मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
दिसम्बर, 2024 सत्र
सोमवार, दिनांक 16 दिसम्बर, 2024
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
अमृत
सरोवर तालाब
एवं चेकडैम
निर्माण
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
1. ( *क्र. 303 ) श्री सुरेश राजे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला ग्वालियर अंतर्गत जनपद पंचायत मुरार, बरई, भितरवार एवं डबरा क्षेत्र की ग्राम पंचायतों एवं ग्रामीण यांत्रिकी विभाग द्वारा महात्मा गाँधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) मद राशि से वर्ष 2021-22 से 2023-24 में किस-किस ग्राम पंचायत क्षेत्र में कितनी-कितनी राशि से अमृत सरोवर तालाब एवं चेकडैम बनवाए गये? ग्राम पंचायत एवं वर्षवार बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त वर्षों में बनाये गए अमृत सरोवर तालाब एवं चेकडैम के प्रत्येक कार्य पर कितने-कितने पुरुष व महिला श्रमिकों को रोजगार दिया गया? कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? वर्षवार एवं कार्यवार बतावेंl (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार उक्त वर्षों में बनाये गए किस स्थान के अमृत सरोवर तालाब एवं चेकडैम के निर्माण में की गई वित्तीय अनियमितताओं की प्राप्त शिकायत की जांच किस सक्षम अधिकारी से करवाई गई? जांचकर्ता का नाम, पद सहित जांच प्रतिवेदन की प्रति के साथ दोषियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें।
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) ग्वालियर जिले में कुल 239 अमृत सरोवर एवं चैकडेम के संबंध में विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश 'क' अंतर्गत अमृत सरोवर तालाब एवं चैकडेम के प्रत्येक कार्य पर कार्यवार एवं वर्षवार व्यय एवं उपलब्ध कराये गये रोजगार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' के अनुसार कार्यों पर वित्तीय अनियमितता के संबध में कोई शिकायत प्रकाश में नहीं आयी।
राघौगढ़ में पी.जी. महाविद्यालय का संचालन
[उच्च शिक्षा]
2. ( *क्र. 673 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले के राघौगढ़ में संचालित शासकीय महाविद्यालय का कब पी.जी. में उन्नयन हुआ? जीवाजी विश्वविद्यालय से कब सम्बद्धता प्राप्त हुई? सम्बद्धता की प्रति सहित बतायें। सम्बद्धता प्राप्त होने के बाद किस साल में कितने शिक्षकों की नियुक्ति एवं विद्यार्थियों ने किस संकाय में प्रवेश लिया? शिक्षकों के नाम, आदेश एवं छात्रों के प्रवेश फार्म की सूची, प्रति सहित बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में यद्यपि राघौगढ़ महाविद्यालय अभी तक स्नातक स्तर पर ही संचालित हो रहा है, तो प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 507, उत्तर दिनांक 01 जुलाई, 2024 में किस आधार पर उसे पी.जी. स्तर पर संचालित होना बताया गया है? कारण सहित स्पष्ट करें। (ग) उपरोक्त के अनुक्रम में सदन में गलत जानकारी पटल पर रखे जाने पर क्या विभाग इसकी जिम्मेदारी लेकर इस गलती को सुधारते हुये राघौगढ़ महाविद्यालय को पी.जी. घोषित करते हुये नये शैक्षणिक सत्र 2025-26 से प्रारंभ करेंगे? यदि नहीं, तो सदन में गलत जानकारी देने पर किस-किस के विरूद्ध कब और क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न के बिन्दु क्रमांक (ड.) के उत्तर में जानकारी एकत्र की जा रही का लेख है, उसकी जानकारी से भी प्रश्नकर्ता को अद्यतन स्थिति तक अवगत नहीं कराया गया है? अवगत न कराने का कारण बतायें। कब तक जानकारी दी जायेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) गुना जिले के राघौगढ़ में संचालित शासकीय महाविद्यालय मात्र स्नातक स्तर का महाविद्यालय है, जिसका पी.जी. में उन्नयन नहीं हुआ है। स्नातकोत्तर महाविद्यालय के रूप में उन्नयन न होने के कारण महाविद्यालय की स्नातकोत्तर संबंधी संबद्धता विश्वविद्यालय से प्राप्त नहीं की गई है। उपरोक्त वस्तुस्थिति के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) सत्र जुलाई 2024 अंतर्गत अतारांकित प्रश्न क्रमांक 507 के उत्तर में त्रुटिवश शासकीय महाविद्यालय राघौगढ़ के स्थान पर शासकीय महाविद्यालय आरोन में संचालित स्नातकोत्तर विषयों यथा हिन्दी, राजनीतिशास्त्र, भौतिकशास्त्र, रसायनशास्त्र एवं गणित की जानकारी उल्लेखित हो गई थी। उपरोक्त प्रश्न का उत्तर अपूर्ण था, जिसे पूर्ण कर संशोधित किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। विभागीय मापदण्डों के परिप्रेक्ष्य में परीक्षण उपरांत शासकीय महाविद्यालय राघौगढ़ को स्नातकोत्तर का दर्जा प्रदान करने संबंधी मापदण्ड की पूर्ति नहीं होने के कारण स्नातकोत्तर का दर्जा प्रदान किया जाना संभव नहीं है। उत्तरांश ''ख'' अनुसार हुई त्रुटि के लिये नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। (घ) सत्र जुलाई 2024 अंतर्गत अतारांकित प्रश्न क्रमांक 507 के प्रश्नांश ''ड.'' का पूर्ण उत्तर प्रेषित किया जा चुका है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं अवसंरचना मद से स्वीकृत कार्य
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
3. ( *क्र. 23 ) श्री मुकेश टंडन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2023-24 में जिला विदिशा के विधानसभा क्षेत्र विदिशा में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं अवसंरचना योजना शीर्ष 6084 अंतर्गत जनप्रतिनिधियों द्वारा मान. मुख्यमंत्री को दिये गये प्रस्तावों पर निर्माण कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो किन-किन जनप्रतिनिधियों के कितने-कितने कार्यों के लिये कुल कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है? (ख) क्या विदिशा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जनप्रतिनिधियों द्वारा भेजे गये प्रस्तावों में से कुछ कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति अभी तक प्रदान नहीं की गई? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है? क्या शेष बचे प्रस्तावों की प्रशासकीय स्वीकृति पंचायतराज संचालनालय म.प्र. द्वारा जारी की जावेगी? (ग) क्या उक्त संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा सचिव मुख्यमंत्री म.प्र. शासन को पत्र कमांक 284 एवं 285, दिनांक 24.06.2024 एवं मान. मुख्यमंत्री म.प्र. शासन को पत्र कमांक 345 एवं 346, दिनांक 10.07.2024 के द्वारा सूचित कर शेष बचे कार्यों को स्वीकृत करने का आग्रह किया था? यदि हाँ, तो अभी तक उक्त संबंध में कोई कार्यवाही कर प्रश्नकर्ता को अवगत कराया गया है? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष बचे प्रस्तावों हेतु प्रस्तावों के परीक्षण उपरांत बजट आवंटन उपलब्ध होने पर आगामी कार्यवाही की जावेगी। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जिला डिण्डोरी में मनरेगा के तहत भुगतान
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
4. ( *क्र. 425 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जो कार्य पूर्ण हो गये हैं, परन्तु उनका भुगतान नहीं होने से वह कार्य अपूर्ण दिख रहे हैं, जिसकी वजह से उस पंचायत में 20 से अधिक कार्य प्रगतिरत दिखाई देते हैं, उसके वजह से नवीन कार्यों की स्वीकृति नहीं दी जाती है, अगर हाँ तो पूर्ण कार्यों का सही समय में भुगतान नहीं होने के लिए जिम्मेदार कौन है और अगर नहीं तो नवीन कार्यों की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति क्यों नहीं दी जा रही है? (ख) मनरेगा के तहत सामग्रियों का भुगतान कई पंचायत एवं जनपदों में हो रहा है एवं कई पंचायत एवं जनपदों में नहीं हो रहा है, इसकी वजह क्या है, कौन जिम्मेदार है? (जैसे ग्रा.पं. फुलवाही में मात्र 0 रू. वहीं राधोपुर में 64 लाख रूपये जनपद-मेहदवानी, जिला-डिण्डौरी)
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जिला डिण्डौरी में मजदूरी का भुगतान सतत् किया जा रहा है एवं भारत सरकार से सामग्री मद में राशि प्राप्त होने पर राज्यांश सहित राशि आहरित कर राज्य स्तरीय नोडल खाते में जमा की जाती है। खाते में राशि की उपलब्धता अनुसार एवं जिलों में सामग्री मद की लंबित देयता के दृष्टिगत जिलों को व्यय किये जाने की अनुमति प्रदाय की जाती है। यह एक सतत् प्रक्रिया है। वर्तमान में जिला डिण्डौरी में कुल 364 ग्राम पंचायतों में 15304 कार्य प्रगतिरत हैं, जिसमें से 69 ग्राम पंचायतों में 20 से अधिक कार्य (वृक्षारोपण/आवास को छोड़कर) प्रगतिरत हैं, जिसकी सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। 20 से अधिक कार्य प्रगतिरत होने पर भी यदि ग्राम पंचायत में नवीन कार्य की आवश्यकता होती है, तो उन ग्राम पंचायतों में नियमानुसार कार्य की स्वीकृति दी जाती है। मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद के पत्र कमांक 3246, दिनांक 03.08.2022 द्वारा निर्देश प्रसारित किये गये हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। प्रश्न दिनांक तक उक्त 69 ग्राम पंचायतों में यह स्थिति निर्मित नहीं हुई कि वास्तविक रूप से पूर्ण कार्य भुगतान न होने के कारण अपूर्ण/प्रगतिरत दिख रहे हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वित्तीय वर्ष 2024-25 में जिला डिण्डौरी अंतर्गत 364 ग्राम पंचायतों में से मात्र 7 ग्राम पंचायत (ग्राम पंचायत फुलवाही जनपद पंचायत मेहदवानी सहित) में सामग्री मद के देयक प्राप्त न होने के कारण कोई भी भुगतान लंबित प्रदर्शित नहीं है, जिससे सामग्री मद में शून्य (निरंक) व्यय प्रतिवेदित है। ग्राम पंचायत राधोपुर में सामुदायिक 12 एवं हितग्राही मूलक 18 कार्य प्रगतिरत हैं। उक्त ग्राम पंचायत में वित्त वर्ष 2024-25 में राशि रूपये 40.20 लाख मजदूरी पर व्यय हुआ है तथा राशि की उपलब्धता के आधार पर सामग्री मद में वित्त वर्ष 2024-25 में पूर्व वित्तीय वर्ष हेतु राशि रू. 37.00 लाख एवं चालू वित्तीय वर्ष हेतु राशि रू. 27.08 लाख का भुगतान किया गया है।
किसानों के लिये खाद का वितरण
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
5. ( *क्र. 509 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. सरकार ने किसानों के लिये खाद का भण्डारण कर वितरण की कोई योजना बनाई है? यदि हाँ, तो म.प्र. सरकार द्वारा विधानसभा 08 अम्बाह को कितना खाद आवंटित कर भण्डारण एवं वितरण के लिये दिया है? यदि हाँ, तो सम्पूर्ण जानकारी दें। (ख) क्या विधानसभा 08 अम्बाह में किसानों की मांग अनुसार खाद का वितरण कराया जा रहा है? यदि नहीं, तो इसके लिये दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) प्रदेश में कृषकों को समय पर उर्वरकों की उपलब्धता कराने के उद्देश्य से म.प्र. शासन द्वारा रासायनिक उर्वरक अग्रिम भण्डारण योजना संचालित है। प्रदेश में कृषकों को भारत सरकार से प्राप्त उर्वरक मात्रा को 'उर्वरक विक्रय प्राधिकार पत्र प्राप्त विक्रेताओं' द्वारा किसानों को विक्रय किया जाता है। विधानसभा 08 अम्बाह में उर्वरक उपलब्धता एवं वितरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विधानसभा 08 अम्बाह में किसानों की मांग अनुसार खाद का वितरण कराया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में करोड़ों रूपये की राशि का गबन
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार (केवल तकनीकी शिक्षा)]
6. ( *क्र. 316 ) श्री उमंग सिंघार : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2024 में राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भोपाल के तत्कालीन कुलपति, कुल सचिव, वित्त नियंत्रक के विरूद्ध 19.48 करोड़ रूपये की राशि व्यक्तिगत खाते में जमा करने के मामले में प्रकरण दर्ज किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में कितनों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किये गये, कितने अधिकारियों/कर्मचारियों की गिरफ्तारी की गई? अद्यतन स्थिति की जानकारी दें। (ग) क्या विश्वविद्यालय के बैंक खातों में 15.40 करोड़ की एफ.डी. थी जो घटकर 6 वर्ष में 7.50 करोड़ रह गई? शेष राशि की क्या स्थिति है? (घ) विश्वविद्यालय की जो राशि का गबन हुआ, उसकी पूर्ति कैसे हो सकेगी?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी नहीं, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा 19.48 करोड़ रूपये की राशि व्यक्तिगत खाते में जमा करने के मामले में प्रकरण दर्ज करवाया गया है। (ख) एफ.आई.आर. क्रमांक 0057/2024 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। कार्यालय पुलिस आयुक्त, बैरागढ़ जिला-भोपाल से प्राप्त गिरफ्तारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) एवं (घ) विभागीय आदेश क्रमांक 312/1822121/2024/42-1, दिनांक 11.03.2024 द्वारा विश्वविद्यालय के वित्तीय संव्यवहारों की जाँच हेतु जाँच समिति का गठन किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। जाँच समिति के प्रतिवेदन उपरांत ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
खेल एवं युवा कल्याण हेतु निर्माण कार्य तथा सामग्री वितरण
[खेल एवं युवा कल्याण]
7. ( *क्र. 559 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक बालाघाट जिले में खेल एवं युवा कल्याण अंतर्गत किस-किस निर्माण कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि शासन/प्रशासन द्वारा आवंटित की गई? उक्त राशि किस-किस कार्यों में खर्च की गई? विकासखंडवार, तिथिवार, मदवार, कार्यवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या एस्ट्रोटर्फ एवं दर्शक दीर्घा का निर्माण कराया गया था या कराया जा रहा है, जो समयावधि में पूर्ण नहीं हो पाया? यदि हाँ, तो कार्य एजेंसी पर कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो बतायें कि क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) जिले में विभिन्न प्रकार के खेल आयोजित किए जाते हैं तथा प्रशिक्षण भी आयोजित किया जाता है? विगत 5 वर्षों का ब्यौरा राशि भुगतान सहित उपलब्ध करावें? (घ) क्या खेल सामग्री का वितरण प्रशिक्षणार्थियों या अन्य लोगों को किया जाता है? प्राप्तकर्ताओं की सूची सहित वितरण सामग्री का 5 वर्षों का ब्यौरा उपलब्ध करावें? संपूर्ण खरीदी के बिल वाउचर चेक/ड्राफ्ट/नगद/आर.टी.जी.एस की प्रतियां उपलब्ध करावें। (ड.) बालाघाट जिले के खेल विभाग में अधिकारी व कर्मचारी (संविदा सहित) कब से पदस्थ हैं, इनकी मूल पदस्थापना कहां है? पदवार, नामवार जानकारी दें।
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। शहीद चन्द्रशेखर आजाद स्टेडियम में हॉकी एस्ट्रोटर्फ एवं दर्शक दीर्घा का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें से दर्शक दीर्घा का कार्य, निर्माण एजेंसी म.प्र. पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन भोपाल द्वारा पूर्ण किया जा चुका है, जबकि हॉकी टर्फ लगाने वाली संबंधित फर्म के 9 एस्ट्रोटर्फ में अचानक आगजनी हो गई, इस कारण से पुनः नवीन टर्फ प्राप्त होने में समय लगने के कारण टर्फ स्थापना के कार्य में थोडा विलंब हुआ है, इसके अलावा माह जून के अंतिम सप्ताह में वर्षाकाल प्रारंभ होने के कारण बेसवर्क में डामरीकरण का कार्य संभव नहीं हो पा रहा था। उपरोक्त दोनों कारणों से टर्फ लगाने में विलंब हुआ है। संबंधित एजेंसी द्वारा टर्फ लगाने का कार्य माह दिसंबर 2024 में पूर्ण कर लिया जावेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जी नहीं। व्यक्तिगत खेल सामग्री उपलब्ध नहीं करायी जाती है, अपितु विभागीय प्रशिक्षण केन्द्र में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले खिलाड़ी उपलब्ध खेल सामग्री/उपकरण का उपयोग करते हैं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
अन्नपूर्णा सूरजधारा योजनांतर्गत अनियमितता
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
8. ( *क्र. 448 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के दिनांक 8 जुलाई, 2024 को सदन में पूछे गये तारांकित प्रश्न क्र. 2149 में यह स्वीकार किया गया है कि श्योपुर में वित्तीय वर्ष 2016 से 2022 तक अन्नपूर्णा सूरजधारा योजना में 28 लाख से ज्यादा की आर्थिक अनियमिततायें हुई हैं? क्या उक्त अवधि में अन्नपूर्णा सूरजधारा योजना में संपूर्ण वित्तीय अधिकार पी.गुजरे, उप संचालक, किसान कल्याण विभाग श्योपुर के पास थे? उक्त अवधि में योजनाओं में स्वीकृत आदेशकर्ता, राशि आहरणकर्ता, समायोजनकर्ता, कैश-बुक संधारणकर्ता अधिकारी, श्री पी.गुजरे, उप संचालक कृषि थे? उक्त अवधि में शासन/संचालनालय कृषि ने श्योपुर जिले के लिये पी.गुजरे को जो-जो अधिकार डेलीगेट किये थे, के सभी आदेशों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या म.प्र. शासन कृषि विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्र./बी-1-5/93/14-2 भोपाल दिनांक 15 मई, 2000 के अनुसार अन्नपूर्णा सूरजधारा योजना में कृषक अंश राशि चालान द्वारा संबंधित वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी द्वारा जमा किये जाने के निर्देशों के विरूद्ध श्री पी.गुजरे द्वारा कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित कूट रचित, हेराफेरी, कांट-छांट किये गये चालानों का बिना सत्यापन/बिना कोषालय शीट से मिलान किये समायोजन किया गया? इसके लिए पी.गुजरे जिम्मेवार हैं? सभी चालानों कृषक अंश राशि के/कोषालय शीटों की एक-एक प्रति दें। (ग) कब तक शासन गुजरे जी को निलंबित करेगा? आदेश की प्रति दें।
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) जी नहीं, प्रश्नकर्ता के 08 जुलाई 2024 को सदन में पूछे गये तारांकित प्रश्न क्र. 2149 में दिये गये उत्तर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। जी हाँ, उक्त अवधि में अन्नपूर्णा सूरजधारा योजना में संपूर्ण वित्तीय अधिकार श्री पी.गुजरे, तत्कालीन उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला श्योपुर के पास थे। जी हाँ, उक्त अवधि में योजनाओं में स्वीकृत आदेशकर्ता, राशि आहरणकर्ता, समायोजनकर्ता, कैश-बुक संधारणकर्ता अधिकारी, श्री पी.गुजरे, तत्कालीन उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला श्योपुर थे। श्री पी.गुजरे दिनांक 19.09.2016 को उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला श्योपुर पर उपस्थित हुए, जिससे शासन के नियमानुसार पदीय सभी वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार स्वमेव प्राप्त हुए थे, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (ख) जी नहीं, इस विषय में शिकायत की जांच उपरांत मध्यप्रदेश शासन, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग, मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक 6/1/3/0001/2024-ESTB-FWAD, दिनांक 20.08.2024 के द्वारा श्री पी.गुजरे, तत्कालीन उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला श्योपुर के विरूद्व उक्त शिकायत को नस्तीबद्व किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'तीन' अनुसार है। प्रश्नांश ''क'' एवं ''ख'' के अनुक्रम में पाई गई अनियमितता पर संबंधित दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा कर विभागीय जांच संस्थित है, इसके साथ ही एफ.आई.आर. भी दर्ज है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'चार' अनुसार है। अन्नपूर्णा सूरजधारा योजनांतर्गत कृषक अंश राशि के सभी चालानों एवं कोषालय शीटों की संबंधित प्रतियों, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'पांच' अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश शासन, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग, मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक 6/1/3/0001/2024-ESTB-FWAD, दिनांक 20.08.2024 के द्वारा श्री पी.गुजरे, तत्कालीन उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला श्योपुर के विरूद्व उक्त शिकायत को नस्तीबद्व किया गया है तथा श्री गुजरे दिनांक 30.09.2024 को सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मनरेगा में वित्तीय अनियमितताओं की जाँच
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
9. ( *क्र. 240 ) श्री महेंद्र रामसिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अपने पत्र क्र. 344, दिनांक 15.07.2024 द्वारा आयुक्त म.प्र. राज्य रोजगार गारंटी परिषद भोपाल को शिवपुरी जिले में मनरेगा अन्तर्गत वित्तीय अनियमितताओं की जाँच कराये जाने एवं दोषियों पर कार्यवाही हेतु लेख किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या उक्त पत्र के तारतम्य में आयुक्त म.प्र. राज्य रोजगार गारंटी परिषद द्वारा अपने आदेश क्र./2640/न.क्र.-2428/VIP/NR-14/24, भोपाल दिनांक 16.07.2024 द्वारा दो सदस्यीय कमेटी का गठन कर प्रकरण की जांच 07 दिवस में कराये जाने के निर्देश दिये गये थे? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार यदि हाँ, तो उक्त प्रकरण में कमेटी द्वारा क्या जाँच की गयी? जाँच संबंधी समस्त दस्तावेज एवं जाँच प्रतिवेदन की छायाप्रति उपलब्ध करावें। मनरेगा में वित्तीय अनियमितताओं के लिए दोषियों को सजा के क्या नियम व प्रावधान हैं, उनकी छायाप्रति उपलब्ध करावें? (घ) उक्त जाँच में क्या वित्तीय अनियमितताएं पाई गयी व दोषियों पर मनरेगा के प्रावधानों/मानव संसाधन मेन्युअल/म.प्र. सिविल सेवा नियम अनुसार क्या कोई कार्यवाही की गयी? यदि हाँ, तो विवरण दें? यदि नहीं, तो कारण विवरण सहित स्पष्ट करें? उक्त अनियमितताओं हेतु दोषियों पर शासन कोई कठोर कार्यवाही करेगा व कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। जाँच प्रतिवेदन की छायाप्रति समस्त दस्तावेजों सहित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। मनरेगा में वित्तीय अनियमितताओं के लिए दोषियों को सजा के नियम व प्रावधान की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जाँच प्रतिवेदन अभी प्राप्त हुआ है, विश्लेषण किया जा रहा है। परीक्षण उपरांत वित्तीय अनियमितता पाई जाने की स्थिति में उत्तरदायित्व का निर्धारण कर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पन्ना जिले में विधि महाविद्यालय प्रारंभ किया जाना
[उच्च शिक्षा]
10. ( *क्र. 413 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा सत्र जुलाई 2024 के प्रश्न क्रमांक 1609 के प्रश्नांश 'क' अनुसार प्रश्नकर्ता द्वारा पन्ना जिले में शासकीय विधि महाविद्यालय खोले जाने के संबंध में प्रश्न पूछा गया था, जिसके उत्तर में माननीय मंत्री जी द्वारा 'जी हाँ, विस्तृत परियोजना प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है' से अवगत कराया गया था। (ख) प्रश्नांश 'क' अनुसार क्या उक्त प्रस्ताव तैयार किया जा चुका है? यदि हाँ, तो अवगत करावें? यदि नहीं, तो क्यों? पन्ना जिले में शासकीय विधि महाविद्यालय कब तक प्रारंभ किया जावेगा? (ग) विधानसभा सत्र जुलाई 2024 के प्रश्न क्रमांक 1608 में प्रश्नकर्ता द्वारा शासकीय महाविद्यालय अजयगढ़ में विज्ञान एवं वाणिज्य विषय की स्नातकोत्तर कक्षाओं के संचालन के संबंध में प्रश्न पूछा गया था, जिसके उत्तर में माननीय मंत्री जी द्वारा प्रस्ताव परीक्षणाधीन है, से अवगत कराया गया था। क्या स्नातकोत्तर कक्षाओं के संचालन का परीक्षण पूर्ण कर लिया गया है? यदि हाँ, तो कब से स्नातकोत्तर कक्षाओं का संचालन प्रारंभ कराया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) पन्ना जिले में विधि महाविद्यालय प्रारंभ करने के संबंध में कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण वर्तमान में शासकीय महाविद्यालय अजयगढ़ में स्नातकोत्तर स्तर पर विज्ञान एवं वाणिज्य की कक्षाएं प्रारंभ की जाना संभव नहीं है।
ग्राम पंचायतों में 20 लाख से अधिक लंबित राशि
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
11. ( *क्र. 82 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में ऐसी कितनी ग्राम पंचायतें हैं, जिसमें विभिन्न मदों में राशि रूपये 20 लाख एवं उससे अधिक कितने समय से शेष हैं? पंचायतवार शेष राशि की सूची उपलब्ध करावें। (ख) इन ग्राम पंचायतों में लंबित रहने का क्या कारण है? (ग) क्या इन पंचायतों में लंबित राशि का व्यय किये जाने के शासन के दिशा-निर्देश हैं? यदि हाँ, तो दिशा-निर्देश अनुरूप राशि का व्यय क्यों नहीं किया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) ग्राम पंचायत की वर्चुअल बैंक पासबुक में आय-व्यय एवं शेष राशि दिनांक/अवधिवार पंचायत दर्पण पोर्टल के पब्लिक डोमेन https://mppanchayatdarpan.gov.in/Public/Report_Section/Public/PassBook_By_GP.aspx पर देखी जा सकती है। विभिन्न मदों में 20 लाख एवं उससे अधिक शेष वाली ग्राम पंचायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभिन्न योजनांतर्गत ग्राम पंचायत स्तर पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग एवं अन्य विभागों से समय-समय पर राशि प्राप्त होती रहती है। साथ ही विगत वर्षों के स्वीकृत कार्यों की प्रगति के अनुरूप राशि व्यय किये जाने के कारण राशि लंबित है। (ग) जी हाँ, ग्राम पंचायतों को प्रदाय राशि के दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्यों की प्रगति के आधार पर राशि व्यय की जाती है।
टीकमगढ़ जिले में 15 वां वित्त आयोग की राशि
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
12. ( *क्र. 178 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में 15 वां वित्त आयोग में विगत दो वर्षों में कितनी-कितनी राशि टाईड अनटाईड फण्ड में प्राप्त हुई है? कार्यवार, कार्य का वर्क कोड, टी.एस.नं., ए.एस.नं. सहित सम्पूर्ण जानकारी विवरण सहित बतावें? (ख) 15 वां वित्त आयोग में विगत दो वर्षों में टाईड एवं अनटाईड फण्ड के निर्माण कार्यों में सहायक यंत्री द्वारा किन-किन कार्यों का निरीक्षण किया गया है? कार्यों की संख्या सहित निरीक्षण का दिनांक एवं निरीक्षण में क्या कमियां पाई गई हैं? उनकी संपूर्ण जानकारी विवरण सहित बतावें। (ग) 15 वां वित्त आयोग में विगत दो वर्षों में अनटाईड फण्ड एवं टाईड फण्ड में प्राप्त राशि के विरूद्ध कितनी-कितनी ग्राम पंचायतों के द्वारा 40 : 30 : 30 के नियम का उपयोग नहीं किया गया है? उन ग्राम पंचायतों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) का अंकेक्षण कराया गया अथवा नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) 15वां वित्त आयोग के दिशा-निर्देश अनुसार अनटाईड फण्ड एवं टाईड फण्ड में प्राप्त राशि से ग्राम पंचायतों की कार्ययोजना में अनटाईड में 40 प्रतिशत एवं टाईड मद में 60 प्रतिशत तथा टाईड मद के अंतर्गत 50-50 प्रतिशत राशि पेयजल एवं स्वच्छता के कार्यों में व्यय करने के नियम का पालन किया जा रहा है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 में सभी ग्राम पंचायतों का अंकेक्षण कार्य पूर्ण हो चुका है एवं वित्तीय वर्ष 2023-24 का अंकेक्षण कार्य प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
पंधाना विधानसभा के सिंगोट को विकासखंड बनाया जाना
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
13. ( *क्र. 566 ) श्रीमती छाया गोविन्द मोरे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखंड (ब्लॉक) बनाने के क्या नीति नियम एवं मापदण्ड हैं? (ख) क्या पंधाना विधानसभा क्षेत्र के ग्राम सिंगोट और आसपास के 40 गांवों की पंधाना से भौगोलिक दूरी और जनसंख्या को देखते हुए सिंगोट को विकासखंड बनाने की कोई कार्य योजना है? यदि है तो कब तक बनेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। राज्य मंत्रि परिषद के आदेश दिनांक 06.08.1986 द्वारा निर्णय लिया गया है कि ''राज्य में वर्तमान सामुदायिक विकास खंडों की संख्या में वृद्धि करने के बजाय उन्हें फिलहाल यथावत रखा जाये''। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक दतिया के कर्मचारियों की देयताएं
[सहकारिता]
14. ( *क्र. 296 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक दतिया के कुल कितने कर्मचारियों का किस-किस दिनांक को कहां–कहां किस विभाग में संविलियन हुआ है, आदेशों की छायाप्रतियों एवं सूची सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) उक्त कर्मचारी कौन-कौन से पद पर कौन से वेतनमान में कौन से पे-स्केल पर कार्य कर रहे थे, इनके भर्ती के समय क्या मूल पद थे, इन्हें कितना वेतन मिल रहा था? संविलियन उपरांत इन्हें कौन सा पद, कौन सा वेतनमान, कौन सा पे-स्केल एवं कितने वेतन पर रखा गया, की प्रमाणिक दस्तावेजों की छायाप्रतियां उपलब्ध करायें। (ग) उक्त कर्मचारियों में से किन-किन कर्मचारियों की किस-किस दिनांक को ग्रेच्युटी का कितना-कितना भुगतान किया गया तथा किस-किस कर्मचारी को कितना-कितना भुगतान होना शेष है, कब तक इनका भुगतान किया जायेगा? प्रमाणिक दस्तावेजों की छायाप्रति सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) क्या संविलियन उपरांत कर्मचारियों को मूल पद से नीचे कम वेतनमान पर नियम विरूद्ध रखा गया है? क्या कुछ कर्मचारियो को संविलियन होने से पूर्व ही ग्रेच्युटी नियम विरूद्ध दे दी गई तथा कुछ को संविलियन के बाद भी नहीं दी गई? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन दोषी हैं?
सहकारिता मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। ग्रेच्युटी भुगतान हेतु शेष कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है। वर्तमान समय में संस्था के पास वित्तीय तरलता की अनुपलब्धता के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। जीविकोपार्जन की दृष्टि से उपलब्ध पदों पर संविलियन किया गया है, कर्मचारियों का वेतन संरक्षित किया गया है, कर्मचारियों की सहमति ली गई है। जी हाँ। इसकी जांच के निर्देश दिये गये हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की जानकारी
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
15. ( *क्र. 584 ) डॉ. राजेश सोनकर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश सरकार द्वारा जिला देवास एवं इंदौर के लिए वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अंतर्गत कितने आवासों का लक्ष्य दिया गया था? वित्तीय वर्षवार जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मध्य प्रदेश के जिला देवास एवं इंदौर अंतर्गत कितने बजट का प्रावधान (आवंटन) किया गया था एवं कितने आवास के लक्ष्यों के विरूद्ध कितना लक्ष्य प्रश्न दिनांक तक प्राप्त कर लिया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में प्रश्न दिनांक तक कितने आवास निर्माणाधीन हैं एवं कितने आवासों का निर्माण कार्य पूर्ण कर के हितग्राहियों को आवंटित कर दिया गया है? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) को दिए गए लक्ष्य को जिला देवास द्वारा पूर्ण क्यों नहीं किया गया है? इसके लिए कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अंतर्गत मध्यप्रदेश सरकार द्वारा लक्ष्य निर्धारण नहीं किया जाता। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त वर्षवार लक्ष्य संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) योजना अंतर्गत जिलेवार बजट का प्रावधान नहीं किया जाता एवं भारत शासन द्वारा निर्धारित आवास का 61015 लक्ष्य के विरूद्ध 60596 आवास स्वीकृत किये गये हैं। (ग) प्रश्न दिनांक तक 10722 आवास निर्माणाधीन हैं एवं 49874 हितग्राहियों द्वारा स्वयं आवास का निर्माण कर निवासरत हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण में आवास का निर्माण स्वयं लाभार्थी द्वारा किया जाता है। इसके लिये कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं हैं।
लोकहित में लिखे गए पत्रों पर कार्यवाही की जानकारी
[सहकारिता]
16. ( *क्र. 640 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 01 जनवरी, 2024 से प्रश्न दिनांक 18.11.2024 की अवधि में विभागीय पूर्व प्रमुख सचिव, सहकारिता, अपर मुख्य सचिव, सहकारिता एवं आयुक्त पंजीयक, सहकारी संस्थाएं एवं मध्यप्रदेश राज्य सहकारी आवास संघ मर्यादित भोपाल को अपनी ई.मेल आई.डी. kamleshwar.d@mpvidhansabha.nic.in से विभागीय ई.मेल.आई.डी. pscoop.mp@mp.gov.in, info@mpawassangh.in, rcs.mp.bhopal@mp.gov.in पर सतत् रूप से भेजे गये सभी लोकहित के लिखित पत्रों पर पृथक-पृथक क्या वैधानिक कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक की गई है? सम्पूर्ण जानकारी पृथक-पृथक पत्रवार की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्नकर्ता विधायक के प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्रों पर निर्धारित समय-सीमा में विभागीय सक्षम अधिकारी द्वारा कार्यवाही नहीं की गई है और प्रत्येक पृथक-पृथक लिखे गये पत्रों का कोई अंतिम निराकरण सदन में उत्तर देने की दिनांक तक क्यों नहीं किया गया? इसके लिये कौन-कौन विभागीय अधिकारी उत्तरदायी एवं दोषी हैं? पृथक पृथक नाम, पदनाम वार बतावें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्नकर्ता के प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्र पर विभाग के प्रमुख सचिव एवं अपर मुख्य सचिव, सहकारिता द्वारा निर्धारित समय-सीमा में कार्यवाही करते हुये अपने अधीनस्थों को जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किये जाने के आदेश दिये गये थे? यदि हाँ, तो पत्रवार बतावें? क्या माननीय मंत्री महोदय प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्र पर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं करने वाले एवं समय-सीमा में कार्यवाही पूर्ण नहीं करने वाले संबंधित दोषी अधिकारी एवं उपायुक्त सहकारिता एवं अन्य के विरूद्ध उन्हें निलंबित करते हुये उनके विरूद्ध विभागीय जांच आदेशित करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक निश्चित समय अवधि बतावें? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्नकर्ता के लोकहित में लिखे गये सभी लिखित पत्रों पर समय-सीमा में सम्पूर्ण वैधानिक कार्यवाही पूर्ण करते हुये प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्र का अंतिम निराकरण करने के आदेश सक्षम अधिकारी को जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक, निश्चित समय अवधि बतावें? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
सहकारिता मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) दिनांक 01 जनवरी, 2024 से 18.11.2024 की अवधि में भेजे गये पत्रों पर कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) दिनांक 01 जनवरी, 2024 से दिनांक 18.11.2024 की अवधि में भेजे गये पत्रों पर कार्यवाही हेतु संबंधित जिलों को प्रेषित किये गये। अत्यधिक विस्तृत जानकारी होने से पत्रों के निराकरण हेतु समय-सीमा निश्चित नहीं की जा सकती। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विभागीय प्रमुख सचिव एवं अपर मुख्य सचिव द्वारा उनके पत्रों पर आवश्यक कार्यवाही हेतु आयुक्त सहकारिता को समय-समय पर निर्देश दिये गये हैं, आयुक्त सहकारिता स्तर से संबंधित जिले के अधिकारी को पत्र में उल्लेखित बिन्दुओं की जांच कर नियमानुसार कार्यवाही करने हेतु निर्देश दिये गये, जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित पत्रों में से अधिकांश पत्रों में संबंधित जिले/जिलों की विस्तृत जांच करने अथवा पुराने प्रकरणों की जांच करने अथवा विस्तृत जानकारी प्राप्त करने का लेख होने से ऐसे पत्रों के निराकरण हेतु समय-सीमा निश्चित नहीं की जा सकती। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ''ग'' अनुसार विभागीय स्तर से आवश्यक कार्यवाही की गई है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मंडी शुल्क से स्थाई राहत
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
17. ( *क्र. 575 ) श्री श्याम बरडे : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र 189 पानसेमल जिला बड़वानी अंतर्गत कृषि उपज मंडी समिति व्यापारी संघ, खेतिया जिला बड़वानी (म.प्र.) द्वारा मांग की गई है? (ख) क्या अन्य पड़ोसी राज्यों जैसे महाराष्ट्र एवं गुजरात में मंडी शुल्क 0.25 - 0.50 % प्रति सैकड़ा मंडी प्रांगण में ही लग रहा है एवं मध्य प्रदेश में इससे 3-4 गुना अधिक मंडी शुल्क के कारण खरीदी भाव में किसानों को भी 100 से 130 रुपए प्रति क्विंटल तक का नुकसान अन्य राज्यों के किसानों की तुलना में हो रहा है? (ग) कपास किसान एवं कपास उद्योग को मंडी शुल्क से स्थाई राहत प्रदान किए जाने की क्या योजना है?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) जी हाँ, माननीय विधायक जी से इस संबंध में पत्र प्राप्त हुआ है। (ख) इस संबंध में उपलब्ध जानकारी अनुसार मंडी शुल्क की दरें निम्नानुसार है :- 1. महाराष्ट्र-न्यूनतम 0.75 प्रतिशत अधिकतम 1.00 प्रतिशत मंडी अनुसार निर्धारित है। कृषि उत्पन्न बाजार समिति शहादा जिला नंदूरबार में कपास पर मंडी शुल्क 1.00 प्रतिशत देय है। 2. गुजरात-न्यूनतम 0.30 प्रतिशत अधिकतम 2.00 प्रतिशत। कृषि उपज मंडी समिति वडोदरा में मंडी शुल्क 0.70 प्रतिशत देय है। मंडी शुल्क क्रेता व्यापारी द्वारा देय होता है, अत: किसानों को नुकसान होने का प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) प्रदेश में अधिसूचित कृषि उपज के व्यापार पर मंडी फीस की दर पूर्व में 1.50 प्रतिशत निर्धारित थी, जिसमें कमी की जाकर दिनांक 06.10.2023 से मंडी फीस की दर 1.00 प्रतिशत निर्धारित की गई है। इस प्रकार वर्तमान में कपास पर भी मंडी फीस से दर 1.00 प्रतिशत प्रभावशील है।
हरदा जिले में विभागीय बजट स्वीकृति
[खेल एवं युवा कल्याण]
18. ( *क्र. 30 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में विभाग अंतर्गत दिनांक 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितना बजट कौन-कौन सी मद में स्वीकृत किया गया? (ख) जारी किए गए बजट से कौन-कौन से कार्य किए गए हैं? विवरण देवें। (ग) किए गए कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? विवरण देवें।
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क), (ख) एवं (ग) हरदा जिले में विभाग द्वारा दिनांक 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत बजट, जारी बजट से किए गए कार्य एवं कार्यों की वर्तमान स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
शासकीय महाविद्यालय खोला जाना
[उच्च शिक्षा]
19. ( *क्र. 491 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केवलारी विधानसभा क्षेत्र के धनौरा में शासकीय महाविद्यालय खोले जाने हेतु पूर्व में तत्कालीन मुख्यमंत्री जी ने घोषणा की थी? यदि हाँ, तो आज दिनांक तक महाविद्यालय नहीं खोले जाने का क्या कारण है? (ख) केवलारी विधानसभा के धनौरा ब्लॉक में क्या आगामी सत्र से शासकीय महाविद्यालय खोला जायेगा? यदि हाँ, तो बतावें और यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। धनौरा में शासकीय महाविद्यालय खोले जाने हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय एवं निजी आई.टी.आई. की जानकारी
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार (केवल कौशल विकास एवं रोजगार)]
20. ( *क्र. 228 ) श्री हरी सिंह सप्रे : क्या राज्य मंत्री, कौशल विकास एवं रोजगार महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कौशल विकास एवं रोजगार विभाग के माध्यम से वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक कुरवाई विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत शासकीय एवं निजी आई.टी.आई. कॉलेज में किन-किन विषयों में कितने विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया गया? नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। कौशल विकास विभाग की कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उल्लेखित वर्षों में कितने विद्यार्थियों एवं लोगों को प्रशिक्षण के बाद रोजगार प्रदान किया गया एवं कहां पर रोजगार दिया गया? नाम, पते सहित जानकारी देवें। (ग) कुरवाई में शासकीय आई.टी.आई. महाविद्यालय में कितने विषयों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है? उक्त महाविद्यालय में कुल कितने पद स्वीकृत हैं तथा स्वीकृत पद के विरूद्ध कितने अधिकारी कर्मचारी कार्यरत हैं? जानकारी देवें। यदि पद रिक्त हैं, तो रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी?
राज्य मंत्री, कौशल विकास एवं रोजगार ( श्री गौतम टेटवाल ) : (क) प्रश्नावधि में कुरवाई विधानसभा क्षेत्र में शासकीय आई.टी.आई., कुरवाई शिल्पकार प्रशिक्षण योजना के अंतर्गत व्यवसाय विद्युतकार के साथ संचालित हैं, जिसके प्रशिक्षणार्थियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। कुरवाई विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत कोई भी निजी आई.टी.आई. संचालित नहीं है। (ख) शासकीय आई.टी.आई., कुरवाई वर्ष 2022 से संचालित है, वर्ष 2022 में प्रवेशित प्रशिक्षणार्थियों का प्रशिक्षण पूर्ण होने के पश्चात् ही उपलब्धता अनुसार रोज़गार हेतु प्रयास सफल हो पाएंगे। (ग) शासकीय आई.टी.आई., कुरवाई 01 व्यवसाय विद्युतकार के साथ संचालित है, जिसमें स्वीकृत पद, कार्यरत पद, रिक्त पद एवं रिक्त पदों की पूर्ति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है।
विधानसभा प्रश्न क्रमांक 208, दिनांक 01.07.2024 के संबंध में
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
21. ( *क्र. 349 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 208, दिनांक 01.07.2024 के प्रश्नांश (क) से (ग) तक की जानकारी में संबंधित उप संचालक की प्रचलित विभागीय जांचों में बचाव उत्तर चाहा गया है और विभागीय जांच कार्यवाही प्रक्रियाधीन बताई गई है? (ख) प्रश्नांश (क) हाँ तो संबंधित उप संचालक से बचाव उत्तर निर्धारित समय अवधि में न मिलने पर संबंधित के विरूद्ध एक पक्षीय कार्यवाही क्यों नहीं की गई? उसके क्या कारण हैं? कब तक करेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में किन-किन विभागीय जांचों के कब-कब बचाव उत्तर चाहे गये पत्रों की प्रतियां उपलब्ध करायें? यदि जांच पूर्ण हो गई है तो निर्णय की प्रतियां उपलब्ध करायें, ऐसे गंभीर आरोपों से ग्रसित उप संचालक को मैदानी पदस्थापना क्यों दी गई? उक्त आरोपी अधिकारी को जिले के प्रभार से कब तक हटायेंगे? नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) जी हाँ। विधानसभा प्रश्न क्रमांक 208, दिनांक 01.07.2024 के उत्तर की प्रति सुलभ संदर्भ हेतु जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) श्री जानराव हेडाउ, तत्का. उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास, जिला कटनी को जारी आरोप पत्र क्रमांक एफ 4ए-13/2016/14-1, दिनांक 20.05.2016 में श्री हेडाउ द्वारा उत्तर प्रस्तुत नहीं किया गया। अत: प्रकरण में शासन के आदेश दिनांक 07.08.2024 द्वारा श्री हेडाउ की एक वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोके जाने की शास्ति दी जाकर प्रकरण समाप्त किया गया। श्री हेडाउ के एक अन्य प्रकरण क्रमांक एफ 4ए-29/2016/14-1, दिनांक 08.08.2016 में शासन द्वारा दिनांक 28.07.2023 को विभागीय जांच प्रतिवेदन पर श्री हेडाउ से बचाव उत्तर चाहा गया। श्री हेडाउ द्वारा दिनांक 27.11.2024 को बचाव उत्तर प्रस्तुत किया गया, जिस पर कार्यवाही प्रचलित है, श्री हेडाउ के विरूद्ध प्रचलित 03 विभागीय जांच प्रकरणों में बचाव उत्तर एवं निर्णय संबंधी पूरक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। अंतिम कार्यवाही की समय अवधि बताना संभव नहीं है। (ग) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। बचाव उत्तर चाहे जाने के पत्रों एवं प्रकरणों में लिये गये निर्णय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। अधिकारियों की पदस्थापना विभागीय आवश्यकता तथा अधिकारियों की उपलब्धता के आधार पर की जाती है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्ववित्तीय पाठ्यक्रम
[उच्च शिक्षा]
22. ( *क्र. 92 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विक्रम विश्व विद्यालय उज्जैन में कितने स्ववित्तीय पाठ्यक्रम संचालित हैं, जिनमें 10 से कम विद्यार्थी अध्ययनरत हैं? (ख) स्ववित्तीय पाठ्यक्रमों के संचालन में होने वाले व्यय का भुगतान किस मद से किया जा रहा है? (ग) यहां के भारत अध्ययन केंद्र में शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक स्वीकृत पदों की संख्या कितनी है? (घ) स्वीकृत पदों पर नियुक्ति के लिए शैक्षणिक योग्यता क्या है? (ड.) यहां अध्ययन स्टाफ सहित कार्यरत कर्मचारियों की संख्या कितनी है? (च) भारत अध्ययन केंद्र में कार्यरत संपूर्ण स्टाफ को कितना वेतन दिया जा रहा है एवं आय कितनी हो रही है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) विक्रम विश्वविद्यालय में 04 स्ववित्तीय पाठ्यक्रम संचालित किए जाते हैं, फार्मेसी, एम.एस.सी. कम्प्यूटर, एम.ए. मास कम्यूनिकेशन, एम.एस.डब्ल्यू. एवं किसी भी पाठ्यक्रम में 10 से कम विद्यार्थी नहीं है। (ख) स्ववित्तीय पाठ्यक्रमों से प्राप्त वास्तविक आय के आधार पर स्ववित्तीय मद से भुगतान किया जाता है। (ग) विश्वविद्यालय के भारत अध्ययन केन्द्र में शैक्षणिक एवं गैर-शैक्षणिक पद स्वीकृत नहीं है। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ङ) भारत अध्ययन केंद्र में विभागाध्यक्ष एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संयोजित है एवं एक विजिटिंग विद्वान सहित कुल 03 कर्मचारी कार्यरत हैं। (च) भारत अध्ययन केंद्र में संयोजित विभागाध्यक्ष का मासिक वेतन रू. 2,75,458/- एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का मासिक वेतन रू. 59,350/- का आहरण उनके मूल विभाग से किया जाता है एवं एक विजिटिंग विद्वान को प्रति कालखंड रू. 500/-, एक दिवस में तीन कालखंड का अधिकतम मानदेय राशि रू. 1500/-, की दर से माह दिसंबर 2023 में रू. 4000/-, माह जनवरी 2024 में रू. 24,000/- एवं माह फरवरी 2024 में रू. 22,000/- इस प्रकार कुल राशि रू. 50,000/- का भुगतान किया गया है। भारत अध्ययन केंद्र की सत्र 2024-25 में माह अक्टूबर तक की कुल आय राशि रू. 52,195/- है।
किसानों द्वारा पराली जलाने की रोकथाम हेतु वैकल्पिक व्यवस्था
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
23. ( *क्र. 636 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य सरकार पराली/नरवाई जलाने की समस्या के समाधान हेतु किसानों को जागरूक करने और वैकल्पिक उपाय प्रदान करने के लिए कोई ठोस योजना लागू कर रही है? क्या पराली/नरवाई प्रबंधन के लिए कोई सब्सिडी उपलब्ध कराई जा रही है? (ख) क्या सरकार द्वारा कृषि मशीनरी जैसे स्ट्रॉ रीपर, मल्चर और हैप्पी/सुपर सीडर की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है? (ग) पराली/नरवाई जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए किन-किन जिलों को प्राथमिकता दी जा रही है? (घ) क्या किसानों को फसल अवशेष से जैविक खाद बनाने के लिए प्रशिक्षण या उपकरण/सामग्री प्रदान की जा रही है?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) जी हाँ, राज्य में पराली/नरवाई जलाने की समस्या के समाधान हेतु जिलों में किसानों को प्रचार-प्रसार, संगोष्ठियां, प्रदर्शन एवं प्रशिक्षण आदि के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है। पराली/नरवाई प्रबंधन के लिये प्रदेश में भारत सरकार द्वारा संचालित सबमिशन ऑन एग्रीकल्चरल मेकेनाईजेशन योजना के अंतर्गत फसल अवशेष प्रबंधन घटक एवं राज्य शासन की मुख्यमंत्री नरवाई प्रबंधन योजना अंतर्गत कृषि यंत्रों के क्रय पर अनुदान का प्रावधान रखा गया है, साथ ही खाद्य एवं पोषण सुरक्षा योजनांतर्गत वर्ष 2024-25 में नरवाई प्रबंधन तकनीक अपना कर नरवाई जलाने से मुक्त ग्राम बनाने हेतु मार्गदर्शी निर्देश भी जारी किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) जी हाँ, प्रश्नांश ''ख'' की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) पराली/नरवाई जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिये समूचे राज्य में नरवाई प्रबंधन हेतु कृषकों को कृषि यंत्र अनुदान पर उपलब्ध कराये जा रहे हैं एवं जिलों में किसानों को ग्रामीण स्तर पर प्रचार-प्रसार, संगोष्ठियां, प्रदर्शन एवं प्रशिक्षण के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है। (घ) योजनाओं के अंतर्गत मल्चर, हैप्पी सीडर एवं सुपर सीडर यंत्र कृषकों को अनुदान पर प्रदान किये जा रहे हैं। इन यंत्रों के उपयोग से फसल अवशेष भूमि में ही मिल जाते हैं तथा पृथक से खाद बनाने की आवश्यकता नहीं होती है।
जनभागीदारी मद से दी जाने वाली पुस्तकों की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
24. ( *क्र. 243 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के सभी शासकीय महाविद्यालयों के लिए जनभागीदारी मद तथा अशासकीय महाविद्यालयों के लिए संस्था की निधि से 88 पुस्तकों की सूची भेजकर अनिवार्य रूप से एक-एक प्रति क्रय किये जाने हेतु आदेश जारी किये हैं? (ख) यदि हाँ, तो शासन के आदेश और पुस्तकों की सूची उपलब्ध कराएँ? (ग) क्या उपरोक्त पुस्तकों को महाविद्यालयों के लिए क्रय करने के लिए चयन करने हेतु कोई विशेषज्ञ समिति बनाई गई थी? यदि हाँ, तो विशेषज्ञ समिति में कौन- कौन सदस्य थे? समिति की सिफारिश की प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं। (घ) यदि कोई विशेषज्ञ समिति नहीं बनाई गई तो किस आधार पर पुस्तकों का चयन किया गया?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
किसानों को डी.ए.पी. एवं यूरिया खाद वितरण
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
25. ( *क्र. 540 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2024 में जिला मुरैना-श्योपुर के किसानों के लिये डी.ए.पी. एवं यूरिया खाद वितरण हेतु वितरण केन्द्रों पर क्या व्यवस्था की गई? (ख) वर्ष 2024 में जिला मुरैना-श्योपुर के किस ब्लॉक को कितनी डी.ए.पी. एवं यूरिया खाद की बोरियां उपलब्ध कराई गई? ब्लॉकवार जानकारी दी जावे? (ग) जिला मुरैना-श्योपुर में डी.ए.पी. एवं यूरिया खाद वितरण में किसानों को हुई परेशानियों के संबंध में क्या कार्यवाही की गई और कौन-कौन इसके लिये जिम्मेदार थे? (घ) जिला मुरैना-श्योपुर में डी.ए.पी. एवं यूरिया खाद वितरण में किसानों को हुई परेशानियों के दोषी अफसरों पर क्या कार्यवाही की गई और अगर नहीं तो कब तक की जावेगी?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) जिला मुरैना एवं श्योपुर में डी.ए.पी. एवं यूरिया उर्वरक वितरण केन्द्रों के माध्यम से सुगमतापूर्वक उर्वरकों के वितरण हेतु जिला प्रशासन एवं विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों की निगरानी में उर्वरक वितरण कराया जा रहा है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जिला मुरैना एवं श्योपुर में डी.ए.पी. एवं यूरिया खाद वितरण केन्द्रों पर एक साथ किसानों की भीड़ होने पर सुव्यवस्थित तरीके से खाद वितरण कराने हेतु टोकन के माध्यम से उर्वरक वितरण किया गया। जिला प्रशासन एवं विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों की निगरानी में उर्वरक वितरण कराया जा रहा है, जिससे किसानों को सुगमता से उर्वरक उपलब्ध हो रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित प्रश्नोत्तर
कृषि
विभाग के
आदेशों के बाद
भी एफ.आई.आर. कायम
नहीं की जाना
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
1. ( क्र. 1 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 01.04.2021 से प्रश्नतिथि तक सतना जिले में कई खाद विक्रेताओं एवं समितियों के व्यापक अनियमिततायें करने पर तात्कालीन प्रभारी उप संचालक कृषि विभाग द्वारा किन-किन पर क्या-क्या कार्यवाही/प्राथमिकी पुलिस में दर्ज कराये जाने संयुक्त संचालक एवं संचालक कृषि विभाग को पत्र लिखे? लिखे गये सभी पत्रों एवं तात्कालीन प्रभारी उप संचालक द्वारा सतना जिले में पकड़ी गयी सभी अनियमितताओं पर जारी आदेशों की एक-एक प्रति दें? (ख) क्या संयुक्त संचालक (उर्वरक) कृषि संचालनालय भोपाल द्वारा सतना जिले के खाद विक्रेताओं पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करवाने पत्र लिखा था? पत्रों की एक प्रति देते हुये बताये कि प्रश्नतिथि तक उपसंचालक कृषि सतना/संचालक कृषि भोपाल द्वारा प्रमाणित अवैध खाद बिक्री करने वाले खाद विक्रेताओं पर प्राथमिक सूचना रिपोर्ट स्थानीय थानों में क्यों दर्ज नहीं करवाई है? (ग) राज्य शासन कब तक प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित अवैध कार्य करने वाले समूहों/समितियों/खाद विक्रेताओं पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करवाकर उन्हें ब्लैक लिस्टेड घोषित करेगा? उप संचालक सतना द्वारा कार्यवाही न करने पर उसे कब तक निलंबित कर उसके विरूद्ध विभागीय जाँच के आदेश जारी करेगा?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) 01.04.2021 से प्रश्न तिथि तक तत्कालीन प्रभारी उप संचालक, कृषि, सतना द्वारा प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संयुक्त संचालक, कृषि, संभाग- रीवा एवं संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास, भोपाल को लिखे गए पत्रों की प्रतियां जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। तत्कालीन प्रभारी उप संचालक, कृषि सतना द्वारा उर्वरक विक्रेताओं की अनियमितताओं पर जारी आदेशों की प्रतियां जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) संयुक्त संचालक (उर्वरक), संचालनालय, किसान कल्याण तथा कृषि विकास, भोपाल द्वारा नियमानुसार एफ.आई.आर. दर्ज कराने का लेख किया गया था। पत्रों की प्रतियां जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। जिसके संदर्भ में उप संचालक, कृषि, सतना द्वारा की गई वैधानिक कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में प्रकरणों पर नियमानुसार वैधानिक कार्यवाहियां की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
किसानों को होने वाले आर्थिक नुकसान से बचाने हेतु की गई कार्यवाही
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
2. ( क्र. 14 ) श्री महेश परमार : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. सरकार अतिवृष्टि के चलते सोयाबीन फसल को लेकर प्रश्नकर्ता के मांग पत्रों के अनुसार किसानों को राहत राशि, मुआवजा, परिस्थिति अनुसार बोनस, भावांतर, बीमा राशि का क्लेम, फसल की उचित मूल्य 6000 हजार रूपये प्रति क्विंटल खरीदी एवं खरीदी केन्द्रों पर किसान भाईयों से नमी, मिट्टी, कचरा, कटी होने के नाम से सोयाबीन नहीं खरीदने के मामलो में माननीय मुख्यमंत्री जी एवं कृषि मंत्री जी ने प्रश्न दिनांक तक पत्रों पर क्या कार्यवाही की है? (ख) क्या विभाग को ई-मेल के माध्यम से क्रमश: पत्र क्रमांक 165 दिनांक 01.10.2024, 160/29.09.2024, 155/20.09.2024, 139/24.08.2024 एवं 186/08.11.2024 मुख्यमंत्री जी के संबोधित पत्र समस्याओं के निराकरण हेतु पत्र प्राप्त हुए थे? यदि हाँ तो उन पत्रों पर प्रश्नांश खण्ड (क) की मांगों की नोटशीट, आदेश एवं किसान हितों में की गई कार्यवाहियों का रिकार्ड देवें? (ग) क्या विभाग को ई-मेल के माध्यम से क्रमश: पत्र क्रमांक 140/24.08.2024, 163/29.09.2024, 166/01.10.2024 कृषि मंत्री जी के संबोधित पत्र समस्याओं के निराकरण हेतु पत्र प्राप्त हुए थे? यदि हाँ, तो उन पत्रों पर की गई कार्यवाही की नोटशीट, आदेश एवं किसान हितों में की गई कार्यवाहियों का रिकार्ड देवें? (घ) क्या प्रदेश में किसानों को सोयाबीन फसल खराब होने के उपरांत भी राहत राशि, मुआवजा, परिस्थिति अनुसार बोनस, भावांतर, बीमा राशि का क्लेम इनमें से किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता किसानों को नहीं मिली है?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) वर्ष 2024-25 मौसम खरीफ में अतिवृष्टि के चलते सोयाबीन फसल पर हुए प्रभाव के सर्वे हेतु जिले में राजस्व विभाग, कृषि विभाग व पंचायत विभाग के स्थानीय अधिकारी, कर्मचारियों का दल का गठन किया गया। जिसके द्वारा सर्वेकार्य पूर्ण किया जाकर दिए गए प्रतिवेदन अनुसार प्रभावित फसलों हेतु आर.बी.सी. 6-4 के प्रावधानों के अंतर्गत पात्रता नहीं होने से राहत राशि स्वीकृत नहीं की गई। मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना अंतर्गत प्रोत्साहन राशि/मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना वर्तमान में प्रदेश में क्रियान्वित नहीं है। फसल सोयाबीन के बीमा क्लेम के भुगतान के संबंध में वर्ष का उल्लेख न होने से जानकारी देना संभव नहीं है। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2024 में फसल सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4892 रू. प्रति क्विंटल घोषित किया गया है तदानुसार खरीफ वर्ष 2024 में 4892 रू. प्रति क्विंटल की दर से सोयाबीन फसल का मध्यप्रदेश में उपार्जन किया जा रहा है। प्रश्नांश की शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) कृषकों को शासन के प्रावधान अनुसार फसल क्षति की दशा में राहत तथा फसल बीमा योजना के माध्यम से लाभ दिया जाता है। इसके अतिरिक्त केंद्र शासन की प्राइस सपोर्ट स्कीम (PSS) योजना अंतर्गत कृषकों से पात्र फसलों का उपार्जन किये जाने का भी प्रावधान है जो कृषकों को उनके कृषि उत्पादों के सही दाम मिलने में सहायक होता है।
राजपुर विधान सभा के विकास कार्यों की स्वीकृति
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
3. ( क्र. 18 ) श्री बाला बच्चन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय से पत्र पंजीयन क्रमांक 5826/CMS/MLA/188/2024 दिनांक 25/10/2024 को प्रेषित किया गया था पर उत्तर दिनांक तक की गई कार्यवाही से अवगत करावें। माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा प्रेषित पत्र की प्रमाणित प्रति भी देवें। कार्यवाही करने संबंधी सभी दस्तावेजों की प्रमाणित प्रति देवें। (ख) क्या उपरोक्तानुसार राजपुर विधानसभा के विकास कार्य अभी तक स्वीकृत नहीं किये गये है? स्पष्टीकरण देवें। (ग) उपरोक्तानुसार इन कार्यों की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जावेगी। (घ) इसमें विलंब के उत्तरदायी अधिकारियों पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रस्ताव के परीक्षण उपरांत आवंटन उपलब्ध होने पर आगामी कार्यवाही की जावेगी। (ग) प्रस्ताव के परीक्षण उपरांत आवंटन उपलब्ध होने पर आगामी कार्यवाही की जावेगी। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रदेश में पंजीकृत बेरोजगारों की जानकारी
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार (केवल कौशल विकास एवं रोजगार)]
4. ( क्र. 19 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्य मंत्री, कौशल विकास एवं रोजगार महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 20-11-2024 की स्थिति में प्रदेश में बेरोजगारों की कितनी संख्या पंजीकृत हुई? जिलेवार संख्या देवें। (ख) दिनांक 20-12-2023 से 20-11-2024 तक समयावधि में कितने बेरोजगारों का चयन शासकीय विभागों एवं निजी क्षेत्र में हुआ? जिलेवार पृथक-पृथक संख्या देवें। (ग) मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना में वर्ष 2023-24 में कितनी बजट राशि का प्रावधान था? उसके समक्ष कितनी राशि वितरित की गई की जानकारी हितग्राही संख्या सहित जिलेवार देवें। अवितरित राशि किन कार्यों में समायोजित की गई? (घ) वर्ष 2024-25 में मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना में कितना बजट आवंटित है एवं इसके समक्ष दिनांक 20-11-2024 तक कितनी राशि किन-किन जिलों में व्यय की गई? जिलेवार राशि हितग्राही संख्या सहित देवें। क्या कारण है कि वर्ष 2023-24 में पूरी राशि व्यय नहीं की जा सकी? इसके दोषी अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राज्य मंत्री, कौशल विकास एवं रोजगार ( श्री गौतम टेटवाल ) : (क) मात्र बेरोजगार युवकों का पंजीयन पृथक से नहीं किया जाता है। एमपी रोजगार पोर्टल पर आकांक्षी युवाओं का पंजीयन किया जाता है, जिसमें पूर्व से किसी रोजगार में सम्मिलित होते हुये भी युवा अपना पंजीयन कर बेहतर अवसरों के लिये प्रयास कर सकते है। दिनांक 20.11.2024 की स्थिति में प्रदेश में एम.पी. रोजगार पोर्टल पर दर्ज आकांक्षी आवेदकों की संख्या 2617945 है। जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नावधि में निजी क्षेत्र में चयनित आवेदकों की संख्या 58351 है। जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। शासकीय विभागों के लिये चयन की कार्यवाही म.प्र. लोक सेवा आयोग एवं म.प्र. राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा की जाती है। (ग) मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना में वर्ष 2023-24 कुल बजट राशि रूपये 1000 करोड़ का प्रावधान था। राशि रूपये 37.64 करोड़ प्रशिक्षणार्थियों को वितरित किए गए। जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। वर्ष 2023-24 में मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना से मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना में रूपये 295 करोड़ एवं मुख्यमंत्री जनकल्याण (शिक्षा प्रोत्साहन) योजना में रूपये 22.50 करोड़ का पुनर्विनियोजन किया गया। (घ) वर्ष 2024-25 में मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना में बजट राशि रूपये 301 करोड़ आवंटित है। प्रश्नावधि में व्यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। योजना में व्यय, मांग एवं योजना के प्रावधानों के अंतर्गत आवश्यकता अनुसार किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कन्या छात्रावास के निर्माण में अनियमितताएं
[उच्च शिक्षा]
5. ( क्र. 24 ) श्री मुकेश टंडन : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा में संचालित राजमाता विजयाराजे सिंधिया शास. कन्या स्नात्कोत्तर महाविद्यालय में निर्मित कन्या छात्रावास का भवन कब स्वीकृत हुआ था? इसके लिये शासन द्वारा कितनी राशि स्वीकृत की गई थी? इस निर्माण कार्य की एजेंसी कौन थी तथा कार्यपूर्ण करने की अवधि कब तक निश्िचत की गई थी? (ख) वर्तमान में उक्त छात्रावास भवन की स्थिति क्या है? क्या उक्त छात्रावास भवन निर्माण में अनेक प्रकार की अनियमिततायें पायी जाने के कारण छात्रावास प्रारंभ नहीं हो पाया है? यदि हाँ, तो दोषी निर्माण एजेंसी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या प्रश्नकर्ता ने मान. मंत्री महोदय को पत्र क्रमांक 411 दिनांक 02.08.2024 से अवगत कराकर छात्रावास में अनियमित कार्य को पूर्ण कराने हेतु आग्रह किया है? यदि हाँ, तो उनके द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) छात्रावास की स्वीकृति दिनांक 24-02-2020 को प्रदान की गई। इसके लिए राशि रूपये 288.70 लाख स्वीकृत किए गए। निर्माण एजेंसी भोपाल विकास प्राधिकरण है। कार्य पूर्ण करने की अवधि 14-07-2022 थी। (ख) छात्रावास निर्मित है। जी नहीं। छात्रावास भवन निर्माण में पाई गई कमियाँ की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जिसके कारण छात्रावास प्रारंभ नहीं किया गया है। राजमाता सिंधिया शासकीय कन्या (अग्रणी) स्नातकोत्तर महाविद्यालय विदिशा द्वारा पत्र क्रमांक 871/24 विदिशा दिनांक 14-03-2024 एवं परियोजना संचालक (आयुक्त, उच्च शिक्षा) द्वारा पत्र क्रमांक 710/वि.बै.परि./2024 भोपाल दिनांक 02-05-2024 के माध्यम से त्रुटियों के निराकरण हेतु निर्देशित किया गया था। त्रुटि सुधार हेतु निर्माण एजेंसी को पुन: पत्र क्रमांक 2966/वि.बै.परि./2024 भोपाल दिनांक 28-11-2024 को स्मरण पत्र प्रेषित किया गया है। (ग) जी हाँ। आयुक्त उच्च शिक्षा को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देश प्रदान किए गए है। जिसके परिपालन में आयुक्त, उच्च शिक्षा द्वारा निर्माण एजेंसी को त्रुटि सुधार हेतु निर्देशित किया गया है।
प्रधानमंत्री सड़क योजनान्तर्गत फाल्यों/मजरों को पक्की सड़क से जोड़ा जाना
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
6. ( क्र. 33 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल कितने संख्या में कौन-कौन से मंजरे फाल्या पक्की सड़क से वर्तमान तक नहीं जुड़े हुए हैं? कृपया सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या उक्त फाल्यों को पक्की सड़क से जोड़ने हेतु कोई योजना है? हाँ तो कृपया नियमावली की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें तथा वर्तमान तक विभाग द्वारा उक्त सड़कों को जोड़ने हेतु क्या कार्यवाही की गई है? (ग) उक्त फाल्यों/मंजरों को कब तक पक्की सड़क से जोड़ा जायेगा? समयावधि बतायें तथा नहीं तो क्या कारण है?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत वर्तमान में फाल्यों/मजरों को पक्की सड़क से जोड़ने हेतु कोई योजना नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं अधोसंरचना योजना से स्वीकृत कार्य
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
7. ( क्र. 34 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं अधोसंरचना योजना शीर्ष 6084 अन्तर्गत पंचायत राज संचालनालय द्वारा कितने कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है? (ख) स्वीकृत कार्यों की स्वीकृत राशि सहित जानकारी उपलब्ध करावें। उक्त स्वीकृत कार्यों की वर्तमान तक कितनी राशि प्रदाय की गई है? कार्यवार प्रदाय राशि की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) स्वीकृत कार्यों की शेष राशि कब तक प्रदाय की जायेगी तथा स्वीकृत कार्यों की वर्तमान भौतिक स्थिति क्या है? क्या सभी कार्य प्रारंभ हो गये है? नहीं तो क्या कारण हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं अवसंरचना योजना शीर्ष 6084 अंतर्गत पंचायत राज संचालनालय द्वारा 59 निर्माण कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृतियां जारी की गई है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) बजट उपलब्धता अनुसार निर्माण कार्यों की शेष राशि प्रदाय की जाती है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सोयाबीन फसल का समर्थन मूल्य 6000 रू. क्विंटल किया जाना
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
8. ( क्र. 47 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सम्पूर्ण म.प्र. में किसानों द्वारा सोयाबीन फसल का समर्थन मूल्य 6000 रूपये क्विंटल किए जाने की मांग को लेकर आंदोलन किया गया था। क्या म.प्र. सरकार द्वारा सोयाबीन फसल का समर्थन मूल्य किसानों की मांग अनुसार 6000 रूपये क्विंटल किए जाने की कोई योजना प्रचलन में है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक सोयाबीन फसल का समर्थन मूल्य 6000 रूपये क्विंटल किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों।
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) भारत सरकार की प्राईस सपोर्ट स्कीम (PSS) योजना के तहत किसानों से सोयाबीन की खरीद भारत सरकार द्वारा घोषित एमएसपी रुपये 4892/- पर की जा रही है। (ख) सभी राज्यों द्वारा पीएम-आशा योजना के तहत भारत सरकार द्वारा घोषित एमएसपी दरों पर सभी पात्र फसलों की खरीद की जाती है। एमएसपी से अधिक कीमतों पर सोयाबीन या किसी अन्य फसल की खरीद का कोई प्रावधान नहीं है।
पंचायत सचिव की पदस्थापना
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
9. ( क्र. 63 ) श्री महेन्द्र केशरसिंह चौहान : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में ऐसे कितने सचिव है जो 5 वर्ष से या उससे अधिक अवधि से एक ही पंचायत में पदस्थ है? सूची उपलब्ध करायें। (ख) क्या शासन की कोई नीति अधिकत्तम कितने दिनों तक सचिव को एक ही स्थान पर रखे जाने की है? यदि हाँ, तो बतावें? (ग) नीति अनुसार जो ग्राम पंचायत सचिव एक ही स्थान पर अधिक समय से पदस्थ है उन्हें कब तक हटाया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) बैतूल जिले में 5 वर्ष से अधिक अवधि से एक ही पंचायत में कुल 82 सचिव पदस्थ हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खाद बीज का वितरण
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
10. ( क्र. 83 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में विगत वर्ष कितनी खाद की मांग खरीफ एवं रबी के सीजन में की गई थी? (ख) वर्तमान में जिले में कितनी मांग है? मांग के विरूद्ध आपूर्ति की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) बैतूल जिले में विगत वर्ष खरीफ 2023 में 85500 मे. टन एवं रबी वर्ष 2023-24 में 74500 मे.टन उर्वरक की मांग की गई थी। (ख) वर्तमान रबी मौसम 2024-25 में 73,500 मे. टन उर्वरक की मांग की गई है। मांग के विरूद्ध वर्तमान समय तक 67585 मे.टन उर्वरक की आपूर्ति की गई है। खाद आपूर्ति का कार्य निरंतर रूप से जारी है।
भारत अध्ययन केन्द्र में विजिटिंग विद्वानों की नियुक्ति
[उच्च शिक्षा]
11. ( क्र. 93 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव (रजिस्ट्रार) द्वारा 2023 में किस आदेश से अध्ययन शाला में आमंत्रित विजिटिंग विद्वानों की सेवाएं बंद की गई। (ख) विक्रम वि.वि. के भारत अध्ययन केंद्र में आमंत्रित विजिटिंग विद्वानों की नियुक्ति के लिए पुनः विज्ञापन कब जारी किया गया, उपरोक्त विज्ञापन के परिपालन में नियुक्ति कब की गई। (ग) मई 2023 के पश्चात वर्तमान तक विजिटिंग विद्वानों को विक्रम विवि के भारत अध्ययन केंद्र से कुल कितना भुगतान किया गया?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) आदेश क्रमांक/प्रशासन/संस्थापन/2023/129, दिनांक 24/05/2023 के द्वारा विजिटिंग विद्वानों की सेवाएं बंद की गई। (ख) भारत अध्ययन केंद्र द्वारा दिनांक 05/02/2024 को 01 विजिटिंग विद्वान हेतु विज्ञप्ति जारी की गई जिसमें अभी तक कोई नियुक्ति नहीं की गई है। कुलगुरू के आदेश अनुसार पूर्व में कार्यरत एक विजिटिंग विद्वान को विभागीय आवश्यकतानुसार आमंत्रित किया गया था। (ग) माह मई 2023 के पश्चात एक विजिटिंग विद्वान को प्रति कालखंड रू. 500/-, एक दिवस में तीन कालखंड हेतु अधिकतम राशि रू. 1500/-, की दर से माह दिसंबर 2023 में रू. 4000/-, माह जनवरी 2024 में रू. 24,000/-, माह फरवरी 2024 में रू. 22,000/- इस प्रकार कुल राशि रू. 50,000/- का भुगतान किया गया है।
सुदूर सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृति
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
12. ( क्र. 102 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कृषकों एवं ग्रामीणजनों की आवागमन सुविधा को देखते हुए विभिन्न ग्राम/ग्राम पंचायतों में सुदूर ग्राम पहुँच मार्ग योजनान्तर्गत सुदूर सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान किये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय पंचायत मंत्री महोदय जी को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2024/149 दिनांक 08.02.2024 एवं अनुस्मरण पत्र 01 क्र.वि.स./ परासिया/127/2024/385 दिनांक 15.07.2024 तथा पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2024/598 दिनांक 25.09.2024 पत्र प्रेषित किए गये है, जिन तीनों पत्रों पर अभी तक स्वीकृति हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार प्रेषित पत्रों में उल्लेखित परासिया विधानसभा के अन्तर्गत विभिन्न सुदूर सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृति विभाग द्वारा कब तक प्रदान कर दी जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) :(क) जिले की विधानसभा क्षेत्र परासिया के माननीय विधायक महोदय द्वारा परासिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कृषकों एवं ग्रामीणजनों की आवागमन सुविधा हेतु 27 सड़कों को स्वीकृत किये जाने हेतु लेख किया गया है। संलग्न सूची अनुसार 27 सड़कों में से सरल क्र. 01 एवं 02 पर उल्लेखित सड़क के नाम सरल क्रमांक 07 एवं 22 पर भी अंकित है शेष 25 सड़कों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मनरेगा अंतर्गत सभी कार्य जिला स्तर से स्वीकृत किये जाते हैं। सुदूर सड़क निर्माण कार्य स्वीकृति हेतु विभाग के पत्र क्रमांक 5191 दिनांक 19-11-2024 में निर्देश दिये गये हैं।
इन्डोर स्टेडियम की स्वीकृति
[खेल एवं युवा कल्याण]
13. ( क्र. 109 ) श्री मनोज नारायण सिंह चौधरी : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र की एक मात्र नगर परिषद हाटपिपल्या में इन्डोर स्टेडियम की मांग की गई थी? (ख) क्या इन्डोर स्टेडियम जिला मुख्यालय या ब्लॉक मुख्यालय पर ही स्वीकृति का नियम बताया गया? किन्तु इस विधानसभा क्षेत्र में न जिला मुख्यालय पड़ता है न ही ब्लॉक मुख्यालय आता है। क्या इस विधानसभा के प्रतिभावान खिलाड़ियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए इन्डोर स्टेडियम स्वीकृत करेंगे?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। विभागीय नीति अनुसार विकासखण्ड मुख्यालय से निचले स्तर पर वर्तमान में इन्डोर स्टेडियम स्वीकृत किया जाना संभव नहीं है।
हितग्राहियों को आवास योजना का लाभ
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
14. ( क्र. 112 ) श्री मनोज नारायण सिंह चौधरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कई परिवार आवास योजना की बांट जोह रहे हैं, लेकिन पात्र होने के बाद भी कई लोगों के नाम ऑटो डिलीट हो गए हैं, जिस कारण पात्र होने के बावजूद भी योजना का लाभ हितग्राहियों को नहीं मिल रहा है? (ख) ऐसे पात्र लोगों को योजना का लाभ कब मिलेगा? क्या सूची के ऑटो डिलीट हुए नाम स्वतः जुड़ जाएंगे या उन लोगों के लिए नवीन प्रक्रिया पुनः करनी होगी? कब तक पात्र लोगों को आवास योजना का लाभ मिल पाएगा?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) आवास योजना में किसी भी परिवार का नाम ऑटो डिलीट की श्रेणी में नहीं है। (ख) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़कों का संधारण
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
15. ( क्र. 117 ) श्री
सचिन
सुभाषचंद्र
यादव : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) योजनान्तर्गत
निर्मित
पैकेज MP 2205UPG, 22WB05, 22701, 22604 एवं 22MTN136 के मार्ग क्षतिग्रस्त
है क्या इनका
संधारण किया
गया है? अगर
हाँ तो संधारण
के लिए किन-किन
अधिकारियों
द्वारा कब-कब
निरीक्षण
किया गया है? अगर हाँ तो
मानक अनुसार
ग्रेडिंग दी
गई है?
