मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
दिसम्बर, 2024 सत्र
सोमवार, दिनांक 16 दिसम्बर, 2024
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
अमृत
सरोवर तालाब
एवं चेकडैम
निर्माण
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
1. ( *क्र. 303 ) श्री सुरेश राजे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला ग्वालियर अंतर्गत जनपद पंचायत मुरार, बरई, भितरवार एवं डबरा क्षेत्र की ग्राम पंचायतों एवं ग्रामीण यांत्रिकी विभाग द्वारा महात्मा गाँधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) मद राशि से वर्ष 2021-22 से 2023-24 में किस-किस ग्राम पंचायत क्षेत्र में कितनी-कितनी राशि से अमृत सरोवर तालाब एवं चेकडैम बनवाए गये? ग्राम पंचायत एवं वर्षवार बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त वर्षों में बनाये गए अमृत सरोवर तालाब एवं चेकडैम के प्रत्येक कार्य पर कितने-कितने पुरुष व महिला श्रमिकों को रोजगार दिया गया? कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? वर्षवार एवं कार्यवार बतावेंl (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार उक्त वर्षों में बनाये गए किस स्थान के अमृत सरोवर तालाब एवं चेकडैम के निर्माण में की गई वित्तीय अनियमितताओं की प्राप्त शिकायत की जांच किस सक्षम अधिकारी से करवाई गई? जांचकर्ता का नाम, पद सहित जांच प्रतिवेदन की प्रति के साथ दोषियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें।
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) ग्वालियर जिले में कुल 239 अमृत सरोवर एवं चैकडेम के संबंध में विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश 'क' अंतर्गत अमृत सरोवर तालाब एवं चैकडेम के प्रत्येक कार्य पर कार्यवार एवं वर्षवार व्यय एवं उपलब्ध कराये गये रोजगार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' के अनुसार कार्यों पर वित्तीय अनियमितता के संबध में कोई शिकायत प्रकाश में नहीं आयी।
राघौगढ़ में पी.जी. महाविद्यालय का संचालन
[उच्च शिक्षा]
2. ( *क्र. 673 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले के राघौगढ़ में संचालित शासकीय महाविद्यालय का कब पी.जी. में उन्नयन हुआ? जीवाजी विश्वविद्यालय से कब सम्बद्धता प्राप्त हुई? सम्बद्धता की प्रति सहित बतायें। सम्बद्धता प्राप्त होने के बाद किस साल में कितने शिक्षकों की नियुक्ति एवं विद्यार्थियों ने किस संकाय में प्रवेश लिया? शिक्षकों के नाम, आदेश एवं छात्रों के प्रवेश फार्म की सूची, प्रति सहित बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में यद्यपि राघौगढ़ महाविद्यालय अभी तक स्नातक स्तर पर ही संचालित हो रहा है, तो प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 507, उत्तर दिनांक 01 जुलाई, 2024 में किस आधार पर उसे पी.जी. स्तर पर संचालित होना बताया गया है? कारण सहित स्पष्ट करें। (ग) उपरोक्त के अनुक्रम में सदन में गलत जानकारी पटल पर रखे जाने पर क्या विभाग इसकी जिम्मेदारी लेकर इस गलती को सुधारते हुये राघौगढ़ महाविद्यालय को पी.जी. घोषित करते हुये नये शैक्षणिक सत्र 2025-26 से प्रारंभ करेंगे? यदि नहीं, तो सदन में गलत जानकारी देने पर किस-किस के विरूद्ध कब और क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न के बिन्दु क्रमांक (ड.) के उत्तर में जानकारी एकत्र की जा रही का लेख है, उसकी जानकारी से भी प्रश्नकर्ता को अद्यतन स्थिति तक अवगत नहीं कराया गया है? अवगत न कराने का कारण बतायें। कब तक जानकारी दी जायेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) गुना जिले के राघौगढ़ में संचालित शासकीय महाविद्यालय मात्र स्नातक स्तर का महाविद्यालय है, जिसका पी.जी. में उन्नयन नहीं हुआ है। स्नातकोत्तर महाविद्यालय के रूप में उन्नयन न होने के कारण महाविद्यालय की स्नातकोत्तर संबंधी संबद्धता विश्वविद्यालय से प्राप्त नहीं की गई है। उपरोक्त वस्तुस्थिति के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) सत्र जुलाई 2024 अंतर्गत अतारांकित प्रश्न क्रमांक 507 के उत्तर में त्रुटिवश शासकीय महाविद्यालय राघौगढ़ के स्थान पर शासकीय महाविद्यालय आरोन में संचालित स्नातकोत्तर विषयों यथा हिन्दी, राजनीतिशास्त्र, भौतिकशास्त्र, रसायनशास्त्र एवं गणित की जानकारी उल्लेखित हो गई थी। उपरोक्त प्रश्न का उत्तर अपूर्ण था, जिसे पूर्ण कर संशोधित किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। विभागीय मापदण्डों के परिप्रेक्ष्य में परीक्षण उपरांत शासकीय महाविद्यालय राघौगढ़ को स्नातकोत्तर का दर्जा प्रदान करने संबंधी मापदण्ड की पूर्ति नहीं होने के कारण स्नातकोत्तर का दर्जा प्रदान किया जाना संभव नहीं है। उत्तरांश ''ख'' अनुसार हुई त्रुटि के लिये नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। (घ) सत्र जुलाई 2024 अंतर्गत अतारांकित प्रश्न क्रमांक 507 के प्रश्नांश ''ड.'' का पूर्ण उत्तर प्रेषित किया जा चुका है, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं अवसंरचना मद से स्वीकृत कार्य
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
3. ( *क्र. 23 ) श्री मुकेश टंडन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2023-24 में जिला विदिशा के विधानसभा क्षेत्र विदिशा में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं अवसंरचना योजना शीर्ष 6084 अंतर्गत जनप्रतिनिधियों द्वारा मान. मुख्यमंत्री को दिये गये प्रस्तावों पर निर्माण कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो किन-किन जनप्रतिनिधियों के कितने-कितने कार्यों के लिये कुल कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है? (ख) क्या विदिशा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जनप्रतिनिधियों द्वारा भेजे गये प्रस्तावों में से कुछ कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति अभी तक प्रदान नहीं की गई? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है? क्या शेष बचे प्रस्तावों की प्रशासकीय स्वीकृति पंचायतराज संचालनालय म.प्र. द्वारा जारी की जावेगी? (ग) क्या उक्त संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा सचिव मुख्यमंत्री म.प्र. शासन को पत्र कमांक 284 एवं 285, दिनांक 24.06.2024 एवं मान. मुख्यमंत्री म.प्र. शासन को पत्र कमांक 345 एवं 346, दिनांक 10.07.2024 के द्वारा सूचित कर शेष बचे कार्यों को स्वीकृत करने का आग्रह किया था? यदि हाँ, तो अभी तक उक्त संबंध में कोई कार्यवाही कर प्रश्नकर्ता को अवगत कराया गया है? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष बचे प्रस्तावों हेतु प्रस्तावों के परीक्षण उपरांत बजट आवंटन उपलब्ध होने पर आगामी कार्यवाही की जावेगी। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जिला डिण्डोरी में मनरेगा के तहत भुगतान
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
4. ( *क्र. 425 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जो कार्य पूर्ण हो गये हैं, परन्तु उनका भुगतान नहीं होने से वह कार्य अपूर्ण दिख रहे हैं, जिसकी वजह से उस पंचायत में 20 से अधिक कार्य प्रगतिरत दिखाई देते हैं, उसके वजह से नवीन कार्यों की स्वीकृति नहीं दी जाती है, अगर हाँ तो पूर्ण कार्यों का सही समय में भुगतान नहीं होने के लिए जिम्मेदार कौन है और अगर नहीं तो नवीन कार्यों की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति क्यों नहीं दी जा रही है? (ख) मनरेगा के तहत सामग्रियों का भुगतान कई पंचायत एवं जनपदों में हो रहा है एवं कई पंचायत एवं जनपदों में नहीं हो रहा है, इसकी वजह क्या है, कौन जिम्मेदार है? (जैसे ग्रा.पं. फुलवाही में मात्र 0 रू. वहीं राधोपुर में 64 लाख रूपये जनपद-मेहदवानी, जिला-डिण्डौरी)
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जिला डिण्डौरी में मजदूरी का भुगतान सतत् किया जा रहा है एवं भारत सरकार से सामग्री मद में राशि प्राप्त होने पर राज्यांश सहित राशि आहरित कर राज्य स्तरीय नोडल खाते में जमा की जाती है। खाते में राशि की उपलब्धता अनुसार एवं जिलों में सामग्री मद की लंबित देयता के दृष्टिगत जिलों को व्यय किये जाने की अनुमति प्रदाय की जाती है। यह एक सतत् प्रक्रिया है। वर्तमान में जिला डिण्डौरी में कुल 364 ग्राम पंचायतों में 15304 कार्य प्रगतिरत हैं, जिसमें से 69 ग्राम पंचायतों में 20 से अधिक कार्य (वृक्षारोपण/आवास को छोड़कर) प्रगतिरत हैं, जिसकी सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। 20 से अधिक कार्य प्रगतिरत होने पर भी यदि ग्राम पंचायत में नवीन कार्य की आवश्यकता होती है, तो उन ग्राम पंचायतों में नियमानुसार कार्य की स्वीकृति दी जाती है। मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद के पत्र कमांक 3246, दिनांक 03.08.2022 द्वारा निर्देश प्रसारित किये गये हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। प्रश्न दिनांक तक उक्त 69 ग्राम पंचायतों में यह स्थिति निर्मित नहीं हुई कि वास्तविक रूप से पूर्ण कार्य भुगतान न होने के कारण अपूर्ण/प्रगतिरत दिख रहे हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वित्तीय वर्ष 2024-25 में जिला डिण्डौरी अंतर्गत 364 ग्राम पंचायतों में से मात्र 7 ग्राम पंचायत (ग्राम पंचायत फुलवाही जनपद पंचायत मेहदवानी सहित) में सामग्री मद के देयक प्राप्त न होने के कारण कोई भी भुगतान लंबित प्रदर्शित नहीं है, जिससे सामग्री मद में शून्य (निरंक) व्यय प्रतिवेदित है। ग्राम पंचायत राधोपुर में सामुदायिक 12 एवं हितग्राही मूलक 18 कार्य प्रगतिरत हैं। उक्त ग्राम पंचायत में वित्त वर्ष 2024-25 में राशि रूपये 40.20 लाख मजदूरी पर व्यय हुआ है तथा राशि की उपलब्धता के आधार पर सामग्री मद में वित्त वर्ष 2024-25 में पूर्व वित्तीय वर्ष हेतु राशि रू. 37.00 लाख एवं चालू वित्तीय वर्ष हेतु राशि रू. 27.08 लाख का भुगतान किया गया है।
किसानों के लिये खाद का वितरण
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
5. ( *क्र. 509 ) श्री देवेन्द्र रामनारायन सखवार : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. सरकार ने किसानों के लिये खाद का भण्डारण कर वितरण की कोई योजना बनाई है? यदि हाँ, तो म.प्र. सरकार द्वारा विधानसभा 08 अम्बाह को कितना खाद आवंटित कर भण्डारण एवं वितरण के लिये दिया है? यदि हाँ, तो सम्पूर्ण जानकारी दें। (ख) क्या विधानसभा 08 अम्बाह में किसानों की मांग अनुसार खाद का वितरण कराया जा रहा है? यदि नहीं, तो इसके लिये दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) प्रदेश में कृषकों को समय पर उर्वरकों की उपलब्धता कराने के उद्देश्य से म.प्र. शासन द्वारा रासायनिक उर्वरक अग्रिम भण्डारण योजना संचालित है। प्रदेश में कृषकों को भारत सरकार से प्राप्त उर्वरक मात्रा को 'उर्वरक विक्रय प्राधिकार पत्र प्राप्त विक्रेताओं' द्वारा किसानों को विक्रय किया जाता है। विधानसभा 08 अम्बाह में उर्वरक उपलब्धता एवं वितरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विधानसभा 08 अम्बाह में किसानों की मांग अनुसार खाद का वितरण कराया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में करोड़ों रूपये की राशि का गबन
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार (केवल तकनीकी शिक्षा)]
6. ( *क्र. 316 ) श्री उमंग सिंघार : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2024 में राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भोपाल के तत्कालीन कुलपति, कुल सचिव, वित्त नियंत्रक के विरूद्ध 19.48 करोड़ रूपये की राशि व्यक्तिगत खाते में जमा करने के मामले में प्रकरण दर्ज किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में कितनों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किये गये, कितने अधिकारियों/कर्मचारियों की गिरफ्तारी की गई? अद्यतन स्थिति की जानकारी दें। (ग) क्या विश्वविद्यालय के बैंक खातों में 15.40 करोड़ की एफ.डी. थी जो घटकर 6 वर्ष में 7.50 करोड़ रह गई? शेष राशि की क्या स्थिति है? (घ) विश्वविद्यालय की जो राशि का गबन हुआ, उसकी पूर्ति कैसे हो सकेगी?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी नहीं, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा 19.48 करोड़ रूपये की राशि व्यक्तिगत खाते में जमा करने के मामले में प्रकरण दर्ज करवाया गया है। (ख) एफ.आई.आर. क्रमांक 0057/2024 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। कार्यालय पुलिस आयुक्त, बैरागढ़ जिला-भोपाल से प्राप्त गिरफ्तारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) एवं (घ) विभागीय आदेश क्रमांक 312/1822121/2024/42-1, दिनांक 11.03.2024 द्वारा विश्वविद्यालय के वित्तीय संव्यवहारों की जाँच हेतु जाँच समिति का गठन किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। जाँच समिति के प्रतिवेदन उपरांत ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
खेल एवं युवा कल्याण हेतु निर्माण कार्य तथा सामग्री वितरण
[खेल एवं युवा कल्याण]
7. ( *क्र. 559 ) श्रीमती अनुभा मुंजारे : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक बालाघाट जिले में खेल एवं युवा कल्याण अंतर्गत किस-किस निर्माण कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि शासन/प्रशासन द्वारा आवंटित की गई? उक्त राशि किस-किस कार्यों में खर्च की गई? विकासखंडवार, तिथिवार, मदवार, कार्यवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या एस्ट्रोटर्फ एवं दर्शक दीर्घा का निर्माण कराया गया था या कराया जा रहा है, जो समयावधि में पूर्ण नहीं हो पाया? यदि हाँ, तो कार्य एजेंसी पर कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो बतायें कि क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) जिले में विभिन्न प्रकार के खेल आयोजित किए जाते हैं तथा प्रशिक्षण भी आयोजित किया जाता है? विगत 5 वर्षों का ब्यौरा राशि भुगतान सहित उपलब्ध करावें? (घ) क्या खेल सामग्री का वितरण प्रशिक्षणार्थियों या अन्य लोगों को किया जाता है? प्राप्तकर्ताओं की सूची सहित वितरण सामग्री का 5 वर्षों का ब्यौरा उपलब्ध करावें? संपूर्ण खरीदी के बिल वाउचर चेक/ड्राफ्ट/नगद/आर.टी.जी.एस की प्रतियां उपलब्ध करावें। (ड.) बालाघाट जिले के खेल विभाग में अधिकारी व कर्मचारी (संविदा सहित) कब से पदस्थ हैं, इनकी मूल पदस्थापना कहां है? पदवार, नामवार जानकारी दें।
