मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
सितम्बर, 2022 सत्र
शुक्रवार, दिनांक 16 सितम्बर, 2022
[ गुरूवार, दिनांक 28 जुलाई, 2022 के प्रश्नोत्तर ]
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
देवारण्य
योजना
[आयुष]
1. ( *क्र. 1198 ) श्री सुनील उईके : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन ने अति महत्वपूर्ण आदिवासी किसान कल्याण हेतु देवारण्य योजना संचालित की है, इसमें प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव अंतर्गत तामिया एवं जुन्नारदेव आदिवासी विकासखण्ड हैं, किसानों के पास पर्याप्त कृषि भूमि है एवं इन जंगलों में हर्बल पौधे पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं, क्या इस महत्वाकांक्षी परियोजना में जुन्नारदेव विधानसभा के दोनों विकासखण्डों को जोड़ा जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) देवारण्य योजना केन्द्र सरकार द्वारा आदिवासी किसानों के हितों के लिए स्वीकृत की गई है, जिसमें आज दिनांक तक मध्यप्रदेश के किन-किन जिलों एवं विकासखण्डों में इस योजना को स्वीकृत किया गया है एवं कितनी-कितनी राशि इस योजना में विकासखण्डवार आज दिनांक तक खर्च की गई है? (ग) इस योजना हेतु सतावर, आंवला, हर्रा, बहेड़ा, चिरोंजी, सफेद मुसली, वन जीरा, देवकंद, कालमेघ, बिलोई जैसी अति दुर्लभ वनौषधियाँ जुन्नारदेव विधानसभा में पाई जाती हैं, क्या जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र के दोनों विकासखण्ड जुन्नारदेव एवं तामिया को इस योजना में जोड़ा जायेगा? अगर हाँ, तो कब तक? (घ) जुन्नारदेव विधानसभा के दोनों विकासखण्ड जुन्नारदेव एवं तामिया को इस महत्वाकांक्षी योजना में जोड़ा जाता है तो महिला स्व-सहायता समूह, वनधन विकास केन्द्रों की महिलाओं को स्थायी रोजगार उपलब्ध होगा, क्या इस पर विचार करेंगे?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) योजना में विकासखण्ड सम्मिलित है। (ख) देवारण्य योजना राज्य सरकार की प्रवर्तित अभिसरण की योजना है। देवारण्य योजना पूरे प्रदेश में लागू है। वर्तमान में राशि व्यय नहीं की गई है। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार। (घ) उत्तरांश (क) अनुसार महिला स्वयं सहायता समूह, वनधन विकास केन्द्र योजना के अंतर्गत पात्र है।
नियम विरूद्ध रखे गये श्रमिकों की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
2. ( *क्र. 43 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका परिषद, गोहद जिला भिण्ड द्वारा नियम विरूद्ध जनवरी 2020 से जनवरी 2021 तक की अवधि में 221 श्रमिक रखे गये थे और वेतन के रूप में कुल 01 करोड़ 34 लाख 50 हजार 108 रूपये का भुगतान किया है? इन श्रमिकों को भुगतान बिना काम के सी.एम.ओ. द्वारा कमीशन लेकर किया है एवं इन श्रमिकों को रखे जाने के लिए शासन से अनुमति भी प्राप्त नहीं की गई? (ख) यदि हाँ, तो इस आर्थिक घोटाले की जांच किस स्तर के अधिकारी से किन बिन्दुओं की कराई गई है? (ग) क्या जांच पूर्ण कर ली गई है? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक जाँच पूर्ण कर ली जायेगी? (घ) उक्त प्रकरण में प्रथम दृष्टया दोषी किन-किन अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद गोहद जिला भिण्ड में लगाये गये 221 श्रमिकों को हटाया गया है। उक्त श्रमिकों के वेतन/मानदेय के रूप में कुल 01 करोड़ 34 लाख 50 हजार 108 रूपये का भुगतान किया गया है। तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा प्रशासक के बिना स्वीकृति के श्रमिक रखे गये थे। (ख) संबंधित श्रमिकों के भुगतान की नस्ती माह जुलाई 2021 में मुख्य नगर पालिका अधिकारी स्तर पर अवलोकन के समय सक्षम स्वीकृति न होने से संबंधित श्रमिकों को हटा दिया गया है। प्रकरण की जांच संभागीय संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास ग्वालियर संभाग से कराई गई है। प्राप्त जांच प्रतिवेदन के आधार पर संचालनालय के पत्र क्रमांक 4879, दिनांक 11.03.2022 द्वारा दोषी तत्कालीन प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी, गोहद जिला भिण्ड श्री रेहान अली जैदी के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही किये जाने हेतु प्रशासक नगर परिषद आंतरी जिला ग्वालियर को निर्देशित किया गया है। इसी प्रकार तत्कालीन प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी गोहद जिला भिण्ड श्री राम प्रकाश जगनेरिया के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही के निर्देश प्रशासक नगर परिषद मालनपुर जिला भिण्ड को संचालनालय पत्र क्रमांक 4877, दिनांक 11.03.2022 द्वारा दिये गये हैं। (ग) जी हाँ। संबंधित दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु उत्तरांश ''ख'' अनुसार निर्देशित किया गया है। दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। (घ) उत्तरांश ''ख'' अनुसार। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हितग्राहियों से सांठगांठ कर व्यक्तिगत लाभ पहुंचाया जाना
[ऊर्जा]
3. ( *क्र. 344 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक सड़क विस्तारीकरण, कॉलोनी एवं भवन निर्माण के लिए विद्युत ट्रांसफार्मर, पोल एवं अन्य उपकरण का स्थान परिवर्तन किया गया? विद्युत वितरण केंद्रवार, नगरीय क्षेत्र में वार्डवार, हितग्राही के नाम प्रशासकीय स्वीकृति की जानकारी एवं किस कारण से एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित किया गया? अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पूर्व से ही शासकीय भूमि पर लगे हुए ट्रांसफार्मर/पोल को विभागीय अधिकारी की मिलीभगत से आने वाले मेन रोड अथवा अन्य सार्वजनिक उपयोग में आने वाले स्थान पर जो कि कम से कम 20 से 25 फीट चौड़े रोड की चौड़ाई कम करके व्यक्तिगत हितलाभ के कारण पूर्व से ही शासकीय भूमि पर लगे हुए सार्वजनिक ट्रांसफार्मर/पोल को सार्वजनिक रास्ते की चौड़ाई कम करके लगाया गया है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें तथा कारण स्पष्ट करें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार विभागीय अधिकारियों के द्वारा हितग्राहियों से सांठगांठ कर के बिना राजस्व एवं नगरीय क्षेत्र में नगर पालिका अधिकारी की बिना अनुमति के ही व्यक्तिगत लाभ पहुंचाने के लिऐ ऐसा कृत्य करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में कॉलोनी एवं भवन निर्माण, विद्युत प्रदाय की गुणवत्ता में सुधार आदि उद्देश्यों से पूर्व से स्थापित विद्युत अधोसंरचना यथा-वितरण ट्रांसफार्मर, पोल एवं अन्य उपकरणों के स्थान परिवर्तन के कार्य आवेदक/संस्था द्वारा आवेदन प्राप्त होने के उपरांत किए गए हैं, जिनकी हितग्राही के नाम सहित प्रशासकीय स्वीकृति की दिनांक एवं शिफ्टिंग के कारण की ग्रामीण क्षेत्र हेतु वितरण केन्द्रवार तथा नगरीय क्षेत्र हेतु वार्डवार प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कंपनी के किसी भी कार्यालय में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। तथापि माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा प्रश्नावधि में विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर में हुए कार्यों में नियम विरूद्ध कार्यवाही होने संबंधी इंगित तथ्यों की विस्तृत जांच हेतु वितरण कंपनी द्वारा जांच दल गठित कर 15 दिवस में प्रतिवेदन देने हेतु निर्देशित किया गया है। (ग) जांच दल का प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरांत, अनियमितता पाई जाने की दशा में दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।
जल भराव की उच्च स्तरीय जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( *क्र. 826 ) श्री राकेश मावई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिक निगम, मुरैना क्षेत्रान्तर्गत बस स्टैण्ड ए.बी. रोड पर एवं सोलंकी पेट्रोल पम्प के पास जौरा रोड पर काफी मात्रा में सड़क पर जल भराव हो रहा है और पूरे साल भर बरसात जैसे हालात हो रहे हैं? यदि हाँ, तो नाले की सफाई क्यों नहीं कराई जा रही है और सड़क पर भरे हुये पानी की उचित जल निकास प्रबंध नगर निगम अधिकारियों द्वारा क्यों नहीं किया गया? इसके लिये कौन-कौन दोषी है? क्या दोषियों के विरूद्ध कोई दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार दोनों जगह सड़कों पर जल भराव होने के कारण सड़क पर राहगीर पैदल नहीं निकल पा रहे हैं और बाईक सवार लोगों के भी गन्दे पानी से कपड़े एवं जूते खराब हो रहे हैं? यदि हाँ, तो इन सड़कों पर जल भराव की समस्या कब तक दूर की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या जल भराव की उच्च स्तरीय समिति बनाकर जांच कराई जायेगी? इस समस्या के लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? उनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही क्यों नहीं की गई तथा कब तक जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) बरसात होने पर अल्पकालिक भराव होता है। समय-समय पर नाले की सफाई की जाकर जल निकासी कराई जाती है। नगर निगम के द्वारा समय-समय पर नाले की सफाई कराई जाकर, जल निकासी का उचित प्रबंध किया जाता है। स्थाई निदान हेतु नाला निर्माण कराया जा रहा है। अत: शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ख) बरसात होने पर प्रश्नाधीन दोनों स्थानों पर अल्पकालिक समस्या पैदा होती है, जिसे नगर निगम मुरैना द्वारा तत्काल अपने संसाधनों से जल निकासी का उचित प्रबंध कराया जाकर समस्या का निदान किया जाता है। समस्या के स्थाई निदान हेतु ए.बी.रोड बी.एस.एन.एल. कार्यालय के पीछे से अम्बाह बाईपास तक भूमिगत नाला निर्माण कराया जा रहा है, जिसके निर्माण से जौरा रोड स्थित सोलंकी पेट्रोल पम्प के जल भराव की समस्या का निदान किया जाना संभव होगा एवं ए.बी. रोड पर सदर बाजार चौराहे तक स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज का निर्माण कराया जा रहा है, जिसके निर्माण से बस स्टैण्ड एवं ए.बी. रोड पर हो रहे जलभराव की समस्या का निदान किया जाना संभव हो सकेगा। उक्त दोनों निर्माण कार्य यथाशीघ्र पूर्ण करा लिये जावेंगे, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) ए.बी. रोड एवं जौरा रोड का क्षेत्र पूर्व में जौरा जौरी ग्राम पंचायतों में शामिल था बाद में नगर निगम का गठन होने पर निगम की सीमा में शामिल किया गया है। एस.डी.एम.एफ. योजना अंतर्गत बी.एस.एन.एल. ऑफिस से अम्बाह बाईपास तक भूमिगत नाला निर्माण एवं विशेष निधि के अंतर्गत ए.बी. रोड बैरियल चौराहे से एम.एस. रोड पर सदर बाजार चौराहे तक स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। उक्त दोनों नालों के निर्माण से वर्णित क्षेत्रों में हो रहे जलभराव का स्थाई निदान हो सकेगा। शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
सौभाग्य योजना में अनियमितता पर कार्यवाही
[ऊर्जा]
5. ( *क्र. 1309 ) श्री बाला बच्चन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर क्षेत्रांतर्गत सौभाग्य योजना में कितने संचालन- संधारण वृत्तों में अनियमितता पाये जाने पर कितने अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है या की जा रही है? वृत्त का नाम, अधिकारी/कर्मचारी का नाम एवं पदनाम सहित जानकारी देवें। (ख) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर क्षेत्रान्तर्गत सौभाग्य योजना में अनियमितता पाये जाने पर कितने अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कितनी राशि की वसूली की गई? प्रत्येक प्रकरणवार जानकारी देवें। (ग) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर क्षेत्रान्तर्गत सौभाग्य योजना में भ्रष्टाचार से जुड़े कितने ठेकेदारों पर कार्यवाही की गई? प्रकरणवार जानकारी देवें। यदि नहीं, की गई तो कब तक कार्यवाही की जायेगी? (घ) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर क्षेत्रांतर्गत सौभाग्य योजना में अनियमितता पाये जाने पर उत्तरदायी अधिकारियों पर विद्युत वितरण कंपनी कब तक कार्यवाही करेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर अंतर्गत सौभाग्य योजना के तहत क्रियान्वित कार्यों में किसी भी प्रकार की अनियमितता पाये जाने का कोई भी प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
अपूर्ण तथा अप्रारंभ कार्य
[लोक निर्माण]
6. ( *क्र. 549 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 25 जून, 2022 की स्थिति में रायसेन जिले में लोक निर्माण विभाग द्वारा स्वीकृत किन-किन सड़कों, पुल तथा भवनों का कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है? अनुबंध अनुसार उक्त कार्य कब तक पूर्ण होना था? प्रमुख सचिव एवं प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग द्वारा कार्य पूर्ण करवाने के संबंध में क्या-क्या प्रयास तथा कार्यवाही की गई? (ख) रायसेन जिले में मुख्य बजट 2018-2019, अनुपूरक बजट 2020-21 तथा मुख्य बजट 2021-22 में स्वीकृत किन-किन पुल तथा सड़कों के निर्माण हेतु निविदा आमंत्रित होगी? (ग) रायसेन जिले में किन-किन सड़कों में पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति की आवश्यकता है तथा कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग द्वारा किन-किन सड़कों में पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति के प्रस्ताव 1 जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कब-कब भेजे गये? पूर्ण विवरण देवें। (घ) प्रमुख सचिव एवं प्रमुख अभियंता, लोक निर्माण विभाग द्वारा पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति क्यों जारी नहीं हुई? क्या उक्त सड़कों को अधूरा ही छोड़ दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब-1' एवं 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब-1' एवं 'स' अनुसार है। प्रशासकीय स्वीकृति से 10 % से अधिक होने के कारण। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। कार्य पूर्ण है, अत: अधूरा छोड़ने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
गबन, भ्रष्टाचार एवं नियम विरुद्ध कार्यों की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
7. ( *क्र. 1230 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगर परिषद पिपलौदा में विगत वर्ष 2010 से लेकर वर्ष 2019 तक किए गए कार्यों में एवं लिए गए निर्णयों में अनेक गबन एवं अनियमितताओं के साथ ही भारी भ्रष्टाचार, नियम विरुद्ध कार्यों के संबंध में अनेक प्रश्नों के माध्यम से शासन/विभाग को अवगत कराया गया? (ख) यदि हाँ, तो क्या इसी के साथ शासन/विभाग को अनेक पत्रों के माध्यम से लगातार विगत वर्ष 2018 से लेकर प्रश्न दिनांक तक भी अवगत कराते हुए ध्यान आकृष्ट किया है? (ग) यदि हाँ, तो माननीय मुख्यमंत्री जी, माननीय मंत्री जी, माननीय प्रमुख सचिव व माननीय आयुक्त को उपरोक्त व उल्लेखित वर्षों में नगर परिषद पिपलौदा में भारी भ्रष्टाचार, गबन एवं नियम विरुद्ध कार्य किए जाने की संपूर्ण जांच ई.ओ.डब्ल्यू., लोकायुक्त व सक्षम एजेंसी के द्वारा किए जाने हेतु लगातार ध्यान आकृष्ट किया जा रहा है? (घ) यदि हाँ, तो क्या कारण है कि आज दिनांक तक शासन/विभाग द्वारा कोई गंभीर जांच संस्थित नहीं करते हुए कोई गंभीर कार्यवाही नहीं की जा रही है? कब तक शासन/विभाग द्वारा नगर परिषद पिपलौदा के वर्ष 2010 से लेकर 2019 तक के कार्यों की जांच करते हुए दोषियों को सजा दी जा सकेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क), (ख) एवं (ग) जी हाँ। (घ) नगर परिषद, पिपलौदा के संबंध में समय-समय पर प्राप्त शिकायतों की जांच विभागीय स्तर पर प्रचलित है। शिकायतवार अद्यतन स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हटा नगर की अपूर्ण नल जल योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
8. ( *क्र. 187 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हटा नगर की वृहद नल जल योजना किस वर्ष कितनी राशि से स्वीकृत हुई थी? कार्य एजेंसी सहित कार्य की स्थिति की जानकारी उपलब्ध करायी जावे। साथ ही प्रशासकीय स्वीकृति आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करायी जावे। वर्तमान में वृहद नल जल योजना की क्या स्थिति है? कार्य पूर्ण कब तक हो पावेगा? (ख) कार्य एजेंसी के द्वारा हटा नगर की संपूर्ण सड़कें जहां से पाईप लाइन डाली गई है, क्षतिग्रस्त कर दी गई है एवं सुधार कार्य नहीं किया गया है, जिससे नगर वासियों को आवागमन में काफी परेशानी हो रही है एवं 6 वर्ष बीत जाने के बाद भी नगर के 15 वार्डों में पानी आज तक नहीं पहुंच पाया है, कार्य एजेंसी के द्वारा कब तक कार्य पूर्ण किया जावेगा? साथ ही किस उपयंत्री के द्वारा नगर की नल जल योजना का मूल्यांकन किया गया? कार्य एजेंसी पर कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं करने को लेकर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? नगर की क्षतिग्रस्त सड़कों को एजेंसी द्वारा कब तक पूर्ण कराया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) हटा नगर की नल जल योजना वर्ष 2016 में रू. 3693.59 लाख की स्वीकृत की गई थी, कार्य की क्रियान्वयन एजेन्सी मेसर्स जयवरूढ़ी कन्स्ट्रक्शन कंपनी एवं रंजीत बिल्डकॉन लिमिटेड (जे.व्ही.) हिम्मत नगर गुजरात है, कार्य की स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है, प्रशासकीय स्वीकृति आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। वर्तमान में नल जल योजना की स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' में वर्णित है। कार्य माह सितम्बर 2022 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। (ख) हटा नगर की समस्त सड़कें जहां से पाईप लाईन डाली गयी है, चलने योग्य हैं, पाईप लाईन बिछाने के पश्चात् कार्य एजेंसी द्वारा अस्थाई/स्थाई रोड रेस्टोरेशन का कार्य अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार निरंतर कर सड़कों को आवागमन योग्य रखा जाता है, रोड रेस्टोरेशन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है, कार्य वर्तमान में अंतिम चरण में है एवं नगर के समस्त वार्डों में पानी पहुँचाने की प्रक्रिया प्रगतिरत है, कार्य माह सितम्बर 2022 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। हटा नगर की नल जल योजना में मूल्यांकन का कार्य संयुक्त रूप से अर्बन डेवलपमेंट कंपनी के सिविल इंजीनियर, ए.पी.एम.डी.पी.एम., पी.एम. एवं परियोजना प्रबंधन सलाहकार एजेंसी (टी.सी.ई.) के फील्ड इंजीनियर द्वारा किया गया। परियोजना प्रारंभ से अर्बन डेवलपमेंट कंपनी के सिविल इंजीनियर (उपयंत्री स्तर के) क्रमश: श्री अशोक कुमार राय, श्री पीयूष तिवारी, सुश्री प्रिया जैन, श्री पुष्पेन्द्र कुर्मी (वर्तमान में पदस्थ) एवं परियोजना प्रबंधन सलाहकार एजेंसी (टी.सी.ई.) के फील्ड इंजीनियर क्रमश: सौरभ सिंह, श्री संजय राघव, श्री सुरेन्द्र वर्मा (वर्तमान में पदस्थ) द्वारा नल जल योजना का मूल्यांकन अनुबंध अनुसार किया गया है। कार्य एजेंसी को कार्य समय-सीमा में पूर्ण करने हेतु समय-समय पर निर्देश जारी किये गये हैं एवं अनुबंध के प्रावधान अनुसार विलम्ब क्षतिपूर्ति के रूप में राशि रू. 115.57 लाख चल देयकों से रोकी गयी है, परन्तु सम्पूर्ण रूप से क्षतिपूर्ति का आकलन अनुबंध के प्रावधान अनुसार कार्य पूर्ण होने के पश्चात् किया जावेगा। नगर की समस्त सड़कों का स्थाई रोड रेस्टोरेशन का कार्य सितम्बर 2022 तक पूर्ण किये जाने हेतु लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इंदौर इच्छापुर फोरलेन का निर्माण
[लोक निर्माण]
9. ( *क्र. 1023 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की व्यवसायिक राजधानी इंदौर से इच्छापुर (महाराष्ट्र) को जोड़ने वाली सड़क पर राष्ट्रीय राज्यमार्ग का निर्माण किस-किस एजेंसी द्वारा कितने चरणों में किया जाना है? (ख) वर्तमान में इसके निर्माण की स्थिति क्या है? क्या इंदौर–खरगोन-खण्डवा-बुरहानपुर जिले से गुजरने वाले फोरलेन का कार्य खण्डवा जिले की अपेक्षा शेष अन्य जिलों में इस कार्य की गति अत्यंत धीमी है? (ग) क्या इस मार्ग पर मुख्य रुप से नर्मदा नदी पर पुल बनाना एवं चौरल से सिमरौल तक के घाट सेक्शन से मार्ग निकालना कठिन कार्य है, जिसमें अधिक समय लगेगा, उक्त मार्ग पर निर्माण कार्य आरंभ क्यों नहीं हुआ है? (घ) इन तथ्यों को जानने के उपरांत भी संबंधित कार्य एजेंसी द्वारा इसमें विलंब किया जा रहा है, इस निर्माण कार्य को कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा, ताकि माह जून 2022 जैसी दुर्घटनाओं पर नियंत्रण पाया जा सके?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2, 'अ' एवं नगर पालिका निगम इंदौर से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2, 'अ' एवं नगर पालिका निगम इंदौर से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
ग्रीन हिल्स प्रोजेक्ट का अवैध निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
10. ( *क्र. 50 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 2140, दिनांक 03.03.2022 के संदर्भ में भोपाल शहर के ग्रीन हिल्स प्रोजेक्ट में 04 बहु इकाई ब्लॉक में प्रत्येक 4 पेंट हाउस की नियम विरूद्ध अनुमति कोलार नगर पालिका द्वारा दी गई है, का नगर निगम भोपाल द्वारा दस्तावेजों का परीक्षण कर लिया गया है? यदि हाँ, तो नियम अनुमति के लिये उत्तरदायियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में मेसर्स अग्रवाल कंस्ट्रक्शन द्वारा सागर प्रीमियम टॉवर्स कॉलोनी का कलियासोत नदी के तटीय क्षेत्र में 33 मीटर क्षेत्र में नियम विरूद्ध निर्माण किये जाने की जांच करा ली गई है? यदि नहीं, तो क्यों और उक्त अवैध निर्माण को कब तक हटाया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर निगम भोपाल द्वारा तत्कालीन नगरपालिका परिषद कोलार द्वारा प्रश्नांकित निर्माण हेतु नियम विरूद्ध जारी की गई भवन निर्माण अनुज्ञा को रद्द/पुनरीक्षित करने हेतु प्रस्ताव पत्र दिनांक 11.07.2022 से प्राप्त होकर परीक्षणाधीन है। प्रकरण के परीक्षण उपरान्त गुणदोष के आधार पर विधि अनुसार कार्यवाही की जावेगी। (ख) नगर निगम भोपाल द्वारा तहसीलदार कोलार को कलियासोत नदी के 33 मीटर ग्रीन बेल्ट दायरे के सीमांकन हेतु पत्र दिनांक 25.02.2022 प्रेषित किया गया था, परन्तु सीमांकन न होने के कारण अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कोलार को नगर निगम द्वारा पुन: पत्र दिनांक 08.07.2022 प्रेषित किया गया है। सीमांकन होने के पश्चात ही नगर निगम द्वारा गुण-दोष के आधार पर विधि अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
निर्माण कार्य हेतु बजट
[लोक निर्माण]
11. ( *क्र. 1375 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा चांचौड़ा के लिए वर्ष 2020-21 के लोक निर्माण विभाग के बजट में किस-किस निर्माण कार्य के लिए कितनी-कितनी राशि का बजट प्रावधान किया गया था? (ख) उपरोक्त में से किस-किस निर्माण कार्य के लिए 31 मार्च, 2022 तक कितनी-कितनी राशि खर्च की गई? (ग) कितनी राशि का बजट लैप्स हो गया तथा इसका क्या कारण है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधानसभा चाचौड़ा के लिये वर्ष 2020-21 के बजट में कोई नवीन निर्माण कार्य प्रावधानित नहीं। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार। (ग) उत्तरांश 'क' अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
घमापुर रद्दी चौकी फ्लाई ओवर निर्माण
[लोक निर्माण]
12. ( *क्र. 55 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या घमापुर से रद्दी चौकी जबलपुर के बीच मार्ग पर यातायात का अत्यधिक दबाव रहता है और रोजाना जाम की स्थिति बनती है? यदि हाँ, तो क्या जाम की समस्या से निपटने के लिये फ्लाई ओवर का निर्माण कराने की आवश्यकता है? यदि हाँ, तो इसके लिये शासन ने क्या योजना बनाई है तथा कितनी राशि का बजट प्रावधान किया है? (ख) लोक निर्माण विभाग ब्रिज संभाग जबलपुर ने आंबेडकर चौराहा घमापुर से रद्दी चौकी तक 2.5 कि.मी. लम्बाई व 7 मीटर चौड़ाई के ओवर ब्रिज का निर्माण कराने हेतु कितनी राशि की डी.पी.आर. तैयार कर स्वीकृति हेतु प्रस्ताव शासन को कब-कब भेजा है? इस पर शासन ने कब क्या कार्यवाही की है? (ग) प्रश्नांकित प्रस्ताव शासन के पास कब से लम्बित है एवं क्यों? शासन कब तक प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर निर्माण कराना सुनिश्चित करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। वर्तमान में कोई योजना नहीं, शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) कोई प्रस्ताव नहीं भेजा है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मार्ग का चौड़ीकरण एवं उन्नयनीकरण
[लोक निर्माण]
13. ( *क्र. 1265 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के अंतर्गत खिलचीपुर शहरी मार्ग (एम.डी.आर.) का चौड़ीकरण एवं उन्नयनीकरण कार्य हेतु विस्तृत कार्य योजना विभाग द्वारा तैयार कर वर्ष 2021-22 के मुख्य बजट में शामिल की गई? (ख) यदि हाँ, तो उक्त मार्ग का चौड़ीकरण एवं उन्नयनीकरण कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त करने हेतु शासन की कोई योजना है? यदि हाँ, तो उक्त मार्ग को ई.एफ.सी. में कब तक शामिल कर लिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्रस्तुत शिकायत
[पर्यावरण]
14. ( *क्र. 494 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम भोपाल द्वारा जल एवं वायु प्रदूषण संबंधी कितनी शिकायतें जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भोपाल के समक्ष प्रस्तुत हुई हैं? उनका विवरण, प्रकरणवार दिया जाये। (ख) क्या म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि के अंतर्गत वायु एवं जल प्रदूषण को लेकर कोई शास्ति अथवा पेनाल्टी लगाई गई है? यदि हाँ, तो प्रकरणवार विवरण आधार सहित बताया जाये। (ग) क्या मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास कोई जानकारी है कि वर्तमान में भोपाल में कॉलोनियों द्वारा उनके सीवेज बहाव को बिना ट्रीटमेंट के खुले में बहाया जा रहा है? यदि हाँ, तो उनका नाम, पता सीवेज की मात्रा एवं निकालने का स्थान बताया जाये। (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई है अथवा की जा रही है?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) निरंक। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है।
मार्ग निर्माण के संबंध में
[लोक निर्माण]
15. ( *क्र. 257 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कारण है कि विकासखण्ड जवा अंतर्गत ग्राम पंचायत भनिगवां से खरपटा की ओर नदी पर सेतु निर्माण कार्य एवं पहुंच मार्ग 03 वर्ष व्यतीत हो जाने पर भी पूर्ण नहीं हो सका है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त सेतु निर्माण एवं पहुंच मार्ग निर्माण कार्य हेतु कुल कितनी राशि विभाग के द्वारा स्वीकृत की गई थी? कितनी राशि का भुगतान ठेकेदार को कर दिया गया है तथा कितनी राशि का भुगतान शेष है? उक्त लंबित कार्य कब तक पूर्ण कराया जा सकेगा? (ग) क्या ग्राम पंचायत कोल्हा का सेतु संपर्क मार्ग का भूमि अधिग्रहण न हो पाने तथा मुआवजा राशि आवंटित न होने के कारण मार्ग निर्माण अवरुद्ध है? यदि हाँ, तो सेतु संपर्क मार्ग का अधिग्रहण एवं मुआवजा आवंटन कब तक किया जा सकेगा? संपर्क मार्ग निर्माण कब तक कराया जा सकेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कोरोना महामारी एवं निजी भूमि के अधिग्रहण के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन होने से। (ख) राशि रूपये 780.86 लाख। राशि रूपये 374.40 लाख तथा राशि रूपये 50.46 लाख। वर्तमान में भूमि अधिग्रहण संबंधित प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में विचाराधीन होने से निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ, शेष प्रश्नांश का उत्तर प्रश्नांश 'ख' अनुसार।
कोरोना काल में जारी मृत्यु प्रमाण पत्र
[नगरीय विकास एवं आवास]
16. ( *क्र. 335 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत समस्त नगरपालिका/परिषद एवं ग्राम पंचायतों में दिनांक 30.03.2020 से दिनांक 31.12.2021 तक कोरोना काल में कितने-कितने मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किये गये हैं? समस्त नगरपालिका/परिषद एवं ग्राम पंचायतों की माहवार सूची उपलब्ध करायें। (ख) उक्त अवधि में कितने अंतिम संस्कार नगरपालिका/परिषद एवं ग्राम पंचायतों में होना पाया गया और कितने लोगों के अंतिम संस्कार नगरपालिका/परिषद एवं ग्राम पंचायतों से बाहर होना पाये गये हैं? नगरपालिका/परिषद एवं ग्राम पंचायतों के संख्यात्मक आंकड़ों के साथ नाम, पते और मृत्यु के कारणों के साथ पूर्ण विवरण उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश ''क'' अवधि में नगरपालिका/परिषद एवं ग्राम पंचायतों के रिकॉर्ड के आधार पर कुल कितनी मृत्यु कोरोना महामारी से और कितनी अन्य कारणों से होना पायी गयी? अलग-अलग नाम पते और मृत्यु के करणों सहित मृतकों की सूची उपलब्ध्ा करायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शमशान घाट एवं कब्रिस्तानों में होने वाले अन्तिम संस्कार की जानकारी संकलित करने का विधिक प्रावधान न होने के कारण प्रामाणिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जन्म-मृत्यु पंजीयन अधिनियम-1969 की धारा (17) 1 (ख) ''ऐसे रजिस्टर में से किसी जन्म मृत्यु से सम्बद्ध कोई उद्धरण अभिप्राप्त कर सकेगा: परन्तु किसी व्यक्ति को दिया गया मृत्यु संबंधी कोई उद्धरण, मृत्यु का रजिस्टर में प्रविष्ट कारण प्रकट नहीं करेंगा'' इस कारण जानकारी संकलित नहीं की गई है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुख्य अभियंता (उत्पादन) द्वारा अनाधिकृत रूप से स्क्रूटनी करना
[ऊर्जा]
17. ( *क्र. 774 ) डॉ. अशोक मर्सकोले [ श्री राकेश मावई ] : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिविल संकाय के सभी ताप विद्युत गृह एवं सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारणी में भी कार्य की कार्यमात्रा/मदमात्रा/सामान क्रय की क्रयमात्रा के प्रकरण फाईल अनुमोदन हेतु मुख्य अभियंता (सिविल-इन्जीनियरिंग) को मुख्य अभियंता (उत्पादन) द्वारा केवल सहमति प्रदान कर अग्रेषित कर भेजा जाता है? (ख) क्या यह प्रक्रिया लगभग 10 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक ताप विद्युत गृहों में चल रही है? क्या पुरानी प्रचलित संवैधानिक प्रक्रिया नियमों से हटकर सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारणी के मुख्य अभियंता (उत्पादन) सिविल संकाय के सभी प्रकरणों की कार्यमात्रा एवं क्रयमात्रा का अवलोकन व स्क्रूटनी कर कार्यालयीन टीप में नियम विरूद्ध टीप लिखकर प्रकरणों को भेजने में विलम्ब कर रहे हैं? टिप्पणियां अपने स्वयं के हित में लिख रहे हैं? विस्तृत जानकारी प्रदान करें। (ग) सारणी में मुख्य अभियंता (सिविल) की पदस्थापना कब से हैं? आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ख) प्रकरण सिविल संकाय वृत्त से मुख्य अभियंता (उत्पादन) द्वारा किस जावक नम्बर एवं दिनांक को मुख्य अभियंता (सिविल) जबलपुर को भेजा गया है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं, सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी सहित म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के सभी ताप विद्युत गृहों में सिविल संकाय के कार्य से संबंधित प्रकरण, मात्र सहमति नहीं अपितु कार्य मात्रा/मद मात्रा/सामान क्रय मात्रा इत्यादि के परीक्षणोपरांत मुख्य अभियंता (उत्पादन) द्वारा औचित्य एवं स्पष्टीकरण के साथ मुख्य अभियंता (सिविल इंजीनियरिंग) को अनुमोदन हेतु अग्रेषित किये जाते हैं। (ख) जी नहीं, सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी में क्रय प्रक्रिया म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी की डेलीगेशन ऑफ पावर पुस्तिका में उल्लेखित अधिकार के अनुसार की जाती है। जी नहीं, अपितु स्थापित नियमों के अंतर्गत प्रस्तावों (क्रय एवं कार्य की मद मात्राओं) को औचित्य के आधार पर, मुख्य अभियंता (उत्पादन) द्वारा आवश्यकतानुसार सक्षम अनुमोदन हेतु अग्रेषित किया जाता है। इस प्रक्रिया हेतु मुख्य अभियंता (उत्पादन) सक्षम अधिकारी है। आवश्यक होने पर संशोधन/समीक्षा/अतिरिक्त जानकारी तथा निर्धारित प्रक्रिया के पालन हेतु ही प्रकरण वापिस किये जाते हैं। अत: प्रकरणों में कार्यवाही नियमानुसार कंपनी हित में ही की जाती है। (ग) सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी में मुख्य अभियंता (सिविल) का पद स्वीकृत नहीं है। अत: शेष प्रश्न लागू नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत वर्तमान मुख्य अभियंता (उत्पादन) के कार्यकाल में सिविल संकाय वृत से संबंधित प्रकरण जो कि मुख्य अभियंता (सिविल) जबलपुर को प्रेषित किए गए हैं, के जावक नम्बर एवं दिनांक की जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
मार्ग निर्माण कार्यों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
18. ( *क्र. 1127 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत ग्रामीणजनों की आवागमन की सुविधा हेतु क्रमश: क्र. 01 ग्राम दमुआ मुख्य मार्ग से सरेखा ढाना तक क्र. 02 ग्राम झुर्रे से ग्राम शंकरपुर मार्ग क्र. 03 ग्राम पुरा मुख्य मार्ग से पुरा ढाना तक उक्त तीनों मार्गों के निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान किए जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा विभागीय मंत्री जी एवं प्रमुख सचिव को अनेकों पत्र प्रेषित किए जा चुके हैं, परन्तु उपरोक्त तीनों मार्गों की स्वीकृति अभी तक प्रदान नहीं की गई है, उक्त तीनों मार्गों की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जायेगी? (ख) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत परासिया से ग्राम नेहरिया तक दूरी लगभग 50 कि.मी. मार्ग के निर्माण कार्य की स्वीकृति के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा मान. मुख्यमंत्री महोदय, मान. मंत्री महोदय एवं प्रमुख सचिव को अनेकों पत्र प्रेषित किए जा चुके हैं, किन्तु उक्त मार्ग की स्वीकृति अभी तक प्रदान नहीं गई है, क्योंकि इस मार्ग से आसपास के लगभग 65 गांव जुड़े हुए हैं, किन्तु मार्ग निर्मित नहीं होने के कारण दिन प्रतिदिन आवागमन में परेशानियां निरंतर बढ़ती ही जा रही है और आये दिन दुर्घटनायें भी घटित हो रही है? उक्त मार्ग की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
विद्युत सब-स्टेशन की स्थापना
[ऊर्जा]
19. ( *क्र. 863 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के मुलताई विकासखण्ड के ग्राम माथनी के आसपास कितने-कितने के.व्ही. के विद्युत सब-स्टेशन कब-कब से स्थापित हैं? (ख) क्या प्रश्नांकित ग्राम के आसपास के लगभग 15 से 20 गांवों में कई वर्षों से विद्युत प्रदाय में वोल्टेज की कमी, ट्रांसफार्मर जल जाने आदि की समस्या से ग्रामीणजन खेतों में कृषि कार्य सिंचाई आदि नहीं कर पा रहे हैं? (ग) यदि हाँ, तो क्या विभाग प्रश्नांकित ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्ण क्षमता से विद्युत प्रदाय कराने हेतु 11 के.व्ही. एवं 33 के.व्ही. के सब-स्टेशन स्थापित कराने की कार्यवाही करेगा तथा बंद एवं जले हुए ट्रांसफार्मर तुरंत बदलवाने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) बैतूल जिले के मुलताई विकासखण्ड के ग्राम माथनी के निकट 33/11 के.व्ही. के 2 विद्युत उपकेन्द्र स्थापित है, जिनका प्रश्नाधीन चाहा गया विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ग्राम माथनी एवं आस-पास के ग्रामों के कृषकों को सिंचाई कार्य हेतु 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र चिखलीकलां एवं बरई से निर्गमित क्रमश: 11 के.व्ही. सेन्द्रया एवं 11 के.व्ही. खड़कवार कृषि फीडरों से नियमानुसार विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। विगत रबी सीजन में प्रश्नाधीन क्षेत्र में कृषि कार्य हेतु अस्थाई कृषि पंप कनेक्शन दिये जाने के कारण हुई भार वृद्धि से उच्चतम मांग की अवधि में कतिपय अवसरों पर उक्त फीडरों के अंतिम छोर पर वोल्टेज में कमी परिलक्षित हुई थी। किन्तु वर्तमान में उक्त फीडरों के अंतिम छोर पर वोल्टेज रेग्यूलेशन निर्धारित मानकों के अनुरूप है। विगत वर्ष 2021-22 में ग्राम माथनी एवं समीपस्थ 06 ग्रामों में कुल 16 वितरण ट्रांसफार्मर फेल हुए थे, जिन्हें नियमानुसार निर्धारित समयावधि में बदल दिया गया था। प्रश्नाधीन क्षेत्र के कृषि उपभोक्ताओं द्वारा प्रश्नांश में उल्लेखित कारणों से सिंचाई नहीं कर पाने संबंधी कोई शिकायत म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संज्ञान में नहीं आई है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्यमान विद्युत भार एवं भविष्य में विद्युत भार की संभावित वृद्धि के दृष्टिगत विद्युत प्रदाय की गुणवत्ता में वृद्धि किये जाने हेतु ग्राम माथनी में 5 एम.व्ही.ए. क्षमता के एक नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य आर.डी.एस.एस. योजना में सम्मिलित कर लिया गया है। दिनांक 08.07.2022 की स्थिति में प्रश्नाधीन क्षेत्र में कोई भी जला/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदले जाने हेतु शेष नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
नगर पालिका द्वारा अप्रशिक्षित ट्रेनर रखने के कारण डूबने से मृत्यु
[नगरीय विकास एवं आवास]
20. ( *क्र. 1223 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा में नगर पालिका द्वारा स्वीमिंग पूल का निर्माण कितनी राशि से कराया गया? नक्शे की कॉपी उपलब्ध कराते हुए स्वीमिंग पूल में प्रशिक्षित ट्रेनर व सुरक्षा हेतु क्या-क्या मापदण्ड अपनाने के शासन के निर्देश हैं? नियमों की प्रति उपलब्ध कराएं। (ख) दिनांक 07 जून, 2022 को नगर पालिका नागदा द्वारा संचालित स्वीमिंग पूल में डूबने से एक 15 वर्षीय बालक शिवम आंजना की मृत्यु हो गई थी? यदि हाँ, तो प्रशासन द्वारा दोषी लोगों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? क्या दोषी अधिकारियों, कर्मचारियों के विरूद्ध पुलिस थाना नागदा में धारा 304 में प्रकरण दर्ज किया है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा घटना के एक सप्ताह पूर्व दिनांक 31.05.2022 को प्रशासक नगर पालिका परिषद्, नागदा को स्वीमिंग पूल नागदा में अनुभवी एवं प्रशिक्षित ट्रेनर एवं लाईफ गार्ड सलीम शाह को बंद करते हुए अप्रशिक्षित ट्रेनर को रखने पर तैराकी करने व सीखने वालों को जान का खतरा होने संबंधी पत्र प्रेषित किया था? यदि हाँ, तो पत्र के परिपालन में प्रशासक द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) 01 जनवरी, 2022 से स्वीमिंग पूल में प्रशिक्षित ट्रेनर, लाईफ गार्ड, सुरक्षाकर्मी को किस मद में किन-किन व्यक्तियों की नियुक्ति प्रदान की गई? उनके सर्टिफिकेट उपलब्ध कराते हुए विवरण देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) रू. 294.03 लाख। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रशासक नगर पालिका नागदा द्वारा दो लाईफ गार्ड एवं एक टिकिट वितरक को सेवा से पृथक किया गया है। श्री कैलाश मरमट स्वीमिंग पूल सहायक प्रभारी (मूल पद मेंशन) को निलंबित किया गया है। दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध पुलिस थाना नागदा में धारा 304 नहीं, अपितु धारा 304 (A) में प्रकरण दर्ज किया गया है। एफ.आई.आर. की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रशासक नगर पालिका नागदा द्वारा मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका नागदा को पत्र क्र. 3546 दिनांक 31.05.2022 एवं स्वीमिंग पूल प्रभारी को पत्र क्र. 3546/1, दिनांक 31.05.2022 जारी किये गये है। (घ) 01 जनवरी, 2022 से श्री सलीम शाह, गोविंद साहनी एवं अजय चौहान को स्वीमिंग पूल में दैनिक वेतन पर नियुक्त किया गया है। तीनों कर्मचारी प्रशिक्षित ट्रेनर, लाईफ गार्ड एवं सुरक्षा कर्मी का कार्य सामूहिक रूप से करते हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
विद्युत ट्रांसफार्मर बदलना एवं विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
21. ( *क्र. 1285 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सिहावल सहित सीधी एवं सिंगरौली जिले में वर्तमान में कितने विद्युत ट्रांसफॉर्मर जले हुये हैं? इन्हें बदलने की शासन की क्या नीति है? कई महिनों से विद्युत ट्रांसफार्मर नहीं बदले गये हैं, इन्हें कब तक बदला जायेगा? यदि विद्युत ट्रांसफॉर्मर नहीं बदलने के लिये अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं तो उन पर क्या कार्यवाही की गई है? जनवरी 2020 से अभी तक कितने विद्युत ठेकेदारों ने 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र तथा 33 के.व्ही. लाइन के कार्य किये हैं? कार्य का नाम एवं भुगतान की गई राशि की जानकारी ठेकेदारवार उपलब्ध करावें। (ख) उक्त विधान सभा क्षेत्र में कटी-जली केबल एवं पोल गिरे हुये हैं तथा केबल नीचे लटकी हुई है, इससे आये दिन पशु एवं जनहानि हो रही है? विभाग को बार-बार बताने के बाद भी अमिलिया डी.सी. के ग्राम कोदौरा, बिठौली, गेरूआ, हिनौती, चितवरिया, बांकी, बहरी डी.सी. के बहरी, मयापुर, धुतपुरा, पोखरा, चंदवाही इसी प्रकार देवसर डी.सी. में ग्राम जियावन, खन्धौली, पोखरा, मझिगवां प्रथम एवं द्वितीय सहित अन्य ग्रामों में स्थिति खराब है? इन ग्रामों की विद्युत केबल एवं खम्बों को कब तक बदला जावेगा? (ग) सीधी एवं सिंगरौली जिले में विद्युतीकरण से अभी तक कितने टोले/मजरे शेष हैं तथा इनमें कब तक विद्युतीकरण का कार्य करा दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सिंहावल सहित सीधी जिले में वर्तमान में 24 एवं सिंगरौली जिले में 44 जले/खराब विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण बदलने हेतु शेष हैं। वर्तमान में लागू नियमों के अनुसार जले एवं खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से जुड़े 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने पर अथवा कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा होने के उपरांत इन जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को बदले जाने का प्रावधान है। सीधी एवं सिंगरौली जिलों के अंतर्गत नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा होने के उपरान्त जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को बदला जा सकेगा, जिस हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता। प्रश्नाधीन क्षेत्र में जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों तथा 33 के.व्ही. लाईन के, ठेकेदारों के माध्यम से कराए गए कार्यों का कार्य के नाम एवं भुगतान की गई राशि सहित ठेकेदारवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अमिलिया वितरण केन्द्र के ग्राम कोदौरा, बिठौली, गेरूआ, हिनौती,चितवरिया, बांकी तथा बहरी वितरण केन्द्र के ग्राम-बहरी, मयापुर धुतपुरा, पोखरा, चंदवाही एवं देवसर वितरण केन्द्र के ग्राम-जियावन, खन्धौली, पोखरा, मझिगंवा प्रथम एवं द्वितीय सहित अन्य ग्रामों में स्थित कटी-जली केबिल एवं गिरे हुए पोल तथा नीचे लटकी हुई लाईनों को सुधारने/व्यवस्थित करने सहित रख-रखाव का कार्य सतत् रूप से वर्षा पूर्व एवं वर्षा पश्चात तथा समय-समय पर आवश्यकतानुसार म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा किया जा रहा है। उक्त ग्रामों में विद्युत व्यवस्था में गुणात्मक सुधार का कार्य केन्द्र सरकार की आर.डी.एस.एस. योजना के अंतर्गत शामिल कर लिया गया है, जिसके अंतर्गत एल.टी. तारों के केबलीकरण एवं आवश्यकतानुसार एल.टी. केबिल की क्षमता वृद्धि का कार्य सम्मिलित है। उक्त योजना की स्वीकृति केन्द्र शासन से प्राप्त हो चुकी है तथा योजना में सम्मिलित कार्यों के क्रियान्वयन हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: वर्तमान में कार्य पूर्णता की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) सौभाग्य योजना के प्रावधानों के अन्तर्गत चिन्हित समस्त मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। तथापि खेतों में दूर-दूर बने मजरों/टोलों, जिनके विद्युतीकरण का कार्य सौभाग्य योजना में प्रावधानित नहीं था तथा उक्त योजना का क्रियान्वयन पूर्ण होने के उपरान्त निर्मित मजरों/टोलों में विद्युतीकरण का कार्य शेष है। जिला सिंगरौली एवं सीधी में ऐसे क्रमश: 1361 एवं 211 मजरे/टोले विद्युतीकरण हेतु शेष हैं। वर्तमान में अविद्युतीकृत मजरों/टोलों के विद्युतीकरण हेतु कोई भी योजना प्रचलन में नहीं है। भविष्य में कोई योजना उपलब्ध होने पर वित्तीय एवं तकनीकी साध्यता अनुसार योजना में प्रावधानों के अंतर्गत इनके विद्युतीकरण का कार्य कराया जा सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कोयला खरीदी की जानकारी
[ऊर्जा]
22. ( *क्र. 1355 ) श्री जितु पटवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पावर जेनको कम्पनी के संजय गांधी थर्मल पावर प्लांट में रेल रैक से कोयला अनलोडिंग ठेका पिछले तीन सालों से किस कम्पनी का चल रहा था? उनके नाम, पते और ठेके की कुल राशि पृथक पृथक बताएं। (ख) संजय गॉधी ताप विद्युत गृह में कोयला अनलोडिंग हेतु प्रति रैक कितने मजदूरों की आवश्यकता होती है और औसत प्रतिदिन कितनी रैक लगती है, जिसके अनलोडिंग में अधिकतम एक दिन में कितने मजदूरों को लगाया जाना ठेके में उल्लेखित है और कितने मजदूरों को ठेकेदार द्वारा अधिकतम लगाया गया, उनके नाम E.P.F. नम्बर एवं भुगतान के विवरण की प्रमाणित सूची दी जाए। इन मजदूरों को मजदूरी का भुगतान ठेके में वर्णित शर्तों और मध्यप्रदेश सरकार भारत सरकार के निर्देशों/आदेशों के अनुसार सभी मजदूरों को बैंकों से भुगतान जाना चाहिए, तो क्या कार्यरत सभी मजदूरों का भुगतान उनके निजी बैंक खातों में किया जा रहा है? यदि नहीं, तो ठेकेदार और जिम्मेदार दोषी अधिकारियों के उपर कोई कार्यवाही अब तक की गयी है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) वर्तमान में 01 जून, 2022 से कोयला अनलोडिंग और कोल हैंडलिंग प्लांट के ऑपरेशन और मेंटेनेंस का ठेका किस कम्पनी को कितने रुपयों में, कितने समय के लिए दिया गया है और इस कम्पनी के द्वारा कोयला अनलोडिंग में कितने मजदूरों को लगाया गया है? सभी कार्यरत मजदूरों का व्यक्तिगत E.P.F. नम्बर है, उनके प्लांट में गेट पास और उनके मज़दूरी का भुगतान बैंक खातों में ट्रांसफर कर किया जा रहा है या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? बैंकों से मजदूरी भुगतान के म.प्र विद्युत मंडल, राज्य सरकार और केंद्र सरकार के आदेश क्या हैं और क्या उनका पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो दोष किसका है और यदि बैंकों से भुगतान नहीं हो रहा तो उनके E.P.F. और सरकार से मिलने वाली सुरक्षा जीवन ज्योति योजना और आकस्मिक दुर्घटना का लाभ कैसे वास्तविक कार्यरत मजदूरों को बिना बैंकों के भुगतान मिल सकेगा? (घ) म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के कुल कितने थर्मल प्लांट हैं? क्या सभी प्लांटों में रेल रैक से कोयला आता है? कोयला अनलोडिंग का ठेका दिया गया है तो विगत 3 वर्षों में किन-किन ठेका कम्पनियों को दिया गया, उनके नाम, पते, ठेके की राशि और लगे मजदूरों की कुल औसत संख्या का विवरण वर्षवार दें एवं वर्तमान में कितने मजदूर कार्यरत हैं, इन मजदूरों के E.P.F. नम्बर बैंकों एवं मजदूरों के हर प्लांट में बनाये गये गेट पास नम्बरों की अधिकृत प्रमाणित सूची उपलब्ध कराएं।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के संजय गांधी ताप विद्युत गृह, बिरसिंहपुर में रेल रैक से कोयला अनलोडिंग दो स्थानों (ट्रेक हॉपर एवं वैगन टिपलर) पर होती है, विगत तीन वर्षों में ट्रेक हॉपर एवं वैगन टिपलर से कोल अनलोडिंग के लिये दिये गये ठेकों की वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' अनुसार है। (ख) संजय गांधी ताप विद्युत गृह, बिरसिंहपुर के अंतर्गत ट्रेक हॉपर एवं वैगन ट्रिपलर में कोयला अनलोडिंग हेतु प्रति रैक लगभग 120 एवं 112 श्रमिकों/मजदूरों की आवश्यकता होती है एवं विगत तीन वर्षों में इन पर क्रमश: औसत 2.05 एवं 1.38 रैक प्रतिदिन अनलोड की गई है। अनलोडिंग कार्य हेतु एक दिन में लगाये जाने वाले अधिकतम श्रमिकों की संख्या का उल्लेख ठेके में नहीं किया गया है। अपितु यह उल्लेख किया गया है कि एक रैक खाली करने में लगभग 120 श्रमिकों की आवश्यकता होती है। ठेकेदार द्वारा रैक के अनलोडिंग हेतु आवश्यकता अनुसार श्रमिक लगाये जाते हैं। उत्तरांश ''क'' में दर्शाये गये ठेकों में लगाये गये श्रमिक के नाम, E.P.F. नंबर एवं भुगतान के विवरण की प्रमाणित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। संजय गांधी ता.वि. गृह में कोल अनलोडिंग के ठेके में जोहिला नदी के बाँध के डूब क्षेत्र में आए परिवार के सदस्यों को प्राथमिकता के आधार पर रोजगार उपलब्ध करवाया जाता है। इस कार्य हेतु आस-पास के गाँवों के श्रमिक कार्यरत हैं। इन श्रमिकों को साप्ताहिक तथा नगद भुगतान के अतिरिक्त कोई अन्य विकल्प स्वीकार नहीं होने के दृष्टिगत भुगतान बैंक खातों में न कर, केवल नगद ही किया जा रहा है। संबंधित अधिकारी/कर्मचारी ये सुनिश्चित करते हैं कि सभी श्रमिकों को नियमानुसार भुगतान हो। ताप विद्युत गृह का प्रशासन बिजली उत्पादन हेतु अत्यंत आवश्यक कोयले की अनलोडिंग का कार्य करवा रहा है एवं क्षेत्र के श्रमिकों को बेरोजगार होने से बचाने का प्रयास भी कर रहा है। अत: कोयला अनलोडिंग कार्य की आवश्यकता को देखते हुये अधिकारियों द्वारा की जा रही कार्यवाही दोष युक्त नहीं है। (ग) वर्तमान में 01 जून, 2022 से संजय गांधी ताप विद्युत गृह, बिरसिंहपुर में कोयला अनलोडिंग और कोल हैंडलिंग प्लांट के ऑपरेशन और मेंटेनेंस का ठेका मेसर्स ए.के.ए. लॉजिस्टिक्स प्रा.लि. कोलकाता को दो वर्षों हेतु रू. 49,92,00,000/- (18% जी.एस.टी. अतिरिक्त) दिया गया है। कंपनी द्वारा ट्रेक हापर में प्रति रैक कोल अनलोडिंग हेतु लगभग 120 एवं वैगन टिपलर में आवश्यकता अनुसार श्रमिकों को लगाया जा रहा है, जिनके E.P.F. नंबर, बैंक खाता एवं गेट पास बनने का कार्य प्रक्रियाधीन है। श्रमिकों का भुगतान कार्यादेश की शर्तों अनुसार शासकीय दर से चैक अथवा बैंक ट्रांसफर के माध्यम से किया जाना है, जो कि फर्म को देयकों के भुगतान प्राप्त करने हेतु आवश्यक है। माह जून 2022 का देयक फर्म द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया है एवं फर्म को किसी भी प्रकार का भुगतान नहीं किया गया है। कार्यादेशों की शर्तों का उल्लंघन करने पर, यथा सुरक्षा जीवन ज्योति योजना अथवा आकस्मिक दुर्घटना आदि में, संबंधित को वास्तविक देय लाभ प्रदान न करने की स्थिति में दंडात्मक कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है। इस हेतु फर्म से धरोहर राशि जमा कराई जाती है। अन्य ताप विद्युत गृहों में कोल अनलोडिंग का कार्य पूर्व में जारी कार्यादेशानुसार द्वारा किया जा रहा है। (घ) म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड में कुल चार ताप विद्युत गृह क्रमश: संजय गांधी-बिरसिंहपुर, सतपुड़ा-सारनी, अमरकंटक-चचाई एवं श्री सिंगाजी-खंडवा है एवं सभी ताप विद्युत गृहों में रेल रैक से कोयला आता है एवं कोयला अनलोडिंग का ठेका दिया जाता है। जिन कंपनियों को विगत 3 वर्षों में ठेके दिये गये हैं के नाम पते, ठेके की राशि, लगे मजदूरों की औसत संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। सतपुड़ा-सारनी, श्री सिंगाजी-खंडवा एवं अमरकंटक-चचाई में वर्तमान में कार्यरत मजदूरों के E.P.F. नंबर, बैंक नंबर एवं मजदूरों के प्लांट में बनाये गये गेट पास नम्बरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है एवं संजय गांधी-बिरसिंहपुर से संबंधित जानकारी उत्तरांश (ग) अनुसार है।
धार जिले की सड़कें
[लोक निर्माण]
23. ( *क्र. 1226 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनावर-उमरबन-धामनोद मार्ग 56 कि.मी. टू-लेन सड़क एवं ब्रिज निर्माण में घटिया सामग्री इस्तेमाल होने की विगत दो वर्ष में किस-किस के द्वारा लिखित शिकायत/ज्ञापन विभाग को प्राप्त हुए? उनमें से किस-किस पर जांच किसके द्वारा कर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया? प्रतिवेदन की प्रति सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) मार्ग लगातार विलंब होने का क्या कारण है? इसके लिए कौन दोषी है? किस-किस पर क्या कार्यवाही की गई? कब तक सड़क निर्माण पूर्ण कर लिया जाएगा? (ग) प्रश्नांश (क) मार्ग निर्माण को तय समय पर निर्माण पूर्ण करने बाबत विभाग द्वारा क्या प्रक्रिया अपनाई जा रही है? उक्त प्रक्रिया के विगत तीन वर्षों से विफल होने का क्या कारण है? क्या विफल प्रक्रिया बनाने वाले एवं इंप्लीमेंट करने वाले अधिकारियों की कार्यशैली में खामियां हैं? (घ) मनावर बाईपास मार्ग स्वीकृत होने के बाद भी प्रश्न-दिनांक तक भी टेंडर जारी कर निर्माण-कार्य क्यों शुरू नहीं किया गया? कब तक मनावर बाईपास मार्ग निर्माण-कार्य शुरू होगा? (ड.) मनावर जैसे व्यस्त शहर में प्रश्न-दिनांक तक भी बाईपास मार्ग नहीं होने का क्या कारण है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। माननीय विधायक महोदय का शिकायत पत्र कलेक्टर धार के माध्यम से दिनांक 21.6.2022 को प्राप्त हुआ। कार्यपालन यंत्री, सेतु संभाग, इंदौर द्वारा जांच प्रतिवेदन पत्र दिनांक 5.7.2022 को कलेक्टर, धार को प्रस्तुत किया गया है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कोविड-19 की महामारी एवं ठेकेदार द्वारा धीमी गति से कार्य करने के कारण कार्य में विलंब हुआ है। विलंब हेतु ठेकेदार के चलित देयकों से राशि रूपये 2,46,224/- काटी गयी है। निर्माण कार्य दिसम्बर-2022 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। (ग) अनुबंधानुसार मार्ग निर्माण समय पर पूर्ण नहीं होने के कारण संबंधित एजेंसी के चलित देयकों से समयावधि प्रकरण के निराकरण तक एक निश्चित राशि रोकी जा रही है। प्रक्रिया अनुसार कार्य किया जा रहा है। जी नहीं। (घ) धार जिले के मनावर शहर के बायपास मार्ग के निर्माण हेतु शासन द्वारा बजट वर्ष 2019-20 से सरल क्रमांक-436 पर अंकित मनावर रिंग रोड लंबाई 10.00 कि.मी. अनुमानित लागत रूपये 600.00 लाख एवं आवश्यक अनुदान राशि रूपये 100.00 लाख प्रस्तावित होकर मांग संख्या 24/5054 अनुसूचित जनजाति उपयोजना अंतर्गत प्रावधानित था, किन्तु बजट प्रावधान से प्राक्कलन की राशि अत्यधिक होने के कारण तत्समय प्राक्कलन स्वीकृत नहीं किया जा सका। वर्तमान में नये प्रभावशील सड़क एस.ओ.आर. अनुसार नये एकरेखण के आधार पर मनावर रिंग रोड लंबाई 12.40 कि.मी. कार्य राशि रूपये 6446.05 लाख के प्राक्कलन अधीक्षण यंत्री, मंडल इंदौर के पत्र के क्रमांक-1604-05/कार्य/2022-23, इंदौर दिनांक 14.7.2022 से प्रमुख अभियंता कार्यालय को प्रेषित किया गया, प्राप्त प्राक्कलन में नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ड.) उत्तरांश ''घ'' के परिप्रेक्ष्य में कोई कारण नहीं है।
मास्टर प्लान को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करने के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
24. ( *क्र. 1029 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर एवं ग्राम निवेश द्वारा प्रस्तावित मास्टर प्लान को क्या राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करना आवश्यक होता है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो प्रदेश के किन-किन जिलों में यह राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है? शेष जिलों में किन कारणों से दर्ज नहीं किया गया? इसे कब तक दर्ज कर दिया जावेगा। (ग) प्रश्नांश (क) यदि नहीं, तो प्रस्तावित मास्टर प्लान का क्रियान्वयन बिना बाधा के संपन्न हो सके, इस हेतु सरकार इसे राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करवाने पर विचार करेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, संचालनालय नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 के अंतर्गत विकास योजनायें तैयार की जाती है, जिसमें प्रस्तावित मास्टर प्लान को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करने का कोई उल्लेख नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) विकास योजना के क्रियान्वयन में इस कारण बाधा नहीं है। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
निर्माण कार्यों में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
25. ( *क्र. 1182 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका श्योपुर में मुख्यमंत्री अधोसंरचना के तहत सी.सी. रोड एवं नाला निर्माण कार्य मोती कुई रोड से किला गेट तक स्वीकृत होकर निर्माणाधीन है? यदि हाँ, तो कितनी राशि का? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत निर्माणाधीन नाला जिसका कार्य लगभग 200 मीटर से अधिक हो चुका है, जो घटिया सामग्री एवं निम्नगुणवत्ता के कारण पूर्ण होने से पूर्व ही ध्वस्त एवं क्षतिग्रस्त हो गया है? यदि हाँ, तो उक्त निर्माण कार्य में उपयोग की गयी सामग्री की अनुमति कोर टेस्टिंग के बिना ही उपयोग के लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? पदनाम सहित अवगत करावें। दोषी अधिकारी एवं जिम्मेदार संबंधित फर्म के विरूद्ध शासन कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? अवगत करावें। संबंधित फर्म द्वारा वर्तमान में नगर पालिका श्योपुर में कितने कार्य कराये जा रहे हैं? (ग) उक्त नाला निर्माण पर अभी तक कितना व्यय, किस-किस मद से, कब-कब, किस-किस फर्म को भुगतान किया गया है? उक्त कार्य न.पा. श्योपुर के किस जिम्मेदार तकनीकी अधिकारी के मार्ग निर्देशन/निरीक्षण/नियंत्रण में किया गया है? क्या उक्त घटिया निर्माण कार्य में उक्त तकनीकी अधिकारी दोषी है? यदि हाँ, तो उनके विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा? वर्तमान में भी उक्त तकनीकी अधिकारी के मार्गदर्शन/नियंत्रण में न.पा. श्योपुर में अन्य कौन-कौन से कार्य कराये जा रहे हैं? क्या उक्त कार्य भी घटिया/निम्नगुणवत्ता के होने की संभावना है? उक्त सभी कार्यों का विस्तृत ब्यौरा दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। राशि रू. 141.55 लाख। (ख) जी हाँ। जी हाँ। नाली निर्माण कार्य में कोर टेस्टिंग न कराया जाकर कांक्रीट क्यूब टेस्ट कराये जाते हैं, अत: कोई दोषी नहीं है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। निर्माण कार्य की गुणवत्ता सुधार हेतु ठेकेदार को समय-समय पर सूचना पत्र जारी किये गये हैं। गुणवत्तापूर्ण कार्य न होने से कार्य के माप रिकॉर्ड नहीं किये गये हैं। निकाय द्वारा ठेकेदार के विरूद्ध अनुबंध की शर्तों के अधीन कार्यवाही की जा रही है। कोई अधिकारी दोषी नहीं होने से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। संबंधित फर्म द्वारा नगर पालिका श्योपुर में अन्य कोई कार्य नहीं किया जा रहा है। (ग) नाला निर्माण कार्य का अब तक कोई भुगतान नहीं किया गया है। कार्य निकाय के उपयंत्री श्री धर्मेद्र पटेल के सुपरविजन में किया गया है। जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी हाँ, जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित प्रश्नोत्तर
अवैध
कॉलोनी
निर्माण की
जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( क्र. 25 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर अंतर्गत क्या वार्ड 74 अमखेरा में कुदवारी, ओंकार नगर, वादा नगर, गोकुलधाम, जागृति नगर 40 फीट रोड के आसपास एवं अंदर अवैध रूप से बिना मूलभूत सुविधाओं के प्लॉट, एवं कच्ची प्लाटिंग कर मकान निर्माण हो रहे हैं? (ख) क्या ये अवैध निर्माण पिछले 10 वर्षों से चल रहे हैं? (ग) क्या शासन द्वारा इन अवैध निर्माणों की कभी जांच कराई गई है? यदि हाँ तो क्या कार्यवाही की गई है? रिपोर्ट प्रस्तुत करें। (घ) यदि जांच नहीं कराई गई हैं तो क्यों? क्या इस प्रकार अवैध कॉलोनी निर्माण को बढ़ावा नहीं मिलेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है, परन्तु प्रश्नांकित क्षेत्र पूर्व में ग्राम पंचायत के क्षेत्रान्तर्गत था, जो वर्ष 2014 में नगर निगम सीमान्तर्गत आ गया था एवं सीमा में आने के पूर्व से ही प्रश्नांकित क्षेत्र में निर्माण चल रहे थे। (ग) जी हाँ, नगर निगम सीमा में शामिल होने के बाद नगर निगम द्वारा जांच कराई गई। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मिनी स्टेडियम का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
2. ( क्र. 57 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम जबलपुर ने स्मार्ट सिटी योजना में खेल सुविधाओं का विस्तार, खेल कूद गतिविधियों के संचालन आदि के लिये मिनी स्टेडियम का निर्माण कराने की क्या योजना बनाई हैं? इसके लिये कितनी-कितनी राशि का प्रावधान किया गया है? निर्माणाधीन अवधि क्या हैं? कहाँ-कहाँ पर कितने-कितने क्षेत्रफल में कब कितनी-कितनी राशि में मिनी स्टेडियम का निर्माण कराया हैं? वर्ष 2018-19 से 2022-23 तक की जानकारी दें। (ख) पूर्व विधान सभा क्षेत्र जबलपुर के करिया पाथर क्षेत्र में मिनी स्टेडियम का निर्माण कराने हेतु कब कितनी राशि का प्रावधान किया गया। इसके लिये कब कितनी राशि की घोषणा किसने की है तथा इसका निर्माण कार्य कब प्रारंभ किया गया एवं कार्य कब से बंद है एवं क्यों? वर्तमान में इसकी स्थिति क्या हैं। कितना निर्माण कार्य कब से अपूर्ण, निर्माणाधीन व अप्रारंभ है एवं क्यों? (ग) शासन व जिला प्रशासन जबलपुर करिया पाथर क्षेत्र में बच्चों के लिये खेल कूद की सुविधाएँ, सर्वसुविधायुक्त खेल मैदान, मिनी स्टेडियम का निर्माण कब तक कराया जावेगा? पूर्व विधान सभा क्षेत्र की उपेक्षा करने का क्या कारण है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत खेल सुविधाओं का विस्तार,खेलकूद गतिविधियों के संचालन आदि के लिये 4 (चार) मिनी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स स्टेडियम का निर्माण कराने हेतु संचालक मंडल की बैठक दिनांक 05/07/2019 से राशि 17.90 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की गई। इनकी निर्माण अवधि 12 माह थी। वर्ष 2018-19 से 2022-23 तक स्टेडियम का निर्माण कितने क्षेत्रफल एवं राशि में कराया गया हैं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पूर्व विधान सभा क्षेत्र जबलपुर के करिया पाथर क्षेत्र में मिनी स्टेडियम का निर्माण हेतु राशि रु. 4.72 करोड़ की स्वीकृति संचालक मंडल की बैठक दिनांक 05/07/2019 से दी गई हैं। इसका कार्यादेश दिनांक 17/09/2019 को दिया गया। कोविड-19 महामारी एवं भूमि संबंधी बाधा आ जाने के कारण यह कार्य मार्च 2020 से बंद रहा। भूमि संबंधी बाधा होने के कारण संचालक मंडल की बैठक दिनांक 27.04.2021 से इस परियोजना को दो भागों में विभाजित करने का निर्णय लिया गया। प्रथम भाग अंतर्गत करिया पाथर स्थित मल्टी स्पोर्टस कॉम्पलेक्स में अखाड़ा, वॉलीबाल का ग्राउण्ड, बच्चों के लिये झूले एवं बॉउण्ड्रीवॉल निर्माण का कार्य शामिल किया गया, जो वर्तमान में कार्य प्रगतिरत है एवं लगभग 70% प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। (ग) करिया पाथर क्षेत्र में बच्चों के लिये खेलकूद की सुविधाएं, खेल मैदान एवं मिनी स्टेडियम का निर्माण दिनांक 31.12.2022 तक पूर्ण करना लक्षित है। पूर्व विधानसभा क्षेत्र में जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के संचालक मंडल द्वारा विभिन्न योजनाओं की स्वीकृति प्रदान की गई है एवं पेन सिटी अंतर्गत कार्य किये गए हैं, अत: क्षेत्र कि उपेक्षा का कोई कारण नहीं है।
फैक्ट्री द्वारा प्रदूषण का प्रसार
[पर्यावरण]
3. ( क्र. 72 ) श्रीमती कल्पना वर्मा : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सतना विधानसभा क्षेत्र रैगांव अन्तर्गत प्लाई फैक्ट्री सिद्धपुरा के द्वारा प्रदूषण फैलाया जा रहा है? क्योंकि चिमनी के धुएं के कारण ग्रामवासियों को दमा एवं टी.वी. जैसी बीमारियों से ग्रसित होना पड़ रहा है? (ख) यदि हाँ, तो फैक्ट्री प्रबंधन के ऊपर कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं तो क्यों?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) जी नहीं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला सतना के पत्र क्रमांक 5535 दिनांक 08.07.2022 अनुसार ग्रामवासियों को दमा एवं टी.बी. जैसी बीमारियों से ग्रसित होना प्रमाणित नहीं पाया गया। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अविद्युतिकृत बस्तियों का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
4. ( क्र. 88 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में संचालन-संधारण संभाग सेंधवा के अंतर्गत शहर विद्युत वितरण केन्द्र कार्यालय के अन्तर्गत कितनी बस्तियों, कॉलोनियों में एवं सेंधवा ग्रामीण एवं बलवाड़ी विद्युत वितरण केन्द्र कार्यालय के अन्तर्गत कितने राजस्व ग्रामों एवं उनके चिन्हित मजरे,टोलो एवं आवासीय बस्तियों में विद्युत की सुविधा उपलब्ध नहीं हैं कि विद्युत वितरण केंद्रवार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) यदि प्रश्नांश (क) के क्रम में कब तक उक्त बस्तियों में विद्युतिकरण कार्य किया जायेगा? (ग) वर्तमान में संचालन-संधारण संभाग सेंधवा के अन्तर्गत कितने राजस्व ग्रामों में 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है? संख्यात्मक जानकारी देवें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संचालन-संधारण संभाग सेंधवा के सेंधवा शहर विद्युत वितरण केंद्र अंतर्गत अविद्युतीकृत बस्तियों/कॉलोनियों की संख्या निरंक है एवं सेंधवा ग्रामीण विद्युत वितरण केंद्र तथा बलवाड़ी विद्युत वितरण केंद्र अंतर्गत समस्त राजस्व ग्रामों के चिन्हित समस्त मजरों/टोलों/बस्तियों का विद्युतीकरण पूर्व में प्रचलित ग्रामीण विद्युतीकरण योजनाओं के दिशा-निर्देशों एवं प्रावधानों के अनुसार किया जा चुका है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) वर्तमान में संचालन-संधारण संभाग सेंधवा के अंतर्गत कुल 394 राजस्व ग्रामों में अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों से उत्पन्न विद्युत व्यवधानों को छोड़कर गैर कृषि प्रयोजन हेतु 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है।
नगर पालिका सीमा में मैरिज हॉल संचालन हेतु जारी निर्देश
[नगरीय विकास एवं आवास]
5. ( क्र. 89 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेंधवा नगरपालिका परिषद सीमा में मैरिज गॉर्डन, मंगल भवन, शादी हॉल के संचालन हेतु कौन-कौन सी अनुमतियां आवश्यक हैं? शासन द्वारा हाल ही में इस संबंध में क्या-क्या निर्देश जारी किये गये? (ख) सेंधवा नगरपालिका परिषद सीमा में कौन-कौन से मैरिज गॉर्डन, मंगल भवन, शादी हॉल संचालित हैं तथा दुर्घटना होने पर अग्निशमन यंत्रों की उपलब्धता हैं या नहीं अग्निशमन यंत्र की रिपोर्ट की प्रति प्रदाय करें। (ग) सेंधवा नगरपालिका परिषद सीमा में उक्त मैरिज गॉर्डन, मंगल भवन, शादी हॉल कितनी-कितनी भूमि पर संचालित हैं? भूमि के खसरा नबंर, पटवारी हल्का नबंर एवं संचालकों के नाम पते सहित पूर्ण जानकारी देंवे? (घ) किस-किस मैरिज गॉर्डन, मंगल भवन, शादी हॉल द्वारा प्रश्नांश (क) में वर्णित कौन-कौन सी अनुमति कब-कब प्राप्त की गई हैं? अनुमतियों का विस्तृत विवरण देंवे? (ड.) क्या उक्त मैरिज गॉर्डन, मंगल भवन, शादी हॉल पूर्णत: निमयानुसार संचालित हैं, यदि नहीं तो इस संबंध में क्या कार्यवाही की जा रही हैं? इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त हुई हैं, यदि हाँ तो किसके द्वारा एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई हैं? शिकायतवार जानकारी दें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगरपालिका सेंधवा में मैरिज गार्डन मंगल भवन, शादी हॉल के संचालन हेतु भवन निर्माण अनुमति, अनुमोदित ले-आउट प्लॉन, विवाह स्थल का पंजीयन, फायर एन.ओ.सी., इत्यादि आवश्यक है। शासन द्वारा दिनांक 19.01.2021 को मध्यप्रदेश नगरपालिका (विवाह स्थल का पंजीयन एवं उपभोग) आदर्श उपविधियां 2020 के क्रियान्वयन के संबंध में निर्देश जारी किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) नगर पालिका सेंधवा सीमा क्षेत्र में शादी हॉल मंगल भवन एवं सत्संग भवन, है तथा मैरिज गार्डन शांति पैलेस, शगुन गार्डन संचालित है। संबंधित भवनों में दुर्घटना होने पर अग्निशमन यंत्र अंतर्गत फायर एक्सस्टिंग्यूशर लगे हुए है। जांच प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) नगर पालिका सेंधवा में उपलब्ध रिकार्ड अनुसार निम्नानुसार शादी हॉल, मैरिज गार्डन संचालित है।
क्र. |
शादी हॉल/मैरेज गार्डन |
संचालक का नाम |
खसरा नंबर |
पटवारी हल्का न. |
साईज वर्गफीट |
1 |
मंगल भवन |
अध्यक्ष श्रीराम देवस्थान ट्रस्ट |
221/1 |
11 |
12000 |
2 |
सत्संग भवन |
छोटेलाल देवीसहाय |
220 |
11 |
9000 |
3 |
शांति पैलेस, |
गोकुलदास धनराज झॅवर |
205/5 |
11 |
73846 |
4 |
शगुन गार्डन |
अब्दुल नदीम, अ.शोएब पिता अ. कम्यूम |
49/3 49/4 |
11 |
6000 |
(घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर में उल्लेखित शादी हॉल/मैरिज गार्डन के द्वारा भवन निर्माण अनुमति, अनुमोदित ले-आउट प्लान, विवाह स्थल का पंजीयन, फायर एन.ओ.सी. इत्यादि अनुमतियाँ नहीं ली गई है। शांति पैलेस एवं मंगल भवन द्वारा क्रमश: दिनांक 06.07.2011 एवं वर्ष 1986 में मात्र भवन निर्माण अनुमति ली गई है। (ड.) जी नहीं। नगर पालिका सेंधवा में उत्तरांश ''ग'' में उल्लेखित संबंधितों को वांछित अनुमतियाँ प्राप्त करने हेतु निकाय द्वारा सूचना पत्र जारी किये गये है। उत्तरांश ''ग'' में उल्लेखित शादी हॉल, मैरिज गार्डन, के संचालन के संबंध में नगरपालिका सेंधवा को लिखित में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कॉलोनियों को नगरीय क्षेत्र में शामिल किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
6. ( क्र. 104 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ के ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली नगरपालिका ब्यावरा के आसपास कितनी कॉलोनियां है जो नगरी क्षेत्र में जोड़ी नहीं गई है एवं उक्त कॉलोनियां किस ग्राम पंचायत व नगर पालिका में जुड़ी हुई है? (ख) उक्त कॉलोनियों में पेयजल विद्युत व्यवस्था सड़क निर्माण नाली निर्माण एवं साफ-सफाई कौन करवाता है। (ग) क्या इन कॉलोनियां के निवासी अपना मतदान नगरी क्षेत्र में कर रहे हैं यदि हाँ, तो इन्हें नगरी क्षेत्र में में कब तक जोड़कर समस्त सुविधाएं दी जा सकती है हाँ या नहीं। (घ) प्रश्न क्रमांक (ग) के अनुसार यदि हाँ, उक्त कॉलोनियों में कब तक पेयजल विद्युत व्यवस्था सड़क निर्माण नाली निर्माण वह साफ-सफाई का कार्य प्रारंभ किया जाएगा।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रश्नांकित क्षेत्र के आस-पास कुल 21 कॉलोनियां है एवं इनमें से 05 कॉलोनियां ग्राम पंचायत खुरी के ग्राम मोहनीपुरा एवं 02 कॉलोनियां ग्राम मोया, 02 कॉलोनियां ग्राम जामोन्याघाटा, 04 कॉलोनियां उम्मैदपुरा और 08 कॉलोनियां ग्राम कचनारिया में है, जो ग्राम पंचायत जामोन्याघाटा क्षेत्रान्तर्गत है। (ख) सड़क एवं नाली का निर्माण ग्राम पंचायत द्वारा किया जाता है एवं ग्राम पंचायत खुरी के ग्राम मोहनीपुरा स्थित कर्मचारी कॉलोनी में पेयजल एवं साफ-सफाई का कार्य नगरपालिका द्वारा एवं विद्युत व्यवस्था विद्युत मण्डल द्वारा की जाती है। शेष ग्राम पंचायतों की कॉलोनियों में संबंधित कॉलोनी प्रबंधन द्वारा प्रश्नांकित कार्य कराये जाते है। (ग) जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा नगरीय क्षेत्र की समय-समय पर पुनरीक्षित मतदाता सूची के आधार पर मतदाता मतदान करते है। उत्तरांश ''क'' अनुसार इन कॉलोनियों को नगरीय निकाय की सीमा में लाने के लिये सीमावृद्धि का कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन न होने से यह बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पेयजल पाइप-लाइन में अनियमितता की जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
7. ( क्र. 113 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ब्यावरा नगर पालिका क्षेत्र में नगरवासियों को आठ दिनों में नल से पानी प्राप्त हो रहा है यदि हाँ,तो क्या कारण है? यदि नहीं तो शासन द्वारा इसकी जाँच कर वास्तविकता का पता करवाया जायेगा? (ख) क्या ब्यावरा नगर पालिका क्षेत्र में पेयजल के लिए डाली गई पाइप-लाइन में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी होने की शिकायत सी.एम. हेल्पलाइन तथा अन्य माध्यम से शासन को की गई थी। (ग) यदि हाँ, तो किस-किस तारीख को कौन-कौन सी शिकायत प्राप्त हुई, उसका विवरण देवें? (घ) क्या इन शिकायतों की जांच की गई? यदि हाँ, तो जांच में कौन-कौन से अधिकारी/ठेकेदार दोषी पाए गये।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। निकाय द्वारा किये जा रहे जलप्रदाय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। ब्यावरा नगरपालिका क्षेत्र में पेयजल के लिए डाली गई पाईप-लाईन में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी होने संबंधी शिकायत निकाय को सी.एम. हेल्प लाईन एवं अन्य माध्यमों से प्राप्त नहीं हुई है। मात्र लीकेज संबंधी शिकायतें प्राप्त हुई थी जिनका निराकरण किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पावर स्टेशन की राख का परिवहन
[ऊर्जा]
8. ( क्र. 125 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पावर जनरेटिंग कम्पनी जबलपुर वर्तमान में किस-किस पावर हाऊस का संचालन कर रही है इसमें से किस-किस पावर हाऊस में प्रतिदिन कितने कोयले का उपयोग किया जा रहा है उससे प्रतिदिन कितनी राख निकल रही है। (ख) किस पावर हाऊस से निकली कितनी-कितनी राख को गत तीन वर्षों में सड़क निर्माण करने वालों को सप्लाई किया गया, राख की सड़क निर्माण में सप्लाई किए जाने से संबंधित परिवहन का अनुबंध किस दिनांक को किससे हुआ, अनुबंध की प्रति सहित बतावें। (ग) किस पावर हाऊस के तीन सौ किलोमीटर के दायरे में किस विभाग के द्वारा किस अनुबंधकर्ता से बनवाई गई किस रोड के लिए कितनी राख उपलब्ध करवाए जाने का मांग पत्र किस पावर हाऊस प्रबंधन या पावर जनरेटिंग कम्पनी को प्राप्त हुआ। (घ) पावर हाऊस की राख के उपयोग के संबंध में किस-किस दिनांक को भारत के राजपत्र में अधिसूचना का प्रकाशन किया, किस-किस दिनांक को उस अधिसूचना में क्या-क्या संशोधन किया गया?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी द्वारा वर्तमान में संचालित ताप विद्युत गृहों में प्रतिदिन किये जा रहे कोयले का उपयोग एवं प्रतिदिन निकल रही राख का विद्युत गृहवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी के सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारणी तथा श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना दोंगलिया, जिला खण्डवा में निकली राख का सड़क निर्माण हेतु विगत तीन वर्षों में उपयोग नहीं किया गया है। अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई एवं संजय गांधी ताप विद्युत गृह बिरसिंहपुर द्वारा विगत तीन वर्षों में निकली राख को सड़क निर्माण हेतु सप्लाई किया गया है। राख का परिवहन सड़क निर्माण एजेंसी द्वारा स्वयं के व्यय पर किया गया है, अत: अनुबंध की प्रति उपलब्ध किये जाने का प्रश्न नहीं उठता है। उपयोग में लाई गई राख का विद्युत गृहवार विवरण निम्नानुसार है:-
ताप विद्युत गृह |
वित्तीय वर्ष 2019-20 |
वित्तीय वर्ष 2020-21 |
वित्तीय वर्ष 2021-22 |
अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई |
8821 |
2995 |
3498 |
संजय गांधी ताप विद्युत गृह बिरसिंहपुर |
8328 |
5662 |
21280 |
(ग) म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी द्वारा संचालित ताप विद्युत गृहों में तीन सौ किलोमीटर के दायरे में विभिन्न विभागों द्वारा राख उपलब्ध कराये जाने के संबंध में प्राप्त मांग पत्र एवं राख की मात्रा का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। राख परिवहन के व्यय को म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा दिसम्बर 2021 में प्रारूप अधिनियम द्वारा मान्य किया जाना प्रस्तावित है। फाईनल अधिनियम में मान्य किये जाने की संभावना के दृष्टिगत विद्युत गृहों में राख के परिवहन बाबत् टेंडर प्रक्रियाधीन है। (घ) भारत सरकार द्वारा पावर हाऊस की राख के उपयोग के संबंध में समय-समय पर अधिसूचना जारी की गयी है। इस संबंध में दिनांक 14 सितम्बर 1999 को भारत के राजपत्र में अधिसूचना का प्रकाशन किया गया। अधिसूचना में दिनांक 27.08.2003 तथा दिनांक 03 नवम्बर 2009 एवं 25 जनवरी 2016 को संशोधन का प्रकाशन किया गया। पुरानी सभी अधिसूचनाओं को अधिक्रमित करते हुए नवीनतम अधिसूचना राजपत्र 31 दिसम्बर 2021 में जारी की गयी है। 14 सितम्बर 1999 से 31 दिसम्बर 2021 के द्वारा जारी अधिसूचनाओं में, जो मुख्य संशोधन हुए हैं, उसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
डिस्ट्रिक मेजर रोड एवं राष्ट्रीय मार्ग की निर्धारित चौड़ाई
[लोक निर्माण]
9. ( क्र. 126 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल, हरदा, इन्दौर मार्ग को डिस्ट्रिक मेजर रोड किस दिनांक को घोषित किया, राज्य मार्ग एवं राष्ट्रीय राजमार्ग किस दिनांक को घोषित किया, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकारण को किस दिनांक को सौंपा गया। (ख) डिस्ट्रिक मेजर रोड, राज्य मार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए कितनी-कितनी चौड़ाई शासन द्वारा निर्धारित की गई उसके अनुसार वन ग्राम टांडा, कुरसना, गवासेन, खोकराखेड़ा एवं ढेकना की कितनी-कितनी वन भूमि की वन विभाग से किस आदेश क्रमांक दिनांक से अनुमति प्राप्त की गई। (ग) किस-किस वनग्राम की सड़क निर्माण हेतु आवंटित करवाई गई कितनी भूमि उस वन ग्राम के 1980 में बनाए गए खसरा पंजी एवं पटवारी मानचित्र में किस-किस पट्टेधारी के नाम पर दर्ज थी उस पट्टेधारी को मुआवजा दिए जाने का प्रकरण प्रश्नांकित दिनांक तक भी नहीं बनाए जाने का क्या कारण रहा है।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) बैतूल, हरदा, इन्दौर मार्ग ग्रामीण मार्ग से दिनांक 12 अक्टूबर 2000 में राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया गया था, यह मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को नहीं सौंपा गया है। (ख) बैतूल, हरदा, इन्दौर राष्ट्रीय राजमार्ग के कि.मी. 182 से 266/6 में 2-लेन विथ पेव्हड शोल्डर (10 मीटर चौड़ा) का निर्माण कार्य किया गया है, जिसके अनुसार उक्त मार्ग के मध्य वनग्राम टाण्डा में 10 मीटर, कुरसना में 10 मीटर, गवासेन में 12 मीटर, खोकराखेड़ा में 12 मीटर एवं ढ़ेकना में 7 मीटर चौड़ाई में मार्ग का निर्माण विद्यमान आर.ओ.डब्ल्यू. में करा लिया गया है एवं कोई भी अतिरिक्त जमीन अधिकृत नहीं की गई है एवं न ही वन विभाग से अतिरिक्त भूमि अर्जित की गई है एवं शेष जानकारी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्टि अनुसार है। (ग) किसी भी वन ग्राम में सड़क निर्माण हेतु कोई भी भूमि का अर्जन रा.रा. परिक्षेत्र के अंतर्गत नहीं किया गया है। जानकारी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्टि अनुसार है।
ट्रांसफार्मर बदलने हेतु वाहन व्यवस्था
[ऊर्जा]
10. ( क्र. 145 ) श्री रामपाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 25 जून 2022 की स्थिति में रायसेन जिले की तहसील बेगमगंज एवं सिलवानी में जले एवं खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने हेतु विभाग के पास कितने वाहन उपलब्ध हैं? (ख) क्या यह सत्य है कि बेगमगंज एवं सिलवानी में जले एवं खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने हेतु वाहन उपलब्ध नहीं हैं? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा कब तक वाहन उपलब्ध कराया जायेगा? (ग) 25 जून 2022 की स्थिति में बेगमगंज एवं सिलवानी तहसील में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत कितने वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित हुए है उनमें से किन-किन स्थानों के वितरण ट्रांसफार्मर चोरी हो गये तथा विभाग के अधिकारियों ने क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) 1 अप्रैल 2021 से 25 जून 2022 की स्थिति में प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संबंध में मान. ऊर्जा मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) 25 जून 2022 की स्थिति में रायसेन जिले की तहसील बेगमगंज एवं तहसील सिलवानी के अंतर्गत जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने हेतु क्रमश: 4 एवं 2 वाहन उपलब्ध हैं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) 25 जून 2022 की स्थिति में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत बेगमगंज तहसील में 1783 एवं सिलवानी तहसील में 3237, इस प्रकार कुल 5020, वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये हैं। दिनांक 25 जून 2022 की स्थिति में उक्त स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों में से किसी वितरण ट्रांसफार्मर के चोरी हो जाने संबंधी कोई भी प्रकरण म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संज्ञान में नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (घ) 1 अप्रैल 2021 से 25 जून 2022 तक की स्थिति में प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संबंध में माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय से प्राप्त पत्रों एवं उन पर आज दिनांक तक की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
जले एवं खराब ट्रांसफार्मर बदले जाना
[ऊर्जा]
11. ( क्र. 146 ) श्री रामपाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 25 जून 2022 की स्थिति में रायसेन एवं बरेली संभाग के किन-किन ग्रामों के ट्रांसफार्मर जले एवं खराब है उनको क्यों नहीं बदला जा रहा है तथा कब तक बदल दिया जायेगा? (ख) 25 जून 2022 की स्थिति में रायसेन जिले में किन-किन ग्रामों तथा स्थानों के ट्रांसफार्मर चोरी हो गये है या अन्य व्यक्ति उतारकर ले गये है इस संबंध में विभाग के अधिकारियों ने क्या-क्या कार्यवाही की? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में माननीय मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को 1 जनवरी 2022 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र कब प्राप्त हुए तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नकर्ता विधायक के पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं हुआ कारण बताये तथा निराकरण कब तक होगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) दिनांक 25 जून 2022 की स्थिति में संचालन-संधारण, वृत्त रायसेन के संचालन-संधारण, संभागों रायसेन एवं बरेली अंतर्गत क्रमश: 5 एवं 26 वितरण ट्रासंफार्मर जले/खराब थे। उक्त जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने (50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने अथवा कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा होने) के उपरान्त उक्त ट्रांसफार्मरों को नियमानुसार बदल दिया गया है। उक्त वितरण ट्रांसफार्मरों का ग्रामवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) प्रश्न दिनांक की स्थिति में प्रश्नाधीन क्षेत्र में वितरण ट्रांसफार्मर चोरी हो जाने अथवा अन्य व्यक्ति द्वारा उतारकर ले जाने से संबंधित जानकारी निरंक है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में प्रश्नाधीन अवधि में माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के कुल 06 पत्र प्राप्त हुए हैं जिनमें उल्लेखित सभी समस्याओं पर म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की गई है, जिसकी प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
नगर पालिका/परिषदों के अधिकारियों के अधिकार
[नगरीय विकास एवं आवास]
12. ( क्र. 161 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि मुख्य नगर पालिका/नगर परिषद अधिकारी को बिना अध्यक्ष/प्रशासक की स्वीकृति के कितनी राशि के भुगतान किये जाने का प्रावधान है एवं एक माह/तीन माह/छ: माह/एक वर्ष में इस प्रकार के कितने भुगतान किये जाने के अधिकार है? (ख) यदि हाँ, तो नगर पालिका सबलगढ़/नगर परिषद झुण्डपुरा/नगर परिषद कैलारस जिला मुरैना में जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक ऐसे कितने-कितने भुगतान किस-किस कार्य हेतु किये गये है? कार्यों का विवरण, राशि, कार्य एजेंसी का नाम, सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) म.प्र. नगर पालिका (लेखा एवं वित्त) नियम 2018 के नियम 237 एवं 239 के अंतर्गत मुख्य नगर पालिका अधिकारी को नगर पालिका की स्थिति में राशि रू.1.00 लाख एवं नगर परिषद की स्थिति में राशि रू. 50.00 हजार की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति के अधिकार है। नियम 165 (1) के अंतर्गत नगर पालिकाओं की दिन प्रतिदिन की गतिविधियों के लिये उल्लेखित आवर्ती व्यय का भुगतान मुख्य नगर पालिका अधिकारी और लेखा एवं वित्त विभाग के प्रमुख द्वारा संयुक्त रूप से हस्ताक्षर कर किये जाने का प्रावधान है। मासिक, त्रैमासिक, छ:माही एवं वर्ष में भुगतान किये जाने की संख्यात्मक सीमा निर्धारित नहीं है। (ख) नगर पालिका परिषद सबलगढ़ द्वारा किये गये भुगतानों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार, नगर परिषद झुण्डपुरा द्वारा किये गये भुगतानों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' एवं नगर परिषद कैलारस द्वारा किये गये भुगतानों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है।
स्वीकृत मार्गों की अद्यतन स्थिति
[लोक निर्माण]
13. ( क्र. 164 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 03 सबलगढ़ में वर्ष 2020 में झुण्डपुरा से करजोनी, और नैपरी बृजगढ़ी रोड से किरावली बेहड तक पहुँच मार्ग स्वीकृत किये गये थे? यदि हाँ तो (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में उक्त स्वीकृत मार्गों की अद्यतन स्थिति क्या है बतावें एवं उक्त मार्गों की कार्य अवधि कब तक थी? (ग) उक्त मार्गों के विलम्ब के लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी एवं कार्य एजेंसी दोषी है एवं दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है यदि नहीं तो कार्यवाही कब तक की जावेगी? समय-सीमा बतावें। (घ) क्या यह भी सही है कि जौरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत आंतरी से भिलसैया वाया बाबू पुरा मार्ग स्वीकृत होकर टेण्डर प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद भी प्रश्न दिनांक तक कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है क्यों? कारण बतायें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जौरा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत आंतारी से भिलसैया वाया बाबू पुरा मार्ग स्वीकृत नहीं अपितु आंतारी से भिलसैया मार्ग कुल लंबाई 3.50 कि.मी. स्वीकृत, जिसका वर्तमान में कार्य प्रगति पर है।
कैबिनेट मीटिंग के निर्णयों पर अमल
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( क्र. 203 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले में आयोजित कैबिनेट मीटिंग के दौरान शहर हित में लिये गए अधोसंरचना विकास से संबंधित लिये गए निर्णयों पर अब तक अमल नहीं किया गया? (ख) यदि हाँ तो कैबिनेट मीटिंग के निर्णयों पर अब तक अमल नहीं किए जाने को लेकर स्थिति स्पष्ट करें। (ग) क्या जबलपुर में आयोजित कैबिनेट मीटिंग के दौरान शहर विकास को लेकर किन-किन परियोजनाओं को स्वीकृत एवं प्रस्तावित किया गया था? (घ) कैबिनेट मीटिंग के दौरान जबलपुर के विकास के लिए प्रस्तावित एवं स्वीकृत परियोजनाओं की वर्तमान स्थिति से अवगत करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
प्रदेश सरकार द्वारा विदेशी कोयले की खरीदी
[ऊर्जा]
15. ( क्र. 212 ) श्री तरूण भनोत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा प्रदेश के ऊर्जा विभाग को विदेशी कोयला खरीदी प्रक्रिया फिर से शुरू करने को कहा गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा कोयला खरीदी की प्रक्रिया की जा रही है और कितनी मात्रा में कोयला खरीद को मंजूरी दी गई है? (ग) क्या यह सही है कि स्वयं के द्वारा कोयले की खरीद पर शासन को अतिरिक्त वित्तीय भार उठाना पड़ सकता है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा नहीं अपितु विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दिसम्बर 2021 में विद्युत उत्पादन कंपनियों को विदेशी कोयला खरीदी प्रक्रिया प्रारंभ करने हेतु निर्देशित किया गया है। (ख) म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के दृष्टिगत 7.50 लाख मीट्रिक टन कोयला क्रय करने की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। साथ ही कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा राज्यों को आयातित कोयले की आवश्यकता की पूर्ति हेतु जारी की गई एकीकृत निविदा में, म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी हेतु 2 लाख मीट्रिक टन (सितम्बर, 2022 तक के लिये) विदेशी कोयला क्रय किये जाने की सहमति कोल इंडिया लिमिटेड को प्रदान की गई है। (ग) जी हाँ, विदेशी कोयला क्रय से म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी पर अतिरिक्त वित्तीय भार आयेगा।
जले हुये विद्युत ट्रांसफार्मर एवं केबल बदले जाना
[ऊर्जा]