अगर
हाँ तो
निरीक्षण
रिपोर्ट
उपलब्ध कराएं।
(ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
विभाग द्वारा
ठेकेदार को
भुगतान के साथ
जीएसटी चेक्स
का कितना
भुगतान किया
गया है? उपयोग
की गई सामग्री
में कितनी
राशि एवं मात्रा
के बिल
प्रस्तुत
किये गये हैं? ठेकेदार
द्वारा
प्रस्तुत
बिलों का
मिलान निविदा
में
प्रस्तावित
मात्रानुसार
किया गया है? (ग) ठेकेदार
द्वारा
जीएसटी में
चोरी के लिए
अधिक मात्रा
के बिल
प्रस्तुत
किये गये हैं
अगर हाँ तो
ठेकेदार और
संबंधित
अधिकारियों
के विरूद्ध
कोई कार्रवाई
की गई है? (घ) क्या
ठेकेदारों को
मशीनरी
खरीदने पर कोई
छूट का
प्रावधान है? यदि हाँ, तो क्यों
कारण?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) प्रश्नांकित
पैकेजों
अंतर्गत कोई
मार्ग
क्षतिग्रस्त
नहीं है। जी
हाँ, इन
पैकेज के
मार्गों का
संधारण
निर्धारित
मापदण्ड
अनुसार किया गया
है। इन
मार्गों पर
अधिकारियों
द्वारा किये
गये निरीक्षण
संबंधी विवरण
की जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र- 1 अनुसार है। निरीक्षण
रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र- 2
अनुसार है। (ख)
जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-3
अनुसार है। ठेकेदार
द्वारा
प्रस्तुत
जी.एस.टी. के
बिलों में
अंकित मात्रा
निविदा में
प्रस्तावित
मात्रा के
अनुसार है। (ग) एवं (घ) जी
नहीं, शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
रासायनिक उर्वरकों की उपलब्धता
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
16. ( क्र. 118 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में खरीफ फसलों के लिए किसानों को कितने मैट्रिक टन यूरिया, डीएपी, एसएसपी, एनपीके, उर्वरकों की प्रति वर्ष आवश्यकता होती है? (ख) क्या सरकार द्वारा किसानों की आवश्यकतानुसार पर्याप्त खाद की उपलब्धता पूर्व से ही सुनिश्िचत की गई है? अगर हाँ तो बताएं नहीं तो क्यों नहीं? (ग) खरगोन जिले में यूरिया, डीएपी, एनपीके, एसएसपी, उर्वरकों की विभाग द्वारा मांग की गई थी अगर हाँ तो कितनी-कितनी? क्या मांग अनुसार पर्याप्त उर्वरक उपलब्ध करा दिये हैं? अगर नहीं तो क्या कारण है? (घ) पूर्व में सहकारी समितियों के माध्यम से खाद का वितरण किया जाता था? अगर हाँ तो वर्तमान में खुले बाजार में उर्वरक बेचने की सरकार ने खुली छूट क्यों दे रखी है?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जिले में पूर्व में सहकारी समितियों, जिला विपणन संघ के विक्रय केन्द्रों, एम. पी. एग्रो एवं निजी उर्वरक विक्रेताओं के माध्यम से उर्वरकों का विक्रय किया गया था, उसी अनुरूप इस वर्ष भी जिले में उर्वरकों का विक्रय किया जा रहा है।
कृषि उपज मंडी समिति उज्जैन द्वारा जारी लाइसेन्स
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
17. ( क्र. 126 ) श्री सतीश मालवीय : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि उपज मण्डी समिति उज्जैन द्वारा प्रश्न दिनांक तक कुल कितने कृषि जींस के लायसेंस जारी किए गए हैं एवं कितने लायसेंसधारी वर्तमान में कृषि जींसों की खरीदी बिक्री का कार्य कर रहे हैं? कितने लायसेंसधारी कृषि जींसों की खरीदी बिक्री का कार्य कितने समय से नहीं कर रहे हैं? जो लायसेंसधारी लम्बे समय से कृषि जींसों की खरीदी बिक्री नहीं कर रहे हैं। उन पर मण्डी समिति द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? लायसेंसवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) कृषि उपज मण्डी समिति उज्जैन द्वारा कृषि जींसों के लायसेंसधारियों को लीज पर गोदाम, दुकान किस-किस को कहाँ-कहाँ आवंटित की गई हैं? उनके फर्म नाम, स्थान सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) उज्जैन मण्डी प्रांगण के अन्दर कितने व्यापारी ऐसे हैं जिन्होंने अपने गोदामों/दुकानों में गैर कृषि जींसों जैसे पाईप खाद-बीज कीटनाशक दवाइयां मोटर पंपों, सीमेन्ट, सरिया आदि अन्य सामग्री के विक्रय किया जा रहा है। क्या यह मण्डी एक्ट का उल्लंघन नहीं है? यदि है तो मण्डी समिति द्वारा प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी कार्यवाही कब-कब की गई? कृषि जींसों के अलावा अन्य सामग्री क्रय-विक्रय करने वाले व्यापारियों की दुकानों/गोदामों की स्थानवार सूची उपलब्ध करावें।
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) कृषि उपज मंडी समिति उज्जैन में वर्तमान में कुल 1049 अनुज्ञप्तिधारी व्यापारी जिसमें अनाज, दलहन, तिलहन, फल एवं सब्जी, भण्डारण, कारखानेदार, आढ़तिया एवं वाणिज्यिक संव्यवहार करने वाले व्यापारी सम्मिलित हैं। व्यापारीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। वर्तमान में 867 लायसेंसी व्यापारियों द्वारा कृषि उपज क्रय-विक्रय का कार्य किया जा रहा है। लगभग विगत 02 वर्षों से 182 अनुज्ञप्तिधारी व्यापारियों द्वारा अधिसूचित कृषि उपज का क्रय-विक्रय नहीं किया जा रहा है। ऐसे 182 व्यापारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। उपरोक्त 182 अनुज्ञप्तिधारी व्यापारियों द्वारा अनुज्ञप्ति जारी दिनांक के पश्चात अधिसूचित कृषि उपज का क्रय विक्रय किया गया किन्तु विगत लगभग 02 वर्षों से क्रय विक्रय नहीं किया गया है। लम्बे समय से अधिसूचित कृषि उपज का क्रय-विक्रय नहीं करने वाले व्यापारियों को मंडी समिति द्वारा समय समय पर सूचना पत्र जारी कर नियमित व्यापार किये जाने हेतु निर्देशित किया जाता है। (ख) कृषि उपज मंडी समिति उज्जैन में कुल 16 गोदाम, अनुज्ञप्तिधारी व्यापारियों को आंवटित हैं। व्यापारीवार स्थान सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। मंडी प्रांगण स्थित कुल 127 दुकान आवंटित की गई है। दुकान धारक के नाम व स्थान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) कृषि उपज मंडी समिति उज्जैन के मंडी प्रांगण में 85 अनुज्ञप्तिधारी भूखण्ड धारकों द्वारा अधिसूचित कृषि उपज के क्रय-विक्रय के साथ साथ, कृषकों की कृषि उपज उत्पादन में सहायता (अनुशांगिक सामग्री) हेतु जैसे पाईप, खाद, बीज, कीटनाशक, दवाईयाँ, मोटरपंप आदि के विक्रय का कार्य किया जाता है जिन्हें समय समय पर सूचना पत्र जारी कर कृषि उपज से भिन्न व्यवसाय करना बंद कर एवं मंडी अधिनियम के विहित नियमों एवं शर्तों का पालन कर व्यापार करने हेतु समय समय पर निर्देशित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। कृषि उपज मंडी समिति उज्जैन के प्रांगण में गैर कृषि व्यवसाय कर रहे 54 भूखण्डधारियों की लीज वर्ष 2005 में निरस्त कर दी गई थी। इन 54 भूखण्डों को रिक्त कराये जाने हेतु अधिवक्ता के माध्यम से कब्जे की कार्यवाही हेतु माननीय सिविल न्यायालय की अधिकारिता वाले न्यायालय में वाद दायर करने के लिए संबंधितों को दिनांक 12/09/2024 को अधिवक्ता के माध्यम से सूचना पत्र जारी किये गये हैं। लीज निरस्त 54 भूखण्डधारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है।
मा. मुख्यमंत्री जी की घोषणा पर क्रियान्वयन
[खेल एवं युवा कल्याण]
18. ( क्र. 127 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मा.मुख्यमंत्री जी द्वारा दिनांक 23 फरवरी 2024 को नीमच प्रवास के दौरान नीमच के श्री सीताराम जाजू शा.कन्या महाविद्यालय में नवीन खेल स्टेडियम की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो इसकी वर्तमान स्थिति से अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित क्या प्रशनकर्ता विधायक ने इस संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय एवं खेल युवा कल्याण विभाग को दिनांक 13.06.2024 को पत्र प्रेषित किया था? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा उस पर क्या कार्यावाही की अवगत करावें। (ग) क्या विभाग द्वारा अपने पत्र क्र 1603 दिनांक 03.10.2024 को प्रश्नकर्ता विधायक को भेजे गए पत्र में भूमि उच्च शिक्षा विभाग से खेल एवं युवा कल्याण को उपलब्ध कराने हेतु लिखा गया है? यदि हाँ, तो क्या विभाग ने भूमि स्वामित्व को लेकर कोई पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय को प्रेषित किया है यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या भूमि स्वामित्व को लेकर खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा उच्च शिक्षा विभाग को स्टेडियम निर्माण के लिए कोई पत्र प्रेषित किया है यदि हाँ, तो उच्च शिक्षा विभाग ने क्या असहमति प्रकट की है यदि नहीं, तो उच्च शिक्षा विभाग से समन्वय स्थापित नहीं करने के क्या कारण है?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) जी हाँ। मान. मुख्यमंत्री जी, म.प्र.शासन द्वारा दिनांक 23.02.2024 को घोषणा (डी- 0074) दशहरा मैदान, जिला नीमच प्रवास के दौरान ''श्री सीताराम जाजू शासकीय कन्या महाविद्यालय में नवीन खेल स्टेडियम का निर्माण किया जावेगा'' की गई थी। खेल और युवा कल्याण विभाग द्वारा महाविद्यालय में स्टेडियम/खेल परिसर का निर्माण नहीं किया जाता है। अतएव घोषणा उच्च शिक्षा विभाग से संबंधित होने के कारण इस घोषणा को उच्च शिक्षा विभाग को हस्तांतरित किया गया है। (ख) जी हाँ। विभागीय नीति अनुसार विभाग के स्वामित्व की भूमि पर ही स्टेडियम निर्माण किये जाने की योजना है। अतएव श्री सीताराम जाजू शासकीय कन्या महाविद्यालय की भूमि का स्वामित्व खेल विभाग का नहीं होने के कारण नवीन खेल स्टेडियम की स्वीकृति दी जाना संभव नहीं है। (ग) विभागीय पत्र जावक क्रमांक-1603 दिनांक 03.10.2024 द्वारा माननीय विधायक महोदय को प्रेषित पत्र में विभागीय नीति अनुसार विभाग के स्वामित्व की भूमि पर ही स्टेडियम निर्माण किये जाने की योजना है। अतएव श्री सीताराम जाजू शासकीय कन्या महाविद्यालय की भूमि का स्वामित्व खेल विभाग का नहीं होने के कारण नवीन खेल स्टेडियम की स्वीकृति दी जाना संभव नहीं है, लेख किया गया है। जी नहीं। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
संचालित बीज उत्पादन संस्थाओं की जानकारी
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
19. ( क्र. 130 ) श्री सतीश मालवीय : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में कितनी बीज उत्पादन संस्था कार्यरत हैं? उनके नाम, संचालक का नाम, पता, लायसेंस की छायाप्रति सहित सम्पूर्ण जानकारी देवें। (ख) दिनांक 01.01.2021 से प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त संरचनाओं द्वारा कितने तरह के बीज, कहाँ-कहाँ से कितनी मात्रा में प्रमाणित करवाए गए है? प्रमाणित प्रतियों की वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) उपरोक्त अवधि में उक्त संस्थाओं द्वारा विक्रय किये गये बीज की मात्रा की जानकारी वर्षवार एवं संस्थावार देवें। इन संस्थाओं द्वारा इस अवधि में जमा जी.एस.टी. की जानकारी भी वर्षवार एवं संस्थावार देवें। (घ) इन संस्थाओं को प्रमाणित बीज उत्पादन व विक्रय में भारी अंतर के लिए इन पर कार्यवाही कब तक की जाएगी? इनको संरक्षित करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध शासन प्रशासन द्वारा क्या और कब तक कदम उठाया जा रहा है?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) उज्जैन जिले में कुल 78 बीज उत्पादक संस्थाएँ कार्यरत हैं, जिसमें 05 शासकीय संस्थाओं सहित 46 निजी संस्थाएँ (प्रायवेट कंपनी), 20 बीज उत्पादक सहकारी समितियाँ एवं 07 फार्मर प्रोड्यूसर कंपनियाँ सम्मिलित हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) दिनांक 01-01-2021 से प्रश्न दिनांक 21-11-2024 तक उपरोक्त संरचनाओं द्वारा खरीफ 2020, 2021, 2022 एवं 2023 में 343991.52 क्विं. तथा रबी 2020-21, 2021-22, 2022-23 एवं 2023-24 में 838813.54 क्विं. मात्रा का प्रमाणीकरण करवाया गया, जिसकी वर्षवार/संस्थावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) उपरोक्त अवधि में 78 पंजीकृत बीज उत्पादक संस्थाओं द्वारा दिनांक 01-01-2021 से विक्रय किये गये बीज खरीफ में 326940.84 क्विं. एवं रबी में 792957.70 क्विं. की मात्रा एवं इन संस्थाओं द्वारा जमा जी.एस.टी. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) उक्त संस्थाओं द्वारा जितना प्रमाणित बीज पैक किया गया है उतनी मात्रा या उससे कम मात्रा का विक्रय किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 4 अनुसार है। अतः बीज उत्पादक संस्थाओं एवं अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पंजीकृत गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं में अनियमितता
[सहकारिता]
20. ( क्र. 131 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधायक के प्रश्न क्र.196 दिनांक 1 जुलाई 2024 को पूछे गए प्रश्न का उत्तर उपलब्ध करावें। 1 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन, मंदसौर एवं नीमच जिले में किस-किस पंजीकृत गृह निर्माण समिति के खिलाफ किस-किस प्रकार की शिकायतें किस-किस व्यक्ति ने कहाँ-कहाँ दर्ज कराई गई? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित शिकायतों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई, शिकायतों की जांच किस-किस सक्षम अधिकारी ने की, इसमें क्या-क्या कमियां पाई गई, पाई गई अनियमितता के उपरांत किस-किस व्यक्ति के खिलाफ किस-किस प्रकार की कार्यवाही की गई? व्यक्ति का नाम सहित जानकारी देवें। (ग) 1 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक मंदसौर, नीमच में सहकारिता विभाग में कुल कितने कार्यालय संचालित है? इनमे कुल कितने वर्षों से कितने अधिकारी, कर्मचारी शासन के नियमो के विपरीत एक ही पद पर कार्य कर रहे है? इनकी सूची उपलब्ध करावें।
सहकारिता मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) प्रश्न क्रमांक-196 का उत्तर प्रेषित किया गया है, उज्जैन, मंदसौर एवं नीमच जिले में प्राप्त शिकायतों की जानकारी क्रमशः पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01, 02 एवं 03 अनुसार है। (ख) शिकायतों पर कार्यवाही क्रमशः पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01, 02 एवं 03 अनुसार है। (ग) सहकारिता विभाग अंतर्गत जिला मंदसौर में, कार्यालय उप आयुक्त सहकारिता एवं उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं तथा सहायक पंजीयक सहकारी संस्थाएं अंकेक्षण मंदसौर, नीमच जिले में, कार्यालय सहायक आयुक्त सहकारिता एवं सहायक पंजीयक सहकारी संस्थायें तथा सहायक पंजीयक सहकारी संस्थायें अंकेक्षण नीमच, पृथक-पृथक कार्यालय संचालित है। स्थानांतरण नीति अनुसार जिलों में पदस्थ प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के कार्यपालक अधिकारियों के एक ही स्थान पर तीन वर्ष की पदस्थापना पूर्ण कर लेने पर जिले से अन्यत्र प्राथमिकता पर स्थानांतरण किया जा सकता है। इसी प्रकार तृतीय श्रेणी कार्यपालिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों का भी एक ही स्थान पर सामान्यतः तीन वर्ष या उससे अधिक पदस्थापना की अवधि पूर्ण कर लेने के कारण स्थानांतरण किया जा सकता है, किन्तु यह अनिवार्य नहीं है कि तीन वर्ष पूर्ण होने पर स्थानांतरण किया ही जावे। निर्माण एवं नियामक स्वरूप के विभागों को छोड़कर अन्य विभागों में मात्र तीन वर्ष की अवधि को ही स्थानांतरण का आधार न बनाये जाने का प्रावधान है। मंदसौर एवं नीमच कार्यालयों में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है।
आउटसोर्स कर्मियों को पारिश्रमिक का भुगतान
[उच्च शिक्षा]
21. ( क्र. 143 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला रीवा के विकासखण्ड जवा अंतर्गत शा. भगवान बिरसा मुण्डा महाविद्यालय में कार्यरत आउटसोर्स कर्मियों का वेतन भुगतान लंबित है? यदि हाँ, तो कितने माह का पारिश्रमिक भुगतान लंबित है? कब तक भुगतान किया जाना सुनिश्चित किया जावेगा। (ख) क्या विभाग के द्वारा रीवा जिले के शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों के पारिश्रमिक भुगतान हेतु नियमित तौर पर बजट का आवंटन नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या आउटसोर्स कर्मियों के पारिश्रमिक भुगतान हेतु नियमित तौर पर बजट आबंटन प्रक्रिया सुनिश्चित की जावेगी? (ग) क्या नवीन शासकीय महाविद्यालय बैकुण्ठपुर जिला रीवा में स्वीकृत आउटसोर्स के रिक्त पदों को भरने हेतु सेडमैप कार्यालय भोपाल द्वारा साक्षात्कार प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है? यदि हाँ, तो आउटसोर्स कर्मियों की नियुक्ति की लंबित कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) नवीन शासकीय महाविद्यालय, बैकुण्ठपुर, जिला रीवा में वर्तमान में आवश्यकता नहीं होने से सेडमैप, भोपाल से आउटसोर्स पदों के लिए अनुबंध नहीं किया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
परिवहन ठेकेदारों से पेनाल्टी राशि की वसूली
[सहकारिता]
22. ( क्र. 147 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर विपणन संघ के परिवहन ठेकेदारों पर रबी विपणन वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक पेनाल्टी राशि लंबित हैं? (ख) यदि हाँ, तो फर्म सहित ठेकेदारों के नाम, अधिरोपित पेनाल्टी दिनांक एवं राशि का विवरण देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत क्या ठेकेदारों से राशि वसूल कर ली गई है? यदि हाँ, तो वसूल की गई राशि का विवरण देवें? यदि नहीं, की गई तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) के अंतर्गत अधिरोपित राशि जमा न करने वाले ठेकेदारों/फर्मों के द्वारा अन्य विभागों में कार्य करने पर क्या उस विभाग के माध्यम से वसूली की जा सकती है? यदि नहीं, तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश की मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं की जानकारी
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
23. ( क्र. 152 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लगभग 7 वर्ष पूर्व 265 मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालायें लगभग 150 करोड़ की लागत से बनाई गई थी? (ख) क्या लैब टेक्नीशियन न होने के कारण मिट्टी परीक्षण का कार्य नहीं हो रहा है? (ग) यदि हाँ, तो क्या इन प्रयोगशालाओं को बेरोजगार कृषि स्नातकों को संचालन के लिये दिया जा सकता है? (घ) यदि नहीं, तो प्रयोगशालाओं का संचालन कैसे किया जायेगा?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) जी हाँ। प्रदेश में 265 नवीन मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाएं म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड के द्वारा 112.576 करोड़ की लागत से निर्मित की गई हैं। (ख) जी हाँ, विकासखण्ड स्तर पर निर्मित मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं में अमला स्वीकृत न होने से मिट्टी नमूना परीक्षण कार्य नहीं हो सका है। प्रदेश में 50 विभागीय मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं में मिट्टी नमूना परीक्षण किया जाकर, किसानों को नि:शुल्क स्वाइल हैल्थ कार्ड उपलब्ध कराए जा रहे हैं। (ग) जी हाँ, विकासखण्ड स्तर पर निर्मित 265 मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं को युवा उद्यमियों/संस्थाओं को उपलब्ध कराया जाकर, मिट्टी नमूना परीक्षण कराने का शासन द्वारा निर्णय लिया गया है, तदानुक्रम में कृषि स्नातक युवा उद्यमियों/संस्थाओं को प्रयोगशालाओं के आवंटन हेतु विज्ञापन जारी कर प्रयोगशाला आवंटन की कार्यवाही प्रक्रिया में है। (घ) शासन द्वारा कृषि स्नातक युवा उद्यमियों/संस्थाओं को मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं के आवंटन करने का निर्णय लिए जाने से प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता है।
संपत्ति कर की वसूली
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
24. ( क्र. 158 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पत्र क्रमांक 630/2022 भोपाल दिनांक 28. 06. 2022 में कलेक्टर/सीईओ जिला पंचायत जिला समस्त मध्य प्रदेश को पंचायत क्षेत्र में संपत्ति कर निर्धारण एवं कर संकलन के लिए प्रभावी कार्यवाही किए जाने के संबंध में निर्देशित किया गया है? (ख) क्या मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 81 में यह प्रावधान है कि इस अधिनियम के अधीन अधिरोपित कर की कोई रकम कलेक्टर के द्वारा इस प्रकार वसूल की जावेगी की मानो वह भू-राजस्व की बकाया हो? (ग) यदि हाँ, तो कार्यालय कलेक्टर जिला खरगोन में दिनांक 24.09.2024 में ग्राम पंचायत खल बुजुर्ग एवं ग्राम पंचायत निमरानी के द्वारा धारा 81 में प्रस्तुत आवेदन पत्र एवं उसके साथ संलग्न किए अभिलेख एवं उस पर लिखी गई नोट शीट की प्रति देवें एवं क्या कारण है कि आज दिनांक तक भी संपत्ति कर की चोरी करने वालों के विरुद्ध जिला कलेक्टर खरगोन के द्वारा आरआरसी जारी नहीं की गई है? (घ) क्या विभाग एवं उसका अमल संपति कर की चोरी करने वालों को संरक्षण प्रदान कर रहा है? यदि नहीं, तो कब तक rrc जारी करने के आदेश जारी किए जाएंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -''ब'' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्राथमिक कृषि सेवा साख सहकारी समिति को पुन: प्रारंभ किया जाना
[सहकारिता]
25. ( क्र. 161 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन प्राथमिक कृषि सेवा साख सहकारी समिति प्रारंभ करने के क्या नियम दिशा निर्देश हैं बतलावे? नियमों की छायाप्रति देवें। (ख) क्या सन् 1994 में ग्राम बचैया में प्राथमिक कृषि साख सेवा सहकारी समिति मर्यादित क्रियाशील थी जिसका कार्यालय भवन ग्राम बचैया तहसील बहोरीबंद जिला कटनी में अच्छी स्थिति में आज भी बना हुआ है बाद में इस समिति को किन्हीं कारणों वश सेवा सहकारी समिति हथियागढ़ में मर्ज कर दिया गया था? (ग) प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर में यदि हाँ, तो तत्कालीन प्राथमिक कृषि साख सेवा सहकारी समिति मर्यादित बचैया में कौन-कौन से ग्राम सम्मिलित थे? सूची देवें। वर्तमान में इन सम्मिलित ग्रामों के कितने कृषक खातेदार है तथा उनमें से कितने कृषक प्राथमिक कृषि साख सेवा सहकारी समिति मर्यादित हथियागढ़ के सदस्य हैं? दोनों प्रकार के कृषकों की ग्रामवार संख्या देवें। (घ) क्या शासन प्रश्नांश "ग" में उल्लेखित ग्रामों की दूरी एवं ग्रामों के कृषकों की संख्या को संज्ञान में लेते हुए प्राथमिक कृषि साख सेवा सहकारी समिति मर्यादित बचैया को प्रारंभ करेगी उत्तर में यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
सहकारिता मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) नवीन प्राथमिक कृषि सेवा साख सहकारी समिति प्रारंभ करने हेतु म.प्र. सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 1960 की धारा '4' से लेकर धारा '9' के प्रावधान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–1 अनुसार है एवं म.प्र. सहकारी सोसाइटी नियम, 1962 के नियम 4 एवं 5 के प्रावधान की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–2 अनुसार है। इसके अतिरिक्त म.प्र. सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 1960 की धारा 16 एवं म.प्र. सहकारी सोसाइटी नियम, 1962 के नियम 11 के प्रावधान में समितियों के पुनर्गठन का प्रावधान है, जिनकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–3 अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–4 अनुसार है। तत्कालीन प्राथमिक कृषि साख सेवा सहकारी समिति मर्या. बचैया के कार्यक्षेत्र के ग्राम एवं कृषक, बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि साख समिति हथियागढ़ में सम्मिलित है। (घ) जी नहीं, बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि सहकारी साख समिति हथियागढ़ को पुनर्गठित कर 2 परिणामी समितियां बनाने से संस्था की आर्थिक स्थिति पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। संस्था वर्ष 2023-24 की स्थिति में संचित हानि में है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
दोषियों पर कार्यवाही
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
26. ( क्र. 162 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 66 में यह नियम है कि जनपद तथा जिला पंचायत के मामले में समस्त रकमें केवल, वार्षिक बजट के अनुसार विस्तृत कार्य योजना की व्यवस्था करने के प्रयोजनों हेतु यथा स्थिति जनपद या जिला पंचायत की सामान्य प्रशासन समिति के पूर्व अनुमोदन से ही निकाली जाएगी? (ख) यदि हाँ, तो जिला पंचायत खरगोन की दिनांक 1 सितंबर 2022से प्रश्न दिनांक तक सामान्य प्रशासन समिति की कुल कितनी बैठक आयोजित की गई? आयोजित समस्त बैठकों का एजेंडा, कार्यवाही वृत्त का रजिस्टर, कार्यवाही विवरण, पालन प्रतिवेदन की प्रमाणित प्रति देवें एवं अभिलेख देखकर बतावे कि कितनी रकम पंचायत निधि से कब-कब निकाली गई और रकम निकाले जाने के पूर्व किस किस बैठक में कितनी-कितनी रकम का पूर्व अनुमोदन किया गया? (ग) सीईओ जिला पंचायत खरगोन के पत्र क्रमांक 5988/लेखा/2024 खरगोन दिनांक 27.09.2024 में जिला पंचायत निधि से 82,18,366.00 राशि रूपये ऋणात्मक के संबंध में जो जानकारी प्रस्तुत की गई है उसमें रकम निकाले जाने के पूर्व सामान्य प्रशासन समिति से पूर्व अनुमोदन संबंधी कोई दस्तावेज रिकॉर्ड उपलब्ध करावें? (घ) यदि नहीं, है तो क्या विभाग के आदेश क्रमांक एफ 2-39/22/प-1/2014/987/2015 भोपाल दिनांक 19.05.2015 के अनुक्रमांक 04 के पालन नहीं करने पर दोषियों पर क्या कार्यवाही करेंगे और कब तक करेंगे? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''ब'' अनुसार है। (ग) राशि निकालने बाबत् सामान्य प्रशासन समिति का अनुमोदन संबंधी दस्तावेज रिकार्ड पर है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सागर में विधि महाविद्यालय की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
27. ( क्र. 164 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्र. 346 दिनांक 08.02.2024 के प्रश्नांश ''ख'' के उत्तरांश में बताया गया था कि विधि महाविद्यालय खोले जाने के प्राप्त प्रस्ताव पर कार्यवाही की जा रही है, तो प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या संभागीय मुख्यालय सागर में विधि महाविद्यालय खोले जाने हेतु प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हो गई है? यदि नहीं, तो अब तक की गई कार्यवाही से अवगत कराये।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) सागर में नवीन शासकीय विधि महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने हेतु विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन सहित मंत्रि-परिषद् संक्षेपिका तैयार की गई है जो प्रशासकीय अनुमोदन हेतु शीघ्र प्रस्तुत की जा रही है। प्रशासकीय अनुमोदन प्राप्त होने पर वित्त विभाग एवं मंत्रि-परिषद् की सहमति उपरांत आगामी कार्यवाही की जाएगी। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार।
सहायक श्रम आयुक्त की पदस्थापना एवं अन्य रिक्त पद की पूर्ति
[श्रम]
28. ( क्र. 166 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संभागीय मुख्यालय सागर के श्रम कार्यालय में अधिकारी श्रम निरीक्षकों एवं अन्य कर्मचारियों के पद रिक्त है? यदि हाँ, तो इन रिक्त पदों की पूर्ति हेतु शासन स्तर पर कोई कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्या शासन रिक्त पदों की पूर्ति हेतु शीघ्र कार्यवाही करेगा तथा कब तक? (ख) क्या संभागीय मुख्यालय सागर में सहायक श्रम आयुक्त का पद रिक्त है यदि हाँ, तो कब से तथा इसका क्या कारण है? (ग) क्या संभागीय मुख्यालय सागर में सहायक श्रम आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार भोपाल सहायक श्रम आयुक्त के अधीन है, जिससे क्षेत्र के लोगों को अपने प्रकरणों आदि कार्यों के निराकरण में काफी विलंब होता है, यहाँ तक की बार-बार भोपाल आना-जाना पड़ता है, तो क्या शासन संभागीय मुख्यालय सागर में सहायक श्रम आयुक्त की नवीन/पृथक रूप से पदस्थापना करेगा और कब तक?
श्रम मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी हाँ। सीधी भर्ती के रिक्त पद हेतु म.प्र. लोक सेवा आयोग/कर्मचारी चयन मंडल से पूर्ति हेतु कार्यवाही प्रचलित है। (ख) जी हाँ। सहायक श्रमायुक्त, सागर का अतिरिक्त प्रभार सहायक श्रमायुक्त, भोपाल को सौंपा गया है। (ग) जी हाँ। संभागीय मुख्यालय सागर में सहायक श्रमायुक्त का अतिरिक्त प्रभार सहायक श्रमायुक्त, भोपाल के अधीन है। सहायक श्रमायुक्त द्वारा समयावधि में सभी प्रकरणों का निराकरण किया जाता है। विलंब की स्थिति निर्मित नहीं होती है और न ही बार-बार भोपाल आना-जाना पड़ता है। सहायक श्रमायुक्त का पद पदोन्नति संवर्ग का है तथा प्रचलित पदोन्नति नियमों के संबंध में प्रकरण माननीय उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन होने से पदोन्नति की कार्यवाही वर्ष 2016 से स्थगित है। पदोन्नति प्रक्रिया प्रारंभ होने पर पृथक रूप से सहायक श्रमायुक्त की पदस्थापना की जा सकेगी।
भवन/कारखाना निर्माण की अनुमति
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
29. ( क्र. 169 ) श्री जगन्नाथ सिंह रघुवंशी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 55 एवं इसके अंतर्गत बनाए गए नियम, आदर्श विधियां उपविधियां की प्रति देवें। (ख) ग्राम खोड़ी ग्राम पंचायत कदवालिया में जनपद पंचायत बड़वाह जिला खरगोन में एसोसिएटेड एल्कोहल एवं ब्रेवरीज लिमिटेड खोड़ी उद्योग द्वारा इथेनॉल प्लांट स्थापित किया गया? कार्य प्रारंभ करने एवं पूर्ण होने की दिनांक बतावे और नियमों के अनुसार ग्राम पंचायत कार्यालय से कब निर्माण अनुमति प्राप्त की गई? ग्राम पंचायत के रिकॉर्ड से निर्माण अनुमति, निर्माण का नक्शा फीस का भुगतान और उपभोग का प्रमाण पत्र देवेंl (ग) यदि ग्राम पंचायत रिकॉर्ड के अनुसार निर्माण अनुमति जारी नहीं की गई है तो उक्त अवैध निर्माण कब तक तोड़ दिया जाएगा और इस अवैध निर्माण को तोड़ने वाले सक्षम अधिकारी का नाम पदनाम बतावें? (घ) ग्राम पंचायत कदवालिया के द्वारा अवैध निर्माण के संबंध में अब तक क्या कार्यवाही की गई है? क्या शराब उद्योग के खौफ से सरपंच एवं सचिव के द्वारा अवैध निर्माण को नहीं तोड़ जा रहा है? या सरकार का संरक्षण है? प्रमुख सचिव प्रतिवेदन देवेंl
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
परसवाड़ा विधानसभा में राशि का आवंटन
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
30. ( क्र. 171 ) श्री मधु भगत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मनरेगा योजनाओं में सामग्री हेतु वित्तीय राशि प्रदाय नहीं करने का प्रावधान किया गया है क्यों? क्या बगैर सामग्री के किसी निर्माण कार्य को कराया जाना संभव है? मनरेगा संबंधित नवीन शासनादेश की प्रतियां उपलब्ध करावे साथ ही यह बताएं कि वित्तीय वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में किस कार्य हेतु कितनी राशि शासन से आवंटित हुई कितने कार्य अपूर्ण है एवं क्यों? (ख) समस्त प्रकार के मोक्षधाम में पहुंच मार्ग, शवदाहगृह, पेयजल व्यवस्था, सौंदर्यीकरण या अन्य सुविधा प्रदाय किए जाने हेतु क्या निर्देश/कार्ययोजना है? क्या इन सभी सुविधाओं हेतु राशि का आवंटन किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के समस्त ग्रामों के मोक्षधाम की वर्तमान भौतिक स्थिति से अवगत करावें? (ग) क्या पंचायत राज संचालनालय म.प्र. की पत्र क्रमांक/प.रा./एफ-6/82/11192 भोपाल दिनांक 23/08/2024 के अनुसार ग्राम पंचायत में कार्यरत वर्तमान सचिव की शिकायत की जांच कर उचित कार्यवाही किए जाने हेतु पत्राचार किया गया था एवं ग्राम पंचायत खरपड़िया की राशि का उपयोग ग्राम पंचायत परसवाड़ा में निर्माण कार्य में किया गया था? संपूर्ण कार्रवाई के दस्तावेज उपलब्ध करावे एवं उक्त लोकसेवक के नियुक्ति दिनांक से प्रश्न दिनांक तक समस्त क्रियाविधियों की जांच कर कार्यवाही की जावेगी यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) भारत सरकार से सामग्री मद में राशि प्राप्त होने पर राज्यांश सहित राशि आहरित कर राज्य स्तरीय नोडल खाते में जमा की जाती है। खाते में राशि की उपलब्धता अनुसार एवं जिलों में सामग्री मद की लंबित देयता के दृष्टिगत जिलों को व्यय किये जाने की अनुमति प्रदाय की जाती है। यह एक सतत् प्रक्रिया है। निर्माण कार्य में कार्यों के आवश्यकता अनुरूप सामग्री का उपयोग किया जाता है। मनरेगा संबंधित आदेश क्रमांक 5191 दिनांक 19.11.2024 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–1 अनुसार है। वित्तीय वर्ष 2022-23 सें प्रश्न दिनांक तक परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मनरेगा योजनांतर्गत कार्यों की स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। कार्य प्रगतिरत होने की स्थिति में अपूर्ण हैं। (ख) प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग का पत्र क्रमांक 7315 दिनांक 15.07.2010 तथा अपर मुख्य सचिव, मध्यप्रदेश शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग का पत्र क्रमांक 1270 दिनांक 24/28.05.2019 द्वारा निर्देश हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है, मनरेगा योजनांतर्गत अनुमत्य कार्य किये जाते हैं। कार्यों हेतु राशि राज्य स्तरीय नोडल खाते से उपलब्धता के आधार पर अंतरित की जाती है। परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाली जनपद पंचायत बालाघाट में 67 ग्राम पंचायतों में से 39 ग्राम पचायतों में 63 मोक्षधाम स्वीकृत किये गये है जो पूर्ण किये जा चुके है। जनपद पंचायत किरनापुर में 27 ग्राम पंचायतों के 34 ग्रामों में मोक्षधाम पूर्ण हैं। जनपद पंचायत परसवाड़ा में 42 ग्राम पंचायतों में से 40 ग्राम पंचायतों के 88 ग्रामों में स्वीकृत किये गये सभी मोक्षधाम पूर्ण हैं। (ग) पंचायतराज संचालनालय म.प्र. के पत्र क्रमांक/पं.रा./एफ-6/82/11192 भोपाल दिनांक 23/08/2024 के साथ संलग्न माननीय विधायक परसवाड़ा के पत्र पर बिन्दुवार की गई कार्यवाही निम्नानुसार है:- कार्यालय कलेक्टर (पंचायत) जिला बालाघाट के आदेश क्रमांक 7334/जि.पं./पंचा. प्रको./2021 बालाघाट दिनांक 10.12.2021 के तहत श्री योगेश हिरवाने का स्थानांतरण ग्राम पंचायत परसवाड़ा से ग्राम पंचायत खरपड़िया किया गया है एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत परसवाड़ा के पत्र क्रमांक 1467/सचिव/स्थापना/2022 परसवाड़ा दिनांक 19.01.2022 के अनुसार ग्राम रोजगार सहायक को सचिवीय दायित्वों के निर्वाहन में असुविधा होने के कारण सचिव श्री योगेश हिरवाने ग्राम पंचायत खरपडिया को ग्राम पंचायत परसवाड़ा का अतिरिक्त सचिवीय प्रभार सौंपे जाने की अनुशंसा के आधार पर जिला पंचायत बालाघाट के पत्र क्रमांक/380/जि.पं./पंचा.प्रको/2021-22 बालाघाट दिनांक 21.01.2022 के अनुसार कार्य की सुविधा की दृष्टि से ग्राम पंचायत परसवाड़ा का अतिरिक्त सचिवीय प्रभार सौंपा गया था। विधानसभा निर्वाचन 2023 के दौरान संबंधित ग्राम पंचायत सचिव के विरूद्ध राजनैतिक मामलों में लिप्त होने की शिकायत प्राप्त होने पर रिटर्निंग अधिकारी परसवाड़ा के प्रतिवेदन के आधार पर कार्यालयीन आदेश क्रमांक/6176/जि.पं./पंचा.प्रको./2023 बालाघाट दिनांक 20.10.2023 के द्वारा श्री योगेश हिरवाने सचिव ग्राम पंचायत को निर्वाचन पर्यन्त तक जिला पंचायत बालाघाट में संलग्न किया गया था। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत परसवाड़ा से प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार ग्राम पंचायत खरपडिया की राशि का उपयोग ग्राम पंचायत परसवाड़ा के निर्माण कार्य में नहीं किया गया है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत परसवाड़ा के द्वारा ग्राम पंचायत परसवाड़ा में सचिव द्वारा की गई अनियमितता के संबंध में प्रेषित जांच प्रतिवेदन पत्र क्रमांक 1723 दिनांक 03.03.2022 एवं पत्र क्रमांक 1876 दिनांक 23.03.2022 के आधार पर प्रकरण न्यायालय जिला पंचायत बालाघाट में पं.प्र क्र. 18 अ 89 (2) वर्ष 2022-23 पंजीबद्ध किया जाकर विचाराधीन है। न्यायालय तहसीलदार परसवाड़ा जिला बालाघाट मध्यप्रदेश रा.प्र क्रमांक/0046/अ-68/2022-23/मौजा/परसवाड़ा/पटवारी हल्का नं. 14 अंतिम पारित दिनांक 10.01.2023 के अनुसार अनावेदक भी योगेश हिरवाने पिता श्री बालकराम हिरवाने जाति कलार निवासी बघोली द्वारा ग्राम पंचायत परसवाड़ा में स्थित भूमि है। भूमि में अतिक्रमण पाये जाने से मध्यप्रदेश भू.रा.स. की धारा 248 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राशि 5000.00 रूपये अर्थदण्ड अधिरोपित कर अनावेदक को अतिक्रमण भूमि से बेदखल करने का आदेश पारित किया गया। कार्यालयीन आदेश क्रमांक/2051/जि.पं./पंचा.प्रको./2024 बालाघाट दिनांक 08.05.2024 के तहत श्री योगेश हिरवाने सचिव को ग्राम पंचायत परसवाड़ा के अतिरिक्त सचिवीय/वित्तीय प्रभार से मुक्त किया जा चुका है। कार्यालयीन पत्र क्र. 5607 दिनांक 26.11.2024 के माध्यम से लोकसेवक की नियुक्ति दिनांक से प्रश्न दिनांक तक समस्त क्रियाविधियों की जाँच की कार्यवाही की जा रही है। उल्लेखित पत्र अनुसार कार्यवाही प्रचलन में है।
निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच
[आयुष]
31. ( क्र. 172 ) श्री मधु भगत : क्या आयुष मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक शासन द्वारा शासकीय आयुर्वेद औषधालय, आयुष विंग चिकित्सालय बालाघाट, शास. आयुर्वेद औषधालय खारा, समनापुर, धापेवाडा एवं अन्य शासकीय औषधालय के निर्माण कार्य एवं अन्य कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य हेतु आवंटित की गई? तिथिवार जानकारी दस्तावेज सहित उपलब्ध करावें। (ख) संपूर्ण आवंटित राशि में से किस-किस कार्य हेतु किस-किस कार्य एजेंसी को कितना-कितना भुगतान किस माध्यम से किया गया चेक/ड्राफ्ट/नगद/आर.टी.जी.एस./अन्य तिथिवार भुगतान की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण है? कौन-कौन से कार्य अपूर्ण है? कार्य पूर्णता का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें? क्या यह सही है कि उक्त कार्यों को एस्टीमेट के आधार पर नहीं किया जा रहा है? क्या उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर गुणवत्ता की जांच की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
आयुष मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। राशि का आवंटन निर्माण एजेन्सी को संयुक्त रूप से प्रदान किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लोक सेवक के विरुद्ध की गई शिकायत
[उच्च शिक्षा]
32. ( क्र. 175 ) श्री मधु भगत : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर में वर्तमान में कुलगुरु के पद पर कौन अधिकारी या लोक सेवक पदस्थ है? उनके उच्च शिक्षा विभाग में प्राध्यापक के पद पर प्रथम नियुक्ति के समय प्रस्तुत योग्यता संबंधित अभिलेख जाति, आय, अनुभव प्रमाण पत्र इत्यादि सभी अभिलेख उपलब्ध करावे? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वर्तमान कुलगुरु की प्रथम नियुक्ति प्राध्यापक के पद पर होने के पश्चात सम्पूर्ण सेवा काल में कौन-कौन सी शिकायत विभाग को प्राप्त हुई? प्रतियाँ उपलब्ध करावे एवं उनके खिलाफ समस्त प्रकार कि, की गई जांच एवं जांच अधिकारी द्वारा लिए गए निर्णय की प्रतियाँ उपलब्ध करावे? (ग) क्या उक्त लोक सेवक के खिलाफ विभिन्न प्रकार की शिकायत शासन/प्रशासन स्तर पर प्राप्त हुई एवं उच्च अधिकारियों द्वारा शिकायतों के संबंध में निराकरण भी किया गया किस-किस शिकायत पर कौन से निराकरण/नस्तीबद्ध किए गए पूर्ण सेवाकाल की जानकारी उपलब्ध करावें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) :(क) रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर में वर्तमान में डॉ. राजेश कुमार वर्मा, प्राध्यापक (वाणिज्य) कुलगुरू के पद पर पदस्थ हैं। उनकी नियुक्ति के समय प्रस्तुत अभिलेखों में से शैक्षणिक योग्यता, जाति, अनुभव प्रमाण पत्र, अनुप्रमाणन फॉर्म एवं शपथ पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। डॉ. वर्मा की प्रथम नियुक्ति से संबंधित संधारित नस्ती में आय प्रमाण पत्र अप्राप्त है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
टीकमगढ़ जिले में मजदूरों का पलायन
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
33. ( क्र. 179 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले में मनरेगा योजना में मजदूरों को मजदूरी का सही समय पर भुगतान न होने एवं मजदूरी कम होने के कारण मजदूर जिले से महानगरों की ओर पलायन करते हैं? (ख) क्या जिले को मात्र 10 प्रतिशत राशि जारी की गई है? निर्माण कार्यों की शेष राशि भुगतान न होने से भी मजदूरों को पलायन करना पड़ता है, रोजगार उन्मूलक कार्य कम स्वीकृत किये जाते है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) वर्तमान में टीकमगढ़ जिले के प्रत्येक ग्रामों में कितने कार्य स्वीकृत है? क्या 60 प्रतिशत मजदूरी 40 प्रतिशत सामग्री का पालन किया गया है यदि नहीं, तो क्यों? क्या अनुपात हीन काम स्वीकृत करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? (घ) वर्तमान में टीकमगढ़ जिले में कितने कार्यों के भुगतान बकाया है? संपूर्ण भुगतान कब तक करा दिया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) मनरेगा योजनांतर्गत भारत सरकार, ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा अधिसूचित अकुशल मजदूरी दर तथा मजदूरों द्वारा किये गये कार्य के आधार पर जॉबकार्डधारी श्रमिकों को मजदूरी भुगतान किया जाता है। टीकमगढ़ जिले में निर्धारित मजदूरी दर तथा मजदूरों द्वारा किये गये कार्य के आधार पर समय पर भुगतान किया जा रहा है। जिला टीकमगढ़ में मनरेगा अंतर्गत मजदूरी प्राप्त न होने के कारण पलायन की स्थिति परिलक्षित नहीं हुई है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) जिले में ग्रामों/ग्राम पंचायतों में स्वीकृत कार्यों कि जानकारी nrega portal (www.nrega.nic.in) MIS report R 6.12 में उपलब्ध है। जिला टीकमगढ़ में मनरेगा योजना के प्रावधान अनुसार वित्तीय वर्षों में जिले स्तर पर 60:40 श्रम सामग्री अनुपात का पालन किया गया है। विगत 05 वर्षों में जिले में सामग्री अनुपात 40 % से कम रहा है। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) जिले में कुल 2056 कार्यों का भुगतान लंबित है। भारत सरकार से सामग्री मद में राशि प्राप्त होने पर राज्यांश सहित राशि आहरित कर राज्य स्तरीय नोडल खाते में जमा की जाती है। खाते में राशि की उपलब्धता अनुसार एवं जिलों में सामग्री मद की लंबित देयता के दृष्टिगत जिलों को व्यय किये जाने की अनुमति प्रदान की जाती है। यह एक सतत् प्रक्रिया है।
ग्राम पंचायतों द्वारा शासकीय गौचर भूमि का अनुबंध
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
34. ( क्र. 183 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि ग्राम पंचायत चरपुवां में खसरा क्रमांक 2/1, 3/1 रकवा 21.170 हेक्टेयर गौचर भूमि ग्राम पंचायत सचिव एवं सरपंच ने कार्बन अधिकार समझौता कर सी.आई.पी.एल हरीतिका को 40 वर्ष के लिए लेख कर दिया? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या इस प्रकार गौचर भूमि को किसी प्राईवेट कंपनी को देने का अधिकार ग्राम पंचायतों को है यदि हाँ, तो नियम सहित बतावें? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) नहीं तो क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित समझौता कर्ताओं ने छल-कपट पूर्वक गौचर भूमि हड़पने का षड़यंत्र तो नहीं किया? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित तथ्यों पर कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) हाँ, यह सही है कि ग्राम पंचायत चरपुवां के सरपंच/सचिव द्वारा हरीतिका संस्था को गौचर भूमि का अनुबंध किया गया है। (ख) ऐसे नियम नहीं है। (ग) जांच की जाएगी। (घ) जांच कर कार्यवाही की जाएगी, समय-सीमा बताना संभव नहीं।
ई.ओ.डब्ल्यू. को न्यायालय में अभियोजन चलाने की स्वीकृति
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
35. ( क्र. 195 ) श्री महेश परमार : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में पंजीबद्ध प्रकरण क्रमांक 11/18 की विवेचना उपरांत आरोप प्रमाणित पाए जाने पर, प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड भोपाल से महानिदेशक ने पत्र क्रमांक/पीएस/डीजी/188/2021 भोपाल दिनांक 02/11/21 द्वारा न्यायालय में चालान पेश करने के लिए विभागीय अभियोजन चलाने की स्वीकृति मांगी थी? (ख) क्या कारण हैं कि प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड भोपाल ने 02/11/2021 से लंबित पत्र पर ई.ओ.डब्ल्यू. को न्यायालय में अभियोजन चलाने की अनुमति प्रश्न दिनांक तक प्रदाय नहीं की? (ग) क्या प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड भोपाल को क्रमशः दिनांक 30/07/21, दिनांक 23/09/21, दिनांक 02/11/21 को निरंतर पत्र ई.ओ.डब्ल्यू. महानिदेशक से प्राप्त होने के उपरांत भी उनके प्रस्तावों पर, न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत करने हेतु अभियोजन चलाने, चालान पेश करने की अनुमति नहीं दी जा रही हैं? क्या प्रबंध संचालक अपचारी अधिकारियों को संरक्षण प्रदान करने के पक्ष में हैं? यदि नहीं, तो प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड भोपाल द्वारा उक्त तीनों पत्रों पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की है? उनकी नोट शीट, आदेश, निर्देश एवं अन्य अनुषांगिक अभिलेखीय प्रमाण उपलब्ध कराते हुए बताएँ की ई.ओ. डब्लू. को अनुमति कब तक दी जायेगी?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल के आदेश दिनांक 23.02.2023 से अभियोजन की स्वीकृति दी जा चुकी है। (ग) उत्तरांश (ख) के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
जबलपुर को संबल योजना के तहत आवंटित राशि
[श्रम]
36. ( क्र. 207 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन ने जिला जबलपुर को संबल योजना के तहत कितनी-कितनी राशि आवंटित की है एवं कब से कितनी राशि आवंटित नहीं की है एवं क्यों? कितने-कितने पात्र हितग्राहियों को कितनी-कितनी राशि वितरित की गई तथा कितने हितग्राहियों को कब से कितनी राशि नहीं दी हैं एवं क्यों? वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में कितने-कितने श्रमिक परिवारों के कितने-कितने सदस्यों की आकस्मिक दुर्घटना, हादसे में तथा कितने सदस्यों की सामान्य मृत्यु हुई हैं। दुर्घटनाओं में कितने-कितने श्रमिक स्थाई रूप से आंशिक या अस्थायी रूप से अपंग हुये हैं। संबल योजना के तहत कितने-कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुये हैं। इनमें से कितने-कितने आवेदन पत्र स्वीकृत/अस्वीकृत किये गये हैं तथा कितने आवेदन पत्र लम्बित है? शहरी क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्रों की जनपद पंचायतवार जानकारी दें। (ग) योजना के तहत पात्र श्रमिक हितग्राहियों के कब से आवेदन पत्र नहीं लिये जा रहे हैं एवं क्यों? कितने मृतकों के परिवारजनों को कब से कितनी-कितनी राशि उनके खाते में जमा नहीं की गई है एवं क्यों? शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों की पृथक-पृथक जानकारी दें।
श्रम मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) संबल योजना के अंतर्गत उल्लेखित समय-सीमा में जिला स्तर अथवा निकाय स्तर पर सीधे राशि आवंटित नहीं की गयी है। निकाय द्वारा जारी किये गये भुगतान आदेशों के आधार पर मंडल द्वारा 2020-21 से 2024-25 तक कुल 8043 हितग्राहियों को कुल रू. 171 करोड़ 61 लाख की अनुग्रह सहायता राशि सीधे हितग्राही के बैंक खातों में सिंगल क्लिक के माध्यम से वितरित की गई है एवं 1866 प्रकरण स्वीकृत किये जा चुके है। मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना अंतर्गत अनुग्रह सहायता के प्रकरणों में भुगतान एक सतत् प्रक्रिया है, सिंगल क्लिक कार्यक्रम में बजट उपलब्धता अनुसार स्वीकृत एवं डिजिटल साईन प्रकरणों में मृत्यु दिनांक के क्रमानुक्रम में राशि जारी की जाती है। (ख) श्रमिक परिवारों के सदस्यों की आकस्मिक दुर्घटना/सामान्य मृत्यु/अपंगता होने संबंधी रिकॉर्ड विभाग में संधारित नहीं किया जाता है। जबलपुर जिले में संबल योजना अंतर्गत आकस्मिक दुघर्टना, सामान्य मृत्यु, आंशिक रूप से अपंग हुए श्रमिकों के वर्षवार आवेदनों संबंधी वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) संबल योजना अंतर्गत मार्च 2024 से सितम्बर 2024 तक संबल पोर्टल पर संवर्धन की कार्यवाही प्रचलित होने के कारण अनुग्रह सहायता राशि आवेदन नहीं लिये गये थे। वर्तमान में पोर्टल कार्यरत है। मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना अंतर्गत अनुग्रह सहायता के प्रकरणों में भुगतान एक सतत् प्रक्रिया है, सिंगल क्लिक कार्यक्रम में बजट उपलब्धता अनुसार स्वीकृत एवं डिजिटल साईन प्रकरणों में मृत्यु दिनांक के क्रमानुक्रम में राशि जारी की जाती है। अनुग्रह सहायता राशिसंबंधी वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ब अनुसार है।
डी.ए.पी. एवं यूरिया खाद की मांग एवं आपूर्ति
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
37. ( क्र. 208 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन को केन्द्रीय शासन ने डबल लॉक डी.ए.पी. खाद कब-कब, कितनी-कितनी मात्रा में भेजी है तथा कब से कितनी-कितनी मात्रा में नहीं भेजी है एवं क्यों? मांग और आपूर्ति बतलावें। प्रदेश शासन किसानों को कितने मीट्रिक टन डी.ए.पी. एवं यूरिया खाद की आपूर्ति करने में विफल रहा है एवं क्यों? जिलावार कितनी-कितनी मात्रा में डी.ए.पी. खाद का प्रदाय किया गया? इसकी वितरण स्तर पर क्या व्यवस्था की गई? जिलावार मांग और आपूर्ति की जानकारी दें। वर्ष 2023-24 से 2024-25 तक की जानकारी दें। (ख) जिला जबलपुर को डबल लॉक डी.ए.पी. का कब-कब कितनी-कितनी मात्रा में प्रदाय किया गया तथा किन-किन डबल लॉक वेयर हाउस विपणन सहकारी समितियों को कितनी-कितनी मात्रा में भेजा गया? कितनी-कितनी मात्रा में वितरित किया गया? मांग और आपूर्ति की क्या स्थिति रही? खरीफ एवं रबी सीजनवार की जानकारी दें। (ग) जिला प्रशासन जबलपुर, कृषि विभाग एवं जिला विपणन संघ के अधिकारियों ने डी.ए.पी. खाद का सुव्यवस्थित वितरण बनाये, काला बजारी को रोकने हेतु कब-कब, किस-किस अधिकारी ने कहाँ-कहाँ पर जांच एवं छापामार कार्यवाही में क्या-क्या अनियमितताएं पाई गई है एवं कहाँ-कहाँ से कितनी-कितनी मात्रा में डी.ए.पी. खाद पकड़ा गया और किस-किस पर कब-कब क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) भारत सरकार द्वारा मार्कफेड के डबल लॉक केंद्रों को डी.ए.पी. आवंटन नहीं किया जाता है। प्रदेश में प्राप्त डी.ए.पी. में से मार्कफेड को उपलब्ध कराई गई मात्रा की म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। प्रदेश में उपलब्धता अनुसार किसानों को आवश्यकतानुसार डी.ए.पी.+एन.पी.के., यूरिया उर्वरकों की आपूर्ति कराई गई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। डी.ए.पी. की जिलावार आंकलित आवश्यकता एवं उपलब्धता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 2 अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 1 अनुसार है। (ख) जबलपुर जिले में प्राप्त रैक से डबल लॉक को उर्वरक का आवंटन जोनल मेनेजर मार्कफेड द्वारा जिले की आवश्यकता एवं मांग अनुसार किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 3 अनुसार है। (ग) जबलपुर जिले में कालाबाजारी एवं अन्य अनियमितता पाये जाने पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 4 अनुसार है।
बीज उत्पादक संस्था द्वारा बीज प्रमाणीकरण
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
38. ( क्र. 234 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक किस-किस कैटेगरी की प्रमुख बीज उत्पादक संस्था ने खरीफ तथा रबी के मौसम में कितना-कितना बीज प्रमाणित कराया, संभाग अनुसार संस्था का नाम, कृषक संख्या, पंजीकृत क्षेत्र, प्रमाणित शाखा,फसल अनुसार देवें। (ख) वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक की गई विभागीय जांच की सूची, कर्मचारी/अधिकारी का नाम, कार्य क्षेत्र, जांच का विषय, जांच प्रारंभ की दिनांक, यदि जांच पर निर्णय हो गया तो उसकी दिनांक जांच पर लिया गया निर्णय सहित सूची देवें तथा बतावें कि जो जांच पूर्ण हुई उसमें कितनी जांच में कर्मचारी/अधिकारी दोषी पाये गये तथा क्या कार्यवाही की गई। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित जांचपूर्ण होकर निर्णय हो चुका हो तो उनकी समस्त प्रतिलिपि, निर्णय रिपोर्ट सहित देवें तथा बतावें कि 20 नवम्बर 2024 की स्थिति में लोकायुक्त तथा ई.ओ.डब्ल्यू. में कितने प्रकरण दर्ज हुए हैं तथा कितने विवेचना में है? (घ) संभाग अनुसार बतावें कि वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक बीज उत्पादक निजी संस्थाओं के माध्यम से उत्पादन हेतु कार्यक्रम पंजीकृत करने वाले ऐसे कितने कृषक हैं जो 5 वर्ष से अधिक वर्ष के लिये पंजीकृत हैं उन कृषकों के नाम, गांव का नाम, खसरा, रकबा, निजी संस्था का नाम सहित सूची देवें।
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक प्रमुख बीज उत्पादक संस्थाओं ने खरीफ में 5414712.00 क्विं. तथा रबी में 8106646.00 क्विं. बीज प्रमाणित कराया गया। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक की गई विभागीय जांच की सूची, कर्मचारी/अधिकारी का नाम, कार्य क्षेत्र, जांच का विषय, जांच प्रारंभ की दिनांक, जांच पर निर्णय दिनांक, जांच में लिया गया निर्णय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 2 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित जांच पूर्ण होकर निर्णय हो चुका उनकी समस्त प्रतिलिपि निर्णय रिपोर्ट सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 2 अनुसार है। 20 नवम्बर 2024 की स्थिति में लोकायुक्त तथा ई.ओ.डब्ल्यू. में एक-एक प्रकरण दर्ज है तथा विवेचनाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) बीज प्रमाणीकरण संस्था में संभाग में वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक बीज उत्पादन निजी संस्थाओं के माध्यम से बीजोत्पादन कार्यक्रम हेतु कृषक का पंजीयन कृषक के आवेदन अनुसार प्रत्येक मौसम खरीफ/रबी एवं ग्रीष्म में अलग-अलग किया जाता है। किसी भी कृषक का 5 वर्ष के लिए पंजीयन नहीं किया जाता है। प्रश्नांश का शेष भाग उपस्थित नहीं होता।
जनपद पंचायत में जनपद सदस्य निधि की जानकारी
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
39. ( क्र. 235 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रत्येक जनपद पंचायत को नियमानुसार समान सदस्य निधि प्रदान की जाती है यदि किसी जनपद में उनका पालन नहीं किया गया तो क्या कार्यवाही प्रस्तावित है उसकी प्रति देवें तथा जनपद पंचायतों में जनपद सदस्यों के लिये सदस्य निधि की नियमावली की प्रतिलिपि देवें। (ख) धार जिले की जनपद पंचायतों में वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक प्रत्येक निर्वाचित जनपद सदस्यों को कितनी-कितनी सदस्य निधि प्रतिवर्ष प्रदान की गई, प्रदान करने की दिनांक सहित सूची तथा संबधित दस्तावेज देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार सदस्य निधि को नियमानुसार प्रदान नहीं किया गया है यदि हाँ, तो क्या शेष सदस्यों को उसे प्रदान किया जायेगा? (घ) धार जिले की सरदारपुर पंचायत में वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक प्रत्येक निर्वाचित सदस्य को प्रदान की गई सदस्य निधि की वर्षवार सूची प्रदान करें, यदि समान निधि नहीं दी गई तो उसका कारण बतावें। (ड.) कार्यालय प्रमुख अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा म.प्र. के पत्र क्र. 4257/22/वी-10/ग्रायांसे/2024 भोपाल दिनांक 16.06.2024 के पत्र पर क्या कार्यवाही की गई, समस्त पत्रों की छायाप्रति देवें एवं पत्र में उल्लेखित ग्राम पंचायतों के नवीन पंचायत भवन की स्वीकृति कब तक प्रदान की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी नहीं। जनपद सदस्यों को वर्तमान में सदस्य निधि दिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। ग्राम पंचायतों को 15वां वित्त आयोग की अनाबद्ध राशि, मनरेगा एवं राज्य वित्त आयोग तथा मनरेगा के अभिसरण से नवीन पंचायत भवन स्वीकृत किये जाने के निर्देश हैं, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अंशपूंजी सहायता राशि उपलब्ध कराई जाना
[सहकारिता]
40. ( क्र. 242 ) श्री महेंद्र रामसिंह यादव : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित शिवपुरी शाखा कोलारस में विगत 02 वर्ष पूर्व हुए गबन के कारण बैंक के अमानतदारों द्वारा लगातार राशि के आहरण से बैंक में वित्तीय तरलता की भारी कमी हो गयी है व बैंक गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहा है? किसानों/अमानतदारों की लगभग 300 करोड़ रू. की जमा पूंजी में से गबन पश्चात मात्र 33 करोड़ का भुगतान ही हो पाया है? उनकी जमा पूंजी का आहरण गंभीर बीमारियों एवं शादी विवाह हेतु भी नहीं हो पा रहा है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार बैंक की आर्थिक स्थिति को देखते हुए कलेक्टर शिवपुरी, बैंक प्रशासकों व जनप्रतिनिधियों द्वारा माननीय मुख्यमंत्री, सहकारिता मंत्री, प्रमुख सचिव एवं आयुक्त, सहकारिता एवं पंजीयक संस्थाओं को बैंक को अंशपूंजी सहायता राशि उपलब्ध कराये जाने हेतु कौन-कौन से पत्र कब-कब प्रेषित किये गये व उन पत्रों पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गयी? पत्रवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार क्या जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शिवपुरी को शासन द्वारा अंशपूंजी सहायता राशि उपलब्ध कराये जाने हेतु कोई प्रस्ताव वित्त अथवा सहकारिता विभाग में विचाराधीन है? यदि हाँ, तो उसकी अद्यतन स्थिति से अवगत करावें व अंशपूंजी बैंक को कब तक उपलब्ध करा दी जावेगी?
सहकारिता मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) जी हाँ। दिनांक 30.11.2024 की स्थिति पर किसानों/अमानतदारों की रू. 295.00 करोड़ की जमा राशि में से गबन पश्चात रू. 38.75 करोड़ का भुगतान किया गया है। गंभीर बीमारियों एवं शादी विवाह हेतु बैंक द्वारा राशि का भुगतान उपलब्ध तरल राशि के आधार पर किया जा रहा है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। शासन द्वारा खातेदारों को भुगतान हेतु कोई आवंटन नहीं दिया जाता है। बैंक के प्रस्ताव में घटनाओं की पुनरावृत्ति न होने के स्पष्ट प्रावधान न होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार योजनांतर्गत दैनिक मजदूरी में बढ़ोत्तरी
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
41. ( क्र. 244 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार योजना के अंतर्गत दी जाने वाली दैनिक मजदूरी में विगत पांच वर्षों में कितनी बढ़ोत्तरी हुई है? वर्ष 20-21 से वर्ष 24-25 तक के वर्षों में प्रत्येक वर्ष में कितनी-कितनी दैनिक मजदूरी निर्धारित की गई थी? (ख) वर्तमान में प्रदेश में महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार योजना के अंतर्गत कितनी दैनिक मजदूरी और कितने दिन काम दिया जा रहा है? (ग) हरियाणा, आंध्रप्रदेश, केरल, कर्नाटका और पंजाब में दी जाने वाली दैनिक मजदूरी की तुलना में यह कितनी कम या अधिक है? (घ) क्या राज्य सरकार को इस योजना के अंतर्गत दी जाने वाली दैनिक मजदूरों में बढ़ोत्तरी करने का अधिकार है? यदि हाँ, तो क्या राज्य सरकार अन्य राज्यों के बराबर मजदूरी देने पर विचार करेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) प्रदेश में महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार योजना के अंतर्गत दी जाने वाली दैनिक मजदूरी में विगत पांच वर्षों में कितनी हुई बढ़ोत्तरी का वर्षवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ख) वर्तमान में प्रदेश में महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार योजना के अंतर्गत दैनिक मजदूरी रूपये 243/- है। कार्य के मूल्यांकन के आधार पर औसत मजदूरी दर रू. 230.34 है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में दिनांक 26.11.2024 तक अकुशल श्रम की मांग के आधार पर वर्तमान में औसत 37.93 दिवस प्रति परिवार को कार्य दिया जा चुका है। (ग) हरियाणा, आंध्रप्रदेश, केरल, कर्नाटका और पंजाब में दी जाने वाली दैनिक मजदूरी का तुलनात्मक विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -'ब' पर है। (घ) महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत प्रत्येक वर्ष मजदूरी दर का निर्धारण भारत सरकार ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा किया जाता है। राज्य शासन में मनरेगा अंतर्गत मजदूरी में वृद्धि का प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। मनरेगा अंतर्गत मजदूरी में वृद्धि का प्रस्ताव पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट –'स' अनुसार केन्द्र सरकार को भेजा गया है।
मनरेगा योजनांतर्गत पूर्ण एवं अपूर्ण निर्माण कार्यों की जानकारी
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
42. ( क्र. 252 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र 24 पोहरी के अंतर्गत वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक जनपद एवं आरईएस द्वारा मनरेगा के अंतर्गत स्वीकृत निर्माण कार्यों के नाम, दिनांक, लागत एवं उन कार्यों पर कितना-कितना व्यय हुआ है, पूर्ण/अपूर्ण कार्यों की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में जनपद एवं आरईएस द्वारा मनरेगा अंतर्गत निर्माण कार्य किस-किस सर्वें नं. पर कराये गये हैं, सूची मय सर्वें नं. सहित उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के क्रम में जनपद एवं आरईएस विभाग द्वारा मनरेगा अंतर्गत कराये गये निर्माण कार्यों पर कितनी-कितनी मजदूरी भुगतान की गई, ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावें एवं निर्माण कार्यों में उपयोग की गई सामग्री कहाँ-कहाँ से क्रय की गई, उन सभी दुकानदारों (वेण्डरों) के भुगतान बिलों की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करायी जावे। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के क्रम में अपूर्ण कार्यों पर अनुचित रूप व्यय किए जाने के उपरांत शासन को कितनी राशि की वित्तीय हानि हुई तथा इसमें मुख्यत: कौन-कौन अधिकारी एवं कर्मचारी दोषी हैं, जानकारी दी जावे? क्या विभाग द्वारा दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जावेगी, यदि हाँ, तो, कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? अपूर्ण कार्यों को पूर्ण न कराने में दोषी सरपंच, सचिव, सहायक यंत्री या उपयंत्री के विरूद्ध वरिष्ठ अधिकारी द्वारा कोई कार्यवाही की गयी, यदि हाँ, तो जानकारी दें। यदि नहीं, तो कारण बतावें।
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है निर्माण कार्यों में उपयोग की गई सामग्री का भुगतान डिजिटल रूप से पोर्टल के माध्यम से किया जाता है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के क्रम में वर्तमान में अपूर्ण कार्य प्रगतिरत है। किसी भी कार्य पर अनुचित रूप से व्यय किये जाने की कोई शिकायत संज्ञान में नहीं आई है। वित्तीय हानि न होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शिवपुरी में हुए घोटाले की राशि वसूली
[सहकारिता]
43. ( क्र. 253 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शिवपुरी में हुए घोटाले में जांच उपरांत दोषी पाये गये अधिकारियों/कर्मचारियों एवं घोटाले में संलिप्त अन्य व्यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो, क्या-क्या कार्यवाही कब-कब, किन-किन के प्रति की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार चिन्हित दोषियों से कितनी-कितनी राशि कब वसूली की गई, वसूली योग्य शेष राशि की वसूली हेतु वर्तमान में क्या कार्यवाही की जा रही है तथा शेष राशि की वसूली कब तक, किस माध्य्म से की जावेंगी? (ग) घोटाले से प्रभावित खाता धारकों/कृषकों की भुगतान हेतु कितनी राशि भुगतान किया जाना शेष है? उक्त राशि संबंधितों को कब-तक भुगतान कर दी जाएंगी? (घ) दोषियों की चिन्हित संपत्तियों की नीलामी की कार्यवाही कब तक की जाएगी तथा खाता धारकों की जमा राशि कब-तक भुगतान कर दी जावेगी? (ङ) जिस अवधि में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शिवपुरी में घोटाले के माध्यम से राशि अवैधानिक रूप से अयोग्य खातों में बहुत बड़ी मात्रा में भुगतान होती रही ऐसी राशि का भुगतान शाखा प्रबंधक एवं महा प्रबंधक द्वारा रोकने की क्या कार्यवाही की, यदि नहीं, की तो, इनके विरूद्ध आपराधिक प्रकरण कब दर्ज कराया, यदि नहीं, कराया तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) जी हाँ। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शिवपुरी की शाखा कोलारस, करैरा तथा बैराड़ में हुए गबन घोटाले में दोषी पाये गये 22 कर्मचारियों/अधिकारियों एवं एक अन्य व्यक्ति के विरूद्ध पुलिस थाने में प्रकरण पंजीबद्ध कराये गये हैं। दोषी कर्मचारियों/अधिकारियों से गबन की राशि की वसूली हेतु न्यायालय उप पंजीयक सहकारी संस्थाएँ शिवपुरी में मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 1960 की धारा 64 के अंतर्गत प्रकरण दायर किया गया। न्यायालय द्वारा आदेश दिनांक 19.12.2023 से राशि रू. 80.60 करोड़ की संयुक्त डिक्री दोषियों के विरूद्ध जारी की गयी है। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शिवपुरी के दोषी कर्मचारियों के विरूद्ध की गयी कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। म.प्र. राज्य सहकारी बैंक के कैडर के अधिकारियों के विरूद्ध की गयी कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के अनुसार गबन प्रकरण की जांच के दौरान राशि रूपये 2.29 करोड़ की वसूली हुई है। न्यायालयीन आदेश दिनांक 19.12.2023 में राशि रूपये 80.60 करोड़ की वसूली की डिक्री के विरूद्ध जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के कर्मचारियों की ओर से माननीय न्यायालय म.प्र. राज्य सहकारी अधिकरण भोपाल तथा माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर में याचिकाएँ दायर की गई हैं। न्यायालयीन निर्णय के परिप्रेक्ष्य में अंतिम आदेश तक संबंधित तहसीलदारों द्वारा वसूली की कार्यवाही स्थगित रखी गई है। (ग) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित शिवपुरी के खाताधारक/कृषकों की भुगतान योग्य अमानत राशि रू. 295.00 करोड़ शेष है। उक्त राशि का भुगतान संबंधितों को बैंक ऋणों की वसूली से किया जा सकेगा। न्यायालयीन स्थगन के कारण समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (घ) न्यायालयीन स्थगन के कारण निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ड.) गबन अवधि में पदस्थ शाखा प्रबंधक एवं महाप्रबंधक के विरूद्ध पुलिस थाना में आपराधिक प्रकरण दर्ज कराये गये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनियमितता पर की गई कार्यवाही की जानकारी
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
44. ( क्र. 254 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला उप संचालक कृषि विकास एवं संचालक आत्मा परियोजना भ्रष्टाचार की जांच प्रतिवेदन कार्यालय कलेक्टर जिला अनूपपुर का पत्र क्रमांक 3194/अ. कले/शिकायत/जांच/2024 अनूपपुर दिनांक 16/7/2024 के तहत अपर मुख्य सचिव मध्य प्रदेश शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल को भेजा गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार श्री एन. डी.गुप्ता उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विभाग एवं परियोजना संचालक आत्मा जिला अनूपपुर द्वारा जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर डी.एम.एफ से प्राप्त राशि का दुरुपयोग पाए जाने पर निलंबन किए जाने का प्रस्ताव कलेक्टर द्वारा भेजा गया प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही की छायाप्रति देवेंl (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार श्री एन.डी.गुप्ता को निलंबित किया गया या नहीं? यदि नहीं, किया गया हो तो कारण बताएं। (घ) क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार भ्रष्टाचार सत्य पाए जाने पर कलेक्टर जिला अनूपपुर के पत्र क्रमांक 3194/अ. कले/शिकायत/जांच/2024 दिनांक 16/07/24 के तहत महानिदेशक आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (म. प्र.) E O W भवन अरेरा हिल्स भोपाल भेजा गया था? प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) वर्तमान में श्री गुप्ता निलंबित नहीं है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) कलेक्टर जिला अनूपपुर के पत्र क्रमांक 3193/अ.कले./शिकायत/ जांच/2024 दिनांक 16.07.2024 से महानिदेशक आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ई.ओ.डब्ल्यू.) भवन अरेरा हिल्स भोपाल को भेजा गया है। कार्यवाही ई.ओ.डब्ल्यू. से संबंधित है।
बीज वितरण की जानकारी
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
45. ( क्र. 255 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में वर्ष 2024 रबी फसल हेतु नि:शुल्क एवं शुल्क सहित किन-किन बीजों का विभाग द्वारा वितरण किया गया है, नाम सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार नि:शुल्क बीज किन-किन कृषकों को दिया गया है? उनका नाम पता सहित प्रदाय मात्रा, बीज का नाम, वितरण की तारीख बतावें। (ग) क्या कृषि विभाग द्वारा किसानों की भूमि का परीक्षण (मृदा परीक्षण) कराया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन किसानों के? नाम पता सहित जानकारी देवें।
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) अनूपपुर जिले में वर्ष 2024 रबी फसल हेतु नि:शुल्क एवं शुल्क सहित बीज वितरण किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 (A) एवं 1 (B) अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार रबी फसल हेतु जिले में मसूर बीज मिनिकिट नि:शुल्क वितरित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 3 अनुसार है।
शाला भवनों की बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
46. ( क्र. 260 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंचायत राज संचालनालय द्वारा बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विभाग की योजना क्रमांक 4610 अतिरिक्त स्टॉम्प शुल्क वसूली के विरूद्ध अनुदान मद का उपमद (198) से प्राथमिक/माध्यमिक शाला भवनों के बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्य वित्तीय वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में स्वीकृति प्रदान की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो प्रथम किश्त की राशि के व्यय एवं सम्पूर्ण कार्य की उपयोगिता एवं कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र ग्राम पंचायतों द्वारा जमा करने के उपरान्त भी प्रश्न दिनांक तक शेष राशि किन कारणों से जारी नहीं की गई है? शेष राशि कब तक जारी की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2022-23 में बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विभाग की योजना क्रमांक 4610 अतिरिक्त स्टाम्प शुल्क वसूली के विरूद्ध अनुदान मद के उपमद (198) से प्राथमिक/माध्यमिक शाला भवनों के बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई थी। (ख) सक्षम अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित एवं प्रेषित उपयोगिता प्रमाण-पत्र एवं अन्य सुसंगत दस्तावेज की प्राप्ति के उपरांत बजट की उपलब्धता के आधार पर शेष राशि जारी की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्वीकृत गौशालाओं का निर्माण एवं व्यवस्था
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
47. ( क्र. 270 ) श्री भैरो सिंह बापू : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला आगर मालवा में नरेगा योजना अंतर्गत अप्रैल 2018 से आज दिनांक तक कितनी गौशालाओं की स्वीकृति हुई थी? कितनी गौशालाओं का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है कितनी गौशालाओं का निर्माण कार्य अधूरा है एवं कार्य पूर्ण नहीं होने के क्या कारण हैं? गौशालावार जानकारी देवें? आगर जिले में कुल कितनी पंजीकृत गौशाला शासकीय/अनुदान प्राप्त हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने के बाद इन गौशालाओं का संचालन किनके द्वारा किया जा रहा है नाम पता एवं मोबाईल नम्बर सहित सूची उपलब्ध करावें? वर्तमान में इनमें कितना गौवंश है? इनमें चारा भूसा, पानी, बिजली की क्या व्यवस्था है? (ग) वित्तीय वर्ष 2022-2023 से प्रश्न दिनांक तक आगर जिले की उक्त गौशालाओं को दिये गए आवंटन/सहायता/अनुदान की विस्तृत जानकारी देवें। क्या प्रतिगौवंश शासन द्वारा अनुदान राशि 20 से बढ़ाकर 40 रू की गई है यदि हाँ, तो उक्त आदेश की प्रति देवें एवं बढ़ी हुई राशि प्रश्न दिनांक तक कितनी गौशालाओं को आवंटित की गई है गौशालावार जानकारी देवें। यदि बढ़ी हुई राशि गौशालाओं को आवंटित नहीं किये जाने के क्या कारण हैं? (घ) आवारा गौवंश जो सड़कों पर विचरण कर रहे हैं जिससे की आये दिन दुर्घटना होती है इनकी रोकथाम हेतु क्या कदम उठाये जा रहे हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। पशु पालन एवं डेयरी विभाग जिला आगर मालवा से प्राप्त जानकारी अनुसार वर्तमान में प्रति गौवंश अनुदान राशि 20 रूपये से बढ़ाकर 40 रूपये का आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। (घ) पशु पालन एवं डेयरी विभाग जिला आगर मालवा द्वारा गौवंश गौशालाओं में संधारित किये जा रहें हैं, ग्राम पंचायत द्वारा गौठान बनाकर गौवंश को रखा जा रहा है एवं करीब 1200 गौवंश जो कि सड़कों पर विचरण कर रहे थे उन्हें सालरीया गो-अभ्यारण में व्यवस्थापन किया गया है।
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलपति का योग्यता संबंधी दस्तावेज
[उच्च शिक्षा]
48. ( क्र. 273 ) श्री आरिफ मसूद : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डॉ. श्री राजेश कुमार वर्मा, प्राध्यापक वाणिज्य (वर्तमान में कुलपति, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर) की उच्च शिक्षा विभाग में प्राध्यापक के पद पर प्रथम नियुक्ति के समय प्रस्तुत योग्यता संबंधी अभिलेख, जाति, आय, अनुभव प्रमाण पत्र इत्यादि सभी अभिलेख बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में श्री राजेश कुमार वर्मा, प्राध्यापक की नियुक्ति के संबंध में कोई शिकायत इत्यादि विभाग को प्राप्त हुई हो तो उसकी प्रति एवं उसमें की गई कार्यवाही के अभिलेख बतावें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) डॉ. राजेश कुमार वर्मा, प्राध्यापक, वाणिज्य (वर्तमान में कुलपति, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर) की नियुक्ति के समय प्रस्तुत अभिलेखों में से शैक्षणिक योग्यता, जाति, अनुभव प्रमाण-पत्र, अनुप्रमाणन फार्म एवं शपथ पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। डॉ. वर्मा की प्रथम नियुक्ति से संबंधित संधारित नस्ती में आय प्रमाण-पत्र अप्राप्त है। (ख) विभाग स्तर पर डॉ. राजेश कुमार वर्मा के विरूद्ध कोई शिकायत प्रचलित नहीं है।
फसल बीमा योजना क्लेम की राशि का प्रदाय
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
49. ( क्र. 278 ) श्री भैरो सिंह बापू : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में किसानों द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड, खाद बीज ऋण आदि लेते समय ही किसानों की फसलों का बीमा, संबंधित ऋणदाता संस्थाओं द्वारा करा दिया जाता है? यदि हाँ, तो जिला आगर-मालवा में कितनी राशि फसल बीमा योजनान्तर्गत वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन बीमा कंपनियों को कितनी राशि प्रीमियम की जमा करवाई गई? संस्था/बैंकवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्ष 2020 से 2024 तक खरीफ फसल आगर-मालवा जिले में किसानों की फसल के लिये किए गये बीमा के पश्चात प्राकृतिक आपदा से नष्ट हुई फसलों के विरूद्ध कितनी बीमा क्लेम राशि किसानों को प्रदाय की गई? पटवारी हल्कावार हितग्राहियों की संख्या एवं राशि के विवरण सहित जानकारी देवें। यदि नहीं, तो कब तक भुगतान करा दिया जावेगा? (ग) 2024 खरीफ फसल सोयाबीन व अन्य प्राकृतिक आपदा में नष्ट हुई फसलों का सर्वे सुसनेर विधानसभा क्षेत्र में किन-किन अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा कहाँ-कहाँ किया गया? तहसील/पटवारी हल्कावार रिपोर्ट देवें।
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत अल्पकालिक फसल ऋण लेने वाले ऋणी कृषकों का प्रीमियम संबंधित मौसम के दौरान प्रीमियम नामे करने की निर्धारित आरंभ एवं अंतिम तिथि के मध्य कृषकों का प्रीमियम बैंक द्वारा नामे किया जाता है। जिला आगर-मालवा के लिए निर्धारित बीमा कंपनी, एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इण्डिया लिमिटेड को प्रीमियम राशि जमा कराई गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत खरीफ वर्ष 2020 से खरीफ 2023-24 तक बीमा क्लेम राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। रबी 2023-24 की बीमा क्लेम राशि के भुगतान संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। खरीफ 2024 की बीमा क्लेम राशि का भुगतान योजना अनुसार प्रावधानित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत स्थानीय आपदा एवं फसल कटाई उपरांत आपदा के प्रावधान अंतर्गत समय-सीमा में सूचित करने वाले कृषकों के खेतों का सर्वे बीमा कंपनी द्वारा किया गया है। विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत तहसील आगर-मालवा में 779 कृषकों के खेतों का, तहसील बाड़ौद अंतर्गत 513 कृषकों के खेतों का, तहसील नलखेड़ा अंतर्गत 248 कृषकों के खेतों का एवं तहसील सुसनेर अंतर्गत 453 कृषकों के खेतों का सर्वे किया जा चुका है तथा क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान प्रावधानित है। आर.बी.सी.-6-4 अंतर्गत सर्वे एवं मुआवजा की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
किसानों को खाद/बीज का वितरण
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
50. ( क्र. 283 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में खाद/बीज वितरण की क्या योजना है? ग्वालियर जिले की विधानसभा 18 भितरवार को वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सा एवं कितना खाद/बीज उपलब्ध कराया गया है? क्या उपलब्ध कराया गया खाद/बीज मांग अनुसार पर्याप्त था/है? किसानों को खाद/बीज किस-किस माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ग्वालियर जिले में विकासखण्ड भितरवार अंतर्गत किस-किस माध्यम से कौन सी खाद/बीज वितरण किया गया? संस्थावार सूची उपलब्ध करायें। (ग) ग्वालियर जिले को उपलब्ध खाद में से कितनी खाद संस्थाओं को एवं कितनी खाद व्यापारियों को प्रदान की गई है? ग्वालियर जिले की जानकारी विकासखण्डवार उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (क) में उपलब्ध कराये गये खाद/बीज में से भितरवार विकासखण्ड में किसानों को कौन सा बीज कितना-कितना, किसके द्वारा वितरित किया गया? वर्ष 2023-24 से प्रश्न दिनांक तक जानकारी उपलब्ध करायें। क्या यह सही है कि क्षेत्र में खाद/बीज की कमी परिलक्षित हुई है?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) प्रदेश के समस्त जिलों में खरीफ एवं रबी मौसम में उर्वरक एवं बीज वितरण किसानों को आवश्यकतानुसार निजी विक्रेताओं एवं सहकारी संस्थाओं के माध्यम से उपलब्ध करवाया जाता है। ग्वालियर जिले के भितरवार विधानसभा में वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में उपलब्ध कराये गए उर्वरक एवं विभागीय योजना से बीज उपलब्धता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। भितरवार विधानसभा में किसानों को आवश्यकतानुसार सहकारी संस्थाओं एवं निजी विक्रेताओं द्वारा पर्याप्त मात्रा में उर्वरक एवं बीज उपलब्ध करवाया गया है। (ख) विकासखण्ड भितरवार में उर्वरक विपणन संघ के नगद विक्रय केंद्रों, सहकारी समितियों एवं निजी विक्रेताओं तथा बीज सहकारी समितियों एवं निजी विक्रेताओं के माध्यम से वितरण करवाया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) भितरवार विकासखण्ड में किसानों को वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में विभागीय योजना से वितरित किये गये बीज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। क्षेत्र में किसानों की आवश्यकता अनुसार उर्वरक एवं बीज की पूर्ति की गई है।
महाविद्यालय में नवीन संकाय एवं बाउण्ड्रीवाल निर्माण का प्रस्ताव
[उच्च शिक्षा]
51. ( क्र. 284 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में संचालित स्नातक एवं स्नातकोत्तर महाविद्यालयों में वर्ष 2024-25 में नवीन संकाय/विषय प्रारंभ कराये जाने का लक्ष्य रखा गया है? नवीन संकाय/विषय प्रारंभ हेतु कितने प्रस्ताव किस-किस माध्यम से शासन/विभाग को प्राप्त हुये हैं? (ख) क्या ग्वालियर जिले की भितरवार विधानसभा क्षेत्र में संचालित महाविद्यालयों में नवीन संकाय/विषय प्रारंभ करने एवं घाटीगांव में नवीन महाविद्यालय प्रारंभ करने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो प्रस्ताव अनुसार नवीन संकाय/विषय एवं नवीन महाविद्यालय कब तक प्रारंभ किये जायेंगे? (ग) क्या भितरवार विधानसभा क्षेत्र के शासकीय महाविद्यालय भितरवार की बाउण्ड्रीवाल निर्माण का प्रस्ताव विभाग को प्राप्त हुआ है? यदि हाँ, तो कब एवं कितनी राशि का? (घ) प्रश्नांश (ग) में प्राप्त प्रस्ताव कब तक स्वीकृत किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? समय-सीमा बतायें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी नहीं। विभागीय मापदण्डों की पूर्ति होने पर शासकीय महाविद्यालयों में आवश्यकतानुसार स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर पर नवीन संकाय/नवीन विषय प्रारंभ किए जाते हैं। जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) जी हाँ। प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ, दिनांक 23.10.2024 को शासकीय महाविद्यालय में बाउण्ड्रीवाल निर्माण हेतु राशि रूपये 1075.85 लाख का प्रस्ताव स्थाई वित्तीय समिति में शामिल किया गया है। प्रकरण में वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार निर्णय लिया जावेगा। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
डी.ए.पी., रासायनिक खाद तथा बीज का भंडारण एवं वितरण
[सहकारिता]
52. ( क्र. 288 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के सभी जिलों में वर्ष 2023-24 एवं वर्ष 2024-25 में प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं में कितने मेट्रिक टन डी.ए.पी. एवं अन्य रासायनिक खाद एवं बीज का भंडारण और वितरण किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में वर्ष 2023-24 एवं वर्ष 2024-25 में कितने किसानों को कितनी मात्रा का यूरिया और अन्य सभी प्रकार के रासायनिक खाद और बीज बिक्री किए गए? वर्षवार एवं जिलेवार जानकारी प्रदाय करें।
सहकारिता मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) प्रदेश के सभी जिलों में वर्ष 2023-24 एवं वर्ष 2024-25 (दिनांक 22.11.2024 तक) में प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं में निम्नानुसार डी.ए.पी. एवं अन्य रासायनिक खाद तथा बीज का भंडारण एवं वितरण किया गया :-
वर्ष |
डी.ए.पी. एवं अन्य रासायनिक खाद (लाख मे. टन) |
बीज (लाख क्विंटल) |
||
भंडारण |
वितरण |
भंडारण |
वितरण |
|
2023-24 |
26.63 |
23.64 |
1.03 |
1.03 |
2024-25 (दिनांक 22.11.2024 तक) |
21.64 |
19.64 |
0.83 |
0.69 |
(ख) वर्षवार एवं जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है।
आर.ई.एस. द्वारा किए गए अनुबंध
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
53. ( क्र. 291 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आर.ई.एस. डिवीजन मनावर के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों के टेंडर की प्रक्रिया में जो एग्रीमेंट किए गए हैं, जिसमें शासन के नियम अनुसार 15 प्रतिशत Below के बाद में ठेकेदार के द्वारा जो अधिक प्रतिशत का Below डाला जाता है, उसकी अतिरिक्त राशि की एफ.डी.आर. या बैंक गारंटी ठेकेदारों द्वारा विभाग को उपलब्ध करवाई गई है या नहीं? उसका भौतिक सत्यापन विभाग के एक्जिक्यूटिव इंजीनियर द्वारा वेरिफाई करके उपलब्ध करावें। (ख) मनावर विधानसभा के लिए विभाग ने गत दो वर्षों में किस-किस कार्य का कितनी-कितनी लागत का टेंडर जारी किया है, वह टेंडर किस रेट पर किसे आवंटित किया, उसका किस दिनांक को अनुबंध किया है, किस दिनांक को कार्य आदेश जारी कर समय-सीमा क्या निश्चित की गई? (ग) किस दिनांक को किए गए टेंडर के आधार पर प्रश्नांकित दिनांक तक की किस-किस कार्य का अनुबंध किन-किन कारणों से नहीं किया गया, दो वर्षों में किए गए टेंडर में से कौन-कौन सा कार्य प्रश्नांकित दिनांक तक प्रारंभ नहीं किया? निर्माण एजेंसी के नाम-पते सहित बतावें। (घ) किस टेंडर के कितने कार्य के लिए प्रश्नांकित दिनांक तक कितनी राशि का अनुबंधकर्ता को भुगतान किया है, उसमें से किस-किस मद की कितनी-कितनी राशि का किन कारणों से भुगतान नहीं किया, किस अनुबंधकर्ता द्वारा किए गए कितने कार्य का बिल भुगतान करना शेष है, बिल का भुगतान कब तक किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (घ) प्रश्न दिनांक तक अनुबंधकर्ता को 02 निर्माण कार्यों का भुगतान किया गया है। किसी भी मद के भुगतान हेतु ठेकेदार के देयक लंबित नहीं हैं। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
पेसा कानून एवं पेसा नियम 2022 के प्रावधान
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
54. ( क्र. 292 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पेसा कानून 1996 की धारा 4 (क) एवं धारा 4 (ग) में क्या प्रावधान है, इनके अनुसार पेसा नियम 2022 के किस-किस नियम में क्या प्रावधान है, राज्य की किस-किस जनजातीय समुदाय से संबंधित किस-किस रूढ़ी एवं परम्परा को शासन ने किस दिनांक को मान्यता दी है? प्रति सहित बतावें। (ख) पेसा कानून एवं पेसा नियम के सफल क्रियान्वयन के लिए किस-किस मद से किस-किस श्रेणी के किस वेतन पर कितने कर्मचारी, सहयोगी, कार्यकर्ता या अन्य किसी नाम से कितने लोग कार्यरत हैं, इनमें कितनी महिलाएं हैं? जिलेवार बताएं। (ग) नियुक्त या पदस्थ किस श्रेणी के पुरूष एवं महिलाओं को क्या-क्या कार्य पेसा कानून 1996 एवं पेसा नियम 2022 के अनुसार सौंपा गया है? इस संबंध में शासन द्वारा बनाए गए मैनुअल या प्रावधान या परिपत्र की प्रति सहित बतावें।
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। पेसा नियमों के अंतर्गत ग्राम सभा स्तर पर जनजातीय समुदाय से संबंधित रूढ़ी, परंपराओं आदि का संरक्षण प्रावधानित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है।
कृषि उपज मंडियों में स्थापित धर्मकांटा
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
55. ( क्र. 298 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले की कृषि उपज मंडियों में कहाँ-कहाँ धर्मकांटे लगे हुये हैं, किस एजेंसी द्वारा इन्हें लगाया गया है एवं यह कब से स्थापित हैं? इनके साथ किये गये एग्रीमेंट की छायाप्रति सहित मण्डीवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) उक्त धर्मकांटों की किसानों से कब-कब शिकायतें प्राप्त हुई हैं तथा उनका विभाग द्वारा क्या निराकरण किया गया? शिकायतों एवं निराकरण संबंधी दस्तावेजों की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ग) क्या इन धर्मकांटा संचालकों को सेवा शर्तों का पालन न करने के संबंध में नोटिस जारी किये गये, क्या कभी इन पर कोई जुर्माना अधिरोपित किया गया? क्या इन्हें कोई चेतावनी दी? यदि हाँ, तो उक्त की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (घ) क्या धर्मकांटा संचालकों द्वारा मनमाने ढंग से तौल की जा रही है? आये दिन किसानों द्वारा शिकायतें की जा रही हैं। इन प्राईवेट संचालकों द्वारा मण्डी की बाउण्ड्री तोड़कर किसानों को आने के लिये बाध्य करने का काम किया जा रहा है। यदि नहीं, तो सेवढ़ा मण्डी की बाउण्ड्री एवं इसके समीप धर्मकांटे के मध्य टूटी हुई दीवार की जांच कराई जावे।
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) दतिया जिले की कृषि उपज मण्डी समितियों में स्थापित तौलकांटों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है एवं एग्रीमेंट की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) दतिया जिले के अंतर्गत मण्डी समिति दतिया एवं भांडेर में उक्त धर्मकांटों की किसानों से कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। कृषि उपज मण्डी समिति सेवढ़ा की उपमण्डी इंदरगढ़ में मेसर्स सूर्या फिलिंग सेंटर गांधी धर्मकांटा की तौल में अंतर की शिकायत प्राप्त होने पर मण्डी समिति द्वारा धर्मकांटा संचालक को पत्र-54 दि. 13.04.2023 से तौल में अंतर के संबंध में स्पष्टीकरण जारी किया गया था। संबंधित तौलकांटा संचालक के उत्तर दिनांक 18/4/2023 के आधार पर मण्डी समिति सेवढ़ा द्वारा भविष्य में पुनरावृत्ति न किये जाने हेतु पत्र क्र./मण्डी/2023-24/104 दि. 11.05.2023 द्वारा सचेत किया जाकर प्रकरण का निराकरण किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) जी हाँ। मण्डी समिति सेवढ़ा की उपमण्डी इंदरगढ़ में अनुविभागीय अधिकारी/भारसाधक अधिकारी मण्डी समिति सेवढ़ा अधिकारी के पत्र क्रमांक/मण्डी/24-25/56 दिनांक 12.04.2024 से मेसर्स सूर्या फिलिंग सेंटर गांधी धर्मकांटा इंदरगढ़ को तौलकांटे में पाई गई कमियों के सम्बन्ध में बी.ओ.टी. तौलकांटा अनुबंध के क्रमांक 9, 12, 17 एवं 22 के उल्लंघन के सम्बन्ध में नोटिस जारी किये गए। जिसका जवाब संबंधित तौलकांटा संचालक द्वारा दिनांक 15.04.2024 को प्रस्तुत किया गया। जवाब से संतुष्ट होकर अनुविभागीय अधिकारी/भारसाधक अधिकारी मण्डी समिति सेवढ़ा द्वारा अपने पत्र क्रमांक/मण्डी/24-25/69 दिनांक 25.04.2024 से भविष्य में सचेत रहने की चेतावनी देते हुए प्रकरण समाप्त किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) उत्तर प्रश्नांश "ख" अनुसार है। तौलकांटा संचालक के द्वारा मण्डी समिति दतिया, भांडेर एवं सेवढ़ा की उपमण्डी इंदरगढ़ की कोई बाउण्ड्री नहीं तोड़ी गई है, जिससे शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
प्रदेश में गेहूँ एवं सोयाबीन के उत्पादन की जानकारी
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
56. ( क्र. 317 ) श्री उमंग सिंघार : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2019-20 से लेकर वित्तीय वर्ष 2023-24 तक पांच वर्षों में प्रति वर्ष कितना-कितना गेहूँ एवं सोयाबीन का उत्पादन हुआ? (ख) क्या उपरोक्त अवधि में प्रदेश में गेहूँ एवं सोयाबीन के उत्पादन में गिरावट आई है? (ग) यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है? (घ) सरकार किसानों को गेहूँ एवं सोयाबीन का उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए क्या कदम उठाए हैं?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2019-20 से लेकर वित्तीय वर्ष 2023-24 तक पांच वर्षों में प्रति वर्ष गेहूँ, सोयाबीन के उत्पादन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उक्त अवधि में गेहूँ फसल के उत्पादन में गिरावट आई है, लेकिन गेहूँ के उत्पादकता में कोई कमी नहीं आई है। सोयाबीन फसल के उत्पादन में वृद्धि हुई है। (ग) उक्त अवधि में गेहूँ फसल के रकबे में कमी होने के कारण कुल उत्पादन में भी कमी आई है, किन्तु उत्पादकता बढ़ रही है। (घ) खाद्य एवं पोषण सुरक्षा योजना केन्द्र प्रवर्तित योजना हैं, 60% केन्द्रांश एवं 40% राज्यांश योजना संचालित हैं। योजना अंतर्गत गेहूँ का कार्यक्रम प्रदेश के 17 जिलों में संचालित हैं, जिसमें किसानों को फसल प्रदर्शन, बीज वितरण, INM/IPM, कृषि यंत्र एवं सिंचाई यंत्र पर अनुदान के रूप में सहायता प्रदान की जा रही हैं। जिससे कि गेहूँ के उत्पादन में वृद्धि की जा सके। नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल-ऑयल सीड केन्द्र प्रवर्तित योजना हैं, 60% केन्द्रांश एवं 40% राज्यांश योजना संचालित हैं। योजना अंतर्गत सोयाबीन का कार्यक्रम प्रदेश के सम्पूर्ण जिलों में संचालित हैं, जिसमें किसानों को फसल प्रदर्शन, बीज वितरण, बीज उत्पादन, INM/IPM, कृषि यंत्र एवं सिंचाई यंत्र पर अनुदान के रूप में सहायता प्रदान की जा रही हैं, जिससे कि सोयाबीन के उत्पादन में वृद्धि की जा सके।
प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में एल.एल.बी. कक्षाओं का संचालन
[उच्च शिक्षा]
57. ( क्र. 320 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस वर्तमान सत्र में प्रारंभ हो गए है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा समस्त महाविद्यालयों में शैक्षणिक संबंधी/अन्य आवश्यक कार्यों की औपचारिकताएं पूर्ण कर ली गई हैं? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित सभी महाविद्यालय में शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक तथा अन्य पदों पर पदपूर्ति विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक कर दी गई है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। यदि नहीं, तो पद पूर्तियां कब तक की जाएंगी? (ग) क्या प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस महाविद्यालय में एल.एल.बी. की कक्षाएं संचालित हैं? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ संचालित है? जानकारी देवें। (घ) क्या शासकीय महाविद्यालय मकरोनिया वर्तमान में प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस महाविद्यालय मकरोनिया में एल.एल.बी कक्षाएं प्रारंभ करने के संबंध में विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें एवं महाविद्यालय मकरोनिया में कब तक एल.एल.बी. कक्षाएं प्रारंभ की जाएंगी।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) ऐसे प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस जिसमें एल.एल.बी. कक्षाएं संचालित हैं, उनकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कार्य एजेन्सी के विरूद्ध कार्यवाही
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
58. ( क्र. 321 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक कितनी सड़कें हैं, जो विभाग/कार्य एजेन्सी द्वारा निर्मित की गई हैं एवं परफॉरमेंस गारंटी अवधि शेष है? सड़कों के नाम सहित विस्तृत जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित सड़क मार्ग की स्वीकृति लागत, लंबाई, निर्माण लागत, कार्य अवधि, कार्य पूर्णता दिनांक, परफॉरमेंस गारंटी अवधि तथा कार्य एजेंसी की जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित सड़क मार्ग परफॉरमेंस गारंटी अवधि में ही क्षतिग्रस्त/ जर्जर हो गया है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (घ) यदि उक्त सड़क मार्ग परफॉरमेंस गारंटी अवधि के पहले ही क्षतिग्रस्त/जर्जर हो गया है तो विभाग ने कार्य एजेंसी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें तथा उक्त सड़क मार्ग पर कब तक निर्माण कार्य किया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक निर्मित सड़कों के परफॉरमेंस गारंटी अवधि एवं सड़कों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) संधारण कार्य न करने के कारण संबंधित एजेंसी के विरूद्ध म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये हैं। इस अवधि में संधारित मार्गों के संधारण का भुगतान नहीं किया गया है। 34 मार्गों में से 04 मार्ग क्षतिग्रस्त एवं जर्जर हैं। इन मार्गों के सुधार कार्य के संबंध में कलेक्टर जिला सागर के पत्र क्रमांक 4641 दिनांक 18.06.2024 से मुख्य महाप्रबंधक म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण संभाग सागर जिला सागर एवं प्रोजेक्ट डायरेक्टर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण पी.आई.यू.-6 सागर को उक्त मार्गों का संयुक्त निरीक्षण करने हेतु लेख किया गया है। संयुक्त निरीक्षण के उपरांत निरीक्षण प्रतिवेदन के आधार पर आवश्यक कार्यवाही की जावेगी। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित पन्ना में राशि का गबन
[सहकारिता]
59. ( क्र. 325 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित पन्ना में वर्ष 2023-24 में कितने राशि का घोटाला/गबन प्रकाश में आया? उक्त गबन की जांच मुख्य कार्यपद अधिकारी एस.के. कनौजिया द्वारा अति विलंब से कराई गई तथा जांच अपूर्ण कराई गई, उसके लिए कौन दोषी है? जांच में कितनी राशि का गबन सिद्ध हुआ? बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में गुप्त सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि बैंक द्वारा सिर्फ दो कर्मचारियों को दोषी मानकर उनके विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई जबकि जांच में ही और अन्य कर्मचारी की लॉगिन आई.डी. उपयोग की गई है परंतु उनको वर्तमान मुख्य कार्यपालन अधिकारी के द्वारा बचाया गया है, क्यों? खासतौर से श्रीमती अंजली असाटी एवं सी.बी.एस. नोडल प्रभारी एवं सह प्रभारी को। (ग) क्या बैंक में इतने बड़े घोटाले की जांच प्रदेश स्तर से नहीं कराई जानी चाहिए? यदि हाँ, तो कब तक कराई जाएगी? कराई गई है तो जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराते हुए प्रतिवेदन में दोषी पाए गए कर्मचारियों पर कब तक कार्रवाई होगी? नहीं तो क्यों? (घ) जिला बैंक पन्ना द्वारा कराई गई जांच में लगभग 1 करोड 82 लाख रुपया का गबन बताया गया। उक्त जांच 2017 से कराई गई है जबकि उक्त कर्मचारी श्री पुष्पेंद्र सिंह समय पहले से लेखक कक्ष में पदस्थित थे तथा बैंक सी.बी.एस. सिस्टम प्लेटफॉर्म में वर्ष 2013 से आ चुका था और पहले से जांच क्यों नहीं कराई गई? क्या जांच कराई जाएगी? नहीं तो क्यों? क्या और पहले से गबन की संभावना नहीं है, कैसे आंकलन लगाया गया? (ङ) क्या जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शिवपुरी की एक शाखा में गबन उजागर होने पर वहां पर पदस्थ शाखा स्टाफ एवं मुख्यालय स्तर पर लेखा कक्षा के समस्त कर्मचारियों तथा तत्समय पदस्थ रहे बैंक में अपेक्स बैंक कैडर के सभी अधिकारियों पर एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई थी? यदि हाँ, तो क्या पन्ना जिला सहकारी बैंक का गबन उक्त गबन से भिन्न है जो यहां पर तत्समय पदस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारियों एवं समय-समय पर पदस्थ लेखा प्रभारी आदि पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई? लेखक कक्ष के ही कर्मचारियों को एस.के. कनोजिया के द्वारा बचाया जा रहा है जो स्वयं सिद्ध है। क्या इसके लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी दोषी नहीं है? यदि है तो उनके विरुद्ध क्या कार्रवाई की जाएगी? (च) जिला सहकारी केंद्रीय बैंक पन्ना के मुख्यालय में हुए गबन का खुलासा प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी मानवेंद्र सिंह के समय हो चुका था, उनके द्वारा गबन राशि भी लगभग 32 लाख जमा कराई गई परंतु उक्त राशि गुपचुप जमा कराई गई। न तो गबनकर्ता कर्मचारियों को नोटिस दिया गया, न ही उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई हुई और न की गई। बाद में समाचार पत्रों में गबन प्रकाशित होने पर औपचारिकता के लिए जांच टीम बनाकर अपने दायित्व से मुक्त हो गए। क्या इसके लिए तत्कालीन महाप्रबंधक दोषी नहीं है? क्या उन पर कार्रवाई होगी? तथ्य छुपाने के लिए पूर्णता दोषी होने पर भी उनके विरुद्ध कार्रवाई न की जाना समझ से परे है।
सहकारिता मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित पन्ना में वर्ष 2023-24 में राशि रू. 1, 85, 09, 028/- का गबन प्रकाश में आया। उक्त गबन की जांच मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एस.के. कनौजिया द्वारा संज्ञान में आते ही तत्काल करायी गयी तथा जांच अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन अनुसार रू. 1, 85, 09, 028/- का गबन प्रमाणित पाया गया। जांच अपूर्ण नहीं करायी गयी। जांच में श्री पुष्पेन्द्र सिंह लिपिक एवं श्री राजेश कोरी लेखापाल गबन राशि के दोषी पाये गये। इनके द्वारा रू. 1, 85, 09, 028/- का गबन करना पाया गया। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जांच अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन अनुसार श्री राजेश कोरी लेखापाल एवं श्री पुष्पेन्द्र सिंह लिपिक को गबन राशि का दोषी पाया गया। बैंक द्वारा उक्त दोनों कर्मचारियों को निलंबित कर उनके विरूद्ध दिनांक 30.06.2024 को पुलिस थाना कोतवाली पन्ना में एफ.आई.आर दर्ज करायी गयी। प्रकरण पुलिस विवेचना में है। जांच प्रतिवेदन अनुसार जिन कर्मचारियों की आई.डी. गबन में उपयोग की गई है, उनका विवरण भी पुलिस एफ.आई.आर. में दिया गया है, जिसमें श्रीमती अंजली असाटी, लेखा प्रभारी, श्री मनोज सोनी सी.बी.एस. नोडल प्रभारी एवं श्रीमती अनुपमा सिंह सहप्रभारी का नाम सम्मिलित है। वर्तमान मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा किसी को बचाये जाने का प्रश्न नहीं उठता है। (ग) पंजीयक सहकारी संस्थाओं के द्वारा जांच दल गठित कर जांच करायी गयी, जिसमें जिला बैंक पन्ना द्वारा की गयी। जांच के तथ्य से सहमत होते हुए जांच प्रतिवेदन में कतिपय सुझाव दिये गये है, जिस पर कार्यवाही के लिए जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक पन्ना को लिखा गया है। जांच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जिला बैंक द्वारा करायी गयी जांच प्रतिवेदन अनुसार दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की गयी है। (घ) जिला बैंक पन्ना द्वारा वर्ष 2013 से ही जांच करायी गयी है, जिसमें अनियमितता वर्ष 2017 से होना पाया गया है। जांच प्रतिवेदन अनुसार रू. 1, 85, 09, 028/- का गबन पाया गया। श्री पुष्पेन्द्र सिंह लेखा कक्ष में इसके पूर्व भी पदस्थ रहे तथा बैंक में सी.बी.एस. प्लेटफॉर्म वर्ष 2013 से चालू हो गया था। जिला बैंक पन्ना द्वारा वर्ष 2013 से ही जांच करायी जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी हाँ। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शिवपुरी एवं जिला बैंक पन्ना में हुए गबन की प्रकृति भिन्न-भिन्न है। जिला बैंक शिवपुरी की जांच में मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को दोषी पाया गया है जबकि जिला बैंक पन्ना द्वारा करायी गयी जांच में मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दोषी नहीं पाया गया है। जांच में देरी के लिये तत्कालीन प्रभारी महाप्रबंधक श्री मानवेन्द्र सिंह को दोषी पाया गया है, जिसके लिये उन्हें स्पष्टीकरण का नोटिस जारी किया गया है। जांच में तत्कालीन लेखा प्रभारी अंजली असाटी को उनकी आई.डी. के उपयोग के लिये दोषी पाया गया है, जिसके लिये उनके विरूद्ध विभागीय जांच स्थापित कर दी गई है। जांच में जो भी कर्मचारी दोषी पाये गये हैं उन समस्त के विरूद्ध भी विभागीय कार्यवाही संस्थित की गई है। किसी को बचाने का कोई प्रश्न नहीं उठता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (च) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक पन्ना के मुख्यालय में गबन की खबर दिनांक 17.09.2023 को प्रकाशित होने पर तत्कालीन प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी मानवेन्द्र सिंह द्वारा दिनांक 18.09.2023 को गबन की प्रकाशित खबर की सत्यता की जांच कराये जाने हेतु दो सदस्यीय जांच दल गठित कर जांच का आदेश जारी किया गया। बैंक द्वारा गठित जांच दल द्वारा दिनांक 30.05.2024 को जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है। जांच प्रतिवेदन में उल्लेखित विवरण के आधार पर श्री मानवेन्द सिंह तात्कालिक महाप्रबंधक को कार्यवाही में देरी के लिये बैंक द्वारा पत्र क्रमांक/स्थापना/2024-25/302 दिनांक 03.06.2024 से स्पष्टीकरण नोटिस जारी किया गया है।
मुख्यालय सिमरिया में महाविद्यालय की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
60. ( क्र. 326 ) श्री प्रहलाद लोधी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रत्येक बच्चों तक उच्च एवं गुणवत्ता युक्त उच्च शिक्षा पहुंचाना हमारी सरकार का उद्देश्य है? यदि हाँ, तो पवई विधानसभा के तहसील मुख्यालय रैपुरा एवं तहसील मुख्यालय सिमरिया में आज तक महाविद्यालयों की स्थापना क्यों नहीं कराई गई जबकि इन क्षेत्रों के अधिकतर बच्चे उच्च शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में रैपुरा एवं सिमरिया में महाविद्यालयों की स्थापना हेतु विभाग की तरफ से क्या कोई प्रयास किया जा रहे हैं? यदि हाँ, तो इन क्षेत्र में महाविद्यालयों की स्थापना कब तक की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? जबकि उच्च शिक्षा हेतु इन क्षेत्र में महाविद्यालयों की बहुत आवश्यकता है? (ग) क्या शासकीय महाविद्यालय शाहनगर जिला पन्ना में विज्ञान संकाय का संचालन नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों नहीं, जबकि अधिकतर छात्र-छात्राएं कक्षा 12वीं में विज्ञान संकाय से भी पढ़ाई करते हैं। महाविद्यालय में विज्ञान संकाय न होने से छात्रों को काफी असुविधा होती है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। पवई विधानसभा अंतर्गत रैपुरा एवं सिमरिया में शासकीय महाविद्यालय आरंभ करने हेतु विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार किया जा रहा है। जिस पर प्रशासकीय अनुमोदन, वित्त विभाग एवं मंत्रि-परिषद् के अनुमोदन उपरांत आगामी कार्यवाही की जाएगी। (ख) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं। (ग) जी हाँ। विभागीय मापदण्डों की पूर्ति न होने के कारण वर्तमान में शासकीय महाविद्यालय शाहनगर में विज्ञान संकाय आरंभ करने में कठिनाई है। महाविद्यालय, कार्यालय आयुक्त उच्च शिक्षा के पत्र क्रमांक 145/132 ए/168/स्व.वि./आउशि/यो./2023 दिनांक 06-04-2024 के अनुक्रम में स्ववित्तीय पाठ्यक्रम के रूप में विज्ञान संकाय आरंभ कर सकता है।
बीज प्रक्रिया केन्द्र का संचालन
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
61. ( क्र. 351 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 1999 से कटनी जिले में किसानों के हित में राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम द्वारा प्रक्रिया केन्द्र संचालित कर जिले के किसानों को बीज उत्पादन, उपार्जन एवं बीज वितरण का कार्य किया जा रहा था? जिसे विभाग द्वारा दिनांक 19/09/2024 से बंद किये जाने के कारण जिले के किसानों को शासकीय दर पर बीज उपलब्ध नहीं हो पा रहा है और किसान निजी व्यापारियों द्वारा लुट रहा है। क्योंकि जिले के अंतिम छोर से वितरण केन्द्र जबलपुर की दूरी लगभग 170 कि.मी. से भी अधिक है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो क्या बीज प्रक्रिया केन्द्र कटनी पुनः स्थापित किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्या विभाग जिले में विक्रय केन्द्र पुनः स्थापित कर किसानों को उचित मूल्य पर बीज उपलब्ध कराया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में शासन स्तर पर निर्णय लेकर किसान हित में जिले के किसानों को पुनः प्रक्रिया केन्द्र एवं वितरण केन्द्र का लाभ दिया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) जी हाँ, वर्ष 1999 से कटनी जिले में म.प्र. राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम द्वारा प्रक्रिया केन्द्र संचालित कर जिले के कृषकों को बीज उत्पादन, उपार्जन एवं वितरण कार्य किया जा रहा था किन्तु इसे बन्द किये जाने के कारण जिले के किसानों को शासकीय दर पर बीज का उपलब्ध न होना तथ्यात्मक नहीं है। इसके अतिरिक्त वर्तमान में प्रक्रिया केन्द्र संचालित है। (ख) जिले में उत्पादन कार्यक्रम की मांग प्राप्त होने पर बीज निगम द्वारा अपनी व्यवसायिक तथा कृषक हित की दृष्टि से निर्णय लिया जा सकेगा। (ग) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कटनी जिले में श्रम न्यायालय (लेबर कोर्ट) की स्थापना
[श्रम]
62. ( क्र. 353 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला कटनी में श्रम न्यायालय प्रारंभ किए जाने हेतु माननीय मुख्यमंत्री महोदय को पत्र क्रमांक 659 दिनांक 21.10.2024 द्वारा अनुरोध किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या यह भी सत्य है कि माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा उक्त पत्र को गम्भीरता से लिया जाकर संबंधित अधिकारियों को प्रश्नाधीन पत्र पर त्वरित कार्यवाही किए जाने हेतु निर्देशित किया गया था? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में कटनी जिले में श्रम न्यायालय कोर्ट की स्थापना हेतु शासन स्तर पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है? प्रचलित कार्यवाही का ब्यौरा दें। नहीं तो क्यों?