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। शहीद चन्द्रशेखर आजाद स्टेडियम में हॉकी एस्ट्रोटर्फ एवं दर्शक दीर्घा का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें से दर्शक दीर्घा का कार्य, निर्माण एजेंसी म.प्र. पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन भोपाल द्वारा पूर्ण किया जा चुका है, जबकि हॉकी टर्फ लगाने वाली संबंधित फर्म के 9 एस्ट्रोटर्फ में अचानक आगजनी हो गई, इस कारण से पुनः नवीन टर्फ प्राप्त होने में समय लगने के कारण टर्फ स्थापना के कार्य में थोडा विलंब हुआ है, इसके अलावा माह जून के अंतिम सप्ताह में वर्षाकाल प्रारंभ होने के कारण बेसवर्क में डामरीकरण का कार्य संभव नहीं हो पा रहा था। उपरोक्त दोनों कारणों से टर्फ लगाने में विलंब हुआ है। संबंधित एजेंसी द्वारा टर्फ लगाने का कार्य माह दिसंबर 2024 में पूर्ण कर लिया जावेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जी नहीं। व्यक्तिगत खेल सामग्री उपलब्ध नहीं करायी जाती है, अपितु विभागीय प्रशिक्षण केन्द्र में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले खिलाड़ी उपलब्ध खेल सामग्री/उपकरण का उपयोग करते हैं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
अन्नपूर्णा सूरजधारा योजनांतर्गत अनियमितता
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
8. ( *क्र. 448 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के दिनांक 8 जुलाई, 2024 को सदन में पूछे गये तारांकित प्रश्न क्र. 2149 में यह स्वीकार किया गया है कि श्योपुर में वित्तीय वर्ष 2016 से 2022 तक अन्नपूर्णा सूरजधारा योजना में 28 लाख से ज्यादा की आर्थिक अनियमिततायें हुई हैं? क्या उक्त अवधि में अन्नपूर्णा सूरजधारा योजना में संपूर्ण वित्तीय अधिकार पी.गुजरे, उप संचालक, किसान कल्याण विभाग श्योपुर के पास थे? उक्त अवधि में योजनाओं में स्वीकृत आदेशकर्ता, राशि आहरणकर्ता, समायोजनकर्ता, कैश-बुक संधारणकर्ता अधिकारी, श्री पी.गुजरे, उप संचालक कृषि थे? उक्त अवधि में शासन/संचालनालय कृषि ने श्योपुर जिले के लिये पी.गुजरे को जो-जो अधिकार डेलीगेट किये थे, के सभी आदेशों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या म.प्र. शासन कृषि विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्र./बी-1-5/93/14-2 भोपाल दिनांक 15 मई, 2000 के अनुसार अन्नपूर्णा सूरजधारा योजना में कृषक अंश राशि चालान द्वारा संबंधित वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी द्वारा जमा किये जाने के निर्देशों के विरूद्ध श्री पी.गुजरे द्वारा कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित कूट रचित, हेराफेरी, कांट-छांट किये गये चालानों का बिना सत्यापन/बिना कोषालय शीट से मिलान किये समायोजन किया गया? इसके लिए पी.गुजरे जिम्मेवार हैं? सभी चालानों कृषक अंश राशि के/कोषालय शीटों की एक-एक प्रति दें। (ग) कब तक शासन गुजरे जी को निलंबित करेगा? आदेश की प्रति दें।
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) जी नहीं, प्रश्नकर्ता के 08 जुलाई 2024 को सदन में पूछे गये तारांकित प्रश्न क्र. 2149 में दिये गये उत्तर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। जी हाँ, उक्त अवधि में अन्नपूर्णा सूरजधारा योजना में संपूर्ण वित्तीय अधिकार श्री पी.गुजरे, तत्कालीन उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला श्योपुर के पास थे। जी हाँ, उक्त अवधि में योजनाओं में स्वीकृत आदेशकर्ता, राशि आहरणकर्ता, समायोजनकर्ता, कैश-बुक संधारणकर्ता अधिकारी, श्री पी.गुजरे, तत्कालीन उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला श्योपुर थे। श्री पी.गुजरे दिनांक 19.09.2016 को उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला श्योपुर पर उपस्थित हुए, जिससे शासन के नियमानुसार पदीय सभी वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार स्वमेव प्राप्त हुए थे, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (ख) जी नहीं, इस विषय में शिकायत की जांच उपरांत मध्यप्रदेश शासन, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग, मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक 6/1/3/0001/2024-ESTB-FWAD, दिनांक 20.08.2024 के द्वारा श्री पी.गुजरे, तत्कालीन उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला श्योपुर के विरूद्व उक्त शिकायत को नस्तीबद्व किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'तीन' अनुसार है। प्रश्नांश ''क'' एवं ''ख'' के अनुक्रम में पाई गई अनियमितता पर संबंधित दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा कर विभागीय जांच संस्थित है, इसके साथ ही एफ.आई.आर. भी दर्ज है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'चार' अनुसार है। अन्नपूर्णा सूरजधारा योजनांतर्गत कृषक अंश राशि के सभी चालानों एवं कोषालय शीटों की संबंधित प्रतियों, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'पांच' अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश शासन, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग, मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक 6/1/3/0001/2024-ESTB-FWAD, दिनांक 20.08.2024 के द्वारा श्री पी.गुजरे, तत्कालीन उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला श्योपुर के विरूद्व उक्त शिकायत को नस्तीबद्व किया गया है तथा श्री गुजरे दिनांक 30.09.2024 को सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मनरेगा में वित्तीय अनियमितताओं की जाँच
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
9. ( *क्र. 240 ) श्री महेंद्र रामसिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अपने पत्र क्र. 344, दिनांक 15.07.2024 द्वारा आयुक्त म.प्र. राज्य रोजगार गारंटी परिषद भोपाल को शिवपुरी जिले में मनरेगा अन्तर्गत वित्तीय अनियमितताओं की जाँच कराये जाने एवं दोषियों पर कार्यवाही हेतु लेख किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या उक्त पत्र के तारतम्य में आयुक्त म.प्र. राज्य रोजगार गारंटी परिषद द्वारा अपने आदेश क्र./2640/न.क्र.-2428/VIP/NR-14/24, भोपाल दिनांक 16.07.2024 द्वारा दो सदस्यीय कमेटी का गठन कर प्रकरण की जांच 07 दिवस में कराये जाने के निर्देश दिये गये थे? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार यदि हाँ, तो उक्त प्रकरण में कमेटी द्वारा क्या जाँच की गयी? जाँच संबंधी समस्त दस्तावेज एवं जाँच प्रतिवेदन की छायाप्रति उपलब्ध करावें। मनरेगा में वित्तीय अनियमितताओं के लिए दोषियों को सजा के क्या नियम व प्रावधान हैं, उनकी छायाप्रति उपलब्ध करावें? (घ) उक्त जाँच में क्या वित्तीय अनियमितताएं पाई गयी व दोषियों पर मनरेगा के प्रावधानों/मानव संसाधन मेन्युअल/म.प्र. सिविल सेवा नियम अनुसार क्या कोई कार्यवाही की गयी? यदि हाँ, तो विवरण दें? यदि नहीं, तो कारण विवरण सहित स्पष्ट करें? उक्त अनियमितताओं हेतु दोषियों पर शासन कोई कठोर कार्यवाही करेगा व कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। जाँच प्रतिवेदन की छायाप्रति समस्त दस्तावेजों सहित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। मनरेगा में वित्तीय अनियमितताओं के लिए दोषियों को सजा के नियम व प्रावधान की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जाँच प्रतिवेदन अभी प्राप्त हुआ है, विश्लेषण किया जा रहा है। परीक्षण उपरांत वित्तीय अनियमितता पाई जाने की स्थिति में उत्तरदायित्व का निर्धारण कर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पन्ना जिले में विधि महाविद्यालय प्रारंभ किया जाना
[उच्च शिक्षा]
10. ( *क्र. 413 ) श्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा सत्र जुलाई 2024 के प्रश्न क्रमांक 1609 के प्रश्नांश 'क' अनुसार प्रश्नकर्ता द्वारा पन्ना जिले में शासकीय विधि महाविद्यालय खोले जाने के संबंध में प्रश्न पूछा गया था, जिसके उत्तर में माननीय मंत्री जी द्वारा 'जी हाँ, विस्तृत परियोजना प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है' से अवगत कराया गया था। (ख) प्रश्नांश 'क' अनुसार क्या उक्त प्रस्ताव तैयार किया जा चुका है? यदि हाँ, तो अवगत करावें? यदि नहीं, तो क्यों? पन्ना जिले में शासकीय विधि महाविद्यालय कब तक प्रारंभ किया जावेगा? (ग) विधानसभा सत्र जुलाई 2024 के प्रश्न क्रमांक 1608 में प्रश्नकर्ता द्वारा शासकीय महाविद्यालय अजयगढ़ में विज्ञान एवं वाणिज्य विषय की स्नातकोत्तर कक्षाओं के संचालन के संबंध में प्रश्न पूछा गया था, जिसके उत्तर में माननीय मंत्री जी द्वारा प्रस्ताव परीक्षणाधीन है, से अवगत कराया गया था। क्या स्नातकोत्तर कक्षाओं के संचालन का परीक्षण पूर्ण कर लिया गया है? यदि हाँ, तो कब से स्नातकोत्तर कक्षाओं का संचालन प्रारंभ कराया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) पन्ना जिले में विधि महाविद्यालय प्रारंभ करने के संबंध में कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण वर्तमान में शासकीय महाविद्यालय अजयगढ़ में स्नातकोत्तर स्तर पर विज्ञान एवं वाणिज्य की कक्षाएं प्रारंभ की जाना संभव नहीं है।
ग्राम पंचायतों में 20 लाख से अधिक लंबित राशि
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
11. ( *क्र. 82 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में ऐसी कितनी ग्राम पंचायतें हैं, जिसमें विभिन्न मदों में राशि रूपये 20 लाख एवं उससे अधिक कितने समय से शेष हैं? पंचायतवार शेष राशि की सूची उपलब्ध करावें। (ख) इन ग्राम पंचायतों में लंबित रहने का क्या कारण है? (ग) क्या इन पंचायतों में लंबित राशि का व्यय किये जाने के शासन के दिशा-निर्देश हैं? यदि हाँ, तो दिशा-निर्देश अनुरूप राशि का व्यय क्यों नहीं किया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) ग्राम पंचायत की वर्चुअल बैंक पासबुक में आय-व्यय एवं शेष राशि दिनांक/अवधिवार पंचायत दर्पण पोर्टल के पब्लिक डोमेन https://mppanchayatdarpan.gov.in/Public/Report_Section/Public/PassBook_By_GP.aspx पर देखी जा सकती है। विभिन्न मदों में 20 लाख एवं उससे अधिक शेष वाली ग्राम पंचायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभिन्न योजनांतर्गत ग्राम पंचायत स्तर पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग एवं अन्य विभागों से समय-समय पर राशि प्राप्त होती रहती है। साथ ही विगत वर्षों के स्वीकृत कार्यों की प्रगति के अनुरूप राशि व्यय किये जाने के कारण राशि लंबित है। (ग) जी हाँ, ग्राम पंचायतों को प्रदाय राशि के दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्यों की प्रगति के आधार पर राशि व्यय की जाती है।
टीकमगढ़ जिले में 15 वां वित्त आयोग की राशि
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
12. ( *क्र. 178 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में 15 वां वित्त आयोग में विगत दो वर्षों में कितनी-कितनी राशि टाईड अनटाईड फण्ड में प्राप्त हुई है? कार्यवार, कार्य का वर्क कोड, टी.एस.नं., ए.एस.नं. सहित सम्पूर्ण जानकारी विवरण सहित बतावें? (ख) 15 वां वित्त आयोग में विगत दो वर्षों में टाईड एवं अनटाईड फण्ड के निर्माण कार्यों में सहायक यंत्री द्वारा किन-किन कार्यों का निरीक्षण किया गया है? कार्यों की संख्या सहित निरीक्षण का दिनांक एवं निरीक्षण में क्या कमियां पाई गई हैं? उनकी संपूर्ण जानकारी विवरण सहित बतावें। (ग) 15 वां वित्त आयोग में विगत दो वर्षों में अनटाईड फण्ड एवं टाईड फण्ड में प्राप्त राशि के विरूद्ध कितनी-कितनी ग्राम पंचायतों के द्वारा 40 : 30 : 30 के नियम का उपयोग नहीं किया गया है? उन ग्राम पंचायतों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) का अंकेक्षण कराया गया अथवा नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) 15वां वित्त आयोग के दिशा-निर्देश अनुसार अनटाईड फण्ड एवं टाईड फण्ड में प्राप्त राशि से ग्राम पंचायतों की कार्ययोजना में अनटाईड में 40 प्रतिशत एवं टाईड मद में 60 प्रतिशत तथा टाईड मद के अंतर्गत 50-50 प्रतिशत राशि पेयजल एवं स्वच्छता के कार्यों में व्यय करने के नियम का पालन किया जा रहा है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 में सभी ग्राम पंचायतों का अंकेक्षण कार्य पूर्ण हो चुका है एवं वित्तीय वर्ष 2023-24 का अंकेक्षण कार्य प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
पंधाना विधानसभा के सिंगोट को विकासखंड बनाया जाना
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
13. ( *क्र. 566 ) श्रीमती छाया गोविन्द मोरे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखंड (ब्लॉक) बनाने के क्या नीति नियम एवं मापदण्ड हैं? (ख) क्या पंधाना विधानसभा क्षेत्र के ग्राम सिंगोट और आसपास के 40 गांवों की पंधाना से भौगोलिक दूरी और जनसंख्या को देखते हुए सिंगोट को विकासखंड बनाने की कोई कार्य योजना है? यदि है तो कब तक बनेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। राज्य मंत्रि परिषद के आदेश दिनांक 06.08.1986 द्वारा निर्णय लिया गया है कि ''राज्य में वर्तमान सामुदायिक विकास खंडों की संख्या में वृद्धि करने के बजाय उन्हें फिलहाल यथावत रखा जाये''। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक दतिया के कर्मचारियों की देयताएं
[सहकारिता]
14. ( *क्र. 296 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक दतिया के कुल कितने कर्मचारियों का किस-किस दिनांक को कहां–कहां किस विभाग में संविलियन हुआ है, आदेशों की छायाप्रतियों एवं सूची सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) उक्त कर्मचारी कौन-कौन से पद पर कौन से वेतनमान में कौन से पे-स्केल पर कार्य कर रहे थे, इनके भर्ती के समय क्या मूल पद थे, इन्हें कितना वेतन मिल रहा था? संविलियन उपरांत इन्हें कौन सा पद, कौन सा वेतनमान, कौन सा पे-स्केल एवं कितने वेतन पर रखा गया, की प्रमाणिक दस्तावेजों की छायाप्रतियां उपलब्ध करायें। (ग) उक्त कर्मचारियों में से किन-किन कर्मचारियों की किस-किस दिनांक को ग्रेच्युटी का कितना-कितना भुगतान किया गया तथा किस-किस कर्मचारी को कितना-कितना भुगतान होना शेष है, कब तक इनका भुगतान किया जायेगा? प्रमाणिक दस्तावेजों की छायाप्रति सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) क्या संविलियन उपरांत कर्मचारियों को मूल पद से नीचे कम वेतनमान पर नियम विरूद्ध रखा गया है? क्या कुछ कर्मचारियो को संविलियन होने से पूर्व ही ग्रेच्युटी नियम विरूद्ध दे दी गई तथा कुछ को संविलियन के बाद भी नहीं दी गई? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन दोषी हैं?