16. ( क्र. 258 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड जवा एवं विकासखण्ड सिरमौर अंतर्गत कुल ऐसे कितने ग्राम हैं जहाँ ट्रांसफार्मर एवं विद्युत केबल जले हुए हैं? ग्रामवार विवरण उपलब्ध करावें। (ख) क्या यह सत्य है कि विकासखण्ड जवा अंतर्गत ग्राम भनिगवां लोहारन टोला, ग्राम कर्रौं कुठिला, ग्राम बौसड़वा, ग्राम छतैनी, ग्राम उसकी, ग्राम बरौंहा अतरैला, बरहुला गींजातर के ट्रांसफार्मर जले हुए हैं? यदि हाँ, तो क्या कारण है कि लंबे समय से उच्चाधिकारियों को कई बार मौखिक आग्रह करने के बाद भी जले हुए ट्रांसफार्मर नहीं बदले गए? कब तक ऐसे समस्त ट्रांसफार्मर एवं जली हुई केबिल बदली जावेगी? कृपया समय-सीमा बतावें। (ग) क्या यह सत्य है कि विकासखण्ड सिरमौर के ग्राम कोचरी सदहना हरिजन बस्ती की केबल खराब है? यदि हाँ, तो कब तक केबल बदली जावेगी? कृपया समय-सीमा बतावें। प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में कर्तव्य के प्रति उदासीनता रखने वाले ऐसे अधिकारी कर्मचारियों के विरुद्ध विभाग द्वारा क्या दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी। यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत रीवा जिले के विकासखण्ड जवा एवं विकासखण्ड सिरमौर अंतर्गत 21 ग्रामों में 24 वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब हैं तथा 49 ग्रामों में 65 स्थानों पर केबिल जली/खराब है। उक्त जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों एवं जली/खराब केबिल का ग्रामवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जी नहीं, प्रश्नाधीन सभी ग्रामों के जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने (50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने पर अथवा कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा होने पर) के उपरांत बदल दिये गये है, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। उक्त ग्रामों में केबिल जलने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ग) विकासखण्ड सिरमौर के ग्राम कोचरी एवं सदहना हरिजन बस्ती की खराब केबिल का सुधार कार्य दिनांक 25.06.2022 को पूर्ण कर संबंधित उपभोक्ताओं का विद्युत प्रवाह सुचारू रूप से चालू कर दिया गया है। उक्त ग्राम सहित प्रश्नाधीन समस्त ग्रामों को आर.डी.एस.एस. योजना में सम्मिलित कर लिया गया है। उक्त योजना की स्वीकृति केन्द्र शासन से प्राप्त हो चुकी है तथा योजना के क्रियान्वयन हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निविदा कार्यवाही पूर्ण होने पर क्रियान्वयन एजेन्सी का चयन कर केबिल बदलने के उक्त कार्य सहित योजना में प्रावधानित कार्य किये जायेगे। अत: वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव, नहीं है। प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में फेल ट्रांसफार्मरों को नियमानुसार बकाया राशि जमा होने पर पात्रता की श्रेणी में आने पर ही बदला जाता है तथा प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित ग्रामों के वितरण ट्रांसफार्मरों को संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने के उपरांत बदल दिया गया है, अत: किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता।
प्रदेश के बाहर के वाहनों के चालान
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( क्र. 289 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्मार्ट सिटी जबलपुर द्वारा परिवहन नियमों का पालन न करने वाले वाहनों के चालान किये जाते हैं? (ख) क्या प्रदेश के बाहर के वाहनों के चालान किए गए हैं? यदि हाँ, तो गत 1 वर्ष में किये गये चालानों की सूची देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत कितनी राशि वसूल की गई? कितनी राशि वसूली योग्य शेष है? (घ) क्या वसूली हेतु प्रयत्न किये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या प्रयत्न किये गए हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, स्मार्ट सिटी जबलपुर द्वारा इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS)/इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (ICCC) के माध्यम से परिवहन नियमों का पालन न करने वाले ऐसे वाहनों के, जो मोटर व व्हीकल एक्ट के अंतर्गत पंजीकृत है, चालान किये जाते है। चालान संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जी नहीं, वर्तमान में जबलपुर स्मार्ट सिटी के इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS) प्रोजेक्ट के माध्यम से, प्रदेश के बाहर के वाहनों के चालान नहीं बनाये जा रहे है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। पूरक जानकारी संलग्न परिशिष्ट- ब अनुसार है।
गधेरी के तालाबों का ठेका
[नगरीय विकास एवं आवास]
18. ( क्र. 292 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर के नगर निगम वार्ड क्र. 79 गधेरी के तालाबों को ठेके पर न देने के कारण कुछ लोगों द्वारा अवैध कब्जा कर लिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो नगर निगम द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या यह सही है कि गधेरी के तालाब नगर निगम जबलपुर के अधीन आने के पहले 2015 से पूर्ववर्ती वर्षों में लगातार मछली एवं सिंघाड़ा उत्पादन हेतु ठेके पर दिये जाते थे? जिससे राजस्व आय के साथ-साथ रोजगार भी उपलब्ध होता था. (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार नगर निगम द्वारा ठेके पर क्यों नहीं दिये गए? क्या अब ठेके पर देकर तालाबों का अस्तित्व सुरक्षित किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं है। (ग) जी हाँ, ग्राम गधेरी के तालाब वर्ष 2014-15 के पूर्व सिंघाड़ा खेती एवं मछली पालन हेतु ग्राम पंचायत/जनपद पंचायत से रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पट्टे दिये जाने का प्रावधान था। वर्तमान में उक्त क्षेत्र से किसी भी आवेदक अथवा समिति का आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। (घ) मछुआ नीति के अनुसार तालाबों का आंवटन उक्त क्षेत्र की समिति अथवा आवेदक के द्वारा मांग करने पर तालाब के अस्तित्व को सुरक्षित रखने की शर्त के अनुसार 10 वर्षीय पट्टे दिये जाने का प्रावधान है। वर्तमान में उक्त क्षेत्र से किसी भी आवेदक अथवा समिति का आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है।
मार्ग पर पुलों का निर्माण
[लोक निर्माण]
19. ( क्र. 316 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलारस विधानसभा अंतर्गत ग्राम लुकवासा से ग्राम सोनपुरा तक स्वीकृत सड़क मार्ग की कुल लंबाई व क्या लागत है? तथा क्या उक्त मार्ग पर सड़क निर्माण के साथ पुल निर्माण कार्य भी स्वीकृत होकर निविदा शर्तों में शामिल था? यदि हाँ, तो कितने स्थानों पर कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी लागत के पुलों का निर्माण होना है? निविदा अनुसार सड़क एवं पुल निर्माण के प्रारंभ एवं पूर्ण होने की निश्चित तिथि क्या थीं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त मार्ग पर यदि पुलों का निर्माण कार्य प्रस्तावित था तो क्या निर्माण कार्य प्रारंभ हो कर पूर्ण हो चुका है? यदि नहीं तो वर्तमान में पुल निर्माण की वस्तुस्थिति से अवगत करावें तथा उक्त मार्ग पर बिना पुल निर्माण किए यात्रियों का आवागमन कैसे संभव हो पा रहा है? तथा वर्तमान में सड़क निर्माण की क्या सार्थकता है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित मार्ग पर कब तक पुलों का निर्माण कर दिया जाएगा? विभाग द्वारा पुल निर्माण हेतु अब तक की गई संपूर्ण कार्यवाही की जानकारी दें? पुल निर्माण के विलम्ब के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? तथा विभाग उन पर क्या कार्यवाही करेगा?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव )
: (क) स्वीकृति
सड़क मार्ग की
कुल लंबाई 31.62
कि.मी. एवं
स्वीकृति लागत
राशि रू. 2586.29
लाख। जी हाँ।
कि.मी. 13/6,
16/6, 23/8
एवं 24/10 पर 6x6
मीटर (3 मीटर ऊंचाई)
पुलों का
प्रावधान था।
प्रत्येक पुल
हेतु राशि रू. 57.73
लाख अर्थात
कुल राशि रू. 231.00
लाख स्वीकृत
थी। प्रारंभ
की तिथि 03.04.2017
एवं पूर्ण
करने की तिथि 03.06.2020। (ख) जी नहीं।
प्रश्नांश (क) के
उत्तर में
उल्लेखित 4
नग पुलों के
निर्माण हेतु
स्वीकृति
राशि अपर्याप्त
होने से मात्र
2 पुल का
निर्माण किया
जा सकता है। विवरण
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है।
मार्ग पर बिना
पुलों के अधिक
वर्षाकाल को
छोड़कर आवागमन
चालू रहता है।
मार्ग पर
यातायात
सुचारू रूप से
चालू है। (ग) विवरण
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। शेष बचे 2
पुलों के
निर्माण हेतु
वर्तमान में
कोई कार्रवाई
प्रचलन में
नहीं है।
विलंब हेतु
कोई अधिकारी
कर्मचारी
दोषी नहीं।
परिशिष्ट
- "बारह"
सड़कों की प्रशासकीय स्वीकृति
[लोक निर्माण]
20. ( क्र. 348 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर के अंतर्गत वर्ष 2022-23 के बजट में नवीन सड़कें निर्माण हेतु सम्मिलित की गई है? यदि हाँ, तो सड़कों के नाम व उनके विरूद्ध स्वीकृत राशि की जानकारी एवं क्या सड़कों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है? यदि नहीं तो कब तक जारी की जावेगी? (ख) मध्यप्रदेश के अंतर्गत बजट 2022-23 में कुल कितनी नवीन सड़कों को निर्माण हेतु सम्मिलित की गई है? जिलेवार सड़कों की संख्या बतावें। उनके विरूद्ध किस-किस जिले की कितनी-कितनी सड़कों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है? जिलेवार जानकारी देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। शेष निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) बजट वर्ष 2022-23 में कुल 835 नवीन सड़कें, विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
रिक्त पदों की पद पूर्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( क्र. 426 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले के विधानसभा क्षेत्र जबेरा अंतर्गत नगर परिषद् तेंदूखेड़ा में कुल कितने पद अधिकारियों/कर्मचारियों के स्वीकृत हैं, स्वीकृत पदों के विरुद्ध कितने पद भरे हैं, तथा कितने पद रिक्त है यदि पद रिक्त हैं तो रिक्त पदों की पद पूर्ति कब तक की जाएगी? (ख) क्या यह सही है कि नगर परिषद तेंदूखेड़ा में मुख्य नगर पालिका अधिकारी, लेखापाल, कैशियर, सहायक वर्ग 2, सहायक वर्ग 3, पंप अटेंडेंट, सफाई दरोगा के सभी पद रिक्त हैं यदि हाँ, तो शासन द्वारा अधिकारियों/कर्मचारियों के रिक्त पदों की पूर्ति के लिए क्या कार्यवाही की गई है यदि नहीं तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। श्री भैयालाल सिंह मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पालिका परिषद् दमोह जिला दमोह को कलेक्टर जिला दमोह द्वारा आदेश क्रमांक 1510, दिनांक 30.11.2021 द्वारा नगर परिषद् तेंदुखेड़ा जिला दमोह का प्रभार दिया गया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी, हाँ। श्री भैयालाल सिंह मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद् दमोह, जिला दमोह को कलेक्टर जिला दमोह द्वारा आदेश क्रमांक 1510, दिनांक 30.11.2021 द्वारा नगर परिषद् तेंदुखेड़ा जिला दमोह का प्रभार दिया गया है। शेष रिक्त पदों की पूर्ति हेतु संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास के पत्र क्रमांक 17461, दिनांक 12.10.2021 द्वारा समस्त संभागीय संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास को निकायों में प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड से सीधी भर्ती के द्वारा रिक्त पदों की पूर्ति करने हेतु प्रस्ताव चाहे गये है। पदों को भर्ती करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सागर नदी पर उच्च स्तरीय पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
22. ( क्र. 427 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले की केवलारी विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत सिवनी एवं केवलारी विकासखंड के ग्राम पोंगार एवं भालीवाड़ा के बीच सागर नदी पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण किये जाने हेतु इस कार्यालय के पत्र क्रमांक 31/नि.स./दिनांक 17.01.2019 को पत्र जारी किया गया था? यदि हाँ, तो क्या लोक निर्माण विभाग सेतु निर्माण संभाग के द्वारा सेतु निर्माण स्थल का निरीक्षण/सर्वेक्षण किया गया है? (ख) क्या यह सही है कि, प्राथमिक सर्वेक्षण के आधार पर प्रथम स्तरीय प्राक्कलन तैयार कर वरिष्ठ कार्यालय को राशि 346.00 लाख का प्रस्ताव भेजा गया है? यदि हाँ, तो आज दिनांक तक प्रथम स्तरीय प्राक्कलन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों कारण सहित बतावें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के अनुसार प्रथम स्तरीय प्राक्कलन (मय इंडेक्स टोपो शीट 55 एन.11, 55एन.12 55एन.15 55एल.16) शासन के पास लंबित है? कब तक शासन के द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। स्थान का निरीक्षण किया गया। (ख) जी हाँ। दोनों गाँव पोंगार एवं भालीवाड़ा प्रधनामंत्री ग्रामीण सड़क योजनान्तर्गत निर्मित मार्ग से जुड़े है। पुल निर्माण हेतु इस विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क में होने के कारण। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हिर्री नदी पर उच्च स्तरीय पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
23. ( क्र. 428 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले की केवलारी विधानसभा क्षेत्र के विकासखंड केवलारी के ग्राम रतनपुर से कातोली के मध्य हिर्री नदी एवं पर उच्च स्तरीय पुल निर्माण किये जाने हेतु इस कार्यालय के पत्र क्रमांक 32/नि.स./2019 दिनांक 17.01.2019 को पत्र जारी किया गया था? यदि हाँ, तो क्या लोक निर्माण विभाग सेतु निर्माण संभाग के द्वारा सेतु निर्माण स्थल का निरीक्षण/सर्वेक्षण किया गया है? (ख) क्या यह सही है कि प्राथमिक सर्वेक्षण के आधार पर प्रथम स्तरीय प्राक्कलन तैयार कर वरिष्ठ कार्यालय को राशि 523.00 लाख का प्रस्ताव भेजा गया है? यदि हाँ, तो आज दिनांक तक प्रथम स्तरीय प्राक्कलन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के अनुसार प्रथम स्तरीय प्राक्कलन (मय इंडेक्स टोपो शीट 55एन.16, 55एन.4) शासन के पास लंबित है? कब तक शासन के द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना मार्ग होने से कोई कार्यवाही नहीं की गई। प्रधानमंत्री ग्रामीण मार्ग में होने से। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
टोल बूथ की स्थापना
[लोक निर्माण]
24. ( क्र. 436 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिला मुख्यालय से गुजरने वाले नागदा-गुजरी सीमेंटेड टू-लेन मार्ग का निर्माण विभाग द्वारा किस योजना अंतर्गत किस वर्ष किया गया था? (ख) क्या यह सच है कि उक्त मार्ग का निर्माण मुख्यमंत्री जी की घोषणा के क्रम में हुआ था? जिसकी घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री जी द्वारा कहाँ गया था कि आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र का यह मार्ग टोल-फ्री मार्ग रहेगा? (ग) क्या धार जिला मुख्यालय के पास ग्राम तोरनोद में इस मार्ग पर टोल स्थापित किया जा रहा है? यदि हाँ तो वाहन के प्रकार के हिसाब से वाहनवार क्या टोल दर रहेगी? (घ) जब लगभग 7 वर्ष पूर्व से निर्मित टू-लेन सीमेंटेड मार्ग पर निर्बाद्ध व सुगमता से यातायात चल रहा है तथा शासन व एजेन्सी को मार्ग निर्माण हेतु राशि की कोई देनदारी शेष नहीं होने के उपरांत भी इस मार्ग पर ग्राम तोरनोद के पास टोल स्थापित किये जाने को आम जनता आर्थिक बोझ मानती है तथा इससे क्षेत्रवासी आक्रोश में है, इसके समाधान हेतु विभाग के पास क्या योजना है तथा जनता से सौहार्द बनाये रखने हेतु विभाग क्या कार्रवाई करेगा? (ङ) क्या जनता के हीत में नागदा-गुजरी मार्ग को यथावत टोल-फ्री मार्ग ही रखे जाने की कार्रवाई की जावेगी।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) नागदा-गुजरी मार्ग का निर्माण ई.पी.सी. योजना अंतर्गत वर्ष 2018 में पूर्ण किया गया है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। टोल दरे निम्नानुसार है-1- हल्के वाणिज्यिक वाहन (एल.सी.वी) - 35 रू.2- ट्रक - 80 रू.3- मल्टी एक्सेल ट्रक - 165 रू. (घ) उल्लेखित मार्ग के केवल नागदा-धार खंड पर यात्री वाहन जैसे कार जीप बस इत्यादि को टोल से छूट प्राप्त है। इस कारण मार्ग पर आवागमन करने वाले आम जनता को रियायत प्रदान की गई है। मार्ग पर संचालित टोल नाके से शासन को राजस्व प्राप्त होगा एवं प्राप्त राजस्व से प्रदेश के मार्गों का संधारण व उन्नयन किए जाने में सुलभता होगी। (ङ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र तक विस्तार
[नगरीय विकास एवं आवास]
25. ( क्र. 438 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सच है कि इन्दौर नगरीय क्षेत्र में मेट्रो रेल परियोजना का कार्य प्रगतिरत है? (ख) क्या इन्दौर की बढ़ती जनसंख्या के दबाव को नियंत्रित करने हेतु आस-पास के नगर या बड़े कस्बों तक उक्त मेट्रो परियोजना का विस्तार कर इन बड़े नगरों को इन्दौर से जोड़ने की किसी कार्य योजना पर कार्य किया जा रहा है? यदि नहीं तो क्या इस विस्तार हेतु योजना प्रस्तावित कि जावेगी? (ग) क्या इन्दौर से सटे पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र की विभिन्न इकाईयों में कार्य करने हेतु इन्दौर से बड़ी संख्या में श्रमिक, इंजीनियर, कामगार, व्यापारी एवं अन्यकर्मी प्रतिदिन आना-जाना करते है? क्या इनके प्रतिदिन के आवागमन हेतु मेट्रो परियोजना से जोड़ने पर सुविधाजनक होगा? क्या मेट्रो परियोजना से उपनगरीय व औद्योगिक क्षेत्र से आवागमन सुलभ होकर सड़क मार्ग पर दबाव कम होता है? क्या भविष्य की आवश्यक्ताओं को दृष्टिगत रखते हुए इन्दौर मेट्रो से पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र को जोड़ने के प्रस्ताव एवं योजना बनाने की कार्रवाई विभाग करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ (ख) एवं (ग) इंदौर से पीथमपुर वाया महु तथा इंदौर से उज्जैन वाया सॉवेर के मध्य रीजनल रेपिड ट्रांजिट सिस्टम की साध्यता के अध्ययन का कार्य दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड को प्रदाय किया गया है।
रोड का चौड़ीकरण एवं डिवाईडर निर्माण की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
26. ( क्र. 449 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि नगरपालिका सिहोरा अंतर्गत पुराना एनएच 7 में विजय रेस्टोरेन्ट से मझौली बायपास तक नगर सौन्दर्यीकरण हेतु रोड चौड़ीकरण एवं डिवाईडर वा सेन्टर लाइटिंग कार्य की स्वीकृति प्रदान करते हुए 2022-23 के बजट में शामिल कर 5.64 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की गई है? (ख) प्रमुख अभियंता नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल के पत्र क्रमांक 6466 दिनांक 23.05.2022 के द्वारा 566.33 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान करते हुए 3.00 करोड़ नगरपालिका सिहोरा को प्रदाय किये गये है शेष राशि निकाय द्वारा वहन करने हेतु लिखा गया है, किन्तु नगरपालिका सिहोरा की वित्तीय स्थति ठीक नहीं है जिससे कार्य अधूरा रह जावेगा? (ग) क्या शासन प्रश्नांश (क) अनुसार कार्य पूर्ण किये जाने हेतु बजट में पारित अनुसार पूरी राशि रूपये 566.33 लाखनगर पालिका परिषद सिहोरा को प्रदान करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगरपालिका सिहोरा अंतर्गत पुराना एन एच 7 में विजय रेस्टोरेन्ट से मझौली बायपास तक नगर सौन्दर्यीकरण हेतु रोड चौड़ीकरण एवं डिवाईडर व सेन्टर लाईटिंग का कार्य बजट 2022-23 में अनुदान मांग संख्या 22 में सम्मिलित किया गया है। (ख) जी हाँ, अपितु ''मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना निर्माण'' योजना के तहत उपलब्ध वित्तीय संसाधन अनुसार रूपये 300 लाख की राशि स्वीकृत करते हुये, वित्तीय शक्तियों के प्रत्यायोजन अनुसार आयुक्त के अनुमोदन उपरांत राशि रूपये 566.33 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। शेष राशि का वहन निकाय को अपने संसाधनों से कराना निर्धारित है। राशि की उपलब्धता अनुसार कार्य किया जा सकेगा। (ग) योजना में उपलब्ध वित्तीय संसाधनों अनुरूप स्वीकृति दी गई है, शेष राशि उपलब्ध कराना संभव नहीं है।
ऑडिटोरियम का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
27. ( क्र. 485 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय नोटशीट क्रमांक 1545/CAMS/SMS/2021 दिनांक 23.12.2021 के आधार पर राजगढ़ नगर में ऑडिटोरियम निर्माण हेतु वित्त वर्ष 2021-22 में विशेष निधि मद से राशि रू. 145.94 लाख जारी की जा चुकी हैं? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त ऑडिटोरियम का कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है? कितनी राशि व्यय हो चुकी हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या प्रश्न दिनांक तक ऑडिटोरियम का निर्माण नहीं हुआ हैं? तो क्या स्वीकृति आदेश के विरूद्ध उक्त राशि किसी अन्य कार्य में व्यय हुई? यदि हाँ, तो किस नियम से हुई? नियम सहित जानकारी दें? यदि कोई अनियमित्ता हुई हैं? तो क्या शासन दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका राजगढ़ को वित्तीय वर्ष 2021-22 हेतु संचालनालय के आदेश दिनांक 01/02/22 से राशि रूपये 75.00 लाख एवं आदेश दिनांक 11/03/2022 के राशि रूपये 70.94 लाख इस प्रकार निकाय को अन्य कुल कार्यों हेतु राशि रूपये 145.94 लाख जारी की गई है किन्तु ऑडिटोरियम निर्माण कार्य हेतु निकाय को कोई भी राशि जारी नहीं की गई। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रमुख सचिव लो.नि.वि. को लिखे गये पत्र पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
28. ( क्र. 486 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता विधायक ने जावक क्रमांक 166 दिनांक 20/06/22 द्वारा राजगढ़ विधानसभा की 06 सड़कों के निर्माण कार्य की शिकायत प्रमुख सचिव लो.नि.वि. को की थी? यदि हाँ, तो विधायक के पत्र की प्रति तथा प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, हैं तो? प्रश्न दिनांक तक किस-किस अधिकारी ने? किस-किस दिनांक को? क्या-क्या कार्यवाही की? अधिकारी का नाम पदनाम दर्शातें हुए की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जानकारी में क्या समस्त सड़कें लो.नि.वि. के मापदण्डों के अनुसार गुणवत्ता की हैं? अथवा कोई अनियमित्ता हैं? यदि अनियमित्ता हैं तो क्या शासन दोषी एजेंसी/शासकीय कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? हाँ तो क्या? कब तक। नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। पत्र में उल्लेखित समस्त सड़कों में मापदण्ड एवं गुणवत्ता के अनुसार कार्य किया गया। कोई अनियमितता नहीं हुई। एजेन्सी के विरूद्ध की गई कार्यवाही पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं परिशिष्ट-2 अनुसार है। कोई शासकीय कर्मचारी दोषी नहीं, अतः कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता।
आर.डी.एस.एस. स्कीम की जानकारी
[ऊर्जा]
29. ( क्र. 521 ) श्री उमंग सिंघार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इन्दौर के अन्तर्गत आर.डी.एस.एस.स्कीम संचालित हो रही है? यदि हाँ, तो योजना प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इन्दौर को उक्त योजना में कितनी राशि स्वीकृत की गई है? योजना प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत राशि की वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर के अन्तर्गत आर.डी.एस.एस.योजना में कितनी राशि स्वीकृत हुई है? यदि हाँ, तो स्वीकृत राशि की वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर के अन्तर्गत आर.डी.एस.एस. स्कीम में स्वीकृत राशि का उपयोग किन-किन कार्यों हेतु किया गया है? किये गये व्यय की राशि की म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर अन्तर्गत वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) एवं (ख) जी हाँ, म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर के अंतर्गत आर.डी.एस.एस. स्कीम संचालित हो रही है। योजना प्रारंभ दिनांक 17.03.2022 से प्रश्न दिनांक तक म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर हेतु विद्युत हानियों को कम करने के लिये विद्युत अद्योसंरचना के कार्यों हेतु राशि रू. 2534.63 करोड़, स्मार्ट मीटर लगाए जाने हेतु राशि रू. 2572.12 करोड़ एवं इन कार्यों के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एजेंसी हेतु कुल राशि रू. 47.66 करोड़ की स्वीकृति केन्द्र शासन से प्राप्त हुई है। उक्त समस्त राशि की स्वीकृति वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्राप्त हुई है, वित्तीय वर्ष 2022-23 में कोई राशि स्वीकृत नहीं हुई है। (ग) म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर के अंतर्गत आर.डी.एस.एस. योजना के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों के क्रियान्वयन हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निविदा कार्यवाही पूर्ण हेतु पर क्रियान्वयन एजेन्सी के चयन के उपरान्त योजना अंतर्गत कार्यों का क्रियान्वयन आंरभ होगा। अत: प्रश्नाधीन चाही गयी योजनान्तर्गत व्यय की कार्यवार जानकारी दिये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
पर्यटन नगरी माण्डव में पेयजल योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
30. ( क्र. 522 ) श्री उमंग सिंघार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि अर्बन डेवलपमेंट कार्पोरेशन द्वारा पर्यटन नगरी माण्डव में पेयजल योजना का कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो उक्त योजना की तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासकीय स्वीकृति की प्रमाणित छायाप्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या यह सही है कि उक्त योजना में व्यवसायिक कनेक्शन दिये जाने का प्रावधान है या नहीं? यदि नहीं तो क्यों तथा उक्त योजना का प्रश्न दिनांक तक कितना प्रतिशत कार्य पूर्ण हो गया एवं कितना प्रतिशत कार्य अपूर्ण है एवं स्वीकृत राशि में से विभाग द्वारा कार्य एजेन्सी को कितनी राशि का भुगतान किस-किस कार्य हेतु किया गया? भुगतान की गई राशि के बिल व्हाउचर की प्रमाणित छायाप्रति उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांकित (क) अनुसार यदि हाँ, तो उक्त योजना अंतर्गत पर्यटन नगरी माण्डव में पर्यटनों को आकर्षित करने वाले माण्डव के तालाबों में पानी भरने हेतु वाल लगाने का प्रावधान पेयजल योजना में सम्मिलित किया गया है या नहीं? (घ) प्रश्नांकित (ग) अनुसार यदि हाँ, तो माण्डव में किन-किन तालाबों में वाल लगाने का प्रावधान है? तालाबों के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें एवं यदि वाल लगाने का प्रावधान नहीं तो क्या सरकार उक्त योजना में वाल लगाने का प्रावधान करेगी? जिससे कि पर्यटन नगरी माण्डव में पर्यटन का विकास हो सके तथा उक्त योजना का कार्य चालू है या बंद है? यदि बंद है तो क्यों कारण स्पष्ट करें तथा यह भी बतावें उक्त लाईन कब तक चालू कर दी जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा माण्डव में पेयजल योजना का कार्य किया जा रहा है। योजना (पैकेज क्रमांक 2c जिसमें धामनोद एवं माण्डव नगर की पेयजल योजना सम्मिलित है) की तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासकीय स्वीकृति की प्रमाणित प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ, उक्त योजना में व्यवसायिक कनेक्शन दिये जाने का प्रावधान है। प्रश्न दिनांक तक उक्त योजना में 81.75% का कार्य पूर्ण किया गया है एवं 18.25% कार्य शेष है। स्वीकृत राशि में से निर्माण एजेंसी को विभिन्न कार्यों के लिये किये गये भुगतान का ब्योरा की जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। भुगतान की गई राशि केबिल व्हाउचर की प्रमाणित छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। उक्त योजना में तालाबों में पानी भरने हेतु वॉल लगाने का प्रावधान नहीं है। शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। योजना का कार्य प्रगतिरत है। योजना में रॉ वाटर पाईप लाईन की टेस्टिंग की गयी है तथा क्लीयर वॉटर पाईप लाईन (शुद्ध पेयजल) चालू किए जाने का लक्ष्य 15 सितंबर 2022 है।
प्रकाश तरूण पुष्कर स्वीमिंग पूल में प्रवेश
[लोक निर्माण]
31. ( क्र. 550 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल स्थित प्रकाश तरूण पुष्कर स्वीमिंग पूल में कितने स्थायी सदस्य हैं तथा नवीन सदस्यता/प्रवेश लेने हेतु क्या प्रक्रिया निर्धारित है? (ख) 4 अप्रैल, 2022 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में किन-किन व्यक्तियों के आवेदन पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उनको किस आधार पर कब सदस्यता दी गई? (ग) किन-किन व्यक्तियों को सदस्यता नहीं दी गई तथा क्यों कारण बताये? (घ) किन-किन व्यक्तियों के आवेदन पत्र किस स्तर पर कब से एवं क्यों लंबित हैं तथा उनका कब तक निराकरण होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी निरंक-प्रकाश तरूण पुष्कर में स्थाई सदस्यता का कोई प्रावधान नहीं है। वार्षिक एवं मासिक सदस्यता पहले आओ एवं पहले-पाओ आधार पर रिक्त पारी में प्रदान की जाती है। (ख) 4 अप्रैल, 2022 से आज दिनांक 10.07.2022 तक कुल 3256 व्यक्तियों द्वारा वार्षिक सदस्यता हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत किये गये। इन सभी को पात्र माना जाकर सदस्यता फार्म क्रय करने हेतु समय-समय पर सूची नोटिस बोर्ड पर लगाई गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ, ब एवं स अनुसार है। निर्धारित सात दिवस की समय-सीमा में 2963 व्यक्तियों द्वारा सदस्यता फार्म क्रय किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। इन 2963 व्यक्तियों में से केवल 2020 व्यक्तियों द्वारा पूर्ण रूप से फार्म भरकर निर्धारित शुल्क सहित प्रस्तुत किये गए, इन 2020 व्यक्तियों को वार्षिक सदस्यता प्रदान की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) 2963 फार्म क्रय करने वाले व्यक्तियों में से 943 व्यक्तियों द्वारा निर्धारित 15 दिवस की समय-सीमा में फार्म पूर्णरूप से भरकर शुल्क सहित जमा नहीं कराया गया। इस कारण सदस्यता नहीं दी जा सकी। जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) कुल प्राप्त आवेदन 3256 में से 293 व्यक्तियों द्वारा निर्धारित सात दिवस की समय-सीमा में फार्म नहीं क्रय करने से इनके आवेदन पत्र नस्तीबद्ध किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-स अनुसार है। वर्तमान में कोई आवेदन सदस्यता हेतु लंबित नहीं है।
देवी अहिल्याबाई होल्कर की मूर्ति की स्थापना
[नगरीय विकास एवं आवास]
32. ( क्र. 586 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनासा विधानसभा क्षेत्र के रामपुरा नगर के बादीपुरा चौराहे पर देवी अहिल्याबाई होल्कर की मूर्ति लगाने हेतु शासन से अनुमति चाही गयी थी। (ख) अनुमति क्यों जारी नहीं की गई? और अनुमति कब तक जारी कर दी जावेगी? (ग) अब तक अनुमति जारी नहीं की गई इसके लिए कौन दोषी है और दोषियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी, हाँ। (ख) मुर्ति स्थापना हेतु अनुमति जारी करने का अधिकार जिला कलेक्टर को होने से निकाय के पत्र क्रमांक 910 दिनांक 09.05.2022 द्वारा कार्यालय कलेक्टर (शहरी विकास) जिला नीमच को अनुमति हेतु पत्र प्रेषित किया गया, जिसके संदर्भ में कार्यालय कलेक्टर (शहरी विकास) के पत्र क्रमांक 1023/डुडा/2022 दिनांक 13.05.2022 से चैक लिस्ट जारी की गई। जिसके पालन में चैक लिस्ट पूर्ण करने हेतु निकाय द्वारा पत्र क्र. 1043 दिनांक 23.05.2022 से अनुविभागीय अधिकारी महोदय (पुलिस) उपखण्ड मनासा जिला नीमच, पत्र क्र. 1039 दिनांक 23.05.2022 से कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग जिला नीमच, पत्र क. 1041 रामपुरा दिनांक 23.05.2022 से उप संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश जिला नीमच, पत्र क्र. 1045 दिनांक 23.05.2022 से प्रबंधक MPRDC उज्जैन तथा पत्र क्र.1045 दिनांक 23.05.2022 से पुलिस अधीक्षक महोदय जिला नीमच को मुर्ति स्थापना हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने हेतु पत्र प्रेषित किये गए। जिसके संदर्भ में उप संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश जिला नीमच के पत्र क्र. 1130/मूर्ति स्था./नग्रानि./2022 नीमच दिनांक 31.05.2022 से अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया। शेष विभागों से अप्राप्त अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) चूंकि प्रकरण में वर्तमान तक कार्यवाही प्रचलित है, ऐसी स्थिति में किसी को भी दोषी ठहराया जाना संभव नहीं है।
एम.पी.पी.सी.बी. द्वारा प्रकाशित निविदा
[पर्यावरण]
33. ( क्र. 589 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एम.पी.पी.सी.बी. द्वारा दिनांक 5/01/2022 को प्रकाशित निविदा MPPCB-PUR/02/2020-21 की संपूर्ण जानकारी प्रदान करें l (ख) उक्त निविदा के लिये जो भी तकनीकी योग्यता निर्धारित की गयी थीं उसकी जानकारी एवं उन योग्यताओं में किन-किन निविदाकारो ने पूरी तरह पालन किया है उसकी जानकारी एवं प्रस्तुत योग्यता सहित उपलब्ध करायेंl (ग) क्या पात्र निविदाकारों द्वारा प्रस्तुत किए गए दस्तावेज निविदा की दी गई शर्तों के अनुसार हैं और यदि हाँ, तो उन निविदाकारों के समस्त दस्तावेजों की प्रति उपलब्ध करायें। (घ) अपात्र निविदाकारों को जिन कारणों से अयोग्य घोषित किया गया है उसकी जानकारी उपलब्ध करायी जाये। (ड.) क्या इस कार्यालय द्वारा समस्त सहभागी निविदाकारों द्वारा प्रस्तुत निविदा का तकनीकी मूल्यांकन किया गया है जिसके आधार पर निविदाकार को पात्र या अपात्र घोषित किया गया है। यदि हाँ, तो उसका सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध करायें। (च) इस निविदा के लिये गठित तकनीकी मूल्यांकन समिति के सदस्यों की सूची एवं उनकी विशेषज्ञता की जानकारी उपलब्ध करायें। क्या किसी निविदाकार को पात्र या अपात्र घोषित करने के लिये तकनीकी मूल्यांकन समिति का निर्णय ही अंतिम है। यदि नहीं, तो अन्य जो भी अधिकारी या समिति जो किसी निविदाकार को पात्र या अपात्र घोषित करने हेतु उत्तरदायी हैं उनकी जानकारी उपलब्ध करायें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) निविदा प्रपत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''एक'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे स्क्रीनिंग सह तकनीकी समिति के कार्यवृत परिशिष्ट ''दो'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''तीन'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''दो'' अनुसार है। (ड.) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''दो'' अनुसार है। (च) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''चार'' अनुसार है। जी नहीं, स्क्रीनिंग सह तकनीकी समिति के कार्यवृत का सदस्य सचिव द्वारा अनुमोदन किया जाता है।
विद्युत कर्मचारियों का नियमितीकरण
[ऊर्जा]
34. ( क्र. 591 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में विद्युत कर्मचारियों को दो श्रेणियों में बांट दिया गया है, सेवा शर्त समान होने के पश्चात भी मंडल कर्मचारियों को विद्युत बिलों में 50 प्रतिशत छूट मिल रही है, किन्तु कंपनी कर्मचारियों को इसका कोई लाभ नहीं दिया जा रहा हैl (ख) वर्ष 2004 के पश्चात नियुक्त कंपनी कार्मिकों के लिए पेंशन देने पर विभाग की क्या मंशा है? (ग) बिजली संविदा कर्मचारियों को नियमित किये जाने पर शासन की क्या मंशा है? क्या इनको नियमित किया जावेगा या नहीं? (घ) कंपनी में लागू ऑउटसोर्स प्रथा में कार्य कर रहे श्रमिकों को विभागीय परीक्षाओ में अतिरिक्त बोनस अंक दिए जाने के सम्बन्ध में कोई नीति है या नही? यदि नहीं है तो क्या ऊर्जा विभाग इस पर कोई विचार कर रहा है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. विद्युत सुधार अधिनियम, 2000 एवं विद्युत अधिनियम 2003 के प्रावधानों के अंतर्गत राज्य शासन द्वारा पूर्ववर्ती म.प्र. राज्य विद्युत मंडल के कृत्यों, संपत्तियों, हितों, अधिकारों एवं दायित्वों का अंतरण 06 विद्युत कंपनियों में किया गया। तदोंपरांत राज्य शासन द्वारा म.प्र. विद्युत मंडल/म.प्र. राज्य विद्युत मंडल द्वारा नियुक्त कार्मिकों का अंतरण एवं आमेलन विद्युत कंपनियों में किया गया। विद्युत कंपनियों द्वारा वर्ष 2005 से स्वंतत्र रूप से कार्य करना प्रारंभ किया गया। विद्युत कंपनियों द्वारा स्वंतत्र रूप से कार्य करने के उपरांत कंपनियों द्वारा अपनी आवश्यकता के अनुरूप नवीन कार्मिकों की भर्ती की गई। इस प्रकार वर्तमान में विद्युत कंपनियों के अंतर्गत म.प्र. विद्युत मंडल/म.प्र. राज्य विद्युत मंडल द्वारा नियुक्त कार्मिक एवं कंपनी द्वारा नियुक्त कार्मिक कार्यरत हैं। विद्युत कंपनियाँ मण्डल कर्मचारियों के संबंध में म.प्र. राजपत्र दिनांक 30 सितम्बर 2003 के सरल क्र. 7 (8) के अनुसार अंतरिती, अंतरित हुए कार्मिकों की सेवाशर्तों को शासित करने वाले विनियमों को उपान्तरित कर सकेगा, अथवा नए विनियम बना सकेगा किन्तु अंतरण के प्रभावी होने की तारीख के पश्चात उनकी पद श्रेणी, वेतनमान, वेतन, भत्ते तथा अन्य धन संबंधी प्रसुविधाएं जिनमे टर्मिनल प्रसुविधाएं आदि भी सम्मिलित है, अंतरण के ठीक पूर्व उन्हें लागू उक्त प्रसुविधाओं से किसी भी रूप में कम नहीं होगी। अत: मण्डल कर्मचारियों की सेवा शर्तों के अनुसार प्रचलित टैरिफ आदेश के प्रावधानों के तहत विद्युत देयक में स्थिर प्रभार (Fixed Charges), ऊर्जा प्रभार (Energy Charges), और एफ.सी.ए. प्रभार (Fuel Cost Adjustment) के शीर्ष में बिल की गई राशि पर 50 प्रतिशत की छूट, जिसकी अधिकतम सीमा रूपये 3500/- प्रतिमाह है, प्रदान किये जाने का प्रावधान है, परन्तु वर्तमान में कंपनियों द्वारा नियुक्त कार्मिकों हेतु निर्धारित सेवा शर्तों में विद्युत देयक में 50 प्रतिशत छूट प्रदान किये जाने का प्रावधान नहीं है। (ख) विद्युत कंपनियों में वर्ष 2004 के पश्चात् नियुक्त कार्मिकों को केंद्र/राज्य शासन की नीतियों के अनुरुप राष्ट्रीय पेंशन योजना (एन.पी.एस.) का लाभ दिया जा रहा है। अत: इन कार्मिकों को पुरानी पेंशन दिये जाने का कोई भी प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। (ग) विभाग के अधीनस्थ सभी विद्युत कंपनियों, जिनमें संविदा कार्मिक कार्यरत हैं, में संविदा कार्मिकों के लिये ''संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) संशोधित नियम 2018 दिनांक 01.01.2018 से लागू है। उक्त नियमों/नीति के अनुसार विद्युत कंपनियों यथा-म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी एवं म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में सीधी भर्ती के विज्ञापित पदों में संविदा कार्मिकों हेतु चिन्हित पदों पर पृथक-पृथक 30 प्रतिशत एवं 50 प्रतिशत तथा एम.पी.पॉवर मैनेजमेंट कंपनी एवं म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी में सीधी भर्ती के विज्ञापित पदों में संविदा कार्मिकों हेतु चिन्हित पदों पर पृथक-पृथक 25 प्रतिशत एवं 40 प्रतिशत पद आरक्षित रखे जाने का प्रावधन रखा गया है।'' (घ) विद्युत कंपनियों के अंतर्गत नियमित रिक्त पदों को सीधी भर्ती के माध्यम से भरे जाने के लिए आयोजित परीक्षाओं में कंपनियों में आऊटसोर्स के माध्यम से कार्यरत कार्मिकों हेतु किसी प्रकार के अतिरिक्त बोनस अंक दिये जाने की कोई नीति नहीं है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश की विद्युत कंपनियों द्वारा आऊटसोर्स कार्मिकों की भर्ती नहीं की जाती है। अपितु विद्युत कंपनियों के अंतर्गत निविदा प्रक्रिया के माध्यम से चयनित बाह्य सेवा प्रदाता फर्म/एजेंसी द्वारा निविदा एवं अनुबंध में वर्णित नियम एवं शर्तों के तहत आऊटसोर्स कार्मिकों को उपलब्ध कराया जाता है। अत: प्रश्नांश में उल्लेखित नीति हेतु कोई भी प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है।
प्रस्तावित नर्मदा एक्सप्रेस-वे
[लोक निर्माण]
35. ( क्र. 597 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रस्तावित नर्मदा एक्सप्रेस वे कहां से शुरू होकर किस स्थान तक पहुंचेगा? (ख) नर्मदा एक्सप्रेस वे कौन-कौन से संभाग जिला एवं विधानसभा क्षेत्रों से गुजर रहा है? (ग) क्या इस पर दोनों तरफ व्यवसायिक कॉरीडोर बनाया जा रहा है? (घ) इस एक्सप्रेस वे की निर्माण लागत क्या है तथा उक्त कार्य कब से प्रारंभ होकर कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रस्तावित नर्मदा एक्सप्रेस-वे अमरकंटक (कबीर चबूतरा) से प्रारंभ होकर झाबुआ (म.प्र./गुजरात सीमा) तक पहुँचेगा। (ख) संभाग- शहडोल, जबलपुर, भोपाल एवं इन्दौर जिला- अनूपपुर, डिण्डोरी, जबलपुर, नरसिंहपुर, रायसेन, सीहोर, देवास, इन्दौर, धार, एवं झाबुआ विधानसभा क्षेत्र- अनूपपुर, डिण्डोरी, शाहपुरा, सिहोरा, पनागर, जबलपुर केंट, जबलपुर पश्चिम, नरसिंहपुर, तेन्दुखेडा, उदयपुरा, भोजपुर, बुधनी, खातेगांव, देवास, इन्दौर, राऊ, सरदारपुर तथा झाबुआ से गुजर रहा है। (ग) मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (घ) एक्सप्रेस वे की खण्डवार स्वीकृत लागत एवं अद्यतन स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है।
नियम विरूद्ध कराए गए निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
36. ( क्र. 678 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले की नगर पंचायत सेमरिया अन्तर्गत वार्ड क्र. 13 में रीवा बीडा रोड में तत्पर पेट्रोल पम्प के पास रमचन्दी में श्रीमती नीलम मिश्रा द्वारा व्यावसायिक बहुमंजिला इमारत का निर्माण कराया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में उपरोक्त बहुमंजिलीय भवन में क्या एफ.ए.आर. का पालन किया गया है? यदि उत्तर नहीं तो एफ.ए.आर. से अधिक निर्माण किये जाने के विरूद्ध अब तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? की गई कार्यवाही की सत्यापित प्रति देवें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के सन्दर्भ में क्या कार्यालय नगर परिषद सेमरिया जिला रीवा द्वारा अपने कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1635/न.परि./भवन अनुज्ञा/2021 सेमरिया, दिनांक 24/12/2021 द्वारा स्वीकृत नक्शे के विपरीत कराये जा रहे अवैध निर्माण के संबंध में नोटिस जारी की गई थी? यदि हाँ तो, उक्त के परिप्रेक्ष्य में दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। जारी नोटिस के परिप्रेक्ष्य में नोटिस का जबाव श्रीमती नीलम मिश्रा द्वारा दिनांक 15.01.2022 को दिया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। एवं विभागीय आदेश क्रमांक 11-142/2021/18-1, दिनांक 18.01.2022 द्वारा गठित जांच समिति द्वारा जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किये जाने पर प्रश्नाधीन भवन निर्माण में जांच प्रतिवेदन अनुसार कोई कमियां नहीं पाई गई है। कार्यवाही अपेक्षित नहीं।
प्रतिबंध के बावजूद अधिकारियों एवं कर्मचारियों की पदोन्नति
[नगरीय विकास एवं आवास]
37. ( क्र. 777 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016 से शासकीय अधिकारी/कर्मचारी के पदोन्नति का प्रकरण सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण पदोन्नति पर प्रतिबंध है? (ख) यदि हाँ, तो क्या यह भी सही है कि भोपाल स्थित निगम मण्डलों में पदस्थ कुछ अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने अपने रसूक, राजनैतिक दबाव एवं मोटी रकम के दम पर माननीय न्यायालय के आदेश की प्रत्याशा में पदोन्नति का लाभ प्राप्त कर लिया है? यदि हाँ, तो क्या यह नियम विरूद्ध प्रक्रिया तथा अन्य कर्मचारियों के साथ अन्याय नहीं है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में भोपाल नगर निगम में ऐसे कौन-कौन कर्मचारी पदस्थ है जिनके पक्ष में माननीय न्यायालय का आदेश, शासन का मार्गदर्शन एवं विधि अभिमत आने और रिव्यु डी.पी.सी. आयोजित करने के बावजूद पदोन्नति का लाभ किन कारणों से नहीं दिया गया तथा कब तक पदोन्नत किया जावेगा? यदि नहीं तो क्यों कारण सहित बतावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। सामान्य पदोन्नति पर प्रतिबंध है। एकल पद पर एवं अनारक्षित से अनारक्षित पद पर पदोन्नति की जा सकती है। (ख) जी नहीं। नगर निगम भोपाल द्वारा विभागीय पदोन्नति समिति की अनुशंसा, प्रशासक संकल्प उपरांत शासन स्वीकृति प्राप्त कर नियमानुसार विभिन्न पदों पर अधिकारियों/कर्मचारियों को सामान्य प्रशासन विभाग के परामर्श उपरांत पदोन्नति प्रदान की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक 656/1042/2019/18-1 भोपाल दिनांक 06.03.2019 के साथ श्री अबरार खान हेल्पर जल कार्य विभाग को निम्न श्रेणी लिपिक/सहायक ग्रेड-03 के पद पर पदोन्नत किये जाने के संबंध में तत्कालीन माननीय मंत्री जी, अल्पसंख्यक कल्याण एवं पिछड़ा वर्ग की टीप प्राप्त हुई थी। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर प्रकरण डब्ल्यू.पी. 268/2021 श्री अबरार खान, विरूद्ध म.प्र. शासन व अन्य में पारित आदेश दिनांक 08.01.2021 के संबंध में विधि सलाहकार से अभिमत प्राप्त किया गया। प्रकरण के परीक्षण में पाया गया कि नगर निगम भोपाल द्वारा जारी आदेश दिनांक 04.03.2014 द्वारा तृतीय श्रेणी के रिक्त पदो पर पदोन्नत किये गये कर्मचारियों में से श्री अबरार खान, हेल्पर जल कार्य विभाग से कनिष्ठ किसी भी कर्मचारी को पदोन्नति प्रदान नहीं की गई है। इस संबंध में कार्यालयीन पत्र क्रमांक 352/स.प्र.वि./21 दिनांक 13.07.2021 द्वारा श्री अबरार खान, हेल्पर जल कार्य विभाग, नगर निगम भोपाल को प्रकरण की वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए प्रकरण निराकृत किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भोपाल नगर निगम एवं स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन को भूमि का आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
38. ( क्र. 790 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल नगर निगम एवं स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन ने गत पांच वर्षों में किस-किस कार्य के लिए किस-किस ग्राम में कितनी शासकीय भूमि एवं कितनी निजी भूमि का आवंटन का आवेदन किस दिनांक को किसके समक्ष प्रस्तुत किया उस आवेदन पर किस-किस दिनांक को क्या-क्या आपत्ति लगाई गई आपत्ति की प्रति सहित बतावें। (ख) निगम का कार्पोरेशन के द्वारा भूमि का अर्जन किए बिना, भूमि का विधिवत आवंटन करवाए बिना कितनी लागत का कौन-कौनसा निर्माण कार्य किस अधिकारी के द्वारा किस दिनांक को दिए गए आदेश के अनुसार किया जाकर कितना भुगतान प्रश्नांकित दिनांक तक कर दिया गया है। (ग) ग्राम बागसेवनिया के खसरा नम्बर 77 रकबा 4.002 हेक्टेयर पर कितनी लागत से क्या-क्या निर्माण किया गया यह भूमि खसरा पंजी में किस मद में दर्ज है, जंगल मद की भूमि पर भारत सरकार की अनुमति के बिना निर्माण करवाए जाने के लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है पद व नाम सहित बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड में अवैधानिक नियुक्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
39. ( क्र. 797 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड भोपाल में पब्लिक रिलेशन आफीसर (पी.आर.ओ.) के पद हेतु क्या नेशनल और प्रदेश के अखबारों में विज्ञापन जारी हुआ? हाँ अथवा नहीं? यदि हाँ, तो विज्ञापन की छायाप्रति प्रदाय की जाए। यदि नहीं हुआ तो B.C.L.L द्वारा कौन सी सरकारी प्रक्रिया के तहत पी.आर.ओ पद की नियुक्ति की गई? इसका विवरण दिया जाए। (ख) क्या जिस प्रक्रिया के तहत पी.आर.ओ. पद की नियुक्ति की गई, इसी प्रक्रिया के तहत 2013 से 2021 तक बी.सी.एल.एल. में किसी कर्मचारी/अधिकारी की नियुक्ति की गई? यदि हाँ, तो पद और नियुक्त कर्मचारी/अधिकारी का नाम बताने का कष्ट करें। (ग) बी.सी.एल.एल. द्वारा 13/10/2021 को प्रतिवेदन तैयार किया गया। इस प्रतिवेदन पर क्या कार्यवाही हुई? श्री संजय सोनी के विरूद्ध हुई F.I.R. के उपरान्त B.C.L.L. के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स एवं विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या B.C.L.L. में जिस कर्मचारी की प्रथम नियुक्ति आदेश न हो तो उस कर्मचारी को संविलियन के आधार पर विभाग का पद दिया जा सकता है? यदि हाँ, तो यह किस सरकारी प्रक्रिया के आधार पर दिया जा सकता है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लो.नि.वि. की सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
40. ( क्र. 835 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना की दिमनी विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग की कितनी सड़कें कहां से कहां तक व कितनी लम्बाई व कितनी निर्माण लागत की थी। प्रत्येक सड़क की नामवार जानकारी देवें। (ख) विधानसभा क्षेत्र दिमनी की 42 सड़क मार्गों के प्रस्ताव पत्र क्रमांक 171 दिनांक 19/02/21 से कार्यपालन यंत्री लो.नि.वि. संभाग मुरैना को भेजे गये थे। इनमें से कितनी सड़क मार्ग स्वीकृत हो चुकी है, कितनी शेष है? अगर नहीं हुई है, तो क्यों? उक्त सड़क कब-तक स्वीकृत की जावेंगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। एक मार्ग प्रगति पर, दो मार्ग पंचायत विभाग के अधीन है, शेष मार्गों के निर्माण हेतु साईट कंडिशन एवं प्राथमिकता के आधार पर निर्णय लिया जा सकेगा। वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
टोल प्लाजा का संचालन
[लोक निर्माण]
41. ( क्र. 843 ) कुँवर रविन्द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना में पार्थ इंडिया लि. द्वारा छौंटा टोल प्लाजा (टोल टैक्स) का संचालन किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2021-22 में कुल कितनी बार आवागमन अवरूद्ध हुआ तथा क्या जाम लगने के फलस्वरूप एम्बुलेंस विलम्ब से चिकित्सालय पहुँचने के कारण कोई जन हानि हुई अथवा रोगी की जान माल के साथ गंभीर संकट पैदा हुआ? (ग) क्या छौंदा टोल प्लाजा को नगर निगम क्षेत्र से बाहर संचालित करने के संबंध में विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की जा रही है? अगर हाँ, तो समय-सीमा निर्धारित कर अवगत करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
नगर निगम द्वारा निर्मित आवासों के निर्माण में विलंब
[नगरीय विकास एवं आवास]
42. ( क्र. 864 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम छिंदवाड़ा द्वारा एम.आई.जी. 78, इमलीखेड़ा में निर्मित आवास उपभोक्ताओं को कब तक दिये जायेंगे? आवास देने के लिये निगम द्वारा कितना समय दिया गया था? निर्मित आवासों के निर्माण में जो देरी हुई, उसके लिये कौन जिम्मेदार हैं, दोषी अधिकारियों और ठेकेदार पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (ख) 78 मकान किस-किस व्यक्ति को कितनी राशि में आवंटित किये गये हैं और किस-किस व्यक्ति द्वारा अभी तक कितना भुगतान किया गया हैं, जो लोग भुगतान नहीं कर रहें हैं, उन पर क्या कार्यवाही की जायेगी? किस दिनांक को किस व्यक्ति को कितने आवास आवंटित किये? (ग) उपभोक्ताओं द्वारा निर्माण की गुणवत्ता को लेकर कितनी शिकायतें आई, उन पर क्या कार्यवाही की गई और क्या शिकायत की जांच शिकायतकर्ता के सामने की गई? (घ) निर्धारित गुणवत्ता की निर्माण सामग्री भवन में नहीं लगाई गई हैं, उसकी शिकायत उपभोक्ता द्वारा की गई? क्या निर्माण सामग्री की जांच कर शासन द्वारा अप्रूव सामग्री ही लगाई गई हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) आवास 30 दिसम्बर 2022 तक दिये जायेंगे। आवास देने के लिये 30 जून 2022 तक का समय दिया गया था। कोरोना काल/वर्षा ऋतु/हितग्राहियों द्वारा समय पर राशि जमा न करना एवं कोरोना काल में श्रमिकों की अनुपलब्धता के कारण निर्माण कार्य में देरी हुई। उक्त परिस्थिति के लिए कोई जिम्मेदार नहीं हैं। शेषांश निरंक है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है जो हितग्राही भुगतान नहीं कर रहे है उनके आवास निरस्त किये जायेंगे। (ग) निर्माण गुणवत्ता की 02 शिकायत प्राप्त हुई। शिकायतों की जांच तथा निराकरण हितग्राही के समक्ष जांच करके कर दिया गया था। (घ) जी नहीं। अनुबंध अनुसार ही सामग्री की जांच कर निर्माण कार्य में प्रयोग की गई है।
सिवनी-मालवा विधान सभा क्षेत्र में स्वीकृत सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
43. ( क्र. 901 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र क्र.136 के केसला आदिवासी विकासखंड में वित्तीय वर्ष 2020-21 में कौन-कौन सी सड़कें स्वीकृत की गई है? (ख) स्वीकृत सड़कों की लंबाई क्या है? तथा किन-किन ग्रामों को सड़कों से जोड़ेगी? अलग-अलग स्वीकृत राशि भी बतायें? (ग) इन सड़कों पर कितने छोटे पुल एवं कितने बड़े पुल बनेंगे इनकी अलग-अलग लागत क्या होंगी? कितने कि.मी. सीमेंट सड़क व कितने कि.मी. डामर सड़कें बनेंगी अलग सड़कवार बताये? (घ) अभी तक सड़क निर्माण की स्थिति क्या है? सड़कें एवं पुल-पुलिया कब तक (किस दिनांक तक) निर्माण कर जनता के उपयोग हेतु सौंप दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
उपयंत्री की प्रतिनियुक्ति समाप्त किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
44. ( क्र. 916 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री ललित शर्मा उपयंत्री आर.ई.एस. को नगर निगम मुरैना में प्रथमवार किसके आदेश से कब तक की गई, कब तक के लिये प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किया था? प्रतिनियुक्ति पर दूसरे विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों को नगर निगम में पदस्थ करने के लिये किसकों अधिकार है तथा क्या नियम है? क्या उन नियमों का अक्षरश: पालन किया गया है? नहीं तो क्यों? इसके लिये कौन उत्तरदायी है? इसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी तथा ललित शर्मा को उनके मूल विभाग में कब तक वापिस किया जायेगा? (ख) श्री ललित शर्मा को नगर निगम मुरैना में जब तक पदस्थ किया गया है तब से आज दिनांक तक नगर निगम मुरैना में इनके द्वारा उपयंत्री, सहायक यंत्री के रूप में सत्यापित देयक जैसे निर्माण कार्य/स्वच्छता/जल प्रदाय/स्टार/राजस्व/डीजल पेट्रोल/गाडी मरम्मत/जैम पोर्टल के द्वारा खरीदी एवं निर्माण कार्य मरम्मत एक लाख तक एवं एक लाख से अधिक तक उनकी पृथक-पृथक सूची राशि सहित उपलब्ध करावें? (ग) क्या उक्तानुसार खरीदी/निर्माण कार्य के प्रकरणों में निविदा जारी करना, अमानत राशि जमा कराना, निविदा का समय निर्धारण करना प्रशासकीय, तकनीकी, वित्तीय स्वीकृति प्राप्त करना एवं रायल्टी सुरक्षा राशि कटोत्रा करना आदि प्रत्येक प्रकरण में लेखा नियम 2018 के तहत पालन किया है? यदि नहीं तो क्यों? इसके लिये दोषी कौन है? उसको कब तक दण्ड दिया जायेगा? (घ) क्या उपरोक्त खरीदी, कार्यों का भौतिक सत्यापन, जांच समिति गठित किया जाकर कार्य कराया जायेगा? तथा जांच समिति की रिपोर्ट कब तक प्रस्तुत की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) श्री ललित शर्मा, उपयंत्री आर.ई.एस. की प्रतिनियुक्ति नगर पालिक निगम मुरैना में संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र.भोपाल के आदेश क्रमांक/या.प्र./07/05/2017/1244 भोपाल, दिनांक 02.02.2017 से की गई थी, उक्त आदेश में प्रतिनियुक्ति की समयावधि का उल्लेख नहीं है। प्रतिनियुक्ति के अधिकार शासन को है। शासन द्वारा नियमानुसार प्रतिनियुक्ति की गई है। शेष प्रश्नांश: उत्पन्न नहीं होता। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्नांश: उत्पन्न नहीं होता। (घ) कार्य के भौतिक सत्यापन उपरांत ही भुगतान की कार्यवाही की जाती है। अत: शेष प्रश्नाश: उत्पन्न नहीं होता है।
मार्गों के निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति
[लोक निर्माण]
45. ( क्र. 935 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि प्रश्नकर्ता के प्रस्ताव पर कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग संभाग विदिशा द्वारा उनके पत्र क्रमांक 3954-55/त.शा./मार्ग/2021-22/जनप्रतिनिधि/विदिशा दिनांक 24.11.2021 में माध्यम से किस किस कार्य हेतु विस्तृत प्राक्कलन अधीक्षण लोक निर्माण विभाग मंडल क्रमांक-2 निर्माण भवन भोपाल को प्रेषित किए गये है? यदि हाँ, तो कार्यों का नाम व उनकी लागत बतावे? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति जारी हुई या नही? हाँ तो? यदि नहीं तो कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति कब तक जारी की जा रही है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
विधायक द्वारा लिखे गये पत्रों पर समुचित कार्यवाही
[ऊर्जा]
46. ( क्र. 936 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा जनवरी 2021 से प्रश्नांश दिनांक तक किस-किस पत्र क्रमांक व दिनांक सें किस-किस विषय पर महाप्रबंधक/उपमहाप्रबंधक, मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमि. विदिशा को पत्र प्रेषित किए गये है। सूचीबद्ध विषयवार जानकारी उपलब्ध करावे। (ख) प्रश्नांश (क) में प्रेषित पत्रों की अभिस्वीकृति सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशानुसार निर्धारित प्रपत्र/परिशिष्ट-एक पर प्रेषित की गई है या नही? यदि हाँ, तो अभिस्वीकृति पत्रों की प्रति उपलब्ध करावे। यदि नहीं तो जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है, समय-सीमा बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) में प्रेषित पत्रों में किस-किस स्थान पर नवीन ट्रांसफार्मर रखने, पुराने/खराब ट्रांसफार्मर ठीक करने व अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने, विद्युत सब स्टेशन बनाने, बस्तियों में विद्युत पोल लगाने, क्षतिग्रस्त विद्युत पोल एवं विद्युत केविल सुधार कार्य आदि अन्य कार्य संबंधी प्राप्त हुए सूचीबद्ध जानकारी पृथक-पृथक देवें, प्राप्त पत्र के क्रम में विभाग द्वारा पत्राचार के अतिरिक्त वास्तविक कार्य स्वीकृत हुआ है? यदि नहीं तो इसके लिए जिम्मेदार कौन है? कब तक कार्य की स्वीकृति जारी की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि हेतु माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के महाप्रबंधक (संचा./संधा.) विदिशा को संबोधित 33 एवं उपमहाप्रबंधक (संचा./संधा.,) संभाग कार्यालयों को संबोधित 36, इस प्रकार कुल 69 पत्र मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी, विदिशा अंतर्गत प्राप्त हुए हैं। जिनसे संबंधित प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्रों की अभिस्वीकृति की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शाये गए पत्रों में उल्लेखित समस्याओं पर म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की गई। उक्त कार्यवाही का विषयवार एवं स्थानवार प्रश्नाधीन चाहा गया विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
ग्राम रामपुरी के पास कूनो नदी पर पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
47. ( क्र. 940 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्र के बदरवास विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम रामपुरी से बमौरी पहुंच मार्ग हेतु कूनो नदी पर पुल की स्वीकृति बजट मांग वर्ष 2020-21 में हुई थी। क्या बजट में शामिल उक्त पुल के निर्माण की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति होकर निविदा कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि हाँ, तो निविदा शर्त अनुसार कार्य कब प्रारंभ होकर कब तक पूर्ण होगा? स्वीकृतियों तथा निविदा शर्तों की छायाप्रतियां उपलब्ध करावें? यदि नहीं तो बताएं कि पुल निर्माण की कार्यवाही की अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि पुल निर्माण की तकनीकी, प्रशासकीय स्वीकृति नहीं हुई है तथा निविदा कार्य भी प्रारंभ नहीं हुआ, तो दो वर्ष बाद भी उक्त प्रक्रिया लंबित होने के क्या कारण हैं तथा इस विलंब हेतु कौन दोषी हैं? विभाग द्वारा इस हेतु अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? विवरण उपलब्ध करावें कब तक पुल निर्माण की समस्त कार्यवाही पूर्ण कर पुल निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) कोविड-19 के कारण लॉकडाउन होने से सर्वे का कार्य नहीं कराया जा सका था, जिससे आगे की कार्यवाही बाधित रही। उक्त कार्य की तकनीकी स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है। अत: विलंब हेतु कोई दोषी नहीं है। सर्वे कार्य पूर्ण। वर्तमान में निर्माण कार्य की समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
पर्यावरण संरक्षण की जानकारी
[पर्यावरण]
48. ( क्र. 946 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की चंदला विधान सभा क्षेत्र में संचालित समस्त ग्रेनाइट पत्थर खदान व गिट्टी क्रेशर संचालकों को पर्यावरण (वनस्पतियों, प्राणियों एवं मानव) के संरक्षण हेतु पर्यावरण संरक्षण अधिनियम में निहित शर्तों को पालन करने की शर्त पर अनुज्ञप्ति जारी की गयी है? हाँ या नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो क्या वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक संचालकों द्वारा पर्यावरण कानून व नियमों के अनुसार पेड़-पौधों का रोपण एवं सी.एस.आर. एक्टिविटीज के तहत कार्य किये गये है? हाँ या नहीं? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि हाँ, तो कितने पेड़ लगाये गये है तथा क्या-क्या सामाजिक कार्य किये गये है? पृथक-पृथक संचालकों की पृथक-पृथक पेड़ों एवं कार्यों की संख्या बताये और कितने पेड़ वर्तमान में लगे है। (घ) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि नहीं तो क्यों कारण बताये? क्या जिला खनिज अधिकारी छतरपुर द्वारा उक्त संचालकों के विरूद्ध कार्यवाही की गयी है? यदि हाँ तो कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करायें यदि नहीं तो क्यों? कब तक की जायेगी समय-सीमा बताये? (ड.) क्या संचालकों द्वारा पर्यावरण संरक्षण के संबंध में कराये गये कार्यों की जांच की जाती है? हाँ या नहीं? (च) प्रश्नांश (ड.) के अनुसार यदि हाँ, तो वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब जांच की गयी है?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) प्राधिकरण द्वारा प्रदान की गई पर्यावरणीय स्वीकृति की शर्तों के पालन में 32 खदान संचालकों द्वारा वृक्षारोपण तथा सामाजिक कार्य एवं 03 खदान संचालकों द्वारा केवल सामाजिक कार्य किये गये हैं। पर्यावरणीय स्वीकृति की शर्तों के परिपालन में संचालकों द्वारा कुल 34637 वृक्षों का रोपण किया गया है तथा सामाजिक कार्य भी किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''क'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता । (ड.) जी हाँ। (च) खनिज अधिकारियों द्वारा किये गये कार्यों की समय-समय पर जांच की जाती है। हाल ही में दिनांक 24 एवं 25/07/2022 को एम.पी. सिया के दल के साथ संयुक्त रूप से स्थल का निरीक्षण किया गया, स्थल निरीक्षण प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ख'' अनुसार है।
पर्यावरण संरक्षण हेतु पौधे लगाने के निर्देश
[पर्यावरण]
49. ( क्र. 947 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले के अनुभाग लवकुशनगर में कितनी पत्थर खदाने संचालित है क्या संचालित खदानों को जारी अनुज्ञप्ति में पर्यावरण संरक्षण (वनस्पति) प्राणियों एवं मानव जाति) हेतु पेड़-पौधें लगाने एवं सामाजिक कार्य किये जाने के निर्देश है? हाँ या नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ तो वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक डी.जी. मिनरल्स पत्थर खदान लवकुशनगर द्वारा जारी शर्तों के अनुसार कितने पेड़-पोधे लगाये और कितने सामाजिक कार्य किये गये है? संख्यावार बातायें? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार पर्यावरण संरक्षण नियमों का पालन न करने पर खादान मालिक के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रावधान है? हाँ या नहीं? यदि हाँ तो क्या कार्यवाही की गयी है? कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करायें? यदि नहीं तो क्यो? (घ) उक्त पत्थर खदान लवकुशनगर नगर की बीच में बस्ती में संचालित है? हाँ या नहीं? (ड.) प्रश्नांश (घ) के अनुसार यदि हाँ तो क्या इससे मानव जाति व अन्य प्राणियों को खतरा नहीं है? यदि हाँ, तो इसे बन्द किया जायेगा? (च) प्रश्नांश (ड.) के अनुसार यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बताये? क्या विगत वर्षों एवं हाल वर्ष की तरह मानव जाति व अन्य प्राणियों की क्षति होती रहेगी?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) जी हाँ। छतरपुर जिले के अनुभाग लवकुशनगर में 98 खदानों को राज्य स्तरीय पर्यावरण समाघात निर्धारण प्राधिकरण द्वारा पर्यावरणीय स्वीकृति प्रदान की गई है। उक्त खदानों में पर्यावरणीय स्वीकृति की शर्तों में वृक्षारोपण एवं सामाजिक कार्य किये जाने की शर्त अधिरोपित की गई है। (ख) प्राधिकरण में डीजी मिनरल्स के पंजीबद्ध प्रकरण क्रमांक 5579/2017 एवं 5651/2018 में जारी पर्यावरण स्वीकृति की शर्तों के प्राप्त अनुपालन प्रतिवेदन में पौधों का रोपण किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। डीजी मिनरल्स द्वारा पर्यावरण स्वीकृति शर्तों के अर्द्धवार्षिक अंतिम अनुपालन प्रतिवेदन दिनांक 28.06.2022 को प्रस्तुत किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। पर्यावरणीय स्वीकृति की शर्तों के अनुपालन के आंकलन एवं स्थल निरीक्षण की कार्यवाही करने हेतु भारत सरकार के क्षेत्रीय कार्यालय, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय अधिकृत है। भारत सरकार पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा बी श्रेणी के प्रकरणों में पर्यावरण स्वीकृति को स्थगित/वापिस करने का अधिकार प्राधिकरण को प्राप्त है। (घ) जी नहीं। (ड.) उत्तरांश ''घ'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (च) उत्तरांश ''ड़'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जीर्णशीर्ण हुई सड़कों की मरम्मत
[लोक निर्माण]
50. ( क्र. 988 ) श्री मनोज चावला : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अंतर्गत आलोट विधानसभा सहित रतलाम जिले की कितनी सड़कें 8 लेन निर्माण में चल रहे डंपरों/वाहनों के कारण जीर्णशीर्ण हो चुकी है किलोमीटर सहित सूची उपलब्ध कराएं। (ख) जीर्णशीर्ण हो चुकी सड़कों की मरम्मत का कार्य किसके द्वारा करवा दिया जाएगा और कब तक करवा दिया जाएगा। यह सही है कि बारिश का समय नजदीक है ऐसी स्थिति में जीर्णशीर्ण सड़कों के कारण दुर्घटना होने की संभावनाएं हैं इसकी जिम्मेदारी किसकी है? (ग) आलोट विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत भूतेड़ा फंटा से केरवासा, डोडियाना रघुनाथगढ़ सड़क निर्माण कार्य की डी.पी.आर., ठेकेदार का नाम, अनुबंध की छायाप्रति और उन्हें किए गए अभी तक भुगतान की जानकारी उपलब्ध कराएं। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित मार्ग का निर्माण कार्य अनुबंध की शर्त अनुसार कब तक पूर्ण करा दिया जाएगा क्या निर्माण कार्य में अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन हुआ है यदि हाँ, तो बताएं किन-किन शर्तों का उल्लंघन हुआ है। (ड.) उक्त सड़क मार्ग में प्रयोग हुए मुहरम, मिट्टी का खनन कहां-कहां से, किस खसरा नं. की शासकीय भूमि से किसकी अनुमति से लिया गया है? प्रति देवें तथा और शासन को रॉयल्टी के रूप में जमा की गई राशि का विवरण रसीद सहित बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 8 लेन का निर्माण कार्य एन.एच.ए.आई. के द्वारा किया जा रहा है। उनसे प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) एन.एच.ए.आई. से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) डी.पी.आर. एवं अनुबंध की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 एवं 3 अनुसार है, ठेकदार का नाम-मेसर्स आर्यवृत प्रोजेक्ट एण्ड डेवलपर्स प्रा.लि. भोपाल, मार्गों का निर्माण एन.डी.बी. पैकेज 3 अंतर्गत किया जा रहा है। भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (घ) दिनांक 15/01/2023 तक पूर्ण करना लक्षित है। जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र 'ब' एवं परिशिष्ट-4 अनुसार है।
लोक निर्माण विभाग की सड़क की गुणवत्ता
[लोक निर्माण]
51. ( क्र. 1008 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सोहागपुर में लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 2017-18 के बजट में इंदौरी चौक माखन नगर (बाबई) से नसीराबाद मार्ग स्वीकृत किया है? इस मार्ग की लंबाई एवं लागत क्या थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में स्वीकृत मार्ग की कब-कब निविदा आमंत्रित की गई? निविदा की प्रति उपलब्ध करावें। इस मार्ग के निर्माण हेतु किस ठेकेदार द्वारा ठेका लिया गया है उनका नाम, पता सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या उपरोक्त मार्गों का निर्माण किया जा चुका है यदि हाँ, तो कब? कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र उपलब्ध करावें। यदि उक्त मार्ग का निर्माण नहीं हुआ है तो क्यों? इस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (घ) क्या यह सही है कि इंदौरी चौक माखन नगर (बाबई) से नसीराबाद मार्ग का जो निर्माण किया गया है वह बहुत ही घटिया एवं गुणवत्ताहीन है? क्या मार्ग के निर्माण के साथ साईट शोल्डर एवं एप्रोच बनाये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो क्या सड़क के शोल्डर एवं एप्रोच बनाये गये है? उक्त शिकायत क्षेत्रीय विधायक द्वारा भी की गई इसके संबंध में विभाग द्वारा क्या जांच कराई गई है? यदि हाँ तो कब? और नहीं तो क्यों? इसके लिये कौन दोषी है? ठेकेदार एवं संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कब-कब क्या कार्यवाही की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जी नहीं। कार्य प्रगति पर है, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) जी नहीं, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है।
लोक निर्माण विभाग से स्वीकृत मार्गों का निर्माण
[लोक निर्माण]
52. ( क्र. 1009 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सोहागपुर में ग्राम नया नांदनेर, नया गौंडीखेड़ा, नया पट्टन, डूंडादेह, सिटियागोहना, नया बिनेका, गोटीखेड़ा, गोहनादेह, नया सोनपुर, नया धारगांव मार्ग कब स्वीकृत हुआ है उसकी प्रशासकीय स्वीकृति एवं विधान सभा बजट में प्रकाशित पुस्तिका की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में यदि उक्त मार्ग स्वीकृत हुआ है तो उनकी निविदा कब हुई है? कार्य की क्या प्रगति है? क्या कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि नहीं तो किस कारण से उक्त मार्ग का निर्माण पूर्ण नहीं हो सका है? (ग) उक्त मार्ग के संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? विलंब से कार्य करने के संबंध में ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? क्या ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड किया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है।
अवैध कॉलोनीनाईजर के विरुद्ध कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
53. ( क्र. 1024 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में कितनी अवैध कॉलोनियाँ है? इनके कॉलोनीनाईजर के विरुद्ध निकायों द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ख) कितने कॉलोनीनाईजर को नोटिस जारी किये गये? कितने कॉलोनीनाईजर से समझौता शुल्क जमा कराया गया? एवं कितने कॉलोनीनाईजर से कितनी दाण्डिक राशि की वसूली की गई? (ग) निकाय के सूचना पत्रों और निर्देशों को न मानने वाले किन-किन कॉलोनीनाईजर पर प्राथमिक सूचना रिपोर्ट थानों में दर्ज की गई? (घ) क्या इन अवैध कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाएँ कॉलोनीनाईजर से उपलब्ध कराने के लिये निकाय द्वारा समय-समय पर कार्यवाही की गई? नहीं तो क्यों? (ङ) निगम के पास इन अवैध कॉलोनियों को वैध कर निगम में हस्तांतरित करने की क्या कार्ययोजना है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) खण्डवा जिले के नगरीय निकायों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अवैध कॉलोनी के विकासकर्ताओं से समझौता शुल्क जमा कराने के कोई प्रावधान नहीं है। विकासकर्ताओं से दाण्डिक राशि वसूल नहीं की गई है। कॉलोनी विकास नियम 2021 में अनधिकृत कॉलोनी संबंधित उपबंध किये गये हैं जिसके तहत सक्षम प्राधिकारियों द्वारा कार्यवाही की जा रही है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांकित कार्यवाही के संबंध में ऐसे कोई प्रावधान न होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) अवैध कॉलोनियों को वैध करने के प्रावधान न होने से ऐसी कोई कार्य योजना नहीं है, अपितु दिनांक 13.01.2022 से प्रभावशील म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 के अनुसार नगरीय क्षेत्र की अनधिकृत कॉलोनियों में नागरिक अधोसंरचना उपलब्ध कराने के लिए सक्षम प्राधिकारी अर्थात नगर निगम की स्थिति में आयुक्त, नगर निगम एवं जिले की नगरपालिका परिषद/नगर परिषद की स्थिति में जिला कलेक्टर द्वारा कार्यवाही आरंभ की जा रही है।
नगर-निगम द्वारा झुग्गी झोपड़ी का विस्थापन
[नगरीय विकास एवं आवास]
54. ( क्र. 1036 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल स्थित बी सेक्टर 110/08 पार्क के सामने की बी.डी.ए. कॉलोनी कोहेफिजा भूमि को बी.डी.ए. द्वारा अलग-अलग प्लाटों के माध्यम से नीलामी में विक्रय किया जा रहा है? यदि हाँ, तो विक्रय की मूल राशि बिल्डर द्वारा जमा की गई है अथवा नहीं? (ख) क्या उपरोक्त स्थान पर पहले से झुग्गीयां बनी थी और बी.डी.ए. ने उपरोक्त भूमि की राशि जमा करने से मना कर दिया है कि जब तक झुग्गी मुक्त नहीं होगा तब तक इस जगह की शेष राशि जमा नहीं की जावेगी? यदि हाँ तो तो क्या उपरोक्त स्थान से झुग्गियों के विस्थापन की कोई योजना है? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या 2019 में झुग्गियों को हटा दिया गया था और नीलामी बोलने वाले ने पुन: पैसे जमा करने का निवेदन किया फिर बाद में यह कहते हुए कि प्लाटों पर डेवलपमेंट करने के उपरांत ही शेष पैसे जमा कराये जायेंगे? (घ) क्या नगर निगम ने बिना किसी पूर्व सूचना अनुमति के आवेदनकर्ता के प्लाटों को प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मल्टी स्टोरी बिल्डिंग का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है? यदि हाँ तो क्यों, नहीं तो वर्तमान में क्या स्थिति है? (ड.) क्या आवंटियों ने भोपाल सिविल न्यायालय, जिला न्यायालय तथा म.प्र. उच्च न्यायालय में नगर निगम द्वारा कराये जा रहे निर्माण कार्य के विरूद्ध स्थगन लिया है और स्थगन के बाद भी नगर निगम प्रशासन बिना किसी अनुमति के उपरोक्त स्थान पर करोड़ों रूपये व्यय कर निर्माण कार्य जारी रखे हुए है? यदि हाँ तो क्यों? (च) क्या नगर निगम के प्रशासक व बी.डी.ए. के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा एक तरफा आवंटितों का आवेदन न्यायालय द्वारा स्थगन दिये जाने के बाद भी निरस्त कर दिया है? यदि हाँ तो क्यों? (छ) क्या शासन/नगर निगम बिना अनुमति व आवंटन के करोड़ों रूपये का निर्माण कार्य पर खर्च कर रहे हैं जबकि उपरोक्त भूमि पर न्यायालयीन प्रकरण चल रहा है? यदि हाँ तो क्यों और निर्माण कार्य पर खर्च की गई राशि का जिम्मेदार कौन होगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। वर्तमान में स्थल से झुग्गियां हटा दी गई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) आवंटितियों द्वारा प्राधिकरण को अवगत कराया गया कि अतिक्रमण हटा दिया गया है। अतएव भूखण्ड का पंजीयन किये जाने हेतु भूखण्ड के मद में शेष राशि जमा किये जाने की उन्हें जानकारी प्रदान की जाये। प्राधिकरण द्वारा संचालक मण्डल के निर्णय क्रमांक 2199/20, दिनांक 21/05/2020 के द्वारा उपरोक्त भूखण्डों का आवंटन निरस्त किया गया। (घ) जी नहीं। वर्तमान में निर्माण कार्य किया जा रहा है। (ड.) जी हाँ। माननीय न्यायालय द्वारा भूखण्ड क्रमांक 26 पर निर्माण पर स्थगन दिया गया है एवं भूखण्ड क्रमांक 26 को छोड़कर शेष भूमि पर निर्माण कार्य प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत ई.डब्ल्यू.एस. आवासों की क्रास सबसिडी की पूर्ति हेतु किया जा रहा है। (च) प्राधिकरण द्वारा संचालक मण्डल के निर्णय क्रमांक- 2199/20, दिनांक 21/05/2020 के द्वारा उपरोक्त भूखण्ड का आवंटन निरस्त किया गया है। (छ) जी नहीं। जिस भूमि पर माननीय न्यायालय द्वारा स्थगन दिया गया है को छोड़कर शेष भूमि पर निर्माण कार्य किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
शासकीय आवासों के मरम्मत के लिये स्वीकृत राशि
[लोक निर्माण]
55. ( क्र. 1037 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल स्थित शासकीय आवासों के संधारण/मरम्मत हेतु शासन/लोक निर्माण विभाग द्वारा किस-किस वर्ग के आवासों में कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की जाती है और कितने समय में बतावें। (ख) क्या भोपाल स्थित शासकीय आवासों की रख-रखाव के लिये मेंटेनेंस कार्यालय में आवास में उपयोगी सहायक सामग्री समुचित रूप से रखी जाती है? यदि हाँ, तो समय पर शासकीय आवासों के लिये सहायक सामग्री क्यों नहीं उपलब्ध होती है? (ग) क्या द्वितीय एवं तृतीय मंजिल के सभी वर्ग के शासकीय आवास जो ज्यादातर क्षतिग्रस्त हैं क्या उनके संधारण की कोई योजना है? यदि हाँ तो क्या यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या मेंटेनेंस कार्यालय द्वारा आवासधारी कर्मचारी/अधिकारी को आवास का आवश्यक कार्य पूर्ण कर कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र एवं बिल की प्रति उपलब्ध कराई जाती है? यदि नहीं तो क्यों? यदि हाँ, तो प्रमाण सहित बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) उपलब्ध आवंटन एवं आवश्यकता के अनुरूप समय-समय पर संधारण कार्य कराया जाता है। आवासधारी के मांग के आधार पर आवश्यकतानुसार उपलब्ध आवंटन के अनुसार राशि स्वीकृत सक्षम अधिकारी द्वारा की जाती है। (ख) वर्तमान में आवासों के रख-रखाव हेतु कोई सामग्री का क्रय नहीं किया जा रहा है, शेष प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) जी नहीं। द्वितीय एवं तृतीय मंजिल के शासकीय आवास क्षतिग्रस्त नहीं है, उनके संधारण हेतु आवासधारी की मांग एवं विभागीय सहायक यंत्री, कार्यपालन यंत्री एवं अधीक्षण यंत्री के निरीक्षण के पश्चात आवश्कतानुसार विशेष मरम्मत के कार्य सक्षम अधिकारी से स्वीकृति के पश्चात कार्य कराये जाते है, पृथक से योजना की आवश्कता नहीं है, क्योंकि आवासों में आवश्यकतानुसार विशेष मरम्मत मैदानी अधिकारियों के निरीक्षण उपरान्त विधिवत एस.आर. प्राक्कलन स्वीकृति उपरान्त कराई जाती है। (घ) जी नहीं। म.प्र. लो.नि.वि. मेन्युल में प्रावधान नहीं।
संकरी पुलियों का चौड़ीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
56. ( क्र. 1044 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) NH-39 पन्ना-छतरपुर मार्ग की नगरीय सीमा में स्थित पुलियों के चौड़ीकरण हेतु क्या-क्या प्रयास किए गए? पुलियों के चौड़ीकरण के प्रस्ताव कब-कब तैयार कर स्वीकृति हेतु अधिकारियों के समक्ष रखे गए। इन प्रस्ताव को किन कारणों से स्वीकृत नहीं किया गया। यदि स्वीकृति प्रदाय की गई तो कब? स्वीकृति उपंरात निर्माण किन कारणों से प्रांरभ नहीं हो सका। (ख) जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक उक्त पुलियों में कितनी दुर्घटनाएँ कब-कब हुई? कितने लोगों की उक्त दुर्घटनाओं में जान जा चुकी है? क्या इन दुर्घटनाओं का एक कारण पुलियों की चौड़ाई कम होना भी है? यदि हाँ, तो मानवक्षति को रोकने हेतु त्वरित कार्यवाही क्यों नहीं की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रस्तावों की स्वीकृति प्राप्त न होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक 01 दुर्घटना हुई है। जिसमें किसी भी व्यक्ति की जान नहीं गई है। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
महाराजा छत्रसाल विश्वविद्यालय छतरपुर के भवन का निर्माण
[उच्च शिक्षा]
57. ( क्र. 1045 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाराजा छत्रसाल विश्वविद्यालय छतरपुर के लिए आवंटित स्थल में भवन निर्माण हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? कितना बजट आवंटित किया गया। (ख) आवंटित स्थल में किसी प्रकार का अतिक्रमण तो नहीं हुआ है? यदि हाँ, तो इसे हटाने एवं आवंटित स्थल की सुरक्षा हेतु विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रश्न दिनांक तक क्या कदम उठाए?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) महाराजा छत्रसाल महाविद्यालय, छतरपुर का चल-अचल संपत्ति सहित संविलियन महाराजा छत्रसाल बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय में होने के फलस्वरूप नवीन भवन की तात्कालिक आवश्यकता न होने के कारण आवंटित स्थल में भवन निर्माण संबंधी कोई कार्य नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) आवंटित भूमि स्थल पर स्थाई अतिक्रमण नहीं हुआ है। स्थल सुरक्षा हेतु चौकीदार आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से नियुक्त है। अस्थाई पट्टा संबंधी प्रकरण माननीय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-3, जिला-न्यायालय छतरपुर में क्रमांक 09/19 एवं 10/19 विचाराधीन है।
ग्वालियर जिले में जल प्रदाय
[नगरीय विकास एवं आवास]
58. ( क्र. 1048 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर नगर निगम क्षेत्रों के अंर्तगत अमृत योजना के तहत (24×7) चौबीस× सात जलप्रदाय किये जाने का प्रावधान है, यदि हाँ तो ग्वालियर पूर्व, दक्षिण, ग्वालियर विधानसभा में कौन-कौन सी टंकियों से जल प्रदाय किया जा रहा है? जून 2020 की स्थिति में जानकारी दी जावे। (ख) क्या (24×7) का प्रावधान होने के बावजूद अमृत गाईड-लाईन का उल्लंघन किया गया है क्यों। (24×7) के तहत एक व्यक्ति को कितने लीटर प्रदाय का प्रावधान रखा है पेयजल की कितनी मात्रा टंकी से एवं कितनी पम्पिंग से कितने समय जल प्रदाय किया जावेगा? (ग) ग्वालियर पूर्व विधानसभा में कितनी पाईप-लाईन जून 2022 तक डाली गई है, उक्त क्षेत्र में अमृत के प्रस्तावित कार्य पूर्ण हुये है? कितने पूर्ण एवं कितने अपूर्ण है? एवं कितने स्थानों पर (24×7) के तहत जल प्रदाय के स्थान निश्चित किये है, स्थानों एवं कार्यों के नाम सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (घ) ग्वालियर पूर्व विधानसभा के अपूर्ण कार्य किन कारणों से पूर्ण नहीं हो सके है, उन्हें कब तक पूर्ण किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। 135 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन जल प्रदाय के हिसाब से योजना का डिजाईन किया गया है। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) ग्वालियर पूर्व विधानसभा में जून 2022 तक 361 कि.मी. पाईप-लाईन डाली गई है। उक्त क्षेत्र में समस्त कार्य पूर्ण हुए हैं। उक्त क्षेत्र में (24X7) हेतु कुल 39 स्थानों से 78 डी.एम.ए. के कार्य जल प्रदाय हेतु चिन्हित हुए। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) ग्वालियर पूर्व विधानसभा में अमृत परियोजना के अंतर्गत स्वीकृत कार्य पूर्ण हो चुके हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ड्रेनेज व्यवस्था की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
59. ( क्र. 1049 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर पूर्व विधानसभा की ड्रेनेज व्यवस्था हेतु कोई (डी.पी.आर) डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कराई गई है यादि हाँ, तो उसकी पूर्ण जानकारी जून 2022 की स्थिति में दी जावे। (ख) क्या यह भी सही है कि ग्वालियर पूर्व विधानसभा की कई बस्तियों, मोहल्लों में ड्रेनेज नहीं होने से वहां गंदगी, पानी फैलने से क्षेत्रवासियों को रहने, चलने में अत्याधिक असुविधा हो रही है इस समस्या के समाधान हेतू नगर पालिका नगर निगम द्वारा अभी तक क्या-क्या प्रयास कब-कब किये गये पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) क्या ग्वालियर पूर्व विधानसभा के ऐसे क्षेत्र जहां रहवासियों के लिये ड्रेनेज व्यवस्था नहीं है उस क्षेत्रों की ड्रेनेज डी.पी.आर कब तक तैयार कराई जाकर कार्य प्रारम्भ कराया जा सकेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं, आवश्यकतानुसार समय-समय पर ड्रेनेज निकासी हेतु नाला, नाली निर्माण कराया जाता है। विगत वर्षों में कराये गये नाला निर्माण कार्यों एवं वर्तमान में प्रगतिरत कार्यों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) ग्वालियर पूर्व विधानसभा के जिन क्षेत्रों में रहवासियों के लिये ड्रेनेज व्यवस्था नहीं है, उन क्षेत्रों की डी.पी.आर. तैयार कराने हेतु सक्षम स्वीकृति उपरांत कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बिजावर महाविद्यालय में शेष संकाय प्रारंभ करने विषयक
[उच्च शिक्षा]
60. ( क्र. 1050 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविद्यालय बिजावर में कितनी संकाय संचालित है? (ख) विज्ञान, वाणिज्य एवं कला की शेष संकाय कब तक प्रारंभ कर दी जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शासकीय महाविद्यालय, बिजावर में कला संकाय संचालित है। (ख) शासकीय महाविद्यालयों में स्नातक स्तर पर नवीन संकाय प्रारंभ किए जाने संबंधी विभाग के निर्धारित मापदण्ड अनुसार शासकीय महाविद्यालय, बिजावर में विज्ञान संकाय प्रारंभ किए जाने हेतु निर्धारित मापदण्ड की पूर्ति हो रही है, परन्तु वाणिज्य संकाय प्रांरभ किए जाने हेतु विभागीय मापदण्ड की पूर्ति नहीं हो रही है। स्नातक स्तर पर नवीन वाणिज्य एवं विज्ञान संकाय प्रारंभ किए जाने की समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। यद्यपि आयुक्त, उच्च शिक्षा मध्य प्रदेश द्वारा जारी आदेश क्रमांक 78/168/स्वा.वि./आउशि/योजना/2022 दिनांक 04/02/2022 के माध्यम से स्ववित्तीय योजना अंतर्गत स्नातक स्तर पर नवीन संकाय संचालित करने की अनुमति प्रदान की गई है।
विश्वविद्यालय छात्राओं को स्कूटी का प्रदाय
[उच्च शिक्षा]
61. ( क्र. 1055 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि शंकरशाह विश्वविद्यालय छिंदवाड़ा का भवन, स्वीकृत स्टॉफ तथा अन्य सुविधाओं को लेकर क्या विभाग द्वारा वित्त मंत्रालय को अनुपूरक बजट में राशि देने हेतु कोई प्रस्ताव भेजा गया हैं यदि हाँ, तो भेजे गए प्रस्ताव की छायाप्रति उपलब्ध कराए साथ ही साथ विश्वविद्यालय में पदों के सृजन को लेकर मंत्री परिषद की बैठक में यदि कोई प्रस्ताव भेजा गया हो तो उसकी जानकारी दें यदि नहीं भेजा गया हैं तो यह प्रस्ताव कब तक भेजा जाएगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : जी नहीं। वित्तीय वर्ष 2022-23 के प्रथम अनुपूरक बजट में प्रावधान हेतु कोई प्रस्ताव वित्त विभाग को नहीं भेजा गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। विभागीय आदेश दिनांक 30.09.2019 द्वारा शंकरशाह विश्वविद्यालय, छिंदवाड़ा में कुल 325 पद सृजित किए गए हैं। उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विधायक निधि से प्राप्त राशि
[ऊर्जा]
62. ( क्र. 1056 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधायक निधि से लांजी विधानसभा क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक विभाग को कितनी राशि किन-किन कार्यों के लिये प्राप्त हुई? प्राप्त राशि से कितने कार्य कराये जा चुके है? जो कार्य पूर्ण नहीं हुये उनकी राशि कब विभाग को प्राप्त हो चुकी है? देरी के लिये दोषियों पर विभाग क्या कार्यवाही करेगा? (ख) क्या यह सही है कि नवीन ट्रान्सफार्मर तथा क्षमता वृद्धि के लिए राशि उपलब्ध कराने के बावजूद कम्पनी ने ट्रान्सफार्मर क्रय न करते हुए पुराने ट्रान्सफार्मर ही लगा दिए? (ग) 33/11 पावर सब स्टेशन जीवनारा का कार्य कब तक प्रारंभ कर दिया जाएगा, कृपया समय-सीमा बताएं? (घ) अति नक्सल संवेदनशील क्षेत्र बेलगांव विद्युत वितरण केन्द्र लांजी में पावर सब स्टेशन प्रांरभ करने में देरी क्यों हो रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत लांजी विधान सभा क्षेत्र में विद्युत अधोसंरचना विस्तार/सुदृढ़ीकरण के कार्यों हेतु वित्तीय वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक विधायक निधि मद से स्वीकृत/प्राप्त राशि की कार्यवार जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युत अधोसंरचना विस्तार/सुदृढ़ीकरण के कार्यों हेतु विधायक निधि मद से वित्तीय वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक 52 कार्यों के लिये कुल राशि रूपये 1,45,70,235/- प्राप्त हुई है, जिनमें से लागत राशि रूपये 1,06,17,181/- के 44 कार्य पूर्ण कराये जा चुके है एवं लागत राशि रूपये 39,53,054/- के शेष 8 कार्य प्रगति पर है। लंबित कार्यों की कार्यवार राशि प्राप्त होने की प्रश्नाधीन चाही जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। समस्त लंबित कार्य प्रगति पर हैं तथा इन सभी कार्यों को माह अगस्त-2022 तक पूर्ण करने के प्रयास है। अत: उपरोक्तानुसार की गई/की जा रही कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में किसी अधिकारी या कर्मचारी के दोषी होने या अन्य कोई कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ख) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत विभागीय तौर पर अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जाने के कार्यों में नवीन वितरण ट्रांसफार्मर तथा वितरण ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि के कार्यों में नवीन एवं सही स्थिति के पुराने वितरण ट्रांसफार्मर क्षेत्रीय भण्डार से उपलब्धता अनुसार आहरण कर उपयोग में लाये जाते हैं। तथापि प्रश्नाधीन प्रकरणों में लगाए गए पुराने वितरण ट्रांसफार्मरों को नवीन ट्रांसफार्मरों की उपलब्धता अनुसार बदल दिया जावेगा। (ग) नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र जीवनारा (कुम्हारी खुर्द) की स्थापना का कार्य आर.डी.एस.एस. योजना में सम्मिलित किया गया है। योजनांतर्गत सम्मिलित कार्यों की स्वीकृति केन्द्र शासन से प्राप्त हो चुकी है तथा योजनांतर्गत स्वीकृत कार्यों के क्रियान्वयन हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: उक्त विद्युत उपकेन्द्र का कार्य प्रारंभ करने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत बेलगांव क्षेत्र को वर्तमान में 33/11 के.व्ही. लांजी विद्युत वितरण केन्द्र से निर्गमित 11 के.व्ही. घोटी फीडर से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, जिस पर वोल्टेज रेग्यूलेशन निर्धारित मानकों से अधिक है। इस समस्या के निराकरण हेतु उक्त फीडर के विभक्तिकरण का कार्य आर.डी.एस.एस. योजना में शामिल कर लिया गया है। उत्तरांश (ग) में दर्शाए अनुसार निविदा कार्यवाही पूर्ण होने पर योजना में सम्मिलित कार्यों का क्रियान्वयन आरंभ किया जा सकेगा। उक्त कार्य पूर्ण होने के उपरांत प्रश्नाधीन क्षेत्र में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना की आवश्यकता नहीं होगी।