श्रम मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में कटनी जिले में श्रम न्यायालय की स्थापना हेतु माननीय उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश जबलपुर के मेमो क्रमांक 69/गोपनीय/2023/। । -15-36/99 दिनांक 12/01/2023 के द्वारा कटनी जिले में लंबित प्रकरणों की संख्या कम होने के कारण कटनी में श्रम न्यायालय स्थापित करने संबंधी अभ्यावेदन निरस्त किया जा चुका है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इसके अतिरिक्त वर्तमान में श्रम न्यायपालिका में कर्मचारियों की भर्ती नहीं होने के कारण स्टॉफ की भारी कमी को देखते हुए अभी चल रहे न्यायालयों के संचालन में परेशानी हो रही है। अत: इन कारणों से कटनी में श्रम न्यायालय की स्थापना किया जाना संभव नहीं है।
क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटियों द्वारा सदस्यों को लाभांश का वितरण
[सहकारिता]
63. ( क्र. 354 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नियमानुसार क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी द्वारा अर्जित लाभांश का वितरण किया जाता है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो नीमच जिले में किन-किन सोसाइटियों ने लाभांश वितरण किया? प्रश्न दिनांक तक की सूची उपलब्ध करायें। (ख) यदि लाभांश वितरण नहीं किया गया तो इसका क्या कारण है एवं इसके लिए कौन उत्तरदायी है? (ग) क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटियों की अवधि क्या है एवं इसके बनाने के क्या नियम हैं? (घ) क्या क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटियों का कार्यक्षेत्र निर्धारित है? इनकी मॉनिटरिंग एजेंसी कौन है एवं मॉनिटरिंग एजेंसी के क्या अधिकार कर्तव्य एवं दायित्व हैं?
सहकारिता मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) जी हाँ। नीमच जिले की जिन-जिन क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटियों द्वारा सदस्यों को लाभांश वितरण किया गया है, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) समिति के लाभ में होने की दशा में पंजीकृत उपविधि अनुसार लाभांश वितरण समिति द्वारा किया जाता है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है? (ग) पंजीयन के उपरान्त पंजीयन निरस्त होने के पूर्व की अवधि तक क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटियां कार्य कर सकती है, मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 1960 की धारा 4 से 10 में दिये गये प्रावधान एवं मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी नियम, 1962 के अध्याय 2 में दिये गये प्रावधान की पूर्ति करने पर क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटियों का पंजीयन किया जाता है। (घ) जी हाँ, इनकी मॉनिटरिंग के लिऐ पृथक से कोई एजेन्सी नहीं है। मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 1960 एवं नियम 1962 के प्रावधानों के अंतर्गत ये संस्थाएं पंजीयक सहकारी संस्थाओं के सामान्य नियंत्रण एवं पर्यवेक्षण में कार्य करती हैं।
क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटियों की जानकारी
[सहकारिता]
64. ( क्र. 355 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कार्यरत क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटियों में किस ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है? क्या ब्याज दर के लिए आर.बी.आई. की गाइड-लाइन का पालन किया जा रहा है अथवा नहीं। (ख) नीमच जिले में संचालित क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटियों में एक लाख से ऊपर के सभी ऋण की जानकारी उपलब्ध कराया जाए। (ग) क्या इस प्रकार की संस्थाओं को उपभोक्ताओं से मनमाना ब्याज दंड वसूलने का अधिकार है? क्या इनके ऊपर रिजर्व बैंक या बैंकिंग की कोई भी गाइड-लाइन लागू नहीं होती? (घ) यदि निर्धारित ब्याज दर से अधिक ब्याज दर लिया जा रहा है तो दोषी संस्थाओं के विरुद्ध क्या कार्रवाई की जावेगी और कब तक? (ड.) प्रश्नांश (ख) वर्णित सोसाइटियों की कार्यप्रणाली की अभी तक कितनी बार जांच की गई? इन सोसाइटियों के विरुद्ध हजारों शिकायतें विभिन्न संस्थाओं में लंबित हैं। क्या आज तक उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई की गई? जानकारी उपलब्ध करायें।
सहकारिता मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) प्रदेश में कार्यरत क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटियों में उनकी उपविधि अनुसार ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है। क्रेडिट सोसाइटियों के लिए आर.बी.आई. द्वारा ब्याज संबंधी गाइड-लाइन नियत नहीं है। (ख) व्यक्तिगत ऋणीवार जानकारी ऐसी क्रेडिट सोसायटियों से नहीं ली जाती है, जिसमें शासन की अंशपूंजी या वित्तीय सहयोग वेष्ठित नहीं है। अत: उक्त जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (ग) उपविधि अनुसार ब्याज दंड वसूलने का अधिकार है। जी हाँ। (घ) उपविधि के प्रावधानों के विरूद्ध अधिक ब्याज दर लेने की शिकायत प्राप्त होने पर जांच कराई जाकर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ड.) नीमच जिले में संचालित क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटियों की कार्य प्रणाली के संबंध में वार्षिक निरीक्षण रोस्टर जारी कर, निरीक्षण प्रतिवेदन के आधार पर यथोचित कार्यवाही की जाती है। नीमच जिले में प्राप्त शिकायतों के संबंध में की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
किसानों को खाद का वितरण
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
65. ( क्र. 369 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में किसानों को कतार में अथवा टोकन सिस्टम से खाद वितरण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? क्या इसका तात्पर्य प्रदेश में खाद कमी को सिद्ध नहीं करता है? (ख) प्रदेश के अन्नदाताओं को कब तक पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराई जाना सुनिश्चित किया जाएगा? (ग) वर्तमान में किसानों को प्रदाय किए जाने वाले खाद की मात्रा प्रति एकड़ कितनी-कितनी है? क्या शासन द्वारा प्रदान किए जाने वाली खाद की मात्रा फसलों के उत्पादन लेने हेतु पर्याप्त है? यदि हाँ, तो इसकी पुष्टि किसी किसान संघ अथवा किसान समूहों से की गई है? यदि हाँ, तो विवरण दें। यदि नहीं, तो किसानों को कम मात्रा में खाद देकर उनकी फसलों को बर्बाद क्यों किया जा रहा है? (घ) मुरैना जिला में खाद वितरण में की जा रही कालाबाजारी पर रोकथाम क्यों नहीं लगाई गई? खाद की कालाबाजारी के दोषी कौन हैं? उन पर क्या कार्रवाई की गई? मुरैना जिले के खाद वितरण से मध्यप्रदेश के बाहर के किसानों को कितनी मात्रा में कुल कितना खाद वितरण किया गया एवं किस नियम के तहत?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) जी नहीं। खाद का वितरण निजी डीलर, सहकारी समितियां, एम.पी. एग्रो और मार्कफेड केंद्रों द्वारा किया जाता है। किसानों की मांग के अनुसार खाद दी जाती है। टोकन जारी करने और खाद देने का कोई निर्देश नहीं है। हालांकि, स्थानीय स्तर पर अगर बड़ी संख्या में किसान मौके पर पहुंचते हैं, तो सुचारू वितरण के लिए टोकन वितरित किया जा सकता है और वितरण किया जा सकता है। प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं है (ख) प्रदेश में निरंतर उर्वरक रैक उपलब्ध कराई जा रही है। किसानों को उपलब्धता एवं आवश्यकतानुसार उर्वरक उपलब्ध कराया जा रहा है। (ग) सरकार किसानों को कृषि विश्वविद्यालय की सलाह के अनुसार उर्वरकों का उपयोग करने की सलाह देती है। यह मुख्य रूप से फसल और मिट्टी के प्रकार पर निर्भर करेगा। किसानों को पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसकी पुष्टि इस बात से होती है कि पिछले वर्ष की तुलना में लगभग समान मात्रा में उर्वरक वितरित किया गया है। (घ) उर्वरकों का वितरण नियमों के अनुसार किया जा रहा है और सरकार स्थिति पर बहुत बारीकी से नजर रख रही है।
मुरैना उपज मण्डी की जानकारी
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
66. ( क्र. 370 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना उपज मण्डी में निजी कर्मचारी क्यों रखे गए हैं, जबकि निर्धारित एवं पर्याप्त सेटअप है? (ख) कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार मुरैना मण्डी की आय और अनाज की आवक कम क्यों हो रही है? (ग) क्या किसानों को मुरैना मण्डी में प्रवेश पर्ची वितरण की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या प्रदेश की मंडियों में किसानों से उत्पादन विक्रय पर हम्माली शुल्क लेने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो नियम की प्रति देवें। यदि नहीं, तो फिर किसानों से हम्माली के नाम पर कटौती क्यों की जाती है? (घ) मुरैना मण्डी में कांटों से तोल होने के बावजूद आवक दर्ज क्यों नहीं हो रही है? इसका रिकॉर्ड क्यों नहीं है? अनाज की तोल कांटों की आधार पर बी.ओ.टी. तोल आधार पर आवक मण्डी रिकॉर्ड में दर्ज क्यों नहीं होती है? बी.ओ.टी. कांटे का रिकॉर्ड अप्रैल 2023 से वर्तमान तक उपलब्ध कराया जाए? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) कृषि उपज मण्डी समिति मुरैना में कोई निजी कर्मचारी नहीं रखा गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) कृषि उपज मण्डी समिति मुरैना में वर्ष 2023-24 में माह अक्टूबर तक की मण्डी शुल्क से आय 2, 61, 51, 483 रुपये थी जबकि वर्ष 2024-25 में माह अक्टूबर तक मण्डी शुल्क से आय 1, 65, 77, 417 रुपये हुई है जो कि विगत वर्ष की तुलना में 36.61 प्रतिशत कम है। दिनांक 6 अक्टूबर 2023 से मण्डी शुल्क की दर 1.50% से कम की जाकर 1.00% कर दिया जाना, मण्डी समिति की आय में कमी का प्रमुख कारण है। मण्डी की आवक वर्ष 2023-24 में माह अक्टूबर तक 638187 क्विंटल थी जबकि वर्ष 2024-25 में माह अक्टूबर तक आवक 638806 क्विंटल है जो गत वर्ष की तुलना में 0.1 प्रतिशत वृद्धि है। आवक एवं आय का तुलनात्मक पत्रक संलग्न है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। मध्यप्रदेश कृषि उपज मण्डी अधिनियम, 1972 एवं मण्डी समितियों के लिए उपविधि सन् 2000 के प्रावधान तथा कृषि उपज मण्डी समिति मुरैना में लागू हम्माली दरों का पत्रक एवं समिति कार्यवाही की प्रति संलग्न है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) कृषि उपज मण्डी समिति मुरैना में माह अगस्त 2024 से सम्पूर्ण तौल बी.ओ.टी. तौलकांटों से की जा रही है इससे पूर्व छोटे इलेक्ट्रॉनिक तौलकांटों से तौल की जाती थी तथा बी.ओ.टी. तौलकांटों से प्राप्त तौल पर्ची के आधार पर ही सम्पूर्ण आवक मण्डी रिकॉर्ड में दर्ज की जाती है। तौलकांटे से सम्पूर्ण तौल माह अगस्त 2024 से होने के कारण जानकारी अप्रैल 2023 से दिया जाना संभव नहीं है। विगत एक माह की कम्प्यूटरीकृत प्रिंट-आउट जानकारी एवं माह अगस्त 2024 से 29.11.2024 तक बी.ओ.टी. तौलकांटा की हस्तलिखित संधारित तौल जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
ग्रामों में सड़क निर्माण कार्य की स्थिति
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
67. ( क्र. 372 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टिमरनी विधानसभा में किस-किस ग्राम में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अनुसार प्रश्नांकित दिनांक तक भी सड़क का निर्माण नहीं किया है? उस ग्राम की आबादी कितनी है? उसमें जनजातीय समुदाय के कितने लोग हैं? अनुसूचित जाति वर्ग के कितने लोग हैं? पृथक-पृथक बतावें। (ख) टिमरनी क्षेत्र में वर्तमान में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत किस ग्राम से किस ग्राम के लिए कितनी लागत की सड़क का निर्माण किया जा रहा है, उसकी एजेन्सी कौन है, प्रश्नांकित दिनांक तक कितना कार्य हुआ है, कितना कार्य शेष है? (ग) टिमरनी क्षेत्र के वन ग्रामों को सड़क मार्ग से जोड़ने की शासन क्या योजना है? वन ग्रामों को राजस्व विभाग को सौंपने की क्या योजना है? इसके लिए किस वन ग्राम की ग्रामसभा ने किस दिनांक को क्या प्रस्ताव लिया है? जानकारी देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) टिमरनी विधानसभा क्षेत्र के समस्त पात्र राजस्व ग्रामों में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना से एकल सम्पर्कता (ग्रेवल मार्ग से) प्रदान की जा चुकी है। अत: शेष जानकारी निरंक है। (ख) प्रश्नांकित क्षेत्र में वर्तमान में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत् किसी भी ग्राम में सड़क कार्य का निर्माण कार्य नहीं किया जा रहा है। अत: शेष जानकारी निरंक है। (ग) ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत वन ग्रामों को जोड़ने हेतु कोई विशिष्ट योजना नहीं है। विभाग अंतर्गत पात्र वन ग्रामों को एवं उपलब्ध आवंटन के आधार पर कार्यों की स्वीकृति जारी कर मार्गों को जोड़ा जाता है। वन ग्रामों को राजस्व विभाग को सौंपने संबंधी कार्य विभाग द्वारा नहीं किया जाता है। अत: शेष जानकारी निरंक है।
मांग अनुसार डी.ए.पी. की आपूर्ति
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
68. ( क्र. 373 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा वर्ष 2023-24 में कब-कब और कितना-कितना डी.ए.पी. किस-किस फर्म/एजेंसी/संस्था से मंगवाया गया है? इसकी शासन/विभाग को प्राप्ति की दिनांक, मात्रा, राशि की जानकारी प्रदान की जावे। (ख) वर्ष 2023-24 में शासन/विभाग को प्राप्त डी.ए.पी. की कितनी मात्रा कब-कब और किस-किस जिले की किस-किस संस्था को किन मापदण्डों के आधार पर प्रदान की गई है? इसकी दिनांकवार, मात्रावार, डी.ए.पी. का भाव एवं राशि सहित जानकारी प्रदान की जावे। (ग) क्या म.प्र. राज्य में डी.ए.पी. की कमी रही है एवं मांग के अनुसार आपूर्ति नहीं हो सकी? यदि हों, तो विजयपुर एवं बुधनी विधानसभा अंतर्गत डी.ए.पी की आपूर्ति क्यों बाधित नहीं हुई? यदि नहीं, तो इन दोनों विधानसभा सीटों को छोड़कर प्रदेश की अन्य विधानसभा क्षेत्रों में क्यों डी.ए.पी. की आपूर्ति नहीं हो सकी? (घ) क्या शासन द्वारा डी.ए.पी. वितरण की कोई ऑनलाइन/ऑफलाइन कार्ययोजना/प्रणाली विकसित किये जाने पर विचार किया जा रहा है, जिससे किसानों को घंटो कतार में खड़े होकर परेशानी का सामना न करना पड़े?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रदेश में प्राप्त रैक मात्रा का संबंधित संभागों के जोनल मैनेजर, मार्कफेड द्वारा निर्धारित उर्वरक वितरण अनुपात एवं आवश्यकता के आधार पर रैक सप्लाई प्लान जारी किया जाता है, जिसमें अंकित मात्रा अनुसार सहकारी संस्थाओं को उर्वरक उपलब्ध कराया जाता है तथा शेष मात्रा प्रदायक कंपनियों द्वारा निजी क्षेत्र के संस्था/फर्म/डीलर को प्रदाय की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) राज्य में डी.ए.पी.+एन.पी.के. की आपूर्ति प्रभावित नहीं है। उर्वरकों की आपूर्ति विधानसभावार न की जाकर जिलावार की जाती है तथा अंतर जिला उर्वरक वितरण जिले के विभिन्न क्षेत्रों में मांग एवं भण्डारण की स्थिति एवं आवश्यकता अनुसार की जाती है। संपूर्ण प्रदेश में डी.ए.पी. के विकल्प के रूप में एन.पी.के. एवं एस.एस.पी. उर्वरकों का उपयोग कराया जा रहा है। (घ) मांग और आपूर्ति के प्रबंधन के लिए म.प्र. राज्य विपणन संघ मर्यादित द्वारा एक पोर्टल संचालित किया जा रहा है। किसानों को उर्वरकों के पी.ओ.एस. आधारित वितरण के लिए भारत सरकार का आई.एफ.एम.एस. पोर्टल है। किसानों द्वारा उर्वरकों की खरीद के लिए लगने वाले समय को कम करने के लिए प्रणाली में सुधार करने के लिए काम किया जा रहा है।
पोर्टल पर ग्राम पंचायतों के नाम प्रदर्शित न होना
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
69. ( क्र. 387 ) श्री देवेन्द्र कुमार जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना में शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र के कौन-कौन से ग्रामों के नाम भारत सरकार के पोर्टल पर प्रदर्शित नहीं होने से उक्त ग्रामों में प्रश्न दिनांक तक पी.एम. आवास के निर्माण की स्वीकृतियां नहीं होने से आवासों का निर्माण नहीं हो सका है? ऐसे सभी ग्रामों के नाम, ग्राम पंचायत तथा विकासखण्ड सहित बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्रामों को पी.एम. आवास योजना हेतु भारत सरकार के पोर्टल पर शामिल क्यों नहीं किया गया? छूटे हुए उक्त ग्रामों को पोर्टल शामिल कराये जाने हेतु विभाग द्वारा अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है तथा कब तक सभी छूटे हुए ग्रामों को भारत सरकार के पोर्टल पर शामिल कर पी.एम. आवास निर्माण की स्वीकृतियां की जावेंगी?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण में शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र में समस्त ग्राम भारत सरकार के पोर्टल पर प्रदर्शित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषक प्रशिक्षण केन्द्र का संचालन
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
70. ( क्र. 393 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषक प्रशिक्षण केन्द्र रनगुवां, जिला सागर के विधिवत संचालन के लिये विभाग को क्षेत्रीय विधायक द्वारा कब-कब पत्र प्रेषित किये गये हैं तथा इस सम्बंध में अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या विभाग सागर संभाग में कृषक प्रशिक्षण को प्राथमिकता देता है? यदि हाँ, तो विगत एक वर्ष में कितने कृषकों को जिलेवार किन विषयों पर कितनी अवधि का प्रशिक्षण दिया गया है? (ग) सागर जिले में कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय की प्रचलित योजनाएं, कुल आवंटित राशि वर्ष 2024-25, अनुदान राशि तथा अभी तक प्रशिक्षित कृषकों की विकासखण्डवार जानकारी दी जाये। (घ) प्रश्नांश (ग) संबंधित कृषक प्रक्षेत्रों में किये गये योजनावार प्रदर्शन की जानकारी वर्ष 2024-25 के संदर्भ में विकासखण्डवार दी जाये।
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) कृषक प्रशिक्षण केन्द्र रनगुवां, जिला सागर के विधिवत संचालन के लिये विभाग को माननीय क्षेत्रीय विधायक के पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। मान. मंत्री जी से प्राप्त नोटशीट क्र. 3246, दिनांक 02.12.2024 के संबंध में कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) सागर जिले में कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय की प्रचलित योजनाओं की कुल आवंटित राशि वर्ष 2024- 25 एवं अनुदान राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। विकासखण्डवार प्रशिक्षित कृषकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) से संबंधित कृषक प्रक्षेत्रों में किये गये योजनावार प्रदर्शन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है।
ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा निर्माण कार्य स्वीकृति में अनियमितता
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
71. ( क्र. 394 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रमुख अभियंता, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के आदेश दिनांक 21.02.2024 द्वारा मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं अवसंरचना विकास योजनान्तर्गत जनपद रहली जिला सागर में चार भवन निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये थे तथा पत्र दिनांक 13.11. 2024 द्वारा पूर्व प्रसारित आदेश निरस्त किया गया है? उक्त स्वीकृति तथा बाद में आदेश निरस्त करने तथा दूसरा आदेश जारी किये जाने का औचित्य स्पष्ट करें। (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित कार्यों के लिये निर्माण एजेंसी द्वारा प्रशासकीय आदेश जारी होने से निरस्त होने तक लगभग 7 माह में क्या-क्या कार्यवाही की गई? पूर्ण विवरण दिया जाये। (ग) प्रश्नांश (क) वर्णित प्रशासकीय स्वीकृति उपरान्त 7 माह बाद आदेश निरस्त किये जाने का निर्णय किन कारणों से लिया गया है? तत्संबंधी आदेश एवं नस्ती पर लिये गये निर्णय की प्रति उपलब्ध करायी जाये। साथ ही नवीन स्वीकृत कार्यों की उपादेयता तथा उनके संबंध में प्रशासकीय स्वीकृति जारी होने के लिये प्राप्त अनुमोदन की प्रति उपलब्ध करायी जाये। (घ) क्या स्वीकृत कार्यों को 7 माह तक क्रियान्वयन नहीं करने तथा अचानक निरस्त कर नवीन कार्य स्वीकृत किये जाने की अनियमितता की जांच की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) तत्समय प्रशासकीय स्वीकृति जारी होने उपरांत लोकसभा की आदर्श आचार संहिता समाप्त होने के पश्चात प्राप्त प्रस्ताव पर अनुमोदन प्राप्त कर कार्यवाही की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) सक्षम स्तर से स्वीकृति प्राप्त कर नियमानुसार कार्यवाही की गई है। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
उत्पादित फसलों के विस्तार की योजना
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
72. ( क्र. 398 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कृषि उत्पाद या उसके सहउत्पाद कौन से हैं, जिनका विदेशों में निर्यात किया जाता है तथा जिनकी मांग देश के अन्य राज्यों में है? (ख) इनका उत्पादन प्रदेश के किन जिलों में होता है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में उक्त कृषि उत्पाद के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में कहाँ-कहाँ पर है? इन फसलों से प्रदेश के रहवासी को ज्यादा से ज्यादा आर्थिक लाभ मिल सके इस हेतु इनका रकबा बढ़ाने तथा उत्पादित फसलों से सहउत्पाद बनाने हेतु क्या प्रयास/योजना है?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) म. प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड अंतर्गत पृथक से कृषि उत्पादों के निर्यात की जानकारी संग्रहित नहीं की जाती है तथापि Directorate General of Commercial Intelligence and Statistics (DGCI & S), भारत सरकार के पोर्टल https://ftddp.dgciskol.gov.in/ dgcis से प्राप्त जानकारी अनुसार - वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रदेश से निर्यातित कृषि उपजों का Principal commodity level data जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रदेश से देश के अन्य राज्यों को मण्डी समितियों के अनुज्ञप्तिधारी व्यापारियों द्वारा निर्गमित किये गए कृषि उपजों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) "धान, गेहूँ, दलहन, तिलहन, मोटा अनाज, पोषक तत्व अनाज, कपास एवं गन्ने का उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि करने हेतु खाद्य एवं पोषण सुरक्षा योजना तथा नेशनल मिशन ऑन इडिबल ऑयल-ऑयल सीड का प्रदेश में क्रियान्वयन किया जा रहा हैं। उपरोक्त योजनायें केन्द्र प्रवर्तित हैं, जिसमें उन्नत किस्मों के बीज, नवीन तकनीकियों, सिंचाई उपकरण, उन्नत कृषि यंत्र, पोषक तत्व प्रबंधन एवं प्रशिक्षण के द्वारा फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि कर कृषकों को लाभान्वित करने के प्रयास किया जा रहा है।
संभाग स्तर पर कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
73. ( क्र. 399 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रदेश की बहुत बड़ी जनसंख्या आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है, तो इतने लोगों को कृषि के क्षेत्र में वैज्ञानिक दृष्टि से योग्य बनाने के लिए संभाग स्तर पर कृषि विश्वविद्यालय खोलने पर सरकार का क्या मत है?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : जी हाँ। वर्तमान में प्रदेश में कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान हेतु दो कृषि विश्वविद्यालय क्रमश: 1. जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर 2. राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय, ग्वालियर संचालित हैं। बी.एस.सी. कृषि डिग्री प्रदान करने वाले निजी कॉलेज भी हैं। प्रदेश में कृषि विश्वविद्यालय के अधीन वर्तमान में आवश्यकता के अनुसार संभागवार कृषि महाविद्यालय संचालित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इसीलिए राज्य में कृषि के लिए पर्याप्त संख्या में महाविद्यालय हैं। इस तरह, शेष का प्रश्न ही नहीं उठता है।
बी.जी.एल. घोटाले की जांच
[सहकारिता]
74. ( क्र. 402 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2013 से जिला सहकारी केंन्द्रीय बैंक मर्या. पन्ना में कम्प्यूटराईजेशन हुआ है तब से लेकर वर्ष 2024 तक की बी.जी.एल. अकाउंट की गबन संबंधी जांच में कितने लोगों पर कार्यवाही एवं एफ.आई.आर. दर्ज हुई है? क्या जांच दल द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन वर्ष 2013 से की गई जांच का है और यह जांच इतने दिनों से अपनी पूर्णता पर किसकी लापरवाही से नहीं पहुंची? (ख) प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित जांच में तात्कालिक जिला महाप्रबंधकों को दोषी क्यों नहीं बनाया गया? क्या विशेषकर पूर्व प्रभारी महाप्रबंधक जी के, महाप्रबंधक रहते हुए बी.जी.एल. अकाउंट में कई करोड का घोटाला सामने आया है? उसमें तत्कालीन महाप्रबंधक जिला सहकारी बैंक पन्ना की कर्मचारी अकाउंट सेक्शन प्रभारी को किस आधार पर और क्यों बचाया जा रहा है? उक्त प्रकरण में मात्र 2 लोगों पर एफ.आई.आर. क्यों दर्ज कराई गई है, जबकि जांच में अन्य कई लोग और भी दोषी हैं? (ग) प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित जांच से संबंधित जो एफ.आई.आर. पन्ना कोतवाली थाने में दर्ज कराई गई, उनकी आज दिनांक तक किसकी शह पर न तो गिरफ्तारी हुई न ही कोई बयान लिए गये? यदि बयान लिए गए तो आखिर उन्हें विभागीय जांच में अभी तक शामिल क्यों नहीं किया गया?
सहकारिता मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित पन्ना में 2013 से कम्प्यूटराईजेशन हुआ है। बी.जी.एल. अकाउंट के गबन के संबंध में दो कर्मचारियों पर एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। बी.जी.एल. अकाउंट के गबन का प्रकरण वर्ष 2023 से प्रकाश में आया जिसकी बैंक द्वारा गठित जांच दल द्वारा जांच वर्ष 2013 से करायी गई, जांच प्रतिवेदन में गबन वर्ष 2017 से होना पाया गया है। प्रकरण प्रकाश में आते ही जांच दल गठित किया गया। जांच कराने में कोई विलंब नहीं किया गया है। (ख) उत्तरांश "क" में उल्लेखित जांच अनुसार तात्कालिक जिला महाप्रबंधकों को गबन का दोषी नहीं पाया गया। तात्कालिक पूर्व प्रभारी महाप्रबंधक श्री मानवेन्द्र सिंह को कार्यवाही में देरी के लिए जांच में दोषी पाया गया जिस हेतु स्पष्टीकरण जारी किया गया। अकाउंट सेक्शन प्रभारी को भी कारण बताओ सूचना पत्र जारी करते हुए विभागीय जांच दिनांक 22.07.2024 से स्थापित की गई है। जांच में आपराधिक कृत्य के लिए दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध FIR दर्ज कराई गई है, जबकि अन्य अनियमितताओं के लिए विभागीय कार्यवाही की गई है। (ग) आपराधिक प्रकरणों की जांच हेतु जो प्रक्रिया भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में अंकित है, उस अनुसार कार्यवाही की जाती है। विभागीय जांच और आपराधिक जांच भिन्न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परियोजना अधिकारी की पदस्थापना
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
75. ( क्र. 411 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनरेगा प्रारंभ से प्रतिनियुक्ति पर परियोजना अधिकारियों हेतु विज्ञापित पदों में न्यूनतम वेतनमान एवं पद की श्रेणी क्या थी? पंचायत राज संचालनालय अंतर्गत परियोजना अधिकारी, पंचायत के पद पर किस श्रेणी के अधिकारी को पदस्थ किया जा सकता है? (ख) क्या वरिष्ठ संविदा पद पर किसी भी श्रेणी के नियमित अधिकारी-कर्मचारी को किसी भी पद का प्रभार सौंपा जा सकता है? (ग) क्या पन्ना जिले में वरिष्ठ पंचायत समन्वयक अधिकारी लिपिकीय कार्य हेतु जिला पंचायत में संलग्न रहे हैं एवं श्री संजय सिंह परिहार को परियोजना अधिकारी, मनरेगा सहित परियोजना अधिकारी, पंचायत का भी प्रभार सौंपा गया है? श्री परिहार क्या उक्त दोनों पदमुद्रा पर हस्ताक्षर करते हैं? यदि हाँ, तो क्या यह पूर्णरूपेण प्रभार नहीं है? वर्ष 2017 से कब-कब किस के द्वारा उन्हें कौन-कौन से प्रभार सौंपे गये। आदेशकर्ता के नाम एवं पदनाम सहित आदेश उपलब्ध करावें। (घ) क्या अब तक की अवधि में अति. कार्यक्रम अधिकारी का पद रिक्त होने पर भी परियोजना अधिकारी के प्रभार में ही रखा गया तथा माननीय न्यायालय के आदेश के पूर्व पंचायत समन्वयक अधिकारी की हैसियत से उक्त दोनों पदों का प्रभार सौंपा जा चुका था? क्या श्री परिहार अपात्र थे? यदि हाँ, तो इस हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) विज्ञप्ति दिनांक 27 मई 2006 में प्रतिनियुक्ति पर परियोजना अधिकारी हेतु 6500-10500 वेतनमान विज्ञापित किया गया। विज्ञापित पद की श्रेणी निर्धारित नहीं की गई। विज्ञप्ति की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। विभाग के आदेश क्र. एफ 1-5/2012/22/पं-1/A दिनांक 22.11.2012 द्वारा पंचायत राज संचालनालय की अधोरसंरचना में परियोजना अधिकारी का पद स्वीकृत नहीं होने से पदस्थापना का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ख) प्रभार के संबंध में शासन स्तर से निर्देश जारी नहीं हैं। रिक्त पदों के कार्यों के संपादन हेतु जिले स्तर पर व्यवस्था बनाई जाती है। (ग) जी हाँ। जिला पंचायत पन्ना में कर्मचारियों की कमी होने से पंचायत समन्वय अधिकारियों को शाखाओं का कार्य सौंपा गया है। वर्ष 2017 से श्री परिहार को सौंपे गये प्रभार, आदेशकर्ता के विवरण एवं आदेशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (घ) जी हाँ, प्रभार सौंपा गया है। जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
पन्ना जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार (केवल तकनीकी शिक्षा) ]
76. ( क्र. 415 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा सत्र जुलाई 2024 के प्रश्न क्रमांक 139 में प्रश्नकर्ता द्वारा पन्ना में तत्कालीन मुख्यमंत्री जी की घोषणा अनुसार शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज प्रारंभ किये जाने के संबंध में प्रश्न पूछा गया था, जिसके संबंध में माननीय मंत्री जी द्वारा जानकारी पूर्ण कर ली गई है एवं समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है, से अवगत कराया गया था। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पन्ना जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज खोले जाने हेतु क्या-क्या जानकारी पूर्ण की गई है? अवगत करावें। क्या आगामी सत्र में पन्ना जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज प्रारंभ किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) एवं (ख) जी हाँ, प्रश्न क्रमांक-139 के उत्तर में प्रश्न क्रमांक-53 की जानकारी का पूर्ण उत्तर विधानसभा सचिवालय को दिनांक 09.02.2024 को प्रेषित करने एवं विधानसभा पोर्टल पर 27.02.2024 को अपलोड करने का लेख किया गया था। आगामी सत्र में पन्ना जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज प्रारंभ किया जाना मंत्रि-परिषद् के निर्णय एवं AICTE के अनुमोदन उपरांत ही संभव है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सहकारी समितियों/खाद विक्रेताओं की जांच
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
77. ( क्र. 417 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विभाग कार्यालय में वित्तीय वर्ष 2021-22 से प्रश्न तिथि तक किस-किस सहकारी समितियों/खाद विक्रेताओं/अन्य की जाँच किन-किन शिकायतों के आधार पर कब, किस नाम/पदनाम के अधिकारियों के द्वारा की गई? उक्त शिकायतों की एक प्रति देते हुये बतायें कि शिकायतों की जाँच में क्या निष्कर्ष प्राप्त हुये? सभी जाँच रिपोर्टों एवं निष्कर्षों की एक प्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित शिकायतों के बाद आर्थिक अनियमिततायें तत्कालीन प्रभारी उप संचालक अहिरवार के द्वारा पकड़ कर तथ्य सहित कार्यवाही करने के लिये संयुक्त संचालक/संचालक कृषि विभाग को पत्र/शासकीय डी.ओ. लेटर लिखे? उन सभी की एक प्रति उपलब्ध कराते हुये बतायें कि प्रश्न तिथि तक राज्य शासन/संचालक कृषि कार्यालय से खाद विक्रेताओं/सहकारी समीतियों पर एफ.आई.आर. क्यों कायम नहीं की गई? (ग) राज्य शासन अवैध कार्य करने वालों पर क्या ठोस दंडनीय कार्यवाही नहीं करना चाहता? संयुक्त संचालक (उर्वरक) कृषि के द्वारा उप संचालक डी.डी.ए. को खाद विक्रेताओं के विरूद्ध एफ.आई.आर. कराने के निर्देष के बावजूद प्रश्न तिथि तक कायमी न कराये जाने का दोषी प्रमुख सचिव हैं या संचालक कृषि? (घ) वर्ष 2024-25 में सतना जिले के लिये कितना उर्वरक का प्राप्त हुआ और कितना उर्वरक स्टॉक में है? कितनी मात्रा वितरित कर दी गई है?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) सतना जिले में कार्यालय उप संचालक (कृषि), सतना में वित्तीय वर्ष 2021-22 से प्रश्न तिथि तक प्राप्त सहकारी समितियों/खाद विक्रेताओं/अन्य की शिकायतें एवं जांच अधिकारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। प्राप्त शिकायतों, जांच रिपोर्टों एवं निष्कर्षों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में तत्कालीन प्रभारी उप संचालक (कृषि), सतना द्वारा संयुक्त संचालक/संचालक कृषि विभाग को लिखे गए पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है एवं तत्संबंध में उप संचालक (कृषि), सतना द्वारा की गयी वैधानिक कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) संयुक्त संचालक (उर्वरक), कृषि के द्वारा उप संचालक, कृषि, जिला सतना को दिये गये निर्देश पर उप संचालक (कृषि), सतना द्वारा संबंधितों पर वैधानिक कार्यवाही की गई है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है।
ग्राम पंचायतों में मनरेगा श्रमिकों और ग्राम पंचायतों के विकास कार्य
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
78. ( क्र. 420 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना विधानसभा में कितने श्रमिक मनरेगा में पंजीकृत हैं? पिछले पांच वित्तीय वर्षों में किन ग्राम पचायत को कितनी राशि मनरेगा की मजदूरी के लिए दी गई है? श्रामिकों की सूची दें। कौन से मजदूरों को कितने दिनों का कार्य दिया गया और कितनी मजदूरी का भुगतान मजदूरों के खाते में किया गया? क्या सभी मजदूरों का मौके पर कार्य करते हुए जी.आई.एस. टैगिंग की गई? यदि हाँ, तो ग्राम पंचायतवार मजदूरों का नामवार भुगतान की गई राशि की पिछले 5 वित्तीय वर्ष की सूची उपलब्ध करायें। क्या रोजगार गारंटी कानून सभी पंचायतों में लागू है? यदि हाँ, तो पंजीकृत सभी मजदूरों को ग्राम पंचायत न्यूनतम 100 दिन का कार्य प्रत्येक श्रामिक को दिया गया है? यदि हाँ तो पंचायतवार, श्रमिकवार, किन-किन मजदूरों को कार्य दिया? प्रश्न दिनांक के पिछले 5 वित्तीय वर्षों की सूची उपलब्ध करायें। (ख) सतना विधानसभा के सोहावल ब्लाक अन्तर्गत ग्राम पंचायत पतौडा के मॉडल हाउस से मझियार होते हुये लिलौरी तक डी.एम.एफ. मद 21-22 में स्वीकृत रोड निर्माण कार्य प्रश्न दिनांक तक क्यों अधूरा है? उक्त कार्य को विलम्ब करने वाले दोषियों अधिकारियों पर जांच करके कार्यवाही क्यों नहीं की जाती? कारण स्पष्ट करें। (ग) सतना विधानसभा अंतर्गत आने वाली सभी ग्राम पंचायतों में वित्तीय वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनाक तक किस-किस मद से क्या कार्य किए गए? कार्यों की प्रगति क्या है, कितने कार्य पूर्ण हैं, कितने शेष हैं? ग्राम पंचयतवार/कार्यवार/राशिवार/अलग-अलग सूची उपलब्ध कराएं।
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। मनरेगा अंतर्गत मजदूरी के भुगतान हेतु ग्राम पंचायतों को राशि दी नहीं जाती बल्कि मनरेगा पोर्टल के ग्लोबल खाते से मनरेगा अंतर्गत मजदूरी का ऑनलाइन भुगतान किया जाता है। भारत सरकार के पत्र दिनांक 23.12.2022 अनुसार सभी सामुदायिक कार्यों हेतु एन.एम.एम.एस. प्रक्रिया लागू की गयी है। जी हाँ, रोजगार गारंटी कानून सभी पंचायतों में लागू है। मांग के आधार पर 100 दिन का कार्य श्रमिकों को दिया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ख) सतना विधानसभा के सोहावल ब्लाक अन्तर्गत ग्राम पंचायत पतौडा के मॉडल हाउस से मझियार होते हुये लिलौरी तक डी.एम.एफ.मद 21-22 में स्वीकृत रोड निर्माण कार्य प्रश्न दिनांक तक अपूर्ण रहने का कारण जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश अनुसार महात्मा गांधी नरेगा योजना की जानकारी nrega.nic.in, प्रधानमंत्री आवास योजना की जानकारी pmayg.nic.in, स्वच्छ भारत मिशन योजना की जानकारी swachhbharatmission.gov.in, 15वां वित्त आयोग की जानकारी egramswaraj.gov.in तथा मुद्रांक शुल्क अनुदान की जानकारी mppanchayatdarpan.gov.in पर उपलब्ध अनुसार है।
दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
79. ( क्र. 421 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखंड घुघरी अंतर्गत स्वीकृत ग्राम बम्हनी से पटनीपानी ग्रेवल सड़क, गोरखपुर मुनगाटोला से लोधा ग्रेवल सड़क एवं विकासखंड मवई अंतर्गत ग्राम पंचायत बानदरवाड़ी में चैनसिंह के घर से बैगाटोला फतेजनाला तक ग्रेवल सड़क का कार्य प्रारम्भ नहीं होने के क्या कारण हैं? वन विभाग से एन.ओ.सी. के लिए विभाग द्वारा कब-कब, क्या-क्या प्रयास किये गए? संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराएं। (ख) क्या यह सही है कि वर्ष 2024-25 में विकासखंड घुघरी बिछिया व मवई के ग्रामीण क्षेत्रों के अति आवश्यक मार्गों के निर्माण हेतु आर.ई.एस. विभाग द्वारा प्रस्ताव तैयार किये गए थे? यदि हाँ, तो प्रतियाँ उपलब्ध कराएं। क्या उक्त मार्गों की स्वीकृति हो चुकी हैं? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक स्वीकृति दी जाएगी? (ग) सदन दिनांक 8/7/24 प्रश्न क्रमांक 2026 के उत्तर में बताया गया था कि सचिव सरजू प्रसाद धुर्वे को अवचार का दोषी पाया गया और दो वर्ष की वेतन वृद्धि रोकी गई है, क्या इस तरह के अवचार के दोषी अन्य कर्मचारियों पर भी विभाग द्वारा यही कार्यवाही की गई है? क्या इस अवचार में दोषी पाए जाने पर निलंबन या सेवा समाप्ति की कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो इस मामले में क्यों नहीं की गई? उक्त प्रश्न के ही उत्तर में बताया गया है कि जनपद पंचायत बिछिया द्वारा जाँच दल गठन कर जाँच कराई जा रही है। जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध करावें। (घ) जनपद अध्यक्ष बिछिया के पत्र क्रमांक 55 दिनांक 27/08/2024 के सन्दर्भ में ग्राम पंचायत राता में की गई जाँच का सम्पूर्ण प्रतिवेदन उपलब्ध करावें। क्या इसमें सरपंच सचिव दोषी पाए गए हैं? यदि हाँ, तो उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है? जनपद पंचायत बिछिया के पत्र क्रमांक/1820/शिका./ज.प./2024, दिनांक 05/11/2024 के माध्यम से सी.ई.ओ. जिला पंचायत मंडला को भेजे गए जाँच प्रतिवेदन की सम्पूर्ण प्रति उपलब्ध कराएं। क्या प्रतिवेदन अनुसार सचिव सरजू प्रसाद धुर्वे दोषी पाए गए हैं? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जाएगी?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) मण्डला जिले के विकासखण्ड घुघरी अंतर्गत स्वीकृत ग्राम बम्हनी से पटनीपानी ग्रेवल सड़क, गोरखपुर मुनगाटोला से लोधा ग्रेवल सड़क एवं विकासखण्ड मवई अंतर्गत ग्राम पंचायत बानदरवाड़ी में चैन सिंह के घर से बैगाटोला फतेजनाला तक ग्रेवल सड़क का कार्य वन विभाग से अनुमति नहीं मिलने के कारण कार्य प्रारंभ नहीं किये जा सके हैं। विभाग द्वारा वन मण्डल अधिकारी पूर्व सामान्य वन मण्डल मण्डला को लिखे गए पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार हैं। (ख) हाँ यह सही है कि, वित्तीय वर्ष 2024-25 में विकासखण्ड घुघरी, मवई एवं बिछिया के ग्रामीण क्षेत्रों की कुल 29 अति आवश्यक मार्गों के निर्माण हेतु कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर प्राक्कलन तैयार किए गए थे। जिनकी प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। हाँ उक्त मार्गों में से विकासखण्ड घुघरी, मवई एवं बिछिया कुल 15 मार्गों की जिला स्तर से प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है। विकासखण्ड घुघरी, मवई एवं बिछिया के शेष 14 मार्गों की जिले से अनुमति प्रदान की जा चुकी हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। शासन के निर्देश क्र. 2258/MGNREGS-MP/NR-3/Tech./2024 भोपाल दिनांक 01/07/2024 एवं शासन के नवीन निर्देश क्र. 5191/MGNREGS-MP/NR-3/Tech./2024 भोपाल दिनांक 19/11/2024 में दिये निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में उक्त कार्यों की स्वीकृति हेतु परीक्षण की कार्यवाही प्रचलन में हैं। (ग) श्री सरजू प्रसाद धुर्वे ग्राम सचिव, ग्राम पचांयत राता जनपद पंचायत बिछिया को पूर्व में पंचायत कर्मी के रूप में नियुक्त किया गया था। म.प्र. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 22 (4) एवं मध्यप्रदेश पंचायत सेवा आचार नियम 1998 के नियम 21 में निहित प्रावधानों के तहत श्री धुर्वे सचिव अवचार का दोषी पाए जाने पर लघु शास्ती अधिरोपित कर दो वार्षिक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी गई। इस अवचार का दोषी पाए जाने का इस कार्यालय में इस के अन्य कोई प्रकरण प्राप्त नहीं हैं। इस अवचार में दोषी पाये जाने पर म.प्र. पंचायत सेवा (अनुशासन तथा अपील) नियम 1999 के भाग तीन अनुशासन-5 शास्तियां (क) में निहित प्रावधानों के तहत कार्यवाही की गई है। इस अवचार के दोषी पाए जाने पर पृथक से निलंबन या सेवा समाप्ति की कार्यवाही किये जाने के प्रावधान का उल्लेख नहीं है। जांच दल से प्राप्त प्रतिवेदन की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार हैं। (घ) जनपद पंचायत अध्यक्ष बिछिया के पत्र क्रमांक/55 दिनांक 27-08-2024 के संदर्भ में ग्राम पंचायत राता में की गई जांच का सम्पूर्ण प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है। सरपंच सचिव ग्राम पंचायत राता द्वारा नियम विरूद्ध कार्य करना पाया गया। प्रकरण में सरपंच सचिव ग्राम पंचायत राता के विरूद्ध अग्रिम कार्यवाही हेतु न्यायालय मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मण्डला में प्रक्रियाधीन है। प्राप्त जांच प्रतिवेदन के आधार पर सरजू प्रसाद धुर्वे सचिव ग्राम पंचायत राता प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए हैं। नियमानुसार न्यायालय मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मण्डला द्वारा दोषी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी।
निजी विश्वविद्यालयों एवं भोज मुक्त विश्वविद्यालय के लंबित प्रकरण
[उच्च शिक्षा]
80. ( क्र. 422 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों के सुचारू संचालन हेतु म.प्र. शासन उच्च शिक्षा विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक 402/37/सीसी/2023/38 भोपाल दिनांक 08/06/2023 के माध्यम से दिशा-निर्देश जारी कर क्रियान्वयन करने हेतु निर्देशित किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त पत्र के परिपालन में निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? उक्त पत्र में उल्लेखित बिंदुवार सुसंगत दस्तावेजों सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) म.प्र. भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के नियमितीकरण उपरांत शासन के निरस्तीकरण आदेश दिनांक 05/10/2013 के विरुद्ध सम्बंधित कर्मचारियों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में सत्र 2013 एवं 2014 से कितने प्रकरण लंबित हैं? इन प्रकरणों को निराकृत कराने हेतु अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है एवं क्या की जा रही है? संबंधित समस्त कर्मचारियों की सूची सहित वर्तमान स्थिति संबंधी समस्त जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल द्वारा प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा विभाग को लिखे गए पत्र क्रमांक/अपराध/भोपाल/आवक क्र.-1701/2060 (21)/1701-B - 2021, दिनांक 07/10/2021 पर क्या कार्यवाही की गई? समस्त दस्तावेजों सहित जानकारी उपलब्ध करायें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ, उक्त पत्र के परिपालन में समस्त निजी विश्वविद्यालयों को बिन्दुवार दिशा-निर्देश का पालन करने हेतु मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग द्वारा निर्देशित किय गया था। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' के प्रपत्र 01 से 157 अनुसार है। (ख) माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के नियमितीकरण से संबंधित 31 कर्मचारियों की याचिकाएं विचाराधीन हैं। विश्वविद्यालय से जवाब दावा प्रस्तुत होने के उपरांत याचिकाएं अंतिम तर्क हेतु नियत है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रकरण परीक्षणाधीन है।
सड़कों की भौतिक स्थिति की जानकारी
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
81. ( क्र. 426 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्डौरी जिले में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क कुल कितने एवं कहाँ से कहाँ तक बनाये गये हैं? कार्य प्रारंभ दिनांक, कार्य पूर्ण दिनांक, स्वीकृत राशि, व्यय राशि, एजेंसी का नाम, सड़कवार दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार सभी सड़कों की भौतिक स्थिति ठीक है। अगर हाँ तो बतायें कि नेवसा से पड़रिया कला एवं नेवसा से बसनिया आदि अन्य सड़क खराब क्यों है? अगर नहीं तो बतायें कि सड़क क्यों खराब हैं? कब तक ठीक की जायेगी? कौन जिम्मेदार है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार सभी सड़कों की मरम्मत हेतु कब-कब, कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई? एजेंसी कौन थी, कितनी राशि व्यय हुई, कौन-कौन सी सड़क का मरम्मत कार्य सही समय में नहीं हुआ? सड़कवार जानकारी दें। (घ) कौन-कौन सी पुल-पुलिया निर्माणाधीन हैं? प्राक्कलन, ड्राइंग, स्वीकृत राशि, कार्य प्रारंभ, व्यय राशि पुल-पुलियावार दें।
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) डिण्डौरी जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत कुल 435 मार्गों का निर्माण किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) डिण्डौरी जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत निर्मित 435 सड़कों में से लोक निर्माण विभाग को 16 सड़कें हस्तांतरित की गई हैं। शेष कुल 419 सड़कों में से 417 सड़कों की भौतिक स्थिति ठीक है। केवल 02 सड़कें मापदण्ड के अनुरूप संधारित नहीं है, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। प्रश्न में उल्लेखित नेवसा से बसनिया मार्ग (वास्तविक मार्ग डिण्डौरी सारसताल नेवसा रोड से बसनिया मार्ग) का निरीक्षण महाप्रबंधक, म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण, पी.आई.यू. डिण्डौरी द्वारा दिनांक 24.11.2024 को किया गया। मार्ग की भौतिक स्थिति अच्छी एवं संधारित पाई गई। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। निर्माणाधीन पुल-पुलियों के प्राक्कलन एवं ड्राइंग की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है।
संबल योजना की राशि का भुगतान
[श्रम]
82. ( क्र. 437 ) श्री चैन सिंह वरकड़े : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले के अंतर्गत वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री कल्याण संबल योजना के अंतर्गत सहायता हेतु कितने प्रकरण (आवेदन पत्र) प्राप्त हुए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत कितने प्रकरण प्राकृतिक दुर्घटना में मृत्यु व कितने सामान्य मृत्यु के प्रकरण प्राप्त हुए हैं? विकासखण्डवार जानकारी प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो ऐसे कितने प्रकरणों को किन कारणों से अपात्र किया गया है एवं कितने प्रकरण पात्र पाए गये? कितने प्रकरणों के भुगतान हेतु राशि स्वीकृत की जा चुकी है? क्या सभी पात्र व स्वीकृत प्रकरणों के अनुग्राहिताओं को राशि का भुगतान किया जा चुका है। (घ) प्रश्नांश (ग) यदि नहीं, तो ऐसे कितने पात्र व स्वीकृत प्रकरण हैं, जिन्हें अभी तक संबल योजना राशि का भुगतान नहीं किया गया है? यदि विलंब हुआ है तो विलंब का क्या कारण है? कब तक पात्र अनुग्राहिताओं को राशि का भुगतान कर दिया जावेगा?
श्रम मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) निकाय स्तर पर प्राप्त जानकारी अनुसार मण्डला जिले के अंतर्गत वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना के अंतर्गत सहायता हेतु कुल प्रकरण 4549 (आवेदन पत्र) प्राप्त हुए हैं। (ख) संबल योजनांतर्गत प्राकृतिक दुर्घटना में मृत्यु के प्रकरणों में लाभ प्रदान नहीं किया जाता है अपितु ऐसे प्रकरणों में कार्यवाही आर.बी.सी. (राजस्व पुस्तक परिपत्र) की कंडिका 06 (4) में वर्णित परिस्थितियों के अंतर्गत राजस्व विभाग के द्वारा की जाती है। प्रश्नांश (क) अंतर्गत जिला मण्डला में दुर्घटना में मृत्यु के 297 प्रकरण व सामान्य मृत्यु के 4252 प्रकरण प्राप्त हुये हैं। निकायवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) अंतर्गत 137 प्रकरणों को अपात्र किया गया है एवं 4412 प्रकरण पात्र पाए गये। 4412 प्रकरणों को भुगतान हेतु राशि स्वीकृत की जा चुकी है। सभी पात्र व स्वीकृत प्रकरणों में से 3317 प्रकरणों में अनुग्राहिताओं को राशि का भुगतान किया जा चुका है। अपात्र हाने के कारण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (घ) में वांछित जानकारी संबंधी 1095 प्रकरण है। मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना अंतर्गत भुगतान एक सतत् प्रक्रिया है, सिंगल क्लिक के माध्यम से बजट उपलब्धता अनुसार स्वीकृत एवं डिजिटली साइन्ड प्रकरणों में मृत्यु दिनांक के क्रमानुक्रम में राशि जारी की जाती है।
तकनीकी शिक्षा प्राप्त युवाओं को रोजगार का प्रदाय
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार (केवल कौशल विकास एवं रोजगार ) ]
83. ( क्र. 438 ) श्री चैन सिंह वरकड़े : क्या राज्य मंत्री, कौशल विकास एवं रोजगार महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में कितने शासकीय एवं गैर सरकारी आई.टी.आई., कौशल विकास प्रशिक्षण संस्था संचालित हैं? नामजद जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितने छात्र-छात्राओं ने किन-किन ट्रेडों से प्रशिक्षण प्राप्त किया है? वर्षवार जानकारी प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) यदि हाँ, तो क्या इन संस्थाओं से प्रशिक्षण प्राप्त स्थानीय युवाओं को मण्डला जिले के मनेरी उदयपुर एवं मण्डला जिले के किन-किन उद्योग इकाइयों में रोजगार प्रदान किया गया? नाम, पता सहित जानकारी प्रदान करें।
राज्य मंत्री, कौशल विकास एवं रोजगार ( श्री गौतम टेटवाल ) : (क) एवं (ख) प्रश्नावधि में मंडला जिले में संचालित शासकीय एवं निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
महापंचायत में की गई घोषणाओं का क्रियान्वयन
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
84. ( क्र. 442 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय तत्कालीन मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रदेश के ग्राम पंचायत सचिवों की महापंचायत में दिनांक 3 अगस्त 2022 को ग्राम पंचायत सचिवों की महापंचायत में की गयी निम्न घोषणाओं के संबंध में जानकारी प्रदान करने का कष्ट करें। (ख) क्र. 1 - घोषणा क्रमांक : सी 2672 "ग्राम पंचायत सचिवों को समयमान वेतनमान का लाभ दिया जायेगा"। क्या इस घोषणा के परिपालन में विभाग द्वारा पंचायत सचिवों को समय वेतनमान का लाभ स्वीकृत किया गया है? यदि हाँ, तो क्या विस्तृत दिशा-निर्देश जारी नहीं होने के कारण वे उपरोक्त लाभ से वंचित हैं? समय वेतनमान के विस्तृत दिशा-निर्देश जारी न होने का क्या कारण है एवं इसके जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित है? समयमान वेतनमान का आर्थिक लाभ पंचायत सचिवों को किस दिनांक से प्रभावशील होगा? (ग) क्र. 2 - घोषणा क्रमांक : सी 2675 "पंचायत समन्वय अधिकारी (पी.सी.ओ.) की भर्ती में 50% पद ग्राम पंचायत सचिव के लिए आरक्षित किए जाएंगे"। क्या इस घोषणा के परिपालन में अभी तक विभाग द्वारा कोई आदेश जारी किया गया है? यदि नहीं, तो कब तक इस संबंध में आदेश जारी कर पी.सी.ओ. पद पर भर्ती प्रक्रिया प्रारम्भ की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। कार्यवाही प्रचलित है। मध्यप्रदेश शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के संशोधित आदेश क्रमांक 112/ए.स./22/2023/पंचा-1 दिनांक 06.10.2023 अनुसार समयमान वेतनमान का आर्थिक लाभ दिनांक 04.10.2023 से प्रभावशील होगा। (ग) जी नहीं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ग्राम पंचायत सचिवों को शासकीय सुविधाओं का प्रदाय
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
85. ( क्र. 443 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) "ग्राम पंचायत सचिवों को नियमित कर्मचारियों के समान सभी सुविधाएं देने की प्रक्रिया प्रारंभ की जाए" इस घोषणा के परिपालन में नियमित कर्मचारियों के समान गृह भाड़ा भत्ता, ग्लोबल मद से वेतन भुगतान के आदेश कब तक जारी किए जाएंगे? (ख) क्या पंचायत सचिवों को आयुष्मान कार्ड का लाभ दिए जाने का आदेश जारी किया गया है? यदि हाँ, तो बालाघाट जिले में अभी तक कितने पंचायत सचिवों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं? यदि नहीं, तो इनके आयुष्मान कार्ड बनने की कार्यवाही किस स्तर से लंबित हैं एवं इसके जिम्मेदार अधिकारी पर शासन के आदेशों की अवहेलना करने के कारण अभी तक कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, तो क्यों एवं कब तक जिम्मेदार अधिकारी पर कार्यवाही की जायेगी एवं कब तक ग्राम पंचायत सचिवों के आयुष्मान कार्ड बन जाएंगे? (ग) क्या मध्यप्रदेश राजपत्र असाधारण प्राधिकार से प्रकाशित पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग 19 फरवरी 2024 में प्रदेश के ग्राम पंचायत सचिवों को मध्यप्रदेश सिविल सेवा अवकाश नियम 1977 के अनुसार अवकाश स्वीकृत किए जाने का प्रारंभिक असाधारण राजपत्र का प्रकाशन किया गया था? यदि हाँ, तो अभी तक इस असाधारण राजपत्र का अंतिम प्रकाशन न होने का क्या कारण है? कब तक अंतिम प्रकाशन किया जाएगा?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) ग्राम पंचायत सचिव ग्राम पंचायत का कर्मचारी होकर जिला संवर्ग का होने के परिप्रेक्ष्य में राज्य शासन का कर्मचारी नहीं है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा पंचायत सचिवों को आयुष्मान कार्ड का लाभ दिए जाने के निर्देश जारी किये गये हैं। बालाघाट जिले में अभी तक 29 पंचायत सचिवों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। ग्राम पंचायत सचिवों के आयुष्मान कार्ड बनाने संबंधी समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अनियमितता के दोषी पर कार्यवाही
[सहकारिता]
86. ( क्र. 445 ) श्री भगवानदास सबनानी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिला सहकारी बैंक में वर्तमान में कौन मुख्य कार्यपालन अधिकारी हैं एवं उनके पास कौन-कौन से अतिरिक्त प्रभार हैं? (ख) क्या EOW द्वारा इनके विरुद्ध भोपाल जिला सहकारी बैंक के संबंध में ही करोड़ों रूपयों की अनियमितताओं के संबंध में न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो ऐसे अधिकारी को भोपाल जिला सहकारी बैंक का प्रभार किस अधिकारी के द्वारा दिया गया है? क्या उनके विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या इसी प्रकरण में इनके विरूद्ध विभागीय जांच की प्रक्रिया भी प्रारम्भ की गई थी? यदि हाँ, तो जांचकर्ता अधिकारी द्वारा क्या कार्यवाही की गई? कृपया आरोप पत्र की प्रति उपलब्ध करावें।
सहकारिता मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) श्री अखिलेश निगम को उपायुक्त सहकारिता भोपाल का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। उपायुक्त सहकारिता भोपाल को अपने वर्तमान कार्यों के साथ-साथ मुख्य कार्यपालन अधिकारी, भोपाल सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के पद का अतिरिक्त प्रभार अस्थायी रूप से सौंपा गया है, श्री निगम मुख्यालय में पदस्थ है। इसके अतिरिक्त उनके पास कोई अन्य प्रभार नहीं है। (ख) जी नहीं। (ग) एवं (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय एवं निजी विश्वविद्यालय / महाविद्यालय में फीस का निर्धारण
[आयुष]
87. ( क्र. 447 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या आयुष मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में आयुष विभाग के कितने शासकीय एवं निजी आयुर्वेदिक चिकित्सा विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय संचालित हैं? जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। उक्त महाविद्यालय में कौन-कौन से पाठ्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं? कितने-कितने छात्रों की सीटें निर्धारित है? विश्वविद्यालयवार, महाविद्यालयवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त आयुर्वेदिक चिकित्सा महाविद्यालय में शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक स्टाफ के नाम, पदनाम, वेतन, नियुक्ति दिनांक, योग्यता सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संचालित शासकीय निजी आयुर्वेदिक चिकित्सा महाविद्यालय में कौन-कौन से पाठ्यक्रम की कितनी-कितनी फीस निर्धारित हैं? फीस निर्धारण के भारत सरकार एवं मध्यप्रदेश सरकार एवं विभाग द्वारा कब-कब आदेश, निर्देश, परिपत्र जारी किये? दिनांक 1 अप्रैल 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक पत्रों तथा फीस निर्धारण नियमों की जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वित्तीय वर्ष 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 में कितने छात्रों ने नीट परीक्षा उत्तीर्ण की तथा कितने छात्रों ने नीट परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद भी प्रवेश नहीं लिया? बी.ए.एम.एस., बी.एच.एम.एस. पाठ्यक्रम में कितने छात्रों ने प्रवेश लिया एवं छात्रों से कितनी-कितनी फीस कब-कब ली गई? (ङ) क्या शासकीय महाविद्यालय एवं निजी महाविद्यालयों की बी.ए.एम.एस. एवं बी.एच.एम.एस. की फीस में अंतर है? क्या निजी महाविद्यालय संचालकों द्वारा मनमानी फीस वसूली जा रही है? यदि हाँ, तो किस-किस महाविद्यालय की शिकायत प्राप्त हुई? शिकायत का क्या निराकरण किया गया तथा कौन-कौन दोषी पाये गये? शिकायतवार जानकारी देवें। दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई?