सहकारिता मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। ग्रेच्युटी भुगतान हेतु शेष कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है। वर्तमान समय में संस्था के पास वित्तीय तरलता की अनुपलब्धता के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। जीविकोपार्जन की दृष्टि से उपलब्ध पदों पर संविलियन किया गया है, कर्मचारियों का वेतन संरक्षित किया गया है, कर्मचारियों की सहमति ली गई है। जी हाँ। इसकी जांच के निर्देश दिये गये हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की जानकारी
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
15. ( *क्र. 584 ) डॉ. राजेश सोनकर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश सरकार द्वारा जिला देवास एवं इंदौर के लिए वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अंतर्गत कितने आवासों का लक्ष्य दिया गया था? वित्तीय वर्षवार जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मध्य प्रदेश के जिला देवास एवं इंदौर अंतर्गत कितने बजट का प्रावधान (आवंटन) किया गया था एवं कितने आवास के लक्ष्यों के विरूद्ध कितना लक्ष्य प्रश्न दिनांक तक प्राप्त कर लिया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में प्रश्न दिनांक तक कितने आवास निर्माणाधीन हैं एवं कितने आवासों का निर्माण कार्य पूर्ण कर के हितग्राहियों को आवंटित कर दिया गया है? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) को दिए गए लक्ष्य को जिला देवास द्वारा पूर्ण क्यों नहीं किया गया है? इसके लिए कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अंतर्गत मध्यप्रदेश सरकार द्वारा लक्ष्य निर्धारण नहीं किया जाता। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त वर्षवार लक्ष्य संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) योजना अंतर्गत जिलेवार बजट का प्रावधान नहीं किया जाता एवं भारत शासन द्वारा निर्धारित आवास का 61015 लक्ष्य के विरूद्ध 60596 आवास स्वीकृत किये गये हैं। (ग) प्रश्न दिनांक तक 10722 आवास निर्माणाधीन हैं एवं 49874 हितग्राहियों द्वारा स्वयं आवास का निर्माण कर निवासरत हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण में आवास का निर्माण स्वयं लाभार्थी द्वारा किया जाता है। इसके लिये कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं हैं।
लोकहित में लिखे गए पत्रों पर कार्यवाही की जानकारी
[सहकारिता]
16. ( *क्र. 640 ) श्री कमलेश्वर डोडियार : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 01 जनवरी, 2024 से प्रश्न दिनांक 18.11.2024 की अवधि में विभागीय पूर्व प्रमुख सचिव, सहकारिता, अपर मुख्य सचिव, सहकारिता एवं आयुक्त पंजीयक, सहकारी संस्थाएं एवं मध्यप्रदेश राज्य सहकारी आवास संघ मर्यादित भोपाल को अपनी ई.मेल आई.डी. kamleshwar.d[at]mpvidhansabha[dot]nic[dot]in से विभागीय ई.मेल.आई.डी. pscoop.mp[at]mp[dot]gov[dot]in, info[at]mpawassangh[dot]in, rcs.mp.bhopal[at]mp[dot]gov[dot]in पर सतत् रूप से भेजे गये सभी लोकहित के लिखित पत्रों पर पृथक-पृथक क्या वैधानिक कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक की गई है? सम्पूर्ण जानकारी पृथक-पृथक पत्रवार की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्नकर्ता विधायक के प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्रों पर निर्धारित समय-सीमा में विभागीय सक्षम अधिकारी द्वारा कार्यवाही नहीं की गई है और प्रत्येक पृथक-पृथक लिखे गये पत्रों का कोई अंतिम निराकरण सदन में उत्तर देने की दिनांक तक क्यों नहीं किया गया? इसके लिये कौन-कौन विभागीय अधिकारी उत्तरदायी एवं दोषी हैं? पृथक पृथक नाम, पदनाम वार बतावें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्नकर्ता के प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्र पर विभाग के प्रमुख सचिव एवं अपर मुख्य सचिव, सहकारिता द्वारा निर्धारित समय-सीमा में कार्यवाही करते हुये अपने अधीनस्थों को जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किये जाने के आदेश दिये गये थे? यदि हाँ, तो पत्रवार बतावें? क्या माननीय मंत्री महोदय प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्र पर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं करने वाले एवं समय-सीमा में कार्यवाही पूर्ण नहीं करने वाले संबंधित दोषी अधिकारी एवं उपायुक्त सहकारिता एवं अन्य के विरूद्ध उन्हें निलंबित करते हुये उनके विरूद्ध विभागीय जांच आदेशित करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक निश्चित समय अवधि बतावें? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्नकर्ता के लोकहित में लिखे गये सभी लिखित पत्रों पर समय-सीमा में सम्पूर्ण वैधानिक कार्यवाही पूर्ण करते हुये प्रत्येक पृथक-पृथक लिखित पत्र का अंतिम निराकरण करने के आदेश सक्षम अधिकारी को जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक, निश्चित समय अवधि बतावें? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
सहकारिता मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) दिनांक 01 जनवरी, 2024 से 18.11.2024 की अवधि में भेजे गये पत्रों पर कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) दिनांक 01 जनवरी, 2024 से दिनांक 18.11.2024 की अवधि में भेजे गये पत्रों पर कार्यवाही हेतु संबंधित जिलों को प्रेषित किये गये। अत्यधिक विस्तृत जानकारी होने से पत्रों के निराकरण हेतु समय-सीमा निश्चित नहीं की जा सकती। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विभागीय प्रमुख सचिव एवं अपर मुख्य सचिव द्वारा उनके पत्रों पर आवश्यक कार्यवाही हेतु आयुक्त सहकारिता को समय-समय पर निर्देश दिये गये हैं, आयुक्त सहकारिता स्तर से संबंधित जिले के अधिकारी को पत्र में उल्लेखित बिन्दुओं की जांच कर नियमानुसार कार्यवाही करने हेतु निर्देश दिये गये, जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित पत्रों में से अधिकांश पत्रों में संबंधित जिले/जिलों की विस्तृत जांच करने अथवा पुराने प्रकरणों की जांच करने अथवा विस्तृत जानकारी प्राप्त करने का लेख होने से ऐसे पत्रों के निराकरण हेतु समय-सीमा निश्चित नहीं की जा सकती। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ''ग'' अनुसार विभागीय स्तर से आवश्यक कार्यवाही की गई है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मंडी शुल्क से स्थाई राहत
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
17. ( *क्र. 575 ) श्री श्याम बरडे : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र 189 पानसेमल जिला बड़वानी अंतर्गत कृषि उपज मंडी समिति व्यापारी संघ, खेतिया जिला बड़वानी (म.प्र.) द्वारा मांग की गई है? (ख) क्या अन्य पड़ोसी राज्यों जैसे महाराष्ट्र एवं गुजरात में मंडी शुल्क 0.25 - 0.50 % प्रति सैकड़ा मंडी प्रांगण में ही लग रहा है एवं मध्य प्रदेश में इससे 3-4 गुना अधिक मंडी शुल्क के कारण खरीदी भाव में किसानों को भी 100 से 130 रुपए प्रति क्विंटल तक का नुकसान अन्य राज्यों के किसानों की तुलना में हो रहा है? (ग) कपास किसान एवं कपास उद्योग को मंडी शुल्क से स्थाई राहत प्रदान किए जाने की क्या योजना है?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) जी हाँ, माननीय विधायक जी से इस संबंध में पत्र प्राप्त हुआ है। (ख) इस संबंध में उपलब्ध जानकारी अनुसार मंडी शुल्क की दरें निम्नानुसार है :- 1. महाराष्ट्र-न्यूनतम 0.75 प्रतिशत अधिकतम 1.00 प्रतिशत मंडी अनुसार निर्धारित है। कृषि उत्पन्न बाजार समिति शहादा जिला नंदूरबार में कपास पर मंडी शुल्क 1.00 प्रतिशत देय है। 2. गुजरात-न्यूनतम 0.30 प्रतिशत अधिकतम 2.00 प्रतिशत। कृषि उपज मंडी समिति वडोदरा में मंडी शुल्क 0.70 प्रतिशत देय है। मंडी शुल्क क्रेता व्यापारी द्वारा देय होता है, अत: किसानों को नुकसान होने का प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) प्रदेश में अधिसूचित कृषि उपज के व्यापार पर मंडी फीस की दर पूर्व में 1.50 प्रतिशत निर्धारित थी, जिसमें कमी की जाकर दिनांक 06.10.2023 से मंडी फीस की दर 1.00 प्रतिशत निर्धारित की गई है। इस प्रकार वर्तमान में कपास पर भी मंडी फीस से दर 1.00 प्रतिशत प्रभावशील है।
हरदा जिले में विभागीय बजट स्वीकृति
[खेल एवं युवा कल्याण]
18. ( *क्र. 30 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में विभाग अंतर्गत दिनांक 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितना बजट कौन-कौन सी मद में स्वीकृत किया गया? (ख) जारी किए गए बजट से कौन-कौन से कार्य किए गए हैं? विवरण देवें। (ग) किए गए कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? विवरण देवें।
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क), (ख) एवं (ग) हरदा जिले में विभाग द्वारा दिनांक 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत बजट, जारी बजट से किए गए कार्य एवं कार्यों की वर्तमान स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
शासकीय महाविद्यालय खोला जाना
[उच्च शिक्षा]
19. ( *क्र. 491 ) श्री रजनीश हरवंश सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केवलारी विधानसभा क्षेत्र के धनौरा में शासकीय महाविद्यालय खोले जाने हेतु पूर्व में तत्कालीन मुख्यमंत्री जी ने घोषणा की थी? यदि हाँ, तो आज दिनांक तक महाविद्यालय नहीं खोले जाने का क्या कारण है? (ख) केवलारी विधानसभा के धनौरा ब्लॉक में क्या आगामी सत्र से शासकीय महाविद्यालय खोला जायेगा? यदि हाँ, तो बतावें और यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। धनौरा में शासकीय महाविद्यालय खोले जाने हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय एवं निजी आई.टी.आई. की जानकारी
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार (केवल कौशल विकास एवं रोजगार)]
20. ( *क्र. 228 ) श्री हरी सिंह सप्रे : क्या राज्य मंत्री, कौशल विकास एवं रोजगार महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कौशल विकास एवं रोजगार विभाग के माध्यम से वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक कुरवाई विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत शासकीय एवं निजी आई.टी.आई. कॉलेज में किन-किन विषयों में कितने विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया गया? नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। कौशल विकास विभाग की कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उल्लेखित वर्षों में कितने विद्यार्थियों एवं लोगों को प्रशिक्षण के बाद रोजगार प्रदान किया गया एवं कहां पर रोजगार दिया गया? नाम, पते सहित जानकारी देवें। (ग) कुरवाई में शासकीय आई.टी.आई. महाविद्यालय में कितने विषयों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है? उक्त महाविद्यालय में कुल कितने पद स्वीकृत हैं तथा स्वीकृत पद के विरूद्ध कितने अधिकारी कर्मचारी कार्यरत हैं? जानकारी देवें। यदि पद रिक्त हैं, तो रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी?
राज्य मंत्री, कौशल विकास एवं रोजगार ( श्री गौतम टेटवाल ) : (क) प्रश्नावधि में कुरवाई विधानसभा क्षेत्र में शासकीय आई.टी.आई., कुरवाई शिल्पकार प्रशिक्षण योजना के अंतर्गत व्यवसाय विद्युतकार के साथ संचालित हैं, जिसके प्रशिक्षणार्थियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। कुरवाई विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत कोई भी निजी आई.टी.आई. संचालित नहीं है। (ख) शासकीय आई.टी.आई., कुरवाई वर्ष 2022 से संचालित है, वर्ष 2022 में प्रवेशित प्रशिक्षणार्थियों का प्रशिक्षण पूर्ण होने के पश्चात् ही उपलब्धता अनुसार रोज़गार हेतु प्रयास सफल हो पाएंगे। (ग) शासकीय आई.टी.आई., कुरवाई 01 व्यवसाय विद्युतकार के साथ संचालित है, जिसमें स्वीकृत पद, कार्यरत पद, रिक्त पद एवं रिक्त पदों की पूर्ति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है।
विधानसभा प्रश्न क्रमांक 208, दिनांक 01.07.2024 के संबंध में
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
21. ( *क्र. 349 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 208, दिनांक 01.07.2024 के प्रश्नांश (क) से (ग) तक की जानकारी में संबंधित उप संचालक की प्रचलित विभागीय जांचों में बचाव उत्तर चाहा गया है और विभागीय जांच कार्यवाही प्रक्रियाधीन बताई गई है? (ख) प्रश्नांश (क) हाँ तो संबंधित उप संचालक से बचाव उत्तर निर्धारित समय अवधि में न मिलने पर संबंधित के विरूद्ध एक पक्षीय कार्यवाही क्यों नहीं की गई? उसके क्या कारण हैं? कब तक करेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में किन-किन विभागीय जांचों के कब-कब बचाव उत्तर चाहे गये पत्रों की प्रतियां उपलब्ध करायें? यदि जांच पूर्ण हो गई है तो निर्णय की प्रतियां उपलब्ध करायें, ऐसे गंभीर आरोपों से ग्रसित उप संचालक को मैदानी पदस्थापना क्यों दी गई? उक्त आरोपी अधिकारी को जिले के प्रभार से कब तक हटायेंगे? नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) जी हाँ। विधानसभा प्रश्न क्रमांक 208, दिनांक 01.07.2024 के उत्तर की प्रति सुलभ संदर्भ हेतु जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) श्री जानराव हेडाउ, तत्का. उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास, जिला कटनी को जारी आरोप पत्र क्रमांक एफ 4ए-13/2016/14-1, दिनांक 20.05.2016 में श्री हेडाउ द्वारा उत्तर प्रस्तुत नहीं किया गया। अत: प्रकरण में शासन के आदेश दिनांक 07.08.2024 द्वारा श्री हेडाउ की एक वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोके जाने की शास्ति दी जाकर प्रकरण समाप्त किया गया। श्री हेडाउ के एक अन्य प्रकरण क्रमांक एफ 4ए-29/2016/14-1, दिनांक 08.08.2016 में शासन द्वारा दिनांक 28.07.2023 को विभागीय जांच प्रतिवेदन पर श्री हेडाउ से बचाव उत्तर चाहा गया। श्री हेडाउ द्वारा दिनांक 27.11.2024 को बचाव उत्तर प्रस्तुत किया गया, जिस पर कार्यवाही प्रचलित है, श्री हेडाउ के विरूद्ध प्रचलित 03 विभागीय जांच प्रकरणों में बचाव उत्तर एवं निर्णय संबंधी पूरक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। अंतिम कार्यवाही की समय अवधि बताना संभव नहीं है। (ग) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। बचाव उत्तर चाहे जाने के पत्रों एवं प्रकरणों में लिये गये निर्णय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। अधिकारियों की पदस्थापना विभागीय आवश्यकता तथा अधिकारियों की उपलब्धता के आधार पर की जाती है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्ववित्तीय पाठ्यक्रम
[उच्च शिक्षा]
22. ( *क्र. 92 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विक्रम विश्व विद्यालय उज्जैन में कितने स्ववित्तीय पाठ्यक्रम संचालित हैं, जिनमें 10 से कम विद्यार्थी अध्ययनरत हैं? (ख) स्ववित्तीय पाठ्यक्रमों के संचालन में होने वाले व्यय का भुगतान किस मद से किया जा रहा है? (ग) यहां के भारत अध्ययन केंद्र में शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक स्वीकृत पदों की संख्या कितनी है? (घ) स्वीकृत पदों पर नियुक्ति के लिए शैक्षणिक योग्यता क्या है? (ड.) यहां अध्ययन स्टाफ सहित कार्यरत कर्मचारियों की संख्या कितनी है? (च) भारत अध्ययन केंद्र में कार्यरत संपूर्ण स्टाफ को कितना वेतन दिया जा रहा है एवं आय कितनी हो रही है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) विक्रम विश्वविद्यालय में 04 स्ववित्तीय पाठ्यक्रम संचालित किए जाते हैं, फार्मेसी, एम.एस.सी. कम्प्यूटर, एम.ए. मास कम्यूनिकेशन, एम.एस.डब्ल्यू. एवं किसी भी पाठ्यक्रम में 10 से कम विद्यार्थी नहीं है। (ख) स्ववित्तीय पाठ्यक्रमों से प्राप्त वास्तविक आय के आधार पर स्ववित्तीय मद से भुगतान किया जाता है। (ग) विश्वविद्यालय के भारत अध्ययन केन्द्र में शैक्षणिक एवं गैर-शैक्षणिक पद स्वीकृत नहीं है। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ङ) भारत अध्ययन केंद्र में विभागाध्यक्ष एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संयोजित है एवं एक विजिटिंग विद्वान सहित कुल 03 कर्मचारी कार्यरत हैं। (च) भारत अध्ययन केंद्र में संयोजित विभागाध्यक्ष का मासिक वेतन रू. 2,75,458/- एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का मासिक वेतन रू. 59,350/- का आहरण उनके मूल विभाग से किया जाता है एवं एक विजिटिंग विद्वान को प्रति कालखंड रू. 500/-, एक दिवस में तीन कालखंड का अधिकतम मानदेय राशि रू. 1500/-, की दर से माह दिसंबर 2023 में रू. 4000/-, माह जनवरी 2024 में रू. 24,000/- एवं माह फरवरी 2024 में रू. 22,000/- इस प्रकार कुल राशि रू. 50,000/- का भुगतान किया गया है। भारत अध्ययन केंद्र की सत्र 2024-25 में माह अक्टूबर तक की कुल आय राशि रू. 52,195/- है।
किसानों द्वारा पराली जलाने की रोकथाम हेतु वैकल्पिक व्यवस्था
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