लेबड-जावरा टोल के यातायात की गणना
[लोक निर्माण]
63. ( क्र. 1066 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1854 दिनांक 11 मार्च 2022 के प्रश्नांश (क) का स्पष्ट उत्तर देवें कि टारगेट ट्राफिक दिनांक तथा इस दिनांक को PCU की संख्या का किस सूत्र के आधार पर अनुबंध के आर्टिकल 29 में उल्लेख किया गया? उस सूत्र की प्रति देवें। यदि फिजिबिलिटी रिपोर्ट तथा तत्समय सर्वे के आधार पर तय किया गया तो उसकी प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (ख) के सन्दर्भ में बतावें कि त्रुटि क्यों हुई? नई दिनांक तय करने संबंधी हुये पत्र व्यवहार तथा सहमति की प्रति देवें तथा टोल वसूली प्रारम्भ होने से वर्ष 2022 तक (वर्ष 2020 तथा 2021) को छोड़कर प्रत्येक वर्ष को 01 जून को वास्तविक ट्राफिक के अनुसार PCU की गणना कर बतावें। (ग) बतावें कि कन्सल्टेन्ट द्वारा दी गई रिपोर्ट को फिजिबिलिटी रिपोर्ट कहते हैं या DPR कहते है? लेबड जावरा तथा जावरा नयागांव की फिजिबिलिटी रिपोर्ट की प्रति देवें तथा बतावें कि संभावित ट्रॉफिक तथा आय के आंकड़ें किस पृष्ठ पर हैं तथा वित्तीय व्यवहार्यता तथा इन्टरनल रेट आफ रिटर्न का आंकलन किन आंकड़ों से किया गया? (घ) क्या फिजिबिलिटी रिपोर्ट में Base year toll fee का डिटेल एजम्पशन Projection of operation case flow Income statement balance sheet Quarterly and annual debit service के आंकड़ें हैं या नहीं? यदि हैं तो रिपोर्ट अनुसार वर्ष 2011 से 2036 तक के यातायात (PCU) तथा आय के आंकड़ें तथा 2011 से 2019 के वास्तविक आंकड़ें बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) टारगेट ट्रैफिक दिनांक मॉडल रियायत अनुबंध अनुसार तय की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'क' अनुसार। फिजिबिलिटी रिपोर्ट के अनुसार टारगेट ट्रैफिक (औसत) की गणना टोल हेतु पात्र वाहनों के आधार पर की गई है। ट्रैफिक आंकलन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ख' अनुसार। (ख) उक्त त्रुटि के कारण के संबंध में कोई अभिलेख अभिलिखित नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ग' अनुसार। टोल वसूली प्रारम्भ होने से वर्ष 2022 तक (वर्ष 2020 तथा 2021) को छोड़कर प्रत्येक वर्ष को जून माह को वास्तविक ट्रैफिक के अनुसार पी.सी.यू.की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ग' अनुसार। (ग) फिजिबिलिटी रिपोर्ट एवं डी.पी.आर. पृथक-पृथक है। कन्सलटेन्ट द्वारा बी.ओ.टी. परियोजना अंतर्गत फिजिबिलिटी रिपोर्ट बनाई गई है। लेबड जावरा एवं जावरा नयागांव की फिजिबिलिटी रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ड' अनुसार। संभावित ट्रैफिक कंसलटेंट द्वारा जमा की गई ड्राफ्ट फिजिबिलिटी रिपोर्ट वॉल्यूम-1 सितम्बर 2005 चैप्टर-7 के पृष्ठ क्र. 7-63 से 7-70 में दिया गया है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'च' अनुसार। तथा आय के आंकड़ें नहीं दिये गये है। वित्तीय व्यवहार्यता तथा इन्टरनल रेट आफ रिटर्न का आंकलन फिजिबिलिटी रिपोर्ट के वॉल्यूम -1 चैप्टर-5 पृष्ठ 5-1 से 5-7 तक दिया गया है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
यातायात की गणना के सम्बन्ध में
[लोक निर्माण]
64. ( क्र. 1067 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 1854 दिनांक 11 मार्च 2022 के खण्ड ''ग'' के संदर्भ में बतावें कि वास्तविक यातायात की गणना विभाग द्वारा अक्टूबर-नवम्बर 21 के पहले क्यों नहीं की गई तथा खण्ड (घ) अनुसार यदि रिपोर्ट में संभावित यातायात तथा आय का प्रावधान (उल्लेख) नहीं है तो टोल अवधि किस आधार पर 25 वर्ष तय की गई? (ख) प्रश्न क्रमांक 3623 दिनांक 21.03.2022 के खण्ड ''ख'' के संदर्भ में बतावें कि क्या फिजिबिलिटी रिपोर्ट में टोल फी, कन्स्ट्रक्शन कास्ट, ऑपरेशनल पैरामीटर, मेक्रो इकॉनामिक एजम्पशन, ब्याज भुगतान आदि का समायोजन करने के बाद इन्कम स्टेटमेंट बनाया गया है? (ग) खण्ड ''ख'' यदि हाँ तो बतावें कि निवेशकर्ता द्वारा दी गई ब्याज, बीमा तथा अन्य लागत को शासन की मान्यता अनुबंध की किस शर्त के अनुसार प्रदान की गई तथा उसकी सत्यता का परीक्षण किस अधिकारी द्वारा किया गया? उसका नाम, पद तथा परिक्षण रिपोर्ट की प्रति देवें। (घ) क्या जावरा नयागांव फोरलेन के निवेशकर्ता को फरवरी 2022 तक 688 करोड़ तथा लेबड जावरा के निवेशकर्ता को 734 करोड़ की शुद्ध हानि हो रही है, तो क्या इनकी टोल अवधि बढ़ाने हेतु निवेशकर्ता ने अनुबंध की शर्त अनुसार आवेदन दिया है? उसकी प्रति देवे तथा बतावें कि टोल अवधि कितने वर्ष बढ़ायी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) अनुबंधानुसार टारगेट दिनांक 01 जून 2020 है। वर्ष 2019, 2020 एवं वर्ष 2021 में चुनाव एवं कोरोना महामारी के कारणवश विभाग द्वारा ट्रैफिक सेम्पलिंग किया जाना संभव नहीं था एवं कॉरोना के दौरान ट्रैफिक प्रभावित होकर न्यूनतम होने से कंडिका 29 अनुसार निर्णय नहीं लिया जा सकता था। विभाग द्वारा कोरोना के पश्चात ट्रैफिक की स्थिति सामान्य होने का समाधान होने पर ट्रैफिक सेम्पलिंग की गई इस हेतु कंसेशनायर की सहमति प्राप्त की गई तदानुसार 27 अक्टूबर 2021 से 03 नवम्बर 2021 तक ट्रैफिक सेम्पलिंग की गई है। मॉडल कंसेशन अनुबंध में यह लेख किया गया है कि अवधि तय करने का आधार आंकलित ट्रैफिक होगा। कंसलटेंट द्वारा आई.आर.सी. 64 -1990 अंतर्गत रियायत अवधि लेन क्षमता (Capacity) पर आधारित की गई है। आई.आर.सी. 64 -1990 के अनुसार चार लेन डिवाईडेड केरेजवे के लिए लेन क्षमता (Capacity) 70,000 पी.सी.यू. है। अतः कन्सलटेंट द्वारा लेबड़-रतलाम-जावरा-मंदसौर-नयागांव मार्ग की फिजिबिलिटी रिपोर्ट हेतु 06 स्थानों पर ट्रैफिक सर्वे कर अनुमानित ट्रैफिक प्रस्तुत किये गये है जिसके अनुसार 25 वर्ष की अवधि के पश्चात मार्ग की लेन (Capacity) 70,000 पी.सी.यू. से अधिक हो जाती, अतः रियायत अवधि 25 वर्ष निर्धारित की गई है। (ख) जी नहीं। इंकम इस्टेटमेंट फिजिविलिटी रिपोर्ट में उपलब्ध नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्तमान में परियोजना प्रचलन में है अतः शुद्ध हानि की गणना परियोजना समाप्ति वर्ष 2033 के पश्चात ही रियायतकर्ता से प्राप्त किया जाना प्रासंगिक होगा। जी हाँ निवेशकर्ता द्वारा अनुबंध के शर्त अनुसार आवेदन दिया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
हरदौली बांध निर्माण में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
65. ( क्र. 1070 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदौली बांध निर्माण योजना, मुलताई जिला बैतूल में जल संसाधन विभाग मुलताई के श्री जी.पी. सिलावट, कार्यपालन यंत्री एवं श्री सी.एल. मरकाम एस.डी.ओ. को मॉनिटरिंग करने हेतु क्या शासन स्तर से नियुक्ति पत्र दिया गया था? यदि हाँ तो नियुक्ति पत्र की प्रति दें। यदि नहीं तो क्या स्वयं द्वारा मॉनिटरिंग पद निर्मित करके भ्रष्टाचार की नीयत से शासन को भ्रमित किया? यदि हाँ तो जल संसाधन विभाग की अनापत्ति प्रमाण-पत्र बताएं। (ख) क्या श्री सी.एल. मरकाम, एस.डी.ओ. ने कूट रचना से मुख्य अभियंता बोधी जल संसाधन विभाग से हरदौली बांध का पत्र 82, दिनांक 22/02/2014 से अनुमोदित ड्राइंग डिजाइन, वेस्ट वियर को बांयी तट से दायीं तट? हाइड्रोलॉजी 639.19 क्यूमेक्स से 289.71 क्यूमेक्स? दो संख्या कंक्रीट फाल 150 मीटर चौड़ा 4 मीटर गहराई एवं 90 मीटर चौड़ा 2.5 मीटर गहरा को निर्माण ड्राइंग से हटाई? यदि हाँ तो प्रति दें। क्या डिजाइन परिवर्तित कर दिया? यदि हाँ तो परिवर्तन करने हेतु ई.ई. एवं एस.डी.ओ. सक्षम अधिकारी थे? क्या बोधी, जल संसाधन से सक्षम अनुमतियां ली गई थी? यदि हाँ तो स्वीकृति बताएं। यदि नहीं तो क्यों नहीं? ड्राइंग डिजाइन बोधी एवं परिवर्तित ड्राइंग डिजाइन दोनों की प्रति दें। (ग) श्री सी.एल. मरकाम, एस.डी.ओ. को मॉनिटरिंग हेतु क्या प्रतिनियुक्ति पत्र, विभागीय अनापत्ति एवं आदेश से जारी किया था? यदि हाँ तो एक प्रति दें। क्या माप पुस्तिका एवं चलित देयक पर हस्ताक्षर करने हेतु शासन स्तर से सक्षम अधिकारी दिए गए थे? यदि हाँ तो प्रति दें। (घ) श्री सी.एल. मरकाम, मॉनिटरिंग एस.डी.ओ. द्वारा हरदौली बांध निर्माण के कितने चलित देयक राशि, कितने करोड़ का भुगतान एस.सी. नागपाल ठेकेदार को स्वयं के हस्ताक्षर से करवाया? यदि हाँ तो माप पुस्तिका एवं रनिंग बिलों की क्रमानुसार प्रति दें। प्रश्नांश (क) से (घ) तक बिन्दुवार विवरण से उत्तर दें। शासन किस नाम/पदनाम को दोषी मानता है? दोषियों के विरूद्ध कब तक निलंबन की एवं विभागीय जांच की कार्रवाई करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, कलेक्टर बैतूल द्वारा कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन विभाग को हरदौली बांध निर्माण के तकनीकी निरीक्षण हेतु निर्देशित किया गया था। उक्त निर्देश के परिपालन में कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन विभाग, मुलताई द्वारा पत्र क्र. 4806 दिनांक 15.11.2017 से मुख्य नगर पालिका अधिकारी को अवगत कराया गया था। जी नहीं, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगरपालिका परिषद, मुलताई के पत्र क्र. 611 दिनांक 27.04.2019 से सी.ओ.टी. की खुदाई का निरीक्षण कर तकनीकी मार्गदर्शन हेतु कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन विभाग को पत्र लिखा गया था। दोनों पत्रों की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। शासकीय राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल के परीक्षण उपरांत ड्राइंग डिजाइन अनुमादित की गई थी। अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार सक्षम स्वीकृति प्राप्त की गई। अनुबंध में बोधी से सक्षम स्वीकृति लेने को कोई प्रावधान न होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास द्वारा श्री सी.एल. मरकाम, एस.डी.ओ. को प्रतिनियुक्ति पत्र जारी नहीं किया गया है। मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगरपालिका परिषद, मुलताई द्वारा माप पुस्तिका में दर्ज देयक परीक्षण हेतु अनुविभागीय अधिकारी जल संसाधन उपसंभाग-1 मुलताई को भेजे जाने पर उनके द्वारा देयक का परीक्षण कर हस्ताक्षर किये गये है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्वीकृत इंटेकवेल पम्प हाउस का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
66. ( क्र. 1071 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. हरदोली पीएचई घटक नगर पालिका परिषद् मुलताई जिला बैतूल म.प्र. में ठेकेदार आदि एक्वा प्रोजेक्ट प्रायवेट लिमिटेड द्वारा बांध के जल भराव के स्थल में पूर्व से स्वीकृत इंटेकवेल पम्प हाउस का निर्माण संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. से अनुमोदित ड्राईंग डिजाईन के स्थल पर क्या निर्माण कार्य किया जा रहा है? यदि नहीं तो क्या स्थल परिवर्तन हेतु बांध सुरक्षा बोधी जल संसाधन विभाग म.प्र. शासन से अनुमति प्राप्त की है? यदि हाँ तो प्रति दें। क्या एस.के.लोखण्डे ठेकेदार द्वारा पूर्व में इंटेकवेल की खुदाई अनुमोदित ड्राईंग डिजाईन अनुसार पूर्ण की गई थी? यदि हाँ तो खुदाई का मरेजरमेन्ट एमबी बुक में बतायें। (ख) क्या एस.के.लोखण्डे ठेकेदार द्वारा राइजिंगमेन, फीडरमेन में डक्टाईल आयरन पाईप बिछाई नाली खुदाई कर डी.आई. पाईप कितना मीटर पाईप बिछाकर मिट्टी भराई की गई? गहराई का माप लेवल अनुसार आर.डी. आफसेट से एमबी बुक में दर्ज मेजरमेन्ट लेवल अनुसार बतायें? क्या मेजरमेंट प्रति 5 मीटर आर.डी. अनुसार गहरी नाली खुदाई का लेवल लिया गया? प्रति दें। (ग) क्या एस.के.लोखण्डे ठेकेदार द्वारा डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क में एचडीपीई पाईप बिछा कर नाली खुदाई कर कितना मीटर पाईप बिछाकर मिट्टी भराई की गई? गहराई का माप लेबल अनुसार आर.डी. आफसेट से एमबी बुक में दर्ज मेजरमेन्ट लेवल अनुसार बतायें। क्या मेजरमेन्ट प्रति 5 मीटर आर.डी. अनुसार नाली खुदाई का लेवल लिया गया? प्रति दें। (घ) क्या एस.के.लोखण्डे ठेकेदार का इनकम्पलीट फायनल बिल तकनीकी सक्षम अधिकारी से ठेकेदार के समक्ष वेरिफिकेशन कर अनुमोदन किया है? यदि हाँ तो बतायें। एक प्रति दें। (ड.) प्रश्नांश (क) से लेकर (घ) तक निविदा शर्तों का विस्तृत उल्लेख करें। बिन्दुवार उत्तर दें। शासन किस नाम/पदनाम के विरूद्ध की गई अनियमितताओं पर कब तक दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। स्थल परिवर्तन हेतु बांध सुरक्षा बोधी जल संसाधन विभाग म.प्र. शासन से अनुमति प्राप्त नहीं की है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। योजना के पी.एच.ई. घटक कार्य के पूर्व अनुबंधित ठेकेदार एस.के. लोखण्डे द्वारा राइजिंग मेन, फीडर मेन में बिछाई गई पाईप-लाईन की जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। जी नहीं, विभिन्न डाया के डीआई/एचडीपीई पाईप बिछाने के लिये पाईप के डाया एवं उसके उपर मानक अनुसार कवर रखते हुये अनुमोदित ड्राइंग अनुसार खुदाई कर पाईप बिछाया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। योजना के पी.एच.ई. घटक कार्य के पूर्व अनुबंधित ठेकेदार एस.के. लोखण्डे द्वारा डिस्ट्रीब्युशन नेटवर्क में बिछाई गई एचडीपीई पाईप जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं, अपितु पूर्व ठेकेदार एस.के. लोखण्डे को इनकम्पलीट फायनल बिल बनाये जाने हेतु कार्य के माप लिए जाने के संबंध में बार-बार सूचना दिये जाने के बावजूद भी ठेकेदार के उपस्थित नहीं होने से ठेकेदार के द्वारा किये गये कार्य का इनकम्पलीट फायनल बिल निकाय के तकनीकी अधिकारियों के द्वारा बनाया गया है जिसे निकाय के तकनीकी अधिकारियों के द्वारा सत्यापित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) प्रश्नांश (क) से लेकर (घ) तक उल्लेखित प्रश्नों का बिन्दुवार विवरण प्रश्नांश (क) से लेकर (घ) तक की कंडिकाओं में दिया गया है। निविदा शर्तों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'द' अनुसार है। किसी प्रकार की अनियमितता नहीं पाये जाने से कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
निविदा में प्रशासकीय तकनीकी स्वीकृति के शर्तों का पालन
[नगरीय विकास एवं आवास]
67. ( क्र. 1072 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. हरदोली बांध नगर पालिका परिषद मुलताई जिला बैतूल में क्या ड्राईंग डिजाईन परिवर्तन के पूर्व बोधी बांध सुरक्षा जल संसाधन विभाग से क्या अनुमति प्राप्त की थी? क्या एस.सी. नागपाल ठेकेदार की निविदा टेण्डर की ड्राफ्टिंग प्राक्कलन प्रशासनिक तकनीकी स्वीकृत के निर्धारित शर्तों के अनुसार हुई थी? हाँ तो निर्धारित शर्तों की अनुबंधानुसार एक प्रति देवें। (ख) बांध में क्या निविदा की प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति अनुसार उसकी शर्त क्रमांक - 11 के अनुपालन में ड्राईंग डिजाईन बोधी बांध सुरक्षा जल संसाधन विभाग से अनुमोदन कराई गई? क्या निविदा में पृथक शर्त दी गई थी? यदि हाँ तो प्रति दें। नहीं तो तकनीकी स्पष्टीकरण देवें। (ग) एस.सी. नागपाल ठेकेदार को निर्माण कार्य का प्रथम भुगतान दिनांक 30/06/2019 को किया है? क्या भुगतान तिथि के 26 दिन उपरांत पत्र क्रमांक 7614 दिनांक 26/07/2019 को संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास से दिनांक 26/09/2019 को ड्राईंग डिजाईन अनुमोदन स्वीकृति मिली उसके पूर्व भुगतान कैसे किया गया? किस नियम व शर्तों के अनुसार किस-किस निर्माण कार्य का अवैध भुगतान बिना कार्य किये किया? कार्यवाही विवरण देवें। क्या एस.के. लोखंडे ठेकेदार द्वारा इनकम्पलीट फायनल बिल बोधी के ड्राईंग डिजाईन अनुसार निर्माणाधीन स्थल डी.पी.आर. अनुसार सामग्री मिट्टी, ग्रेवल, फिल्टर मटेरियल, बोल्डरटो, पत्थर सामग्री, रेत, बजरी, सीओटी खुदाई, फिल्टर खुदाई एवं संबंधित कार्य का निकाय में बिल जमा था? यदि हाँ तो बतायें? क्या तकनीकी अधिकारियों द्वारा मेजरमेन्ट वेरीफाई किया? यदि हाँ तो बतायें। यदि नहीं तो क्यों नहीं? (घ) क्या एस.के. लोखंडे ठेकेदार का इनकम्पलीट फायनल बिल तकनीकी सक्षम अधिकारी से ठेकेदार के समक्ष वेरिफिकेशन कर अनुमोदन किया है? यदि हाँ तो बतायें। एक प्रति दें। (ड.) शासन किस नाम/पदनाम के विरूद्ध की गई अनियमिततओं पर कब तक, दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। ठेकेदार एस.सी. नागपाल की निविदा ड्राफ्ट शासन द्वारा निर्धारित निविदा प्रपत्र पर प्रकाशित हुई थी जिसमें प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति में शर्तों को समाहित नहीं किया जाता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। जी नहीं, निविदा में पृथक से बोधी बांध सुरक्षा जल संसाधन विभाग से ड्राइंग डिजाइन अनुमोदन की शर्तें नहीं दी गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। एस.सी.नागपाल ठेकेदार को किये गये कार्य के प्रथम चल देयक भुगतान दिनांक 30.07.2019 को ड्राइंग डिजाइन के अनुमोदन के उपरांत किया गया। ठेकेदार को उनके द्वारा किये कार्य का ही भुगतान किया गया है। कोई अवैध भुगतान नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जी हाँ, ठेकेदार एस.के. लोखण्डे का बांध निर्माण स्थल पर विभिन्न निर्माण सामग्री का, सी.ओ.टी. खुदाई, फिल्टर खुदाई एवं संबंधित कार्य का बिल निकाय में दिनांक 12.11.2018 को प्राप्त हुआ था। निविदा शर्तों में उल्लेखित बिलिंग ब्रेकअप अनुसार निर्माण सामग्री के भुगतान का कोई प्रावधान नहीं है एवं कट ऑफ ट्रेंच खुदाई एवं फिल्टर खुदाई में ठेकेदार एस.के. लोखण्डे द्वारा किये गये कार्य को इनकम्पलीट फायनल बिल में लिया गया है जिसे निकाय के तकनीकी अधिकारियों के द्वारा सत्यापति किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं, अपितु पूर्व अनुबंधित ठेकेदार एस.के.लोखण्डे के द्वारा किये गये कार्य का इनकम्पलीट फायनल बिल निकाय के तकनीकी अधिकारियों एवं शासन द्वारा नियुक्त सुपरविजन क्वालिटी कन्ट्रोल संस्था आर्वी एसोसिएट के इंजीनियर एवं ठेकेदार के प्रतिनिधि प्रहलाद लोखण्डे की उपस्थिति में संयुक्त वास्तविक माप लिये जाकर इनकम्पलीट फायनल बिल तैयार किया गया है। जिसका सत्यापन निकाय के तकनीकी अधिकारियों द्वारा किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टि अनुसार है। (ड.) किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं पाये जाने से कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
क्षतिग्रस्त विद्युत खम्बे एवं ट्रांसफार्मरों की मरम्मत
[ऊर्जा]
68. ( क्र. 1076 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि प्रश्नकर्ता विधानसभा क्षेत्र करेरा के ग्राम खड़देरा, सुनारी, रहनगमा, जुझाई, झण्डा इत्यादि गांवों में विद्युत के खम्बे एवं तार नहीं है फिर विद्युत बिल प्रति माह इन ग्राम वालों को भेजे जा रहे है यदि हां, तो इसकी उच्च स्तरीय जांच कराकर गांव वालों के बिजली बिल माफ कर दिये जायेंगे? यदि नहीं तो क्यों? कारण सहित जानकारी देवें। (ख) क्या यह भी सही है कि पिछलीवार बाढ़ आने पर करेरा विधानसभा के लगभग 20-25 ग्रामों में विद्युत खम्बे बाढ़ के कारण गिर गये अथवा टूट गये, विद्युत ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हो गये तब से प्रश्न दिनांक तक विद्युत खम्बे, विद्युत लाईन तथा ट्रांसफार्मर क्यों नहीं लगाये गये तथा इन गांव वालों को बिजली बिल क्यों भेजे जा रहे है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार विद्युत खम्बे एवं तार क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मर कब तक लगा दिये जायेंगे और विद्युत सप्लाई कब तक चालू कर दी जायेगी? समय-सीमा बताये। यदि नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विधानसभा क्षेत्र करैरा के अन्तर्गत खडदेरा नाम से कोई राजस्व ग्राम/मजरा-टोला नहीं है‚ अपितु खडदेरा नाम की एक बसाहट है। इस बसाहट में तीन घरेलू कनेक्शन विद्यमान विद्युत अधोसंरचना से दिये गये हैं, जिनमें उपभोक्ताओं को नियमानुसार विद्युत बिल दिया जा रहा है। विधानसभा क्षेत्र करैरा के अंतर्गत प्रश्नांश में उल्लेखित शेष ग्रामों यथा-सुनारी, रहनगमा, जुझाई, झण्डा इत्यादि को भी विद्यमान विद्युत अधोसंरचना से विद्युत कनेक्शन दिये गये हैं तथा उपभोक्ताओं को नियमानुसार ही विद्युत बिल जारी किये जा रहे हैं। अत: अन्य कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है। (ख) करैरा विधानसभा क्षेत्र में विगत वर्ष बाढ आने पर जिन ग्रामों में विद्युत खम्बे बाढ़ के कारण टूट गये थे अथवा गिर गये थे एवं विद्युत ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हो गये थे, उन्हें तत्समय ही सुधार कर विद्युत प्रदाय चालू कर दिया गया था। वर्तमान में भी विद्युत प्रदाय सुचारू रूप से चालू है तथा उपभोक्ताओं को नियमानुसार विद्युत बिल दिये जा रहे है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) में दर्शाए अनुसार समस्त क्षतिग्रस्त विद्युत अधोसंरचना का सुधार कार्य तत्समय पूर्ण कर दिया गया था तथा प्रश्नाधीन क्षेत्र में नियमानुसार सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
पेयजल निर्माण कार्य की जांच कराकर दोषियों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
69. ( क्र. 1077 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधान सभा क्षेत्र करैरा अंतर्गत नगर परिषद करैरा की पेयजल हेतु समोहा डेम से करैरा तक पाईप-लाईन बिछा कर पेयजल निर्माण कार्य की कितनी-कितनी राशि की प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति जारी की गई? निर्माण एजेंसी किसे बनाया गया? तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति की छायाप्रति सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या यह सही है कि समोहा डेम से करैरा तक पाईप लाईन स्टीमेंट अनुसार पर्याप्त गहराई में नहीं बिछाई जा रही तथा पाईप भी अच्छी गुणवत्ता की नहीं है? यदि हाँ, तो क्या इसकी उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार निर्माण कार्य की सुपरविजन एजेंसी कौन है तथा उसके द्वारा कब-कब निर्माण कार्य का निरीक्षण किया गया तथा क्या-क्या निरीक्षण टीप लगाई गई? नाम सहित जानकारी देवें। प्रश्न दिनांक तक कार्य का कितनी राशि का मूल्यांकन किसके द्वारा कब किया गया? मूल्यांकन की कापी सहित जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर परिषद करैरा की पेयजल हेतु समोहा डेम से करैरा तक पेयजल निर्माण कार्यों एवं 10 वर्षों तक संचालन एवं संधारण कार्यों सहित प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति राशि रू. 4377.01 लाख जारी की गयी है। निर्माण एजेंसी (संविदाकार) मेसर्स रियान वॉटरटेक प्रा.लि. कलकत्ता है। तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" एवं "ब" अनुसार है। (ख) गुणवत्तापूर्ण पाईप पर्याप्त गहराई में बिछायी गयी है। कार्य गुणवत्ता पूर्ण होने के कारण शेषांश का प्रश्न ही नहीं उठता है। (ग) निर्माण कार्य की सुपरवीजन एजेंसी मध्यप्रदेश अर्बन डेवपलपमेंट कंपनी लिमिटेड है। योजना के निर्माण कार्यों के किये गये निरीक्षण टीप दिनांक एवं अधिकारी के नाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "स" अनुसार है। प्रश्न दिनांक तक निर्माण कार्य का मूल्यांकन मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कम्पनी लिमिटेड एवं प्रोजेक्ट मेनेजमेंट कंसल्टेंसी द्वारा कुल राशि रू. 2378.86 लाख किया गया है। मूल्यांकन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है।
स्वीकृत कार्यों के सम्बन्ध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
70. ( क्र. 1136 ) श्री सुरेश राजे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला ग्वालियर अंतर्गत नगर पालिका डबरा एवं नगर पंचायत बिलौआ तथा पिछोर में वर्ष 2019-20 से 2021-22 हेतु विभिन्न मदों का प्रस्तावित कार्य, स्वीकृत बजट की वर्षवार पृथक-पृथक प्रति उपलब्ध करावें। दो लाख रूपए तक तथा दो लाख रूपए से अधिक के विभिन्न निर्माण कार्य स्वीकृत करने संबंधी शासन आदेश की प्रति उपलब्ध करावें l (ख) बिंदु 1 के अनुसार नगर पालिका डबरा एवं नगर परिषद बिलौआ तथा पिछोर में वर्ष 2019-20 - से 2021-22 में स्वीकृत बजट के विरुद्ध दो लाख रूपए से कम तथा अधिक राशि की स्वीकृति विभिन्न निर्माण कार्य जिसमें कार्य का नाम, कार्य का स्थान, प्रशासकीय स्वीकृति, निर्माण एजेंसी का नाम, प्रश्न दिनांक तक भुगतान की गयी राशि तथा वर्तमान में कार्य की स्थिति सहित वर्षवार एवं राशिवार जानकारी उपलब्ध करावें l
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जिला ग्वालियर अंतर्गत नगर पालिका डबरा एवं नगर पंचायत बिलौआ तथा पिछोर में वर्ष 2019-20 से 2021-22 तक की बजट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। दो लाख रूपये तक एवं दो लाख रूपये से अधिक के विभिन्न निर्माण कार्य के प्रावधान/संबंधी निर्देश जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है।
मटहा तालाब में प्रदूषण दूर करने की कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
71. ( क्र. 1138 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि नगरपालिका सिहोरा के वार्ड क्रमांक 5 स्थित मटहा तालाब के पानी का प्रदूषण मानक स्तर से अधिक पाये जाने की नगर वासियों की शिकायत पर वर्ष 2016 में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कोर्ट द्वारा प्रकरण क्रमांक 159/16 दर्ज कर नगरपालिका सिहोरा को इसकी तात्कालिक व्यवस्था हेतु तालाब में फुहारे लगाकर तालाब का प्रदूषण नियंत्रित करने का निर्देश दिया था? (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में यदि हाँ तो उल्लेखित प्रकरण में नगरपालिका द्वारा क्या कार्यवाही की गई? बतलावें। क्या यह सही है कि मटहा तालाब के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिये प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरण के तहत नगरपालिका द्वारा तालाब में फुहारे लगाये गये थे, जिससे पानी में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ी थी तथा इस कारण तालाब से प्रदूषित बदबूदार गैसों का निकलना नियंत्रित हुआ था? (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर में यदि हाँ तो क्या वर्तमान समय में उल्लेखित फुहारे क्रियाशील हैं? यदि नहीं तो इनका संचालन कब किसके आदेश से बंद किया गया? वर्तमान समय में मटहा तालाब का प्रदूषण किस स्तर पर है? इसमें क्या गंदे नाले एवं नालियों के अवशिष्ट पदार्थ आकर मिल रहे हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर में यदि हाँ तो नगरपालिका इस तालाब में आकर मिल रही गंदगी को नियंत्रित करने तथा प्रदूषित बदबूदार गैसों को नियंत्रित कर तालाब के पानी को शुद्ध कर आस-पास के क्षेत्र को प्रदूषण से मुक्त करने हेतु कोई कार्ययोजना बनाकर ठोस कार्यवाही करेगी? उत्तर में यदि हाँ तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, (ख) अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा दिये गये निर्देशानुसार तालाब में फुहारे लगाकर प्रदूषण नियंत्रण करने की कार्यवाही की गई। जी हाँ। (ग) जी हाँ, फुहारा का संचालन बंद नहीं किया गया। जी हाँ, इसमें गंदे नाले एवं नालियां मिल रही हैं, वर्तमान में प्रदूषण स्तर के संबंध में कोई जांच नहीं की गई है। (घ) अंजुमन इसलामियां ट्रस्ट की निजी भू-स्वामित्व की भूमि पर मटहा तालाब स्थित है, तालाब में आकर मिल रही गंदगी को शुद्ध करने हेतु ट्रस्ट द्वारा मटहा तालाब में कार्य करने की स्वीकृति/सहमति प्राप्त होने पर कार्ययोजना तैयार कर राशि की उपलब्धता/स्वीकृति उपरांत निकाय द्वारा कार्य कराया जा सकेगा।
नर्मदा जल उपलब्ध कराने हेतु कराये गये निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
72. ( क्र. 1139 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरपालिका सिहोरा में नर्मदा जल उपलब्ध कराने की निर्माण एजेंसी कौन थी? इसे किस तकनीकी प्राक्कलन के तहत पाइप-लाइन बिछाने का ठेका किन नियम एवं शर्तों के तहत कितनी लागत से दिया गया था? निर्माण एजेंसी को अनुबंध-शर्तों के अनुरूप कौन-कौन से कार्य कितनी-लागत से करने थे? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित निर्माण कार्यों की तकनीकी प्रशासकीय स्वीकृति कब किसके द्वारा जारी की गई एवं निर्मित कार्यों की गुणवत्ता का निरीक्षण/ परीक्षण कब-कब किसके द्वारा किया गया तथा इनके निर्माण के समय तकनीक को लेकर कब-कब किसके द्वारा शिकायत-पत्र शासन को प्रेषित किये गये? उनकी छायाप्रति देवें एवं की गई कार्यवाही से अवगत करावें। (ग) क्या यह सही है कि निर्माण एजेंसी द्वारा गंदे पानी की निकासी हेतु नगरपालिका द्वारा पूर्व से निर्मित नालियों में तोड़-फोड़ कर नालियों को क्रॉस करके उनके अंदर से पाइप-लाइन डाली गई है, जिससे नालियों के बहाव क्षेत्र में हुये अतिक्रमण से उनमें कचरा फंस जाने से नालियां चोक हो रही हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर में यदि हाँ, तो तत्संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा शासन को प्रेषित पत्र एवं सिहोरा निवासी श्री कैलाशचंद जैन द्वारा दिनांक 22-2-2021 को सिहोरा-नगरपालिका एवं 28-12-2020 को प्रमुख सचिव, नगरीय प्रशासन को प्रेषित शिकायत पर कब किसके द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं की गई, तो क्यों नहीं की गई? की गई कार्यवाही की छायाप्रति उपलब्ध करावें एवं यह भी बतलावें कि क्या शासन उल्लेखित गलत निर्माण कार्य की जांच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेगा? उत्तर में यदि हाँ, तो किस प्रकार? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगरपालिका सिहोरा में नर्मदा जल उपलब्ध कराने की अनुबंधित निर्माण एजेन्सी मेसर्स इंडियन हृयूम पाइप लि. मुंबई है। इस कार्य हेतु 07 नगरीय निकायों की समूह जल प्रदाय परियोजना के डी.पी.आर. जिसमें इंटेक वेल, डब्ल्यू.टी.पी. रॉ वॉटर, क्लीयर वॉटर, डिस्ट्रीब्यूशन पाइप-लाइन, उच्च स्तरीय पानी की टंकियां, हाउस सर्विस कनेक्शन मीटर के साथ समस्त इलेक्ट्रिकल एवं मैकेनिकल कार्य, स्काडा के साथ एवं 10 वर्षों के संचालन एवं संधारण का प्राक्कलन विभागीय एस.ओ.आर. 2012, अन्य विभाग के एस.ओ.आर. एवं बाजार दर के आधार पर बनाया गया था। उक्त परियोजना ए.डी.बी. सहायतित एम.पी.यू.एस.आई.पी. के अंतर्गत स्वीकृत है जिसके निविदा प्रपत्र का अनुमोदन ए.डी.बी. से प्राप्त कर, अनुमोदित निविदा प्रपत्र की शर्तों के अनुसार निर्माण एजेन्सी को कार्यादेश क्र. 170 दिनांक 21.08.2017 को 07 (सात) नगरीय निकायों की समूह जल प्रदाय योजना लागत राशि रू. 257.43 करोड़ का जारी किया गया था। जिसमें सिहोरा नगरपालिका की जल आर्वधन योजना लागत राशि रू. 68.09 करोड़ (10 वर्षों के संचालन एवं संधारण कार्य सहित) है। निर्माण एजेन्सी को अनुबंध की शर्तों के अनुसार अनुरूप कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों की तकनीकी स्वीकृति विभाग अंतर्गत गठित टी.सी.टी.सी. कमेटी की बैठक क्रमांक 08 दिनांक 24.12.2016 के कार्यवाही विवरण के बिन्दु क्र 02 (iv) द्वारा दी गई है एवं प्रशासकीय स्वीकृति शासन स्तर पर गठित ई.सी.ई.सी की बैठक क्र. 02 के संदर्भ में जारी इस कार्यालय के पत्र क्र. 1104 दिनांक 14.03.2018 द्वारा जारी की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-2 अनुसार है। निर्मित कार्यों के भुगतान से पूर्व कार्य हेतु नियुक्त परियोजना प्रबंधन सलाहकार (टाटा कन्सल्टिंग इंजीनियर लिमिटेड) पी.आई.यू. में पदस्थ सब इंजीनियर, सहायक परियोजना प्रबंधक, उप परियोजना प्रबंधक एवं परियोजना प्रबंधक द्वारा आवश्यक निरीक्षण एवं परीक्षण किया जाता है। दिनांक 27.10.2021 को म.प्र. अर्बन डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड भोपाल में नियुक्त मुख्य अभियंता द्वारा स्थल निरीक्षण किया गया। स्थल निरीक्षण की टीप पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-3 अनुसार है। निर्माण के समय तकनीकी बिन्दुओं को लेकर कोई भी शिकायत शासन को प्रेषित नहीं किये गये हैं अपितु जल प्रदाय की पाइप-लाइन डालने से भूमि/सड़क एवं नालियों को क्षतिग्रस्त तथा गन्दे पानी निकासी की सुगम व्यवस्था के संबंध में श्री कैलाश चन्द जैन की शिकायत मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगरपालिका परिषद् सिहोरा के पत्र क्रमांक 625 दिनांक 09.03.2021 द्वारा जानकारी दी गई जिसका पालन प्रतिवेदन निर्माण एजेन्सी द्वारा पत्र क्रमांक 21A दिनांक 12.04.2021 को परियोजना क्रियान्वयन इकाई, जबलपुर एवं मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगरपालिका परिषद् सिहोरा को प्रेषित किया गया। (ग) सामान्यत: सड़क के पश्चात नालियां निर्मित हैं एवं जल प्रदाय की लाइन उपलब्ध भूमि/सड़क से नालियां क्रॉस कर घरों के अंदर डाली गई है एवं क्षतिग्रस्त नालियों की मरम्मत का कार्य किया गया। वर्तमान में गन्दे पानी की निकासी नालियों से हो रही है एवं कचरा फंस जाने अथवा नाली चोक होने की स्थिति नहीं है। (घ) जी हाँ। श्री कैलाश चंद्र के पत्र दिनांक 18.02.2021, 28.12.2020 जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-4, 5 अनुसार एवं संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास जबलपुर संभाग जबलपुर तथा नगरपालिका सिहोरा से प्राप्त पत्र पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-6, 7 जिसमें उल्लेखित समस्या का समाधान पी.आई.यू. जबलपुर के पत्र क्र. 085 दिनांक 23.01.2021 एवं पत्र क्रमांक 243 दिनांक 10.03.202 पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-08, 09 द्वारा ठेकेदार मेसर्स इंडियन हृयूम पाइप को शीघ्र ही निराकरण करने हेतु निर्देशित किया गया एवं ठेकेदार मेसर्स इंडियन हृयूम पाइप के पत्र क्र. 21 ए दिनांक 12.04.2021 पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-10 द्वारा पी.आई.यू. जबलपुर एवं नगरपलिका सिहोरा की ओर श्री जैन के पत्र में उल्लेखित समस्याओं के निराकरण का पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। सामान्यत: सड़क के पश्चात नालियां निर्मित है एवं जल प्रदाय की लाइन उपलब्ध भूमि/सड़क से नालियां क्रॉस कर घरों के अंदर डाली जाती है। अत: जांच की आवश्यकता नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पेयजल व्यवस्था एवं निर्माण कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
73. ( क्र. 1147 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पंचायत डिण्डोरी में उचित पेयजल व्यवस्था है? अगर हाँ तो बतावें कि पुरानी डिण्डोरी बायपास एवं वार्ड नं. 01 में पेयजल व्यवस्था के लिए जनता द्वारा धरना प्रदर्शन क्यों किया गया और अगर नहीं तो उचित पेयजल व्यवस्था क्यों नहीं है? कब तक उचित पेयजल व्यवस्था होगी? (ख) नगर पंचायत डिण्डोरी में कौन-कौन से कार्य कब से निर्माणाधीन हैं? कार्य का नाम, स्वीकृत राशि, कार्य प्रारंभ दिनांक, मद का नाम, वर्तमान में व्यय राशि बतावें। (ग) वर्ष 2019, 2020, 2021 एवं 2022 में नगर पंचायत डिण्डोरी में कौन-कौन सा विकास कार्य, कितनी-कितनी राशि का, किस-किस मद से कब-कब स्वीकृत हुआ? कार्य कब प्रारम्भ हुआ? कार्य कब पूर्ण हुआ? कितनी राशि व्यय हुई? कार्यवार जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। पुरानी डिण्डोरी बॉयपास एवं वार्ड क्र. 01 में पाइप लाईनों में लीकेज आ जाने के कारण गंदा पानी आने एवं नियमित जल आपूर्ति में बाधा उत्पन्न होने से धरना प्रदर्शन हुआ था। लीकेज रिपेयर कर नियमित एवं स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति प्रारंभ की गई। पुरानी डिण्डोरी बॉयपास एवं वार्ड क्रं 01 क्षेत्र में पेयजल की उचित व्यवस्था है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है।
खजुराहो महाविद्यालय में स्टाफ की कमी को पूर्ण किया जाना
[उच्च शिक्षा]
74. ( क्र. 1157 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा राजनगर अन्तर्गत संचालित शासकीय महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर कक्षाएं प्रारम्भ करने की स्वीकृति शैक्षणिक सत्र 2022-23 में प्रदान की जावेगी। साथ ही विज्ञान विषयों पर स्नातक स्तर की कक्षाएं महाविद्यालयों में संचालित हैं। यदि हाँ तो कब से? नहीं तो क्यों? (ख) विश्व पर्यटक स्थल खजुराहो में शासकीय कन्या महाविद्यालय शैक्षणिक सत्र 2022-23 में शासन द्वारा प्रारंभ करने की अनुमति प्रदान की जा रही है? यदि हाँ तो किन-किन विषयों की स्वीकृति प्रदान की जा रही है? (ग) विधानसभा अन्तर्गत संचालित शासकीय महाविद्यालयों में शैक्षणिक स्टाफ स्वीकृति अनुसार पूर्ण है। यदि नहीं तो रिक्त पदों की पूर्ति चालू शैक्षणिक सत्र में कर दी जावेगी। यदि नहीं तो क्यों? क्या यह भी सही है कि गैर शैक्षणिक, कार्यालयीन पद भी रिक्त हैं? यदि हाँ तो रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? (घ) महाविद्यालयों में खेल गतिविधियों के संचालन हेतु खेल परिसर एवं खेल सामग्री हेतु कितनी-कितनी राशि उपलब्ध कराई गई है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विधानसभा क्षेत्र राजनगर के अंतर्गत 02 शासकीय महाविद्यालय क्रमश: राजनगर एवं लवकुशनगर संचालित हैं। शासकीय महाविद्यालय, लवकुशनगर में स्नातकोत्तर स्तर पर इतिहास, राजनीति विज्ञान संचालित है तथा वर्ष 2002 से स्व-वित्तीय योजना अंतर्गत स्नातक स्तर विज्ञान संकाय संचालित है। शासकीय महाविद्यालय, राजनगर में सत्र 2022-23 से स्नातकोत्तर कक्षाएं तथा स्नातक स्तर पर विज्ञान संकाय प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित नहीं हैं। तथापि आयुक्त, उच्च शिक्षा मध्यप्रदेश द्वारा जारी आदेश क्रमांक 78/168/स्वा.वि./आउशि/योजना/2022, दिनांक 04/02/2022 के माध्यम से स्व-वित्तीय योजना अंतर्गत स्नातक स्तर पर नवीन संकाय तथा आदेश क्रमांक 593/168/आउशि/योजना/2022, दिनांक 14/07/2022 के माध्यम से स्नातकोत्तर स्तर पर नवीन विषय प्रारंभ करने की अनुमति प्रदान की गई है। (ख) जी नहीं। नवीन महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने संबंधी निर्धारित विभागीय मापदण्डों की पूर्ति नहीं होने के कारण खजुराहो में शासकीय कन्या महाविद्यालय प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। रिक्त शैक्षणिक पदों के विरूद्ध आमंत्रित अतिथि विद्वानों के माध्यम से अध्यापन कार्य सुचारू रूप से संचालित है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। गैर-शैक्षणिक पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) खेल गतिविधियों के संचालन हेतु खेल परिसर एवं खेल सामग्री हेतु शासकीय महाविद्यालय, राजनगर को वर्ष 2021-22 में रूपये 75, 000/-, वर्ष 2022-23 में रूपये 1, 00, 000/- तथा शासकीय महाविद्यालय, लवकुशनगर को वर्ष 2022-23 में रूपये 2, 00, 000/- की राशि आवंटित की गई है।
आवागमन योग्य सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
75. ( क्र. 1162 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 57 दिनांक 19/05/2022 के द्वारा 06 सड़कों का प्राक्कलन तैयार कराने हेतु कलेक्टर कटनी को पत्र लिखा गया था क्योंकि उक्त सड़कें आवागमन योग्य नहीं हैं। कलेक्टर कटनी एवं कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग के द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गयी? जानकारी प्रस्तावित सड़कवार देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि अभी तक संबंधित सड़कों का प्राक्कलन तैयार नहीं किया गया है तो कब तक तैयार कर निर्माण कार्य पूर्ण कराकर आवागमन योग्य सड़कें बनायी जायेंगी? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में अभी तक समुचित कार्यवाही नहीं करने के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांश में वर्णित 6 सड़कें लोक निर्माण विभाग के कार्य क्षेत्रान्तर्गत नहीं है, अपितु ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग एवं म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण से सम्बंधित है। उनसे प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश 'क' के उत्तर अनुसार।
वोल्टेज की समस्या का निराकरण
[ऊर्जा]
76. ( क्र. 1163 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारंकित प्रश्न क्रमांक 1940 दिनांक 11 मार्च 2022 प्रश्नांश (ख) में सब-स्टेशनों में वोल्टेज पर्याप्त मिल रहा है तो आगमित वोल्टेज एवं 11 के.व्ही. में निर्गमित फीडरों की रीडिंग विगत दो वर्षों की माहवार चाही गयी थी किन्तु उत्तर में जानकारी नहीं दी गयी। प्रश्नांश (ग) के उत्तर में उपकेन्द्रों से निर्गमित 11 के.व्ही. कृषि 9.36 घंटे एवं गैर कृषि फीडरों पर 23.11 घंटे औसत प्रतिदिन विद्युत प्रवाह बताया गया है, अतः शेष प्रश्न नहीं उठता कहा गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि सब-स्टेशनों में आगमित वोल्टेज कम प्राप्त हुआ है तो निर्गमित पूर्ण कैसे दिया गया? तथ्यों को छिपाकर असत्य जानकारी देने के लिए कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में कटनी जिले की तहसील ढीमरखेड़ा के अन्तर्गत 33/11 के.व्ही. सब-स्टेशन उपरियापान, ढीमरखेड़ा, सिलौड़ी एवं दशरमन से संबंधित 33 एवं 11 के.व्ही. फीडरों की वर्ष 2020-21 से जून-2022 तक माहवार औसत वोल्टेज प्रस्तुत करें एवं क्या कनेक्शन धारियों को नियामक आयोग के निर्देशानुसार राहत दी जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के तारांकित प्रश्न क्रमांक 1940 दिनांक 11 मार्च 2022 के प्रश्नांश (ख) में यह जानकारी चाही गई थी कि यदि प्रश्न में उल्लेखित सब-स्टेशनों में पर्याप्त वोल्टेज मिल रहा है तो आगमित एवं निर्गमित फीडरों की विगत दो वर्षों की माहवार वोल्टेज की रीडिंग प्रदान की जाये किंतु उक्त प्रश्नांश (ख) के उत्तर में यह स्वीकार किया गया है कि प्रश्नाधीन क्षेत्र में रबी सीजन के दौरान कृषि माँग बढ़ने के कारण कम वोल्टेज की समस्या उत्पन्न होती है तथा इसके निराकरण हेतु ग्राम मुरवारी में 132/33 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का कार्य प्रगति पर है। उक्त स्वीकारोक्ति के उपरान्त प्रश्न में पूछी गई जानकारी के परिप्रेक्ष्य में वोल्टेज से संबंधित जानकारी दिया जाना अपेक्षित नहीं था। जी हाँ, उक्त प्रश्न क्रमांक-1940 के उत्तरांश (ग) में प्रश्नाधीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों से निर्गमित कृषि एवं गैर-कृषि फीडरों से किये गये औसतन विद्युत प्रदाय की प्रश्नांश में उल्लेखित जानकारी दी गई है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न क्रमांक-1940 दिनांक 11.03.2022 के उत्तर में प्रश्नाधीन क्षेत्र में वोल्टेज की समस्या होने तथा इसके निराकरण हेतु की जा रही कार्यवाही की जानकारी दी गई थी, वोल्टेज की समस्या नहीं होने का उल्लेख प्रेषित उत्तर में नहीं किया गया था। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन अवधि में तहसील ढीमरखेड़ा के अंतर्गत स्थापित 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों यथा-उमरियापान, ढीमरखेड़ा, सिलौड़ी एवं दशरमन में आगमित होने वाले 33 के.व्ही. फीडरों एवं निर्गमित 11 के.व्ही. फीडरों में माहवार औसत विद्युत वोल्टेज की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कम वोल्टेज मिलने की स्थिति में उपभोक्ताओं को राहत दिये जाने के संबंध में म.प्र. विद्युत नियामक आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप समस्या को निराकृत करने हेतु नवीन 132/33 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र ढीमरखेड़ा के निर्माण का कार्य स्वीकृत किया गया है। उक्त कार्य दिसम्बर-2022 तक पूर्ण किया जाना संभावित है।
नये बायपास मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
77. ( क्र. 1166 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर नगर के नये बायपास मार्ग का निर्माण का प्रस्ताव शासन के समक्ष विचाराधीन है? यदि हाँ तो वर्तमान तक क्या कार्यवाही प्रचलन में है? (ख) क्या यह सही है कि भोपाल रोड बाया रजौआ, कनेरागौड़, मशानझिरी होकर नरसिंहपुर रोड को जोड़ने वाले नये बायपास मार्ग का सर्वे कर इसकी डी.पी.आर. तैयार करा ली गई है? यदि हाँ तो यह कितनी राशि की है तथा इसमें कौन-कौन से कार्य कराया जाना शामिल है? कब तक स्वीकृति प्रदान करा दी जायेगी? (ग) यदि नहीं तो क्या शासन शहर के बढ़ते यातायात को कम करने की दिशा में उक्त नये बायपास निर्माण कराये जाने हेतु शीघ्र कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' अनुसार।
विद्युतीकरण योजनाओं के संबंध में
[ऊर्जा]
78. ( क्र. 1169 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर नगर स्थित नई कॉलोनियों एवं पिछड़ी बस्तियों में विद्युतीकरण का क्या प्रावधान है? क्या विभाग द्वारा इन कॉलोनियों एवं पिछड़ी बस्तियों में विद्युतीकरण कराये जाने की कोई योजना प्रचलन में है? यदि नहीं तो क्या विभाग इन कॉलोनियों एवं बस्तियों में विद्युतीकरण कराये जाने हेतु कोई योजना बनायेगा तथा कब तक? (ख) क्या सागर नगर में बढ़ते हुये विद्युत दबाव के कारण अनेकों जगह केबल फाल्ट होने जैसी गंभीर समस्याओं को देखते हुये नये ट्रांसफॉर्मर लगाये जाने की आवश्यकता है? क्या विभाग आवश्यकतानुसार उक्त समस्याओं के निराकरण हेतु शीघ्र ही नये ट्रांसफॉर्मर स्थापित करेगा तथा कब तक? (ग) क्या एक घर का आपसी बंटवारा होने के बाद अलग-अलग रह रहे परिवारों को नवीन विद्युत कनेक्शन नहीं दिया जाता, जब तक उनके द्वारा कोई रजिस्टर्ड दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किये जाते? इस स्थिति में इन परिवारों को विद्युत जैसी महत्वपूर्ण सेवा से वंचित रहना पड़ता है। (घ) क्या शासन ऐसे परिवारों को नवीन विद्युत कनेक्शन प्रदाय कराये जाने हेतु कोई योजना बनायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा दिनांक 31.05.2022 को ''मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग (विद्युत प्रदाय के प्रयोजन से विद्युत लाइन प्रदान करने अथवा उपयोग किये संयंत्र हेतु व्ययों तथा अन्य प्रभारों की वसूली) (पुनरीक्षण द्वितीय) विनियम, 2022 (आर.जी. 31 (ii), वर्ष 2022) '' जारी किये गये हैं, जिनमें सुसंबद्ध राज्य शासन विनियमों के अधीन विकसित की गई कॉलोनियों, गंदी बस्ती क्षेत्र (पिछड़ी बस्तियों) तथा घोषित/अघोषित अवैध कॉलोनियों के विद्युतीकरण एवं उक्त कॉलोनियों में स्थित घरों में विद्युत कनेक्शन प्रदान करने हेतु प्रक्रिया निर्धारित की गई है। उक्त निर्धारित प्रक्रिया के अंतर्गत आवेदकों द्वारा समस्त आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण करने पर उन्हें आवश्यक विद्युतीकरण कार्य पूर्ण कर विद्युत कनेक्शन प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। तद्नुसार ही आवेदन प्राप्त होने पर आगामी कार्यवाही की जाना संभव होगी। उक्त विनियम में वर्णित संबंधित कंडिकाओं की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के सागर नगर संभाग में स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध भार के दृष्टिगत वर्तमान में नए वितरण ट्रांसफॉर्मर लगाए जाने की आवश्यकता नहीं है। तथापि निकट भविष्य में होने वाली संभावित भार वृद्धि के दृष्टिगत सागर नगर संभाग हेतु तीन वितरण ट्रांसफॉर्मरों की क्षमता वृद्धि एवं चार अतिरिक्त नवीन वितरण ट्रांसफॉर्मरों को स्थापित किये जाने के कार्यों को वित्तीय वर्ष 2022-23 की कार्ययोजना में स्वीकृत किया गया है। उक्त कार्यों को माह सितम्बर 2022 तक पूर्ण किये जाने के प्रयास है। इसके अतिरिक्त केन्द्र शासन द्वारा स्वीकृत आर.डी.एस.एस. योजना के अन्तर्गत भी प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युत अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण हेतु नवीन वितरण ट्रांसफॉर्मर स्थापित करने एवं वितरण ट्रांसफॉर्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्य सम्मिलित किये गये हैं। उक्त योजना में सम्मिलित कार्यों के क्रियान्वयन हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, अत: वर्त्तमान में कार्य पूर्णता की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) एवं (घ) नवीन विद्युत कनेक्शन प्रदत्त करने हेतु आवेदक को परिसर के विधिसम्मत अधिभोगी होने का प्रमाण दिया जाना नियमानुसार आवश्यक है। किन्तु कतिपय प्रकरणों में प्रमाण दिया जाना संभव नहीं होने की स्थिति में म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी विद्युत प्रदाय संहिता की कंडिका 4.16 एवं 4.18 में निहित प्रावधानों के अंतर्गत नवीन विद्युत कनेक्शन दिये जाने की कार्यवाही की जाती है। उक्त कंडिकाओं की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। उपरोक्त वैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत की जा रही कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में विद्युत कनेक्शन दिये जाने हेतु अन्य कोई योजना बनाए जाने की आवश्यकता नहीं है।
शासकीय महाविद्यालय की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
79. ( क्र. 1174 ) श्री राम दांगोरे : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंधाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत गुड़ी, सिंगोट क्षेत्र अत्यंत पिछड़ा हुआ है? आदिवासी अंचल की बच्चियों को कॉलेज के लिए 40 से 50 किलोमीटर दूर खण्डवा आना पड़ता है, जिससे कई बच्चियों की कॉलेज की पढ़ाई बीच में ही छूट जाती है? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा शासकीय महाविद्यालय के लिए लगभग 18 एकड़ जमीन चिन्हित की गई है। क्या गुड़ी क्षेत्र में शासकीय महाविद्यालय की स्वीकृति प्रदान करने की कृपा करेंगे? (ग) भवन निर्माण के लिए यदि राशि न हो तो भी प्रश्नकर्ता वैकल्पिक व्यवस्था कर लेंगे? क्या आप शासकीय महाविद्यालय की स्वीकृति देने की कृपा करेंगे?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) ग्राम गुड़ी, सिंगोट से 35 कि.मी. की दूरी पर विशेषकर छात्राओं के लिए शासकीय कन्या महाविद्यालय, खण्डवा तथा सह शिक्षा हेतु शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, खण्डवा पूर्व से संचालित हैं। इन महाविद्यालयों में छात्र एवं छात्राएं उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। (ख) ग्राम गुड़ी, सिंगोट में चूंकि शासकीय महाविद्यालय स्वीकृत नहीं हुआ है, महाविद्यालय के लिए भूमि चिहिन्त करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। गुड़ी में शासकीय महाविद्यालय की स्वीकृति हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
मार्गों के निर्माण हेतु जारी कार्यादेश
[लोक निर्माण]
80. ( क्र. 1177 ) श्री राम दांगोरे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पी.डब्ल्यू.डी. अंतर्गत खण्डवा जिले में चल रहे निर्माणाधीन/पूर्ण कार्यों में डब्ल्यू.एम.एम. का कार्य करते समय वेटमिक्स प्लांट का उपयोग किया जाना आवश्यक है? अगर हाँ तो क्या वेटमिक्स प्लांट से डब्ल्यू.एम.एम. की लेयर को मार्ग निर्माण करते समय उपयोग किया गया? मय फोटोग्राफ दस्तावेज प्रस्तुत करें। नहीं उपयोग किया गया तो संबंधित अधिकारियों/कंसल्टेंसी पर क्या कार्यवाही की गई? नहीं की गई तो कारण स्पष्ट करें। (ख) पी.डब्ल्यू.डी. अंतर्गत खण्डवा जिले में 1 अप्रैल 2018 से 31 मई 2022 तक कितनी सड़कों के निर्माण हेतु कार्यादेश जारी हुए हैं? कार्य पूर्ण करने हेतु कितना समय प्रदान किया गया? उसमें से कितने मार्गों को कार्य समय-सीमा में पूर्ण किये गए? जो मार्ग समय-सीमा में पूर्ण नहीं किए गये उन पर अर्थदण्ड निर्धारित करने के क्या नियम हैं? समय-सीमा पूर्ण न करने पर क्या दण्ड निर्धारित किया गया? यदि नहीं किया गया तो मय दस्तावेज कारण स्पष्ट करें। (ग) पी.डब्ल्यू.डी. अंतर्गत खण्डवा जिले में 1 अप्रैल 2018 से 31 मई 2022 तक संधारण हेतु मार्ग पर कितनी राशि खर्च की गई? निम्न कॉलमवार ब्यौरा देवें। 1. क्रमांक 2. मार्ग का नाम 3. मार्ग की लंबाई (किलोमीटर) 4. माहवार खर्च की गई राशि 5. वर्ष 2018-2019, 2020-2021, 2022.
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। अनुबंध में फोटोग्राफ्स संधारित करने का कोई प्रावधान नहीं है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) 46 कार्य के कार्यादेश जारी किये गये। विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे प्रपत्र 'अ' अनुसार है। अनुबंध की धारा 14 एवं 15 के अनुसार अर्थदण्ड निर्धारण का नियम है। जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र 'अ' अनुसार है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे प्रपत्र 'अ-1' एवं 'ब' अनुसार है।
लोक निर्माण विभाग अन्तर्गत कार्यों की गुणवत्ता की जांच
[लोक निर्माण]
81. ( क्र. 1180 ) श्री हर्ष यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में देवरी विधानसभा अन्तर्गत वर्ष 2017—18 से प्रश्न दिनांक तक किन—किन कार्यों के निविदा जारी की गई है? कार्यवार, स्वीकृत राशिवार, जारी दिनांकवार, विस्तृत विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितनी निविदाएं निर्धारित दर से अधिक एवं कितनी निविदाएं निर्धारित दर से कम राशि की स्वीकृति की गई है? कम दर पर स्वीकृत कार्यों में निर्धारित कार्य से अधिक कार्य दिखाकर राशि भुगतान की गई है। ऐसे कार्य स्थान, निविदा राशि एवं भुगतान राशि सहित विस्तृत जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्य रसेना से पथरियादुबे, पुत्तर्रा से बिलहरी तक के प्राक्कलन, स्वीकृत राशि, भुगतान राशि एवं गुणवत्ता परीक्षण की विस्तृत रिपोर्ट देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के अनुसार स्वीकृत कार्य प्राक्कलन अनुसार गुणवत्तापूर्ण नहीं है। कार्यों की गुणवत्ता की जांच वरिष्ठ अधिकारियों से कराई जाकर दोषियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो, कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (घ) जी नहीं। कार्य गुणवत्तापूर्ण कराये गये हैं। अत: शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
स्मार्ट सिटी में अधिकारियों/कर्मचारियों की पदस्थापना
[नगरीय विकास एवं आवास]
82. ( क्र. 1181 ) श्री हर्ष यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर स्मार्ट सिटी के लिए अब तक कितनी राशि प्राप्त हुई है? कितनी राशि किस कार्य पर खर्च हुई है? कितने अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत हैं? इनकी भर्ती प्रक्रिया की प्रतियां देवें। अब तक का वर्षवार स्थापना व्यय वेतन भत्ता सहित बताएं। (ख) कितनी डी.पी.आर. बनी, कितनी पर कार्य हुआ, इस पर कितना व्यय हुआ? क्या यह सही है कि सागर की स्थानीय प्राथमिकता एवं जनप्रतिनिधियों के सुझाव/प्रस्ताव पर कार्य नहीं कर कार्य थोपकर धन की बर्बादी की गई? यदि नहीं तो बतायें जनप्रतिनिधियों के कौन से प्रस्ताव थे जिन पर कार्य हुआ? (ग) दिशा-सूचक बोर्ड पर कितनी राशि व्यय की गई? तीन पार्कों का रकबा, खर्च राशि की जानकारी देवें। क्या यह सही है कि शहर में अच्छी किस्म के दिशा-सूचक लगे थे, इन्हें हटाकर दिशा-सूचक लगवाये? पार्क पहले से विकसित थे, पुनरोद्धार पर व्यर्थ घटिया व्यय किया गया। क्या इसकी जांच कर दोषियों पर कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या यह सही है कि सड़क चौड़ीकरण, शहर में पार्किंग पर काम न कर बेहद कम व्यस्त चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल, कैमरा आदि पर व्यय किया जा रहा है? स्मार्ट सिटी के सभी कार्यों एवं फिजूल खर्च की जांच की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक और यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) सागर स्मार्ट सिटी को अब तक कुल 395.15 करोड़ रूपये की राशि प्राप्त हुई है। विभिन्न कार्यों पर व्यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। सागर स्मार्ट सिटी में कुल 33 अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत हैं, इनमें से 05 अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर एवं शेष 28 अधिकारी/कर्मचारी संविदा पर कार्यरत हैं। संविदा कर्मचारीयों की भर्ती स्मार्ट सिटी द्वारा इंपेनल्ड एच.आर. एजेंसी के माध्यम से की गई है, जिसके अभिलेख/भर्ती प्रक्रिया की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। प्रतिनुक्ति पर पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी की भर्ती संबंधित विभाग द्वारा की गई है। अब तक का वर्षवार स्थापना व्यय वेतन भत्ता सहित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (ख) सागर स्मार्ट सिटी द्वारा 73 प्रोजेक्ट्स की डी.पी.आर. बनाई गई है एवं 73 पर कार्य किया गया है। डी.पी.आर. तैयार करने पर राशि रू. 1.88 करोड़ का व्यय हुआ है। जी नहीं, कार्य थोपकर धन की बर्बादी नहीं हुई है, अपितु स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत तैयार किये गए स्मार्ट सिटी प्रस्ताव (SCP) एवं संचालक मंडल की बैठक में स्वीकृति अनुसार कार्य किया गया है। शहर स्तरीय परामर्श समिति की बैठक जिनमे जन प्रतिनिधि भी सदस्य है में प्रस्ताव रख कर सुझाव/परामर्श लिया जाता है। शहर स्तरीय परामर्श समिति की बैठक के कार्यवाही विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–द अनुसार है। (ग) सागर स्मार्ट सिटी द्वारा दिशा-सूचक बोर्ड पर रू. 7.6 करोड़ की राशि व्यय की गई है। तीन पार्कों यथा चंद्रा पार्क का एरिया 1.65 एकड़, मधुकशाह पार्क का एरिया 0.2 एकड़ एवं डॉ. हरिसिंह गौर पार्क का एरिया 0.25 एकड़ है। इन पार्कों के पुनर्विकास व सौन्दर्यीकरण पर 3.48 करोड़ की राशि व्यय की गई है। जी नहीं संचालक मंडल की बैठक में स्वीकृति उपरांत शहर में विभिन्न स्थानों पर कुल 239 बोर्ड लगाये गए हैं, जहां पूर्व में बोर्ड स्थापित नहीं थे। पार्कों का पुनर्विकास एवं सौन्दर्यीकरण कार्य स्वीकृति मानदण्ड अनुसार कराया गया है। अतः जांच का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) जी नहीं, सागर स्मार्ट सिटी द्वारा शहर की प्रमुख 32 सड़कों पर चौड़ीकरण व सौन्दर्यीकरण का कार्य एवं दो स्थानों पर पार्किंग का कार्य प्रगतिरत है। शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु विभिन्न चौराहों पर इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनजमेंट सिस्टम के माध्यम से कैमरे व ट्रैफिक सिंग्नल आदि स्थापित करने का कार्य किया गया है जिस पर राशि व्यय हुई है। इससे जाम की समस्या से निजात एवं यातायात सुगम हुआ है तथा वाहन चालक अनुशासित हुए है। सागर स्मार्ट सिटी द्वारा शहर स्तरीय परामर्श समिति से सुझाव/परामर्श लेते हुए बोर्ड ऑफ डायरेक्टर से सक्षम स्वीकृति प्राप्त करते हुए विकास कार्य कराये जा रहे जिससे नागरिकों को सुविधा प्राप्त हुई है। अतः इन कार्यों में फिजूल खर्च नहीं होने से जांच का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
वाहनों एवं सफाई कर्मियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
83. ( क्र. 1183 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) न.पा. श्योपुर में वर्तमान में किस-किस प्रकार के कितने-कितने वाहन उपलब्ध हैं? उक्त वाहनों में से वर्तमान में कितने चालू एवं कितने खराब हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित चालू वाहनों में से किस-किस वाहन पर माह सितम्बर 2021 से अब तक ईंधन एवं मरम्मत कार्य में किये गये भुगतानों का ब्यौरा नस्ती प्रकरण क्रमांक एवं फर्म सहित बतावें। (ग) न.पा. श्योपुर में अगस्त 2021 से वर्तमान तक किन-किन सफाई कर्मचारियों की अस्थायी नियुक्ति किस-किस कार्य हेतु? कितने-कितने मानदेय पर कितनी अवधि के लिये की गयी है? वर्तमान तक उक्त कर्मचारियों पर प्रतिमाह कितना अतिरिक्त भुगतान किया जा रहा है? (घ) न.पा. श्योपुर में सफाई कर्मचारियों के हितों हेतु किस-किस सामग्री पर किस फर्म द्वारा कितना-कितना व्यय किया गया? (ड.) न.पा. श्योपुर में दस्ती/कोटेशन के माध्यम से किस-किस फर्म द्वारा सफाई एवं सामग्री उपलब्धता हेतु माह सितम्बर 2021 से किस-किस नस्ती प्रकरण से व्यय हुआ है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) अगस्त 2021 से नहीं अपितु सक्षम स्वीकृति प्राप्त कर जनवरी 2022 से जून 2022 तक सफाई कार्य हेतु 30 कर्मचारियों की अस्थाई नियुक्ति 5000 प्रतिमाह मानदेय पर की गई है, उक्त कर्मचारियों का प्रतिमाह 1.50 लाख का अतिरिक्त भुगतान किया गया है। (घ) एवं (ड.) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-स अनुसार है।
स्ट्रीट लाइट व्यवस्था की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
84. ( क्र. 1186 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले के शहरी क्षेत्रान्तर्गत निगम सीमा क्षेत्र में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कितने स्ट्रीट लाइट पोल हैं? इनमें से कितने पोल पर किस प्रकार (हेलोजन, बल्ब, ट्यूब लाइट) की स्ट्रीट लाइट लगी हैं? प्रत्येक विधान सभावार जानकारी देवें। (ख) इनमें से कितने पोल पर स्मार्ट सिटी द्वारा एल.ई.डी. स्ट्रीट लाइट लगाई गई? उस पर कितना व्यय हुआ? लगाई गई लाइट की गारंटी अवधि क्या है? उनमें से उत्तर दिनांक तक कितनी चालू हैं? गारंटी अवधि में कितनी एल.ई.डी. स्ट्रीट लाइट खराब हुई? कितनी बदलकर लगाई गई? उस पर कितना व्यय हुआ? बदलकर लगाई गई एल.ई.डी. स्ट्रीट लाइट में सामग्री तथा संधारण का कितना-कितना व्यय किसके (ठेकेदार/शासन/निगम) द्वारा वहन किया गया? शहर में लगाई गई एल.ई.डी. स्ट्रीट लाइटें किससे एवं किस अनुबंध के तहत प्राप्त की? इनको लगाने एवं संधारण की जिम्मेदारी किस की है? इसकी गुणवत्ता की जांच कराई गई? यदि हाँ तो किससे एवं किसके द्वारा? यदि नहीं तो किस कारण? अनुबंध की कॉपी सहित विधान सभावार पूर्ण जानकारी देवें। (ग) जिन पोल पर एल.ई.डी. स्ट्रीट लाइट लगाई हैं, उन पोल पर पूर्व से लगी एल.ई.डी. स्ट्रीट लाइट सामग्री में से कौन-कौन सी कितनी सामग्री प्राप्त हुई? उनमें से कितनी चालू हालत में तथा कितनी बन्द हालत में प्राप्त हुई? उनका किसके द्वारा क्या उपयोग किया? वार्डवार एवं विधान सभावार पूर्ण जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) स्मार्ट सिटी द्वारा 60, 679 पोल पर (1635 पोल पर डबल लाईट) 62, 314 स्ट्रीट लाईट लगायी गयी हैं। कार्य हेतु भारत सरकार की उपक्रम कंपनी ई.ई.एस.एल. के साथ कुल राशि रू. 26.40 करोड़ का अनुबंध किया गया है, जिसके विरूद्ध अब तक राशि रू. 8.47 करोड़ का भुगतान किया गया है, कार्य प्रगतिरत है। लगायी गई लाईटों की गारंटी अवधि 07 वर्ष है। लगभग 50, 000 लाईट चालू हैं। गारंटी अवधि में आज दिनांक तक लगभग 24, 000 लाईट खराब हुयी थीं। सभी 24, 000 लाईट बदली जा चुकी हैं। कोई व्यय नहीं हुआ है। समस्त लाईट कंपनी द्वारा अनुबंध अनुसार नि:शुल्क बदली गई हैं। शहर में लगायी गई एल.ई.डी. स्ट्रीट लाईटें ई.ई.एस.एल. से अनुबंध अनुसार प्राप्त की गईं। अनुबंध की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। लाईट लगाने एवं संधारण की जिम्मेदारी ई.ई.एस.एल. की है। जी हाँ। एल.ई.डी. लाईट की गुणवत्ता की जाँच, ई.ई.एस.एल. द्वारा Conformity India International Pvt. Ltd. New Delhi Planet Electronet Labs New Delhi एवं Edlipse Engineering Global Pvt. Ltd. से करायी गयी है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। विधान सभावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) पूर्व में लगी एल.ई.डी. स्ट्रीट लाईट में से निकाली गईं लाईट की संख्या 2416 है, जिसमें से 710 लाईटें चालू एवं 1706 लाईटें बंद हालत में प्राप्त हुईं। 1706 बंद लाईटें स्टोर में जमा हैं तथा 710 चालू लाईटें निगम द्वारा प्रकाश व्यवस्था हेतु उपयोग की गयी हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है।
स्मार्ट सिटी द्वारा पूर्ण किये गए प्रोजेक्टों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
85. ( क्र. 1187 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में स्मार्ट सिटी द्वारा कार्य प्रारंभ से उत्तर दिनांक तक किन-किन कार्यों हेतु प्रोजेक्ट तैयार किये गये? उन पर कितना व्यय हुआ? उनमें से कितने प्रोजेक्ट कितनी राशि के स्वीकृत हुये? कितने स्वीकृति उपरांत पूर्ण हुये? उन पर कितना व्यय हुआ? कितने प्रोजेक्ट स्वीकृति उपरांत निरस्त हुये? निरस्ती का कारण बतायें? कितने प्रोजेक्ट अभी भी क्रियाशील हैं? प्रत्येक प्रोजेक्टवार, कार्यवार, स्वीकृति राशि, व्यय राशि सहित विधान सभावार जानकारी देवें। (ख) स्वीकृत कार्यों में से कितने कार्य समय-सीमा में पूर्ण हुये? कितने अपूर्ण है? अनुबंध की शर्तों अनुसार समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं करने पर कार्यवाही का क्या प्रावधान है? इसके तहत क्या कोई कार्यवाही की गई? प्रत्येक प्रोजेक्ट की कार्यवार एवं विधान सभावार जानकारी देवें। (ग) स्वीकृत प्रोजेक्ट कार्यों में से कितने कार्यों में स्वीकृति राशि उपरांत अतिरिक्त राशि स्वीकृत की गई? प्रत्येक प्रोजेक्ट का कार्यवार कारण सहित विधान सभावार जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) ग्वालियर स्मार्ट सिटी द्वारा कार्य प्रारंम्भ से उत्तर दिनांक तक तैयार किये गये प्रोजेक्टों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। प्रोजेक्ट तैयार करने पर राशि रू. 4.47 करोड़ का व्यय हुआ है, 52 प्रोजेक्टस राशि रू. 743.35 करोड़ स्वीकृत हुये, स्वीकृति उपरांत 36 प्रोजेक्ट पूर्ण हुये हैं एवं इन प्रोजेक्टों पर व्यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। स्वीकृति उपरांत 04 प्रोजेक्ट निरस्त हुये है एवं कारण सहित विधान सभावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। क्रियाशील प्रोजेक्ट कार्यवार, स्वीकृत राशि, व्यय राशि सहित विधान सभावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। (ख) स्वीकृत कार्यों में से 24 कार्य समय-सीमा में पूर्ण हुये है, 12 कार्य अपूर्ण हैं। अनुबंध की शर्तों अनुसार समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं करने पर अधिकतम 10 प्रतिशत की राशि की पेनाल्टी/कटोत्रा लगाये जाने का प्रावधान है। जी हाँ, इसके तहत कार्यवाही की गई है जिसका कार्यवार एवं विधान सभावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है। (ग) ग्वालियर स्मार्ट सिटी अंतर्गत स्वीकृत प्रोजेक्ट कार्यों में से 10 कार्यों में अतिरिक्त राशि स्वीकृत की गई हैं। प्रोजेक्ट कार्यवार कारण सहित विधान सभावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-6 अनुसार है।
रेल्वे ओवर ब्रिज के निर्माण की जानकारी
[लोक निर्माण]
86. ( क्र. 1190 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत लोक निर्माण विभाग सेतु संभाग सागर द्वारा निर्माणाधीन रेल्वे ओवर ब्रिज क्र. 28 के निर्माण कार्य का अनुबंध कार्य एजेंसी से विभाग द्वारा कब किया गया था? अनुबंध की तारीख, कार्य पूर्णतः अवधि लागत सहित जानकारी देवें। (ख) कार्य एजेंसी द्वारा प्रश्न दिनांक तक कितना कार्य पूर्ण कर लिया गया है? कार्य एजेंसी/विभाग का क्या वर्क प्लान है? कार्य एजेंसी को विभाग द्वारा कब-कब कितना भुगतान किया गया? (ग) कार्य एजेंसी/विभाग द्वारा किस दिनांक से रेल्वे द्वारा रेल फाटक को बंद करने की अनुमति कब से कब तक कब-कब ली है? (घ) क्या कार्य एजेंसी द्वारा आवागमन हेतु परिवर्तित मार्ग का निर्माण किया गया है? यदि हाँ तो क्या उक्त परिवर्तित मार्ग आवागमन की दृष्टि से उपयुक्त है तथा वर्षा ऋतु में उक्त परिवर्तित मार्ग से दो पहिया वाहन व पैदल आवागमन संभव है? यदि नहीं तो विभाग कार्य एजेंसी से परिवर्तित मार्ग को सुगम बनाने के लिए कोई कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) कलेक्टर जिला सागर के पुस्तकालय में रखे पत्र दिनांक 26.09.2022 अनुसार। रेल्वे फाटक को निर्माण कार्य के दौरान बंद करने की अनुमति दी गई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (घ) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। गेट क्रमांक-26 तथा 27 से यातायात जारी है।
विद्युत सब-स्टेशन की स्थापना
[ऊर्जा]
87. ( क्र. 1191 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरपालिका क्षेत्र मकरोनिया में म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लि. द्वारा उप नगरीय कार्यालय मकरोनिया प्रारंभ किया गया है? यदि हाँ तो कब से? (ख) यदि न.पा. क्षेत्र मकरोनिया में उपभोक्ताओं की सुविधाओं को देखते हुये नगर उप संभाग सागर से पृथक कर नवीन कार्यालय मकरोनिया में प्रारंभ किया गया है तो क्या विभाग विद्युत सब स्टेशन स्थापित करेगा? (ग) यदि हाँ तो इस संबंध में विभाग द्वारा कोई कार्यवाही/योजना/प्राक्कलन तैयार किया गया है? (घ) विद्युत उपभोक्ताओं की संख्या, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की संख्या के कारण लगातार विद्युत विच्छेद की स्थिति निर्मित होती है एवं विद्युत सुधार कार्य में समय भी अधिक लगता है। उपरोक्त कारणों को देखते हुये क्या विभाग शीघ्र विद्युत सब स्टेशन स्थापित करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के आदेश क्रमांक 11683 दिनांक 19.10.2019 के द्वारा नगरपालिका क्षेत्र मकरोनिया में मकरोनिया (शहर) उपसंभाग कार्यालय का सृजन किया गया है, जो कि माह अगस्त 2021 से क्रियाशील है। (ख) नगरपालिका क्षेत्र मकरोनिया के अंतर्गत 33/11 के.व्ही. के 3 विद्युत उपकेन्द्र स्थापित है। उक्त 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों पर दर्ज अधिकतम भार की तुलना में इन विद्युत उपकेन्द्रों की स्थापित क्षमता लगभग दोगुनी से अधिक है। इन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों से प्रश्नाधीन क्षेत्र को विद्युत आपूर्ति किये जाने में किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है। अत: मकरोनिया क्षेत्र में वर्तमान में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्र की स्थापना का कार्य तकनीकी रूप से साध्य नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (घ) मकरोनिया (शहर) उपसंभाग में विद्यमान सभी श्रेणी के कुल विद्युत उपभोक्ताओं की संख्या 19676 है, जिन्हें विद्युत् प्रदाय हेतु प्रश्नाधीन क्षेत्र में पर्याप्त क्षमता के 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र स्थापित है। मकरोनिया उपसंभाग हेतु पृथक से मेंटेनेन्स टीम है, जिसके द्वारा विद्युत अधोसंरचना के रख-रखाव के कार्य के साथ-साथ केन्द्रीकृत कॉल सेंटर (1912) पर प्राप्त शिकायतों एवं कतिपय अवसरों पर आए आकस्मिक विद्युत अवरोधों के कारण उत्पन्न विद्युत व्यवधानों पर त्वरित कार्यवाही करते हुए, इनका निराकरण किया जाता है। उक्त परिप्रेक्ष्य में मकरोनिया क्षेत्र में विद्युत व्यवस्था हेतु नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना सहित अन्य कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
निर्माणाधीन सड़कों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
88. ( क्र. 1194 ) श्री विनय सक्सेना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा कितनी-कितनी लागत की कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है? सभी के कार्यादेश, अनुबंध, टेंडर शर्तों के दस्तावेज बतावें। (ख) उक्त सड़क निर्माण कार्यों हेतु अनुबंध की शर्तों अनुसार ठेकेदार द्वारा किस-किस क्षमता के प्लांट/मशीनरी आदि किन-किन स्थानों पर स्थापित किये गये हैं? (ग) क्या यह सही है कि बगैर अनुबंध की शर्तों अनुसार आवश्यक प्लांट/मशीनरी से कम क्षमता के प्लांट/मशीनरी उपयोग कर सड़कें बनायीं जा रही हैं? यदि हाँ, तो इस संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की गयी है? (घ) उपरोक्त निर्माणाधीन सड़कों के समय-समय पर किये गये निरीक्षण की रिपोर्टें बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जबलपुर स्मार्ट सिटी के द्वारा कुल 9 सड़कों का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। निर्माण की जा रही सड़कों की लागत एवं इनके कार्यादेश, अनुबंध, टेंडर शर्तों के दस्तावेज़ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) उक्त सड़क निर्माण कार्यों हेतु अनुबंध की शर्तों अनुसार ठेकेदार द्वारा किस-किस क्षमता के प्लांट/मशीनरी आदि किन स्थानों पर स्थापित किया गया है की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं, ठेकेदार द्वारा आवश्यकताअनुसार उपयुक्त क्षमता के प्लांट/ मशीनरी से अनुबंध अनुसार निर्माण कार्य किया जा रहा है। (घ) उपरोक्त निर्माणाधीन सड़कों के समय-समय पर किये गये निरीक्षण की रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है।
विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों का निरीक्षण
[उच्च शिक्षा]
89. ( क्र. 1195 ) श्री विनय सक्सेना : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर से संबद्ध कौन-कौन से अशासकीय कॉलेजों में विधि तथा बी.एड./डी.एड. पाठ्यक्रम संचालित है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किन-किन कॉलेजों में यू.जी.सी./एन.सी.टी.ई./बी.सी.आई./कोड-28 के नियमानुसार किस-किस वेतनमान पर, कौन-कौन से शैक्षणिक स्टाफ व प्राचार्य कार्यरत हैं? (ग) विश्वविद्यालय द्वारा विगत 5 वर्षों में संबद्धता/निरंतरता प्रदाय हेतु कब-कब उक्त कॉलेजों का निरीक्षण कराया गया है? निरीक्षण समिति के सदस्य कौन-कौन थे? निरीक्षण में क्या-क्या पाया गया? निरीक्षण की प्रति देवें। (घ) उक्त कॉलेजों में से किन-किन कॉलेजों द्वारा एक ही भवन में एक से अधिक पाठ्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं? क्या उनके पास सभी पाठ्यक्रमों हेतु लागू अधोसंरचना, लैब, लायब्रेरी पृथक से उपलब्ध है? यदि हाँ, तो पाठ्यक्रमवार उपलब्ध अधोसंरचना/सुविधाओं का विवरण मय अभिलेख सहित बतावें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर से संबद्ध विधि एवं बी.एड पाठयक्रम संचालित करने वाले अशासकीय महाविद्यालय की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। डी.एड. पाठयक्रम की संबद्धता विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान नहीं की जाती है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। (घ) एक ही भवन में एक से अधिक पाठयक्रम संचालित करने वाले महाविद्यालय ए.पी.एन. महाविद्यालय, जबलपुर, श्री गुरूतेग बहादुर खालसा महाविद्यालय, जबलपुर, सिल्कोवाइट कटनी डिग्री कालेज, कटनी, कटनी कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, कटनी हैं। शेष जानकारी निरीक्षण समिति के प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है।
प्रस्तावित सड़कों के निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
90. ( क्र. 1199 ) श्री सुनील उईके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में जुन्नारदेव विधानसभा में किन-किन सड़कों में निर्माण कार्य चल रहे है एवं इस वित्तीय वर्ष 2022-23 में कहाँ-कहाँ नई सड़कें प्रस्तावित हैं (ख) जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में पुरानी डामरीकृत सड़क जो क्षतिग्रस्त हुई है उनके उन्नयन कार्य की कोई कार्ययोजना है? इस वित्तीय वर्ष 2022-23 अंतर्गत किस मार्ग एवं भवन निर्माण पर अनुबंध किया गया है? अनुबंधित राशि एवं आज दिनांक तक व्यय की गई राशि की जानकारी दें। (ग) विधानसभा जुन्नारदेव अंतर्गत विगत 3 वर्षों में निर्मित एवं निर्माणाधीन बी.टी. सड़कों की मरम्मत, क्षतिग्रस्त पुल-पुलियों के सुधार एवं नवीन पुल-पुलियों के निर्माण के लिये कोई कार्ययोजना प्रस्तावित है? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) निर्माणाधीन सड़कों की जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र ''अ'', ''अ-1'' एवं नवीन प्रस्तावित सड़कों की जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) पुरानी डामरीकृत सड़कों की मरम्मत वार्षिक संधारण मद के तहत की जाती है, वर्ष 2022-23 में अनुमोदित कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे प्रपत्र ''ब-1'' एवं ''स'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र ''अ-2'' एवं ''ब-1'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र ''ब-1'' एवं ''स'' अनुसार है।
सड़क, भवन एवं पुल निर्माण की जानकारी
[लोक निर्माण]
91. ( क्र. 1207 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 अप्रैल 2019 से विदिशा जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, मध्यप्रदेश सड़क विकास प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग, सेतु निगम एवं पी.आई.यू. द्वारा कौन-कौन सी सड़कें/भवन/पुल निर्माण किये गए हैं? निर्माण कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति की छायाप्रति उपलब्ध करावें एवं मरम्मत एवं रिन्युवल कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये? (ख) स्वीकृत कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हो गए? कितने अधूरे हैं? कितने अप्रारंभ हैं? उपरोक्त निर्माण कार्यों का निरीक्षण किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब किया? निरीक्षण प्रतिवेदन की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश 'क' और 'ख' के संदर्भ में उपरोक्त निर्माण कार्यों में ठेकेदार/फर्म/ऐंजेंसी को कितना-कितना भुगतान कब-कब किया गया है? कार्य का नाम, भुगतान राशि दिनांक सहित जानकारी उपलब्ध करावें एवं गुणवत्ताविहीन कार्यों की कितनी शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई हैं? विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाहियाँ की गई हैं? यदि नहीं तो कार्यवाहियां कब-तक की जावेंगी? (घ) सिरोंज, इमलानी, गुरोद, गंजबासौदा मार्ग एवं लटेरी-शमशाबाद मार्ग मुंडेला मोड़ से NH-752B तक सी.सी. रोड निर्माण का सिरोंज-भोपाल रोडसे महामाई मार्ग का निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ किये जावेंगे? समय-सीमा बतलावें। इन कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति उपलब्ध करावें। (ड.) सी.एम. मॉनिट ए+ 1017/ सीएमएस/एसएमएस/2021 को बीजूखेड़ी वि.ख. लटेरी के पुल निर्माण हेतु पत्र प्रेषित किया गया था, विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? पत्राचारों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 141/बी.पी.एल./2022 दिनांक 05.05.2022 एवं दिनांक 03.05.2021, 11.08.2021, 02.08.2021, 25.04.2022, 01.05.2022, 02.05.2022 को बीजूखेड़ी के पुल निर्माण के संबंध में पत्र प्राप्त हुआ? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो कब-तक की जावेगी? समय-सीमा बतलावें तथा कब-तक पुल निर्माण के लिए राशि स्वीकृत कर दी जावेगी? समय-सीमा बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है, लोक निर्माण विभाग से सम्बंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ, 'अ-1', 'ब', 'ब-1', 'अ-2', 'ब-2', 'अ-3', 'स' एवं '2' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ, 'अ-1', 'अ-2', 'ब', 'ब-1', 'ब-2', 'ब-3', 'स' एवं '3' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ, 'अ-1', 'अ-2', 'ब', 'ब-1', 'ब-2', 'स', 'स-1' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-द अनुसार है। इसके अतिरिक्त सिरोंज, इमलानी, गुरोद, गंजबसौदा मार्ग के निर्माण हेतु अनुबंध दिनांक 04.02.2022 को किया गया एवं लटेरी-शमशाबाद मार्ग के निर्माण हेतु अनुबंध दिनांक 21.06.2022 को किया गया। निवेशकर्ताओं द्वारा वित्तीय बंध हासिल करने व निर्धारित पूर्ववर्ती शर्तों (कन्डीशन प्रेसीडेन्ट) का पालन करने की कार्यवाही प्रगति पर है, जिसके उपरान्त कार्य प्रारंभ किया जावेगा। कार्य प्रारंभ की निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है। प्रशासकीय स्वीकृति की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ड.) पत्राचार एवं विभाग की कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। यह कार्य विभागीय बजट में अंकित नहीं होने से प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने की कार्यवाही नहीं की जा सकती। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं।
नियम विरूद्ध संचालित संस्था की लंबित जांच
[आयुष]
92. ( क्र. 1210 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1090 दिनांक 19 मार्च 2020 के उत्तर में पाराशर आयुर्वेदिक (बी.ए.एम.एस) कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल की जांच प्रकियाधीन होने संबंधी जानकारी दी गई थी? यदि हाँ तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त जांच पूर्ण कर कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ तो जांच प्रतिवेदन/निष्कर्षों की प्रति सहित बतावें। यदि नहीं तो अभी तक जांच पूर्ण न करने के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त नियम विरूद्ध संचालित संस्था को जांच प्रकियाधीन होने के बावजूद भी गत एवं वर्तमान शैक्षाणिक सत्र की मान्यता प्रदान कर दी गई है? यदि हाँ तो क्यों तथा इसके लिये कौन दोषी है? शासन कब तक संबंधित संस्था के विरूद्ध अनुशासनात्मक एवं कानूनी कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) शिक्षण सत्र 2021-22 में भारत सरकार आयुष मंत्रालय द्वारा प्रवेश मान्यता प्रदान की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिटीपोर्शन मार्ग की लंबित प्रशासकीय स्वीकृति
[लोक निर्माण]
93. ( क्र. 1211 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण संभाग राजगढ़ अंतर्गत नगर नरसिंहगढ़ के भोपाल बायपास से छत्री चौराहा बाराद्वारी होते हुए ब्यावरा बायपास तक लंबाई 4.40 कि.मी. सी.सी.करण पोल शिफ्टिंग एवं डिवाईडर सहित सड़क निर्माण कार्य हेतु मुख्य बजट वर्ष 2022-23 में राशि का प्रावधान किया गया था तथा विभाग नवीन एस.ओ.आर. अनुरूप प्रशासकीय स्वीकृति हेतु प्रस्ताव तैयार कर वरिष्ठालय को भी प्रेषित किया जा चुका है? यदि हाँ तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर दी गई है अथवा नहीं? यदि नहीं तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही किन कारणों से किस स्तर पर लंबित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन उक्त सिटीपोर्शन की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, जी नहीं, शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में स्वीकृति की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं।
विकास कार्यों हेतु राशि का आवंटन
[लोक निर्माण]
94. ( क्र. 1214 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित विधानसभा प्रश्न क्रमांक 738 दिनांक 11 मार्च 2022 के प्रश्नांशों में दर्शित सड़कों के निर्माण कार्य हेतु लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? वस्तु स्थिति से अवगत कराएं। (ख) दिनांक 11 मार्च 2022 से प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग द्वारा मध्यप्रदेश शासन कृषि विपणन बोर्ड भोपाल एवं राज्य शासन को कितने पत्र लिखे? पत्रों की छायाप्रति उपलब्ध करावें एवं इनके तारतम्य में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में की गई कार्यवाही के उपरांत मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल एवं राज्य शासन द्वारा उक्त विकास कार्यों की राशि आवंटित किये जाने हेतु आदेश जारी किये गए हैं? यदि हाँ तो तत्संबंध में क्या कार्यवाही की जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) कोई पत्र नहीं लिखा गया। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
मार्ग का उन्नयन एवं चौड़ीकरण कार्य
[लोक निर्माण]
95. ( क्र. 1215 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद अर्न्तगत क्या रोडिया से मदरानियां एवं बाडी से रूपखेड़ा मार्ग का उन्नयन और चौड़ीकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि हाँ तो पूर्णता प्रमाण पत्र किस-दिनांक को जारी किया गया? नहीं तो कब तक पूर्ण होगा? (ख) क्या उक्त मार्ग में मोड़ों को सीधा करने, सुरक्षा मानकों को दृष्टिगत रखते हुए रिप्लेक्टर, गतिरोधक और मोड़ों को दर्शाने वाले संकेतक लगाए जाने का कोई प्रावधान था? यदि हाँ तो क्यों नहीं लगाये गये? (ग) क्या भविष्य में उक्त मार्ग को ग्रामीण बसाहटों से बायपास करने की कोई योजना बनाई जा रही है? यदि हाँ तो कब तक स्वीकृति दी जाएगी? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार प्रश्नकर्ता द्वारा उक्त मार्ग को बसाहट से बायपास करने का कब-कब पत्र लिखे गये हैं? क्या कोई कार्यवाही की गयी? नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। रोडिया से मदरानियां मार्ग का उन्नयन एवं चौड़ीकरण कार्य दिनांक 06.01.2021 को पूर्ण एवं पूर्णता प्रमाण पत्र दिनांक 06.01.2021 को जारी किया गया तथा बाडी से रूपखेड़ा मार्ग का उन्नयन एवं चौड़ीकरण कार्य दिनांक 30.06.2020 को पूर्ण एवं पूर्णता प्रमाण पत्र दिनांक 13.10.2020 को जारी किया गया। (ख) जी हाँ। संकेतक प्रावधानुसार लगाये गये हैं। (ग) वर्तमान में कोई योजना नहीं है, शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) एक पत्र दिनांक 01.07.2019 को प्राप्त, कोई नहीं, प्रश्नांश 'ख' के उत्तर अनुसार।
सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र में विद्युत व्यवस्था
[ऊर्जा]
96. ( क्र. 1218 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र में कितने मजरे, फलिये विद्युत विहीन हैं? सूची उपलब्ध करावें। उक्त फलियो में विद्युत प्रदाय करने हेतु शासन की क्या योजना है? क्या शत्-प्रतिशत विद्युत विहीन मजरों, फलियों में बिजली उपलब्ध कराने हेतु स्वीकृति प्रदाय की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक और नहीं तो क्यों? (ख) क्या शासन उक्त विद्युत विहीन मजरों, फलियों में प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना अंतर्गत घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली उपलब्ध कराने की योजना बना रही है? यदि हाँ तो कब तक बिजली प्रदान की जावेगी? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें एवं कार्ययोजना की विस्तृत जानकारी देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) सरदारपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत समस्त राजस्व ग्राम एवं उनके चिन्हित मजरे/फलिये विद्युतीकृत हैं। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
स्थानीय निवासियों को टोल पास देने के नियम
[लोक निर्माण]
97. ( क्र. 1219 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़-बाग मार्ग का टोल प्रारंभ दिनांक, टोल वसूली की अवधि, टोल की अंतिम दिनांक, मार्ग की लागत तथा प्रश्न दिनांक तक वसूली की गई कुल राशि की जानकारी देवें। (ख) उक्त मार्ग पर टोल प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक टोल बूथ अनुसार निकलने वाले वाहन की कैटेगरी अनुसार संख्या तथा वसूले गये शुल्क की माहवार जानकारी देवें। (ग) राजगढ़-बाग मार्ग पर स्थानीय निवासियों को पास उपलब्ध कराने हेतु क्या-क्या शर्तें हैं? प्रति देवें तथा कहाँ से पास प्राप्त होगा? बतावें। (घ) इन्दौर-अहमदाबाद मार्ग के जुनापानी टोल के स्थानीय निवासियों को पास उपलब्ध कराने हेतु क्या-क्या शर्तें हैं? प्रति देवें। (ड.) दोनों मार्ग पर कितने स्थानीय लोगों को रोजगार दिया गया? नाम सहित देवें। क्या स्थानीय लोगों को रोजगार देने का कोई प्रावधान है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'1' अनुसार। रियायती पास मार्ग पर स्थित टोल प्लाजा ग्राम रिंगनोद से अनुबंध की शर्तों अनुसार प्राप्त किया जा सकता है। (घ) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, भोपाल से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–एक अनुसार। (ड.) राजगढ़-बाग मार्ग पर स्थित टोल पर कुल 03 स्थानीय निवासियों को अस्थाई रोजगार दिया गया है। नाम निम्नानुसार है :– 1. कविता निनामा, पिता गोमलाल निमामा 2. मंजू भाबर, पिता नंदराम भाबर 3. सपना भाबर, पिता वीरेन्द्र भाबर। जी नहीं। अनुबंधानुसार स्थानीय लोगों को रोजगार देने का कोई प्रावधान नहीं है।
मार्ग निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
