मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
मार्च, 2025 सत्र
सोमवार, दिनांक 17 मार्च, 2025
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
उच्च स्तरीय
समिति गठित कर
जांच कराई
जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( *क्र. 968 ) श्री अभय मिश्रा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना शहर के मध्य पॉलिटेक्निक की 8 लाख 91 हजार 500 वर्ग फिट भूमि अधिक मेसर्स बिक्स मेल्स प्रा.लि. के निविदा ऑफर रूपये 1 हजार 5 सौ 11 करोड़ 11 लाख को निरस्त कर समदड़िया बिल्डर को मात्र 121 करोड़ 93 लाख अर्थात मात्र 1368 रूपये प्रति वर्गफिट की दर से प्रदत्त की गई है? निविदा शर्तों अनुसार हाई पावर कमेटी को भी ऐसा करने का अधिकार नहीं है, दोनों निविदाकारों में भारी अन्तर होने के बावजूद निविदा को दुबारा आमंत्रित क्यों नहीं किया गया एवं कौड़ियों के भाव भूमि बेचा जाना क्यों आवश्यक था, यह भी बतायें कि 121 करोड़ 99 लाख के विरुद्ध शासन को कितना राजस्व प्राप्त हुआ है? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में रीवा शहर के मध्य की बेश कीमती शासकीय भूमि बाल भारती स्कूल के सामने की भूमि, पूर्व एस.पी. बंगला के सामने की भूमि, जय स्तंभ चौक के पास स्थित शासकीय मुद्रणालय की भूमि, खन्ना चौराहा स्थित शासकीय आवासों की तीन भूमियां, बजरंग नगर के पास जल संसाधन विभाग के कार्यालय की भूमि, कला मंदिर के सामने स्थित शासकीय आवास कॉलोनी की भूमि, सिरमौर चौराहे के बोदा रोड स्थित लोक निर्माण विभाग परिसर की भूमि, मुख्य अभियंता कार्यालय गंगाकछार (जल संसाधन विभाग) की भूमि, जल संसाधन विभाग समान कॉलोनी की भूमि को नगरीय विकास एवं आवास विभाग के परिपत्र दिनांक 28 नवंबर, 2005 को आधार बनाते हुये नोडल एजेंसी कार्यालय कार्यपालन यंत्री हाउसिंग बोर्ड रीवा के माध्यम से पुनर्घनत्वीकरण योजना अन्तर्गत प्रक्रिया की औपचारिकता पूर्ण कर उक्त भूमियों को बिक्रित एवं आवंटित कर दिया गया है, भूमियों के चयन एवं विक्रय की प्रक्रिया क्या है? रीवा में हाउसिंग बोर्ड में वर्ष 2008 से अब तक पदस्थ कार्यपालन यंत्रियों का नाम एवं पदस्थापना अवधि का विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित प्रत्येक भूमियों का अलग-अलग विवरण रकबा (वर्गफिट में) एवं स्वीकृत ऑफर मूल्य (प्रति वर्गफिट में) राज्य शासन को प्राप्त राजस्व (प्रति वर्गफिट में) एवं आवंटित अलग-अलग भूमियों को प्राप्त करने वाले फर्म का स्पष्ट नाम बतायें साथ ही निम्नानुसार बिन्दुवार प्रारूप में जानकारी देवें :- भूमि का विवरण रकबा एवं आराजी क्र. रकबा (प्रति वर्गफिट में) स्वीकृत ऑफर मूल्य (प्रति वर्गफिट में) राज्य शासन को प्राप्त राजस्व फर्म का नाम (घ) पुनर्घनत्वीकरण योजना अन्तर्गत म.प्र. में पिछले 10 वर्षों के अंदर मेसर्स समदड़िया बिल्डर को म.प्र. के किन जिलों में कितनी-कितनी शासकीय भूमियां कितने दरों और शर्तों पर आवंटित की गई हैं, का विवरण जिलेवार देवें। (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) में उल्लेखित आधारों पर कम दर पर एक ही बिल्डर को बिक्रित की गई बेश कीमती भूमियों के नियम विरूद्ध विक्रय व शासन को पहुँचाए गये आर्थिक क्षति की उच्च स्तरीय समिति बनाकर जांच एवं कार्यवाही बाबत् निर्देश देंगे तो बतायें अगर नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। अपितु मेसर्स विस्टा सेल्स प्राइवेट लिमिटेड मुम्बई की दर रु. 1511.11 करोड़ शासन द्वारा स्वीकृत की गई थी, परन्तु मेसर्स विस्टा सेल्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा अनुबंध न करने पर उनकी धरोहर राशि राजसात की गई एवं उसके उपरान्त भी पांच बार निविदा आमंत्रित की गई, जिसमें कोई बिड प्राप्त नहीं हुई। षष्ठम आमंत्रण में मेसर्स समदड़िया बिल्डर की एकल बिड रु. 76.52 करोड़ अपसेट मूल्य रू. 76.00 करोड़ के विरुद्ध प्राप्त हुई है, जो आयुक्त (राजस्व) रीवा के द्वारा अस्वीकृति करने हेतु प्रेषित की गई है, जिस पर सक्षम निर्णय प्रक्रियाधीन है। (ख) पुनर्घनत्वीकरण योजनाओं हेतु म.प्र. शासन नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग के परिपत्र क्र. एफ-23-13/2005/32-1, दिनांक 28 नवम्बर, 2005 (जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है एवं क 3-57/15/18-5, दिनांक 20 अप्रैल, 2016 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब'अनुसार है। पुनर्घनत्वीकरण योजनाओं अन्तर्गत निवर्तन हेतु प्रस्तावित भूमियों का चयन एवं निवर्तन की प्रक्रिया निर्धारित की गई है। पुनर्घनत्वीकरण नीति के अनुसार जिला स्तरीय समिति के माध्यम से प्रेषित प्रस्ताव अनुसार मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित साधिकार समिति द्वारा योजना का प्रारंभिक परियोजना प्रतिवेदन एवं विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन अनुमोदन किया जाता है, जिसके आधार पर बिड आमंत्रण की कार्यवाही की जाती है। बिड दो लिफाफा पद्धति पर आमंत्रित की जाती है। प्रथम लिफाफे में तकनीकी बिड रहती है तथा दूसरे लिफाफे में वित्तीय बिड रहती है। बिड में निर्धारित तकनीकी मापदण्ड पूरा करने वाले बिडर की वित्तीय बिड खोली जाती है एवं सर्वोच्च बिडकर्ता की बिड/ऑफर सक्षम समिति (रु. 50.00 करोड़ से कम संभागायुक्त द्वारा तथा रु. 50.00 करोड़ से अधिक का ऑफर साधिकार समिति द्वारा) स्वीकृत किया जाता है। सर्वोच्च बिडकर्ता की बिड स्वीकृति के उपरांत बिडकर्ता से अनुबंध कराया जाता है एवं बिड में निर्धारित शासकीय कार्य कराये जाते हैं। निविदा में दर्शाये प्रावधानों के अनुसार विभिन्न चरणों में कार्य की प्रगति अनुसार विकासकर्ता को निवर्तित भूमि का अंश भाग पंजीयन के पश्चात् हस्तांतरित किया जाता है। जिला रीवा अन्तर्गत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। पुनर्घनत्वीकरण योजनाएं स्वीकृत की गई हैं। म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल संभाग रीवा में वर्ष 2008 से अब तक पदस्थ कार्यपालन यंत्रियों की सूची सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'इ 'अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई 'अनुसार है। (ड.) पुनर्घनत्वीकरण योजना के प्रारंभिक परियोजना प्रतिवेदन एवं विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित साधिकार समिति के द्वारा किये जाते हैं। तत्पश्चात पारदर्शी प्रक्रिया से बिड आमंत्रण की कार्यवाही की जाती है। बिड आमंत्रण की कार्यवाही दो लिफाफे पद्धति में की जाती है। प्रथम लिफाफे में तकनीकी बिड रहती है तथा दूसरे लिफाफे में वित्तीय बिड रहती है। बिड में निर्धारित तकनीकी मापदण्ड पूरा करने वाले बिडर की वित्तीय बिड खोली जाती है एवं उक्त बिड सक्षम अधिकारी के द्वारा (रु. 50 : 00 करोड़ से कम संभागायुक्त द्वारा तथा रु. 5000 करोड़ से अधिक का ऑफर साधिकार समिति द्वारा) स्वीकृत की जाती है। इस प्रकार योजना की समस्त स्वीकृतियों मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित साधिकार समिति द्वारा की जाती है एवं रु. 50.00 करोड़ से अधिक की बिड भी साधिकार समिति के द्वारा स्वीकृत की जाती है। किसी भी प्रकरण/योजना में शासन द्वारा निर्धारित अपसेट मूल्य से कम बिड प्राप्त नहीं है एवं सभी योजनाओं में पर्याप्त प्रतिस्पर्धा भी हुई है। इस प्रकार किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं की गई है एवं शासन को कोई भी हानि नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्रामों, मजरों, टोलों में 24 घण्टे बिजली सप्लाई
[ऊर्जा]
2. ( *क्र. 380 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामों की बसाहट में 24 घन्टे बिजली दिये जाने की शासन ने कब से योजना लागू की है? ग्रामों की बसाहट को कृषि फीडर से बिजली दिये जाने की योजना को भी सरकार ने किन कारणों से वर्तमान में लागू रखा है? (ख) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में कितने ग्रामों, मजरों, टोलों को 24 घन्टे बिजली सप्लाई की जा रही है? कितने ग्रामों मजरों, टोलों को कृषि फीडर से एक निश्चित अवधि में बिजली सप्लाई की जा रही है? दोनों ही ग्रामों के उपभोक्ताओं से किस दर से वसूली की जा रही है? (ग) दिसम्बर 2023 के पहले किस ग्राम में 25 के.व्ही.ए. 63 के.व्ही.ए. 100 के.व्ही.ए. के ट्रांसफार्मर कार्यरत थे? जनवरी 2024 से प्रश्नांकित दिनांक तक किस-किस ग्राम में नए ट्रांसफार्मर लगाए हैं? किस-किस ग्राम के ट्रान्सफार्मर की क्षमता बढ़ाई है? उनकी वर्तमान क्षमता सहित बतावें। (घ) प्रश्नकर्ता की विधानसभा में आने वाले ऐसे कितने ग्राम, मजरे, टोले हैं, जिनमें आज दिनांक तक 24 घंटे बिजली नहीं दी जा रही है? ऐसे कितने ग्राम हैं, जिसमें 24 घंटे बिजली न देकर कृषि फीडर से बिजली दी जा रही है? कृषि फीडर से बिजली दिये जाने वाले ग्रामों मजरों, टोलों को सरकार द्वारा कब तक अटल ज्योति योजना या 24 घंटे बिजली योजना से जोड़ा जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राज्य शासन द्वारा दिनांक 14 मई, 2010 को विधानसभा में संकल्प-2013 पारित किया गया था, जिसके तहत प्रदेश के समस्त घरेलू सहित सभी गैर कृषि उपभोक्ताओं को 24 घंटे एवं कृषि उपभोक्ताओं को कृषि प्रयोजन हेतु 08 घंटे (वर्तमान में राज्य शासन की मंशानुसार 10 घंटे) विद्युत प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। तद्नुसार प्रदेश में वर्तमान में समस्त राजस्व ग्रामों एवं उनके समीपस्थ गैर कृषि 11 के.व्ही. फीडरों से संयोजित चिन्हित मजरों/टोलों/बसाहटों में निवासरत परिवारों को अपरिहार्य कारणों से आये आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर औसतन प्रतिदिन 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है एवं राजस्व ग्रामों/आबादी क्षेत्रों से दूर अथवा खेतों में दूर-दूर छोटे-छोटे समूह में बने मजरों/टोलों/बसाहटों में निवासरत परिवारों को समीपस्थ उपलब्ध विद्युत अधोसंरचना यथा-सिंचाई श्रेणी के 11 के.व्ही. फीडरों से संबद्ध विद्युत अधोसंरचना से संयोजित कर अपरिहार्य कारणों से आये आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर औसतन प्रतिदिन 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ख) टिमरनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 243 ग्रामों (आबाद ग्राम) एवं उनके मजरों/टोलों में आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर नियमानुसार गैर कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन 24 घंटे गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। कृषि फीडर से एक निश्चित अवधि में घरेलू आबादी को विद्युत प्रदाय वाले ग्रामों/मजरों/टोलों की संख्या निरंक है। उल्लेखनीय है कि नये घरों एवं मजरों/टोलों का निर्माण एक सतत् प्रक्रिया है, जिससे संबंधित जानकारी म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा संधारित नहीं की जाती। मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के द्वारा जारी टैरिफ आदेश के तहत घरेलू श्रेणी के ग्रामीण उपभोक्ताओं हेतु टैरिफ शेडयूल LV 1.1 एवं LV 1.2 में निहित दरों के तहत बिलिंग की जाती है, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) माह दिसंबर 2023 के पहले प्रश्नाधीन क्षेत्र के ग्रामों की बस्तियों में 25 के.व्ही.ए., 63 के.व्ही.ए. एवं 100 के.व्ही.ए. के स्थापित/कार्यरत वितरण ट्रांसफार्मरों की ग्रामवार एवं क्षमतावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। माह जनवरी 2024 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कुल 263 नवीन वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये हैं एवं कुल 65 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि की गई है, जिनकी ग्रामवार एवं क्षमतावार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र 'स' एवं प्रपत्र 'द' अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्र अंतर्गत प्रश्न दिनांक की स्थिति में 24 घंटे विद्युत नहीं दिये जाने वाले एवं कृषि फीडर से विद्युत दिये जाने वाले संसूचित/चिन्हित ग्रामों/मजरों/टोलों की संख्या निरंक है। सौभाग्य योजना अंतर्गत शत-प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण उपरांत टिमरनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 60 नवीन बसाहटों के विद्युतीकरण के कार्यों को भारत सरकार की धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान योजना के मापदंडों अनुसार कार्य योजना में शामिल कर स्वीकृति हेतु प्रेषित किये गये हैं, जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है।
जगन्नाथ चौक से घंटाघर तक सड़क निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
3. ( *क्र. 1720 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जगन्नाथ चौक घंटाघर सड़क निर्माण को लेकर विगत 03 वर्षों में नागरिकों/संगठनों द्वारा धरना/प्रदर्शन/चक्काजाम के क्या-क्या आंदोलन कब-कब किये गये? किस सक्षम प्राधिकारी द्वारा ग्रीन कॉरिडोर सहित क्या-क्या आश्वासन देकर आंदोलनों को कब-कब समाप्त कराया गया और उन आश्वासनों को पूर्ण किया गया कि नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या प्रश्नांश (क) सड़क चौड़ीकरण माननीय उच्च न्यायालय के आदेश/निर्देश पर कराया जा रहा है? हाँ, तो आदेश/निर्देश एवं नगर निगम के जवाब की प्रति उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो कब-कब और किस दिनांक को किसकी सक्षम स्वीकृति से सड़क निर्माण की कार्यवाही स्वीकृत की गई? (ग) प्रश्नांश (क) सड़क चौड़ीकरण में क्षतिपूर्ति/मुआवजा राशि की गणना/मूल्यांकन कितनी बार किसके द्वारा किस-किस दिनांक को की गयी? क्या क्षतिपूर्ति/मुआवजा राशि का आकलन जिला पंजीयक से कराया गया? यदि हाँ, तो विवरण दीजिये। नहीं तों क्यों नहीं? प्रत्येक क्षतिपूर्ति एवं मुआवजा राशि के विवरण की प्रति भी उपलब्ध कराएं। (घ) प्रश्नांश (क) अंतर्गत कितने प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में प्रस्तुत हुये एवं पारित आदेशों/निर्देशों की प्रति उपलब्ध कराएं और सड़क चौड़ीकरण/डामरीकरण के प्रकरण में माननीय उच्च न्यायालय/विधानसभा आश्वासन/शासन/ विभाग द्वारा दिये गये आदेशों-निर्देशों की प्रति सहित पालन में की गयी कार्यवाही से संबंधित विवरण/नस्तियों/दस्तावेजों की प्रति प्रदाय कीजिये।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। आयुक्त, नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा पत्र के माध्यम से आश्वासन दिया गया कि निविदा प्राप्त होने पर नियमानुसार सक्षम स्वीकृति उपरांत ठेकेदार से अनुबंध निष्पादन कर कार्य कराया जायेगा, जिसके संबंध में कार्यवाही प्रचलन में है। जी नहीं। न्यायालयीन एवं विधि सम्मत प्रक्रिया में समय लगा तथा तत्कालीन आयुक्त, नगरपालिक निगम द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में अतिरिक्त जवाब दावा दिनांक 10.02.2023 अनुसार कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) अनुविभागीय अधिकारी द्वारा 03 बार पत्र दिनांक 20.01.2024, पत्र दिनांक 21.02.2024 एवं पत्र दिनांक 26.09.2024 के द्वारा आकलन कर प्रस्तुत किया गया, जिसमें विसंगतियां होने से पुन: पत्र दिनांक 29.01.2025 द्वारा मूल्याकंन हेतु जिला कलेक्टर को प्रेषित किया गया। जी नहीं। क्षतिपूर्ति मुआवजा राशि का आकलन जिला पंजीयक कार्यालय से नहीं कराया गया है। कलेक्टर जिला कटनी के निर्देशानुसार अनुविभागीय अधिकारी द्वारा गठित समिति से क्षतिपूर्ति राशि का आकलन किया गया, अनुविभागीय अधिकारी द्वारा दिनांक 28.02.2025 जिला पंजीयक कार्यालय को प्रेषित किया गया है, जिसकी कार्यवाही प्रचलन में है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
बी.सी.सी.एल. बसों का संचालन
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( *क्र. 245 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल में बी.सी.एल.एल. की कितनी बसों का संचालन किन-किन रूटों पर आज दिनांक तक किया जा रहा है? (ख) आगामी समय में क्या नई बसों का संचालन किया जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) बी.सी.एल.एल. बसों के संचालन में आज दिनांक तक किन-किन एजेंसियों को काम दिया गया? क्या इन सभी एजेंसियों द्वारा सफलतापूर्वक बसों का परिचालन किया गया? यदि नहीं, तो इन पर क्या कार्यवाही अथवा अर्थदंड दिया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। निर्धारित तिथि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
केसली कस्बे के मार्गों का चौड़ीकरण
[लोक निर्माण]
5. ( *क्र. 1950 ) श्री बृज बिहारी पटैरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले की देवरी विधानसभा क्षेत्र अर्न्तगत आदिवासी बाहुल्य विकासखंड केसली के एक छोर से दूसरे छोर तक रोड चौड़ीकरण मय डिवाइडर एवं नाली निर्माण, मय विद्युतीकरण (स्ट्रीट लाईट) सहित निर्माण हेतु क्या वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्रावधान किया जायेगा? यदि हाँ, तो कुल लागत कितनी है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या केसली से भोपाल, इन्दौर एवं गाडरवाड़ा सागर आदि आने जाने हेतु अत्यधिक बडे़ वाहनों का आवागमन हो रहा है तथा जाम लगा रहता है, दुर्घटनाओं की संभावना बनी रहती है? यदि हाँ, तो क्या केसली कस्बे के अन्दर से निकलने वाले मार्ग का चौड़ीकरण किया जाना अति आवश्यक है? यदि हाँ, तो कब तक करा दिया जायेगा? (ग) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र के अर्न्तगत लोक निर्माण विभाग द्वारा किन-किन मार्गों का वर्तमान में विस्तारीकरण, चौड़ीकरण का कार्य चालू है, किन मार्गों के काम अवरूद्ध हैं, किनके टेंडर लग गये हैं, किन कार्यों के टेंडर प्रक्रियाधीन हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) वर्तमान में कोई कार्ययोजना प्रस्तावित नहीं है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ, भोपाल, इंदौर, गाडरवाड़ा एवं सागर आदि आने जाने हेतु भारी वाहनों का आवागमन है। निगम को जाम लगने एवं दुर्घटनायें होने जैसी जानकारी प्राप्त नहीं है। गौरझामर-केसली-टड़ा-सियरमउ (एस.एच. 30) मार्ग लंबाई 48.88 कि.मी. केसली कसबे से गुजरता है। केसली कसबे में मार्ग की चौड़ाई 7.00 मीटर है। वर्तमान में मार्ग पर चौड़ीकरण करने संबंधी कोई कार्य योजना नहीं है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। देवरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्तमान में कोई कार्य चालू नहीं है, अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्मार्ट सिटी लिमिटेड, जबलपुर द्वारा कराये गये कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
6. ( *क्र. 271 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्मार्ट सिटी लिमिटेड, जबलपुर द्वारा जबलपुर स्मार्ट रोड, फेस-2, गोल बाजार रोड 4.5 कि.मी. जिसकी पुनिरीक्षित लागत राशि 44.89 करोड़ थी, से कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी मात्रा में कराये गये हैं? उक्त कार्यों की अलग-अलग भुगतान राशि कितनी है? कार्यवार अलग-अलग जानकारी दें। (ख) स्मार्ट सिटी लिमिटेड, जबलपुर गोल बाजार रोड 4.5 कि.मी. की लागत राशि 44.89 करोड़ होने के बावजूद उक्त सड़क की ऊपरी परत क्यों उखड़ गयी? उक्त सड़क में अनेक स्थानों पर सीमेंट का घोल डालकर ऊपरी परत पर सुधारने का प्रयास किया गया है? उक्त गुणवत्ता हीन निर्माण कार्य के लिए कौन-कौन से उपयंत्री/सहा.यंत्री/कार्यपालन यंत्री दोषी हैं? उन पर कब तक कार्यवाही की जायेगी।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) स्मार्ट सिटी लिमिटेड, जबलपुर द्वारा जबलपुर स्मार्ट रोड, फेस-2, गोल बाजार रोड की पुनिरीक्षित लंबाई 2.5 कि.मी एवं लागत 39.64 करोड़ है। उक्त परियोजना के अंतर्गत कराये गये समस्त कार्यों की मात्रा एवं उक्त कार्यों की भुगतान राशि का कार्यवार विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) स्मार्ट सिटी लिमिटेड, जबलपुर द्वारा गोल बाजार क्षेत्र में स्मार्ट रोड, फेस-2 परियोजना के अंतर्गत निर्मित सीमेन्ट कांक्रीट सड़क में निर्माण की गई लंबाई 2.5 कि.मी. क्षेत्र में सघन आबादी एवं आपात कालीन सेवा जैसे हॉस्पिटल होने से अधिक ट्रॉफिक दबाव होने के कारण यदि सड़क की सतह में कोई खराबी (Wear and Tear) आती है, तो ठेकेदार द्वारा स्वयं के व्यय से सुधार/मरम्मत का कार्य कराया जाता है। निर्माण कार्य तय मानकों के अनुसार गुणवत्ता से पूर्ण किया गया है। निविदा की शर्तों के अनुसार ठेकेदार भाषा एसोसिएट भोपाल को निर्माण कार्य पूर्ण होने की दिनांक से 5 वर्ष की अवधि तक गारंटी पीरियड होने के कारण संपूर्ण परियोजना की मरम्मत एवं रख-रखाव कार्य स्वयं के व्यय से करना है। निर्माण कार्य की सतत् निगरानी का कार्य थर्ड पार्टी कन्सल्टेन्ट REPL/LION के द्वारा किया गया है, जिसमें टीम लीडर, कन्स्ट्रक्शन मैनेजर इंजीनियर एवं फील्ड इंजीनियर कार्यरत थे, इसके अतिरक्त एस.पी.व्ही. के यंत्रियों की भी तैनाती की गई थी। समस्त कार्य गुणवत्तापूर्ण है। अत: शेषांश उपस्थित नहीं होता है।
वक्फ बोर्ड की भूमि
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
7. ( *क्र. 925 ) श्री घनश्याम चन्द्रवंशी : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश में वर्तमान में कितनी भूमि वक्फ बोर्ड के नाम पर आवंटित है? शाजापुर जिले में वर्ष 1990 में वक्फ बोर्ड के पास कितनी जमीन थी तथा वर्तमान में कितनी जमीन है? (ख) क्या वक्फ बोर्ड की जमीन पर शासकीय धन राशि से सार्वजनिक उपयोगी भवन जैसे विद्यालय, पंचायत भवन का निर्माण किया जा सकता है? यदि हाँ, तो कालापीपल विधानसभा क्षेत्र में कहां-कहां इस प्रकार के भवन निर्मित किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि न है तो उक्त निर्माण क्यों नहीं हो सकते हैं? कारण बताते हुए नियम की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) वर्तमान में शाजापुर जिले के वक्फ बोर्ड की भूमि के संबंध में कितने विवादित प्रकरण हैं? वक्फ बोर्ड न्यायालय में लंबित हैं तथा इनकी शीघ्र निराकरण के लिए समय-सीमा निर्धारित की गई है? यदि हाँ, तो कितनी? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) मध्यप्रदेश में वक्फ बोर्ड के नाम पर 14998 वक्फ एस्टेट हैं। शाजापुर जिले में वर्ष 1990 में 1107 वक्फ एस्टेट थे। वर्तमान में शाजापुर जिलें में 1115 वक्फ हैं। (ख) म.प्र. वक्फ बोर्ड में भवन आदि के निर्माण के आवेदन प्राप्त होने पर परीक्षण कर तथा गुणदोष के आधार पर म.प्र. वक्फ बोर्ड की अनुमति के पश्चात भवन का निर्माण कार्य किया जा सकता है। म.प्र. वक्फ बोर्ड द्वारा कालापीपल विधानसभा क्षेत्र में वक्फ की भूमि पर शासकीय भवनों के निर्माण की अनुमति जारी नहीं की गई है। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्तमान में शाजापुर जिले के वक्फ बोर्ड की भूमि के संबंध में वक्फ अधिकरण न्यायालय भोपाल में 11 एवं वक्फ एक्ट 1995 की धारा-54 के अंतर्गत अतिक्रमण के 05 प्रकरण वक्फ बोर्ड न्यायालय में लंबित हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। यह प्रकरण न्यायालयीन प्रक्रिया के अंतर्गत प्रचलन में है। न्यायालयीन प्रक्रिया होने के कारण समय-सीमा निर्धारित नहीं है।
मार्गों का निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
8. ( *क्र. 1423 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा-47 के अन्तर्गत जनहित में सड़कों के निर्माण कराये जाने हेतु विगत विधान सभा सत्र में दिनांक 13.02.2024 को तारांकित प्रश्न क्र. 770 में लारौन से टपरियन तक सड़क निर्माण, देरी मुख्य सड़क से खुड़ौ तक, पथरीगढ़ (मचौरा) से देवराहा तक ह्दयनगर तिगैला से कोटरा तक, देवपुर मुख्य मार्ग से वनपुरा सांयौन तक की सड़कों के निर्माण हेतु परीक्षण कराकर निर्माण किये जाने का आश्वासन दिया गया था? उसके बाद पुन: तारांकित प्रश्न क्र. 1545, दिनांक 19.12.2024 के उत्तर में उत्तर दिया गया है कि प्रश्नांकित मार्ग की निविदा निराकरण हेतु राज्य स्तरीय समिति के समक्ष विचारार्थ है। नवीन निर्माण कार्यों की स्वीकृति हेतु बजटीय प्रक्रिया आवश्यक है। क्या आगामी बजट में इन सड़कों को शामिल करते हुये जनहित में स्वीकृति आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या विभाग को प्रश्नकर्ता प्रस्ताव क्र. 179/2024, दिनांक 05.07.2024 के अनुसार ग्राम चंदेरी के तिगेला से पुराना दोह होकर टीला तक, ग्राम कड़राई से सोनतला तक मय पुलिया निर्माण, ग्राम गोरा के सरकनपुर खरगापुर रोड के चौराहे से ग्राम मड़ोरी तक ग्राम लड़वारी से कछिया खेरा तक, जतारा बाईपास से बम्हौरी अब्दा तक, नगर पलेरा में बायपास ग्राम खुमानगंज से पुल निर्माण सहित कोटरा खेरा होकर महेन्द्र महेबा तक, डारगुंवा से हटा तक सड़क निर्माण एवं वल्देवगढ़ से सुजानपुरा मार्ग की तिरछी पुलियों का सीधा करके निर्माण कराये जाने वाले प्रस्तावों को कब तक स्वीकृति प्रदान करते हुये बजट में शामिल कर लिया जावेगा? क्या जनहित का ध्यान रखते हुये सभी सड़कों की स्वीकृति प्रदाय कर बजट में शामिल किये जाने की कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांकित 5 मार्गों में से एक मार्ग देवपुर मुख्य मार्ग से वनपुरा सापौन मार्ग की निविदा दिनांक 25.02.2025 को खोली गई, जिसका तकनीकी मूल्यांकन किया जा रहा है। जी हाँ। अन्य 4 मार्ग बजट में सम्मिलित नहीं होने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है, निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित नवीन निर्माण कार्य बजट में सम्मिलित न होने के कारण निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
फोर लेन रोड निर्माण
[लोक निर्माण]
9. ( *क्र. 33 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले की हटा विधानसभा क्षेत्र क्र. 57 अंतर्गत हटा नगर पालिका सीमा क्षेत्र में हटा से पटेरा रोड पर बढ़ते हुये यातायात के दबाव एवं दिन प्रतिदिन बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुये शासन की हटा पटेरा रोड पर फोर लेन रोड निर्माण कराये जाने का कोई प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें? यदि नहीं, तो कारण बतायें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) किसी भी योजना में प्रस्तावित नहीं, प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सड़कों के निर्माण/रिनोवेशन तथा पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
10. ( *क्र. 1314 ) श्री भैरो सिंह बापू : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक जिला आगर मालवा एवं जिला शाजापुर अंतर्गत कौन-कौन से नवीन रोड निर्माण/मजबूतीकरण एवं उन्नयन के कार्य स्वीकृत किए जाने हेतु प्रस्ताव शासन को प्राप्त हुए हैं? मार्गवार विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने मार्गों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी हो चुकी है एवं कितने मार्गों की स्वीकृति होना शेष है? (ग) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कौन-कौन से मार्ग गारंटी अवधि में है? मार्ग का नाम ठेकेदार/कंपनी का नाम सहित जानकारी देवें। गारंटी अवधि की कितनी सड़कों का निर्माण/रिनोवेशन वर्ष 2024-25 में किया गया? (घ) सुसनेर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम मैना से सुसनेर के बीच कंठाल नदी पर पुल निर्माण हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी को प्रेषित पत्र के संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? विभाग द्वारा उक्त पुल की स्वीकृति कब तक कर दी जायेगी? जिससे कि 20 से 25 गांवों के लोगों को आवागमन की सुविधा मिल सके।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है। (घ) राज्य बजट में 2024-25 में स्वीकृत नहीं है। स्वीकृति की समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
अन्य पिछडा वर्ग से अनुसूचित जनजाति का दर्जा
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
11. ( *क्र. 1949 ) श्रीमती सेना महेश पटेल : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश में आदिवासी बाहुल्य अलीराजपुर जिले के अलीराजपुर, सोंडवा एवं कट्ठीवाड़ा विकासखण्ड में बड़ी संख्या में निवासरत नायक जाति आदिवासी होने पर भी इन्हें मध्यप्रदेश सरकार पिछड़ा वर्ग क्यों मानती है? (ख) क्या नायक उपजाति अनुसूचित जनजाति का रहन सहन, लोक व्यवहार आदिवासियों के समान है? (ग) क्या मध्यप्रदेश सरकार इनके हालातों को समझने के लिए कोई आयोग या टीम बनाकर इन्हें पिछड़ा वर्ग से निकालकर अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की पहल करने की कोई योजना या प्रस्ताव पर काम कर रही है? अगर हाँ तो अब तक की प्रगति से अवगत करवाएं। (घ) क्या गुजरात शासन की भांति म.प्र. सरकार भी उपजाति नायक को अनुसूचित जनजाति में दर्जा देगा?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) मध्यप्रदेश शासन, आदिम जाति, हरिजन एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ 8-5-पच्चीस-4-84, दिनांक 26.12.1984 से भारत के संविधान के अनुच्छेद 15 (4) एवं 16 (4) में निहित निर्देशों की पूर्ति हेतु राज्य जातियों के नागरिकों के वर्ग का सामाजिक तथा शिक्षात्मक दृष्टि से पिछड़ा वर्ग घोषित किया गया है। अनुसूची के क्रमांक 4 पर नायक सम्मिलित है। मध्यप्रदेश शासन, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ 23-4-97-चौवन-1, दिनांक 02.04.1997 द्वारा जारी अनुसूची के क्रमांक 4 पर बंजारा, बंजारी, मथुरा, नायक, नायकड़ा, धुरिया, लभाना, लबाना, लामने सम्मिलित है, जिनका परम्परागत व्यवसाय घुम्मकड़ बैलों को हांककर व्यवसाय करने वाली जाति एवं कैफियत में नायक को बंजारा जाति की उपजाति के रूप में सम्मिलित किया है, नायक ब्राम्हण शामिल नहीं हैं, दर्ज है। (ख) से (घ) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रतलाम रेलवे लाइन पर ओवर ब्रिज निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
12. ( *क्र. 1549 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा शहर में गवर्नमेंट कॉलोनी रोड पर रतलाम रेलवे लाइन पर ओवर ब्रिज निर्माण का कार्य कई वर्षों से बंद पड़ा हुआ है, बार-बार प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र व्यवहार कर संबंधित विभाग को अवगत कराने पर भी आज दिनांक तक कोई कार्रवाई नहीं हुई और न ही किसी प्रकार की प्रगति प्राप्त की है? बार-बार यही कहा जाता रहा है कि पुराना अनुबंध समाप्त कर नए ठेकेदार से अनुबंध करके शीघ्र कार्य को प्रारंभ किया जायेगा। लेकिन एक वर्ष का समय बीत जाने के बाद भी स्थिति यथावत बनी हुई है, विभागीय कार्यवाही कर कब तक कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा? (ख) रतलाम रेलवे लाइन पर नागदा से 2 किलोमीटर आगे खाचरौद रोड पर उमरनी फाटक पर भी कार्य बहुत धीमी गति से चल रहा है? प्रश्नकर्ता द्वारा बार-बार शिकायत की गई, लेकिन कोई परिणाम देखने को नहीं मिल रहा है, क्या कारण है? इस संदर्भ में क्या कार्रवाई की गई है एवं शासन कब तक कार्य पूर्ण करवा लेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। अनुबंधकर्ता द्वारा कार्य न करने के कारण दिनांक 14.01.2025 को अनुबंध निरस्त कर, मेसर्स शील्पकला बिल्डकॉन का पंजीयन काली सूची में दर्ज करने के संबंध में दिनांक 25.02.2025 को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। शेष कार्य की निविदा दिनांक 03.02.2025 को आमंत्रित की गई है। निविदा दिनांक 27.02.2025 को खोली जाकर निविदा की कार्यवाही प्रचलन में है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। विभाग में कोई लिखित शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। कार्य की धीमी गति के कारण अनुबंधकर्ता को दिनांक 30.01.2025 को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। वर्तमान में कार्य प्रगति पर है एवं इस कार्य को दिसम्बर 2025 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है।
अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार पर कार्यवाही
[ऊर्जा]
13. ( *क्र. 1926 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना कब लागू हुई थी तथा दतिया जिला सहित म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल क्षेत्रान्तर्गत आने वाले विभिन्न जिलों को कितनी-कितनी राशि का आवंटन किया गया था? कृपया जिलावार जानकारी प्रदान करें। उक्त योजना के अंतर्गत कौन-कौन से कार्य किये गये थे तथा कौन-कौन सी एजेसियों के द्वारा कितनी-कितनी राशि के कार्य किये गये हैं? कृपया अलग-अलग संपूर्ण विवरण दें। क्या उक्त योजना के अंतर्गत पूर्व की विद्युत लाईनों (कॉपर, एल्युमिनियम, आयरन एवं लोहे के खंभे) सभी बदले गये थे? यदि हाँ, तो क्या शिफ्ट की गयी उक्त सामग्री स्टोर में जमा की गई थी? यदि हाँ, तो क्या नीलामी भी की गई? यदि हाँ, तो नीलामी की प्रक्रिया एवं जमा राशि का विवरण दें। भौतिक सत्यापन एवं स्टॉक रजिस्टर की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या श्री आर.के. अग्रवाल, महाप्रबंधक, म.क्षे.वि.वि.क.लि., ग्वालियर की दतिया जिले में पदस्थापना के समय झांसी-ग्वालियर फोर लेन निर्माण के दौरान खंबे एवं ट्रांसफार्मर शिफ्टिंग कार्य तथा शिवपुरी जिले में पदस्थापना के समय ए.बी. रोड निर्माण के दौरान मोहना से बदरवास मार्ग के खंबे एवं ट्रांसफार्मर शिफ्टिंग कार्य तथा उप महाप्रबंधक (ए.टी.सी.) ग्वालियर की पदस्थापना के समय शिफ्टिंग कार्य किये गये? यदि हाँ, तो उक्त शिफ्टिंग कार्यों में निकलने वाले स्क्रैप का कंपनी मूल्य क्या था? क्या श्री अग्रवाल द्वारा कंपनी मूल्य के अनुसार स्क्रैप कंपनी के स्टोर रूम में जमा कराया था? यदि हाँ, तो तीनों जिलों के उक्त स्थानों पर निकले स्क्रैप की जमा रसीदों तथा उक्त अधिकारी, स्टॉक पंजी की प्रतियां प्रदान करें। क्या उक्त कार्य में अनियमितता/भ्रष्टाचार हुआ है? यदि हाँ, तो विवरण दें। क्या विभाग कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं। (ग) क्या श्री अग्रवाल की शिवपुरी जिले में पदस्थापना के समय आई.पी.डी.एस. योजना अंतर्गत अवैध कॉलोनियों नमोनगर, पी.एस. होटल के पीछे दर्पण कॉलोनी द्वारिकापुरी सहित अन्य स्थानों पर विद्युतीकरण का कार्य अवैध रूप से कराया गया है? यदि हाँ, तो उक्त अनियमितता के विरूद्ध विभाग शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? संपूर्ण विवरण प्रदान करें/यदि नहीं, तो क्यों? क्या श्री अग्रवाल की शिवपुरी जिले में पदस्थापना के समय रूपये लेकर ऊर्जा विभाग में फर्जी आउटसोर्स कर्मचारियों को नियुक्ति-पत्र प्रदान करने का प्रकरण पुलिस में दर्ज हुआ था? यदि हाँ, तो क्या उक्त प्रकरण में श्री अग्रवाल की भूमिका एवं संलिप्तता की जांच विभाग शासन द्वारा की गई थी? यदि हाँ, तो संपूर्ण विवरण सहित जांच रिपोर्ट प्रदान करें? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? क्या विभाग भ्रष्टाचार के आरोपी को बचाने के सहयोगी अधिकारी कर्मचारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? क्या विभाग एवं शासन श्री अग्रवाल की संपत्ति की जांच करायेगा? नहीं तो क्यों नहीं।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना वर्ष 2005-06 में लागू की गई थी। दतिया जिला सहित म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल के अंतर्गत 16 जिलों को राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना अंतर्गत आवंटित राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना अंतर्गत 33/11 के.व्ही. नवीन उपकेन्द्रों की स्थापना, अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मर स्थापना एवं पावर ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि, नवीन 33 के.व्ही. लाईन, 11 के.व्ही. लाईन, वितरण ट्रांसफार्मर एवं एल.टी. लाईन का कार्य करते हुये ग्रामों एवं मजरे/टोले में बी.पी.एल. उपभोक्ता को कनेक्शन प्रदान किया जाना प्रस्तावित था। राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना अंतर्गत एजेंसियों द्वारा किये गये कार्य एवं उनकी राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। उक्त योजना अंतर्गत पूर्व की विद्युत लाईनों (कॉपर, एल्युमिनियम, आयरन एवं लोहे के खंभे) को बदलने का कार्य प्रस्तावित नहीं था। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है। (ख) जी हाँ। श्री आर.के. अग्रवाल की महाप्रबंधक दतिया एवं शिवपुरी जिले की पदस्थी तथा उप महाप्रबंधक एस.टी.सी. ग्वालियर के रूप में पदस्थी के दौरान वितरण कंपनी की विद्यमान लाईनों को शिफ्ट करने के कार्य कराये गये थे। इन कार्यों में प्रावधानित स्क्रैप सामग्री की मात्रा एवं इन प्राक्कलनों के विरूद्ध वापिस की जा चुकी स्क्रैप सामग्री की मात्रा का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। प्राक्कलनों के विरूद्ध शेष रही स्क्रैप सामग्री की जाँच प्रक्रियाधीन है, जाँच उपरांत शेष रही स्क्रैप सामग्री की राशि पृथक से सूचित कर दी जावेगी। जी नहीं, श्री आर.के. अग्रवाल द्वारा नहीं, अपितु अधीनस्थ संबंधित अधिकारियों द्वारा जिनको कार्यादेश जारी किये गये थे, जमा कराई गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। श्री आर.के. अग्रवाल का उपमहाप्रबंधक एस.टी.सी. ग्वालियर के रूप में पदस्थी अवधि लगभग 11 वर्ष पूर्व की है, संबंधित कार्यालय में इस अवधि का स्क्रैप सामग्री वापिस करने, जमा रसीदों तथा स्टॉक पंजी संबंधी रिकॉर्ड संबंधित कार्यालय में उपलब्ध नहीं हो सका है, जिसके लिये पृथक से जाँच कमेटी गठित कर दी गई है, जाँच रिपोर्ट के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही कर दी जावेगी। शेष दतिया एवं शिवपुरी जिले की पदस्थी के दौरान जमा की गई स्क्रैप सामग्री अथवा राशि की रसीदों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। इन कार्यों में कम मात्रा में स्क्रैप सामग्री वापिसी की अनियमितता से कंपनी को हुई वित्तीय क्षति के लिये जाँच निष्कर्ष के आधार पर संबंधित दोषी अधिकारियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही कर दी जावेगी। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है। (ग) श्री आर.के. अग्रवाल की उप महाप्रबंधक शिवपुरी जिले में पदस्थापना दिनांक 05.06.2017 से दिनांक 30.01.2019 के समय आई.पी.डी.एस. योजना अंतर्गत कार्यालय प्रबंध संचालक भोपाल के एल.ओ.ए. क्रमांक एम.डी./एम.के./आई.पी.डी.एस./ एन.ओ.ए./एल.ओ.ए.-XII/शिवपुरी/463, दिनांक 30.02.2017 के तहत कॉन्ट्रेक्टर मे. डुकोन टेक्नोलॉजी इंडिया प्रायवेट लिमि. द्वारा प्रश्न में उल्लेखित अवैध कॉलोनियों में कराये गये विद्युतीकरण अथवा अन्य स्थानों पर अवैध रूप से कराये गये विद्युतीकरण के संबंध में जांच कमेटी गठित कर दी गई है, जांच रिपोर्ट के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही कर दी जावेगी। प्रकरण में अनियमितता के लिये जांच कार्यवाही प्रचलित है। यह सही है कि श्री आर.के. अग्रवाल की शिवपुरी जिले में पदस्थापना के समय में विभाग में आऊटसोर्स कर्मचारियों को फर्जी नियुक्ति पत्र प्रदान करने के संबंध में अपराध क्रमांक 42/19, दिनांक 23.01.2019 धारा 420, 120 बी के तहत दर्ज किया गया था, एफ.आई.आर. की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है। इस संबंध में पुलिस विभाग से उनके पत्र क्रमांक थाना कोत/556/25, दिनांक 26.02.2025 के माध्यम से प्रकरण के संबंध में प्राप्त अद्यतन जानकारी की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'फ' अनुसार है। चूंकि प्रकरण में आपराधिक प्रकरण दर्ज होकर विवेचना में है, पृथक से वितरण कंपनी स्तर से इस प्रकरण में कार्यवाही प्रचलित नहीं है। संबंधित लोक सेवक की संपत्ति की जांच संबंधी कार्यवाही वितरण कंपनी द्वारा नहीं की जा रही है। वितरण कंपनी स्तर पर कंपनी कार्मिकों द्वारा प्रस्तुत वार्षिक अचल संपत्ति विवरण उपलब्ध होता है, पृथक से संपत्तियों की जांच संबंधी कार्य उपयुक्त एजेंसियों यथा ई.ओ.डब्ल्यू., लोकायुक्त या पुलिस विभाग में उनके द्वारा दर्ज प्रकरणों में विवेचना के आधार पर की जाती है। वितरण कंपनी स्तर से इस संबंध में कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है।
जिला रतलाम के निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
14. ( *क्र. 1789 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि किस कार्य हेतु शासन द्वारा स्वीकृत हुई? उक्त राशि में से किस मद में कौन-कौन से कार्य कराये गये? शासन के स्वीकृति आदेश की प्रतियां पृथक-पृथक उपलब्ध करायें। (ख) वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में जनता व जनप्रतिनिधियों द्वारा किस-किस कार्य हेतु कौन-कौन से प्रस्ताव विभाग को प्रेषित किये गये तथा कौन से प्रस्ताव पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? वर्षवार पृथक-पृथक उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों में से किस-किस कार्य एजेंसी को किस-किस कार्य हेतु राशि का भुगतान किया गया एवं किस माध्यम से किया? बिल व्हाउचरों की प्रतियां पृथक-पृथक उपलब्ध करावें। (घ) उक्त कार्यों में से निविदा कार्यवाही के सम्पूर्ण दस्तावेजों की प्रतियां उपलब्ध कराने के साथ-साथ यह बतायें कि कौन से कार्य पूर्ण हो चुके हैं तथा कितने कार्य अपूर्ण हैं एवं क्यों? क्या अपूर्ण कार्य होने पर भी निविदाकारों को अधिकतम भुगतान कर दिया गया है? यदि हाँ, तो जानकारी बतायें। क्या संबंधित अधिकारी के द्वारा अधिकतम भुगतान किये जाने पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का प्रदाय
[नगरीय विकास एवं आवास]
15. ( *क्र. 829 ) सुश्री मंजू राजेन्द्र दादू : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) न.पा.नि. बुरहानपुर द्वारा समयमान वेतनमान हेतु गठित समिति की बैठक के पूर्व वर्ष 2020 में 07 व 03 एवं वर्ष 2021 में 01 कुल 11 कर्मचारियों को लाभ किन नियम निर्देशों के तहत् दिया गया? क्या विभागीय समिति की बैठक के पूर्व लाभ दिया जा सकता है? यदि हाँ, तो शासन के निर्देश उपलब्ध करायें एवं नहीं तो इसके लिए दोषी अधिकारी कौन है, दोषी के विरूद्ध शासन स्तर से क्या कार्यवाही की जावेगी? (ख) प्रश्न (क) के संदर्भ में 4 सदस्यों की विभागीय समिति वर्ष 2021 में गठित की गई थी एवं बैठक में 2 ही सदस्यों के हस्ताक्षर से आदेश किन नियम निर्देशों के तहत् जारी किये गये? नियम विरूद्ध कार्यवाही के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या जिम्मेदारों के विरूद्ध शासन स्तर से कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और क्या? (ग) नियम विरूद्ध जिन 11 कर्मचारियों के समयमान वेतनमान के आदेश जारी किये गये थे। क्या जारी आदेश के संबध में विभाग द्वारा निष्पक्ष जांच की जावेगी? (घ) क्या न.पा.नि. बुरहानपुर द्वारा समयमान वेतनमान के संबंध में स्थानीय निधि संपरीक्षा इंदौर से इन 11 कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका का सत्यापन कराया गया था? यदि हाँ, तो दस्तावेज उपलब्ध करायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) न.पा.नि. बुरहानपुर द्वारा पूर्व वर्ष 2020 में 07 व 03 एवं वर्ष 2022 में 01 कुल 11 कर्मचारियों को मध्य प्रदेश शासन वित्त विभाग के पत्र क्रमांक/एफ 11/1/2008/नियम/चार भोपाल, दिनांक 24 जनवरी, 2008 के अनुसार समयमान वेतनमान का लाभ प्रदान किया गया है। जी नहीं। आयुक्त, नगर पालिक निगम, बुरहानपुर को समयमान वेतनमान का लाभ दिये जाने के संबंध में जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश संचालनालय द्वारा दिये गये हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित अनुसार वर्ष 2020 में कुल 10 एवं 2022 में 01, कुल 11 कर्मचारियों को सक्षम प्राधिकारी द्वारा पदोन्नति योग्य पाये जाने से समयमान वेतनमान का लाभ प्रदान किया गया है। चार सदस्यों की समिति के समक्ष 15 कर्मचारियों के प्रस्ताव प्रस्तुत किये गये थे, जिसमें पूर्व में जारी आदेश के 10 कर्मचारियों का अनुमोदन भी शामिल था, किन्तु समिति के मात्र दो ही सदस्यों के हस्ताक्षर होने से शेष कर्मचारियों का आदेश जारी नहीं किया गया। वर्ष 2022 में 01 कर्मचारी को सक्षम प्राधिकारी द्वारा निर्धारित अर्हता प्राप्त करने पर समयमान वेतनमान का आदेश जारी किया गया है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) 11 कर्मचारियों के समयमान वेतनमान के आदेश जारी किये गये हैं, उनके गोपनीय प्रतिवेदन अनुसार वे पदोन्नति के योग्य पाए गये थे। अतः प्रश्नांक ''क'' के उत्तर में वर्णित शासनादेश के परिपालन में उन्हें समयमान वेतनमान प्रदान किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) समयमान वेतनमान के संबंध में स्थानीय निधि संपरीक्षा, इंदौर से इन 11 कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका का सत्यापन कराया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
धारणाधिकार योजनांतर्गत पट्टों का वितरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
16. ( *क्र. 1420 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मैहर नगरपालिका क्षेत्रान्तर्गत धारणाधिकार योजना के तहत पट्टे दिलवाये जाने का कार्य क्या किया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन व्यक्तियों को इस योजना के तहत पट्टे दिये गये हैं? नामवार, वार्डवार, स्थानवार भू-खण्ड के नम्बर एवं रकबेवार जानकारी दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या इस योजना के तहत मैहर नगरीय क्षेत्र के पात्र व्यक्ति अभी वंचित हैं? यदि हाँ, तो क्यों और क्या निकट भविष्य में इस योजना के तहत लंबित तथा शेष व्यक्तियों के पट्टे दिलवाये जाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर पट्टों का वितरण कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो, कारण सहित जानकारी दी जावे। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित योजना अंतर्गत योजना का लाभ सभी पात्र व्यक्तियों को न मिल पाने के लिए कौन उत्तरदायी है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। योजना अंतर्गत पात्र सभी व्यक्तियों द्वारा ऑनलाईन पोर्टल पर आवेदन पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया है। योजना अंतर्गत प्राप्त आवेदन पत्रों पर पट्टा दिये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) योजना अंतर्गत सभी पात्र व्यक्तियों को योजना का लाभ दिये जाने हेतु ऑनलाईन पोर्टल पर आवेदन प्राप्त होने के उपरांत पट्टे दिये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से कोई उत्तरदायी नहीं है।
कालीदेवी ग्राम में विद्युत दुर्घटना
[ऊर्जा]
17. ( *क्र. 1855 ) श्री उमंग सिंघार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला धार की तहसील कुक्षी के ब्लॉक टाण्डा के ग्राम कालीदेवी में दिनांक 29 दिसम्बर, 2024 को सुजीत, नितिन, अमृता 132 के.व्ही. की लाइन के चपेट में आने से बुरी तरह झुलस गये? (ख) प्रभावित बच्चों को कितनी राशि की सहायता प्रदान की गई है? (ग) किन कारणों से बच्चे विद्युत लाइन की चपेट में आये? (घ) क्या विद्युत लाइन की ऊंचाई मापदण्ड के अनुरूप नहीं है? क्या इसकी जांच की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। दिनांक 29.12.2024 को धार जिले की कुक्षी तहसील अंतर्गत टाण्डा ब्लॉक के कालीदेवी ग्राम में तीन बच्चे यथा सुजीत, नितिन एवं अमृता, 132 के.व्ही. (राजगढ़-कुक्षी डी.पी. लाईन) लाईन की चपेट में आने से झुलस गये थे। (ख) म.प्र. पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड के परिपत्र क्रमांक-1600, दिनांक 28.05.2019 में निहित प्रावधानानुसार घातक/अघातक विद्युत दुर्घटना में प्रभावितों को सहायता राशि, सरकारी चिकित्सक/राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित पैनल के चिकित्सक द्वारा सम्यक रूप से प्रमाणिक कर उपलब्ध कराये गये दिव्यांगता प्रतिशत प्रमाण पत्र के आधार पर उपलब्ध कराई जाती है। उक्त प्रमाण-पत्र अप्राप्त होने के कारण प्रकरण में नियमानुसार कार्यवाही नहीं की जा सकी है। (ग) दिनांक 29.12.2024 को दोपहर में 3 बजकर 38 मिनिट पर 132 के.व्ही. राजगढ़-कुक्षी डी.पी. लाईन ट्रिप हुई। दिनांक 30.12.2024 को उक्त लाईन की पेट्रोलिंग के दौरान लाईन के लोकेशन क्रमांक-578-579 के मध्य R-फेज-कंडक्टर में ब्लैक स्पॉट के निशान पाए गये। उक्त के दृष्टिगत एवं ग्रामीणों के कथनानुसार प्रतीत होता है कि प्रभावित बच्चों द्वारा खेलने के दौरान या तो चायनीज मांजे का उपयोग किया गया अथवा किसी सुचालक वस्तु का उपयोग पतंग पकड़ने या किसी अन्य कार्य में किया गया और अज्ञानतावश यह घटना घटित हुई। (घ) 132 के.व्ही. राजगढ़-कुक्षी डी.पी. लाईन का निर्माण वर्ष 1977 में डी.पी. स्ट्रक्चर पर किया गया था। उक्त उच्चदाब लाईन 40 वर्ष से अधिक पुरानी हो जाने के दृष्टिगत उक्त लाईन को टावर लाईन में परिवर्तित किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
भिक्षावृत्ति मुक्त इन्दौर
[नगरीय विकास एवं आवास]
18. ( *क्र. 1625 ) श्री अजय अर्जुन सिंह [श्री प्रताप ग्रेवाल] : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत सरकार सामाजिक न्याय मंत्रालय के द्वारा भिक्षावृत्ति मुक्त इंदौर बनाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तहत इंदौर नगर निगम का चयन किया गया? (ख) यदि हाँ, तो नगर निगम, इंदौर को भारत सरकार/मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा कोई वित्तीय राशि उपलब्ध कराई गई? राशि का सम्पूर्ण वर्षवार ब्यौरा देवें। (ग) इन्दौर नगर निगम के द्वारा किस सामाजिक संस्था को कार्य संपादन हेतु चयनित किया गया? चयनित प्रक्रिया की कार्यवाही का सम्पूर्ण विवरण कार्यादेश की छायाप्रति व चयनित संस्था के द्वारा किये गये कार्य का प्रगति प्रतिवेदन उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार चयनित संस्था को कितनी-कितनी राशि का भुगतान कब-कब किया गया व कितना भुगतान शेष है? (ड.) प्रश्नांश (घ) अनुसार शेष भुगतान किस कारण से लंबित है? भुगतान किन-किन अधिकारियों के द्वारा लंबित रखा गया? क्या दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी व शेष भुगतान कब तक दिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। भिक्षावृत्ति मुक्त पायलेट प्रोजेक्ट के तहत भारत सरकार से दिनांक 20.05.2020 को 1.50 करोड़ एवं दिनांक 30.05.2024 को 1.50 करोड़ कुल राशि रूपये 3.00 करोड़ प्राप्त हुई है। (ग) नगर पालिक निगम इंदौर द्वारा परम पूज्य रक्षक आदिनाथ वेलफेयर एंड एजुकेशनल सोसायटी इंदौर का कार्य संपादन हेतु चयन किया गया। संस्था के चयन Quality Cost Based selection = QCBS आधारित (R.F.P.) जारी की जाकर तकनीकी एवं वित्तीय मूल्याकंन के आधार पर उक्त सोसायटी का चयन किया गया। चयन प्रक्रिया विवरण कार्यादेश प्रति एवं संस्था के कार्य के प्रगति प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शेष राशि के संबंध में पात्रतानुसार परीक्षण किया जा रहा है। (ड.) शेष भुगतान हेतु पात्रतानुसार परीक्षण किया जा रहा है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध अतिक्रमण निर्माण को तोड़ना
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( *क्र. 1742 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय उप संचालक नगर तथा ग्राम निवेश विभाग सतना के पृ. क्रमांक/264/न.ख.नि./शि./2022, दिनांक 18.08.2022 से जारी पत्र/आदेश में जो अवैध निर्माण प्राप्त अनुमति से विपरीत एवं दूसरे की भूमि पर करने के प्रकरण में प्रश्न तिथि तक उपरोक्त कार्यालय द्वारा किस-किस कार्यालय (नगर पालिक निगम सतना एवं एस.डी.एम./तहसीलदार/ कलेक्ट्रर सतना) को पत्र लिखकर कब-कब सूचित कर अवैध अतिक्रमण को हटाने का लेख किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरण में नगर पालिका निगम सतना के द्वारा दिनांक 25.07.2024 से पत्र क्रमांक अनि/वि./न.पा.नि./2024/117 जिसमें नगर पालिका निगम अधिनियम 1956 की धारा 302 एवं 307 के अन्तर्गत नोटिस किया गया, अवैध निर्माण दूसरे की भूमि पर जो किया गया है, उसे प्रश्न तिथि तक नगर पालिक निगम सतना द्वारा क्यों तोड़ा नहीं गया है? (ग) प्रमुख सचिव/आयुक्त नगरीय विकास बतायें कि उक्त अवैध निर्माण को प्रश्नतिथि तक नहीं तोड़े/हटाने के लिये नगर निगम सतना के किस नाम/पदनाम के अधिकारी दोषी हैं? उन्हें कब तक निलंबित कर विभागीय जांच संस्थित की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
कटनी में विभाग द्वारा कराये गये निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
20. ( *क्र. 1638 ) श्री धीरेन्द्र बहादुर सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक 673, दिनांक 13.02.2024 के प्रश्नांश ''ख'' का उत्तर ''जी नहीं, शासकीय भवनों हेतु अनुज्ञा प्राप्त करने का प्रावधान नहीं हैं'', किस प्रकार सही है, जिसमें अधिनियम/नियम के पालन को स्पष्ट नकारा गया है, जबकि म.प्र. शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग के पत्र क्रमांक 3939, दिनांक 07.03.2024 से शासकीय भवनों के निर्माण में भवन निर्माण अनुज्ञा नियमों का पालन सुनिश्चित किए जाने के निर्देश जारी हैं? (ख) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1172, दिनांक 04.07.2024 के प्रश्नांश (क) का उत्तर ''जी हाँ,'' दिया गया था? यदि हाँ, तो प्रश्नांश ''क'' के आलोक में कौन सा उत्तर सही है? (ग) प्रश्नांश ''क'' से ''ख'' के तहत क्या उल्लिखित पत्र क्रमांक 3939, दिनांक 07.03.2024 के पालन में विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गयी? यदि हाँ, तो क्या? नहीं तो क्यों और क्या विभागीय भवनों के निर्माण में भवन निर्माण अनुज्ञा नियमों का पालन किया जा रहा है? हाँ, तो कैसे? नहीं तो क्यों? क्या इस पर कार्यवाही की जायेगी? (घ) कटनी में विभागीय कार्यों का विगत-03 वर्षों में किस-किस नाम/पदनाम के कौन-कौन सक्षम प्राधिकारी द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया? क्या निरीक्षण प्रतिवेदन दिये गये? क्या कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग (भ./स.) संभाग-कटनी को उच्च अधिकारियों द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र दिये गये? हाँ, तो क्यों और प्रश्न दिनांक तक की गयी कार्यवाही से अवगत कराइए।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) शासकीय भवनों के निर्माण हेतु अनुज्ञा लोक निर्माण विभाग (भवन) द्वारा प्राप्त नहीं की जाती है, क्योंकि लोक निर्माण विभाग (भवन) निर्माण एजेन्सी है, जो विभिन्न प्रशासकीय भवनों का निर्माण कार्य करता है। इस कारण विधान सभा प्रश्न क्रमांक 673, दिनांक 13.02.2024 में उत्तर ''जी नहीं'' दिया गया था। (ख) शासकीय भवनों के निर्माण हेतु मध्य प्रदेश भूमि विकास नियम 2012 के प्रावधानों का पालन किया जाता है, इसलिए विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1172, दिनांक 04.07.2024 में उत्तर ''जी हाँ'' दिया गया था। इसी कारण प्रश्नांश ''क'' के आलोक में उत्तर ''जी नहीं'' सही है। (ग) लोक निर्माण विभाग (भवन) द्वारा कार्यवाही नहीं किया जाना है, अपितु संबंधित विभाग द्वारा कार्यवाही की जाना है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है।
ग्राम पंचायतों के कर्मचारियों का संविलियन
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( *क्र. 1899 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नव गठित नगर परिषद/पालिका में सम्मिलित ग्राम पंचायतों के कर्मचारियों का संविलियन का प्रावधान है? यदि है तो बताएं? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ख) यदि प्रावधान है तो अभी तक कितने कर्मचारियों का संविलियन/विनियमितीकरण किया गया है? यदि नहीं, किया गया है तो क्यों? (ग) नगर परिषद पिपरई में कितनी ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया है और उन पंचायतों के कितने कर्मचारियों को नगर परिषद में सम्मिलित किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? यदि हाँ, तो जानकारी दें। (घ) क्या प्रश्नांश (ग) वर्णित कर्मचारियों का विनियमितीकरण किया गया है? यदि नहीं, किया गया तो कब तक किया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) म.प्र. राजपत्र (असाधारण) में प्रकाशित अधिसूचना क्रमांक 218, दिनांक 07.04.2018 के अनुसार नगर परिषद, पिपरई जिला-अशोकनगर में 09 ग्राम पंचायतों को सम्मिलित किया गया है। नगर परिषद, पिपरई द्वारा सम्मिलित ग्राम पंचायत सीगौन, पिपरई से कुल 46 अस्थाई पंचायत कालीन कर्मचारियों को सम्मिलित किया गया है। (घ) जी नहीं। नगर परिषद, पिपरई जिला-अशोकनगर में ग्राम पंचायतों से सम्मिलित किये गये कर्मचारी पूर्णतः अस्थाई होने से विनियमितीकरण हेतु शासन द्वारा तय, नीति अनुसार अपात्र हैं। अपात्र होने से विनियमितीकरण किया जाना संभव नहीं है।
जिला डिण्डौरी के अंतर्गत कचरा प्रबंधन
[नगरीय विकास एवं आवास]
22. ( *क्र. 1474 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला डिण्डौरी के अंतर्गत, डिण्डौरी एवं शहपुरा नगर परिषद में कचरा निपटारा में 2020 से आज तक प्रत्येक वर्ष किस-किस कार्य में कितनी राशि व्यय की गई? (ख) नगर परिषद शहपुरा के अंतर्गत कितने दुकानों के निर्माण हेतु कितनी-कितनी राशि जमा कराई गई? (ग) क्या दुकान निर्माण का कार्य अधूरा है? क्या दुकानों के नाम से ली गई राशि का नियम विरूद्ध अन्य कार्यों में व्यय कर दिया गया? यदि हाँ, तो क्यों और उनके लिये कौन जिम्मेदार है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिले की नगर परिषद शहपुरा अंतर्गत 74 दुकानों के स्वीकृत निविदाकारों से कुल 2,79,70,777/- की राशि जमा कराई गई है। (ग) जी हाँ, नगर परिषद शहपुरा अंतर्गत दुकानों का निर्माण कार्य अधूरा है। जी नहीं, स्वीकृत निविदाकारों से जमा कराई गई। राशि का व्यय नियम विरूद्ध अन्य कार्यों में नहीं किया गया। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भैसाहुड मुख्य मार्ग तक पहुंच मार्ग
[लोक निर्माण]
23. ( *क्र. 1845 ) श्री विश्वामित्र पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीधी जिले के बारपान एवं सिंगरौली जिले के ग्राम भैसाहुड के मध्य गोपद नदी में लोक निर्माण विभाग सेतु को कार्य एजेन्सी बनाकर स्वीकृत/निर्मित पुल के साथ पुल से भैसाहुड मुख्य मार्ग तक पहुंच मार्ग की स्वीकृति प्रदान की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) में यदि हाँ, तो कब तक कार्य पूर्ण कराकर आवागमन सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी? (ग) यदि नहीं, तो पहुंच मार्ग की स्वीकृति कब तक प्रदान की जाकर सुचारू आवागमन सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
निर्मित/निर्माणाधीन/प्रस्तावित विद्युत सब-स्टेशन की जानकारी
[ऊर्जा]
24. ( *क्र. 1644 ) श्री इंजीनियर हरिबाबू राय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र अशोकनगर में कितने विद्युत सब स्टेशन कितनी क्षमता के किस-किस ग्राम में निर्मित हैं, निर्माणाधीन हैं/प्रस्तावित हैं? सूचीबद्ध जानकारी देने की कृपा करें। (ख) निर्माणाधीन सब स्टेशन कब तक पूर्ण होकर चालू हो जायेंगे? सब स्टेशन के अनुसार समय-सीमा बताने की कृपा करें एवं प्रस्तावित विद्युत स्टेशनों का कार्य कब प्रारंभ होगा एवं कब तक पूरा करने का लक्ष्य है? (ग) निर्मित विद्युत सब स्टेशनों से कुल कितने उपभोक्ता लाभान्वित हो रहे हैं? निर्माणाधीन विद्युत सब स्टेशनों से कितने उपभोक्ता लाभान्वित होंगे? विद्युत सब स्टेशनों एवं ग्रामों सहित जानकारी देने की कृपा करें। (घ) क्या वर्तमान में विद्युत सप्लाई की स्थिति बहुत खराब है? अघोषित विद्युत कटौती से कब तक निजात मिलेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विधानसभा क्षेत्र अशोकनगर में 33/11 के.व्ही. के 26 विद्युत उपकेन्द्र निर्मित हैं। एस.एस.टी.डी. योजनांतर्गत 33/11 के.व्ही. का 01 नवीन विद्युत उपकेन्द्र करैयाराय निर्माणाधीन हैं एवं 33/11 के.व्ही. के 3 विद्युत उपकेन्द्र यथा-सेमराडोंगरा, कांकडा एवं पडरिया में प्रस्तावित है। उक्त के अतिरिक्त 33/11 के.व्ही. के 3 नवीन विद्युत उपकेन्द्र यथा- पदमघटा, पहाडा एवं बरखेडा जागीर केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत प्रस्तावित है, जिनकी प्रशासकीय स्वीकृति केन्द्र सरकार से अप्राप्त है। उक्त 33/11 के.व्ही. के निर्मित/निर्माणाधीन/प्रस्तावित विद्युत उपकेन्द्रों की प्रश्नाधीन चाही गयी क्षमतावार, ग्राम सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में एस.एस.टी.डी. योजनांतर्गत निर्माणाधीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र करैयाराय का कार्य दिनांक 18.09.2024 को प्रारंभ हो चुका है एवं उक्त कार्य दिनांक 30.06.2025 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। प्रस्तावित 33/11 के.व्ही. के 3 विद्युत उपकेन्द्र यथा-सेमराडोंगरा, कांकडा एवं पडरिया की प्रशासकीय स्वीकृति उपरांत कार्य की वैधता 2 वर्ष है। साथ ही आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत प्रस्तावित 33/11 के.व्ही. के 3 विद्युत उपकेन्द्रों के कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति केन्द्र शासन से अप्राप्त है, अत: वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में निर्मित एवं निर्माणाधीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों से लाभांवित होने वाले उपभोक्ताओं की संख्या उपकेन्द्रवार मय ग्रामों की संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जी नहीं। प्रश्नाधीन क्षेत्र अंतर्गत कोई अघोषित विद्युत कटौती नहीं की गई है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में आकस्मिक अवरोधों के कारण आए व्यवधानों को छोड़कर नियमानुसार कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन 10 घंटे एवं गैर कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन 24 घंटे गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि विद्युत लाईनों/अधोसंरचना के रख-रखाव हेतु पूर्व निर्धारित शट-डाउन लेने तथा तकनीकी कारणों/प्राकृतिक आपदा से आये आकस्मिक व्यवधानों जैसी अपरिहार्य स्थिति के कारण कतिपय अवसरों पर विद्युत प्रदाय बाधित होता है, जिसमें आवश्यक रख-रखाव/सुधार कार्य कर विद्युत प्रदाय शीघ्र ही सुचारू कर दिया जाता है। विद्युत अधोसंरचना के आवश्यक रख-रखाव कार्य हेतु लिए जाने वाले शटडाउन की सूचना विद्युत उपभोक्ताओं को अखबार एवं अन्य माध्यमों से दी जाती है। प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत माह फरवरी, 2025 में ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि फीडरों पर औसत 09 : 09 : 01 घंटे, आबादी फीडरों पर औसत 21 : 23 : 23 घंटे, जिला मुख्यालय फीडरों पर औसत 23 : 47 : 30 घंटे एवं तहसील मुख्यालय फीडर पर 22 : 45 : 00 घंटे विद्युत प्रदाय सुनिश्चित किया गया है।
भूमि स्वामियों को प्लॉट पर मकान बनाने की अनुमति
[नगरीय विकास एवं आवास]
25. ( *क्र. 1734 ) श्री सुनील उईके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भू-माफियाओं के विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु सरकार द्वारा कलेक्ट्रेट ऑफिस में 27 जनवरी एवं 6 फरवरी, 2020 में भू-स्वामियों के आवेदन पर भू-खण्ड दिलवाने की कार्यवाही की गई थी? यदि हाँ, तो शिल्पी गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित, अकबरपुर, कोलार रोड, त.हुजूर, जिला भोपाल में प्लॉट क्र. 36, 40 एवं अन्य को कलेक्टर महोदय द्वारा गठित जांच समिति द्वारा संपूर्ण जांच कर उन्हें मशीन द्वारा सीमांकन, कब्जा, पजेशन एवं तहसील में नामांतरण किया गया था? नामांतरण के पश्चात् क्या भूमि स्वामियों को प्लॉट पर मकान बनाने की अनुमति प्रदान की गई है अथवा नहीं? यदि अनुमति नहीं दी गई है तो क्यों? (ख) क्या सोसायटी के प्रशासक ने प्लॉटों पर मकान बनाने हेतु दिनांक 07.02.2024 को एन.ओ.सी. प्रदान की है? नगर पालिक निगम ने प्लॉट क्र. 36, 40 के नामांतरण दिनांक 20.5.2024 को कर, वार्ड एन.ओ.सी. जारी की गई है? (ग) क्या प्लॉटों पर समस्त शासकीय अनुमतियां लेकर दिनांक 17.12.2024 को प्लॉट क्रमांक 36 एवं 40 पर ऑनलाईन बिल्डिंग परमिशन के लिए आवेदन प्रस्तुत किया है? वर्ष 1986-87 में संस्था की उक्त भूमि नगर भूमि सीमा अधिनियम 1976 के प्रावधान से मुक्त होने के बावजूद भी आज दिनांक तक बिल्डिंग परमिशन क्यों नहीं दी गई? बिल्डिंग परमिशन कब तक दी जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) एवं (ख) जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) जी हाँ, भू-खण्ड क्रमांक 36 एवं 40 पर बिल्डिंग परमिशन हेतु ऑनलाईन आवेदन दिनांक 17.12.2024 को प्रस्तुत किये गये थे। उपरोक्त प्रस्तुत ऑनलाईन आवेदनों में सक्षम प्राधिकारी द्वारा कॉलोनी के स्वीकृत अभिन्यास को अपलोड करने के लिए दिनांक 24.12.2024 को भू-खण्ड स्वामियों के प्राधिकृत वास्तुविद श्री देवेन्द्र बाथम को वापस किया गया। प्राधिकृत वास्तुविद द्वारा कॉलोनी के दस्तावेज वर्तमान तक ऑनलाईन अपलोड नहीं किये गये हैं। समस्त आवश्यक दस्तावेज अपलोड होने पर प्रकरणों का गुण-दोष के आधार पर निराकरण किया जायेगा।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित प्रश्नोत्तर
डामर
के फर्जी
बिलों की जांच
[लोक निर्माण]
1. ( क्र. 17 ) श्री महेश परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन, खरगोन,बड़वानी, खंडवा, बुरहानपुर एवं धार जिले में वर्ष 2020 से लेकर प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कुल कितने किलोमीटर की स्टेट हाइवे का निर्माण किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयावधि एवं जिलों में किस-किस फर्म/ठेकेदार की निविदा स्वीकृत की गई, स्वीकृति आदेश, जमा की गई धरोहर राशि और अंतिम भुगतान किस-किस ठेकेदार का प्रश्न दिनांक की स्थिति में बाकी है और क्यों बाकी है? अभिलेखीय प्रतिवेदन देवेंl (ग) उक्त बिलों में से कितने बिल मध्यप्रदेश की ऑयल कंपनियों के हैं, कितने बिल गुजरात, महाराष्ट्र एवं राजस्थान की कंपनियों के हैं? भुगतान का पूर्ण ब्यौरा दें। (घ) प्रश्नकर्ता के द्वारा दिनांक 07 फरवरी 2024 को ध्यानाकर्षण सूचना एवं प्रश्न क्रमांक 617 दिनांक 19/12/2024 से प्रदेश में डामर घोटाला का मामला सामने आने के पश्चात उक्त बिलों को सत्यापन हेतु संबंधित कंपनियों को भेजा गया है या नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) :(क) म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक कुल 89.45 कि.मी. लंबाई के स्टेट हाईवे का निर्माण किया गया। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 1 अनुसार है। (ग) म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में उल्लेखित कार्यों में ठेकेदारों के अंतिम देयक भुगतान हेतु लंबित नहीं है। जानकारी निरंक है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं, लोक निर्माण विभाग अंतर्गत कार्यों में ठेकेदार द्वारा डामर के बिलों की प्रति प्रस्तुत करने के पश्चात ही भुगतान किया जाता है, जो कि सबंधित रिफायनरी की वेबसाईट से सत्यापित किया जाता है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
इन्दौर शहर में नर्मदा के पानी की समुचित व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
2. ( क्र. 22 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर शहर में नर्मदा के तृतीय चरण में अब तक कुल कितनी राशि व्यय हुई? इससे कितनी पाइप-लाइन बिछाई गई? नर्मदा तृतीय चरण से लगभग कितनी जनसंख्या को लाभ मिल रहा है? (ख) क्या इन्दौर में लगभग 28 वर्ष पूर्व दोनों समय पेयजल का वितरण होता था? क्या इन्दौर के कुछ क्षेत्रों में एक दिन छोड़कर जल प्रदाय किया जा रहा है? इन्दौर विधानसभा क्षेत्र क्र. 5 में कितने क्षेत्रों में एक दिन छोड़कर जलप्रदाय किया जा रहा है। (ग) यदि हाँ, तो नर्मदा के प्रथम/द्वितीय एवं तृतीय चरण में करोड़ों व्यय किए जाने के बावजूद प्रतिदिन पेयजल वितरण की स्थिति क्यों नहीं बन पा रही है? इसके लिए कौन जिम्मेदार है, जबकि इन्दौर विधानसभा क्षेत्र क्र.5 शहरी क्षेत्र है एवं पुराना है? सभी को प्रतिदिन पेयजल वितरण हो इसके लिए क्या व्यवस्था की जा रही है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) इंदौर शहर में नर्मदा के तृतीय चरण में लगभग रू. 650 करोड़ का व्यय किया गया है। इससे लगभग 820.21 कि.मी. पाईप लाईन बिछायी गई हैं। नर्मदा तृतीय चरण से लगभग 5.50 लाख जनसंख्या को लाभ मिल रहा है। (ख) जी नहीं। जी हाँ। इंदौर विधानसभा क्षेत्र क्र. 5 में भी अधिकतर क्षेत्रों जैसे महालक्ष्मी नगर, सांईकृपा, तुलसी नगर, मुमताज बाग, स्वर्गबाग, गणेश नगर, वल्लभ नगर, रानीसती गेट, धेनू मार्केट, अहिल्यामाता कॉलोनी, हरिजन बस्ती, बड़ी ग्वालटोली, सेवा सरदार नगर, मयूर नगर, रेडियो कॉलोनी, खाती मोहल्ला, अल्कापुरी, विराट नगर, साकेत नगर, स्वामी विवेकानन्द नगर, गोयर विहार, रामकृष्ण बाग, खजराना बडला, अशर्फी नगर आदि में एक दिन छोड़कर जलप्रदाय किया जा रहा है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सार्वजनिक पार्किंग स्थल का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
3. ( क्र. 57 ) श्री विपीन जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका मंदसौर क्षेत्र अंतर्गत कितने सार्वजनिक पार्किंग स्थल है? वाहन के प्रकार सहित विवरण देवें। (ख) नगर पालिका मंदसौर द्वारा मंदसौर शहर में कितने पार्किंग स्थलों को चिन्हित कर, भविष्य में पार्किंग स्थल बनाए जाने हेतु प्रस्ताव तैयार किए गए है? (ग) मंदसौर की जनता को ट्रैफिक से राहत दिलाये जाने हेतु कब तक नवीन चिन्हित पार्किंग स्थलों का निर्माण कर दिया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिका परिषद, मंदसौर क्षेत्र अंतर्गत 2 अस्थायी पार्किंग स्थल हैं, जिसमें दो पहिया वाहन एवं चार पहिया वाहन पार्किंग किये जाते हैं। (ख) कोई नवीन प्रस्ताव नहीं है। (ग) शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युत ट्रांसफार्मरों से आईल चोरी की शिकायतें
[ऊर्जा]
4. ( क्र. 59 ) श्री
विपीन जैन : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) माननीय
प्रश्नकर्ता
के विधानसभा
क्षेत्र
मंदसौर में
वित्तीय
वर्ष 2021-22 से
दिनांक 31
जनवरी 2025 तक
विद्युत
वितरण
ट्रांसफार्मरों
से आईल चोरी
की कितनी
शिकायतें, सूचनाएं, घटनाएं
वृत्त
कार्यालय
मंदसौर में
प्राप्त हुई
है? संख्यात्मक
जानकारी वित्तीय
वर्षवार देवें।
(ख) माननीय
प्रश्नकर्ता
के विधानसभा
क्षेत्र
मंदसौर में
वित्तीय
वर्ष 2021-22 से
दिनांक 31
जनवरी 2025 तक
विद्युत
वितरण
ट्रांसफार्मरों
से आईल चोरी
की घटनाओं में
अनुमानित
कितनी राशि की
हानि वृत्त
कार्यालय
मंदसौर को हुई
है? वित्तीय
वर्षवार संख्यात्मक
जानकारी
देवें। (ग)
विद्युत
वितरण
ट्रांसफार्मरों
से ऑइल चोरी
होने के कारण
म.प्र. पश्िचम
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
लिमिटेड मंदसौर
को करोड़ों
रूपये के हो रहे
आर्थिक
नुकसान से
बचाव हेतु
विद्युत वितरण
कंपनी इंदौर
की क्या योजना
है?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) विधानसभा
क्षेत्र
मंदसौर में
वित्तीय वर्ष 2021-22 से
दिनांक 31
जनवरी 2025 तक
वितरण
ट्रांसफार्मरों
से आईल चोरी
की कुल 1576
शिकायतों/ सूचनाओं/घटनाओं
की जानकारी
म.प्र. पश्िचम
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
को प्राप्त
हुई है, जिनकी
प्रश्नाधीन
चाही गई
वित्तीय
वर्षवार
संख्यात्मक जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
प्रश्नाधीन
अवधि में
वितरण
ट्रांसफार्मरों
से आईल चोरी
की घटनाओं में
म.प्र. पश्िचम
क्षेत्र विद्युत
वितरण कंपनी
को अनुमानित
राशि रू.128.95
लाख की हानि
हुई है, जिसकी
प्रश्नाधीन
चाही गई
वित्तीय
वर्षवार
संख्यात्मक जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार है। (ग) म.प्र.