23. ( *क्र. 636 ) डॉ. अभिलाष पाण्डेय : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य सरकार पराली/नरवाई जलाने की समस्या के समाधान हेतु किसानों को जागरूक करने और वैकल्पिक उपाय प्रदान करने के लिए कोई ठोस योजना लागू कर रही है? क्या पराली/नरवाई प्रबंधन के लिए कोई सब्सिडी उपलब्ध कराई जा रही है? (ख) क्या सरकार द्वारा कृषि मशीनरी जैसे स्ट्रॉ रीपर, मल्चर और हैप्पी/सुपर सीडर की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है? (ग) पराली/नरवाई जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए किन-किन जिलों को प्राथमिकता दी जा रही है? (घ) क्या किसानों को फसल अवशेष से जैविक खाद बनाने के लिए प्रशिक्षण या उपकरण/सामग्री प्रदान की जा रही है?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) जी हाँ, राज्य में पराली/नरवाई जलाने की समस्या के समाधान हेतु जिलों में किसानों को प्रचार-प्रसार, संगोष्ठियां, प्रदर्शन एवं प्रशिक्षण आदि के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है। पराली/नरवाई प्रबंधन के लिये प्रदेश में भारत सरकार द्वारा संचालित सबमिशन ऑन एग्रीकल्चरल मेकेनाईजेशन योजना के अंतर्गत फसल अवशेष प्रबंधन घटक एवं राज्य शासन की मुख्यमंत्री नरवाई प्रबंधन योजना अंतर्गत कृषि यंत्रों के क्रय पर अनुदान का प्रावधान रखा गया है, साथ ही खाद्य एवं पोषण सुरक्षा योजनांतर्गत वर्ष 2024-25 में नरवाई प्रबंधन तकनीक अपना कर नरवाई जलाने से मुक्त ग्राम बनाने हेतु मार्गदर्शी निर्देश भी जारी किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) जी हाँ, प्रश्नांश ''ख'' की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) पराली/नरवाई जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिये समूचे राज्य में नरवाई प्रबंधन हेतु कृषकों को कृषि यंत्र अनुदान पर उपलब्ध कराये जा रहे हैं एवं जिलों में किसानों को ग्रामीण स्तर पर प्रचार-प्रसार, संगोष्ठियां, प्रदर्शन एवं प्रशिक्षण के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है। (घ) योजनाओं के अंतर्गत मल्चर, हैप्पी सीडर एवं सुपर सीडर यंत्र कृषकों को अनुदान पर प्रदान किये जा रहे हैं। इन यंत्रों के उपयोग से फसल अवशेष भूमि में ही मिल जाते हैं तथा पृथक से खाद बनाने की आवश्यकता नहीं होती है।
जनभागीदारी मद से दी जाने वाली पुस्तकों की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
24. ( *क्र. 243 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के सभी शासकीय महाविद्यालयों के लिए जनभागीदारी मद तथा अशासकीय महाविद्यालयों के लिए संस्था की निधि से 88 पुस्तकों की सूची भेजकर अनिवार्य रूप से एक-एक प्रति क्रय किये जाने हेतु आदेश जारी किये हैं? (ख) यदि हाँ, तो शासन के आदेश और पुस्तकों की सूची उपलब्ध कराएँ? (ग) क्या उपरोक्त पुस्तकों को महाविद्यालयों के लिए क्रय करने के लिए चयन करने हेतु कोई विशेषज्ञ समिति बनाई गई थी? यदि हाँ, तो विशेषज्ञ समिति में कौन- कौन सदस्य थे? समिति की सिफारिश की प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं। (घ) यदि कोई विशेषज्ञ समिति नहीं बनाई गई तो किस आधार पर पुस्तकों का चयन किया गया?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
किसानों को डी.ए.पी. एवं यूरिया खाद वितरण
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
25. ( *क्र. 540 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2024 में जिला मुरैना-श्योपुर के किसानों के लिये डी.ए.पी. एवं यूरिया खाद वितरण हेतु वितरण केन्द्रों पर क्या व्यवस्था की गई? (ख) वर्ष 2024 में जिला मुरैना-श्योपुर के किस ब्लॉक को कितनी डी.ए.पी. एवं यूरिया खाद की बोरियां उपलब्ध कराई गई? ब्लॉकवार जानकारी दी जावे? (ग) जिला मुरैना-श्योपुर में डी.ए.पी. एवं यूरिया खाद वितरण में किसानों को हुई परेशानियों के संबंध में क्या कार्यवाही की गई और कौन-कौन इसके लिये जिम्मेदार थे? (घ) जिला मुरैना-श्योपुर में डी.ए.पी. एवं यूरिया खाद वितरण में किसानों को हुई परेशानियों के दोषी अफसरों पर क्या कार्यवाही की गई और अगर नहीं तो कब तक की जावेगी?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) जिला मुरैना एवं श्योपुर में डी.ए.पी. एवं यूरिया उर्वरक वितरण केन्द्रों के माध्यम से सुगमतापूर्वक उर्वरकों के वितरण हेतु जिला प्रशासन एवं विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों की निगरानी में उर्वरक वितरण कराया जा रहा है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जिला मुरैना एवं श्योपुर में डी.ए.पी. एवं यूरिया खाद वितरण केन्द्रों पर एक साथ किसानों की भीड़ होने पर सुव्यवस्थित तरीके से खाद वितरण कराने हेतु टोकन के माध्यम से उर्वरक वितरण किया गया। जिला प्रशासन एवं विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों की निगरानी में उर्वरक वितरण कराया जा रहा है, जिससे किसानों को सुगमता से उर्वरक उपलब्ध हो रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित प्रश्नोत्तर
कृषि
विभाग के
आदेशों के बाद
भी एफ.आई.आर. कायम
नहीं की जाना
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
1. ( क्र. 1 ) डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 01.04.2021 से प्रश्नतिथि तक सतना जिले में कई खाद विक्रेताओं एवं समितियों के व्यापक अनियमिततायें करने पर तात्कालीन प्रभारी उप संचालक कृषि विभाग द्वारा किन-किन पर क्या-क्या कार्यवाही/प्राथमिकी पुलिस में दर्ज कराये जाने संयुक्त संचालक एवं संचालक कृषि विभाग को पत्र लिखे? लिखे गये सभी पत्रों एवं तात्कालीन प्रभारी उप संचालक द्वारा सतना जिले में पकड़ी गयी सभी अनियमितताओं पर जारी आदेशों की एक-एक प्रति दें? (ख) क्या संयुक्त संचालक (उर्वरक) कृषि संचालनालय भोपाल द्वारा सतना जिले के खाद विक्रेताओं पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करवाने पत्र लिखा था? पत्रों की एक प्रति देते हुये बताये कि प्रश्नतिथि तक उपसंचालक कृषि सतना/संचालक कृषि भोपाल द्वारा प्रमाणित अवैध खाद बिक्री करने वाले खाद विक्रेताओं पर प्राथमिक सूचना रिपोर्ट स्थानीय थानों में क्यों दर्ज नहीं करवाई है? (ग) राज्य शासन कब तक प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित अवैध कार्य करने वाले समूहों/समितियों/खाद विक्रेताओं पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करवाकर उन्हें ब्लैक लिस्टेड घोषित करेगा? उप संचालक सतना द्वारा कार्यवाही न करने पर उसे कब तक निलंबित कर उसके विरूद्ध विभागीय जाँच के आदेश जारी करेगा?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) 01.04.2021 से प्रश्न तिथि तक तत्कालीन प्रभारी उप संचालक, कृषि, सतना द्वारा प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संयुक्त संचालक, कृषि, संभाग- रीवा एवं संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास, भोपाल को लिखे गए पत्रों की प्रतियां जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। तत्कालीन प्रभारी उप संचालक, कृषि सतना द्वारा उर्वरक विक्रेताओं की अनियमितताओं पर जारी आदेशों की प्रतियां जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) संयुक्त संचालक (उर्वरक), संचालनालय, किसान कल्याण तथा कृषि विकास, भोपाल द्वारा नियमानुसार एफ.आई.आर. दर्ज कराने का लेख किया गया था। पत्रों की प्रतियां जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। जिसके संदर्भ में उप संचालक, कृषि, सतना द्वारा की गई वैधानिक कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में प्रकरणों पर नियमानुसार वैधानिक कार्यवाहियां की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
किसानों को होने वाले आर्थिक नुकसान से बचाने हेतु की गई कार्यवाही
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
2. ( क्र. 14 ) श्री महेश परमार : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. सरकार अतिवृष्टि के चलते सोयाबीन फसल को लेकर प्रश्नकर्ता के मांग पत्रों के अनुसार किसानों को राहत राशि, मुआवजा, परिस्थिति अनुसार बोनस, भावांतर, बीमा राशि का क्लेम, फसल की उचित मूल्य 6000 हजार रूपये प्रति क्विंटल खरीदी एवं खरीदी केन्द्रों पर किसान भाईयों से नमी, मिट्टी, कचरा, कटी होने के नाम से सोयाबीन नहीं खरीदने के मामलो में माननीय मुख्यमंत्री जी एवं कृषि मंत्री जी ने प्रश्न दिनांक तक पत्रों पर क्या कार्यवाही की है? (ख) क्या विभाग को ई-मेल के माध्यम से क्रमश: पत्र क्रमांक 165 दिनांक 01.10.2024, 160/29.09.2024, 155/20.09.2024, 139/24.08.2024 एवं 186/08.11.2024 मुख्यमंत्री जी के संबोधित पत्र समस्याओं के निराकरण हेतु पत्र प्राप्त हुए थे? यदि हाँ तो उन पत्रों पर प्रश्नांश खण्ड (क) की मांगों की नोटशीट, आदेश एवं किसान हितों में की गई कार्यवाहियों का रिकार्ड देवें? (ग) क्या विभाग को ई-मेल के माध्यम से क्रमश: पत्र क्रमांक 140/24.08.2024, 163/29.09.2024, 166/01.10.2024 कृषि मंत्री जी के संबोधित पत्र समस्याओं के निराकरण हेतु पत्र प्राप्त हुए थे? यदि हाँ, तो उन पत्रों पर की गई कार्यवाही की नोटशीट, आदेश एवं किसान हितों में की गई कार्यवाहियों का रिकार्ड देवें? (घ) क्या प्रदेश में किसानों को सोयाबीन फसल खराब होने के उपरांत भी राहत राशि, मुआवजा, परिस्थिति अनुसार बोनस, भावांतर, बीमा राशि का क्लेम इनमें से किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता किसानों को नहीं मिली है?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) वर्ष 2024-25 मौसम खरीफ में अतिवृष्टि के चलते सोयाबीन फसल पर हुए प्रभाव के सर्वे हेतु जिले में राजस्व विभाग, कृषि विभाग व पंचायत विभाग के स्थानीय अधिकारी, कर्मचारियों का दल का गठन किया गया। जिसके द्वारा सर्वेकार्य पूर्ण किया जाकर दिए गए प्रतिवेदन अनुसार प्रभावित फसलों हेतु आर.बी.सी. 6-4 के प्रावधानों के अंतर्गत पात्रता नहीं होने से राहत राशि स्वीकृत नहीं की गई। मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना अंतर्गत प्रोत्साहन राशि/मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना वर्तमान में प्रदेश में क्रियान्वित नहीं है। फसल सोयाबीन के बीमा क्लेम के भुगतान के संबंध में वर्ष का उल्लेख न होने से जानकारी देना संभव नहीं है। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2024 में फसल सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4892 रू. प्रति क्विंटल घोषित किया गया है तदानुसार खरीफ वर्ष 2024 में 4892 रू. प्रति क्विंटल की दर से सोयाबीन फसल का मध्यप्रदेश में उपार्जन किया जा रहा है। प्रश्नांश की शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) कृषकों को शासन के प्रावधान अनुसार फसल क्षति की दशा में राहत तथा फसल बीमा योजना के माध्यम से लाभ दिया जाता है। इसके अतिरिक्त केंद्र शासन की प्राइस सपोर्ट स्कीम (PSS) योजना अंतर्गत कृषकों से पात्र फसलों का उपार्जन किये जाने का भी प्रावधान है जो कृषकों को उनके कृषि उत्पादों के सही दाम मिलने में सहायक होता है।
राजपुर विधान सभा के विकास कार्यों की स्वीकृति
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
3. ( क्र. 18 ) श्री बाला बच्चन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय से पत्र पंजीयन क्रमांक 5826/CMS/MLA/188/2024 दिनांक 25/10/2024 को प्रेषित किया गया था पर उत्तर दिनांक तक की गई कार्यवाही से अवगत करावें। माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा प्रेषित पत्र की प्रमाणित प्रति भी देवें। कार्यवाही करने संबंधी सभी दस्तावेजों की प्रमाणित प्रति देवें। (ख) क्या उपरोक्तानुसार राजपुर विधानसभा के विकास कार्य अभी तक स्वीकृत नहीं किये गये है? स्पष्टीकरण देवें। (ग) उपरोक्तानुसार इन कार्यों की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जावेगी। (घ) इसमें विलंब के उत्तरदायी अधिकारियों पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रस्ताव के परीक्षण उपरांत आवंटन उपलब्ध होने पर आगामी कार्यवाही की जावेगी। (ग) प्रस्ताव के परीक्षण उपरांत आवंटन उपलब्ध होने पर आगामी कार्यवाही की जावेगी। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रदेश में पंजीकृत बेरोजगारों की जानकारी
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार (केवल कौशल विकास एवं रोजगार)]
4. ( क्र. 19 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्य मंत्री, कौशल विकास एवं रोजगार महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 20-11-2024 की स्थिति में प्रदेश में बेरोजगारों की कितनी संख्या पंजीकृत हुई? जिलेवार संख्या देवें। (ख) दिनांक 20-12-2023 से 20-11-2024 तक समयावधि में कितने बेरोजगारों का चयन शासकीय विभागों एवं निजी क्षेत्र में हुआ? जिलेवार पृथक-पृथक संख्या देवें। (ग) मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना में वर्ष 2023-24 में कितनी बजट राशि का प्रावधान था? उसके समक्ष कितनी राशि वितरित की गई की जानकारी हितग्राही संख्या सहित जिलेवार देवें। अवितरित राशि किन कार्यों में समायोजित की गई? (घ) वर्ष 2024-25 में मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना में कितना बजट आवंटित है एवं इसके समक्ष दिनांक 20-11-2024 तक कितनी राशि किन-किन जिलों में व्यय की गई? जिलेवार राशि हितग्राही संख्या सहित देवें। क्या कारण है कि वर्ष 2023-24 में पूरी राशि व्यय नहीं की जा सकी? इसके दोषी अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
राज्य मंत्री, कौशल विकास एवं रोजगार ( श्री गौतम टेटवाल ) : (क) मात्र बेरोजगार युवकों का पंजीयन पृथक से नहीं किया जाता है। एमपी रोजगार पोर्टल पर आकांक्षी युवाओं का पंजीयन किया जाता है, जिसमें पूर्व से किसी रोजगार में सम्मिलित होते हुये भी युवा अपना पंजीयन कर बेहतर अवसरों के लिये प्रयास कर सकते है। दिनांक 20.11.2024 की स्थिति में प्रदेश में एम.पी. रोजगार पोर्टल पर दर्ज आकांक्षी आवेदकों की संख्या 2617945 है। जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नावधि में निजी क्षेत्र में चयनित आवेदकों की संख्या 58351 है। जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। शासकीय विभागों के लिये चयन की कार्यवाही म.प्र. लोक सेवा आयोग एवं म.प्र. राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा की जाती है। (ग) मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना में वर्ष 2023-24 कुल बजट राशि रूपये 1000 करोड़ का प्रावधान था। राशि रूपये 37.64 करोड़ प्रशिक्षणार्थियों को वितरित किए गए। जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। वर्ष 2023-24 में मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना से मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना में रूपये 295 करोड़ एवं मुख्यमंत्री जनकल्याण (शिक्षा प्रोत्साहन) योजना में रूपये 22.50 करोड़ का पुनर्विनियोजन किया गया। (घ) वर्ष 2024-25 में मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना में बजट राशि रूपये 301 करोड़ आवंटित है। प्रश्नावधि में व्यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। योजना में व्यय, मांग एवं योजना के प्रावधानों के अंतर्गत आवश्यकता अनुसार किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कन्या छात्रावास के निर्माण में अनियमितताएं
[उच्च शिक्षा]
5. ( क्र. 24 ) श्री मुकेश टंडन : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा में संचालित राजमाता विजयाराजे सिंधिया शास. कन्या स्नात्कोत्तर महाविद्यालय में निर्मित कन्या छात्रावास का भवन कब स्वीकृत हुआ था? इसके लिये शासन द्वारा कितनी राशि स्वीकृत की गई थी? इस निर्माण कार्य की एजेंसी कौन थी तथा कार्यपूर्ण करने की अवधि कब तक निश्िचत की गई थी? (ख) वर्तमान में उक्त छात्रावास भवन की स्थिति क्या है? क्या उक्त छात्रावास भवन निर्माण में अनेक प्रकार की अनियमिततायें पायी जाने के कारण छात्रावास प्रारंभ नहीं हो पाया है? यदि हाँ, तो दोषी निर्माण एजेंसी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या प्रश्नकर्ता ने मान. मंत्री महोदय को पत्र क्रमांक 411 दिनांक 02.08.2024 से अवगत कराकर छात्रावास में अनियमित कार्य को पूर्ण कराने हेतु आग्रह किया है? यदि हाँ, तो उनके द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) छात्रावास की स्वीकृति दिनांक 24-02-2020 को प्रदान की गई। इसके लिए राशि रूपये 288.70 लाख स्वीकृत किए गए। निर्माण एजेंसी भोपाल विकास प्राधिकरण है। कार्य पूर्ण करने की अवधि 14-07-2022 थी। (ख) छात्रावास निर्मित है। जी नहीं। छात्रावास भवन निर्माण में पाई गई कमियाँ की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जिसके कारण छात्रावास प्रारंभ नहीं किया गया है। राजमाता सिंधिया शासकीय कन्या (अग्रणी) स्नातकोत्तर महाविद्यालय विदिशा द्वारा पत्र क्रमांक 871/24 विदिशा दिनांक 14-03-2024 एवं परियोजना संचालक (आयुक्त, उच्च शिक्षा) द्वारा पत्र क्रमांक 710/वि.बै.परि./2024 भोपाल दिनांक 02-05-2024 के माध्यम से त्रुटियों के निराकरण हेतु निर्देशित किया गया था। त्रुटि सुधार हेतु निर्माण एजेंसी को पुन: पत्र क्रमांक 2966/वि.बै.परि./2024 भोपाल दिनांक 28-11-2024 को स्मरण पत्र प्रेषित किया गया है। (ग) जी हाँ। आयुक्त उच्च शिक्षा को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देश प्रदान किए गए है। जिसके परिपालन में आयुक्त, उच्च शिक्षा द्वारा निर्माण एजेंसी को त्रुटि सुधार हेतु निर्देशित किया गया है।
प्रधानमंत्री सड़क योजनान्तर्गत फाल्यों/मजरों को पक्की सड़क से जोड़ा जाना
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
6. ( क्र. 33 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल कितने संख्या में कौन-कौन से मंजरे फाल्या पक्की सड़क से वर्तमान तक नहीं जुड़े हुए हैं? कृपया सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या उक्त फाल्यों को पक्की सड़क से जोड़ने हेतु कोई योजना है? हाँ तो कृपया नियमावली की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें तथा वर्तमान तक विभाग द्वारा उक्त सड़कों को जोड़ने हेतु क्या कार्यवाही की गई है? (ग) उक्त फाल्यों/मंजरों को कब तक पक्की सड़क से जोड़ा जायेगा? समयावधि बतायें तथा नहीं तो क्या कारण है?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत वर्तमान में फाल्यों/मजरों को पक्की सड़क से जोड़ने हेतु कोई योजना नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं अधोसंरचना योजना से स्वीकृत कार्य
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