98. ( क्र. 1224 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा घोषित मुख्य जिला मार्ग नागदा-गिदगढ-चंदोडिया-तारोद-मोकडी मार्ग लम्बाई 24 कि.मी. की स्वीकृति हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2020 से 27/06/2022 तक माननीय मुख्यमंत्री महोदय और लोक निर्माण मंत्री को कितने पत्र प्रेषित किए गए हैं? पत्रों की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुए शासन द्वारा अनुपूरक बजट 2022-23 में सम्मिलित करने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? विवरण दें। (ख) वर्ष 2022-23 के स्वीकृत बडावदा-कलसी-नागदा-गुणावद दौत्रु मार्ग लम्बाई 21.76 किमी लागत 19.58 करोड़ का कार्य उज्जैन-जावरा मार्ग के बडावदा (जीरो पॉईन्ट) से प्रारंभ करने पर 15 कि.मी. दूर 8 लेन सुपर कोरिडोर भुतेडा जंक्शन पर मिलने पर नागदा, महिदपुर, आलोट विधानसभा क्षेत्र सीधे सुपर कोरिडोर से जुड़ जाएंगे की मुख्यमंत्री से पत्र द्वारा मांग करने के पश्चात निर्माण कार्य कहां से प्रारंभ किया जा रहा है? विवरण दें। (ग) विधानसभा प्रश्न क्रं. 1367, दिनांक 23-12-2021 के (घ) में बताया गया है कि अनुपूरक बजट में सम्मिलित करने हेतु प्राक्कलन परीक्षणाधीन है? यदि हाँ तो क्या प्राक्कलन की स्वीकृति प्रदान कर अनुपूरक बजट 2022-23 में सम्मिलित करने हेतु कार्यवाही की गई है? (घ) विधानसभा प्रश्न क्रं. 1367 'च' जो विभाग के संधारण में थी, जर्जर हो चुकी सड़क का अभी तक संधारण क्यों नहीं किया? विभाग द्वारा प्रेषित सीमेन्ट कांक्रीन्ट रोड की स्वीकृति प्रदान कर दी जाएगी।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अनुपूरक बजट 2022 में शामिल करने हेतु कोई प्रस्ताव प्रचलन में नहीं है। (ख) वर्तमान में प्रशासकीय स्वीकृति न होने के कारण निर्माण कार्य प्रारंभ करने का स्थान बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। अनुपूरक बजट 2022 में शामिल करने हेतु कोई प्रस्ताव प्रचलन में नहीं है। (घ) कुल लंबाई 900 मीटर में से 600 मीटर संधारित है। शेष 300 मीटर ध्वस्त होने के कारण संधारण संभव नहीं है। विभाग की किसी योजना में सम्मिलित न होने के कारण स्वीकृति प्रदान की जाना संभव नहीं है।
लीज भूमि का अवैध विक्रय
[नगरीय विकास एवं आवास]
99. ( क्र. 1228 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1846 दिनांक 11/03/2022 में प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? वर्तमान में किन-किन बिंदुओं पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है? वर्तमान में किन-किन बिंदुओं पर क्या-क्या कार्यवाही प्रचलित है? यह कार्यवाही किसके द्वारा की जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) प्रकरण की प्रारंभिक जांच में किस-किस का नाम सामने आया है? उसमें से किस-किस की क्या-क्या भूमिका रही? इनमें से किस-किस के विरूद्ध उत्तरदायित्व निर्धारण से संबंधित कार्यवाही प्रचलित है? कब तक उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जाएगा? (ग) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 952 (ख) दिनांक 12/08/2021 में प्रकरण में मुख्य नगरपालिका अधिकारी मनावर ने संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास इंदौर से किन-किन विषयों पर किस दिनांक को मार्गदर्शन मांगा? संयुक्त संचालक ने किस दिनांक को क्या-क्या मार्गदर्शन मुख्य नगरपालिका अधिकारी मनावर को दिया? (घ) प्रश्नांश (ग) प्रकरण में संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास इंदौर संभाग ने किस दिनांक को किसे वस्तुस्थिति का प्रतिवेदन प्रेषित किया? उस प्रतिवेदन में उल्लेखित किन-किन तथ्यों का वर्तमान में कौन परीक्षण कर रहा है? यह परीक्षण प्रश्नांकित दिनांक तक भी पूरा नहीं किए जाने का क्या कारण रहा है? संयुक्त संचालक के प्रतिवेदन का कब तक परीक्षण पूरा किया जावेगा? मुख्य नगरपालिका अधिकारी मनावर द्वारा चाहा गया मार्गदर्शन कब तक उन्हें दिया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
क्षेत्रीय ब्रिज निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
100. ( क्र. 1231 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि जावरा विधानसभा क्षेत्र की जावरा तहसील अंतर्गत ग्राम उणी एवं ग्राम मिंडा जी के मध्य चंबल नदी पर ब्रिज निर्माण की अत्यंत आवश्यकता होकर इस हेतु ग्रामीण क्षेत्र एवं प्रश्नकर्ता द्वारा लगातार मांग की जा रही है? (ख) यदि हाँ तो उपरोक्त स्थल पर ब्रिज निर्माण हो जाने से तहसील मंदसौर व सीतामऊ जिला मंदसौर के आवागमन का सीधा मार्ग तहसील ताल से सीधे उज्जैन को सम्पर्कित करने के मार्ग की दूरी को लगभग 50 किमी कम करने वाला होकर ग्रामीण आवागमन अत्यधिक सुगम हो जाएगा? (ग) यदि हाँ तो उपरोक्तानुसार शासन/विभाग द्वारा उक्त कार्य को किए जाने हेतु स्थानीय व जिला स्तर पर प्रारंभिक सर्वे कर कार्ययोजना भी बनाकर शासन/विभाग को अग्रेषित की है? (घ) यदि हाँ तो विगत कई वर्षों की क्षेत्रीय मांग एवं कठिनाई के साथ ही मार्ग की दूरी बहुत अधिक कम होने की सुविधा प्राप्त होने के साथ ही संपूर्ण आवागमन को सुगमता दिए जाने हेतु कब तक स्वीकृति दी जा सकेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुलों के निर्माण कार्य की जानकारी
[लोक निर्माण]
101. ( क्र. 1234 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जौरा विधानसभा में माननीय मुख्यमंत्री की घोषणा अनुसार सुजानगढी भर्रा में क्वारी नदी पर अटार पुल एवं क्वारी नदी पर अहरोली पुल सड़क सहित स्वीकृत किये गये थे किन्तु दोनों सड़क का निर्माण कार्य तो पूरा हो गया लेकिन पुलों का निर्माण कार्य चालू कर बन्द कर दिया है, ऐसा क्यों? (ख) उपरोक्त पुलों का निर्माण न होने से इन सड़कों का कोई औचित्य नहीं है। यह दोनों पुल सैकड़ों गांवों को आपस में जोड़ते हैं। इन मार्गों से होकर हर रोज सैकड़ों वाहन निकलते हैं लेकिन पुल का निर्माण न होने से बड़ी घटनाएं घटित होने की संभावना बनी रहती है जिससे क्षेत्र के लोगों में पुल का निर्माण को लेकर काफी असंतोष है? (ग) क्या इन पुलों का निर्माण समय-सीमा में न कराये जाने के क्या कारण रहे? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के संबंध में पुलों के निर्माण में उदासीनता के लिए कौन-कौन जिम्मेदार सबंधित ठकेदारों एवं अधिकारियों के प्रति उदासीनता की विभागीय कार्यवाही की गयी है? यदि हाँ तो बतावें। यदि नहीं तो क्यों? आगामी समय में कब तक निर्माण कार्य प्रारंभ करवा दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
भवन निर्माण हेतु राशि का आवंटन
[उच्च शिक्षा]
102. ( क्र. 1235 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जौरा विधानसभा में शासकीय महाविद्यालय कैलारस के भवन निर्माण के लिए ग्राम निरारा में भूमि आवंटित हो गयी है? यदि हाँ, तो कितनी भूमि आवंटित हुई है? सर्वे नम्बर रकवा सहित बतावें और विभाग द्वारा भवन निर्माण बनाने के लिए आगामी क्या कार्ययोजना है? (ख) वर्तमान में महाविद्यालय का संचालन कन्या स्कूल कैलारस में किया जा रहा है। जो भवन जीर्ण-शीर्ण की स्थिति में होकर पर्याप्त जगह नहीं है और न ही पर्याप्त प्राध्यापकों की नियुक्ति की गयी है, ऐसा क्यों? (ग) यदि शासकीय महाविद्यालय कैलारस के भवन निर्माण हेतु ग्राम निरारा में भूमि आवंटित हो गयी है तो शासन द्वारा राशि कब तक आवंटित की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। शासकीय महाविद्यालय, कैलारस के नवीन भवन निर्माण हेतु ग्राम निरारा में सर्वे क्रमांक 105 रकबा 2.020 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है। नवीन भवन निर्माण हेतु राशि स्वीकृत किए जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) वर्तमान में शासकीय महाविद्यालय, कैलारस, शासकीय मिडिल स्कूल, कैलारस के भवन में सुचारू रूप से संचालित है। महाविद्यालय में शैक्षणिक संवर्ग अंतर्गत कुल 17 पद स्वीकृत हैं। 14 स्वीकृत पदों के विरूद्ध विभिन्न विषयों के अतिथि विद्वानों के माध्यम से अध्यापन व्यवस्था सुचारू है। ग्रंथपाल का 01 नियमित पद भरा हुआ है। (ग) शासकीय महाविद्यालय, कैलारस के नवीन भवन निर्माण हेतु भूमि का आवंटन हो चुका है। भवन निर्माण हेतु राशि की स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
पेयजल योजना में हुए भ्रष्टाचार की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
103. ( क्र. 1237 ) श्री मनोज चावला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 3498 दिनांक 21/3/22 के प्रेषित उत्तर अनुसार बताएं कि अनियमितता की जांच के संबंध में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा प्रकरण पंजीबद्ध कर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की जा चुकी है? (ख) बताएं कि उक्त प्रकरण पर प्रश्न दिनांक तक कितने अधिकारी/कर्मचारी पर कार्यवाही की जा चुकी है? (ग) उक्त पेयजल योजना के संबंध में कहा गया था कि संशोधित ड्राइंग/डिजाइन तैयार की जाएगी तो क्या पूर्व में निर्मित ड्राइंग/डिजाइन गलत या त्रुटियुक्त थी? यदि हाँ तो उस ड्राइंग/डिजाइन अनुसार निर्माण कार्य किस अधिकारी के आदेश से शुरू किया गया? (घ) विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कब-कब योजना के संबंध में निरीक्षण कर जवाबदारों पर कार्यवाही की गई हैं? प्रतिवेदन देवें। (ड.) उक्त योजना के क्रियान्वयन हेतु शहर की कई सड़कों को खोदा गया है। 2 वर्ष बीत जाने पर भी सड़कें खुदी हुई अवस्था में ही हैं। वर्षा ऋतु आने पर जनता को समस्याओं एवं दुर्घटनाओं से जूझना पड़ेगा, इसकी जवाबदारी किसकी रहेगी? (च) प्रश्नकर्ता के प्र.क्र. 3499 दिनांक 21/3/22 के प्रेषित उत्तर (क) के संदर्भ में शेष 34 कॉलोनाईजर पर प्रकरणों दर्ज करने हेतु का परीक्षण कर प्रकरण दर्ज किया जा चुका है? यदि नहीं तो विलंब का कारण बताएं और शेष कार्यवाही हेतु बची 63 कॉलोनियों पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। प्रकरण की विवेचना जारी है। (ख) प्रकरण में विवेचना जारी है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। जी नहीं, अपितु त्रुटिवश निकाय के नजदीक ग्राम बड़ावदी का भाग शामिल हो गया था। त्रुटि संज्ञान में आने पर वहां कार्य नहीं कराया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों को आरोप पत्र जारी किये जा चुके हैं। (ड.) जी हाँ, पाइप-लाइन बिछाने के लिए नगर की सड़कों को खोदा गया था। समय-समय पर सड़क के गड्ढों को रिपेयर कर दिया जाता है। नवीन संशोधित ड्राइंग डिजाइन अनुसार जल वितरण नलिकाओं से जल प्रदाय की सफल टेस्टिंग का कार्य पूर्ण होने के बाद ही सड़कों का स्थाई रेस्टोरेशन किया जा सकेगा। (च) जी नहीं। त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन 2022 एवं नगरपालिका निर्वाचन 2022 की आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण 34 कॉलोनियों का परीक्षण कार्य पूर्ण नहीं होने के कारण विलंब हुआ है। 63 अवैध कॉलोनियों का सर्वे कार्य पूर्ण किया गया। नियमानुसार आगामी कार्यवाही के लिए अनुविभागीय अधिकारी द्वारा सक्षम प्राधिकारी (कलेक्टर) को पत्र क्रमांक 1671 दिनांक 31.03.2022 को प्रकरण प्रेषित किया जा चुका है। स्वीकृति प्राप्त होने पर आगामी कार्यवाही की जा सकेगी।
अवैध कॉलोनियों में किये गये निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
104. ( क्र. 1240 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पंचायत भीकनगांव अन्तर्गत अवैध कॉलोनियों में किये गये निर्माण कार्यों की जांच के सम्बंध में क्षेत्रीय विधायक भीकनगांव द्वारा कलेक्टर खरगोन को प्रस्तुत शिकायत पत्र पर वर्तमान तक क्या कार्यवाही की गई है? कृपया की गई कार्यवाही का विवरण देवें तथा जांच प्रतिवेदन की प्रतिलिपि भी प्रदाय करने का कष्ट करें। (ख) क्या भीकनगांव नगर पंचायत द्वारा विगत 5 वर्षों में अवैध कॉलोनियों में निर्माण कार्य किया गया है? हाँ तो विवरण देवें तथा क्या नियमानुसार सही है? नहीं तो शासन द्वारा वर्तमान तक क्या कार्यवाही की गई है? क्या अवैध कॉलोनियों में किये गये कार्यों की राशि वसूली हेतु एवं दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जायेगी? हाँ तो कब तक तथा नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रश्नांकित प्रकरण में कलेक्टर जिला खरगोन के आदेश पर दिनांक 18.05.2021 को जांच समिति का गठन किया गया। जांच समिति द्वारा जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया परन्तु जांच प्रतिवेदन से संतुष्ट न होने पर जिला कलेक्टर द्वारा पुन: जांच कराया जाना प्रस्तावित किया गया। जांच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। जी नहीं। उत्तरांश ''क'' के अनुसार कार्यवाही जिला कलेक्टर द्वारा की जा रही है। अंतिम जांच प्रतिवेदन एवं जिला कलेक्टर का अभिमत प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर विधि अनुसार कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
डामरीकृत सड़कों का निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
105. ( क्र. 1243 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में नीमच विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत किन-किन मार्गों पर डामरीकृत सड़क के निर्माण बाबत् प्रस्ताव जिला स्तर से शासन को प्रेषित किये गये हैं? योजनावार मदवार विस्तृत ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) में प्रेषित प्रस्तावों में से किन-किन मार्गों पर डामरीकृत सड़क के निर्माण हेतु शासन स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है और किन-किन मार्गों की शासन स्वीकृति अपेक्षित है? (ग) प्रश्नांश (ख) में स्वीकृति प्राप्त मार्गों पर कब तक कार्य प्रारंभ कर दिये जावेंगे तथा लंबित प्रस्तावों की कब तक स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है।
भूमि व्यवस्थापन के प्रकरणों का निराकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
106. ( क्र. 1244 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा उनके ज्ञापन क्रमांक 71-ए-10-01-2015-अठारह-2 भोपाल, दिनांक 26 मई 2017 के द्वारा नगरपालिका नीमच सीमा अंतर्गत छावनी क्षेत्र में स्थित बंगला बगीचा समस्या के निदान हेतु भूमि व्यवस्थापन नियम 2017 लागू किया गया है? यदि हाँ तो अब तक कितने प्रकरण भूमि व्यवस्थापन हेतु प्राप्त हुए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त प्रकरणों में से कितने प्रकरणों का निराकरण किया जाकर उन्हें पट्टे जारी किये जा चुके हैं और कितने प्रकरण वर्तमान में अंतिम निराकरण हेतु व्यवस्थापन प्रकोष्ठ एवं शासन स्तर पर लंबित है? कारण सहित बतायें। (ग) क्या भूमि व्यवस्थापन में आ रही व्यवहारिक कठिनाईयों के परिणाम स्वरुप समस्या के निदान हेतु वर्तमान में प्रचलित नियमों के संशोधन हेतु प्रस्ताव जिला स्तर से शासन को प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ तो इस संबंध में कब तक शासन नियमों में संशोधन की कार्यवाही कर समस्या से ग्रस्त क्षेत्रवासियों को राहत प्रदान कर सकेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। वर्तमान तक 2474 आवेदन पत्र भूमि व्यवस्थापन हेतु प्राप्त हुए हैं। (ख) प्राप्त प्रकरणों में से 888 प्रकरणों का निराकरण किया जाकर पट्टा निष्पादन हेतु अंतिम आदेश जारी किये गये हैं तथा 18 प्रकरण निरस्त किये गये हैं। इस प्रकार कुल 906 प्रकरणों का निराकरण किया गया है। शेष 1568 लंबित प्रकरणों की स्थिति क्रमश: आवासीय क्षेत्र में आंशिक तथा पूर्णत: व्यवसायिक भवन निर्मित होने से 441 प्रकरण लंबित, 19 प्रकरणों में संबंधित द्वारा व्यवस्थापन राशि जमा नहीं किये जाने के कारण लंबित, 05 प्रकरण संबंधित द्वारा राशि जमा होने के उपरांत परिषद्/प्रशासक अनुमोदन हेतु नगरपालिका में लंबित, 210 प्रकरण नगरपालिका नीमच में क्षेत्रफल सत्यापन तथा सम्पत्ति कर रिपोर्ट हेतु लंबित, 223 प्रकरणों में उप पंजीयक नीमच में वर्ष 2022-2023 की प्रचलित गाइड-लाइन रिपोर्ट हेतु लंबित, 124 प्रकरण अपंजीकृत दस्तावेजों के आधार पर प्राप्त होकर लंबित, प्रकरण व्यवस्थापन प्रकोष्ठ में क्रय-विक्रय परीक्षण एवं व्यवस्थापन राशि गणना हेतु लंबित, 381 प्रकरण माह मई-जून 2022 में प्राप्त हुए हैं। नगरीय निकाय निर्वाचन आचार संहिता समाप्ति उपरांत परीक्षण किया जाकर प्रकरणों में विज्ञप्ति जारी करने तथा अन्य विभागों से अभिमत प्राप्त करने की कार्यवाही हेतु लंबित, इस प्रकार कुल 1568 प्रकरण लंबित है। (ग) जी हाँ। कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
हितग्राहियों को आवासीय पट्टे का प्रदाय
[नगरीय विकास एवं आवास]
107. ( क्र. 1250 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिहंपुर जिले की नरसिंहपुर, करेली एवं गोटेगांव नगरपालिका में कितने हितग्राहियों को आवासीय पट्टे प्रदान किये गये हैं? यदि हाँ तो ग्रामवार, नामवार जानकारी प्रदान करें। (ख) नरसिहंपुर जिले की नरसिंहपुर, करेली एवं गोटेगांव नगरपालिका में कितने हितग्राहियों को पट्टे प्रदान नहीं किये गये हैं? ग्रामवार, नामवार संपूर्ण जानकारी प्रदान करें। (ग) कितने हितग्राहियों को आवासीय पट्टे देने का प्रावधान एवं कितने हितग्राहियों को आवासीय पट्टे देने का प्रावधान नहीं है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाघृति अधिकारों का प्रदाय किया जाना) अधिनियम के अन्तर्गत नरसिंहपुर जिले की नगरपालिका नरसिंहपुर में 108, करेली में 79 एवं गोटेगांव में निरंक हितग्राहियों को आवासीय पट्टे प्रदान किये गए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) नरसिंहपुर जिले की नगरपालिका नरसिंहपुर में 85, करेली में 224 एवं गोटेगांव में निरंक पात्र हितग्राहियों को वर्तमान तक आवासीय पट्टे प्रदान नहीं किये गए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) उतरांश (ख) अनुसार नगरपालिका नरसिंहपुर में 85 एवं नगरपालिका करेली में 224 एवं गोटेगांव में निरंक हितग्राहियों को पात्र होने से आवासीय पट्टा देने का प्रावधान हैं। नगरपालिका नरसिंहपुर में 716, करेली में 257 एवं गोटेगांव में 114 हितग्राहियों को अपात्र होने से आवासीय पट्टा देने का प्रावधान नहीं हैं। नगरपालिका गोटेगांव में 411 हितग्राहियों को पट्टे दिये जाने के संबंध में प्रावधानों के अन्तर्गत पात्रता का परीक्षण किया जा रहा है।
सीवरेज योजना की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
108. ( क्र. 1252 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन न.पा. क्षेत्र में चल रही सीवरेज योजना की पूर्णता दिनांक क्या थी? कार्य पूर्णता दिनांक में वृद्धि टेंडर की किस कंडिका के आधार पर किया गया? इस योजना में कितने कनेक्शन देने थे? कितने कनेक्शन देने बाकी हैं? जो कनेक्शन बाकी हैं उनका कारण क्या है? कब तक दिए जाएंगे? जो कनेक्शन देने बाकी है, उनका नाम, पता, मोबाइल नंबर सहित सूची देवें। (ख) उक्त योजना का कितने प्रतिशत कार्य हो चुका है? कितने प्रतिशत बाकी है? मूल्यांकन एवं सत्यापनकर्ता अधिकारी के प्रमाणित पत्रों की छायाप्रति देवें। उक्त योजना में कंपनी द्वारा लगाए गए समस्त बिलों एवं बिलों के भुगतान संबंधित समस्त दस्तावेज देवें। (ग) उक्त योजना में ऐसी कितनी पाइप-लाइन है जिसमें की अभी तक ड्रेनेज का पानी नहीं जा रहा है या कनेक्शन नहीं किया है? क्या कारण है? कब तक और कैसे इन पाइप-लाइनों में पानी जाएगा? (घ) उक्त योजना में रोड स्टेशन का कार्य कितने प्रतिशत किया जा चुका है? कितने प्रतिशत बाकी है? जहां बाकी हैं उसका एरिया, लंबाई एवं कब तक इसे पूर्ण किया जाएगा एवं जो रोड रेस्टोरेशन किया जा चुका है उसकी वर्तमान स्थिति क्या है? उस रोड रेस्टोरेशन के मूल्यांकनकर्ता एवं सत्यापनकर्ता अधिकारियों के प्रमाणित छायाप्रति देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) खरगोन नगरपालिका क्षेत्र में चल रही सीवरेज योजना की पूर्णता दिनांक 04.09.2019 थी। अनुबंध की कंडिका सेक्शन-3 के प्रावधान अनुसार पूर्णता दिनांक में वृद्धि की गई। अंतिम समय वृद्धि दिनांक 30.06.2022 तक थी। हाउस सर्विस कनेक्शन संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) सीवरेज योजनांतर्गत लगभग 99 प्रतिशत कार्य पूर्ण होकर योजना का सब्सटेंशियल कम्प्लीशन हो चुका है एवं कमिश्निंग होकर प्लांट चालू है। मूल्यांकन अधिकारी एवं सत्यापन अधिकारी का प्रमाणीकरण एवं संविदाकार कम्पनी द्वारा लगाए गए बिल एवं भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) सीवरेज योजनांतर्गत वर्तमान में ऐसी 15.00 कि.मी. पाइप-लाइन हैं, जिसका सीवेरज का पानी एस.टी.पी. नहीं पहुंच रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (घ) सीवरेज योजना के तहत रोड रेस्टोरेशन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है।
खरगोन नगरपालिका में संचालित सीवरेज योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
109. ( क्र. 1253 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन नगरपालिका में चल रही सीवरेज योजना के माध्यम से आज दिनांक तक सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक कितने एम.एल.डी. पानी जा रहा है? कनेक्शनों के हिसाब से कितना जाना चाहिए था? उस पानी का क्या उपयोग किया जा रहा है? क्या इसमें गणेश मंदिर के नाले का पानी भी जोड़ा गया है? यदि हाँ तो क्यों? (ख) उक्त योजना में ड्रेनेज चेंबर को बंद करने के लिए जो ढक्कनों का उपयोग किया गया है उनकी गुणवत्ता क्या होनी चाहिए? उनकी गुणवत्ता संबंधी दस्तावेजों की छायाप्रति देवें एवं ढक्कनों की गुणवत्ता की जांच करने वाले अधिकारी का नाम, पदनाम, मोबाइल नंबर एवं उनके द्वारा किए गए गुणवत्ता सत्यापन एवं मूल्यांकन की छायाप्रति देवें। (ग) उक्त योजना में घरों से चेंबर तक जो कनेक्शन किए गए हैं क्या वे नगरपालिका की नालियों में खुले दिखाई दे रहे हैं? यदि ऐसा किया गया तो क्या नियमानुसार सही है? यदि नहीं तो इन पर क्या कार्यवाही की जाएगी? (घ) उक्त योजना में एस.टी.पी. तक जाने के लिए एप्रोच रोड प्रस्तावित है? यदि है तो एप्रोच रोड वर्तमान तक क्यों नहीं बनाया गया? कब तक बनाया जाएगा? नहीं बनाने पर क्या कार्रवाई की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में लगभग 4.00 एम.एल.डी. सीवरेज पहुँच रहा है। वर्तमान तक हुए हाउस सर्विस कनेक्शन के हिसाब से अनुमानत: 4.40 एम.एल.डी. सीवरेज आना चाहिए। ट्रीटेड सीवरेज वॉटर का उपयोग शहर में स्थित बगीचों, डिवाइडर के पौधों एवं अग्निशमन में किया जा रहा है। जी हाँ, ताकि नाले का दूषित पानी नदी में न मिले। (ख) योजना अंतर्गत मैनहोल एवं हाउस चेम्बर को बंद करने के लिए निर्धारित गुणवत्ता संबंधी दस्तावेज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। जांचकर्ता अधिकारी श्री आशीष जैन, रेसिडेंट इंजीनियर, मोबाईल नं. 9981997612 व श्री शिवभान पटेल, फील्ड इंजीनियर, मोबाईल नं. 9893409559 है। सत्यापन एवं मूल्यांकन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। भवनों के आउटलेट ऊंचाई पर होने के कारण कनेक्शन पाइप खुले दिखाई दे रहे हैं। स्थल परिस्थितियों के कारण नियमानुसार सही है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। 80 प्रतिशत एप्रोच रोड बना दी गई है। शेष क्षेत्र में भूमि विवाद होने के कारण एप्रोच रोड का कार्य पूर्ण नहीं हो सका है। विवाद निराकरण के पश्चात एप्रोच रोड का कार्य पूर्ण किया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
फोरलेन सड़क की फिजिबिलिटी रिपोर्ट
[लोक निर्माण]
110. ( क्र. 1254 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लेबड-जावरा तथा जावरा-नयागांव फोरलेन सड़क की उस फिजिबिलिटी रिपोर्ट की प्रति देवें जिसमें वर्ष 2009 से 2033 तक के टोल बूथ से निकलने वाले वाहन तथा टोल संग्रहण की अनुमानित राशि का उल्लेख है तथा फिजिबिलिटी रिपोर्ट की उस पृष्ठ संख्या का उल्लेख करें जहाँ अनुमानित वाहन तथा राशि की गणना है? (ख) प्रश्नाधीन दोनों फोरलेन सड़क की अवधि 25 वर्ष जिन अनुमानित आंकड़े/संख्या के आधार पर तय की गयी, वह उल्लेखित करें तथा बतायें कि टोल अवधि तय करने का सूत्र क्या है तथा बतायें की फिजिबिलिटी रिपोर्ट किस कन्सलटेंट द्वारा बनाई गयी और उसे कितने शुल्क का भुगतान किया गया? (ग) विभाग द्वारा प्रश्नकर्ता को जो जानकारी उपलब्ध कराई गयी है उस पर किसी भी जिम्मेदार अधिकारी के हस्ताक्षर क्यों नहीं है तथा दोनों मार्ग पर फरवरी 2022 तथा निवेशकर्ता द्वारा किया गया व्यय 2351 करोड़ तथा 2218 करोड़ का ब्रेकअप विभागीय पत्र द्वारा प्रदान किया जाये तथा खर्च के ब्रेकअप का सत्यापन जिन दस्तावेजों के आधार पर किया गया, उसकी प्रतियां अवश्य देवें। (घ) स्पष्ट बतावें कि जावरा नयांगांव रोड पर प्रीमियम के रूप में 25.06 करोड़ प्रतिवर्ष तथा लेबड-नयागांव पर लगभग 7.50 करोड़ प्रतिवर्ष प्रीमियम ही क्यों प्राप्त होगा? दोनों अनुबंध में अंतर क्यों? अनुबंध की प्रति देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वाहनों की अनुमानित संख्या के संबंध में ड्राफ्ट फिजिबिलिटी रिपोर्ट वॉल्यूम-1 सितम्बर 2005 चेप्टर-7 के पृष्ठ क्र. 7-63 से 7-70 में दिया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'क' अनुसार। टोल संग्रहण की अनुमानित राशि का विवरण फिजिबिलिटी रिपोर्ट में नहीं है। (ख) मॉडल कन्सेशन अनुबंध में यह लेख किया गया है कि अवधि तय करने का आधार आंकलित ट्रैफिक है। रियायत अवधि आई.आर.सी. 64 -1990 अनुसार लेन क्षमता (Capacity) पर आधारित है। आई.आर.सी. 64-1990 अनुसार चार लेन डिवाइडेड कैरेजवे के लिए लेन क्षमता (Capacity) 70, 000 पी.सी.यू. है। उक्त आधार पर रियायत अवधि 25 वर्ष तय की गई है। फिजिबिलिटी रिपोर्ट ईस्ट कंसल्ट एल.आर.पी.सी.सी. (जे.व्ही.) द्वारा बनाई गई थी तथा इस हेतु रू. 2, 45, 40, 682/- का भुगतान किया गया। (ग) विभाग द्वारा जो जानकारी उपलब्ध कराई जाती है उसके परिशिष्ट के अंतिम पृष्ठ पर जिम्मेदार अधिकारी का हस्ताक्षर होता है। जानकारी निवेशकर्ता के वैधानिक अंकेक्षक द्वारा अंकेक्षण पश्चात सत्यापित कर प्रदान की गई है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ख' अनुसार। (घ) जावरा-नयागांव एवं लेबड-जावरा परियोजना सम्पूर्ण रूप से भिन्न-भिन्न परियोजना है। दोनों परियोजनाओं के लिए अलग-अलग ओपन निविदा आमंत्रित की गई थी जिसमें निविदाकारों द्वारा स्वतंत्र आंकलन कर प्रीमियम की बोली लगाई गई है। जावरा-नयागांव मार्ग परियोजना एवं लेबड़-जावरा मार्ग परियोजना की लागत में अंतर है। चूंकि मार्ग की चौड़ाई एवं सुविधाओं में अंतर है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ग' अनुसार।
फोरलेन सड़क की बैठक के निर्णय पर अमल
[लोक निर्माण]
111. ( क्र. 1255 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लेबड-नयागांव फोरलेन सड़क की अनियमितता को लेकर माननीय लोक निर्माण मंत्री जी की अध्यक्षता में दिनांक 07/03/2022 को क्षेत्रीय विधायकों की उपस्थिति में आयोजित बैठक में क्या-क्या निर्णय लिए? क्या इसमें सड़क पर अधूरे कार्यों एवं माननीय विधायकों द्वारा दिए गये सुझावों पर अमल करने के लिए क्या कोई समय-सीमा निर्धारित की गयी थी? यदि हाँ तो किस-किस कार्य को पूर्ण करने के लिए कितनी समय-सीमा निर्धारित की गयी थी? कार्यों की सूची उपलब्ध करायें। (ख) दिनांक 07/03/2022 के पश्चात बैठक में दिए गये निर्देशानुसार कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो चुके और कौन-कौन से अपूर्ण हैं? (ग) उक्त सड़क निर्माण प्रारम्भ से प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी टोल राशि वसूली जा चुकी है तथा लेबड-जावरा तथा जावरा से नयागांव सड़क निर्माण में कुल कितनी लागत लगी तथा निर्माण से प्रश्न दिनांक तक मरम्मत एवं अन्य व्यय की गयी कुल राशि की जानकारी देवें। सड़क निर्माण एवं व्यय राशि के अनुपात में कितनी राशि वसूली पर टोल बंद किये जायेंगे? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) संदर्भित सड़क पर दिनांक 07/03/2022 को आयोजित बैठक में दिए गये निर्देशानुसार बैठक दिनांक के पश्चात कौन-कौन से ब्लैक स्पॉट (ज्यादा दुर्घटना वाले स्थल) पर क्या-क्या कार्य किये गये? जानकारी देवें। यदि कार्य नहीं किये गये तो क्यों? जानकारी देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) माननीय लोक निर्माण मंत्री जी की अध्यक्षता में दिनांक 07.03.2022 को क्षेत्रीय विधायकों की उपस्थिति में आयोजित बैठक में दिये गये निर्देश अनुसार दिनांक 10.03.2022 को मार्गों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण उपरांत कन्सेशन अनुबंध के प्रावधान अनुसार कार्यों में कमियों के सुधार हेतु समय-सीमा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। सड़क निर्माण एवं व्यय राशि के अनुपात के आधार पर टोल बंद किये जाने का अनुबंध में कोई प्रावधान नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है।
पावर प्लांट में विस्थापित परिवारों के एक सदस्य को रोजगार का प्रदाय
[ऊर्जा]
112. ( क्र. 1258 ) श्री नारायण सिंह पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधानसभा मांधाता स्थित संत सिंगाजी थर्मल पावर प्लांट में कोयला आपूर्ति हेतु रेल्वे लाइन डाली गई है जो गोराडिया के पास रेल्वे ओवर-ब्रिज बनाया गया, जिसके लगभग 1 किलोमीटर दोनों ओर एप्रोच रोड खराब हो चुकी है। यह ब्रिज किस विभाग द्वारा बनाया गया है और इसका मेंटेनेंस कितनी बार किया गया? यदि प्लांट द्वारा बनाया गया तो इसका मेंटेनेंस कब-कब हुआ? यदि ब्रिज अन्य विभाग को हस्तांतरित किया है तो इससे संबंधित कार्यवाही से अवगत करायें। (ख) संत सिंगाजी थर्मल पावर प्लांट के राखड तालाब से जल रिसाव (सीपेज) होने से किसानों की उपजाऊ कृषि भूमि एवं फसल की नुकसानी हो रही है। तालाब से सीपेज रोकने के लिए विभाग द्वारा कार्ययोजना एवं व्यय सम्बंधित जानकारी जिसमें सीपेज से किसानों की कृषि भूमि को हुए नुकसान का मुआवजा विवरण शेष प्रभावित किसानों को मुआवजा वितरण का विवरण देवें। (ग) संत सिंगाजी थर्मल पावर प्लांट विस्थापितों में प्रत्येक परिवार के एक वयस्क को रोजगार देने के प्रावधान में कितने प्रभावित किसानों के परिवार के एक सदस्य को रोजगार उपलब्ध कराया गया? क्या रोजगार सदस्य की योग्यता के अनुरूप कराया गया या नहीं? शेष प्रभावित किसानों के परिवार के एक सदस्य को रोजगार उपलब्ध कराने की क्या कार्ययोजना है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना में कोयला आपूर्ति हेतु रेल्वे लाइन पर गोराडिया के पास म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी द्वारा वर्ष 2014 में निर्मित ब्रिज के दोनों ओर बनाई गयी एप्रोच रोड, जिसकी कुल लंबाई 1 किलोमीटर नहीं अपितु मात्र 460 मीटर है, वर्तमान में क्षतिग्रस्त है। कंपनी द्वारा ब्रिज का संधारण कार्य, रेल लाइन के वार्षिक रख-रखाव कार्य के अंतर्गत प्रतिवर्ष नियमित रूप से किया जा रहा है एवं यह ब्रिज अन्य विभाग को हस्तांतरित नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्न लागू नहीं होता है। (ख) श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना के राखड बांध से किसानों के खेतों में जल रिसाव से कृषि भूमि को नुकसान हुआ है, जिसके लिये राजस्व विभाग द्वारा आंकलित मुआवजे का भुगतान राजस्व अधिकारियों के माध्यम से किया गया है। भुगतान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। राखड बांध के पानी का खेतों में रिसाव को रोकने हेतु आई.आई.टी. कानपुर के विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर लैगून क्रमांक-एक के पूर्व एवं उत्तर दिशा में पक्की नाली एवं सम्प के निर्माण हेतु कार्य प्रगति पर है। इस कार्य के निर्माण पर अनुमानित लागत रूपये 2, 30, 49, 566/- के विरूद्ध रू 42, 22, 040/- का व्यय अद्यतन स्थिति में किया गया है। राजस्व विभाग से यदि कंपनी को किसानों के मुआवजे के संबंध में मांग पत्र प्राप्त होता है तो नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ग) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की ''निजी भूमि का अर्जन पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन नीति'' अनुसार कंपनी द्वारा विभिन्न सीधी भर्तियों में श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना, खण्डवा से प्रभावित परिवारों के कुल 61 पात्र सदस्यों को विभिन्न संवर्गों में प्राथमिकता के आधार पर निर्धारित न्यूनतम योग्यता एवं विज्ञापन में विहित प्रावधानों के अनुसार नियुक्तियां प्रदान की गई हैं। म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की ''निजी भूमि का अर्जन, पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन नीति'' के नियम 4 के अनुसार कंपनी द्वारा अधिगृहित भूमि के बदले प्रत्येक प्रभावित परिवार, जिसका भूमि अर्जन किया जाना शामिल है, को कृषि भूमि या रोजगार मुहैया नहीं कराने के एवज में राष्ट्रीय पुनर्वास नीति 2007 के अध्याय 7 की कंडिका 7.14 के अनुसार 750 दिनों की न्यूनतम कृषि मजदूरी के बराबर पुनर्वास अनुदान दिये जाने का प्रावधान है। नीति में विहित प्रावधानों के अंतर्गत श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना खण्डवा के भूमि प्रभावित कुल 779 खातेदारों एवं 988 वयस्क बच्चों (एकल परिवार) को पुनर्वास अनुदान का भुगतान किया जा चुका है। कंपनी के अनुसार प्राप्त पात्र आवेदनों पर कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है, यद्यपि कुछ प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है।
जी.आई.एस. सर्वे कार्य का आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
113. ( क्र. 1284 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचा. नग. प्रशा. एवं विकास म.प्र. द्वारा विभिन्न नगरीय निकायों में जी.आई.एस. सर्वे कार्य कराये जाने के लिए आर.एफ.पी. No.UADD/SSK/2813/ 20/04/2015 दिनांक 20/04/2015 को जारी की गयी थी? क्या उक्त आर.एफ.पी. के अधीन नागपुर स्थित Ceinsys Tech Ltd., Nagpur को क्लस्टर I/10, J/9 का कार्य संचालनालय द्वारा आवंटित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो आर.एफ.पी. की कंडिका 4.2.6 पृष्ठ 45 के अनुसार मूल सर्वे फार्म कंपनी द्वारा संबंधित निकाय में जमा कराया जाना प्रावधानित है? यदि हाँ, तो क्या कंपनी द्वारा संबंधित निकाय में मूल सर्वे फार्म जमा कराये गए? (ग) क्या उक्त निविदा के कार्य आवंटन के बाद कंपनी को कोई अन्य जी.आई.एस. सर्वे कार्य आवंटित किया गया है? यदि हाँ, तो कंपनी द्वारा बाद में किये गए जी.आई.एस. सर्वे कार्य के फार्म निकाय में जमा किये गए, परन्तु पहले आवंटित I/10 और J/9 कार्य के फार्म जमा क्यों नहीं हुए? बिना फार्म जमा किये कंपनी का भुगतान किस आधार पर कर दिया गया एवं किन-किन अन्य कंपनियों को जी.आई.एस. सर्वे कार्य आवंटित किया गया है, उनमें से किस-किस कंपनी द्वारा आज दिनांक तक फार्म नहीं जमा किए गए, परन्तु भुगतान किया जा चुका है? (घ) आर.एफ.पी. की कंडिका 21 पृष्ठ 96 के अनुसार यदि कम्पनी किसी शर्त का उल्लंघन करती है, तो क्या कंपनी का अनुबंध निरस्त कर उसके विरुद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) अनुसार मूल सर्वे फार्म जमा नहीं कराये जाने के बावजूद उसके विरुद्ध कार्यवाही नहीं करते हुए, उसको संपूर्ण भुगतान किया गया? यदि हाँ, तो क्या प्रकरण में संबंधितों तथा कंपनी के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) आर.एफ.पी. की कंडिका क्रमांक 4.2.6 के पृष्ठ क्रमांक 45 के अनुसार डाटा प्रविष्टि और सर्वे फार्म के आधार पर Agreed Report नगरीय निकायों में जमा करना उल्लेखित है। Ceinsys Tech Ltd., Nagpur द्वारा सर्वे उपरान्त सर्वे फार्म नगरीय निकाय सिवनी-मालवा, टिमरनी, सारनी, आमला, बैतूल बाजार, भैंसदेही, बरघाट, लोधिखेडा, न्यूटनचिकली, मोहगांव, डोगर परासिया में जमा किये गये हैं। शेष नगरीय निकायों में सर्वे फार्म जमा नहीं किये गये हैं। (ग) जी हाँ, कम्पनी को अन्य क्लस्टर GG/17 एवं KK/13 का कार्य आवंटित किया गया। जानकारी उत्तरांश (ख) अनुसार है। कम्पनी को भुगतान अनुबंधानुसार निर्धारित माइलस्टोन के आधार पर किया गया। फेस-4 अन्तर्गत अन्य कम्पनियों को जी.आई.एस. सर्वे कार्य आवंटन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। सर्वे फार्म के आधार पर अनुबंध निरस्त किये जाने का प्रावधान उल्लेखित नहीं है। उक्त फर्म को सम्पूर्ण भुगतान नहीं किया गया है, फर्म को अनुबंध में उल्लेखित माइलस्टोन के अनुसार पैनाल्टी अधिरोपित कर भुगतान किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जर्जर सड़कों का मरम्मतीकरण
[लोक निर्माण]
114. ( क्र. 1286 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंहावल विधान सभा क्षेत्र की लोक निर्माण विभाग की सड़कें अत्यंत जर्जर हो गई है? इनमें कोदौरा-बिठौली, झगरौही से होते हुए कपुरी मार्ग, मेन रोड से बड़का गेरूआ एवं केसौली मार्ग, तरका पौड़ी पोखरा मार्ग की भौतिक स्थिति क्या है? (ख) उक्त सड़कों पर वर्ष 2020 से आज दिनांक तक कितनी राशि व्यय की गई है? (ग) उक्त सभी सड़कें जर्जर होने से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है इनका मरम्मत कार्य कब तक किया जावेगा? समय-सीमा बतायें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विभाग के अधीन मार्ग अत्यंत जर्जर नहीं अपितु आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त है। विभाग के अधीन कोदौरा-बिठौली, झगरौही से होते हुए कपुरी मार्ग आता है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। शेष मार्ग पंचायत एवं म.प्र. ग्रामीण विकास प्राधिकरण के अधीन है। उनसे प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे प्रपत्र ''ब'' एवं ''1'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर अनुसार विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे प्रपत्र ''अ'', ''ब'' एवं ''1'' अनुसार है। (ग) विभाग के अधीन मार्ग जर्जर नहीं है, अपितु आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त है। दुर्घटना होने की जानकारी इस विभाग को नहीं है। शेष पंचायत एवं म.प्र. ग्रामीण विकास प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र ''ब'' एवं ''1'' अनुसार है।
संभागीय परियोजना यंत्री की पदस्थापना
[लोक निर्माण]
115. ( क्र. 1289 ) श्री जयसिंह मरावी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में पदोन्नति न होने के कारण प्रभारी अधिकारियों की पदस्थापना की जा रही है? इस संबंध में शासन के क्या नियम हैं? (ख) क्या विभाग में वरिष्ठ एवं अनुभवी अधिकारियों को कार्यालय में संलग्नीकरण करना एवं कनिष्ठों को मैदानी क्षेत्रों में पदस्थापना किये जाने का प्रावधान है? यदि नहीं तो यह विसंगति कब तक सुधारी जायेगी? (ग) माह नवम्बर 2019 से पी.आई.यू. शहडोल में संभागीय परियोजना यंत्री का पद रिक्त होने के बावजूद शासन के द्वारा उक्त पद की पदस्थापना क्यों नहीं की गई? उक्त पद की पदस्थापना कब तक की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) म.प्र. शासन, लोक निर्माण विभाग के पत्र क्र. 627/ स्था/19/84 भोपाल, दिनांक 06.02.1984 के अनुसार उच्च पदों का प्रभार शासन द्वारा प्रदाय किया जाता है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रशासनिक आधार पर पदस्थापना की जाती है। (ग) संभागीय परियोजना यंत्री, पी.आई.यू. शहडोल श्री संजीव कुल्हाड़े का स्वास्थ्य खराब होने से चिकित्सा अवकाश पर रहने के कारण, अतिरिक्त परियोजना संचालक, पी.आई.यू. रीवा के आदेश क्रमांक डी.पी.ई./शहडोल प्रभार/ए.पी.डी./पी.आई.यू./2019-20/1268, दिनांक 05.10.2019 से वरिष्ठतम सहायक यंत्री श्री आर.के. पाण्डेय को संभागीय परियोजना यंत्री, पी.आई.यू. शहडोल का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
सोन नदी पर पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
116. ( क्र. 1290 ) श्री जयसिंह मरावी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग सेतु संभाग रीवा अंतर्गत शहडोल जिले के श्यामडीह-कनवाही मार्ग में सोन नदी पर पुल निर्माण हेतु वर्ष 2015-16 में 462.30 लाख रू. स्वीकृत किया गया था, जिसका निर्माण आज दिनांक अपूर्ण है, क्यों? (ख) विषयांकित कार्य के विलम्ब पर विभाग के द्वारा दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई है? (ग) विभाग के द्वारा उक्त निर्माण कार्य को कब तक पूर्ण करा दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, जी हाँ, वन विभाग से अनुमति दिनांक 01.02.2019 को प्राप्त, एवं ठेकेदार द्वारा धीमी गति से कार्य करने के कारण। (ख) संविदाकार द्वारा निर्माण कार्य धीमी गति से करने के कारण चल देयकों से राशि रूपये 625000.00 की कटौती की गई है। (ग) मार्च 2023 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है।
ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना
[नगरीय विकास एवं आवास]
117. ( क्र. 1294 ) श्री संजय यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता एवं अन्य वरिष्ठ पार्टीजनों के साथ दिनांक 19 फरवरी 2021 को ''मां नमर्दा जयंती'' के उपलक्ष्य में स्थान दद्दाघाट के सामने ललपुर में एक दिवसीय धरना के दौरान तत्कालीन श्रीमान आयुक्त, नगर निगम जबलपुर द्वारा मां नर्मदा में मिलने वाले गंदे नाले क्रमश: ग्वारीघाट से लेकर तिलवाराघाट/भेड़ाघाट तक मिल रहे सभी गंदे नालों के संदर्भ में दिये गये एक दिवसीय धरना के दौरान आश्वासन दिया गया था, कि नर्मदा समृद्धि कॉरिडोर योजना के तहत मां नर्मदा में मिले वाले गंदे नाले पर ट्रीटमेन्ट प्लांट लगाने की कार्यवाही त्वरित की जावेगी किन्तु अभी तक इस संदर्भ में कोई भी कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ख) मां नर्मदा में मिलने वाले गंदे नालों हेतु ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना हेतु नगर निगम जबलपुर के सदन से प्रस्ताव पारित होने एवं प्लान एवं डी.पी.आर. बन जाने के उपरान्त भी आज दिनांक तक ट्रीटमेंट प्लांट की निविदा नगरीय प्रशासन विभाग की जटिल प्रक्रिया के कारण अभी तक क्यों नहीं जारी हो पा रही है? (ग) क्या विभाग अपनी जटिल प्रक्रिया को शिथिल कर जनहित में ट्रीटमेंट प्लांट की स्वीकृति जारी करेगा? यदि हाँ तो समय-सीमा बताई जावे। यदि नहीं तो विधिसम्मत कारणों से अवगत कराया जावे। प्रश्नकर्ता द्वारा ट्रीटमेंट प्लांट लगाने संबंधी निविदा जारी करने की कार्यवाही हेतु किये गये पत्राचारों पर की गई कार्यवाही से अवगत कराया जावे। (घ) खंदारी नाला एवं शाह नाला जो सीधे मां नर्मदा में मिलते हैं को रोकने के लिए नगर निगम जबलपुर द्वारा क्या योजना बनाई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) यह कथन सत्य नहीं है कि धरना उपरांत विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है। विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) यह सत्य नहीं है कि ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने हेतु कोई कार्यवाही नहीं की गई है, अपितु विभाग द्वारा शासन की अमृत फेस-1 मलजल निकासी परियोजनान्तर्गत चार स्थानों पर कुल 100 एम.एल.डी. क्षमता के ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण कार्य की स्वीकृति कर दी गई है। जिसका निर्माण कार्य प्रगतिरत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा नियमानुसार प्रक्रिया को अपनाते हुए ही कार्य किये जा रहे है। शासन की अमृत फेस-1 मलजल निकासी परियोजना अंतर्गत चार स्थानों पर कुल 100 एम.एल.डी. क्षमता के ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं, साथ ही सिद्धघाट में 100 के.एल. एवं तिलवाराघाट में 30 के.एल. क्षमता के ट्रीटमेंट प्लांट की स्वीकृति कर दी गई है। इसके अंतर्गत कार्य प्रगतिरत है। इसके अतिरिक्त शहर के शेष क्षेत्रों से निकल रहे सीवेज के उपचार हेतु आवश्यक क्षमता के ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण के लिये अमृत 2.0 परियोजना अंतर्गत विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार है। (घ) तिलवारा क्षेत्र में दद्दाघाट में शाह एवं खंदारी नाला नर्मदा नदी में मिलता है। जिसे रोकने के लिए नगर निगम द्वारा तैयार की गई कार्ययोजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'द' अनुसार है।
महाविद्यालय संचालन हेतु वित्तीय स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
118. ( क्र. 1295 ) श्री संजय यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चरगवां में नवीन महाविद्यालय संचालन की सहमति/वित्तीय स्वीकृति हेतु उच्च शिक्षा विभाग से कितनी बार, कब-कब वित्त विभाग को फाईल भेजी? प्रत्येक बार क्या-क्या क्योरी लगा कर फाईल वापिस की गई एवं क्यों? (ख) क्या विभागों के बीच आपसी तालमेल एवं नियमों के ज्ञान नहीं है, जिससे बार-बार वित्त विभाग फाईल में कमी दर्शाते हुए फाईल को पुन: उच्च शिक्षा विभाग को वापिस कर देता है? शासन की कार्य प्रणाली में सुधार क्यों नहीं किया जा रहा? (ग) क्या उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों को महाविद्यालय की स्वीकृति हेतु क्या-क्या जानकारी दी जानी चाहिए, एवं अपेक्षित जानकारी एक बार में ही प्रदान कर सकें? यदि नहीं तो बार-बार वित्त विभाग फाईल में अनावश्यक क्योरी क्यों लगा रहा है? (घ) फाईल का विभागों के बीच अनावश्यक मूवमेंट से शासन को हो रहे नुकसान के लिए कौन जिम्मेदार है? वित्त विभाग अपनी मंशा स्पष्ट करें कि बजट में प्रावधान होते हुए भी चरगवां महाविद्यालय को वित्तीय स्वीकृति प्रदान क्यों नहीं की जा रही? प्रकरण की वर्तमान स्थिति क्या है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) नवीन महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने संबंधी विभाग के निर्धारित मापदण्डों के परिप्रेक्ष्य में अन्य प्रस्तावों के साथ चरगवां में नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने संबंधी प्रस्ताव पर सहमति हेतु विभाग द्वारा वर्ष 2019 से माह जनवरी 2022 तक दिनांक 22/06/2019, 24/09/2019, 15/12/2019, 24/02/2020 एवं 31/01/2022 को नस्ती वित्त विभाग को प्रेषित की गई। वित्त विभाग द्वारा चाही गई पृच्छा एवं प्रदान किए गए परामर्श की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) नवीन महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने संबंधी विभाग के निर्धारित मापदण्डों के परिप्रेक्ष्य में पूर्ण परीक्षण उपरांत विभाग द्वारा विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन निर्धारित प्रारूप में सहमति हेतु उत्तरांश ''क'' में उल्लेखित दिनांकों पर वित्त विभाग को प्रेषित किए गए। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश ''क'' एवं ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) वित्त विभाग द्वारा प्रदान किए गए परामर्श अनुसार अन्य प्रस्तावों के साथ चरगवां में नवीन महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने संबंधी प्रस्ताव वित्त विभाग की सहमति हेतु पुन: प्रेषित किए जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
कॉलोनियों के विकास की अनुमति
[नगरीय विकास एवं आवास]
119. ( क्र. 1296 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर नगर पालिक निगम के अंतर्गत कॉलोनी सेल से वर्ष 2020 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में कितनी व कौन-कौन सी कॉलोनियों को विकास अनुमति और विकास पूर्णत: पत्र पश्चात भवन अनुमति दी गई? (ख) नियमानुसार विकास अनुमति के लिए विकास पूर्णत: पश्चात भवन अनुमति के लिए किन-किन विभाग से अनापत्ति लेना होती है? (ग) विकास पूर्णत: के पश्चात भवन अनुमति देने के पूर्व किन-किन कॉलोनी की किस-किस विभाग से तथा किस नियमों के तहत अनापत्ति मांगी गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) भवन अनुमति के लिये किसी विभाग से अनापत्ति लेना आवश्यक नहीं है। यद्यपि कॉलोनी विकास अनुमति के लिये प्रचलित नियमानुसार नगर तथा ग्राम निवेश से अनापत्ति लेना आवश्यक है। इनके अलावा गृह निर्माण सहकारी संस्था की भूमि होने पर आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं म.प्र. के परिपत्र दिनांक 30.09.2021 के अनुसार अनापत्ति लेना आवश्यक किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासन की राशि का दुरूपयोग
[उच्च शिक्षा]
120. ( क्र. 1297 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि विगत वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में भोज मुक्त विश्वविद्यालय एस.एल.एम. (सेल्फ लर्निंग मटेरियल) के नाम बिना निविदा प्रक्रिया अपनाये अपने चहेतों से करोड़ों रूपये की किताबें क्रय की गई? (ख) यदि हाँ तो क्या यह भी सही है कि पूर्व में एस.एल.एम. का लेखन कार्य प्राध्यापकों द्वारा कराया जाकर करोड़ों रूपये का भुगतान किया जा चुका है? यदि हाँ तो पुरानी पाठ्य सामग्री को दुरूस्त करने के एवज में अधिक कमीशन प्राप्त करने के उद्देश्य से बनी बनाई एस.एल.एम. निजी कम्पनी से करोड़ों रूपये की क्रय की गई? (ग) यदि हाँ तो क्या शासन की राशि का दुरूपयोग करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो क्या तथा कब तक और यदि नहीं तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) 'क' एवं 'ख' के अनुक्रम में शासन की राशि का दुरूपयोग नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड द्वारा स्क्रेप की गई बसें
[नगरीय विकास एवं आवास]
121. ( क्र. 1302 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (BCLL) भोपाल द्वारा निविदा क्रमांक 13 वर्ष 2013 में ए.सी. बस संचालन हेतु प्रतिमाह 5000 किलोमीटर (कि.मी.) का संचालन और समयावधि 8 वर्ष का प्रावधान किया गया था? निविदा क्रमांक 32 में ए.सी. बस हेतु प्रतिमाह कितने किलोमीटर का संचालन होना था? (ख) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक BCLL ने JNNURM के अंतर्गत प्राप्त कितनी बसों को कितने किलोमीटर के परिचालन के बाद स्क्रेप किया? संपूर्ण विवरण एवं संचालित किलोमीटर मॉडल, बस क्रय करने वाली फर्म/व्यक्ति का नाम एवं क्रय/विक्रय मूल्य सहित प्रदान करें। (ग) बी.सी.एल.एल. द्वारा JNNURM के अंतर्गत प्राप्त बसें किलोमीटर के परिचालन के बाद स्क्रेप घोषित की गई? बस स्क्रेप करने की क्या नीति है? क्या पूर्व के टेण्डर में 8 साल तक 5000 किलोमीटर प्रतिमाह चलाने की शर्त थी? यदि हाँ तो क्या बसें कम परिचालन के बाद स्क्रेप कर दी गई? यदि हाँ तो इस निर्णय के लिए कौन-कौन दोषी है? पदवार नाम बताएं। (घ) JNNURM के अंतर्गत प्राप्त बसों को स्क्रेप करने के लिए नगर निगम भोपाल द्वारा दी गई अनुमति की छायाप्रति प्रदाय करें। नगर निगम भोपाल अपने स्वामित के वाहन को कितने किलोमीटर के बाद स्क्रेप करता है? नगर निगम के वाहन स्क्रेप करने की क्या नीति है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (BCLL) द्वारा निविदा क्रमांक 13 वर्ष 2013 में ए.सी. बस संचालन हेतु प्रतिमाह 5000 कि.मी. के संचालन का प्रावधान नहीं था किन्तु निविदा में संचालन की समयावधि 08 वर्ष की थी। निविदा क्रमांक 32 में ए.सी. बस हेतु अनुबंधानुसार प्रतिदिन प्रति बस न्यूनतम 180 कि.मी. अथवा मासिक रूप प्रति बस 5000 कि.मी. का संचालन होना निर्धारित था। (ख) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक BCLL द्वारा JNNURM बसों को परिचालन के बाद स्क्रेप किये जाने से सबंधित सम्पूर्ण विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' में दर्शित है। (ग) प्रश्नांश से सबंधित सम्पूर्ण विवरण प्रश्नांश (ख) के उत्तर में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' में दर्शित है। म.प्र. भण्डार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम शासकीय/राजसात वाहन को अनुपयोगी घोषित करना एवं घोष विक्रय करने की प्रक्रिया अनुसार बसे स्क्रेप की जाती हैं। म.प्र. शासन के गृह विभाग अंतर्गत स्टेट गैरेज द्वारा शासकीय वाहनों को नियम एवं मापदण्ड अनुसार परीक्षण अनुसार बसों को कन्डम घोषित किया जाने के उपरांत बसे स्क्रेप की जाती हैं। निविदा क्रमांक 32 अंतर्गत 05 साल तक प्रतिदिन प्रति बस न्यूनतम 180 कि.मी. अथवा मासिक 5000 कि.मी. चलाने का प्रावधान था। जबकि निविदा क्रमांक 13 अंर्तगत प्रावधान नहीं था। शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया अनुसार बसों की वास्तविक हालत के आधार पर स्टेट गैरेज द्वारा परीक्षण उपरांत प्रदाय अभिमत के आधार पर बसें स्क्रेप की गई हैं। शेष का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) JNNURM के अंतर्गत प्राप्त बसों को स्क्रेप करने के लिए नगर निगम भोपाल द्वारा दी गई अनुमति की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है। नगर निगम भोपाल अपने स्वामित्व के वाहनों को मध्यप्रदेश भण्डार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम में निर्धारित मापदण्ड अनुसार अधीक्षक, म.प्र. स्टेट गैरेज भोपाल के द्वारा कंडम घोषित किये जाने के पश्चात स्क्रेप करता है एवं नगर निगम भोपाल के वाहन स्क्रेप करने की प्रथक से कोई नीति नहीं है।
मार्ग निर्माण में विलंब
[लोक निर्माण]
122. ( क्र. 1305 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 3741 दिनांक 21.03.2022 के (घ) उत्तर अनुसार खेड़ा खजूरिया से मकता फंटा मार्ग 31.07.2022 तक पूर्ण कराया जाएगा तो इस मार्ग की 30.06.2022 को अद्यतन स्थिति बतावें। क्या यह मार्ग 31.07.2022 तक पूर्ण हो जाएगा? (ख) यदि नहीं तो इसके विलंब की दोषी निर्माणकर्ता फर्म पर विभाग कब तक कार्यवाही कर कार्य पूर्ण कराएगा? (ग) प्रश्न क्र. 1065 दिनांक 12.08.2021 के (ग) उत्तर अनुसार पॉट होल्स का संधारण ठेकेदार द्वारा अब तक नहीं किया गया है। यह कब तक किया जाएगा? इसके पूर्ण होने तक ठेकेदार की धरोहर राशि रिलीज नहीं करने का आदेश कब तक दिया जाएगा? (घ) प्रश्नांश (क) व (ग) अनुसार इसके उत्तरदायी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं, पुनरीक्षित लक्ष्य दिसम्बर 2022। (ख) कार्य में विलंब हेतु दोषी ठेकेदारों के देयक से राशि रूपये 8, 77, 644/- रोके गये है। दिनांक 31.12.2022 तक कार्य पूर्ण करना लक्षित है। दोषी निर्माणकर्ता पर कार्यवाही का निर्णय अनुबंध के प्रावधानों के अनुरूप गुण-दोष के आधार पर लिया जावेगा। (ग) प्रश्न क्र. 1065 में उल्लेखित महिदपुर-पानबिहार-जीवाजी नगर मार्ग का संधारण कार्य ठेकेदार कम्पनी द्वारा कर दिया गया है। समय-समय पर संधारण कार्य किया जाना निरंतर प्रक्रिया है एवं ठेकेदार को संधारण कार्य डिफेक्ट लायबिलिटि पीरियड में दिसम्बर-2022 तक किया जाना है। ठेकेदार द्वारा मार्ग का संधारण अनुबन्धानुसार किया जा रहा है। अनुबंध के प्रावधानुसार धरोहर राशि ठेकेदार की दोष दायित्व अवधि समाप्त होने के उपरांत ही रिलीज की जाती है। (घ) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित मार्ग में कोई अधिकारी दोषी नहीं होने से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। प्रश्नांश 'ग' में उल्लेखित मार्ग का संधारण अनुबंधानुसार किया जा रहा है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
तय तिथि पर अभियुक्त की उपस्थिति
[पर्यावरण]
123. ( क्र. 1306 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 1991 दिनांक 11/03/2022 के (क) उत्तर अनुसार दिनांक 14/03/2022 को अभियुक्त की उपस्थिति तय की गई थी? क्या तय तिथि पर अभियुक्त उपस्थित हुए थे? (ख) प्रकरण की अद्यतन स्थिति दवें। (ग) क्या प्रकरण से संबंधित सभी दस्तावेज माननीय न्यायालय के समक्ष विभाग द्वारा नियुक्त अधिवक्ता के माध्यम से जमा करा दिए गए हैं? यदि नहीं तो क्यों? इसके दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (घ) इस प्रकरण में शीघ्र तारीखे लेने के लिए विभाग द्वारा क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) प्रकरण में आरोप पूर्व साक्ष्य हेतु तिथि 04.08.2022 नियत की गई है। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कॉलोनाइजरों के विरूद्ध रेरा को प्राप्त शिकायतें
[नगरीय विकास एवं आवास]
124. ( क्र. 1310 ) श्री बाला बच्चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक की स्थिति में इंदौर, भोपाल जिलों की कितनी कॉलोनियों के प्रस्ताव रेरा में लंबित हैं? कॉलोनी नाम, स्थान नाम, प्रस्ताव प्रस्तुति दिनांक सहित जिलावार जानकारी देवें। (ख) विगत 02 वर्षों में इंदौर एवं भोपाल के कितने कॉलोनाइजरों के विरूद्ध कितनी शिकायतें रेरा को प्राप्त हुई? जिलावार देवें। (ग) रेरा गठन के बाद इंदौर, भोपाल जिलों में कितनी अवैध कॉलोनियां बनी? उनकी सूची कॉलोनी नाम, स्थान नाम, कॉलोनाइजर नाम सहित देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) भू-संपदा (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 की धारा-31 के अंतर्गत विगत दो वर्ष में जिला इन्दौर के 447 एवं जिला भोपाल के 640 कॉलोनाईजर्स के विरूद्ध परिवाद प्राप्त हुए। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्कूल को जारी अनुमति निरस्त करने की कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
125. ( क्र. 1313 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 2006 दिनांक 11.03.2022 के (क) उत्तर अनुसार विभाग के पत्र क्र. एफ 11-138/2021/18-3 दिनांक 17.02.2022 से संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास इंदौर संभाग से जो प्रतिवेदन चाहा गया था क्या वह प्रतिवेदन प्राप्त हो गया है? यदि हाँ तो इसकी प्रमाणित प्रति देवें। (ख) यदि नहीं तो इसमें विलंब के दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? कब तक जांच प्रतिवेदन प्रदान कर दिया जाएगा? (ग) क्या कारण है कि अनियमित अनुमतियां प्राप्त कर स्कूल संचालन करने वालों के दवाब में विभाग कोई कार्यवाही नहीं कर रहा? कब तक ये अनियमित अनुमतियां निरस्त कर दी जाएगी? (घ) क्या कारण है कि विभाग नगरीय क्षेत्र की सीमा का भी निर्धारण नहीं कर पा रहा है? ऐसे गैर जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? साकेत इंटरनेशनल स्कूल अंजड जिला बड़वानी के संदर्भ में यह जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, उल्लेखित पत्र दिनांक 17.02.2022 के संदर्भ में प्रतिवेदन शासन को प्राप्त हो गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) संभागीय संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास इंदौर संभाग, इंदौर से प्राप्त जांच प्रतिवेदन के आधार पर, जिसमें स्पष्ट तौर पर उल्लेख किया गया है कि साकेत इंटरनेशनल स्कूल नगर परिषद् अंजड के वार्ड क्रमांक 6 की सीमा से लगा हुआ है, परन्तु नगरीय सीमा क्षेत्र के बाहर है, साकेत इंटरनेशनल स्कूल, अंजड को जारी अनुमति निरस्त करने की कार्यवाही करते हुये संबंधित पक्षों की सुनवाई नियत की गई। नियत सुनवाई के दौरान साकेत इंटरनेशनल स्कूल अंजड की ओर से उक्त क्षेत्र से लगी 3 ग्राम पंचायतों यथा-धनौरा, बोरलाय एवं पलासिया के सरपंचों द्वारा जारी प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करते हुये, तथ्य प्रस्तुत किये गये कि साकेत इंटरनेशनल स्कूल उक्त तीनों ग्राम पंचायत की सीमा क्षेत्र के बाहर है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। जांच प्रतिवेदन एवं ग्राम पंचायतों द्वारा लिखित प्रमाण-पत्र परस्पर विरोधाभासी होने से सुनवाई के दौरान निर्णय लिया गया कि प्रश्नाधीन स्कूल ग्राम पंचायत क्षेत्र में है या नगर परिषद् क्षेत्र में, कलेक्टर जिला-बड़वानी से स्पष्ट प्रतिवेदन प्राप्त किया जाये। उक्त निर्णय के आधार पर कलेक्टर जिला बड़वानी से साकेत इंटरनेशनल स्कूल किस क्षेत्र में है, जानकारी राजस्व अभिलेखों के आधार पर चाही गई है, जो अपेक्षित है। कलेक्टर, जिला बड़वानी से स्पष्ट जानकारी प्राप्त होने पर प्रकरण में गुण-दोष के आधार पर उपयुक्त निर्णय लिया जायेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लोक निर्माण विभाग अंतर्गत स्वीकृत कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
126. ( क्र. 1315 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सुमावली के अंतर्गत वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत कितने कार्य स्वीकृत किये गये हैं? स्वीकृत किये गये कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण किये गये हैं और कितने कार्य प्रगतिरत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित कार्यों की कार्यवार विस्तृत जानकारी तथा कार्य निविदा राशि, प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक, ठेकेदार का नाम अनुबंधित राशि कार्यादेश की दिनांक, कार्य पूर्ण करने की दिनांक तथा वास्तविक रूप से कार्य पूर्ण करने की दिनांक अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित शेष कार्यों को पूर्ण न करने (समयावधि में) के क्या कारण रहे एवं कब तक कार्य पूर्ण कराये जा सकेंगे? (घ) प्रश्नांश (ग) में दर्शित तिथि से विलंब से कार्य पूर्ण किये जाने हेतु कौन जिम्मेदार है तथा जिम्मेदार विभाग/ठेकेदार के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? कार्यवार विस्तृत जानकारी देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) सड़क कार्यों के विलम्ब के लिये न तो विभाग दोषी है और न ही संबंधित ऐजेन्सी। अत: विभाग एवं ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। भवन कार्यों को समय से पूर्ण नहीं करने के लिए विभाग जिम्मेदार नहीं है एवं ठेकेदार द्वारा किये गये विलम्ब के लिए अनुबंधानुसार गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जा सकेगा।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों का उल्लंघन
[नगरीय विकास एवं आवास]
127. ( क्र. 1319 ) श्री सुनील सराफ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में न.पा. कोतमा में कौन-कौन से वार्डों की नाली की निकासी किस मुख्य नाले में होती है? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में मुख्य नाले का अंतिम छोर बिंदु क्या है एवं उस मुख्य नाले का गंदा पानी किस नदी में प्रवाहित होता है? क्या वहां एस.टी.पी. की स्थापना की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में क्या प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों का उल्लंघन करने के कारण कितनी राशि के जुर्माने का नोटिस जारी किया गया है? नोटिस की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) क्या उपरोक्त मुख्य नाले के गंदे पानी का प्रवाह केवई नदी में रोकने के लिये कोई योजना बनाई गई है? यदि नहीं तो क्यों? (ड.) पूर्व विधानसभा प्रश्न क्रमांक 3324 दिनांक 21.03.2022 में तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी एवं संभागीय अधिकारियों द्वारा असत्य जानकारी दी गई है कि नाले का पानी नदी में प्रवाहित नहीं होता है? गलत जानकारी देने वाले मुख्य नगरपालिका अधिकारी एवं संभागीय अधिकारियों को कब तक निलंबित किया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) अनूपपुर जिले में नगरपालिका कोतमा के वार्ड क्र. 1 से 15 तक नाली की निकासी कलमुडी नाला एवं केरहा नाला में होती हैं। मुख्य नाला केरहा नाला है। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में मुख्य नाला केरहा का अंतिम छोर केवई नदी का किनारा है। मुख्य नाले का पानी केवई नदी में प्रवाहित होता है। जी नहीं। (ग) जी हाँ। राशि रू. 72 लाख के जुर्माने का नोटिस जारी किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। वर्तमान में निकाय द्वारा स्थापित एफ.एस.टी.पी. से सीवेज को उपचारित किया जा रहा है। (ड.) पूर्व विधान सभा प्रश्न क्रमांक 3324 सत्र मार्च 2022 में प्रस्तुत की गई जानकारी के संबंध में आयुक्त, नगरीय प्रशासन एवं विकास, म.प्र., भोपाल द्वारा कार्यपालन यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास, शहडोल संभाग को एवं तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगरपालिका कोतमा से स्पष्टीकरण चाहा गया है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सी.सी. रोड पर डामरीकरण का कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
128. ( क्र. 1320 ) श्री सुनील सराफ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद् कोतमा जिला अनूपपुर के अंतर्गत मेसर्स सिटी इंटरप्राइजेस कोतमा द्वारा किस आदेश के तहत जकीरा चौक से बस स्टैण्ड कोतमा तक की सी.सी. सड़क पर डामरीकरण किया गया? आदेश की प्रति देवें। (ख) क्या मेसर्स सिटी एंटरप्राइजेस कोतमा द्वारा बिना किसी आदेश के डामरीकरण किया गया तो इसके निगरानीकर्ता नगर परिषद् के अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देकर बतावें कि इसके लिए विभाग उन पर कब तक कार्यवाही करेगा? (ग) शासन घटिया तरीके से निर्मित सी.सी. रोड जिस पर ठेकेदार द्वारा डामरीकरण किया गया की जांच कराएगा? यदि नहीं तो क्यों? यदि हाँ तो कब तक जांच कराकर प्रश्नकर्ता को उपलब्ध कराई जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) सी.सी. रोड की उपरी सतह उखड़ जाने के कारण निकाय द्वारा सिटी एन्टरप्राइजेस को सड़क की मरम्मत का आदेश दिया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। डामरीकरण कार्य कराने का आदेश नहीं दिया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) ठेकेदार द्वारा निर्मित सी.सी. रोड जिस पर डामरीकरण किया गया है उक्त सी.सी. रोड सीमेंटेड कर पुन: सी.सी. रोड निर्माण करने हेतु ठेकेदार को निर्देशित किया गया है। प्रश्नांकित कार्य में गुणवत्ता की कमी की जांच कार्यपालन यंत्री नगरीय प्रशासन एवं विकास शहडोल संभाग द्वारा की जा रही है। जांच प्रतिवेदन के आधार पर अगामी कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बजट में सम्मिलित मार्गों की प्रशासकीय स्वीकृति
[लोक निर्माण]
129. ( क्र. 1325 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग संभाग भिण्ड के विधानसभा क्षेत्र लहार के अंतर्गत वर्ष 2020-21 आम बजट में लहार बायपास मार्ग लंबाई 2.20 कि.मी., लहार आमयान मार्ग से व्हाया वैशपुरा भटपुरा मार्ग लंबाई 3 कि.मी., लपवाहा से बारेट, जगनपुरा से मढ़ैया व्हाया अहवासी का पुरा मार्ग लंबाई 8.80 कि.मी. सम्मिलित होने के बाद भी अभी तक प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं होने से निविदा आमंत्रित कर कार्य प्रारंभ नहीं किया जा सका है? यदि हाँ तो कब तक प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर कार्य प्रारंभ करा दिया जाएगा? (ख) क्या यह सही है कि लहार-अमायन मार्ग से अजनार केशवगढ़ मड़ोरी-मंगरौल मार्ग पर नारददेव मंदिर के पास सिंध नदी पर पुल निर्माण की निविदा निरस्त होने के बाद पुन: निविदा बुलाकर कार्य प्रारंभ करा दिया गया है? यदि नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। विवरण संलग्न प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न प्रपत्र-ब अनुसार है।
आवश्यकता से अधिक विद्युत उपकरणों की खरीदी
[ऊर्जा]
130. ( क्र. 1326 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल के अंतर्गत विद्युत वितरण ट्रांसफॉर्मर, मीटर एवं कंडक्टर (खुले तार) की खरीदी हेतु कब-कब निविदा बुलाई गई एवं किस-किस ठेकेदार को कितनी-कितनी राशि के कार्यादेश जारी कर कितनी मात्रा में किस-किस कंपनी के विद्युत उपकरण क्रय किये गये एवं किस फर्म संस्था को कितनी-कितनी राशि का कब-कब भुगतान किया गया? (ख) क्या यह सही है कि उपरोक्त अवधि में लगभग 500 करोड़ का कर्ज लेकर आवश्यकता से अधिक विद्युत उपकरण उचित देखरेख एवं रख-रखाव के अभाव में कबाड़ हो गए तथा हजारों की संख्या में ट्रांसफॉर्मर गारण्टी पीरियड के पूर्व ही खराब हो गए हैं? (ग) यदि हाँ तो क्या यह भी सही है कि उपरोक्त कर्ज पर ली गई राशि का 35 करोड़ रूपए सालाना ब्याज सरकार को देना पड़ रहा है? यदि हाँ तो क्या इसकी जांच कराकर जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत विगत 3 वर्षों में प्रश्नाधीन सामग्री के क्रय हेतु आमंत्रित की गई निविदाओं की दिनांकवार जानकारी तथा उक्त निविदाओं के तारतम्य में चयनित ठेकेदारों को दिये गये क्रयादेशों की दिनांक, मात्रा एवं राशि की ठेकेदारवार/कंपनीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त ठेकेदारों को किये गये भुगतान संबंधी प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
शासकीय महाविद्यालय के नवीन भवन का निर्माण
[उच्च शिक्षा]
131. ( क्र. 1329 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत शासकीय महाविद्यालय नादन के नवीन भवन निर्माण हेतु कहाँ भूमि उपलब्ध कराई गई है? क्या राजस्व विभाग द्वारा भूमि की उपलब्धता की जानकारी उच्च शिक्षा विभाग को दी है? (ख) यदि भूमि की उपलब्धता की जानकारी विभाग को प्राप्त हो गई है तो कब तक भवन निर्माण हेतु राशि जारी की जावेगी? (ग) क्या विभाग मान. मुख्यमंत्री महोदय की घोषणा के उक्त महाविद्यालय के भवन निर्माण शीघ्रता से कार्यवाही कर छात्र हित में शीघ्र भवन निर्माण करायेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) कार्यालय कलेक्टर, जिला सतना के आदेश क्रमांक 0008/अ 19 (111)/2021-22 दिनांक 11/05/2021 के द्वारा ग्राम शारदा प्रसाद, तहसील मैहर में शासकीय महाविद्यालय, नादन के नवीन भवन निर्माण हेतु 4.24 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है। (ख) महाविद्यालय के नवीन भवन निर्माण हेतु राशि स्वीकृत किए जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
विभागीय कार्यों की जानकारी
[पर्यावरण]
132. ( क्र. 1344 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 2015 उत्तर दिनांक 11.03.2022 में सदन में पूरक प्रश्नों पर चर्चा के दौरान मा. संसदीय कार्य मंत्री ने अपूर्ण, अतथ्यात्मक, भ्रामक एवं गलत जानकारी का सही उत्तर प्रश्नकर्ता को उपलब्ध कराने का वचन सदन में माननीय विभागीय मंत्री को दिया था? यदि हाँ तो क्या प्रश्नकर्ता को जानकारी उपलब्ध करा दी गई है? यदि नहीं तो सदन में दिये गये वचन से माननीय सदन की अवमानना की गई है? यदि हाँ तो संबंधितों के विरूद्ध जिम्मेदारी तय कर प्रश्नकर्ता को पूर्ण, तथ्यात्मक, सही उत्तर दिया जायेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (ख) उपरोक्त के संबंध में विभाग में प्रश्न प्राप्त होने से प्रश्न दिनांक 30.6.22 तक विभाग ने कब और क्या कार्यवाही की? विभाग के कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी क्या-क्या उत्तरदायित्व का निर्वहन कर रहा है सहित संपूर्ण जानकारी नाम, पदनाम, कब से एवं एक ही स्थान पर कितने वर्षों से पदस्थ है, विभागीय क्या दायित्व सौंपे गये, विभागीय जांच का गौशवारा बनाकर विभागीय पत्र/आदेश/एकल नस्ती सहित संपूर्ण जानकारी दें। (ग) विभाग अंतर्गत कौन-कौन सी सेवायें उपभोक्ताओं को दी जाती हैं? उनके नाम, नियम, शर्तें फार्म, शुल्क निराकरण की निश्चित समयावधि सहित सेवावार पृथक-पृथक बतायें। विगत पांच वर्षों में कितने आवेदन किससे, किस प्रयोजन से प्राप्त हुये, कितने निराकृत, कितने किस कारण से लंबित हैं सहित सेवावार संपूर्ण जानकारी, आवेदन/विभागीय कार्यवाही/जारी किये गये आदेश सहित मय अभिलेखों के बतायें। (घ) एस.टी.पी. क्या है एवं इसके क्या नियम हैं? यह प्रदेश में किस पर लागू है तथा किस प्रक्रिया से, किस शुल्क पर, किस लागत पर, कितनी अवधि के लिये, किस एजेंसी से लागू किये गये हैं? एस.टी.पी. भोपाल में कितने और कहाँ कार्यरत हैं? विगत 5 वर्षों की जानकारी सहित विभागीय आवेदन/आदेश/नियम सहित बतायें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) जी नहीं। माननीय संसदीय कार्य मंत्री का वक्तव्य यह है कि ''संसदीय कार्य मंत्री (डॉ. नरोत्तम मिश्रा) अध्यक्ष महोदय प्रश्नकाल समाप्त होने के 30 सेकेण्ड बचे हैं, अध्यक्ष महोदय कार्बन का मापन होना चाहिए। माननीय सदस्य का जो सवाल है, चूंकि प्रश्नकाल का समय पूरा हो गया है हम आपको लिखित में जबाव भिजवा देंगे। '' उक्त वक्तव्य के परिप्रेक्ष्य में माननीय विधायक श्री जयवर्धन सिंह को जानकारी बोर्ड के पत्र क्रमांक 2820 दिनांक 12.07.2022 के माध्यम से प्रेषित कर दी गई है। इस प्रकार सदन में दिये गये वक्तव्य की कोई अवमानना नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) निरंक। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। बोर्ड में प्रचलित विभागीय जांच की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1974 व वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1981 के प्रावधानों के अंतर्गत दी जाने वाली सम्मति, पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 के अंतर्गत दिये जाने वाले प्राधिकार/पंजीयन से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। शुल्क संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। (घ) एस.टी.पी. (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) घरेलू दूषित जल उपचार संयंत्र है। घरेलू दूषित जल उत्पन्न करने वाली इकाईयों/संस्थानों/नगरीय निकायों को उपचार हेतु एस.टी.पी. स्थापित करने के नियम हैं। दूषित जल उत्पन्न करने वाली इकाई/संस्थानों को बोर्ड से एस.टी.पी. स्थापना एवं संचालन हेतु जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1974 के प्रावधानों के अंतर्गत सम्मति प्राप्त करना होती है। उक्त हेतु निर्धारित सम्मति शुल्क की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। भोपाल के नगरीय निकायों/संस्थानों/इकाईयों में 141 एस.टी.पी. स्थापित है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ई'' अनुसार है।
वार्षिक प्रतिवेदन और विभागीय उत्तर में विरोधाभास
[ऊर्जा]
133. ( क्र. 1345 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 3822 उत्तर दिनांक 21.03.22 की कंडिका (ग) में दिये गये उत्तर और वार्षिक प्रतिवेदन 2020-21 में मा. मंत्री के हस्ताक्षर से जारी प्रस्तावना में विरोधाभास क्यों है? क्या विभागीय कार्यवाही की जानकारी मंत्री जी को नहीं दी जाकर असत्य जानकारी विधानसभा और वार्षिक प्रतिवेदन में दी गई है? यदि हाँ तो दोनों में से क्या सत्य है अथवा दोनों असत्य हैं? स्पष्ट करें। यदि नहीं तो क्यों? (ख) उपरोक्त के संबंध में क्या उत्तर के प्रपत्र (ब) में दी गई जानकारी निम्नदाब उपभोक्ता एवं उच्चदाब उपभोक्ताओं को अप्रैल तथा मई 2020 में देयकों के भुगतान करने पर 1 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि का लेख कर निम्नदाब उपभोक्ता को अधिकतम 10000 रू. तथा उच्चदाब पर अधिकतम 100000 रूपये निर्धारित की गई है तथा निम्नदाब गैर घरेलू, निम्नदाब औद्योगिक एवं उच्चदाब एच.व्ही. 3 श्रेणी के उपभोक्ता को अप्रैल मई 2020 में वसूली स्थगित की गई थी? यदि हाँ तो 1000 करोड़ की राशि में से घरेलू उपभोक्ताओं को कोई राहत नहीं दी गई? यदि हाँ तो असत्य जानकारी देकर प्रदेश के करोड़ों उपभोक्ताओं को भ्रम में रखकर धोखाधड़ी कर बड़े उपभोक्ताओं को अनुचित लाभ दिया गया है? यदि हाँ तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है? जिम्मेदारों पर कब तक कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं तो क्यों? (ग) उपरोक्त के संबंध में 1000 करोड़ की राहत राशि के विरूद्ध कितने उपभोक्ताओं को कुल कितनी राशि का लाभ दिया गया है? वितरण कंपनीवार, उपभोक्ता श्रेणीवार पृथक-पृथक संख्यात्मक जानकारी बतायें। (घ) उपरोक्त के संबंध में मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक राज्य शासन से कितनी सब्सिडी राशि की मांग की गई? भुगतान कब और कितना किया गया? कितना शेष है? संपूर्ण जानकारी आवश्यक दस्तावेजों सहित उपलब्ध करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) वार्षिक प्रतिवेदन 2020-21 के अनुसार 'लगभग' रू. 1000 करोड़ की राहत प्रदान करना दर्शाया गया है जबकि प्रश्न क्रमांक 3822 दिनांक 21.03.2022 के उत्तर में दी गई जानकारी अनुसार राहत राशि कुल रू. 1022.59 करोड़ होती है, जो कि प्रतिवेदन में दर्शाई गई राशि के लगभग समान ही है। उपरोक्तानुसार विभागीय उत्तर एवं वार्षिक प्रतिवेदन में विरोधाभास नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) उपरोक्त के संबंध में प्रश्न क्रमांक 3822 दिनांक 21.03.2022 के उत्तरांश (ग) में उल्लेखित प्रपत्र-'ब' में घरेलू उपभोक्ताओं सहित प्रदान की गई कुल राहत राशि का विवरण दर्शाया गया है, जिसका योग रू. 1022.59 करोड़ है। अतः प्रश्न नहीं उठता। (ग) कोविड लॉकडाउन अवधि में प्रदेश के विभिन्न श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं को राहत प्रदान की गई है, जिनकी संख्या एवं प्रदाय की गई राहत राशि की प्रश्नाधीन चाही गई वितरण कंपनीवार एवं श्रेणीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
गरीबी रेखा के कूपन से काटे गये नाम
[नगरीय विकास एवं आवास]
134. ( क्र. 1351 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि शासन ने गरीबी रेखा के कूपन बनाना तथा सामान्य कूपन बनाना, कूपन में नये नाम बढ़ाना इत्यादि पर रोक लगा दी है? यदि हाँ तो कारण बतावें। यदि नहीं तो वर्ष 2017-18 से 2021-22 तक प्रदेश में किस-किस जिले में गरीबी रेखा के कितने कूपन बने तथा सामान्य कूपन कितने बने तथा कूपन में कितने नाम बढ़े तथा घटे? (ख) क्या लीज रेंट लगभग 100-150 रू. जमा करने पर विलंब होने पर ब्याज के साथ दस हजार रू. पेनाल्टी लेने का संपत्ति अधिनियम 2016 में प्रावधान है? यह पेनाल्टी राशि कैसे कानूनन उचित है? किस-किस नगरीय निकाय में लीज रेंट जमा करने पर विलंब पर रू. 10000/- पेनाल्टी ली जा रही है? (ग) अमृत परियोजना तथा अमृत-2 परियोजना हेतु किस-किस नगरीय निकाय को कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य के लिये दी गई? निकाय की राशि किस प्रकार तय की गई? (घ) क्या नगरीय क्षेत्र में एक भूमि विकसित प्लाट के दो टुकड़ों में विक्रय कर देने पर नगरीय निकाय में नामांतरण नहीं किया जाता है? क्या यह सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर किया जा रहा है? यदि हाँ तो शासन लाखों मध्यम वर्गीय परिवारों की इस समस्या का समाधान क्यों नहीं करता?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन की अधिसूचना क्रमांक 257 भोपाल, दिनांक 7 जून 2017 द्वारा लोक सेवाओं के प्रदान की जानकारी अधिनियम 2010 में संशोधन कर खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की सेवायें क्रमांक 9.1 से 9.4 में बी.पी.एल./ए.पी.एल. राशन कार्ड जारी होने की सुविधाओं को हटाकर नवीन पात्रता पर्ची जारी होना, नाम सुधार, नाम जोड़ना, नाम काटना, पता परिवर्तन एवं स्थानांतर (मध्यप्रदेश के अंदर) की सुविधाओं को जोड़ा गया है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 की कंडिका 4 (1) के अनुसार भौतिक अथवा इलेक्ट्रॉनिक रूप में राशन कार्ड जारी करने का प्रावधान है। हितग्राहियों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लाभ ऑनलाइन जारी पात्रता पर्ची (ई-राशन कार्ड) के द्वारा प्रदाय किया जा रहा हैं। अतः मैन्युअली राशन कार्ड जारी करना अप्रासंगिक हो गया है। जिस कारण से दिनांक 15.01.2021 को समस्त कलेक्टर्स को राशन कार्ड/डुप्लीकेट राशन कार्ड जारी नहीं करने के लिये निर्देश दिये गये थे। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) अमृत मिशन अंतर्गत राज्य वार्षिक कार्ययोजना (SAAP) में स्वीकृत परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु परियोजनाओं की प्रगति एवं निकायों की मांग के आधार पर राशि/लिमिट जारी की गई है। अमृत-2.0 योजना के अंतर्गत नगरीय निकायों में नियुक्त डी.पी.आर. कंसल्टेंट को भुगतान हेतु लिमिट, उपलब्ध कराई गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार हैं। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही हैं।
टोल रोड पर जनता के हितों का संरक्षण
[लोक निर्माण]
135. ( क्र. 1352 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम के मुख्य उद्देश्य में नागरिकों को न्यूनतम कीमत पर सुरक्षित मार्ग उपलब्ध कराना क्यों नहीं है? उद्देश्यों में नागरिकों हेतु एक भी उल्लेख क्यों नहीं है? क्या सड़क विकास निगम निजी क्षेत्र के निवेशकर्ताओं के एजेन्ट के रूप में उन्हें अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने के उद्देश्य पर कार्य कर रहा है? यदि नहीं तो बतायें कि टोल रोड पर जनता के हितों के संरक्षण हेतु निवेशकर्ता से अनुबंध में क्या उल्लेख किस धारा में है? (ख) प्रश्नकर्ता के प्रश्न के 2029 दिनांक 11 मार्च 2022 के खण्ड (ड.) का उत्तर भ्रामक एवं गोलमोल क्यों दिया गया है? पूछा गया था कि कन्सलटेंट की रिपोर्ट में वाहन संख्या गलत होगी तो टोल अवधि सही कैसे होगी? क्या निवेशकर्ता द्वारा वित्तीय निविदा में टोल अवधि कम/ज्यादा करने की मांग होती है? यदि नहीं तो फिर गलत आंकड़ों से टोल अवधि अधिक होने से जनता के हितों की रक्षा कैसे होगी? (ग) यदि लेबड जावरा रोड की फिजिबिलिटी रिपोर्ट में निकलने वाले वाहन की अनुमानित संख्या दी गई रिपोर्ट की संख्या से दो गुना होती तो कन्सेशन अवधि जो फिलहाल 25 वर्ष है वह घटकर 15 वर्ष नहीं हो जाती। (घ) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 2029 दिनांक 11 मार्च 2022 में उल्लेखित 9 बी.ओ.टी. राज्य राजमार्ग की फिजिबिलिटी रिपोर्ट में टोल प्रारम्भ वर्ष से 2021-22 तक प्रतिवर्ष वाहन की संभाव्यता संख्या तथा वास्तविक संख्या बतावें तथा जानकारी दें कि संभाव्यता संख्या वास्तविक संख्या से कितने प्रतिशत कम अथवा ज्यादा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम के द्वारा राज्य शासन की नीति अंतर्गत सड़कों का निर्माण एवं संधारण नागरिकों की सुविधा हेतु किया जाता है। जी नहीं। निगम द्वारा जनभागेदारी परियोजनांतर्गत निर्मित सड़कों के अनुबंध, योजना आयोग द्वारा जारी किये गये मॉडल कन्सेशन अनुबंध एवं राज्य शासन द्वारा स्वीकृत अनुबंधों के आधार पर किये गये हैं। (ख) कन्सलटेंट द्वारा वाहनों की संख्या तत्कालीन सर्वे अनुसार है। निविदा पूर्व रियायत अवधि निर्धारित कर दी जाती है। आंकड़े तत्कालीन सर्वे अनुसार अनुमानित रहते हैं। जिसके आधार पर खुली निविदा आमंत्रित की जाती है। (ग) मॉडल कन्सेशन अनुबंध अनुसार अवधि तय करने का आधार आंकलित ट्रैफिक है। कन्सलटेंट द्वारा आई.आर.सी. 64-1990 अंतर्गत रियायत अवधि लेन क्षमता (Capacity) पर आधारित की गई है। आई.आर.सी. 64 -1990 के अनुसार चार लेन डिवाईडेड केरेजवे के लिए क्षमता (Capacity) 70, 000 पी.सी.यू. है। कन्सलटेंट द्वारा लेबड़-जावरा-रतलाम-जावरा-मंदसौर-नयागांव मार्ग की फिजिबिलिटी रिपोर्ट हेतु 06 स्थानों पर ट्रैफिक सर्वे कर अनुमानित ट्रैफिक प्रस्तुत किये गये हैं। जिसके अनुसार 25 वर्ष की अवधि के पश्चात मार्ग की लेन (Capacity) 70, 000 पी.सी.यू. से अधिक हो जाती। रियायत अवधि 25 वर्ष निर्धारित की गई है। यदि सर्वे अनुसार ट्रैफिक घनत्व ज्यादा या कम आंकलित होता तो रियायत अवधि कम या ज्यादा हो सकती थी। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
मेट्रो रेल परियोजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
136. ( क्र. 1356 ) श्री जितु पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 1787 दिनांक 11 मार्च 2022 के खण्ड (क) तथा (ख) का उत्तर दिलाया जाये तथा खण्ड (ग) का स्पष्ट उत्तर दिलाया जाए कि एक्टिव भूगर्भीय फाल्ट कहाँ से गुजर रहे हैं तथा मेट्रो रेल लाइन से न्यूनतम दूरी किस स्थान से कितनी है तथा डी.पी.आर. हेतु 600 करोड़ का भुगतान करने के बाद भी उसमें एक्टिव भूगर्भीय फाल्ट का उल्लेख क्यों नहीं है? (ख) डी.पी.आर. में एक्टिव भूगर्भीय फाल्ट का उल्लेख न होने के बाद यह सर्वे में किसके द्वारा संज्ञान में लाया गया? इस संबंध में जो भी दस्तावेज हो वह उपलब्ध कराये जाये तथा बतावें कि इसको प्रोजेक्ट में शामिल करने का निर्णय होने के बाद कन्सलटेंट से पुन: नयी डी.पी.आर. बनाने को क्यों नहीं कहा गया? (ग) इंदौर, भोपाल स्मार्ट सिटी तथा मेट्रो ट्रेन का कार्य 30 जून 2022 के अनुसार कितने-कितने प्रतिशत पूरा हो चुका है तथा चारों परियोजना हेतु डी.पी.आर. किस-किस कन्सलटेंट द्वारा बनाई गई तथा उन्हें कितना-कितना शुल्क देय है तथा किस-किस दिनांक को कितना-कितना भुगतान किया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित चारों परियोजना में क्या जनरल कन्सलटेंट भी अनुबंधित किये गये हैं? यदि हाँ तो उनको किस कारण से किसके निर्देश पर अनुबंधित किया गया तथा क्या चारों परियोजना की डी.पी.आर. में जनरल कन्सलटेंट नियुक्त किये जाने की सलाह दी गई थी? (ड.) चारों प्रश्नाधीन परियोजना की डी.पी.आर. की प्रति, कन्सलटेंट तथा जनरल कन्सलटेंट से अनुबंध की प्रति देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–1 अनुसार है। इंदौर शहर के पास से दो एक्टिव भूगर्भीय फाल्ट जोन गुजर रहे हैं, मध्यप्रदेश भूकंप हैजर्ड मेप के अनुसार इंदौर शहर से नजदीकी फॉल्ट जोन की अनुमानित दूरी लगभग 65 किलोमीटर है। एक्टिव भूगर्भीय फॉल्ट के बारे में डी.पी.आर. में कोई उल्लेख नहीं है। परियोजना के डी.पी.आर. तैयार करने हेतु रू. 600 करोड़ का भुगतान नहीं किया गया है। (ख) परियोजना की निविदा हेतु विस्तृत परीक्षण एवं प्राक्कलन तैयार करते समय अंतर्राष्ट्रीय जनरल कन्सलटेंट (जिसमें भूगर्भीय यंत्री भी सम्मिलित है) के द्वारा जियोलॉजिकल अध्ययन के समय एक्टिव भूगर्भीय फॉल्ट जोन संज्ञान में लाया गया। यह विषय पक्की संरचना के रूपांकन से संबंधित होने के कारण तथा परियोजना के अनुमोदन हो जाने के कारण डी.पी.आर. को पुनरीक्षित कराने की आवश्यकता नहीं थी। (ग) इंदौर तथा भोपाल मेट्रो रेल परियोजना के स्वीकृत प्रायोरिटी कॉरिडोर के सिविल कार्य के परिप्रेक्ष्य में इंदौर मेट्रो में 19.94 प्रतिशत एवं भोपाल मेट्रो में 42.24 प्रतिशत कार्य पूर्ण हुआ है। यह कार्य पूरी परियोजना (इंदौर 31.46 किलोमीटर तथा भोपाल 30.95 किलोमीटर) के परिप्रेक्ष्य में भौतिक रूप से क्रमश: 6.04 प्रतिशत एवं 4.38 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। भोपाल एवं मेट्रो रेल परियोजना के डी.पी.आर. बनाने का कार्य मेसर्स रोहित एसोसिएट्स आर्किटेक्ट एंड इंजीनियर्स प्रा. लिमिटेड, मुम्बई को रू. 17.95 लाख प्रति किलोमीटर की दर पर आवंटित किया गया था तथा मेसर्स रोहित एसोसिएट्स को रू. 2758.79 लाख का भुगतान दिनांक 30 जून 2022 तक किया गया है। भुगतान का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–2 अनुसार है। दिनांक 30 जून 2022 तक इंदौर स्मार्ट सिटी में 90.50 प्रतिशत एवं भोपाल स्मार्ट सिटी में 81 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। इंदौर में परियोजना हेतु मेसर्स मेहता एंड एसोसिएट द्वारा डी.पी.आर./स्मार्ट सिटी प्रस्ताव (SCP) बनाया गया है जिसके लिये फर्म को किये गये भुगतान का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–3 अनुसार है। भोपाल स्मार्ट सिटी डी.पी.आर./स्मार्ट सिटी प्रस्ताव (SCP) मेसर्स प्राइस वॉटर हाउस कूपर्स द्वारा तैयार किया गया है जिसके लिये फर्म को राशि रू. 21, 92, 000/- भुगतान किया गया है। (घ) हाँ, भोपाल एवं इंदौर रेल मेट्रो परियोजना के क्रियान्वयन हेतु जनरल कन्सलटेंट के रूप में M/s DB Engineering & Consulting Gmbh (Lead Member), Geo-data Engineering S.P.A and Louis Berger SAS के कंसोर्टियम को अनुबंधित किया गया है। मेट्रो रेल परियोजना के विस्तृत रूपांकन तथा क्रियान्वयन हेतु तकनीकी रूप से दक्ष संस्था अथवा अनुभवी इंजीनियरिंग कन्सलटेंट की आवश्यकता प्राय: प्रत्येक मेट्रो रेल परियोजना में आवश्यकता समझी गई है। तदानुसार भोपाल एवं इंदौर मेट्रो रेल परियोजना का कार्य आरंभ करने हेतु भी जनरल कन्सलटेंट को सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन पश्चात निविदा के माध्यम से नियुक्त किया गया है। इंदौर और भोपाल स्मार्ट सिटी परियोजना में जनरल कंसल्टेंट नियुक्त नहीं हुआ है। जानकारी निरंक है। (ड.) भोपाल एवं इंदौर मेट्रो रेल परियोजना के डी.पी.आर. की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–4 अनुसार एवं डी.पी.आर. कन्सलटेंट के अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–5 अनुसार तथा जनरल कन्सलटेंट के अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–6 अनुसार है। इंदौर और भोपाल स्मार्ट सिटी की डी.पी.आर./स्मार्ट सिटी प्रस्ताव (SCP) कन्सलटेंट से अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–7 अनुसार है।
विधानसभा क्षेत्र हेतु बजट प्रावधान
[नगरीय विकास एवं आवास]
137. ( क्र. 1376 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा चांचौड़ा के लिए वर्ष 2020-21 के बजट में किस-किस निर्माण कार्य के लिए कितनी-कितनी राशि का बजट प्रावधान किया गया था? (ख) उपरोक्त में से किस-किस निर्माण कार्य के लिए 31 मार्च 2022 तक कितनी-कितनी राशि खर्च की गई? (ग) कितनी राशि का बजट लैप्स हो गया तथा इसका क्या कारण है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) चांचौड़ा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत तीनों निकायों में कोई बजट लैप्स नहीं हुआ है। शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
सिकल सेल प्रोजेक्ट की जानकारी
[आयुष]
138. ( क्र. 1424 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राज्यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजातीय कार्य विभाग से सिकल सेल प्रोजेक्ट हेतु वर्ष 2017-18 से वर्तमान तक आयुष विभाग को प्राप्त राशि रूपए 358.74 लाख में से वर्तमान तक हुए खर्च का ब्यौरा दें। खर्च का देयकवार विवरण, बिल देने वाली संस्था का नाम, बिल क्रमांक, बिल दिनांक बिल की राशि, बिल बनने/भुगतान करने का कारण, राशि अग्रिम लेने वाले एवं राशि भुगतान अथवा उपयोग करने वाले का नाम-पदनाम एवं अन्य संपर्क विवरण उपलब्ध करावें। (ख) सी.सी.डी. प्लान सिकल सेल प्रोजेक्ट की राशि रूपए 358.74 लाख से आउटसोर्स/संविदा पर रखे गए सभी चिकित्सकों और अन्य कर्मचारियों के नाम, पदनाम, पूरा पता, शैक्षणिक योग्यता (प्रमाण पत्रों सहित), वेतन, कब से कब तक कार्यरत हैं, की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) सी.सी.डी. प्लान राशि से एस.एस.एस. सर्विसेस को दिए गए कार्यादेश की प्रति दें। कार्य देने के पूर्व जारी टेन्डर, प्राप्ति समस्त टेन्डर, तुलनात्मक पत्रक की जानकारी/अभिलेख दें। (घ) सी.सी.डी.-पी.वी.टी.जी. सिकल सेल प्रोजेक्ट अंतर्गत राशि से खाता-क्रमांक 1098104000091455, खाता-क्रमांक 920010058976946 से कौन-कौन से चेक किस-किस व्यगक्ति/संस्था/फर्म को किस-किस काम के लिए दिए गए? (ङ) उपरोक्त राशि के दुरूपयोग के संबंध में जनजातीय कार्य विभाग के पास प्राप्त शिकायतों की प्रति उपलब्ध करावें।
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ड.) जनजातीय कार्य विभाग में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
संबल
योजना के
हितग्राही
परिवारों को
अनुग्रह राशि देना