पश्िचम
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
के संचालन/संधारण
वृत्त
मंदसौर
क्षेत्रांतर्गत
वितरण ट्रांसफार्मरों
से ऑइल चोरी
के कारण हो
रहे आर्थिक
नुकसान से
बचाव हेतु एवं
ऑइल चोरी की
घटनाओं पर
अंकुश लगाने
हेतु संबंधित
क्षेत्र के
लाईन
कर्मचारियों
को समय-समय पर
निगरानी रखे
जाने हेतु
निर्देशित
किया गया है
तथा लाईन
कर्मचारियों
द्वारा
समय-समय पर
रात्रि कालीन
पेट्रोलिंग
की जाती है। उक्त
के अतिरिक्त, ग्रामवासियों
से ग्रामीण
क्षेत्रों
में किसी व्यक्ति
द्वारा विरतण
ट्रांसफार्मर
से ऑइल चोरी
करते हुए पाए
जाने पर तत्काल
सूचना नजदीकी
पुलिस थाने
एवं विद्युत
वितरण केन्द्र/कार्यालय
में देने हेतु
अनुरोध किया
गया है।
प्रदेश में वक्फ बोर्ड की संपत्ति की जानकारी
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
5. ( क्र. 65 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया [श्री गोपाल सिंह इंजीनियर, श्री दिलीप सिंह परिहार] : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश के किस-किस जिले एवं तहसील के अंतर्गत ग्रामों में वक्फ बोर्ड की सम्पत्ति अथवा जमीन/ईमारत हैं, उसका जिले/तहसील एवं ग्रामवार खसरा एवं रकबा साहित विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वक्फ बोर्ड की सम्पति किसके द्वारा किसको, किस प्रयोजन हेतु तथा किस दिनांक को दी गई है, तथा उसका वर्तमान में क्या उपयोग किया जा रहा हैं, विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वक्फ बोर्ड की सम्पत्ति/जमीन/ईमारत का वर्तमान में किस-किस व्यक्ति/संस्थाओं के आधीपत्य में हैं। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वक्फ बोर्ड की सम्पत्ति/जमीन/ईमारत राजस्व विभाग में वर्तमान में किस खसरा क्रमांक पर स्थित है, वह भुमि राजस्व रिकॉर्ड में किस नोइयत में दर्ज है, उसका जिले/तहसील/ग्रामवार विवरण दें। (ड.) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वक्फ बोर्ड की सम्पत्ति बंदोबस्त के समय किस-किस के नाम राजस्व खसरा में दर्ज थी, उसका जिला/तहसील/ ग्रामवार विवरण दें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अतिक्रमण के कारण बाढ़ के पानी से नुकसान
[नगरीय विकास एवं आवास]
6. ( क्र. 74 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदापुरम में जुलाई 2024 में आई बाढ़ के दौरान नर्मदापुरम के जयस्तम्भ चौक के आसपास की अनेक गलियों में स्थित दुकानों एवं मकानों में पानी भरा गया था। (ख) क्या जयस्तम्भ चौक के पास स्थित क्षेत्र में नाले-नालियों में अतिक्रमण एवं नाले की दिशा परिवर्तन कर उसकी चौड़ाई कम किये जाने के बाद नाले पर ही दुकानें बना दिये जाने के कारण पानी की निकासी न होने से जलभराव की स्थिति निर्मित हुई थी। (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अपने पत्र क्र.6745 दि. 25.07.2024 एवं पत्र क्र.7364 दि. 01 जनवरी 2025 में कार्यवाही हेतु स्मरण पत्र अनुविभागीय अधिकारी, नजूल अधिकारी एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नर्मदापुरम को प्रेषित किया गया था। (घ) क्या अनुविभागीय अधिकारी, नर्मदापुरम द्वारा अपने पत्र क्र. 33/अ.वि.अ./2025 नर्मदापुरम दि. 03.01.2025 से तहसीलदार एवं मुख्य नगरपालिका अधिकारी को कार्यवाही हेतु लिखा गया था। यदि हाँ, तो उक्त दोनों अधिकारियों के जांच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध कराते हुए तत्संबंध में की गई कार्यवाही से अवगत करावें। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अतिक्रमण कब तक हटा लिए जावेंगे। (ड.) यदि नहीं, तो इसके क्या कारण है।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) नजूल अधिकारी, तहसीलदार एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद, नर्मदापुरम द्वारा संयुक्त रूप से निरीक्षण उपरांत सीमांकन कराये जाने का निर्णय लिया गया है, सीमांकन उपरान्त अतिक्रमण की स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। नजूल अधिकारी, तहसीलदार एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद, नर्मदापुरम द्वारा संयुक्त रूप से निरीक्षण किया गया, निरीक्षण उपरान्त सीमांकन कराये जाने का निर्णय लिया गया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ड.) उत्तरांश ''घ'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बाढ़ के कारणों का निराकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
7. ( क्र. 76 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदापुरम में जुलाई 2024 में आई बाढ़ के दौरान नर्मदापुरम के जयस्तम्भ चौक, के आसपास की अनेक गलियों में स्थित दुकानों एवं मकानों में पानी भरा गया था। (ख) क्या जयस्तम्भ चौक के पास स्थित क्षेत्र में नाले-नालियों में अतिक्रमण एवं नाले की दिशा परिवर्तन कर उसकी चौड़ाई कम किये जाने के बाद नाले पर ही दुकानें बना दिये जाने के कारण पानी की निकासी न होने जल भराव की स्थिति निर्मित हुई थी। (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अपने पत्र 6745 दिनांक 25.07.2024 एवं जनवरी 2025 में कार्यवाही हेतु स्मरण पत्र अनुविभागीय अधिकारी, नजूल अधिकारी एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नर्मदापुरम को प्रेषित किया गया था। (घ) उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गयी। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अतिक्रमण कब तक हटा लिए जावेंगे। (ड.) यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) नजूल अधिकारी, तहसीलदार एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद, नर्मदापुरम द्वारा संयुक्त रूप से निरीक्षण उपरांत सीमांकन कराये जाने का निर्णय लिया गया है, सीमांकन उपरान्त अतिक्रमण की स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। (ग) जी हाँ। (घ) नजूल अधिकारी, तहसीलदार एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद, नर्मदापुरम द्वारा संयुक्त रूप से निरीक्षण किया गया, निरीक्षण उपरान्त सीमांकन कराये जाने का निर्णय लिया गया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ड.) उत्तरांश ''घ'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
एक ही परिसर में अलग-अलग कनेक्शन दिया जाना
[ऊर्जा]
8. ( क्र. 77 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. म. क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के निर्देशानुसार एक परिसर में एक से अधिक नामों से विद्युत कनेक्शन नहीं दिये जा सकते है। यदि हाँ, तो क्यों इस संबध में जारी आदेशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या जिनके पृथक-पृथक राशन कार्ड है लेकिन उन्हें एक ही परिसर में रहने के कारण पृथक कनेक्शन नहीं दिया जा सकता? (ग) क्या एक ही परिसर या भूमि में निवासरत परिवार जो अलग-अलग रहते है, अलग-अलग व्यवसाय है। अलग भोजन बनता है उनको पृथक कनेक्शन की अनुमति शासन देगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) से (ग) म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता 2021 के अध्याय-4: ''नवीन विद्युत प्रदाय'' की कंडिका 4.15, 4.16 एवं 4.18 में उल्लेखित प्रावधानों के अनुरूप उपभोक्ता से आवेदन मय अनिवार्य दस्तावेजों सहित प्राप्त होने पर परिसर में विद्युत संयोजन प्रदान किया जाता है, जिससे संबंधित पृष्ठों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त के अतिरिक्त, राज्य शासन के आदेश दिनांक 15/03/2024 एवं आदेश दिनांक 11/12/2024 द्वारा एक ''परिसर'' में विधिक बंटवारा नहीं होने/अन्य के कारण से एक से अधिक अलग-अलग निवासरत परिवारों को पृथक-पृथक स्वतंत्र विद्युत कनेक्शन दिये जाने के लिए विद्युत वितरण कंपनियों के क्षेत्रीय मुख्य अभियंताओं के मुख्यालयों यथा- भोपाल, ग्वालियर, उज्जैन, इंदौर, जबलपुर, रीवा, सागर एवं शहडोल में Pilot Project के तहत व्यवस्था दिनांक 31/03/2025 तक लागू की गई हैं। उक्त आदेशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
नगर निगम जबलपुर द्वारा नक्शा पास कराया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( क्र. 236 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम जबलपुर द्वारा ऑनलाईन सिस्टम से नक्शा पास किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो ऑनलाइन सिस्टम लागू होने के वर्ष से प्रश्न दिनांक तक कितने ऑनलाईन तथा कितने ऑफलाइन आवेदन प्राप्त हुये एवं कितने पास किये गये? इकजाई अलग-अलग बतायें? (ग) क्या अनेक वार्डों में नक्शा पास करने का कार्य बंद है? (घ) यदि नहीं, तो अग्रसेन वार्ड क्र.35 एवं अन्य वार्डों के नक्शे क्यों नहीं पास किये जा रहे हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ, जबलपुर नगर निगम में वर्ष 2014 से ऑनलाईन पद्धति से भवन अनुज्ञा आवेदन प्राप्त किए जा रहे है। (ख) जबलपुर नगर निगम द्वारा ऑनलाईन पद्धति से वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कुल 33523 आवेदन प्राप्त हुये है एवं कुल 24734 भवन अनुज्ञा जारी की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्ष 2014 उपरान्त ऑफलाईन भवन अनुज्ञा प्रकरण के आवेदन प्राप्त नहीं किए जा रहे है। (ग) जी नहीं, जबलपुर नगर निगम द्वारा निगम सीमा क्षेत्रान्तर्गत समस्त 79 वार्डों में भवन अनुज्ञा स्वीकृति प्रदान की जा रही है। (घ) नगर निगम जबलपुर द्वारा वार्ड क्रमांक 35 अग्रसेन वार्ड सह अन्य सभी 79 वार्डों में भवन अनुज्ञा स्वीकृति प्रदान की जाती है।
प्रधानमंत्री आवास योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
10. ( क्र. 246 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत नगर निगम भोपाल द्वारा कुल कितने आवास बनाये गए एवं कितनी आवासीय योजना का कार्य जारी है? (ख) रेरा की आपत्ति के बाद भोपाल में कुल कितने प्रधानमंत्री आवासीय योजनाओं एवं व्यवसायिक परिसरों का निर्माण को रोका गया है? प्रत्येक प्रोजेक्ट की पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) रेरा द्वारा भोपाल में कुल कितने प्रायवेट बिल्डरों पर नियमानुसार अफोर्डेबल हाउस न बनाने अथवा ऊँची कीमतों पर अफोर्डेबल हाउस बेचने की कितनी शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के एएचपी घटक अंतर्गत नगर पालिक निगम-भोपाल में 5,517 आवास बनाये जा चुके है एवं 15 स्थलों पर आवास योजना का कार्य जारी है। (ख) जी नहीं। प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के एएचपी घटक अंतर्गत नगर निगम भोपाल की किसी भी परियोजना के निर्माण को नहीं रोका गया है, अपितु संलग्न परिशिष्ट अनुसार भू-संपदा (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 की धारा-3 का उल्लंघन किये जाने के परिणामस्वरूप अधिनियम की धारा-59 अंतर्गत प्राधिकरण द्वारा विधि अनुसार आदेश पारित किया जाकर नगर पालिक निगम भोपाल की 03 परियोजनाओं में भू-खण्ड के क्रय विक्रय पर प्रतिबंध लगाया गया है। (ग) प्रश्नांश प्राधिकरण के क्षेत्राधिकार से संबंधित नहीं है। अतः इस आशय की शिकायतों पर प्राधिकरण द्वारा संज्ञान नहीं लिया जाता है।
यूनिपोल स्थापना की अनुमति
[नगरीय विकास एवं आवास]
11. ( क्र. 272 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विज्ञापन नियम 2017 के नियम 28 के खण्ड (घ) (ड.) (च) के अनुसार सड़क/फुटपाथ/सर्विस रोड से 3 मी. के दायरे में यूनिपोल स्थापना की अनुमति नहीं दी जावेगी किन्तु आयुक्त, नगर निगम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्िचत करने के उपरांत उक्त (छ) (ड.) (च) नियमों में छूट प्रदान कर सकते है? यदि हाँ, तो जबलपुर नगर निगम सीमा में स्थापित 124 यूनिपोलों में से कितने एवं कौन-कौन से यूनिपोल सड़क/फुटपाथ/सर्विस रोड से 3 मी. दूर स्थापित है एवं कितने एवं किन-किन यूनिपोलों की आयुक्त द्वारा उपरोक्त नियमों में छूट प्रदान की गयी एवं किन कारणों से? आदेश क्र. दिनांक सहित आदेश की प्रतियों दें। (ख) नियम विरूद्ध बिना (घ) (ड.) (च) में छूट प्रदान किये बिना कितने एवं कौन-कौन से यूनिपोल 3 मी. के दायरे में स्थापित है? उसके लिए कौन-कौन से अधिकारी दोषी है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) म.प्र. आउटडोर मीडिया नियम 2017 (संशोधन दिनांक 17/01/2022) के अनुसार नियम 28 उपनियम (1) में सक्षम प्राधिकारी आवश्यकतानुसार, खण्ड (घ) (ड.) (च) के प्रावधानों में छूट दे सकेगा। निगम सीमा में स्थापित समस्त यूनिपोल, आयुक्त, नगर निगम, जबलपुर की स्वीकृति उपरांत ही स्थापित किये जाते हैं। म.प्र. आउटडोर मीडिया नियम 2017 के बाद आमंत्रित अलग-अलग निविदाओं के बाद वर्तमान में स्थापित 98 यूनिपोलों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। म.प्र. आउटडोर मीडिया नियम 2017 के पूर्व की निविदाओं के माध्यम से स्थापित यूनिपोलों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ख) निगम सीमा में स्थापित समस्त यूनिपोल, म.प्र. आउटडोर मीडिया नियम 2017 के प्रावधानों का पालन सुनिश्िचत करते हुए, आयुक्त, नगर निगम, जबलपुर की स्वीकृति उपरांत ही स्थापित किये जाते हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कचरा वाहनों एवं अन्य सामग्री का क्रय
[नगरीय विकास एवं आवास]
12. ( क्र. 295 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद बालाघाट द्वारा फरवरी माह 2024 में क्रय किए गए चार कचरा वाहनों को उपयंत्री प्रीति धरते एवं नोडल अधिकारी एस.बी.एम द्वारा किन मापदंडों के आधार पर क्रय किया गया था? (ख) क्या यह मापदंड निर्धारित उच्च गुणवत्ता के मापदंडों के समान को अथवा कचरा वाहन आपूर्तिकर्ता को लाभ पहुंचाने के लिए उच्च गुणवत्ता के मापदंडों को शिथिल कर निविदा आमंत्रित की गई थी? (ग) यदि ये वाहन उच्च गुणवत्ता के हैं तो हाइड्रोलिक, वाहन के चादर, ग्राउंड क्लीयरेंस, वाहन की क्षमता कम क्यों है? (घ) यदि यह कचरा वाहन निम्न गुणवत्ता के हैं तो उक्त उत्तरदायी एस.बी.एम नोडल प्रीति धरते पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ड.) क्या नगर पालिका में खरीदे गए चार वाहन के लिए पार्षदों द्वारा आपत्ति दर्ज की गई? कितनी आपत्ति का निराकरण हुआ और कितना भुगतान गाड़ियों का कर दिया गया, बिल वाउचर की प्रति उपलब्ध कराएं। (च) नगर पालिका परिषद बालाघाट में पदस्थ स्वास्थ्य विभाग नोडल अधिकारी के द्वारा स्वच्छ भारत मिशन एवं निकाय निधि से विगत 05 वर्षों में प्रभार में रहते हुए वर्तमान समय तक कितनी राशि की खरीदी की गई है? उक्त खरीदी के संबंध में सामग्री का नाम, खरीदी राशि एवं सामग्री की संख्या की जानकारी प्रदान करें। वर्तमान में उक्त सामग्री की स्थिति क्या है।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) निकाय द्वारा GEM पोर्टल पर ऑनलाईन निविदा जारी कर पारदर्शिता रूप से वाहन क्रय किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) वाहन की जांच पॉलिटेक्निक कॉलेज की कमेटी द्वारा की गई है, जिसमें गुणवत्ता पाई गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जी हाँ। नगर पालिका परिषद बालाघाट द्वारा क्रय किये गये वाहन के संबंध में दो पार्षदों द्वारा शिकायत की गयी जिसकी जांच पॉलिटेक्निक कॉलेज द्वारा की गयी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। बिल वाउचर की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (च) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है।
बस स्टैण्ड का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( क्र. 309 ) श्री अनिल जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निवाड़ी जिला बनने के लगभग 06 वर्ष पश्चात भी निवाड़ी शहर में एक बस स्टैण्ड नहीं है, यदि हाँ, तो इस संबंध में प्रशासन द्वारा आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में निवाड़ी शहर में बस स्टैण्ड के निर्माण हेतु विभाग द्वारा कोई प्रस्ताव तैयार कर तकनीकी एवं वित्तीय स्वीकृति हेतु भेजा गया है यदि हाँ, तो उक्त प्रस्ताव कहाँ लंबित है। (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में प्रश्नकर्ता द्वारा पूर्व में कई बार निवाड़ी शहर में बस स्टैण्ड के निर्माण हेतु शासन स्तर पर पत्रों के माध्यम से मांग की गई है। यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता के पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि पत्रों पर कार्यवाही प्रचलन में है तो कब तक तकनीकी एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। नगर परिषद निवाड़ी द्वारा तिगैला पर खसरा क्र. 802 रकबा 1.85 में स्थित पुरानी मंडी प्रांगण की भूमि बस स्टैण्ड हेतु चिन्हित कर आवंटन हेतु कलेक्टर, जिला-निवाड़ी को पत्र क्र. 176/2021 दिनांक 23.07.2021 से प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। (ख) जी हाँ। नगर परिषद निवाड़ी द्वारा बस स्टैण्ड के लिए चिन्हित की गई भूमि पर बस स्टैण्ड निर्माण कार्य की कार्य योजना राशि रूपये 2.99 करोड़ की तैयार की गई है। परन्तु भूमि उपलब्ध नहीं होने से तकनीकी/वित्तीय स्वीकृति की कार्यवाही संभव नहीं है। नगर परिषद निवाड़ी एवं जिला कलेक्टर कार्यालय निवाड़ी स्तर से भूमि आबंटन की कार्यवाही अपेक्षित है। (ग) नगर परिषद निवाड़ी में बस स्टैण्ड निर्माण के संबंध में प्राप्त पत्रों पर कार्यवाही हेतु नगर परिषद निवाड़ी को पत्र लिखा गया है। निकाय द्वारा बस स्टैण्ड हेतु भूमि चिन्हित कर भूमि आवंटन का प्रस्ताव कलेक्टर जिला-निवाड़ी को दिनांक 23/07/2021 को भेजा गया है। भूमि आंवटित होने के पश्चात ही शेष कार्यवाही संभव है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्वीकृत विद्यालयों की जानकारी
[लोक निर्माण]
14. ( क्र. 310 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्राथमिक शालाओं का माध्यमिक शालाओं में, कितनी माध्यमिक शालाओं का हाईस्कूल में, कितने हाईस्कूलों का हायर सेकण्डरी में एवं कितने सी.एम. राईज विद्यालय व कितने पी.एम. श्री विद्यालय स्वीकृत हुये हैं, वर्षवार संपूर्ण जानकारी देवें (ख) प्रश्नांश (क) में प्रश्नगत विद्यालयों में कितने विद्यालयों के नवीन भवन बनकर तैयार हो चुके हैं एवं कितने विद्यालयों के नवीन बनना शेष हैं? (ग) क्या निवाड़ी विधानसभा अंतर्गत ग्राम-रजपुरा में नवीन हाईस्कूल भवन हेतु राशि स्वीकृत की गई थी, जिसका टेण्डर (ई-टेण्डर क्र. 2024_PWPIU_339175_1) भी खुल गया है एवं टेण्डर खुलने के लगभग 06 माह से अधिक होने के पश्चात भी ठेकेदार को भवन बनाने हेतु जमीन चिन्हित नहीं की गई है। यदि हाँ, तो इस लापरवाही के लिए कौन जिम्मेदार है एवं कब तक ठेकेदार को भवन बनाने हेतु जमीन उपलब्ध करा दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। शिक्षा विभाग द्वारा अविवादित भूमि उपलब्ध कराने के उपरांत कार्य प्रारंभ किया जा सकता है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना
[ऊर्जा]
15. ( क्र. 320 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र खुरई अन्तर्गत रजवांस व बरोदियाकलां के आस-पास के करीब 60-70 ग्रामों में पर्याप्त वोल्टेज न मिलने के कारण किसानों का सिंचाई कार्य व अन्य कार्य प्रभावित हो रहे हैं? (ख) क्या इस क्षेत्र में अत्याधिक विद्युत भार के कारण ट्रांसफार्मर फैल होने की शिकायतें भी अधिक आ रही है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार शिकायतों के निराकरण हेतु बरोदियाकलां में 33/11 के.व्ही. एवं रजवांस में 132/33 के.व्ही. क्षमता के उपकेन्द्र कब तक स्थापित किया जावेंगे? इस संबंध में विभाग की क्या योजना है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) खुरई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत रजवांस एवं बरोदियाकलां तथा आसपास के क्षेत्र को अति उच्चदाब उपकेन्द्र खिमलासा से निर्गमित 33 के.व्ही. रजवांस फीडर से संबद्ध 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों द्वारा विद्युत आपूर्ति की जाती है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में रबी सीजन के दौरान कृषि हेतु अस्थायी विद्युत कनेक्शनों के कारण कतिपय स्थानों पर वोल्टेज की समस्या आती है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युत प्रदाय की गुणवत्ता में सुधार हेतु एवं संबंधित 33 के.व्ही. फीडर के भार को कम करने तथा वोल्टेज की समस्या के निराकरण हेतु 33 के.व्ही. रजवांस फीडर के विभक्तिकरण का कार्य तकनीकी रूप से साध्य पाया गया है। उक्त कार्य किए जाने हेतु केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत 14 कि.मी. की नवीन 33 के.व्ही. उच्चदाब विद्युत लाईन, 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र तलापार से 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र उजनेट तक स्वीकृत की गई है। (ख) जी नहीं, प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत ट्रांसफार्मर पर अधिक भार के कारण असफल होने की शिकायत म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संज्ञान में नहीं है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के सन्दर्भ में प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युत संबंधी समस्या के निवारण हेतु उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार 14 कि.मी. की नवीन 33 के.व्ही. उच्चदाब विद्युत लाईन को स्थापित किये जाने का कार्य स्वीकृत किया गया है। उक्त नवीन लाईन की स्थापना के उपरान्त प्रश्नाधीन क्षेत्र में वोल्टेज की समस्या का निराकरण हो जावेगा। अत: बरोदियाकलां में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र एवं रजवांस में नवीन 132/33 के.व्ही. अति उच्चदाब उपकेन्द्र की स्थापना किया जाना वर्तमान में तकनीकी रूप से साध्य नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश नहीं उठता है।
वितरण केन्द्रों में लाइन कर्मचारियों की पूर्ति
[ऊर्जा]
16. ( क्र. 321 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र खुरई के सभी वितरण केन्द्रों में लाईन कर्मचारियों की अत्याधिक कमी के कारण संचालन व संधारण का कार्य प्रभावित हो रहा है? यदि हाँ, तो कब तक लाईन कर्मचारियों की पूर्ति कर ली जावेगी? (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र खुरई के ट्रांसफार्मरों पर भार अधिक होने के कारण वो फैल हो रहे हैं? यदि हाँ, तो कम क्षमता के 15 व 30 नम्बर ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि कब तक कर ली जावेगी? यदि नहीं, तो क्या कारण?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। विधानसभा क्षेत्र खुरई के अंतर्गत 05 वितरण केन्द्रों में 25 नियमित/संविदा कार्मिक एवं 101 बाह्य स्त्रोत कार्मिक इस प्रकार से कुल 126 कार्मिकों के माध्यम से वितरण केन्द्रों के संचालन-संधारण का कार्य निष्पादित कराया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) जी नहीं। उल्लेखनीय है कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित वितरण ट्रांसफार्मर अतिभारित पाये जाने की स्थिति में समय-समय पर नियमानुसार प्रणाली सृदृढीकरण योजना अथवा सामान्य विकास योजना के तहत तकनीकी साध्यता अनुसार क्षमता वृद्धि अथवा अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना के प्रस्ताव पर सक्षम स्वीकृति उपरांत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापना की कार्यवाही की जाती है, जो कि एक सतत् प्रक्रिया है। प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में वार्षिक कार्य योजना के तहत 48 वितरण ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि 25 के.व्ही.ए. से 63 के.व्ही.ए. तथा 48 वितरण ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि 63 के.व्ही.ए. से 100 के.व्ही.ए. की गई हैं। इस प्रकार से प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत कुल 96 वितरण ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि के कार्य पूर्ण किये गये है।
गौवंश की रोकथाम हेतु गौशाला का निर्माण
[पशुपालन एवं डेयरी]
17. ( क्र. 340 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा खुलेआम घुम रहे गौवंश की रोकथाम के लिए विभाग कौन-कौन सी योजनाएं चला रहा है? पूर्ण जानकारी देवें। (ख) क्या विधानसभा अम्बाह में भी विभाग द्वारा गौवंश की रोकथाम के लिये कार्य किया जा रहा है? (ग) प्रश्न क्रमांक 109 दिनांक 12 जुलाई 2024 के प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में विभाग गौवंश की रोकथाम के लिए विधानसभा अम्बाह की प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर गौशालाओं का निर्माण करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) :(क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा निराश्रित गौवंश की रोकथाम के लिए मनरेगा योजना से गौशालाओं का निर्माण किया गया है। (ख) जी हाँ। (ग) विधानसभा अम्बाह अंतर्गत निराश्रित गौवंश के लिए आवश्यकता अनुसार ग्राम पंचायतों में 9 गौशालाओं का निर्माण किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
टोल दरों की विसंगतियां
[लोक निर्माण]
18. ( क्र. 381 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदापुरम संभाग की किस-किस रोड के कितने किलोमीटर के लिए किस-किस स्थान पर किसके द्वारा टोल बनाया जाकर किस दर से किस प्रकार के वाहन से टोल की वसूली वर्तमान में की जा रही है इस टोल वसूली का अनुबंध किस दिनांक से किस दिनांक तक के लिए किससे किया गया है। (ख) टोल स्थल के कितने किलो मीटर के दायरे में आने वाले निवासियों के वाहनों से किस दर से टोल की वसूली किए जाने के क्या-क्या प्रावधान हैं, इन प्रावधानों के अनुसार टोल पर वाहनों का पंजीयन करवाए जाने की क्या-क्या प्रक्रिया निर्धारित कर क्या व्यवस्था की गई है प्रति सहित बतावें। (ग) बैतूल, हरदा, इन्दौर मार्ग पर सोड़लपुर टोल स्थल के 20 किलो मीटर दायरे में आने वाले ग्रामीणों के कितने वाहनों का टोल पर पंजीयन कर उनसे किस दर से वर्तमान में वसूली की जा रहा हैं, 20 किलो मीटर के दायरे में आने वाले निवासियों के वाहनों को टोल की छूट नहीं दिए जाने का क्या कारण हैं।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''1'' अनुसार। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-''अ'' अनुसार। (ख) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''1'' अनुसार। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-''ब'' अनुसार। (ग) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''1'' अनुसार।
वैद्य एवं अवैध कॉलोनियों के निर्माण की अनुमति
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( क्र. 453 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में कुल कितने कॉलोनाइजर नगरीय निकायों में पंजीकृत होकर क्रियाशील हैं? उनके प्रथम पंजीयन दिनांक से प्रश्न दिनांक तक प्रतिवर्ष जमा की गई दस्तावेजों की नस्तियों की प्रमाणित प्रतियां देवें। (ख) उज्जैन जिले में कुल कितने कॉलोनाइजर एवं होटल मालिकों द्वारा उनके स्थापना काल से निर्माण एवं विकास की अनुमति ली है? स्थापना काल से अनुमति दिनांक तक की नस्तियों की प्रमाणित प्रतियां देवें। (ग) क्या सभी कॉलोनाइजर एवं होटल मालिकों ने राजस्व से भूमि व्यापवर्तन, निवेश से अभिन्यास अनुमोदन, सक्षम प्राधिकारी से नगर भूमि सीमा की अनापति, नजूल से अनापत्ति, नगरीय निकायों से भवन अनुमति के प्रमाण प्रस्तुत किए हैं? यदि हाँ, तो सभी की प्रमाणित प्रतियां देवें। (घ) मध्यप्रदेश नगर पालिका निगम की धारा 308 (क), मध्यप्रदेश नगर पालिका नियम 1961 की धारा 187 (क) के प्रावधान में निकाय की स्थापना काल से कितने समझौता शुल्क के निर्धारण कर निर्माण एवं विकास की स्वीकृति दी गई हैं? वर्षवार सूची एवं संबंधित से लिए गए दस्तावेजों की सूची एवं समझौता शुल्क निर्धारण की प्रक्रिया एवं पद्धति की नियम पुस्तिका देवें। (ड.) होटल मालिकों एवं कितने कॉलोनाइजर की निर्माण एवं विकास की अनुमति कब-कब किस-किस के द्वारा निरस्त की गई? कारण सहित मय अभिलेख के पूर्ण जानकारी देवें। (च) निर्माण एवं विकास की अनुमति से पूर्व निकाय के अमले का सत्यापन कब-कब, किस-किस के द्वारा किया गया? पूर्ण जानकारी मय रिपोर्ट की प्रति के साथ देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (च) जानकारी संकलित की जा रही है।
नवीन केबलीकरण कार्य
[ऊर्जा]
20. ( क्र. 497 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद डभौरा में ट्रांसफार्मर केबल एवं घरों तथा दुकानों में विद्युत सप्लाई केबल अत्यंत खराब स्थिति में हैं? खराब एवं जर्जर केबल बदलने के संबंध में स्थानीय उपभोक्ताओं के द्वारा लगातार शिकायतें दर्ज कराने के बाद भी अभी तक नया केबलीकरण कार्य क्यों नहीं किया जा सका है? (ख) कब तक नगर परिषद डभौरा के कुल 15 वार्डों में नवीन केबलीकरण कार्य करा लिया जावेगा? कृपया समय-सीमा बताने की कृपा करें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत स्थापित विद्युत अधोसंरचना से घरों एवं दुकानों में विद्युत सप्लाई सुचारू रूप से प्रदाय की जा रही है। उल्लेखनीय है कि विद्युत केबल के खराब होने की सूचना प्राप्त होने पर शीघ्रातिशीघ्र आवश्यक सुधार कार्य कर न्यूनतम समय में विद्युत प्रदाय सुचारू कर दिया जाता है। नगर परिषद डभौरा अंतर्गत प्रश्न दिनांक की स्थिति में खराब केबल के कारण विद्युत प्रदाय बाधित होने संबंधित कोई भी शिकायत लंबित नहीं है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में माह दिसम्बर, 2024 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में पुरानी लाईन/तार/केबल को बदलकर स्थापित की गई नवीन केबल की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में वर्तमान में नवीन केबलीकरण का कोई कार्य प्रचलित योजनाओं में प्रस्तावित नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है।
नरसिंहपुर में अधिरोपित करों की दर
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( क्र. 512 ) श्री महेन्द्र नागेश : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि नगरपालिका परिषद गोटेगांव जिला नरसिंहपुर में अधिरोपित करों की दर जिले की अन्य नगर पालिकाओं की दरों से अधिक हैं। अधिरोपित करों की दर कब कम होगी? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिका परिषद गोटेगांव जिला नरसिंहपुर में संपत्तिकर की दर कम करने संबंधी प्रस्ताव संभागीय संयुक्त संचालक जबलपुर संभाग के पत्र क्रमांक 2556 दिनांक 26/11/2024 प्राप्त हुआ है, जो परीक्षणाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विभिन्न विभागों द्वारा खरीदी की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
22. ( क्र. 577 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद बालाघाट में विगत 5 वर्षों में निकाय की विभिन्न शाखाओं जैसे स्वास्थ्य, उद्यान, भंडार, योजना, जलप्रदान, लोक निर्माण, नियोजन के द्वारा कौन-कौन सी सामग्री एवं फोटोग्राफी, प्रचार-प्रसार हेतु किस दर से खरीदी एवं बनवाई गई है? (ख) क्या समस्त शाखाओं का स्टॉक रजिस्टर पूर्ण है अथवा नहीं? संपूर्ण दस्तावेजों की जानकारी स्पष्ट करें? (ग) नगर पालिका परिषद बालाघाट को स्वच्छ एवं सुंदर रखने कितने कचरा वाहनों का उपयोग किया जाता है? कुल वाहनों की संख्या कितनी है? चालू एवं बंद कितने हैं? किराए के वाहन कितने हैं प्रतिदिन वाहनों में कितना डीजल खर्च होता है? कितने टन कचरा प्रतिदिन एकत्रित होता है एक वाहन पर कितने कर्मचारी कार्यरत है क्या सभी वाहनों की लॉक बुक पूर्ण है अथवा नहीं? वाहन नंबर सहित जानकारी स्पष्ट करें? (घ) स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत नगर पालिका परिषद बालाघाट में कौन सी एन.जी.ओ. संस्था द्वारा कार्य किया जा रहा है और उसे कार्य देने की निविदा प्रक्रिया क्या अपनी गई? निविदा प्रक्रिया की कार्यवाही में प्रस्तुत संपूर्ण दस्तावेजों कि सत्य प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) समस्त शाखाओं का स्टॉक रजिस्टर पूर्ण है। (ग) नगर पालिका परिषद बालाघाट द्वारा नगर को स्वच्छ एवं सुंदर रखने हेतु 44 कचरा संग्रहण वाहनों का उपयोग किया जा रहा है वर्तमान में इस निकाय में 61 वाहन उपलब्ध है जिसमें 44 वाहन चालू स्थिति में एवं 17 वाहन बंद स्थिति में है। वर्तमान में 02 वाहन किराये के है जिसमें 01 ट्रेक्टर एवं 01 जेसीबी मशीन है। उक्त वाहनों में लगभग 237 लीटर प्रतिदिन डीजल की खपत हो रही है। वाहनों द्वारा 20-22 टन का कचरा का संग्रहण प्रतिदिन किया जाता है। 1 वाहन पर 1 चालक एवं 1 श्रमिक कार्यरत है। सभी वाहनों की लागबुक पूर्ण है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (घ) स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) अंतर्गत नगर पालिका परिषद बालाघाट द्वारा वर्चुअल क्रिस्टल मल्टीट्रेड प्रा.लि. जबलपुर एन.जी.ओ. के माध्यम से संचालित की जा रही है। जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है।
ई.ओ.डब्ल्यू. में भोपाल सिटी लिमिटेड के विरूद्ध प्राप्त शिकायतें
[नगरीय विकास एवं आवास]
23. ( क्र. 594 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के विरूद्ध वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ई.ओ.डब्लू.) में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? शिकायतकर्ताओं के नाम, विषय, आवक/प्रकरण क्रमांक, दिनांक, शिकायतों पर की गई कार्यवाही का गौशवारा बनाकर मय दस्तावेज पत्राचार प्रदाय करें। (ख) ई.ओ.डब्लू. का शिकायत आवेदन क्रमांक 2013/21 एवं 2030/22 पर की गई कार्यवाही की छायाप्रति एवं नोटशीट प्रदाय की। उपरोक्त आवक क्रमांक पर संचालनालय नगरीय प्रशासन, नगर निगम भोपाल और भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड विभाग द्वारा दिए गए जवाब की छायाप्रति प्रदान की जावे। क्या जवाब तय समय-सीमा में दिया गया, हाँ अथवा नहीं? यदि नहीं, तो ई.ओ.डब्लू. द्वारा क्या कार्यवाही की गई है, कृपया दस्तावेजों सहित विवरण दें। (ग) प्रकरण क्रमांक 223/16 में पुलिस अधीक्षक, आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो भोपाल द्वारा दिये गये अभिमत की प्रति दी जाये एवं विधि सलाहकार द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्ट की प्रति प्रदान की जाये। प्रकरण में नगर निगम भोपाल और भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के अधिकारियों के लिये गये बयानों की प्रति दी जाये। (घ) सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ-22/25/92/1-10 भोपाल दिनांक 02/11/1993 की छायाप्रति प्रदान करें। क्या संविदा कर्मचारी की ई.ओ.डब्लू. जांच के लिए भी विभागीय अनुशंसा की आवश्यकता है, हाँ अथवा नहीं? यदि हाँ, तो उपरोक्त परिपत्र की कण्डिका बताएं। यदि नहीं, तो आवेदन आवक क्रमांक 360/25 में क्यों विभागीय अनुशंसा के लिए पत्राचार किया गया, मय दस्तावेज स्पष्ट कारण बताएं। यह जांच ई.ओ.डब्लू. द्वारा कब की जाएगी, समय अवधि बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
24. ( क्र. 596 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता का पत्र क्र. 1250, 1251 1253, 1255, 1257, 1259, 1261, 1263 दिनांक 07/02/2025 प्रति प्रमुख सचिव महोदय, नगरीय विकास एवं आवास पर क्या कार्यवाही की गई एवं कितने समय अवधि में पूर्ण कार्यवाही की जाएगी, का पूर्ण विवरण मय दस्तावेज प्रदाय करें। (ख) बी.सी.एल.एल. के विरूद्ध प्रकरण क्रमांक डब्लू.पी.नं. 40898/2024 एवं सीपीसी 536/2025 और लोकायुक्त के प्रकरण क्रमांक 142/ई-24 एवं जा.प्र. 159/19 में प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा किए गए समस्त पत्राचार एवं जवाब की छायाप्रति प्रदान करें। (ग) 01/01/2025 में प्रश्न दिनांक तक बी.सी.एल.एल. से संबंधित महापौर कार्यालय/चेयरमेन को प्राप्त पत्रों की छायाप्रति एवं उन पर की गई कार्यवाही का पूर्ण विवरण मय नोटशीट एवं दस्तावेज प्रदाय करें एवं इन पत्रों पर पत्र अनुसार किस अधिकारी द्वारा कब तक कार्यवाही पूर्ण की जाएगी का गौशवारा बनाकर समय अवधि बताए। (घ) 2 अक्टूबर 2018 से 31 दिसंबर 2019 में निविदा 78 एवं हरमन इंटरनेशनल द्वारा जारी महापौर पास/एम-पास/स्मार्ट-पास में नगर निगम द्वारा दी गई सब्सिडी राशि की गणना किस सॉफ्टवेयर के आधार पर और कितनी राशि का पृथक-पृथक माहवार गौशवारा बनाकर मय नोटशीट एवं दस्तावेज प्रदाय करें। (ड.) दिनांक 01/01/2023 से प्रश्न दिनांक तक बी.सी.एल.एल. के संविदा कर्मचारियों को जारी शो कॉज नोटिस एवं सेवा समाप्ति की प्रचलित/पूर्ण नोटशीट की छायाप्रति एवं प्रक्रिया की सम्पूर्ण जानकारी मय दस्तावेज प्रदाय करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) उपरोक्त पत्र क्रमांक 1250 पर बी.सी.एल.एल. द्वारा जवाब प्रेषित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। प्रश्न में उल्लेखित शेष पत्र क्रमांक इस कार्यालय को प्राप्त नहीं हुए हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है।
इंदौर विकास प्राधिकारण द्वारा जारी प्लाट का उपयोग
[नगरीय विकास एवं आवास]
25. ( क्र. 597 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्कीम नंबर 140 सेक्टर ई इंदौर में आर.सी.एम. प्लॉट किस उपयोग के लिए दिए गए हैं? उसकी गाइड-लाइन उपलब्ध करायें। (ख) क्या स्कीम नंबर 140 सेक्टर ई इंदौर में आर.सी.एम. का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है यदि हाँ, तो क्या बिल्डर रेसीडेंसियल के स्थान पर ऑफिस के लिए भूखंड दे रहे है? यदि नहीं, तो 7 और 9 नंबर का प्लॉट का कमर्शियल उपयोग क्यों किया जा रहा है। यदि नहीं, तो शासन स्तर पर इसकी जांच करवाई जाएगी। (ग) क्या यहां फर्स्ट फ्लोर से टॉप फ्लोर तक रेसिडेंशियल एरिया था? हाँ या नहीं यदि हाँ, तो उक्त प्लाटों में कमर्शियल ऑफिस किनकी अनुमति से खोले गए हैं। (घ) क्या आने वाले समय में रहवासियों को होने वाली समस्याओं का सामना करना पड़ेगा उसका जिम्मेदार कौन है और क्या बिल्डर इंदौर विकास प्राधिकरण आदेशों का उल्लंघन करते हुए रेसीडेंसियल के नाम पर ऑफिस के लिए भूखंड देकर रजिस्ट्री प्लॉट की बनाकर दी जा रही है यदि नहीं, तो इसकी जांच शासन कब तक करवाएगा। (ड.) क्या उक्त प्लॉटों के हेरफेर में बिल्डर, रजिस्ट्री अधिकारी, आईडी अधिकारी की मिलीभगत से भ्रष्टाचार किया जा रहा हैं यदि हाँ, तो उन पर क्या कार्यवाही की जाएगी और यदि नहीं, तो शासन स्तर पर इसकी जांच कब तक की जाएगी समय-सीमा से अवगत करवाए।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) इन्दौर विकास प्राधिकरण की स्कीम नं. 140, सेक्टर-ई में आर.सी.एम. प्लॉट रेसीडेंसियल कम कॉमर्शियल उपयोग हेतु भूस्वामी अधिकार पर दिये गये है, जिसकी वर्तमान गाइड-लाइन संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विद्युत व्यवस्था से जुड़ी समस्याओं का निराकरण
[ऊर्जा]
26. ( क्र. 625 ) श्री सतीश मालवीय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र के कितने शासकीय अस्पतालों, शासकीय विद्यालयों, शासकीय महाविद्यालयों, आंगनवाड़ी केन्द्रों, पंचायत भवनों, शासकीय मंदिरों, एवं अन्य शासकीय भवनों के परिसर/समीप विद्युत ट्रान्सफार्मर/विद्युत लाईन/विद्युत पोल पूर्व से स्थापित है? स्थानों को चिन्हित कर स्थानवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या अनेक शासकीय भवनों के परिसर/समीप ट्रान्सफार्मर अथवा विद्युत पोल/लाईन होने से अनेक स्थानों पर जनहानि/अप्रिय घटना हुर्ह है? अन्य शासकीय विभागों के पास उक्त शिफ्टिंग कार्य हेतु बजट नहीं होने के चलते उक्त विभाग कार्य करने में असमर्थ रहता है। क्या उर्जा विभाग कार्ययोजना बनाकर चिन्हित स्थानों पर लगे जनहानि को देखते हुए उन्हें अन्यत्र स्थान पर शिफ्टिंग किये जाने की व्यवस्था करेगा? यदि हाँ तो कब तक? (ग) विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत कितने ट्रान्सफार्मर ओवरलोड है एवं क्षमता वृद्धि की जाना है एवं कितने क्षेत्र में एलटी लाईन एवं अन्य लाईन के तार पोल जो खराब हो चुके है जिसे बदला जाना है? स्थानवार सूची उपलब्ध करावें। विभाग द्वारा इन्हें कब तक दुरूस्त किया जावेगा? (घ) विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र विभाग द्वारा कहाँ-कहाँ चिन्हित किए गए हैं? स्थानवार जानकारी उपलब्ध करावें। विभाग द्वारा किसानों की समस्याओं एवं सिंहस्थ-2028 को देखते हुए चिन्हित किए गए नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों को स्वीकृत कब तक किया जावेगा? समय-सीमा बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में 6 शासकीय अस्पतालों, 49 शासकीय विद्यालयों, 14 आंगनवाड़ी केन्द्रों, 11 पंचायत भवनों, 1 शासकीय मंदिर एवं 1 अन्य शासकीय भवन के परिसर/समीप विद्युत अधोसंरचना (विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर/विद्युत लाईन/विद्युत पोल) पूर्व से स्थापित हैं, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गई स्थानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। शासकीय महाविद्यालय से संबंधित प्रश्नाधीन जानकारी निरंक है। (ख) जी नहीं। म.प्र. पश्िचम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनियों के क्षेत्रांतर्गत विद्युत अधोसंरचना (वितरण ट्रांसफार्मर, विद्युत लाईन, विद्युत पोल) की स्थापना करते समय निर्धारित सुरक्षा मानकों का पूर्ण रूप से ध्यान रखा जाता है। पूर्व से विद्यमान विद्युत अधोसंरचना के नीचे/निकट कालांतर में अनधिकृत तौर पर भवनों का निर्माण/विस्तार किया जाना, केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण, विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अधिसूचित केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सुरक्षा तथा विद्युत आपूर्ति संबधी उपाय) विनियम-2010 एवं तत्पश्चात संशोधित किये गए विनियम के अन्तर्गत निहित प्रावधानों का उल्लंघन है। विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 177 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण, विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा विद्युत आपूर्ति और सुरक्षा से संबंधित उपाय के लिये विनियम दिनांक 20.09.2010 को अधिसूचित एवं तत्पश्चात संशोधित किये गये हैं, जिनके अनुसार विद्युत अधोसंरचना से असुरक्षित दूरी पर निर्माण करना अवैधानिक है। उक्तानुसार अवैधानिक निर्माण के लिये संबंधितों को समय-समय पर विद्युत अधोसंरचना से सुरक्षित दूरी रखने हेतु सूचित किया जाता है। विद्युत अधोसंरचना में फेरबदल की आवश्यकता होने तथा तकनीकी रूप से विस्थापन साध्य पाए जाने एवं मार्ग के अधिकार (आर.ओ.डब्ल्यू) की आवश्यकता पूरी होने की स्थिति में फेरबदल की आपूर्तिकर्ता द्वारा आंकी गई लागत की राशि आवेदक/अन्य संबंधित संस्थाओं (शासकीय अस्पतालों/विद्यायलों/महाविद्यालयों/आंगनवाड़ी केन्द्रों/पंचायत भवनों एवं अन्य संस्थाओं) द्वारा जमा करने पर अथवा आवेदक द्वारा विद्युत अधोसंरचना विस्थापित करने हेतु स्वीकृत प्राक्कलन की 5 प्रतिशत राशि सुपरविजन चार्ज के रूप में वितरण कंपनी में जमा करते हुए स्वयं 'अ' श्रेणी के ठेकेदार से, विद्युत अधोसंरचना के विस्थापन हेतु कार्यवाही की जा सकती है। उपरोक्तानुसार औपचारिकताएँ पूर्ण करने पर विद्युत अधोसंरचना के विस्थापन की कार्यवाही भारत सरकार द्वारा अधिसूचित विनियमों के अनुरूप म.प्र.पश्िचम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा की जाती है। (ग) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 244 वितरण ट्रांसफार्मर ओवरलोड हैं, जिनका भार प्रबंधन किया जाना है। उक्त ओवरलोड वितरण ट्रांसफार्मर की प्रश्नाधीन चाही गई स्थानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। उक्त अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्य एस.एस.टी.डी. योजनांतर्गत आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्रस्तावित किये जावेंगे। प्रश्नाधीन क्षेत्र में कुल 258 स्थानों पर एलटी लाईन के एवं अन्य लाईन के तार/पोल खराब हो चुके हैं, जिन्हें बदला जाना है। उक्त एलटी लाईन एवं अन्य लाईन की प्रश्नाधीन चाही गई स्थानवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। उक्त कार्य प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त होने पर संपादित किये जा सकेंगे। जिस हेतु वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्र अन्तर्गत नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र ग्राम जीवनपुराखेड़ा, ग्राम ब्यावरा एवं ग्राम मताना में चिन्हित किए गए हैं, जिनका तकनीकी साध्यता का परीक्षण किया जा रहा है। अत: वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
उज्जैन शहर का मास्टर प्लान
[नगरीय विकास एवं आवास]
27. ( क्र. 634 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन शहर में नगर तथा निवेश में कब सुधार कर मास्टर प्लान लागू किया गया है। (ख) इस मास्टर प्लान के पूर्व लागू मास्टर प्लान में कितने हेक्टर भूमि सिंहस्थ हेतु दर्शाई गई थी (ग) नए मास्टर प्लान में सांवराखेड़ी, दाऊदखेड़ी तथा उज्जैन कस्बे की कौन- कौन सी भूमि को सिंहस्थ मुक्त किया गया है (घ) क्या मास्टर प्लान में सिंहस्थ भूमि में परिवर्तन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही की जाना प्रस्तावित है।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) उज्जैन विकास योजना, 2035 दिनांक 26.05.2023 को लागू की गई है। (ख) उज्जैन विकास योजना, 2021 में सिंहस्थ मेला (पड़ाव क्षेत्र) हेतु 3062 हेक्टेयर भूमि दर्शाई गई थी। (ग) नई विकास योजना में किसी भूमि को सिंहस्थ मेला (पड़ाव क्षेत्र) से मुक्त नहीं किया गया है। (घ) उत्तराशं ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सिंहस्थ को लेकर कार्ययोजना की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
28. ( क्र. 640 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्थ 2028 को लेकर सरकार की कार्ययोजना क्या है? (ख) सिंहस्थ के लिए बजट कितना तय किया गया है? (ग) कितने निर्माण कार्य स्वीकृत हुए हैं? (घ) कितने टेंडर हुए हैं? (ड.) सिंहस्थ से संबंधित कार्यों के प्रारंभ होने और कार्य पूर्णता की तिथी क्या निर्धारित की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) सिंहस्थ 2028 अंतर्गत कार्ययोजना तैयार करने, क्रियान्वयन की समीक्षा करने तथा मंत्रि-मण्डलीय समिति द्वारा लिये गये निर्णयों का पालन करने हेतु संभाग स्तरीय समिति का गठन सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्र. एफ 19-94/2024/1/4, दिनांक 27.11.2024 से किया गया है। संभाग स्तरीय समिति से अनुशंसित स्थायी/अस्थायी कार्यों का परीक्षण पर्यवेक्षण समिति द्वारा किया जाकर मंत्रि-मण्डलीय समिति से स्वीकृत किये जाते हैं। मंत्रि-मण्डलीय समिति द्वारा सिंहस्थ 2028 अंतर्गत वर्तमान में स्वीकृत कार्यों के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2024-2025 में सिंहस्थ के कार्यों हेतु रू. 500 करोड़ का प्रावधान किया गया है। (ग) से (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
अधिकारी एवं कर्मचारी की पदस्थी
[नगरीय विकास एवं आवास]
29. ( क्र. 648 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद बालाघाट के वर्तमान परिषद के गठन से आज दिनांक तक कितने मुख्य नगर पालिका अधिकारी की नियुक्ति एवं प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी कब से कब तक रहे हैं क्या कारण रहा है कि बार-बार मुख्य नगर पालिका अधिकारी बदलने पड़े हैं जानकारी स्पष्ट करें? (ख) बालाघाट नगर पालिका में कार्यरत सहायक ग्रेड 1, सहायक ग्रेड 2 सहायक लेखा अधिकारी उपयंत्री की विभाग में प्रथम नियुक्ति दिनांक एवं निकाय का नाम क्या है? (ग) वर्तमान में कौन-किस निकाय में किस दिनांक से नियुक्त है एवं कौन-कौन सी निकाय में कब से कब तक सेवाएँ दिए है वर्तमान समय में कितने कर्मचारियों के 3 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं या नहीं? (घ) शासन की नीति अनुसार 3 वर्ष पूर्ण होने पर कर्मचारियों का स्थानांतरण क्यों नहीं हुआ है इनका स्थानांतरण कब तक किया जाएगा? (ड.) कितने कर्मचारियों का स्थानांतरण किया गया था तो संबंधित कर्मचारियों द्वारा स्थानांतरण आदेश पर स्थगन आदेश लिया गया है यदि हाँ, तो शासन द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में स्थगन पर क्या कार्यवाही की गई कर्मचारियों द्वारा प्राप्त स्थगन को कितने वर्ष हो चुके हैं? (च) नगर पालिका परिषद् बालाघाट में विगत 5 वर्षों में कितने वाहन किराये से लगाये गये? वाहन के नम्बर, वाहन मालिक के नाम (आर.सी.) सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) एक ही स्थान पर तीन वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण होने पर कर्मचारी का स्थानांतरण अनिवार्य रूप से किया जायेगा, ऐसी शासन की कोई नीति नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) नगर पालिका परिषद बालाघाट में 2 कर्मचारियों के स्थानांतरण किया गया है जिसका विवरण निम्नानुसार है- 1. श्रीमती अंशिका चौहान, उपयंत्री (सिविल) WP No. 1449/2019 के द्वारा विगत लगभग 06 वर्षों से स्थगन पर है। 2. श्रीमती प्रिती धरते उपयंत्री इलेक्ट्रिकल्स। WP No. 27866/2022 के द्वारा विगत लगभग 03 वर्षों से स्थगन पर है। इन दोनों कर्मचारियों के द्वारा मान. उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका दायर कर स्थगन आदेश लिया गया है। स्थगन के संबंध में संचालनालय द्वारा संभागीय संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, जबलपुर संभाग जबलपुर से प्रतिवेदन प्राप्त होने पर निर्देशानुसार कार्यवाही की जावेगी। (च) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है।
अवैध कालोनियों के खिलाफ एफ.आई.आर.
[नगरीय विकास एवं आवास]
30. ( क्र. 684 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय कलेक्टर भोपाल को ग्राम भैंसाखेड़ी स्थित खसरा नम्बर 38, 4/1, 43 (एस), 42, 40, 66 एवं 69 के भाग पर अवैध कॉलोनी विकास करने की शिकायत की थी यदि हाँ, तो शिकायत के संबंध में अब तक की गई कार्यवाही से अवगत कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या जिला प्रशासन द्वारा अलग-अलग थाना क्षेत्रों में अवैध कॉलोनियों के खिलाफ एफ.आई.आर. कराई गई थी तथा उक्त अवैध कॉलोनियों का अधिग्रहण करने संबंधी निर्देश कलेक्टर भोपाल द्वारा सीईओ जिला पंचायत को दिए थे यदि हाँ, तो अब तक किन किन अवैध कॉलोनियों का अधिग्रहण हुआ जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या मध्यप्रदेश शासन के दिशा निर्देशों अनुसार जिला प्रशासन को अवैध कॉलोनी काटने वाले कॉलोनाइज़र के विरूद्ध रासुका की कार्यवाही कराया जाना था यदि हाँ, तो शहर भोपाल बैरागढ़ के समीप भैंसाखेड़ी में काटी जा रही अवैध कॉलोनियों के कॉलोनाइज़र के विरूद्ध कार्यवाही की गई यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या बैरागढ़ स्थित ग्राम भैंसाखेड़ी में अवैध प्लॉटिंग करने वालों के विरूद्ध राजनैतिक दबाव के चलते प्रशासन रासुका की कार्यवाही नहीं कर रहा है यदि नहीं, तो कब तक की जाएगी जानकारी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। प्राप्त शिकायत के संबंध में जिला प्रशासन द्वारा हल्का पटवारी से जांच रिपोर्ट प्राप्त करने पर पाया गया कि मौके पर ईशा इन्क्लेव के नाम से फार्म हाउस के लिए भूखण्ड विकसित किये जा रहे हैं, जिसके लिए सी.सी. रोड का निर्माण भी किया गया है। शिकायत के संबंध में विकासकर्ता श्री अंकित दासवानी, श्री मनोज सबनानी के विरूद्ध कार्यवाही हेतु अनुविभागीय अधिकारी नजूल संत हिरदारामनगर बैरागढ़ वृत्त भोपाल के द्वारा दिनांक 05.02.2025 को उपायुक्त नगर पालिक निगम को कॉलोनाईजर के लाईसेंस की जांच कर आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिये गये हैं। (ख) जी नहीं। जी नहीं। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, अनधिकृत रूप से कॉलोनी विकसित करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध रासुका के अंतर्गत कार्यवाही करने के कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किये गये है, अपितु म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 की धारा 292-ड. में अनधिकृत रूप से कॉलोनी विकसित करने के कारित अपराध के लिये कम से कम 03 वर्ष अधिकतम 07 वर्ष के कारावास एवं रूपये 10 लाख तक के जुर्माने से दण्डित किये जाने का प्रावधान है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में रासुका के अंतर्गत कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर निगम जबलपुर में संचालित डेयरियां
[नगरीय विकास एवं आवास]
31. ( क्र. 728 ) श्री अशोक ईश्वरदास रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम, जबलपुर सीमा में कुल कितनी डेयरी संचालित है। (ख) क्या यह नगर निगम में रजिस्टर्ड हैं, आवासीय क्षेत्र में चल रही डेयरियों पर कोई कार्यवाही की गयी है, अगर हाँ तो कृपया जानकारी दें? (ग) क्या इनकों अलग स्थान देने की सरकार की कोई योजना है। अगर है तो जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर निगम जबलपुर सीमांतर्गत कुल 292 डेयरियां संचालित है। (ख) जी नहीं। आवासीय क्षेत्र में चल रही डेयरियों पर समय-समय पर कार्यवाही की जाती है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ
[नगरीय विकास एवं आवास]
32. ( क्र. 729 ) श्री अशोक ईश्वरदास रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के कुल कितने हितग्राहियों के आवास निर्माण पूर्ण हो चुके है, कृपया विस्तृत जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित स्थानों में प्रधानमंत्री आवास योजना के वर्तमान में कितने हितग्राहियों के आवेदन लंबित है, कृपया जानकारी दें? (ग) प्रधानमंत्री आवास योजना के लंबित आवेदन कब तक स्वीकृत होंगे, एवं इस योजना का लाभ कब तक मिलेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जबलपुर जिले के नगरीय निकायों में प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी अंतर्गत हितग्राहियों के पूर्ण आवास निर्माण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जबलपुर जिले की नगरीय निकायों में कोई भी आवेदन लंबित नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 अंतर्गत भारत सरकार के एकीकृत वेबपोर्टल पर ऑनलाईन आवेदनों की प्रविष्टि की कार्यवाही प्रचलित है। पात्रता परीक्षण उपरांत समस्त पात्र आवेदकों को लाभ देने हेतु स्वीकृति की कार्यवाही की जायेगी। निश्िचत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पुल निर्माण के बगल से ग्रामीणों को निकासी मार्ग
[लोक निर्माण]
33. ( क्र. 730 ) श्री वीरसिंह भूरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र थांदला (जिला झाबुआ) में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा निर्मित 8 लेन दिल्ली-मुम्बई राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माण के दौरान अनस नदी (म.प्र.) पर पुल बनाया गया था जिससे क्षेत्रीय ग्रामीणों को दाहोद आने जाने की सुविधा प्राप्त थी मार्ग का निर्माण कार्य बंद होने पर ग्रामीणों का निकासी मार्ग बन्द्र क्यों कर दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या विभाग अनस नदी पर ग्रामीणों की सुविधा के लिये निकासी दी जायेगी अथवा साईड में ग्रामीणों के उपयोगार्थ निकासी मार्ग छोड़े जाने की कार्यवाही की जावेगी।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन कार्य म.प्र. लोक निर्माण विभाग के कार्यक्षेत्र अंतर्गत नहीं अपितु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से सम्बंधित है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार।
फीडर सेपरेशन वर्क
[ऊर्जा]
34. ( क्र. 732 ) श्री वीरसिंह भूरिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या झाबुआ जिले में फीडर सेपरेशन का कार्य चल रहा है? यदि हाँ, तो यह कार्य कब तक पूर्ण होगा? (ख) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र थांदला (जिला झाबुआ) में वोल्टेज की कमी के कारण भारी संख्या में विद्युत ट्रांसफार्मरों की मांग ग्रामीणों द्वारा की जा रही है। विभाग द्वारा उक्त ट्रांसफार्मरों की पूर्ति कब तक क्षेत्रीय आदिवासी किसानों को सतत् विद्युत आपूर्ति सुनिश्िचत कराई जायेगी? समय-सीमा सहित जानकारी दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। झाबुआ जिले में केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत 11 के.व्ही. के 34 फीडरों के सेपरेशन का कार्य प्रावधानित है। उक्त कार्य, प्रगति अनुसार माह जून-2025 तक पूर्ण होना निर्धारित है। (ख) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र सहित संपूर्ण प्रदेश में वितरण ट्रांसफार्मर से संबद्ध भार उसकी क्षमता से 80 प्रतिशत से अधिक पाए जाने पर भविष्य की भार वृद्धि के दृष्टिगत एवं गुणवत्तापूर्ण/निर्धारित वोल्टेज अनुरूप विद्युत प्रदाय के उद्देश्य से वितरण ट्रांसफार्मर को भार वृद्धि हेतु चिन्हित किया जाता है एवं ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि (उन्नयन) का कार्य अथवा अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने का कार्य, समय-समय पर केन्द्र एवं राज्य शासन की विभिन्न योजनाओं के दिशा-निर्देश एवं प्रावधानों के अनुरूप एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता तथा इसी प्रकार के अन्य कार्यों की वरीयता को दृष्टिगत रखते हुए किये जाते है, जो कि एक सतत् प्रक्रिया है। प्रश्नाधीन क्षेत्र अंतर्गत अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मरों हेतु केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत 149 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना का कार्य स्वीकृत है एवं उक्त कार्य माह मार्च-2026 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। इसी प्रकार राज्य शासन की वित्त पोषित एस.एस.टी.डी. योजनान्तर्गत प्रश्नाधीन क्षेत्र हेतु 2 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना एवं 27 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्य स्वीकृत हैं एवं उक्त कार्यों का माह अगस्त-2025 तक पूर्ण होना निर्धारित है।
पशुपालन विभाग द्वारा संचालित योजनाएं
[पशुपालन एवं डेयरी]
35. ( क्र. 790 ) श्रीमती छाया गोविन्द मोरे : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा किसानों के हित में दुग्ध उत्पादन और पशुपालन बढ़ाने के लिए कौन-कौन सी योजनाएं संचालित है? (ख) आदिवासी बाहुल्य पंधाना विधानसभा क्षेत्र में कितने पशु आयुष अस्पताल संचालित है और वहाँ पर वर्तमान में पदस्थ स्टॉफ की जानकारी देवें। (ग) पंधाना विधानसभा में दुग्ध प्रशीतन केंद्र खोलने की क्या योजना है? (घ) कोई बड़ा दूध उत्पादन संयंत्र स्थापित करने की योजना प्रस्तावित है क्या? यदि है तो कब तक अमल होगा समय-सीमा बताएं।
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पशु आयुष अस्पताल विभाग में संचालित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्तमान में कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। (घ) वर्तमान में कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कॉलोनाइजरों द्वारा अनुमति/अनुज्ञा के आवेदनों का निस्तारण
[नगरीय विकास एवं आवास]
36. ( क्र. 797 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा दिनांक 20.05.2022 को जारी आदेश क्रमांक 2622/एम-87 (III)/नगरीय/विधि/2022,भोपाल के अंतर्गत मध्यप्रदेश नगर एवं ग्राम निवेश अधिनियम की धारा 16 के तहत समितियों का गठन किया गया था,किन्तु वर्ष 2024 से प्रश्नांक दिनांक तक किस-किस में जबलपुर जिले में कॉलोनाइजर को आवासीय भूखंडों हेतु अनुमति/अनुज्ञा जारी की गई है? सूची दें? अगर नहीं तो क्यों? कारण एवं नियम की प्रति दें? किस-किस कॉलोनाईजर के आवेदन विभाग में कब से लंबित हैं? सूची प्रकरणवार उपलब्ध करायें? (ख) क्या इन समितियों की निष्क्रियता के कारण शासन को करोड़ों रूपये के राजस्व की हानि हो रही है? धारा 16 के तहत गठित समितियों ने जबलपुर जिले में अब तक कितनी बैठकें आयोजित की हैं, यदि ये बैठकें नहीं हुई हैं तो इसके क्या कारण हैं? अगर बैठकें हुई हैं तो प्रत्येक बैठकों का बैठकवार विवरण दें? (ग) क्या सरकार इस विषय में गठित समितियों की निष्क्रियता को दूर करने हेतु कोई कार्यवाही करने जा रही है? यदि हां, तो क्या? जिन नागरिकों और कॉलोनाइजरों ने वैध रूप से अनुमति/अनुज्ञा हेतु आवेदन किया है,उनकी फाइल की प्रक्रिया को पूरी करने के लिए सरकार द्वारा क्या कदम उठाए जा रहे है? क्या सरकार प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित करने जा रही है? समय-सीमा के नियमों की सूची दें? (घ) धारा 16 के तहत गठित समितियों की निष्क्रियता को समाप्त करने आवासीय भूखंडों की अनुमति प्रकिया को सुचारू करने लंबित आवेदनों के शीघ्र निस्तारण हेतु कौन से कदम उठाए जायेंगे? बिन्दुवार विवरण दें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। संचालनालय नगर तथा ग्राम निवेश, म.प्र भोपाल के आदेश क्रमांक 2262/एम-87 (।।।) नग्रानि/विधि/2022 दिनांक 26.05.2022 एवं संशोधित आदेश क्रमांक 2219 दिनांक 04.05.2023 द्वारा जबलपुर के वृद्धित निवेश क्षेत्र में अधिनियम की धारा-16 के अन्तर्गत विकास अनुज्ञा जारी किये जाने हेतु व्यवस्था की गई है। आदेश की कंडिका 3 (ब) में शासन आदेश दिनांक 05/07/2013 द्वारा धारा 16 के अंतर्गत विकास अनुज्ञा जारी करने के संबंध में निर्धारित प्रक्रिया अनुसार प्राप्त आवेदनों पर राज्य नगर नियोजन संस्थान से प्रतिवेदन प्राप्त कर नियम, 2012 के नियम-15 (5) में विहित समिति से परीक्षण कराने की प्रक्रिया निर्धारित है। वर्ष 2024 में प्रश्न दिनांक तक धारा-16 के तहत जबलपुर निवेश क्षेत्र में आवासीय भूखण्डों हेतु कोई अनुज्ञा जारी नहीं की गई है। जबलपुर विकास योजना 2021 के पुनर्विलोकन का कार्य प्रचलित है। विकास योजना पुनर्विलोकन में जबलुपर के वृद्धित निवेश क्षेत्र के विकास के प्रस्ताव नियोजित रूप से प्रस्तावित करने के उद्देश्य से धारा-16 के प्रकरण विचाराधीन रखे गये है ताकि बिना अवरोध के सुनियोजित विकास के प्रस्ताव प्रस्तावित किये जा सकें। कुल 31 आवेदन लंबित है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में यह कहना सही नहीं है कि, समितियों की निष्क्रियता के कारण शासन को करोड़ों रूपये की राजस्व की हानि हो रही है। समिति की आयोजित बैठकों का कार्यवाही विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जबलपुर विकास योजना, 2021 के पुनर्विलोकन का कार्य प्रगतिशील है। पुनर्विलोकित जबलपुर विकास योजना (प्रारूप) प्रकाशन पश्चात म.प्र. भूमि विकास नियम, 2012 के नियम-14 (5) (ख) में विहित प्रावधान अनुसार प्रारूप विकास योजना अवधि में धारा-16 के अंतर्गत प्राप्त प्रकरणों का निराकरण नियमानुसार किया जा सकेगा। (घ) उत्तरांश ''ग'' अनुसार।
हरदा नगर पालिका क्षेत्र की अवैध कालोनियों को वैध कराये जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
37. ( क्र. 803 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा नगर पालिका क्षेत्रांतर्गत कितनी अवैध कालोनियाँ है? वार्डवार, नामवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) तत्कालीन मुख्यमंत्री की घोषणा उपरांत भी हरदा की अवैध कॉलोनियों को प्रश्न दिनांक तक वैध क्यों नहीं किया गया? (ग) वर्तमान में हरदा नगर पालिका द्वारा अवैध कॉलोनियों में निवासरत लोगों से कौन-कौन से व कितने प्रकार के कर वसूल किए जा रहे हैं? विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) नगर पालिका हरदा द्वारा अवैध कॉलोनियों से जब कर वसूल किया जा रहा है, तो शासन व नगर पालिका हरदा द्वारा अवैध कॉलोनियों को वैध करने के प्रयास क्यों नहीं किये जा रहे है व वर्तमान में अवैध कॉलोनियों को वैध करने की क्या योजना है? (ड.) अवैद्य कॉलोनियों को कब तक वैध कर दिया जावेगा? (च) अवैद्य कॉलोनियों में विकास कार्य कराये जाने व मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराये जाने के क्या नियम व शर्तें हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) अनधिकृत कॉलोनियों को वैध नहीं किया जाना है, बल्कि म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 के प्रावधान अनुसार चिन्हित अनधिकृत कॉलोनियों में नागरिक अधोसंरचना प्रदान की जाना है जिसके अनुसार नगर पालिका हरदा में 30 अनधिकृत कॉलोनियों में नागरिक अधोसंरचना प्रदान करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) नगर पालिका अधिनियम के अनुसार सम्पत्ति कर एवं समेकित कर वसूल किया जा रहा है। (घ) नगर पालिका अधिनियम के अनुसार नगर में स्थित सम्पत्तियां, जो अवैध कॉलोनी क्षेत्र में हो या अन्य क्षेत्र में संपत्ति के स्वामियों/धारकों से सम्पत्ति कर वसूल करने का तात्पर्य यह नहीं है कि अवैध कॉलोनियों को वैध किया जाएगा। वर्तमान में उत्तरांश (ख) अनुसार कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ड.) उत्तरांश (ख) अनुसार कार्यवाही प्रक्रियाधीन है वैधानिक कार्यवाही होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (च) प्रश्नांकित जानकारी के संबंध में म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 के नियम 23 एवं 24 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
माँ नर्मदा परिक्रमा पथ का निर्माण
[लोक निर्माण]
38. ( क्र. 808 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले में जीवन दायनी माँ नर्मदा का अधिकांश प्रवाह क्षेत्र बरगी विधानसभा अंतर्गत हैं। यदि हाँ, तो क्या परिक्रमा के लिए कोई व्यवस्थित मार्ग नहीं होने से परिक्रमावासियों को अनेकों समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं? (ख) क्या माँ नर्मदा परिक्रमा पथ के निर्माण की कोई योजना शासन के पास है? यदि हाँ, तो क्या हैं? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) :(क) जी हाँ। परिक्रमा के लिये कोई व्यवस्थित मार्ग वर्तमान में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत प्रस्तावित नहीं है। (ख) लोक निर्माण विभाग में प्रश्नांकित मार्ग हेतु कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला जबलपुर में नगर निगम सीमा अंतर्गत रेरा स्वीकृत कॉलोनियां
[नगरीय विकास एवं आवास]
39. ( क्र. 811 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला जबलपुर में नगर निगम सीमा अंतर्गत रेरा स्वीकृत कॉलोनियां नियमानुसार स्थापित है? तो उनकी कॉलोनीवार सूची (प्रमोटर्स/बिल्डर्स/पार्टनरशिप फर्म के भगीदारों के नाम सहित) उपलब्ध कराई जावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त कॉलोनियों में ई.डब्लयू.एस., एल.आई.जी., एम.आई.जी. के कितने भूखण्ड/डुप्लेक्स स्वीकृत हैं, उनकी संख्या कॉलोनीवार उपलब्ध कराई जाये। क्या उक्त कॉलोनियों में बिना रजिस्ट्री कराये आवास निर्मित हो रहे हैं? अथवा निर्मित हुये डुप्लेक्सों पर कब्जा दिया गया है? यदि हाँ, तो उनकी भी सूची उपलब्ध कराई जावे। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार उक्त भूखण्ड/ डुप्लेक्स बुकिंग व क्रय करने वाले क्रेताओं की सूची कॉलोनीवार/वर्गवार उपलब्ध कराया जाये? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या उक्त भूखण्ड/डुप्लेक्स विक्रय करने वाले पार्टनरशिप फर्म के भागीदार/प्रमोटर्स/बिल्डर्स के बीच किसी प्रकार का लेन-देन का विवाद है, जिससे एक पक्ष के अधिकृत भागीदार द्वारा बुकिंग करने पर दूसरा अधिकृत भागीदार द्वारा विक्रय अनुबंध पत्र व रजिस्ट्री की कार्यवाही नहीं किये जाने से क्रेता/बुकिंगकर्ता परेशान है। ऐसी सूची कॉलोनीवार उपलब्ध कराई जावे, ऐसे प्रकरणों में क्रेता/बुकिंगकर्ता के पक्ष में विक्रय अनुबंध पत्र की कार्यवाही पूर्ण कराई जाकर भूखण्ड/ डुप्लेक्स की रजिस्ट्री कैसे व कब तक कराई जावेगी? समय-सीमा बतायें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) म.प्र. भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण द्वारा परियोजनाओं का जिलेवार संधारण किया जाता है। नगर निगम सीमा अंतर्गत स्वीकृत कालोनियों की जानकारी पृथक से संधारित नहीं की जाती है। संपूर्ण जबलपुर जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) परियोजना में संप्रवर्तक द्वारा पोर्टल पर उपलब्ध कराई गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। बिना रजिस्ट्री कराये अथवा डुप्लेक्सों पर कब्जा दिये जाने की शिकायतें प्राधिकरण में संधारित नहीं है तथा नगर निगम के संज्ञान में नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश ''ख'' अनुसार। (घ) भूखण्ड/डुप्लेक्स विक्रय करने वाले पार्टनरशिप फर्म के भागीदार/प्रमोटर्स/बिल्डर्स के बीच किसी प्रकार का लेन-देन का विवाद संबंधी कोई भी शिकायत/विवाद नगर निगम जबलपुर के संज्ञान में नहीं है तथा ना ही प्राधिकरण द्वारा संधारित की जाती है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कर्मचारियों की गोपनीय चरित्रावली
[नगरीय विकास एवं आवास]
40. ( क्र. 830 ) सुश्री मंजू राजेन्द्र दादू : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम बुरहानपुर में कितने नियमित अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ है। उनके नाम,पदनाम, नियुक्ति दिनांक, प्राप्त वेतनमान का ग्रेड सहित सूची उपलब्ध कराएं। (ख) नगर पालिक निगम बुरहानपुर में ऐसे कितने अधिकारी/कर्मचारी है जिन की विभागीय जांच लंबित है। इन अधिकारियों/कर्मचारियों के नाम, पद,जांच प्रारंभ करने की दिनांक,जांच से जुड़े संपूर्ण दस्तावेजों की प्रमाणित छायाप्रति उपलब्ध कराएं। (ग) पूर्व में प्रश्नकर्ता द्वारा तारांकित प्रश्न क्रमांक 1519 के उत्तर में न.पा.नि. बुरहानपुर द्वारा जानकारी दी गई थी कि सीआर उपलब्ध नहीं होने के कारण कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का लाभ देने में विलंब हुआ है। कर्मचारी की सीआर लिखने का दायित्व किसका है? सीआर विलम्ब के लिए कौन अधिकारी और कर्मचारी दोषी है उनके नाम बताएं तथा शासन स्तर से इनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी। (घ) न.पा.नि. बुरहानपुर में वर्तमान में ऐसे कितने अधिकारी/कर्मचारी है। जिन्हें सीआर उपलब्ध न होने तथा अन्य कारण से समयमान वेतनमान योजना का लाभ अब तक नहीं दिया गया है। इन अधिकारियों/कर्मचारियों के नाम, पद तथा कितने वर्षों की (वर्षवार) सीआर अप्राप्त एवं अन्य कारण का विवरण सहित सूची उपलब्ध कराएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) नगर पालिक निगम, बुरहानपुर में किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध विभागीय जांच लंबित नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) सी.आर. लिखने के लिए स्वमूल्यांकन प्रतिवेदन (सेल्फ असेसमेंट) कर्मचारियों द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया था। अत: शाखा प्रभारी अधिकारियों द्वारा मतांकन एवं नियुक्तिकर्त्ता प्राधिकारी द्वारा अंतिम मतांकन नहीं किया जा सका। सी.आर. लिखने के लिए स्वमूल्यांकन प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का दायित्व संबंधित अधिकारी/कर्मचारी का है। प्रस्तुत प्रतिवेदन के आधार पर सी.आर. लिखने का दायित्व आयुक्त, नगर पालिक निगम का है। चूंकि संबंधित अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा स्वमूल्यांकन प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया है। अत: सी.आर. लिखने में हुये विलंब के लिए कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
विकास प्राधिकरणों में पंजीबद्ध भ्रष्टाचार के मामले
[नगरीय विकास एवं आवास]
41. ( क्र. 852 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के विकास प्राधिकरणों में ऐसे कितने अधिकारी/कर्मचारी हैं जिनके विरूद्ध पुलिस/लोकायुक्त/ईओडब्ल्यू द्वारा वर्ष 2024-25 में भ्रष्टाचार के मामले पंजीबद्ध किये गये हैं? (ख) प्राधिकरणवार अधिकारी/कर्मचारी के नाम सहित जानकारी देवें? (ग) क्या शासन के नियमानुसार भ्रष्टाचार का मामला दर्ज होने पर पदासीन अधिकारी को उस स्थान से हटाने का नियम है जहां मामला पंजीबद्ध किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो कौन-कौन से अधिकारी नहीं हटाये गये है? कारण सहित जानकारी देवें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) :(क) म.प्र. के विकास प्राधिकरणों में कुल 03 अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध वर्ष 2024-25 में पुलिस/लोकायुक्त/ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा मामले पंजीबद्ध किये गये हैं। (ख) भोपाल विकास प्राधिकरण में श्री तारकचन्द्र दास, सहायक ग्रेड-3, जबलपुर विकास प्राधिकरण में श्री दीपक वैद्य, मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं उज्जैन विकास प्राधिकरण में श्री प्रवीण गहलोत, सहायक ग्रेड-3 (ग) पदासीन अधिकारी को केवल एफ.आई.आर. में नाम दर्ज होने पर पद से अलग करने का कोई प्रावधान नहीं है। भोपाल विकास प्राधिकरण के श्री तारकचंद्र दास, सहायक ग्रेड-3 एवं उज्जैन विकास प्राधिकरण के श्री प्रवीण गेहलोत, सहायक ग्रेड-3 के प्रकरण ट्रेप से संबंधित थे। संबंधित प्राधिकरण द्वारा दोनों कर्मचारियों को निलंबित किया जा चुका है। (घ) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुख्यमंत्री अधोसरंचना विकास योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
42. ( क्र. 898 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के कितने नगरीय निकायों नगर पलिका निगम/नगर पालिका/नगर परिषद में मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना चतुर्थ चरण के कार्य स्वीकृत हैं, निकायों में स्वीकृत कार्यों की प्रश्न दिनांक तक भौतिक प्रगति एवं वित्तीय प्रगति कितनी है जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या निकायों को योजना अंतर्गत स्वीकृत अनुदान राशि प्रदान की जा चुकी है? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक कितने निकायों को कितनी-कितनी अनुदान राशि उपलब्ध करा दी गई है? (ग) मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना चतुर्थ चरण अंतर्गत क्या ऋण की प्रकिया प्रारंभ हो चुकी है? यदि नहीं, तो क्यों? ऋण प्रक्रिया में विलम्ब के लिए कौन-कौन से अधिकारी जिम्मेदारी हैं? यदि हाँ, तो किस वित्तीय संस्था के माध्यम से निकायों को ऋण उपलब्ध कराया जा रहा हैं और ऋण अदायगी हेतु विभाग और निकायों की क्या हिस्सेदारी होगी? जानकारी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। बजट में राशि की उपलब्धता एवं निकायों की मांग अनुसार अनुदान राशि विमुक्त की जाती है। (ग) जी हाँ। योजना में ऋण राशि म.प्र.अर्बन डेवलपमेंट कंपनी के माध्यम से वित्तीय/शासकीय संस्थाओं/राष्ट्रीयकृत अनुसूचित अथवा निजी बैंकों/हुडको से लिये जाने का प्रावधान है। म.प्र. अर्बन डवलपमेंट कंपनी द्वारा ऋण हेतु निविदा प्रक्रिया उपरांत चयनित वित्तीय संस्था हाउसिंग एण्ड अर्बन डेवलपमेंट कॉपोरेशन (हुडको) के साथ अनुबंध दिनांक 25.08.2024 को निष्पादित किया गया। वित्त विभाग द्वारा प्रावधानित ऋण राशि रू. 954.80 करोड़ की शासकीय प्रत्याभूति वित्त विभाग के आदेश क्र. A1146/434/2024/B-7/DMC/IV दिनांक 05.11.2024 को जारी की गई है। वित्त विभाग द्वारा हुडको को हस्ताक्षरित प्रत्याभूति विलेख दिनांक 03.02.2025 को जारी की गई। ऋण राशि हुडको के माध्यम से उपलब्ध कराई जा रही है। ऋण एवं इस पर लगने वाले ब्याज का शत-प्रतिशत पुनर्भुगतान राज्य शासन द्वारा किया जाना है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रभारी कार्यपालन यंत्री की पदोन्नति की शिकायतों की जांच
[लोक निर्माण]
43. ( क्र. 899 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग (भ/स) अनूपपुर जिला अनूपपुर के प्रभारी कार्यपालन यंत्री श्री देवेन्द्र कुमार कोष्ठा संभागीय लेखा अधिकारी श्री नंदकिशोर कुमार के द्वारा निविदा प्रक्रिया एवं निर्माण कार्यों में किये जा रहे भ्रष्टाचार के संबंध में किन-किन जनप्रतिनिधियों गणमान्य नागरिकों के द्वारा शिकायत की गई है इन शिकायतों पर प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है यदि नहीं, तो प्राप्त शिकायतों का निराकरण कब तक किया जाएगा। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिले में श्री देवेन्द्र कुमार कोष्ठा के संबंध में कौन-कौन से जनप्रतिनिधियों से क्या-क्या शिकायतें प्राप्त हुई है प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही एवं जांच न होने के पीछे क्या कारण है। क्या इनके विरूद्ध प्राप्त शिकायत का जांच उच्च स्तरीय दल गठित कर कराया जाएगा यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बतायें। (ग) क्या लोक निर्माण विभाग शहडोल मण्डल शहडोल के प्रभारी अधीक्षण यंत्री श्री एस.के. कुल्हाड़े एवं (भ/स) संभाग अनूपपुर जिला अनूपपुर के प्रभारी कार्यपालन यंत्री श्री देवेन्द्र कुमार कोष्ठा का उपयंत्री से सहायक यंत्री के पद पर पदोन्नति अनु.जन जाति के कोटे से हुई है तथा क्या ये दोनों अधिकारी जनजाति वर्ग से आते है यदि हाँ, तो उक्त दोनों अधिकारियों का जाति प्रमाण की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार उक्त दोनों अधिकारियों का गलत तरीके से पदोन्नति हुई है यदि हाँ, तो इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही विभाग द्वारा संस्थित की जाएगी प्राप्त शिकायतों के आधार पर अभी तक विभाग द्वारा जांच कराकर पुष्टि न कराये जाने के पीछे क्या उद्देश्य है यदि जांच कराया गया है और दोषी पाये गये है तो इनके पदोन्नति आदेश का निरस्त कर इन्हें मूल विभाग में कब तक वापस कर दी जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार। निश्िचत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जांच प्रचलित है। जांच प्रतिवेदन के अनुसार कार्यवाही की जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुक्तिधाम की भूमि को अतिक्रम से मुक्त कराया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
44. ( क्र. 935 ) श्रीमती मनीषा सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका क्षेत्र शहडोल के अंतर्गत खसरा नंबर 579 रकबा लगभग 1.60 हेक्टेयर व खसरा नंबर 533 दोनों की सीमा एक साथ लगा हुआ है? यदि हाँ, तो क्या उक्त भूमि पर पुस्तो से नगर पालिका क्षेत्र शहडोल के हिन्दुओं का स्थल रहा है और वर्तमान में भी यहां के नागरिकों के द्वारा लोगों की मृत्यु उपरांत अंत्येष्ठि व अतिम संस्कार किया जा रहा है? जिसके कुछ भाग में व्यक्तिगत उपयोग हेतु किन-किन लोगों के द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया है? सूचीबद्ध जानकारी उपलब्ध करावे। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उपरोक्त भूमि में जिला प्रशासन के तत्कालीन कलेक्टर के मौखिक निर्देशानुसार नगर पालिका शहडोल द्वारा कुछ भाग को तार से फेन्सिंग कराकर सुरक्षित किया गया था तथा कुछ भाग को छोड़ने के क्या कारण है तथा शेष भूमि में वर्तमान समय में किन-किन लोगों के द्वारा कितने-कितने आराजी भूमि पर अतिक्रमण किया गया है? (ग) क्या उक्त भूमि पर सैकड़ों वर्ष पूर्व से हिन्दुओं का मुक्तिधाम (शमशान घाट) था जहां पर नगर पालिका क्षेत्र शहडोल के नागरिकों के मृत्यु उपरांत अंत्येष्ठि (अंतिम संस्कार) होता रहा है? जहां पर खसरा नंबर 579 से लगा हुआ खसरा नंबर 533 है जिसमें रामकली वर्मा के नाम से पट्टा बना दिया गया था और उसके द्वारा उक्त भूमि में कभी भी कब्जा नहीं किया गया था जिसे मुस्लिम समुदाय के व्यक्ति को किस आधार पर बेचे गये तथा किस अधिकारी के स्थल निरीक्षण प्रतिवेदन के आधार पर विक्रय किये जाने की अनुमति प्रदान की गई? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार खसरा नंबर 533 की भूमि को मुस्लिम समुदाय के व्यक्ति को विक्रय किये जाने से हिन्दुओं के मन में गहरा आघात पहुंचा है? क्या प्रशासन द्वारा उक्त भूमि के अभिलेखों का पिछले समय जब से रामकली वर्मा के नाम में पट्टा बनाया गया तब से अब तक के अभिलेखों की जांच कराकर उक्त पट्टे को निरस्त करते हुए सार्वजनिक मुक्ति धाम के नाम से अभिलेख सुधार कराया जाएगा यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, उपरोक्त भूमि में जिला प्रशासन के तत्कालीन कलेक्टर के मौखिक निर्देशानुसार नगर पालिका शहडोल द्वारा शमशान घाट हेतु आरक्षित भूमि खसरा क्रमांक 579/1/2 रकबा 0.161 हेक्टेयर में फेन्सिंग कराकर सुरक्षित किया गया है। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। खसरा क्रमांक 533 का कोई भी बटांक शमशान घाट हेतु आरक्षित नहीं है। खसरा नं. 533/2 के पूर्व भूमि स्वामी पुरूषोत्तम, विमला पिता रामविशाल वर्मा माता रामकली वर्मा द्वारा जारिये रजिर्स्टड विक्रय पत्र क्रमांक एम.पी.378582024ए1032302 रजिस्ट्री दिनांक 09.01.2024 द्वारा इरशाद वगैरह को विक्रय किया गया हैं। उक्त विक्रय पत्र विक्रेता भूस्वामी के द्वारा स्वयं ही, बिना सक्षम अधिकारी की अनुज्ञा के कराया गया है। किसी भी अधिकारी का स्थल निरीक्षण प्रतिवेदन नहीं लिया गया है और न ही विक्रय की अनुमति प्राप्त की गई हैं। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार भूमि व्यक्तिगत होने के कारण कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं उठता है।
गनियारी में पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
45. ( क्र. 1071 ) श्री अजय विश्नोई : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले की कटंगी तहसील के अंतर्गत हिरन नदी पर गनियारी ग्राम में एक पुल निर्माण को बजट में शामिल किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त पुल का निर्माण कब तक प्रारंभ हो जायेगा और कब तक पूरा कर लिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) सक्षम वित्तीय समिति से स्वीकृति प्राप्त किये जाने के पश्चात अग्रिम कार्यवाही की जा सकती है। निश्िचत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
दूषित टेण्डर प्रक्रिया
[नगरीय विकास एवं आवास]
46. ( क्र. 1073 ) श्री कामाख्या प्रताप सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरपालिकाओं में भवन निर्माण कार्यों में भाग लेने हेतु पूर्ण अर्हताएं संबंधी पूर्ण नियम की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या जिला छतरपुर अंतर्गत नगरपालिका नौगांव द्वारा शॉपिंग कॉम्पलेक्स निर्माण कार्य की निविदा क्र.2024-UAD-385792 दिनांक 29.11.2024 प्रकाशित की गई? यदि हाँ, तो किस-किस समाचार पत्र में। उक्त निविदा की क्या लागत है। प्रकाशित निविदा में प्रश्नांश (क) अनुसार कार्यवाही की गई? नहीं तो क्यों नहीं। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार उल्लेखित निविदा के अंतर्गत किसी विशेष ठेकेदार को लाभ पहुंचाने एवं टेण्डर दिलाने हेतु पूर्ण अर्हताएं रखी गई हैं? कुल कितने निविदाकारों ने निविदा हेतु फार्म भरे? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार निविदा में ऑफलाईन दस्तावेज किस उपयंत्री द्वारा लिये गये हैं? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत ऑफलाईन हेतु किसके द्वारा पत्र जारी किया गया है? पूर्व में वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में इस प्रकार की कितनी निविदा आमंत्रित की गई? (ड.) प्रश्नांश (क) एवं (घ) अनुसार यदि निविदा नियम विरूद्ध हैं तो जिम्मेदार उपयंत्री एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी के खिलाफ कब तक निलंबन की कार्यवाही की जावेगी? नहीं तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। निविदा का प्रकाशन द टाइम्स ऑफ इण्डिया, दैनिक भास्कर, लोकोत्तर भोपाल, दैनिक प्रखर ज्ञान समाचार पत्रों में किया गया निविदा की लागत राशि रू. 160.90 लाख है। जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। कुल पांच निविदाकारों द्वारा निविदा प्रस्तुत की गई है। पांचों निविदाकारों द्वारा तकनीकी बिड नहीं भरी गई है। (घ) श्री आलोक जायसवाल, उपयंत्री, नगर पालिका परिषद नौगांव, उपयंत्री द्वारा मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नौगांव की सील पर हस्ताक्षर कर के ऑफलाइन अनुभव प्रमाण-पत्र चाहा गया है जो कि नियम विरूद्ध है। मुख्य नगर पालिका अधिकारी नौगांव, के संज्ञान में आने से जारी निविदा को निरस्त कर दिया गया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में इस तरह की त्रुटिपूर्ण निविदा नहीं जारी की गई है। (ड.) जारी की गई निविदा के त्रुटिपूर्ण होने की बात संज्ञान में आने पर निविदा निरस्त की गई है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही
[लोक निर्माण]
47. ( क्र. 1092 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में स्वीकृत इन्दरगढ़ से पण्डोखर समथर मार्ग की प्रशासकीय स्वीकृति, कार्यादेश स्वीकृत डी.पी.आर. की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) इन्दरगढ़ समथर मार्ग कब प्रारंभ हुआ। 31 दिसम्बर 2024 तक कितना कार्य पूर्ण हो चुका है, कितना शेष है, ठेकेदार द्वारा दिये गये वर्क प्रोग्राम अनुसार काम किया जा रहा हैं। यदि नहीं, तो ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही क्यों नहीं की गई, कब तक की जायेगी? (ग) कार्य की गुणवत्ता हेतु विभाग द्वारा क्या कदम उठाये गये, अधिकारियों के दौरे उनकी रिपोर्ट उपलब्ध कराई जावे।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) प्रशासकीय स्वीकृति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1, कार्यादेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 एवं डी.पी.आर. की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ख) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) कार्य की गुणवत्ता सुनिश्िचत करने हेतु अनुविभागीय अधिकारी/कार्यपालन यंत्री द्वारा सतत निरीक्षण कर गुणवत्ता हेतु टेस्ट किए जाते है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। अधिकारियों के दौरे की रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है।
नगर निगम की सड़कों की गुणवत्ता
[नगरीय विकास एवं आवास]
48. ( क्र. 1123 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 3736 के उत्तर (ख) में बताया गया था कि विगत 5 वर्षों में बनाई गई एम-30 एम-40 गुणवत्ता की 50 सड़कों में से कोई भी सड़क निर्धारित अवधि में नहीं टूटी एवं न ही ऊपरी परत की गिट्टियां उखड़ी है? (ख) संलग्न परिशिष्ट ''अ'' में संभाग क्र.-1 की रामचंद्र मिशन से रजिस्ट्री कार्यालय की ओर एम.-30 सड़क एवं बहदन से सिलुआ मार्ग की एम.-30 सी.सी. रोड निर्धारित अवधि में उखड़ने पर दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई? उक्त सड़कों का संबंधित सुधार कराया जावेगा? तो कब तक एवं दोषी यंत्रियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) उपरोक्त प्रश्न के परिशिष्ट ''अ'' में संभाग क्र. 14 की एस.बी.आई. चौक से बैंक ऑफ महाराष्ट्र तक की एम-40 सी.सी.रोड की ऊपरी परत उखड़ने के बाद उस पर सीमेंट घोल डाल कर सुधार करने के तथ्य क्यों छुपाये गये? उसके लिये कौन-कौन यंत्री दोषी हैं? उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी? उक्त सड़क के बाकी, डिवाईडर, पेवर ब्लॉक, फुटपाथ के कितने-कितने कार्य बाकी हैं? कब तक पूर्ण होंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) संभाग क्र.1 की रामचंद्र मिशन से रजिस्ट्री कार्यालय की ओर एम-30 सड़क उखड़ी नहीं है। उक्त सड़क ठेकेदार के डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड में है जो वर्तमान में प्रगतिरत है। बहदन से सिलुआ मार्ग की एम-30 सी.सी. सड़क निर्माण कार्य प्रगतिरत होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। उक्त सड़क कहीं भी टूटी नहीं है, न ही सीमेंट घोल द्वारा कोई सुधार कार्य किया गया है। उक्त सड़क ठेकेदार के डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड़ में है जो वर्तमान में प्रगतिरत है अनुबंध के प्रावधान अनुसार Surface Erosion का Epoxy Chemical द्वारा सुधार कार्य कराया जा सकता है। उक्त सड़क के डिवाईडर पेवर ब्लॉक, फुटपाथ, के समस्त कार्य पूर्ण हो चुके है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है
पत्रों पर सा.प्र.वि. के आदेशों का पालन नहीं होना
[ऊर्जा]
49. ( क्र. 1127 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्या.अनु.अधि. राजस्व अनुभाग राघौगढ़, जिला गुना के क्रमशः पत्र क्र./2024/शिकायत/1164 दिनांक 06.09.24 सुपर इंटेंडेट इंजीनियर, म.प्र.वि.वि.क.लि. जिला गुना एवं प्रतिलिपि कलेक्टर जिला गुना को प्रेषित पत्र इसी प्रकार कार्या अनु. अधि. (राजस्व) अनुभाग आरोन जिला गुना का पत्र क्र./ऑप-1/2024/1399 दिनांक 13/09/24 जो कलेक्टर जिला गुना प्रतिलिपि महाप्रबंधक म.प्र.वि.वि.क.लि. जिला गुना को अद्योहस्ताक्षरकर्ता की समीक्षा बैठक के आधार पर जारी किये गये थे पर पत्र प्राप्ति दिनांक से प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही सा.प्र.वि. के आदेश क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 भोपाल दिनांक 22.3.2011 में उल्लेखित पांचों बिन्दुओं एवं परिशिष्टों (1, 2) का पालन सुनिश्िचत कर किया गया है? कब-कब और क्या-क्या कार्यवाही सुनिश्िचत की गई? संबंधित अधि./कर्म. का नाम, पदनाम, कार्यालयीन अभिलेखों/नोटशीटों/पत्रों/नियमों की प्रति सहित बतायें? (ख) क्या पत्र पर कृत कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करा दी गई है? यदि नहीं, तो आदेश के उल्लंघन पर विभाग में किन-किन के विरूद्ध जिम्मेदारी निर्धारित की जायेगी? बताये। यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतायें। (ग) उपरोक्त सा.प्र.वि. के आदेश के बिन्दु क्र. 5 में वर्णित संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी के विरूद्ध आचरण या सेवा नियमों के अधीन अवचार समझा जाकर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक निश्िचत समयावधि बतायें। यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अनुभाग राघौगढ़ जिला गुना (म.प्र.) का पत्र दिनांक 06.09.2024, जो महाप्रबंधक (संचा./संधा.) म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, वृत्त गुना को संबोधित एवं कलेक्टर जिला गुना को पृष्ठांकित है एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं अनुविभागीय दण्डाधिकारी, अनुविभाग आरोन, जिला गुना (म.प्र.) का पत्र दिनांक 13.09.2024 जो कलेक्टर (स्टेनो शाखा) जिला गुना को संबोधित एवं महाप्रबंधक (संचा./संधा.) म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, वृत्त गुना को पृष्ठांकित है, उक्त दोनों पत्रों में क्रमश: श्री रविकुमार मनु, कनिष्ठ अभियंता एवं श्री पुष्पराज सिंह, कनिष्ठ अभियंता, म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने का लेख किया गया है। तदनुसार उक्त पत्रों में उल्लेखित बिन्दुओं पर महाप्रबंधक (संचा./संधा.), म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, वृत्त गुना द्वारा जांच की गई है, जिसका प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र–'अ' एवं 'ब' अनुसार है। श्री रविकुमार मनु, कनिष्ठ अभियंता, रूठियाई के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी, अनुभाग राघौगढ़ को पत्र क्रमांक महाप्र./शिका./2024-25/431 गुना दिनांक 28-02-2025 एवं श्री पुष्पराज सिंह, कनिष्ठ अभियंता, आरोन के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी, अनुभाग आरोन को पत्र क्रमांक महाप्र./शिका./2024-25/429 गुना दिनांक 28-02-2025 द्वारा सूचित किया गया है। पत्रों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–'स' एवं 'द' अनुसार है। प्रश्नांश में उल्लेखित सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र दिनांक 22.03.2011 में दिए गए निर्देश मूलत: माननीय सांसद सदस्यों एवं माननीय विधायकों के पत्रों पर कार्यवाही के संबंध में है, चूंकि प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र सीधे तौर पर माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय से प्राप्त नहीं हुए थे, अत: उक्त निर्देशों के अनुसार कार्यवाही की जाना अपेक्षित नहीं थी। उल्लेखनीय है कि प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं अनुविभागीय दण्डाधिकारी, अनुविभाग आरोन, जिला गुना (म.प्र.) एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अनुभाग राघौगढ़ जिला गुना (म.प्र.) के हैं एवं तदनुसार उक्त पत्रों के संबंध में की गई कार्यवाही से महाप्रबंधक (संचा./संधा.), वृत्त गुना द्वारा संबंधित को अवगत करा दिया गया है। अत: शेष प्रश्नांश नहीं उठता है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में लागू नहीं।
यात्री कर एवं चुंगी क्षतिपूर्ति कर की राशि का निर्धारण
[नगरीय विकास एवं आवास]
50. ( क्र. 1135 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के समस्त नगरीय निकाय यात्री एवं चुंगी क्षतिपूर्ति कर की आय पर ही निर्भर है, उपरोक्त करों की राशि बहुत कम होने के कारण नगरीय निकायों में कर्मचारियों के वेतन व अन्य कार्यों की पूर्ति नहीं हो पा रही है, ऐसी परिस्थिति में करों का पुनः निर्धारण कर राशि को दोगुना किया जाना अत्यंत ही आवश्यक है, जिसके फलस्वरूप नगरीय निकायों में विकास की गति आगे बढ़ सकें, क्या विभाग द्वारा उपरोक्त संबंध में कार्यवाही की जायेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कब तक कार्यवाही को पूर्ण करते हुए नगरीय निकायों में यात्री कर एवं चुंगी क्षतिपूर्ति कर की राशि का पुनः निर्धारण करते हुए राशि को दोगुना कर दिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) पांचवें राज्य वित्त आयोग के प्रतिवेदन अनुसार म.प्र. शासन द्वारा चुंगी क्षतिपूर्ति एवं यात्रीकर कर की राशि को वित्तीय वर्ष 2020-21 के स्तर पर स्थिर रखे जाने का निर्णय लिया गया है, प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सड़क पर अतिक्रमण
[नगरीय विकास एवं आवास]
51. ( क्र. 1154 ) श्री
कुँवर सिंह
टेकाम : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) भोपाल
के होशंगाबाद रोड
स्थित प्रधान
मण्डपम से
लेकर 11
मील बायपास की
ओर जाने वाली
नई सड़क पर
किन-किन स्थानों
पर किन-किन के
द्वारा
अतिक्रमण
किया गया हैं? विभाग द्वारा
सड़क के
किनारे
किस-किस योजना
के तहत क्या-क्या
निर्माण
कार्य कराया
जा रहा है? क्या
उक्त मार्ग
पर हाईटेंशन
लाईन गुजर रही
हैं? यदि
हां, तो
निर्माण
कार्य क्यों
कराये जा रहे
हैं? उक्त
सड़क पर किये
गये अतिक्रमण
को मुक्त
कराये जाने
हेतु नगर-निगम, भोपाल
द्वारा अभी तक
क्या-क्या
कार्यवाही की
गई? यदि
नहीं, तो
क्यों?
क्या
अतिक्रमण
हटाने की
समय-सीमा निश्िचत
की गई थी?
यदि
हाँ, तो
वह क्या थी? (ख) प्रश्नांकित
अतिक्रमण
हेतु जिम्मेदार
विभागीय
अधिकारियों
के ऊपर क्या
कार्यवाही की
गई? यदि
नहीं, तो
क्यों तथा
भविष्य में
उक्त रोड पर
अतिक्रमण न हो, क्या
इसके लिये
विभाग द्वारा
स्थायी तौर
पर कोई कार्य
योजना बनाई
जायेगी?
यदि
हां, तो
कब तक? (ग) क्या
प्रश्नांकित
मार्ग पर स्ट्रीट
लाईट लगा दी
गई है? यदि
हां, तो
कितने मार्ग
पर स्ट्रीट
लाईट लगाई
जाना श्ोष है? क्या
विभाग द्वारा
स्ट्रीट
लाईट लगाये
जाने की कोई
समय-सीमा तय
की गई है?
यदि
हां, तो
कब तक? यदि
नहीं, तो
क्यों नहीं? (घ) क्या
प्रश्नांकित
मार्ग पर
गतिरोधक अथवा
डिवाइडर
लगाये जायेंगे? यदि हां, तो कब तक? यदि
नहीं, तो क्यों? कारण
बतायें।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) भोपाल
के होशंगाबाद
रोड स्थित
प्रधान मण्डपम
से 11 मील
बायपास की ओर
जाने वाली नई
सड़क, लोक
निर्माण
विभाग की, कलियासोत
डेम से न्यू
बाईपास मार्ग
लंबाई-12.10
कि.मी. का भाग
है, जो
कि सिंचाई
विभाग के
आधिपत्य की
नहर की भूमि
पर निर्मित की
गई, जिसका
पूर्ण
स्वामित्व
सिंचाई विभाग
का है। उक्त
मार्ग में
अतिक्रमण के
संबंध में सिंचाई
विभाग द्वारा
प्रदान की गई
अतिक्रमण की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट "अ"
अनुसार है। उक्त
मार्ग पर सड़क
के किनारे नगर
पालिक निगम की
यांत्रिकी शाखा
तथा लोक
निर्माण
विभाग द्वारा
कोई निर्माण
कार्य नहीं
किया जा रहा
है। मार्ग पर
हाईटेंशन
लाइन
निर्धारित
ऊंचाई अनुसार
गुजर रही है।
प्रश्नाधीन
क्षेत्र में
स्थित
अतिक्रमणों
के विरूद्ध
नगर निगम, भोपाल
की अतिक्रमण
शाखा द्वारा
निरंतर
कार्यवाही की
जाती है। माह
जनवरी 2024 से
वर्तमान तक
अतिक्रमण
हटाने की
कार्यवाही की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट "ब"
अनुसार है। (ख) प्रश्नांश
"क" के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। क्षेत्रीय
प्रभारी
अतिक्रमण
अधिकारी द्वारा
निरीक्षण के
दौरान अवैध
अतिक्रमण
पाये जाने पर
अतिक्रमण
हटाने की
कार्यवाही की
जाती है। (ग) जी
नहीं। इस
मार्ग पर
स्वीकृत
परियोजना
अंतर्गत स्ट्रीट
लाईट लगाने का
प्रावधान
नहीं था,
तदानुसार
ही कार्य
पूर्ण कराया
गया। प्रश्नांकित
मार्ग पर
संवेदनशील
क्षेत्रों पर
प्रकाश व्यवस्था
नगर निगम
द्वारा की गई
है। नगर निगम, द्वारा
स्ट्रीट
लाईट लगाये
जाने की कोई
समय-सीमा नहीं
है, क्योंकि
प्रश्नांकित
मार्ग लोक
निर्माण
विभाग के अधीन
है। (घ) मार्ग
पर स्पीड
ब्रेकर,
रिफ्लेक्टो
राइजिंग पेंट
एवं रोड स्टड
से बनाये गये
है, निर्मित
मार्ग में
डिवाइडर
लगाने की कोई
योजना नहीं है।
लोक निर्माण विभाग एवं पीआईयू द्वारा विगत 5 वर्षों में किये गये निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
52. ( क्र. 1183 ) श्री अम्बरीष शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में लोक निर्माण विभाग एवं पीआईयू द्वारा विगत पाँच वित्तीय वर्षों में कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये। वित्तीय वर्षवार (2020-21, 2021-22, 2022-23, 2023-24 तथा 2024-25) स्वीकृत किये गये कार्य का नाम, स्वीकृत राशि, व्यय की गई राशि, कार्य की वर्तमान स्थिति (पूर्ण/अपूर्ण) एएस एवं टीएस जारी करने वाले अधिकारियों के नाम सहित सूची उपलब्ध करावें। (ख) भिण्ड जिले में जो कार्य (सड़कें या अन्य) क्षतिग्रस्त हो गई है उनकी सूची, ठेकेदारों के नाम सहित उपलब्ध करावे। गांरटी अवधि में ही सड़कें एवं अन्य कार्यों की मरमम्त ठेकेदारों द्वारा नहीं कराई गई उन ठेकेदारों एवं अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी एवं कब तक।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ, 'अ-1', 'अ-2' एवं 'अ-3' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पेंच नदी पर पुल का निर्माण
[लोक निर्माण]
53. ( क्र. 1193 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सांख-साजपानी के मध्य पेंच पर बने पुल निर्माण के लिए बजट में प्रावधान किया गया है? (ख) कितनी राशि प्रावधानित है? (ग) इसका निर्माण कार्य किया जावेगा? कार्य कब तक शुरु हो जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) राशि रूपये 360.00 लाख प्रावधानित है। (ग) सक्षम वित्तीय समिति से स्वीकृति अप्राप्त है। वर्तमान में निश्िचत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सी.ई.ओ. को जबलपुर विकास प्राधिकरण की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
54. ( क्र. 1332 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर विकास प्राधिकरण के सी.ई.ओ. के विरूद्ध आर्थिक अपराध ब्यूरो द्वारा दिनांक 18.10.2024 को धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120- b, 201,13 (1) (a),13 (2) के अंतर्गत एफ.आई.आर दर्ज की गई? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन के नियमानुसार पदासीन अधिकारी को पद से अलग करने का नियम है? (ग) क्या पद रहते हुए निष्पक्ष जांच हो सकती है? (घ) यदि नहीं, तो क्या इन्हें पद से हटाया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) शासन के नियमानुसार पदासीन अधिकारी को केवल एफ.आई.आर. में नाम दर्ज होने पर पद से अलग करने का कोई प्रावधान नहीं है। (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्नांश "ख" के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फोर-लेन मार्ग निर्माण कार्य की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
55. ( क्र.
1337 ) श्री
सोहनलाल बाल्मीक
: क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) छिंदवाड़ा
गांगीवाड़ा
सर्कल से
परासिया (खिरसाडोह)
बायपास तक
फोरलेन मार्ग
बनाया जाना
अत्यंत आवश्यक
है, क्योंकि
इस मार्ग से
परासिया
विधानसभा एवं
जुन्नारदेव
विधानसभा के
हजारों
ग्रामीणजन, विभिन्न
प्रकार के वाहन
प्रतिदिन
आवागमन करते
है, मार्ग
की चौड़ाई कम
होने एवं
मार्ग में
ट्राफिक बहुत
अधिक होने के
कारण कई बार
गम्भीर दुर्घटनायें
घटित होती
रहती है। इसलिए
आमजनों की
आवागमन की
सुविधा हेतु
छिंदवाड़ा
गांगीवाड़ा
सर्कल से
परासिया (खिरसाडोह)
बायपास तक
मार्ग को
फोरलेन बनाया
जाना अति आवश्यक
है। उपरोक्त
मार्ग
निर्माण
कार्य के लिए
विभाग द्वारा
कब तक
कार्यवाही की
जायेगी? (ख) परासिया
विधानसभा
क्षेत्र के
अन्तर्गत उपरोक्त
मार्ग
निर्माण
कराये जाने की
स्वीकृति प्रदान
किए जाने के
संबंध में प्रश्नकर्ता
द्वारा मान.
विभागीय
मंत्री महोदय
पत्र
क्र.वि.स./परासिया/127/2025/49
दि. 07.02.2025
व मान.