आयुष मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। निजी क्षेत्र के आयुष चिकित्सा महाविद्यालयों में पदस्थ शैक्षणिक/गैर शैक्षणिक स्टाफ की जानकारी संचालनालय में संधारित नहीं की जाती है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विभाग से संबंधित नहीं। विभागीय पाठ्यक्रम में काउंसलिंग के माध्यम से प्रवेशित छात्रों की जानकारी एकत्रित की जा रही है। निजी क्षेत्र के आयुष चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रवेशित छात्रों से म.प्र. शुल्क विनियामक आयोग में उल्लेखित प्रावधान अनुसार फीस ली जाती है। (ड.) जी हाँ। श्री सांई इंस्टीट़यूट ऑफ आयुर्वेद रिसर्च एण्ड मेडिसन मानसरोवर केम्पस, कोलार रोड भोपाल एवं सरदार अजीत सिंह स्मृति आयुर्वेदिक महाविद्यालय भोपाल की शिकायत प्राप्त हुई हैं जिसे निराकरण हेतु सचिव म.प्र. शुल्क विनियामक आयोग द्वारा गठित समिति को जांच सौंपी गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खाद की कालाबाजारी
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
88. ( क्र. 449 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उप संचालक कृषि कल्याण विभाग सतना के कार्यालय में खादों की कालाबाजारी करने एवं किसानों को ब्लैकमेल करने वाली समितियों को चिन्हित कर संयुक्त संचालक (उर्वरक) कृषि संचालनालय भोपाल ने वित्तीय वर्ष 2021 से प्रश्न तिथि के मध्य जो पत्र/आदेश उप संचालक कृषि सतना को लिखा था की एक प्रति उपलब्ध कराते हुए बतायें कि ऊपर लिखित तिथि के अंतर्गत किस-किस खाद विक्रेताओं के विरूद्ध प्राथमिक सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई? कौन-कौन नाम/पते वाले खाद विक्रेता दोषी पाये गये थे? उन पर प्रश्न तिथि तक एफ.आई.आर. क्यों नहीं कायम करवाई गई? कारण दें एवं नियम बतायें। (ख) क्या खाद की कालाबाजारी करने वाले विक्रेताओं से मिलीभगत कर उप संचालक कृषि सतना संरक्षण देते हैं और कृषि संचालनालय के एफ.आई.आर. करवाने के आदेशों को न मानकर मामले को रफा-दफा कर देते हैं? अगर नहीं तो संयुक्त संचालक (उर्वरक) ने प्रश्नकर्ता के ध्यानाकर्षण के बाद एफ.आई.आर. कायमी करवाने हेतु सतना उप संचालक को पत्र क्यों लिखा था? (ग) राज्य शासन प्रश्नांश (क) में वर्णित संयुक्त संचालक (उर्वरक) के आदेशों को अगर वैध मानता है तो कब तक खाद की कालाबाजारी करने वालों के विरूद्ध एफ.आई.आर. की कार्यवाही की जायेगी? समय-सीमा दें।
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) जी हाँ, संयुक्त संचालक (उर्वरक), संचालनालय, किसान कल्याण तथा कृषि विकास भोपाल द्वारा उप संचालक, कृषि, सतना द्वारा कालाबाजारी के अवगत कराए गए प्रकरणों पर नियमानुसार एफ.आई.आर. के लिए उप संचालक, कृषि, सतना को पत्र लिखे गए थे। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। प्रश्नांकित अवधि में उप संचालक, कृषि, सतना द्वारा दोषी पाए गए उर्वरक विक्रेताओं की जानकारी, उर्वरक विक्रेताओं के विरुद्ध दर्ज एफ.आई.आर. की जानकारी एवं एफ.आई.आर. दर्ज न कराए जाने का कारण सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जी नहीं। संयुक्त संचालक (उर्वरक) संचालनालय, किसान कल्याण तथा कृषि विकास, भोपाल द्वारा कालाबाजारी के प्रकरणों की शिकायत के संज्ञान में आने पर उप संचालक, कृषि, सतना को नियमानुसार एफ.आई.आर. किए जाने हेतु लेख किया गया था। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित संयुक्त संचालक (उर्वरक) संचालनालय, किसान कल्याण तथा कृषि विकास, भोपाल के पत्र के संदर्भ में गुण दोष के आधार पर एफ.आई.आर. दर्ज करा दी गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जनपद पंचायतों में मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की नियुक्ति
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
89. ( क्र. 464 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के जिलों में स्थित जनपद पंचायतों की संख्या कितनी है? क्या उक्त सभी जनपद पंचायतों में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के सभी पदों में शासन/विभाग स्तर से नियमित/प्रभारी अधिकारी पदस्थ हैं? यदि नहीं, तो किन-किन जनपदों में कब से अधिकारियों के पद रिक्त हैं? रिक्त पदों पर नियमित अधिकारी की पदस्थापना शासन द्वारा कब तक की जावेगी? (ख) क्या प्रदेश के एम.पी.आर.आर.डी.ए. में पदस्थ प्रमुख अभियंता को शासन/विभाग द्वारा निर्धारित प्रक्रिया पूर्ण किए बिना प्रमुख अभियंता के पद पर पदस्थ किया गया है? यदि हाँ, तो क्या यह शासन/विभाग के नियमों के अनुकूल है? यदि नहीं, तो किस दिनांक तक इन्हें पद से पृथक किया जावेगा? क्या प्रमुख अभियंता की नियुक्ति के संबंध में किसी मजदूर संगठन द्वारा शिकायत की गई थी? यदि हाँ, तो शिकायत पर कब-कब तथा क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) जिला सिवनी में एम.पी.आर.आर.डी.ए. में पदस्थ महाप्रबंधक के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने व अन्य अनियमितताओं की शिकायत शासन/विभाग को प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो उसकी जांच किसी सक्षम वरिष्ठ अधिकारी द्वारा कराई गई? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक कराई जाएगी?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) प्रदेश में 313 जनपद पंचायत हैं। जी नहीं, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विभाग में स्वीकृत अधिकारियों के पदों के विरूद्ध कम अधिकारी कार्यरत होने के कारण रिक्त पदों पर नियमित पदस्थापना की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। श्री प्रदीप पटेल अध्यक्ष/अधिवक्ता भारतीय मजदूर संघ जिला सिवनी के पत्र क्रमांक 820 दिनांक 19.11.24 के माध्यम से शिकायत दिनांक 04.12.24 को विभाग में प्राप्त हुई है। शिकायत का परीक्षण किया जाकर यथोचित कार्यवाही की जावेगी। (ग) जी हाँ, जांच हेतु मुख्य महाप्रबंधक संभाग जबलपुर, मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण जबलपुर को लिखा गया है। जांच प्रतिवेदन अपेक्षित है।
करोंद मण्डी में हथियारबंद बदमाशों द्वारा व्यापारियों से अवैध वसूली
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
90. ( क्र. 465 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल स्थित करोद मण्डी में आए दिन मध्य रात्रि के समय हथियारबंद बदमाशों द्वारा चाकूबाजी कर व्यापारियों/किसानों से वसूली की शिकायतें सब्जी विक्रेता कल्याण संघ द्वारा संबंधित क्षेत्र के थाने में दी गई है? यदि हाँ, तो उक्त शिकायत पर प्रश्न दिनांक तक कब-कब तथा क्या-क्या कार्रवाई की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन द्वारा राजधानी की करोंद मण्डी में सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर लाखों रुपए व्यय करने के पश्चात भी लूटमार और चाकूबाजी की घटनाएं घटित हो रही हैं? यदि हाँ, तो विगत 2 वर्षों में कब-कब तथा क्या-क्या घटनाएं घटित हुई? उक्त घटनाओं में शासन/विभाग द्वारा दोषियों पर क्या-क्या कार्रवाई की गई? वर्षवार जानकारी दें। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में करोंद मण्डी में व्यापारियों/किसानों के साथ घटित हो रही घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए शासन द्वारा कोई कार्रवाई की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नियम विरूद्ध जारी एन.ओ.सी. की जानकारी
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
91. ( क्र. 469 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिन कर्मचारियों/अधिकारियों से रिकवरी करने के प्रकरण उच्च न्यायालयों में पेंडिंग हैं/चल रहे हैं, उनके रिटायरमेंट के बाद होने वाली राशि का पूर्ण भुगतान नहीं होता है/रोका जाता है? इसके लिये जो नियम/शर्तें हैं, उनकी एक प्रति दें। (ख) कार्यालय कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा सतना में पदस्थ रहे श्री एस.एस. राजपूत तत्कालीन सहायक यंत्री, आर.ए. सिंह तत्का. सहायक यंत्री एवं श्री राजकुमार पांडे संविदा उपयंत्री के रिटायरमेंट के पश्चात् उनके सभी भुगतानों को करने के कागजातों को क्या कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा सतना ने तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सतना से हस्ताक्षर करवाकर एन.ओ.सी. (नो आब्जेक्शन सर्टिफिकेट) ली? उक्त सभी एन.ओ.सी. जिसमें उक्त तीनों यंत्रियों को सभी भुगतान किये गये थे की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित यंत्रियों पर ग्राम पंचायत कचनार जनपद पंचायत नागौद में हुई आर्थिक अनियमितताओं पर हुई रिकवरी के प्रकरण उच्च न्यायालय जबलपुर में लंबित हैं? कब तक शासन कार्य. यंत्री व तत्कालीन सी.ई.ओ. जिला पंचायत सतना को निलंबित कर विभागीय जाँच के आदेश देगा?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी हाँ। नियम/निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-“अ” अनुसार है। (ख) जी नहीं। श्री आर.ए. सिंह तत्का. सहायक यंत्री मनरेगा (मूल पद उपयंत्री जल संसाधन विभाग) की एन.ओ.सी. तत्का. मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सतना द्वारा जारी की गई है, श्री एस.एस. राजपूत तत्का. सहायक यंत्री (मूल पद उपयंत्री ग्रायांसे) की एन.ओ.सी. कार्यपालन यंत्री, ग्रायांसे, संभाग सतना द्वारा जारी की गई। श्री राजकुमार पाण्डेय संविदा उपयंत्री वर्तमान में जनपद पंचायत उचहेरा, जिला सतना में कार्यरत हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-“ब” अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रकरण की जांच उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अनुदान एवं जनभागीदारी से कराये गये कार्य
[उच्च शिक्षा]
92. ( क्र. 490 ) श्री राजन मण्डलोई : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस शहीद भीमा नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बड़वानी में UGC एवं केन्द्र शासन/राज्य शासन से महाविद्यालय को प्राप्त अनुदान एवं जनभागीदारी में छात्रों से व्यावसायिक कोर्स हेतु जमा कराई गई राशि का वित्तीय वर्ष 2022 से 2024 तक निम्न जानकारी उपलब्ध कराई जाये। (ख) निर्माण कार्य की निविदा एवं तुलनात्मक पत्रक तथा प्रशासकीय स्वीकृति एवं भुगतान की जानकारी। (ग) विभिन्न प्रकार से क्रय की गई सामग्री व निविदा तथा तुलनात्मक पत्रक व कार्यादेश व भुगतान किये गये बिल वाउचर की प्रमाणित प्रति। (घ) जनभागीदारी से पदवार शैक्षणिक एवं कार्यालीय स्टॉप पर किये गये भुगतान की जानकारी। (ड.) संधारित केशबुक की प्रमाणित प्रति।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सूचना के अधिकार अधिनियम का क्रियान्वयन
[सहकारिता]
93. ( क्र. 492 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. राज्य तिलहन संघ पत्र क्र. 322 दिनांक 15.5.2024 एवं पत्र क्र. 1106 दिनांक 28-4-2022 में उल्लेख किया गया है कि तिलहन संघ पर सूचना का अधिकार अधिनियम लागू नहीं होता है? क्या विभाग इस से सहमत है? (ख) क्या विभाग ने विधि निर्माण से इसका परीक्षण/अभिमत प्राप्त किया है? यदि नहीं, तो क्या इस आशय की जानकारी प्राप्त कर, इस संबंध में कार्यवाही नहीं की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) म.प्र. राज्य तिलहन संघ ने गत दस वर्षों से कब-कब किन-किन को जानकारी प्रदाय की? किन-किन के आवेदन पर जानकारी नहीं दी? क्या उन्हें जानकारी देंगे? नहीं तो क्यों नही? प्रश्नांश (क) एवं (ख) अन्तर्गत किसी कर्मचारी/अधिकारी को दोषी पाया गया, तो इसकी जानकारी आवेदनवार दें।
सहकारिता मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी नहीं। जी नहीं। आवश्यकता न होने से। (ग) तिलहन संघ द्वारा दिये गये उत्तर अनुसार किसी भी आवेदक को सूचना के अधिकार अधिनियम अन्तर्गत जानकारी प्रदाय नहीं की गई है। सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। सूचना का अधिकार तिलहन संघ पर लागू न होने से। उत्तरांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध कॉलोनियों के विरूद्ध कार्यवाही
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
94. ( क्र. 503 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 3812 के परिप्रेक्ष्य में उत्तर में जवाब दिया गया था की महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत पांच वर्षों में कुल 28 कालोनियां काटी गई है जिसमें सभी अवैध पाई गई है। उक्त अवैध पाई गई कालोनियों में सिर्फ पांच कालोनाइजरों पर F.I.R.की कार्यवाही की गई बाकी 23 कालोनी अवैध पाई जाने पर अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? स्पष्टीकरण देवें। (ख) अवैध पाई गई कालोनियों में प्रश्नकर्ता के उत्तर में जवाब दिया गया था की परीक्षण उपरांत कार्यवाही की जाएगी। बताएं की सभी कालोनियों का परीक्षण किसके द्वारा कब-कब किया गया और क्या-क्या कमियां पाई गई है। सूची देवें। यदि परीक्षण नहीं किया गया तो क्यों? यदि किया गया है तो कब तक कार्यवाही की जाएगी। (ग) क्या कालोनाइजरों द्वारा कालोनी काटने पर ग्राम पंचायत द्वारा निर्माण अनुमति/अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करना अनिवार्य है। यदि अनिवार्य है तो बिना ग्राम पंचायत के निर्माण अनुमति/अनापत्ति प्रमाण पत्र के बिना ही कालोनी काटी गई है तो क्या दोषी कालोनाइजरों पर उचित कार्यवाही कब तक की जाएगी? (घ) विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्रों में पांच वर्षों पूर्व में काटी गई समस्त कालोनियां किस-किस के द्वारा कब-कब काटी गई है? कालोनी का नाम, कालोनाइजरों का नाम, लाइसेंस, T.N.C.अनुमतियां, पंचायत की अनुमतियां, मूलभूत सुविधाएं विकसित की गई है या नहीं इत्यादि विवरण सूची सहित देवें। ग्राम पंचायत कढ़ाई के अंतर्गत काटी गई आदिनाथ कालोनी अवैध पाई जाने पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई।
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) प्रश्न क्रमांक 3812 के परिप्रेक्ष्य में शेष 23 अवैध कॉलोनियों के भूमि स्वामियों के विरूद्ध न्यायालय अपर कलेक्टर-1 जिला उज्जैन में प्रकरण दर्ज कराये गये है। (ख) सभी अवैध पाई गई कॉलोनियों से संबंधित दस्तावेजों का परीक्षण अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), अनुभाग महिदपुर द्वारा तहसीलदार महिदपुर से समय-समय पर कराया गया है। कार्यालय कलेक्टर (कॉलोनी सेल) जिला उज्जैन का पत्र क्रमांक 564 दिनांक 28.11.2024 से न्यायालय अपर कलेक्टर-1 जिला उज्जैन में सभी भूमि स्वामियों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कराये गये हैं। (ग) जी हॉ, भूमि स्वामी एवं कॉलोनाईजरों के विरूद्ध गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्नांश अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अनुभाग महिदपुर के प्रतिवेदन अनुसार आदिनाथ कॉलोनी की जांच कार्यवाही, प्रचलन में है। वर्तमान में लोकहित में न्यायालय तहसीलदार के प्रकरण क्रमांक/171/बी-121/2024-25 आदेश दिनांक 25.11.2024 द्वारा इसके क्रय-विक्रय पर रोक लगाई गई है।
फसल बीमा एवं मुआवजे की राशि का वितरण
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
95. ( क्र. 504 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2024 में खरीफ फसल के बीमा का सर्वे किस प्रकार से किसके द्वारा किया जाता है। विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत फसल बीमा कंपनी को अनावरी की जानकारी किस विभाग द्वारा किस दिनांक को दी गई। विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने किसानों को बीमा व मुआवजा राशि किस कंपनी द्वारा कितनी - कितनी दी गई। तहसीलवार जानकारी देवें। (ख) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किस-किस बीमा कंपनियों को 2023-24 में कितने किसानों द्वारा कितनी-कितनी राशि प्रीमियम के रूप में जमा की गई है एवं बीमा कंपनियों द्वारा किन-किन किसानों को कितनी-कितनी बीमा राशि प्रदान की गई है। क्या बीमा कंपनियों द्वारा करोड़ों रुपयों का प्रीमियम लेने के बाद भी किसानों को उनकी बीमा राशि नहीं दी जाती है। (ग) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत खराब हुई खरीफ (सोयाबीन) फसल का सर्वे किसके द्वारा किया गया है। क्या अतिवृष्टि के कारण खराब हुई खरीफ फसल का सर्वे आज दिनांक तक नहीं हो पाया है? यदि नहीं, तो क्यों। कितने किसानों का सर्वे हो चुका है एवं बीमा राशि एवं मुआवजा आना शेष है। तहसीलवार जानकारी देवें।
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत स्थानीय आपदा एवं फसल कटाई उपरांत आपदा के प्रावधान अंतर्गत समय-सीमा में सूचित करने वाले कृषकों के खेतों का सर्वे बीमा कंपनी द्वारा किया जाता है। अंतिम दावों की गणना रिमोट सेंसिंग तकनीक/फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त वास्तविक उपज के आधार पर की जाती है। अनावारी, फसल बीमा से संबंधित नहीं है। योजना अनुसार खरीफ 2024 के बीमा क्लेम का भुगतान अंतिम उपज के आंकडों के संकलन उपरांत किया जाना प्रावधानित है। (ख) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत जिला-उज्जैन हेतु निर्धारित बीमा कंपनी इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड द्वारा खरीफ 2023 में क्लेम हेतु पात्र बीमित कृषकों को फसल बीमा दावा राशि का भुगतान उनके बैंक अकाउंट में किया गया है। फसल बीमा प्रीमियम एवं क्लेम राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। रबी 2023-24 की बीमा क्लेम राशि के भुगतान संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। यह कहना सही नहीं है कि बीमा कंपनियां द्वारा करोड़ों रुपयों का प्रीमियम लेने के बाद भी किसानों को उनकी बीमा राशि नहीं दी जाती है। (ग) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत स्थानीय आपदा एवं फसल कटाई उपरांत आपदा के प्रावधान अंतर्गत समय-सीमा में सूचित करने वाले कृषकों के खेतों का सर्वे बीमा कंपनी द्वारा किया गया है। विधान सभा क्षेत्र महिदपुर अंतर्गत तहसील महिदपुर में 2389 कृषकों के खेतों का एवं तहसील झारदा अंतर्गत 2499 कृषकों के खेतों का सर्वे किया जा चुका है एवं क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान प्रावधानित है। आर.बी.सी.-6-4 अंतर्गत सर्वे एवं मुआवजा की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रिडेंसीफिकेशन एवं इंजीनियरिंग कॉलेज प्रारम्भ किया जाना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार (केवल तकनीकी शिक्षा) ]
96. ( क्र. 507 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिला अंतर्गत जावरा नगर में आसपास के जिले एवं प्रदेश भर के भी सैकड़ों छात्र-छात्राए पॉलिटेक्निक कॉलेज जावरा में अध्ययनरत रहते है? (ख) यदि हां, तो क्या यह भी सही है कि पॉलिटेक्निक कॉलेज भवन, प्राचार्य एवं स्टॉफ क्वाटर्स तथा छात्रावास एवं अन्य भवन भी काफी पुराने होकर जर्जर स्थिति में है? साथ ही भूमि के स्वामित्व को लेकर भी नियमानुसार कुछ विसंगतियां दृष्टिगत हुई है? (ग) यदि हाँ, तो बताये कि विगत वर्षों में स्व. सेठ गोविन्दराम तोंदी परिवार द्वारा उच्च शिक्षा हेतु जो भूमि दान में दी गई वह कुल कितनी होकर कितने एकड़, कितने बीघा, कुल कितने स्क्वेयर फीट की होकर उसका सीमांकन शासन/विभाग द्वारा कब किया जाकर सम्पूर्ण दान भूमि को अपने नियंत्रण में लेकर वायर फेंसिंग अथवा बाउंड्रीवॉल का निर्माण किया या भूमि पर किसी प्रकार का अतिक्रमण है? स्थल की सम्पूर्ण स्थिति से अवगत करें। (घ) शासन/विभाग द्वारा विगत वर्षों में इंजीनियरिंग एवं पॉलिटेक्निक कॉलेज प्रारम्भ किये जाने के साथ ही रिडेंसीफिकेशन योजना अंतर्गत इसे सम्मिलित करते हुए वर्तमान व तत्कालीन कलेक्टर महोदय की अध्यक्षता में विभिन्न बैठकें आयोजित कर शासन/विभाग को आगामी कार्यों एवं कार्ययोजना से अवगत कराया तो शासन/विभाग द्वारा अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? सम्पूर्ण जानकारी से अवगत करावें।
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, जावरा हेतु स्व. सेठ गोविन्दराम तोंदी परिवार द्वारा दान दी गई भूमि के अभिलेख विभाग में अनुपलब्ध है। कलेक्टर, रतलाम द्वारा वर्ष 1965 में नजूल भूमि घोषित कर पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, जावरा को वर्ष 1975 में हस्तांतरित की गई। वर्तमान में पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, जावरा के पास 21.816 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध है। उक्त भूमि का पूर्ण सीमांकन नहीं हुआ है। वर्तमान में संस्था परिसर में फैंसिंग एवं बाउंड्रीवॉल नहीं है। भूमि का सीमांकन कार्य पूर्ण होने के उपरांत अतिक्रमण की स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। (घ) जिला-रतलाम अंतर्गत पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, जावरा संचालित है। जिला-रतलाम में इंजीनियरिंग महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। रिडेंसीफिकेशन के संबंध में कलेक्टर, जिला-रतलाम की अध्यक्षता में दिनांक 28.04.2022 एवं दिनांक 04.10.2024 को बैठक आयोजित की गई। कलेक्टर, जिला-रतलाम द्वारा आयुक्त, म.प्र. गृह निर्माण एवं अघोसंरचना विकास मण्डल, भोपाल को राज्य स्तरीय साधिकार समिति की स्वीकृति हेतु पत्र दिनांक 03.11.2024 प्रेषित किया गया है, सुसंगत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
ग्रामीण क्षेत्रीय कार्यों हेतु स्वीकृत बजट
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
97. ( क्र. 508 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा केंद्र/राज्य प्रवर्तित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण जन-जन की सुविधाए हेतु आवश्यकता अनुसार अनेक कार्य किये जा रहे है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2021 से 2024 तक जावरा जनपद एवं पिपलोदा जनपद अंतर्गत आने वाली समस्त ग्राम पंचायतो में वर्षवार किन-किन कार्यों हेतु कितने-कितने बजट की स्वीकृति दी जाकर उनमें से कौन-कौन से कार्य पूर्ण हुए,अपूर्ण रहे? ग्राम पंचायतवार जानकारी दें l (ग) उपरोक्त उल्लेखित दोनों जनपदों के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायतो में किन-किन स्थानों पर मांगलिक भवन,ग्राम पंचायत भवन,खेल मैदान,मुख्यमंत्री खेत सड़क,सुदूर ग्राम संपर्क सड़क से वंचित ग्राम पंचायतों एवं स्थानों पर कब तक प्रश्नागत उल्लेखित अथवा अन्य कार्य भी किये जाने हेतु बजट की स्वीकृति प्रदान की जा सकेगी? (घ) उपरोक्त उल्लेखित दोनों जनपद के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों में कितने ऐसे ग्राम पंचायत मुख्यालय एवं ग्राम हैं, जहां मांगलिक भवन, पंचायत भवन, खेल मैदान, सुदूर ग्राम संपर्क सड़क की अत्यंत कठिनाई होकर आवश्यकता महसूस की जा रही है तो इस हेतु बजट में सम्मिलित कर कब तक स्वीकृति दी जा सकेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'अ' अनुसार है। (ग) बजट की उपलब्धता के आधार पर कार्यों की स्वीकृति की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। बजट की उपलब्धता के आधार पर कार्यों की स्वीकृति की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बी.आर.जी.एफ योजना में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों का समायोजन
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
98. ( क्र. 510 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में 2015 तक बी.आर.जी.एफ. योजना संचालित रही। उक्त योजनान्तर्गत प्रदेश में कितने नियमित एवं संविदा अधिकारी, कर्मचारी कहां-कहां, किस-किस पद पर कार्यरत थे? पदवार जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) क्या बी.आर.जी.एफ. के बंद होने के बाद कार्यरत अधिकारी, कर्मचारियों को विभाग की अन्य योजनाओं में समायोजन किया गया है? उपयंत्री, लेखापाल एवं डाटा एंट्री ऑपरेटर को कौन-कौन सी योजना, संस्था, निकाय एवं प्राधिकरण में संविदा पर नियुक्ति दी गई है? पृथक-पृथक पदवार नियुक्ति आदेश सहित जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) बी.आर.जी.एफ. योजना समाप्त होने के बाद किस-किस पद के किन-किन कर्मचारियों का अन्य योजनाओं में समायोजन किया गया है व कौन-कौन कर्मचारी शेष रह गए है व उन्हें भी समायोजित किया जाएगा। यदि हाँ, तो कब किया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
99. ( क्र. 515 ) श्री अभय मिश्रा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा व मऊगंज जिले के विभिन्न जनपदों की ग्राम पंचायतों में वर्ष 2020 से प्रश्नांश दिनांक तक के दौरान कितने कार्य किन-किन मदों से कितनी-कितनी लागत से कराये गये का विवरण जनपदवार पंचायतवार देवें इनमें से कार्यों की भौतिक स्थिति व पूर्णतः प्रमाण पत्र की जानकारी पृथक से देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के कार्यों की शिकायतें आयुक्त राजस्व रीवा संभाग रीवा, कलेक्टर रीवा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, संबंधित अनुविभागीय अधिकारी, लोकायुक्त में की गई तो किन-किन की का विवरण देते हुये बतायें कि इन शिकायतों पर कब-कब कौन-कौन सी कार्यवाही किन-किन जिम्मेदारों पर की गई, सहायक यंत्री, उप यंत्री, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, सचिव के ऊपर की गई कार्यवाहियों का विवरण पृथक से देवें अगर इन पर कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों, जबकि शासन के निर्देशानुसार प्रत्येक निर्माण कार्यों में इनकी भूमिकाएं एवं सहभागिता निश्चित है बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा अपने पत्र क्रमांक 221 दिनांक 22.02.2024 के द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा को ग्राम पंचायतों में की गई अनियमितताओं पर जांच कर कार्यवाही का लेख किया गया था इसी तरह पत्र क्रमांक 154 दिनांक 02.02.2024, पत्र क्रमांक 174 दिनांक 12.02.2024 के द्वारा की गई शिकायत जिस पर कार्यवाही की स्थिति आज भी अप्राप्त है क्यों? अगर पत्रों पर जांच कर कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों इसके लिये कौन जिम्मेदार है जिम्मेदारों पर कार्यवाही के क्या निर्देश देंगे बतायें अगर नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के तारतम्य में प्रश्नकर्ता के द्वारा पत्र क्रमांक 292 दिनांक 11.03.2024 के माध्यम से अनुविभागीय अधिकारी अनुभाग हुजूर/सिरमौर व मुख्य कार्यपालन अधिकारी को वार्षिक संपरीक्षक प्रतिवेदन 2019-20 में उल्लेखित अनियमितताओं को लेकर शिकायत की गई थी जिस पर कार्यवाही के साथ वसूली की स्थिति क्या है इसी तरह जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान की ग्राम पंचायतों में भी वार्षिक संपरीक्षक के प्रतिवेदन वर्ष 2019-20 अनुसार किन ग्राम पंचायतों में अनियमितताएं की गई जांच करते हुये कार्यवाही बावत् क्या निर्देश देंगे बतायें अगर नहीं तो क्यों? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) अनुसार उल्लेखित तथ्यों के आधार पर की गई अनियमितताओं का पत्रों का समय पर निराकरण न करने संबंधित दोषियों से राशि वसूली न किये जाने आदि के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है उन जिम्मेदारों पर कार्यवाही के क्या निर्देश देंगे बतावें अगर नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) रीवा व मऊगंज जिले के विभिन्न जनपदों की ग्राम पंचायतों में वर्ष 2020 से प्रश्नांश दिनांक तक कार्यवार, मदवार, स्वीकृति कार्यों की पूर्णता की जानकारी महात्मा गांधी नरेगा के पोर्टल https://nrega.nic.in प्रधानमंत्री आवास योजना https://pmayg.nic.in स्वच्छ भारत मिशन (ग्रा) https://swachhbharatmission.gov.in एवं पंचायत दर्पण/ई ग्राम स्वराज https://egramswaraj.gov.in/ https://prd.mp.gov.in/ डोमेन में सभी के लिए उपलब्ध हैं। देखा जा सकता है। (ख) पत्रों पर अग्रिम कार्यवाही प्रचलन में है। जांच निष्कर्ष के आधार पर निर्णय लिया जावेगा। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ग) जिला पंचायत रीवा के पत्र क्रमांक 617 दिनांक 05.03.24 द्वारा कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा क्रमांक-1 एवं लेखाधिकारी जिला पंचायत रीवा को भेजकर जांच प्रतिवेदन चाहा गया जो प्रक्रियाधीन है। माननीय सदस्य का दूसरा पत्र क्रमांक 154 दिनांक 02.02.24 को श्री संदीप कुमार द्विवेदी तत्कालीन सचिव ग्राम पंचायत तिघरा जनपद पंचापद सिरमौर के नियुक्ति सचिव अधिसूचना की कार्यवाही में हुई अनियमितता की जांच कराकर कार्यवाही करने एवं अभिलेख उपलब्ध कराने के संबंध में लेख किया गया था। जिस पर जिला पंचायत रीवा के पत्र क्रमांक 358 दिनांक 19.02.24 से 03 सदस्यीय जांच समिति के गठन में श्री अनिल दुबे, संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय रीवा, श्रीमती नीलम राय लेखाधिकारी जिला पंचायत रीवा को अधिकृत किया गया है। जांच प्रक्रियाधीन है। निष्कर्ष के आधार पर निर्णय लिया जावेगा। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (घ) जी हाँ। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत रीवा द्वारा उनके पत्र क्रमांक 886 दिनांक 28.08.24 एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सिरमौर के पत्र क्रमांक 1542 दिनांक 23.08.24 के माध्यम से सचिव ग्राम पंचायत को आपत्त्ति निराकरण हेतु निर्देश जारी किया गया है। संपरीक्षक की कार्यवाही पूर्ण होने पर जिन ग्राम पंचायतों द्वारा बिना मूल्यांकन के राशि का व्यय किया जाना पाया जावेगा, तो म.प्र. पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम के तहत नियमानुसार राशि वसूली की कार्यवाही की जावेगी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है। (ड.) संपरीक्षक आपत्ति पर जांच प्रक्रिया प्रचलन में है। जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर जांच में वसूली प्रतिवेदित होने पर संबंधितों के विरूद्ध म.प्र. पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम के तहत नियमानुसार राशि वसूली की कार्यवाही की जावेगी।
शासकीय धन का दुरूपयोग
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
100. ( क्र. 536 ) श्री विपीन जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 89, धारा 40,धारा 92 के अंतर्गत ग्राम पंचायत में अनियमितता और राशि गबन करने पर जिम्मेदारों पर कार्यवाही की जाकर प्रकरण दर्ज किए जाते हैं? (ख) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र.290 दिनांक 1/7/24 के प्रेषित उत्तर के बिंदु (घ) अनुसार ग्राम पंचायत दलौदा चौपाटी में जिम्मेदारों द्वारा रुपए 95009/- का नगद भुगतान और 2,25,488/- रुपए का गबन किया गया जो कि ऑडिट रिपोर्ट में भी सामने आया है बावजूद इसके सरपंच पर अभी तक कोई कानूनी कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित शासकीय धन का गबन करने और नियम विरुद्ध कार्य करने वाले ग्राम पंचायत दलोदा चौपाटी के सरपंच पर धारा 40 अंतर्गत कार्यवाही एवं गबन करने पर एफ.आई.आर. दर्ज क्यों नहीं की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी हाँ। (ख) ग्राम पंचायत दलौदा चौपाटी में जिम्मेदारों द्वारा नगद भुगतान आदि किये जाने के संबंध में जांचकर्ता अधिकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत के जांच प्रतिवेदन के आधार पर इस कार्यालय के आदेश क्रमांक पंचायत सेल/24/2345 दिनांक 16.07.2024 से सचिव ग्राम पंचायत दलौदा चौपाटी श्री विरेन्द्र मेहरा को सचिव के पद से निलंबित किया जाकर विभागीय जांच संस्थित की गई है। मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40 के प्रावधानों के अंतर्गत श्रीमती दुर्गा केथवास सरपंच ग्राम पंचायत दलौदा चौपाटी को न्यायालय मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मंदसौर के आदेश क्रमांक 4130 दिनांक 29.11.24 द्वारा श्रीमती दुर्गा केथवास को सरपंच के पद से पृथक किया गया एवं धारा 89 के तहत राशि वसूली किए जाने हेतु अर्द्ध न्यायिक प्रक्रिया के तहत उक्त प्रकरण में सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया है। (ग) सरपंच ग्राम पंचायत दलौदा चौपाटी को मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40 के प्रावधानों के अंतर्गत न्यायालय जिला पंचायत मंदसौर द्वारा पद से पृथक किया जाकर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मंदसौर को उक्त सरपंच के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की जाने हेतु आदेशित किया गया।
ग्राम पंचायत में व्याप्त भ्रष्टाचार पर कार्यवाही
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
101. ( क्र. 537 ) श्री विपीन जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा ध्यानाकर्षण द्वारा ग्राम पंचायत दलौदा चौपाटी में अनियमितता, पंचायत में राशि गबन किए जाने को लेकर जिम्मेदारों पर कार्यवाही की मांग की गई है यदि हाँ, तो बताएं कि उक्त ध्यानाकर्षण पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) जिला पंचायत मंदसौर के पत्र क्र. 2347 दिनांक 16.7.24 अनुसार जांचकर्ता अधिकारी सी.ई.ओ. जनपद पंचायत मंदसौर को नियुक्त कर सरपंच के कार्यकाल की जांच का विस्तृत प्रतिवेदन देवें और बताएं कि जांच में आर्थिक अनियमितता पाई गई है तो जांच उपरांत संबंधित सरपंच पर अभी तक शासकीय राशि के गबन और अनियमितताओं पर अभी तक धारा 40 अंतर्गत कार्यवाही और एफ.आई.आर. दर्ज क्यों नहीं की गई है? (ग) कार्यालय जिला पंचायत मंदसौर के पत्र क्रमांक/पंचायत सेल/2024/2855, मंदसौर दिनांक 21/8/2024 अनुसार ग्राम पंचायत दलौदा चौपाटी को दिए गए नोटिस की प्रमाणित छायाप्रति देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित ग्राम पंचायत को दिए गए नोटिस में कितनी राशि के भुगतान में अनियमितताएं पाई गई हैं? (ड.) क्या जांच प्रतिवेदन में यह पाया गया है कि ग्राम पंचायत दलौदा चौपाटी में आर्थिक अनियमितताएं होकर भ्रष्टाचार हुआ है यदि हाँ, तो अभी तक धारा 40 अंतर्गत कार्यवाही कर FIR दर्ज क्यों नहीं की गई है कार्यवाही नहीं करने के क्या कारण रहे है?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी हाँ। ध्यानाकर्षण क्र. 481 के पश्चात दलौदा चौपाटी में अनियमितता, पंचायत के राशि गबन किए जाने को लेकर जिम्मेदारों पर निम्न कार्यवाही की गई है :-1. सचिव ग्राम पंचायत दलौदा चौपाटी को जिला पंचायत मंदसौर के आदेश क्र. पंचायत सेल/24/2345 दिनांक 16.7.2024 से सचिव के पद से निलंबन किया जाकर विभागीय जांच संस्थित की गई। 2. मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40 के प्रावधानों के अंतर्गत सरपंच ग्राम पंचायत दलौदा चौपाटी को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मंदसौर के आदेश क्रमांक 4130 दिनांक 29.11.2024 के द्वारा सरपंच के पद से पृथक किया गया एवं धारा 89 के तहत सरपंच एवं सचिव को राशि वसूली किए जाने हेतु अर्द्धन्यायिक प्रक्रिया के तहत उक्त प्रकरण में सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया। जो की प्रक्रियाधीन है। (ख) जांचकर्ता मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मंदसौर का जांच प्रतिवेदन क्रमांक 2515 दिनांक 25.07.2024 के आधार पर सरपंच ग्राम पंचायत दलौदा चौपाटी को मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40 के प्रावधानों के अंतर्गत न्यायालय जिला पंचायत मंदसौर के आदेश क्रमांक 4130 दिनांक 29.11.2024 से सरपंच के पद से पृथक किया जाकर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मंदसौर को उक्त सरपंच के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज किए जाने हेतु आदेशित किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (घ) राशि रूपये 43,63,600/- रूपये का भुगतान लेखा नियमों के विपरीत होना पाया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ड.) जी हाँ। जांचकर्ता अधिकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मंदसौर के जांच प्रतिवेदन के आधार पर सरपंच ग्राम पंचायत दलोदा चौपाटी को मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40 के प्रावधानों के अंतर्गत जिला पंचायत मंदसौर के आदेश क्रमांक 4130 दिनांक 29.11.2024 से सरपंच के पद से पृथक किया जाकर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मंदसौर को उक्त सरपंच एवं सचिव के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज किए जाने हेतु आदेशित किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है।
संविदा अधिकारियों/कर्मचारियों हेतु जारी नीति का क्रियान्वयन
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
102. ( क्र. 543 ) श्री ऋषि अग्रवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.शासन सामान्य प्रशासन विभाग का परिपत्र क्र.सी-5-2/2018/1/3 भोपाल दिनांक 22 जुलाई 2023 के माध्यम से राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में संविदा पर नियुक्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों के सम्बंध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए गए थे। यदि हाँ, तो पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्रश्नांकित निर्देशों को लागू किया है या नहीं। यदि हाँ, तो आदेश की छायाप्रति दें यदि नहीं, तो कारण बतावें एवं कब तक लागू की जावेगी। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में संविदा नीति जारी होने से आज दिनांक तक कौन-कौन संविदा अधिकारी/कर्मचारी 62वर्ष की आयु उपरांत सेवा स्वत: समाप्त हुई है एवं किन-किन अधिकारी/कर्मचारियों की सामान्य या दुर्घटना में मृत्यु हुई है इन संविदा अधिकारी/कर्मचारियों को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ एवं उनके आश्रितों को शासकीय सेवकों की भांति उपादान भुगतान अधिनियम-1972 के प्रावधान के अनुसार किया गया है या नहीं यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करावें यदि नहीं, तो क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में समकक्षता निर्धारण उपरांत विभाग के किन-किन योजनाओं के संविदा अधिकारी/कर्मचारी के द्वारा अभ्यावेदन प्रस्तुत किए गए है सूची उपलब्ध करावें इन अभ्यावेदनों पर आज दिनांक क्या कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, आदेशों की प्रति दें यदि नहीं, तो कब तक किया जावेगा।
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार। समय-सीमा बताया जाना संभव नही। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार। मनरेगा परिषद अंतर्गत डाटा एन्ट्री आपरेटर के पद पर पदस्थ कर्मचारियों के अभ्यावेदन पर सुनवाई उपरांत विभागीय आदेश दिनांक 31/7/2024 एवं आयुक्त मनरेगा द्वारा आदेश दिनांक 27/11/2024 जारी किया गया है, मनरेगा अंतर्गत शेष अभ्यावेदनों पर कार्यवाही प्रचलन में है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार शेष संगठन/योजना/संस्थाओं में निराकरण की कार्यवाही प्रचलन में है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
श्रमिकों को दी जाने वाली सुविधाएं
[श्रम]
103. ( क्र. 546 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना एवं मैहर जिले में श्रम विभाग की श्रमिकों के हित में कौन-कौन सी योजनायें संचालित है? योजना के नामवार विस्तृत जानकारी दी जावें। (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित योजनाओं का क्रियान्वयन क्या सतना एवं मैहर जिला अंतर्गत कार्यरत संस्थानों एवं औद्योगिक इकाईयों में श्रम विभाग द्वारा कराया जा रहा है. यदि हाँ, तो श्रमिकों की श्रेणीवार दी जा रही सुविधाओं की जानकारी, श्रमिकों की संख्यावार, संस्थानों एवं औद्योगिक इकाईयों के नामवार पृथक-पृथक रूप से उपलब्ध करायी जावे।
श्रम मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) सतना एवं मैहर जिले में, मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल 2.0) योजना अंतर्गत निम्नानुसार योजनाएं संचालित की जाती है- 1. अंत्येष्टि सहायता योजना- राशि रू. 5000/- 2. अनुग्रह सहायता योजना- I. दुर्घटना में मृत्यु- राशि रू. 04 लाख II. सामान्य मृत्यु- राशि रू. 02 लाख III. स्थायी अपंगता- राशि रू. 02 लाख IV. आंशिक अपंगता- राशि रू. 01 लाख योजना के दिशा निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत सतना एवं मैहर जिले में म.प्र.भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों हेतु कुल 23 योजनाए संचालित है। योजनावार विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। मध्यप्रदेश श्रम कल्याण मंडल की प्रश्नांश (क) में चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (ख) मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना असंगठित श्रमिकों हेतु संचालित है। संस्थान व औद्योगिक इकाईओं के श्रमिक संगठित क्षेत्र से संबंधित है। अत: म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मंडल संबंधी जानकारी निरंक है। म.प्र.भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत असंगठित क्षेत्र में कार्यरत भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिकों का पंजीयन किया जाता है। उक्तानुसार समस्त पंजीकृत निर्माण श्रमिक मंडल द्वारा संचालित योजनाओं में पात्रता अनुसार हितलाभ प्राप्त कर सकते हैं। शेष प्रश्नांश की जानकारी मंडल से संबंधित नहीं है। सतना एवं मैहर जिले में मध्यप्रदेश श्रम कल्याण मंडल की योजनाओं के लाभ की जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. |
योजना का नाम |
हितग्राही संख्या |
हितलाभ राशि |
1 |
शैक्षणिक छात्रवृत्ति योजना |
557 |
22,26,550/- |
2 |
शिक्षा प्रोत्साहन योजना |
06 |
85000/- |
3 |
विवाह सहायता योजना |
43 |
6,45,000/- |
4 |
अंतिम संस्कार सहायता योजना |
04 |
24,000/- |
5 |
उत्तम श्रमिक पुरस्कार योजना |
01 |
25,000/- |
6 |
श्रमिक साहित्य पुरस्कार योजना |
02 |
20,000/- |
सतना एवं मैहर के श्रमिकों की सूची संबंधित संस्थानों के नाम एवं हितलाभ राशि के साथ जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है।
भ्रष्टाचार की जांच
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
104. ( क्र. 561 ) श्री नागेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायत चौडियार ज.प. रीवा जिला रीवा में हुये व्यापक भ्रष्टाचार एवं विभिन्न मदों से किये गये फर्जी भुगतान के संबंध में कलेक्टर रीवा को प्रश्नकर्ता ने अपने पत्र क्र. 725-26 दिनांक 01.06.2023 एवं पत्र क्र. 511 दिनांक 11.07.2024 पत्र क्र. 714 दिनांक 29.08.2024 द्वारा जांच एवं कार्यवाही हेतु पत्र दिये गये थे? यदि हाँ, तो संबधित पत्रों में क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही विवरण, जांच प्रतिवेदन सहित पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या जांच कमेटी गठित की गई है? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतायें। इस संबध में कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? क्या उक्त शिकायत की जांच की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी हाँ। ग्राम पंचायत चौडियार जनपद पंचायत रीवा जिला रीवा में हुए व्यापक भ्रष्टाचार एवं विभिन्न मदो से किये गए फर्जी भुगतान के संबंध में कलेक्टर रीवा के माध्यम से जिला पंचायत रीवा को प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 725-26 दिनांक 01.06.2023 एवं पत्र क्रमांक 511 दिनांक 11.07.2024 प्राप्त हुआ है। उपरोक्त दोनों पत्र पर जांच हेतु कार्यालयीन आदेश क्रमांक 3145 दिनांक 18.07.24 से जांच समिति का गठन किया गया था। कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग क्रमांक 01 रीवा के पत्र क्रमांक/561/जॉच/ग्रायॉ से/2024 दिनांक 01.10.2024 से जांच प्रतिवेदन के निष्कर्ष पर प्रतिवेदित किया गया कि शिकायत के बिंदु क्रमांक 01 से लेकर 03 तक की जांच में शिकायत की पुष्टि नहीं हुई। ग्राम पंचायत द्वारा सभी कार्य गुणवत्तापूर्ण कराए गए हैं जिससे संबंधित के विरुद्ध कोई राशि वसूली अधिरोपित नहीं है। शिकायत पत्र के बिंदु क्रमांक 04 की जांच पूर्व में भी लोकायुक्त/लोकपाल महोदय द्वारा निराधार पाते हुए समाप्त कर दी गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, जिला पंचायत रीवा के आदेश क्रमांक 3145/निर्माण/जिप/24 दिनांक 18.07.24 से 03 सदस्यीय जांच दल का गठन किया गया था। शिकायत निराधार पाई गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्रामीण सड़क सम्पर्कता योजना
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
105. ( क्र. 569 ) श्री माधव सिंह (मधु गेहलोत) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामीण सड़क संपर्कता की कौन-कौन सी योजनायें, कब-कब से संचालित हैं? योजनाओं के मापदण्ड क्या-क्या हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में आगर विधानसभा क्षेत्र में 250 से अधिक आबादी वाले संपर्क विहीन ग्राम एवं 250 से कम आबादी वाले सड़क संपर्क विहीन ग्रामों की सूची देवें तथा उक्त सड़कों की स्वीकृति हेतु अद्यतन स्थिति क्या है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार छुटे हुए ग्रामों की सड़कों की स्वीकृति कब तक कर दी जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के अंतर्गत संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'' अनुसार है। प्राधिकरण के अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-1, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-2, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-3 व आर.सी.पी.एल.डब्ल्यू.ई.ए. योजनाओं के मापदण्ड/दिशा निर्देश वेबसाईट https://pmgsy.nic.in के गाईड लाईन सेक्शन में उपलब्ध है। प्राधिकरण अंतर्गत ग्रामीण संपर्कता की संचालित अन्य योजनाओं के मापदण्ड/दिशा निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''2'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''3'' अनुसार है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सुदूर सम्पर्क रोड की स्वीकृति
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
106. ( क्र. 573 ) श्रीमती
सेना महेश
पटेल : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
अलीराजपुर
जिला में
मनरेगा
योजनान्तर्गत
सुदूर
सम्पर्क रोड़
स्वीकृति पर
शासन स्तर से
प्रतिबन्ध
लगाया गया है? यदि हाँ, तो किस
कारण से? (ख) क्या
सुदूर
सम्पर्क रोड़
श्रमिकों को
पलायन रोकने
हेतु स्वीकृत
किये जाने की
स्वीकृति
अलीराजपुर
जिला को दी
जायेगी? यदि हाँ, तो कब?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) जी नहीं। (ख) मनरेगा
योजनांतर्गत
जनपद
पंचायतों में
कृषि आधारित
कार्यों तथा
सामग्री
अनुपात के
संधारण को
दृष्टिगत रखते
हुए ग्रेवल
रोड की जनपद
पंचायतों को
सुदूर
सम्पर्क
रोड/खेत सड़क
स्वीकृति
हेतु शासन द्वारा
मध्यप्रदेश
शासन पंचायत
एवं ग्रामीण विकास
विभाग भोपाल
के पत्र क्र. 5191/MGNREGS-MP/NR-3/Tech/2024
भोपाल, दिनांक
19.11.2024 से
निर्देश जारी
किये गये हैं।
जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट अनुसार है।
शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में फीस घोटाले की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
107. ( क्र. 577 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गुना सहित अशोकनगर चंदेरी व अन्य महाविद्यालयों में कियोस्क सेंटर के माध्यम व तत्कालीन प्राचार्यों की लापरवाही से हुए फीस घोटाले में सरकार ने अभी तक कोई जांच समिति गठित क्यों नहीं की। (ख) जांच समिति कब तक गठित हो जाएगी? (ग) ऐसे लापरवाह प्राचार्यों के खिलाफ जिनके कारण राजस्व का नुकसान हुआ, सरकार ने अभी तक उनके खिलाफ कोई कदम क्यों नहीं उठाया?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सिलेंस शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गुना में फीस जमा करने संबंधी शिकायतों पर कलेक्टर गुना द्वारा 5 सदस्यीय जाँच समिति का गठन किया गया है। अन्य महाविद्यालय में फीस जमा करने संबंधी शिकायतों पर की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर तदानुसार निर्णय लिया जावेगा।
चिकित्सालय एवं महाविद्यालय का भवन निर्माण
[आयुष]
108. ( क्र. 586 ) श्रीमती अर्चना चिटनीस : क्या आयुष मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पं. शिवनाथ शास्त्री शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय बुरहानपुर के चिकित्सालय महाविद्यालय आदि के भवन निर्माण हेतु वर्ष 2012 से वर्तमान दिनांक तक कितनी राशि-कितनी किस्त में स्वीकृति की गई? किस्तवार एवं वर्षवार राशि की जानकारी उपलब्ध कराए। (ख) क्या भवन निर्माण की कार्य एजेंसी लोक निर्माण विभाग शाखा पीआईयू को बनाया गया था? यदि हाँ, तो इस निर्माण राशि की उपलब्धता की वर्तमान स्थिति से अवगत कराए। (ग) चिकित्सालय भवन निर्माण की राशि जिला कोषालय खंडवा में जमा करने के क्या कारण थे? क्या यह राशि कोषालय के त्रुटिपूर्ण मद में जमा की गयी थी, यदि हाँ, तो इस मद राशि जमा करने हेतु कौन अधिकारी उत्तरदायी है तथा क्या शासन उनके विरूद्ध कार्यवाही सुनिश्चित करेगा? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करे? (घ) क्या विभाग द्वारा आयुर्वेद महाविद्यालय बुरहानपुर के नवीन भवन निर्माण हेतु समय-समय पर जो राशि प्रदाय की गई उस राशि के विरूद्ध एनसीआईएसएम से निर्धारित मापदंड अनुसार समस्त निर्माण कार्य पुर्ण हो चुका है? यदि नहीं, तो क्या भवन निर्माण पूर्ण करने हेतु विभाग समय-सीमा निश्चित करेगा? यदि नहीं, तो वर्तमान में अध्ययनरत छात्रों को आवश्यक संसाधानों से वंचित होना पड़ रहा है उन छात्रों का क्या दोष है?
आयुष मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) 1. आयुर्वेद महाविद्यालय भवन निर्माण हेतु राशि रूपये 554.00 लाख की स्वीकृति दिनांक 23.09.2013 द्वारा जारी की गई। 2. आयुर्वेद चिकित्सालय भवन निर्माण हेतु राशि रूपये 430.37 लाख की स्वीकृति दिनांक 23.09.2013 द्वारा जारी की गई। 3. बालिका छात्रावास के भवन निर्माण हेतु राशि रूपये 200.00 लाख की स्वीकृति दिनांक 17.05.2017 द्वारा जारी की गई। (ख) जी हाँ। वर्तमान में एजेन्सी द्वारा निर्माण हेतु राशि की मांग न होने से राशि शेष नहीं है। (ग) लोक निर्माण विभाग PIU का संभागीय कार्यालय खण्डवा होने से शासन एवं संस्था द्वारा चालान के माध्यम से राशि जमा कराई गई है। कोई नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। एन.सी.आई.एस.एम. के निर्धारित मापदण्ड अनुसार निर्माण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियम विरूद्ध की गई पदोन्नति एवं पदस्थापना
[आयुष]
109. ( क्र. 587 ) श्रीमती अर्चना चिटनीस : क्या आयुष मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पं. शिवनाथ शास्त्री शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय बुरहानपुर के प्राचार्य पद पर पदस्थ डॉ. रश्मि रेखा मिश्रा की प्राध्यापक पद से प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति की गई है? यदि हाँ, तो डॉ. मिश्रा पदोन्नति आदेश किस दिनांक को जारी किया गया? क्या आदेश जारी करने की दिनांक की स्थिति में डॉ. मिश्रा पर कोई विभागीय जांच या अन्य कोई जांच प्रचलन में थी? यदि हाँ, तो डॉ. मिश्रा का पदोन्नति आदेश किन नियमों से जारी किया गया? क्या डॉ. मिश्रा की पदोन्नति नियमों के विरूद्ध की गई है? यदि हाँ, तो क्या विभाग डॉ. मिश्रा की पदोन्नति के विरूद्ध कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ख) यदि किसी शासकीय कार्यालय से संबंधित अधिकारी पर विभागीय जांच एवं अन्य जांच प्रकरण की कार्यवाही प्रचलित है तो क्या उस अवधि में उस अधिकारी को उसी विभागीय कार्यालय में प्रमुख का दायित्व/प्रभार दिए जाने कोई नियम है? यदि नहीं, तो डॉ. मिश्रा को विभागीय जांच प्रचलित होते हुए बुरहानपुर महाविद्यालय का प्रभार किस नियम से दिया गया? क्या प्रभार प्राप्त होने के पश्चात डॉ. मिश्रा द्वारा जांच से संबंधित अभिलेखों एवं व्यक्तियों पर विपरित प्रभाव डाला गया? यदि नहीं, तो क्या प्रमाण है? उपलब्ध कराएं।
आयुष मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। पदोन्नति आदेश दिनांक 12/03/2020। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधि विषय के शैक्षणिक पदों का समेकन
[उच्च शिक्षा]
110. ( क्र. 605 ) श्री देवेन्द्र कुमार जैन : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में पूर्व में उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित शासकीय महाविद्यालयों में विधि पाठ्यक्रम का संचालन संकाय के रूप में होता रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या यह सही है कि मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग भोपाल ने आदेश क्रमांक एफ 21-1/2013/38-2 भोपाल, दिनांक 05-08-2013 के द्वारा बार काउंसिल ऑफ इंडिया, नई दिल्ली के मापदंडों के अनुसार पृथक विधि महाविद्यालयों के संचालन की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए प्राध्यापकों/सहायक प्राध्यापकों के नए पदों का सृजन किया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार क्या यह सही है कि वर्तमान में शासकीय महाविद्यालयों में स्वीकृत विधि विषय के सहायक प्राध्यापकों/प्राध्यापकों के पद संबंधित जिले के शास. स्नातकोत्तर महाविद्यालयों एवं शासकीय विधि महाविद्यालयों में दो-दो जगह बिखरे पड़े हैं? यदि हाँ, तो वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक की स्थिति तक 11 वर्षों के उपरांत भी इन सभी पदों अर्थात संबंधित जिले के शास. स्नातकोत्तर महाविद्यालय में स्वीकृत पदों का समेकन (मर्जर) संबंधित शासकीय विधि महाविद्यालय में क्यों नहीं किया जा सका है? विधिक शिक्षा (लीगल एजुकेशन) के साथ इस तरह की स्थिति आखिर कितने वर्षों तक चलती रहेगी? प्रदेश की विधिक शिक्षा को इस स्थिति से बाहर निकालने को लेकर विभाग की क्या योजना है? कृपया अवगत कराएं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
गोदामों का निर्माण
[सहकारिता]
111. ( क्र. 624 ) श्री केशव देसाई : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के लहार विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सहकारिता विभाग द्वारा म.प्र. राज्य विपणन सहकारी संघ भोपाल एवं म.प्र. राज्य सहकारी संघ मर्यादित भोपाल द्वारा कहां-कहां, किन-किन योजनाओं में कितनी-कितनी क्षमता के कितनी-कितनी लागत के कब-कब गोदाम निर्माण एजेंसियों के कब-कब कार्य आदेश जारी किये गये प्रत्येक स्थान का अलग-अलग विवरण दें। (ख) उपरोक्त विभिन्न योजनाओं को स्वीकृत गोदामों का कब तक निर्माण करा दिया जावेगा। समयावधि बतायें। (ग) क्या आर. के. व्ही.वाय. रफ्तार योजना के अंतर्गत एक हजार एम.टी. क्षमता गोदाम सह ग्रेडिंग प्लांट निर्माण कार्य लहार जिला भिण्ड को निर्माण कार्य का आदेश दिनांक 05.12.2022 को दिया था। यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक जमीनी लेवल एवं 25 पिलर का कार्य पूर्ण होने के बाद भी म.प्र. राज्य आवास संघ भोपाल के द्वारा पत्र क्रमांक 799 दिनांक 21.09.2023 द्वारा निर्माण एजेन्सी को कार्य बंद करने का आदेश दिया था। (घ) यदि हाँ, तो क्या निर्माण एजेंसी एवं लहार क्षेत्र के तत्कालीन विधायक द्वारा अनेक पत्र मुख्य सचिव, म.प्र. सहकारिता विभाग के विभिन्न अधिकारियों को लिखने के बाद भी निर्माण पुनः न कराने का कारण स्पष्ट करें, कब तक उपरोक्त स्वीकृत गोदाम आदि का निर्माण कार्य पूर्ण करा दिया जायेगा।
सहकारिता मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''01'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''02'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। किन्तु निर्माण कार्य आर.के.व्ही.वाय. योजनान्तर्गत न होकर मंडी बोर्ड अंतर्गत बीज संघ के 1000 मे.टन क्षमता गोदाम सह ग्रेडिंग प्लांट योजनान्तर्गत था। आवास संघ के अनुसार 25 नये कॉलम की फुटिंग का कार्य एवं 15 कॉलम की फुटिंग हेतु गड्ढे खोदे जाकर उनके पी.सी.सी का कार्य पूर्ण किया गया था। उपरोक्त कार्य की स्वीकृत राशि का उपयोग समयावधि में नहीं करने के कारण स्वीकृत राशि को निरस्त किया गया है। (घ) स्वीकृत राशि निरस्त किये जाने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनियमित भुगतान के साथ रॉयल्टी की वसूली
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
112. ( क्र. 627 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले में प्रधानमंत्री सड़क योजना/मुख्यमंत्री सड़क योजना के तहत वर्ष 2020 से प्रश्नांश दिनांक तक के दौरान कितनी सड़कों की स्वीकृति प्रदान कर कार्य प्रारंभ कराये गये का विवरण जिलेवार विधानसभा क्षेत्रवार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में वर्ष 2023-24 व 2024-25 के दौरान प्रश्नांश (क) अनुसार सड़कों की स्वीकृति बावत् क्या कार्य योजना तैयार की गई है, की जानकारी जिलावार, विधानसभावार देवें। इन वर्षों में सड़कों की स्वीकृति का विवरण भी उपरोक्त अवधि अनुसार देवें। (ग) प्रश्नांश (क) की स्वीकृत सड़कों के निर्माण में उपयोग की गई खनिज संपदाओं गिट्टी, बालू, मुरम व अन्य की मात्रा प्रति सड़क क्या थी का विवरण देते हुये बतावे की रायल्टी के भुगतान की स्थित क्या है? संविदाकारों से कितनी रायल्टी की राशि वसूली गई का विवरण सड़कवार, जिलेवार, विधानसभावार देवें। अगर रायल्टी की राशि नहीं वसूली गई भुगतान संविदाकारों को कर दिया गया तो क्यों? बतायें। इस पर क्या कार्यवाही के निर्देश देंगे बतावें? (घ) प्रश्नांश (क) के सड़कों का निर्माण गुणवत्ता विहीन मानक स्तर से हटकर किया गया वगैर रायल्टी की राशि वसूले भुगतान किया गया, सड़कों की गुणवत्ता की जांच नहीं की गई व नवीन सड़कों की स्वीकृति बावत कोई भी कार्यवाही करने के निर्देश जारी नहीं किये गये तो क्यों? बतावें। इन अनियमितताओं के लिये कौन कौन जिम्मेदार है? क्या उन पर कार्यवाही करेंगे बतावे। अगर नहीं तो क्यों।
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) शहडोल जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत वर्ष 2020 से प्रश्नांक दिनांक तक स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'' अनुसार है एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत वर्ष 2020 से आज दिनांक तक कोई मार्ग स्वीकृत नहीं हुआ है। (ख) वर्ष 2023-24 व 2024-25 की अवधि में पी.एम.जी.एस.वाय III के अंतर्गत मार्ग स्वीकृति की कोई कार्य योजना नहीं है। पी.एम. जनमन अंतर्गत सड़कों की स्वीकृति हेतु भारत सरकार को प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। स्वीकृत सड़कों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''2'' अनुसार है। (ग) मार्ग निर्माण में उपयोग किए गए खनिज संपदाओं एवं रॉयल्टी की वसूली संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''3''अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) के सड़कों का निर्माण निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप किया गया है। मार्ग निर्माण हेतु उपयोग किए गए सामग्री की रायल्टी की राशि नियमानुसार वसूली की गई। सड़कों की गुणवत्ता की जांच नियमानुसार इकाई के तकनीकी स्टॉफ, क्वालिटी कंट्रोल कन्सलटेंसी के स्टॉफ के अतिरिक्त स्टेट क्वालिटी मॉनीटर एवं नेशनल क्वालिटी मॉनीटर द्वारा समय-समय पर की गई। वरिष्ठ कार्यालय से प्राप्त निर्देशों के अनुरूप नवीन सड़कों की स्वीकृति हेतु आवश्यक कार्यवाही की गई। कोई अनियमितता नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनियमित राशि जारी करने वालों पर कार्यवाही
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
113. ( क्र. 628 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन के 73 वां संविधान संशोधन अधिनियम के अनुसार विभिन्न विभागों के कार्यों को स्थानान्तरित करने के निर्देश दिये गये थे जिसके पालन में विभागों को योजनाओं का बजट, कार्यक्रम आदि पंचायती राज्य संस्थाओं को हस्तांतरित किया जाना था? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो अनुदान संख्या-53 एवं अनुदान संख्या-53 के अन्तर्गत लघु शीर्ष 196, 197 एवं 198 के अन्तर्गत कितनी राशियां वर्ष 2021 से प्रश्नांश दिनांक तक के दौरान पंचायत राज संस्थाओं को कब-कब, कितनी-कितनी, किन-किन माध्यमों से किन-किन विभागों द्वारा जारी की गई का विवरण वर्षवार, संस्थावार शहडोल जिले की जनपदवार, पंचायतवार देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के निर्देशों का पालन न कर प्रश्नांश (ख) अनुसार संबंधित विभाग द्वारा वित्तीय सहायता/राशि पंचायत राज को न देकर संबंधित विभागों के आहरण संवितरण अधिकारी को जारी की गई क्यों. इसके लिये कौन-कौन उत्तरदायी है उनके पदनाम सहित इन सब पर क्या कार्यवाही करेंगे? नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्यवाही न करने से प्रश्नांश (ख) एवं (ग) में उल्लेखित अनुसार पंचायत राज संस्थाओं को राशियां जारी नहीं की गई ग्राम पंचायतों के कार्य प्रभावित हुये सीधे विभागों को राशि जारी कर व्यक्तिगत हितपूर्ति की गई पंचायती राज की मंशा के विपरीत पंचायतों को कमजोर किये जाने का प्रयास किया गया इन सबके लिये जिम्मेदारों की पहचान कर उन पर कार्यवाही बावत निर्देश देंगे बतावे साथ ही प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार की गई अनियमितता के सुधार बावत क्या निर्देश देंगे? अगर नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला शहडोल अंतर्गत अनुदान संख्या- 53 एवं अनुदान संख्या-53 के अंतर्गत लघु शीर्ष 196, 197 एवं 198 के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक पंचायत राज संस्थाओं को राशि जारी नहीं की गयी है। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुख्य कार्यापालन अधिकारी का स्थानांतरण
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
114. ( क्र. 631 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के द्वारा विधान सभा सत्र जुलाई-2024 में पूँछे अतारांकित प्रश्न क्र. 2164 में विभाग द्वारा साढे तीन करोड़ की राशि के मनरेगा मद से किये भुगतान में वित्तीय अनियमितता संबंधी शिकायत पर कलेक्टर द्वारा गठित जांच दल के प्रतिवेदन के आधार पर श्री राजधर पटेल, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत अटेर, जिला भिण्ड के विरूद्ध विभागीय जाँच आदेशित होना एवं उन्हें स्थानांतरित किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में होने की जानकारी दी की गई थी किन्तु आज दिनांक तक आरोपी श्री राजधर पटेल को स्थानांतरित नहीं कर संरक्षण देने का क्या कारण हैं तथा इस हेतु कौन उत्तरदायी है? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित आरोपी अधिकारी को कब तक स्थानांतरित कर दिया जायेगा? समय-सीमा दी जाये। श्री पटेल के पद पर रहते हुये निष्पक्ष विभागीय जॉच होना संभव नहीं है।
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) श्री राजधर पटेल, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत अटेर, जिला भिण्ड को जनपद पंचायत परासिया, जिला छिन्दवाडा पदस्थ करने के प्रशासकीय अनुमोदन उपरांत स्थानांतरण पर प्रतिबंध होने से नस्ती वरिष्ठ स्तर पर विचाराधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आजीविका मिशन की जांच के दोषियों पर कार्यवाही
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
115. ( क्र. 632 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मान. विधायक श्री प्रताप ग्रेवाल द्वारा पूछे गये अतारांकित प्रश्न क्रमांक 156 में एवं वरिष्ठ अधिकारी सुश्री नेहा मारव्या की जांच में आजीविका मिशन के अधिकारी एवं कर्मचारियों को दोषी पाया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विधानसभा प्रश्न के संदर्भ में प्रकरण में कार्यवाही प्रचलित होने का आश्वासन विधानसभा को दिया गया था? यदि हाँ, तो प्रकरण में एक से अधिक जांच होने के उपरांत भी पुन: नई जांच समिति गठित कर दोषियों पर सहानुभूति बरतने का क्या आधार है? जांच समिति गठित करने के आदेश की प्रति सहित सुश्री नेहा मारव्या के जांच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करायी जाये। (ग) क्या गठित जांच समिति को जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु समय-सीमा निर्धारित की गई है? यदि हाँ, तो कितनी। समिति द्वारा निर्धारित समयावधि में जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं करने की स्थिति में क्या समिति के सदस्यों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो इस हेतु आज तक शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या प्रश्न से संबंधित आजीविका मिशन की इन नियुक्तियों हेतु एच.आर. मेन्युअल/मानव संसाधन मार्गदर्शिका किसके द्वारा किस दिनांक को तैयार किया गया था तथा इसका किस वैधानिक संस्था वित्त विभाग या मंत्रिपरिषद से अनुमोदित कराया गया था?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जांचकर्ता अधिकारी के द्वारा जांच प्रतिवेदन दिनांक 08.06.2022 में तत्का. मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं 2 अधिकारियों एवं 01 कर्मचारी को दोषी पाया गया है। (ख) जी हाँ। अनावेदक गणों का पक्ष भी जानना नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत से महत्वपूर्ण है। अत: अनावेदकगणों द्वारा अपने पक्ष में प्रस्तुत तथ्यों एवं सुसंगत अभिलेखों का परीक्षण दो वरिष्ठ अधिकारियों की समिति बनाकर कराया जाने, तदोपरांत समिति के स्पष्ट अभिमत के आधार पर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही प्रस्तावित की जाये के प्रशासकीय निर्णय के आधार पर समिति बनायी गई है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी हाँ। एक माह। गठित समिति के सदस्यों का स्थानांतरण हो जाने के कारण पुन: समिति गठित करने की गई कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। अजीविका मिशन के क्रियान्वयन के लिए मानव संसाधन मार्गदर्शिका म.प्र. राज्य ग्रामीण अजीविका मिशन द्वारा दिनांक 05.09.2013 को तैयार की जाकर वित्त विभाग की सहमति से, राज्य अजीविका फोरम के शासी निकाय के तत्कालीन अध्यक्ष तथा माननीय मंत्री पंचायत एवं ग्रामीण विकास का प्रशासकीय अनुमोदन प्राप्त किया गया।
म.प्र. बीज एवं फार्म विकास निगम द्वारा संचालित प्रक्षेत्र
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
116. ( क्र. 637 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश बीज एवं फार्म विकास निगम द्वारा संचालित प्रक्षेत्रों की जानकारी एवं विगत तीन वर्षों के लाभ/हानि की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) मध्यप्रदेश बीज एवं फार्म विकास निगम द्वारा प्रक्षेत्रों की उत्पादकता में सुधार एवं लाभ में लाने के लिए निगम द्वारा कौन से कदम उठायें हैं? (ग) निगम का विगत तीन वर्षों में प्रदेश के बीज उत्पादन में क्या योगदान है फसलवार जानकारी दें।
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) म.प्र. राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम द्वारा संचालित प्रक्षेत्रों की जानकारी एवं विगत तीन वर्षों (2020 से 2022) के लाभ/हानि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''क'' अनुसार है। (ख) म.प्र. राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम द्वारा संचालित प्रक्षेत्रों की उत्पादकता में सुधार एवं लाभ में लाने के लिये निगम द्वारा निम्न कदम उठाये गये :- 1-ग्रीष्म 2024 में गहरी जुताई। 2-मृदा परीक्षण कराया जाना। 3-सिंचित रकबे में वृद्धि के लिये ट्यूबवेल खनन कराया जाना। 4-सिंचाई साधनों में वृद्धि के लिये विद्युत पम्प प्रदाय करना। 5-सिंचाई दक्षता में वृद्धि के लिये स्प्रिंकलर सेट-पाईप प्रदाय करना। 6- कृषि अभियांत्रिकी विभाग से प्राप्त कर कृषि मशीनरी उपलब्ध कराना। 7-भूमि सुधार कार्य कराना। 8-तकनीकी प्रशिक्षण देना व तकनीकी कार्ययोजना प्रदाय करना। (ग) निगम द्वारा विगत तीन वर्षों (2020 से 2022) में प्रदेश के कृषकों को उपलब्ध कराये गये बीज की फसलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ख'' अनुसार है।
लोकहित में लिखे गए पत्रों पर कार्यवाही
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
117. ( क्र. 641 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 01 जनवरी 2024 से प्रश्न दिनांक 18.11.2024 की अवधि में विभागीय प्रमुख सचिव/अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मध्यप्रदेश को अपनी ई. मेल आई.डी. kamleshwar.d@mpvidhansabha.nic.in से विभागीय ई. मेल. आई.डी. acsprdmp@gmail.com पर सतत् रूप से भेजे गये सभी लोकहित के लिखित पत्रों पर पृथक-पृथक क्या वैधानिक कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक की गई है पृथक-पृथक पत्रवार की गई कार्यवाही की सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या यह सत्य है कि प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्नकर्ता के प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्रों पर निर्धारित समय-सीमा में विभागीय सक्षम अधिकारी द्वारा कार्यवाही नहीं की गई है और प्रत्येक पृथक-पृथक लिखे गये पत्रों का कोई अंतिम निराकरण प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं किया गया? इसके लिये कौन-कौन विभागीय अधिकारी उत्तरदायी एवं दोषी है पृथक-पृथक नाम, पदनाम वार बतावें। (ग) क्या यह सत्य है कि प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्नकर्ता के प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्र पर विभाग के पूर्व प्रमुख सचिव/अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा निर्धारित समय-सीमा में कार्यवाही करते हुये अपने अधीनस्थों को जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किये जाने के आदेश दिये गये थे यदि हाँ, तो पत्रवार बतावें, क्या प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्र पर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं करने वाले एवं समय-सीमा में कार्यवाही पूर्ण नहीं करने वाले एवं जानकारी नहीं देने वाले संबंधित दोषी अधिकारी एवं अन्य के विरूद्ध उन्हें निलंबित करते हुये उनके विरूद्ध विभागीय जांच आदेशित करेंगे यदि हाँ, तो कब तक निश्चित समय अवधि बतावें यदि नहीं, तो क्यो नहीं? (घ) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्नकर्ता के लोकहित में लिखे गये सभी लिखित पत्रों पर समय-सीमा में सम्पूर्ण वैधानिक कार्यवाही पूर्ण करते हुये प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्र का अंतिम निराकरण करने के आदेश सक्षम अधिकारी को जारी करेंगे यदि हाँ, तो निश्चित समय अवधि बतावें यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। समय-सीमा में आवश्यक कार्यवाही की गई। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनियमितताओं की जांच
[उच्च शिक्षा]
118. ( क्र. 644 ) श्री बृज बिहारी पटैरिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के उच्च शिक्षा संचालनालय में संबंद्ध एवं स्टोर शाखा के प्रभारी OSD की प्रथम पदस्थापना कहां एवं कब की गई थी और कितने समय के लिये की गई थी? आदेश कब और कितने समय के लिये है? इनके विरूद्ध लंबित शिकायत में क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या यह सत्य है कि OSD पूर्व में भी निलंबित किया गया था? यदि हाँ, तो कब एवं किस कारण निलंबित किया गया था? यदि उनकी जांच पूर्ण हो गई हो तो जांच प्रतिवेदन उपलब्ध करायें? (ग) उच्च शिक्षा के अंतर्गत रूसा तत्कालिक उपरोक्त APD/OSD द्वारा विश्व परियोजना के क्रय कार्यों में अनुचित निर्देश देते हुये एक ही फर्म को दमोह जिले में रूसा के चार कालेजों का क्रय आदेश दिया गया एवं बिना सामग्री प्रदाय किये एक ही फर्म को बार-बार भुगतान कर दिया गया? (घ) संचालनालय में न्यायालयीन सेक्शन में पदस्थ शाखा 02 के OSD को अटैचमेंट में भी क्या OSD का प्रभार दिया जा सकता है? उक्त अटैचमेंट का आदेश कब किसके द्वारा किया गया? आदेश यदि त्रुटिपूर्ण है तो उक्त अधिकारी को कब तक हटाकर अन्यत्र पदस्थ किया जाएगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) उच्च शिक्षा संचालनालय में संबद्धता एवं स्टोर शाखा के प्रभारी ओ.एस.डी. की प्रथम पदस्थापना पन्ना में दिनांक 02-02-1990 को की गई थी। उपरोक्तानुसार दिनांक 02-02-1990 से 31-10-1994 तक पदस्थ रहे। आदेश में समय-सीमा निर्धारित न होने के कारण बताया जाना संभव नहीं है। इनके विरूद्ध कोई भी शिकायत लंबित नहीं है। (ख) जी हाँ। दिनांक 27-12-2014 को निलंबित किया गया था, उनके द्वारा नवीन पदस्थापना पद पदभार ग्रहण न करने के कारण। जांच पूर्ण। आदेश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) जी हाँ। दिनांक 15-03-2024 को आयुक्त, उच्च शिक्षा द्वारा डिप्लायमेंट का आदेश किया गया। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
स्टेडियम निर्माण एवं उनकी मरम्मत
[खेल एवं युवा कल्याण]
119. ( क्र. 645 ) श्री बृज बिहारी पटैरिया : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले की देवरी विधान सभा में पर चालू वित्तीय वर्ष एवं 2025-26 में कहां-कहां स्टेडियम निर्माण कराया जाना प्रस्तावित हैं, स्थान के नाम एवं लागत बतायें? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्षेत्र में 2010 से 2023 तक कहां-कहां स्टेडियम निर्माण किये गये? उनकी देखरेख किसके द्वारा की जा रही है? किस-किस खेल में उपयोग हो रहे है? (ग) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में 2010 के बाद कौन-कौन से स्टेडियम की स्थिति जीर्ण-शीर्ण है? उनकी मरम्मत किये जाने हेतु राशि कब-कब दी गई? यदि नहीं, तो कब तक परीक्षण कराकर मरम्मत कराई जावेगी?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) विभागीय नीति अनुसार प्रत्येक विकासखंड में एक स्टेडियम निर्माण की योजना है। विधानसभा क्षेत्र देवरी अंतर्गत दोनों विकासखंड देवरी व केसली में स्टेडियम पूर्व से निर्मित होने के कारण कोई भी नवीन स्टेडियम का निर्माण प्रस्तावित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) देवरी विधानसभा क्षेत्र में विकासखंड मुख्यालय देवरी में निर्मित इंडोर हॉल की मरम्मत एवं बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्य हेतु वर्ष 2022 एवं वर्ष 2023 में राशि रू 23.88 लाख के प्राक्कलन प्राप्त हुआ था। प्राक्कलन निर्माण एजेन्सी द्वारा बिना तकनीकी स्वीकृति के प्रेषित किए गए थे। जिला कार्यालय से नवीन एसओआर के तहत पुनरीक्षित प्रस्ताव मय तकनीकी स्वीकृति के चाहे गए हैं। प्रस्ताव प्राप्त होने के उपरांत नियमानुसार परीक्षण कर कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
रासायनिक उर्वरक एवं बीज की कालाबाजारी
[सहकारिता]
120. ( क्र. 663 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा जौरा अंतर्गत मार्केटिंग सोसायटी, विपणन संस्था एवं साख सहकारी संस्था, राज्य सहकारी गोदाम संचालित होकर रासायनिक उर्वरक, बीज, कीटनाशक एवं फसल खरीदी आदि कृषि क्षेत्र में अनुबंधित होकर कार्यरत है? यदि हाँ, तो, ऐसी कितनी संस्थायें कहां-कहां संचालित हैं। (ख) संचालित पृथक-पृथक सहकारी संस्थाओं के कार्यक्षेत्र में कितना ग्रामीण क्षेत्र आता है, ग्रामवार सूचीबद्ध बताएं एवं समिति में कितने निर्वाचित पदाधिकारी सदस्य हैं पते सहित बताएं? उक्त संस्थाओं के कार्यक्षेत्र के कितने कृषक संस्था में सदस्य हैं अथवा कितने ऐसे कृषक हैं जो कि सदस्यता से वंचित हैं? क्या संस्था के सदस्य कृषकों को संबंधित संस्था परमिट जारी कर अथवा अन्य विधि अनुसार समय पर फर्टिलाइजर आदि प्रदान करती है? (ग) क्या वर्षाकाल प्रारंभ होते ही उन्नत कृषि संधारण हेतु संभागीय स्तर पर एपीसी बैठक समस्त विभागों सहित आहूत की जाती है, जिसमें विभागवार आवश्यकताओं एवं उपयोगिता की जानकारी का निर्धारण किया जाता है? यदि हाँ, तो उक्त बैठक में क्षेत्रांतर्गत संचालित सहकारी संस्थाओं द्वारा रासायनिक उर्वरक, बीज आदि की आवश्यकता की मांग की जाती है। क्या विभाग द्वारा मांग अनुसार संबंधित संस्था को समुचित रासायनिक खाद उपलब्ध कराया जाता है अथवा नहीं? यदि उपलब्ध कराया जाता है तो किसान को संस्था से समय पर खाद उपलब्ध नहीं होता है, क्या संस्था अथवा निकाय द्वारा कालाबाजारी की जाती है? उक्त के लिए कौन दोषी है एवं दोषी के प्रति क्या कार्यवाही निर्धारित हैं? (घ) क्या सहकारी संस्थाओं में उपलब्ध रासायनिक खाद की स्टॉक पंजी संबंधित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व से निरीक्षण कराकर प्रमाणित कराई जाती है? यदि नहीं, तो क्यों? यह सही है कि खाद वितरण संचालित संस्थाओं के कर्मचारियों से कराया जाता है, जिसे अपने चहेते व्यक्तियों को देकर कालाबाजारी की जाती है? यदि हाँ, तो गोदाम सील कर एसडीएम के संरक्षण में अन्य विभाग के कर्मचारियों से कराया जाएगा?
सहकारिता मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) जी हाँ। विधानसभा जौरा अन्तर्गत 02 मार्केटिंग सोसायटी विपणन सहकारी संस्था मर्या. जौरा एवं कैलारस तथा 13 बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थायें एवं म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्या. जिला मुरैना के 02 भण्डारण केन्द्र जौरा एवं कैलारस संचालित है। विपणन सहकारी संस्था मर्या. जौरा एवं विपणन संघ मर्या., जिला मुरैना का जौरा भण्डारण केन्द्र जौरा में संचालित है तथा विपणन सहकारी संस्था मर्या. कैलारस एवं विपणन संघ मर्या., मुरैना का कैलारस भण्डारण केन्द्र कैलारस में संचालित हैं। विधानसभा जौरा में संचालित बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' अनुसार है। (ख) विधानसभा जौरा के कार्यक्षेत्र अन्तर्गत संचालित बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के कार्यक्षेत्र की ग्रामवार सूची, संस्थाओं में निर्वाचित पदाधिकारी सदस्यों की पते सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''02'' अनुसार है। बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के सदस्य कृषकों को संबंधित संस्था परमिट जारी कर फर्टिलाइजर प्रदान करती है। विपणन सहकारी संस्था मर्या. जौरा के कार्यक्षेत्र की ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''03'' अनुसार है तथा निर्वाचित पदाधिकारी सदस्यों की पते सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''03'' अनुसार है। विपणन सहकारी संस्था मर्या., कैलारस के कार्यक्षेत्र की ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''03'' अनुसार है तथा निर्वाचित पदाधिकारी सदस्यों की पते सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''03'' अनुसार है। विपणन सहकारी संस्था मर्या. जौरा और कैलारस द्वारा परमिट जारी नहीं किये जाते हैं, विपणन संस्थाओं द्वारा रासायनिक खाद नगद राशि प्राप्त कर विक्रय किया जाता है। संस्थाओं के कार्यक्षेत्र के कृषक जिनके द्वारा नियमानुसार संस्था में सदस्यता के लिये आवेदन किया जाता है, ऐसे पात्र कृषकों में से कोई भी कृषक संस्था की सदस्यता से वंचित नहीं है। (ग) जी हाँ, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा एपीसी की बैठक उन्नत कृषि संधारण हेतु आहूत की जाती है। उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला मुरैना से प्राप्त उत्तर अनुसार वर्ष में खरीफ एवं रबी सीजन में एपीसी बैठक में दिये गए निर्देशानुसार खाद, बीज आदि की आवश्यकता के अनुसार कार्ययोजना तैयार की जाकर व्यवस्था की गई है। म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्या. मुरैना एवं उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला मुरैना से प्राप्त उत्तर अनुसार विपणन संघ द्वारा जिले की सहकारी समितियों को उनकी मांग एवं आवश्यकता अनुसार रासायनिक उर्वरक उपलब्ध कराया जाता है। उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला मुरैना एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. मुरैना द्वारा प्रेषित उत्तर अनुसार संस्थाओं द्वारा कालाबाजारी की कोई शिकायत संज्ञान में नहीं आई है। अतः दोषी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं, प्रावधान न होने से। खाद वितरण संस्था कर्मचारी ही करते है, जिसमें कालाबाजारी की शिकायत नहीं है। जी नहीं, उर्वरक गुण नियंत्रण आदेश 1985 के निहित प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जाती है।
विकास कार्यों की जानकारी
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
121. ( क्र. 664 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अधोसंरचना मद में विधानसभा क्षेत्र जौरा में कितनी-कितनी राशि आवंटित की जा चुकी है एवं कितनी-कितनी राशि स्वीकृत हुई है? जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) विधानसभा क्षेत्र जौरा की विभिन्न पंचायतों में शासन द्वारा कितने निर्माण अथवा विकास कार्य स्वीकृत किए गए हैं? विधान सभा क्षेत्र जौरा की जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) विधानसभा क्षेत्र जौरा की ग्राम पंचायतों में स्वीकृत किए गए कार्यों के विरुद्ध शासन द्वारा कितनी राशि का भुगतान किया जा चुका है एवं कितनी राशि का भुगतान किया जाना शेष है? भुगतान में विलंब होने का कारण सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) विधानसभा निर्वाचन 2023 के उपरांत विधानसभा क्षेत्र जौरा में कितने निर्माण कार्यों की तकनीकी स्वीकृति कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, जिला मुरैना द्वारा शासन को भेजी गई एवं शासन द्वारा जौरा विधानसभा के कितने निर्माण कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति के आदेश जारी किए गए? जानकारी उपलब्ध करायें। (ड.) जौरा विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत पंचायतों द्वारा अपात्र व्यक्तियों के नाम सूची में शामिल करने तथा पात्र व्यक्तियों के नाम सूची में से विलोपित किए जाने के संबंध में 3 वर्ष में कितनी शिकायत प्राप्त हुई हैं एवं उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है? विस्तृत जानकारी दस्तावेजों सहित वर्षवार उपलब्ध करायें।
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -''अ'' अनुसार है। बजट उपलब्धता होने पर राशि जारी की जाती है एवं भुगतान की कार्यवाही की जाती है। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -''ब'' अनुसार है। (ड.) वांछित जानकारी निरंक है। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
शा. कन्या महाविद्यालय में अधिकारी/कर्मचारी एवं निर्माण कार्यों की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
122. ( क्र. 671 ) डॉ. प्रभुराम चौधरी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय कन्या महाविद्यालय रायसेन में कितने अधिकारी एवं कर्मचारी पदस्थ है एवं कितने पद रिक्त हैं? पदनामवार सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में एन.सी.सी. प्राध्यापक का पद रिक्त है। यदि हाँ, तो रिक्त पद की पूर्ति कब तक की जावेगी? (ग) शासकीय कन्या महाविद्यालय रायसेन परिसर में बाउंड्रीवॉल न होने के कारण छात्राओं को असुरक्षा की स्थिति बनी रहती है इस हेतु विभाग द्वारा बाउंड्रीवॉल की स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एन.सी.सी. प्राध्यापक जैसी पद संरचना नहीं होती है, बल्कि कार्यरत प्राध्यापकों/सहायक प्राध्यापकों को ही एन.सी.सी. का प्रभार दिया जाता है। शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रायसेन में पदस्थ महिला शिक्षक को शासकीय कन्या महाविद्यालय, रायसेन का एन.सी.सी. का प्रभार सौंपा गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) शासकीय कन्या महाविद्यालय, रायसेन में बाउंड्रीवाल निर्माण हेतु सक्षम स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार कार्यवाही की जाएगी। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
सड़कों एवं पुल-पुलियों का मरम्मत कार्य
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
123. ( क्र. 672 ) डॉ. प्रभुराम चौधरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सांची विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कौन-कौन सी सड़क/पुलिया प्रधानमंत्री सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री सड़क योजना से निर्मित है? ग्रामवार सड़कों की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उक्त योजनाओं से निर्मित सड़कों एवं पुल-पुलियों की मरम्मत एवं रख रखाव के क्या नियम है? क्या मरम्मत निश्चित समयावधि में की जा रही है? यदि हाँ, तो सांची विधानसभा अंतर्गत विगत 01 वर्ष में कितनी सड़कों पुल-पुलियों का अनुबंध अनुसार मरम्मत कार्य किस एजेन्सी एवं ठेकेदार द्वारा किया गया? सम्पूर्ण जानकारी ग्रामवार देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार उक्त सड़कों का स्थल निरीक्षण, भौतिक सत्यापन किन-किन अधिकारियों द्वारा किया गया? क्या-क्या कमियां पाई गई? ग्रामवार एवं सड़कवार जानकारी देवें। (घ) सांची विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ऐसे कितने गांव/मजरे टोले है जो आज भी सड़क विहीन है? उक्त गांवों को कब तक मुख्यमार्ग से जोड़ा जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) सांची विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विकासखण्ड सांची एवं गेरतगंज में म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा निर्मित प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्मित सड़कों की ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'' अनुसार है। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्मित सड़कों की ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''2'' अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनाओं एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनाओं में निर्मित सड़कों एवं पुल पुलियो की मरम्मत एवं रख-रखाव के नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''3'' अनुसार है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत निर्मित मार्गों का संधारण निर्धारित समयावधि में किया जा रहा है। विगत 01 वर्ष में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत निर्मित मार्गों का संधारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''4'' अनुसार है। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत निर्मित मार्गों का रख-रखाव का प्रावधान न होने के कारण सांची विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत 01 वर्ष में कोई भी सड़क तथा पुल-पुलिया का रख-रखाव कार्य नहीं कराया गया। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार विगत 01 वर्ष में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत निर्मित मार्गों के निरीक्षण संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''5'' अनुसार है। (घ) सांची विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के दिशा निर्देशानुसार सभी पात्र ग्रामों को सम्पर्कता प्रदान की जा चुकी है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत वर्तमान में मजरे टोले को पक्की सड़क से जोड़ने हेतु कोई योजना नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
फसल बीमा योजना का लाभ का प्रदाय
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
124. ( क्र. 674 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में फसल बीमा योजना किस नाम से, कब से, किन नियमों एवं आदेशों के पालन में संचालित की जा रही है? भारत सरकार एवं राज्य सरकार के आदेशों एवं निर्देशों की प्रति सहित बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में इस योजना में सम्मिलित होने हेतु किसानों के लिये क्या मापदण्ड है? कितनी भूमि/फसल पर कितना प्रीमियम किसान से, कितना राज्य सरकार से अथवा कितना भारत सरकार से जमा कराया जाता है? 20 मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितना प्रीमियम किसानों से प्राप्त हुआ, कितना राज्य सरकार से जमा कराया एवं कितना भारत सरकार से प्राप्त हुआ? जिलेवार गौशवारा बनाकर पृथक-पृथक बतायें। (ग) उपरोक्त अवधि में गुना जिले के राघौगढ़ विधानसभा में कितने किसान फसल बीमा योजना में सम्मिलित हुये? कितना प्रीमियम किसान ने किस फसल के लिये दिया? कौन-कौन सी आपदाओं में मुआवजा दिया गया एवं कितना कब से लंबित है? कब तक भुगतान कर दिया जायेगा? निश्चित समयावधि बतायें। ब्लॉकवार किसान का नाम, पता, फसल का नाम सहित बतायें। (घ) उपरोक्त अवधि में गुना, राजगढ़, शिवपुरी, सीहोर, होशंगाबाद, रायसेन, विदिशा जिले में कितने किसानों की कौन-कौन सी फसलों में, किस प्रकार की आपदाओं के कारण चिन्हित किया गया? सर्वे कैसे और कब कराया गया? नुकसानी का आंकलन भौतिक रूप से अथवा आधुनिक उपकरणों (टेक्नोलॉजी) में से कैसे कराया गया? भौतिक रूप से नुकसानी का आंकलन करने हेतु क्या और किसके निर्देश/आदेश पर कार्यवाही की गई? तकनीकी के आधार पर किस प्रकार की मशीनों का उपयोग कब और किन-किन के द्वारा कितनी मशीनों से किया गया है? संपूर्ण जानकारी का ब्यौरा पृथक-पृथक जिलेवार गौशवारा बनाकर दें।
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना वर्ष 2016 से लागू है। इसके पूर्व वर्ष 1999-2000 से वर्ष 2015-16 में राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना लागू थी। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के क्रियान्वयन हेतु भारत सरकार द्वारा जारी रिवेम्प्ड मार्गदर्शी निर्देशिका की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'' अनुसार एवं राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना हेतु भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''2'' अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना हेतु समस्त कृषक/बटाईदार/ठेके पर खेती करने वाले कृषक पात्र है। जिलावार, फसलवार प्रति हेक्टेयर बीमित राशि का खरीफ मौसम की फसलों हेतु 2 प्रतिशत एवं रबी मौसम की फसलों हेतु 1.5 प्रतिशत या वास्तविक प्रीमियम दर, जो भी कम हो, कृषक द्वारा प्रीमियम देय है। शेष वास्तविक प्रीमियम का राज्य सरकार एवं भारत सरकार द्वारा 50:50 के अनुपात में वहन किया जाता है। प्रीमियम राशि की बीमा कंपनीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''3'' अनुसार है। (ग) राघौगढ़ विधानसभा में बीमित कृषको, प्रीमियम, फसल एवं दावा राशि की पटवारी हल्कावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''4-अ'' एवं प्रपत्र-''4-ब'' अनुसार है। योजना के प्रावधान अनुसार प्राकृतिक आपदाओं से फसल क्षति होने पर उपज में कमी के आधार पर पात्र कृषकों को दावा राशि का भुगतान किया जाता है। कृषकों के बैंक अकाउण्ट में भुगतान विफल होने के कारण कुछ दावे लंबित है। बीमित कृषकों की कृषकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''5-अ'' अनुसार है एवं लंबित दावा राशि की कृषकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''5-ब'' अनुसार है। (घ) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत पटवारी हल्कावार, तहसीलवार एवं जिलेवार अधिसूचित फसलों एवं बीमित इकाईयों में विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के कारण वास्तविक उपज में कमी के आधार पर दावा राशि की गणना की गई। थ्रेशोल्ड उपज से वास्तविक उपज में कमी आने पर योजना के प्रावधान अनुसार दावा राशि का भुगतान किया गया। वास्तविक उपज की गणना सेटेलाईट आधारित रिमोट सेंसिंग तकनीक से किया गया। सेटेलाईट आधारित रिमोट सेंसिंग तकनीक के घटकों का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''6'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़कों की स्वीकृति व संधारण
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
125. ( क्र. 677 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिलवानी विधान सभा क्षेत्रांतर्गत प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनांतर्गत किन-किन बसाहटों को जोड़ा जाना अब तक शेष है? इन बसाहटों को सड़क मार्ग प्रदाय करने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है व कब तक इन मार्गों का निर्माण किया जा सकेगा? विस्तृत विवरण दें। (ख) सिलवानी विधान सभा क्षेत्र में निर्मित प्रधानमंत्री सड़कों में से किन-किन का संधारण किया जाना आवश्यक है? इस हेतु क्या-क्या प्रस्ताव तैयार कर स्वीकृति हेतु भेजे गये हैं? कब तक इन सड़कों का संधारण कार्य कराया जावेगा? नहीं तो क्यों? (ग) सिलवानी विधान सभा क्षेत्र में पूर्व में निर्मित किन-किन सड़क मार्गों का उन्नयन/चौड़ीकरण/मजबूतीकरण किया जाना आवश्यक व प्रस्तावित है? यह कार्य स्वीकृति हेतु किस स्तर पर लंबित है व कब तक स्वीकृत किया जावेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) सिलवानी विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्ड बेगमगंज व सिलवानी अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के दिशा निर्देश अनुसार वर्ष 2001 की जनगणना अनुसार 500 से अधिक जनसंख्या वाले समस्त पात्र ग्रामों को सम्पर्कता प्रदान की जा चुकी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्मित मार्गों का संधारण निर्धारित मापदण्डानुसार किया गया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में निर्मित समस्त मार्गों का संधारण की स्थिति की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सिलवानी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत उन्नयन/चौड़ीकरण/मजबूतीकरण किये जाने हेतु कोई मार्ग आवश्यक एवं प्रस्तावित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत स्वीकृत व शेष आवासों की जानकारी
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
126. ( क्र. 678 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिलवानी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विकासखंड सिलवानी व बेगमगंज में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी व ग्रामीण में कितने व किन-किन पात्र हितग्राहियों को आवास स्वीकृत किया जाना शेष है? ग्राम पंचायत के हितग्राहियों की जानकारी दें व बतावें कि इनको कब तक स्वीकृत कर दिये जायेंगे? (ख) विकासखण्ड बेगमगंज व सिलवानी में ग्रामपंचायतवार बतावें कि किन-किन हितग्राहियों को स्वीकृत आवास के विरूद्ध अब तक द्वितीय किश्त की राशि व मजदूरी का भुगतान किन कारणों से नहीं किया जा सका है? इनका भुगतान कब तक कर दिया जायेगा? (ग) वर्ष 2023 में आवास प्लान में प्राप्त आवेदनों की स्वीकृति किस स्तर पर लंबित है? कब तक प्राप्त आवेदनों के आधार पर हितग्राहियों को आवास स्वीकृत किये जायेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण में विधानसभा सिलवानी अंतर्गत जनपद पंचायत सिलवानी तथा बेगमगंज के क्रमश: 6189 एवं 7362 हितग्राही (कुल 13551) प्रतीक्षा सूची में दर्ज है, जिन्हें पात्रता अनुसार आवास स्वीकृत किया जाना शेष है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -''अ'' अनुसार है। भारत शासन से लक्ष्य प्राप्त होने पर पात्रता अनुसार आवास स्वीकृत कर दिये जायेंगे। प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी अंतर्गत विधानसभा सिलवानी की नगर पालिका परिषद बेगमगंज एवं नगर परिषद सिलवानी में पात्र हितग्राहियों को आवास स्वीकृत किये जा कर वितरण किये जा चुके है एवं निकायों में पात्र हितग्राहियों के कोई भी आवेदन लंबित नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -''ब'' और परिशिष्ट के प्रपत्र -''स'' अनुसार है। आवास की किश्त का भुगतान निश्चित स्तर का कार्य पूर्ण होने पर जियो-टैगिंग के पश्चात किया जाता है तथा मनरेगा की मजदूरी का भुगतान निरंतर नियमानुसार किया जा रहा है। (ग) आवास प्लस में दर्ज परिवारों की स्वीकृति भारत सरकार से लक्ष्य प्राप्त होने पर नियमानुसार जिला पंचायत से की जाती है।
भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्यवाही
[सहकारिता]
127. ( क्र. 682 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ में डी.आर.के द्वारा सहकारी संस्थाओं एवं मछुआ समितियों में निरीक्षकों द्वारा या प्रशासक बनाकर किसी भी समिति को जनप्रतिनिधों के इशारों पर भंग कर देना उसके बाद उनसे इच्छापूर्ति कर लेना आम बात हो गई है और बहुत समय से पदस्थ रहकर भ्रष्टाचार से परिपूर्ण विभाग को कर दिया गया है क्या ऐसी कार्यशैली वाले अधिकारी को हटाकर किसी दूसरे अधिकारी की तैनाती करेंगे, यदि हां, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। (ख) क्या वर्ष 2023 में उप अंकेक्षक एन.एस.राय ईंधन आपूर्ति उपभोक्ता सहकारी समिति मर्या. बल्देवगढ़ के प्रशासक थे। यदि हाँ, तो कब से कब तक पदस्थ रहे यदि नहीं, तो सम्पूर्ण जानकारी से अवगत करायें। (ग) क्या उप पंजीयक सहकारी संस्थायें टीकमगढ़ के आदेश क्र./विधि/2023/853 दिनांक 29/12/23 को जारी आदेश में उल्लेख किया गया है कि आदेश क्र. विधि/2020 दिनांक-8/12/2020 के द्वारा श्री एन.एस. राय उपअंकेक्षक को ईंधन आपूर्ति उपभोक्ता सहकारी समिति बल्देवगढ़ का प्रशासक नियुक्त किया गया था उक्त आदेश में आंशिक संशोधन करते हुये राय के स्थान पर मधुर मिश्रा सहकारी निरीक्षक को नियुक्त किया गया। इस आदेश से प्रतीत और सिद्ध होता है कि श्री गुप्ता इस आदेश के समय उपपंजीयक कार्यालय टीकमगढ़ में पदस्थ थे जबकि श्री गुप्ता वर्ष-2020 में सेवानिवृत्त हो गये उसके बाद भी ऐसे भ्रामक एवं असत्य आदेश डी.आर.टीकमगढ़ के द्वारा जारी किये गये। यदि हाँ, तो जांच में दोषी पाये जाने वाले डी.आर. टीकमगढ़ के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उर्वरक, अमानक खाद की कालाबाजारी एवं आपूर्ति
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
128. ( क्र. 683 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के नियम व निर्देशों अनुसार टीकमगढ़ तथा छतरपुर जिले में उर्वरक की कमी पाये जाने के साथ-साथ उर्वरक की कालाबाजारी कर अधिक दरों पर किसानों को उर्वरक बेचा गया तथा कुछ स्थानों पर अमानक उर्वरक की भी बिक्री की गई। लायसेंसधारकों द्वारा कुल कितना और कौन से उर्वरकों का विक्रय किया है? क्या उर्वरक लायसेंस धारियों द्वारा रिकार्ड संधारित करने के नियम व निर्देश है? (ख) यदि नियम व निर्देश है तो विक्रय किये गये उर्वरक को पी.ओ.एस. मशीन में स्टॉक प्राप्ति एवं विक्रय किये जाने की मात्रा की जानकारी टीकमगढ़ जिले एवं छतरपुर जिले की उपलब्ध करायें। (ग) क्या किसानों को पात्रता यानि भूमि के रकबे के अनुसार खाद प्राप्त नहीं हुआ ना ही लायसेंसधारकों द्वारा इस प्रक्रिया को अपनाया भी नहीं गया तथा सक्षम अधिकारियों द्वारा लायसेंसधारकों की कोई जांच की किसी के साथ कोई कार्यवाही की अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार की इच्छापूर्ति करके किसानों को अमानक खाद खरीदने तक पर मजबूर कर दिया किसी लायसेंस धारक या अन्य के पास से अमानक खाद का प्रकरण जांच के दौरान बनाया गया? यदि हाँ, तो संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या लायसेंस धारक एवं खाद विक्रेताओं को शासन के द्वारा नियमों के तहत मापदण्ड अपनाये जाने के निर्देश नहीं दिये गये और कालाबाजारी पर प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किये इसी के कारण खाद खरीदने में लाईने लगाकर किसान दो-तीन दिन लगातार परेशान होते रहे तब खाद प्राप्त हुआ। क्या खाद की परेशानी होने पर किसानों के साथ मदद करने की अधिकारियों ने कभी कोशिश की बल्कि शिकायतों का निराकरण तक नहीं किया गया? क्या ऐसे किसी अधिकारी के विरूद्ध जांच की गई? यदि हाँ, तो जानकारी स्पष्ट करें।
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) टीकमगढ़ एवं छतरपुर जिले में शासन के निर्देशानुसार ही कंपनियों से प्राप्त उर्वरकों का भण्डारण कराया गया। पर्याप्त मात्रा में किसानों को उर्वरक उपलब्ध कराया जा रहा है। टीकमगढ़ जिले में कालाबाजारी की कोई शिकायत प्रकाश में नहीं आई है, छतरपुर जिले में कालाबाजारी की शिकायत प्राप्त होने पर तत्काल 01 एफआईआर दर्ज कराई गई है तथा अमानक उर्वरकों का विक्रय किसानों को नहीं किया गया है। उर्वरक लायसेंसधारियों को रिकार्ड संधारण के निर्देश लायसेंस जारी करते समय दिए गए हैं। लायसेंस धारकों द्वारा उर्वरक विक्रय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'' अनुसार है। (ख) टीकमगढ़ एवं छतरपुर जिले में विक्रय किये गये उर्वरक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'' अनुसार है। (ख) प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों द्वारा सदस्य कृषकों को पात्रता अनुसार उपलब्ध उर्वरकों का वितरण तथा निजी विक्रेताओं द्वारा उर्वरक उपलब्धता के आधार पर किसानों की मांग अनुसार उर्वरक उपलब्ध कराया जा रहा है। लायसेंस प्राप्त विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों का समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है एवं उर्वरक नमूने लिए जाते है। नमूना अमानक स्तर का पाए जाने पर ऐसे उर्वरक स्कंध का तत्काल विक्रय प्रतिबंध किया जाता है। अमानक उर्वरक का किसानों को विक्रय प्रतिबंधित है। टीकमगढ़ जिले में 04 उर्वरक नमूने अमानक होने एवं 2 प्रकरणों में अन्य कारणों से संबंधित व्यापारियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है। इसी तरह छतरपुर जिले में 02 अमानक नमूने होने पर संबंधित को कारण बताओ सूचना पत्र जारी करते हुये विक्रय प्रतिबंधित किया गया है। (ग) सभी उर्वरक विक्रेताओं को उर्वरक (नियंत्रण) आदेश,1985 के प्रावधानों एवं मापदण्ड अनुसार ही उर्वरक विक्रय प्राधिकार पत्र जारी किया जाता है। टीकमगढ़ जिले में उर्वरक (नियंत्रण) आदेश 1985 के विहित प्रावधानों के विरूद्ध कृत्य पाये जाने पर 02 विक्रेताओं एवं छतरपुर में 08 विक्रेताओं के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। एफ.आई.आर. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''2'' अनुसार है। किसानों की भीड़ होने पर सुव्यवस्थित तरीके से उर्वरक वितरण कराने हेतु कतार लगाकर नियमानुसार पीओएस मशीन से उर्वरक वितरण कराया गया, जिससे किसानों को परेशानी नहीं हुई है। सहकारी समितियों, विपणन संघ के विक्रय केंद्रों एवं निजी उर्वरक विक्रेताओं से उपलब्धता एवं पात्रतानुसार उर्वरकों का राजस्व एवं कृषि विभाग द्वारा उर्वरक वितरण कराया जा रहा है। जिले में खाद न मिलने के लिखित में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
सचिव/सहायक सचिवों की जानकारी
[सहकारिता]
129. ( क्र. 686 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में कितनी प्राथमिक कृषि साख समितियॉं है, समितियों की सूची संलग्न करें? (ख) क्या उक्त सहकारी समितियों में सचिव एवं सहायक सचिव व सेल्समेन पदस्थ है, समितिवार जानकारी दें? (ग) इन समितियों में पदस्थ सचिव/सहायक सचिवों को समितियों का प्रभार नहीं है, इनके स्थान पर कितने विक्रेताओं को प्रभार दे रखा है। समिति का नाम एवं प्रभारी का नाम सहित बतायें तथा क्या इन्हें प्रभार दिया जा सकता है। यदि हाँ, तो नियम बतायें यदि नहीं, तो इसके लिये कौन दोषी है, अधिकारी का नाम बतायें? (घ) जिन सचिव/सहायक सचिवों से कार्य नहीं लिया जा रहा है इनका कारण बतायें। क्या इन्हें प्रभार दिया जायेगा यदि हाँ, तो कब तक?