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( क्र. 35 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संबल योजना के अंतर्गत मृत्यु उपरांत सभी पात्र हितग्राहियों को निर्धारित समय-सीमा में अनुग्रह राशि दी जाती है? (ख) यदि हाँ तो विधानसभा क्षेत्र पनागर अंतर्गत विक्रम वर्मा सुहागी, अंती बाई बिलपुरा, लीला बर्मन बिलपुरा एवं अन्य 7 हितग्राहियों को गत एक वर्ष के बाद भी राशि क्यों नहीं दी गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत क्या छूट गये हितग्राहियों को अनुग्रह राशि दी जावेगी? (घ) यदि हाँ तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) संबल योजना के अंतर्गत निर्धारित समयावधि में आवेदन प्रस्तुत करने वाले पात्र हितग्राहियों को मृत्यु उपरांत नियमानुसार अनुग्रह राशि दी जाती है। (ख) विधानसभा क्षेत्र पनागर अंतर्गत विक्रम वर्मा सुहागी, अंती बाई बिलपुरा, लीला वर्मन बिलपुरा द्वारा आवेदन प्रस्तुत नहीं किया हैं। उक्त हितग्राहियों का पंजी रजिस्टर में कोई रिकार्ड नहीं हैं एवं संबल योजना में जीवित पंजी की जानकारी के संबंध में हितग्राहियों की समग्र आई.डी. और आधारकार्ड होना आवश्यक है। जिसके कारण जानकारी दिया जाना संभव नहीं है एवं अन्य 07 हितग्राहियों का नाम प्रश्नांश (ख) में दर्शित नहीं है उक्त हितग्राहियों की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत छूट गये हितग्राहियों द्वारा आवेदन करने पर कार्यवाही की जायेगी। (घ) उतरांश (ग) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महाविद्यालयों में रिक्त पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
2. ( क्र. 36 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले स्थित शासकीय पी.जी.कॉलेज, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय केवलारी एवं शासकीय महाविद्यालय छपारा में लिपिक संवर्गों के जैसे मुख्य लिपिक, लेखापाल, उच्च श्रेणी लिपिक, निम्न श्रेणी लिपिक, भृत्य, चौकीदार के कितने पद स्वीकृत हैं? कितने पद भरे गये हैं और कितने पद रिक्त हैं? जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या म.प्र. शासन (उच्च शिक्षा विभाग) के द्वारा महाविद्यालयों में रिक्त पदों पर भर्ती प्रकिया संचालित करने की कोई योजना है? यदि हाँ तो कब तक उन रिक्त पदों पर भर्ती की जावेगी? यदि नहीं तो कारण बतायें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में सीधी भर्ती के लिपिकीय संवर्ग के रिक्त पदों की पूर्ति प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के माध्यम से सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा एग्जाई रूप से की जाती है। आऊटसोर्स के पदों की भर्ती महाविद्यालयों द्वारा नियमानुसार की जाती है।
महाविद्यालयों में गैर शैक्षणिक स्टॉफ को यू.जी.सी. वेतनमान
[उच्च शिक्षा]
3. ( क्र. 44 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं उनसे संबद्ध महाविद्यालयों में कार्यरत शैक्षणिक स्टॉफ को यू.जी.सी. वेतनमान एवं गैर शैक्षणिक स्टॉफ को राज्य शासन द्वारा निर्धारित वेतनमान दिया जा रहा है? (ख) यदि हाँ तो क्या प्रश्नांकित विश्वविद्यालयों एवं उनसे संबद्ध महाविद्यालयों में कार्यरत गैर शैक्षणिक स्टॉफ को भी यू.जी.सी. वेतनमान दिये जाने के संबंध में राज्य सरकार विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को अनुशंसा करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या राज्य के महाविद्यालयों के अतिथि व्याख्याताओं/विद्वानों को भी यू.जी.सी. के समान मानदेय बढ़ाया जायेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) विभाग अंतर्गत संचालित शासकीय विश्वविद्यालयों में नियमित पद पर नियुक्त शैक्षणिक स्टॉफ को यू.जी.सी. वेतनमान तथा नियमित गैर-शैक्षणिक स्टॉफ को राज्य शासन द्वारा निर्धारित वेतनमान दिया जा रहा है। विश्वविद्यालयों से सम्बद्ध शासकीय महाविद्यालयों में शासकीय शैक्षणिक स्टॉफ को यू.जी.सी. वेतनमान तथा शासकीय गैर-शैक्षणिक स्टॉफ को राज्य शासन द्वारा निर्धारित वेतनमान दिया जा रहा है। विश्वविद्यालय से सम्बद्ध अशासकीय अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों में अनुदानित पदों पर नियमानुसार नियुक्त शैक्षणिक स्टॉफ को यू.जी.सी. वेतनमान तथा गैर-शैक्षणिक स्टॉफ को राज्य शासन का वेतनमान दिया जा रहा है। (ख) प्रश्नांश 'क' अनुसार राज्य शासन का समय-समय पर निर्धारित वेतनमान गैर-शैक्षणिक स्टॉफ को दिए जाने के कारण यू.जी.सी. को अनुशंसा किया जाना प्रासंगिक नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। विभाग द्वारा जारी पत्र दिनांक 17.12.2019 अनुसार मानदेय निर्धारित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कर्मचारियों को वेतन का भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( क्र. 47 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले की कौन-कौन सी नगर परिषदों में विगत 06 माह से किन-किन कर्मचारियों को किन कारणों से वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है? (ख) क्या नगर परिषदों द्वारा कर्मचारियों को देय वेतन भत्ते की राशि अन्य मदों में खर्च कर दी गई? यदि हां, तो कारण बतावें। (ग) क्या प्रश्नांकित वेतन भत्तों के भुगतान नहीं किये जाने से अल्प वेतन भोगी कर्मचारियों के परिवारों के सामने भरण पोषण का संकट उत्पन्न हो गया है? विभाग द्वारा अभी तक वेतन भत्तों के भुगतान यथासमय किये जाने हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई है? यदि व्यवस्था नहीं की गई तो शासन में पदस्थ किन-किन अधिकारियों को उत्तरदायीं माना जायेगा तथा उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) प्रश्नांकित कर्मचारियों को कब तक वेतन भत्तों का भुगतान किया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) देवास जिले की किसी भी नगर परिषद में कर्मचारियों को 06 माह से वेतन भुगतान बकाया नहीं हाने से जानकारी निरंक है। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। विभाग द्वारा प्रतिमाह नियमित रूप से अनुदान की राशि प्रदाय की जाती है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश 'क' अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्मार्ट सड़कों का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
5. ( क्र. 56 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर ने स्मार्ट सिटी योजना में शहर की कौन-कौन सी प्रमुख सड़कों को चिन्हित कर निर्माण कराने की क्या योजना बनाई हैं? इनकी निर्माणाधीन अवधि व लागत क्या हैं? (ख) पूर्व विधान सभा क्षेत्र की स्वीकृत किन-किन सड़कों की वर्तमान में क्या स्थिति हैं? गोहलपुर, अमखेरा, खजरी खिरिया 5.5 कि.मी. सड़क तथा अधारताल से महाराजपुर तक की निर्माणाधीन अवधि व लागत क्या है? इनका निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कराया जावेगा? घमापुर रांझी सड़क की वर्तमान में क्या स्थिति है? इसका कितना कार्य पूर्ण तथा कब से अपूर्ण व निर्माणाधीन है तथा इस पर कितनी राशि व्यय हुई? (ग) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत कहां-कहां की कितने-कितने कि.मी. लम्बी व चौड़ी किन-किन सड़कों का निर्माण कब किस एजेन्सी से कितनी-कितनी राशि में कराया हैं? किन-किन सड़कों की स्वीकृत कितने-कितने फीट चौड़ाई को कम कर बनाया गया है एवं क्यों? इनमें स्वीकृत कौन-कौन सा कार्य कब से पूर्ण नहीं कराया है एवं क्यों? क्या शासन सड़कों के निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार, राशि का दुरूपयोग व गुणवत्ताविहीन कार्य कराने की जांच कराकर दोषी एजेंसी व अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम जबलपुर में स्मार्ट सिटी योजना अन्तर्गत चिन्हित प्रमुख सड़कों जिनके निर्माण कराने की योजना बनाई गई है का विवरण, निर्माणाधीन अवधि व लागत सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) पूर्व विधानसभा क्षेत्र की स्वीकृत सड़कों की वर्तमान स्थिति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-ब अनुसार है। गोहलपुर अमखेड़ा खजरी खिरिया सड़क एवं आधारताल से महाराजपुर सड़क की निर्माणाधीन अवधि, लागत तथा निर्माण कार्य पूर्ण होने की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार है। घमापुर रांझी सड़क निर्माण कार्य के अंतर्गत घमापुर से चुंगी चौकी में लगभग 2 कि.मी. एवं गोकलपुर से रांझी में लगभग 2.6 कि.मी. का निर्माण कार्य किया जा रहा है। घमापुर से पी.एन.बी. बैंक के 300 मीटर के भाग को छोड़कर संपूर्ण लंबाई के कैरिज-वे का कार्य पूर्ण हो चुका है। ड्रेन का कार्य लगभग 95 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। डिवाईडर का कार्य 100 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। फुटपाथ का कार्य गोकुलपुर क्षेत्रातांर्गत लगभग 1 किलो मीटर में किया गया है। लगभग 3.6 कि.मी. क्षेत्र में स्थल पर रहवासी संपत्तियॉं एवं दुकानें स्थित होने व इनमें से कुछ रहवासियों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में याचिकाएं लगाई गई हैं जो कि वर्तमान में लंबित हैं एवं कुछ याचिकाओं में स्थगन प्राप्त होने से स्थल अनुउपलब्धता के कारण कार्य अपूर्ण है। कार्य पर अभी तक राशि रूपये 25.80 करोड़ का व्यय किया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत सड़कों का निर्माण जिन एजेंसियों से कराया जा रहा है कितनी-कितनी राशि का कराया जा रहा है उसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार है। घमापुर-रांझी सड़क निर्माण कार्य की चौड़ाई कम नहीं की गई है। कार्य स्थल में भवन स्वामियों के भवन सड़क चौड़ाई में बाधक हैं, जिससे सड़क निर्माण हेतु पूर्ण चौड़ाई प्राप्त नहीं हुई है एवं फुटपाथ की चौड़ाई 1.1 मीटर सड़क के दोनों ओर कम प्राप्त हुई है तथा कार्य लंबित है। भूमि उपलब्धतानुसार सड़क चौड़ीकरण का कार्य प्रगतिशील है। इस सड़क के कैरियेज-वे का कार्य लगभग 2 से 3 वर्ष पूर्व किया गया है, उपरोक्त अवधि से सड़क संतोषप्रद रूप से संचालित है। सड़क निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण है। अत: जांच का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विकास एवं निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
6. ( क्र. 58 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर द्वारा एवं स्मार्ट सिटी योजना में पूर्व विधान सभा क्षेत्र में कितनी-कितनी राशि के निर्माण एवं विकास कार्य स्वीकृत किये गये हैं एवं कितनी राशि के कार्य कराये गये हैं? वर्ष 2019-20 से 2022-23 तक की जानकारी दें। (ख) स्मार्ट सिटी योजना में स्वीकृत कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य कब कराये गये है? कौन-कौन से कार्य कब से अपूर्ण, निर्माणाधीन एवं अप्रारंभ हैं एवं क्यों? स्वीकृत कौन-कौन से कार्यों को कब किसने बंद अथवा निरस्त किया है एवं क्यों? स्वीकृत स्मार्ट सड़कों की वर्तमान में क्या स्थिति है? कार्यों की वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी दें। (ग) स्वीकृत कितनी-कितनी राशि के किन-किन कार्यों के टेंडर वर्क आर्डर कब जारी किये गये और कौन-कौन से कार्य कब से प्रारंभ नहीं कराये गये हैं एवं क्यों? घमापुर से रद्दी चौकी तक स्वीकृत सड़क का कितना कार्य कब से अपूर्ण, निर्माणाधीन व अप्रारंभ है एवं क्यों? इसके लिये कब कितनी राशि स्वीकृत की गई एवं कितनी राशि व्यय हुई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
सड़क निर्माण की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
7. ( क्र. 77 ) श्रीमती कल्पना वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम रीवा अन्तर्गत वार्ड क्रमांक 5 भवानी नगर धिरमा नाला के पास में रोड का निर्माण कार्य कराया जा रहा है? क्या उसमें नाली निर्माण का भी प्रावधान किया गया है? कुल कितने लंबाई एवं चौड़ाई की सड़क एवं नाली निर्माण के लिये राशि स्वीकृत की गई है एवं ठेकेदार कौन है, स्वीकृत राशि का स्टीमेट सहित सम्पूर्ण सूची उपलब्ध करावें? (ख) अगर नाली निर्माण के लिये राशि स्वीकृत नहीं की गई तो रोड निर्माण होने पर रहवासियों के घरों में पानी का जल भराव हो जायेगा? क्या नाली निर्माण कार्य भी स्वीकृत किया जायेगा? (ग) ठेकेदार द्वारा जो कार्य कराया जा रहा है वो भी गुणवत्ता विहीन है? क्योंकि न रोड का समतलीकरण किया गया और न ही अर्थबेस तैयार किया जा रहा है? किस अधिकारी एवं कर्मचारी के संरक्षण में कार्य कराया जा रहा है? अगर गुणवत्ता विहीन कार्य पाया जाता है तो क्या गुणवत्ता पूर्ण कार्य कराया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हॉं। जी नहीं। 1450 मीटर लम्बाई तथा क्रमश: 06 मीटर एवं 05 मीटर चौड़ाई में सड़क के निर्माण के लिए राशि स्वीकृति की गई है। ठेकेदार आर.एस.आर. कन्स्ट्रक्सन, एम.आई.जी. 35, भरहुत नगर सतना है। स्वीकृति राशि का स्टीमेट संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। राशि की उपलब्धता होने पर नाली का निर्माण कार्य कराया जा सकेगा। (ग) जी नहीं। स्थल पर कार्य प्रारंभ किया गया है। रोड के समतलीकरण एवं अर्थ वर्क का कार्य प्रगतिरत है। उक्त कार्य श्री रमेश सिंह उपयंत्री, श्री राजेश मिश्रा सहायक यंत्री एवं श्री एस.के. चतुर्वेदी कार्यपालन यंत्री नगर पालिक निगम रीवा के सुपर विजन में कराया जा रहा है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सेंधवा शहर की सीवरेज लाईन के सम्बंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
8. ( क्र. 98 ) श्री
ग्यारसी लाल
रावत : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) वर्तमान
में बड़वानी
जिले के
सेंधवा शहर
में सीवरेज
लॉईन डाले
जाने का कार्य
चल रहा हैं? यदि
हाँ तो यह
कार्य कितनी
लागत का है? किस
एजेन्सी के
द्वारा किन
शर्तों एवं
नियमों के
अंतर्गत
कराया जा रहा
है? नियम
तथा अनुबंध की
प्रति प्रदाय
करें?
एवं
कब तक कार्य
पूर्ण किया
जाना हैं? (ख) क्या
सीवेज लाईन का
कार्य
ड्राईंग के
अनुसार नहीं
किया जा रहा
है और न ही जो
पाईप डाले जा
रहे है वह
मानक स्तर के
है? यदि
हाँ तो इसके
लिये कौन-कौन दोषी
है? यदि
नहीं तो क्या
इसकी उच्च स्तरीय
जांच कराई
जायेगी? यदि
नहीं तो क्यों? यदि
हाँ तो कब तक?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री
भूपेन्द्र
सिंह ) : (क) जी हाँ।
परियोजना की
कुल अनुबंधित
राशि रू. 78,54,98,093/- है जिसमें
निर्माण राशि
रू. 65,02,11,010/-,
प्रोविजनल
सम (डिजाईन
निर्माण के
समय) रू. 1,25,00,000/-। ऑपरेशन
एवं
मेंटेनेन्स
की कुल लागत
रू.13,02,87,083/-,
प्रोविजनल
सम (ऑपरेशन
एवं
मेंटेनेन्स
के समय) रू. 50,00,000/- सम्मिलित
हैं। योजना
कार्य में
तहाल कंसल्टिंग
इन्जीनियर्स
लिमि. द्वारा
निविदा प्रक्रिया
उपरांत
निविदा में दी
गई शर्तों एवं
नियमों के
अंतर्गत किया
जा रहा है।
निविदा प्रक्रिया
उपरांत
संविदाकार के
साथ अनुबंध
जिसमें नियम
तथा शर्तें
निहित हैं, की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है। अनुबंध
के अनुसार
योजना का
निर्माण कार्य
दिनांक 28.09.2020 तक पूर्ण
किया जाना था
परन्तु
विभिन्न
कारणों यथा
भूमि उपलब्ध
कराने में
विलम्ब, कोविड-19 तथा
संविदाकार
द्वारा धीमी
गति से कार्य
करना आदि से
योजना
निर्माण
कार्य अवधि
में दिनांक 28.09.2022 तक की
वृद्धि की गई
परन्तु
संविदाकार
द्वारा धीमी
गति से कार्य
किये जाने के
कारण पत्र
क्रं. द्वारा
पी.एम.यू./के.एफ.डब्ल्यू./
2022/6224
दिनांक 14/07/2022 द्वारा
अनुबंध
निरस्त कर
दिया गया है
तथा शेष कार्य
हेतु नवीन
निविदा
आमंत्रण की
कार्यवाही की
जा रही है। (ख) सीवेज
लाईन का कार्य
अनुमोदित
ड्राईंग अनुसार
ही किया जा
रहा है एवं जो
पाइप डाले जा
रहे है वो
मानक स्तर के
ही है।
निर्धारित
प्रक्रिया
अनुसार पाइप
लिया जा रहा
है। अतः किसी
भी प्रकार की
जाँच की आवश्यकता
नहीं है। शेष
अंश का प्रश्न
ही नहीं
उपस्थित
होता।
विभिन्न शासकीय महाविद्यालयों के पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
9. ( क्र. 99 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले के विभिन्न शासकीय महाविद्यालयों में स्थाई प्राचार्यों, प्रोफेसर, सहायक प्रोफेसर के किन-किन विषयों के कितने पद रिक्त हैं? 31 मार्च, 2022 तक की स्थिति की जानकारी दी जावें? (ख) उक्त पद कितने समय से रिक्त हैं विषयवार, महाविद्यालयवार जानकारी दी जावे? (ग) क्या शासन द्वारा उक्त पदों को भरने हेतु कोई प्रक्रिया प्रारम्भ नहीं की है यदि हाँ तो पदों को भरने की प्रक्रिया कब से प्रारम्भ की जायेगी।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) 31 मार्च, 2022 की स्थिति में बड़वानी जिले के समस्त शासकीय महाविद्यालयों में स्थाई प्राचार्यों के कुल 10 पद, प्राध्यापकों के कुल 04 पद एवं सहायक प्राध्यापकों के कुल 45 पद रिक्त हैं। विषयवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) रिक्त पदों के विरूद्ध अतिथि विद्वानों से अध्यापन कार्य सुचारू रूप से जारी है। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
बिजली कटौती का समय
[ऊर्जा]
10. ( क्र. 107 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ की विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा में वर्ष 2022 के अप्रैल, मई और जून माह 2022 में अलग- अलग, किस-किस दिनांक को कितने-कितने घंटे बिजली कटौती की गई? (ख) उपरोक्त में कितनी बिजली कटौती घोषित की गई थी और कितनी अघोषित कटौती की गई? (ग) बिजली कटौती करने का क्या कारण है? (घ) इसका जिम्मेदार कौन है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विद्युत प्रणाली की स्थिरता एवं सुरक्षा की दृष्टि से विद्युत की उपलब्धता के अनुरूप विद्युत प्रणाली पर भार (माँग) को नियंत्रित करना तकनीकी कारणों से आवश्यक होता है। माह अप्रैल-2022 एवं माह मई-2022 में विद्युत की उपलब्धता की तुलना में विद्युत की माँग अचानक बढ़ जाने के कारण उत्पन्न हुई अपरिहार्य स्थिति के दृष्टिगत विद्युत प्रणाली की स्थिरता एवं सुरक्षा की दृष्टि से विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा में विद्युत कटौती की गई, जिसका दिनांकवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में माह जून-2022 में आकस्मिक विद्युत व्यवधानों एवं उनके संधारण कार्य हेतु विद्युत प्रदाय प्रभावित हुआ था, किन्तु कोई भी अघोषित विद्युत कटौती नहीं की गई। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र एवं अवधि में आकस्मिक रूप से आए विद्युत व्यवधानों एवं उनके संधारण कार्य हेतु आवश्यक शटडाउन लिये जाने के कारण कतिपय अवसरों पर विद्युत प्रदाय प्रभावित हुआ था, किन्तु कोई भी घोषित विद्युत कटौती नहीं की गई है। तथापि उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार अपरिहार्य तकनीकी कारणों से प्रश्नाधीन क्षेत्र एवं अवधि में की गई अघोषित विद्युत कटौती का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्र में की गई अघोषित विद्युत कटौती का कारण उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार है। अपरिहार्य तकनीकी कारणों से अघोषित विद्युत कटौती की गई है, अत: किसी के जिम्मेदार होने का प्रश्न नहीं उठता।
खराब सड़कों का निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
11. ( क्र. 115 ) श्री
रामचन्द्र
दांगी : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
राजगढ़ जिले
की ब्यावरा
विधानसभा में
नगर में
एस.डी.एम.
कार्यालय से
नेशनल हाइवे
तक के रोड
काफी समय से
खराब हालत में
है? (ख) क्या
उक्त रोड पर
हॉस्पिटल, एस.डी.एम.
कार्यालय, तहसील
कार्यालय, रेस्ट
हाउस व
अन्य
प्रॉयवेट व
शासकीय
संस्थान
उपलब्ध है? (ग) प्रश्नांश
(क) के अनुसार
यदि हाँ तो
उक्त खराब रोड
का जिम्मेदार
कौन है? क्या
उसे बनाया जा
सकता है? यदि नहीं तो
शासन उक्त रोड
की वास्तविक
जाँच करवायेगा, जिससे
हकीकत सामने आ
सके। (घ)
प्रश्नांश
(ख) के अनुसार
यदि हाँ तो
क्या उक्त
समस्त संस्थानों
के लिए व आम
जनता की
परेशानियों
को दूर करने
के लिए शासन
इस खराब रोड
को कब तक
पूर्ण
करवाएगा?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट-1 एवं 2
अनुसार है। (ख) जी
हाँ। (ग)
एवं (घ) प्रश्नांश
'क' के उत्तर
अनुसार।
नगर निगम कटनी के वाहनों के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
12. ( क्र. 121 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका निगम, कटनी के स्वयं के कितने वाहन किस-किस प्रकार के हैं, कब क्रय किए गए, वर्तमान में कितने खराब है, कितने चल रहे है, प्रश्न दिनांक को कौन सा वाहन किस अधिकारी को किस दिनांक से आवंटित है। वाहनवार, अधिकारीवार विवरण दें। जिन अधिकारियों को वाहन आवंटित है क्या वह वाहन के लिए वह अधिकारी पात्र हैं यदि नहीं तो क्यों नियम सहित पूर्ण विवरण दें। (ख) दिनांक 01/01/2019 से प्रश्न दिनांक तक नगर पालिका निगम कटनी ने कौन-कौन से वाहन किराये पर लिए गए पृथक-पृथक विवरण दें। किराये पर लिए गए वाहनों के लिए कब-कब निविदायें आमंत्रित की गई, क्या किराये पर लिए गए सभी वाहन टैक्सी कोटे से है यदि नहीं तो ऐसे वाहनों को किराये पर क्यों लिया गया जबकि ऐसे वाहनों को किराये पर लेने की मनाही है। (ग) प्रश्नांश (क) के वाहनों पर कितना व्यय किया गया वाहनवार, वर्षवार दिनांक 01/01/2019 से प्रश्न दिनांक की अवधि में बताएं। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांकित अवधि में वाहनों के दुरूपयोग अनियमितताओं को लेकर वर्षवार जो शिकायतें प्राप्त हुई है। शिकायतवार, कार्यवाहीवार विवरण देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम, कटनी के स्वयं के वाहनों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है, खराब वाहनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है एवं चल रहे वाहनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। नगर पालिक निगम, कटनी के स्वयं के वाहन, अधिकारियों को आवंटित नहीं किये गये है, अपितु विभागीय कार्य जैसे फायर सेवा, पानी टेंकर, विद्युत व्यवस्था सफाई व्यवस्था, जल प्रदाय इत्यादि नागरिक सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु संबंधित वाहनों का उपयोग किया जाता है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा दिनांक 01.01.2019 से प्रश्न दिनांक तक लिये गये किराये के वाहनों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। वाहनों को किराये पर लिये जाने हेतु समय-समय पर निविदायें आमंत्रित की गई जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ई'' अनुसार है। किराये पर लिए गए वाहन टैक्सी कोटे में है। (ग) प्रश्नांश (क) के वाहनों पर दिनांक 01.01.2019 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में वाहनवार, वर्षवार व्यय विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''फ'' अनुसार है। (घ) शिकायतें प्राप्त नहीं होने से जानकारी निरंक है।
मार्ग निर्माण में भूमि आवंटन एवं अर्जन
[लोक निर्माण]
13. ( क्र. 130 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदापुरम संभाग के अन्तर्गत लोक निर्माण विभाग एवं मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम भोपाल के किस-किस प्रस्तावित कितने किलोमीटर लम्बे किस मार्ग की कितनी निजी भूमि, कितनी शासकीय राजस्व भूमि, कितनी राजस्व वन एवं कितनी आर.एफ.पी.एफ. के अनुमति, अर्जन एवं आवंटन की कार्यवाही वर्तमान में किस-किस स्तर पर लंबित है। (ख) भूमि आवंटन, अर्जन, अनुमति एवं क्षतिपूर्ति वनीकरण हेतु वैकल्पिक भूमि के चयन करने सहित अन्य कार्यवाहियों के लिए किस- किस अनुबंध से क्या-क्या कार्य सौंपा गया हैं अनुबंध की प्रति सहित बतावें। (ग) भूमि आवंटन, अर्जन, अनुमति एवं वैकल्पिक भूमि के चयन का कार्य विभागीय तौर पर नहीं किए जाने का क्या कारण हैं यह कार्य अनुबंध पर आवंटित करने के संबंध में क्या-क्या मापदण्ड एवं योग्यता निर्धारित की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) लोक निर्माण विभाग संभाग नर्मदापुरम के अंतर्गत तवापुल के पास से ए.के.व्ही.एन. मार्ग की 1.50 कि.मी. लंबाई में 3.724 हेक्टेयर निजी भूमि अर्जन करने हेतु जिला भू-अर्जन अधिकारी द्वारा जारी सूचना का प्रकाशन आपत्ति हेतु कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) ऐसा कोई अनुबंध नहीं किया गया है। (ग) भूमि आवंटन, अर्जन अनुमति एवं वैकल्पिक भूमि के चयन का कार्य विभागीय तौर पर किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नल-जल योजनाओं की बकाया राशि
[ऊर्जा]
14. ( क्र. 155 ) श्री रामपाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 25 जून, 2022 की स्थिति में रायसेन के किन-किन ग्रामों की नल-जल योजानाओं पर विभाग की कितनी राशि बकाया है तथा ग्रामों की नल-जल योजना के बिल में किस-किस आधार पर कितनी राशि दी जाती है? (ख) प्रश्नांश (क) की नल-जल योजनाओं में से किन-किन ग्रामों की नल-जल योजना बंद है? बंद नल-जल योजनाओं को किस आधार पर कितनी राशि का बिल दिया जाता है? (ग) बंद नल-जल योजना का बिजली का बिल क्यों लिया जाता है? (घ) किन-किन, नल-जल योजनाओं के ट्रांसफार्मर कब से जला एवं खराब है तथा उनको क्यों नहीं बदला जा रहा है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संचालन/संधारण वृत्त रायसेन के अन्तर्गत दिनांक 25 जून, 2022 की स्थिति में विद्यमान कुल 441 नल-जल योजनाओं के कनेक्शनों में से 402 नल-जल योजनाओं के कनेक्शनों के विरूद्ध विद्युत देयकों की कुल रूपये 241.83 लाख की राशि बकाया है, जिसकी ग्राम पंचायतवार (ग्रामवार नहीं) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। ग्राम पंचायतों को नल-जल योजनाओं के विद्युत देयक मीटर में दर्ज वास्तविक खपत तथा मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित टैरिफ दर के आधार पर जारी किये जाते हैं। (ख) एवं (ग) संचालन/संधारण वृत्त रायसेन के अन्तर्गत कुल 441 नल-जल योजनाओं के विद्युत कनेक्शन हैं। इनमें से कोई-भी नल-जल योजना विद्युत आपूर्ति विच्छेदित होने के कारण बंद नहीं है। नल-जल योजना के क्रियाशील नहीं होने की स्थिति में यदि संबंधित विभाग/कार्यालय द्वारा उस नल-जल योजना के विद्युत कनेक्शन को विच्छेदित करने हेतु संबंधित वितरण कंपनी में आवेदन नहीं दिया जाता है, तो ऐसी स्थिति में उस नल-जल योजना का विद्युत कनेक्शन जारी करते समय निष्पादित अनुबंध में निहित प्रावधानों के अनुसार, अनुबंध की अवधि समाप्त होने तक, स्वीकृत भार अनुसार न्यूनतम प्रभार के विद्युत देयक जारी किए जाते हैं। (घ) संचालन/संधारण वृत्त रायसेन के अन्तर्गत किसी भी नल-जल योजना से संबंधित कोई भी वितरण ट्रांसफार्मर जला/खराब नहीं है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
सौर ऊर्जा कनेक्शन के लंबित प्रकरण
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
15. ( क्र. 156 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 25 जून, 2022 की स्थिति में रायसेन जिले में सौर ऊर्जा कनेक्शन हेतु कितने किसानों के आवेदन पत्र लंबित है विकासखण्ड वार संख्या बताये? (ख) उक्त किसानों को कब तक सौर ऊर्जा के कनेक्शन दे दिये जायेंगे? (ग) किसानों से आवेदन पत्र प्राप्त होने के कितने दिन के भीतर कनेक्शन देने का प्रावधान है यदि समय-सीमा तय नहीं है तो विभाग समय-सीमा कब तय करेगा? (घ) 1 जनवरी, 2022 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में माननीय मंत्री जी को प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) 25 जून, 2022 की स्थिति में रायसेन जिले में सोलर पंप संयंत्रों हेतु 852 किसानों के आवेदन पत्र लंबित है। विकासखण्डवार संख्या संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) उत्तरांश-'क' में उल्लेखित 852 किसान आवेदकों में से 620 किसानों के खेतों पर कृषि फीडर से विद्युत कनेक्शन न होने की पुष्टि (डिस्कॉम द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार) होने के कारण व सोलर पंप संयंत्रों की स्थापना हेतु पात्र पाए गए हैं। रायसेन जिले के पूर्ण हितग्राही अंश जमा वाले हितग्राहियों में से, 27 हितग्राहियों की कृषि भूमि पर सोलर पंप संयंत्र स्थापित करने हेतु कार्यादेश, दिनांक 20.05.2022 जारी किये जा चुके हैं। कार्यादेशानुसार उक्त संयंत्रों की स्थापना करने की समय-सीमा 90 दिवस है। रायसेन जिले के शेष आवेदक किसानों की कृषि भूमि पर सोलर पंप संयंत्र स्थापित करने की समय-सीमा निम्न प्रक्रिया अनुसार है :- केन्द्र व राज्य शासन से सोलर पंप संयंत्रों की स्थापना हेतु राशि की उपलब्धता अनुसार, आवेदन दिनांक के वरीयता क्रम में, जिन किसानों के आवेदन स्वीकृत होते जाते हैं, उन्हें शेष राशि जमा करने हेतु कहा जाता है। पूर्ण राशि जमा होने की दिनांक से 120 दिवस के भीतर सोलर पंप संयंत्र की स्थापना का प्रावधान है। (ग) उत्तरांश 'ख' में उल्लेखानुसार ''मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना'' में वरीयता क्रम अनुसार एवं हितग्राही द्वारा पूर्ण राशि जमा होने की दिनांक से 120 दिवस के भीतर सोलर पंप संयंत्रों की स्थापना की समय-सीमा का प्रावधान है। विशेष परिस्थितियों में समयावधि बढ़ाई जा सकती है। (घ) 1 जनवरी, 2022 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में माननीय मंत्री जी को प्रश्नकर्ता विधायक का पत्र दिनांक 26.04.2022 प्राप्त हुआ है। उक्त पत्र में उल्लेखित दो कृषकों के सोलर पंप संयंत्रों की स्थापना के कार्यादेश दिनांक 20.05.2022 को जारी कर दिए गए हैं। उक्त कार्यवाही संबंधी सूचना का पत्र संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
किसानों को दिये जाने वाले सोलर पम्पों के नियम
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
16. ( क्र. 172 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा किसानों को सोलर पम्प लगाये जाने हेतु क्या नियम/निर्देंश हैं? फोटो प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में विधान सभा क्षेत्र क्रमांक 03 सबलगढ़ में योजना में कितने आवेदन किसानों द्वारा दिये गये हैं? नाम/पिता का नाम, पते सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदकों को सोलर पम्प लगाये जाने हेतु कितनी-कितनी अनुदान राशि प्रदाय की गई है? सूची उपलब्ध करावें। यदि नहीं तो क्यों?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा कृषि भूमि पर सिंचाई हेतु किसानों को सोलर पंप लगाये जाने की ''प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान योजना'' के घटक ''ब'' (पी.एम. कुसुम-ब) अंतर्गत, ''मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना'' के मापदण्ड, दिशा-निर्देंश आदि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-03 सबलगढ़ में योजना में 122 आवेदक किसानों द्वारा सोलर पम्प संयंत्र स्थापित करने हेतु आवेदन किये गये है। उक्त 122 आवेदक किसानों में से वर्ष 2017-19 में 34 आवेदक किसानों की कृषि भूमि पर सोलर पम्प संयंत्र स्थापित हुये, जिनकी वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। वर्ष 2020-21 में 29 आवेदक किसानों की कृषि भूमि पर सोलर पम्प संयंत्र स्थापित हुये, जिनकी वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। वर्तमान में पंजीयन राशि रूपये 5000/- सहित 36 पंजीकृत आवेदक किसानों, जिनके आवेदन सोलर पम्प संयंत्र स्थापना हेतु लंबित है, की वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। वर्तमान में बिना पंजीयन राशि के 23 आवेदक किसानों की वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार है। (ग) विधान सभा क्षेत्र क्रमांक-03 सबलगढ़ अन्तर्गत, कुल 122 आवेदनों में से 63 आवेदक किसानों की कृषि भूमि पर वर्ष 2017-19 तथा वर्ष 2020-21 में सोलर पम्प संयंत्र स्थापित किये गये। उक्त सोलर पम्प संयंत्रों की स्थापना हेतु तत्समय लागू अनुदान की वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-फ अनुसार है। उक्त 63 आवेदक किसानों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं स अनुसार है। आवेदक कृषकों से अनुदान पश्चात् शेष, हितग्राही अंश ही प्राप्त कर सोलर पम्प संयंत्रों की स्थापना की गई है।
नगर पालिका/परिषदों में स्ट्रीट लाईट का बंद होना
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( क्र. 174 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि नगर पालिका परिषद सबलगढ़/नगर परिषद झुण्डपुरा में स्ट्रीट लाईट चालू न होने से नगरों में अंधकार फैला हुआ है। जिससे असामाजिक तत्व अपराध करके भाग जाते हैं। यदि हाँ तो स्ट्रीट लाईट चालू ना होने का क्या कारण है एवं इसके लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? दोषियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) प्रकाश में उक्त परिषदों में स्ट्रीट लाईट कब तक चालू की जायेगी? समय-सीमा बतावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद सबलगढ़ एवं नगर परिषद झुण्डपुरा में स्ट्रीट लाईट चालू है। वर्षा या अन्य कारण से जो स्ट्रीट लाईट बंद होती है, उन्हें तत्काल ठीक कराया जाता है। शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ख) नगर पालिका परिषद सबलगढ़ एवं नगर परिषद झुण्डपुरा में स्ट्रीट लाईट चालू है।
मरम्मत हुई सड़कों की जानकारी
[लोक निर्माण]
18. ( क्र. 190 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह अंतर्गत वर्ष 2020-21 व 2021-22 में कौन-कौन सी सड़कों की मरम्मत कितनी-कितनी राशि से करायी गयी स्थलवार व राशिवार कार्य एजेंसी सहित मूल्यांकनकर्ता अधिकारी के नाम सहित उपलब्ध कराने का कष्ट करें। (ख) दमोह-हटा-गैसावाद मार्ग में हटा नगर की फोर लेन सड़क की मरम्मत जो कि क्षतिग्रस्त हो गयी है नवीन निर्माण/पुनर्निर्माण कब तक कराया जावेगा? जिससे राहगीरों को आ रही परेशानियों से निजात मिल सके।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न प्रपत्र-अ एवं प्रपत्र 'अ-1' अनुसार है। (ख) दमोह-हटा-गैसाबाद मार्ग का कुछ भाग अर्बन डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन द्वारा डाली गयी पानी की पाइप लाइन के कारण क्षतिग्रस्त हुआ है। जिसका सुधार कार्य अर्बन डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन द्वारा नियुक्त की गई एजेन्सी द्वारा किया जाना है। दमोह-हटा-गैसाबाद-सिमरिया मार्ग वर्तमान में ओ.एम.टी. योजना अंतर्गत है तथा राहगीरों को परेशानी से निजात हेतु वर्षा ऋतु उपरांत हटा नगर के फोरलेन भाग में नवीनीकरण का कार्य कराया जाना प्रस्तावित है। नवीन/पुनर्निर्माण की वर्तमान में कोई योजना प्रचलन में नहीं है।
जली हुई डीपियों के मरम्मत केन्द्रों को जिला स्तर पर बनाना
[ऊर्जा]
19. ( क्र. 192 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर संभाग में म.प्र.वि.मण्डल की जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर की विभागीय रूप से मरम्मत कहाँ-कहाँ की जाती है? स्थानवार जानकारी प्रदाय की जावे। वर्ष 2020-21 व 2021-22 में जिला दमाह के द्वारा कितने वितरण ट्रांसफार्मरों की मरम्मत कराई गई? संख्या बताई जावे। साथ ही बताया जावे की जले हुये ट्रांसफार्मरों की मरम्मत में उक्त वर्ष में कितना व्यय आया? (ख) हटा उपसंभाग अंतर्गत ग्राम बरखेरा कलांर के फीडर परिवर्तित किये जाने हेतु माननीय ऊर्जा मंत्री महोदय द्वारा प्रमुख सचिव, ऊर्जा म.प्र. को पत्र लिखा था? यदि हाँ तो कब? पत्र की छायाप्रति उपलब्ध करायें। उक्त पत्र पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? प्रश्न दिनांक तक उक्त स्थल का फीडर परिवर्तन नहीं हुआ समस्त जानकारी व कार्यवाही समय-सीमा में कराये जाने की समुचित आदेश प्रदान करेंगें। (ग) क्या म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की जिला स्तर पर क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मरों के सुधार केन्द्र बनाये जाने की योजना है? यदि हाँ तो इसे कब तक लागू किया जावेगा? समय-सीमा बताने की कृपा करें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) सागर संभाग के अंतर्गत म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों की विभागीय रूप से मरम्मत एल.टी.आर.यू. (लोकल ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग यूनिट) में की जाती हैं, जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जिला दमोह में वर्ष 2020-21 में 799 वितरण ट्रांसफार्मरों की मरम्मत की गयी, जिस पर राशि रू.11.98 लाख का व्यय हुआ तथा वर्ष 2021-22 में 1150 वितरण ट्रांसफार्मरों की मरम्मत की गयी, जिसमें राशि रू.17.77 लाख का व्यय हुआ। (ख) जी हाँ, पत्र दिनांक 20.12.2021 प्रेषित किया गया था, जिसकी छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उक्त पत्र में उल्लेखित कार्य का तकनीकी परीक्षण कराया गया। जिसके अनुसार ग्राम बरखेरा कलांर को वर्तमान में 11 के.व्ही. मुहरई घरेलू एवं 11 के.व्ही. मुहरई कृषि फीडर से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। 11 के.व्ही. मुहरई घरेलू फीडर पर वोल्टेज रेग्यूलेशन तकनीकी मापदण्डों के अनुरूप है एवं 11 के.व्ही. मुहरई कृषि फीडर पर वोल्टेज रेग्यूलेशन तकनीकी मापदण्डों के अनुरूप नहीं है। इस समस्या के निराकरण के लिये 11 के.व्ही. मुहरई कृषि फीडर के विभक्तिकरण के कार्य को केन्द्र सरकार की आर.डी.एस.एस. योजना में सम्मिलित कर लिया गया है। उक्त योजना की स्वीकृति केन्द्र शासन से प्राप्त हो गई है तथा योजना में सम्मिलित कार्यों के क्रियान्वयन हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रातंर्गत क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मरों के सुधार केन्द्र जिला स्तर पर पूर्व से ही स्थापित है, केवल जिला डिण्डौरी हेतु जिला मण्डला में एवं जिला अनूपपुर व जिला उमरिया के लिये जिला शहडोल में स्थापित एल.टी.आर.यू. (लोकल ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग यूनिट) में वितरण ट्रांसफार्मरों का सुधार कार्य कराया जाता है। उक्त व्यवस्था के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में अन्य कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
ए+मॉनिट नोटशीट तथा सी.एम.हेल्प लाईन की जानकारी
[लोक निर्माण]
20. ( क्र. 198 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा ए+मॉनिट में विभिन्न विभागों को भेजी गयी नोटशीट का परिपालन निश्चित समय-सीमा में सुनिश्चित करने हेतु क्या प्रक्रिया अपनायी जाती है? प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी को दिये गये पत्र के परिप्रेक्ष्य में प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को भेजी गई ए+ मॉनिट नोटशीट जिसमें विधानसभा क्षेत्र 109, दिनांक 14.11.2021 लांजी की विभागीय ग्रामीण सड़कों को बजट में जोड़ने संबंधी कार्यवाही से कृपया अवगत कराये? (ख) क्या यह सही है कि सी.एम. हेल्प लाइन पर पंजीयन क्रमांक 2240264 का निराकरण किये बगैर एल-4 स्टेज पर पुराना पेड़ कटवा दिये जाने संबंधी गलत जानकारी भेज दी गई थी, किन्तु उस पेड़ के शिकायतकर्ताओं के मकान पर गिर जाने से मकान को भारी क्षति हुई है तथा जन हानि भी हो सकती थी इस प्रकरण में दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गयी तथा लोक निर्माण विभाग द्वारा बहुत सारे पेड़ों को नुकसान की संभावनाओं के चलते काटने हेतु जो अनुमति कलेक्टर बालाघाट से मांगी गयी थी वह अनुमतियां न देने की क्या शासन जांच कराएगा तथा दोषियों पर कार्यवाही करेगा।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) A+ मॉनिट की प्रक्रिया का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। माननीय विधायक का पत्र दिनांक 14/11/2021 नहीं अपितु दिनांक 24/11/2021 पर कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ख) पेड़ कटवाने संबंधी सी.एम. हेल्प लाईन शिकायत क्रमांक 2240264 के निराकरण संबंधी पोर्टल में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बालाघाट द्वारा की गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। बाद में शिकायत लोक निर्माण विभाग को हस्तांरित होने पर पेड़ कटवाने हेतु राजस्व विभाग से अनुमति प्राप्त करने की कार्यवाही की गयी, अनुमति प्राप्त नहीं हुई बाद में दिनांक 30.05.2022 को पेड़ के गिरने पर लोक निर्माण विभाग द्वारा तुरन्त हटा दिया गया, कोई जनहानि नहीं हुई। अतः प्रकरण में दोषी होने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत केन्द्रीय सड़क निधि में स्वीकृत रजेगांव-किरनापुर-लांजी-आमगांव मार्ग में कुल 265 पेड़ काटने की अनुमति हेतु कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग (भ/प) संभाग बालाघाट के पत्र क्रमांक 1599/तक/सी.आर.एफ/2020 दिनांक 27.05.2020 द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) लांजी को लेख किया गया था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है, में जिसकी अनुमति प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सेतु बंधन योजना के अंतर्गत जबलपुर में फ्लाई ओवर
[लोक निर्माण]
21. ( क्र. 213 ) श्री
तरूण भनोत : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
यह सही है कि
सड़क परिवहन
एवं राजमार्ग
मंत्रालय
द्वारा
शत-प्रतिशत
केन्द्रीय
सड़क
अधोसंरचना
निधि के
अंतर्गत सेतु
बंधन योजना के
माध्यम से
जबलपुर में दो
नवीन फ्लाई
ओवर का प्रस्ताव
जिला प्रशासन
से मांगा गया
हैं? (ख) यदि
हाँ तो
तत्संबंध में
जिला प्रशासन
द्वारा
प्रेषित
प्रस्ताव की
जानकारी
देंवें? (ग) क्या
जबलपुर में
पूर्व में स्वीकृत
शास्त्री
ब्रिज एवं
तहसीली चौक से
मदार टेकरी तक
के फ्लाई ओवर
को सेतु बंधन
योजना में
शामिल करने पर
विचार करेगी?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क) जी
नहीं,
अपितु
जिला कलेक्टर
द्वारा प्रस्ताव
शासन को दिया
गया है। (ख) कलेक्टर
जबलपुर द्वारा
दो प्रस्ताव
दिये गये। जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ग) प्रश्नांश
''ख'' के
परिप्रेक्ष्य
में सेतु बंधन
योजना में
सम्मिलित
करने का प्रश्न
ही नहीं उठता।
मदन महल स्थित सूपाताल तालाब का सौंदर्यीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
22. ( क्र. 214 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि पर्यटन विभाग द्वारा 6 करोड़ रूपये खर्च कर मदल महल स्थित सूपाताल तालाब का सौन्दर्यीकरण कराया गया था, जो नगर निगम जबलपुर की अनदेखी के कारण सरोवर दुर्गति का शिकार हो चुका है? (ख) यदि हाँ तो उक्त तालाब के जीर्णोंदार के लिये शासन ने क्या कदम उठाये हैं? (ग) क्या यह सही है कि जबलपुर स्थित कई तालाबों में अब भी गंदे नालियों के पानी की निकासी के कारण तालाब का पानी गंदा हो रहा है और पानी में डिसॉल्व ऑक्सीजन की कमी के कारण मछलियां और अन्य जल-जीव तड़प-तड़प कर मर रहे हैं? (घ) क्या सरकार तत्काल इन तालाबों के संरक्षण को लेकर उचित कदम उठायेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु म.प्र.राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा वर्ष 2006-2007 में केन्द्रीय योजनान्तर्गत डेस्टिनेशन डेवलपमेन्ट जबलपुर के अंतर्गत सूपाताल तालाब हेतु राशि रूपये 92.47 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई थी एवं इस स्वीकृति के अनुक्रम में बोटिंग के लिये सौन्दर्यीकरण एवं अन्य विकास कार्य पूर्ण कराये गये है। कार्य पूर्ण उपरांत स्थल नगर निगम जबलपुर को हस्तांतरित किया गया है। नगर निगम, जबलपुर द्वारा समय-समय पर सूपाताल तालाब की मरम्मत रखरखाव कार्य कराया जा रहा है। (ख) नगर पालिक निगम द्वारा वर्ष 2019-20 में तालाब के फुटपाथ नवीनीकरण, बाउंड्रीवाल का नवीनीकरण निर्माण पिचिंग कार्य, मरम्मत कार्य तथा रंगरोगन कार्य कराया गया है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। नगर निगम जबलपुर सीमान्तर्गत तालाबों में आक्सीजन की कमी के कारण मछली एवं अन्य जल जीव मरने की जानकारी संज्ञान में नहीं है। (घ) नगर निगम जबलपुर क्षेत्रान्तर्गत स्थित रानीताल तालाब, इमरती तालाब, एवं हनुमानताल तालाब में रख रखाव, विकास कार्य किये जा रहे है।
निर्मित मार्ग का भौतिक परीक्षण
[लोक निर्माण]
23. ( क्र. 261 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रीवा अंतर्गत ग्राम हरदुआ से बौलिया घाट होते हुए उत्तर प्रदेश की सीमा चाकघाट तक मार्ग का निर्माण कब प्रारंभ किया गया था? कब इस मार्ग का लोकार्पण किया गया? इस मार्ग के निर्माण हेतु कुल कितनी लागत निर्धारित थी? निर्माण एजेंसी को कितनी राशि का भुगतान किया जा चुका है? एजेंसी के द्वारा मार्ग मेंटेनेंस हेतु विभाग के द्वारा क्या समय-सीमा निर्धारित की गई है? विवरण उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या वर्तमान में उक्त मार्ग के बौलिया घाट का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है? यदि हाँ तो क्या कारण है कि मार्ग के निर्माण के कुछ समय पश्चात् ही उक्त मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया? क्या उक्त पूरे मार्ग निर्माण का पुनः भौतिक परीक्षण कराया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या कारण है कि इतने महत्वपूर्ण मार्ग के निर्माण के दौरान एजेंसी के द्वारा किये जा रहे कार्य को मानक अनुरुप निर्मित नहीं कराया गया? क्या मार्ग के निर्माण के दौरान निरीक्षण प्रतिवेदन निरीक्षण अधिकारी के द्वारा समय-समय पर उपलब्ध कराए गये थे? यदि हाँ तो विवरण उपलब्ध करावें। क्या दोषी जिम्मेदार अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) निर्माण प्रारंभ दिनांक 01-09-2015। कार्य पूर्णता दिनांक 15-05-2018, विधिवत लोकार्पण नहीं किया गया है। कार्य की मूल लागत रू. 167.23 करोड़। कार्य पर वेरियेशन, एस्केलेशन एवं जी.एस.टी. सहित कुल भुगतान रू. 183.07 करोड़। दोष दायित्व एवं संधारण अवधि-कार्य पूर्णता दिनांक से 5 वर्ष तक। (ख) जी हाँ। मार्ग वर्षाऋतु में लैंड स्लाईड की वजह से क्षतिग्रस्त हुआ है। मूल निर्माण कार्य में पूर्व निर्मित कतिपय संरचना को यथावत रखा गया था जो क्षतिग्रस्त हुये है। वह मूल कार्य में सम्मिलित नहीं था। निगम के अधिकारियों द्वारा मार्ग का भौतिक परीक्षण किया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) मार्ग का निर्माण मानक अनुसार ही कराया गया है। स्वतंत्र सलाहकार द्वारा मार्ग निर्माण का पर्यवेक्षण किया गया है। स्वतंत्र सलाहकार एवं विभागीय अधिकारियों के निरीक्षण प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। पूर्व निर्मित संरचना लैंड स्लाईड से क्षतिग्रस्त होने से कोई भी दोषी नहीं है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
डी.पी.आर. सर्वे कार्य के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
24. ( क्र. 262 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद सिरमौर अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत विगत 03 वर्षों में कुल कितने पात्र हितग्राहियों को आवास योजना का लाभ मिला है? कुल कितने पात्र हितग्राही अभी तक आवास योजना लाभ प्राप्ति से वंचित हैं? विवरण उपलब्ध करावें। (ख) क्या कारण है कि नगर परिषद सिरमौर अंतर्गत वार्डों का प्रतिवर्ष नियमित डी.पी.आर. सर्वे कार्य नहीं कराया जा रहा? नगर परिषद सिरमौर में आवास योजना हितग्राही पात्रता डी.पी.आर. सर्वे कार्य कब-कब कराया गया? विगत 05 वर्षों का प्रतिवर्षवार एवं वार्डवार विवरण उपलब्ध करावें। (ग) आगामी समय में प्रधानमंत्री आवास योजना प्रदाय करने हेतु नगर परिषद सिरमौर के समस्त वार्डों के पात्र हितग्राहियों का डी.पी.आर. सर्वे कार्य कब कराया जावेगा?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री भूपेन्द्र
सिंह ) : (क) नगर परिषद
सिरमौर में
प्रधानमंत्री
आवास योजना
(शहरी) के तहत
विगत 03
वर्षों में
कुल 245
हितग्राहियों
के लिए आवास
स्वीकृत किये
गये हैं
जिनमें से 238 पात्र
हितग्राही
लाभांवित हो
चुके हैं। लाभ
से वंचित
हितग्राहियों
की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) नगर
परिषद सिरमौर
में बी.एल.सी.
घटक हेतु
आवेदकों के
आवेदनों के
दृष्टिगत
समय-समय सर्वे
कराया गया है।
विगत 05
वर्षों का
प्रति
वर्षवार एवं
वार्ड वार
विवरण संलग्न
है। (ग) प्रधानमंत्री
आवास योजना
(शहरी) की अवधि
के संबंध में
शासन
प्रावधान तथा
दिशा निर्देशों
के अनुसार
कार्यवाही की
जायेगी। समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
परिशिष्ट
- "छियालीस"
विद्युत लाइन नीचे होने के कारण दुर्घटना
[ऊर्जा]
25. ( क्र. 290 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर स्थित वार्ड 74 कुदवारी ओंकार नगर के आगे जीनियस पब्लिक स्कूल के पास लगभग 50 अस्थाई कनेक्शन दिये गये हैं? (ख) क्या विद्युत प्रदाय की सुरक्षित व्यवस्था की गई है? (ग) क्या स्कूल के पास निकाली गई विद्युत लाईन नीचे झूलती हुई होने के कारण असुरक्षित नहीं हैं? (घ) क्या उक्त लाइन संभावित अप्रिय घटना के पूर्व व्यवस्थित की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जबलपुर के वार्ड क्रमांक 74 कुदवारी ओंकार नगर में जीनियस स्कूल के पास निवासरत क्षेत्रीय निवासियों के आवेदन पर घरेलू उपयोग हेतु 15 अस्थाई कनेक्शन दिये गये है। (ख) प्रश्नाधीन अस्थाई विद्युत कनेक्शनों के लिये सर्विस लाईनों (सेवा तंतुपथ) हेतु आर्मर्ड केबिल/इन्सुलेटिड वायर का उपयोग किया गया है एवं यथोचित ऊंचाई पर सर्विस लाईन खींचकर अस्थाई विद्युत कनेक्शन दिये गये है। (ग) जीनियस स्कूल के पास प्रश्नाधीन सभी अस्थाई विद्युत कनेक्शनों हेतु यथोचित ऊँचाई पर लगाई गई सर्विस लाईन (सेवा तंतुपथ) सड़क के किनारे– किनारे उपभोक्ता के परिसर तक गई है तथा कहीं भी रोड क्रासिंग नहीं है। इस प्रकार लगाई गई सर्विस लाईन पूर्णत: सुरक्षित है। (घ) प्रश्नाधीन विद्युत कनेक्शनों हेतु डाली गई सर्विस लाईन का कुछ भाग ढीला (लूज) हो गया था, जिसे खींचकर यथोचित ऊँचाई पर व्यवस्थित कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि सुरक्षा की दृष्टि से समय-समय पर निरीक्षण कर आवश्यकतानुसार विद्युत लाईनों के संधारण का कार्य किया जाता है, जो कि एक सतत् प्रक्रिया है।
नामांतरण शुल्क एवं निर्माण अनुमति शुल्क की अवैध वसूली
[नगरीय विकास एवं आवास]
26. ( क्र. 349 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में भूमि का नामांतरण दर्ज कराने एवं निर्माण अनुमति के लिए किन-किन नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों द्वारा कितनी-कितनी प्रतिशत राशि ली जाती है? नगर पालिका/नगर पंचायतोंवार भूमि का नामांतरण शुल्क एवं निर्माण अनुमति शुल्क वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार जानकारी। (ख) क्या यह सही है कि नगर पंचायत पचोर द्वारा मनमाने ढंग से नामांतरण शुल्क एवं निर्माण अनुमति शुल्क ली जा रही है? यदि हाँ तो उक्त शुल्क किस आधार पर वसूल किया जा रहा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जी नहीं, नगर परिषद, पचोर द्वारा परिषद संकल्प क्रमांक 68, दिनांक 01.08.2015 से स्वीकृति अनुसार नामांतरण शुल्क एवं निर्माण अनुमति शुल्क लिया जा रहा है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्राम उगली से गोरखपुर मार्ग का मजबूतीकरण
[लोक निर्माण]
27. ( क्र. 429 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले की केवलारी विधानसभा क्षेत्र के विकासखंड केवलारी के ग्राम उगली से गोरखपुर मार्ग 2.00 किलो मीटर के मजबूतीकरण योजनान्तर्गत कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग (भ/स) संभाग क्रमांक-1 सिवनी के पत्र क्रमांक 3206/मे./2022-23 सिवनी दिनांक 2.6.2022 के द्वारा अधीक्षण लोक निर्माण विभाग सिवनी के माध्यम से म.प्र.शासन लोक निर्माण विभाग को कोई प्रस्ताव प्राक्कलन सहित राशि 90.81 लाख का प्रशासकीय स्वीकृति हेतु भेजा गया है? यदि हाँ तो प्राक्कलन की प्रशासकीय स्वीकृति कब तक दी जावेगी? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार प्राक्कलन प्रशासकीय स्वीकृति हेतु लोक निर्माण विभाग म.प्र.शासन के पास लंबित है? कब तक शासन के द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं, प्रश्न ही नहीं उठता। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नगर निगम चुनाव 2022 में वार्ड आरक्षण की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
28. ( क्र. 446 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2022 में नगर निगम के चुनाव में प्रत्येक वर्ग में पार्षद पद हेतु महिला आरक्षण के लिये दिये गये निर्देश की प्रति देवें तथा बतावें कि यदि किसी वर्ग में कुल 17 पार्षद पद है तो महिला हेतु कितने पद आरक्षित किये जावेगें। (ख) वर्ष 2022 के नगर निगम चुनाव में यदि किसी नगर निगम में कुल मिलाकर 49 पार्षद पद है तो सभी केटेगरी (वर्ग) के मिलाकर महिला हेतु कुल कितने पद आरक्षित होना चाहिये। यदि 25 पद महिला हेतु आरक्षित है तो क्या मा. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के विपरीत नहीं है? (ग) वर्ष 2022 के चुनाव में प्रदेश की सभी नगर निगम में पार्षद के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य के पद तथा इन वर्गों में महिला हेतु आरक्षित पद, कुल पद तथा उसमें महिला हेतु आरक्षित कुल पद की संख्या नगर निगम अनुसार बतावें। (घ) सामान्य एवं पिछडे वर्ग के आरक्षण में चक्रानुक्रम से वार्ड संख्या तय करने के बाद महिला के आरक्षण क्या चक्रानुक्रम से तय किये गये या गोटी निकाली गई। इस संबध में जारी निर्देश की प्रति देवें। (ड.) चुनाव के दौरान आचार संहिता का उल्लंघन की कितनी शिकायत प्राप्त हुई नगर निगम अनुसार बतावें तथा बतावें कि रतलाम नगर के चुनाव में प्राप्त शिकायतें तथा उस पर की गई कार्यवाही की जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगरीय निकायों में प्रत्येक वर्ग में पार्षद पद हेतु महिला आरक्षण संबंधी नियम, दिशा-निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वार्डों का आरक्षण नियम 1994 के अनुसार कुल 49 पार्षदों में अधिकतम 25 पद महिला हेतु आरक्षित हो सकते है, क्योंकि आरक्षण की गणना में आधे या आधे से अधिक भाग को एक गिना जाता है। (ग) जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) म.प्र. नगर पालिका (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं महिलाओं के लिए वार्डों का आरक्षण) नियम, 1994 के अनुसार महिला आरक्षण किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ङ) जानकारी संकलित की जा रही है।
प्रस्तावित नवीन बायपास का निर्माण
[लोक निर्माण]
29. ( क्र. 487 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ विधानसभा से निकलने वाले नवीन बायपास के निर्माण के संबंध में भारत सरकार रोड ट्रांसपोर्ट मंत्रालय से क्या कोई पत्राचार म.प्र. सरकार एवं भारत सरकार के मध्य हुआ हैं? यदि हाँ तो प्रश्न दिनांक तक हुए समस्त पत्राचार की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) कंडिका (क) का उत्तर हाँ तो भारत सरकार द्वारा नवीन बायपास की स्वीकृति के संबंध में म.प्र. सरकार से क्या-क्या प्रस्ताव मांगे गये हैं? क्या म.प्र. सरकार ने भारत सरकार को चाहे गये प्रस्ताव उपलब्ध करा दिये गये हैं? यदि हाँ तो प्रस्ताव की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्न कंडिका (क) एवं (ख) के आधार पर नवीन बायपास का प्रस्ताव किस स्तर पर लंबित हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पत्र क्र. 69 दिनांक 08.04.2022 के द्वारा सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा राजगढ़ बायपास की डी.पी.आर. तैयार करवाने बावत निविदा आमंत्रित कर प्राप्त निविदा राशि की वित्तीय मंजूरी भारत सरकार से लेने बावत निर्देश दिए गए है। (ग) डी.पी.आर. तैयार करवाने हेतु कंसल्टेंट नियुक्ति बावत निविदा आमंत्रण की गई है।
लॉ कॉलेज हेतु भवन की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
30. ( क्र. 488 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिला मुख्यालय पर लॉ कॉलेज हैं? यदि हाँ तो किस शिक्षण सत्र में लॉ कॉलेज प्रारंभ हुआ था? लॉ कॉलेज की कक्षाएं किस भवन में संचालित हो रही हैं? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ है तो क्या लॉ कॉलेज स्वयं के भवन में संचालित हो रहा हैं? अथवा अन्य किसी जगह संचालित हो रहा हैं? (ग) प्रश्न की कंडिका (ख) अनुसार यदि लॉ कॉलेज स्वयं के भवन में संचालित नहीं हो रहा हैं तो शासन कब तक राजगढ़ में लॉ कॉलेज का भवन स्वीकृत कर देगा? कृपया समय-सीमा बतायें। नहीं तो क्यों कारण बतायें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। बार कॉउसिंल ऑफ इंडिया के निर्धारित मापदण्ड अनुसार विभागीय पत्र क्रमांक एफ 21-1/2013/38-2 दिनांक 05/08/2013 के द्वारा पदों के सृजन की स्वीकृति प्रदान की गई है। बार कॉउसिंल ऑफ इंडिया से मान्यता प्राप्त नहीं होने के कारण जिला मुख्यालय पर पृथक विधि महाविद्यालय संचालित नहीं है। तथापि शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, राजगढ़ में विधि पाठयक्रम पृथक संकाय के रूप में वर्ष 1972 से संचालित है। महाविद्यालय में विधि संकाय की कक्षाएं वर्तमान में महाविद्यालय भवन एवं शासकीय कन्या महाविद्यालय, राजगढ़ के छात्रावास भवन में संचालित हैं। (ख) शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, राजगढ़ में संचालित विधि संकाय की कक्षाएं वर्तमान में महाविद्यालय भवन एवं शासकीय कन्या महाविद्यालय, राजगढ़ के छात्रावास भवन में संचालित हैं। (ग) कार्यालयीन पत्र क्रमांक 411 दिनांक 17/06/2019, 173 दिनांक 20/02/2020, 621 दिनांक 19/03/2021, 345 दिनांक 06/04/2021 तथा 217 दिनांक 09/03/2022 के द्वारा कलेक्टर, जिला राजगढ़ को भूमि आवंटन हेतु लिखा गया है। भूमि आवंटित नहीं होने के कारण भवन निर्माण की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कोलार पाईप लाइन में जल प्रदाय में बाधा
[नगरीय विकास एवं आवास]
31. ( क्र. 497 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल शहर को पेय जल उपलब्ध कराने वाली कोलार पाइप लाइन में जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक लीकेज, ब्रेक डाउन अथवा पीरियाडिकल मेंटीनेंस के कारण जल आपूर्ति बाधित हुयी? यदि हाँ तो बाधित होने की तिथि, अवधि एवं बाधित अवधि में हुये पानी के नुकसान की मात्रा बताई जाये। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पाइप लाइन की जल प्रदाय क्षमता क्या हैं? क्षमता बताते हुये यह स्पष्ट किया जाये कि प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जल प्रदाय बाधा क्षमता से अधिक प्रदाय किये जाने के कारण हुई हैं? यदि हाँ तो इसके लिये दोषी व्यक्तियों का नाम पद सहित बताया जाये।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जनवरी 2021 से प्रश्न दिनांक तक 1500 एम.एम. की पुरानी लाइन में लीकेज, ब्रेक डाउन अथवा पीरियाडिकल मेंटीनेंस के कारण जल आपूर्ति बाधित होने की तिथि एवं अवधि दिनांक 06.01.2021 (24 घंटे), 29.01.2021 (15 घंटे), 22.03.2021 (15 घंटे), 13.07.2021 (15 घंटे), 25.02.2022 (24 घंटे), 14.05.2022 से 17.05.2022 (72 घंटे) एवं 21.06.2022 (12 घंटे) है। उक्त अवधि में लगभग 400 मिलियन लीटर पानी का अपव्यय हुआ। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पुरानी पाईप लाईन 1500 एम.एम. व्यास की थी एवं इसकी क्षमता 34 एम.जी.डी. (153 एम.एल.डी.) थी। दिनांक 18.05.2022 से नवीन पाइप लाइन के माध्यम से जल प्रदाय किया जा रहा है। उक्त पाइप लाइन 1650 एम.एम.व्यास की है एवं इसकी क्षमता 46 एम.जी.डी. (207 एम.एल.डी.) है। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बी.एच.ई.एल. क्षेत्र में सड़कों को निर्माण
[लोक निर्माण]
32. ( क्र. 498 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माह अक्टूबर, नवम्बर 2021 में लोक निर्माण विभाग द्वारा बी.एच.ई.एल. क्षेत्र के किन-किन सड़कों का निर्माण मेंटेनेंस एवं सुधार किया गया उनकी स्थान, लम्बाई, कार्य का विवरण एवं उस पर हुये व्यय की जानकारी पृथक-पृथक दी जाये। (ख) क्या बी.एच.ई.एल. क्षेत्र की अन्य सड़के जो प्रश्नांश (क) से अलग है उनके निर्माण मेंटेनेंस एवं सुधार की कोई योजना या प्रस्ताव राज्य शासन के अधीन लंबित हैं? यदि हाँ तो विवरण दिया जाये। (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित सड़कों के मेंटेनेंस निर्माण एवं सुधार के लिये राज्य शासन द्वारा बी.एच.ई.एल. प्रबंधन को कब-कब पत्र लिखा गया हैं? पत्र की प्रतिलिपि उपलब्ध कराई जाये।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) कोई पत्र नहीं लिया गया। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बाग ब्लॉक के अखाड़ा ग्रीड की स्वीकृति हेतु
[ऊर्जा]
33. ( क्र. 529 ) श्री उमंग सिंघार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा सत्र दिसम्बर, 2021 में मेरे द्वारा प्रश्न क्रमांक - 769 के माध्यम से बिन्दु क्रमांक (क), (ख) में बाग ब्लॉक के अखाड़ा में नवीन 132/33 विद्युत ग्रीड स्वीकृत किये जाने प्रश्न पूछा गया था? (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार यदि हाँ तो उक्त प्रश्न के उत्तर दिनांक 23/12/2021 में बताया गया है कि ग्राम अखाड़ा में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का प्रस्ताव तकनीकी रूप से साध्य पाया गया है। उक्त कार्य को केन्द्र शासन पोषित आर.डी.एस.एस. योजना में सम्मिलित कर लिया गया है। उक्त योजना की स्वीकृति उपरांत वित्तीय उपलब्धता अनुसार इस कार्य को स्वीकृत किया जा सकेगा? जिस हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उक्त कार्य तकनीकी रूप से साध्य पाये जाने के बाद भी शासन द्वारा उक्त कार्य प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत नहीं किया गया है? उक्त कार्य को सरकार द्वारा स्वीकृत किया जायेगा या नहीं? यदि स्वीकृत किया जायेगा कब तक एवं निविदा प्रक्रिया कब तक कर दी जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा विधानसभा सत्र दिसंबर 2021 के तारांकित प्रश्न क्रमांक 769 दिनांक 23.12.2021 के प्रश्नांश (क) एवं (ख) में धार जिले की गंधवानी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम बाग में नवीन 132/33 के.व्ही. अति उच्चदाब विद्युत उपकेंद्र (रामपुरा-आगर) एवं ग्राम अखाड़ा में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्र स्थापित किये जाने के संबंध में प्रश्न पूछा गया था। (ख) जी हाँ। (ग) धार जिले के गंधवानी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम अखाड़ा में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेंद्र की स्थापना का कार्य तकनीकी रूप से साध्य पाया गया है। उक्त कार्य को रिवेम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आर.डी.एस.एस.) में सम्मिलित किया गया है तथा योजना अंतर्गत सम्मिलित कार्यों की स्वीकृति केन्द्र शासन से प्राप्त हो चुकी है। योजनांतर्गत स्वीकृत कार्यों के क्रियान्वयन हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
नगर परिषद बरेली में नर्मदा जल प्रदाय योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
34. ( क्र. 559 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद बरेली के अंतर्गत नगर बरेली में नर्मदा जल प्रदाय करने हेतु कोई योजना संचालित है? (ख) यदि हाँ तो कब तक जल उपलब्ध हो सकेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में जल प्रदाय में देरी के क्या कारण है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजनान्तर्गत नर्मदा नदी से जलप्रदाय करने की योजना का कार्य प्रगतिरत है। (ख) योजना का कार्य प्रगतिरत है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) योजना के अन्तर्गत प्रस्तावित तीन उच्च स्तरीय पानी की टंकियों में से एक टंकी के लिए स्थल उपलब्ध नहीं होने से एक टंकी का निर्माण कार्य नहीं हो सका है। इसके अतिरिक्त जल शोधन संयंत्र एवं इन्टेकवेल ग्राम बगवाड़ा में हाईटेन्शन लाईन डालने का कार्य ग्रामीणों द्वारा बाधित करने से विद्युत लाईन डालने में विलंब हुआ है। वर्तमान में विद्युत लाईन डाली जा चुकी है, जिसे चार्ज किए जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
आवासहीनों के लिये आवास व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
35. ( क्र. 560 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद बरेली एवं उदयपुरा के अंतर्गत सड़क किनारे अस्थायी आवास बनाकर निवास करने वाले आवासहीन लोगों को प्रधानमंत्री आवास हेतु शासकीय भूमि प्रदान करने की कोई योजना है? (ख) यदि हाँ तो इस हेतु क्या-क्या कार्यवाही प्रचलन में है? (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में कब तक इन्हें स्थायी आवास आवंटित किये जायेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) रायसेन जिले की नगर परिषद बरेली एवं नगर परिषद उदयपुरा में अस्थाई आवास बनाकर घुमक्कड़ परिवार के लोग शासकीय भूमि पर निवासरत है। सर्वे कार्य किया गया है। मध्यप्रदेश पट्टाधृति अधिनियम 1984 के प्रावधानों के अनुसार पात्रता होने पर भूमिहीन/आवासहीन परिवारों को भूमि/भूखंड का लाभ मिल सकेगा। (ख) रायसेन जिले की नगर परिषद बरेली एवं नगर परिषद उदयपुरा में सड़क किनारे अस्थाई आवास बनाकर निवासरत आवासहीन लोगों का सर्वे किया गया है, जिसमें नगर परिषद बरेली में 07 एवं नगर परिषद उयदपुरा में 209 परिवार चिन्हित किये गये है। (ग) उत्तरांश- ''क'' के अनुक्रम में पात्र परिवारों को भूमि/भूखंड आवंटित होने पर तत्समय प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के प्रावधानों तथा दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
दोषी कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
36. ( क्र. 574 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय कर्म. गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित, तलैनी, सारंगपुर राजगढ़ के सम्बंध में अतारांकित प्र.क्र.-1776, दिनांक 11.03.2022 के तहत तथा मुख्यमंत्री मेनिट के पत्र क्रमांक - 2373 दिनांक 13.06.2022 तथा संस्था के सदस्यों के अभ्यावेदन क्रमांक 1 से 5 तक बिन्दुवार जांच करवाई गई थी, दोनों जांच में बनाये गये पंचनामा तथा जांच रिपोर्ट से अवगत कराया जायेगा? (ख) समिति के अभ्यावेदन के बिन्दुओं की जांच करवाकर तलेनी सड़क मार्ग से अतिक्रमण हटाने, टी.एण्ड.सी.पी. स्वीकृत नक्शे के अनुसार कॉलोनी का सीमाकंन करवाने तथा आवासीय पट्टे, जिसमें क्षेत्रफल, चतु: सीमा, क्र. दिनांक का कोई उल्लेख नहीं होने पर नगर परिषद सारंगपुर द्वारा किया गया दाखिल निरस्त किया जाएगा? नगर परिषद सारंगपुर द्वारा अपात्र लोगों को प्रधानमंत्री आवास आवंटित करने पर दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी तथा प्रधानमंत्री आवास का आवंटन निरस्त किया जावेगा? (ग) अभ्यावेदन के अनुसार जांच करवाने तथा टी.एण्ड.सी.पी. के स्वीकृत नक्शे के अनुसार सीमाकंन करने तथा तलेनी की सड़क से अतिक्रमण, हटाने, कॉलोनी के बंद पड़े मार्ग को खोला जायेगा तथ पुन: निष्पक्ष जांच करवाई जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1776, प्रधानमंत्री आवास योजना एवं अतिक्रमण से संबंधित है तथा मुख्यमंत्री मॉनिट के पत्र क्रमांक 2373 दिनांक 13/06/2022 विभाग को प्राप्त नहीं। शासकीय कर्म. गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित तलैनी, सारंगपुर, राजगढ़ के संबंध में संस्था के सदस्यों के अभ्यावेदन के बिंदु क्रमांक 01 से 05 के संबंध में जांच कराई जा रही है, जांच उपरांत आगामी कार्यवाही की जावेगी। (ख) तहसीलदार सारंगपुर द्वारा सीमांकन कराया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट अनुसार है। उत्तरांश ''क'' अनुसार जांच उपरांत आगामी कार्यवाही की जावेगी। आवासीय पट्टा वर्ष 2015 से पूर्व पंचायत के रिकार्ड पंजी में दर्ज है। 2015 के पश्चात पंचायतों का न.पा. में संविलियन होने पर निकाय द्वारा शासन नियमानुसार पट्टे के आधार पर प्रधानमंत्री आवास का लाभ दिया गया। (ग) उत्तरांश ''क'' एवं ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में जांच रिपोर्ट अनुसार आगामी कार्यवाही की जावेगी।
प्रधानमंत्री आवास आवंटन में अनियमितताओं की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
37. ( क्र. 575 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास (शहरी) योजनान्तर्गत आवास स्वीकृत करने के क्या नियम हैं? योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक किन-किन हितग्राहियों को सारंगपुर जिला-राजगढ़ में आवास योजना का लाभ दिया गया? हितग्राहियों का नाम, भवन/भूखण्ड/पट्टा/प्लॉट क्रमांक यदि रजिस्ट्री की गई हो तो रजिस्ट्री क्रमांक/दिनांक एवं नोटरी की गई हो तो नोटरी का क्रमांक/दिनांक की जानकारी से अवगत कराया जायेगा? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार हितग्राहियों के भवन/भूखण्ड/पट्टा/प्लॉट का स्वामित्व नहीं होने एवं अपात्र होने पर भी योजना का लाभ दिया गया है? यदि हाँ तो हितग्राही का नाम, वार्ड क्रमांक एवं राशि की जानकारी से अवगत कराया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार हितग्राहियों के पास एक ही भवन, भूखण्ड, पट्टा, प्लॉट की रजिस्ट्री अथवा नोटरी के आधार पर किन-किन हितग्राहियों को आवास योजना का लाभ दिया गया है। हितग्राही का नाम, भवन, भूखण्ड, पट्टा, प्लॉट क्रमांक यदि रजिस्ट्री हो तो रजिस्ट्री का क्रमांक, दिनांक की जानकारी से अवगत करावें? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार विभागीय अधिकारियों द्वारा कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर हितग्राहियों को अनैतिक रूप से लाभ देने पर प्रश्न (क), (ख), (घ) तक की उच्च स्तरीय जांच कराई जाकर दोषियों के विरूद्ध कब तक अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत आवास स्वीकृत करने के नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ख) जांच उपरांत स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। (ग) एवं (घ) की जानकारी उत्तरांश ''ख'' अनुसार।
कार्यालय भवन का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
38. ( क्र. 590 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के सामान्य प्रशासन विभाग के अधीन शासकीय, अर्द्ध शासकीय, निगम, मण्डल, बोर्ड आदि के कितने कार्यालय भवन हैं। (ख) क्या म.प्र. के समस्त शासकीय, अर्द्ध शासकीय, निगम, मण्डल, बोर्ड आदि के कार्यालयों में आगजनी की घटना को रोकने हेतु स्वचलित अग्निशामक यंत्र लगाये गये हैं। यदि हाँ तो सूची उपलब्ध करायें एवं यदि नहीं तो इस हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं एवं कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे। (ग) क्या इन सभी कार्यालयों में शुद्ध बैक्टिरिया रहित ट्रिटेड पीने के पानी की व्यवस्था की गई है। यदि हाँ तो सूची उपलब्ध करायें एवं यदि नहीं तो इस हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं एवं कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे। (घ) क्या इन सभी कार्यालयों के भवनों की सुरक्षा हेतु नियमित एवं आऊटसोर्स पर कितने सुरक्षाकर्मी कार्यरत हैं। सूची उपलब्ध करायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
फ्लाइ-ओवर रोड एवं डस्ट-फ्री रोड निर्माण
[लोक निर्माण]
39. ( क्र. 623 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर संभाग में वर्ष 2019-20, 2020-21, 2021-22, 2022-23 में (उत्तर दिनांक तक) किस-किस जिले में कितने फ्लाइ-ओवर रोड एवं डस्ट-फ्री रोड स्वीकृत हुये? प्रत्येक कार्य हेतु कितनी राशि स्वीकृत हुई? एवं कितना व्यय हुआ? कार्य की वर्तमान स्थिति क्या है? जिलेवार पूर्ण जानकारी देवे? (ख) क्या ग्वालियर जिले में वर्ष 2019-20, 2020-21, 2021-22, 2022-23 (उत्तर दिनांक तक) में फ्लाइ-ओवर रोड एवं डस्ट-फ्री रोड स्वीकृत हुये है? यदि हां? तो कौन-कौन से एवं स्वीकृति दिनांक? क्या कार्य स्वीकृति उपरांत राशि स्वीकृत हुई है या नहीं? यदि हां? तो प्रत्येक कार्य हेतु कितनी राशि स्वीकृत हुई? एवं कितनी राशि व्यय हुई? उसकी निर्माण एजेंसी कौन है? कार्य की वर्तमान स्थिति क्या है? अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जायेंगे? पूर्ण जानकारी देवे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
रिंग रोड का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
40. ( क्र. 686 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला विदिशा के नगरीय क्षेत्र गंज बसौदा अन्तर्गत रिंग रोड स्वीकृत है? यदि हाँ तो यह किस योजना अन्तर्गत कितनी दूरी का, कितनी लागत का स्वीकृत है? (ख) क्या इस रिंग रोड का निर्माण कार्य प्रारम्भ हो चुका है, यदि हाँ तो निर्माण एजेन्सी का नाम बतायें, तथा एजेन्सी को वर्तमान में कितने किलोमीटर एवं कितने बजट का कार्य करने का आदेश दिया गया है। (ग) वर्तमान में इस रिंग रोड निर्माण की स्थिति क्या है? तथा निर्माण पूर्ण अवधि क्या है, क्या यह निर्माण कार्य निश्चित निर्माण अवधि में पूर्ण हो जायेगा यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
24 घण्टे विद्युतविहीन मजरे टोले
[ऊर्जा]
41. ( क्र. 750 ) श्री उमंग सिंघार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही हैं कि धार जिले की गंधवानी विधानसभा क्षेत्र में कई राजस्व ग्रामों के अंतर्गत आने वाले चिन्हित मजरे/फालिये 24 घण्टे विद्युत प्रदाय से वंचित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ तो गंधवानी विधानसभा क्षेत्र में किन-किन राजस्व ग्रामों के अंतर्गत आने वाले चिन्हित मजरे/फलियों में 24 घण्टें विद्युत प्रदाय नहीं किया जा रहा हे कि विद्युत वितरण केन्द्रवार संख्यात्मक जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ तो गंधवानी विधानसभा क्षेत्र में 24 घंटे विद्युत विहीन चिन्हित मजरे/फलियों में 24 घंटे बिजली देने का प्रावधान है? यदि हाँ तो शेष विद्युत विहीन चिन्हित मजरे/फलियों में 24 घंटे विद्युत दी जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? समय-सीमा बतावें एवं यदि नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, धार जिले के गंधवानी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 18 राजस्व ग्रामों के चिन्हित 54 मजरों/फालियों को वर्तमान में कृषि फीडरों के माध्यम से 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ख) प्रश्नाधीन चाही गई मजरे/फालिये/ग्राम/वितरण केन्द्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन 54 मजरे/फालिये आबादी क्षेत्र से दूर खेतों में बसे हुये हैं, जिन्हे सौभाग्य योजना में विद्युतीकृत किये जाने का प्रावधान नहीं था। तथापि इन मजरों/फालियों को वर्तमान में निकटस्थ विद्यमान कृषि फीडरों के माध्यम से 10 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। वर्तमान में विद्युतीकरण/सघन विद्युतीकरण हेतु कोई योजना प्रचलन में नहीं है। भविष्य में विद्युतीकरण/सघन विद्युतीकरण की कोई योजना उपलब्ध होने पर, योजना के प्रावधानों के अंतर्गत उक्त 54 मजरों/फालियों में तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता के अनुरूप 24 घण्टे विद्युत प्रदाय किये जाने हेतु विद्युत अद्योसंरचना का कार्य किया जा सकेगा। अत: वर्तमान में समय-सीमा बता पाना संभव नहीं है।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को पुन: सेवा में लिये जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
42. ( क्र. 765 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर की यचिका WP777/2000 एवं WP842/2000 के संयुक्त आदेश दिनांक 09/03/2000 की कंडिका 06, म.प्र. शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के आदेश दिनांक F-04-08/2000/18-1, दिनांक 03/04/2000 अनुसार आयुक्त नगर निगम भोपाल के पद गठन के प्रस्तावों पर अब तक क्या कार्यवाही की गई हैं? यदि नहीं तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1282 उत्तर दिनांक 19/11/2000 को दिये गए जवाब में प्राप्त प्रस्ताव परीक्षणाधीन हैं बताया गया था इसी तरह प्रश्न क्रमांक 1280 उत्तर दिनांक 23/12/2021 के जवाब में कार्यवाही प्रचलन में हैं बताया गया था। क्या इस संबंध में विभाग द्वारा कोई समय-सीमा तय की जाएगी? यदि नहीं तो क्यों। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2000 में निकाले गए दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को पुन: सेवा में कब तक लिया जाएगा? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) माननीय उच्च न्यायालय द्वारा आदेश पारित करने के पश्चात् नगर पालिक निगम, भोपाल द्वारा समय-समय पर सहायक ग्रेड-03, भृत्य/चौकीदार एवं सफाई संरक्षक के पदों के गठन की स्वीकृति हेतु शासन को प्रेषित किये गये है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) नगर पालिक निगम, भोपाल में म.प्र. उच्च न्यायालय की याचिका क्रमांक 777/2000 एवं 842/2000 अनुसार वर्ष 1999 तक के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को सेवा में यथावत रखा गया था। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुशासनात्मक कार्यवाही की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
43. ( क्र. 789 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद सारंगपुर जिला राजगढ़ के अन्तर्गत कितनी दुकानों का निर्माण कर आवंटित की गई। दुकान निर्माण करने का स्थान, सर्वे नं. रकबा तथा निर्माण हेतु सक्षम अधिकारी द्वारा भूमि आवंटित करने के आदेश की प्रति से अगवत करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार निर्मित दुकानों को क्रय करने हेतु नगर पालिका सारंगपुर द्वारा कब विज्ञप्ति जारी की गई तथा दुकानों का आवंटन किन-किन व्यक्तियों से कितनी राशि जमा कराई गई तथा दुकान आवंटित करने वाले का नाम, आवंटन की दिनांक, जमा राशि तथा अनुबंध की जानकारी से अवगत करावें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या परिषद सारंगपुर द्वारा सक्षम अधिकारी की बिना अनुमति एवं बिना भूमि अलॉटमेंट के ही चरनोई की भूमि पर दुकान का निर्माण कराया गया तथा हितग्राहियों को दुकानों का आवंटन किया गया है? यदि हाँ तो राजस्व विभाग को कितनी राशि की हानि हुई तथा जिम्मेदार अधिकारी के विरूद्ध शासन द्वारा कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार क्या न्यायालय तहसीलदार परगना सारंगपुर के द्वारा पत्र क्रमांक - 243-44 दिनांक 23.01.2020 के द्वारा शास. चरनोई भूमि सर्वे नं. 828/1/2/3 रकबा 0.187 हेक्टेयर पर अवैध दुकान निर्माण करने पर मुख्य नगर पालिक अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने हेतु पत्र प्रेषित किया गया था, पात्रतानुसार क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
ब्याज या शास्ति एवं प्रतिकर की वसूली
[नगरीय विकास एवं आवास]
44. ( क्र. 792 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भू-सम्पदा (विनियमन और विकास) अधिनियम 2016 की धारा 40 में क्या-क्या प्रावधान दिया गया हैं इसके तहत किस प्रोजेक्ट से संबंधित प्रश्नांकित दिनांक तक किस-किस के विरूद्ध ब्याज, प्रतिकर या शास्ति का आदेश किसके द्वारा किया गया। (ख) अधिरोपित ब्याज, प्रतिकर एवं शास्ति की वसूली कर पीडि़त को उसका भुगतान कितने दिनों में किए जाने के संबंध में रेरा में वर्तमान में क्या प्रक्रिया निर्धारित हैं उसके अनुसार गत दो वर्षों में कितने पीडि़तों को कितनी राशि का भुगतान सुनिश्चित किया गया है। (ग) रेरा पूर्व में किए गए आदेशों का पालन करवाकर कब तक पीडि़तों को भुगतान करवाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भू-संपदा (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 की धारा-40 के अंतर्गत ब्याज, शास्ति, प्रतिकर की वसूली प्रक्रिया तथा आदेशों की क्रियान्वयन की प्रक्रिया का उल्लेख है। धारा-40 के अंतर्गत ब्याज, प्रतिकर एवं शास्ति अधिरोपित करने का प्रावधान नहीं है। (ख) अधिरोपित किये गये ब्याज, प्रतिकर एवं शास्ति की वसूली हेतु अधिनियम की धारा-40 के अंतर्गत रेवेन्यु रिकवरी सर्टिफिकेट जारी किया जाकर म.प्र. भू-सम्पदा (विनियमन और विकास) नियम 2017 के नियम 27 एवं 28 के अंतर्गत संबंधित जिले के कलेक्टर को भेजा जाता है। विगत 2 वर्षों में लगभग 77 पीड़ितों को राशि रूपये 5,20,46,654/- का भुगतान किया गया है। (ग) संबंधित जिला कलेक्टर्स को शीघ्र कार्यवाही हेतु शासन स्तर से निर्देश दिये गये है यह सतत् चलने वाली प्रक्रिया है अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मोबाईल टिकटिंग टेक्नोलॉजी हेतु जारी निविदा
[नगरीय विकास एवं आवास]
45. ( क्र. 798 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मोबाईल टिकटिंग टेक्नोलॉजी के लिए भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (B.C.L.L) द्वारा जारी निविदा क्रमांक 78 में कितनी कंपनियों ने भाग लिया था? किस कंपनी को किन शर्तों पर काम दिया गया? क्या निविदा स्वीकृत करने की कार्यवाही भंडार द्वारा नियमों के पालन में की गई थी? जानकारी देवें। (ख) किन शर्तों पर निविदा क्रमांक 78 में कार्य का अनुंबंध किया गया था? यदि स्वीकृत निविदाकार ने शर्तों का पालन नहीं किया तो B.C.L.L. द्वारा प्रश्न दिनांक तक फर्म के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (ग) B.C.L.L. में किस अनुंबंध के या निविदा के तहत बी.सी.एल.एल. (चलो एप) नामक एप्लीकेशन तैयार कराई गई? कंपनी (फर्म) किस-किस शहर में इस एप्लीकेशन का उपयोग कर सकती थी? अनुबंध की शर्तें बताई जावें। (घ) निविदाकार द्वारा B.C.L.L में 1 नवम्बर, 2018 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन मद में और कितना पैसा जमा किया? कंपनी द्वारा कितने पास 1 नवम्बर, 2018 से प्रश्न दिनांक तक जारी किए गए है? दिनवार, माहवार, पासेस का पूर्ण विवरण दिया जाए।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ताप, जल, वायु विद्युत गृहों की उत्पादन क्षमता
[ऊर्जा]
46. ( क्र. 831 ) श्री राकेश मावई [श्री हर्ष यादव, श्री विनय सक्सेना, श्री प्रताप ग्रेवाल] : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी की ताप, जल, वायु एवं अन्य कितनी-कितनी मेगावाट उत्पादन क्षमता है? सभी का वितरण, स्थापित स्थान एवं इकाईवार क्षमता की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार मध्यप्रदेश सरकार की प्रॉयवेट कंपनियों से कितनी सहभागिता है? राज्य के भीतर एवं राज्य के बाहर ताप, जल, वायु एवं अन्य मेगावाट क्षमता कितनी-कितनी है? इकाईवार क्षमता का विवरण देवें। इन सभी इकाइयों से कितनी-कितनी मेगावाट बिजली का हिस्सा मध्यप्रदेश सरकार को प्राप्त होता है? इकाईवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार केन्द्र सरकार से कितनी मेगावाट आवंटित कोटा है एवं कितना मध्यप्रदेश सरकार को प्राप्त हो रहा है? राज्य एवं अन्य राज्यों में स्थापित ताप, जल, वायु एवं अन्य प्रकार के विद्युत गृह कहां-कहां पर स्थापित हैं? इन सभी की कितने मेगावाट उत्पादन की क्षमता है? तथा कितने मेगावाट बिजली मध्यप्रदेश को प्राप्त हो रही है? इकाईवार जानकारी देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) वर्तमान में म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी की ताप विद्युत उत्पादन क्षमता 5400 मेगावाट एवं जल, विद्युत उत्पादन क्षमता 915 मेगावाट है। म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी में वायु एवं अन्य कोई स्त्रोत से विद्युत उत्पादन नहीं होता है। ताप एवं जल विद्युत गृहों की उत्पादन क्षमता का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) एवं (ग) राज्य के भीतर एवं राज्य के बाहर स्थापित (केन्द्रीय विद्युत इकाइयों सहित) ताप, जल, वायु एवं अन्य विद्युत इकाइयों के स्थान, क्षमता व राज्य को आवंटित कोटा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, ब, स, प्रपत्र 'द-1', 'द-2, 'द-3' एवं 'द-4' अनुसार है। वर्तमान में केन्द्रीय उत्पादन इकाइयों से 4638.21 मेगावाट ताप विद्युत का कोटा आवंटित है एवं आवंटन अनुसार यह विद्युत प्राप्त हो रही है।
चम्बल/अटल एक्सप्रेस-वे का निर्माण
[लोक निर्माण]
47. ( क्र. 834 ) श्री राकेश मावई : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय नई दिल्ली से अटल/चंबल एक्सप्रेस-वे निर्माण हेतु कितनी-कितनी राशि की प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति कब जारी की गई? इसकी मूल योजना क्या है? इस एक्सप्रेस-वे की लंबाई कितने किलोमीटर है एवं चौड़ाई कितनी रखी गई है? इस एक्सप्रेस-वे से औद्योगिक क्षेत्र को जोड़ने की क्या योजना है? इसके निर्माण की प्रस्तावित लागत एवं अवधि क्या है? प्रशासकीय स्वीकृति सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रदेश सरकार में चंबल अटल एक्सप्रेस-वे के निर्माण हेतु भूमि अधिग्रहण करने तथा इसमें बाधक अवरोधों, अतिक्रमण आदि को हटाने हेतु क्या कार्ययोजना बनाई है? इसकी निर्माण एजेंसी किसे बनाया गया है? एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ कराया जायेगा? संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय, नई दिल्ली से प्रश्न दिनांक तक चंबल/अटल एक्सप्रेस-वे के भूमि अधिग्रहण एवं निर्माण हेतु कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई? मुरैना जिले के कितने किसानों को प्रश्न दिनांक तक भूमि अधिग्रहण के लिए कितनी-कितनी राशि का वितरण किया जा चुका है? किसानों के नाम एवं ग्राम सहित राशि की जानकारी देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर अनुसार भारतमाला परियोजना के अंतर्गत प्रस्तावित अटल प्रोग्रेस-वे का डी.पी.आर. कार्य प्रगति पर है। परियोजना के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा भारतमाला परियोजना के अंतर्गत जोड़ा गया है, जिसकी कुल लंबाई 407 कि.मी. में प्रस्तावित है, का संरेखण उ.प्र., राजस्थान व म.प्र. से होकर गुजरता है, जिसकी चौड़ाई 100 मीटर म.प्र. राज्य में तथा 60 मीटर राजस्थान/उ.प्र. में प्रस्तावित है। वर्तमान में परियोजना का डी.पी.आर. कार्य भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा नियुक्त कंसलटेंट मेसर्स एल.एन. मालवीय प्रो. प्रा. सह-सहयोगी पायोनियर इन्फ्रा कंसलटेंट प्रा.लि. द्वारा किया जा रहा है। डी.पी.आर. कार्य के पूर्ण होने के उपरांत आवश्यक स्वीकृति हेतु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण मुख्यालय एवं भारत सरकार को प्रस्ताव प्रेषित किया जावेगा। (ख) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर अनुसार अटल प्रोग्रेस-वे के निर्माण हेतु निजी भूमि के अधिग्रहण एन.एच.एक्ट 1956 की धाराओं के अनुसार अन्यथा दोगुनी मूल्य की समतुल्य भूमि राज्य शासन के द्वारा उपलब्ध कराई जावेगी, दोनों ही प्रावधानों के अनुसार प्रचलित है। डी.पी.आर. कार्य के पूर्ण होने के उपरांत ही निर्माण एजेंसी के लिये निविदा आमंत्रित की जा सकेगी। (ग) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर अनुसार अटल प्रोग्रेस-वे के निर्माण हेतु मुरैना जिले में निजी भूमि का अधिग्रहण जमीन के बदले जमीन एवं एन.एच.एक्ट 1956 की धाराओं के अनुसार अधिग्रहण दोनों प्रावधानों के अनुसार प्रचलित है। एन.एच.एक्ट 1956 की धारा 3ए का प्रकाशन 06-04-2022 को हो चुका है एवं किसानों के नाम एवं मुआवजा राशि की जानकारी एन.एच.एक्ट 1956 की धारा 3डी व 3जी की कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत ही सक्षम प्राधिकारी से प्राप्त आदेशों के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है।
प्रदूषण को रोकने हेतु वृक्षारोपण अभियान
[पर्यावरण]
48. ( क्र. 837 ) कुँवर
रविन्द्र
सिंह तोमर
भिड़ौसा : क्या
नवीन एवं
नवकरणीय
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) चम्बल
संभाग एवं
ग्वालियर
संभाग में
काफी बड़ी
संख्या में
उद्योग होने
से निकलने
वाले धुएं से
काफी प्रदूषण
फैल रहा है।
इस प्रदूषण की
रोकथाम हेतु
क्या इस क्षेत्र
में
वृक्षारोपण
किए जाने
संबंधी में कोई
कार्य योजना
शासन द्वारा
तैयार की गई
है? (ख) यदि
हाँ तो
वृक्षारोपण
अभियान
प्रारंभ करने हेतु
शासन द्वारा
कब तक
कार्यवाही कर
ली जाएगी? (ग) क्या
विधानसभा
क्षेत्र में
वृक्षारोपण
अभियान के
दौरान
प्रश्नकर्ता
को प्रतिनिधि
के रूप में
शामिल किया
जाएगा।
नवीन
एवं नवकरणीय
ऊर्जा मंत्री
( श्री हरदीप सिंह
डंग ) : (क) जी नहीं।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख)
एवं (ग) उत्तरांश
''क'' के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
फीडर सेपरेशन योजना
[ऊर्जा]
49. ( क्र. 876 ) श्री
प्रदीप
अमृतलाल
जायसवाल
(गुड्डा) : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
प्रदेश में
वर्ष 2010-15
में फीडर
सेपरेशन
योजना
संचालित की गई
थी? इस
योजना का क्या
उद्देश्य था
एवं इसके
अंतर्गत बालाघाट
जिले में क्या-क्या
कार्य एवं
कितनी-कितनी
राशि का
प्रावधान किया
गया था? (ख) बालाघाट
जिले में फीडर
सेपरेशन
योजना का संचालन
कब से कब तक
किया गया? योजना
के अंतर्गत
जिले में क्या-क्या
कार्य किये
गये एवं कितनी
राशि व्यय की
गई? कौन-कौन
से प्रमुख
नवीन उपकरण स्थापित
किये गये
उपकरणों की
आपूर्ति किस
एजेंसी के
द्वारा की गई? एजेंसी
को कितनी लागत
राशि का ठेका
दिया गया? उक्त
कार्य किस
एजेंसी के
द्वारा कराये
गए? (ग) क्या
यह सही है कि
बालाघाट जिले
में फीडर
सेपरेशन
योजना के
अंतर्गत
कार्य करने
वाले कई ठेकेदारों
के भुगतान अभी
तक लंबित हैं? यदि
हाँ तो
कौन-कौन से
ठेकेदार
द्वारा कार्य
इस योजना
अंतर्गत किया
गया था? किस-किस
ठेकेदार को
कितना-कितना भुगतान
कर दिया गया
हैं एवं
किस-किस
ठेकेदार का
कितना-कितना
भुगतान लंबित
हैं? लंबित
भुगतान के
लिये कौन जिम्मेदार
हैं एवं समुचित
भुगतान की
कार्यवाही कब
तक कर दी
जावेगी?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
प्रद्युम्न
सिंह तोमर ) : (क) जी
हाँ। फीडर
सेपरेशन
योजना का
उद्देश्य 11 के.व्ही.
मिश्रित
फीडरों को 11 के.व्ही.
घरेलू एवं 11 के.व्ही.
कृषि फीडरों
में विभक्त
किया जाना एवं
गैर-कृषि
घरेलू फीडरों
में औसतन
प्रतिदिन 24 घंटे
तथा कृषि
फीडरों में
औसतन
प्रतिदिन 10 घंटे
विद्युत
आपूर्ति किया
जाना था।
बालाघाट जिले
में फीडर
सेपरेशन
योजनांतर्गत
मुख्यत: 11 के.व्ही.
बे का निर्माण, 11 के.व्ही.लाईनों
का निर्माण, 25 के.व्ही.ए.
क्षमता के
नवीन वितरण
ट्रांसफार्मरों
की स्थापना, केबिलीकरण
एवं मीटर स्थापना
के कार्य किये
जाने हेतु
राशि रू. 64.34 करोड़ का
प्रावधान
आर.ई.सी.
द्वारा स्वीकृत
ऋण के माध्यम
से किया गया
था। (ख) बालाघाट
जिले में फीडर
सेपरेशन
योजना के तहत कार्यों
का क्रियान्वयन
वर्ष 2010
से वर्ष 2016 तक किया
गया। फीडर
सेपरेशन
योजनांतर्गत
मुख्यत: 28 नग 11 के.व्ही.
बे का निर्माण, 943 कि.मी. 11 के.व्ही.
लाईनों का
निर्माण, 25 के.व्ही.ए.
क्षमता के 1054 नग
नवीन वितरण
ट्रांसफार्मरों
की स्थापना, 793 कि.मी.
केबिलीकरण
एवं 19,437 नग
मीटरों की स्थापना
के कार्य किये
गये हैं।
प्रश्नाधीन
जिले में फीडर
सेपरेशन
योजनांतर्गत
रूपये 50.46
करोड़ की राशि
व्यय की गई।
प्रमुख नवीन
उपकरणों में 25 के.व्ही.ए.
क्षमता के
नवीन वितरण
ट्रांसफार्मरों
एवं मीटरों को
स्थापित
किया गया।
योजनान्तर्गत
प्रश्नाधीन
क्षेत्र हेतु
मेसर्स रामकी
इंफ्रास्ट्रक्चर
लिमिटेड, हैदराबाद
को सामग्री
आपूर्ति तथा
निर्माण कार्य
हेतु रूपये 58.63 करोड़
राशि का
टर्न-की
अवार्ड जारी
किया गया था। (ग) जी
नहीं।
बालाघाट जिले
में फीडर
सेपरेशन योजनांतर्गत
मेसर्स रामकी
इंफ्रास्ट्रक्चर
लिमिटेड, हैदराबाद
को टर्न-की
अवार्ड जारी
किया गया था।
योजनान्तर्गत
उक्त
ठेकेदार
एजेंसी
द्वारा
बालाघाट जिले
में किये गए
कार्यों के
विरूद्ध
लिक्विडेटेड
डैमेजस, मोबलाइजेशन
तथा मटेरियल
एडवांस पर ब्याज
की कटौती, पी.एम.सी.
चार्जेस की
कटौती एवं
टी.डी.एस.
कटौती करने के
पश्चात राशि
रूपये 38.11
करोड़ का
भुगतान किया
गया है। म.प्र.
पूर्व क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
स्तर पर
ठेकेदार
एजेंसी का कोई
भी देयक
भुगतान हेतु
लंबित नहीं
है। अत: शेष
प्रश्न नहीं
उठता।
नगरीय क्षेत्र में विकास कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
50. ( क्र. 896 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर के शहर नौगॉव के मध्य से निकला गंदा नाला (ढोडिया) के सौन्दर्यीकरण का कार्य की क्या स्थिति हैं? (ख) पिपरी वार्ड क्र.01 नौगांव की शिव कॉलोनी से शान्तिधाम तक सी.सी. रोड पूर्ण क्यों नहीं किया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जिला छतरपुर के शहर नौगॉव के मध्य गंदा नाला (ढोडिया) के सौन्दर्यीकरण का कार्य लगभग 40 प्रतिशत पूर्ण किया जाकर कार्य प्रगति पर है। (ख) पिपरी वार्ड क्रमांक 01 में कॉलोनी से शांतिधाम तक सी.सी. रोड का कार्य पूर्ण हो चुका है।
नवीन महाविद्यालय की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
51. ( क्र. 919 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 05 सुमावली में कस्बा सुमावली के लिए शासन से विगत कई वर्षों से शासकीय महाविद्यालय की मांग की जा रही है लेकिन अभी तक स्वीकृति नहीं मिली। क्यों? (ख) सुमावली कस्बे से जौरा, मुरैना व ग्वालियर शहर की दूरी लगभग 20-30 कि.मी. दूर है जिससे कस्बे के छात्र छात्राओं को आवागमन में कई परेशानियों का सामना करना पडता है? छात्र छात्राओं की सुविधा हेतु शासन क्या योजना बना रहा है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) नवीन महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने संबंधी निर्धारित विभागीय मापदण्डों की पूर्ति नहीं होने के कारण सुमावली में नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित नहीं है। (ख) सुमावली से 17 कि.मी. की दूरी पर शासकीय महाविद्यालय जौरा, 18 कि.मी. की दूरी पर शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, मुरैना, 20 कि.मी. की दूरी पर शासकीय कन्या महाविद्यालय, मुरैना, 21 कि.मी. की दूरी पर शासकीय महाविद्यालय, बानमोर तथा 46 कि.मी. की दूरी पर ग्वालियर में स्थित 07 शासकीय महाविद्यालय पूर्व से संचालित हैं। उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
अवैध कॉलोनियों को वैध कॉलोनी घोषित करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
52. ( क्र. 937 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में अवैध कॉलोनियों को वैध करने की योजना है। यदि हाँ तो क्या योजना की जानकारी प्रदान की जाये? (ख) विदिशा जिले में कितनी कॉलोनियां वैध एवं अवैध है। उक्त अवैध कॉलोनियों में नगरीय निकाय के जरिए कौन-कौन सी मूलभूत सुविधा प्रदाय नहीं की जा रही है? नगरीय निकायवार सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अवैध कॉलोनियों को वैध घोषित किए जाने के संबंध में प्रस्ताव विचाराधीन है? यदि हाँ तो कब तक उक्त कॉलोनियों को वैध घोषित किया जावेगा? निश्चित समय-सीमा से अवगत कराये? यदि नहीं तो कारण सहित जानकारी दें? उक्त कॉलोनियों को वैध घोषित किए जाने की कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रदेश के नगरीय क्षेत्र में अवैध कॉलोनियों को वैध करने की कोई योजना नहीं है, अपितु म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 में नगरीय क्षेत्र की अनधिकृत कॉलोनियों में नागरिक अधोसंरचना उपलब्ध कराने के लिए सक्षम प्राधिकारी अर्थात नगर निगम की स्थिति में आयुक्त, नगर निगम एवं जिले की नगर पालिका परिषद/नगर परिषद की स्थिति में जिला कलेक्टर द्वारा कार्य योजना तैयार करने के लिये उपबंध किये गये है। (ख) विदिशा जिले की वैध कॉलोनियों की निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार एवं अवैध कॉलोनियों की निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है अपितु उत्तरांश ''क'' के अनुसार कार्यवाही सक्षम प्राधिकारी अर्थात जिला कलेक्टर द्वारा आरंभ की जायेगी। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बेतवा नदी को प्रदूषण मुक्त किया जाना
[पर्यावरण]
53. ( क्र. 938 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जीवन दायिनी बेतवा नदी को प्रदूषण मुक्त किए जाने के संबंध में विभाग द्वारा किन-किन योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है एवं क्या-क्या कार्य बेतवा नदी को प्रदूषण मुक्त किए जाने के संबंध में किए गये एवं उक्त नदी को प्रदूषण मुक्त किए जाने के लिए कौन-कौन से कार्य वर्तमान में प्रस्तावित है? (ख) विदिशा नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत चोरघाट नाले सहित अन्य कितने नालों का गंदा पानी बेतवा नदी में जाने से रोके जाने के संबंध में अभी तक कार्यवाही नहीं किए जाने के कारण सहित जानकारी दें? (ग) क्या शासन बेतवा नदी पर गंदे पानी के शुद्धीकरण हेतु विभिन्न नालों के गंदे पानी के संबंध में ट्रीटमेन्ट प्लांट हेतु यथाशीघ्र कार्यवाही किए जाने के संबंध में निर्देश प्रदान करेगा? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) जी नहीं। नगर पालिका परिषद, विदिशा के पत्र क्रमांक 3742 दिनांक 13.07.2022 द्वारा 22.25 एम.एल.डी. क्षमता का सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लांट स्थापित किया गया है जिसमें निकाय के अंतर्गत भवनों को जोड़ा गया है। शहर का गंदा पानी बेतवा नदी में ट्रीटमेन्ट के पश्चात् ही मिल सकेगा। इसी तरह नगर पालिका परिषद मण्डीदीप द्वारा बेतवा नदी के प्रदूषण मुक्त किये जाने हेतु क्लीनगंगा मिशन के अंतर्गत सीवर पाईप लाईन डालने एवं 02 सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लांट बनाये जाने के प्रावधान की जानकारी पत्र क्रमांक 1594 दिनांक 11.07.2022 द्वारा दी गई है। (ख) कार्यालय नगर पालिका परिषद, विदिशा से प्राप्त जानकारी अनुसार विदिशा नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत पीलिया नाला, गौशाला नाला तथा चोरघाट नाला आदि का पानी बेतवा नदी में मिलने से रोकने के लिये अमृत योजना के अंतर्गत सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लांट हेतु प्रावधान है। (ग) उत्तरांश ''क'' एवं ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युत विभाग द्वारा कराये गये कार्यों की जानकारी
[ऊर्जा]
54. ( क्र. 944 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले की चंदला विधान सभा क्षेत्र में विद्युत पोल वायर टाइट तथा वितरण ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि के कार्य वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक किये गये है? हाँ या नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ तो वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक उक्त कार्य कहां-कहां किये गये है? वितरण केन्द्रवार जानकारी बतायें? यदि नहीं तो क्यों कारण बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार पोल गड़वाने, वायर टाइट करने तथा ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि के शेष कार्य कब तक पूर्ण किये जायेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक मिड स्पान पोल लगाकर तथा विद्यमान पोलों को सीधा कर एवं विद्युत लाईनों को व्यवस्थित करते हुए विद्युत लाईनों की भूमि से उर्ध्वाधर दूरी निर्धारित मानकों के अनुरूप करते हुए किये गये मेंटेनेंस के कार्यों का वितरण केन्द्रवार विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है तथा वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कराये गये कार्यों का वितरण केन्द्रवार विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार विद्युत लाईनों के सुधार कार्य जैसे झुके हुये पोल को सीधा करने, मिड स्पान पोल लगाने, तार टाईट करने, विद्युत लाईनों को व्यवस्थित करने सहित तत्समय आवश्यक अन्य सभी सुधार कार्य एवं वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के सभी स्वीकृत कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
55. ( क्र. 945 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले की चंदला विधान सभा क्षेत्र में नगर परिषद चंदला में प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत आवास स्वीकृत किये गये है? हाँ या नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ तो स्वीकृत आवासों की संख्या बतायें। नगर के किस-किस हितग्राही का आवास स्वीकृत हुआ है? सूची उपलब्ध करायें? आवास की स्थित पूर्ण अथवा अपूर्ण है? जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि पूर्ण है तो हितग्राही को आवंटित किया गया है? हाँ या नहीं? यदि हाँ तो कब तिथि एवं संख्या बतायें? यदि नहीं तो कब तक पूर्ण कर आवंटित किये जायेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रधानमंत्री अवास योजना (शहरी) के ए.एच.पी. घटक में स्वीकृत संख्या-170, बी.एल.सी. घटक में स्वीकृत संख्या-1073, कुल स्वीकृत आवास संख्या- 1243 है। हितग्राहीवार वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के ए.एच.पी. घटक अंतर्गत 50 आवासों का निर्माण कार्य पूर्ण कर 38 आवास आवंटित किये जा चुके है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। शेष 120 आवासों का निर्माण आगामी 03 माह में पूर्ण होने की संभावना है। पात्र हितग्राहियों द्वारा पूर्ण हितग्राही अंशदान की राशि निकाय में जमा करने की वरीयता के आधार पर आवासों का आवंटन किया जायेगा।
प्रदूषित वाटर (सीवेज वेस्ट) चंबल नदी में छोड़ना
[पर्यावरण]
56. ( क्र. 990 ) श्री देवीलाल धाकड़ (एडवोकेट) : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग के नागदा में नागदा ग्रेसिम का प्रदूषित वाटर (सीवेज वेस्ट) चंबल नदी में छोड़ा जा रहा है वह कब से छोड़ा जा रहा है? क्या इसकी अनुमति विभाग द्वारा दी गई। यदि दी गई तो कब से? (ख) यदि नहीं दी गई तो विभाग द्वारा संबंधित पर कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है? इसके कारण पानी जहरीला हो रहा है और इस कैमिकल युक्त सीवेज वेस्ट के कारण चंबल नदी में रहने वाले जीव-जंतु मृत हो रहे है, इसका जिम्मेदार कौन है? (ग) क्या विभाग द्वारा इस विषय को लेकर कोई कार्यवाही की गई है या संज्ञान में लिया गया है? (घ) क्या इसे रोक कर जीव-जंतु को मरने से बचाया जाएगा? गॉधीसागर क्षेत्र के कई रहवासी प्रदूषित वाटर से परेशान है।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख), (ग) एवं (घ) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रकाशित निविदा MPPCB-PUR/02/2021-22 के संबंध में
[पर्यावरण]
57. ( क्र. 991 ) श्री देवीलाल धाकड़ (एडवोकेट) : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एम.पी.पी.सी.बी. द्वारा दिनांक 05/01/2022 को प्रकाशित निविदा MPPCB-PUR/02/2021-22 के लिये क्या–क्या तकनीकी योग्यता निर्धारित की गयीं थी उसकी जानकारी एवं उन योग्यताओं में किन-किन निविदाकारों ने पूरी तरह पालन किया है, निविदा में विभाग द्वारा समस्त चाही गई जानकारी (Qualification) एवं प्रस्तुत योग्यता सहित उपलब्ध करायें। (ख) इस निविदा के लिये गठित तकनीकी मूल्यांकन समिति के सदस्यों की सूची एवं उनकी विशेषज्ञता की जानकारी उपलब्ध करायें। क्या किसी निविदाकार को पात्र या अपात्र घोषित करने के लिये तकनीकी मूल्यांकन समिति का निर्णय ही अंतिम है। यदि नहीं, तो अन्य जो भी अधिकारी या समिति जो किसी निविदाकार को पात्र या अपात्र घोषित करने हेतु उत्तरदायीं हैं उनकी जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) क्या उक्त निविदा में समस्त निविदाकारों के द्वारा प्रस्तुत जानकारी का तकनीकी मूल्यांकन पूरी सावधानी से किया गया है?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''एक'' एवं ''दो'' अनुसार है। कुल 03 निविदाकारों क्रमश: (1) मेसर्स ए.सी.ओ.ई.एम. ईकोटेक इण्डस्ट्रीज प्रायवेट लिमिटेड, पीथमपुर (2) मेसर्स एन्वायरोटेट ऑनलाईन इक्विपमेंट्स प्राईवेट लिमिटेड, हैदाराबाद तथा (3) मेसर्स यूनिक सर्विसेज प्रायवेट लिमिटेड, नई दिल्ली के प्रस्ताव निविदा अनुरूप पाये गये। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''तीन' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''चार' अनुसार है। जी नहीं। स्क्रीनिंग सह तकनीकी समिति के कार्यवृत्त का अनुमोदन सदस्य सचिव द्वारा किया जाता है। (ग) जी हाँ।
प्रस्तावित रपटा निर्माण
[लोक निर्माण]
58. ( क्र. 1012 ) श्रीमती रक्षा संतराम सरोनिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भाण्डेर विधान सभा क्षेत्र में कुल कितने रपटा निर्माण प्रस्तावित हैं? (ख) प्रस्तावित रपटों के निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ किये जावेंगे? (ग) क्या प्रस्तावित रपटों के पूर्ण होने की समय-सीमा निर्धारित की गई है? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग अंतर्गत कोई रपटा प्रस्तावित नहीं है। अपितु जल संसाधन विभाग द्वारा रपटा निर्माण प्रस्तावित है। उनसे प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश 'क' के उत्तर अनुसार।
भूमि को अवैध अतिक्रमण से मुक्त कराना
[नगरीय विकास एवं आवास]
59. ( क्र. 1034 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. हाउसिंग बोर्ड अधोसंरचना विकास की भोपाल स्थित अयोध्या नगर कॉलोनी में कुल कितनी भूमि पर अवैध कब्जे एवं निर्माण है? स्थानवार, रकबावार कब्जे का प्रकार क्या है? (ख) बोर्ड के अध्यक्ष एवं सुख सुविधाओं पर माहवार व्यय का विवरण देवें? क्या बोर्ड निरंतर घाटे पर है? (ग) क्या हाउसिंग बोर्ड के कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ लागू दिनांक से किया जा रहा है। यदि नहीं तो क्यों स्पष्ट करें? (घ) क्या यह भी सही है कि अवैध अतिक्रमण एवं झुग्गी बस्तियों की बसाहटों से एवं अतिक्रमणों के कारण रहवासियों को भययुक्त वातावरण में रहना पड़ रहा है। क्या यह भी सत्य है कि गंदगी, चोरियां, विभिन्न अपराध एवं अन्य अनैतिक कार्य होने की वजह अवैध अतिक्रमण एवं झुग्गी बस्तियां ही हैं? बोर्ड अयोध्या नगर की बेशकीमती भूमि को शासन हित में कब तक अतिक्रमण मुक्त करा देगा। यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) अयोध्या नगर कॉलोनी में अवैध कब्जे की सूची संलग्न परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। जी नहीं। (ग) मण्डल के अधिकारियों/कर्मचारियों को सातवां वेतनमान दिनांक 01.01.2016 से लागू किया गया किन्तु नगरीय विकास एवं आवास विभाग के आदेश दिनांक 04.08.2018 अनुसार नगद लाभ दिनांक 01.04.2018 से दिया गया है। (घ) तथ्यपूर्ण ना होने के कारण, जी नहीं। तथ्यपूर्ण ना होने के कारण, जी नहीं। अतिक्रमण मुक्त कराने की संयुक्त रूप से कार्यवाही जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन तथा नगर निगम, भोपाल के सहयोग से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही लगातार की जाती है। निरन्तर प्रक्रिया होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बिजली बिलों में सब्सिडी
[ऊर्जा]
60. ( क्र. 1038 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल दक्षिण पश्चिम क्षेत्र में स्थित ग्रामीण क्षेत्र गौरागांव, बरखेड़ी खुर्द, बरखेड़ी कला, सेवनियां गोड़ आदि में बसी नवीन कॉलोनियों में बिजली कनेक्शन नहीं दिये जा रहे हैं? यदि हाँ तो क्यों कारण सहित बतावें? (ख) बिजली के बिलों में सब्सिडी बंद कर दी गई है क्यों वर्तमान में बिजली की दरें क्या है एवं बिल का टैरिफ में भिन्नता क्यों है? (ग) प्रश्नकर्ता विधान सभा क्षेत्र दक्षिण पश्चिम भोपाल अंतर्गत झुग्गी झोपडि़यों जहां मीटर नहीं है या मीटर जले हुए हैं वहां पर हजारों के बिल दिये जा रहे हैं कारण बतावें एवं निराकरण कब तक किया जावेगा समय-सीमा बतायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र में निर्मित नवीन कॉलोनियाँ, घोषित/ अघोषित अवैध कॉलोनियों के अंतर्गत आती है। अत: पूर्व में इन कॉलोनियों के नियमानुसार विद्युतीकरण के अभाव में अस्थायी विद्युत कनेक्शन प्रदाय किये गये थे तथापि म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा दिनांक 31.05.2022 को ''मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग (विद्युत प्रदाय के प्रयोजन से विद्युत लाईन प्रदान करने अथवा उपयोग किये संयंत्र हेतु व्ययों तथा अन्य प्रभारों की वसूली) (पुनरीक्षण द्वितीय) विनियम, 2022 (आर.जी.-31 (II), वर्ष 2022) ''जारी किये गये है, जिनमें घोषित/अघोषित अवैध कॉलोनियों के विद्युतीकरण एवं उक्त कॉलोनियों में स्थित घरों में विद्युत कनेक्शन प्रदान करने हेतु प्रक्रिया निर्धारित की गई है। उक्त निर्धारित प्रकिया के अंतर्गत आवेदकों द्वारा समस्त आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण करने पर उन्हें विद्युतीकरण कर विद्युत कनेक्शन प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। उक्त विनियम में वर्णित संबंधित कंडिकाओं की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं, विद्युत उपभोक्ताओं को नियमानुसार बिजली के बिलों में सब्सिडी दी जा रही है। प्रदेश में विद्युत उपभोक्ताओं को म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश दिनांक 31.03.2022 के तहत विभिन्न प्रयोजनों हेतु निर्धारित दरों/प्रावधानों के अनुसार बिल जारी किये जा रहे है। उक्त टैरिफ आदेश अनुसार ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में घरेलू उपभोक्ताओं हेतु लागू विद्युत दर अनुसूची की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं, विधानसभा क्षेत्र दक्षिण-पश्चिम भोपाल अंतर्गत झुग्गी-झोपडि़यों को मीटर लगाकर विद्युत कनेक्शन प्रदान किये गए हैं तथा उपभोक्ताओं को उनकी वास्तविक विद्युत खपत एवं म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के प्रावधानों/निर्धारित विद्युत दरों के आधार पर विद्युत देयक जारी किये जा रहे हैं। मीटर जला पाए जाने पर त्वरित कार्यवाही करते हुए जले मीटर को बदल दिया जाता है। अपरिहार्य कारणों से जला हुआ मीटर बदलने में विलंब होने पर म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता 2021 के प्रावधानों के अंतर्गत विद्युत प्रदाय चालू कर औसत खपत का बिल प्रदाय किया जाता है। कतिपय प्रकरणों में उपभोक्ता परिसर में लगे हुए विद्युत मीटर में खराबी आने पर, मानवीय त्रुटि के कारण, मीटर रीडर द्वारा गलत रीडिंग दर्ज करने के कारण अथवा कम्प्यूटर में विद्युत खपत दर्ज करते समय त्रुटिवश अधिक खपत दर्ज हो जाने के कारण अधिक राशि के विद्युत देयक जारी हो जाते हैं। संबंधित कार्यालय में उपभोक्ता द्वारा शिकायत करने पर ऐसी शिकायतों का तत्काल निराकरण कर विद्युत बिल में सुधार कर दिया जाता है।
नवीन आई.एस.बी.टी. का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
61. ( क्र. 1046 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर शहर में नवीन आई.एस.बी.टी. की स्थापना हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई। (ख) उक्त बस स्टैण्ड का निर्माण किस योजनांतर्गत कब तक किया जाना प्रस्तावित है।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) छतरपुर शहर में नवीन आई.एस.बी.टी. बस स्टैण्ड हेतु भूमि आवंटन की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। विधिवत निविदाएं जारी कर सक्षम स्वीकृति उपरांत कंसलटेंट मेसर्स जग डिजाईनर्स प्रा.लि. अहमदाबाद को कार्यादेश क्रं. 3536 दिनांक 13.08.2021 को जारी किया गया है। कार्य की फिसीबिलिटी रिपोर्ट एवं डी.पी.आर. राशि रू. 55,52,04,380.00 की तैयार की गई है। (ख) उक्त आई.एस.बी.टी. बस स्टैण्ड का निर्माण कार्य पी.पी.पी. मॉडल/सेल्फ फाईनेंसिंग मोड से किया जाना है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विद्युत सुधार हेतु कर्मचारियों की भर्ती
[ऊर्जा]
62. ( क्र. 1047 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर वृत अंतर्गत वर्ष 2014 में सभी श्रेणी के कुल कितने विद्युत उपभोक्ता थे तथा विद्युत सुधार हेतु कुल कितने नियमित स्थाई कर्मी संविदा आऊट सोर्स कर्मचारी कार्यरत थे। (ख) प्रश्न दिनांक को सभी श्रेणी के कुल कितने उपभोक्ता है तथा कुल कितने आऊट सोर्स नियमित स्थाई कर्मी संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं? क्या वर्ष 2014 की तुलना में आज दिनांक तक उपभोक्ता संख्या में वृद्धि के अनुपात में तकनीकी कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि हुई? यदि हाँ तो कितने कर्मचारियों की वृद्धि हुई? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या उपभोक्ता संख्या में वृद्धि के अनुपात में कर्मचारी भर्ती करने का कोई नियम मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत कंपनी में है? यदि हाँ तो नियमावली उपलब्ध कराएं। यदि नहीं तो विद्युत उपभोक्ता की शिकायतों का निराकरण हुआ उनके त्वरित निराकरण हेतु कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के क्या प्रावधान है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) संचालन/संधारण वृत्त, छतरपुर अंतर्गत वर्ष 2014 में सभी श्रेणी के कुल 2,83,963 विद्युत उपभोक्ता थे तथा विद्युत सुधार कार्यों हेतु कुल 298 नियमित कार्मिक, 5 संविदा कार्मिक एवं 163 आऊटसोर्स कार्मिक, इस प्रकार कुल 466 कार्मिक कार्यरत थे। (ख) संचालन/संधारण वृत्त, छतरपुर अंतर्गत प्रश्न दिनांक की स्थिति में सभी श्रेणी के कुल 3,51,733 विद्युत उपभोक्ता है तथा 266 नियमित कार्मिक, 19 संविदा कार्मिक एवं 366 आऊटसोर्स कार्मिक इस प्रकार कुल 651 कार्मिक कार्यरत है। जी हाँ। प्रश्नाधीन क्षेत्र में वर्ष 2014 की तुलना में प्रश्न दिनांक की स्थिति में 185 तकनीकी कर्मचारियों (नियमित/संविदा/आऊटसोर्स) की वृद्धि हुई है। (ग) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में ऐसे कोई नियम प्रचलन में नहीं है। कर्मचारियों की भर्ती स्वीकृत पदों के अनुरूप ही की जाती है किन्तु उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ने के दृष्टिगत संविदा/आऊटसोर्स सेवा प्रदाता फर्मों के माध्यम से आऊटसोर्स कार्मिकों को नियोजित कर तथा उपलब्ध कार्मिकों का युक्तियुक्तकरण कर उपभोक्ताओं की विद्युत संबंधी शिकायतों का त्वरित रूप से निराकरण सुनिश्चित किया जाता है।
रजिस्टर्ड चिकित्सकों की जानकारी
[आयुष]
63. ( क्र. 1057 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन आयुष विभाग के पास विषयांकित चिकित्सकों की कितनी संख्या है? प्रदेश के शासकीय आयुर्वेदिक तथा होम्योपैथिक चिकित्सकों के रिक्त पदों की जानकारी भी देवें? (ख) प्रदेश में इतनी बड़ी संख्या में रजिस्टर्ड चिकित्सक होने के बावजूद शासन चिकित्सकों के रिक्त पदों पर भर्ती क्यों नहीं कर रहा हैं कृपया स्पष्ट करें? (ग) होम्योपैथिक चिकित्सकों को महाराष्ट्र शासन की तरह शासकीय मेडिकल कॉलेजों में फार्मेकोलाजी का पाठ्यक्रम करवाने पर क्या शासन विचार करेगा यदि नहीं तो क्यों? (घ) प्रदेश के लोक स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण विभाग द्वारा संचालित विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में आयुष चिकित्सकों की भर्ती सुनिश्चित करने के लिए क्या कोई प्रस्ताव जिसके तहत आयुष चिकित्सकों को 6 माह या 1 साल का कोई रिफ्रेशर कोर्स करवाकर इन औषद्यालयों में नियुक्त करने हेतु भेजा गया हैं यदि नहीं तो क्या शासन ऐसा करने पर विचार करेगा?
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रदेश के रिक्त शासकीय आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारियों की संख्या 742 तथा होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारियों की संख्या 54 है। (ख) आयुष चिकित्सकों के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विज्ञापन जारी कर दिया गया है। (ग) वर्तमान में योजना न होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। वर्तमान में ऐसी कोई योजना नहीं है।
नर्मदा समूह जल आवर्धन योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
64. ( क्र. 1060 ) श्री
धर्मेन्द्र
भावसिंह लोधी
: क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या यह
सही है कि
प्रश्न
क्रमांक 6127 के
उत्तर में
नर्मदा समूह
जल आवर्धन
परियोजना के
अंतर्गत नगर
परिषद्
तेंदूखेड़ा
जिला दमोह की
जल आवर्धन
योजना का
कार्य 68
प्रतिशत
पूर्ण बताया
गया था तथा
शेष कार्य दिसम्बर
2021 तक
पूर्ण किया
जाना था। यदि
हाँ तो जल
आवर्धन योजना
का कार्य अभी
तक क्यों
पूर्ण नहीं
हुआ तथा कब तक
पूर्ण किया
जायेगा।
समय-सीमा में
कार्य पूर्ण
ना होने के
कारण क्रियान्वयन
एजेंसी पर
क्या
कार्यवाही की
गई है? (ख) क्या
जल आवर्धन
योजना
अंतर्गत पाइप
लाइन डालने हेतु
नगर के अंदर
कटर की जगह जे.
सी.बी. मशीन से
सी.सी. रोड
कटिंग का
कार्य किया
गया है जिससे
अधिक चौड़ाई
में खुदाई
होने से
सी.सी.रोड
क्षतिग्रस्त
हो गए है
जिसकी फिलिंग
अभी तक नहीं
की गई है एवं
वार्ड
क्रमांक 08 में
मेन लाइन व
सप्लाई लाइन
एक साथ डाली
गई है तथा पूरे
नगर में पाइप
लाइन एक से
डेढ़ फीट गहराई
पर बिना समतल
किये डाल दी
गई है। यदि
हाँ तो क्या इसकी
जाँच की गई है? यदि
नहीं तो इसकी
जाँच कराकर
सम्बंधित
क्रियान्वयन
एजेंसी पर
कार्यवाही कर
कब तक सुधार कार्य
कराया जायेगा?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री भूपेन्द्र
सिंह ) : (क) जी हाँ।
जलावर्धन
योजना कार्य
हेतु रेल्वे ट्रेक
क्रासिंग वन
भूमि पर सम्प
वेल निर्माण पाईप
लाईन बिछाने
हेतु अनुमति
में विलम्ब
होना ठेकेदार
द्वारा धीमी
गति से कार्य
करना एवं कोरोना
महामारी
विलम्ब के
मुख्य कारण
है। वर्तमान
में कार्य
प्रगति पर है
एवं माह
सितम्बर 2022 तक
पूर्ण किये
जाने का
लक्ष्य है।
समय पर कार्य
पूर्ण ना होने
पर ठेकेदार को
समय-समय पर विभाग
द्वारा नोटिस
दिये गये है।
एम.पी.यू.डी.सी.एल.
के पत्र
क्रमांक
पीएमयू/इंजी./5बी/2019-3866 दिनांक 30.05.2019 के
द्वारा ब्लेक
लिस्टिंग, परियोजना
क्रियान्वयन
इकाई के पत्र
क्रमांक 1234
एमपीयूडीसी/2022
दिनांक 27/04/2022 के माध्यम
से ठेकेदार को
कारण बताओ
नोटिस जारी
किया गया है
एवं पत्र
क्रमांक 1371/ एमपीयूडीसी/2022
जबलपुर
दिनांक 02/06/2022 के द्वारा
ठेकेदार को
अनुबंधानुसार
निर्धारित
विलम्ब
क्षतिपूर्ति राशि
रु. 222.39 लाख
लगाये जाने की
कार्यवाही की
गई है परन्तु
सम्पूर्ण रूप
से विलम्ब
क्षतिपूर्ति
का आंकलन
अनुबंध के
प्रावधान
अनुसार कार्य
पूर्ण होने के
पश्चात किया
जावेगा। (ख) जलावर्धन
योजना के लिये
पाईप लाईन
डालने हेतु
नगर क्षेत्र
के अंतर्गत
सी.सी.
ब्रेकर/जेसीबी
के द्वारा
सी.सी रोड की
कटिंग का
कार्य किया
गया है। अधिक
चौड़ाई में
खुदाई होने के
कारण
क्षतिग्रस्त
सी.सी. रोड का
अस्थाई रोड
रेस्टोरेशन
कार्य/फिलिंग
का कार्य
पूर्ण कर लिया
गया है एवं
स्थाई रोड
रेस्टोरेशन
का कार्य अनुबंध
के प्रावधान
अनुसार
निर्माण
एजेंसी के
द्वारा
निरंतर किया
जा रहा है।
वार्ड क्रमांक
8 में
मेनलाईन एवं
सप्लाई लाईन
स्वीकृत
ड्राईंग के
अनुसार डाली
गई है। पाईप
लाईन बिछाने
का कार्य कुछ
जगह पर हार्ड
रॉक आने के
कारण,
अतिक्रमण
के कारण
ब्रेकर
मशीनरी का
उपयोग न कर
लेबर के
द्वारा कराया
गया है। हार्ड
रॉक में
ब्रेकिंग के
कारण आस-पास
की घनी आबादी
को कठिनाई हो
सकती है। जी
हाँ, कार्य
का भुगतान
आवश्यक जांच
के पश्चात्
किया गया है।
हार्ड
स्ट्रेटा के
कारण कम गहराई
पर पाईप लाईन
बिछाने पर
लाईन के ऊपर
कांक्रीटिंग/केसिंग
का कार्य
आवश्यकतानुसार
कराया जाता
है। कार्य की
गुणवत्ता
हेतु
प्रोजेक्ट
मॉनिटरिंग कन्सल्टेंट
मेसर्स टाटा
कंसल्टिंग
इंजीनियर्स
लिमिटेड
नियुक्त है
एवं समस्त
कार्य का संचालन
एवं संधारण
आगामी 10
वर्षों तक
निर्माण
ऐजेंसी
मेसर्स
इंडियन हयूम
पाईप कंपनी
द्वारा ही
किया जायेगा।
कालोनाईजर पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
65. ( क्र. 1065 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1857 दिनांक 11 मार्च 2022 के सन्दर्भ में बतावें कि विभिन्न शुल्क 1995 से वसूले गये और ठहराव अप्रैल 2001 में स्वीकृत हुआ तो बतावें कि नगर निगम अधिनियम की किस धारा में नगर सुधारन्यास की शक्तियॉ नगर निगम में प्राप्त होने पर नामान्तरण शुल्क, पेनल्टी तथा अधिभार वसूलने की अधिकारिता प्राप्त है? अधिनियम की प्रति तथा नगर सुधार न्यास के विलय संबंधी आदेश (अध्यादेश) परिपत्र की प्रति देवें। (ख) क्या म.प्र. भूमि अंतरण अधिनियम 2016 में लीजरेन्ट जमा करने में एक-दो साल का विलम्ब होने पर ब्याज के अतिरिक्त 150-300 रू. की राशि पर 10000 रू. की पेनल्टी लेने का प्रावधान है? यदि हाँ तो बतावें कि वह कहां उल्लेखित है तथा कैसे वैधानिक तथा न्यायसंगत है कि मात्र 100-200 रू. पर दस हजार पेनल्टी की जाय तथा किस-किस नगर निगम में इस प्रकार पेनल्टी की जा रही है? (ग) प्रश्न 1857 दिनांक 11 मार्च 2022 के संदर्भ में बतावें कि क्या मात्र एक ही कालोनाईजर को नोटिस दिया गया तथा इस अवधि में अन्य किसी कालोनाईजर को नोटिस नहीं दिया गया? (घ) वर्ष 2015-16 से 2021-22 तक नगर निगम रतलाम द्वारा कितने कालोनाईजर की कॉलोनी का निरीक्षण किया गया? उसकी रिपोर्ट देवें तथा बतावें कि इस अवधि में कलेक्टर द्वारा उनके कलेक्टर सेल को कालोनाईजर के खिलाफ प्राप्त कितनी शिकायतें निगम को जांच हेतु भेजी गई उनकी सूची देवें तथा की गई जांच की रिपोर्ट की प्रति देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम अधिनियम की किसी धारा में ऐसे प्रावधान नहीं है अपितु म.प्र. नगर सुधार न्यास (निरसन) अधिनियम 1994 की धारा-3 (2) में उपबन्धित किये अनुसार नगर निगम को प्रश्नांकित शुल्क वसूलनें की अधिकारिता प्राप्त है। उक्त निरसन अधिनियम 1994 एवं दिनांक 01.08.1994 से नगर सुधार न्यास के विघटन संबंधी अध्यादेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हॉ, नगर निगम रतलाम द्वारा प्रतिवेदित जानकारी के अनुसार प्रश्नांकित अवधि में एक ही कालोनाईजर को नगर निगम द्वारा सूचना पत्र जारी किया गया था। (घ) प्रश्नांकित अवधि में नगर निगम द्वारा 49 कॉलोनियों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण रिपोर्ट संबंधी रिकार्ड नगर निगम में पृथक से संधारित नहीं किया गया है। उक्त अवधि में कलेक्टर कार्यालय से 02 शिकायतें क्रमश: अंजनीधाम कॉलोनी एवं ए.एल.ए.एस. रियल स्टेट प्रा.लि. की जांच हेतु नगर निगम को भेजी गयी, जिसका जांच प्रतिवेदन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
लेबड जावरा टोल की यातायात की गणना
[लोक निर्माण]
66. ( क्र. 1068 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 1854 दिनांक 11 मार्च 2022 के प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बतावें कि फिजिबिलिटी रिपोर्ट के किस पृष्ठ पर औसत 30954 PCU बताया गया है? फिजिबिलिटी रिपोर्ट की प्रति देवें तथा बतावें कि क्या यह सही है कि कन्सलटेंट की रिपोर्ट जिसके आधार पर इक्विटी डेब्टरेशो बनाकर अवधि 25 वर्ष तय की गई, उसमें 2019 से PCU 11688 तथा 2020 में PCU 12155 बताया गया? (ख) कन्सलटेंट की रिपोर्ट अनुसार 2020 तक लेबड जावरा फोरलेन मार्ग पर ब्याज, बीमा, MPRDC की देय, संचालन खर्च करने के बाद कुल आय 250 करोड़ प्रस्तावित है जबकि शासन द्वारा दिये गये दस्तावेज अनुसार फरवरी 2022 तक निवेशकर्ता को 734 करोड़ की शुद्ध हानि हो रही है। इस अंतर को स्पष्ट करें। (ग) कन्सलटेन्ट की रिपोर्ट अनुसार फरवरी 2022 तक जावरा नयागांव मार्ग पर फरवरी 2022 तक कुल टोल संग्रहण 817 करोड़ बताया है जबकि इस अवधि में 1484 करोड़ टोल संग्रहण हुआ है। बतावें कि 25 वर्ष टोल अवधि किस संग्रहण के अनुसार तय की गई है तथा कन्सलटेंट की रिपोर्ट अनुसार या निवेशकर्ता के अनुसार इंटर इन्टरनल रेट ऑफ रिटर्न बनाया गया है, तय किया गया है? (घ) क्या कन्सलटेन्ट की रिपोर्ट से दिये संभावित ट्रैफिक तथा आय के आधार पर 25 वर्ष टोल अवधि तय की गई है? यदि हाँ तो उन 2009 से 2033 तक के संभावित ट्रैफिक तथा टोल संग्रहण के आंकड़ों की प्रति देवें। यदि नहीं तो जिस आधार पर टोल अवधि तय की गई, उसकी प्रति देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) फिजिबिलीटी रिपोर्ट अनुसार वर्ष 2020 में नागदा में 26,058 पी.सी.यू., बदनावर में 35,737 पी.सी.यू. एवं शत्रुन्दा में 31,066 पी.सी.यू. आंकलित की गई है (ड्रॉफ्ट फिजिबिलिटी रिपोर्ट अगस्त 2005 वॉल्यूम-1 पृष्ठ क्र. 7-63, 7-64, 7-65)। इन तीनों का औसत 30954 पी.सी.यू. है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'क' अनुसार। जी नहीं। कन्सलटेंट द्वारा इस प्रकार की कोई भी रिपोर्ट उपलब्ध नहीं है जिसके अनुसार ईक्यूटी डेब्ट रेश्यो के आधार पर अवधि तय की गई हो। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वर्तमान में परियोजना प्रचलन में है। शुद्ध हानि की गणना परियोजना समाप्ति वर्ष 2033 के पश्चात ही रियायतकर्ता से प्राप्त किया जाना प्रासंगिक होगा। (ग) 25 वर्ष की रियायत अवधि प्रश्न में उल्लेखित किसी भी संग्रहण के अनुसार तय नहीं की गई है। कंसलटेंट की रिपोर्ट में इंटरनल रेट ऑफ रिटर्न तय किया गया है। (घ) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। मॉडल कंसेशन अनुबंध में यह लेख किया गया है कि अवधि तय करने का आधार आंकलित ट्रैफिक होगा। कंसलटेंट द्वारा आई.आर.सी. 64 -1990 अंतर्गत रियायत अवधि लेन क्षमता (Capacity) पर आधारित की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ख' अनुसार। आई.आर.सी. 64 -1990 के अनुसार चार लेन डिवाईडेड केरेजवे के लिए क्षमता (Capacity) 70,000 पी.सी.यू. है। कन्सलटेंट द्वारा लेबड-रतलाम-जावरा-मंदसौर-नयागांव मार्ग की फिजिबिलीटी रिपोर्ट हेतु 06 स्थानों पर ट्रैफिक सर्वे कर अनुमानित ट्रैफिक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ग' अनुसार। रिपोर्ट में प्रस्तुत किये गये है जिसके अनुसार 25 वर्ष की अवधि के पश्चात मार्ग की लेन (Capacity) 70,000 पी.सी.यू. से अधिक हो जावेगी। रियायत अवधि 25 वर्ष निर्धारित की गई है।
निर्माण कार्य के माप को एक्वा माप में समायोजित करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
67. ( क्र. 1073 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. हरदोली पी.एच.ई. घटक नगर पालिका परिषद मुलताई जिला बैतूल म.प्र. में ठेकेदार आदि एक्वा प्रोजेक्ट प्रायवेट लिमिटेड द्वारा परियोजना में कौन-कौन सी ड्राईंग डिजाईन निविदा अनुसार तैयार की संचालनालय से अनुमोदन किया गया? यदि हां, नहीं तो स्पष्टीकरण देवें? (ख) क्या आदि एक्वा प्रोजेक्ट प्रायवेट लिमिटेड द्वारा ड्राईंग डिजाईन के अनुसार निर्माण कार्य चल रहा है? क्या पुन: रूपान्तरित ड्राईंग डिजाईन बनाई गई? ड्राईंग रूपान्तरण हेतु बैलेन्स वर्क की अनुमति प्राप्त की गई है? (ग) क्या आदि एक्वा प्रोजेक्ट प्रायवेट लिमिटेड का मेजरमेंट भुगतान पूर्व ठेकेदार एस.के. लोखण्डे द्वारा अनुमोदित ड्राईंग डिजाईन द्वारा किये गये निर्माण कार्य का मेजरमेंट एम.बी. में समायोजित कर ठेकेदार को भुगतान किया गया? यदि हां? नहीं तो भुगतान कौन से एम.बी. में समायोजित किया? (घ) क्या इंकटेलवेल पम्प हाउस का विद्युत सब-स्टेशन एवं वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पर विद्युत सब-स्टेशन की एस.के. लोखण्डे द्वारा तैयार/निर्मित विद्युत विभाग से अनुमोदित ड्राईंग डिजाईन के अनुसार कार्य हो रहा है? यदि हां, तो इसका पूर्व ठेकेदार एस.के. लोखण्डे को क्या भुगतान किया गया? यदि हां, तो बतायें। (ड.) प्रश्नांश (क) से लेकर (घ) तक निविदा शर्तों का विस्तृत उल्लेख करें? बिन्दुवार उत्तर दें। शासन किस नाम/पदनाम के विरूद्ध की गई अनियमितताओं पर कब तक, दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। हरदौली जल आवर्धन योजना के पी.एच.ई. घटक में ठेकेदार आदि एक्वा प्रोजेक्ट प्रायवेट लिमिटेड द्वारा इन्टेक वेल निर्माण की पुनरीक्षित ड्राईंग डिजाईन का शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज से परीक्षण एवं अनुमोदन उपरांत संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक 16378 दिनांक 02.12.2021 से एवं फिल्टर प्लांट की फिल्टर हाउस एण्ड एसोसिएटेट जी.ए.डी. ड्राईंग संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक 522 दिनांक 14.01.2022 के द्वारा अनुमोदन किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। आदि एक्वा प्रोजेक्ट प्रायवेट लिमिटेड द्वारा अनुमोदित ड्राईंग डिजाईन के अनुसार ही पी.एच.ई. घटक के बैलेंस कार्य को किया जा रहा है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। मेसर्स आदि एक्वा द्वारा किये गये कार्य का माप पृथक से माप पुस्तिका में दर्ज किया गया। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। इंटेकवेल पम्प हाउस का विद्युत सब स्टेशन एवं वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पर विद्युत सब स्टेशन का कार्य ठेकेदार आदि एक्वा प्रोजेक्ट प्रायवेट लिमिटेड द्वारा तैयार/निर्मित विद्युत विभाग से अनुमोदित ड्राईंग अनुसार म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. मुलताई के पर्यवेक्षण में किया जा रहा है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड) जानकारी उत्तरांश (क) से (घ) अनुसार है। निविदा शर्तों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। किसी प्रकार की अनियमितता नहीं पाये जाने से कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनुमोदित ड्राईंग को बिना अनुमति परिवर्तित करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
68. ( क्र. 1074 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. हरदोली बांध नगर पालिका परिषद मुलताई जिला बैतूल म.प्र. निर्माण में मॉनीटरिंग एस.डी.ओ. श्री सी.एल. मरकाम जल संसाधन विभाग उप संभाग मुलताई को बांध की ड्राईंग डिजाईन को परिवर्तित करने की अनापत्ति पत्र मुख्य अभियंता ब्यूरो ऑफ हाईड्रोलॉजी (बोधी) बांध सुरक्षा जल संसाधन विभाग से अनुमति प्राप्त की थी? क्या मॉनीटरिंग अधिकारी ड्राईंग अनुमोदन को परिवर्तन करने हेतु सक्षम अधिकारी था? हाँ तो नियम शर्तों के प्रति दें? (ख) बांध की बेस्ट वेयर को बायां तट से दायां तट में परिवर्तन करने की मॉनीटरिंग एस.डी.ओ. द्वारा क्या बोधी से अनुमति प्राप्त की? क्या बायीं तट पर शासकीय बंजर भूमि थी? क्या उसका उपयोग वेस्ट वियर हेतु वर्जित था? परिवर्तन का क्या आर्थिक लाभ निकाय को मिलना था? क्या दायीं तट की निजी कृषक भूमि का फायदा किसान को भू-अर्जन कर फायदा पहुंचाया? बांध की बायीं तट कौन-कौन से किसानों की भूमि का कितनी-कितनी मुआवजा राशि दी? (ग) बांध के वेस्ट वियर में बोधी की अनुमोदित ड्राईंग दो संख्या में स्वीकृत थी? क्या दो संख्या में कांक्रीट शूटफाल वेस्ट वियर की ड्राईंग अनुमोदित थी, क्यों हटाया गया? तकनीकी कारण बतायें? क्या शूटफाल हटाने से क्या बांध को क्षति हो सकती है? मुख्य अभियंता बोधी बांध सुरक्षा जल संसाधन विभाग का अनापत्ति प्रमाण पत्र बताये? (घ) प्रश्नांश (क) से लेकर (ग) तक उल्लेखित प्रश्नों का विस्तृत उल्लेख करें? बिन्दुवार उत्तर दें? शासन किस नाम/पदनाम के विरूद्ध की गई अनियमितताओं पर कब तक दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी नहीं। हरदौली जल आवर्धन योजना के घटक बांध निर्माण कार्य की बोधी जल संसाधन द्वारा पत्र क्रमांक 82 दिनांक 22/02/2014 से ड्राईंग डिजाईन अनुमोदित की गई थी। जिसे संचालनालय के पत्र क्रमांक 1529 दिनांक 04.03.2014 के द्वारा अनुमोदित किया गया। जिसमें बांध की लंबाई 840 मीटर प्रस्तावित थी। जबकि कार्य स्थल पर वास्तविक रूप से 390 मीटर की लंबाई उपलब्ध होने से अनुबंधित ठेकेदार एस.के.लोखण्डे द्वारा भी तदनुसार कार्य किया जा रहा था। उक्त स्थल पर ही बांध का निर्माण कार्य कराया गया है। अनुबंध के Clause 2.18 के बिन्दु क्र. 6 के निहित प्रावधान अनुसार कार्य निष्पादन के दौरान ड्राईंग डिजाईन में संशोधन की आवश्यकता पड़ने पर डिजाईन ड्राईंग संशोधन कराने हेतु मेसर्स एस.के.लोखण्डे ठेकेदार बंधनकारी था। संशोधित डिजाईन ड्राईंग का परीक्षण राजीव गांधी प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल के द्वारा किया गया है। प्रमुख अभियंता, संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल द्वारा दिनांक 26.07.2019 से पुनरीक्षित ड्राईंग डिजाइन का अनुमोदन किया गया जो सक्षम प्राधिकारी थे। अनुबंध की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। राजीव गांधी प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल द्वारा पुनरीक्षित ड्राईंग डिजाईन का परीक्षण में तकनीकी रूप से उपयुक्त पाये जाने से ही वेस्ट वियर को बायीं तट से दायीं तट पर बनाया गया है। बायीं तट पर शासकीय बंजर भूमि के अभिलेख निकाय में उपलब्ध नहीं है एवं उसका उपयोग हेतु वर्जित के अभिलेख भी निकाय में उपलब्ध नहीं है। बांध की अनुमोदित ड्राईंग डिजाईन अनुसार वेस्ट वियर निर्माण में निकाय को आर्थिक लाभ-हानि का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। तकनीकी रूप से उपयुक्त पाये जाने से दायीं तट पर वेस्ट वियर का निर्माण कराया गया है। किसान की भूमि का भू-अर्जन कर फायदा पहुंचाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। बांध की बायीं तट पर किसी भी किसान की भूमि का भू-अर्जन नहीं किया गया है। अतः मुआवजा राशि का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। बांध की पूर्व अनुमोदित ड्राईंग में बांध के वेस्ट वियर में बोधी द्वारा अनुमोदित ड्राईंग दो संख्या में स्वीकृत थी एवं दो संख्या में कांक्रीट शूटफॉल वेस्ट वियर की ड्राईंग अनुमोदित थी किन्तु बांध निर्माण कार्य की डिजाइन ड्राईंग में परिवर्तन होने से बांध के वेस्ट वियर का निर्माण राजीव गांधी प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल से परीक्षण उपरांत संचालनालय के द्वारा अनुमोदित ड्राईंग डिजाईन के अनुसार कार्य करवाया गया है। बांध निर्माण कार्य को पूर्ण हुये 02 वर्षाकाल व्यतीत हो चुके है। बांध को किसी प्रकार की क्षति नहीं हुई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उल्लेखित प्रश्नों का बिन्दुवार विवरण प्रश्नांश (क) से लेकर (ग) तक की कण्डिकाओं में दिया गया है। किसी प्रकार की अनियमितता नहीं पाये जाने से कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वारको सिटी नागदा जंक्शन का जांच प्रतिवेदन
[नगरीय विकास एवं आवास]
69. ( क्र. 1102 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एस.डी.एम. नागदा जंक्शन जिला उज्जैन द्वारा वारको सिटी नागदा जंक्शन की जांच के लिए जो जांच दल गठित किया गया था क्या उसके द्वारा जांच पूर्ण कर ली गई है? यदि हाँ तो जांच प्रतिवेदन की प्रमाणित प्रति देवें। (ख) यदि जांच पूर्ण नहीं हुई है तो इसका कारण बतावें। इसमें विलंब करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? कब तक यह जांच पूर्ण होगी। (ग) बारको सिटी कॉलोनी में बिना स्वीकृति के अवैध निर्माण कब तक हटा दिए जाएंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जांच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) ग्राम पाडल्याकला, नागदा में महावीर नगर (बारको सिटी कॉलोनी) में कॉलोनी विकास की अनुमति अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) नागदा द्वारा वर्ष 2011 में प्रदान की गई थी। इस कॉलोनी में कॉलोनाईजर द्वारा विक्रित भूखण्डों पर जिन भूखण्ड स्वामियों द्वारा नगरपालिका से भवन निर्माण अनुमति प्राप्त किये बिना ही भवनों का निर्माण कर लिया गया है, उनके विरूद्ध नगरपालिका द्वारा म.प्र. नगरपालिका अधिनियम 1961 के सुसंगत उपबन्धों के तहत कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
रेलिंग विहीन पुल-पुलिया
[लोक निर्माण]
70. ( क्र. 1125 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने पुल-पुलिया हैं जो रेलिंग विहीन हैं? ऐसे पुल-पुलियाओं एवं ग्रामों के नाम बतावें एवं रेलिंग विहीन कब से हैं? (ख) वर्तमान में जो रेलिंग विहीन पुल-पुलियाएं हैं उनका निर्माण किस वर्ष में करवाया गया था एवं पुलिया निर्माण एजेन्सी कौन थे एवं रेलिंग नहीं लगाये जाने का क्या कारण था? एजेन्सी का नाम बतावें। (ग) अगर रेलिंग विहीन पुल-पुलियाओं पर निर्माण एजेन्सी द्वारा रेलिंग नहीं लगाई गई तो विभाग द्वारा निर्माण एजेन्सी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कई ऐसे पुल-पुलिया रेलिंग विहीन हैं जिसके कारण आये दिन दुर्घटना होती है अथवा संभावना बनी रहती है। विभाग द्वारा कब तक रेलिंग लगवाई जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) खातेगांव विधानसभा अंतर्गत वर्तमान में कोई पुल-पुलिया प्रावधान होने के बाद भी रेलिंग विहीन नहीं है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) से (घ) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक होने के कारण शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
महाविद्यालय में ई-लाईब्रेरी स्थापित किया जाना
[उच्च शिक्षा]
71. ( क्र. 1128 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री श्री ल.ना. शास. पेंचव्हेली स्नातकोत्तर महाविद्यालय परासिया में छात्र/छात्राओं को आधुनिक ग्रंथालय सेवा/सुविधा प्रदान करने हेतु ई-लाईब्रेरी नहीं है? महाविद्यालय में ई-लाईब्रेरी नहीं होने के कारण अध्ययनरत् छात्र/छात्राओं को अनेक असुविधाओं व परेशानियों का सामना करना पड़ता है? (ख) महाविद्यालय में अध्ययनरत् छात्र/छात्राओं के हित एवं आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, पुस्तकालय विकास अन्तर्गत ई-लाईब्रेरी को स्थापित किये जाने एवं ई-लाईब्रेरी हेतु आवश्यक सामग्री, स्टॉफ एवं राशि उपलब्ध किये जाने हेतु विभाग द्वारा कार्यवाही की जायेगी? अगर कार्यवाही की जायेगी तो कब तक? (ग) श्री श्री ल.ना. शास. पेंचव्हेली स्नातकोत्तर महाविद्यालय परासिया में ई-लाईब्रेरी स्थापित किये जाने के संबंध में विभाग द्वारा कब तक स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शासकीय पेंचव्हेली महाविद्यालय, परासिया में विद्यार्थियों के लिए ई-लाईब्रेरी स्थापित है, जिसमें पुस्तकों की संख्या 44,000 एवं जर्नल्स की संख्या 20 है। विद्यार्थियों के लिए 16 कम्प्यूटरों के साथ 100 mbps इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा उपलब्ध है, साथ ही यू.जी.सी. inflibnet N-List consortium subscribe के माध्यम से 6000 ई-जर्नल्स एवं ई-पुस्तकें पढ़ने की सुविधा प्रदान की गई है। (ख) आयुक्त, उच्च शिक्षा मध्यप्रदेश के पत्र क्रमांक 510/156/आउशि/योजना/20 दिनांक 01/07/2020 के द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 में पुस्तकालय विकास योजना अंतर्गत ई-लाईब्रेरी रिसोर्स की स्थापना हेतु राशि रूपये 11,05,282/- का आवंटन जारी किया गया है। महाविद्यालय में ग्रंथपाल पदस्थ है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ''क'' एवं ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
नवीन पवन ऊर्जा के संयंत्र की स्थापना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
72. ( क्र. 1129 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र परासिया अनुसूचित जाति बाहुल्य एवं भौगोलिक दृष्टि से काफी बड़ा क्षेत्र है। क्षेत्रफल की दृष्टि से क्षेत्र में नवीन पवन ऊर्जा के संयंत्र स्थापित किए जाने की काफी संभावना है? क्या विभाग द्वारा क्षेत्र में नवीन पवन ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना हेतु कार्यवाही करते हुए योजनाएं बनाई जायेगी? (ख) नवीन पवन ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना हेतु विभाग द्वारा कब तक कार्यवाही करते हुए, क्षेत्र का सर्वे कराकर, योजना बना ली जायेगी? (ग) परासिया विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कब तक नवीन पवन ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना कर दी जायेगी?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) विधानसभा परासिया सहित संपूर्ण प्रदेश में शासन द्वारा पवन ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना की योजना हेतु पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012 लागू की गई है। नीति के प्रावधानों के अंतर्गत तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता को सुनिश्चित करते हुए निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं द्वारा पवन ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना की जाती है। निजी/सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं द्वारा विधानसभा क्षेत्र परासिया में कोई परियोजना प्रस्तावित नहीं की गई है। (ख) उत्तरांश 'क' के अनुसार होने पर निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं से प्रस्ताव प्राप्त होने पर नवीन पवन ऊर्जा परियोजना की स्थापना की जा सकती है। (ग) उत्तरांश 'क' के अनुसार प्रस्ताव प्राप्त होने पर नवीन पवन ऊर्जा परियोजना की स्थापना की जा सकती है।
प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
73. ( क्र. 1137 ) श्री सुरेश राजे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरीय क्षेत्र डबरा में प्रधानमंत्री आवास हेतु सर्वे संबंधी शासन आदेश/नियम की प्रति तथा ऐसे हितग्राही जिनका नाम प्रधानमंत्री आवास की पात्र सूची से छूट गए हैं उनका पुनः सर्वे करने हेतु शासन आदेश/नियम की प्रति बतावें। (ख) जिला ग्वालियर अंतर्गत नगर पालिका डबरा तथा नगर परिषद् बिलौआ तथा पिछोर में वर्ष 2020-21 से 2022-23 में प्रधानमंत्री आवास योजना मद में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? स्वीकृत प्रधानमंत्री आवास की जानकारी वर्षवार एवं परिषदवार उपलब्ध करावें l (ग) बिंदु 2 के अनुसार नगर पालिका डबरा तथा नगर परिषद् बिलौआ तथा पिछोर में वर्ष 2020-21 से 2022-23 में हितग्राहियों को स्वीकृत प्रधानमंत्री आवास के पूर्ण/ अपूर्ण सहित वर्षवार एवं परिषदवार जानकारी उपलब्ध करावेंl
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'स' अनुसार है।
उपकरणों का रख-रखाव
[ऊर्जा]
74. ( क्र. 1140 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनियों के गोदामों में रखे उपकरण उपयोग से पहले ही गारन्टी अवधि समाप्त होने पर कबाड़ हो चुके है जून 2022 की स्थिति में गारंटी अवधि समाप्त हुये उपकरणों की संख्या सहित जानकारी आईटमवार दी जावे। (ख) यह भी सही है कि उक्त उपकरणों को विभाग द्वारा कर्ज लेकर खरीदा गया है यदि उपयोग नहीं किया तो खरीदने की क्या आवश्यकता रही कितने कर्ज से किस वर्ष में उक्त उपकरण खरीदे गये? (ग) क्या यह भी सही है कि देश के प्रमुख समाचार पत्र-पत्रिका में 24.06.2022 को प्रकाशित खबर में उपकरणों की संख्या एवं उनकी गारन्टी समाप्त की जानकारी सही है यदि हाँ तो इस उदासीनता के खिलाफ दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी। प्रकाशित चार्ट में आईटमों की संख्या गारन्टी समाप्त के विषय में जानकारी दी जावे।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। तीनों विद्युत वितरण कंपनियों के क्षेत्रांतर्गत संचालित क्षेत्रीय भंडारों में विद्युत अधोसंरचना के निर्माण एवं रख रखाव में लगने वाली सामग्री (उपकरण) का भंडारण होता है। क्षेत्रीय भंडारों में रखी मुख्य सामग्री यथा केबिल, वितरण ट्रांसफार्मर, मीटर एवं कन्डक्टर निर्धारित मानकों के अनुरूप है तथा उपयोग करने योग्य हैं। इसमें से कुछ सामग्री की गारंटी अवधि समाप्त हो चुकी है किंतु यह कहना सही नहीं है कि यह सामग्री कबाड़ हो चुकी है। माह जून 2022 की स्थिति में तीनों विद्युत वितरण कंपनियों के अंतर्गत गारंटी अवधि समाप्त होने वाले मुख्य उपकरणों की संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, तीनों विद्युत वितरण कंपनियों के क्षेत्रांतर्गत उक्त उपकरणों को पृथक से कर्ज लेकर नहीं खरीदा गया हैं अपितु समय-समय पर स्वीकृत विभिन्न योजनाओं जैसे सौभाग्य योजना, डी.डी.यू.जी.जे.व्हाय. योजना, एस.एस.टी.डी. योजना के अंतर्गत स्वीकृत राशि के तहत राशि प्राप्त होने पर योजनाओं के प्रावधानों के अनुरूप क्रय किया गया है। कुल खरीदी गई सामग्री/उपकरणों में अधिकांश सामग्री/उपकरणों का उपयोग किया जा चुका हैं एवं शेष बची सामग्री/उपकरणों का आवश्यकतानुसार उपयोग किया जा रहा है। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित समाचार पत्र 'पत्रिका' में दिनांक 24.06.2022 को प्रकाशित समाचार की जानकारी का स्त्रोत क्या है यह बताया जाना संभव नहीं है। अत: उसकी सत्यता अथवा विश्वसनीयता पर टीप दिया जाना संभव नहीं है। अत: किसी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही किए जाने का प्रश्न नहीं उठता। उक्त प्रकाशित समाचार में जो आईटम दर्शाए गए हैं उसमें वितरण ट्रांसफार्मर की गारंटी अवधि 3 वर्ष, मीटर की गारंटी अवधि 5 वर्ष 6 माह, कंडक्टर की गारंटी अवधि 1 वर्ष 6 माह एवं केबिल की गारंटी अवधि 1 वर्ष 6 माह निर्धारित रहती है। विद्युत सामग्री मुख्यतः धातुओं से निर्मित होती है जिनकी उपयोग अवधि लंबी होती है अत: उसके कबाड़ में परिवर्तित होने का प्रश्न नहीं उठता।
शासकीय महाविद्यालय खोला जाना
[उच्च शिक्षा]
75. ( क्र. 1141 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि प्रदेश के 313 विकासखण्डों में से 43 विकासखण्डों शासकीय महाविद्यालय नहीं है के नाम जिला सहित जून 2022 की स्थिति में जानकारी दी जावे। (ख) उक्त विकासखण्डों में कितने विकासखण्ड अनुसूचित जनजाति, बाहुल्य तहसील जिलों के है यहां अभी तक शासकीय महाविद्यालय क्यों नहीं खोले गये है कारण सहित जानकारी दी जावे। (ग) क्या यह भी सही है कि प्रदेश के पांच सौ तैंतीस स्नातक, स्नातकोत्तर शासकीय महाविद्यालयों में फैकल्टी के आधे से अधिक पद एवं विभिन्न विषयों के रिक्त है उनकी संख्या फैकल्टी, विषयों सहित जानकारी दी जावे। (घ) क्या यह भी सही है कि सीमावर्ती महाविद्यालयों की जनभागीदारी फण्ड से स्ववित्त पाठयक्रम के वेतन, भवन, अन्य संसाधन जुटाकर किया जावेगा। जहाँ समीपवर्ती महाविद्यालयों से एक्सटेंशन सेंटर से कितनी राशि की आवश्यकता होगी क्या ऐसा करना बिना भवन, लैब, शिक्षकों की पद स्थापना की जा सकेगी पूर्ण जानकारी विकासखण्डों में महाविद्यालयों की जनभागीदारी राशि से होगी पूर्ण जानकारी महाविद्यालयों के नाम, विकासखण्डों के नाम सहित जानकारी दी जावे।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रदेश के 33 विकासखण्ड मुख्यालयों में शासकीय महाविद्यालय संचालित नहीं हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) 33 विकासखण्डों में से 17 विकासखण्ड अनुसूचित जनजाति बाहुल्य हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने संबंधी विभागीय निर्धारित मापदण्डों के परिप्रेक्ष्य में परीक्षण उपरांत नवीन महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने संबंधी कार्यवाही की जाती है। (ग) प्रदेश में 527 शासकीय महाविद्यालय संचालित हैं। विषयवार रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) महाविद्यालय विहीन विकासखण्ड मुख्यालयों पर निकटस्थ महाविद्यालयों की शाखा संचालन संबंधी प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
वैध एवं अवैध कॉलोनियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
76. ( क्र. 1145 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि म.प्र. में कुल कितने वैध कॉलोनी एवं कितनी अवैध कॉलोनी हैं? कॉलोनी का नाम, स्थान, रकवा बतावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : जानकारी संकलित की जा रही है।
कन्या शिक्षा परिसर भवन निर्माण
[लोक निर्माण]
77. ( क्र. 1146 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में कुल कितने कन्या शिक्षा परिसर भवनों की निर्माण हेतु विभाग को कार्य मिला है, कन्या शिक्षा परिसर का नाम, स्वीकृत राशि, कार्य प्रारंभ दिनांक, कार्य पूर्णता दिनांक, कार्य पर व्यय राशि, वर्तमान कार्य की भौतिक स्थिति बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत भवनों में कितने कार्य समय में पूर्ण हुए? कितने कार्य अपूर्ण है जो कार्य अपूर्ण उसका कारण क्या है? कब तक कार्य पूर्ण होंगे? कार्यवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत निर्माण कार्यों में से कितने कार्यों हेतु पुनरीक्षित प्राक्कलन तैयार किया गया, पुनरीक्षित प्राक्कलन क्यों बनाना पड़ा, कितनी-कितनी राशि की पुनरीक्षित प्राक्कलन बनाया गया? कार्यवार जानकारी देवे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
जबलपुर, शहडोल, मण्डला, डिण्डौरी की अवैध कॉलोनियां
[नगरीय विकास एवं आवास]
78. ( क्र. 1148 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर, शहडोल, मण्डला, डिण्डौरी में कितने कॉलोनी अवैध है कॉलोनी का नाम कॉलोनी के मालिक का नाम, जमीन की खसरा नं., रकबा नं. बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किस कारण कॉलोनी अवैध है।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नगरपालिका अधिनियम के उपबन्धों के अधीन आवश्यक अनुज्ञा प्राप्त किये बिना ही विकसित होने के कारण अवैध है।
खराब सड़कों की जानकारी
[लोक निर्माण]
79. ( क्र. 1149 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्डौरी जिले की सभी सड़क सही है अगर हाँ तो बतावें? रूसा बरनई पकरी सोढ़ा, कुड़ा, कुरर्रामठ, अतरिया, समनापुर से बजाग आदि मार्ग क्यों खराब है? अगर नहीं तो बतावे सड़क क्यों खराब है? कौन जिम्मेदार है? कब तक सड़क सही होंगे? (ख) सड़कों को सही करने की क्या-क्या प्रयास कब-कब किये गये?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) डिण्डोरी जिले में म.प्र. सड़क विकास निगम अधीन केवल शाहपुर-बटौंधा-पाली-बिरसिंहपुर मार्ग खराब है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शाहपुर-बटौंधा-पाली-बिरसिंहपुर मार्ग खराब होने से ए.डी.बी.-6/7 योजना के तहत पुनर्निर्माण की स्वीकृति शासन द्वारा दिनांक 04.05.2018 को प्रदाय की गई है, जिसकी फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। मार्ग पर यातायात सुचारू रूप से चल सके इस हेतु मरम्मत एवं संधारण के लिये निगम द्वारा दिनांक 03.01.2022 को स्वीकृति जारी की गई है एवं समय-समय पर मरम्मत का कार्य कराया जा रहा है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
महाविद्यालयों को नोटिस
[उच्च शिक्षा]
80. ( क्र. 1154 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवी अहिल्या विश्वविध्यालय एवं बरकतउल्ला विश्वविद्यालय से सम्बद्धता प्राप्त कितने शासकीय/अशासकीय महाविद्यालयों को वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में किन-किन कारणों से नोटिस जारी किये गये, नोटिस पर की गयी कार्यवाही से अवगत कराये तथा बताये की कितने नोटिस का निराकरण कर लिया गया है? (ख) प्रश्नांश ''क'' संदर्भित कौन-कौन से कालेज का किस विषय के सम्बद्धता, नवीनीकरण, रिन्युवल किस कारण से नहीं किया गया? क्या इस सम्बन्ध में उक्त अवधि में कोई शिकायत विभाग को प्राप्त हुई है? यदि हाँ तो किसकी, नाम सहित जानकारी देवें? शिकायत के निराकरण हेतु की गयी कार्यवाही से अवगत कराये?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर के 04 एवं बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल के 07 सम्बद्ध अशासकीय महाविद्यालयों को नोटिस जारी किए गए। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
आवासीय और व्यावसायिक योजनाओं में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
81. ( क्र. 1155 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर एवं भोपाल के वर्तमान में कौन-कौन से विकास प्राधिकरण दवारा विकसित एवं प्रस्तावित कितनी आवासीय और व्यावसायिक योजनाओं में किस प्रकार के कितने विवादित मामले न्यायालय में लंबित है उनकी वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) इंदौर, भोपाल विकास प्राधिकरण में आवासीय और व्यावसायिक योजनाओं में जाँच एजेंसियों के द्वारा किस-किस योजनाओं, निर्माण को लेकर अधिकारियों, कर्मचारियों के विरुद्ध किन कारणों से, किसकी शिकायत पर जांच की जा रही है? उसकी वर्तमान स्थिति से अवगत कराये? (ग) प्रश्नांश ''ख'' में संदर्भित उक्त आवासीय और व्यावसायिक योजनाओं में लीज शर्तों आदि के उल्लंघनों के कितने, किस भूमि, योजना भवन की लीज निरस्ती के नोटिस जारी किये हैं लीज निरस्ती के प्रकरणों की वर्तमान स्थिति क्या है? (घ) इंदौर, भोपाल विकास प्राधिकरण में कितनी योजनाएं पूर्ण होकर समस्त भूखंड विक्रय हो चुके है कितनी योजनाओं में कितने भूखंड विक्रय हेतु शेष है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) इन्दौर विकास प्राधिकरण द्वारा विकसित एवं प्रस्तावित 50 आवासीय एवं व्यावसायिक योजनाओं में एस.एल.पी., रिट पिटीशन, रिट अपील, सिविलवाद, पुनरीक्षण याचिकाएं आदि 2574 मामले दिनांक 14.07.2022 की स्थिति में लंबित होकर वर्तमान में न्यायालयों में विचाराधीन है। भोपाल विकास प्राधिकरण में विकसित एवं प्रस्तावित 20 आवासीय एवं 02 व्यावसायिक योजनाओं से संबंधित 80 न्यायालयीन प्रकरण विचाराधीन है। योजनावार न्यायालयीन प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) इन्दौर विकास प्राधिकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है, भोपाल विकास प्राधिकरण की जानकारी निरंक है। (ग) इन्दौर विकास प्राधिकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है, भोपाल विकास प्राधिकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार है। (घ) इन्दौर विकास प्राधिकरण में 16 योजनायें पूर्ण होकर समस्त व्ययन योग्य भूखण्डों का व्ययन हो चुका है एवं 32 योजनाओं में 2169 भूखण्ड व्ययन हेतु शेष हैं। भोपाल विकास प्राधिकरण की 23 योजनायें जिनमें भूखण्डों का निर्माण किया गया है। समस्त भूखण्डों का विक्रय किया गया। शेष चार योजनाओं में मिसरोद चरण-1 में 2 भूखण्ड, मिसरोद चरण-2 में 4 भूखण्ड, नवीबाग में 11 भूखण्ड एवं एरोसिटी चरण-1 में 100 भूखण्ड कुल 117 भूखण्ड विक्रय हेतु शेष हैं।
गोहदर नदी पर पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
82. ( क्र. 1156 ) श्री
धर्मेन्द्र
भावसिंह लोधी
: क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
जिला दमोह के
तेंदूखेड़ा-तारादेही
मार्ग पर
गोहदर नदी पर
लोक निर्माण
विभाग द्वारा
पुल का
निर्माण किया
जा रहा है यदि
हाँ तो कितनी
लागत से, किस
निर्माण
एजेंसी
द्वारा कब पुल
का निर्माण
प्रारम्भ
किया गया है
तथा पुल का
निर्माण कार्य
कब तक पूर्ण
किया जाना है? (ख) प्रश्नांश
(क) के अनुसार
क्या पुल
निर्माण
कार्य की
समयावधि
समाप्त हो गई
है यदि हाँ तो
समयावधि
समाप्त होने
के पश्चात्
कार्य पूर्ण न
होने का क्या
कारण है तथा
निर्माण
कार्य कब तक
पूर्ण किया
जाएगा।
समय-सीमा पर
कार्य पूर्ण न
होने पर
निर्माण
एजेंसी पर
क्या कार्यवाही
की गई है।
कार्यवाही की
प्रति उपलब्ध
कराये? (ग) क्या पुल
निर्माण में
समय-समय पर
गुणवत्ता की जाँच
की गई है यदि
हाँ तो कब-कब
और किस सक्षम
अधिकारी
द्वारा?