7. ( क्र. 34 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं अधोसंरचना योजना शीर्ष 6084 अन्तर्गत पंचायत राज संचालनालय द्वारा कितने कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है? (ख) स्वीकृत कार्यों की स्वीकृत राशि सहित जानकारी उपलब्ध करावें। उक्त स्वीकृत कार्यों की वर्तमान तक कितनी राशि प्रदाय की गई है? कार्यवार प्रदाय राशि की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) स्वीकृत कार्यों की शेष राशि कब तक प्रदाय की जायेगी तथा स्वीकृत कार्यों की वर्तमान भौतिक स्थिति क्या है? क्या सभी कार्य प्रारंभ हो गये है? नहीं तो क्या कारण हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं अवसंरचना योजना शीर्ष 6084 अंतर्गत पंचायत राज संचालनालय द्वारा 59 निर्माण कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृतियां जारी की गई है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) बजट उपलब्धता अनुसार निर्माण कार्यों की शेष राशि प्रदाय की जाती है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सोयाबीन फसल का समर्थन मूल्य 6000 रू. क्विंटल किया जाना
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
8. ( क्र. 47 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सम्पूर्ण म.प्र. में किसानों द्वारा सोयाबीन फसल का समर्थन मूल्य 6000 रूपये क्विंटल किए जाने की मांग को लेकर आंदोलन किया गया था। क्या म.प्र. सरकार द्वारा सोयाबीन फसल का समर्थन मूल्य किसानों की मांग अनुसार 6000 रूपये क्विंटल किए जाने की कोई योजना प्रचलन में है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक सोयाबीन फसल का समर्थन मूल्य 6000 रूपये क्विंटल किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों।
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) भारत सरकार की प्राईस सपोर्ट स्कीम (PSS) योजना के तहत किसानों से सोयाबीन की खरीद भारत सरकार द्वारा घोषित एमएसपी रुपये 4892/- पर की जा रही है। (ख) सभी राज्यों द्वारा पीएम-आशा योजना के तहत भारत सरकार द्वारा घोषित एमएसपी दरों पर सभी पात्र फसलों की खरीद की जाती है। एमएसपी से अधिक कीमतों पर सोयाबीन या किसी अन्य फसल की खरीद का कोई प्रावधान नहीं है।
पंचायत सचिव की पदस्थापना
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
9. ( क्र. 63 ) श्री महेन्द्र केशरसिंह चौहान : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में ऐसे कितने सचिव है जो 5 वर्ष से या उससे अधिक अवधि से एक ही पंचायत में पदस्थ है? सूची उपलब्ध करायें। (ख) क्या शासन की कोई नीति अधिकत्तम कितने दिनों तक सचिव को एक ही स्थान पर रखे जाने की है? यदि हाँ, तो बतावें? (ग) नीति अनुसार जो ग्राम पंचायत सचिव एक ही स्थान पर अधिक समय से पदस्थ है उन्हें कब तक हटाया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) बैतूल जिले में 5 वर्ष से अधिक अवधि से एक ही पंचायत में कुल 82 सचिव पदस्थ हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खाद बीज का वितरण
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
10. ( क्र. 83 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में विगत वर्ष कितनी खाद की मांग खरीफ एवं रबी के सीजन में की गई थी? (ख) वर्तमान में जिले में कितनी मांग है? मांग के विरूद्ध आपूर्ति की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) बैतूल जिले में विगत वर्ष खरीफ 2023 में 85500 मे. टन एवं रबी वर्ष 2023-24 में 74500 मे.टन उर्वरक की मांग की गई थी। (ख) वर्तमान रबी मौसम 2024-25 में 73,500 मे. टन उर्वरक की मांग की गई है। मांग के विरूद्ध वर्तमान समय तक 67585 मे.टन उर्वरक की आपूर्ति की गई है। खाद आपूर्ति का कार्य निरंतर रूप से जारी है।
भारत अध्ययन केन्द्र में विजिटिंग विद्वानों की नियुक्ति
[उच्च शिक्षा]
11. ( क्र. 93 ) डॉ. चिंतामणि मालवीय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव (रजिस्ट्रार) द्वारा 2023 में किस आदेश से अध्ययन शाला में आमंत्रित विजिटिंग विद्वानों की सेवाएं बंद की गई। (ख) विक्रम वि.वि. के भारत अध्ययन केंद्र में आमंत्रित विजिटिंग विद्वानों की नियुक्ति के लिए पुनः विज्ञापन कब जारी किया गया, उपरोक्त विज्ञापन के परिपालन में नियुक्ति कब की गई। (ग) मई 2023 के पश्चात वर्तमान तक विजिटिंग विद्वानों को विक्रम विवि के भारत अध्ययन केंद्र से कुल कितना भुगतान किया गया?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) आदेश क्रमांक/प्रशासन/संस्थापन/2023/129, दिनांक 24/05/2023 के द्वारा विजिटिंग विद्वानों की सेवाएं बंद की गई। (ख) भारत अध्ययन केंद्र द्वारा दिनांक 05/02/2024 को 01 विजिटिंग विद्वान हेतु विज्ञप्ति जारी की गई जिसमें अभी तक कोई नियुक्ति नहीं की गई है। कुलगुरू के आदेश अनुसार पूर्व में कार्यरत एक विजिटिंग विद्वान को विभागीय आवश्यकतानुसार आमंत्रित किया गया था। (ग) माह मई 2023 के पश्चात एक विजिटिंग विद्वान को प्रति कालखंड रू. 500/-, एक दिवस में तीन कालखंड हेतु अधिकतम राशि रू. 1500/-, की दर से माह दिसंबर 2023 में रू. 4000/-, माह जनवरी 2024 में रू. 24,000/-, माह फरवरी 2024 में रू. 22,000/- इस प्रकार कुल राशि रू. 50,000/- का भुगतान किया गया है।
सुदूर सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृति
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
12. ( क्र. 102 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कृषकों एवं ग्रामीणजनों की आवागमन सुविधा को देखते हुए विभिन्न ग्राम/ग्राम पंचायतों में सुदूर ग्राम पहुँच मार्ग योजनान्तर्गत सुदूर सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान किये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय पंचायत मंत्री महोदय जी को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2024/149 दिनांक 08.02.2024 एवं अनुस्मरण पत्र 01 क्र.वि.स./ परासिया/127/2024/385 दिनांक 15.07.2024 तथा पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2024/598 दिनांक 25.09.2024 पत्र प्रेषित किए गये है, जिन तीनों पत्रों पर अभी तक स्वीकृति हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार प्रेषित पत्रों में उल्लेखित परासिया विधानसभा के अन्तर्गत विभिन्न सुदूर सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृति विभाग द्वारा कब तक प्रदान कर दी जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) :(क) जिले की विधानसभा क्षेत्र परासिया के माननीय विधायक महोदय द्वारा परासिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कृषकों एवं ग्रामीणजनों की आवागमन सुविधा हेतु 27 सड़कों को स्वीकृत किये जाने हेतु लेख किया गया है। संलग्न सूची अनुसार 27 सड़कों में से सरल क्र. 01 एवं 02 पर उल्लेखित सड़क के नाम सरल क्रमांक 07 एवं 22 पर भी अंकित है शेष 25 सड़कों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मनरेगा अंतर्गत सभी कार्य जिला स्तर से स्वीकृत किये जाते हैं। सुदूर सड़क निर्माण कार्य स्वीकृति हेतु विभाग के पत्र क्रमांक 5191 दिनांक 19-11-2024 में निर्देश दिये गये हैं।
इन्डोर स्टेडियम की स्वीकृति
[खेल एवं युवा कल्याण]
13. ( क्र. 109 ) श्री मनोज नारायण सिंह चौधरी : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र की एक मात्र नगर परिषद हाटपिपल्या में इन्डोर स्टेडियम की मांग की गई थी? (ख) क्या इन्डोर स्टेडियम जिला मुख्यालय या ब्लॉक मुख्यालय पर ही स्वीकृति का नियम बताया गया? किन्तु इस विधानसभा क्षेत्र में न जिला मुख्यालय पड़ता है न ही ब्लॉक मुख्यालय आता है। क्या इस विधानसभा के प्रतिभावान खिलाड़ियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए इन्डोर स्टेडियम स्वीकृत करेंगे?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। विभागीय नीति अनुसार विकासखण्ड मुख्यालय से निचले स्तर पर वर्तमान में इन्डोर स्टेडियम स्वीकृत किया जाना संभव नहीं है।
हितग्राहियों को आवास योजना का लाभ
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
14. ( क्र. 112 ) श्री मनोज नारायण सिंह चौधरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कई परिवार आवास योजना की बांट जोह रहे हैं, लेकिन पात्र होने के बाद भी कई लोगों के नाम ऑटो डिलीट हो गए हैं, जिस कारण पात्र होने के बावजूद भी योजना का लाभ हितग्राहियों को नहीं मिल रहा है? (ख) ऐसे पात्र लोगों को योजना का लाभ कब मिलेगा? क्या सूची के ऑटो डिलीट हुए नाम स्वतः जुड़ जाएंगे या उन लोगों के लिए नवीन प्रक्रिया पुनः करनी होगी? कब तक पात्र लोगों को आवास योजना का लाभ मिल पाएगा?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) आवास योजना में किसी भी परिवार का नाम ऑटो डिलीट की श्रेणी में नहीं है। (ख) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़कों का संधारण
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
15. ( क्र. 117 ) श्री
सचिन
सुभाषचंद्र
यादव : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) योजनान्तर्गत
निर्मित
पैकेज MP 2205UPG, 22WB05, 22701, 22604 एवं 22MTN136 के मार्ग
क्षतिग्रस्त
है क्या इनका
संधारण किया
गया है? अगर
हाँ तो संधारण
के लिए किन-किन
अधिकारियों
द्वारा कब-कब
निरीक्षण
किया गया है? अगर हाँ तो
मानक अनुसार
ग्रेडिंग दी
गई है?
अगर
हाँ तो
निरीक्षण
रिपोर्ट
उपलब्ध कराएं।
(ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
विभाग द्वारा
ठेकेदार को
भुगतान के साथ
जीएसटी चेक्स
का कितना
भुगतान किया
गया है? उपयोग
की गई सामग्री
में कितनी
राशि एवं मात्रा
के बिल
प्रस्तुत
किये गये हैं? ठेकेदार
द्वारा
प्रस्तुत
बिलों का
मिलान निविदा
में
प्रस्तावित
मात्रानुसार
किया गया है? (ग) ठेकेदार
द्वारा
जीएसटी में
चोरी के लिए
अधिक मात्रा
के बिल
प्रस्तुत
किये गये हैं
अगर हाँ तो
ठेकेदार और
संबंधित
अधिकारियों
के विरूद्ध
कोई कार्रवाई
की गई है? (घ) क्या
ठेकेदारों को
मशीनरी
खरीदने पर कोई
छूट का
प्रावधान है? यदि हाँ, तो क्यों
कारण?
पंचायत
मंत्री ( श्री
प्रहलाद सिंह
पटैल ) : (क) प्रश्नांकित
पैकेजों
अंतर्गत कोई
मार्ग
क्षतिग्रस्त
नहीं है। जी
हाँ, इन
पैकेज के
मार्गों का
संधारण
निर्धारित
मापदण्ड
अनुसार किया गया
है। इन
मार्गों पर
अधिकारियों
द्वारा किये
गये निरीक्षण
संबंधी विवरण
की जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र- 1
अनुसार है। निरीक्षण
रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र- 2
अनुसार है। (ख)
जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-3
अनुसार है। ठेकेदार
द्वारा
प्रस्तुत
जी.एस.टी. के
बिलों में
अंकित मात्रा
निविदा में
प्रस्तावित
मात्रा के
अनुसार है। (ग) एवं (घ) जी
नहीं, शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
रासायनिक उर्वरकों की उपलब्धता
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
16. ( क्र. 118 ) श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में खरीफ फसलों के लिए किसानों को कितने मैट्रिक टन यूरिया, डीएपी, एसएसपी, एनपीके, उर्वरकों की प्रति वर्ष आवश्यकता होती है? (ख) क्या सरकार द्वारा किसानों की आवश्यकतानुसार पर्याप्त खाद की उपलब्धता पूर्व से ही सुनिश्िचत की गई है? अगर हाँ तो बताएं नहीं तो क्यों नहीं? (ग) खरगोन जिले में यूरिया, डीएपी, एनपीके, एसएसपी, उर्वरकों की विभाग द्वारा मांग की गई थी अगर हाँ तो कितनी-कितनी? क्या मांग अनुसार पर्याप्त उर्वरक उपलब्ध करा दिये हैं? अगर नहीं तो क्या कारण है? (घ) पूर्व में सहकारी समितियों के माध्यम से खाद का वितरण किया जाता था? अगर हाँ तो वर्तमान में खुले बाजार में उर्वरक बेचने की सरकार ने खुली छूट क्यों दे रखी है?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जिले में पूर्व में सहकारी समितियों, जिला विपणन संघ के विक्रय केन्द्रों, एम. पी. एग्रो एवं निजी उर्वरक विक्रेताओं के माध्यम से उर्वरकों का विक्रय किया गया था, उसी अनुरूप इस वर्ष भी जिले में उर्वरकों का विक्रय किया जा रहा है।
कृषि उपज मंडी समिति उज्जैन द्वारा जारी लाइसेन्स
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
17. ( क्र. 126 ) श्री सतीश मालवीय : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि उपज मण्डी समिति उज्जैन द्वारा प्रश्न दिनांक तक कुल कितने कृषि जींस के लायसेंस जारी किए गए हैं एवं कितने लायसेंसधारी वर्तमान में कृषि जींसों की खरीदी बिक्री का कार्य कर रहे हैं? कितने लायसेंसधारी कृषि जींसों की खरीदी बिक्री का कार्य कितने समय से नहीं कर रहे हैं? जो लायसेंसधारी लम्बे समय से कृषि जींसों की खरीदी बिक्री नहीं कर रहे हैं। उन पर मण्डी समिति द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? लायसेंसवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) कृषि उपज मण्डी समिति उज्जैन द्वारा कृषि जींसों के लायसेंसधारियों को लीज पर गोदाम, दुकान किस-किस को कहाँ-कहाँ आवंटित की गई हैं? उनके फर्म नाम, स्थान सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) उज्जैन मण्डी प्रांगण के अन्दर कितने व्यापारी ऐसे हैं जिन्होंने अपने गोदामों/दुकानों में गैर कृषि जींसों जैसे पाईप खाद-बीज कीटनाशक दवाइयां मोटर पंपों, सीमेन्ट, सरिया आदि अन्य सामग्री के विक्रय किया जा रहा है। क्या यह मण्डी एक्ट का उल्लंघन नहीं है? यदि है तो मण्डी समिति द्वारा प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी कार्यवाही कब-कब की गई? कृषि जींसों के अलावा अन्य सामग्री क्रय-विक्रय करने वाले व्यापारियों की दुकानों/गोदामों की स्थानवार सूची उपलब्ध करावें।
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) कृषि उपज मंडी समिति उज्जैन में वर्तमान में कुल 1049 अनुज्ञप्तिधारी व्यापारी जिसमें अनाज, दलहन, तिलहन, फल एवं सब्जी, भण्डारण, कारखानेदार, आढ़तिया एवं वाणिज्यिक संव्यवहार करने वाले व्यापारी सम्मिलित हैं। व्यापारीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। वर्तमान में 867 लायसेंसी व्यापारियों द्वारा कृषि उपज क्रय-विक्रय का कार्य किया जा रहा है। लगभग विगत 02 वर्षों से 182 अनुज्ञप्तिधारी व्यापारियों द्वारा अधिसूचित कृषि उपज का क्रय-विक्रय नहीं किया जा रहा है। ऐसे 182 व्यापारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। उपरोक्त 182 अनुज्ञप्तिधारी व्यापारियों द्वारा अनुज्ञप्ति जारी दिनांक के पश्चात अधिसूचित कृषि उपज का क्रय विक्रय किया गया किन्तु विगत लगभग 02 वर्षों से क्रय विक्रय नहीं किया गया है। लम्बे समय से अधिसूचित कृषि उपज का क्रय-विक्रय नहीं करने वाले व्यापारियों को मंडी समिति द्वारा समय समय पर सूचना पत्र जारी कर नियमित व्यापार किये जाने हेतु निर्देशित किया जाता है। (ख) कृषि उपज मंडी समिति उज्जैन में कुल 16 गोदाम, अनुज्ञप्तिधारी व्यापारियों को आंवटित हैं। व्यापारीवार स्थान सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। मंडी प्रांगण स्थित कुल 127 दुकान आवंटित की गई है। दुकान धारक के नाम व स्थान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) कृषि उपज मंडी समिति उज्जैन के मंडी प्रांगण में 85 अनुज्ञप्तिधारी भूखण्ड धारकों द्वारा अधिसूचित कृषि उपज के क्रय-विक्रय के साथ साथ, कृषकों की कृषि उपज उत्पादन में सहायता (अनुशांगिक सामग्री) हेतु जैसे पाईप, खाद, बीज, कीटनाशक, दवाईयाँ, मोटरपंप आदि के विक्रय का कार्य किया जाता है जिन्हें समय समय पर सूचना पत्र जारी कर कृषि उपज से भिन्न व्यवसाय करना बंद कर एवं मंडी अधिनियम के विहित नियमों एवं शर्तों का पालन कर व्यापार करने हेतु समय समय पर निर्देशित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। कृषि उपज मंडी समिति उज्जैन के प्रांगण में गैर कृषि व्यवसाय कर रहे 54 भूखण्डधारियों की लीज वर्ष 2005 में निरस्त कर दी गई थी। इन 54 भूखण्डों को रिक्त कराये जाने हेतु अधिवक्ता के माध्यम से कब्जे की कार्यवाही हेतु माननीय सिविल न्यायालय की अधिकारिता वाले न्यायालय में वाद दायर करने के लिए संबंधितों को दिनांक 12/09/2024 को अधिवक्ता के माध्यम से सूचना पत्र जारी किये गये हैं। लीज निरस्त 54 भूखण्डधारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है।
मा. मुख्यमंत्री जी की घोषणा पर क्रियान्वयन
[खेल एवं युवा कल्याण]
18. ( क्र. 127 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या खेल एवं युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मा.मुख्यमंत्री जी द्वारा दिनांक 23 फरवरी 2024 को नीमच प्रवास के दौरान नीमच के श्री सीताराम जाजू शा.कन्या महाविद्यालय में नवीन खेल स्टेडियम की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो इसकी वर्तमान स्थिति से अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित क्या प्रशनकर्ता विधायक ने इस संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय एवं खेल युवा कल्याण विभाग को दिनांक 13.06.2024 को पत्र प्रेषित किया था? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा उस पर क्या कार्यावाही की अवगत करावें। (ग) क्या विभाग द्वारा अपने पत्र क्र 1603 दिनांक 03.10.2024 को प्रश्नकर्ता विधायक को भेजे गए पत्र में भूमि उच्च शिक्षा विभाग से खेल एवं युवा कल्याण को उपलब्ध कराने हेतु लिखा गया है? यदि हाँ, तो क्या विभाग ने भूमि स्वामित्व को लेकर कोई पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय को प्रेषित किया है यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या भूमि स्वामित्व को लेकर खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा उच्च शिक्षा विभाग को स्टेडियम निर्माण के लिए कोई पत्र प्रेषित किया है यदि हाँ, तो उच्च शिक्षा विभाग ने क्या असहमति प्रकट की है यदि नहीं, तो उच्च शिक्षा विभाग से समन्वय स्थापित नहीं करने के क्या कारण है?
