मण्डल को क्या बहाल किया है? यदि हाँ, तो क्या संचालक मण्डल दोषी नहीं था? यदि दोषी था तो धारा - 76 (2) के तहत कार्यवाही क्यों नहीं की गई? बहाल होने के पूर्व एवं बहाल करने के बाद आज दिनांक तक कितने भूखण्डों की रजिस्ट्रियां पात्र पदाधिकारी द्वारा करवाई गई हैं? यदि पात्र नहीं था तो उस पर क्या कार्यवाही की गई है अथवा की जावेगी तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार पूर्व त्रिस्तरीय जांच के अनुसार 16 भूखण्डों की रजिस्ट्री निरस्त करने का दायित्व श्री बबलू सातनकर, उपायुक्त, सहकारिता, जिला-भोपाल की पत्नि के नाम भूखण्ड होने से उसे निरस्त कराने हेतु किसे अधिकार दिया गया था? क्या उसके द्वारा निर्धारित समयावधि में रजिस्ट्री निरस्त करवाई गई है? यदि नहीं, तो क्या उसके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभागीय बजट में प्राप्त राशि का उपयोग
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
131. ( क्र. 1499 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 20 मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के केन्द्रांश बजट के साथ-साथ प्रदेश के बजट में कितनी राशि की मांग किन-किन योजनाओं में की, कितनी राशि स्वीकृत हुई और कितनी आवंटित की गई? मांगवार, योजनावार पृथक-पृथक बतायें। (ख) गुना जिले में उपरोक्त के संबंध में आवंटित राशि में से कितनी राशि किस प्रयोजन पर व्यय की गई? आवंटित राशि में से व्यय राशि का प्रतिशत कितना है? प्रयोजनवार, योजनावार, उपयोगिता प्रमाण पत्र सहित पृथक-पृथक बतायें। (ग) उपरोक्त के संबंध में ऐसी कितनी योजनाओं में जिनमें आवंटित राशि का नगण्य अथवा शून्य उपयोग किया गया? विभाग जब राशि की मांग करता है तो उसका उपयोग नहीं होने से जन हितैशी योजनाओं एवं हितग्राहियों का इसका लाभ नहीं मिल पाने के लिये कौन जिम्मेदार है? क्या विभागीय लोगों पर जिम्मेदारी तय कर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उपरोक्त के संबंध में पृथक-पृथक छात्रवृत्तियों, प्रशिक्षणों एवं रोजगार के बजट की उपयोगवार गुना जिले की जानकारी दें एवं उसकी अद्यतन स्थिति क्या है? क्या लक्ष्य निर्धारित किये गये? उसमें कितना लक्ष्य प्राप्त हुआ? कितना किस कारण से लंबित है, कितना लक्ष्य प्राप्त नहीं किया जा सकता सहित संपूर्ण जानकारी दें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्री रामखेलावन पटेल ) : (क) मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक विभाग के केन्द्रांश बजट के साथ-साथ प्रदेश के बजट में स्वीकृत तथा आवंटित राशि की मांगवार, योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। (ख) गुना जिले में उपरोक्त के संबंध में केन्द्रांश की राशि रू 2,25,00,000/- आवंटित की गई जिसके विरूद्ध राशि रू 1,99,82,574/- का व्यय किया गया एवं राज्यांश की राशि रू 18,42,27,000/- आवंटित की गई जिसके विरूद्ध राशि रू 15,27,34,730/- का व्यय किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) प्राप्त आवंटित राशि का उपयोग किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) गुना जिले अंतर्गत प्रशिक्षण एवं रोजगार मद में कोई भी राशि 20 मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक आवंटित नहीं की गई है। जानकारी निरंक है। गुना जिले अंतर्गत छात्रवृत्ति के बजट की उपयोगवार जानकारी उत्तरांश (ख) अनुसार है।
आर्थिक अनियमितताओं के प्रकरणों पर कार्यवाही
[सहकारिता]
132. ( क्र. 1500 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, हरदा, सीहोर, रायसेन, राजगढ़, विदिशा, होशंगाबाद जिलों में विभाग अंतर्गत कार्यालयों में आर्थिक अनियमितता, भ्रष्टाचार के कितने और कितनी राशि के प्रकरण 20 मार्च, 2020 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुये है? (ख) उपरोक्त के संबंध में 181 और मुख्यमंत्री समाधान के माध्यम से कितने प्रकरण, कब प्राप्त हुये हैं? (ग) उपरोक्त के संबंध में प्राप्त प्रकरणों में से कितने प्रकरणों में कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है और कितने प्रकरण लंबित हैं? (घ) उपरोक्त अवधि में कितनी बजट राशि की मांग की गई है और कितना बजट आवंटन किन-किन योजनाओं और प्रयोजनों पर आवंटित हुआ है तथा कितनी राशि व्यय हुई है, बतलायें?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
थाना प्रभारियों का स्थानांतरण
[गृह]