जाँच की प्रति
उपलब्ध कराये।
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क) जी
हॉं, राशि
रूपये 493.30
लाख, मेसर्स
नीलमाधव
अर्थमूवर्स
गढ़ाकोटा
जिला सागर
द्वारा
दिनांक 24.12.2018 तथा मार्च 2023 तक
पूर्ण किये
जाने का लक्ष्य
है। (ख)
जी
हॉ, कोरोना
महामारी एवं
ठेकेदार
द्वारा धीमी
गति से कार्य
करने के कारण।
मार्च 2023
तक पूर्ण करने
का लक्ष्य
है।
संविदाकार के
चल देयक से
राशि रूपये 2105716.00 रोकी
गई। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-1
अनुसार है। (ग) जी हॉं, गुणवत्ता
की जांच दिनांक
23.11.2019 एवं 23.09.2021 को की
गई।
कार्यपालन
यंत्री सेतु
संभाग सागर एवं
कसलटेंसी
मेसर्स एल.एन.
मालवीय इन्फ्रा
प्रोजेक्ट
प्रा.लि. के
इंजीनियर्स
द्वारा की गई।
जांच की
छायाप्रति पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-2
अनुसार है।
सौभाग्य योजना में लगाये गये मीटर के देयकों का भुगतान
[ऊर्जा]
83. ( क्र. 1164 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतारंकित प्रश्न क्रमांक 1942 दिनांक 11 मार्च 2022 के (ख) के उत्तर में सौभाग्य योजना अंतर्गत भुगतान केन्द्रों विजयराघवगढ़ एवं बड़वारा में ठेकेदार एजेंसियों की देयकों की संख्या निरंक है, (ग) के उत्तर में उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त प्रश्न दिनांक के पूर्व विजयराघवगढ़ में 13 मार्च 2020 एवं बड़वारा में 27 फरवरी 2020 तथा 23 मार्च 2021 के माध्यम से संबंधित कनिष्ठ अभियंताओं को देयक भुगतान हेतु पत्र के साथ बिल दिये गये हैं, यदि यह बात सही है तो इन देयकों का भुगतान श्री विनय कुमार जायसवाल ठेकेदार को कब-कब किया गया? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में सदन को असत्य जानकारी देने के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? दोषियों पर क्या कार्यवाही होगी? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। उल्लेखनीय है कि माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के विधानसभा सत्र मार्च-2022 के अतारांकित प्रश्न क्रमांक-1942 दिनांक 11.03.2022 के प्रश्नांश (ख) एवं (ग) में दी गई जानकारी म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत सौभाग्य योजना के तहत् क्रियान्वित कार्यों के भुगतान हेतु प्राप्त त्रुटिपूर्ण देयकों को संबंधित वितरण केन्द्रों द्वारा संबंधित ठेकेदार एजेंसी को वापिस किये जाने के कारण प्रश्न दिनांक की स्थिति में कोई भी देयक लंबित नहीं होने के परिप्रेक्ष्य में दी गई थी। (ख) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के प्रश्न क्रमांक-1942 की प्रश्न दिनांक 11.03.2022 के पूर्व वितरण केन्द्र विजयराघवगढ़ में दिनांक 13 मार्च 2020 को एवं वितरण केन्द्र बडवारा में दिनांक 27 फरवरी 2020 को संबंधित ठेकेदार एजेन्सी द्वारा संबंधित कनिष्ठ अभियंता को योजनान्तर्गत कार्यों हेतु देयक भुगतान के लिए पत्र के साथ दिये गये थे। प्रश्नांश में वर्णित दिनांक 23.03.2021 में दिए गए देयक अलग से न होकर पूर्व में बडवारा वितरण केंद्र में दिनांक 27.02.2020 को ठेकेदार एजेंसी द्वारा प्रस्तुत किए गए देयक ही थे, जिन्हें कि त्रुटिपूर्ण होने के कारण ठेकेदार एजेंसी द्वारा सुधार कर दिनांक 23.03.2021 को पुन: प्रस्तुत किया गया था। चूंकि दिनांक 13.03.2020 को विजयराघवगढ़ वितरण केन्द्र हेतु प्रस्तुत देयक एवं दिनांक 23.03.2021 (दिनांक 27.02.2020 को पूर्व में प्रस्तुत देयक) को बडवारा वितरण केंद्र हेतु प्रस्तुत देयक त्रुटिपूर्ण थे, अत: उन्हें ठेकेदार एजेंसी को सुधार हेतु संबंधित कनिष्ठ अभियंता द्वारा वापिस कर दिया गया था। वर्तमान में संदर्भित देयक ठेकेदार एजेंसी द्वारा प्रश्न दिनांक 11 मार्च 2022 के पश्चात सुधारकर पुन: संबंधित वितरण केंद्रों में प्रस्तुत किये गये हैं। उपरोक्त देयकों का भुगतान श्री विनय कुमार जायसवाल ठेकेदार को किया जाना लंबित है। भुगतान हेतु नियमानुसार देयकों के सत्यापन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में असत्य जानकारी दिये जाने तथा किसी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता।
औद्योगिक इकाइयों द्वारा प्रदूषण मानकों का पालन
[पर्यावरण]
84. ( क्र. 1170 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (पी.एस.यू.) अंतर्गत कौन-कौन से उद्योग उपक्रम इकाइयां कब से कार्यरत हैं? क्या इनमें कार्पोरेट-सोशल-रिस्पान्सिविलिटी (सी.एस.आर.) लागू है? यदि हाँ तो विगत 5 वर्षों में इसके तहत क्या-क्या कार्यवाही और क्या-क्या लाभ इसके अंतर्गत दिये गये हैं? वर्षवार, राशिवार, कार्यवार, संस्थावार पृथक-पृथक बतलायें। यदि नहीं तो क्यों नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में इनमें प्रदूषण नियंत्रण के अंतर्गत कौन-कौन से नियमों का पालन करना अनिवार्य है? इसके लिये कब कौन-कौन सी अनुमति अनिवार्य है? उपक्रमवार बतलावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित नियमों अनुमतियों के संबंध में विभाग द्वारा कब-कब किस तरह के औचक सतत् निरीक्षण प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संस्थानों का विगत पांच वर्षों में किया गया बतलावें। निरीक्षण रिपोर्ट की छायाप्रति सहित जानकारी देवें एवं यह भी बतलावें कि इनमें क्या कार्य नियम-विरूद्ध संपादित होते हुए पाये गये तथा इस हेतु क्या कार्यवाही की गई? कितना जुर्माना वसूला गया? वर्षवार, संस्थावार सूची देवें। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित उद्योगों में परिवेशीय वायु में पी.एम.पी.एस. नाइट्रोजन ऑक्साइड, कार्बन एवं अन्य प्रदूषक पदार्थों की मात्रा कितनी है? ए.एस.क्यू. का स्तर कितना पाया गया? हवा की गुणवत्ता खराब होने पर इसका मानव स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है तथा इसके नियंत्रण हेतु विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''एक'' अनुसार है। जी हाँ। उद्योग से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''दो'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''तीन'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''चार' अनुसार है। (घ) उद्योग में वायु गुणवत्ता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''पांच'' एवं ''छ:'' अनुसार है। उद्योग में परिवेशीय वायु गुणवत्ता का मापन जिला कार्यालय कटनी द्वारा दिनांक 30.06.2022 को ऑर्डिनेंस फैक्ट्री कटनी में किया गया। जिसमें ए.क्यू.आई. 72.5 एवं कोटेश्वर लाईम स्टोन माइन्स में दिनांक 08.07.2022 को किया गया। जिसमें ए.क्यू.आई. 83.2 पाई गई, जो सन्तोषजनक श्रेणी की है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''सात'' अनुसार है।
घरेलू विद्युत कनेक्शनों की चोरी
[ऊर्जा]
85. ( क्र. 1171 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड भोपाल के जोन अयोध्या नगर में कुल कितने घरेलू अस्थाई कनेक्शन प्रश्नांश दिनांक तक विद्यमान है? कॉलोनीवार संख्या बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) से उक्त क्षेत्र में विद्युत चोरी की कितनी शिकायतें दिनांक 01.04.2021 से प्रश्नांश दिनांक तक प्राप्त हुई हैं। कॉलोनीवार संख्यात्मक जानकारी देवें। किन-किन अतिक्रमित झुग्गी बस्तियों में चोरी की बिजली के कुल कितने प्रकरण बनाये गये हैं उन पर क्या-क्या कार्यवाही हुई। क्या प्रशासन घरेलू बिजली चोरी के कनेक्शनों को हटाये जाने के लिये अभियान चलाएगी? यदि नहीं तो क्यों? क्या यह सत्य है कि उक्त बिजली चोरियों से ही कंपनी घाटे पर है? (ग) क्या यह सही है कि शासन द्वारा रहवासियों/अवैध कालोनियों में घरेलू अस्थाई कनेक्शनों को स्थाई कनेक्शनों में परिवर्तन किये जाने की योजना लागू की है। यदि हाँ तो आदेश की प्रतियां उपलब्ध करावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के शहर संभाग पूर्व के अंतर्गत अयोध्या नगर जोन में प्रश्न दिनांक की स्थिति में कुल 419 घरेलू अस्थाई कनेक्शन हैं, जिनका कॉलोनीवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–'अ' अनुसार है। (ख) म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के शहर संभाग पूर्व के अयोध्या नगर जोन के अंतर्गत दिनांक 01.04.21 से प्रश्न दिनांक तक बिजली चोरी की कुल 37 शिकायतें प्राप्त हुई। जिनका कॉलोनीवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–'ब' अनुसार है। झुग्गी बस्तियों में विद्युत चोरी के कुल 74 प्रकरण बनाए गए, जिनमें की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–'स' अनुसार है। म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा बिजली चोरी रोकने के उद्देश्य से समय-समय पर घरेलू एवं अन्य श्रेणी के विद्युत कनेक्शनों में बिजली चोरी के लिये अवैध रूप से डाले गए तारों को हटाये जाने एवं नियमानुसार प्रकरण बनाये जाने की कार्यवाही सतत् रूप से की जाती है। बिजली कंपनी के घाटे में होने के अन्य कारणों के साथ बिजली चोरी भी एक कारण है। (ग) जी हाँ, म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा दिनांक 31.05.2022 को ''मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग (विद्युत प्रदाय के प्रयोजन से विद्युत लाईन प्रदान करने अथवा उपयोग किये संयंत्र हेतु व्ययों तथा अन्य प्रभारों की वसूली) (पुनरीक्षण द्वितीय) विनियम, 2022 (आर.जी.-31 (II), वर्ष 2022) '' जारी किये गये है, जिनमें घोषित/अघोषित अवैध कॉलोनियों के विद्युतीकरण एवं उक्त कॉलोनियों में स्थित घरों में विद्युत कनेक्शन प्रदान करने हेतु प्रक्रिया निर्धारित की गई है। उक्त निर्धारित प्रकिया के अंतर्गत आवेदकों द्वारा समस्त आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण करने पर उन्हें विद्युतीकरण कर विद्युत कनेक्शन प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। उक्त विनियम में वर्णित संबंधित कंडिकाओं की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है।
बोरगांव बुजुर्ग को नगर परिषद बनाया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
86. ( क्र. 1175 ) श्री राम दांगोरे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी ने 21 सितंबर, 2021 को बोरगांव बुजुर्ग में बोरगांव बुजुर्ग को नगर परिषद बनाने की घोषणा की गई थी? (ख) क्या नगर परिषद बोरगांव बुजुर्ग बनाने हेतु जो कागजी कार्यवाही स्थानीय अधिकारियों द्वारा की गई है? (ग) यदि सही है तो नगर परिषद बनाने में विलंब क्यों हो रहा है? (घ) यदि स्थानीय अधिकारियों के द्वारा सही कार्यवाही नहीं की गई है तो कृपया सुधार हेतु पत्र व्यवहार कर सही कार्यवाही करा कर, नगर परिषद बोरगांव बुजुर्ग की अधिसूचना जारी करेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) कलेक्टर जिला खण्डवा से प्राप्त प्रस्ताव परीक्षणाधीन है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
माननीय मुख्यमंत्रीजी की घोषणानुसार राशि की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
87. ( क्र. 1176 ) श्री राम दांगोरे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 21 सितंबर, 2021 को पंधाना नगर परिषद को 5 करोड़ रुपए देने की घोषणा माननीय मुख्यमंत्री जी ने की थी जिसमें से एक करोड़ रुपए राशि जारी हो गए हैं। बाकी चार करोड़ रुपए कब तक देने की कृपा करेंगे? (ख) वर्ष 2020 में पंधाना नगर परिषद के विकास हेतु माननीय मुख्यमंत्री जी 50 करोड़ रुपये का पत्र विभाग को भेजा था। कागजी कार्यवाही पूरी कर ली गई है। राशि कब तक नगर परिषद को भेजने का कष्ट करेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ, अपितु निकाय की पात्रता एवं वित्तीय उपलब्धता अनुसार राशि रू. 100.00 लाख की स्वीकृति विशेष निधि मद में दिनांक 31.05.2022 को दी गई है। पर्याप्त वित्तीय उपलब्धतानुसार विचार किया जा सकेगा। (ख) जी हाँ। जी नहीं, अपितु इस बाबत निकाय से राशि रू. 28.48 करोड़ के प्रस्ताव दिनांक 16.11.2021 को प्राप्त हुये है। मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के तृतीय चरण में नगर परिषद पंधाना को पात्रतानुसार, राशि रू. 75.00 लाख, विशेष मद निधि अंतर्गत वर्ष 2020-2021 में रू. 100.00 लाख एवं एस.डी.एम.एफ. मद अंतर्गत राशि रू. 116.70 लाख की स्वीकृति भी प्रदान की गई है। विभाग में प्रचलित योजनाओं एवं विभिन्न मदों में राशि की उपलब्धता अनुसार, निकायों को राशि स्वीकृत की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्मार्ट सिटी में पदस्थ अधिकारियों की पदस्थापना
[नगरीय विकास एवं आवास]
88. ( क्र. 1179 ) श्री हर्ष यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरीय एवं आवास विभाग अंतर्गत संचालित केन्द्रीयकृत योजना स्मार्ट सिटी के संचालन हेतु किन-किन संवर्ग के अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति किये जाने का प्रावधान किया गया हैं? प्रतिनियुक्ति/नियुक्ति हेतु जारी विज्ञापन की प्रति एवं नियम निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) उपरोक्त योजनान्तर्गत मध्यप्रदेश में किन-किन शहरों को कब-कब इस योजनान्तर्गत शामिल किया गया हैं? क्या 150 वर्ष से अधिक पुरानी नगर पालिका परिषद देवरी को मिनी स्मार्ट सिटी में जोड़ने का विचार है? यदि हाँ तो कब तक? योजना में शामिल किए शहरों में स्मार्ट सिटी सी.ई.ओ. के रूप में किस-किस वर्ग के अधिकारियों की पदस्थापना की गई हैं? नामवार, विभागवार विस्तृत विवरण देवें। (ग) क्या मध्यप्रदेश शासन के अन्य अधिकारियों की भांति ही स्मार्ट सिटी सी.ई.ओ. की एक स्थान पर पदस्थापना की समय-सीमा अधिकतम तीन वर्ष हैं? यदि हाँ तो प्रदेश की किन- किन स्मार्ट सिटीज के सी.ई.ओ. तीन वर्ष से अधिक समय-सीमा से पदस्थ हैं। नामवार/विभागवार विस्तृत विवरण देवें। (घ) क्या तीन वर्ष से अधिक समय-सीमा में एक ही स्थान पर पदस्थ स्मार्ट सिटी सी.ई.ओ. को अन्य शासन के अधिकारियों की भॉति स्थानांतरित किया जावेगा? यदि हाँ तो समय-सीमा बतावें। यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगरीय विकास एवं आवास विभाग अंतर्गत संचालित केन्द्रीय योजना स्मार्ट सिटी मिशन के संचालन हेतु स्वीकृत संरचना के पदों पर कंपनी की आवश्यकता के अनुरूप अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर लिए जाने का प्रावधान स्मार्ट सिटी मिशन की एचआर गाइड लाइन में किया गया है। संविदा नियुक्ति हेतु शहरवार जारी विज्ञापन एवं आदेश/निर्देशों/गाईड लाइन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत मध्यप्रदेश के 07 शहरों को यथासमय शामिल किया गया है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। नगर पालिका परिषद देवरी को मिनी स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत लिया जाना विचारार्थ नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। योजनांतर्गत स्मार्ट सिटी सीईओ के वर्ग, पदस्थापना की नाम व विभागवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (ग) स्मार्ट सिटी मिशन गाइड लाइन अनुसार स्मार्ट सिटी सीईओ की नियुक्ति तीन वर्ष की अवधि के लिये होने का उल्लेख किया गया है। प्रदेश में केवल सागर स्मार्ट सिटी में सीईओ श्री राहुल सिंह राजपूत तीन वर्ष से अधिक समय से पदस्थ हैं एवं वे नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग से है। (घ) स्मार्ट सिटीज गाइड लाइन क प्रावधान एवं प्रशासनिक व्यवस्था अन्तर्गत शासन द्वारा सीईओ की पदस्थापना के संबंध में निर्णय लिया जाता है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
नगर पालिका द्वारा शासकीय ऋण की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
89. ( क्र. 1184 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सत्य है कि नपा श्योपुर में एक लाख तक के भुगतान शासन निर्देशो के तहत किये गये है? यदि हाँ तो शासन में एक माह में नगरपालिका परिषद में एक लाख रूपये तक के कितने प्रकरणो का भुगतान करने के नियम निर्देश है? छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) नपा श्योपुर में वर्ष 2019-20 से वर्तमान तक स्वीकृत किये गये कौन-कौन से कार्यों का भुगतान किस-किस फर्म को? किस-किस मद से किस सक्षम अधिकारी की अनुमति से किया गया है? (ग) नपा श्योपुर में वर्ष 2019-20 से एक लाख तक का भुगतान किस-किस कार्य पर? कौन-कौन से जिम्मेदार अधिकारी की स्वीकृति पर किस-किस फर्म को कब-कब किया गया? माहवार जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) क्या यह सत्य है कि नपा श्योपुर द्वारा शासकीय ऋण एवं अधिकारी/कर्मचारी संबंधी भुगतान लंबित है? यदि हाँ तो कौन से शासकीय ऋण का तथा किस-किस अधिकारी/ कर्मचारी का कौन-कौन सा भुगतान कब से लंबित है? कर्मचारीवार विस्तृत जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। शासन निर्देशानुसार एक माह में एक लाख तक के 07 भुगतान करने के निर्देश है। जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार हैं। (घ) नगरपालिका परिषद श्योपुर में कोई शासकीय ऋण एवं अधिकारियों/कर्मचारियों संबंधी भुगतान लंबित नहीं हैं।
पुल पुलिया एवं सड़कों का पुनः निर्माण
[लोक निर्माण]
90. ( क्र. 1185 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सत्य है कि श्योपुर विधानसभा में विगत वर्ष माह अगस्त में आयी भीषण बाढ़ प्राकृतिक आपदा में श्योपुर के सीप नदी पर बने पुल -1. मण्डी एप्रोच रोड नागदा पुल 2. मानपुर ढोढर रोड पर एवं अन्य पुल पुलियों सहित सैकड़ो सड़क सम्पर्क मार्ग जो कि विभाग द्वारा निर्मित कराये गये थे बाढ़ एवं अतिवृष्टि के कारण पूर्णतः नष्ट एवं क्षतिग्रस्त हो गये थे? यदि हाँ तो श्योपुर विधानसभा में कौन-कौन से पुल पुलिया एवं सड़के नष्ट/क्षतिग्रस्त हो गयी है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पूर्णतः नष्ट एवं क्षतिग्रस्त हुयी पुल पुलिया एवं सड़कों के पुनः निर्माण कार्य एवं मरम्मत हेतु जिला प्रशासन एवं लोक निर्माण विभाग श्योपुर द्वारा राज्य शासन को स्वीकृति हेतु प्रस्ताव भेजे गये थे? यदि हाँ तो कौन-कौन से कार्यों के प्रस्ताव भेजे गये सूची उपलब्ध करावें तथा प्रस्तावित उक्त कार्यों को शासन के विभागीय बजट में स्वीकृत कर प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गयी है? यदि नहीं तो क्यो? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार पूर्णतः नष्ट एवं क्षतिग्रस्त निर्माण कार्यों को विभागीय बजट में सम्मिलित कर शासन कब तक प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जावेंगी? समय-सीमा बतावें? यदि नहीं तो क्यों? (घ) लोक निर्माण विभाग श्योपुर में वर्तमान में प्रेमसर पच्चीपुरा रोड सहित अन्य कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत होकर निर्माणाधीन है? उक्त कार्यों पर कितना-कितना व्यय हो चुका है? कार्य की भौतिक स्थिति क्या है? कार्य कब तक पूर्ण करा लिये जावेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जी हाँ। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' एवं ब अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब-1' एवं स अनुसार है।
सोलर पैनल की जानकारी
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
91. ( क्र. 1188 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के किन-किन जिलों में शासन की योजना के तहत उत्तर दिनांक तक कितने सोलर पैनल किस प्रकार के स्थापित किये गये? उन पर कितनी धनराशि व्यय हुई? कितनी सब्सिडी राशि शासन द्वारा दी गई? प्रत्येक जिलेवार जानकारी दें। (ख) क्या शासन के नियंत्रणाधीन समस्त शासकीय कार्यालयों में शत्-प्रतिशत सोलर पैनल स्थापित किये जा चुके है? यदि हाँ तो जिलेवार जानकारी दें। यदि नहीं, तो इसके लिये कोई प्रभावी कार्ययोजना बनाई है? यदि हाँ तो क्या? यदि नहीं तो कब तक क्रियान्वयन किया जायेगा? (ग) ग्वालियर जिले में कितने कार्यालयों एवं स्थानों पर सोलर पैनल किस प्रकार के स्थापित किये गये है? प्रत्येक कार्यालय/स्थान का नाम, स्थापित करने का दिनांक, उसकी लागत, क्रियान्वयन एजेंसी, गारंटी अवधि, वर्तमान में चालू/क्रियाशील है? यदि बन्द है तो कब से तथा किस कारण एवं सुधार हेतु क्या-क्या प्रयास किये एवं कौन जिम्मेदार है? (घ) ग्वालियर जिले में जिन कार्यालयों एवं स्थानों पर सोलर पैनल स्थापित किये हैं, उनमें से कितने कार्यालयों/स्थानों पर विद्युत कनेक्शन है? उनका बिल किसके द्वारा जमा किया जा रहा है? वर्तमान (उत्तर दिनांक तक) कितने कार्यालय/स्थानों का विद्युत बिल कितनी राशि का बकाया है? बकाया होने का कारण? प्रत्येक कार्यालयवार एवं स्थानवार जानकारी देंवे।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) प्रदेश में विभिन्न जिलों में म.प्र. शासन, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा स्थापित सोलर फोटोवोल्टेइक पैनल आधारित योजनाओं के तहत उत्तर दिनांक तक स्थापित संयंत्रों की जानकारी, व्यय की गई राशि तथा शासन की अनुदान राशि का योजनावार, जिलावार विवरण निम्नानुसार है:- सौर ऊर्जा आधारित परियोजनाएं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। सौर रूफटॉप परियोजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ख) सौर रूफटॉप परियोजना के अंतर्गत शासकीय कार्यालय भवनों में शत्-प्रतिशत सोलर पैनल (सोलर विद्युत उत्पादन संयंत्र) की स्थापना नहीं हुई है। शासकीय कार्यालय भवनों में स्थापित सोलर रूफटॉप विदयुत उत्पादन संयंत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा शासकीय भवनों में सोलर रूफटॉप विद्युत उत्पादन संयंत्रों की स्थापना हेतु कार्ययोजना तैयार की गई है, जिसके अनुसार शासकीय कार्यालयों से अथवा उनसे संबंधित विभाग से प्रस्ताव प्राप्त होने पर एवं धनराशि (हितग्राही अंश) उपलब्ध कराए जाने पर, संयंत्रों की स्थापना सतत् रूप से की जा रही है। योजनांतर्गत, प्रदेश के विभिन्न शासकीय कार्यालयों में उत्तर दिनांक तक स्थापित संयंत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) सौर रूफटॉप परियोजना के अंतर्गत, ग्वालियर जिले में शासकीय भवनों पर स्थापित किए गए सोलर रूफटॉप विद्युत उत्पादन संयंत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। संयंत्रों की स्थापना 5 वर्ष की गारंटी के साथ की गई है। संयंत्र अकार्यशील होने की सूचना प्राप्त होने पर संयंत्र स्थापनाकर्ता इकाई के माध्यम से तत्काल कार्यशील की जाने की कार्यवाही की जाती है। (घ) ग्वालियर जिले में उल्लेखित शासकीय कार्यालय भवनों में विद्युत कनेक्शन/विद्युत बिल संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार है।
विद्युत कनेक्शन एवं वसूली
[ऊर्जा]
92. ( क्र. 1189 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में शहरी क्षेत्र की किस-किस विधानसभा क्षेत्र में किस-किस प्रकार के विद्युत कनेक्शन (उत्तर दिनांक तक) हैं? उनमें से प्रत्येक प्रकार के कनेक्शनों पर कितनी देयक राशि बकाया है? वित्तीय वर्ष 2018-19 से बकाया राशि के कितने प्रकरणों में कितनी बकाया राशि वसूली गई? श्रेणीवार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें। इस अवधि में कितने प्रकरण कितनी राशि के लोक अदालत (प्रत्येक लोक आदलत का दिनांक) में प्रस्तुत हुये श्रेणीवार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें? प्रत्येक लोक अदालत में कितनी राशि के कितने प्रकरण निराकृत हुये? निराकरण उपरांत कितनी राशि वसूल की गई? जोनवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) कितनी राशि एवं कितनी अवधि का विद्युत देयक बकाया होने पर कनेक्शन विच्छेदन किया जाता है? ग्वालियर जिले में शहरी क्षेत्रान्तर्गत प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2018-19 से उत्तर दिनांक तक बकाया राशि होने पर कितने विद्युत कनेक्शन विच्छेदन किये गये? विच्छेदन उपरांत पूर्ण बकाया राशि जमा करने के उपरांत कितने कनेक्शन पुनः चालू किये, तथा कितनी राशि प्राप्त हुई? जोनवार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) 17-ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत शहर संभाग में विद्युत संधारण कार्य में कितनी राशि व्यय हुई? इसमें से कितनी राशि सामग्री क्रय एवं रख-रखाव आदि अन्य प्रकार से व्यय हुई? वित्तीय वर्ष 2018-19 से उत्तर दिनांक तक की जानकारी देंवे।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) ग्वालियर जिले के अंतर्गत शहरी क्षेत्र के विधानसभा क्षेत्रों में प्रदाय किये गए विद्युत कनेक्शनों (राजस्व पत्रक मई-2022 अनुसार) एवं उनकी श्रेणी की प्रश्नाधीन चाही गयी विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त विद्युत कनेक्शनों पर बकाया राशि (राजस्व पत्रक मई-2018 अनुसार) की प्रश्नाधीन चाही गयी श्रेणीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक बकाया राशि वसूल किये गए प्रकरणों की संख्या एवं वसूल की गई राशि की प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। लोक अदालत में बकाया राशि के उपभोक्ताओं को छूट दिये जाने का प्रावधान नहीं है। प्रश्नाधीन अवधि में आयोजित लोक अदालतों में प्रस्तुत प्रकरणों एवं निराकृत प्रकरणों की संख्या, राशि तथा निराकरण उपरांत वसूल की गई राशि की जोनवार एवं विद्युत उपभोक्ता की श्रेणीवार प्रश्नाधीन चाही गयी संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। (ख) विद्युत उपभोक्ता द्वारा मासिक बिल की राशि निर्धारित तिथि तक जमा नहीं करने पर विद्युत प्रदाय संहिता 2021 की कंडिका-9.15 के अनुसार कनेक्शन विच्छेदन की कार्यवाही की जाती है। ग्वालियर जिला अंतर्गत शहरी क्षेत्र की विधानसभा क्षेत्रों में वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक बकाया राशि होने पर विद्युत कनेक्शन विच्छेदित किये जाने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ई' अनुसार है। ग्वालियर जिले के अंतर्गत विद्युत कनेक्शन विच्छेदन के उपरांत पूर्ण भुगतान के बाद पुन: जोड़े गये कनेक्शनों की जानकारी एवं जमा की गई राशि की प्रश्नाधीन चाही गयी जोनवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'फ' अनुसार है। (ग) ग्वालियर जिले के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विद्युत अद्योसंरचना के संधारण कार्यों हेतु कुल राशि रूपये 32.85 लाख व्यय हुए हैं। इसमें से राशि 31.30 लाख रूपये की सामग्री क्रय एवं राशि 1.55 लाख रूपये रख-रखाव आदि अन्य प्रकार से व्यय हुई है।
बाउण्ड्रीवॉल निर्माण स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
93. ( क्र. 1192 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कला, वाणिज्य एवं विज्ञान महाविद्यालय मकरोनिया का भवन कब निर्मित हुआ, कब से कक्षायें प्रारंभ हुई? (ख) क्या महाविद्यालय भवन निर्माण के समय आवंटित जगह पर अतिक्रमण व्याप्त था जिसे महाविद्यालय के द्वारा समय-समय पत्राचार उपरांत राजस्व विभाग द्वारा कार्यवाही कर हटाया गया था? यदि हाँ तो जानकारी देवें। (ग) क्या शासकीय महाविद्यालय भवन के समीप राजस्व विभाग द्वारा प्रदाय किये गये पट्टा धारी परिवार निवासरत है? यदि हाँ तो जानकारी देवें। (घ) क्या शासकीय महाविद्यालय में प्रश्न (ख) और (ग) की स्थितियों को देखते हुये बाउण्ड्रीवाल निर्माण की आवश्यकता है? यदि हाँ तो विभाग शासकीय महाविद्यालय मकरोनिया में बाउण्ड्रीवाल निर्माण की स्वीकृति प्रदान करेगा।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) शासकीय महाविद्यालय, मकरोनिया (सागर) का भवन निर्माण कार्य दिनांक 31/05/2021 को पूर्ण हुआ तथा दिनांक 14/10/2021 को पी.आई.यू. द्वारा भवन प्राचार्य को हस्तांतरित किया गया। नवीन भवन में दिनांक 01/11/2021 से कक्षाएं प्रारंभ हुई हैं। (ख) जी हाँ। प्राचार्य शासकीय महाविद्यालय, मकरोनिया के पत्र के आधार पर दिनांक 11/11/2021 को राजस्व विभाग द्वारा अतिक्रमण हटाया गया। (ग) जी नहीं। (घ) महाविद्यालय के बाउन्ड्रीवॉल निर्माण की स्वीकृति का प्रकरण विचाराधीन नहीं है।
सौर ऊर्जा संयंत्र की जानकारी
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
94. ( क्र. 1193 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) घरेलू सौर ऊर्जा संयंत्र, कृषि उपयोगी संयंत्र एवं व्यवसायिक सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिये विभाग के क्या मापदंड, दिशा निर्देश एवं विभाग की योजना है? (ख) सागर जिला अंतर्गत विभाग द्वारा वर्ष 2020-21, 2021-22 एवं 2022-23 में कितने सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किये गये है? संयंत्रवार विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ग) सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किये जाने हेतु विभाग द्वारा हितग्राहियों को दी जाने वाली सब्सिडी की वर्गवार जानकारी देवें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) घरेलू क्षेत्र में सोलर रूफटॉफ संयंत्रों की स्थापना का कार्य ऊर्जा विभाग के अंतर्गत म.प्र. विद्युत वितरण कंपनियों के द्वारा किया जा रहा है। कृषि उपयोगी संयंत्र स्थापित करने के लिए नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग की योजनाओं की जानकारी निम्नानुसार है :-''प्रधान मंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान योजना'' (पी.एम. कुसुम) के घटक ''अ'' (पी.एम. कुसुम-अ) अंतर्गत, कृषकों द्वारा उनकी अनुपयोगी/बंजर/कृषि भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापना की जा सकेगी। परियोजना से उत्पादित विद्युत शासन द्वारा क्रय की जाएगी एवं कृषकों को नियमित आय होगी। योजना में 500 KW से 2 MW क्षमता तक के संयंत्र स्थापना का प्रावधान है। योजना के मापदण्ड दिशा-निर्देश आदि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। ''प्रधान मंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान योजना'' के घटक ''ब'' (पी.एम. कुसुम–ब) अंतर्गत, कृषि भूमि पर सिंचाई हेतु प्रदेश में लागू ''मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना'' के मापदण्ड, दिशा–निर्देश आदि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। ''प्रधान मंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान योजना'' (पी.एम. कुसुम) के घटक ''स'' (पी.एम. कुसुम-स) अंतर्गत एग्रीकल्चर फीडर से संबंध किसानों को सिंचाई हेतु नि:शुल्क बिजली उपलब्ध कराने, किसानों की अतिरिक्त आय बढ़ाने के उद्देश्य से एग्रीकल्चर फीडर को सोलराइज करने की योजना लागू की गई है। योजना के मापदण्ड, दिशा-निर्देश आदि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। संस्थागत/व्यावसायिक सौर संयंत्र स्थापित करने के लिए नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग की योजनाओं की जानकारी निम्नानुसार है :- संस्थागत क्षेत्र में सोलर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना करने के लिए, मापदण्ड, दिशा-निर्देश आदि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। म.प्र. शासन की ''म.प्र. विकेन्द्रीकृत नवकरणीय ऊर्जा'' नीति-2016'' पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। व्यावसायिक क्षेत्र में ग्रिड संयोजित सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना शासन की ''सौर ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012'' की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ई' के मापदण्डों/प्रावधानों/दिशा-निर्देशों के अनुसार की जा रही है। (ख) सागर जिले में स्थापित घरेलू क्षेत्र में सोलर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना संबंधी जानकारी ऊर्जा विभाग/म.प्र. विद्युत वितरण कंपनियों से संबंधित है। सागर जिले में, कृषि भूमि की सिंचाई के लिए, पी.एम. कुसुम-बी/''मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना'' के अंतर्गत वर्ष 2020-2021, 2021-2022 एवं 2022-2023 में स्थापित, कुल 268 नग सोलर पंप संयंत्रों की विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'फ' अनुसार है। (ग) सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किये जाने हेतु विभाग द्वारा हितग्राहियों को दी जाने वाली सब्सिडी की जानकारी निम्नानुसार है :- घरेलू क्षेत्र : घरेलू क्षेत्र में सोलर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना हेतु सब्सिडी संबंधी जानकारी ऊर्जा विभाग/म.प्र. विद्युत वितरण कंपनीयों से संबंधित है। कृषि क्षेत्र : पी.एम. कुसुम-अ के अंतर्गत सोलर संयंत्र स्थापना हेतु भारत सरकार एवं म.प्र. शासन द्वारा हितग्राहियों को सब्सिडी उपलब्ध नहीं है। पी.एम. कुसुम-बी के अंतर्गत, कृषि भूमि पर सिंचाई हेतु प्रदेश में लागू ''मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना'' अंतर्गत, सभी वर्गों के कृषक हितग्राहियों की दी जाने वाली सब्सिडी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ज' अनुसार है। पी.एम. कुसुम-स के अंतर्गत सोलर संयंत्र स्थापना हेतु निर्धारित मानक मूल्य 3.5 करोड़ रू. प्रति मेगावाट अथवा वास्तविक लागत जो कम हो पर 30 प्रतिशत केन्द्रीय सहायता राशि दिया जाना प्रावधानिक किया गया है। संस्थागत/व्यावसायिक क्षेत्र सोलर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापनाओं पर वर्तमान में भारत सरकार एवं म.प्र. शासन द्वारा हितग्राहियों को सब्सिडी उपलब्ध नहीं है। प्रदेश में ग्रिड संयोजित सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए भारत सरकार एवं म.प्र. शासन द्वारा हितग्राहियों को सब्सिडी उपलब्ध नहीं है।
प्रदेश में स्थापित निजी विश्वविद्यालय
[उच्च शिक्षा]
95. ( क्र. 1196 ) श्री विनय सक्सेना : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में निजी विश्वविद्यालय प्रारंभ करने हेतु क्या-क्या नियम/मापदंड है? (ख) म.प्र. निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग द्वारा विगत तीन वर्षों में कौन-कौन से निजी विश्वविद्यालयों को स्थापित करने की अनुशंसा की गयी है? निजी विश्वविद्यालय को स्थापित करने हेतु आयोग को प्राप्त प्रस्ताव, आयोग द्वारा कराये गये निरीक्षण का प्रतिवेदन, शासन द्वारा जारी आशय पत्र की प्रति देवें। (ग) किन किन निजी विश्वविद्यालयों द्वारा एक ही भवन में एक से अधिक पाठ्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं? क्या उनके पास सभी पाठ्यक्रमों हेतु लागू अधोसंरचना, लैब, लायब्रेरी पृथक से उपलब्ध है? यदि, हाँ, तो पाठ्यक्रमवार उपलब्ध अधोसंरचना/सुविधाओं का विवरण मय अभिलेख बतावें। (घ) विगत तीन वर्षों में नए पाठ्यक्रम प्रारंभ करने संबंधी निजी विश्वविद्यालयों द्वारा म.प्र. निजी वि.वि. विनियामक आयोग में निर्धारित प्रोफार्मा में दी गयी जानकारी मय अभिलेखों की जानकारी देवें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 के प्रपत्र 1 से 9 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पर्यावरण का सुधार
[पर्यावरण]
96. ( क्र. 1200 ) श्री सुनील उईके : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जुन्नारदेव एवं दमुआ नगरपालिका कोल फील्ड क्षेत्र में नगरपालिका क्षेत्र में बहने वाले नालों के जीर्णोद्धार के लिए क्या ईफको से योजना स्वीकृत की जायेगी एवं नालों के दोनो ओर नाला सौंदर्यीकरण हेतु पक्की दीवाल बनाकर नालों को सुधारा जायेगा एवं नालों के दोनों ओर सुधार एवं फलदार वृक्षों का रोपण किया जायेगा। यदि हाँ तो कब तक, यदि नहीं तो क्यों। (ख) क्या इफको से जुन्नारदेव एवं दमुआ नगरपालिका कोल फील्ड क्षेत्र में नगरपालिका क्षेत्र में तालाबों के सौंदर्यीकरण का कार्य किया जायेगा। यदि हाँ तो कब तक, यदि नहीं तो क्यों? (ग) पर्यावरण सुधार हेतु विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव में सड़कों के दोनों ओर एवं खाली रिक्त स्थानों पर पर्यावरण पार्कों की स्थापना हेतु कोई योजना प्रस्तावित है। यदि हाँ तो कब तक की जावेगी। यदि नहीं तो कब तक होगी।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) से (ग) जी नहीं। वर्तमान में इस तरह का कोई योजना एवं बजट प्रावधान नहीं है।
मास्टर प्लान एवं विकास कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
97. ( क्र. 1201 ) श्री सुनील उईके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा नगर निगम का मास्टर प्लान 2011 से 12 वर्ष बीतने के बाद भी आज दिनांक तक मास्टर प्लान नहीं बनाया गया है, जिससे नगर निगम क्षेत्र के निवासियों को मास्टर प्लान का लाभ नहीं मिल रहा है। मास्टर प्लान कब तक बनकर तैयार होगा? यदि नहीं तो क्यों? (ख) जुन्नारदेव एवं दमुआ दोनों नगरपालिका क्षेत्रों के मास्टर प्लान भी बनना है, यह कब तक बनकर तैयार होंगे? (ग) इस वित्तीय वर्ष 2022-23 में नगरपालिका जुन्नारदेव एवं नगरपालिका दमुआ में कितने कार्य स्वीकृत है एवं उन कार्यों पर कितना-कितना व्यय हो चुका है एवं कितने नये निर्माण कार्य प्रस्तावित हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) छिन्दवाड़ा निवेश क्षेत्र की विकास योजना-2011 के प्रस्ताव वर्ष 2011 की आवश्यकताओं का आंकलन कर तैयार किये गये थे जो कि वर्तमान में भी प्रभावशील है। छिन्दवाड़ा निवेश क्षेत्र की विकास योजना, 2035 अमृत योजना के मानको के अन्तर्गत तैयार की जा रही है। (ख) जुन्नारदेव एवं दमुआ नगरो की विकास योजना शासन की प्राथमिकता के आधार पर आगामी वर्षों में तैयार की जा सकेगी। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है।
स्वीकृत निर्माण कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
98. ( क्र. 1206 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग, ग्वालियर संभाग तथा सागर संभाग में 1 अप्रैल 2018 से प्रश्नांकित दिनांक तक विभाग द्वारा नगर निगम, नगरपालिका परिषद, नगरपरिषद को कितनी-कितनी राशि किस-किस मद से कब-कब स्वीकृत की गई? निकायवार एवं वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत राशि से कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये? उक्त कार्यों में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो चुके हैं, कौन-कौन से अपूर्ण हैं एवं कौन-कौन से अप्रारंभ हैं? पृथक-पृथक वर्षवार एवं निकायवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के संदर्भ में किन-किन ठेकेदारों/कार्य ऐजेन्सी द्वारा कार्य किया गया एवं उनको कितना-कितना भुगतान कब-कब किया गया? भुगतान की गई राशि की कार्यवार, वर्षवार एवं निकायवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किन ठेकेदारों एवं कार्य ऐजेन्सियों द्वारा समय पर कार्य पूर्ण नहीं किये गये हैं? उन पर निकाय एवं विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई हैं? कार्यवाहियों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि कार्यवाही नहीं की गई है? तो इसके लिए दोषी कौन है? कितने ठेकेदार/ऐजेन्सी को ब्लेक लिस्टेड किया गया है? लापरवाह ठेकेदारों एवं कार्य ऐजेन्सी को ब्लैक लिस्टेड की कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ङ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत राशि में से कितनी-कितनी राशि विभाग द्वारा निकायों से वापिस ली गई है? निकाय एवं मदवार जानकारी उपलब्ध करावें। (च) नगर पालिका परिषद सिरोंज एवं नगर परिषद लटेरी को सीएम मॉनिट ए+ से विभाग को कौन-कौन से पत्र प्राप्त हुए? कौन-कौन से कार्य स्वीकृत हुए हैं? कौन-कौन से कार्य लंबित हैं? स्वीकृत कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति की छायाप्रति उपलब्ध करावें। शेष कार्य कब तक स्वीकृत कर दिये जावेगें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (च) जानकारी संकलित की जा रही है।
सौर ऊर्जा विक्रय की जानकारी
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
99. ( क्र. 1208 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में 1 अप्रैल 2014 से प्रश्नांकित दिनांक तक कितने सोलर पावर प्लांट, सोलर पार्क, सोलर संयंत्र स्थापित हैं? एवं इन संयंत्रों से विभाग द्वारा कितनी-कितनी मेगावाट विद्युत क्रय की जा रही है? संयंत्रवार एवं जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। विद्युत क्रय करने के क्या नियम/निर्देश/आदेश हैं? छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इन संयंत्रों विभाग ने विद्युत क्रय करने हेतु कितने वर्ष के अनुबंध किये गये हैं? अनुबंधों की छायाप्रति उपलब्ध करावें एवं कितना-कितना भुगतान किस संयंत्र को कब-कब किया गया? भुगतान राशि सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) विदिशा जिले में कितने सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित हैं एवं इन संयंत्रों द्वारा विभाग को कितनी-कितनी दर पर विद्युत विक्रय किया जा रहा है? एवं कितनी मेगावाट विद्युत उपलब्ध कराई गई है? संयंत्रवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) इन संयंत्रों को कितना-कितना भुगतान कब-कब किया गया है? भुगतान का सत्यापन विभाग द्वारा कैसे किया जाता है एवं क्या-क्या नियम/निर्देश/आदेश है? नियम/निर्देश/आदेशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) मध्यप्रदेश में 1 अप्रैल 2014 से प्रश्न दिनांक तक स्थापित सोलर प्लांट, सोलर पार्क, सोलर संयंत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। ऊर्जा विभाग द्वारा क्रय की जा रही विद्युत एवं नियम/आदेश के संबंध में म.प्र.पॉवर मैनेजमेंट लिमिटेड से प्राप्त संयंत्रवार व जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) प्रश्न के संबंध में म.प्र. पॉवर मैनेजमेंट लिमिटेड से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। प्राप्त जानकारी अनुसार म.प्र. पॉवर मैनेजमेंट लिमिटेड द्वारा सौर परियोजनाओं के विकासकों से 25 वर्ष की अवधि के क्रय अनुबंध किए गए है। विद्युत क्रय अनुबंधों के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। भुगतान के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) विदिशा जिले में स्थापित सौर ऊर्जा संयंत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। शेष प्रश्नांश के संबंध में प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। मध्यप्रदेश पॉवर मैनेजमेंट लिमिटेड से प्राप्त जानकारी अनुसार ''विदिशा जिले में केवल एक मेसर्स मैड ईजी एजुकेशन प्रा. लि. दिल्ली का 10 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित है एवं इससे 10 मेगावॉट विद्युत उपलब्ध कराई जाती है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) प्रश्न के संबंध में म.प्र.पॉवर मैनेजमेंट लिमिटेड से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। मध्यप्रदेश पॉवर मैनेजमेंट लिमिटेड से प्राप्त जानकारी अनुसार '' विदिशा जिले में स्थापित सौर ऊर्जा संयंत्र के भुगतान के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। भुगतान का सत्यापन विद्युत क्रय अनुबंध के प्रावधान अनुसार S.E.A (State Energy Account) में उल्लेखित विद्युत की मात्रा को देयक से सत्यापित कर अनुबंधा की दरों पर देयक पारित कर भुगतान हेतु महाप्रबंधक वित्त एवं लेखा को प्रेषित किए जाते है। संबंधित पॉवर पर्चेस एग्रीमेंट (PPA) की धाराओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[ऊर्जा]
100. ( क्र. 1209 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 अप्रैल 2019 से विदिशा जिले में विभाग द्वारा किन-किन योजनाओं के तहत कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत हुए हैं एवं निर्माण कार्य का नाम, मद, लागत, स्वीकृति दिनांक सहित जानकारी उपलब्ध करावें। स्वीकृत कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त कार्य किस ऐजेंसी/ठेकेदार द्वारा किये गए एवं कितना-कितना भुगतान ऐजेंसी/ठेकेदार को कब-कब किया गया बतावें। उक्त कार्यों का निरीक्षण किस स्तर के अधिकारियों द्वारा किया गया? निरीक्षण/मूल्यांकन में क्या-क्या कमियां पाई गई? यदि कमियां पाई गई हैं, तो कार्य ऐजेंसी के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई है? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो कब तक की जावेगी? (ग) प्रश्नकर्ता के 01 अप्रैल 2021 से माननीय ऊर्जा मंत्री जी, प्रमुख सचिव, प्रबंध संचालक म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. भोपाल, महाप्रबंधक म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. विदिशा, प्रबंधक म.प्र.म.क्षे.वि.वि. कं.लि. गंजबासौदा, सहायक प्रबंधक म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. सिरोंज को कौन-कौन से पत्र प्राप्त हुए एवं पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई है? कार्यवाही की छायाप्रति उपलब्ध करावें। माननीय मुख्यमंत्री जी की मानिट ए+, ए, बी श्रेणी के कौन-कौन से पत्र सिरोंज-लटेरी विकासखण्डों के निर्माण कार्य हेतु प्राप्त हुए? पत्रों की छायाप्रति उपलब्ध करावें एवं पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई है? पत्रों में उल्लेखित कार्य कब तक स्वीकृत कर दिये जावेंगे? (घ) विदिशा जिले में 01.04.2021 से प्रश्न दिनांक तक पांच प्रतिशत सुपरविजन चार्ज योजना के तहत कौन-कौन से कार्य किये गए एवं किन किन ठेकेदारों द्वारा किन कॉलोनियों में कार्य किये गए? क्या अधिकारी एवं ठेकेदारों की मिलीभगत से शासकीय सामग्री का उपयोग इन कार्यों में किया गया? यदि हाँ तो इसके लिए कौन-कौन दोषी है एवं दोषियों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के विदिशा संचालन-संधारण वृत्त अन्तर्गत दिनांक 01.04.2019 से विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 1055 कार्य स्वीकृत किये गये, जिनका कार्य के नाम, मद, लागत एवं प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त के अतिरिक्त भारत सरकार द्वारा दिनांक 17.03.2022 को आर.डी.एस.एस. योजना की स्वीकृति प्रदान की गई है। उक्त योजना के अंतर्गत विदिशा जिले हेतु विद्युत प्रदाय की गुणवत्ता में सुधार एवं लॉस रिडक्सन के कार्यों के लिये रू. 151.89 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। उक्त योजना के क्रियान्वयन हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उक्त योजना के अंतर्गत विदिशा जिले हेतु स्वीकृत कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब', 'स', 'द' एवं 'ई' अनुसार है। प्रशासकीय स्वीकृति दिये जाने हेतु एक प्रारूप निर्धारित है। उक्त 1055 कार्यों की निर्धारित प्ररूप में प्रदान की गई प्रशासकीय स्वीकृति में से कुछ प्रशासकीय स्वीकृतियों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'फ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्रियान्वयन ऐजेंसी/ठेकेदार द्वारा किये गए कार्यों एवं उन्हे किये गये भुगतान की जानकारी तथा निरीक्षण करने वाले अधिकारी के पदनाम सहित किये गये निरीक्षण एवं कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) 01 अप्रैल 2021 से म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को प्राप्त पत्रों की जानकारी एवं उन पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ज' अनुसार है। (घ) 01 अप्रैल 2021 से विदिशा जिले में सुपरविजन चार्ज योजना के तहत 442 कार्य स्वीकृत किये गये, जिनकी स्वीकृत कार्यवार, ठेकेदारवार एवं स्थानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ह' अनुसार है। प्रश्नाधीन उल्लेखित शिकायत म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संज्ञान में नहीं है। तथापि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ह' में दर्शाए अनुसार एक कार्य प्राक्कलन के प्रावधान अनुसार एवं मानक स्तर के अनुरूप नहीं पाए जाने पर संबंधितों के विरूद्ध जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
नवीन 132/33 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्वीकृति
[ऊर्जा]
101. ( क्र. 1212 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ जिला राजगढ़ के नगर तलेन अंतर्गत ग्राम नाहली में नवीन 132/33 के.व्ही. उच्च दाब विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण कार्य तकनीकी परीक्षण में साध्य पाया जाकर म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी की वित्तीय वर्ष 2023-24 की कार्ययोजना में शामिल किया गया हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रश्नकर्ता द्वारा ग्राम नाहली एवं आसपास क्षेत्र की वर्तमान विद्युत आपूर्ति से किसानों एवं ग्रामीणजनों को आ रही कठिनाईयों के कारण अविलंब नवीन 132/33 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्वीकृति हेतु माननीय मुख्यमंत्री महोदय एवं माननीय विभागीय मंत्री जी से प्रश्न दिनांक तक अनेकों बार अनुरोध किया गया हैं? यदि हाँ तो क्या शासन उक्त विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना वर्तमान वित्तीय वर्ष में करवाने की कार्यवाही करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ, विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़, जिला राजगढ़ के अंतर्गत ग्राम नाहली में नवीन 132/33 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य तकनीकी रूप से साध्य पाया गया है तथा इस कार्य को म.प्र. पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड की वर्ष 2023-24 की कार्ययोजना में सम्मिलित कर लिया गया है। (ख) जी हाँ, माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय से प्रश्नाधीन उल्लेखित नवीन 132/33 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना हेतु प्रश्नांश में उल्लेखित संदर्भ प्राप्त हुए हैं। उल्लेखनीय है कि नवीन 132/33 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना एक अत्यंत वृहद स्वरूप का कार्य है, जिस हेतु उपयुक्त भूमि का चयन, वित्तीय संसाधनों का प्रबंधन, निविदा प्रक्रिया उपरांत क्रियान्वयन एजेंसी का निर्धारण, आदि सभी प्रारंभिक कार्यवाही करने के उपरांत लगभग 18 माह का समय लगता है। साथ तकनीकी रूप से उच्च प्राथमिकता के क्रम को ध्यान में रखते हुए 132/33 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का कार्य चयनित/आरंभ किया जाता है। उक्त परिप्रेक्ष्य में तकनीकी एवं वित्तीय कारणों से प्रश्नाधीन नवीन 132/33 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का कार्य निर्धारित शेड्यूल से पूर्व प्रारंभ किया जाना संभव नहीं है।
अनुबंध क्रमांक 04/TC/2017-18 के संबंध में
[लोक निर्माण]
102. ( क्र. 1213 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण संभाग राजगढ़ अंतर्गत सी.आर.एफ. योजना से अनुबंध क्रमांक 04/TC/2017-18 लागत 1454.50 लाख से पचोर बायपास निर्माण कार्य प्रश्न दिनांक तक पूर्ण नहीं हुआ हैं? यदि हाँ तो कार्य की अद्यतन स्थिति एवं अपूर्ण होने के कारण सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त निर्माण कार्य में नदी पोर्शन का निर्माण कार्य तकनीकी रूप से साध्य नहीं पाया गया? यदि हाँ तो क्या प्रश्नकर्ता द्वारा नदी पोर्शन वाले उक्त निर्माण के स्थान पर नगर पचोर के आमजन को सुगम आवागमन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग 52 तथा स्टेट हाईवे 752C को जोड़ने वाले पुराने पुल से बीलापुरा जोड़ लंबाई एक कि.मी. मार्ग पर सी.सी.रोड़ (बायपास मार्ग) निर्माण हेतु माननीय मुख्यमंत्री महोदय एवं माननीय विभागीय मंत्रीजी सहित विभागीय अधिकारियों से अनुरोध किया गया हैं? यदि हाँ तो क्या शासन उपरोक्तानुसार निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। स्वीकृत लंबाई 9.00 कि.मी. में से 6.48 कि.मी. का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। वर्तमान में पचोर नगर में शुजालपुर-पचोर मार्ग का निर्माण किये जाने से पचोर बायपास मार्ग के शेष रहे भाग के निर्माण की आवश्यकता नहीं है। (ख) जी हाँ। विभाग को आवेदन अप्राप्त। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
विद्युत ट्रान्सफार्मरों की क्षमता में वृद्धि
[ऊर्जा]
103. ( क्र. 1216 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद अंतर्गत ऐसे कितने घरेलू और सिंचाई ट्रांसफार्मर है जिन पर क्षमता से अधिक भार है? क्या इनकी क्षमता वृद्वि की गई है? नहीं तो क्यों। (ख) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्रामीणो से ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्वि के कितने आवेदन प्राप्त हुए है? क्या इन आवेदनों पर प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही की गयी है? (ग) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत लाईनमेन के कितने पद स्वीकृत है, कितने भरे है एवं कितने पद रिक्त है? ऐसे कितने लाईनमेन है जो पांच वर्ष से अधिक समय से एक ही स्थान पर पदस्थ है? (घ) विधानसभा क्षेत्र कसरावद में किसानों द्वारा लाईनमेन की शिकायतें प्राप्त हुई है? यदि हाँ तो क्या कार्यवाही की गई? नहीं तो क्यों? (ड.) विधानसभा कसरावद के समस्त ग्रामों को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की जा रही है? यदि नहीं तो क्यों? वंचित ग्रामों का विवरण और इन ग्रामों को कब तक 24 विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी? बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद के अंतर्गत माह दिसंबर, 2021 की स्थिति में घरेलू एवं कृषि प्रयोजन हेतु प्रयुक्त क्रमश: 146 एवं 184 वितरण ट्रांसफार्मर अतिभारित थे। इनमें से कृषि प्रयोजन हेतु प्रयुक्त 22 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि का कार्य प्रश्न दिनांक तक पूर्ण किया जा चुका है। शेष घरेलू एवं कृषि प्रयोजन के क्रमश: कुल 146 और 162 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्यों को आर.डी.एस.एस. योजना में सम्मिलित कर लिया गया है तथा योजनान्तर्गत निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र के ग्रामीणों (विद्युत उपभोक्ताओं) से वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि से संबंधित कोई भी आवेदन म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालयों में प्राप्त नहीं हुआ है। अतः शेष प्रश्न नहीं उठता। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र के अंतर्गत लाईन कर्मचारियों के स्वीकृत, भरे (कार्यरत) एवं रिक्त पदों की प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में कुल 14 लाईन कर्मचारी एक ही स्थान पर पाँच वर्ष से अधिक समय से पदस्थ हैं। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्र के कृषि उपभोक्ताओं से लाईन कर्मचारियों के विरूद्ध कुल तीन शिकायतें प्राप्त हुई थी। उक्त शिकायतों में से एक शिकायत में जांचोपरान्त संबंधित कार्मिक का स्थानांतरण विधानसभा क्षेत्र के बाहर किया जा चुका है तथा शेष 2 शिकायतों के संबंध में म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत समीक्षा/जांच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ड.) जी हाँ, वर्तमान में विधानसभा क्षेत्र कसरावद के समस्त 238 राजस्व ग्रामों को कतिपय अवसरों पर अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक विद्युत व्यवधानों को छोड़कर गैर कृषि प्रयोजन हेतु 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की जा रही है। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
विद्युत वितरण केन्द्र को विभक्त करने
[ऊर्जा]
104. ( क्र. 1217 ) श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित विधानसभा प्रश्न क्र. 1876 दिनांक 11 मार्च 2022 प्रश्नांशों में दर्शित बालसमुद वितरण केन्द्र और मूलठान वितरण केन्द्र को विभक्त करने हेतु विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रीय कार्यालय इन्दौर द्वारा इन वितरण केन्द्रों को विभक्त करने हेतु अधीक्षण यंत्री मध्य विद्युत वितरण कंपनी लि. खरगोन वृत्त से पत्राचार किया गया है? यदि हाँ तो पत्रों की छायाप्रति दें एवं इसके संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) बालसमुद एवं मूलठान विद्युत वितरण केन्द्र को विभक्त कर निमरानी और पीपलगोन की कब तक स्वीकृति दी जाएगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा पत्र दिनांक 22.02.2022 से प्रश्नाधीन वितरण केन्द्रों को विभक्त कर नवीन वितरण केन्द्र कार्यालय के सृजन हेतु प्राप्त प्रस्ताव पर क्षेत्रीय कार्यालय इंदौर से अतिरिक्त जानकारी चाही गई थी। क्षेत्रीय कार्यालय इंदौर द्वारा क्षेत्रीय अधिकारियों से दिनांक 08.07.2022 को पुनरीक्षित प्रस्ताव प्राप्त कर लिया गया है, जिस पर आगामी कार्यवाही की जा रही है। (ख) जी हाँ। प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। क्षेत्रीय कार्यालय इंदौर द्वारा क्षेत्रीय अधिकारियों से प्राप्त प्रस्ताव निर्धारित प्रक्रिया अनुसार म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को अग्रेषित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) प्रश्नाधीन नवीन वितरण केन्द्रों के पुनरीक्षित प्रस्ताव के तकनीकी एवं प्रशासकीय बिंदुओं पर सूक्ष्म परीक्षण के उपरांत साध्य पाए जाने पर वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के अनुसार म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संचालक मंडल में प्रस्ताव प्रेषित किया जायेगा तथा संचालक मण्डल द्वारा लिये गये निर्णय अनुसार नवीन वितरण केन्द्रो की स्थापना हेतु आवश्यक कार्यवाही की जावेगी। उक्त परिप्रेक्ष्य में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सड़कों को टोल रोड बनाने
[लोक निर्माण]
105. ( क्र. 1220 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि एमपीआरडीसी में वर्ष 2021 से अप्रैल 2022 के मध्य पूर्व में निर्मीत 14 सड़कों को टोल रोड बना दिया है यदि हाँ तो उन सड़कों का नाम, सड़क निर्माण पूर्ण होने की दिनांक, लागत, लंबाई सहित सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़को़ पर टोल वसूली का ठेका कितनी राशि में कितनी अवधि तक का दिया गया है तथा टोल किस केटेगरी के वाहन से कितना-कितना किस दर से वसूला जा रहा है तथा इस संदर्भ में जारी गजट नोटिफिकेशन की प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़कों का निर्माण किस केटेगरी से किस राशि से किया गया है (यथा- एडीबी ऋण, एशियन विकास बैंक, राज्य राजमार्ग निधि, सामान्य कान्ट्रेक्टर इत्यादि) तथा बतावें कि विशेष राशि से निर्मित सड़क को टोल रोड में बदलने से प्रदेश में महंगाई नहीं बढ़ेगी? (घ) क्या यह सही है कि माननीय उच्च न्यायालय ने स्पष्ट कहा है कि सड़क पर वसूली गयी टोल फीस राज्य का राजस्व माना जाएगा? यदि हाँ तो राज्य धन से बनी सड़क पर टोल फीस लेना माननीय न्यायालयों के दिए गए आदेशों की अवहेलना/अवमानना नहीं है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र– अ अनुसार। गजट नोटिफिकेशन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट – 1,2,3 एवं 4 अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। जी नहीं। (घ) संबंधित न्यायिक प्रकरण की जानकारी उपलब्ध नहीं है। टोल शुल्क से प्राप्त राशि स्टेट हाईवे फण्ड में जमा होकर इसका उपयोग राज्य के राजस्व की भांति ही किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
समय सीमा में कार्य पूर्ण करने
[लोक निर्माण]
106. ( क्र. 1222 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा-खचरोद विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2017-18 से 27/06/2022 तक कितनी सडकों, पुल-पुलियाओं, भवन निर्माणों की स्वीकृति शासन द्वारा प्रदान की गई है? इनमें से कितने कार्य पूर्ण हो चुके है तथा कितने अपूर्ण हैं? इनमें से कितने ठेकेदारों ने समयावधि बढ़ाने पर भी कार्य पूर्ण नहीं किया है? ठेकेदार के नाम सहित उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? विवरण दें। (ख) ग्राम नंदियासी-भुंवासा मार्ग के अन्तर्गत नंदियासी में पुलिया निर्माण के कार्यादेश कब जारी किए गए? समयावधि क्या थी? ठेकेदार द्वारा पुलिया निर्माण नहीं करने पर उसके विरूद्ध कार्यवाही कर ब्लैक लिस्टेड क्यों नहीं किया गया है? विवरण दें। (ग) क्षेत्र में रेल्वे समापार क्रं. 98, 102, 103 में ठेकेदार द्वारा कितना कार्य किया गया है? समयावधि में कार्य नहीं करने पर उनके कार्यादेश निरस्त कर दिए गए हैं? यदि हाँ तो कारण सहित विवरण देते हुए क्या ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड किया गया है? यदि नहीं तो क्यों? क्या टेण्डर पुनः आमंत्रित किए गए हैं? कब किए गए हैं? विवरण दें। (घ) क्या विधानसभा प्रश्न क्रं. 1367 दि. 23 दिसम्बर 2021 में प्रश्नांश (ग) में बताया गया है कि निविदा रामप्रकाश गुप्ता इन्दौर के पक्ष में स्वीकृत। एल.ए.ओ. जारी होना शेष? यदि हाँ तो एल.ए.ओ. जारी कर दी गई है? क्या ठेकेदार द्वारा कार्य क्यों नहीं प्रारंभ किया गया है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जी हाँ। जी नहीं। अनुबंधक द्वारा अनुबंध निष्पादित नहीं करने के कारण कार्य अप्रारंभ।
उज्जैन जिले में पवन ऊर्जा केन्द्रों की स्वीकृति
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
107. ( क्र. 1225 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में वर्ष 2008 से 29/06/2022 तक कितनी कम्पनियों को पवन ऊर्जा केन्द्र लगाने की स्वीकृति प्रदान की गई है? शासन किस यूनिट से उनकी बिजली खरीदेगा? प्रत्येक का पृथक-पृथक विवरण देवें। (ख) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में कितनी पवन ऊर्जा केन्द्र लगाने की स्वीकृति 29/06/2022 तक शासन द्वारा प्रदान की गई है? प्रत्येक का पृथक-पृथक विवरण देवें। उनमें से कितनी योजना पूर्ण हो चुकी है? कितनी अपूर्ण है?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) उज्जैन जिले में वर्ष 2008 से दिनांक 29.06.2022 तक स्वीकृत पवन ऊर्जा परियोजनाओं की वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र–अ अनुसार है। (ख) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 29.06.2022 तक स्वीकृत पवन ऊर्जा परियोजनाओं की वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र–ब अनुसार है।
'रेरा' में तकनीकी सलाहकार एवं सदस्य की नियुक्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
108. ( क्र. 1227 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रेरा में श्री सुरेंद्र सिंह राजपूत को तकनीकी सदस्य या सदस्य के रूप में किस आदेश दिनांक से नियुक्ति दी गई, उनकी तकनीकी योग्यता क्या-क्या रही है? (ख) कानून एवं नियम में तकनीकी सदस्य या तकनीकी सलाहकार या सदस्य के लिए क्या-क्या योग्यता होना, कितना किस-किस का तकनीकी ज्ञान होना, कितना तकनीकी अनुभव होना आवश्यक है उसमें से क्या-क्या योग्यता, क्या-क्या तकनीकी ज्ञान एवं कितनी तकनीकी अनुभव श्री सुरेंद्र सिंह राजपूत के पास है। (ग) श्री सुरेंद्र सिंह राजपूत का चयन किस समिति के द्वारा किया गया, उस समिति में कौन-कौन सदस्य थे, श्री सुरेंद्र सिंह राजपूत के चयन का अनुमोदन या पुष्टि किसके द्वारा की गई। (घ) श्री सुरेन्द्र सिंह राजपूत को तकनीकी सदस्य या सदस्य से रेरा का सदस्य किस दिनांक को किस आदेश से बनाया गया, आदेश की प्रति सहित बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) रेरा में श्री सुरेन्द्र सिंह राजपूत, सदस्य की नियुक्ति विभागीय आदेश क्रमांक एफ-3-100/32/2010 भोपाल दिनांक 05/03/2021 द्वारा की गई उनकी शैक्षणिक/तकनीकि योग्यता की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) भू-संपदा (विनियमन और विकास) अधिनियम 2016 की धारा 22 में विहित योग्यता एवं श्री सुरेंद्र सिंह राजपूत के तकनीकि ज्ञान/कार्यक्षेत्र अनुभव की जानकारी संलग्न परिशिष्ट—ब एवं अ पर है। (ग) श्री सुरेंद्र सिंह राजपूत का चयन भू-संपदा (विनियमन और विकास) अधिनियम 2016 की धारा 22 में गठित समिति द्वारा किया गया जिसमें माननीय प्रशासनिक न्यायाधीश, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर, प्रमुख सचिव, नगरीय विकास एवं आवास विभाग एवं प्रमुख सचिव, विधि एवं विधायी कार्य विभाग सदस्य थे। श्री सुरेंद्र सिंह राजपूत के चयन का अनुमोदन/पुष्टि माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई है। (घ) आदेश की प्रति जानकारी संलग्न परिशिष्ट-स पर है।
मनावर में अवैध कालोनियां
[नगरीय विकास एवं आवास]
109. ( क्र. 1229 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरपालिका मनावर में वर्तमान में कितनी अवैध कॉलोनी है? (ख) क्या विधानसभा प्रश्न-क्रमांक 5256 दिनांक 23/03/2021 अनुसार नगरपालिका मनावर के समस्त अवैध कॉलोनाईजर को निकाय द्वारा पत्र-क्रमांक 1583 दिनांक-03/06/2016 पत्र-क्रमांक 2308 दिनांक-06/08/2019 पत्र-क्रमांक 2545 दिनांक-29/08/2019 पत्र-क्रमांक 1113 दिनांक-23/03/2020 पत्र-क्रमांक 330 दिनांक-22/01/2021 के माध्यम से सूचना पत्र जारी किए जाने की जानकारी दी गई है? (ग) यदि हाँ तो किस अवैध कालोनी में कितने आवासों का निर्माण हो चुका है? उन आवासधारियों को सड़क, नाली, साफ-सफाई एवं पेयजल एवं बिजली की सुविधा उपलब्ध करवाने बावत् नगरीय निकाय मनावर ने प्रश्न-दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की? किस अवैध कॉलोनी के निवासी मूलभूत सुविधाओं से वर्तमान में भी वंचित हैं? (घ) अवैध-कालोनी में निवास करने वालों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवाए जाने का क्या-क्या कारण रहा है? अवैध कालोनी-वासियों को मूलभूत सुविधा उपलब्ध करवाए जाने से नगरपालिका मनावर किन प्रावधानों के अनुसार इंकार कर सकती है? (ङ) अवैध कालोनियों में सड़क एवं नाली निर्माण, साफ-सफाई, पेयजल एवं स्ट्रीट लाईट की सुविधा हेतु वर्तमान में नगरपालिका मनावर क्या कार्यवाही कर रही है? कब तक करेगी? (च) मनावर में अवैध कॉलोनियों के संबंध विगत दो वर्ष में किस-किस के द्वारा लिखित शिकायत/ ज्ञापन/पत्र कलेक्टर धार, अनुविभागीय अधिकारी और विभाग को प्राप्त हुए? उनमें से किस-किस पर जांच किसके द्वारा कर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया, प्रतिवेदन की प्रति सहित बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर पालिका मनावर क्षेत्रान्तर्गत 61 अवैध कालोनियां है। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। अवैध कालोनियों में प्रश्नांकित सुविधा उपलब्ध कराने के लिये नियमानुसार सीधे निकाय से कोई भी कार्यवाही तत्समय अपेक्षित न होने के कारण प्रश्न उपस्थित नहीं होता है, यद्यपि निकाय द्वारा नियमित साफ-सफाई की व्यवस्था की जाती है। सभी अवैध कालोनी के निवासी वर्तमान में पूर्ण मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। (घ) अधिनियम के उपबन्धों के अधीन आवश्यक अनुज्ञा प्राप्त किये बिना विकसित की गई कालोनियों के निवासियों को निकाय द्वारा सीधे मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जा सकती। नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 339-घ के प्रावधान अनुसार। (ड.) राज्य सरकार द्वारा नगरपालिका अधिनियम में संशोधन किये गये है एवं संशोधित उपबन्धों को विहित करने के लिये म.प्र. नगरपालिका (कालोनी विकास) नियम, 2021 दिनांक 13.01.2022 से प्रभावशील हो गये है, जिसके अनुसार नगरीय क्षेत्र की अनधिकृत कालोनियों में नागरिक अधोसंरचना उपलब्ध कराने के लिए सक्षम प्राधिकारी अर्थात जिला कलेक्टर द्वारा कार्यवाही आरंभ की जा रही है। वैधानिक प्रक्रिया होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (च) प्रश्नांकित अवधि में माननीय विधायक मनावर का पत्र दिनांक 23.03.2021 अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) मनावर को एवं पत्र दिनांक 07.03.2022 निकाय को प्राप्त हुये। पत्र दिनांक 23.03.2021 के संबंध में नगरपालिका द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) मनावर को प्रेषित प्रतिवेदन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है एवं पत्र दिनांक 07.03.2022 के संबंध में निकाय द्वारा की गई कार्यवाही जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है।
रिंगरोड (बाय पास) कार्य की जानकारी
[लोक निर्माण]
110. ( क्र. 1232 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2018- 19 में शासन/विभाग द्वारा स्वीकृत बरगढ़ फंटा से लेकर भैसाना फंटा (अरनिया पीथा) रिंग रोड (बायपास) का कार्य कब से प्रारंभ होकर कितना पूर्ण हो चुका है? (ख) क्या मार्ग के एक ओर से अंतिम, दूसरी ओर से प्रारंभ स्थल भैसाना गांव स्थित रेलवे फाटक होने से रेलवे फ्लाईओवर ब्रिज की स्वीकृति दी जाना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि बड़े वाहनों का आवागमन किसी भी स्थिति में अंडर ब्रिज से नहीं हो सकेगा तो शासन विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) उपरोक्त उल्लेखित संपूर्ण मार्ग शासकीय होने के साथ-साथ मार्ग के कुछ कुछ स्थानों पर निजी भूमिया, खेत खलिहान इत्यादि भी आ रहे हैं तो क्या इन्हें मुआवजा प्रदान किया जाएगा? (घ) यदि हाँ तो किन-किन स्थानों पर कितनी-कितनी निजी भूमियों को शासन/ विभाग द्वारा चिन्हित कर मुआवजा हेतु कार्यवाही किस दिनांक को की गई एवं मुआवजा राशि कब तक दी जाकर मार्ग का कार्य जो कि बंद पड़ा है कब तक प्रारंभ किया जा सकेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कार्य दिनांक 11.11.2019 को प्रारम्भ किया जाकर लगभग 8 कि.मी. लंबाई में सबग्रेड का कार्य विभिन्न स्थानों पर प्रारम्भ किया गया है। (ख) जी हाँ। वर्तमान में किसी योजना में प्रस्तावित नहीं। (ग) जी हाँ। वर्तमान में प्रकरण विचाराधीन है। (घ) मार्ग के अंतर्गत आने वाली निजी भूमियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार, राजस्व विभाग द्वारा मुआवजा प्रकरण दिनांक 21.06.2022 को तैयार किया गया है, भू-अर्जन से संबंधित सम्पूर्ण प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरांत एवं मुआवजा राशि स्वीकृत होने के पश्चात मुआवजा राशि का वितरण कर भूमि अधिग्रहण उपरान्त पुन: मार्ग निर्माण की कार्यवाही किया जाना संभव हो सकेगा।
महाविद्यालय भवन निर्माण
[उच्च शिक्षा]
111. ( क्र. 1233 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पिपलोदा नगर में शासकीय महाविद्यालय संचालित होकर विगत कई वर्षों से अन्य शासकीय भवन के कमरों में संचालित किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ तो प्रारंभ वर्ष से लेकर प्रश्न दिनांक तक लगातार छात्र-छात्राओं की संख्या में वृद्धि भी होती जा रही है? (ग) यदि हाँ तो क्या यह भी सही है कि शासन/विभाग द्वारा पिपलोदा नगर में शासकीय महाविद्यालय भवन निर्माण हेतु शासकीय भूमि का चयन करते हुए चिन्हित भी किया जा चुका है? (घ) यदि हाँ तो शासन विभाग द्वारा पिपलोदा विकासखंड के मुख्यालय पिपलोदा नगर में महाविद्यालय भवन निर्माण की स्वीकृति कब तक दी जा सकेगी, क्योंकि लगातार बढ़ती जा रही छात्र-छात्राओं की संख्या एवं अन्य भवन के छोटे कमरों के कारण अध्ययन-अध्यापन में अत्यंत कठिनाई उत्पन्न हो रही है तो भवन निर्माण की स्वीकृति शीघ्र दी जा सके, इस हेतु क्या किया जा रहा है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी हाँ। शासकीय महाविद्यालय, पिपलोदा जुलाई 2018 से निरंतर शासकीय जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट), पिपलोदा के भवन में संचालित हो रहा है। (ख) जी हाँ। महाविद्यालय में प्रवेशित विद्यार्थियों की वर्षवार संख्या निम्नानुसार है:- वर्ष 2018-19 -122, वर्ष 2019-20 -256, वर्ष 2020-21 -361 तथा वर्ष 2021-22 -398. (ग) जी हाँ। न्यायालय कलेक्टर, जिला रतलाम द्वारा जारी प्रकरण क्रमांक 111/अ-20 (3) 2021-22 आदेश दिनांक 05/05/2022 द्वारा महाविद्यालय के नवीन भवन निर्माण हेतु 4.587 हेक्टर भूमि आवंटित की जा चुकी है। (घ) शासकीय महाविद्यालय, पिपलोदा के नवीन भवन निर्माण हेतु राशि स्वीकृत किए जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भूमिहीन परिवारों को भूमि देकर आवास बनवाने की योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
112. ( क्र. 1236 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जौरा विधानसभा में जो आवासहीन गरीब परिवार भूमिहीन होकर किराये के मकानों में काफी लम्बे समय से रह रहे है जो मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे है तो ऐसे कितने परिवार है? जो आवासहीन है एवं यह भी आवासहीन परिवार की सूची किस आधार बनायी जाती है वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने परिवारों को आवास प्रदाय कर दिये गये है? और कितनों को आवास प्रदाय किया जाना है? अद्यतन जानकारी देवे। (ख) क्या शासन द्वारा ऐसे परिवारों के लिए भूमि देकर आवास बनवाने की योजना बनायी जावेगी? यदि हाँ तो कब तक यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जौरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगर परिषद जौरा एवं कैलारस नगरीय निकाय क्षेत्र में किराये के मकानों में निवासरत गरीब आवासहीन, भूमिहीन परिवारों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सूची निकाय में प्राप्त आवेदन के परीक्षण एवं भौतिक सत्यापन के आधार पर बनाई गई हैं। वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक आवास उपलब्ध कराये जाने हेतु हितग्राहियों एवं शेष आवेदकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भूमिहीन आवासहीन परिवारों को भूमि उपलब्ध कराने हेतु मध्यप्रदेश पट्टाधृति अधिनियम 1984 लागू है, जिसके अन्तर्गत सक्षम प्राधिकारी के द्वारा कार्यवाही की जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राशन दुकानों पर हुए फर्जीवाड़ा
[नगरीय विकास एवं आवास]
113. ( क्र. 1238 ) श्री मनोज चावला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्र.क्र. 1785 दिनांक 11/3/22 के उत्तर के संदर्भ में बताएं कि 2014-15 से 2017-18 में NFSI पोर्टल बंद क्यों है? क्या यह पूरे प्रदेश में बंद रहा? क्या NFSI पोर्टल बंद होने से जानकारी नहीं दी जाएगी तथा बतावें कि प्रश्नकर्ता विधायक को यह जानकारी कैसे प्राप्त हो सकती है? (ख) क्या रतलाम में वर्ष 2014-15 से 2017-18 के मध्य राशन की 63 दुकानों पर 120 करोड़ का फर्जीवाड़ा हुआ तथा मात्र 8 दुकानों पर 2018 में 12 करोड़ के फर्जीवाड़े का प्रकरण क्र. 25/18 दर्ज किया गया? यदि हाँ तो क्या प्रश्न क्र.1785 में 2014-15 से 2017-18 की जानकारी इसलिए नहीं दी गई कि शेष 55 दुकानों के 100 करोड़ से अधिक के फर्जीवाड़े को छुपाया जा सके। (ग) बताएं कि यदि एनएफएसआई पोर्टल 2017-18 तक बंद था तो 8 दुकानों पर अपात्र परिवारों की संख्या कैसे प्राप्त हुई तथा मार्च 2018 में 21202 परिवारों की जानकारी कैसे प्राप्त हुई कि यह 6 माह से राशन नहीं ले रहे हैं? (घ) प्रश्नकर्ता को मांगी गई 2014-15 से 2017-18 की मांगी गई जानकारी कार्यालय स्तर पर दस्तावेजों से एकत्रित कर उपलब्ध कराई जाए तथा 8 दुकानों जिन पर प्रकरण दर्ज किया गया उनकी विभागीय स्तर पर की गई जांच तथा एफ आई आर की प्रति देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
कॉलोनी सेल को प्राप्त शिकायतें
[नगरीय विकास एवं आवास]
114. ( क्र. 1239 ) श्री मनोज चावला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में मार्च 22 से जून 22 तक कॉलोनी सेल को कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? प्र.क्र.1383 दिनांक 21/3/22 में जिन 70 शिकायतों का उल्लेख है, बताएं कि जून 22 की स्थिति में कितनी शिकायतों पर अभी तक जांच पूर्ण नहीं हुई तथा कितनी शिकायतों पर अभी तक जांच प्रारंभ ही नहीं हुई है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जिन शिकायतों पर जांच पूर्ण हो गई उसमें कितनी शिकायतों पर पुलिस में प्रकरण दर्ज किया गया तथा पूर्व में प्राप्त 70 शिकायतों तथा मार्च 2022 से जून 2022 तक प्राप्त शिकायतों की प्रति देवें। (ग) रतलाम जिले में कितने पंजीकृत/अधिकृत मैरिज गार्डन तथा मार्केट हैं? उनकी सूची देवें तथा बतावें कि उनमें से किस-किस मैरिज गार्डन तथा मार्केट में स्वीकृत नक्शे के विपरीत निर्माण किया है तथा उन्हें किस-किस दिनांक को नोटिस दिया गया है? नोटिस की प्रति देवें। (घ) रतलाम नगर निगम द्वारा नगर सुधार न्यास की कॉलोनियों में लीज नवीनीकरण पर वर्ष 1994 से 2016 तक मध्य प्रदेश भूमि अंतरण अधिनियम 2016 लागू होने के पूर्व तथा लागू होने के बाद लीज नवीनीकरण नामांतरण शुल्क पेनल्टी तथा अधिक भार के रूप में कुल कितनी-कितनी राशि वसूली गई तथा अंतरण नियम 2016 के पूर्व 16 नगर निगम में से अन्य किस नगर निगम में इस प्रकार की राशि वसूली गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में रतलाम जिले के नगर निगम रतलाम के कालोनी सेल को कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है एवं जिला कलेक्टर के कार्यालय सेल को 10 शिकायतें प्राप्त हुई है। नगर निगम रतलाम से संबंधित 01 शिकायत की जाँच पूर्ण नहीं हुयी है एवं 01 शिकायत की जाँच हेतु संबंधित प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण नगर निगम द्वारा जाँच प्रारंभ नहीं की गई है। (ख) 29 शिकायतों पर पुलिस थाने में एफ.आई.आर. दर्ज की गई है एवं 01 शिकायत पर एफ.आई.आर. दर्ज कराने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है और ग्रामीण क्षेत्र की 01 शिकायत पर एफ.आई.आर. दर्ज करने हेतु लिखा गया है। पूर्व की 70 शिकायतें विभिन्न माध्यमों से की गई थी जिनकी सभी प्रतियां जिले के कालोनी सेल में उपलब्ध नहीं है, प्रश्नांकित अवधि में प्राप्त 10 शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ग) नगर निगम रतलाम क्षेत्रान्तर्गत 19 पंजीकृत मैरिज गार्डन है कि जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। एवं नगर निगम में पंजीकृत मार्केट की पृथक से सूची संधारित न होने से उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है, जिन मैरिज गार्डन तथा मार्केट में स्वीकृत नक्शे के विपरित निर्माण किया गया है कि जानकारी एवं नोटिस की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) नगर निगम, रतलाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। अन्य नगर निगमों की जानकारी संकलित की जा रही है।
लोक निर्माण विभाग द्वारा किये गये कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
115. ( क्र. 1241 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगॉव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक भवन, सड़क, सेतु के कुल कितने नवीन कार्य की स्वीकृति प्रदाय की गई है? कृपया कार्य का नाम, स्थान, स्वीकृत राशि एवं कार्य प्रारभ दिनांक एवं कार्य की वर्तमान भौतिक स्थिति सहित जानकारी का विवरण देवें। क्या वर्तमान में शासन स्तर पर कार्य स्वीकृति हेतु कोई कार्य लंबित है? हाँ तो कृपया विवरण देवें तथा कब तक प्रस्तावित कार्य की स्वीकृति प्रदाय की जायेगी? (ख) वर्तमान तक विभाग अन्तर्गत कुल कितने कार्य अपूर्ण हैं? कृपया विवरण देवें तथा कब तक पूर्ण किये जायेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। कोई नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं 'अ-1' अनुसार है।
ऊर्जा विभाग द्वारा किये गये कार्यों की जानकारी
[ऊर्जा]
116. ( क्र. 1242 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगॉव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत जनपद पंचायत भीकनगॉव एवं झिरन्या अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21,2021-22 एवं 2022-23 में माह जून 2022 तक कौन-कौन से विद्युत अधोसंरचना विकास हेतु नवीन कार्य किये गये है? कृपया कार्य के नाम, स्वीकृत राशि व्यय राशि स्वीकृत दिनांक एवं पूर्ण दिनांक के विवरण सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत जनपद पंचायत भीकनगॉव एवं झिरन्या अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21, 2021-22 एवं 2022-23 में माह जून 2022 तक विद्युत विहीन फाल्यों में किये गये विद्युत अधोसंरचना विकास कार्य की जानकारी जिसमें फाल्ये का नाम, स्वीकृत राशि व्यय राशि कार्य प्रारंभ का दिनांक एवं कार्य पूर्णता का दिनांक के विवरण सहित जानकारी उपलब्ध कराये? वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में कितने फाल्यों में विद्युतीकरण का कार्य शेष है उन फाल्यों के नाम सहित विवरण तथा इन फाल्यों के विद्युतीकरण हेतु विद्युत कंपनी की क्या योजना है एवं कब तक कार्य किया जायेगा बतावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत जनपद पंचायतों भीकनगॉव एवं झिरन्या अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में विद्युत अधोसंरचना विकास हेतु नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों की स्थापना, पूर्व से स्थापित 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों में पॉवर ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि, अतिरिक्त पॉवर ट्रांसफार्मरों की स्थापना, नवीन 33/11 के.व्ही. लाईनों का निर्माण, अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना एवं क्षमता वृद्धि के कार्य किये गये हैं, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गयी वर्षवार, कार्य के नामवार, स्वीकृत/व्यय राशि, स्वीकृति एवं पूर्णता की दिनांक सहित प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'1', '2' एवं '3' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र अंतर्गत प्रश्नांश में उल्लेखित अवधि में विद्युत विहीन फलियों में किये गये विद्युत अधोसंरचना विकास कार्यों की प्रश्नाधीन चाही गयी वर्षवार स्वीकृत/व्यय राशि, कार्य प्रारंभ की दिनांक एवं कार्य पूर्णता की दिनांक सहित फाल्येवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'4', '5' एवं '6' अनुसार है। वर्तमान में जनपद पंचायत भीकनगांव में 35 एवं जनपद पंचायत झिरन्या में 129 इस प्रकार प्रश्नाधीन क्षेत्र में कुल 164 चिन्हित फलियो में विद्युतीकरण का कार्य शेष है, जिनका नाम सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'7' एवं '8' अनुसार है। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में फलियों के विद्युतीकरण हेतु कोई योजना प्रचलन में नहीं है। इन फलियों के विद्युतीकरण हेतु प्रस्ताव तैयार कर सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग खरगोन को अधीक्षण यंत्री, संचालन-संधारण खरगोन, म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा पत्र दिनांक 13.05.2022 से प्रेषित कर विद्युतीकरण हेतु आवश्यक राशि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है। अतः उक्त फलियों के विद्युतीकरण हेतु निश्चित समय-सीमा बता पाना संभव नहीं है।
नवीन हेल्थ व वैलनेस सेंटरों की स्थापना
[आयुष]
117. ( क्र. 1245 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2022-23 में प्रदेश में नवीन हेल्थ व वैलनेस सेंटरों की स्थापना किन-किन जिलों में कितनी संख्या में की जाना है और इसके लिये कितना बजट प्रावधान रखा गया है? जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराई जावें। (ख) क्या नीमच जिले में भी नवीन हेल्थ व वैलनेस सेंटरों की स्थापना की जावेगी? यदि हाँ तो कहाँ-कहाँ पर की जावेगी? स्थापित किये जाने वाले नवीन हेल्थ व वैलनेस सेंटरों के लिये वर्ष 2022-23 में कितना बजट प्रावधान रखा गया है। विधानसभावार जानकारी उपलब्ध कराई जावें।
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। शासकीय आयुष औषधालय जनकपुर, हरवार एवं दमोदरपुरा में स्थापना की जावेगी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
विद्युत की व्यवस्था
[ऊर्जा]
118. ( क्र. 1246 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कुल कितने ट्रांसफार्मर किन-किन ग्रामों में रखे हुए है, उनमें से प्रश्न दिनांक तक कितने चालू है तथा कितने खराब है? कृषि एवं घेरलू ट्रांसफार्मरों की सूची देवें तथा कितने ग्रामों में कब से तार (लीड) जली हुई है, या खराब है हितग्राही द्वारा शिकायत करने पर कितने दिनों में ट्रांसफार्मर व लीड बदलने या सुधार कार्य करने का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) के क्षेत्र अंतर्गत कितने ग्राम विद्युत विहीन हैं तथा किन-किन ग्रामों में खेतों की लाइट एवं गांव की लाइट एक ही फीडर से संचालित हो रही है सूची देवें एवं यह भी बतलावें कि इस विद्युत विहीन उल्लेखित स्थलों में घरेलू लाइट पहुँचाने तथा उल्लेखित ग्रामों में खेतों की एवं घरेलू-लाइटों को फीडर सेपरेशन करने की कोई योजना है, यदि नहीं है, तो कारण बतावे? (ग) बहोरीबंद विधानसभा-क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन से ग्रामों के किन-किन स्थानों पर स्थापित सिंचाई एवं घरेलू-ट्रांसफार्मर है जिनका विद्युत भार बढ़ गया है, सूची देवें एवं यह भी बतलावे की क्या इनकी क्षमता बढ़ाने के लिये किसी योजना पर कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ तो कहां-कहां के ट्रांसफामरों की भार-क्षमता बढाई गई? यदि नहीं तो कारण बतलावे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 326 ग्रामों में 2819 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित है, जिनकी ग्रामवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त वितरण ट्रांसफार्मरों में से दिनांक 12.07.2022 की स्थिति में 2721 वितरण ट्रांसफार्मरों से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है एवं 98 वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में कृषि एवं घरेलू उपयोग हेतु स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों की सूची भी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' में दर्शाई गई है। बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 4 ग्रामों के उपभोक्ताओं से एल.टी.केबल जले/खराब होने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं। एल.टी. केबल के जलने/खराब होने की दिनांक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' में दर्शाए अनुसार है। वर्तमान में उक्त सभी 4 ग्रामों में एल.टी. केबल सुधारकर विद्युत आपूर्ति चालू कर दी गई है। जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने (50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने अथवा कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा होने) के उपरान्त उसे बदलने तथा जली/खराब एल.टी. केबल को बदल कर विद्युत प्रदाय चालू किये जाने हेतु निर्धारित समय-सीमा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' में दर्शाए अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में सभी राजस्व ग्राम विद्युतीकृत हैं तथा 66 ग्रामों में कृषि एवं घरेलू उपयोग हेतु एक ही मिश्रित फीडर से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–'द' अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में सभी राजस्व ग्राम विद्युतीकृत हैं एवं कृषि एवं घरेलू उपभोक्ताओं को विद्युत प्रदाय करने वाले 11 के.व्ही. मिश्रित फीडर के विभक्तिकरण के कार्य को आर.डी.एस.एस. योजना में सम्मिलित कर लिया गया है। उक्त योजना की केन्द्र शासन से स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है तथा योजना में सम्मिलित कार्यों के क्रियान्वयन हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ई' में दर्शाए अनुसार 54 स्थानों/ग्रामों के वितरण ट्रांसफार्मरों पर उनकी क्षमता से अधिक भार होने के दृष्टिगत उनकी क्षमतावृद्धि के कार्य स्वीकृत किये गये हैं। उक्त 54 क्षमतावृद्धि के कार्यों में से 24 कार्य पूर्ण कर लिये गए हैं, 18 कार्य प्रगति पर हैं एवं शेष 12 ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि का कार्य वर्ष 2022-23 में पूर्ण कर लिया जायेगा।
मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
119. ( क्र. 1248 ) श्री संजय यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सड़कों के निर्माण एवं विकास कार्यों हेतु विभागीय मापदण्ड क्या है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा विगत 1 वर्ष में प्रस्तावित किये गये मार्गों/सड़कों को आगामी अनुपूरक बजट में शामिल करने हेतु निवेदित था तो क्या उनको मार्गों के निर्माण कार्य को विभाग द्वारा शामिल किया गया, तथा प्रश्नकर्ता द्वारा पूर्व में विगत 1 वर्ष में प्रस्तावित 05 मार्गों जो कि 99.00 लाख से कम लागत के थे, उक्त को विभाग के द्वारा एस.एफ.सी. में शामिल कर स्वीकृति चाही गई थी? उक्त जनहित के मार्गों को भी कब तक शामिल किया जावेगा? वर्तमान में विधानसभा क्षेत्र के कितने-कितने मार्गों के निर्माण की निविदा जारी हुई तथा प्रस्तावित लंबित मार्गों के संदर्भ में विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई बताया जावे? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा गत 6 माह में कितनी सड़कों के प्रस्ताव दिये गए है? इनमें से कितने मार्गों की स्वीकृति प्रदान की गई है? विभागीय सचिव को प्रेषित पत्र क्र. 62, दि.23.05.22 विभाग को प्राप्त हुआ है? उक्त पर क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विभाग में उपलब्ध विभागीय बजट एवं निर्धारित सूचकांक के अनुक्रम में प्राथमिकता के अनुसार निर्माण कार्य एवं विकास कार्य किये जाते है। (ख) प्रस्तावित लंबित प्रस्ताव एवं की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) 36 मार्ग के प्रस्ताव थे, दो मार्ग स्वीकृत। जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 एवं प्रपत्र-अ अनुसार है।
आयुष औषधालय भवनों का निर्माण
[आयुष]
120. ( क्र. 1249 ) श्री संजय यादव : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधानसभा क्षेत्रार्न्तगत आने वाले जनपद पंचायत जबलपुर/शहपुरा भिटौनी में आयुष विभाग के औषधालयों का निर्माण करवाया गया है? हाँ तो आयुष विभाग के निर्मित आयुष औषधालयों क्रमशः सुकरी, सगडाझपनी सहित अनेक भवनों का लोकार्पण क्यों नहीं करवाया गया है? (ख) क्या विभाग को भवन का आधिपत्य निर्माण एजेंसी से प्राप्त नहीं है? यदि नहीं तो कब तक भवन अपने स्वामित्व में लिया जावेगा? यदि नव-निर्मित आयुष औषधालयो भवन का आधिपत्य प्राप्त हो गया है, तो संचालन क्यों नहीं किया जा रहा है? (ग) बरगी विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2018 से 2021 तक विभाग द्वारा कितने आयुष औषधालय भवनो की स्वीकृति प्राप्त हुई तथा कितने निर्मित हुये एवं कितने आयुष औषधालय भवनो का निर्माण होना शेष है सूची दी जावे। ग्राम पावला आयुष औषधालय निर्माण के संदर्भ में विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है?