उपमुख्यमंत्री
महोदय को पत्र
क्र.वि.स./परासिया/127/2025/54
दि. 07.02.2025
को प्रेषित
किये गये है, जिन
पत्रों पर अभी
तक क्या
कार्यवाही की
गई है? कब तक
कार्यवाही व
विभिन्न
औपचारिकताओं
को पूर्ण करते
हुए, उक्त
मार्ग
निर्माण
कार्य की
प्रशासकीय
स्वीकृति
प्रदान कर दी
जायेगी?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
राकेश सिंह ) : (क)
छिंदवाड़ा
गांगीवाड़ा
सर्कल से
परासिया (खिरसाडोह)
बायपास तक
मार्ग पूर्व
से 2-लेन
मार्ग
निर्मित है
एवं वर्तमान
में बीओटी (टोल)
योजनांतर्गत
संचालित है, जिसकी
कंसेशन अवधि 2033
तक है।
वर्तमान में
छिंदवाड़ा
गांगीवाड़ा
सर्कल से
परासिया
(खिरसाडोह)
बायपास तक
मार्ग को फोरलेन
बनाने हेतु
कोई
कार्ययोजना
प्रस्तावित
नहीं है। अत:
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(ख)
प्रश्नांश
में अंकित
पत्र में उल्लेखित
प्रस्ताव के
लिये उत्तरांश
(क) अनुसार
छिंदवाड़ा
गांगीवाड़ा
सर्कल से
परासिया
(खिरसाडोह)
बायपास तक
मार्ग पूर्व
से 2-लेन
मार्ग
निर्मित है
एवं वर्तमान
में बीओटी (टोल)
योजनांतर्गत
संचालित है, जिसकी
कंसेशन अवधि 2033
तक है। अत: उक्त
प्रस्ताव
अनुसार मार्ग
को फोरलेन बनाने
की कोई कार्य
योजना प्रस्तावित
नहीं है। अत:
शेष का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
विभाजित भूखंडों की अनुज्ञा
[नगरीय विकास एवं आवास]
56. ( क्र. 1376 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. भूमि विकास नियम 2012 के अंतर्गत विभाजित आवासीय भूखंडों अनुज्ञा देने के क्या नियम है। (ख) क्या 13 अप्रैल 2012 के पश्चात दिसंबर 2023 तक उज्जैन नगर निगम क्षेत्र की विकसित वैध कालोनियों में विभाजित भूखंडों के निर्माण की अनुज्ञा जारी की गई है। यदि हाँ, तो कितनी कालोनियों में विभाजित भूखंडों के निर्माण की अनुज्ञा दी गई। (ग) 13/04/2012 के पश्चात दिसंबर 2023 तक उज्जैन नगर निगम क्षेत्र की समस्त वैध कालोनियों में विभाजित भूखंडों के निर्माण अनुज्ञा के कितने आवेदनों को रिजक्ट किया गया है। (घ) क्या विभाजित भूखंड़ों की अनुज्ञा पर प्रतिबंध होने के बाद भी अधिकारी स्तर पर अनुज्ञा देने और आवेदन निरस्त करने की प्रक्रिया की जा रही है। (ड.) 13/04/2012 के पूर्व जिन विभाजित भूखंड़ों को भू-तल निर्माण की अनुज्ञा दी गई थी। क्या निर्मित भू- तल भवन को विभाजित भूखंड मानकर उन पर प्रथम तल अथवा द्वितीय तल की अनुज्ञा के लिए आवेदन रिजेक्ट किए जा रहे हैं। (च) 13 अप्रैल 2012 से 31 दिसंबर 2024 तक वैध कालोनियों में विभाजित भूखंडों की अनुज्ञा निरस्त करने से शासन को अनुमानित कितने राजस्व की हानि हुई है। क्या सरकार विभाजित भूखंडों को अनुज्ञा देने के लिए नियमों में संशोधन करेगी।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (च) जानकारी संकलित की जा रही है।
अवैध कालोनियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
57. ( क्र. 1377 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन और रतलाम जिले में कितनी कालोनियां अवैध हैं? (ख) 2022 से दिसंबर 2024 तक कितनी कालोनियों को वैध किया गया? (ग) रेरा के अंतर्गत कितने कालोनी निर्माताओं के विरुद्ध कार्यवाही की गई है? (घ) विकसित कालोनियों में कमजोर आय वर्ग के हितग्राहियों को सस्ते दरों पर भूखण्ड आवंटित किए है? (ड.) कितनी कालोनियों में कालोनी निर्माता द्वारा कमजोर आय वर्ग के हितग्राहियों के भूखंडों को तोड़ मरोड कर उच्च वर्ग को विक्रय किए गए? (च) ऐसी कितनी शिकायतें राजस्व न्यायालय, नगर निगम तथा नगर परिषद के कार्यालयों में पेंडिंग है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) उज्जैन एवं रतलाम जिले के नगरीय क्षेत्र की जानकारी पुस्तकालय परिशिष्ट ''अ'' एवं ग्रामीण क्षेत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ख) नगरीय क्षेत्र में विद्यमान अनधिकृत कॉलोनियों को वैध किये जाने के प्रावधान नहीं हैं अपितु म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 में निर्दिष्ट की गई अवधि के पूर्व अस्तित्व में आईं नियमानुसार चिन्हित की गई अनधिकृत कॉलोनियों में नागरिक अधोसंरचना एवं भवन निर्माण अनुमति प्रदान करने के प्रावधान रखे गये हैं, जिसके अनुसार नगरीय क्षेत्र में की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) भू-संपदा (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 की धारा-3 का उल्लंघन करने के कारण प्राप्त शिकायतों के आधार पर अधिनियम की धारा 59 के अंतर्गत जिला उज्जैन की 02 एवं जिला रतलाम की 01 कॉलोनी में प्रमोटर के विरूद्ध कार्यवाही की गई है। (घ) मध्यप्रदेश नगरपालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 के अनुसार सक्षम प्राधिकारी से विकास अनुमति प्राप्त कॉलोनियों में नियम 10 के अनुसार कमजोर आय वर्ग के लिए आरक्षित भूखण्ड/भवन का आवंटन नियम 11 के तहत कॉलोनाईजर द्वारा किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (ड.) आरक्षित किये गये भूखण्ड/भवन के मूल्य की संगणना नियम 2021 के नियम 12 में विहित की गई है, जिसके अनुसार कॉलोनाईजर द्वारा पात्र हितग्राहियों को विक्रय किये जाते हैं। उज्जैन जिले में आरक्षित भूखण्डों/भवनों को तोड़मरोड कर उच्च वर्ग को विक्रय करने के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं है। उज्जैन जिले के नगरीय क्षेत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' एवं ग्रामीण क्षेत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। रतलाम जिले की जानकारी संकलित की जा रही है। (च) जानकारी की पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' एवं ''द'' अनुसार उज्जैन जिले में प्रश्नांकित अनुसार कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। रतलाम जिले की जानकारी संकलित की जा रही है।
बिजली के खंभे एवं ट्रांसफार्मर को शिफ्ट करना में अनियमितता
[ऊर्जा]
58. ( क्र. 1384 ) श्री
कैलाश
कुशवाहा : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
क्या ऊर्जा विभाग
में
महाप्रबंधक
ग्वालियर के
पद पर पदस्थ
श्री आर. के.
अग्रवाल के
द्वारा क्या
अपने शिवपुरी
पदस्थी के
दौरान ए.बी.
रोड के फोर
लेन निर्माण
होने के दौरान
मोहना से
बदरवास तक
मार्ग में आने
वाले बिजली के
खंभे एवं
ट्रांसफार्मर
को शिफ्ट करने
के दौरान
निकलने वाले करोड़ों
रुपये के
सामान को
खुर्द-बुर्द
कर बेच दिया
गया स्क्रैप
सामग्री की मात्रा
एवं राशि की
जानकारी
उपलब्ध करायी
जावें? (ख) क्या
इसी प्रकार
श्री आर.के.
अग्रवाल के
द्वारा अपने
दतिया
पोस्टिंग के
दौरन भी
शिफ्टिंग कार्य
में से निकलने
वाले स्क्रैप
सामग्री को बिजली
विभाग के
स्टोर में जमा
नहीं कराया
गया था और
खुर्द-बुर्द
कर दिया गया
था इनके
विरूद्ध शासन
द्वारा क्या
कार्यवाही की
गई, यदि
हाँ, तो, नहीं तो
क्यों? (ग) क्या
श्री आर.के.
अग्रवाल के
द्वारा अपने
उपमहाप्रबंधक
(एस.टी.सी.) कार्यकाल
के दौरान भी
भारी मात्रा
में स्क्रैप
सामग्री को
खुर्द-बुर्द
किया गया? शिवपुरी
पोस्टिंग के
दौरान भारी
भ्रष्टाचार
करने में
कॉलोनीनाइजर
से सांठ-गांठ
करते हुए
आई.पी.डी.एस.
योजना में
अवैध कॉलोनियों
में
विद्युतीकरण
का कार्य, नमो नगर, पी.एस.
होटल के पीछे, दर्पण
कॉलोनी,
न्यू
दर्पण कॉलोनी, द्वारिका
पुरी कॉलोनी, पोहरी
बस स्टैंड के
पीछे आदि
स्थानों पर
योजना का
पलीता लगाते
हुए अवैध
कार्य कराए गए
है, इनके
विरूद्ध कब तक
कार्यवाही की
जाएंगी?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) ऊर्जा
विभाग में
म.प्र. मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
लिमिटेड के
क्षेत्रीय
कार्यालय ग्वालियर
में
महाप्रबंधक
के रूप में
पदस्थ श्री
आर.के.
अग्रवाल की
महाप्रबंधक
शिवपुरी के
रूप में पदस्थी
अवधि दिनांक 05.06.20217 से 30.01.2019 के दौरान
ए.बी. रोड
निर्माण में
मोहना से बदरवास
मार्ग के
विद्युत
लाईनों के खम्भे
एवं ट्रांसफार्मरों
को शिफ्ट करने
के लिये 02
कार्यों का
क्रियान्वयन
तत्समय
अधीनस्थ
पदस्थ
अधिकारियों
द्वारा,
जिनको
इन कार्यों के
कार्यादेश
उपलब्ध
कार्यालयीन
रिकॉर्ड
अनुसार जारी
किये गये थे, कराया
गया। इन दोनों
ही कार्यों में
प्रावधानित
स्क्रेप
सामग्री की
मात्रा एवं इन
कार्यों के
परिप्रेक्ष्य
में वापिस
कराई गई स्क्रेप
सामग्री तथा
जमा कराई गई
राशि एवं शेष
सामग्री की
मात्रा का
विवरण
संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त
प्राक्कलनों
में
अनियमितता की
जांच
प्रक्रियाधीन
है, जांच
निष्कर्ष के
आधार पर
संबंधित दोषी
अधिकारियों
के विरूद्ध
नियमानुसार
कार्यवाही कर
दी जावेगी। (ख) श्री
आर.के.
अग्रवाल की
दतिया वृत में
महाप्रबंधक
के रूप में
पदस्थी के
दौरान
शिफ्टिंग
कार्यों से
निकलने वाली
स्क्रेप
सामग्री को
म.प्र. मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
के स्टोर में
जमा कराये जाने
एवं शेष
सामग्री की
स्थिति तथा
तत्समय
संबंधित
अधिकारियों
के विरूद्ध की
गई कार्यवाही
संबंधी विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त
प्राक्कलनों
में
अनियमितता की
जांच
प्रक्रियाधीन
है, जांच
निष्कर्ष के
आधार पर
संबंधित दोषी
अधिकारियों
के विरूद्ध
नियमानुसार
कार्यवाही कर
दी जावेगी। (ग) श्री
आर.के.अग्रवाल
की
उपमहाप्रबंधक
एसटीसी ग्वालियर
के रूप में
पदस्थी अवधि
दिनांक 15.10.2008 से 20.01.2014 तक का
कार्यकाल
लगभग 11
वर्ष पुराना
है, उक्तांकित
अवधि का
लाईनों को
शिफ्ट करने के
कार्यों से
निकली पुरानी
स्क्रेप
सामग्री
वापिसी करने
का रिकार्ड
संबंधित
कार्यालय में
नहीं पाया गया
है, जिसके
लिये जांच
कमेटी गठित कर
दी गई है,
कमेटी
की रिपोर्ट
अनुसार
नियमानुसार
कार्यवाही कर
दी जावेगी। श्री
अग्रवाल की
शिवपुरी जिले
में पदस्थापना
05.06.2017 से 30.01.2019 के समय
आई.पी.डी.एस.
योजना अन्तर्गत
कार्यालय
प्रबंध
संचालक भोपाल
के एल.ओ.ए.
क्रमांक MD/MK/IPDS/NOA/LOA-XII/Shivpuri/463
दिनांक 30.02.2017 के
तहत कॉन्ट्रक्टर
मै. डुकोन
टेक्नोलॉजी
इण्डिया
प्रा.लि. एवं
मैसर्स डुकोन
के टर्मिनेट
होने के बाद
शेष कार्यों को
विभागीय तौर
पर क्रियान्वित
कराया गया था, क्रियान्वित
कराये गये
कार्यों की
योजना के प्रावधानों
अनुसार
क्रियान्वयन
की जांच हेतु
जांच कमेटी
गठित कर दी गई
है, कमेटी
की जांच
रिपोर्ट
अनुसार अवैध
कार्यों का
क्रियान्वयन
पाये जाने पर
नियमानुसार
कार्यवाही कर
दी जावेगी।
एन.जी.टी. के पर्यावरण नियमों की अवमानना
[नगरीय विकास एवं आवास]
59. ( क्र. 1385 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 19/12/2024 के प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1164 में प्राप्त उत्तर अनुसार उज्जैन के सनातन धर्म के आस्था के प्रतीक सप्तसागर एवं क्षिप्रा नदी को प्रदूषण एवं अतिक्रमण मुक्त रखने के लिए पर्यावरण विभाग ने 2010 से प्रश्न दिनांक तक एनजीटी के नियमो की अवमानना पर कोई कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक नहीं की? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में, जलीय भूमि (संरक्षण एवं प्रबन्धन) नियम 2010 एवं 2017 के तहत दंडात्मक कार्यवाही कर प्रदूषण एवं अतिक्रमण मुक्त करना पर्यावरण विभाग का कार्य नहीं था? यदि हाँ, तो एनजीटी की अवमानना एवं लापरवाही पर दोषी अधिकारियों पर विभाग ने क्या कार्यवाही की हैं? वर्ष 2010 से वर्षवार दंडात्मक कार्यवाही से जुर्माना वसूली का रिकॉर्ड देवें। (ग) क्या नगर निगम उज्जैन से एन.जी.टी. ने वर्ष 2020 से प्रतिमाह 10 लाख जुर्माना वसूली का आदेश दिया था? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति देवें। (घ) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में विभाग द्वारा वसूली कब की गई? शासन के कोष में वसूली की राशि विभाग ने कब जमा की? 2020 से प्रश्न दिनांक तक की रसीद चालान की प्रति देवें। (ड.) क्या प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में, मुख्यमंत्री जी के गृह जिले उज्जैन में एनजीटी की अवमानना के दोषी अधिकारियों के वेतन भत्ते एवं चल-अचल संपत्ति से जुर्माना राशि वसूल कर हुई राजस्व हानि की आपूर्ति शासन कब करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (ड.) जानकारी संकलित की जा रही है।
जिला धार को नदी जीर्णोद्धार हेतु प्रदाय की गई राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
60. ( क्र. 1390 ) श्री भंवर सिंह शेखावत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बदनावर अंतर्गत नगर परिषद बदनावर को बलवंती नदी जीर्णोद्धार हेतु राशि रू. 13 करोड़ दिर्घावधि से प्राप्त है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उपरोक्त राशि दिर्घावधि से प्राप्त होने के बाद भी प्रश्न दिनांक तक नदी जीर्णोद्धार का कार्य नहीं किया गया। क्यों नहीं किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ नदी जीर्णोद्धार का कार्य समय-सीमा में पूर्ण न करने पर प्रश्न दिनांक तक निर्माण लागत में वृद्धि निश्िचत है। पूर्व प्राप्त राशि से तकनीकी प्राक्कलन अनुसार कार्य कैसे पूर्ण होगा? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में उल्लेखित नदी जीर्णोद्धार का कार्य समय-सीमा में संपादित नहीं करने पर कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है, दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, कि गई तो क्यों नहीं की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। नगर परिषद बदनावर को मुख्यमंत्री नगरीय क्षेत्र अधोसरंचना निर्माण योजना अंतर्गत बलवंती नदी सौंदर्यीकरण कार्य हेतु रू. 11 करोड़ की स्वीकृति संचालनालय के आदेश क्र. 6398 दिनांक 23.05.2022 से प्रदान की गई। जिसके विरूद्ध रू. 3.3 करोड़ दिनांक 28.02.2023 को एवं रू. 7.7 करोड़ दिनांक 29.03.2023 को विमुक्त किये गये है। (ख) नगर परिषद बदनावर को बलवंती नदी सौंदर्यीकरण कार्य हेतु मुख्यमंत्री नगरीय क्षेत्र अधोसंरचना निर्माण योजना अंतर्गत स्वीकृत राशि रू. 11 करोड़ के विरूद्ध प्रथम चरण में बलवंती नदी सौंदर्यीकरण कार्य रू. 3.3 करोड़ की लागत से प्रगतिरत है। स्वच्छ भारत मिशन 2.0 में लिक्विड वेस्ट मेनेजमेंट अंतर्गत रू. 5.88 करोड़ CSAP स्वीकृत है। बलवंती नदी शुद्धिकरण कार्य हेतु मुख्यमंत्री नगरीय क्षेत्र अधोसंरचना निर्माण योजना की शेष राशि रू. 7.7 करोड़ एवं स्वच्छ भारत मिशन की स्वीकृत रू. 5.88 करोड़ इस प्रकार कुल रू. 13.58 करोड़ की नगर परिषद बदनावर द्वारा एकमुश्त कार्ययोजना तैयार कर दिनांक 09.06.2023 को स्वीकृति हेतु संचालनालय को प्रेषित की गई जिसमें इंटरसेप्शन, डायवर्शन एसटीपी निर्माण कार्य व स्टाप डेम निर्माण शामिल है। कार्ययोजना की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति राशि रू. 13.11 करोड़ की दिनांक 27.02.2024 को राज्य स्तरीय तकनीकी समिति द्वारा प्रदान की गई। लोक सभा निर्वाचन उपरांत दिनांक 25.06.2024 को नगर परिषद बदनावर द्वारा प्रथम निविदा आमंत्रित की गई। दिनांक 21.08.2024 को नगर परिषद बदनावर द्वारा प्रथम निविदा में प्राप्त दर स्वीकृति हेतु प्रकरण राज्य स्तरीय तकनीकी समिति में रखे जाने हेतु प्रस्तुत किया गया। प्रथम निविदा आमंत्रण में आंतरिक तकनीकी मूल्यांकन समिति द्वारा लिये गये निर्णय अनुसार त्रुटिपूर्ण निविदा प्रक्रिया के कारण दिनांक 18.10.2024 को पुन: निविदा आमंत्रित करने हेतु निर्देशित किया गया। दिनांक 12.12.2024 से द्वितीय निविदा आमंत्रित की गई। वर्तमान में दर स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) प्रथम चरण का कार्य प्रगतिरत है। द्वितीय चरण के कार्य की दर स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलित होने से निर्माण लागत में वृद्धि का अनुमान लगाया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सड़कों का निर्माण एवं रखरखाव
[लोक निर्माण]
61. ( क्र. 1395 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिला अंतर्गत वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितनी सड़कों का निर्माण लोक निर्माण विभाग द्वारा कराया गया, कार्यों की भौतिक स्थिति क्या है, कितने कार्य पूर्ण हुए हैं, कितने अपूर्ण हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उपरोक्त सड़क निर्माण किन एजेंसियों द्वारा कराये गये एवं उनकी गुणवत्ता की जांच किन सक्षम अधिकारियों द्वारा की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या उपरोक्त सड़कों के शोल्डर फीलिंग का कार्य पूर्ण कराया गया है यदि नहीं, तो शोल्डर फीलिंग के बगैर इनका भौतिक सत्यापन क्यों किया गया? (घ) पवई से सलेहा मार्ग का कार्य पूर्ण होने की समयावधि क्या थी क्या ठेकेदार द्वारा समयावधि के अंदर सड़क का निर्माण कराया जा रहा है यदि नहीं, तो क्यों नहीं? समयावधि में कार्य न करने पर दोषी ठेकेदार के खिलाफ क्या कार्यवाही की जा रही है? (ड.) तहसील मुख्यालय रैपुरा में भरवारा त्रिगड्डा पर मोहंद्रा मुख्य मार्ग पर लगभग 1 किलोमीटर लंबी सड़क लगभग 5 साल से जर्जर पड़ी है आए दिन जल भराव एवं कीचड़ की समस्या बनी रहती है, विभाग के संज्ञान में होने के बावजूद इस सड़क की मरम्मत क्यों नहीं कराई जा रही? इसकी मरम्मत कब तक कराई जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) :(क) कुल 32 कार्य में से 09 कार्य पूर्ण, 21 कार्य प्रगतिरत एवं 02 कार्य अपूर्ण। जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (घ) पवई सलेहा मार्ग का कार्य पूर्ण होने की समयावधि 18 माह थी। जी नहीं। भूमि विवाद/भू-अर्जन के कारण सड़क निर्माण समय-सीमा में नहीं कराया जा सका। पवई सलेहा मार्ग की कुल लंबाई 69.60 कि.मी. में से 12.49 कि.मी. का अनुबंध भारत सरकार सड़क एवं परिवहन मंत्रालय नई दिल्ली की सहमति उपरांत समाप्त किया गया है। अतः संविदाकार के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) मोहन्द्रा से रैपुरा मार्ग लंबाई 37.80 कि.मी. है, जिसमें से मार्ग की लंबाई 36.80 कि.मी. संविदाकार की परफारमेन्स गारंटी के अंतर्गत आती है, जिसकी अवधि दिनांक 30.05.2026 तक है। प्रश्नाधीन मार्ग का 1.00 कि.मी. का भाग लोक निर्माण विभाग के संधारण/मरम्मत के अंतर्गत आता है। मार्ग का अंतिम छोर तहसील मुख्यालय रैपुरा में है जो कि दमोह-कटनी मुख्य मार्ग से जुड़ता है। तहसील मुख्यालय रैपुरा से मोहन्द्रा की ओर आने पर आबादी क्षेत्र होने के कारण लोगों ने अपने निजी आवासीय भवन एवं व्यवसायीक प्रतिष्ठान पक्के बनाये हुए है जिनकी प्लिंथ की ऊंचाई रोड लेवल से अधिक होने के कारण मार्ग के लगभग 300 मीटर की लंबाई में जल भराव होता है जिससे सड़क में गड्ढे एवं किचड़ रहने की समस्या वर्षाऋतु के समय रहती है। उक्त मार्ग में संधारण के अंतर्गत होने के कारण विभाग द्वारा समय-समय पर मरम्मत कार्य कराया जाता है।
शासकीय भूमि आवंटन एवं अतिक्रमण
[नगरीय विकास एवं आवास]
62. ( क्र. 1407 ) श्री रमेश प्रसाद खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) करैरा विधानसभा क्षेत्र तह. करैरा एवं तह. नरवर के अंतर्गत नगर परिषद करैरा व नगर परिषद नरवर में शासकीय भूमि जो किसी प्रयोजन हेतु आवंटन नहीं की उक्त भूमि के सर्वे क्रमांक रकवा स्थान सहित बतायें। (ख) क्या उक्त शासकीय भूमि पर पिछले तीन वर्ष 2021-24 से आज दिनांक तक कितने लोगों द्वारा किस प्रकार का अतिक्रमण किया गया था? उक्त अतिक्रमण के विरूद्ध भू-राजस्व संहिता की धारा 248 के अंतर्गत क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या दोनों करैरा एवं नरवर में नगर परिषद में शासकीय नालों की दिशा परिवर्तित कर भूमि पानी निकाल की दिशा का परिवर्तन किया गया? यदि परिवर्तन किया गया तो किस आदेश के तहत अगर कोई आदेश के तहत नहीं किया गया तो दिशा परिवर्तन करने वाले जिम्मेदार पर सख्त कार्यवाही की गई? (घ) शासकीय भूमि एवं शासकीय नालों पर इस तरीके से अतिक्रमण एवं दिशा परिवर्तन करने वालों के विरूद्ध शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? आदेश की प्रति एवं मौके पर रिक्त भूमि के संबंध में प्रमाणीकरण सहित जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
63. ( क्र. 1411 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.01.2021 से 15.02.2025 तक राजपुर विधान सभा क्षेत्र में विभाग के एवं P.I.V. के कितने कार्य कहाँ-कहाँ स्वीकृत किये गये हैं? कार्य नाम, लागत कार्य पूर्ण/अपूर्ण स्थिति आहरण दिनांक, आहरण राशि, निर्माणकर्ता फर्म का नाम जीएसटी नं. सहित पृथक-पृथक देवें। (ख) प्रत्येक कार्य में भूमि पूजन एवं लोकार्पण में आमंत्रितों के नाम, पदनाम, छायाचित्र (फोटो) सहित कार्यवार देवें। जिन कार्यक्रमों में प्रोटोकाल के अनुसार स्थानीय जन प्रतिनिधियों को आमंत्रित नहीं किया गया उनके नाम सहित बतावें कि इसके लिये संबंधित अधिकारियों पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा? ऐसे प्रत्येक कार्य का नाम संबंधित अधिकारी का नाम, पदनाम भी साथ में देवें। (ग) राजपुर विधान सभा क्षेत्र में C.M. राइज स्कूल अजंड एवं राजपुर की अद्यतन स्थिति देवें। इनके कार्य पूर्णता की दिनांक पृथक-पृथक देवें। इन्हें कितना भुगतान किया गया है? दोनों कामों में कार्य प्रारम्भ होने से उत्तर दिनांक तक जो बिल प्रस्तुत किये गये उनकी प्रमाणित प्रति देवें। (घ) उपरोक्तानुसार अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण होंगे? निर्धारित समय से विलम्ब से चलने वाले कार्यों पर कब तक दाण्डिक कार्यवाही की जायेगी एवं इस और ध्यान न देने वाले उत्तरदायी अधिकारियों पर विभाग क्या कदम उठाएगा? प्रत्येक कार्य के संबंध में स्पष्टीकरण पृथक-पृथक देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ, 'अ-1', 'अ-2' एवं 'अ-3' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-'अ-2', 'अ-3', 'ब' एवं परिशिष्ट-1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8 अनुसार है। कार्यक्रमों में प्रोटोकाल का उल्लंघन नहीं किया गया है, अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-'अ-3' अनुसार है। बिल पास आर्डर की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-9 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-'अ-2', 'अ-3' एवं 'स' अनुसार है। विलम्ब हेतु अनुबंधानुसार कार्यवाही की जाती है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजपुर वि.स. क्षेत्र में विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
64. ( क्र. 1412 ) श्री बाला बच्चन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धरती आबा जनजाति उत्थान योजना एवं आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत राजपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत दिनांक 01/01/2024 से 15/02/2025 तक 24 घण्टे विद्युत प्रदाय करने हेतु कितनी राशि के कार्य स्वीकृत किये गये है। कार्यवार एवं राशिवार पृथक-पृथक बतावें। उक्त कार्य हेतु प्रदान की गई प्रावधिक कार्य स्वीकृति की प्रमाणित प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत कार्य कब तक प्रारंभ कर दिए जाएंगे? समय-सीमा बतावें एवं स्वीकृत कार्यों की अद्यतन स्थिति बतावें। (ग) प्रश्न क्र. 1232 दिनांक 19/12/2024 के (क) उत्तर में बताया गया कि कार्यवाही क्षेत्रीय कार्यालय इंदौर एवं वृत्त बड़वानी में प्रक्रियाधीन है तो इसके पश्चात उत्तर दिनांक तक इस संबंध में क्या प्रगति हुई? इसमें हुए समस्त पत्राचार की प्रमाणित प्रति देवें। इसमें उल्लेखित कार्य कब तक स्वीकृत किए जाएंगे समय-सीमा देवें? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान एवं आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत राजपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत दिनांक 01.01.2024 से 15.02.2025 तक की अवधि में 24 घंटे विद्युत प्रदाय करने हेतु कोई भी कार्य स्वीकृत नहीं किये गये हैं। अत: प्रश्न नहीं उठता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता है। (ग) जी हाँ। माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के विधानसभा सत्र दिसम्बर, 2024 के प्रश्न क्रमांक 1232 में उल्लेखित माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के प्रश्नांकित पत्र में उल्लेखित मजरों/टोलों/फल्यों के विद्युतीकरण कार्यों को वर्तमान में प्रचलित केन्द्र शासन की धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान योजना अंतर्गत सम्मिलित किये जाने हेतु योजना के दिशा-निर्देशों के अनुरूप विद्युत विहीन फलियों के विद्युतीकरण हेतु लगने वाले विद्युत अधोसंरचना के लिये जी.आई.एस. सर्वे का कार्य वर्तमान में म.प्र. पश्िचम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत प्रगतिरत है। सर्वे कार्य पूर्ण होने के उपरान्त योजना अर्न्तगत कार्य योजना को स्वीकृति हेतु प्रेषित किया जायेगा। अत: वर्तमान में जी.आई.एस. सर्वे के प्रक्रियाधीन होने एवं योजना अंतर्गत प्रशासकीय स्वीकृति की अप्राप्ति के परिप्रेक्ष्य में पत्राचार की प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराना एवं वर्तमान में उक्त कार्य को स्वीकृत किये जाने की निश्िचत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ग्रामों में विद्युतीकरण की समस्या का निराकरण
[ऊर्जा]
65. ( क्र. 1424 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगापुर विधान सभा-47 के कई ग्रामों में विद्युतीकरण किये जाने की माँग ग्रामीण क्षेत्र वासियों द्वारा की गई है। उनके प्रस्ताव क्र. 1 से 11 तक प्रश्नकर्ता पत्र क्रमांक 0219-2024 दिनांक 10/10/24 मान. मंत्री जी एवं विभाग की ओर भेजे गये हैं। क्या सभी 11 प्रस्तावों को बजट प्रक्रिया में शामिल करते हुये क्षेत्र में विद्युतीकरण करा दिया जावेगा? हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या भेजे गये प्रस्ताव (1) राम किशन यादव के घर से मिहींलाल यादव के मकान तक फूलपुर (2) अनु. जाति बस्ती कोटराखेरा ग्राम पंचायत टपरियन चौहान (3) शंकर यादव के खेत से छोटे लाल यादव के खेत तक पठाघाट देवरदा (4) लाड़ले अहिरवार के घर खज्जू अहिरवार के घर तक बल्देवगढ़ (5) कुशवाहा मुहल्ला खरगापुर भेलसी रोड के पास (6) अनु. जाति बस्ती देवपुर मुहल्ला (7) दमची मुहल्ला ग्वालबाबा के पास हीरापुर नज. सरकनपुर (8) पठा मुहल्ला यादव बस्ती देवपुर (9) हनुमत सिंह के कुआं से सुन्दर खंगार के खेत तक मड़ोरी (10) रामदास लोधी के खेत से तेलीगुल्ला मुहल्ला तक मनपसार (11) ग्राम रमपुरा नज. सेवार में सुल्तान सिंह के कुआं से हनुमान मंदिर खिरक तक विद्युत लगाये जाने के प्रस्तावों के अनुसार इन ग्रामीणों की समस्या का निराकरण कैसे किया जा सकता है? बिजली लगाये जाने का कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा? (ग) क्या इन वर्णित स्थानों पर बिजली नहीं पहुंचने के कारण क्षेत्रीय विधायक के समक्ष ग्रामीणजन भ्रमण के दौरान आवेदन लेकर पहुंचते हैं और विधायक विकास निधि कम होने के कारण इनकी बिजली लगाये जाने की पूर्ति नहीं हो पाती है? इसलिए आगामी बजट में इन प्रस्तावों को शामिल करते हुये प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र की इस समस्या का निराकरण कब तक करा दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। प्रश्नांश में उल्लेखित पत्र में वर्णित कार्यों में से वार्ड नं. 11 नगर पंचायत पलेरा में विद्युत केबल लगाये जाने हेतु जमा योजना अंतर्गत प्राक्कलित राशि जमा होने के उपरांत कार्य पूर्ण किया जा चुका है। पत्र में उल्लेखित अन्य कार्यों हेतु जमा योजना अंतर्गत प्राक्कलन तैयार कर प्राक्कलित राशि आवंटन हेतु माननीया प्रश्नकर्ता विधायक महोदया से अनुरोध किया गया है। वर्तमान में प्राक्कलित राशि अप्राप्त है। राशि आवंटित होने के उपरांत पत्र में उल्लेखित शेष कार्यों को किया जाना संभव हो सकेगा। अत: वर्तमान में उक्त कार्यों को पूर्ण किये जाने की निश्िचत समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) वर्तमान में प्रदेश के चिन्हित जिलों में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह यथा भारिया, बैगा एवं सहरिया जनजातीय बाहुल्य क्षेत्रों में अविद्युतीकृत घरों के विद्युतीकरण हेतु केन्द्र शासन की पी.एम. जनमन योजना प्रचलन में है। जिसमें वर्तमान में टीकमगढ़ जिले को चिन्हित नहीं किया गया है। उक्त के अतिरिक्त केन्द्र शासन के धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान अंतर्गत प्रश्नाधीन ग्राम/बस्तियां अनुसूचित जनजातीय आबादी नहीं होने से विद्युतीकरण के सर्वे कार्य में शामिल नहीं किये जा सके हैं।
उज्जैन में भूमि उपयोग की शिकायत
[नगरीय विकास एवं आवास]
66. ( क्र. 1429 ) श्री उमंग सिंघार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्थ महाकुंभ हेतु उज्जैन में कितनी भूमि रिजर्व रखी गई है तथा कितनी भूमि का लैण्डयूस बदल कर आवासीय कर दिया गया है विगत चार वर्षों की जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में जिनकी भूमि आवासीय की गई है उनके नाम सहित जानकारी दें? (ग) भूमि का उद्देश्य बदलने के संबंध में विगत तीन वर्षों में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं तथा उन पर क्या कार्यवाही की गई? शिकायतकर्ता के नाम तथा मुख्य बिंदुओं सहित जानकारी दें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) उज्जैन विकास योजना-2035 में सिंहस्थ मेला (पढ़ाव क्षेत्र) हेतु 3062 हेक्टेयर भूमि आरक्षित की गई है, जो सिंहस्थ 2016 में आरक्षित की गई भूमि अनुसार ही है। सिंहस्थ मेला (पढ़ाव क्षेत्र) हेतु आरक्षित भूमि का लैण्डयूज परिवर्तन नहीं किया गया है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
माधवगंज चौक से बजरिया तक सी.सी. रोड निर्माण
[लोक निर्माण]
67. ( क्र. 1449 ) श्री मुकेश टंडन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विदिशा शहर में विभाग द्वारा माधवगंज चौक से बजरिया तक सी.सी. रोड मार्ग स्वीकृत किया है? यदि हाँ, तो उसकी स्वीकृत राशि बतावें। (ख) क्या प्रश्नकर्ता ने अपने पत्र क्रमांक 552 एवं 553 दिनांक 02.12.2024 को क्रमशः माननीय मुख्यमंत्री एवं माननीय लोकनिर्माण विभाग मंत्री को प्रेषित कर नगर विदिशा के व्यापारियों एवं दुकानदारों में विभिन्न प्रकार की व्याप्त भ्रान्तियों एवं शंकाओं के निराकरण करने के लिये राज्य स्तर के उच्च अधिकारियों एवं यंत्रियों को विदिशा भेजकर व्यापारियों एवं दुकानदारों को संतुष्ट करने के लिये आग्रह किया था? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में अभी तक क्या कार्यवाही की गई बतायें? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि नहीं, तो क्या जनहित में विभागीय अधिकारियों एवं यंत्रियों को व्यापारियों एवं दुकानदारों को संतुष्ट करने हेतु भेजा जावेगा? यदि हाँ, तो निश्चित दिनांक बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। राशि रूपये 822.13 लाख। (ख) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विभागीय अधिकारियों द्वारा स्थल के निरीक्षण उपरांत ही प्रस्ताव/प्राक्कलन तैयार किया गया है, अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। राज्य स्तर से उच्च अधिकारियों का दल भेजने की आवश्यकता नहीं है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शाजापुर जिले में ग्राम सड़कों को एम.डी.आर के प्रस्ताव
[लोक निर्माण]
68. ( क्र. 1492 ) श्री अरूण भीमावद : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले में ग्राम सड़कों को एम.डी.आर. (मेजर डिस्ट्रीक्ट रोड) के रूप में श्रेणीबद्ध करने हेतु अब तक कितने प्रस्ताव प्राप्त हुए है और उनमें से कितने प्रस्ताव लंबित है? (ख) इन लंबित प्रस्ताव को एम.डी.आर. में घोषित करने के लिए सरकार द्वारा क्या समय-सीमा निर्धारित की गई है। अथवा नहीं? (ग) सिंहस्थ 2028 के दृष्टिकोण से शाजापुर जिले में सड़क नेटवर्क को सुदृढ़ बनाने के लिए कौन-कौन से विशेष प्रावधान या योजना बनाई गई है। (घ) क्या सरकार ने शाजापुर जिले की ग्राम सड़कों को एम.डी.आर. श्रेणी में लाने के लिए किसी विशेष कार्य योजना को मंजूरी दी है? जिससे सिंहस्थ 2028 के दौरान बढ़े हुए यातायात भार एवं श्रद्धालुओं का ध्यान रखा जा सके। (ड.) इन सड़कों के उन्नयन हेतु बजट प्रावधान क्या है एवं तकनीकी अनुमोदन अन्य प्रक्रिया की वर्तमान स्थिति क्या है? (च) सिंहस्थ 2028 के लिए शाजापुर जिले में सड़क नेटवर्क के सुदृढ़ीकरण एवं विस्तार हेतु सरकार की क्या दीर्घकालीन योजना है? (छ) यदि नहीं, तो अनुबंध के अनुसार उक्त सुविधाएं उपलब्ध क्यों नहीं की जा रही है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) 07 सड़कों का एक प्रस्ताव प्राप्त हुआ। सभी प्रस्तावित 07 मार्ग एम.डी.आर. घोषित हो चुके है। वर्तमान में कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है। (ख) प्रस्ताव लंबित न होने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-''अ'' एवं ''अ-1'' अनुसार है। (घ) जी नहीं, उत्तरांश ''ग'' अनुसार। (ड.) एवं (च) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। (छ) उत्तरांश ''च'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
EHV उपकेन्द्र का निर्माण
[ऊर्जा]
69. ( क्र. 1507 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा नीमच विधानसभा में नवीन 132/33 के.वी. जीरन (बमोरा) EHV उपकेन्द्र निर्माण हेतु पत्र विभाग को प्रेषित किया था? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा उपकेन्द्र निर्माण हेतु क्या कार्यवाही की गई? लगभग 3 वर्ष पश्चात भी उपकेन्द्र निर्माण नहीं होने के क्या कारण रहें? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित अवर सचिव, म.प्र. शासन, ऊर्जा विभाग, मंत्रालय भोपाल का पत्र क्र. 13-08/2019/तेरह भोपाल, दिनांक 10.08.2022 द्वारा विभाग को उक्त केन्द्र निर्माण हेतु निर्देशित किया गया था। इस पत्र पर विभाग ने क्या कार्यवाही की? (ग) क्या नीमच विधानसभा क्षेत्र के लगभग 130 गांवों के 30 हजार ग्रामवासी उक्त केन्द्र के निर्माण नहीं होने के कारण ओवर लोडिंग एवं वोल्टेज रेगुलेशन की समस्या का सामना कर रहे हैं? क्या विभाग ने इस हेतु वरिष्ठ कार्यालय को उपकेन्द्र निर्माण की महत्ता से अवगत कराया है? यदि हाँ, तो पत्र की प्रतिलिपि दें। (घ) प्रश्नांश (क) संदर्भित उक्त उपकेन्द्र निर्माण की समस्त स्वीकृतियां कब तक जारी कर दी जाएंगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। मुख्यमंत्री कार्यालय से प्राप्त टीप दिनांक 27.07.2022 के द्वारा माननीय विधायक का माननीय मुख्यमंत्री जी को संबोधित पत्र, जिसमें नीमच विधानसभा क्षेत्रांतर्गत जीरन (बमोरा) में 132/33 के.व्ही. अति उच्चदाब विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना हेतु आवश्यक कार्यवाही किए जाने का लेख किया गया है, विभाग को प्राप्त हुआ है, जिसे विभाग के पत्र दिनांक 10.08.2022 के द्वारा म.प्र. पश्िचम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर को अग्रेषित कर, नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही किए जाने एवं कृत कार्यवाही से विभाग को अवगत कराए जाने हेतु लेख किया गया है। उक्त संबंध में म.प्र. पश्िचम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रश्नाधीन क्षेत्र में 132/33 के.व्ही. अति. उच्चदाब विद्युत उपकेन्द्र स्थापना हेतु प्रस्ताव तैयार कर राज्य स्तरीय अंर्तकंपनी समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। तत्समय समिति द्वारा उक्त प्रस्ताव को तकनीकी रूप से असाध्य पाए जाने के दृष्टिगत आगामी कार्यवाही संपादित नहीं की गई। (ख) जी हाँ, विभाग के पत्र क्रमांक-एफ 13-08/2019/तेरह, दिनांक 10.08.2022 के द्वारा म.प्र. पश्िचम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को प्रकरण में नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही किये जाने हेतु लेख किया गया है, किन्तु पूर्व में ही प्रस्ताव तकनीकी रूप से असाध्य होने के कारण कोई कार्यवाही नहीं की जा सकी। (ग) म.प्र. पश्िचम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा प्रश्नाधीन क्षेत्र में वर्तमान अधोसंरचना व्यवस्था एवं भविष्य की आवश्यकता का आंकलन कर, 132/33 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना हेतु पुन: प्रस्ताव तैयार किया गया है एवं उक्त संबंध में निर्णय लिए जाने के लिए गठित प्रदेश स्तरीय अंर्तकंपनी समिति के समक्ष प्रस्तुत किए जाने हेतु म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड को पत्र दिनांक 28.02.2025 के माध्यम से प्रेषित किया गया है, जिसकी प्रतिलिपि विभाग को भी उपलब्ध कराई गई है, प्रतिलिपि संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) म.प्र. पश्िचम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा नीमच विधानसभा क्षेत्रांतर्गत जीरन (बमोरा) में 132/33 के.व्ही. अति उच्चदाब विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना हेतु स्वीकृति अप्राप्त हैं, अत: स्वीकृतियों के संबंध में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
फोर-लेन सड़क पर रेलवे क्रॉसिंग
[लोक निर्माण]
70. ( क्र. 1508 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधायक के प्रश्न क्र. 1431 दिनांक 19.12.2024 के प्रश्नांश ''घ'' में बताया गया कि नियमानुसार फोर-लेन सड़क पर रेलवे क्रॉसिंग नहीं दिया जा सकता। ऐसी स्थिति में सड़क निर्माण के पूर्व कन्सेशनर/बिरला सीमेंट फैक्ट्री जावद से ओवर ब्रिज निर्माण का अनुबंध क्यों नहीं किया गया? (ख) उक्त सड़क निर्माण के लगभग 16 वर्ष बीत जाने के बाद भी दो प्रदेशों को जोड़ने वाली प्रमुख सड़क हेतु क्या अधिकारियों ने ओवर ब्रिज निर्माण हेतु कन्सेशनर को कोई निर्देश दिए है? यदि हां, तो कब? (ग) क्या मार्च 2023 में और पूर्व में भी तत्कालीन लोक निर्माण मंत्री माननीय श्री गोपाल भार्गव की अध्यक्षता में मा. क्षेत्रीय विधायकों के साथ लेबड़ नयागांव फोरलेन की अनियमितताओं को लेकर विधानसभा में अध्यक्षीय आसंदी के निर्देश से बैठक का आयोजन किया गया था, जिसमें प्रमुख रूप से उक्त ब्रिज के निर्माण हेतु माननीय मंत्रीजी ने अधिकारियों को निर्देशित किया था? यदि हां, तो उक्त ब्रिज निर्माण नहीं करने के क्या कारण रहे? (घ) क्या उक्त ब्रिज निर्माण हेतु जावद स्थित बिरला सीमेंट के प्रबंधक ने अपनी सहमति देना बताया है किन्तु फोर-लेन निर्माण कम्पनी द्वारा एन.ओ.सी. नहीं देने के कारण ब्रिज का निर्माण नहीं हो पा रहा है? यदि हाँ, तो एनओसी नहीं देने के क्या कारण रहे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) अनुबंधानुसार फोर-लेन सड़क पर रेल्वे क्रासिंग प्रावधानित नहीं थी। उल्लेखित रेल्वे क्रासिंग विक्रम सीमेंट फैक्ट्री की निजी भूमि है, जिसके संबंध में लोक निर्माण विभाग द्वारा क्रासिंग की अनुमति संलग्न परिशिष्ट की शर्तों अनुसार विक्रम सीमेंट फैक्ट्री, जावद को ही यातायात की सुगमता सुनिश्चित करनी है। (ख) जी नहीं। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) म.प्र. सड़क विकास निगम को इस संबंध में कोई दिशा निर्देश प्राप्त नहीं हुये है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत बिरला सीमेंट फैक्ट्री के प्रबंधक से एन.ओ.सी. बावत् कोई पत्र प्राप्त नहीं है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आर.ओ.बी. निर्माण कार्य की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
71. ( क्र. 1525 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुड़ा, लिधौरा, डुंगासरा मार्ग पर एवं बीना-कटनी रेल्वे सेक्शन के कि.मी. 1059/2-3 में समपार क्रमांक-32 पर आर.ओ.बी. निर्माण कार्य की स्वीकृति कब प्रदान की गई थी तथा यदि स्वीकृति प्रदान की गई थी तो आर.ओ.बी. निर्माण कार्य की लागत/स्वीकृति दिनांक एवं अन्य जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित आर.ओ.बी. निर्माण कार्य स्वीकृति उपरांत विभाग द्वारा निर्माण कार्य के संबंध में/निविदा प्रक्रिया का कार्य किया गया था? यदि निविदा प्रक्रिया का कार्य विभाग द्वारा किया गया था तो आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्णित आर.ओ.बी. निर्माण कार्य विभाग द्वारा प्रारंभ करने के लिए क्या-क्या कार्यवाही की गई? विभाग ने कार्य करने में आ रही रूकावट/अन्य प्रायोजन के समाधान/हल करने के संबंध में क्या कार्यवाही की? (घ) गुड़ा, लिधौरा, डुंगासरा मार्ग पर समपार क्रमांक-32 पर आर.ओ.बी. निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ किया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) आर.ओ.बी. निर्माण कार्य रेल्वे विभाग की सहमति उपरांत ही प्रारंभ कराया जाना संभव होगा।
नगर पालिका परिषद मकरोनिया में पेयजल व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
72. ( क्र. 1527 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका परिषद, मकरोनिया के समस्त 18 वार्डों में पेयजल आपूर्ति वर्तमान में कहां से संचालित की जा रही है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित पेयजल आपूर्ति के लिए नपा परिषद मकरोनिया में योजना/अमृत 2.0 जल प्रदाय योजना प्रस्तावित की गई है/प्राक्कलन तैयार किया गया है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित राजघाट बांध परियोजना के संबंध में नगर पालिक निगम, सागर द्वारा सामान्य सभा की बैठक/अन्य पत्र के माध्यम से पेयजल आपूर्ति को बंद करने/प्रदान न करने के संबंध में कार्यवाही की गई है? (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित कोई कार्यवाही एवं नगर पालिका परिषद मकरोनिया की जनसंख्या को दृष्टिगत रखते हुए विभाग द्वारा पेयजल आपूर्ति के लिए स्थाई स्त्रोत के लिए स्वीकृति/अमृत 2.0 योजना के तहत स्वीकृति कब तक प्रदान की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिका परिषद मकरोनिया के वार्ड क्रमांक 03, 04 एवं 05 में पेयजल आपूर्ति का कार्य नगर पालिका परिषद मकरोनिया द्वारा एवं शेष वार्डों में पेयजल आपूर्ति का कार्य मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेन्ट कंपनी लिमिटेड के माध्यम से संचालित एशियन डेवलपमेन्ट बैंक सहायतित फेज-1 परियोजना के तहत संविदाकार टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड के माध्यम से किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। नगर पालिका परिषद मकरोनिया के द्वारा जलप्रदाय हेतु राशि रू. 5.79 करोड़ की डी.पी.आर. तैयार कर राज्य स्तरीय तकनीकी समिति की बैठक दिनांक 27.11.2024 से अनुमोदन प्राप्त किया जाकर दिनांक 30.01.2025 से निविदा आमंत्रित की गई है। (ग) नगर पालिक निगम सागर द्वारा सामान्य सभा की बैठक में प्रस्ताव क्रमांक 07 दिनांक 27.08.2024 से नगर पालिका परिषद मकरोनिया को आगामी 2 वर्षों में अपने स्वयं के जल स्त्रोत तैयार करने का प्रस्ताव पारित किया गया है। (घ) नगर पालिका परिषद मकरोनिया द्वारा वैकल्पिक स्त्रोत से जल आपूर्ति हेतु दीर्घकालिक योजना तैयार करने की कार्यवाही की जा रही है तथा निकाय के पत्र क्र. 5820, दिनांक 27.12.2024 से बाबेर मटिया बांध से जल आवंटन की मांग की गई है। नगर पालिका परिषद मकरोनिया की जल प्रदाय योजना हेतु स्टेट वॉटर एक्शन प्लान राशि रू. 5.78 करोड़ स्वीकृत है। जिसके अंतर्गत 01 ओवर हैड टेंक, 18306 मीटर डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क, 2100 मीटर क्लीयर वॉटर पंपिग मेन तथा स्काडा सिस्टम का प्रावधान किया गया है। नगर पालिका परिषद मकरोनिया से स्थाई जल स्त्रोत की कार्ययोजना प्राप्त होने पर राशि की उपलब्धता के आधार पर स्वीकृति पर विचार किया जायेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
खरगोन जिले की स्वीकृत सड़कों की जानकारी
[लोक निर्माण]
73. ( क्र. 1533 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 2024-25 में खरगोन जिले में कितनी-कितनी सड़कें कितनी-कितनी लागत की स्वीकृत की गई? (ख) वर्तमान में सड़कों के निर्माण कार्य की स्थिति क्या है? निर्माण प्रारंभ किया गया है या नहीं? (ग) विधानसभा क्षेत्र कसरावद के मार्ग निर्माण दूर्गापुर से वायतेल, बहादपुरा (देवला) से औझरा मुख्य मार्ग, उटावद से सिपटान व्हाया कालीकराय, रायपुरा से सिपटान व्हाया शाला भवन, सुर्वा से ललनी व्हाया दोदवाडा, सतवाड़ी से वायतेल, खामखेडा से दूर्गापुर को वर्ष 2025-26 के बजट में शामिल कर स्वीकृति प्रदान की जावेगी? (घ) विधानसभा क्षेत्र कसरावद के मार्ग निर्माण रोड़िया से मद्रानिया को वर्ष 2024-2025 के मुख्य बजट में सरल क्रमांक 252 पर शामिल कर लम्बाई 0.90 किमी प्रावधानित राशि 123.00 लाख की गई थी परन्तु प्रशासकीय स्वीकृति आज तक प्रदान नहीं की गई है? विलम्ब का कारण? कब तक स्वीकृति जारी की जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश "ग" में उल्लेखित कार्यों की स्वीकृति हेतु बजटीय प्रक्रिया आवश्यक है। वर्तमान में उल्लेखित कार्य बजट में प्रस्तावित नहीं है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। प्रशासकीय स्वीकृति अप्राप्त है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। वर्तमान में निश्िचत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
म.प्र. लोक सेवा आयोग के अभ्यर्थियों को प्रोत्साहन राशि का प्रदाय
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
74. ( क्र. 1534 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में ओबीसी के अभ्यार्थियों को प्रोत्साहन राशि दी जाती है? अगर हाँ तो बताएं प्रीलिम्स और मुख्य परीक्षा में कितनी-कितनी? (ख) क्या सरकार ने अभ्यर्थियों को प्रोत्साहन राशि प्रदान करना बंद कर दी है? अगर हाँ तो क्यों? नहीं तो विगत 6 वर्षों से प्रोत्साहन राशि क्यों नहीं दी जा रही है? (ग) अभ्यार्थियों को प्रोत्साहन राशि कब तक प्रदान की जावेगी?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) जी हाँ। प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण होने पर रूपये 15,000/- एवं मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर राशि रूपये 25,000/- दी जाती है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पात्र अभ्यार्थियों को प्रोत्साहन राशि सतत् रूप से प्रदान की जा रही है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
नर्मदा नदी पर पहुंच मार्ग सहित उच्च स्तरीय पुल का निर्माण
[लोक निर्माण]
75. ( क्र. 1541 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के मनावर सेमल्दा मार्ग में स्थित नर्मदा नदी पर पहुंच मार्ग सहित उच्च स्तरीय पुल निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति क्रमांक एफ-43/10/2023/19/यो/3527 दिनांक 24/07/2023 के संबंध में निर्माण-कार्य की प्रश्न-दिनांक तक क्या स्थिति है? पुल निर्माण कार्य कबसे चल रहा है, पुल निर्माण का कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा, क्या समय-सीमा तय की गई है? (ख) पुल निर्माण में होने वाले कौन-कौन से कार्य की जिम्मेदारी/निगरानी/निरीक्षण किस-किस सक्षम अधिकारी को किस समय-सीमा में पूर्ण करने के लिए कब-कब दिया गया? किस-किस सक्षम अधिकारी ने कौन-कौन से कार्य कब पूर्ण कर लिए, किस सक्षम अधिकारी ने किन कारणों से समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं किए। (ग) पुल निर्माण में होने वाले कौन-कौन से कार्य किस-किस संस्था/ठेकेदार को किस समय-सीमा में पूर्ण करने के लिए कब-कब दिया गया? किस सक्षम अधिकारी ने उक्त कार्य की निगरानी की। कौन-कौन से कार्य कब पूर्ण कर लिए, किन कारणों से कौन से कार्य पूर्ण नहीं किए। (घ) पुल निर्माण में किसकी क्या जवाबदेही/जिम्मेदारी तय की गई है। कब-कब किस-किस सक्षम अधिकारी ने पुल निर्माण के किन-किन कार्यों का भौतिक निरीक्षण किया, क्या रिपोर्ट दिया, रिपोर्ट की प्रतिलिपि उपलब्ध करवाएं। किन कारणों से प्रश्न-दिनांक तक भी पुल निर्माण का कार्य पूर्ण नहीं हो सका है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) दिनांक 15/03/2024 को कार्यादेश किया गया है। निर्माण कार्य दिनांक 15/03/2024 से चल रहा है, अनुबंधानुसार दिनांक 15/06/2027 पूर्ण करने का लक्ष्य है। (ख) समस्त कार्य की निगरानी/निरीक्षण कार्यपालन यंत्री, अनुविभागीय अधिकारी एवं उपयंत्री द्वारा की जाती है, अत: अलग-अलग कार्यों की अधिकारीवार समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। पुल निर्माण हेतु बोरिंग कार्य पूर्ण एवं रूपांकन का कार्य प्रक्रियाधीन है। (ग) पुल निर्माण के समस्त कार्य करने हेतु दिनांक 15/03/2024 को मेसर्स राजेश शर्मा औबेदुल्लागंज जिला रायसेन से अनुबंध किया गया है। वर्तमान में बोरिंग कार्य पूर्ण, रूपांकन का कार्य प्रक्रियाधीन है। कार्य पूर्ण हेतु दिनांक 15/06/2027 तक का लक्ष्य है। (घ) उत्तरांश ''ख'' के अनुसार, कार्य प्रारंभ किया जा चुका है, बोरिंग कार्य किया है, रिपोर्ट की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में कार्य प्रगति पर है एवं दिनांक 15/06/2027 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर पालिका परिषद मनावर की भूमि का खुर्दबुर्द की जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
76. ( क्र. 1547 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्न-क्रमांक-722 उत्तर (ख) में अध्यक्ष नगर पालिका परिषद मनावर ने दिनांक-24/2/2023 तथा विशेष सम्मेलन दिनांक-12/6/2023 प्रस्ताव-क्रमांक-21 द्वारा प्राथमिकी दर्ज की कार्यवाही स्थगित करने थाना मनावर को पत्राचार करने से अध्यक्ष नगर पालिका मनावर एवं परिषद का उक्त प्रस्ताव उपसंचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास मध्यप्रदेश के पत्र-क्रमांक/शाखा-2/2022/20975 दिनांक-05/02/2022 के पालन में पत्र-क्रमांक-521 दिनांक-20/02/2023 पर बंधनकारी होकर सर्वोपरि है। यदि नहीं, तो उपसंचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास के आदेश का पालन नहीं करने पर अध्यक्ष नगर पालिका मनावर एवं परिषद जिसने कार्रवाई स्थगित की पर क्या कार्रवाई हुई, यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास इंदौर पत्र क्रमांक/3शि/21/2021/2518 इंदौर दिनांक-28/09/2022 इसी आशय के नगर पालिका के प्रस्ताव-क्रमांक-266 दिनांक-07/01/2022 को निकायहित में न होने क्षोभकारक होने से अपायकर होना लेख किया। यदि हाँ, तो नगर पालिका मनावर के विशेष सम्मेलन में नियम विरूद्ध एवं उसी आशय का प्रस्ताव पुनः पारित करने वाले अध्यक्ष एवं पार्षदों के विरुद्ध नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा-41 अंतर्गत उन्हें पद से हटाने की कार्रवाई क्यों नहीं की? (ग) नगर पालिका मनावर के पत्र-क्रमांक-521 दिनांक-20/02/2023 से FIR करने के संलग्न परिपत्रों में जिन अधिकारियों के नाम आरोपियों के रूप में है उन्हीं को जांच में साक्षी क्यों बनाया। (घ) क्या नगर पालिका परिषद मनावर को विधि अनुरूप वरिष्ठ कार्यालय के प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश को रोकने की अधिकारिकता है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। संचालनालय के पत्र 5028 दिनांक 04.03.2025 से दिये निर्देश के पालन में प्राथमिकी दर्ज न किये जाने के संबंध में मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद मनावर, जिला धार (म.प्र.) से स्पष्टीकरण चाहा गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रकरण में वर्तमान में कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने तथा अंतिम निर्णय (निष्कर्ष) अपेक्षित होने से म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 41 के तहत वैधानिक रूप से कार्यवाही किया जाना संभव नहीं है। (ग) निकाय के पत्र क्रमांक 521 दिनांक 20/02/2023 से पुलिस थाना मनावर को दस्तावेजों अनुसार भूखण्डों के अवैधानिक क्रय विक्रय हेतु लीजधारी, क्रेता एवं नियम विरूद्ध भवन अनुज्ञा जारी करने एवं नामांतरण करने वाले पदाधिकारी/अधिकारी एवं कर्मचारियों के विरुद्ध नियमानुसार प्राथमिकी दर्ज किये जाने हेतु पत्र प्रेषित किया गया। जिसमें प्रकरणवार संबंधित पदाधिकारी अधिकारी एवं कर्मचारी के नामों का उल्लेख किया गया। म.प्र. शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग, मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक UDH-6/0002/2023/18-3 दिनांक 30/06/2023 के क्रम में संभागीय कार्यालय इन्दौर के पत्र क्रमांक 3430 दिनांक 15/12/2023 से प्रतिवेदन अनुसार अवैध नामांतरण/भवन निर्माण स्वीकृति हेतु उत्तरदायी पाये गये पदाधिकारी अधिकारी एवं कर्मचारियों के विरुद्ध कारण बताओ सूचना पत्र तथा आरोप पत्रादि के प्रारूप प्रेषित किये गये है। जिसमें अधिकारियों को संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास द्वारा आरोप पत्रादि जारी किये गये है एवं पदाधिकारियों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उपरोक्त पत्र में उल्लेखित किसी भी आरोपी को जांच में साक्षी नहीं बनाया गया है। (घ) जी नहीं।
नया बस स्टैंड प्रारम्भ किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
77. ( क्र. 1550 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नागदा शहर में विगत सिंहस्थ (2016) महापर्व को देखते हुए नया बस स्टैण्ड बायपास रोड पर बनाया गया था जो आज दिनांक तक प्रारंभ नहीं किया गया? यदि हां, तो क्यों? इसके लिए किसकी जवाबदेही है क्या इनके खिलाफ कोई कार्रवाई की गई? (ख) कब तक यह बस स्टैण्ड प्रारंभ कर दिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) नवीन बस स्टैण्ड दिनांक 22/02/2025 से प्रारंभ किया जा चुका है।
मण्डी कॉम्पलेक्स एवं सी.सी.रोड निर्माण कार्यों हेतु राशि का आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
78. ( क्र. 1563 ) श्री देवेन्द्र कुमार जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल के पत्र क्रमांक/यां.प्र./07/2024/2418, भोपाल दिनांक 19.2.2024 द्वारा नगर पालिका परिषद शिवपुरी के विभिन्न वार्डों में कायाकल्प योजना 2.0 अंतर्गत सी.सी. रोड निर्माण कार्य हेतु कुल राशि रू. 394.67 लाख की स्वीकृति प्रदाय की गई थी? उक्त स्वीकृत सी.सी. रोड निर्माण कार्य में से कुल कितने कार्य मौके पर पूर्ण हो चुके हैं तथा पूर्ण कार्यों हेतु ठेकेदारों को कितनी-कितनी राशि का भुगतान कब-कब किया जा चुका है? कितने कार्य अपूर्ण व कितने अभी अप्रारंभ हैं व क्यों? (ख) संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल के पत्र क्रमांक/2797/यां.प्र./07/2024/भोपाल दिनांक 27.2.2024 के द्वारा नगरपालिका परिषद शिवपुरी में मुख्यमंत्री अधोसंरचना निर्माण योजना के अंतर्गत पुराने प्रायवेट बस स्टैण्ड के पास मण्डी कॉम्पलेक्स निर्माण कार्य राशि 2.48 करोड़ की स्वीकृति होने के उपरांत उसके निर्माण कार्य की अद्यतन स्थिति क्या है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार आदेशों में वर्णित निर्माण कार्यों के क्रियान्वयन हेतु नगरपालिका परिषद शिवपुरी को विभाग द्वारा अभी तक कितनी राशि कब-कब प्रदान की गई है? यदि नहीं, तो क्यों कारण बतावें? क्या विभाग से राशि प्राप्त नहीं होने के कारण ही निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो सके हैं? समस्त जानकारी दें तथा अवगत करावें कि कब तक नगरपालिका परिषद शिवपुरी को उक्त निर्माण कार्यों हेतु सम्पूर्ण राशि प्रदान कर दी जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, म.प्र., भोपाल के पत्र क्रमांक/यां.प्र./07/2024/2418 दिनांक 19.02.2024 से नगर पालिका परिषद, शिवपुरी को कायाकल्प योजना के अंतर्गत सैद्धांतिक स्वीकृति की सीमा राशि रू. 380.00 लाख की स्वीकृति दी गई है। उक्त स्वीकृति के अंतर्गत 39 सी.सी. रोड निर्माण कार्य स्वीकृत हैं, जिसमें से 16 सी.सी. रोड के कार्य पूर्ण हो गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) नगर पालिका परिषद, शिवपुरी द्वारा कार्य योजना तैयार कराई जा रही है। (ग) नगर पालिका परिषद, शिवपुरी को कायाकल्प योजना एवं मुख्यमंत्री नगरीय अधोसंरचना निर्माण योजना अंतर्गत आवंटित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जी नहीं। आवंटित राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर शेष राशि उपलब्ध करायी जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नगरों में घटिया निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
79. ( क्र. 1566 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले में नगर पंचायतों एवं नगर पालिका की दुकानों के निर्माण में घटिया निर्माण किया गया है यदि नहीं, तो दरक रही दीवारें, सीमेंट छोड़ते तार, उखड़े टाईल्स क्या बयां कर रहे हैं? (ख) क्या टीकमगढ़ नगर पालिका परिषद की दुकानों को बिना नगर पालिका की अनुमति के स्वयं किरायेदारों ने अपने-अपने हिसाब से दो मंजिला कर लिया है? यदि नहीं, तो कुल कितनी दुकानों को डबल मंजिल करने की स्वीकृति है? (ग) क्या नगर पंचायत बड़ागांव धसान की दुकानों की छत निर्माण के समय झुक गई है व दरारे आ गई है यदि हाँ, तो निर्माण एजेंसी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित अनियमितताओं के लिये कौन-कौन सी.एम.ओ. दोषी है उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। नगर पालिका परिषद टीकमगढ़, नगर परिषद जतारा, कारी, बल्देवगढ़, लिधौराखास, पलेरा, खरगापुर में किसी भी दुकानों में घटिया निर्माण नहीं किया गया है। जिले की बड़ागांव मिथलाखेरा में दुकानों के निर्माण कार्य में 05 दुकानों का छज्जा सेंटरिंग समय से पूर्व निकालने के कारण छज्जा झुक गया है, जिसके सुधार हेतु ठेकेदार को दिनांक 06.06.2024 एवं दिनांक 05.07.2024 को नोटिस जारी किये गये है, तथा संयुक्त संचालक, सागर संभाग, को कमिश्नर सागर संभाग द्वारा पत्र 98 दिनांक 30.01.2025 से प्रकरण की जांच किये जाने हेतु आदेश दिया गया है। जिसकी कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जी नहीं। निकाय द्वारा किसी भी दुकानदार को डबल मंजिल करने की स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है। (ग) नगर परिषद, बड़ागांव मिथलाखेरा में दुकानों के निर्माण कार्य में 05 दुकानों का छज्जा सेंटरिंग समय से पूर्व निकालने के कारण छज्जा झुक गया है, जिसके सुधार हेतु ठेकेदार को दिनांक 06.06.2024 एवं दिनांक 05.07.2024 से अनुबंध की कंडिका 03 के अनुसार ठेकेदार के स्वयं के व्यय पर सुधार कार्य कराए जाने हेतु नोटिस जारी किये गये हैं। (घ) जाँच कार्यवाही प्रचलन में है। गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।
प्रश्नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही न होना
[नगरीय विकास एवं आवास]
80. ( क्र. 1567 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 15 वर्षों में नगर पालिका परिषद टीकमगढ़ में व्याप्त भ्रष्टाचार की कुल कितनी शिकायतें आयुक्त नगरीय प्रशासन भोपाल को की गई और उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या प्रश्नकर्ता ने भी विगत 2 वर्ष में अनेकों शिकायतें की किन्तु उन पर कोई कार्यवाही नहीं हुई मात्र जांच दल बनाकर कर्तव्य की इतिश्री कर दी ऐसा क्यों? (ग) यदि नहीं, तो जांच परिणामों से अवगत करावें एवं अभी तक कार्यवाही न होने कारण बतावें। (घ) नगर पालिका परिषद टीकमगढ़ में विगत 15 वर्ष के निर्माण की फाईलें नदारत है यदि नहीं, तो 15 वर्ष के कुल निर्माण कार्यों का विस्तृत विवरण दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगरपालिका परिषद्, टीकमगढ़ के संबंध में की गई शिकायतें एवं उस पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा नगरपालिका परिषद्, टीकमगढ़ के संबंध में की गई शिकायतें एवं उस पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। विगत 15 वर्षों के निर्माण कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है।
अशोकनगर में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर पदस्थी
[लोक निर्माण]
81. ( क्र. 1584 ) श्री जगन्नाथ सिंह रघुवंशी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग में जिला स्तर पर कार्यपालन यंत्री की पदस्थापना कितने समय के लिये की जाती है समयावधि के विभागीय नियम क्या है। प्रभारी कार्यपालन यंत्री जिला अशोकनगर में किस दिनांक से पदस्थ है। क्या लोक निर्माण विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा जिला अशोकनगर के कार्यपालन यंत्री के पद पर स्थायीकरण कर दिया गया है। यदि नहीं, तो प्रश्नकर्ता द्वारा पूर्व सत्र में ध्यानाकर्षण लगाने के उपरांत भी इनको अन्यत्र स्थानांतरण क्यों नहीं किया गया। (ख) कार्यपालन यंत्री पदस्थी के दौरान जिला अशोकनगर में कितने सड़कों के निर्माण उन्नयन एवं मरम्मत के टेण्डर जारी हुए है समस्त की जानकारी, निर्माण अवधि, एजेंसी एवं भुगतान की जानकारी देवें और बतायें कौन-कौन से कार्य समयावधि समाप्त हो जाने के उपरांत भी आज दिनांक तक पूर्ण नहीं हुए है। क्या कार्यपालन यंत्री द्वारा कार्य पूर्ण न करने वाली एजेंसियों को संरक्षण दिया जा रहा है यदि हाँ, तो संरक्षण देने वाले कार्यपालन यंत्री पर क्या कार्यवाही की जावेगी।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) समयावधि निर्धारित नहीं है। दिनांक 05.05.2015 से। जी नहीं। प्रशासकीय दृष्टिकोण से आवश्यक होने पर स्थानांतरण किया जाता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लोक निर्माण विभाग में अधिकारियों की रोस्टर अनुसार पदस्थापना
[लोक निर्माण]
82. ( क्र. 1585 ) श्री जगन्नाथ सिंह रघुवंशी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग में प्रमुख अभियंता एवं मुख्य अभियंता के कितने पद स्वीकृत है। सूची देवें एवं स्वीकृत पदों के विरूद्ध पदस्थ अधिकारियों की संवर्गवार, नाम सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सूची अनुसार बतावें कि क्या इनमें से कुछ अधिकारी अपने लिये आरक्षित संवर्ग के अतिरिक्त अन्य संवर्ग के पद पर पदस्थ है और उनके वेतन भत्ते अन्य संवर्ग के पद से आहरित किये जा रहे है यदि हाँ, तो नियम विरूद्ध पदस्थापना करने वाले अधिकारी पर क्या कार्यवाही की जायेगी। (ग) प्रमुख अभियंता एवं मुख्य अभियंता के संवर्गवार रिक्त पदों को भरने हेतु क्या कार्य योजना है। क्या संविदा नियुक्ति से उक्त पदों की पूर्ति की जावेगी।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पदोन्नति के पद है किन्तु वर्तमान में माननीय सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नति के संबंध में प्रकरण प्रचलित होने के कारण पदोन्नति प्रक्रिया लंबित है। जी नहीं।
स्मार्ट सिटी जबलपुर में किये गये कार्यों में हुई शिकायतें
[नगरीय विकास एवं आवास]
83. ( क्र. 1590 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सदन दिनांक 19/12/2024 को प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 1462 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में उल्लेखित परिशिष्ट (अ) एवं प्रश्नांश (ग) के उत्तर में उल्लेखित परिशिष्ट (ब) प्रश्नकर्ता को प्राप्त नहीं हुआ है, कृपया उपलब्ध कराएं? प्रश्न के प्रश्नांश (क) के दूसरे भाग की जानकारी संकलित किया जाना बताया गया था कृपया उपलब्ध कराएं? प्रश्नांश (ख) की जानकारी संकलित किया जाना बताया गया था जानकारी उपलब्ध कराएं? (ख) स्मार्ट सिटी जबलपुर द्वारा अब तक किये गए कार्यों के संबंध में कौन-कौन सी शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई हैं? शिकायतों की प्रतियाँ उपलब्ध कराएं? इनमें क्या कार्यवाही की गई अवगत कराएं? (ग) स्मार्ट सिटी के विभिन्न कार्यों हेतु शासन द्वारा निर्धारित सीएसआर व अन्य दिशा निर्देशों की प्रतियाँ उपलब्ध कराएं? स्मार्ट सिटी जबलपुर अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक किन-किन ठेकेदारों/फर्मों/कम्पनियों/संस्थाओं को कितना- कितना भुगतान कब-कब किया गया है? कार्यों के विवरण सहित भुगतानों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराएं? उक्त समस्त कार्यों के मटेरियल टेस्टिंग रिपोर्ट की प्रतियाँ उपलब्ध कराएं? (घ) वर्तमान में स्मार्ट सिटी जबलपुर में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों के नाम मोबाइल नंबर एवं कब से पदस्थ हैं, की जानकारी प्रदाय करें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) प्रश्न क्रमांक 1462 के प्रश्नांश (क) के उत्तर में उल्लेखित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार एवं प्रश्नांश (ग) के उत्तर में उल्लेखित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। प्रश्नांश के दूसरे भाग एवं प्रश्नांश (ख) में जबलपुर स्मार्ट सिटी से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''क'' अनुसार है एवं इन कार्यों से संबंधित प्राप्त शिकायत व प्रतिवेदन की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ख'' अनुसार है। (ख) जबलपुर स्मार्ट सिटी द्वारा किये गये कार्यों के संबंध में विभाग को प्राप्त शिकायतों की प्रतियाँ एवं इन पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ग'' अनुसार है। (ग) स्मार्ट सिटी के कार्य हेतु विभाग द्वारा सीएसआर संबंधी कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किये गए हैं व अन्य दिशा निर्देशों की प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''घ'' अनुसार है। शेषांश की जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) स्मार्ट सिटी जबलपुर में पदस्थ अधिकारीयों/कर्मचारियों के नाम मोबाईल नम्बर एवं कब से पदस्थ है कि जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ड.'' अनुसार है।
जबलपुर विकास प्राधिकरण द्वारा विकास कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
84. ( क्र. 1591 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सदन दिनांक 19/12/2024 को प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 1463 के उत्तर में (क) से (ख) जानकारी एकत्रित किया जाना बताया गया था, कृपया जानकारी उपलब्ध कराएं? (ख) जेडीए के सीईओ दीपक वैद्य के कार्यकाल के दौरान किये गए समस्त भूखंडों के आवंटन की जानकारी उपलब्ध कराएं? इस दौरान किये गए समस्त टेंडर, बोर्ड से पास कराये गए समस्त निर्णय की जानकारी उपलब्ध कराएं? इस दौरान जितने भी कुशल व अकुशल कर्मचारियों की भर्ती की गई, उनकी जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) जेडीए में पदस्थ अमित धुर्वे के कार्यकाल में दी गई समस्त लीज डीड, आवंटन, भू-अर्जन संबंधित समस्त पत्र-प्रपत्र आदेश की प्रतियाँ उपलब्ध कराएं। (घ) वर्तमान में जेडीए से संबंधित कौन-कौन से मामले ई.ओ.डब्लू. में लंबित हैं या चल रहे हैं? उनमें विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? दस्तावेज सहित अवगत कराएं। (ड.) वर्तमान में जेडीए में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों के नाम मोबाइल नंबर एवं कबसे पदस्थ हैं, की जानकारी प्रदाय करें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) दिनांक 19.12.2024 के तारांकित प्रश्न क्रमांक 1463 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"अ" अनुसार है। (ख) जबलपुर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, श्री दीपक वैद्य के कार्यकाल के दौरान आवंटित संपत्तियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"ब" अनुसार है। कुशल व अकुशल कर्मचारियों की भर्ती नहीं की गई है। (ग) जानकारी उत्तरांश (क) एवं (ख) में समाहित है। (घ) ई.ओ.डब्ल्यू. में प्राधिकरण की योजना क्रमांक-6 से संबंधित एक प्रकरण वर्तमान में प्रचलन में है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"स" अनुसार है।
पावर जनरेटिंग कंपनी की ताप विद्युत इकाइयों की परफॉर्मेंस गांरटी टेस्ट
[ऊर्जा]
85. ( क्र. 1594 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी में वर्तमान समय में कुल कितनी ताप विद्युत इकाइयां है? उनकी क्षमतावार जानकारी देवें। इन सभी ताप विद्युत इकाइयों का कमर्शियल लोड कब-कब किन तिथियों में प्रारंभ किया गया? साथ ही कंपनी द्वारा वर्ष 2010 के उपरांत स्थापित नवीन ताप विद्युत इकाइयों का कमर्शियल लोड विद्युत उत्पादन प्रारंभ के बाद कब-कब किन तिथियों में कितनी अवधि के बाद परफॉर्मेंस टेस्ट गांरटी कराई गई? इसकी जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या यह सही है कि विद्युत इकाइयों के परफॉर्मेंस गारंटी टेस्ट के बाद ही ताप विद्युत इकाइयों को फिक्स कॉस्ट राशि प्राप्त होती है। कंपनी द्वारा वर्ष 2010 के उपरांत स्थापित नवीन ताप विद्युत इकाईयों में से किन ताप विद्युत इकाइयों की परफॉर्मेंस गांरटी टेस्ट नहीं हुआ है? उन इकाइयों के नाम एवं विद्युत उत्पादन क्षमता की जानकारी देवें। साथ ही परफॉर्मेंस गारंटी टेस्ट न होने के कारण विद्युत इकाइवार कितनी राशि कंपनी को प्राप्त नहीं हो पा रही है? समस्त ब्यौरा देवें। (ग) प्रश्नांश के संदर्भ में (ख) ताप विद्युत इकाइयों के परफॉर्मेंस गांरटी टेस्ट समय पर न होने हेतु कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं? क्या इन अधिकारियों पर कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड अंतर्गत वर्तमान समय में कुल 12 ताप विद्युत इकाइयां संचालित है। उक्त इकाइयों की क्षमता एवं कमर्शियल लोड प्रारंभ किए जाने संबंधी विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। कंपनी द्वारा वर्ष 2010 के उपरांत स्थापित विद्युत इकाइयों के परफॉर्मेंस गारंटी टेस्ट (पी.जी.टेस्ट) संबंधी विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। विद्युत इकाइयों के स्थायी प्रभार (फिक्स्ड कॉस्ट) का उनके परफॉर्मेंस गांरटी टेस्ट से कोई संबंध नहीं है। वर्तमान में श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना, दोंगलिया की इकाई क्रमांक 3 (1x660mw) की टरबाइन का परफॉर्मेंस गारंटी टेस्ट प्रगतिरत है एवं शेष समस्त इकाइयों के पी.जी. टेस्ट अनुबंध में निहित शर्तों के अनुरूप किये जा चुके हैं। परफॉर्मेंस गारंटी टेस्ट न होने के कारण फिक्स कॉस्ट (स्थाई प्रभार) प्राप्त न होने का कोई प्रकरण नहीं है। अतः शेष प्रश्नांश लागू नहीं। (ग) उल्लेखित सभी इकाइयों में से संजय गांधी ताप विद्युत गृह, अमरकंटक ताप विद्युत गृह, सतपुड़ा ताप विद्युत गृह एवं श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना के प्रथम-चरण की ताप विद्युत इकाइयों की स्थापना हेतु किए गए अनुबंधों में परफॉर्मेंस गांरटी टेस्ट को संपन्न किए जाने के संबंध में निश्चित समयावधि का उल्लेख नहीं है। अनुबंध के अनुसार इन टेस्टों का क्रियान्वयन, कांट्रेक्टर एवं मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के मध्य आपसी सहमति से उचित समयावधि में किया गया था। श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना के द्वितीय चरण (2X660 मेगावाट) की इकाइयों के अनुबंध में निहित शर्तों के अनुसार, परफॉर्मेंस गांरटी टेस्ट 3 महीने या कांट्रेक्टर और मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के बीच आपसी सहमति से सुनिश्िचत की गई समयावधि में (संयंत्रों के प्रमुख दोषों को दूर करने के उपरांत ही) आयोजित किये जाने का उल्लेख है। तदानुसार उक्त इकाइयों के परफॉर्मेंस गांरटी टेस्ट समयानुसार कराये गये हैं/कराये जा रहे हैं। परफॉर्मेंस गांरटी टेस्ट के क्रियान्वयन, अनुबंध में तय नियमों एवं शर्तों के अनुसार संपन्न किये गए है, अतः यह कहना उचित नहीं है कि इन्हें समय पर नहीं कराया जा सका है। उक्त के दृष्टिगत किसी अधिकारी विशेष की जिम्मेदारी तय नहीं की जा सकती है। अतः शेष प्रश्नांश लागू नहीं।
अघोषित बिजली कटौती
[ऊर्जा]
86. ( क्र. 1595 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केवलारी विधानसभा क्षेत्र में पिछले दो महिनों से बिना किसी सूचना के अघोषित बिजली कटौती की जा रही है एवं लो वोल्टेज के कारण किसानों के मोटर पंप नहीं चल पा रहे है, जिससे कृषकों की फसल नष्ट हो रही है इसका जिम्मेदार कौन रहेगा? (ख) क्या विभाग कृषकों को समय-सीमा तय कर पर्याप्त मात्रा में बिजली प्रदाय करेगा यदि हाँ, तो कब, नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। केवलारी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत राज्य शासन के निर्देशानुसार कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन औसतन 10 घंटे एवं गैर कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन औसतन 24 घंटे गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत किसी भी प्रकार की अघोषित विद्युत कटौती नहीं की जा रही है। उल्लेखनीय है कि विद्युत लाईनों/अद्योसंचना के रख-रखाव हेतु पूर्व निर्धारित शट-डाउन लेने तथा तकनीकी कारणों/प्राकृतिक आपदा से आये आकस्मिक व्यवधानों जैसी अपरिहार्य स्थिति के कारण कतिपय अवसरों पर विद्युत प्रदाय बाधित होता है, जिसमें आवश्यक रख-रखाव/सुधार कार्य कर विद्युत प्रदाय शीघ्र ही सुचारू कर दिया जाता है। विद्युत अद्योसंरचना के आवश्यक रखरखाव कार्य हेतु लिए जाने वाले शटडाउन की सूचना विद्युत उपभोक्ताओं को अखबार एवं अन्य माध्यमों से दी जाती है। अत: उक्तानुसार की जा रही कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में किसी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार राज्य शासन द्वारा कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन 10 घंटे विद्युत प्रदाय किये जाने की समय-सीमा तय की गई है। तदनुसार प्रदेश में कृषकों को कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन औसतन 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है।
नगरीय निकायों को आवंटित राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
87. ( क्र. 1600 ) श्री संजय उइके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरीय विकास विभाग को अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति बजट प्रावधान में सामाजिक-आर्थिक क्षेत्रों के योजनाओं अन्तर्गत प्रत्यक्ष लाभ पहुंचाने पृथक प्रावधान सब स्कीम में राशि प्राप्त हुई है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2023-24 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि कब-कब, किस-किस योजना में प्राप्त हुई? प्राप्त राशि को कितना-कितना, किन-किन नगरीय निकायों को किस-किस योजना में आंवटित किया गया? प्राप्त राशि का व्यय कितना-कितना किया गया निकायवार, योजनावार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या अनुसूचित जनजाति की कम जनसंख्या वाले निकायों को अधिक राशि और अधिक जनसंख्या वाले को कम राशि का आंवटन किया गया है? यदि हाँ, तो राशि आंवटन किस आधार/फार्मुला पर किया गया बतावें? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बजट आंवटन में प्राप्त राशि को नगरीय निकायों को आवंटित करने संबंधी वित्त विभाग या नगरीय विकास विभाग के आदेश/निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वर्ष 2014-15 से 2024-25 में प्राप्त आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
88. ( क्र. 1604 ) श्री संजय उइके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरीय क्षेत्रों में विशेष आवश्यकताओं एवं आकस्मिक प्रयोजन के लिए राशि के उपयोग के नियम 2006 बनाया गया है? जिसमें विशेष निधि मद अन्तर्गत कार्य स्वीकृत किये जाते है? (ख) हाँ तो बालाघाट जिलान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन निकायों को किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि कब-कब स्वीकृत की गयी? (ग) नगरीय क्षेत्रों के लिए बनाये नियम 2006 में विशेष आवश्यकताओं एवं आकस्मिक प्रयोजन में किस तरह के कार्य एवं किस तरह की परिस्थिति में कार्य स्वीकृत किया जाता है? स्वीकृति हेतु प्रयोजन का निर्धारण किस तरह किया जाता है? प्रति उपलब्ध करावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"अ" अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश नगरीय क्षेत्रों में विशेष आवश्यकताओं एवं आकस्मिक प्रयोजनों के लिए राशि के उपयोग के नियम-2006 एवं उनके संशोधन अनुसार निर्धारण किया जाता है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"ब" अनुसार है।
गुणवत्ता विहीन कार्यों की जांच कर दंडात्मक कार्यवाही
[ऊर्जा]
89. ( क्र. 1610 ) श्री मधु भगत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) RDSS योजनांतर्गत बालाघाट जिले में विद्युत पोल सहित विद्युतीकरण कार्य किए जाने हेतु किस तिथि को विज्ञापन जारी हुआ निविदा प्रक्रिया की समस्त कार्यवाही के दस्तावेज सहित प्रश्न दिनांक तक कार्य एजेंसी को भुगतान किए गये राशि का विवरण सहित बिल, वाउचर, चेक, बैंक ड्राफ्ट, नगद भुगतान की क्रमांक एवं दिनांक सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों का अवलोकन/निरीक्षण किया गया था जिसमें निम्न स्तर की सामग्री का उपयोग एवं एस्टीमेट के अनुसार कार्य करना नहीं पाया गया। क्या जिला स्तर/राज्य स्तर पर जांच कमेटी गठित कर उच्च स्तरीय जांच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता या उनके द्वारा नामित व्यक्ति को शामिल किया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) विद्युत पोल की लंबाई, तार की गुणवत्ता, क्लेम की गुणवत्ता तथा समस्त सामग्रियों को निम्न स्तर का लगाए जाने के कारण जन/धन की सरकार को हानि हुई शासन की राशि का दुरूपयोग हुआ क्या समस्त दोषियों पर दंडात्मक कार्रवाई की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) आर.डी.एस.एस. अंतर्गत जिला बालाघाट में स्वीकृत विभिन्न विद्युतीकरण कार्यों हेतु जारी निविदा/विज्ञापन दिनांक तथा निविदा प्रक्रिया से संबंधित अन्य जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। निविदा प्रक्रिया के संबंधित दस्तावेज की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। प्रश्न दिनांक तक संबंधित निविदाकारों को बालाघाट जिले सहित कार्यादेशानुसार किये गये भुगतान सहित दस्तावेजों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ख) संचा./संधा. वृत्त बालाघाट अंतर्गत आर.डी.एस.एस. योजना में किये जा रहे कार्यों की गुणवत्ता एवं सतत् निरीक्षण हेतु म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा मेसर्स एस.जी.एस. इंडिया प्रा. लिमि. को दिनांक 26.08.2022 को कार्यादेश जारी किया गया है एवं कार्यादेश की शर्तों के अनुसार उक्त फर्म द्वारा गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्िचत करवाया जा रहा है। कार्यों में प्रयुक्त होने वाली सामग्री ठेकेदारों/क्रियान्वयन एजेंसियों के स्टोर में प्राप्त होने पर अधीक्षण अभियंता (नोडल अधिकारी), मेसर्स एस.जी.एस. के प्रतिनिधि तथा ठेकेदारों के प्रतिनिधि द्वारा संयुक्त निरीक्षण उपरांत सामग्री सही पाये जाने पर उपयोग में लायी जाती है। कार्यादेश तथा अनुबंध की शर्तों के अनुसार समय-समय पर गुणवत्ता की जांच हेतु सामग्री को एन.ए.बी.एल. लेब को प्रेषित किया जाता है तथा गुणवत्ता में सही पाये जाने पर ही सामग्री का उपयोग योजनांर्तगत किया जाता है एवं कार्य के दौरान समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है। योजना अंतर्गत किये जा रहे कार्य बनाये गये प्राक्कलन के अनुरूप ही किये जा रहे है। सुपरविजन एजेंसी के माध्यम से वर्तमान में किये गये कार्यों की अनियमितता के संबंध में कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है। (ग) आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत समस्त कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित किये जाने हेतु उत्तरांश (ख) अनुसार कार्यवाही की जाती है। अत: प्रश्न नहीं उठता है।
बिना निविदा के कार्य कराये जाने की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
90. ( क्र. 1614 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मऊगंज जिले के हनुमना नगर परिषद में प्रश्न दिनांक तक किन-किन वार्डों में कितने काम स्वीकृत किये गए हैं? स्वीकृत निर्माण कार्यों में प्रगति की क्या स्थिति है? (ख) क्या बिना टेंडर के भी निर्माण या अन्य कार्य कराये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो बिना टेंडर काम करने वाले ठेकेदारों और उनके द्वारा किये गए कार्यों की जानकारी वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक की उपलब्ध कराएं। (ग) बिना टेंडर किये गए कार्यों का भुगतान किन-किन ठेकेदारों को किन-किन तिथियों में कितना किया गया? दिनांकवार भुगतान की सूची उपलब्ध कराएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) निकाय में बिना टेण्डर के कोई भी कार्य नहीं कराये गये है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सागर नगर में सौर ऊर्जा पार्क का निर्माण
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
91. ( क्र. 1624 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर नगर में सौर ऊर्जा पार्क निर्माण हेतु लगभग 4 वर्ष पूर्व स्वीकृति प्रदान की गई थी? यदि हाँ, तो इस हेतु कितनी और कहाँ-कहाँ भूमि चिन्हित की गई थी और प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही प्रचलन में है? (ख) क्या चिन्हित पूर्ण भूमि पर आरक्षण नहीं हो पाने के कारण उक्त योजना में परिर्वतन किया जा रहा है, जबकि यह योजना सागर जिले के लिये बनाई गई थी। (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन सागर जिले की विद्युत उपलब्धता पूर्ण कराये जाने हेतु चिन्हित की गई भूमि का आरक्षण कर सौर ऊर्जा पार्क निर्माण कराये जाने पर विचार करेगा तथा कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) जी नहीं। चार वर्ष पूर्व सागर नगर में सौर पार्क हेतु स्वीकृति प्रदान नहीं की गई थी। तथापि 04 वर्ष पूर्व सागर जिले में सोलर पार्क की स्थापना हेतु 25708 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गयी थी। उक्त भूमि के परीक्षण में यह पाया गया कि चिन्हित भूमि वन भूमि है, अतिक्रमण तथा डूब क्षेत्र में है। अत: यहां सौर पार्क प्रस्तावित नहीं किया गया। (ख) उपरोक्त भूमि की अनुपयोगी पाये जाने पर सागर जिले की जैसीनगर तहसील में 1243 हेक्टेयर राजस्व भूमि सौर पार्क के लिए चिन्हित की गई है। (ग) उल्लेखित राजस्व भूमियों का विभाग को आवंटन किये जाने हेतु RCMS पोर्टल पर आवेदन किया गया है। जिला राजस्व अधिकारियों द्वारा चिन्हित/आवेदित भूमियों का परीक्षण किया जा रहा है, उचित पाये जाने पर इन भूमियों का आवंटन विभाग को किया जा सकेगा। भूमि के आवंटन उपरांत सागर जिले में सौर पार्क के विकास की कार्यवाही की जाएगी।
सागर नगर में 24x7 जल प्रदाय योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
92. ( क्र. 1634 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर नगर में 24x7 जल प्रदाय योजनांतर्गत पूरे शहर में जल प्रदाय शुरू कर दिया गया है? यदि नहीं, तो किन-किन वार्डों में अब तक शुरू नहीं हो पाया है? विवरण सहित बतायें। (ख) क्या वाटर सप्लाई कार्य में अब तक गंभीर अनियमित्तायें जैसे किन्ही-किन्ही वार्डों में चार-चार दिन तक सप्लाई नहीं होती एवं कुछ वार्डों में डबल लाईनों से सप्लाई होने के कारण पानी का दुरूपयोग हो रहा है एवं जरूरतमंद क्षेत्रों में सप्लाई नहीं हो पाती है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है तथा इसमें सुधार हेतु विभाग कोई कार्यवाही करेगा और कब तक? (ग) प्रश्नांश ''क'' वर्णित योजनांतर्गत किन-किन वार्डों में कितने डोमेस्टिक कनेक्शन दिये गये है एवं कहाँ-कहाँ कनेक्शन दिये जाना शेष है, इस हेतु वर्तमान में क्या कार्यवाही प्रचलन में है तथा कब तक पूर्ण रूप से कनेक्शन प्रदाय करा दिये जायेगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) सागर नगर की जल प्रदाय उन्नयन योजना 24x7 की वाटर सप्लाई हेतु डिजाईन की गई है। राजघाट जलाशय में जल की उपलब्धता ना होने के कारण वर्तमान में 24x7 जलप्रदाय नहीं किया जा रहा है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) सागर नगर के समस्त वार्डों में सुचारू रूप से जलप्रदाय किया जा रहा है। वॉटर सप्लाई कार्य में कोई अनियमितता नहीं बरती गयी। तकनीकी खराबी अथवा प्रोजेक्ट के अंतर्गत पाईप लाईनों के इंटर कनेक्शन कार्य के कारण नियमित सप्लाई बाधित हुई। संविदाकार द्वारा कुछ वार्डों में पाईप लाईन की टेस्टिंग हेतु जलप्रदाय प्रारंभ करने से कुछ समय के लिये डबल-डबल लाईनों से जलप्रदाय हुआ था। यह प्रक्रिया टेस्टिंग हेतु आवश्यक है। वर्तमान में सभी क्षेत्रों में एक ही लाईन से जलप्रदाय हो रहा है। भविष्य में टेस्टिंग का कार्य कम से कम समय में किया जा सके इसके लिये नगर निगम के साथ लगातार संयुक्त रूप से सुधार एवं मरम्मत उपरांत पानी की पूर्ति हेतु कार्यवाही की गयी है। ऐसे चिन्हित स्थानों पर सुधार की प्रक्रिया नियमित रूप से नगर निगम एवं विभाग द्वारा अपनाई जा रही है। (ग) सागर नगर में 45230 उपभोक्ताओं के कनेक्शन किये जा चुके हैं एवं शेष हाउस सर्विस कनेक्शन, संचालन संधारण के दौरान उपभोक्ता की मांग के अनुरूप समय-समय पर किये जा रहे है। वार्डवार दिए गए डोमेस्टिक कनेक्शन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
फोरलेन हाईवे का निर्माण
[लोक निर्माण]
93. ( क्र. 1645 ) श्री इंजीनियर हरिबाबू राय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना शिवपुरी के मध्य स्थित देहरदा चौराहा से बंगला चौराहा (मुंगावली) के बीच फोर लेन हाईवे निर्माण की योजना बनाई है? इस बीच के खण्ड को फोर लेन हाईवे सड़क निर्माण होने से दिल्ली, ग्वालियर, शिवपुरी तरफ से आने वाले समस्त माल वाहन एवं सवारी वाहन भोपाल राजधानी से विदिशा होकर आने वाले बंगला चौराहा से भोपाल तक फोर लेन हाईवे का निर्माण चालू हो गया है। जिससे बहुत कम समय एवं कम दूरी के कारण यातायात सीधा देश की राजधानी से प्रदेश की राजधानी तक जुड़ जावेगा? (ख) अशोकनगर जिले की गल्ला मण्डी प्रदेश की सबसे बड़ी मण्डियों में शुमार है, अशोकनगर जिले के व्यापार व्यवसाय में भी वृद्धि होगी। बड़े उद्योगपति भी अशोकनगर में उद्योग धंधों के लिए निवेश करेगें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं, देहरदा चौराहा से बंगला चौराहा (मुंगावली) के बीच फोरलेन हाइवे निर्माण की कोई योजना नहीं बनाई गई है। जी हाँ। (ख) जी हाँ।
राष्ट्रीय राज्य मार्ग (552) एवं नाले की जाँच
[लोक निर्माण]
94. ( क्र. 1662 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर से गोरस तक निर्माणाधीन राष्ट्रीय राज्य मार्ग (552) एवं नाला बनाया जा रहा है? यदि हाँ, तो उक्त मार्ग एवं नाला निर्माण के सभी प्रावधानों, तकनीकी स्वीकृति, डी.पी.आर, शेडयूल आफ आइटम, प्रशासकीय स्वीकृति, एल.ओ.ए. कार्य आदेश की छायाप्रति उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में रोड एवं नाला के देयकों के भुगतान से पूर्व मार्ग की गुणवत्ता को सुनिश्िचत किये जाने हेतु उपयोग में लाई गई सामग्री (मिट्टी, गिट्टी, मोरम, जीएसबी, डामर) आदि की कोई जांच करवाई गई? यदि हाँ, तो समस्त जांच रिपोर्ट उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के मार्ग एवं नाला में उपयोग की जा रही सामग्री की उच्च स्तरीय जांच सदन में उत्तर दिये जाने से पूर्व प्रश्नकर्ता समक्ष सेम्पल लेकर मिट्टी के सी.बी.आर, पीएल, पीआई के टेस्ट तथा डब्लू बीएम की ग्रेडिंग एवं कॉम्पेक्शन तथा डामर के प्रतिशत की जांच पूर्व में कराई गई लेब एवं विभागीय लेब को छोड़कर किसी अन्य अधिकृत लेब या संस्था के माध्यम से करवाई जाकर रिपोर्ट उपलब्ध करावें। (घ) उक्त मार्ग एवं नाला निर्माण के प्राप्त आवंटन व्यय की जानकारी के साथ-साथ किये गये भुगतानों की समस्त नोटशीट बिल एवं व्हाउचरों के साथ बिल मेजरमेन्ट की माप पुस्तिकाओं की प्रमाणित छायाप्रति उपलब्ध कराएं। (ड.) नाला घटिया दुकानों से 2 फीट ऊँचा बनाया जा रहा है इसकी जांच कराई जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी, प्रतिवेदन एवं जांच रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है। (ग) मार्ग एवं नाला में उपयोग की गई सामग्री का सेम्पल प्रश्नकर्ता के समक्ष लेकर अन्य अधिकृत लैब से जांच करवाई गई है। रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''3'' अनुसार है। (घ) जानकारी प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''4'' अनुसार है। (ड.) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ट्रान्सफार्मर क्षमता में वृद्धि
[ऊर्जा]
95. ( क्र. 1663 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधानासभा क्षेत्र अंर्तगत किस-किस क्षमता के कितने-कितने ट्रान्सफार्मर वितरण केन्द्रवार स्थापित है? विगत 05 वर्षों में विधानसभा क्षेत्र में वितरण केन्द्रवार कितने वितरण ट्रान्सफार्मर खराब हुये है एवं उनमें से कितने बदल दिये है? श्योपुर विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में किन-किन स्थलों में लगे वितरण ट्रान्सफार्मर खराब/बंद अवस्था में है? (ख) क्षमता भार वृद्धि का आंकलन कर विद्युत वितरण ट्रान्सफार्मर की क्षमता में वृद्धि किये जाने का क्या निर्देश है? श्योपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत 05 वर्षों में किन-किन वितरण केन्द्रों के अंतर्गत कितने स्थापित विद्युत ट्रान्सफार्मरों की क्षमता वृद्धि की गई? वितरण केन्द्रवार क्षमतावार विस्तृत जानकारी देवें। (ग) क्या श्योपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मजरा/टोलों व ग्रामीण क्षेत्रों में 24 घण्टे विद्युत सप्लाई नहीं की जा रही है यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करते हुए बताएं की कब तक उक्त क्षेत्रों में 24 घण्टे विद्युत सप्लाई देने की क्या योजना है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों की प्रश्नाधीन चाही गयी क्षमतावार, वितरण केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। विगत 05 वर्षों यथा-वित्तीय वर्ष 2020-21 से वित्तीय वर्ष 2024-25 (प्रश्न दिनांक की स्थिति में) में प्रश्नाधीन क्षेत्र अंतर्गत वितरण केन्द्रवार जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों एवं इनमें से बदले गए वितरण ट्रांसफार्मरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में प्रश्न दिनांक की स्थिति में बदलने हेतु शेष रहे वितरण ट्रांसफार्मरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (ख) वितरण ट्रांसफार्मर से संबद्ध भार उसकी क्षमता से 80 प्रतिशत से अधिक पाए जाने पर वितरण ट्रांसफार्मर को अतिभारित माना जाता है एवं अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि (उन्नयन) का कार्य अथवा अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने के कार्य, समय-समय पर केन्द्र एवं राज्य शासन की विभिन्न योजनाओं के दिशा-निर्देश एवं प्रावधानों के अनुरूप एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता तथा इसी प्रकार के अन्य कार्यों की वरीयता को दृष्टिगत रखते हुए किये जाते हैं, जो कि एक सतत् प्रकिया है। उक्त के अतिरिक्त म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के परिपत्र दिनांक 14.10.2024 से वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि हेतु दिशा-निर्देश जारी किये गए हैं। उक्त पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्र अंतर्गत विगत 05 वर्षों में वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि से संबंधित कार्यों की प्रश्नाधीन चाही गयी वितरण केन्द्रवार, क्षमतावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ई'' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले समस्त राजस्व ग्रामों एवं संसूचित मजरों/टोलों को अपरिहार्य कारणों से आये आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर नियमानुसार गैर कृषि प्रयोजन हेतु 24 घंटे एवं कृषि प्रयोजन हेतु 10 घंटे विद्युत् प्रदाय किया जा रहा हैं। राजस्व ग्रामों के समीप स्थित आबादी क्षेत्र से दूर अथवा खेतों में दूर-दूर छोटे समूह में निवासरत परिवारों को नियमानुसार समीपस्थ उपलब्ध विद्युत अधोसरंचना यथा मिश्रित फीडर से आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर प्रतिदिन 10 घंटे थ्री फेस एवं 14 घंटे सिंगल फेस विद्युत प्रदाय किया जा रहा है।
इंदौर नगर मास्टर प्लान की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
96. ( क्र. 1664 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर नगर निवेश क्षेत्र में 79 ग्रामों को जोड़कर नवीन मास्टर प्लान जारी किया जाना प्रस्तावित था? यदि हां, तो इसे अब तक लागू क्यों नहीं किया गया? (ख) क्या शासन द्वारा धारा 16 के अंतर्गत सभी अधिकार संयुक्त संचालक इंदौर से लेकर भोपाल को हस्तांतरित कर दिए गए हैं? यदि हां, तो इसके क्या कारण हैं, और इससे विकास कार्यों पर क्या प्रभाव पड़ा है? (ग) धारा 16 के अंतर्गत नक्शों की स्वीकृति हेतु क्या कोई समय-सीमा निर्धारित है? यदि हां, तो कितनी फाइलें एवं क्यों लंबित हैं, और वे कब तक स्वीकृत की जाएंगी? (घ) जब तक मास्टर प्लान लागू नहीं होता, तब तक धारा 16 के अंतर्गत समयबद्ध नक्शा स्वीकृति की क्या व्यवस्था की गई है? (ड.) क्या पूर्व में विभाग द्वारा 79 ग्रामों के अभिमत के आधार पर स्वीकृत नक्शों को अब सक्षम प्राधिकारी द्वारा विकास अनुमति नहीं दी जा रही है और निवेशकों को पुनः धारा 16 में नक्शे स्वीकृत करवाने के लिए बाध्य किया जा रहा है? यदि हां, तो इसका क्या कारण है? (च) पूर्व में जब इन्हीं अभिमत के आधार पर नक्शों को विकास अनुमति प्रदान की गई थी, तो अब उसी प्रक्रिया को क्यों नहीं अपनाया जा रहा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 की धारा 13 (2) के अन्तर्गत इंदौर निवेश क्षेत्र में 79 ग्रामों को जोड़ा गया है। इंदौर विकास योजना, 2021 के पुनर्विलोकन की कार्यवाही प्रचलन में है एवं म.प्र.नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 के नियम/अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप प्रकिया अपनाई जाती है। प्रारूप प्रकाशन किये जाने के उपरान्त इसे लागू किये जाने की कार्यवाही की जाएगी। (ख) जी नहीं। म.प्र. शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग के आदेश क्रमांक एफ-3-20/2022/18-5 दिनांक 13/06/2022 द्वारा अधिनियम की धारा-16 के तहत आवेदित प्रकरणों के निराकरण हेतु जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार प्रक्रिया निर्धारित की गई है। अत: विकास कार्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। धारा-16 के तहत लंबित प्रकरणों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। चूंकि इन्दौर विकास योजना पुनर्विलोकन का कार्य प्रगति पर है, इसलिये वर्तमान विकास योजना प्रस्तावों को वृद्धि निवेश क्षेत्र से समन्वय करने के उद्देश्य से विचाराधीन है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश ''ग'' अनुसार। (ड.) नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय इंदौर द्वारा 79 ग्रामों में धारा-16 लागू होने के पूर्व अभिमत जारी किया गया था। धारा-16 लागू होने के उपरांत धारा-16 (1) (ख) के तहत विकास अनुज्ञा प्राप्त किया जाना आवश्यक है। (च) उत्तरांश ''ड.'' अनुसार।
अवैध कालोनियों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
97. ( क्र. 1665 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा विकास विहार अधिग्रहण की विभिन्न योजनाओं को लागू किया गया था? यदि हां, तो अब तक कुल कितनी योजनाएँ पूर्ण हो चुकी हैं और कितनी योजनाएँ अपूर्ण हैं? कृपया योजना-वार विवरण प्रस्तुत करें। (ख) इंदौर विकास प्राधिकरण की कुल कितनी भूमि पर अवैध कॉलोनियों का निर्माण किया जा चुका है तथा कितनी भूमि पर अवैध कब्जे किए गए हैं? कृपया क्षेत्रवार एवं सर्वे नंबर सहित विस्तृत जानकारी दी जाए। (ग) अवैध कॉलोनियों एवं अवैध कब्जों के विरुद्ध अब तक क्या-क्या कानूनी एवं प्रशासनिक कार्रवाई की गई है? यदि कार्रवाई नहीं की गई है, तो उसके कारण क्या हैं? (घ) क्या सरकार के पास ऐसी कोई कार्ययोजना है जिससे अवैध कब्जों को हटाया जा सके और अवैध कॉलोनी निर्माण पर रोक लगाई जा सके? यदि हां, तो वह कार्ययोजना क्या है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा विकास विहार अधिग्रहण की कोई भी योजना लागू नहीं की गई है। इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा भूमि अधिग्रहण की विभिन्न कुल 45 योजनाओं को लागू किया गया था इनमें से अब तक कुल 40 योजनायें पूर्ण हो चुकी है एवं उनका हस्तांतरण नगर पालिक निगम को किया जा चुका है। 05 योजनायें अपूर्ण है जिनमें विकास कार्य प्रगतिरत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"अ" अनुसार है। (ख) इंदौर विकास प्राधिकरण की भूमि पर किये गये अवैध निर्माण/कब्जे की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"ब" अनुसार है। (ग) नगर पालिक निगम/जिला प्रशासन के सहयोग से नियमित रूप से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गयी है। अतः शेष प्रश्न उपस्थिति नहीं होता है। (घ) मध्य प्रदेश नगर पालिक अधिनियम, 1965 एवं मध्य प्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 में प्रावधान निहित है। सम्बंधित कार्यालयों द्वारा नियमित रूप से कार्यवाही की जाती है।
विद्युत दरों में वृद्धि एवं त्रुटिपूर्ण देयक
[ऊर्जा]
98. ( क्र. 1668 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुरैना शहर में शासन द्वारा बिजली की दरों में वृद्धि की है? यदि हाँ, तो कब एवं क्यों? यदि नहीं, तो फिर गत 6 माह से शहरवासियों के त्रुटिपूर्ण बिल क्यों आ रहे हैं किसी महीने में 8000 तो किसी महीने में 10000? मुरैना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत त्रुटिपूर्ण बिजली बिलों की कितनी शिकायतें गत 6 माह में प्राप्त हुई है? उन शिकायतों में कब-कब जांच कर निराकरण किया गया? क्या बढ़े हुए बिजली बिलों की जांच की जाएगी? (ख) क्या शासन द्वारा किसानों के विद्युत कनेक्शन का लोड वृद्धि हेतु कोई आदेश पारित किया गया है जिसमें बिना किसान के अनुमति के, बिना लोड जांच किए ही किसानों के कनेक्शन पर लोड वृद्धि की जा रही है? आदेश की प्रति देवें। यदि कोई सक्षम आदेश नहीं हैं तो 1 से 7 जनवरी 2025 में दौरान प्रदेश में कितने किसानों के विद्युत कनेक्शन पर लोड वृद्धि सरलसंयोजन पोर्टल से की गई है? सूची दें। उक्त लोड वृद्धि में ऐसे कितने प्रकरण हैं जिनमें किसानों द्वारा लोड वृद्धि आवेदन किया ही नहीं एवं न ही लोड वृद्धि पूर्व में कोई जांच की गई? किसानों की सूची दें। विद्युत कनेक्शन पर की गई लोड वृद्धि की न्यायिक जांच कर जांच रिपोर्ट देवें। (ग) क्या उक्त लोड वृद्धि को निरस्त करते हुए आदेश जारी किया जाएगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, मुरैना शहर में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा पृथक से विद्युत की दरों में वृद्धि नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्नांश नहीं उठता। मुरैना शहर में गत 6 माह से शहरवासियों को त्रुटिपूर्ण विद्युत बिल नहीं दिये जा रहे हैं। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत विद्युत उपभोक्ताओं को उनके परिसर में स्थापित विद्युत मीटर में दर्ज विद्युत की वास्तविक खपत एवं म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के तहत ही विद्युत देयक जारी किये जाते हैं। मीटर खराब होने की स्थिति में ''म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता-2021'' की कंडिका-8.44 के अनुसार विद्युत उपभोक्ताओं को पूर्व तीन माहों की औसत खपत के आधार पर विद्युत खपत का आंकलन कर विद्युत देयक जारी किये जाते हैं। औसत विद्युत देयक के समाधान हेतु उपभोक्ताओं के बंद/खराब मीटरों को यथाशीघ्र बदलकर, इन्हें आगामी माह में वास्तविक खपत के विद्युत देयक जारी किये जाते हैं। मुरैना विधानसभा क्षेत्र सहित संचालन-संधारण वृत्त मुरैना अंतर्गत विगत 06 माह में त्रुटिपूर्ण विद्युत बिलों की कुल 316 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। उपरोक्त सभी शिकायतों की कंपनी नियमानुसार जांच कर निराकरण किया गया है, जिसकी उपभोक्तावार एवं दिनांकवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युत बिलों की राशि में बढ़ोत्तरी/त्रुटि से संबंधित आवेदन/शिकायत प्राप्त होने पर जांच म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत नियमानुसार की जायेगी। (ख) जी नहीं। सरल संयोजन पोर्टल में दिनांक 01/01/2025 से दिनांक 07/01/2025 के दौरान कुल 9589 किसानों के प्रकरण में भार वृद्धि के प्रकरण नियमानुसार दर्ज किये गये है। जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। उक्त लोड वृद्धि में ऐसे प्रकरणों की संख्या निरंक है जिनमें किसानों द्वारा लोड वृद्धि आवेदन किया ही नहीं एवं न ही लोड वृद्धि की पूर्व में कोई जांच की गई। किसानों के कनेक्शनों पर भार वृद्धि नियमानुसार की गई है, अत: न्यायिक जाँच की आवश्यकता नहीं है। (ग) जी नहीं। उल्लेखनीय है कि उक्तानुसार किसानों के कनेक्शनों पर भार वृद्धि उनके आवेदन अथवा स्वीकृत भार की जांच के उपरांत पाये गये अधिक भार के अनुरूप नियमानुसार की गई है।
नगरीय निकायों में अनियमितताएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
99. ( क्र. 1669 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश की नगर पालिका, नगर परिषदों नगर निगमों में राशि रूपये 1 ₹ से बीस हजार तक एवं बीस हजार से एक लाख तक की सीमा के कार्य एवं क्रय निकाय स्तर पर करवाये जाते है? आदेश/नियम की जानकारी देवें। (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) अंतर्गत 01 अप्रैल 2022 से प्रश्न दिनांक तक जिला मुरैना, ग्वालियर, भोपाल की प्रत्येक नगर पालिका, नगर परिषद एवं नगर निगम में कितनी राशि के कार्य एवं क्रय स्वीकृत किये गये कितने कार्यों के कार्यादेश जारी किये गये कितने कार्य पूर्ण किये गये है। निकायवार सूची दें एवं बताएं कि कितने कार्य ऐसे हैं जिनमें निकायों द्वारा अपनी स्वीकृति सीमा से अधिक के कार्य स्वीकृत किए हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अंतर्गत जो कार्य पूर्ण हुए हैं उनमें से कितनों का भुगतान किया गया? नगर परिषद, नगर पालिका एवं नगर निगम कार्य एवं क्रय की सूची उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है, शेष नगर निगम भोपाल की जानकारी संकलित की जा रही है।
रियल एस्टेट सेक्टर में उत्पन्न विसंगतियां
[नगरीय विकास एवं आवास]
100. ( क्र. 1672 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर विकास योजना 2021 के नियमों के तहत डेव्लपर्स को नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय से दी गई विकास अनुज्ञाओं की वैध अवधि में ग्वालियर विकास योजना 2035 के प्रावधान किस नियम से लगाये जा रहे है? (ख) प्रदेश के इंदौर में प्रचलित विकास योजना 2021 में मात्र वाणिज्यिक उपयोग के भवन निर्माण हेतु प्रीमियम ऑन एफ.ए.आर. की दर हेतु गाइड-लाइन का 5 प्रतिशत राशि जमा किये जाने पर प्रदान किया जाता है, ग्वालियर विकास योजना 2035 के प्रारूप दिनांक 15.10.2021 में प्रस्तावित करते हुये जन सामान्य के समक्ष प्रेषित किया गया। दिनांक 21.04.2023 को ग्वालियर विकास योजना 2035 का फाईनल करते हुये उक्त दर को 5 प्रतिशत के स्थान पर समस्त भू-खण्ड/भवन में प्रीमियम ऑन एफ.ए.आर की दर को 50 प्रतिशत कर दिया गया। (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में जिला ग्वालियर में विकास योजना 2035 लागू होने की दिनांक से कितने अनुज्ञा आवेदन बिल्डर्सों द्वारा प्रस्तुत किये गये और कितनी प्रीमियम की राशि निगम में जमा हुई। जानकारी दी जावे। (घ) प्रश्नांश (ख) की विसंगति में संशोधन किये जाने के संबंध में प्रक्रिया शासन स्तर पर विचाराधीन है और इस संबंध में निर्देश कब तक जारी किये जायेंगे।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) ग्वालियर विकास योजना, 2035 की कंडिका क्रमांक-8 में विकास योजना प्रकाशन की तिथि तक वैध स्वीकृत अभिन्यास का भू-उपयोग व्यापक रूप से मान्य है। उक्त कंडिका से स्वमेव स्पष्ट है कि भू-उपयोग के अतिरिक्त अन्य मापदण्ड विकास योजना 2035 की कंडिका क्रमांक-1 सारणी-5-सा-9 अनुसार ही मान्य होंगे। (ख) ग्वालियर विकास योजना 2035 (प्रारूप) में म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 की धारा 19 (2) के अंतर्गत प्रस्तावित उपांतरण पर जन सामान्य से आपत्ति/सुझाव आमंत्रित कर प्रारूप विकास योजना को म.प्र. राजपत्र दिनांक 21.04.2023 में प्रभावशील किया गया है। पृथक-पृथक नगरों की विकास योजनाओं में नियमन, नगरों की विशिष्टता अनुसार पृथक-पृथक निर्धारित होते है। विकास योजना मानकों में विसंगति होने पर अधिनियम की धारा-23 सहपठित धारा 19 के तहत उपांतरण के प्रावधान है। (ग) नगर पालिक निगम, ग्वालियर में एक आवेदन प्राप्त हुआ है, परन्तु भवन निर्माण अनुज्ञा जारी नहीं हुई है तथा कोई राशि निगम में जमा नहीं हुई है। (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार।
विकास कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
101. ( क्र. 1676 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद मोहना, आंतरी एवं भितरवार जिला ग्वालियर को वर्ष 2022-23 से 2024-25 तक विकास कार्यों हेतु दी गई राशि का कितना-कितना व्यय प्रश्न दिनांक तक किया गया है? कार्यवार वर्षवार विवरण दें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में नगर परिषदों द्वारा राशि का व्यय नहीं हुआ है? यदि हाँ, तो क्यों? कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? कार्यवार ब्यौरा दें। क्या कार्य अभी भी अपूर्ण है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हां है तो इसके लिए कौन-कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, उल्लेखित अवधि में भी परिषदों द्वारा राशि का व्यय किया गया है, उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। शेषांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर परिषद अम्बाह के ठेके
[नगरीय विकास एवं आवास]
102. ( क्र. 1684 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद अम्बाह में वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक कितने ठेके ऑनलाईन सिस्टम के तहत दिए गए तथा कितने ठेके ऑफलाइन सिस्टम के तहत दिए गए पृथक-पृथक सूची उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक जो ठेके ऑफलाईन दिए गए हैं वह ऑनलाइन सिस्टम से क्यों नहीं दिए गए? (ग) वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक नगर पालिका परिषद अम्बाह में कितनी-कितनी एवं कौन-कौन से तथा कब-कब 2 लाख रूपए से कम के भुगतान के कार्य स्वीकृत किए गए हैं तथा इसके लिए कितना-कितना भुगतान किस-किस कार्य हेतु किस-किस कार्य एजेंसी को किया गया है? कार्य एजेंसी का नाम पता एवं किए गए कार्यों की फोटो सहित और किए गए भुगतान की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिका परिषद अम्बाह में वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक आनलाईन सिस्टम के तहत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार एवं ऑफलाईन सिस्टम के तहत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ख) म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 के लेखा नियम 2018 के अनुसार कार्यवाही की गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है।
नगर पालिका परिषद अम्बाह को प्राप्त धन राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
103. ( क्र. 1685 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक नगर पालिका परिषद अम्बाह में कितनी-कितनी धनराशि किस-किस मद में शासन से प्राप्त हुई है व कितनी-कितनी धनराशि किन-किन अन्य स्रोतों से स्थानीय स्तर पर प्राप्त हुई है? पृथक-पृथक प्राप्त धनराशियों की जानकारी वर्षवार, मदवार, कैश बुक की छायाप्रति सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्राप्त धनराशियों को किस-किस मद में कितना-कितना व्यय किया गया है? कैश बुकों की छायाप्रति सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में प्राप्त धन राशियों का अनियमित रूप से दुरुपयोग किया गया है? जो राशि जिस मद के लिए प्राप्त हुई थी उसका व्यय उस मद में नहीं किया जाकर अन्य मद में किया गया है? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? क्या शासन एक कमेटी बनाकर ऐसे अधिकारी और कर्मचारियों को चिन्हित करेगी, जिनके द्वारा धनराशियों का पूर्णतः दुरुपयोग किया जाकर मनमाने मदों में राशि व्यय कर दी गई है तथा दोषी पाए गए अधिकारियों के विरुद्ध शासन कार्रवाई करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? निश्चित समय-सीमा बताएं। यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासन द्वारा दुधारू पशु प्रदाय योजना
[पशुपालन एवं डेयरी]
104. ( क्र. 1693 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हितग्राहियों को मध्यप्रदेश शासन द्वारा दुधारू पशु देने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो क्या? योजना/नियम निर्देश की प्रति उपलब्ध करायें। क्या ग्वालियर जिले में योजना अंतर्गत मिल्क रूट निर्धारित किए गए है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से मिल्क रूटवार एवं ग्रामवार जानकारी दें। (ख) ग्वालियर जिले की भितरवार विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक मिल्क रूट के ग्रामों में कौन-कौन से हितग्राहियों को दुधारू पशु (भैंस/गाय) प्रदाय किए गए है? वर्षवार लाभान्वित हितग्राहियों की सूची, प्रदाय पशु संख्या की ग्रामवार जानकारी उपलब्ध कराएं। क्या योजना में अनुसूचित जाति, जनजाति के हितग्राहियों को भी लाभान्वित किया गया है? यदि हाँ, तो कितने एवं कौन-कौन से? (ग) क्या विभाग द्वारा प्रश्नांश (ख) वर्णित योजनांतर्गत भीतरवार विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति/जनजाति के हितग्राहियों को अपेक्षाकृत कम लाभ दिया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या चुनिंदा हितग्राहियों को ही बार-बार योजना का लाभ दिया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या अनुसूचित जाति एवं जनजाति के हितग्राहियों की आर्थिक स्थिति में प्रश्नांकित वर्षों में कोई सुधार हुआ है? यदि हाँ, तो हितग्राहीवार जानकारी दें।
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। भितरवार विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत मिल्क रूट के ग्राम गडाजार, चरखा एवं बन्हेरी आते है। वर्ष 2023-24 में ग्राम चरखा के 02 सहरिया हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया जिनके नाम क्रमश: 1. श्री रामलाल आदिवासी 2. रामस्वरूप आदिवासी हैं। (ग) जी नहीं। जी नहीं। नियमानुसार एक हितग्राही को योजना का लाभ एक ही बार दिया जाता है, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दसईपुरा से ललार तक सड़क का निर्माण
[लोक निर्माण]
105. ( क्र. 1694 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत स्वीकृत ब्रजपुर से छतैनी मार्ग के निर्माण की एन.ओ.सी. हेतु वन विभाग को ग्राम ललार में भूमि आंवटित की गई है? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त आवंटित भूमि की जानकारी वन विभाग के परिवेश पोर्टल में एन.ओ.सी. हेतु अपलोड कर दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक अपलोड की जाकर स्वीकृति प्राप्त की जावेगी? (ग) क्या यह सही है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के अनुपूरक बजट में दसईपुरा मुख्य मार्ग से ललार तक सड़क निर्माण कार्य लागत राशि 10 करोड़ रू को शामिल किया गया है? क्या उक्त मार्ग के बीच में केन नदी पर बिना पुल निर्माण किये ग्राम ललार तक नहीं पहुँचा जा सकता है? यदि हाँ, तो क्या बजट में स्वीकृत दसईपुरा मुख्य मार्ग से ललार तक सड़क निर्माण कार्य के साथ बीच में केन नदी पर पुल निर्माण को भी जोड़ा जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। प्रस्तावित वन भूमि के बदले राजस्व भूमि उत्तर वन मण्डल पन्ना को स्थानांतरण करने हेतु आर.सी.एम.एस. पोर्टल में ऑनलाईन दर्ज कर जिला कलेक्टर पन्ना को पत्र दिनांक 04.12.2024 द्वारा आवश्यक कार्यवाही हेतु लेख किया गया है, जिसकी स्वीकृत प्राप्त होने के पश्चात ही वन विभाग के परिवेश पोर्टल में एन.ओ.सी. हेतु अपलोड की कार्यवाही की जाती है। उक्त परिप्रेक्ष्य में निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। वर्तमान में किसी भी योजना में सम्मिलित नहीं है, अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जुगल किशोर लोक, वाटर ट्रीटमेन्ट प्लांट, रिसाईकिल प्लांट का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
106. ( क्र. 1697 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना में स्वीकृत जुगल किशोर लोक के निर्माण हेतु क्या-क्या कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है? किस स्तर पर लंबित है? कब तक निर्माण कार्य प्रारंभ किया जावेगा? (ख) विधानसभा जुलाई 2024 प्रश्न क्रमांक 3194 दिनांक 19-7-2024 में प्रश्नकर्ता द्वारा पन्ना नगर में किलकिला नदी पर वाटर ट्रीटमेन्ट प्लांट बनाये जाने के संबंध में प्रश्न पूछा था जिसके उत्तर में मंत्री जी द्वारा परिशिष्ट-अ अनुसार डी.पी.आर. तैयार किया जाकर संचालनालय नगरीय प्रशासन भोपाल को प्रेषित किये जाने की जानकारी से अवगत कराया था। क्या उक्त कार्यवाहियां पूर्ण कर ली गई है? यदि हाँ, तो वाटर ट्रीटमेन्ट प्लांट के निर्माण की कार्यवाही कब प्रारंभ की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) विधानसभा जुलाई 2024 प्रश्न क्रमांक 3194 में प्रश्नकर्ता द्वारा नगर के बाहर कचरा फेंकने हेतु कोई स्थान न होने के कारण रिसाईकिल प्लांट स्थापित करने के संबंध में प्रश्न पूछा था जिसके उत्तर में मंत्री जी द्वारा परिशिष्ट-ब अनुसार पन्ना नगर में नवीन बड़ा कचरा प्रसंस्करण केन्द्र हेतु नवीन भूमि के चिन्हांकन की प्रक्रिया की जा रही है से अवगत कराया था। क्या उक्त प्रक्रिया पूर्ण कर भूमि आवंटित कर दी गई है? यदि हां, तो कचरा प्रसंस्करण केन्द्र बनाये जाने हेतु क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक भूमि आवंटित कर कचरा प्रसंस्करण बनाया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''स'' अनुसार है।
ऑफलाइन-डी.पी.आर. अनुसार आवास स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
107. ( क्र. 1714 ) श्री वीरेन्द्र सिंह लोधी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा बण्डा क्षेत्र अंतर्गत नगर-परिषद बण्डा एवं शाहगढ में वर्ष 2018 से प्रश्न-दिनांक तक कितने प्रधानमंत्री-आवास स्वीकृत किये गये हैं? (ख) नगर-परिषद बण्डा एवं शाहगढ़ की ओर से जनवरी-2018 से अक्टूबर 2022 की समयावधि में कितने-कितने प्रधानमंत्री आवास हेतु ऑफलाइन-डी.पी.आर. शासन की ओर भेजे गये? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार भेजे गये डी.पी.आर. पर एक भी आवास स्वीकृत नहीं करने का कारण क्या है? (घ) उक्त निकायों द्वारा अगर जनवरी-2018 से अक्टूबर 2022 की समयावधि में डी.पी.आर. नहीं भेजे गये तो आवदेन प्राप्त कर डी.पी.आर. नहीं भेजने के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? क्या उनके नाम स्पष्ट किये जायेंगे? (ड.) उक्त निकायों की ओर से वित्त वर्ष 2022-23 से 2024-25 में कितने-कितने प्रधानमंत्री आवासों के ऑफलाइन-डी.पी.आर. शासन की ओर भेजे गये? पत्रों की प्रति देवें। (च) क्या कारण है कि प्रश्नांश (ड.) अनुसार भेजे गये डी.पी.आर. पर एक भी आवास स्वीकृत स्वीकृत नहीं किया गया? अगर हाँ तो इसका कारण स्पष्ट करें। (छ) क्या 2018 से 2024 की अवधि में अनेक बार प्राप्त किये गये आवदेनों अनुसार प्रस्तुत ऑफलाइन डी.पी.आर. को स्वीकृत कर पात्र हितग्राहियों के साथ न्याय नहीं किया जाना चाहिये? (ज) क्या उक्त निकायों द्वारा वर्ष-2022 में प्राप्त आवेदनों की जांच कर प्रस्तुत ऑफलाइन-डी.पी.आर. अनुसार आवास 2.0 अंतर्गत राशि जारी कर आवास स्वीकृत किये जायेंगे? अगर नहीं तो इसमें क्या बाधा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के बीएलसी घटक अंतर्गत नगर परिषद बण्डा में 520 तथा शाहगढ़ में 760 आवास स्वीकृत किये गये हैं। (ख) माह जनवरी 2018 से माह अक्टूबर 2022 की समयावधि में योजनांतर्गत नगर परिषद बण्डा द्वारा 02 डी.पी.आर. (279 एवं 241) कुल 520 हितग्राही तथा नगर परिषद शाहगढ़ द्वारा 03 डी.पी.आर. (323, 414 एवं 23) कुल 760 आवासों की योजना शासन से स्वीकृति हेतु प्रेषित की गई है। (ग) जी नहीं। उत्तरांश-'ख' में उल्लेखित नगर परिषद बण्डा, शाहगढ़ द्वारा प्रेषित प्रस्ताव अनुसार समस्त आवासों की स्वीकृति प्रदान की गई है। (घ) उत्तरांश-'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) वितीय वर्ष 2022-23 से 2024-25 अवधि में नगर परिषद बण्डा के पत्र क्रमांक 174 दिनांक 23.01.2023 द्वारा 1040 आवासों की योजना स्वीकृति हेतु प्रेषित की गई तथा शाहगढ़ द्वारा कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया है। पत्र की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (च) जी हाँ। प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी की अवधि मार्च-2022 तक नियत थी। आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशानुसार इस अवधि में कोई भी नवीन परियोजनाएं स्वीकृत नहीं की गई। (छ) मार्च-2022 तक प्राप्त औचित्यपूर्ण प्रस्तावों की स्वीकृति प्रदान की गई है। नियत अवधि के उपरांत प्राप्त आवेदनों पर स्वीकृति की स्थिति उत्तरांश-'घ' अनुसार है। (ज) प्रधानमंत्री आवास-शहरी 2.0 अंतर्गत वर्तमान में भारत सरकार के एकीकृत वेब पोर्टल पर ऑनलाईन आवेदन प्राप्त करने की प्रक्रिया नगरीय निकायों में प्रचलित है। पात्रता परीक्षण उपरांत आगामी कार्यवाही की जायेगी।
जले हुए ट्रांसफार्मरों का बदला जाना
[ऊर्जा]
108. ( क्र. 1717 ) श्री नितेन्द्र बृजेन्द्र सिंह राठौर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के पृथ्वीपुर विधानसभा क्षेत्र में कई गाँव के ट्रांसफार्मर और केबल कई हफ्तों से जले पड़े हैं तथा वर्तमान में किसानों की फसल का समय है और छात्रों के बोर्ड परीक्षा का समय है। (ख) जले ट्रांसफार्मर और केबल बदलने की क्या कोई समय-सीमा है? यदि है तो उसे समय-सीमा में क्यों नहीं ठीक किया गया?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। वितरण ट्रांसफार्मर के जलने/खराब होने के उपरान्त संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा करने अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि जमा करने पर संभागीय मुख्यालय में 12 घंटे एवं अन्य शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्क मौसम में 3 दिवस तथा मानसून के मौसम के दौरान माह जुलाई से सितंबर तक 7 दिवस में जला/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने अथवा विद्युत प्रदाय पुनर्स्थापित करने के प्रावधान हैं। तदनुसार वितरण कंपनी द्वारा पहुंच मार्ग की उपलब्धतानुसार उक्त निर्धारित समयावधि में जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने की कार्यवाही की जाती है। प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत समस्त जले/खराब पात्र वितरण ट्रांसफार्मर को उल्लेखित नियमानुसार समय-सीमा में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा बदले गये हैं। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है।
नगर पालिक निगम कटनी में कार्यरत आउटसोर्स कर्मी
[नगरीय विकास एवं आवास]
109. ( क्र. 1722 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका निगम कटनी में वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन कार्यों हेतु किस किस विभाग की मांग पर किस किस के आदेशों से किन-किन विभागों में कितने कितने आउटसोर्स कर्मियों को किन-किन सेवाओं/कार्यों हेतु कब से कब तक की अवधि के लिए नियोजित किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत अवधि में नियोजित कर्मियों/श्रमिकों के नाम, पिता/माता/पति का नाम, जाति, योग्यता की जानकारी कार्य से अलग किया जा चुके एवं लगातार वर्तमान में कार्यरत सभी कर्मी/श्रमिकवार प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (क) अंतर्गत नियुक्त कर्मचारियों की मांग/नियुक्ति संबंधी नस्ती/नोटशीट की प्रति उपलब्ध कराएं एवं प्रश्न दिनांक तक इन्हें कितना वेतन प्रदान किया जा चुका है? माहवार बताएं। (घ) प्रश्नांश (क) अंतर्गत नियुक्त किए कर्मचारियों के नाम कैसे प्राप्त किए गए, यदि किसी संस्था द्वारा तो संस्था/निगम ने किस योग्यता के आधार पर इन नामों का चयन किया और यह नाम कहां से किस माध्यम से किस तरह प्राप्त किया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिक निगम में किन्हीं भी कर्मियों को नियोजित नहीं किया गया है, अपितु नगर पालिक निगम, कटनी में आकस्मिक कार्यों एवं कार्यालयीन कार्यों हेतु समय-समय पर विभागों से प्राप्त मांग अनुसार प्रशासक/मेयर-इन-काउंसिल की स्वीकृति उपरांत आउटसोर्स के माध्यम से मानव संसाधन को रखा जाकर कार्य व्यवस्था बनाई जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "क'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ख" अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ग" अनुसार है। (घ) नगर पालिक निगम, कटनी में शहरी आजीविका केन्द्र (सी.एल.सी.) के माध्यम से बाहृय संस्था लोक कल्याण भूमिका समिति को आनलाईन निविदा के माध्यम से कार्य प्रदान किया गया है। संस्था कर्मियों को अपने स्तर पर पंजीयन कर उनकी योग्यता के आधार पर उच्च कुशल, कुशल एवं अकुशल कर्मी संस्था के माध्यम विभागों में कार्यरत है।
राज्य विद्युत मंडल का पुनर्गठन एवं कंपनियों में विभक्तिकरण
[ऊर्जा]
110. ( क्र. 1726 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश राज्य विद्युत मंडल का पुनर्गठन कब किया गया? पुनर्गठन के उपरांत किन-किन कंपनियों में मध्य प्रदेश राज्य विद्युत मंडल को विभक्त किया गया? कपंनियों के विभक्तिकरण के समय म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में श्रेणीवार, अधिकारियों एवं कर्मचारियों की स्वीकृत पदों की कितनी संख्या थी एवं कितने नियमित अधिकारी एवं कर्मचारी पदस्थ थे? सम्पूर्ण जानकारी का संख्यात्मक विवरण प्रदान करें? (ख) क्या विद्युत अधोसरंचना की मात्रा (quantum), विद्युत भार (लोड) एवं आवश्यक कर्मचारियों/अधिकारियों का कोई संबंध है? क्या स्वीकृत पद विद्युत अधोसरंचना,लोड एवं विद्युत उपभोक्ताओं की संख्या के अनुसार स्वीकृत किए जाने है? (ग) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में स्थापित उच्चदाब एवं निम्नदाब लाईन की मात्रा सर्किट किलोमीटर में 33/11 केवी उपकेन्द्रों की संख्या एम.बी.ए. क्षमता के साथ विद्युत उपभोक्ताओं की संख्या (निम्न दाब से अति उच्च दाब श्रेणीवार) विगत पांच वित्तीय वर्षों में वृद्धि के साथ संख्यात्मक जानकारी देवें? (घ) संविदा के माध्यम से वर्तमान में कितने कर्मचारी और अधिकारी भर्ती किए गए हैं कंपनी वार श्रेणीवार संख्या बताएं? उनको नियमित करने हेतु शासन की क्या नीति है?इन कर्मियों को क्या सेवानिवृति तक संविदा पर ही रखे जाने का प्रावधान हैं? यदि नहीं, तो कार्ययोजना बताएं।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राज्य शासन द्वारा वर्ष 2002 में म.प्र. राज्य विद्युत मंडल को 05 स्वतंत्र विद्युत कंपनियों यथा:- (1) म.प्र. पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड जबलपुर, (2) म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड जबलपुर, (3) म.प्र. पश्िचम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड., इंदौर, (4) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल, (5) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर में पुनर्गठित किया गया था। विद्युत कंपनियों के गठन (म.प्र. राज्य विद्युत मंडल के पुनर्गठन) के उपरांत राज्य शासन द्वारा वर्ष 2011 में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर की संगठनात्मक संरचना का अनुमोदन प्रदान किया गया था, तत्समय म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितण कंपनी में नियमित श्रेणीवार स्वीकृत पद एवं पदस्थ कार्मिकों की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। वर्तमान विद्युत अधोसंरचना, विद्युत भार एवं विद्युत उपभोक्ताओं की संख्याओं में वृद्धि के आधार पर नवीन संगठनात्मक संरचना की स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर अंतर्गत विगत 5 वित्तीय वर्षों में स्थापित उच्चदाब, निम्नदाब विद्युत लाईनों एवं 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों की प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है तथा निम्नदाब एवं अति उच्चदाब उपभोक्ताओं की प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (घ) विद्युत कंपनियों अंतर्गत संविदा आधार पर भर्ती किए गए अधिकारी एवं कर्मचारियों की प्रश्नाधीन चाही गई कंपनीवार, श्रेणीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है। संविदा कार्मिकों हेतु ''संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) नियम, 2023'' लागू किये गये हैं। उक्त नियम की कंडिका-11.9 में संविदा के आधार पर अनुबंधित कार्मिकों को नियमितीकरण की पात्रता नहीं है। तथापि नियम की कंडिका-14.1.1 अनुसार ''विद्युत कंपनी के सीधी भर्ती के नियमित पद के समकक्ष संविदा पदों पर 5 वर्ष की निरंतर सेवा पूर्ण करने वाले संविदा अधिकारियों/कर्मचारियों की कुल संख्या के 50% पद अथवा विद्युत कंपनी में सीधी भर्ती के रिक्त पद के 50% तक के पद (दोनों में से जो कम हो), संविदा अधिकारियों/कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए आरक्षित रखे जाएंगे। इन निर्देशों अथवा संदर्भित पूर्व निर्देशों के अंतर्गत आरक्षण सुविधा का एक बार लाभ लेकर नियुक्ति प्राप्त कर लेने (Joining) उपरांत पुन: लाभ की पात्रता नहीं होगी। तदनुसार विद्युत कंपनियों के अंतर्गत संविदा कार्मिकों को नियमित पदों पर नियुक्ति के अवसर प्रदान किये गए है। विद्युत कंपनियों में लागू ''संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) नियम 2023'' में निहित प्रावधान अनुसार संविदा कार्मिकों को सेवानिवृत्ति तक रखे जाने का प्रावधान है। अत:शेष प्रश्न नहीं उठता है।
कृषि उपभोक्ताओं की समस्याओं का निराकरण
[ऊर्जा]
111. ( क्र. 1728 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा कृषि उपभोक्ताओं के बिजली कनेक्शन में मीटर लगाने की कोई कार्ययोजना का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है? क्या उपभोक्ताओं के परिसर से मीटर निकलवाकर और पंप में प्रति एचपी के हिसाब से यूनिट का निर्धारण कर कंपनी द्वारा बिलिंग की जा रही है और राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी की राशि कंपनी के खाते में जमा की जा रही है जो किसान तक नहीं पहुंच पा रही है? यदि हाँ, तो उत्तरदायी पर क्या कार्यवाही की जाएगी? (ख) क्या फीडर सेपरेशन का कार्य म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्तर्गत पूर्ण हो चुका है? यदि नहीं, तो कब तक पूर्ण हो जायेगा? जहां पर फीडर सेपरेशन का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है वहां के किसानों की बिलिंग किस आधार पर की जा रही है? इससे किसानों को क्या नुकसान हो रहा है? (ग) बिजली विभाग में निकले स्क्रेप का क्या किया जाता है? वर्तमान में कितना स्क्रेप म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के भंडार गृहों में है? जो मेकेनिकल मीटर निकाले गये उनका क्या उपयोग किया गया? वर्तमान में निकाले जा रहे मीटरों का क्या किया जा रहा है? म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में विगत दो वर्षों में कितने किलोमीटर लाइन के नंगे तार बदले गये और कितना एल्युमीनियम तार निकला और उसके एवज कितना पैसा कंपनी ने प्राप्त किया? संख्यात्मक जानकारी प्रदान करें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। जी नहीं, शहरी क्षेत्र में स्थित ऐसे कृषि उपभोक्ताओं, जिन्हें गैर कृषि फीडर से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, को म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के अनुसार मीटर की वास्तविक खपत के आधार पर ही बिलिंग की जा रही है। किन्तु ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे कृषि उपभोक्ता, जिनके यह मीटर स्थापित नहीं है, को म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित आंकलित खपत के आधार पर टैरिफ आदेश में निर्धारित दरों पर बिलिंग की जाती है। उक्त बिलिंग में से सब्सिडी राशि को घटा कर कृषक उपभोक्ता द्वारा वितरण कंपनी को उपभोक्ता अंश ही देय होने के कारण राज्य शासन सब्सिडी राशि वितरण कंपनी को विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 65 के अनुसार उपलब्ध कराता है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है। (ख) जी नहीं, म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत आर.डी.एस.एस. योजना के तहत 11 के.व्ही. फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य, योजना में निहित प्रावधानों के अनुसार प्रगतिरत है एवं कार्यादेश अनुसार फीडर विभक्तिरण के कार्य को 24 माह में पूर्ण किया जाना प्रावधानित है। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत फीडर विभक्तिकरण के कार्य माह नवम्बर 2026 तक पूर्ण किया जाना है। किसानों की बिलिंग उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश एवं राज्य शासन द्वारा जारी सब्सिडी आदेश के तहत की जाती है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है। (ग) विद्युत कंपनियों अंतर्गत स्क्रैप सामग्री को समय-समय पर ई-ऑक्शन द्वारा नीलाम किया जाता है। वर्तमान स्थिति में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत भण्डार गृहों में लगभग राशि रू. 15.3 करोड़ का स्क्रैप है। निकाले गए पुराने मैकेनिकल मीटरों का कोई उपयोग नहीं किया जा रहा है। पुराने मीटरों को ई-नीलामी द्वारा विक्रय किया जा रहा है। वर्तमान में डिजीटल मीटरों को निकाल कर स्मार्ट मीटर लगाये जा रहे हैं, निकाले गये डिजीटल मीटरों को एल.टी.एम.टी लैब द्वारा परीक्षण कर फील्ड को जारी कर ग्रामीण क्षेत्रों में लगाए जा रहे हैं। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत विगत दो वर्षों में 411 सर्किट किलोमीटर की लाइनों के नंगे तार बदले गए, जिससे एल्यूमीनियम तार कुल 157.85 मैट्रिक टन निकाला गया एवं राशि रू. 1,70,73,592.47 का विक्रय किया गया है।
बिजली सामग्री के अभाव में मेंटेनेंस कार्य न होना
[ऊर्जा]
112. ( क्र. 1730 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले के भण्डार कक्ष (स्टोर) में बिजली सामग्री यथा एल.टी.केवल (तार) खंबे एवं अन्य सामग्री की पर्याप्त पात्रा में उपलब्धता नहीं होने के कारण ही सिवनी विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों एवं नगरीय क्षेत्रों में बिजली सुधार के काम बाधित हो रहे है? जिससे उनके ग्रामों में बार-बार सुधार किये जाने संबंधी शिकायतें लगातार बढ़ रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सामग्री के अभाव में ही क्षेत्र के ऐसे अनेकों स्थान पर 11 केव्ही लाईन झुककर नीचे आ गई है, वहां भी ऊंचाई बढ़ाने हेतु नए खंबे नहीं लग पा रहे? जिससे उक्त स्थानों पर दुर्घटना होने की प्रबल संभावना बनी हुई है? इसी प्रकार झुककर टेढ़े हुए खंबों के स्थान पर नवीन खंबे नहीं लगाए जा रहे? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सामग्री के अभाव में ही पुराने ओवरलोड हुए ट्रॉसफार्मरों के स्थान पर नये ट्रॉसफार्मर की स्थापना नहीं की जा रही है और न ही पुराने ट्रॉसफार्मरों की मरम्मत कराई जा रही है? सामग्री के अभाव में पुराने 11 केव्ही लाईनों के तार आदि नहीं बदले जा रहे है, जिसके फलस्वरूप विद्युत भार बढ़ने से बार-बार फाल्ट होने एवं ट्रॉसफार्मर के खराब होने की समस्याएं बनी हुई है? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) तक उल्लेखित समस्या के निराकरण हेतु वितरण केन्द्रवार समस्याओं को सूचीबद्ध कर सुधार कार्य हेतु सामग्री उपलब्ध कराई जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड अन्तर्गत सिवनी जिले के लिये पृथक से कोई क्षेत्रीय भंडार नहीं है, अपितु आवश्यकतानुसार स्वीकृत प्राक्कलनों के तहत प्रावधानित विद्युत सामग्री यथा एल.टी. केबल (तार), खम्बे एवं अन्य सामग्री का क्षेत्रीय भण्डार छिंदवाड़ा एवं जबलपुर से आहरण कर उपयोग किया जाता है। सिवनी विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में उक्त वर्णित प्रक्रिया के तहत आवश्यकता होने पर स्वीकृत प्राक्कलन अनुसार क्षेत्रीय भण्डार से सामग्री का आहरण कर नियमानुसार संधारण कार्यों का क्रियान्वयन किया जा रहा है तथा सामग्री के अभाव में कोई भी कार्य विलम्बित अथवा बाधित नहीं हुआ हैं। सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं वित्तीय वर्ष 2024-25 में 33 के.व्ही. एवं 11 के.व्ही. लाईन तथा वितरण ट्रांसफार्मर के किये गए रख-रखाव से संबंधित कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। विगत एक वर्ष की अवधि में सिवनी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विद्युत प्रदाय से संबंधित कुल 263 शिकायतें प्राप्त हुई हैं एवं इन समस्त शिकायतों का निराकरण कर लिया गया है। कोई भी शिकायत वर्तमान में लंबित नहीं है तथा सिवनी विधानसभा क्षेत्र में सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ख) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा विद्युत लाईनों/विद्युत पोलों को व्यवस्थित करने सहित समस्त स्थापित विद्युत अधोसंरचना के रख-रखाव का कार्य मानसून पूर्व एवं मानसून अवधि के पश्चात करने के अलावा विद्युत व्यवधानों/दुर्घटनाओं को कम करने के उद्देश्य से पूरे वर्ष सतत् रूप से किया जा रहा है, जिसमें झुके हुये खम्बों को भी सीधा करने तथा विद्युत लाइनों के तारों को निर्धारित मापदण्डों के अनुसार सुरक्षित ऊँचाई पर व्यवस्थित करने के कार्य सम्मिलित हैं। सिवनी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत झुके/टेढ़े 11 के.व्ही. विद्युत लाईनों/पोलों की मरम्मत/सुधार इत्यादि कार्यों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। उक्त के अतिरिक्त अन्य चिन्हित स्थलों की सूची जहाँ कार्य किया जाना प्रस्तावित है, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (ग) सिवनी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं वित्तीय वर्ष 2024-25 में क्रमश: 19 एवं 40 अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्य पूर्ण किये गये तथा वित्तीय वर्ष 2024-25 में 5 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना के कार्य पूर्ण किये गये है। पुराने ट्रासंफार्मरों की रिपेयरिंग सतत् रूप से की जा रही है जिससे छिंदवाड़ा एवं जबलपुर भण्डार में पर्याप्त मात्रा में रिपेयर्ड ट्रांसफार्मर उपलब्ध है। 11 के.व्ही. लाईन हेतु तार की भी पर्याप्त मात्रा छिंदवाड़ा एवं जबलपुर भण्डार में उपलब्ध है। उत्तरांश (ख) में उल्लेखित प्रक्रिया अनुसार म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा विद्यमान विद्युत अधोसंरचना का नियमित संधारण कार्य कराया जाता है एवं विद्यमान विद्युत अधोसंरचना पर प्रतिवर्ष भार की स्थितियों का आंकलन कर प्रणाली सुदृढ़ीकरण एवं अन्य योजनाओं के तहत क्षमता वृद्धि तथा अतिरिक्त विद्युत अधोसंरचना स्थापना के कार्य स्वीकृत कर क्रियान्वित किये जाते हैं। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्लेखानुसार की गई/जा रही कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन क्षेत्र में स्थानों पर विद्युत अधोसंरचना में सुधार/मरम्मत के कार्य पूर्ण किये गये हैं। उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) में दर्शाए अनुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युत अधोसंरचना के संधारण कार्य हेतु सामग्री की पर्याप्त उपलब्धता है।
सड़कों के निर्माण कार्य की जानकारी
[लोक निर्माण]
113. ( क्र. 1731 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा कितनी सड़कों का निर्माण कहां से कहां तक किया गया? ग्रामवार जानकारी प्रदान करें एवं वर्तमान में इनकी क्या स्थिति है? सड़कवार स्थिति की जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार, वर्तमान में जिन-जिन सड़कों की समय-सीमा समाप्त हो चुकी है एवं जर्जर हो चुकी है, उनके पुनर्निमाण के लिये विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? इनका पुनर्निर्माण कब तक हो जायेगा? वर्तमान में सिवनी विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन सी सड़के निर्माण हेतु प्रस्तावित है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ में दर्शित सड़कें जर्जर स्थिति में नहीं है, अतः पुनर्निर्माण किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रस्तावित सड़कों की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
पिछड़ा वर्ग की स्वीकृत योजनाओं पर व्यय राशि
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
114. ( क्र. 1736 ) श्री सुनील उईके : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जुन्नारदेव विधानसभा में पिछड़ा वर्ग की कौन-कौन सी योजनाएं स्वीकृत है एवं उस पर विगत दो वर्षों में कितनी राशि व्यय की जा चुकी है। (ख) पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के लिये शिक्षा हेतु जुन्नारदेव विधानसभा में कहां-कहां छात्रावास खोले गये है, और उनमें वर्तमान में कितने-कितने छात्र अध्ययनरत है और उनकी कितनी वार्षिक छात्रवृत्ति दी जा रही है। (ग) भारत सरकार द्वारा पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण शासकीय सेवाओं में दिया जा रहा है। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा शासकीय सेवाओं में वर्तमान में 14 प्रतिशत आरक्षण को बढ़ाकर केन्द्र के समान 27 प्रतिशत आरक्षण देने पर क्या विचार करेंगे। यदि हाँ, तो कब तक। (घ) क्या जुन्नारदेव विधानसभा में पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के शिक्षण हेतु छात्रावास निर्माण हेतु स्वीकृत करने पर विचार करेंगे?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में पिछड़ा वर्ग की स्वीकृत योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। योजनाओं में विगत दो वर्षों में व्यय की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ख) विभाग अंतर्गत सभी जिला मुख्यालयों पर छात्रावास संचालित किए जाने की योजना है। पृथक से विधानसभावार छात्रावास संचालित नहीं हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) जी नहीं। तहसील स्तर पर छात्रावास खोलने की विभाग स्तर पर कोई योजना संचालित नहीं है।
पुलिया निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
115. ( क्र. 1739 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सौंसर विधान सभा के अंतर्गत पिपला नारायण वार से बानाबाकोडा, सौंसर से गूजरखेड़ी, रामाकोना से बगूगु बिछुआ इन तीनों स्थानों पर नदी नाले है यहाँ बहुत छोटा जलमग्न पूल होने के कारण बारिश के दिनों में बाढ़ से आवागमन रुक जाता है? (ख) क्या इस संबंध में विभाग द्वारा शासन को एस्टिमेट बनाकर भेजा गया है परंतु तीन वर्ष से इसे स्वीकृति नहीं दी गई है? (ग) यदि हाँ, तो पुल के निर्माण हेतु शासन से स्वीकृति कब तक मिल जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पुल का निर्माण कार्य प्रारंभ न किया जाना
[लोक निर्माण]
116. ( क्र. 1740 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सौंसर विधान सभा के अंतर्गत जाम नदी पर वर्ष 2024 में ग्राम रीधोरा से घोगरीखापा पुल निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या कारण है कि प्रश्न दिनांक तक इस पुल के निर्माण के लिए टेंडर जारी नहीं किये गये हैं? (ग) उपरोक्त पुल के लिए कब तक टेंडर जारी किये जायेंगे और किस दिनांक तक निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु वर्ष 2024-25 के बजट में सम्मिलित किया गया है। (ख) विस्तृत सर्वेक्षण किया जा रहा है, तदोपरान्त प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर निविदा आमंत्रित की जावेगी। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है।
जिगना-भैंसरहा मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
117. ( क्र. 1743 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर जिले के जिगना भैंसरहा परिवर्तित मार्ग के लिए जारी कार्य आदेश, प्राक्कलन, नक्शे खसरे की प्रति उपलब्ध करावें। मार्ग की लम्बाई चौड़ाई सहित जानकारी रोड के निर्माण हेतु शासकीय भूमि के अतिरिक्त क्या कृषकों की भूमि पर भी रोड का निर्माण हुआ है। क्या प्राक्कलन में उल्लिखित रोड की चौड़ाई शासकीय अभिलेख में दर्ज चौड़ाई के बराबर है? (ख) प्रश्नांश (क) के मार्ग निर्माण के लिए बनाए गए प्राक्कलन में कृषकों की भूमि अधिग्रहण एवं मुआवजे का प्रावधान था, साथ ही कृषकों की सिंचाई के लिए डाली गई पाइप लाइनों के ऊपर रोड का निर्माण किया था जिसकी विभाग को कृषकों द्वारा शिकायतें की गई थी, किन्तु सिंचाई के लिए विभाग द्वारा पुनः नई पाइप-लाइन नहीं डाली गयी है, जिससे रोड के दूसरी तरफ खेत में लगी फसलें सिंचाई के आभाव में सूख गई हैं। क्या पुनः पाइप-लाइन डाली जायेगी तथा रोड निर्माण के वृक्षों को बिना स्वीकृति के काटा गया, क्या ग्राम पपरा के किसानों द्वारा भी शिकायतें की गई। (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो शासन पीड़ित कृषकों को वृक्ष, पाइप-लाइन तोड़ने एवं भूमि अधिग्रहण का मुआवजा कब तक प्रदाय करेगा, यदि नहीं, तो क्यों कारण बताए? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में दोषी अधिकारियों कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा, बताएँ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) कार्यादेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। प्राक्कलन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है, नक्शे खसरे की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''3'' अनुसार है। मार्ग की कुल लंबाई-36.00 किमी एवं कुल चौड़ाई-10 मीटर है (2-लेन विथ पेव्हड शोल्डर) । जी हां, मार्ग निर्माण हेतु शासकीय भूमि के अतिरिक्त कुछ स्थानों पर निजी भूमि भी प्रभावित हुई है। जी नहीं। (ख) जी हाँ। जी नहीं, पाइप-लाइन के संबंध में कृषकों द्वारा कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। मार्ग निर्माण के दौरान जहां-जहां पर कृषकों द्वारा सिंचाई के लिये पाइप-लाइन डाली गई थी उन सभी स्थानों पर मार्ग निर्माण के साथ-साथ पुन: नवीन पाइप-लाइन (यूटिलिटी डक्ट) उक्त कृषकों से संपर्क कर डाली गई है। अत: फसलें सूखने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। मार्ग निर्माण कार्य वर्तमान में प्रगतिरत है एवं तकनीकी रूप से जहां-जहां आवश्यकता होगी पाइप-लाइन हेतु यूटिलिटी डक्ट डाली जावेगी। जी नहीं, स्वीकृति उपरांत ही वृक्षों को काटा जाता है। ग्राम पपरा के किसानों द्वारा निगम अंतर्गत कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ग) वृक्षों एवं पाइप-लाइन के संबंध में उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है एवं भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही वर्तमान में प्रगतिरत है एवं राजस्व विभाग से अवार्ड पारित होने के उपरांत संबंधितों को मुआवजा दिया जावेगा, अत: वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश 'ख' एवं 'ग' के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सड़कों के निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
118. ( क्र. 1749 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्टेट हाइवे 26 से मोहगांव खुर्द- सांख - बांसखेड़ा- खमरा-नीलकंठी खुर्द सारंग बिहरी - उमरानाला बिछुआ मार्ग कुल 32 कि.मी. के पुनर्निर्माण के लिए स्वीकृति मिल चुकी है, यदि मिल गई है तो कब तक कार्य पूर्ण हो जावेगा एवं स्वीकृत राशि कितनी है? (ख) क्या चौरई विकासखंड के गुरैया - लिखड़ी - लोहारा - तुमड़ा - बाम्हनवाड़ा मार्ग कुल 13 कि.मी के पुनर्निर्माण की स्वीकृति हो गई है, यदि हाँ, तो कब तक कार्य पूर्ण हो जावेगा एवं स्वीकृत राशि कितनी है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) एवं (ख) जी नहीं, शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध रूप से संचालित लाल सिंह पैलेस
[नगरीय विकास एवं आवास]
119. ( क्र. 1758 ) श्री अम्बरीष शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र लहार जिला भिण्ड में नगरीय क्षेत्र लहार में लाल सिंह पैलेस संचालित है? (ख) यदि हाँ, तो क्या लाल सिंह पैलेस द्वारा विवाह स्थल का पंजीयन कराया गया है तथा लाल सिंह पैलेस द्वारा भवन निर्माण की अनुमति ली गई है? क्या लाल सिंह पैलेस द्वारा व्यवसायिक डायवर्सन किया गया है? यदि नहीं, किया गया तो शासन को कितनी क्षति हुई? यदि उपरोक्त अनुमति नहीं ली गई फिर भी विवाह स्थल संचालित है तो इसमें कौन-कौन से शासकीय अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या लाल सिंह पैलेस द्वारा अवैध रूप से शासकीय भूमि सहित अन्य व्यक्तिगत प्लाटों पर कब्जा कर लगभग 10 बीघा में विवाह स्थल संचालित किया जा रहा है। यदि हाँ, तो पैलेस पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) व्यक्तिगत भूमि स्वामियों जिनके प्लाट पर कब्जा किया गया है क्या उनके द्वारा शिकायत की गई है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (ड.) क्या तहसीलदार द्वारा 28/06/2024 को कृषि भूमि की नापतौल हेतु कमेटी गठित की गई? यदि हाँ, तो अभी तक नाप क्यों नहीं की गई एवं कब तक की जावेगी? विलम्ब के लिये उत्तरदायी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, लाल सिंह पैलेस द्वारा विवाह स्थल का पंजीयन नहीं कराया गया है। जी नहीं, लाल सिंह पैलेस द्वारा भवन निर्माण की अनुमति नहीं ली गई। डायवर्सन आदेश प्रकरण क्र. 06/2014-15/172 दिनांक 04-08-2015 के अनुसार लाल सिंह पैलेस सर्वे क्र. 2438 रकवा 0.240 हेक्टेयर में से केवल 650 वर्गमीटर का व्यवसायिक डायवर्सन कराया गया है,जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"अ" अनुसार है। शेष भूमि 1750 वर्गमीटर यानि 18875 वर्ग फीट बगेर डायवर्सन कृषि भूमि से भिन्न उपयोग करने से शासन को औसतन 25000 रुपये की क्षति हुई है। बिना अनुमति के विवाह स्थल संचालित होने के कारण, निकाय द्वारा कार्यवाही करते हुए कार्यालयीन पत्र क्र. 14 दिनांक 04-04-2024 से अनुमति सम्बंधित दस्तावेज चाहने हेतु एवं पत्र क्र. 38 दिनांक 03-10-2024 से बिना अनुमति निर्माण के कारण धारा 187 के अंतर्गत सूचना पत्र जारी किये गये जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"ब" अनुसार है। शेषान्श का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) तहसीलदार तहसील लहार के पत्र क्र. 253 दिनांक 28-02-2025 जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"स" अनुसार है। के अनुसार लाल सिंह पैलेस विवाह स्थल शासकीय भूमि पर संचालित नहीं है। व्यक्तिगत प्लाटों पर कब्जे के संबंध में एक आवेदक रेखा तोमर का आवेदन सीमांकन के संबंध में प्राप्त हुआ है। अन्य कोई आवेदन अप्राप्त है। न्यायालय तहसीलदार लहार द्वारा 28-06-2024 को लालसिंह पैलेस पर अवैध रूप से कब्जा कर प्लाट का सीमांकन किये जाने हेतु दल गठित किया गया था। जिसके पालन में राजस्व निरीक्षक द्वारा गठित दल के साथ प्रतिवेदन अनुसार, ''सीमांकन स्थल आबादी क्षेत्र में स्थित है, जिसका सीमांकन जरीव द्वारा किया जाना संभव नहीं है'', प्रतिवेदित दिया गया था। इस कारण सीमांकन तत्समय स्थगित किया गया था। सीमांकन से संबंधित प्रकरण में दिनांक 27-08-2024 को आपत्तिकर्ता अभिभाषक के द्वारा आपत्ति पेश की गई थी। आपत्ति के जवाब हेतु 14 तारीख एवं लगभग 3 माह व्यतीत हो जाने के बाद भी आवेदक अथवा उसके अभिभाषक से आपत्ति का जवाब प्राप्त न होने के कारण सीमांकन प्रकरण दिनांक 29.11.2024 को समाप्त किया गया। कस्बा लहार के भूमि सर्वे नं. 2438/1/2 के खसरे एवं नक्शे जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"द" अनुसार है का अवलोकन करने पर ज्ञात हुआ की आवेदक रेखा तोमर के प्लाट का नक्शे में बटांकन उपलब्ध नहीं है। आवेदक रेखा तोमर द्वारा बटांकन के संबंध में आज दिनांक तक कोई आवेदन प्रस्तुत नहीं किया है। बटांकन के अभाव में प्लाट का सीमांकन कर चिन्हित किया जाना संभव नहीं है। यह जानकारी आवेदक रेखा तोमर को समक्ष में दी जा चुकी है। (घ) जी हाँ। व्यक्तिगत प्लाटों पर कब्जे के संबध में एक आवेदक रेखा तोमर का आवेदन तहसीलदार कार्यालय में सीमांकन के संबंध में प्राप्त हुआ है। जिस पर की गई कार्यवाही का विवरण प्रश्नांश (ग) के उत्तर अनुसार है। (ड.) न्यायालय तहसीलदार लहार द्वारा 28.06.2024 को लालसिंह पैलेस पर अवैध रूप से कब्जा कर प्लाट का सीमांकन किये जाने हेतु दल गठित किया गया था। जिसके पालन में राजस्व निरीक्षक द्वारा गठित दल के साथ प्रतिवेदन अनुसार, ''सीमांकन स्थल आबादी क्षेत्र में स्थित है, जिसका सीमांकन जरीव द्वारा किया जाना संभव नहीं है'' प्रतिवेदित किया गया था। इस कारण सीमांकन तत्समय स्थगित किया गया था। सीमांकन से संबंधित प्रकरण में दिनांक 27.08.2024 को आपत्तिकर्ता अभिभाषक के द्वारा आपत्ति पेश की गई थी। आपत्ति के जवाब हेतु 14 तारीख लगभग 3 माह व्यतीत हो जाने के बाद भी आवेदक अथवा उसके अभिभाषक से आपत्ति का जवाब प्राप्त न होने के कारण सीमांकन प्रकरण दिनांक 29.11.2024 को समाप्त किया गया। शेषांश्ा का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
थ्री फेस लाईन एवं विद्युतविहीन फाल्यों का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
120. ( क्र. 1763 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल कितने ऐसे राजस्व ग्राम हैं, जिसमें सिंचाई हेतु थ्री फेस लाईन की व्यवस्था नहीं है? कृपया उक्त राजस्व ग्रामों की संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें तथा उक्त स्थान पर थ्री फेस लाईन उपलब्ध कराने हेतु शासन की क्या योजना है तथा कब तक स्वीकृति जारी की जायेगी? (ख) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र के राजस्व ग्रामों के विद्युत विहीन फाल्यों में कब तक विद्युतीकरण किया जायेगा? नहीं तो क्या कारण है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कोई भी राजस्व ग्राम सिंचाई हेतु थ्री फेस विद्युत लाईन व्यवस्था से वंचित नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) विद्युतीकरण हेतु निर्धारित नीति अनुसार सर्वप्रथम भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र सहित प्रदेश के सभी आबाद ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य एवं तदुपरांत आबाद ग्रामों के चिन्हित मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य वित्तीय उपलब्धता अनुसार क्रमश: केन्द्र शासन की विभिन्न विद्युतीकरण की योजनाओं यथा-राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में किया गया। तदुपरांत सौभाग्य योजना के प्रावधानों के अंतर्गत शत-प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण का कार्य किया गया, किन्तु इस योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार खेतों में दूर-दूर अवस्थित घरों को तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता नहीं होने के कारण योजना में सम्मिलित नहीं किया गया था। उक्त योजनाओं की क्रियान्वयन अवधि पूर्ण होने के उपरांत प्रश्नाधीन क्षेत्र में निर्मित नवीन मजरों/टोलों/फलियों के विद्युतीकरण हेतु वर्तमान में केन्द्र शासन की ''धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान योजना'' अंतर्गत म.प्र. पश्िचम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में सर्वे कार्य प्रगतिरत है। सर्वे एवं प्रशासकीय स्वीकृति उपरान्त उक्त विद्युतीकरण कार्यों को पूर्ण किया जा सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु व्यक्तियों को आरक्षण
[विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण]
121. ( क्र. 1764 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या राज्य मंत्री, विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश राज्य अन्तर्गत विमुक्त घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण विभाग अन्तर्गत जनजातियों के लिये महाराष्ट्र राज्य के अनुसार टांडा बस्ती योजना का संचालन किया जा सकता है? हाँ तो कब तक यदि नहीं, तो क्या कारण है? (ख) वर्तमान में उक्त जनजाति क्षेत्र में विकास हेतु कौन-कौन सी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है? (ग) खरगोन जिले अन्तर्गत कौन-कौन से कार्यों की स्वीकृति प्रदाय की गई है? जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) क्या एक भाव एक वेशभुषा होने के कारण महाराष्ट्र राज्य की भांति मध्यप्रदेश में आरक्षण दिया जायेगा? हाँ तो कब तक, नहीं तो क्या कारण है?
राज्य मंत्री, विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) जी नहीं। विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु समुदायों के अंतर्गत अधिसूचित जातियों में मूलभूत भिन्नताएं है, महाराष्ट्र राज्य में निवासरत इन समुदायों के पास उपलब्ध संसाधन एवं परिस्थितियां, मध्यप्रदेश में निवासरत जातियों से भिन्न है, जिससे योजनाओं में भी भिन्नताएं है। मध्यप्रदेश में इन समुदायों के लिये बस्ती विकास योजना पूर्व से ही संचालित है। (ख) इन समुदायों के लिए संचालित योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ग) खरगोन जिले में बस्ती विकास योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 में 04 सामुदायिक भवन निर्माण कार्य एवं 2018-19 में 05 सामुदायिक भवन एवं 03 सीसी रोड निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदाय की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (घ) आरक्षण संबंधित निर्णय केन्द्र सरकार के अधीन होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लेबड़-मानपुर फोरलेन हाईवे का सुधार कार्य
[लोक निर्माण]
122. ( क्र. 1766 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लेबड़-मानपुर फोरलेन हाईवे, म.प्र. सड़क विकास निगम के क्षेत्रांतर्गत होकर इस पर विभाग द्वारा अधिकृत कंपनी द्वारा वाहनों से टोल वसूला जाता है? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त मार्ग पर ग्राम दिग्ठान, ग्राम बिल्लोद व ग्राम नारायपुरा में निर्मित फ्लाय ओवर की सर्विस लेन की रोड जीर्णशीर्ण हो रही है? (ग) क्या उक्त सर्विस लेन के सुधार कार्य का दायित्व टोल कंपनी का है? यदि हाँ, तो टोल कंपनी द्वारा सर्विस लेन पर सुधार कार्य में कोताही बरती जाने के क्या कारण है तथा अभी तक सुधार कार्य नहीं किये जाने पर विभाग द्वारा क्या कार्रवाई की जा रही है? (घ) क्या विभाग उक्त तीनों फ्लाय ओवर की सभी सर्विस रोड में सुधार कार्य करवाते हुए भविष्य में नियमित संधारण की व्यवस्था सुनिश्चित करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) ग्राम दिग्ठान, ग्राम बिल्लोद व ग्राम नारायपुरा में निर्मित फ्लाय ओवर की सर्विस लेन का निर्माण म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा नहीं किया गया है। सर्विस रोड का निर्माण कार्य निवेशकर्ता के स्कोप में नहीं था। (ग) जी नहीं। उक्त सर्विस रोड का निर्माण कार्य निवेशकर्ता द्वारा नहीं किये जाने से सुधार का दायित्व टोल कंपनी का नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
क्षेत्रीय ब्रिज एवं फ्लाई ओवर की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
123. ( क्र. 1767 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा तहसील एवं पिपलोदा तहसील अंतर्गत आवागमन के अत्यंत व्यस्ततम मार्गों पर ब्रिज निर्माण किए जाने की आवश्यकता महसूस की जाती रही है? (ख) यदि हाँ, तो जावरा -सीतामऊ मार्ग पर आने वाले ब्रिज रोला, भड़का एवं असावती ब्रिज की स्वीकृति कब दी जाकर कार्य कब प्रारंभ हुआ, कितना व्यय हुआ, कितना कार्य अपूर्ण रहा? कुल कितना भुगतान होकर शेष रहे ब्रिज के अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण किया जा सकेगा? (ग) विगत कई वर्षों से बरगढ़ फंटे से भैसाना बायपास मार्ग पर भैसाना स्थित ओवर ब्रिज एवं उणी- मिंडाजी के मध्य ब्रिज तथा गोठड़ा व खेड़ा के मध्य मलेनी नदी पर ब्रिज की मांग भी विगत के वर्षों से की जा रही है तो इन्हें बजट में सम्मिलित कर स्वीकृति कब तक दी जा सकेगी? (घ) जावरा शहर में चौपाटी स्थित फोरलेन सड़क मार्ग पर अत्यधिक आवागमन एवं दुर्घटना स्थल ब्लैक स्पॉट होने से फ्लाईओवर ब्रिज निर्माण की आवश्यकता एवं बरगढ़ फंटे से भूतेड़ा फंटे के मध्य रेलवे ओवरब्रिज निर्माण की अत्यंत आवश्यकता अनेक कठिनाइयों के कारण है तो इन्हें बजट में कब तक सम्मिलित कर स्वीकृति दी जा सकेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जावरा-सितामउ मार्ग पर आने वाले रोला, भडका एवं असावती ब्रिज की स्वीकृति दिनांक 12.04.2018 को प्रदाय की गई। कार्य दिनांक 08.04.2019 को प्रारंभ किया गया, निर्माण कार्य पर राशि रू. 1163.76 लाख का व्यय किया गया। राशि रू. 1429.68 लाख का निर्माण कार्य अपूर्ण रहा। अपूर्ण कार्य हेतु विभाग द्वारा एजेंसी का चयन किया जाकर कार्य 12 माह की समयावधि में पूर्ण किए जाने हेतु दिनांक 21.02.2025 को कार्यादेश जारी किया गया है। (ग) प्रश्नाधीन फ्लाय ओव्हर ब्रिज और मलेनी नदी पर पुल न तो बजट में स्वीकृत है और न ही प्रस्तावित है। अत: निश्िचत तिथि बताना संभव नहीं है। (घ) प्रश्नाधीन फ्लाय ओव्हर ब्रिज का कार्य न तो बजट में स्वीकृत है और न ही प्रस्तावित है। अत: निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।
अनधिकृत एवं अविकसित कॉलोनियों का विकास
[नगरीय विकास एवं आवास]
124. ( क्र. 1768 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा प्रदेश भर के नगरीय क्षेत्रों में विगत वर्षों में अस्तित्व में आई अनधिकृत एवं अविकसित कॉलोनियों में मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति किस प्रकार की जा सके अथवा करवाई जा सके के संदर्भ में नीति निर्धारण कर कार्य योजना पर विचार किया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रदेश भर में हजारों की संख्या से अधिक अनधिकृत एवं अविकसित कॉलोनियों में लाखों परिवारजन गंभीरतम कठिनाइयों में रहकर मूलभूत कार्यों की आवश्यकताओं से विगत कई वर्षों से वंचित हैं? (ग) यदि हाँ, तो विगत वर्षों में अनेक नगरीय निकायों में शासन/विभाग द्वारा एफ.आई.आर. दर्ज कर कुछ प्रकरण न्यायालय तक पहुंचे, कुछ लंबित रहे तो ऐसी स्थिति में शासन/विभाग द्वारा आगामी क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है जिससे की मूलभूत आवश्यकताओं के निर्माण कार्यों की पूर्ति की जा सके? (घ) विगत वर्षों में शासन/विभाग द्वारा निर्देश/आदेश के साथ विभिन्न कार्यवाहियों के बावजूद भी कॉलोनाइजर के विरुद्ध न तो कोई गंभीरतम कार्यवाही और ना ही उनके द्वारा अनुबंध अनुसार बंधक रखे गए प्लाटों को विक्रय कर विकास कार्यों को गति देने के लिए कार्य किए गए तो किन कारणों से? कब कॉलोनाइजर्स के विरुद्ध गंभीरतम कार्रवाई कर उपरोक्त उल्लेखित समस्या से निजात दिलाई जा सकेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हां, दिनांक 13 जनवरी 2022 से प्रभावशील म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम 2021 में निर्दिष्ट अवधि के पूर्व अस्तित्व में आई अनधिकृत कॉलोनियों में नागरिक अधोसंरचना एवं भवन निर्माण अनुज्ञा प्रदान करने के प्रावधान किए गए हैं। प्रश्नांकित शब्द ''अविकसित कॉलोनी'' नगर पालिका अधिनियम में परिभाषित नहीं हैं यद्यपि विकास अनुमति प्राप्त कॉलोनियों में कॉलोनाईजर द्वारा नियमानुसार समस्त विकास कार्य पूर्ण न करने के फलस्वरूप ऐसी कॉलोनियों को सामान्यत: अविकसित कॉलोनी माना जाता है परन्तु ऐसी कॉलोनियों में नियमानुसार बंधक रखे गये भूखण्डों/भवनों को विक्रय कर प्राप्त राशि से शेष विकास कार्य पूर्ण कराये जाने के प्रावधान उक्त नियम, 2021 में किए गए हैं। (ख) नगरीय निकाय स्तर पर उत्तरांश (क) अनुसार चिन्हित अनधिकृत कॉलोनियों में नागरिक अधोसंरचना प्रदान करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार अनधिकृत कॉलोनियों में नागरिक अधोसंरचना प्रदान करने की प्रचलित कार्यवाही के अंतर्गत अनधिकृत कॉलोनियों के विकासकर्ताओं के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही हेतु पुलिस थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराने का भी प्रावधान है, परन्तु इस प्रावधान से नागरिक अधोसंरचना प्रदान करने की प्रक्रिया बाधित नहीं होती है। (घ) नगरीय निकाय स्तर पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रश्नांकित कार्यवाही नियमानुसार की जाती है। प्रदेश के समस्त नगरीय निकायों में ऐसी विकास अनुमति प्राप्त कॉलोनियों में बंधक रखे गये भूखण्डों को विक्रय कर शेष विकास कार्य कराने के संबंध में की गई कार्यवाही की जानकारी प्रेषित करने के निर्देश सक्षम प्राधिकारियों को दिये गये हैं।
तहसील कराहल एवं वीरपुर को नगर पंचायत बनाया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
125. ( क्र. 1773 ) श्री मुकेश मल्होत्रा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन मुख्यमंत्री महोदय शिवराज सिंह चौहान द्वारा 07 मार्च 2007 को ग्राम टिकटोली में तहसील मुख्यालय कराहल एवं वीरपुर को नगर पंचायत बनाने की घोषणा की थी? क्या वर्तमान मुख्यमंत्री महोदय ने भी उक्त संबंध में विजयपुर भ्रमण के दौरान घोषणा की थी? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, है तो वर्तमान समय तक तहसील मुख्यालय कराहल एवं वीरपुर को नगर पंचायत बनाने की दिशा में क्या-क्या कार्यवाही की गयी है? सम्पूर्ण प्रक्रिया की अद्यतन स्थिति की जानकारी दस्तावेज सहित उपलब्ध करावें। (ग) क्या विभाग पूर्व एवं वर्तमान मुख्यमंत्री महोदय एवं क्षेत्र की जनता की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुये तहसील मुख्यालय कराहल एवं वीरपुर को नगर पंचायत बनाने की दिशा में कार्य आरम्भ करेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित तहसील मुख्यालय कराहल एवं वीरपुर के संबंध में पूर्व एवं वर्तमान मुख्यमंत्री महोदय की घोषणा पर वर्तमान तक विभाग द्वारा की गई सम्पूर्ण प्रक्रिया की दस्तावेज सहित जानकारी प्रदान करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। तत्कालीन मुख्यमंत्रीजी द्वारा 07.03.2007 को तहसील मुख्यालय कराहल एवं वीरपुर को नगर पंचायत बनाने की घोषणा नहीं की गई है। जी हां, वर्तमान मुख्यमंत्री जी द्वारा कराहल एवं वीरपुर को नगर पंचायत बनाने की घोषणा क्रमांक डी-0208 दिनांक 10.08.2024 को की गई है। (ख) ग्राम पंचायत कराहल एवं वीरपुर को नगर परिषद बनाये जाने के संबंध में कलेक्टर जिला श्योपुर द्वारा प्रस्ताव आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास को प्रेषित किया गया है, जो परीक्षणाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्राप्त प्रस्ताव मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 5 में निहित प्रावधानों के अंतर्गत एवं विभागीय अधिसूचना क्रमांक 64-एफ 1-19/2009/18-3 दिनांक 27.12.2011 में वर्णित प्रावधानों के अंतर्गत परीक्षणाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी उत्तराशं ''ख'' में समाहित है।
विदिशा जिले में स्वीकृत सड़कों की जानकारी
[लोक निर्माण]
126. ( क्र. 1785 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल 2018 से प्रश्नांकित दिनांक तक विदिशा जिले में विभाग एवं विभाग अंतर्गत उपक्रम (इकाईयां जैसे -एमपीआरडीसी, पीआईयू, सेतु निगम, भवन विकास प्राधिकरण आदि) की कौन-कौन सी सड़के, भवन,पुल-पुलिया आदि स्वीकृत हैं तथा प्रशासकीय स्वीकृति,तकनीकी स्वीकृति, कार्य का नाम, स्वीकृत राशि, स्वीकृति वर्ष, कार्य एजेन्सी का नाम, कार्य पूर्णतः दिनांक, अनुबंध तिथि, निविदा, कार्य एजेन्सी का भुगतान की जानकारी सहित, मार्गवार, विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या गुणवत्ता विहीन निर्माण की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हां, तो उन पर क्या कार्यवाही की गई? कौन-कौन अधिकारी द्वारा जांच की गई? जांच में क्या-क्या कमियां पाई गई? जांच में कौन-कौन दोषी पाये गये? जांचकर्ता अधिकारी का नाम, जांच प्रतिवेदन सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 193/बीपीएल/2024 दिनांक 09.04.2024, माननीय मुख्यमंत्री महोदय को, पत्र क्रमांक 194/बीपीएल/2024 दिनांक 09.04.2024 माननीय मंत्री महोदय लोक निर्माण विभाग, श्रीमान मुख्य सचिव महोदय म.प्र.शासन, श्रीमान प्रमुख सचिव महोदय लोक निर्माण विभाग, श्रीमान आयुक्त महोदय भोपाल संभाग भोपाल तथा श्रीमान कलेक्टर महोदय विदिशा को पत्र प्राप्त हुए थे? यदि हां, तो पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? पत्र पावती, कृत कार्यवाही से अवगत करावें। यदि जांच शेष है तो प्रश्नकर्ता की उपस्थिति में कब तक जांच पूर्ण कराई जावेगी? बतावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या प्रश्नकर्ता के समक्ष गुणवत्ता की जांच की गई? यदि नहीं, तो क्यों? जांच दल में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारीगण शामिल थे? जांचकर्ता अधिकारी का नाम, जांच प्रतिवेदन सहित जानकारी देवें? जांच में क्या-क्या कमियां पाई गई? यदि हां, तो उसके लिए दोषी कौन है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब-तक कार्यवाही की गई जावेगी? (ड.) मुण्डेला-नजीराबाद मार्ग में 10 पुलिया स्वीकृत थी परंतु 9 पुलिया बनाई गई, एक पुलिया क्यों नहीं बनाई गई? बतावें तथा कब तक बना दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-''अ'', ''अ-1'', ''अ-2'' एवं प्रपत्र-''अ-3'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-''ब'' एवं ''ब-1'' अनुसार है। जांचकर्ता अधिकारी का जांच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। (ग) जी हां, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''2'' एवं प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा पत्र क्र. 2879 दिनांक 11.06.2024 के माध्यम से माननीय विधायक महोदय को अनुरोध करते हुये दिशा निर्देश प्रदाय करने हेतु लेख किया गया था किन्तु दिशा निर्देश प्राप्त नहीं हुये। जांच में कमियां नहीं पाई गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-''द'' अनुसार है। (ड.) एन.डी.बी. योजना अंतर्गत 10 पुल कार्य स्वीकृत नहीं थे, अपितु 6 पुल कार्य स्वीकृत थे, जिसमें से 1 पुल कार्य लटेरी मुंडेला दपकन मार्ग कि.मी. 7/8 देहरी नाले पुल कार्य की अनुबंधित समय-सीमा में वन विभाग से अनुमति नहीं मिलने के कारण कार्य को एन.डी.बी. प्रोजेक्ट से विलोपित किया गया है, जिसकी विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। उक्त परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगरीय निकायों को आवंटित बजट
[नगरीय विकास एवं आवास]
127. ( क्र. 1786 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल, सागर संभाग में 1 अप्रैल 2014 से प्रश्नांकित दिनांक तक नगर निगमों, नगरपालिका परिषदों, नगर परिषदों में कौन-कौन से मद से, कितनी-कितनी राशि, किस-किस कार्य के लिए आवंटित की गई है? योजनवार, मदवार, वर्षवार, नगरीय निकायवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उपरोक्त निकायों द्वारा कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये? तकनीकी स्वीकृति, प्रशासकीय स्वीकृति, कार्य का नाम, निविदा क्रमांक एवं दिनांक, कार्यादेश, कार्यपूर्णता दिनांक सहित निकायवार वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में उक्त कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हैं? कितने अपूर्ण हैं? कितने अप्रारंभ हैं? कितने लंबित हैं? लंबित/अपूर्ण रहने के क्या कारण हैं? कार्य एजेन्सी एवं संबंधित अधिकारी पर क्या कार्यवाही की गई है? बतलावें। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में वर्ष 2014 से 2023 तक किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों/ठेकेदारों/कार्य एजेन्सियों के विरूद्ध विभाग के किन-किन अधिकारियों को शिकायत प्राप्त हुई है? कितनी शिकायतों की जांच की गई? कितनी शिकायतें लंबित हैं? लंबित रहने के क्या कारण हैं? कारण सहित बतावें। लंबित शिकायतों की जांच कब-तक की जावेगी? जानकारी दें। (ड.) प्रश्नांश (घ) के संदर्भ में उक्त अधिकारियों/कर्मचारियों/ठेकेदारों/कार्य एजेन्सियों की जनप्रतिनिधियों, नागरिकों तथा अन्य के द्वारा की गई शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाहियां की गई? जांच में दोषी कौन-कौन पाये गये? अधिकारी/कर्मचारी/ठेकेदार, कार्य एजेन्सी का नाम सहित बतावें। यदि नहीं, तो कार्यवाही कब-तक की जावेगी? बतावें। (च) प्रश्नकर्ता का पत्रक्र 63 दिनांक 04.02.2025 श्रीमान कलेक्टर महोदय विदिशा को प्राप्त हुआ? यदि हाँ, तो उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? जांच प्रतिवेदन की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (छ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कायाकल्प योजनांतर्गत छत्री नाका लिंक रोड से बलेजा पेट्रोल तक की सड़क का गुणवत्ताविहीन निर्माण की क्या शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो उन पर क्या कार्यवाही की गई? किन-किन अधिकारियों द्वारा जांच की गई? कौन दोषी पाये गये? दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब-तक की जावेगी? प्रश्नकर्ता द्वारा मौके पर जाकर सड़क का निरीक्षण के दौरान मौखिक शिकायत की गई थी तथा स्थानीय व्यापारियों द्वारा भी शिकायतें की गई थीं? बतावें। ठेकेदार द्वारा दोनों तरफ की सड़क एक साथ खोद दी गई थी, जिससे व्यापारी एवं नागरिक परेशान हुए थे। इसके लिए दोषी ठेकेदार पर क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (छ) जानकारी संकलित की जा रही है।
सैलाना विधानसभा क्षेत्र में प्रचलित विद्युत कार्य
[ऊर्जा]
128. ( क्र. 1790 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के द्वारा सैलाना विधानसभा क्षेत्र के किसानों को अपने खेत में सिंचाई करने हेतु नवीन विद्युत ट्रांसफार्मर रखने के लिए वर्तमान में कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? घरेलू एवं सिंचाई के लिये अलग-अलग विद्युत ट्रांसफार्मर स्थापित करने का कार्य कहाँ-कहाँ प्रस्तावित हैं? कौन-कौन से गाँव में कार्य प्रचलित हैं एवं कौन-कौन से गाँव योजना से वंचित हैं? जानकारी पृथक-पृथक उपलब्ध करावें। (ख) वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक सैलाना विधान सभा क्षेत्र में किन-किन किसानों के खेत में कौन-कौन सी योजनाओं के तहत नवीन विद्युत ट्रांसफार्मर रखे गये हैं? किसानों के लिए शासन द्वारा व्यय राशि की पृथक-पृथक जानकारी प्रदान करें। (ग) प्रश्नांकित अवधि में विधान सभा क्षेत्र सैलाना में विद्युत सप्लाई हेतु कितने के.व्ही. के विद्युत सब-स्टेशनों की स्वीकृति की गई है? विद्युत लोड एवं विद्युत लाइन की लम्बाई को देखते हुए ये सब-स्टेशन पर्याप्त हैं अथवा सब-स्टेशन कहाँ-कहाँ बनाने की अवश्यकता है? वर्तमान में कहाँ-कहाँ कार्य प्रचलित हैं? प्रचलित कार्य कब तक पूर्ण हो जायेगा? (घ) क्या सैलाना वि.स. क्षेत्र में पुराने बिजली तार आंधी-तूफान में बार-बार टूट रहे हैं? यदि हाँ, तो नए बिजली तार से कब तक प्रतिस्थापित किये जायेंगे? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत विधानसभा क्षेत्र सैलाना के किसानों को सिंचाई हेतु खेतों में नवीन ट्रांसफार्मर एवं आवश्यक 11 के.व्ही. विद्युत लाइन स्थापित किये जाने के लिए ''मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना'', ''स्वयं का ट्रांसफार्मर (OYT) योजना'' एवं ''5 प्रतिशत सुपरविजन जमा योजना'' लागू है, प्रश्नाधीन क्षेत्र में घरेलू एवं सिंचाई हेतु पृथक-पृथक वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने के नवीन कार्य वर्तमान में प्रस्तावित नहीं हैं। प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आर.डी.एस.एस. योजना के अंतर्गत फीडर विभक्तिकरण के तहत घरेलू एवं सिंचाई हेतु अलग-अलग वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने का कार्य 114 ग्रामों एवं समीपवर्ती क्षेत्रों में स्वीकृत किया गया है, जिसकी ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 277 ग्रामों एवं समीपवर्ती क्षेत्रों में आर.डी.एस.एस. योजना के दिशा-निर्देशों एवं प्रावधानों के अंतर्गत फीडर सेपरेशन के कार्य हेतु वित्तीय रुप से साध्यता नहीं होने के कारण घरेलू एवं सिंचाई के लिये पृथक-पृथक वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित नहीं किये जा सके हैं। उक्त ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में प्रश्नाधीन क्षेत्र के किसानों के खेतों में नवीन वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना के कार्य विभिन्न योजनाओं यथा : स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना, 5 प्रतिशत सुपरविजन जमा योजना एवं मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना के तहत किये गये हैं, उक्त कार्यों की कृषकवार एवं ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स', 'द' एवं 'ई' अनुसार है। मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना के तहत 3 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये गए है, जिस हेतु शासन द्वारा राशि रु. 3.5 लाख व्यय की गयी है। स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना एवं 5 प्रतिशत सुपरविजन जमा योजना अंतर्गत राशि का व्यय स्वयं आवेदक द्वारा किये जाने का प्रावधान है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में विभिन्न योजनांतर्गत 33/11 के.व्ही. के 03 नवीन विद्युत उपकेन्द्र स्वीकृत किये गये हैं। जी हाँ। प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्यमान एवं स्वीकृत नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र तकनीकी दृष्टि से पर्याप्त हैं। उक्त स्वीकृत उपकेन्द्रों की योजनावार, राशिवार एवं कार्य पूर्ण होने की संभावित तिथि सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'फ' अनुसार है। उक्त के अतिरिक्त भविष्य में होने वाली संभावित भार वृद्धि के दृष्टिगत सतत् गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित किये जाने हेतु प्रणाली सुदृढ़ीकरण के कार्य प्रत्येक वित्तीय वर्ष में चिन्हांकित/स्वीकृत किये जाते हैं। इसमें नवीन विद्युत उपकेन्द्रों के साथ पावर ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि एवं अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मर की स्थापना के कार्यों हेतु भी प्रावधान किया जाता है, ताकि भविष्य में पर्याप्त विद्युत हेतु आवश्यक विद्युत अधोसंरचना उपलब्ध हो सके। (घ) जी नहीं। प्राकृतिक आपदा एवं तकनीकी खराबी के कारण आये आकस्मिक व्यवधानों को छोड़कर उक्त ग्रामों में नियमानुसार विद्युत प्रदाय किया जाता है। विद्युत प्रदाय में व्यवधान आने की स्थिति में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा शीघ्रातिशीघ्र उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करते हुए आवश्यक सुधार कार्य किया जाकर विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी जाती है। इसके अतिरिक्त, ग्रामवासियों द्वारा की जाने वाली विद्युत संबंधी शिकायतों पर त्वरित कार्यवाही की जाती है। उल्लेखनीय है कि म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा समस्त स्थापित विद्युत अधोसंरचना के रख-रखाव का कार्य मानसून पूर्व एवं मानसून अवधि के पश्चात करने के अलावा विद्युत व्यवधानों/दुर्घटनाओं को कम करने के उद्देश्य से पूरे वर्ष सतत रूप से किया जा रहा है।
आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति
[ऊर्जा]
129. ( क्र. 1793 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विद्युत विभाग द्वारा संचालन/संधारण हेतु जनवरी 2025 की स्थिति में किस कंपनी/एजेंसी द्वारा आउटसोर्स पर श्रेणीवार कितने कर्मचारी रखे गए हैं? नामवार, पदनाम, कार्यवार, मासिक वेतन, योग्यतावार, तकनीकी योग्यता, विगत एक माह (जनवरी 2025) की उपस्थिति पंजी अनुसार संख्यात्मक जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त कर्मचारियों की नियुक्ति के मापदंडों के आदेश/निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। क्या कंपनी/एजेंसी द्वारा नियम विरुद्ध नियुक्ति की गई? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन दोषी है? जनवरी 2023 से प्रश्न दिनांक तक नियुक्तियों के संबंध में कितनी शिकायतें संबंधित संचालन-संधारण संभाग को प्राप्त हुई? यदि हाँ, तो शिकायतों की छायाप्रति उपलब्ध करायें। उन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या बिना डिग्री, डिप्लोमा या योग्यता वाले व्यक्तियों को नियुक्तियां दी गई हैं? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालन-संधारण संभाग महिदपुर में विभिन्न कार्यों हेतु माह जनवरी-2025 की स्थिति में मेसर्स क्यूस कॉर्पोरेट लिमिटेड, बैंगलोर, कर्नाटक द्वारा आउटसोर्स पर कुशल श्रेणी के 116, अर्द्धकुशल श्रेणी के 37 एवं अकुशल श्रेणी के 58 कार्मिक रखे गए हैं, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गयी नामवार, श्रेणीवार, पदनाम, शैक्षणिक/तकनीकी योग्यता का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार एवं कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। आउटसोर्स कार्मिकों को श्रम आयुक्त द्वारा समय-समय पर जारी न्यूनतम वेतन अनुसार मासिक वेतन देय होता है। वर्तमान में कुशल श्रेणी के कार्मिकों को रू. 12460/-, अर्द्धकुशल श्रेणी के कार्मिकों को रू. 11082/- एवं अकुशल श्रेणी के कार्मिकों को रू. 10225/- न्यूनतम मासिक वेतन देय है। विगत एक माह (जनवरी-2025) के उपस्थिति पंजी अनुसार कुशल श्रेणी के 116, अर्द्धकुशल श्रेणी के 37 एवं अकुशल श्रेणी के 58 आउटसोर्स कार्मिक कार्यरत हैं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त श्रेणीवार आउटसोर्स कार्मिकों को नियोजित किये जाने के लिए निर्धारित योग्यता के मापदंडों संबंधी निविदा के संबंधित पृष्ठों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता कंपनी/ एजेंसी द्वारा अवगत कराया गया है कि टेंडर की शर्तों का पूर्ण रूप से पालन किया जा रहा है एवं कोई भी नियम विरूद्ध नियुक्ति नहीं की गयी है। माह जनवरी-2023 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में आउटसोर्स कार्मिकों की नियुक्ति के संबंध में कोई भी शिकायत संबंधित संचालन-संधारण संभाग को प्राप्त नहीं हुई है। अतः शेष प्रश्न नहीं उठता है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता है।
ट्रांसफार्मरों की क्षमता में वृद्धि
[ऊर्जा]
130. ( क्र. 1794 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2023 से प्रश्न दिनांक तक महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल कितने-कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर 25 के.व्ही. से 63 के.व्ही., 63 के.व्ही. से 100 के.व्ही., 100 के.व्ही. से 200 के.व्ही., 200 के.व्ही. से 315 के.व्ही. किन-किन योजनाओं के तहत क्षमता वृद्धि की गई? योजनावार संख्यात्मक जानकारी देवें। विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर के ओवरलोड होने के पश्चात भी उनकी क्षमता वृद्धि नहीं हो पाने के क्या कारण हैं? (ख) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर ओवरलोड की श्रेणी में है? विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरवार, क्षमतावार, संख्यावार जानकारी देवें। ओवरलोड विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों को राहत दी जाने हेतु वितरण कंपनी द्वारा किस योजना में प्रस्ताव बनाये गये है? योजनावार, संख्यात्मक जानकारी देवें। क्या यह सही है कि प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में जनवरी 2025 की स्थिति में स्थापित विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर मानक अनुरूप नहीं है जिनसे विद्युत आपूर्ति प्रभावित हो रही हो? यदि हाँ, तो इन्हें कब तक बदल दिए जायेंगे? नहीं बदलने के क्या कारण हैं? (ग) क्या आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत जारी कार्यादेश में महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में सम्मलित कार्यों को पूर्ण करने हेतु निविदा में समय-सीमा तय की गई थी? यदि हाँ, तो विद्युत वितरण कंपनी द्वारा महिदपुर में स्वीकृत कार्यों को पूर्ण कराने हेतु ठेकेदारों को क्या निर्देश दिये गये है? क्या समय-सीमा में स्वीकृत कार्यों को प्रारंभ कराने एवं पूर्ण कराने का कार्य विभाग द्वारा नियुक्त अधिकारियों का नहीं है? यदि हाँ, तो ठेकेदारों से समय-सीमा में कार्य पूर्ण क्यों नहीं कराये जा रहे हैं? समय पर कार्य पूर्ण नहीं किये जाने पर विभाग द्वारा अधिकारियों एवं ठेकेदारों पर क्या कार्यवाही की जाएगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्रातंर्गत प्रश्नाधीन अवधि में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजना के अंतर्गत 25 के.व्ही.ए. के 42 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि 63 के.व्ही.ए. के ट्रांसफार्मर लगाकर, 63 के.व्ही.ए. के 32 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि 100 के.व्ही.ए. के ट्रांसफार्मर लगाकर की गई है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में 100 के.व्ही.ए. से 200 के.व्ही.ए. एवं 200 के.व्ही.ए. से 315 के.व्ही.ए. हेतु वितरण ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि का कोई भी कार्य नहीं किया गया है। इस प्रकार से महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नाधीन अवधि में कुल 74 विद्युत ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि की गई है। स्थापित वितरण ट्रांसफार्मर के अतिभारित पाये जाने की स्थिति में समय-समय पर नियमानुसार प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजना अथवा सामान्य विकास योजना के तहत तकनीकी साध्यता अनुसार क्षमता वृद्धि अथवा अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना के प्रस्ताव पर सक्षम स्वीकृति उपरांत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापना की कार्यवाही की जाती है, जो कि एक सतत् प्रक्रिया है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र अंतर्गत 996 वितरण ट्रांसफार्मर ओवरलोड की श्रेणी में है, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गई क्षमतावार, संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त ओवरलोड वितरण ट्रांसफार्मरों के भार कम करने हेतु म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत आर.डी.एस.एस. योजना के प्रथम चरण में नवीन अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना के कार्य स्वीकृत किये गये हैं तथा आर.डी.एस.एस. योजना के द्वितीय-चरण (सिस्टम मॉर्डनाईजेशन) के तहत नवीन अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना एवं वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्य प्रस्तावित किये गये हैं। उक्त कार्यों का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में माह जनवरी-2025 की स्थिति में स्थापित विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर निर्धारित मानकों के अनुरुप हैं। अतः शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी हाँ, आर.डी.एस.एस. योजना के तहत जारी कार्यादेशों में कार्यों को पूर्ण किये जाने हेतु 24 माह की समय-सीमा तय की गई है। म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रश्नाधीन क्षेत्र में आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत स्वीकृत कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण कराने हेतु अनुबंधित फर्मों को कार्यादेश में उल्लेखित शर्त अनुसार चरणबद्ध तरीके से समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया गया है। जी हाँ, स्वीकृत कार्यों को समय-सीमा में प्रारंभ करवाना एवं पूर्ण करवाने हेतु म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों द्वारा निरतंर समीक्षा की जाती है, जिसके तहत कार्य को प्रारंभ से लेकर पूर्ण करने तक की प्रक्रिया के तहत फर्मों से समय-समय पर समन्वय स्थापित किया जाता है। उक्त के उपरांत भी ठेकेदारों द्वारा समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं किये जाने पर कार्यादेश में उल्लेखित प्रावधानों अनुसार कार्यवाही की जावेगी।
नगर परिषद् ककरहटी के आवासों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
131. ( क्र. 1797 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुनौर विधानसभा की नगर परिषद् ककरहटी के आवास से संबंधित 210 डी.पी.आर. के 69 हितग्राहियों की सूची नगर परिषद् ककरहटी के पत्र क्रमांक 827 दिनांक 28.10.2022 द्वारा संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल को भेजकर सरेण्डर करायी गयी है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ है तो क्या आवास सरेण्डर कराने के पूर्व उन 69 हितग्राहियों का पक्ष सुना गया है? यदि हाँ, तो हितग्राहियों के जवाब की प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो क्या बिना हितग्राहियों के पक्ष सुने राशि सरेण्डर की जाना नियमानुकूल है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आवासों को नियमानुकूल प्रक्रिया का पालन किये बगैर कार्यवाही करने के लिये उत्तरदायित्व निर्धारित कर कोई कार्यवाही की जावेगी, यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) आवास समर्पण करने के पूर्व निकाय के कर्मचारियों द्वारा संबंधितों के घर-घर जाकर भौतिक सत्यापन किया। स्थल निरीक्षण में पाया कि 03 हितग्राहियों के पूर्व से पक्के आवास निर्मित है, 08 हितग्राही की मृत्यु हो चुकी है, 05 हितग्राही शहर से बाहर पलायन कर गये, 06 हितग्राहियों के आधार में विसंगतियां पाई गई, 01 हितग्राही द्वारा संपत्ति विक्रय करने से 45 हितग्राहियों को पूर्व स्वीकृत परियोजनाओं में लाभ दिये जाने एवं 01 हितग्राही को सी.एल.एस.एस. घटक में लाभान्वित होने के कारण कुल 69 आवासों के समर्पण का प्रस्ताव पत्र क्रमांक 827 दिनांक 28.10.2022 द्वारा प्रेषित किया गया। समर्पण के संबंध में अपात्र हितग्राहियों द्वारा लिखित में कोई प्रतिवाद निकाय कार्यालय को प्रस्तुत नहीं किया गया। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अमानगंज-गुनौर मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
132. ( क्र. 1799 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुनौर विधानसभा अंतर्गत लोक निर्माण विभाग पन्ना के अनुबंध क्रमांक 21 वर्ष 2020-21 अंतर्गत निर्माणाधीन अमानगंज-गुनौर मार्ग का कार्य अभी तक नहीं हो पाया है? यदि हाँ, तो क्या वर्ष 2020-21 से कार्य प्रारंभ होने वाले रोड का निर्माण यदि 2024 की समाप्ति तक भी नहीं हो पाया है, इससे क्षेत्र की जनता परेशान नहीं हुई है? यदि हाँ, तो इस विलंब के लिये कौन-कौन दोषी है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्ग का निर्माण कार्य कब तक पूरा कर दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। स्थानीय निवासियों द्वारा शिकायत दर्ज कराये जाने के कारण मार्ग निर्माण कार्य की जाँच संस्थित की गयी है। विलंब के लिए दोषी अधिकारी/कर्मचारी का निर्धारण जाँच प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरांत ही किया जाना संभव होगा। (ख) जाँच कार्यवाही प्रचलन में है। जाँच कार्यवाही पूर्ण होने तक कार्य पूर्णता तिथि बताया जाना संभव नहीं है।
मजरे-टोलों में 24 घंटे विद्युत की आपूर्ति
[ऊर्जा]
133. ( क्र. 1800 ) श्री ऋषि अग्रवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले की विधानसभा बामोरी क्षेत्र में कितने गांव, मजरा, टोला आते हैं जो कि विद्युतीकृत हैं एवं कितने गांव, मजरे-टोले विद्युत विहीन एवं आंशिक विद्युत विहीन है? गांव, मजरे-टोले की संख्या उपलब्ध करावें। इन विद्युत विहीन एवं आंशिक विद्युत विहिन गांव, मजरे-टोले में हर घर बिजली उपलब्ध कराये जाने की शासन की क्या योजना है? यदि कोई योजना है तो क्या विद्युतीकरण के कार्य स्वीकृत किये गये हैं? कार्य सूची उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो हर घर बिजली योजना से कब तक बिजली उपलब्ध कराई जावेगी? बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के सम्बंध में क्या यह सही है कि PM-JUGA, PM-JANMAN अंतर्गत हर घर बिजली उपलब्ध कराई जाने की योजना है? यदि हाँ, तो इस योजना में कितने गांव, मजरे-टोले शामिल कर सर्वे कार्य किया गया है तथा सर्वे उपरांत कितने गांव, मजरे-टोले में विद्युतीकरण का कार्य प्रारंभ, प्रगतिरत एवं पूर्ण किये गये है? (ग) गांव, मजरे-टोले, आबादी क्षेत्र से बाहर जो परिवार निवास करते हैं, इन परिवारों को 24 घंटा विद्युत आपूर्ति हेतु आबादी फीडर से जोड़ने की क्या योजना है? यदि नहीं, तो इन घरों में किस योजना से कब तक 24 घंटे बिजली आपूर्ति की जावेगी? बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) गुना जिला अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र बमोरी के सभी 581 राजस्व ग्राम एवं चिन्हित 244 मजरा/टोला पूर्ण विद्युतीकृत हैं। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है। (ख) जी नहीं। PM-JANMAN योजनांतर्गत विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह के घरों (बैगा, भारिया, सहरिया जाति) के विद्युतीकरण हेतु योजना प्रचलन में है, जिसके तहत बमोरी विधानसभा अंतर्गत 137 सहरिया बस्तियों के विद्युतीकरण हेतु सर्वे कर विद्युतीकरण कार्य प्रगतिरत है, इनमें से 54 सहरिया बस्तियों में विद्युतीकरण कार्य पूर्ण हो चुका है एवं शेष 83 बस्तियों में विद्युतीकरण का कार्य प्रगतिरत है। PM-JGUA (धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान) योजना अंतर्गत चिन्हित कुल 119 बस्तियों के आदिवासी घरों के विद्युतीकरण हेतु कार्ययोजना तैयार कर स्वीकृति हेतु केन्द्र शासन को प्रेषित की गई है। (ग) प्रदेश में वर्तमान में समस्त राजस्व ग्रामों एवं उनके समीपस्थ गैर कृषि 11 के.व्ही. फीडरों से संयोजित चिन्हित मजरों/टोलों/बसाहटों में निवासरत परिवारों को अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर औसतन प्रतिदिन 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है एवं राजस्व ग्रामों/आबादी क्षेत्रों से दूर अथवा खेतों में दूर-दूर छोटे-छोटे समूह में बने मजरों/टोलों/बसाहटों में निवासरत परिवारों को समीपस्थ उपलब्ध विद्युत अधोसंरचना यथा-सिंचाई श्रेणी के 11 के.व्ही. फीडरों से संबद्ध विद्युत अधोसंरचना से संयोजित कर अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर औसतन प्रतिदिन 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। वर्तमान में उक्त बसाहटों को गैर-कृषि फीडरों के माध्यम से विद्युत प्रदाय करने के लिये विद्युतीकरण कार्य किये जाने हेतु कोई योजना प्रचलन में नहीं है।
कृषि पम्प एवं घरेलू विद्युत की आपूर्ति
[ऊर्जा]
134. ( क्र. 1801 ) श्री ऋषि अग्रवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले की बमोरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विद्युत उपकेन्द्र कहाँ-कहाँ स्थित है इन उपकेन्द्रों में कौन-कौन से गांव शामिल हैं? सूची उपलब्ध करावें। क्या कृषि पम्प एवं आबादी (घरेलू) विद्युत आपूर्ति हेतु पृथक-पृथक लाईनें हैं? यदि नहीं, तो कहाँ-कहाँ के उपकेन्द्रों के कौन-कौन से गांवों में पृथक-पृथक लाईनें नहीं है? सूची उपलब्ध करावें। इन गांवों में Feeder Separation के कार्य किस योजना से कहाँ-कहाँ स्वीकृत है? जानकारी देवें। यदि नहीं, तो किस योजना से कब तक Feeder Separation का कार्य किया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के सम्बंध में कहाँ-कहाँ के विद्युत उपकेन्द्रों द्वारा कृषि पम्प एवं 24 घंटा आबादी (घरेलू) हेतु कब-कब, कितने-कितने घंटे विद्युत आपूर्ति की जा रही है एवं कब-कब कितने घंटे विद्युत कटौती की गई है? 1 अक्टूबर 2024 से प्रश्न दिनांक तक उपकेन्द्रवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के सम्बंध में क्या विद्युत उपकेन्द्र में विद्युत वितरण के सम्बंध में रजिस्टर संधारित किया जाता है? यदि हाँ, तो रजिस्टर के आधार पर प्रश्नांश (ख) अवधि में विद्युत वितरण के आंकड़े बतायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) गुना जिलान्तर्गत बमौरी विधानसभा क्षेत्र में स्थापित 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों की जानकारी एवं इन उपकेन्द्रों के अंतर्गत ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में तकनीकी साध्यता अनुसार कृषि पम्प एवं आबादी (घरेलू) हेतु पृथक-पृथक लाईने हैं। उल्लेखनीय है कि अटल ज्योति अभियान के तहत माह फरवरी-2013 में फीडर विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण किया गया था। तत्समय प्रश्नाधीन क्षेत्र के ग्राम टांडा, देवगढ़, बेरखेड़ी, रतनपुरा एवं दुर्गापुरा में सिंचाई हेतु विद्युत पंप कनेक्शन नहीं होने से इन ग्रामों में फीडर विभक्तिकरण का कार्य तकनीकी साध्य नहीं होने के कारण नहीं किया गया था। वर्तमान में भी उक्त ग्रामों में कोई स्थाई पंप कनेक्शन नहीं होने से वहां फीडर विभक्तिकरण का कार्य प्रस्तावित नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के सन्दर्भ में दिनांक 1 अक्टूबर से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों से निर्गमित 11 के.व्ही. कृषि पम्प फीडरों पर औसत 9:24 घंटे एवं आबादी फीडरों (घरेलू) पर औसत 23:11 घंटे विद्युत प्रदाय किया गया है, जिसकी प्रश्नाधीन चाही गई उपकेन्द्रवार एवं माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। उल्लेखनीय है कि विद्युत लाईनों/अद्योसंचना के रख-रखाव हेतु पूर्व निर्धारित शट-डाउन लेने तथा तकनीकी कारणों/प्राकृतिक आपदा से आये आकस्मिक व्यवधानों जैसी अपरिहार्य स्थिति के कारण कतिपय अवसरों पर विद्युत प्रदाय बाधित होता है, जिसमें आवश्यक रख-रखाव/सुधार कार्य कर विद्युत प्रदाय शीघ्र ही सुचारू कर दिया जाता है। तद्नुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति बाधित होने की प्रश्नाधीन चाही गयी विद्युत उपकेन्द्रवार, माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विद्युत उपकेन्द्र में विद्युत वितरण के संबंध में रजिस्टर संधारित किया जाता है। उत्तरांश (ख) की अवधि में संधारित रजिस्टर के आधार पर विद्युत वितरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
मार्गों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जाना
[लोक निर्माण]
135. ( क्र. 1810 ) श्री राजन मण्डलोई : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग (भ./प.) बड़वानी के पत्र क्रमांक/289/तशा./2023-24/मार्ग प्राक्कलन दिनांक 27/01/2024 द्वारा वर्ष 2023-24 के द्वितीय अनुपूरक बजट में सम्मिलित मार्गों के प्राक्कलन पत्र में उल्लेखित अनुसार प्रस्ताव अधीक्षण यंत्री लोक निर्माण विभाग खण्डवा, मण्डल खण्डवा को प्रेषित किये गये है? (ख) माननीय मुख्यमंत्री की घोषणा क्र./सी 2529 दिनांक 16/7/2023 के पालन में कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग (भ./प.) बड़वानी द्वारा उनके पत्र क्रमांक/3524/तशा./2024-25 सी.एम. घोषणा क्र./सी 2529 दिनांक 11/11/2024 से मार्ग शिवनी-भुरवानी-रोसर के प्राक्कलन अधीक्षण यंत्री लोक निर्माण विभाग खण्डवा मण्डल खण्डवा को प्रेषित किये गये है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) अनुसार प्रेषित मार्गों की प्रशासकीय स्वीकृति शासन स्तर से कब तक जारी की जावेगी? बतावें। यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) बजट में सम्मिलित न होने के कारण प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है, निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
136. ( क्र. 1814 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा नगर परिषद् के गठन से पूर्व ग्राम पंचायत के समय से कार्यरत वर्ष 2007 से प्रश्न दिनांक तक कार्यरत् दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के नाम, पदनाम की जानकारी देवें। (ख) वर्ष 2007 या इससे पूर्व से कार्यरत् दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी जो पंचायत के समय से वर्तमान तक निरंतर नगर परिषद् सुवासरा में कार्यरत् है, मस्टर पर भुगतान प्राप्तकर्ता कर्मचारियों को दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी माना गया है या नहीं? जानकारी देवें। (ग) उपरोक्त कर्मचारियों के स्थाईकर्मी/विनियमितीकरण हेतु सुवासरा नगर परिषद् के सी.एम.ओ. द्वारा प्रकरण पूर्ण जांच कर संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग उज्जैन को कितनी बार प्रस्ताव भेजा गया है? सम्पूर्ण जानकारी देवें। (घ) संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग उज्जैन की क्या मंशा है कि इनके पास उक्त प्रकरण में सी.एम.ओ. नगर परिषद् सुवासरा से समस्त जानकारी की पूर्ति के पश्चात् भी लम्बे समय से दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के विनियमितीकरण के आदेश जारी नहीं किए जा रहे हैं, कारण सहित जानकारी देवें, जिसके कारण गरीब परिवारों को न्याय नहीं मिल पा रहा है। सुवासरा नगर परिषद् के पात्र कर्मचारियों को कब तक विनियमितीकरण के आदेश जारी कर दिए जाएंगे? जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, उज्जैन को भेजे गये पत्र:- (1) पत्र क्रमांक 2211/2022 दिनांक 01.12.2022 (2) पत्र क्रमांक 02/2023 दिनांक 02.01.2023 (3) पत्र क्रमांक 210/2023 दिनांक 31.01.2023 (4) पत्र क्रमांक 853/2023 दिनांक 04.04.2023 (5) पत्र क्रमांक 1630/2023 दिनांक 27.06.2023 (6) पत्र क्रमांक 2504/2023 दिनांक 27.09.2023 (घ) नगर परिषद्, सुवासरा से जिन कर्मचारियों के विनियमितीकरण के प्रस्ताव भेजे गये हैं, उन कर्मचारियों की नियुक्ति की तिथि प्रमाणित न होने से, ऐसे कर्मचारियों की नियुक्ति सक्षम प्राधिकारी द्वारा करने की प्रमाणिकता न होने से, निकाय द्वारा विभिन्न पत्रों से प्रेषित जानकारी में भिन्नता होने से, साथ ही निकाय की छानबीन समिति के द्वारा प्रत्येक कर्मचारी के संबंध में तैयार प्रतिवेदन व अन्य अभिलेखों में उपलब्ध जानकारी में भिन्नता होने से संबंधित कर्मचारियों को विनियमित वेतनमान स्वीकृत करने में कठिनाई है। कर्मचारियों की नियुक्ति के संबंध में प्रमाणिक जानकारी प्राप्त होने पर यथाशीघ्र पात्र कर्मचारियों के विनियमितीकरण की कार्यवाही की जा सकेगी।
नगरीय क्षेत्र में आवासीय पट्टों का प्रदाय
[नगरीय विकास एवं आवास]
137. ( क्र. 1815 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद् सुवासरा के वार्ड क्र. 01 एवं 02 (सुवासरा गांव) तथा 06 (गफुर बस्ती) एवं अन्य वार्ड के आवासीय पट्टे से वंचित हितग्राहियों को प्रश्न दिनांक तक पट्टे प्रदान नहीं किए गए हैं, इसका क्या कारण है? इस संबंध में क्या कोई न्यायालयीन प्रकरण चल रहा है? यदि हाँ, तो प्रकरण की सम्पूर्ण जानकारी देवें। (ख) यदि शासन द्वारा पट्टे दिए जाने हैं, तो नगर परिषद् एवं राजस्व विभाग में प्रकरण किस स्तर पर लम्बित है? जानकारी देवें। (ग) यदि विभाग/शासन की ओर से पट्टे वितरण हेतु कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है तो हितग्राही का नाम, वार्ड क्र. सहित जानकारी देवें। (घ) पात्र वंचित हितग्राहियों को कब तक पट्टे प्रदान कर दिए जाएंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर परिषद् सुवासरा में आवासीय पट्टे हेतु सर्वेक्षण दल सर्वेक्षण उपरांत पात्र 167 हितग्राहियों की सूची अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सीतामऊ को प्रेषित की गई थी। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सीतामऊ द्वारा पुनः परीक्षण हेतु निर्देशित किया गया, जिसके संदर्भ में माननीय न्यायालय तहसीलदार, तहसील सुवासरा जिला-मंदसौर के पत्र क्रमांक 1309/रीडर-1/2023, सुवासरा दिनांक 31-08-2023 एवं आदेश क्रमांक 1043/रीडर-1/2024 सुवासरा, दिनांक 13-09-2024 से सर्वेक्षण हेतु दल गठित किया गया था, जिसके संदर्भ में सर्वेक्षण कार्य प्रचलित है। (ख) अपर कलेक्टर जिला शहरी विकास अभिकरण, मंदसौर के पत्र क्रमांक 797/श.वि/2024 दिनांक 29-11-2024 से अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) उपखण्ड सीतामऊ को सर्वेक्षण कार्य समय-समय में किये जाने हेतु निर्देशित किया गया है जिसके संदर्भ में वर्तमान में गठित सर्वेक्षण दल द्वारा सर्वे की कार्यवाही की जा रही है। सर्वेक्षण उपरांत पात्र व्यक्तियों को पट्टा दिये जाने की कार्यवाही की जावेगी। (ग) वर्तमान में पट्टा वितरण हेतु कार्यवाही सर्वेक्षण उपरांत पूर्ण कर ली जावेगी। (घ) सर्वेक्षण उपरांत पट्टे वितरण की कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
राशि वसूली के साथ अपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
138. ( क्र. 1826 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल व रीवा जिले में नगर पालिक निगमों व नगर पंचायतों में स्वच्छ भारत मिशन के तहत कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं? उनके योजनावार, शासन द्वारा प्राप्त राशि एवं व्यय की स्थिति 2020 से प्रश्नांश दिनांक तक की देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संचालित योजनाओं में निर्माण कार्यों के साथ अन्य मदों में व्यय की गई राशि का विवरण प्रश्नांश (क) की अवधि अनुसार देते हुये बतावें कि निर्माण से संबंधित कार्य कितने स्वीकृत किये गये अनुबंध की शर्तें क्या थीं? अनुबंध अनुसार संविदाकारों द्वारा समय पर कार्य पूरे नहीं किये गये, कार्य आज भी अधूरे हैं। संविदाकारों के नाम के साथ संबंधित अधिकारियों के पद नाम जो इसके लिये उत्तरदायी हैं, बतावें। इनके द्वारा उत्तरदायित्वों के निर्वहन में रूचि नहीं ली गई। अनुबंध के अनुसार किन-किन पर कार्यवाही प्रस्तावित है? अगर नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित योजनाओं में प्रश्नांश (ख) अनुसार संविदाकरों को कार्य से ज्यादा भुगतान कर व्यक्तिगत हितपूर्ति की गई कार्य अनुबंध की शर्तों अनुसार समय पर पूरे नहीं हुये, फर्जी तरीके से बिल व्हाउचर तैयार कराकर राशि दी गई। इस अनियमितता की जांच कराकर उन अधिकारियों पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अनुबंध अनुसार संविदाकारों द्वारा समय पर कार्य पूर्ण किया गया है। केवल नगर परिषद् डभौरा में फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट (FSTP) का कार्यादेश दिनांक 20.03.2023 को दिया गया था, किन्तु स्थल पर भूमि विवाद होने से तहसीलदार जवा द्वारा भूमि में स्थगन दिया गया जिससे कार्य बाधित रहा। वर्तमान में भूमि चिन्हांकित की जा चुकी है तथा पी.आई.सी. के प्रस्ताव-3 दिनांक 21.02.2025 के द्वारा कार्य अवधि बढ़ाकर दिनांक 31.03.2025 की गयी है, कार्य प्रगतिरत है। उक्त अवधि में श्री ज्ञानेन्द्र प्रसाद मिश्रा, मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं श्री पियूष सिंह, उपयंत्री के पद पर पदस्थ थे। नगर परिषद् सेमरिया में शौचालय का निर्माण कार्य 6 माह की अवधि में किया जाना था, किन्तु भूमि विवाद होने से दो माह तक कार्य बंद रहा, विवाद समाप्त होने के बाद पी.आई.सी. द्वारा निर्माण कार्य अवधि दिनांक 30.04.2025 तक के लिये बढाई गयी। वर्तमान में 50 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। उक्त अवधि में निकाय में श्रीमती सुषमा मिश्रा, मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं श्री देवरत्नम सोनी, उपयंत्री के पद पर पदस्थ थे। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, निकायों द्वारा नियमानुसार भुगतान किया गया है। फर्जी भुगतान नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आर.डी.एस.एस. योजना से हटकर कार्य
[ऊर्जा]
139. ( क्र. 1827 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ऊर्जा विभाग द्वारा आर.डी.एस.एस. योजना अन्तर्गत विद्युतीकरण के कार्य कराये जा रहे है? इस हेतु योजनान्तर्गत नियमावली की प्रति देते हुये बतावें कि शहडोल जिले की विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों एवं वितरण केन्द्रों हेतु योजनान्तर्गत स्वीकृत कार्यों की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिले में कार्य प्रस्तावित/कार्यस्थल पर न कराकर अतिरिक्त जगहों पर कराये जा रहे है। इस अनियमितता पर क्या निर्देश देंगे। यदि अतिरिक्त रूप से प्रस्तावित कर ये कार्य कराये जा रहे है तो इसकी जानकारी का वितरण देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में ऊर्जा विभाग द्वारा किसानों के सिचाई पंप हेतु स्थाई कनेक्शन हेतु क्या मापदंड तय किये गये हैं? बतावें। जिन किसानों के कनेक्शन हेतु पोल से दूरी 50 मी. से ज्यादा होने पर स्थाई कनेक्शन नहीं दिये जाते बल्कि अस्थाई कनेक्शन ज्यादा सिक्युरिटी राशि जमा कराकर विभाग द्वारा दिये जाने की कार्यवाही की जाती है। जिसके कारण ट्रान्सफार्मरों से विद्युत खपत/लोड का सत्यापन नहीं हो पाता जिसके कारण ज्यादा क्षमता के ट्रान्सफार्मरों को लगाये जाने की कार्यवाही विभाग द्वारा नहीं की जाती, इस बाबत् क्या निर्देश देंगे? (घ) प्रश्नांश (ग) के तारतम्य में विद्युत के स्थाई कनेक्शन हेतु पोल से विभाग द्वारा तय की गई दूरी को और बढ़ाने बाबत् क्या निर्देश देंगे, जिससे किसानों को स्थाई रूप से पंप के कनेक्शन मिल सके एवं उपभोक्ताओं को भी कनेक्शन लेने में सुविधा हो सके। इस बाबत् स्पष्ट निर्देश देंगे। अगर नहीं तो क्यों? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) अनुसार उल्लेखित आधारों पर कार्यवाही किन जिम्मेदारों पर कार्यवाही के निर्देश के साथ एवं प्रश्नांश (ग) अनुसार दूरी बढ़ाये जाने बाबत् क्या निर्देश देंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत विद्युत अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण का कार्य किया जा रहा है। योजना के दिशा निर्देशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त योजनांतर्गत जिला शहडोल के विभिन्न विधानसभा क्षेत्र एवं वितरण केन्द्रों में स्वीकृत एवं किये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) आर.डी.एस.एस. योजना के अंतर्गत निर्धारित स्थान पर ही कार्य कराया जा रहा है तथापि कार्य स्थल पर उत्पन्न अवरोध जैसे वन बाधा, आर.ओ.डब्ल्यू. की समस्या इत्यादि अवरोध होने के कारण कतिपय प्रकरणों में कार्यों का स्थानांतरण सक्षम अधिकारी के अनुमोदन उपरांत कार्य किये जाते हैं। अत: योजनांतर्गत अतिरिक्त रूप से कार्य प्रस्तावित कर कार्य नहीं किये जा रहे हैं। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है। (ग) किसानों को स्थाई विद्युत कनेक्शन लेने हेतु मध्यप्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता 2021 के अध्याय-4 की कंडिका 4.15 के अनुसार आवेदक की पहचान का प्रमाण एवं परिसर/भूमि का प्रमाण प्रस्तुत करना एवं कंडिका-4.40 के दिए गए प्रावधानों के अनुरूप विद्युत लाइन अधोसंरचना की उपलब्धता संबंधी शर्तें/मापंदड हैं। उक्त के अतिरिक्त मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी विद्युत विनियमन आर.जी.-31 (II) 2022 की कंडिका-4.1.3 के अनुसार स्थाई विद्युत कनेक्शन हेतु विद्युत अधोसंरचना से 45 मीटर की दूरी निर्धारित की गई है। निर्धारित दूरी से अधिक होने पर किसानों को अस्थाई विद्युत कनेक्शन, मध्यप्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता 2021 के अध्याय-4 की कंडिका-(ड.) 4.53 अनुसार दिये जाते हैं। उल्लेखनीय है कि उपभोक्ताओं को अस्थाई कनेक्शन वितरण ट्रांसफार्मर की क्षमता के अनुरूप ही दिये जाते हैं। लाइन विस्तार की आवश्यकता होने पर वर्तमान में प्रचलित मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना अंतर्गत लाइन विस्तार एवं नवीन वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित करने का प्रावधान हैं। तद्नुसार म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही हैं। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में स्थाई कनेक्शन हेतु विद्यमान विद्युत अधोसंरचना/पोल से निर्धारित दूरी को बढ़ाकर स्थाई विद्युत संयोजन प्रदान करने का कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं हैं। (ड.) उत्तरांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) में उल्लेखित कार्यों/विद्युत कनेक्शनों हेतु नियमानुसार एवं म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी निर्देशों के अनुरूप कार्यवाही की जा रही हैं, अत: कोई अन्य कार्यवाही अपेक्षित नहीं है।
यात्री प्रतीक्षालयों का निर्माण
[लोक निर्माण]
140. ( क्र. 1846 ) श्री विश्वामित्र पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सिहावल अंतर्गत विधायक निधि वर्ष 2008 से वर्ष 2013 के मध्य लोक निर्माण विभाग को कार्य एजेन्सी तय कर कुल स्वीकृत यात्री प्रतीक्षालय निर्माण कार्य में कितने प्रतीक्षालय पूर्ण हैं एवं कितने अभी तक नहीं बने हैं? जानकारी उलपब्ध कराई जाये। (ख) प्रश्नांश (क) में अभी तक प्रतीक्षालय न बनने का क्या कारण है? जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) यात्री प्रतीक्षालय अभी तक न बनने में क्या विभागीय अधिकारियों की लापरवाही मुख्य कारण है? यदि हाँ, तो ऐसे अधिकारियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ, तो कब तक कार्यवाही की जायेगी एवं यात्री प्रतीक्षालयों का निर्माण कब तक पूर्ण करा लिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) कुल 19 कार्य स्वीकृत, 13 कार्य पूर्ण, 01 कार्य अपूर्ण तथा 05 कार्य अप्रारंभ। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भूमि उपलब्ध नहीं, तथा एक कार्य का अनुबंध निरस्त। शेष विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिपेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिपेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ज्वाइन्ट वेंचर अनुबंध का रजिस्ट्रेशन
[लोक निर्माण]
141. ( क्र. 1856 ) श्री उमंग सिंघार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि प्रश्नकर्ता द्वारा प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग को पत्र क्रमांक 1311/ने.प्र./2024 द्वारा दिनांक 09/01/2025 को ज्वाइन्ट वेंटचर अनुबंध रजिस्टर्ड न कराने से शासन को वित्तीय हानि की जांच करने के संबंध में पत्र दिया गया है? यदि हाँ, तो इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में किस-किस के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) संबंधितों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अनुसार प्राप्त पत्र के परीक्षण उपरांत कार्यवाही की जाना संभव होगा। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार, निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
किसानों से संबंधित योजनाओं का संचालन
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
142. ( क्र. 1859 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश सरकार द्वारा नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के माध्यम से किसानों के लिए ऊर्जा उत्पादन एवं वितरण से संबंधित कौन-कौन सी योजनाएँ संचालित की जा रही हैं? कृपया उनकी विस्तृत सूची एवं संक्षिप्त विवरण प्रदान करें। (ख) इन योजनाओं के अंतर्गत विगत 5 वर्षों में प्रदेश के कुल कितने किसानों को लाभान्वित किया गया है, तथा कितने मेगावाट (MW) सौर, पवन एवं बायोगैस ऊर्जा का उत्पादन हुआ है? जिलावार जानकारी दें। (ग) मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना के अंतर्गत गत तीन वित्तीय वर्षों में कुल कितने कृषकों को लाभान्वित किया गया तथा कितने कृषकों के प्रकरण अभी लंबित हैं? कृपया जिलावार जानकारी दें एवं लंबित मामलों के मुख्य कारणों को भी स्पष्ट करें। (घ) प्रधानमंत्री कुसुम योजना के अंतर्गत गत तीन वित्तीय वर्षों में कुल कितना निवेश प्राप्त हुआ, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग से ऊर्जा क्रय हेतु कितने अनुबंध संपन्न हुए, तथा कितने प्रकरण अभलंबित हैं? कृपया विस्तृत विवरण दें। (ड.) क्या विभाग द्वारा इन योजनाओं के प्रभाव का कोई आकलन या विश्लेषण किया गया है? यदि ह तो मुख्य निष्कर्ष क्या हैं, तथा क्या विभाग भविष्य में इन योजनाओं का विस्तार करने की योजना बना रही है?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) इन योजनाओं के अंतर्गत विगत 5 वर्षों में कुसुम-अ में 298 एवं कुसुम-ब (सोलर पंप योजना) में 7123 कुल 7421 किसानों को लाभान्वित किया गया है। कुसुम-अ योजना में 48.13 मेगावाट, कुसुम-स योजना में 39.8 मेगावाट, सौर परियोजनाओं में 2494.35 मेगावाट एवं पवन ऊर्जा में 99.9 मेगावाट स्थापित कर उत्पादन हो रहा है। बायोगैस ऊर्जा की जानकारी निरंक है। जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना (पी.एम. कुसुम-बी) के अन्तर्गत तीन वित्तीय वर्षों में कुल 336 कृषकों को लाभान्वित किया गया। जिलावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। प्रदेश में सोलर पंपों की स्थापना का कार्य, शासन की नीति के अनुसार, आवेदनकर्ता पात्र पाए जाने, निविदा के माध्यम से अनुमोदित दरें प्राप्त होने एवं बजट की उपलब्धता होने पर, वरीयताक्रमानुसार, चरणबद्ध रूप से किया जाता है। सोलर पंप लगवाने के लिए मध्यप्रदेश में कुल 29, 629 किसानों के द्वारा आवेदन किए गए थे। इनमें से 21, 129 पात्र किसानों के यहाँ सोलर पंप की स्थापना, उनके द्वारा पूर्ण राशि (रजिस्ट्रेशन राशि रू. 5, 000/- सहित) जमा कराए जाने पर कर दी गयी। शेष लगभग 8500 आवेदन हितग्राहियों द्वारा शेष हितग्राही अंश (रजिस्ट्रेशन राशि रू. 5, 000/- के अतिरिक्त) जमा नहीं करने, भारत शासन की दरें नहीं होने के कारण एवं मार्च 2020 से कोविड-19 महामारी के कारण लॉकडाउन रहने से सोलर पंप की स्थापना नहीं हो सकी। उल्लेखनीय है कि जुलाई 2021 से पूर्व प्राप्त होकर शेष 8, 500 पंजीकृत किसानों के यहाँ सोलर पंप लगाये जाने की कार्यवाही भारत सरकार की निविदा कार्यवाही पर निर्भर थी। पूर्वानुसार केन्द्रीय नोडल इकाई SECI द्वारा मध्यप्रदेश राज्य हेतु वर्ष 2023-24 में केवल 10 एच.पी. क्षमता हेतु दरें निर्धारित की जा सकी, जिसके चलते शेष आवेदनों पर कार्यवाही नहीं की जा सकी। म.प्र. ऊर्जा विकास निगम द्वारा 10 एच.पी. से कम क्षमता के पंपों की निविदा की कार्यवाही पूर्ण कर ली गयी है, जिसमें लंबित प्रकरणों में पंप स्थापना की कार्यवाही की जाएगी। (घ) प्रधानमंत्री कुसुम-अ एवं कुसुम-स योजनान्तर्गत प्रति मेगावाट अनुमानित 3 से 4 करोड़ रूपये का निवेश किया जाता है। तदानुसार कुसुम-अ में अब तक लगभग 192 करोड़ एवं कुसुम-स में लगभग 1299.2 करोड़ निवेश अनुमानित है। ऊर्जा क्रय हेतु अनुबंध एवं परियोजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (ड.) योजनाएं भारत सरकार के MNRE के दिशा-निर्देशों के तहत क्रियान्वित की जाती है। योजना से राज्य में नवकरणीय ऊर्जा के प्रयोग में वृद्धि हुई है, सोलर पंप योजना के प्रभावी क्रियान्वयन से कृषकों में सोलर पंप योजना का लाभ हेतु सकारात्मक छवि निर्मित हुई है।
बाईपास फोरलेन (मैहर रिंग रोड) का निर्माण
[लोक निर्माण]
143. ( क्र. 1863 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मैहर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत मैहर बाईपास फोर-लेन (मैहर रिंग रोड) बनाये जाने की कार्ययोजना तैयार कर शासन की ओर से प्रशासकीय स्वीकृति तथा प्रशासकीय स्वीकृति अनुसार राशि का आवंटन कर उपलब्ध करायी गयी है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो अभी तक क्या कार्यवाही की गयी? जानकारी दी जावे तथा यह भी निर्धारित किया जावे कि यह कार्य कब तक प्रारंभ करा दिया जावेगा? समयावधि सहित जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु कार्य वर्ष 2023-24 के अनुपूरक बजट में सम्मिलित है। सक्षम वित्तीय समिति की स्वीकृति अप्राप्त है, अत: आवंटन का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) कार्य का विस्तृत प्राक्कलन तैयार किया गया है। सक्षम वित्तीय समिति में अनुमोदन होने पर प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा सकती है। अत: कार्य प्रारंभ कराये जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्मार्ट सिटी से संबंधित निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
144. ( क्र. 1864 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरपालिका परिषद् क्षेत्रान्तर्गत स्मार्ट सिटी निर्माण कार्य से संबंधित निर्माण कार्यों की प्रगति क्या है? प्रारम्भ हो चुके निर्माण कार्यों की कार्यवार प्रगति की जानकारी निर्धारित प्रारूप पर दी जावें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या मैहर नगरपालिका क्षेत्र के जन सामान्य में नगर के विकास की परिकल्पना तथा आशाओं के अनुकूल निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो पा रहा है? यदि हाँ, तो निकट भविष्य में कब-तक स्मार्ट सिटी निर्माण कार्य पूर्ण कर दिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिका परिषद् मैहर क्षेत्र में स्मार्ट सिटी की परियोजना स्वीकृत नहीं है, अपितु मिनी स्मार्ट सिटी की योजना स्वीकृत थी जिसकी प्रगति का कार्यवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। नगर पालिका परिषद् द्वारा क्रियान्वित की जा रही योजना, परिषद् द्वारा दी गयी जानकारी अनुसार जून 2025 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।
वर्ष 2024-25 के बजट में शामिल सड़कें
[लोक निर्माण]
145. ( क्र. 1878 ) श्री सूर्यप्रकाश मीणा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग विदिशा अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र शमशाबाद में वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में किन-किन मार्गों को स्वीकृति हेतु शामिल किया गया था? प्रस्तावित सड़कों के नाम सहित मार्गवार जानकारी दें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के क्रम में वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में शामिल उक्त सड़कों के निर्माण कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर राशि उपलब्ध कराई गई? यदि नहीं, तो कारण सहित जानकारी दें कि अभी तक प्रस्तावित सड़क निर्माण कार्यों को राशि उपलब्ध क्यों नहीं कराई गई? (ग) क्या विभाग यथाशीघ्र प्रश्नांश (क) के क्रम में बजट में शामिल सड़क निर्माण कार्यों को राशि उपलब्ध कराएगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रशासकीय स्वीकृति अप्राप्त है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) सक्षम वित्तीय समिति से स्वीकृति किये जाने के पश्चात ही अग्रिम कार्यवाही की जा सकती है, निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
रतलाम नगर निगम में मल, जल और सेप्टेज प्रबंधन नीति
[नगरीय विकास एवं आवास]
146. ( क्र. 1885 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रमुख सचिव को लिखे गये पत्र क्र. 41 दिनांक 3.1.2025 का उत्तर दिलाया जाये तथा जानकारी दें कि साधिकार समिति ने रतलाम नगर निगम के प्रारंभिक टेण्डर की राशि तथा मकान की संख्या में क्या परिवर्तन क्यों किये? समस्त नोटशीट की प्रति देवें। (ख) रतलाम की सीवेज प्रारंभिक डी.पी.आर. में मकान से सीवेज के छोटे चेंबर में जोड़ने के लिये रू. 3000/- का प्रावधान इनफ्लो से जोड़ने के लिये था या आउटफ्लो से जोड़ने का था, अन्य किस-किस नगर निगम में इस मद में कितनी राशि प्रति मकान प्रावधान था? (ग) रतलाम नगर निगम में सीवेज सिस्टम में हजारों मकान के आउटफ्लो को ठेकेदार ने नालियों में छोड़ दिया है तथा सीवेज सिस्टम के लगातार चौक होने से घरो में गंदा पानी आने से हजारों मकानों ने मकान के आउटफ्लो को तोड़कर नालियों में छोड दिया है। क्या इसकी उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर जांच की जायेगी तथा ठेकेदार पर कार्यवाही की जायेगी? (घ) रतलाम नगर निगम द्वारा तैयार नगर स्वच्छता योजना (सी.एस.टी.एफ.) तथा शहरी जल संतुलन योजना (सी.डब्ल्यू.बी.पी.) की प्रति देवें। शहर स्वच्छता कार्यबल (सी.एस.टी.एफ.) की जानकारी तथा रिपोर्ट की प्रति देवें तथा बतावें कि मल, जल और सेप्टेज प्रबंधन नीति क्यों तैयार नहीं की? (ड.) रतलाम नगरनिगम में सल्फर प्रतिरोधी आरसीसी पाइप सीएनपी-2, एनपी-3, एनपी-4 का उपयोग क्यों नहीं किया गया तथा ठेकेदार को सड़क रिपेयरिंग के लिये 1.36 करोड़ का ज्यादा भुगतान क्या वापस किया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) मध्यप्रदेश शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग के पत्र दिनांक 25.02.2025 एवं संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास के पत्र दिनांक 28.02.2025 द्वारा माननीय सदस्य के पत्र से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराने हेतु नगर पालिक निगम, रतलाम को निर्देश जारी किये गये हैं। अमृत योजना के अंतर्गत रतलाम नगर की सीवरेज योजना की प्रारंभिक योजना राशि रू.123.85 करोड़ में 53273 हाउस कनेक्शन का प्रावधान था। रेलवे क्षेत्र व औद्योगिक क्षेत्र में सीवर लाइन का कार्य नहीं होने से हाउस कनेक्शन की संख्या कम होकर 43273 हो गई। हाउस कनेक्शनों के लिये स्थल की आवश्यकता अनुसार योजना में वेरिएशन होने से योजना की लागत पुनरीक्षित होकर राशि रू. 141.44 करोड़ हो गई, जिसकी स्वीकृति राज्य स्तरीय तकनीकी समिति की बैठक दिनांक 21.10.2022 द्वारा प्रदान की गई है। बैठक की कार्यवाही विवरण की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) अमृत 1.0 योजना अंतर्गत सीवर परियोजना में अनुबंध के स्कोप ऑफ बिड एवं जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार घरों से निकलने वाले दूषित जल के सभी आउटलेट्स (स्टार्म वॉटर को छोड़कर) को ट्रैप कर हाउस सीवर चेंबर में जोड़ा जाना है। प्रदेश के अन्य नगर निगमों में हाउस सर्विस कनेक्शन हेतु आकलित राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) रतलाम शहर की सीवरेज योजना में सीवर नेटवर्क के डालने, एस.टी.पी. निर्माण का कार्य एवं 46062 हाउस सर्विस कनेक्शन किये गये हैं। घरों के आउटफ्लो को सीवर हाउस चेंबर में जोड़ा गया है, किसी भी प्रकार से नाली में नहीं छोड़ा गया है। सीवरेज चोकिंग एवं सफाई संबंधित शिकायतें भवन स्वामियों द्वारा सीवर लाइन में कचरा/प्लास्टिक/कपड़ा/बाल आदि फेंकने के कारण उत्पन्न होती है। सफाई संबंधित शिकायतों के निराकरण हेतु संचालन-संधारण एजेंसी द्वारा 24 घंटों में किया जाता है। कुछ स्थानों पर रहवासियों द्वारा सीवरेज पाइप को तोड़ने एवं कनेक्शन विच्छेद करने से सीवर का पानी नाली में प्रवाहित होता है, ऐसी स्थिति में सीवरेज कनेक्शन को पुन: यथास्थिति करने की सम्पूर्ण जवाबदेही भवन स्वामियों की है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) रतलाम नगर हेतु सिटी सैनिटेशन वेस्ट मैनेजमेंट प्लान (CSWMP), सिटी वाटर बैलेंस प्लान (CWBP) एवं स्वच्छता कार्य बल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है। संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर संपूर्ण नगर को सीवरेज सिस्टम से जोड़ा जाना लक्षित है, जिसमें मल, जल और सेप्टेज प्रबंधन समाहित है। (ड.) सीवर परियोजना में अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार DWC HDPE Pipe तथा सल्फर प्रतिरोधी RCC Pipe का उपयोग किया गया है। सड़क रिपेयरिंग कार्य हेतु अनुबंध की शर्तों अनुरूप, नियमानुसार किये गये कार्य का ही भुगतान किया गया है। अत: राशि वापस लेने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
म.प्र. में संचालित गौशालाएं
[पशुपालन एवं डेयरी]
147. ( क्र. 1887 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में गौशाला खोले जाने संबंधी क्या मापदण्ड हैं? बतावें। नवीन गौशाला खोले जाने संबंधी नियमावली प्रदेश में कब से लागू की गई? (ख) म.प्र. में कितने गौशालायें संचालित हैं जिन्हें शासन द्वारा अनुदान दिया जाता है? उनकी संख्या बतावें एवं प्रतिवर्ष दी जाने वाली राशि बतावें। वर्ष 2020 से 2025 तक जिले की कितनी गौ-शालाओं में राशि प्रदान की गई है? (ग) देवास जिले के अंतर्गत जो गौशालायें संचालित हो रही है वह किस वर्ष से संचालित हो रही है? जिले में विभिन्न गौ-शालाओं के माध्यम से कितना गौवंश संरक्षित किया गया है? (घ) क्या नगर परिषदों अथवा नगर पालिकाओं में भी गौशाला खोले जाने संबंधी प्रावधान है? जानकारी दें।
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश गौसंवर्धन बोर्ड में 2660 गौशालायें पंजीकृत एवं संचालित है, इनमें से 1935 अनुदान प्राप्त गौशालाएं है। रू. 20/- प्रति गौवंश प्रति दिवस के मान से गौशाला समितियों को राशि उपलब्ध कराई जाती है। वर्ष 2020 से 2025 तक देवास जिले की 74 गौ-शालाओं में अनुदान राशि प्रदान की गई है। (ग) देवास जिले के अंतर्गत मुख्यमंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत स्थापित गौशालायें वर्ष 2020 से एवं अशासकीय स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा 2004-05 से संचालित हो रही है। कुल 10717 गौवंश संरक्षित है। (घ) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
केन्द्र एवं राज्य शासन की योजनाओं हेतु स्वीकृत राशि
[ऊर्जा]
148. ( क्र. 1898 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालन-संधारण वृत्त धार हेतु वित्तीय वर्ष 2023-24 से जनवरी 2025 तक आर.डी.एस.एस. योजना एवं एस.एस.टी.डी. योजना में कितनी राशि की स्वीकृति प्रदान की गई है? स्वीकृति उपरांत कार्यादेश किस-किस फर्म/कंपनी को किस कार्यालय द्वारा जारी किया गया है? जारी कार्यादेश अनुसार कार्य को पूर्ण करने की समयावधि क्या है? कार्य की निगरानी किस-किस स्तर के अधिकारी द्वारा किया जा रहा है? जानकारी दें। (ख) विधानसभा क्षेत्र सरदारपुर में वित्तीय वर्ष 2023-24 से जनवरी 2025 तक आर.डी.एस.एस. योजना एवं एस.एस.टी.डी. योजना में स्वीकृत नवीन 11 के.व्ही. लाइन एवं निम्न दाब लाइन तथा नवीन विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर किस ग्राम में स्थापित/लगाये जा रहे हैं? जानकारी देवें। (ग) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 1038 दिनांक 19 दिसम्बर 2024 के उत्तरांश (ग) में उल्लेखित तकनीकी एवं वित्तीय रूप से सहायता पाये जाने पर कार्य करने की बात कही उसमें तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता के लिये सरकार ने क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही से अवगत करावें। (घ) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 1192 दिनांक 13 फरवरी 2024 के उत्तरांश (क) उल्लेखित किया कि वित्तीय उपलब्धता के अनुरूप विद्युत अधोसंरचना निर्माण का कार्य किया जा सकेगा उक्त कार्य के लिये विभाग द्वारा वित्तीय उपलब्धता के लिये क्या प्रयास किये गये, समस्त जानकारी पत्र एवं नोटशीट देवें। (ड.) प्रश्नकर्ता द्वारा विभाग के प्रमुख सचिव को प्रेषित पत्र क्र.74/2024 दिनांक11.02.2024 पर क्या कार्यवाही की गई जानकारी दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) संचालन-संधारण वृत्त धार अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 से माह जनवरी 2025 तक की अवधि में एस.एस.टी.डी. योजना के तहत राशि रू. 46.31 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की गई है। एस.एस.टी.डी. योजनान्तर्गत स्वीकृति उपरांत विद्युत अधोसंरचना का निर्माण कार्य विभागीय स्तर पर मटेरियल प्रदान कर निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए श्रमिक निविदाकार को कार्यादेश जारी कर संपादित किया जाता है, जिसकी निगरानी संबंधित कार्यालय कार्यपालन यंत्री (एसटीसी) संभाग धार अंतर्गत पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा की जाती है। योजनान्तर्गत शेष कार्यों की पूर्णता की दिनांक सितम्बर-2025 है। प्रश्नाधीन वृत्त अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में आर.डी.एस.एस. योजना के तहत राशि रू. 126.84 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसकी प्रश्नाधीन चाही गई फर्म/कंपनी, कार्यादेश जारी किये जाने वाले कार्यालय का नाम एवं कार्य पूर्णता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त कार्यादेशों में निहित विद्युत अधोसंरचना के निर्माण कार्यों हेतु विभागीय तौर पर मैदानी स्तर पर संबंधित कार्य के कार्य क्षेत्र के कनिष्ठ/सहायक यंत्री, कार्यपालन यंत्री (एस.टी.सी.) तथा अधीक्षण यंत्री द्वारा निगरानी की जाती है। कार्यों की प्रगति की समीक्षा हेतु प्रबंध निदेशक कार्यालय में आर.डी.एस.एस. प्रोजेक्ट संकाय अंतर्गत पदस्थ अधिकारियों को भी प्रोजेक्ट डायरेक्टर आर.डी.एस.एस. द्वारा दायित्व दिया गया है। इसके अतिरिक्त उक्त विद्युत अधोसंरचना के निर्माण कार्य के लिए निगरानी (समीक्षा) एवं सुपरविजन (निरीक्षण) का कार्य थर्ड पार्टी मेसर्स एस.जी.एस. इण्डिया प्रा.लि. मुंबई द्वारा किया जा रहा है। (ख) विधानसभा क्षेत्र सरदारपुर में प्रश्नाधीन अवधि में आर.डी.एस.एस. योजना एवं एस.एस.टी.डी. योजना अंतर्गत स्वीकृत 11 के.व्ही. एवं निम्नदाब लाईनों तथा नवीन वितरण ट्रांसफार्मरों से संबंधित कार्यों का स्थानवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ग) एवं (घ) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के सत्र दिसम्बर, 2024 के प्रश्न क्रमांक-1038 के उत्तरांश (ग) एवं विधानसभा सत्र फरवरी, 2024 के प्रश्न क्रमांक-1192 के उत्तरांश (क) में धार जिले में सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत चिन्हित 112 मजरों/टोलों/फलियों में से 04 मजरों/टोले/फलियों को 24 घंटे एवं 106 मजरों/टोलों/फलियों को, जो कि खेतों में दूर-दूर छोटे-छोटे समूह में बसे हैं, इन्हें समीपस्थ उपलब्ध विद्युत अधोसंरचना यथा-कृषि श्रेणी के 11 के.व्ही. फीडरों से संबद्ध कर अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर प्रतिदिन 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। शेष 02 मजरे/टोले/फलिये अविद्युतीकृत हैं। वर्तमान में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत अनुसूचित जनजातीय आबादी के मजरों/टोलों/फल्यों/घरों के विद्युतीकरण हेतु केन्द्र शासन की धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान योजना प्रचलन में है। योजना के दिशा-निर्देशों के अनुरूप उक्त 2 अविद्युतीकृत मजरों/टोलों/फल्यों के विद्युतीकरण हेतु लगने वाले विद्युत अधोसंरचना के लिये जी.आई.एस. सर्वे का कार्य वर्तमान में म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत प्रगतिरत है। सर्वे कार्य पूर्ण होने के उपरान्त योजना अन्तर्गत कार्य योजना को स्वीकृति हेतु प्रेषित किया जायेगा। अतः वर्तमान में जी.आई.एस. सर्वे के प्रक्रियाधीन होने एवं योजना अंतर्गत प्रशासकीय स्वीकृति की अप्राप्ति के परिप्रेक्ष्य में पत्राचार की प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है। शेष 106 मजरों/टोलों/फल्यों में निकटस्थ उपलब्ध अधोसंरचना से 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। वर्तमान में उक्त मजरों/टोलों/फल्यों को 24 घंटे वाले फीडरों से जोड़ने के लिये कोई योजना प्रचलन में नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है। (ड.) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा प्रमुख सचिव महोदय को प्रेषित पत्र क्रमांक-74/2024, दिनांक 11.02.2025 पर की गई कार्यवाही से अधीक्षण यंत्री (संचा./संधा.), वृत्त धार द्वारा माननीय विधायक महोदय को पत्र दिनांक 11.07.2024 के माध्यम से प्रेषित कर दिया गया है। उक्त पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है।
शिकायतों की जानकारी
[लोक निर्माण]
149. ( क्र. 1909 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग, प्रमुख अभियंता भोपाल (ENC) एवं मुख्य अभियंता (CE) ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, भोपाल, रीवा सागर, नर्मदापुरम को वर्ष 2023 से आज दिनांक तक कब-कब किसने किसने कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी (उपयंत्री, सहायक यंत्री कार्यपालन यंत्री) के विरूद्ध क्या-क्या शिकायत की है तथा उन शिकायतों में क्या-क्या कार्यवाही हुई, शिकायतवार जानकारी दें। (ख) प्रमुख सचिव, प्रमुख अभियंता, मुख्य अभियंता भोपाल, जबलपुर, रीवा, इंदौर, ग्वालियर, सागर, नर्मदापुरम को 2023 से आज तक किसने-किसने, कब-कब, कौन-कौन से निर्माण कार्य से संबंधित शिकायत की है, उन शिकायतों में क्या-क्या कार्यवाही हुई? शिकायतवार जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
अमृत प्रोजेक्ट के लिये आवंटित राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
150. ( क्र. 1915 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बजट 2024-2025 में भोपाल नगर निगम ने अमृत प्रोजेक्ट के लिए 250 करोड़ रूपये का बजट आवंटित किया था? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त बजट में से कितनी राशि व्यय की जा चुकी है एवं व्यय राशि का उपयोग किन-किन स्थानों पर किया गया है? जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या निगम अधिकारियों की उदासीनता के चलते कुल आवंटित राशि का 10 प्रतिशत से भी कम का उपयोग किया गया है? इसी कारणवश शहर में सीवेज नेटवर्क हर घर पानी की सप्लाई और पार्कों के रख-रखाव की स्थिति खराब है? यदि हाँ, तो इस संबंध में कौन-कौन जिम्मेदार है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या विभाग वित्तीय वर्ष समाप्त होने से पूर्व उक्त शेष बची राशि का उपयोग सीवेज नेटवर्क हर घर पानी एवं पार्कों के रख-रखाव पर व्यय कर लेगा यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। वर्ष 2024-25 बजट भोपाल नगर निगम द्वारा अमृत प्रोजेक्ट के लिये राशि रू. 211.00 करोड़ का प्रावधान किया गया है। वर्तमान में अमृत परियोजना अंतर्गत 04 पैकेज के तहत राशि रू. 1054.51 करोड़ की डी.पी.आर. स्वीकृत की गई है। जिसमें से 01 पैकेज की राशि रू. 472.32 करोड़ का कार्यादेश दिनांक 10.12.2024 को जारी किया गया है। शेष 03 पैकेजों की निविदा प्रक्रिया की कार्यवाही प्रचलन में है। अभी तक कोई राशि व्यय नहीं की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। सीवेज कार्यों की निविदा स्वीकृत होने के पश्चात ही कार्य संपादित कर राशि का व्यय किया जाता है।
व्यवसायिक लायसेंस शुल्क
[नगरीय विकास एवं आवास]
151. ( क्र. 1916 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एक ही स्थान पर 6 अलग-अलग भवनों को आपस में संलयन कर किराए पर लेकर एक ही व्यवसायिक प्रतिष्ठान जैसे होटल, वर्कशॉप, गाड़ी शोरूम अथवा अस्पताल संचालित करने पर व्यवसायिक लायसेंस शुल्क क्या प्रत्येक भवन से वसूला जाएगा? यदि हाँ, तो नियम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में नगर-निगम भोपाल जोन 5 के अंतर्गत आने वाले समस्त वार्डों से पिछले 5 वित्तीय वर्षों में किन-किन प्रतिष्ठानों से व्यवसायिक लायसेंस शुल्क वसूला गया अथवा किन-किन का बकाया है? प्रतिष्ठानों के नाम तथा राशि सहित प्रश्न दिनांक तक की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में जोन 5 वार्ड 08 में पिछले 05 वित्तीय वर्ष में सम्पत्ति कर एवं जल कर के नए खोले गए खाते, खातेदारों का नाम तथा भूमि के माप सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में जोन 5 वार्ड 08 में सम्पत्ति कर एवं जल कर की आई.डी. को विलोपित किया गया एवं सम्पत्तियों के नामांतरण किए गए जानकारी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" एवं "स" अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "द" अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ई" अनुसार है।
गौ-शालाओं का संचालन
[पशुपालन एवं डेयरी]
152. ( क्र. 1921 ) डॉ. प्रभुराम चौधरी : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रायसेन में कुल कितनी गौ-शालायें संचालित हैं? इन गौ-शालाओं में कितने-कितने पशुओं को रखा गया है? (ख) वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक इन गौ-शालाओं को कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई है एवं उक्त राशि का उपयोग किन-किन प्रयोजनों हेतु किया गया?
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कॉलम-4 एवं 6 अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कॉलम-7 एवं 8 अनुसार।
नगर पालिका में खरीदी एवं निर्माण कार्य की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
153. ( क्र. 1927 ) श्री राजेन्द्र भारती : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका दतिया एवं नगर पंचायत बडौनी द्वारा विगत 5 वर्ष में विद्युत सामग्री, हैण्डपंप सामग्री, फिनाइल, फर्नीचर, वर्दी, कचरा गाड़ी/वाहन स्टेशनरी तथा डस्टबिन की खरीदी की गई है? यदि हाँ, तो क्या सामग्री क्रय करने में शासन के नियमों का पालन करते हुये समाचार पत्रों में निविदा विज्ञप्ति आमंत्रित की गई थी? यदि हाँ, तो निविदा विज्ञप्ति एवं क्रय नियमों की प्रतियां प्रदान करें। (ख) क्या नगरपालिका दतिया एवं नगर पंचायत बडौनी द्वारा एक लाख रूपये से नीचे या एक लाख तक के कार्यों की नस्तियां तैयार कर कार्य कराये गये हैं? यदि हाँ, तो कितना भुगतान किया गया? यदि हाँ, तो विगत 5 वर्षों की एक लाख रूपये तक की तैयार की गई कार्यादेश की प्रतियां एवं भुगतान की जानकारी प्रदान करें। (ग) क्या दतिया जिले की दतिया नगर पालिका एवं बडौनी नगर पंचायत सहित नगर पंचायत सेंवढ़ा में मस्टर रोल, संविदा, आउटसोर्स के कर्मचारी कार्यरत है? यदि हाँ, तो उक्त निकायों के कर्मचारियों को विगत 5 वर्ष भुगतान की गई वेतन/मानदेय राशि के बिल की निकायवार, माहवार, नामवार तथा वर्षवार की प्रतियां प्रदान करें। (घ) क्या न.पा. दतिया एवं नगर पंचायत बडौनी में प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में हितग्राहियों को आवास स्वीकृत किये गये है? यदि हाँ, तो न.पा. दतिया एवं न.प. बडौनी में योजना प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों के आवास स्वीकृत किये गये? कृपया योजना प्रारंभ दिनांक से अद्यतन दिनांक तक न.पा. दतिया एवं न.प. बडौनी द्वारा स्वीकृत आवासों की सूची प्रदान करें एवं यह भी बतायें कि स्वीकृत आवासों के हितग्राहियों को कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई? कृपया प्रदान की गई राशि का विवरण एवं सूची प्रदान करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) जी हाँ। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत नगर पालिका परिषद् दतिया में 2926 तथा नगर परिषद् बडौनी में 1150 हितग्राहियों के आवास स्वीकृत किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है।
स्वीकृत सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
154. ( क्र. 1934 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के तहसील मझौली के अंतर्गत वर्ष 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 में कितने सड़कों की स्वीकृति प्रदान की गई थी? सड़क का नाम व स्वीकृति राशि सहित जानकारी उपलब्ध करायें। स्वीकृत सड़कों का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? समय-सीमा बतायें। सड़क का निर्माण कार्य पूर्ण होने में विलम्ब का कारण क्या है? कारण बतायें। (ख) सीधी जिले के अंतर्गत क्षतिग्रस्त मझौली से ठोंगा मार्ग एवं तिलवारी-जनकपुर मार्ग की स्वीकृति कब तक कर दी जावेगी? समय-सीमा बतायें। क्या क्षतिग्रस्त मझौली से ठोंगा मार्ग एवं तिलवारी-जनकपुर मार्ग की सड़क निर्माण के पूर्व मरम्मत का कार्य कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक मरम्मत का कार्य करा दिया जायेगा? समय-सीमा बतायें। (ग) सीधी जिले के अंतर्गत गोतरा तिराहा से भगवान बिरसा मुंडा कॉलोनी पहुंच मार्ग, भदौरा से शंकरपुर पहुंच मार्ग, देवरी कठहा टोला से ठोंगा पहुंच मार्ग, जोबा सिंचाई बांध से ठोंगा पहुंच मार्ग एवं भदौरा हंसवाहिनी विद्यालय से रकसाडोल बवजई पहुंच मार्ग प्रस्तावित सड़क की स्वीकृति कब तक की जावेगी? (घ) सिंगरौली जिले के अंतर्गत हर्दी तेंदूपत्ता गोदाम से गोपद पुल पहुंच मार्ग, गीड़ा से धौहनी पहुंच मार्ग, साजापानी से झारा पहुंच मार्ग एवं समुंद तिराहे से बड़काडोल (दुधमनिया) विद्यालय पहुंच मार्ग की स्वीकृति की समय-सीमा बतायें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग संभाग-सीधी अंतर्गत सीधी जिले के तहसील मझौली के अंतर्गत वर्ष 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 में 06 नग सड़कों की स्वीकृति प्रदान की गई है। विवरण पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) वर्तमान में मार्ग की स्थिति अच्छी है। निर्माण हेतु किसी योजना में स्वीकृत नहीं है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। संधारण मद अंतर्गत मरम्मत कार्य, स्थल की आवश्यकतानुसार सतत प्रक्रिया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांकित सभी मार्ग वर्ष 2024-25 के प्रथम अनुपूरक में शामिल है। विवरण पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार है। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) सिंगरौली जिले के अन्तर्गत प्रश्नांकित सभी मार्ग नवीन निर्माण मार्ग के है, जो वर्तमान में किसी योजना में स्वीकृत नहीं है। अत: समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
सीवर लाइन कार्य एवं रेस्टोरेशन
[नगरीय विकास एवं आवास]
155. ( क्र. 1940 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधायक के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1368, दिनांक 19/12/2024 को प्रस्तुत हुआ प्रश्नांश (ख) में स्वीकार किया गया है कि जहां-जहां पाइप लाइन खोदी गई, वहां पुन: सड़कों को उसी स्वरूप में वापस लाने का कार्य (रेस्टोरेशन) (यथास्थिति) ठेकेदार को करना निविदा में शामिल था? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्न के प्रश्नांश (ख) में यह भी बताया गया है कि ''विभिन्न कारणों से खोदी गई चौड़ाई से अतिरिक्त चौड़ाई में सड़क के क्षतिग्रस्त होने के कारण निगम द्वारा सड़क निर्माण कार्य कराया जा रहा है? '' यदि हाँ, तो ये विभिन्न कारण क्या-क्या हैं/थे? बिन्दुवार बतायें और तयशुदा चौड़ाई से अतिरिक्त चौड़ाई में सड़क आमजन ने क्षतिग्रस्त की या ठेकेदार ने लापरवाही से क्षतिग्रस्त की? विस्तृत विवरण दें। (ग) जब अतिरिक्त चौड़ाई में सड़क क्षतिग्रस्त ठेकेदार ने की खुदाई करते समय तो नगर निगम सतना अपनी राशि व्यय कर क्यों स्वयं सड़क ठीक करवा रहा है जबकि यह कार्य ठेकेदार को करना था? बतायें। क्यों निगम ठेकेदार को सरंक्षण दे रहा है? (घ) दिनांक 01/01/2022 से प्रश्न तिथि तक रोड रेस्टोरेशन पर एक से पैंतालीस वार्डों में कुल कितना भुगतान नगर निगम सतना किस-किस नाम/पते वाले ठेकेदारों को कर चुकी है? वार्डवार/राशिवार/वर्षवार दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। शेष विवरण संलग्न परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ग) नगर निगम सतना अन्तर्गत अमृत योजना के तहत सीवर लाइन के कार्य उपरांत ठेकेदार द्वारा रोड रेस्टोरेशन का कार्य किया गया है। उत्तरांश (ख) में उल्लेखित कारणों से अतिरिक्त चौड़ाई में कार्य करने के कारण, वर्तमान में अनुबंध के बिल ऑफ क्वांटिटी में प्रावधानित रोड रेस्टोनेशन की मात्रा समाप्त हो चुकी है। सीवर लाइन बिछाये जाने के उपरांत आमजनों की सुविधा को ध्यान में रखते हुऐ नगर निगम सतना द्वारा स्वयं के मद से रोड रेस्टोशन का कार्य किया जा रहा है। (घ) विवरण संलग्न परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है।
आवासीय कॉलोनियों का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
156. ( क्र. 1948 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में पिछले 10 वर्षों में कितनी आवासीय कॉलोनियों में भूखण्ड/आवास विक्रय किये जाने की सूचना शासन के पास है, इनमें से कितनी कॉलोनियां अवैध हैं तथा इस अवधि में इनमें से कितनी कॉलोनियों को प्रशासन द्वारा प्रबंधन में लिया गया है? खसरा नंबर मौजा रकबा व भूमि स्वामी के नाम सहित जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रबंधन से मुक्त की गई किन-किन कॉलोनी में ओवरहेड टैंक, बिजली, सीमेंट रोड, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट एवं नाली का निर्माण कॉलोनाइजर द्वारा किया गया है एवं किन-किन कॉलोनी में प्रबंधन से मुक्त किए जाने के पश्चात भी आधारभूत सुविधाओं का विकास कॉलोनाइजर द्वारा नहीं किया गया है? (ग) प्रबंधन से मुक्त होने के बाद भी विकास कार्य नहीं कराने वाले कालोनाइजरों पर कितने कालोनाइजरों पर क्या कार्यवाही की गई है, शेष के विरूद्ध कार्यवाही नहीं किए जाने के क्या कारण रहे हैं? (घ) शासन द्वारा प्रश्नांकित अवधि में कितने कालोनाइजरों को बार-बार अवैध कॉलोनी के विकास किए जाने के नोटिस दिए गए हैं? यदि नहीं, हो आदतन अवैध कॉलोनी का विकास कर रहे ऐसे व्यक्तियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? कृपया समय-सीमा सहित बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) बैतूल जिले के नगरीय क्षेत्र में पिछले 10 वर्षों में 374 आवासीय कॉलोनियों में भूखण्ड/आवास विक्रय किये गए हैं, जिनमें से 365 कॉलोनियां अनधिकृत रूप से विकसित पाई गई हैं। जिले के ग्रामीण क्षेत्र में 115 अवैध आवासीय कॉलोनियों में भूखण्ड/आवास विक्रय किये गए हैं। नगरीय क्षेत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। ग्रामीण क्षेत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार तत्समय प्रभावशील म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 339-ड. के उपबंध अनुसार सक्षम प्राधिकारी अर्थात् कलेक्टर जिला बैतूल द्वारा प्रबंधन में ली गई अवैध कॉलोनियों की भूमि में आवश्यक विकास कार्य कॉलोनाईजर द्वारा नहीं अपितु सक्षम प्राधिकारी द्वारा योजना बनवाकर विहित रीति में विकसित कराये जाने के प्रावधान हैं। वर्तमान में म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम 2021 के अंतर्गत नगरीय क्षेत्र की अनधिकृत कॉलोनियों में नागरिक अधोसंरचना प्रदान करने की कार्यवाही जिला कलेक्टर द्वारा आरंभ कर दी गई है, जो प्रक्रियाधीन है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) नगरीय क्षेत्र में सभी अनधिकृत कॉलोनियों के निर्माणकर्ताओं के विरूद्ध म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 339-ग के तहत दण्डात्मक कार्यवाही के प्रावधान है। जिले में 302 अनधिकृत कॉलोनियों के विकासकर्ताओं के विरूद्ध कार्यवाही हेतु कार्यालय कलेक्टर बैतूल के पत्र दिनांक 16/06/2023 द्वारा पुलिस अधीक्षक जिला बैतूल को लिखित शिकायत प्रेषित की गई है। विधिक प्रक्रिया होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
किसानों को ट्रांसफार्मर परिवहन के भाड़े का भुगतान
[ऊर्जा]
157. ( क्र. 1951 ) श्री बृज बिहारी पटैरिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले की विधानसभा देवरी में वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-2025 के जनवरी माह तक विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कितने विद्युत ट्रांसफार्मर खराब होने के कारण बदले गये? नये कितने-कितने क्षमता के बदले गये एवं पुराने रिपेयरिंग करके कितने ट्रांसफार्मर बदले गये? ग्राम के नाम जहां ट्रांसफार्मर रखे गये स्थान के नाम सहित तिथिवार बतायें। (ख) विधानसभा क्षेत्र के किन ग्रामों में नवीन विद्युतीकरण का कार्य चल रहा है एवं कहाँ-कहाँ प्रस्तावित है? विवरण देंवे। प्रश्न दिनांक तक ट्रांसफार्मर बदले जाने की कुल कितनी शिकायतें लंबित है? (ग) विधानसभा क्षेत्र के ग्राम चीमाढाना चोरधवई में किन-किन आदिवासी कृषकों के आवेदन जनवरी 2023 से जनवरी 2025 तक प्राप्त होने पर कृषि कार्य हेतु कनेक्शन दिये गये? दिनांक सहित नाम बतायें। (घ) प्रश्नांश (क) से जिन ग्रामों में विद्युत ट्रांसफार्मर बदले गये उन ट्रांसफार्मरों का परिवहन किसानों द्वारा स्वंय के वाहन से किया गया? यदि हाँ, तो परिवहन का किराया (भाड़ा) किसान को प्रदाय किया गया है, कितनी राशि दी गई? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतायें कि प्रावधान नहीं है।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) सागर जिलांतर्गत देवरी विधानसभा क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं वित्तीय वर्ष 2024-25 के माह जनवरी 2025 तक की अवधि में कुल 1223 वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब होने के कारण म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा बदले गये। उक्त समस्त जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को रिपेयर्ड वितरण ट्रांसफार्मरों से बदला गया है। जिनकी प्रश्नाधीन चाही गई ग्रामवार, स्थानवार एवं तिथिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत वर्तमान में प्रचलित योजना के तहत ग्रामों के विद्युतीकरण हेतु कोई भी नवीन विद्युतीकरण कार्य प्रस्तावित नहीं है। प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रश्न दिनांक की स्थिति में जले/खराब वितरण ट्रासंफार्मर को बदलने से संबंधित कोई भी शिकायत लंबित नहीं है, अपितु 3 वितरण ट्रांसफार्मर वर्तमान में जले/खराब हैं। उक्त वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं पर बकाया राशि होने के कारण उक्त वितरण ट्रांसफार्मर नियमानुसार बदलने हेतु अपात्र हैं। (ग) विधानसभा क्षेत्र के ग्राम चीमाढाना चोरधवई में माह जनवरी 2023 से माह जनवरी 2025 तक की अवधि में किसी भी आदिवासी कृषक से स्थाई विद्युत कनेक्शन हेतु आवेदन प्राप्त नहीं हुए हैं एवं न ही कोई विद्युत कनेक्शन प्रदान किये गये हैI (घ) जी नहीं। उत्तरांश (क) में उल्लेखित जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को बदलने हेतु परिवहन का कार्य किसानों द्वारा स्वयं के वाहन से नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है।
विद्युत वोल्टेज की पूर्ति
[ऊर्जा]
158. ( क्र. 1954 ) श्रीमती सेना महेश पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अलीराजपुर जिले के विधान सभा क्षेत्र क्र. 192 जोबट अन्तर्गत ग्रामीणों को कृषि तथा घरेलू विद्युत वाल्टेज नहीं मिलने से क्षेत्र में समस्या है? यदि हाँ, तो शासन स्तर से क्या कार्यवाही की गई है। (ख) क्या विकासखण्ड चन्द्रशेखर आजाद नगर के ग्राम झिरण, विकास खण्ड उदयगढ़ में नवीन ग्रीड तथा जोबट विकासखण्ड के ग्राम बडीखटृटाली में अतिरिक्त पीडीआर लगाये जाने का प्रावधान रखा गया है? यदि हाँ, तो कब तक कार्य स्वीकृत किया जावेगा? अवधि बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) अलीराजपुर जिले के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 192 जोबट में सामान्य परिस्थितियों में वोल्टेज संबंधी कोई समस्या नहीं रहती है, परंतु रबी सीजन के दौरान अस्थाई कृषि पंपो का अत्याधिक विद्युत भार विद्युत वितरण प्रणाली पर आने के कारण विद्युत भार प्रबंधन हेतु प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युत प्रणाली सुदृढ़ीकरण के विभिन्न कार्य विभिन्न योजना अंतर्गत स्वीकृत है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विकासखण्ड चन्द्रशेखर आजाद नगर के ग्राम बोरकुण्डिया एवं विकासखण्ड उदयगढ़ के ग्राम कुण्डलवासा में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र स्थापित किये जाने तथा विकासखण्ड जोबट के ग्राम बड़ीखट्टाली में स्थापित 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र पर अतिरिक्त 5 एम.व्ही.ए. पावर ट्रांसफार्मर स्थापित करने हेतु प्रस्ताव म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा तैयार किये गये हैं। उक्त कार्यों हेतु प्रशासकीय स्वीकृति अप्राप्त है, जिस हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
गौ-शालाओं का संचालन एवं अनुदान राशि
[पशुपालन एवं डेयरी]
159. ( क्र. 1955 ) श्री भैरो सिंह बापू : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुसनेर विधानसभा क्षेत्र जिला आगर-मालवा में शासकीय/निजी संस्थाओं के माध्यम से कितनी गौ-शालाओं का संचालन कौन-कौन सी संस्थाओं के माध्यम से किया जा रहा है? नाम, पता एवं मोबाईल नम्बर सहित सूची उपलब्ध करावें। वर्तमान में इनमें कितना गौवंश है? इनमें चारा भूसा, पानी, बिजली की क्या व्यवस्था है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त गौ-शालाओं में कितने गौवंश है गौशालावार जानकारी देवें। वित्तीय वर्ष 2022-2023 से प्रश्न दिनांक तक आगर जिले की सभी गौ-शालाओं को दिये गए आवंटन/सहायता/अनुदान की विस्तृत जानकारी गौशालावार देवें। (ग) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा गौ-शालाओं में प्रत्येक गाय पर अनुदान राशि 20 से बढाकर 40 रू. की गई है यदि हाँ, तो उक्त आदेश की प्रति देवें एवं बढ़ी हुई राशि प्रश्न दिनांक तक कितनी गौ-शालाओं को आवंटित की गई है गौशालावार जानकारी देवें। यदि बढ़ी हुई राशि गौ-शालाओं को आवंटित नहीं है तो क्या कारण है? (घ) निराश्रित गौवंश जो सड़कों पर विचरण कर रहे है जिससे की आये दुर्घटना होती है इनकी रोकथाम हेतु क्या कदम उठाये जा रहे है?
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार। (ग) माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा 20 रू. से 40 रू. प्रति गौवंश प्रतिदिन के मान से अनुदान राशि देने की घोषणा की गई है। जिसके स्वीकृति के अधिकार मंत्रि-परिषद् को है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) स्थानीय निकायों के माध्यम से निराश्रित गौवंश को गौ-शालाओं में पहुंचाया जाता है। गौवंश को सड़क एवं आम रास्तों पर से गौशाला में भेजा जाना एक सतत प्रक्रिया है।
भोपाल एवं इंदौर में विकास अनुज्ञाओं की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
160. ( क्र. 1957 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल एवं इंदौर के विकास योजना क्षेत्र में मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 की धारा 16 किस दिनांक से प्रभावशील हुई? पृथक-पृथक जानकारी दी जायें। (ख) मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 की धारा 16 प्रभावशील होने के बाद से प्रश्न दिनांक तक भोपाल एवं इंदौर में विकास अनुज्ञा हेतु प्राप्त कुल आवेदनों की संख्या सहित जारी की गई विकास अनुज्ञाओं की संख्या, विकास अनुज्ञा जारी करने हेतु गठित समिति की सम्पन्न हुई बैठकों का कार्यवाही विवरण सहित, प्राप्त कुल धनराशि की जानकारी भोपाल एवं इन्दौर की पृथक-पृथक उपलब्ध करायी जाये। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में भोपाल एवं इंदौर में विकास अनुज्ञा हेतु लंबित आवेदनों की विस्तृत जानकारी जिसमें आवेदक का नाम, आवेदन क्रमांक एवं दिनांक, ग्राम का नाम, खसरा नं., क्षेत्रफल, भूमि-स्वामी का नाम, आवेदन लंबित होने का कारण आदि की भोपाल व इंदौर की पृथक-पृथक पूर्ण जानकारी दी जायें। (घ) भोपाल एवं इंदौर में वर्तमान तक जारी की गई अनुज्ञाओं की विस्तृत जानकारी जिसमें आवेदक का नाम, आवेदन क्रमांक एवं दिनांक, ग्राम का नाम, खसरा नं., क्षेत्रफल, भूमि-स्वामी का नाम, अनुमति जारी होने का दिनांक, अनुमति सहित स्ट्रक्चर प्लान की प्रमाणित प्रति सहित भोपाल व इंदौर की पृथक-पृथक पूर्ण जानकारी दी जाये। (ड.) क्या नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय में ALPASS सॉफ्टवेयर के माध्यम से ऑनलाइन प्रक्रिया प्रचलित है? यदि हाँ, तो विकास अनुज्ञा की प्रक्रिया ऑनलाइन जारी नहीं करने के संबंध में कौन से तकनीकी अथवा प्रशासनिक कारण है? पूर्ण जानकारी दी जाये।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 की धारा 16, भोपाल के वृद्धित निवेश क्षेत्र दिनांक 03/01/2007 एवं 15/10/2019 से तथा इंदौर के वृद्धित निवेश क्षेत्र में दिनांक 31/12/2021 से प्रभावशील है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) भोपाल के वृद्धित निवेश क्षेत्र में मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 की धारा 16 प्रभावशील होने के बाद से आज दिनांक तक विकास अनुज्ञा हेतु कुल प्राप्त 219 आवेदनों में से कुल 91 आवेदनों में विकास अनुज्ञा प्रदाय की गई है। विकास अनुज्ञा के प्रकरणों में प्राप्त आवेदन शुल्क एवं अनुज्ञा शुल्क के रूप में कुल धन राशि लगभग 2.02 करोड़ शासन के मद में जमा हुई है। गठित समिति की सम्पन्न हुई बैठकों का कार्यवाही विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। इन्दौर के वृद्धित निवेश क्षेत्र में अधिनियम, 1973 की धारा 16 प्रभावशील होने के बाद से आज दिनांक तक विकास अनुज्ञा प्राप्त करने हेतु कुल प्राप्त 399 आवेदनों में से कुल 177 प्रकरणों में विकास अनुज्ञा प्रदाय की गई है। विकास अनुज्ञा के प्रकरणों में प्राप्त आवेदन शुल्क एवं अनुज्ञा शुल्क के रूप में कुल धन राशि लगभग 8.95 करोड़ शासन के मद में जमा हुई है। गठित समिति की सम्पन्न हुई बैठकों का कार्यवाही विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय भोपाल एवं नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय इंदौर में मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 की धारा 16 के लंबित आवेदनों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द एवं ''इ'' अनुसार है। भोपाल विकास योजना 2005 एवं इन्दौर विकास योजना 2021 पुनर्विलोकन का कार्य प्रचलित है। वृद्धित निवेश क्षेत्र के विकास के प्रस्ताव नियोजित रूप से प्रस्तावित करने के उद्देश्य से धारा-16 के प्रकरण विचाराधीन रखे गये हैं ताकि बिना अवरोध के सुनियोजित विकास के प्रस्ताव प्रस्तावित किये जा सके। (घ) नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय भोपाल एवं नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय इंदौर द्वारा जारी की गई अनुज्ञाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-फ एवं ''च'' अनुसार है। भोपाल एवं इंदौर विकास योजना के पुनर्विलोकन का कार्य अंतिम चरण में है। विकास योजनाओं में प्रारूप प्रकाशन के उपरांत ही स्ट्रक्चर प्लान सार्वजनिक किया जायेगा। (ड.) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
फर्जी एफ.डी.आर. जमा कर ठेका प्राप्त करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
161. ( क्र. 1958 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा सत्र जुलाई, 2024 में पूछे गए प्रश्न क्र. 1314 दिनांक 4 जुलाई, 2024 की जानकारी में विभाग द्वारा नगर पालिका परिषद् गोहद जिला भिण्ड के 08 निर्माण कार्यों हेतु इन्द्रलोक कंस्ट्रक्शन प्रो. ईशासिंह भदौरिया, ग्वालियर द्वारा फर्जी एफ.डी.आर. जमा कर ठेके प्राप्त करने से समस्त कार्यों की अनुबंध अनुसार निविदाएं निरस्त करते हुये ब्लैक लिस्ट करने हेतु पत्र लोक निर्माण विभाग को लिखे जाने एवं संबंधित ठेकेदार के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करने हेतु दिनांक 24.06.2024 को नगर निरीक्षक, थाना गोहद को निकाय द्वारा लिखने की जानकारी दी गयी है। (ख) परिषद् में फर्जी एफ.डी.आर. जमा कर ठेके प्राप्त करना जांच में सिद्ध पाये जाने व निकाय की ओर से संबंधित ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करने एवं उसके विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध करने हेतु लिखे जाने पर क्या उसे ब्लैक लिस्ट किया व अपराध पंजीबद्ध हो गया है? यदि हाँ, तो पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायी जाये? यदि नहीं, तो दोषी को संरक्षण देने का क्या कारण है? (ग) क्या संबंधित दोषी ठेकेदार के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही कर उसे गिरफ्तार किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) नगर पालिका गोहद द्वारा संविदाकार को निकाय अंतर्गत स्वीकृत समस्त कार्यों को निरस्त करते हुए भविष्य में जारी होने वाली निकाय की निविदाओं में भाग लेने हेतु प्रतिबंधित किया गया है। नगर पालिका गोहद द्वारा पत्र क्र 1724 दिनांक 24.06.2024 से नगर निरीक्षक पुलिस थाना गोहद को फर्म/ठेकेदार इन्द्रलोक कंस्ट्रक्शन प्रो. ईशासिंह भदौरिया, ग्वालियर के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करने हेतु पत्र लिखा गया था, जिसमें थाना प्रभारी थाना गोहद द्वारा जांच की जा रही है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) असम्बद्ध है।
जनप्रतिनिधियों के पत्रों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
162. ( क्र. 1965 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता का पत्र क्र. 780 एवं 781 दिनांक 10.02.25 जो प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास विभाग, भोपाल को प्रेषित किया गया था, पत्र प्राप्ति दिनांक से प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही सा.प्र.वि. के आदेश क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 भोपाल दिनांक 22.3.2011 में उल्लेखित पांचों बिन्दुओं एवं परिशिष्टों (1, 2) का पालन सुनिश्चित कर किया गया है? कब-कब और क्या-क्या कार्यवाही सुनिश्चित की गई? संबंधित अधि./कर्म. का नाम, पदनाम, कार्यालयीन अभिलेखों/ नोटशीटों/पत्रों/नियमों की प्रति सहित बतायें। (ख) क्या पत्र पर कृत कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करा दी गई है? यदि नहीं, तो आदेश के उल्लंघन पर विभाग में किन-किन के विरुद्ध जिम्मेदारी निर्धारित की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतायें। (ग) अता. प्रश्न क्र. 1370 दिनांक 04/7/24 प्रश्नांश (ग) के लिखित उत्तर में विभाग ने साडा क्षेत्र के एल.आई.जी. भवन क्र. 159 एवं 160 में भूमि का विक्रय प्रावधानुसार नहीं किये जाने से जेडी ग्वालियर से जांच प्रतिवेदन चाहा गया का लेख किया है, किन्तु प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही कर मंत्री जी के माध्यम से अथवा विधानसभा से प्रश्नकर्ता को जानकारी नहीं दिये जाने पर विभाग के अधिकारी का अवचार समझा जाकर अनुशासनात्मक कार्यवाही के साथ निलंबन की कार्यवाही क्यों नहीं की गई? कारण सहित बतायें। (घ) तारांकित प्रश्न क्र. 1570 दिनांक 19/12/24 प्रश्नांश (ग) के उत्तर में प्रतिवेदन नहीं भेजा गया है का लेख है? सदन आहुत होने पर विभागीय अधिकारी/कर्मचारी की विधानसभा कार्यों में कार्य आवंटन आदेश जारी किये गये के विभाग अन्तर्गत संपूर्ण कार्यालयों के फरवरी 24 से प्रश्न तक के आदेशों को उपलब्ध करायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सा.प्र.वि. के आदेश का पालन नहीं होना
[ऊर्जा]
163. ( क्र. 1966 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अधोहस्ताक्षरकर्ता का पत्र क्रमांक 764 दिनांक 06.01.2025 अपर मुख्य सचिव, म.प्र. शासन, ऊर्जा विभाग प्रेषित किया गया था, पत्र प्राप्ति दिनांक से प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही सा.प्र.वि. के आदेश क्रमांक एफ19-76/2007/1/4 भोपाल दिनांक 22.03.2011 में उल्लेखित पांचों बिन्दुओं एवं परिशिष्टों (1, 2) का पालन सुनिश्चित कर किया गया है? कब-कब और क्या-क्या कार्यवाही सुनिश्चित की गई? संबंधित अधिकारी/कर्मचारी का नाम, पदनाम, कार्यालयीन अभिलेखों/ नोटशीटों/पत्रों/ नियमों की प्रति सहित बतायें। (ख) क्या पत्र पर कृत कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करा दी गई है? यदि नहीं, तो आदेश के उल्लंघन पर विभाग में किन-किन के विरूद्ध जिम्मेदारी निर्धारित की जायेगी? बतायें। यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतायें। (ग) विभाग द्वारा नवम्बर 2024 से प्रश्न दिनांक तक गुना जिले में रबि सीजन की फसलों के लिये कितने घंटे बिजली प्रदाय करने के आदेश जारी किये थे? आदेश की प्रति सहित बतायें। क्या यह सही है कि बिजली ऑपरेटर को 8 घंटे बिजली प्रदाय के आदेश/निर्देश दिये गये थे? यदि नहीं, तो किस आधार पर किसानों को 8 घंटे बिजली प्रदाय की गई? कारण सहित बतायें। (घ) प्रश्नांश (ग) की अवधि में किसानों को कितने घंटे विद्युत की आपूर्ति की गई? विभाग अंतर्गत एम.आर.आई. मशीन का उपयोग किन कार्यों के लिये किया गया था? कितनी मशीन हैं, मशीन की कार्य पद्धति किस प्रकार की है/मापन, डाटा संग्रहण कर किसे प्रेषित किया जाता है? प्रश्नांश अवधि में एम.आर.आई. मशीन से क्या-क्या कार्य लिया गया? संपूर्ण जानकारी तहसीलवार पृथक से बतायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) जी हाँ, माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा प्रेषित पत्र क्रमांक-764, दिनांक 06.01.2025 विभाग को प्राप्त हुआ है। जिस पर तत्काल आवश्यक कार्यवाही करने हेतु म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को निर्देशित किया गया हैं, साथ ही सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक 22.03.2011 के तारतम्य में उक्त कार्यवाही से माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय को अवगत कराया गया है। माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के पत्र दिनांक 06.01.2025 में उल्लेखित संदर्भित पत्रों यथा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अनुभाग राधौगढ़ जिला गुना (म.प्र.) का पत्र दिनांक 06.09.2024 जो महाप्रबंधक (संचा. संधा.) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, वृत्त गुना को संबोधित एवं कलेक्टर जिला गुना को पृष्ठांकित है एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं अनुविभागीय दण्डाधिकारी, अनुविभाग आरोन, जिला गुना (म.प्र.) का पत्र दिनांक 13.09.2024 जो कलेक्टर (स्टेनो शाखा) जिला गुना को संबोधित एवं महाप्रबंधक (संचा. संघा.) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, वृत्त गुना को पृष्ठांकित है, उक्त दोनों पत्रों में क्रमशः श्री रविकुमार मनु, कनिष्ठ अभियंता एवं श्री पुष्पराज सिंह, कनिष्ठ अभियंता, म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने का लेख किया गया है। तद्नुसार उक्त पत्रों में उल्लेखित बिन्दुओं पर महाप्रबंधक (संचा. संधा.), म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, वृत्त गुना द्वारा जांच की गई है, जिसका प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' अनुसार है। श्री रविकुमार मनु, कनिष्ठ अभियंता, रुठियाई के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी, अनुभाग राघौगढ़ को पत्र क्रमांक महाप्र./शिका./2024-25/431 गुना दिनांक 28-02-2025 एवं श्री पुष्पराज सिंह, कनिष्ठ अभियंता, आरोन के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी, अनुभाग आरोन को पत्र क्रमांक महाप्र./शिका./2024-25/429 गुना दिनांक 28-02-2025 द्वारा सूचित किया गया है। पत्रों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' एवं 'द' अनुसार है। माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के पत्र दिनांक 06.01.2025 के तारतम्य में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा की गई उपरोक्त कार्यवाही से माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय को विभाग के पत्र दिनांक 03.03.2025 से सूचित किया गया है जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है। (ग) राज्य शासन के निर्देशानुसार प्रदेश में कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन औसतन 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जाना है। विभाग द्वारा गुना जिले हेतु पृथक से कोई आदेश जारी नहीं किये गये है। जी नहीं। प्रश्नाधीन क्षेत्र में 8 घंटे बिजली प्रदाय नहीं की गई है तथापि प्रश्नाधीन क्षेत्र में आकस्मिक अवरोधों के कारण आए व्यवधानों को छोड़कर नियमानुसार कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन औसतन 10 घंटे गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में माह नवम्बर 2024 से दिनांक 26 फरवरी 2025 तक की अवधि में कृषि फीडरों पर संचालन/संधारण, वृत्त गुना अन्तर्गत औसतन 09:52:38 घंटे विद्युत प्रदाय किया गया है। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्र अंतर्गत एम.आर.आई. मशीन का उपयोग 10 किलोवॉट से अधिक के नॉन ए.एम.आर. (ऑटोमेटिक मीटर रीडिंग) उपभोक्ताओं एवं कतिपय प्रकरणों में ए.एम.आर. द्वारा (ऑटोमेटिक मीटर रीडिंग) फैलुअर/रीडिंग न होने की स्थिति में उपभोक्ताओं का बिलिंग डाटा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। वर्तमान स्थिति में गुना वृत्त अंतर्गत कुल 10 एम.आर.आई. मशीन उपलब्ध हैं, एम.आर.आई. मशीन को केबिल द्वारा मीटर से कनेक्ट/जोड़कर कर उक्त मीटरों का वास्तविक डाटा प्राप्त किया जाता है। उक्त डाटा को मीटर डाटा कंपनी के सॉफ्टवेयर द्वारा कम्प्यूटर में बिलिंग एवं विशलेषण हेतु संग्रह किया जाता है। उक्त संकलित डाटा को ए.एम.आर. सेल भोपाल कार्यालय को ऑटोमेटिक बिलिंग हेतु प्रेषित किया जाता है। प्रश्नाधीन अवधि में एम.आर.आई. मशीन से 10 किलोवॉट से अधिक के नोन ए.एम.आर. एवं ए.एम.आर. फैलुअर उपभोक्ताओं का बिलिंग डाटा प्राप्त करने का कार्य किया गया। तहसील गुना, बमोरी, राघौगढ़, चाचौड़ा, कुंभराज एवं आरोन अंतर्गत क्रमश: 228, 17, 33, 38, 14 एवं 27 उपभोक्ताओं की एम.आर.आई. की गई है।
जमीन का विक्रय रद्द किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
164. ( क्र. 1969 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले के भिण्ड नगर में दानवीर श्री भूताजी द्वारा व्यापार मेला को विकसित करने के लिए जो भू-खण्ड दान नगरपालिका भिण्ड को दिया गया था, उक्त भू-खण्ड किस आधार पर म.प्र. गृह निर्माण मण्डल को कार्यालय खोलने के लिए हस्तांतरित की गई तथा किस नियम प्रक्रिया के तहत उक्त कार्यालय को निजी स्वामित्व को बेचा गया? (ख) क्या नगरपालिका परिषद् द्वारा प्रस्ताव पारित कर म.प्र. गृह निर्माण मण्डल को हस्तांतरित भू-खण्ड का आंवटन रद्द कर दिया गया था। एक स्वशासी निकाय की सम्पत्ति को दूसरे व्यावसायिक संस्था को किसकी मंजूरी से दिया गया, जमीन की नोड्यूस बदलने का कार्य किस नियम प्रक्रिया से किया गया? जानकारी देवें। (ग) क्या म.प्र. गृह निर्माण मण्डल शाखा भिण्ड जिला-भिण्ड का उप संभागीय कार्यालय निर्धारित मूल्य से कम कीमत पर बेचने का प्रस्ताव म.प्र. शासन के मंत्रि-परिषद् की मंजूरी लेकर किया गया था? यदि हाँ, तो समस्त दस्तावेज उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो उक्त क्रय-विक्रय को रद्द कर म.प्र. शासन की क्षतिपूर्ति के लिए पुनः विचार करें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के प्रश्नों के उत्तर समस्त दस्तावेज सहित समय-सीमा में उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) वर्तमान मेला ग्राउण्ड की भूमि, जो 18 बीघा 10 बिस्वा है, को नगर पालिका परिषद् भिण्ड द्वारा तत्समय संबंधित कृषकों तथा औकाफ विभाग को मुआवजा देकर अधिगृहीत की गई थी। उक्त भूमि अधिगृहीत किये जाने के साक्ष्य स्वरूप न्यायालय श्री रा.प्र. खरे, अपर कलेक्टर एवं भूमि संपादन अधिकारी मण्डल भिण्ड के द्वारा प्रकरण कमांक 250/62 भू.स. पारित आवार्ड दिनांक 24.01.1964 उक्त आवंटित भूमि में से 11000 वर्गफिट भूखण्ड परिषद् संकल्प क्रमांक 82, दिनांक 04 06.2003 की स्वीकृति के आधार पर समूल्य म.प्र. गृह निर्माण मण्डल को कार्यालय खोलने हेतु विक्रय की गई, जिसके विक्रय की कार्योत्तर स्वीकृति म.प्र. शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग के आदेश क्र. एफ-8-02/2011/ 18-2. दिनांक 28.12.2011 से प्राप्त हुई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) निकाय द्वारा भूखण्ड का आवंटन रद्द नहीं किया गया। नगर पालिका द्वारा उक्त भूखण्ड नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 109 के अंतर्गत शासन स्वीकृति से विक्रय के प्रावधानों के तहत सर्वे क्रमांक 2501, 2511 में से 11000 वर्गफीट भूमि रूपये 1022304/- (दस लाख बाईस हजार तीन सौ चार) में विक्रय की गई, जिसकी शासन से कार्योत्तर स्वीकृति प्राप्त की गई है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित अनुसार निकाय के दस्तावेज कमशः भूमि संपादन अवार्ड दिनांक 24.01.1964, परिषद् संकल्प क्रमांक 82, दिनांक 04.06.2003, नगरीय प्रशासन से भूमि विक्रय की कार्योत्तर स्वीकृति दिनांक 28.12.2011 एवं नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 109 की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
मार्ग की गुणवत्ता की जांच
[लोक निर्माण]
165. ( क्र. 1970 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड जिले की मेहगाँव, गौना, सिकाहरा, विलाव मार्ग का निर्माण 48 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है, निर्माण कार्य में घटिया मटेरियल व विभागीय तकनीकी स्टाफ द्वारा गुणवत्ता को धता बताते हुए निम्न गुणवत्ता से निर्माण के कारण सड़क मार्ग पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है। क्या इसकी जिम्मेदारी विभाग द्वारा सुनिश्चित होगी? (ख) क्या उक्त सड़क मार्ग का निर्माण करने वाली एजेंसी द्वारा विभाग के द्वारा तय किये मानकों पर कार्य न करते हुए गुणवत्ताहीन कार्य किया है, जिसमें विभाग के तकनीकी दल द्वारा भी अपनी भूमिका का निर्वाह नहीं किया गया? (ग) क्या उक्त मार्ग के तकनीकी गुणवत्ता हेतु प्राधिकृत अधिकारी द्वारा निर्माण एजेंसी से मिलीभगत कर शासन के करोड़ों रुपये की राशि का गबन किया है, यदि हाँ, तो दोषी एजेंसी व अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही होगी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) और (ग) में वर्णित प्रश्नों में समय-सीमा भी बताएं।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। मार्ग निर्माण लागत रू. 48 करोड़ नहीं अपितु रू. 38.83 करोड़ है। जी नहीं। शेष का प्रश्न नहीं उठता। (ख) एवं (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही नहीं उठता। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही नहीं उठता।
सड़क निर्माण में अनियमितताएं
[लोक निर्माण]
166. ( क्र. 1977 ) श्री सतीश मालवीय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले के बड़नगर, सुंदराबाद, खरसौद कलॉ, उन्हेल एवं रुनिजा, सतरुंडा, खाचरोद मार्ग की सड़क मध्यप्रदेश सड़क निगम विकास (एम.पी.आर.डी.सी.) द्वारा लोक निर्माण विभाग को कब एवं क्यों स्थानान्तरित किया गया था? सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त सड़क मार्ग पर रिन्युवल कार्य (मरम्मत कार्य) की निविदा की सम्पूर्ण जानकारी मय वर्क ऑर्डर एवं निर्माण कार्य एवं निर्माण एजेंसी को किए गए भुगतान की जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में उक्त सड़क के रिन्यूवल (मरम्मत) कार्य के समय किन-किन अधिकारियों द्वारा उक्त सड़क का कब-कब निरीक्षण किया गया? निरीक्षण की रिपोर्ट एवं निरीक्षण के दौरान पायी गयी कमियाँ एवं निर्माण कार्य के उपयोग में की जा रही सामग्री मय टेस्टिंग रिपोर्ट सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) उक्त सड़क मार्ग निर्माण में लायी गयी डामरीकरण सामग्री की गुणवत्ता संबन्धित दस्तावेज़ प्रस्तुत करें। (ड.) उक्त सड़क का निर्माण करने वाली एजेंसी द्वारा उज्जैन संभाग में विगत 02 वर्ष में कहाँ-कहाँ और कुल कितना सड़क निर्माण का कार्य किया गया है अथवा किया जा रहा है? उक्त सड़कों के निर्माण में कितना भुगतान किया गया है? सड़कवार जानकारी देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) उज्जैन जिले के बड़नगर, सुंदराबाद, खरसौद कलॉ, उन्हेल एवं रूनिजा, सतरूंडा, खाचरोद मार्ग की सड़क म.प्र. सड़क विकास निगम (एम.पी.आर.डी.सी.) द्वारा लोक निर्माण विभाग को दिनांक 09.12.2022 को हस्तांतरित की गई तथा विभाग द्वारा दिनांक 06.02.2023 को उक्त मार्ग का हस्तांतरण लिया गया, मार्ग पर प्रचलित अनुबंध की डी.एल.पी. (डिफेक्ट लाईबिलिटी पीरियेड) दिनांक 27.03.2022 को समाप्त होने के कारण तथा मुख्य जिला मार्ग श्रेणी के होने से लोक निर्माण विभाग को स्थानांतरित किए गए। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 एवं ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब एवं ''3'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-स अनुसार है।
नगर निगम द्वारा कर वसूली
[नगरीय विकास एवं आवास]
167. ( क्र. 2006 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में भोपाल नगर निगम के अन्तर्गत किस-किस वार्ड में कितनी-कितनी राशि विभिन्न करों के रूप में वसूली गई और उनका व्यय किस प्रकार किया गया? वार्डवार बतावें। (ख) वर्ष 2018-19 से 2019-20 तक सपंत्तिकर अन्तर्गत जैसे (समेकित कर, अनिवार्य समेकित कर, शिक्षा उपकर, जल अभिकर, उपभोक्ता कर, नगरीय विकास कर, व्यावसायिक लायसेंस कर) आदि में किस-किस दर पर कितनी-कितनी राशि वसूली गई तथा 2022-23 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में किस-किस दर पर कितनी-कितनी राशि वसूली गई? वार्डवार बतावें। (ग) क्या शासन नगरीय निकायों में विभिन्न प्रकार के करों के रूप में वसूली गई राशि का मुख्यालय कोटे के रूप में स्थानीय विधायकों की अनुशंसा अनुसार 50 प्रतिशत राशि विकास कार्यों हेतु व्यय किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो इस पर विचार किया जावेगा? जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम (वित्त एवं लेखा) नियम 2018 एवं मध्यप्रदेश नगर पालिका (वित्त एवं लेखा) नियम 2018 में इस संबंध में कोई प्रावधान नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कोरोना काल में स्थगित विद्युत राशि की वसूली
[ऊर्जा]
168. ( क्र. 2007 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दूसरे कोरोना काल में विद्युत बिल की राशि स्थगित किये जाने की घोषणा माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई थी? यदि हाँ, तो क्या कुछ उपभोक्ताओं से स्थगित राशि वसूली गई है? यदि हाँ, तो भोपाल शहर में कितने लोगों की स्थगित राशि माफ की गई है तथा कितनों से वसूली गई? उनकी संख्या एवं राशि की जानकारी जोनवार अवगत करावें। (ख) भोपाल शहर स्थित विभिन्न उद्योगों पर वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में कितनी-कितनी राशि बकाया है? उनकी संख्या एवं राशि की जानकारी तथा भोपाल शहर के कितने विद्युत घरेलू उपभोक्ताओं पर कितनी-कितनी राशि बकाया है, उनकी संख्या एवं राशि की तुलनात्मक जोनवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में विद्युत किस औसत दर से क्रय की जा रही थी और किस औसत दर पर उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराई जा रही थी? इसी प्रकार वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में किस औसत दर पर क्रय की जा रही है और किस औसत दर से उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराई जा रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राज्य शासन के आदेश दिनांक 27.08.2020 के द्वारा कोरोना महामारी को दृष्टिगत रखते हुए 01 किलोवॉट तक के संयोजित भार वाले समस्त घरेलू उपभोक्ताओं के देयकों की दिनांक 31 अगस्त, 2020 तक की मूल बकाया राशि एवं अधिभार की वसूली को आस्थगित कर, उक्तानुसार आस्थगित बकाया राशि के संबंध में पृथक से निर्देश जारी किये जाने का निर्णय लिया गया था। राज्य शासन के आदेश दिनांक 16.11.2021 के द्वारा उक्त उपभोक्ताओं को दिनांक 31.08.2020 की मूल बकाया राशि एवं अधिभार की आस्थगित राशि के भुगतान में राहत देने के उद्देश्य से ''समाधान योजना'' लागू की गई थी। उक्त योजना अंतर्गत उपभोक्ताओं से आस्थगित राशि के विरूद्ध राशि जमा करवायी गयी। तदोपरान्त राज्य शासन के आदेश दिनांक 06.04.2022 के द्वारा प्रदेश के निम्न आय वर्ग वाले घरेलू उपभोक्ताओं को कोरोना काल में आस्थगित किए गए बिलों के भुगतान में आ रही कठिनाईओं के दृष्टिगत इन उपभोक्ताओं को राहत देने के उद्देश्य से आस्थगित राशि की माफी हेतु ''मुख्यमंत्री विद्युत बिलों में राहत योजना, 2022'' लागू की गई थी। भोपाल शहर के अंतर्गत कुल 157276 उपभोक्ताओं के विरूद्ध रू. 14683.73/- लाख की राशि आस्थगित की गई थी, जिसमें से कुल 16231 उपभोक्ताओं से रू. 471.45/- लाख की राशि वसूल की गई थी। तदोपरान्त ''मुख्यमंत्री विद्युत बिलों में राहत योजना 2022'' के तहत 155158 उपभोक्ताओं के आस्थगित देयकों की राशि रू. 14020.36/- लाख (जिनमें वसूली गई राशि भी शामिल है) को माफ कर दिया गया है। भोपाल शहर के अंतर्गत आस्थगित बिलों के संदर्भ में उपभोक्ताओं की संख्या एवं आस्थगित की गई राशि तथा इनके विरूद्ध वसूली गई राशि एवं माफ की गई राशि का जोनवार विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। ''मुख्यमंत्री विद्युत बिलों में राहत योजना 2022'' में वर्णित दिशा-निर्देशों में निहित प्रावधान यथा ''स्थाई रूप से विच्छेदित उपभोक्ताओं को योजना का लाभ लेने एवं पुन: कनेक्शन संयोजित कराने हेतु विद्युत प्रदाय संहिता के प्रावधानों के अनुसार औपचारिकताएं पूर्ण करने की अनिवार्यता'' को पूर्ण न करने के कारण 2118 स्थाई रूप से विच्छेदित कनेक्शनों के आस्थगित देयक (कुल राशि रूपये 663.37 लाख) माफी हेतु अपात्र पाये गए हैं, अत: उनकी राशि माफ नहीं की गई, जिसका जोनवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) भोपाल शहर स्थित विभिन्न उद्योगों एवं घरेलू उपभोक्ताओं पर वित्तीय वर्ष 2018-19 (दिनांक 31-03-2019 की स्थिति) में एवं प्रश्न दिनांक की स्थिति में उपलब्ध माह जनवरी-2025 के आर-15 प्रतिवेदन के अनुसार बकाया राशि की जोनवार तुलनात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ग) वर्ष 2018-19 एवं वर्ष 2019-20 में समस्त ऊर्जा स्त्रोतों से विद्युत क्रय करने की औसत दर क्रमश: रूपये 3.42 एवं रूपये 3.64 प्रति यूनिट थी। इसी प्रकार वर्ष 2022-23 एवं वर्ष 2023-24 में विद्युत क्रय की औसत दर क्रमश: रूपये 3.75 एवं रूपये 3.77 प्रति यूनिट है। प्रदेश में विद्युत दरों का निर्धारण, म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा किया जाता है एवं तद्नुसार आयोग द्वारा प्रतिवर्ष जारी टैरिफ आदेश के अंतर्गत विभिन्न श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं हेतु दरों का निर्धारण किया जाता है। तद्नुसार वर्ष 2018-19, वर्ष 2019-20, वर्ष 2022-23 एवं वर्ष 2023-24 में उपभोक्ताओं को म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के अंतर्गत निर्धारित दरों पर विद्युत उपलब्ध कराई गई है, उक्त टैरिफ आदेशों के संबंधित पृष्ठों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है।
धमसा-धनौली मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
169. ( क्र. 2026 ) श्री केशव देसाई : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले की गोहद विधानसभा के धमसा-धनौली मार्ग का निर्माण पी.डब्ल्यू.डी. द्वारा कराया जा रहा है, जो बहुत ही घटिया तरीके से किया जा रहा है। इसकी जांच के लिए क्या प्रश्नकर्ता द्वारा कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग संभाग भिंड को पत्र क्रमांक 299/25 दिनांक 27.01.2025 लिखा गया था? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित प्रश्नकर्ता के पत्र पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? अगर नहीं की गई तो क्यों नहीं की गई? इसमें कौन दोषी अधिकारी हैं? क्या दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही होगी या नहीं? नहीं होगी तो क्यों नहीं और होगी तो कब तक? (ग) प्रश्न दिनांक तक मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन भोपाल को प्रेषित प्रश्नकर्ता के पत्र क्र 309/25 दिनांक 04.02.2025 पर क्या कार्यवाही हुई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ, कार्य गुणवत्तापूर्वक कराया जा रहा है। जी हाँ। (ख) माननीय विधायक महोदय की पृच्छा अनुसार उनके पत्र पर कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग संभाग भिण्ड के पत्र दिनांक 14.02.2025 द्वारा उनके समक्ष गुणत्ता परीक्षण कराये जाने हेतु तिथि निर्धारित करने हेतु लेख किया गया है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। माननीय विधायक महोदय द्वारा तिथि का निर्धारण करने पर उनके समक्ष कार्य की गुणवत्ता का परीक्षण किया जा सकेगा। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार कार्यवाही की गई है।
पेट्रोल-डीजल की खपत की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
170. ( क्र. 2027 ) श्री केशव देसाई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद् मालनपुर द्वारा दिनांक 01.01.2023 से 17.02.25 तक प्रत्येक महीना में कितना डीजल एवं पेट्रोल किस पेट्रोल पंप से खरीदा है उस डीजल का कहाँ-कहाँ कितना-कितना उपयोग किया है? खरीदे गये डीजल का बिल एवं वाउचर और लॉक बुक सहित जानकारी दी जावे? (ख) नगर परिषद् मालनपुर के CMO द्वारा लगातार 1 लाख रुपए से कम की फाइलों को तैयार कर अपने चहेते लोगों को काम कर, लाभ पहुंचाया जा रहा है व नगर पालिका अधिकारी द्वारा 20000/- (बीस हजार रुपए) से कम की नोटशीट तैयार कर भ्रष्टाचार किया जा रहा है? क्या इसकी जांच टीम गठित कर की जावेगी? अगर नहीं की जावेगी तो क्यों नहीं और की जावेगी तो कब तक? जानकारी दी जावे। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा सी.एम.ओ. मालनपुर के द्वारा की जा रही लगातार लापरवाही के संबंध में भिंड कलेक्टर को लिखे गए पत्र क्रमांक 291/2024 दिनांक 24.12.24 पर सीएमओ के विरुद्ध आज दिनांक तक क्या कार्रवाई हुई? जानकारी दी जावे। (घ) नगर परिषद् मालनपुर द्वारा दिनांक 01.01.23 से 17.02.25 तक कराए गए सी.सी. रोड निर्माण, एवं नाला निर्माण, पार्क एवं अन्य निर्माण कार्य गुणवत्ताहीन हो रहे हैं। घटिया सामग्री का उपयोग कर निर्माण कराया जा रहा है। क्या मध्यप्रदेश शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास ग्वालियर चंबल संभाग ग्वालियर निर्माण कार्य गुणवत्ता परीक्षक चलित प्रयोगशाला के द्वारा कितने सैंपल भरे गए व कितने सैंपल सही पाए गए एवं कितने गलत पाए जाने पर क्या कार्रवाई हुई? उन सैंपलों को जांच हेतु किस प्रयोगशाला में भेजा गया? सैंपल भरने के दौरान खींचे गए फोटो, लोकेशन सहित दी जावे। अगर सैंपल नहीं भरे गए तो क्यों नहीं भरे गए? इसके लिए कौन दोषी है व दोषी अधिकारियों पर क्या कार्रवाई होगी? जानकारी दी जावे।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) दिनांक 01.01.2023 से 17.02.2025 तक प्रत्येक माह में डीजल एवं पेट्रोल का क्रय मे. कमला रामसंस मालनपुर से किया गया है, डीजल के उपयोग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है। खरीदे गये डीजल का बिल, बाउचर एवं लॉग बुक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) माननीय विधायक द्वारा भिण्ड कलेक्टर को लिखे गये पत्र क्र. 291/2024 दिनांक 24.12.2024 के तारतम्य में सी.एम.ओ. मालनपुर को पत्र क्र./डूडा/2025/07 भिण्ड दिनांक 03.01.2025 के माध्यम से कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया। (घ) जी नहीं, नगर परिषद् मालनपुर द्वारा कराये जा रहे सी.सी. रोड निर्माण, पार्क निर्माण, एवं अन्य निर्माण का कार्य प्राक्कलन की स्वीकृति उपरांत निर्माण कार्य में मानव गुणवत्ता की सामग्री का उपयोग किया गया है। जी हाँ, मध्यप्रदेश शासन, नगरीय प्रशासन एवं विकास ग्वालियर/चंबल संभाग ग्वालियर निर्माण कार्य गुणवत्ता परीक्षक चलित प्रयोगशाला के द्वारा 06 सैंपल भरे गये और सभी सैंपल सही पाये गये। उन सैंम्पलों को परीक्षण हेतु स्मार्ट सिटी में भेजा गया। सैंम्पल भरने के दौरान लिये गये फोटो लोकेशन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "स" अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
एस.पी.वी. भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (बी.सी.एल.एल.) की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
171. ( क्र. 2031 ) श्री चैन सिंह वरकड़े : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बी.सी.एल.एल. द्वारा सिंतबर 2015 से अक्टूबर 2024 तक विभिन्न निविदाओं में असंचालित बसों एवं अन्य मदों में जो पेनल्टी अधिरोपित की गई का निविदाकार, बस क्रमांक, पेनल्टी राशि, सूचना पत्र क्रमांक (जिस पत्र द्वारा पेनल्टी अध्यारोपित की गई) का गौशवारा बनाकर मय दस्तावेज, नोटशीट प्रदाय करें। बैलेन्स शीट के आधार पर प्रश्न दिनांक तक किस निविदाकार की राशि समायोजित की गई, किसकी राशि बकाया है, का निविदाकार गौशवारा बनाकर मय सम्पूर्ण दस्तावेज प्रदाय करें। (ख) बी.सी.एल.एल. द्वारा मार्च 2024 में आर.टी.ओ. भोपाल को जमा किए गए टैक्स का विवरण, इंटरसिटी टेक्स एवं स्पेयर टेक्स की राशि का समय अवधि एवं बस क्रमांक के आधार पर पृथक-पृथक गौशवारा बनाकर मय समस्त दस्तावेज, पत्राचार, नोटशीट एवं पेमेन्ट रिसिप्ट प्रदाय करें। (ग) बी.सी.एल.एल. द्वारा संचालित जे.एन.एन.यू.आर.एम. बसों का आर.टी.ओ. भोपाल में कुल कितनी राशि का भुगतान किस-किस वर्ष में किया गया था, कितनी बसों का किया गया था, किस माध्यम से किया गया था? बस क्रमांकवार राशि, कितनी समय अवधि का स्पेयर टैक्स, स्क्रेप वैल्यू का गौशवारा बनाकर मय दस्तावेज, पेमेन्ट रिसिप्ट प्रदाय करें! (घ) क्या निविदाकार प्रसन्ना परपल एवं केपीटल रोडवेज द्वारा संचालित बसें जे.एन.एन.यू.आर.एम. स्कीम के तहत आती है, हाँ अथवा नहीं? यदि हाँ, तो क्या आयुक्त नगरीय प्रशासन द्वारा दिनांक 09.05.2015 को रिफर्बिशमेंट से संबंधित एस.पी.वी. को जे.एन.एन.यू.आर.एम. के अंतर्गत आदेश जारी किया था? हाँ अथवा नहीं। क्या दोनों निविदाकारों के लिए रिफर्बिशमेंट की निविदा जारी की गई? हाँ अथवा नहीं। निविदाओं की छायाप्रति प्रदान करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
बी.सी.एल.एल. की बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक
[नगरीय विकास एवं आवास]
172. ( क्र. 2032 ) श्री चैन सिंह वरकड़े : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की 40वीं बोर्ड बैठक दिनांक 30/09/2024 के एजेण्डों के तहत समय अवधि में की गई कार्यवाही या क्यों नहीं की गई का कारण, कब तक की जाएगी की समय अवधि एवं एजेण्डा बिन्दु क्रमांक के आधार पर गौशवारा बनाकर मय समस्त नोटशीट, दस्तावेज की छायाप्रति प्रदान करें। क्या बोर्ड के निर्णय पर अधिकारी एवं कर्मचारी को समय-सीमा में कार्यवाही करना अनिवार्य है? हाँ अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतायें। क्या अधिकारी/कर्मचारी बोर्ड से सर्वोपरि है? हाँ अथवा नहीं? (ख) उपरोक्त बोर्ड के बिन्दु क्रमांक 9 से संबंधित पत्र कब जारी हुआ? पत्र की छायाप्रति प्रदान करें। इसी बिन्दु में किस अधिकारी/कर्मचारी पर विलम्ब की जिम्मेदारी तय की गई, का नाम एवं पद बताएं। यदि बोर्ड के निर्देश के उपरान्त भी नहीं की गई तो क्यों नहीं की गई? कारण बताएं एवं कब तक की जाएगी? समय अवधि बताएं। (ग) क्या बी.सी.एल.एल. को निविदा 183 के तहत सरकारी विभाग से राशि प्राप्त हुई है? हाँ अथवा नहीं? यदि हाँ, तो कितनी? क्या बिना सरकारी विभाग से राशि प्राप्त कर निविदाकार को भुगतान किया गया है? हाँ अथवा नहीं? यदि हाँ, तो किस आधार पर मय दस्तावेज कारण बताएं। 07/03/2024 से निविदा 183 की सम्पूर्ण जानकारी निविदा, नोटशीट एवं समस्त दस्तावेज, पत्राचार की छायाप्रति प्रदान करें। (घ) बी.सी.एल.एल. की निविदा 147 के तहत कितने बस स्टॉप बनाने थे, कितने बने, की पूर्ण जानकारी प्रदाय करें। यदि पूरे नहीं बने तो किस अधिकारी/कर्मचारी की लापरवाही है, का नाम एवं पद बताएं। उपरोक्त अनुबंध अनुसार विज्ञापन से रॉयल्टी कितनी आनी थी और कितनी आई, विभाग को कितना नुकसान हुआ, का गौशवारा मय दस्तावेज प्रदाय करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
नगर पालिका में नियम का पालन
[नगरीय विकास एवं आवास]
173. ( क्र. 2046 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 71 के तहत आहूत बैठक जो दिनांक 18.12.2022 को लोक निर्माण उद्यान यांत्रिकी विभाग ने आहूत की जो कि, धारा 62 की कार्यवत्त पुस्तिका प्रकरण क्रमांक 1 लगायत 32 पारित करने का संकल्प पी.आई.सी. व परिषद् में रखे जाने का निर्णय लिया गया, जबकि धारा 70 की पी.आई.सी. की आहूत बैठक दिनांक 13/12/2022 को प्रकरण क्रमांक 1 लगायत 32 पूर्व में ही पारित कर दिये गये, जिसमें प्रस्ताव पहले धारा 70 में पारित कर लिये और धारा 71 की विभागीय समिति में बाद में लाये गये। मंत्री महोदय यह बतायें कि धारा 70 एवं 71 का नगरपालिका अध्यक्षा ने किन नियमों का पालन किया अथवा नहीं? जानकारी से अवगत करावें। (ख) क्या दिनांक 10/08/2022 से दिनांक 15/02/2025 तक नगरपालिका परिषद् नागदा द्वारा राशि 5, 00, 000/- पांच लाख रूपये से अधिक के भुगतान किन-किन कार्यों/सामग्री क्रय करने हेतु भुगतान किया गया है? वर्षवार, कार्यवार, नगद भुगतान/चेक द्वारा किये भुगतान की जानकारी से अवगत करायें। (ग) मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 54 के अंतर्गत परिषद् के सामान्य कामकाज संचालन प्रक्रिया के तहत नगरपालिका अध्यक्षा ने पिछले एक वर्ष में दो ही बैठक आहूत की गई है। अंतिम बैठक दिनांक 08/08/2024 को सम्पन्न हुई थी, लेकिन आज दिनांक तक परिषद् की बैठक न बुलाने का क्या कारण है? मध्यप्रदेश नगरीय निकाय की पठित धारा 355 एवं 356 का उल्लंघन किया जा रहा है या नहीं। (घ) नागदा नगरपालिका परिषद् म.प्र. नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 51, धारा 53, धारा 54, धारा 59, धारा 62, धारा 69, धारा 70, धारा 71, धारा 81, का राज्य शासन की पठित धारा 355 तथा 356 द्वारा प्रदत्त शक्तियों की अनदेखी कर प्राधिकारी अधिकारी सी.एम.ओ. धारा 92 के अंतर्गत मुख्य नगरपालिका अधिकारी के विशेष कृत्य एवं अधिकार का दुरूपयोग कर वित्तीय राजस्व की चूक की जा रही है। उक्त धाराओं के अधीन नगरपालिका संचालित हो रही है अथवा नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा नियम 70 एवं 71 का पालन किया जाता है। दिनांक 13/12/2022 को पी.आई.सी. में रखे विषय 1 से 32 तक नियमानुसार पारित किए गए है। उक्त समिति के सभापति द्वारा अध्यक्ष नगर पालिका को सहमति प्रदान करने से पी.आई.सी. की बैठक में प्रस्ताव पारित किए गए है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) नगर पालिका परिषद् नागदा की परिषद् की अंतिम बैठक दिनांक 08/08/2024 को सम्पन्न हुई है। उसके पश्चात अध्यक्ष द्वारा बैठक की तिथि निर्धारित नहीं करने से बैठक आहूत नहीं की जा सकी। मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा दिनांक 12/02/2025 को परिषद् की बैठक आहूत किये जाने हेतु अध्यक्ष को पत्रावली प्रस्तुत की है। (घ) जी नहीं। नगर पालिका परिषद् नागदा द्वारा अधिनियम की धाराओं का पालन किया जाकर ही कार्य किया जा रहा है।
शिकायतों पर की गई कार्यवाही
[लोक निर्माण]
174. ( क्र. 2061 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत संचालित संस्थाओं के अनुसार विगत तीन वित्तीय वर्ष से प्रश्नांकित अवधि तक कौन-कौन सी योजनाओं में, किन किन निर्माण-विकास एवं अन्य निर्माण कार्य हेतु विभिन्न मदों से कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है? योजनावार, मदवार, कार्य के नाम, कुल स्वीकृत राशि, तकनीकी स्वीकृति, प्रशासकीय स्वीकृति, निविदा कार्यादेश सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं में आवंटित राशि के विरूद्ध कितनी राशि व्यय की गई? कितनी राशि शेष है तथा शेष राशि का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा? योजनावार, मदवार, कार्य के नाम सहित जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) क्या गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य, अनियमितता, लापरवाही एवं विकास कार्य एजेंसियों, ठेकेदार, फर्मों को किये गये भुगतान में अनियमितता के संबंध जिला अनूपपुर में पदस्थ प्रभारी कार्यपालन यंत्री देवेन्द्र कुमार कोष्ठा, अनुविभागीय अधिकारी दिवाकर प्रसाद द्विवेदी, संभागीय लेखाधिकारी नंदकिशोर कुमार के विरूद्ध में शिकायतें प्राप्त हुई हैं? शिकायत में कौन-कौन सी अनियमितता दर्शायी गई हैं? शिकायत का विवरण दें तथा जांच उपरांत इन पर क्या कार्यवाही की गई? नहीं की गई तो कब तक की जायेगी? अभी तक कितनी जांचें इनके विरूद्ध लंबित हैं? उनका निराकरण कब तक कर दिया जायेगा? (घ) लोक निर्माण विभाग, शहडोल मंडल, शहडोल के प्रभारी अधीक्षण यंत्री एस.के. कुल्हाड़े एवं लो.नि. विभाग (भवन-सड़क) संभाग अनूपपुर के प्रभारी कार्यपालन यंत्री देवेन्द्र कुमार कोष्ठा की उपयंत्री से सहायक यंत्री के पद पर पदोन्नति अनुसूचित जनजाति वर्ग से हुई है। क्या ये दोनों अधिकारी इसी वर्ग से आते हैं? इसकी जांच करके बतायें कि यदि ये अधिकारी अनुसूचित जनजाति वर्ग से नहीं हैं तो इन्हें कब तक अपने मूल पद पर वापस किया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'ब-1' अनुसार है। पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ के सरल क्र. 14, 15, 16, 17, 18, 19, 20 एवं 22 के कार्य समय-सीमा में प्रगतिरत है, जिनका भुगतान कार्य होने पर किया जाता है। (ग) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार है। जांच प्रक्रियाधीन। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। जी हाँ। जाति प्रमाण-पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर पालिका के निर्माण कार्य एवं शिकायतों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
175. ( क्र. 2062 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका, बिजुरी जिला अनूपपुर अंतर्गत 1 जनवरी, 2023 से प्रश्नांकित अवधि तक निर्माण, विकास एवं अन्य कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि भिन्न-भिन्न मदों में आवंटित-स्वीकृत की गई? मदवार, निकायवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त नगरपालिका में कितने निर्माण कार्य एवं अन्य कार्य स्वीकृत-आवंटित किये गये हैं? स्वीकृति दिनांक, स्वीकृत राशि, भुगतान प्राप्तकर्ता फर्म, भुगतानकर्ता अधिकारी अथवा पदाधिकारी, कार्यपूर्णता दिनांक, ठेकेदार का नाम, भुगतान राशि सहित बतावें कि कितने कार्य पूर्ण, अपूर्ण व अप्रारंभ हैं? जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में एक लाख रूपये से कम के प्रत्येक व्यय की स्वीकृति दिनांक, भुगतान प्राप्तकर्ता का नाम, राशि व दिनांक सहित जानकारी दें व बतायें कि उक्त व्यय में लेखा नियम व शासन के दिशा-निर्देश का अक्षरश पालन किया गया है! यदि नहीं, तो विशेष जांच दल गठन कर अपव्यय व भ्रष्टाचार पर संबंधित के विरूद्ध समय-सीमा में कार्यवाही की जायेगी? (घ) बिजुरी नगर पालिका की स्वयं की एवं अन्य मद अनुसार कितनी निधि प्रश्नांकित अवधि तक विभिन्न बैंक खातों में जमा है, विवरण दें। (ड.) नगर पालिका, बिजुरी में 1 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकरण लोकायुक्त एवं अन्य जांच एजेंसियों के समक्ष जांच हेतु प्रचलित हैं, प्रत्येक का विवरण जिसमें शिकायत की कॉपी, जांच प्रतिवेदन की प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराते हुये बतायें कि किन किन पर उत्तर दिनांक तक अपराध पंजीबद्ध है तथा क्या माननीय उच्च न्यायालय ने किसी मामले में अन्य ओरोपियों का भी उल्लेख किया है? यदि हाँ, तो उन अन्य आरोपियों पर विभाग कब तक अपराध पंजीबद्ध कराकर विधिवत कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब1'' पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब2'' एवं ''ब3'' पर है। निकाय द्वारा व्यय में लेखा नियम व शासन के दिशा निर्देश का पालन किया गया है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' पर है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' पर है।
ओव्हर ब्रिज निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति
[लोक निर्माण]
176. ( क्र. 2083 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला-पांढुर्ना मुख्यालय में अमरावती रेल्वे मार्ग में ओव्हर ब्रिज निर्माण की TS 28.06.2023 को प्राप्त हो चुकी हैं? यदि हाँ, तो क्या उक्त दिनांक से वर्ष 2024 में इस तरह के कार्यों के लिए विभाग द्वारा दी गई TS में किन-किन कार्यों के लिये AS शासन द्वारा दे दी गई है, उनकी जानकारी कार्यों के नाम, लागत व दिनांक सहित जानकारी देवें। क्या उपरोक्त TS प्राप्त ब्रिज की प्रशा.स्वी. देने में ही सिर्फ शासन को बिलम्ब हो रहा है? यदि नहीं, तो शासन द्वारा उपरोक्त ब्रिज का AS कब तक जारी कर दिया जावेगा? (ख) क्या जिला-जबलपुर में निर्माणाधीन एलिवेटेड ब्रिज/फ्लाई ओव्हर एवं भोपाल में निर्मित फ्लाई ओव्हर के निर्माण में की गई/की जा रही तकनीकी/ड्राइंग-डिजाइन में गड़बड़ी की जांच हेतु शिकायत जनप्रतिनिधियों व मजदूर संघठन द्वारा की गई है? यदि हाँ, तो इसकी जांच CTE व केंद्र सरकार के वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी से कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या जिला-सिवनी के सिवनी शहर में नगरीय-क्षेत्र के निर्माणाधीन 4-लेन कार्य को केंद्र व राज्य शासन के आगामी 50 वर्षों के विकास के विजन को ध्यान में रखते हुये आधुनिकतम, निर्धारित चौड़ाई व तकनीकी रूप से व्यवस्थित ड्रेनेज सिस्टम् वाले नाले/नाली बनाने हेतु प्रतिनिधियों व मजदूर संघ द्वारा पत्र शासन/विभाग को प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ, तो उसमें क्या कार्यवाही की गई व उक्त तरह के मार्ग निर्माण हेतु क्या शेष/अतिरिक्त राशि शासन द्वारा स्वीकृत की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ख) प्रश्नानुसार कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। जन प्रतिनिधियों एवं भारतीय मजदूर संघ जिला सिवनी के पत्र कलेक्टर सिवनी के माध्यम से प्राप्त हुये है। प्राप्त पत्र परीक्षणाधीन है।
शिवना नदी का पर्यावरणीय योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
177. ( क्र. 2151 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नमामि गंगे कार्यक्रम के अन्तर्गत मंदसौर (म.प्र.) में ''शिवना नदी के पर्यावरणीय'' उन्नयन हेतु परियोजना की स्वीकृति दिनांक, राशि एवं कार्य पूर्ण करने की समयावधि की जानकारी देवें तथा कौन-कौन से निर्माण कार्य किए जाने हैं? कार्यान्वयन एजेंसी एवं शर्तों (नियमों) सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) परियोजना के प्रारम्भ से प्रश्न दिनांक तक शर्तों का पालन किए जाने संबंधी दस्तावेज की प्रतियां उपलब्ध करावें। प्रश्न दिनांक तक निगरानी एजेन्सी की प्रत्येक मासिक, त्रैमासिक प्रगति रिपोर्ट की जानकारी उपलब्ध करावें। कार्य प्रारम्भ से प्रश्न दिनांक तक कितनी बार इफ्को टीम द्वारा मौके पर निरीक्षण कर रिपोर्ट एवं निर्देश दिये गये उनकी जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) परियोजना के प्रारम्भ से प्रश्न दिनांक तक किए गए कार्यों की सम्पूर्ण जानकारी देवें। इस कार्य में जनता द्वारा किए गए सहयोग एवं शिकायतों पर की गई सम्पूर्ण कार्यवाही की जानकारी देवें। (घ) स्वीकृत योजना पर शासन द्वारा खर्च की गई राशि का क्या उद्देश्य है एवं उद्देश्य पूरा होने की कितनी संभावना है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत मंदसौर में (म.प्र.) में शिवना नदी के पर्यावरणीय उन्न्यन हेतु परियोजना की स्वीकृति की दिनांक 21 जून 2022, राशि रु. 28.91 एवं करोड़ व कार्य पूर्ण करने की पुनरीक्षित समयावधि 31 मार्च 2025 है। योजनान्तर्गत मुख्य रूप से घाट निर्माण, सीवेज इंटरसेप्शन एवं डायवर्जन सीवर लाइन का निर्माण, ड्राई वेदर फ्लो ट्रैपिंग स्ट्रक्चर का निर्माण, चेनलिंक फेंसिंग, शमशान घाट का विकास एवं रूट जोन ट्रीटमेंट एरिया का विकास आदि कार्य किए जाने हैं। परियोजना की क्रियान्वयन एजेंसी लोक निर्माण विभाग (भवन), मंदसौर है। योजना अंतर्गत प्रस्तावित निर्माण कार्यों एवं शर्तों (नियमों) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है। (ख) परियोजना के प्रारम्भ से प्रश्न दिनांक तक राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा निर्धारित शर्तों के परिपालन में प्रत्येक मासिक, त्रैमासिक प्रगति रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाती हैं। प्रश्न दिनांक तक निगरानी एजेंसी की प्रत्येक मासिक, त्रैमासिक प्रगति रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है। कार्य प्रारम्भ से प्रश्न दिनांक तक 7 बार एप्को टीम द्वारा मौके पर निरीक्षण कर रिपोर्ट एवं निर्देश दिए गए, उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "स" अनुसार है। (ग) परियोजना के प्रारम्भ से प्रश्न दिनांक तक किए गए कार्यों की संपूर्ण प्रगति रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है। क्रियान्वयन संस्था लोक निर्माण विभाग (भवन), मंदसौर, म.प्र. से प्राप्त जानकारी की अनुसार जनता एवं शासकीय कर्मचारियों द्वारा नदी के किनारे पर फैले कचरे जैसे माला, प्लास्टिक थैलियां, कपड़े एवं गाद को साफ-सफाई करने में सहयोग प्रदान किया गया। योजनान्तर्गत मान. विधायक, म.प्र. विधानसभा श्री हरदीपसिंह डंग द्वारा एक शिकायत प्राप्त हुई जिसके निराकरण हेतु कलेक्टर जिला मंदसौर को पत्र क्र. 8894/पीएमसी/एप्को/25 दिनांक 04/02/25 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "द" अनुसार है। (घ) योजना का मुख्य उद्देश्य बुगलिया नालेसे अलावदाखेड़ी तक शिवना नदी में मिल रहे नालों के सीवेज के पानी को नदी में मिलने से रोकने व अलावदाखेड़ी में रूट जोन ट्रीटमेंट के माध्यम से पानी को ले जाकर पुनः नदी में छोड़ना है। ताकि शहर के मुख्य स्थान पशुपतिनाथ मंदिर व मुक्तिधाम आदि में पानी साफ रहे व साथ ही इस योजना अंतर्गत घाटों का निर्माण किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को दर्शनीय स्थानों का लाभ मिल सके। उपरोक्तानुसार उद्देश्य के पूर्ण होने की पूरी संभावना है।
रेल्वे मेट्रो डिपो का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
178. ( क्र. 2254 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्न क्र. 1759 दिनांक 19.12.2024 को जिला भोपाल में अरेरा हिल्स पर स्थित ग्रीन मेडोज़ कॉलोनी हेतु आवंटित भूमि के खसरे एवं रकबे में विसंगति का सुधार हेतु एकमुश्त लीज़ रेंट जमा कराने हेतु 10 मीटर छोड़कर रेलवे मेट्रो डिपो का कार्य प्रारंभ कराने एवं अन्य सभी समस्याओं के निदान हेतु प्रश्न किया गया था? सम्पूर्ण जानकारी देते हुए यह भी बताएं कि प्रश्न दिनांक तक विभागीय मंत्री जी द्वारा विधानसभा में किए गए तारांकित प्रश्न के माध्यम से चर्चा में क्या-क्या आश्वासन दिए गए थे? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर ऐसे सभी आदेशों की छायाप्रतियां प्रदाय करें, जिसके आधार पर माननीय मंत्री जी ने विधानसभा में प्रश्नों के उत्तर में जवाब दिया था? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि मंत्री जी के जवाब में प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की जा चुकी है और क्या-क्या शेष है? क्या रेलवे मेट्रो डिपो भोपाल द्वारा माननीय मंत्री जी के आश्वासनों के आधार पर कार्य किए जा रहे हैं? स्पष्ट बताएं कि मंत्री जी का आश्वासन क्या-क्या था और रेल्वे मेट्रो डिपो का निर्माण कार्य कॉलोनी से कितनी दूरी से किया जा रहा है? सम्पूर्ण जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि विधानसभा में माननीय मंत्री जी द्वारा दिए गए आश्वासन के आधार पर कार्य न करने के क्या-क्या कारण हैं? क्या विभाग उनके आश्वासनों के आधार पर कार्य करेगा तो कब तक और नहीं तो क्यों? सम्पूर्ण जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नगर पालिकाओं में पी.एस.सी. से चयनित सी.एम.ओ. की पदस्थी
[नगरीय विकास एवं आवास]
179. ( क्र. 2255 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में नगरीय निकायों में प्रभारी सी.एम.ओ. एवं पी.एस.सी. से चयनित सी.एम.ओ. को वर्तमान में पदस्थ करने के शासन ने क्या-क्या नियम बनाए हैं? कृपया ऐसे आदेशों की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि ऐसे कौन-कौन से प्रभारी सी.एम.ओ. हैं, जो जिले की नगर पालिकाओं में भी कार्यरत हैं और नगर परिषदों में भी? कृपया उनके नाम, मूल पद सहित सम्पूर्ण जानकारी प्रदाय करें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि प्रभारी सी.एम.ओ. ऐसी नगर पालिकाओं से हटाए जायेंगे, जिनके विरूद्ध गंभीर शिकायतें हैं और वे दोनों स्थानों का लाभ लेकर कार्य कर रहे है? शासन ऐसे भ्रष्ट प्रभारी सी.एम.ओ. को हटायेगा तो कब तक और मूल पद पर उन्हें कब तक कर दिया जावेगा? कृपया सम्पूर्ण जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि प्रभारी सी.एम.ओ. को हटाकर पी.एस.सी. से चयनित जो उसी जिले के नगर परिषद् में पदस्थ हैं, उन्हें जिला मुख्यालय एवं जिले की किसी अन्य नगर पालिका में सी.एम.ओ. बनाया जायेगा तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शिकायत प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
भूमि स्वामियों
को प्लाट पर
मकान बनाने की
अनुमति
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( क्र. 2 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिल्पी गृह निर्माण समिति अकबरपुर, कोलार रोड, खसरा नं.62/1/2 एवं 62/1/1 रकबा 5 एकड़, पटवारी हल्का नं. 39 राजस्व निरीक्षक मंडल-4 मिसरोद तहसील हुजूर, जिला भोपाल में प्लाट क्रमांक 36, 40 एवं अन्य की कलेक्टर महोदय द्वारा गठित जांच समिति द्वारा सम्पूर्ण जांच कर उन्हें मशीन द्वारा सीमांकन, कब्जा, पजेशन एवं तहसील में नामांतरण किया गया था। नामांतरण के पश्चात क्या भूमि स्वामियों को प्लाट पर मकान बनाने की अनुमति प्रदान की गई है अथवा नहीं? (ख) न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी तहसील हुजूर जिला भोपाल (म.प्र.) के प्रपत्र राजस्व प्रकरण क्रमांक 61/अ-2/86-87 शिल्पी हाउसिंग को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड भोपाल द्वारा अध्यक्ष श्री हयात उल्ला प्रेमी निवासी भोपाल आवेदक विरूद्ध (म.प्र. भू-राजस्व संहिता की धारा 172 (1) के अंतर्गत दिनांक 06.07.1987 को पारित आदेश में बिन्दु क्रमांक 2 में खसरा अक्स की प्रति समिति के पंजीयन की प्रति, दिनांक 15.05.1987 दिनांक 27.05.1987 दिनांक 25.09.1984 दिनांक 22.04.1987 पत्रों की प्रतियां, शिल्पी गृह निर्माण समिति, अकबरपुर का अभिन्यास/अनुमोदित ले-आउट प्लान, दिनांक 31.12.2016 के पूर्व की रजिस्ट्रियां, फार्म बी-1 एवं पी-2, ऋण पुस्तिका, खसरा अक्स, नजूल एन.ओ.सी., डायवर्सन आदेश, भू-उपयोग प्रमाण पत्र, कालोनी का अभिन्यास मय खसरा अक्सों के गूगल मानचित्र सहित उक्त समस्त दस्तावेज की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नाधीन (ख) के सभी दस्तावेज कार्यालय नगर पालिक निगम भोपाल अनाधिकृत कालोनी, प्रकोष्ठ, शाहपुरा को शीघ्र उपलब्ध करायेंगे अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
पिछड़ा वर्ग विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
2. ( क्र. 19 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश सरकार द्वारा प्रतिवर्ष 50 विद्यार्थियों का पिछड़ा वर्ग विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति योजना में चयन कर उन्हें छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2024 में मात्र 4 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दी गई, जबकि योजना में पूर्व में 15 करोड़ रू. सालाना जारी किए जाते रहे हैं। क्या इस वर्ष सिर्फ रूपये 47 लाख बजट का ही उपयोग हो पाया है? (ग) पिछड़ा वर्ग विदेश अध्ययन योजना में चयनित शेष विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति कब तक आवंटित की जावेगी?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। वर्ष 2024 में नवीन व नवीनीकरण सहित कुल 30 विद्यार्थियों को नियमानुसार वर्षवार छात्रवृत्ति स्वीकृत की गई है। चयनित विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का भुगतान निर्धारित प्रारूप में समस्त अभिलेखों/दस्तावेजों के प्राप्त होने के उपरांत नियमानुसार एवं पात्रतानुसार किया जाता है। वर्तमान में वित्तीय वर्ष में भी पूर्व की भांति राशि रूपये 15 करोड़ का आवंटन जारी किया गया है। जिसके विरूद्ध अद्यतन स्थिति में राशि रूपये 5.52 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। (ग) पिछड़ा वर्ग विदेश अध्ययन योजना में चयनित शेष विद्यार्थियों को निर्धारित प्रारूप में समस्त अभिलेखों/दस्तावेजों के प्राप्त होने पर पात्रता अनुसार छात्रवृत्ति वितरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
स्व. रामजी महाजन स्मृति पुरस्कार
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
3. ( क्र. 20 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2001 से प्रतिवर्ष पिछड़ा वर्ग के 8 पुरूष एवं 8 महिला समाजसेवियों को स्व.रामजी महाजन स्मृति पुरस्कार से सम्मानित किया जाता रहा है। (ख) क्या वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20, 2020-21, 2021-22, 2022-23 एवं 2023-24 में कोई भी पुरस्कार नहीं दिया गया। (ग) यदि हाँ, तो अभी तक समाजसेवियों से आवेदन मंगाकर उन पर विचार कर चयन सूची जारी क्यों नहीं की गई। यह पुरस्कार नियमित रूप से कब तक प्रारंभ किया जावेगा।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20, 2020-21 के समाज सेवियों से आवेदन मंगाकर ज्यूरी द्वारा समाज सेवियों का चयन किया जा चुका है। कार्यवाही प्रचलन में है।
दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों के मासिक एवं दैनिक वेतन की दर
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( क्र. 23 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर जिला कलेक्टर द्वारा प्रति छःमाही में इन्दौर जिले में शासकीय विभागों में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी श्रमिकों एवं कर्मचारियों के मासिक एवं दैनिक वेतन की दरें जिसमें परिवर्तनशील महंगाई भत्ता भी सम्मिलित है को जारी किया जाता है? क्या यह दरें अकुशल, अर्द्धकुशल, कुशल एवं उच्च कुशल कर्मचारियों हेतु जारी किए जाते है। (ख) यदि हाँ, तो क्या यह दरें नगर-निगम कर्मचारियों पर लागू नहीं होती है। निगम कर्मचारियों को इसका लाभ देर से क्यों मिलता है। (ग) नगर निगम इन्दौर के कितने अकुशल कर्मचारियों ने अर्द्धकुशल या कुशल हेतु आवेदन दिया है? उन आवेदनों पर क्या कार्यवाही की गई। इनके आवेदन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर कब तक आदेश जारी किए जावेंगे।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। श्रमायुक्त म.प्र. शासन इंदौर द्वारा प्रति छः माह में दरें लागू की जाती है। उसी आधार पर जिला कलेक्टर इंदौर द्वारा दरें लागू की जाती है। (ख) कलेक्टर, जिला इंदौर के द्वारा मासिक एवं दैनिक वेतन दरें जिसमें परिवर्तनशील महंगाई भत्ता भी सम्मिलित है, नगर निगम के कर्मचारियों पर लागू होती है। कलेक्टर, जिला इंदौर द्वारा समय-समय पर उल्लेखित अनुसार दरों संबंधी आदेश जारी किये जाते है जिसकी प्रति नगर निगम, इंदौर को प्राप्त होने के पश्चात नगर निगम, इंदौर की मेयर-इन-कॉउंसिल की स्वीकृति/पुष्टि के क्रम में लागू दिनांक से लाभ प्रदान किया जाता है। (ग) नगर पालिक निगम, इंदौर में प्रश्न दिनांक तक कुल 15 कर्मचारियों द्वारा कुशल एवं उच्च कुशल हेतु आवेदन प्राप्त हुए है। उन आवेदनों पर नियमानुसार पात्रतानुसार लाभ दिये जाने की कार्यवाही प्रचलित है।
नर्मदापुरम् में अंडर ग्राउंड सीवरेज
[नगरीय विकास एवं आवास]
5. ( क्र. 88 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका नर्मदापुरम् में अंडर ग्राउंड सीवरेज लाइन बिछाने का कार्य, किस कंपनी द्वारा कितनी लागत से कब प्रारंभ किया। उक्त कार्य कब तक पूरा करना था। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्य समय पर पुरा न होने के कारण क्या है एवं इसका उत्तरदायी कौन है। (ग) सीवर लाइन प्रोजेक्ट हेतु किस वार्ड में कौन सी सड़क कब खोदी गयी एवं किस तारीख को उक्त सड़क की रिपेयरिंग की गयी। खोदी गयी सड़क की रिपेयरिंग कितने दिन में की जाना थी एवं कितने दिन में की गयी। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अंडर ग्राउंड सीवरेज लाइन बिछाने के कार्य का अभी तक कितना भुगतान हो गया एवं कितनों को देना।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिका, नर्मदापुरम् में अण्डर ग्राउण्ड सीवरेज लाइन बिछाने का कार्य मेसर्स भुगन इंफ्राकॉन प्राइवेट लिमिटेड, अहमदाबाद (गुजरात) द्वारा किया जा रहा है। कार्य की कुल लागत राशि रूपये 1,59,40,20,367/- है जिसमें निर्माण एवं 10 वर्ष का संचालन एवं संधारण सम्मिलित है। निर्माण कार्य दिनांक 19 मई 2023 से प्रारंभ किया गया तथा दिनांक 18 नवम्बर 2024 तक पूर्ण किया जाना था। (ख) नर्मदापुरम् सीवरेज हेतु पूर्व में नियुक्त संविदाकार मेसर्स तहाल कन्सल्टिंग इंजीनियर्स द्वारा कार्य अत्यन्त धीमी गति से किया जा रहा था। अतः उनका अनुबंध दिनांक 14.07.2022 को निरस्त कर शेष कार्य के लिये निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर मेसर्स भुगन इंफ्राकॉन प्राइवेट लिमिटेड, अहमदाबाद (गुजरात) को शेष कार्य हेतु दिनांक 12.05.2023 को संविदाकार नियुक्त किया गया। पूर्व संविदाकार मे. तहाल द्वारा धीमी गति से कार्य किये जाने के कारण अनुबंध निरस्त किया गया। पूर्व संविदाकार मे. तहाल द्वारा किये गये कार्यों का स्थल पर वर्तमान संविदाकार द्वारा आंकलन, ड्राइंग डिजाइन आदि के मिलान में समय लगने के कारण विलम्ब हुआ। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) सीवरेज परियोजना के कार्य के अंतर्गत अभी तक राशि रू. 24,73,94,334/- का भुगतान किया गया है एवं शेष राशि रू. 1,34,66,26,033/- का भुगतान अनुबंध के प्रावधानों एवं संविदाकारों द्वारा किये गये कार्यों के अनुसार संविदाकार को किया जाना है।
विगत एक वर्ष में भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
6. ( क्र. 89 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत एक वर्ष में नगर पालिका, नर्मदापुरम् द्वारा किन-किन ठेकेदारों को किस मद से किन-किन कार्यों के भुगतान कब-कब किए गए। (ख) उक्त कार्य कब-कब किए गए। (ग) उक्त कार्य किन कारणों से लंबित थे। उक्त प्रत्येक भुगतान के लंबित रहने के कारणों की जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है
बैतूल जिले की बस्तियों में विद्युत कनेक्शन
[ऊर्जा]
7. ( क्र. 98 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में ऐसी कितनी बस्तियॉं हैं जिनमें विद्युत कनेक्शन नहीं है? (ख) क्या विभाग की ऐसी बस्तियों में विद्युत कनेक्शन दिये जाने की कोई योजना है? (ग) यदि हाँ, तो इन बस्तियों में कब तक विद्युत कनेक्शन प्रदान कर दिये जायेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) बैतूल जिला अंतर्गत समस्त राजस्व ग्राम एवं संसूचित मजरे/टोले/बस्तियाँ विद्युतीकृत हैं। तथापि प्रश्नाधीन जिला अंतर्गत नवीन निर्मित/मुख्य आबादी से दूर स्थित 119 बसाहटें पूर्ण/आंशिक रूप से अविद्युतीकृत हैं। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) में वर्णित 119 बसाहटों के घरों के विद्युतीकरण हेतु डी.पी.आर. (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट), केन्द्र शासन की नवीन योजना ''धरती आबा-जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान'' (DA-JGUA) के तहत प्रेषित की गई है, जिसकी स्वीकृति प्राप्त होना शेष है। अत: उक्त बसाहटों के विद्युतीकरण हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विदेश में पढ़ रहे छात्रों की छात्रवृत्ति
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
8. ( क्र. 137 ) श्री राकेश शुक्ला : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आपके विभाग द्वारा उच्च शिक्षा हेतु विदेश जाने वाले छात्रों को पिछले 2 वर्षों में कितने छात्रों को कितनी राशि प्रदान की गई। (ख) छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले छात्रों ने विदेश में किन विषयों का अध्ययन किया? (ग) कितने छात्रों को छात्रवृत्ति मंजूर होने के बाद भी वितरण नहीं किया गया है एवं उसके क्या कारण रहे। (घ) विदेश में उच्च शिक्षा हेतु सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों हेतु क्या योजना है उसकी विस्तृत जानकारी प्रदान करें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) वित्तीय वर्ष 2023-24 में आवश्यक वांछित दस्तावेजों की प्रतिपूर्ति नहीं होने के कारण 8 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का वितरण नहीं किया गया। (घ) विदेश में उच्च शिक्षा हेतु सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों हेतु विभागांतर्गत कोई योजना संचालित नहीं है।
सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
9. ( क्र. 138 ) श्री राकेश शुक्ला : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए म.प्र. शासन की कौन सी योजना हैं? (ख) इस योजना में हितग्राही को कितनी सब्सिडी किन-किन चीजों के लिए दी जाती हैं? (ग) विधायक/सांसद निधि से सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने की क्या योजना हैं?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विधायक/सांसद निधि से सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सौर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना कैपेक्स आधार पर शासकीय भवनों व सामान्य सुविधाओं में की जा सकती है।
विकास कार्यों की अद्यतन जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
10. ( क्र. 139 ) श्री राकेश शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधानसभा क्षेत्र 206 में पिछले एक वर्ष में कितने नवीन विकास कार्य स्वीकृत हुए है? स्वीकृत कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) विकास कार्यों के टेंडर किन एजेंसियों को दिए गए है? (ग) जिन कार्यों के लिए टेंडर नहीं हो पाए है उनके क्या कारण रहे, री-टेंडर की प्रक्रिया कितनी बार अपनाई गई, री-टेंडर करवाने के क्या कारण रहे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सरकारी गौ-शालाओं की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
11. ( क्र. 206 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मऊगंज जिले के मऊगंज और देवतालाब विधानसभा में कुल कितनी सरकारी गौशाला संचालित हैं? प्रत्येक गौशालावार गाय और बछड़ों की संख्या प्रश्न दिनांक तक कितनी है? (ख) गौशालाओं में चारा, भूसा की व्यवस्था के लिए मासिक या सालाना हर गौशाला को कितनी राशि आवन्टित की जा रही है? क्या हर गौशाला में गायों को पानी पीने के लिए बोर कराया गया है? अगर नहीं तो उनके पानी की व्यवस्था कैसे की जाती है? (ग) कितनी ऐसी गौशाला हैं जहां कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है? उनको हर माह कितनी राशि मानदेय के रूप में दी जा रही? अगर कर्मचारी नियुक्त नहीं हैं तो क्यों? (घ) क्या कलेक्टर ने रेस्ट हाउस में और एसपी ने लौर थाने में कलेक्टर गौशाला के नाम से उद्घाटन किया था? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक दोनों गौशालाओं में कितनी गायें हैं? अगर नहीं तो क्यों? इन दोनों गौशालाओं के प्रचार-प्रसार में कितनी सरकारी राशि का दुरूपयोग किया गया? उक्त राशि की वसूली की जाएगी या नहीं? बीते एक साल में कितनी गौशालाओं में कितनी संख्या में गौ-वंश की मृत्यु हुई है?
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) मऊगंज जिले के मऊगंज और देवतालाब विधानसभा में मुख्यमंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत 59 गौशालाएं संचालित हैं। संचालित गौशालाओं में गौशालावार गौवंश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कॉलम-6 अनुसार। (ख) वर्तमान में रू. 20/- प्रति गौवंश प्रति दिवस के मान से गौवंश के चारा भूसा के लिए गौशाला समितियों को गौशालाओं में उपलब्ध कुल गौवंश संख्या के आधार पर, राशि उपलब्ध कराई जाती है। गौशालाओं में बोर की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कॉलम-5 अनुसार। संचालित सभी गौशालाओं में बोर की व्यवस्था है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जिला मऊगंज के समस्त विकासखण्डों में संचालित शासकीय गौशालाओं में गौशाला समिति के द्वारा चौकीदार की व्यवस्था की गई है तथा उनको रखने का व्यय गौशाला समिति द्वारा वहन किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। प्रश्न दिनांक तक दोनों गौशालाओं में गौवंश की संख्या निरंक है। मऊगंज जिलों में दिनांक 04 अक्टूबर 2024 से कलेक्टर की गौशाला खोली गई है। ''कलेक्टर की गौशाला गौवंश गोद लेने'' का अभियान का नवाचार सड़क में निराश्रित गौवंश की समस्या के समाधान हेतु प्रारंभ किया गया तथा इसके अंतर्गत कलेक्टर की गौशाला खोली गई है। कलेक्टर की गौशाला की अगली कड़ी में पुलिस विभाग द्वारा भी थाना ''लौर'' जिला मऊगंज में पुलिस की गौशाला का कैम्प दिनांक 14.10.2024 को आयोजित किया गया था। जिसमें इच्छुक व्यक्तियों द्वारा गौवंश गोद लिए गए। कलेक्टर की गोशाला में गौवंश की संख्या निरंक होने का कारण यह है कि इस गौशाला में गौवंश को तत्काल गोद लेने के इच्छुक व्यक्तियों/संस्थाओं को दे दिया जाता है। गोद लेने के पहले गौवंश की टेगिंग पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों द्वारा की जाती है तथा गौवंश गोद लेने का प्रमाण-पत्र गौवंश को गोद लेने वाले व्यक्ति/संस्था को दिया जाता है। दोनों गौशालाओं के प्रचार-प्रसार में कोई भी सरकारी राशि खर्च नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। बीते एक साल में गौशाला में एक भी गौवंश की मृत्यु नहीं हुई है।
भोपाल में वक्फ एवं शत्रु संपत्तियों की जानकारी
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
12. ( क्र. 244 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भोपाल में वक्फ की संपत्ति कहाँ-कहाँ हैं विस्तृत जानकारी सूची सहित उपलब्ध करायें। (ख) भोपाल में वक्फ संपत्ति से संबंधी मध्यप्रदेश शासन की ओर से कुल कितने मामले न्यायालयों में लंबित हैं? इन मामलों में कार्यवाही या सुनवाई किस स्तर तक पहुंच चुकी है? (ग) भोपाल में घोषित की गई शत्रु सम्पत्ति की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायें एवं इन संपत्तियों पर कौन काबिज है विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायें।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) भोपाल में वक्फ सम्पत्ति की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) भोपाल में वक्फ सम्पत्ति से संबंधी न्यायालयों में लंबित मामलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) वर्तमान दर्ज अभिलेख अनुसार खसरा नं. 1680/1302 रकबा 0.846 नोईयत नजूल भूमि आबादी गोठान के कालम नं. 12 में 7240 वर्गफिट नानी की हवेली के नाम से शत्रु सम्पत्ति दर्ज है। स्थल पर भूमि खाली है।
फ्लाई ओवर ब्रिज का निर्माण
[लोक निर्माण]
13. ( क्र. 287 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर शहर की अराजक यातायात व जाम की समस्या से निजात दिलाने हेतु जनता की दीर्घ कालीन मांग गोहलपुर शहीद अब्दुल हमीद चौक (रद्दी चौकी) से लेकर डॉ.भीमराव अम्बेडकर चौक (तहसीली चौक) तक फ्लाई ओवर ब्रिज का निर्माण कराने हेतु वर्ष 2019 में (कांग्रेस शासन काल) में सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई थी? यदि हाँ, तो इस पर शासन ने कब क्या कार्यवाही की है एवं कब कितनी राशि का बजट प्रावधान किया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या प्रश्नांकित फ्लाई ओवर ब्रिज का लोक निर्माण सेतु निर्माण संभाग जबलपुर ने दिनांक 28/07/2022 को राशि 269.22 करोड़ का प्राक्कलन बनाकर स्वीकृति हेतु शासन को भेजा था? यदि हाँ, तो इस पर शासन ने कब क्या कार्यवाही की है? अभी तक प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति न देने का क्या कारण है? (ग) प्रश्नांकित मांग को लेकर एवं प्रदेश शासन की पक्षपात पूर्ण नीति के विरोध में प्रश्नकर्त्ता के नेतृत्व में दिनांक 07/12/2024 को डॉ. अम्बेडकर चौक से लेकर रद्दी चौकी तक निकाली गई जनाक्रोश रैली एवं मा.मुख्यमंत्री म.प्र.शासन के नाम भेजे गये ज्ञापन पर शासन ने क्या कार्यवाही की है? शासन उक्त फ्लाई ओवर ब्रिज का निर्माण कराना कब तक सुनिश्चित करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं। भारत सरकार, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय नई दिल्ली को प्रेषित किया गया है, स्वीकृति प्राप्त किये जाने के पश्चात अग्रिम कार्यवाही की जा सकती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) बजट में सम्मिलित नहीं होने से स्वीकृति की कार्यवाही नहीं की जा सकती। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जल प्लावन की समस्या
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( क्र. 288 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर ने शहर को जल प्लावन की समस्या से निजात दिलाने हेतु स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम प्रोजेक्ट पर कुल कितनी राशि व्यय की हैं एवं किस निर्माण ठेका एजेन्सी/कंपनी को किन शर्तों पर कब ठेका दिया था। मूल योजना के तहत शहर के कितने बड़े नालों व कितनी छोटे नाले/नालियों को सीमेंटेड करना था इसके तहत कितने बड़े नालों को कितने प्रतिशत कार्य कब से अपूर्ण/बंद पड़ा हैं एवं क्यों? ठेका एजेन्सी/कंपनी को कितनी राशि का भुगतान किया गया हैं एवं शर्तों के तहत कितनी राशि को रोका गया हैं? (ख) योजना के तहत बड़े नालों एवं छोटे नालों की सफाई, देखभाल, रखरखाव मरम्मत आदि की क्या व्यवस्था की गई है? बड़े नालों एवं छोटे नालों/नालियों की सफाई व्यवस्था पर कितनी राशि व्यय की गई हैं? वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक की वर्षवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांकित योजना के तहत नालों की क्या स्थिति हैं। ओमती नाला, मोती, शाह, खंदारी तथा उर्दना नालों से जल प्लावन की समस्या में क्या सुधार हुआ हैं। पहले की तुलना में कहां-कहां पर जल प्लावन की समस्या और बढ़ गई हैं एवं क्यों? खंदारी नाले की कब से साफ सफाई नहीं कराई गई हैं एवं क्यों? (घ) क्या शासन प्रश्नांकित योजना में किये गये भ्रष्टाचार, ठेका कंपनी को अनुचित लाभ पहुंचाने की जांच कराकर दोषी अधिकारियों/ठेका कंपनी पर कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर निगम जबलपुर क्षेत्रान्तर्गत जल प्लावन की समस्या वाले क्षेत्रों में स्टार्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम प्रोजेक्ट पर निविदा लागत राशि रूपये 374.99 करोड़ के विरूद्ध कुल राशि 364.07 करोड़ व्यय की गई है। इस कार्य हेतु निविदा आमंत्रित कर अनुबंध की शर्तों के अनुसार मेसर्स लार्सन एण्ड ट्यूब्रो लिमिटेड, चैन्नई को कार्यादेश दिनांक 09.09.2010 को जारी किया गया। अनुबंध के शर्तों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। योजना अंतर्गत 5 बड़े नाले एवं 130 छोटे नालों को सीमेंटेड करना था। सभी नालों की प्रगति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब''अनुसार है। नाला निर्माण फर्म के अनुबंधानुसार किये गये कार्य एवं एस्केलशन के भुगतान का प्रावधान होने से वर्ष 2017 में फर्म को किये जाने वाले भुगतान से कार्य में अधिक व्यय हो रहा था इस कारण एम.आई.सी. परिषद की बैठक दिनांक 18.09.2017 में निर्णय लिया गया कि एल.एण्ड टी. से अब आगे कार्य न कराया जाये। ठेकेदार को कुल राशि रूपये 364.07 करोड़ का भुगतान किया गया है। एम.आई.सी परिषद के निर्णय के क्रम में फर्म की सुरक्षा निधि एवं अमानत राशि रूपये 13.43 करोड़ बैंक गारंटी कार्यालय में जमा है। अनुबंध की शर्तानुसार कार्य के सबंध में कोई राशि नहीं रोकी गई है। (ख) योजना के अनुबंध में नालों के सफाई का कोई प्रावधान नहीं था केवल दो वर्षाकाल का डिफेक्ट लाइबलटी पीरियड शामिल था इस दौरान क्षतिग्रस्त नालों का मरम्मत/सुधार कार्य ठेकेदार से किया जाना था जिसका कोई अतिरिक्त भुगतान नहीं किया गया। बड़े नालों एवं छोटे नालों/ नालियों की सफाई व्यवस्था पर व्यय राशि का वर्ष 2020-21 से वर्ष 2024-25 विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित योजना के नालों की स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। नगर निगम जबलपुर में जल प्लावन की गंभीर समस्या कहीं भी निर्मित नहीं होती है। वर्षाकाल के दौरान कुछ स्थानों पर जल एकत्रित होता है, वह वर्षा रूकने पर नाले/नालियों के माध्यम से निकासित हो जाता है। खंदारी नाले का सफाई कार्य नियमित रूप से कराया जाता है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पशु चिकित्सालयों एवं औषधालयों में कर्मचारियों की कमी एवं पूर्ति
[पशुपालन एवं डेयरी]
15. ( क्र. 322 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र खुरई अन्तर्गत पशु चिकित्सालयों व औषधालयों में पदस्थ चिकित्सकों एवं अन्य स्टॉफ का ब्यौंरा क्या है? कितने पद कौन-कौन श्रेणी के कहाँ-कहाँ रिक्त हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार रिक्त पदों पर कब तक स्टॉफ की पूर्ति कर दी जावेगी? (ग) क्या विधान सभा क्षेत्र खुरई में विभाग की नये औषधालय खोलने की योजना है? यदि हाँ, तो कब तक?
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) विधानसभा क्षेत्र खुरई अंतर्गत 05 पशु चिकित्सालय, 01 कृत्रिम गर्भाधान केन्द्र, 11 पशु औषधालय तथा 07 उपकेन्द्र कार्यरत है। जिसमें पदस्थ स्टॉफ एवं रिक्त पदों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) चयन उपरांत पदों की पूर्ति की कार्यवाही की जाती है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रायल्टी चूकता प्रमाण-पत्र
[लोक निर्माण]
16. ( क्र. 398 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य शासन खनिज विभाग के पत्र क्रमांक एफ 14-10/2018/12-1 दिनांक 15/03/2018 एवं प्रमुख अभियन्ता पी.डब्लू.डी. निर्माण भवन भोपाल के पत्र क्रमांक 401/113/2018/715 दिनांक 25/07/2020 में रायल्टी चूकता प्रमाण पत्र एवं गौण खनिज पंजी के संबंध में क्या-क्या निर्देश दिए है। (ख) दिनांक 25/07/2020 एवं दिनांक 15/03/2018 में दिए निर्देश के अनुसार गौण खनिज पंजी में गत तीन वर्षों में किस-किस अनुबन्धकर्ता से संबंधित जानकारी और किस-किस अनुबन्धकर्ता से कितने खनिज की रायल्टी चूकता प्रमाण पत्र बैतूल, हरदा एवं होशंगाबाद जिले में प्रश्नांकित दिनांक तक लिया गया। (ग) गौण खनिज पंजी में निर्देशानुसार खनिज की मात्रा दर्ज नहीं किए जाने के लिए शासन किसे जिम्मेदार मानता है? रायल्टी चूकता प्रमाण पत्र नहीं लिए जाने के लिए शासन किसे जिम्मेदार मानता है पद व नाम सहित बतावे।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) राज्य शासन खनिज विभाग के पत्र क्रमांक एफ 14-10/2018/12-1 दिनांक 15.03.2018 एवं प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग निर्माण भवन भोपाल के पत्र क्रमांक- 401/113/2018/715 दिनांक 25.07.2020 में दिये गये निर्देश क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1', 'अ-2' एवं 'अ-3' अनुसार है। (ग) गौण खनिज पंजी संधारित है, अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता। रायल्टी चुकता प्रमाण पत्र न लिया जाकर रायल्टी की राशि राज्य शासन खनिज विभाग के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 के बिन्दु क्रमांक 4 (II) के अनुसार चलित देयकों में से समायोजित की गई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सड़क विकास कार्य में रायल्टी
[लोक निर्माण]
17. ( क्र. 399 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा प्रश्न क्रमांक 342 दिनांक 03/03/2023 में रायल्टी की राशि शासकीय खजाने में जमा करवाए जाने के संबध में निगम अंतर्गत कोई प्रावधान नहीं हैं? अनुबंधानुसार रायल्टी जमा करने की जिम्मेदारी ठेकेदार की होती है का उत्तर सदन के पटल पर प्रस्तुत किया है। (ख) यदि हाँ, तो म.प्र. शासन खनिज विभाग के पत्र क्र. एफ. 14-10/2018/12/1 दिनांक 15/03/2018 में रॉयल्टी चूकता-प्रमाण के संबध में और प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग निर्माण भवन अरेरा हिल्स भोपाल के पत्र क्र. 401/सा/विविध/113/2018/715 दिनांक 25/07/2020 में गौण खनिज पंजी बावत् क्या-क्या निर्देश दिए है? इनमें से किस-किस का पालन निगम को करना आवश्यक हैं, किस-किस का पालन करने की छूट निगम को शासन ने दी है? (ग) शासन के पत्र दिनांक 15/03/2018 से प्रश्नांकित दिनांक तक निगम ने किस-किस अनुबंधकर्ता के अंतिम बिल का भुगतान किया है, उससे रॉयल्टी चूकता-प्रमाण प्राप्त किन कारणों से नहीं किया? (घ) रॉयल्टी चूकता प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना अंतिम बिल भुगतान के लिए राज्य मंत्रालय किसे जिम्मेदार मानता है? पद व नाम सहित बातवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा उल्लेखित आदेशों का पालन किया जाता है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' के अनुक्रम में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) उत्तरांश-ग के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुख्यमंत्री कृषि पम्प योजना को पुनः प्रारंभ किया जाना
[ऊर्जा]
18. ( क्र. 432 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा पूर्व की तरह मुख्यमंत्री कृषि पंप योजना पुनः प्रारंभ करने का विचार है? यदि हाँ, तो कब से? (ख) क्या इस योजना से किसानों को अत्यधिक सुविधा होने के साथ ही लाभ हुआ था? यदि हाँ, तो खुरई विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री कृषि पम्प योजना में लाभान्वितों की संख्या का ब्यौरा क्या है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। तथापि प्रदेश में कृषकों को सिंचाई हेतु कृषि पम्प विद्युत कनेक्शन प्रदाय किये जाने हेतु वर्तमान में अनुदान आधारित ''मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना'', ''प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना'' एवं ''कुसुम-बी योजना'' संचालित है। (ख) जी हाँ। खुरई विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना के तहत कुल 394 कृषक लाभांवित हुए थे।
प्रधानमंत्री आवास योजना की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( क्र. 439 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत हरदा जिले की नगर पालिका हरदा/नगर परिषद खिरकिया क्षेत्रातंर्गत विगत 05 वर्षों में कुल कितने पात्र हितग्राहियों को योजना का लाभ प्रदान किया गया है? वार्डवार, व्यक्तिवार विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत विगत 05 वर्षों से हरदा जिले की नगर पालिका हरदा/नगर परिषद खिरकिया क्षेत्रातंर्गत कुल कितने प्रकरण पैंडिंग में है? वार्डवार, व्यक्तिवार विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) विगत 05 वर्षों में आवेदन उपरांत कितने हितग्राहियों को अपात्र किया गया? वार्डवार, व्यक्तिवार विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावे एवं कारण बतायें? (घ) वर्तमान में प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत हितग्राही को लाभ प्रदाय करने के क्या नियम व शर्तें है। विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी अंतर्गत विगत 05 वर्षों में नगर पालिका परिषद हरदा में कुल 994 एवं नगर परिषद खिरकिया में कुल 682 पात्र हितग्राहियों को लाभ प्रदान किया गया है। वार्डवार, व्यक्तिवार हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' पर है। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी अंतर्गत विगत 05 वर्षों में नगर पालिका परिषद हरदा एवं नगर परिषद खिरकिया क्षेत्रांतर्गत स्वीकृति हेतु कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। (ग) विगत 05 वर्षों में नगर पालिका परिषद हरदा में कुल 138 एवं नगर परिषद खिरकिया में कुल 157 हितग्राहियों को अपात्र किया गया है। अपात्र हितग्राहियों की कारण सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' पर है। (घ) वर्तमान में प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 अंतर्गत भारत सरकार के एकीकृत वेब पोर्टल पर ऑनलाईन आवेदन प्राप्त किये जा रहे है। दिशा-निर्देश जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' पर है।
अवैध कालोनियों के निर्माण एवं विकास को नियमित कर वैध करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
20. ( क्र. 454 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में कितनी अवैध निर्मित एवं बिना किसी अनुमति के विकसित कॉलोनियां है? उनकी सूची देवें। (ख) अवैध निर्मित कालोनियों को वैध अनुमति प्रदाय किए जाने एवं नियमित किए जाने के कौन-कौन से अधिनियम, नियम मध्यप्रदेश में लागू है? उनकी प्रतियां उपलब्ध करावे। (ग) अवैध निर्मित कालोनियों में कितने घर स्थित हैं? उन घरों में निर्धारित समझौता शुल्क का भुगतान कर कितने घर वैध कर लिए गए है? अवैध निर्मित कॉलोनी में वैध घरों की सूची उपलब्ध करावे। (घ) अवैध निर्मित कालोनियों का सर्वे कब-कब, किस-किसके द्वारा किया गया? सर्वे उपरांत डाटा कलेक्शन के आधार पर अवैध निर्मित कालोनियों को वैध करने एवं नियमित करने के लिए कब-कब शिविर लगाए गए? (ड.) उज्जैन जिले में कितने कालोनाइजरों को अवैध कॉलोनी निर्माण एवं विकास का दोषी पाया गया? उन पर शासन ने क्या-क्या कार्यवाही की? रिकॉर्ड देवें। (च) उज्जैन जिले में स्थित अवैध निर्मित कालोनियों एवं बस्तियों को कब तक वैध नियमित बनाया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) उज्जैन जिले के नगरीय क्षेत्रों की जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) नगरीय क्षेत्र में अनधिकृत रूप से विकसित कॉलोनियों को वैध अनुमति प्रदान करने अथवा नियमित किये जाने के संबंध में कोई अधिनियम/नियम लागू नहीं है अपितु म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 में निर्दिष्ट की गई अवधि के पूर्व अस्तित्व में आईं नियमानुसार चिन्हित की गई अनधिकृत कॉलोनियों में नागरिक अधोसंरचना एवं भवन निर्माण अनुमति प्रदान करने के प्रावधान रखे गये हैं। नियम 2021 की प्रति पुस्तकालय रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। अनधिकृत कॉलोनियों को वैध या नियमित करने के प्रावधान न होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जानकारी पुस्तकालय रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (च) उत्तरांश (ख) की जानकारी अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है यद्यपि जिले के नगरीय निकायों में म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 में विहित प्रक्रिया के अनुसार चिन्हित की गई अनधिकृत कॉलोनियों में नागरिक अधोसंरचना प्रदान करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
गौशालाओं अनुदान घोटाला
[पशुपालन एवं डेयरी]
21. ( क्र. 456 ) श्री महेश परमार : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1533 दिनांक 01 मार्च 2021 को गोवंश की घटती हुई संख्या के सम्बन्ध में सवाल पूछा था? (ख) क्या श्री नंदराज गौ धाम गौ शाला उज्जैन में रजिस्टर में दर्ज 1074 में से सिर्फ 530 गाय गोशाला में पाई गई शेष 544 गाय गोशाला से गायब पाई गई? क्या प्रति गाय रोज 20 रुपए प्रतिदिन श्री नंदराज गौ शाला ने अनुदान प्राप्त किया था? यदि हाँ, तो इस अनुदान घोटाले के लिए कौन-कौन जवाबदार है? (ग) क्या शासन का मुख्यमंत्री गौसेवा योजना में वर्ष 2019-20 में 1000, वर्ष 2020-2021 में 2365 गौ शालाएं स्थापित करने का लक्ष्य था? यदि हाँ, तो वर्तमान में कितनी गौ शालाएं स्थापित होकर क्रियाशील हैं? उनमें कितनी-कितनी गौ वंश की संख्या हैं? कितना-कितना अनुदान प्रतिवर्ष शासन कब से कितनी राशि प्रदाय कर रही हैं? वर्षवार स्थापना से प्रश्न दिनांक तक अनुदान राशि एवं उपस्थिति की जानकारी देवें। (घ) गौ संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत कब-कब, किन-किन के द्वारा उज्जैन जिले में समस्त गौ शालाओं का निरीक्षण किया गया तथा कहां-कहां कितनी-कितनी गौ की संख्या दर्ज की तुलना में गणना में कमी पाई गई? कितनी संस्थाओं पर गौ अनुदान घोटाले पर किन-किन के द्वारा कब-कब कार्यवाहियां की गई? समस्त अनुशासनात्मक कार्यवाही की जानकारी से अवगत करावें।
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जिला प्रशासन द्वारा जांच संस्थित की गई है। (ग) मुख्यमंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत 3061 स्वीकृत गौशालाओं में से 2727 गौशालाएं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा निर्मित की जा चुकी हैं जिनमें से 1935 गौशालाएं क्रियाशील हैं। गौशालाओं में वर्तमान में उपलब्ध गौवंश संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''अ'' अनुसार। मुख्यमंत्री गौसेवा योजना अंतर्गत संचालित गौशालाओं 20/- प्रति गौवंश प्रति दिवस के मान से प्रतिवर्ष उपलब्ध कराई जा रही है। वर्षवार स्थापना से प्रश्न दिनांक तक जिलेवार प्रदाय की गई अनुदान राशि एवं उपस्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''ब'' अनुसार। (घ) उज्जैन जिले की गौशालाओं के निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - ''स'' अनुसार।
ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाना
[ऊर्जा]
22. ( क्र. 513 ) श्री महेन्द्र नागेश : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि गोटेगांव विधानसभा के अंतर्गत वह ट्रांसफार्मर जिसमें अत्यधिक लोड है। जिससे वह बार–बार जल जाता है जिसमें आमजन को असुविधा का सामना करना पड़ता हैं उक्त ट्रांसफार्मरों के लोड की क्षमता कब तक बढ़ेगी? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों नहीं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : वितरण ट्रांसफार्मर, विभिन्न बाह्य जनित कारणों एवं तकनीकी खराबी आने से खराब होते हैं, जिनमें मुख्यत: आकाशीय बिजली गिरने, विद्युत का अवैधानिक उपयोग, विद्युत लाईन में फाल्ट होने से, ट्रांसफार्मर का तेल चोरी होने के कारण अथवा तेल का रिसाव एवं ट्रांसफार्मर में आंतरिक खराबी आने इत्यादि कारण प्रमुख है। तथापि भविष्य में होने वाली संभावित भार वृद्धि के दृष्टिगत सतत् गुणवत्ता पूर्ण विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित किये जाने हेतु प्रणाली सुदृढ़ीकरण के कार्य प्रत्येक वित्तीय वर्ष में चिन्हांकित/स्वीकृत किये जाते हैं। इसमें नवीन विद्युत उपकेन्द्रों के साथ ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि के कार्यों हेतु भी प्रावधान किया जाता है, ताकि भविष्य में पर्याप्त बिजली हेतु आवश्यक विद्युत अद्योसंरचना उपलब्ध हो सके। विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की वर्ष 2024-25 की कार्य योजना के तहत 45 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्य स्वीकृत किये गये हैं। उक्त में से 27 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि का कार्य पूर्ण कर दिया गया है।
नगर पालिका परिषद बालाघाट में संचालित योजनाएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
23. ( क्र. 578 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद बालाघाट में मुख्यमंत्री अधोसंरचना-4, कायाकल्प 1-2, अमृत 2, सीएम मानीट, जलावर्धन योजना अंतर्गत कितने निर्माण कार्य संचालित है? संचालित कार्य स्वीकृत डी.पी.आर. अनुसार किये जा रहे हैं या नहीं यदि नहीं, किये जा रहे हैं तो शासन से स्वीकृत मूल योजना के डी.पी.आर. में परिवर्तन का अधिकार शासन ने किसको दिया है शासन के आदेशों कि जानकारी स्पष्ट करें। (ख) डी.पी.आर. से अलग स्थल परिवर्तन एवं नवीन कार्यों के संशोधन में परिवर्तन के पश्चात तकनीकी स्वीकृति या नवीन निविदा आमंत्रित की गई अथवा नहीं तो क्यों नहीं की गई। (ग) जिला प्रशासन द्वारा शासन के स्वीकृत कार्यों की मॉनिटरिंग की जा रही है या नहीं यदि की जा रही है तो अमृत 2 में गुणवत्ताहीन कार्य कैसे किया जा रहा है? (घ) योजना के रिवाइज तकनीकी एस्टीमेट के पूर्व एवं बाद में कितनी राशि का भुगतान किया जा चुका है? (ड.) पी.आई.सी. को योजना के क्रियान्वयन के अधिकार शासन द्वारा दिए गए हैं या डी.पी.आर. परिवर्तन के जानकारी स्पष्ट करें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। मध्यप्रदेश शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग के आदेश क्र. 3336/2/ 3/9/0001/18-3 दिनांक 27.09.2023 से प्रेसिडेन्ट-इन-काउंसिल को भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित योजनाओं की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति के अधिकार प्रदान किये गये हैं। योजना के तकनीकी स्वीकृति एवं पुनरीक्षित तकनीकी स्वीकृति के अधिकार मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 के वित्त एवं लेखा नियम 2018 के नियम 238 के तहत सक्षम प्राधिकारियों में विहित हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। अमृत 2.0 योजनान्तर्गत कार्यों की निगरानी एवं समीक्षा हेतु जिला स्तरीय समीक्षा एवं निगरानी समिति का गठन शासन आदेश क्र. एफ 19-23/2022/1/4, दिनांक 17.03.2022 से किया गया है तथा शासन द्वारा कार्यों की गुणवत्ता नियंत्रण हेतु प्रोजेक्ट डेवलपमेन्ट एंड मैनेजमेन्ट कंसल्टेन्ट की नियुक्ति की गई है। अमृत 2.0 में गुणवत्तापूर्ण कार्य कराया जा रहा है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) मध्यप्रदेश शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग के आदेश क्र. 3336/2/3/9/0001/2023/18-3, दिनांक 27.09.2023 से प्रेसिडेन्ट-इन-काउंसिल को भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित योजनाओं की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति के अधिकार प्रदान किये गये हैं। योजना के तकनीकी स्वीकृति एवं पुनरीक्षित तकनीकी स्वीकृति के अधिकार मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 के वित्त एवं लेखा नियम 2018 के नियम 238 के तहत सक्षम प्राधिकारियों में विहित है।
रामगढ़ से बिहारिया मार्ग पर ब्रिज का निर्माण
[लोक निर्माण]
24. ( क्र. 627 ) श्री सतीश मालवीय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या घट्टिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत रामगढ़ से बिहारिया मार्ग जो कि एक तरफ रामगढ़ एवं नदी के दूसरे छोर पर बिहारिया मार्ग है जो कि लोक निर्माण विभाग मंत्रालय द्वारा क्रमांक- एफ-43/05/2024/19/यो/783 भोपाल दिनांक 23/02/2024 से सरल क्रमांक 55 पर स्वीकृत की गयी है। उक्त स्वीकृत मार्ग कि निर्माण एजेंसी द्वारा कार्य भी प्रारंभ कर दिया गया है, परंतु मार्ग के मध्य में क्षिप्रा नदी होने से उक्त मार्ग पर सेतु निगम द्वारा ब्रिज प्रस्तावित था परंतु ब्रिज स्वीकृत नहीं होने से उक्त सड़क की उपयोगिता प्रभावित हो रही है? यदि हाँ, तो उक्त ब्रिज की स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी? (ख) उक्त मार्ग एक तरफ उज्जैन जावरा रोड को जोड़ता है और दूसरे छोर पर प्रसिद्ध नारायणा धाम (कृष्ण सुदामा धाम) को जोड़ता है, उक्त मार्ग पर सिंहस्थ 2028 की दृष्टि से भी ब्रिज का निर्माण किया जाना अत्यंत आवश्यक है। क्या उक्त ब्रिज निर्माण को मुख्य बजट में सम्मिलित किया जावेगा? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त ब्रिज निर्माण के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा विभाग को जो पत्राचार किया गया है उन पत्रों पर अभी तक क्या कार्यवाही की गयी है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं। जी हाँ। ब्रिज निर्माण न तो किसी योजना में सम्मिलित है न ही बजट में प्रस्तावित है। अतः निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) वर्तमान में बताया जाना संभव नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) परीक्षण कराया गया है। बजट में सम्मिलित न होने के कारण कोई कार्यवाही की जाना संभव नहीं है।
संपत्ति कर आरोपण में दोहरा मापदंड विषयक
[नगरीय विकास एवं आवास]
25. ( क्र. 665 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नागदा जिला उज्जैन में संपत्ति कर निर्धारण के अलग-अलग मापदंड बिरला ग्राम व मंडी के लिए अपनाए गए हैं? बिरला ग्राम में उद्योग समूहों को ही अधिकृत कर दिया है, कि वे संपत्ति मूल्य आधार पर एसेसमेंट स्वयं कर ले व मंडी क्षेत्र में संभावित भाड़ा मूल्य आधार पर टैक्स लगाया जा रहा है? पूर्ण विवरण दे? (ख) मध्य प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 127 व 129 में करो में छूट का प्रावधान नहीं हैं? फिर लगभग 1500 से अधिक भवन कर मुक्त स्वयं उद्योग समूह ने कैसे कर दिए? (ग) उक्त संबंध में श्री अब्दुल हमीद की शासन को की गई शिकायतों पर अब तक क्या कार्रवाई संयुक्त संचालक, संचालक व शासन ने की ब्यौरा दें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। बिडला ग्राम में उद्योग समूहों को ही सम्पत्ति मूल्य के आधार पर स्वयं एसेसमेंट करने के लिए अधिकृत नहीं किया गया है। मंडी/निकाय क्षेत्र में सम्पत्तिकर का निर्धारण कर योग्य सम्पत्ति मूल्य के आधार पर किया जाता है। जिसके अंतर्गत परिषद द्वारा निर्धारित जोनवार दर के अनुसार करदाताओं के द्वारा कर, स्व-निर्धारण किया जाता है। (ख) म.प्र. पालिका अधिनियम 1961 की धारा 127 (aa) में संपत्तिकर पर छूट का प्रावधान है। उद्योग समूह द्वारा वार्षिक भाड़ा मूल्य की गणना के आधार पर संपत्ति कर से छूट प्राप्त की गई है। (ग) उक्त के संबंध में श्री अब्दुल हमीद की कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतएव कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शहडोल विकास योजना की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
26. ( क्र. 690 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालनालय नगर तथा ग्राम निवेश मध्यप्रदेश जिला शहडोल विकास योजना 2011 के अनुसार ग्राम कुदरी तहसील सोहागपुर जिला शहडोल में कुल जलाशयों की संख्या 5 है तथा क्षेत्रफल (हेक्टेयर) में 5.52 था। यदि हाँ, तो वर्तमान में ग्राम कुदरी में कुल जलाशयों की संख्या कितनी है एवं क्षेत्रफल कितना है जानकारी मय मानचित्र के उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या शहडोल कोकराई मार्ग बलपुरवा चौक से म.प्र. विद्युत मण्डल कार्यालय तक 18 मीटर चौड़ाई का प्रस्तावित मार्ग क्षेत्रीय/नगर यातायात हेतु स्थित है। (ग) क्या संचालनालय नगर तथा ग्राम निवेश मध्यप्रदेश जिला शहडोल विकास योजना 2031 के अनुसार शहडोल प्रस्तावित प्रमुख मार्गों की चौड़ाई सूची के कॉलम 3-सा-1 में शहडोल कोकराई मार्ग-बलपुरवा चौक से म.प्र.विद्युत मण्डल कार्यालय तक प्रस्तावित मार्ग 18 मीटर दर्शाया है, यदि हाँ, तो विकास योजना 2031 में संलग्न मानचित्र में एक मार्ग (18 मीटर) को विलोपित करते हुए ग्राम कुदरी के दूसरे मार्ग की चौड़ाई 18 मीटर से घटाकर 12 मीटर की गई है यदि हाँ, तो उपरोक्त कार्यवाही के संबंध में किस अधिकारी द्वारा अनुमोदन दिया गया था जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) क्या नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973/भूमि विकास नियम 2012/विकास योजना शहडोल 2011-2031 का उल्लंघन करते हुए विभागीय अधिकारियों ने बिल्डर को अनैतिक लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से मार्ग के मानचित्र एवं दस्तावेजों में हेराफेरी कर विकास अनुज्ञा समूह आवास हेतु दी गई है यदि हाँ, तो विभाग संबंधित अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही करेगा यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। शहडोल विकास योजना 2031 में भी ग्राम कुदरी में कुल जलाशयों की संख्या 05 तथा क्षेत्रफल 5.52 हेक्टेयर यथावत है। मानचित्र संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। शहडोल विकास योजना 2011 में शहडोल-कोकराई मार्ग एवं मुख्य मार्ग-1 को जोड़ने हेतु 18.0 मीटर चौड़ाई के 3 मार्ग प्रस्तावित थे। उक्त विकास योजना को पुनर्विलोकित कर वर्तमान में शहडोल विकास योजना 2031 मध्य प्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 के प्रावधानों के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित की जाकर मध्य प्रदेश राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 31/03/2015 से प्रभावशील है, जिसमें शहडोल-कोकराई मार्ग एवं मुख्य मार्ग-1 के मध्य कम अंतराल पर प्रस्तावित मार्ग प्रासंगिक न होने के कारण समीक्षा उपरान्त 18.0 मीटर चौड़ाई के 2 मार्गों को विलोपित किया गया है तथा एक मार्ग की चौड़ाई 18.0 मीटर से 12.0 मीटर की गई है। विकास योजना पुनर्विलोकन का कार्य सामूहिक होने के कारण किसी अधिकारी पर कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश ''ग'' अनुसार।
सीवर लाइन का नवीनीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
27. ( क्र. 694 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा अतारांकित प्रश्न क्र. 1396 प्रश्न, उत्तर दिनांक 19 दिसम्बर 2024 में ई-7 अरेरा कॉलोनी भोपाल में सीवर लाइन के लिए नगर पालिका निगम द्वारा निविदा जारी करने का उल्लेख है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में नगर पालिक निगम भोपाल द्वारा कार्य कराने के लिए जारी की गई निविदा तथा कार्यादेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में ई-7 अरेरा कॉलोनी भोपाल की सीवर लाइन के नवीनीकरण में विलम्ब का क्या कारण है तथा इसके लिए कौन उत्तरदायी है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर पालिका टीकमगढ़ के पूर्व पदाधिकारियों पर दर्ज प्रकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
28. ( क्र. 720 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ नगर पालिका परिषद में विगत 15 वर्ष में करोड़ों रूपये के भ्रष्टाचार की अनेकों शिकायतें की गई किंतु विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई यदि नहीं, तो विगत 3 वर्ष में हुई शिकायतों पर कार्यवाही का विस्तृत विवरण दें? (ख) क्या विभाग द्वारा केवल आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरों में प्रकरण दर्ज कर औपचारिकता की जाती है और भ्रष्टाचारियों पर प्रभावी कार्यवाही न होने से दोषियों के हौसले बुलंद रहते है? (ग) वर्तमान में टीकमगढ़ के किन-किन पूर्व पदाधिकारी व अधिकारियों के विरूद्ध कितने-कितने प्रकरण किन-किन धाराओं के प्रचलन में है? विस्तृत विवरण दें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) में वर्णित दोषियों के विरूद्ध चालानी कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है? कब तक की जावेगी?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) नगर
पालिका
परिषद्, टीकमगढ़ के
संबंध में की
गई शिकायतें
एवं उस पर
विभाग द्वारा
की गई
कार्यवाही का
विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है। (ख) जी
नहीं। आर्थिक
अपराध
प्रकोष्ठ के
माध्यम से
प्राप्त
प्रकरणों पर
विभाग द्वारा
जांचोपरांत
विधि अनुसार
प्रभावी
कार्रवाई की
जाती है। अत:
शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) नगर
पालिका
परिषद्, टीकमगढ़ क
पूर्व मुख्य
नगर पालिका
अधिकारी श्री
विजय शंकर
त्रिवेदी
(सेवानिवृत्त)
के विरूद्ध
अपराध
क्रमांक 201/2020
भ्रष्टाचार
निवारण
अधिनियम के
अंतर्गत
पंजीबद्ध किया
गया है, जो कि
वर्तमान में
माननीय विशेष
न्यायाधीश, टीकमगढ़
के समक्ष
प्रचलित है। (घ) उत्रांश (क), (ख) एवं (ग) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
परिशिष्ट
- "इक्यावन"
मेघनगर बायपास निर्माण
[लोक निर्माण]
29. ( क्र. 733 ) श्री वीरसिंह भूरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र थांदला-194 के अंतर्गत मेघनगर क्षेत्र के लिये बायपास निर्माण हेतु कई बार क्षेत्र की जनता द्वारा उठाये गये मुद्दे को लेकर प्रश्नकर्ता द्वारा विभाग को बार-बार अवगत कराया गया परंतु आज दिनांक तक इस और कोई ध्यान नहीं दिया गया है। मेघनगर क्षेत्र झाबुआ जिले का एकमात्र बड़ा रेलवे स्टेशन है तथा औद्योगिक क्षेत्र है और तहसील मुख्यालय जनपद पंचायत मुख्यालय और पुलिस स्टेशन सभी मेघनगर से जुड़े हुये है। ऐसी स्थिति में यहां पर बायपास सड़क निर्माण की अति आवश्यकता है। (ख) क्या विभाग मेघनगर के शहरवासियों एवं क्षेत्रवासियों के लिये बायपास स्वीकृत कर उक्त बड़ी समस्या का निराकरण करेगा। इस बायपास निर्माण में क्या रूकावट आ रही है और यह कार्य होगा या नहीं होगा। जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) माननीय विधायक के पत्र क्रमांक 2019/1048 दिनांक 24.06.2019 द्वारा मांग की गई है। जी हाँ, शासन द्वारा दिनांक 13.03.2020 द्वारा राशि रू. 491.67 लाख की स्वीकृति जारी की गई है। (ख) मार्ग की सम्पूर्ण स्वीकृत लंबाई 2.50 कि.मी. रिजर्व वन क्षेत्र के अंतर्गत आने के कारण वन विभाग से अनुमति अप्राप्त है। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नगर पालिका निगम बुरहानपुर के कर्मचारियों की पदोन्नति
[नगरीय विकास एवं आवास]
30. ( क्र. 831 ) सुश्री मंजू राजेन्द्र दादू : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत 10 वर्षों में न.पा.नि.बुरहानपुर में कर्मचारियों की पदोन्नति की गई है यदि हाँ, तो किन नियम निर्देषों के तहत् कार्यवाही की गई। कर्मचारियों के नाम, पदनाम, नियुक्ति दिनांक, पदोन्नति हेतु गठित समिति का आदेश, बैठक का कार्यवाही विवरण, नोटशीट आदि की प्रमाणित छायाप्रति उपलब्ध कराये। (ख) क्या इन कर्मचारियों के विरूद्ध दर्ज आपत्ति के संबंध में कर्मचारी माननीय न्यायालय की शरण में गए है यदि हाँ, तो उक्त संबंध में निगम द्वारा मा. न्यायालय के समक्ष अपना क्या पक्ष रखा गया है प्रकरण से संबंधित दस्तावेजों की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ग) न.पा.नि. बुरहानपुर द्वारा वर्ष 2024 में 192 कर्मचारियों के समयमान वेतनमान के आदेश 06 शर्तों के तहत् शासन के किन नियम, निर्देशों के तहत् जारी किये गए एवं वर्ष 2020 एवं 2021 में 11 कर्मचारियों के आदेश बिना शर्तों के क्यों एवं किन नियम निर्देशों के तहत् जारी किये गये। वर्ष 2020 एवं 2021 एवं 2024 में जारी आदेशों में भिन्नता क्यों? (घ) क्या न.पा.नि. बुरहानपुर में ऐसे भी अधिकारी/कर्मचारी हैं जिन्हें सेवानिवृत्त के बाद भी आज दिनांक तक समयमान वेतनमान का लाभ नहीं दिया गया? यदि हाँ, तो इनके नाम एवं लाभ नहीं दिये जाने का कारण बताए?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ विगत 10 वर्षों में न.पा.नि. बुरहानपुर में कर्मचारियों की पदोन्नति म.प्र. लोक सेवा (पदोन्नति) नियम 2002 के प्रावधानों अनुसार की गई है। जिनके नाम, पदनाम, नियुक्ति दिनांक पदोन्नति हेतु गठित समिति का प्रतिवेदन, बैठक कार्यवाही विवरण, नोटशीट आदि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्ष 2024 में 192 कर्मचारियों के समयमान वेतनमान के आदेश म.प्र. शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग, मंत्रालय, भोपाल के पत्र क्रमांक-एफ-177/2019/18-1 भोपाल, दिनांक 24 सितंबर 2019 के नियम निर्देशों के तहत जारी किये गये है। वर्ष 2020 एवं 2021 में 11 कर्मचारियों के आदेश में यद्यपि शर्तों का उल्लेख नहीं है, किन्तु यह आदेश भी शासन के उक्त परिपत्र के अनुक्रम में ही जारी किये गये है, उन्हें भी इन 6 शर्तों के तहत ही लाभ दिया गया है। इसमें कोई भिन्नता नहीं है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। इन कर्मचारियों के गोपनीय प्रतिवेदन की अनुपलब्धता के कारण समयमान वेतनमान का लाभ नहीं मिल सका।
विद्युत ट्रांसफार्मर स्थानान्तरित किया जाना
[ऊर्जा]
31. ( क्र. 832 ) सुश्री मंजू राजेन्द्र दादू : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ऊर्जा विभाग अन्तर्गत ऐसे स्थान जिनके आवासीय घर, दुकान के सामने विद्युत ट्रांसफार्मर लगा है उन्हें अन्यंत्र सुरक्षित स्थान पर स्थानान्तरित करने के लिए विभाग की क्या कोई कार्ययोजना है यदि हाँ, तो विस्तृत प्रपत्रों सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विधानसभा नेपानगर अन्तर्गत ऐसे कितने स्थान है? ग्राम एवं स्थान का नाम सहित सूची उपलब्ध कराये एवं विभाग के माध्यम से इन्हें अन्यंत्र सुरक्षित स्थान पर स्थानान्तरित करने के लिए विभाग क्या प्रयास कर रहा है विस्तृत विवरण बतायें। (ग) आवासीय घर, दुकान के सामने विद्युत ट्रांसफार्मर लगे होने पर असमय दुर्घटना घटित होने पर कौन अधिकारी जिम्मेदार है जिम्मेदारों के विरूद्ध शासन स्तर से क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जाती है? (घ) क्या विधानसभा नेपानगर अन्तर्गत आवासीय घर, दुकान के सामने लगे विद्युत ट्रांसफार्मर को विभाग के माध्यम से अन्यंत्र सुरक्षित स्थानों पर स्थानान्तरित किया जावेगा। यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विद्युत वितरण कंपनियों के क्षेत्रांतर्गत विद्युत अधोसंरचना (वितरण ट्रांसफार्मरों एवं विद्युत लाईनों) की स्थापना करते समय निर्धारित सुरक्षा मानकों का पूर्ण रूप से ध्यान रखा जाता है। पूर्व से विद्यमान विद्युत अधोसंरचना के नीचे/निकट कालांतर में अनाधिकृत तौर पर क्षेत्र के रहवासियों द्वारा मकान/दुकान/गुमटी एवं घरों/भवनों का निर्माण/विस्तार किया जाना, केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण, विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अधिसूचित केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सुरक्षा तथा विद्युत आपूर्ति संबंधी उपाय) विनियम-2010 एवं तत्पश्चात संशोधित किये गए विनियम के अन्तर्गत निहित प्रावधानों का उल्लंघन है। विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 177 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण, विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा विद्युत आपूर्ति और सुरक्षा से संबंधित उपाय के लिये विनियम दिनांक 20.09.2010 को अधिसूचित एवं तत्पश्चात संशोधित किये गये हैं, जिनके अनुसार विद्युत अधोसंरचना से असुरक्षित दूरी पर निर्माण करना अवैधानिक है। उक्तानुसार अवैधानिक निर्माण के लिये संबंधितों को समय-समय पर विद्युत अधोसंरचना से सुरक्षित दूरी रखने हेतु सूचित किया जाता है। विद्युत अधोसंरचना में फेरबदल की आवश्यकता होने तथा तकनीकी रूप से विस्थापन साध्य पाए जाने एवं मार्ग के अधिकार (आर.ओ.डब्ल्यू.) की आवश्यकता पूरी होने की स्थिति में फेरबदल की आपूर्तिकर्ता द्वारा आंकी गई लागत की राशि आवेदक/अन्य संबंधित संस्थाओं (सड़क निर्माण/विस्तारीकरण से संबंधित संस्थाएं तथा नगरीय निकाय) द्वारा जमा करने पर अथवा आवेदक द्वारा विद्युत अधोसंरचना विस्थापित करने हेतु स्वीकृत प्राक्कलन की 5 प्रतिशत राशि सुपरविजन चार्ज के रूप में वितरण कंपनी में जमा करते हुए स्वयं 'अ' श्रेणी के ठेकेदार से, विद्युत अधोसंरचना के विस्थापन हेतु कार्यवाही की जा सकती है। उपरोक्तानुसार औपचारिकताएँ पूर्ण करने पर विद्युत अधोसंरचना के विस्थापन की कार्यवाही भारत सरकार द्वारा अधिसूचित विनियमों के अनुरूप वितरण कंपनियों द्वारा की जाती है। (ख) उत्तरांश (क) के संदर्भ में नेपा नगर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत चिन्हित स्थानों की संख्या 22 है, जिनकी स्थान/ग्राम के नाम सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार विद्युत अधोसंरचना के विस्थापन हेतु भारत सरकार द्वारा अधिसूचित विनियमों के अनुरूप वितरण कंपनियों द्वारा कार्यवाही की जाती है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में किसी के जिम्मेदार होने अथवा कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत विद्युत अधोसंरचना के विस्थापन हेतु भारत सरकार द्वारा अधिसूचित विनियमों के अनुरूप वितरण कंपनियों द्वारा कार्यवाही की जाती है। वर्तमान में लागू विनियमों के प्रावधानों के अंतर्गत आवेदक/अन्य संबंधित संस्थाओं (सड़क निर्माण/विस्तारीकरण से संबंधित संस्थाएं तथा नगरीय निकाय) द्वारा आवश्यक खर्च स्वयं वहन करने तथा तकनीकी रूप से साध्य होने पर ही प्रश्नाधीन क्षेत्र के कालांतर में निर्मित/विस्तारित भवनों/दुकानों से असुरक्षित दूरी पर स्थित विद्युत अधोसंरचना के विस्थापन हेतु कार्यवाही किया जाना संभव है।
वर्ष 2014 के पूर्व के अभिलेख की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
32. ( क्र. 853 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्न क्र. 523 दिनांक 4 जुलाई 2024 के उत्तर (क) में बताया गया है कि वर्ष 2014 के पूर्व के नक्शे, पट्टे आदि अभिलेख नगर निगम में उपलब्ध नहीं हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2014 के पूर्व के अभिलेख कहां से उपलब्ध होंगे? (ग) क्या माननीय मंत्री जी ने 3 माह में अभिलेख उपलब्ध कराने हेतु आश्वासन दिया था? (घ) यदि हाँ, तो कब तक उपलब्ध कराये जायेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2014 के पूर्व नये वार्ड नगर निगम सीमान्तर्गत न होने के कारण इन वार्डों के नक्शे, पट्टे आदि के अभिलेख उपलब्ध नहीं है। (ख) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
किराए के भवनों में संचालित शासकीय कार्यालय
[लोक निर्माण]
33. ( क्र. 864 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग के उज्जैन संभाग अंतर्गत विभिन्न विभागों में कुल कितने शासकीय कार्यालय किराए के भवनों में चल रहे है? इनका 1 जनवरी 2020 के पश्चात कुल कितना किराया दिया गया? जिलेवार संख्यात्मक जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित उक्त किराए के भवनों में संचालित हो रहे कार्यालयों में ऐसे कितने कार्यालय हैं जिनके भवन तैयार हो गए है किंतु वे 2 माह से अधिक समय के बाद भी अपने नवीन मूल भवनों में प्रारंभ नहीं किए गए है? इसके लिए कौन दोषी है और इनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? (ग) शासन कब तक प्रदेश के सभी शासकीय कार्यालयों को किराए के भवनों से मुक्त कर नवीन भवन उपलब्ध करा देगा? समय-सीमा सहित जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) विभाग के अंतर्गत सेतु संभाग उज्जैन के अधीन जिला शाजापुर 01 अनुविभागीय कार्यालय एवं प्रमुख अभियंता (भवन) जिला मंदसौर अंतर्गत 01 कार्यालय किराये के भवन में संचालित है। 01 जनवरी 2020 के पश्चात क्रमश: कुल किराये की राशि रूपये 93000/- एवं 8,54000/- का भुगतान किया गया। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में भवन निर्मित नहीं हुआ है। नवीन मूल भवन में प्रारंभ करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। कोई दोषी नहीं है। कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
QACA कन्सलटेन्सी की जांच
[लोक निर्माण]
34. ( क्र. 875 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग म.प्र. शासन भोपाल द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर चयनित लोक निर्माण विभाग विदिशा में भवनों के निर्माण में कार्यरत QACA कन्सलटेन्सी को फर्जी प्रमाण-पत्रों एवं कूटरचित दस्तावेजों का उपयोग कर टेण्डर स्वीकृत कर कार्य स्वीकृत कराया गया था? क्या आज पर्यन्त तक इसकी जांच नहीं की गई है, स्पष्ट करें। (ख) कमिश्नर भोपाल संभाग के पत्र क्र-8110/शि.शाखा 890/भोपाल दिनांक 04.12.2024 द्वारा जांच कराने के आदेश प्रदान किये गये थे। जांच के मुख्य बिन्दु टीम लीडर शहजाद मोहम्मद के फर्जी हस्ताक्षर कर माह 08/24 से 11/24 तक समस्त ठेकेदारों की एम.बी. पर फर्जी हस्ताक्षर किये गये, उन फर्जी हस्ताक्षरों की जांच कलेक्टर विदिशा द्वारा तथा एस.डी.एम. से तथा हैंडराईटिंग एक्सपर्ट से आज दिनांक तक नहीं करवाई गई क्यों? स्पष्ट करें। (ग) अनुबंध के अनुसार कन्सलटेंसी के पास ना तो वाहन स्टाक है और ना ही इलेक्ट्रीकल इंजीनियर, मटेरियल रेसरिंग इंजीनियर नहीं होने के उपरांत भी ठेकेदारों को बिना टेस्ट रिपोर्ट के फर्जी भुगतान किया तथा कार्यों की गुणवत्ता खराब होने पर भी कन्सलटेन्सी को आज तक टरमीनेट या ब्लैक लिस्ट क्यों नहीं किया गया तथा निर्माण कार्यों का सुपरवीजन क्यों नहीं किया जा रहा है, स्पष्ट करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। कलेक्टर विदिशा/एस.डी.एम. द्वारा जाँच प्रचलन में है। (ग) निविदा की शर्तों का उल्लंघन करने पर दिनांक 15.01.2025 जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है, को कंसलटेंसी का पंजीयन काली सूची में दर्ज किया गया है एवं दिनांक 18.02.2025 जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार है, को कंसलटेंसी को अनुबंध की धारा 20 के तहत अनुबंध विखंडित करने का नोटिस दिया। विभागीय अधिकारियों द्वारा निर्माण कार्यों का सतत् सुपरविजन गुणवत्ता एवं मानक अनुसार संपादित कराया जा रहा है।
आवासीय परिसर का व्यवसायिक उपयोग
[नगरीय विकास एवं आवास]
35. ( क्र. 880 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हर्षवर्धन नगर, भोपाल में जितने भी आवासीय भवन नगर निकाय की अनुमति से निर्मित है उन आवासों में व्यवसायिक उपयोग की अनुमति कितने भवन स्वामियों को कब-कब प्रदान की गई है? (ख) यदि उपरोक्तानुसार अनुमति प्रदान नहीं की गई है तो उन आवासों में जिनमें व्यवसायिक गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है क्या उनके विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी, अवगत करावें। (ग) आवासीय परिसरों में व्यवसायिक गतिविधियों को तत्काल रोकते हुये क्या उनको अर्थदण्ड से दंडित किया जावेगा? (घ) यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिक निगम, भोपाल द्वारा हर्षवर्धन नगर में निर्मित आवासीय भवनों में व्यवसायिक उपयोग की अनुमति नहीं दी गई है, जिससे शेषांश की जानकारी निरंक है। (ख) भवन निर्माता द्वारा आवासीय भवन निर्माण की स्वीकृति के विपरीत व्यवसायिक उपयोग किये जाने एवं अधिभोग का अतिक्रमण किये जाने पर भवन निर्माता को नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 302 एवं 307 एवं म.प्र. भूमि विकास नियम 2012 के नियम 11 के अंतर्गत नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) आवासीय भूखण्डों में भवन निर्माण की स्वीकृति के विपरीत व्यवसायिक उपयोग किये जाने पर नियमों में अर्थदण्ड का प्रावधान नहीं है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बी.एड. पत्राचार की अनुमति
[नगरीय विकास एवं आवास]
36. ( क्र. 881 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका सारंगपुर जिला राजगढ़ द्वारा पत्र क्रमांक/स्था-1/2024/ 02/12/24/4437 राजगढ़ दिनांक 02.12.2024 को पत्राचार बी.एड. अनुमति प्रदान की गई थी जबकि आवेदक द्वारा नियमित बी.एड. करने पर एवं अंतिम सेमेस्टर के पेपर शेष रहने पर बी.एड. पत्राचार की किसी प्रकार अनुमति नहीं मांगने पर किसी भी प्रकार अभ्यावेदन नहीं देने पर बी.एड. पत्राचार की अनुमति प्रदान करने पर उनके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी स्पष्ट करें। (ख) नगर पालिका सारंगपुर के पत्र क्रमांक 1986 दिनांक 27.06.2024 एवं जिला शिक्षा अधिकारी जिला राजगढ़ के पत्र क्रमांक 1434 दिनांक 28.06.2024 जारी करने पर माननीय उच्च न्यायालय इन्दौर के प्रकरण क्रमांक डब्ल्यू.पी. 18347/2024 के पारित स्थगन आदेश 09.07.2024 को प्रदान किया गया था उनके पश्चात बी.एड. प्रशिक्षण संस्था की उपस्थिति के आधार पर विगत 18 माह के वेतन के आदेश ब्लाक शिक्षा अधिकारी सारंगपुर को कब तक आदेश प्रदान किया जायेगा स्पष्ट करें। (ग) नगर परिषद सारंगपुर के पत्र क्रमांक 1986 दिनांक 27.06.2024 में आहरण वितरण अधिकारी ब्लाक शिक्षा अधिकारी सारंगपुर को बी.एड. प्रशिक्षण संस्था की उपस्थिति के आधार पर वेतन प्रदान करने के समुचित आदेश प्रदान नहीं करने पर क्या समुचित आदेश प्रदान किये जायेंगे तथा माननीय उच्च न्यायालय इन्दौर द्वारा पारित आदेश दिनांक 11.11.2023 के तहत क्रमोन्नति वेतनमान तथा पदोन्नति के आदेश जारी किये जायेंगे स्पष्ट करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ, आवेदक द्वारा पूर्व में निकाय में प्रस्तुत आवेदन-पत्र के तारतम्य में नियमानुसार बी.एड. की अनुमति प्रदान किये जाने से, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद, सारंगपुर जिला राजगढ़ के कार्यालयीन पत्र क्रमांक/882 स्थापना/2024-25 दिनांक 20.02.2025 के माध्यम से कर्मचारी को वेतन भत्तों के भुगतान संबंधी कार्यवाही करने हेतु ब्लॉक शिक्षाधिकारी सारंगपुर को पत्र प्रेषित किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उतरांश "ख" में समाहित है तथा माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ, इंदौर द्वारा दिनांक 11.11.2023 को क्रमोन्नति वेतनमान तथा पदोन्नति दिये जाने संबंधी आदेश पारित नहीं किये जाने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनियमितता की जांच
[लोक निर्माण]
37. ( क्र. 913 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग (भ/स) संभाग अनूपपुर जिला अनूपपुर के प्रभारी कार्यपालन यंत्री कौन हैं तथा जिला अनूपपुर में कब से पदस्थ हैं? इसके पूर्व इनकी पदस्थापना कहां-कहां और किन-किन पदों में थी? इनके पिछले कार्य स्थलों की कार्य प्रणाली कैसी था? जानकारी उपलब्ध कराये। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या यह सही है कि लोक निर्माण विभाग (भ/स) संभाग अनूपपुर जिला अनूपपुर के प्रभारी कार्यपालन यंत्री द्वारा बिना अधिकारिता के लगभग 6.50 करोड़ रूपये की विद्युतीकरण कार्यों की तकनीकी स्वीकृति निविदा प्रक्रिया व भुगतान के संबंध में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरों में कोई शिकायत प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही की गई हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या लोक निर्माण विभाग (भ/स) संभाग अनूपपुर के प्रभारी कार्यपालन यंत्री श्री देवेन्द्र कुमार कोष्ठा के द्वारा विभागीय कर्मचारियों को अनावयक रूप से प्रताड़ित किये जाने एवं आर्थिक मानसिक रूप से क्षति पहुंचाया जाता है? यदि हाँ, तो किस-किस अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध गाली-गलौच किया गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार प्रभारी कार्यपालन यंत्री के द्वारा अ.ज.जा. वर्ग के कर्मचारी को गाली-गलौच एवं जान से मारने की धमकी दी गई थी? यदि हाँ, तो उसकी शिकायतें प्राप्त होने के बावजूद भी इनके विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध नहीं होने के क्या कारण हैं? इसके जिम्मेदार कौन हैं? क्या जांच कराकर इनके विरूद्ध थाने में प्रकरण पंजीबद्ध कराई जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) श्री देवेन्द्र कुमार कोष्ठा। दिनांक 08.06.2023 से। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) एवं (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बिजली समस्या संबंधित जानकारी
[ऊर्जा]
38. ( क्र. 927 ) श्री घनश्याम चन्द्रवंशी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में वर्ष 2003 के पूर्व कितनी बिजली का उत्पादन हो रहा था वर्तमान में प्रदेश में कितनी बिजली का उत्पादन हो रहा है? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) क्या म.प्र. अन्य प्रदेशों को भी बिजली बेच रहा है और कितनी बिजली बेच रहा है? (ग) कालापीपल विधानसभा क्षेत्र में बिजली की कितनी मांग है तथा कितनी आपूर्ति की जा रही है? विभाग द्वारा बिजली आपूर्ति बढ़ाने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मध्यप्रदेश को वर्ष 2002-03 से वर्ष 2024-25 (जनवरी-2025 तक) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप एवं जल विद्युत गृहों तथा अन्य स्त्रोतों से प्राप्त उत्पादन/अंश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रदेश की विद्युत मांग की आपूर्ति सुनिश्चित होने के उपरान्त ही अतिशेष विद्युत का विक्रय अन्य प्रदेशों को नहीं, अपितु पावर एक्सचेंज के माध्यम से किया जाता है। वर्ष 2024-25 (माह जनवरी-2025 तक) में पॉवर एक्सचेंज के माध्यम से विक्रय की गई विद्युत की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) कालापीपल विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विद्युत की मांग 130.25 मेगावाट है तथा शत-प्रतिशत मांग की आपूर्ति की जा रही है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
रीडेंसीफिकेशन योजना की तैयारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
39. ( क्र. 946 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत वर्षों में जिला प्रशासन द्वारा एवं सक्षम अधिकारियों की उपस्थिति में निरीक्षण एवं कार्य योजना बनाकर बैठक पश्चात शासन/विभाग को रतलाम जिला अंतर्गत किन-किन स्थानों के रीडेंसिफिकेशन प्रस्ताव तैयार कर अग्रेषित किया? जानकारी दें। (ख) विगत किन-किन वर्षों में जिला प्रशासन द्वारा शासन/विभाग को किस-किस प्रकार की कार्ययोजना बनाकर अग्रेषित की गई? जानकारी दें। (ग) जिला प्रशासन अनुभवी कंसल्टेंट्स/विभाग द्वारा किन स्थानों हेतु किस प्रकार की कार्य योजना बनाई गई? संपूर्ण योजना की जानकारी दें। (घ) क्या जिले द्वारा अग्रेषित विभिन्न रिडेंसिफिकेशन योजनाओं को स्वीकृति दी गई है? यदि हाँ, तो किन-किन स्थानों पर और यदि स्वीकृति नहीं दी गई तो कब तक बजट में सम्मिलित कर स्वीकृति दी जा सकेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) एवं (ख) विगत वर्षों में जिला प्रशासन रतलाम द्वारा रतलाम जिला अंतर्गत जिला स्तरीय समिति के माध्यम से प्रेषित पुनर्घनत्वीकरण प्रस्तावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) पुनर्घनत्वीकरण योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (घ) जी हाँ। स्वीकृत योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। जो योजनाएं स्वीकृत नहीं हुई हैं, उनके लिए बजट प्रावधान की आवश्यकत्ता नहीं हैं, क्योंकि पुनर्घनत्वीकरण योजना अंतर्गत विकासकर्ता को शासन द्वारा भूमि निवर्तित की जाती है तथा उनके बदले शासकीय कार्य कराये जाते हैं।
कार्यवाही के साथ राशि वसूली
[नगरीय विकास एवं आवास]
40. ( क्र. 981 ) श्री अभय मिश्रा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भू-संपदा के क्षेत्र में विनियमन एवं यथा स्थिति भू-खण्ड, अपार्टमेन्ट या भवन के विक्रय को दक्षतापूर्ण एवं पार्दर्शी रीत में सुनिश्चित करने के लिये भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण की स्थापना की गई है। (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो अधिनियम के अनुसार भू-संपदा के विक्रय के लिये भू-संपदा अभिकर्ता का पंजीयन किया जाना आवश्यक है बिना पंजीयन के भू-संपदा परियोजनाओं या किसी भाग को विक्रय अथवा क्रय में सहायता न करने की बाध्यता है, इसके तहत रीवा संभाग में कितने पंजीयन के कार्य वर्ष 2020 से प्रश्नांश दिनांक के दौरान किये गये का विवरण देवें एवं कितने बिना पंजीयन के एजेन्ट यह कार्य कर रहे है इसका सत्यापन कराकर कार्यवाही बावत् क्या निर्देश देंगे, अब तक इन पर कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार पंजीकृत एजेन्टों द्वारा प्रश्नांश (ख) की अवधि अनुसार कितनी भूमियों का क्रय करके आवासों/दुकानों का निर्माण कराकर विक्रय किये जाने की कार्यवाही की गई का विवरण देते हुये बताये कि इनमें से एजेन्टों द्वारा इस अवधि में कितने जी.एस.टी. की राशि जमा की गई का विवरण वर्षवार, एजेन्टवार जिलेवार देवें। (घ) प्रश्नांश (क) के एजेन्टों द्वारा प्रश्नांश (ख) अनुसार बिक्री हेतु तैयार किये गये आवासों के निर्माण में खनिज संपदा बावत् अनुज्ञा पत्र कब-कब कहां-कहां से प्राप्त किये गये एवं रायल्टी की राशि कितनी कब-कब किन-किन माध्यमों से कहां-कहां जमा की गई का विवरण प्रश्नांश (ख) की अवधि अनुसार देवें। (ड.) प्रश्नांश (क) के पालन में उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण सर्वसुविधायुक्त अपार्टमेन्ट या भवन उपलब्ध नहीं कराये गये गुणवत्ता में कमी परिलक्षित हुई निर्धारित अवधि से पूर्व क्षतिग्रस्त हो गये एवं प्रश्नांश (ग) व (ख) अनुसार जी.एस.टी. व रायल्टी का भुगतान किये बगैर खनिज सम्पदाओं का उपयोग किया गया जी.एस.टी. की चोरी कर शासन को आर्थिक क्षति पहुँचायी गई इन सबके लिये भू-संपदा अधिनियम-2016 के पालन में किन-किन के विरूद्ध कार्यवाही बावत् निर्देश देंगे अगर नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) भू-संपदा सेक्टर में प्रभावी उपभोक्ता संरक्षण, कारबार पद्धतियों और संव्यवहारों की एकरूपता और मानकीकरण के हित में भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण की स्थापना की गई है। (ख) जी हाँ। भू-संपदा अभिकर्ता के विरूद्ध शिकायत प्राप्त होने अथवा प्राधिकरण के आदेशों का अनुपालन करने में असफल रहने की स्थिति में भू-संपदा (विनियमन और विकास) अधिनियम 2016 की धारा-62 के अंतर्गत कार्यवाही का प्रावधान निहित है। रीवा संभाग में वर्ष 2020 से प्रश्नांश दिनांक के दौरान किये गये पंजीयन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। रीवा संभाग अंतर्गत बिना पंजीयन के अभिकर्ता के कार्य किये जाने संबंधी कोई शिकायत प्राधिकरण में प्राप्त नहीं हुई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) पंजीकृत एजेंट द्वारा भूमियों का क्रय करने आवासों/दुकानों का निर्माण कराकर विक्रय किये जाने से संबंधित जानकारी प्राधिकरण द्वारा संधारित नहीं की जाती है। (घ) अभिकर्ताओं द्वारा खनिज सम्पदा बावत् अनुज्ञा पत्र प्राप्त करने एवं रायल्टी की राशि जमा करने संबंधी जानकारी प्राधिकरण द्वारा संधारित नहीं है। (ड.) म.प्र. भू-संपदा (विनियमन और विकास) अधिनियम 2016 की धारा 14 (3) में यह प्रावधान है कि, यदि कब्जा सौंपे जाने की तारीख से पांच वर्ष की अवधि के भीतर आवंटिती द्वारा विकास से संबंधित किसी संरचनात्मक त्रुटि या सेवाओं के कार्य कौशल, गुणवत्ता या संप्रवर्तक की अन्य बाध्यताओं की ओर संप्रवर्तक का ध्यान दिलाया जाता है तो संप्रवर्तक ऐसी त्रुटियों को बिना किसी अतिरिक्त प्रभार के 30 दिन के भीतर दूर करायेगा और यदि वह ऐसे समय के भीतर कमी को दूर नहीं करता है तो संबंधित आवंटिती उचित मुआवजा प्राप्त करने हेतु प्राधिकरण में आवेदन प्रस्तुत कर सकता है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सड़कों, भवनों सहित अन्य निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
41. ( क्र. 995 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितनी सड़कें, भवन, डिवाईडर सहित सड़कों के चौड़ीकरण के कार्य स्वीकृत हुये? लागत राशि, ठेकेदार का नाम सहित संपूर्ण जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में प्रश्नगत सड़कों, भवनों, डिवाईडर सहित सड़कों के चौड़ीकरण में से कितने के कार्य पूर्ण हो चुके हैं एवं कितने अपूर्ण हैं व कितने अप्रारम्भ हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अपूर्ण या अप्रारंभ कार्यों का क्या कारण रहा तथा उक्त कार्य कब तक पूर्ण/प्रारम्भ कर लिये जावेंगे? समय-सीमा में कार्य पूर्ण न होने पर सम्बंधित के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) सड़क कार्यों की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1', 'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1', 'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है। कार्य समय-सीमा में होने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रेलवे लाईन पर ओवर ब्रिज निर्माण
[लोक निर्माण]
42. ( क्र. 996 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा झांसी मानिकपुर रेलवे लाईन पर निर्माणाधीन ओवर ब्रिज पर तीसरे लेग की स्वीकृति हेतु प्रश्न क्रमांक 1490 दिनांक 19/12/2024 के माध्यम से मांग की गयी थी। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रश्न के प्रश्नांश (क) का जो उत्तर दिया गया था, प्रश्न दिनांक तक उसमें क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई है तथा कार्यवाही पश्चात ब्रिज के तीसरे लेग के निर्माण के लिये पृथक से वित्तीय स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जावेगी। समय-सीमा बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) ओवर ब्रिज पर तीसरे लेग के निर्माण हेतु कार्य बजट में सम्मिलित नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासन की रोक के विपरीत कर्मचारियों की भर्ती
[नगरीय विकास एवं आवास]
43. ( क्र. 1038 ) श्री भैरो सिंह बापू : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद खिलचीपुर में 1 जनवरी 2023 से प्रश्न दिनांक तक कितने-कितने दैनिक श्रमिक/मजदूर/दै.वै.भो. कर्मचारी कुशल/अर्द्धकुशल/अकुशल सर्वश्रेणी में किस नियम के तहत लगाए गए? क्या सभी कर्मचारियों की कार्यालयीन नोटशीट पर शाखाओं की विपरीत टीप के बाद नोटशीटों पर अध्यक्ष स्वीकृति से शासन-विभाग की रोक के बाद यह कर्मचारी लगाए गए? यदि हाँ, तो कितने और कब-कब विस्तार से दिनांकवार बताएं? इन कर्मचारियों को अवैधानिक रूप से लगाने पर पद के दुरूपयोग पर क्या अध्यक्ष पर नप अधिनियम 1961 की धारा 41 (क) के तहत कार्यवाही व वसूली करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अवैधानिक नियुक्ति पर क्या कार्यवाही समय-सीमा में जांच के आदेश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कार्यवाही विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार दिसंबर 2024 पूर्व विधान सभा सत्र में प्रश्न क्रमांक अतारांकित 1539 सहित तारांकित 194 उत्तर अनुसार व प्रश्न 497 उत्तर में प्रचलित जांच अनुसार अब तक क्या कार्यवाही हुई दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों/अध्यक्ष पर कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) कलेक्टर शहरी विकास राजगढ़ के आदेश क्र. 642/2024 दिनांक 20/11/2024 में किन अधिकारियों को क्या जांच के आदेश दिए थे? अब तक हुई जांच का विवरण देवें। जांच में देरी के क्या कारण है? कार्यवाही कब तक होगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर परिषद, खिलचीपुर में 01 जनवरी 2023 से प्रश्न दिनांक तक 27 उच्च कुशल/अकुशल/मजदूर निकाय में कर्मचारियों की आवश्यकता के दृष्टिगत पीआईसी/अध्यक्ष की स्वीकृति उपरांत लगाये गये है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कलेक्टर जिला राजगढ़ के कार्यालयीन आदेश क्र. 642 दिनांक 20.11.2024 द्वारा प्रकरण के संबंध में जांच समिति का गठन किया गया है। जांच की कार्यवाही प्रचलन में है। जांच उपरांत गुण-दोष के आधार पर संबंधित दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) से (घ) उत्तर उत्तरांश 'क' में समाहित है।
नगर पालिका परिषद दमोह की पी.आई.सी. बैठक
[नगरीय विकास एवं आवास]
44. ( क्र. 1043 ) श्री जयंत मलैया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद दमोह में पी.आई.सी. एवं परिषद की बैठक कब से नहीं हुई है। (ख) नगर पालिका परिषद दमोह में पी.आई.सी. एवं परिषद की बैठक कब होगी। कृपया तिथि की जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिका परिषद दमोह में पी.आई.सी. की बैठक दिनांक 23-09-2024 से एवं परिषद की बैठक दिनांक 14-08-2024 से नहीं हुई है। (ख) नगर पालिका परिषद दमोह में पी.आई.सी. की आगामी बैठक दिनांक अभी प्रस्तावित नहीं है एवं परिषद की बैठक दिनांक 25-02-2025 को होना प्रस्तावित है।
ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही
[लोक निर्माण]
45. ( क्र. 1094 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में स्वीकृत दतिया से उनाव मार्ग की प्रशासकीय स्वीकृति कार्यादेश स्वीकृत डी.पी.आर. की प्रति उपलब्ध कराये। (ख) दतिया उनाव मार्ग का निर्माण कब प्रारंभ हुआ 31 जनवरी 2025 की स्थिति में कितना कार्य पूर्ण हो चुका है, कितना शेष है। कब तक पूर्ण करा लिया जायेगा? (ग) दतिया उनाव सड़क की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु विभाग द्वारा क्या कदम उठाये गये? किन-किन अधिकारियों द्वारा किस-किस दिनांक को निरीक्षण किया गया? टूर डायरी की प्रतियां उपलब्ध करायें। (घ) दतिया उनाव मार्ग के निरीक्षण प्रतिवेदनों की प्रतियां उपलब्ध कराते हुय बताया जाये कि निरीक्षण में पाई गई कमियों को कैसे दूर किया गया। उपयंत्री, अनुविभागीय और ठेकेदार के विरूद्ध गुणवत्ताहीन, कार्य कराने पर क्या कार्यवाही की गई नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) प्रशासकीय स्वीकृति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1, कार्यादेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 एवं डी.पी.आर. पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। टूर डायरी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। (घ) निरीक्षण प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है। उपयंत्री, अनुविभागीय अधिकारी, को कारण बताओ पत्र जारी किये गये है एवं ठेकेदार को काली सूची का नोटिस जारी किया गया। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
46. ( क्र. 1122 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 11.01.2025 को माननीय मुख्यमंत्री महोदय सेंधवा प्रवास के दौरान नगर पालिका सेंधवा को 15 करोड़ रुपये वाटर पार्क एवं उद्यान निर्माण की घोषणा की गई है। उक्त राशि निकाय को कब प्राप्त होगी और निर्माण कार्य के टेंडर कब तक लगाए जायेंगे? (ख) उक्त घोषणा के पश्चात जिला कार्यालय के द्वारा क्या कार्यवाही की गई है। जिला कार्यालय की कार्यवाही के पश्चात शासन के द्वारा क्या कार्यवाही की गई है। क्या नगर पालिका सेंधवा को राशि प्राप्त हो चुकी है। अगर नहीं प्राप्त हुई तो कब तक मिल जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। नगर पालिका परिषद सेंधवा द्वारा कार्य योजना तैयार की जा रही है। कार्य योजना की सक्षम स्वीकृति उपरांत कार्यवाही की जायेगी। (ख) माननीय मुख्यमंत्री जी के घोषणा उपरांत जिला कार्यालय द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी के कार्यालय को जानकारी भेजी गई, जिसमें उक्त की गई घोषणा, घोषणा के पोर्टल में D-0415 दर्ज हुई है। जी नहीं, कार्यवाही की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मार्ग निर्माण की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
47. ( क्र. 1124 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि स्मार्ट सिटी लिमिटेड, जबलपुर की स्मार्ट रोड फेस-2 और अंडर ग्राउंड इलेक्ट्रीफिकेशन (गोलबाजार) निर्माण एम.-40 सी.सी. सड़क लागत 8.28 करोड़ से कहाँ से कहाँ तक की सी.सी.रोड का निर्माण कितनी-कितनी लम्बाई में किया गया? उक्त कार्य किस निर्माण एजेंसी से कराया गया एवं कब-कब कितना-कितना भुगतान किया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : स्मार्ट रोड फेस-2 और अंडर ग्राउंड इलेक्ट्रीफिकेशन (गोलबाजार) कार्य/परियोजना के अंतर्गत निर्माण की गई सड़कों एवं उनकी लंबाई का विवरण संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार है। उक्त कार्य का निर्माण भाषा एसोसिएट्स, भोपाल PWD रजिस्ट्रेशन संख्या (PWD 240075076) के द्वारा कराया गया है। उक्त एजेन्सी को संबंधित कार्य के परिप्रेक्ष्य में किये गये भुगतान का विवरण संलग्न परिशिष्ट-ब अनुसार है।
स्मार्ट सिटी जबलपुर अंतर्गत स्वीकृत कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
48. ( क्र.
1125 ) श्री
नीरज सिंह
ठाकुर : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) स्मार्ट
सिटी लिमिटेड, जबलपुर
द्वारा
स्वीकृत किये
गये 116
में से कितने
निर्माण
कार्य प्रश्न
दिनाँक की
स्थिति में पूर्ण
हो चुका है? कितने
एवं कौन-कौन
से कार्य
अपूर्ण हैं
एवं क्यों? (ख) स्मार्ट
सिटी लिमिटेड, जबलपुर
द्वारा
पुनरीक्षित
लागत राशि 80.47
करोड़ से
स्वीकृत स्मार्ट
रोड फेस-1 राईट टाउन
रोड 5.4
कि.मी. में
कौन-कौन से
कार्य
कितनी-कितनी
राशि से
स्वीकृत थे? उनमें
से कौन-कौन से
कार्य पूर्ण
हो चुके हैं? कौन-कौन
से कार्य
कितने-कितने
शेष हैं? (ग) स्मार्ट
सिटी लिमिटेड, जबलपुर
की स्मार्ट
रोड फेस-1 राईट टाउन
रोड 5.4
कि.मी. के
कार्य में 24 घंटे
पेय-जल एवं
विद्युत
प्रदाय
कार्यों में कितने-कितने
कार्य अब तक
पूर्ण हुआ है? कितना-कितना
कार्य शेष है? पूर्ण
एवं अपूर्ण
कार्य का
स्थानवार
विवरण दें? उक्त
अपूर्ण कार्य
कब तक पूर्ण
होगा?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) जबलपुर
स्मार्ट
सिटी द्वारा
स्वीकृत
किये गये
निर्माण
कार्यों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार
है। प्रश्न
दिनांक तक सभी
कार्य पूर्ण
हो चुके हैं, शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) जबलपुर
स्मार्ट
सिटी द्वारा
पुनरीक्षित
लागत राशि 79.07
करोड़ से स्मार्ट
रोड फेज़-1 राईट
टाउन क्षेत्र
अंतर्गत 8.49
किलोमीटर में
स्वीकृत
कार्य की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-ब अनुसार
है। उक्त
परियोजना
अंतर्गत
समस्त कार्य
पूर्ण किये जा
चुके है, शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता
है। (ग) जबलपुर
स्मार्ट
सिटी द्वारा
स्मार्ट रोड
फेज़-1
राईट टाउन
क्षेत्र अंतर्गत
24
घंटे पेयजल
एवं विद्युत
प्रदाय
संबंधी समस्त
कार्य पूर्ण
हो चुके हैं
एवं स्थानवार
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-स अनुसार
है।
एन.एच. 69 औबेदुल्लागंज, बैतूल पर टोल
[लोक निर्माण]
49. ( क्र. 1163 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एन.एच. 69 औबेदुल्लागंज-बैतूल पर बनाये गये टोल के संबंध में शासन द्वारा क्या मापदंड एवं शर्तें रखी गई है? एक टोल से दूसरे टोल की दूरी क्या है? नियमों की प्रति हिन्दी भाषा में उपलब्ध करावें? (ख) क्या एन.एच. 69 औबेदुल्लागंज-बैतूल पर जो टोल टैक्स बनाये गये है उसमें एक टोल औबेदुल्लागंज में बनाया गया है जबकि यह टोल औबेदुल्लागंज से नीचे की तरफ बरेली रोड पर बनाया जाना था जो त्रुटिपूर्ण बनाया गया है? यदि हाँ, तो क्या यह टोल वर्तमान स्थान से हटाया जायेगा? दूसरा टोल बघवाड़ा शाहगंज तहसील बुधनी जिला सीहोर (एन.एच. 69) पर बनाया गया है जिसकी दूरी एक टोल से दूसरे टोल तक मात्र 35 कि.मी. है जबकि एन.एच.आई. की टोल शर्तों में एक टोल से दूसरे टोल की दूरी लगभग 70 कि.मी. की दूरी रहती है? इस मार्ग पर दो बार टोल टैक्स क्यों वसूला जा रहा है इसकी विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई जाये? (ग) एन.एच. 69 मार्ग पर बरखेड़ा बुधनी के बीच फारेस्ट एरिया का 12.5 कि.मी. मार्ग फोरलेन नहीं हुआ है फिर भी इस मार्ग का टोल लिया जा रहा है यह किस आधार पर लिया जा रहा है विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें? वर्तमान में जो टोल बनाया गया है क्या यह सही जगह बनाया गया है? जबकि नर्मदापुरम् बुधनी होते हुये भोपाल की दूरी मात्र 70 कि.मी. है इस हिसाब से नर्मदापुरम् से भोपाल के बीच में मात्र एक टोल बनना था लेकिन दो-दो टोल बना दिये गये है और उसके बाद भी मिसरोद से भोपाल आने के लिये नगर निगम क्षेत्र के बी.आर.टी.एस. की रोड है उस हिसाब से भी दूरी नर्मदापुरम् से बुधनी होते हुये मिसरोद की दूरी लगभग 45 कि.मी. होती है। दो-दो टोल टैक्स होने के कारण जनता को अधिक टैक्स देना पड़ रहा है इस स्थिति में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। जी नहीं। एन.एच.-69 पर औबेदुल्लागंज पर टोल प्लाजा का निर्माण अनुबंध में निहित प्रावधान अनुसार किया गया है। (ग) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
अपूर्ण मार्ग को पूर्ण किया जाना
[लोक निर्माण]
50. ( क्र. 1164 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर के अंतर्गत शोभापुर से माछा, शोभापुर से भटगांव, शोभापुर से रेवाबनखेड़ी, सेमरी से महुआखेड़ा अजबगांव गजनई मार्ग एवं सिरवाड़ फुरतला पाटनी सांगाखेड़ाखुर्द मार्ग लोक निर्माण विभाग की एडीबी योजना के अंतर्गत बनाये गये है जिनका कार्य अभी तक किस कारण से पूर्ण नहीं हो पाया है? इन मार्गों के साथ कितनी पुल-पुलिया बनाये जाने का प्रावधान था? विस्तृत जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या उक्त मार्गों का निर्माण गुणवत्ताहीन हुआ है विगत 5 वर्षों से काम चल रहा है परन्तु अभी तक पूर्ण नहीं हो पाया है और विभाग द्वारा कार्य पूर्ण बताकर राशि निकाल ली गई है एवं पुल-पुलिया भी निर्धारित शर्तों के आधार पर नहीं बनी है? पुल-पुलिया के वाक्स कलवर्ट शर्तों से कम बनाये गये है और इनकी भी राशि पूरी निकाल ली गई है। साईट शोल्डर भी निर्धारित मापदंड के तहत नहीं बनाये गये है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? इसमें कौन जिम्मेदार है उपरोक्त मार्गों का निर्माण कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग ए.डी.बी. योजना के अंतर्गत नहीं, अपितु एन.डी.बी. योजना के अंतर्गत स्वीकृत है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जी नहीं। निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्वक पूर्ण किया जा चुका है, जिसकी पूर्णता दिनांक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। पुल-पुलियों निर्धारित शर्तों के अनुसार बनाई गयी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार 14 बॉक्स कलवर्ट स्वीकृत थे एवं 14 ही बॉक्स कलवर्ट बनाये गये है। साईड शोल्डर का कार्य भी निर्धारित मापदण्डानुसार किया गया है। (ग) उत्तरांश 'क' एवं 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जोगडंदी ग्रिड के कार्य प्रारंभ किया जाना
[ऊर्जा]
51. ( क्र. 1173 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र में कुक्षी में ग्राम पंचायत जोगडदी ग्रिड स्वीकृत है, यदि हाँ, तो कब स्वीकृत किया गया दिनांक व राशि एवं किसके द्वारा निर्माण किया जायेगा जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या उक्त ग्रिड का कार्य प्रारंभ किया जा चुका है हाँ या नहीं? यदि नहीं, तो कारण सहित बताने का कष्ट करें। इसका जिम्मेदार कौन है? (ग) क्या उक्त ग्रिड का वर्क आर्डर जारी हो चुका है यदि हाँ, तो कार्य प्रारंभ न करने की स्थिति में उक्त कंपनी पर क्या कार्यवाही होगी व अन्य कंपनी को उक्त वर्क आर्डर दिया जा सकता है हाँ या नहीं? हाँ तो कब तक नहीं तो क्यों? (घ) उक्त ग्रिड का कार्य विलंब से होने के कारण क्या आसपास के क्षेत्र में आम जनता विद्युत संबंधी समस्याओं का सामना कर रही है? उसका जिम्मेदार कौन है उक्त ग्रिड का कार्य का प्रारंभ करने की समय-सीमा से अवगत करवाएं।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। विधानसभा क्षेत्र कुक्षी के ग्राम पंचायत जोगडदी में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना के कार्य की स्वीकृति केन्द्र शासन की आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत दिनांक 17.03.2022 को प्राप्त हुई है एवं उक्त नवीन उपकेन्द्र हेतु स्वीकृत राशि रू.2.54 करोड़ है। म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उक्त नवीन उपकेन्द्र के निर्माण कार्य हेतु कार्यादेश दिनांक 16.02.2023 को मेसर्स स्पॉन इंफ्रास्ट्रक्चर (I) लिमिटेड (लीड पार्टनर) दिल्ली को जारी किया गया है। (ख) जी हाँ, नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र जोगडदी का निर्माण कार्य उत्तरांश (क) में उल्लेखित क्रियान्वयन एजेंसी द्वारा वर्तमान में प्रारंभ कर दिया गया है। उक्त निर्माण कार्य करने वाली क्रियान्वयन एजेंसी को कार्य शीघ्र पूर्ण करने हेतु म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा निर्देशित किया गया है। अत: शेष प्रश्नांश नहीं उठता है। (ग) जी हाँ। उक्त नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र (ग्रिड) के निर्माण कार्य हेतु उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार कार्यादेश जारी किया जा चुका है। उत्तरांश (ख) में उल्लेखानुसार क्रियान्वयन एजेंसी द्वारा वर्तमान में कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। कार्यादेश में निहित समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं किये जाने पर कार्यादेश के नियमों एवं शर्तों अनुसार क्रियान्वयन एजेंसी से राशि का कटौत्रा किया जावेगा। उक्त नवीन उपकेन्द्र (ग्रिड) का कार्य आगामी 3 से 5 माह में पूर्ण किया जाना संभावित है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (घ) जी नहीं। स्वीकृत नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र जोगडदी के आसपास के राजस्व ग्रामों के घरेलू एवं सिंचाई विद्युत उपभोक्ताओं को निकटतम स्थापित 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र मोगरा से नियमानुसार क्रमश: 24 घंटे एवं 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। योजनांतर्गत विद्युत प्रणाली के सुदृढ़ीकरण एवं तकनीकी हानियों को कम करने हेतु प्रश्नाधीन नवीन विद्युत उपकेन्द्र स्वीकृत है। उक्त नवीन उपकेन्द्र (ग्रिड) के निर्माण कार्य को प्रारंभ किये जाने में हुए विलंब हेतु क्रियान्वयन एजेंसी जिम्मेदार है। वर्तमान में नवीन उपकेन्द्र का निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है एवं आगामी 3 से 5 माह में कार्य पूर्ण किया जाना सम्भावित है।
नगर परिषद डही द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
52. ( क्र. 1174 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निर्वाचित विधायक के पत्र का उत्तर देने संबंधी GAD का स्थाई आदेश क्या नगर परिषद पर भी लागू होता है? जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) उत्तर यदि हाँ, है? तो प्रश्नकर्ता द्वारा अक्टूबर 2023 और दिसंबर 2024 को मुख्य नगर परिषद अधिकारी डही जिला धार से समय-सीमा में जानकारी चाही गई थी क्या विभाग द्वारा जानकारी प्रदान की गई यदि हाँ, तो प्रतिलिपि उपलब्ध करवाएं यदि नहीं, तो क्या कारण रहा। जानकारी उपलब्ध न कराने पर संबंधित अधिकारी पर क्या कार्यवाही की जाएगी। (ग) विधानसभा कुक्षी के नगर परिषद डही में वर्ष 2023-24 और 2024-25 में पीआईसी की बैठक में कितने निर्माण कार्य स्वीकृत हुए उनमें से कितने प्रगतिरत है, कितने पूर्ण हुए, कितने अपूर्ण हैं उनकी निविदा, टेंडर, कार्य आदेश सहित जानकारी उपलब्ध करवाएं। साथ ही 2018 से प्रधानमंत्री आवास की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाएं। (घ) नगर परिषद डही में नियमानुसार जेम पोर्टल के आधार पर क्या-क्या सामग्री क्रय की गई व जेम टेंडर की निविदा की संपूर्ण नियम शर्तों की प्रमाणित प्रति व जेम पोर्टल में सम्मिलित हुए फर्मों की सम्पूर्ण दस्तावेज की प्रमाणित छायाप्रति व जिन फर्मों को योग्य व अयोग्य किया गया उनकी नियमावली व निविदा में योग्य फर्मों के अनुबंध व स्वीकृति के आदेश भुगतान की प्रमाणित प्रतिलिपि व जेम पोर्टल के बिल की छायाप्रति उपलब्ध कराने का कष्ट करें। (ड.) विधानसभा क्षेत्र कुक्षी की नगर परिषद डही में 2018 से आज दिनांक तक शासन द्वारा कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई और कहां-कहां खर्च की गई साथ ही कितने सफाईकर्मी कार्यरत हैं कितने पद रिक्त हैं, सूची उपलब्ध करवाएं और नल-जल योजना के तहत कहां-कहां कार्य किया गया व कितनी सामग्री क्रय की गई कहां से की गई सामग्री की मदवार राशिवार सूची उपलब्ध करवाएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ, जानकारी उपलब्ध कराने का पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है, प्रधानमंत्री आवास की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ई' अनुसार है। (ड.) नगर परिषद डही में वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक शासन से प्राप्त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'फ' अनुसार है। सफाईकर्मी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ज' अनुसार एवं नल-जल योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'च' अनुसार है।
सबस्टेशन के प्रस्ताव की जानकारी
[ऊर्जा]
53. ( क्र.
1189 ) श्रीमती
प्रियंका
पैंची : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि
(क) विधानसभा
चाचौड़ा में
ग्राम
पाखरियापुरा, साग़ोडिया, करेला, दुर्गपुरा
एवं खेड़ीकला
का सबस्टेशन
का कोई प्रस्ताव
विचाराधीन है? (ख) प्रश्नांश
(क) में
वर्णित
ग्रामों के
लिए प्रश्नकर्ता
द्वारा पूर्व
में भी पत्र
के माध्यम से
मांग की गई थी
तो क्या यह
सबस्टेशन
स्वीकृत हो पाएंगे
यदि हाँ, तो कब तक और
नहीं तो क्यों? (ग) ग्राम
बंजारी एवं
ग्राम
वापचलहरिया
के आसपास के 20 से 25
ग्रामों
द्वारा ग्राम
बंजारी एवं
बापचलहरिया
में भी
सबस्टेशन की
मांग की गई है
क्या इन
ग्रामीणों को
ध्यान रखते
हुए सबस्टेशन
स्वीकृत किए
जा सकते है
यदि हाँ, तो कब तक और
यदि नहीं, तो
क्यों?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) विधानसभा
क्षेत्र
चाचौड़ा में
ग्राम पाखरियापुरा, सागोडिया, करेला, दुर्गपुरा
एवं खेड़ीकला
में नवीन 33/11
के.व्ही
विद्युत
उपकेन्द्र
(सबस्टेशन)
निर्माण का
कोई प्रस्ताव
म.प्र. मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
अंतर्गत विचाराधीन
नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) में
वर्णित
ग्रामों में
नवीन 33/11
के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र
(सबस्टेशन)
निर्माण हेतु
प्रश्नकर्ता
माननीया
विधायक
महोदया का
कार्यालय महाप्रबंधक
(संचा./संधा.)
वृत्त गुना, कार्यालय
मुख्य
महाप्रबंधक
(ग्वा.क्षे.), ग्वालियर
एवं म.प्र. मध्य
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
के मुख्यालय
कार्यालय में
कोई पत्र
प्राप्त
नहीं हुआ है।
अत: शेष प्रश्न
नहीं उठता। (ग) ग्राम
बंजारी एवं
आसपास के
ग्रामों को 33/11
के.व्ही.
सानई उपकेन्द्र
से निर्गमित 11 के.व्ही.
झिरी मिश्रित
फीडर से
विद्युत
प्रदाय सुचारू
रूप से किया
जा रहा है।
उक्त फीडर की
लम्बाई 12.5
कि.मी. एवं औसत
भार 130
एम्पीयर है।
अत: बंजारी
ग्राम में
नवीन 33/11
के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र
का निर्माण
तकनीकी रूप से
साध्य नहीं
है। ग्राम
बापचलहरिया
एवं आसपास के
ग्रामों को 33/11
के.व्ही.
गेहूखेड़ी
विद्युत
उपकेन्द्र
से निर्गमित 11 के.व्ही.
हरिचा पंप एवं
11
के.व्ही.
गेंहूखेड़ी
आबादी फीडर से
विद्युत
प्रदाय सुचारू
रूप से किया
जा रहा है।
उक्त फीडरों
पर औसत भार
क्रमश: 130 एम्पीयर
एवं 75
एम्पीयर है
तथा लम्बाई
क्रमश: 14 कि.मी. एवं 20.5
कि.मी. है। अत:
बापचलहरिया
ग्राम में
नवीन 33/11
के.व्ही.
विद्युत
उपकेन्द्र
का निर्माण
तकनीकी रूप से
साध्य नहीं
है।
धार्मिक स्थलों को पर्यटन के रूप में विकसित करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
54. ( क्र. 1302 ) श्री सुरेन्द्र सिंह गहरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सरभंग-आश्रम, सुतीक्षण-आश्रम, सिद्धा-पहाड, अघमर्षण-कुण्ड, धारकुण्डी, बिरसिंहपुर, बरौंधा में बड़ेदेव-स्वामी, भठवा में ब्रम्हकुण्ड, शाहपुर में सक्ररो विरगढ-देवीमाता, पिण्ड्रा में त्रिवेणी,भरगवाँ में सुरजकुण्ड, अर्जनपुर में आमॉचुवा, कैलाशपुर में कचूर-आश्रम आध्यात्मिक व धार्मिक पर्यटक स्थल के रूप में है? इनका आध्यात्मिक, धार्मिक महत्व क्या है? क्या इनके विकास एवं सौन्दर्यीकरण के लिये स्थलवार पृथक-पृथक योजना है? (ख) क्या चित्रकूट का नगर प्लान बना है, नगर विकास प्लान की प्रति दें? क्या बिना नगर प्लान के चित्रकूट का व्यवस्थित विकास संभव है? चित्रकूट में स्थित गुप्त-गोदावरी, सती अनुसइया, कामदगिरि, हनुमानधारा में यात्रियों की सुविधा के लिये क्या व्यवस्था की गई है? क्या गुप्त गोदावरी में यात्रियों से फर्जी रसीद पर अवैध रूप से वसूली के प्रकरण में कुछ कार्यवाही सीएमओ चित्रकूट ने की है पूर्ण जानकारी दें? यदि हाँ, तो इस प्रकार की लूट एवं अनियमितता के लिये मातहत कर्मचारी के अलावा क्या सीएमओ चित्रकूट उत्तरदायी नहीं हैं, संबंधित को कब तक हटाया जाकर कार्यकाल अवधि में किये गये भ्रष्टाचार, अनियमितता, कार्यों के भुगतान आदि की जांच कराई जायेगी। (ग) क्या पवित्र सलिला मंदाकिनी का पानी साफ और पीने योग्य है? क्या इसकी नियमित साफ-सफाई उचित ढंग से की जा रही है? घाटों पर अतिक्रमण रोकने व भीड़ को व्यवस्थित करने के इंतजाम किये गये हैं? क्या मंदाकिनी नदी की आरती नियमित रूप से की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) प्रश्नांश 'क' का संबंध इस निकाय से नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जी नहीं। चित्रकूट में स्थित गुप्त गोदावरी में यात्रियों को पर्यटन स्थल तक पहुंच मार्ग, स्ट्रीट लाईट प्रकाश व्यवस्था, छाया के लिए टीन शेड निर्माण, यात्रियों को पंक्ति बद्ध करने हेतु रेलिंग, पंखा, सूचना हेतु ध्वनि प्रसारण यंत्र, निगरानी हेतु सी.सी.टी.वी. कैमरा, पेयजल की व्यवस्था तथा गुफाओं में निरन्तर प्रकाश हेतु जनरेटर व्यवस्था, यात्रियों को सुगम दर्शन कराये जाने हेतु दोनों गुफाओं में कर्मचारी तैनात किये जाना, सुरक्षा गार्ड आदि यात्रियों की सुविधा के लिये व्यवस्था की गई है। सती अनुसुईया, कामदगिरि, हनुमानधारा सभी स्थलों में पहुंच मार्ग, स्ट्रीट लाईट प्रकाश व्यवस्था, पेयजल व्यवस्था, साफ-सफाई जैसी मूलभूत सुविधा निकाय द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही हैं। साथ ही अमावस्या मेला एवं दीपावली मेला में अस्थाई पार्किंग, प्रकाश व्यवस्था, ध्वनि प्रसारण, निगरानी हेतु कैमरे, घाटों में रस्सी बंधवाये जाना, महिलाओं के वस्त्र बदलने हेतु वस्त्रालय रखवाया जाना, अस्थाई शौंचालय, अस्थाई आश्रय स्थल, सम्पूर्ण क्षेत्र में अतिरिक्त स्वच्छता कर्मचारी लगाया जाकर साफ-सफाई तथा सम्पूर्ण व्यवस्थाओं को कायम कराये जाने हेतु विभिन्न स्थानों में कर्मचारी नियुक्त किया जाना आदि यात्रियों की सुविधा हेतु व्यस्थाएं की जाती हैं। जी हाँ दिनांक 16.01.2025 को मुख्य नगर पालिका अधिकार नगर परिषद चित्रकूट द्वारा अपने आफिस के कर्मचारियों के साथ औचक निरीक्षण किया गया, निरीक्षण के दौरान 02 आउटसोर्स के कर्मचारियों द्वारा फर्जी तरीके से यात्रियों को टिकट बेंचते हुए पकड़ा गया, जिनकी प्राथमिकी सूचना चित्रकूट थाने में दर्ज कराई गई तथा उनको सेवा से भी मुक्त किया गया। गुप्त गोदावरी प्रभारी एवं अन्य स्टॉफ को हटाकर कार्यालय में संलग्न किया गया एवं प्रकरण के जांच हेतु जांच समिति गठित की गई है। शेष शासन से संबंधित। (ग) निकाय में उपलब्ध साधन-संसाधनों से समय-समय पर मन्दाकिनी की साफ-सफाई कराई जाती है। घाटों में अतिक्रमण रोकने हेतु समय-समय पर अतिक्रमण मुक्त कराये जाने की कार्यवाही की जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मार्ग निर्माण की जानकारी
[लोक निर्माण]
55. ( क्र. 1331 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी-कितनी लागत से कौन-कौन से मार्गों का निर्माण किसके द्वारा कब से किया जा रहा है एवं अनुबंध की शर्तों के अनुरूप इनका निर्माण कब तक पूर्ण होगा? सूची देवें। (ख) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मेन बजट 2024 -25 एवं अनुपूरक बजट में कितनी-कितनी लागत के कौन-कौन से मार्गों का निर्माण स्वीकृत किया गया था? (ग) इन मार्गों का निर्माण प्रश्न दिनांक तक प्रारंभ ना होने के क्या कारण है? इन मार्गों के निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जावेगी और इनका निर्माण कब से प्रारंभ होगा? (घ) क्या बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत (1) पथराड़ी पिपरिया से निपानिया केवलारी पहुंच मार्ग (2) बकलेहटा से खुसरा कुदरी रामपुर पहुंच मार्ग (3) रामपुर निमास जुजावल पहुंच मार्ग की निर्माण की स्वीकृति शासन प्रदान करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं होने के कारण। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) मार्ग न तो किसी योजना में प्रस्तावित है न ही स्वीकृत है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आर.डी.डी.एस.स्कीम के अन्तर्गत विभिन्न कार्यों को पूर्ण करना
[ऊर्जा]
56. ( क्र. 1338 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत आर.डी.डी.एस. स्कीम के फीडर सेपरेशन का कार्य अभी तक प्रारंभ नहीं हुआ है, जबकि टेन्डर हुए लगभग 6 माह से अधिक समय हो चुका हैं। परासिया क्षेत्र में लगभग 30 ढ़ाने व 80 टोले हैं, जिनमें बहुत अधिक संख्या में हरिजन आदिवासी वर्ग के परिवार निवास करते हैं इन ढाने व मंजरे टोलों में आर.डी.डी.एस. स्कीम के अन्तर्गत 24 घंटे विद्युत प्रदान हेतु प्रस्ताव विभाग द्वारा शासन स्तर पर भेजा जा चुका है परन्तु अभी तक कार्य प्रारम्भ नहीं हुआ है। सबस्टेशनों के विद्युत ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाये जाने के प्रस्ताव भी आर.डी.डी.एस. स्कीम के तहत शासन स्तर पर भेज गये हैं वर्तमान में विद्युत ट्रांसफार्मरों की क्षमता 5 से 8 एमबीए तथा 3.15 से 5 एमबीए किया जाना आवश्यक है। परन्तु ट्रंसफर्मरों की क्षमता नहीं बढ़ाई गई है। विभाग द्वारा सभी कार्यों को प्रारम्भ व पूर्ण कराये जाने के संबंध में कब तक विभिन्न औपचारिकताओं को पूर्ण कर कार्यवाही की जायेगी? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों को शीघ्र प्रारम्भ कर पूर्ण कराये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा मान.विभागीय मंत्री महोदय को अनुस्मरण पत्र 01 क्र.वि.स./परासिया/127/2024/827 एवं 828 दिनांक 16.12.2024 एवं पत्र क्र.वि.स./ परासिया/127/2024/829 दिनांक 16.12.2024 को प्रेषित किये गये है, जिन पत्रों पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? कब तक सभी कार्यों को पूर्ण करा दिया जायेगा?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) विधानसभा
क्षेत्र
परासिया सहित
जिला
छिंदवाड़ा
में
आर.डी.एस.एस.
योजना अंतर्गत
11
के.व्ही.
मिश्रित
फीडरों के
विभक्तिकरण
के कार्य हेतु
निविदा
दिनांक 07.03.2024 को जारी
की गई। निविदा
प्रक्रिया
पूर्ण होने के
उपरांत
दिनांक 25.11.2024 को
कार्यादेश
जारी किया
गया। वर्तमान
में निविदाकार
द्वारा सर्वे
कार्य किया जा
रहा है। प्रश्नाधीन
क्षेत्र में
केन्द्र
शासन की
पी.एम.जनमन
योजनांतर्गत
चिन्हित ग्रामों
में आदिवासी
वर्ग के 13
अविद्युतीकृत
घरों के
विद्युतीकरण
का कार्य
पूर्ण किया
गया है। उक्त
योजनांतर्गत
प्रस्तावित
कार्य पूर्ण
किये जा चुके
हैं। उक्त के
अतिरिक्त
केन्द्र
शासन की धरती
आबा जनजातीय
उत्कर्ष
अभियान
अंतर्गत
अनुसूचित
जाति के परिवारों
के
विद्युतीकरण
हेतु सर्वे
कार्य म.प्र. पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
लिमिटेड
अंतर्गत
प्रगतिरत है।
सबस्टेशनों
की क्षमता
बढ़ाये जाने
संबंधी पर
प्रशासकीय स्वीकृति
वर्तमान में
अप्राप्त
है। (ख)
उत्तरांश (क) के
संदर्भ में
माननीय प्रश्नकर्ता
महोदय द्वारा
प्रेषित
पत्रों पर की
गई कार्यवाही
एवं कार्यों
को पूर्ण करने
संबंधी जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार है।
परिशिष्ट
- "साठ"
33/11 के.व्ही. का विद्युत सब स्टेशन (उपकेन्द्र) स्थापित किया जाना
[ऊर्जा]
57. ( क्र. 1347 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत लगभग 5 ग्राम पंचायतें ऐसी हैं, जिनमें तामिया (छिंदी) फिडर से विद्युत की सप्लाई की जाती है, सभी 5 ग्राम पंचायतों बुदलापठार (सूठिया कोंडरा), कोहका, दमुआ, धमनिया, लोहारीबांदरी पंचायतों के आश्रित गॉंवों में भी छिंदी तामिया फिडर से ही विद्युत की सप्लाई की जाती है। चूंकि इन सभी पंचायतों एवं गांवों में भारिया समाज एवं आदिवासी समाज के लोगों एवं उनके परिवार बहुत अधिक संख्या में निवास करते हैं और आये दिन पंचायतों एवं गांवों में वोल्टेज की निरंतर समस्या बनी रहती है। यदि किसी प्रकार से विद्युत लाईन में ब्रेक डाउन होता है तो कई दिनों तक गांव में विद्युत बंद रहती है भारिया समाज एवं आदिवासी समाज, आम उपभोक्ताओं एवं कृषकों, छात्र/छात्राओं की विद्युत संबंधित सुविधा हेतु ग्राम पंचायत दमुआ एवं कोहका के बीच में 33/11 के.व्ही. का विद्युत सब स्टेशन (उपकेन्द्र) की स्थापना किया जाना अति आवश्यक है विभाग द्वारा सब स्टेशन (उपकेन्द्र) स्थापना हेतु कब तक कार्यवाही को पूर्ण करते हुये उपकेन्द्र की स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी? (ख) सब स्टेशन (उपकेन्द्र) की स्थापना स्वीकृति हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा मान. विभागीय मंत्री जी को अनुस्मरण 03 पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/ 2024/851 दिनांक 16.12.2024 को प्रेषित किया गया था एवं मान.मुख्यमंत्री महोदय को अनुस्मरण 02 पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2024/852 दिनांक 16.12.2024 को प्रेषित किया गया था जिन सभी पत्रों पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? कब तक कार्यवाही पूर्ण करते हुये विद्युत सब स्टेशन (उपकेन्द्र) की स्थापना करा दी जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विधानसभा क्षेत्र परासिया के ग्राम पंचायत/ग्राम कोहका, दमुआ, धमनिया एवं आसपास के क्षेत्र को छिंदी वितरण केन्द्र के अंतर्गत 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र छिन्दी से निर्गमित 11 के.व्ही. सिधोली फीडर (मिश्रित) से एवं ग्राम पंचायत/ग्राम लोहारी बांदरी एवं आसपास के क्षेत्र को उक्त विद्युत उपकेन्द्र से निर्गमित 11 के.व्ही. नागरी फीडर (मिश्रित) से तथा ग्राम पंचायत/ग्राम सुठिया एवं आसपास के क्षेत्र में तामिया वितरण केन्द्र के अंतर्गत 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र तामिया से निर्गमित 11 के.व्ही. लिंगा फीडर (मिश्रित) से विद्युत आपूर्ति की जा रही है। उक्त उल्लेखित ग्रामीण क्षेत्र सघन वन क्षेत्र में स्थित है। प्राकृतिक आपदा एवं तकनीकी खराबी के कारण आये आकस्मिक व्यवधानों को छोड़कर उक्त ग्रामों में नियमानुसार विद्युत प्रदाय किया जाता है। विद्युत प्रदाय में व्यवधान आने की स्थिति में म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा शीघ्रातिशीघ्र उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करते हुए आवश्यक सुधार कार्य किया जाकर विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी जाती है। इसके अतिरिक्त, ग्रामवासियों द्वारा की जाने वाली विद्युत संबंधी शिकायतों पर त्वरित कार्यवाही की जाती है। उल्लेखनीय है कि म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा समस्त स्थापित विद्युत अधोसंरचना के रखरखाव का कार्य मानसून पूर्व एवं मानसून अवधि के पश्चात करने के अलावा विद्युत व्यवधानों/दुर्घटनाओं को कम करने के उद्देश्य से पूरे वर्ष सतत् रूप से किया जा रहा है। ग्राम दमुआ में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र हेतु स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में और अधिक गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय किए जाने एवं भविष्य की विद्युत मांग के दृष्टिगत तकनीकी रूप से साध्य पाए 11 के.व्ही. सिधोली मिश्रित फीडर के भार को कम करने एवं वोल्टेज की समस्या के निराकरण हेतु 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र छिन्दी में 1 नवीन-बे तैयार कर 1 कि.मी. नवीन 11 के.व्ही. लाइन के इंटरकनेक्शन का कार्य पूर्ण किया जा चुका है, 11 के.व्ही. नागरी मिश्रित फीडर पर भार कम करने एवं वोल्टेज की समस्या के निराकरण हेतु इसके विभक्तिकरण का कार्य आर.डी.एस.एस. योजना में प्रस्तावित है तथा 11 के.व्ही. लिंगा फीडर से वर्तमान में सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उक्त परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन क्षेत्र में अन्य कोई कार्य/कार्यवाही किया जाना वर्तमान में आवश्यक नहीं है। (ख) माननीय प्रश्नकर्ता महोदय के प्रश्न में उल्लेखित नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र स्थापना हेतु प्राप्त पत्रों पर कार्यवाही करते हुए ग्राम दमुआ में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र हेतु स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। उक्त नवीन उपकेन्द्र हेतु वित्तीय एवं अन्य आवश्यक स्वीकृतियाँ प्राप्त होने के उपरान्त निर्माण कार्य किया जा सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अवैध नियुक्ति एवं NPS भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
58. ( क्र. 1370 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद सन् 2016 के बाद दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को मस्टर पर रख सकती है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत कृपया छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ख) यदि नहीं, तो नगर परिषद घुवारा जिला छतरपुर द्वारा 80% से अधिक होने के बाद भी सन् 2022 से अभी तक कितने मस्टर कर्मचारियों की भर्ती की गई है? सूची उपलब्ध करायें। (ग) क्या नगर परिषद घुवारा में लगभग 2 वर्ष से GPF, NPS, EPF जमा नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो कृपया कारण स्पष्ट करें। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) में दोषी अधिकारियों के विरूद्ध जांच की कार्यवाही की जा सकती है? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) कार्य की आवश्यकतानुसार नगरीय निकाय श्रमिकों को आउटसोर्स तथा टेन्डर करके रख सकती है। म.प्र. नगर पालिका (लेखा) नियम 2018 में प्रावधानित है। छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट ''क'' अनुसार है। (ख) नगर परिषद, घुवारा का स्थापना व्यय वित्तीय वर्ष 2022-23 में 63.80 प्रतिशत रहा है। नगर परिषद प्रस्ताव क्रमांक 10 दिनांक 26.08.2022 के अनुक्रम में अतिआवश्यक सेवाओं के दृष्टिगत 19 कर्मचारियों को फरवरी 2023 से मस्टर पर रखा गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ख'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। निकाय की स्थिति सुदृढ़ न होने के कारण विगत 2 वर्ष से GPF, NPS, EPF जमा नहीं किया गया। वर्तमान में GPF, NPS, EPF नियमित जमा किया जा रहा है। नवम्बर 2022 से जनवरी 2024 तक GPF की बकाया राशि जमा किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) प्रकरण का परीक्षण कर यथोचित निर्णय लिया जायेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पशुपालकों के पंजीयन की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
59. ( क्र. 1378 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम क्षेत्र उज्जैन में कितने पशुपालक पंजीबद्ध है? (ख) नगर निगम क्षेत्र उज्जैन में कितनी गौशालाएं हैं? (ग) नगरीय क्षेत्र की गौशालाओं में कितने पशु हैं। गाय, बैल, बछड़ों की संख्या बतावें। (घ) आवारा पशुओं के खुलेआम सड़कों पर घूमने से 2020 से दिसंबर 2024 तक जनहानि अथवा दुर्घटना हुई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगर पालिक निगम उज्जैन अंतर्गत पशुपालक पंजीयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) नगर पालिक निगम उज्जैन द्वारा एक गौशाला (कपिला) एवं पशुपालन एवं डेयरी विभाग जिला उज्जैन में नगर पालिक निगम क्षेत्र उज्जैन में 07 गौशालाएं संचालित है। (ग) नगर पालिक निगम उज्जैन में संचालित कपिला गौशाला में कुल 1825 गौवंश है, जिसमें बैल 160 लगभग बछड़े 120 शेष 1545 गायें उपलब्ध है एवं उप संचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग उज्जैन से प्राप्त जानकारी (गौशाला) की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) निकाय में कोई रिकार्ड संधारित नहीं है।
पवई विधान सभा में विद्युत वितरण व्यवस्थाएं
[ऊर्जा]
60. ( क्र. 1400 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना जिले में पवई विधानसभा अंतर्गत संपूर्ण क्षेत्र का विद्युतीकरण ढांचा 40 वर्ष से अधिक पुराना है? शासन ने वर्तमान की विद्युत की खपत, सिंचाई रकबा के बढ़ते मान से क्या कोई योजना बनाई है? यदि हाँ, तो इसके मापदंड क्या रखे गए हैं? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ख) विधानसभा पवई अंतर्गत वर्तमान में नवीन विद्युत सब स्टेशन कहाँ-कहाँ बनाया जाना प्रस्तावित है? नाम एवं क्षमता सहित जानकारी देवें। (ग) विधानसभा पवई अंतर्गत कल्दा नवीन सब स्टेशन प्रस्तावित है, भूमि पूजन के 2 वर्ष बाद भी इसके निर्माण का कार्य क्यों शुरू नहीं हो पा रहा है? इसको निर्माण करा कर कब तक चालू कर लिया जाएगा? (घ) क्या आए दिन ट्रांसफार्मर के जलने का कारण गुणवत्ताविहीन सामग्री का उपयोग किया जाना है? वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र में कितने ट्रांसफार्मर कितनी क्षमता के खराब हुए हैं? जले प्रत्येक ट्रांसफार्मर की रिपेयरिंग में कितनी-कितनी राशि प्रत्येक पर व्यय हुई है? (ड.) पवई विधानसभा अंतर्गत जो वर्तमान में अत्यधिक पुराने सब स्टेशन है जिनमें क्षमता से अधिक भार है उनके नवीनीकरण एवं अधिक क्षमता के ट्रांसफार्मर स्थापित किया जाना प्रस्तावित है। यदि हाँ, तो उन स्थानों का नाम सहित विवरण देवें। जिन सब स्टेशनों का 1 अप्रैल 2022 से नवीनीकरण एवं विस्तार किया गया है उनमें हुए कार्यों का विवरण एवं लागत सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) पवई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संपूर्ण क्षेत्र की नहीं, अपितु कुछ क्षेत्र की विद्युत अधोसंरचना 40 वर्ष से अधिक पुरानी है। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उक्त विद्युत अद्योसंरचना का समय-समय पर सुधार/उन्नयन का कार्य किया जाता है, साथ ही विद्युत उपकरण खराब होने पर सुधारकर/बदलकर उपकरण लगाये जाते है। सुचारू विद्युत व्यवस्था हेतु क्षेत्र में लगातार विद्युत लाईनों को व्यवस्थित करने सहित समस्त स्थापित विद्युत अधोसंरचना के रख-रखाव का कार्य मानसून पूर्व एवं मानसून अवधि के पश्चात करने के अलावा विद्युत व्यवधानों एवं दुर्घटनाओं को कम करने के उद्देश्य से पूरे वर्ष सतत् रुप से किया जाता है। वर्तमान की विद्युत खपत एवं सिंचाई रकवा के बढ़ने के कारण आवश्यक विद्युत अद्योसंरचना विकास हेतु राज्य शासन द्वारा प्रतिवर्ष विद्युत प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजना हेतु बजट का आवंटन किया जाता है तथा भविष्य में होने वाली संभावित भार वृद्धि के दृष्टिगत सतत् गुणवत्ता पूर्ण विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित किये जाने हेतु प्रणाली सुदृढ़ीकरण के कार्य प्रत्येक वित्तीय वर्ष में चिन्हांकित/स्वीकृत किये जाते हैं। इसमें नवीन विद्युत उपकेन्द्रों के साथ ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि के कार्यों हेतु भी प्रावधान किया जाता है, ताकि भविष्य में पर्याप्त विद्युत हेतु आवश्यक विद्युत अद्योसंरचना उपलब्ध हो सके। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र अंतर्गत वर्तमान में आर.डी.एस.एस. योजना के तहत 5 एम.व्ही.ए. क्षमता का नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र कल्दा में प्रस्तावित हैं। (ग) विधानसभा क्षेत्र पवई में प्रस्तावित नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र कल्दा हेतु कंट्रोल रूम इत्यादि का कार्य प्रगतिरत हैं। उक्त निर्माणाधीन नवीन उपकेन्द्र से संबंधित 33 के.व्ही. उच्चदाब विद्युत लाईन सघन वन क्षेत्र से गुजरने के कारण वन विभाग से अनुमति प्राप्त नहीं होने से उक्त संबंधित 33 के.व्ही. उच्चदाब विद्युत लाईन का निर्माण कार्य लंबित है। वन विभाग से अनुमति प्राप्त होने के उपरांत उक्त कार्य पूर्ण कर नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र कल्दा को ऊर्जीकृत किया जा सकेगा। (घ) वितरण ट्रांसफार्मरों के जलने का कारण मात्र गुणवत्ताविहीन सामग्री का उपयोग किया जाना नहीं है, अपितु वितरण ट्रांसफार्मर विभिन्न बाह्य जनित कारणों एवं तकनीकी खराबी आने से असफल/खराब होते हैं, जिनमें मुख्यत: आकाशीय बिजली गिरने, विद्युत का अवैधानिक उपयोग, विद्युत लाइन में फाल्ट होने से, वितरण ट्रांसफार्मर का तेल चोरी होने के कारण अथवा तेल का रिसाव एवं वितरण ट्रांसफार्मर में आंतरिक खराबी आना इत्यादि कारण हैं। प्रश्नाधीन क्षेत्र में वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों की संख्यात्मक एवं क्षमतावार जानकारी तथा वितरण ट्रांसफार्मर की रिपेयरिंग में व्यय की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार हैं। (ड.) प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान में 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र रैपुरा में 3.15 एम.व्ही.ए. का अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मर की स्थापना का कार्य स्वीकृत है, जिसकी प्राक्कलित राशि रू. 49.58 लाख है। प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत प्रश्नांश में उल्लेखित अवधि में किसी भी 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र के नवीनीकरण एवं विस्तार संबंधी कार्य नहीं हुआ है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है।
नगर परिषद में अनियमितताओं पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
61. ( क्र. 1415 ) श्री बाला बच्चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01/01/2017 से 31/12/2023 तक नगर परिषद राजपुर जिला बड़वानी में कितने हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कितनी अनुदान राशि स्वीकृत की गई? वर्षवार, हितग्राही संख्या अनुदान राशि सहित बतावें। नगर परिषद राजपुर जिला बड़वानी के सन्दर्भ में बतावें। (ख) उपरोक्तानुसार इन हितग्राहियों को प्रथम, द्वितीय व तृतीय किश्त कब प्रदान की गई हितग्राही नाम, किश्त दिनांक, प्रथम, द्वितीय व तृतीय किश्त राशि सहित वर्षवार देवें। (ग) क्या कारण है कि कुछ हितग्राहियों को स्वीकृत किश्त राशि से अधिक अनुदान राशि प्रदान की गई? ऐसे प्रकरणों की सूची हितग्राही नाम, प्रदाय राशि सहित देवें। इस प्रक्रिया में सम्मिलित सभी उत्तरदायी अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देकर बतावें कि इसके लिए विभाग इन पर कब तक कार्यवाही करेगा? अधिक प्रदाय अनुदान राशि की वसूली कब तक कर ली जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार अवधि में जिन हितग्राहियों की अनुदान राशि लंबित है उन्हें कब तक भुगतान कर दिया जाएगा इस भुगतान में विलंब के कारण भी बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) दिनांक 01.01.2017 से 31.12.2023 तक नगर परिषद राजपुर जिला बड़वानी में 1,870 हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के बीएलसी घटक की कुल राशि रू. 4156.00 लाख प्रदाय की गई है। वर्षवार विस्तृत विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"अ" अनुसार है। (ख) हितग्राहीवार किश्तवार राशि वितरण की दिनांकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"ब" अनुसार है। (ग) प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के बीएलसी घटक में प्रति हितग्राही को राशि रु. 2.50 लाख अनुदान भौतिक प्रगति के आधार पर तीन किश्तों में क्रमशः 40 प्रतिशत, 40 प्रतिशत एवं 20 प्रतिशत दिये जाने का प्रावधान है। किंतु निकाय द्वारा जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "स" के विवरण अनुसार एक हितग्राही को निर्धारित से अधिक राशि रू. 01.00 लाख का लेखा त्रुटि के कारण अधिक भुगतान किया गया है। जिसकी वसूली की कार्यवाही निकाय में प्रचलित है। (घ) प्रश्नाधीन अवधि के समस्त हितग्राहियों को भौतिक प्रगति की जियो टैगिंग के आधार पर निरंतर भुगतान पीएफएमएस के माध्यम से निकाय द्वारा किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"द" अनुसार हितग्राहियों को अंतिम किश्त का भुगतान लंबित है। समर्पित किये गये हितग्राहियों को प्रदाय की गई राशि की वसूली से प्राप्त राशि से लंबित भुगतान किया जायेगा। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
62. ( क्र. 1416 ) श्री बाला बच्चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 1231 दिनांक 19.12.2024 के (ग) उत्तर में बताया गया है कि कालोनाइजर द्वारा बाउण्ड्रीवाल निर्माण की अनुमति कलेक्टर बड़वानी द्वारा प्रदाय नहीं की गई है तो इसके लिये कॉलोनाईजर द्वारा कलेक्टर बड़वानी को आवेदन कब किया गया था? आवेदन की छायाप्रति देवें। (ख) नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा जारी अनुमति में बाउण्ड्रीवाल बनाना आवश्यक है तो फिर बगैर बाउण्ड्रीवॉल बनाए कॉलोनी में प्लाट विक्रय एवं अन्य विकास कार्य किस नियम/ आदेश से सम्पन्न किये गये इसकी प्रमाणित प्रति देवें? (ग) कार्यालय कलेक्टर जिला बड़वानी के पत्र क्रमांक 2130/रीडर/2022 दिनांक 21.03.2022 के क्रमांक 9 अनुसार कॉलोनी का सम्पूर्ण विकास तीन वर्ष की अवधि के भीतर पूर्ण कर सक्षम अधिकारी को सूचना देना अनिवार्य है तो इस प्रकरण, ऐसी सूचना कब दी गई एवं बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण क्यों नहीं कराया गया? इस परिप्रेक्ष्य में संबंधित कॉलोनाईजर पर कब तक कार्यवाही की जाएगी एवं बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण कब तक प्रारम्भ कर पूर्ण कर लिया जायेगा? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश (ग) में वर्णित कलेक्टर कार्यालय के पत्र के सभी बिन्दुओं के परिपालन संबंधी प्रतिवेदन की प्रमाणित प्रति देवें। बाउण्ड्रीवॉल निर्माण न होने के संबंधित उत्तरदायी अधिकारियों पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा? समय-सीमा देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी नहीं, विकास अनुमति प्राप्त कॉलोनी चतुर्सीमा अनुसार बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण कॉलोनी के नियमानुसार आंतरिक अथवा बाह्य विकास कार्यों की श्रेणी में न होने से कॉलोनाईजर द्वारा कलेक्टर बड़वानी को आवेदन देने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा जारी अनुमति में बाउण्ड्रीवॉल बनाने की शर्त नहीं होती है यद्यपि कॉलोनी में बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण करना या न करना कॉलोनाईजर के विवेक पर निर्भर करता है। कॉलोनाईजर द्वारा सक्षम प्राधिकारी से प्राप्त कॉलोनी विकास की अनुमति के आधार पर कॉलोनी में विकास कार्य किये गये हैं। कॉलोनी विकास अनुमति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) कॉलोनाईजर द्वारा कॉलोनी में विकास कार्य पूर्ण करने की लिखित सूचना दिनांक 20.04.2023 को दी गई थी। उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सीवर लाईन में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
63. ( क्र.
1476 ) श्री
ओम प्रकाश
धुर्वे : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
डिण्डोरी, नगर
में सीवर लाइन
बिछाने से नगर
के अंतर्गत सी.सी.
रोड एवं जल के
पाईप सभी खराब
हो गये है। इन
मार्गों की
मरम्मत कब तक
की जाएगी? (ख) क्या
सीवर लाइन का
कार्य घटिया
एवं प्लान के
अनुसार नहीं
होने की जांच
करायेंगे? (ग) क्या
बिना
ट्रीटमेंट प्लांट
बनाये पाइप
लाइन बिछाने
का कार्य किया
जा रहा है, यदि
हाँ,
तो क्यों? (घ) जिला
अस्पताल के
पास नाला एवं
घरों से खराब
पानी निकासी
को मुख्य
पाइप से कब तक
जोड़ दिया
जायेगा?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री कैलाश
विजयवर्गीय ) : (क) डिण्डोरी
नगर में सीवर
लाईन बिछाने
के लिये आवश्यकता
अनुसार सी.सी.
मार्ग को काटा
जाता है एवं सीवर
पाईप लाईन
बिछाने के बाद
रोड रेस्टोरेशन
(क्षतिग्रस्त
मार्ग का
निर्माण) का
कार्य कराया
जा रहा है।
रोड एवं जल के
पाईप की मरम्मत
का कार्य
निरंतर किया
जा रहा है। (ख) सीवर
लाईन का कार्य
गुणवत्तापूर्वक
एवं स्वीकृत
प्लान, ड्राईंग
एवं डिजाईन के
अनुसार ही
किया जा रहा है।
जांच कराये
जाने की आवश्यकता
नहीं है। (ग) जी
नहीं।
ट्रीटमेंट प्लांट
निर्माण
कार्य पूर्ण
कर लिया गया
है। (घ)
जिला अस्पताल
के पास नाला
एवं घरों से
खराब पानी
निकासी को
मुख्य पाईप
से जोड़ने
हेतु पृथक से
प्रस्ताव
बनाया गया है
जिसकी स्वीकृति
मिलने के
उपरांत
जोड़ने का
कार्य किया
जावेगा।
जिला डिण्डौरी के अंतर्गत मार्गों की अद्यतन स्थिति
[लोक निर्माण]
64. ( क्र. 1477 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला डिण्डौरी में वर्ष 2020 से पी.डब्ल्यू.डी. विभाग द्वारा कौन सी रोडों का निर्माण हुआ? लागत राशि एवं अद्यतन स्थिति की जानकारी देवें। (ख) क्या उक्त रोडों में से कुछ मार्ग गुणवत्ताविहीन एवं अधूरा छोड़ दिया गया है एवं भुगतान अधिक कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (ग) विकासखण्ड करंजिया के ग्राम थाना टोला से गारक मध्य रोड क्या अधूरा बना है और भुगतान हो गया है? (घ) (I) गोपालपुर से चाड़ा (II) बजाग - मानपुर से खम्हेर मार्ग (III) शाहपुर डिपो से बटौंछा मार्ग जो घटिया निर्माण हुआ एवं मरम्मत नहीं हुआ, क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित मार्गों पर गुणवत्तापूर्वक कार्य कराया गया है एवं अधिक भुगतान नहीं किया गया है। केवल एक कार्य करंजिया से गारकामट्टा मार्ग अधूरा है जिसका विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जी नहीं जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार, कार्य प्रगतिरत है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) (I) गोपालपुर से चांड़ा मार्ग का निर्माण गुणवत्तापूर्ण किया गया है। विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (II) बजाग मानपुर से खम्हेर मार्ग से म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई-डिण्डौरी के कार्यक्षेत्र अंतर्गत है। उनसे प्राप्त उत्तर की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (III) शाहपुर डिपो से बटौंधा मार्ग का निर्माण/उन्नयन कार्य म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा स्वतंत्र अभियंता की निगरानी में गुणवत्तापूर्ण किया जा रहा है। आवश्यकता अनुसार मरम्मत का कार्य सतत् रूप से किया जा रहा है, अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवनिर्मित बस स्टैंड में दुकानदारों को सुविधा
[नगरीय विकास एवं आवास]
65. ( क्र. 1489 ) श्री अरूण भीमावद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किः- (क) शाजापुर नगर में नवनिर्मित बस स्टैंड का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? (ख) नवनिर्मित भवन में पूर्व से स्थापित किरायेदारों को दुकानों का आवंटन किया जा चुका है? (ग) यदि हाँ, तो शासन के नियमानुसार किरायेदारों को दी जाने वाली सुविधाओं जैसे - पानी, बिजली एवं सफाई को उपलब्धता दी जा रही है? (घ) यदि नहीं, तो अनुबंध के अनुसार उक्त सुविधाएं उपलब्ध क्यों नहीं की जा रही है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। कार्यवाही प्रचलित है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) नवनिर्मित भवन में दुकानों का आवंटन नहीं होने से जानकारी निरंक है।
शासकीय आवासों का रख-रखाव
[लोक निर्माण]
66. ( क्र. 1490 ) श्री जगन्नाथ सिंह रघुवंशी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला-अशोकनगर में लोक निर्माण विभाग को कितने विभागों के शासकीय आवासों के रख-रखाव एवं रंगाई-पुताई की जिम्मेदारी है? विभागवार जानकारी देवें। श्री दिलीप विगोनिया की पदस्थी से प्रश्न दिनांक तक उक्त आवासों के रख-रखाव एवं रंगाई पुताई हेतु कितना बजट आवंटित और व्यय हुआ है एवं किस एजेंसी को रख-रखाव एवं रंगाई पुताई हेतु टेण्डर दिया गया है? एजेंसी का नाम तथा भुगतान एवं प्राप्त बजट की वित्तीय वर्षवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में किस-किस शासकीय आवास पर कितना व्यय किया गया है? प़ृथक-पृथक शासकीय आवासवार, वित्तीय वर्षवार जानकारी देवें। शासकीय आवास की मरम्मत एवं रंगाई-पुताई की दशा में शासकीय आवास में निवासरत कर्मचारी/अधिकारी से मरम्मत कार्य अथवा रंगाई पुताई के कार्य पूर्णता सर्टिफिकेट पर हस्ताक्षर कराये गये है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो सभी सर्टिफिकेट की छायाप्रति उपलब्ध करावे। यदि नहीं, बिना सर्टिफिकेट के फर्जी भुगतान करने वाले अधिकारी पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) किस आवास में क्या-क्या कार्य कराये गये है? प्रत्येक की जानकारी आवासवार एवं वित्तीय वर्षवार जानकारी देवें। क्या प्रतिवर्ष विभाग द्वारा कार्य कराने हेतु आवासों का सर्वे कराकर प्राक्कलन तैयार कराया जाता है? यदि हाँ, तो प्रतिवर्ष के प्राक्कलन की जानकारी देवें यदि नहीं, तो किस आधार पर मरम्मत कार्य किया जाता है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जिला अशोकनगर में लोक निर्माण विभाग द्वारा स्वास्थ्य, राजस्व, न्याय, पशुपालन, शिक्षा, गृह, जेल, पॉलीटेक्निक, सामान्य प्रशासन एवं लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत आने वाले आवास सी, डी, ई, एफ, जी, एच एवं आई टाईप निवास योग्य आवासों पर आवश्यकतानुसार निविदा आमंत्रित कर रंगाई - पुताई का कार्य कराया जाता है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। पृथक-पृथक आवासवार व्यय की जानकारी संधारित नहीं की जाती है अपितु एकजाई रूप से इनकी निविदा आमंत्रित कर कार्य कराया जाता है, निर्धारित एजेंसी द्वारा मुख्यालय एवं उपमुख्यालय के शासकीय आवासों में निवासरत अधिकारी एवं कर्मचारियों की आवश्यकतानुसार रंगाई-पुताई एवं मरम्मत कार्य कराया जाकर एजेंसी के इंजीनियर एवं विभागीय इंजीनियरों द्वारा स्थल पर उपस्थित होकर माप लेकर एवं उनकी जांच कर देयक प्रस्तुत किये जाते है ऐसी स्थिति में फर्जी देयकों का भुगतान करने का कोई प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। निवासरत अधिकारी/कर्मचारी से किये गये कार्य का सर्टीफिकेट लिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) आवासों की रंगाई-पुताई एवं मरम्मत कार्य कराये जाने हेतु समग्र स्वरूप की प्रत्येक वर्ष निविदा आमंत्रित की जाती है। अलग-अलग आवासों का देयक तैयार नहीं किया जाता है। प्रतिवर्ष विभाग द्वारा आवासों की आवश्यकतानुसार मरम्मत हेतु वार्षिक मरम्मत कार्यक्रम तैयार किया जाता है। जिसके अंतर्गत निर्धारित एजेंसी द्वारा आवश्यकतानुसार कार्य कराया जाकर मूल्यांकन किया जाता है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नगर परिषद खिलचीपुर के विभिन्न कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
67. ( क्र. 1491 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खिलचीपुर नगर परिषद जुलाई वर्ष 2022 से वार्ड 03, 05, 13 एवं वर्ष 2001 से वार्ड 12 के कितने और कब-कब प्रस्ताव नगर परिषद खिलचीपुर पीआईसी एवं परिषद में पारित हुए? अब तक कितने प्रस्तावों पर धरातल पर कार्य हुआ और कितने प्रस्तावों पर कार्य लंबित है? पीआईसी एवं परिषद में प्रस्ताव पारित होने के बाद कार्य की क्या प्रक्रिया है एवं उपरोक्त वार्डों के कितने प्रस्तावों पर काम होना बाकी है और कितने प्रस्तावों को बैठकों में शामिल होना बाकी है? विस्तार से बताए और कब तक लंबित प्रस्तावों पर कार्य कर लिया जाएगा? समय-सीमा सहित बताएं। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार उपरोक्त वार्डों में विकास की क्या योजनाएं है और कितने प्रस्ताव/मांगे/कार्य पार्षदों के लंबित है, विस्तार से बताएं कब तक मांगों, कार्यों को पूरा कर दिया जाएगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार नगर परिषद खिलचीपुर को लेकर नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक 4554/6/1/5/0003/2023/18-3 भोपाल दिनांक 04/12/2023 द्वारा क्या निर्देश दिए गए थे? क्या पत्र में नगर परिषद खिलचीपुर के कार्यों में त्रुटि होना दर्शित कर 10 दिवस में जांच दल गठित करने के निर्देश दिए थे? यदि हाँ, तो जांच दल कब गठित हुआ? कब जांच हुई, जांच में देरी का कारण सहित कौन-कौन अधिकारी दोषी है उन पर क्या कार्यवाही की गयी? समय-सीमा सहित बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) नगरीय विकास एवं आवास विभाग के पत्र क्रमांक 4554/6/1/5/0003/2023/18-3 भोपाल दिनांक 04/12/2023 से प्रकरण में प्राथमिकता के आधार पर तत्काल एक जांच दल गठित कर 10 दिवस की समयावधि में बिन्दुवार जांच कराकर जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये थे। जी हाँ संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, भोपाल संभाग भोपाल को संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास (शिकायत शाखा) के पत्र क्रमांक/शिका/एक/विविध-1/2024/251 दिनांक 04/01/2024 द्वारा प्रस्तुत प्रकरण की जांच हेतु अधिकृत किया गया है। संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, भोपाल संभाग के पत्र क्रमांक 2567/2024 दिनांक 06/08/2024 से प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया परन्तु प्रतिवदेन स्पष्ट न होने से शिकायत की जांच हेतु संचालनालय स्तर से जांच दल गठित किया जा रहा है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। कार्यवाही प्रचलित है समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विद्युत विहीन मजरा-टोला बस्ती
[ऊर्जा]
68. ( क्र.
1504 ) श्री
अरूण भीमावद : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि
(क) ऊर्जा
विभाग
अंतर्गत
म.प्र. पश्चिम
क्षेत्र विद्युत
वितरण कंपनी
लिमिटेड
इंदौर
क्षेत्रान्तर्गत
मजरा-टोले एवं
बस्तियों
में निवासरत
लोगों को
विद्युत
उपलब्ध कराने
की कोई
प्रभावी
योजना वर्तमान
में प्रचलन
में है? (ख) विधानसभा
क्षेत्र
शाजापुर
अंतर्गत
कितने मजरा-टोले
वाली बस्ती है
जो विद्युत
विहीन है जिनका
विद्युत
वितरण कंपनी
द्वारा सर्वे
किया गया है
कि संख्यात्मक
जानकारी
देवें। (ग) प्रश्नांश
(ख) अनुसार
कितने
मजरे-टोले
विद्युत
विहीन है तथा
इन्हें
विद्युत
सुविधा
प्रदान करने
हेतु विद्युत
वितरण कंपनी
के पास क्या
कार्य योजना है? (घ) विधानसभा
क्षेत्र
शाजापुर के
राजस्व
ग्रामों के
ग्रामीण
क्षेत्रों
में कुछ दूरियों
पर नये आवास
का निर्माण हो
रहा है परन्तु
उनके लिए नवीन
विद्युत
अधोसंरचना
निर्माण की
कोई योजना
नहीं होने के
कारण वह आवास
विद्युत
विहीन है।
क्या इनमें
आगामी समय में
विद्युत
अधोसंरचना का
निर्माण किया
जावेगा?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) म.प्र.
पश्चिम
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
लिमिटेड
इंदौर
क्षेत्रान्तर्गत
अविद्युतीकृत
मजरें/टोले/बस्तियों
में निवासरत
लोगों को
विद्युत
उपलब्ध कराने
की कोई योजना
वर्तमान में
प्रचलन में नहीं
है। तथापि
म.प्र. पश्चिम
क्षेत्र
विद्युत वितरण
कंपनी
लिमिटेड
अंतर्गत
अविद्युतीकृत
जनजाति घरों
के
विद्युतीकरण
हेतु केन्द्र
शासन की धरती
आबा जनजातीय
उत्कृष्ट
अभियान योजना
प्रचलन में
है। (ख)
विधानसभा
शाजापुर
क्षेत्रांतर्गत
समस्त
सूचित/चिन्हित
मजरें/टोलें/बस्तियां
विद्युतीकृत
है। अतः शेष
प्रश्न नहीं
उठता है। (ग) उत्तरांश (ख) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
नहीं उठता है।
(घ)
राजस्व
ग्रामों के
ग्रामीण
क्षेत्रों
में कुछ दूरियों
पर निर्मित
आवासों जिनके
समीप आवश्यक विद्युत
अधोसंरचना
उपलब्ध है
वहाँ पर
नियमानुसार
ग्रामीणों को
तकनीकी
साध्यता
उपरांत घरेलू
स्थाई एवं
अस्थाई
विद्युत
संयोजन प्रदाय
किये जा रहे
है। उल्लेखनीय
है कि नए
घरों/मजरों/टोलों
का निर्माण एक
सतत् प्रक्रिया
है। ग्रामीण
क्षेत्रों के
ऐसे स्थानों
पर निर्मित
आवास,
जो कि मुख्य
आबादी से दूर
स्थित है एवं
जहां पर
विद्युत अधोसंरचना
उपलब्ध नहीं
हैं, के
विद्युतीकरण
हेतु वर्तमान
में कोई योजना
प्रचलन में
नहीं है। तथापि
भविष्य में
केन्द्र/राज्य
शासन की
विद्युतीकरण
योजना प्रचलन
में आने पर
प्रश्नांश
में उल्लेखित
आवासों हेतु
योजना के
दिशा-निर्देशों
के अनुरूप
कार्यवाही की
जावेगी।
एस.ए.एफ. बटालियन से नरवानी सड़क मार्ग की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
69. ( क्र. 1526 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत एस.ए.एफ. बटालियन मकरोनिया से नरवानी सड़क मार्ग का विभाग द्वारा प्राक्कलन तैयार किया गया है? यदि हाँ, तो लम्बाई/लागत सहित जानकारी देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित सड़क मार्ग की शासन स्तर से बजट में स्वीकृति प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो विस्तृत जानकारी देवें। (ग) यदि प्रश्नांश (ख) में सड़क मार्ग की स्वीकृति प्रदान की गई थी? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त सड़क मार्ग का कार्य प्रारंभ करने के संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या उक्त सड़क मार्ग की बजट स्वीकृति उपरांत कार्य प्रारंभ करने के संबंध में विभाग ने प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की एवं कार्य कब तक प्रारंभ होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रशासकीय स्वीकृति अप्राप्त है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश "ग" अनुसार। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पेयजल व्यवस्था की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
70. ( क्र. 1528 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद, कर्रापुर के 15 वार्डों में पेयजल आपूर्ति संचालित की जा रही है? यदि हाँ, तो विस्तृत जानकारी देवें। (ख) क्या पेयजल आपूर्ति के लिए नगर परिषद, कर्रापुर द्वारा योजना प्रस्तावित की गई है/प्राक्कलन तैयार किया गया है? यदि हाँ, तो विस्तृत जानकारी देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्णित योजना के संबंध में विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही की गई है? (घ) क्या नगर परिषद, कर्रापुर की जनसंख्या एवं पेयजल आपूर्ति में आम-जनता को हो रही परेशानी को देखते हुए विभाग शीघ्र योजना को स्वीकृत करेगा? यदि हाँ, तो जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) नगर परिषद कर्रापुर द्वारा अमृत 2.0 योजनान्तर्गत जल प्रदाय योजना की राशि रू. 25.69 करोड़ का विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डी.पी.आर.) तैयार की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) राज्य स्तरीय तकनीकी समिति की 43वीं बैठक दिनांक 07.06.2024 में नगर परिषद कर्रापुर की जल प्रदाय योजना की डी.पी.आर. राशि रू. 25.69 करोड़ की तकनीकी स्वीकृति प्रदान की गई है। नगर परिषद कर्रापुर द्वारा दिनांक 07.08.2024 से प्रथम निविदा आमंत्रित की गई किन्तु प्रथम निविदा में किसी निविदाकार द्वारा भाग नहीं लेने से नगर परिषद कर्रापुर द्वारा दिनांक 26.09.2024 से द्वितीय निविदा आमंत्रित की गई। निविदा स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) राज्य स्तरीय तकनीकी समिति द्वारा निविदा की स्वीकृति उपरांत निकाय द्वारा अनुबंध की कार्यवाही की जाकर कार्य प्रारंभ किया जायेगा। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आउटसोर्स कर्मचारियों की जानकारी
[लोक निर्माण]
71. ( क्र. 1535 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्तियां की गई है, अगर हाँ तो नियुक्तियों के क्या मापदण्ड हैं? क्या किसी निजी एजेन्सी द्वारा नियुक्तियां की जा रही है? यदि हाँ, तो एजेन्सी का विवरण दें? (ख) लोक निर्माण विभाग में कार्यरत सेडमैप द्वारा नियुक्त किये गए समस्त आउटसोर्स कर्मचारियों को समय पर वेतन भुगतान किया जा रहा है, अगर हाँ तो प्रतिमाह किस दिनांक तक किया जाता है? (ग) म.प्र. शासन के संकल्प पत्र के बिंदु क्रमांक 81 आउटसोर्स पर कर्मचारियों को केंद्र के समान वेतन एवं संविदा का लाभ दिए जाने का उल्लेख किया गया है? अगर हाँ तो विभाग द्वारा संकल्प पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) श्रम विभाग द्वारा बोनस भुगतान के कोई निर्देश जारी किये गये है, अगर हाँ तो विभाग के द्वारा वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक कितने कर्मचारियों को इसका लाभ दिया गया है? (ड.) क्या लोक निर्माण विभाग में पूर्व से कार्यरत आउटसोर्स कंप्यूटर ऑपरेटर को वर्ष 2020 के पश्चात किसी अन्य पोस्ट पर आउटसोर्स के माध्यम से परिवर्तित किया गया है? इसके लिए निर्धारित योग्यता मापदण्ड एवं वेतन का विवरण दें? क्या इस हेतु शासन से अनुमति प्राप्त की गई है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध कराई जावे।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
संचालित सहकारी दुग्ध संघ की जानकारी
[पशुपालन एवं डेयरी]
72. ( क्र. 1540 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में कितने दुग्ध सहकारी संघ और समितियां पंजीकृत है? जिलेवार समितियों, संघ के नाम सहित विवरण देवें। (ख) विगत पांच वर्षों में इन दुग्ध सहकारी समितियां, संघों की क्या स्थिति है? क्या सभी संचालित है? कितनी लाभ में है एवं कितनी हानि में? जिलेवार विवरण देवें। (ग) क्या प्रदेश के दुग्ध सहकारी संघों और समितियों को अमूल के प्रशासनिक नियंत्रण में दिया गया है, अगर हाँ तो अमूल के साथ किये गये अनुबंध की प्रति उपलब्ध करावें? (घ) अनुबंध में दुग्ध संघ के प्रशासकीय एवं वित्तीय नियंत्रण के क्या प्रावधान है? क्या ये प्रावधान संघों के उपनिधि एवं सहकारी विधान के प्रावधानों के अधीन हैं?
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) मध्यप्रदेश में कुल 06 सहकारी दुग्ध संघ-भोपाल सहकारी दुग्ध संघ, इंदौर सहकारी संघ, उज्जैन सहकारी दुग्ध संघ, ग्वालियर सहकारी दुग्ध संघ, जबलपुर सहकारी दुग्ध संघ एवं बुंदेलखण्ड सहकारी दुग्ध संघ कार्यरत है। 10071 समितियां पंजीकृत है। जिलेवार दुग्ध सहकारी समितियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) विगत पांच वर्षों में यह सभी दुग्ध संघ संचालित है। जिलेवार लाभ एवं हानि में संचालित समितियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब''अनुसार है। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दोषियों पर एफ.आई.आर. दर्ज की जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
73. ( क्र. 1543 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गृह निर्माण मंडल के नोटिस क्रमांक 515-18 धार दिनांक 1/03/2023 में समिति की ओर से प्राप्त प्रतिउत्तर पर विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की संपूर्ण नस्ती की छायाप्रति देवें एवं संस्था को लीज की शर्तों के उल्लंघन में जारी क्लीन चिट की प्रति देवें एवं क्लीन चिट देने वाले आधिकारियों के नाम, पदनाम बतावें। (ख) दैनिक भास्कर समाचार पत्र में प्रकाशित विज्ञापन 15.03.2022 की विभागीय नोटशीट की प्रति देवें एवं किस आधार पर विभाग के द्वारा नर्सरी शाला, प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल स्तर पर कितनी भूमि, किस-किस मूल्य पर निर्धारित की गई और सभी प्रत्येक स्तर के लिए अलग-अलग स्कूल का चयन क्यों किया गया दस्तावेज सहित स्पष्ट करें? (ग) विभाग के द्वारा प्रश्नांश (ग) में प्रकाशित विज्ञापन में बड़वानी में नर्सरी शाला का ही विज्ञापन क्यों जारी किया गया? हायर सेकेंडरी स्कूल का क्यों नहीं किया गया? (घ) उक्त विज्ञापन में किस-किस संस्था को स्कूल के लिए भूमि का आवंटन किया गया? किस-किस संस्था के द्वारा कितना पैसा मंडला में जमा कराया गया है? उसकी सम्पूर्ण रिकॉर्ड देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) गृह निर्माण मंडल के नोटिस क्रमांक 515-18 धार दिनांक 01/03/2023 में सेन्ट जोसेफ एज्युकेशन समिति की ओर से प्रतिउत्तर मण्डल को प्रेषित किया गया है, विभाग में इस संबंध में कोई प्रस्ताव मण्डल से प्राप्त नहीं हुआ है। अतः शेष कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। अपितु समिति की ओर से प्रतिउत्तर मण्डल को प्रेषित किया गया है। संस्था को लीज की शर्तों के उल्लंघन के संबंध में कोई क्लीनचिट जारी नहीं की गई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। मण्डल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) दैनिक भास्कर समाचार पत्र में दिनांक 15/03/2022 को प्रश्नांकित योजना, शाला भूखण्ड संबंधी इस कार्यालय से संबंधित कोई विज्ञापन प्रकाशित नहीं हुआ है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पशुपालन डेयरी विकास की योजनाएं
[पशुपालन एवं डेयरी]
74. ( क्र. 1551 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में पशुपालन डेयरी क्षेत्र में व्यवसाय हेतु कितने किसानों या अन्य व्यक्तियों को शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है? (ख) कृपया किसानों या व्यक्तियों के नाम व उनके कार्य क्षेत्र और कार्य की प्रकृति मय सूची उपलब्ध कराने की कृपा करें।
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
आवासीय बिजली बंद कर ब्लैक आउट किया जाना
[ऊर्जा]
75. ( क्र. 1552 ) डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत एक वर्ष में जनवरी 2024 से फरवरी 2025 तक नागदा खाचरौद विधान सभा क्षेत्र के कितने गाँव में कुछ लोगों द्वारा बिल जमा नहीं करने पर सम्पूर्ण गांवों की आवासीय बिजली बंद कर ब्लैक आउट किया गया? (ख) क्या किसी गाँव में कुछ लोगों द्वारा बिल जमा नहीं करने पर सम्पूर्ण गांवों की आवासीय बिजली बंद कर सम्पूर्ण गांव को अँधेरे में रखा जा सकता है, जबकि की परीक्षा आदि का समय और त्यौहारों या उत्सव का समय हो? (ग) यदि नहीं, तो जिन गाँव में इस तरह की जहां कार्यवाही (सम्पूर्ण गांवों की आवासीय बिजली बंद) की गयी उन कर्मचारियों, अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गयी? (घ) भविष्य में मार्च माह में परीक्षाओं का समय होगा इस दौरान ऐसी कार्यवाही रोकने हेतु शासन कोई उचित कदम उठाएगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, प्रश्नाधीन अवधि में नागदा खाचरौद विधानसभा क्षेत्र के किसी भी ग्राम में, कुछ विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा बिल की राशि जमा नहीं करने पर, सम्पूर्ण ग्राम की विद्युत आपूर्ति बंद नहीं की गयी है। (ख) जी नहीं। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता है।
गरोठ बायपास व अन्य मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
76. ( क्र. 1557 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गरोठ शहर के मध्य से भारी वाहनों व अन्य यात्री वाहनों के कारण आये दिन जाम व दुर्घनाएं हो रही हैं, आगामी सिंहस्थ से आवागमन, दुधाखेडी माताजी दर्शनार्थी व गांधी सागर पर्यटन के दबाव को दृष्टिगत रखते हुए गरोठ बायपास का निर्माण आवश्यक हैं, यदि हाँ, तो शासन इस दिशा में कब स्वीकृति प्रदान करेगा? (ख) प्रश्नांश (क) की भांति क्या यही स्थिति पोला डूगर से व्हाया चिकन्या, कुरलासी, दुधाखेडी माताजी से भानपुरा मार्ग की हैं? क्या शासन इस मार्ग निर्माण की स्वीकृति जनहित में प्रदान करेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) मार्गों के निर्माण सिंहस्थ पूर्व स्वीकृत होकर पूर्ण करने की दिशा में क्या सिंहस्थ मद से स्वीकृति प्रदान की जा सकेगी? यदि हाँ, तो कब एवं यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी नहीं, यातायात सुचारू रूप से चालू है, बजट में सम्मिलित न होने के कारण शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांकित मार्ग कच्चा मार्ग है। बजट में सम्मिलित न होने के कारण शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) बजट में सम्मिलित न होने के कारण शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सड़कों का रख-रखाव
[लोक निर्माण]
77. ( क्र. 1559 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मन्दसौर जिले के गरोठ विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2020 से अब तक निर्मित सड़को के रख- रखाव के अनुबंध किन-किन एजेंसियों से किये गये? सड़कवार, वर्षवार ब्यौरा दें। (ख) किन-किन एजेंसियों ने निर्धारित समय पूर्व क्षतिग्रस्त सड़कों को अब तक रिकन्स्ट्रक्शन एवं रिपेयरिंग कार्य किया? कहां-कहां, कितनी सड़कों पर रिपेयरिंग वर्क लंबित हैं? किस कारण? उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (ग) क्षेत्र में सड़कों के साइड सोल्डर्स क्षतिग्रस्त हैं? साइडों में झाड़ियां व अन्य पौधे सड़क मार्ग तक फैल रहे हैं? इन्हें साफ व व्यवस्थित करने के लिए क्या कार्यवाही की गई? नहीं की गई तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) जी नहीं। सड़कों के साईड सोल्डर्स, झाड़ियां व अन्य पौधे की साफ-सफाई परफॉरमेंस गारंटी अंतर्गत मार्गों में ठेकेदारों से तथा वार्षिक मरम्मत मद अंतर्गत मार्गों की झाड़ियों की साफ-सफाई विभागीय गैंग से समय-समय पर कराई जाती है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निकायों के कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
78. ( क्र. 1572 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका ''जलप्रदाय, मलजल तथा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सेवाओं के लिए उपभोक्ता प्रभार'' नियम 2020 दिनांक 29.12.2021 के संशोधनों सहित लागू है और संचालनालय में इस संबंध में दिनांक 16.11.2022 प्रत्रांक 19739 से दिशा-निर्देश जारी हुए हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित जानकारी सही है तो सागर संभाग में कितने निकायों ने कौन-कौन से उपभोक्ता प्रभार अधिरोपित किये हैं, निकायों में सीवर लाईन की उपलब्धता सहित सूची दें? क्या नगर पालिका टीकमगढ़ द्वारा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन तथा जल उपभोक्ता प्रभार क्रमश: 270 एवं 260 प्रतिमाह अधिरोपित किया गया है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्णित तथ्य सही है तो अधिरोपण पूर्व नियम/दिशा निर्देशों सहित पालिका विधि की धारा 129 के प्रावधानों का पालन किया गया है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में अंकित नियमों के नियम 4 अनुसार सेवाओं के संचालन/ संधारण पर वार्षिक व्यय आकलन करने वाली समिति 16.11.2022 के पश्चात के प्रतिवेदन इसे अंगीकार करने वाले परिषद के संकल्प सहित प्रकाशित समाचार पत्रों की प्रतियां उपलब्ध करायें? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) वर्णित तथ्य सही है यदि नहीं, तो विधि विरूद्ध अधिरोपित प्रभार निरस्त किये जायेंगे? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें यदि नहीं, तो कारण बतायें? विधि उल्लंघनकर्ता के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक और क्या कार्यवाही की जायेगी? विवरण दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। जी हाँ। (ग) जी हाँ। दिनांक 16.11.2022 के पश्चात् मात्र नगर पालिका परिषद छतरपुर द्वारा अंगीकार किया गया। निकाय परिषद संकल्प एवं समाचार पत्र की प्रतियां जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (घ) जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नही।
निर्माण कार्य में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
79. ( क्र. 1573 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद टीकमगढ़ द्वारा बस स्टैण्ड पर वर्ष 16-17 में नवनिर्मित पानी की टंकी क्या प्रथम परीक्षण में धराशायी हो गई थी? यदि हाँ, तो ठेकेदार के विरूद्ध पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए टंकी पुनः निर्माण की अंडर टेकिंग ली जाकर ठेकेदार की संपत्ति राजसात/ कुर्क/धारण अधिकार में लेते हुए ठेकेदार को काली सूची में सूचीबद्ध किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित जानकारी सही है तो तद विषयक अभिलेख उपलब्ध करायें? धराशायी टंकी निर्माण पर कितना व्यय हुआ है? क्या टंकी पुनः निर्मित करा ली गई है? यदि हाँ, तो लागत सहित पूर्णता तिथि बतायें यदि नहीं, तो इतने अंतराल में पुनः निर्माण न होने का कारण बतायें? (ग) धराशायी टंकी का पुनः निर्माण क्या नगर पालिका कोष से होगा? यदि हाँ, तो क्यों? ठेकेदार द्वारा यदि पुनः निर्माण नहीं कराया जाता है तो टंकी की पुनः निर्माण लागत भरपाई किसके द्वारा वहन की जायेगी? (घ) घटिया सामग्री से निर्मित धराशायी टंकी का पुनः निर्माण अब तक न कराने के लिए धराशायी तिथि से अद्यावधि कर्तव्यरूढ़ कौन-कौन सी.एम.ओ. दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई यदि नहीं, तो कब तक क्या कार्यवाही की जायेगी, समय-सीमा सहित टंकी पुनः निर्माण की संभावित तिथि बतायें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। लगभग राशि रूपये 40 लाख रूपये का व्यय निकाय द्वारा किया गया है। जी नहीं। संविदाकार को टंकी पुन: निर्माण किये जाने के निर्देश मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद टीकमगढ़ द्वारा दिये गये एवं ठेकेदार द्वारा स्वयं कार्य पूर्ण करने हेतु शपथ पत्र निकाय को प्रस्तुत किया गया किन्तु ठेकेदार द्वारा कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। (ग) जी नहीं। विषयांकित स्थल पर अमृत 2.0 योजनांतर्गत नई पानी की टंकी का कार्य प्रस्तावित है। (घ) जांच समिति गठित की गई थी परन्तु प्रतिवेदन स्पष्ट प्राप्त नहीं हुआ है पुन: जांच समिति का गठन किया गया है, जाँच निष्कर्ष के आधार पर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सहायक यंत्रियों को कार्यपालन यंत्री का प्रभार
[नगरीय विकास एवं आवास]
80. ( क्र. 1580 ) श्री देवेन्द्र कुमार जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरीय विकास एवं आवास विभाग में कार्यपालन यंत्री के कितने पद रिक्त हैं? क्या विभाग द्वारा सहायक यंत्रियों को कार्यपालन यंत्री के रिक्त पदों पर प्रभारी कार्यपालन यंत्री पदस्थ करने हेतु कोई नियम/निर्देश जारी किये हैं अथवा नहीं? यदि हाँ, तो जारी किये गये नियम/निर्देशों की छायाप्रतियां उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा विभाग में पदस्थ सहायक यंत्रियों की कोई पदक्रम सूची (ग्रेडेशन लिस्ट) जारी की गई है? यदि हाँ, तो जारी की गई अंतिम पदक्रम सूची की प्रति उपलब्ध करावें। क्या विभाग द्वारा सहायक यंत्रियों की वरिष्ठता सूची में निर्धारित पदक्रम के अनुसार ही सहायक यंत्री को प्रभारी कार्यपालन यंत्री पदस्थ किये जाने की कार्यवाही की गई है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? प्रदेश के नगरीय निकायों में पदस्थ प्रभारी कार्यपालन यंत्रियों की सूची प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या विभाग द्वारा सहायक यंत्रियों की वरिष्ठता सूची के अतिरिक्त विभाग के प्रभारी सहायक यंत्रियों (उपयंत्री) को भी प्रभारी कार्यपालन यंत्री पदस्थ किया गया है? यदि हाँ, तो उनकी सूची उपलब्ध करावें तथा उन्हें किस नियम के तहत पदस्थ किया गया है? नियम की प्रति उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) नगरीय विकास एवं आवास विभाग में राज्य नगरीय यांत्रिकी सेवा अन्तर्गत कार्यपालन यंत्री के 49 पद रिक्त है। जी नहीं, शेषांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"अ" अनुसार है। जी नहीं, कार्य की आवश्यकता के दृष्टिगत मात्र चालू प्रभार दिये गये है। प्रदेश के नगरीय निकायों में पदस्थ प्रभारी कार्यपालन यंत्रियों की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-"ब" अनुसार है। (ग) जी हाँ। विभाग द्वारा सहायक यंत्रियों की वरिष्ठता सूची के अतिरिक्त विभाग के वरिष्ठ उपयंत्री को कार्य की आवश्यकता के दृष्टिगत मात्र चालू प्रभार दिया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–''ब'' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सोलर सिस्टम निर्माण कार्य हेतु राशि का भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
81. ( क्र. 1582 ) श्री देवेन्द्र कुमार जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी नगरपालिका परिषद अंतर्गत मेडीकल कॉलेज के सामने निर्मित पाम पार्क के निर्माण की स्वीकृति कब व कितने राशि की हुई थी व निर्माण कार्य किस दिनांक को पूर्ण हुआ? निर्माण कार्य हेतु ठेकेदार को कितनी-कितनी राशि का भुगतान कब-कब किया जा चुका है? निर्माण कार्य की निविदा शर्तों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार पाम पार्क में विद्युतीकरण हेतु कितने किलो वाट का सोलर सिस्टम लगाया गया है? लगाये गये सोलर सिस्टम की निर्माण लागत कितनी थी? सोलर सिस्टम किस दिनांक से किस दिनांक तक चालू रहा तथा उक्त सोलर सिस्टम किस दिनांक से बंद है? सोलर सिस्टम बंद होने के दिनांक से अब तक विद्युत विभाग से कुल कितनी-कितनी राशि के बिजली बिल प्राप्त हुए हैं तथा प्राप्त विद्युत देयकों का किसके द्वारा कितना-कितना भुगतान कब-कब किया गया है? विद्युत देयकों की प्राप्ति एवं भुगतान की माहवार, वर्षवार जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) पाम पार्क के निर्माण की स्वीकृति दिनांक 12.01.2023 को राशि रू. 1017.92 लाख की हुई थी। सोलर सिस्टम कमीशनिंग कार्य को छोड़ कर शेष निर्माण कार्य अगस्त 2023 में पूर्ण हो चुका है। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) पाम पार्क में 85 किलो वाट का सोलर सिस्टम लगाया गया है। जिसकी लागत 31.13 लाख रूपये थी। सोलर सिस्टम अक्टूबर 2023 से आज दिनांक तक बंद है। कुल राशि रू. 9.83 लाख के विद्युत देयकों का भुगतान मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा किया गया है। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
विद्युतीकरण कार्यों की जानकारी
[ऊर्जा]
82. ( क्र. 1583 ) श्री देवेन्द्र कुमार जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में प्रश्न दिनांक की स्थिति में किन-किन योजनाओं के कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से विद्युतीकरण कार्य कब से स्वीकृत हैं? समस्त स्वीकृत कार्यों की पृथक-पृथक जानकारी वितरण केन्द्रवार, विकासखण्डवार एवं विधानसभावार उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार स्वीकृत कार्यों में कौन-कौन से कार्य कितने प्रतिशत पूर्ण हो चुके हैं? कौन-कौन से कार्य प्रगतिरत हैं व कौन-कौन से कार्य अप्रारंभ हैं? समस्त कार्यों की पृथक-पृथक जानकारी वितरण केन्द्रवार, विकासखण्डवार एवं विधानसभावार उपलब्ध करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) शिवपुरी जिले में प्रश्न दिनांक की स्थिति में पी.व्ही.टी.जी., 5 प्रतिशत सुपरविजन एवं ओ.वाय.टी. योजनांतर्गत स्वीकृत कार्यों की प्रश्नाधीन चाही गई वितरण केन्द्रवार, विकासखण्डवार एवं विधानसभा क्षेत्रवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार हैं एवं एस.एस.टी.डी. योजनांतर्गत स्वीकृत कार्यों की प्रश्नाधीन चाही गई वितरण केन्द्रवार, विकासखण्डवार एवं विधानसभा क्षेत्रवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है तथा आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत स्वीकृत कार्यों की प्रश्नाधीन चाही गई वितरण केन्द्रवार, विकासखण्डवार एवं विधानसभा क्षेत्रवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–'स' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित योजनाओं अंतर्गत पूर्ण किये गये, प्रगतिरत एवं अप्रारंभ कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र –'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार है।
लोकायुक्त/ई.ओ.डब्ल्यू. की विभागीय जांच
[लोक निर्माण]
83. ( क्र. 1586 ) श्री जगन्नाथ सिंह रघुवंशी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री एवं इससे उच्च पदों पर पदस्थ के कितने अधिकारियों पर लोकायुक्त/ई.ओ.डब्ल्यू./विभागीय जांच की कार्यवाही प्रचलित है और वर्तमान में किस पद पर पदस्थ है? सारणीवार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित लोकायुक्त के प्रकरणों में कितने अधिकारियों के चालान प्रस्तुत किये जा सकते है? कितने अधिकारी विभागीय जांच में दोष सिद्ध पाये गये है एवं कितने अधिकारियों पर आर्थिक अपराध प्रकोष्ट के द्वारा जांच पूर्ण कर एफ.आई.आर. दर्ज की गई है? सूची देवें। (ग) लोकायुक्त प्रकरणो में चालान प्रस्तुत होने के उपरांत एवं आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा एफ.आई.आर. दर्ज करने के उपरांत अधिकारियों को निलंबित रखा गया है अथवा नहीं। यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) किन-किन अधिकारियों पर शिकायत लंबित है? सूची देवें एवं लंबित शिकायतों पर क्या कार्यवाही की जावेगी और कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। विभागीय जांच प्रचलित होने के कारण बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही
[ऊर्जा]
84. ( क्र. 1592 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मई 2020 में पदस्थ प्रबन्ध निदेशक द्वारा जुलाई 2020 से सिंगाजी ताप, संजय गांधी ताप एवं सतपुड़ा ताप परियोजना के कोयला हस्तान्तरण वृत्तों में ऑपरेशन एवं मेन्टेनेन्स के कार्यों को कोयला हस्तान्तरण वृत्तों में कार्यरत् अधिकारी एवं क्रय व कार्य वृत्तों के अधिकारियों को अनुचित निर्देश देकर कुछ विशेष चुनिन्दा फर्मों को करोड़ों के ठेके आवंटित करने हेतु पी.क्यू.आर. (प्रारंभिक आर्हता) तैयार करायी गयी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कोयला हस्तांतरण वृत्तों में जुलाई 2020 से प्रश्न दिनांक तक 5 करोड़ से अधिक लागत के समस्त कार्यों की पी.क्यू.आर. एवं किन-किन फर्मों को कार्य आवंटित किये गये? सभी के कार्यादेशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या विगत चार वर्षों में मेसर्स ऐ.के. लॉजिस्टिक एवं लोकनाथ फर्मों को ही अधिकतर कार्य आवंटित किये गये। ये दोनों फर्म प्रबंध निदेशक के खास होने के कारण निश्चित संख्या में मजदूर टी.एण्ड पी विभागीय अधिकारियों को उपलब्ध नहीं कराते है? मजदूरों का पूर्ण भुगतान एवं ई.पी.एफ., ईएल, बोनस आदि सुविधा नहीं दे रहे, फर्जी देयक पारित किये जा रहे है? क्या इन दोनों फर्म के विरुद्ध अधिक शिकायत होने पर फर्मों के नाम भी परिवर्तित कर लिये गये है? क्या उक्त फर्मों की विधानसभा कमेटी से जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी, नहीं। मध्य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा जारी निविदाओं की प्रारंभिक अर्हता (पी.क्यू.आर) का निर्धारण, कंपनी द्वारा जारी पी.क्यू.आर. नीति के तहत सक्षम अनुमोदन उपरांत किया जाता है। (ख) जुलाई 2020 से प्रश्न दिनांक तक श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना, संजय गांधी ताप विद्युत गृह एवं सतपुड़ा ताप विद्युत गृह के कोयला हस्तान्तरण वृत्तों में संचालन एवं संधारण के कार्यों हेतु 5 करोड़ रूपये से अधिक लागत के समस्त कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है एवं संबंधित निविदाओं एवं कार्यादेशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) विगत चार वर्षों में मेसर्स ऐ.के. लॉजिस्टिक एवं लोकनाथ फर्मों के साथ अन्य कंपनी यथा मेसर्स श्री नारायण कन्स्ट्रक्शन कंपनी एवं मेसर्स चेन्नई राधा इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड, चेन्नई को भी उल्लेखित वृत्तों में कार्यादेश जारी हुए है। सभी कार्यादेश निविदा प्रक्रिया के पालन उपरांत ही प्रतिस्पर्धी बोली (Competitive bidding) के आधार पर दिये गये है। मेसर्स ऐ.के. लॉजिस्टिक एवं मेसर्स लोकनाथ कान्सट्रक्शन प्राईवेट लिमिटेड के द्वारा कार्योदेशों की शर्तों के अनुरूप ही कार्य किया जा रहा है एवं नियम अनुसार फर्मों के देयक पारित किये जाते है। श्रमिकों का पूर्ण भुगतान (ई.पी.एफ., ई.एल एवं बोनस सहित) शासन के नियमानुसार किया जाता है। मेसर्स लोकनाथ कन्सट्रक्शन प्राईवेट लिमिटेड के लिखित आवेदन के आधार पर फर्म का परिवर्तित नाम यथा ''एल.सी.पी.एल. एनर्जी सोल्यूशन प्राईवेट लिमिटेड'' मान्य किया गया है। चूँकि फर्म द्वारा वैधानिक रूप से नाम परिवर्तन की सूचना कंपनी को दी गई थी, अत: नियमानुसार फर्म के नाम परिवर्तन को मान्य किया गया है। चूँकि फर्म द्वारा दिये गये कार्यादेश का पालन नियमानुसार किया जा रहा है, अत: किसी जांच की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है। उक्त के दृष्टिगत शेष प्रश्नांश लागू नहीं।
स्वीकृत कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
85. ( क्र. 1593 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंडला जिले की बिछिया विधानसभा अंतर्गत एनएच 30 में बिछिया में बाईपास निर्माण हेतु तत्कालीन मुख्यमंत्रीजी द्वारा दो बार घोषणा की गई है? इस हेतु विभाग द्वारा अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? वर्तमान में क्या स्थिति है? संबंधित समस्त दस्तावेजों की प्रतियाँ उपलब्ध कराएं। (ख) विधानसभा बिछिया अंतर्गत तहसील मुख्यालय घुघरी में रेस्ट हाउस निर्माण हेतु अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? संबंधित पत्रों एवं विभागीय प्रस्तावों की प्रतियाँ उपलब्ध कराएं। कार्यालय परियोजना संचालक का पत्र क्रमांक/एफ19-3/2020/लोनिवि/वि.ग./घुघरी जिला मंडला/कार्य-1/पीडी/217, भोपाल दिनांक 31/05/2023 की प्रति उपलब्ध कराएं। क्या रेस्ट हाउस हेतु कोई नवीन प्रस्ताव जमा किया गया है? यदि हाँ, तो उसपर क्या कार्यवाही की गई है एवं की जा रही है? सम्बंधित दस्तावेजों की प्रतियाँ उपलब्ध कराएं। क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विभाग को मवई विकासखंड मुख्यालय में रेस्ट हाउस निर्माण हेतु पत्र दिया गया है? यदि हाँ, तो पत्र की प्रति एवं उसमें की गई कार्यवाही से अवगत करावें। (ग) वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में मंडला जिले हेतु कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गए हैं? कार्य का नाम, लागत राशि सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। क्या वर्ष 2024-25 में स्वीकृत कार्यों हेतु राशि विभाग को अब तक अप्राप्त है? इसके क्या कारण हैं? राशि की मांग हेतु विभाग द्वारा अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? संबंधित पत्रों एवं आवश्यक दस्तावेजों की प्रतियाँ सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। राशि कब तक विभाग को प्राप्त हो जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) विधानसभा बिछिया अंतर्गत तहसील मुख्यालय घुघरी में रेस्ट हाउस निर्माण हेतु की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 एवं 4 अनुसार है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 एवं 6 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब, 'ब-1', 'ब-2' एवं 'ब-3' अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रस्तावित कार्यों की जानकारी
[ऊर्जा]
86. ( क्र. 1596 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केवलारी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ऊर्जा विभाग के अंतर्गत कौन-कौन से कार्य प्रस्तावित है व कौन से कार्य कार्यरत है व कहां-कहां कार्य पूर्ण कर दिया गया? (ख) केवलारी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत अघोषित बिजली कटौती एवं लो वोल्टेज की समस्या से निदान हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्य किये जा रहे हैं व क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा कहां-कहां सब स्टेशन बनाए जाने की मांग की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत केवलारी विधानसभा क्षेत्र में आर.डी.एस.एस. योजना एवं वार्षिक कार्य योजना में स्वीकृत कार्यों एवं प्रगतिरत/पूर्ण कार्यों से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र केवलारी अंतर्गत कोई अघोषित विद्युत कटौती नहीं की गई है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में आकस्मिक अवरोधों के कारण आए व्यवधानों को छोड़कर नियमानुसार कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन 10 घंटे एवं गैर कृषि प्रयोजन हेतु प्रतिदिन 24 घंटे गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि विद्युत लाईनों/अद्योसंचना के रख-रखाव हेतु पूर्व निर्धारित शट-डाउन लेने तथा तकनीकी कारणों/प्राकृतिक आपदा से आये आकस्मिक व्यवधानों जैसी अपरिहार्य स्थिति के कारण कतिपय अवसरों पर विद्युत प्रदाय बाधित होता है, जिसमें आवश्यक रख-रखाव/सुधार कार्य कर विद्युत प्रदाय शीघ्र ही सुचारू कर दिया जाता है। विद्युत अद्योसंरचना के आवश्यक रख-रखाव कार्य हेतु लिए जाने वाले शटडाउन की सूचना विद्युत उपभोक्ताओं को अखबार एवं अन्य माध्यमों से दी जाती है। तथापि भविष्य में होने वाली संभावित भार वृद्धि के दृष्टिगत सतत् गुणवत्ता पूर्ण विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित किये जाने हेतु प्रणाली सुदृढ़ीकरण के कार्य प्रत्येक वित्तीय वर्ष में चिन्हांकित/स्वीकृत किये जाते हैं। प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत आर.डी.एस.एस. योजना एवं वार्षिक कार्य योजना के तहत किये जा रहे कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार हैं। प्रश्नाधीन क्षेत्र में 132/33 के.व्ही. अति उच्चदाब विद्युत उपकेन्द्र मलारा से नवीन 33 के.व्ही. उच्चदाब विद्युत लाईन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र रायखेड़ा तक एवं एक अन्य 33 के.व्ही. उच्चदाब विद्युत लाईन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र सुनवारा से आमानाला के पास (33 के.व्ही. मुंगवानी फीडर से) इन्टरकनेक्शन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। उक्त कार्य पूर्ण होने से सम्बद्ध क्षेत्र के विभिन्न ग्रामों में गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय परिलक्षित हुआ है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत ग्राम–जटलापुर एवं बर्रा (सुद्याखेड़ा) में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण कार्य पूर्ण कर ऊर्जीकृत किये गये हैं एवं ग्राम बोरिया में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का कार्य प्रगतिरत है।
विद्युत इकाइयों की जानकारी
[ऊर्जा]
87. ( क्र. 1597 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की कुल उत्पादन क्षमता बतावें। इसमें कितनी विद्युत इकाइयां मध्यप्रदेश में स्थापित हैं एवं कितनी प्रदेश से बाहर स्थापित है? मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की सभी ताप विद्युत इकाइयों की क्षमता एवं पी.यू.एफ./पी.एल.एफ. का विवरण वर्ष 2018-19 से वर्ष 2023-24 एवं अप्रैल 2024 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार बतावें। इसी अवधि में ताप विद्युत इकाइयों की उपलब्धता एवं इसके विरूद्ध कितनी राशि फिक्सड कास्ट प्राप्त हुई, की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा कितनी प्रायवेट विद्युत इकाइयों से कितने मेगावॉट बिजली खरीदी हेतु अनुबंध किये गये है? क्या एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड प्रायवेट विद्युत इकाइयों से समस्त बिजली क्रय कर लेती है, साथ ही कितनी कम्पनियों से बिजली क्रय नहीं करती है एवं फिक्स कास्ट अदा करती है, उनकी सूची बतावें। नहीं तो इनमें से कितनी इकाइयों से प्रश्नांश (क) की अवधि अनुसार एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड को कितनी फिक्स कॉस्ट राशि चुकाना पड़ता है? वर्षवार एवं कुल राशि विवरण बतावें। (ग) वर्तमान में म.प्र. का, सेंट्रल सेक्टर से एलोकेटिड कोटा एवं अनऐलोकेटिड कोटा एवं कुल कोटा कितना है? मेगावॉट में बतावें। क्या म.प्र. सरकार बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर हो गया है? प्रश्नांश (क) अनुसार की अवधि में कितनी मिलियन यूनिट बिजली किस दर से कब-कब अन्य राज्यों को बेची गयी अथवा कितनी किस दर से क्रय की गयी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 5492 मेगावाट है। म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की वर्तमान में संचालित कुल 39 इकाइयों (12-ताप विद्युत, 26-जल विद्युत एवं 1-सौर ऊर्जा संयंत्र) में से 37 इकाइयाँ मध्यप्रदेश में स्थापित हैं तथा पेंच जल विद्युत गृह तोतलाडोह की 80 मेगावाट क्षमता की 02 इकाइयाँ मध्यप्रदेश के बाहर तोतलाडोह, नागपुर (महाराष्ट्र) में स्थापित है। मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के समस्त ताप विद्युत इकाइयों की क्षमता एवं विद्युत गृहों का वर्ष 2018-19 से वर्ष 2024-25 (जनवरी-2025) तक का विद्युत गृह वार पी.यू.एफ./पी.एल.एफ (%), उपलब्धता (%) एवं उक्त अवधि में प्राप्त स्थायी प्रभार (फिक्स्ड कॉस्ट) का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा 9 निजी ताप एवं 670 निजी गैर-पारंपरिक विद्युत उत्पादन इकाइयों से क्रमश: 3313 मेगावॉट एवं 5251.97 मेगावॉट क्षमता के विद्युत क्रय अनुबंध निष्पादित किए गए हैं। जी नहीं, एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा विद्युत इकाइयों के साथ निष्पादित विद्युत क्रय अनुबंधों के आधार पर ही बिजली क्रय की जाती है। उल्लेखनीय है कि पारंपरिक विद्युत उत्पादन इकाइयों से विद्युत क्रय अनुबंध होने की दशा में विद्युत क्रय न किए जाने पर स्थायी प्रभार (फिक्स्ड कॉस्ट) का भुगतान विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी विनियमनों के आधार पर किया जाना होता है। विद्युत क्रय किए बिना ताप विद्युत इकाइयों को दिए गए स्थायी प्रभार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा गैर पारंपरिक विद्युत उत्पादन इकाइयों के संबंध में अनुज्ञापित रेग्युलेशन के परिपालन में प्रश्नांश (क) की अवधि अनुसार वर्षवार इकाईवार स्थायी प्रभार भुगतान का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ग) वर्तमान में मध्यप्रदेश को सेंट्रल सेक्टर से एलोकेटिड/अनएलोकेटिड/कुल कोटा का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। विद्युत क्षेत्र में मध्यप्रदेश वर्ष 2013 में आत्मनिर्भर हुआ है। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में अन्य प्रदेशों से क्रय/विक्रय नहीं अपितु पॉवर एक्सचेंज के माध्यम से क्रय/विक्रय की गई विद्युत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ई' अनुसार है।
बजट आवंटन में प्राप्त राशि से स्वीकृत कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
88. ( क्र. 1601 ) श्री संजय उइके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग को अनुसूचित जनजाति/अनुसूचित जाति बजट प्रावधान में सामाजिक-आर्थिक क्षेत्रों के योजनाओं अन्तर्गत प्रत्यक्ष लाभ पहुंचाने पृथक प्रावधान सब स्कीम में राशि प्राप्त हुई है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2023-24 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजना में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? प्राप्त राशि से किन-किन जिले के कहां-कहां के कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी लागत के स्वीकृत किये गये? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बजट आवंटन में प्राप्त राशि से कार्य स्वीकृत करने संबंधी वित्त विभाग या लोक निर्माण विभाग के आदेश/निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
फीडर सेफरेशन का कार्य
[ऊर्जा]
89. ( क्र. 1605 ) श्री संजय उइके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले की बैहर विधनसभा क्षेत्र में कृषि कार्य हेतु फीडर सेफरेशन का कार्य किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो किस एजेन्सी द्वारा किस दर पर कार्य लिया गया है? अनुबन्ध की प्रति, कार्य अनुबन्ध अनुसार कितना पूर्ण किया गया है? शेष कार्य कब तक पूर्ण किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्र में 11 के.व्ही. फीडरों के सेपरेशन का कार्य किया जा रहा है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत सहित जिला बालाघाट हेतु 11 के.व्ही. फीडरों के सेपरेशन के कार्य हेतु म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा मेसर्स अशोका बिल्डकॉन लिमि. नासिक को टर्न-की आधार पर वर्ष 2022-23 में प्रचलित एस.ओ.आर. दर से 3.92 प्रतिशत अधिक दर पर कार्यादेश जारी किया गया है। अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अनुबंध अनुसार बैहर विधानसभा अंतर्गत 11 के.व्ही. के 07 फीडरों के सेपरेशन के कार्य में से 3 फीडरों के सेपरेशन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है एवं शेष 04 फीडरों के सेपरेशन का कार्य माह जून 2025 तक किया जाना प्रावधानित है।
प्रमोटरशीप योजना की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
90. ( क्र. 1609 ) श्री मधु भगत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश में कुल कितने विकास प्राधिकरण है? उक्त प्राधिकरण में विगत 5 वर्षों में प्रमोटरशीप योजनांतर्गत कुल कितने कार्य किस राशि से किए गए हैं तथा किस-किस कार्य एजेंसी को कितना भुगतान कब-कब किस कार्य हेतु किया गया है? कार्य एजेंसी के नाम सहित बिल, वाउचर भुगतान का प्रकार सहित निविदा प्रक्रिया के समस्त दस्तावेज विकास प्राधिकरणवार, तिथिवार, कलमवार बतायें। (ख) प्रमोटरशीप योजना को शासन के किस कानून या निर्देश/आदेश के अंतर्गत स्वीकृति प्रदान की गई? प्रमोटरशीप योजना का शासन के द्वारा पारित सर्कुलर/बायलाज/नियमावली उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों में से प्राइवेट निविदाकारों द्वारा किए गये कार्यों की सूची सहित निविदा की प्रक्रिया तथा प्रकाशन की प्रति सहित विगत 5 वर्षों के समस्त राशि के भुगतान के बिल,बाउचर सहित नस्तिया उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विद्युतीकरण केबल एवं ट्रांसफार्मर की जानकारी
[ऊर्जा]
91. ( क्र. 1611 ) श्री मधु भगत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) समस्त बालाघाट जिले में कितने ग्रामों में विद्युतीकरण कार्य नहीं हो पाया है? वितरण केन्द्रवार, ग्राम पंचायतवार जानकारी प्रदान करें। (ख) विगत 5 वर्षों में बालाघाट जिले में किस-किस योजना के अंतर्गत विद्युत अधोसंरचना सुदृढ़ीकरण में कार्यों हेतु कितनी राशि आवंटित हुई एवं उक्त कार्यों हेतु योजनान्तर्गत कितना भुगतान किया गया? वर्षवार, संभागवार ब्यौरा उपलब्ध करावें। (ग) विगत 3 वर्षों में समस्त जिले में कौन-कौन से वितरण केन्द्रों पर कितने क्षमता के वितरण ट्रांसफार्मर लगाये गये है? कितने वितरण ट्रांसफार्मर तकनीकी खामियों के कारण बदले गये है, कितनी राशि का खर्च किया गया है? वितरण केन्द्रवार संख्यात्मक जानकारी बतायें। (घ) वर्तमान में प्रचलित RDSS योजनान्तर्गत समस्त जिले में केबल से विद्युतीकरण कराया जा चुका है एवं योजनान्तर्गत विद्युतीकरण कार्य में खुले तार केबलीकरण का कितना कार्य किया जाना शेष है? केबल को लगाए जाने का कार्य कब तक पूर्ण किया जाएगा? वितरण केन्द्रवार जानकारी उपलब्ध करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) बालाघाट जिले के समस्त राजस्व ग्राम एवं उनके चिन्हित मजरों/टोलों को पूर्व में प्रचलित विभिन्न विद्युतीकरण योजनाओं में विद्युतीकृत किया जा चुका है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता हैं। (ख) प्रश्नाधीन जिले में विगत 5 वर्षों में विद्युत अधोसंरचना सुदृढ़ीकरण के कार्यों हेतु आवंटित/लागत राशि एवं किये गये भुगतान का वित्तीय वर्षवार एवं वितरण कंपनी के संभागवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार हैं। (ग) विगत 3 वर्षों में प्रश्नाधीन क्षेत्र में स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों की वितरण केन्द्रवार एवं क्षमतावार जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-'ब' अनुसार है एवं तकनीकी खामियों के कारण जले/खराब बदले गये वितरण ट्रांसफार्मरों एवं व्यय का वितरण केन्द्रवार संख्यात्मक विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार हैं। (घ) वर्तमान में प्रचलित आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत समस्त बालाघाट जिलें में केबलीकरण का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। उक्त योजनांतर्गत शेष केबलीकरण के कार्य से संबंधित वितरण केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार हैं। उक्त शेष कार्य मार्च 2026 तक पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है।
मीटर लगाने और एवरेज बिजली बिल की जानकारी
[ऊर्जा]
92. ( क्र. 1612 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मऊगंज जिले में सभी घरों में इलेक्ट्रोनिक मीटर लगे है? अगर नहीं तो कब तक लग जायेंगे? (ख) क्या यह सच है कि उपभोक्ताओं को एवरेज बिजली बिल दिया जा रहा? मीटर वाचक घर-घर जाकर हर माह रीडिंग नहीं लेते है? (ग) अगर प्रश्नांश (ख) सही है तो ज़ब किसी उपभोक्ता के यहां ज्यादा एवरेज बिजली बिल आता है तो मीटर लगने के बाद क्या उसके बिल का समायोजन किया गया? अगर हाँ तो ऐसे कितने उपभोक्ता हैं जिनके बिल का समायोजन नहीं किया गया? उपभोक्तावार, गाँववार और शहरी क्षेत्रवार जानकारी दें? कब तक में समायोजन किया जाएगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। मऊगंज जिला अंतर्गत सभी घरेलू मीटरीकृत संयोजनों में इलेक्ट्रोनिक मीटर लगे हैं। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है। (ख) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के नियमानुसार मीटर वाचक प्रतिमाह घर-घर जाकर मीटर वाचन का कार्य करते हैं एवं प्रश्नाधीन जिला अंतर्गत उपभोक्ताओं को उनके परिसर में स्थापित विद्युत मीटर में दर्ज विद्युत की वास्तविक खपत एवं म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के तहत ही विद्युत देयक जारी किये जाते हैं। कतिपय प्रकरणों में मीटर खराब होने की स्थिति में ''म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता-2021'' की कंडिका-8.44 के अनुसार विद्युत उपभोक्ताओं को पूर्व तीन माहों की औसत खपत के आधार पर विद्युत खपत का आंकलन कर विद्युत देयक जारी किये जाते हैं। औसत विद्युत देयक के समाधान हेतु उपभोक्ताओं के बंद/खराब मीटरों को यथाशीघ्र बदलकर, इन्हें आगामी माह में वास्तविक खपत के विद्युत देयक जारी किये जाते हैं। (ग) जिन उपभोक्ताओं के द्वारा विभिन्न माध्यमों से मीटर स्टॉप/डिफेक्टिव होने पर एवरेज बिल सुधार के संबंध में शिकायतें दर्ज कराई जाती है, उनके परिसरों में नवीन मीटर स्थापित किया जाता है एवं नियमानुसार बिल में संशोधन/सुधार किया जाता है। वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत उक्त प्रकार के समायोजन संबंधित प्रकरण लंबित नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
केबिल एवं ट्रांसफार्मर विहीन गांव
[ऊर्जा]
93. ( क्र. 1613 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आर.डी.एस.एस. योजनान्तर्गत मऊगंज जिले में ऐसे कितने गांव हैं जहां प्रश्न दिनांक तक केबिल नहीं लगाई गई? वितरण केन्द्रवार जानकारी दें। (ख) अगर यह सच है कि गाँवों में केबिल नहीं लगी है तो कब तक में लग जाएगी? (ग) मऊगंज जिले में कुल कितने गाँव और शहरी क्षेत्र में कितने-कितने के.व्ही. के ट्रांसफार्मर कब से जले हैं? जले ट्रांसफार्मर क्यों नहीं लगाए गए? जले ट्रांसफार्मर कब तक लगा दिए जायेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) मऊगंज जिला अंतर्गत आर.डी.एस.एस. योजना के तहत ग्रामों में केबिल विस्तार का कार्य प्रस्तावित नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) प्रश्नाधीन जिला अंतर्गत प्रश्न दिनांक की स्थिति में शहरी क्षेत्र में कोई भी जला/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने हेतु शेष नहीं है तथा ग्रामीण क्षेत्रों में प्रश्न दिनांक की स्थिति में 50 ग्रामों में 57 वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब हैं। उक्त जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों की प्रश्नाधीन चाही गई क्षमतावार एवं जलने/खराब होने की दिनांक की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त वितरण ट्रांसफार्मरों से संबंद्ध उपभोक्ताओं पर बकाया राशि होने के कारण उक्त वितरण ट्रांसफार्मर नियमानुसार बदलने हेतु अपात्र हैं। वितरण ट्रांसफार्मर के जलने/खराब होने के उपरान्त संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा करने अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा बकाया राशि जमा करने पर संभागीय मुख्यालय में 12 घंटे एवं अन्य शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्क मौसम में 3 दिवस तथा मानसून के मौसम के दौरान माह जुलाई से सितंबर तक 7 दिवस में जला/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने अथवा विद्युत प्रदाय पुनर्स्थापित करने के प्रावधान हैं। उक्त जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने पर, पात्र होने के उपरांत इन्हें उपरोक्तानुसार निर्धारित समय-सीमा में बदल दिया जावेगा।
सी.एम. राइज स्कूल का निर्माण
[लोक निर्माण]
94. ( क्र. 1621 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र धरमपुरी अंतर्गत सी.एम. राइज स्कूल, धरमपुरी एवं नालछा में निर्माण हो रहा है? यदि हाँ, तो यह निर्माण कार्य किस ठेकेदार को किस दिनांक को सौंपा गया और कितनी राशि स्वीकृत की गई तथा कार्य को पूरा करने के लिए किस अवधि का अनुबंध किया गया एवं भवन निर्माण की जांच कब और किस-किस अधिकारी द्वारा की गई? उनके नाम सहित आदेश की प्रति दें एवं एस्टीमेट, ड्राइंग, एस.ओ.आर., बी.ओ.क्यू. उपलब्ध करायें। (ख) निर्माण सामग्री का परीक्षण कब और किस दिनांक को किया गया एवं सामग्री और कांक्रीट पर किए गए परीक्षण जैसे- स्लम्प टेस्ट, कम्प्रेशन टेस्ट, फ्लेक्सुरल टेस्ट, कांक्रीट की दबाव सहनशीलता, खिंचाव और अन्य जांच तथा सीमेंट, स्टील, रेत, ईंट, गिट्टी की जांच की गई? यदि हाँ, गुणवत्ता प्रमाण-पत्र की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या निर्माण कार्यों में गुणवत्ता की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो किस-किस व्यक्ति द्वारा, कब-कब और किस स्तर पर शिकायत की गई? विभाग द्वारा शिकायतों के निराकरण के लिए क्या कार्यवाही की गई? शिकायत की प्रति और निराकरण की प्रति उपलब्ध करायी जावे। (घ) क्या ठेकेदार ने अनुबंध के अनुसार निश्चित समयावधि, गुणवत्ता तथा मानकों के अनुसार कार्यों को पूर्ण किया है? यदि नहीं, तो, ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही कब और किस दिनांक तक की गयी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हाँ। सी.एम. राइज धरमपुरी का कार्य मेसर्स एम.पी. बाबरिया को दिनांक 19.04.2023 को सौंपा गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 1 अनुसार है। सी.एम. राइज नालछा का कार्य मेसर्स वेलजी रत्ना सरोठिया इन्फ्रा.प्रा.लि. को दिनांक 21.08.2023 को सौंपा गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 2 अनुसार है। प्रश्नांकित शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 एवं 10 अनुसार है। (ख) सी.एम. राइज स्कूल धरमपुरी में उपयोग की गई सामग्री की जांच रिर्पोट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-11 अनुसार है। सी.एम. राइज स्कूल नालछा में उपयोग की गई सामग्री की जांच रिर्पोट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-12 अनुसार है। (ग) जी हाँ। श्री कमल गिरी गोस्वामी द्वारा दिनांक 10.09.24 को सी.एम. हेल्पलाईन के माध्यम से सी.एम. राइज नालछा की शिकायत की गई थी जिसका निराकरण पोर्टल पर किया जा चुका है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-13 अनुसार है। (घ) सी.एम. राइज स्कूल धरमपुरी एवं नालछा के अनुबंध के अनुसार समयावधि के अंतर्गत कार्य प्रगति पर है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सागर नगर की सीवर पाइप लाइन
[नगरीय विकास एवं आवास]
95. ( क्र. 1635 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अमृत योजनांतर्गत सागर नगर में डाली जाने वाली सीवर पाईप लाईन विगत 8 वर्ष पूर्व स्वीकृति उपरांत कार्य शुरू किया गया था, परन्तु प्रश्न दिनांक तक कार्य पूर्ण नहीं हो पाने के लिये कौन जिम्मेंदार है? शासन द्वारा क्रियान्वयन एजेंसी पर विलम्ब के लिए अब तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या योजनांतर्गत पंपिंग स्टेशनों का निर्माण कनेक्शन सहित पूर्ण हो गया है? यदि नहीं, तो कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (ग) निर्माण कार्य एजेंसी द्वारा किये गये कार्यों की अनेको अनियमितताएं जैसे चेम्बर पाइप जहाँ-जहाँ खड़े किये गये है, वहाँ गड्ढा है या 4 इंच उपर निकले है, जिससे आवागमन में आम नागरिकों के साथ दुर्घटना घटित हो रही है? क्या शासन प्रशासनिक स्तर पर इनके सुधार हेतु भौतिक परीक्षण कर कोई कार्यवाही करेगा तथा कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) जी हाँ। प्रश्न दिनांक तक योजना के मुख्य घटक जैसे सीवर नेटवर्क, सभी पंपिग स्टेशन एवं सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं। घरों के कनेक्शन का कार्य प्रगतिरत है। कार्य में विलंब का कारण योजना क्रियान्वयन हेतु पंपिग स्टेशन निर्माण के लिये समय-सीमा में भूमि का आवंटन नहीं हो पाना एवं पंपिग स्टेशन निर्माण उपरांत विद्युत कनेक्शन प्राप्ति में विलंब होने से कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) निर्माण एजेंसी द्वारा मैनहोल एवं चैम्बर मौजूदा सड़क के लेवल अनुसार ही निर्मित किये गये थे। इन स्थानों पर सीवर कार्य पूर्ण होने के उपरांत अन्य एजेंसियों द्वारा सड़क निर्माण के दौरान रोड लेवल में परिवर्तन हुआ है। जिस कारण से पूर्व में निर्मित सीवर योजना के मैनहोल सड़क के नये रोड लेवल से ऊपर या नीचे हो गये हैं, निर्माण एजेंसियों द्वारा आवश्यकतानुसार सुधार कार्य किया जाता है। वर्तमान में दुर्घटना से संबंधित कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सड़कों एवं पुल-पुलियाओं का निर्माण
[लोक निर्माण]
96. ( क्र. 1639 ) श्री धीरेन्द्र बहादुर सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक–1172, दिनांक 04/07/2024 के प्रश्नांश (ग) का उत्तर-''जी नहीं'' था? हाँ, तो करोड़ो रुपये की लागत से निर्मित भवनों के निर्माण के प्राक्कलन में पहुँच मार्ग निर्माण का प्रावधान न करने का कारण बताइये और बताइये विद्यालय तक पहुँच मार्गों का निर्माण किस प्रकार और कब तक किया जायेंगा? (ख) क्या शासन/विभाग द्वारा निर्मित भवनों तक पहुँच मार्ग और भवनों में वाटर-हार्वेस्टिंग यूनिट बनाए जाने के निर्देश आवश्यक तौर पर दिये जाएँगे? हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों? (ग) विधानसभा प्रश्न क्रमांक–1172, दिनांक 04/07/2024 के प्रश्नांश (ड.) के उत्तरानुसार बड़वारा विधानसभा अंतर्गत सड़कों एवं पुलों का निर्माण कब-कब किया गया और वर्तमान में सड़कों/पुलों की स्थिति का आंकलन/परीक्षण/निरीक्षण किस-किस शासकीय सेवक द्वारा कब-कब किया गया? जानकारी दें। (घ) क्या बड़वारा विधानसभा अंतर्गत विभागीय नवीन सड़कों एवं पुल-पुलियों के निर्माण की आवश्यकता हैं? यदि हाँ, तो किन-किन स्थानों पर जानकारी दें और संबंधितों द्वारा की गयी कार्यवाही से अवगत कराए, यदि आवश्यकता नहीं है तो कैसे और किस आधार पर? (ड.) वर्तमान में विभाग द्वारा किन-किन उप संभागों में किस नाम/पदनाम के शासकीय सेवकों के प्रभार में कितनी-कितनी लागत के कौन-कौन से कार्य किस आवश्यकता एवं मांग से स्वीकृत किए गए और प्रचलित हैं? कार्यों को किन ठेकेदार कंपनी द्वारा किन शर्तों के अधीन कब से किया जा रहा हैं, कार्यों का किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा कब-कब निरीक्षण/परीक्षण किया गया? क्या निरीक्षण प्रतिवेदन दिये गए? कार्य/निरीक्षणवार जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जी हां, विधानसभा क्षेत्र बड़वारा में म.प्र. भवन विकास निगम द्वारा जिन भवनों का निर्माण कराया जा रहा है, समस्त भवन पूर्व से पहुँच मार्गों पर निर्माणाधीन है। (ख) समस्त शासकीय भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था किये जाने हेतु म.प्र. शासन लोक निर्माण विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक 2835 दिनांक 20.05.2016 द्वारा आदेश जारी किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। प्राक्कलन में समस्त भवनों में पहुँच मार्ग एवं वाटर हार्वेस्टिंग का प्रावधान किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) नवीन सड़कों के प्रस्ताव बजट में सम्मिलित होने के उपरान्त निर्माण संबंधी कार्यवाही की जाती है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
निकायों के कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
97. ( क्र. 1640 ) श्री धीरेन्द्र बहादुर सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक–674, दिनांक-13/02/2024 के प्रश्नांश (ड.) के उत्तरानुसार सड़क निर्माण कार्य क्यों निरस्त किया गया तथा वर्तमान में उसी सड़क का निर्माण क्यों किया जा रहा हैं तथा निरस्त किए गए निर्माण कार्य को एसओआर से कितने प्रतिशत अधिक/कम में स्वीकृत किया गया था और वर्तमान में प्रचलित कार्य को एसओआर से कितने प्रतिशत अधिक/कम में स्वीकृत किया गया हैं? (ख) प्रश्नांश (क) निरस्त किए गए कार्य से सड़क निर्माण में कितनी राशि का भुगतान करना होगा और वर्तमान में स्वीकृत दर से सड़क निर्माण पर कितनी राशि का भुगतान किया जायेंगा? क्या सड़क निर्माण में अधिक राशि का भुगतान किए जाने की अनियमितता पर कोई जांच/कार्यवाही की जाएंगी? हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक? नहीं तो क्यों? (ग) कटनी के नगरीय निकायों द्वारा वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक किस मांग एवं क्या आवश्यकता के चलते एवं किन-किन प्रस्तावों के आधार पर किन सक्षम प्राधिकारियों की सक्षम स्वीकृति से क्या-क्या सामग्री, किस-किस आपूर्तिकर्ता से किस-किस दर/मूल्य पर कब-कब क्रय की गयी? (घ) प्रश्नांश (ग) क्रय सामग्रियों का भौतिक सत्यापन किस-किसके द्वारा कब-कब किया गया? क्या प्रतिवेदन दिये गये और कितना-कितना भुगतान किस-किस मद की राशि से कब-कब किया गया? (ड.) प्रश्नांश (ग) से (घ) के तहत प्रश्नांकित अवधि में सामग्री क्रय में अनियमितताओं की शासन/विभाग एवं निकायों को प्राप्त शिकायतों पर प्रश्न दिनांक तक शिकायतवार की गयी कार्यवाही से अवगत कराइए?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) से (ड.) जानकारी संकलित की जा रही है।
गौ संरक्षण हेतु गौ अभ्यारण की स्वीकृति
[पशुपालन एवं डेयरी]
98. ( क्र. 1646 ) श्री इंजीनियर हरिबाबू राय : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्य मंत्री महोदय को पत्र क्रमांक 724/ अशोकनगर दिनांक 18.09. 2024 एवं श्रीमान कलेक्टर जिला अशोकनगर को पत्र क्रमांक 725/ अशोकनगर दिनांक 18.09.2024 एवं पत्र क्रमांक 1130/अशोकनगर दिनांक 31.12.2024 के द्वारा गौ सरंक्षण हेतु गौ अभ्यारण्य की स्वीकृति के लिए लिखा गया है। अभी तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गयी? (ख) विधानसभा अशोकनगर के ग्राम जतोली, ग्राम करैया राय एवं ग्राम पठारी की संयुक्त सीमा पर लगभग 800 से 1000 बीघा भूमि राजस्व विभाग की पड़ती (रिक्त) पडी हुई है। जिसका स्थल निरीक्षण संचालक पशुपालन विभाग जिला अशोकनगर, साथ में नायब तहसीलदार, पटवारी एवं अन्य संबंधित अधिकारियों की टीम ने दिनांक 09.10.2024 को प्रश्नकर्ता के साथ कर लिया गया था। (ग) भूमि की उपलब्धता पशुपालन हेतु उपयुक्तता की जांचकर सहमति मौके पर ही दे दी गई थी। अभी तक कोई ठोस कार्यवाही इस दिशा में नहीं की गई हैं। इस गौ अभ्यारण्य जैसे कार्य की स्वीकृत कब तक देगें?
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जी हाँ। जिसके पालन में दिनांक 9.10.2024 को स्थल निरीक्षण किया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। भूमि उपलब्ध कराने का अधिकार जिला प्रशासन को है। कार्यवाही की जावेगी। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पिछडे़ वर्ग की जातियों का सूची से विलोपन
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
99. ( क्र. 1658 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा सत्र 2021 के प्रश्न क्रमांक 937 दिनांक 01/03/2021 के प्रश्नांश (घ) में विभाग द्वारा यह उत्तर दिया गया था कि पिछड़े वर्ग की सूची के अनुक्रमांक 12 पर दर्शित जातियों को पिछड़े वर्ग की सूची से विलोपन करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। यदि हाँ, जो प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि नहीं, तो 05 वर्ष व्यतीत होने के बाद भी प्रश्न दिनांक तक विलोपन करने की कार्यवाही क्यो नहीं की गई? (ग) विलोपन की कार्यवाही नहीं करने वाले दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? कब तक विलोपन की कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बतावे।
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) जी हाँ। जनजातीय कार्य विभाग द्वारा अवगत कराया गया है कि धीमर, ढीमर, भोई, कहार, केवट, निषाद, मल्लाह जातियों को अनुसूचित जनजाति की अनुसूची की माझी जनजाति के समक्ष सम्मिलित करने के संबंध में भारत सरकार को प्रेषित प्रस्ताव पर सचिव, भारत सरकार, जनजातीय कार्य मंत्रालय, नई दिल्ली के सक्षम प्राधिकारी द्वारा दिनांक 13 मार्च, 2020 को उक्त प्रस्ताव अमान्य किया गया है। अत: प्रकरण के संबंध में कार्यवाही पूर्ण उपरांत जाति विलोपन प्रस्ताव अमान्य किया गया है। (ख) एवं (ग) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रायल्टी वसूली राशि की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
100. ( क्र. 1660 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि नगर पालिका श्योपुर द्वारा निर्माण कार्यों में ठेकेदारों से खनिज रायल्टी वसूली की गई है? यदि हां तो कब-कब, कुल कितनी राशि वसूली की गई है? उक्त वसूल की गई राशि क्या खनिज विभाग में जमा करा दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बताएं। इसके लिए कौन दोषी है? अब कब तक जमा करा दी जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं, निकाय की वित्तीय स्थिति ठीक न होने कारण जमा नहीं कराई गई है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अनियमितता की जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
101. ( क्र. 1661 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचा. नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. द्वारा नगरपरिषद बनगवाँ, डूमरकछार व डोला जिला अनूपपुर में वित्तीय अनियमितता की जाँच के लिये देवेन्द्र कुमार व्यास की अध्यक्षता एवं दूसरी बार राधेश्याम मंडलोई की अध्यक्षता में गठित जाँच समितियों द्वारा जाँच पूर्ण कर लिया गया है? यदि हाँ, तो उक्त जाँच में किस तरह की अनियमितता पाई गई? क्या जाँच दल द्वारा बनगवाँ, डूमरकछार व डोला जाकर प्रत्येक भुगतान का भौतिक सत्यापन किया गया? क्या शिकायत कर्ता की उपस्थिति में जाँच किया गया? यदि हाँ, तो भौतिक सत्यापन एवं पंचनामा की प्रति देवें यदि नहीं, तो उसका कारण क्या है? क्या प्रत्येक भुगतान का शिकायतकर्ता के कथन अनुसार भौतिक सत्यापन किया जाएगा? क्या बिना भौतिक सत्यापन किये किसी अनियमितता की जाँच किया जाना संभव है? (ख) क्या नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय भोपाल द्वारा जारी आदेश पत्र क्रमांक 2333/2130158/24/18-3 भोपाल दिनाँक 10/7/24 के अनुसार नगरपालिका कोतमा जिला अनूपपुर में अनियमितता की जाँच के लिये अक्षय कुमार तेम्रवाल की अध्यक्षता में गठित 4 सदस्यीय समिति द्वारा जाँच पूर्ण कर लिया गया है? यदि हाँ, तो जाँच में क्या अनियमितता पायी गई? यदि नहीं, तो उसका कारण क्या है? क्या जानबूझकर जाँच प्रतिवेदन देने में विलंब किया जा रहा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) एवं (ख) जी नही। जांच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युत वितरण प्रणाली एवं भ्रष्टाचार पर कार्यवाही
[ऊर्जा]
102. ( क्र. 1666 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्वीकृत किए जाने हेतु क्या प्रावधान एवं प्रक्रिया निर्धारित है? (ख) विधानसभा क्षेत्र जौरा अंतर्गत विगत एक वर्ष में आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किए गए हैं? स्थान एवं दिनांक सहित सूची उपलब्ध कराएं। (ग) विधानसभा क्षेत्र जौरा अंतर्गत कितने नवीन उपकेन्द्र स्वीकृत किए गए हैं अथवा स्वीकृति हेतु प्रक्रियाधीन है एवं प्रश्न दिनांक तक उनकी अद्यतन स्थिति क्या है? संपूर्ण विवरण उपकेंद्रवार उपलब्ध कराएं। (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा एक वर्ष में जनसामान्य की समस्याओं के समाधान हेतु नवीन ट्रांसफार्मर स्वीकृत किए जाने, नवीन केवल एवं नवीन खंबे लगाये जाने अथवा बदले जाने हेतु मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के महाप्रबंधक जिला मुरैना, उप-महाप्रबन्धक सबलगढ़ तथा प्रबंधक कैलारस एवं जौरा को कितने पत्र कब-कब प्रेषित किए गए एवं उसके समाधान हेतु संबंधित अधिकारियों द्वारा क्या कार्रवाई की गई? पत्रवार प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं। (ड.) जिला मुरैना अंतर्गत विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध जिला एवं राज्य स्तर पर भ्रष्टाचार से संबंधित विगत 03 वर्षों में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई एवं उन पर क्या क्या कार्रवाई की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) आर.डी.एस.एस. योजना में विद्युतीकरण क्षेत्र के अंतर्गत भार प्रबंधन हेतु तकनीकी साध्यता के आधार पर नवीन वितरण ट्रांसफार्मर स्वीकृत किए जाने का प्रावधान है। (ख) विधानसभा क्षेत्र जौरा अंतर्गत विगत एक वर्ष में आर.डी.एस.एस. योजना अंतर्गत स्थापित किये गये वितरण ट्रांसफार्मरों की प्रश्नाधीन चाही गयी स्थान एवं दिनांक सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) विधानसभा क्षेत्र जौरा अंतर्गत एस.एस.टी.डी. योजना में 4 एवं आर.डी.एस.एस. योजना में 1 नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र स्वीकृत किय गये है तथा आर.डी.एस.एस. योजना के द्वितीय चरण में 33/11 के.व्ही. के 3 विद्युत उपकेन्द्र प्रस्तावित है, जिनकी प्रशासकीय स्वीकृति केन्द्र शासन से अपेक्षित है। उक्त स्वीकृत/प्रस्तावित विद्युत उपकेन्द्रों की प्रश्नाधीन चाही गयी विद्युत उपकेन्द्रवार प्रश्न दिनांक तक की अद्यतन स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के एक वर्ष में जन समस्याओं के समाधान हेतु नवीन वितरण ट्रांसफार्मर स्वीकृत किये जाने, केबिल एवं खम्बे लगाये जाने अथवा बदले जाने हेतु म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के महाप्रबंधक मुरैना, उप महाप्रबंधक, सबलगढ़ तथा प्रबंधक कैलारस एवं जौरा को प्राप्त पत्रों एवं संबंधित अधिकारियों द्वारा उन पर की गई कार्यवाही का पत्रवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ड.) जिला मुरैना अंतर्गत म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध विगत 3 वर्षों में जिला एवं राज्य स्तर पर भ्रष्टाचार से संबंधित प्राप्त शिकायतों एवं उन पर की गई कार्यवाही की अद्यतन स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है।
सोलर पार्क की स्थापना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
103. ( क्र. 1667 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सोलर पार्क विकसित किए जाने हेतु नवकरणीय ऊर्जा नीति 2022 एवं निजी स्वामित्व एवं पट्टाधारी कृषकों की भूमि अधिग्रहण किए जाने हेतु सहमति क्रय नीति 2014 क्या है? (ख) सोलर परियोजना को निर्धारित सफेद क्रम में वर्गीकृत किए जाने हेतु भारत सरकार के निर्धारित मापदण्ड क्या है? क्या जिला मुरैना में प्रस्तावित सोलर परियोजना के संबंध में क्षेत्र का बेसलाइन पर्यावरण एवं सामाजिक प्रभाव का अध्ययन कर लिया गया है? जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) जिला मुरैना में प्रस्तावित सोलर पार्क से क्षेत्र को प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष क्या लाभ होंगे? क्या अधिग्रहित भूमि उपजाऊ होकर वर्तमान में खेती हो रही है? यदि हाँ, तो किसानों की सूची दें। क्या अधिग्रहित भूमि में चारागाह की भूमि भी है? यदि हाँ, तो इसके पशुधन पर क्या प्रभाव होंगे? (घ) उक्त सोलर परियोजना में निवेश हेतु क्या योजना तैयार की गई है? क्या प्रस्तावित सोलर परियोजना में निवेश हेतु किसी कम्पनी/फर्मों से अनुबंध किए गए हैं? निवेश प्रकिया क्या रही अथवा होगी? (ड.) क्या उक्त सोलर परियोजना का विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (DPR) तैयार हो गया है? क्या क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लिया जाकर परियोजना से संबंधित विषयों पर चर्चा की गई है? यदि नहीं, तो क्या ऐसा किया जाना आवश्यक नहीं है? क्या पार्क विकसित किये जाने हेतु निविदा जारी हो चुकी है? यदि हाँ, तो उसकी शर्तें क्या है?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री राकेश शुक्ला ) : (क) सोलर पार्क हेतु मुख्य रूप से शासकीय भूमि पर परियोजना प्रस्तावित की गई है, जो राज्य की नवकरणीय ऊर्जा नीति-2025 के अनुसार Right to use के अनुसार आवंटित की जाती है। आवश्यकता होने पर निजी स्वामित्व की भूमि अथवा पट्टाधारी कृषकों की भूमि राज्य की आपसी सहमति क्रय नीति-2014 के अनुसार क्रय की जाती है। इस नीति में निजी भूमि धारक की गाइड लाइन दर की दुगुनी दर पर भुगतान किया जाकर भूमि क्रय की जाती है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) सोलर परियोजना को सफेद क्रम में भारत सरकार द्वारा निर्धारित किए जाने के मापदंड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। सोलर परियोजना के संबंध में संपादित बेसलाइन पर्यावरण एवं सामाजिक प्रभाव के अध्ययन की रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) सोलर पार्क से निर्माण अवधि में प्रति मेगावाट 5 व्यक्ति की दर से लगभग 7000 लोगों को प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त होगें, जबकि संचालन अवधि में 0.5 व्यक्ति प्रति मेगावाट की दर से रोजगार सृजन अनुमानित है। इसके अतिरिक्त, क्षेत्र में अन्य संबंधित रोजगार भी उत्पन्न होना संभावित है। वर्तमान में परियोजना हेतु भूमि अधिग्रहण नहीं किया गया है, अत: प्रश्नांश का शेष भाग लागू नहीं होता है। (घ) सौर परियोजना के विकास हेतु पारदर्शी निविदा प्रक्रिया ऑनलाइन संचालित की जाकर विकासकों का चयन किया जाता हैं, जो सौर पार्क के विकास एवं परियोजना अवधि तक संचालन के लिए जिम्मेदार होते है। परियोजना में निवेश मुख्यत: निजी विकासकों द्वारा किया जाता है। निविदा की प्रक्रिया पूर्ण होने पर विकासक का चयन किया जाएगा, इसके अतिरिक्त, सौर पार्क विकासक मेसर्स रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लि. द्वारा सबस्टेशन, आंतरिक इंफास्ट्रक्चर का विकास किया जाता है, यह कार्यवाही भी अभी प्रचलन में है। अत: किसी कंपनी/फर्म का चयन नहीं हुआ है। (ड.) विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन मुरैना-1 (सोलर+बैटरी+स्टोरेज) के लिए तैयार किया जा चुका है। सौर पार्क विकास मंत्रि-परिषद के अनुमोदन उपरांत ही प्रारंभ किया जाता है। प्रस्तावित सौर पार्क के लिए मंत्रि-परिषद के अनुमोदन दिनांक 04.10.2023 उपरांत ही पार्क विकसित किया जा रहा है। 600 मेगावाट सौर पार्क मुरैना फेज-1 के लिए निविदा दिनांक 25.09.2024 को तथा मुरैना फेज-2 800 मेगवाट के लिए निविदा दिनांक 24.12.2024 को जारी की गई है।
सुरम्य परिसर की भूमि
[नगरीय विकास एवं आवास]
104. ( क्र. 1670 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्न क्रमांक 7523 दिनांक 28 मार्च, 2017 में अर्जित नरेला शंकरी की निजी भूमि भू-अर्जन अधिनियम 1894 की धारा 17 के तहत अत्यावश्यक बताकर अर्जित किए जाने के बाद भी सुरम्य परिसर बनाकर प्रश्नांकित दिनांक तक विक्रय नहीं की जा सकी? (ख) किस किसान की जमीन किस प्रकरण क्रमांक दिनांक से धारा 17 के तहत अर्जित की गई, उसमें से किस किसान के किस खसरा नम्बर के कितने रकबे पर सुरम्य परिसर कब प्रस्तावित किया, इस परिसर के कितने भूखण्ड या आवास या फ्लैट के विक्रय की विज्ञप्ति किस दिनांक को जारी की, प्रश्नांकित दिनांक तक कितनी बुकिंग हुई? (ग) प्रस्तावित सुरम्य परिसर की भूमि धारा 17 के प्रावधान का उपयोग कर 1991 में अवार्ड पारित होने के बाद वर्ष 2023-24 तक भूमि का उपयोग नहीं किये जाने का क्या-क्या कारण रहा है? (घ) सुरम्य परिसर के लिए उपयोग में प्रस्तावित भूमि के किसानों को भूमि अर्जन पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 24 के अनुसार किसानों को प्रश्नांकित दिनांक तक भी राहत नहीं देने का क्या कारण है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) प्रश्न क्रमांक 7523 दिनांक 28 मार्च, 2017 में अर्जित नरेला शंकरी की निजी भूमि भू-अर्जन अधिनियम 1894 की धारा 17 के तहत अर्जित की गई है। अर्जन उपरान्त भूमि का मण्डल द्वारा चरणबद्ध प्रक्रिया से विकास कार्य एवं भवनों का निर्माण निम्नानुसार किया गया है। (1) राजीव नगर- 48.03 एकड़ भूमि का विकास एवं निर्माण कार्य पूर्ण कर कॉलोनी दिनांक 01.08.2010 को नगर निगम भोपाल को हस्तांतरित कर दी गई है। (2) मयूरी परिसर 3.90 एकड़ भूमि का विकास एवं भवन निर्माण कर विक्रित कर की गई है। (3) अयोध्या एक्स्टेंशन 54.19 एकड़ भूमि का विकास कर भवन एवं भूखण्ड निर्मित किये गये एवं आवंटियों को उपलब्ध कराये गये है। (4) सुरम्य परिसर-सुरम्य परिसर की 26.10 एकड़ भूमि के प्रथम चरण में 8.00 एकड़ भूमि का विकास कर (10+30 कुल 40) एच.आई. जी डुप्लेक्स भवनों का निर्माण कर विक्रय किये गये हैं। द्वितीय चरण में 240 प्रकोष्ठ भवनों तथा 34 दुकानों का निर्माण एवं संपूर्ण भूमि का विकास कार्य प्रगति पर है। तृतीय चरण में 1120 विभिन्न श्रेणी के प्रकोष्ठ भवनों का निर्माण कार्य प्रस्तावित है। (ख) उक्त भूमि का अर्जन भू-अर्जन प्रकरण क्रमांक 3 ए/82 वर्ष 87-88 आदेश दिनांक 30.08.1991 द्वारा अवार्ड के माध्यम से किया गया है, सुरम्य परिसर में जिन किसानों की भूमि अर्जित की गई है, उसका रकबा उनके नाम एवं भूमि के खसरों का विवरण जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सुरम्य परिसर योजना वर्ष 2013 में प्रस्तावित की गई इसके प्रथम चरण में 40 डुप्लेक्स भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया। सभी डुप्लेक्स भवनों का निर्माण पूर्ण हो कर आवंटन किया जा चुका है। द्वितीय चरण में 240 प्रकोष्ठ भवनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। प्रकाशित किए गए विज्ञापन का विवरण संलग्न है। 240 प्रकोष्ठ भवनों के पंजीयन प्रगति पर है अब तक 38 भवनों का पंजीयन प्राप्त हो चुका है। (ग) भूमि अर्जन उपरांत मण्डल द्वारा चरणबद्ध प्रक्रिया से उत्तर (क) के अनुसार विकास कार्य एवं भवनों का निर्माण कर आवंटियों को उपलब्ध कराए गए है। (घ) अर्जित भूमि का प्रतिकर मण्डल द्वारा राशि रूपये 1887314/- का भुगतान चेक क्रमांक 718028 दिनांक 06.04.1988 एवं रूपये 4634543/-डी.डी. नंबर 654497 दिनांक 09.09.1992 इस प्रकार कुल राशि 6521857/- का भुगतान भू-अर्जन अधिकारी, भोपाल को किया जा चुका है।
लंबित प्रशासकीय स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
105. ( क्र. 1671 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना नगर निगम वार्ड नंबर 32 में संचालित शासकीय प्राथमिक शाला चांदमारी स्कूल भवन निर्माण हेतु अतिक्रमण मुक्त शासकीय भूमि कलेक्टर सतना द्वारा आवंटित की गई है? आवंटन आदेश की प्रति उपलब्ध कराएं। (ख) शाला भवन निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति हेतु प्रकरण आयुक्त नगर निगम सतना के पास लंबित है? कब से लंबित हैं? (ग) क्या उक्त शाला भवन की प्रशासकीय स्वीकृति यथा शीघ्र जारी किये जाने हेतु अनेक जनप्रतिनिधियों, जिला शिक्षा अधिकारी सतना द्वारा आयुक्त नगर निगम सतना को लेख किया गया है? समस्त अनुशंसा/आवेदन पत्रों की प्रति उपलब्ध कराएं। (घ) क्या आयुक्त नगर निगम सतना द्वारा उक्त समस्त पत्रों पर कार्यवाही नहीं कर नगर निगम सतना द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति क्यों नहीं दी जा रही है? उचित कारण देवें एवं बताएं कि कब तक प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री कैलाश विजयवर्गीय ) : (क) शासकीय प्राथमिक शाला चांदमारी रोड मंगल भवन धवारी गली नं. 1 के लिए कलेक्टर सतना द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग को भूमि आवंटन की गई है। भूमि आवंटन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं, उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ, आवेदन पत्रों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) शासकीय प्राथमिक शाला चांदमारी रोड मंगल भवन धवारी गली नं. 1 के निर्माण हेतु कलेक्टर सतना द्वारा भूमि का आवंटन स्कूल शिक्षा विभाग को किया गया है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पिछड़ा वर्ग विद्यार्थी मेधावी पुरस्कार योजना
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
106. ( क्र. 1674 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश के पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिये मेधावी पुरस्कार योजना वर्तमान में संचालित है, यदि हाँ, तो कक्षावार कितनी-कितनी राशि दिये जाने का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में उक्त योजना के लाभार्थी छात्र-छात्राओं के पात्रता के क्या नियम है, इस संबंध में शासन द्वारा जारी निर्देश उपलब्ध कराये जाये। (ग) ग्वालियर-चंबल संभाग में वर्ष 2022-23 एवं वर्ष 2023-24 में कितने छात्र-छात्राओं को योजना को लाभ मिला, जिलावार छात्र-छात्राओं को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में वर्ष 2022-23 एवं वर्ष 2023-24 में कितने छात्र/छात्राओं को राशि का भुगतान नहीं किया गया है एवं इसके लिये कौन-कौन जबावदार है तथा उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई?
राज्यमंत्री, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण ( श्रीमती कृष्णा गौर ) : (क) जी हाँ। कक्षा 10वीं के छात्र-छात्राओं को रू. 5000/- एवं कक्षा 12वीं के छात्र-छात्राओं को रू. 10000/- राशि दिए जाने का प्रावधान है। (ख) कक्षा 10वीं एवं 12वीं में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को पात्रता होती है। निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
मध्यप्रदेश दुधारू पशु प्रदाय योजना
[पशुपालन एवं डेयरी]
107. ( क्र. 1675 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में संचालित दुधारू पशु प्रदाय योजना का लाभ लेने हेतु पात्रता के क्या-क्या नियम है? शासन आदेश उपलब्ध कराने की कृपा करें। (ख) मध्यप्रदेश दुधारू पशु प्रदाय योजना में हितग्राहियों को शासन द्वारा किस पशु पर कितना-कितना अनुदान दिये जाने का प्रावधान है? राशि सहित जानकारी दी जावे। (ग) वर्ष 2022-23 एवं वर्ष 2023-24 में जिला ग्वालियर एवं मुरैना में कितने हितग्राहियों के आवेदन उक्त योजना के लाभ लेने हेतु प्राप्त हुये? संख्यावार जानकारी दी जावे। (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में प्राप्त आवेदनों में से कितने हितग्राहियों को योजना का लाभ मिल चुका है एवं कितने हिग्राहियों के आवेदन लंबित है एवं लंबित प्रकरणों में हितग्राहियों को कब तक योजना का लाभ मिल जावेगा?
राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी ( श्री लखन पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है।
स्वीकृत सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
108. ( क्र. 1677 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक कितनी सड़के कहां से कहां तक, कितनी दूरी की एवं कितनी राशि की स्वीकृत की गई है? सड़क की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत सड़कों में भितरवार विधानसभा क्षेत्र की कौन-कौन सी सड़कें शामिल है? क्या स्वीकृत सड़कों का कार्य पूर्ण हो गया है? यदि हां तो कौन-कौन सी सड़कों का? अपूर्ण सड़के कौन-कौन सी है? अपूर्ण का कारण क्या है? (ग) क्या भितरवार विधानसभा क्षेत्र में निर्मित सड़कों की साईड (सोल्डर) नहीं भरे गये हैं? यदि हां तो कौन-कौन सी है यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिए कौन दोषी है, दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई है? यदि हां तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अपूर्ण सड़कों का कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री राकेश सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
गौशालाओं का निरीक्षण
[पशुपालन एवं डेयरी]
109. ( क्र. 1678 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या राज्य मंत्री, पशुपालन एवं डेयरी महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में कितनी गौशालायें संचालित है