सहकारिता मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) कुल 82 प्राथमिक कृषि साख समितियाँ है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' अनुसार है। (ख) समितियों में पदस्थ सचिव, सहायक सचिव, सेल्समेन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''02'' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) अंतर्गत जिन समितियों में सचिव/सहायक सचिव पदस्थ है, उनमें सेल्समेन को सचिव का प्रभार नहीं दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
इण्डोर स्टेडियम को स्वीकृति
[खेल एवं युवा कल्याण]
130. ( क्र. 687 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले की भाण्डेर विधानसभा के मुख्यालय पर इण्डोर स्टेडियम स्वीकृत है यदि हाँ, तो स्वीकृत आदेश संलग्न करें। (ख) यदि स्वीकृत है तो इसके लिये भूमि अधिग्रहण की गई है? यदि हाँ, तो स्वीकृति आदेश संलग्न करें। (ग) इसका निर्माण न होने का कारण तथा कब तक कार्यवाही पूर्ण की जायेगी?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) भारत सरकार की राजीव गांधी खेल अभियान योजनान्तर्गत कलेक्टर दतिया द्वारा आदेश क्र. 4160-6/17.08.2015 दिनांक 14/08/2015 के अनुसार रकबा 0.60 हेक्टेयर पर इण्डोर हॉल स्टेडियम निर्माण हेतु खेल और युवा कल्याण विभाग को आवंटित की गई है। आदेश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उत्तरांश (क) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) भारत सरकार द्वारा वर्ष 2016 में राजीव गांधी खेल अभियान योजना बंद करने एवं जिले से प्रस्ताव प्राप्त न होने के कारण स्वीकृति/निर्माण नहीं हो सका। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री सड़कों का संधारण
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
131. ( क्र. 966 ) श्री प्रीतम लोधी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पहाड़ाखुर्द से पहाड़ाकला मार्ग का निर्माण प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनान्तर्गत किया गया था? यदि हाँ, तो कब और कितनी लागत से? क्या इस मार्ग का संधारण कार्य कराया गया था? यदि हाँ, तो कब कितनी लागत से एवं कहाँ से कहाँ तक क्या-क्या संधारण कार्य कराया गया? (ख) वर्तमान में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्ग की क्या स्थिति है? क्या यह मार्ग सुगम यातायात हेतु ठीक स्थिति में है? वर्तमान में मार्ग के संधारण की जिम्मेदारी किस विभाग/एजेंसी की है? कब तक इस मार्ग का संधारण कार्य कराया जाकर इसे यातायात योग्य बनाया जायेगा? क्या इस मार्ग के नवीनीकरण का कोई प्रस्ताव है? (ग) वर्तमान में पिछोर विधानसभा क्षेत्र में प्राधिकरण द्वारा निर्मित कौन-कौन सी सड़के संधारण योग्य है? इनका संधारण न हो पाने के क्या कारण है? कब तक इन सड़कों का संधारण कार्य कराया जावेगा? नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांकित मार्ग का निर्माण रू. 71.45 लाख की लागत से दिनांक 30.06.2017 को पूर्ण किया गया। जी हाँ, दिनांक 06.09.2019 तक मार्ग की सम्पूर्ण लम्बाई 1.994 कि.मी. में निर्धारित मापदण्डानुसार संधारण कार्य कराया गया। तत्पश्चात उक्त मार्ग की लम्बाई में से 1.50 कि.मी. का भाग लोक निर्माण विभाग संभाग शिवपुरी द्वारा रन्नौद से बैलबावरी वाया मेनवाड़ा, पहाड़ाकलां, पहाडाखुर्द, सेमरी, ईसागढ, दसेरिया, पिपरौदा आलम, मुहांसा, हरथौन मार्ग के मध्य आने के कारण, उक्त भाग लोक निर्माण विभाग को हस्तांतरित होने के फलस्वरूप शेष लम्बाई 0.494 कि.मी. में परफारमेंस गारंटी अवधि के प्रावधानों के तहत एवं आवश्यकता अनुसार 05 वर्ष तक संधारण कार्य कराया गया। उक्त अवधि में संधारण हेतु रू. 1.67 लाख का व्यय हुआ। (ख) वर्तमान में म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के पास शेष रही 0.494 कि.मी. लम्बाई मार्ग संधारित एवं संतोषजनक स्थिति में है तथा इसका संधारण प्रावधान एवं आवश्यकता अनुसार किया जा रहा है। शेष लम्बाई 1.50 कि.मी. के संधारण की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग की है। जी नहीं, नवीनीकरण का कोई प्रस्ताव प्राधिकरण अंतर्गत नहीं है। (ग) विधानसभा क्षेत्र पिछोर में प्राधिकरण द्वारा निर्मित 134 सड़कों में से 131 सड़कों का प्रावधान एवं आवश्यकता अनुसार नियमित संधारण किया जा रहा है। निर्मित सड़कों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष 03 मार्ग में से 01 मार्ग बसई रोड से गरेठा, भारी वाहनों के आवागमन के कारण क्षतिग्रस्त हुआ था जिसके उन्नयनीकरण का कार्य स्वीकृत किया गया है निविदा की कार्यवाही प्रचलन में है एवं 02 मार्ग 1- चन्देरी-पिछोर रोड से कंजवाहा 2- चन्देरी-पिछोर रोड से रतवास का डी.एल.पी. संधारण अवधि में संविदाकार द्वारा नियमित संधारण नहीं किये जाने के कारण अनुबंध समाप्त करने की कार्यवाही की गई है एवं नवीन निविदा की कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजस्व ग्रामों को डामरीकृत सड़क की सुविधा
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
132. ( क्र. 1101 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के सामान्य विकासखंडों में वर्ष 2011 की जनगणना अनुसार 250 से 500 बीच जनसँख्या वाले कितने राजस्व ग्राम है? क्या इन ग्रामों में बारहमासी आवागमन हेतु पक्की सड़क की उपलब्धता है? (ख) प्रश्नांश (क) में यह अवगत कराया जावे कि सम्पर्क विहीन ग्रामों में कितने ग्रामों को ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा कितनी-कितनी लागत की कितनी मुख्यमंत्री ग्राम सड़क की सुविधा उपलब्ध करा दी गई है? (ग) क्या निर्मित मुख्यमंत्री ग्राम सड़को को डामरीकृत पक्की सड़क बनाये जाने के नियम है? यदि हाँ, तो निर्मित मुख्यमंत्री ग्राम सड़कों को कब तक डामरीकृत किया जावेगा? समय-सीमा बतावे। (घ) क्या सरकार की ऐसी कोई योजना प्रस्तावित है, जिसके तहत वर्ल्ड बैंक अथवा नाबार्ड से ऋण लेकर पूर्वनिर्मित मुख्यमंत्री ग्राम सड़कों को डामरीकृत किया जा सकें?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) बैतूल जिले के सामान्य विकासखण्ड में वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 250 से 500 के बीच 96 ग्राम हैं। इनमें से 69 ग्रामों में पक्की सड़क की उपलब्धता है। (ख) ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा बैतूल जिले के सामान्य विकासखण्डों में 53 ग्रामों को मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत सड़क सुविधा उपलब्ध करा दी गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के अनुसार है। (ग) निर्मित मुख्यमंत्री ग्राम सड़कों को डामरीकृत पक्की सड़क बनाने हेतु वर्तमान में कोई योजना नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। वर्तमान में पूर्वनिर्मित मुख्यमंत्री ग्राम सड़कों को डामरीकृत करने हेतु कोई योजना प्रस्तावित नहीं है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
मद संख्या
7501 पर व्यय
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
1. ( क्र. 20 ) श्री बाला बच्चन : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मद संख्या 7501 फूड एवं न्यूट्रिशियन सिक्योरिटी खण्डवा, खरगोन एवं धार जिले में जिन कृषकों को 100/-रू. से 2000/-रू. तक अनुदान राशि दी गई उन हितग्राहियों का नाम, पता, प्रदाय राशि, हितग्राही बैंक नाम, ब्रांच नाम, हितग्राही सहित विधान सभावार, जिलावार वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 के संदर्भ में देवें। (ख) क्या कारण है कि प्रश्नांश (क) अनुसार कई अनुदान हितग्राही के बैंक अकांउट में न देकर नकद रूप से दिये गये जबकि नियमानुसार प्रत्येक भुगतान बैंक खाते में होना था? ऐसे सभी प्रकरणों की जानकारी हितग्राही नाम, उसके द्वारा प्रस्तुत बिल की छायाप्रति, इसे सत्यापित कर भुगतान करने वाले अधिकारी के नाम, पदनाम एवं वर्षवार सहित देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार समस्त अनुदानों में अनियमितता कर भुगतान करने वाले अधिकारियों पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) जिले में वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में फूड एवं न्यूट्रिशियन सिक्योरिटी योजनांतर्गत लाभांवित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 (अ) एवं प्रपत्र-1 (ब) अनुसार है। (ख) योजनांतर्गत नियमानुसार हितग्राही को DBT के माध्यम से उनके बैंक खातों में अनुदान राशि का भुगतान किया गया हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सम्पत्ति कर निर्धारण एवं संकलन
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
2. ( क्र. 21 ) श्री बाला बच्चन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पत्र क्र. 630/2022 भोपाल दिनांक 28/06/2022 में कलेक्टर/सी.ई.ओ./जिला पंचायत एवं समस्त म.प्र. को पंचायत क्षेत्र में सम्पत्ति कर निर्धारण एवं कर संकलन के लिए प्रभावी कार्यवाही किए जाने के संबंध में निर्देशित किया गया है? (ख) म.प्र. पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 81 में कलेक्टर के पास क्या अधिकार है एवं ग्राम पंचायत का आवेदन प्राप्त होने पर कितने दिनों के भीतर प्रभावी कार्यवाही किए जाने के नियम है एवं इसकी क्या प्रक्रिया है? (ग) कार्यालय कलेक्टर जिला खरगोन में दिनांक 24.09.2024 में ग्राम पंचायत खल बुजुर्ग एवं ग्राम पंचायत निगरानी के द्वारा धारा 81 में प्रस्तुत आवेदन पत्र की प्रति देवें एवं प्रश्न दिनांक तक क्या rrc जारी की जा चुकी है यदि हाँ, तो आदेश की प्रति देवें? यदि नहीं, तो क्यों नहीं की गई है क्या कारण है? प्रमुख सचिव के काउंटर हस्ताक्षर से प्रतिवेदन देवें। (घ) विभाग एवं उसका अमला सम्पत्ति कर की चोरी करने वालों को कब तक rrc जारी करने के आदेश जारी किये जाएंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -''ब'' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
किसानों को रासायनिक उर्वरक डी.ए.पी. खाद की उपलब्धता
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
3. ( क्र.
35 ) श्रीमती
झूमा डॉ.
ध्यानसिंह
सोलंकी : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) भीकनगांव
विधानसभा
क्षेत्रान्तर्गत
किसानों को
डी.ए.पी.
उर्वरक
किन-किन
संस्थानों से
उपलब्ध कराया
जा रहा है? कृपया
संस्थावार
उपलब्ध
डी.ए.पी. खाद
एवं वितरण की
जानकारी
उपलब्ध
करावें तथा
वर्तमान तक कितना
शेष डी.ए.पी.
खाद विक्रय
संस्थानों पर
उपलब्ध है? (ख) किसानों
को मांग
अनुसार
डी.ए.पी. खाद
किसानों को
उपलब्ध कराया
जा रहा है? नहीं
तो क्या कारण
है तथा कब तक
किसानों को पर्याप्त
डी.ए.पी. खाद की
पूर्ति की
जायेगी?
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क)
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है। (ख) खरगोन
जिले को
मांगलिया
(इंदौर), बुरहानपुर
एवं खण्डवा
रैक प्वाइंट
से डीएपी +
एनपीके
उर्वरक
प्राप्त हो
रहा है। डीएपी
+ एनपीके
उर्वरक
किसानों को
आवश्यकतानुरूप
उपलब्ध
कराया जा रहा
है। निरंतर
रैक के माध्यम
से उर्वरक की
उपलब्धता
बनाई जा रही
है। शेष प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता है।
कृषि महाविद्यालय की स्वीकृति
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
4. ( क्र. 36 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगोन जिले मुख्यालय पर कृषि महाविद्यालय की स्वीकृति प्रदाय की जा सकती है? हाँ तो शासन द्वारा कब तक स्वीकृति प्रदाय की जायेगी तथा नहीं तो क्या कारण है? (ख) क्या पूर्व में खरगोन मुख्यालय पर कृषि महाविद्यालय स्वीकृति हेतु कोई कार्यवाही की गई है? हाँ तो क्या? कृपया विवरण देवें। खरगोन मुख्यालय पर कृषि महाविद्यालय की कब तक स्वीकृति प्रदाय की जायेगी?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) इस संबंध में एकल नस्ती क्रमांक 211, दिनांक 15.06.2023 (ई फाइल क्रमांक 228436) शासन स्तर पर प्रचलन में है जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। किन्तु जिला खरगोन के समीप दो, कृषि महाविद्यालय क्रमश: जिला इन्दौर एवं जिला खण्डवा में पूर्व से ही संचालित है। अतः वर्तमान में जिला खरगोन में नवीन कृषि महाविद्यालय की स्थापना का औचित्य प्रतीत नहीं होता है। (ख) जी हाँ, पूर्व में कुलसचिव, राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय,ग्वालियर के पत्र क्र. कु.स./स्था/2019-20/1315, दिनांक 28.05.2019 जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। द्वारा सत्राठी, जिला खरगोन में नवीन कृषि महाविद्यालय की स्थापना के संबंध में प्रस्ताव प्राप्त हुआ था। शेष उत्तरांश (क) में उल्लेखित अनुसार है।
पत्रों पर की गई कार्यवाही
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
5. ( क्र.
46 ) डॉ.
रामकिशोर
दोगने : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रश्नकर्ता
द्वारा मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी, जिला
पंचायत हरदा
को दिनांक 01/01/2024 से
प्रश्न
दिनांक तक प्रेषित
किए गए समस्त
पत्रों पर
क्या कार्यवाही
की गई है। (ख) यदि
नहीं, तो
कार्यवाही न
करने का क्या
कारण है? (ग) मध्यप्रदेश
राजपत्र
भोपाल दिनांक 23/12/2011 एवं
सामान्य
प्रशासन
विभाग
मंत्रालय
वल्लभ भवन
भोपाल के आदेश
क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4, भोपाल
दिनांक 06/08/2012 के
अनुसार
विधायकगणों
के द्वारा
विभागों को प्रेषित
किए गए पत्रों
की
अभिस्वीकृति
अधिकतम तीन
दिवस में
अनिवार्य रूप
से भेजी जाना
चाहिए एवं
विधायकगणों
के द्वारा
विभागों को
प्रेषित
पत्रों के
प्रतिउत्तर
भी अनिवार्य
रूप से भेजे
जाना चाहिए
परन्तु मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी, जिला
पंचायत हरदा
द्वारा
राजपत्र की
अनदेखी कर
प्रश्नकर्ता
द्वारा
प्रेषित
पत्रों के
प्रतिउत्तर
नहीं भेजे जा
रहे है और न ही
पत्रों पर कोई
कार्यवाही की
गई है, जो कि
प्रोटोकॉल का
खुला उल्लंघन
है। इसके संबंध
में आपके
द्वारा
संबंधित पर
क्या कार्यवाही
की जावेगी?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क)
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार। (ख) कार्यालय
जिला पंचायत
हरदा द्वारा
माननीय विधायक, विधानसभा
क्षेत्र हरदा
से प्राप्त
पत्रों पर
नियमानुसार
कार्यवाही की
गई है। (ग) जी
हाँ। पत्रों
पर कार्यवाही
की गई है।
हरदा जिले में कृषि महाविद्यालय की स्थापना
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
6. ( क्र. 48 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. के पूर्व मुख्यमंत्री मान. श्री शिवराज सिंह चौहान जी एवं पूर्व कृषि मंत्री महोदय द्वारा की गई घोषणा अनुसार हरदा जिले में कृषि महाविद्यालय खोलने की कार्य योजना प्रचलन में है? (ख) यदि नहीं, तो उसका क्या कारण है? (ग) यदि हाँ, तो हरदा जिले में कब तक कृषि महाविद्यालय प्रारंभ हो जावेगा?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) जिला हरदा में कृषि महाविद्यालय की स्थापना हेतु प्रस्ताव क्र./ई.टी.-1/हरदा/स्था./2020-21 शासन के समक्ष प्राप्त हुआ था। जिस पर विचारण स्थगित है। (ख) पानतलाई जिला हरदा के समीप कृषि महाविद्यालय जिला खण्डवा एवं जिला नर्मदापुरम में कृषि महाविद्यालय पवारखेड़ा पूर्व से ही संचालित है। अतः नवीन कृषि महाविद्यालय की स्थापना का औचित्य प्रतीत नहीं होता है। (ग) शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
7. ( क्र.
57 ) श्री
महेन्द्र
केशरसिंह
चौहान : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) बैतूल
जिले के
भैंसदेही
विधानसभा
क्षेत्र के
अंतर्गत विगत
तीन वर्षों
में कौन-कौन
से मार्ग
विभाग द्वारा
निर्माण किये
गए? सूची
उपलब्ध
करावें। (ख) क्या
इन मार्गों का
निर्माण भारत
सरकार की गाइड
लाइन के
अनुरूप किया
गया है यदि
हाँ, तो किस-किस
मार्ग की यदि
नहीं, तो क्यों? (ग) क्या
इन निर्माण
किये गये
मार्गों में
अधिकांश
मार्ग
क्षतिग्रस्त
हो गये हैं? इसकी
मरम्मत कौन
से ठेकेदार
द्वारा की गई
है यदि हाँ, तो
कब-कब यदि
नहीं, तो कब तक
मरम्मत करा ली
जावेगी?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) बैतूल
जिले के
भैंसदेही
विधानसभा
क्षेत्र के
अंतर्गत विगत
तीन वर्षों
(वर्ष 2021-22, 2022-23 एवं 2023-24) में
प्रधानमंत्री
ग्राम सड़क
योजना के
अंतर्गत
निर्माण किये
गये मार्गों
की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है। (ख) जी
हाँ। संलग्न परिशिष्ट में
दर्शित सभी
मार्गों को
भारत सरकार की
गाईड लाईन के
अनुरूप कार्य
कराया गया है।
शेष प्रश्न
उपस्थिति
नहीं होता है।
(ग) जी
नहीं। प्रश्नांश
(क) अनुसार
योजना
अंतर्गत
निर्मित
मार्ग क्षतिग्रस्त
नहीं हुए हैं।
शेष प्रश्न
उपस्थिति
नहीं होता।
आयुष भवन एवं स्टाफ की वर्तमान स्थिति
[आयुष]
8. ( क्र. 71 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या आयुष मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र में आयुष भवन विगत तीन वर्षों में कितने एवं कहां-कहां स्वीकृत किये गए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत कितने भवनों हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है? (ग) आयुष भवनों की वर्तमान स्थिति क्या है? कितने भवन अपूर्ण हैं व क्यों? कब तक समस्त भवन, स्टॉफ एवं संसाधन उपलब्ध कराये जाऐंगे?
आयुष मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) संलग्न परिशिष्ट अनुसार शासन द्वारा आवंटित राशि निर्माण एजेन्सी को संयुक्त रूप से उपलब्ध कराई जाती है। पद पूर्ति सतत प्रक्रिया है। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं।
खेल प्रोत्साहन योजना अंतर्गत स्वीकृत कार्यों की जानकारी
[खेल एवं युवा कल्याण]
9. ( क्र. 72 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र में खेल प्रोत्साहन दिशा में युवकों के लिए अब तक क्या-क्या सुविधा प्रदान की गई? ब्यौरा दें। (ख) गरोठ एवं भानपुरा में इनडोर आउटडोर स्टेडियम की सख्त आवश्यकता है? क्या शासन यह सुविधा प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यो नहीं?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) गरोठ विधानसभा क्षेत्र में विकासखण्ड गरोठ में दिनांक 13/03/2023 को इण्डोर स्टेडियम निर्माण का कार्य पूर्ण हो गया है एवं वर्तमान में खेल गतिविधियां संचालित है। भानपुरा विकासखण्ड में विभागीय नीति अनुसार नगरीय विकास सीमा के 02 कि.मी. की परिधि में समतल एवं उपयुक्त न्यूनतम 05 एकड़ भूमि खेल और युवा कल्याण विभाग के नाम आवंटित होने के पश्चात् शासकीय निर्माण एजेन्सी से प्राक्कलन मय तकनीकी स्वीकृति के प्राप्त होने पर बजट उपलब्धता होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आई.आई.टी. महाविद्यालय में स्टाफ एवं संसाधन की पूर्ति
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार (केवल कौशल विकास एवं रोजगार ) ]
10. ( क्र. 74 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या राज्य मंत्री, कौशल विकास एवं रोजगार महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र में आई.आई.टी. महाविद्यालय की स्वीकृति कब हुई? (ख) स्वीकृति उपरांत भवन निर्माण तो हुआ किंतु स्टाफ व संसाधन पर्याप्त नहीं है? (ग) शासन कब तक उक्त सुविधा प्रदान कराएगा?
राज्य मंत्री, कौशल विकास एवं रोजगार ( श्री गौतम टेटवाल ) : (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विकासखण्ड गरोठ में शासकीय आई.टी.आई., गरोठ की स्वीकृति दिनांक 18.09.2013 को जारी की गई थी। (ख) शासकीय आई.टी.आई., गरोठ वर्तमान में 02 व्यवसाय के साथ संचालित हैं, जिसके लिये आवश्यक 17 में से 10 स्टाफ कार्यरत है। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) नियुक्ति की कार्यवाही एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नवनिर्मित भवन का आधिपत्य सौंपा जाना
[उच्च शिक्षा]
11. ( क्र. 84 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के शासकीय महाविद्यालय आठनेर का भवन बनकर तैयार है? उसे शासन द्वारा हेण्डओवर क्यों नहीं किया जा रहा है? (ख) क्या उक्त भवन की गुणवत्ता को लेकर महाविद्यालय प्रशासन द्वारा कोई आपत्ति ली गई है? यदि हाँ, तो ली गई आपत्ति पर क्या कार्यवाही की गई?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। भवन निर्माण पूर्ण है परन्तु निरीक्षण के दौरान प्राप्त कर्मियों को निर्माण एजेंसी द्वारा दूर करते हुए शीघ्र ही भवन हस्तांतरण की कार्यवाही की जाएगी। (ख) निर्माण एजेंसी द्वारा नियमानुसार जांच कराई जा रही है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी की पदस्थापना
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
12. ( क्र. 101 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद पंचायत परासिया के अन्तर्गत 91 ग्राम पंचायतें, 4 जिला पंचायत क्षेत्र एवं 24 जनपद क्षेत्र है, जनपद पंचायत परासिया में लगभग पिछले 2 वर्षों से स्थायी मुख्य कार्यपालन अधिकारी की पदस्थापना शासन/विभाग द्वारा नहीं की गई है और वर्तमान में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत छिंदवाड़ा को परासिया जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है, स्थायी रूप से मुख्य कार्यपालन अधिकारी की पदस्थापना नहीं होने से जनपद पंचायत परासिया के सभी प्रकार के कार्य प्रभावित हो रहे है। जनपद पंचायत परासिया में स्थायी रूप से मुख्य कार्यपालन अधिकारी की पदस्थापना कब तक कर दी जायेगी? (ख) जनपद पंचायत परासिया में स्थायी मुख्य कार्यपालन अधिकारी की पदस्थापना किए जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय पंचायत मंत्री महोदय को कार्यालयीन पत्र क्र. वि.स./परासिया/127/2024/612 दिनांक 05.10.2024 एवं पत्र क्र. वि.स./परासिया/127/2024/650 दिनांक 22.10.2024 को प्रेषित किए गये थे, जिन पत्रों पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है और अगर कार्यवाही नहीं की गई तो इसका क्या कारण है? कब तक कार्यवाही करते हुए, स्थायी रूप से मुख्य कार्यपालन अधिकारी की पदस्थापना कर दी जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) वर्तमान में स्थानांतरण पर प्रतिबंध होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जनपद पंचायत परासिया जिला छिंदवाड़ा में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत के रिक्त पद की पूर्ति हेतु प्रशासकीय अनुमोदन उपरांत कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सेवा सहकारी समिति (सोसायटी) प्रारंभ की जाना
[सहकारिता]
13. ( क्र. 104 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत निम्न ग्रामों में सेवा सहकारी समिति खोला जाना अत्यंत ही आवश्यक है, 1. धमनिया धमनिया 2. खैरीचैतू खैरीचैतू 3. कन्हरगांव कन्हरगांव 4. दबक दबक 5. तुमड़ी भोकई 6. देवरी पिपरिया 7. साजवा साजवा 8. सोनापीपरी सोनापीपरी 9. पटपड़ा पटपड़ा 10. जमुनियाजेठू जमुनियाजेठू क्या उक्त सभी ग्राम पंचायतों के ग्रामों में सेवा सहकारी समिति (सोसायटी) प्रारम्भ किये जाने की स्वीकृति हेतु विभाग द्वारा कार्यवाही की जायेगी? (ख) परासिया विधानसभा क्षेत्र के उक्त सभी ग्राम पंचायतों के ग्रामों में सोसायटी प्रारम्भ किये जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा मान. मुख्यमंत्री महोदय को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2024/132 दिनांक 07.02.2024 एवं अनुस्मरण 01 पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2024/413 दिनांक 15.07.2024 प्रेषित किए गये है, जिन पत्रों में कब तक कार्यवाही करते हुए विभिन्न विभागीय औपचारिकताओं को पूर्ण कर स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी?
सहकारिता मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) उल्लेखित ग्रामों में सेवा सहकारी समिति (पैक्स) के गठन हेतु सक्षमता मापदंडों की पूर्ति न होने एवं आर्थिक सक्षमता नहीं होने के कारण नवीन सेवा सहकारी समितियों का गठन उचित नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
इन्डोर खेल परिसर
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
14. ( क्र. 119 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र कसरावद के मुख्यालय कसरावद में खेल प्रेमियों के लिए इन्डोर खेल कॉम्प्लेक्स निर्माण का कोई प्रस्ताव प्राप्त हुआ है? अगर हाँ तो स्वीकृति कब तक होगी? (ख) प्रश्नकर्ता के विधानसभा के मुख्यालय कसरावद में राजीव गांधी खेल अभियान योजना अंतर्गत कोई प्रस्ताव प्राप्त हुआ है? अगर हाँ तो आज तक स्वीकृति नहीं मिलने का कारण?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद के मुख्यालय कसरावद में खेल प्रेमियों के लिये इन्डोर खेल कॉम्पलेक्स निर्माण का कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) विधानसभा क्षेत्र कसरावद के मुख्यालय कसरावद में राजीव गांधी खेल अभियान योजना अंतर्गत कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महेश्वर जल विद्युत परियोजना की जानकारी
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
15. ( क्र. 120 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद के 7 गांव इस परियोजना से प्रभावित हुए थे उन ग्रामों के पुनर्वास स्थलों पर निवासरत डूब प्रभावितों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो रही है? अगर नहीं तो कारण? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पुनर्वास स्थलों को ग्राम पंचायत के अधीन कर दिया गया है? अगर हाँ तो फिर मूलभूत सुविधाएं क्यों नहीं उपलब्ध हो पाई? नहीं तो क्यों? (ग) परियोजना से डूब प्रभावित गांवों में ग्रामीण आज भी निवासरत हैं? अगर हाँ तो उन ग्रामीणों को बुनियादी सुविधाएं क्यों नहीं उपलब्ध कराई जा रही है? (घ) क्या परियोजना के डूब प्रभावित गांवों के निवासियों द्वारा मूलभूत सुविधाओं को लेकर धरना आंदोलन किये गये हैं? अगर हाँ तो क्या निराकरण किया गया? प्रश्नकर्ता द्वारा प्रभावितों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने बाबत् कब-कब पत्राचार किया गया? उन पर क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) विधान सभा क्षेत्र के 7 ग्रामों में पुनर्वास स्थलों पर निवासरत डूब प्रभावितों को पानी बिजली, शिक्षा पहुंच मार्ग मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराई गई। (ख) ग्राम लेपा में भू-अर्जन अधिकारी जिला खरगोन के पत्र क्रमांक 3555 दिनांक 03.11.2021 तथा ससावड़ और तैल्याव में पत्र क्रमांक 3201 दिनांक 18.10.2021 से पुनर्वास स्थल को ग्राम पंचायतों को सौंपा गया है। अत: उक्त पुनर्वास स्थल पर मूलभूत सुविधाएं एवं विकास कार्य ग्राम पंचायत द्वारा कराई गई है। (ग) परियोजना से डूब प्रभावित गांवों में निवासरत ग्रामीणों को पानी बिजली, शिक्षा पहुंच मार्ग मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराई गई। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार निराकरण एवं कार्यवाही की गई है।
1 नवंबर से शुरू युवा शक्ति मिशन के कार्यों की जानकारी
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार (केवल कौशल विकास एवं रोजगार ) ]
16. ( क्र. 125 ) श्री महेश परमार : क्या राज्य मंत्री, कौशल विकास एवं रोजगार महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में एम.पी. रोजगार पोर्टल पर पंजीकृत बेरोजगार युवाओं की संख्या कितनी है? उनको रोजगार देने की युवा शक्ति मिशन अंतर्गत कोई योजना है? यदि हां, तो मिशन की पंजीकृत नियमावली के साथ सभी योजना का विवरण देवें। (ख) 61000 बड़ी इंडस्ट्रीज लगाकर 17000 नौकरियां देने की योजना पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्रवाई की गई है? रिकॉर्ड के साथ रिपोर्ट देवें। (ग) मध्यम लघु उद्योगों के माध्यम से 33000 नौकरियों की व्यवस्था करने की योजना पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्रवाई की गई हैं? रिकॉर्ड एवं रिपोर्ट देवें। (घ) उज्जैन संभाग के 391065 आवेदन 15/02/24 तक एम.पी. रोजगार पोर्टल पर पंजीकृत हैं उनको रोजगार देने की क्या योजना हैं? (ड.) प्रदेश के पंजीकृत बेरोजगारों को क्या युवा शक्ति मिशन में बेरोजगारी भत्ता, युवाओं को रोजगार उपलब्ध नहीं होने तक देने का कोई प्रावधान है, यदि नहीं, तो एम.पी. संदेश जनसंपर्क विभाग की पत्रिका के माध्यम से मिशन द्वारा युवाओं के जीवन बदलने का लक्ष्य कैसे सरकार पूरा करेगी? (च) 1 नवंबर से लागू इस योजना के क्रियान्वयन से युवाओं को रोजगार पर लाने के लिए कौन-कौन सी गतिविधि आयोजित की रही है? विवरण प्रस्तुत करें। (छ) मुख्यमंत्री सीखो योजना में उज्जैन जिले में योजना की स्थापना दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कितनों को प्रशिक्षण प्राप्त हुआ कितनों को रोजगार प्राप्त हुआ स्थापना काल से अब तक की सूची उपलब्ध करावें।
राज्य मंत्री, कौशल विकास एवं रोजगार ( श्री गौतम टेटवाल ) : (क) एम.पी. रोजगार पोर्टल पर बेरोजगार युवाओं की जानकारी पृथक से संधारित नहीं की जाती है। एम.पी. रोजगार पोर्टल पर आकांक्षी युवाओं का पंजीयन किया जाता है, जिसमें पूर्व से किसी रोजगार में सम्मिलित होते हुये भी युवा अपना पंजीयन कर बेहतर अवसरों के लिये प्रयास कर सकते है। दिनांक 20.11.2024 की स्थिति में पंजीकृत आकांक्षी युवाओं की संख्या 26,17,945 है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रदेश में निवेशकों को आकर्षित करने एवं रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा उद्योग संवर्धन नीति 2014 (यथा संशोधित) लागू की गई है। उक्त नीति अंतर्गत प्रावधानित वित्तीय तथा अन्य सुविधाओं का लाभ लेने वाली वृहद श्रेणी की विनिर्माण औद्योगिक इकाइयों को उनके द्वारा उपलब्ध कराये गये कुल रोजगार का 70 प्रतिशत रोजगार मध्यप्रदेश के स्थाई निवासियों को दिया जाना अनिवार्य किये जाने का प्रावधान किया गया है, यह प्रावधान दिनांक 19.12.0218 के बाद उत्पादन प्रारंभ करने वाली वृहद श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों पर लागू है। (ग) वित्तीय वर्ष 2024-25 में 31 अक्टूबर-2024 तक भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय के उद्यम रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर विनिर्माण श्रेणी की 329 लघु एवं मध्यम इकाइयां पंजीकृत हैं, जिनमें 4692 लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है। (घ) रोजगार संचालनालय अन्तर्गत जॉब फेयर योजना के माध्यम से प्रत्येक जिले में रोजगार मेलों का आयोजन किया जाता है, जिसमें निजी क्षेत्र के नियोजकों द्वारा आवेदकों का चयन कर ऑफर लेटर प्रदाय किये जाते है। (ड.) एवं (च) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (छ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना एक प्रशिक्षण योजना है। अत: रोजगार का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सटीक कृषि एवं ड्रोन जैसी स्मार्ट तकनीको का उपयोग
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
17. ( क्र.
128 ) श्री
दिलीप सिंह
परिहार : क्या
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) प्रदेश
में सटीक कृषि
एवं अन्य
स्मार्ट तकनीको
का उपयोग, उनके
लाभ, उत्पादकता
में सुधार एवं
इन तकनीको के
विस्तार में
कौन-कौन सी
विज्ञानिकी
तकनीकी का
उपयोग किन-किन
जिलों में
किस-किस प्रकार
से हो रहा है
या आगामी
योजना है? (ख) प्रदेश
में कृषि
क्षेत्र में
ड्रोन का
उपयोग किन-किन
जिलों में
किया जा रहा
है क्या इसके
लिए किसी निजी
कंपनी से
अनुबंध किया
गया है? यदि हाँ, तो
किस-किस दर से
किस-किस कार्य
के लिए, कौन-कौन से
जिले के लिए
अनुबंध किया
गया है? (ग) यदि
प्रश्नांश (ख)
का उत्तर
नहीं है तो
ड्रोन तकनीकी
का उपयोग हेतु
विभाग द्वारा
क्या प्रयास
किये जा रहे
है? क्या
विभाग ने
ड्रोन तकनीकी
हेतु विभाग
स्तर पर ट्रेड
विशेषज्ञ एवं
इंजीनियरों
की नियुक्तियों
हेतु कोई
कार्यवाही की
है? यदि
हाँ, तो क्या?
किसान
कल्याण एवं
कृषि विकास
मंत्री ( श्री
ऐदल सिंह
कंषाना ) : (क) इंटरनेट
ऑफ थिंग, डेटा
एनालिटिक्स, मशीन
लर्निंग, रिमोट
सेसिंग
तकनीकों के
उपयोग से सटीक
कृषि हेतु
प्रदेश में एक
तकनीको पायलट
परियोजना का
क्रियान्वयन
किया जा रहा
है। जिसके
अन्तर्गत
सीहोर और
खरगोन जिलों
में कुछ खेतों
पर कुल 10-10 हेक्टर
भूमि में नमी, पोषक
तत्वों की
उपलब्धता एवं
कीट व्याधि की
संभावनाओं के
पूर्वानुमान
हेतु सेन्सर
आधारित
डिवाइस से
जानकारी
इंटरनेट के
माध्यम से सर्वर
पर प्राप्त
होती है। इस
जानकारी का
ए.आई. के
माध्यम से विश्लेषण
कर किसानों को
उनके मोबाइल
पर सिंचाई और
उर्वरक को कब
और कितना
उपयोग करना है, की
अनुशंसा
प्राप्त
होती है। इससे
सिंचाई के
पानी और
उर्वरक की उपयोग
दक्षता को
अधिकतम किया
जा सकता है और
इन पर आ रही
लागत में बचत
होती है। खेती
में बड़े पैमाने
पर नुकसान से
बचाने के लिए
फसल रोगों/कीड़ों
की महामारी का
पूर्वानुमान
प्राप्त होता
है। अन्य
स्मार्ट
तकनीकों के
उपयोग, लाभ
संबंधी जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 1 एवं 2
अनुसार है। (ख) संचालनालय
द्वारा किसान
ड्रोन के पांच
हाई-टेक हब
में 50 ड्रोन एवं
छ: ड्रोन
फार्मर
प्रोड्यूसर
कंपनी को
प्रदाय किये
गये है। जिसकी जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 3
अनुसार है। इसके
साथ ही मध्यप्रदेश
राज्य
ग्रामीण
अजीविका मिशन
द्वारा कृषि
क्षेत्र में
महिला स्व-सहायता
समूहों के
माध्यम से
ड्रोन का
उपयोग 41 जिलों में
किया जा रहा
है जिसकी जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 4
अनुसार है। प्रदेश
में विभाग
द्वारा ड्रोन
के उपयोग हेतु
किसी निजी
कंपनी से
अनुबंध नहीं
किया गया है। (ग) विभाग
द्वारा ड्रोन
तकनीक के
प्रचार-प्रसार
हेतु दो
आर.पी.टी.ओ.
प्रशिक्षण
कौशल विकास
केन्द्र भोपाल
तथा इंदौर में
स्थापित है
जिसके माध्यम
से युवाओं को
ड्रोन पायलट
का प्रशिक्षण
दिया जा रहा
है साथ ही
ड्रोन
मैकेनिक का
प्रशिक्षण
कौशल विकास
केन्द्र
जबलपुर के
माध्यम से
दिया जा रहा
है। मध्यप्रदेश
राज्य
ग्रामीण
अजीविका मिशन
द्वारा ड्रोन
तकनीकी का
उपयोग हेतु
नमो ड्रोन
दीदी
योजनांतर्गत
स्व-सहायता
समूह सदस्यों
को चिन्हांकित
किया जा रहा
है जिन्हें
ड्रोन पायलट
के रूप में
प्रशिक्षित
किया जावेगा।
विभाग द्वारा
ड्रोन तकनीकी
हेतु विभाग स्तर
पर ट्रेड
विशेषज्ञ एवं
इंजीनियरों
की नियुक्तियों
हेतु कोई
कार्यवाही नहीं
की है।
बी.एड. महाविद्यालयों के परिणामों में अनियमितता
[उच्च शिक्षा]
18. ( क्र. 129 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम, मंदसौर, नीमच जिले में संचालित बी.एड. महाविद्यालयों में गत 29.10.2024 को घोषित अंतिम सेमेस्टर में कुल कितने छात्र-छात्राओं को ए.टी.के.टी. दी गई? क्या दी गई ए.टी.के.टी. सभी के विषय समान थे? यदि हाँ, तो ऐसे विद्यार्थियों की सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित उक्त जिलों में ए.टी.के.टी. की अनियमितता को लेकर कितनी-कितनी शिकायतें कहाँ-कहाँ पर किस-किस के द्वारा की गई? विभाग द्वारा उस पर क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही से अवगत करावें। (ग) क्या सैद्धान्तिक रूप से यह सही है की उक्त जिलों में प्रत्येक महाविद्यालयों में 60 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थियों को एक ही विषय में ए.टी.के.टी. प्राप्त हुई? यदि नहीं, तो क्या विभाग ऐसी अनियमितताओं के लिए पुनर्मूल्यांकन करवाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या नीमच के महाविद्यालयों में विद्यार्थियों के साथ अनियमितता कर जानबूझकर एक ही विषय में ए.टी.के.टी. दी गई? यदि हाँ, तो ऐसे महाविद्यालयों के खिलाफ विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) कुल 808 विद्यार्थियों को 04 विषयों में ए.टी.के.टी. प्राप्त हुई। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) नीमच जिले के कलेक्टर को जनसुनवाई अंतर्गत ज्ञानोदय कॉलेज के विद्यार्थियों से एक आवेदन प्राप्त हुआ जिसे अग्रणी महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा कुलसचिव विक्रम विश्वविद्यालय को प्रेषित किया गया। उक्त जिलों के 04 महाविद्यालयों- श्रीजी कॉलेज ऑफ एजूकेशन, मंदसौर, राधादेवी रामचंद्र मंगल इंस्टीट्यूट, भाटखेड़ा, नीमच, ज्ञानोदय कॉलेज (बालकवि बैरागी टीचर्स एण्ड रीसर्च सेंटर) नीमच तथा आर.बी.एस. कॉलेज, नीमच के विद्यार्थियों के ज्ञापन के माध्यम से शिकायतें विक्रम विश्वविद्यालय को प्राप्त हुईं। विश्वविद्यालय द्वारा प्राप्त शिकायती आवेदन पर अध्ययन मण्डल के विषय विशेषज्ञों से अभिमत प्राप्त किया गया। तत्पश्चात 03 विषयों की उत्तरपुस्तिकाओं का पुन: परीक्षण करवाने का निर्णय किया गया है। (ग) एवं (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विकसित की गयी कॉलोनियों की जानकारी
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
19. ( क्र. 133 ) श्री सतीश मालवीय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में विगत 5 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक कितनी कॉलोनी विकसित की गई है? कितनी कॉलोनियां वैध है एवं कितनी कॉलोनियां अवैध है, वैध कालोनियों के पूर्णता पत्र की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भ में बिना कॉलोनाईजर लाईसेंस एवं बिना विकास अनुमति के कितनी कॉलोनियों के भूखण्ड विक्रय किये गये हैं एवं कहां-कहां किये गये हैं। विभाग द्वारा इनके ऊपर क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) संदर्भ में कितने कॉलोनाईजर द्वारा शासकीय नालों की भूमि पर नाले को पक्का कर अतिक्रमण किया गया है?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) घट्टिया विधान सभा क्षेत्र में विगत 5 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक कुल 57 कॉलोनी विकसित की गई है जिसमें 25 कॉलोनी वैध एवं 32 कॉलोनी अवैध है। 25 वैध कॉलोनियों में से 12 कालोनियों के पूर्णता पत्र जारी किये गये है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अनुभाग घट्टिया, नागदा व उज्जैन ग्रामीण से प्राप्त रिपोर्ट में बिना कॉलोनाइजर लाईसेंस एवं बिना विकास अनुमति के कुल 32 कॉलोनियों के भू-खण्ड विक्रय किये गये है, जिसमें से तहसील उज्जैन क्षेत्र की ग्राम ताजपुर के 04 भूमि स्वामियों/कॉलोनाइजर के विरूद्ध न्यायालय अपर कलेक्टर जिला उज्जैन में प्रकरण दर्ज कराये गये हैं। (ग) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अनुभाग घट्टिया से प्राप्त रिपोर्ट अनुसार ग्राम सुरासा में भूमि सर्वे नम्बर 159 में स्थित नाले पर विनायक ग्रीन कॉलोनी के भूमि स्वामी मेसर्स सारांश डेवलपर्स द्वारा नाले पर अतिक्रमण कर बगीचे का निर्माण किया गया है जिस पर अनुविभागीय अधिकारी घट्टिया द्वारा कॉलोनाइजर को स्पष्टीकरण हेतु सूचना पत्र जारी किया गया है।
जीर्ण-शीर्ण ग्राम पंचायत भवनों का जीर्णोद्धार
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
20. ( क्र.
135 ) श्री
सतीश मालवीय : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) घट्टिया
विधानसभा के
अन्तर्गत
कितनी पंचायतें
भवन विहिन है
एवं कितनी
पंचायतों के
भवन जीर्ण-शीर्ण
है? (ख) प्रश्नांश
(क) के
संदर्भ में
क्या विभाग की
कोई
कार्ययोजना है
या कोई बजट
स्वीकृत किया
गया है जिससे
की भवन विहिन
पंचायतों में
नवीन भवन कब
तक बनाये
जावेंगे एवं
जीर्ण-शीर्ण
पंचायत भवनों
को सुधार कर
ठीक किया
जावेगा? सम्पूर्ण
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ग) घट्टिया
विधानसभा के
जनपद पंचायत
भवन घट्टिया
की वर्तमान
में क्या
स्थिति है? क्या
भवन
जीर्ण-शीर्ण
है एवं
अनुपयोगी हो
चुका है एवं
जनपद का
संचालन अन्य
विभाग के भवन
में किया जा
रहा है। यदि
हाँ तो उक्त
नवीन जनपद
पंचायत भवन की
स्वीकृति कब
तक की जावेगी?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क)
जानकारी संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) ग्राम
पंचायतों को 15वां
वित्त आयोग
की अनाबद्ध
राशि, मनरेगा
एवं राज्य
वित्त आयोग
तथा मनरेगा के
अभिसरण से
नवीन पंचायत भवन
स्वीकृत
किये जाने के
निर्देश है।
समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं है। (ग) घटि्टया
विधानसभा के
जनपद पंचायत
भवन घटि्टया
का भवन
जीर्ण-शीर्ण
होकर
अनुपयोगी हो
चुका है, वर्तमान
में जनपद
पंचायत
घटि्टया का
कार्यालय
बी.आर.सी. भवन
में संचालित
किया जा रहा
है। बजट उपलब्धता
अनुसार कार्य
की स्वीकृति
प्रदान की
जाती है
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
जिला पंचायत कटनी अंतर्गत पंचायत सचिवों का निलंबन
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
21. ( क्र. 159 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत कटनी अंतर्गत कहां-कहां के कौन-कौन से पंचायत सचिव किन-किन कारणों से कब से निलंबित हैं, सूची देवें एवं यह भी बतलावें की कहां कहां के कौन-कौन से सचिव किन कारणों से पंचायत के वित्तीय प्रभार से कब से वंचित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार निलंबित एवं वित्तीय प्रभार से वंचित पंचायत सचिवों की जांच किन-किन के द्वारा कब की गई तथा जांच के क्या परिणाम निकले बतलावें प्रकरणवार जांच रिपोर्ट की छायाप्रति देवें एवं यह भी बतलावें कि इन निलंबित प्रकरणों का किस प्रकार से कब तक निराकरण कर सचिवों को बहाल करने एवं उन्हें वित्तीय प्रभार प्रदान करने का निर्णय लिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जिला पंचायत कटनी अन्तर्गत निलंबित एवं वित्तीय प्रभार से वंचित सचिवों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। जांच प्रतिवेदन की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
संपत्ति कर की चोरी करने वाले प्रतिष्ठान पर कुर्की की कार्यवाही
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
22. ( क्र. 160 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य प्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पत्र क्रमांक 630/2022 भोपाल दिनांक 28.06.2022 में कलेक्टर/सी.ई.ओ. जिला पंचायत जिला समस्त मध्य प्रदेश को पंचायत क्षेत्र में संपत्ति कर निर्धारण एवं कर संकलन के लिए प्रभावी कार्यवाही किए जाने के संबंध में निर्देशित किया गया है? (ख) म.प्र. पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 81 में कलेक्टर के पास क्या अधिकार हैं एवं ग्राम पंचायत का आवेदन प्राप्त होने पर कितने दिनों के भीतर प्रभावी कार्यवाही किए जाने के नियम हैं एवं इसकी क्या प्रक्रिया है? (ग) कार्यालय कलेक्टर जिला खरगोन में दिनांक 24.09.2024 में ग्राम पंचायत खल बुजुर्ग एवं ग्राम पंचायत निमरानी के द्वारा धारा 81 में प्रस्तुत आवेदन पत्र की प्रति देवें एवं प्रश्न दिनांक तक क्या rrc जारी की जा चुकी है यदि हाँ, तो आदेश की प्रति देवें? यदि नहीं, तो क्यों नहीं की गई है? (घ) क्या विभाग एवं उसका अमल संपति कर की चोरी करने वालों को संरक्षण प्रदान कर रहा है? यदि नहीं, तो कब तक rrc जारी करने के आदेश जारी किए जाएंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -''ब'' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भवन/कारखाना निर्माण की अनुमति
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
23. ( क्र. 163 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 55 एवं इसके अंतर्गत बनाए गए नियम, आदर्श विधियां उपविधियां की प्रति देवें। (ख) ग्राम खोड़ी ग्राम पंचायत कदवालिया में जनपद पंचायत बड़वाह जिला खरगोन में एसोसिएटेड एल्कोहल एवं ब्रेवरीज लिमिटेड खोड़ी उद्योग द्वारा इथेनॉल प्लांट स्थापित किया गया? कार्य प्रारंभ करने एवं पूर्ण होने की दिनांक बतावें और नियमों के अनुसार ग्राम पंचायत कार्यालय से कब निर्माण की अनुमति प्राप्त की गई? ग्राम पंचायत के रिकॉर्ड से निर्माण अनुमति, निर्माण का नक्शा फीस का भुगतान और उपभोग का प्रमाण पत्र देवें। (ग) यदि ग्राम पंचायत रिकॉर्ड के अनुसार निर्माण अनुमति जारी नहीं की गई है तो उक्त अवैध निर्माण कब तक तोड़ दिया जाएगा और इस अवैध निर्माण को तोड़ने वाले सक्षम अधिकारी का नाम पदनाम बतावें। (घ) ग्राम पंचायत कदवालिया के द्वारा अवैध निर्माण के संबंध में अब तक क्या कार्यवाही की गई है? क्या शराब उद्योग के खौफ से सरपंच एवं सचिव के द्वारा अवैध निर्माण को नहीं तोड़ा जा रहा है या सरकार का संरक्षण है?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
पंचायत निधि से राशि नियम विरुद्ध निकालना एवं दोषियों पर कार्यवाही
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
24. ( क्र. 170 ) श्री जगन्नाथ सिंह रघुवंशी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम-1993 की धारा-66 में यह नियम है कि जनपद-पंचायत तथा जिला-पंचायत के मामले में समस्त राशियां केवल, वार्षिक बजट के अनुसार विस्तृत कार्ययोजना की व्यवस्था करने के प्रयोजनों हेतु यथा स्थिति जनपद-पंचायत या जिला-पंचायत की सामान्य प्रशासन समिति के पूर्व अनुमोदन से ही निकाली जाएगी? (ख) यदि हाँ, तो जिला पंचायत खरगोन की दिनांक 1 सितंबर 2022 से प्रश्न दिनांक तक सामान्य प्रशासन समिति की कुल कितनी बैठक आयोजित की गई? आयोजित समस्त बैठकों का एजेंडा, कार्यवाही वृत्त का रजिस्टर, कार्यवाही विवरण, पालन-प्रतिवेदन की प्रमाणित प्रति देवें एवं अभिलेख देखकर बतावे की कितनी रकम पंचायत निधि से कब-कब निकाली गई और रकम निकाले जाने के पूर्व किस-किस बैठक में कितनी-कितनी रकम का पूर्व अनुमोदन किया गया? (ग) सी.ई.ओ. जिला पंचायत खरगोन के पत्र क्रमांक 5988/लेखा/2024 खरगोन, दिनांक 27.09.2024 में जिला-पंचायत निधि से 82,18,366.00 राशि रूपये ऋणात्मक के संबंध में जो जानकारी प्रस्तुत की गई है। उसमें रकम निकाले जाने के पूर्व सामान्य प्रशासन समिति से पूर्व अनुमोदन संबंधी कोई दस्तावेज रिकॉर्ड पर है या नहीं है? (घ) यदि नहीं, है तो क्या माननीय मंत्री महोदय मध्य प्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आदेश क्रमांक/एफ 2-39/22/प-1/2014/987/2015 भोपाल, दिनांक 19.05.2015 के अनुक्रमांक-04 के पालन नहीं करने पर दोषियों पर क्या कार्यवाही करेंगे और कब-तक करेंगे? यदि नही, तो क्यों नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''ब'' अनुसार है। (ग) राशि निकालने बाबत् सामान्य प्रशासन समिति का अनुमोदन संबंधी दस्तावेज रिकार्ड पर है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निर्माण कार्य एवं आउटसोर्स कर्मचारियों की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
25. ( क्र. 173 ) श्री मधु भगत : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट विकासखण्ड अंतर्गत हटा महाविद्यालय भवन विहिन है? क्या अन्य स्थान पर महाविद्यालयीन कक्षाएं लगाई जा रही है? यदि हाँ, तो यह बताएं कि विगत तीन-चार वर्षों से नवीन महाविद्यालय की स्वीकृति मिलने के पश्चात भी महाविद्यालय भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदाय क्यों नहीं की गई? कब तक निर्माण किया जावेगा? (ख) लामता एवं परसवाड़ा महाविद्यालय में विगत 5 वर्षों से किस-किस मद में कितनी राशि किस कार्य हेतु शासन से आवंटित हुई है समस्त प्रकार के आहरण-वितरण के बिल, वाउचर, लेजर की प्रति, भुगतान का प्रकार तथा भुगतान की प्रति उपलब्ध करावे? (ग) लामता, परसवाड़ा एवं हटा महाविद्यालय में आउटसोर्स के कितने पद रिक्त है? रिक्त पदों पर भर्ती हेतु अनुबंध क्यों नहीं किया जा रहा है? कब तक भर्ती प्रक्रिया की जावेगी? परसवाड़ा महाविद्यालय में विगत 2 वर्षों से की गई आउटसोर्स पदों पर भर्ती किस आधार पर की गई? कितने आवेदन प्राप्त हुए थे? किस-किस की नियुक्ति की गई? प्राचार्य की क्या भूमिका थी? (घ) जानकारी अनुसार परसवाड़ा महाविद्यालय में आउटसोर्स कर्मियों की भर्ती प्रक्रिया में आवेदकों से वित्तीय लेन-देन कर नियुक्ति की गई है? विधायक लांजी द्वारा भी आवेदकों से लेन-देन कर नियुक्ति की शिकायत की गई थी? क्या उक्त संबंध में निष्पक्ष जांच करवाई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। भूमि आवंटन पश्चात् वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार आगामी कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ग) शासकीय महाविद्यालय लामता, परसवाड़ा एवं हटा में आउटसोर्स के 47 पद रिक्त हैं। शासकीय महाविद्यालय परसवाड़ा के आउटसोर्स के रिक्त पदों पर भर्ती हेतु महाविद्यालय एवं सैडमेप के बीच दिनांक 16-02-2024 को अनुबंध किया जा चुका है। शेष महाविद्यालयों में अनुबंध की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शासकीय महाविद्यालय परसवाड़ा में आउटसोर्स के 13 कर्मचारियों को कार्य हेतु रखा गया है। शेष महाविद्यालयों में समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। शासकीय महाविद्यालय परसवाड़ा के आउटसोर्स पदों पर भर्ती हेतु मध्यप्रदेश भंडार क्रय नियम एवं सेवा उपार्जन नियम (यथा संशोधित 2022) के प्रावधान अनुसार अनुबंध के आधार पर सैडमेप द्वारा कार्यवाही की गई है। प्रक्रिया अंतर्गत कुल 177 आवेदन प्राप्त हुए थे। नियुक्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। नियुक्ति में प्राचार्य की कोई भूमिका नहीं थी। (घ) जी नहीं। प्रकरण के संबंध में प्राप्त शिकायतों की जांच प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
शासकीय आई.टी.आई. की स्वीकृति
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार (केवल कौशल विकास एवं रोजगार ) ]
26. ( क्र. 174 ) श्री मधु भगत : क्या राज्य मंत्री, कौशल विकास एवं रोजगार महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम चांगोटोला लामता एवं हट्टा में नवीन आई.टी.आई. प्रारंभ किए जाने हेतु शासन से कार्यवाही प्रस्तावित है? तत्संबंध में विभिन्न प्रकार के पत्राचार भी किए गए किंतु प्रश्न दिनांक तक नवीन आई.टी.आई. प्रारंभ करने के संबंध में आदेश जारी नहीं किए गए क्यों? (ख) क्या परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र की आबादी के अनुपात में प्रशिक्षण संस्थान की दूरी जिला मुख्यालय से बहुत अधिक है एवं जिला मुख्यालय पर ट्रेड की कमी एवं छात्रों की सीटों की संख्या कम होने के कारण ग्रामीण बच्चों को एडमिशन नहीं मिल पाता है? (ग) उक्त ग्रामों में नवीन आई.टी.आई. प्रारंभ किए जाने के संबंध में विगत 10 वर्षों में किन-किन जनप्रतिनिधियों द्वारा किस-किस माध्यम से शासन को पत्राचार किया गया शासन के द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्रवाई की गई? (घ) शासन प्रशासन स्तर पर संपूर्ण मध्य प्रदेश में किन-किन स्थानों पर नवीन आई.टी.आई. प्रारंभ किए जाने का प्रस्ताव लंबित है लामता, हट्टा एवं चांगोटोला में नवीन आई.टी.आई. कब तक प्रारंभ कर दी जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्य मंत्री, कौशल विकास एवं रोजगार ( श्री गौतम टेटवाल ) : (क) जी नहीं। विभाग की नीति प्रत्येक विकासखण्ड में एक शासकीय आई.टी.आई. खोलने की है। ग्राम चांगोटोला, लामता एवं हट्टा बालाघाट विकासखण्ड के अंतर्गत आता है, जहॉं शासकीय आई.टी.आई., बालाघाट संचालित है। (ख) विधानसभा क्षेत्र परसवाड़ा के विकासखण्ड परसवाड़ा की आबादी के दृष्टिगत शासकीय आई.टी.आई., परसवाड़ा 01 व्यवसाय के साथ संचालित है। ग्रामीण बच्चों को जिला मुख्यालय एवं परसवाड़ा में संचालित आई.टी.आई. में प्रवेश दिया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) मध्यप्रदेश में 51 शासकीय आई.टी.आई. विहीन विकासखण्डों में आई.टी.आई. प्रारंभ किये जाने की योजना है, जिसमें लामता, हट्टा एवं चांगोटोला सम्मिलित नहीं है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
टीकमगढ़ जिले में 5वां वित्त आयोग की प्राप्त राशि
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
27. ( क्र. 186 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में 5 वां वित्त आयोग में विगत दो वर्षों में कौन-कौन ग्राम पंचायत में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई है, प्राप्त राशि से कौन-कौन से कार्य कराये गए है? निर्माण कार्य/साफ-सफाई में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित 5वां वित्त आयोग में कौन-कौन सी ग्राम पंचायतों के द्वारा कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है? व्यय की गई राशि का कौन-कौन सी एजेंसी (वेण्डर) में राशि डाली गई है? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत टीकमगढ़ जिले में ग्राम पंचायतवार संपूर्ण जानकारी विवरण सहित उपलब्ध करावें? (घ) क्या 5वां वित्त की राशि का गलत उपयोग किया गया है और शासनादेशों का उल्लंघन किया है तो उल्लंघन करने वालों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
जिला थोक उपभोक्ता भंडार टीकमगढ़ में व्याप्त अनियमितता
[सहकारिता]
28. ( क्र.
187 ) श्री
यादवेन्द्र
सिंह : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि
(क) जिला थोक
उपभोक्ता
भंडार
टीकमगढ़ में
वर्तमान में
कुल कितने
सदस्य हैं, वर्गवार
नाम, पते सहित
बतावें? (ख) क्या
प्रश्नांश
(क) में
वर्णित
उपभोक्ता का
गठन
प्रस्तावित
अध्यक्ष दासू
द्वारा किया
गया था? (ग) प्रश्नांश
(क) में
वर्णित भंडार
में गठन से
लेकर प्रश्न
दिनांक तक
कौन-कौन
प्रबंधक रहे
नाम, पता एवं
प्रबंधक पद पर
रहने की अवधि
बतावें? (घ) क्या
गठनकर्ता
अध्यक्ष दासू
अशिक्षित था
जिससे उसके
फर्जी
हस्ताक्षरों
से संपूर्ण
कार्य होता
रहा कब तक
दासू के
हस्ताक्षरों
की जांच की जावेगी
और प्रबंधकों
द्वारा की गई
फर्जी कार्यवाही
व हस्ताक्षर
होने से
कार्यवाही की
जावेगी?
सहकारिता
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) : (क) जिला
थोक उपभोक्ता
भंडार
मर्यादित
टीकमगढ़ में
वर्तमान में
संस्थागत
सदस्यों की
संख्या वर्ग 'क' में 120 एवं
व्यक्तिगत सदस्यों
की संख्या
वर्ग 'ख'
में
390
है। जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-01 एवं 02
अनुसार है। (ख) जी
हाँ। (ग) जिला
थोक उपभोक्ता
भंडार
मर्यादित
टीकमगढ़ से
प्राप्त
जानकारी
अनुसार गठन के
समय का संस्था
का रिकार्ड
चार्ज में
नहीं दिया गया
है, इस
कारण प्रबंधक
से संबंधित
जानकारी
संस्था में नहीं
है। वर्तमान
में संस्था
में कोई
प्रबंधक नहीं
है। (घ) गठनकर्ता
अध्यक्ष की
शैक्षणिक
स्थिति अभिलेखबद्ध
नहीं है।
उपायुक्त
सहकारिता
जिला टीकमगढ़
से प्राप्त
जानकारी
अनुसार
गठनकर्ता
अध्यक्ष दासू
के फर्जी हस्ताक्षरों
से संबंधित
कोई भी शिकायत
जिला स्तर पर
प्राप्त नहीं
हुई है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
वरिष्ठ अधिकारियों एवं विभागीय अंकेक्षकों पर कार्यवाही
[सहकारिता]
29. ( क्र.
196 ) श्री
महेश परमार : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रश्नकर्ता
अतारांकित
प्रश्न
क्रमांक 144
दिनांक 08/02/2024 के
प्रश्नांश
(ख) के उत्तर
अनुसार मध्य
प्रदेश
सहकारी
सोसाइटी
अधिनियम 1960 की
धारा 64 में कौन-कौन
से 18
कर्मचारियों
पर 22.16
करोड़ के गबन
व घोटाले के
अंतर्गत
प्रकरण पंजीबद्ध
हुए हैं? किन-किन
आरोपियों की
कितनी-कितनी
संपत्ति अटैच
की गई हैं? अपचारियों
के नाम, पद एवं
उनके निलंबन
आदेश तथा
विभागीय जांच
का प्रतिवेदन
प्रस्तुत
करें। (ख) बैंक
के वरिष्ठ
अधिकारियों
के विरुद्ध
मध्यप्रदेश
राज्य सहकारी
बैंक
मर्यादित
भोपाल द्वारा
पत्र क्रमांक/म.प्र./मुख्या/13/केडर/प्रसं/2263
दिनांक 07/12/23 को
कारण बताओ
सूचना पत्र
जारी किया गया
था, उक्त
कार्यवाही के
पश्चात
किन-किन
नियमों अधिनियमों
में किस-किस
के द्वारा
कब-कब, क्या-क्या
कार्यवाही
प्रश्न
दिनांक तक की
हैं? कारण बताओ
सूचना पत्र
एवं अपचारी
अधिकारियों
से प्राप्त
उत्तर के साथ
उक्त समस्त कार्यवाहियों
के समस्त
संबंधित
अभिलेखों को
प्रतिवेदन के
साथ देवें। (ग) मध्य
प्रदेश सिविल
सेवा
(वर्गीकरण, नियंत्रण, अपील)
नियम 1966 के तहत
प्रश्नांश (घ) के
उत्तर में
प्राप्त
किन-किन
विभागीय
अंकेक्षकों
के विरुद्ध कौन-कौन
सी
कार्यवाहियां
प्रक्रियाधीन
थी? विवरण
देते हुए
प्रश्न
दिनांक तक की
गई जांच
प्रतिवेदन
विभागीय दंडात्मक
कार्यवाही का
संपूर्ण
अभिलेख की प्रति
के साथ ब्यौरा
उपलब्ध
करावे।
सहकारिता
मंत्री ( श्री
विश्वास
कैलाश सारंग ) : (क)
जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-1
अनुसार है। (ख) म.प्र.
राज्य
सहकारी बैंक
मर्यादित
भोपाल द्वारा
श्री विशेष
श्रीवास्तव, कैडर
अधिकारी एवं
तत्कालीन
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी, जिला
सहकारी केन्द्रीय
बैंक
मर्यादित, उज्जैन
को कारण बताओ
सूचना पत्र
क्रमांक/म.प्र.
(मुख्या)/13/कैडर/प्रसं/2263, दिनांक
07.12.2023 के
संलग्न आरोप
पत्र जारी
किये जाने के
उपरांत बैंक
के आदेश
क्रमांक/म.प्र./(मुख्या)/13/कैडर/प्रसं/11, दिनांक
02.04.2024 से
विभागीय जांच
संस्थित की
जाकर विभागीय
जांच
प्रक्रियाधीन
है। कारण बताओ
सूचना पत्र एवं
अपचारी अधिकारी
से प्राप्त
उत्तर की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-2
अनुसार है। (ग)
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-3
अनुसार है।
आवास प्लस योजना से वंचित परिवारों को पात्रता सूची में जोड़ा जाना
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
30. ( क्र. 202 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों हेतु संचालित आवास प्लस योजना के सर्वे वर्ष 2017-18 की प्रतीक्षा सूची में शामिल परिवारों के अलावा भी अनेक परिवार सभी पंचायतों में आवास प्लस योजना के लाभ से वंचित/अपात्र रह गये हैं? शासन द्वारा आवास प्लस योजना से वंचित परिवारों को पात्रता सूची में जोड़ने हेतु सर्वे कराकर पात्रता सूची में कब तक शामिल किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : जी हाँ। शासन द्वारा आवास प्लस योजना में वंचित परिवारों को पात्रता सूची में जोड़ने हेतु भारत सरकार के पत्र क्रमांक J-11014/1/2024-RH-Pol. (e-387579) दिनांक 14.08.2024 से निर्देश प्राप्त हो चुके है।
प्रधानमंत्री आवास योजना की जानकारी
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
31. ( क्र. 203 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में 20 से अधिक वर्ष पूर्व इंदिरा आवास योजना के अंतर्गत गरीबों को कच्चे मकान के निर्माण हेतु 15000 से 45000 रूपये स्वीकृत किये गये थे। उपरोक्त गरीबों के कच्चे आवास लंबी अवधि के कारण जर्जर होने के बाद भी प्रधानमंत्री आवास योजना के पक्के आवास प्राप्त करने के लिये अपात्र हैं। (ख) क्या शासन इंदिरा आवास योजना का लाभ प्राप्त कर चुके गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु पात्र घोषित करेगा? ताकि उपरोक्त जर्जर कच्चे मकानों में रह रहे गरीबो को पक्के आवास प्राप्त हो सकें। यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) जी नहीं। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लाभ की पात्रता का निर्धारण क्रियान्वयन के फ्रेमवर्क में दर्शित निर्देशों के अनुसार किया जाता है।
मनरेगा के निर्माण कार्यों में अनियमितताओं का दोष निर्धारण
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
32. ( क्र. 204 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रदेश की ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना के अंतर्गत कच्चे निर्माण कार्यों का क्रियान्वय, मस्टर जारी करना, हाजिरी लेना जैसे सभी महत्वपूर्ण कार्य रोजगार सहायक द्वारा किये जाते हैं एवं मूल्यांकन उपयंत्री द्वारा किया जाता है परन्तु उक्त कार्यों में अनियमितता पाये जाने पर सरपंचों को दोषी क्यों ठहराया जाता है? जबकि वे तकनीकी ज्ञान नहीं रखते हैं। उक्त नीति में शासन कब तक सुधार करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : मनरेगा अंतर्गत ग्राम पंचायतें कार्य की क्रियान्वयन एजेंसी के रूप में कार्य करती हैं। सरपंच, ग्राम पंचायत को मनरेगा अंतर्गत कार्यों के प्रशासनिक स्वीकृतियां जारी करने के अधिकार दिये गये हैं तथा कार्यों पर भुगतान करने से पूर्व सरपंच से अनुमोदन लिये जाने के निर्देश हैं। कार्यों के मस्टर रोल जारी करने, मूल्यांकन करने, भुगतान करने की जिम्मेदारी तय की गई है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। यदि कार्यों के क्रियान्वयन में अथवा भुगतान में अनियमितता पायी जाती है तो क्रियान्वयन एजेंसी तथा क्रियान्वयन से जुड़े हुए अमले के दायित्व अनुसार जिम्मेदारी तय कर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।
जांच और उसके उपरांत कार्यवाही
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
33. ( क्र. 217 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन ने विभागीय कर्मचारियों/अधिकारियों के विरूद्ध संधारित विभागीय जांच लोकायुक्त संगठन एवं आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरों में पंजीकृत अपराध में संलग्न (अटैच) निलम्बन एवं जांच कार्यवाही करने जांच प्रतिवेदन देने एवं उस पर निर्णय लेने, निराकरण करने, कार्यवाही करने हेतु क्या समय-सीमा निर्धारित की है और इस सम्बंध में कब क्या दिशा निर्देश जारी किये हैं? छायाप्रति दें। (ख) किसान कल्याण एवं कृषि विभाग में पदस्थ एवं सेवानिवृत्त प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी स्तर के किन-किन अधिकारियों के विरूद्ध कब संधारित विभागीय जांच हेतु कब किस स्तर के अधिकारी को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया। किस-किस ने कब-कब जांच प्रतिवेदन दिया है। इस पर शासन ने कब क्या निर्णय किया है? वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक की जानकारी दें। सूची दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में सेवानिवृत्त किन-किन अधिकारियों के विरूद्ध संधारित जांच की रिपोर्ट कब से किन-किन अधिकारियों ने नहीं दी है एवं क्यों? किन-किन अधिकारियों को देय कितनी-कितनी राशि का भुगतान कब से नहीं किया गया है एवं क्यों? सूची दें।
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) विभागीय अनियमितता एवं लोकायुक्त/आर्थिक अपराध के प्रकरणों में विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय जांच की कार्यवाही करने, जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने, निर्णय लेने की समय-सीमा संबंधी सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। शासन द्वारा जारी दिशा- निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) किसान कल्याण एवं कृषि विभाग में पदस्थ, सेवानिवृत्त प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी अधिकारियों के विरूद्ध वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक की अवधि में संस्थित विभागीय जांच में नियुक्त जांचकर्ता अधिकारी, प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन एवं निर्णय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2.1 एवं 2.2 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) की अवधि में प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी अधिकारियों के विभागीय जांच प्रकरणों में जांच प्रतिवेदन न प्रस्तुत होने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2.1 एवं 2.2 अनुसार है। विभागीय सेवानिवृत्त अधिकारियों को देय स्वत्वों का भुगतान म.प्र. सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1976 के प्रावधान अनुसार किया जाता है। विभागीय अधिकारियों को देय स्वत्वों का विभागीय एवं न्यायिक कार्यवाही प्रचलित होने से भुगतान न होने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है।
स्नातक/स्नातकोत्तर डिग्री कोर्स की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
34. ( क्र. 218 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय म.प्र. द्वारा संचालित नियमित पाठ्यक्रम वेचलर ऑफ कम्प्यूटर एप्लीकेशन (सिक्स सेमेस्टर) डिग्री कोर्स अंतिम सेमेस्टर की दिसम्बर 2017 में तथा मास्टर ऑफ सोशल वर्क दो वर्षीय डिग्री कोर्स की अंतिम वर्ष की जून 2021 में आयोजित परीक्षा में कितने नियमित/स्वधायी छात्रों ने प्रथम श्रेणी में परीक्षा उत्तीर्ण की है? जानकारी दे। (ख) प्रश्नांश (क) में रोल नं. 3810006 नामांकन पं.क्र./डी.ई/13114514 के छात्र ने नियमित छात्र के रूप में बेचलर ऑफ कम्प्यूटर एप्लीकेशन (सिक्स सेमेस्टर) स्नातक डिग्री कोर्स के लिए कब प्रवेश लिया एवं सेमेस्टरवार कब-कब आयोजित परीक्षा, किस परीक्षा केन्द्र से दी हैं बतलावें। आयोजित परीक्षा समय सारिणी प्रश्न पत्र की छायाप्रति दें। (ग) प्रश्नांकित छात्र ने किस स्नातक डिग्री के आधार पर मास्टर आफ सोशल वर्क (दो वर्षीय) स्नातकोत्तर डिग्री कोर्स हेतु नियमित छात्र के रूप में कब प्रवेश लिया एवं पाठ्यक्रम से संबंधित कब-कब आयोजित शैक्षणिक गतिविधियों में भाग लिया हैं? प्रथम वर्ष एवं अंतिम वर्ष की आयोजित परीक्षा केन्द्र किस सेंटर से कब दी हैं बतलावें। परीक्षा समय सारिणी, प्रश्न पत्र की छायाप्रति सहित छात्र का रोल नं., नामांकन पं.क्र. की दें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) प्रश्नांकित परीक्षाओं में दिसम्बर 2017 में 02 छात्र तथा जून 2021 की परीक्षा में लगभग 1350 छात्र प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए थे। (ख) प्रश्नांकित छात्र ने जनवरी 2013 में प्रवेश लिया था। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' (विश्वविद्यालय के अध्यादेश-5 की कंडिका 15) अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित छात्र ने बैचलर ऑफ कम्प्यूटर एप्लीकेशन डिग्री के आधार पर मास्टर ऑफ सोशल वर्क हेतु जुलाई 2019 में प्रवेश लिया। पाठ्यक्रम दूरस्थ शिक्षा का था तथा कोविड का संक्रमण काल होने से भौतिक रूप से शैक्षणिक गतिविधियों में भाग लेने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। प्रथम वर्ष की परीक्षा कोविड काल में ओपन बुक पद्धति से ली गई थी। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' तथा ''स'' अनुसार है।
ग्रामीण सड़कों एवं पुल पुलियाओं की मरम्मत
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
35. ( क्र. 229 ) श्री हरी सिंह सप्रे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा कुरवाई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी सड़कें/पुल पुलिया मुख्यमंत्री सड़क योजना/प्रधानमंत्री सड़क योजना एवं अन्य मद से बनाई गई है? सड़कवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितनी सड़के/पुल मरम्मत हेतु गारंटी अवधि में है? उक्त अवधि में सड़कों की मरम्मत किस कंपनी एवं ठेकेदार द्वारा कब-कब की गई ठेकेदार/कंपनी के नाम सहित जानकारी देवें। वर्तमान में उक्त सड़कों की भौतिक स्थिति क्या है अप्रैल 2023 से प्रश्न दिनांक तक अधिकारियों द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया? निरीक्षण प्रतिवेदन की सत्यापित प्रति देवें। (ग) कुरवाई विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री सड़क योजना फेस 3 कौन-कौन सी सड़कों को सम्मिलित किया गया है?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है।
आयुष औषधालय में उपलब्ध सुविधाएं
[आयुष]
36. ( क्र. 230 ) श्री हरी सिंह सप्रे : क्या आयुष मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिला अंतर्गत कुरवाई विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने आयुष औषधालय संचालित है? आयुष औषधालय केन्द्रवार जानकारी देवें? उक्त आयुष केन्द्रों में मरीजों को आयुष विभाग द्वारा कौन-कौन सी आयुर्वेदिक औषधि वितरण सहित क्या-क्या सुविधाएं दी जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कुरवाई विधानसभा अंतर्गत संचालित आयुष केन्द्र/हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर कितने पद स्वीकृत है तथा स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने डॉक्टर एवं स्टॉफ कार्यरत है? आयुष केन्द्रवार जानकारी देवे? कितने आयुष केन्द्रों में स्टॉफ के पद रिक्त है रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी? (ग) आयुष विभाग द्वारा विधानसभा क्षेत्र कुरवाई में कितने नवीन आयुष केन्द्र/हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर की स्वीकृति एवं उन्नयन होना प्रस्तावित है?
आयुष मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब''अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट''अ'' अनुसार। नियुक्ति एक सतत् प्रक्रिया है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) कोई नहीं।
श्रमिकों के कल्याण हेतु संचालित हितग्राही मूलक योजना
[श्रम]
37. ( क्र. 231 ) श्री हरी सिंह सप्रे : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुरवाई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत श्रम विभाग द्वारा संचालित किन-किन योजना अंतर्गत कितनी राशि विगत 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक आंवटित की गई? किन-किन योजनाओं में लाभान्वित कितने-कितने हितग्राही को किस मान से कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है एवं कितनी-कितनी राशि वितरित की गई है? कितने हितग्राहियों को राशि नहीं दी गई है? कारण बतावें। वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक ग्राम पंचायत/नगर परिषदवार हितग्राहियों की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विभाग की संबल योजना सहित विभिन्न योजनाओं में हितग्राहियों के लंबित राशि का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा?