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जी हाँ। निर्माण स्वीकृति प्रदान की है। निर्माण कार्य प्रक्रियाधीन होने से लोकापर्ण नहीं किया जा सका। (ख) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। उत्तरांश (क) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। दान की भूमि आयुष विभाग के नाम कराने की प्रक्रिया की गई है।
एमए हिन्दी साहित्य तृतीय सेमेस्टमर के परीक्षा परिणाम
[उच्च शिक्षा]
121. ( क्र. 1251 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गाडरवारा द्वारा एमए हिन्दी साहित्य तृतीय सेमेस्टमर के परीक्षा परिणाम हिन्दी साहित्य का द्वितीय पेपर भाषा विज्ञान एवं भाषा में अनुत्तीर्ण एवं अंकसूची में अंक प्रदर्शित नहीं है इस संबंध में शिकायत कि गई है यदि हाँ तो क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या सुधार किया गया यदि नहीं तो कब तक किया जावेगा और इसके लिये जिम्मेदार, अधिकारियो पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा पत्र क्रं.JSP/NSP/8170 दिनांक 15/04/2022 को कुलपति रानी दुर्गावती विश्ववविद्यालय जबलपुर को दिया गया था यदि हाँ तो जानकारी प्रदान करें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रश्नांकित महाविद्यालय की परीक्षा के सत्र का उल्लेख नहीं है तथा संबंधित महाविद्यालय से इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांकित पत्र विश्वविद्यालय में अप्राप्त है।
आउटसोर्स एवं संविदा पर तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति
[ऊर्जा]
122. ( क्र. 1256 ) श्री सुरेश राजे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश ग्वालियर विद्युत मंडल में तृतीय श्रेणी एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों को आउटसोर्स एवं संविदा नियुक्ति से भरने संबंधी एवं यह व्यवस्था कब से प्रारंभ की गई है? शासन आदेश/नियम की प्रतियाँ उपलब्ध करावेंl (ख) उप-महाप्रबंधक मध्यप्रदेश विद्युत ग्वालियर मंडल संभाग डबरा के अधीन तृतीय श्रेणी एवं चतुर्थ श्रेणी के संविदा तथा आउटसोर्स कर्मचारियों के स्वीकृत, भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी देवेंl (ग) उप-महाप्रबंधक मध्यप्रदेश विद्युत ग्वालियर मंडल संभाग डबरा के अधीन तृतीय श्रेणी एवं चतुर्थ श्रेणी के संविदा पर नियुक्त संवर्ग के कर्मचारियों की जानकारी (नाम, पद, जन्मतिथि, शैक्षणिक योग्यता, नियुक्ति दिनांक, वर्तमान पदस्थापना की दिनांक, एवं स्थाई पता) संवर्गवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावेंl
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की स्वीकृत संगठनात्मक संरचना में श्रेणीवार नियमित एवं संविदा के पद स्वीकृत किये गये हैं। साथ ही बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता के माध्यम से आऊटसोर्स कार्मिकों को नियोजित किये जाने का प्रावधान किया गया है। किन्तु स्वीकृत नियमित पदों की रिक्तियों को संविदा और आऊटसोर्स के माध्यम से भरे जाने का कोई प्रावधान नहीं है। कर्मचारियों की भर्ती स्वीकृत पदों के अनुरूप ही की जाती है। (ख) म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अंतर्गत स्वीकृत संगठनात्मक संरचना में पदों का विभाजन वृत्तवार (संभागवार नहीं) किया गया है। अत: संचालन-संधारण-संभाग डबरा हेतु संविदा (तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी) एवं आऊटसोर्स कार्मिकों के स्वीकृत एवं रिक्त पदों की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। संचालन-संधारण संभाग डबरा के अंतर्गत वर्तमान में संविदा के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के क्रमश: कुल 28 एवं 14 कार्मिक कार्यरत है एवं बाह्य स्त्रोत सेवा प्रदाता के माध्यम से कुल 266 आऊटसोर्स (194 कुशल एवं 72 अकुशल) कार्मिक नियोजित हैं। (ग) उप महाप्रबंधक, संचालन-संधारण संभाग कार्यालय डबरा के अंतर्गत संविदा के तृतीय श्रेणी के पदों पर कार्यरत 01 सहायक प्रबंधक एवं 27 परीक्षण सहायकों एवं चतुर्थ श्रेणी के पद पर कार्यरत 14 लाईन परिचारकों की प्रश्नाधीन चाही गयी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है।
नगर पालिका परिषद बालाघाट की जल आवर्धन योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
123. ( क्र. 1259 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद बालाघाट में जल आवर्धन योजना का कार्य किस कम्पनी के द्वारा तथा किन शर्तों पर कराया गया हैं शर्तों के दस्तावेज की छायाप्रति उपलब्ध कराए? (ख) जल आवर्धन योजना का कार्य क्या पूर्ण हो चुका हैं यदि हाँ तो कम्पनी को संचालन तथा संधारण का कार्य शर्तों के अनुसार अब तक क्यों सौंपा नहीं गया हैं? क्या कम्पनी का सारा भुगतान कर दिया गया है या बकाया है यदि बकाया है तो कितना है? भुगतान में देरी का कारण बताते हुए यह भुगतान कब तक कर दिया जाएगा? (ग) कम्पनी को संचालन तथा संधारण का कार्य देने से पूर्व क्या कलेक्टर बालाघाट द्वारा कोई जांच कराई गई हैं? जिन तकनीकी अधिकारियों द्वारा जांच कराई गई हैं उनके नाम बताते हुए जांच रिपोर्ट की छायाप्रति देने का कष्ट करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगरपालिका परिषद, बालाघाट की जल आवर्धन योजना का कार्य मेसर्स जैन इरीगेशन सिस्टम लिमिटेड, जलगांव से अनुबंध की शर्तों के आधार पर कार्य कराया गया है। शर्तों के दस्तावेज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। वर्तमान में कलेक्टर जिला-बालाघाट के आदेश क्रमांक 1126 दिनांक 25.02.2022 द्वारा जल आवर्धन योजना के संबंध में जांच कराये जाने के कारण एवं जांच रिपोर्ट निकाय को प्राप्त नहीं होने से योजना के संचालन-संधारण का कार्य कंपनी द्वारा नहीं किया गया है। बालाघाट जल आवर्धन योजना की निविदा लागत राशि रू. 3868.10 लाख में से संविदाकार को राशि रू. 3466.00 लाख का भुगतान किया जा चुका है। जिला कलेक्टर द्वारा कराई जा रही जांच का निष्कर्ष प्राप्त होने के उपरांत निष्कर्ष के अनुसार शेष भुगतान संबंधी कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। वर्तमान तक जांच रिपोर्ट अप्राप्त है। प्राप्त होने पर उपलब्ध कराई जा सकेगी।
सेतु निर्माण कार्य में गति प्रदान
[लोक निर्माण]
124. ( क्र. 1266 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की जीरापुर तहसील अंतर्गत ग्राम काशीखेड़ी, बटेड़िया, कुण्डालिया में सेतु निगम से स्वीकृत निर्माण कार्यों को शीघ्र पूर्ण करवाने हेतु विधान सभा के बजट सत्र में लगाये गये प्रश्न क्रमांक अतारांकित 3480 दिनांक 21.3.2022 के उत्तर में दिनांक 30 जून 2022 तक निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने का आश्वासन दिया गया था? (ख) उत्तर के आश्वासन अनुसार, क्या निर्माण कार्य पूर्ण किया जा रहा है? यदि नहीं किया जा रहा है तो आश्वासन के उत्तर का पालन नहीं करने पर कौन दोषी है? उन पर क्या कार्यवाही की जा रही है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) पुल कार्य पूर्ण एवं पहुँच मार्ग निर्माण प्रगतिरत है, अनुबंधित एजेंसिया मेसर्स वायटेक कंस्ट्रक्शन, मेसर्स ओमप्रकाश अग्रवाल, मेसर्स जयबालानंद दोषी है। एजेन्सी के विरूद्ध अनुबन्धानुसार गुणदोष के आधार पर कार्रवाई की जावेगी।
आर.डी.एस.एस. योजनांतर्गत प्रस्तावित कार्य
[ऊर्जा]
125. ( क्र. 1267 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में आर.डी.एस.एस. योजना के अंतर्गत कितनी राशि के कितने कार्य प्रस्तावित हैं? उक्त कार्य कितने समय में पूर्ण हो जायेंगे? कार्यवार राशि सहित सूची उपलब्ध करायें। (ख) क्या राजगढ़ जिले में उक्त कार्यों हेतु निविदा जारी हो गई है? यदि नहीं, तो कब तक जारी की जायेगी? यदि हाँ, तो उक्त कार्य प्रारंभ करने की तारिख बतायें। (ग) राजगढ़ जिले के अंतर्गत आर.डी.एस.एस. योजना में कितने नये 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र बनाये जाने हैं? सूची उपलब्ध करायें। (घ) क्या राजगढ़ जिले में आर.डी.एस.एस. योजना के पूर्ण होने पर लाईन लासेस में कमी आयेगी? यदि हाँ, तो कितने प्रतिशत आयेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राजगढ़ जिले के अंतर्गत आर.डी.एस.एस. योजना में रू. 244 करोड़ लागत के कार्य प्रस्तावित किये गये हैं। उक्त कार्यों को योजना समयावधि के अंतर्गत मार्च 2026 तक पूर्ण कराया जाना प्रस्तावित है। उक्त प्रस्तावित कार्यों का लागत राशि सहित कार्यवार विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) योजना अंतर्गत तीन कार्यों की निविदा जारी की जा चुकी है। शेष कार्यों के क्रियान्वयन हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। निविदा कार्यवाही पूर्ण होने के उपरान्त क्रियान्वयन एजेंसी का चयन करने के बाद कार्य आरंभ किये जा सकेंगे, अत: कार्य आरंभ किये जाने की तिथि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) राजगढ़ जिले में आर.डी.एस.एस. योजना में 33/11 के.व्ही. के 26 विद्युत उपकेन्द्र बनाये जाने हैं, जिनका विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) राजगढ़ जिले में आर.डी.एस.एस. योजना का क्रियान्वयन होने पर 1.29 प्रतिशत लाईन लॉसेस में कमी लाना लक्षित है।
कुसुम योजनांतर्गत सोलर प्लांट की स्थापना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
126. ( क्र. 1268 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 'कुसुम योजना' के अंतर्गत म.प्र. शासन द्वारा कितने मेगावाट क्षमता के प्लांट लगाने का अनुमोदन प्रदान किया गया है? (ख) उक्त योजना से उत्पादित बिजली किस दर पर खरीदी जायेगी? क्या नवकरणीय विभाग द्वारा इस योजना अंतर्गत हितग्राहियों से कोई फीस ली जा रही है? यदि हाँ तो किस प्रावधान के तहत ली जा रही है? (ग) 'कुसुम योजना' के अंतर्गत सोलर प्लांट लगाने के लिए किसानों, किसान समूहों एवं पंचायतों को शासन द्वारा कौन-कौन सी सुविधा/सहायता दी जा रही है? (घ) उक्त योजना के अंतर्गत कितने हितग्राहियों का चयन किया जा चुका है? इनकी कुल मेगावाट क्षमता बताएं।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) कुसुम योजना के घटक-ए के अंतर्गत, राज्य शासन द्वारा 500 मेगावॉट तथा घटक-स के अंतर्गत 1250 मेगॉवाट क्षमता के सौर संयंत्र की स्थापना का अनुमोदन प्रदान किया गया है। (ख) उक्तानुसार, कुसुम योजना के घटक-'ए' के अंतर्गत स्थापित संयंत्रों से उत्पादित विद्युत रू. 3.07 अधिकतम प्रति यूनिट की दर से क्रय की जाएगी। कुसुम-सी के अंतर्गत, निविदा प्रक्रिया से निर्धारित न्यूनतम विद्युत दर, जो शासन को ग्राह्य होगी, पर विद्युत क्रय की जाएगी। परियोजनाओं को शासन के देय प्रोत्साहनों के लाभ प्राप्त करने हेतु ''सौर ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012'' के अंतर्गत पंजीकृत किया जाना वांछित है, जिस हेतु, नीति के खण्ड-अ के प्रावधान-8 (ख) के तहत, रू. एक लाख प्रति मेगावाट की दर से प्रक्रिया शुल्क (processing fee) लिया जा रहा है। (ग) कुसुम योजना के अंतर्गत सोलर प्लांट लगाने के लिए निम्नानुसार सहायता दी जा रही है:- प्रधानमंत्री कुसुम 'ए' योजना योजनांतर्गत, व्यक्तिगत किसान/कृषक, किसानों का समूह, सहकारिता (को-ऑपरेटिव), पंचायत, किसान उत्पादक संगठन, जल उपयोगकर्ता संघ एवं शासकीय कृषि विश्वविद्यालय या अन्य कृषि संबंधित शासकीय संस्थानों से, उनके द्वारा स्थापित, सौर संयंत्र से उत्पादित विद्युत का 25 वर्षों तक 3.07/- प्रति यूनिट की दर से विद्युत क्रय किया जाएगा। ''विद्युत क्रय अनुबंध'' में प्रावधान अनुसार सौर ऊर्जा उत्पादक को किया जाने वाला भुगतान 'लेटर ऑफ क्रेडिट' के माध्यम से सुरक्षित है। ''सौर ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012'' पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के अंतर्गत, प्रोत्साहन एवं सुविधा प्रदान किए जाने का प्रावधान है। प्रधानमंत्री कुसुम 'सी' योजना : योजनांतर्गत, किसानों, किसान समूहों एवं पंचायतों द्वारा विकासक के रूप में परियोजना स्थापित करने पर केन्द्र शासन द्वारा अधिकतम अनुदान रू.1.05 करोड़ प्रति मेगावॉट दिया जाना प्रावधानित है। 'सौर ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012' पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के अंतर्गत प्रोत्साहन एवं सुविधा प्रदान किए जाने का प्रावधान है। (घ) प्रधानमंत्री कुसुम 'ए' योजना: योजनांतर्गत अब तक 71 हितग्राहियों का चयन किया जा चुका है, जिनके द्वारा स्थापित किये जाने वाले सौर संयंत्रों की कुल क्षमता 122.78 मेगावाट है। प्रधानमंत्री कुसुम 'सी' योजना: योजनांतर्गत विकासकों के चयन की कार्यवाही निविदा के माध्यम से प्रक्रियाधीन है।
जीर्णशीर्ण सड़कों की मरम्मत
[लोक निर्माण]
127. ( क्र. 1278 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के ग्राम कोलारी से बिजलगांव एवं ग्राम पानीगांव से महुडिया रोड अत्यधिक उबड-खाबड़ होकर पूर्ण रूप से जीर्णशीर्ण हो गया है उक्त मार्गों की दुरूस्तीकरण हेतु विभाग की क्या योजना है बतावें। एवं उक्त मार्गों का दुरूस्तीकरण कब तक किया जावेगा समयावधि बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : प्रश्नांश में उल्लेखित दोनों मार्ग लोक निर्माण विभाग की किसी भी योजना में सम्मिलित नहीं है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
मजरे टोले बसावट में विद्युत व्यवस्था
[ऊर्जा]
128. ( क्र. 1279 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले में ऐसे कितने-कितने मजरे टोले हैं जहां पर प्रश्नांश दिनांक तक वहां के निवासियों को 24 घंटे वाली विद्युत व्यवस्था का लाभ दिया जा चुका है? ऐसे मजरे टोलों की संख्या बतावें। (ख) अगर मजरे टोले में निवासरत लोगों को 24 घंटे वाली विद्युत (बिजली) से नहीं जोड़ा गया है तो उसका कारण क्या है? (ग) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत आदिवासी जाति (जनजातियों) के कर्व लोग मजरे टोले पर निवासरत एवं कई छात्र एवं छात्राएं बिजली के अभाव में अपना अध्यापन कार्य नहीं कर पा रहे? विभाग इस कमी को दूर करने हेतु क्या कार्यवाही कर रहा है? (घ) अगर विभाग द्वारा 24 घंटे वाली लाईट मजरे टोले तक पहुँचाने की कोई योजना है तो कब तक लोगों को लाभ मिलेगा? समयावधि बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) देवास जिले के राजस्व ग्रामों के चिन्हित 1579 मजरों/टोलों को प्रश्न दिनांक की स्थिति में गैर-कृषि प्रयोजन हेतु आकस्मिक रूप से आए व्यवधानों को छोड़कर सामान्यत: 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में कुल चिन्हित 138 मजरे/टोले ऐसे है जो मुख्य राजस्व ग्राम के आबादी क्षेत्र से दूर खेतों में बसे हैं तथा उन्हे निकटस्थ विद्यमान कृषि फीडरों के माध्यम से 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उल्लेखनीय है घरों के विद्युतीकरण हेतु पूर्व में प्रचलित सौभाग्य योजना के अंतर्गत खेतों में बसे हुए घरों को विद्युतीकृत करने का प्रावधान नहीं था, अत: ऐसे घरों/मजरों/टोलों को 24 घंटे विद्युत प्रदाय करने हेतु आवश्यक विद्युत अधोसंरचना का कार्य नहीं किया जा सका है। (ग) खातेगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत समस्त राजस्व ग्रामों के सभी 404 चिन्हित मजरों/टोलों के घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को अपरिहार्य कारणों से आए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर सामान्यत: 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उक्त क्षेत्र में 65 मजरे/टोले ऐसे है जो मुख्य राजस्व ग्राम के आबादी क्षेत्र से दूर खेतो में बसे है। इन मजरों/टोलों एवं इनमें विद्यमान घरों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्व में प्रचलित सौभागय योजना के प्रावधानों में सम्मिलित नहीं था। अत: इन मजरों/टोलों में बसे घरों को निकटस्थ विद्यमान कृषि फीडरों के माध्यम से विद्युत कनेक्शन प्रदान कर 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (घ) वर्तमान में विद्युतीकरण हेतु कोई योजना प्रचलन में नहीं है, अत: समय-सीमा बताये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
पवन से ऊर्जा निर्मित करने की योजना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
129. ( क्र. 1287 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहावल विधान सभा क्षेत्र पठार एवं पहाड़ो से लगा हुआ है ऊर्जा के वैकल्पिक स्त्रोत के रूप में पवन से ऊर्जा किफायति एवं ऊर्जा निर्मित करने के लिए यह स्थान उपयुक्त है? इन पहाड़ों पर पवन चक्की लगाने की कोई योजना बनाई गई है? (ख) यदि बनाई गई है तो कब तक यह कार्य पूर्ण किया जावेगा?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री हरदीप सिंह डंग ) : (क) सिंहावल विधानसभा क्षेत्र सहित संपूर्ण प्रदेश में शासन द्वारा पवन ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना की योजना हेतु पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012 लागू की गई। नीति के प्रावधानों के अंतर्गत तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता को सुनिश्चित करते हुए निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं द्वारा पवन ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना की जाती है। निजी/सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं द्वारा विधानसभा क्षेत्र सिंहावल में कोई परियोजना प्रस्तावित नहीं की गई है। (ख) उत्तरांश (क) के अनुसार होने पर निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं से प्रस्ताव प्राप्त होने पर नवीन पवन ऊर्जा परियोजना की स्थापना की जा सकती है।
शासकीय स्नातक महाविद्यालय का भवन निर्माण
[उच्च शिक्षा]
130. ( क्र. 1288 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहावल में संचालित शासकीय स्नातक महाविद्यालय कई वर्षों से भवन विहीन है। अध्ययनरत सैकड़ों छात्रों की शिक्षा को देखते हुए भवन बनाने की कोई योजना बनाई गई है? यदि हाँ तो कब तक इस भवन का निर्माण किया जावेगा? यदि योजना नहीं बनाई गई है तो क्यों? (ख) उक्त महाविद्यालय के टीचिंग एवं नॉन टीचिंग पदों पर पदस्थापना कब तक की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। शासकीय महाविद्यालय, सिहावल जिला सीधी कला संकाय के साथ वर्ष 2002 से स्वयं के भवन में संचालित है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) विभिन्न विषयों के रिक्त स्वीकृत पदों के विरूद्ध अतिथि विद्वानों के माध्यम से अध्यापन का कार्य सुचारू रूप से संचालित है। सीधी भर्ती के रिक्त अशैक्षणिक पदों पर भर्ती की कार्यवाही प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के माध्य्म से सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा एग्जाई रूप से की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जयसिंह नगर में बायपास मार्ग का निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
131. ( क्र. 1291 ) श्री जयसिंह मरावी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विषयांकित मार्ग निर्माण कार्य की घोषणा माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा अपने घोषणा पत्र क्र. B/2784, दिनांक 19.09.2016 को की गई थी, परंतु वर्तमान तक उक्त निर्माण कार्य की स्वीकृति विभाग के द्वारा नहीं की गई क्यों? (ख) क्या विषयांकित कार्य की स्वीकृति विभाग द्वारा कब तक की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। प्रमाण स्वरूप घोषणा क्रमांक B-2784 दिनांक 19-09-2016 जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सलाहकारों की नियुक्ति
[उच्च शिक्षा]
132. ( क्र. 1298 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय में सलाहकार के पद पर नियुक्ति के क्या प्रावधान है? क्या शासन द्वारा नियुक्ति के प्रावधान में संशोधन किया है? यदि हाँ तो वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में वर्षवार बतावें? (ख) क्या यह भी सही है कि राजनैतिक एवं प्रशासनिक दबाव के कारण वर्तमान कुलपति द्वारा सलाहकार की नियुक्ति प्रावधान में संशोधन कर अयोग्य लोगों को पदस्थ किया गया है? वर्तमान में जो लोग सलाहकार के पद पर पदस्थ है उनकी शैक्षणिक योग्यता, आयु एवं अनुभव क्या है? नाम सहित सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि क्या शासन इसकी उच्च स्तरीय जांच कराकर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक और यदि नहीं तो क्यों कारण सहित बतावें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) म.प्र. भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय में सलाहकार के पद पर नियुक्ति हेतु प्रावधान का उल्लेख विश्वविद्यालय के परिनियम क्र.-21 में निम्नानुसार है:- Board of Management will define qualification, create position and provide for appointment procedure of consultants and other staff members of CIQA. जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
करों में वृद्धि किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
133. ( क्र. 1299 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि नगर पालिक अधिनियम के तहत नगरीय क्षेत्रों में संपत्तिकर, जलकर, समेकित कर, अनिवार्य समेकितकर, विकास कर, लायसेंस शुल्क, उपभोक्ता कर लीजरेंट आदि का निर्धारण किया जाता है? (ख) यदि हाँ तो भोपाल नगर निगम द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 में कलेक्टर गाईड लाईन से 10 प्रतिशत अधिक उपरोक्त कर की वसूली की गई थी? यदि हाँ तो क्या यह भी सही है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में पुन: उपरोक्त करों में वृद्धि की गई है? (ग) यदि हाँ तो बार-बार करों में वृद्धि किया जाना जनहित के विपरीत नहीं है? यदि हाँ तो इन जनविरोधी नीति के तहत करो के रूप में आमजन पर जो भार डाला जा रहा है उसके लिए किन-किनकी जिम्मेदारी निर्धारित की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों कारण सहित यह अवगत करावें कि करों में जो वृद्धि की गई है वह जनहित में वापिस ली जावेगी? यदि हाँ तो कब तक और यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) मध्यप्रदेश राजपत्र, प्राधिकार से प्रकाशित क्रमांक 46, भोपाल, दिनांक 13 नवम्बर 2020 द्वारा अधिसूचित नवीन मध्यप्रदेश नगर पालिका (भवनों एवं भूमियों के कर योग्य सम्पत्ति मूल्य का निर्धारण) नियम, 2020 में वर्णित प्रावधानुसार नगर पालिक निगम, भोपाल द्वारा वर्ष 2021-22 में नियमानुसार 10 प्रतिशत की वृद्धि वर्ष 2020-21 की तुलना में की गई है जिसमें खुली भूमि एवं निर्माणाधीन भवन एवं कच्ची संरचनाओं के निर्मित भवनों को इस वृद्धि से मुक्त रखा गया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में कलेक्टर गाइडलाइन अनुसार नगर निगम क्षेत्र में मात्र कुछ कॉलोनी/मोहल्ले की दरों में परिवर्तन हुआ था इस कारण नगर निगम की सम्पत्तिकर दर में वर्ष 2022-23 में सम्पूर्ण क्षेत्र में कोई वृद्धि न करते हुये मात्र कुछ वार्डों/कॉलोनी के परिक्षेत्रों में आंशिक परिर्वतन किया गया है। (ग) जी नहीं, करों में वृद्धि नियमानुसार की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अग्नि सुरक्षा उपायों का सुदृढ़ीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
134. ( क्र. 1303 ) श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल (गुड्डा) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि म.प्र. शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अधीन नगरीय निकायों के लिये प्रचलित फायर सर्विसेस योजना के अंतर्गत अग्नि सुरक्षा उपायों के सुदृढ़ीकरण हेतु कार्य किये जा रहे है? यदि हाँ तो योजना के अंतर्गत नगरीय निकायों में कौन-कौन से नवीन कार्य विकसित किये जाने का प्रावधान है? किस-किस नगरीय निकाय में योजना अनुसार नवीन कार्य विकसित कर लिये गये है तथा किस-किस नगरीय निकाय में नवीन कार्य विकसित किया जाना शेष है? नगर पालिका वारासिवनी में योजना के अंतर्गत अग्नि सुरक्षा उपायों के सुदृढ़ीकरण हेतु कौन-कौन से नवीन कार्य किये जाने का प्रावधान है? कब तक कार्य प्रारम्भ कर दिया जायेगा? (ख) क्या यह सही है कि प्रदेश की नगरीय निकायों में 10 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके फायर वाहनों के स्थान पर नवीन फायर वाहन उपलब्ध कराने की योजना प्रचलन में है? यदि हाँ तो वारासिवनी नगर पालिका में उपलब्ध 15 वर्ष से अधिक पुराना फायर वाहन के स्थान पर नवीन फायर वाहन उपलब्ध कराने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? कब तक नवीन फायर वाहन उपलब्ध करा दिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। योजना के अंतर्गत भारत सरकार से वित्तीय सहायता प्राप्त कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ एवं राज्य सरकार से स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ के कार्यों की स्वीकृति भारत सरकार से प्राप्त न होने के कारण किसी भी नगरीय निकाय द्वारा नवीन कार्य विकसित नहीं किये गये हैं, परन्तु जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -ब के कार्यों के लिये 282 नगरीय निकायों को चयनित किया गया था, जिनमें से 55 नगरीय निकायों को राज्य सरकार द्वारा राशि आवंटित कर दी गई है, राशि आवंटन आदेश जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब की कार्ययोजना वर्ष 2026-27 तक प्रचलित होने से शेष नगरीय निकायों को भी कार्ययोजना अनुसार राशि आवंटित की जायेगी नगरीय निकायों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -द अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -अ के अनुसार नगर पालिका वारासिवनी को क्विक रिस्पोंस वेहिकल, इन्फलेटेबल लाइटनिंग, प्रॉक्सिमिटी सूट एवं जीआईएस जीपीएस सिस्टम आदि के कार्य एवं जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -ब के अनुसार निकाय में वर्ष 2016 में उपलब्ध फायर ब्रिगेड वाहन की 10 वर्ष की आयुसीमा पूर्ण होने पर नवीन फायर ब्रिगेड वाहन प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -अ अनुसार कार्यों की स्वीकृति भारत सरकार से प्राप्त होने के उपरांत कार्य प्रारंभ किया जायेगा। (ख) जी हाँ। नगर पालिका वारासिवनी को नगर की जनसंख्या 27446 होने के कारण 01 फायर बिग्रेड वाहन की पात्रता है, जिसके अनुसार निकाय को 01 फायर ब्रिगेड क्रय करने हेतु राशि प्रदान करने के उपरांत निकाय द्वारा वर्ष 2016 में नवीन फायर ब्रिगेड क्रय किया गया था जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट –ब अनुसार निकाय को 10 वर्ष पश्चात अर्थात वर्ष 2026 में नवीन फायर ब्रिगेड की पात्रता होगी। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय में हिन्दी विभाग खोले जाना
[उच्च शिक्षा]
135. ( क्र. 1304 ) श्रीमती रक्षा संतराम सरोनिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. की राजधानी स्थित भोपाल के बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय में हिन्दी विभाग है? यदि नहीं तो क्यों? (ख) क्या बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय में अरबी एवं फारसी विभाग संचालित है? यदि हां, तो कब से? (ग) क्या विश्विद्यालय में हिन्दी विषय का वर्तमान में शोधकेन्द्र है अथवा नहीं? यदि नहीं तो कब बंद किया गया? (घ) बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय में हिन्दी विषय के कितने प्राध्यापक, सह-प्राध्यापक एवं सहायक प्राध्यापक कार्यरत है? रिक्त पदों सहित विवरण देवें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जी नहीं। स्वीकृत नहीं है। (ख) जी हाँ। वर्ष 1975 से संचालित है। (ग) जी नहीं। वर्ष 2014 से बंद है। (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
महिदपुर वि.स.क्षेत्र में विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
136. ( क्र. 1307 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र की ऐसी कितनी बस्तियां हैं जहां विद्युतीकरण शेष है? स्थान नाम सहित देवें। (ख) इन्हें कब तक विद्युतीकृत कर दिया जाएगा? (ग) प्रश्न क्र. 1284 दिनांक 23.12.2021 के (क) उत्तर अनुसार 35 ट्रांसफार्मर अतिभारित हैं क्या इन्हें क्षमता अनुरूप कर लिया गया है? यदि नहीं तो क्यों? कब तक किया जाएगा? (घ) क्या इन्हें केन्द्र सरकार से वित्त पोषित आर.डी.एस.एस. योजना में शामिल कर लिया गया है? यदि नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सभी राजस्व ग्राम एवं उनके चिन्हित मजरे/टोले विद्युतीकृत है। अतः शेष प्रश्न नहीं उठता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी हाँ, विधानसभा सत्र दिसंबर 2021 के प्रश्न क्रमांक 1284 दिनांक 23/12/2021 के उत्तरांश (क) में 35 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर अतिभारित होने की जानकारी दी गई थी। इन 35 अतिभारित विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों में से कुल 04 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि कर दी गई है। शेष 31 अतिभारित विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि का कार्य आर.डी.एस.एस. योजना में शामिल कर लिया गया है। केन्द्र शासन से योजना की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है तथा योजना में सम्मिलित कार्यों के क्रियान्वयन हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अतः शेष वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के कार्य पूर्ण किये जाने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना वर्तमान में संभव नहीं है। (घ) जी हाँ।
नागदा जंक्शन वारको सिटी के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
137. ( क्र. 1308 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 1992 दि. 11.03.2022 के (क) उत्तर अनुसार क्या जांच प्रतिवेदन प्राप्त हो गया है? यदि हाँ तो इसकी प्रमाणित प्रति देवें। यदि नहीं तो जांच पूर्ण न करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा तथा जांच कब तक पूर्ण होगी? (ख) उपरोक्त प्रश्नानुसार (ख) उत्तर में जिन अधिकारियों की जानकारी दी गई है शासन उनके विरूद्ध कब तक कार्यवाही करेगा? (ग) उत्तर अनुसार अवैध निर्माण को हटाने हेतु वर्ष 2017 में कालोनाईजर को 02 पत्र जारी किए गए थे लेकिन अवैध निर्माण आज तक यथावत है? क्या इसे बुलडोजर से ध्वस्त किया जाएगा? यदि नहीं तो क्यों? (घ) उपरोक्तानुसार (घ) उत्तर में वर्णित निम्न आय वर्ग के लिए जो 51 आरक्षित भूखंड शेष हैं उनका निराकरण इन वर्गों के पक्ष में कब तक कर लिया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जांच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) महावीर नगर (वारको सिटी कालोनी) में नगरपालिका से अनुमति प्राप्त किये बिना बनाये गये भवनों के संबंध में नगरपालिका द्वारा सूचना पत्र जारी किये गये है और प्रश्नांकित प्रकरण में अभी तक ऐसी कोई अनियमितता प्रतिवेदित नहीं हुई है, जिसके आधार पर किसी अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जा सके। जांच प्रतिवेदन अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) नागदा द्वारा दिनांक 13.04.2022 को सक्षम प्राधिकारी जिला कलेक्टर को प्रेषित किया गया है। जिला कलेक्टर का अभिमत प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर विधि अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) कालोनाईजर द्वारा कालोनी के विक्रित भूखण्डों पर जिन भूखण्ड स्वामियों द्वारा नगरपालिका से भवन निर्माण अनुमति प्राप्त किये बिना ही भवनों का निर्माण कर लिया गया है, के संबंध में नगरपालिका द्वारा म.प्र. नगरपालिका अधिनियम 1961 के प्रावधानों के तहत एवं निर्धारित प्रक्रिया अनुसार कार्यवाही की जायेगी। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) सक्षम प्राधिकारी अर्थात जिला कलेक्टर द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
अवैध कालोनियों के कालोनाइजरों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
138. ( क्र. 1311 ) श्री बाला बच्चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 770 दिनांक 11.03.2022 के (ख) उत्तर अनुसार जिन कालोनाईजरों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज हुई है उनके नाम, कालोनी नाम, स्थान नाम, एफ.आई.आर. क्रमांक, थाना नाम, एफ.आई.आर. दिनांक सहित देवें। (ख) प्रत्येक प्रकरण की एफ.आई.आर. की प्रमाणित प्रति भी देवें। (ग) प्रत्येक प्रकरण की अद्यतन स्थिति देवें। क्या विभाग द्वारा इनसे संबंधित समस्त दस्तावेज संबंधित थानों में सौप दिए हैं? यदि हाँ तो प्रत्येक थाने से प्राप्त पावती की छायाप्रति देवें। यदि नहीं तो ये दस्तावेज कब तक सौंपे जाएंगे? (घ) दस्तावेज सौंपने में विलंब करके कालोनाईजरों को संरक्षण देने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित बतावें कि इसके लिए विभाग उन पर कब तक कार्यवाही करेगा? कब तक इन कालोनाइजरों की गिरफ्तारी होगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
रिक्त पदों की पूर्ति व सामग्री का क्रय
[आयुष]
139. ( क्र. 1312 ) श्री बाला बच्चन : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में आयुष विभाग के अंतर्गत कुल कितने पद किस स्तर के स्वीकृत हैं? इनमें कितने रिक्त हैं? केन्द्रवार विधान सभावार देवें। पद कब से रिक्त हैं की जानकारी भी साथ में देवें। (ख) रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जाएगी? समय-सीमा देवें। (ग) दिनांक 01.04.2020 से 25.06.2022 तक बड़वानी जिला स्तर पर कितनी सामग्री क्रय की गई की जानकारी वर्षवार देवें। इसमें फर्म नाम, भुगतान राशि, फर्मों द्वारा प्रस्तुत बिल की छायाप्रति सहित देवें। (घ) इस सामग्री क्रय के लिये टेंडर कब-कब निकाले गये? बड़वानी जिले में कितने वाहन कहां-कहां अटैच किये गये हैं की जानकारी भी प्रश्नांश (ग) अवधि अनुसार देवें।
राज्यमंत्री, आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) आयुष चिकत्सकों के रिक्त पदों का विज्ञापन जारी कर दिया गया है। पैरामेडिकल संवर्ग हेतु कर्मचारी चयन बोर्ड को मांग पत्र प्रेषित किया गया है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (घ) टेण्डर जारी नहीं किये गये बल्कि भण्डार क्रय नियमानुसार कोटेशन के माध्यम से सामग्री क्रय की गई है। बड़वानी जिले में कोई भी वाहन अटैच नहीं है।
महाविद्यालयों में माइक्रोबायोलॉजी विषय में प्रवेश
[उच्च शिक्षा]
140. ( क्र. 1314 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग के किन-किन कॉलेजों (शासकीय-अशासकीय) द्वारा वर्ष 1996 एवं 1997 में बी.एस.सी. (माइक्रोबायोलॉजी) संकाय से स्नातक में प्रवेश दिया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्ष 2000 में कौन-कौन छात्र बी.एस.सी. (माइक्रोबायोलॉजी) में पास हुये की जानकारी देवें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।
सौभाग्य योजना का क्रियान्वयन
[ऊर्जा]
141. ( क्र. 1317 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना क्षेत्र के अंतर्गत सौभाग्य योजना के तहत कितने घरेलू विद्युत कनेक्शन दिये गये? उनमें से एक ही घर में दो तीन कनेक्शन क्यों किये गये? बगैर तार जोड़े एवं मीटर लगाये किस आधार पर कनेक्शन किये गये, जबकि सामान सभी कनेक्शन पर अनिवार्य है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या सभी कनेक्शनों के बिल माफ किये गये? संख्या एवं राशि बतावें। अप्रैल 2020 की स्थिति में कितने घरेलू कनेक्शन बिना मीटर के राजस्व पत्रक में थे और सौभाग्य योजना प्रारंभ होने से समाप्त होने तक संभागवार कितने विद्युत कनेक्शन हेतु मीटरों के प्राक्कलन स्वीकृत किये गये तथा उनमें से कितने मीटर ऐरिया स्टोर से स्वीकृत कराये गये? (ग) क्षेत्रीय भण्डार से प्राप्त मीटरों को किस-किस ए श्रेणी विद्युत ठेकेदारों को वितरण केन्द्रवार कितने-कितने मीटर लगाने को दिये गये? मीटरों का सत्यापन करवाया है? शेष विद्युत कनेक्शनों पर मीटर क्यों नहीं लगाये गये? इस कार्य में दोषी नोडल आफिसरों के विरूद्ध अनियमितताओं के पाये जाने पर भी क्या दण्डात्मक कार्यवाही की गई? अथवा नहीं की गई? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी, जिसमें राजस्व के करोड़ों रूपयों का घोटाला हुआ है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) मुरैना जिले में सौभाग्य योजना के दिशा-निर्देशों एवं प्रावधानों के अंतर्गत कुल 66123 घरेलू विदयुत कनेक्शन दिये गये। योजनान्तर्गत सामान्यत: एक परिसर में पात्र परिवार को एक ही कनेक्शन प्रदान किया गया है। तथापि कुछ जगहों पर समग्र आईडी के आधार पर परिसर में निवासरत पृथक-पृथक परिवारों को नियमानुसार पृथक-पृथक कनेक्शन जारी किए गए है। योजना अन्तर्गत जारी किये गये सभी कनेक्शनों में योजना के दिशा-निर्देशों एवं प्रावधानों के अनुरूप मीटर, सर्विस लाईन एवं अन्य सामग्री स्थापित की गयी है। (ख) सौभाग्य योजना के अंतर्गत दिये गए विद्युत कनेक्शनों के विदयुत बिल माफ किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। माह अप्रैल 2020 कि स्थिति में संचालन/संधारण वृत्त मुरैना में राजस्व पत्रक के अनुसार कुल 77963 घरेलू विद्युत कनेक्शन अमीटरीकृत थे। सौभाग्य योजना के अंतर्गत प्रश्नांश में उल्लेखित अवधि में मुरैना जिले में कुल 66123 मीटरीकृत घरेलू विद्युत कनेक्शनों के प्राक्कलन स्वीकृत किए गये हैं जिनकी प्रश्नाधीन चाही गई संचालन/संधारण संभागवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त घरेलू विद्युत कनेक्शनों में उपयुक्त सभी 66123 मीटरों को क्षेत्रीय भण्डार से आहरित कर उपयोग में लाया गया। (ग) मुरैना जिले में सौभाग्य योजना के अंतर्गत घरेलू विद्युत कनेक्शन दिये जाने हेतु क्षेत्रीय भण्डार गृह से आहरित किए गये 66123 मीटरों में से 'ए-श्रेणी' के ठेकेदारों को जारी किये गये मीटरों सहित प्रश्नाधीन चाही गयी वितरण केन्द्रवार/ठेकेदार एजेन्सीवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। जी हाँ, योजना अन्तर्गत स्थापित किये गये मीटरों का सत्यापन नियमानुसार संबंधित अधिकारियों द्वारा किया गया है। योजनान्तर्गत दिये गये समस्त विद्युत कनेक्शनों पर मीटर स्थापित किये गए हैं। अत: शेष प्रश्न नहीं उठता।
नगर परिषद डोला में पदस्थ प्रभारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
142. ( क्र. 1321 ) श्री सुनील सराफ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले के नवगठित नगर परिषद डोला में प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी का मूल पद क्या है एवं इनकी पदोन्नति कब किस पद से किस पद में की गई है पदोन्नति आदेश में राजस्व उप निरीक्षक का वेतनमान सही है यदि नहीं तो पदोन्नति आदेश कब निरस्त किया जायेगा? (ख) क्या राजस्व उप निरीक्षक से मुख्य नगर पालिका अधिकारी के लिए 5 साल की सेवा अनिवार्य है यदि हाँ तो डोला में पदस्थ प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी को दो माह के अन्दर ही राजस्व उप निरीक्षक से प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी को प्रभार किस नियम के तहत दिया गया यदि नियम में प्रावधान नहीं है तो कब इन्हें मूल पद पर वापस किया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) अनूपपुर जिले के नवगठित नगर परिषद डोला में प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री मुनीन्द्र प्रसाद मिश्रा का मूल पद राजस्व उप निरीक्षक है। इनकी मूल निकाय नगर परिषद सेमरिया है। इनकी पदोन्नति नगर परिषद सेमरिया के आदेश क्रमांक 663 दिनांक 10.06.2021 द्वारा संभागीय संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग रीवा संभाग रीवा के आदेश क्रमांक सं.स./स्था./पदोन्नति/सेमरिया/ 2021/909 रीवा दिनांक 04.06.2021 के आदेशानुसार एवं जिला चयन समिति की बैठक दिनांक 02.06.2021 को लिये गये निर्णय अनुसार तथा प्रशासक पंजी के प्रस्ताव क्रमांक 01 दिनांक 08.06.2021 के निर्णय अनुसार श्री मुनीन्द्र प्रसाद मिश्रा सहायक राजस्व निरीक्षक की पदोन्नति राजस्व उप निरीक्षक के पद पर वेतनमान 9300-34800+3200 ग्रेड-पे में दो वर्ष की परिवीक्षा अवधि पर इन शर्तों के साथ की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ''अनुसार है। श्री मुनीन्द्र मिश्रा राजस्व उप निरीक्षक प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद डोला जिला अनुपपूर की पदोन्नति आदेश को नियम विरूद्ध होने के कारण मुख्य नगर पालिका अधिकारी सेमरिया जिला-रीवा द्वारा उक्त आदेश को निरस्त करते हुये नगर परिषद सेमरिया के आदेश क्रमांक 764 दिनांक 18.07.2022 द्वारा वेतनमान 5200-20200+2100 संशोधित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब''अनुसार है। तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद सेमरिया जिला-रीवा श्री आनन्द मिश्रा के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा रही है। (ख) जी हाँ। मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 89 (1) के प्रावधानों के अनुसार यदि मुख्य नगरपालिका अधिकारी नियुक्ति के लिए उपलब्ध न हो तो राज्य सरकार किसी ऐसे व्यक्ति को उक्त पद पर नियुक्ति कर सकेगी, जो ऐसी सेवा का सदस्य होने के लिए अर्हित हो। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ''अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स''अनुसार है।
नगर परिषद् कोतमा द्वारा तालाब सौंदर्यीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
143. ( क्र. 1322 ) श्री सुनील सराफ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनूपपुर जिले के नगर पालिका कोतमा में वार्ड क्रमांक 05 शिव सागर तालाब के सौंदर्यीकरण का कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ तो कार्य की लागत तकनीकी स्वीकृत राशि, मद का नाम, ठेकेदार का नाम, कार्य आदेश दिनांक, कार्य पूर्ण करने की समयावधि एवं भु्गतान की गई राशि का विवरण देवें। (ख) क्या तालाब की बैक (पीछे) का निर्माण करने के पूर्व एवं पश्चात लेबलिंग ली गई थी? यदि नहीं तो ठेकेदार को अत्यधिक मात्रा में फिलिंग का भुगतान कर लाभ पहुँचाया गया है? यदि हाँ तो आर्थिक क्षति पहुँचाने वाले कर्मचारी अधिकारी एवं पदाधिकारी के विरूद्ध अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ग) क्या तालाब से निकली हुई मिट्टी को ठेकेदार के भूखण्ड में डालकर दोहरा भुगतान निकाला गया है? यदि नहीं तो मिट्टी किस स्थान पर फेंकी गयी, खुदाई से कितनी मिट्टी प्राप्त हुई, ट्रान्सपोटेशन का अलग से भुगतान क्यों किया गया? (घ) क्या ठेकेदार द्वारा कार्य में प्रयुक्त सामग्री की रायल्टी पर्ची कार्यालय में जमा की है? यदि नहीं तो पेनाल्टी सहित ठेकेदार से राशि क्यों नहीं काटी गई? (ड.) क्या ठेकेदार द्वारा उपरोक्त महत्वपूर्ण कार्य में कोई फर्म की ओर से इंजीनियर की नियुक्ति की है कि नहीं? यदि नहीं तो निविदा शर्त अनुसार कार्य प्रारंभ दिनांक से आज दिनांक तक इंजीनियर के वेतन के बराबर राशि की कटौती की जाएगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेषांश के संबंध में अधीक्षण यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास, रीवा संभाग से जांच कराई जा रही है। (ग) इस संबंध में अधीक्षण यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास, रीवा संभाग से जांच कराई जा रही है। (घ) एवं (ड.) प्रश्नांश (ग) अनुसार।
बैरसिया नगर पालिका परिषद अंतर्गत अवैध कॉलोनिया
[नगरीय विकास एवं आवास]
144. ( क्र. 1323 ) श्री विष्णु खत्री : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैरसिया नगर पालिका परिषद अंतर्गत वर्ष 2014 से आज दिनांक तक कुल कितनी अवैध कॉलोनियां विकसित हुई है? (ख) अवैध कॉलोनियों एवं कॉलोनाईजरों के नाम की सूची उपलब्ध करायें? (ग) कितने कॉलोनाईजरों पर एफ.आई.आर.दर्ज की गई है एवं ऐसे कितने कॉलोनाईजर हैं, जिन पर आज दिनांक तक एफ.आई.आर. दर्ज नहीं हुई है? कारण बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में 19 अवैध कॉलोनियॉं विकसित हुई हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) अवैध रूप से विकसित की गई 13 कॉलोनियों के विकासकर्ताओं के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई हैं एवं 06 नवीन अवैध कॉलोनियॉं चिन्हित की गई हैं, जिनके विकासकर्ताओं के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराने की कार्यवाही निकाय स्तर पर प्रचलित है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आवारा कुत्तों की नसबंदी पर किया गया व्यय
[नगरीय विकास एवं आवास]
145. ( क्र. 1324 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम क्षेत्र भोपाल द्वारा वर्ष 2013-14 से 31 जनवरी 2022 तक की अवधि में कुल कितने आवारा कुत्तों (श्वानों) की नसबंदी की गई और इस पर कुल कितनी राशि का भुगतान किस संस्था को किया गया? संस्था के संचालकों का नाम पता सहित पूर्ण विवरण दें। (ख) उक्तावधि में निगम द्वारा आवार कुत्तों की नसबंदी कार्य के ठेके हेतु कब-कब निविदा आमंत्रित की गई एवं निविदा में किस-किस फर्म/संस्था द्वारा भाग लिया गया तथा किन-किन शर्तों पर किस फर्म/संस्था की कितनी राशि की निविदा स्वीकृत की गई? (ग) क्या एनीमल बर्थ सेन्टर पर नजर रखने के लिए माननीय उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि प्रदेश में शहरी विकास सचिव की अध्यक्षता में एक मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया जाए? यदि हाँ, तो मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किसकी अध्यक्षता में कब एवं कितनी अवधि के लिए किया गया एवं उसमें कौन-कौन सदस्य हैं तथा समिति की मीटिंग कब-कब बुलाई गई एवं मीटिंग में क्या-क्या निर्णय लिए गए? ए.बी.सी. सेन्टर द्वारा किए जा रहे नसबंदी कार्य व संस्था को भुगतान की गई राशि का कब-कब भौतिक सत्यापन किया गया? यदि नहीं तो क्यों? (घ) क्या भोपाल नगरीय क्षेत्र की सीमा के एवं जनसंख्या के अनुरूप एनीमल बर्थ सेन्टर (ए.बी.सी.) संचालित है? यदि नहीं तो क्या नगरीय क्षेत्र की सीमा एवं नगर की जनसंख्या के अनुपात में एनीमल बर्थ सेन्टर (ए.बी.सी.) खोले जाएंगे? यदि हां, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) नगर निगम क्षेत्र भोपाल द्वारा वर्ष 2013-14 से 31 जनवरी 2022 तक की अवधि में कुल 5930 आवारा कुत्तों (श्वानों) की नसबंदी की गई और इस पर कुल राशि रू. 65.68 लाख का भुगतान किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (घ) भोपाल नगरीय क्षेत्र की सीमा एवं जनसंख्या के अनुरूप चार एनीमल बर्थ कन्ट्रोल सेन्टर निर्माणाधीन है, जो आगामी दो-तीन माह में कार्य करने लगेगें।
बावड़िया कला-जाटखेड़ी नाले को अमृत योजना में शामिल करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
146. ( क्र. 1327 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल में अमृत योजना कब एवं कितनी लागत की स्वीकृत की गई थी तथा कितनी समयावधि में योजना का कार्य पूर्ण किया जाना था? (ख) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक 5427 दिनांक 23 मार्च 2021 के उत्तर में होशंगाबाद रोड स्थित मोहिनीदीप व स्नेहनगर आदि कॉलोनी से लगे हुये बावड़िया कला-जाटखेड़ी नाले पर से अतिक्रमण को हटाकर, नाले को पक्का बनाए जाने हेतु अमृत योजना में शामिल किया जाने की जानकारी दी गई थी? (ग) यदि हाँ तो उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में उक्त नाले को अमृत योजना में शामिल कर पक्का किये जाने के संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों तथा कब नाले को पक्का कर दिया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) अमृत योजनांतर्गत राज्य स्तरीय उच्च शक्ति प्राप्त संचालन समिति की बैठक दिनांक 15.11.2016 द्वारा नगर पालिक निगम, भोपाल की कुल राशि रू. 931.00 करोड़ की कार्ययोजना स्वीकृत की गई थी। मिशन की प्रारंभिक अवधि मार्च 2020 तक थी, प्रगतिरत परियोजनाओं को भारत सरकार द्वारा मार्च 2023 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। (ख) जी नहीं, अमृत योजना के तहत नाले को पक्का बनाये जाने की योजना तैयार किये जाने की जानकारी दी गई थी। (ग) अमृत 2.0 की गाइड लाइन अनुसार योजनांतर्गत वर्षा जल निकासी का घटक सम्मिलित नहीं होने से, नाले को पक्का करने का प्रस्ताव अमृत 2.0 में सम्मिलित नहीं किया जा पायेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कार्यों को निर्धारित समयावधि में पूर्ण नहीं किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
147. ( क्र. 1328 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के किन-किन शहरों में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का कार्य कितनी-कितनी लागत से संचालित है एवं कितनी समयावधि में इन परियोजनाओं का कार्य पूर्ण किया जाना था एवं वर्तमान में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्टों के कितने-कितने प्रतिशत पूर्ण कर लिए गए है? (ख) क्या यह सही है कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत स्मार्ट रोड, एनएमटी, डिजीटल लायब्रेरी, सीवर लाइन एवं कन्वेंशन सेंटर आदि के कार्य करोड़ों रूपए व्यय हो जाने के बाद भी अधूरे पड़े है? (ग) यदि हाँ तो उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या जांच कराकर जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) प्रदेश के 07 शहरों यथा भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर एवं सतना में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के कार्य संचालित है। स्मार्ट सिटी मिशन (SCM) ग्रांट फण्ड अन्तर्गत प्रत्येक शहर में राशि रू. 940 करोड़ की लागत से कार्य कराया जाना है। शहरवार कार्य की लागत एवं कितने प्रतिशत पूर्ण किये गए की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। स्मार्ट सिटी परियोजना की अवधि 05 वर्ष थी जो भारत सरकार आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा परियोजना अवधि 30 जून 2023 तक बढ़ायी गई है। (ख) स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत स्मार्ट रोड़, एन.एम.टी., डिजीटल लायब्रेरी, सीवर लाईन एवं कन्वेंशन सेंटर की अद्यतन स्थिति की जानकारी शहरवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में कार्य नियमानुसार संपादित होने से जांच का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
आवासीय योजना की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
148. ( क्र. 1332 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निशातपुरा पन्ना नगर आवासीय योजना के अंतर्गत किस दिनांक से ऐसे कितने आवेदक पंजीकृत है जिन्हें मध्यप्रदेश गृह निर्माण संस्था भोपाल द्वारा आज दिनांक तक आवास/भूखण्ड उपलब्ध नहीं कराया गया है? बोर्ड द्वारा उन्हें कब तक आवास/भूखण्ड उपलब्ध कराये जावेंगे? (ख) क्या बोर्ड अपनी बकाया राशि पर आवास आवंटियों से जिस दर से ब्याज वसूल करता है क्या उसी दर से ऐसे पंजीकृत हितग्राहियों को जिसकी राशि आवास आवंटन के अभाव में बोर्ड के पास जमा रहती है उस पर ब्याज देने की कार्यवाही शासन द्वारा की जावेगी यदि नहीं तो क्यों नहीं? (ग) यदि पंजीयनकर्ताओं द्वारा अपनी जमा राशि वापस ली जाती है तो बोर्ड द्वारा आज दिनांक तक कितनी राशि किस ब्याज दर से कितनी राशि वापस की जावेगी ब्याज दर का निर्धारण किस दर से किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) निशातपुरा पन्ना नगर (देवकी नगर) आवासीय योजनांतर्गत दिनांक 21.07.2009 से कुल 189 आवेदक पंजीकृत हुए। उक्त योजना शासन/मण्डल द्वारा निरस्त किए जाने के कारण भवन/भूखण्ड उपलब्ध नहीं कराया गया एवं निरस्तीकरण की सूचना पंजीयनकर्ताओं को पंजीकृत डाक के माध्यम से दे दी गई थी। इनमें से 177 ने राशि वापस ले ली, शेष 12 में से 9 पंजीयनकर्ताओं को उनकी सहमति के आधार पर अन्य योजना में भवन/भूखण्ड आवंटित किये गये तथा 3 पंजीयनकर्ता द्वारा अन्य योजनाओं में भवन/भूखण्ड लेने एवं मण्डल नियमानुसार राशि वापस लेने से सहमत नहीं हैं। (ख) जी नहीं, बोर्ड द्वारा बकाया राशि पर मण्डल नियमानुसार योजना अनुसार ब्याज की वसूली की जाती है। ऐसे पंजीकृत हितग्राहियों को जिनकी राशि आवास आवंटन के अभाव में बोर्ड के पास जमा रहती है, उनको पंजीयन जमा राशि पर उक्त दिनांक से योजना निरस्तीकरण की अंतिम सूचना तक हितग्राही को योजना अनुसार 8 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज का भुगतान किया जाता है। (ग) मण्डल द्वारा पंजीकृत हितग्राहियों को जिनकी राशि आवास आवंटन के आभाव में बोर्ड के पास जमा रहती है, उनको पंजीयन जमा राशि पर उक्त दिनांक से योजना निरस्तीकरण की अंतिम सूचना तक हितग्राही को योजना अनुसार 8 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज का भुगतान किया जाता है।
नगर पंचायत की आर्थिक अनियमितताओं की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
149. ( क्र. 1333 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र पानसेमल अंतर्गत आने वाली समस्त नगर पंचायत, नगर परिषदों की वित्त वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक की केश बुक की प्रमाणित प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वित्त वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक महाभिलेखा के संपरीक्षा लेखा रिपोर्ट की निकायवार प्रतिवेदन देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? कृत कार्यवाही का निकायवार प्रतिवेदन देवें। (घ) कार्यालय नगर पालिका परिषद् धार (म.प्र.) के पत्र क्रमांक 384/संबल योजना/2022, धार, दिनांक 25/01/2022 में की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन देवें एवं हितग्राही को लाभ क्यों प्राप्त नहीं हुआ? शासन के नियमों के अनुसार प्रतिवेदन देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र पानसेमल अंतर्गत नगर परिषद पानसेमल, खेतिया, निवाली बुजुर्ग एवं पलसूद की वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक की केशबुक की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ" अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित चारों निकायों की वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक महालेखाकार द्वारा संपरीक्षा नहीं की गई है, अत: जानकारी निरंक है। (ग) उत्तरांश (ख) के अनुक्रम में जानकारी निरंक है। (घ) प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब" अनुसार है। संबल पोर्टल पर संबंधित स्व. अनवर अहमद खान का पंजीयन क्रं.-178957635 प्रदर्शित नहीं होने से हितग्राही को लाभ प्राप्त नहीं हुआ है।
शासकीय बंगलों से वसूली
[लोक निर्माण]
150. ( क्र. 1343 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजधानी भोपाल के 74 बंगला स्थित बी, सी एवं डी श्रेणी के शासकीय बंगले किन-किन व्यक्ति/संस्था/समाज के नाम विभाग के अभिलेख में कब से आवंटित है? उक्त बंगले किस-किस पात्रता से आवंटित हैं? (ख) प्रश्नांकित बंगले में अप्रैल 2020 से प्रश्न दिवस तक कितनी-कितनी राशि के क्या-क्या निर्माण कार्य व साज सज्जा हेतु लघु मूल कार्य कितनी राशि के कराये गये हैं एवं कराया जाना प्रस्तावित है? (ग) प्रश्नांकित बंगलों पर कितना-कितना किराया कब-कब से बकाया है, किराया वसूली के लिये विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आवंटित बजट का अन्यत्र उपयोग
[आयुष]
151. ( क्र. 1346 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राज्यमंत्री,आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 20 मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक विभाग ने कितने बजट की मांग की, कितना आवंटित और कितना व्यय हुआ है? केन्द्रांश के रूप में किस योजना में कितना बजट कब-कब प्राप्त हुआ? वर्षवार, बजट उपयोगवार पृथक-पृथक बतायें। (ख) उपरोक्त अवधि में कब-कब, कितने-कितने और कहां-कहां पर सेमीनार, मीटिंग, समिट, मेले, सम्मेलन, कैम्प, सांस्कृतिक कार्यक्रम, विभागीय कार्यक्रम आयोजित किये गये? इसके लिए बजट में कितना-कितना प्रावधान किया गया है, कितना आवंटित और कितना व्यय किया गया है? (ग) माह मई 2022 में देश व प्रदेश के गणमान्य अतिथियों के साथ विभाग के कौन-कौन से कार्यक्रम कहां-कहां पर किस प्रयोजन से आयोजित किये गये? इन कार्यक्रमों में कितनी राशि, किस कार्य पर कितनी-कितनी व्यय की गई? क्या उक्त राशि का प्रावधान बजट में पूर्व से किया गया था? यदि हाँ तो किस प्रकार से और कितना? यदि नहीं तो उक्त कार्यों के लिये भुगतान किस प्रकार से ओर कहां से किया गया? यदि नहीं तो क्यों?
राज्यमंत्री,आयुष ( श्री रामकिशोर (नानो) कावरे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) राष्ट्रीय आयुष मिशरन अंतर्गत प्रदेश के 51 जिलों में संचालित आयुष औषधालयों में मेगा शिविर, अंतराष्ट्रीय योग दिवस, आयुर्वेद दिवस, होम्योपैथी दिवस, प्रदेश की आंगनवाड़ियों में पोषण माह, स्वर्णप्राशन शिविर, 333 विकासखण्डों में आजादी का अमृत महोत्सव, वैद्य आपके द्वार में औषधीय पादपों का वितरण, आरोग्य मेला बालाघाट, उज्जैन एवं भोपाल शासकीय आयुष महाविद्यालयों में सेमिनार आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। उक्त कार्य हेतु कुल राशि रू. 4192064/- व्यय हुई है। (ग) वन नेशन हेल्थ सिस्टम संगोष्ठी भोपाल में एवं राष्ट्रीय आयुष मेला संगोष्ठी उज्जैन में। उक्त कार्यक्रम राष्ट्रीय आयुष मिशन की पब्लिक आउट रीच एक्टीविटी के तहत प्रावधानित राशि रू. 1613578/- का भुगतान संबंधित जिले के महाविद्यालय के माध्यम से किया गया है।
प्रधानमंत्री आवास में व्याप्त अनियमितताएं
[नगरीय विकास एवं आवास]
152. ( क्र. 1347 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका निगम भोपाल, ग्वालियर एवं इंदौर में पदस्थ अधि./कर्म. को उनके मूलपद के विरूद्ध प्रभारी का प्रभार दिया गया है? यदि हाँ तो 20 मार्च 2022 से प्रश्न दिनांक तक सौंपे गये प्रभार के प्रभारियों के नाम, मूल पदनाम, सौंपे गये प्रभारी के प्रभार का नाम/दायित्व कहां पर पदस्थ है, नगर निगम में कब नियुक्त हुये हैं अथवा प्रतिनियुक्ति पर कब से हे अथवा सेवानिवृत्त होने पर संविदा आधार पर नियुक्त, किस के विरूद्ध कब से और कौन सी जांच प्रचलन में है, सहित समस्त जानकारी का गौशवाराबनाकर नियुक्ति आदेश/निर्देश/नियम सहित बतायें। (ख) उपरोक्त के संबंध में क्या प्रधानमंत्री आवास बनाये जा रहे हैं? यदि हाँ तो कहां-कहां पर, कितने-कितने कब से, कितनी लागत के, केन्द्र एवं राज्यांश राशि, किस-किस फर्म/ठेकेदार को किस दर पर एग्रीमेन्ट पर, कार्य में विलंब के कारण एवं आर्थिक दण्ड, रेरा पंजीयन/प्रारंभ अवधि/कार्य समाप्ति अवधि, प्रोजेक्टवार अधिकारियों के नाम पदनाम, पदस्थी अवधि, प्रोजेक्टवार समस्त आवश्यक अनुमतियां, योजना के लक्ष्य में से कितना लक्ष्य प्राप्त, कितना किस कारण से शेष, कब तक लक्ष्य प्राप्त किया जायेगा निश्चित समय-सीमा सहित संपूर्ण जानकारी राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र की जानकारी सहित निगमवार पृथक-पृथक बतायें? (ग) उपरोक्त के संबंध में पर्यावरण विभाग से अनुमतियां ली गई हैं? यदि हाँ तो प्रयोजनवार अनुमतियों की जानकारी, कार्यक्षेत्र में किस फर्म से क्या कार्य कराया गया है सहित संपूर्ण जानकारी बतायें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विज्ञापित पदों पर नियुक्तियां
[नगरीय विकास एवं आवास]
153. ( क्र. 1348 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड, भोपाल द्वारा वर्ष 2008 से आज सवाल दिनांक तक किन-किन पदों के लिये विज्ञापन जारी कर नियुक्तियां दी गई थी? नियुक्त कर्मचारियों के नाम एवं उनकी शैक्षणिक/अनुभव संबंधी योग्यता बताई जावे एवं चयनित आवेदकों द्वारा प्रस्तुत अंकसूची एवं अन्य प्रमाण पत्र दिये जाये? (ख) नगर निगम, भोपाल द्वारा संचालनालय नगरीय प्रशासन के पत्र क्र. 35-ए/शा 11/परिवहन/2015/22146 भोपाल दिनांक 14.12.2018 पर 31 जनवरी 2022 की स्थिति में क्या कार्यवाही की गई है? इस संबंध में नगर निगम, भोपाल प्रचलित नस्ती एवं पत्राचार की प्रतियां दी जावे? यदि नगर निगम ने संचालनालय के पत्र पर कोई कार्यवाही नहीं की तो कौन जिम्मेदार है? (ग) बी.सी.एल.एल. में पी.आर.ओ. के पद पर पदस्थ किये जाने से संबंधित नस्ती की प्रति प्रदान की जाये? इस पद पर नियुक्ति के लिये क्या योग्यता रखी गयी थी? विज्ञापन कब जारी किया गया था? वर्तमान में कौन कार्यरत हैं और किस आधार पर?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड भोपाल द्वारा वर्ष 2008 से आज सवाल दिनांक तक विज्ञापन जारी कर दी गई नियुक्तियां से संबंधित जानकारी/दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार है। नियुक्त कर्मचारियों के नाम एवं उनकी शैक्षणिक/अनुभव संबंधी योग्यता एवं चयनित आवेदकों द्वारा प्रस्तुत अंकसूची एवं अन्य प्रमाण पत्र संबंधित जानकारी/दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार है। (ख) नगरीय विकास एवं आवास विभाग, मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक एफ 10-60/2017/18-2, भोपाल दि. 04.10.2018 के अनुक्रम में हब एण्ड स्कोप मॉडल योजनार्न्तगत किसी अतिरिक्त स्टाफ की नियुक्ति नहीं की गई है। संचालनालय, नगरीय प्रशासन के पत्र क्र. 35-ए/शा-11/परिवहन/2015/22146 भोपाल दि. 14.12.2018 के के साथ संलग्न नगरीय विकास एवं आवास विभाग, मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक एफ 10-60/2017/18-2, द्वारा प्रदेश के 20 शहरों में हब एण्ड स्पोक मॉडल आधारित बस सेवा लागू किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई थी। उक्त पत्र दिनांक 14.12.2018 में वर्णित तीन पदों पर नगरीय निकायों में पूर्व से कार्यरत अधिकारी/कर्मचारियों को अतिरिक्त प्रभार पर नवीन गठित एस.पी.वी. ट्रांसपोर्ट कम्पनी में नियुक्त किये जाने वाले संबंधितों के नाम एवं पदनाम संचालनालय को सुचित करने हेतु कहा गया था। परन्तु उक्त पत्र के तारतम्य में पत्र में वर्णित पदों पर किसी अधिकारी/कर्मचारी को अतिरिक्त प्रभार पर एस.पी.वी. ट्रांसपोर्ट कम्पनी में नियुक्त नहीं किया गया था। उक्त पत्र के द्वारा यह भी सूचित किया गया था कि ट्रांसपोर्ट कम्पनी में भर्ती होने वाले शेष स्टॉफ की नियुक्ति एवं नियुक्ति की प्रक्रिया पृथक से संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल द्वारा अवगत करायी जावेगी। उक्त कार्यवाही पृथक से संचालनालय द्वारा की जानी थी, अत: उपरोक्त के संबंध में बीसीएलएल द्वारा पृथक से कोई कार्यवाही नहीं की गई। भोपाल सिटी लिंक लिमि. (Special Purpose Vehicle) का गठन वर्ष 2006 में हुआ था जिसमें विधिवत प्रक्रिया के माध्यम से नियुक्ति विज्ञप्ति का विज्ञापन समाचार पत्रों में प्रकाशित किया जाकर आवेदकों का समिति के समक्ष साक्षात्कार उपरान्त चयनित आवेदकों की नियुक्तियों के अनुमोदन हेतु बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की सक्षम स्वीकृति प्राप्त करते हुये वर्ष 2013 एवं वर्ष 2020 में स्टाफ की भर्ती की गई थी एवं हब एण्ड स्पोक मॉडल योजनान्तर्गत संचालनालय नगरीय प्रशासन के पत्र दिनांक 14.12.2018 के अनुक्रम में किसी स्टाफ की नियुक्ति नहीं की गई है। नगर निगम, भोपाल द्वारा संचालनालय नगरीय प्रशासन के संचालनालय, नगरीय प्रशासन के पत्र क्र. 35-ए/शा-11/परिवहन/2015/22146 भोपाल दि. 14.12.2018 के तारतम्य में नगर निगम भोपाल में नस्ती प्रचलित नहीं है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) बीसीएलएल में पी.आर.ओ. के पद पर पदस्थ किये जाने से संबंधित नस्ती की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "स" अनुसार है। इस पद पर नियुक्ति के लिये योग्यता संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "द" अनुसार है। पी.आर.ओ. पद पर पदस्थापना बी.सी.एल.एल. के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स द्वारा अनुमोदित एच.आर. पॉलिसी के अंर्तगत उक्त पद की पूर्ति पदोन्नति के द्वारा की जाना है। अतः इस संबंध में विज्ञापन जारी नहीं किया गया है। बीसीएलएल की 36वीं बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स बैठक दिनांक 05/05/2022 के अनुमोदित एजेण्डा बिन्दु क्र.- (3) अनुसार वर्तमान में संविलियन के आधार पर श्री संजय सोनी, पी.आर.ओ. के पद पर कार्यरत है।
बस खरीदी में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
154. ( क्र. 1350 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड द्वारा वर्ष 2013 में खरीदी गई ए.सी. बसों को खरीदे जाने के संबंध में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ई.ओ.डब्ल्यू.) में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई थीं? शिकायतकर्ताओं के नाम बतायें। क्या आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने 223/16 में शिकायत दर्ज की थी? यदि हां, तो प्रकरण से संबंधित नस्ती की नोटशीट और पत्राचार की प्रश्न दिनांक तक के पृष्ठों की कॉपी दी जावे। (ख) उपरोक्त (क) अनुसार प्रचलित शिकायतों की जांच से संबंधित ई.ओ.डब्ल्यू. की अंतिम जांच रिपोर्ट की प्रति दी जावे। प्रकरण में नगर निगम, भोपाल और भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के अधिकारियों के लिये गये बयानों की प्रति दी जाये। यदि निजी फर्म से पत्राचार किया गया हो तो पत्र की प्रतिलिपि दी जावे। (ग) प्रकरण क्रमांक 223/16 में पुलिस अधीक्षक, आर्थिक अपराण अन्वेषण ब्यूरो, भोपाल द्वारा दिये गये अभिमत की प्रति दी जाये। (ड.) प्रकरण क्रमांक 223/16 में विधि सलाहकार द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्ट की प्रति प्रदान की जाये। यदि प्रकरण समाप्त कर दिया गया हो तो आदेश/निर्णय की प्रति दी जाये।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (BCLL), भोपाल द्वारा वर्ष 2013 में लो-फ्लोर ए.सी. बसों को खरीदे जाने में अनियमितताओं के संबंध में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW), भोपाल को शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसे EOW द्वारा प्रकरण क्रमांक 223/2016 में पंजीबद्ध किया गया था। प्रश्नांश की शेष जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) एवं (ग) जानकारी संकलित की जा रही है। (ड.) प्रकरण क्रमांक 223/16 में EOW भोपाल द्वारा प्रदाय जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है एवं अन्य जानकारी संकलित की जा रही है।
गलत बिलों की जानकारी
[ऊर्जा]
155. ( क्र. 1353 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर में वित्तीय वर्ष 2019-20, 2020-21 से 2021-22 तक प्रतिवर्ष घरेलू श्रेणी, औद्योगिक श्रेणी (निम्नदाब), औद्योगिक श्रेणी (उच्चदाब) एवं कृषि उपभोक्ताओं से अधिक राशि के विद्युत बिल आने से संबंधित कितनी शिकायतें प्राप्त हुई इन प्राप्त शिकायतों में से कितनी सही पाई गई वर्षवार सही पाई गई शिकायतों का कुल उपभोक्ताओं की संख्या का कितना प्रतिशत है बतावें? (ख) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर अन्तर्गत कैग की 31 मार्च 2019 को प्रस्तुत प्रतिवेदन में गलत बिल बनाये जाने पर गंभीर आपत्ति ली है? यदि हाँ तो बतावें कि उपभोक्ताओं को सही बिल दिये जाये इसके लिये क्या कदम उठाये गये तथा उसके क्या परिणाम आये तथा गलत बिल आने पर विगत तीन वित्तीय वर्षों (2019-20,2020-21 एवं 2021-22) किस-किस व्यक्ति तथा संस्था/फर्म के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? (ग) म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर में 100 रु तक 100 रू से 500 रू तक 501 रू से 1000 रू. तक 1001 से 2000 रू. तक एवं 2001 रू. से अधिक राशि के विद्युत बिलों वाले घरेलू उपभोक्ताओं की संख्या वित्तीय वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 तक बिलिंग माह अप्रैल तथा बिलिंग माह अक्टूबर तक की स्थिति में बतावें तथा वित्तीय वर्ष 2019-20, 2020-21 से 2021-22 में घरेलू उपभोक्ताओं की औसत प्रतिदिन विद्युत खपत कितनी हैं? (घ) म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर में वर्ष 2020-21 तथा 2021-22 में घरेलू उपभोक्ताओं को वर्ष 2019-20 की तुलना में 30 से 40 प्रतिशत अधिक बिल आ रहे है? यदि हाँ तो इसका कारण क्या है तथा म.प्र. पश्चिम क्षे.वि.वि.कं.लि. इन्दौर में वर्ष 2019-20,2020-21 से 2021-22 तक प्रतिवर्ष कुल घरेलू उपभोक्ताओं की संख्या तथा घरेलू उपभोक्ताओं द्वारा की गई कुल विद्युत खपत की मात्रा बतावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में घरेलू श्रेणी, निम्नदाब औद्योगिक श्रेणी, उच्चदाब औद्योगिक श्रेणी व कृषि श्रेणी के उपभोक्ताओं से अधिक बिल की प्राप्त शिकायतों, उनमें से सही पाई गई शिकायतों एवं उनका कुल उपभोक्ताओं की संख्या से प्रतिशत की वर्षवार एवं श्रेणीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'1' अनुसार है। (ख) कैग द्वारा मार्च-2019 को प्रस्तुत ऑडिट रिपोर्ट में वितरण कंपनी में उपभोक्ताओं की प्रावधिक बिलिंग बहुतायत में होने पर आपत्ति लेते हुए वितरण कंपनियों को विद्युत प्रदाय संहिता एवं म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश एवं अन्य निर्देशों के परिपालन अनुरूप ही बिलिंग किये जाने हेतु सलाह दी गयी थी। उपभेक्ताओं को सही विद्युत बिल दिये जाने के प्रयासों एवं उनके प्राप्त परिणामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'2' एवं प्रश्नाधीन अवधि में गलत बिल आने पर बिलिंग प्रक्रिया से संबंधित कार्मिकों एवं संस्था के विरूद्ध की गयी कार्यवाही का वर्षवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'3' अनुसार है। (ग) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत प्रश्नाधीन अवधि हेतु राशि रू. 100 तक, रू. 101 से रू. 500 तक, रू. 501 से रू. 1000 तक, रू. 1001 से रू. 2000 तक एवं रू. 2001 से अधिक राशि के विद्युत बिलों वाले घरेलू उपभोक्ताओं की बिलिंग माह अप्रैल एवं बिलिंग माह अक्टूबर में संख्या संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20, वर्ष 2020-21 एवं वर्ष 2021-22 में घरेलू उपभोक्ताओं की औसत प्रतिदिन प्रति उपभोक्ता विद्युत खपत क्रमश: 3.58 यूनिट, 4.01 यूनिट एवं 4.02 यूनिट है। (घ) जी नहीं। वित्तीय वर्ष 2019-20 में घरेलू श्रेणी के विद्युत देयकों में प्रति उपभोक्ता कुल राजस्व मांग राशि रु 681.25 थी, जबकि वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं वित्तीय वर्ष 2021-22 में घरेलू श्रेणी के विद्युत देयकों में प्रति उपभोक्ता कुल राजस्व मांग राशि क्रमशः रू.755.42 एवं रू.749.14 थी, जो कि वर्ष 2019-20 की प्रति उपभोक्ता राजस्व मांग से क्रमशः 11% एवं 10% अधिक है, जिसका मुख्य कारण उपभोक्ताओं द्वारा अधिक विद्युत खपत किया जाना है। म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 से वित्तीय वर्ष 2021-22 तक घरेलू उपभोक्ताओं की संख्या एवं उक्त वित्तीय वर्षों में घरेलू उपभोक्ताओं द्वारा की गयी कुल विद्युत खपत की मात्रा संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'5' अनुसार है।
बिजली की खरीदी
[ऊर्जा]
156. ( क्र. 1354 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 2028 दिनांक 11 मार्च 2022 खण्ड (ग) के संदर्भ में बतावें कि 9 माह में कर्ज में लगभग 2 हजार करोड़ की वृद्धि क्यों हुई वर्ष 2015-16 से 2021-22 तक 31 मार्च अनुसार कर्ज की जानकारी दें तथा बतावें कि आलोच्य वर्षों में कर्ज से प्रतिवर्ष कितने प्रतिशत की कमी या वृद्धि हुई? (ख) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर में वित्तीय वर्ष 2015-16 से वित्तीय वर्ष 2021-22 तक राजस्व पत्रक माह मार्च की स्थिति में घरेलू श्रेणी, उद्योग श्रेणी (निम्रदाब) उद्योग श्रेणी (उच्चदाब) एवं कृषि श्रेणी के कुल उपभोक्ताओं की संख्या तथा विद्युत देयकों की बकाया राशि कितनी है वर्षवार बतायें तथा उपरोक्त उल्लेखित सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं पर औसत बकाया राशि प्रति उपभोक्ता कितनी है बतावें? (ग) म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर में वित्तीय वर्ष 2015-16 से वित्तीय वर्ष 2021-22 तक प्रतिवर्ष अधिक राशि के विद्युत बिल आने की सही शिकायतें कितनी थी तथा इन प्राप्त शिकायतों में पहले कुल मांग राशि कितनी थी तथा निराकरण होने के उपरांत कुल संशोधित मांग राशि कितनी हो गई तथा कितनी राशि कम हुई उक्त ज्यादा मांग राशि तथा बाद में कम हो जाने वाली राशि का विद्युत वितरण कंपनी अपने मासिक एवं वार्षिक लेखों में समायोजन किस प्रकार करती है बतावें? (घ) प्रश्नाधीन कंपनी द्वारा वर्ष 2015-16 से 2021-22 तक कितनी विद्युत औसत किस दर से खरीदी गई तथा कितनी विद्युत औसत किस दर से बेची गई? (ड.) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर में वित्तीय वर्ष 2015-16 से वित्तीय वर्ष 2021-22 तक घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं के विद्युत बिलों में दर्शित विभिन्न मदों में एवं नियत तिथि विलंब भुगतान अधिभार में मदवार प्रतिवर्ष कितनी-कितनी राशि बिल की गई एवं घरेलू उपभोक्ताओं द्वारा कुल कितनी राशि का भुगतान किया गया?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के प्रश्न क्रमांक 2028 दिनांक 11.03.2022 के उत्तरांश (ग) में यह जानकारी दी गई थी कि म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी पर माह मार्च 2021 में राशि रू. 13786.22 करोड़ तथा माह जनवरी 2022 की स्थिति में राशि रू. 15750.15 करोड़ का कर्ज था। म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा माह अप्रैल 2021 से माह जनवरी 2022 की अवधि में राज्य शासन/म.प्र.पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के निर्देशानुसार राशि रु. 2000 करोड़ के नवीन कार्यशील पूंजी ऋण (यूको बैंक से राशि रु. 500 करोड़ एवं सेंट्रल बैंक से राशि रु. 1500 करोड़) प्राप्त किये गये। जिसके फलस्वरूप प्रश्नाधीन अवधि में कर्ज की राशि में वृद्धि हुई है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। वर्ष 2015-16 से वर्ष 2021-22 तक दिनांक 31.03.2022 की स्थिति में म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कर्ज की राशि एवं कर्ज की राशि में वृद्धि/कमी के प्रतिशत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत वित्तीय वर्ष 2015-16 से वित्तीय वर्ष 2021-22 तक राजस्व पत्रक माह मार्च अनुसार घरेलू श्रेणी, उद्योग श्रेणी (निम्नदाब), उद्योग श्रेणी (उच्चदाब) एवं कृषि श्रेणी के कुल उपभोक्ताओं की संख्या, श्रेणीवार बकाया राशि एवं श्रेणीवार औसत प्रति उपभोक्ता बकाया राशि की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत वित्तीय वर्ष 2015-16 से वर्ष 2021-22 तक प्रतिवर्ष अधिक बिल आने की सही पाई गई शिकायतें, उनमें पहले बिल की गई कुल राशि, शिकायत का निराकरण होने पर संशोधित बिल की राशि तथा संशोधन उपरांत कम की गयी राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। संशोधित बिल की राशि का समायोजन एन.जी.बी बिलिंग प्रणाली के माध्यम से मासिक एवं वार्षिक राजस्व पत्रक में किया जाता है। (घ) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा वित्तीय वर्ष 2015-16 से वित्तीय वर्ष 2021-22 तक विद्युत क्रय की औसत दर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार तथा विद्युत विक्रय की औसत दर की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-फ अनुसार है। (ड.) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत माह अप्रैल-2018 के बाद से बिलिंग हेतु एन.जी.बी. बिलिंग प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है, जिसके अनुसार वित्तीय वर्ष 2018-19 से वित्तीय वर्ष 2021-22 तक घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं के विद्युत बिलों में दर्शित विभिन्न मदों में एवं नियत तिथि के उपरांत भुगतान होने पर विलंब भुगतान अधिभार के मद में मदवार प्रतिवर्ष बिल की गई राशि एवं घरेलू उपभोक्ताओं द्वारा कुल किये गये भुगतान की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ज अनुसार है। अप्रैल-2018 से पूर्व साईबेस बिलिंग प्रणाली का उपयोग बिलिंग हेतु किया जाता था, जिसमे बिलिंग डाटा को संग्रहित रखने की सीमित क्षमता होने के कारण अप्रैल-2018 से पूर्व की मदवार बिलिंग एवं कुल भुगतान की वांछित जानकारी उपलब्ध करवाया जाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री आवास योजना की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
157. ( क्र. 1357 ) श्री जितु पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अमृत मिशन के अन्तर्गत 24 सीवरेज परियोजना की कुल लागत क्या है तथा सीवरेज परियोजनाओं के ठेकेदार फर्म का नाम मालिक/भागीदार का नाम, पता, कार्य की कुल लागत, कार्य प्रारम्भ करने तथा समाप्त करने की दिनांक सहित बतावें? (ख) अमृत मिशन के तहत इन्दौर शहर में कितनी-कितनी राशि का क्या-क्या कार्य कराया जाय यह किसके द्वारा तय किया गया स्थानीय शासन/परिषद द्वारा या अधिकारी स्तर पर यह निर्णय लिया गया जानकरी देवें। (ग) प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भवन निर्माण का कार्य इन्दौर शहर में किस-किस फर्म द्वारा किया जा रहा है फर्म का नाम, पता मालिक/भागीदार का नाम कार्य की कुल लागत, कुल भुगतान प्रति वर्ग फीट लागत राशि तथा प्रति वर्ग फीट विक्रय राशि, सहित सूचीवार जानकारी देवें। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत इंदौर, संभाग के किस-किस नगरीय निकाय में ई.डब्ल्यू.एस. श्रेणी की कितनी आवासीय इकाइयों का निर्माण पूर्ण हो चुका है तथा उनमें से कितनी आवंटित की जा चुकी है क्या प्रत्येक इकाई का विक्रय मूल्य प्रति वर्ग फीट समान है या भिन्न-भिन्न है तथा विक्रय मूल्य किस अनुसार किस सूत्र से तय किया गया उसकी विस्तृत जानकारी दें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) : (क) अमृत मिशन अंतर्गत 24 सीवरेज परियोजनाओं की कुल लागत राशि रू. 3758.25 करोड़ है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार है।
टोल वसूली एवं रोड लागत की जानकारी
[लोक निर्माण]
158. ( क्र. 1358 ) श्री जितु पटवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बी.ओ.टी. के तहत सड़क निर्माण किये जाने पर टोल अवधि तय करने का सूत्र क्या है? विभागीय वार्षिक प्रतिवेदन में उल्लेखित बीओटी के तहत एमपीआरडीसी द्वारा निर्मित 07 फोर लेन तथा देवास बायपास 6 लेन की टोल अवधि तय करने में शामिल दस्तावेजों की प्रति देवें तथा स्पष्ट रूप से उल्लेखित उक्त 08 मार्ग की फिजीबिलीटी रिपोर्ट डी.पी.आर. तथा अनुबंध की प्रतियां देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्गों के निवेशकर्ता का नाम तथा अनुबंध अनुसार लागत तथा जून 2022 तक टोल संग्रहण की राशि जून 2022 को औसत प्रतिदिन टोलबल ट्राफिक तथा जून 2022 का औसत प्रतिदिन टोल संग्रहण की जानकारी दें तथा शासन को किस-किस दर से वार्षिक प्रीमियम प्राप्त हो रही है तथा वर्तमान वार्षिक प्रीमियम कितनी है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्गों पर निवेशकर्ता द्वारा प्रारंभ से 30 जून 2022 तक निर्माण ब्याज बीमा, प्रिमियम का भुगतान मेंटेनेंस एवं आफिस खर्च इत्यादि मिलाकर प्रारम्भ से जून 2022 तक किया गया कुल व्यय कितना है तथा यह टोल संग्रहण की राशि से कितना कम अथवा ज्यादा है? (घ) 8 मार्गों के निवेशकर्ता द्वारा जून 2022 तक किया गया कुल व्यय का सत्यापन किस अधिकारी द्वारा किन-किन दस्तावेजों के आधार पर किया गया उन सारे दस्तावेजों की प्रति देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) बीओटी परियोजना की रियायत अवधि तय करने का आधार आंकलित ट्रेफिक होता है। कंसलटेंट द्वारा आईआरसी -64-1990 अंतर्गत रियायत अवधि लेन क्षमता (Capacity) पर आधारित की गई है। फिजिबिलिटी रिपोर्ट तथा अनुबंधों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'क' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ख' अनुसार। (घ) अनुबंध की कंडिका 33.3 अनुसार जानकारी निवेशकर्ता के वैधानिक अंकेक्षक द्वारा अंकेक्षण पश्चात सत्यापित कर प्रदान की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ख' अनुसार।
अतिथि व्याख्याताओं को यू.जी.सी. वेतनमान
[उच्च शिक्षा]
159. ( क्र. 1374 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के महाविद्यालयों में यू.जी.सी. का वेतनमान किन-किन श्रेणी के शैक्षणिक कार्यों के लिये प्रदान किया जाता है? (ख) क्या महाविद्यालयों में संलग्न व्याख्याताओं एवं प्राध्यापकों को उनकी शैक्षणिक कार्य हेतु यू.जी.सी. वेतनमान दिया जाता है? यदि हां, तो जिन व्याख्याताओं एवं प्राध्यापकों से गैर शैक्षणिक कार्य कराया जाता है, उन्हें भी यू.जी.सी. वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है? (ग) गैर शैक्षणिक कार्य में संलग्न व्याख्याताओं एवं प्राध्यापकों के स्थान पर अतिथि व्याख्याताओं की सेवाएं ली जा रही हैं? यदि हाँ, तो क्या उन्हें भी यू.जी.सी. वेतनमान का लाभ दिया जायेगा? यदि नहीं, तो कारण बतायें। (घ) क्या महाविद्यालयों में शैक्षणिक कार्य की कमी को दृष्टिगत रखते हुए गैर शैक्षणिक कार्य में संलग्न व्याख्याताओं एवं प्राध्यापकों को शैक्षणिक कार्य हेतु महाविद्यालयों में अनिवार्य रूप से संबंद्ध किया जायेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( डॉ. मोहन यादव ) : (क) प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के शैक्षणिक अधिकारियों यथा प्राचार्य, प्राध्यापक, सह-प्राध्यापक एवं सहायक प्राध्यापक को सेवा भर्ती नियमों में उल्लेखित प्रावधान अनुसार यू.जी.सी. वेतनमान प्रदान किया जाता है। (ख) शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत प्राध्यापकों को यू.जी.सी. वेतनमान प्रदान किया जाता है। महाविद्यालयों में व्याख्याता का कोई पद स्वीकृत नहीं होने के कारण प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) स्वीकृत रिक्त पदों के विरूद्ध अध्यापन कार्य हेतु आमंत्रित अतिथि विद्वानों हेतु यू.जी.सी. वेतनमान का प्रावधान नहीं होने के कारण इन्हें इसका लाभ नहीं दिया जाएगा। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
घोषित, अघोषित बिजली कटौती
[ऊर्जा]
160. ( क्र. 1380 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र चांचौड़ा में वर्ष 2022 के अप्रैल, मई और जून माह में अलग-अलग, किस-किस दिनांक को कितने-कितने घंटे बिजली कटौती की गई? (ख) उपरोक्त में कितनी बिजली कटौती घोषित की गई थी और कितनी अघोषित कटौती की गई? (ग) बिजली कटौती करने का क्या कारण है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) विद्युत प्रणाली की स्थिरता एवं सुरक्षा की दृष्टि से विद्युत की उपलब्धता के अनुरूप विद्युत प्रणाली पर भार (माँग) को नियंत्रित करना तकनीकी कारणों से आवश्यक होता है। माह अप्रैल-2022 एवं माह मई-2022 में विद्युत की उपलब्धता की तुलना में विद्युत की माँग अचानक बढ़ जाने के कारण उत्पन्न हुई अपरिहार्य स्थिति के दृष्टिगत विद्युत प्रणाली की स्थिरता एवं सुरक्षा की दृष्टि से विधानसभा क्षेत्र चाचौड़ा में विद्युत कटौती की गई, जिसका दिनांकवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में माह जून-2022 में आकस्मिक विद्युत व्यवधानों एवं उनके संधारण कार्य हेतु विद्युत प्रदाय प्रभावित हुआ था, किन्तु कोई भी अघोषित विद्युत कटौती नहीं की गई। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र एवं अवधि में आकस्मिक रूप से आए विद्युत व्यवधानों एवं उनके संधारण कार्य हेतु आवश्यक शट-डाउन लिये जाने के कारण कतिपय अवसरों पर विद्युत प्रदाय प्रभावित हुआ था, किन्तु कोई भी घोषित विद्युत कटौती नहीं की गई है। तथापि उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार अपरिहार्य तकनीकी कारणों से प्रश्नाधीन क्षेत्र एवं अवधि में की गई अघोषित विद्युत कटौती का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में की गई अघोषित विद्युत कटौती का कारण उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार है।