133. ( क्र. 1503 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले में वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक पुलिस विभाग में कौन-कौन से थाना प्रभारी नियुक्त रहे है? यह भी बतावें कि ऐसे कौन-कौन से थाना प्रभारी हैं जो थाना बदलकर जिले में ही कार्य कर रहे हैं? दिनांकवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में ऐसे थाना प्रभारी जो विगत लंबे समय से ही जिले में स्थान बदलकर पदस्थ है उन्हें कब तक जिले से अन्यत्र हटाया जावेगा? अगर नहीं हटाया जाता है तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) अनुसार ऐसे थाना प्रभारी जो विगत लंबे समय से जिले में पदस्थ हैं के द्वारा अपराधियों को संरक्षण दिया जा रहा है प्रकरण दर्ज नहीं किये जा रहे हैं? ऐसे दोषी थाना प्रभारियों के ऊपर क्या कार्यवाही करेगें? अगर कार्यवाही करेगें तो कब तक? नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सिंगरौली जिले में वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक पदस्थ थाना प्रभारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार एवं ऐसे थाना प्रभारी है जो थाना बदलकर जिले में ही कार्य कर रहे है, की दिनांकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार। (ख) स्थानांतरण एक निरंतर चलने वाली प्रशासनिक प्रक्रिया है। समय-समय पर आवश्यकता के अनुसार, किसी विशेष प्रकिया जैसे चुनाव संबंधित निर्देशों के पालन में या किसी अधिकारी के अनुरोध करने पर या उसके विरूद्ध शिकायत प्राप्त होने पर इत्यादि कारणों से स्थानांतरण किये जाते है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। विभाग में कदाचरण करने वाले अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय प्रावधानों के अनुसार दण्डात्मक कार्यवाही की जाती है। आरोप सिद्ध होने पर आवश्यकतानुसार स्थानांतरण भी किया जाता है। अत: शेष प्रश्नांश के संबंध में समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
टीचिंग एवं नान टीचिंग स्टॉफ को मानदेय का भुगतान
[अनुसूचित जाति कल्याण]
134. ( क्र. 1506 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जबलपुर, रीवा, सागर और उज्जैन संभागीय मुख्यालयों पर अनुसूचित जाति वर्ग के बच्चों की पीएससी, यूपीएससी, थानेदार, बैंकिंग और अन्य प्रतिस्पर्धा परीक्षाओं की तैयारी के लिये संचालित परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्रों में कार्यरत फेकल्टी, अंशकालीनकर्मी और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को दिये जाने वाले मानदेय और वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक कितनी अवधि के वेतन और मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है तथा इसके लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी है? (ग) अनुसूचित जाति वर्ग के बच्चों को अफसर बनाने के लिये कोचिंग देकर तैयारी कराने वाले इन परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्रों के संचालन में सरकार की उदासीनता का क्या कारण है? (घ) क्या सरकार भविष्य में इन प्रशिक्षण केन्द्रों के लिये नियमित वेतन और मानदेय का भुगतान किया जाना सुनिश्चित करेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( कुमारी मीना सिंह माण्डवे ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मानवाधिकार आयोग द्वारा पुलिस के खिलाफ भेजी गई शिकायते
[गृह]
135. ( क्र. 1507 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2021 से प्रश्न दिनाक तक मानवाधिकार आयोग द्वारा पुलिस के खिलाफ कुल कितनी शिकायतें भेजी गई? (ख) इनमें से कितनी शिकायतें एफ.आई.आर. दर्ज न करने के संबंध में थी? (ग) उपरोक्त अवधि में एफ.आई.आर. दर्ज करने से मना करने पर कितने अधिकारियों पर दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 154 या 155 के तहत कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) दिनांक 01 जनवरी 2021 से दिनांक 07.07.2022 तक 547 शिकायतें भेजी गई। (ख) इनमें से 56 शिकायतें एफ.आई.आर. दर्ज न करने के संबंध में थी। (ग) निरंक।
उर्वरकों की गुणवत्ता की जांच
[सहकारिता]