श्रम मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल की योजनाओं अंतर्गत जिला/निकाय स्तर पर राशि आवंटित नहीं की जाती है। पदाभिहित अधिकारी द्वारा पोर्टल पर प्राप्त आवेदन की ऑनलाईन स्वीकृति के पश्चात ई.पी.ओ. के माध्यम से हितग्राही को सीधे बैंक खाते में भुगतान किया जाता है। कुरवाई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा संचालित योजनाओं में वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक लाभांवित हितग्राहियों की जनपद पंचायतवार/नगर परिषदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल की योजना अंतर्गत लंबित प्रकरणों की जानकारी निरंक है। श्रम विभाग द्वारा मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल 2.0) योजना अंतर्गत जिला स्तर पर राशि आवंटित नहीं की जाती है। सबंल योजना अंतर्गत पात्र हितग्राहियों के खाते में सीधे अंतरित की जाती है। कुरवाई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत योजना में लाभान्वित हितग्राहियों की स्वीकृति राशि एवं वितरित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संबल योजना अंतर्गत 222 प्रकरण भुगतान हेतु स्वीकृत है। 222 की ग्राम पंचायतवार/नगर परिषदवार जानकारी संकलित होने पर प्रेषित की जावेगी। म.प्र. श्रम कल्याण मंडल द्वारा संचालित विभिन्न श्रमिक कल्याणकारी योजनाओं में वर्ष 2021-22 से कुरवाई विधानसभा क्षेत्र के किसी भी पात्र श्रमिकों द्वारा आवेदन नहीं किये जाने के कारण जानकारी निरंक है। (ख) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार, कर्मकार कल्याण मंडल प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना अंतर्गत अनुग्रह सहायता के प्रकरणों में भुगतान एक सतत् प्रक्रिया है, आगामी सिंगल क्लिक कार्यक्रम में बजट उपलब्धता अनुसार मृत्यु दिनांक के क्रमानुसार में राशि जारी की जाती है।
खेल स्टेडियम निर्माण की नीति
[खेल एवं युवा कल्याण]
38. ( क्र. 236 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा विकासखण्ड या उच्च स्तर पर खेल स्टेडियम बनाए जाने की नीति है? (ख) यदि हाँ, तो धार जिले में प्रश्न दिनांक तक कितने विकासखण्ड या उच्च स्तर पर खेल स्टेडियम का निर्माण किया गया है? (ग) धार जिले के सरदारपुर विकासखण्ड मुख्यालय पर खेल स्टेडियम निर्माण हेतु विभाग द्वारा प्रक्रिया की गई है? यदि हाँ, तो की गई प्रक्रिया की छायाप्रति देवें। यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? बतावें। (घ) धार जिले में खेल एवं युवा कल्याण द्वारा वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितना आवंटन प्राप्त हुआ तथा व्यय की गई राशि की जानकारी वर्षवार देवें?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) विकासखण्ड धार में स्वर्गीय राजादेवी सिंह बैंडमिंटन हॉल का निर्माण किया गया है। (ग) जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी कार्यालय के पत्र क्रमांक 1265 दिनांक 27/06/2024 द्वारा भूमि आवंटन हेतु ऑनलाईन आवेदन किया गया है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
म.प्र. राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था द्वारा की गई जांच
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
39. ( क्र. 237 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था द्वारा वर्ष 2020-21 में रबी तथा खरीफ के मौसम में अमानक बीज का प्रमाणीकरण को लेकर पूर्व विधायक मुकेश नायक द्वारा माननीय मंत्री जी को अगस्त 2024 में दिये गये पत्र पर की गई जांच के निष्कर्ष की पत्र में उल्लेखित बिन्दुवार जानकारी देवें तथा भेजे गये उत्तर की प्रति देवें। (ख) आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विषय पर दिनांक 10.10.23 तथा 5.7.23 को शिकायत की जानकारी विभाग को है या नहीं है, तो बतावें कि शिकायत की जानकारी कैसे ज्ञात हुई तथा इस संदर्भ में यदि EOW से कोई पत्र प्राप्त हुआ हो तो उसकी तथा दिये गये उत्तर की प्रति देवें। (ग) खरीफ 2020-21 में उज्जैन जिले में बीज उत्पादन कार्यक्रम फसल पंजीयन हेतु कृषक आवेदन क्रमांक 552870 (पंजीयन क्र. 51314) आवेदन क्र. 556160 (पंजीयन क्रं.51282) आवेदन क्र. 554721 (पंजीयन क्र. 51327) आवेदन क्र. 554699 (पंजीयन क्रं.51337) आवेदन क्र. 542987 (पंजीयन क्रं.51290) आवेदन क्र. 551027 (पंजीयन क्रं.51862) आवेदन क्र. 538482 (पंजीयन क्रं.51676) के समस्त दस्तावेज की प्रति देवें तथा बतावें कि कुल क्षेत्र तथा पंजीकृत क्षेत्र, बुआई, अंतिम निरीक्षण कटाई की तिथि, उत्पादित बीज की मात्रा, उल्लेखित पंजीयन क्रमांक में कितना-कितना है?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) म.प्र. राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था द्वारा वर्ष 2020-21 में रबी तथा खरीफ के मौसम में अमानक बीज का प्रमाणीकरण को लेकर पूर्व विधायक मुकेश नायक द्वारा माननीय मंत्री जी को अगस्त 2024 में दिये गये पत्र पर की गई जांच के निष्कर्ष की बिन्दुवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विषय पर दिनांक 10.10.23 तथा 5.7.23 को शिकायत की कोई जानकारी संस्था को नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित 07 कृषकों की खरीफ 2020-21 में बीजोत्पादन कार्यक्रम की चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है।
कोलारस में नवीन खेल मैदान के निर्माण
[खेल एवं युवा कल्याण]
40. ( क्र. 248 ) श्री महेंद्र रामसिंह यादव : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र कोलारस में खेल विभाग द्वारा कौन-कौन से खेल परिसर/स्टेडियम स्वीकृत है अथवा स्वीकृति हेतु प्रस्ताव विचाराधीन है स्थानवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या स्वीकृत खेल परिसर/स्टेडियम हेतु भूमि का आवंटन किया जा चुका है यदि हाँ, तो स्थानवार विवरण दें? यदि नहीं, तो भूमि का आवंटन कब तक कर दिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार क्या खेल परिसर/स्टेडियम के निर्माण हेतु विभाग द्वारा कोई राशि आवंटित की गयी है? यदि हाँ, तो विवरण दें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। निर्माण कार्य हेतु राशि कब तक आवंटित की जाकर निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा।
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) ग्राम मनीपुरा तहसील कोलारस में खेल ओर युवा कल्याण विभाग के स्वामित्व का मल्टीपरपस इंडोर हॉल निर्मित एवं संचालित है, कोलारस में विभाग का अन्य कोई खेल परिसर/स्टेडियम स्वीकृत/प्रस्तावित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) प्रश्नोत्तर ''क'' के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पंचायती राज अधिनियम के नियमों का पालन
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
41. ( क्र.
249 ) श्री
महेंद्र
रामसिंह यादव
: क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जिला
पंचायत की शक्तियां
एवं कृत्य
नियम 1995 तथा म.प्र.
जिला पंचायत
कार्य नियम 1998 की
प्रति देवें? जिला
पंचायत के एकल
खाते से राशि
आहरण के क्या
नियम हैं उनकी
प्रति दें? (ख) जिला
पंचायत
शिवपुरी के
एकल खाते से
अगस्त 22 से
अक्टूबर 24 तक कब-कब
कितनी-कितनी
राशि आहरित की
गयी। उनकी
स्वीकृत
नस्ती, आदेश की
प्रति मदवार, कार्यवार
उपलब्ध
करावें? आहरण
किस-किस
अधिकारी के
हस्ताक्षर से
किया गया है
विवरण दें? (ग) क्या
सी.ई.ओ. के
द्वारा नियम 1995 का
पालन किया गया
है? यदि
हाँ, तो नियम 4 के
उपनियम (आठ) के
अन्तर्गत
अगस्त 22 से
अक्टूबर 24 तक
शासकीय
सेवकों की
गोपनीय
रिपोर्ट जिला
पंचायत
अध्यक्ष
शिवपुरी को
अग्रेषित की
गई है यदि हाँ, तो
अभिलेख देवें? यदि
नहीं, तो कारण
स्पष्ट करें व
इस हेतु दोषी
अधिकारी पर
क्या
कार्यवाही की
जाएगी? (घ) जिला
पंचायत
अध्यक्ष को
प्रस्तुत किए
जाने वाले
मामले नियम 12 (त)
क्या है और
अगस्त 22 से
अक्टूबर 24 तक
जिला पंचायत
को आवंटित
विषयों पर
जिले में
कौन-कौन से
अधिकारी/कर्मचारियों
को प्रभार किसके
द्वारा दिये गये
थे? वित्तीय
एवं
प्रशासनिक
शक्तियों के
प्रत्यायोजन
से संबंधित
मामले
अध्यक्ष के
समक्ष प्रस्तुत
नहीं करने पर
सी.ई.ओ. के
विरुद्ध क्या
कार्यवाही की
जावेगी व कब
तक?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क)
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'अ' अनुसार
है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'ब' अनुसार
है। (ग) जी हाँ। (
नियम संलग्न
है ) नियम 4 के
उपनियम (आठ) के
अन्तर्गत
अगस्त 22 से
अक्टूबर 24 तक
शासकीय
सेवकों की
गोपनीय
रिपोर्ट जिला
पंचायत अध्यक्ष
शिवपुरी को
अग्रेषित
नहीं की गयी
है। उक्त
नियम एवं अवधि
में जिला
पंचायत के
अधीन पद धारण
करने वाले मूल
कर्मचारियों (01 लेखापाल
01
एल.डी. सी. 01 स्टेनो, 01
वाहन चालक
सेवानिवृत्त
हो चुके है।
वर्तमान में
केवल 02 भृत्य
पदस्थ है) की
गोपनीय
रिपोर्ट मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जिला
पंचायत
शिवपुरी को
राय हेतु प्राप्त
ना होने से
अग्रेषित
नहीं की गई
है। (घ) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'स' अनुसार
है। अगस्त 2022 से
अक्टूबर 2024 तक
प्रत्यायोजन
से संबंधित
कोई आदेश जारी
नहीं किया गया
है। नियमों की
अवहेलना न
होने से
कार्यवाही का
प्रश्न उत्पन्न
नहीं होता है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
42. ( क्र. 250 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना वाटरसेट 2.0 की कंडिका 12.1 में दिये गये निर्देशानुसार परियोजना स्तर पर विषय विशेषज्ञ (डोमेन एक्सपर्ट) अनुभव सदस्यों में से ही एक सदस्य को प्रोजेक्ट लीडर बनाया जाएगा। यदि हाँ, तो विभाग द्वारा भारत सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन न करते हुए सी.ई.ओ. जनपद (सामान्यज्ञ) को प्रोजेक्टर लीडर क्यों बनाया गया है तथा इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं? (ख) क्या तत्कालीन विभाग अध्यक्ष द्वारा विषय विशेषज्ञ टीम लीडर को प्रोजेक्ट लीडर बनाये जाने के आदेश जारी करने व दिशा-निर्देशों का पालन करने हेतु कहा गया है अथवा नहीं। यदि हाँ, तो दिशा-निर्देशों का पालन क्यों नहीं किया गया तथा इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? (ग) लिखित परीक्षा द्वारा चयनित टीम लीडरों को परियोजना स्तर पर भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की जिम्मेदारी दी गई है अथवा नहीं। यदि हाँ, तो, इस संबंध में वित्तीय, भौतिक प्रगति लाने के विस्तृ्त दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं/नहीं, यदि हाँ, तो जानकारी दें? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) शासन के पत्र क्रमांक 5336/22-वि_9/RGM/स्थान./2023 दिनांक 26/05/2024 के क्रम में किन-किन जिलों द्वारा परियोजना स्तर पर नियुक्त टीम लीडरों को भौतिक एवं वित्तीय प्रगति के दायित्व को सौंपा गया हैं, जिला स्तर से दायित्व प्रदाय करने का दिनांक सहित जानकारी दें। यदि दायित्व नहीं दिए हैं, तो कारण बताएं?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) प्रश्नाधीन योजना की भारत सरकार द्वारा जारी गाइडलाईन की कंडिका-12.1 में यह प्रावधान है कि परियोजना क्रियान्वयन एजेंसी (पी.आई.ए.) द्वारा वाटरशेड डेव्हलपमेंट टीम गठित की जायेगी और वाटरशेड डेव्हलपमेंट टीम का एक सदस्य प्रोजेक्ट लीडर होगा। वाटरशेड परियोजनाओं के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को पी.आइ.ए. नियुक्त किया गया है। अत: इस अनुक्रम में विभाग द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत को वाटरशेड डेव्हलपमेंट टीम का अभिन्न अंग प्रावधानित कर प्रोजेक्ट लीडर बनाया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) विभाग अध्यक्ष स्तर से जारी प्रश्नाधीन आदेश उपलब्ध नहीं हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नाधीन योजना के तहत वाटरशेड डेव्हलपमेंट टीम के गठन हेतु कोई लिखित परीक्षा आयोजित नहीं की गई। नामांकित टीम लीडरों को परियोजनाओं की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति कि जिम्मेदारी दी गई है, जिसके निर्देश राजीव गांधी जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन मिशन के आदेश क्रमांक 5336/22/वि-9/आरजीएम/स्था./2023, दिनांक 26.05.2023 में दिये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांकित तिथि पर प्रश्नांकित समसंख्यक पत्र जारी नहीं हुआ है। प्रश्नाधीन विषयवस्तु प्रश्नांश (ग) के उत्तर में उल्लेखित निर्देश की विषयवस्तु के समान है, जिसमें नामांकित टीम लीडरों को दायित्व सौंपने का कोई उल्लेख नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विकास कार्यों की समीक्षा बैठकों का आयोजन
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
43. ( क्र. 251 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों की समीक्षा बैठकें आयोजित करने के निर्देश जारी किए गए हैं? यदि हाँ, तो नोडल अधिकारी (सचिव) बताते हुए बैठकें आयोजित करने की निर्धारित समय-सीमा संबंधी आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या विकास कार्यों की समीक्षा बैठकें निर्धारित समय-सीमा में आयोजित होनी चाहिए, यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र 24 पोहरी में 01 जनवरी, 2023 से प्रश्नांश दिनांक तक कब-कब समीक्षा बैठकें आयोजित की गई? क्या, उक्त बैठकें निर्धारित समय-सीमा में आयोजित हुई, यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या विकास कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित करने के पूर्व बैठक की तिथि एवं समय नोडल अधिकारी (सचिव) द्वारा विधायक से लेना चाहिए। यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र पोहरी में 01 जनवरी, 2023 से प्रश्न दिनांक तक आयोजित हुई समीक्षा बैठकों की तिथि एवं समय नोडल अधिकारी द्वारा कब-कब मांगी गई? (घ) विधानसभा क्षेत्र पोहरी में 01 जनवरी, 2023 से प्रश्न दिनांक तक आयोजित हुई समीक्षा बैठकों में दिए गए निर्देशों का पालन समय-सीमा में संबंधित अधिकारियों द्वारा किया गया है, यदि नहीं, तो उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
स्वच्छ भारत मिशन अभियान में प्राप्त राशि
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
44. ( क्र. 262 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि विभाग को सामाजिक आर्थिक उत्थान की योजनाओं अन्तर्गत अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति को प्रत्यक्ष लाभ पहुंचाने हेतु पृथक प्रावधान उपयोजना में वित्तीय वर्ष 2023-24 में स्वच्छ भारत मिशन अभियान में 8026.14 लाख जिलों को जनसंख्या के अनुपात में एवं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में 98046.65 लाख दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना में जिलों को 70.78 लाख प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना में 22857.72 लाख की राशि वार्षिक कार्य योजना अनुसार आवंटित किया गया? (ख) यदि हाँ तो बालाघाट जिले को कितनी राशि आवंटित की गयी जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं में बालाघाट जिले की वार्षिक कार्य योजना की प्रति उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रा.) हेतु लागू नहीं होता, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना अंतर्गत वार्षिक कार्य योजना राज्य स्तर से तैयार कर भारत सरकार द्वारा अनुमोदित की जाती है, जिलेवार कार्ययोजना पृथक से तैयार नहीं की जाती है। प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना जिला बालाघाट की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
तकनीकी/अभियांत्रिकी शिक्षा के लिए महाविद्यालय की स्थापना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार (केवल तकनीकी शिक्षा) ]
45. ( क्र. 265 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के जिला पांढुर्ना जो आदिवासी बाहुल्य जिला है यहाँ पर तकनीकी/ अभियांत्रिकी शिक्षा के लिए महाविद्यालय प्रारम्भ करने हेतु शासन/विभाग में कोई प्रस्ताव लंबित है? क्या इस बाबत् स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा कोई मांग/पत्र शासन/विभाग/जिला प्रशासन को लिखा गया है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक कि जावेगी? (ख) क्या प्रदेश के जिला पांढुर्ना, छिंदवाड़ा व सिवनी में संचालित शासकीय आई.टी.आई. संस्थान में स्वीकृत विषयों के सभी प्रशिक्षक/शिक्षक पदस्थ है? यदि नहीं, तो उन्हें कब तक पदस्थ किया जावेगा? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्णित जिलों में संचालित अशासकीय आई.टी.आई. संस्थान शासकीय विभाग द्वारा निर्धारित सभी नियमों व शर्तों का पालन कर संचालित किए जा रहे हैं? यदि नहीं, तो क्यों? क्या इस बाबत् शासन/विभाग/जिला प्रशासन को कोई शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी नहीं। विभाग की जानकारी निरंक है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। विभाग की जानकारी निरंक है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
46. ( क्र. 266 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों में वर्ष 2023 से आज दिनांक तक उच्च शिक्षा गुणवत्ता सहातित योजना अन्तर्गत किन-किन महाविद्यालय में क्या-क्या कार्य कराए गए हैं? उनकी स्थान-लागतवार, निर्माण एजेंसी व कार्य की वर्तमान स्थिति की जानकारी देवें। (ख) प्रदेश के शहरी व ग्रामीण अंचलों में अशासकीय साइंस, आर्ट्स, डी.एड. व बी.एड. महाविद्यालय प्रारम्भ करने हेतु दिशा-निर्देश, नियम-शर्त की अद्यतन जानकारी देवें। (ग) जिला पांढुर्ना, छिंदवाड़ा, सिवनी व बालाघाट में शासन/उच्च शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त संचालित समस्त अशासकीय महाविद्यालयों की जानकारी व वर्ष 2022 से आज दिनांक तक विभाग द्वारा किये गए निरीक्षण की निर्धारित प्रपत्र में जानकारी। (घ) जिला-पांढुर्ना एवं छिंदवाड़ा में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा संचालित महाविद्यालयों के भवनों, छात्रावासों व उनके परिसरों में वर्ष 2019 से आज दिनांक तक निर्मित एवं निर्माणाधीन कार्यों, इनकी निर्माण एजेन्सी, निर्मित कार्यों का कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्र साथ ही समस्त कार्यों की वर्तमान भौतिक स्थिति की जानकारी देवें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''1'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''2'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''3'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''4'' अनुसार है।
उप संचालक किसान कल्याण व कृषि विकास विभाग की पदस्थापना
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
47. ( क्र. 268 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या प्रदेश के सिवनी जिला में स्थित कार्यालय उप संचालक किसान कल्याण व कृषि विकास विभाग में वर्ष 2022 के पूर्व वर्षों तक इसी जिले में पदस्थ रहे उप संचालक जो अपने जिला सिवनी पदस्थापना के दौरान निलंबित किये गये थे? यदि हाँ, तो उन्हें पुनः सिवनी जिले में पदस्थ करने हेतु शासन/विभाग में प्रस्ताव/प्रक्रिया विचाराधीन है? यदि हाँ, तो क्या उन्हें पुनः इसी जिले में जहाँ ये अपनी पूर्व पदस्थापना के दौरान निलंबित किये गए थे पदस्थ किया जा सकता है?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : जी हाँ। तत्कालीन उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला सिवनी में पदस्थापना के दौरान निलंबित हुये। जी नहीं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं का संचालन
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
48. ( क्र. 271 ) श्री भैरो सिंह बापू : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसानों की पैदावार बढ़ाने के लिए प्रदेश के विभिन्न जिलों में मिट्टी परीक्षण केन्द्रों की स्थापना की गई है? यदि हाँ, तो जिला आगर-मालवा में कुल कितने मिट्टी परीक्षण केन्द्र कहां-कहां कब से कितनी लागत से स्थापित है? सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला आगर मालवा में मिट्टी परीक्षण केन्द्रों पर कुल कितने कर्मचारी कार्यरत हैं केन्द्रवार जानकारी देवें। कितने केन्द्रों हेतु भवन स्वीकृत है। (ग) दिनांक 01 जनवरी 2022 से जिला आगर-मालवा में कुल कितने कृषकों के खेतों का मिट्टी परीक्षण हुआ है? वर्षवार किसानों को वितरित स्वाईल हेल्थ कार्ड की जानकारी उपलब्ध करावें।
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) जी हाँ, जिला आगर-मालवा में विकासखण्ड स्तर पर 04 नवीन मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाएं निर्मित/स्थापित की गई हैं। नवीन मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना, लागत की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) नवीन मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं हेतु अमला स्वीकृत नहीं है। आगर मालवा जिले में वर्तमान में मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं में मानदेय आधार पर मिट्टी नमूना परीक्षण का कार्य कराया जा रहा है। प्रदेश की नवीन स्थापित मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं को युवा उद्यमियों/ संस्थाओं को प्रदाय करने की कार्यवाही प्रचलन में है, जिनके माध्यम से नमूना परीक्षण कराए जावेंगे। आगर मालवा जिले में स्थापित मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं में अमले एवं भवनों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) आगर-मालवा जिले में दिनांक 01 जनवरी 2022 से प्रश्नांकित तिथि तक परीक्षण किये गये मिट्टी नमूनों एवं किसानों को वितरित स्वाइल हैल्थ कार्ड की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है।
कर्मचारियों के लिये जीवन बीमा योजना का लाभ
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
49. ( क्र. 281 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में जिला एवं जनपद पंचायत के मूल कर्मचारियों के लिए शासन द्वारा कोई जीवन बीमा योजना प्रारंभ की गई है? यदि हाँ तो कब से? आदेश की प्रति उपलब्ध कराये? यदि नहीं, तो क्या भविष्य में जीवन बीमा कराये जाने की कोई योजना है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ तो क्या जिला ग्वालियर अंतर्गत जनपद पंचायत के किन-किन कर्मचारियों का 01 जनवरी 2022 से प्रश्न दिनांक तक जीवन बीमा कराया गया संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध कराये? सेवा के दौरान मृत्यु होने पर किन-किन कर्मचारियों को जीवन बीमा का लाभ दिलाया गया? जिला ग्वालियर की जनपद पंचायतों अंतर्गत जानकारी उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या जिला ग्वालियर अंतर्गत जनपद पंचायत के मूल कर्मचारियों का जीवन बीमा न कराये जाने से उनकी सेवा के दौरान मृत्यु होने पर लाभ नहीं मिल पाया है? ऐसे कितने कर्मचारी हैं, नामवार, जनपदवार जानकारी दें।
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी नहीं। बतलाया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जीवन बीमा के लाभ का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। सेवाकाल के दौरान ग्वालियर जिले की जनपद पंचायत भितरवार अंतर्गत स्व. श्री अनूप सिंह रावत सहायक वर्ग-3 एवं जनपद पंचायत घाटीगांव अंतर्गत स्व. श्री सुरेश पाठक लेखापाल की मृत्यु हुई है।
संबल/भवन संनिर्माण कर्मकार मण्डल योजना
[श्रम]
50. ( क्र. 282 ) श्री मोहन सिंह राठौर : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में संबल/भवन संनिर्माण कर्मकार मण्डल योजना के कार्ड बनाये गये हैं? कार्डधारी हितग्राही की मृत्यु होने पर कितनी राशि उपलब्ध कराई जाती है? (ख) क्या विधानसभा 18 भितरवार के पात्र हितग्राहियों को सहायता राशिका भुगतान नहीं किया गया हैं? किन-किन हितग्राहियों का भुगतान कब-कब से लंबित है। 1 अप्रैल 2023 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा 18 भितरवार की जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार विधानसभा 18 भितरवार में योजना में पात्र हितग्राहियों को राशि कब तक उपलब्ध हो जायेगी?
श्रम मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी हाँ। 1. म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत प्रदेश में 17,81,048 भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक पंजीबद्ध है। म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा संचालित मृत्यु की दशा में अंत्येष्टि सहायता एवं अनुग्रह भुगतान योजना के अंतर्गत पंजीबद्ध निर्माण श्रमिक की मृत्यु की दशा में श्रमिक के उत्तराधिकारी को अंत्येष्टि सहायता एवं अनुग्रह सहायता राशि दिये जाने का प्रावधान है। जिसका विवरण निम्नानुसार है:- 1.अंत्येष्टि सहायता- रूपये 06 हजार। अनुग्रह राशि :- 1. सामान्य मृत्यु की दशा में – राशि रूपये 02 लाख 2. दुर्घटना में मृत्यु की दशा में – राशि रूपये 04 लाख (2.) संबल योजनांतर्गत कार्डधारी हितग्राही की दुर्घटना में मृत्यु होने पर रू.4.00 लाख सामान्य मृत्यु होने पर रू.2 लाख एवं अंत्येष्टि सहायता राशि रू.05 हजार (पंजीकृत श्रमिक तथा परिवार के सदस्य की मृत्यु होने पर) उपलब्ध कराई जाती है। (ख) विधानसभा 18 भितरवार में म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत समस्त पात्र हितग्राहियों को योजना के प्रावधान अनुसार भुगतान किया गया है। प्रश्नांकित अवधि में मण्डल द्वारा संचालित मृत्यु की दशा में अंत्येष्टि एवं अनुग्रह सहायता योजना अंतर्गत कोई प्रकरण भुगतान हेतु लंबित नहीं है। मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना अंतर्गत स्वीकृत एवं पात्र प्रकरणों का समय-समय पर सिंगल क्लिक के माध्यम से मृत्यु दिनांक के क्रमानुक्रम में भुगतान किया जाता है। दिनांक 10 मार्च 2024 को हुये सिंगल क्लिक में विधानसभा क्षेत्र भितरवार-18 के 165 प्रकरणों में राशि रू.3.64 करोड़ का भुगतान किया गया है। विधानसभा क्षेत्र भितरवार-18 के संबंध में वांछित जानकारी बाबत् 179 प्रकरण स्वीकृत है वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना अंतर्गत अनुग्रह सहायता के प्रकरणों में भुगतान एक सतत् प्रक्रिया है, समय-समय पर सिंगल क्लिक द्वारा बजट उपलब्धता अनुसार मृत्यु दिनांक के क्रमानुक्रम में राशि जारी की जाती है।
जैविक खेती हेतु बजट प्रावधान
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
51. ( क्र. 287 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के सभी जिले में वर्ष 2019 से 2024 तक "जैविक खेती" में कितने हेक्टेयर खेती का रकबा वृद्धि हुआ, कितने प्रकार की फसले कृषकों ने की, सभी जिले के सभी ब्लॉक की जानकरी दी जाए। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में सरकार ने सभी जिलों में जैविक खेती हेतु पिछले 5 वर्षों में प्रति वर्ष भिन्न योजनाओं के लिए कितना बजट का प्रावधान था और कितना खर्चा हुआ?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) जानकारी संबंधित डाटा संकलन/संग्रहण कार्य विभाग अंतर्गत नहीं किया जाता है। भारत सरकार वाणिज्य मंत्रालय अन्तर्गत प्रदेश बैंक पंजीकृत जैविक क्षेत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है एवं भारत सरकार कृषि मंत्रालय अंतर्गत NCONF गाजियाबाद से PGS अन्तर्गत प्रदेश के पंजीकृत जैविक क्षेत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ख) प्रदेश में जैविक खेती हेतु विगत 5 वर्षों में कृषि विभाग अन्तर्गत योजनान्तर्गत बजट प्रावधान एवं खर्चा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है।
आदिवासी ब्लॉक में हॉस्टल की सुविधा
[उच्च शिक्षा]
52. ( क्र. 289 ) डॉ. विक्रांत भूरिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के आदिवासी ब्लॉक में संचालित शासकीय कॉलेज में सभी कोर्स में अध्ययनरत विद्यार्थियों की कुल संख्या कितनी है? सभी कॉलेज की जानकारी प्रथम वर्ष से लेकर पी.जी. तक ब्लॉक अनुसार दी जाए। (ख) प्रश्नांश (क) के सम्बन्ध में कॉलेज विद्यार्थियों के लिए हॉस्टल सुविधा की जानकारी भी दी जाए। यह भी जानकारी दी जाए की यू.जी.सी. के नियम अनुसार कॉलेज में अध्ययनरत विद्यार्थी की संख्या का कितने प्रतिशत हॉस्टल सुविधा दी जाने का प्रावधान है? यदि ऐसा प्रावधान नहीं है, तब विभाग की भविष्य की नीति और योजना की जानकारी दी जाए।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) कुल संख्या 161094 है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। यूजीसी नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। वर्तमान में महाविद्यालयों को उनकी आवश्यकतानुसार हॉस्टल निर्माण हेतु उनके प्रस्ताव की व्यवहार्यता का परीक्षण कर वित्तीय संसाधनों की उपलब्धतानुसार वित्तीय सहायता दिए जाने का प्रावधान है।
पंचायत निधि से राशि निकाले जाने की लोकायुक्त से जांच
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
53. ( क्र. 293 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मप्र पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 66 में यह नियम है कि जनपद पंचायत तथा जिला पंचायत के मामले में समस्त रकम केवल वार्षिक बजट के अनुसार यथास्थिति जनपद पंचायत या जिला पंचायत की सामान्य प्रशासन समिति के पूर्व अनुमोदन से ही निकाली जाएगी? (ख) यदि हाँ, तो जिला पंचायत खरगोन की दिनांक 01/09/2022 से प्रश्न दिनांक तक सामान्य प्रशासन समिति की कितनी बैठक आयोजित की गई? समस्त बैठकों का एजेंडा, कार्यवाही वृत्त का रजिस्टर, कार्यवाही विवरण, पालन प्रतिवेदन की प्रमाणित प्रति देवेंl अभिलेख देखकर बतावें कि कितनी रकम पंचायत निधि से कब-कब निकाली गई और रकम निकाले जाने के पूर्व किस-किस बैठक में कितनी-कितनी रकम का पूर्व अनुमोदन किया गया? (ग) क्या सी.ई.ओ. जिला पंचायत खरगोन के पत्र क्रमांक 5988/लेखा/2024 खरगोन दिनांक 27.09.2024 में जिला पंचायत निधि से 82,18,366.00 रूपये राशि ऋणात्मक के संबंध में जो जानकारी प्रस्तुत की गई है उसमें रकम निकाले जाने के पूर्व सामान्य प्रशासन समिति से पूर्व अनुमोदन संबंधी कोई दस्तावेज रिकॉर्ड पर है या नहीं? (घ) यदि नहीं, तो क्या विभाग के आदेश क्रमांक एफ-2-39/22/प-1/2014/ 987/2015 भोपाल दिनांक 19.05.2015 के अनुक्रमांक-04 के पालन नहीं करने पर दोषियों पर कब तक क्या कार्यवाही करेंगे। लोकायुक्त से आदेश जारी किए जाएंगे? दोषियों के नाम, पदनाम बतावें।
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब''अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश “ग” के संदर्भ में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
स्वीकृत निर्माण कार्यों की जानकारी
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
54. ( क्र. 294 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के मनावर एवं उमरबन विकासखण्ड के किस ग्राम में किस मद एवं किस योजना से वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में कितनी-कितनी लागत के किस-किस निर्माण कार्य की तकनीकी स्वीकृति किस दिनांक को किसके द्वारा दी गई, किस-किस दिनांक को प्रशासकीय स्वीकृति दी गई, अनुमतियों की प्रति सहित बतावें। (ख) आवंटित किए गए किस कार्य के लिए कितनी राशि किस-किस दिनांक को जारी की गई, उसमें से कितनी राशि प्रश्नांकित दिनांक तक खर्च हुई है, कितनी राशि खर्च होना शेष है, कौन-सा कार्य कितना होना शेष है? (ग) जनपद पंचायत स्तर पर स्वीकृत कार्य, स्वीकृत राशि, खर्च की गई राशि एवं शेष राशि की जानकारी किस प्रारूप में रखी जाती है, उसका ब्यौरा देवें। यदि जानकारी ऑनलाईन हो तो उस ऑनलाईन साईट की जानकारी और लिंक भी उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) जनपद पंचायत स्तर पर स्वीकृत कार्य, स्वीकृत राशि, खर्च की गई राशि एवं शेष राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। जानकारी ऑनलाईन निम्नानुसार साइट पर उपलब्ध है :- मनरेगा योजनान्तर्गत जानकारी https://nrega.nic.in/MGNREGA_new/Nrega_home.aspx, ई ग्राम स्वराज पोर्टल जानकारी https://egramswaraj.gov.in, पंचायत दर्पण पोर्टल https:// mppanchayatdarpan. gov.in, प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम विकास योजना https://mahaadivikas.com
कॉलेजों में नये कोर्स के विषय प्रारंभ किया जाना
[उच्च शिक्षा]
55. ( क्र. 297 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले की तहसील इंदरगढ़ एवं सेवढ़ा में स्थित पी.जी. कालेज में विद्यार्थियों के अध्ययन के लिये कौन सी डिग्री प्राप्त करने तक की व्यवस्था है तथा यह कौन-कौन से विषय लेने की छात्र/छात्राओं को पात्रता है? (ख) उक्त दोनों कॉलेजों में कौन-कौन से विषय के प्रोफेसर है तथा कौन-कौन से विषय के नहीं है? (ग) क्या शासन द्वारा करोड़ों खर्च कर पी.जी. कॉलेज का भवन तैयार कराया परंतु यहां डिग्री के नाम पर मात्र बी.ए. का कोर्स है, बच्चों को बी.काम., बी.एस.सी. अथवा एम.ए. हेतु बाहर सैकड़ों कि.मी. दूर जाना होता है। (घ) क्या छात्र-छात्राओं के उज्जवल भविष्य के लिये यहां बी.एस.सी., बी.काम., एम.ए. कोर्स एवं उचित स्टॉफ उपलब्ध कराने की कृपा करेंगे यदि हाँ, तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) दतिया जिले की तहसील इन्दरगढ़ एवं सेवड़ा में संचालित शासकीय महाविद्यालय स्नातक महाविद्यालय है। शासकीय महाविद्यालय, इन्दरगढ़ में अध्ययनरत विद्यार्थियों को स्नातक उपाधि तथा शासकीय महाविद्यालय, सेवढ़ा में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को स्नातक व स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त करने की सुविधा है। शासकीय महाविद्यालय, इन्दरगढ़ में स्नातक स्तर पर संचालित कला संकाय अन्तर्गत हिन्दी, अंग्रेजी, इतिहास, भूगोल, राजनीतिशास्त्र एवं अर्थशास्त्र विषय अध्ययन हेतु उपलब्ध है। शासकीय महाविद्यालय सेवढ़ा में नियमित पाठ्यक्रम के रूप में संचालित कला संकाय में हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, इतिहास, राजनीतिशास्त्र, भूगोल, समाजशास्त्र तथा अर्थशास्त्र विषय और स्नातकोत्तर (नियमित पाठ्यक्रम) स्तर पर हिन्दी विषय उपलब्ध है। इस महाविद्यालय में स्नातक स्तर पर संचालित विज्ञान संकाय (स्ववित्तीय पाठ्यक्रम) अन्तर्गत जीव विज्ञान व गणित समूह तथा स्नातकोत्तर स्तर (स्ववित्तीय पाठ्यक्रम) पर समाजशास्त्र विषय उपलब्ध है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) शासकीय महाविद्यालय इन्दरगढ़ जिला दतिया का भवन निर्माण राशि रूपये 650.00 लाख की लागत से फरवरी 2020 में पूर्ण हो चुका है। शासकीय महाविद्यालय सेवढ़ा जिला दतिया पूर्व से स्वयं के भवन में संचालित है। जी नहीं। (घ) शासकीय महाविद्यालय इन्दरगढ़ में विभागीय मापदण्डों की पूर्ति होने की स्थिति में स्नातक स्तर पर नवीन संकाय एवं स्नातकोत्तर स्तर पर नवीन विषय प्रारंभ किए जाने पर विचार किया जाएगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सेथरी ग्रामीण खेल स्टेडियम का आधिपत्य खेल विभाग को सौंपा जाना
[खेल एवं युवा कल्याण]
56. ( क्र. 299 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले की विधान सभा सेवढ़ा में सेथरी पर स्थित खेल स्टेडियम जो कि प्रश्नकर्ता के पूर्व कार्यकाल 2013 से 2018 में स्वीकृत हो कर तैयार हो गया था उसकी सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराये। (ख) उक्त स्टेडियम वर्तमान में किसके आधिपत्य में है अर्थात खेल विभाग द्वारा उसे संचालित किया जा रहा है या नहीं यदि नहीं, तो क्यों, विगत 5 वर्षों से उक्त शासन की सम्पति अन्य-अन्य कार्यों में उपयोग में ली जा रही है जिससे उसका नुकसान हो रहा है और बच्चों को भी उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। (ग) क्या उक्त स्टेडियम को बच्चों के खेलने के लिये खेल विभाग को उसे सौंपे जाने का आदेश करने की कृपा करेंगे।
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) दतिया जिले की विधानसभा सेवढ़ा में सेथरी में स्थित आउटडोर खेल स्टेडियम का निर्माण पंचायत राज विभाग द्वारा निर्माण एजेन्सी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा ने लागत राशि रू.80.00 लाख से दिनांक 17.06.2016 को पूर्ण किया गया है। (ख) उक्त स्टेडियम मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत भाण्डेर के आधिपत्य में है। जी नहीं। विभागीय स्वामित्व नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। विभागीय नीति अनुसार विकासखण्ड एवं उच्च स्तर पर ही विभागीय आधिपत्य के स्टेडियम निर्माण/संचालन की योजना है।
कृषि उपज मंडियों की जानकारी
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
57. ( क्र. 310 ) श्री सुरेश राजे : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि उपज मंडियों में सुरक्षा एजेंसी तथा मंडी समिति द्वारा सुरक्षा गार्ड एवं तृतीय, चतुर्थ श्रेणी के पद पर नियुक्ति करने संबंधी आदेश/नियम की प्रति देवें तथा वर्ष 2019 से अभी तक जिला ग्वालियर की किस-किस उपज मंडी में किस सुरक्षा एजेंसी अथवा मंडी समिति के द्वारा सुरक्षाकर्मी एवं आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति की गई? कर्मचारी का नाम, पद तथा मासिक कुल वेतन सहित प्रतिमाह काटा गया पी.एफ. का विस्तृत ब्यौरा मंडी समिति का प्रस्ताव क्रमांक एवं दिनांक सहित मंडीवार जानकारी देवें। (ख) कृषि उपज मंडी डबरा, भितरवार एवं ग्वालियर में किसानों की खरीफ एवं रबी की फसलें क्रय कर रहे पंजीकृत व्यापारियों, फर्मों का नाम, पता, पंजीकृत कार्यालय का नाम/पंजीयन क्रमांक एवं नवीनीकरण अवधि जानकारी दें। (ग) क्या मंडी डबरा में किसानों की वर्तमान में धान की फसल व्यापारी द्वारा बोली लगाकर खरीदने के दौरान पक्की पर्ची किसान को नहीं देकर कच्ची पर्ची दी जा रही है तत्पश्चात फसल तोलने के दौरान मल्हार लगाकर प्रति क्विंटल रूपए 200 से 300 रूपए कम दर पर क्रय कर अप्रत्यक्ष रूप से मंडी सचिव की मिलीभगत से व्यापारी द्वारा किसान के साथ धोखाधड़ी की शिकायतें प्रशासनिक अधिकारी के मंडी भ्रमण के दौरान मिली यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) 1. कृषि उपज मंडियो में सुरक्षा एजेंसी आवश्यकतानुसार सुरक्षा गार्ड अस्थाई रूप से उपलब्ध करवाये जाते है, नियुक्ति नहीं की जाती है एवं तृतीय, चतुर्थ श्रेणी के पद पर नियुक्ति करने संबंधी आदेश/नियम की प्रति क्रमश: जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। 2. वर्ष 2019 से वर्तमान तक ग्वालियर जिले की कृषि उपज मंडी लश्कर, डबरा, भितरवार मेसर्स थर्ड आई सिक्योरिटी प्रा.लि. इन्दौर एवं वर्ष 2024 से आर.बी.ऐसोसिएटस भोपाल द्वारा सुरक्षा एजेंसी के माध्यम से सुरक्षा कर्मियों एवं आउटसोर्स कर्मचारियो को उपलब्ध कराया गया है। 3. सुरक्षाकर्मी एवं आउटसोर्स कर्मचारी का नाम, पद, मासिक कुल वेतन तथा प्रस्ताव क्रमांक एवं दिनांक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। 4. मासिक कुल वेतन सहित प्रतिमाह काटा गया पी.एफ. का विस्तृत एवं पूर्ण ब्यौरा संबंधित एजेंसी के पास रहता है एवं पी.एफ. खाते का यूटीआर नम्बर संबंधित सुरक्षाकर्मी एवं आउटसोर्स कर्मचारी को प्रदाय किया जाता है, जिससे संबंधित के पास पी.एफ. खाते की पूर्ण जानकारी रहती है। (ख) कृषि उपज मंडी समिति डबरा, भितरवार एवं ग्वालियर में किसानो की खरीफ एवं रबी की फसले क्रय कर रहे पंजीकृत कार्यालय का नाम/ पंजीयन क्रमांक एवं नवीनीकरण अवधि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) जी नहीं। कृषि उपज मंडी समिति डबरा की कम दर पर क्रय कर अप्रत्यक्ष रूप से मंडी सचिव की मिली भगत से व्यापारी द्वारा किसान के साथ धोखाधड़ी की शिकायतें प्राप्त नहीं हुई है, शेष का प्रश्न उदभूत नहीं होता।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (वाटरशेड) के कार्य
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
58. ( क्र. 311 ) श्री सुरेश राजे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (वाटरशेड) के क्रियान्वयन संबंधी नियम/आदेश की प्रति देवें एवं विधानसभा क्षेत्र डबरा के अंतर्गत संचालित वाटरशेड योजना कितनी राशि की स्वीकृत है? इस योजना में कौन-कौन से ग्राम शामिल किये गए हैं तथा ग्रामवार गठित वाटरशेड समिति के शासकीय एवं अशासकीय सदस्य/अध्यक्ष का नाम एवं मूल पद सहित मोबाइल नंबर देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार विधानसभा क्षेत्र डबरा अंतर्गत योजना के प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक किस ग्राम में कौन सा निर्माण कार्य कितनी राशि का किस दिनांक को स्वीकृत हुआ? कार्यों को पूर्ण करने की अवधि कब तक है? प्रश्न दिनांक तक प्रत्येक कार्य पर व्यय राशि सहित पूर्ण/अपूर्ण के कारण सहित प्रत्येक कार्य का भौतिक सत्यापन एवं मूल्यांकन किस सक्षम अधिकारी द्वारा किस-किस दिनांक को किया गया? नाम, मूलपद एवं मोबाइल नंबर सहित बतावें।
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-वाटरशेड विकास 2.0 के क्रियान्वयन के संबंध में भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-“अ” अनुसार है। डबरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत रूपयें 1201.42 लाख की एक परियोजना स्वीकृत हैं। इस परियोजना के अंतर्गत शामिल ग्रामों तथा वाटरशेड समितियों की प्रश्नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-“ब” अनुसार हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-“स” अनुसार हैं।
निजी विश्वविद्यालयों में कुलगुरू की नियुक्तियों में अनियमितता
[उच्च शिक्षा]
59. ( क्र. 318 ) श्री उमंग सिंघार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग ने लगभग 32 निजी यूनिवर्सिटी को एक नोटिस जारी कर मानकों का पालन कर कुलगुरू की नियुक्ति किये जाने के निर्देश वर्ष 2024 में किये गये हैं, तो कब? (ख) प्रश्नांश (क) के अंर्तगत मापदण्डों के विपरीत किन-किन को नियुक्ति प्रदान की गई? विश्वविद्यालयवार बतायें। किन-किन को हटाया? किन कारणों से? (ग) क्या कुल गुरूओं की नियुक्ति में यू.जी.सी. के मापदण्डों का पालन न किये जाने के तथ्य उजागर हुए हैं? यदि हाँ, तो इस दिशा में क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हां, म.प्र. निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग द्वारा दिनांक 20-09-2024 को पत्र जारी किया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। परीक्षण समिति की अनुशंसा को विनियामक आयोग द्वारा मान्य करते हुए मापदंडों के विपरीत नियुक्त कुलगुरू की नियुक्ति को अमान्य कर संबंधित विश्वविद्यालय के कुलाधिपति को, कुलगुरू को तत्काल पदच्युत कर कार्यवाहक कुलगुरू की नियुक्ति योग्यता एवं मापदंड अनुसार करने के निर्देश दिए गए। वर्तमान में प्रकरण के कतिपय विश्वविद्यालय द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन और अभिलेखों का परीक्षण समिति के समक्ष प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रिक्त पदों पर पदस्थापना
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
60. ( क्र. 319 ) श्री उमंग सिंघार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग/विभागीय उपक्रम निर्माण संबंधी निविदाओं में ज्वाइन्ट वेन्चरर्स को भाग लेने का प्रावधान है, यदि हाँ, तो वर्ष 2020 से आज दिनांक तक आमंत्रित निविदा एवं इसमें भाग लेने वाल पात्र/ अपात्र निविदाकारों एवं इसके उपरान्त स्वीकृत कार्यों के कार्यादेशों की जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) क्या एमपीआरआरडीए में सीजेएम के रिक्त पद को विभाग द्वारा विज्ञापन आमंत्रित कर पदपूर्ति करने का प्रावधान/नियम है? यदि हाँ, तो क्या वर्ष 2024 में सीजेएम (एम) का पद बिना विज्ञापन आंमत्रित किये पदपूर्ति की गई है यह विभाग/शासन के नियमों के विपरीत है? यदि हाँ, तो इस पदपूर्ति को कब तक निरस्त किया जावेगा? क्या उक्त विभाग में ईएनसी के पद की, पदपूर्ति शासन द्वारा निर्धारित नियमों के तहत हुई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या प्रदेश के जिलों में आरईएस संभाग, म.प्र.ग्रा.स.क्रि.ई. एवं जनपद पंचायतों में इनके प्रमुखों के स्वीकृत पदों में सभी पद में नियमित/प्रभारी अधिकारी विभाग/शासन द्वारा पदस्थ है? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक शासन/विभाग द्वारा इन शासकीय संस्थाओं में प्रमुखों की पदस्थापना कर दी जाएगी?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। एम.पी.आर.आर.डी.ए में सी.जी.एम के रिक्त पद को विभाग द्वारा विज्ञापन आमंत्रित कर, प्रतिनियुक्ति से पदपूर्ति करने का प्रावधान/नियम है। वर्ष 2024 में प्रशासकीय निर्णय के क्रम में सी.जी.एम (संधारण) के पद की पूर्ति की गई, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। जी हाँ, विभाग में ईएनसी के पद की पदपूर्ति शासन द्वारा निर्धारित नियमों के तहत हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, जिलों के कुछ कार्यालय प्रमुख, नियमित अधिकारी/प्रभारी अधिकारी, विभाग/शासन द्वारा पदस्थ है। नियमित अधिकारियों की कमी के कारण कार्य सुविधा की दृष्टि से जिलों के शेष कार्यालय में अस्थायी रूप से अधिकारियों को स्थानीय स्तर पर प्रभार सौंपा गया है। बहुतायत में अधिकारियों की सेवानिवृत्ति होने एवं पदोन्नति नहीं हो सकने के दृष्टिगत समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय आयुर्वेदिक औषधालय भवन की जानकारी
[आयुष]
61. ( क्र. 322 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या आयुष मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय आयुर्वेदिक औषधालय नरयावली विधानसभा क्षेत्र के किन-किन ग्राम/ग्राम पंचायतों/ नगर पंचायत/नगर पालिका क्षेत्र में संचालित है? औषाधालयों की विस्तृत जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित शासकीय औषधालय भवन स्वयं के भवन में संचालित हैं एवं कौन-कौन औषधालय अन्य शासकीय भवनों/किराये के भवनों में संचालित है? विस्तृत जानकारी देवें? (ग) क्या शासकीय आयुर्वेदिक औषधालय डुंगासरा वि.ख. सागर के लिए भवन निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो विस्तृत जानकारी देवें। (घ) यदि प्रश्नांश (ग) में वर्णित शासकीय भवनों की स्वीकृति प्रदान की गई थी तो भवन निर्माण कार्य क्यों नहीं किया गया विभाग द्वारा भवन स्वीकृति के उपरांत निर्माण कार्य के संबंध में क्या कार्यवाही की?
आयुष मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (घ) विभाग द्वारा निर्माण एजेंसी को संयुक्त रूप से आवंटन उपलब्ध कराया जाता है। भवन निर्माण कार्य शीघ्र संपन्न किया जावेगा।
कृषि उपज मण्डी सागर की आय की जानकारी
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
62. ( क्र. 323 ) श्री इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि उपज मण्डी, सागर में वर्ष 2023-24 एवं वर्ष 2024-25 में प्रश्न दिनांक तक विभिन्न स्त्रोतों से मण्डी को कितनी आय प्राप्त हुई? माहवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्न (क) में वर्णित आय से बोर्ड/विभाग द्वारा किन-किन मदों में कितनी राशि खर्च की गई? माहवार जानकारी देवें। (ग) कृषि उपज मण्डी, सागर अंतर्गत कितनी कृषि उपज उप मण्डी संचालित है? जानकारी देवें तथा कृषि उपज उप मण्डी, कर्रापुर की वर्ष-2023-24 एवं वर्ष-2024-25 में प्रश्न दिनांक तक विभिन्न स्त्रोतों से कितनी आय प्राप्त हुई? माहवार विस्तृत जानकारी देवें। (घ) प्रश्न (ग) में वर्णित कृषि उपज उप मण्डी, कर्रापुर द्वारा किन-किन मदों में कितनी राशि खर्च की गई? माहवार जानकारी देवें।
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) कृषि उपज मण्डी, सागर में विभिन्न स्त्रोतों से वर्ष 2023-24 में कुल आय राशि रूपये 15,26,85,808/- एवं वर्ष 2024-25 (माह नवम्बर-2024 तक) में कुल आय राशि रूपये 8,42,56,201/- प्राप्त हुई है। माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) कृषि उपज मण्डी, सागर द्वारा प्राप्त आय से विभिन्न मदों में वर्ष 2023-24 में राशि रूपये 14,17,01,369/- एवं वर्ष 2024-25 (माह नवम्बर-2024 तक) में राशि रूपये 7,00,48,676/- व्यय की गई हैं। माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 एवं 4 अनुसार है। (ग) कृषि उपज मण्डी सागर के अंतर्गत (1) कर्रापुर (2) शाहपुर उप मण्डी संचालित है। कृषि उपज मण्डी सागर की उप मण्डी कर्रापुर में विभिन्न स्त्रोतों से वर्ष 2023-24 में कुल आय राशि रूपये 30,87,252.00 एवं वर्ष 2024-25 (माह नवम्बर 24 तक) में कुल आय राशि रूपये 21,72,571.00 प्राप्त हुई हैं। माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 एवं 6 अनुसार है। (घ) उपमण्डी कर्रापुर द्वारा कोई राशि व्यय नहीं की गई हैं। मंडी समिति सागर द्वारा किये गये व्यय में उपमण्डी कर्रापुर हेतु किया गया व्यय शामिल हैं।
करैरा एवं नरवर तहसीलों में खाद की समस्या
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
63. ( क्र. 340 ) श्री रमेश प्रसाद खटीक : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) करैरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत करैरा एवं नरवर तहसीलों में D.A.P. यूरिया खाद कृषकों को आवंटन हेतु कितना आवंटित किया गया? बताएं। (ख) विधानसभा क्षेत्र में कृषकों को पर्याप्त मात्रा में D.A.P. एवं यूरिया नहीं मिल पा रहा है जिससे क्षेत्र के किसानों को रबी की फसले का समय पर बोनी नहीं हो पा रही है? खाद की समस्या बनी हुई है? क्या समय पर खाद मिल पायेगा? (ग) यदि किसानों को समय पर खाद नहीं मिला तो किसानों की फसले नहीं हो सकती। (घ) कब तक किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद मिल पायेगा?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) करैरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत करैरा एवं नरवर में रबी वर्ष 2024-25 में आज दिनांक 25.11.2024 तक कृषकों हेतु करैरा तहसील को 2360 मे.टन यूरिया एवं 967 मे.टन डीएपी एवं नरवर तहसील को 684 मे.टन यूरिया एवं 273 मे.टन डीएपी उपलब्ध कराया गया है। (ख) जिले में उर्वरकों का पर्याप्त भण्डारण किया गया है एवं लगातार डीएपी, एनपीके, यूरिया की रैक प्राप्त हो रही है। जिससे कृषकों को आवश्यकतानुसार उर्वरक उपलब्ध कराया जा रहा है एवं समय पर बोनी हो रही है। (ग) जिले में किसानों को समय पर खाद उपलब्ध कराया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) आज दिनांक 25.11.2024 को करैरा तहसील में यूरिया 892 मे.टन, डीएपी 152 मे.टन, एनपीके 224 मे.टन एवं एसएसपी 1522 मे.टन उपलब्ध है एवं नरवर तहसील में यूरिया 182 मे.टन, डीएपी 14 मे.टन, एनपीके 100 मे.टन एवं एसएसपी 335 मे.टन उपलब्ध है। किसानों को पर्याप्त मात्रा में उर्वरक वितरण किया जा रहा है।
ग्राम पंचायतों में स्वीकृत 102 कार्यों की जांच
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
64. ( क्र. 367 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले के जनपद पंचायत बदरवास अंतर्गत वर्ष 2023-24 बगैर सक्षम तकनीकी स्वीकृति के विभिन्न ग्राम पंचायतों में 102 कार्य स्वीकृत हुए है? उनमें से केवल 01 पंचायत रिजौदी के 05 कार्यों की जांच की गई है? यदि हाँ, तो, शेष पंचायतों के कार्यों की जांच एवं उनके विरूद्ध कार्यवाही क्यों नहीं की गई? उक्त जांच कर कार्यवाही शेष पंचायतों के विरूद्ध कब तक की जाएंगी? निश्चित समय अवधि बतायें। (ख) क्या उक्त 102 स्वीकृति कार्यों में से 97 कार्यों की जांच न करने की ऐवज में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है, यदि नहीं, तो, शेष 97 कार्यों की जांच कर उन पंचायतों के विरूद्ध रिजौदी पंचायत जैसी कार्यवाही क्यों नहीं की गई? उक्त कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ग) क्या कलेक्टर जिला शिवपुरी ने वर्ष 2024 में सीईओ जनपद पंचायत बदरवास के विरूद्ध भ्रष्टाचार एवं अनियमितताएं किये जाने के कारण जिला से बाहर स्थानांतरण किये जाने हेतु अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को पत्र लिखा था यदि हाँ, तो, पत्र के प्रति संलग्न कर जानकारी दे कि उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों की जांच हेतु कमेटी बनाई गई थी यदि हाँ, तो, उक्त कमेटी द्वारा क्या-क्या जांच कब-कब की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी नहीं, जनपद पंचायत बदरवास अंतर्गत वर्ष 2023-24 में 36 कार्यों की तकनीकी स्वीकृति सक्षम अधिकारी द्वारा एवं 66 कार्यों की बगैर सक्षम तकनीकी स्वीकृति के विभिन्न ग्राम पंचायतों में कार्य स्वीकृत हुए है, उन सभी ग्राम पंचायतों की जांच कराई जा चुकी है। बगैर सक्षम अधिकारी के तकनीकी स्वीकृति जारी किये जाने हेतु दोषी सहायक यंत्री श्री रोहन शर्मा को आयुक्त, ग्वालियर संभाग के आदेश कं./स्था/विकास/23-4/72/2024 दिनांक 27 सितम्बर, 2024 से निलंबित किया जा चुका है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश (ख) के क्रम में जांच कराई गई, जिसमें 36 कार्यों की तकनीकी स्वीकृति सक्षम अधिकारी द्वारा जारी किया जाना पाया गया एवं जांच दल द्वारा किये गये कार्य मौके पर होना पाये गये है, शेष 61 कार्यों की बगैर सक्षम अधिकारी के तकनीकी स्वीकृति जारी किये जाने हेतु मुख्यतः दोषी सहायक यंत्री श्री रोहन शर्मा को निलंबित किया जा चुका है। (ग) जी हाँ, उक्त पत्र पर निर्णय हेतु नस्ती वरिष्ठ स्तर पर प्रस्तुति में है। (घ) जी हाँ, जिला स्तरीय कमेटी द्वारा मौका स्थल पर कार्यों का भौतिक निरीक्षण एवं दस्तावेजों का सत्यापन दिनांक 20.02.2024 एवं दिनांक 09.08.2024 को किया गया है। जांच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है।
कुलपति की नियुक्ति निरस्त की जाना
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
65. ( क्र. 368 ) श्री कैलाश कुशवाहा : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कोई भी अभ्यर्थी जिसकी दो से अधिक जीवित संतान है, जिनमें एक का जन्म 26 जनवरी 2001 के बाद हुआ हो, किसी सेवा या पद पर नियुक्ति के लिए पात्र नहीं होगा का नियम है, यदि हाँ, तो 28 अक्टूबर, 2022 को श्री अरविंद कुमार शुक्ला को तीन जीवित बच्चे होने के बाद भी राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर का कुलपति कैसे नियुक्त किया है? कुलपति के विरुद्ध शासन/राजभवन में प्राप्त शिकायतों पर की गई कार्यवाही की जानकारी दें। (ख) क्या 28 अक्टूबर, 2022 के बाद आरवीएसकेवीवी ग्वालियर एवं अधीनस्थ इकाइयों में वरिष्ठता सूची के आधार पर प्रभार सौंपे गए हैं? यदि हाँ, तो विश्वविद्यालय के अंतर्गत समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों की वरिष्ठता सूची, प्रभार आदेश तथा प्रभार दिए जाने का मध्य प्रदेश शासन के नियम सहित विस्तृत जानकारी दें। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) में की गई नियुक्ति कब तक निरस्त की जावेगी एवं आहरित वेतन कब तक वसूल किया जाएगा? निश्चित समय-सीमा बताएं। (घ) प्रश्नांश (ख) में नियम विरुद्ध किये गए कार्यों के लिए जिम्मेदार कुलपति पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। किन्तु राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर के कुलपति नियुक्ति रा.वि.सिं.कृ.वि.वि. ग्वालियर अधिनियम 2009 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है एवं विश्वविद्यालय परिनियम 2014 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। के अधीन निहित शर्तों एवं प्रक्रिया के तहत माननीय कुलाधिपति, राजभवन, भोपाल द्वारा की जाती है। राजभवन भोपाल के आदेश क्रमांक एफ-1-7/22/रा.स./यू.ए1/1420 दिनांक 28.10.2020 के द्वारा डॉ. अरविन्द कुमार शुक्ला, परियोजना समन्वयक ए.आई.सी.आर.पी.-माइक्रोन्यूट्रिएन्ट्स, भा.कृ.अ.प. –भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान, भोपाल को कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से पांच वर्ष के लिए रा.वि.सिं.कृ.वि.वि. ग्वालियर का कुलपति नियुक्त किया गया है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। जिसके पालन में भा.कृ.अ.प. नई दिल्ली द्वारा पत्र क्रमांक 95 (03)/2020/-Per-III दिनांक 15.11.2022 के द्वारा डॉ. अरविन्द कुमार शुक्ला, को रा.वि.सिं.कृ.वि.वि. ग्वालियर के कुलपति के पद पर उपस्थिति हेतु कार्यभार ग्रहण करने तिथि से पांच वर्ष के लिए प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। माननीय कुलपति के विरूद्ध शासन/राजभवन में प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जी नहीं। आर.वी.एस.के.वी.वी. ग्वालियर अधिनियम 2009 एवं विश्वविद्यालय परिनियम 2014 में वरिष्ठता के आधार पर प्रभार दिये जाने के संबंध में कोई उल्लेख नहीं है। 28 अक्टूबर, 2022 के बाद कुलपति महोदय द्वारा पद की योग्यता के आधार पर अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रभार दिए गये हैं। (ग) उत्तरांश (क) के संबंध में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ख) के संबंध में नियम विरूद्ध कार्य नहीं किये गये हैं अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
भटपुरा से परीक्षा मार्ग का पुनर्निर्माण
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
66. ( क्र. 371 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत निर्मित भटपुरा से परीक्षा मार्ग की सड़क अत्यंत जर्जर एवं दोनों ओर से पोली हो गई है उसका निर्माण क्यों नहीं कराया जा रहा है? (ख) उक्त मार्ग का निर्माण कब तक किया जाएगा? (ग) भटपुरा नदी पर निर्मित पुल जर्जर हो गया है एवं अत्यंत नीचा भी है तो उसे बड़ा एवं ऊंचाई पर बनाए जाने की क्या योजना बनाई है? (घ) विधानसभा क्षेत्र मुरैना अंतर्गत कितने मार्ग जर्जर स्थिति में है? सूची देवें। इन जर्जर मार्गों के निर्माण की क्या योजना बनाई है?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) दतहरा से परीक्षा मार्ग का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के पैकेज क्रमांक MP2503 के अंतर्गत वर्ष 2003 में पूर्ण कराया गया था। दतहरा से परीक्षा मार्ग के मध्य में ग्राम भटपुरा पड़ता है। वर्तमान में उक्त मार्ग पैकेज क्रमांक MP25FTN006 के अंतर्गत 15 वर्ष पश्चात संधारण अवधि में है। 15-16 सितम्बर 2024 को तिघरा डेम से पानी छोड़े जाने के कारण यह मार्ग बाढ़ से प्रभावित हो गया था, इस कारण इस मार्ग पर पूर्व से निर्मित VCW एवं मार्ग की लगभग 1 कि.मी. लंबाई क्षतिग्रस्त हो गई थी। वर्तमान में संबंधित संविदाकार द्वारा उक्त मार्ग पर क्षतिग्रस्त हुये भाग पर मरम्मत कार्य कराया जाकर मार्ग को मोंटरेबल कर दिया गया है। वर्तमान में मार्ग पर आवागमन सुचारू रूप से संचालित है। (ख) उक्त मार्ग का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-I में पैकेज क्र. एमपी 2503 के अंतर्गत वर्ष 2003 में पूर्ण कराया गया था। मार्ग पर बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हुये भाग पर मरम्मत कार्य कराया जाकर मार्ग को मोंटरेबल कर दिया गया है। उक्त मार्ग पैकेज क्रमांक MP25FTN006 के अंतर्गत 15 वर्ष पश्चात संधारण अवधि में है। वर्तमान में मार्ग पर आवागमन सुचारू रूप से संचालित है। (ग) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-I में निर्मित दतहरा से परीक्षा मार्ग का निर्माण पैकेज क्र एमपी 2503 के अंतर्गत वर्ष 2003 में पूर्ण कराया गया था। इस मार्ग के चैनेज 4000 मी. में भटपुरा नदी पर लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित वेन्टेड कॉस वे (VCW) है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-I में निर्मित मार्गों में अन्य विभाग से निर्मित पुल के उन्नयन/नवीन निर्माण हेतु वर्तमान में कोई योजना नहीं है। (घ) विधानसभा क्षेत्र मुरैना के अंतर्गत 4 मार्ग क्षतिग्रस्त हुए हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सहकारी समितियों का संचालन
[सहकारिता]
67. ( क्र. 379 ) कुँवर अभिजीत शाह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिला अंतर्गत कुल कितनी सहकारी समितियां संचालित है? इनके प्रबंधक, कार्यक्षेत्र, पंजीयन नंबर, पंजीयन दिनांक तथा कर्तव्यों की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) विभाग द्वारा सहकारी समितियों को डिफाल्टर घोषित करने के क्या मापदण्ड है? हरदा जिला अंतर्गत कितनी सहकारी समितियां विगत 03 वर्षों में किस कारण से डिफाल्टर घोषित की गई है? इनके आदेशों की प्रति उपलब्ध करावें। इन डिफाल्टर सहकारी समितियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ऐसी कितनी सहकारी समितियां है, जो डिफाल्टर होने के उपरांत भी वर्तमान में विभागीय कार्य संचालित कर रही है? इन सहकारी समितियों द्वारा क्या कोई अर्थदण्ड/ जुर्माना राशि जमा कर पुनः कार्य किया जा रहा है? यदि हां, तो इनकी संपूर्ण जानकारी राशि, जमा दिनांक, चेक/चालान नंबर सहित उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित डिफाल्टर समितियां किस कारण से वर्तमान में कार्य संचालित कर रही है? उनका क्या कारण है?
सहकारिता मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) हरदा जिले में कुल 480 सहकारी समितियां संचालित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा किसी भी सहकारी समिति को डिफाल्टर घोषित नहीं किया जाता है। शेष प्रश़्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आयुर्वेद अस्पतालों का नियमित रूप से संचालन
[आयुष]
68. ( क्र. 384 ) श्री दिनेश गुर्जर : क्या आयुष मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने आयुष औषधालय स्वीकृत हैं? इनमें से कितने औषधालय वर्तमान में संचालित किये जा रहे हैं? (ख) उक्त औषधालय को नियमित रूप से संचालित क्यों नहीं कराया जा रहा है? ग्रामीण क्षेत्र की जनता को इसका लाभ कब तक प्राप्त हो पाएगा? (ग) उक्त औषधालयों में कितना स्टाफ स्वीकृत है एवं कितने पदस्थ हैं? औषधालयवार जानकारी देवें। (घ) विधानसभा क्षेत्र की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए क्या नवीन आयुष औषधालय को स्वीकृत किया जाएगा यदि हाँ, तो कब तक?
आयुष मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) 02 आयुष औषधालय स्वीकृत होकर संचालित है। 1. शासकीय आयुर्वेद औषधालय रिठोराकलॉ। 2. शासकीय आयुर्वेद औषधालय विचौला। (ख) औषधालय नियमित रूप से संचालित है तथा क्षेत्रीय जनता को चिकित्सा का लाभ प्रदान किया जा रहा है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (घ) निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वाहन किराया एवं मानदेय भुगतान
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
69. ( क्र. 390 ) श्री नितेन्द्र बृजेन्द्र सिंह राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा जनपद पंचायत अध्यक्षों को वाहन सुविधा एवं डीजल सहित 35000/- रूपये मासिक के मान से वाहन किराया एवं अध्यक्ष का मानदेय भुगतान करने के नियम हैं? (ख) जिला निवाड़ी अंतर्गत जनपद पंचायत निवाडी एवं पृथ्वीपुर के अध्यक्ष को माह जनवरी 2020 से माह जुलाई 2022 तक की अवधि का कितना वाहन किराया एवं 2015 से 2022 तक की अवधि का कितना अध्यक्ष मानदेय भुगतान किया गया है? वाहन किराया एवं मानदेय भुगतान का माहवार विवरण दें। (ग) वाहन किराया एवं मानदेय भुगतान किस देयक से किया गया है, देयक क्रमांक, दिनांक एवं बैंक खाता इत्यादि का विवरण दें? जनपद पंचायत अध्यक्षवार अलग-अलग दें। (घ) वाहन किराया एवं मानदेय भुगतान अध्यक्ष को किए जाने के नियम हैं और वाहन किराया एवं मानदेय भुगतान नहीं किया गया है तो इसके लिए कौन अधिकारी दोषी है उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी है? या की जायेगी।
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
5वें एवं 15वें वित्त के व्यय की जानकारी
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
70. ( क्र. 391 ) श्री नितेन्द्र बृजेन्द्र सिंह राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 5वें एवं 15वें वित्त आयोग में विगत दो वर्षों में विधानसभा क्षेत्र पृथ्वीपुर अन्तर्गत जनपद पंचायत जतारा में 5वां/15वां वित्त आयोग में निम्नांकित ग्राम पंचायतों में खरबम्हौरी, कुवंरपुरा, मोहनगढ, बिदारीखास, विजरावन, मउबुजुर्ग बंधा, बरेठी, रामनगर, देवखा, वर्माताल, लुहरगुवा, नादिया, धर्मपुरा, धामना, बछौडा, वैदऊ मोगना, गोर, मालपीथा, दरगॉयकलां, पचंमपुरा, नदंनवारा, रानीपुरा, लखैपुर, भौरगढ, रमपुरा, शिवराजपुर, अचर्रा मडखेरा, खाकरौन, मस्तापुर, हतेरी, बरेठी, पूनौल, दिगौडा में कौन-कौन कार्य लिये गये हैं? वर्षवार कितनी-कितनी राशि किस पर व्यय की गई है? सम्पूर्ण जानकारी देवें। (ख) 5वें वित्त आयोग में पृथ्वीपुर विधानसभा में विगत दो वर्षों में निर्माण कार्य एवं साफ सफाई पर कितना-कितना व्यय किया गया है? 5वां वित्त आयोग में विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत साफ-सफाई के कार्यों में किस-किस वेण्डर में कितनी-कितनी राशि डाली गई है? ग्राम पंचायतवार एवं वर्षवार सम्पूर्ण जानकारी का विस्तृत विवरण दें। (ग) विधानसभा पृथ्वीपुर क्षेत्रान्तर्गत 5वां वित्त आयोग से साफ-सफाई का कार्य किया गया है तो उक्त कार्य का मूल्याकंन किस सेक्टर प्रभारी के द्वारा किया गया है? सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें।
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) विधानसभा पृथ्वीपुर अंतर्गत आने वाली 20 ग्राम पंचायतों द्वारा 5वां वित्त आयोग से साफ-सफाई कार्य कराया गया, जिसमें से 01 ग्राम पंचायत का मूल्यांकन किया गया है। शेष 19 ग्राम पंचायतों द्वारा किये गये व्यय का मूल्यांकन नहीं किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है।
निर्धारित दरों से मानदेय का भुगतान
[श्रम]
71. ( क्र. 400 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के शासकीय, अर्द्धशासकीय, निगम, मण्डल आदि इकाइयों में कार्यरत अकुशल, अर्द्धकुशल, कुशल, उच्च कुशल श्रेणी के श्रमिकों को किस दर से मानदेय प्रदाय किए जाने के निर्देश सरकार की तरफ से दिए गए है? निर्देशों की प्रति प्रदाय करें। इन निर्देशों के अनुक्रम में छतरपुर जिले में श्रेणी अनुसार कितना मानदेय निर्धारित किया गया है। (ख) छतरपुर जिले में कार्यरत उक्त श्रेणी के क्या सभी श्रमिकों को नवीनतम संशोधित दरों के अनुसार मानदेय मिल रहा है? नहीं तो किन लोगों को नहीं मिल रहा है? इनके नाम तथा कारणों सहित जानकारी प्रदाय करें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में कारणों के निराकरण हेतु किए गए प्रयासों का ब्यौरा क्या है? कब तक निर्धारित दरों से मानदेय प्रदाय कर दिया जाएगा?
श्रम मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) प्रदेश के शासकीय, अर्द्धशासकीय, निगम, मण्डल आदि इकाइयों में कार्यरत् अकुशल, अर्द्धकुशल, कुशल, उच्च कुशल श्रेणी के श्रमिकों हेतु श्रम विभाग द्वारा मानदेय निर्धारित नहीं किया जाता है। अपितु न्यूनतम वेतन की दरें अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर निर्धारित की जाती है। छतरपुर जिले में न्यूनतम वेतन की दरें पृथक से निर्धारित नहीं की जाती है। प्रदेश हेतु दिनांक 01.10.2024 से लागू न्यूनतम वेतन दरों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) में मानदेय के परिप्रेक्ष्य में जानकारी श्रम विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है।
सहकारिता विभाग में घोटले की जांच
[सहकारिता]
72. ( क्र. 403 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान सिमरिया जिला पन्ना शाखा प्रबंधक, पूर्व प्रभारी जिला महाप्रबंधक के नियम विरुद्ध प्रभारी बनाए जाने से लेकर करोड़ों के गबन की दर्जनों शिकायतें कई सालों से आज भी अपूर्ण है? इतने वर्षों में उक्त के खिलाफ शिकायत और सबूत होने के बावजूद कार्यवाही न किया जाना और जांच को लटकाए रखना कितना न्यायोचित है? क्या शासन इस पर कड़े दिशा-निर्देश देने की कृपा करेंगे? (ख) जिला सहकारी बैंक पन्ना अंतर्गत अभी तक कितने महाप्रबंधकों पर गबन करने के आरोप सिद्ध हुए हैं और कितने लोगो पर अभी तक एफ.आई.आर. दर्ज हुई है? आज भी दर्जनों ऐसे समिति प्रबंधक हैं जिन पर वसूली संस्थित है फिर उन्हें किस आधार पर मौके दिए जा रहे है जबकि अमानत में खयानत का प्रकरण दर्ज क्यो नहीं किया गया है? सहायक समिति प्रबंधक भिलसांय की कई शिकायतों के बावजूद गबन की सिद्धता के बाद भी कार्यवाही, एफ.आई.आर न होना किसकी लापरवाही है और उक्त समिति प्रबंधक पर कितने रुपए की वसूली निकली है? यदि वसूली निकली है तो अभी तक क्यों वसूल नहीं की गई? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? साथ ही अभी तक इन पर एफ.आई.आर. दर्ज कर सेवा से पृथक क्यों नहीं किया गया?
सहकारिता मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बी.एड. प्रथम सेमेस्टर विषय कोड-105 का पुन: मूल्यांकन
[उच्च शिक्षा]
73. ( क्र. 409 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल के रजिस्ट्रार के द्वारा मेरे पत्र क्र. 764 दिनांक 19.07.2024 के सम्बन्ध में क्र./261/गोपनीय/2024 भोपाल दिनांक 21.08.2024 को बी.एड. प्रथम सेमेस्टर विषय कोड-105 दिसम्बर 2023 अनुक्रमांक-2468900186 का निष्पक्ष मूल्यांकन शिकायत के पश्चात् भी क्यों नहीं करवाया गया था? (ख) उत्तर पुस्तिका के अवलोकन के पश्चात् सही जबाव को काटा/निरस्त किया गया तथा निर्धारित अंक प्रदान नहीं करके मूल्यांकनकर्ता द्वारा गम्भीर अनियमितताएँ की गई हैं, निष्पक्ष मूल्यांकन नहीं करने पर मूल्यांकनकर्ता के विरूद्ध शिकायत के पश्चात् अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) दिससबर 2023, अनुक्रमांक 2468900186 विषय कोड 105 का शिकायत के पश्चात मूल्यांकनकर्ता की घोर लापरवाही तथा गम्भीर अनियमितताओं को देखते हुए उत्तर पुस्तिका विषय कोड-105 का पुनः मूल्यांकन अभी तक नहीं करवाया गया है। कब तक पुनः मूल्यांकन करवाकर परिणाम से अवगत कराया जाएगा? (घ) मूल्यांकनकर्ता के विरूद्ध असत्य मूल्यांकन करने पर बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों नहीं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) अनुक्रमांक 2468900186 वाले छात्र की उत्तर पुस्तिकाओं का वरिष्ठ विषय विशेषज्ञ से मूल्यांकन करवाया गया, जिसमें छात्र की उत्तर पुस्तिकाओं का पूर्व में किया गया मूल्यांकन सही पाया गया एवं अंकों में कोई भी परिवर्तन नहीं हुआ है। इसकी सूचना माननीय विधायक को विश्वविद्यालय के पत्र क्रमांक 1261/गोपनीय/2024 दिनांक 21/08/2024 के द्वारा दी गई जो सुलभ अवलोकन के लिए जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अनुक्रमांक 2468900186 विषय रीडिंग रिफलैक्टिंग कोड 105 का विषय विशेषज्ञ से परीक्षण करवाया गया। परीक्षण उपरांत कोई अनियमितता नहीं पाई गई, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बी.एड. का परीक्षा परिणाम निरस्त/अमान्य करने की कार्यवाही
[उच्च शिक्षा]
74. ( क्र. 410 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा द्वारा प्रश्नकर्ता के पत्र क्र.-1013 दिनांक 15.10.2024 तथा आयुक्त उच्च शिक्षा द्वारा प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्र.-1012 दिनांक 15.10.2024 के द्वारा तथा रजिस्ट्रार बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल को प्रश्नकर्ता पत्र द्वारा वस्तुस्थिति से अवगत कराने के पश्चात कार्यवाही करते हुए बी.एड. परीक्षा परिणाम निरस्त/अमान्य कब तक किया जाएगा? (ख) बी.एड. वर्ष 2014 तथा रोल नम्बर-903065 एवं नामांकन क्रमांक- आर-1360520 का परीक्षा परिणाम अमान्य/निरस्त किया गया है या नहीं? म.प्र. कोटे का दुरूपयोग करने तथा बी.एड. में म.प्र. कोटे से प्रवेश लेने पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करवाया जाएगा? (ग) मूल निवासी प्रमाण-पत्र क्र. आरएस/442/0101/696/2013 दिनांक 01.03.2013 सारंगपुर जिला राजगढ़ से वर्ष 2013 में शपथ-पत्र में असत्य कथन के आधार पर बनवाकर तथा मध्य प्रदेश कोटे से सेवियर कॉलेज, भोपाल में वर्ष 2013 में बी.एड. में प्रवेश लेने तथा वर्ष 2014 में बी.एड. करने की शिकायत के 6 माह पश्चात् भी बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल द्वारा अभी तक बी.एड. 2014 परीक्षा परिणाम निरस्त/अमान्य नहीं किया गया है। अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (घ) सेवियर कालेज भोपाल के विरूद्ध कार्यवाही करके बी.एड. की मान्यता समाप्त की जायेगी हाँ तो कब तक नहीं तो क्यों नहीं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) प्रकरण में कार्यवाही प्रचलित है। (ख) प्रकरण में जिलाधीश महोदय को मूल निवासी प्रमाण-पत्र की वैधता की जांच हेतु विश्वविद्यालय द्वारा पत्र क्रमांक: 370-अ/परीक्षा/ब.वि.वि./2024 दिनांक 27.11.2024 प्रेषित किया गया है। जांच उपरांत विश्वविद्यालय द्वारा यथोचित कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार।
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित पन्ना में गबन
[सहकारिता]
75. ( क्र. 412 ) श्री राजेश कुमार वर्मा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या.शिवपुरी अंतर्गत किस शाखा में करोड़ो रूपये का गबन हुआ है? उसका वर्ष एवं गबन की राशि कितनी थी? क्या उक्त गबन होने पर संबंधित शाखा में पदस्थ शाखा प्रबंधक, केशियर सहित मुख्यालय लेखाकक्ष में पदस्थ सभी कर्मचारियों के साथ-साथ तत्समय पदस्थ बैंक के मुख्यकार्यपालन अधिकारियों पर भी एफ.आई.आर. के साथ विभागीय कार्यवाही की गई थी, सभी के नाम एवं पद सहित जानकारी देवें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार ही गबन का प्रकरण जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित पन्ना के मुख्यालय में वर्ष 2017 से 2021-22 के मध्य हुआ है? यदि हाँ, तो उक्त प्रकरण में सिर्फ एक लिपिक एवं एक लेखापाल पर ही क्यों एफ.आई.आर. दर्ज हुई है? क्या जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक पन्ना जिला बैंक शिवपुरी से भिन्न हैं, जिला बैंक शिवपुरी की तरह पन्ना में भी लेखाकक्ष के सभी कर्मचारियों जिनकी आई.डी. का उपयोग गबन में हुआ है एवं सीबीएस नोडल अधिकारी, सहायक एवं तत्समय पदस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारियों पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई? क्या उक्त सभी पर कार्यवाही की जावेगी? नहीं तो क्यों? (ग) जिला बैंक पन्ना के 18200000 रू. के प्रकरण में वर्तमान में पदस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा जानबूझकर बैंक मुख्यालय के ही कर्मचारी जो सीधे तौर पर गबन में शामिल हैं, जैसे लेखा प्रभारी, अन्य लिपिक एवं सीबीएस नोडल अधिकारी एवं सहायक नोडल अधिकारी उन पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई?
सहकारिता मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) जी हाँ, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, शिवपुरी की शाखा कोलारस, करैरा तथा शाखा बैराड़ में गबन होना पाया गया है। अभी तक हुई जांच अनुसार शाखा कोलारस में वर्ष 2013 से 2021 के मध्य राशि रूपये 80.56 करोड़, शाखा करैरा में वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक की अवधि में रूपये 3.82 करोड़ एवं शाखा बैराड़ में वर्ष 2019-20 से वर्ष 2021-22 में राशि रूपये 0.05 करोड़ कुल राशि रूपये 84.43 करोड़ का गबन हुआ है। बैंक शाखा कोलारस में हुये गबन अंतर्गत शाखा के तत्कालीन प्रभारी कैशियर, प्रभारी शाखा प्रबंधक एवं मुख्यालय लेखाकक्ष में पदस्थ प्रभारी प्रबंधक (लेखा), सहायक लेखापाल, सीबीएस कक्ष प्रभारी तथा गबन अवधि में पदस्थ रहे मुख्य कार्यपालन अधिकारियों पर भी एफआईआर दर्ज हुई है। सभी दोषियों को निलंबित कर उनके विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित की गयी है तथा राशि वसूली हेतु न्यायालय उप पंजीयक सहकारी संस्थायें, शिवपुरी से रूपये 80.60 करोड़ की संयुक्त डिक्री जारी है। सभी अधिकारी/कर्मचारियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शाखा करैरा में हुये गबन में तत्कालीन प्रभारी कैशियर, प्रभारी शाखा प्रबंधक के साथ ही एक समिति के समिति प्रबंधक कुल 05 के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करायी गयी है एवं बैंक में कार्यरत कर्मचारियों को निलंबित कर उनके विरूद्ध विभागीय जांच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है तथा राशि वसूली हेतु न्यायालय उप पंजीयक सहकारी संस्थायें शिवपुरी में धारा 64 के अंतर्गत प्रकरण विचाराधीन है। शाखा बैराड़ में हुये गबन में तत्कालीन प्रभारी शाखा प्रबंधक एवं कैशियर पर एफआईआर दर्ज करवाने के साथ ही दोषियों को निलंबित कर विभागीय जांच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है तथा राशि वसूली हेतु न्यायालय उप पंजीयक सहकारी संस्थायें शिवपुरी में धारा 64 के अंतर्गत प्रकरण विचाराधीन है। (ख) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शिवपुरी एवं जिला बैंक पन्ना में हुए गबन की प्रकृति भिन्न-भिन्न है। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक पन्ना में वर्ष 2017 से वर्ष 2021-22 के मध्य गबन रू. 1,85,09,028/- होना पाया गया। उक्त प्रकरण में जांच दल द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन अनुसार लिपिक श्री पुष्पेन्द्र सिंह बुन्देला एवं लेखापाल श्री राजेश कोरी को राशि के गबन के लिये दोषी पाया गया। जांच प्रतिवेदन अनुसार जिन कर्मचारियों की आई.डी. का उपयोग हुआ है उनका नाम भी एफआईआर के विवरण में उल्लेखित है एवं सीबीएस नोडल अधिकारी एवं सहायक पर बैंक द्वारा विभागीय कार्यवाही करते हुए विभागीय जांच संस्थित की गयी है। जिला बैंक शिवपुरी की जांच में मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को दोषी पाया गया है जबकि जिला बैंक पन्ना द्वारा करायी गयी जांच में मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दोषी नहीं पाया गया है। जांच में देरी के लिये तत्कालीन प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी, श्री मानवेन्द्र सिंह को दोषी पाया गया है, जिसके लिये उन्हें स्पष्टीकरण का नोटिस जारी किया गया है। उक्त सभी पर बैंक द्वारा कार्यवाही की गयी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जिला बैंक पन्ना के उक्त गबन प्रकरण में जांच प्रतिवेदन अनुसार जिन कर्मचारियों की आईडी उपयोग हुयी है, उन सभी कर्मचारियों पर विभागीय कार्यवाही करते हुए विभागीय जांच संस्थित की गयी है, लेखा प्रभारी, लिपिक, सीबीएस नोडल अधिकारी एवं सहायक नोडल अधिकारी के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित की गयी है, जिला बैंक पन्ना के उक्त गबन प्रकरण में जो कर्मचारी सीधे तौर पर सम्मिलित है, उन पर वर्तमान में पदस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा यथोचित कार्यवाही की गयी है।
आई.टी.आई. कॉलेज की स्थापना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार (केवल कौशल विकास एवं रोजगार) ]
76. ( क्र. 414 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या राज्य मंत्री, कौशल विकास एवं रोजगार महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग की नीति अनुसार प्रत्येक विकासखण्ड में एक शासकीय आई.टी.आई कॉलेज खोले जाने की योजना है? यदि हाँ, तो इस नीति अनुसार अभी तक पन्ना विधानसभा के कितने विकासखण्डों में नवीन आई.टी.आई. कॉलेज खोले गए है एवं कितने विकासखण्ड बचे हुए है? विवरणवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पन्ना जिले की विकासखण्ड अजयगढ़ में शासकीय आई.टी.आई. कॉलेज खोले जाने हेतु कोई कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हाँ, तो क्या? कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा?
राज्य मंत्री, कौशल विकास एवं रोजगार ( श्री गौतम टेटवाल ) : (क) जी हाँ। पन्ना विधानसभा क्षेत्र में विकासखण्ड पन्ना एवं अजयगढ़ है। विकासखण्ड पन्ना में शासकीय आई.टी.आई. सत्र 1984 से संचालित है तथा विकासखण्ड अजयगढ़ में कोई भी शासकीय आई.टी.आई. संचालित नहीं है, एक प्रायवेट आई.टी.आई. संचालित है। (ख) जी हाँ। विकासखण्ड अजयगढ़ में शासकीय आई.टी.आई. खोले जाने का प्रस्ताव 51 आई.टी.आई. विहीन विकासखण्डों के एकीकृत प्रस्ताव में सम्मिलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
व्यायाम शाला में उपकरणों की मरम्मत
[खेल एवं युवा कल्याण]
77. ( क्र. 416 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खेल एवं युवा कल्याण विभाग अन्तर्गत नजरबाग स्टेडियम पन्ना में व्यायाम शाला जहां पर नगर के खिलाड़ी एवं बच्चे प्रतिदिन व्यायाम अभ्यास करने आते है, में कई मशीनरी उपकरण जैस ट्रेडमिल एवं अन्य मेंटीनेंस न होने के कारण बंद पड़े हुए है। जिससे नगर के आने वाले बच्चे एवं खिलाड़ी अपना अभ्यास नहीं कर पाते है। क्या खेल युवा कल्याण विभाग द्वारा अपने पत्र क्रमांक 104 पन्ना दिनांक 18.05.2023 को संचालक महोदय को मरम्मत कार्य कराए जाने हेतु लेख किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उन मशीनरी उपकरणों को सुचारू रूप से चालू किये जाने हेतु क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यो? कब तक कार्यवाही की जाकर मशीनरी उपकरणों को चालू कराया जावेगा? (ग) क्या पन्ना जिले में खेल एवं युवा कल्याण विभाग में खेल गतिविधियों एवं अन्य कार्यक्रमों के सफल संचालन हेतु खेल अधिकारी न होने के कारण किसी अन्य अधिकारी को प्रभार दिया गया है? यदि हां तो कब तक खेल अधिकारी नियुक्त किया जावेगा? जानकारी दें। (घ) क्या पन्ना जिले में खेलो इण्डिया के तहत फुटबाल सेन्टर स्वीकृत है एवं फुटबाल कोच की नियुक्ति प्रक्रियाधीन है? यदि हाँ, तो कब तक पन्ना जिला में फुटबाल कोच नियुक्त किया जावेगा?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) फिटनेस उपकरणों की निविदा दर अनुमोदित नहीं होने के कारण उपकरणों का मरम्मत कार्य नहीं किया गया है। वर्तमान में निविदा की कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है। शीघ्र ही फर्म को कार्यादेश जारी कर उपकरणों को सुचारू रूप से चालू कर दिया जाएगा, जिसकी निश्चित तिथि बताई जाना संभव नहीं है। (ग) जी हां, वर्तमान में विभाग में जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारियों के काफी संख्या में पद रिक्त हैं। इस कारण श्री शिवप्रताप सिंह बघेल, एस.डी.ओ.पी. जिला पन्ना को जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी जिला पन्ना के पद का प्रभार सौंपा गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। जी हाँ। पन्ना जिले में फुटबाल कोच की नियुक्ति हेतु ऑनलाईन साक्षात्कार दिनांक 17.10.2024 को लिया जा चुका है। शीघ्र ही फुटबाल कोच की नियुक्ति कर दी जावेगी, जिसकी निश्चित सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
वेतन का निर्धारण
[श्रम]
78. ( क्र. 418 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य प्रदेश श्रम विभाग द्वारा न्यूनतम वेतन सलाहकार परिषद की बैठक बुलाए बगैर विधानसभा चुनाव 2023 के पूर्व राज्य में कार्यरत दवा बिक्री संवर्धन कर्मचारियों को अतिकुशल की श्रेणी में रखते हुए न्यूनतम वेतन 13190+DA@रु-1700 का पुननिर्धारण किया था? यदि हाँ, तो 24 मई 2024 को श्रम आयुक्त म.प्र. शासन द्वारा आदेश जारी करके बढ़े वेतन को वापस लेने का निर्णय क्यों लिया गया? (ख) केन्द्रीय श्रम मंत्रालय के पत्र क्र.S-11025/16/2997 (PL) दिनांक 28/05/1998 जारी पत्र के द्वारा सभी राज्य सरकारों को निर्देशित किया गया था की वह अपने राज्य में औद्योगिक विवाद अधिनियम1947 की धारा 2 (S) में पश्चिम बंगाल पैटर्न में बदलाव करते हुए सभी दवा एवं विक्री संवर्धन कर्मचारियों को कर्मकार की परिभाषा में समायोजित करे पर मध्य प्रदेश में लागू नहीं किया गया क्यों? जबकि तेलगाना, झारखंड, पंजाब सहित कुछ और राज्यों ने औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा2 (S) में संशोधन कर दिया है म.प्र. सरकार कई वर्षों से लंबित केन्द्रीय श्रम मंत्रालय के उक्त अधिनियम को लागू करेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? जबकि मध्य प्रदेश मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेंजेरेटर यूनियन (MPMSRU) के प्रतिनिधि मण्डल द्वारा 29 दिसंबर 2022 श्रमयुक्त इंदौर एवं 2 अगस्त 2023 को प्रमुख सचिव श्रम विभाग मध्य प्रदेश शासन भोपाल से मिलकर अपनी मागों को रखा पर प्रश्न दिनांक तक उक्त नियम को लागू नहीं किया क्यों?