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) जी हाँ। मान. मुख्यमंत्री जी, म.प्र.शासन द्वारा दिनांक 23.02.2024 को घोषणा (डी- 0074) दशहरा मैदान, जिला नीमच प्रवास के दौरान ''श्री सीताराम जाजू शासकीय कन्या महाविद्यालय में नवीन खेल स्टेडियम का निर्माण किया जावेगा'' की गई थी। खेल और युवा कल्याण विभाग द्वारा महाविद्यालय में स्टेडियम/खेल परिसर का निर्माण नहीं किया जाता है। अतएव घोषणा उच्च शिक्षा विभाग से संबंधित होने के कारण इस घोषणा को उच्च शिक्षा विभाग को हस्तांतरित किया गया है। (ख) जी हाँ। विभागीय नीति अनुसार विभाग के स्वामित्व की भूमि पर ही स्टेडियम निर्माण किये जाने की योजना है। अतएव श्री सीताराम जाजू शासकीय कन्या महाविद्यालय की भूमि का स्वामित्व खेल विभाग का नहीं होने के कारण नवीन खेल स्टेडियम की स्वीकृति दी जाना संभव नहीं है। (ग) विभागीय पत्र जावक क्रमांक-1603 दिनांक 03.10.2024 द्वारा माननीय विधायक महोदय को प्रेषित पत्र में विभागीय नीति अनुसार विभाग के स्वामित्व की भूमि पर ही स्टेडियम निर्माण किये जाने की योजना है। अतएव श्री सीताराम जाजू शासकीय कन्या महाविद्यालय की भूमि का स्वामित्व खेल विभाग का नहीं होने के कारण नवीन खेल स्टेडियम की स्वीकृति दी जाना संभव नहीं है, लेख किया गया है। जी नहीं। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
संचालित बीज उत्पादन संस्थाओं की जानकारी
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
19. ( क्र. 130 ) श्री सतीश मालवीय : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में कितनी बीज उत्पादन संस्था कार्यरत हैं? उनके नाम, संचालक का नाम, पता, लायसेंस की छायाप्रति सहित सम्पूर्ण जानकारी देवें। (ख) दिनांक 01.01.2021 से प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त संरचनाओं द्वारा कितने तरह के बीज, कहाँ-कहाँ से कितनी मात्रा में प्रमाणित करवाए गए है? प्रमाणित प्रतियों की वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) उपरोक्त अवधि में उक्त संस्थाओं द्वारा विक्रय किये गये बीज की मात्रा की जानकारी वर्षवार एवं संस्थावार देवें। इन संस्थाओं द्वारा इस अवधि में जमा जी.एस.टी. की जानकारी भी वर्षवार एवं संस्थावार देवें। (घ) इन संस्थाओं को प्रमाणित बीज उत्पादन व विक्रय में भारी अंतर के लिए इन पर कार्यवाही कब तक की जाएगी? इनको संरक्षित करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध शासन प्रशासन द्वारा क्या और कब तक कदम उठाया जा रहा है?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) उज्जैन जिले में कुल 78 बीज उत्पादक संस्थाएँ कार्यरत हैं, जिसमें 05 शासकीय संस्थाओं सहित 46 निजी संस्थाएँ (प्रायवेट कंपनी), 20 बीज उत्पादक सहकारी समितियाँ एवं 07 फार्मर प्रोड्यूसर कंपनियाँ सम्मिलित हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) दिनांक 01-01-2021 से प्रश्न दिनांक 21-11-2024 तक उपरोक्त संरचनाओं द्वारा खरीफ 2020, 2021, 2022 एवं 2023 में 343991.52 क्विं. तथा रबी 2020-21, 2021-22, 2022-23 एवं 2023-24 में 838813.54 क्विं. मात्रा का प्रमाणीकरण करवाया गया, जिसकी वर्षवार/संस्थावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) उपरोक्त अवधि में 78 पंजीकृत बीज उत्पादक संस्थाओं द्वारा दिनांक 01-01-2021 से विक्रय किये गये बीज खरीफ में 326940.84 क्विं. एवं रबी में 792957.70 क्विं. की मात्रा एवं इन संस्थाओं द्वारा जमा जी.एस.टी. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) उक्त संस्थाओं द्वारा जितना प्रमाणित बीज पैक किया गया है उतनी मात्रा या उससे कम मात्रा का विक्रय किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 4 अनुसार है। अतः बीज उत्पादक संस्थाओं एवं अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पंजीकृत गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं में अनियमितता
[सहकारिता]
20. ( क्र. 131 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधायक के प्रश्न क्र.196 दिनांक 1 जुलाई 2024 को पूछे गए प्रश्न का उत्तर उपलब्ध करावें। 1 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन, मंदसौर एवं नीमच जिले में किस-किस पंजीकृत गृह निर्माण समिति के खिलाफ किस-किस प्रकार की शिकायतें किस-किस व्यक्ति ने कहाँ-कहाँ दर्ज कराई गई? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित शिकायतों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई, शिकायतों की जांच किस-किस सक्षम अधिकारी ने की, इसमें क्या-क्या कमियां पाई गई, पाई गई अनियमितता के उपरांत किस-किस व्यक्ति के खिलाफ किस-किस प्रकार की कार्यवाही की गई? व्यक्ति का नाम सहित जानकारी देवें। (ग) 1 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक मंदसौर, नीमच में सहकारिता विभाग में कुल कितने कार्यालय संचालित है? इनमे कुल कितने वर्षों से कितने अधिकारी, कर्मचारी शासन के नियमो के विपरीत एक ही पद पर कार्य कर रहे है? इनकी सूची उपलब्ध करावें।
सहकारिता मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) प्रश्न क्रमांक-196 का उत्तर प्रेषित किया गया है, उज्जैन, मंदसौर एवं नीमच जिले में प्राप्त शिकायतों की जानकारी क्रमशः पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01, 02 एवं 03 अनुसार है। (ख) शिकायतों पर कार्यवाही क्रमशः पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01, 02 एवं 03 अनुसार है। (ग) सहकारिता विभाग अंतर्गत जिला मंदसौर में, कार्यालय उप आयुक्त सहकारिता एवं उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं तथा सहायक पंजीयक सहकारी संस्थाएं अंकेक्षण मंदसौर, नीमच जिले में, कार्यालय सहायक आयुक्त सहकारिता एवं सहायक पंजीयक सहकारी संस्थायें तथा सहायक पंजीयक सहकारी संस्थायें अंकेक्षण नीमच, पृथक-पृथक कार्यालय संचालित है। स्थानांतरण नीति अनुसार जिलों में पदस्थ प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के कार्यपालक अधिकारियों के एक ही स्थान पर तीन वर्ष की पदस्थापना पूर्ण कर लेने पर जिले से अन्यत्र प्राथमिकता पर स्थानांतरण किया जा सकता है। इसी प्रकार तृतीय श्रेणी कार्यपालिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों का भी एक ही स्थान पर सामान्यतः तीन वर्ष या उससे अधिक पदस्थापना की अवधि पूर्ण कर लेने के कारण स्थानांतरण किया जा सकता है, किन्तु यह अनिवार्य नहीं है कि तीन वर्ष पूर्ण होने पर स्थानांतरण किया ही जावे। निर्माण एवं नियामक स्वरूप के विभागों को छोड़कर अन्य विभागों में मात्र तीन वर्ष की अवधि को ही स्थानांतरण का आधार न बनाये जाने का प्रावधान है। मंदसौर एवं नीमच कार्यालयों में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है।
आउटसोर्स कर्मियों को पारिश्रमिक का भुगतान
[उच्च शिक्षा]
21. ( क्र. 143 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला रीवा के विकासखण्ड जवा अंतर्गत शा. भगवान बिरसा मुण्डा महाविद्यालय में कार्यरत आउटसोर्स कर्मियों का वेतन भुगतान लंबित है? यदि हाँ, तो कितने माह का पारिश्रमिक भुगतान लंबित है? कब तक भुगतान किया जाना सुनिश्चित किया जावेगा। (ख) क्या विभाग के द्वारा रीवा जिले के शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों के पारिश्रमिक भुगतान हेतु नियमित तौर पर बजट का आवंटन नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या आउटसोर्स कर्मियों के पारिश्रमिक भुगतान हेतु नियमित तौर पर बजट आबंटन प्रक्रिया सुनिश्चित की जावेगी? (ग) क्या नवीन शासकीय महाविद्यालय बैकुण्ठपुर जिला रीवा में स्वीकृत आउटसोर्स के रिक्त पदों को भरने हेतु सेडमैप कार्यालय भोपाल द्वारा साक्षात्कार प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है? यदि हाँ, तो आउटसोर्स कर्मियों की नियुक्ति की लंबित कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) नवीन शासकीय महाविद्यालय, बैकुण्ठपुर, जिला रीवा में वर्तमान में आवश्यकता नहीं होने से सेडमैप, भोपाल से आउटसोर्स पदों के लिए अनुबंध नहीं किया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
परिवहन ठेकेदारों से पेनाल्टी राशि की वसूली
[सहकारिता]
22. ( क्र. 147 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर विपणन संघ के परिवहन ठेकेदारों पर रबी विपणन वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक पेनाल्टी राशि लंबित हैं? (ख) यदि हाँ, तो फर्म सहित ठेकेदारों के नाम, अधिरोपित पेनाल्टी दिनांक एवं राशि का विवरण देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत क्या ठेकेदारों से राशि वसूल कर ली गई है? यदि हाँ, तो वसूल की गई राशि का विवरण देवें? यदि नहीं, की गई तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) के अंतर्गत अधिरोपित राशि जमा न करने वाले ठेकेदारों/फर्मों के द्वारा अन्य विभागों में कार्य करने पर क्या उस विभाग के माध्यम से वसूली की जा सकती है? यदि नहीं, तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश की मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं की जानकारी
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
23. ( क्र. 152 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लगभग 7 वर्ष पूर्व 265 मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालायें लगभग 150 करोड़ की लागत से बनाई गई थी? (ख) क्या लैब टेक्नीशियन न होने के कारण मिट्टी परीक्षण का कार्य नहीं हो रहा है? (ग) यदि हाँ, तो क्या इन प्रयोगशालाओं को बेरोजगार कृषि स्नातकों को संचालन के लिये दिया जा सकता है? (घ) यदि नहीं, तो प्रयोगशालाओं का संचालन कैसे किया जायेगा?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) जी हाँ। प्रदेश में 265 नवीन मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाएं म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड के द्वारा 112.576 करोड़ की लागत से निर्मित की गई हैं। (ख) जी हाँ, विकासखण्ड स्तर पर निर्मित मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं में अमला स्वीकृत न होने से मिट्टी नमूना परीक्षण कार्य नहीं हो सका है। प्रदेश में 50 विभागीय मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं में मिट्टी नमूना परीक्षण किया जाकर, किसानों को नि:शुल्क स्वाइल हैल्थ कार्ड उपलब्ध कराए जा रहे हैं। (ग) जी हाँ, विकासखण्ड स्तर पर निर्मित 265 मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं को युवा उद्यमियों/संस्थाओं को उपलब्ध कराया जाकर, मिट्टी नमूना परीक्षण कराने का शासन द्वारा निर्णय लिया गया है, तदानुक्रम में कृषि स्नातक युवा उद्यमियों/संस्थाओं को प्रयोगशालाओं के आवंटन हेतु विज्ञापन जारी कर प्रयोगशाला आवंटन की कार्यवाही प्रक्रिया में है। (घ) शासन द्वारा कृषि स्नातक युवा उद्यमियों/संस्थाओं को मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं के आवंटन करने का निर्णय लिए जाने से प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता है।
संपत्ति कर की वसूली
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
24. ( क्र. 158 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पत्र क्रमांक 630/2022 भोपाल दिनांक 28. 06. 2022 में कलेक्टर/सीईओ जिला पंचायत जिला समस्त मध्य प्रदेश को पंचायत क्षेत्र में संपत्ति कर निर्धारण एवं कर संकलन के लिए प्रभावी कार्यवाही किए जाने के संबंध में निर्देशित किया गया है? (ख) क्या मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 81 में यह प्रावधान है कि इस अधिनियम के अधीन अधिरोपित कर की कोई रकम कलेक्टर के द्वारा इस प्रकार वसूल की जावेगी की मानो वह भू-राजस्व की बकाया हो? (ग) यदि हाँ, तो कार्यालय कलेक्टर जिला खरगोन में दिनांक 24.09.2024 में ग्राम पंचायत खल बुजुर्ग एवं ग्राम पंचायत निमरानी के द्वारा धारा 81 में प्रस्तुत आवेदन पत्र एवं उसके साथ संलग्न किए अभिलेख एवं उस पर लिखी गई नोट शीट की प्रति देवें एवं क्या कारण है कि आज दिनांक तक भी संपत्ति कर की चोरी करने वालों के विरुद्ध जिला कलेक्टर खरगोन के द्वारा आरआरसी जारी नहीं की गई है? (घ) क्या विभाग एवं उसका अमल संपति कर की चोरी करने वालों को संरक्षण प्रदान कर रहा है? यदि नहीं, तो कब तक rrc जारी करने के आदेश जारी किए जाएंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -''ब'' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्राथमिक कृषि सेवा साख सहकारी समिति को पुन: प्रारंभ किया जाना
[सहकारिता]
25. ( क्र. 161 ) श्री प्रणय प्रभात पांडे : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन प्राथमिक कृषि सेवा साख सहकारी समिति प्रारंभ करने के क्या नियम दिशा निर्देश हैं बतलावे? नियमों की छायाप्रति देवें। (ख) क्या सन् 1994 में ग्राम बचैया में प्राथमिक कृषि साख सेवा सहकारी समिति मर्यादित क्रियाशील थी जिसका कार्यालय भवन ग्राम बचैया तहसील बहोरीबंद जिला कटनी में अच्छी स्थिति में आज भी बना हुआ है बाद में इस समिति को किन्हीं कारणों वश सेवा सहकारी समिति हथियागढ़ में मर्ज कर दिया गया था? (ग) प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर में यदि हाँ, तो तत्कालीन प्राथमिक कृषि साख सेवा सहकारी समिति मर्यादित बचैया में कौन-कौन से ग्राम सम्मिलित थे? सूची देवें। वर्तमान में इन सम्मिलित ग्रामों के कितने कृषक खातेदार है तथा उनमें से कितने कृषक प्राथमिक कृषि साख सेवा सहकारी समिति मर्यादित हथियागढ़ के सदस्य हैं? दोनों प्रकार के कृषकों की ग्रामवार संख्या देवें। (घ) क्या शासन प्रश्नांश "ग" में उल्लेखित ग्रामों की दूरी एवं ग्रामों के कृषकों की संख्या को संज्ञान में लेते हुए प्राथमिक कृषि साख सेवा सहकारी समिति मर्यादित बचैया को प्रारंभ करेगी उत्तर में यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
सहकारिता मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) नवीन प्राथमिक कृषि सेवा साख सहकारी समिति प्रारंभ करने हेतु म.प्र. सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 1960 की धारा '4' से लेकर धारा '9' के प्रावधान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–1 अनुसार है एवं म.प्र. सहकारी सोसाइटी नियम, 1962 के नियम 4 एवं 5 के प्रावधान की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–2 अनुसार है। इसके अतिरिक्त म.प्र. सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 1960 की धारा 16 एवं म.प्र. सहकारी सोसाइटी नियम, 1962 के नियम 11 के प्रावधान में समितियों के पुनर्गठन का प्रावधान है, जिनकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–3 अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–4 अनुसार है। तत्कालीन प्राथमिक कृषि साख सेवा सहकारी समिति मर्या. बचैया के कार्यक्षेत्र के ग्राम एवं कृषक, बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि साख समिति हथियागढ़ में सम्मिलित है। (घ) जी नहीं, बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि सहकारी साख समिति हथियागढ़ को पुनर्गठित कर 2 परिणामी समितियां बनाने से संस्था की आर्थिक स्थिति पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। संस्था वर्ष 2023-24 की स्थिति में संचित हानि में है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
दोषियों पर कार्यवाही
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
26. ( क्र. 162 ) श्री कालु सिंह ठाकुर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 66 में यह नियम है कि जनपद तथा जिला पंचायत के मामले में समस्त रकमें केवल, वार्षिक बजट के अनुसार विस्तृत कार्य योजना की व्यवस्था करने के प्रयोजनों हेतु यथा स्थिति जनपद या जिला पंचायत की सामान्य प्रशासन समिति के पूर्व अनुमोदन से ही निकाली जाएगी? (ख) यदि हाँ, तो जिला पंचायत खरगोन की दिनांक 1 सितंबर 2022से प्रश्न दिनांक तक सामान्य प्रशासन समिति की कुल कितनी बैठक आयोजित की गई? आयोजित समस्त बैठकों का एजेंडा, कार्यवाही वृत्त का रजिस्टर, कार्यवाही विवरण, पालन प्रतिवेदन की प्रमाणित प्रति देवें एवं अभिलेख देखकर बतावे कि कितनी रकम पंचायत निधि से कब-कब निकाली गई और रकम निकाले जाने के पूर्व किस किस बैठक में कितनी-कितनी रकम का पूर्व अनुमोदन किया गया? (ग) सीईओ जिला पंचायत खरगोन के पत्र क्रमांक 5988/लेखा/2024 खरगोन दिनांक 27.09.2024 में जिला पंचायत निधि से 82,18,366.00 राशि रूपये ऋणात्मक के संबंध में जो जानकारी प्रस्तुत की गई है उसमें रकम निकाले जाने के पूर्व सामान्य प्रशासन समिति से पूर्व अनुमोदन संबंधी कोई दस्तावेज रिकॉर्ड उपलब्ध करावें? (घ) यदि नहीं, है तो क्या विभाग के आदेश क्रमांक एफ 2-39/22/प-1/2014/987/2015 भोपाल दिनांक 19.05.2015 के अनुक्रमांक 04 के पालन नहीं करने पर दोषियों पर क्या कार्यवाही करेंगे और कब तक करेंगे? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''ब'' अनुसार है। (ग) राशि निकालने बाबत् सामान्य प्रशासन समिति का अनुमोदन संबंधी दस्तावेज रिकार्ड पर है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सागर में विधि महाविद्यालय की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
27. ( क्र. 164 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्र. 346 दिनांक 08.02.2024 के प्रश्नांश ''ख'' के उत्तरांश में बताया गया था कि विधि महाविद्यालय खोले जाने के प्राप्त प्रस्ताव पर कार्यवाही की जा रही है, तो प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या संभागीय मुख्यालय सागर में विधि महाविद्यालय खोले जाने हेतु प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हो गई है? यदि नहीं, तो अब तक की गई कार्यवाही से अवगत कराये।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) सागर में नवीन शासकीय विधि महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने हेतु विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन सहित मंत्रि-परिषद् संक्षेपिका तैयार की गई है जो प्रशासकीय अनुमोदन हेतु शीघ्र प्रस्तुत की जा रही है। प्रशासकीय अनुमोदन प्राप्त होने पर वित्त विभाग एवं मंत्रि-परिषद् की सहमति उपरांत आगामी कार्यवाही की जाएगी। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार।
सहायक श्रम आयुक्त की पदस्थापना एवं अन्य रिक्त पद की पूर्ति
[श्रम]
28. ( क्र. 166 ) श्री शैलेन्द्र कुमार जैन : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संभागीय मुख्यालय सागर के श्रम कार्यालय में अधिकारी श्रम निरीक्षकों एवं अन्य कर्मचारियों के पद रिक्त है? यदि हाँ, तो इन रिक्त पदों की पूर्ति हेतु शासन स्तर पर कोई कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्या शासन रिक्त पदों की पूर्ति हेतु शीघ्र कार्यवाही करेगा तथा कब तक? (ख) क्या संभागीय मुख्यालय सागर में सहायक श्रम आयुक्त का पद रिक्त है यदि हाँ, तो कब से तथा इसका क्या कारण है? (ग) क्या संभागीय मुख्यालय सागर में सहायक श्रम आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार भोपाल सहायक श्रम आयुक्त के अधीन है, जिससे क्षेत्र के लोगों को अपने प्रकरणों आदि कार्यों के निराकरण में काफी विलंब होता है, यहाँ तक की बार-बार भोपाल आना-जाना पड़ता है, तो क्या शासन संभागीय मुख्यालय सागर में सहायक श्रम आयुक्त की नवीन/पृथक रूप से पदस्थापना करेगा और कब तक?
श्रम मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी हाँ। सीधी भर्ती के रिक्त पद हेतु म.प्र. लोक सेवा आयोग/कर्मचारी चयन मंडल से पूर्ति हेतु कार्यवाही प्रचलित है। (ख) जी हाँ। सहायक श्रमायुक्त, सागर का अतिरिक्त प्रभार सहायक श्रमायुक्त, भोपाल को सौंपा गया है। (ग) जी हाँ। संभागीय मुख्यालय सागर में सहायक श्रमायुक्त का अतिरिक्त प्रभार सहायक श्रमायुक्त, भोपाल के अधीन है। सहायक श्रमायुक्त द्वारा समयावधि में सभी प्रकरणों का निराकरण किया जाता है। विलंब की स्थिति निर्मित नहीं होती है और न ही बार-बार भोपाल आना-जाना पड़ता है। सहायक श्रमायुक्त का पद पदोन्नति संवर्ग का है तथा प्रचलित पदोन्नति नियमों के संबंध में प्रकरण माननीय उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन होने से पदोन्नति की कार्यवाही वर्ष 2016 से स्थगित है। पदोन्नति प्रक्रिया प्रारंभ होने पर पृथक रूप से सहायक श्रमायुक्त की पदस्थापना की जा सकेगी।
भवन/कारखाना निर्माण की अनुमति
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
29. ( क्र. 169 ) श्री जगन्नाथ सिंह रघुवंशी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 55 एवं इसके अंतर्गत बनाए गए नियम, आदर्श विधियां उपविधियां की प्रति देवें। (ख) ग्राम खोड़ी ग्राम पंचायत कदवालिया में जनपद पंचायत बड़वाह जिला खरगोन में एसोसिएटेड एल्कोहल एवं ब्रेवरीज लिमिटेड खोड़ी उद्योग द्वारा इथेनॉल प्लांट स्थापित किया गया? कार्य प्रारंभ करने एवं पूर्ण होने की दिनांक बतावे और नियमों के अनुसार ग्राम पंचायत कार्यालय से कब निर्माण अनुमति प्राप्त की गई? ग्राम पंचायत के रिकॉर्ड से निर्माण अनुमति, निर्माण का नक्शा फीस का भुगतान और उपभोग का प्रमाण पत्र देवेंl (ग) यदि ग्राम पंचायत रिकॉर्ड के अनुसार निर्माण अनुमति जारी नहीं की गई है तो उक्त अवैध निर्माण कब तक तोड़ दिया जाएगा और इस अवैध निर्माण को तोड़ने वाले सक्षम अधिकारी का नाम पदनाम बतावें? (घ) ग्राम पंचायत कदवालिया के द्वारा अवैध निर्माण के संबंध में अब तक क्या कार्यवाही की गई है? क्या शराब उद्योग के खौफ से सरपंच एवं सचिव के द्वारा अवैध निर्माण को नहीं तोड़ जा रहा है? या सरकार का संरक्षण है? प्रमुख सचिव प्रतिवेदन देवेंl
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
परसवाड़ा विधानसभा में राशि का आवंटन
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
30. ( क्र. 171 ) श्री मधु भगत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मनरेगा योजनाओं में सामग्री हेतु वित्तीय राशि प्रदाय नहीं करने का प्रावधान किया गया है क्यों? क्या बगैर सामग्री के किसी निर्माण कार्य को कराया जाना संभव है? मनरेगा संबंधित नवीन शासनादेश की प्रतियां उपलब्ध करावे साथ ही यह बताएं कि वित्तीय वर्ष 2022-23 से प्रश्न दिनांक तक परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में किस कार्य हेतु कितनी राशि शासन से आवंटित हुई कितने कार्य अपूर्ण है एवं क्यों? (ख) समस्त प्रकार के मोक्षधाम में पहुंच मार्ग, शवदाहगृह, पेयजल व्यवस्था, सौंदर्यीकरण या अन्य सुविधा प्रदाय किए जाने हेतु क्या निर्देश/कार्ययोजना है? क्या इन सभी सुविधाओं हेतु राशि का आवंटन किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के समस्त ग्रामों के मोक्षधाम की वर्तमान भौतिक स्थिति से अवगत करावें? (ग) क्या पंचायत राज संचालनालय म.प्र. की पत्र क्रमांक/प.रा./एफ-6/82/11192 भोपाल दिनांक 23/08/2024 के अनुसार ग्राम पंचायत में कार्यरत वर्तमान सचिव की शिकायत की जांच कर उचित कार्यवाही किए जाने हेतु पत्राचार किया गया था एवं ग्राम पंचायत खरपड़िया की राशि का उपयोग ग्राम पंचायत परसवाड़ा में निर्माण कार्य में किया गया था? संपूर्ण कार्रवाई के दस्तावेज उपलब्ध करावे एवं उक्त लोकसेवक के नियुक्ति दिनांक से प्रश्न दिनांक तक समस्त क्रियाविधियों की जांच कर कार्यवाही की जावेगी यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) भारत सरकार से सामग्री मद में राशि प्राप्त होने पर राज्यांश सहित राशि आहरित कर राज्य स्तरीय नोडल खाते में जमा की जाती है। खाते में राशि की उपलब्धता अनुसार एवं जिलों में सामग्री मद की लंबित देयता के दृष्टिगत जिलों को व्यय किये जाने की अनुमति प्रदाय की जाती है। यह एक सतत् प्रक्रिया है। निर्माण कार्य में कार्यों के आवश्यकता अनुरूप सामग्री का उपयोग किया जाता है। मनरेगा संबंधित आदेश क्रमांक 5191 दिनांक 19.11.2024 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–1 अनुसार है। वित्तीय वर्ष 2022-23 सें प्रश्न दिनांक तक परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मनरेगा योजनांतर्गत कार्यों की स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। कार्य प्रगतिरत होने की स्थिति में अपूर्ण हैं। (ख) प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग का पत्र क्रमांक 7315 दिनांक 15.07.2010 तथा अपर मुख्य सचिव, मध्यप्रदेश शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग का पत्र क्रमांक 1270 दिनांक 24/28.05.2019 द्वारा निर्देश हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है, मनरेगा योजनांतर्गत अनुमत्य कार्य किये जाते हैं। कार्यों हेतु राशि राज्य स्तरीय नोडल खाते से उपलब्धता के आधार पर अंतरित की जाती है। परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाली जनपद पंचायत बालाघाट में 67 ग्राम पंचायतों में से 39 ग्राम पचायतों में 63 मोक्षधाम स्वीकृत किये गये है जो पूर्ण किये जा चुके है। जनपद पंचायत किरनापुर में 27 ग्राम पंचायतों के 34 ग्रामों में मोक्षधाम पूर्ण हैं। जनपद पंचायत परसवाड़ा में 42 ग्राम पंचायतों में से 40 ग्राम पंचायतों के 88 ग्रामों में स्वीकृत किये गये सभी मोक्षधाम पूर्ण हैं। (ग) पंचायतराज संचालनालय म.प्र. के पत्र क्रमांक/पं.रा./एफ-6/82/11192 भोपाल दिनांक 23/08/2024 के साथ संलग्न माननीय विधायक परसवाड़ा के पत्र पर बिन्दुवार की गई कार्यवाही निम्नानुसार है:- कार्यालय कलेक्टर (पंचायत) जिला बालाघाट के आदेश क्रमांक 7334/जि.पं./पंचा. प्रको./2021 बालाघाट दिनांक 10.12.2021 के तहत श्री योगेश हिरवाने का स्थानांतरण ग्राम पंचायत परसवाड़ा से ग्राम पंचायत खरपड़िया किया गया है एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत परसवाड़ा के पत्र क्रमांक 1467/सचिव/स्थापना/2022 परसवाड़ा दिनांक 19.01.2022 के अनुसार ग्राम रोजगार सहायक को सचिवीय दायित्वों के निर्वाहन में असुविधा होने के कारण सचिव श्री योगेश हिरवाने ग्राम पंचायत खरपडिया को ग्राम पंचायत परसवाड़ा का अतिरिक्त सचिवीय प्रभार सौंपे जाने की अनुशंसा के आधार पर जिला पंचायत बालाघाट के पत्र क्रमांक/380/जि.पं./पंचा.प्रको/2021-22 बालाघाट दिनांक 21.01.2022 के अनुसार कार्य की सुविधा की दृष्टि से ग्राम पंचायत परसवाड़ा का अतिरिक्त सचिवीय प्रभार सौंपा गया था। विधानसभा निर्वाचन 2023 के दौरान संबंधित ग्राम पंचायत सचिव के विरूद्ध राजनैतिक मामलों में लिप्त होने की शिकायत प्राप्त होने पर रिटर्निंग अधिकारी परसवाड़ा के प्रतिवेदन के आधार पर कार्यालयीन आदेश क्रमांक/6176/जि.पं./पंचा.प्रको./2023 बालाघाट दिनांक 20.10.2023 के द्वारा श्री योगेश हिरवाने सचिव ग्राम पंचायत को निर्वाचन पर्यन्त तक जिला पंचायत बालाघाट में संलग्न किया गया था। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत परसवाड़ा से प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार ग्राम पंचायत खरपडिया की राशि का उपयोग ग्राम पंचायत परसवाड़ा के निर्माण कार्य में नहीं किया गया है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत परसवाड़ा के द्वारा ग्राम पंचायत परसवाड़ा में सचिव द्वारा की गई अनियमितता के संबंध में प्रेषित जांच प्रतिवेदन पत्र क्रमांक 1723 दिनांक 03.03.2022 एवं पत्र क्रमांक 1876 दिनांक 23.03.2022 के आधार पर प्रकरण न्यायालय जिला पंचायत बालाघाट में पं.प्र क्र. 18 अ 89 (2) वर्ष 2022-23 पंजीबद्ध किया जाकर विचाराधीन है। न्यायालय तहसीलदार परसवाड़ा जिला बालाघाट मध्यप्रदेश रा.प्र क्रमांक/0046/अ-68/2022-23/मौजा/परसवाड़ा/पटवारी हल्का नं. 14 अंतिम पारित दिनांक 10.01.2023 के अनुसार अनावेदक भी योगेश हिरवाने पिता श्री बालकराम हिरवाने जाति कलार निवासी बघोली द्वारा ग्राम पंचायत परसवाड़ा में स्थित भूमि है। भूमि में अतिक्रमण पाये जाने से मध्यप्रदेश भू.रा.स. की धारा 248 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राशि 5000.00 रूपये अर्थदण्ड अधिरोपित कर अनावेदक को अतिक्रमण भूमि से बेदखल करने का आदेश पारित किया गया। कार्यालयीन आदेश क्रमांक/2051/जि.पं./पंचा.प्रको./2024 बालाघाट दिनांक 08.05.2024 के तहत श्री योगेश हिरवाने सचिव को ग्राम पंचायत परसवाड़ा के अतिरिक्त सचिवीय/वित्तीय प्रभार से मुक्त किया जा चुका है। कार्यालयीन पत्र क्र. 5607 दिनांक 26.11.2024 के माध्यम से लोकसेवक की नियुक्ति दिनांक से प्रश्न दिनांक तक समस्त क्रियाविधियों की जाँच की कार्यवाही की जा रही है। उल्लेखित पत्र अनुसार कार्यवाही प्रचलन में है।
निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच
[आयुष]
31. ( क्र. 172 ) श्री मधु भगत : क्या आयुष मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2021-22 से प्रश्न दिनांक तक शासन द्वारा शासकीय आयुर्वेद औषधालय, आयुष विंग चिकित्सालय बालाघाट, शास. आयुर्वेद औषधालय खारा, समनापुर, धापेवाडा एवं अन्य शासकीय औषधालय के निर्माण कार्य एवं अन्य कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य हेतु आवंटित की गई? तिथिवार जानकारी दस्तावेज सहित उपलब्ध करावें। (ख) संपूर्ण आवंटित राशि में से किस-किस कार्य हेतु किस-किस कार्य एजेंसी को कितना-कितना भुगतान किस माध्यम से किया गया चेक/ड्राफ्ट/नगद/आर.टी.जी.एस./अन्य तिथिवार भुगतान की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण है? कौन-कौन से कार्य अपूर्ण है? कार्य पूर्णता का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें? क्या यह सही है कि उक्त कार्यों को एस्टीमेट के आधार पर नहीं किया जा रहा है? क्या उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर गुणवत्ता की जांच की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
आयुष मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। राशि का आवंटन निर्माण एजेन्सी को संयुक्त रूप से प्रदान किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लोक सेवक के विरुद्ध की गई शिकायत
[उच्च शिक्षा]
32. ( क्र. 175 ) श्री मधु भगत : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर में वर्तमान में कुलगुरु के पद पर कौन अधिकारी या लोक सेवक पदस्थ है? उनके उच्च शिक्षा विभाग में प्राध्यापक के पद पर प्रथम नियुक्ति के समय प्रस्तुत योग्यता संबंधित अभिलेख जाति, आय, अनुभव प्रमाण पत्र इत्यादि सभी अभिलेख उपलब्ध करावे? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वर्तमान कुलगुरु की प्रथम नियुक्ति प्राध्यापक के पद पर होने के पश्चात सम्पूर्ण सेवा काल में कौन-कौन सी शिकायत विभाग को प्राप्त हुई? प्रतियाँ उपलब्ध करावे एवं उनके खिलाफ समस्त प्रकार कि, की गई जांच एवं जांच अधिकारी द्वारा लिए गए निर्णय की प्रतियाँ उपलब्ध करावे? (ग) क्या उक्त लोक सेवक के खिलाफ विभिन्न प्रकार की शिकायत शासन/प्रशासन स्तर पर प्राप्त हुई एवं उच्च अधिकारियों द्वारा शिकायतों के संबंध में निराकरण भी किया गया किस-किस शिकायत पर कौन से निराकरण/नस्तीबद्ध किए गए पूर्ण सेवाकाल की जानकारी उपलब्ध करावें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री इन्दर सिंह परमार ) :(क) रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर में वर्तमान में डॉ. राजेश कुमार वर्मा, प्राध्यापक (वाणिज्य) कुलगुरू के पद पर पदस्थ हैं। उनकी नियुक्ति के समय प्रस्तुत अभिलेखों में से शैक्षणिक योग्यता, जाति, अनुभव प्रमाण पत्र, अनुप्रमाणन फॉर्म एवं शपथ पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। डॉ. वर्मा की प्रथम नियुक्ति से संबंधित संधारित नस्ती में आय प्रमाण पत्र अप्राप्त है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
टीकमगढ़ जिले में मजदूरों का पलायन
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
33. ( क्र. 179 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले में मनरेगा योजना में मजदूरों को मजदूरी का सही समय पर भुगतान न होने एवं मजदूरी कम होने के कारण मजदूर जिले से महानगरों की ओर पलायन करते हैं? (ख) क्या जिले को मात्र 10 प्रतिशत राशि जारी की गई है? निर्माण कार्यों की शेष राशि भुगतान न होने से भी मजदूरों को पलायन करना पड़ता है, रोजगार उन्मूलक कार्य कम स्वीकृत किये जाते है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) वर्तमान में टीकमगढ़ जिले के प्रत्येक ग्रामों में कितने कार्य स्वीकृत है? क्या 60 प्रतिशत मजदूरी 40 प्रतिशत सामग्री का पालन किया गया है यदि नहीं, तो क्यों? क्या अनुपात हीन काम स्वीकृत करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? (घ) वर्तमान में टीकमगढ़ जिले में कितने कार्यों के भुगतान बकाया है? संपूर्ण भुगतान कब तक करा दिया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) मनरेगा योजनांतर्गत भारत सरकार, ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा अधिसूचित अकुशल मजदूरी दर तथा मजदूरों द्वारा किये गये कार्य के आधार पर जॉबकार्डधारी श्रमिकों को मजदूरी भुगतान किया जाता है। टीकमगढ़ जिले में निर्धारित मजदूरी दर तथा मजदूरों द्वारा किये गये कार्य के आधार पर समय पर भुगतान किया जा रहा है। जिला टीकमगढ़ में मनरेगा अंतर्गत मजदूरी प्राप्त न होने के कारण पलायन की स्थिति परिलक्षित नहीं हुई है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) जिले में ग्रामों/ग्राम पंचायतों में स्वीकृत कार्यों कि जानकारी nrega portal (www.nrega.nic.in) MIS report R 6.12 में उपलब्ध है। जिला टीकमगढ़ में मनरेगा योजना के प्रावधान अनुसार वित्तीय वर्षों में जिले स्तर पर 60:40 श्रम सामग्री अनुपात का पालन किया गया है। विगत 05 वर्षों में जिले में सामग्री अनुपात 40 % से कम रहा है। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) जिले में कुल 2056 कार्यों का भुगतान लंबित है। भारत सरकार से सामग्री मद में राशि प्राप्त होने पर राज्यांश सहित राशि आहरित कर राज्य स्तरीय नोडल खाते में जमा की जाती है। खाते में राशि की उपलब्धता अनुसार एवं जिलों में सामग्री मद की लंबित देयता के दृष्टिगत जिलों को व्यय किये जाने की अनुमति प्रदान की जाती है। यह एक सतत् प्रक्रिया है।
ग्राम पंचायतों द्वारा शासकीय गौचर भूमि का अनुबंध
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
34. ( क्र. 183 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि ग्राम पंचायत चरपुवां में खसरा क्रमांक 2/1, 3/1 रकवा 21.170 हेक्टेयर गौचर भूमि ग्राम पंचायत सचिव एवं सरपंच ने कार्बन अधिकार समझौता कर सी.आई.पी.एल हरीतिका को 40 वर्ष के लिए लेख कर दिया? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या इस प्रकार गौचर भूमि को किसी प्राईवेट कंपनी को देने का अधिकार ग्राम पंचायतों को है यदि हाँ, तो नियम सहित बतावें? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) नहीं तो क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित समझौता कर्ताओं ने छल-कपट पूर्वक गौचर भूमि हड़पने का षड़यंत्र तो नहीं किया? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित तथ्यों पर कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) हाँ, यह सही है कि ग्राम पंचायत चरपुवां के सरपंच/सचिव द्वारा हरीतिका संस्था को गौचर भूमि का अनुबंध किया गया है। (ख) ऐसे नियम नहीं है। (ग) जांच की जाएगी। (घ) जांच कर कार्यवाही की जाएगी, समय-सीमा बताना संभव नहीं।
ई.ओ.डब्ल्यू. को न्यायालय में अभियोजन चलाने की स्वीकृति
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
35. ( क्र. 195 ) श्री महेश परमार : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में पंजीबद्ध प्रकरण क्रमांक 11/18 की विवेचना उपरांत आरोप प्रमाणित पाए जाने पर, प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड भोपाल से महानिदेशक ने पत्र क्रमांक/पीएस/डीजी/188/2021 भोपाल दिनांक 02/11/21 द्वारा न्यायालय में चालान पेश करने के लिए विभागीय अभियोजन चलाने की स्वीकृति मांगी थी? (ख) क्या कारण हैं कि प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड भोपाल ने 02/11/2021 से लंबित पत्र पर ई.ओ.डब्ल्यू. को न्यायालय में अभियोजन चलाने की अनुमति प्रश्न दिनांक तक प्रदाय नहीं की? (ग) क्या प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड भोपाल को क्रमशः दिनांक 30/07/21, दिनांक 23/09/21, दिनांक 02/11/21 को निरंतर पत्र ई.ओ.डब्ल्यू. महानिदेशक से प्राप्त होने के उपरांत भी उनके प्रस्तावों पर, न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत करने हेतु अभियोजन चलाने, चालान पेश करने की अनुमति नहीं दी जा रही हैं? क्या प्रबंध संचालक अपचारी अधिकारियों को संरक्षण प्रदान करने के पक्ष में हैं? यदि नहीं, तो प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड भोपाल द्वारा उक्त तीनों पत्रों पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की है? उनकी नोट शीट, आदेश, निर्देश एवं अन्य अनुषांगिक अभिलेखीय प्रमाण उपलब्ध कराते हुए बताएँ की ई.ओ. डब्लू. को अनुमति कब तक दी जायेगी?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल के आदेश दिनांक 23.02.2023 से अभियोजन की स्वीकृति दी जा चुकी है। (ग) उत्तरांश (ख) के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
जबलपुर को संबल योजना के तहत आवंटित राशि
[श्रम]
36. ( क्र. 207 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन ने जिला जबलपुर को संबल योजना के तहत कितनी-कितनी राशि आवंटित की है एवं कब से कितनी राशि आवंटित नहीं की है एवं क्यों? कितने-कितने पात्र हितग्राहियों को कितनी-कितनी राशि वितरित की गई तथा कितने हितग्राहियों को कब से कितनी राशि नहीं दी हैं एवं क्यों? वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में कितने-कितने श्रमिक परिवारों के कितने-कितने सदस्यों की आकस्मिक दुर्घटना, हादसे में तथा कितने सदस्यों की सामान्य मृत्यु हुई हैं। दुर्घटनाओं में कितने-कितने श्रमिक स्थाई रूप से आंशिक या अस्थायी रूप से अपंग हुये हैं। संबल योजना के तहत कितने-कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुये हैं। इनमें से कितने-कितने आवेदन पत्र स्वीकृत/अस्वीकृत किये गये हैं तथा कितने आवेदन पत्र लम्बित है? शहरी क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्रों की जनपद पंचायतवार जानकारी दें। (ग) योजना के तहत पात्र श्रमिक हितग्राहियों के कब से आवेदन पत्र नहीं लिये जा रहे हैं एवं क्यों? कितने मृतकों के परिवारजनों को कब से कितनी-कितनी राशि उनके खाते में जमा नहीं की गई है एवं क्यों? शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों की पृथक-पृथक जानकारी दें।
श्रम मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) संबल योजना के अंतर्गत उल्लेखित समय-सीमा में जिला स्तर अथवा निकाय स्तर पर सीधे राशि आवंटित नहीं की गयी है। निकाय द्वारा जारी किये गये भुगतान आदेशों के आधार पर मंडल द्वारा 2020-21 से 2024-25 तक कुल 8043 हितग्राहियों को कुल रू. 171 करोड़ 61 लाख की अनुग्रह सहायता राशि सीधे हितग्राही के बैंक खातों में सिंगल क्लिक के माध्यम से वितरित की गई है एवं 1866 प्रकरण स्वीकृत किये जा चुके है। मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना अंतर्गत अनुग्रह सहायता के प्रकरणों में भुगतान एक सतत् प्रक्रिया है, सिंगल क्लिक कार्यक्रम में बजट उपलब्धता अनुसार स्वीकृत एवं डिजिटल साईन प्रकरणों में मृत्यु दिनांक के क्रमानुक्रम में राशि जारी की जाती है। (ख) श्रमिक परिवारों के सदस्यों की आकस्मिक दुर्घटना/सामान्य मृत्यु/अपंगता होने संबंधी रिकॉर्ड विभाग में संधारित नहीं किया जाता है। जबलपुर जिले में संबल योजना अंतर्गत आकस्मिक दुघर्टना, सामान्य मृत्यु, आंशिक रूप से अपंग हुए श्रमिकों के वर्षवार आवेदनों संबंधी वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) संबल योजना अंतर्गत मार्च 2024 से सितम्बर 2024 तक संबल पोर्टल पर संवर्धन की कार्यवाही प्रचलित होने के कारण अनुग्रह सहायता राशि आवेदन नहीं लिये गये थे। वर्तमान में पोर्टल कार्यरत है। मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना अंतर्गत अनुग्रह सहायता के प्रकरणों में भुगतान एक सतत् प्रक्रिया है, सिंगल क्लिक कार्यक्रम में बजट उपलब्धता अनुसार स्वीकृत एवं डिजिटल साईन प्रकरणों में मृत्यु दिनांक के क्रमानुक्रम में राशि जारी की जाती है। अनुग्रह सहायता राशिसंबंधी वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ब अनुसार है।
डी.ए.पी. एवं यूरिया खाद की मांग एवं आपूर्ति
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
37. ( क्र. 208 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन को केन्द्रीय शासन ने डबल लॉक डी.ए.पी. खाद कब-कब, कितनी-कितनी मात्रा में भेजी है तथा कब से कितनी-कितनी मात्रा में नहीं भेजी है एवं क्यों? मांग और आपूर्ति बतलावें। प्रदेश शासन किसानों को कितने मीट्रिक टन डी.ए.पी. एवं यूरिया खाद की आपूर्ति करने में विफल रहा है एवं क्यों? जिलावार कितनी-कितनी मात्रा में डी.ए.पी. खाद का प्रदाय किया गया? इसकी वितरण स्तर पर क्या व्यवस्था की गई? जिलावार मांग और आपूर्ति की जानकारी दें। वर्ष 2023-24 से 2024-25 तक की जानकारी दें। (ख) जिला जबलपुर को डबल लॉक डी.ए.पी. का कब-कब कितनी-कितनी मात्रा में प्रदाय किया गया तथा किन-किन डबल लॉक वेयर हाउस विपणन सहकारी समितियों को कितनी-कितनी मात्रा में भेजा गया? कितनी-कितनी मात्रा में वितरित किया गया? मांग और आपूर्ति की क्या स्थिति रही? खरीफ एवं रबी सीजनवार की जानकारी दें। (ग) जिला प्रशासन जबलपुर, कृषि विभाग एवं जिला विपणन संघ के अधिकारियों ने डी.ए.पी. खाद का सुव्यवस्थित वितरण बनाये, काला बजारी को रोकने हेतु कब-कब, किस-किस अधिकारी ने कहाँ-कहाँ पर जांच एवं छापामार कार्यवाही में क्या-क्या अनियमितताएं पाई गई है एवं कहाँ-कहाँ से कितनी-कितनी मात्रा में डी.ए.पी. खाद पकड़ा गया और किस-किस पर कब-कब क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) भारत सरकार द्वारा मार्कफेड के डबल लॉक केंद्रों को डी.ए.पी. आवंटन नहीं किया जाता है। प्रदेश में प्राप्त डी.ए.पी. में से मार्कफेड को उपलब्ध कराई गई मात्रा की म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। प्रदेश में उपलब्धता अनुसार किसानों को आवश्यकतानुसार डी.ए.पी.+एन.पी.के., यूरिया उर्वरकों की आपूर्ति कराई गई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। डी.ए.पी. की जिलावार आंकलित आवश्यकता एवं उपलब्धता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 2 अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 1 अनुसार है। (ख) जबलपुर जिले में प्राप्त रैक से डबल लॉक को उर्वरक का आवंटन जोनल मेनेजर मार्कफेड द्वारा जिले की आवश्यकता एवं मांग अनुसार किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 3 अनुसार है। (ग) जबलपुर जिले में कालाबाजारी एवं अन्य अनियमितता पाये जाने पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 4 अनुसार है।
बीज उत्पादक संस्था द्वारा बीज प्रमाणीकरण
[किसान कल्याण एवं कृषि विकास]
38. ( क्र. 234 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक किस-किस कैटेगरी की प्रमुख बीज उत्पादक संस्था ने खरीफ तथा रबी के मौसम में कितना-कितना बीज प्रमाणित कराया, संभाग अनुसार संस्था का नाम, कृषक संख्या, पंजीकृत क्षेत्र, प्रमाणित शाखा,फसल अनुसार देवें। (ख) वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक की गई विभागीय जांच की सूची, कर्मचारी/अधिकारी का नाम, कार्य क्षेत्र, जांच का विषय, जांच प्रारंभ की दिनांक, यदि जांच पर निर्णय हो गया तो उसकी दिनांक जांच पर लिया गया निर्णय सहित सूची देवें तथा बतावें कि जो जांच पूर्ण हुई उसमें कितनी जांच में कर्मचारी/अधिकारी दोषी पाये गये तथा क्या कार्यवाही की गई। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित जांचपूर्ण होकर निर्णय हो चुका हो तो उनकी समस्त प्रतिलिपि, निर्णय रिपोर्ट सहित देवें तथा बतावें कि 20 नवम्बर 2024 की स्थिति में लोकायुक्त तथा ई.ओ.डब्ल्यू. में कितने प्रकरण दर्ज हुए हैं तथा कितने विवेचना में है? (घ) संभाग अनुसार बतावें कि वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक बीज उत्पादक निजी संस्थाओं के माध्यम से उत्पादन हेतु कार्यक्रम पंजीकृत करने वाले ऐसे कितने कृषक हैं जो 5 वर्ष से अधिक वर्ष के लिये पंजीकृत हैं उन कृषकों के नाम, गांव का नाम, खसरा, रकबा, निजी संस्था का नाम सहित सूची देवें।
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ( श्री ऐदल सिंह कंषाना ) : (क) वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक प्रमुख बीज उत्पादक संस्थाओं ने खरीफ में 5414712.00 क्विं. तथा रबी में 8106646.00 क्विं. बीज प्रमाणित कराया गया। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक की गई विभागीय जांच की सूची, कर्मचारी/अधिकारी का नाम, कार्य क्षेत्र, जांच का विषय, जांच प्रारंभ की दिनांक, जांच पर निर्णय दिनांक, जांच में लिया गया निर्णय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 2 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित जांच पूर्ण होकर निर्णय हो चुका उनकी समस्त प्रतिलिपि निर्णय रिपोर्ट सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 2 अनुसार है। 20 नवम्बर 2024 की स्थिति में लोकायुक्त तथा ई.ओ.डब्ल्यू. में एक-एक प्रकरण दर्ज है तथा विवेचनाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) बीज प्रमाणीकरण संस्था में संभाग में वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक बीज उत्पादन निजी संस्थाओं के माध्यम से बीजोत्पादन कार्यक्रम हेतु कृषक का पंजीयन कृषक के आवेदन अनुसार प्रत्येक मौसम खरीफ/रबी एवं ग्रीष्म में अलग-अलग किया जाता है। किसी भी कृषक का 5 वर्ष के लिए पंजीयन नहीं किया जाता है। प्रश्नांश का शेष भाग उपस्थित नहीं होता।
जनपद पंचायत में जनपद सदस्य निधि की जानकारी
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
39. ( क्र. 235 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रत्येक जनपद पंचायत को नियमानुसार समान सदस्य निधि प्रदान की जाती है यदि किसी जनपद में उनका पालन नहीं किया गया तो क्या कार्यवाही प्रस्तावित है उसकी प्रति देवें तथा जनपद पंचायतों में जनपद सदस्यों के लिये सदस्य निधि की नियमावली की प्रतिलिपि देवें। (ख) धार जिले की जनपद पंचायतों में वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक प्रत्येक निर्वाचित जनपद सदस्यों को कितनी-कितनी सदस्य निधि प्रतिवर्ष प्रदान की गई, प्रदान करने की दिनांक सहित सूची तथा संबधित दस्तावेज देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार सदस्य निधि को नियमानुसार प्रदान नहीं किया गया है यदि हाँ, तो क्या शेष सदस्यों को उसे प्रदान किया जायेगा? (घ) धार जिले की सरदारपुर पंचायत में वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक प्रत्येक निर्वाचित सदस्य को प्रदान की गई सदस्य निधि की वर्षवार सूची प्रदान करें, यदि समान निधि नहीं दी गई तो उसका कारण बतावें। (ड.) कार्यालय प्रमुख अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा म.प्र. के पत्र क्र. 4257/22/वी-10/ग्रायांसे/2024 भोपाल दिनांक 16.06.2024 के पत्र पर क्या कार्यवाही की गई, समस्त पत्रों की छायाप्रति देवें एवं पत्र में उल्लेखित ग्राम पंचायतों के नवीन पंचायत भवन की स्वीकृति कब तक प्रदान की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) जी नहीं। जनपद सदस्यों को वर्तमान में सदस्य निधि दिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। ग्राम पंचायतों को 15वां वित्त आयोग की अनाबद्ध राशि, मनरेगा एवं राज्य वित्त आयोग तथा मनरेगा के अभिसरण से नवीन पंचायत भवन स्वीकृत किये जाने के निर्देश हैं, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अंशपूंजी सहायता राशि उपलब्ध कराई जाना
[सहकारिता]
40. ( क्र. 242 ) श्री महेंद्र रामसिंह यादव : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित शिवपुरी शाखा कोलारस में विगत 02 वर्ष पूर्व हुए गबन के कारण बैंक के अमानतदारों द्वारा लगातार राशि के आहरण से बैंक में वित्तीय तरलता की भारी कमी हो गयी है व बैंक गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहा है? किसानों/अमानतदारों की लगभग 300 करोड़ रू. की जमा पूंजी में से गबन पश्चात मात्र 33 करोड़ का भुगतान ही हो पाया है? उनकी जमा पूंजी का आहरण गंभीर बीमारियों एवं शादी विवाह हेतु भी नहीं हो पा रहा है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार बैंक की आर्थिक स्थिति को देखते हुए कलेक्टर शिवपुरी, बैंक प्रशासकों व जनप्रतिनिधियों द्वारा माननीय मुख्यमंत्री, सहकारिता मंत्री, प्रमुख सचिव एवं आयुक्त, सहकारिता एवं पंजीयक संस्थाओं को बैंक को अंशपूंजी सहायता राशि उपलब्ध कराये जाने हेतु कौन-कौन से पत्र कब-कब प्रेषित किये गये व उन पत्रों पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गयी? पत्रवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार क्या जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शिवपुरी को शासन द्वारा अंशपूंजी सहायता राशि उपलब्ध कराये जाने हेतु कोई प्रस्ताव वित्त अथवा सहकारिता विभाग में विचाराधीन है? यदि हाँ, तो उसकी अद्यतन स्थिति से अवगत करावें व अंशपूंजी बैंक को कब तक उपलब्ध करा दी जावेगी?
सहकारिता मंत्री ( श्री विश्वास कैलाश सारंग ) : (क) जी हाँ। दिनांक 30.11.2024 की स्थिति पर किसानों/अमानतदारों की रू. 295.00 करोड़ की जमा राशि में से गबन पश्चात रू. 38.75 करोड़ का भुगतान किया गया है। गंभीर बीमारियों एवं शादी विवाह हेतु बैंक द्वारा राशि का भुगतान उपलब्ध तरल राशि के आधार पर किया जा रहा है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। शासन द्वारा खातेदारों को भुगतान हेतु कोई आवंटन नहीं दिया जाता है। बैंक के प्रस्ताव में घटनाओं की पुनरावृत्ति न होने के स्पष्ट प्रावधान न होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार योजनांतर्गत दैनिक मजदूरी में बढ़ोत्तरी
[पंचायत एवं ग्रामीण विकास]
41. ( क्र. 244 ) श्री अजय अर्जुन सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार योजना के अंतर्गत दी जाने वाली दैनिक मजदूरी में विगत पांच वर्षों में कितनी बढ़ोत्तरी हुई है? वर्ष 20-21 से वर्ष 24-25 तक के वर्षों में प्रत्येक वर्ष में कितनी-कितनी दैनिक मजदूरी निर्धारित की गई थी? (ख) वर्तमान में प्रदेश में महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार योजना के अंतर्गत कितनी दैनिक मजदूरी और कितने दिन काम दिया जा रहा है? (ग) हरियाणा, आंध्रप्रदेश, केरल, कर्नाटका और पंजाब में दी जाने वाली दैनिक मजदूरी की तुलना में यह कितनी कम या अधिक है? (घ) क्या राज्य सरकार को इस योजना के अंतर्गत दी जाने वाली दैनिक मजदूरों में बढ़ोत्तरी करने का अधिकार है? यदि हाँ, तो क्या राज्य सरकार अन्य राज्यों के बराबर मजदूरी देने पर विचार करेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री प्रहलाद सिंह पटैल ) : (क) प्रदेश में महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार योजना के अंतर्गत दी जाने वाली दैनिक मजदूरी में विगत पांच वर्षों में कितनी हुई बढ़ोत्तरी का वर्षवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ख) वर्तमान में प्रदेश में महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार योजना के अंतर्गत दैनिक मजदूरी रूपये 243/- है। कार्य के मूल्यांकन के आधार पर औसत मजदूरी दर रू. 230.34 है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में दिनांक 26.11.2024 तक अकुशल श्रम की मांग के आधार पर वर्तमान में औसत 37.93 दिवस प्रति परिवार को कार्य दिया जा चुका है। (ग) हरियाणा, आंध्रप्रदेश, केरल, कर्नाटका और पंजाब में दी जाने वाली दैनिक मजदूरी का तुलनात्मक विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -'ब' पर है। (घ) महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत प्रत्येक वर्ष मजदूरी दर का निर्धारण भारत सरकार ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा किया जाता है। रा