136. ( क्र. 1509 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ द्वारा दिनांक 31.12.2015 को गुणवत्ता की जांच के संबंध में क्या निर्देश उर्वरक समन्वय समिति द्वारा लिये गये? निर्णय के संदर्भ में जारी किये गये थे? जारी निर्देशों की प्रति दें। (ख) उक्त निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में 2015 से अभी तक विपणन संघ के अधिकारियों द्वारा कितने रासायनिक उर्वरकों की गुणवत्ता का परीक्षण कब-कब कराया गया? प्रत्येक परीक्षणवार जानकारी दें। (ग) यदि परीक्षण नहीं किये गये तो इसके लिये कौन उत्तरदायी है? उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या उर्वरकों की गुणवत्ता का परीक्षण न कराकर विपणन संघ के अधिकारियों द्वारा उर्वरक समन्वय समिति के निर्णयों का पालन नहीं किया जा रहा है? इसके लिये कौन उत्तरदायी है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उपविधियों में संशोधन
[सहकारिता]
137. ( क्र. 1512 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जन औषधि सहकारी संघ के पंजीयन हेतु नियुक्त संगठनकर्ता के पत्र में पंजीयन की क्या शर्त थी? पत्र की प्रति दें। (ख) क्या पंजीयन के पूर्व संगठनकर्ता द्वारा/पंजीयन अधिकारी द्वारा इस तथ्य की पुष्टि की गई कि प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र में दी गई शर्तों की पूर्ति हो गई है? (ग) पंजीयन के समय कुल कितने सदस्य थे, कितने सदस्य शर्त की पूर्ति कर रहे थे और कितने नहीं? नाम सहित जानकारी दें। जो संस्थाएं शर्त पूरी कर रही थी, उनकी उपविधियों में कब संशोधन हुए? क्या संशोधन में अधिनियम के प्रावधानों का पालन किया? (घ) अधिकांश सदस्य संस्थाओं द्वारा उक्त शर्त की पूर्ति न करने के बाद भी पंजीयन के लिये कौन उत्तरदायी है, उन पर क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी? उपविधियों में त्रुटिपूर्ण संशोधन के लिये कौन उत्तरदायी है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सुरक्षा गार्ड रखने पर शासन का व्यय
[जेल]
138. ( क्र. 1513 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि भोपाल जिले के विचाराधीन बंदी गिर्राज पुत्र बलराम को भोपाल जेल द्वारा दिनांक 26.07.2021 से 25.08.2021 तक अस्पताल में भर्ती रखने से सुरक्षा गार्ड रखने पर शासन का कितना व्यय हुआ? बतावे कि सुरक्षा में संख्या बल कितने गार्डों का लगाया गया? विवरण दें।
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : जानकारी एकत्रित की जा रही है।
राजधानी भोपाल में आवंटित शासकीय आवास
[गृह]
139. ( क्र. 1514 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजधानी भोपाल में किस-किस टाईप के शासकीय आवास हैं? किन-किन राजनैतिक दलों/ व्यक्तियों, कर्मचारी संगठन, सामाजिक संगठनों, पूर्व सांसदों एवं पूर्व विधायकों आदि को कहां-कहां पर कब-कब से आवंटित हैं? इन आवास गृहों पर किन-किन पर कितना-कितना किराया कब से बकाया है? (ख) क्या जिस प्रकार से सामाजिक संगठन को बी टाईप का शासकीय बंगला आवंटित किया गया है, उसी प्रकार से अन्य समाज के संगठनों को भी 74 बंगले में आवंटित किये जाने के संबंध में कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांकित में से किन-किन शासकीय आवास गृहों में बगैर पात्रता का अनाधिकृत रूप से रह रहे हैं? उन्हें अभी तक बेदखल क्यों नहीं किया गया? (घ) किन-किन राजनैतिक हस्तियों को भोपाल में उनके नाम से 02 पृथक-पृथक आवास आवंटित किये हैं? नाम बतावें। क्या यह नियम विरूद्ध है? यदि हां, तो 01 आवास को निरस्त किया जावेगा?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश में घटित अपराध
[गृह]
140. ( क्र. 1516 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार दिनांक 01.04.2020 से 30.06.2022 की अवधि में प्रदेश में घटित अपराधों की अपराधवार पृथक-पृथक संख्या वर्षवार बतावें? (ख) क्या प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था के चलते अपराधों में वृद्धि हो रही है? यदि नहीं, तो उक्त अपराधों में वृद्धि के क्या कारण हैं?
गृह मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) संबंधित अवधि दिनांक 01.04.2020 से 30.06.2022 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) वर्ष 2020-21 की तुलनात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। माह जनवरी 2022 से जून 2022 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में समाहित है। वर्ष 2020 (जनवरी से दिसम्बर) की तुलना में वर्ष 2021 (जनवरी से दिसम्बर) में तुलनात्मक रूप से कुल भा.द.वि. अपराधों में 8.04 प्रतिशत की वृद्धि है।