श्रम मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी नहीं। (ख) म.प्र. शासन, श्रम विभाग की अधिसूचना क्र. एफ.4 (सी) 5-98-ए-सोलह, (म.प्र. असाधारण राजपत्र क्रमांक 90) दिनांक 02 मार्च, 2006 द्वारा अनुक्रमांक-68 पर ''दवाईयों एवं अन्य वस्तुओं के विक्रय संवर्ध कार्यों में नियोजन'' को न्यूनतम वेतन अधिनियम, 1948 के अंतर्गत अधिसूचित नियोजनों की सूची में अधिसूचित किया गया है तथा विभिन्न अनुसूचित नियोजनों के साथ ही इस नियोजन में नियोजित श्रमिक/कर्मचारियों का श्रेणीवार वर्गीकरण करते हुए अकुशल, कुशल, अर्द्धकुशल एवं उच्च कुशल श्रेणी हेतु न्यूनतम वेतन निर्धारित किया गया है।
आयुष विभाग के अस्पतालों के कार्यों एवं दवाइयां
[आयुष]
79. ( क्र. 419 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या आयुष मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना, मैहर, रीवा एवं मऊगंज जिलों में आयुष विभाग के किस-किस स्थान पर अस्पताल है? इन अस्पतालों में कब-कब से किस-किस नाम में चिकित्सक किस-किस पद पर पदस्थ हैं? स्थानवार विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित जिलों में 01.04.2021 से प्रश्नतिथि तक कुल कितनी राशि की दवाइयां मरीजों को निःशुल्क बटने आईं? कितनी-कितनी बटीं? माहवार/वर्षवार जानकारी दें। प्रश्नतिथि तक किस-किस जिले के किस स्थान के अस्पतालों में कितनी-कितनी राशि की दवाइयां निःशुल्क बाटनी शेष बची हैं? सूची दें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित जिलों में किस-किस स्थान के अस्पतालों में किस-किस पदनाम के पद किस वेतनमान के स्वीकृत हैं? उक्त स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने पद किस नाम लोगों के किस पदनाम पर कब से पदस्थ हैं? (घ) वित्तिय वर्ष 2021-22 से प्रश्नतिथि तक क्या-क्या सुविधायें एवं राशि का आवंटन किस-किस मद में उपयोग करने/व्यय करने प्रश्नांश (क) में वर्णित जिलों को प्राप्त हुआ? प्राप्त आवंटन को एक मद के आवंटन को दूसरे मद में कब व कहां व कितना व्यय किया गया? क्या इस व्यय की अनुमति सक्षम कार्यालय से ली गईं? अगर नहीं तो क्यों? अगर हाँ तो एक प्रति दें?
आयुष मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) आयुष विभाग अंतर्गत सतना एवं रीवा जिला ही संचालित है। मैहर एवं मऊगंज पृथक से वर्तमान में संचालित नहीं है। मूल जिलों में संचालित औषधालयों की जानकारी प्रस्तावित जिलों सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार।
कर्मचारियों के समयमान वेतनमान की स्वीकृति
[आयुष]
80. ( क्र. 423 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या आयुष मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा कर्मचारियों के समयमान वेतनमान स्वीकृत किये जाने सम्बन्धी निर्देश जारी किये गए हैं? यदि हाँ, तो इसके परिपालन में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? विभाग अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों के स्वीकृत समयमान वेतनमान से संबंधित जारी आदेशों की संभागवार, जिलावार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) विभाग अंतर्गत ऐसे समस्त कर्मचारियों की जानकारी उपलब्ध कराएं जिन्हे समयमान वेतनमान की पात्रता है लेकिन अब तक स्वीकृति नहीं दी गई है एवं इसके क्या कारण हैं? (ग) क्या आयुष विभाग में कार्यरत औषधि संयोजक शासकीय सेवकों को द्वितीय समयमान वेतनमान का लाभ 2016-17 से दिए जाने के आदेश राज्य शासन द्वारा दिए गए हैं? यदि हाँ, तो क्या कारण है कि जबलपुर संभाग अंतर्गत कार्यरत औषधि संयोजको शासकीय सेवको को द्वितीय व तृतीय समयमान वेतनमान की निर्धारित अवधि समाप्त होने के उपरांत भी स्वीकृति नहीं दी गई है? ऐसे शासकीय सेवको की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराएं? इन्हें कब तक समयमान वेतनमान स्वीकृत कर दिया जायेगा?
आयुष मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) समयमान वेतनमान पात्रता अनुसार प्रदान किया जाता है। यह एक सतत् प्रक्रिया है एवं पात्रताधारित कर्मचारी को स्वीकृत किया जाता है कई बार गोपनीय प्रतिवेदन की अनुपलब्धता की वजह से समय पर समयमान वेतनमान स्वीकृत नहीं किया जा सका। (ग) जी हाँ। औषधि संयोजकों को समयमान देने की कार्यवाही वित्त विभाग से सहमति हेतु प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पंचायत विभाग के कर्मचारियों की जानकारी
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
81. ( क्र. 424 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत विभाग के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति में उनको ग्रेच्युटी प्रदान करने के संबंध में क्या प्रावधान है? वर्ष 2020 के बाद मंडला जिले के जिला और जनपद पंचायतों के कितने कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का भुगतान किया गया है? (ख) अध्यापक पद पर सेवानिवृत्त शिक्षकों को ग्रेच्युटी भुगतान का क्या नियम है? क्या इन्हें भी ग्रेच्युटी का भुगतान किया जाता है यदि हाँ, तो जुलाई 2018 के पूर्व मंडला जिला के कितने सेवानिवृत अध्यापकों को ग्रेच्युटी का भुगतान किया गया है? (ग) यदि प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ में है और प्रश्न (ख) का उत्तर न में है तो यह बताने का कष्ट करें कि पंचायत विभाग के मूल कर्मचारी और अध्यापक दोनों ही पंचायत विभाग के कर्मचारी हैं तो पंचायत विभाग के मूल कर्मचारियों की भांति अध्यापक संवर्ग के कर्मचारियों को ग्रेच्युटी के लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा है? क्या सरकार इस संबंध में कोई नियम बनाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) पंचायत विभाग के शासकीय सेवकों को ग्रेज्युटी प्रदान करने के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–''अ'' अनुसार। मण्डला जिले के जिला एवं जनपद पंचायत के कुल 07 कर्मचारियों को ग्रेज्युटी का भुगतान किया गया। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–''ब'' अनुसार। जी हाँ, पेंशन नियम 1976 के अनुसार जुलाई 2018 के बाद 5 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण होने पर ग्रेज्युटी का भुगतान किये जाने का प्रावधान है। उपरोक्त के प्रकाश में शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जिला/जनपद पंचायत के मूल कर्मचारी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा अध्यापक संवर्ग के कर्मचारियों को पात्रता एवं नियमानुसार ग्रेज्युटी का लाभ दिया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
व्यय का भुगतान की जानकारी
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार (केवल कौशल विकास एवं रोजगार ) ]
82. ( क्र. 427 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या राज्य मंत्री, कौशल विकास एवं रोजगार महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में म.प्र. के युवा व बेरोजगारों उनके कौशल विकास एवं रोजगार के लिए क्या-क्या प्रशिक्षण, कहां-कहां, कितने-कितने दिन की किसके किसके द्वारा, कब-कब दिया गया? जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रशिक्षण में प्रति युवावार कितना-कितना व्यय शासन ने किया? कब-कब भुगतान हुआ? भुगतान के क्या नियम है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं में से कितनों को क्या-क्या रोजगार मिला जानकारी दें।
राज्य मंत्री, कौशल विकास एवं रोजगार ( श्री गौतम टेटवाल ) : (क) प्रश्नावधि में कौशल विकास संचालनालय के अंतर्गत शिल्पकार प्रशिक्षण योजना के तहत प्रशिक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है, मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। मध्यप्रदेश कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। संत शिरोमणि रविदास, ग्लोबल स्किल्स पार्क, भोपाल की जानकारी निम्नानुसार है:-
वर्ष |
प्रशिक्षण प्रदत्ता संस्था का नाम |
प्रशिक्षण का नाम |
प्रशिक्षण की अवधि |
प्रशिक्षण प्राप्त |
प्रमाणित |
नियोजित |
नियोजन का प्रकार |
2023-24 प्रथम बैच |
संत शिरोमणि रविदास, ग्लोबल स्किल्स पार्क, भोपाल |
एडवांस प्रिसीजन इंजीनियरिंग |
एक वर्ष |
93 |
87 |
85 |
85 नियोजन निजी कंपनी में एवं 2 लोगों ने रोजगार नहीं चाहा। |
2023-24 द्वितीय बैच |
83 |
75 |
72 |
72 नियोजन निजी कंपनी में एवं 3 लोगों ने रोजगार नहीं चाहा। |
वर्ष 2024-25 में अब तक 592 प्रशिक्षणार्थियों ने प्रवेश लिया है। (ख) कौशल विकास संचालनालय के अंतर्गत शासकीय आईटीआई में शिल्पकार प्रशिक्षण योजना के तहत प्रशिक्षण का युवावार विवरण संधारित नहीं किया जाता है, अपितु संस्थावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है, प्रश्नावधि में मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-पॉच अनुसार है। मध्यप्रदेश कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-छ: अनुसार है। संत शिरोमणि रविदास, ग्लोबल स्किल्स पार्क, भोपाल की प्रति युवा अनुमानित व्यय राशि रूपये 1.50 लाख है। सामग्री के क्रय हेतु म.प्र. भण्डार क्रय नियम 2015 यथा संशोधित वर्ष 2023 का पालन नियमानुसार किया जाता है। (ग) कौशल विकास संचालनालय अंतर्गत प्रवेश वर्ष 2023 के एक वर्षीय प्रशिक्षण प्राप्त प्रशिक्षणार्थियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-सात अनुसार है। प्रवेश वर्ष 2023 के दो वर्षीय व्यवसाय एवं प्रवेश वर्ष 2024 में प्रवेशित प्रशिक्षणर्थियों का प्रशिक्षण निरंतर होने के कारण रोजगार का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना एक प्रशिक्षण योजना है, अतः रोजगार का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। मध्यप्रदेश कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-आठ अनुसार है। संत शिरोमणि रविदास, ग्लोबल स्किल्स पार्क, भोपाल की जानकारी उत्तरांश 'क' अनुसार है।
एन.एफ.एस.एम. योजनांतर्गत बीज की जानकारी
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
83. ( क्र. 428 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2023-24 में एन.एफ.एस.एम. योजनांतर्गत म.प्र. में कुल कितने, कौन-कौन सी फसलों के बीज किसानों को प्रदाय किये गए? फसलवार बीज की मात्रा, व्यय की गई राशि, बीज कहां-कहां से क्रय किये गए? बीज क्रय हेतु क्या नियम हैं? किस ब्लॉक में कितना-कितना बीज दिया गया? (ख) वर्ष 2024-25 में एन.एफ.एस.एम. योजनांतर्गत म.प्र. में कौन-कौन सी फसल के कितने-कितने बीज कहां-कहां से कब-कब क्या-क्या दर से खरीदी की गई? बीज खरीदी के क्या नियम हैं? किस-किस विकासखण्ड में कितने-कितने बीज आवंटित किये गए? बीज आवंटन के क्या नियम हैं?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) वर्ष 2023-24 में NFSM योजना अंतर्गत किसानों को प्रदाय बीज, फसलवार बीज की मात्रा, व्यय की गयी राशि, बीज क्रय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 (A) अनुसार है। बीज क्रय के नियम जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। ब्लाकवार प्रदाय बीज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 (B) अनुसार है। (ख) वर्ष 2024-25 में NFSM योजना अंतर्गत फसलवार बीज की मात्रा, संस्था का नाम, क्रय दिनांक, क्रय दर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 (A) अनुसार है। बीज खरीदी के नियम जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। विकासखण्डवार प्रदाय बीज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 (B) अनुसार है। बीज का आवंटन प्राप्त लक्ष्य अनुसार जिला पंचायत की कृषि स्थाई समिति से विकासखण्डवार लक्ष्यों के अनुमोदन के उपरांत लगने वाले बीज की आवश्यक मात्रा का आवंटन किया जाता है।
संबल योजना अंतर्गत अंत्येष्टि सहायता राशि का भुगतान
[श्रम]
84. ( क्र. 440 ) श्री चैन सिंह वरकड़े : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले के अंतर्गत ऐसे कितने अनुग्राहिताओं को संबल योजना अंतर्गत अंत्योष्टि सहायता राशि प्रदान किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो विकासखण्डवार वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों का अंत्येष्टि सहायता राशि प्रदान की गई है? नामजद जानकारी प्रदान करें।
श्रम मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) मण्डला जिले के अंतर्गत 5889 हितग्राही को संबल योजनांतर्गत अंत्येष्टि सहायता राशिप्रदाय की गई है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विकासखण्डवार वर्ष 2022 से प्रश्न दिनांक तक 2274 हितग्राहियों को अंत्येष्टि सहायता राशि प्रदान की गई है। नामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
लंबित एरियर्स का भुगतान
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
85. ( क्र. 444 ) श्री विवेक विक्की पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला बालाघाट अंतर्गत समस्त जनपद पंचायतों में पदस्थ ग्राम पंचायत सचिवों का महंगाई भत्ता वृद्धि एवं अन्य वेतनमान वृद्धि की एरियर्स की राशि का भुगतान किस माह एवं वर्ष से लंबित हैं एवं क्यों? मय सूची जनपद पंचायतवार उपलब्ध कराई जाए। (ख) प्रश्नांश (क) में लंबित एरियर्स राशि का भुगतान ग्राम पंचायत सचिवों को कब तक कर दिया जायेगा एवं इतने लम्बी समयावधि तक एरियर्स का भुगतान नहीं करने वाले जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी पर क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी? समयावधि बताएं। (ग) जिला बालाघाट अंतर्गत कितनी ग्राम पंचायतों में ग्राम पंचायत सचिव पद का अतिरिक्त वित्तीय प्रभार ग्राम रोजगार सहायकों को दिया गया है एवं कितनी ग्राम पंचायतों में सचिवों को दिया गया है? सूची उपलब्ध कराएं। (घ) प्रश्नांश (ग) में जिन ग्राम रोजगार सहायकों को ग्राम पंचायत सचिव पद का अतिरिक्त सचिवीय वित्तीय प्रभार सौंपा गया है क्या इस संबंध में मध्यप्रदेश शासन द्वारा असाधारण राजपत्र में प्रकाशित "ग्राम पंचायत सचिव भर्ती नियम एवं शर्तें 2011" में कोई कंडिका उल्लेखित है? यदि नहीं, तो नियम विरुद्ध संविदा कर्मचारियों (जीआरएस) को वित्तीय प्रभार जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी किस आधार पर दी जा रही है? नियम निर्देशों सहित जानकारी प्रदान करें।
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी नहीं। बालाघाट अंतर्गत समस्त जनपद पंचायतों में पदस्थ ग्राम पंचायत सचिवों का महंगाई भत्ता वृद्धि एवं अन्य वेतनमान वृद्धि की एरियर्स की राशि का भुगतान लंबित नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
खाद विक्रय में अनियमितता
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
86. ( क्र. 455 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला सतना म.प्र. के पत्र क्र./उ.गु.नि./2022-27/960 सतना 10.06.2022 से संयुक्त संचालक किसान कल्याण विभाग रीवा म.प्र. को पत्र लिखा गया था? पत्र की एक प्रति देते हुये बतायें कि उक्त पत्र के बाद प्रश्न तिथि तक रासायनिक उर्वरकों की कालाबाजारी करने पर जय बद्री विशाल रासायनिक खाद क्रय-विक्रय सहकारी समिति मर्यादित जिगनहट सहित कई अन्य सहकारी समितियां प्रमाणित रूप से दोषी पाई गयी थी? सभी के नाम एवं पता दें। जिन जाँचों में दोषी पाई गयी थी, वे जाँच रिपोर्ट एवं निष्कर्षों की एक-एक प्रति दें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित पत्र के आधार पर क्या 10 हजार मीट्रिक टन खाद की हेराफेरी का प्रकरण राज्य शासन के समक्ष आया एवं कई खाद विक्रेताओं पर एफ.आई.आर. भी किये जाने के निर्देशों/आदेशों के बाद भी एफ.आई.आर. राज्य शासन/संचालक कृषि द्वारा इस गंभीर प्रकरण में नहीं करवाई? कौन दोषी है? राज्य शासन कब तक उक्त अधिकारी को निलंबित करेगा? (ग) सतना जिले में हर वर्ष खाद की कालाबाजारी खुलेआम होती है, किसान परेशान एवं बेबस हो जाता है? लंबी-लंबी लाईने लगती हैं लेकिन कोई ठोस दंडनीय कार्यवाही क्यों नहीं होती है? कब तक प्रश्नांश (क) एवं (ख) में एफ.आई.आर. होगी? समय-सीमा दें।
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) जी हां, पत्र क्र./उ.गु.नि./2022-23/960, दिनांक 10.06.2022 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। प्रश्न तिथि तक दोषी पाई गई सहकारी समितियों की जानकारी, जांच रिपोर्ट एवं वैधानिक कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित पत्र में उप संचालक, कृषि सतना द्वारा म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ के गोदाम प्रभारियों द्वारा सहकारी सोसायटी अधिनियम के तहत गठित सामान्य सोसायटी को उर्वरक वितरण की प्रक्रिया में प्रतिबंध लगाने के संबंध में अनुरोध किया गया था। प्रबंध संचालक, म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ के पत्र क्र./खाद प्रशासन/2327/2022, दिनांक 30.06.2024 द्वारा पैक्स, विपणन समितियों एवं विपणन संघ के नगद विक्रय केंद्रों के अतिरिक्त अन्य किसी समितियों या संस्था को उर्वरक प्रदाय नहीं किये जाने का निर्देश प्रदेश के सभी जिला विपणन अधिकारी, विपणन संघ को जारी किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। सतना जिले में वर्ष 2021-22 से 30.11.2024 तक उर्वरक संबंधी अनियमितताओं पर एफआईआर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) सतना जिले में कालाबाजारी आदि गतिविधियों को रोकने हेतु प्रत्येक फसल मौसम में सघन अभियान चलाया जाता है। खाद की कालाबाजारी, अवैध परिवहन/भण्डारण आदि के प्रकरण पाये जाने पर नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जा रही है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। उर्वरक विक्रय केंद्रों पर एक साथ किसानों की भीड़ होने पर सुव्यवस्थित तरीके से खाद वितरण कराने हेतु कतार लगाकर उर्वरक विक्रय कराया जाता है। प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में उप संचालक कृषि सतना द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की गयी है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आर्थिक अनियमितता के आरोपी को निलंबित नहीं करना
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
87. ( क्र. 456 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्रालय के आदेश क्र. एफ ए/26/2014/14-1 भोपाल दिनांक 30 सितम्बर, 2021 के माध्यम से पी गुजरे को चेतावनी दी गई? आदेशों की एक प्रति दें। उसके बाद भी श्योपुर में 28 लाख रूपयों से ज्यादा की आर्थिक अनियमिततायें की गई? (ख) क्या मार्च 2024 एवं पूर्व में संयुक्त संचालक कृषि मुरैना/ग्वालियर के द्वारा की गई जांचों में पी गुजरे के विरूद्ध किन-किन जांचों में क्या-क्या पाया गया? बिन्दुवार विवरण एवं जांच रिपोर्टो एवं निष्कर्षों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें। (ग) शासन अन्नपूर्णा सूरजधारा योजना के सभी स्वीकृत आदेशकर्ता, राशि आहरणकर्ता, कैश बुक संधारणकर्ता उप संचालक कृषि श्योपुर पी गुजरे पर कब तक अमानत में ख्यानत का आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करवायेगा? प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्र. 2149 दिनांक 8 जुलाई, 2020 के प्रश्न में जब स्वीकार हो गया है कि 28 लाख का गबन प्रमाणित पाया गया है तो उप संचालक पी गुजरे पर एफ.आई.आर. प्रश्नतिथि तक शासन के द्वारा क्यों नहीं कायम करवाई गई है?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के आदेश क्रमांक एफ 4ए/26/2014/14-1 दिनांक 30.09.2021 के द्वारा श्री पी. गुजरे, उप संचालक जिला श्योपुर के विरूद्ध संस्थित विभागीय जांच के संबंध में भविष्य हेतु सचेत रहने की चेतावनी देकर विभागीय जांच समाप्त की गई है। उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला श्योपुर में राशि रूपये 28.00 लाख से ज्यादा की आर्थिक अनियमितता के संबंध में अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। मार्च 2024 के पूर्व में उप संचालक कृषि श्योपुर के विरूद्ध की गई शिकायत की जांच उपरांत म.प्र. शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के आदेश क्रमांक 6/1/3/0001/2024-ESTB-FWAD दिनांक 20-08-2024 में शिकायत का बिन्दुवार विवरण एवं निष्कर्ष अंकित है, तदानुसार शिकायत को नस्तीबद्ध किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) विधान सभा प्रश्नकर्ता के 08 जुलाई 2024 को सदन में पूछे गये तारांकित प्रश्न क्र. 2149 में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार उत्तर सदन में प्रेषित किया गया है। जिसमें जिला श्योपुर में वित्तीय वर्ष 2016 से 2022 तक अन्नपूर्णा सूरज धारा योजना में 28 लाख से ज्यादा की आर्थिक अनियमितता के संबंध में शिकायत का प्राप्त जांच प्रतिवेदन पर म.प्र. शासन, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक/6/।/3/0001/2024-ESTB-FWAD दिनांक 20-08-2024 के द्वारा श्री पी.गुजरे तत्कालीन उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला श्योपुर के विरूद्ध उक्त शिकायत को नस्तीबद्ध किया है। श्री पी. गुजरे तत्कलीन उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला श्योपुर के विरूद्ध प्राप्त शिकायत नस्तीबद्ध किये जाने के कारण एफ.आई.आर. का प्रश्न ही नहीं उठता है।
सांसद निधि एवं विधायक निधि के कार्यों की जानकारी
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
88. ( क्र. 462 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 नवंबर, 2014 से प्रश्नांकित अवधि तक भोपाल एवं ग्वालियर संभाग में सांसद निधि, विधायक निधि एवं अन्य किसी शासकीय राज्य मद में ग्राम पंचायतों में कौन-कौन सी मद से, कितने निर्माण कार्य, कितनी-कितनी राशि से एवं कब-कब स्वीकृत हुई? मदवार, निर्माण कार्य का नाम सहित कार्यों की अद्यतन जानकारी ग्राम पंचायतवार, मदवार, विकासखण्डवार, जिलावार उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत कार्य में से कितने कार्य अप्रारंभ हैं? कितने अपूर्ण हैं? कितने कार्य पूर्ण हुए? जानकारी उपलब्ध करावें। अप्रारंभ एवं अपूर्ण कार्यों के क्या कारण हैं? उक्त निर्माण कार्यों का कितना-कितना भुगतान किया गया? कितना भुगतान शेष है तथा कितने निर्माण कार्यों का उपयोगिता प्रमाण-पत्र प्राप्त हुआ तथा कितनी राशि उपयोग के अभाव में लैप्स हुई? कार्यवार, मदवार, विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ उक्त कार्यों की गुणवत्ता का निरीक्षण मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, सहायक यंत्री, उपयंत्री एवं अन्य कौन-कौन से अधिकारियों द्वारा किन-किन दिनांकों में कब-कब किया गया? निरीक्षणकर्ता का नाम, कार्य का नाम, ग्राम पंचायत का नाम, गुणवत्ता का प्रतिवदेन सहित विकासखण्डवार जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में निर्माण कार्यों के निरीक्षण के दौरान क्या-क्या कमियां पाई? कमियां को दूर करने के लिए क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
योजनाओं के स्वीकृत कार्य
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार (केवल तकनीकी शिक्षा) ]
89. ( क्र. 463 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जुलाई-2024 सत्र के प्रश्न क्रमांक 269 दिनांक 8.7.2024 के संदर्भ में 1 अप्रैल, 2014 से दिनांक 31 मार्च, 2019 तक उपरोक्त संस्थानों में कौन-कौन से निर्माण एवं विकास कार्य एवं अन्य शासकीय योजनाओं से कार्य स्वीकृत किये गये? संस्थावार, विकासखण्डवार, जिलावार बतावें तथा किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? मदवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) 01 अप्रैल, 2019 से प्रश्नांकित दिनांक तक किस-किस मद से उक्त विश्वविद्यालय, पॉलिटेक्निक महाविद्यालयों एवं औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान तथा विभाग द्वारा अन्य संचालित संस्थानों तथा गैर शासकीय संस्थानों में किस-किस मद से राशि प्राप्त हुई एवं किस-किस मद में व्यय की गई? बतावें। कुल व्यय कितना हुआ बतावे? कितनी राशि शेष है? कितनी राशि लेप्स हुई है? संस्थावार जिलावार जानकारी उपलब्ध करावें। यदि पूर्णतः राशि का व्यय नहीं किया गया तो इसके लिए कौन दोषी है? क्या विभाग द्वारा दोषी अधिकारियों पर कोई कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? उत्तरदायी दोषी अधिकारियों की संस्थावार, जिलावार, संभागवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में विदिशा जिले के समस्त पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग, आईटीआई कॉलेजों में कब-कब कर्मचारियों की नियुक्ति की गई? कितने कर्मचारियों को कब-कब हटाया गया? कितने कर्मचारियों का रिटायरमेंट हुआ तथा जनभागीदारी समिति की बैठके कब से नहीं हुई? इसके लिए दोषी कौन है? वित्तीय वर्ष 2014 से प्रश्नांकित अवधि तक प्राप्त बजट राशि मदवार, संस्थावार प्रयोग की राशि तथा लैप्स राशि की जानकारी मदवार उपलब्ध करावें।
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) प्रश्नावधि से संबंधित राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविदयालय, भोपाल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। कौशल विकास संचालनालय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। तकनीकी शिक्षा संचालनालय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (ख) राजीव गॉधी प्रौद्योगिकी विश्वविदयालय, भोपाल द्वारा स्वयं के बजट प्रावधान से कार्य कराये गये है। कौशल विकास संचालनालय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। तकनीकी शिक्षा संचालनालय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-पॉच अनुसार है। पूर्ण राशि व्यय न होने के लिए कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) कौशल विकास संचालनालय के अंतर्गत नियुक्त कर्मचारियों, हटाये गये कर्मचारियों एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-छ: अनुसार है तथा विदिशा जिले के वित्तीय वर्ष 2014 से 2018 तक प्राप्त बजट मदवार प्राप्त राशि, व्यय राशि, शेष राशि एवं लेप्स राशि की संस्थावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-सात अनुसार है तथा वित्तीय वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। कौशल विकास संचालनालय में जनभागीदारी समिति का प्रावधान नहीं है। संचालनालय तकनीकी शिक्षा अंतर्गत विदिशा जिले में शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, सिरोंज एवं लटेरी संचालित है। शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, सिरोंज के कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-आठ अनुसार है। शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, लटेरी के कर्मचारियों की जानकारी निरंक है। शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, सिरोंज एवं लटेरी में जनभागीदारी समिति की बैठक सदस्यों की नियुक्ति के अभाव में क्रमश: वर्ष 2015-16 एवं 2017-18 से नहीं हुई है। बैठक नहीं होने के लिये कोई विभागीय अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। अनुदान प्राप्त संस्थाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-नौ अनुसार है। अनुदान प्राप्त संस्थाओं में जनभागीदारी समिति का प्रावधान नहीं है। तकनीकी शिक्षा संचालनालय से संबंधित वित्तीय वर्ष 2014 से प्रश्नांकित अवधि तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-पॉच अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मनरेगा योजना अंतर्गत कार्यरत मजदूरों की मजदूरी भुगतान
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
90. ( क्र. 466 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2006 से प्रारंभ मनरेगा योजना अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य कर रहे मजदूरों को शासन द्वारा प्रतिदिन किस दर से मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है? (ख) क्या शासन द्वारा योजना में कार्यरत मजदूरों की मजदूरी बढ़ाये जाने का विकल्प है? यदि हाँ, तो योजना आरंभ वर्ष 2006 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब तथा कितनी-कितनी मजदूरी दरें शासन द्वारा बढ़ाई गई? वर्षवार जानकारी से अवगत करावें। (ग) क्या प्रदेश में मनरेगा योजना में कार्य कर रहे मजदूरों की प्रतिदिन मजदूरी की भुगतान दरें अन्य प्रदेशों की अपेक्षा कम है? यदि हाँ, तो क्या यह भी सही है कि वर्ष के 365 दिन काम न मिलने और मजदूरी की भुगतान की दर की कमी के कारण प्रदेश के मजदूर अन्य प्रदेशों में पलायन कर रहे हैं? यदि हाँ, तो क्यों? क्या प्रदेश के मज़दूरों के हितों में सरकार कोई व्यवस्था करेगी? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) प्रदेश में वर्ष 2006 से प्रारंभ मनरेगा योजना अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य कर रहे मजदूरों को शासन द्वारा मजदूरी दर निर्धारित है। वर्तमान में भारत सरकार द्वारा मनरेगा अंतर्गत मध्यप्रदेश राज्य हेतु मजदूरी दर रूपये 243/- प्रतिदिन निर्धारित है। मजदूरी का भुगतान मजदूरों द्वारा किये गये कार्य के मूल्यांकन के आधार पर निर्धारित किया जाता है। (ख) जी हाँ। भारत सरकार ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा अधिसूचना जारी करके प्रतिवर्ष मजदूरी दर निर्धारित की जाती है। वर्तमान में मध्यप्रदेश राज्य हेतु रूपये 243/- प्रतिदिन की दर से मजदूरी निर्धारित है। महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार योजना के अंतर्गत भारत सरकार ग्रामीण विकास मंत्रालय दैनिक मजदूरी में की गई वृद्धि का वर्षवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ग) जी नहीं। राज्यवार विवरण प्रश्नांश (ख) अनुसार है। मध्यप्रदेश शासन द्वारा मनरेगा अंतर्गत मजदूरी दर में वृद्धि हेतु पत्र/प्रस्ताव भारत सरकार ग्रामीण विकास मंत्रालय को प्रेषित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार मनरेगा अंतर्गत एक वित्तीय वर्ष में अकुशल श्रम की मांग करने पर प्रत्येक जॉबकार्डधारी परिवार को 100 दिवस तक का अकुशल श्रम/रोजगार उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है। मनरेगा एक मांग आधारित योजना है। मनरेगा प्रावधान अनुसार रोजगार की मांग करने पर जॉबकार्डधारी परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है तथा मनरेगा में काम न मिलने के कारण पलायन जैसी स्थिति निर्मित नहीं है।
प्रदेश में नई गौशाला हेतु सरकार द्वारा दिए गए अनुदान
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
91. ( क्र. 467 ) श्री आतिफ आरिफ अकील : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार द्वारा प्रदेश में नई गौशाला निर्माण के लिए शासन द्वारा अनुदान दिया जाता है? यदि हाँ, तो विगत दो वर्षों से प्रश्न दिनांक तक भोपाल संभाग के किन-किन जिलों में गौशाला निर्माण के लिए किस-किस संस्था/व्यक्ति को कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है? वर्षवार/ संस्थावार/जिलेवार पृथक-पृथक जानकारी से अवगत करावें। (ख) भोपाल संभाग के जिलों में गौशाला निर्माण के लिए संस्थानों/व्यक्तियों को आवंटित राशि में से कितनी राशि का निर्माण कार्य कराया गया तथा कितनी राशि शेष है? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में सरकार द्वारा गौशाला निर्माण के लिए आवंटित की गई राशि से भोपाल संभाग के जिलान्तर्गत किन-किन गौशालाओं का निर्माण पूर्ण किया जाकर वर्तमान में संचालित है तथा कितनी नवनिर्मित गौशालाएं बंद है? किन-किन जिलों में गौशाला निर्माण होना शेष है? संपूर्ण जानकारी से अवगत करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी हां। महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत भोपाल संभाग के जिला भोपाल की जनपद पंचायत फंदा एवं जनपद पंचायत बैरसिया तथा जिला रायसेन की जनपद पंचायत गैरतगंज, बेगमगंज एवं सिलवानी में विगत दो वर्षों में गौशाला निर्माण के लिये स्वीकृति दी जाकर राशि आवंटित की गयी। भोपाल संभाग के शेष जिलों की गौशाला संबंधी जानकारी निरंक है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मेढ़ बंधान में मिट्टी का उपयोग
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
92. ( क्र. 472 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के अंतर्गत ग्राम पंचायतों एवं ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा 01.04.2021 से प्रश्नतिथि तक जिन-जिन तालाबों का निर्माण कराया गया है उन-उन तालाबों के मेढ़ बंधान की मिट्टी किस निर्धारित खदानों से लाकर मेढ़ बनवाई गई? उक्त मेढ़ बंधान की मिट्टी का सोईल टेस्ट (मिट्टी परीक्षण) की तालाबवार/वर्षवार/माहवार/ग्रामवार/तालाब निर्माण की राशिवार सभी टेस्ट रिपोर्ट उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार तालाबों को किस-किस योजना के अंतर्गत खोदा गया? किन-किन तालाबों का गहरीकरण किस-किस स्थान/जनपद पंचायतों में कराया गया? क्या मजदूरों का उपयोग किया या मशीनें लगाकर खुदाई की गई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित मेढ़ बंधान की मिट्टी के लिये किस-किस तालाब के लिये किस-किस सप्लायर/विक्रेता को कब-कब, कितना-कितना भुगतान कितनी-कितनी राशि का किया गया? तालाबवार/ राशिवार/ माहवार/वर्षवार/सप्लायर के नाम/पतेवार/जनपदवार/स्थान (ग्राम पंचायतवार) जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) में उल्लेखित कार्यों में से किस-किस कार्यों की क्या-क्या शिकायतें प्राप्त हुई? शिकायतों की एक-एक प्रति दें एवं सभी कार्यों की गुणवत्ता एवं उपयोगिता प्रमाण-पत्रों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें।
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
प्रतिबंध के बावजूद स्थानांतरण किया जाना
[सहकारिता]
93. ( क्र. 473 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन ने तबादलों पर प्रतिबंध लगा रखा है? अगर हाँ तो यह प्रतिबंध किस दिनांक से प्रश्नतिथि तक लागू है? क्या यह प्रतिबंध विभाग के अंतर्गत आने वाले सभी कार्यालयों पर लागू है? क्या विभाग के अंतर्गत आने वाले कार्यालयों ने अगर स्थानांतरण किये तो क्या उन्हें यह अधिकार थे? अगर अधिकार थे तो जारी आदेशों (अधिकारों) की एक प्रति उपलब्ध करायें? अगर नहीं थे तो क्या स्थानांतरण करने हेतु आयुक्त सहकारिता/प्रमुख सचिव सहकारिता से लिखित में अनुमति प्राप्त करना आवश्यक था? (ख) क्या सतना जिले के डी सी सी बी के मुख्य कार्य पालन अधिकारी के द्वारा तबादलों में प्रतिबंध होने के शासनादेश के बाद भी 01.01.2024 से प्रश्नतिथि के दौरान किस वरिष्ठ कार्यालय की लिखित अनुमति/आज्ञा से तबादले किये? सूची दें। (ग) 01.01.2024 से प्रश्नतिथि तक जिला सहाकारी केन्द्रीय बैंक सतना में किस-किस नाम/पदनाम कर्मचारियों/ अधिकारियों के स्थानांतरण किये गये? जारी सभी आदेशों की एक-एक प्रति दें। इन कर्मचारियों/ अधिकारियों में से किस-किस के विरूद्ध किस-किस प्रकार की जांच प्रश्नतिथि तक चल है? जांचों की वर्तमान स्थिति क्या है? प्रकरणवार/बिन्दुवार जानकारी दें। (घ) राज्य शासन नियमों के विपरीत स्थानांतरण करने वाले सीईओ/प्रमुख जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक सतना को कब तक निलंबित कर विभागीय जांच संस्थित करने की कार्यवाही की जायेगी?
सहकारिता मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) जी हाँ। तबादलों पर लगे प्रतिबंध की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–1 अनुसार है। राज्य शासन के तबादलों से संबंधित नियम जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों पर लागू नहीं होते है। जिला सहकारी केन्द्रीय बैक मर्यादित सतना के सेवायुक्तों का स्थानांतरण सेवा नियम अनुसार विहित प्रावधानों के अंतर्गत किया गया है, जिनसें तबादलों पर प्रमुख सचिव सहकारिता अथवा आयुक्त सहकारिता से अनुमति लिये जाने का प्रावधान नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के अनु्क्रम में तबादले किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के अनुक्रम में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) के अनु्क्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मनरेगा योजना में भष्ट्राचार
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
94. ( क्र. 483 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2022 से वर्तमान तक विधान सभा क्षेत्र 187 सेंधवा में मनरेगा योजना के क्रियान्वयन हेतु शासन द्वारा कितनी राशि आवंटित की गई और कब-कब आवंटन की गई? उक्त आवंटित राशि से वर्ष 2022 से वर्तमान तक विकाखण्ड सेंधवा में कितनी-कितनी राशि मजदूरी एवं सामग्री पर व्यय की गई है? भुगतान सूची एवं बिल प्रति सहित उपलब्ध करावें। (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र सेंधवा में वर्ष 2016 के बाद से कई कार्य सामग्री भुगतान नहीं होने की वजह से लंबित है? यदि हां तो उक्त लंबित कार्यों की सूची उपलबध करावें तथा उक्त कार्यों पर वर्तमान तक भुगतान लंबित क्यों है? कार्यवार कारण बतावें। (ग) विधानसभा क्षेत्र सेंधवा में मनरेगा योजना में भुगतान से संबंधित कितनी शिकायते प्राप्त हुई है तथा उक्त शिकायत के संबंध क्या कार्यवाही की गई? शिकायते का विवरण एवं निराकरण की जानकारी सहित प्रति देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) मनरेगा योजना अंतर्गत मजदूरी मद की राशि हितग्राहियों के खाते में भारत सरकार द्वारा एवं सामग्री मद की राशि भारत सरकार द्वारा उपलब्धता के आधार पर राज्य स्तरीय नोडल खाते से वेंडरों के खाते में अंतरित की जाती है। वर्ष 2022 से वर्तमान तक विधानसभा क्षेत्र 187 विकासखण्ड सेंधवा में मजदूरी एवं सामग्री भुगतान की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है। (ख) भारत सरकार से सामग्री मद में राशि प्राप्त होने पर राज्यांश सहित राशि आहरित कर राज्य स्तरीय नोडल खाते में जमा की जाती है। खाते में राशि की उपलब्धता अनुसार एवं जिलों में सामग्री मद की लंबित देयता के दृष्टिगत जिलों को व्यय किये जाने की अनुमति प्रदाय की जाती है। यह एक सतत् प्रक्रिया है। वर्षवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "स" अनुसार है।
खेल स्टेडियम का निर्माण
[खेल एवं युवा कल्याण]
95. ( क्र. 485 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेंधवा विधानसभा में कितने खेल स्टेडियमों का निर्माण किया गया है तथा कितने नवीन स्टेडियमों के निर्माण की योजना आगामी वर्षों में प्रस्तावित है यदि हाँ, तो कब तक खेल स्टेडियम निर्माण संभव है? यदि नहीं, तो क्यो नहीं? (ख) बड़वानी जिले में खेल स्टेडियम निर्माण हेतु शासन की ओर से कितनी राशि उपलब्ध करवाई गई है यदि हाँ, तो खेल स्टेडियमों की डीपीआर उपलब्ध करावे? नहीं तो क्यो नहीं? (ग) खेलो को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विधानसभा क्षेत्र सेंधवा नगर मे, ग्राम पंचायत बलवाडी, धवली एवं चाचरियापाटी में खेल स्टेडियम निर्माण कोई योजना है? यदि हाँ, तो कब तक निर्माण स्वीकृत किए जाना संभव है? यदि नहीं तो क्यो नहीं?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) सेंधवा विधानसभा में विभाग द्वारा कोई स्टेडियम निर्माण नहीं किया गया है। विभागीय नीति अनुसार जिले से प्रस्ताव प्राप्त होने पर ही नवीन स्टेडियम निर्माण की स्वीकृति पर विचार किया जा सकेगा। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) विभागीय नीति अनुसार जिला बड़वानी से स्टेडियम निर्माण का कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। अतःशेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विभागीय नीति अनुसार विकास खण्ड मुख्यालय एवं उच्च स्तर पर ही खेल परिसर/स्टेडियम निर्माण की योजना है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नियुक्ति में अनियमितताएं
[आयुष]
96. ( क्र. 486 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या आयुष मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला आयुष अधिकारी भर्ती प्रक्रिया के संबंध में तत्कालीन स्थापना प्रभारी द्वारा कपटपूर्वक कतिपय अभ्यर्थियों को लाभ पहुंचाने हेतु अनुभव प्रमाण-पत्र में से शासकीय शब्द विलोपित किया गया है? क्या इस तथ्य की विस्तृत जांच की गई है? (ख) जिला आयुष अधिकारियों की नियुक्ति के समय अनुभव प्रमाण-पत्र एवं अभिलेखो की जांच हेतु दो समितियां का गठन क्यों किया गया? दोनों समितियां की जांच रिपोर्ट के उपरांत भी कुछ अभ्यर्थियों को लाभ पहुंचाने वाली रिपोर्ट को ही क्यों मान्य किया गया? उपरोक्त के अनुसार नियुक्ति प्रक्रिया में अलग-अलग नियम अपना कर MPPSC को भ्रमित करने हेतु कौन जवाबदार है? (ग) उपरोक्त सभी जिला आयुष अधिकारियों की नियुक्ति न्यायालय के आदेश के अधीन होने से, शासन द्वारा किस नियम के अंतर्गत इन सभी की परीक्षा अवधि खत्म की गई जिला आयुष अधिकारी भर्ती में नियुक्त सभी अधिकारियों के अनुभव प्रमाण पत्र (शासकीय अथवा अशासकीय) में स्पष्ट रूप से तिथियां का उल्लेख क्यों नहीं किया गया है इससे किसको लाभ पहुंचाया गया है? (घ) उपरोक्त से स्पष्ट है की फर्जी अनुभव प्रमाण-पत्र के आधार पर प्रथम श्रेणी का पद पा चुके इन अधिकारियों को सेवा से पृथक करने हेतु शासन के द्वारा कब कार्यवाही की जावेगी?
आयुष मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) मध्यप्रदेश आयुष विभाग (राजपत्रित) सेवाभर्ती नियम 2013 अनुसार कार्यवाही की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जिला आयुष अधिकारी की नियुक्ति के समय अनुभव प्रमाण-पत्र एवं अभिलेखों की जांच हेतु विधिवत समिति का गठन किया जाकर छानबीन उपरांत नियुक्ति आदेश जारी किए गए। (ग) सभी जिला आयुष अधिकारियों की नियुक्ति न्यायालय निर्णय के अध्ययधीन है। परिवीक्षा अवधि मध्यप्रदेश सिविल सेवा (सेवा की सामान्य शर्तें) नियम 1961 के नियम 8 के तहत 02 वर्ष की परिवीक्षा अवधि समाप्त की गई। अनुभव प्रमाण-पत्र में तिथि का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है। (घ) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही
[श्रम]
97. ( क्र. 489 ) श्री राजन मण्डलोई : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय जिला श्रम पदाधिकारी का पत्र क्रमांक 28 बड़वानी दिनांक 05/01/2024 एवं उसमें संदर्भित समस्त पत्र क्रमांक एवं संपूर्ण प्रकरण के अभिलेख देवेंl (ख) प्रकरण में आज दिनांक तक भी किस अधिकारी की लापरवाही से हितग्राही को योजना के लाभ से वंचित रखा गया है? उस अधिकारी का नाम बताये एवं क्या मंडल के पास हितग्राहियों को देने के लिए बजट नहीं है? यदि है तो कब तक हितग्राही को भुगतान कर दिया जाएगा? (ग) प्रश्न दिनांक की स्थिति में कर्मकार मंडल के समक्ष कुल कितने प्रकरण लंबित हैं? उनकी सूची देवें एवं दिनांक 1 सितंबर, 2023 से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में कुल कितने प्रकरण प्राप्त हुए? कितने स्वीकृत किए गए? कितने का भुगतान हो गया है?
श्रम मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) कार्यालय जिला श्रम पदाधिकारी बड़वानी के म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल को प्रेषित पत्र क्र. 28 बड़वानी दिनांक 05/01/2024 एवं उसमें संदर्भित समस्त पत्रों एवं सम्पूर्ण प्रकरण के अभिलेख की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरण मंडल अंतर्गत पूर्व में संचालित निर्माण स्थल पर कार्य के दौरान दुर्घटना में अपंजीकृत श्रमिक की मृत्यु की दशा में अंत्येष्टि एवं अनुग्रह राशि भुगतान योजना से संबंधित है। मंडल की उक्त योजना महालेखाकार ग्वालियर द्वारा संपादित परफारमेंस ऑडिट में ली गई आपत्ति के परिप्रेक्ष्य में म.प्र. राजपत्र दिनांक 15/12/2023 में प्रकाशित अधिसूचना अनुसार समाप्त कर दी गई है। ऑडिट आपत्ति के संदर्भ में मंडल द्वारा उक्त योजना अंतर्गत किसी भी स्तर पर लंबित प्रकरण में भुगतान नहीं करने का निर्णय लिया गया है जिसकी सूचना मंडल के पत्र क्र. 1952 दि.04/07/2024 द्वारा समस्त श्रम कार्यालयों को दी गई है। उक्त अधिसूचना एवं पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अत: नियमानुसार प्रकरण में आवेदक को हितलाभ प्रदान किया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पांचवा वेतनमान का लाभ
[सहकारिता]
98. ( क्र. 498 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. राज्य तिलहन संघ सेवायुक्तों को पांचवा वेतनमान अन्तर्गत अंतरिम राहत स्वीकृत था? यदि हाँ, तो आदेशों की छायाप्रति दें। (ख) क्या तिलहन संघ सेवायुक्तों को पर राजस्व, स्वास्थ्य, कृषि, सहकारिता यह अन्य किसी विभाग में पांचवा वेतनमान का लाभ देकर प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया था? यदि हाँ, तो पदस्थापना प्रतिनियुक्ति आदेश की छायाप्रति दें? (ग) पांचवा वेतनमान लाभ हेतु कितने सेवायुक्तों ने उच्च न्यायालय जबलपुर, इंदौर, ग्वालियर में याचिकाएं/अवमाननाएं दर्ज की है जो विभाग के संज्ञान में है? संबंधितों के नाम, पद प्रकरण नंबर वर्ष बताएं? (घ) क्या सहकारिता विभाग को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा को वेतनमान संबंधी प्रकरणों के निराकरण हेतु नोडल विभाग नियुक्त किया है? यदि हाँ, तो क्या वित्त/सामान्य प्रशासन द्वारा जारी किये गये परिपत्रों के अनुसार पांचवा वेतनमान का लाभ दिया जा सकता है? यदि नहीं, तो क्या विभाग ने शासन को इस आशय का प्रस्ताव भेजा है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? गत 5 वर्षों में नोडल विभाग द्वारा विषयान्तर्गत क्या कार्यवाही की गई? स्पष्ट करें?
सहकारिता मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) तिलहन संघ के सेवायुक्तों को शासन के निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में तिलहन संघ प्रबंधन द्वारा अंतरिम राहत स्वीकृत की गई। तिलहन संघ द्वारा पृथक से आदेश जारी होना नहीं पाया गया है। (ख) जी नहीं। राजस्व, स्वास्थ्य, कृषि, सहकारिता व अन्य विभागों में किसी भी सेवायुक्त को संघ द्वारा 5वें वेतनमान का लाभ देकर प्रतिनियुक्ति पर नहीं भेजा गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) पाचवें वेतनमान लाभ हेतु सेवायुक्तों द्वारा उच्च न्यायालय जबलपुर/इन्दौर/ग्वालियर में याचिकाऐं दायर की गयी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) मध्यप्रदेश राज्य सहकारी तिलहन उत्पादक संघ भोपाल के सेवायुक्तों को पांचवे, छठवें एवं सातवें वेतनमान का लाभ दिये जाने की पात्रता के संबंध में विभिन्न विभागों द्वारा पृथक-पृथक कार्यवाही किये जाने के फलस्वरूप माननीय न्यायालयों में दायर प्रकरण/अवमानना आदि को दृष्टिगत रखते हुए मामले में शासन के विभागों से समन्वय स्थापित करने हेतु एवं मामले का परीक्षण कर उचित कार्रवाई करने के लिए सहकारिता विभाग को नोडल विभाग नियुक्त किया गया है। वित्त/सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी परिपत्र स्वमेव स्पष्ट है। शासकीय विभागों में संविलियन की कार्यवाही मंत्रि-परिषद निर्णय अनुरूप की गई है, जिसमें 5वें वेतनमान का उल्लेख नहीं है। माननीय उच्च न्यायालय में विभिन्न विभागों की ओर से प्रतिरक्षण किये जाने हेतु कार्यवाही की गई है।
सुदूर सड़क मद से स्वीकृत निर्माण कार्य
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
99. ( क्र. 499 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा सुदूर सड़क निर्माण कार्य योजना संचालित की जा रही है यदि हाँ, तो विभाग की इस योजना की विस्तृत जानकारी देवें? (ख) यदि हाँ, तो सुदूर सड़क निर्माण कार्य हेतु केवलारी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन सी सड़के वित्तीय वर्ष 2021-22 से आज दिनांक तक स्वीकृत है विकासखण्डवार जानकारी प्रदान करें? (ग) यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी हां, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) नियमानुसार सड़क निर्माण का कार्य स्वीकृत किया जाता है।
पदों पर समायोजन
[उच्च शिक्षा]
100. ( क्र. 502 ) श्री राजन मण्डलोई : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा विभाग में अतिथि विद्वानों की नियुक्ति की जाती है। अतिथि विद्वान, नियमित सहायक प्राध्यापक, क्रीड़ा अधिकारी, ग्रंथपाल के समान समस्त शैक्षणिक और व अशैक्षणिक कार्य में दक्ष हो जाते यह कि 1991 से 2017 मध्य तथा 2017 से वर्तमान तक नियमित अतिथि विद्वानों की परीक्षाये नहीं होने से अधिकांश अतिथि विद्वानों की आयु 40 से 58 वर्ष के मध्य हो गई है। आयु वृद्धि के कारण अन्य भर्ती परीक्षाओं में भी सम्मिलित नहीं हो पाते है। (ख) क्या ऐसे अनुभवी अतिथि विद्वानों को विभाग सहायक प्राध्यापक, क्रीड़ा अधिकारी, ग्रंथपाल के पदों पर समायोजित कर स्थायित्व करने का प्रावधान किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों कारण बताये?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी नहीं। प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में अतिथि विद्वानों को सहायक प्राध्यापक, क्रीड़ा अधिकारी एवं ग्रंथपाल के रिक्त पद के विरूद्ध आमंत्रित किया जाता है। विभाग द्वारा समय-समय पर अतिथि विद्वानों को आयु सीमा में छूट प्रदान की गई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। विभाग द्वारा अतिथि विद्वानों के संबंध में जारी नीति-निर्देश/नियमों में स्थायित्व के संबंध में कोई प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
सेवा सहकारी संस्था की जानकारी
[सहकारिता]
101. ( क्र. 505 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाली सेवा सहकारी संस्था हिड़ी, बनबना, झांझाखेड़ी, रोहलखुर्द, रूपेटा, जगोटी, बरखेड़ाबुजुर्ग, भीमाखेड़ा, चितावद, आक्याधागा, सेमलिया, धाराखेड़ा, कसोंन, खेदामद्दा, घोंसला, खेड़ाखजुरिया में 2020 से प्रश्न दिनांक तक खाद का स्टॉक का निरीक्षण किस-किस अधिकारी द्वारा कब-कब जांच की गई है? खाद के स्टॉक में क्या-क्या कमियां पाई गई है? (ख) उक्त सेवा सहकारी संस्था में खाद के स्टॉक में गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, की गई तो क्यों? यदि खाद के स्टॉक में गड़बड़ी पाए जाने पर क्या संबंधितों पर वसूली संबंधी कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, की गई तो कब तक कार्यवाही की जाएगी? (ग) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत उक्त संस्थाओं में 2020 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस कार्य में कितनी-कितनी राशि खर्च की गई? माहवार, वर्षवार, बिल सहित सूची देवें। प्रत्येक संस्था को माहवार कितनी राशि अन्य खर्च पर करने का अधिकार है? उक्त संस्था द्वारा क्या इससे अधिक राशि को खर्च किया गया है? यदि किया गया है तो कितनी राशि का उपयोग किया गया है? क्या संबंधितों द्वारा राशि की वसूली की जाएगी?
सहकारिता मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। उक्त अवधि में प्रश्नांकित संस्थाओं में खाद के स्टॉक में किसी प्रकार की कमियां नहीं पाई गई है। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 एवं 03 अनुसार है, बिलवार जानकारी अत्यंत विस्तृत स्वरूप की है। संस्थाओं को माहवार राशि व्यय किये जाने की सीमा निर्धारित नहीं है, संस्थाओं द्वारा व्यय हेतु वार्षिक बजट आमसभा में स्वीकृत किया जाता है, तद्नुसार प्रत्येक माह में आवश्यकतानुसार संचालक मंडल/प्रशासक के अनुमोदन उपरांत राशि व्यय की जाती है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्य
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
102. ( क्र. 506 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत कढ़ाई, मकला, लोटिया जुनार्दा, धुलेट, आक्याकोली में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से निर्माण कार्य किए गए हैं? कितने निर्माण कार्य अधूरे पड़े हैं? अधूरे रहने का क्या कारण है? स्पष्टीकरण देवें। (ख) क्या संबंधित अधिकारियों द्वारा समय-समय पर अधूरे पड़े कार्य पूरे करने के लिए निर्देशित किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या कारण रहा? बताएं। (ग) उक्त ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्यों का स्थल परीक्षण, किस-किस अधिकारी द्वारा कब-कब किया गया है? स्थल परीक्षण एवं निर्माण कार्य में क्या-क्या कमियां पाई गई है? कमियां पाई जाने पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
युवाओं को खेलों के प्रति आकर्षित करने की योजना
[खेल एवं युवा कल्याण]
103. ( क्र. 511 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के युवाओं को खेलों के प्रति आकर्षित करने के लिये कोई योजना चलाई जा रही है? यदि हाँ, तो। (ख) विभाग द्वारा शहरी एवं ग्रामीण युवाओं को उस योजना के तहत खेल सामग्री उपलब्ध कराने का प्रावधान है? यदि हॉं, तो सम्पूर्ण जानकारी देवें। (ग) विधानसभा 08 अम्बाह के कितने युवाओं को इस योजना का लाभ दिया गया है? किस खेल के लिये क्या-क्या सामग्री किन-किन युवाओं को उपलब्ध कराई गई है? नाम, पता, सहित सम्पूर्ण जानकारी देवें।
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) जी हाँ। योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिलों में पदस्थ विभागीय प्रशिक्षको एवं ब्लॉक युवा समन्वयकों को प्रशिक्षण एवं प्रतियोगिता हेतु खेल सामग्री उपलब्ध करवाई जाती है। युवाओं को व्यक्तिगत रूप से खेल सामग्री प्रदान नहीं की जाती है। (ग) उत्तरांश (ख) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
परिशिष्ट - "पचास"
किसानों द्वारा उत्पादित फसलों की जानकारी
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
104. ( क्र. 512 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 से 2024-25 तक किस फसल का कितनी मात्रा में बीज कितने हितग्राहियों को वितरित किया गया तथा यह बीज किस संस्थान से, कितनी मात्रा में, किस दर पर, कुल कितनी लागत में खरीदा गया? (ख) वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक किस-किस योजना में कुल लाभान्वित कृषक तथा महिला कृषकों की संख्या तथा राशि एवं प्रतिशत क्या है? (ग) वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक प्रमुख अनाज दलहन तथा तिलहन का क्षेत्राच्छादन, कुल उत्पादन प्रति हेक्टेयर, औसत उत्पादन की जानकारी देवें। (घ) क्या डिंडौरी जिले में वर्ष 2021 में जांच में चना के बीज वितरण में घोटाला पाया गया? यदि हाँ, तो बताएं कि क्या फर्जी किसान पाए गए? कई किसानों को बीज नहीं मिला कुछ किसानों को कम मात्रा में बीज दिया गया एवं राशि ली गई? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? इस विषय में प्राप्त शिकायत, जांच रिपोर्ट से संबंधित समस्त दस्तावेज की प्रति देवें। (ड.) मंडला जिले में वर्ष 2021 से 2024 तक बीज वितरण के कृषकों का नाम, गांव का नाम, रकवा दिए बीज की मात्रा दिनांक एवं ली गई राशि सहित सूची देवें।
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) प्रश्न का स्वरूप वृह्द स्तर का होने से जानकारी जिलों से एकत्रित की जा रही है। (ख) वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में लाभान्वित कृषकों (महिला/पुरूष) संख्या तथा राशि का विस्तृत विवरण जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक प्रमुख अनाज दलहन तथा तिलहन का क्षेत्राच्छादन कुल उत्पादन प्रति हेक्टेयर तथा औसत उत्पादन की जानकारी जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जी नहीं। वर्ष 2021 में डिंडौरी जिले के अंतर्गत चना बीज वितरण में अनियमितता के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। अत: शेष प्रश्नांश का उत्तर ही नहीं बनता। (ड.) मंडला जिले में वर्ष 2021 से 2024 तक बीज वितरण के संबंध में कृषकों के नाम, गांव का नाम, रकवा, बीज की मात्रा एवं प्राप्त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
नवीन महाविद्यालय प्रारंभ किया जाना
[उच्च शिक्षा]
105. ( क्र. 513 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिला अंतर्गत केवल रतलाम जिला मुख्यालय पर ही एक विधि महाविद्यालय एवं एक कन्या महाविद्यालय संचालित किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो रतलाम जिला भौगोलिक दृष्टि से काफी विस्तारित होकर अनेक स्थानों से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी होती है तथा जिला अंतर्गत छात्र-छात्राएं भी बड़ी संख्या में अध्ययनरत है? (ग) यदि हाँ, तो जावरा नगर मुख्यालय रतलाम जिले का मध्य नगर केंद्र होकर जिले के विभिन्न स्थानो के आवागमन का सुगम केंद्र है? (घ) यदि हाँ, तो जावरा नगर के आसपास की पिपलोदा तहसील, जावरा तहसील, बड़ावदा, ताल, आलोट तहसील इत्यादि में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं जावरा नगर मुख्यालय पर ही पर एक विधि महाविद्यालय एवं एक कन्या में विद्यालय की लगातार आवश्यकता महसूस कर मांग कर रहे हैं तो महाविद्यालय को प्रारंभ करने की स्वीकृति कब तक दी जा सकेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) जावरा नगर मुख्यालय के साथ-साथ पिपलोदा, ताल एवं आलोट में छात्र-छात्राओं के अध्ययन हेतु सहशिक्षा युक्त शासकीय महाविद्यालय संचालित हैं। अत: जावरा नगर में सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण वर्तमान में पृथक से शासकीय कन्या महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है। वर्तमान में अनेक संभाग एवं जिला मुख्यालय पर शासकीय विधि महाविद्यालय संचालित नहीं है। अत: वर्तमान में जावरा में विधि महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है।
जिलांतर्गत विभागीय कार्यों की जानकारी
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
106. ( क्र. 514 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केंद्र/राज्य परिवर्तित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से शासन/विभाग द्वारा रतलाम जिला अंतर्गत खेती को बढ़ावा दिए जाने हेतु अनेक कार्य किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2020-21 से लेकर वर्ष 2023-24 तक की अवधि में वर्षवार किन-किन कार्यों हेतु कितना-कितना बजट स्वीकृत होकर ब्लॉकवार किन-किन कार्यों में योजनाओं पर कितना-कितना व्यय किया गया? स्वीकृत कार्यों का परिणाम स्थल, भौतिक परीक्षण कब-कब किया गया? वर्षवार, ब्लॉकवार स्वीकृत राशि व व्यय राशि एवं कार्यों की स्थिति से अवगत कराए। (ग) रतलाम जिला अंतर्गत किन-किन स्थानों पर कृषकों की सुविधा एवं मार्गदर्शन तथा विभिन्न कार्यों हेतु ब्लॉकवार किस-किस प्रकार के कार्य किए जाने हेतु विभिन्न केंद्र संचालित किया जा रहे हैं? ब्लॉकवार, केंद्रवार, कार्यवार, स्थानवार जानकारी दें। (घ) रतलाम जिला अंतर्गत किस-किस फर्म/सोसाइटी/कंपनी/रजिस्टर्ड संस्थान अथवा अन्य प्रकार से भी पंजीकृत होकर बीज निर्माण के साथ खाद, बीज, कृषि उपकरण, कृषि दवाइयां व अन्य कृषि संबंधित कार्य किया जा रहे हैं? उपरोक्त स्थलों की संपूर्ण जानकारी देकर यह भी बताएं कि स्थल निरीक्षण कब-कब किए गए? क्या-क्या कार्रवाई हुई? ब्लाकवार प्रश्नगत समस्त जानकारी दें।
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
मांग आधारित कार्य प्रारम्भ न कराने वालों पर कार्यवाही
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
107. ( क्र. 525 ) श्री अभय मिश्रा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत वर्तमान में कौन-कौन सी योजनाएं संचालित है? इस हेतु शासन के क्या निर्देश है? निर्देश के प्रति के साथ बतायें कि रीवा संभाग के जिलों के जनपद पंचायतों/ग्राम पंचायतों में वर्ष 2023 से प्रश्नांश दिनांक तक में कितने कार्य कितनी लागत से कराये गये कार्यों की भौतिक स्थिति व पूर्णतः प्रमाण-पत्र किन-किन कार्यों के जारी किये जा चुके है किनके शेष है तो क्यों कारण सहित बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार संचालित योजनाओं में से कितने कार्य मांग आधारित है एवं कितने कार्य पक्के निर्माण से संबंधित है का विवरण जनपदवार रीवा संभाग के जिलों का देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में सुदूर सड़क निर्माण के कार्य किन-किन जनपदों के किन-किन ग्राम पंचातयों में कब-कब, कितनी-कितनी लागत से प्रश्नांश (क) की अवधि अनुसार स्वीकृत कर प्रारंभ कराये गये एवं कितनी ऐसी ग्राम पंचायतें है जहां सुदूर सड़क के कार्य एक भी प्रारंभ नहीं है तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार संचालित कार्यों में 60:40 का अनुपात रीवा संभाग के जिलों में न होने के कारण मनरेगा से मजदूरी के अलावा सामग्री क्रय पर रोक लगाकर निर्माण कार्य प्रभावित किये गये है तो क्यों इस बावत् क्या निर्देश देंगे बतावें अगर नहीं तो क्यों? (क) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार उल्लेखित कार्य नहीं किये गये 60:40 के अनुपात का पालन न कराने से निर्माण कार्य प्रभावित है मांग आधारित कार्य नहीं कराये जा रहे है जॉबकार्डधारी मजदूरों को कार्य नहीं दिया जा रहा है. सुदूर सड़क प्रारंभ नहीं कराई गई, इस सब अनियमितताओं के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है उन पर क्या कार्यवाही करेंगे बतायें साथ ही कार्य प्रारंभ कराये जाने बाबत क्या निर्देश देंगे यह भी बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" एवं "ब" अनुसार है। महात्मा गाँधी नरेगा योजना में मांग के आधार पर जॉबकार्ड धारियों को संलग्न कर कार्य पूर्ण कराया जाता है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ख) महात्मा गाँधी नरेगा योजना अन्तर्गत जिले में संपादित समस्त कार्य आवश्यकता एवं रोजगार की मॉग के आधार पर SOP में शामिल किये जाते हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है। कार्य की स्वीकृति सतत् प्रक्रिया है, विभाग के पत्र क्रमांक 5191 दिनांक 19.11.2024 अनुसार सुदूर सड़क के कार्यों की स्वीकृति की जा सकती है। वर्तमान में प्राप्त प्रस्तावों में 253 कार्य प्रारंभ कर शेष पंचायतों में कार्य प्रारंभ नहीं हैं। (घ) महात्मा गाँधी नरेगा योजना अन्तर्गत सामग्री क्रय पर रोक नहीं है। नियमानुसार सभी अनुमत कार्य लिये जाते हैं। उत्तरांश (ख) अनुसार कार्य कराये जाते है। जॉबकार्डधारी मजदूरों को कार्य दिया गया है। उत्तरांश (ग) अनुसार सुदूर सड़क कार्य प्रारंभ कराये गये हैं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
108. ( क्र. 526 ) श्री अभय मिश्रा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के जनपद पंचायत त्योंथर व जवा की ग्राम पंचायतों को किन-किन मदों के कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि कब-कब 2020 से प्रश्नांश दिनांक तक जारी की गई का विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में जनपद पंचायत त्योंथर एवं जवा के ग्राम पंचायतों में सड़कों का निर्माण किन-किन मदों से कितनी-कितनी राशि से कराया गया का विवरण भुगतान की स्थिति सहित देवें इन निर्मित सड़कों की लंबाई, चौड़ाई के साथ गुणवत्ता का मानक क्या है मानक अनुसार क्या कार्य कराये गये है तो बतावें नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के कराये गये कार्यों के गुणवत्ता परीक्षण करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के पदनाम की जानकारी सूची सहित उपलब्ध करावें साथ ही ग्राम पंचायतों में हुये कार्यों के भुगतान संबंधी नस्ती/स्वीकृति संबंधी दस्तावेज/अभिलेख की प्रति भी देवें? (घ) प्रश्नांश (क) के जनपद पंचायतों की ग्राम पंचायतों में जल कल्याणकारी योजनाओं के लाभान्वित हितग्राहियों की सूची योजनावार वर्ष 2020 से प्रश्नांश दिनांक तक की देते हुये बतावें कि योजनावार व्यय की स्थिति क्या है? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) में उल्लेखित आधारों अनुसार कार्यवाहियां संबंधितों द्वारा नहीं की गई बगैर निर्माण कार्य के राशियां आहरित की गई सत्यापनकर्ता अधिकारियों द्वारा गुणवत्ता का परीक्षण नहीं किया गया कार्य मौके पर नहीं हुये फर्जी तरीके से राशि आहरित की गई जल कल्याणकारी योजनाएं प्रभावित हुई पात्र लाभ से वंचित हुये इन सब अनियमितताओं की जांच कराकर कार्यवाही बाबत् क्या निर्देश देंगे? बतावें। अगर नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) प्रश्नांश (क) के संबंध में जनपद पंचायत की ग्राम पंचायतों में जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभांवित हितग्राहियों के संबंध में ग्रामीण विकास विभाग में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी स्कीम, म.प्र. प्रधानमंत्री आवास योजना एवं स्वच्छ भारत मिशन में हितग्राहियों को लाभांवित किया जाता है। राज्य स्तर प्रथ्येक योजना का एक नोडल खाता संधारित हैं तथा वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक व्यय की जानकारी पेंशन, राष्ट्रीय परिवार सहायता, संबल योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान सामुहिक विवाह योजना महात्मा गांधी नरेगा के पोर्टल https//narega.nic.in प्रधानमंत्री आवास योजना http//pmayg.nic.in स्वच्छ भारत मिशन (ग्रा) http//swachhbharatmission.gov.in पब्लिक डोमेन से सभी के लिए उपलब्ध है। (ङ) जानकारी संकलित की जा रही है।
पंचायत में वाहन खरीदी के नाम पर भ्रष्टाचार
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
109. ( क्र. 538 ) श्री विपीन जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायत दलौदा चौपाटी (जनपद पंचायत मंदसौर) द्वारा पंचायत में ट्रैक्टर वाहन क्रय किया गया है यदि हाँ, तो उक्त वाहन किसके नाम से, कितनी राशि का, किस प्रक्रिया के तहत क्रय किया गया है उसके आर.सी. कार्ड की छायाप्रति सहित विवरण देवें? (ख) उक्त वाहन की किश्त का भुगतान पंचायत द्वारा किसके खाते में किया जा रहा है उसका विवरण देवें? (ग) क्या ग्राम पंचायत द्वारा स्वयं सरपंच के नाम से ट्रैक्टर क्रय किया गया है? क्या ग्राम पंचायत स्वयं सरपंच के नाम से कोई वाहन क्रय कर सकता है यदि नहीं, तो वाहन खरीदी प्रक्रिया में नियमों को ताक पर रखने वाले सरपंच पर अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? (घ) क्या सरपंच द्वारा स्वयं के नाम से ट्रैक्टर खरीदी करना शासकीय राशि का गबन नहीं है इस प्रकार की अनियमितता और भ्रष्टाचार करने पर धारा 40 अंतर्गत कोई कानूनी कार्यवाही अभी तक क्यों नहीं की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी हाँ। ग्राम पंचायत दलौदा चौपाटी (जनपद पंचायत मंदसौर) द्वारा एक ट्रैक्टर श्रीमती दुर्गा कैथवास सरपंच ग्राम पंचायत दलौदा के नाम से राशि रू. 6,20,000/- (रूपये छ: लाख बीस हजार मात्र) से क्रय किया गया है। उक्त खरीदी 03 फर्म के कोटेशन प्राप्त कर की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) उक्त वाहन की किश्त का भुगतान ग्राम पंचायत द्वारा श्रीमती दुर्गा कैथवास सरपंच ग्राम पंचायत दलौदा चौपाटी के व्यक्तिगत खाता क्रमांक 5388680180 आई.एफ.एस.सी. कोड CBIN0280777 सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया में किया जा रहा है विवरण संलग्न है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। ग्राम पंचायत दलौदा चौपाटी द्वारा श्रीमती दुर्गा कैथवास के नाम से ट्रैक्टर क्रय किया गया है। जी नहीं व्यक्तिगत नाम से कोई ट्रैक्टर क्रय नहीं किया जा सकता। जांचकर्ता अधिकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मंदसौर के प्रतिवेदन के आधार पर श्रीमती दुर्गा कैथवास सरपंच ग्राम पंचायत दलौदा चौपाटी को मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40 के प्रावधानों के अंतर्गत न्यायालय जिला पंचायत मंदसौर के आदेश क्रमांक 4130 दिनांक 29.11.2024 से सरपंच के पद पृथक किया जाकर मुख्य कार्यालय अधिकारी जनपद पंचायत मंदसौर को उक्त सरपंच के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराये जाने हेतु आदेशित किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) जी हाँ। उक्त शिकायत प्राप्त होने पर जांच कराई गई। जांचकर्ता अधिकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मंदसौर के जांच प्रतिवेदन क्रमांक 2515, दिनांक 25.07. 2024 के आधार पर श्रीमती दुर्गा कैथवास सरपंच ग्राम पंचायत दलौदा को मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40 के प्रावधानों के अंतर्गत जिला पंचायत मंदसौर के आदेश क्रमांक 4130, दिनांक 29.11.2024 से सरपंच के पद से पृथक किया जाकर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मंदसौर को उक्त सरपंच के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज किये जाने हेतु आदेशित किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है।
निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
110. ( क्र. 539 ) श्री विपीन जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायत दलौदा चौपाटी, जनपद पंचायत मंदसौर द्वारा वर्तमान कार्यकाल में निर्माण कार्य राधा राठौड के घर से महेश शर्मा के घर तक सी.सी. रोड का निर्माण किया गया है? उक्त कार्य की तकनीकी स्वीकृति, प्रशासकीय स्वीकृति, मूल्यांकन की प्रति देवें और बतायें कि क्या उक्त कार्य में तकनीकी स्वीकृति से अधिक राशि का व्यय किया गया है? (ख) क्या ग्राम पंचायत दलौदा चौपाटी में नाला निर्माण कार्य पर 1313838/- रुपए का व्यय किया गया है? उक्त कार्य की तकनीकी, प्रशासकीय स्वीकृति, मूल्यांकन रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) ऑडिट रिपोर्ट 2022-23 अनुसार वाउचर क्रमांक 89,91,96, 104, 112,114, 124,210,235, 236 से कितनी राशि का भुगतान, किस उद्देश्य से, किस कार्य हेतु किया गया हैं? वाउचर की प्रतियां और विवरण देवें। (घ) ग्राम पंचायत द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 में वाउचर क्रमांक 231, 232, 233 से कितनी राशि का भुगतान, किस कार्य के लिए किया गया है? क्या उसकी स्वीकृति ली जाकर भंडार क्रय नियमों का पालन किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) में जी.एस.टी. नियमों का पालन किया गया है। यदि नहीं, तो इस संबंध में जिम्मेदारों पर अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है। (ड.) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'इ' अनुसार है।
रूसा परियोजना में वित्तीय अनियमितता
[उच्च शिक्षा]
111. ( क्र. 541 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. उच्च शिक्षा विभाग की रूसा परियोजना में तात्कालिक अपर परियोजना संचालक/विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी की प्रथम पदस्थापना किस महाविद्यालय में हुई। उक्त ओ.एस.डी. अपने सम्पूर्ण कार्यकाल में कितने वर्ष और कहां-कहां प्रतिनियुक्ति पर है जानकारी दी जावे। (ख) उक्त ओ.एस.डी., यू.जी.सी वेतनमान प्राप्त होने के साथ-साथ कितने वर्ष और किन-किन महाविद्यालयों में इनके द्वारा अध्यापन कार्य कराया गया। (ग) उक्त ए.पी.डी./ओ.एस.डी. द्वारा अपने चहेते सप्लायरों के फर्नीचर के देयकों का कैपिटल मध्य में बजट में न होने पर राजस्व मद की राशि से बिना वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में लाये बिना गुमराह करते हुये योजनाबद्ध तरीकों से बिना वित्त मंत्रालय की अनुमति से 2021-22 में 35 करोड़ रूपये का भुगतान कर दिया। वित्त मंत्रालय द्वारा गंभीर आपत्ति लेने पर क्या उक्त ओ.एस.डी. के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई या नहीं? यदि नहीं, तो कब तक की जायेगी। (घ) क्या उक्त ओ.एस.डी. के चहेते विश्वास सेल्स एण्ड सर्विसेस के विरूद्ध शासकीय महाविद्यालय मंदसौर एवं श्योपुर में फर्जीवाड़े के कारण क्या पुलिस प्रकरण पंजीकृत हुआ है? यदि हां तो उक्त फर्म को कब तक ब्लैक लिस्ट किया जावेगा।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) तात्कालिक अपर परियोजना संचालक/विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी डॉ. सुनील कुमार सिंह, प्राध्यापक की प्रथम पदस्थापना शासकीय छत्रसाल महाविद्यालय, पन्ना मध्यप्रदेश में हुई थी। उक्त ओ.एस.डी. अपने सम्पूर्ण सेवाकाल में नगरीय प्रशासन विकास विभाग-24/12/1997 से 15/04/2015 तक, महिला बाल विकास विभाग-22/05/2017 से 18/12/2018 तक प्रतिनियुक्ति पर रहे है। (ख) उक्त ओ.एस.डी. द्वारा निम्नानुसार महाविद्यालयों में अध्यापन कार्य किया गया है:- 1. शासकीय छत्रसाल महाविद्यालय पन्ना, मध्यप्रदेश- 04 वर्ष, 08 माह। 2. शासकीय मोतीलाल विज्ञान महाविद्यालय, भोपाल- 02 वर्ष 09 माह। 3. स्वामी विवेकानंद शासकीय महाविद्यालय, रायसेन- 05 माह एवं 4. शासकीय महाविद्यालय कुरवई, विदिशा- 02 वर्ष। (ग) प्रकरण की जांच आयुक्त, उच्च शिक्षा की अध्यक्षता में समिति द्वारा की गई। जांच प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। प्रकरण के संबंध में मान. न्यायालय में दायर याचिका क्र. डब्यू्.पी. 28891/2023 में पारित निर्णय दिनांक 01/04/2024 तथा अवमानना प्रकरण क्र. 3144/2024 के दृष्टिगत आयुक्त, उच्च शिक्षा द्वारा सकारण आदेश दिनांक 18/11/2024 जारी किया गया है। वर्तमान में प्रकरण मान. न्यायालय में विचाराधीन है।
शासन की अनुमति के बिना नियम विरूद्ध अटेचमेंट
[उच्च शिक्षा]
112. ( क्र. 542 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा संचनालय डिप्लोंयमेंट अटैचमेंट विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी को बिना शासन के आदेश के किस नियम के तहत संचालनालय द्वारा ओ.एस.डी. का प्रभार दिया गया। (ख) तात्कालिक प्रभारी प्राचार्य श्योपुर को अतिरिक्त संचालक ग्वालियर अटैचमेंट रहते आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए शासकीय पी.जी. महाविद्यालय श्योपुर में पुनः प्राचार्य का प्रभार दे दिया? (ग) उक्त प्रभारी प्राचार्य के विरूद्ध कलेक्टर श्योपुर द्वारा गंभीर वित्तीय अनियमितता एवं अपने परिवार के सदस्य को नियमविरूद्ध ढंग से महाविद्यालय में नियुक्ति करने के कारण दोषी पाये जाने पर उच्च शिक्षा मंत्रालय भोपाल द्वारा क्या कार्यवाही की गई, यदि नहीं, तो कब तक उक्त प्रभारी प्राचार्य के विरूद्ध कार्यवाही होगी। (घ) शासकीय नवीन आदर्श महाविद्यालय श्योपुर एवं छतरपुर में डी.डी.ओ. द्वारा देयकों का भुगतान न करने पर क्या शासन इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) प्रशासनिक कार्य सुविधा की दृष्टि से विभागाध्यक्ष द्वारा डिप्लोंयमेंट, अटैचमेंट वाले सहायक प्राध्यापक/प्राध्यापक को शाखा का प्रभार दिया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। निर्धारित प्रक्रिया के अंतर्गत, मापदंडों एवं साक्षात्कार के आधार पर एवं माननीय न्यायालय में दायर याचिका पर पारित निर्णय के अनुक्रम में प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस शासकीय महाविद्यालय, श्योपुर में प्राचार्य का प्रभार सौंपा गया। (ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (घ) दिनांक 30-10-2024 को शासकीय नवीन आदर्श महाविद्यालय, श्योपुर एवं छतरपुर को क्रय कार्य हेतु रूसा अंतर्गत राशि जारी की गई थी। भुगतान संबंधी कार्यवाही प्राचार्य द्वारा नहीं की गई है, जिस कारण संबंधित प्राचार्य को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया है। प्राप्त उत्तर के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
अशासकीय प्रशासक नियुक्त करने संबंधी जानकारी
[सहकारिता]
113. ( क्र. 544 ) श्री ऋषि अग्रवाल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुक्त, सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक/विधि/2019/528 दिनांक 04/10/2019 से विपणन सहकारी समितियों में अशासकीय प्रशासक नियुक्त करने हेतु निर्देंश जारी किये गये है? (ख) यदि हाँ, तो संयुक्त आयुक्त सहकारिता संभाग ग्वालियर के पत्र क्र./699 दिनांक 04/07/2024 से विपणन सहकारी संस्था बमोरी का अशासकीय प्रशासक नियुक्त करने संबंधी जानकारी चाही गई है? यदि हाँ, तो कार्यालय उप आयुक्त सहकारिता गुना के पत्र क्र./994 दिनांक 06/09/24 से पात्रता संबंधी जानकारी प्रेषित की गई है? यदि हाँ, तो उपलब्ध करावें? (ग) क्या पुन: संयुक्त आयुक्त सहकारिता ग्वालियर के पत्र क्र./1041 दिनांक 17/09/24 से विपणन सहकारी संस्था मर्यादित बमोरी के अशासकीय प्रशासक संबंधी जानकारी चाही गई है? यदि हाँ, तो क्या उक्त प्रस्ताव/जानकारी प्रेषित की गई है? यदि हाँ, तो उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो क्यों? विलंब के लिए कौन उत्तरदायी है उस पर क्या कार्यवाही जी जावेगी? (घ) विपणन सहकारी संस्था मर्यादित बमोरी में अशासकीय प्रशासक नियुक्ति संबंधी समस्त नस्ती, नोटशीट एवं नियम, आयुक्त सहकारिता एवं संयुक्त आयुक्त सहकारिता एवं उप आयुक्त सहकारिता गुना के पत्र उपलब्ध करावे? प्रकरण के निराकरण की समय-सीमा बताएं?
सहकारिता मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -1 अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। प्रस्ताव का मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम/नियम/उपविधि के प्रावधानों के अंतर्गत परीक्षण कार्यालय उप आयुक्त सहकारिता जिला गुना स्तर से कराने पर अतिरिक्त जानकारी विपणन सहकारी संस्था बमोरी से चाही गई है, जो अप्राप्त है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उप आयुक्त सहकारिता जिला गुना स्तर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार, संयुक्त आयुक्त सहकारिता ग्वालियर संभाग ग्वालियर स्तर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार तथा आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं, म.प्र. स्तर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। पूरक जानकारी अप्राप्त होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जिला पंचायत का गठन एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी की पदस्थापना
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
114. ( क्र. 547 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवगठित जिला मैहर में जिला पंचायत का गठन, कब तक किये जाने की नीति शासन द्वारा बनायी गयी है, यह स्पष्ट किया जावे कि जिला पंचायत कार्यालय मैहर में कब तक संचालित किया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या यह सही है कि अन्य शासकीय विभागों की भांति मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत की यह स्थापना मय स्टॉफ के किया जाना जिला स्तरीय शासकीय गतिविधियों के क्रियान्वयन की दृष्टि से आवश्यक है? यदि हाँ, तो कब तक यह व्यवस्था की जावेगी? यदि नहीं, तो कारण सहित जानकारी दी जावें। (ग) प्रश्नाश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्या यह भी सही है कि जनता की सुविधा की दृष्टि से नवगठित जिला मैहर जो कि अस्तित्व में कार्यरत है, के क्षेत्रीय नागरिकों की आवश्यकता एवं सुविधा की दृष्टि से उक्त कार्यालय खोलकर अधिकारियों की पदस्थापना मय स्टॉफ अति आवश्यक है। यदि हाँ, तो त्वरित कार्यवाही की जावे, यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) नवगठित जिला मैहर में जिला पंचायत का गठन म.प्र. पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 के प्रावधान अनुसार जिला पंचायत सतना की पांच वर्षों की अवधि पूर्ण होने पर होगा, मैहर में जिला पंचायत कार्यालय, तत्समय गठित जिला पंचायत मैहर के प्रथम सम्मिलन की दिनांक से संचालित किया जाएगा। (ख) एवं (ग) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधिकारियों/स्टॉफ की पदस्थापना तथा कार्यालय भवन निर्माण
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
115. ( क्र. 548 ) श्री श्रीकान्त चतुर्वेदी : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले से पृथक नवगठित जिला- मैहर में किसानों की सुविधा की दृष्टि से शासकीय योजनाओं के समुचित क्रियान्वयन हेतु कृषि विभाग के द्वारा संचालित तकनीकी एवं प्रशासनिक जिला स्तरीय कार्यालयों के अधिकारियों की पदस्थापना मय स्टॉफ की जावेगी, यदि हाँ, तो कब तक समयावधि बतायी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या जिला स्तरीय अधिकारियों की पदस्थापना के साथ-साथ कार्यालयीन व्यवस्था हेतु भवन की भी आवश्यकता अनिवार्य है, यदि हाँ, तो भवन कब तक निर्मित करा दिया जावेगा? समयावधि बताने का कष्ट करें।
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। समय अवधि बताया जाना संभव नहीं है।
15 वित्त आयोग के अनुदान से कराए गए कार्यों की जानकारी
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
116. ( क्र. 550 ) श्री ऋषि अग्रवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 15वें वित्त आयोग के अनुदान की राशि त्रि-स्तरीय पंचायतों को प्राप्त हो रही है शासन के पत्र क्र./पं.रा./सीएफसी/2020/11325, दिनांक 01/10/2020 के द्वारा टाईड राशि एवं अनटाईड राशि का उपयोग दिये गए निर्देशों के अनुसार ही कार्य किए जा रहे है। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में गुना जिले की विधानसभा क्षेत्र बमोरी 028 के अन्तर्गत वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक तक जिला, जनपद, ग्राम पंचायतों में 15वें वित्त आयोग अनुदान की टाईड एवं अनटाईड कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई एवं कौन-कौन से कार्य किये गये है, वर्षवार, कार्यवार, लागत, व्यय, मूल्यांकन राशि, कार्य की भौतिक स्थिति एवं कार्य पूर्ण न होने का स्पष्ट कारण एवं कार्य कब तक पूर्ण किया जावेगा। जिला पंचायत, जनपद पंचायत, ग्राम पंचायत की पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट – ''अ'', ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है।
डीएपी उर्वरक के आवंटन व वितरण की जानकारी
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
117. ( क्र. 551 ) श्री वीरेन्द्र सिंह लोधी : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इस वर्ष रबी 2024-25 में सागर में कितना डीएपी प्राप्त हुआ हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त मात्रा में से बंडा विकासखण्ड को कितनी मात्रा डीएपी की आपूर्ति की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार प्राप्त मात्रा में से कितना किसानों को विक्रय किया गया? (घ) इस वर्ष खरीफ की फसल के लिये बंडा क्षेत्र के लिये डीएपी उर्वरक की आवश्यक कितने टन अनुमानित/प्राक्कलित थी?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) इस वर्ष रबी 2024-25 में सागर जिले में 16782.65 मेट्रिक टन डीएपी प्राप्त हुआ। (ख) बंडा विकासखण्ड अंर्तगत 682.30 मेट्रिक टन डीएपी की आपूर्ति की गयी है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार प्राप्त मात्रा में से 682.20 मे.टन डीएपी, 8068 कृषकों को विक्रय किया गया है। (घ) इस वर्ष खरीफ की फसल के लिये बंडा क्षेत्र के लिये 460 टन डीएपी उर्वरक की मात्रा अनुमानित/प्राक्कलित थी।
प्राचार्य द्वारा की गई अनियमितताओं पर कार्यवाही
[उच्च शिक्षा]
118. ( क्र. 552 ) श्री वीरेन्द्र सिंह लोधी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री राजीव गांधी शासकीय महाविद्यालय बण्डा के प्राचार्य श्री भगवानदास अहिरवार द्वारा की गई अनियमितताओं पर कार्यवाही हेतु प्रस्तुत बण्डा विधायक के पत्र क्र. 230489 दिनांक 03.07.2024 पर मंत्रालय/संचालनालय स्तर से अब तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) अगर उक्त पत्र क्र. 230489 पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई तो क्या कार्यवाही नहीं होने का कारण स्पष्ट किया जा सकता है? (ग) अगर कोई कार्यवाही/जांच की प्रारंभ की गई है तो उससे अवगत करवाया जा सकता है? (घ) संज्ञान में आया है कि शैक्षणिक सत्र 2018 से 2023 की अवधि के मध्य शासकीय महाविद्यालय बण्डा से छात्रवृत्तियों की राशि में से मोटी रकम महाविद्यालय बण्डा से कुछ गैर विद्यार्थियों के निजी खातों में स्थानांतरित की गई थी, क्या इसके सत्य से अवगत करवाया जा सकता है? (ड.) क्या शासकीय महाविद्यालय बण्डा के प्राचार्य द्वारा बिना सक्षम प्रस्ताव व चयन प्रक्रिया का पालन किये बगैर दैनिक वेतन भोगियों को कार्य पर रखा गया है और उनका भुगतान जनभागीदारी मद से किया जा रहा है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) कार्यालय आयुक्त, उच्च शिक्षा के पत्र क्रमांक 1379/264/आउशि/शिकायत/2024 दिनांक 23-08-2024 के परिपालन में प्रकरण की जांच क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा सागर द्वारा की जा रही है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ''क'' अनुसार जांच प्रक्रियाधीन है। (घ) महाविद्यालय द्वारा छात्रवृत्ति आवेदन के सत्यापन की कार्यवाही की जाती है। छात्रवृत्ति का भुगतान संबंधित नोडल विभाग (अनुसूचित जाति कल्याण विभाग, जनजातीय कार्य विभाग एवं अन्य पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग) द्वारा किया जाता है। (ड.) जांच उपरांत प्रतिवेदन से अवगत कराया जाएगा।
पीजी महाविद्यालय का दर्जा प्रदान किया जाना
[उच्च शिक्षा]
119. ( क्र. 553 ) श्री वीरेन्द्र सिंह लोधी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा श्री राजीव गांधी शासकीय महाविद्यालय बण्डा को पीजी महाविद्यालय का दर्जा प्रदान करने की घोषणा उपरांत पीजी का दर्जा प्रदान करने की दिशा में अब तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या आगामी शैक्षणिक सत्र के पूर्व शासकीय महाविद्यालय बण्डा को पीजी महाविद्यालय का दर्जा प्राप्त हो पायेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) श्री राजीव गांधी शासकीय महाविद्यालय बण्डा जिला सागर में वर्तमान में स्नातक स्तर पर कला, विज्ञान एवं वाणिज्य तथा स्नातकोत्तर स्तर पर राजनीतिशास्त्र, समाजशास्त्र एवं वाणिज्य विषयों की कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। महाविद्यालय में स्नातकोत्तर स्तर पर अर्थशास्त्र, इतिहास, हिन्दी तथा रसायन शास्त्र विषयों की कक्षाएं आरंभ करने हेतु विस्तृत डी.पी.आर. तैयार कर प्रशासकीय अनुमोदन हेतु प्रस्तुत किया जा रहा है। प्रशासकीय अनुमोदन प्राप्त होने पर वित्त विभाग एवं मंत्रि-परिषद् की सहमति उपरांत आगामी कार्यवाही की जाएगी। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जिला पंचायत व जनपद पंचायत बालाघाट में पदस्थ कर्मियों की जानकारी
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
120. ( क्र.
558 ) श्रीमती
अनुभा
मुंजारे : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) बालाघाट
जिले के समस्त
जनपद पंचायत व
जिला पंचायत
में अधिकारी व
कर्मचारी
(संविदा सहित)
कब से पदस्थ
हैं पदवार, नामवार, शाखावार
जानकारी दें? 03
वर्ष पूर्ण
होने पर भी
किन-किन अधिकारियों
के
स्थानान्तरण
नहीं किये गये
सम्पूर्ण जानकारी
उपलब्ध
करावें? (ख) बालाघाट
जिले के जिला
पंचायत में
वर्ष 2021-22 से प्रश्न
दिनांक तक
केंद्र व
राज्य शासन से
कितना आवंटन
प्राप्त हुआ, किस-किस
कार्य हेतु
व्यय किया गया
हैं, योजनावार, मदवार
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ग) जिला
पंचायत
बालाघाट एवं
समस्त जनपद
में किन-किन
अधिकारियों/कर्मचारियों
(संविदा सहित)
कि मूल पदस्थापना
किस-किस स्थान
पर हैं आदेशों
कि प्रति
उपलब्ध करवाएं
एवं किन-किन
के विरुद्ध
शिकायते
प्राप्त हुई
है एवं
शिकायतों पर
क्या कार्यवाही
हुई है प्रति
उपलब्ध
करवाएं। (घ) जिला
पंचायत
बालाघाट एवं
समस्त जनपद
पंचायत में
विगत 6 माह में
किस-किस
जनप्रतिनिधि
के कौन-कौन से
पत्र प्राप्त
हुए समस्त
पत्रों की
प्रति बतावे एवं
कौन-कौन सी
जानकारी चाही
गई थी? विभाग
द्वारा
कौन-कौन सी
जानकारी
समय-सीमा में
जनप्रतिनिधियों
को प्रदान की
गई? कौन-कौन
सी जानकारी
प्रश्न
दिनांक तक
प्रदाय नहीं
की गई? विस्तृत
ब्यौरा
प्रदान करें?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) से
(घ) जानकारी संकलित
की जा रही है।
प्रश्नकर्ता के पत्र में कार्यवाही एवं मार्ग संधारण की जानकारी
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
121. ( क्र. 562 ) श्री नागेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा महाप्रबंधक म.प्र. ग्रामीण इकाई 01 को विकासखण्ड रायपुर कर्चुलियान अन्तर्गत विभिन्न कार्यों की जानकारी उपलब्ध कराये जाने संबंधी पत्र क्र.2064/रीवा दिनांक 12.10.2020 दिया गया था, पत्र का उत्तर/जानकारी प्रश्न दिनांक तक नहीं दिया गया है, क्यों? पत्र से सबंधित जानकारी कब तक उपलब्ध कराई जायेगी? समय-सीमा बतायें। (ख) क्या प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से निर्मित सड़कों में गुणवत्ता संबंधी मानकों की अनदेखी की जा रही है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो योजना से निर्मित अधिकांश मार्ग निर्माण कार्य पूर्ण होते ही जर्जर क्यों हो जाते हैं? सड़कों के रख-रखाव व मरम्मत के संबंध में शासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों की प्रतियां उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत सड़क निर्माण कार्य पैकेज क्रमांक MP-32718 SAGRA TO PADRA, MP-32-MTN-140 MAHSUA TO LOHADWAR, MP-32-PT-090 T-14 TO RAURA, MP-32720 RAIPUR TO SAGRA, MP-32-PT-051 LOHADWAR APPROACH ROAD के कार्य पूर्णता संबंधी दस्तावेज एवं पूर्णता उपरांत किये गये संधारण कार्यों एवं भुगतान संबंधी दस्तावेजों की प्रतियां उपलब्ध करायें।
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) उल्लेखित पत्र महाप्रबंधक, म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण, पी.आई.यू. क्र. 1 रीवा के कार्यालय में प्राप्त न होने तथा कार्यालयीन अभिलेखों में उपलब्ध न होने के कारण पत्र का उत्तर/जानकारी प्रदान नहीं की जा सकती। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से निर्मित सड़कों में गुणवत्ता मानक स्तर की है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। योजना के अंतर्गत निर्मित कोई भी मार्ग जर्जर नहीं है निर्मित समस्त मार्ग संधारित हैं एवं आवागमन सुचारू रूप से संचालित है। योजना के अंतर्गत मार्गों के संधारण हेतु दिशा निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिश्ष्टि के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) प्रश्न में उल्लेखित पैकेज क्र. MP-32-PT-051 लोहदवार पहुंच मार्ग की पूरी लम्बाई पी.एम.जी.एस.वाय - III के पैकेज क्र MP-32721 के मार्ग एन.एच-7 से उकटा कंचनपुर में समाहित होने के कारण संधारण कार्य में किया गया व्यय शून्य है। शेष पैकेजों के कार्यपूर्णता संबंधित दस्तावेज एवं पूर्णता उपरांत किए गए संधारण कार्यों तथा भुगतान संबंधी दस्तावेजों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिश्ष्टि के प्रपत्र-2 अनुसार है।
कौशल सवंर्धन व कौशल विकास प्रशिक्षण
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार (केवल कौशल विकास एवं रोजगार ) ]
122. ( क्र.
563 ) श्री
नागेन्द्र
सिंह : क्या
राज्य
मंत्री, कौशल
विकास एवं
रोजगार महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मुख्यमंत्री
कौशल संवर्धन
योजना
अन्तर्गत समस्त
हितधारकों
हेतु जारी
समस्त दिशा
निर्देशों की
प्रतियां
उपलब्ध
करायें, योजना
अन्तर्गत
समस्त
हितधारकों
द्वारा ऑनलाईन
एवं आफलाइन
संधारित किये
जाने वाले दस्तावेजों
की सूची
उपलब्ध
करायें। (ख) प्रश्नांश
“क” से
संबंधित
योजना
अन्तर्गत
रीवा जिले में
दिये गये
प्रशिक्षण से
संबंधित
प्रशिक्षण
प्रदाता, प्रशिक्षण
केन्द्र, प्रशिक्षणार्थियों, विभागीय
निरीक्षण/सत्यापन, प्लेसमेंट-स्वरोजगार, प्लेसमेंट
पश्चात
निगरानी आदि
से संबंधित
समस्त
दस्तावेजी
विवरण उपलब्ध
करायें। (ग) प्रधानमंत्री
कौशल विकास
योजना 2016-17 (PMKVY 2016-17) के
केन्द्र
प्रायोजित
राज्य
प्रंबधित (CSSM) कंपोनेंट
अन्तर्गत
हितधारकों
हेतु जारी समस्त
दिशा
निर्देशों की
प्रतियां
उपलब्ध
करायें।
योजना
अन्तर्गत
समस्त हितधारकों
द्वारा
ऑनलाईन एवं
ऑफलाइन
संधारित किये
जाने वाले
दस्तावेजों
की सूची
उपलब्ध करायें।
(घ) प्रश्नांश
“ग” से
संबंधित
योजना
अन्तर्गत
रीवा जिले में
दिये गये
प्रशिक्षण से
संबंधित
प्रशिक्षण
प्रदाता, प्रशिक्षण
केन्द्र, प्रशिक्षणार्थी, विभागीय
निरीक्षण/सत्यापन, प्लेसमेंट/स्वरोजगार, प्लेसमेंट
पश्चात निगरानी
आदि से
संबंधित
समस्त
दस्तावेजी विवरण
उपलब्ध
करायें।
राज्य
मंत्री, कौशल
विकास एवं
रोजगार ( श्री
गौतम टेटवाल ) : (क)
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-01
अनुसार है। (ख)
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-02
अनुसार है।
सत्यापित प्लेसमेंट
की जानकारी
निरंक है। (ग)
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-03
अनुसार है। (घ)
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-04
अनुसार है।
भवन निर्माण हेतु राशि की स्वीकृति
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
123. ( क्र.
570 ) श्री
माधव सिंह
(मधु गेहलोत) : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) आगर
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत किन-किन
ग्राम
पंचायतों के
भवन जीर्ण-शीर्ण
एवं किन
पंचायतों में
प्रश्न
दिनांक तक भवन
नहीं बने है
पंचायतवार
जानकारी
देवें? (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार भवन
नहीं होने के
कारण
पंचायतों की
बैठकें कहां-कहां
पर किस भवन
में हो रही
हैं? (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) अनुसार
ग्राम
पंचायतें किस
मद से कितनी
राशि व्यय कर
नवीन पंचायत
भवन बना सकती
है? ऐसे
सम्पूर्ण
आदेश की
छायाप्रति
उपलब्ध
करावें। (घ) प्रश्नांश
(क), (ख)
एवं (ग) अनुसार
विभाग द्वारा
भवनों के
निर्माण हेतु शासन
द्वारा कब तक
स्वीकृति
प्रदान कर दी
जावेगी?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) एवं
(ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'अ' अनुसार
है। (ग) ग्राम
पंचायतों को 15वां
वित्त आयोग
की अनाबद्ध
राशि, मनरेगा
एवं राज्य
वित्त आयोग
तथा मनरेगा के
अभिसरण से
नवीन पंचायत भवन
स्वीकृत
किये जाने के
निर्देश है।
ग्रामीण यांत्रिकी
सेवा द्वारा
जारी मानक
प्राक्कलन
अनुसार लागत
राशि रूपये 20.00 लाख
है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'ब' अनुसार
है। (घ) बजट की
उपलब्धता के
आधार पर
निर्माण
कार्यों हेतु
राशि जारी की
जाती है।
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
मनरेगा योजना अन्तर्गत कार्य स्वीकृति
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
124. ( क्र. 574 ) श्रीमती सेना महेश पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मनरेगा योजनान्तर्गत भारत सरकार द्वारा 272 प्रकार के कार्य स्वीकृत करने के प्रावधान दिये गये है? यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश में 24 प्रकार के कार्य स्वीकृत करने हेतु आदेशित किया गया है, शेष अन्य कार्य पर प्रतिबन्ध लगाया गया है, क्या कारण हैं? (ख) क्या मनरेगा योजनान्तर्गत प्रदेश में विकास हेतु सभी प्रकार के कार्य स्वीकृत करने हेतु लगा प्रतिबन्ध हटाया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? अवधि बतावें। (ग) क्या कलेक्टर/जिला पंचायत को डेढ़ करोड़ तक के कार्य स्वीकृत करने के अधिकार है? यदि हाँ, तो मनरेगा साफ्टवेयर में 30 से 40 लाख तक के कार्य ही पोर्टल पर अपलोड होते है? क्या कारण है? क्या कलेक्टर/जिला पंचायत को डेढ़ करोड़ तक के कार्य स्वीकृत करने हेतु पोर्टल से प्रतिबन्ध हटाया जायेगा? कब तक? अवधि बतावें। (घ) अलीराजपुर जिला में मनरेगा योजना में कितनी समाग्री की एम.आई.एस. दर्ज है? यदि हाँ, तो विभागवार बतावें। उक्त लंबित एम.आई.एस. सामग्री का भुगतान कब तक किया जायेगा? अवधि बतावें।
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) मनरेगा योजनान्तर्गत कुल 266 प्रकार के कार्यों को अनुमत किया गया है। स्वीकृत लेबर बजट की तुलना में दोगुनी लागत से अधिक के कार्य प्रगतिरत रहने के कारण उक्त कार्यों को प्राथमिकता से पूर्ण करने के उद्देश्य से सीमित संख्या में 24 प्रकार के नवीन कार्यों की अनुमति दी गई थी। अनुमत 266 प्रकार के कार्यों में समान प्रकार के कार्य होने से मुख्य रूप से 66 प्रकार के कार्य ही प्रदेश में विगत वर्षों में लिये गये हैं। कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'अ' अनुसार है। (ख) राज्य शासन द्वारा पूर्व में जारी निर्देश क्र. 2258 दिनांक 01.07.2024 में 24 प्रकार के कार्यों में आवश्यक कृषि आधारित कार्य, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, ग्रामीण अधोसंरचना के नवीन कार्यों को शामिल करते हुए नवीन निर्देश क्र. 5191 दिनांक 19.11.2024 जारी किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ, कलेक्टर को 1.5 करोड़ लागत के कार्य स्वीकृत करने का अधिकार है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारत सरकार द्वारा नरेगा साफ्टवेयर में कार्यों की लागत की सीमा निर्धारित की गई है। अत: भारत सरकार द्वारा कार्यों की निर्धारित सीमा के भीतर ही नवीन कार्य स्वीकृत किये जा सकते हैं। कार्यों की लागत की सीमा के संबंध में भारत सरकार से जानकारी प्राप्त की जा रही है। (घ) अलीराजपुर जिला में मनरेगा योजना में सामग्री की दर्ज एम.आई.एस. का विभागवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'स' अनुसार है। उक्त लंबित एम.आई.एस. सामग्री का भुगतान भारत सरकार से पर्याप्त राशि प्राप्त होने के उपरांत किया जा सकेगा।
नवनियुक्त व पूर्व प्रभारी प्राचार्यों की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
125. ( क्र. 578 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के नवनियुक्त योग्य प्राचार्यों की बधाई परन्तु जो साक्षात्कार में असफल रहे प्रभारी प्राचार्य थे उनको अन्य ग्रामीण महाविद्यालयों में पदस्थ करने की सरकार की क्या योजना है। (ख) नवनियुक्त व पूर्व प्रभारी प्राचार्यों के साथ में रहने से अनुशासन संबंधी माहौल खराब होने की आशंका के चलते अन्य जिले की तहसील में पदस्थापना कब तक करेंगे? (ग) उच्च शिक्षा विभाग में पदस्थ सहायक प्राध्यापकों को जिनकी सी.आर. व अन्य आवश्यक दस्तावेज पूर्ण है उनको चतुर्थ पे बैंड वेतनमान का लाभ दिए जाने में विलंब का क्या कारण है? (घ) प्रोफेसरों की सक्षम ऐप से उपस्थिति ली जा रही है विद्यार्थियों की कब से शुरू की जाएगी इसकी सरकार की क्या योजना है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में प्राचार्यों/प्रभारी प्राचार्यों के पदांकन हेतु विशेष प्रक्रिया निर्धारित कर कार्यवाही की गई है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) ऐसे सहायक प्राध्यापक जो चतुर्थ पे-बैण्ड हेतु निर्धारित मापदण्ड पूर्ण करते हैं उन्हें प्रक्रियानुसार चतुर्थ पे-बैण्ड देने हेतु समय-समय पर कार्यवाही की गई है। यह कार्यवाही सतत् है। (घ) सक्षम ऐप से विद्यार्थियों की उपस्थिति लिए जाने के संबंध में प्रकरण विचाराधीन नहीं है।
संविदा कर्मचारियों की जानकारी
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
126. ( क्र. 583 ) डॉ. राजेश सोनकर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला देवास व इंदौर अंतर्गत जिला पंचायत व जनपद पंचायत स्तर पर कुल कितने संविदा कर्मचारी किस-किस पद पर पदस्थ है? नाम, पदनाम सहित जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संविदा कर्मचारी अगर मेडिकल अवकाश पर होते हैं एवं इस अवधि में कर्तव्य पर उपस्थित नहीं होते हैं तो किस नियम से एवं कितने कारण बताओ सूचना पत्र जारी करने के बाद उनकी संविदा सेवा समाप्त कर दी जाती है? कृपया बिंदुवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक देवास जिले के अंतर्गत जिला व जनपद पंचायत स्तर पर किन-किन कर्मचारियों की किस नियम के आधार पर संविदा सेवा समाप्त की गई है? उन्हें कितनी बार सूचना पत्र जारी कर उनकी सेवा समाप्त की गई? कृपया नियमों की जानकारी दें एवं नियमविरुद्ध संविदा कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने पर कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? क्या संविदा कर्मचारियों की सेवा समाप्ति के पूर्व उनका पक्ष सुने जाने का नियम भी है? यदि हाँ, तो संविदा कर्मचारियों का पक्ष सुने बिना एक तरफा कार्य मुक्त करने वाले अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी व कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार।
प्रधानमंत्री आवास योजना में मिलने वाले लाभ
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
127. ( क्र. 585 ) डॉ. राजेश सोनकर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अंतर्गत ग्राम रोजगार सहायक को योजना का लाभ प्रदान करने का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक शासन की योजना का लाभ जिला देवास में किस-किस ग्राम रोजगार सहायक को किन नियमों से और कौन-कौन सी ग्राम पंचायत के ग्राम रोजगार सहायक को लाभ दिया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कितने रोजगार सहायक को नियम विरुद्ध लाभ दिए जाने की शिकायतें प्राप्त हुई है? नियम विरुद्ध जिन ग्राम रोजगार सहायक को योजना का लाभ दिया गया है उनकी जानकारी बिंदुवार वर्षवार प्रदान किए जाने का अनुरोध है। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में ग्राम रोजगार सहायकों को प्रधानमंत्री आवास योजना का नियम विरुद्ध दिए गए लाभ के लिए कौन अधिकारी-कर्मचारी एवं परियोजना अधिकारी द्वारा नियम विरुद्ध दिए गए लाभ में क्या जिम्मेदारी है? दोषी पाए जाने पर क्या उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही की जावेगी यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के स्वत: बहिर्वेशन के पैरामीटर के अनुसार वह परिवार जिनका कोई भी सदस्य रूपये 10000 प्रतिमाह से अधिक कमा रहा हो,तत्समय वह अपात्र था। ग्राम रोजगार सहायकों का तत्समय मासिक पारिश्रमिक रू. 9000 होने से उन्हें लाभ प्रदान करने का प्रावधान था। (दिनांक 17.08.2023 से ग्राम रोजगार सहायकों का मासिक पारिश्रमिक रू.18000 निर्धारित किया गया है।) (ख) जिला देवास में ग्राम पंचायत पिपलानी एवं गोदना (जनपद पंचायत कन्नौद) के ग्राम रोजगार सहायकों को लाभ दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जिले से प्राप्त अनुसार जानकारी निंरक है। (घ) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पंचायतों को प्राप्त राशि एंव योजनाओं की जानकारी
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
128. ( क्र. 594 ) श्री भैरो सिंह बापू : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुसनेर विधानसभा क्षेत्र जिला आगर-मालवा अंतर्गत 2022 से प्रश्न दिनांक तक पंचायतों में विभिन्न मदों से कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई ग्राम पंचायतवार कार्य के नाम सहित उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने कार्य पंचायतों द्वारा पूर्ण कर लिये गए है एवं कितने कार्य अधूरे है, अधूरे कार्य पूर्ण नहीं करने का क्या कारण है? (ग) सुसनेर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी ग्राम पंचायतों के खेत सड़क योजना के प्रस्ताव स्वीकृति हेतु लंबित है? ग्राम पंचायतवार जानकारी देवें। क्या खेत सड़क योजना वर्तमान में बंद है यदि नहीं, तो कार्यों की स्वीकृतियाँ क्यों नहीं दी जा रही हैं। (घ) सुसनेर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2022 से प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत कितने पात्र हितग्राहियों का चयन किया गया है एवं कितने चयनित लोगों को आवास हेतु राशि स्वीकृत की गई है? ग्राम पंचायतवार जानकारी देवें। (ड.) प्रश्नांश (घ) अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना में कितने हितग्राहियों को पात्र होने के बाद भी अपात्र घोषित किया गया है तथा इसके क्या कारण है? वर्तमान में योजना से वांछित हितग्राहियों के नाम जोड़े जाने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अ ''अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' ब ''अनुसार है। (ग) खेत सड़क योजना के प्रस्ताव स्वीकृति हेतु लंबित नहीं है। खेत सड़क योजना बन्द नहीं है। म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भोपाल के पत्र/5191/MGNREGS-MP/NR-3/Tech./2024 भोपाल दिनांक 19-11-2024 के अनुक्रम में कार्यवाही के निर्देंश है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स'अनुसार है। (ङ) प्रधानमंत्री आवास योजना में किसी भी हितग्राहियों को पात्र होने के बाद भी अपात्र घोषित नहीं किया गया है। शासन द्वारा आवास प्लस योजना में वंचित परिवारों को पात्रता सूची में जोड़ने हेतु भारत सरकार के पत्र क्रमांक J-11014/1/2024-RH-Pol. (e-387579) दिनांक 14.08.2024 से निर्देंश प्राप्त हो चुके है।
निर्माण कार्यों में अनियमितता
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
129. ( क्र. 629 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले के जनपद पंचायत ब्यौहारी व जयसिंहनगर वर्ष 2022 से प्रश्नांश दिनांक तक के दौरान कौन-कौन से निर्माण कार्य कितनी-कितनी लागत के कराये गये की जानकारी जनपदवार, पंचायतवार देवें। (ख) प्रश्नांश "क' अनुसार कराये गये कार्यों की भौतिक स्थित के साथ राशि भुगतान व पूर्णता प्रमाण पत्र इन कार्यों के जारी किये गये, कितने के शेष हैं की जानकारी कार्यवार देवें। (ग) प्रश्नांश "क" अनुसार कराये गये कार्यों में कितने जॉबधारी मजदूरों/बेरोजगारों को रोजगार/काम दिया गया का विवरण प्रश्नांश (क) की अवधि अनुसार देवें। (घ) प्रश्नांश "क" एवं "ख" के कराये गये कार्य गुणवत्ताविहीन प्राक्कलन व तकनीकी स्वीकृति से हटकर हुये, जिनका सत्यापन नहीं किया गया, गुणवत्ता में कमी पाई गई। कार्य आज भी अधूरे हैं, जिसके कारण पूर्णता प्रमाण पत्र जारी नहीं किये गये व प्रश्नांश "ग" अनुसार जॉब कार्डधारियों को काम नहीं दिया तो क्यों? इन सब अनियमितताओं के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? इन जिम्मेदारों के पद नाम व कार्यवाही की जानकारी देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (घ) जिला शहडोल में जनपद पंचायत ब्यौहारी एवं जयसिंहनगर में स्वीकृत समस्त कार्य निर्धारित प्राक्कलन अनुसार ही कराये गये है एवं सभी कार्य गुणवत्तायुक्त कराये गये है। मांग अनुसार सभी जॉबकार्ड धारियों को काम उपलब्ध कराया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ब्यौहारी विधान सभा क्षेत्र में राज्य स्तरीय खेलों का आयोजन
[खेल एवं युवा कल्याण]
130. ( क्र. 630 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले के ब्यौहारी विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नांश दिनांक तक कब-कब, किन-किन खेलों का आयोजन किया गया, विवरण देते हुये बतायें कि इस हेतु कितनी राशि शासन से प्राप्त हुई इसका उपयोग किन-किन खेलों में किया गया का विवरण अलग-अलग देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किन-किन तरह के खेलों का आयोजन खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा कराया जाता है, इनके आयोजन बावत शासन के क्या निर्देश है, प्रति देते हुये बतावें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार शहडोल जिले के ब्यौहारी में जिला स्तरीय व राज्य स्तरीय खेलों के आयोजन हेतु शासन स्तर से निर्देश देंगे, जानकारी दें यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार आयोजित खेलों हेतु प्राप्त राशि का बंदरबांट कर गबन किया गया, खेल शासन के निर्देशानुसार आयोजित नहीं कराये गये व विधानसभा क्षेत्र ब्यौहारी में जिला स्तरीय व राज्य स्तरीय खेलों का आयोजन नहीं कराया गया क्यों? इन सब अनियमितताओं के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है इनके पद नाम का विवरण देते हुये क्या कार्यवाही करेंगे जानकारी दें अगर नहीं तो क्यों?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) शहडोल जिले के ब्यौहारी विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नांश दिनांक में आयोजित किए गए खेल आयोजनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) खेल और युवा कल्याण विभाग द्वारा ब्यौहारी विधानसभा क्षेत्र में ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविर, विधायक कप एवं खेलो एम.पी. यूथ गेम्स का आयोजन कराया गया है, जिस हेतु जारी किए गए निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जिला स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन जिला स्तर पर उपलब्ध संसाधन एवं अधोसरंचना के अनुसार जिला प्रशासन के निर्णय अनुसार किया जाता है। ब्यौहारी विधानसभा क्षेत्र में खेलों के सीमित संसाधन एवं अधोसंरचना होने के कारण अधिकृत राज्य स्तरीय आयोजन किया जाना सम्भव नहीं है। (घ) जी नहीं, खेलों हेतु प्रदत्त राशि का गबन नहीं किया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शिकायतों पर कार्रवाई
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
131. ( क्र. 633 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत भिण्ड के पद पर पदस्थ रहे अधिकारी श्री जे.के. जैन के विरूद्ध किन-किन व्यक्तियों द्वारा क्या-क्या शिकायतें की गई? शिकायतों के विवरण सहित उनकी छायाप्रतियां उपलब्ध करायी जाएं। (ख) श्री जैन के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों की जाँच किस अधिकारी को कब सौंपी व किस दिनांक को जाँच प्रतिवेदन विभाग में प्राप्त हुआ? पूर्ण जानकारी दी जाये। (ग) शिकायत जांच प्रतिवेदन में आये तथ्यों के अनुरूप श्री जैन के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जायेगी? समय-सीमा बताएं।
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) 03 व्यक्तियों द्वारा शिकायत की गई 1. श्री अजय थापक,वरिष्ठ उपाध्यक्ष राष्ट्रीय विश्व हिन्दू परिषद, निवासी हाल-गोरमी जिला भिण्ड, 2. डॉ. अनिल भारद्वाज प्रवक्ता, जिला काग्रेस कमेटी, भिण्ड, 3. श्रीमती आरतीरामपाल गुर्जर, जनपद सदस्य, रसनौल, जिला भिण्ड। शिकायतों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार। (ख) उत्तरांश ''क'' में उल्लेखित शिकायतों की जांच हेतु आयुक्त चबंल संभाग मुरैना को शिकायत की प्रति भेजकर, जांच प्रतिवेदन चाहा गया। जिसमें से एक शिकायती पत्र का प्रतिवेदन दिनांक 27.09.2024 को प्राप्त हुआ है कार्यवाही प्रचलन में है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार। (ग) कार्यवाही प्रचलन में है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
क्रांति सूर्य टंट्या भील विश्वविद्यालय खरगोन में कुलपति की नियुक्ति
[उच्च शिक्षा]
132. ( क्र. 634 ) श्री हेमंत सत्यदेव कटारे : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्रांति सूर्य टंट्या भील विश्वविद्यालय खरगोन में कुलपति की नियुक्ति हेतु न्यूनतम शैक्षणिक एवं अनुभव की अर्हता क्या है? (ख) वर्तमान में नियुक्त कुलपति की शैक्षणिक एवं अनुभव की अर्हताएं क्या कुलपति पद हेतु न्यूनतम अर्हताओं की पूर्ति करती हैं? (ग) क्रांति सूर्य टंट्या भील विश्वविद्यालय खरगोन में नियुक्त वर्तमान कुलपति की प्रोफेसर पद पर नियुक्ति किस तिथि को हुई थी, उसका वेतनमान क्या था एवं प्रोफेसर पद की चयन समिति का गठन किन नियमों के अंतर्गत किया गया था? (घ) प्रोफेसर पद के विज्ञापन की तिथि, साक्षात्कार की तिथि सहित कुल कितने उम्मीदवार प्रोफेसर पद हेतु साक्षात्कार में सम्मिलित हुये थे? पूर्ण जानकारी दी जाये। सम्मिलित हुये सभी उम्मीदवारों का बायोडाटा उपलब्ध कराया जाय।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) कुलपति की नियुक्ति हेतु न्यूनतम अर्हता परिनियम-1 में वर्णित है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) क्रांति सूर्य टंट्या भील विश्वविद्यालय, खरगोन में नियुक्त वर्तमान कुलगुरू प्रोफेसर मोहन लाल कोरी जो कि वैदिका कॉलेज ऑफ फार्मेसी, भोपाल (म.प्र) में दिनांक 01.02.2010 से प्रिंसिपल पद पर कार्यरत थे, को आर.के.डी.एफ. विश्वविद्यालय, भोपाल में प्रोफेसर पद पर संविलियन (absorption) दिनांक 17/10/2012 को वेतनमान रू. 37400-67000 AGP रू. 10000 पर किया गया। चयन समिति का गठन आर.के.डी.एफ. विश्वविद्यालय, भोपाल के परिनियम 21 कंडिका 6 एवं 10 के अनुसार विद्यमान संकाय सदस्यों के संविलियन हेतु किया गया था। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में विज्ञापन का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। साक्षात्कार दिनांक 12/10/2012 को संपादित हुआ। प्रोफेसर पद हेतु 01 उम्मीदवार डॉ. मोहनलाल कोरी साक्षात्कार में सम्मिलित हुए, जिनका बायोडाटा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है।
जबलपुर में ग्लोबल स्किल पार्क की स्थापना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार (केवल कौशल विकास एवं रोजगार ) ]
133. ( क्र. 638 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या राज्य मंत्री, कौशल विकास एवं रोजगार महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा का प्रश्न क्र. 3777, दिनांक 15/07/24 के उत्तर में बताया है कि ग्लोबल स्किल्स पार्क की स्थापना जनसुविधा की दृष्टि से भोपाल में की गई तो बताया जाए कि ऐसी कौन-कौन सी जनसुविधा रही जो जबलपुर में उपलब्ध नहीं है? (ख) भोपाल हेतु स्वीकृत आई.टी. जबलपुर में क्यों संचालित किया जा रहा है जबकि जबलपुर में उसमें बड़ा संस्थान ग्लोबल स्किल्स पार्क का संचालन जबलपुर में किया जाना था। क्या यह जबलपुर के साथ छलावा नहीं है। (ग) उक्त प्रश्न का प्रश्नांश (घ) का पूछा गया उत्तर न देकर विधान सभा को गुमराह करने के उद्देश्य के अन्य गोलमोल जबाव क्यों दिया गया है? स्पष्ट करें। (घ) उक्त प्रश्नांश (घ) में स्पष्ट पूछा है कि अधिकारी भोपाल में बैठते है?
राज्य मंत्री, कौशल विकास एवं रोजगार ( श्री गौतम टेटवाल ) : (क) एवं (ख) रेल एवं वायुयान की जनसुविधा एवं राजधानी होने के दृष्टिगत ग्लोबल स्किल्स पार्क की स्थापना भोपाल में की गई थी। भोपाल हेतु स्वीकृत आईटाट भोपाल में एवं जबलपुर हेतु स्वीकृत आईटाट जबलपुर में संचालित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, वस्तुस्थिति स्पष्ट करते हुए जवाब प्रस्तुत किया गया था। (घ) जी हां, कौशल विकास संचालनालय का संचालन एवं कार्यों का संपादन जबलपुर से किया जा रहा है। केन्द्र एवं राज्य शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं के कार्यों के सुचारू रूप से संचालन, तत्संबंधी समस्याओं के त्वरित निराकरण एवं क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तरीय एवं क्षेत्रीय कार्यालयों से अधिकारीगणों द्वारा कार्य किया जा रहा है। कौशल विकास संचालनालय के कार्यों के साथ-साथ भोपाल मुख्यालय स्थित क्षेत्रीय कार्यालय एवं म.प्र. राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड के कार्य भी अधिकारी संपादित करते है।
जल क्रीड़ा गतिविधि का संचालन
[खेल एवं युवा कल्याण]
134. ( क्र. 639 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा प्रश्न क्रमांक 315, दिनांक 01.07.2024 के उत्तर में म.प्र. खेल नीति 2005 के बिन्दु क्र. 9 में उल्लेख है कि भोपाल के अतिरिक्त ग्वालियर, जबलपुर जैसे जिलों में भी जल क्रीड़ा प्रारम्भ कराई जावेगी तो क्या जिला जबलपुर के संबंध में वर्तमान में कोई योजना बनाई गई है? (ख) जिला जबलपुर स्थित मढोताल एवं हनुमानताल जल क्रीड़ा गतिविधि संचालन हेतु पर्याप्त प्राकृतिक ताल है? (ग) माननीय विभागीय मंत्री जी को प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्र क्र.107 दिनांक 02.07.2024 पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ख) का उत्तर हाँ, तो यहां पर कब तक जल क्रीड़ा गतिविधि संचालित करायी जावेगी?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) जी हाँ, जबलपुर शहर में जिला क्याकिंग-केनोईंग एवं जिला रोईंग एशोसिएशन द्वारा जलक्रीड़ा की गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। रांझी जबलपुर में वॉटर स्पोर्टस निर्माण हेतु म.प्र. पुलिस आवास एवं अधोसंरचना विकास निगम भोपाल द्वारा राशि रू 522.36 लाख का प्राक्कलन तैयार किया गया है, इस हेतु केन्द्रीय सहायता का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जा रहा है। (ख) जिला जबलपुर स्थित मढोताल एवं हनुमानताल दोनों ही स्थानों पर नियमानुसार जल क्षेत्र की लंबाई चौड़ाई और गहराई जलक्रीड़ा गतिविधि संचालन हेतु उपयुक्त नहीं है। (ग) जिला जबलपुर में जलक्रीड़ा संचालन के संबंध में वॉटर स्पोर्टस सेंटर प्रारंभ करने हेतु रोईंग, क्याकिंग-केनोईंग की बोट्स, आर्गोमीटर और अन्य खेल उपकरण/सामग्री एवं जेट्टी भोपाल से जबलपुर भेजी गई है। (घ) प्रश्नोत्तर ''ख'' के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लोकहित में लिखे गए पत्रों पर कार्यवाही की जानकारी
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
135. ( क्र. 642 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 01 जनवरी, 2024 से प्रश्न दिनांक 18.11.2024 की अवधि में विभागीय सचिव किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग एवं आयुक्त सह प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन (मंडी) बोर्ड को अपनी ई. मेल आई.डी. kamleshwar.d@mpvidhansabha.nic.in से विभागीय ई मेल. आई.डी. mdmandiboard@gmail.com पर सतत रूप से भेजे गये सभी लोकहित के लिखित पत्रों पर पृथक-पृथक क्या वैधानिक कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक की गई है पृथक-पृथक पत्रवार की गई कार्यवाही की सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावे। (ख) क्या यह सत्य है कि प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्नकर्ता विधायक के प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्रों पर निर्धारित समय-सीमा में विभागीय सक्षम अधिकारी द्वारा कार्यवाही नहीं की गई है और प्रत्येक पृथक-पृथक लिखे गये पत्रों का कोई अंतिम निराकरण प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं किया गया? इसके लिये कौन-कौन विभागीय अधिकारी उत्तरदायी एवं दोषी है पृथक-पृथक नाम, पदनाम वार बतावें। (ग) क्या यह सत्य है कि प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्नकर्ता के प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्र पर विभाग के सचिव एवं आयुक्त सह प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन (मंडी) बोर्ड निर्धारित समय-सीमा में कार्यवाही करते हुये अपने अधीनस्थों को जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किये जाने के आदेश दिये गये थे यदि हाँ, तो पत्रवार बतावें, क्या प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्र पर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं करने वाले एवं समय-सीमा में कार्यवाही पूर्ण नहीं करने वाले संबंधित दोषी अधिकारी एवं अन्य के विरूद्ध उन्हें निलंबित करते हुये उनके विरूद्ध विभागीय जांच आदेशित करेंगे यदि हाँ, तो कब तक निश्चित समय अवधि बतावें यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्नकर्ता के लोकहित में लिखे गये सभी लिखित पत्रों पर समय-सीमा में सम्पूर्ण वैधानिक कार्यवाही पूर्ण करते हुये प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्र का अंतिम निराकरण करने के आदेश सक्षम अधिकारी को जारी करेंगे यदि हाँ, तो कब तक निश्चित समय अवधि बतावें यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में प्राप्त 16 पत्रों पर मंडी बोर्ड मुख्यालय भोपाल द्वारा पत्रवार की गई कार्यवाही का विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। कुल 4 पत्र शिकायती होने से मंडी बोर्ड द्वारा संबंधित अधिकारियों से जांच प्रतिवेदन मांगे गये है एवं नीतिगत निर्णय वाले कुल 9 पत्रों पर उच्च स्तर से कार्यवाही संभव होने के कारण विचारण प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) जी हां, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्राप्त शिकायती पत्रों के जांच प्रतिवेदन संबंधित जाचंकर्ता अधिकारी (संबंधित संयुक्त संचालक/उप संचालक आंचलिक कार्यालय) से प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार 4 शिकायती पत्रों पर संबंधित जांचकर्ता अधिकारियों से प्रतिवेदन प्राप्त करने हेतु पत्राचार किया गया है एवं नीतिगत निर्णय वाले पत्रों पर उच्च स्तर से विचारण होने के कारण कार्यवाही प्रकियाधीन है।
लोकहित में लिखे गये पत्रों पर की गई कार्यवाही
[श्रम]
136. ( क्र. 643 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 01 जनवरी, 2024 से प्रश्न दिनांक 18.11.2024 की अवधि में विभागीय प्रमुख सचिव एवं श्रम आयुक्त इंदौर को अपनी ईमेल आईडी kamleshwar.d@mpvidhansabha.nic.in से विभागीय ई. मेल. आई. डी. pslabour@mp.gov.in पर सतत रूप से भेजे गये सभी लोकहित के लिखित पत्रों पर पृथक-पृथक क्या वैधानिक कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक की गई है पृथक-पृथक पत्रवार की गई कार्यवाही की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावे। (ख) क्या यह सत्य है कि प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्नकर्ता विधायक के प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्रों पर निर्धारित समय-सीमा में विभागीय सक्षम अधिकारी द्वारा कार्यवाही नहीं की गई है और प्रत्येक पृथक-पृथक लिखे गये पत्रों का कोई अंतिम निराकरण प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं किया गया? इसके लिये कौन-कौन विभागीय अधिकारी उत्तरदायी एवं दोषी है पृथक-पृथक नाम, पदनामवार बतायें। (ग) क्या यह सत्य है कि प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा नवम्बर 2024 में मध्यप्रदेश के जिला रतलाम, धार, झाबुआ, अलीराजपुर बड़वानी, खरगौन में मजदूरों, किसानों आदिवासियों के पलायन रोकने के लिये विभागीय प्रमुख सचिव एवं माननीय मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया था यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश में उक्त जिलों में पलायन रोकने हेतु मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री/श्रम मंत्री की अध्यक्षता में कब तक मंत्रिमंडल समिति का गठन कर दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) क्या माननीय मंत्री महोदय प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्नकर्ता के लोकहित में लिखे गये सभी लिखित पत्रों पर समय-सीमा में सम्पूर्ण वैधानिक कार्यवाही पूर्ण करते हुये प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्र का अंतिम निराकरण करने के आदेश सक्षम अधिकारी को जारी करेंगे यदि हाँ, तो निश्चित समय अवधि बतावें। यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
श्रम मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) प्रश्नकर्ता माननीय विधायक महोदय द्वारा ईमेल के माध्यम से श्रमायुक्त, मध्यप्रदेश को प्रेषित पत्र दिनांक 09.10.2024 प्राप्त हुआ है। पत्र में उल्लेखित संयुक्त टीम गठित करने संबंधी प्रावधान अधिनियम में नहीं है। पत्र में उल्लेखित समाचार पत्र व एजेंसियों के पत्रकार एवं गैर पत्रकार कर्मचारियों के संबंध में समाचार पत्र कर्मचारी प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम, 1955 के अंतर्गत की गई कार्यवाही की वर्तमान जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) श्रमिकों के पलायन से संबंधी जानकारी श्रम विभाग से संबंधित नहीं है तथापि श्रम विभाग द्वारा अंतर्राज्यीय प्रवासी कर्मकार (नियोजन का विनियमन एवं सेवा शर्तें) अधिनियम, 1979 के तहत 5 या 5 से अधिक श्रमिकों को राज्य से बाहर अन्य राज्यों में कार्य हेतु ले जाने वाले ठेकेदार/एजेन्ट को अनुज्ञप्ति जारी की जाती है एवं प्रमुख नियोजक संस्थान को पंजीयन जारी किए जाते है। वर्तमान में मध्यप्रदेश में 80 प्रमुख नियोजकों के पंजीयन एवं 350 ठेकेदारों को अनुज्ञप्ति जारी की गई है साथ ही अधिनियम के अंतर्गत अंतर्राज्यीय प्रवासी श्रमिकों के संबंध में प्रावधानों के परिपालन हेतु निरीक्षण की कार्यवाही की जाती है। विगत 03 वर्षों में किए गए निरीक्षण एवं अभिलेख की जानकारी निम्न है-
वर्ष |
निरीक्षण |
अभियोजन |
2021-22 |
59 |
7 |
2021-23 |
86 |
1 |
2021-24 |
156 |
1 |
शेष प्रश्न श्रम विभाग से संबंधित नहीं है। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्राम कुमन गांव एवं लिली के बीच किसनेर नदी पर पुल निर्माण
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
137. ( क्र. 649 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम कुमन गांव से ग्राम लिली तक जो मार्ग बना है वह प्रधानमंत्री सड़क निधि से बना है अथवा मंडी बोर्ड मद से बना है। (ख) ग्राम कुमन गांव एवं लिली के बीच में किसनेर नदी पर अभी तक पुल का निर्माण क्यों नहीं करवाया गया है उक्त नदी पर पुल निर्माण कौन करवायेगा। (ग) अगर उक्त ग्राम की सड़क, मंडी बोर्ड निधि से बनवाई गई हैं, तो क्या उस समय उक्त नदी पर पुल निर्माण की स्वीकृति नहीं की गई थी। (घ) अगर उक्त नदी पर पुल निर्माण की स्वीकृति मार्ग निर्माण के समय ही दे दी गई थी तो फिर अभी तक क्यों नहीं बनवाया गया।
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) प्रश्न अंतर्गत मार्ग की स्वीकृति तथा निर्माण से संबंधित कार्यवाही मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड से नहीं की गई है। अपितु प्रश्न संदर्भ में मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा अवगत कराया गया है कि खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम कुमनगांव से ग्राम लिली तक मार्ग मंडी मद (किसान सड़क निधि) की राशि से प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत कर निर्मित किया गया है। (ख) मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण को किसान सड़क निधि से राशि राज्य शासन द्वारा प्रावधानित किये गये अनुसार समय समय पर एक-मुश्त प्रदान की जाती है। उक्त राशि से सडकों के निर्माण कार्य का चयन प्राधिकरण स्तर से किया जाकर सडकों की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर सडकों का निर्माण कराया जाता है। इसलिये प्रश्नांश ''ख'' मंडीबोर्ड से संबंधित नहीं है। (ग) उत्तरांश ''क'' एवं ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश ''क'' ''ख'' एवं ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भवन/कारखाना निर्माण की अनुमति
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
138. ( क्र. 655 ) श्री सचिन बिरला : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 55 एवं इसके अंतर्गत बनाए गए नियम, आदर्श विधियां उपविधियां की प्रति देवें? (ख) ग्राम खोडी ग्राम पंचायत कदवालिया में जनपद पंचायत बड़वाह जिला खरगोन में एसोसिएटेड (एल्कोहल एवं ब्रेवरीज लिमिटेड खोडी उद्योग द्वारा इथेनॉल प्लांट स्थापित किया गया? कार्य प्रारंभ करने एवं पूर्ण होने की दिनांक बतावें और नियमों के अनुसार ग्राम पंचायत कार्यालय से कब निर्माण अनुमति प्राप्त की गई? ग्राम पंचायत के रिकार्ड से निर्माण अनुमति, निर्माण का नक्शा फीस का भुगतान और उपभोग का प्रमाण पत्र देवें। (ग) यदि ग्राम पंचायत रिकार्ड के अनुसार निर्माण अनुमति जारी नहीं की गई है तो उक्त अवैध निर्माण कब तक तोड़ दिया जाएगा और इस अवैध निर्माण को तोड़ने वाले सक्षम अधिकारी का नाम, पदनाम बतावें। (घ) ग्राम पंचायतं कदवालिया के द्वारा अवैध निर्माण के संबंध में अब तक क्या कार्यवाही की गई है? क्या शराब उद्योग के खौफ से सरपंच एवं सचिव के द्वारा अवैध निर्माण को नहीं तोड़ा जा रहा है?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
भ्रष्टाचार एवं पदस्थ अधिकारी की जांच
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
139. ( क्र. 668 ) श्री पंकज उपाध्याय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद पंचायत पहाड़गढ़ में वर्तमान मुख्य कार्यपालन अधिकारी कब से पदस्थ हैं तथा पूर्व में कहां-कहां एवं कब से कब तक किस-किस पद पर पदस्थ रहे हैं? (ख) क्या वर्तमान मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पहाड़गढ़ के विरूद्ध भ्रष्टाचार के संबंध में कोई विभागीय जांच चल रही है अथवा भ्रष्टाचार की कोई जांच पूर्ण हो चुकी है? इनकी कार्यावधि में जनपद पंचायत पहाड़गढ़ में शासकीय योजनाओं में घोटाले के कितने प्रकरण प्रकाश में आए है एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई है? विस्तृत जानकारी दस्तावेजों सहित उपलब्ध कराएं। (ग) वर्तमान मुख्य कार्यपालन अधिकारी की पदस्थापना अवधि में जनपद पंचायत पहाड़गढ़ में कितनी ऑडिट आपत्तियां एवं क्यों प्राप्त हुई है एवं उन पर क्या कार्यवाही हुई है अथवा प्रचलन में है? जनपद पंचायत पहाड़गढ़ एवं कैलारस की 2023 से अक्टूबर 2024 तक केश बुक की प्रति उपलब्ध करायें। (घ) वर्तमान मुख्य कार्यपालन अधिकारी की पदस्थापना अवधि में जनपद पंचायत पहाड़गढ़ की समस्त ग्राम पंचायतों में क्या-क्या निर्माण कार्य कराए गए हैं एवं उक्त कार्यों के लिए कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है? किस-किस कार्य में शासन के आदेशानुसार 60:40 के अनुपात का पालन नहीं पाया गया है एवं क्या कार्यवाही की गई है? पंचायतवार जानकारी प्रदान करें। (ड.) क्या वर्तमान मुख्य कार्यपालन अधिकारी की पदस्थापना अवधि में जनपद पंचायत पहाड़गढ़ एवं कैलारस में मृत व्यक्तियों के जॉब कार्डों पर मनरेगा के तहत मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है प्रश्नकर्ता द्वारा इनके संज्ञान में लाए जाने के उपरांत इनके द्वारा इस प्रकरण में क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, की गई है तो क्यों नहीं की गई है? संपूर्ण जानकारी उपलब्ध दस्तावेजों सहित उपलब्ध करायें।
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार। (ख) मुख्य कार्यपालन अधिकरी जनपद पंचायत पहाड़गढ़ के विरूद्ध कोई भी विभागीय जांच एवं घोटाले संबंधी प्रकरण प्रचलित नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार।
नवीन पीएमजीए सव्हाय योजना
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
140. ( क्र. 675 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन पी.एम.जी.एस.वाय योजना का वर्तमान में प्रदेश में कौन सा चरण क्रियान्वित किया जा रहा है। इसमें सड़कों के निर्माण हेतु क्या-क्या दिशा निर्देश, मापदण्ड निर्धारित किये गये है? संपूर्ण जानकारी मय दस्तावेजों के बताये। (ख) उपरोक्त के तारतम्य में मापदण्ड पूर्ण करने वाले कितने सड़कों के डीपीआर राघौगढ़ विधानसभा के स्वीकृत है, कितने लंबित है? कितने कार्य पूर्ण है कितने कार्य अपूर्ण है? पंचायतवार पृथक-पृथक बताये। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में इन कार्यों में जो गांव 500 की जनसंख्या के नीचे वाले है ऐसे कितने कार्य जनमन योजना के अन्तर्गत स्वीकृत हुये है? उनकी अद्यतन स्थिति क्या है? ग्रामवार पृथक-पृथक बताये। (घ) क्या नवीन पी.एम.जी.एस.वाय योजना अन्तर्गत वर्ष 2011 की जनगणना को आधार बनाकर जनसंख्या के आधार पर कार्यों का निर्धारण किया जा रहा है? जबकि प्रदेश में नवीन जनगणना 2024 तक लंबित होने की स्थिति में उपरोक्त मापदण्डों को पूर्ण नहीं होने की स्थिति में इन ग्रामों को सड़कों से जोड़ने हेतु कोई नवीन योजना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो बताये? यदि नहीं, तो 500 जनसंख्या से कम वालें ग्रामों को जोड़ने हेतु कब तक कार्यवाही कर इन्हें जोड़ा जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) केन्द्र सरकार द्वारा नवीन पी.एम.जी.एस.वाय योजना के अंतर्गत पी.एम.जी.एस.वाय -IV योजना प्रारंभ किये जाने की घोषणा की गई है। योजना के दिशा निर्देश मापदण्ड निर्धारण अद्यतन स्थिति तक जारी नहीं किए गए हैं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। तथापि विधानसभा राघौगढ़ में पी.एम. जनमन योजना अंतर्गत स्वीकृत कार्य एवं अद्यतन स्थिति की ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) पी.एम.जी.एस.वाय-IV योजना के दिशा निर्देश अप्राप्त होने के कारण प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रोजगार सहायक के स्थानान्तरण
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
141. ( क्र. 676 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रोजगार सहायक के नियुक्ति के क्या नियम है? इसकी शैक्षणिक योग्यता क्या है? प्रदेश में कुल कितने पद हैं? कितने भरे हुये और कितने पद किन-किन कारणों से कब से कहां-कहां रिक्त है? क्या इनकी नियुक्ति प्रक्रिया सतत् प्रक्रियाधीन होती है? इनकी सेवायें का स्वरूप क्या है? यह राज्य सरकार के किन पदों के समकक्ष माने जाते है? इनके उत्तरदायित्व क्या-क्या है? उत्तरदायित्वों के निर्वहन में कमी पाई जाने पर क्या सजा का प्रावधान है? संपूर्ण जानकारी पृथक-पृथक आदेशों/निर्देशों के प्रति सहित बताये। (ख) रोजगार सहायक के स्थानातंरण के नियम क्या है? यद्यपि स्थानांतरण आदेश हो जाता है तो पुनः यथास्थान पदस्थी के क्या नियम है? बताये। (ग) गुना जिले में कितने रोजगार सहायकों की शिकायतें प्राप्त हुई है? उन पर कब और क्या कार्यवाही किसके द्वारा की गई है? शिकायतों की प्रति आदेश/निर्देशों की प्रति सहित बताये।
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) ग्राम रोजगार सहायक की नियुक्ति संबंधी निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 1 अनुसार है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -1 विभाग के परिपत्र क्र. 5335 दिनांक 02.06.2012 के परिशिष्ट- 1 की कंडिका 2 में शैक्षणिक योग्यता उल्लेखित है। प्रदेश में कुल 23011 पद है, जिसके विरुद्ध वर्तमान में कुल 19690 पद भरे है। प्रदेश में रिक्त पदों एवं रिक्त होने के कारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -2 अनुसार है। जी नहीं, ग्राम रोजगार सहायक की सेवाएं अंशकालिक संविदा स्वरूप की है। ग्राम रोजगार सहायक के पद की राज्य सरकार के पदो से समकक्षता नहीं है। ग्राम रोजगार सहायक के उत्तरदायित्व एवं उत्तरदायित्वों के निर्वहन में कमी पाये जाने पर की जाने वाली कार्यवाही संबंधी प्रावधान उपरोक्त उल्लेखित परिशिष्ट -1 की कंडिका 14, 15, 16 एवं जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 3 अनुसार विभाग के परिपत्र क्र. 106 दिनांक 05.10.2023 की कंडिका 1 में उल्लेखित हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -3 अनुसार है। (ग) गुना जिले में 21 ग्राम रोजगार सहायकों की शिकायते प्राप्त हुई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 4 अनुसार है।
समिति प्रबंधक को समिति का प्रभार न मिल पाना
[सहकारिता]
142. ( क्र. 679 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेवा सहकारी समिति चौखंड़ी शाखा डमौरा जिला रीवा में दिनांक 22/06/2022 से 28/01/2024 तक समिति प्रबंधक का प्रभार किसके पास था? क्या उनके द्वारा वर्तमान समिति प्रबंधक को समिति का संपूर्ण प्रभार व दस्तावेज सौंप दिये गये है? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक संपूर्ण प्रभार नियमानुसार सौंप दिया जायेगा? (ख) क्या तत्कालीन प्रभारी समिति प्रबंधक द्वारा खातेदारों की जमा राशि व एफ.डी. आदि का फर्जी तरीके से आहरण कर गबन करने के कारण समिति का संपूर्ण प्रभार नहीं दिया जा रहा है? क्या इस मामले की विस्तृत जांच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों? (ग) क्या यह सही है कि विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रभार व गबन का विवरण देते हुए थाना अतरैला को प्रेषित पत्रों में प्राथमिकी दर्ज करने का आग्रह किया गया है? अब तक प्राथमिकी दर्ज न होने के क्या कारण है? कब तक एफ.आई.आर. दर्ज कराई जावेगी?
सहकारिता मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) दिनांक 22-06-2022 से 28-01-2024 तक सेवा सहकारी समिति चौखंड़ी के समिति प्रबंधक का प्रभार श्री सत्यदेव कुशवाहा विक्रेता के पास था। जी नहीं। प्रभार सौंपने हेतु म.प्र. सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 1960 की धारा 57 के तहत रिकार्ड जप्ती एवं अपराधिक प्रकरण दर्ज कराने की कार्यवाही की गई है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) संपूर्ण रिकार्ड का प्रभार प्राप्त हो जाने के पश्चात ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। रिकार्ड प्राप्त होने के पश्चात अनियमितता पाए जाने पर विस्तृत जांच करायी जायेगी, अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। कार्यवाही थाना स्तर पर लंबित है। समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
खेल प्रशालों/स्टेडियमों का निर्माण व विकास
[खेल एवं युवा कल्याण]
143. ( क्र. 680 ) श्री देवेन्द्र पटेल : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिलवानी विधानसभा क्षेत्र के नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में खेल सुविधाओं के विस्तार की विभाग की क्या योजना है? अब तक क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी लागत के कहां-कहां स्वीकृत हैं? पूर्णता की स्थिति क्या है? (ख) सिलवानी विधानसभा क्षेत्र में कहां-कहां खेल प्रशालों का निर्माण किन निर्माण एजेंसियों द्वारा किया जा रहा है? इनके कार्यों में गुणवत्ता नियंत्रण हेतु क्या व्यवस्था है? (ग) क्या विभाग क्षेत्र के बड़े ग्रामों में मिनी स्टेडियम स्वीकृत कर निर्माण करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) विभागीय नीति अनुसार विकास खण्ड एवं उच्च स्तर पर नगरीय निकाय सीमा परिधि के 02 किमी. परिक्षेत्र में समतल उपयुक्त न्यूनतम 5 एकड़ भूमि विभाग के नाम आवंटित होने पर जिले से समुचित प्रस्ताव प्राप्त होने के पश्चात् उपलब्ध बजट अनुसार खेल परिसर/स्टेडियम निर्माण की योजना है। सिलवानी विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत विकासखण्ड बेगमगंज मुख्यालय में राशि रू. 1.94 करोड़ की लागत से आउटडोर स्टेडियम निर्माण की स्वीकृति जारी की गई है। वर्तमान में निर्माण कार्य प्रगतिरत है, जिसके 30 जून 2025 तक पूर्ण होने की संभावना है। (ख) प्रश्नोत्तर ''क'' अनुसार सिलवानी विधानसभा के विकासखण्ड मुख्यालय बेगमगंज में खेल प्रशाल निर्माण स्वीकृत एवं निर्माण कार्य प्रगतिरत है। कार्यों की गुणवत्ता नियंत्रण निर्माण एजेन्सी लोक निर्माण विभाग (परियोजना क्रियान्वयन ईकाई) द्वारा की जा रही है। (ग) जी नहीं। प्रश्नोत्तर ''क'' के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विकासखण्ड बल्देवगढ़ की ग्राम पंचायत छिदारी में भ्रष्टाचार
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
144. ( क्र. 684 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा-47 की ग्राम पंचायत छिदारी विकास खण्ड बल्देवगढ़ के सरपंच, रोजगार सहायक, तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी बल्देवगढ़ के द्वारा शासन की कई योजनाओं के निर्माण कार्यों में लगभग 02 करोड़ रुपये की राशि का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार किया गया है जिसकी शिकायत प्रश्नकर्ता के पत्र क्र./0234/2024, दिनांक 8/11/24 के तहत प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास भोपाल, आयुक्त, कमिश्नर सागर, कलेक्टर टीकमगढ़, की ओर की गई जिसमें प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या ग्राम पंचायत छिदारी में वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक कितने निर्माण कार्य किये गये कार्यों के नाम, निर्माणाधीन स्थल का नाम, प्राक्कलनों की प्रमाणित प्रतियां, टी.एस. की प्रमाणित छायाप्रतियां, स्वीकृत राशि, मूल्यांकनों की प्रमाणित प्रतियां, ग्राम पंचायत के प्रस्तावों की प्रमाणित प्रतियां, व्यय राशि का विवरण, एम.बी. की प्रमाणित प्रतियां, निर्माण कार्य की प्रमाणित रंगीन फोटोग्राप्स, मस्टरों की प्रमाणित प्रतियां, भुगतान वाले बिल, व्हाउचरों की प्रमाणित प्रतियां उपलब्ध करायें। (ग) क्या प्रश्नकर्ता के शिकायती पत्र प्रश्नांश (क) के अनुसार वर्णित निर्माण कार्य क. 01 से 58 तक लगायत कार्यों में से क्र. 6, 9, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18, 19, 20, 21, 22, 23, 25, 27, 28, 29, 30, 31, 32, 33, 34, 35, 36, 37, 38, 39, 40, 41, 42, 43, 44, 45, 49, 50, 51, 52, 53, 54, 55, 56, 57, 58 यानि 46 कार्य धरातल, पर नहीं है एवं क्र. 4 में रोजगार सहायक के पिता के नाम खेत तालाब, मेड़ बंधान कार्य स्वीकृत है जो नहीं बनाये गये तथा सार्वजनिक कूप निर्माण रोजगार सहायक ने अपनी भूमि में बनाकर कृषि कार्य कर रहे है और कपिलधारा कूप निर्माण छिदारी ग्राम पंचायत के नहीं बल्कि पुरैनिया ग्राम पंचायत के व्यक्ति के नाम स्वीकृत कर दिया है और अपनी माँ का इमरत के नाम को बदलकर अमृत करके जाब कार्ड बनाकर लाखों रुपयों की मजदूरी का भुगतान प्राप्त किया गया है क्या इसकी जाँच कराये जाने हेतु जांच कमेटी विधान सभा से बनाकर क्षेत्रीय विधायक को शामिल करते हुये जांच करायेगे यदि जांच उपरांत दोषी पाये जाने वालो के विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करेंगे यदि हाँ, तो कब तक समयावधि बतायें यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) प्रकरण की जाँच प्रक्रियाधीन है। शिकायत की जाँच उपरांत, दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ख) ग्राम पंचायत छिदारी में वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक 205 कार्य स्वीकृत किये गये। कार्यवार टी.एस. स्वीकृत राशि, माप पुस्तिका की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट –अ अनुसार है। (ग) प्रश्न में वर्णित 46 कार्यों का भौतिक सत्यापन जनपद स्तर से 06 सदस्यी उपयंत्रियों का दल गठित कर कराया जा रहा है, जांच प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न की जाँच सहायक यंत्री एवं उपयंत्री जनपद पंचायत बल्देवगढ़ से कराई गयी। जाँच प्रतिवेदन अनुसार उत्तरदायित्व निर्धारित कर संबंधितों के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - ब अनुसार है।
खेत सड़क निर्माण के भ्रष्टाचार
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
145. ( क्र. 685 ) श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा-47 की ग्राम पंचायत करमासन हटा जनपद पंचायत बल्देवगढ़ द्वारा वैसा मुख्य मार्ग से नये के खेरे तक खेत सड़क निर्माण हेतु वर्ष 2023-24 में 16.43 लाख की राशि स्वीकृति की गई थी? प्राक्कलन अनुसार सड़क की लम्बाई-चौड़ाई कितनी थी? सम्पूर्ण प्राक्कलन की प्रमाणित प्रतियां उपलब्ध करायें। (ख) क्या ग्राम पंचायत करमासन हटा जनपद पंचायत बल्देवगढ़ से पटेल उपयंत्री का स्थानांतरण फरवरी 2024 में हो गया था और तिवारी उपयंत्री को तैनात कर दिया गया था? फिर पटेल उपयंत्री पदस्थ भिण्ड जिले में रहे और कार्य जनपद पंचायत बल्देवगढ़ में करते रहे तथा भ्रष्टाचार एवं कमीशन राशि प्राप्त करने के लिये फर्जी बिल व्हाउचर लगाकर भुगतानों को प्राप्त करते रहे तथा शासन के आदेशानुसार वर्ष 2024-25 के दिनांक 30-09-2024 की स्थिति में लंबित भुगतान के देयकों को संलग्न जिलों की सूची अनुसार भुगतान दिया जावेगा, इस प्रक्रिया को भांपकर पटेल यंत्री ने खेत सड़क निर्माण ग्राम पंचायत करमासन हटा के बिल व्हाउचर पुरानी तारीखों में फीड कराकर ग्राम पंचायत सरपंच को भुगतान दिनांक 4-10-2024 एवं 5-10-2024 में 10,87,718 (दस लाख सतासी हजार सात सौ अठारह) का भुगतान करा दिया गया जबकि वर्तमान उपयंत्री के कहीं भी हस्ताक्षर आदि नहीं हैं, न ही कोई प्रमाणीकरण है? क्या फीड किये बिल व्हाउचरों, एम.वी. की प्रमाणित छायाप्रतियां उपलब्ध करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या उक्त सड़क के निर्माण में मात्र 2-3 लाख रूपये की मिट्टी डाली गई है? जब उक्त सड़क निर्माण का कार्य आज वर्तमान में भी है अधूरा तो पूर्व से लंबित देयक की श्रेणी में बिल व्हाउचर बिना कार्य पूर्ण किये कैसे फीड किये गये? वर्तमान उपयंत्री के कही भी हस्ताक्षर नहीं हैं, फिर शासन के आदेश को देखते ही बिल व्हाउचर फीड करके फर्जी भुगतान किया गया। क्या उक्त सड़क की जांच एवं दस्तावेजों की जांच करने हेतु टीम गठित कर क्षेत्रीय विधायक को शामिल कराते हुए जांच करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी हाँ, ग्राम पंचायत करमासन हटा में वित्तीय वर्ष 2023-24 में राशि रूपये 16.43 लाख की राशि से खेत सड़क निर्माण कार्य मुख्य मार्ग बैसा से नये के खेरे तक स्वीकृत की गई थी। जिसकी प्राक्कलन अनुसार सड़क की लम्बाई 1150 मीटर एवं एवं चौड़ाई औसत 4.50 मीटर है। कार्य के प्राक्कलन की प्रमाणित छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) श्री प्रदीप पटेल तत्कालीन उपयंत्री जनपद पंचायत बल्देवगढ़ को दिनांक 25.01.2024 को भार मुक्त किया गया था एवं श्री जितेन्द्र तिवारी द्वारा दिनांक 05.03.2024 को जनपद पंचायत बल्देवगढ़ के सेक्टर करमासन हटा में पदभार ग्रहण किया गया था। ग्राम पंचायत करमासन हटा में खेत सड़क निर्माण कार्य मुख्य मार्ग बैसा से नये के खेरे तक कार्य पर दिनांक 04.10.2024 को राशि 413560 रूपये का भुगतान किया गया। जिसका मूल्यांकन तत्कालीन उपयंत्री पटेल द्वारा दिनांक 25.01.2024 के पूर्व किया गया। कार्य का भुगतान शासन से जारी पत्र क्रमांक 4344 दिनांक 01.10.2024 में दिए गए दिशा-निर्देशानुसार किया गया था एवं उक्त कार्य तत्कालीन उपयंत्री के कार्यकाल में किये जाने के कारण संबंधित उपयंत्री एवं सहायक यंत्री द्वारा प्रमाणीकरण के आधार पर भुगतान किया गया है, माप पुस्तिका की प्रमाणित छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं, उक्त सड़क निर्माण कार्य का मूल्यांकन तत्कालीन उपयंत्री श्री प्रदीप पटेल द्वारा किया जाकर श्री रोहित सगरिया, सहायक यंत्री द्वारा कार्य का भौतिक सत्यापन उपरांत मापपुस्तिका एवं देयको को सत्यापित किया गया। जिसके आधार पर ही भुगतान किया गया। चूँकि उक्त कार्य तत्कालीन उपयंत्री के समय हुआ और उन्हीं के द्वारा कार्य का मूल्यांकन किया गया, जिस कारण देयको पर वर्तमान उपयंत्री के हस्ताक्षर का प्रश्न ही नहीं उठता। कार्य की स्वीकृत लागत 16.43 लाख रूपये एवं व्यय राशि 16.26 लाख रूपये है। दस्तावेजों के आधार पर कार्य पर फर्जी भुगतान होना नहीं पाया गया। अत: जांच की आवश्यकता नहीं है।
ग्राम सचिवों का स्थानांतरण
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
146. ( क्र. 688 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले के भाण्डेर में ग्राम पंचायतों में पदस्थ सचिवों की स्थानांतरण नीति है, यदि हाँ, तो नीति की प्रति उपलब्ध कराएं। (ख) सरकार की नीति अनुसार पंचायत सचिव क्या कभी भी स्थानान्तरित किये जा सकते हैं? समय के पश्चात स्थानान्तरण के अधिकार किसको हैं? जानकारी देवें। (ग) भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र में जनवरी 2023 से नवम्बर 2024 तक कितने सचिवों को हटाया गया है? पंचायतवार सचिव के नाम तथा हटाने का कारण तथा स्थानान्तरित करने वाले अधिकारी का नाम व पद बतायें। (घ) भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र की अनुसूचित जाति ग्राम पंचायत अकोला में दिनांक 01.07.2022 से प्रश्न दिनांक तक कितने सचिवों को हटाया गया है? आदेश की प्रति दें। क्या अकोला पंचायत में जिन सचिवों के विरूद्ध आर्थिक अनियमितता होने के कारण वित्तीय अधिकार नहीं है, उन्हें पदस्थ किया गया है? यदि हाँ, तो सचिवों के नाम बतायें। जिन सचिवों को वित्तीय अधिकार नहीं हैं, उनको पंचायत पर पदस्थी का क्या औचित्य है? इस पंचायत से बार-बार सचिवों के स्थानान्तरण करने का क्या कारण है? (ड.) क्या उक्त अनियमितता करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। समय के पश्चात स्थानांतरण के अधिकार मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र में जनवरी 2023 से नवम्बर 2024 तक 39 सचिवों को हटाया गया हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (घ) ग्राम पंचायत अकोला में दिनांक 01.07.2022 से प्रश्न दिनांक तक 02 सचिवों को हटाया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है। जी हाँ। श्री रतीराम वर्मा को सचिव पद के निलंबन से बहाल कर विभागीय जांच संस्थित कर ग्राम पंचायत के प्रशासकीय कार्य एवं शासन की हितग्राही मूलक योजनाओं के सुचारू रूप से से क्रियान्वयन के लिये पदस्थ किया गया है। ग्राम पंचायत अकोला से सचिवों के बार-बार स्थानांतरण नहीं किये गये है। (ङ) उत्तरांश (क) से (घ) अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सरसों/चना खरीदी में समर्थन मूल्य का भुगतान
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
147. ( क्र. 694 ) श्री फूलसिंह बरैया : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2023-24 में ग्वालियर जिला अंतर्गत सरसों/चना खरीदी में किसानों को समर्थन मूल्य पर खरीदी गयी सरसों एवं चने का पूर्ण भुगतान सभी किसानों को किया जा चुका है? (ख) क्या ग्वालियर जिला अंतर्गत वर्ष 2023-24 में किसानों से खरीदी गयी सरसों एवं चने की खरीदी मात्रा खरीदी अवधि समाप्त होने के दो माह बाद ऑनलाईन पोर्टल से डिलीट की गयी थी? (ग) यदि हाँ, तो पोर्टल से डिलीट की गयी मात्रा एवं राशि की जानकारी बतावें। साथ ही डिलीट किये जाने से पूर्व कि गयी जांच रिपोर्ट तथा दस्तावेज जिनके आधार पर खरीदी मात्रा डिलीट की गयी है तथा जांच एवं डिलीट किये जाने सम्बन्धी आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) जिले में उपार्जन नीति में किसानों से क्रय उपज को खरीदी उपरान्त डिलीट किये जाने के क्या प्रावधान हैं? तत्संबंधी निर्देश, प्रक्रिया एवं समय-सीमा सहित बतावें। (ङ) क्या यह सही है कि वर्ष 2023-24 में दलहन तिलहन उपार्जन नीति अनुसार किसानों का भुगतान WHR जारी होने के उपरान्त किये जाना था? यदि हाँ, तो खरीदी अवधि समाप्ति के बाद भी खरीदी मात्रा डिलीट किये जाने की क्या आवश्यकता थी? उपरोक्त खरीदी मात्रा डिलीट किये जाकर किसानों के साथ की गयी धोखाधड़ी में कौन-कौन अधिकारी संलिप्त हैं तथा खरीदी पावतियां किस अधिकारी द्वारा पोर्टल से डिलीट की गयी? (च) क्या प्रदेश के अन्य जिलों में भी सरसों एवं चना खरीदी मात्रा डिलीट किये जाने सम्बन्धी मामला प्रकाश में आया है? यदि हाँ, तो डिलीट की गयी मात्रा एवं राशि सहित प्रकरणों में की गयी कार्यवाहियों का विवरण देवें।
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) वर्ष 2023-24 में ग्वालियर जिला अंतर्गत सरसों/चना खरीदी में किसानों को समर्थन मूल्य पर खरीदी गयी सरसों एवं चने का वेयरहाउस में जमा मात्रा का पूर्ण भुगतान सभी किसानों को किया जा चुका है। (ख) जी हाँ, ग्वालियर जिला अंतर्गत वर्ष 2023-24 में सेवा सहकारी समिति, सहोना द्वारा किसानों से क्रय किये बिना एवं गोदाम में जमा कराए बिना सरसों एवं चना खरीदी की गलत पावतियों से की गई ऑनलाईन त्रुटिपूर्ण प्रविष्टियों को जिला उपार्जन समिति के अनुमोदन दिनांक 18.06.2023 उपरांत पोर्टल से डिलीट की गयी। (ग) ग्वालियर जिला अंतर्गत वर्ष 2023-24 में सेवा सहकारी समिति, सहोना द्वारा सरसों- 1535.50 क्विंटल एवं चना - 259.50 क्विंटल, कुल 1795.00 क्विंटल, कुल राशि रूपये 1,00,87,255 की त्रुटिपूर्ण ऑनलाईन प्रविष्टियाँ डिलीट की गई। डिलीट किये जाने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) ग्वालियर जिले के उपार्जन केन्द्र सेवा सहकारी समिति सहौना, यमुना वेयर हाउस का दिनांक 31.05.23 को जिला विपणन अधिकारी ग्वालियर, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी डबरा एवं शाखा प्रबंधक वेयर हाउसिंग डबरा द्वारा निरीक्षण के दौरान उपार्जन केन्द्र की उपार्जन समिति द्वारा चना एवं सरसों खरीदी की ऑनलाईन खरीदी पोर्टल पर दर्ज मात्रा का मिलान गोदाम में भंडारित की गयी मात्रा एवं केन्द्र पर जमा हेतु उपलब्ध मात्रा से करने पर सरसों खरीदी मात्रा 1535.50 क्विंटल एवं चना खरीदी मात्रा 259.50 क्विंटल वास्तविक रूप से कम खरीदी एवं कम जमा होना पाया गया। उपार्जन नीति की कण्डिका 23 की उपकण्डिका 23.1 के अनुसार कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला उपार्जन समिति को उपार्जन कार्य संबंधी समस्त अधिकार दिए गए। तदनुसार जिला उपार्जन समिति की अनुशंसा पर दिनांक 18.06.23 को जिला कलेक्टर के अनुमोदन उपरांत फर्जी खरीदी की प्रविष्टियों को उप संचालक कृषि की LOGIN ID से डिलीट किए जाने की कार्यवाही सुनिश्चित की गयी। उपार्जन नीति की कण्डिका 23 की उपकण्डिका 23.1 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ड.) हाँ, वर्ष 2023-24 में दलहन तिलहन उपार्जन नीति अनुसार किसानों का भुगतान WHR जारी होने के उपरान्त किये जाने के निर्देश हैं। तत्समय त्रुटिपूर्ण प्रविष्टियों के आधार पर फर्जी भुगतान की मांग शासन से न की जा सके इसलिए जिला उपार्जन समिति के अनुमोदन उपरांत खरीदी की त्रुटिपूर्ण ऑनलाईन प्रविष्टि पोर्टल से डिलीट की गई। (च) प्रदेश के अन्य जिलों में सरसों एवं चना खरीदी मात्रा डिलीट किये जाने सम्बन्धी कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई हैं।
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में पदस्थ सुरक्षा गार्डो की पदस्थी
[उच्च शिक्षा]
148. ( क्र. 703 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में वर्तमान में कुल कितने सुरक्षा गार्ड पदस्थ हैं और कहां-कहां हैं साथ ही 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने सुरक्षा गार्ड कहां-कहां पदस्थ है व उन्हें वेतन कितना दिया जाता है सूची उपलब्ध करवाए। साथ ही वर्तमान में पदस्थ अन्य कर्मचारियों की वेतन सहित पदस्थापना से लेकर प्रश्न दिनांक तक की सूची उपलब्ध करवाये। (ख) क्या उक्त विश्वविद्यालय में सुरक्षा गार्ड के वेतन संबंधित भ्रष्टाचार किया जा रहा है यदि नहीं, तो ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा जांच क्यों की गई व जांच रिपोर्ट की छायाप्रति उपलब्ध करवायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि हाँ, तो इसमें कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी संलिप्त है उन पर क्या कार्यवाही की जाएगी एवं वर्ष 2023- 24 व 24-25 के सुरक्षा गार्ड को किए गए भुगतान संबंधित व्हाउचर की छायाप्रति उपलब्ध करवाये। (घ) क्या पूर्व में भी सफाई व्यवस्था को लेकर भ्रष्टाचार विश्वविद्यालय में हुआ है उक्त विश्वविद्यालय द्वारा किन-किन एजेंसियों को कब-कब टेंडर दिया गया वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक जानकारी उपलब्ध करवाए।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में वर्तमान में 185 सुरक्षा गार्ड तक्षशिला परिसर, नालंदा परिसर, आई.ई.टी. परिसर, विश्वविद्यालय ग्रंथालय, विश्वविद्यालय आवासीय परिसर, मूल्यांकन केंद्र, विश्वविद्यालय सांस्कृतिक केंद्र, विश्वविद्यालय के समस्त छात्रावास, विश्वविद्यालय की 32 संस्थान/अध्ययनशालाओं में पदस्थ हैं। सुरक्षा गार्ड को वेतन जिलाधीश महोदय द्वारा निर्धारित दर अनुसार दिया जाता है। विभागों में सुरक्षा गार्डों की आवश्यकतानुसार इनकी संख्या में परिवर्तन संभव है, वर्ष 2018 से वर्ष 2024 तक के सुरक्षा गार्डों की वर्षवार सूची एवं अन्यचतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) विश्वविद्यालय द्वारा वेतन पत्रक अनुसार संपूर्ण वेतन का भुगतान किया जा रहा है, इसमें कोई भी भ्रष्टाचार नहीं हुआ है। ई.ओ.डब्ल्यू. में एक शिकायत होने पर जानकारी मांगी गई थी, जो कि उनको प्रदान कर दी गई थी। (ग) सुरक्षा एजेंसी को भुगतान किए गए वर्ष 2023-24 एवं वर्ष 2024-25 से संबंधित व्हाउचरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (घ) जी नहीं। साफ-सफाई संबंधी कार्यादेश क्रमांक भण्डार/सा.स/2018 दिनांक 16.04.2018 को फर्म सिक्यूरिटी ब्यूरो ऑफ इण्डिया, इंदौर को तथा कार्यादेश क्रमांक भण्डार/वि.वि.सा.स.व्य./2021 दिनांक 01.07.2021 फर्म कामथेन सिक्यूरिटी सर्विसेस, इंदौर को प्रदान किया गया। विश्वविद्यालय द्वारा प्रचलित नियमों एवं शर्तों अधीन नियमानुसार सफाई व्यवस्था का टेण्डर प्रदान किया गया है।
गोपनीय प्रतिवेदन लिखने की प्रणाली
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
149. ( क्र. 791 ) श्री मोंटू सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश में जिला एवं जनपद पंचायत में भारतीय प्रशानिक सेवा, राज्य प्रशासनिक सेवा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा अन्य विभाग के कुल कितने सी.ई.ओ. पदस्थ हैं उनके नाम, पदनाम, मूल विभाग की जानकारी तालिका में देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जिला एवं जनपद पंचायत सी.ई.ओ. की गोपनीय प्रतिवेदन लिखे जाने के संबंध में प्रश्न दिनांक की स्थिति में शासन स्तर से कौन कौन से आदेश, नीति, नियम, निर्देश जारी किए गए हैं? उन समस्त की प्रतियां देवें? (ग) पंचायती राज व्यवस्था में जिला एवं जनपद पंचायत कार्यालय का प्रमुख कौन होता है? उससे संबंधित समस्त निर्देशों की प्रति देवें l (घ) जिला पंचायत अध्यक्ष अपने नियंत्रण के अंतर्गत आने वाले विषयों से संबंधित जिला अधिकारियों को किस प्रकार से निर्देश जारी करेगा? उससे संबंधित आदेश, नियम, निर्देश की प्रति देवें? (ड.) क्या जिला एवं जनपद पंचायत का अध्यक्ष पंचायत को आवंटित विषयों के जिला अधिकारी/जनपद अधिकारियों से सीधे विभागीय जानकारियां एवं नस्तियों को समीक्षा के लिए मांग सकता है या नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग एवं अन्य विभाग से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार। शेष जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार। शेष जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार।
प्रेषित किए गए पत्रों पर कार्यवाही
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
150. ( क्र. 801 ) श्री दिनेश जैन बोस : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत महिदपुर को कुल कितने पत्र प्रेषित किए गए हैं? प्रेषित किए गए पत्रों पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही न करने का क्या कारण रहा? (ख) क्या प्रेषित किए गए पत्रों पर कार्यवाही कर जांच प्रतिवेदन प्रश्नकर्ता को प्रस्तुत क्यों नहीं किए गए? प्रेषित किए गए पत्रों पर कार्यवाही कर अवगत न करने का क्या कारण है? (ग) क्या मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 भोपाल दिनांक 22 मार्च 2011 द्वारा माननीय संसद सदस्यों एवं विधायकों के पत्रों पर कार्यवाही कर अवगत कराने के निर्देश शासन के समस्त विभागों सहित जिला कलेक्टर्स को दिये गये हैं? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्रों पर कार्यवाही न करने अथवा कार्यवाही से अवगत न कराने के लिये कौन दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) एवं (ख)
जानकारी संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है। (ग) जांच
प्रतिवेदन
माननीय
विधायक को
प्रेषित किये गये
है। अत:शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
परिशिष्ट
- "तिरेपन"
छात्रावासों में लगी वाशिंग मशीनों की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
151. ( क्र. 955 ) श्री रमेश प्रसाद खटीक : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धर्मशास्त्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, जबलपुर में कुल कितने छात्रावास हैं? उक्त छात्रावास में कुल कितने छात्र निवासरत् हैं? उक्त छात्रों के लिये कपड़े धोने के लिये कितनी वॉशिंग मशीनें लगी हुई हैं? सीनियर बॉयज़ हॉस्टल, भटनागर भवन में छात्रों के अनुपात में कितने छात्रों के बीच कितनी वॉशिंग मशीनें लगी हुई हैं? (ख) कपड़े धोने के लिये जो वाशिंग मशीनें लगी हुई हैं, वे मशीनें घरेलू या व्यावसायिक (commercial) हैं? यदि घरेलू मशीनें लगी हुई हैं तो क्या वे जितने ज्यादा छात्रों का दबाव सहन कर सकती हैं? ज्यादा दबाव होने के कारण क्या वाशिंग मशीनें बार-बार खराब होती रहती हैं? (ग) क्या घरेलू वॉशिंग मशीनों के बजाय व्यावसायिक (commercial) वॉशिंग मशीनें बदलकर लगवाई जायेंगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) धर्मशास्त्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, जबलपुर में 04 छात्रावास हैं। लगभग 650 छात्र निवासरत हैं। उक्त छात्रों के कपड़े धोने के लिए 15 वाशिंग मशीनें लगी हुई हैं। सीनियर बॉयज हॉस्टल, भटनागर भवन में 172 छात्रों के बीच 04 वाशिंग मशीन लगी हुई हैं। (ख) लगी हुई वाशिंग मशीनें घरेलू अत्याधिक टिकाऊ, 05 स्टार रेटिंग की हैं। 03 सालों से इन मशीनों से कार्य चल रहा है। जब भी कोई वाशिंग मशीन खराब होती है तो उसका सुधार-कार्य किया जाता है एवं हर सेमेस्टर के अंत में सर्विसिंग कराई जाती है। (ग) वर्तमान में औचित्य उपस्थित नहीं होता है।
मान्यता प्रदान करने के संबंध में
[आयुष]
152. ( क्र. 1047 ) श्री संजय उइके : क्या आयुष मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में विभाग द्वारा बैचलर ऑफ इल्ट्रो होम्योपैथी एवं सर्जरी के काउंसिल, कॉलेज, पैथी को मान्यता प्रदान की गई है? (ख) यदि हाँ, तो किन-किन काउंसिल कॉलेज को कब-कब मान्यता किस अधिनियम के तहत किया गया? (ग) यदि नहीं, किया गया तो काउंसिल ऑफ इल्ट्रोहोम्यो पैथी सिस्टम ऑफ मेडिसिन 32/1 एम.पी.नगर भोपाल किस आधार/अधिनियम के तहत संचालित किया जा रहा है? (घ) क्या विभाग बी.ई.एम.एस. को मान्यता देने अधिनियम बनाने का विचार कर रही है या नहीं?
आयुष मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं।