मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
दिसम्बर, 2015
सत्र
मंगलवार, दिनाँक 15 दिसम्बर 2015
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
(वर्ग 2 : सामान्य प्रशासन, नर्मदा घाटी विकास, विमानन, संस्कृति, पर्यटन, प्रवासी भारतीय, नगरीय विकास एवं पर्यावरण, जल संसाधन, वित्त, वाणिज्यिक कर, योजना, आर्थिक और सांख्यिकी, ऊर्जा, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा, जनसंपर्क, खनिज साधन)
जिला रायसेन में बैराजों पर व्यय
1. ( *क्र. 2268 ) श्री बाला बच्चन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रायसेन में जल संसाधन विभाग की भाडोन बैराज, बडौतिया बैराज, रापरडटी बैराज, नकटी नदी पर पांच बैराज, सिंदूर नदी पर श्रृंखलाबद्ध बैराज एवं पिपलिया केवट बैराज योजना में प्रत्येक पर कुल कितना व्यय शासन द्वारा किया गया तथा इनसे कुल कितनी भूमि सिंचाई के लिए प्रस्तावित थी? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजनाओं के वास्तविक रूप से पूर्ण होने के बाद वर्षवार आज तक कितने हेक्टेयर सिंचाई की गई है? पृथक-पृथक बतावें। (ग) क्या इन योजनाओं में वर्णित बैराज में से अधिकांश नष्ट हो चुके हैं तथा उनसे लगभग निरंक क्षेत्र में सिंचाई हो रही है, इसके लिए उत्तरदायी अधिकारी का नाम बतावें। (घ) उपरोक्त वर्णित समस्त बैराज के निर्माण में हुई अनियमितताओं की क्या शासन जाँच करवाएगा? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) जी नहीं। निर्मित बैराजों से कृषक सिंचाई जल लेते हैं। अनियमितता की स्थिति नहीं होने से शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
खण्डवा जिले में थंब इम्प्रेशन मशीन की खरीदी
2. ( *क्र. 1681 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में समस्त कर्मचारियों की उपस्थिति किस माध्यम से दर्ज हो रही है, थंब इम्प्रेशन मशीन से अथवा ई-अटेंडेंस के द्वारा? (ख) यदि ई-अटेंडेंस के माध्यम से हो रही है तो फिर लाखों रूपये की लागत से क्रय थंब इम्प्रेशन मशीन कहाँ पर है एवं किस हालत में है? (ग) यदि थंब इम्प्रेशन मशीन का उपयोग हो रहा है, तो उनकी उपस्थिति का विवरण दें। यदि नहीं, हो रहा है तो इस खरीदी का क्या औचित्य था? इसमें क्या किसी अधिकारी पर दोष सिद्ध हो सकता है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
इंदिरा सागर मुख्य नहर में भीकनगांव विधानसभा का वांछित क्षेत्र सम्मिलित करना
3. ( *क्र. 1452 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा विधानसभा चुनाव के दौरान बड़वाह मण्डी प्रांगण में भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र के वर्तमान में इंदिरा सागर की उद्वहन नहर से वंचित क्षेत्र के 60 गांव में सिंचाई हेतु योजना बनाकर स्वीकृति हेतु कार्यवाही की घोषणा मंच से की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के पत्र क्रमांक/357/555/161-बी/स.(अभि.)/न.घां.वि.प्रा./15, भोपाल दिनाँक 06.06.2015 द्वारा अवगत कराया है कि भविष्य में अतिरिक्त क्षेत्र को उद्वहन क्षेत्र में शामिल किया जाना तकनीकी रूप से संभव नहीं है? तो क्या माननीय मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा पर कोई कार्यवाही प्रस्तावित नहीं होगी? (ग) क्या भविष्य में इंदिरा सागर मुख्य नहर से उद्वहन कर वर्तमान में वंचित भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई की कोई नवीन योजना शासन द्वारा प्रस्तावित की जावेगी? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश (ग) का उत्तर यदि हाँ, है तो उसकी समयावधि क्या होगी? उसका कार्य कब तक प्रारंभ कर पूर्ण होगा? क्या शासन द्वारा इसकी समयावधि बताई जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश ‘’क’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी हाँ। उत्तरांश ‘’क’’ अनुसार। (ग) वर्तमान में ऐसी कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। (घ) उत्तरांश ‘’ग’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
देशी मदिरा में कम तेजी के प्रकरण
4. ( *क्र. 2015 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में आबकारी विभाग की सभी प्रयोगशालाएं फूड सेफ्टी मापदण्ड के अनुसार अधिकृत हैं? यदि हाँ, तो एन.ए.बी.एल. के प्रमाण पत्र की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) वित्तीय वर्ष 2014-15, 2015-16 में देशी मदिरा उत्पादकर्ता के विरूद्ध मदिरा की कम तेजी के विरूद्ध कितने मुकदमे दर्ज किये? कम तेजी के मुकदमे बनाने के पंचनामा, नमूने की जाँच रिपोर्ट तथा मुकदमे की एफ.आई.आर. की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) उक्त प्रयोगशाला में वित्तीय वर्ष 2014-15, 2015-16 में देशी मदिरा उत्पादनकर्ताओं के कितने नमूनों की जाँच किस-किस सक्षम अधिकारी ने की? जाँच अधिकारी के नाम सहित जाँच रिपोर्ट उपलब्ध करावें। (घ) क्या विभाग द्वारा आबकारी अधिकारी के विरूद्ध कोई परिपत्र गत 2 वर्षों में जारी किया गया है? यदि हाँ, तो अवगत करावें। (ड.) परिपत्र अनुसार क्या उत्पादनकर्ता को देशी मदिरा तत्काल वापस भिजवाई गई? यदि नहीं, तो क्या वित्तीय वर्ष 2014-15, 2015-16 में देशी मदिरा के रिटेल अनुज्ञप्तिधारियों के विरूद्ध देशी मदिरा की तेजी कम आने पर कुल कितने मुकदमे लाइसेंस शर्त की अवहेलना के लिये बनाए गए तथा प्रत्येक मुकदमे में जुर्माना राशि के आदेश आबकारी आयुक्त द्वारा जारी किये गये? जिलेवार एवं रिटेल अनुज्ञप्तिधारियों के अनुसार विवरण प्रस्तुत करें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रदेश में आबकारी विभाग की एक प्रयोगशाला, आबकारी आयुक्त, मध्यप्रदेश के ग्वालियर स्थित कार्यालय में स्थापित है। यह प्रयोगशाला फूड सेफ्टी मापदण्ड अनुसार अधिकृत नहीं है। (ख) वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में किसी भी जिले में देशी मदिरा उत्पादनकर्ता इकाई के विरूद्ध, मदिरा की कम तेजी पाये जाने का मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है, अत: जानकारी निरंक है। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त प्रयोगशाला में देशी मदिरा उत्पादनकर्ता इकाईयों द्वारा उत्पादित देशी मदिरा के वर्ष 2014-15 में 45 एवं 2015-16 में 65 नमूनों की जाँच श्री जी.के. बोरले, केमिस्ट द्वारा की गई। वित्तीय वर्ष 2014-15 में 45 नमूनों में से 43 एवं वर्ष 2015-16 में 65 नमूनों की उपलब्ध जाँच रिपोर्ट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। (ड.) संकलित की गई जानकारी अनुसार प्रश्नांश (घ) के प्रकाश में प्रश्नाधीन अवधि में प्रदेश के किसी भी देशी मदिरा उत्पादनकर्ता को कोई देशी मदिरा वापिस नहीं भिजवाई गई है। वित्तीय वर्ष 2014-15 में एवं वित्तीय वर्ष 2015-16 में देशी अनुज्ञप्तिधारियों के विरूद्ध, देशी मदिरा की तेजी कम पाये जाने का कोई प्रकरण कायम नहीं किया गया है, अत: जानकारी निरंक है।
अवैध खनिज के प्रकरण
5. ( *क्र. 2045 ) श्री सज्जन सिंह उईके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में वर्ष 2010-2011 तक खनिज विभाग ने कितने गौण खनिज के प्रकरण दर्ज किये? गौण खनिज के नाम देवें। (ख) घोड़ाडोंगरी क्षेत्र में तवा नदी, नालों से रेत अवैध उत्खनन क्यों हो रहा है? क्या पर्यावरण नियम का दुरुपयोग नहीं हुआ? (ग) घोड़ाडोंगरी क्षेत्र में डम्पर द्वारा प्रतिदिन रेत परिवहन की जानकारी से खनिज विभाग अनजान क्यों है? किसका संरक्षण है? (घ) रेत के अवैध उत्खनन से म.प्र. शासन को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है, इसका जिम्मेदार कौन है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन वर्ष 2010 एवं 2011 में गौण खनिज के दर्ज अवैध उत्खनन, अवैध परिवहन एवं अवैध भंडारण के प्रकरण की प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शित है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में विभाग द्वारा सतत् निगरानी रखी जा रही है। अत: प्रश्नानुसार कोई स्थिति नहीं है। (घ) प्रश्नांश ‘क’ में दिये उत्तर के परिशिष्ट में रेत खनिज के अवैध उत्खनन परिवहन तथा भंडारण की जानकारी दर्शित की गई है। इससे यह स्पष्ट है कि प्रकरण प्रकाश में आने पर नियमानुसार अर्थदण्ड आरोपित कर कार्यवाही की जाती है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नदियों पर प्रस्तावित सिंचाई परियोजनाएं
6. ( *क्र. 1367 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में शक्कर नदी एवं दुधी नदी पर क्या कोई सिंचाई परियोजना प्रस्तावित है, यदि हाँ, तो प्रश्न दिनाँक तक उसकी क्या स्थिति है? उक्त योजना का कार्य कब से प्रारम्भ होगा एवं कितनी अवधि में पूर्ण होगा? (ख) उक्त योजना से सिंचाई के लिए कौन-कौन से क्षेत्र लाभांवित होंगे?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) नरसिंहपुर जिले में प्रश्नाधीन नदियों पर जल संसाधन विभाग की कोई सिंचाई परियोजना प्रस्तावित नहीं है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
मुख्य नगर पालिका अधिकारी बोड़ा द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश का उल्लंघन
7. ( *क्र. 879 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधायक के पत्रों का उत्तर देने संबंधी सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश का पालन मुख्य नगर पालिका अधिकारी बोड़ा (नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत) को करना चाहिए? (ख) क्या प्रश्नकर्ता विधायक ने क्रमश: पत्र क्र. 1180/1181/1182/1183 दिनाँक 07.08.2015 एवं पत्र क्र. 2728/2729/2730/2731/2732 दिनाँक 18.08.2015 को C.M.O. बोड़ा से लिखित में कुछ जानकारी चाही गई थी? (ग) प्रश्न की कंडिका (ख) का उत्तर यदि हाँ, तो क्या C.M.O. बोड़ा ने G.A.D. द्वारा दिये गये निर्देशों के तारतम्य में किस-किस दिनाँक को क्या-क्या कार्यवाही की? की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) क्या कंडिका (ग) में की गई कार्यवाही G.A.D. द्वारा निर्वाचित विधायकों के पत्रों के उत्तर देने संबंधी दिये गये निर्देशों के अनुरूप है? यदि नहीं, तो क्या शासन C.M.O. बोड़ा के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) नगर परिषद बोड़ा जिला राजगढ़ के पत्र क्रमांक 1650 दिनाँक 26-11-2015 से माननीय विधायक महोदय को जानकारी प्रेषित की गई है। (घ) जी नहीं। मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर परिषद बोड़ा जिला राजगढ़ से प्रकरण के संबंध में स्पष्टीकरण प्राप्त करने हेतु कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
विधायक विकास निधि 2014-15 की राशि लेप्स होना
8. ( *क्र. 2089 ) श्री अंचल सोनकर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधायक विकास निधि वर्ष 2014-15 से प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र में कितने निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये थे? दिनाँक 30.04.2015 की स्थिति में कितने कार्य पूर्ण हो गये, कितने कार्य अपूर्ण हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत एवं पूर्ण किये कार्यों के भुगतान हेतु क्या संबंधित निर्माण एजेन्सियों/ठेकेदारों को पूर्ण राशि जारी कर दी गई है? यदि हाँ, तो राशि जारी करने की तिथि बतावें। यदि नहीं, तो भुगतान न किये जाने का कारण बतावें। (ग) क्या विधायक विकास निधि वर्ष 2014-15 के कुछ स्वीकृत कार्यों की राशि लेप्स हुई है? यदि हाँ, तो कितनी राशि एवं राशि लेप्स होने का क्या कारण है? राशि लेप्स होने की जिम्मेदारी किसकी है? इनके ऊपर क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या विधायक विकास निधि वर्ष 2014-15 की राशि लेप्स हो जाने के कारण वित्तीय वर्ष 2015-16 में ठेकेदार विधायक विकास निधि के कार्यों को करने में रूचि नहीं ले रहे हैं, जिससे जनहित के कार्यों को समय-सीमा में न होने से प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र में विकास कार्य रूक गये हैं? यदि हाँ, तो इसका कौन जिम्मेवार है? इन पर क्या कार्यवाही होगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजनान्तर्गत विधानसभा क्षेत्र पूर्व जबलपुर में वर्ष 2014-15 में कुल 34 कार्य स्वीकृत किये गये, जिनमें से 14 कार्य पूर्ण हो चुके हैं, शेष 20 कार्य प्रगति पर हैं। (ख) विभाग द्वारा संबंधित क्रियान्वयन एजेन्सी को पूर्ण राशि जारी कर दी गई थी। राशि जारी करने की तिथि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। योजनान्तर्गत वर्ष 2014-15 में 31.80 लाख की राशि लेप्स हुई है। इसका कारण राशि का आहरण नहीं हो पाना है, सर्वर पर आवंटन दर्शित नहीं होने के कारण राशि आहरित नहीं हो सकी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बिजली बिल की बकाया राशि
9. ( *क्र. 1332 ) श्री जतन उईके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उपभोक्ताओं द्वारा बिजली बिल नियत अवधि में ना भरने पर उनके विरूद्ध किस प्रकार की कार्यवाही म.प्र. विद्युत मण्डल द्वारा किये जाने का प्रावधान है? (ख) जिन उपभोक्ताओं द्वारा बिजली बिल जमा नहीं किये गये हैं? उनके विद्युत कनेक्शन विच्छेद किये जाकर उनसे बिजली बिल वसूला जा रहा है अथवा नहीं? (ग) क्या म.प्र. विद्युत मण्डल द्वारा बिजली बिल बकाया होने पर पूर्ण क्षेत्र की विद्युत लाईन बंद कर दी जाती है अथवा बकायादारों की ही बिजली आपूर्ति बंद की जाती है? (घ) क्या तहसील पांढुर्ना में बकायादारों के किन-किन क्षेत्र में बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई है, क्या इससे रबी फसल की सिंचाई पर भी कोई असर पड़ा है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) उपभोक्ताओं द्वारा बिजली का बिल नियत अवधि में जमा नहीं करने पर उनके विरूद्ध म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कण्डिका 9.13 एवं 9.14 संलग्न परिशिष्ट में उल्लेखित अनुसार प्रक्रिया के तहत संयोजन विच्छेद की कार्यवाही करने का प्रावधान है। (ख) जी हाँ। (ग) बिजली बिल बकाया होने पर पूर्ण क्षेत्र की विद्युत लाईन बंद नहीं की जाती है, वरन् जिन उपभोक्ताओं ने विद्युत बिल राशि का भुगतान नहीं किया है यथासंभव उनकी बिजली आपूर्ति बंद की जाती है। तथापि एक ही ट्रांसफार्मर से संबद्ध अधिक उपभोक्ताओं पर बिजली बिल की राशि बकाया होने पर इन ट्रांसफार्मर के जलने/खराब होने पर बकाया राशि का 50 प्रतिशत जमा करने पर ट्रांसफार्मर बदला जाता था। दिनाँक 28.10.2015 को आदेश जारी कर 50 प्रतिशत जमा करने की बाध्यता शिथिल करते हुए इसे 10 प्रतिशत किया है। (घ) तहसील पांढुर्ना में बकायादारों के किसी भी क्षेत्र में बिजली आपूर्ति बंद नहीं की गई है। तथापि बकाया राशि होने के कारण संबंधित उपभोक्ता की अस्थाई रूप से बिजली आपूर्ति बंद की गई है एवं बकाया राशि जमा होने के बाद लाईन पुन: जोड़कर शीघ्र विद्युत प्रवाह चालू कर दिया जाएगा। उक्त परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
पानी के अंदर से मशीन द्वारा रेत खनन पर कार्यवाही
10. ( *क्र. 2149 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा प्रदेश की नदियों से पानी के अंदर से मशीनों द्वारा रेत निकासी पर कब से प्रतिबंध लगाया गया है? उक्त प्रतिबंध का उल्लंघन कर जबलपुर सम्भाग में नदियों के पानी के अंदर से मशीनों द्वारा किन-किन खदानों/घाटों से रेत निकासी की जा रही है? (ख) जबलपुर सम्भाग में विगत दो वर्षों में नदियों के पानी के अंदर से मशीनों द्वारा प्रतिबंध के बावजूद रेत निकासी के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की गयी? नदीवार, खदानवार जानकारी दें। यदि नहीं की गयी तो क्यों? (ग) क्या जबलपुर जिले की शहपुरा तहसील के अंतर्गत नर्मदा नदी की कुसली ग्रुप की खैरी एवं कुसली रेत खदानें हमेशा पानी में रहने के कारण इन खदानों से मशीनों द्वारा ही रेत खनन किया जाता है? यदि हाँ, तो उक्त खदानों की पुन: इस वर्ष नीलामी क्यों की गयी? क्या उक्त रेत खदानों की नीलामी निरस्त की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 में दिनाँक 23 मार्च 2013 से प्रश्नाधीन संशोधन किया गया है। प्रश्नांश में उल्लेखित संभाग में नदियों में पानी के अंदर से मशीनों द्वारा रेत निकासी नहीं की जा रही है। (ख) प्रश्नाधीन संभाग के जबलपुर जिले में प्रश्नांश अनुरूप की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष जिलों में ऐसा कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। (ग) जी नहीं। अत: प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
चंबल नदी पर स्टॉपडेम निर्माण
11. ( *क्र. 1051 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा नगर में चामुण्डा माता मंदिर के नीचे चंबल नदी पर स्टॉपडेम कब स्वीकृत किया गया था? (ख) क्या नगर पालिका नागदा द्वारा लिखित में जल आवर्धन योजना के लिए डेम बनाने का आवेदन दिया गया था? (ग) यदि स्टॉपडेम स्वीकृत है, तो डेम का निर्माण कार्य अब तक चालू क्यों नहीं हुआ? उक्त कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रश्नाधीन स्थल पर नागदा बैराज परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनाँक 07.08.2007 को राशि रू. 41.25 लाख की दी गई थी। (ख) जी हाँ, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, नगर पालिका-परिषद, नागदा ने दिनाँक 04.10.2010 को नागदा नगर के लिए चंबल नदी पर आधारित जल आवर्धन परियोजना बनाने हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र चाहा था, जो दिनाँक 24.11.2010 को जारी किया गया। (ग) विभाग द्वारा स्वीकृत। नागदा बैराज परियोजना नगर पालिका परिषद, नागदा की जल आवर्धन योजना के डूब क्षेत्र में आने के कारण तकनीकी रूप से साध्य नहीं रही। प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
पुनासा उद्वहन सिंचाई योजना का भुगतान
12. ( *क्र. 682 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुनासा उद्वहन सिंचाई योजना की निर्माण एजेंसी को आज दिनाँक तक किये गये भुगतान संबंधी विवरण देवें। (ख) उक्त योजना से कितनी सिंचाई प्रस्तावित थी और कितने हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हो रही है। चरणवार सिंचाई क्षेत्रफल बतायें। (ग) पुनासा उद्वहन सिंचाई योजना की निर्माण एजेंसी को कार्य पूर्ण होने के बाद मेंटेनेंस पिरियड में आज दिनाँक तक प्रदान की गई राशि माहवार बतायें। इस योजना से जुड़ी कार्य एजेंसी को कितना भुगतान किया गया, कितना रोका गया और क्यों रोका गया?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) पुनासा उद्वहन सिंचाई योजना की निर्माण एजेन्सी को आज दिनाँक तक रूपये 410.19 करोड़ का भुगतान किया गया है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। (ग) निर्माण एजेन्सी को मेंटनेंस पिरियड में संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ के अनुसार भुगतान किया है। एजेन्सी द्वारा दिनाँक 16/11/2015 तक मेंटनेंस पिरियड में कुल रूपये 383.625 लाख का कार्य किया गया है, जिसमें से दिनाँक 28/11/2015 तक रूपये 268.77 लाख का भुगतान किया जा चुका है एवं 114.855 लाख का भुगतान प्रक्रिया में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पेड पार्किंग से प्राप्त आय
13. ( *क्र. 1464 ) श्री आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिक निगम अधिनियम के अनुसार नगरीय क्षेत्रों में नागरिकों की सुविधानुसार पेड पार्किंग स्थलों को निविदाएं आमंत्रित कर निर्धारित शुल्क पर वाहनों की पार्किंग ठेकेदारों को दिये जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो भोपाल नगर पालिक निगम के अंतर्गत कहाँ-कहाँ पेड पार्किंग की निविदाएं आमंत्रित कर वर्ष 2010 से प्रश्न दिनाँक की स्थिति में किन-किन ठेकेदारों को कब-कब पार्किंग की व्यवस्था दी गई और उससे निगम को प्रतिवर्ष किस-किस पार्किंग से कितनी-कितनी राशि की आय हुई? पार्किंग/ठेकेदार का नाम सहित वर्षवार बतावें। (ग) क्या वर्तमान में भोपाल शहर की कुछ पार्किंग स्थलों को निविदा आमंत्रित कर ठेकेदारों को देने की अपेक्षा निगम के कर्मचारियों द्वारा संचालित किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से पार्किंग स्थलों को कब-कब से किस-किस के द्वारा संचालित किया जा रहा है और उससे कितनी-कितनी आय निगम को प्राप्त हो रही है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर पृष्ठ क्रमांक 01 से 13 अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर पृष्ठ क्रमांक 01 से 13 अनुसार है।
राजगढ़ विधानसभा में विद्युत की स्थिति
14. ( *क्र. 2244 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ के नगर खुजनेर एवं राजगढ़ तहसील के ग्रामीण क्षेत्र सवासंडा और धनवासकलां तथा खिलचीपुर विकासखण्ड के ग्राम सड़ियाकुआं के आसपास के कई ग्रामों में लंबी-लंबी दूरी से पोल लगाये जाकर विद्युत लाईन डालकर विद्युत प्रदाय की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो कितनी दूरी से उन्हें विद्युत प्रदाय की जा रही है? (ग) क्या इतनी लंबी दूरी से विद्युत व्यवस्था किये जाने के कारण विद्युत प्रदाय किये जाने से व्यवधान उत्पन्न होता है, जिससे कई दिनों तक तार आदि टूटने के कारण उन्हें विद्युत नहीं मिल पाती है? (घ) यदि हाँ, तो क्या उक्त व्यवधान से बचने के लिये खुजनेर नगर में 132 के.वी. का उपकेन्द्र तथा राजगढ़ तहसील के ग्रामीण क्षेत्र सवासंडा और धनवासकलां तथा खिलचीपुर विकासखण्ड के ग्राम सड़ियाकुआं में 33/11 के.वी. का उपकेन्द्र बनाया जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) एवं (ख) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ के अंतर्गत खुजनेर नगर को विद्युत प्रदाय नगर में ही स्थापित 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र के शहरी फीडर से किया जा रहा है। राजगढ़ तहसील के ग्रामीण क्षेत्र सवासंडा को विद्युत प्रदाय 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र, कालीपीठ से किया जा रहा है। उपकेन्द्र से ग्राम की दूरी लगभग 17 कि.मी. है। ग्राम धनवासकलां को लगभग 15 कि.मी. दूर स्थित 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र राजगढ़ (ग्रामीण) से एवं खिलचीपुर विकासखण्ड के ग्राम सड़ियाकुआं एवं आसपास के क्षेत्र को लगभग 14 किलोमीटर दूर स्थित 33/11 के.व्ही. खिलचीपुर उपकेन्द्र से निर्गमित होने वाले फीडर से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। इन विद्युत लाईनों के पोल निर्धारित मानकों के अनुसार तय दूरी पर ही लगाए गये हैं। अत: यह कहना सही नहीं है कि इन क्षेत्रों को लम्बी दूरी से पोल लगाकर विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ग) जी नहीं। उत्तरांश ''क'' अनुसार उल्लेखित ग्रामों की विद्युत उपकेन्द्र से दूरी 20 कि.मी. से कम है, तथापि अपरिहार्य कारण जिसमें प्राकृतिक आपदा, आंधी-तूफान में तार टूटना आदि सम्मिलित हैं, को छोड़कर नियमानुसार विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (घ) क्षेत्र में बेहतर विद्युत प्रदाय तथा भविष्य की मांग के दृष्टिगत खुजनेर नगर में 132 के.व्ही. उपकेन्द्र का निर्माण ए.डी.बी. (सेविंग) योजना के अंतर्गत प्रस्तावित किया गया है। उपकेन्द्र के निर्माण हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उपकेन्द्र का कार्य वर्ष 2016-17 के अंत तक पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है। इस उपकेन्द्र के निर्माण के पश्चात् इस क्षेत्र में विद्युत प्रदाय की गुणवत्ता में वृद्धि होगी। आगामी वर्षों में तकनीकी साध्यता एवं वित्तीय उपलब्धता अनुसार आवश्यक होने पर प्रश्नाधीन क्षेत्र के उपयुक्त स्थलों पर 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों के निर्माण का कार्य प्रस्तावित किया जा सकेगा। जिस हेतु वर्तमान में समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
मुटमुरू जलाशय बांध के दोषी सहायक यंत्री को नियम विरूद्ध पदोन्न्त कर पदस्थापना
15. ( *क्र. 1186 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना जिले के अंतर्गत वर्ष 2013 में नवनिर्मित भीतरी मुटमुरू जलाशय (बांध) प्रथम वर्षाकाल में ही टूट कर बह गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त जलाशय (बांध) के टूटने/क्षतिग्रस्त होने से किसानों, ग्रामवासियों तथा शासन को कितनी-कितनी क्षति पहुँची एवं पीड़ितों को क्या-क्या सहायता उपलब्ध कराई गई? (ग) क्या बांध टूटने के लिए जिम्मेदार सहायक यंत्री को निलंबन से बहाल कर पुन: उसी स्थान पर पदस्थ कर उन्हें पदोन्नति प्रदान की गई है? (घ) यदि हाँ, तो उक्त सहायक यंत्री के विरूद्ध क्या विभागीय जाँच समाप्त हो चुकी है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो विभागीय जाँच समाप्त हुए बिना ही संबंधित सहायक यंत्री को पदोन्नत कर पुन: उसी स्थान पर पदस्थ किया जाना क्या नियम विरूद्ध है? (ड.) यदि हाँ, तो विभागीय जाँच समाप्त होने के पूर्व पदोन्नति देकर पुन: उसी स्थान पर पदस्थ किए जाने के लिये कौन जिम्मेदार है? क्या उसकी जाँच कराकर नियम विरूद्ध पदोन्नति प्रदान करने वाले जिम्मेदार अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी एवं बांध टूटने के लिए जिम्मेदार सहायक यंत्री को पदावनत कर, उन्हें हटाकर अन्यत्र पदस्थ किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। (ख) किसानों एवं ग्रामवासियों को कोई जन-धन की हानि नहीं हुई। कार्य को अनुमानित रू. 35.00 लाख की क्षति पहुंची जिसे ठेकेदार द्वारा स्वयं के व्यय से ठीक किया जा रहा है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। (घ) एवं (ड.) जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते है।
अम्बाह नगर पालिका में मिट्टी भराव के नाम पर अनावश्यक व्यय
16. ( *क्र. 1647 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अम्बाह (मुरैना) के जयश्वर महादेव मेला ग्राउण्ड/SAF ग्राउण्ड पचासा मैदान अम्बाह पर वर्ष 2007 से प्रश्न दिनाँक तक कितनी ट्राली मिट्टी, किस रेट से डाली गई है तथा उस पर कुल कितनी राशि व्यय हुई? वर्षवार जानकारी दी जावें। (ख) क्या जयश्वर महादेव मेला पचासा ग्राउण्ड/SAF ग्राउण्ड पर 2007 से पूर्व गहरी खाई थी, जिसे प्रतिवर्ष मिट्टी डालकर भरा गया है? यदि हाँ, तो कितनी गहरी खाई थी? यदि गहरी खाई थी तो मेला क्या खाई में ही लगाया जाता था, यदि खाई नहीं थी तो मिट्टी क्यों तथा कहाँ डाली गई? (ग) क्या जयश्वर महादेव मेला ग्राउण्ड में ही पुलिस थाना S.D.O.P. निवास, T.I. निवास एवं SAF की कंपनी निवासरत है जो कि एकदम सपाट ग्राउण्ड पर स्थित है? यदि हाँ, तो सपाट स्थान पर मिट्टी डालने का औचित्य क्या था? क्या शासन को इससे लाखों रूपयों की हानि नहीं हुई है? क्या दोषी का पता लगाकर कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। SAF ग्राउण्ड/पचासा ग्राउण्ड के आस-पास की सडकें ऊँची होने से बरसात के पानी के बहाव के कारण, मैदान में जगह-जगह कीचड़ एवं गड्ढे हो जाते हैं। प्रतिवर्ष लगने वाले मेले एवं कार्यक्रमों हेतु गड्ढे भरकर समतल करने एवं कीचड़ की समस्या दूर करने के लिए मिट्टी का भराव किया गया है। जी नहीं। आवश्यकतानुसार मिट्टी भराव किया गया है, कोई दोषी नहीं है।
स्वेच्छानुदान/निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की राशि
17. ( *क्र. 1423 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2014-15 में प्रश्नकर्ता द्वारा विधायक स्वेच्छानुदान से जिन-जिन व्यक्तियों को स्वेच्छानुदान की राशि प्रदाय करने हेतु अनुशंसा की थी? क्या उक्त राशि सभी व्यक्तियों को प्राप्त हो चुकी है? यदि नहीं, तो क्यों एवं कब तक राशि अनुशंसित व्यक्ति तक पहुंच जावेगी? (ख) वित्तीय वर्ष 2014-15 में प्रश्नकर्ता द्वारा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत जिन-जिन कार्यों की अनुशंसा की थी, उनमें से किन-किन कार्यों हेतु निर्माण एजेंसी को कार्य प्रारंभ करने हेतु राशि आवंटित की जा चुकी है? किन निर्माण एजेंसी को राशि प्रश्न दिनाँक तक प्रदाय नहीं की गई? राशि प्रदाय न होने के क्या कारण है? कब तक निर्माण एजेंसी को राशि प्रदाय कर दी जावेगी? (ग) विधानसभा क्षेत्र बिजावर में माननीय प्रभारी मंत्री की जनसंपर्क निधि जिन-जिन व्यक्तियों/संस्था को प्रदाय करने हेतु अनुशंसा की गई थी, क्या उक्त राशि संबंधित को प्राप्त हो चुकी है? यदि हाँ, तो कब?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं। अनुशंसित राशि में से 2.28 लाख की राशि 54 हितग्राहियों को प्रदान नहीं की जा सकी है। कोषालय से राशि आहरित न हो पाने के कारण राशि लेप्स हुई। तृतीय अनुपूरक अनुमान में प्राप्त होते ही जारी की जायेगी। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। माह मार्च 2015 के अंतिम सप्ताह में राशि स्वीकृत की गई थी। सर्वर डाउन हो जाने के फलस्वरूप निर्माण एजेन्सी द्वारा राशि आहरित नहीं कर पाने के कारण लेप्स हो गई। समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। ई-पेमेन्ट के माध्यम से दिनाँक 31.03.2015 को संबंधित भुगतान किया जा चुका है।
नरसिंहपुर विधान सभा क्षेत्र में विद्युतीकरण
18. ( *क्र. 2249 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत अटल ज्योति योजना विद्युतीकरण से कितने ग्राम लाभांवित होने से रह गए हैं? ग्राम एवं टोलों के नाम सहित जानकारी देवें। (ख) इन छूटे हुए ग्राम टोलों में विद्युतीकरण कब तक हो जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन उल्लेखित ''अटल ज्योति योजना'' योजना न होकर गैर-कृषि उपभोक्ताओं को 24 घण्टे एवं कृषि उपभोक्ताओं को 10 घण्टे विद्युत प्रदाय करने का अभियान है। ''अटल ज्योति अभियान'' के अंतर्गत नरसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र के सभी गैर कृषि/मिश्रित उपभोक्ताओं को 24 घण्टे एवं कृषि उपभोक्ताओं को 10 घण्टे नियमानुसार विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। योजना का लाभ प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत सभी विद्युतीकृत ग्रामों/मजरों/टोलों को प्राप्त हो रहा है, अत: लाभ प्राप्त न होने वाले ग्रामों एवं टोलों के नाम दिए जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ख) चूंकि अटल ज्योति अभियान में ग्राम टोलों के विद्युतीकरण के कार्य शामिल नहीं हैं, अत: उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
अवैध कालोनियों को वैध घोषित किया जाना
19. ( *क्र. 1221 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1378 दिनाँक 3 मार्च 2015 एवं अतारांकित प्रश्न क्रमांक 801 दिनाँक 30 जुलाई 2015 द्वारा सतना जिले की नगर पालिक निगम सतना में 138 अवैध कॉलोनियां निगम के रिकार्ड में दर्ज होना बताया गया था? (ख) क्या माननीय मुख्य मंत्री द्वारा सतना भ्रमण के दौरान अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए शासन स्तर पर विभाग द्वारा नीति बनाने की घोषणा की गई थी? (ग) यदि हाँ, तो विभाग द्वारा अवैध कॉलोनियों को वैध घोषित करने हेतु क्या नीति बनाई गई है? आदेश की प्रति उपलब्ध कराई जाए। (घ) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा यह भी घोषणा की गई है कि नगर पालिका निगम के अंदर 2750 वर्ग फुट में मकान बनाने वाले मकान मालिकों को नगर निगम से नक्शा स्वीकृत कराने की जरूरत नहीं है? यदि हाँ, तो उक्त निर्णय का आदेश कब तक जारी किया जायेगा? समय-सीमा बताएं।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश ''ख'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। माननीय मुख्य मंत्रीजी की घोषणा के परिपालन में म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 एवं म.प्र. नगर पालिका अधिनियम, 1961 में म.प्र. राजपत्र (असाधारण) प्रकाशन दिनाँक 20 अप्रैल 2015 में आवश्यक संशोधन किया गया है और म.प्र. भूमि विकास नियम, 2012 में आवश्यक संशोधन उपरांत म.प्र. राजपत्र (असाधारण) में दिनाँक 27.11.2015 को प्रकाशन किया गया है और नियम-6 (3) के तहत 300 वर्ग मी. तक के क्षेत्रफल के भूखण्डों पर भवन अनुज्ञा जारी करने के साथ-साथ नियम-21 (4) के तहत मानक भवन रेखांक भी उपलब्ध कराने हेतु सक्षम वास्तुविद/संरचना इंजीनियर को प्राधिकृत किया गया है। मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणा की पूर्ति की जा चुकी है।
आबकारी दुकानों का नियम विरूद्ध आवंटन
20. ( *क्र. 2231 ) श्रीमती ममता मीना : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2014 से गुना जिले में देशी एवं विदेशी मदिरा की संचालित दुकानों के लायसेंसधारियों ने ही पुन: वर्ष 2015 में भी उक्त दुकानों को नीलामी में क्रय कर उन्हें संचालित किया जा रहा है? क्या पावर ऑफ अटार्नी के आधार पर उक्त दुकानों को किसी दूसरे को संचालित करने का अधिकार दिया जा सकता है? (ख) यदि नहीं, तो कितनी ऐसी दुकानें हैं, जिनके लायसेंसधारी बदले हैं? क्या उन दुकानों का स्थल भी बदला है? यदि लायसेंसधारी बदल गया तो उनका स्थल क्यों नहीं बदला? उसका उत्तरदायित्व क्या जिलाधिकारी का है या नहीं? बतायें। (ग) गुना जिले में ऐसी कितनी मदिरा दुकानें हैं, जिनके 100 मीटर के दायरे में स्कूल, मंदिर, मस्जिद एवं गुरूद्वारे हैं? यदि हाँ, तो उन दुकानों को 100 मीटर से अधिक दूरी पर करने का क्या प्रावधान है? वर्तमान में स्थित दुकानों को उक्त स्थलों के पास से कब तक हटायेंगे? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्लेखित बिन्दुओं का निरीक्षण करने, आवंटन करने एवं जाँच करने की जिले में किसकी जिम्मेदारी है? यदि कोई दोषी है तो क्या विभाग कार्यवाही करेगा तथा वर्ष 2015 में जिन लायसेंसधारियों की दुकानें नीलाम हुई थीं, क्या वो ही उन दुकानों को संबंधित प्रश्न दिनाँक को संचालित कर रहे हैं? या कोई लायसेंसधारी बदला गया है? यदि हाँ, तो जाँच कराकर कार्यवाही कब तक करायेंगे?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वर्ष 2014-15 हेतु शासन नीति अनुसार गुना जिले में संचालित मदिरा दुकानों के लिये नवीनीकरण का प्रावधान होने से वर्ष 2013-14 मदिरा दुकानों के लायसेंस धारियों द्वारा मदिरा दुकानों का नवीनीकरण कराया गया था तथा नवीनीकरण पश्चात् दिनाँक 01.04.2014 से 31 मार्च 2015 तक संचालन किया गया था। वर्ष 2015-16 में टेण्डर के माध्यम से मदिरा दुकानों का निष्पादन होने से जिले में उच्चतम ऑफर वाले टेण्डरदाताओं को जिले की देशी एवं विदेशी मदिरा दुकानों/एकल समूहों के लायसेंस, जिला समिति की अनुशंसा पर जारी किये गये हैं। गुना जिले में संचालित देशी एवं विदेशी मदिरा फुटकर बिक्री की दुकानों के लायसेंसियों को मदिरा दुकानों के संचालन की सुविधा, निजी स्वरूप की सुविधा (मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम, 1915 की धारा 62 के अन्तर्गत निर्मित लायसेंस शर्तों की शर्त क्रमांक- (1) होने से लायसेंसी दुकानों का स्वयं एवं अपने अधिकृत प्रतिनिधियों के माध्यम से संचालन करते हैं। लायसेंस धारियों को पॉवर ऑफ अटार्नी के आधार पर मदिरा दुकानों को किसी दूसरे व्यक्ति को संचालन करने का अधिकार नहीं दिया जा सकता है। (ख) गुना जिले में वर्ष 2015-16 के लिये मदिरा दुकानों/समूहों के लायसेंसी बदले हैं, जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। सूची में वर्णित अनुसार बदले हुये लायसेंसी में से एक लायसेंसी द्वारा मदिरा दुकान का संचालन स्थल बदला गया है, जो जिला आबकारी समिति द्वारा घोषित सीमा क्षेत्र के अंतर्गत है। लायसेंसधारियों द्वारा घोषित सीमा क्षेत्र में आपत्तिरहित स्थल पर दुकान का संचालन किया जा सकता है। लायसेंसी के बदले जाने से स्थल का बदला जाना अनिवार्य नहीं है। घोषित सीमा क्षेत्र में आपत्तिरहित स्थल का चयन कर दुकान स्थापित करना लायसेंसी का उत्तरदायित्व है। इसका उत्तरदायित्व जिला आबकारी प्रशासन का नहीं है। (ग) मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 55 दिनाँक 06.02.2015 में प्रकाशित अधिसूचना की कंडिका (2-ख) अनुसार किसी धार्मिक स्थल या किसी शैक्षणिक संस्था आदि के लिये 50 मीटर या इससे अधिक दूरी पर मदिरा दुकान स्थापित करने का प्रावधान है। मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। जिले की समस्त देशी एवं विदेशी मदिरा दुकानें आबकारी अधिनियम 1915 के अन्तर्गत निर्मित सामान्य प्रयुक्ति नियमों के अनुरूप अवस्थित होने से हटाये जाने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) आबकारी उपनिरीक्षक सहित विभागीय वरिष्ठ आबकारी अधिकारी के साथ ही कलेक्टर को जिले में मदिरा दुकानों के निरीक्षण के अधिकार प्राप्त हैं। निरीक्षण के दौरान मदिरा दुकान पर लायसेंस शर्तों के उल्लंघन एवं अन्य त्रुटियां पाई जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। शासन निर्देशों के पालन में कलेक्टर जिला गुना की अध्यक्षता में गठित जिला समिति द्वारा वर्ष 2015-16 में उच्चतम टेण्डर ऑफरदाता को मदिरा दुकानों के संचालन के लायसेंस प्रदान किये हैं। लायसेंसी एवं उनके अधिकृत अभिकर्ता द्वारा मदिरा दुकानों का संचालन किया जा रहा है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। गुना जिले के दो मदिरा एकल समूहों क्रमश: समूह क्रमांक 15 एवं समूह क्रमांक 16 के लायसेंसियों द्वारा निर्धारित अवधि में देय लायसेंस फीस जमा नहीं करने के कारण नियमानुसार दोनों समूहों का टेण्डर द्वारा निष्पादन किये जाने से लायसेंसी बदल गये हैं। पुनर्निष्पादन की कार्यवाही कलेक्टर जिला गुना की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा सम्पन्न की जाकर विधिवत् लायसेंस जारी होने से जाँच का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
जलाशय हेतु कृषकों की भूमि का अधिग्रहण
21. ( *क्र. 1560 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले की बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत घिनौची जलाशय का निर्माण किया गया था, उक्त जलाशय के निर्माण हेतु कितने कृषकों की भूमि का अधिग्रहण किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के जलाशय हेतु जिन कृषकों की भूमि का अधिग्रहण किया गया था, उनको प्रश्न दिनाँक तक मुआवजा क्यों नहीं दिया गया? इसके लिये कौन उत्तरदायी है? उन्हें कब तक मुआवजा का भुगतान कर दिया जायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जलाशय के डूब क्षेत्र की भूमि शासकीय थी। नहर निर्माण हेतु 68 कृषकों की 4.42 हेक्टर भूमि का अधिग्रहण किया गया। जी नहीं, भू-अर्जन अवार्ड पारित नहीं होने के कारण। उत्तरदायित्व निर्धारित करने के लिए आयुक्त, जबलपुर संभाग को निर्देशित किया गया है। भू-अर्जन अवार्ड पारित होने पर।
भाण्डेर विधानसभा अंतर्गत विद्युत व्यवस्था
22. ( *क्र. 1388 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र के समस्त ग्रामों का विद्युतीकरण हो चुका है? यदि नहीं, तो कौन-कौन से ग्राम किस कारण विद्युतीकरण से वंचित हैं और कब तक विद्युतीकरण हो जावेगा? (ख) क्या भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र के अधिकांश ग्रामों में 5-10 वर्ष से विद्युत सप्लाई बंद पड़ी हैं और बिल नियमित रूप से किसानों को थमाये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो उन ग्रामों में कब तक विद्युत सप्लाई की जावेगी और विद्युत बिलों को संशोधित किया जावेगा? किन-किन ग्रामों की विद्युत सप्लाई कब से बंद है? कारण सहित सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या भाण्डेर में 132 के.व्ही. सब स्टेशन का निर्माण कार्य चल रहा है? यदि हाँ, तो बार-बार ध्यान आकर्षण कराने के बावजूद उसके निर्माण में एवं लाईन पोलों के निर्माण में घटिया मटेरियल की अभी तक जाँच क्यों नहीं कराई गई? सब स्टेशन, पोल निर्माण की जाँच कब तक कराई जावेगी? (घ) क्या विद्युत विभाग में एप्रेन्टिश एक्ट के प्रावधानों का पालन नहीं हो रहा है? यदि नहीं, तो अब तक कहाँ-कहाँ, कितने-कितने प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ, भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र के समस्त ग्राम विद्युतीकृत हैं। (ख) जी नहीं, तथापि संलग्न परिशिष्ट में दर्शाए गए 22 ग्रामों में स्थापित फेल वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण इन ट्रांसफार्मरों को बदला नहीं जा सका है, किन्तु नियमानुसार बकाया राशि के बिल दिये जा रहे हैं। पूर्व में बकाया राशि का 50 प्रतिशत जमा करने की शर्त को शिथिल किया गया है। वर्तमान में लागू नियमों के अनुसार उक्त ट्रांसफार्मर फेल होने के समय बकाया राशि का 10 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा जमा कराए जाने पर इन ट्रांसफार्मरों को प्राथमिकता के आधार पर बदल दिया जायेगा, अत: वर्तमान में समय-सीमा बताना संभव नहीं है। उक्त ग्रामों में विद्युत प्रदाय प्रभावित होने/ट्रांसफार्मर फेल होने संबंधी ग्रामवार जानकारी भी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। 132 के.व्ही. उपकेन्द्र निर्माण में उपयोग की जाने वाली सामग्री तकनीकी मापदण्डों के अनुरूप पाये जाने पर ही उपयोग में लाई जाती है। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता नियंत्रण हेतु म.प्र. पावर ट्रांसमिशन कंपनी के केन्द्रीय स्तर पर गठित प्रकोष्ठ की टीमों द्वारा 132 के.व्ही. भाण्डेर उपकेन्द्र का निरीक्षण किया गया है, जिसमें गुणवत्ता संबंधी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: अन्य कोई जाँच कराए जाने की आवश्यकता नहीं है। (घ) एप्रेन्टिस एक्ट 1961 के प्रावधानों का पालन प्रश्नाधीन क्षेत्र सहित संपूर्ण म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। अभी तक 65 प्रशिक्षुओं को पॉवर डिस्ट्रिब्यूशन ट्रेनिंग सेंटर, भोपाल में प्रशिक्षण पूर्ण करने के उपरान्त प्रमाण पत्र दिये गये हैं एवं वर्तमान में 42 प्रशिक्षु उक्त वर्णित एक्ट के अधीन प्रशिक्षणरत है।
न्यू पेंशन स्कीम में कर्मचारियों से काटी गयी राशि
23. ( *क्र. 1119 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विषयांकित योजना में राशि जमा करने के लिए कर्मचारियों के वेतन से प्रतिमाह काटी गयी राशि तथा शासन की हिस्सेदारी को छ: - छ: महीनों तक योजना में जमा नहीं किया जाता? (ख) यदि उक्त राशि को छ: - छ: माह तक जमा नहीं किया जाता तो उस राशि के ब्याज का पैसा जो वास्तव में कर्मचारियों का है, उसे कहाँ खर्च किया जाता है? (ग) क्या न्यू पेंशन स्कीम की राशि जो कर्मचारियों के वेतन से प्रतिमाह काटी जाती है तथा शासन की हिस्सेदारी की राशि को उसी माह में न्यू पेंशन स्कीम हेतु जमा कर दिया जाएगा, ऐसा करने में शासन को क्या दिक्कत है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मध्यप्रदेश राज्य के नियमित शासकीय कर्मचारियों हेतु लागू परिभाषित अंशदायी पेंशन योजना के अंतर्गत अधिकांश नियमित कर्मचारियों का वेतन आहरण कोषालयों के माध्यम से होता है, उन अभिदाताओं का अंशदान तथा कटौत्रा नियमित रूप से अपलोड किया जा रहा है। इस प्रक्रिया के अंतर्गत वेतन आहरण के पश्चात् लगभग 3 दिन में डाटा एन.एस.डी.एल. को तथा फण्ड मैनेजर को प्रेषित कर दिये जाते हैं। प्रतिनियुक्ति में पदस्थ कतिपय कर्मचारियों हेतु प्रक्रिया मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग के ज्ञाप क्रमांक एफ 9-9/2013/नियम/चार दिनाँक 23-11-2013 द्वारा निर्धारित की गयी है। इस प्रक्रिया के अंतर्गत कर्मचारी तथा संबंधित कार्यालय का अंशदान चालान के माध्यम से शासकीय लेखाशीर्ष 0071-500 में जमा किये जाने की व्यवस्था है। इन कर्मचारियों को शासकीय लेखाशीर्ष में जमा करने के दिनाँक से लेकर एन.एस.डी.एल. में जमा करने के दिनाँक तक वित्त विभाग द्वारा घोषित दर से राशि पर ब्याज दिये जाने का प्रावधान है। उक्त प्रक्रिया सी.एस.एफ.एम.एस. के माध्यम से संचालित किये जाने के निर्देश हुये थे। सी.एस.एफ.एम.एस. के स्थान पर आई.एफ.एम.आई.एस. सॉफ्टवेयर निर्माणाधीन है। अत: प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ कर्मचारियों के लिये वित्त विभाग के ज्ञाप दिनाँक 23-11-2013 द्वारा निर्धारित प्रक्रिया आई.एफ.एम.आर्इ.एस. में निर्माणाधीन है। तद्नुसार यह राशि ब्याज सहित ट्रस्टी बैक को भेजी जा सकेगी। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) नियमित रूप से अंशदान कटौत्रा पेंशन भविष्य निधि एवं बीमा कार्यालय द्वारा अपलोड किया जा रहा है।
जल संसाधन विभाग से संबंधित जारी कार्यादेश
24.
( *क्र.
434
) श्री
सतीश मालवीय :
क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) उज्जैन
जिले के
अंतर्गत आने वाले
जल संसाधन
विभाग के सभी
संभागों में
एक अप्रैल 2012 से
प्रश्न तिथि
तक 02
लाख रूपये से
कम कार्यादेश
किस-किस स्थान
के किस-किस
कार्य के कब-कब
और किस-किस को
जारी हुए? (ख) प्रश्नांश
(क) में उल्लेखित
समयानुसार
मेन्टेनेंस
के कार्यों पर
कितनी-कितनी
राशि, किस-किस
स्थान पर क्या-क्या
कार्य हेतु व्यय
की गई? किस-किस
ठेकेदार को
कितना भुगतान
किया गया? (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) में
किये गये
कार्यों में
से किन-किन
कार्यों की
शिकायतें
अधीक्षण यंत्री/मुख्य
अभियंता/प्रमुख
अभियंता/राज्य
शासन को क्या-क्या
प्राप्त हुई? किन
आदेश क्रमांक
एवं दिनाँक से
उक्त सक्षम
कार्यालयों
द्वारा कब-कब
क्या
कार्यवाही
प्रश्न तिथि
तक की गई? विवरण
उपलब्ध
करावें। (घ) उज्जैन
जिले में
स्थित जल
संसाधन विभाग
के कार्यालयों
को एक अप्रैल 2012 से
प्रश्न तिथि
तक
कितनी-कितनी
राशि किस-किस
कार्य हेतु
बजट से आवंटित
हुई?
कितनी-कितनी
राशि किस-किस
मद में कब-कब, किस-किस
स्थान पर किस
कार्य हेतु व्यय
की गई?
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
जयंत मलैया ) : (क) एवं
(ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ'' अनुसार है।
(ग) अभिलेखों
के मुताबिक
शिकायत प्राप्त
होना
प्रतिवेदित
नहीं है। (घ) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
धसान नदी पर सिंचाई परियोजना
25. ( *क्र. 2198 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में धसान नदी पर कौन-कौन सी लघु एवं मध्यम सिंचाई परियोजनाओं के प्रस्ताव शासन के पास विचाराधीन हैं? (ख) ककरवाहा पिक अप बियर (धसान डायवर्सन) में कितने हेक्टेयर भूमि सिंचित किये जाने का लक्ष्य रखा गया है? अद्यतन जानकारी दें। (ग) वर्तमान में योजना की स्थिति क्या है? क्या इसे केन्द्रीय जल आयोग द्वारा स्वीकृत किया जा चुका है? यदि नहीं, तो अद्यतन जानकारी देवें। (घ) टीकमगढ़ विधानसभा क्षेत्र की उक्त महत्वाकांक्षी योजना ककरवाहा पिक अप बियर की स्वीकृति कब तक होकर कार्य प्रारम्भ कर लिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भाग-2
नियम
46
(2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
नगर
पंचायत
क्षेत्र की
कृषि भूमि के
क्रय-विक्रय
पर पंजीयन
शुल्क
1. ( क्र. 138 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली कृषि भूमि जिस पर खेती होती हो के क्रय-विक्रय का शुल्क किस आधार पर निर्धारित किया गया हैं? क्या यह पंजीयन शुल्क कृषि भूमि की वास्तविक बाजार दर के अनुपात में अधिक नहीं हैं? (ख) क्या बढ़े हुए पंजीयन शुल्क के कारण कृषक खेती हेतु जमीन क्रय नहीं कर पा रहे हैं? क्या बढ़े हुये शुल्क के कारण किसानों द्वारा खरीदी गई कृषि भूमि का पंजीयन नहीं हो पा रहा है? (ग) क्या पिछले 5 वर्षों में नगरीय निकाय के कृषि भूमि के पंजीयन शुल्क में वृद्धि की गई हैं? यदि हाँ, तो कितनी एवं कब-कब? (घ) क्या किसानों को अपने ऊपर पंजीयन से बढ़ रहे अतिरिक्त आर्थिक भार को कम करने हेतु सरकार के पास कोई निर्णय लंबित हैं? यदि हाँ, तो यह निर्णय कब लागू होगा? यदि नहीं, तो क्या सरकार इस और योजना बनाकर किसानों को राहत देगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) क्रय-विक्रय पर अंतरित संपत्ति के बाजार मूल्य पर भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 की अनुसूची 1-क के अनुच्छेद 25 के तहत स्टाम्प शुल्क तथा रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1908 की फीस सारणी के अनुच्छेद-एक के तहत रजिस्ट्रीकरण फीस प्रभार्य किया जाता है। जी नहीं। (ख) ऐसा कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। (ग) नगरीय निकायों की कृषि भूमि के क्रय-विक्रय दस्तावेजों के पंजीयन शुल्क में विगत 5 वर्षों में कोई वृद्धि नहीं की गई है। (घ) जी नहीं।
लेक फ्रंट डेव्हलपमेंट प्रोजेक्ट की मंजूरी
2. ( क्र. 201 ) श्री विश्वास सारंग : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल के लेक फ्रंट डेव्हलपमेंट प्रोजेक्ट का कार्य किस की अनुमति से शुरू हुआ था? आदेश की प्रति भी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या इस प्रोजेक्ट पर एनजीटी ने रोक भी लगाई हुई है? (ग) प्रश्नांश (क) के तहत क्या आचार संहिता की आड़ में नगर निगम भोपाल के इंजीनियरों ने गलत तरीके से यह प्रोजेक्ट मंजूर करवाया था? यदि हाँ, तो क्यों? कारण दें? (घ) प्रश्नांश (ग) के तहत क्या इस प्रोजेक्ट को नगर निगम परिषद में भी पास नहीं कराया था? क्या केन्द्र या राज्य शासन का कोई प्रोजेक्ट का कार्य सीधे ही कराया जा सकता है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) भारत सरकार, शहरी विकास मंत्रालय द्वारा जे.एन.एन.यू.आर.एम. (यू्.आई.जी.) अंतर्गत आदेश क्रं. 14012/2/126 दिनाँक 20.09.2013 अनुसार लेक फ्रंट डेव्हलपमेंट परियोजना स्वीकृति हुई। आदेश की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रोजेक्ट पर रोक नहीं लगाई गई है अपितु परियोजना के घटक 2600 मीटर से अधिक की दीवार के निर्माण तथा Echo tourism से संबंधित कार्यों यथा साईकल ट्रैक निर्माण कार्य के आगामी आदेश तक रोक लगाई गई है, शेष कार्यों हेतु रोक नहीं लगाई गई है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) भोपाल नगर के सिटी डेव्हलपमेंट प्लान (सीडीपी) में लेक कंजरवेशन कार्य का प्रावधान था। उक्त सीडीपी परिषद से स्वीकृत थी। इसके पश्चात् मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, मंत्रालय, भोपाल दिनाँक 20 मार्च 2008 अनुसार मेयर-इन-काउन्सिल को भारत सरकार की JNNURM परियोजना के कार्य संचालन हेतु पूर्ण वित्तीय शक्तियाँ प्राप्त होने के कारण एम.आई.सी. द्वारा आवश्यक स्वीकृतियाँ जारी की गई।
ई-रजिस्ट्री और ई-स्टाम्प हेतु लाइसेंस
3. ( क्र. 202 ) श्री विश्वास सारंग : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ई-रजिस्ट्री और ई-स्टाम्प के लिए राजधानी भोपाल में कितने लोगों को लाइसेंस दिए गए हैं? नाम-पते बार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत किन-किन प्रोवाइडरों ने प्रश्न दिनाँक तक कार्य शुरू नहीं किया है? क्यों नहीं किया है? विभाग ने प्रश्न दिनाँक तक उनके खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही की है? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत प्रश्न दिनाँक तक कार्य शुरू नहीं करने वालों के लायसेंस निरस्त कर नए लोगों को लायसेंस दिए जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों कारण दें? नियम बताएं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) भोपाल जिले में 428 लायसेंस दिये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’’अ’’ अनुसार है (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’’ब’’ अनुसार है। सेवाप्रदाता द्वारा किया जाने वाला कार्य एक स्वैच्छिक कार्य है। अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। नये लोगों द्वारा मध्यप्रदेश स्टाम्प नियम, 1942 के प्रावधानों के तहत लायसेंस प्राप्त करने हेतु आवेदन किया जा सकता है।
उद्योगों से जलकर की वसूली
4. ( क्र. 246 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में किन-किन उद्योगों को औद्योगिक प्रयोजनार्थ नदियों पर डेम बनाकर जल उपयोग की अनुमति शासन ने किन-किन शर्तों पर दी? नदीवार-उद्योगवार ब्यौरा क्या है? (ख) क्या सभी उद्योगों पर समान दर पर जलकर आरोपित है? यदि हाँ, तो उद्योगवार जलकर का ब्यौरा दें? जलदर निर्धारण का आधार व नियम क्या है? (ग) किन-किन उद्योगों को उद्योग स्थापना समय से जल कर प्रस्तावित किये गये? क्या ग्रेसिम इंडस्ट्री नागदा (ग्वालियर रेयॉन) पर उद्योग स्थापना समय से जलकर वसूला गया? यदि हाँ, तो कब से एवं नहीं तो, क्यों नहीं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
क्रेशर मशीनों के संचालकों द्वारा अवैध खनन
5. ( क्र. 248 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में जिलेवार गिट्टी मशीनों (क्रेशर) की वर्ष 2011 से अब तक दी गई स्वीकृतियों का ब्यौरा क्या है तथा वर्ष 2013 से 2015 तक प्राप्त रॉयल्टी से आय का ब्यौरा क्या है? (ख) क्या संभाग की क्रेशर मशीनों के संचालकों ने स्वीकृति अनुसार निर्धारित स्थल पर खनन किया है? किन-किन क्रेशर संचालकों ने बगैर अनुमति स्थलों पर खनन कार्य किया? (ग) क्या वर्ष 2013 से 2015 तक रॉयल्टी कट्टों अनुसार गिट्टी की मात्रा एवं खनन स्थल के माप का सत्यापन किया एवं अवैध खनन पर किन-किन क्रेशर संचालकों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ-1 एवं अ-2 पर दर्शित है। (ख) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'ब' पर दर्शित है। (ग) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'स' पर दर्शित है।
जल संसाधन विभाग खण्ड करैरा व नरवर अंतर्गत निर्माण कार्य
6. ( क्र. 421 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन विभाग खण्ड करैरा एवं नरवर में अप्रैल 2014 से अक्टूबर 2015 तक कितनी राशि नहर, माइनर वाटर कोष के निर्माण व मरम्मत हेतु प्राप्त हुई? (ख) उपरोक्त (क) के संदर्भ में प्राप्त राशि से कार्यों हेतु क्या-क्या मार्गदर्शी सिद्धांत प्रचलन में है? (ग) क्या (क) में उल्लेखित निर्माण नियमानुसार किये गये हैं? यदि हाँ, तो निर्माण कार्यों की संपूर्ण जानकारी दी जावे? (घ) क्या सभी निर्माण कार्य समयावधि में पूर्ण हो चुके हैं अथवा शेष हैं? व शेष अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण कर दिये जावेंगे? (ड.) क्या संभाग करैरा के जल उपभोक्ता संस्था बनगंवा के अंतर्गत किये गये वाटर कोष के कार्यों की गुणवत्ता ठीक नहीं हैं? यदि हाँ, तो इसकी जाँच प्रश्नकर्ता सदस्य के समक्ष कब तक की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) अप्रैल-2014 से अक्टूबर-2015 तक आरबीसी संभाग, करैरा को नहर निर्माण के लिए रू.160/- लाख, मरम्मत अनुरक्षण के लिए रू.51.16 लाख एवं वाटरकोर्स के लिए रू. 497.50 लाख तथा आर.बी.सी. संभाग, नरवर को क्रमंश: रू.1148.78 लाख, रू.54.77 लाख एवं रू.777.50 लाख प्राप्त होना प्रतिवेदित है। (ख) सिंचाई परियोजना का निर्माण तथा कमाण्ड क्षेत्र विकास कार्य संबंधित परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति के अनुसार तथा संधारण एवं मरम्मत कार्य सक्षम अधिकारी की तकनीकी स्वीकृति प्राप्त कर कराने की व्यवस्था है। जी हाँ। (ग) एवं (घ) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। सामान्यत: निर्माण कार्य पूरा करने की आदर्श लक्ष्य अवधि की तुलना में परियोजना के निर्माण कार्य हेतु भूमि की उपलब्धता, निर्माण एजेंसी की क्षमता एवं निर्माण के दौरान आने वाली तकनीकी समस्याओं के कारण देरी होती है। (ड.) जी नहीं, कार्य की गुणवत्ता ठीक है। अत: जाँच की आवश्यकता नहीं है।
परिशिष्ट - ''सात''
उज्जैन जिले में कृषक अनुदान योजना ( K.A.Y ) अंतर्गत स्थापित ट्रांसफार्मर
7. ( क्र. 435 ) श्री सतीश मालवीय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में कृषक अनुदान योजना (K.A.Y) अंतर्गत 2014-15 एवं 2015-16 के अंतर्गत कितने प्रकरण स्वीकृत किये गये? (ख) प्रकरण स्वीकृत होने के पश्चात कितने किसानों के यहाँ ट्रांसफार्मर एवं लाईन पूर्ण कर दी गई है? कितनी लाईन अपूर्ण है? कितने ट्रांसफार्मर लगाना शेष है? (ग) क्या किसानों को अनुदान राशि जमा होने के पश्चात भी रबी सीजन में ट्रांसफार्मर नहीं मिल पाए? ट्रांसफार्मर रबी सीजन में नहीं मिलने के क्या कारण रहे? शेष ट्रांसफार्मर कब तक लग जावेंगे? इस लापरवाही के पीछे कौन-कौन अधिकारी दोषी है? शासन इन दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) कृषकों को स्थायी विद्युत पम्प कनेक्शन प्रदान करने हेतु कृषक अनुदान योजना के अंतर्गत उज्जैन जिले में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में माह नवम्बर-2015 तक क्रमश: 1106 एवं 1203 प्रकरण स्वीकृत किये गये है। (ख) उज्जैन जिले में कृषकों को स्थायी विद्युत पम्प कनेक्शन प्रदान करने हेतु अनुदान योजनान्तर्गत वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में माह नवम्बर-2015 तक स्वीकृत होने के पश्चात् कृषकों हेतु वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित करने एवं विद्युत लाईन का कार्य पूर्ण करने, अपूर्ण लाईन की जानकारी एवं स्थापित किये जाने हेतु शेष वितरण ट्रांसफार्मरों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ, म.प्र.प.क्षे.वि.वि.कं.लि. इन्दौर क्षेत्रान्तर्गत कृषकों को स्थायी विद्युत पम्प कनेक्शन प्रदान करने हेतु अनुदान योजना के तहत् आंशिक राशि जमा करने के उपरांत भी रबी सीजन में वितरण ट्रांसफार्मर उपलब्ध नहीं कराये जा सकने के कारण इस प्रकार है:-1. वितरण ट्रांसफार्मर प्रदाय करने वाली फर्मों द्वारा आदेशित संख्या के अनुसार कृषकों को स्थायी विद्युत पंप कनेक्शन प्रदान करने हेतु अनुदान योजना में उपयोग आने वाले 25 के.व्ही.ए./63 के.व्ही.ए. के वितरण ट्रांसफार्मर निर्धारित समय-सीमा में उपलब्ध नहीं कराये जाने के कारण। 2. राईट ऑफ वे उपलब्ध नहीं होने के कारण। 3. खेतों में फसल खड़ी होने के कारण इत्यादि। वितरण ट्रांसफार्मर प्रदाय करने वाली फर्मों द्वारा ट्रांसफार्मर शीघ्र उपलब्ध कराये जाने हेतु पश्चिम क्षेत्र कंपनी द्वारा प्रयास किए जा रहे है। ट्रांसफार्मर की उपलब्धता तथा राईट ऑफ वे उपलब्ध होने पर वरीयता अनुसार ट्रांसफार्मर लगाये जावेंगे। अत: वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं। उपरोक्त विलम्ब हेतु कोई भी अधिकारी दोषी नहीं है, अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
परिशिष्ट - ''आठ''
प्रश्नकर्ता के पत्र पर कार्यवाही
8. ( क्र. 490 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा आयुक्त कोष लेखा एवं पेंशन म.प्र. भोपाल, संयुक्त संचालक, कोष लेखा एवं पेंशन भोपाल संभाग को लिखा गया पत्र क्रमांक 2266 दिनाँक 01.08.15 एवं स्मरण पत्र क्रमांक 2522 दिनाँक 19.10.15 कब प्राप्त हुआ? क्या उक्त पत्र ई मेल के माध्यम से भी प्राप्त हुआ था? यदि हाँ, तो तिथि बतावें। (ख) उक्त पत्र पर कब-कब क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को अवगत कराया दिया गया है या नहीं? कार्यवाही से कब तक अवगत कराया जावेगा? (ग) विदिशा जिले के अंतर्गत स्कूल शिक्षा विभाग में कार्यरत ऐसे कितने लेखा प्रशिक्षित गणक/जूनि. ऑडिटर है, जो 20 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के उपरांत भी 2400 ग्रेड पे प्राप्त कर रहे एवं ऐसे कितने सहायक ग्रेड-2 जो पदोन्नति (गणक पद) का परित्याग कर 2800 ग्रेड पे प्राप्त कर रहे हैं? इस विसंगति का निराकरण विभाग कब तक करेगा? (घ) क्या स्कूल शिक्षा विभाग में गणक का पद अन्य विभाग के लेखापाल पद के समकक्ष है या नहीं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) पत्र क्रमांक 2266 दिनाँक 01.08.2015, दिनाँक 21.08.2015 को एवं स्मरण पत्र क्रमांक 2522 दिनाँक 19.10.2015, दिनाँक 31.10.2015 को प्राप्त हुआ है। (ख) संभागीय संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा भोपाल तथा होशंगाबाद संभाग के पृष्ठाकंन पत्र क्रमांक संसंसं/2015/1787-1 दिनाँक 23.11.2015 द्वारा अवगत कराया जा चुका है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सिंचाई हेतु तालाबों का पानी नहरों में छोड़ने विषयक
9. ( क्र. 509 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में कितने तालाबों में मछली पालन का कार्य किया जा रहा है एवं मछली पालन के लिए तालाबों में पानी रोकने पर क्या नियम है? (ख) निर्मित तालाबों में से किसानों की फसलों हेतु बनाई गई नहरों में पानी छोड़ने का क्या नियम है? तालाब में कितना पानी होना एवं कितना नहरों में फसलों के लिए छोड़ने का क्या नियम है? अलग-अलग तालाबों की जानकारी देवें? (ग) क्या वर्तमान में बडोद पानपुर तालाब में एक दो व्यक्तियों की भूमि डूब में होने के कारण तालाब का पानी खाली कर दिया जाता है जिससे अन्य किसानों ने विभाग में शिकायत की है उन शिकायतों पर क्या निर्णय लिया है? (घ) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में स्वीकृत मेरियाखेड़ी सोलिड वियर का कार्य कब तक प्रारंभ होगा एवं बाकली बंजारी काकड सेमली ढाबला महेश झांगरिया भटूनी एवं अन्य स्टापडेम (तालाब) की निर्माण स्वीकृति कब तक प्रदान हो जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मछली पालन का कार्य जल संसाधन विभाग द्वारा नहीं किया जाता है। निम्न 12 सिंचाई परियोजनाओं में मछली पालन किया जाना प्रतिवेदित है :- (1) आशावती, (2) जूनापानी, (3) धर्मराजेश्वर, (4) कोटेश्वर, (5) कराडि़या, (6) देवरी, (7) देवरिया विजय, (8) फतेहपुर चिकली, (9) गोपालपुरा, (10) बनी, (11) आसपुरा तथा (12) रहीमगढ़। सिंचाई जलाशयों में मतस्य पालन के लिए पानी नहीं रोका जाता है। (ख) वर्षा ऋतु उपरांत सिंचाई जलाशयों में उपलब्ध जल और परियोजना के सैच्य क्षेत्र के मद्देनज़र सिंचाई के लिए ऐलान किया जाता है कि कितनी बार जल दिया जाएगा। (ग) बडौद पानपुर जलाशय एक निमज्जित तालाब है। निमज्जित तालाब में डूब क्षेत्र की भूमि अधिग्रहित नहीं की जाती है और वर्षा ऋतु उपरांत तालाब खाली कर डूब क्षेत्र के कृषक रबी सिंचाई करते है। (घ) मोरियाखेड़ी वियर का निर्माण कार्य नवम्बर 2015 में प्रारंभ हो गया है। बाकली परियोजना की साध्यता दिनाँक 28.08.2015 को जारी की गई है। बजारी एवं ढाबला महेश परियोजनाएं साध्य नहीं पाई गई हैं। प्रश्नाधीन शेष परियोजनाएं स्वीकृति हेतु विचाराधीन नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
अनुदान राशि के ट्रांसफार्मरों के बारे में जानकारी
10. ( क्र. 510 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में कितने विद्युत ट्रांसफार्मर कृषक अनुदान योजना के तहत स्वीकृत किये गये है, विधानसभा क्षेत्रवार अलग-अलग बतावें? (ख) मंदसौर जिले में कृषक अनुदान योजना में स्वीकृत विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों में से कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर लगाये जा चुके हैं, वित्तीय वर्षवार संख्या बतावें? (ग) मंदसौर जिले में कृषक अनुदान योजना में ऐसे कितने उपभोक्ता हैं जिनकों पांच माह (योजना में कार्य संपादित किये जाने की अवधि) से अधिक समय से राशि जमा होने के बाद भी दिनाँक 15.11.2015 तक लाईन विस्तार कार्य पूर्ण करके स्थाई सिंचाई पम्प कनेक्शन उपलब्ध नहीं कराये गये हैं, संख्या बतावें? (घ) ऐसे कितने कास्तकार हैं जिनसे पूर्व में बताई गई राशि जमा कराने के बाद भी विभाग द्वारा और राशि जमा कराने की बोलकर ट्रांसफार्मर आज तक नहीं लगाए है या पूर्व में जमा राशि के बाद भी राशि जमा करानी पड़ी है उसके बाद ट्रांसफार्मर लगाए गये है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मंदसौर जिले में कृषकों को स्थायी विद्युत पम्प कनेक्शन प्रदान करने हेतु लागू योजना के अन्तर्गत स्वीकृत वितरण ट्रांसफार्मरों की कुल संख्या 3349 है जिनकी विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) मंदसौर जिले में कृषकों को स्थायी विद्युत पम्प कनेक्शन प्रदान करने हेतु लागू योजना के अन्तर्गत कुल स्वीकृत 3349 वितरण ट्रांसफार्मरों में से कुल 2969 वितरण ट्रांसफार्मर लगाये जा चुके हैं। विधानसभा क्षेत्रवार/वित्तीय वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) मंदसौर जिले में कृषकों को स्थायी विद्युत पम्प कनेक्शन प्रदान करने हेतु लागू योजना में उल्लेखित कार्य संपादित किये जाने की अवधि पाँच माह (150 दिवस) से अधिक समय से राशि जमा होने के बाद भी दिनाँक 15.11.2015 तक की स्थिति में कुल 305 प्रकरणों में लाईन विस्तार कार्य पूर्ण कर स्थायी सिंचाई पंप कनेक्शन उपलब्ध नहीं कराये जा सके हैं। (घ) मंदसौर जिले में कृषकों को स्थायी विद्युत पम्प कनेक्शन प्रदान करने हेतु योजना में ऐसे कुल 29 प्रकरण हैं जिनमें पूर्व में बताई गई राशि जमा कराने के बाद भी पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा और राशि जमा कराने हेतु आवेदकों को लेख किया गया है तथा वितरण ट्रांसफार्मर आज तक नहीं लगाये जा सके हैं। प्रश्नाधीन क्षेत्र में पूर्व में जमा राशि के बाद भी राशि जमा कराना पड़ी हो और उसके बाद विद्युत वितरण ट्रासफार्मर लगाये गये हैं, ऐसे प्रकरणों की कुल संख्या 45 है।
गुना जिले में जले हुये विद्युत ट्रांसफार्मर बदले जाना
11. ( क्र. 532 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गत एक माह पूर्व माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा ऐसी घोषणा की गई थी कि म.प्र. में ग्रामीण अंचल के किसानों के जले हुये विद्युत ट्रांसफार्मर 10 प्रतिशत राशि जमा कराकर विद्युत कम्पनी द्वारा बदले जावेंगे? (ख) यदि हाँ, तो क्या गुने जिले में विद्युत कम्पनियों द्वारा मान. मुख्य मंत्री जी की घोषणा के आदेश का पालन किया है या 50 प्रतिशत बिल की राशि जमा करने के बाद विद्युत ट्रांसफार्मर बदले हैं? कौन से आदेशों का किस दिनाँक से पालन किया है? (ग) यदि प्रश्नांक (क) एवं (ख) के अनुसार जिन किसानों के विद्युत ट्रांसफार्मर यदि 50 प्रतिशत राशि जमा कर बदले हैं, तो क्या शासन उन किसानों को घोषणा के अनुसार वसूली गई शेष 40 प्रतिशत राशि वापस की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा जो घोषणाऐं की जाती है उनके शासन द्वारा आदेश जारी किये जाते हैं? यदि हाँ, तो उन आदेशों का अमल शीघ्र क्यों नहीं होता? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ, माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा इस हेतु निर्णय लिया गया है। (ख) गुना जिले में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा माननीय मुख्यमंत्रीजी के निर्णय के अनुसार उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत बिल की बकाया राशि का 10% जमा करने पर फेल/जले हुए वितरण ट्रांसफार्मर बदले जा रहे हैं। इस संबंध में जारी म.प्र. शासन के आदेश क्रमांक 10258 दिनाँक 28.10.2015 की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। आदेश दिनाँक 28.10.2015 से ही निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया गया है। (ग) उत्तरांश ''ख'' में दर्शाए अनुसार फेल/जले हुए ट्रांसफार्मर वर्तमान में बदले जा रहे हैं। बिजली बिल समय से जमा किया जाना उपभोक्ता की जिम्मेदारी है। बकाया राशि का 10% जमा करना न्यूनतम राशि है, जिसके उपरांत ही बकाया राशि के कारण बंद ट्रांसफार्मर को चालू करने का प्रावधान है। बकाया राशि के 10 प्रतिशत से अधिक की राशि संबंधित किसानों के बिलों की बकाया राशि के विरूद्ध समायोजित की गयी है। बकाया राशि के विरूद्ध जमा राशि वापिस करने के कोई प्रावधान नहीं हैं। (घ) जी हाँ। सभी आदेशों पर तत्काल अमल किया जाता है।
रमनगरा पेयजल पाईप लाईन के क्षतिग्रस्त होने की जाँच
12. ( क्र. 566 ) श्री तरूण भनोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर स्थित रमनगरा राईजिंग पेयजल मेनलाईन बरगी हिल्स एवं सगडा के समीप कितने बार क्षतिग्रस्त हुई है, एवं उसके सुधार कार्य हेतु कहां-कहां से टीमें बाहर से बुलाई गई थी एवं उन्हें कितना-कितना भुगतान किया है? विगत तीन वर्षों की जानकारी दी जावे? (ख) क्या गुणवत्ताविहीन वर्णित (क) की पार्इप लाईन बिछाकर तत्कालीन ए.डी.बी. के अधिकारियों द्वारा अनियमितता की है? क्या इसकी उच्च स्तरीय जाँच कराकर दोषियों पर कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्या वर्णित (क) की मेनलाईन बार-बार क्षतिग्रस्त होने से प्रत्येक बार नागरिकों को 3 से 4 दिनों तक पेयजल प्राप्त नहीं होता है एवं इन्हें अन्यत्र स्थानों से पेयजल परिवहन करके लाना पड़ता है? (घ) यदि वर्णित (ग) सही है तो कब तक वर्णित (क) की पाईप लाईन को स्थायी रूप से ठीक कर लिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गढ़ा बाजार जबलपुर स्थित भूमि का स्वामित्व
13. ( क्र. 567 ) श्री तरूण भनोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गढ़ा बाजार पुराने थाने को शिफ्ट हुये लगभग दो दशक से अधिक का समय हो चुका है उक्त रिक्त हुये थाने की भूमि पर वर्तमान में किसका स्वामित्व है? एवं उसका क्या उपयोग हो रहा है? (ख) यदि प्रश्नांश ‘’क’’ वर्णित भूमि पर नगर-निगम जबलपुर का स्वामित्व है तो क्या वहां सुविकसित सब्जी बाजार बनाया जा सकता है? यदि हाँ, तो प्रस्ताव कब तक पारित किया जावेगा? (ग) गढ़ा बाजार स्थित पुलिस क्वार्टर की जमीन एवं गढ़ा बाजार पुराने थाने के सामने की जमीन जिस पर वर्तमान में पुलिसकर्मी निवास कर रहे हैं किसके स्वामित्व की जमीनें हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) गढ़ा बाजार म.न. 694 गवर्मेंट प्रापर्टी के नाम से दर्ज है, भूमि पर मध्यप्रदेश शासन का स्वामित्व है। जिसमें वर्तमान में पुलिस कर्मचारी का शासकीय निवास है एवं आधे भाग में पुलिस चौकी गढ़ा स्थापित है। (ख) प्रश्नांश ‘’क’’ वर्णित भूमि पर वर्तमान में पुलिस चौकी एवं पुलिस क्वार्टर है। नगर निगम के अधिपत्य में यह भूमि नहीं है। जिसके कारण सब्जी बाजार का प्रस्ताव नगर निगम द्वारा तैयार नहीं किया गया है। (ग) गढ़ा बाजार पुलिस क्वार्टर के सामने म.न. 03 वीरेन्द्रपुरी वार्ड में यह गवर्मेंट प्रापर्टी है, जिसमें वर्तमान में पुलिसकर्मी का शासकीय निवास है एवं गढ़ा बाजार पुलिस क्वार्टर की जमीन म.न. 702 से 724 तक नगर निगम की पुरानी कर-निर्धारण पंजी में गवर्मेंट प्रापर्टी दर्ज है, जिसमें पुलिस क्वार्टर है एवं पुलिसकर्मी रह रहे हैं। भूमि पर स्वामित्व मध्यप्रदेश शासन का है।
अटल ज्योति योजना का क्रियान्वयन
14. ( क्र. 590 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अटल ज्योति योजनान्तर्गत प्रदेश में कुल कितने ग्रामों को लाभांवित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, लक्ष्य पूर्ति हेतु क्या कोई समय तय है? यदि हाँ, तो इस ओर क्या प्रगति है? (ख) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत अटल ज्योति योजनांतर्गत किन-किन ग्रामों में फीडर सेपरेशन पूर्ण हो चुका है व 24 घण्टे विद्युत की उपलब्धता है? शेष ग्रामों में कब तक कार्य पूर्ण होगा? (ग) मेरे विधानसभा क्षेत्र सुसनेर में अटल ज्योति योजनांतर्गत लंबित कार्यों की शीघ्र पूर्णता हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? जो ग्राम उक्त योजना में शामिल नहीं है, उनमें विद्युत उपलब्धता हेतु क्या प्रक्रिया अपनाई जावेगी? (घ) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर में अनुभाग सुसनेर में सुसनेर ग्रामीण व सुसनेर शहरी पृथक-पृथक विद्युत वितरण केंद्र करने संबंधी कोई प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है? यदि हाँ, तो विद्युत वितरण केंद्र कब तक पृथक किए जावेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन उल्लेखित ''अटल ज्योति योजना'' कोई योजना नहीं अपितु मध्य प्रदेश के समस्त जिलों के अंतर्गत आने वाले समस्त राजस्व ग्रामों के घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को 24:00 घण्टे एवं कृषि उपभोक्ताओं को 10 घण्टे विद्युत प्रदाय किये जाने का एक अभियान है। उक्त अभियान के अंतर्गत जून 2013 से संपूर्ण प्रदेश में उक्तानुसार विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराया जा रहा है। (ख) उत्तरांश ‘क’ में उल्लेखानुसार अटल ज्योति अभियान में घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को 24 घण्टे एवं कृषि उपभोक्ताओं को 10 घण्टे विद्युत प्रदाय किये जाने का उद्देश्य था, न कि फीडर विभक्तिकरण किये जाने का। विधानसभा क्षेत्र सुसनेर के अंतर्गत फीडर सेप्रेशन योजना में कुल 204 राजस्व ग्रामों में से 118 राजस्व ग्रामों में फीडर विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है, शेष 86 राजस्व ग्रामों का कार्य प्रगति पर है। वर्तमान में प्रश्नाधीन सभी 204 राजस्व ग्रामों में प्राकृतिक आपदा या अन्य तकनीकी कारणों से हुए आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर घरेलू उपयोग हेतु 24:00 घण्टे विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराया जा रहा है। फीडर विभक्तिकरण के कार्य हेतु शेष बचे 86 राजस्व ग्रामों का फीडर विभक्तिकरण का कार्य माह जनवरी 2016 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शाए अनुसार है। (ग) अटल ज्योति अभियान के अंतर्गत कोई कार्य प्रस्तावित नहीं होकर इसका उद्देश्य सभी घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 24 घण्टे तथा कृषि उपभोक्ताओं के लिए 10 घण्टे विद्युत प्रदाय करना था। प्रश्नाधीन क्षेत्र में फीडर विभक्तिकरण योजना के अंतर्गत लंबित कार्यों को शीघ्र पूर्ण कराने हेतु निरंतर समीक्षा की जा रही है तथा सामग्री एवं श्रमिकों की उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने के प्रयास किये जा रहे है। विधानसभा क्षेत्र सुसनेर के अंतर्गत पूर्व से ही समस्त राजस्व ग्रामों को फीडर विभक्तिकरण योजना के अंतर्गत शामिल कर लिया गया था। जिन ग्रामों के लिए फीडर विभक्तिकरण का कार्य अभी पूर्ण नहीं हुआ है उनमें भी मिश्रित 11 के.व्ही. फीडरों के माध्यम से आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर घरेलू उपयोग हेतु 24:00 घण्टे एवं सिंचाई हेतु 10:00 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (घ) जी नहीं, वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
शराब फैक्ट्री से निकलने वाले अपशिष्ट पानी से विपरीत प्रभाव
15. ( क्र. 623 ) श्री राजकुमार मेव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम खेड़ी में निर्मित शराब फैक्ट्री से निकलने वाले अपशिष्ट पानी से कृषि भूमि के बंजर होने एवं आस-पास क्षेत्र के निवासियों के जन जीवन पर विपरीत प्रभाव पढ़ने संबंधी प्रश्नकर्ता द्वारा की गई शिकायत पर विभाग द्वारा जाँच दल का गठन किया गया है? यदि हाँ, तो जाँच दल की जानकारी दी जावे? (ख) प्रश्न (क) के संदर्भ में जाँच दल द्वारा क्षेत्र में कब जाँच की गई तद्संबंध में प्रश्नकर्ता को जाँच की तिथि से अवगत कराया गया था? यदि नहीं, तो जाँच दल द्वारा किन कारणों से जाँच के वक्त प्रश्नकर्ता का उपस्थित रहने हेतु सूचित नहीं किया? जाँच दल द्वारा जाँच में क्या पाया गया? (ग) क्या जाँच दल द्वारा जाँच मात्र औपचारिकता हेतु की गई है एवं वर्तमान में भी आस-पास के क्षेत्र के कुँओं, ट्यूबवेल में लाल पानी निकलता है एवं आस-पास क्षेत्र की भूमि पर प्रदूषित हो रही है? तथा हवा भी बदबूदार होकर स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालकर जन जीवन प्रभावित कर रही है? (घ) क्या शराब फैक्ट्री से निकलने वाले अपशिष्ट पानी से कृषि भूमि के बंजर होने एवं आस-पास के निवासियों के जीवन पर विपरीत प्रभाव पढ़ने संबंधी शिकायतों की जाँच हेतु विधान सभा सदस्यों की समिति गठित की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वस्तुस्थिति यह है कि मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दिनाँक 20/2/2013 से निम्नानुसार जाँच दल का गठन किया गयाः- (1) एसडीएम, बड़वाहा अथवा प्रतिनिधि जिला खरगौन-अध्यक्ष (2) कार्यपालन यंत्री अथवा प्रतिनिधि पीएचई, बड़वाह, खरगौन-सदस्य (3) उपसंचालक अथवा उनके प्रतिनिधि कृषि विभाग, बड़वाह, खरगौन-सदस्य (4) जिला आबकारी अधिकारी अथवा उनके प्रतिनिधि, बड़वाह, खरगौन-सदस्य (5) मुखय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी अथवा उनके प्रतिनिधि, बड़वाहा, खरगौन-सदस्य (6) महाप्रबंधक अथवा उनके प्रतिनिधि जिला उद्योग केन्द्र, बड़वाहा, खरगौन-सदस्य (7) क्षेत्रीय अधिकारी, मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, इंदौर-संयोजक। (ख) जाँच दल द्वारा दिनाँक 30/6/2013 को जाँच कार्य किया गया था। जाँच दल का सदस्य न होने के कारण प्रश्नकर्ता को जाँच की तिथि से अवगत नहीं कराया गया। जाँच के दौरान उद्योग से दूषित जल का निस्सारण नहीं पाया गया तथा आसपास के क्षेत्र की कृषि भूमि, स्वास्थ्य एवं जन-जीवन प्रभावित होने जैसी स्थिति नहीं पाई गई। उद्योग के समीप स्थित खुले कुँओं में भूरे रंग का पानी होने की स्थिति पाई गई। (ग) जी नहीं। वर्तमान में आसपास के क्षेत्र के कुँओं, ट्यूबवेल में लाल पानी निकलने, भूमि, हवा, जन-जीवन एवं स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ने की कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खराब ट्रांसफार्मर की प्राप्त शिकायतों का निराकरण
16. ( क्र. 624 ) श्री राजकुमार मेव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा कृषि कार्य में सिंचाई हेतु 10 घंटे विद्युत प्रवाह के निर्देश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो महेश्वर विधानसभा में किसानों को नियमानुसार 10 घंटे विद्युत प्रवाह किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्या कारण है? (ख) शासन द्वारा किसानों को कृषि कार्य में सिंचाई हेतु नियमानुसार विद्युत प्रवाह के क्या नियम हैं? ट्रांसफार्मर खराब होने पर कितने समय में बदलना, ट्रांसफार्मर ओवरलोड होने पर क्या वैकल्पिक व्यवस्था की जाती है? (ग) महेश्वर विधानसभा क्षेत्र में दिनाँक 01.04.15 से प्रश्न दिनाँक तक कितने ट्रांसफार्मर अधिक भार होने संबंधी एवं ट्रांसफार्मर खराब होने संबंधित मौखिक सूचना, आवेदन एवं शिकायत प्राप्त हुई है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में खराब ट्रांसफार्मर कब-कब सुधार कर लगाये अथवा परिवर्तित किये गये एवं अतिरिक्त भार होने पर कौन-कौन सी वैकल्पिक व्यवस्था कहां-कहां की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। महेश्वर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत भी कृषि उपयोग हेतु आकस्मिक व्यवधानों को छोड़कर 10 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ख) महेश्वर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कृषि हेतु 11 के.व्ही. फीडरों को 2 समूहों में विभक्त कर विद्युत प्रदाय किये जाने का विवरण इस प्रकार है- समूह-अ-22:00 से 02:00 एवं 06:00 से 12:00 बजे तक (कुल 10:00 घण्टे) समूह-ब-02:00 से 06:00 एवं 12:00 से 18:00 बजे तक (कुल 10:00 घण्टे) समूह-‘अ’ एवं ‘ब’ के फीडरों की समय सारणी प्रत्येक 15 दिवस में आपस में परिवर्तित की जाती है। ट्रांसफार्मर खराब होने पर निम्नानुसार निर्धारित समय-सीमा में बदलने का प्रावधान है :- 1. शहरी क्षेत्र में-अधिकतम 24 घण्टे में। 2. ग्रामीण क्षेत्र में सूखे मौसम में 72 घण्टे के अंदर एवं मानसून के मौसम (माह जुलाई से सितंबर तक) में 07 दिवस के अंदर। ट्रांसफार्मर ओव्हर लोड होने पर जब तक क्षमतावृद्धि अथवा अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाने की कार्यवाही नहीं हो जाती है, तब तक यदि तकनीकी रूप से संभव हो तो अन्य नजदीकी ट्रांसफार्मर पर भार स्थानांतरित कर वैकल्पिक व्यवस्था की जाती है। (ग) महेश्वर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत दिनाँक 01.04.2015 से 15.11.2015 तक ट्रांसफार्मर पर अधिक भार होने एवं ट्रांसफार्मर खराब होने संबंधी मौखिक सूचना, आवेदन एवं प्राप्त शिकायतों की संख्या इस प्रकार है- 1. ट्रांसफार्मर अधिक भार संबंधी-07 2. ट्रांसफार्मर खराब होने संबंधी- 115 (घ) प्रश्नांश ''ग'' के संदर्भ में ट्रांसफार्मर खराब होने अथवा जलने की सूचना मिलने पर निर्धारित समयावधि में 115 ट्रांसफार्मर लगाये गये जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। अतिभारित ट्रांसफार्मरों के संबंध में प्राप्त शिकायतों के तारतम्य में 04 स्थानों पर वैकल्पिक व्यवस्था के अंतर्गत अन्य नजदीकी ट्रांसफार्मरों पर भार स्थानांतरित किया गया है, 01 स्थान के लिए अतिरिक्त 100 के.व्ही.ए. क्षमता का ट्रांसफार्मर स्वीकृत है एवं अन्य 02 स्थानों पर कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की जा सकी है जिनके लिए भविष्य में वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार क्षमता वृद्धि के कार्य किये जावेंगे। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति
17. ( क्र. 629 ) श्री प्रताप सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले के जबेरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत नरगुवां जलाशय, धनेटा जलाशय, पुरा काजबे कम बैराज, दसोंदी काजबे कम बेराज, भोपाठा काजबे कम बेराज, झापन नाला वेयर, कोटखेड़ा, बरयाघाट वेयर, कोसमदा मछली घाट वेयर, खेरमाई वेयर आदि योजनाएं शासन स्तर पर स्वीकृति हेतु लंबित थी, क्या इनकी स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है, यदि हाँ, तो उनका प्रथम स्तरीय प्राक्कलन क्या है? यदि नहीं, तो अभी तक प्रशासकीय स्वीकृति जारी न होने का क्या कारण रहा है? (ख) दमोह जिले में प्रश्न दिनाँक तक कितनी प्रस्तावित सिंचाई योजनाओं की कितनी-कितनी राशि की प्रशासकीय स्वीकृति जारी हुई है? योजनावार बतलावें। योजनाओं के क्रियान्वयन से कितनी भूमि सिंचित होगी तथा कितने ग्रामों के कितने कृषक लाभान्वित होंगे? (ग) क्या विश्व बैंक परियोजना में निहित प्रावधान के अनुरूप परामर्शी सेवाओं के अंतर्गत मेसर्स कन्सल्टिंग इंजीनियरिंग सविर्सेस नई दिल्ली को स्कीम प्रोड्क्टिविटी इम्प्रूवमेंट परामर्शी सेवा के लिए अनुबंध क्रं.14 दिनाँक 11/01/2008 से अनुबंधित किया गया है? यदि हाँ, तो अनुबंध एक मुश्त निविदा पर कितना भुगतान किया गया है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के ''प्रपत्र-अ'' अनुसार है। (ख) प्रथम दृष्टया साध्य पाई गई परियोजनाओं की जानकारी ''प्रपत्र-ब'' अनुसार है। डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से रूपांकित सिंचाई क्षमता तथा लाभांवित कृषकों की जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। राशि रू.6,22,88,952/- का भुगतान किया गया है।
शासन की राशि का अपव्यय
18. ( क्र. 669 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा प्रश्न संख्या 25 क्र. 906 दिनाँक 28/7/2015 के प्रश्नांश (ख) के पुस्तकालय परिशिष्ट के प्रपत्र (ब) में प्रशासकीय स्वीकृति राशि अंकित नहीं है तथा कार्य की प्रगति कम है इसके लिए कौन दोषी है? (ख) प्रश्नांश (घ) से संबंधित उत्तर के पुस्तकालय परिशिष्ट (स) वर्ष 14-15 एवं 15-16 व्यय 621.07 तथा 536.45 दर्शाया गया जिसका धरातल पर काम नहीं हुआ उपयोगिता प्रमाण पत्रों की प्रतियां दें? (ग) तालाबों के निर्माण तथा उनके जीर्णोद्धार हेतु कितनी राशि शासन द्वारा छतरपुर जिले तथा नहरों के सुधार हेतु प्रश्न दिनाँक तक (15-16) में दी गई उसका विवरण दें तथा क्या कार्ययोजना बनाई गई स्पष्ट करें? (घ) शासन की राशि का अपव्यय के संबंध में धरातल पर कार्यों की जाँच कमेटी गठित की जावेगी? यदि हाँ, तो कब नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रश्नाधीन प्रश्न में सिंचाई परियोजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति की राशि देना प्रश्न से उद्भूत नहीं था। कार्यों की प्रगति की गति संतोषजनक है। लघु सिंचाई परियोजना स्वीकृति के वर्ष को छोड़कर 2 वर्ष में तथा मध्यम सिंचाई परियोजना स्वीकृति से 4-5 वर्ष में पूर्ण होती है। अत: प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ख) जी नहीं, कार्यों के माप के आधार पर भुगतान किया जाना प्रतिवेदित है। उपयोगिता प्रमाण-पत्र जारी करने की व्यवस्था नहीं है। पूर्ण परियोजनाओं में पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी किए जाते है। पूर्ण की गई 7 परियोजनाओं के पूर्णता प्रमाण-पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' (पृ.1 से 14) अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-अ'' अनुसार है। लघु सिंचाई परियोजनाओं को स्वीकृति के वर्ष को छोड़कर 2 वर्ष में तथा वृहद एवं मध्यम परियोजनाओं को 5 वर्ष में पूरा कराया जाने की कार्य योजना है। (घ) जी नहीं। अपव्यय की स्थिति नहीं होने के कारण।
इंदिरा सागर परियोजना अंतर्गत विद्युत उत्पादन
19. ( क्र. 683 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनाँक 01.01.2014 से 30.10.2015 तक इंदिरा सागर परियोजना के अंतर्गत कितना विद्युत उत्पादन हुआ, प्लांट की विद्युत उत्पादन क्षमता कितनी है, परियोजना में क्षमता के किस अधिकतम बिंदु तक विद्युत उत्पादन हुआ है, वर्षवार उत्पादन बतायें? इस बिजली को किन-किन राज्यों को किस दर पर कितनी बिजली बेची गई, वर्षवार बतायें? (ख) नर्मदा विकास संभाग 19 के अंतर्गत कठोरा उद्वहन सिंचाई योजना के निविदाकर्ता को कितना भुगतान किया गया कार्यवार भुगतान बतायें? क्या निविदाकर्ता द्वारा प्रत्येक 100 मीटर की दूरी पर हाईड्रो टेस्टिंग की गई है? यदि हाँ, तो इस टेस्टिंग की अवधि में किस उपयंत्री की ड्यूटी थी नाम तथा कार्य का समयकाल बतायें? इस योजना की नहरों में पानी लिकेज एवं निस्तार की समस्या क्यों आ रही है? (ग) उक्त योजना में किसी निविदाकर्ता के विरूद्ध कोई कठोर निर्णय लिया गया है जानकारी देवें? इस योजना में निविदाकर्ता को बदला है? (घ) अपरवेदा सिंचाई योजना की नहर निर्माण में विभाग को प्राप्त ऑडिट आपत्तियों एवं उसके जवाब की एक प्रति देवें
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’ब’’ अनुसार है। निविदाकर्ता द्वारा प्रत्येक 100 मी. की दूरी पर हाईड्रोटेस्टिंग का कार्य नहीं किया गया है, अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। इस योजना में पाईप लाईनों के ज्वांइट्स में व्यवधान होने के कारण लीकेज की समस्या आ रही है। (ग) मेसर्स आर.बी.कृष्णानी निविदाकर्ता का दिनाँक 17/04/2014 को अनुबंध समाप्त करते हुये ठेकेदार की सुरक्षा निधि राशि को राजसात कर लिया गया है। जी हाँ। (घ) महालेखाकार भोपाल द्वारा संभाग से संबंधित आडिट आपत्तियों एवं जवाब का विवरण ‘’पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ‘’स, द, इ, एवं ई’’ अनुसार है।
गढखजुरीया में तालाब निर्माण
20. ( क्र. 711 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम गढखजुरीया तह. सोनकच्छ में तालाब स्वीकृत है? यदि है तो किस स्थिति में है यदि नहीं, तो क्या भविष्य में तालाब बनने की योजना है? (ख) उक्त तालाब कब स्वीकृत किया गया था? क्या आज दिनाँक तक तालाब का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है या नहीं? (ग) नहीं तो क्यों नहीं? निर्माण में हो रही देरी का क्या कारण है तथा इसके दोषियों पर क्या कार्यवाही होगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) जी नहीं। सीमित संसाधनों के परिप्रेक्ष्य में स्वीकृत एवं निर्माणाधीन परियोजनाओं को पूर्ण कराना सर्वोच्च प्राथमिकता होने के कारण प्रश्नाधीन परियोजना विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते है।
विजयगढ़ मुरम्या में स्टाप डेम निर्माण
21. ( क्र. 712 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टोंकखुर्द तह. अंतर्गत विजयगढ़ मुरम्या में स्टाप डेम स्वीकृत है? (ख) यदि स्वीकृत है तो कब तक इसका निर्माण कार्य शुरू होगा? यदि स्वीकृत नहीं है तो क्या विभाग द्वारा इसकी स्वीकृति हेतु कोई कार्यवाही प्रचलित है। (ग) यदि कार्यवाही प्रचलित है तो विवरण देवें? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) जी नहीं। प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। स्वीकृति हेतु कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते है।
इन्दौर शहर में अवैध शराब का प्रदाय
22. ( क्र. 723 ) श्री राजेश सोनकर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर शहर में कितने बहुमंजिला इमारतों में पब व कितने रेस्टोरेन्टों में शराब परोसने का लायसेंस प्रदाय किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इंदौर शहर में कुछ दिनों पूर्व रात्रि 11 बजे के पश्चात् भी अवैध रूप से शराबखोरी की शिकायतें प्राप्त हुई थी? क्या इसके कारण रहवासीय क्षेत्रों की आबोहवा खराब होने की शिकायतें प्राप्त हुई थी? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या इंदौर शहर में हो रही अवैध शराबखोरी के खिलाफ शासन, प्रशासन, द्वारा इन पबों, रेस्टोरेन्टों (एफ.एल.2, एफ.एल.3) का लायसेंस निरस्तीकरण की कोई कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं, तो क्या भविष्य में इस संबंध में कोई कार्यवाही की जायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम, 1915 के अन्तर्गत पब लायसेंस स्वीकृत किये जाने संबंधी कोई प्रावधान नहीं है। इन्दौर शहर में वर्ष 2015-16 के लिये 28 एफ.एल. 2 रेस्टोरेंट बार, 30 एफ.एल.-3 होटल बार, 4 एफ.एल.-4 सिविलियन क्लब बार एवं 11 एफ.एल.-4ए व्यावसायिक क्लब बार में शराब परोसने का लायसेंस प्रदाय किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। (ग) अवैध शराबखोरी के खिलाफ प्रशासन द्वारा गठित विभिन्न विभागों के अधिकारियों के दल द्वारा पब, रेस्टोरेंट एवं होटलों के विरूद्ध रात्रिकालीन विशेष अभियान चलाया जाकर पब एवं रेस्टोरेंट के खिलाफ नियमित कार्यवाही की जा रही है। इसी क्रम में दिनाँक 22.09.2015 को एफ.एल.-2 रेस्टोरेंट बार लेबिल थ्री निर्धारित समय (रात्रि 12:00 बजे) के पश्चात खुला पाये जाने से विधिवत कार्यवाही कर लायसेंस निलंबित किया गया है। इसी प्रकार इन्दौर शहर के एफ.एल.-2 रेस्टोरेंट बार क्रमश: केलिप्सो क्लब एण्ड लाउन्ज रेस्टोरेंट को दिनाँक 27.09.2015 एवं शीशा स्काय लाउन्ज रेस्टोरेंट को दिनाँक 29.10.2015 को निर्धारित समय के पश्चात खुला पाये जाने से लायसेंसियों के लायसेंस निलंबित/निरस्त करने संबंधी कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये है।
विभाग को प्राप्त विधायक निधि
23. ( क्र. 791 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में वर्ष 2014-15 में कितने कार्य एवं कितनी राशि विधायक निधि से ग्रामीण यांत्रिकी सेवा सागर को आवंटित किये गये थे? (ख) क्या वर्ष 2014-15 में विधायक निधि से स्वीकृत राशि आयुक्त विकास भोपाल के खाते में जमा होती है? यदि हाँ, तो कितनी राशि सागर जिले की आठ विधानसभाओं से जमा हुई? (ग) क्या प्राप्त हुई राशि आयुक्त विकास द्वारा वर्ष 2014-15 में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा सागर को हस्तांतरित की गई थी? यदि नहीं, तो क्यों कारण बतावें? (घ) वर्ष 2014-15 की विधायक निधि की राशि विकास कार्यों हेतु कब तक संबंधित कार्य एजेंसी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा सागर को हस्तांतरित की जावेगी? समय-सीमा बतावें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजनान्तर्गत 31 निर्माण कार्यों हेतु 63.20 लाख की राशि ग्रामीण यांत्रिकी सेवा सागर को आवंटित की गई थी। (ख) जी हाँ। वर्ष 2014-15 में 20.75 लाख की राशि आवंटित की गई। शेष राशि लैप्स होने के कारण तृतीय अनुपूरक अनुमान में प्राप्त होते ही जारी की जावेगी। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) शासन से तृतीय अनूपूरक बजट अनुमान में राशि प्राप्त होने के उपरांन्त आवंटित की जावेगी।
बेवस नदी पर स्थित एनीकट
24. ( क्र. 792 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र नरयावली के ग्राम पंचायत बन्नाद में बेवस नदी पर नगर निगम द्वारा स्थापित एनीकट को शासन ने सेना के उपयोग हेतु दिया है? (ख) यदि हाँ, तो कितने समय के लिये एवं किन शर्तों पर दिया गया? (ग) वर्तमान में एनीकट का उपयोग सेना के अलावा ग्रामीणों को उपयोग किया जाना वर्जित है? (घ) यदि हाँ, तो वर्तमान परिस्थितियों में जल समस्या को देखते हुये ग्रामीणों को उपयोग किये जाने हेतु शासन द्वारा काई कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) नगर निगम, सागर द्वारा वर्ष 2014 से सैन्य उपयोग हेतु एनीकट दिया गया है, जिसकी अवधि वर्ष 2015 तक बढ़ा दी गई है। एनीकट इस शर्त पर दिया गया है कि इस पर आधिपत्य नगर निगम, सागर का होगा एवं राजघाट योजना द्वितीय चरण का कार्य प्रारंभ होते ही एनीकट को नगर निगम, सागर को सौंपना होगा। (ग) जी नहीं। (घ) शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रहवासी एवं व्यावसायिक मकान नक्शा के पंजीबद्ध प्रकरण के संबंध में
25. ( क्र. 795 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका मकरोनिया बुजुर्ग द्वारा दिनाँक 01 अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनाँक तक कितने रहवासी एवं व्यावसायिक मकान नक्शा प्रकरण पंजीबद्ध किये गये? (ख) पंजीबद्ध प्रकरणों में कितने रहवासी एवं व्यावसायिक प्रकरणों को स्वीकृति प्रदान की गई? (ग) स्वीकृत प्रकरणों से नगर पालिका द्वारा कितना शुल्क लिया एवं किस आधार पर लिया?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) नगर पालिका परिषद्, मकरोनिया खुर्द द्वारा 1 अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनाँक तक रहवासी भवनों के 65 तथा व्यावसायिक भवनों के कुल 2 प्रकरण पंजीबद्ध किए गए। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) पंजीबद्ध में से रहवासी भवनों के 46 तथा व्यवसायिक भवनों के 2 प्रकरणों को स्वीकृति दी गई। (ग) स्वीकृत प्रकरणों में भूमि विकास नियम 2012 में निर्धारित दर से अनुज्ञा शुल्क एवं म.प्र. भवन एवं संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल को (लागत राशि 10.00 लाख से अधिक होने पर) लागत का 1 प्रतिशत उपकर जमा कराया जाता है। तद्नुसार आवासीय भवनों से 78,050/- तथा व्यवसायिक भवनों से रूपयें 4,000/- भवन अनुज्ञा शुल्क लिया गया। कर्मकार कल्याण मंडल की राशि रूपयें 1,61,569.00 जमा कराई गई।
सुविधा मुहैया कराना
26. ( क्र. 799 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विकासखण्ड टिमरनी जिला हरदा के ग्राम पोखरनी (शुक्ल) एवं ग्राम झाड़तलाई क्षेत्र के किसान सुकनी नाले/नदी से सिंचाई कर रहे हैं? यदि हाँ, तो कितने किसान कितने-कितने रकबे में सिंचाई कर रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो नाले में पानी का क्या स्त्रोत है? क्या इसमें नहरों का पानी छोड़ा जाता है? यदि हाँ, तो संबंधित किसानों से उसका जलकर वसूल किया जाता है? यदि हाँ, तो विभाग सुकनी नाले/नदी पर यथोचित स्थानों पर स्टाप डेम बनाकर सिंचाई की सुविधा मुहैया करायेगा? (ग) यदि हाँ, तो समयावधि बतावें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) जी हाँ। ग्राम पोखरनी (शुक्ल) के 04 कृषक 18.184 हेक्टर में और ग्राम झाड़तलाई के 80 कृषक 208.736 हेक्टर में। तवा परियोजना से सिंचाई उपरांत जल के रिसाव से नाले में पानी आता है। जल का स्त्रोत तवा परियोजना होने से जल कर आरोपित किया जाता है। जी नहीं, जल का बहाव समुचित होने से सिंचाई हेतु पर्याप्त जल उपलब्ध रहता है। प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
क्रेशर प्लान्ट संचालन
27. ( क्र. 845 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले के चंदला विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने क्रेशर प्लान्ट संचालित हैं और वे क्रमश: किस प्रकार के पत्थर गिट्टी डस्ट का निर्माण कर रहे हैं? ग्रामवार ब्यौरा प्रदान करें। (ख) क्रेशर प्लान्ट को आबादी, सार्वजनिक कृषि क्षेत्र से कितनी दूरी पर स्थापित किया जाना चाहिए इस संबंध में नियम बतावें? (ग) वर्तमान में चंदला विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत जो प्लान्ट स्थापित है उनमें से कितने ऐसे हैं जो निर्धारित दूरी के भीतर हैं? इस संबंध में पटवारी तथा अन्य राजस्व अधिकारियों की ग्राउन्ड रिपोर्ट कमेटी गठित कर ब्यौरेवार जानकारी प्रदाय करे? (घ) उक्त समस्या का लेकर चंदला विधान सभा क्षेत्र से कितनी शिकायतें प्राप्त हुयी कि उक्त क्रेशरों से जनजीवन स्वास्थ्य कृषि पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है तथा इनका निराकरण कब तक किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र में 15 क्रेशर प्लांट संचालित है जिनके द्वारा यांत्रिक क्रिया से गिट्टी का निर्माण किया जा रहा है। प्रश्नांश की शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) क्रेशर प्लांट स्थापना हेतु आबादी सार्वजनिक कृषि क्षेत्र से दूरी के संबंध में खनिज नियमों में कोई प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ‘ख’ में दिये उत्तर के प्रकाश में किसी भी प्रकार की कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नानुसार शिकायत प्राप्त न होने के कारण शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
कांडा कार्य निर्माण के अंतर्गत पुन: सुधार कराये जाना
28. ( क्र. 846 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न संख्या 126 (क्रमांक 2436) दिनाँक 28 जुलाई 2015 में कांडा कार्य चंदला विधानसभा चंदला क्षेत्र से क्षतिग्रस्त नालियों को रबी मौसम के पूर्व सुधार करने हेतु लिखित आश्वासन दिया गया था? तो क्या सभी कांडा कार्य द्वारा निर्मित सभी क्षतिग्रस्त नालियों का पुन: निर्माण कार्य कराया गया? (ख) यदि हाँ, तो किन-किन संस्थाओं की किन-किन नालियों का किन-किन अधिकारियों की देखरेख में कब कराया गया? नाली का क्रमांक, दिनाँक संस्थावार मूल्यांकनकर्ता अधिकारी एवं कर्मचारी का नाम सहित बतायें? (ग) यदि नहीं, तो निमार्ण कार्य कब तक कराया जायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) अभिलेखों के मुताबिक विधानसभा सचिवालय से प्रश्नाधीन आश्वासन दिये जाने की सूचना प्राप्त नहीं हुई है। क्षतिग्रस्त काड़ा नालियों में आवश्यकता अनुसार मरम्मत एवं सुधार करा लिया जाना प्रतिवेदित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में जले हुए ट्रांसफार्मर बदले जाना
29. ( क्र. 880 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन के ऊर्जा विभाग द्वारा किसानों द्वारा ट्रांसफार्मर पर बकाया राशि जमा करने के बाद कितने दिनों में जले हुए ट्रांसफार्मर बदलने का नियम है? अगर कोई नियम है तो नियम की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या राजगढ़ जिले की नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में किसानों के जले हुए ट्रांसफार्मर नियमानुसार बकाया राशि जमा करने के बाद, समय-सीमा में बदले गये? यदि नहीं, तो क्यो नहीं? सूची उपलब्ध करावे? (ग) यदि ट्रांसफार्मर समय-सीमा में नहीं बदले गये है तो क्या दोषी अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या नहीं तो क्यो नहीं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) म.प्र. विद्युत नियामक आयोग (वितरण अनुपालन मानदण्ड) विनियम 2012 के अनुसार शहरी क्षेत्र में अधिकतम एक दिवस एवं ग्रामीण क्षेत्र में शुष्क मौसम में तीन दिवस तथा वर्षाकाल जुलाई से सितम्बर में 7 दिवस में फेल ट्रांसफार्मर बदलने का नियम है। नियमानुसार बकाया राशि जमा होने के उपरांत फेल ट्रांसफार्मरों को बदलने हेतु उक्तानुसार अवधि में कार्यवाही की जाती है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ-1 अनुसार है। (ख) राजगढ़ जिले की नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में दिनाँक 01.04.2015 से अद्यतन स्थिति में किसानों के जले/खराब हुए 450 वितरण ट्रांसफार्मर नियमानुसार बकाया राशि की 10% जमा करने के बाद समय-सीमा में बदले गये है, जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ-2 अनुसार है। (ग) सभी ट्रांसफार्मर नियमानुसार समय-सीमा में बदले गये हैं, अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना
30. ( क्र. 974 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधानसभा के कितने ग्रामों में राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत बिजली लगाये जाने का कार्य अभी शेष हैं? यदि हाँ, तो किस कारण से शेष हैं? ग्रामवार जानकारी उपलब्ध कराये कि कौन से ग्रामों में बिजली लगना शेष है? उक्त कार्य में विलंब का कारण क्या है? इस विलम्ब हेतु जिम्मेदार कौन है? अधिकारी या ठेकेदार। क्या इन दोनों जिम्मेदार अधिकारी या ठेकेदार की गलती के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) क्या जनपद पंचा. बल्देवगढ़ की ग्राम पंचायत बुदौरा, के जगल न खेरा, खम्बे तक नहीं लगाये गये और बिजली का बिल देना प्रारंभ कर दिया है? क्या ऐसे अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (ग) क्या जिले टीकमगढ़ के बिजली विभाग के अधिकारियों द्वारा खरगापुर विधानसभा में संपूर्ण ग्रामों में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना का कार्य पूर्ण हो जाना बता दिया जाता है परन्तु अभी भी बहुत ग्रामों में बिजली कार्य अधूरा पड़ा है, जिसकी जाँच करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) खरगापुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 12वीं पंचवर्षीय योजना में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनांतर्गत 01 अविद्युतीकृत ग्राम के विद्युतीकरण एवं 141 विद्युतीकृत ग्रामों के सघन विद्युतीकरण के कार्य सम्मिलित हैं, जिसमें से 01 अविद्युतीकृत ग्राम के विद्युतीकरण एवं 31 विद्युतीकृत ग्रामें के सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर दिया गया है। वर्तमान में 110 विद्युतीकृत ग्रामों के सघन विद्युतीकरण करने का कार्य शेष है। उक्त शेष ग्रामों की ग्रामवार सूची संलग्न परिशिष्ट में दर्शाए अनुसार है। उक्त योजना का कार्य प्रारंभ करने की प्रभावी तिथि फरवरी 2015 है एवं कार्य पूर्ण करने की निर्धारित अवधि फरवरी 2017 तक है एवं कार्यरत ठेकेदार द्वारा खरगापुर विधानसभा क्षेत्र सहित टीकमगढ़ जिले में एक अविद्युतीकृत ग्राम के विद्युतीकरण एवं 109 विद्युतीकृत ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर 1312 बी.पी.एल. हितग्राहियों को नि:शुल्क बी.पी.एल. कनेक्शन प्रदाय कर दिये गये हैं। उक्त शेष ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य निर्धारित समयावधि में क्रमश: किया जा रहा है, अत: किसी अधिकारी/ठेकेदार के जिम्मेदार होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं उठता। (ख) यह सही नहीं है, कि जनपद पंचायत बल्देवगढ़ के गाम बुदौरा के जंगेलनखेरा (जगल न खेरा नहीं), जो कि ग्राम पंचायत सूरजपुर में आता है, में खंबे नहीं लगाये गये हैं एवं बिल देना प्रारंभ कर दिया गया है। वस्तुत: ग्राम जंगेलनखेरा में जुलाई 2015 से आज दिनाँक तक नियमानुसर विद्युत प्रदाय किया जा रहा है एवं बिल जारी किये जा रहे हैं। (ग) यह सही नहीं है कि टीकमगढ़ जिले के बिजली विभाग के अधिकारियों द्वारा खरगापुर विधानसभा में संपूर्ण ग्रामों में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण हो जाना बताया जाता है। उत्तरांश ‘क’ में दर्शाए अनुसार अपूर्ण 110 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण के कार्य अभी भी पूर्ण करना शेष हैं जिन्हें पूर्ण करने की निर्धारित अवधि फरवरी 2017 है। उक्त परिप्रेक्ष्य में जाँच कराने/कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं उठता।
विद्युत लाईनों से पुराने तार हटाकर केबिल लगाये जाने के उपरांत बचे हुए तार
31. ( क्र. 975 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले में बिजली विभाग द्वारा पुराने तारों को निकालकर केबिल (क्वायलें) लगाई है, ऐसे पूरे जिले में से पुराने कितने तार विभाग को वापिस प्राप्त हुये हैं और कितनी लाईनों के तार हटाये गये हैं? (ख) क्या केबलीकरण होने के उपरांत पुराने तारों का स्टॉक विभाग के पास सुरक्षित रखा गया है? यदि हाँ, तो उक्त स्टॉक में लगभग कितने क्विंटल तार होगा? क्या उक्त तार निकाले जाने पर एवं रख-रखाव पर किसी सक्षम अधिकारी द्वारा मॉनिटरिंग की तथा बचा हुआ तार किस अधिकारी की जिम्मेदारी में किस स्थान पर रखा गया? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या उक्त पुराने तारों को बेचे जाने की शिकायत प्रश्नकर्ता को प्राप्त हुई थी, जिसके संबंध में अधिकारियों को पत्र भी लिखे परंतु कोई उत्तर नहीं दिया? क्या पूरे टीकमगढ़ जिले के पुराने निकाले तारों की जाँच हेतु कमेटी गठित करके जाँच करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक तथा दोषी पाये जाने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ, टीकमगढ जिले में 547.41 कि.मी लाईन के पुराने तारों को निकालकर केबिल लगायी गई है तथा निकाले गये पुराने तारों को क्षेत्रीय भंडार छतरपुर में वापिस किया गया है। उक्तानुसार निकाले गये तारों की मात्रा (किलोमीटर में) क्षेत्रीय भण्डार में वापिस किये गये तारों की मात्रा (किलो ग्राम में) एवं लाईन की लंबाई (किलोमीटर में) जिसके तार निकाल कर केबिल लगाए गये हैं का योजनावार का विवरण निम्नानुसार है :-
क्र. |
योजना का विवरण |
केबल लगाने हेतु हटाये गये तारों की लाईन की लंबाई (कि.मी.) |
कुल निकाले गये तार (कि.मी.) |
क्षेत्रीय भण्डार छतरपुर में वापिस किये गये तार (किलो ग्राम में) |
1. |
फीडर विभक्तिकरण पृथ्वीपुर |
113.00 |
226.00 |
11,842.33 |
2. |
फीडर विभक्तिकरण टीकमगढ़ |
268.64 |
1074.56 |
85,964.00 |
3. |
आर.ए.पी.डी.आर.पी. |
91.27 |
280.00 |
23,666.00 |
4. |
विभाग द्वारा |
74.50 |
216.00 |
27,700. 00 |
कुल योग |
547.41 |
1796.56 |
1,49,172.33 |
(ख) जी
हाँ,
केबलीकरण
के उपरांत
विभिन्न
साईज के उतारे
गये पुराने
तार जिनका कुल
वजन 1,49,172.33
किलो ग्राम है
क्षेत्रीय
भंडार छतरपुर
को
नियमानुसार
वापिस किये जा
चुके हैं। उक्त
निकाला गया
तार संबंधित
योजना के नोडल
अधिकारी की
देखरेख में
क्षेत्रीय
भण्डार में
वापस किया गया
हैं तथा
क्षेत्रीय
भण्डार में
वापस होने के
उपरांत उक्त
तारों की
देखरेख
कार्यपालन
यंत्री, क्षेत्रीय
भण्डार
द्वारा की
जाती है। निकाये
गये तार स्टोर
में वापस किए
गए हैं, अत:
प्रश्न नहीं
उठता। (ग) पुराने
तारों को बेचे
जाने के संबंध
में पूर्व
क्षेत्र
विद्युत
वितरण कंपनी
में कोई शिकायत
संज्ञान में
नहीं आई है।
इसके संबंध
में अधिकारियों
को कोई भी
पत्र प्राप्त
नहीं हुए हैं, अत:
उत्तर दिये
जाने का प्रश्न
ही नहीं है।
टीकमगढ़ जिले
से पुराने
निकाले गये
तारों को
संबंधित क्षेत्रीय
भंडार छतरपुर
में वापिस कर
दिया गया है, अत: जाँच
कमेटी गठित
करने एवं
अधिकारियों
के विरूद्ध कार्यवाही
किये जाने का
प्रश्न नहीं
उठता।
विद्युत सब-स्टेशन पर पदस्थ कर्मचारियों द्वारा लापरवाही
32. ( क्र. 996 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले की इंदरगढ़ तहसील के अंतर्गत ग्राम थरेट सब स्टेशन पर विद्युत विभाग के कौन-कौन से अधिकारी कर्मचारी पदस्थ हैं उनके नाम/पद एवं निवास स्थान की जानकारी उपलब्ध कराई जावे? (ख) क्या उक्त अधिकारी/कर्मचारी अपने पदस्थी स्थल पर निवास नहीं करते तथा सायंकाल अपने घर (इंदरगढ़, सेंवढ़ा या दतिया) चले जाते हैं, जिसके फलस्वरूप कार्य प्रभावित होता है तथा उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है? (ग) क्या दिनाँक 30.10.15 को भैयालाल गुप्ता का कनेक्शन थरेट JE द्वारा 2 माह का बिल बकाया होने से काटा गया जबकि उसी ग्राम में 2 माह से अधिक के बकायादार हैं? संबंधित अधिकारी द्वारा बड़े बकायादारों के खिलाफ की गई कार्यवाही के प्रमाणित दस्तावेज उपलब्ध करायें। यदि कार्यवाही नहीं की तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ क्या कार्यवाही एवं कब तक की जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) दतिया जिले की इन्दरगढ़ तहसील के अंतर्गत ग्राम थरेट में कोई विद्युत सब स्टेशन स्थापित नहीं है। इस ग्राम को 33/11 के.व्ही. सब स्टेशन सेंगुआ से विद्युत प्रदाय किया जाता है जो कि ग्राम सेंगुआ में स्थापित है। इस सब स्टेशन पर पदस्थ कर्मचारियों की नाम, पद एवं निवास स्थान सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) दिनाँक 30.10.15 को कनिष्ठ यंत्री, थरेट द्वारा अधीनस्थ स्टॉफ के माध्यम से श्री भैया लाल गुप्ता का आटा चक्की कनेक्शन विच्छेदित करने के साथ ही अन्य 08 बड़े बकायादारों के विद्युत कनेक्शन विच्छेदित किये गये तथा 05 बड़े बकायादारों से दिनाँक 30.10.2015 एवं 01 बड़े बकायेदार से दिनाँक 31.10.2015 को विद्युत बिल की बकाया राशि वसूल की गई। उक्तानुसार की गई कार्यवाही का विवरण एवं उससे संबंधित दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उक्तानुसार की गई कार्यवाही के परिप्रेक्ष्य में संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता।
आबकारी अधिनियम के तहत पंजीबद्ध प्रकरण
33. ( क्र. 1001 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में मध्यप्रदेश आबकारी (एक्ट) अधिनियम 1915 की धारा 34 (1) एवं 34 (2) के अंतर्गत कितने प्रकरण 31 मार्च 2015 से प्रश्न दिनाँक तक पंजीबद्ध कर दोषियों के खिलाफ जुर्माना अथवा सजा कराई गई है? जब्त मदिरा की मात्रा सहित विकासखण्डवार सूची उपलब्ध कराई जावे? (ख) दतिया जिले की सेंवड़ा व इंदरगढ़ तहसील में विभाग के कुल कितने अधिकारी कर्मचारी पदस्थ होकर यहां निवास करते हैं उनके नाम/पद एवं निवास स्थान की जानकारी उपलब्ध कराई जावे? (ग) क्या आबकारी विभाग के कोई भी अधिकारी कर्मचारी सेवढ़ा इंदरगढ़ में निवास नहीं करते, परिणामस्वरूप यहां मात्र 19 लायसेंसी दुकानें होने के अलावा अन्य सभी ग्रामों में अवैध रूप से मदिरा विक्रय का कारोबार हो रहा है, जिससे ग्रामों की युवा पीढ़ी पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है? (घ) आबकारी विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 में सेवढ़ा तथा इंदरगढ़ तहसील के ग्रामों में किस-किस दिनाँक को छापामार कार्यवाही की गई है, जिसके दौरान कितने प्रकरण पंजीबद्ध कर जुर्माना अथवा सजा कराई गई दोषियों द्वारा मदिरा कहां से लाया जाना पाया गया, संबंधित ठेकेदार के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) दतिया जिले में 31 मार्च 2015 से प्रश्न दिनाँक तक मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34 (1) एवं 34 (2) के अंतर्गत आबकारी एवं पुलिस विभाग दतिया द्वारा कुल 775 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये। निवर्तित प्रकरणों में दोषियों के विरूद्ध जुर्माना रूपये 274200 किया गया। शेष प्रकरणों में विवेचना जारी है। दर्ज प्रकरणों में विदेशी मदिरा 9261 बल्क लीटर, देशी मदिरा 4690.4 बल्क लीटर एवं हाथ भट्टी मदिरा 5347 बल्क लीटर एवं 250 किलो ग्राम महुआ, लहान जप्त की गई जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) दतिया जिले की सेवढ़ा व इंदरगढ़ तहसील में आबकारी विभाग का 01 उपनिरीक्षक श्रीमती निधि गुप्ता एवं 02 आरक्षक संजय शर्मा एवं मनीष यादव पदस्थ है, जो मुख्यालय सेवढ़ा होने से सेवढ़ा में निवास करते है। श्रीमती निधि गुप्ता एवं मनीष यादव के निवास स्थान का पता केदारनाथ गुप्ता के मकान में सदर बाजार सेवढ़ा है। आबकारी आरक्षक संजय शर्मा सेवढ़ा वृत्त के साथ-साथ दतिया वृत्त में भी पदस्थ है। उनका मुख्यालय दतिया होने से निवास का पता 89-हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी दतिया है। (ग) आबकारी विभाग सेवढ़ा के अधिकारी/कर्मचारी मुख्यालय पर ही निवास करते है एवं अवैध मदिरा विक्रय की रोकथाम के लिये समय-समय पर दबिश एवं सूचना के आधार पर कार्यवाही की जाती है। सेवढ़ा, इंदरगढ़ क्षेत्र में शासन द्वारा स्वीकृत मदिरा दुकानों से मदिरा का विक्रय किया जाता है। मदिरा दुकानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) आबकारी विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 में सेवढ़ा तथा इंदरगढ़ तहसील के ग्रामों में जिन दिनांको को अवैध मदिरा रोकथाम हेतु दबिश दिया जाकर प्रकरण कायम किये गये, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। अवैध मदिरा निर्माण, धारण, परिवहन एवं विक्रय के दर्ज प्रकरणों में मदिरा ठेकेदार की संलिप्तता न पाये जाने से संबंधित के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई।
सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना में कार्यरत ठेकेदारों की सूची
34. ( क्र. 1008 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना के फेस 1 में कार्य का संचालन एवं संधारण करने हेतु किन-किन ठेकेदारों को किस काम के टेण्डर दिये गये हैं? ठेकेदारों के नाम पता मोबाईल नम्बर सहित काम की सूची दें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित परियोजना के ठेकेदारों के द्वारा कितने कुशल, अर्द्धकुशल व अकुशल मजदूर, किस कार्य के लिए लगाए गए हैं? उन मजदूरों के काम के अनुसार कितनी राशि बैंक खाते में जमा की जा रही है, तथा कितनी राशि पी.एफ. के नाम से काटी जा रही है? (ग) क्या सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना में कार्यरत ठेकेदारों के पास से काम करने वाले मजदूरों को बीच में काम छोड़ने पर किन मजदूरों को पी.एफ. की राशि बैंक खाते में जमा की गई है? उन मजदूरों की सूची जमा की गई पी.एफ. राशि सहित दें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना के फेस 1 (प्रथम चरण) में संचालन एवं संधारण कार्य हेतु दिये गये कार्यादेश से संबंधित फर्म का नाम एवं पता, दूरभाष क्रमांक तथा दिये गये कार्य का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' में दर्शाया गया है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित ठेकेदारों द्वारा लगाये गये कुशल, अर्द्धकुशल व अकुशल मजदूर, एवं किस कार्य के लिए लगाए गये से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' में दर्शाये अनुसार है। ठेका कार्य में लगे हुए श्रमिकों को कलेक्टर द्वारा घोषित श्रमिक दर के अनुसार ठेकेदार द्वारा नियमानुसार 12% ई.पी.एफ. राशि की कटौती कर, नगद/बैंक के माध्यम भुगतान किया जाता है। ठेकेदार द्वारा स्वयं का ईपीएफ अंश 13.61% जोड़कर संबंधित श्रमिक के ईपीएफ खाते में जमा करवाया जाता है। (ग) जी हाँ। परियोजना में कार्यरत् ठेकेदारों के पास कार्यरत् मजदूरों में से बीच में काम छोड़ने वाले मजदूरों एवं उनकी ई.पी.एफ. खाते में जमा की गई पी.एफ. की राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' में दर्शाये अनुसार है।
सिक्यूरिटी कंपनी द्वारा मजदूरी का कम भुगतान
35. ( क्र. 1010 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना में कार्यरत राज सेक्यूरिटी कंपनी को किस दिनाँक से कार्य दिया गया है? इस कंपनी के द्वारा कितने कुशल, अर्द्धकुशल व अकुशल मजदूरों को काम दिया है? (ख) क्या प्रश्न (क) में उल्लेखित परियोजना के कमाण्डेंड ने लिखित रूप से स्वीकार किया है कि राज सेक्यूरिटी कंपनी के अंतर्गत कार्य करने वाले मजदूरों को मिनीमम वेजेस रेट से कम वेतन, 4200 रूपए नगद दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो राज सेक्युरिटी कंपनी के खिलाफ अब तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, की गई है, तो उसका क्या कारण है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मेसर्स राज सेक्यूरिटी कंपनी को म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी के आदेश दिनाँक 16.10.2014 द्वारा 1 वर्ष के लिए कार्य दिया गया था एवं कार्य दिनाँक 19.10.2014 से प्रारंभ किया गया था। उसके पश्चात् आदेश दिनाँक 16.10.2015 द्वारा 1 माह के लिए एवं आदेश दिनाँक 16.11.2015 द्वारा 2 माह के लिए ठेका कार्य अवधि को विस्तारित किया गया है। मेसर्स राज सेक्यूरिटी कंपनी द्वारा 3 कुशल (सशस्त्र सुरक्षा सैनिक) एवं 68 अकुशल (सुरक्षा सैनिक) श्रमिकों को काम दिया गया है। (ख) श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना डोंगलिया में कमाण्डेंट के रूप में कोई अधिकारी कार्यरत् नहीं है वरन् परियोजना में म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी के वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी पद पर एक अधिकारी पदस्थ है। वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी द्वारा लिखित में यह सूचित किया गया है कि माननीय विधायक महोदय द्वारा पूछने पर उनके द्वारा अनुमानित राशि रू. 4200/- सुरक्षा सैनिकों को दिया जाना बताया गया था जो कि अग्रिम के रूप में दी गई थी। तदुपरान्त राज सिक्यूरिटी कंपनी द्वारा पूछने पर बताया गया है कि वित्तीय स्थिति के दृष्टिगत विगत माह पूर्ण भुगतान के विरूद्ध वेतन अग्रिम के रूप में सुरक्षा सैनिकों को रू. 4000/- की राशि दी गई थी शेष राशि का भुगतान बाद में किया जाएगा। यह भी सूचित किया गया है कि उनके द्वारा विधायक महोदय को किसी प्रकार की मिथ्या जानकारी नहीं दी गई, वरन् अग्रिम वेतन राशि को मासिक वेतन बता दिया गया था। यह स्थिति उनको बाद में स्पष्ट हुई है। मेसर्स राज सिक्यूरिटी कंपनी द्वारा सुरक्षा सैनिकों को निर्धारित वेतन के अनुरूप ही वेतन दिया जा रहा है। अत: मेसर्स राज सिक्यूरिटी कंपनी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
ट्रांसफार्मर बदलने एवं मजरा-टोला बस्तियों का विद्युतीकरण
36. ( क्र. 1033 ) श्री रामसिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत दिनाँक 15 नवम्बर 2015 की स्थिति में कहाँ-कहाँ के कौन-कौन से ट्रांसफार्मर किस योजना के कब-कब से फैल हैं? उक्त फैल ट्रांसफार्मर कब तक बदल दिए जाऐंगे? निश्चित समयावधि बताएं? (ख) कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत स्थापित ट्रांसफार्मर लगभग 01 एवं 02 वर्ष से अधिक की अवधि से फेल हैं? इन्हें बदलने की कार्यवाही निर्धारित अवधि/सिटीजन चार्टर अनुसार क्यों नहीं की गई? (ग) कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत दिनाँक 15 नवम्बर 2015 की स्थिति में कितने ग्राम विद्युत विहीन हैं? इनमें कब तक विद्युत प्रदाय सुचारू कर दिया जावेगा निश्चित समयावधि बतायें? (घ) कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 15 नवम्बर 2015 की स्थिति में ऐसे कौन-कौन से ग्राम है, जिनमें किसी भी योजना के अन्तर्गत क्या-क्या अधूरा एवं अपूर्ण विद्युतीकरण कार्य किया है? जिसे पूर्ण न किए जाने के कारण विद्युत प्रदाय नहीं हो पा रहा है विद्युतीकरण हेतु शेष कार्य कब तक पूर्ण किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्र में दिनाँक 15 नवम्बर, 2015 की स्थिति में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनान्तर्गत स्थापित ट्रांसफार्मरों में से कुल 46 ट्रांसफार्मर फेल हैं, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त ट्रांसफार्मरों पर शत् प्रतिशत बकाया राशि होने के कारण उन्हें बदला नहीं जा सका है। उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा किए जाने पर उक्त फेल ट्रांसफार्मर प्राथमिकता के आधार पर बदल दिये जायेंगे, अत: वर्तमान में समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार बदलने हेतु शेष ट्रांसफार्मरों के फेल होने की दिनाँक संलग्न परिशिष्ट में दर्शाए अनुसार है तथा इन ट्रांसफार्मरों पर शत्-प्रतिशत बकाया राशि होने के कारण उन्हें बदला नहीं जा सका है। (ग) कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत दिनाँक 15 नवम्बर, 2015 की स्थिति में 9 ग्राम डी-इलेक्ट्रिफाइड है। ठेकेदार एजेंसी मेसर्स डी कंट्रोल इलेक्ट्रिक (प्रा.) लिमिटेड, कानपुर को 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अन्तर्गत इन 9 डी-इलेक्ट्रिफाइड ग्रामों सहित विद्युतीकरण का कार्य करने हेतु कार्यादेश दिया गया है। उक्त कार्य ठेकेदार एजेंसी द्वारा दिसम्बर, 2016 तक पूर्ण किया जाना है। (घ) कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत दिनाँक 15 नवम्बर, 2015 की स्थिति में ऐसा कोई भी ग्राम नहीं है, जिसमें किसी भी योजनान्तर्गत अधूरा/अपूर्ण विद्युतीकरण कार्य किया गया।
शिवपुरी नगर की मड़ीखेड़ा जल-आवर्धन योजना की प्रगति
37. ( क्र. 1034 ) श्री रामसिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी नगर के लिए मड़ीखेड़ा जल-आवर्धन योजना दिनाक 31.03.2008 को स्वीकृत हुई है? यदि हाँ, तो स्वीकृत पत्र की छायाप्रति संलग्न कर जानकारी दें कि उक्त योजना का अनुबंध 26.09.2009 को संपादित हो जाने के बावजूद योजना का कार्य पूर्ण अभी तक क्यों नहीं हुआ है? (ख) क्या वर्ष 2013 में संचालक नेशनल पार्क ने काम रोक दिया? तथा कार्य के अत्याधिक विलंब के कारण कंपनी की आर्थिक स्थिति बिगड़ने के कारण दोशियान कंपनी ने संपूर्ण कार्य बंद कर दिया था? क्या कंपनी कार्य करने के लिए सिक्योर्ड बैंक गारंटी के विरूद्ध अग्रिम भुगतान मांग रही है? (ग) क्या 22 जुलाई 2014 को भोपाल में नगरीय विकास पर्यावरण मंत्री की अध्यक्षता में बैठक में सहमत होते हुए नगर पालिका परिषद् से जिला योजना समिति के माध्यम से प्रस्ताव मांगा था, जो कलेक्टर ने कार्यवाही पूर्ण कराकर अगस्त 2014 को प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन का भेज दिया था? क्या सहमति उपरांत आज दिनाँक तक नगर पालिका को स्वीकृत आदेश प्राप्त नहीं हुआ है जिसके कारण कार्य प्रारंभ नहीं हो पा रहा है? (घ) क्या कार्य प्रारंभ हेतु प्रश्नकर्ता के साथ प्रतिनिधि मण्डल जुलाई, 2015 में माननीय मुख्यमंत्री जी से उक्त कार्य से शीघ्र प्रारंभ कर यथाशीघ्र पूर्ण कराने हेतु मिला था? यदि हाँ, तो माननीय मुख्यमत्री जी के स्तर से क्या-क्या कार्यवाही की गई? विवरण देवें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। पत्र जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। माधव नेशनल पाक क्षेत्र में पाईप लाइन बिछाए जाने के कार्य में व्यवधान के फलस्वरूप कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। (ख) जी हाँ। दोशियान कंपनी ने कार्य बंद कर दिया था। इस कम्पनी की आर्थिक स्थिति के विषय पर अधिकृत जानकारी उपलब्ध नहीं है। जी हाँ। (ग) जी हाँ। प्रकरण पर सक्षम स्वीकृति प्राप्त करने की कार्यवाही प्रचलित है। (घ) जी हाँ। प्रकरण पर त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए है।
जल प्रदाय योजना मद में खरीदी
38. ( क्र. 1072 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पिपरिया अंतर्गत विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण पचमढ़ी के अंतर्गत जल प्रदाय योजना मद में विगत 05 वर्षों में (वर्ष 2009-10 से 2014-15 तक) कितनी मोटर पंप, पाईप आदि सामग्री खरीदी गई? (ख) क्या इस सामग्री क्रय में भण्डार, क्रय नियमों का पालन नहीं किया गया? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो खरीदी से संबंधित विज्ञप्ति, प्राधिकरण का प्रस्ताव, तुलनात्मक विवरण पत्रक आदि की जानकारी देवें? (ग) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा साडा को पचमढ़ी वाटर वर्क में हस्तांतरण होने के समय कितनी अनुपयोगी एवं उपयोगी सामग्री उपलब्ध थी? (घ) क्या अनुपयोगी सामग्री की नीलामी प्राधिकरण द्वारा की गई, क्या सक्षम स्वीकृति ली गई थी, क्या नियमों का पालन किया गया था?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सीधी जिले की महान परियोजना की तकनीकी स्वीकृति
39.
( क्र.
1102
) श्री
केदारनाथ
शुक्ल : क्या
जल संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सीधी
जिले की महान
परियोजना
तकनीकी स्वीकृति
एवं दिनाँक
तथा कुल लागत
क्या है? नहरों
की वर्तमान
स्थिति क्या
है?
(ख) महान
परियोजना
बांध की कुल
जल क्षमता
कितनी है? नहरों
का निर्माण
बांध की
क्षमता से क्या
कई गुना अधिक
नहीं है? (ग) गांव
की सतह से कई
मीटर गहरी नहर
खोदकर गांवों
में पानी कैसे
दिया जायेगा? नहरों
के निर्माण, गुणवत्ता
की मॉनीटरिंग
कौन कर रहा है? (घ) क्या
सम्पूर्ण
परियोजना की
उच्च स्तरीय
जाँच, अरबों
रूपये अपव्यय
की जाँच करायी
जायेगी?
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
जयंत मलैया ) : (क) महान
परियोजना की
पुनरीक्षित
प्रशासकीय स्वीकृति
दिनाँक 08.05.2013 को
रू.486.96 करोड़
की तथा
परियोजना के
द्वितीय चरण
की प्रशासकीय
स्वीकृति दिनाँक
18.08.2015 को
रू.204.02 करोड़
की दी गई है।
तकनीकी स्वीकृति
संबंधी जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है। परियोजना
की नहरें
निर्माण के
विभिन्न चरणों
में है। (ख) प्रथम
चरण में
क्रेस्ट तक
निर्मित
जलाश्य की
जीवित जल
संग्रहण
क्षमता 100.13
मि.घ.मी. है।
जलाशय में गेट
लगाकर गेट बंद
करने पर जलाशय
को पूर्ण जल
स्तर तक भरकर
जलाशय की
जीवित जल
संग्रहण
क्षमता 203.917
मि.घ.मी. की जा
सकती है। जी
नहीं, प्रथम
एवं द्वितीय
दोनों चरणों
के लिए
पर्याप्त जल
का प्रावधान
है। (ग) परियोजना
के कमाण्ड
क्षेत्र की
भौगोलिक
संरचना अत्याधिक
ऊँची-नीची
होने के कारण
कई स्थानों
पर नहरें भूमि
खोद कर (कटिंग
रीच में) निकाली
गई हैं।
यद्यपि कटिंग
रीच का
क्षेत्र
परियोजना के
सैच्य क्षेत्र
से बाहर है, परियोजना
में उपलब्ध
जल से कृषक स्वयं
के साधनों से
उद्वहन कर
सिंचाई कर
सकते है। नहर
निर्माण एवं
गुणवत्ता की
मॉनिटरिंग
कार्यपालन
यंत्री, अधीक्षण
यंत्री एवं
मुख्य
अभियंता करते
है। प्रमुख
अभियंता ने भी
निरीक्षण
किया है।
कार्य की
गुणवत्ता
अच्छी होने
से अपव्यय की
स्थिति नहीं
है। अत: प्रश्नांश
उत्पन्न
नहीं होता है।
विधानसभा प्रश्न क्रमांक 991 दिनाँक 01.07.2014 पर कार्यवाही
40. ( क्र. 1105 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नोत्तरी दिनाँक 01.07.2014 में मुद्रित प्रश्न संख्या 991 के तारतम्य में रीवा एवं जबलपुर की जिन फर्मों में कर अपवंचन के निर्धारण करना बताया था उनमें से किन-किन के निर्धारण कर लिए गए फर्मवार राशि संभागवार विवरण दें? (ख) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्णित फर्मों द्वारा बड़ी मात्रा में कर अपवंचम किया गया है उनके पंजीयन निरस्त करते हुये अपराधिक प्रकरण दर्ज किए जायेंगे यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों कारण बताएं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रश्नांश ''क'' में वर्णित रीवा एवं सतना में 47 फर्मों द्वारा कर अपवंचन किए जाने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। इनमें से 35 फर्मों के कर निर्धारण पश्चात राशि रूपये 2208.81 लाख के कर अपवंचन पाई गई 8 प्रकरणों में कर निर्धारण की कार्यवाही शेष है। 4 फर्मों पर निरंक कर अपवंचन पाया गया है। जबलपुर संभाग में 58 फर्मों द्वारा कर अपवंचन किए जाने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। इनमें से 43 फर्मों के कर निर्धारण पश्चात राशि रूपये 2234.52 लाख के कर अपवंचन पाई गई तथा 11 प्रकरणों में कर निर्धारण की कार्यवाही शेष है। 4 फर्मों पर निरंक कर अपवंचन पाया गया है। (ख) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 991 दिनाँक 01-07-2014 के प्रश्नांश ''ख'' में वर्णित फर्म मेसर्स स्वेल माईन्स, कटनी पर बड़ी मात्रा में अर्थात रूपये 1,29,28,44,211/- वर्तमान स्थिति में बकाया है तथा उक्त फर्म का टिन नंबर 23606206423 मध्यप्रदेश, वेट अधिनियम, 2002 की धारा 17 (डी) के अंतर्गत वाणिज्यिक कर अधिकारी, कटनी द्वारा आदेश दिनाँक 26.03.2012 से निरस्त किया गया है। विभाग द्वारा कर अपवंचन की राशि की वसूली गंभीरतापूर्वक की जा रही है। आपराधिक प्रकरण दर्ज किए जाने की स्थिति नहीं है।
विद्युत लाईनों की चोरी
41.
( क्र.
1137
) श्री
विष्णु
खत्री : क्या ऊर्जा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) बैरसिया
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
विद्युत
विभाग द्वारा
कनेक्शन
हेतु डाली गयी
विद्युत
लाईनों के
तारों की चोरी
के कितने
प्रकरण वित्तीय
वर्ष 2014-15 एवं 2015-16
में दर्ज हुये, इस
पर क्या
कार्यवाही
हुयी? (ख) प्रश्नांश
(क) के तारतम्य
में जिन लाईन
के तारों की
चोरी हुयी, उन
लार्इनों की
वर्तमान में
क्या स्थिति
है?
विद्युत
सप्लाई कब तक
बहाल हो
जावेगी? (ग) विद्युत
लाईनों की
चोरी को रोकने
हेतु भविष्य
के लिये क्या
कोई कार्य
योजना बनायी
जा रही है, जिससे
इस राष्ट्रीय
क्षति को रोका
जा सके?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) म.प्र.म.क्षे.वि.वि.क.लिमिटेड
के अंतर्गत
बैरसिया
विधानसभा
क्षेत्र में
तारों की चोरी
के वित्तीय
वर्ष 2014-15 में 10
प्रकरण एवं
वित्तीय
वर्ष 2015-16 में 4
प्रकरण हुए
हैं। इन सभी
प्रकरणों में
पुलिस विभाग
को सूचना देकर
एफ.आई.आर. दर्ज
करा दी गई है। (ख)
उत्तरांश ''क'' में
दर्शाए
अनुसार वर्ष 2014-15
एवं वर्ष 2015-16
में दर्ज सभी 14
प्रकरणों में
पुन: तार
लगाकर
विद्युत
प्रदाय बहाल
कर दिया गया
है। (ग) विद्युत
लाईनों के
तारों एवं अन्य
सामग्री की
चोरी को रोकने
के लिए
म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.
लिमिटेड
द्वारा
समय-समय पर
विभिन्न
शिविरों के
माध्यम से
ग्राम-वासियों
को जागरूक कर
ऐसी घटनाओं की
सूचना देने में
सहयोग प्राप्त
करने के
प्रयास किये
जा रहे हैं।
साथ ही ऐसे चोरी
संभावित
क्षेत्रों
में समय-समय
पर पुलिस बल
उपलब्ध होने
पर रात्रि गश्त
कर औचक
निरीक्षण भी
किया जा रहा
है।
विद्युत आपूर्ति की बहाली
42. ( क्र. 1138 ) श्री विष्णु खत्री : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैरसिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विभाग द्वारा निर्धारित ट्रांसफार्मर में से दिये गये ग्रामीण घरेलू विद्युत आपूर्ति में विद्युत देयकों की राशि जमा करने के बाद भी अन्य बकायादारों की राशि लंबित होने के कारण राशि जमा करने वाले उपभोक्ताओं को भी विद्युत आपूर्ति से वंचित रहना पड़ता है? (ख) क्या विभाग की ऐसे विद्युत देयकों की राशि समय पर जमा करने वाले उपभोक्ताओं की विद्युत आपूर्ति निर्बाध रूप से हो इसके लिये क्या कोई कार्ययोजना है, यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र सहित म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. के अंतर्गत स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों से दिये गये ग्रामीण घरेलू सहित सभी श्रेणी के कनेक्शनों, जिन पर कोई बकाया राशि नहीं है, उनकी सतत् विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाती है तथापि विद्युत देयकों की राशि जमा होने के बाद भी अन्य बकायादारों की राशि लंबित होने के कारण विद्युत प्रदाय बाधित होने पर, ऐसे उपभोक्ताओं की विद्युत आपूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था के प्रयास किये जाते हैं। (ख) उत्तरांश ‘क’ में दर्शाए अनुसार जमा राशि वाले उपभोक्ताओं का सतत् विद्युत प्रदाय बनाये रखने के प्रयास किये जाते हैं। पूर्व में जले/खराब ट्रांसफार्मर बदलने हेतु ट्रांसफार्मर पर बकाया राशि का 50 प्रतिशत जमा करना अनिवार्य था। राज्य शासन द्वारा वर्तमान में इसे शिथिल करते हुए 10 प्रतिशत किया है।
भिण्ड विधानसभा के किसानों को सिंचाई के लिए पानी देना
43. ( क्र. 1148 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2015 से प्रश्नांश दिनाँक तक भिण्ड जिले में किन नहरों में सिंचाई हेतु कितना पानी छोड़ा गया? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत छोड़े गए पानी से किन किसानों को लाभ प्राप्त हुआ? (ग) जनवरी 2015 से प्रश्नांश दिनाँक तक सिंचाई के लिए भिण्ड विधानसभा क्षेत्र के किसानों को किस गांव के किसानों को कितना पानी मिला? (घ) क्या किसानों को सिंचाई के लिए भिण्ड विधानसभा क्षेत्र में पानी नहीं दिया गया? पानी के अभाव में फसल को नुकसान हुआ? पर्याप्त पानी न होने के बावजूद अन्य क्षेत्रों में पानी का दुरुपयोग हुआ? क्या नहर टूटने के कारण पानी का दुरुपयोग हुआ? ऐसा क्यों? जानकारी दें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (घ) चंबल कॉम्पलेक्स परियोजना तथा राजघाट परियोजना से उपलबध जल की सीमा के भीतर परियोजनाओं की भिण्ड जिले की नहरों में यथासंभव आधिकाधिक जल उपलब्ध कराया गया है। प्रवाहित जल के प्रवेग की जानकारी संकलित एवं संधारित नहीं की जाती है। दोनों परियोजनाओं के कमाण्ड क्षेत्र के सैच्य क्षेत्र के सभी कृषकों को सिंचाई लाभ दिया गया है। जी नहीं। अल्प वर्षा तथा खरीफ सिंचाई के उपरांत उपलब्ध जल कम होने और राजस्थान से समय पर भरपूर जल नहीं मिलने के बावजूद भी संपूर्ण सैच्य क्षेत्र में पानी दिया गया है। जी नहीं। पानी के दुरूपयोग की स्थिति नहीं है। नहर संचालन के दौरान कृषकों द्वारा नहरों को काटी जाना अथवा जल प्रवेग से नहरों में क्षति होना एक सामान्य स्थिति है, जिसकी तत्काल मरम्मत कराई गई है।
त्रुटिपूर्ण विद्युत देयकों का समाधान
44. ( क्र. 1168 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विद्युत मण्डल द्वारा पनागर विधान सभा क्षेत्र में त्रुटिपूर्ण देयक उपभोक्तताओं को प्रदाय किये जा रहे हैं, जिसके कारण राशि जमा न होने पर अधिभार सहित राशि बहुत अधिक हो जाने की स्थिति में उपभोक्ता बिल जमा नहीं कर पा रहे हैं? (ख) क्या बी.पी.एल कार्ड धारकों एवं अन्य उपभोक्ताओं के बिल जमा न होने पर चल संपत्ति कुर्क करने का वारंट जारी किया जाता है? (ग) क्या शासन ऐसे विद्युत दयकों के समाधान के लिये कोई युक्तियुक्त कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। (ख) विद्युत बिलों की बकाया राशि की वसूली हेतु नियमानुसार म.प्र. भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 147 सहपाठित राज्य शासन की अधिसूचना दिनाँक 25 फरवरी 2004 के तहत् वांरट जारी करने की कार्यवाही की जाती है। (ग) मानवीय त्रुटिवश यदि किसी उपभोक्ता को गलत देयक दे दिया जाता है तो शिकायत/आवेदन प्राप्त होने पर तत्काल बिल में सुधार कर दिया जाता है एवं वितरण कंपनी के आदेशानुसार प्रत्येक वृत्त/संभाग/वितरण केन्द्र स्तर पर समय-समय पर शिविर लगाकर तत्संबंधी प्राप्त होने वाले आवेदनों का निराकरण तत्काल कर दिया जाता है।
विधानसभा क्षेत्र पनागर की विधायक निधि की राशि का भुगतान न होने बाबत्
45. ( क्र. 1169 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पनागर विधानसभा क्षेत्र के विधायक निधि से नियमानुसार पूर्ण किये गये कार्यों की राशि विधायक निधि से स्थानांतरण होने के 10 माह व्यतीत हो जाने के बाद भी ठेकेदारों को भुगतान नहीं की गई है? (ख) विधायक निधि से स्थानांतरित राशि किस विभाग के पास रखी है एवं क्यों भुगतान नहीं कर रहे हैं? (ग) लंबित राशि का भुगतान कब तक होगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। (ख) योजनान्तर्गत राशि लेप्स हो गई है, इस कारण भुगतान नहीं किया जा सका है। (ग) शासन के तृतीय अनुपूरक बजट अनुमान में राशि प्राप्त करने हेतु प्रस्ताव प्रेषित किये गये है राशि प्राप्त होने के उपरांन्त आवंटित कर दी जावेगी।
माननीय मुख्यमंत्रीजी को लिखे पत्र पर कार्यवाही
46. ( क्र. 1178 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी को दिनाँक 07 नवंबर, 2015 को पत्र लिखकर अवैध खनिज खनन एवं अवैध खनिज परिवहन के प्रकरणों में मध्य प्रदेश गौण खनिज नियम 1996 के नियम 53 के अनुसार न्यायपालिका के संबंध में दिए गए प्रावधानों का पूरे राज्य में पालन न किये जाने की जानकारी देकर कार्यवाही का निवेदन किया है? (ख) यदि हाँ, तो नियम 53 में अवैध खनिज एवं अवैध खनिज परिवहन के प्रकरणों की रिपोर्ट किस मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत किये जाने का प्रावधान दिया गया है, अवैध खनिज खननकर्ता एवं अवैध खनिज परिवहनकर्ता द्वारा समझौता न किये जाने पर प्रकरण सुनवाई के लिये किस मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत किये जाने का प्रावधान दिया गया है? (ग) नियम 53 में मजिस्ट्रेट के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करने एवं प्रकरण सुनवाई के लिये प्रस्तुत किए जाने के प्रावधानों से कौन-कौन सी छूट खनिज विभाग के किस स्तर के अधिकारी को राज्य शासन ने किस दिनाँक को प्रदान की है? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी को लिखे पत्र के आधार पर राज्य शासन के द्वारा किस दिनाँक को क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई हो तो कारण बतावें, कब तक की जावेगी समय-सीमा बतावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 के नियम 53 (1) में प्रावधानित दंड को जिस मजिस्ट्रेट को विचारण किये जाने की शक्तियां प्राप्त है, उसके समक्ष प्रकरण प्रस्तुत किये जाने का प्रावधान है। (ग) प्रश्नानुसार कोई छूट प्रदान नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 में प्रश्नांश ‘क’ में उल्लेखित पत्र के विषय के संबंध में प्रावधान स्पष्ट है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
किसानों के विरूद्ध धारा 135 एवं 139 की कार्यवाही
47. ( क्र. 1188 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र वि.वि. कंपनी लिमिटेड भिण्ड के अन्तर्गत विद्युत अधिनियम की धारा 135 एवं धारा 139 के तहत 1 जनवरी,2014 से प्रश्न दिनाँक तक कितने किसानों के प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किये गये हें एवं उनमें से कितने प्रकरणों में जेल भेजे गये हैं? (ख) क्या लहार तहसील के ग्राम कुरथर में पिछले 10 वर्षों से बिजली के खम्बों पर तार व ट्रांसफार्मर नहीं होने के बाद भी विद्युत वितरण केन्द्र आलमपुर द्वारा किसानों पर धारा-135 के तहत प्रकरण दर्ज कर किसानों को गिरफ्तार किया गया है? यदि हाँ, तो जब बिजली की आपूर्ति ही उपभोक्ताओं को नहीं की जा रही है तो उनके खिलाफ धारा-135 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध करने के क्या कारण हैं? (ग) क्या उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा उपभोक्ताओं को फर्जी एवं असत्य बिल दिए जाने की समीक्षा/जाँच कराकर उपभोक्ताओं को न्याय दिया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के भिण्ड के वृत्त के अन्तर्गत 01 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनाँक तक विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा-135 के तहत 55 प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किये गये एवं धारा 139 के अन्तर्गत कोई भी प्रकरण दर्ज नहीं हुआ है। उक्त सभी प्रकरण न्यायालय में निर्णय हेतु लंबित है। (ख) जी नहीं। दिनाँक 31.07.2015 को लहार तहसील के ग्राम कुरथर में स्थापित वितरण ट्रांसफार्मर से संबद्ध शतप्रतिशत उपभोक्ताओं पर रू. 20 लाख की विद्युत बिल की राशि बकाया होने के कारण ट्रांसफार्मर हटाकर विद्युत प्रदाय बंद किया गया है। इसके पूर्व 5 कृषकों पर विभिन्न धाराओं के अन्तर्गत विद्युत का दुरूपयोग करने के कारण प्रकरण दर्ज किए गए थे, जिनमें से एक कृषक द्वारा राशि जमा करा दी गई है तथा शेष 4 कृषकों द्वारा राशि जमा नहीं किये जाने के कारण 3 प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किये गये हैं एवं 1 प्रकरण को न्यायालय में प्रस्तुत किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। (ग) उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की गई है, अत: प्रश्न नहीं उठता।
सेवानिवृत्ति के बाद अफसरों की पुर्ननियुक्ति
48. ( क्र. 1197 ) श्री मुकेश नायक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन के लोक निर्माण विभाग और जलसंसाधन विभाग में प्रमुख अभियंता (इंजीनियर इन चीफ) तथा मुख्य अभियंता पदों पर कितने अधिकारी सेवानिवृत्ति आयु पूरी करने के बाद भी पदों पर पदस्थ हैं? उनके नाम और पद स्थापना की जानकारी दीजिए? (ख) इन विभाग प्रमुखों को सेवानिवृत्ति के बाद भी सेवाकाल में वृद्धि देने और विभाग प्रमुख पद पद रखे जाने के पीछे क्या कारण हैं और वरिष्ठ पदों पर सेवाकाल के बाद फिर से नियुक्ति देने के संबंध में क्या शासन की कोई स्थाई नीति है? यदि हाँ, तो क्या? (ग) क्या भ्रष्ट्राचार के आरोपों से घिरे और लोकायुक्त तथा न्यायालयों में विवाद में फंसे वरिष्ठ अधिकारियों को भी सेवानिवृत्ति होने के बाद फिर से नियुक्ति दी गई है? यदि हाँ, तो विस्तार से सकारण जानकारी दीजिए?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी निम्नानुसार है :- (1) लोक निर्माण विभाग–निरंक, (2) जल संसाधन विभाग -1, श्री एम.जी. चौबे, संविदा पर प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग के पद पर पदस्थ है। (ख) सिंचाई परियोजनाओं के क्रियान्वयन एवं संचालन के लिए तकनीकी योग्यता एवं अनुभवी अधिकारी की आवश्यकता होने के कारण संविदा नियुक्ति दी गई है। संविदा नियुक्ति के संबंध में नीति सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक- सी-3-12/11/3/एक, दिनाँक 03.09.2011 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पृष्ठ 1 से 7 अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
शासन पर कर्ज तथा केंद्रीय सहायता
49. ( क्र. 1201 ) श्री मुकेश नायक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश सरकार ने वित्त वर्ष 2015-16 में अक्टूबर माह तक प्रतिमाह कुल कितना कर्जा किन-किन स्त्रोतों से प्राप्त किया और कर्जा लेने के क्या कारण है? (ख) अक्टूबर 2015 तक राज्य शासन पर कुल कर्ज कितना है और चालू वित्त वर्ष में अब तक सरकार ने कुल कितना कर्ज चुकाया है? (ग) चालू वित्त वर्ष में अक्टूबर माह तक राज्य सरकार को केंद्र सरकार से विभिन्न मदों में कुल कितनी केंद्रीय सहायता, अनुदान, केंद्रीय परियोजना में और कार्यक्रमों में केंद्रीय अंशदान के रूप में कुल कितनी धनराशि प्राप्त हुई है और पिछले दो वित्त वर्षों की तुलना में यह धनराशि कितनी कम या ज्यादा है? (घ) राज्य में फसलों को हुये नुकसान और मौसम की मार झेल रहे किसानों को राहत और क्षति पूर्ति देने के लिये अक्टूबर 2015 तक राज्य ने केंद्र सरकार से कुल कितनी धनराशि की मांग की और कितनी धनराशि कब-कब प्राप्त हुई?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) कर्ज की पूर्ण जानकारी आगामी वित्तीय वर्ष के लेखों में प्राप्त होती है। शासन स्तर पर संधारित जानकारी अनुसार वित्तीय वर्ष 2015-16 में माह अक्टूबर तक रूपये 6000.00 करोड़ का बाजार ऋण एवं रूपये 807.17 करोड़ का नाबार्ड से ऋण प्राप्त किया गया है। यह कर्जा प्रदेश की विकासात्मक गतिविधियों हेतु लिया गया है। (ख) दिनाँक 31 मार्च, 2014 तक राज्य शासन पर रूपये 83897.90 करोड़ का कर्ज है। वित्तीय वर्ष 2014-15 के लेखे महालेखाकार कार्यालय से अप्राप्त है। चालू वित्तीय वर्ष का वित्त लेखा आगामी वर्ष में तैयार किया जाता है। (ग) केन्द्र सरकार से प्रदेश सरकार को सहायता अनुदान एवं केन्द्रीय परियोजनाओं हेतु अंशदान के रूप में चालू वित्तीय वर्ष में माह अक्टूबर तक केन्द्रीय आयोजनान्तर्गत योजनाओं अनुसार कुल रूपये 9026.80 करोड़ प्राप्त हुये है। पिछले दो वित्तीय वर्षों में केन्द्र सरकार से प्रदेश सरकार को वर्ष 2012-13 राशि रूपये 12040.20 करोड़ एवं वर्ष 2013-14 में राशि रूपये 11776.82 करोड़ प्राप्त हुई है। वित्तीय वर्ष 2014-15 के वित्तीय लेखे महालेखाकार से प्राप्त नहीं हुये है। चालू वित्तीय वर्ष अक्टूबर माह तक के केवल आयोजना संबंधी आंकड़े होने से तुलना किया जाना संभव नहीं है। (घ) अक्टूबर 2015 तक केन्द्र सरकार से अतिरिक्त सहायता के रूप में रूपये 4821.63 करोड़ (रूपये चार हजार आठ सौ इक्कीस करोड़ तिरेसठ लाख केवल) की मांग की गई है, राशि केन्द्र सरकार से अपेक्षित है।
जनसंपर्क निधि की राशि पुर्नवंटित करने बाबत्
50. ( क्र. 1222 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतारांकित प्रश्न क्रमांक 448 दिनाँक 28 जुलाई 2015 द्वारा पूछे गये भाग (क) से (घ) तक की जानकारी उपलब्ध कराई जाए? (ख) क्या वर्ष 2014-15 में प्राप्त जनसंपर्क निधि की राशि लेप्स हो जाने में अधिकारी/कर्मचारी दोषी पाये गये हैं यदि हाँ, तो दोषी अधिकारी/कर्मचारी के नाम बताऐं? (ग) क्या वित्तीय वर्ष 2014-15 की राशि वित्त विभाग द्वारा लेप्स राशि का पुन: आवंटित किये जाने के आदेश कलेक्टर सतना को दिये जायेंगे यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बताऐं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। वर्ष 2014-15 में प्राप्त जनसंपर्क राशि जिला कोषालय एवं उप कोषालय के सर्वर में तकनीकी खराबी के कारण राशि लेप्स हुई है। कोई भी अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं पाया गया। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बिजली बिलों का विसंगति पूर्ण वितरण
51. ( क्र. 1238 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.वि.वि.कं.लि. होशंगाबाद द्वारा विकासखण्ड बाबई में माह अक्टूबर 2014 से प्रश्न दिनाँक तक कृषि पंप हेतु कितने किसानों को कितने-कितने एचपी के कनेक्शन प्रदान किये गये किसानों के नाम एवं ग्राम सहित पृथक-पृथक बतायें? (ख) क्या प्रश्नांश अवधि में जिन किसानों का 2 एचपी का कनेक्शन है उन्हें 5 एच.पी, 5 एचपी कनेक्शन वालों को 8 एच.पी कनेक्शन का विसंगतिपूर्ण बिल दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार हैं? कनेक्शन नियमों की प्रति देते हुये बतायें जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यावाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) में दिये गये विसंगतिपूर्ण बिलों को कब तक दुरूस्त कर सही बिल प्रदान किये जायेंगे? एवं जिन किसानों द्वारा विसंगतिपूर्ण बिलों का भुगतान कर दिया गया है? उनकी राशि को कब तक समयोजित कर दिया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र में माह अक्टूबर, 2014 से प्रश्न दिनाँक तक कुल 872 कृषि पम्प के कनेक्शन प्रदान किये गये है। उक्त कनेक्शनों की उपभोक्तावार, ग्रामवार प्रदान किये गये कनेक्शन की क्षमता सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार विसंगति पूर्ण बिल जारी नहीं किये गये हैं, अत: बिलों को सुधारे जाने एवं समायोजित किये जाने की आवश्यकता नहीं है।
नहरों के पक्कीकरण/मरम्मतीकरण के संबंध में
52. ( क्र. 1240 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सोहागपुर के अंतर्गत कितने वृहद/मध्यम/लघु सिंचाई परियोजनायें संचालित है नाम सहित जानकारी देवें? साथ ही क्या कोई नई सिंचाई परियोजनायें स्थापित करने के संबंध में प्रस्ताव है यदि है तो प्रस्तावित परियोजना कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भ में पूर्व से संचालित सिंचाई परियोजनाओं की नहरें क्या क्षतिग्रस्त है एवं कच्ची है यदि है तो कितनी नाम सहित जानकारी देवें? (ग) इनके मरम्मत हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई है परियोजनावार जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्षतिग्रस्त कच्चे नहरों को पक्के नहरों लाईनिंग में परिवर्तन हेतु क्या कोई योजना प्रस्तावित हैं? यदि है तो कब तक पूर्ण कर ली जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रश्नाधीन विधान सभा क्षेत्र में तवा परियोजना का सैच्य क्षेत्र होने के अतिरिक्त गुड्डीखेड़ा लघु सिंचाई परियोजना संचालित है। नवीन सिंचाई परियोजना का कोई प्रस्ताव स्वीकृति के लिए विचाराधीन नहीं है। (ख) एवं (ग) तवा परियोजना की नहरें क्षतिग्रस्त नहीं होकर कच्ची हैं, जिनका वार्षिक संधारण किया जाता है। कच्ची नहरों के नाम संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। तवा बांई मुख्य नहर के चेन क्रं. 214 से 1526 तक पक्की करने के लिए रू. 89.91 करोड़ की स्वीकृति दी गई है और निर्माण कार्य वर्ष 2016-17 में पूर्ण करने का लक्ष्य है। (घ) तवा परियोजना की नहरों के सुदृढ़ीकरण एवं सैच्य क्षेत्र विस्तार के लिए परियोजना प्रस्ताव भारत सरकार को स्वीकृति हेतु भेजा गया है। नहरों को पक्की कराने का कार्य चरणबद्ध रूप से कराने की कार्य योजना है। जिसका क्रियान्वयन वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर है। अत: समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
सी.एम. महोदय की घोषणाओं को पूर्ण नहीं कराना
53. ( क्र. 1260 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2011 से प्रश्न दिनाँक तक नगरपालिका हटा द्वारा कौन-कौन से कार्य मदवार किस कार्य ऐजेंसी से कराये गये हैं? राशिवार, स्थलवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) माननीय मुख्यमंत्री महोदय जी द्वारा हटा भ्रमण उपरांत गंदे नाले हेतु 50 लाख एवं श्मशान घाट के जीर्णोद्धार हेतु 2 करोड़ की राशि प्रदाय पर कार्य की स्थिति एवं कराये गये कार्य किस ऐजेंसी से कराये गये कार्य गुणवत्ताहीन की शिकायत नगर भ्रमण उपरांत प्राप्त हो रही है। दल बनाकर जाँच करायी जाकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही की समय-सीमा सहित जानकारी प्रदाय करें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब’ अनुसार है। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, हटा द्वारा जाँच दल गठित कर जाँच कराई गई। जाँच में सभी कार्य गुणवत्ता के परिपेक्ष में संतोषप्रद प्रतिवेदित किये गये हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत संचालित सिंचाई परियोजनाएं
54. ( क्र. 1282 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रश्न दिनाँक तक की स्थिति में कौन-कौन सी सिंचाई परियोजनाएं किस-किस क्षमता की कहां-कहां पर है? उक्त सिंचाई परियोजनाओं से कितनी-कितनी भूमि को सिंचाई सुविधा उपलब्ध होती है? (ख) उक्त सिंचाई परियोजनाओं में क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी राशि से कराए जाने की आवश्यकता है, जिससे उनकी क्षमता का पूर्ण उपयोग हो सके? (ग) उक्त सिंचाई परियोजनाओं के संचालन, देख-रेख आदि के लिये कौन-कौन कर्मचारी अधिकारी किन-किन सिंचाई परियोजनाओं में पदस्थ होकर कार्यरत है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। परियोजनाओं के वार्षिक संधारण की व्यवस्था है।
तालाब सौन्दर्यीकरण योजना के संबंध में
55. ( क्र. 1283 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में कितने जलाशय स्थित है? विकासखण्डवार संख्या एवं नाम तथा उनका कमाण्ड एरिया बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के जलाशयों के बंधानों पर क्या सौन्दर्यकरण के कार्य हेतु शासन की कोई योजना है? यदि हाँ, तो विगत 02 वर्षों में जलाशयवार कराये गये कार्यों पर कितनी राशि व्यय की गई? (ग) क्या उक्त जलाशयों पर सौन्दर्यकरण कराने के पूर्व क्या जलसंसाधन विभाग द्वारा कोई अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किये जाने का प्रावधान है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग की कोई योजना नहीं हैं। निरंक। (ग) जल संसाधन विभाग की संरचना पर किसी अन्य विभाग द्वारा कार्य कराए जाने के लिए विभाग की सहमति ली जाना अपेक्षित है।
एस्सेल विद्युत वितरण के प्रा.लि. सागर की कार्यप्रणाली के संबंध में
56. ( क्र. 1302 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन के द्वारा एस्सेल विद्युत वितरण कं. प्रा.लि. सागर को विद्युत वितरण संबंधी कार्य किन अनुबंधों (शर्तों) पर दिया गया है? बिन्दुवार जानकारी देवें? क्या अनुबंध के अनुरूप उक्त कंपनी के द्वारा कार्य किया जा रहा है? यदि नहीं, तो किन-किन शर्तों का पालन कंपनी द्वारा नहीं किया जा रहा है? इस संबंध में शासन के द्वारा कोई कार्यवाही की गई हैं? यदि हाँ, तो क्या और कब-कब की गई हैं? (ख) एस्सेल विद्युत वितरण कं. प्रा.लि. द्वारा प्रश्नांश दिनाँक तक शासन के अनुबंध के अनुरूप कितनी राशि भुगतान की गई है तथा कितनी राशि लेना शेष है? उक्त संबंध में क्या कार्यवाही प्रचलन में है? (ग) एस्सेल कं. के द्वारा कार्य प्रारंभ काल से प्रश्नांश दिनाँक तक उपभोक्ताओं के द्वारा कितनी संख्या में शिकायतें प्राप्त हुई? क्या उपभोक्ताओं को विश्वास में लेकर शिकायतों का निराकरण किया गया है एवं कितने शिकायतों का निराकरण किया जाना लंबित है? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में उपभोक्ताओं की शिकायतों के निराकरण हेतु एस्सेल कं. के चिन्हित निरीक्षण दल के निराकरण उपरांत कितने उपभोक्ताओं के प्रकरण न्यायालय में लंबित है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र वि.वि.कं.लि., जबलपुर द्वारा एस्सेल विद्युत वितरण (सागर) कंपनी प्रा.लि. सागर को सागर नगर की विद्युत वितरण संबंधी कार्य वितरण फ्रेंचाइजी अनुबंध दिनाँक 10.05.2012 में निहित शर्तों के तहत् दिया गया है। अनुबंध की शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शाए अनुसार है। कंपनी द्वारा सामान्यत: अनुबंध के अनुरूप कार्य किया जा रहा है, अनुबंध के जिस आर्टिकल का पालन नहीं किया जा रहा है उसमें आर्टिकल क्रमांक 10.1 (पेमेन्ट आफ इनवाईसेस) है, फ्रेंचाइजी द्वारा निर्धारित तिथि के अन्दर भुगतान नहीं किये जाने के कारण आर्टिकल क्रमांक 32.1.1 (II) के तहत् इवेन्ट ऑफ डिफाल्ट का नोटिस दिनाँक 23.2.2015 को जारी किया गया था एवं एस्सेल कंपनी द्वारा भुगतान गांरटी के एवंज में जमा की गई एस.बी.एल.सी. के विरूद्ध रूपये 14.70 करोड़ का भुगतान दिनाँक 20 मार्च 2015 को बकाया राशि के मद में बैंक से प्राप्त किया गया है। एस्सेल विद्युत वितरण कंपनी प्रा.लि. सागर द्वारा रू. 17.28 करोड़ की पुनरीक्षित बैंक गांरटी जमा नहीं किये जाने पर उसे इवेन्ट ऑफ डिफॉल्ट का नोटिस दिनाँक 28.08.2015 को जारी किया गया है। (ख) एस्सेल विद्युत वितरण कंपनी प्रा.लि. सागर द्वारा कार्य प्रारंभ दिनाँक 01.12.2012 से 28.11.2015 तक मंथली एनवाइस (एम आई) एवं पूरक एनवाइस (एस आई) के तहत् राशि रू.200.76 करोड़ का भुगतान किया गया है। दिनाँक 28.11.2015 की स्थिति में रू. 23.75 करोड़ बकाया है, जिसके भुगतान हेतु अनुबंध में निहित शर्तों के आर्टिकल 10.2 के तहत लंबित बकाया राशि पर पेनाल्टी अधिरोपित की जा रही है। (ग) एस्सेल कंपनी द्वारा कार्य प्रारंभ दिनाँक 01.12.12 से 31.10.15 तक उपभोक्ताओं के द्वारा प्राप्त कुल शिकायतों की संख्या 43453 थीं। इन शिकायतों में से 43347 शिकायतों का निराकरण कर दिया गया है। उपभोक्ताओं की शिकायतों का निराकरण उपभोक्ताओं को विश्वास में लेकर एवं उन्हें संतुष्ट करते हुए म.प्र.राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा अधिसूचित प्रावधानों के तहत किया गया है तथा वर्तमान में 106 नंबर शिकायतों का निराकरण लंबित है। उक्त शिकायतों का निराकरण प्रक्रियाधीन हैं एवं शीघ्र ही उनका निराकरण किया जावेगा। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में 13 नंबर प्रकरण वर्तमान में जिला उपभोक्ता फोरम सागर में लंबित है तथा शेष 93 नंबर शिकायतों का निराकरण प्रश्नांश (ग) में दिये गये उत्तर अनुसार किया जा रहा है।
सागर नगर का नवीन मास्टर प्लान
57. ( क्र. 1303 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर नगर को स्मार्ट सिटी बनाए जाने की सूची में सम्मिलित किया गया है? जिसके दृष्टिगत क्या शासन सागर नगर के मास्टर प्लान को उपरोक्त विषय के आलोक में नवीन मास्टर प्लान जल्द लागू करने की दिशा में कार्य करने पर विचार करेगा? (ख) यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। सागर नगर की पुनरीक्षित विकास योजना को म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 के प्रावधानों के अंतर्गत तैयार की जाने की कार्यवाही प्रचलित है। (ख) उक्त कार्यवाही म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 के प्रावधानों के अंतर्गत की जा रही है, अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जलाशय एवं रेस्ट हाउस
58.
( क्र.
1341
) श्री
संजय पाठक :
क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) कटनी
जिला एवं
विधानसभा
क्षेत्र
विजयराघवगढ़
में जलसंसाधन
विभाग द्वारा
निर्मित कितने
बांध एवं रेस्ट
हाउस हैं
जानकारी
ग्रामवार तथा क्षेत्रफलवार
और उनसे
सिंचित रकबावार
देवें? (ख) प्रश्नांश
(क) के
अंतर्गत ऐसे
कितने बांध
हैं जो
वर्तमान सूखे
की स्थिति में
आने वाली
फसलों को
पूर्ण रूपेण
सिंचित करने
में सफल होंगे? उनका
जलस्तर माप
की दक्षता एवं
सिंचित रकबा
की जानकारी
जलाशयवार दें? (ग) प्रश्नांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में ऐसे कितने
बांध हैं
जिनसे आंशिक
सुधार कार्य
करने पर सिंचाई
हेतु पर्याप्त
पानी दे
सकेंगे, यदि
हैं तो उनके
नाम बतायें? (घ) प्रश्नांश
(ग) के
परिप्रेक्ष्य
में सुधार
हेतु कितने
जलाशयों के
कितनी राशि के
प्रस्ताव
भेजे गये? जलाशयवार
जानकारी
देवें?
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
जयंत मलैया ) : (क) से (घ)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-'अ' में
पृष्ठ 1 से 7
एवं प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
जलाशयों में
जल का संग्रहण
वर्षा पर
आधारित होता
है और सैच्य
क्षेत्र में
सिंचाई जलाशय
में संग्रहित
जल पर आधारित
होती है।
सिंचाई परियोजनाओं
के नियमित
संधारण की व्यवस्था
है। सामान्य
मरम्मत के
लिए शासन स्वीकृति
आवश्यक नहीं
होती है। विशेष
मरम्मत के
लिए कोई
प्रकरण स्वीकृति
हेतु
विचाराधीन
नहीं है।
पर्यटन स्थलों का विकास
59. ( क्र. 1342 ) श्री संजय पाठक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में ऐस कितने पर्यटन स्थल हैं जिससे पर्यटकों को सुविधा की दृष्टि से रूकने हेतु टूरिस्ट मोटल बनाये गये हैं, टूरिस्ट मोटलों के अतिरिक्त और क्या-क्या संसाधन विभाग द्वारा उपलब्ध करायें जाते हैं? (ख) संसाधन एवं उपलब्ध सुविधा के अनुसार पर्यटक स्थलवार जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) एक पर्यटन स्थल से दूसरे पर्यटन स्थलों को जोड़ने के लिए शासन ने क्या योजना बनाई हैं? (घ) प्रदेश में ऐसे कितने पर्यटन स्थल हैं जिनमें आवागमन हेतु मार्ग क्षग्रिस्त हैं? विवरण दें? मार्गों के सुधार हेतु क्या कार्य किये जा रहे हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रदेश में 72 ऐसे पर्यटन स्थल हैं जहाँ होटल इकाईयाँ कार्यरत हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) पर्यटन स्थल एवं सुविधाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ग) निगम द्वारा पर्यटन स्थलों को जोड़ने के लिए पर्यटन सर्किट बनाया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (घ) संख्या बताया जाना संभव नहीं है। चिन्हित क्षतिग्रस्त मार्गों की मरम्मत कार्य हेतु सतत् प्रक्रिया है।
उपभोक्ताओं से बिल जमा करने संबंधी विवरण
60. ( क्र. 1378 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनाँक 13.12.14 को सबलगढ़ शहरी वि.केन्द्र पर कितने उपभोक्ताओं के बिल जमा कराए गए? निम्न प्रारूप पर जानकारी उपलब्ध करावें? क्र.सर्विस क्र.नाम बिल की कुल राशि जमा राशि (ख) नवम्बर 2014 से दिसम्बर 2014 तक सबलगढ़ शहरी विद्युत केन्द्र पर धारा 135, 138 एवं 126 के तहत कितने प्रकरण बताएं? निम्न प्रारूप पर जानकारी बताऐं? क्र.नाम उपभोक्ता बिल राशि पंचनामा क्र. बनाने वाले अधि. का नाम (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित है उपभोक्ताओं से 40% कम करके राशि क्यों जमा कराई? कारण बतावें? यदि उपभोक्ताओं से छलपूर्वक 200 रूपये एवं बिजली के बिल के छूट के नाम पर 13.12.14 को जमा कराएं हैं तो ऐसे भ्रष्ट सुपरवाइजर पर निलम्बन करने की कार्यवाही कब तक की जावेगी? (घ) यूनियन बैंक कनेक्शन का कार्य किस ठेकेदार द्वारा कराया गया? नाम बतावें? इनके द्वारा सामान कहाँ से क्रय किया गया?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) कार्यालयीन अभिलेख के अनुसार दिनाँक 13.12.2014 को सबलगढ़ शहरी वितरण केन्द्र पर 350 उपभोक्ताओं से विद्युत बिल की राशि जमा कराई गई थी। प्रश्नांश में उल्लेखित प्रारूप में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' में दर्शाए अनुसार है। (ख) नवम्बर, 2014 से दिसम्बर, 2014 तक सबलगढ़ शहरी विद्युत वितरण केन्द्र के क्षेत्रान्तर्गत प्रश्नाधीन उल्लेखित धाराओं के तहत् 95 प्रकरण बनाये गये थे। प्रश्नांश में उल्लेखित प्रारूप में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' में दर्शाए अनुसार है। (ग) दिनाँक 13.12.2014 को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में आदेश क्रमांक प्रबंध संचालक प्रस/मक्षे/वाणि./14/1645 भोपाल दिनाँक 04.12.2014 के अन्तर्गत आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर प्री-लिटिगेशन के प्रकरणों में ही 40 प्रतिशत राशि की छूट प्रदान की जानी थी। परन्तु त्रुटिवश सबलगढ़ शहर वितरण केन्द्र पर पदस्थ कनिष्ठ यंत्री द्वारा 350 उपभोक्ताओं में से 17 प्रकरणों को छोड़कर शेष 333 उपभोक्ताओं से 40 प्रतिशत राशि कम करके जमा कराई गई थी, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। इनमें से 87 उपभोक्ताओं को सी.सी.एण्ड.बी/आर.एम.एस. के माध्यम से क्रेडिट दी गई थी। जिसको पुन: माह मई 2015 में संबंधित उपभोक्ताओं के बिलों में जोड़ दी गई है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। उक्त त्रुटि संज्ञान में आने पर शेष 246 उपभोक्ताओं के विद्युत देयकों में छूट की क्रेडिट नहीं दी गई है। अनियमितता के लिए कनिष्ठ यंत्री श्री राहुल रंजन एवं श्री राहुल गौड़ के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुये एक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोके जाने हेतु कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये हैं। उपभोक्ताओं से 200 रूपये आर.सी.डी.सी. चार्ज के रूप में नियमानुसार लिये गये हैं। (घ) यूनियन बैंक कनेक्शन का कार्य 'अ' श्रेणी के विद्युत ठेकेदार श्री हुकम सिंह रावत ग्राम टोंगा सबलगढ़ द्वारा कराया गया है। इस कार्य के लिए विद्युत सामग्री जगदम्बा ऑटो इलेक्ट्रिकल्स आर्य समाज बड़ौदा रोड श्योपुर से क्रय की गई है।
विद्युतविहीन ग्रामों का विद्युतीकरण
61. ( क्र. 1380 ) श्री रामपाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी एवं जयसिंह नगर तहसील अंतर्गत राजस्व ग्राम विद्युतविहीन हैं जहाँ आज तक विद्युतीकरण का कार्य नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से ग्राम विद्युतविहीन है? (ख) यदि खण्ड (क) के प्रश्नानुसार विद्युतविहीन ग्राम हैं तो उन ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य कब तक किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) शहडोल जिले के ब्यौहारी तहसील अंतर्गत निरंक एवं जयसिंह नगर तहसील अंतर्गत दो राजस्व ग्राम कुढ़ली एवं खरगढ़ी अविधुतीकृत हैं। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित कुढ़ली एवं खरगढ़ी ग्राम वन बाधित हैं। इन ग्रामों का पांरपरिक रूप से लाईन विस्तार कर विधुतीकरण हेतु वन विभाग से अनुमति प्राप्त करने के लिये प्रस्ताव वन विभाग को प्रेषित किया गया है। स्वीकृति प्राप्त होने के पश्चात विद्युतीकरण का कार्य प्राथमिकता के आधार पर पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर से किया जाना प्रस्तावित है। उक्त परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में विद्युतीकरण के कार्य करने की समय-सीमा बता पाना संभव नहीं है।
वाटर कोष एवं माईनरों के निर्माण/रख रखाव पर व्यय
62. ( क्र. 1390 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2012 से अक्टूबर 2015 तक भाण्डेर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत माईनरों का निर्माण/रख रखाव कार्य कराये गए? यदि हाँ, तो उनकी संपूर्ण जानकारी ग्राम-माईनरवार किस ठेकेदार को कितनी राशि दी गई विवरण देवें? वर्तमान में माईनर की भौतिक स्थिति क्या है? (ख) क्या वर्ष 2012 से अक्टूबर 2015 तक भाण्डेर विधान सभा अंतर्गत ग्रामों में वाटरकोष गूल निर्माण कार्य कराया गया? यदि हाँ, तो ग्रामवार गूलों की जानकारी और उन पर व्यय हुई राशि किसकों भुगतान की गई, जानकारी देवें? वर्तमान में गूलों की भौतिक स्थिति क्या है? (ग) मुख्य अभियंता राजघाट नहर परियोजना दतिया के क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2012 से अक्टूबर 2015 तक किन-किन कार्यों की निविदायें जारी की गई और वर्तमान में उन कार्यों की भौतिक स्थिति क्या है? किस-किस कार्य पर कितनी राशि भुगतान की गई?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वर्ष 2012 से अक्टूबर 2015 तक भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत माईनर नहरों का निर्माण नहीं कराया जाना प्रतिवेदित है। उक्त अवधि में माईनर नहरों की रख-रखाव का कार्य किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-अ'' (पृ.1 से 8) अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-ब'' (पृ.1 से 11) अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-स'' (पृ.1 से 12) अनुसार है।
अनुदान योजना के तहत ट्रांसफार्मर की स्थापना
63. ( क्र. 1406 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसान को स्वयं के खर्च से कृषि पंप उपयोग हेतु ट्रांसफार्मर स्थापित करवाने हेतु कोई योजना विभाग द्वारा संचालित की जा रही है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी? योजना की संपूर्ण जानकारी देवें? (ख) पिछले 03 वर्षों में सीहोर जिले के कितने ट्रांसफार्मर प्रश्नांश (क) अनुसार स्थापित किए गए हैं? अनुदान सहित जानकारी दें? (ग) क्या सीहोर जिले में अनुदान योजना के तहत ट्रांसफार्मर स्थापित किए जाने हैं? यदि हाँ, तो कितने-किसानों के आवेदन विद्युत कंपनी के पास लंबित हैं? यदि हाँ, तो क्यों? ब्लॉकवार ब्यौरा देवें? (घ) क्या योजना बंद की जा रही है? यदि हाँ, तो संपूर्ण ब्यौरा देवें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) कृषक द्वारा स्वयं के खर्चे से कृषि पम्प उपयोग के लिए वर्तमान में स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना क्रियाशील है। योजना का विवरण राज्य शासन द्वारा समय-समय पर जारी आदेशों अनुसार है, जिनकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’’अ’’ अनुसार है। (ख) मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी भोपाल के अंतर्गत सीहोर जिले में स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना में पिछले तीन वर्षों यथा वर्ष 2013-14 में 124, वर्ष 2014-15 में 155 एवं वर्ष 2015-16 में प्रश्न दिनाँक तक कुल 12 ट्रांसफार्मर स्थापित किए गए हैं। उक्त योजना में अनुदान का कोई प्रावधान नहीं है। (ग) जी हाँ। सीहोर जिले में अनुदान योजनांतर्गत लंबित 582 आवेदनों की विकास खण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है। उक्त 582 में से 306 आवेदन निर्धारित समयावधि वाले हैं तथा शेष आवेदन राईट-ऑफ वे की समस्या, सीमित वित्तीय उपलब्धता आदि विभिन्न कारणों से लंबित है। (घ) जी नहीं। अनुदान योजना दिनाँक 06.05.2011 से एवं स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना दिनाँक 4.5.2011 से निरंतर जारी है।
प्रदेश शासन पर कर्ज
64. ( क्र. 1407 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश सरकार पर आज दिनाँक तक कितना कर्ज है? (ख) पिछले छह माह में शासन ने बाजार से कितना कर्ज लिया? कौन-कौन सी संस्था से कितना-कितना ब्याज किस दर पर लिया गया है? (ग) क्या प्रदेश की वित्तीय स्थिति संतोषजनक है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) दिनाँक 31/03/2014 की स्थिति में रूपये 83897.90 करोड़ कर्ज है उसके बाद के लेखे महालेखाकार से अप्राप्त है। (ख) पिछले 06 माह में भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से बाजार ऋण लिये गये जिसके ब्याज दर का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। बाजार ऋण भारतीय रिजर्व बैंक से लिया गया है किसी संस्था से नहीं। (ग) जी हाँ।
नगर निगम सिंगरौली में रिक्त पदों की पूर्ति
65. ( क्र. 1425 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम सिंगरौली में कार्यरत सफाई एवं अन्य कर्मचारियों के पद स्वीकृत होने के बाद भी इन पदों पर भर्ती अभी तक नहीं की गई है? यदि हाँ, तो प्रत्येक श्रेणी के कितने पद रिक्त हैं तथा इन पदों पर कब तक विधि अनुसार भर्ती की कार्यवाही पूर्ण कर ली जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में लम्बे समय से मस्टर रोल, संविदा, दैनिक वेतनभोगी के रूप में कार्यरत सफाई कर्मचारियों को क्या इस भर्ती में प्राथमिकता दी जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। नगर निगम, सिंगरौली में सीधी भर्ती अंतर्गत द्वितीय श्रेणी के नियमित 05 पद, तृतीय श्रेणी के नियमित 85 व संविदा के 08 एवं चतुर्थ श्रेणी के 124 व संविदा के 363 पद रिक्त है। इस पदों पर नियमानुसार सीधी भर्ती/नियमितीकरण की कार्यवाही नगर निगम, सिंगरौली द्वारा प्रारंभ की जायेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं। (ख) नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
सिंगरौली जिले में हवाई पट्टी का निर्माण
66. ( क्र. 1430 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या जिला सिंगरौली में हवाई पट्टी के निर्माण हेतु भूमि का अर्जन हो गया है? यदि हाँ, तो भूमि स्वामियों को क्या मुआवज़ा वितरित किया गया है तथा कितने भूमि स्वामियों को मुआवज़ा दिया जाना है? हवाई पट्टी के निर्माण का कार्य कब तक प्रारंभ किया जा सकेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : जी हाँ। 186 खातेदारों को अर्जित भूमि का मुआवजा दिया गया है। अभी 84 खातेदारों को मुआवजे का भुगतान किया जाना है। हवाई अड्डा/पट्टी निर्माण के लिये डी.पी.आर. बनाने की कार्यवाही प्रचलित है। निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं हैं।
प्रमुख अभियंता, मुख्य अभियंता, कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्रियों के स्वीकृत पद
67. ( क्र. 1435 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में जल संसाधन विभाग में कुल कितने प्रमुख अभियंता, मुख्य अभियंता, कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री के पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पद के विरूद्ध कितने पद भरे हैं तथा कितने पद खाली हैं? भरे पदों में कौन-कौन अधिकारी कार्यरत है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कितनों के विरूद्ध शिकायतें प्राप्त हुई है? शिकायतों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही हुई है? विगत तीन वर्षों की जानकारी बतावें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-अ'' एवं कार्यरत अधिकारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1 से 27'' में है। (ख) विभाग के सभी अभियंताओं के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों के आंकडें संकलित एवं संधारित नहीं किए जाते है। शिकायत प्राप्त होने पर शिकायतवार नस्ती बनाकर निराकरण किया जाता है। प्रश्न में किसी अधिकारी विशेष के विरूद्ध शिकायतें का उल्लेख नहीं होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है।
बिजली उत्पादक एवं बिजली बिक्री तथा खरीदी की जानकारी
68. ( क्र. 1436 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में प्रदेश म.प्र. पावर जनरेटिंग के उत्पादन संयत्रों की स्थापित क्षमता कितनी हैं? स्थानवार, जानकारी बतावें? (ख) प्रश्नांक (क) के समय अनुसार विद्युत की कितनी खपत प्रदेश में हुई, कितनी विद्युत प्रदेश के बाहर बेची गयी कितनी राशि की बिजली बेची गयी एवं उसकी औसत दर क्या रही वर्षवार जानकारी बतावें? (ग) प्रश्नांक (क) के समय अनुसार प्रदेश में विद्युत आपूर्ति हेतु खरीदी गई विद्युत की मात्रा एवं भुगतान की गई राशि का स्त्रोतवार, वर्षवार विवरण देवें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित वर्षों में म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी की उत्पादन संयत्रों की स्थापित क्षमता व स्थान संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''क-1'' एवं ''क-2'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित वर्षों में विद्युत खपत, प्रदेश से बाहर बेची गई विद्युत, राशि एवं औसत दर संबंधी वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित वर्षों में विद्युत आपूर्ति हेतु खरीदी गई विद्युत की मात्रा, भुगतान की गई राशि का स्त्रोतवार, वर्षवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ग'' अनुसार है।
औद्योगिक इकाईयों से वायु प्रदूषण
69. ( क्र. 1444 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में औद्योगिक इकाईयों के कारण वायु प्रदूषण बढ़ रहा है? (ख) यदि हाँ, तो इसे रोकने के लिये क्या-क्या कदम उठाये गये हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भोपाल नगर निगम अन्तर्गत उच्च स्तरीय टंकियों एवं डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क का कार्य
70. ( क्र. 1465 ) श्री आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल नगर निगम में निर्मित हो रही उच्च स्तरीय पानी की टंकियों को पाईप लाईनों से जोड़ने तथा डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क का कार्य किस कम्पनी को कितनी राशि का कब तथा कितनी अवधि में कार्य पूर्ण करने के कार्यादेश जारी किए गए? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किस-किस कम्पनी को कितनी-कितनी राशि का भुगतान प्रश्न दिनाँक की स्थिति में किया गया और कार्य अभी तक कितना हुआ है और कितना शेष है तथा कब तक कार्यपूर्ण हो जावेंगे? (ग) प्रश्नांश (क)-(ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या कार्य निर्धारित समय से विलम्ब हुआ है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी अवधि का समय पर कार्यपूर्ण नहीं होने के कारण समय कब-कब बढ़ाया गया? कम्पनी द्वारा समय पर कार्य पूर्ण नहीं करने के कारण कार्यकारी ऐजेंसी के विरूद्ध शासन द्वारा कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या और यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें? (कार्यादेश एवं बढ़ाई गई अवधि के कार्यादेशों सहित कम्पनी के विरूद्ध की गई कार्यवाही की विवरण उपलब्ध करावें)?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी हाँ। समयावधि बढ़ाने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के कॉलम 10 अनुसार है। कार्यकारी एजेन्सी के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के कॉलम 11 अनुसार है। कार्यादेशों की प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -2 अनुसार है, बढ़ाई गई अवधि की प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है तथा कंपनी के विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। निर्माण कार्य नगर निगम द्वारा करवाए गए है एवं कार्य संबंधी अधिकार नगर निगम को हैं, अत: राज्य शासन के स्तर पर कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
विधायक निधि के कार्य
71. ( क्र. 1471 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की सारंगपुर नगरपालिका को वर्ष 2013-14 एवं वर्ष 2014-15 में विधायक निधि से कितने कार्यों हेतु कितनी राशि प्रदाय की गई है? कार्यवार राशि का विवरण देवे? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शाये गये कार्यों में से प्रश्न दिनाँक तक कितने कार्य पूर्ण/अपूर्ण है? कार्यवार भौतिक एवं वित्तीय विवरण की जानकारी देवें? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में अपूर्ण कार्यों की विधायक मद की राशि नगरपालिका के पास शेष है या अन्य मद में व्यय कर दी गयी है? (घ) प्रश्नांश (ग) में यदि विधायक मद की राशि अन्य मद में व्यय की जा चुकी है तो विधायक निधि के अन्तर्गत स्वीकृत कार्यों को कैसे पूर्ण करावेंगे? अन्य मद में राशि व्यय करने वाले अधिकारी के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सारंगपुर नगर पालिका को वर्ष 2013-14 में कुल 9 कार्यों हेतु रूपयें 12.00 लाख तथा वर्ष 2014-15 में कुल 14 कार्यों हेतु रूपयें 14.25 लाख विधायक निधि से प्राप्त हुए। कार्यवार विवरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) दोनों वर्षों के कुल 23 कार्यों में से 19 कार्य पूर्ण तथा 4 अपूर्ण हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विधायक निधि से स्वीकृत कार्यों की राशि नगर पालिका खाते में शेष नहीं है। राशि अन्य मदों में व्यय कर दी गई है। (घ) विधायक निधि मद के अपूर्ण कार्यों को सक्षम स्वीकृति प्राप्त कर नगर पालिका निधि से पूर्ण कराया जानाहै। नगर पालिका में वित्तीय अनियमितता के कारण तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री गुरूदत्त शर्मा को आयुक्त, नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल द्वारा निलंबित किया गया है, जाँच प्रचलित है।
बुंदेलखण्ड पैकेज अंतर्गत बांध निर्माण
72. ( क्र. 1474 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत 5 वर्षों की अवधि में बुंदेलखण्ड पैकेज व अन्य मदों से बांधों का निर्माण कार्य कराया गया है? विधानसभा क्षेत्र गुनौर अंतर्गत कितने बांधो का निर्माण कार्य किस-किस ग्राम में कितनी-कितनी लागत से कराया गया है? (ख) प्रश्न (क) के अनुसार किस बांध का कार्य पूर्ण है? किस बांध का कार्य अपूर्ण है? कितनों में काम चालू है तथा कितनों में काम बंद है? किस बांध में कौन सा ठेकेदार एवं कौन उपयंत्री नियुक्त है, बांधवार बतावें? (ग) किस-किस बांध में कितने किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई है? क्या ऐसे किसान जिनकी भूमि अधिग्रहित की गई है उनमें से सभी किसानों को मुआवजा राशि दी गई है या मुआवजा राशि देने के लिये कृषक शेष है? (घ) जिन किसानों को मुआवजा राशि नहीं मिली है उन्हें कब तक कितनी मुआवजा राशि प्रदान कर दी जावेगी? भूमि अधिग्रहित होने के बाद मुआवजा राशि न दिये जाने का क्या कारण है, इसके लिये कौन दोषी है, शासन दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। मुआवजा भुगतान अवार्ड पारित होने और कृषकों द्वारा उनके बैंक खातों की जानकारी पर निर्भर होने से विभाग द्वारा मुआवजा भुगतान के लिए समय-सीमा नियत करना संभव नहीं है। भूमि अधिग्रहण एक वैधानिक प्रक्रिया है जिसमें समय लगता है। अत: किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है।
क्षेत्रीय विकास के लिए विधायकों को राशि का प्रावधान
73. ( क्र. 1518 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग द्वारा क्षेत्रीय विकास के लिए विधायकों को जो राशि का प्रावधान है उसमें अग्रिम भुगतान पर रोक लगी है इसके क्या कारण है? (ख) क्षेत्रीय विकास के कार्य प्रभावित न हो इस हेतु क्या विभाग की नीति विचाराधीन है? यदि हाँ, तो क्षेत्रीय विकास के कार्यों हेतु राशि का भुगतान समय-सीमा में हो सके? इस हेतु कोई सरल प्रक्रिया का आदेश शीघ्र जारी किये जाएंगे?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। वित्त विभाग के पत्र क्रमांक 1369/646/ब-1/14/चार, दिनाँक 27/11/2015 द्वारा योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकीय विभाग से विधायक निधि/जन भागीदारी योजना की राशि को पुरानी व्यवस्था के तहत आहरित करने तथा इन्हें केन्द्रीयकृत बजट प्रणाली में शामिल करने हेतु लिखा गया है, एवं इसका पृष्ठांकन समस्त कलेक्टर्स को सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु किया गया है।
उज्जैन में हवाई पट्टी विस्तार एवं रात्रिकालीन विमान सेवा
74. ( क्र. 1523 ) डॉ. मोहन यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आगामी सिंहस्थ को दृष्टिगत रखते हुए उज्जैन में हवाई पट्टी विस्तार एवं रात्रिकालीन विमान सेवा के संबंध में विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो वर्तमान में उक्त संबंध में कौन-कौन से कार्य प्रारंभ हो चुके हैं, कौन-कौन से कार्य बाकी हैं एवं उक्त कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे? (ख) यदि नहीं, तो क्या भविष्य में इस संबंध में कोई कार्यवाही प्रस्तावित हैं? यदि हाँ, तो क्या?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिंहस्थ की व्यवस्थायों हेतु बैठकों का आयोजन
75. ( क्र. 1524 ) डॉ. मोहन यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्थ के दृष्टिगत रखते हुए संस्कृति विभाग द्वारा व्यवस्थाओं स्वरूप कितनी-कितनी बैठक 01.012015 से प्रश्न दिनाँक तक आयोजित की गई इनमें किन-किन जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया? उन्होंने इस संबंध में क्या-क्या सुझाव दिये एवं उनके किन-किन सुझावों पर अमल हेतु कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है? यदि जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित कर सुझाव प्राप्त नहीं किये गये हैं तो क्यों? (ख) सिंहस्थ को दृष्टिगत रखते हुए विभाग द्वारा कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये हैं एवं कौन-कौन से कार्य प्रस्तावित हैं, स्वीकृत कार्यों को कब तक पूर्ण हो जाना है? कार्य की प्रगति के बारे में संपूर्ण जानकारी प्रस्तुत करें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सिंहस्थ्ा को दृष्टिगत रखते हुए मान. मुख्यमंत्रीजी एवं प्रमुख सचिव, संस्कृति द्वारा दिनाँक 13 एवं 14 फरवरी, 2015 को सिंहस्थ कार्यों का निरीक्षण किया गया तथा जनप्रतिनिधियों के साथ इस संबंध में विचार-विमर्श किया गया तथा कालिदास अकादमी में जनप्रतिनिधियों की बैठक ली. जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है. जनप्रतिनिधियों द्वारा विक्रम कीर्ति मंदिर, उज्जैन, उपवन एवं प्रदर्शनी दीर्घा का निर्माण, उज्जैन की साज-सज्जा एवं संग्रहालयों की स्थापना आदि के कार्यों हेतु सुझाव दिये. पुरातत्व महत्व के उज्जैन क्षेत्र में स्थित नौ मंदिरों के अनुरक्षण एवं रसायनिक संरक्षण के सुझाव भी दिये गये. ओंकारेश्वर स्थित शिवलिंग के क्षरण को रोकने के लिये भी सुझाव दिये गये. जनप्रतिनिधियों के दिये गये सुझावों अनुसार संस्कृति विभाग द्वारा कार्यवाही की जा रही है. (ख) सिंहस्थ्ा को दृष्टिगत रखते हुए संस्कृति संचालनालय की सिंहस्थ के पूर्व एवं सिंहस्थ के दौरान की नौ योजनाऐं स्वीकृत की गई हैं जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ एवं ‘स’ अनुसार है. पुरातत्व संचालनालय के अंतर्गत स्वीकृति योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘द’ अनुसार है. स्वीकृत योजनाओं पर कार्यवाही की प्रगति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’, ‘स’ एवं ‘द’ अनुसार है.
शाजापुर जिले के जेठड़ा तालाब से पानी रिसाव के कारण फसलों को नुकसान
76. ( क्र. 1544 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले के जेठड़ा तालाब का निर्माण कार्य किस वर्ष में पूर्ण हुआ? क्या तालाब से पानी के रिसाव के कारण फसलों को नुकसान होने की शिकायतें किसानों द्वारा की जाती रही है? यदि हाँ, तो कितने किसानों की कितने हेक्टेयर भूमि की फसलों में नुकसान हो रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित तालाब के पानी का रिसाव रोकने के लिए क्या कार्य किस वर्ष किये गये? कार्य में वर्षवार कितना खर्च किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित तालाब से वर्तमान में पानी का रिसाव क्या बंद हो चुका है? यदि नहीं, तो रिसाव रोकने के कार्य किस तकनीकी अधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर कराये गये थे? क्या तालाब के पानी का रिसाव नहीं रोक पाने के लिए किसी की जिम्मेदारी तय की गई है? यदि हाँ, तो क्या? यदि जिम्मेदारी तय नहीं की गई है तो शासकीय धन के दुरूपयोग के लिए कौन जिम्मेदार है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जैठड़ा तालाब का निर्माण कार्य वर्ष 2015 में पूर्ण हुआ। जी हाँ। 42 कृषकों की 27 हेक्टर भूमि प्रभावित होना प्रतिवेदित है। (ख) एवं (ग) जलाशय से पानी का रिसाव रोकने के लिए वर्ष 2014-15 में विशेषज्ञ एजेन्सी पार्सन इण्डिया, नई दिल्ली से भूगर्भीय सर्वे कराया गया एवं उसकी अनुशंसा पर सीमेन्ट ग्राउटिंग का कार्य कराया गया। सर्वे के कार्य में रूपये 7.05 लाख तथा बांध में ड्रिलिंग ग्राउटिंग कार्य में रूपये 9.13 लाख का व्यय हुआ। रिसाव कुछ दिनों के लिए बन्द हुआ और बन्द होने के बाद पुन: शुरू हो गया। विशेषज्ञ एजेन्सी ने पुन: स्थल निरीक्षण कर समाधान ढूढ़ने की सेवा नि:शुल्क देने के लिए आश्वस्थ किया है। भूगर्भीय संरचना के कारण उत्पन्न स्थिति के लिए कोई अधिकारी दोषी नहीं माना जा सकता है। अत: शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
यात्रियों के लिए बस स्टेण्डों पर मूलभूत सुविधाएं
77. ( क्र. 1545 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंहस्थ 2016 की दृष्टि से इंदौर उज्जैन संभाग कि समस्त नगर पंचायतों के बस स्टैण्ड पर यात्रियों के लिए यात्री प्रतिक्षालय, प्रसाधन, शुद्ध पेयजल तथा रैन बसेरा है? यदि हाँ, तो किस-किस स्थान की नगर पंचायतों में? (ख) इंदौर उज्जैन संभाग कि जिन नगर पंचायतों में बस स्टैण्ड पर प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सुविधाओं का अभाव है, उनमें से किन-किन नगर पंचायतों से प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं? क्या प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई है? (ग) पानखेड़ी नगर परिषद में कालापीपल मंडी के बस स्टैण्ड पर मूलभूत सुविधाएं निर्माण करने हेतु सिंहस्थ 2016 मद से आवंटन प्रदान किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) उज्जैन संभाग से 24 नगरीय निकायों के प्रस्ताव प्राप्त हुए थे, जिनमें से 22 प्रस्तावों को स्वीकृति दी जा चुकी है। इन्दौर संभाग से 4 प्रस्ताव प्राप्त हुए थे, जिन्हें स्वीकृति दी जा चुकी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) आवंटन प्रदाय किया जाना प्रस्तावित नहीं है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राजस्व निरीक्षक की पदोन्नति निरस्त करने बाबत्
78. ( क्र. 1564 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी नगर निगम में सहायक राजस्व अधिकारी के पद पर कौन-कौन कब से कार्यरत हैं तथा वेतनमान क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के सहायक राजस्व अधिकारी में से किसी कर्मचारी की अवैधानिक पदोन्नति की गई है, प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा कार्यालयीन पत्र क्रमांक 2127 दिनंक 16.09.2015 द्वारा मुख्य सचिव म.प्र. शासन को पत्र लिखा था? यदि हाँ, तो उक्त पत्र के प्रत्येक बिन्दुवार क्या कार्यवाही की गई है? (ग) नगर निगम कटनी क्षेत्रांतर्गत बरगवां स्थित शारदा माता मंदिर के सामने नगर निगम स्वामित्व की कुल 05 दुकानों का निर्माण कराया गया था? यदि हाँ, तो एक व्यक्ति विशेष जो बहुमंजिला व्यावसायिक भवन का निर्माण कराया जा रहा है, को लाभ पहुँचाने के लिये उक्त दुकानें बहुमंजिला भवन के सामने होने के कारण आयुक्त नगर पालिक निगम कटनी द्वारा मेयर इन काउंसिल/परिषद की स्वीकृति के बिना अनैतिक लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से नगर निगम की करोड़ों की दुकानों को तुड़वा दिया गया? यदि हाँ, तो नगर निगम आयुक्त के विरूद्ध जाँच कर दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही कब तक की जावेगी? (घ) नगर निगम कटनी की स्वामित्व के भूखण्डों/दुकानों के अनुबंध के बगैर पंजीयन कराये अन्य के नाम नामांतरण आयुक्त द्वारा किया जाता है? जिससे स्टाम्प पंजीयन से होने वाली राजस्व की आय की चोरी की गई जो करोड़ों की क्षति संभावित है? यदि हाँ, तो आयुक्त के विरूद्ध आर्थिक अपराध का प्रकरण शासन द्वारा कब तक दर्ज कराया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) नगर निगम, कटनी में श्री अनिल कुमार त्रिपाठी दिनाँक 04-07-2009 से एवं श्री जोगेश्वर प्रसाद पाठक दिनाँक 18-12-2009 से वेतनमान रूपये 9300-34800+3600 ग्रेड पे पर सहायक राजस्व अधिकारी के पद पर कार्यरत है। (ख) श्री जोगेश्वर प्रसाद पाठक, राजस्व निरीक्षक को निगम आदेश क्रमांक 4154 दिनाँक 18-12-2009 से सहायक राजस्व अधिकारी के पद पर पदोन्नति दिये जाने के संबंध में विधान सभा प्रश्न क्रमांक 4983 तारांकित पर नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग के आदेश क्रमांक एफ 11-26/13/18-1, दिनाँक 11-03-2013 के परिपालन में निगम आदेश क्रमांक 1449ए दिनाँक 14-03-2013 से पदावनत किया गया। उक्त आदेश के विरूद्ध श्री पाठक द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में याचिका क्रमांक 4804/13 (एस) दायर की गई, जिस पर माननीय न्यायालय द्वारा स्थगन दिया गया। प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। जी हाँ, माननीय विधायक का दिनाँक 16-09-2015 का पत्र प्राप्त हुआ है। प्रकरण में कलेक्टर, कटनी से जाँच कराई जा रही है। जाँच निष्कर्ष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी। (ग) एवं (घ) कलेक्टर कटनी से जाँच करवाकर, जाँच उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
विद्युत का उत्पादन
79. ( क्र. 1565 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन द्वारा विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण में साथ ही सरकार का संकल्प लिया गया था कि राज्य शासन द्वारा वर्ष 2018-19 तक विद्युत उत्पादन क्षमता 20 हजार मेगावाट हो जायेगी? यदि हाँ, तो इसमें म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी द्वारा एवं राज्य शासन द्वारा स्वयं की कहां-कहां, कब-कब परियोजना विस्तार इकाई का निर्माण कराकर वर्ष 2015-16 से वर्ष 2018-19 तक उत्पादन प्रारंभ किया जावेगा? वर्तमान में म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी एवं राज्य शासन की ताप एवं जल विद्युत इकाईयों की क्षमता कितने मेगावॉट है? अलग-अलग बतायें? (ख) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप एवं जल विद्युत गृहों से वर्ष 2015-16 में (अक्टूबर 2015 तक) माहवार कितने मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन किया गया इसी अवधि में केन्द्रांश कोटा का आवंटित एवं अनावंटित कोटा से प्राईवेट ट्रेडर्स से निविदा बुलाकर एवं बगैर निविदा खरीदकर म.प्र.एवं छत्तीसगढ़ में स्थापित प्राईवेट कंपनियों की विद्युत परियोजनाओं से एवं अन्य से खरीदकर माहवार एवं वर्षवार कितने मिलियन यूनिट बिजली प्रदाय की गई? इसी अवधि में खरीदी गई बिजली की कुल राशि दर माहवार एवं वर्षवार अलग-अलग बतावें? (ग) वर्तमान में मध्य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत गृहों का कोयला प्रदेश से बाहर के राज्यों खासतौर से छत्तीसगढ़ राज्य कहां-कहां एवं किस-किस कोयला खदान से आता है? नाम सहित दूरी भी बतावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) विधानसभा में माननीय राज्यपाल के दिनाँक 18.02.2015 के अभिभाषण में वर्ष 2018 तक विद्युत उत्पादन क्षमता 18 हजार मेगावाट से अधिक लाने का उल्लेख है। वर्ष 2018-19 के अंत तक राज्य क्षेत्र, केन्द्रीय क्षेत्र और निजी क्षेत्र में प्रस्तावित परियोजनाओं के निर्धारित समयावधि में क्रियान्वित हो जाने पर सभी क्षेत्रों की परियोजनाओं में राज्य का अंश मिलाकर, राज्य हेतु कुल उपलब्ध विद्युत उत्पादन क्षमता लगभग 19086 मेगावाट हो जाना संभावित है। वर्ष 2015-16 से वर्ष 2018-19 तक म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की जिन इकाईयों से उत्पादन प्रारंभ होना संभावित है, उनका विवरण निम्नानुसार है-वर्तमान में निर्माणाधीन श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना 2x660 मेगावाट (कुल 1320 मेगावाट) से वाणिज्यिक उत्पादन प्राप्त होने की संभावित तिथि-इकाई क्रमांक 3 - जुलाई 2018 इकाई क्रमांक 4- नवंबर 2018 इस अवधि में राज्य शासन के किसी संयुक्त उपक्रम की कोई परियोजना का निर्माण अभी प्रस्तावित नहीं है। वर्तमान में म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की ताप एवं जल विद्युत उत्पादन इकाईयों की स्थापित विद्युत उत्पादन क्षमता क्रमश: 4320 मेगावाट एवं 915 मेगावाट है। राज्य शासन के संयुक्त उपक्रमों की जल विद्युत उत्पादन इकाईयों की विद्युत उत्पादन क्षमता 1545 मेगावाट है। (ख) म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप एवं जल विद्युत गृहों से वर्ष 2015-16 में (अक्टूबर, 2015 तक) माहवार विद्युत उत्पादन का विवरण मिलियन इकाई में संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1' में दर्शाये अनुसार है। इसी अवधि में एम.पी.पावर मैनेजमेंट कपंनी द्वारा केन्द्रांश कोटा का आबंटित एवं अनावंटित कोटा से, प्राइवेट ट्रेडर्स से, निविदा बुलाकर एवं बगैर निविदा खरीदकर, म.प्र. एवं छत्तीसगढ़ में स्थापित प्राइवेट कंपनियों की विद्युत परियोजनाओं से एवं अन्य से खरीदकर प्रदाय की गई विद्युत एवं इसी अवधि में खरीदी गई विद्युत की कुल राशि तथा औसत दर का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ-2'' में दर्शाये अनुसार है। (ग) म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के स्थापित ताप विद्युत गृहों को प्रदेश के बाहर की जिन कोयला खदानों से कोयला प्राप्त होता है उनका नाम, प्रदेश का नाम तथा उनकी संबंधित विद्युत गृहों से दूरी की जानकारी निम्नानुसार है :-
अ- अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई।
क्र. |
कोयला खदान का नाम |
जिस प्रदेश में स्थित है |
विद्युत गृह से दूरी (कि.मी. में) |
1 |
गेवरा |
छत्तीसगढ़ |
282 |
2 |
दीपिका |
छत्तीसगढ़ |
288 |
3 |
ओल्ड कुशमुंडा |
छत्तीसगढ़ |
274 |
4 |
न्यू कुशमुंडा |
छत्तीसगढ़ |
274 |
5 |
राबर्टसन |
छत्तीसगढ़ |
279 |
ब- संजय गांधी ताप विद्युत गृह, बिरसिंहपुर।
क्र. |
कोयला खदान का नाम |
जिस प्रदेश में स्थित है |
विद्युत गृह से दूरी (कि.मी.में) |
1 |
कठोरा |
छत्तीसगढ़ |
200 |
2 |
चर्चा |
छत्तीसगढ़ |
185 |
3 |
भटगॉव |
छत्तीसगढ़ |
241 |
4 |
चिरमिरि/एनसीपीएच. |
छत्तीसगढ़ |
170 |
5 |
डुमनहिल |
छत्तीसगढ़ |
177 |
6 |
जयनगर |
छत्तीसगढ़ |
242 |
7 |
कटकोना |
छत्तीसगढ़ |
201 |
8 |
कुमडा |
छत्तीसगढ़ |
238 |
9 |
राजनगर आरओ |
छत्तीसगढ़ |
141 |
10 |
राबर्टसन |
छत्तीसगढ़ |
343 |
11 |
सूरा कछार |
छत्तीसगढ़ |
339 |
12 |
ओल्ड कुशमुंडा |
छत्तीसगढ़ |
337 |
13 |
न्यू कुशमुंडा |
छत्तीसगढ़ |
336 |
14 |
जूनाडीह |
छत्तीसगढ़ |
345 |
15 |
दीपिका साईडिंग |
छत्तीसगढ़ |
351 |
स- सतपुडा ताप विद्युत गृह, सारनी।
क्रं. |
कोयला खदान का नाम |
जिस प्रदेश में स्थित है |
विद्युत गृह से दूरी (कि.मी.में) |
1 |
डुमरी |
महाराष्ट्र |
277 |
2 |
उमरेड |
महाराष्ट्र |
311 |
3 |
माजरी |
महाराष्ट्र |
414 |
4 |
घुगुस |
महाराष्ट्र |
448 |
द- श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना, खंडवा ।
क्रं. |
कोयला खदान का नाम |
जिस प्रदेश में स्थित है |
विद्युत गृह से दूरी (कि.मी.में) |
1 |
राबर्टसन |
छत्तीसगढ़ |
961 |
2 |
न्यू कुशमुंडा |
छत्तीसगढ़ |
956 |
3 |
दीपिका साईडिंग |
छत्तीसगढ़ |
970 |
4 |
जूनाडीह |
छत्तीसगढ़ |
964 |
पत्थर खदानों एवं रेत खदानों का अवैध उत्खनन
80. ( क्र. 1577 ) श्री महेश राय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बीना/कुरवाई के अंतर्गत कितनी रेत खदाने, पत्थर खदाने स्वीकृत हैं या लीज पर किन-किन ठेकेदारों को प्रदाय की गयी है? नाम पतावार सूची उपलब्ध करायें? (ख) विधान सभा क्षेत्र बीना एवं कुरवाई की सीमा पर बेतवा नदी पर लचायरा घाट एवं वोथी घाट एवं अन्य घाटों से रेत का उत्खनन किया जा रहा है तो खनिज विभाग द्वारा संबंधित ठेकेदारों को किस अवधि से किस अवधि तक के लिये लीज पर उपलब्ध करायी जा रही है? (ग) यदि नहीं, तो बेतवा नदी पर लचायरा घाट एवं वोथी घाट पर रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है जो कि पर्यावरण एवं प्रदूषण विभाग एवं खनिज विभाग के नियमों के अनुरूप नहीं है एवं पत्थर का अवैध उत्खनन भी ग्राम पिपरासर-वरोदिया, करमपुर खिमलासा, बसाहरी, देहरी ग्रामों में उत्खनन हो रहा है तो खनिज विभाग एवं स्थानीय प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गयी है? (घ) विगत 03 वर्षों में अवैध रेत एवं पत्थर के परिवहन के कितने प्रकरण बनाये गये है एवं कितने प्रकरणों में अर्थदण्ड/ राजस्व वसूली के आदेश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो कितनी राशि के अर्थदण्ड के आदेश जारी किये गये है और कब तक वसूल कर ली गयी है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बीना के अंतर्गत स्वीकृत पत्थर खदानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' में दर्शित है। इस विधानसभा क्षेत्र में रेत की कोई खदान स्वीकृत नहीं है। विधानसभा क्षेत्र कुरवाई के अंतर्गत स्वीकृत पत्थर खदानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' पर दर्शित है। विधानसभा क्षेत्र कुरवाई के अंतर्गत स्वीकृत रेत खदान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' में दर्शित है। (ख) जी नहीं। (ग) विधानसभा क्षेत्र कुरवाई में बेतवा नदी के लचायरा घाट एवं वोथी घाट एवं अन्य घाटों पर जाँच के दौरान इस वित्तीय वर्ष में रेत के अवैध परिवहन के 116 प्रकरण दर्ज कर राशि रूपये 31,72,000/- अर्थदण्ड के रूप में जमा कराये गये है। इसी प्रकार रेत खनिज के अवैध उत्खनन के 2 प्रकरण दर्ज कर 2,00,000/- का अर्थदण्ड प्रस्तावित किया गया था। जिसमें से 1 प्रकरण का निराकरण कर रूपये 80,000/- अर्थदण्ड के रूप में जमा कराया गया है। प्रश्न में उल्लेखित ग्राम में पत्थर की स्वीकृत खदाने है। इन ग्रामों में पत्थर का अवैध उत्खनन नहीं हो रहा है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' में दर्शित है।
विधायक विकास निधि से वर्ष 2014-15 में निर्माण कार्य हेतु स्वीकृत राशि
81. ( क्र. 1579 ) श्री महेश राय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधायक विकास निधि से वर्ष 2014-15 में विधानसभा क्षेत्र बीना के विकास कार्य हेतु ग्रामीण लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग सागर को 9 लाख 70 हजार रुपये जिला योजना एवं सांख्यिकी अधिकारी सागर द्वारा (आर.ई.एस.सागर) के खातें में जमा कर दिेये गये है अथवा नहीं? (ख) यदि हाँ, तो विभाग द्वारा कितने निर्माण कार्य आज दिनाँक तक प्रारंभ कर दिये हैं एवं कितने टेण्डर जारी किये है? (ग) यदि नहीं, तो क्यों नहीं किये गये हैं कारण सहित स्पष्ट करें? (घ) निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ कर दिये जावेंगे?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बीना अन्तर्गत निर्माण कार्यों हेतु स्वीकृत राशि रू. 9.70 लाख बी.सी.ओ. टू बी.सी.ओ. ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग क्रमांक 1 को प्रदाय कर दी गई थी। (ख) कोई भी कार्य प्रारम्भ नहीं किया गया है। 03 कार्यों की दो बार निविदायें जारी की गई। (ग) प्रश्नानुसार चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) तृतीय अनुपूरक अनुमान में राशि प्राप्त होने के उपरांन्त कार्य प्रारंभ हो सकेंगे।
मुख्यमंत्री की घोषणाओं की पूर्ति
82. ( क्र. 1601 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2014 से अक्टूबर 2015 तक माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा ग्वालियर एवं अशोक नगर जिले में किस-किस विभाग की कितनी-कितनी घोषणाएं की गई? क्या उनकी प्राथमिकता तय कर ली गई है? यदि हाँ, तो श्रेणीवार प्राथमिकता के आधार पर जानकारी दें? (ख) उपरोक्त में से कितनी घोषणाओं को पूर्ण कर लिया गया है, कितनी अपूर्ण है? (ग) घोषणाएं होने के बाद भी क्रियान्वयन नहीं होने के कारणों को स्पष्ट करते हुए बताये कि लंबित घोषणाएं कब तक पूर्ण कर ली जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, एवं अशोकनगर जिले में 01 जनवरी 2014 से अक्टूबर 2015 तक कोई घोषणा नहीं की गई है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) घोषणाओं के क्रियान्वयन की एक सतत् प्रक्रिया है। संबंधित विभाग द्वारा अपनी नीति एवं प्रक्रियाओं के तहत कार्यवाही की जाती है निश्चित समय-सीमा बताया जाना बताया जाना संभव नहीं है।
ग्राम सेमलापार में 33/11 KV विद्युत उपकेन्द्र की स्वीकृति
83. ( क्र. 1637 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या 20 (क्रमांक 324) दिनाँक 21 जुलाई 2015 के उत्तर की कंडिका (क) में राजगढ़ जिले की ब्यावरा तहसील के ग्राम सेमलपार में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र स्थापित किये जाने का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में सम्मिलित किया गया है? योजना की डी.पी.आर ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड को प्रेषित की जा चुकी है, जिसकी स्वीकृति लंबित है? तो क्या ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड द्वारा उक्त योजना की डी.पी.आर. की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है? यदि नहीं, तो कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी? (ख) उपरोक्तानुसार प्रस्तावित विद्युत उपकेन्द्र से संभावित लाभांवित ग्रामों में वर्तमान में कम वोल्टेज का गंभीर संकट होने से सिंचाई कार्य लगभग ठप्प है? क्या शासन उक्त क्षेत्र की समस्या के निराकरण हेतु शीघ्र ही विद्युत उपकेन्द्र निर्माण की स्वीकृति हेतु आदेश प्रदान करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ, राजगढ़ जिले की ब्यावरा तहसील के ग्राम सेमलापार में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में सम्मिलित किया गया है। उक्त योजना की डी.पी.आर. ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड नई दिल्ली द्वारा पत्र क्रमांक REC/DDUGJY/2015-16/57 दिनाँक 28.07.15 एवं पत्र क्रमांक REC/DDUGJY/2015-16/67 दिनाँक 30.07.2015 से स्वीकृत की जा चुकी है। (ख) जी नहीं। प्रस्तावित 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र ग्राम सेमलापार से लाभान्वित होने वाले ग्रामों में वर्तमान में वोल्टेज की कोई गम्भीर समस्या नहीं है। उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार स्वीकृति प्रदान कर दी गई है तथा उक्त उपकेन्द्र का कार्य पूर्ण होने पर आसपास के क्षेत्र में विद्युत प्रदाय की गुणवत्ता में और अधिक सुधार परिलक्षित होगा।
तहसील ब्यावरा के नगर सुठालिया में 132 के.व्ही विद्युत ग्रिड की स्वीकृति
84. ( क्र. 1638 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं. लिमिटेड द्वारा राजगढ़ जिले की तहसील ब्यावरा के अंतर्गत नगर सुठालिया में 132 के.व्ही. विद्युत ग्रिड निर्माण हेतु भूमि आवंटन की मांग कलेक्टर जिला राजगढ़ से की गई थी? यदि हाँ, तो कलेक्टर राजगढ़ द्वारा उक्त मांग अनुसार नगर सुठालिया में लगभग 3 हेक्टेयर भूमि का आवंटन किया जाकर विगत दिनों विभाग के अधिकारियों को विधिवत मौके का कब्जा भी राजस्व अधिकारियों द्वारा करा दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्ररिप्रेक्ष्य में क्या विभागीय मंत्री महोदय द्वारा माह दिसम्बर 2014 में नगर पंचायत सुठालिया के शपथ ग्रहण समारोह के अवसर पर सुठालिया क्षेत्र की विद्युत समस्याओं के समाधान हेतु 132 के.व्ही.विद्युत ग्रिड की स्थापना हेतु आश्वस्त किया गया था? क्या उक्त आश्वासन को पूर्ण करने व क्षेत्रीय विद्युत उपभोक्ताओं की समस्याओं के स्थाई समाधान हेतु नगर सुठालिया में 132 के.व्ही. विद्युत ग्रिड की स्थापना यथाशीघ्र स्वीकृति प्रदान की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं, अपितु राजगढ़ जिले की तहसील ब्यावरा के अंतर्गत ग्राम सुठालिया में 132 के.व्ही. उपकेंद्र के निर्माण हेतु भूमि आवंटन की मांग म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा कलेक्टर जिला राजगढ़ से की गई थी। कलेक्टर राजगढ़ द्वारा उक्त मांग अनुसार लगभग 3.074 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई। उक्त भूमि का कब्जा म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी को दिया जा चुका है। (ख) माननीय ऊर्जा मंत्री द्वारा माह जनवरी 2015 में विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा के अन्तर्गत सुठालिया में 132 के.व्ही. उपकेन्द्र स्थापना हेतु म.प्र.पा.ट्रांस.कं. लिमि. को तकनीकी परीक्षण कर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया था। तकनीकी परीक्षण के उपरांत 132 के.व्ही. उपकेन्द्र सुठालिया की स्थापना जायका-II (जापान) स्कीम के अन्तर्गत प्रस्तावित की गई है। जायका (जापान) से ऋण सहायता हेतु मार्च 2016 तक अनुबंध हस्ताक्षरित किये जाने की सम्भावना है।
खरगोन उद्वहन नहर योजना के कार्य
85. ( क्र. 1667 ) श्री सचिन यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन उद्वहन नहर योजना के अनुबंध के अनुसार चांदेल केनाल हेड पावर हाउस से जेक वेल तक 132 एच.टी विद्युत लाईन बिछाने का कार्य प्रारंभ क्यों नहीं किया गया और इसका ठेका किस ठेकेदार को किन-किन शर्तों के आधार पर कितनी समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने के लिए दिया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित कार्य को पूर्ण करने हेतु प्रश्न दिनाँक तक कितनी-कितनी बार समय में वृद्धि की गई, दिनाँकवार जानकारी दें और विलंब के कारणों का उल्लेख करें? (ग) अनुबंधों की शर्तों के अनुसार कितनी-कितनी राशि जुर्मानें के रूप में अधिरोपित की गई, कितनी वसूली जाना शेष है? साथ ही बतायें कि जुर्माना अनुबंध की कंडिका 115 के अनुसार मासिक रनिंग बिलों से क्यों नहीं वसूली की गई? इसमें कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी है? नाम, पदनाम सहित जानकारी दें? (घ) जनवरी 2015 में माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा प्रथम चरण की सिचांई का लोकापर्ण करने के पश्चात प्रथम चरण में कितने ग्रामों को पीने का पानी उपलब्ध प्रश्न दिनाँक तक उपलब्ध कराया गया है? ग्रामवार जानकारी दें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) खरगोन उद्वहन परियोजना का पूर्ण कार्य टर्न-की पर मे. एम.इ.आई.एल.-के.बी.एल. (जे.व्ही) को 36 माह की समय-सीमा में पूर्ण करने हेतु दिया गया था। चांदेल केनाल हेड पावर हाउस से जेक वेल तक 132 के.व्ही. का पृथक से कोई ठेका नहीं दिया गया है। टर्न-की ठेके में ही ट्रासमिंशन लाइन जेक वेल, पाईप लाईन एवं 03 बैलेसिंग रिजर्वायर का मुख्य कार्य है। इसमें से बी.आर.1 का कार्य पूर्ण कर उद्वहन द्वारा 9300 हेक्टेयर में सिंचाई भी आरंभ हो गई है। बी.आर.2 एवं बी.आर.3 के भू-अर्जन में देरी के कारण अगस्त 14 में ही कब्जा प्राप्त होने से परियोजना में ठेकेदार को प्रथम बार 27 जून 2015 तक एवं फिर 30/06/2016 तक समयावृद्धि दी गई है, हालाकि बी.आर.2 के क्षेत्र में निर्माण के पूर्व ही सीधे पाईप लाईन से 2500 हेक्टेयर सिंचाई भी आरंभ की गई है। टर्न-की अनुबंध का समस्त कार्य विस्तारित अवधि जून 2016 ठेकेदार द्वारा पूर्ण किया जाना है। (ग) अनुबंध की कंडिका 115 के प्रावधानुसार प्रगति ना होने के कारण छ: माही प्रगति की समीक्षा आधार पर रूपये 1.56 करोड़ की राशि ठेकेदार के चलित देयकों से रोकी गई है, जिसके विरूद्ध ठेकेदार ने अनुबंध की कंडिका 70 के अंतर्गत आपत्ति ली है, जिस पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। ठेकेदार द्वारा ली गई आपत्तियों के निराकरण पश्चात शेष वसूली के संबंध में गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जाना प्रस्तावित है। इसमें कोई भी अधिकारी कर्मचारी दोषी नहीं है। (घ) जनवरी 2015 में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रथम चरण की सिंचाई का लोकार्पण करने के पश्चात प्रथम चरण में सिंचाई हेतु जल उपलब्ध कराया गया है। पीने का पानी उपलब्ध कराने हेतु ठेकेदार द्वारा माह दिसम्बर 2015 में अलग से पाईप लाईन बिछाने का कार्य प्रारंभ किया जावेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खरगोन उद्वहन योजना की कार्यवाही
86. ( क्र. 1668 ) श्री सचिन यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन उद्वहन नहर योजना बी.आर-2 दशनावल पीपलई तालाब का कार्य क्यों प्रारंभ नहीं किया गया है? कारणों का उल्लेख करें? (ख) Standard Bidding Document for Turnkey Contracts Volume II Section IV Special Condition Of Contract Section 11, Clause 4.3.1 in which the word "free to change the concept and design provided the irrigation facility at the outlet remains the same and recurring cost are reduced in present proposal cost of electricity equivalent to 42 mu at ISP Chandel Head Power house is considered" को नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की कौन सी बैठक में किस दिनाँक को जोड़ा गया है और नर्मदा नियंत्रण मंडल की कौन सी बैठक में किस दिनाँक का अनुमोदन लिया गया है? साथ ही एजेन्डा नोट मुख्य अभियंता इंदिरा सागर परियोजना द्वारा जोड़ने हेतु भेजा गया है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) खरगोन उद्वहन सिंचाई योजना में कुल 3 बी.आर. है। बी.आर. 1 का कार्य पूर्ण होकर इसमें 9300 हे. में सिंचाई की जा रही है। बी.आर. 2 एवं बी.आर. 3 का भू-अर्जन अगस्त 2014 में पूर्ण होकर बी.आर. 3 का निर्माण कार्य प्रगति पर है। बी.आर. 2 के क्षेत्र में भी बी.आर. निर्माण के बिना सीधे पाईप लाईन से 2500 हे. में रबी सिंचाई की जा रही है। भू-अर्जन में देरी के कारण बी.आर. के कार्य प्रारंभ करने में देरी हुई है। (ख) नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की 175 वीं बैठक दिनाँक 29/09/2010 को अनुमोदित एस.बी.डी. में कंडिका 4.3.1 पूर्व से ही उपलब्ध है। इसे अलग से नहीं जोड़ा गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पंधाना नगर पंचायत के वार्ड क्र. 13 में बनी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी का हस्तांतरण
87. ( क्र. 1685 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंधाना विधान सभा क्षेत्र में हाउसिंग बोर्ड द्वारा कितनी कॉलोनियां बनाई गई है? उन कॉलोनियों पर वर्तमान में किस विभाग का अधिकार है? (ख) क्या विभाग द्वारा पंधाना नगर पंचायत में सन् 1987 में बनी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी नगर पंचायत पंधाना को हस्तांतरित कर दी गई है? या नहीं? (ग) यदि हाँ, तो कॉलोनी में बने मकान आवंटित करने का अधिकार किसके पास है? क्या इसमें कर्मचारियों के अलावा अन्य लोगों को रहने की पात्रता है? (घ) यदि अन्य जगहों पर जैसे कि हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी बनाकर सस्ते दरों पर बेचता है? ऐसा आज दिनाँक तक इस कॉलोनी को क्यों नहीं किया गया?
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क) पंधाना
विधानसभा
क्षेत्र में
हाउसिंग
बोर्ड द्वारा 02
कालोनियां 1. पंधाना
2. धनगांव
बनाई गई हैं। पंधाना
कालोनी
रखरखाव हेतु
नगर पंचायत को
हस्तांतरित
की गई। पंधाना
कालोनी में
मण्डल द्वारा
शासन को 10
एल.आई.जी. एवं 19
ई.डब्ल्यू.एस.
भवनों का
हस्तांतरण
किया गया है, जिसका
कब्जा मण्डल
द्वारा
पी.डब्ल्यू.डी.
को दिया गया है।
धनगांव
कालोनी
वर्तमान में
हाउसिंग बोर्ड
के अधिकार
क्षेत्र में
है। (ख) जी
हाँ। पंधाना
कालोनी रख-रखाव
हेतु नगर
पंचायत को
हस्तांतरित
की गई है। (ग) पंधाना
कालोनी में
मण्डल द्वारा
शासन को 10
एल.आई.जी. एवं 19 ई.डब्ल्यू.एस.
भवनों का
हस्तांतरण
किया गया है, जिसका
कब्जा मण्डल
द्वारा
पी.डब्ल्यू.डी
को दिया गया
है। उक्त
भवनों का
आवंटन एस.डी.ओ.
राजस्व
द्वारा किया
जाता है। इसमें
शासकीय पद पर
कार्यरत रहने
वालों को ही
आवंटन की पात्रता
है।
(घ) मण्डल
नियमानुसार
पंधाना कालोनी
में भी
संपत्ति का
विक्रय किया
गया है। पंधाना
में मण्डल की
कोई भी
संपत्ति
अविक्रित शेष
नहीं है। पूर्व
में पंधाना
कालोनी में
मण्डल द्वारा
शासन को 10
एल.आई.जी. एवं 19
ई.डब्ल्यू.एस.
भवनों का
हस्तांतरण
किया गया है, जिसका
कब्जा मण्डल
द्वारा
पी.डब्ल्यू.डी.
को दिया गया
है।
स्थापित क्रेशरों का सत्यापन
88. ( क्र. 1690 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले के बिलौआ क्षेत्र में स्थापित गिट्टी के क्रेशरों को स्थापित करने की परमीशन कब-कब किसके द्वारा कितनों की दी गई कितने स्थापित है किसकी भूमि में स्थापित हैं क्रेशर स्थापित होने के बाद किसके द्वारा भूमि का सत्यापन किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) ग्वालियर जिले के बिलौआ क्षेत्र में वर्ष 2001 से स्थापित गिट्टी क्रेशरों को किस वर्ष में किस के द्वारा लगाने की स्वीकृति दी गई क्या सभी क्रेशर, क्रेशर मालिक की निजी भूमि में स्थापित है का सत्यापन किस अधिकारी द्वारा कब-कब किया गया की वर्षवार जानकारी बतायें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 के तहत क्रेशर से गिट्टी निर्माण हेतु गौण खनिज के उत्खनिपट्टे स्वीकृत किए जाने का प्रावधान है। केवल स्टोन क्रेशर स्थापना के लिए अनुमति विभाग द्वारा नहीं दी जाती है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में स्थापित स्टोन क्रेशरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शित है। स्टोन क्रेशरों के संबंध में क्षेत्रीय अधिकारी म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, ग्वालियर द्वारा जिन-जिन को जिस-जिस दिनाँक को सम्मति प्रदान की गई है, उसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शित है। (ख) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम 3 एवं 4 में दर्शित है। सभी क्रेशर, क्रेशर मालिक की निजी भूमि में स्थापित नहीं हैं। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी प्रश्नांश 'क' में दिए गए उत्तर अनुसार है।
डबरा डिवीजन में नवीन विद्युत ट्रांसफार्मर की स्वीकृति
89. ( क्र. 1691 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले की डबरा डिवीजन के द्वारा वर्ष 2013 से दिनाँक 31.10.2015 तक कितने कब विद्युत ट्रांसफार्मर हितग्राही मूलक एवं सार्वजनिक स्वीकृत किये गये तथा किस दिनाँक को उनकी लाइन जोड़कर चालू किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) डबरा डिवीजन में किसके द्वारा कितने, कब ट्रांसफार्मर हितग्राही मूलक एवं सार्वजनिक स्वीकृत किये गये क्या हितग्राही द्वारा राशि जमा होने के बाद समय-सीमा में उसको लाभ मिलना प्रारंभ हो गया था?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. के अंतर्गत ग्वालियर जिले के डबरा संचारण/संधारण संभाग के अंतर्गत विभिन्न हितग्राही मूलक एवं सार्वजनिक उपयोगार्थ योजनाओं में वित्तीय वर्ष 2013 से दिनाँक 31.10.2015 तक कुल 1444 वितरण ट्रांसफार्मर स्वीकृत किये गये एवं इनमें से 1199 ट्रांसफार्मर के कार्यों को पूर्ण कर ऊजीकृत किया गया है। योजनावार स्वीकृत/ऊजीकृत वितरण ट्रांसफार्मरों का वितरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं प्रपत्र-ब में दर्शाए अनुसार है। (ख) उत्तरांश ''क'' परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन अवधि में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के सक्षम अधिकारी द्वारा स्वीकृत किये गये, पूर्ण किये गये एवं लंबित कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं प्रपत्र-ब अनुसार है। विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं प्रपत्र-''ब'' में दर्शाए अनुसार हितग्राहियों द्वारा औपचारिकता पूर्ण नहीं करने व विवादित स्थिति/राईट ऑफ वे की समस्या वाले प्रकरणों को छोड़कर शेष कार्य समय-सीमा में किए गये है।
नगर पालिका परिषद डबरा के अध्यक्ष के विरूद्ध कार्यवाही
90. ( क्र. 1693 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शा. के न.प्र. एवं वि.वि. के आदेश क्रं. एफ 4-73/2006/18-3 दिनाँक 30.01.2015 से नगर पालिका परिषद डबरा की अध्यक्ष श्रीमती सत्यप्रकाशी परसेडिया को न.पा. अधिनियम 1961 की धारा 35क के अंतर्गत आगामी दो वर्ष के निर्वाचन के लिये अयोग्य घोषित किया गया है, तो ऐसे अयोग्य व्यक्ति को पद पर रखा जाना उचित है? यदि नहीं, तो इन को अयोग्य घोषित होने के उपरांत भी किस अधिकार/नियम के तहत कार्य कराया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा इस प्रकरण में कोई कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी तथा दोषी अधिकारियों के विरूद्ध भी कार्यवाही कब तक की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। शेषांश का नियमों के परिप्रेक्ष्य में परीक्षण किया जा रहा है। (ख) नियमों के परिप्रेक्ष्य में गुण दोष के आधार पर नियमानुसार परीक्षण कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नर्मदा नदी का शुद्धिकरण
91. ( क्र. 1695 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन ने प्रदेश की जीवनदायिनी माँ नर्मदा के शुद्धिकरण की क्या योजना बनाई है तथा नर्मदा को प्रदूषण से मुक्त करने हेतु क्या उपाय किये है? (ख) क्या फैक्ट्रियों के वेस्टेज और सीवेज से नर्मदा का जल प्रदूषित हो रहा है तथा जबलपुर जिले में सबसे ज्यादा गंदगी नर्मदा में जा रही है? यदि हाँ, तो इसकी रोकथाम हेतु शासन व जिला प्रशासन ने क्या उपाय किये हैं? यदि नहीं, तो क्यों, बतलाएं? (ग) जबलपुर जिले में नर्मदा नदी में मिलने वाले बड़े नालों का गंदा पानी को रोकने व घाटों के आसपास के व्यवसायिक स्थलों के रहवासियों की गंदगी को रोकने हेतु जिला प्रशासन, नगर निगम व पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड द्वारा क्या प्रयास किये गये हैं? (घ) वर्तमान में जबलपुर जिले में नर्मदा नदी के पानी की पी.ओ.डी. प्रति लीटर मिलीग्राम पायी गई है? पी.ओ.डी. की मात्रा कितनी होनी चाहिए? इसकी जाँच कब कराई गई है? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) नर्मदा तट पर स्थित 14 नगरीय निकायों क्रमशः अमरकंटक, डिण्डौरी, मण्डला, भेड़ाघाट, जबलपुर, होशंगाबाद, बुधनी, शाहगंज, नसरूल्लागंज, ओंकारेश्वर, महेश्वर, नेमावर, मण्डलेश्वर एवं धरमपुर हेतु जल आपूर्ति एवं सीवेज प्रबंधन योजना तैयार की गई। क्रियान्वयन राज्य शासन, भारत सरकार एवं बाह्य वित्तीय संस्थाओं की पोषित परियोजनाओं द्वारा किया जाना प्रस्तावित है। (ख) जी नहीं। फैक्ट्रियों द्वारा निस्त्राव के उपचार हेतु आवश्यक उपचार संयंत्र स्थापित किये गये है। (ग) उत्तरांश ‘‘क‘‘ एवं ‘‘ख‘‘ अनुसार है। (घ) वस्तुस्थिति यह है कि जबलपुर जिले में नर्मदा नदी के पानी की बी.ओ.डी. (बायो केमिकल ऑक्सीजन डिमांड) अक्टूबर, 2015 में 1.2 से 1.6 मि.ग्रा. प्रतिलीटर पायी गयी है, जो आईएस-2296-1982 के अनुसार ‘‘ए‘‘ श्रेणी की है। बी.ओ.डी. की अधिकतम सीमा 3 मिग्रा. प्रतिलीटर निर्धारित है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जे.एन.एन.यू.आर. योजना अंतर्गत गरीब हितग्राहियों के लिये भवनों का निर्माण
92. ( क्र. 1696 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर शहर की झुग्गी-झोपड़ी मुक्त बनाने हेतु गरीब लोगों को जे.एन.एन.यू.आर. योजना के तहत कितने भवनों का निर्माण कराने की कब क्या योजना बनाई गई थी? योजनांतर्गत कहाँ-कहाँ पर कितने-कितने क्षेत्रफल में किस-किस टाईप के कितने-कितने भवनों का निर्माण कराना स्वीकृत है? योजना की अवधि व लागत क्या है? (ख) प्रश्नांकित योजनांतर्गत हितग्राहियों का अंशदान कितना है तथा इसमें किस स्तर से कितने-कितने भवनों का निर्माण कब, किस ऐजेंसी से कितनी राशि में किस अधिकारी की देखरेख में कराया गया है? कितने भवनों का निर्माण कराया जा रहा है? इन भवनों की अवधि व लागत क्या है? इन भवन की गुणवत्ता की जाँच कब-कब, किसने की है तथा वर्तमान में इन भवनों की क्या स्थिति है? (ग) प्रश्नांश (क) में निर्मित कराये गये कहां-कहां के कितने भवनों में से कितने भवन किस-किस वर्ग के कितने-कितने हितग्राहियों को आवंटित किये गये हैं, इनमें से कितने हितग्राहियों को आवंटित भवनों का स्वामित्व सौंप दिया गया है? कितने हितग्राहियों ने भवनों का स्वामित्व नहीं लिया है एवं क्यों, कितने आवंटन निरस्त किये गये हैं? (घ) क्या शासन प्रश्नांश (क) में घटिया व गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य कराये गये भवनों की जाँच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 7556 आवासों की वर्ष 2006 में आवासीय योजना बनाई गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) हितग्राही अंश राशि रू. 1.20 लाख है। भवन निर्माण, निर्माण एजेंसी, कार्य की देख-रेख करने वाले अधिकारी, निर्माण कराये गये भवन, लागत एवं अवधि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। गुणवत्ता के जाँच संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। भवनों की स्थिति संतोषजनक है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है। हितग्राहियों के द्वारा हितग्राही अंश जमा न करने के कारण भवनों का आधिपत्य नहीं सौंपा गया है। आवंटन निरस्त नहीं किया गया है। (घ) निर्माण गुणवत्ता के मानकों का पालन करते हुए किया गया हैं, जिससे जाँच कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अटल ग्राम ज्योति अंतर्गत कार्य
93. ( क्र. 1703 ) श्री संजय शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र कें अंतर्गत किन-किन ग्रामों में अटल ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत कार्य प्रारंभ है? (ख) क्या विभाग द्वारा ठेकेदारों को समय-सीमा में सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है? (ग) यदि हाँ, तो कार्य कब तक पूर्ण होंगे, समय-सीमा बतायें? (घ) यदि नहीं, तो संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन उल्लेखित ''अटल ज्योति योजना'' योजना न होकर गैर-कृषि उपभोक्ताओं को 24 घण्टे एवं कृषि उपभोक्ताओं को 10 घण्टे विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराने का अभियान है। अटल ज्योति अभियान के अंतर्गत तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के सभी गैर-कृषि उपभोक्ताओं को 24 घण्टे एवं कृषि उपभोक्ताओं को 10 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। इस प्रकार वर्तमान में तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत सभी विद्युतीकृत 283 ग्रामों में उक्त अभियान का लाभ प्राप्त हो रहा है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अटल ज्योति अभियान के तहत लाईन विस्तार के कार्य शामिल नहीं होने के कारण ठेकेदारों को सामग्री उपलब्ध कराये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
शासकीय तालाबों का जीर्णोद्धार
94.
( क्र.
1705
) श्री
संजय शर्मा :
क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) तेंदूखेड़ा
विधानसभा क्षेत्र
के अंतर्गत
कितने शासकीय
तालाब हैं? कृपया
रकबा सहित
पंचायतवार
जानकारी
प्रदान करें? (ख) क्या
इन तालाबों के
जीर्णोद्धार
के लिये शासन
स्तर पर राशि
प्रदान की
जाती है? (ग)
यदि हाँ, तो
प्रश्न दिनाँक
तक
कितनी-कितनी
राशि कौन-कौन
से तालाबों
हेतु प्रदान
की गई?
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
जयंत मलैया ) : (क) प्रश्नाधीन
क्षेत्र में
जल संसाधन
विभाग की एक
परियोजना
जगन्नाथपुर
जलाशय ग्राम
पंचायत गुदरई
में निर्मित
है। इसका सैच्य
क्षेत्र 24
हेक्टर है। (ख)
एवं (ग) उपलब्ध
सीमित वित्तीय
संसाधनों से
लघु सिंचाई
परियोजनाओं
का भारत सरकार
की आर.आर.आर.
योजना के तहत
पुनरूद्धार
एवं
सुदृढ़ीकरण
किया जाता है।
योजना के अन्तर्गत
उन
परियोजनाओं
को
प्राथमिकता
दी जाती है
जिनमें कम धन
राशि से सैच्य
क्षेत्र में
अधिक वृद्धि
होती हो इस
योजना के तहत
जगन्नाथपुर
परियोजना स्वीकृत
नहीं होने से
प्रश्न उत्पन्न
नहीं होता है।
अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों का निराकरण
95. ( क्र. 1719 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों के निराकरण के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश है? उनकी प्रति दें। (ख) प्रदेश में नवम्बर 15 की स्थिति में अनुकम्पा नियुक्ति के कितने प्रकरण लंबित है? जिलेवार संख्या बतायें? (ग) अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों के निराकरण हेतु 1 जनवरी 14 से नवम्बर 15 की अवधि में प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब विभाग को प्राप्त हुए? (घ) उक्त पत्रों पर आज दिनाँक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) निर्देश दिनाँक 29.09.2014 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी योजनांतर्गत जलार्वधन योजना के कार्यों में लापरवाही
96. ( क्र. 1736 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले की नगर पालिका वारासिवनी में कलेक्टर बालाघाट द्वारा उनके अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक 382 दिनाँक 12 अगस्त 2014 को स्वच्छता निरीक्षक सुशील कुमार पाण्डेय द्वारा यू.आई.डी.एस.एम.टी योजनांतर्गत जलार्वधन योजना की स्वीकृत राशि में से 17,30,135.00 लाख की राशि निकालकर कार्यादेश जारी किया गया था? उक्त पत्रानुसार शासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या शासन के देयकों का भुगतान जो कार्यादेश जारी किया गया, उसका भुगतान शासन के नियमानुसार ई-भुगतान से कराना था? क्या वित्त विभाग म.प्र. शासन वल्लभ भवन मंत्रालय भोपाल के प्रमुख सचिव के परिपत्र क्रं.एफ-1-2/2013/नियम/चार भोपाल, दिनाँक 17 दिसंबर 2013 के अनुसार शासकीय देयकों को ई-भुगतान करने के निर्देश दिये थे? अगर दिये थे, तो नगर पालिका वारासिवनी ने क्या ई-भुगतान द्वारा शासकीय देयकों को ई-भुगतान किया था? और नहीं तो क्यों? (ग) क्या नगर पालिका वारसिवनी ने कार्यादेश की स्वीकृत मद की राशि में से सीधे आर्किटेक्ट को अवैधानिक रूप से जारी कर दी गई? क्या तत्कालीन नगरपालिका अध्यक्ष की सहमति से स्वच्छता निरीक्षक को मुख्य नगरपालिका अधिकारी का प्रभार सौंप कर अनाधिकृत रूप से प्रभार दिलाकर अपने पद का दुरूपयोग किया गया? यदि हाँ, तो उक्त अधिकारी पर क्या कोई कार्यवाही कि गई? और नहीं तो क्यों? (घ) क्या जानबूझ कर यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी योजनांतर्गत जलार्वधन योजना कार्यों के प्रति लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों के विरूद्ध जाँच कर विभाग क्या कोई दण्डात्मक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की जावेगी? निश्चित समय-सीमा बतायें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) कलेक्टर बालाघाट ने अपने अर्द्धशासकीय पत्र क्रं. 382 दिनाँक 12 अगस्त 2014 द्वारा श्री सुशील पाण्डेय तत्कालीन स्वच्छता निरीक्षक एवं प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी के निलंबन आदेश पर अपना अभिमत आयुक्त, जबलपुर संभाग को प्रस्तुत किया था। आयुक्त, जबलपुर संभाग द्वारा श्री सुशील कुमार पाण्डेय तत्कालीन स्वच्छता निरीक्षक एवं प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी के निलंबन आदेश क्रं. 07/श.वि./2014 दिनाँक जनवरी 2014 के विरूद्ध अपील अमान्य की गई। वर्तमान में श्री सुशील कुमार पाण्डेय निलंबित है। (ख) वर्तमान में ई-भुगतान की व्यवस्था नगरीय निकायों में लागू नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। श्री अखिलेश कुमार चौबे, मुख्य नगर पालिका अधिकारी का स्थानांतरण होने के उपरांत शासन के स्थायी परिपत्र दिनाँक 28/08/1991 एवं दिनाँक 31/03/1995 के अनुपालन में श्री सुशील कुमार पाण्डे, स्वच्छता निरीक्षक को मुख्य नगर पालिका अधिकारी का प्रभार सौंपा गया। चूंकि शासन के स्थायी परिपत्र के अनुसार कार्यवाही की गई है, अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) श्री सुशील कुमार पाण्डे, तत्कालीन प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी को कलेक्टर, बालाघाट द्वारा निलंबित किया जा चुका है। नियमानुसार आगे की कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सिवनी जिले में संचालित खनिज खदानें
97. ( क्र. 1750 ) श्री दिनेश राय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनाँक की स्थिति में सिवनी जिले में खनिज विभाग द्वारा कौन-कौन से खनिज की खदानें कहां पर, किस अवधि से किस अवधि तक, लीज पर या ऑक्शन पर किस व्यक्ति या फर्म के नाम से, किस सर्वे नं. पर कितने एरिया, किस ग्राम पंचायत में, किस प्रकार के खनिज के उत्खनन के लिये स्वीकृत होकर वर्तमान में संचालित है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार जो खदानें स्वीकृत होकर संचालित है? क्या उनसे स्वीकृत खसरा नं. एवं निर्धारित स्वीकृत रकबा में ही उत्खनन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो 1 अप्रैल 2013 से प्रश्न दिनाँक तक किस अधिकारी द्वारा किस खदान पर किस दिनाँक को स्वीकृत रकबा एवं सर्वे नं. में ही खनिज उत्खनन करने का निरीक्षण किया, उन्होंने सही उत्खनन करना पाया? यदि हाँ, तो उक्त अवधि में उनकी निरीक्षण टीप दिनाँक सहित जानकारी दें? (ग) 1 अप्रैल, 2013 से प्रश्न दिनाँक तक क्या खनिज का कोई अवैध उत्खनन करते हुये पकड़ा गया? यदि हाँ, तो उक्त अवधि में कौन-कौन व्यक्ति किस-किस खदान सर्वे नं. एवं रकबा से अवैध उत्खनन करते हुये किस वाहन के साथ पकड़ा गया? वाहन का नाम, नम्बर एवं किस खनिज के साथ पकड़ा गया उनके विरूद्ध अभी तक क्या कार्यवाही की गई है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में स्वीकृत गौण खनिज का उत्खनिपट्टा, घोष विक्रय खदान, उत्खनन अनुज्ञा पत्र तथा मुख्य खनिज के (डोलोमाइट - वर्तमान में गौण खनिज) खनिपट्टों का वांछित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ'-1, 2, 3 में दर्शित है। वर्तमान में संचालित खदानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’-4 में दर्शित है। (ख) प्रश्न अनुसार वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ में दर्शित अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में प्रश्न अनुरूप अवैध उत्खनन कर परिवहन करते हुए पंजीबद्ध किए गए प्रकरणों का वांछित विवरण एवं कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ में दर्शित है।
सिवनी विधान सभा क्षेत्र में बिजली कटौती
98. ( क्र. 1751 ) श्री दिनेश राय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधान सभा क्षेत्र में कई नवीन आबादी छोटे मजरे टोले ऐसे हैं जो कि अभी भी 24 घंटे बिजली से वंचित हैं? शासन द्वारा ग्रामीण अंचलों, मजरे, टोले एवं नवीन आबादी के लिए बिजली की 24 घंटे उपलब्धता की नवीन योजना क्या है? उक्त योजना का लाभ कब तक प्राप्त हो सकेगा? (ख) बिजली विभाग द्वारा गांवों में कुल लोगों द्वारा बिल नहीं भरने के कारण पूरे गांव की बिजली काट दी जाती है? क्या शासन का ऐसा कोई नियम अथवा प्रावधान है? यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्ध करावें और यदि नहीं, तो ऐसी स्थिति में शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जाती है? (ग) विगत वर्ष में अभी तक कितने गांवों में इस प्रकार से बिजली काटी गई है, उनके नाम बतलावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में विद्युतीकृत मजरों/टोलों में ग्रामीण गैर-कृषि/मिश्रित उपभोक्ताओं के फीडरों पर 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। सिवनी जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में अविद्युतीकृत नवीन आबादी मजरों/टोलों का विद्युतीकरण कर 24 घंटे विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराने हेतु वर्तमान में केन्द्र शासन की दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना स्वीकृत है। उक्त योजनान्तर्गत कार्य टर्न-की ठेकेदार के माध्यम से कराए जाने हेतु निविदा दस्तावेज का निर्धारण प्रक्रियाधीन है। अत: योजना का लाभ कब तक प्राप्त हो सकेगा इस संबंध में वर्तमान में समय-सीमा बता पाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। शासन का ऐसा कोई नियम अथवा प्रावधान नहीं है। उपभोक्ता द्वारा बिजली बिल नियत अवधि में जमा नहीं करने पर उनके विरूद्ध म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता 2013 के अध्याय क्रमांक 9 के शीर्ष संयोजन विच्छेद की कण्डिका 9.13 एवं 9.14 के अन्तर्गत उल्लेखित प्रक्रिया के तहत् संयोजन विच्छेद की कार्यवाही करने का प्रावधान है, जिसकी प्रति संलग्न परिशिष्ट में दर्शाए अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में विगत वर्ष में इस प्रकार किसी गांव की बिजली नहीं काटी गई।
पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नहर निर्माण
99. ( क्र. 1770 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत रानी अवंती बाई सागर परियोजना बायी तट नहर अंतर्गत सिंचाई हेतु कौन-कौन सी कहां-कहां पर कितनी नहरों का कितनी लागत से निर्माण किया गया? निर्माण रूपांकन क्षमता अनुसार इनके द्वारा कहां-कहां कितने क्षेत्र में सिंचाई की जानी थी? इनके द्वारा कितने एरिया में पानी पहुँचाया जा रहा है? वर्तमान समय में इन नहरों की शत्-प्रतिशत सिंचाई क्षमता का उपयोग न हो पाने के क्या कारण हैं एवं इनका शत्-प्रतिशत उपयोग करने हेतु विभाग क्या योजना बना रहा है? (ख) रानी अवंती बाई सागर परियोजना की पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन सी नहरों उपनहरों माईनर का निर्माण कितनी लागत से शेष है? उक्त निर्माण कार्यों हेतु कब-कब निविदाऐं आमंत्रित की गई एवं किन कारणों से उक्त निर्माण कार्य आज दिनाँक तक अप्रारंभ है? (ग) क्या शासन शेष नहरों के निर्माण हेतु टेण्डर छोटे-छोटे समूहों में नई दर से निकालेगा ताकि प्रश्नांक (ख) उल्लेखित शेष निर्माण कार्य शीघ्र निर्मित हो जिससे उक्त सिंचाई परियोजना का पूरा लाभ सभी कृषकों को मिल सके? यदि हाँ, तो इस हेतु विभाग कब तक क्या योजना बनाऐगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) रानी अवंती बाई लोधी सागर परियोजना बांयी तट नहर के पाटन विधानसभा क्षेत्र में कमाण्ड क्षेत्र के अंतर्गत सिंचाई हेतु प्रश्नांश दिनाँक तक रूपये 3577.08 लाख लागत के निर्माण कार्य कराये गये है, विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। नहरों की रूपांकित सिंचाई क्षमता 27819 हे. निर्धारित थी वर्तमान में 13946 हे. क्षेत्र में सिंचाई हेतु पानी पहुँचाया जा रहा है। पाटन क्षेत्र की अधिकांश नहरों का अर्थ-वर्क लगभग 25 वर्ष पूर्व हुआ था एवं अधिकांश नहरों में लाईनिंग न होने से विगत वर्षों में रबी एवं खरीफ में शत्-प्रतिशत सिंचाई नहीं हो पा रही है। पाटन क्षेत्र की अधिकांश नहरें काली मिट्टी के क्षेत्र में बनी हुई है। नहरों में रूपांकित क्षमता से जल प्रवाह करने हेतु लाईनिंग के प्रस्ताव तैयार किये जा चुके है एवं अनेक बार निविदाओं का आमंत्रण किया जा चुका है। काली मिट्टी में लाईनिंग का कार्य कठिन होने एवं सिंचाई के लिये पानी चलाने से कार्य हेतु कम समय मिलने के कारण निविदाकार रूचि नहीं ले रहे है तथापि विभाग द्वारा वैकल्पिक एजेन्सी का निर्धारण कर लाईनिंग कराई जाकर पूर्ण सिंचाई कराने का प्रयास किया जा रहा है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ एवं ‘’स’’ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ‘’क’’ एवं ‘’ख’’ के अंतर्गत उल्लेखित नहरों के निर्माण हेतु मुख्य अभियंता के पत्र क्रमांक 11/पी/सा-2/2009 (भाग-6) दिनाँक 20/11/2015 के द्वारा निविदाओं का आमंत्रण किया गया है। वर्तमान में निविदा प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है, अत: समय का आंकलन संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जबलपुर जिले की खनिज खदानें
100. ( क्र. 1771 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के खनिज जैसे मार्बल, आयरनोर, मेगनीज, बाक्साईट, मुरम, पत्थर एवं रेत के उत्खनन/भण्डारन/परिवहन का कार्य व्यापक स्तर पर हो रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित खदानों द्वारा खनन हेतु प्रयुक्त सम्पूर्ण भूमि का क्या डायवर्सन किया गया है या नहीं यदि नहीं, तो इस हेतु किस विभाग द्वारा कब क्या कार्यवाही की गई? क्या खदान अपने द्वारा भारित भूमि के अतिरिक्त अन्य शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर संचालित हो रही है तो खदान का नाम, स्थान, धारित अतिक्रमण का क्षेत्रफल विभाग द्वारा की गई कार्यवाही सहित विवरण देवें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित खदानों द्वारा खनन कार्य किसी अन्य शासकीय भूमि के अंतरनिहित खनिज का दोहन नहीं किया जा रहा है यह जाँच किस विभाग के द्वारा कब ओर किसके द्वारा की जाती है तथा उक्त रिपोर्ट किसके समक्ष पेश की जाती है? (घ) उक्त खदानों के विस्फोटकों के भण्डारन एवं उपयोग की जाँच कब और किस विभाग द्वारा की गई विगत दो वर्षों का विवरण देवें? जिले में खनिज के अवैध खनन/भण्डारन एवं परिवहन की कुल कितने प्रकरण विगत दो वर्षों में पंजीबद्ध किये और क्या कार्यवाही कर कितनी राजस्व वसूली की गई निम्नलिखित बिन्दुवार विवरण देवे तहसील ग्राम का नाम जब्त खनिज का नाम की गई कार्यवाही का विवरण एवं प्राप्त अर्थदण्ड सहित संपूर्ण जानकारी देवें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित खदानों को डायवर्सन उपरांत स्वीकृत किये जाने संबंधी खनिज नियमों में कोई प्रावधान नहीं होने से किसी भी खदान के विरूद्ध डायवर्सन के संबंध में कोई कार्यवाही किए जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। स्वीकृत खदान के अतिरिक्त शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर खदान संचालन का कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं आने से किसी के विरूद्ध कोई कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांकित खदानों में किया जा रहा खनन कार्य स्वीकृत क्षेत्र में हो रहा है अथवा स्वीकृत क्षेत्र से भिन्न शासकीय भूमि पर इसकी जाँच समय-समय पर खनिज विभाग के खनिज निरीक्षकों एवं राजस्व विभाग के फील्ड स्टॉफ द्वारा की जाती है। स्वीकृत क्षेत्र के बाहर खनन कार्य करते पाये जाने पर रिपोर्ट खनिज शाखा में प्रस्तुत की जाती है। (घ) विस्फोटकों के भण्डारण एवं उपयोग की जाँच इस विभाग से संबंधित नहीं है। जिले में अवैध उत्खनन/भण्डारण एवं परिवहन के विगत दो वर्षों में पंजीबद्ध किए गए प्रकरणों की प्रश्नांश से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
जाँच कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
101. ( क्र. 1788 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के संजय गांधी ताप विद्युत गृह, विरसिंहपुर, सारणी, इंदिरा सागर परियोजना, ओंकारेश्वर परियोजना, महेश्वर बांध परियोजना के अलावा म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड एवं राज्य शासन की कितनी ताप एवं जल विद्युत इकाईयां वर्तमान में कार्यरत है, उनका नाम बतायें? साथ ही इनकी स्थापना कब की गई थी तथा इनमें से कितनी कार्य कर रही है? वित्तीय वर्ष 2012-13 से अक्टूबर, 2015 तक म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की ताप एवं जल विद्युत इकाईयाँ का वर्षवार कुल विद्युत उत्पादन मि.ई. में बतावें? (ख) म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की ताप विद्युत इकाईयाँ कब-कब किन कारणों से बंद हुई? इनके बंद होने से कितने मि. इकाई बिजली उत्पादन का नुकसान हुआ? वित्तीय वर्ष 2012-13 से अक्टूबर,2015 तक वर्षवार यूनिटवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) की अवधि में म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की किन-किन ताप विद्युत इकाईयों में वार्षिक रखरखाव के अन्तर्गत सुधार/मरम्मत कार्य कब-कब किस-किस कंपनी से कितनी-कितनी राशि में कराया गया? इनमें से कौन-कौन सी यूनिटें वार्षिक रख-रखाव कार्य करने के बाद उस वित्तीय वर्ष में कब पुन: किन कारणों से बंद हुई एवं इनके पुन: सुधार में उस वित्तीय वर्ष में कुल कितनी राशि व्यय हुई? इनकी जाँच कब-कब किस-किस ने की? (घ) प्रश्नांश (ग) की अनुसार म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत गृहों में वार्षिक रख-रखाव हेतु कितनी-कितनी राशि के उपकरण कहां-कहां से किस आदेश से क्रय किये गये? क्या शासन यूनिटों के सुधार कार्य एवं उपकरणों की खरीदी में की गई वित्तीय अनियमितताओं की जाँच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन उल्लेखित ताप एवं जल विद्युत इकाईयों सहित म.प्र.पा.ज.कं.लि. एवं राज्य शासन की वर्तमान में कार्यरत ताप एवं जल विद्युत इकाईयों के नाम, स्थापना की तिथि एवं कार्यरत इकाईयों की जानकारी संलग्न पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ में दर्शाये अनुसार है। महेश्वर जल विद्युत परियोजना निजी क्षेत्र की है, तथा इसकी स्थापना नहीं हुई है। वित्तीय वर्ष 2012-13 से अक्टूबर 2015 तक म.प्र.पा.ज.कं.लि. की ताप एवं जल विद्युत इकाईयों के वर्षवार कुल विद्युत उत्पादन का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ में दर्शाये अनुसार है। (ख) म.प्र.पा.ज.कं.लि. की ताप विद्युत इकाईयों के बंद होने के कारण एवं बंद होने से हुई उत्पादन हानि का वित्तीय वर्ष 2012-13 से अक्टूबर 2015 तक वर्षवार, यूनिटवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ में दर्शायें अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ‘ख’ की अवधि में म.प्र.पा.ज.कं.लि. की ताप विद्युत इकाईयों में वार्षिक रखरखाव के अंतर्गत सुधार/मरम्मत कार्य करवाये जाने की अवधि सुधार कर्ता कंपनी का नाम एवं व्यय हुई राशि का वर्षवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘द’ में दर्शायें अनुसार है। वार्षिक रखरखाव कार्य करने के बाद उस वित्तीय वर्ष में बंद हुई इकाईयों एवं पुन: सुधार में इन इकाईयों पर उस वित्तीय वर्ष में कुल खर्च हुई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘क’ में दर्शाये अनुसार है। ताप विद्युत इकाईयाँ तकनीकी कारणों से बंद होती है जिन्हें आवश्यक सुधार के पश्चात पुन: क्रियाशील कर लिया जाता है। वार्षिक रखरखाव कार्यों के पश्चात भी इकाईयाँ तकनीकी कारणों से बंद होती है अत: जाँच की आवश्यकता नहीं है। (घ) म.प्र.पा.ज.कं.लि. के ताप विद्युत गृहों में वित्तीय वर्ष 2012-13 से अक्टूबर 2015 तक वार्षिक रखरखाव हेतु क्रय किये गये उपकरणों का आदेश क्रमांक राशि एवं फर्म के नाम सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ख’ में दर्शाये अनुसार है। म.प्र.पा.ज.कं.लि. में निर्धारित प्रक्रिया के तहत् कंपनी मुख्यालय एवं ताप विद्युत गृह स्तर पर रख-रखाव के कार्य एवं उपकरणों की खरीदी हेतु सक्षम अनुमोदन के पश्चात् ही कार्यादेश एवं उपकरण/सामग्री के खरीदने की कार्यवाही, निविदाएँ जारी कर की जाती है। म.प्र.पा.ज.कं.लि. द्वारा निर्दिष्ट प्रक्रिया के तहत् कार्य होने से प्रश्नांकित कालखण्ड में कोई वित्तीय अनियमितता दृष्टिगत नहीं होने के कारण जाँच की आवश्यकता नहीं है।
अनुदान योजनान्तर्गत स्वीकृति विद्युत ट्रांसफारमर्स को स्थापित नहीं करना
102. ( क्र. 1807 ) पं. रमेश दुबे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले में अनुदान योजनान्तर्गत विगत पाँच वर्षों में कुल कितने विद्युत ट्रांसफारमर्स किन-किन हितग्राहियों को किन-किन स्थानों के लिए स्वीकृत किये गये? (ख) यह भी बतावें कि अनुदान योजनान्तर्गत स्वीकृत विद्युत ट्रांसफारमर्स की पात्रता की शर्तें क्या है? इसमें शासन का अंश कितना होता है और हितग्राही का कितना अंश होता है? (ग) क्या यह सही है कि विकास खण्ड चौरई एवं बिछुआ जिला-छिन्दवाड़ा में अनुदान योजनान्तर्गत स्वीकृत विद्युत ट्रांसफारमर्स की विद्युत पोल और उस पर तार लग चुके है किन्तु विद्युत ट्रांसफारमर्स उपलब्ध नहीं कराये जाने से इस योजना का लाभ क्षेत्र के किसानों को नहीं मिल पा रहा है? (घ) क्या उक्त तथ्य शासन के संज्ञान में है? क्या शासन समय पर विद्युत ट्रांसफारमर्स उपलब्ध नहीं कराने वाले अथवा उपलब्ध कराने में भेदभाव करने अथवा वितरण में अनियमितता करने की जाँच करवाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए उक्त दोनों विकास खण्डों में अविलंब विद्युत ट्रांसफारमर्स उपलब्ध कराने हेतु आदेश देगा? यदि हाँ, तो कब तक विद्युत ट्रांसफारमर्स स्थापित करा दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) छिन्दवाड़ा जिले में अनुदान योजनार्न्तगत विगत पांच वर्षों में 2157 हितग्रहियों के लिए कुल 1488 ट्रांसफार्मर स्वीकृत किए गए हैं, जिनकी ग्रामवार एवं हितग्राहिवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कृषक अनुदान योजना 3 अश्वशक्ति अथवा इससे अधिक क्षमता के स्थाई पंप कनेक्शन प्रदान करते हुए प्रदेश में 1 अप्रैल 2011 से प्रारंभ की गई इस योजना में ग्रामीण क्षेत्र के सभी कृषक पात्र होगें परंतु अनुदान की दृष्टि से उन्हें दो श्रेणियों (अ) लघु तथा सीमांत कृषक (दो हेक्टेयर से कम भूमि धारक) (ब) अन्य कृषक में बांटा गया है। इस योजना में स्थापित किये जाने वाले वितरण ट्रांसफार्मर की क्षमता 25 के.व्ही.ए. से कम नहीं होगी एवं ट्रांसफार्मर पर अधिकतम पर अधिकतम भार 80 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा। योजना में उपभोक्ता एवं शासन का अंश वर्षवार निम्नानुसार है:-
क्रं |
वर्ष |
लघु सीमांत कृषक का अंश |
अन्य कृषक का अंश |
शासन का अनुदान |
1 |
2011-12 |
5000/- प्रति एच.पी. |
8000/- प्रति एच.पी. |
लाईन विस्तार में लगने वाली लागत राशि रू.1.50 लाख तक प्रति उपभोक्ता में से उपभोक्ता के अंश राशि भुगतान के पश्चात् जो शेष राशि होगी उसे शासन वहन करेगा एवं लागत राशि रू.1.50 लाख प्रति उपभोक्ता से अधिक होने पर अतिरिक्त राशि का भुगतान उपभोक्ता को करना होगा। |
2 |
2012-13 |
5500/- प्रति एच.पी. |
8800/- प्रति एच.पी. |
|
3 |
2013-14 |
6000/- प्रति एच.पी. |
9600/- प्रति एच.पी. |
|
4 |
2014-15 |
6000/- प्रति एच.पी. |
9600/- प्रति एच.पी. |
|
5 |
2015-16 |
6500/- प्रति एच.पी. |
10400/-प्रति एच.पी. |
(ग) चौरई विकास खण्ड में 15 हितग्राहियों एवं बिछुआ विकास खण्ड में 20 हितग्राहियों के पंप कनेक्श्न के कार्यों के लिए पोल एवं तार लगाये गये हैं तथा उक्त कार्य समय-सीमा में ट्रांसफार्मर उपलब्ध करा कर पूर्ण कर दिए जाएगें। कृषक अनुदान योजनांतर्गत कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा आवेदन प्राप्ति/राशि जमा करने से 180 दिवस तथा कार्य आदेश जारी होने से 150 दिवस है एवं तदनुसार उक्त योजना में ट्रांसफार्मर उपलब्ध करा कर कार्य पूर्ण कराए जा रहें हैं। (घ) अनुदान योजना के प्रावधानों/समय-सीमा के अनुसार चौरई एवं बिछुआ विकासखण्ड के पंप कनेक्शन के कार्यों हेतु ट्रांसफार्मर उपलब्ध कराए जा रहे हैं अत: किसी प्रकार का भेदभाव या अनियमितता होने या किसी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता।
कैलाशपुर उद्.सि.पो. की स्वीकृति
103. ( क्र. 1814 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले की मऊगंज विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सिंचाई के संसाधन बढ़ाने एवं पेयजल स्तर बढ़ाने हेतु कैलाशपुर उद्.सि. योजना का प्रस्ताव विभाग द्वारा शासन स्तर को भेजा गया है एवं जिला योजना समिति की बैठक दिनाँक 26.09.15 को भी इस योजना का सर्वे करने हेतु निर्देशित किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, तो कब तक इस योजना को स्वीकृत कर बजट आवंटन करा दिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) प्रश्नाधीन परियोजना का कोई प्रस्ताव स्वीकृति हेतु विचाराधीन नहीं है। जिला योजना समिति द्वारा न तो स्वीकृति अथवा धनराशि उपलब्ध नहीं कराई गई है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
शाला उपकर की जानकारी
104. ( क्र. 1817 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में शाला उपकर के रूप में कितनी राशि वसूली जा चुकी है? उसमें से अब तक कितनी राशि कैसे खर्च की गई व कितनी शेष है? बची राशि किसके खाते में जमा है? विवरण सहित विगत तीन वर्षों की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में रीवा जिले में नगर निकायों द्वारा संपत्ति कर के साथ वसूली जाने वाली तीन फीसदी शिक्षा उपकर जिले में किस-किस निकाय के पास कितनी जमा है? विवरण दें व बताएं कि उसको कौन खर्च करेगा व किस मद में यह खर्च किया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) रीवा जिले में शाला उपकर के रूप में विगत तीन वर्षों में 55,94,351/- रूपये वसूल किये गये हैं। उक्त राशि में से 44,25,384/- रूपये जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। विद्यालय में मरम्मत कार्य, अतिरिक्त कक्ष का निर्माण, हैण्डपम्प के खनन कार्य एवं शौचालय निर्माण में राशि व्यय की गई। शेष राशि रूपये 11,68,967/- निकाय कोष में जमा है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। नगरीय निकायों द्वारा विद्यालयों के उन्नयन अंतर्गत विद्यालयों के निर्माण, मरम्मत कार्य, शौचालय आदि में व्यय करने के प्रावधान है।
कुक्षी में स्थापित ट्रांसफार्मर
105. ( क्र. 1851 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में 25 के.व्ही. 63 के.व्ही.ए 100 के.व्ही.ए.एवं 200 के.व्ही.ए. के कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित हैं क्षमतावार संख्या बतावें? (ख) कुक्षी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत स्थापित विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों में से कितने ट्रांसफार्मर अतिभारित हैं, संख्या बतावें? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में यदि लोड अधिक है तो क्या उनका उन्नयन किया जावेगा, यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में 25 के.व्ही.ए. के 549, 63 के.व्ही.ए. के 867, 100 के.व्ही.ए. के 682 एवं 200 के.व्ही.ए. के 28 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित है। (ख) कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में स्थापित कुल 2116 वितरण ट्रांसफार्मरों में से 63 के.व्ही.ए. के 22 तथा 100 के.व्ही.ए. के 35, इस प्रकार कुल 57 वितरण ट्रांसफार्मर अतिभारित है। (ग) जी हाँ। कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में उत्तरांश ''ख'' में उल्लेखित कुल अतिभारित 57 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि अथवा अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाये जाने हेतु कार्य स्वीकृत हैं। उक्त कार्य वित्तीय वर्ष 2015-16 में माह मार्च 2016 तक पूर्ण किया जाना संभावित है।
किसान अनुदान योजना के सम्बंध में
106. ( क्र. 1852 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में किसान अनुदान योजना में पिछले 2 वर्ष में बिजली कनेक्शन हेतु कितने हितग्राहियों द्वारा राशि जमा की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न दिनाँक तक कितने हितग्राहियों को उक्त योजना का लाभ दिया गया, कितने शेष बचे हैं? (ग) कब तक लाभ प्रदान किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में कृषकों को स्थायी विद्युत पम्प कनेक्शन प्रदान करने हेतु लागू अनुदान योजना में वर्ष 2013-14 में कुल 148 एवं वर्ष 2014-15 में कुल 126 हितग्राहियों द्वारा नियमानुसार अंश राशि जमा की गई थी। इसके अतिरिक्त चालू वित्तीय वर्ष 2015-16 में माह अक्टूबर-2015 तक 02 हितग्राहियों द्वारा अंश राशि जमा की गई है। इस प्रकार प्रश्नाधीन क्षेत्र एवं अवधि में अनुदान योजना में अब तक कुल 276 हितग्राहियों द्वारा अंश राशि जमा की गई है। (ख) कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में कृषकों को स्थायी विद्युत पम्प कनेक्शन प्रदान करने हेतु लागू अनुदान योजना में वर्ष 2013-14 में उत्तरांश ''क'' में उल्लेखित सभी 148 कार्य पूर्ण कर दिये गये हैं। वित्तीय वर्ष 2014-15 में कुल 126 हितग्राहियों में से 66 हितग्राहियों का कार्यपूर्ण किया जा चुका है। चालू वित्तीय वर्ष 2015-16 में माह अक्टूबर तक कुल 02 हितग्राहियों द्वारा राशि जमा की गई है जिनका कार्य किया जाना अभी शेष है। इस प्रकार कुल 276 हितग्राहियों में से 214 हितग्राहियों को उक्त योजना का लाभ प्रदान किया जा चुका है, शेष 62 हितग्राहियों का कार्य किया जाना अभी शेष है। (ग) कुक्षी विधानसभा में कृषकों को स्थायी विद्युत पम्प कनेक्शन प्रदान करने हेतु लागू अनुदान योजना में माह-अक्टूबर-2015 तक 62 हितग्राहियों के शेष लाईन विस्तार के कार्यों को विद्युत सामग्री की उपलब्धता अनुसार एवं राईट ऑफ वे उपलब्ध होने पर वरीयता क्रमानुसार पूर्ण किया जा सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जन सुनवाई केन्द्रों पर प्राप्त आवेदन
107. ( क्र. 1884 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड स्तर जनसुनवाई केन्द्रों पर प्राप्त आवेदन के निराकरण हेतु कितनी समय-सीमा का प्रावधान है? (ख) जन सुनवाई केन्द्र विकासखण्ड करैरा एवं नरवर में जनवरी 2015 से अक्टूबर 2015 के मध्य कितने आवेदन समस्याओं से संबंधित प्राप्त हुये विभागवार नाम, पता सहित जानकारी दी जावे? (ग) उपरोक्त (ख) में वर्णित क्या सभी प्राप्त आवेदन निराकृत हो चुके हैं? या शेष हैं, यदि हाँ, तो शेष आवेदन कब तक निराकृत कर दिये जावेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विकासखण्ड स्तर पर जनसुनवाई केन्द्रों पर प्राप्त आवेदन के निराकरण हेतु समय-सीमा का प्रावधन नहीं है। निर्देश प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ख) जनसुनवाई केन्द्र, विकासखण्ड करैरा में जनवरी 2015 से अक्टूबर 2015 के मध्य कुल 280 आवेदन एवं विकास खण्ड नरवर में कुल 54 आवेदन प्राप्त हुये। विकासखण्डवार विभागवार नामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। (ग) जी नहीं। शेष है, शेष आवेदनों का निराकरण जाँच उपरान्त यथाशीघ्र किया जायेगा।
करैरा स्थित किला की जानकारी से संबंधित
108. ( क्र. 1886 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तारांकित प्रश्न संख्या 157, क्र. 2898 दिनाँक 28 जुलाई 2015 के उत्तर (ग) में करैरा किला राज्य संरक्षित स्मारक के रूप में घोषित नहीं है, फिर भी स्थल के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुये 13वें वित्त आयोग अन्तर्गत करैरा किले के अनुरक्षण के लिए राशि रू. एक करोड़ प्रस्तावित की गई है, भारत सरकार से प्रस्ताव अनुसार राशि प्राप्त होने पर, शासन से स्वीकृति ली जाकर कार्य प्रारम्भ किया जाना संभव होगा, उत्तर दिया है। (ख) यदि हाँ, तो 13वें वित्त आयोग को राशि प्राप्ति हेतु राज्य सरकार द्वारा प्रस्ताव किस दिनाँक को भेजा गया प्रति उपलब्ध कराई जावे? व क्या राशि स्वीकृत हो चुकी है? यदि हाँ, तो कार्य कब प्रारंभ कर दिया जावेगा? (ग) क्या करैरा किला को पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित स्मारक के रूप में घोषित भी कर दिया है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति दी जावे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ. (ख) 13वें वित्त आयोग के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2014-15 हेतु राशि प्राप्त करने के लिये प्रस्ताव/पत्र भारत शासन, संस्कृति मंत्रालय, नई दिल्ली को दिनाँक 02/09/2014 को भेजा गया था. जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है. 13वें वित्त आयोग की अनुशंसाओं के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2014-15 की कार्य योजना अनुसार राशि रूपये 43.75 करोड़ में से भारत शासन से राशि रूपये 26.25 करोड़ प्राप्त हुई है. जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है. शेष राशि रूपये 17.50 करोड़ की मांग प्रथम अनुपूरक बजट में की गई थी. प्रथम अनुपूरक बजट में उक्त राशि प्राप्त न होने के कारण द्वितीय अनुपूरक बजट में मांग की गई है. उक्त कार्य की डी.पी.आर. क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा तैयार की जा रही है. द्वितीय अनुपूरक बजट में राशि प्राप्त होने तथा डी.पी.आर. प्राप्त होने पर आगामी कार्यवाही की जा सकेगी. (ग) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है.
जन भागीदारी योजनान्तर्गत नलकूप खनन
109. ( क्र. 1900 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जन भागीदारी योजना के तहत कौन-कौन से कार्य किये जाने का प्रावधान है व उन्हें मूर्त रूप देने हेतु शासन द्वारा क्या-क्या दिशा निर्देश तय किये हैं? (ख) क्या वर्ष 2015-16 में नवीन नलकूप खनन (हैण्डपम्प) का कार्य जो अजा, अजजा वर्ग से 25 प्रतिशत व सामान्य वर्ग से 50 प्रतिशत राशि जन भागीदारी के रूप में जमा कर हैण्डपम्प खनन किये जाने का प्रावधान था? के कार्य बन्द कर दिये गये है? यदि हाँ, तो यह अति आवश्यक योजना पेयजल से संबंधित कार्य बन्द करने का क्या कारण है व कब तक प्रारंभ कर दिये जायेगें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी नहीं, योजनान्तर्गत नलकूप/हैन्डपम्प खनन के कार्य बन्द नहीं किये गये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
07 दिमनी क्षेत्र में विद्युत की सप्लाई
110. ( क्र. 1901 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में ऐसे कितने ग्राम, मजरे व टोले हैं जहां ट्रांसफार्मर, खंबे, तार आदि के अभाव में विद्युत सप्लाई पूर्ण रूपेण बंद होकर विद्युत देयक भी दिया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समस्याओं का निदान कब तक कर दिया जाकर विद्युत सप्लाई शासन के नियमानुसार दी जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मुरैना जिले के विधानसभा क्षेत्र 07 दिमनी में ऐसे 8 ग्राम एवं 19 मजरे/टोले हैं, जहां पर अधोसंरचना उपलब्ध नहीं है परंतु संबंधित क्षेत्रों के ग्रामवासियों द्वारा कृषि पंप एवं आटा चक्की संचालन हेतु स्थापित ट्रांसफार्मरों से विद्युत का उपयोग किये जाने के कारण इन्हें बिजली का बिल दिया जा रहा है। ऐसे ग्रामों/मजरों/टोलो की सूची संलग्न परिशिष्ट के अनुसार है। (ख) 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना का क्रियान्वयन कर रही ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स के.ई.सी. इन्टरनेश्नल द्वारा कार्य में अत्याधिक विलंब करने के कारण उसे जारी अवार्ड नवम्बर 2013 में निरस्त कर दिया गया था एवं तत्पश्चात जून 2014 से एस.पी.डी. संभाग मुरैना का गठन कर मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा शेष कार्य विभागीय स्तर पर कराया जा रहा हैं जिसे यथाशीघ्र पूर्ण करने के प्रयास हैं। बारहवीं पंचवर्षीय योजना में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनांतर्गत विद्युतीकरण कार्य हेतु मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल को अवार्ड जारी किया गया है, जिसे पूर्ण करने की समय-सीमा दिनाँक 30.10.2016 निर्धारित है।
रोड निर्माण में हो रही अनियमितताएं
111. ( क्र. 1936 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले के नगर निगम क्षेत्रान्तर्गत चाका से बिलहरी माड तक रोड, डिवाइडर, नाले एवं स्ट्रीट लाईट का काम कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से कार्य कितनी लागत के कराए जा रहे है? कौन-कौन कार्य कितने पूर्ण हो गया? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के कार्य में डिवाइडर से स्केरीफायिंग तथा फाउन्डेशन लेना चाहिए था किंतु बगैर फाउन्डेशन के जमीन सहत में रख दिया गया है? (ग) क्या उक्त मार्ग में प्राक्कलन के अंतर्गत पी.सी.सी. का प्रावधान किया गया है उसके ऊपर डी.बी.एम. तथा बी.सी. का भी प्रावधान किया गया जबकि पी.सी.सी का फुल चौड़ाई तथा पूरी लंबाई में नहीं होना चाहिए जो किया जाकर भुगतान भी किया गया है पी.सी.सी का कार्य आवश्यकतानुसार कार्य स्थल की कंडीशन को दृष्टिगत रखते हुए होना चाहिए था? इसी तरह मार्ग के प्राक्कलन में 7 सी.एम. डी.बी.एम. तथा 4 सी.एम. बी.सी. का प्रावधान है जबकि मार्ग कई स्थानों में बदलाव 5840 से 5978 कुल 216 मीटर में 10 सी.एम. डी.बी.एम किया है तथा उसके नीचे 6 सी.एम. पी.सी.सी भी किया गया है मिशन चौक से चाका तक बिना डामर उखाड़े (Scarifying) के पूरी चौड़ाई में डब्ल्यू.एम.एम. कार्य कराया गया है जबकि पूरी चौड़ाई में डब्ल्यू.एम.एम. का कार्य कराने से पहले पुराना बी.टी. सरफेस को (Scarifying) उखाड़ कर करना आवश्यक था? किंतु ऐसा नहीं किया गया क्यों कारण बताएं? (घ) प्रश्नांश (ख) से (ग) तक में की गई अनियमितताओं की जाँच लोक निर्माण के किसी कार्यपालन यंत्री से कराने के आदेश दिये जाएगें? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों कारण बतायें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। कराये जा रहे कार्यों का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’, ‘ब’ एवं ‘स’ अनुसार है। (ख) एवं (ग) उतरांश ‘क’ में उल्लेखित कार्यों की जाँच कराई जा रही है। (घ) जी नहीं। नगर निगम, कटनी संभागीय कार्यालय नगरीय प्रशासन एवं विकास, जबलपुर के क्षेत्राधिकार अंतर्गत आने के कारण, कार्यपालन यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास, जबलपुर संभाग जबलपुर को जाँच हेतु आदेश क्रमांक 14917 दिनाँक 07-12-2015 द्वारा आदेशित किया गया है।
बैतूल जिले में अवैध खनन
112. ( क्र. 1949 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के विगत 2 वर्षों में अवैध खनन एवं परिवहन तथा संग्रहण के कितने प्रकरण दर्ज किए? इनमें किस गौण खनिज का प्रति क्यूबिक मीटर कितना मूल्य माना जाकर कितने गुना अर्थदंड किस-किस आदेश से किस-किस दिनाँक द्वारा किसके द्वारा अधिरोपित किया गया? वर्षवार, गौण खनिजवार जानकारी दें, साथ ही जारी किए गए आदेशों की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या गौण खनिजों का बाजार मूल्य अलग-अलग जिलों में अलग-अलग है? भोपाल, होशंगाबाद, रायसेन, सीहोर, हरदा एवं बैतूल जिले में किस गौण खनिज का क्या बाजार मूल्य निर्धारित है? (ग) गौण खनिज का बाजार मूल्य निर्धारित किए जाने अथवा मान्य किए जाने के संबंध में निर्धारित प्रक्रिया के दिशा निर्देशों की प्रति देवें खनिज विभाग के किस अधिकारी को बाजार मूल्य एवं मान्य कर अर्थदंड निर्धारण के अधिकार किस आदेश क्रं. के तहत मिले है? आदेश की छायाप्रति देवें? (घ) क्या बाजार मूल्य का सत्यापन प्रस्तावित था अधिरोपित किए गए अर्थदंड को अपर कलेक्टर या कलेक्टर द्वारा किस आधार पर किन प्रमाणों के अनुसार किया गया था प्रस्तावित अर्थदंड को स्वीकार किया जाकर आदेश दिया गया है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नानुसार वांछित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र– अ, ब, स में दर्शित है। प्रश्नानुसार वांछित आदेशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘द’ में दर्शित है। गौण खनिज का प्रति क्यूबिक मीटर मूल्य स्थानीय बाजार में खनिज की मांग, आपूर्ति, उपलब्धता के आधार पर निर्धारित होता है। इस हेतु पृथक से कोई आदेश नहीं है। (ख) गौण खनिज का बाजार मूल्य, खदान की अवस्थिति, गंतव्य स्थल की दूरी, खनिज की स्थानीय स्तर पर मांग, खनिज की गुणवक्ता तथा खनन की तकनीक पर आधारित होने से, जिलेवार भिन्न–भिन्न होना स्वाभाविक है। अत: प्रश्नानुसार जिलों में गौण खनिज का बाजार मूल्य निर्धारित नहीं है। (ग) प्रश्नांश ‘ख’ के उत्तर के संदर्भ में कोई आदेश तथा निर्देश जारी नहीं है। अत: इसकी प्रतियां उपलब्ध कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश ‘क’ में दर्शित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ‘द’ में प्रश्नानुसार जानकारी दर्शायी गई है।
बैतूल जिले में गौण खनिजों के अवैध खनन परिवहन संग्रहण
113. ( क्र. 1950 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 के नियम 53 में अवैध खनिज खनन, अवैध परिवहन एवं अवैध खनिज संग्रहण के प्रकरणों में समझौते का अधिकार किसे दिया गया है? समझौता न होने पर प्रकरणों में सुनवाई का अधिकार किसे दिया गया है? (ख) नियम 53 में अवैध खनिज खनन-परिवहन-संग्रहण के प्रकरणों की सूचना रिपोर्ट किस श्रेणी के मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत किए जाने का प्रावधान है? इस प्रावधान के अनुसार बैतूल जिले में विगत दो वर्षों में प्रश्न दिनाँक तक अवैध खनिज खनन-परिवहन-संग्रहण के कितने प्रकरण बनाये गये? कितने प्रकरणों में से कितने प्रकरणों की रिपोर्ट/सूचना किस श्रेणी के मजिस्ट्रेट के समक्ष कब-कब प्रस्तुत की गई? (ग) यदि बैतूल जिले में गत दो वर्षों में प्रश्न दिनाँक तक अवैध खनिज खनन, अवैध परिवहन एवं अवैध खनिज संग्रहण के बनाए गए प्रकरणें की सूचना संबंधित मजिस्ट्रेट को प्रस्तुत नहीं की गई? हाँ तो कारण बतावें। (घ) विगत 2 वर्षों में दर्ज प्रकरणें में से समझौता न होने वाले प्रकरणों को सुनवाई के लिए संबंधित मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत न किए जाने के क्या कारण रहे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 के नियम 53 (5) में प्रश्नानुसार अवैध खनिज खनन एवं अवैध परिवहन के संबंध में प्रावधान है। अवैध खनिज संग्रहण के संबंध में इस नियम में कोई प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्नांश की जानकारी नियम 53 (1) में प्रावधानित है। यह नियम अधिसूचित नियम है। (ख) म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 के नियम 53 (1) में प्रावधानित न्यायिक कार्यवाही हेतु अधिकृत मजिस्ट्रेट को नियम 53 (3) में रिपोर्ट प्रस्तुत किये जाने के प्रावधान है। अवैध खनिज संग्रहण के संबंध में इस नियम में कोई प्रावधान नहीं है। प्रश्नाधीन जिले में प्रश्नाधीन अवधि में अवैध खनिज खनन के 14 प्रकरण, तथा अवैध खनिज परिवहन के 355 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है। म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 के नियम 53 (5) के तहत अभियोजन संस्थापन के पहले या उसके पश्चात आरोपित जुर्माने के भुगतान होने पर प्रशमन का प्रावधान है। अवैध खनिज परिवहन के 3 प्रकरणों में समझौता न होने के कारण अभियोजन संस्थापन हेतु संबंधित मजिस्ट्रेट के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करने की कार्यवाही प्रचलन में है। शेष अवैध खनिज परिवहन के दर्शित प्रकरणों में प्रशमन किया जा चुका है। अत: प्रकरणों की रिपोर्ट मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ‘ख’ के उत्तर में प्रश्नानुसार जानकारी दर्शित है। अवैध खनिज संग्रहण के संबंध में म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 में कोई प्रावधान नहीं है। (घ) प्रश्नांश ‘ख’ के उत्तर में प्रश्नानुसार जानकारी दर्शित है। अवैध खनिज संग्रहण के संबंध में म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 में कोई प्रावधान नहीं है।
दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत स्वीकृत कार्य
114. ( क्र. 1973 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में माह अप्रैल 2015 से वर्तमान तक दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत कितनी राशि प्रदाय की, इससे किन-किन स्थानों/गांव मजरे टोलों में कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये, कौन-कौन से प्रस्तावित हैं कब तक स्वीकृत किये जावेंगे, स्वीकृत कार्यों के संबंध में कार्य/ऐजेन्सी का नाम, स्वीकृत राशि कार्य प्रारंभ/पूर्ण करने की अवधि सहित जानकारी स्थान/गांव, मजरे टोलोवार उपलब्ध करावे? (ख) उक्त स्वीकृत कार्य वर्तमान तक प्रारंभ न करने के क्या कारण हैं कब तक प्रारंभ किये जावेंगे, प्रस्तावित कार्यों को कब तक स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी बतावें? (ग) क्या ये सच हैं, कि उक्त स्वीकृत कार्यों को प्रारंभ करने में विलम्ब के कारण जिलावासियों (जिन स्थानों के लिये कार्य स्वीकृत हैं) को नवीन विद्युत व्यवस्था के अभाव में वर्तमान तक कई प्रकार की कठिनाईयों का सामाना करना पड़ता हैं वे अंधेरे में रहने को विवश हैं? (घ) यदि हाँ, तो जिलावासियों की उक्त कठिनाईयों के निवारण हेतु स्वीकृत कार्यों को शीघ्र प्रारंभ कराया जावेगा व प्रस्तावित कार्यों को शीघ्र स्वीकृत करके समय-सीमा में प्रारंभ करके पूर्ण कराया जावेगा यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना की स्वीकृति आर.ई.सी. नई दिल्ली के पत्र क्रमांक आर.ई.सी./डी.डी.यू.जी.जे.वाय/2015-16/57 दिनाँक 28.07.2015 एवं आर.ई.सी./डी.डी.यू.जी.जे.वाय/2015-16/67 दिनाँक 30.07.2015 से प्राप्त हुई है, जिसमें श्योपुर जिले हेतु रू.48.48 करोड़ की राशि की स्वीकृति सम्मिलित है। अद्यतन स्थिति में उक्त योजना अंतर्गत स्वीकृत राशि की 10 प्रतिशत राशि ग्रामीण विद्युतीकरण निगम द्वारा निर्गमित की गई है। इस योजनान्तर्गत श्योपुर जिले में 228 गाँवों एवं 233 मजरों/टोलों में फीडर विभक्तिकरण, सघन विद्युतीकरण, मीटरीकरण एवं प्रणाली सुदृढ़ीकरण के विभिन्न कार्य स्वीकृत किये गये हैं। उक्त स्वीकृति अनुसार श्योपुर जिले में 02 नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र, 01 नं. अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मर की स्थापना, 03 नं. पावर ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि, 537 कि.मी. 11 के.व्ही. लाईन निर्माण, 165 कि.मी. एल.टी. लाईन निर्माण, 370 नं. वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना, 15300 मीटरों की स्थापना, 08 नं. 33/11 के.व्ही. के स्थापित उपकेन्द्रों तथा 250 नं. स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों के रखरखाव के कार्य किये जाने हैं। उक्त योजना का क्रियान्वयन टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु योजना/केन्द्र शासन के निर्देशानुसार निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी का नाम, कार्य पूर्ण करने की अवधि सहित स्थान/ग्राम/मजरे/टोले की जानकारी वर्तमान में दिया जाना संभव नहीं है। (ख) उत्तरांश ’’क’’ में दर्शाए अनुसार योजना की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है तथा योजना का कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निविदा कार्यवाही उपरांत नियमानुसार अवार्ड जारी कर कार्य प्रारंभ हो सकेगा, अत: वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश ’’क’’ अनुसार निविदा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, अत: विलंब जैसी कोई स्थिति नहीं है। श्योपुर जिले में सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (घ) वर्तमान में निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है जिसके पूर्ण होने के उपरांत नियमानुसार टर्न-की ठेकेदार एजेंसी को कार्यादेश जारी करने के दिनाँक से 24 माह की अवधि में कार्य पूर्ण किये जाने का प्रावधान है।
पेवर्स निर्माताओं के पंजीयन एवं कर भुगतान
115. ( क्र. 1996 ) श्री अनिल जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले के प्रतापपुरा औद्योगिक क्षेत्र में स्थित कितनी पेवर्स निर्माता इकाईयां स्थापित और पंजीकृत हैं? इन पेवर्स इकाईयों के नाम, प्लाट नम्बर, पंजीयन तिथि, उत्पादन शुरू करने की तिथि और वर्तमान में इन इकाईयों के द्वारा किये जाने वाले उत्पादन की मासिक मात्रा तथा भुगतान किये गये बिक्रीकर की जानकारी इकाईवार बतायी जावे तथा कौन-कौन सी इकाईयां कितनी राशि से डिफाल्टर चल रहीं हैं? (ख) प्रश्नांश (क) की उक्त इकाईयों में से कितनी इकाईयाँ ऐसी है जो नियमित वाणिज्य कर का भुगतान नहीं कर रही हैं? उनके नाम तथा उनके विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण दिया जाये? (ग) क्या औद्योगिक क्षेत्र प्रतापपुरा में प्रश्नांश (क) के अलावा भी कुछ इकाईयां पेवर्स का उत्पादन कर रही हैं और वे आज दिनाँक तक पंजीकृत नहीं है और यदि हाँ, ऐसी अपंजीकृत इकाईयां संचालित है, तो क्या विभागीय अधिकारियों के द्वारा समय-समय पर इन इकाईयों का निरीक्षण किया गया? यदि हाँ, तो इन इकाईयों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) विगत एक वर्ष में औद्योगिक क्षेत्र प्रतापपुरा में स्थित पेवर्स निर्माण इकाईयों का निरीक्षण किन-किन अधिकारियों के द्वारा कब-कब किया गया? निरीक्षणकर्ता अधिकारी एवं दिनाँकवार जानकारी देवें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) टीकमगढ़ जिले के प्रतापपुरा औद्योगिक क्षेत्र में 30 पेवर्स निर्माता इकाई पंजीकृत है। जिसकी विस्तृत सूची इकाई का नाम प्लांट नंबर पंजीयन तिथि उत्पादन मात्रा एवं भुगतान किये गए कर की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इनमें से कोई भी इकाई डिफाल्टर नहीं है। (ख) प्रश्नांश 'क' में वर्णित इकाईयाँ नियमित विवरण प्रस्तुत कर उस पर देय कर का भुगतान कर रही है। (ग) प्रश्नांश 'क' के अतिरिक्त कोई इकाई ऐसी नहीं पाई गई जो कर दायित्व सीमा में आती हो और न ही ऐसी इकाई का निरीक्षण कराया गया है। (घ) विगत एक वर्ष में औद्योगिक क्षेत्र प्रतापपुरा में स्थित पेवर्स निर्माण इकाईयों का निरीक्षण नहीं किया गया है। अत: जानकारी निरंक है।
परिशिष्ट - ''तीस''
बस स्टैण्ड की स्वीकृति
116. ( क्र. 1999 ) श्री अनिल जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निवाड़ी विधानसभा क्षेत्र के निवाड़ी तिगैला स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग पर बस स्टैण्ड की स्वीकृति हेतु क्या कोई प्रस्ताव तैयार कराये गये हैं? यदि हाँ, तो इन प्रस्तावों में किस-किस स्तर पर अब तक क्या-क्या कार्यवाही हुई है? (ख) क्या उक्त बस स्टैण्ड के लिये आवश्यक कितनी भूमि के आवंटन हेतु प्रस्ताव शासन को भेजा गया है? यदि हाँ, तो आवंटित भूमि का खसरा नम्बर तथा आवंटित रकबा की जानकारी आदेश क्रमांक सहित दी जावे? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार बस स्टेंड के लिये आवश्यक भूमि के आवंटन हेतु प्रस्ताव यदि शासन को अब तक नहीं भेजा गया है, तो बतायें कि कब तक भेजा जा सकेगा? (घ) क्या निवाड़ी नगर के लिए अपेक्षित इस बस स्टैण्ड का कोई प्राक्कलन शासन को भेजा गया है? यदि नहीं, तो कब तक भेजा जा सकेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। नगर परिषद् निवाड़ी के परिषद् निर्णय क्रं. 30 से दिनाँक 21.10.2015 के द्वारा बस स्टैण्ड निर्माण हेतु निवाड़ी तिगैला पर स्थित शासकीय भूमि की मांग तहसीलदार निवाड़ी से की गई है। (ख) जी नहीं। बस स्टैण्ड हेतु 02 हेक्टेयर भूमि आवंटन का प्रस्ताव तहसीलदार निवाड़ी को भेजा गया है। भूमि का खसरा नं. 28/1/1 रकबा 4.047 हेक्टेयर में से 02 हेक्टेयर भूमि की मांग निकाय के पत्र क्रं. 1417 दिनाँक 19.11.2015 द्वारा की गई है। (ग) एवं (घ) कार्यवाही तहसीलदार कार्यालय में प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शराब दुकानों पर अहाते की नीति
117. ( क्र. 2016 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में शराब नीति 2015-16 अंतर्गत शहरों में विभिन्न बार/शराब दुकानों में अहाते के लिये विभाग की क्या नीति है अवगत करायें? (ख) मंदसौर शहर में कितने बार/कलारी एवं अन्य शराब की दुकान संचालित है? इनमें कहां-कहां, किस-किस दुकानों को अहाते के रूप में संचालित करने की अनुमति मिली है? (ग) क्या मंदसौर शहर में अहाते की अनुमति नहीं होने के बावजूद शहर के व्यस्ततम चौराहों पर रेल्वे स्टेशन, भारत माता चौराहा, कालाखेत, महाराणा प्रताप बस स्टैण्ड, जनकपुरा में हर सड़क पर खुले मैदान पर बैठकर शराब पी रहे है? इस हेतु विभाग में कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की क्या विभाग मानता है, इससे राजस्व की हानि होती है? यदि हाँ, तो इसके रोकथाम के लिये विभाग द्वारा क्या प्रयास किये जा रहे हैं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वर्ष 2015-16 के लिये शहरों में विभिन्न बार हेतु विभाग द्वारा घोषित नीति, शराब दुकानों में शॉप-बार हेतु नीति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं दो अनुसार है। (ख) मंदसौर शहर में 07 देशी मदिरा दुकानें ऑन लायसेंस की हैं एवं 04 विदेशी मदिरा दुकानें ऑफ लायसेंस की है। मंदसौर शहर में 03 एफ.एल.-3 होटल बार लायसेंस स्वीकृत किये गये हैं जहाँ पर बैठकर शराब पीने हेतु अनुमति है। मंदसौर शहर में विदेशी मदिरा दुकानों पर लायसेंसी द्वारा शॉप-बार स्वीकृति हेतु कोई आवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया है। शहर में किसी भी विदेशी मदिरा दुकान पर बैठ कर शराब पीने हेतु शॉप-बार स्वीकृत नहीं है। (ग) मंदसौर शहर में रेल्वे स्टेशन पर विदेशी मदिरा दुकान स्टेडियम, भारतमाता चौराहे पर विदेशी मदिरा दुकान घंटाघर एवं महाराणा प्रताप बस स्टैण्ड पर विदेशी मदिरा दुकान बस स्टैण्ड ऑफ लायसेंस की संचालित हैं तथा कालाखेत में देशी मदिरा दुकान नयापुरा, जनकुपुरा में देशी मदिरा दुकान जनकुपुरा ऑन लायसेंस की संचालित है। उक्त मदिरा दुकानों पर सड़क पर खुले मैदान पर बैठ कर शराब पीने की विभाग को कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। समय-समय पर मदिरा दुकानों का निरीक्षण कर गश्त एवं दबिश की जा रही है।
शास. कर्मचारियों (लिपिक) की प्रतिनियुक्ति
118. ( क्र. 2036 ) श्री अरूण भीमावद : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के सामान्य प्रशासन विभाग में शास. कर्मचारी (लिपिक) को प्रतिनियुक्ति पर कार्य करने अवधि निर्धारित की गई है? (ख) जिला शाजापुर में उद्यानिकी विभाग में पदस्थ श्री कमल सिंह तंवर, सहायक ग्रेड-3 उद्यानिकी विभाग से जिला पंचायत शाजापुर में विगत 16 वर्षों से प्रतिनियुक्ति पर रहकर लेखापाल का कार्य कर रहे हैं? (ग) क्या एक शासकीय कर्मचारी अपने मूल विभाग से अन्य विभाग में कब तक प्रतिनियुक्ति पर रहेगा? (घ) संबंधित कर्मचारी की प्रतिनियुक्ति कब तक समाप्त होगी? यदि नहीं, होगी तो समुचित कारण बतलाने का कष्ट करें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भिरियाडोल अधूरे बांध का निर्माण
119. ( क्र. 2046 ) श्री सज्जन सिंह उईके : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) घोड़ाडोंगरी क्षेत्र के ग्राम भिरियाडोल में बांध कब निर्माण प्रारंभ हुआ था? बांध की लागत कितनी थी? (ख) क्या बांध निर्माण में आदिवासियों की हितों को ध्यान में रखा गया है? यदि हाँ, तो कार्य पूर्ण क्यों नहीं हुआ? (ग) जल संसाधन विभाग वन विभाग की आपत्ति बता रहा है, पूर्व में निराकरण क्यों नहीं किया गया?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) झिरियाडोल परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनाँक 20.08.1979 को राशि रू.21.52 लाख की दी गई थी और निर्माण कार्य फरवरी 1980 में प्रारंभ किया गया था। (ख) एवं (ग) जी हाँ। परियोजना से 43.109 हे. वन भूमि प्रभावित हो रही थी। वन संरक्षक अधिनियम, 1980 लागू होने जाने से वन भूमि की अनुमति के अभाव में परियोजना कार्य बंद करना पड़ा। वन भूमि के उपयोग के लिए भारत सरकार ने दिनाँक 12.07.2006 को सशर्त अनुमति प्रदान की जिसके तहत रू.294.34 लाख की मांग वन मण्डलाधिकारी उत्तर, बैतूल द्वारा की गई। परियोजना की लागत में अत्याधिक वृद्धि के कारण पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति की आवश्यकता उत्पन्न हुई। निर्धारित वित्तीय मापदण्ड पर परियोजना असाध्य हो जाने से पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं की जा सकी।
उपभोक्ताओं के बिलों में अनियमितता
120. ( क्र. 2060 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2013 में वि.ख. गुना अंतर्गत ग्राम पंचायत देवरीमार के ग्राम भौरागिर्द मजरा गुजराई की डी.सी. बजरंगढ़ में सहरिया बी.पी.एल कार्डधारियों के लिये 25 केव्हीए ट्रांसफार्मर रा.गा.ग्रा.वि. परियोजना के अंतर्गत रखा गया था जो फैल हो गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत क्या बी.पी.एल. कार्डधारी अ.जा/अ.ज.जा. उपभोक्ताओं को सिंगलबत्ती कनेक्शन न्यूनतम राशि 30 रू. में देने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो उक्त उपभोक्ताओं से अधिक राशि 341 रू. किस नियम के तहत वसूली गई है और क्या नियम विरूद्ध वसूली गई राशि की शेष राशि 311/- रू. उपभोक्ताओं को वापस की जावेगी अथवा नहीं? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के अंतर्गत उपभोक्ताओं को विद्युत मीटर न लगने पर, प्रति यूनिट कनेक्शन बिल अनुमानित देने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो उक्त बिलों का अनुमानित आंकलित 70-78 यूनिट की खपत का आंकलन क्यों किया गया? और क्या आंकलित बिल 70-78 यूनिट का दिया जाना न्याय संगत है? (घ) क्या यदि ट्रांसफार्मर जल गया था तो फिर आज दिनाँक तक बिल भुगतान हेतु बार-बार क्यों भेजे जा रहे है? जबकि उपभोक्ताओं ने बार-बार आवेदन के माध्यम से स्थिति से अगवत करा दिया था? क्या उनके बिल माफ किये जावेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ, (ख) जी नहीं। उत्तरांश ''क'' में उल्लेखित ट्रांसफार्मर से सम्बद्ध कुल 11 उपभोक्ताओं से त्रुटिवश जमा करवायी गई, प्रति उपभोक्ता रू. 341/- की राशि का समायोजन उनके बिलों में कर दिया गया है। (ग) म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा वर्ष 2015-16 के लिए जारी टैरिफ शेड्यूल (दिनाँक 25.04.2015 से प्रभावशील) में किए गए प्रावधान अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों के घरेलू कनेक्शनों के लिए मीटर नहीं लगा होने पर 75 यूनिट प्रतिमाह बिलिंग का प्रावधान है। इसी आधार पर वितरण कंपनी द्वारा अनमीटर घरेलू कनेक्शन के लिए बिलिंग की जानी है। (घ) उत्तरांश ''क'' में उल्लेखित ट्रांसफार्मर फेल होने एवं बदलने के बीच की समयावधि के देयकों में नियमानुसार सुधार कर दिया गया है।
काड़ा के लिये दिये गये आवंटन का दुरूपयोग
121. ( क्र. 2072 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरियापुर संभाग छतरपुर अंतर्गत वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में काड़ा में कितना आवंटन प्राप्त हुआ? (ख) प्राप्त आवंटन से संस्थावार कितना-कितना आवंटन दिया गया? संस्थावार व्यय सहित बतलाएं? (ग) संभाग अंतर्गत कितनी संस्थायें हैं उनके अध्यक्षों के नाम, पता एवं उन संस्थाओं में संबंध उपयंत्रियों के नाम, पता बतायें? (घ) उक्त शीर्ष में किये गये व्यय का कार्यस्थल के नाम बतलाएं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है।
जनभागीदारी के नाम पर मनमानी
122. ( क्र. 2074 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर संभाग की सभी नगर पालिकाओं, नगर परिषदों एवं सागर नगर पालिका निगम में वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनाँक तक जन भागीदारी के नाम पर कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य के लिये जमा की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में जनभागीदारी से कराये गये कार्य के लिये जिला प्रशासन से कब-कब किस-किस कार्य के लिये राशि उक्त अवधि में दी गई निकायवार बतायें? (ग) जन भागीदारी के लिये जमा की गई राशि से अब तक कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो गये और कौन-कौन अधूरे हैं, निकायवार बतायें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
गंदी बस्ती निर्मूलन के अंतर्गत हुए कार्य
123. ( क्र. 2081 ) सुश्री उषा ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 3 एवं 1 में गंदी बस्ती निर्मूलन अंतर्गत कौन-कौन से कार्य कहां-कहां, कितनी लागत के हुए? (ख) गंदी बस्ती निर्मूलन अंतर्गत पालदा (विधानसभा क्षेत्र 3) एवं छोटा बांगड़दा (विधानसभा एक) में कौन-कौन से विकास कार्य/सड़क निर्माण हुए, सूची देवें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) गंदी बस्ती निर्मूलन के अंतर्गत कोई कार्य नहीं कराये गये है। जिससे किसी भी तरह की जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डुमना नेचर पार्क जबलपुर में वृक्षारोपण
124. ( क्र. 2090 ) श्री अंचल सोनकर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर नगर निगम के अंतर्गत डुमना नेचर पार्क में वर्ष 2013-14, 14-15 एवं 2015-16 में कितनी-कितनी राशि के किस-किस प्रजाति के कितने-कितने पौधों का रोपण किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में रोपण किये गये कितने पौधे वर्तमान में शेष बचे हैं, कितने सूख गये एवं नष्ट हो गये पौधा सूखने एवं नष्ट होने का क्या कारण है? क्या पौधों की देख-रेख नहीं की गई अथवा पौधों का रोपण ही नहीं किया गया है? सूखे एवं नष्ट पौधों की लागत क्या होगी इसका कौन अधिकारी कर्मचारी जिम्मेवार है इन पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या वर्तमान में डुमना नेचर पार्क की स्थिति पौधा सूखने एवं अन्य विकास कार्य गुणवत्ताविहीन होने के कारण दयनीय स्थिति में पहुंच गया है? यदि हाँ, तो क्या शासन डुमना नेचर पार्क की जाँच करायेगा एवं दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को कब तक दण्डित करेगा? क्या प्रश्नकर्ता को जाँच में शामिल किया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) (1) वर्ष 2013-14 में डुमना नेचर पार्क में पौधा रोपण का कार्य नहीं किया गया। (2) वर्ष 2014-15 में डुमना नेचर पार्क में विभिन्न प्रजाति के 5000 पौधों का रोपण किया गया, प्रजातिवार संख्या/दर/राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (3) वर्ष 2015-16 में 1.50 लाख पौधे रोपण का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें वर्तमान में लगभग 65 हजार विभिन्न प्रजातियों के पौधों का रोपण किया जा रहा है, प्रजातिवार संख्या/दर/राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) वर्ष 2014-15 में रोपित 50 प्रतिशत पौधे सलामत है। वर्ष 2015-16 में रोपित पौधे मात्र 2 प्रतिशत नष्ट हुए है। पथरीली व मुरम की जमीन होने के कारण पौधों के जीवित रहने का प्रतिशत कम रहता है। पौधों की देख-रेख लगातार की जाती है। सूखे एवं नष्ट हुए पौधों की लागत लगभग रूपयें 1,36,190/- है। इसके लिए कोई भी अधिकारी व कर्मचारी जिम्मेदारी नहीं है। शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) जी नहीं। पार्क में वर्ष 2015-16 में रोपित पौधों में केवल 2 प्रतिशत पौधे सूखे है। शेष पौधे सलामत है, विकास कार्य गुणवत्ता पूर्ण है, पार्क की स्थिति लगातार बेहतर हो रही है। शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
तिलहन संघ सेवायुक्तों को पांचवा वेतनमान का लाभ दिये जाना
125. ( क्र. 2099 ) श्री रजनीश सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्न क्र. 11 (7175) उत्तर दिनाँक 8.4.2011 के तारतम्य में तिलहन संघ के प्रतिनियुक्ति पर शासन में पदस्थ कर्मचारियों को पांचवा वेतनमान दिये जाने के संबंध में दोहरी नीति अपनाई जा रही है? क्या शासन तिलहन संघ के प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ कर्मचारियों को उक्त प्रश्न के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में पृथक-पृथक दिये जा रहे वेतनमान में भेदभाव पूर्व नीति को समाप्त करने का प्रयास करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) तिलहन संघ से शासन में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ पिछले 15-16 वर्षों से कार्यरत कितने कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का लाभ किन-किन विभागों में कब से दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतावें? (ग) क्या तिलहन संघ कर्मचारियों को संविलियन परिपत्र दिनाँक 12.08.2014 योजना के अनुसार संविलियन कर्मचारियों को अर्जित अवकाश बकाया से वंचित किया जा रहा है। जिससे इनके सेवानिवृत्त में आर्थिक हानि होगी? क्या शासन उदारतापूर्वक विचार करते हुए 240 दिन का अर्जित अवकाश (यदि बकाया हो) सेवानिवृत्ति पर बेचने की पात्रता देगा? यदि हाँ, तो कब से, नहीं तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ सी 3-15/1/3/99, दिनाँक 20 जुलाई, 1999 के द्वारा जारी निर्देश ''यदि मध्यप्रदेश तिलहन संघ के कर्मचारियों को अभी तक पांचवे वेतनमान का लाभ नहीं मिला है तो उन्हें प्रतिनियुक्ति पद पर पांचवे वेतनमान के पूर्व प्रचलित वेतनमान में रखा जायेगा परन्तु उन्हें महंगाई भत्ता देय होगा''। (ख) तिलहन संघ के प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का लाभ नहीं दिया जा रहा था क्योंकि समयमान वेतनमान योजना प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ कर्मचारियों हेतु लागू नहीं थी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) सामान्य प्रशासन विभाग की संविलियन योजना की कंडिका 2.8.1 अनुसार तिलहन संघ की सेवा के दौरान शेष अर्जित अवकाश संविलियन के बाद अग्रगामी नहीं होंगे। संविलियन के बाद शासन के नियमों के अनुसार अवकाश की गणना की जायेगी, के प्रावधान अनुसार संविलियत कर्मचारियों को संविलियन दिनाँक के पूर्व के अर्जित अवकाशों की पात्रता नहीं है।
नर्मदा घाटी परियोजना अंतर्गत अधिग्रहित की गई भूमि का मुआवजा
126. ( क्र. 2100 ) श्री रजनीश सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सतना, विकासखण्ड रामपुर बाघेलान के ग्राम मझियार, असरार के मुख्य किसानों की भूमि अधिग्रहण नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण परियोजना अंतर्गत किया जा रहा है? (ख) क्या प्रश्नांकित ग्रामों के कृषकों की भूमि खसरा क्र. नं. 314/1 रकबा लगभग 2 हेक्टेयर, अधिग्रहित भूमि लगभग 1 एकड़, खसरा क्र नं. 592/1, रकबा 0.166 हेक्टेयर, खसरा क्र. 593/1, रकबा 0.619 हेक्टेयर, खसरा क्र. 594/1, रकबा 0.053 हेक्टेयर, खसरा क्र. 598, रकबा 0.020 हेक्टेयर, खसरा क्र. 601, रकबा 0.425 हेक्टेयर, खसरा क्र. 592/2, रकबा 0.166 हेक्टेयर, खसरा क्र. 593/2 रकबा 0.619 हेक्टेयर, खसरा 594/1 रकबा 0.053, कुल आराजी लगभग 2.25 एकड़ भूमि अधिग्रहित की जा रही है? (ग) क्या विभाग ने प्रश्नांकित भूमि अधिग्रहण के पूर्व नियमानुसार किसानों से सहमति ली है? यदि हाँ, तो उन्हें मुआवजा किस दर पर दिये जाने की सहमति दी गई? क्या विभाग पुरानी दर से मुआवजा देगा या वर्तमान प्रचलित बाजार दर से मुआवजा का भुगतान किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? क्या शासन अधिग्रहित भूमि से लगी प्रभावित भूमि, पेड़ का भी मुआवजा देगा? (घ) क्या विभाग द्वारा किसानों की भूमि अधिग्रहण के संबंध में लगाई गई आपत्तियों का निराकरण किया जा रहा है? क्या सक्षम अधिकारी द्वारा मौके का मुआयना कर वस्तुस्थिति का परीक्षण विभाग करायेगा? (ड.) क्या परियोजना अंतर्गत भूमि अधिगृहित किसानों के आश्रितों को शासन शासकीय नौकरी या रोजगार प्रदान करेगा या नहीं? यदि नौकरी/रोजगार दिया जायेगा तो वह किस स्तर का होगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांकित ग्रामों के कृषकों की अधिग्रहित भूमि का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रश्नाधीन भूमि का अधिग्रहण भू-अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 के प्रावधानों के अंतर्गत किया गया है, जिसकी धारा 2 (1) के अनुसार इस परियोजना के लिये सहमति के प्रावधान लागू नहीं होते। मुआवजा वर्ष 2014-15 की प्रचलित कलेक्टर गाईड लाईन में निर्धारित दर पर दिया गया है। अधिग्रहित की जा रही भूमि से लगी हुई अन्य भूमि के मुआवजा का प्रश्न नहीं उठता। (घ) जी हाँ। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के नहर निर्माण हेतु भू-अर्जन का कार्य कलेक्टर जिला सतना द्वारा किया गया है, जिसमें भू-अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 21 में प्राप्त आपत्तियों की विधिवत जाँच तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक एवं हल्का पटवारियों द्वारा कराई जाने के उपरांत अवार्ड पारित किया गया है। (ड.) भू-अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 में दिये गये पुनर्वास प्रावधानों के अंतर्गत यथोचित कार्यवाही की जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट – ''बत्तीस''
माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणा
127.
( क्र.
2103
) श्री
कैलाश चावला :
क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
दिनाँक 06.07.2015 को
विधायक मनासा
द्वारा
माननीय मुख्यमंत्रीजी
के निर्देशानुसार
उनके द्वारा
मनासा
विधानसभा
क्षेत्र में
समय-समय पर की
गई घोषणाओं पर
ध्यान
आकर्षित कर एक
पत्र माननीय
मुख्यमंत्री
जी को प्रेषित
किया गया था? (ख) उक्त
पत्र में उल्लेखत
कार्यों के
बारे में मुख्यमंत्री
कार्यालय
द्वारा
संबंधित
विभाग के अधिकारियों
को किस दिनाँक
को निर्देश
जारी किए गए? (ग) उक्त
पत्र में उल्लेखित
बिन्दुओं पर
प्रश्न दिनाँक
तक विभागों
द्वारा क्या
कार्यवाही की
गई?
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क) जी
हाँ। (ख) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार
है। (ग) नगरीय
प्रशासन
विभाग की
घोषणा
क्रमांक ए3309
पूर्ण हो चुकी
है जिसकी जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार
है। शेष
विभागों से
जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
परिशिष्ट - ''तैंतीस''
किसान अनुदान योजना तहत ट्रांसफार्मर
128. ( क्र. 2106 ) श्री कैलाश चावला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री किसान अनुदान योजना के तहत नीमच जिले के मनासा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत दिनाँक 01.04.2015 से 15.11.2015 तक कितने कृषकों के आवेदन पत्र प्राप्त हुए हैं? माहवार संख्या बतावें? (ख) उक्त आवेदनों में कितने कृषक ऐसे है जिनके कनेक्शन हेतु नये ट्रांसफार्मर की आवश्यकता नहीं है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कृषकों में कितने कृषक ऐसे हैं जिन्हें कनेक्शन की राशि जमा कराये 6 माह से अधिक हो चुके हैं? (घ) प्रश्नांक (ग) में उल्लेखित कनेक्शन न करने का दोषी कौन है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी व ये कनेक्शन कब तक कर दिये जावेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) कृषकों को स्थायी विद्युत पम्प कनेक्शन प्रदान करने हेतु लागू अनुदान योजना के अंतर्गत नीमच जिले की मनासा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रश्नाधीन अवधि में कुल 230 कृषकों के आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनकी माहवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश क में उल्लेखित 230 कृषकों में से 168 कृषक ऐसे है, जिन्हें विद्युत पम्प कनेक्शन प्रदान करने हेतु नये वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना किये जाने की आवश्यकता नहीं है। (ग) उत्तरांश क में उल्लेखित 230 कृषकों में से 62 कृषक ऐसे हैं जिनके द्वारा विद्युत पम्प कनेक्शन हेतु जमा की गई आंशिक राशि जमा करवाये 06 माह से अधिक हो चुके हैं। (घ) उत्तरांश ग में उल्लेखित शेष कृषकों के कार्य वरीयता क्रमानुसार विद्युत सामग्री की उपलब्धता एवं राइट ऑफ वे उपलब्ध होने पर क्रमश: पूर्ण करने हेतु कार्यवाही की जा रही है। विलम्ब के लिए कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है, अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। विद्युत सामग्री की उपलब्धता एवं राइट ऑफ वे उपलब्ध होने पर शेष विद्युत पम्प कनेक्शन प्रदान किये जा सकेंगे। जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नगरपालिक निगम कटनी द्वारा सीमाकर की वसूली
129. ( क्र. 2113 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा प्रश्न संख्या 26 क्रमांक 1093 दिनाँक 4 मार्च, 2013 के उत्तर में आयुक्त नगरपालिक निगम, कटनी ने पत्र क्रमांक 1313ए दिनाँक 15/02/13 एवं संलग्नक द्वारा प्रेषित जानकारी में बताया गया है कि सिर्फ कृषि उपज मंडी कटनी द्वारा वर्ष 2010 तक की ही जानकारी प्राप्त होने के कारण अनुमानित बिल जारी किये गये? क्या ठीक 5 दिन बाद इसी प्रश्न की पूरक जानकारी के एक अन्य पत्र क्रमांक 1338ए दिनाँक 20/02/2013 एवं संलग्नक में आयुक्त नगर पालिक निगम कटनी द्वारा बताया गया था कि कृषि उपज मंडी कटनी तथा सहायक आयुक्त वाणिज्य कर कार्यालय कटनी से प्राप्त जानकारी के अनुसार दिनाँक 01/07/08 से 31/03/12 की अवधि के व्यापारियों को 1 से 493 तक सीमाकर के अनुमानित बिल जारी किये गये है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उपरोक्त दोनों जवाबों के बीच की अवधि में कृषि उपज मण्डी कटनी एवं वाणिज्य कर विभाग कटनी से प्राप्त जानकारी की प्रति उपलब्ध करायें और यदि यह जानकारी मौखिक है तो जिस अनुमान के आधार पर 493 व्यापारियों को नोटिस जारी किये गये हैं उस अनुमान का आधार क्या था एवं अनुमान के आधार पर अधिरोपित की गई राशि की गणना से संबंधित विवरण प्रति उपलब्ध करायें? (ग) क्या विधान सभा प्रश्न क्रमांक 1093 के उत्तर में अपनी गलती छिपाने के लिये आयुक्त नगर पालिक निगम कटनी द्वारा फर्जी नोटिस एवं फर्जी तामीली की कार्यवाही दिनाँक 15/2 से 20/02/13 के बीच की गई एवं इसी प्रश्न के आश्वासन क्रमांक 526 की पूर्ति में प्रस्तुत जवाब के कारण नगर पालिका निगम कटनी द्वारा उपरोक्त फर्जी अनुमानित बिलों, नोटिसों एवं तामीली के आधार पर कटनी के व्यापारियों को प्रताडि़त किया जा रहा है? क्या उपरोक्त संदर्भ में व्यापारियों द्वारा करारोपण के पूर्ण विवरण की जानकारी मांगे जाने पर भी नगर पालिका निगम कटनी द्वारा कोई दस्तावेज या जानकारी या उत्तर नहीं दिया जा रहा है? (घ) क्या नगर पालिका निगम कटनी के द्वारा अनुमानों के आधार पर सीमा कर के फर्जी बिलों एवं फर्जी तामीली की जाँच शासन स्तर पर करायेंगे एवं तब तक इस विधि विरूद्ध वसूली की कार्यवाही पर रोक लगायेंगे एवं सदन को गुमराह करने वाले निगम के अधिकारियों पर विधिसम्मत कठोर कार्यवाही करेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। आयुक्त, नगर निगम, कटनी का पत्र क्रमांक 1313 ए दिनाँक 15.02.2013 के द्वारा कृषि उपज मंडी, कटनी से प्राप्त जानकारी के आधार पर गल्ले के बकायादार व्यापारियों को अनुमानित बिल जारी किये गये थे, का लेख किया गया है। विधानसभा प्रश्न का जवाब भेजने के साथ-साथ पुन: वाणिज्य कर कार्यालय, कटनी एवं कृषि उपज मंडी कटनी को क्रमश: कार्यालयीन पत्र क्रमांक 7559, 7560 दिनाँक 15.02.2013 के द्वारा विधानसभा प्रश्न का उल्लेख करते हुये, जानकारी चाही गई एवं उपरोक्त विभागों में कर्मचारी भेजकर, जानकारी संकलित कराई गई। वाणिज्य कर विभाग, कटनी एवं कृषि उपज मंडी, कटनी से जानकारी प्राप्त होने पर, प्राप्त जानकारी के अनुसार दिनाँक 01.07.2008 से 31.03.2012 तक की अवधि के अनुमानित बिल जारी किये जाकर, कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1338 ए, दिनाँक 20.02.2013 के द्वारा संशोधित उत्तर/जानकारी भेजी गई। (ख) से (घ) कलेक्टर, कटनी को जाँच के निर्देश दिये गये हैं। गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
कटनी नगर की बंद पड़ी, खुली खदानों को सुरक्षित किया जाना
130. ( क्र. 2114 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में सीमा में बंद पड़ी, खुली हुई कितनी खदाने कहां-कहां स्थित है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विगत दो वर्ष में किन-किन खदानों में क्या-क्या घटना घटित हुई थी, सक्षम प्राधिकारी द्वारा क्या आदेश किये गये, शासन एवं विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के तहत बताये कि खनिज उत्खनन बंद होने के बाद नियमानुसार इन खदानों का भराव कर समतल न करने, सुरक्षित न करने पर, क्या शासन/विभाग द्वारा खनिपट्टा संचालकों पर कार्यवाही की गई थी? यदि नहीं, तो कार्यवाही क्यों नहीं की गई? इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? (घ) प्रश्नांश (क) के तहत इन खदानों को संरक्षित, करने उपलब्ध पानी के उपयोग के संबंध में, जिला प्रशासन एवं नगरपालिक निगम, कटनी की क्या कार्ययोजना है? इन खदानों के संरक्षण करने वाटर लेबिल रिचार्ज होने, पेयजल उपलब्धता के संबंध में कब-कब, किस-किस के द्वारा क्या जाँच की गई थी, जाँच में क्या पाया गया था? क्या कार्यवाही की गई? (ड.) प्रश्नांश (क) के तहत बंद पड़ी किन-किन खदानों में जनवरी 2012 से प्रश्न दिनाँक तक किस-किस के द्वारा भराव कार्य किया गया? इस संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई, इन पर क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) ऐसी जानकारी संधारित किए जाने का प्रावधान नहीं है। (ख) कटनी जिले की सीमा में बंद पड़ी, खुली खदानों में विगत 02 वर्षों में घटित घटनाओं के संबंध में कार्यालय पुलिस अधीक्षक जिला कटनी से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शित है। प्राप्त जानकारी अनुसार उपरोक्त घटनाओं में मर्ग कायम कर जाँच में लिया गया है। (ग) खनिज संरक्षण तथा विकास नियम 1988 के नियमों एवं प्रावधानों के तहत खनिपट्टा खदानों में खनिज उत्खनन कार्य बंद होने के बाद नियमानुसार इन खदानों का भराव कर समतल न करने व सुरक्षित न करने पर संबंधित पट्टाधारियों के विरूद्ध कार्यवाही संबंधित क्षेत्रीय खान नियंत्रक, भारतीय खान ब्यूरो, भारत सरकार द्वारा की जाती है। जहां तक भारतीय खान ब्यूरो द्वारा कार्यवाही करने अथवा न करने का प्रश्न है, यह विषयवस्तु भारत सरकार से संबंधित है। (घ) नगर निगम सीमा के अंतर्गत बंद पड़ी, खुली खदानों को संरक्षित करने, उपलब्ध पानी के उपयोग के संबंध में नगर पालिका निगम, कटनी से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब में दर्शित है। (ड.) प्रश्नाधीन जानकारी भारतीय खान ब्यूरो, भारत सरकार से संबंधित है।
बिजली बिल वसूली स्थगन एवं ट्रांसफार्मरों के रखरखाव
131. ( क्र. 2148 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीधी और सिंगरौली जिलों में बिजली बिल वसूली स्थगित करने के बावजूद किसानों को बिल एवं वारंट मिल रहे हैं? इस तरह कितने लोगों से वसूली हुई है? (ख) यदि हाँ, तो क्या स्थगित करने के आदेश शासन द्वारा सूखा प्रभावित जिलों में नहीं दिये गये हैं? (ग) सिहावल विधान सभा क्षेत्र में कितने ट्रांसफार्मर कहां-कहां और कब से जले है और कितने जले हैं? (घ) क्या 25 के.वी.ए. के ट्रांसफार्मर कई जगह सालों से जले हुए है? सुधारे जाने की समय-सीमा बताएं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा सभी कृषि उपभोक्ताओं को नियमानुसार बिल जारी किए जा रहे हैं। सूखे के कारण प्रभावित किसानों के बिजली बिल स्थगित करने के निर्णय अनुसार आदेश जारी करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। कतिपय पूर्व के लंबित प्रकरणों में न्यायालय द्वारा वारंट जारी किये जा रहे हैं, जिनमें अभी कोई वसूली प्राप्त नहीं हो रही है। (ख) जी नहीं, वर्तमान तक (3/12/15) ऐसे कोई आदेश नहीं जारी किए गए हैं। (ग) सिंहावल विधानसभा क्षेत्र में दिनाँक 27.11.15 की स्थिति में विद्युत बिल की बकाया राशि की 10 प्रतिशत अंश राशि जमा नहीं होने के कारण कुल 14 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने हेतु शेष हैं, जिनकी ग्रामवार एवं जलने/खराब होने की दिनाँक संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। जले/खराब ट्रांसफार्मर से संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि जमा करने पर पहुंच मार्ग उपलब्ध होने की स्थिति में ग्रामीण क्षेत्र में वर्षाकाल (जुलाई से सितम्बर) में 07 दिवस एवं अन्य समय में 03 दिवस में जले/खराब ट्रांसफार्मर के बदलने एवं बकाया राशि होने पर कुल बकाया राशि का नियमानुसार 10 प्रतिशत अंश जमा होने पर उक्तानुसार अवधि में ट्रांसफार्मर बदलने का प्रावधान है। नियमानुसार बकाया राशि की अंश राशि जमा नहीं होने के कारण वर्तमान में शेष जले/खराब ट्रांसफार्मरों को बदलने की समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
बांयी तट नहर की बेलखेड़ी माइनर का निर्माण 12 वर्षों में नहीं होना
132. ( क्र. 2150 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न संख्या 112 क्र.2249 दिनाँक 28.7.2015 के उत्तर में बताया था कि रा.अ.बा. लोधी सागर परि.बोथी तट नहर की बेलखेड़ी माइनर की निविदा वर्ष 2003 में स्वीकृत की गयी थी? एवं उक्त नहर से 1941 हे. रकबे की सिंचाई होना थी? यदि हाँ, तो बरगी विधान सभा क्षेत्र अनेक ग्रामों के किसान उक्त माइनर से खेतों को पानी मिलने की प्रतीक्षा विगत 12-13 वर्षों से कर रहे हैं? (ख) बेलखेड़ी माइनर का निर्माण कब तक पूर्ण किया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। बरगी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत बेलखेडी माइनर का कार्य पूर्ण करने हेतु 12 बार निविदा आमंत्रण की कार्यवाही की जा चुकी है, परन्तु डेबिटेबल कार्य होने से निविदाकार रूचि नहीं ले रहे है। एजेन्सी के निर्धारण न होने से शेष निर्माण कार्य अपूर्ण है। (ख) बेलखेडी टेल माईनर के शेष निर्माण कार्य हेतु पुन: निविदा आमंत्रण की कार्यवाही की जा चुकी है। एजेन्सी निर्धारण के उपरांत ही कार्य प्रारंभ होगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
ग्वालियर नगर निगम के वार्ड क्र. 41 में खण्डहर अच्युतानन्द व्यायाम शाला
133. ( क्र. 2182 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि ग्वालियर नगर निगम के वार्ड क्र. 41 में छत्री पार्क (लेडीज पार्क) से लगे हुये भाग में अच्युतानन्द व्यायाम शाला है जो जर्जर हालत में है तथा पूरी तरह अनुपयोगी है? क्या इस जर्जर हालत व्यायाम शाला को जनकल्याण हेतु छत्री पार्क में जोड़कर पार्क का विकास किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : जी हाँ। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युत संभाग सबलगढ़ (मुरैना) में अनियमित भुगतान
134.
( क्र.
2185
) श्री
सत्यपाल
सिंह सिकरवार
:
क्या ऊर्जा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
विद्युत
संभाग सबलगढ़
(मुरैना) में दिनाँक
27.05.13,
28.05.13
एवं 29.05.2013 को
प्राक्कलन, लेबर
आवर्ड जारीकर
देयक स्वीकृत
किये गये थे यदि
हाँ,
तो
ठेकेदारों के
नाम,
राशि
संख्या, कार्य
की प्रकृति
सहित पूर्ण
जानकारी दी
जावे? (ख) क्या
वर्णित कार्य
तीन दिन में
किये जाने
संबंधी
शिकायत विभाग
को प्राप्त
हुई थी यदि
हाँ,
तो
शिकायतकर्ता
का नाम एवं की
गई कार्यवाही
की जानकारी दी
जावे? (ग) क्या
कार्य सम्पादन
समय में
विद्युत लाईन
बन्द करने
हेतु परमिट
एवं सामग्री
क्षेत्रीय भण्डार
से प्राप्त
की गई थी यदि
हाँ,
तो
परमिट एवं सम्पूर्ण
सामग्री की
जानकारी दी
जावें?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क) जी
हाँ,
संचालन
एवं संधारण
संभाग सबलगढ़
द्वारा दिनाँक
27.05.2013
एवं 29.05.2013 को
प्राक्कलन
स्वीकृत कर दिनाँक
28.05.2013
एवं 29.05.2013 को
कार्य उपरान्त
लेबर अवार्ड
जारी कर दिनाँक
29.05.2013 को
देयक स्वीकार
करना पाया गया
है। प्रश्नाधीन
चाही गई जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ' अनुसार
है। (ख) जी हाँ, संचा./
संधा. वृत्त, मुरैना
कार्यालय में
श्री बृजेश
सिंह सिकरवार
की शिकायत
प्राप्त हुई
है,
जो
कि मूलत:
माननीय
लोकायुक्त
महोदय को सम्बोधित
है। शिकायत की
जाँच मुख्य
महाप्रबंधक (ग्वा.क्षे.)
ग्वालियर
द्वारा
महाप्रबंधक
स्तर के
अधिकारी से
करवायी जा रही
है। जाँच निष्कर्ष
के आधार पर
दोषी पाए जाने
पर संबंधित
अधिकारियों/कर्मचारियों
के विरूद्ध
अनुशासनात्मक
कार्यवाही की
जायेगी। (ग) कार्य
संपादन के समय
विद्युत लाईन
बन्द करने
हेतु परमिट
लिया गया था, जिसका
विवरण संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ब' अनुसार
है।
मेंटेनेंस
कार्य हेतु स्वीकृत
प्राक्कलनों
में प्रस्तावित
कार्यों को
करने के लिये
क्षेत्रीय भण्डार
से सामग्री का
आहरण नहीं
किया गया है।
परिशिष्ट- ''छत्तीस''
नगर पालिक निगम द्वारा सड़कों का निर्माण
135. ( क्र. 2190 ) श्री जितू पटवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत पांच वर्षों में इंदौर नगर पालिक निगम इंदौर द्वारा इंदौर शहर में कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण मास्टर प्लान के नियमों एवं प्रावधानों के अनुसार किया गया है? मास्टर प्लान अनुसार निमित सड़कों के नाम की जानकारी देवें? (ख) क्या इंदौर नगर पालिक निगम इंदौर द्वारा विगत पांच वर्षों में मास्टर प्लान के अनुसार निर्मित सड़कों में अक्षरश: नियमों एवं प्रावधानों का पालन किया गया है? यदि हाँ, तो निर्मित सड़कों की चौड़ाई कितनी होना चाहिये थी एवं कितनी रखी गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर नहीं तो वर्तमान में दीपावली पूर्व इंदौर नगर पालिक निगम इंदौर द्वारा कनाडिया रोड का चौड़ीकरण किये जाने हेतु मास्टर प्लान के नियमों का हवाला देते हुवे 104 फुट चौड़ी सड़क का निर्माण करने हेतु अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई है क्या मुख्य त्यौहार के ठीक पूर्व अतिक्रमण हटाना उचित था? हां, तो क्यों एवं नहीं तो मुख्य त्यौहार के पूर्व अतिक्रमण हटाने का क्या उद्देश्य था दोनों कारण बतावें? (घ) क्या कनाडिया रोड का चौड़ीकरण किये जाने हेतु रोड में बाधक समस्त अतिक्रमण हटाये जा चुके है, निगम द्वारा कुल कितने छोटे बड़े अतिक्रमण हटाये गये है? क्या निगम द्वारा हटाये गये अतिक्रमण के बदले कोई मुआवजा राशि प्रदान की जावेगी? हां, तो कितनी एवं कब? (ड.) क्या निगम द्वारा अतिक्रमण हटाने में जितनी तत्परता दिखाई गई थी उतनी तत्परता से सड़क का निर्माण किया गया है? हां, तो प्रश्न दिनाँक तक कितनी सड़क निर्मित की गई है एवं नहीं तो क्यों कारण बताते हुवे 104 फूट चौड़ी सड़क का निर्माण कब तक पूर्ण किया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। अपितु मास्टर प्लान में प्रावधानित चौड़ाई के मान से सड़कों के निर्माण एवं विकास के कार्य लिये जाते है। सड़क निर्माण एवं विकास कार्य के दौरान स्थ्ाल की परिस्थिति अनुसार न्यायालयीन एवं वैधानिक प्रक्रिया पूर्ण करने के दौरान प्रावधानित चौड़ाई के मान से सड़कों के निर्माण एवं विकास में बाधा उत्पन्न होती है। जिससे मुख्य रूप से ऐतिहासिक महत्व के स्थान, धार्मिक स्थल, न्यायालयीन स्थगन वाले स्थान पर पूर्ण सेक्शन में निर्माण नहीं हो सका। जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कनाडि़या रोड का चौड़ीकरण किये जाने हेतु दीपावली पूर्व मास्टर प्लान में प्रावधानित चौड़ाई 30 मीटर अनुसार अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई है। अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही नियमानुसार की गई है। निर्माण एवं विकास की कार्यवाही एक सतत् प्रक्रिया है। जिसके अंतर्गत प्रचलित म.प्र. नगर पालिक निगम, अधिनियम एवं भूमि विकास नियम के प्रावधानों के अंतर्गत किसी भी त्यौहार के पूर्व अथवा बाद में अतिक्रमण हटाने पर प्रतिबंध नहीं है। व्यापक जनहित में जनसुरक्षा एवं यातायात प्रबंधन की दृष्टि से कनाडि़या रोड के निर्माण एवं विकास का कार्य किया जा रहा है। (घ) जी नहीं। कनाडि़या रोड के चौड़ीकरण में बाधक समस्त अतिक्रमण न्यायालयीन आदेश के कारण नहीं हटाये जा सकें। निगम द्वारा कुल 297 छोटे बड़े अतिक्रमण हटाये गये है। सड़क सीमा में बदले मुआवजा देने का कोई प्रावधान नहीं होने से मुआवजा नहीं दिया जावेगा। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी हाँ। निगम द्वारा हटाये गये अतिक्रमण के भाग पर सड़क निर्माण तत्परता से किया जा रहा है। 1100 मीटर भाग पर सड़क निर्माण का कार्य प्रगति पर है। जिन प्रकरणों में न्यायालीन स्थगन है, उन्हें छोड़कर तथा जहाँ धार्मिक स्थल हैं, उनको भी नहीं हटाया गया है। प्रकरण निराकृत होने के पश्चात शेष भाग में सड़क निर्माण एवं विकास कार्य पूर्ण हो सकेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
परिशिष्ट - ''सैंतीस''
पेट्रोलियम कंपनियों से पेट्रोल एवं डीजल की दर
136. ( क्र. 2191 ) श्री जितू पटवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश सरकार द्वारा वर्तमान में पेट्रोलियम कंपनियों से पेट्रोल एवं डीजल प्रति लीटर किस दर पर क्रय किया जा रहा है? पृथक-पृथक जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांक (क) के संदर्भ में म.प्र. सरकार द्वारा वर्तमान में पेट्रोल एवं डीजल पर प्रति लीटर कौन-कौन से टैक्स, कितने-कितने प्रतिशत के हिसाब से वसूल किया जा रहा है, तथा पेट्रोल पम्प डीलरों को पेट्रोल एवं डीजल पर प्रति लीटर कितना कमीशन प्रदान किया जा रहा है? पृथक-पृथक जानकारी देवें? (ग) म.प्र. सरकार द्वारा पेट्रोलियम कंपनियों से प्रतिमाह कितना पेट्रोल एवं डीजल क्रय किया जाता है? कितना पेट्रोल एवं डीजल पेट्रोल पंप डीलरों को सप्लाय किया जाता है एवं प्रतिमाह प्रदेश सरकार को पेट्रोल एवं डीजल से कितना राजस्व प्राप्त होता है? औसत आंकड़े प्रदान किये जावें? (घ) म.प्र. सरकार द्वारा वर्तमान में पेट्रोल एवं डीजल पर दूसरे राज्यों की तुलना में सर्वाधिक 31 प्रतिशत वैट टैक्स वसूल किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या राज्य सरकार द्वारा वैट टैक्स कम किया जावेगा? (ड.) क्या राज्य सरकार आर्थिक तंगी के चलते राजस्व बढ़ाने हेतु नये नये तरीके अपनाकर जनता से टैक्स वसूलने की तैयारी कर रही है? इस कड़ी में राज्य सरकार द्वारा तेल कंपनियों के आपसी लेनदेन पर वेट टैक्स या अतिरिक्त कर लगाने हेतु नोटिफिकेशन जारी किया गया है, जिसके कारण प्रदेश के नागरिकों को पेट्रोल एवं डीजल अधिक भाव पर खरीदना पड़ेगा? हां, तो कितना टैक्स या अतिरिक्त कर लगाया जाना प्रस्तावित है? (च) प्रश्नांश (ड.) उत्तर नहीं तो क्या राज्य सरकार द्वारा आगामी समय में पेट्रोल एवं डीजल पर कोई अन्य कर या अतिरिक्त कर तो नहीं लगाया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मध्यप्रदेश सरकार द्वारा पेट्रोलियम कंपनियों से पेट्रोल एवं डीजल क्रय नहीं किया जाता है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। पेट्रोल पम्प डीलरों को पेट्रोल एवं डीजल पर प्रति लीटर कमीशन प्रदान किए जाने संबंधी जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। (ग) मध्यप्रदेश सरकार द्वारा पेट्रोलियम कंपनियों से पेट्रोल एवं डीजल क्रय नहीं किया जाता है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। प्रतिमाह प्रदेश सरकार को पेट्रोल एवं डीजल से प्राप्त माहवार राजस्व (अप्रैल 2015 से नवम्बर 2015 तक) के अंतिम आंकड़े संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) वर्तमान में पेट्रोल पर 31 प्रतिशत एवं डीजल पर 27 प्रतिशत की दर से वेट वसूल किया जा रहा है। अन्य राज्यों में पेट्रोल एवं डीजल की बिक्री एवं खरीदी पर किस दर से वेट एवं प्रवेश कर अथवा अन्य कर वसूल किया जा रहा, यह जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) विगत वर्षों में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में लगातार कमी होने के कारण, उक्त पर पूर्व के वर्षों की तुलना में प्राप्त राजस्व वृद्धि में कमी को देखते हुए, राज्य शासन के द्वारा प्रदेश के निरंतर विकास हेतु वित्तीय संसाधन जुटाने को ध्यान में रखते हुए वेट दरों को युक्तियुक्त किया गया है। मध्यप्रदेश वेट अधिनियम में नवीन प्रावधान करते हुये 1 रूपये प्रति लीटर के हिसाब से दिनाँक 25.11.2015 से अतिरिक्त कर लगाने का प्रावधान किया गया है। तेल कंपनियों के आपसी लेन देन पर भी वेट कर देय न हो इस हेतु म.प्र. वेट (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2015 लाया जा रहा है। (च) इस संबंध में अद्यावधि में कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
विकासखण्ड राघौगढ़, आरोन में फीडर का संप्रेषण
137. ( क्र. 2194 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकास खण्ड राघौगढ़, आरोन में कुल कितने फीडर का संप्रेषण पूर्ण हो चुका है? और कितने बाकी हैं और जो शेष हैं उनको पूर्ण होने में कितना समय लगेगा एवं उक्त कार्य के लिये निर्माण एजेन्सी कौन रहेगी? (ख) वर्ष 2015-16 राघौगढ़, आरोन विभाग में सिंगल लाईन कनेक्शन कहां-कहां, प्रस्तावित है? और उनको पूर्ण होने में कितना समय लगेगा एवं उक्त कार्य के लिये निर्माण एजेन्सी कौन रहेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) विकासखण्ड राघौगढ़ एवं विकासखण्ड आरोन में कुल 15 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा 26 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य शेष है। शेष फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण करने हेतु टर्न-की कांट्रेक्टर मेसर्स बजाज इलेक्ट्रिकल लिमिटेड मुम्बई को अनुबंधित किया गया है। अनुबंध की शर्तों के अनुसार कांट्रेक्टर द्वारा अप्रैल 2017 तक कार्य पूर्ण किया जाना है। (ख) वर्ष 2015-16 में राघौगढ़ एवं आरोन विकासखण्डों के अन्तर्गत 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में सिंगल लाईन नहीं अपितु बी.पी.एल. कनेक्शन के कार्यों की प्रस्तावित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उक्त कार्यों हेतु ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स श्याम इण्डस पावर सोलूयशन नई दिल्ली को अनुबंधित किया गया है तथा अनुबंध दिनाँक 13.3.15 से 24 माह की अवधि में उक्त कार्य पूर्ण किया जाना है।
ट्रांसफार्मर को अन्यत्र व्यवस्थित किया जाना
138. ( क्र. 2197 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतारांकित प्रश्न संख्या 104 क्र. 2364 दिनाँक 28.07.2015 द्वारा विषयांकित प्रश्न किया गया है? हां तो उत्तर प्रस्तुत करें? (ख) क्या उत्तर प्रश्न के प्रश्नांक भाग (घ) के उत्तर में किसी जन प्रतिनिधि द्वारा विभागीय अधिकारियों से पत्राचार किया जाना एवं सहायक यंत्री, दानिश कुंज द्वारा कार्यवाही करते हुए अध्यक्ष, विनीत कुंज गृह निर्माण संस्था के पत्र के माध्यम से आवास गृह क्र. 129 के सामने लगे ट्रांसफार्मर को अन्यत्र स्थानांतरित कराने हेतु लेख किया गया है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनाँक तक उक्त संस्था के अध्यक्ष द्वारा प्राक्कलन राशि वहन करने की लिखित सहमति दी गई है, हां अपना नहीं? (ग) यदि नहीं, तो शासन व्यापक जनहित में उक्त ट्रांसफार्मर (हाईटेन्शन लाईन) को चयनित/नियत/ सुरक्षित स्थल पर व्यवस्थित कराने हेतु संस्था प्रमुख से लिखित सहमति लेने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। प्रश्न क्रमांक 2364 के पूर्व में प्रेषित उत्तर की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। उक्तानुसार उल्लेखित प्रश्न क्रमांक 2364 के उत्तरांश (घ) अनुसार सहायक यंत्री दानिशकुंज के पत्र के उत्तर में अध्यक्ष विनीतकुंज, गृह निर्माण संस्था, की लिखित सहमति प्राप्त नहीं हुई है। (ग) उत्तरांश (ख) में उल्लेखानुसार सहमति लेने की कार्यवाही की जा चुकी है।
जिले में संचालित रेत खदानें
139. ( क्र. 2199 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में शासन द्वारा चिन्हित कितनी रेत खदानें किन-किन नदियों पर है? अलग-अलग नाम एवं रकबा सहित अवगत करावें? (ख) क्या शासन द्वारा उक्त खदानों का सीमांकन मान्य ठेकेदारों/संचालकों के साथ मौके पर जाकर करा लिया गया है? यदि हाँ, तो किस दिनाँक को किन-किन अधिकारियों की उपस्थिति में हुआ? क्या इसकी उक्त क्षेत्र में सार्वजनिक मुनादी की गई? (ग) रेत खनन हेतु शासन स्तर पर कौन-कौन सी अनुमतियां आवश्यक है? क्या टीकमगढ़ के रेत कारोबारियों द्वारा ये प्राप्त कर ली गई? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) शासन ने रेत कारोबारियों के साथ किन-किन नियमों और शर्तों पर अनुबंध किया है? प्रति उपलब्ध करावें? पालन न होने की स्थिति में कार्यवाही की क्या की जोवगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ पर दर्शित है। (ख) रेत खदानों का सीमांकन कलेक्टर टीकमगढ़ के आदेश दिनाँक 11.09.2012 के पालन में तहसीलदारों के द्वारा किया गया है। इस कार्य हेतु सार्वजनिक मुनादी किये जाने का प्रावधान खनिज नियमों में नहीं है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) रेत खनन हेतु अनुमोदित खनन योजना, पर्यावरण स्वीकृति तथा जल एवं वायु सम्मति आवश्यक है। जिले की समस्त रेत खदानों के संबंध में खनन योजना तैयार की जा चुकी है। 6 खदानों में पर्यावरण अनुमति एवं जल वायु सम्मति प्राप्त की जा चुकी है। शेष खदानों के संबंध में कार्यवाही प्रचलन में है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) ई-ऑक्शन के माध्यम से आवंटित रेत खदानों के संबंध में म.प्र. राज्य खनिज निगम द्वारा रेत कार्यवाहियों से अनुबंध निष्पादित किया गया है। अनुबंध प्रपत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' में दर्शित है। अनुबंध की शर्तों के उल्लंघन के आधार पर ठेका निरस्त किये जाने का प्रावधान है।
सिंचाई मोटर पंपों में तकनीकी खराबी से किसानों को आर्थिक हानि के संबंध में
140. ( क्र. 2203 ) श्री राजेन्द्र श्यामलाल दादू : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बुरहानपुर जिले में ऊर्जा विभाग द्वारा वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में प्रश्न दिनाँक तक कितने सिंचाई मोटर पंपों की जाँच की गई? कितने मोटर पंपों में वास्तविक क्षमता से अधिक भार पाये जाने से किसानों से अधिक शुल्क/जुर्माना वसुला गया? (ख) क्या विभाग द्वारा वास्तविक क्षमता से अधिक भार वाले मोटर पंपों की कमी तकनीकी जाँच कराई जाकर अधिक भार बताने की क्या-क्या तकनीकी त्रुटि पाई गई? (ग) सिंचाई मोटर पंपों में तकनीकी खराबी के कारण किसानों का अधिक बिल/जुर्माना देने से आर्थिक हानी का सामना करना पड़ता है? क्या विभाग किसान हित में सिंचाई मोटर पंप निर्माता कंपनियों को इस संबंध में कोई सख्त निर्देश जारी कर कंपनियों की किसानों के प्रति जवाबदेही का निर्धारण करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) बुरहानपुर जिले में पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में दिनाँक 15.11.2015 तक क्रमश: 7865 एवं 9535 सिंचाई पम्प कनेक्शनों के संयोजित भार की जाँच की गई जिनमें से क्रमश: 243 एवं 103 पंप कनेक्शनों पर स्वीकृत क्षमता से अधिक भार संयोजित पाया गया तथा इन प्रकरणों में अनाधिकृत विद्युत उपभोग किये जाने के विरूद्ध नियमानुसार निर्धारण राशि जमा कराई गई। (ख) विद्युत वितरण कंपनी द्वारा किसानों द्वारा दी गई टेस्ट रिपोर्ट के आधार पर उन्हें कनेक्शन दिये जाते हैं तथा नियमानुसार समय-समय पर किसानों के मोटर पम्पों के संयोजित भार की जाँच/भौतिक सत्यापन करा जाता है। पंपों की तकनीकी जाँच कराया जाना विभाग/कंपनी के क्षेत्राधिकार में नहीं है। (ग) जी हाँ। समय-समय पर वितरण कंपनी द्वारा किये गये भौतिक सत्यापन में यदि संयोजित भार स्वीकृत भार से अधिक पाया जाता है तो वितरण कंपनी द्वारा नियमानुसार अनाधिकृत रूप से उपभोग की गई विद्युत की निर्धारण राशि वसूल की जाती है। पंप निर्माता/कंपनियों को इस बाबत् कोई निर्देश देना विभाग/वितरण कंपनी के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है।
श्योपुर जिले में नहरों से सिंचाई
141.
( क्र.
2213
) श्री
रामनिवास
रावत : क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
चम्बल संभाग
के श्योपुर, मुरैना
एवं भिण्ड
जिले में चम्बल
नहर से सिंचाई
होती है? यदि
हाँ,
तो
दिनाँक 01 जनवरी 2014 की
स्थिति में
चम्बल नहर से
चम्बल संभाग
के जिलों में
कितना-कितना रकबा
सिंचित किया
गया था? तथा
जनवरी 2014 की
तुलना में 1
नवम्बर 2015 की
स्थिति में
कितना रकबा
सिंचित हुआ है? (ख) क्या
विगत वर्ष की
तुलना में इस
वर्ष श्योपुर
एवं मुरैना
जिले के
वीरपुर
सबडिवीजन सहित
विभिन्न सब
डिवीजनों में
सिंचाई के रकबे
का प्रतिशत न्यून
है?
यदि
हाँ,
तो
इसके क्या
कारण हैं? इसके
लिए कौन दोषी
हैं?
क्या
सूखे की मार
झेल रहे श्योपुर
जिलें में जल
संसाधन विभाग
के अधिकारियों
के हठधर्मिता
के कारण जिला
श्योपुर में
मात्र 30-40
प्रतिशत ही
पानी छोड़ा
गया है, जिससे
किसान सरसों
की बोअनी नहीं
कर पाए हैं
तथा गेहूँ की
बोअनी की
संभावना भी
नहीं है? यदि
हाँ,
तो
क्या शासन
ऐसी
असंवेदनशील
अधिकारियों
के विरूद्ध क्या
कार्यवाही
करेगा? (ग) क्या
माह नवम्बर
में चम्बल
नहर में श्योपुर
एवं सबलगढ़
डिवीजन की
माईनर शाखाओं
में पानी नहीं
छोड़े जाने से
अपनी फसलों की
सिंचाई से
वंचित रहने की
चिंता के कारण
किसानों ने
माईनर शाखाओं
में पानी
छोड़ने का
प्रयास किया
तो प्रशासन ने
असंवेदनशीलता
दिखाते हुए
किसानों के
विरूद्ध
पुलिस प्रकरण
कायम करते हुए
माईनर शाखाऐं
बंद करा दी गई? यदि
हाँ, तो
किसान अपनी
फसलों की
सिंचाई किस
प्रकार करेंगे? (घ) क्या
इस वर्ष खरीफ
एवं रबी की
फसलों की चम्बल
नहर से सिंचाई
हेतु जल
उपभोक्ता
संस्थाओं
एवं
जनप्रतिनिधियों
की बैठक
आयोजित कर एलान
पुस्तिका
जारी की गई थी? यदि
हाँ,
तो
क्या एलान
अनुसार
सिंचाई हेतु
पानी उपलब्ध
कराया जा रहा
है?
यदि
नहीं, तो क्यों? एवं
इसके लिए कौन
दोषी है?
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
जयंत मलैया ) : (क) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है। (ख) जी
नहीं।
वर्तमान
स्थिति में
पूरे सैच्य
क्षेत्र में
सिंचाई हेतु
पानी दिया जा
चुका है। अत:
शेष प्रश्नांश
उत्पन्न
नहीं होते है।
(ग) उपलब्ध
जल से
परियोजना के
अंतिम छोर से
सिंचाई
प्रारंभ कर
संपूर्ण सैच्य
क्षेत्र में
सिंचाई की
जाने की व्यवस्था
है। इस व्यवस्था
में हस्तक्षेप
कर अंतिम छोर
के कृषकों को
सिंचाई से वंचित
करने से रोकने
के लिए विधि
विधान के तहत आवश्यक
कार्रवाई की
गई है। पूरे
सैच्य क्षेत्र
में सिंचाई
हेतु पानी
दिया गया है। (घ)
जी नहीं, रबी
सिंचाई के लिए
जिला जल
उपयोगिता
समिति के अनुमोदन
पश्चात ऐलान
किया गया और
तदानुसार
उपलब्ध जल से
अधिकाधिक
सिंचाई
सुनिश्चित की
गई। चंबल कॉम्पलेक्स
परियोजना में
जल की उपलब्धता
राजस्थान
राज्य पर निर्भर
होने से
सिंचाई के समय
में कुछ
परिवर्तन स्वाभाविक
होता है। किसी
अधिकारी के
दोषी होने की
स्थिति नहीं
है।
मंत्री परिषद को गुमराह किए जाना
142. ( क्र. 2214 ) श्री रामनिवास रावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा के तारांकित प्रश्न संख्या 01 (क्र. 61) दिनाँक 12 मार्च 2015 के संदर्भ में क्या यह सही है कि श्री एम.सी. चौबे प्रमुख अभियंता को तत्कालीन कार्यपालन यंत्री के पद पर रहते हुए विभागीय आदेश क्रमांक एफ-16 (ए) 9/2002/पी-2/31 दिनाँक 17.11.2004 द्वारा विभागीय जाँच निष्कर्ष के आधार पर श्री चौबे के विरूद्ध परिनिंदा की शास्ति अधिरोपित कर दण्ड दिया गया था? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्न क्रमांक 61 के परिशिष्ट 1 उल्लेखित संक्षेपिका के बिन्दु क्रमांक 8 में पिछले 10 वर्षों में कोई दण्ड नहीं दिए जाने की असत्य जानकारी देकर सामान्य प्रशासन विभाग की छानबीन समिति से दिनाँक 04 फरवरी 2012 को मुख्य अभियंता के पद पर एक वर्ष की संविदा नियुक्ति के लिए अनुशंसा कराई गई थी? (ग) यदि हाँ, तो एवं मंत्रिपरिषद् को भी गुमराह करते हुए संक्षेपिका भेजकर षड़यंत्र कर प्रमुख अभियंता के पद पर संविदा नियुक्ति की गई जबकि छानबीन समिति में मुख्य अभियंता पद की अनुशंसा की थी? क्या यह नियुक्ति वैधानिक है? यदि नहीं, तो इसके लिए कौन दोषी है? (घ) यदि फीडर चैनल में पात्रता रखने वाले अधिकारी उपलब्ध हैं तो मुख्य अभियंता का पद पदोन्नति से क्यों नहीं भरा गया व कब तक भरा जावेगा? बतावें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ट्रांसफार्मरों एवं अटल ज्योति के संबंध में
143. ( क्र. 2227 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पृथ्वीपुर विधान सभा क्षेत्र अटल ज्योति योजना के अंतर्गत आता है? यदि हाँ, तो इस योजना के माध्यम से कुल कितनों गांवों में विद्युत प्रदाय की गयी है, गांववार बतावें? (ख) क्या अभी भी पृथ्वीपुर विधानसभा क्षेत्र में कुछ ग्राम इस योजना से वंचित हैं? यदि हाँ, तो कितने ग्रामवार बतायें एवं इन ग्रामों को इस योजना से कब तक जोड़ा जावेगा? (ग) क्या वर्तमान में पृथ्वीपुर विधानसभा क्षेत्र में ट्रांसफार्मर जले हुए हैं? यदि हाँ, तो ग्रामवार बतावें एवं इन ग्रामों में ट्रांसफार्मर कब तक बदले जावेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। प्रश्नाधीन उल्लेखित ’’अटल ज्योति योजना’’ न होकर गैर-कृषि उपभोक्ताओं को 24 घण्टे एवं कृषि उपभोक्ताओं को 10 घण्टे विद्युत प्रदाय करने का अभियान है। अटल ज्योति अभियान के अंतर्गत पृथ्वीपुर विधानसभा क्षेत्र के सभी 211 ग्रामों के गैर कृषि उपभोक्ताओं को 24 घण्टे एवं कृषि उपभोक्ताओं को 10 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ख) जी नहीं। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी हाँ। ग्रामवार जले/खराब ट्रांसफार्मर की सूची संलग्न परिशिष्ट में दर्शाये अनुसार है। उक्त सभी फेल ट्रांसफार्मर संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि की 10% अंश राशि जमा करने के बाद बदले जा सकेंगे। अत: वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
टीकमगढ़ जिले की नगर पंचायत पृथ्वीपुर में किए गए विकास कार्य
144. ( क्र. 2228 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले की नगर पंचायत पृथ्वीपुर में वर्ष 2014 में नवीन विकास कार्य स्वीकृत हुए है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से एवं किस योजना के तहत किये गये हैं? योजनावार, विकास कार्यवार, राशिवार एवं कार्य समाप्ति के समयवार बतावें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित जो कार्य स्वीकृत थे और वह समय-सीमा में पूर्ण नहीं किये गये हैं? यदि हाँ, तो उन कार्यों के नाम योजनावार बतावें? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित अपूर्ण कार्यों को क्यों पूर्ण नहीं किया गया है? कारण बताये एवं इसके लिए कौन दोषी एवं दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही कब तक होगी एवं कार्य पूर्ण कब तक होगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। 12 अपूर्ण निर्माण कार्य प्रगतिरत हैं, 03 अप्रारंभ निर्माण कार्यों के अनुबंध एवं कार्यादेश की कार्यवाही प्रचलित है एवं 02 अप्रारंभ निर्माण कार्यों के संबंध में परिषद् निर्णय अनुसार कार्यवाही की जाना है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सिंचाई परियोजनाओं के नवीन प्राक्कलन एवं स्वीकृति
145. ( क्र. 2232 ) श्रीमती ममता मीना : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्रीय योजना एवं म.प्र. शासन की योजना में गुना जिले की चांचौड़ा विधानसभा क्षेत्र को नवीन तालाब, नहर एवं सिंचाई परियोजनाओं के प्राक्कलन बनाकर स्वीकृति हेतु चयन किया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या चांचौड़ा विधानसभा में गत वर्ष कितने नवीन सिंचाई परियोजनाओं के प्राक्कलन बनवाकर स्वीकृति हेतु भेजे है? (ग) क्या चांचौड़ा विधानसभा क्षेत्र के वन परिक्षेत्र, पार्वती नदी, टेम नदी तथा अन्य बड़े नदी नालों पर नवीन सिंचाई परियोजनाओं के नये प्राक्कलन भौगोलिक दृष्टि से कब तक बनायें जायेंगे? (घ) यदि हाँ, तो क्या चांचौड़ा विधानसभा क्षेत्र में जिन क्षेत्रों में सूखा क्षेत्र है उन क्षेत्रों में नवीन सिंचाई परियोजनाएँ बनाकर सिंचाई क्षमता बढ़ाने की कोई योजना है तो बतायें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) जी नहीं, फतेहपुर, हाथीपुरा, कुलबाड़ा परियोजनाएं प्रथम दृष्टया साध्य पाए जाने से इनका सर्वेक्षण-अनुसंधान कर डीपीआर बनाने के आदेश दिनाँक 08.09.2015 को जारी किए गये है। डी.पी.आर. अंतिम नहीं हुए है। (ग) एवं (घ) सिंचाई क्षमता बढ़ाने के लिए नई परियोजनाओं को चिन्हित करने से लेकर स्वीकृति देने एवं निर्माण कराना तक, एक सतत् प्रक्रिया है। उपलब्ध सीमित वित्तीय संसाधनों से निर्माणाधीन परियोजनाओं को पूर्ण कराना सर्वोच्च प्राथमिकता होने से नई परियोजनाओं की स्वीकृति के लिए समय-सीमा निर्धारित करना संभव नहीं है।
आबादी एवं मंदिर के पास संचालित खदान बंद करना
146. ( क्र. 2252 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर कैलारस जिला मुरैना में जन सुरक्षा की अनदेखी कर आबादी एवं क्षेत्र के आस्था केन्द्र अलोपी शंकर मंदिर के पहाड़ी के सर्वे क्रमांक 1061 में चूना पत्थर भट्टी एवं मुरम उत्खनन के कार्य विक्रय हेतु पट्टा देकर खदान संचालित की जा रही है? (ख) उक्त खदान के संचालन एवं उत्खनन से वहां के रहवासियों को प्रदूषण से उनके स्वास्थ्य पर एवं पहाड़ी पर स्थित प्राचीन मंदिर के अस्तित्व पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है, उक्त तथ्यों की अनदेखी कर खदान संचालन में किस-किस विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किये गये? क्या प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारियों के द्वारा मौका स्थल का जायजा लिया गया? (ग) खदान संचालन की नियम शर्तों से अवगत कराया जावे? क्या आबादी एवं मंदिर के समीप खदान संचालन नियम विरूद्ध नहीं है? (घ) उक्त खदान से होने वाले दुष्प्रभावों के लिए कोई जाँच दल गठित कर दुष्प्रभावों की समीक्षा करवाकर जनहित में उक्त खदान बंद करवाई जा सकेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ नियमानुसार प्रतिबंधित दूरी छोड़ने के उपरांत स्वीकृत खदानें संचालित की जा रही हैं। (ख) जी नहीं। संबंधित विभाग/अधिकारियों द्वारा नियमानुसार अनापत्ति/अनुमति/सम्मति प्रदान की गई है। (ग) म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 में सार्वजनिक स्थानों से 100 मीटर के भीतर उत्खनिपट्टा स्वीकृत किया जाना प्रतिबंधित है। प्रतिबंधित दूरी छोड़े जाने के पश्चात खदान संचालन की अनुमति है अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश 'क', 'ख', 'ग' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सागर में राजीव गांधी आवास योजना में अनियमितता
147. ( क्र. 2260 ) श्री हर्ष यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम सागर में राजीव गांधी आवास योजनान्तर्गत अब तक कितने आवासों का निर्माण किया गया है? क्या इनका निर्माण स्वीकृत डी.पी.आर. के अनुसार किया गया है? नहीं तो क्यों? डी.पी.आर. में परिवर्तन किये जाने के क्या कारण है? किसके आदेश से और क्यों उक्त परिवर्तन किया गया? (ख) उक्त योजना के फेस-I में निर्मित आवासों के आवंटन में हुई अनियमितता की जाँच क्या पूर्ण हो गई है? जाँच परिणाम बतावें व अब तक की गई कार्यवाही का विवरण दें? (ग) उक्त योजना के फेस-II हेतु आनन फानन में स्थल परिवर्तन के क्या कारण रहे? इस हेतु शासन से भूमि कब ली गई थी? क्या इस हेतु नियमानुसार दावे आपत्तिजनक प्राप्त करने हेतु समाचार पत्रों में सूचना जारी कराई गई है? यदि हाँ, तो प्रमाण दें क्या उक्त आवंटित भूमि निगम के नाम से राजस्व रिकार्ड में दर्ज है? नहीं तो क्यों? (घ) योजना के फेस-II में पूर्व के स्थल पर कितना निर्माण कार्य, कितनी राशि से किस एजेंसी द्वारा किया गया था? क्या इसका भुगतान किया गया? पुराने स्थान पर निर्माण से शासन को हुई आर्थिक क्षति के लिए कौन-कौन उत्तरदायी है? इसकी प्रतिपूर्ति कैसे होगी? (ड.) फेस-II पर क्या लागत व निर्माण संबंधी सूचना पटल लगाये गये है? यदि हाँ, तो कहां? (च) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंधित अनियमितताओं को लेकर किन-किन पर कार्यवाही की गई है? नहीं तो क्यों? कब तक वैधानिक कार्यवाही होगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) आवासों का निर्माण पूर्ण नहीं है, अपितु पायलेट प्रोजेक्ट में 292 एवं प्रथम वर्ष के 1248 आवासों का निर्माण प्रगतिरत है। जी नहीं। स्थल पर भौगोलिक स्थिति अनुसार परिवर्तन किया गया है। यह परिवर्तन नगर पालिक निगम के मेयर-इन-काउंसिल की स्वीकृति अनुसार किया गया है। (ख) राजीव आवास योजना के फेज-1 (पायलेट प्रोजेक्ट) के कार्य में अनियमितता के संबंध में कोई जाँच नहीं की गई है। जाँच परिणाम का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ''क'' अनुसार स्थल परिवर्तन किया गया है। शासन से नहीं अपितु जिला कलेक्टर से भूमि दिनाँक 11.03.2015 को प्राप्त हुई है। जी हाँ। समाचार पत्र में प्रकाशित इश्तहार की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। राजस्व विभाग में निगम का नाम दर्ज कराने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) योजना के फेज-2 (प्रथम वर्ष) के लिए पूर्व के स्थल पर कोई निर्माण कार्य नहीं कराया गया है। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी हाँ। निर्माण स्थल पर। (च) अनियमितता नहीं होने से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खनन एजेंसी द्वारा अनुबंध शर्तों का उल्लंघन
148. ( क्र. 2261 ) श्री हर्ष यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धरती माइंस प्राइवेट लिमिटेड इंदैर को जिला धार के ग्राम खण्डवा में कितना क्षेत्र, किस कार्य हेतु लीज पर दिया गया है? खनन हेतु क्या अनुबंध किया गया है? (ख) अनुबंध अनुसार इस फार्म को कितने क्षेत्र में, किस मात्रा में खनन की अनुमति थी? इनके द्वारा अब तक वास्तविक रूप से कितना खनन खदान से किया गया है? (ग) अनुबंध शर्तों का उल्लंघन एवं स्वीकृत मात्रा से कई गुना अधिक खनन किये जाने के मामले में क्या कार्यवाही प्रावधानित है? इस फर्म पर अब तक इस मामले में क्या कार्यवाही की गई है? क्या उक्त खदान का आवंटन निरस्त किया जावेगा? नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन कंपनी को प्रश्नाधीन ग्राम में कोई लीज स्वीकृत नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश 'क' में दिये गये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश 'क' में दिये गये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अटूट बंधन योजना
149. ( क्र. 2264 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अटूट बंधन योजना अनूपपुर जिले में कब से लागू की गयी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कनिष्ठ यंत्री म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड जैतहरी एवं पुष्पराजगढ़ राजेन्द्रग्राम द्वारा पिछले तीन वर्षों में वर्षवार कितने-कितने प्रकरण किन-किन ग्रामों के तैयार किये गये? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार कितने उपभोक्ताओं के कृषि पंप उर्जीकरण किये गये? कितने का नहीं हुआ? न होने का क्या कारण है? शेष प्रकरण कब तक स्वीकृत किये जायेंगे? क्या कार्यपालन यंत्री (संचा/संधा) म.प्र. पूर्व क्षेत्र वि.वि.कं.लि. जिला अनूपपुर में लंबित है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा परिपत्र क्रमांक 680, दिनाँक 01.02.14 से कम्पनी क्षेत्रांतर्गत अन्य जिलों के साथ अनूपपुर जिले में भी अस्थाई पंप कनेक्शनों को स्थाई पम्प कनेक्शनों में परिवर्तित करने हेतु अटूट बंधन योजना लागू की गई है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कनिष्ठ अभियंता म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लिमिटेड जैतहारी एवं राजेन्द्रग्राम (पुष्पराजगढ़) द्वारा पिछले तीन वर्षों में अस्थाई पंप कनेक्शनों को स्थाई पंप कनेक्शन में परिवर्तित करने हेतु वर्षवार तैयार किए गये प्रकरणों का वितरण केन्द्रवार विवरण निम्नानुसार है:-
क्रं |
वितरण केन्द्र का नाम |
वर्षवार विवरण |
||
2013-14 |
2014-15 |
2015-16 (दि. 28.11.15 तक) |
||
1 |
जैतहरी |
402 |
363 |
93 |
2 |
राजेन्द्रग्राम (पुष्पराजगढ़) |
12 |
38 |
07 |
कुल योग |
414 |
401 |
100 |
प्रकरणों की वितरण केन्द्रवार, वर्षवार एवं ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) में उल्लेखित तालिका में दर्शाये गए सभी उपभोक्ताओं के प्रकरण स्वीकृत कर कृषि पम्प ऊर्जीकृत कर दिए गए हैं तथा कोई प्रकरण लम्बित नहीं है। दिनाँक 28.11.2015 तक कार्यपालन अभियंता (संचा-संधा) संभाग अनूपपुर कार्यालय में कोई भी प्रकरण स्वीकृति हेतु लंबित नहीं है।
आश्रय शुल्क के संबंध में
150. ( क्र. 2269 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा तारांकित प्रश्न क्रं. 1160 दि. 23.07.2015 के प्रश्नांश (ख) के अनुसार अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के आदेश से आश्रय शुल्क की राशि म.प्र. नगर पालिका (कालोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण निबंधन एवं शर्तें) नियम 1998 की धारा-10 में निहित प्रावधान अनुसार निवेश क्षेत्र होने से जमा की गई है? क्या यह उत्तर विधि अनुरूप है? (ख) क्या ग्राम पंचायत क्षेत्र में म.प्र. नगर पालिका अधिनियम तथा उसके अंतर्गत बने नियमों के अनुसार कार्यवाही की जा सकती है? (ग) यदि नहीं, तो क्या अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा इंदौर नगर निगम क्षेत्र से लगी हुई ग्राम पंचायत क्षेत्र में आश्रय शुल्क के नाम पर 54,47,07,737/- वसूल करने तथा नगरीय विकास विभाग में जमा करने की जाँच की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। इन्दौर शहर से लगी हुई घोषित संपूर्ण निवेश क्षेत्र की ग्राम पंचायतों के क्षेत्र में आश्रय शुल्क जमा कराया गया है। म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 13 (3) के अनुसार निवेश क्षेत्र की ग्राम पंचायतों के लिये उल्लेखित अधिनियम 1998 की धारा 10 का आकर्षण मान्य योग्य है। धारा 10 एवं धारा 13 (3) के उद्धण प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) इन्दौर शहर में म.प्र. नगर पालिका (कालोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण निर्बधन एवं शर्तें) नियम 1998 की धारा 10 में निहीत प्रावधान अनुसार नगर निगम क्षेत्र एवं घोषित निवेश क्षेत्र में ही आश्रय निधि जमा कराई गई है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, मंत्रालय, वल्लभ भवन, भोपाल दिनाँक 11 जून, 2002 के मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) प्राधिकार से प्रकाशित की प्रति, जिसमें संशोधन हुआ है की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही विधि अनुरूप होने से जाँच की आवश्यकता नहीं है।
महिदपुर विधान सभा क्षेत्र के क्रेशर/पत्थर/रेत खदानें
151. ( क्र. 2276 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में क्रेशर/पत्थर/रेत खदानों की कितनी स्वीकृतियां है? ये किनके नाम, कितने रकबे की, कब से कब तक आवंटित है? (ख) इन खदान संचालकों द्वारा कितने रायल्टी कट्टे जमा कराए गए हैं? उनकी जानकारी माहवार, राशि सहित पृथक-पृथक देवे? अवैध रेत कितनी जब्त की गई? दिनाँक 01.01.13 से 10.11.15 तक बतावे? (ग) क्रेशर/पत्थर/रेत खनन के लिए इन्हें कितना खनन करने की अनुमति है और इसके विरूद्ध ये कितना खनन कर चुके हैं? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार जब्त अवैध रेत की नीलामी कब-कब हुई? कितनी राशि प्राप्त हुई बतावे? जब्त रेत की मात्रा भी बतावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर दर्शित है। (ख) खदान संचालकों द्वारा रायल्टी कट्टे जमा कराए जाने का म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 में प्रावधान नहीं है। प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्नांकित अवधि में 22,900 घनमीटर अवैध रेत जप्त की गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर दर्शित है। (घ) जप्त 20700 घनमीटर अवैध रेत को दिनाँक 18.03.2013 को नीलामी की गई है, जिसमें 16,55,995/- रूपए की राशि प्राप्त हुई है। जप्त 2200 घनमीटर अवैध रेत का प्रकरण न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी, महिदपुर में प्रचलित है, अत: नीलामी नहीं की गई है।
महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में अवैध शराब का विक्रय
152. ( क्र. 2277 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में देशी व विदेशी मदिरा की कितनी दुकाने, किन स्थानों पर किनके स्वामित्व में संचालित हैं? देशी व विदेशी मदिरा के संदर्भ में नाम, स्थान नाम संचालक नाम सहित बतावें? (ख) दिनाँक 01.01.2012 से 10.11.2015 तक अवैध शराब परिवहन विक्रय संग्रहण (सभी अवैध) के कितने प्रकरण महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में किनके विरूद्ध बनाये गये? नाम, प्रकरण क्रं., जप्त मात्रा, वाहन नाम, नंबर सहित वर्षवार जानकारी देवें? (ग) उपरोक्त (ख) अनुसार प्रकरणों की अद्यतन स्थिति प्रकरणवार बतावें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में 16 देशी/विदेशी मदिरा की फुटकर दुकानें संचालित हैं। नाम, स्थान एवं अधिकृत लायसेंसधारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में दिनाँक 01.01.2012 से 10.11.2015 तक अवैध शराब परिवहन, विक्रय, संग्रहण (सभी अवैध) के वर्षवार पंजीबद्ध प्रकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है एवं प्रकरणवार पी-8 क्रमांक, दिनाँक, आरोपी का नाम व पता, जप्त शराब/वाहन/सामग्री के विस्तृत विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (ग) उपरोक्त प्रश्नांश (ख) अनुसार प्रकरणों की अद्यतन स्थिति प्रकरणवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट तीन के कॉलम 07 में अंकित हैं।
जलाशयों की स्वीकृति
153.
( क्र.
2282
) श्री
चन्द्रशेखर
देशमुख :
क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) बैतूल
जिले में
विभाग द्वारा
विगत 5 वर्ष
में कितनी
योजना की स्वीकृति
साध्यता के
अंतर्गत दी गई? (ख) बैतूल
जिले में
कितनी योजना
की स्वीकृति
दी गई हैं? (ग) प्रदेश
के अन्य
जिलों में
योजना की स्वीकृति
प्रदान की जा
रही है, तो
बैतूल जिले
में योजना स्वीकृति
कब प्रदन की
जावेगी?
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
जयंत मलैया ) : (क) से (ग)
बैतूल जिले
में विगत 5 वर्षों
में 43
परियोजनाओं
की साध्यता
स्वीकृति दी
गई जिनमें से 35
परियोजनाओं
की प्रशासकीय
स्वीकृति दी
गई है। अत: शेष
प्रश्न उत्पन्न
नहीं होता है।
नियम विरूद्ध कार्यवाही के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही
154. ( क्र. 2380 ) श्री आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वक्फ सम्पत्ति जाफर अली खां इतवारा भोपाल के केयर टेकर द्वारा स्वयं की व्यक्तिगत सम्पत्ति बताकर झूठा शपथ पत्र प्रस्तुत कर शापिंग और आवासीय काम्पलेक्स निर्माण की अनुमति क्रमांक NC184-1011-072014 दिनाँक 22.07.2014 नगर निगम भोपाल से प्राप्त की गई है? (ख) क्या नगर निगम के अधिकारी बिना परीक्षण और जाँच किये वक्फ सम्पत्ति पर शापिंग काम्पलेक्स और आवासीय काम्पलेक्स निर्माण की भवन अनुज्ञा जारी की भवन अनुज्ञा जारी करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध शासन स्तर से क्या कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) क्या वक्फ जायदाद जाफर अली खाँ इतवारा भोपाल के केयर टेकर द्वारा कपटपूर्ण और धोखाधड़ी से कलेक्टर कार्यालय (नजुल अधिकारी से) भू-स्वामी की हैसियत से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किया? यदि हाँ, तो वक्फ सम्पत्ति पर भूमि स्वामी की हैसियत से केयर टेकर को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या वक्फ सम्पत्ति पर भूमि स्वामी की हैसियत से नजूल प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाले केयर टेकर के विरूद्ध थाना कोतवाली में अपराध क्रमांक 0206/15 दर्ज किया गया है? यदि हाँ, तो वक्फ सम्पत्ति पर भूमि स्वामी का अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारी को भी सह-अभियुक्त बनाया जावेगा अथवा उनके विरूद्ध विभागीय कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) निगम की भवन अनुज्ञा शाखा द्वारा भवन निर्माण अनुमति क्रमांक 1011 दिनाँक 22-07-2014 प्रदान करते समय श्री मुब्बशिर मसूद खान पुत्र स्व. श्री मसूद रजा खान द्वारा दिनाँक 04-03-2014 का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया था। झूठे शपथ पत्र के संबंध में कार्यालय के संज्ञान में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई थी। (ख) निगम की भवन अनुज्ञा शाखा द्वारा भवन निर्माण अनुमति क्रमांक 1011 दिनाँक 22-07-2014 जारी करते समय नियमानुसार परीक्षण किया गया है। आवेदन के साथ नजूल एन.ओ.सी. क्रमांक 29 दिनाँक 07-11-2013 की मूल प्रति एवं अन्य दस्तावेज जो आवेदक द्वारा प्रस्तुत किये गये थे। उसके अनुसार परीक्षण किया जाकर भोपाल विकास योजना एवं भूमि विकास निगम के अधीन भवन निर्माण अनुमति प्रदान की गई थी। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। कार्यालय वक्फ बोर्ड द्वारा पत्र क्रमांक 4048-49 दिनाँक 21-09-2015 से नजूल का अनापत्ति प्रमाण पत्र निरस्त करने की अनुशंसा की गई है। वक्फ बोर्ड का पत्र संज्ञान में आने पर निगम ने भवन अनुज्ञा दिनाँक 29-09-2015 को स्थगित कर दी है। प्रकरण में आगे परीक्षण किया जा रहा है। (घ) जी हाँ। प्रकरण में परीक्षण किया जाकर आगे की कार्यवाही पर निर्णय लिया जा सकेगा। समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है।
भोपाल शहर का स्मार्ट सिटी के रूप में चयन
155. ( क्र. 2506 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत शासन की योजना अनुसार म.प्र. के भोपाल शहर को स्मार्ट सिटी के रूप से विकसित करने हेतु चयन किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या भोपाल के शिवाजी नगर क्षेत्र को स्मार्ट सिटी बनाये जाने हेतु डी.पी.आर. बनाई गई है? इस डी.पी.आर. में लोक निर्माण के द्वारा निर्मित लगभग 1000 शासकीय आवास जिनमें मा. मंत्री, विधायक, अधिकारी, कर्मचारी रहते हैं इन्हें तोड़कर व हजारों हरे भरे वृक्षों को काटकर स्मार्ट सिटी की रचना की जायेगी? (ग) क्या इसी प्रकार की आधारहीन योजना के कारण नार्थ टी.टी. नगर एवं साऊथ टी.टी. नगर के शासकीय आवासों को तोड़ा गया तथा उस अनुपात में नवीन आवास भी निर्मित नहीं कराये गये जिससे आज भी कई कर्मचारी शासकीय आवास से वंचित हैं? (घ) क्या शिवाजी नगर में स्मार्ट सिटी बनाये जाने की कल्पना/योजना हेतु लोक निर्माण ने 1000 शासकीय आवासों हेतु कोई वैकल्पिक निर्माण कराया है? क्या विभाग ने डी.पी.आर. में इसका प्रावधान किया है? शासकीय आवास तोड़े जाने पर इन्हें कहां शासकीय आवास उपलब्ध कराये जायेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। भारत सरकार द्वारा चयनित प्रथम 98 शहरों में भोपाल का चयन किया गया है। (ख) जी नहीं? DPR अभी तैयार नहीं हुई है। शेषांश उत्पन्न नहीं होता है। (ग) जी नहीं। वस्तुस्थिति यह है कि म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल द्वारा शासन की पुनर्घनत्वीकरण योजना अंतर्गत साउथ टी.टी. नगर के 168 शासकीय आवास तोड़कर प्लेटिनम पार्क एवं प्लेटिनम प्लाजा योजना क्रियान्वित की गई है। उक्त भवनों के एवज में मण्डल द्वारा साउथ टी.टी. नगर में ही सुनेहरी बाग योजनांतर्गत 112 आई.टाईप एवं 108 जी टाईप भवन बनाकर शासन को उपलब्ध कराये गए हैं। साउथ टी.टी. नगर की 15.00 एकड़ शासकीय भूमि शासन की पुनर्घनत्वीकरण योजनांतर्गत सी.बी.डी. (Central Business District) की योजना क्रियान्वित की जा रही है। उक्त भूमि पर 192 शासकीय आवास निर्मित थे, जिसमें 130 आवास रिक्त थे एवं 62 आवासों में कर्मचारी निवासरत थे। राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा वर्ष 2007-2008 में 102 जी-टाईप व 98 एच-टाईप कुल 200 मकान बनाये गये थे। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नेपा लिमिटेड नेपानगर को केन्द्र से प्राप्त राशि एवं विकास कार्य
156. ( क्र. 2511 ) श्री राजेन्द्र श्यामलाल दादू : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नेपा लिमिटेड, नेपानगर को अप्रैल 2009 से प्रश्न दिनाँक तक केन्द्र शासन से कब-कब, कितनी-कितनी राशि किस-किस प्रायोजन हेतु प्राप्त हुई? (ख) प्रश्नांकित अवधि में नेपा लिमिटेड द्वारा नेपानगर शहर में क्या-क्या विकास कार्य कराये गये? केन्द्र शासन की राशि किस प्रायोजन पर व्यय की गई? कार्यों की जानकारी मय स्थान लागत सहित दें? (ग) नेपा लिमिटेड द्वारा नगर पालिका परिषद नेपानगर को कितना टैक्स (कर) दिया जाना शेष है? (घ) नेपानगर शहर के मार्ग सुधार, फेल सिवेज सिस्टम एवं शहर विकास हेतु प्रस्तावित कार्ययोजना की जानकारी दें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) नेपा लिमिटेड नेपानगर से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2010 से कोई विकास कार्य नहीं कराये गये है। केन्द्र सरकार से प्राप्त राशि के प्रायोजन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कार्य न कराये जाने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) राशि रू. 34,05,41,040/- शेष है। (घ) नेपा लिमिटेड अभी अपने पुनरूद्धार योजना के कार्यान्वयन में संलग्न है। सफल कार्यान्वयन के पश्चात ही इस संबंध में कोई योजना बन पायेगी।
पशु बाजार में व्यवस्था एवं पशु विक्रय
158. ( क्र. 2532 ) श्री सज्जन सिंह उईके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल में कितने पशु बाजार है? क्या पशु बाजार स्थल में पशुओं के लिए पानी की एवं पशु चिकित्सा की व्यवस्था उपलब्ध है? (ख) पशुपालन विभाग ने मलाजपुर चिचोली (बैतूल) में पशु क्रय/विक्रय हेतु लायसेंस दिया है? लायसेंसधारी का नाम बताइयें? यदि नहीं, तो क्या विक्रेता अवैध है? (ग) म.प्र. गौवंश विक्रय में क्या सरपंच को पशु विक्रय पत्र लिखने का अधिकार है, यदि हाँ, तो कंडिका/धारा बताइयें? (घ) बैतूल का दुग्ध उत्पादन में प्रदेश में कितना योगदान है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) बैतूल जिले में 04 पशु बाजार है। पशु बाजार सदर बैतूल सावलमेंढा, बिरूलबाजार, दुनावा में संचालित है। पशु बाजार स्थल पर पानी की व्यवस्था स्थानीय निकाय द्वारा की जाती है। चारों स्थानों पर पशु उपचार हेतु चिकित्सालय संचालित है। (ख) जी नहीं। पशुओं के क्रय विक्रय हेतु पशु पालन विभाग द्वारा कोई लायसेंस नहीं दिया जाता है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही हैं। (घ) बैतूल जिले द्वारा प्रदेश के दुग्ध उत्पादन का 1.72 प्रतिशत दूध उत्पादन किया जाता है
सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई
158. ( क्र. 2635 ) श्री जितू पटवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र सरकार द्वारा सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई 122 मीटर से 139 मीटर करने की स्वीकृति राज्य सरकार को प्रदान की गई है? (ख) क्या केन्द्र सराकर यह प्रमाणित जानकारी प्राप्त होने के बाद ही बांध की ऊंचाई बढ़ाने की स्वीकृति प्रदान करता है कि डूब क्षेत्र में आने वाले समस्त सौ फीसदी गांव के लोगों का पुर्नवास हो चुका है? (ग) क्या म.प्र. सरकार द्वारा समस्त गांव का पुर्नवास होने के पश्चात् ही केन्द्र सरकार का प्रमाणिक जानकारी प्रदान की गई है? हां तो इसकी प्रति उपलब्ध करवायें? (घ) सरदार सरोवर बांध के अंतर्गत कौन-कौन से गांव डूब में आये हैं? क्या शासन द्वारा डूब में आने वाले सौ फीसदी गांव के लोगों को मुआवजा प्रदान किया जा चुका है यदि हाँ, तो कितनी राशि का भुगतान किया गया है तथा इन्हें कौन-कौन सी सुविधायें प्रदान की गई है? (ड.) क्या रिटायर्ड जस्टिस की पेनल द्वारा सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढ़ाने की जाँच करने हेतु मौका मुआवजा किये जाने पर यह पाया गया कि म.प्र. सरकार द्वारा जिन गांवों का पूर्णत: पुर्नवास होना बताया गया था उन गांवों में लगभग हजारों लोग अभी भी निवास करते पाये गये? (च) यदि हाँ, है तो म.प्र. शासन द्वारा केन्द्र सरकार को झूठी रिपोर्ट क्यों प्रस्तुत की गई? झूठी रिपोर्ट प्रदान करने का क्या उद्देश्य था? नहीं तो क्या रिटायर्ड जस्टिस पेनल द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट गलत है? (छ) जब सौ फीसदी पुर्नवास वाले गांवों में लोग निवास करते पाये गये तो मुआवजा राशि का भुगतान किसको किया गया?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण के द्वारा दिनाँक 12.06.2014 को नई दिल्ली में सम्पन्न बैठक में सरदार सरोवर बांध में 121.92 मी. से 138.68 मी. तक सिर्फ प्रथम चरण के निर्माण किये जाने की अनुमति गुजरात राज्य को प्रदान की गई है, जिसमें पियर्स निर्माण, ब्रिज निर्माण एवं बांध के गेट लगाने की अनुमति दी गई है, किन्तु गेट बंद करने की अनुमति नहीं दी है। अर्थात प्रभावी रूप से बांध ऊंचाई पूर्ववत 121.92 मी. ही रहेगी। (ख) एवं (ग) माननीय उच्चतम न्यायालय में नर्मदा बचाओ आन्दोलन द्वारा दायर रिट पिटीशन क्रमांक 319/1994 में दिनाँक 18.10.2000 को निर्णय पारित किया गया, जिसमें सरदार सरोवर बांध के निर्माण की प्रक्रिया तय की गई। उक्त आदेश में सरदार सरोवर बांध के निर्माण के लिये एन.डब्ल्यू.डी.टी. के अवार्ड के अनुसार संबंधित बांध ऊंचाई पर प्रत्येक राज्य पुनर्वास कार्य पूर्ण कर अपनी रिपोर्ट नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण को भेजेगा। नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण में इस रिपोर्ट का परीक्षण करने एवं संबंधित राज्य के शिकायत निवारण प्राधिकरण से सलाह करने के बाद इस रिपोर्ट पर पुनर्वास उप दल परीक्षण कर अपनी अनुशंसा देगा। इन दोनों अनुशंसाओं के आने के बाद नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण अपनी पूर्ण बैठक में बांध की संबंधित स्तर तक ऊंचाई बढ़ाने की अनुमति देगा। तदानुसार सभी सहभागी राज्यों द्वारा सभी मान्य विस्थापित परिवारों को विद्यमान पुनर्वास प्रावधानों के अन्तर्गत पात्रतानुसार देय पुनर्वास के लाभ दिये जाने के कार्यकृति प्रतिवेदन (Action Taken Report) प्रस्तुत करने पर NCA एवं GRA द्वारा परीक्षणोपरान्त सहमति दिये जाने के उपरान्त यह निर्णय नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण द्वारा लिया गया है। निर्धारित प्रक्रिया अनुसार बांध की ऊंचाई 121.92 मी. से 138.68 मी. के मध्य प्रभावित विस्थापितों को उपलब्ध कराए गए पुनर्वास संबंधी लाभों का कार्यकृति प्रतिवेदन (ए.टी.आर) नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण को दिनाँक 25.03.2008 को प्रस्तुत किया गया था। ए.टी.आर. की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे अनुलग्नक-1 के अनुसार है। (घ) सरदार सरोवर बांध हेतु केन्द्रीय जल आयोग द्वारा इंदिरा सागर परियोजना एवं ओंकारेश्वर परियोजना बांध के निर्माण के पूर्व आंकलित अधिकतम बैक वाटर लेवल से 193 गांव प्रभावित थे। कार्यकृति प्रतिवेदन (Action Taken Report) प्रेषित करने के पश्चात अगस्त 2008 में केन्द्रीय जल आयोग के द्वारा इंदिरा सागर परियोजना एवं ओंकारेश्वर परियोजना बांध का निर्माण हो जाने के कारण संशोधित बैक वाटर लेवल के आंकलित अधिकतम स्तर में कमी होने से अब 176 ग्राम प्रभावित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे अनुलग्नक-2 के अनुसार है। 193 मीटर कार्यकृति प्रतिवेदन (Action Taken Report) की जानकारी पुस्तकालय में रखे अनुलग्नक-1 के अनुसार है, जो वर्ष 2008 में किया जा चुका है। संशोधित बैक वाटर लेवल का प्रभाव अब केवल 176 ग्रामों में ही संभावित है। मुआवजा भुगतान संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे अनुलग्नक-3 के अनुसार है एवं सभी मान्य विस्थापितों को दी गई सुविधाओं का लेख अनुलग्नक-1 में प्रस्तुत ए.टी.आर. में किया गया है। (ड.) जी नहीं। 1. उच्चतम न्यायालय, केन्द्र शासन अथवा राज्य शासन द्वारा कोई रिटायर्ड जस्टिस का पेनल बांध ऊंचाई बढ़ाने की जाँच हेतु गठित नहीं किया गया है। 2. एन.डब्ल्यू.डी.टी. अवार्ड के खंड ग्यारह के उप खंड पांच (3) (तीन) में उल्लेख है ’’जलप्लावन की संबंधित व्यवस्थाओं के अन्तर्गत आने वाले क्षेत्र के निवासीगण अपनी सम्पत्तियों पर अधिकार करने या उनका प्रयोग करने के हकदार होंगे और ऐसे किसी अधिकार के लिए उन्हें कोई भुगतान करना आवश्यक नहीं होगा और उसे वह संबंधित राज्य द्वारा अधिसूचित की जाने वाली तारीख तक इस्तेमाल कर सकते हैं और वह तारीख जलप्लावन से पूर्व छः महीने से पहले की तारीख नहीं होगी। अधिसूचित तारीख तक उन्हें वह क्षेत्र अवश्य ही खाली कर देना चाहिए। ’’ अभी तक सरदार सरोवर परियोजना बांध पूर्ण ऊंचाई तक नहीं भरने से मध्य प्रदेश के अधिकांश भाग में वास्तविक डूब क्षेत्र निर्मित नहीं हुआ है, इसलिये समस्त लाभ लेने के उपरान्त भी लोग अभी अर्जित क्षेत्र में उक्त प्रावधान का लाभ लेते हुए निवासरत हैं। (च) एवं (छ) उत्तरांश ’ड.’ में दिये गये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्रेसिम उद्योग नागदा जंक्शन पर चल रहे प्रकरण
159. ( क्र. 2644 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा जंक्शन जिला उज्जैन में ग्रेसिम उद्योग के विरूद्ध म.प्र.प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दर्ज कराये गये प्रकरण क्रमांक 11088/14 दिनाँक 30.10.2014 में शासन की ओर से पैरवी करने वाले कौन है? (ख) इस प्रकरण में अभी तक कितनी तारीखें कब-कब लगी है? शासकीय वकील कितने तारीखों में उपस्थित रहे? किन-किन तारीखों में अनुपस्थित रहे? प्रकरण की अद्यतन स्थिति बतावें? (ग) कितने प्रकरण म.प्र. शासन विरूद्ध ग्रेसिम उद्योग कहां-कहां चल रहे है? पूरी जानकारी देवें? प्रश्नांश (ख) अनुसार जानकारी देवे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा इकाई के विरूद्व दायर प्रकरण क्रमांक 11088/14 में पैरवी करने वाले अधिवक्ता श्री बी.के. उपाध्याय है। (ख) उक्त प्रकरण में अभी तक 12 तारीखें लगी है। दिनाँक19/12/14,20/ 1/15,9/ 2/ 15,27/2/ 15,16/3/15,7/4/15,21/4/ 15,5/5/15,29/6/ 15,11/8/ 15,15/9/15,5/11/15 उक्त सभी तारीखों में मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से नियुक्त वकील उपस्थित रहें, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। प्रकरण में दिनाँक 21/12/2015 अभियुक्त को व्यक्तिगत उपस्थिति हेतु नियत है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
शहरों, नगर
पालिका व नगर
पंचायत को
आवंटित राशि
1. ( क्र. 50 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले 3 वर्ष में ग्वालियर संभाग के किस-किस शहर व नगर पालिका, नगर पंचायत को कितनी-कितनी धनराशि किस-किस योजना में मिली, इसका नगर पालिका, नगर पंचायत के नाम व योजना या मद सहित विवरण दें? (ख) इसमें नगरीय प्रशासन विभाग ने सामग्री सीधे खरीद कर ग्वालियर संभाग की कौन-कौन सी नगर पालिका को कितनी धनराशि की दी गई व कितनी नगर पालिकाओं व नगर पंचायतों ने स्वयं खरीदी? (ग) ग्वालियर संभाग की नगर पालिकाओं को पिछले 3 वर्षों में कितनी-कितनी धनराशि किस-किस मद में दी? (घ) योजनाओं में उपलब्ध होने वाली कौन-कौन सी सामग्री नगरीय प्रशासन विभाग ने सीधे खरीद कर नगर पालिका या नगर पंचायत को दी व कौन-कौन सी सामग्री नगर पालिका या नगर पंचायतों ने स्वयं खरीदी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
केन्द्र सरकार से प्राप्त राशि
2. ( क्र. 51 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले 5 वर्षों में केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश में किस-किस विभाग को किन-किन योजनाओं हेतु कितनी-कितनी धनराशि मिली? (ख) उसमें से कितनी धनराशि खर्च हुई व कितनी खर्च नहीं हो पाई व क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मध्यप्रदेश शासन को केन्द्र शासन से पिछले 05 वर्षों में विभिन्न विभागों को जो राशि प्राप्त हुई है कि जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्ष 2014-15 का लेखा महालेखाकार कार्यालय द्वारा तैयार नहीं किया गया है। (ख) केन्द्रांश एवं राज्यांश होने से मिलाकर व्यय किया जाने हेतु बजट में आहरण किया जाता है। पृथक-पृथक लेखा संधारित नहीं किया जाता है।
राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना
3. ( क्र. 52 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के फेस-1 में कितनी-कितनी धनराशि के किस-किस गांव में क्या-क्या कार्य अशोकनगर जिले में हुए तथा फेस-2 में कितनी धनराशि स्वीकृत हुई व क्या-क्या कार्य करवाएं जाएंगे? (ख) फीडर सेपरेशन में हुए आय-व्यय का विवरण देते हुए बताएं कि उक्त योजना में कितने तार, कितने ट्रांसफार्मर कहां-कहां लगे व किस-किस माह में चोरी हुए? उसमें से कितनी चोरियां पकड़ी गई व कितनी नहीं तथा जहां चोरी हुए वहां तार या ट्रांसफार्मर पुन: लगाये गये, विवरण दें? (ग) अशोकनगर जिले में पिछले 2 वर्षों में किन-किन अनुसूचित जाति, जनजाति व बंजारा बस्ती में बिजली नहीं होने के पत्र प्रश्नकर्ता द्वारा लिखे गये व उन पर क्या कार्यवाही हुई? इसके अलावा भी कितनी बस्तियों में बिजली तार या खम्बे नहीं है उनमें से कितने गांव को विभाग ने योजना में शामिल कर लिया है? (घ) क्या यह सही है कि अकाल की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री जी ने डी.पी. (ट्रांसफार्मर) बदलने के आदेश दिये हैं? यदि हाँ, तो अशोकनगर जिले में कितने डी.पी. व ट्रांसफार्मर इस आदेश के बाद बदले गये तथा कितने अभी भी खराब हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) अशोक नगर जिले में दसवीं पंचवर्षीय योजना में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अन्तर्गत कुल 783 ग्रामों में कार्य किया गया है, जिनकी ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। उक्त योजना के अन्तर्गत कुल रूपये 85.12 करोड़ की राशि स्वीकृत हुई है। स्वीकृत राशि में से रूपये 75.72 करोड़ लागत के 1549 वितरण ट्रांसफार्मर, 1207.75 कि.मी. 11 के.व्ही. लाईन एवं 602.05 कि.मी., एल.टी.लाईन के कार्य किये गये हैं। योजनान्तर्गत सम्पूर्ण जिले हेतु राशि का आवंटन किया गया था एवं देयक भी ग्रामवार नहीं बनाये गये थे। अत: खर्च की गई धनराशि का ग्रामवार विवरण बताना संभव नहीं है। अशोकनगर जिले के लिये 12वीं पंचवर्षीय योजना में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनान्तर्गत कुल रूपये 47.38 करोड़ की राशि स्वीकृत हुई है। योजना में 9 नंबर 33/11 के.व्ही.उपकेन्द्र, 60.95 कि.मी. 33 के.व्ही.लाईन, 335 वितरण ट्रांसफार्मर, 240.41 कि.मी., 11 के.व्ही.लाईन एवं 197.81 कि.मी. निम्नदाब लाईन के कार्य किये जाने प्रस्तावित है। (ख) अशोकनगर जिले में फीडर सेपरेशन योजना में रूपये 45.54 करोड़ की राशि के कार्य कराए जाने का प्रावधान था, जिसके विरूद्ध रूपये 43.12 करोड़ की राशि व्यय हुई है। उक्त योजनान्तर्गत 712 ग्रामों में 853.52 कि.मी. 11 के.व्ही.लाईन, 802 वितरण ट्रांसफार्मर एवं 727.45 कि.मी. एल.टी.लाईन का कार्य किया गया है। किये गये कार्य की प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। इसमें से अशोकनगर जिला अन्तर्गत अशोकनगर संभाग में 131.90 कि.मी. 11 के.व्ही. तथा 1.28 कि.मी. एल.टी.लाईन का तार एवं मुंगावली संभाग में 65.8 कि.मी. 11 के.व्ही. लाईन का तार चोरी हुये। चोरी गये तार को पुन: लगाकर विद्युत प्रदाय चालू कर दिया गया है। उक्तानुसार चोरी गये तार की ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स-01' एवं 'स-02' में दर्शाए अनुसार है। वर्तमान दिनाँक तक चोरी गये तार के विरूद्ध कोई भी बरामदगी नहीं हुई है। (ग) अशोकनगर जिले में पिछले 02 वर्षों में अनुसूचित जाति, जनजाति एवं बंजारा बस्ती में बिजली नहीं होने संबंधी प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा लिखे गये पत्रों एवं उन पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। इस योजना में माननीय विधायक द्वारा जुलाई, 2014 के प्रश्न अनुसार दिये गये सभी प्रस्तावों सहित कुल 363 अनुसूचित जाति, जनजाति बंजारा चक व बस्तियों को शामिल किया गया है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है। (घ) तत्संबंध में जारी आदेश दिनाँक 28.11.2015 के उपरान्त अशोकनगर जिले में दिनाँक 19.11.2015 तक 62 ट्रांसफार्मर बदले गये हैं। बदलने हेतु शेष 84 ट्रांसफार्मरों को संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार 10 प्रतिशत बकाया राशि जमा करने के उपरान्त बदलने की कार्यवाही की जावेगी।
स्टोन क्रेशर, रेत, फर्शी एवं खनिज खदानों की लीज स्वीकृति
4. ( क्र. 53 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में स्टोन क्रेशर, रेत, फर्शी, पत्थर आदि खदानों की लीज स्वीकृत किये जाने की क्या प्रक्रिया है, नियम व शर्तों की प्रतिलिपि उपलब्ध कराते हुए बताए कि अशोकनगर एवं रतलाम जिले में पिछले 5 वर्षों में कुल कितनी खनिज खदाने हैं व किस-किस गांव में किस-किस सर्वे क्रमांक पर है? (ख) अशोकनगर एवं रतलाम जिले में विगत 5 वर्षों में किस-किस गांव में किस-किस सर्वे नम्बर में कितने-कितने क्षेत्रफल की स्टोन क्रेशर, पत्थर, रेत आदि खनिजों की लीज पर किन-किन फर्मों या व्यक्तियों को कब-कब, कितनी-कितनी अवधि के लिये स्वीकृत की गई, खनिजवार एवं लीजवार राशि सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) से संबंधित 2010 से प्रश्न दिनाँक तक अवैध उत्खनन करने या नियमों का पालन नहीं करने या पर्यावरण प्रदूषित करने, कितने-कितने प्रकरण, किस-किस फर्म या व्यक्तियों पर दर्ज कहां-कहां किये गये व उन्हें क्या दण्ड दिया गया?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 के प्रावधानों के अधीन प्रश्नाधीन खनिज की खदाने स्वीकृत किये जाने का प्रावधान है। स्टोन क्रेशर की खदाने स्वीकृत किये जाने का प्रावधान नहीं है। अपितु यांत्रिक क्रिया से गिट्टी निमार्ण हेतु पत्थर खनिज के उत्खनिपट्टे तथा घोष विक्रय खदान स्वीकृत की जाती है। यह नियम अधिसूचित है। प्रश्नानुसार अशोक नगर जिले एवं रतलाम जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र – अ-1 एवं अ-2 में दर्शित है। (ख) प्रश्नानुसार अशोक नगर जिले एवं रतलाम जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र – ब-1 एवं ब-2 में दर्शित है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में अशोक नगर जिले में श्री राजेश सिंह बुन्देला निवासी-चंदेरी के विरूद्ध फर्शी पत्थर के अवैध उत्खनन एक प्रकरण पंजी बद्ध किया गया है। रतलाम जिले से संबंधित प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -'स' में दर्शायी गयी है। दोनों ही जिलो में पंजीबद्ध प्रकरण वर्तमान में विचाराधीन है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
लिपिक संवर्ग के वेतनमान में विसंगति
5. ( क्र. 105 ) श्रीमती ममता मीना : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ की वेतन विसंगति की मांग शासन स्तर पर लंबित है? क्या वर्ष 1981 तक लिपिक व सहायक शिक्षक का वेतनमान 90-170 एक समान था? (ख) जब वर्ष 1981 तक लिपिक एवं सहायक शिक्षक का वेतनमान एक समान था, तो वर्ष 01/04/1981 के वेतनमान में लिपिक का वेतनमान कम किया जाकर विसंगति क्यों रखी गई है? इस विसंगति को कब तक दूर किया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वर्तमान में शासन स्तर पर लंबित नहीं है। 1981 तक लिपिक एवं सहायक शिक्षक का वेतनमान एक समान (169-300) था। (ख) दिनाँक 1.4.1981 से वेतन का पुनरीक्षण, तत्समय गठित वेतन आयोग की अनुशंसा के आधार पर रहा है। किसी पद विशेष के वेतनमान निर्धारण, पद के लिये अर्हता, पद के कार्य एवं कार्य स्थितियां आदि को विचार में लेकर किया जाता है। वेतन आयोग की अनुशंसा पर सहमत होकर शासन द्वारा लिपिक का वेतनमान 515-800 तथा सहायक शिक्षक का वेतनमान 545-925 निर्धारित किया गया है।
सिंचाई परियोजनाओं के विस्तार की स्वीकृति
6. ( क्र. 212 ) श्री विश्वास सारंग : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग के किन-किन वृहत, मध्यम और लघु सिंचाई परियोजनाओं को वर्ष 2010, 11, 12 व 13 में विस्तार करने की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है? क्यों की गई है? कारण सहित विस्तृत जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या डेमों की क्षमता भी बढ़ाई गई है या फिर डेम पुरानी क्षमता के ही हैं? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत जिन परियोजनाओं का विस्तार किया जा रहा है, उनमें सिंचाई के लिये पर्याप्त पानी है? ऐसे कौन-कौन सी परियोजनाएं हैं, जिनमें टेल में बड़ी मुश्किल से पानी पहुंच पाता है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) बारना वृहद सिंचाई परियोजना के विस्तारीकरण, सुदृढ़ीकरण एवं आधुनिकीकरण की प्रशासकीय स्वीकृति दिनाँक 12.06.2015 को रू.234.56 करोड़ की प्रदाय की गई है। परियोजना का रूपांकित सैच्य क्षेत्र 54,556 हे. है। जिसके विरूद्ध वर्ष 2014-15 में 63,049 हे. रबी सिंचाई की गई है। परियोजना का जीवित जल भरण क्षमता 455.08 मि.घ.मी. एवं रबी सिंचाई उपरांत 70 से 90 मि.घ.मी. पानी बचता है। उपलब्ध जल से अतिरिक्त सैच्य क्षेत्र में संभव होने से परियोजना के सैच्य क्षेत्र के विस्तार का निर्णय लिया गया है। सम्राट अशोक सागर (हलाली परियोजना) के द्वितीय चरण की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दिनाँक 05.05.2014 को राशि रू.110.15 करोड़ की दी गई है। परियोजना के जलाशय का निर्माण पूर्ण ऊंचाई 459.61 के लिए किया गया था। परंतु सैच्य क्षेत्र 27,270 हे. से अधिक उपलब्ध नहीं होने से डूब क्षेत्र की भूमि का अर्जन 458.40 मी. तक के जल भराव के लिए किया गया था और जल भराव भी 458.40 मी. तक किया जाता था। पूर्ण ऊँचाई तक जलाशय में जल भरने से जलाशय की जीवित जल ग्रहण क्षमता 226.93 मि.घ.मी. से बढ़कर 290.48 मि.घ.मी. हो गई है। अत: हलाली जलाशय से 7,000 हे. की दीवानगंज परियोजना निकाली जाने का निर्णय लिया गया है। दोनों परियोजनाओं से नहरों के अंतिम छोर तक सिंचाई की जा रही है।
भोपाल विकास प्राधिकरण द्वारा लीजरेंट न दिया जाना
7. ( क्र. 213 ) श्री विश्वास सारंग : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में बी.डी.ए. के उपर लीज रेंट की कितनी राशि बकाया है? किस वर्ष से बी.डी.ए. ने लीज रेंट नहीं दिया है? क्यों नहीं दिया? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या बी.डी.ए. ने विभिन्न कॉलोनी में लोगों को बेचे गए प्लाट/फ्लेट के समय लीज रेंट वसूल किया है? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत क्या बी.डी.ए. के अधिकारियों की गलती की वजह से बी.डी.ए. से प्रापर्टी खरीदने वाले लोगों को फ्री होल्ड नहीं मिल सका है? यदि हाँ, तो इसके लिए किस पदनाम/नाम के अधिकारी जिम्मेदार है? क्या उन पर कोई कार्यवाही की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) भोपाल विकास प्राधिकरण की कुल 10 योजनाओं में बकाया लीज रेन्ट राशि रूपये 6,15,81,020/- बकाया है। विभिन्न योजनाओं के भूमि आवंटन/ आधिपत्य वर्ष से लीजरेंट नहीं दिया गया है। समय पर प्राधिकरण को प्राप्त भूमियों के भूभाटक एवं प्रीमीयम का निर्धारण नहीं होने के कारण प्रीमीयम एवं भूभाटक की राशि एवं ब्याज की राशि बहुत अधिक बकाया हो गई है। इस कारण से बकाया की राशि शेष है। (ख) प्रश्नांश ’क’ के तहत बी.डी.ए. ने विभिन्न कॉलोनी के लोगों को विक्रय किये गये प्लाट/फ्लेट के समय तो लीजरेंट वसूल किया गया है। (ग) प्राधिकरण के द्वारा शासन को बकाया समस्त लीजरेंट एवं प्रीमीयम का भुगतान एवं उस पर ब्याज की राशि का निर्धारण समय पर नहीं हो पाया है। जिस कारण से प्राधिकरण के द्वारा फ्री-होल्ड के संबंध में अनापत्ति दिये जाने के बावजूद जिला प्रशासन द्वारा फ्री-होल्ड की कार्यवाही नहीं की जा रही है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध उत्खनन के प्रकरणों का निराकरण
8. ( क्र. 249 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में विगत दो वर्षों में अवैध खनन (रेत-गिट्टी-मुरम आदि) के कितने एवं कौन-कौन से प्रकरण कितने-कितने समय से निराकरण हेतु लंबित है? जिलेवार जानकारी दे? (ख) रतलाम-उज्जैन-शाजापुर-मंदसौर-नीमच जिलों के लंबित अवैध खनन के प्रकरणों का निराकरण शीघ्र करने के लिये क्या कार्य योजना है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन संभाग में प्रश्नानुसार प्रकरण न्यायालयीन प्रक्रिया के अंतर्गत निम्नानुसार प्रकरण लंबित है :-
क्र. |
जिला |
वर्ष 2013-14 |
वर्ष 2014 -15 |
1 |
उज्जैन |
3 |
14 |
2 |
रतलाम |
8 |
5 |
3 |
शाजापुर |
निरंक |
निरंक |
4 |
देवास |
6 |
8 |
5 |
आगर मालवा |
6 |
निरंक |
6 |
मंदसौर |
3 |
6 |
7 |
नीमच |
निरंक |
निरंक |
(ख) अवैध खनन के प्रकरणों का निराकरण निर्धारित अर्द्धन्यायिक प्रकिया के तहत किया जाता है। इसकी प्रक्रिया पूर्व निर्धारित होने के कारण पृथक से कार्य योजना की कोई आवश्यकता नहीं है।
नर्मदा नदी को प्रदूषण मुक्त करने की योजना
9. ( क्र. 342 ) श्री जितू पटवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा नर्मदा नदी को गंदगी एवं प्रदूषण से मुक्त करने के उद्देश्य से कोई योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो उपरोक्त योजना का विवरण उपलब्ध करावें? (ख) क्या माननीय उच्च न्यायालय द्वारा विगत सात वर्षों से नर्मदा नदी को गंदगी एवं प्रदूषण से मुक्त करने हेतु दिशा निर्देश दिये जा रहे है? (ग) क्या नर्मदा किनारे बसे हुए, गाँव, नगर एवं कस्बों की सारी गंदगी, मलमूत्र, फैक्टरियों से निकलने वाला घातक अपशिष्ट, सीधे नर्मदा में मिलाया जा रहा है? (घ) प्रश्नांक (ग) का उत्तर हाँ, है तो म.प्र. शासन द्वारा आज तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई एवं कार्यवाही की गई है तो क्या कार्यवाही की गई है तथा किन-किन के विरूद्ध कार्यवाही की गई है? विवरण उपलब्ध करवाये?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। नर्मदा तट पर स्थित 14 नगरीय निकायों क्रमशः अमरकंटक, डिण्डौरी, मण्डला, भेड़ाघाट, जबलपुर, होशंगाबाद, बुधनी, शाहगंज, नसरूल्लागंज, ओंकारेश्वर, महेश्वर, नेमावर, मण्डलेश्वर एवं धरमपुर हेतु जल आपूर्ति एवं सीवेज प्रबंधन योजना बनाई गई है। क्रियान्वयन हेतु राज्य शासन,भारत सरकार एवं बाह्य वित्तीय संस्थाओं से वित्त पोषित परियोजनाओं द्वारा किया जाना प्रस्तावित है। (ख) जी नहीं। (ग) नर्मदा नदी किनारे 14 निकायों का अनुपचारित निस्त्राव नदी में मिल रहा है। फैक्ट्रियों से निकलने वाले निस्त्राव उपचारित किया जाता है, अनुपचारित घातक अपशिष्ट नदी में नहीं मिल रहा है। (घ) उत्तरांश ‘क‘‘ अनुसार कार्यवाही की जा रही है।
राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना एवं फीडर सेपरेशन के अपूर्ण कार्य
10. ( क्र. 370 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवंबर 2015 की स्थिति में रायसेन जिले में फीडर सेपरेशन योजनानतर्गत कितने फीडरों एवं राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनान्तर्गत कितने ग्रामों का कार्य अपूर्ण एवं अप्रारंभ हैं? (ख) उक्त कार्य समय-सीमा में पूर्ण हो इस हेतु विभाग ने क्या-क्या कार्यवाही की? उक्त कार्य कब तक पूर्ण होगें? (ग) नवम्बर 2015 की स्थिति में किसानों-गरीबों के लिए विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जा रही हैं? मापदण्ड शर्तों सहित पूर्ण विवरण दें। (घ) उक्त योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु वर्ष 2015-16 में रायसेन जिले को कितनी राशि प्राप्त हुई तथा अभी तक कितनी राशि व्यय हुई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) नवम्बर 2015 की स्थिति में रायसेन जिले में फीडर सेपरेशन योजना के अन्तर्गत समस्त 90 फीडरों का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनान्तर्गत वर्तमान में 182 ग्रामों का कार्य अपूर्ण एवं 532 ग्रामों का कार्य अप्रारम्भ है। (ख) राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनान्तर्गत कार्य में अत्यधिक विलंब किये जाने के कारण टर्न-की ठेकेदार एजेंसी मेसर्स एरा इंफ्रा का अनुबंध निरस्त कर अनुबंध में प्रावधान के अनुसार रू. 19.66 करोड़ की राशि राजसात की गई है एवं नयी ठेकेदार एजेंसी मेसर्स ड्रेक एण्ड स्कल को शेष कार्य करने हेतु अनुबंधित किया गया है। उक्त नई अनुबंधित एजेंसी द्वारा माह अगस्त 15 से कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है तथा फरवरी-2017 तक उनके द्वारा कार्य पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है। (ग) प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) वर्ष 2015-16 में जिला-रायसेन के अन्तर्गत उत्तरांश (ग) में उल्लेखित योजनाओं में से कृषक अनुदान योजना के तहत् राशि रू. 816.12 लाख आवंटित की गई है, जिसमें से राशि रू. 262.45 लाख व्यय हुई है।
परिशिष्ट – ''पैंतालीस''
दीन बन्धु योजना
11. ( क्र. 371 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दीन बन्धु योजना में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के घरेलू कनेक्शनों पर 30 जून 2013 तक की बकाया राशि शतप्रतिशत माफ किये जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो रायसेन जिले में बिल की बकाया राशि पात्रता की श्रेणी वालों की माफ क्यों नहीं की गई? एक बत्ती कनेक्शनधारियों से कितना बिल प्रतिमाह लेने के निर्देश हैं? (ग) क्या रायसेन जिले में एक बत्ती कनेक्शनधारियों को रू.500 प्रतिमाह के बिल दिये जा रहे है? यदि हाँ, तो क्यों? कारण बतायें? (घ) उक्त संबंध में माननीय मंत्रीजी तथा विभाग को किन-किन सांसद विधायकों के पत्र इस वर्ष प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) रायसेन जिले में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले पात्र (अंत्योदय परिवारों सहित) उपभोक्ता, जिनके द्वारा बीपीएल कार्ड/अंत्योदय राशन कार्ड प्रस्तुत किए गए हैं, उन्हें दीनबंधु योजना का लाभ प्रदान किया गया है। दीन बंधु योजना के अंतर्गत ऐसे पात्र उपभोक्ता जो योजना का लाभ नहीं ले पाये है, उनके द्वारा उक्त उल्लेखित दस्तावेज प्रस्तुत करने पर उन्हें योजना का लाभ मिल सकेगा। गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले अनुसूचित जाति एवं जनजाति के घरेलू उपभोक्ताओं को प्रतिमाह मात्र 25 यूनिट तक के बिजली उपभोग पर ऊर्जा प्रभार में रू. 2.90/- प्रति यूनिट की सब्सिडी देने का प्रावधान है एवं इससे अधिक के विद्युत के उपयोग के विरूद्ध नियमानुसार म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के अनुसार बिल दिये जा रहे हैं। (ग) जी नहीं। (घ) उक्त संबंध में श्री रामपाल सिंह माननीय राजस्व एवं पुनर्वासमंत्री, म.प्र. शासन का पत्र क्रमांक 2530 दिनाँक 24.10.2015 प्राप्त हुआ है, जिसमें उल्लेखित ग्राम-खमरिया (पोडी) विकास खण्ड सिलवानी का जला/खराब ट्रांसफार्मर, जो कि पूर्व में 49 उपभोक्ताओं पर विद्युत बिल की रूपये 2.00 लाख की राशि बकाया होने के कारण नहीं बदला गया था, उसे बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा होने पर दिनाँक 03.11.15 को बदल दिया गया है। उक्त ट्रांसफार्मर जला/खराब होने के कारण विद्युत प्रदाय बंद होने की अवधि हेतु उपरोक्त उपभोक्ताओं से खपत की कोई भी राशि जमा नहीं कराई गई हैं तथा वर्तमान में जारी बिलों में दर्शाई गई बकाया राशि, ट्रांसफार्मर फेल होने की अवधि को उक्तानुसार समायोजित करने के बाद की है।
जलावर्द्धन योजना की जानकारी
12. ( क्र. 511 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में नगरी क्षेत्र में कितनी जलावर्द्धन योजनाओं पर कार्य चल रहा है? (ख) जलावर्द्धन योजना के निर्माण कार्य की जाँच एजेंसी कौन है व कार्य प्रारंभ से आज दिनाँक तक कितनी बार जाँच की गई है तथा जाँच रिपोर्ट एवं निरीक्षण दिनाँक बतावें? (ग) जिन वार्डों में पाईप लाईन डाली जा रही है या जिनमें पुरानी पाईप लाईन का उपयोग में लाया जा रहा है उन वार्डों के क्रमांक एवं मोहल्लों के नाम उनमें डाले गए पाईप की लंबाई एवं कितने एम.एम. की पाईप लाईन डाली गई है? (घ) जिस एजेंसी को निर्माण कार्य दिया गया है उसके द्वारा किये गये कार्य की कितने वर्षों की गारण्टी रहेगी एवं कितनी राशि सरकार के पास जमा रहेगी बतावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सुवासरा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत 02 नगरीय निकाय सुवासरा एवं शामगढ़ में जलावर्धन योजनाओं पर कार्य चल रहा है। (ख) यूआईडीएसएसएमटी के अंतर्गत स्वीकृत इन जलावर्धन योजनाओं के निर्माण कार्यों के निरीक्षण हेतु कोई जाँच एजेंसी नहीं है अपितु नियमिति व्यवस्था के अनुसार कार्यों का पर्यवेक्षण किया जाता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘ब’ अनुसार है। (घ) निविदा की शर्तें अनुसार निर्माण एजेंसी की निर्माण कार्य की परफारमेंस गारण्टी की अवधि 05 वर्ष की है। नगर परिषद शामगढ़ में गारण्टी की राशि रू.132.50 लाख तथा सुवासरा में गारण्टी की राशि रू.76.80 लाख निकायों के पास सुरक्षित रहेगी।
परिशिष्ट - ''छियालीस''
क्रेशर मशीन (गिट्टी मशीन) खनन के नियम
13. ( क्र. 512 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 03 वर्षों में मंदसौर जिले में खनिज विभाग द्वारा कितने क्रेशर (गिट्टी मशीन) हेतु लाइसेंस जारी किये गये है जारी करने की दिनाँक कितनी समयावधि के लिए जारी किये गये है। अलग-अलग प्रत्येक वर्ष वार बतावें? (ख) लाइसेंस प्राप्त करने के लिए किन शर्तों अथवा नियमों को पूर्ण किया जाना आवश्यक है? (ग) लाइसेंस की अवधि समाप्त होने के बाद भी खनन यथावत चालू रहता है तो कितना जुर्माना या अन्य कार्यवाही की जाती है? (घ) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में विभाग द्वारा विगत 03 वर्षों में कितनी क्रेशर (गिट्टी मशीन) मशीनों के गैर कानूनी प्रकार से संचालित पाये जाने पर कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 में क्रेशर (गिट्टी मशीन) हेतु लाइसेन्स दिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) प्रश्नांश ‘क’ में दिये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभाग द्वारा प्रस्तावित एवं स्वीकृत योजनाऍ
14. ( क्र. 591 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा विगत 02 वर्षों में कौन-कौन सी नई योजना स्वीकृत की है? कृपया आगर मालवा जिले की सूची उपलब्ध करावें? (ख) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर में विगत 02 वर्षों में किन-किन परियोजनाओं/योजना के प्रस्ताव प्राप्त हुए है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार प्राप्त प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही की गई? क्या कोई योजना स्वीकृत की गई है, यदि हाँ, तो स्वीकृत योजना की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) क्या स्वीकृत कुण्ठालिया बांध परियोजना अंतर्गत सिंचित क्षेत्र में वृद्धि/परिवर्तन संबंधी कोई प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है? यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही की गई?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) आगर-मालवा जिले में वर्ष 2015-16 में ढ़ोढ़र वियर और श्रीपतपुरा वियर की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है जिनका सैच्य क्षेत्र क्रमश: 340 हेक्टर, 300 हेक्टर होकर स्वीकृत राशि रू. क्रमश: 439.95 एवं 249.71 लाख है। विधान सभा क्षेत्र सुसनेर की कोई सिंचाई परियोजना स्वीकृति हेतु लंबित नहीं है। (घ) कुण्डालिया वृहद सिंचाई परियेाजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनाँक 13.10.2014 को राशि रू. 3448.00 करोड़ होकर सैच्य क्षेत्र 1,12,400 हेक्टर है। सैच्य क्षेत्र बढ़ाकर 1,25,000 हेक्टर करने का निर्णय लिया गया है।
ग्रामों के विद्युत प्रवाह में कटौती
15. ( क्र. 626 ) श्री राजकुमार मेव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू उपयोग हेतु 24 घंटे विद्युत प्रवाह एवं कृषि कार्य में सिंचाई हेतु 10 घंटे विद्युत प्रवाह के निर्देश दिये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो महेश्वर विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने ग्राम हैं जहां विद्युत प्रवाह 24 घंटे एवं 10 घंटे किया जा रहा है, तथा ऐसे कितने ग्राम है जहां यह विद्युत प्रवाह किये जाने में कटौती हो रही है? संपूर्ण ग्रामों की सूची उपलब्ध कराई जावे? (ग) महेश्वर विधानसभा क्षेत्र में फीडर सेपरेशन का कार्य किस कंपनी/ठेकेदार द्वारा किन-किन ग्रामों में पूर्ण किया जा चुका है? सूची उपलब्ध करावें? क्या फीडर सेपरेशन के कार्य में घटिया कार्य किये जाने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो तद्संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्न (ग) के संदर्भ में फीडर सेपरेशन का कार्य किन-किन ग्रामों में किस कंपनी/ठेकेदार द्वारा किया जाना शेष है? किन कारणों से यह कार्य नहीं किया जा रहा है? फीडर सेपरेशन का कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ (ख) महेश्वर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कुल 301 राजस्व ग्रामों में से 56 ग्राम वीरान है, शेष 245 आबाद ग्रामों में प्रकृतिक आपदा अथवा अन्य तकनीकी कारणों से हुए आकस्मिक अवरोध को छोड़कर घरेलू उपयोग हेतु 24 घंटे एवं कृषि कार्य हेतु 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उक्त 245 ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। महेश्वर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कोई भी राजस्व ग्राम ऐसा नहीं है जिसमें विद्युत कटौती की जा रही हो। (ग) महेश्वर विधानसभा क्षेत्र में फीडर विभक्तिकरण का कार्य मेसर्स एस्टर टेली सर्विस प्रायवेट लिमिटेड, हैदराबाद द्वारा 211 ग्रामों में पूर्ण किया जा चुका है। ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। जी नहीं, पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में ऐसी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (घ) महेश्वर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 34 राजस्व ग्रामों में फीडर विभक्तिकरण का कार्य किया जाना शेष है, जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। उक्त कार्य मेसर्स एस्टर टेली सर्विस प्रायवेट लिमिटेड, हैदराबाद द्वारा किया जा रहा है। फीडर विभक्तिकरण का प्रशाधीन शेष कार्य पूर्ण करने में विभिन्न कारणों यथा-राईट ऑफ वे उपलब्ध नहीं होने, वनबाधा होने, खेतों में फसल खड़ी होने, ठेकेदार एजेंसी के पास कुशल श्रमिकों की कमी आदि के कारण विलंब हो रहा है। फीडर विभक्तिकरण का उक्त कार्य ठेकेदार एजेंसी से माह फरवरी 2016 तक पूर्ण कराए जाने के प्रयास किये जा रहे है।
स्वैच्छिक संगठन का पंजीयन
16. ( क्र. 635 ) श्री प्रताप सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में संचालित जन अभियान परिषद योजनान्तर्गत कितने स्वैच्छिक संगठन का पंजीयन है, प्रत्येक संगठन के संचालक का नाम एवं पूर्ण पता बतलावें? स्वैच्छिक संगठन के पंजीयन की क्या विधि है, उससे भी अवगत करावें? (ख) जिले में कार्यरत स्वैच्छिक संस्थाओं को वर्ष 2012-13 से 2014-15 तक किस-किस कार्य के लिए कितना-कितना आवंटन जारी किया गया, कितने कार्य पूर्ण है तथा कितने कार्य अपूर्ण है कार्य अपूर्ण रहने का क्या कारण है? (ग) जिले में संगठनों द्वारा किये जा रहे कार्यों का निरीक्षण किस-किस अधिकारी द्वारा कब-कब किया गया तथा मौके पर कार्य की क्या स्थिति पायी गई, कार्य गुणवत्ताविहीन पाये जाने पर किन-किन संचालकों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (घ) सम्यक वेलफेयर सोसायटी (एन.जी.ओ.) को मध्यप्रदेश के किन-किन विभागों द्वारा कौन-कौन से प्रोजेक्ट स्वीकृत किये गये विभागवार बतलावें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जन अभियान परिषद द्वारा स्वैच्छिक संगठनों का पंजीयन नहीं किया जाता अपितु परिषद द्वारा संचालित नवंकुर योजनान्तर्गत वैधानिक रूप से पंजीकृत एवं पूर्व से कार्यरत स्वैच्छिक संगठनों का चयन किया जाता है। नवंकुर योजनान्तर्गत चयनित स्वैच्छिक संगठनों की जानाकरी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जन अभियान परिषद द्वारा नवांकुर योजनान्तर्गत चयनित स्वैच्छिक संगठनों को उनके द्वारा पूर्व से किये जा रहे कार्यों को प्रोत्साहित करने हेतु प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। दमोह जिलें में चयनित स्वैच्छिक संगठनों को वर्ष 2012-13 से 2014-15 तक आवंटित की गई प्रोत्साहन राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। उक्त संस्थाओं द्वारा वित्तीय वर्ष 2012-13 से 2014-15 तक आवंटित राशि का उपयोग कर लिया गया है तथा इस संबंध में उपयोगिता प्रमाण-पत्र भी प्रस्तुत किया जा चुका है अत: कार्य अपूर्ण रहने के संबंध में जानकारी निरंक है। (ग) जानकारी का विवरण पुस्तकालय में रखे रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। कार्य की स्थिति गुणवत्ताविहीन न होने से शेष प्रश्न का उत्तर निरंक है। (घ) सम्यक वेलफेयर सोसायटी (एनजीओ) को परिषद द्वारा किसी भी योजना के अन्तर्गत गठित अथवा चयनित नहीं किया गया है।
कृषि उपकरणों का विक्रय
17. ( क्र. 651
) श्री
प्रताप सिंह :
क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
राज्य शासन
के द्वारा
कृषि उपकरणों
के विक्रय पर
वेट लगाया जाता
है? यदि हाँ,
तो उपकरणवार
बललावें? (ख)
क्या वेट कर
से कृषि
उपकरणों के
मूल्य में
वृद्धि हो
जाती है, तथा
यह भार कृषक
को भुगतना
पड़ता है? (ग)
क्या शासन
अन्य राज्य
सरकारों की
भांति कृषि
उपकरण विक्रय
पर वेट कर समाप्त
करके कृषकों
को लाभांवित
करने हेतु
विचार करेगी? यदि
हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन
मंत्री ( श्री
जयंत मलैया ) : (क)
नहीं। कृषि
उपकरण वेट
अधिनियम 2002
की धारा 16
के अंतर्गत
अनुसूची 1
में आने से
करमुक्त
हैं।शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) एवं (ग)
प्रश्नांश 'क' के
संदर्भ में
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
जनरल वेसिक ग्रांट के संबंध में
18. ( क्र. 675 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में जनरल वेसिक ग्रांट हेतु वर्ष 2010 से 2014 तक कुल कितनी राशि दी गई? (ख) उक्त अनुदान से छतरपुर जिले में किस-किस कार्य हेतु उपयोग किया गया। (ग) क्या विभागीय अधिकारियों ने उक्त राशि के व्यय का परीक्षण किया? यदि हाँ, तो कब तथा क्या परिणाम प्राप्त हुए?
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है।
विधायक को भी सूचना के अधिकार अंतर्गत आवेदन
19. ( क्र. 684 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में नगर एवं ग्राम निवेश कार्यालय में कितनी कालोनाईजरों के आवेदन विगत 5 वर्षों में प्राप्त हुए इनमें से कितने आवेदन स्वीकृत हुए, कितने आवेदन विचाराधीन तथा कितने आवेदन अस्वीकृत हुए कारण सहित प्रकरणवार सूची देवें? (ख) कालोनाईजरों को किन नियम एवं शर्तों पर अनुमति, अनुमोदन प्रदान की जाती है? सामान्य शर्तों की एक प्रति देवें नियमों का पालन नहीं करने पर क्या कार्यवाही की जाती है? क्या नियमानुसार कार्य हुआ है? यह निरीक्षण किसके द्वारा कराया जाता है? (ग) वर्तमान में खरगोन जिले में कितनी कॉलोनी विभाग द्वारा अनुमोदित, मान्य है? कॉलोनीवार, ब्लाकवार, कॉलोनी के नाम एवं क्षेत्रफल सहित सूची देवें? (घ) नगर एवं ग्राम निवेश के जिला स्तरीय अधिकारी के कर्तव्यों, कार्यों की जानकारी देवें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) नगर तथा ग्राम निवेश, जिला कार्यालय खरगोन में वर्ष 2010 से आज दिनाँक तक म.प्र. नग्रानि अधिनियम 1973 की धारा 29 एवं धारा 16 के अंतर्गत कुल 41 आवेदन प्राप्त हुये, जिसमें से 40 प्रकरणों में अनुमतियाँ जारी की गई। 01 प्रकरण में अनुज्ञा देने से इंकार किया गया सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ख) म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 29 एवं धारा 16 अंतर्गत प्राप्त प्रकरणों में विकास योजना के प्रावधानों एवं म.प्र. भूमि विकास नियम 2012 के प्रावधान के अंतर्गत अनुमति प्रदान की जाती है। सामान्य शर्तों की प्रति सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार। जी हाँ। प्रदान की गई विकास अनुज्ञा के उल्लघंन की स्थिति में म.प्र. नग्रानि अधिनियम 1973 की धारा 36 एवं 37 के अंतर्गत कार्यवाही किये जाने एवं म.प्र. भूमि विकास नियम 2012 के नियम 25 के अंतर्गत दी गई अनुज्ञा को प्रतिसंहत के प्रावधान है। नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय द्वारा स्थल निरीक्षण किया जाता है। (ग) जानकारी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (घ) संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश भोपाल द्वारा आदेश दिनाँक 17.05.2013 द्वारा जिला अधिकारियों को प्रदत्त शक्तियों का प्रत्यायोजन किया है। आदेश में वर्णित अनुसार कर्तव्यों का निर्वहन किया जाता है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’स’ अनुसार है।
कालीसिंह नदी से ग्राम सांवेर में जल प्रदाय हेतु पाईप लगवाने बावत्
20. ( क्र. 713 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सोनकच्छ तह. अन्तर्गत ग्राम सांवेर में कालीसिंध नदी से पानी दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ख) क्या सांवेर में जल प्रदाय हेतु कालीसिंध नदी से पाईप लाईन लगवाई गई है? यदि हाँ, तो किस योजना के अंतर्गत स्वीकृत है? कार्य पूर्ण हो चुका है या नहीं? (ग) यदि उक्त संबंध में कार्यवाही प्रचलित है तो जानकारी स्पष्ट करे?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) ग्राम सांवेर में कालीसिंध नदी पर जल संसाधन विभाग की कोई संरचना न तो निर्मित है और न ही कोई प्रस्ताव विचाराधीन है। अत: शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते है।
सोनकच्छ में स्मार्ट सिटी योजना का कार्य
21. ( क्र. 716 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सोनकच्छ को भी स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत शामिल किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक इसका निर्माण कार्य शुरू होगा? यदि स्वीकृत नहीं है तो क्या विभाग द्वारा इसकी स्वीकृति हेतु कोई कार्यवाही प्रचलित है? (ग) स्मार्ट सिटी अंतर्गत क्षेत्रवासियों को क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध हो सकेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। भारत सरकार द्वारा जारी गाईडलाइन अनुसार सोनकच्छ को स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत शामिल नहीं किया गया। (ख) एवं (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अटल सीटी बस के संचालन संधारण विषयक
22. ( क्र. 746 ) श्री राजेश सोनकर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर शहर से संचालित होने वाली अटल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस की बसों के संचालन के पश्चात् टेण्डर प्रक्रिया अपनाई गई एवं प्रदेश में चलाई जा रही बसों में व अन्य जिले के बाहर कि बसों में खाद्य सामग्री के लिए भी टेण्डर प्रक्रिया अपनाई गई थी? यदि हाँ, तो टेंडर प्रक्रिया की जानकारी प्रदान कराये? (ख) सिटी बसों पर विज्ञापन एवं बी.आर.टी.एस. मार्ग पर विज्ञापनों के माध्यम से कितनी राशि प्राप्त हो रही है? क्या उक्त राशि नगर निगम में जमा की जा रही है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त राशि का उपयोग किन कार्यों पर किया जा रहा है? कुल आय-व्यय की जानकारी वर्ष 2013 से प्रश्न दिनाँक तक की उपलब्ध करायें? (घ) अटल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस के द्वारा स्टेण्ड से चलने वाली बसों का क्या अनुशंसा शुल्क लिया जा रहा है? अटल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस द्वारा कोरियर एवं बसों के रिपेरिंग मेंटनेंस का कार्य किस एजेंसी को कब से कब तक किन-किन शर्तों पर दिया गया है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। इन्दौर से बाहर संचालित स्कॉय बस इंटरसिटी एवं ग्रामीण बस सेवा पी.पी.पी. मॉडल (पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशीप) के अंतर्गत संचालित की जाती है। बसों में यात्रियों के लिये उपलब्ध खाद्य सामग्री बस संचालक द्वारा उपलब्ध कराई जाती है। अटल इन्दौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड द्वारा कोई भी खाद्य सामग्री से संबंधित निविदा नहीं की गई है। (ख) सिटी बसों पर विज्ञापन से प्रतिमाह लगभग रू. 7,31,965/- एवं बी.आर.टी.एस. पर विज्ञापन से प्रतिवर्ष लगभग राशि रू. 1,85,00,000/- प्राप्त होगी। विज्ञापन से प्राप्त राशि नगर निगम में जमा नहीं की जाती है। (ग) सिटी बसों एवं बी.आर.टी.एस. के विज्ञानों से प्राप्त राशि का उपयोग अटल इन्दौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड द्वारा बी.आर.टी.एस. एवं शहरी लोक परिवहन को संचालित करने में की जाती है। अटल इन्दौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड की वित्तीय वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 का आय-व्यय पत्रक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। शासकीय बस स्टैण्ड से संचालित बसों का अनुशंसा शुल्क संबंधित बस ऑपरेटर द्वारा सक्षम प्राधिकारी को जमा किया जाता है। इन्दौर से बाहर संचालित इंटरसिटी एवं ग्रामीण बस सेवा पी.पी.पी. मॉडल पर संचालित की जाती है, जिसमें बसों के रिपेयरिंग मेन्टेनेंस का कार्य बस ऑपरेटर द्वारा पी.पी.पी. मोड की मूल निविदा की शर्तों के आधार पर किया जाता है। कोरियर का कार्य निविदा कंडिका अनुसार ए.आई.सी.टी.एस. के अंतर्गत नहीं आता है।
इंदौर शहर में जल समस्या निराकरण
23. ( क्र. 748 ) श्री राजेश सोनकर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिक निगम इंदौर द्वारा शहरी क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति हेतु कितनी जनसंख्या को दृष्टिगत रखते हुए जलापूर्ति की प्लानिंग की गई थी? क्या इंदौर शहर में झोनल प्लान बनाकर पानी वितरण किया जाता है? यदि नहीं, तो भविष्य में ऐसी कोई प्लानिंग है? (ख) क्या नगर पालिक निगम इंदौर द्वारा शहरी क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति हेतु कितनी जनसंख्या को दृष्टिगत रखते हुए जलापूर्ति की प्लानिंग की गई थी? क्या इंदौर शहर में झोनल प्लान बनाकर पानी वितरण किया जाता है? यदि नहीं, तो भविष्य में ऐसी कोई प्लानिंग है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या नर्मदा तृतीय चरण के पहले कितना पानी इंदौर शहर को मिल रहा था? क्या नर्मदा तृतीय चरण हेतु अत्याधुनिक पंपो व मशीनों की स्थापना की गई थी? यदि हाँ, तो सम्पूर्ण जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या इंदौर शहर में नर्मदा तृतीय चरण द्वारा जल वितरण किये जाने से लगातार पंपो के बंद होने व लाईनों में लिकेज होने से 8 से 15 दिन तक जल आपूर्ति प्रभावित हो रही है? यदि हाँ, तो उक्त समस्याओं को पूर्व में दृष्टिगत रखते हुए कार्यवाही नहीं की गई थी? जनता को हो रही परेशानियों के लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार है? क्या संबंधित पर कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) वर्ष 2024 तक के लिए, 33 लाख जनसंख्या के लिए। जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) नर्मदा तृतीय चरण के क्रियान्वयन के पूर्व शहर को नर्मदा प्रथम व द्वितीय चरण से 110 एम.एल.डी., यशवंत सागर से 20 एम.एल.डी. तथा बिलावती से 03 एम.एल.डी. जलप्रदाय प्राप्त हो रहा था। जी हाँ। नर्मदा तृतीय चरण हेतु इंटकवेल, ट्रीटमेंट प्लांट तथा पम्प हाऊसेस में अत्याधुनिक पम्पों एवं मशीनों की स्थापना की गई है, यह सभी स्कडा से संचालित है। पम्पों व मशीनरी का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। नर्मदा तृतीय चरण के क्रियान्वयन के उपरांत नर्मदा परियोजना से 180 एम.एल.डी. अतिरिक्त जलापूर्ति प्रारंभ हो गई है। यशवंत सागर की क्षमता वृद्धि होने से वहाँ से 30 एम.एल.डी. जलापूर्ति हो रही है। इस प्रकार शहर में नर्मदा, यशवंत सागर तथा बिलावली से कुल 323 एम.एल.डी. जलापूर्ति हो रही है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
इन्दौर शहरी सीमा में शामिल क्षेत्रों में अवैध निर्माण
24. ( क्र. 749 ) श्री राजेश सोनकर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 2 वर्षों में नगर पालिक निगम सीमा में शामिल 29 गांवों में पूर्व में पंचायत क्षेत्रों में किये गये अवैध निर्माण की शिकायतें आयुक्त को प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो कहां-कहां सम्पूर्ण जानकारीमय सूची उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या सांवेर विधान सभा क्षेत्र के वार्ड क्र. 35 लसुडि़या, वार्ड क्र. 36 निपानिया ग्राम कुमेड़ी, कनाडि़या, भांग्या, भानगढ़ आदि क्षेत्रों में व सीमा में शामिल अन्य विधान सभा क्षेत्र में पूर्व पंचायतों में भवन निर्माण की स्वीकृति सरपंचों व टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग के इंजीनियरों के भौतिक सत्यापन पश्चात् दी गई थी? यदि हाँ, तो कहां-कहां जानकारी प्रदान करें? किन-किन द्वारा प्रमाणीकरण प्रपत्र दिया? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या पंचायतों को हाईराईज व अन्य बहुमंजिला बिल्डिंग निर्माण की स्वीकृति की पात्रता है? क्या क्राम कनाडि़या की खसरा भूमि नं. 179/1/2, 178/1, 177/3, 176/1, ग्राम कनाडि़या स्थित भूमि पर निर्मित बिल्डिंग का निरीक्षण किन-किन अधिकारियों ने विगत दो वर्षों में कब-कब किया? इस बहुमंजिला बिल्डिंग पर नगर पालिक द्वारा अवैध निर्माण तोड़ने की कार्यवाही दी गई थी? (घ) नगर निगम द्वारा अवैध निर्माण पाये जाने पर उक्त बिल्डिंग में अवैध निर्माण तोड़ा गया था? तो क्या अवैध निर्माण होने पर जिम्मेदार अधिकारी, सरपंचों पर कोई कार्यवाही अथवा बिल्डर पर कोई कार्यवाही की गई है? क्या उक्त बिल्डिंग को नगर पालिक निगम द्वारा अवैध निर्माण तोड़ने के पश्चात् बिल्डर द्वारा कब कम्पाउंडिंग का आवेदन प्रदान किया गया व कितने प्रतिशत कम्पाउंडिंग की स्वीकृति नगर निगम द्वारा जारी की जाकर कितनी प्रतिशत कम्पाउंडिंग शुल्क जमा कराई गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। स्थान एवं प्रमाणीकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) नगर तथा ग्राम निवेश एवं हाईराईज कमेटी के अनुमोदन पश्चात् स्वीकृति की पात्रता है। प्रश्नाधीन भवन की जाँच दिनाँक 08.05.2014 को नगर निगम के भवन, अधिकारी, भवन निरीक्षक तथा नगर तथा ग्राम निवेश, इन्दौर के सहायक संचालक तथा मानचित्रकार द्वारा किया गया था। नगर निगम द्वारा दिनाँक 08.02.2015 को रिमूव्हल कार्यवाही की गई थी। (घ) जी हाँ। अवैध निर्माण संज्ञान में आने पर निगम द्वारा नियमानुसार कार्यवाही करने से अधिकारियों पर कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। बिल्डर द्वारा कंपाउंडिंग हेतु आवेदन दिनाँक 12.02.2015 को प्रस्तुत किया गया है। प्रश्नाधीन भवन निर्माता द्वारा मान. उच्च न्यायालय में याचिका क्रं. डब्ल्यू.पी./1109/15 प्रस्तुत की गई है, जिससे मान. उच्च न्यायालय द्वारा आदेश दिनाँक 19.02.2015 से तोड़फोड़ की कार्यवाही पर रोक लगाई है। मान. उच्च न्यायालय द्वारा याचिका में पारित अंतिम निर्णय के अनुक्रम में ही आगामी कार्यवाही की जावेगी, वर्तमान तक कोई कंपाउडिंग नहीं की गई है और न हीं कंपाउंडिंग शुल्क जमा कराया गया है।
नगर पालिका द्वारा खरीदी गई सामग्री
25. ( क्र. 796 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका मकरोनिया बुजुर्ग द्वारा दिनाँक 01 अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनाँक तक क्या-क्या सामग्री किन-किन मदों से क्रय की गई? (ख) क्या क्रय की गई सामग्री को क्रय करते समय शासन के नियमों का पालन किया गया है? (ग) क्रय की गई सामग्री की गुणवत्ता की वैद्यता, स्वीकृति का आधार एवं भुगतान की जानकारी देवें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
परिशिष्ट – ''सैंतालीस''
हाईटेंशन लाईन की स्वीकृति
26. ( क्र. 800 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पंचायत खेलागांव, टोलक्या खेड़ी तह. नलखेड़ा, जिला आगर (मालवा) को हाई टेंशन लाईन से ग्राम मोया खेड़ा से जोड़ने हेतु शासन द्वारा स्वीकृति दी गई थी? इस हेतु शासन ने कितनी राशि स्वीकृति की गई थी? (ख) क्या स्वीकृत राशि के अनुसार योजना पूर्ण कर ली गई है? यदि हाँ, तो कब, इस हेतु किस ठेकेदार द्वारा कार्य किया गया था? क्या ठेकेदार द्वारा स्वीकृत योजनानुसार कार्य किया गया है? यदि हाँ, तो इसका सत्यापन किस स्तर के अधिकारी द्वारा कब किया गया है? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) अनुसार योजना पूर्ण कर ली गई है, तो विवरण उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो क्यों? योजना के पूर्ण न होने के क्या कारण हैं? (घ) क्या स्वीकृत योजना अनुसार शासन कार्य करवाने हेतु आवश्यक निर्देश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ, कार्यपालन यंत्री (संचा.संधा.) संभाग, आगर द्वारा एस टी एस योजना में रू. 49.60 लाख की राशि का प्राक्कलन क्रमांक 56-026-3642-08-0010 दिनाँक 04.6.2008 स्वीकृत किया गया था। उक्त कार्य करने हेतु कार्यपालन यंत्री, निर्माण संभाग, शाजापुर को कार्यादेश क्रमांक 22/2892 दिनाँक 12.06.2008 जारी किया गया था। (ख) जी हाँ, उक्त कार्य दिनाँक 27.01.2009 को पूर्ण करा लिया गया था। उक्त कार्य लेबर कांन्ट्रेक्टर श्री महेशगिरी गोस्वामी, के द्वारा पूर्ण किया गया था। जी हाँ, लेबर कान्ट्रेक्टर द्वारा स्वीकृत प्राक्कलन अनुसार कार्य किया गया था। उक्त कार्य का सत्यापन सहायक यंत्री स्तर के अधिकारी द्वारा दिनाँक 27.01.2009 को किया गया था। (ग) जी हाँ, प्रश्नाधीन कार्य स्वीकृत प्राक्कलन अनुसार पूर्ण किया गया था। उक्त प्राक्कलन में 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र मोयाखेड़ा पर एक अतिरिक्त 1.6 एम.व्ही.ए. क्षमता के पॉवर ट्रांसफार्मर की स्थापना एवं 7.5 किलोमीटर की 11 के.व्ही. लाईन लगाए जाने का प्रावधान किया गया था। स्वीकृत प्राक्कलन अनुसार पॉवर ट्रांसफार्मर की स्थापना का कार्य दिनाँक 31.07.2008 को एवं 11 के.व्ही. लाईन का कार्य दिनाँक 27.01.2009 को पूर्ण किया गया था। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
वृहद सिंचाई परियोजनाएं की जानकारी
27. ( क्र. 816 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कुल कितनी वृहद सिंचाई परियोजनाएं चल रही है? ये परियोजनाएं कहां-कहां संचालित हैं? (ख) उक्त में से ऐसी कितनी सिंचाई परियोजनाएं है जिन पर काम जनवरी 2003 से पूर्व हो चुका था?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
म.प्र. में संचालित पावर प्लांट
28. ( क्र. 817
) सुश्री
हिना लिखीराम
कावरे : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
मध्य प्रदेश
पावर
जनरेटिंग
कंपनी
लिमिटेड में कुल
कितने पावर प्लांट
संचालित हैं
इनकी क्षमताएँ
कितनी हैं? कृपया
नाम तथा शहर
के नाम सहित
संपूर्ण
जानकारी दें? (ख)
उक्त में से
ऐसे कितने
पावर प्लांट
है (ज्यादा
क्षमता वाले)
जिनको
प्रांरभ करने
की प्रक्रिया 2003
के बाद
प्रारंभ की
गयी?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क)
म.प्र.पा.ज.कं.लि.
में कुल 04
ताप विद्युत
गृह एवं 10
जल विद्युत
गृह संचालित
हैं, इन विद्युत
गृहों की
क्षमता, नाम
एवं शहर के
नाम सहित जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट में
दर्शाई गई
है। (ख)
उपरोक्त में
से कुल 03
विद्युत गृह
है (ज्यादा
क्षमता वाले)
जिनका
निर्माण
कार्य वर्ष 2003
के बाद
प्रांरभ किया
गया, विवरण निम्नानुसार
है :-
क्रं |
परियोजना का नाम |
क्षमता (मेगावाट में) |
निर्माण कार्य प्रांरभ होने की तिथि |
1 |
अमरकंटक ताप विद्युत गृह विस्तार इकाई क्रं.5 चचाई, जिला-अनूपपुर (म.प्र.) |
1x210 मेगावाट |
30/09/2004 |
2 |
सतपुडा ताप विद्युत गृह विस्तार इकाई क्रमांक 10 एवं 11 सारणी, जिला बैतूल (म.प्र.) |
2x250 मेगावाट |
27/02/2009 |
3 |
श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना प्रथम चरण डोंगलियर जिला खंडवा (म.प्र.) |
2x600 मेगावाट |
12/12/2008 |
नगर में स्थित अवैध कॉलोनियों में मूलभूत सुविधायें प्रदान करना
29. ( क्र. 854
) श्री आर.डी.
प्रजापति :
क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
जिला छतरपुर
में कितनी
अवैध
कॉलोनियां
स्थित है, क्षेत्रवार
सूची प्रदाय
करें तथा
कॉलोनाइजरों
के नाम व पते
भी प्रदाय
किये जावे? उक्त
अवैध
कॉलोनाइजरों
के विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
गई? (ख)
छतरपुर नगर
एवं राजनगर
तहसील में
अवैध कॉलोनियों
में
कॉलोनाइजरों
पर कितने
आपराधिक प्रकरण
दर्ज कराए गए
है? (ग)
जिला छतरपुर
में ऐसी कितनी
अवैध
कॉलोनियां है, जिनके
कॉलोनाइजरों
से विकास शुल्क
अभी तक नहीं
वसूला गया है? विवरण
तथा सूची के
साथ
कॉलोनीवार
बकाया विकास
शुल्क की
राशि की
जानकारी
प्रदाय करें? (घ)
बकाया विकास
शुल्क कब तक
वसूला जावेगा?
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क)
जिला छतरपुर
के अनुभाग
छतरपुर में 144,
राजनगर में 13, बड़ामलहरा
में 01 तथा नौगांव
में 33 कुल-161
अवैध
कॉलोनियां
अवस्थित है।
इन अनुभागों
में से अनुभाग
छतरपुर की 78
एवं अनुभाग
नौगांव की 17
कुल 95 अवैध
कॉलोनियों पर
कार्यवाही कर
अर्थदण्ड
अधिरोपित
किया गया है।
शेष 66 अवैध
कॉलोनियों के
विरूद्ध
कार्यवाही
विचाराधीन
है। विवरण की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख)
अनुभाग
छतरपुर
अंतर्गत तत्कालीन
एस.डी.ओ.
छतरपुर
द्वारा 78
अवैध
कॉलोनाईजरों
के विरूद्ध
अर्थदण्ड
अधिरोपित कर
आपराधिक
प्रकरण दर्ज
करने के आदेश
दिये गये थे।
पुलिस अहस्तक्षेप
योग्य
धारायें होने
से आपराधिक
प्रकरण पुलिस
द्वारा दर्ज
नहींकिये गये
है। अनुभाग
राजनगर में
अवैध
कॉलोनियों के
कॉलोनाईजरों
पर कोई आपराधिक
प्रकरण दर्ज
नहीं है। (ग)
जिला छतरपुर
के अनुभाग
छतरपुर में 78
एवं अनुभाग
नौगांव में 33
कुल 111 अवैध
कॉलोनियों के
प्रकरणों में
विकास शुल्क
निर्धारण न
होने से विकास
शुल्क वसूल
नहीं किया गया
है। (घ) उत्तरांश
''ग'' के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
नगर पंचायत बोड़ा द्वारा खरीदी गई सामग्री
30. ( क्र. 884 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत बोड़ा नगर पंचायत द्वारा दिनाँक 15.1.2015 से प्रश्न दिनाँक तक कुल कितनी विद्युत व जल प्रदाय सामग्री कब-कब किस फर्म से खरीदी गई? (ख) प्रश्न की कंडिका (क) की उपलब्ध जानकारी अनुसार खरीदी गई सामग्री की प्रशासनिक स्वीकृति समाचार पत्र की प्रति (जिसमें निविदा का प्रकाशन किया गया)/टेण्डर क्रय हेतु ठेकेदारों के द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्रों की छायाप्रति दें? उक्त सामग्री का भुगतान किस निधि से किया गया?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
मुख्यमंत्री कृषक अनुदान योजना में लगने वाले ट्रांसफार्मर
31. ( क्र. 885 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री कृषक अनुदान योजना में लगने वाले ट्रांसफार्मर किसानों द्वारा पंजीयन कराने के बाद वरीयता क्रम से देने का नियम है? यदि हाँ, तो क्या नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र में 01 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनाँक तक किसानों को वरीयता क्रम अनुसार ट्रांसफार्मर लगाये गये है? (ख) नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 01 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनाँक तक कितने किसानों का पंजीयन मुख्यमंत्री कृषक अनुदान योजना में ट्रांसफार्मर लेने के लिये किया है? वरीयता क्रम सहित सूची किसान का नाम/ग्राम का नाम/पंजीयन दिनाँक व ट्रांसफार्मर लगाने की दिनाँक सहित सूची उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्न की कंडिका (क) की उपलब्ध जानकारी अनुसार अगर वरीयता क्रम में ट्रांसफार्मर नहीं लगाये गये तो? दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी? समय-सीमा बतावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ, उल्लेखनीय है कि अनुदान योजना में कृषि पम्प कार्य हेतु कृषकों द्वारा राशि जमा करने की तिथि से आवेदन की वरीयता मानी जाती है। नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 01 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनाँक तक उक्त योजनान्तर्गत राइट-आफ-वे उपलब्ध होने पर कृषकों के कार्य वरीयता अनुसार ही किये गये है। (ख) नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 01 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनाँक तक 492 किसानों के आवेदनों का पंजीयन अनुदान योजना के अंतर्गत स्थाई पंप कनेक्शन प्रदान करने हेतु किया गया है। वरीयता अनुसार एवं प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार राइट-आफ-वे उपलब्ध नहीं होने वाले प्रकरणों को छोड़कर शेष सभी कार्य वरीयता अनुसार किए गए है। अत: किसी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं उठता।
खनिज उत्खनन
32. ( क्र. 918 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2010 से 2015 तक जिला छतरपुर में खनिज उत्खनन किया गया है? यदि हाँ, तो कहां-कहां पर व किस-किस प्रकार के खनिज उत्खनित किये जाते हैं? खदानों के नाम स्थान व संचालकों के नाम पता सहित तथा खदानों हेतु म.प्र. शासन द्वारा कितनी-कितनी जमीन का आवंटन किया गया? (ख) क्या खनिजों की प्रोसेसिंग, शुद्धिकरण, फिनेसिंग कराई जाती है? यदि हाँ, तो कहां कराई जाती है? फिनेसिंग प्लांट खदान से कितनी दूरी पर होना चाहिए? शासन के नियम सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या म.प्र. शासन द्वारा स्थानीय निवासियों के खदानों के संचालन हेतु रोजगार दिया गया? यदि हाँ, तो समस्त खनिज खदानों में कितने लोगों को रोजगार दिया गया? क्या उक्त मजदूरों के बीमा कराये गये? यदि हाँ, तो कब? नहीं, तो क्यों? कब तक कराये जायेंगे? (घ) क्या खनिज संचालकों द्वारा खदानों की पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति की गई? यदि हाँ, तो किस-किस संचालकों द्वारा? यदि नहीं, तो क्यों? क्या इनके विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ में दर्शित है। (ख) प्रश्नानुसार जानकारी संधारित किये जाने का प्रावधान खनिज नियमों में ना होने के कारण प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 में उत्खनिपट्टे की स्वीक़ति में अधिमानी अधिकार दिये जाने के प्रावधान है। खदानों में रोजगार दिये जाने एवं मजदूरों का बीमा कराये जाने संबंधी प्रावधान खनिज नियमों में नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) जिस व्यक्ति के पक्ष में पूर्वेक्षण कार्य हेतु अनुज्ञप्ति स्वीकृत की गई है उनके द्वारा पूर्वेक्षण किया गया है। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ में दर्शित है। परिशिष्ट में दर्शाये अनुसार पूर्वेक्षण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है या पूर्वेक्षण कार्य इनके द्वारा किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधायक निधि से स्वीकृति कार्य
33. ( क्र. 1015 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के विकासखण्ड उचेहरा के अंतर्गत ग्राम पिपरोखर पहुंच मार्ग से शारदादीन के घर तक सी.सी. रोड निर्माण हेतु प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा पांच लाख रूपये विधायक निधि से स्वीकृत करने का प्रस्ताव जिला योजना समिति को लगभग एक वर्ष पूर्व भेजा गया था? (ख) यदि हाँ, तो स्वीकृति राशि प्रश्न दिनाँक तक निर्माण एजेन्सी लोक निर्माण विभाग को क्यों नहीं भेजी गई? अब तक न भेजने के लिये कौन उत्तरदायी है और उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी और कब तक राशि जारी कर दी जायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। (ख) निर्माण ऐजेन्सी लोक निर्माण विभाग को राशि रू. 5.00 लाख आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय के पत्र क्रमांक 516/2015/आसासं/1-प्रशा./ बजट दिनाँक 28.01.2015 द्वारा प्रमुख अभियंता लोक निर्माण भवन, अरेरा हिल्स भोपाल म.प्र. को जारी की जा चुकी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुआवजा राशि उपलब्ध कराने के संबंध में
34. ( क्र. 1020 ) श्री हरवंश राठौर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पंचम नगर मध्यम परियोजना अंतर्गत ग्राम पगरा तह. बण्डा के कृषकों की भूमि डूब में आने के कारण उसका मुआवजा तो उपलब्ध करा दिया गया है लेकिन उन कृषकों के रहवासी मकानों का मुआवजा आज दिनाँक तक नहीं दिया गया है? (ख) यदि रहवासी मकान का मुआवजा नहीं दिया गया है तो विस्थापित कृषकों/हितग्राहियों को कब तक मकान का मुआवजा दिया जाएगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) परियोजना के डूब क्षेत्र में ग्राम पगरा का कोई भी रहवासी मकान डूब में नहीं आने से उनके अधिग्रहण एवं मुआवजा भुगतान के प्रश्न उपस्थित नहीं होते है।
स्वीकृत जनसम्पर्क निधि हितग्राहियों के खातों में जमा
35. ( क्र. 1027 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनाँक 28 जुलाई 2015 के ता. प्रश्न संख्या-3 (क्रमांक 965) में आश्वस्त किया गया था कि पूरक बजट में राशि प्राप्त होने के पश्चात् हितग्राहियों के खाते में राशि जमा करा दी जावेगी तो क्या पूरक बजट में राशि प्राप्त कर ली गई है? (ख) यदि हाँ, तो संबंधित हितग्राहियों के खाते में राशि कब तक जमा करा दी जावेगी? (ग) यदि नहीं, तो उसका क्या कारण है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पूरक बजट अप्राप्त है।
रतलाम जिले में कनेरी डेम का निर्माण
36. ( क्र. 1028 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम के पास कनेरी डेम निर्माण कराये जाने संबंधी कोई योजना प्रस्तावित अथवा लंबित है? (ख) यदि हाँ, तो उस पर कितनी राशि व्यय किया जाना प्रस्तावित है? (ग) वर्तमान में प्रक्रिया अथवा कार्य की क्या स्थिति है? (घ) उक्त डेम बनने से रतलाम जिले का कितना हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित होगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) कनेरी परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति राशि रू. 3968.73 लाख की दिनाँक 30.09.2014 को जारी की गई है। परियोजना के डूब क्षेत्र में वन भूमि के उपयोग की अनुमति के लिए प्रकरण भारत-सरकार को भेजा गया है। निर्माण के लिए अग्रिम तैयारी के उद्देश्य से निर्माण हेतु निविदा आमंत्रित की गई है। (घ) परियोजना में 506 हेक्टर में सिंचाई तथा उद्योगों के लिए 10 मि.घ.मी. जल का प्रावधान रखा गया है।
खाचरौद क्षेत्र में 132 के.व्ही. ग्रिड स्थापित करना
37. ( क्र. 1057 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में लगभग 70 से 80 ग्रामों के मध्य खाचरौद, बुरानावाद, बड़ागांव, चिरोला, नरसिंहगढ़, भुकसा, रूनखेड़ा बटचावदी, बेजारी, घिनोदा, आक्याजागीर, मोकड़ी, एवं खुरमुण्डी में 33 के.व्ही. की ग्रिड संचालित है एवं मात्र बुरानाबाद में ही 132 के.व्ही. की ग्रिड संचालित है, ऐसे में आये दिन कम वोल्टेड प्राबलम बार-बार लाईट ट्रेपिंग (बंद होना) की समस्या बनी रहती है? (ख) क्या इस क्षेत्र में इस समस्या से निपटने के लिए शासन द्वारा 132 के.व्ही. की कितनी ग्रिड खोलने की योजना बनाई है? यदि नहीं, बनाई गई है तो कब तक बना ली जावेगी? समय-सीमा बतावें? (ग) नागदा खाचरोद विधान सभा क्षेत्र में 33 के.व्ही. के नवीन सबस्टेशन की क्या कार्य योजना है, विवरण उपलब्ध करावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) नागदा, खाचरौद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल 12 नग 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों से विद्युत प्रदाय किया जाता है। उक्त में से 10 उपकेन्द्र (खाचरौद, बुरानाबाद, चिरोला, नरसिंहगढ़, भुवासा, रूनखेड़ा, बटलावदी, घिनौदा आक्याजागीर एवं खुरमंडी) जिनकी कुल स्थापित क्षमता 81.40 एम.व्ही.ए. है, 132/33 के.व्ही. उपकेन्द्र बुरानाबाद से सम्बद्ध हैं, जिसकी स्थापित क्षमता 2X40 एम.व्ही.ए. है। प्रश्नांश में उल्लेखित 2 उपकेन्द्र यथा- बड़ागांव एवं मोकड़ी जिनकी कुल स्थापित क्षमता 23.15 एम.व्ही.ए. है, को 220/132/33 के.व्ही. उपकेन्द्र नागदा से विद्युत प्रदाय होता है, जिसकी स्थापित क्षमता 1X100+1 X40 एम.व्ही.ए. है। प्रश्न में उल्लेखित ग्राम बंजारी में वर्तमान में उपकेन्द्र स्थापित नहीं है अपितु इस ग्राम में नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र का निर्माण कार्य प्रगति पर है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में बार-बार लाईन की ट्रिपिंग नहीं होती, अपितु केवल रबी सीजन में लम्बे 33 के.व्ही. फीडरों पर कम वोल्टेज की समस्या उत्पन्न होती है। इन फीडरों का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। समस्या के निराकरण हेतु इन 33 के.व्ही. फीडरो के विभक्तिकरण के कार्य स्वीकृत किया गया है तथा वर्तमान में कार्य प्रगति है। (ख) वर्तमान में नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में नवीन 132/33 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना का कोई कार्य प्रस्तावित नहीं है एवं कोई कार्य योजना भी विचाराधीन नहीं है। अत: समय-सीमा बताना संभव नहीं है। उल्लेखनीय है कि उत्तरांश (क) में दर्शाए गए 33 के.व्ही. फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण होने पर प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युत प्रदाय की गुणवत्ता में सुधार परिलक्षित होगा। (ग) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 04 नग 33/11 के.व्ही. के नवीन उपकेन्द्र बनाने की योजना है जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
परिशिष्ट - ''पचास''
पेंशन प्रकरणों का निराकरण
38. ( क्र. 1058 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वाणिज्यिक कर विभाग में वर्ष 2011 से आज तक सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों में से कितने कर्मचारियों/अधिकारियों के पेंशन प्रकरण लंबित है? सूची उपलब्ध करावें तथा लंबित प्रकरणों पर समय-सीमा में निराकरण नहीं करने वाले जवाबदार अधिकारियों पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) लंबित प्रकरणों का कब तक निराकरण कर दिया जावेगा? समय-सीमा बतावें? (ग) यदि किसी प्रकरण में निराकरण होना संभव नहीं है तो कारण बतावें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वाणिज्यिक कर विभाग में वर्ष 2011 से प्रश्न दिनाँक तक सेवानिवृत्त अधिकारियों/कर्मचारियों के लंबित 18 प्रकरणों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सूची में निराकरण न होने का कारण दर्शित है। अत: अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) लंबित पेंशन प्रकरणों के संबंध में विभागीय जाँच/न्यायालयीन कार्यवाही जारी है। अंतिम निर्णय अथवा अंतिम आदेश जारी होने पश्चात् ही पेंशन प्रकरणों का निराकरण नियमानुसार किया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
परिशिष्ट - ''इक्यावन''
सड़क मार्ग भूमि की सीमा में अवैध निर्माण
39. ( क्र. 1064 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के तहसील हुजूर, विकास खण्ड निपनियां ग्राम शिवपुरवा वार्ड क्र. 1 के आराजी क्र. 853/1 रकबा 1.332 में कतिपय व्यक्तियों द्वारा शासकीय सड़क मार्ग भूमि की सीमा में भवन का अवैध निर्माण कराये जाने की ग्रामवासियों की शिकायत आयुक्त नगर पालिक निगम रीवा को प्राप्त हुई है? (ख) क्या प्रश्नांकित के संबंध में मा. वन मंत्री कार्यालय से प्राप्त शिकायत पर कार्यालय आयुक्त नगर पालिक निगम रीवा के पत्र क्र. 4010/न.पा.नि./2014 दिनाँक 06/08/2014 के द्वारा अवगत कराया गया कि शिकायत सही है? क्या भवन का अवैध रूप से निर्माण कराया जा रहा था जिसे त्वरित बन्द कराया गया है तथा संबंधित के विरूद्ध म.प्र. भूमि विकास अधिनियम 1956 की धारा 302 के तहत नोटिस जारी किये गये है? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) सही है तो वर्तमान में अवैध निर्माण की क्या स्थिति है? अवैध निर्माण अभी तक हटाया गया है या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों, कारण बतावे? अवैध निर्माण कब तक हटाया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ (ख) जी नहीं। आयुक्त, नगर निगम रीवा द्वारा प्रेषित पत्र दिनाँक 06-08-2014 की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, जिसमें सार्वजनिक सड़क/मार्ग पर अवैध निर्माण करने का उल्लेख नहीं है, बल्कि स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि भवन का निर्माण करने का उल्लेख नहीं है, बल्कि स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि भवन का निर्माण अवैध रूप से कराया जा रहा है। जी हाँ। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में अवैध भवन निर्माण यथा स्थिति है। जी नहीं। म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 की धारा-308 एवं 308 (क) के तहत अवैध निर्माण के शमन की कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया संभव नहीं है।
अनुदान योजना अंतर्गत ट्रांसफार्मरों का आवंटन
40. ( क्र. 1071 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा प्रबंध संचालक, म.प्र.वि.वि.क.लि. भोपाल एवं माननीय मंत्री महोदय ऊर्जा विभाग को क्रमश: पत्र क्रमांक 991/आर दिनाँक 18/10/2015 एवं प.क्र. 993/आर, दिनाँक 18/10/15 के द्वारा विधानसभा क्षेत्र पिपरिया सोहागपुर अंतर्गत अनुदान पर लगाये जाने वाले ट्रांसफार्मर की स्वीकृति एवं आवंटन के संबंध में पत्र लिखे गये थे? यदि हाँ, तो पत्रों पर क्या कार्यवाही हुयी एवं अनुदान की राशि का आवंटन उपमहाप्रबंधक संभाग पिपरिया/महाप्रबंधक वृत्त होशंगाबाद को कब तक प्रदान किया जावेगा बताये? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा उप महाप्रबंधक संभाग पिपरिया को पत्र क्रमांक क्रमश: 1029/ आर पिप. दिनाँक 29/10/2015 एवं 1009/आर पिप. दिनाँक 24/10/2015 द्वारा विद्युत सेपरेशन एवं विद्युत केवलीकरण के संबंध में पत्र लिखकर जानकारी चाही गई थी? (ग) यदि हाँ, तो क्या दिनाँक 10/11/2015 तक प्रश्नकर्ता को वांछित जानकारी प्रदाय नहीं की गई हैं, कारण बतायें? (घ) विभाग प्रमुख एवं सामान्य प्रशासन विभाग के स्पष्ट आदेश हैं कि माननीय विधायकों को समय-सीमा में जानकारी प्रदान करने का दायित्व कार्यालय प्रमुख का हैं, इसके बाद भी जानकारी प्रदान न करने के लिये क्या उत्तरदायित्व का निर्धारण होगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नांश ’’क’’ में उल्लेखित पत्र अभिलेख अनुसार प्राप्त होना नहीं पाए गए। (ख) जी हाँ। (ग) उप महाप्रबंधक (सं./सं.) पिपरिया द्वारा माननीय विधायक महोदय के चाहे अनुसार जानकारी उनके पत्र क्रमांक 5022 दिनाँक 09.11.2015 के माध्यम से माननीय विधायक महोदय को प्रेषित कर दी गई है, (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
अधिनियम विरूद्ध कार्यवाही
41. ( क्र. 1078 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2014-15 में आबकारी वृत्त पिपरिया जिला होशंगाबाद में विगत छ: माह में कितने आपराधिक प्रकरण दर्ज किये गये? (ख) क्या आपराधिक प्रकरणों में पूर्ववर्ती प्रकरणों का न्यायालय के समक्ष उल्लेख (हवाला) किया जाता है? यदि हाँ, तो किन-किन प्रकरणों में पूर्ववर्ती का उल्लेख किया गया है किन-किन प्रकरणों का उल्लेख नहीं किया गया है? प्रकरण वार जानकारी देवें? (ग) क्या आपराधिक प्रकरणों में पूर्ववर्ती प्रकरणों का उल्लेख (हवाला) किया जाना आबकारी अधिनियम के तहत आवश्यक हैं? यदि हाँ, तो किस धारा के तहत बतायें? (घ) जिन आपराधिक प्रकरणों में पूर्ववर्ती आपराधिक प्रकरणों का हवाला जिन जाँच अधिकारी द्वारा नहीं किया गया हैं? क्या उनके विरूद्ध उत्तरदायित्व का निर्धारण होगा? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वित्तीय वर्ष 2014-15 में आबकारी वृत्त-पिपरिया में 267 प्रकरण एवं विगत 06 माह में 164 आपराधिक प्रकरण दर्ज किए गये है। पुलिस विभाग द्वारा वर्ष 2014-15 में कुल 82 प्रकरण एवं विगत 06 माह में 54 आपराधिक प्रकरण दर्ज किए गये हैं। (ख) आपराधिक प्रकरणों में पूर्ववर्ती प्रकरणों का न्यायालय के समक्ष उल्लेख (हवाला) अंकित नहीं किया गया है। किसी भी प्रकरण में पूर्ववर्ती प्रकरण का उल्लेख नहीं किया गया है। जिन प्रकरणों में पूर्ववर्ती प्रकरण का उल्लेख नहीं किया है, ऐसे प्रकरणों की वर्ष 2014-15 एवं विगत 06 माह में कायम किए गये प्रकरणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। पुलिस विभाग की जानकारी निरंक है। (ग) आपराधिक प्रकरणों में पूर्ववर्ती प्रकरणों का उल्लेख (हवाला) किये जाने के संबंध में आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34 के परन्तुक में उल्लेख है। अत: पूर्ववर्ती प्रकरणों का उल्लेख करना आवश्यक है। आबकारी आयुक्त, मध्यप्रदेश ग्वालियर के पत्र क्रमांक-6 (ब) /अप/2011-12/486 दिनाँक 14.04.2011 में पूर्ववर्ती प्रकरणों का उल्लेख कर, प्रकरण न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करना निर्देशित है इस संबंध में जाँचकर्ता अधिकारियों को यथासमय अवगत करा दिया गया था। (घ) जिन जाँचकर्ता अधिकारी द्वारा पूर्ववर्ती प्रकरणों का हवाला नहीं दिया गया है, उन्हें कारण बताओ सूचना-पत्र जारी किए गये है। उत्तर प्राप्त होने पर यथायोग्य कार्यवाही की जावेगी। पुलिस विभाग की जानकारी निरंक है।
प्रगतिरत परियोजनाओं की गुणवत्ता व कार्य पूर्णता
42. ( क्र. 1095 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि क्षेत्रांतर्गत प्रगतिरत उठालिया बांध परियोजना में लगभग 80 फीसदी निर्माण कार्य गोठड़ा तहसील नलखेड़ा में होना है? यदि हाँ, तो क्या इन परियोजना का नाम परिवर्तित कर गोठड़ा बांध परियोजना करने की दिशा में कदम उठाया जावेगा? उक्त परियोजना में नलखेड़ा तहसील के कुल ग्रामों को सिंचित क्षेत्र में शामिल करने संबंधी प्रस्ताव या मांग प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (ख) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत प्रगतिरत परियोजनाओं छन्देड़ा/पिलीयां खाता एवं किटखेड़ी में वर्तमान तक किए गए कार्य निर्धारित मानकों के अनुरूप हुए या नहीं? यदि नहीं, तो जवाबदारों पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित परियोजनाओं का कार्य अनुबंध की धाराओं के तहत कितनी समयावधि में पूर्ण करना था? क्या निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण किया गया? यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की गई? कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित परियोजनाओं से संबंधित तकनीकी दल एवं उच्च अधिकारियों की निरीक्षण रिपोर्ट, अनुबंध, डी.पी.आर. की प्रमाणित प्रति एवं यदि कार्य पूर्णता हेतु अतिरिक्त समय दिया हो तो तद्संबंधी आदेश की प्रति कृपया उपलब्ध करावें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं। विभाग में उठालिया बांध के नाम से कोई परियोजना न तो स्वीकृत है और न ही निर्माणाधीन है। अत: शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं। (ख) पीलियाखाल एवं कीटखेड़ी परियोजनाओं का निर्माण मानक स्तर का होने से शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता हैं। (ग) कम समय में परियोजनाओं को पूर्ण करने के उद्देश्य से पीलियाखाल परियोजना का कार्य अक्टूबर-2014 एवं कीटखेड़ी परियोजना कार्य अप्रैल-2015 में पूर्ण करना लक्षित था। भूमि एवं संसाधनों की उपलब्धता की दशा में लघु सिंचाई परियोजनाएं स्वीकृति के वर्ष को छोड़कर 2 वर्ष में एवं मध्यम सिंचाई परियोजनाएं 4 से 5 वर्ष में पूर्ण की जाती है। जी नहीं। इसी वित्तीय वर्ष में परियोजना पूर्ण करने का प्रयास है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-अ-1/अ-2/अ-3/अ-4/'' अनुसार है।
अवैध उत्खनन पर कार्यवाही
43. ( क्र. 1110 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्वेल माइन्स से बकाया रॉयल्टी वसूलने में बरती गई लापरवाही के लिए वर्ष 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनाँक तक किन-किन लोगों ने शिकायतें की है शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें? क्या शिकायतकर्ताओं को समक्ष में सुनकर शिकायतों की जाँच की गई है यदि नहीं, तो क्यों उन्हें कब तक सुना जायेगा? (ख) यदि शिकायतों की जाँच पूर्ण हो गई तो जाँच प्रतिवेदन की जानकारी उपलब्ध करावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नानुसार श्री कुंवर सौरभ सिंह, माननीय विधायक द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी को दिनाँक 11.04.2015 को 01 शिकायत प्रेषित की गई है। इस शिकायत पर विभाग द्वारा गठित दल द्वारा दिनाँक 30/10/2015 एवं 31/10/2015 को जाँच की गई है। शिकायत पर की गई जाँच का प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। इस शिकायत में शिकायतकर्ता को समक्ष में सुनकर शिकायतों की जाँच का कोई लेख नहीं किया गया था। अत: जाँच दल द्वारा कार्यालयीन अभिलेखों का परीक्षण कर जाँच की गई है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है।
सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश का परिपालन
44. ( क्र. 1115 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन विभाग बालाघाट में पदस्थ श्रीमती ऊषा खोब्राग लेखापाल को सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्र.एफ-7-21/2011/सा.प्र./दिनाँक 07.03.2011 को के आदेश बावजूद आरक्षण का लाभ दिया गया? (ख) यदि हाँ, तो क्या उन्हें लाभ से वंचित किया जाएगा तथा अनुचित रूप से लाभ देने के कारण संबंधित अधिकारी पर कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो उसका कारण बताएं? (ग) जिस अनुविभागीय अधिकारी का जाति प्रमाण पत्र संबंधित कर्मचारी द्वारा दिया गया है? उसकी प्रति उपलब्ध कराएं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वन विभाग बालाघाट में पदस्थ श्रीमति उषा खोब्रागढ़े, लेखापाल को वर्तमान में आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया है। उनकी पदोन्नति अनारक्षित वर्ग (सामान्य) के विरूद्ध की गई है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) नियुक्ति के समय उषा नंदनवार (वर्तमान में श्रीमती उषा खोब्रागढ़े) द्वारा अनुविभागीय अधिकारी का जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया है, उनके द्वारा आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला संयोजक कार्यालय कलेक्टर, जबलपुर का जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया था, प्रमाण-पत्र की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट पर है।
दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के संबंध में
45. ( क्र. 1139 ) श्री विष्णु खत्री : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के क्रियान्वयन की मॉनीटरिंग हेतु जिला स्तर पर मॉनीटरिंग कमेटी का गठन किया गया है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो कमेटी का गठन किस आदेश से कब किया गया है प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के क्रियान्वयन की मॉनीटरिंग हेतु जिला स्तर पर मॉनीटरिंग कमेटी की वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में 15-11-2015 तक कब-कब बैठकें आयोजित की एवं इन बैठकों की सूचना कब-कब दी गयी एवं कौन-कौन इनमें शामिल हुआ है, कार्यवाही विवरण की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) बैरिसिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कितने 11 के.व्ही.फीडरों का विद्युत सेपरेशन कार्य पूर्ण हो चुका है? एवं कितने 11 के.व्ही. फीडर सेपरेशन हेतु शेष हैं? फीडरों की ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें? राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनान्तर्गत सभी श्रेणी के बी.पी.एल हितग्राहियों को नि:शुल्क विद्युत कनेक्शन शतप्रतिशत उपलब्ध करा दिये गये हैं अथवा नहीं यदि नहीं, तो विभाग कोई कैमप आदि आयोजित कर कनेक्शन उपलब्ध कराये जाने की कोई कार्य योजना तैयार कर रहा है यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ, प्रश्नाधीन क्षेत्र के लिये जिला कलेक्टर भोपाल के आदेश दिनाँक 06.06.2015 द्वारा दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के क्रियान्वयन हेतु मॉनीटरिंग कमेटी का गठन किया गया है, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के तारतम्य में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के क्रियान्वयन की मॉनीटरिंग हेतु वित्तीय वर्ष 2015-16 में दिनाँक 06.06.2015 को गठित जिला स्तरीय कमेटी की भोपाल जिले में दिनाँक 16.06.2015 को बैठक आयोजित की गई। बैठक की सूचना सभी सदस्यों को दूरभाष से दी गई थी। बैठक में शामिल सदस्यों के नाम सहित कार्यवाही विवरण की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार है। (ग) बैरसिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान में 36 नंबर 11 के.व्ही. फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है। जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’स’’ अनुसार है एवं 8 नंबर 11 के.व्ही. फीडरों का विभक्तिकरण कार्य शेष है। जिनकी फीडरवार/ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’द’’ अनुसार है। राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनांतर्गत सभी श्रेणी के बी.पी.एल. हितग्राहियों को नि:शुल्क बी.पी.एल. कनेक्शन ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स एरा इंफ्रा के माध्यम से उपलब्ध कराये जा रहे है। 2409 हितग्राहियों को समय-समय पर विभिन्न ग्रामों में कैम्प आयोजित कर कनेक्शन प्रदान किये गये हैं तथा विभिन्न ग्रामों में कैम्प आयोजित कर बी.पी.एल. श्रेणी के हितग्राहियों को कनेक्शन प्रदान किये जाने का कार्य वर्तमान में भी जारी है।
अनुदान योजना के तहत लाईन एवं ट्रांसफार्मर रखने के संबंध में
46. ( क्र. 1140 ) श्री विष्णु खत्री : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्रांतर्गत किसानों ने अनुदान योजना के तहत लाईन एवं ट्रांसफार्मर हेतु म.प्र. विद्युत वितरण कंपनी में वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में दिनाँक 15-11-2015 कितने किसानों ने राशि जमा की? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित सूची में से कितने किसानों के खेतों में लाईन विस्तार एवं ट्रांसफार्मर रखने का कार्य पूर्ण कर दिया गया है एवं कितने किसानों के खेतों में अभी तक लाईन विस्तार एवं ट्रांसफार्मर स्थापना का कार्य किया जाना शेष है? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित लंबित प्रकरणों को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत स्थाई कृषि पंप कनेक्शन के लिये अनुदान योजना के तहत लाईन विस्तार एवं ट्रांसफार्मर स्थापना हेतु वर्ष 2014-15 में 383 कृषकों एवं वित्तीय वर्ष 2015-16 में दिनाँक 15.11.2015 तक 279 कृषकों द्वारा राशि जमा की गई है, जिसकी कृषकवार एवं वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र-'अ' एवं प्रपत्र-'ब' में दर्शाए अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2014-15 में 383 में से 381 कृषकों के स्थाई पंपों हेतु लाईन विस्तार एवं ट्रांसफार्मर स्थापना का कार्य पूर्ण कर दिया गया है तथा 02 कृषकों के पंपों हेतु लाईन विस्तार एवं ट्रांसफार्मर स्थापना का कार्य शेष है। वित्तीय वर्ष 2015-16 में 279 में से 25 कृषकों के स्थाई पंपों हेतु लाईन विस्तार एवं ट्रांसफार्मर स्थापना का कार्य पूर्ण कर दिया गया है एवं 254 कृषकों के पंपों हेतु लाईन विस्तार एवं ट्रांसफार्मर स्थापना का कार्य शेष है। (ग) उत्तरांश (ख) में दर्शाए गए अनुदान योजना के लंबित कार्यों को राइट ऑफ वे उपलब्ध होने पर यथा संभव कार्यादेश दिनाँक से अधिकतम 150 दिनों में पूर्ण करने के प्रयास किये जा रहे है। उक्त परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
भिण्ड जिले में गृह निर्माण मण्डल द्वारा भूमि के विक्रय में अनियमितता
47. ( क्र. 1152 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्र.100 (2472) दि.30.7.2015 में आश्वासन क्र.448 में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रस्तुत पत्र प्रमाण पत्रों सहित में प्रश्नांश दिनाँक तक क्या कार्यवाही की गई? विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के अन्तर्गत किस स्तर अधिकारी द्वारा परीक्षण किया जा रहा है? कब तक परीक्षण पूर्ण हो जाएगा? (ग) उप संभागीय कार्यालय भिण्ड मुख्यालय के आदेश क्र. जी 530 दि. 17.6.82 द्वारा खोला गया? निजी भवन का विक्रय कर किराये के भवन पर चलाने के लिए किसके द्वारा आदेश जारी किया गया? (घ) क्या विभाग द्वारा शासकीय भूमि अनुउपलब्धता का प्रमाण पत्र प्राप्त किया गया है? किराया निर्धारण किसके द्वारा किया गया है? क्या विभाग को आफिस सह गेस्ट हाउस की आवश्यकता नहीं थी? यदि हाँ, तो किराये की भूमि पर कार्यालय क्यों चलाया जा रहा है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) माननीय विधायक महोदय से प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर प्रकरण की जाँच की गई। जाँच उपरान्त भिण्ड जिले में मण्डल द्वारा भूमि के विक्रय में किसी प्रकार की अनियमितता नहीं पायी गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रकरण पर मुखय संपदा अधिकारी द्वारा परीक्षण किया गया। परीक्षण पूर्ण हो गया है। शेष जानकारी परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। मुखयालय के आदेश क्रमांक जी-530, दिनाँक 17.06.82 के द्वारा भिण्ड का उपसंभाग कार्यालय खोला गया। कार्यालय भवन के विक्रय उपरान्त मण्डल के स्वामित्व का कोई भवन उपलब्ध न होने के कारण कार्यालय किराये के भवन में चलाया जा रहा है। (घ) जी नहीं। विभाग को उपसंभाग कार्यालय हेतु भवन की आवश्यकता है, किराये हेतु लिये गये भवन का किराया कलेक्टर भिण्ड के आदेश क्रमांक 13782 दिनाँक 24.08.2011 के आधार पर निर्धारित किया गया है।
जनभागीदारी मांग 60 व 64 में अनियमितता
48. ( क्र. 1157 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में मागं संख्या 60 व 64 जनभागीदारी में जनवरी 15 से प्रश्नांश दिनाँक तक कितना बजट तिमाही आया है? (ख) प्रश्नांश (क) में प्रश्नांश दिनाँक तक कौन-कौन से प्रकरण स्वीकृत किए गए? (ग) जनभागीदारी में एक ग्राम पंचायत में एक तिमाही और एक वर्ष में कितनी राशि के प्रकरण स्वीकृत कर सकते हैं? शासन द्वारा कितनी राशि निर्धारित की गई? (घ) भिण्ड विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जनवरी 14 से प्रश्नांश दिनाँक तक कौन सा प्रकरण स्वीकृत किया गया? अस्पष्ट अधिकारी द्वारा जनभागीदारी राशि का दुरूपयोग करने की जाँच कब तक होगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) शासन से कोई निर्देश नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। जनभागीदारी योजनांतर्गत स्वीकृत प्रकरणों में किसी भी प्रकरण में शिकायत/जाँच की कार्यवाही प्रचलित नहीं है।
गौण खनिज नियम 1996 के नियम 53 के प्रावधान
49. ( क्र. 1179 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश गौण खनिज नियम 1996 के नियम 53 में अवैध खनिज खनन एवं अवैध खनिज परिवहन के प्रकरणों की रिपोर्ट मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत करने, समझौता न किये जाने पर प्रकरण सुनवाई के लिये मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत करने एवं बाजार मूल्य का कितने गुना अर्थदण्ड किए जाने का प्रावधान किस दिनाँक को किया गया है? (ख) गत एक वर्ष में भोपाल संभाग के किस जिले में अवैध खनिज खनन एवं अवैध खनिज परिवहन के कितने प्रकरण बनाए इसमें से कितने प्रकरणों की रिपोर्ट संबंधित मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत की गई, कितने प्रकरणों में समझौता न किए जाने पर सुनवाई के लिये मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत किया कितने प्रकरण समझौता न होने पर सुनवाई के लिये अनुविभागीय, अपर कलेक्टर एवं कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत किए गए, जिलेवार बतावें? (ग) एक वर्ष में किस जिले में किस गौण खनिज का प्रति क्यूबीक मीटर कितना बाजार मूल्य अर्थदण्ड के लिये प्रस्तावित किया गया बाजार मूल्य किस प्रक्रिया के आधार पर किसके द्वारा निर्धारित किया या मान्य किया गया? (घ) नियम 53 में रिपोर्ट एवं प्रकरण मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत किये जाने के प्रावधान का पालन न किये जाने का क्या कारण रहा है, इसके लिये शासन किसे जिम्मेदार मानता है, उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
ऊर्जा
मंत्री ( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क)
म.प्र. गौण
खनिज नियम 1996
अधिसूचित
नियम है। (ख)
जिलेवार जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
में दर्शित
है। (ग) म.प्र.
गौण खनिज नियम
1996 में खनिज के
बाजार मूल्य
को निर्धारित
किये जाने की
कोई
प्रक्रिया निर्धारित
नहीं है। अत:
इसका जिलेवार
बाजार मूल्य
की जानकारी
दिये जाने का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। गौण
खनिज का बाजार
मूल्य, खदान
की अवस्थिति, गंतव्य
स्थल की दूरी, खनिज
की स्थानीय
स्तर पर मांग, खनिज
की गुणवत्ता
तथा खनन की
तकनीक पर
आधारित होने
से, जिलों में
स्थानवार
भिन्न– भिन्न
होना स्वाभाविक
है। अत: प्रश्नानुसार
जिलों में गौण
खनिज का बाजार
मूल्य
निर्धारित
नहीं है।
(घ) म.प्र.
गौण खनिज नियम
1996 के नियम 53
(5) में
अभियोजन संस्थापन
के पूर्व या
पश्चात्
जुर्माना के
भुगतान के
पश्चात्
प्रशमन का
प्रावधान है।
अत: किसी के
जिम्मेदार न
होने के कारण
किसी के
विरूद्ध
कार्यवाही का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
कोयले के भंडारण की अनुमति
50. ( क्र. 1181 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गत एक वर्ष में बिना अनुमति कोयले का भंडारण किए जाने के संबंध में संचालक खनिकर्म एवं भौमिकी अरेरा हिल्स भोपाल को किस-किस के पत्र प्राप्त हुए है, उसमें किस-किस जिले में कोयले के अवैध भंडारण की जानकारी दी गई है? (ख) कोयला भंडारण की अनुमति के संबंध में वर्तमान में क्या नियम प्रचलित है, उस नियम के अनुसार रायसेन, भोपाल एवं इंदौर में विभाग ने किस दिनाँक को किस अवधि के लिये किस स्थान पर कोयला भंडारण की किसे अनुमति प्रदान की है? (ग) संचनालय को प्राप्त पत्रों के दिनाँक से प्रश्नांकित दिनाँक तक कोयला का भंडारण किये जाने की जाँच किस-किस अधिकारी के द्वारा किस-किस स्थान पर जाकर की है, उसमें किस-किस स्थान पर कोयला भंडारण की अनुमति होना पाया गया, किस स्थान पर बिना अनुमति कोयले का भंडारण होना पाया गया? (घ) बिना अनुमति कोयला का भंडारण किए जाने की प्राप्त शिकायतें पर कब तक जाँच कर कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नानुसार 3 पत्र क्रमश: श्री भूपेन्द्र गुप्ता, श्री राजेश ओझा एवं माननीय विधायक श्री निशंक कुमार जैन के पत्र प्राप्त हुए है। इन पत्रों में भोपाल, रायसेन एवं इन्दौर जिले में कोयले के अवैध भंडारण की जानकारी दी गई है। (ख) म.प्र. खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भंडारण का निवारण) नियम 2006 में खनिजों के भंडारण हेतु अनुमति दिये जाने का प्रावधान है। जिला रायसेन में कोयला के भंडारण हेतु कोई अनुमति नहीं दी गई है। जिला इन्दौर एवं भोपाल में कोयले के भंडारण हेतु दी गई अनुमति की जानकारी क्रमश: संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र अ-1 एवं अ-2 में दर्शित है। (ग) प्रश्नांश ‘क’ में उल्लेखित पत्रों के संबंध में दिनाँक 08.10.2015 एवं 27.11.2015 को जाँच हेतु निर्देश जारी किये गये है। वर्तमान में जाँच प्रतिवेदन अपेक्षित है। अत: शेष प्रश्नांश का वर्तमान में उत्तर दिये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जाँच किये जाने की प्रक्रिया में समय लगने के कारण वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
माननीय सांसदों/विधायकों को ठहरने हेतु शुल्क का निर्धारण
51. ( क्र. 1191 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नई दिल्ली मध्यप्रदेश भवन/मध्यांचल एवं मुम्बई स्थित भवन में 01 जनवरी 2009 से 01 नवम्बर 2015 तक ठहरने के लिए किराये दर कब-कब निर्धारित की गई एवं उनका राजपत्र में प्रकाशन कराया गया? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या माननीय सांसद एवं विधायकों के ठहरने हेतु किराया दरें निर्धारित किए जाने के लिए मध्यप्रदेश विधानसभा की विधायक सुविधा समिति से परामर्श लिया गया था? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2015 में उक्त दरें किसके आदेश से निर्धारित की गई? क्या प्रदेश के वित्त विभाग एवं मंत्री परिषद् से दरें निर्धारण हेतु अनुमोदन लिया गया? (घ) क्या वर्ष 2015 में निर्धारित दरों को पुनरीक्षित करने हेतु माननीय अध्यक्ष, म.प्र. विधानसभा से परामर्श लिया जाना आवश्यक है? यदि नहीं, तो क्या यह सही है कि तेरहवीं विधानसभा के कार्यकाल में माननीय विधानसभा अध्यक्ष महोदय के कक्ष में दरें निधारित कर परम्परा का उल्लंघन किया है? यदि हाँ, तो क्या वर्ष 2015 में निर्धारित दरों को वापिस लिया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) नई दिल्ली मध्यप्रदेश भवन/मध्यांचल स्थित भवनों हेतु वर्ष 2010, 2012, एवं 2015 में ठहरने के लिये किराये की दरें निर्धारित की गई थी, जिनका क्रमश: राजपत्र में दिनाँक 26/02/2010, 16/10/2012, एवं 10/08/2015 को राजपत्र में प्रकाशित किया गया था। (ख) मध्यप्रदेश भवन/मध्यांचल अधिवास नियम में संशोधन का प्रस्ताव, जिसमें अन्य विषयों के अलावा कमरों के किराये की दरों का निर्धारण भी शामिल था, आवासीय आयुक्त द्वारा सीधे सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा था। प्रस्ताव पर वरिष्ठ सचिव समिति की अनुशंसा के उपरांत मान0 मुख्यमंत्री जी का अनुमोदन प्राप्त किया गया था। (ग) वरिष्ठ सचिव समिति की अनुशंसा के उपरांत मान0 मुख्यमंत्री जी का अनुमोदन प्राप्त करने के पश्चात् जारी किये गये (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खाद्य सामग्री महंगी दर पर प्रदाय
52. ( क्र. 1194 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नई दिल्ली स्थित मध्यप्रदेश भवन एवं मध्यांचल की किचन तथा पेन्ट्री का ठेका वर्ष 2010 से प्रश्न दिनाँक तक कब एवं किस फर्म को कितनी राशि में कितने समय के लिए, किन-किन शर्तों पर दिया गया? क्या किचन-पेन्ट्री के ठेकेदार को शासन की ओर से नि:शुल्क भवन, बर्तन, क्राकरी, वेटर, बिजली एवं पानी की सुविधाएं दी जा रही है? (ख) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में कब-कब, किस-किस समाचार पत्र में निविदाएं आमंत्रित की गई? समाचार पत्र एवं निविदा की प्रति उपलब्ध कराएं? (ग) उक्त भवनों की किचन तथा पेन्ट्री का ठेका जिस ठेकेदार को दिया जाता है उसे राज्य शासन द्वारा क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है? (घ) क्या मध्यप्रदेश भवन एवं मध्यांचल में पूर्व में संविदा पर पदस्थ कर्मचारी जिनमें भृत्य एवं वेटर आदि शामिल हैं, को हटाकर उनकी सेवाएं ठेकेदार को दे दी गई है? यदि हाँ, तो उक्त दोनों भवनों में ठेकेदार के कितने-कितने कर्मचारी कितने-कितने मासिक वेतन/पारिश्रमिक पर पदस्थ है? भवन वार नाम एवं पद सहित बताएं? (ड.) क्या राज्य शासन द्वारा किचन एवं पेन्ट्री ठेकेदार को नि:शुल्क भवन, बर्तन, क्राकरी, वेटर, बिजली एवं पानी की सुविधा उपलब्ध कराई जाने के उपरांत भी भवन में ठहरने वालों को खाद्यान्न सामग्री अन्य की अपेक्षा काफी महंगी दर पर दी जा रही है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या उक्त भवन में ठहरने वालों को रियायती दर पर खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) म.प्र. भवन नई दिल्ली के किचिन एवं पेन्ट्री का संचालन वर्ष 1999 से प्रश्न दिनाँक तक बिना लाभ हानि के ‘’खानसामा पद्धति’’ से किचिन प्रभारी द्वारा किया जा रहा है। मध्यांचल में खानपान व्यवस्था संचालन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। (ख) मध्यांचल किचन हेतु प्रथम बार दिनाँक 23/06/2010 द्वारा वेबसाइट के माध्यम से निविदाएं आमंत्रित की गई थी जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार है। (ग) उक्त भवनों हेतु किसी ठेकेदार को संचालन कार्य नहीं दिया गया है। किचिन का संचालन खानसामा पद्धति से सुचारू रूप किया जा रहा है। (घ) म.प्र. भवन तथा मध्यांचल किचिन का संचालन न तो पूर्व कोई कर्मचारी संविदा पर था और न ही वर्तमान में ठेकेदार के माध्यम से कार्यरत है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) म.प्र. भवन एवं मध्यांचल में किचन प्रभारी को उपलब्ध कराई गयी सुविधाओं को दृष्टिगत रखते हुए समिति द्वारा समय-समय पर निर्धारित की गई दरों पर खानसामा पद्धति से गुणवत्ता की खाद्य सामग्री अतिथियों को बाजार से कम दर पर किचन प्रभारी द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है।
राज्य में बिजली उत्पादन
53. ( क्र. 1203 ) श्री मुकेश नायक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2008-09 से अक्टूबर 2015 तक सरकारी क्षेत्र की म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड में प्रतिवर्ष कौन-कौन सी बिजली उत्पादन इकाइयों को स्वीकृति दी गई तथा कौन-कोन सी विद्युत उत्पादन इकाइयाँ स्थापित हुई और किन-किन इकाइयों ने उत्पादन प्रारंभ किया प्रति वर्षानुसार जानकारी दीजिए? (ख) राज्य को बिजली के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिये सरकारी क्षेत्र की म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड में विद्युत उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिये सरकार की क्या नीति है? (ग) वर्तमान में राज्य की म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड में विद्युत उत्पादन इकाइयों की कार्यक्षमता,उत्पादन क्षमता बढ़ाने तथा विद्युत उत्पादन लागत कम करने के लिये क्या प्रयास किये गये और उनके क्या परिणाम प्राप्त हुये?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मध्य प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2008-09 से अक्टूबर 2015 तक म.प्र.पा.ज.कं.लि. में बिजली उत्पादन इकाइयों को दी गई स्वीक़ृति, विद्युत उत्पादन इकाइयों की स्थापना एवं किन-किन इकाइयों ने विद्युत उत्पादन प्रारंभ किया, से संबंधित जानकारी निम्नानुसार है:- वर्ष 2008-09 सेअक्टूबर, 2015 तक प्रदत्त प्रशासनिक स्वीकृतियाँ :-
क्र. |
परियोजना का नाम |
प्रशासकीय स्वीकृति दिनाँक |
1 |
श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना द्वितीय चरण इकाई क्रमांक 3 एवं 4 (2x660 मेगावाट), डोगलिया, जिला खंडवा (म.प्र.) |
17/01/2011 |
2 |
सतपुड़ा ताप विद्युत गृह पॉवर हाऊस क्रमांक 01 में 1x660 मेगावाट इकाई की स्थापना हेतु स्वीकृति। |
24/07/2012 |
वर्ष 2008-09
से अक्टूबर 2015
तक म.प्र. पॉवर
जनरेटिंग
कंपनी
लिमिटेड
द्वारा निम्न
इकाइयों की स्थापना
पूर्ण कर उत्पादन
प्रारंभ किया
गया:-
क्र. |
परियोजना का नाम |
उत्पादन प्रारंभ करने की तिथि |
1 |
संजय गांधी ताप विद्युत परियोजना विस्तार इकाई क्रमांक 05 (1x50 मेगावाट) |
28/08/2008 |
2 |
सतपुड़ा ता.वि.गृ. विस्तार इकाई क्रमांक 5 (1x210 मेगावाट) चचाई, जिला-अनूपपुर (म.प्र.) |
09/09/2009 |
3 |
सतपुड़ा ता.वि.गृ. विस्तार इकाई क्रमांक 10 एवं 11 (2x250 मेगावाट), सारणी, जिला बैतूल (म.प्र.) |
ई.क्र. 10-18/08/2013 |
4 |
श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना प्रथम चरण (2x600 मेगावाट), डोंगलिया, जिला खंडवा (म.प्र.) |
ई.क्र. 1
- 01/02/2014 |
(ख) म.प्र.
पावर
जनरेटिंग
कंपनी
लिमिटेड की
क्षमता
वृद्धि हेतु
राज्य सरकार
की पृथक से
निति नहीं है, अपितु
राज्य को
बिजली में आत्मनिर्भर
बनाने हेतु
दीर्घकालीन
मांग के आधार
पर गणना कर
राज्य का क्षमता
वृद्धि
कार्यक्रम
तैयार किया
जाता है। विद्युत
की मांग को
दृष्टिगत
रखते हुए
म.प्र. पावर
जनरेटिंग
कंपनी
लिमिटेड को
नवीन उत्पादन
इकाइयों की स्थापना
की स्वीकृति
प्रदान की गई
है। इकाइयों
की स्थापना
सुनिश्चित
करने हेतु
म.प्र. पावर
जनरेटिंग
कंपनी
लिमिटेड को
आवश्यक अंश
पूंजी उपलब्ध
कराई गई है।
विगत वर्षों
में म.प्र.
पावर जनरेटिंग
कंपनी
लिमिटेड की
उत्पादन
प्रारंभ करने
वाली इकाइयों
का विवरण उत्तरांश
''क'' में
दर्शाया गया
है। (ग)
वर्तमान में
मप्रपाजकंलि.
में विद्युत
उत्पादन
इकाइयों की
कार्यक्षमता, उत्पादन
क्षमता
बढ़ाने तथा
विद्युत उत्पादन
लागत कम करने
के लिये किये
गये प्रयासों से
संबंधित जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट में
दर्शाई गई
है। किये गये
प्रयासों के
तहत
मप्रपाजकंलि.
की ताप
विद्युत उत्पादन
कार्यक्षमता
में वर्ष 2015-16
(अक्टूबर 2015
तक) की अवधि
में विगत वर्ष
की इसी अवधि
की तुलना में
निम्नानुसार
मुख्य सुधार
परिलक्षित
हुये है :- प्लांट
उपलब्धता
घटक (पी.ए.एफ.)
विगत वर्ष के 51.28
प्रतिशत के
विरूद्ध
बढ़कर 68.50
प्रतिशत
प्राप्त
हुई। संयंत्र
सहायक खपत
विगत वर्ष 9.49
प्रतिशत की
तुलना में 8.74
प्रतिशत
प्राप्त
हुई। · विशिष्ट
कोल खपत एवं
विशिष्ट तेल
खपत जो विगत
वर्ष क्रमश: 0.83
कि.ग्रा./इकाई
एवं 2;14 मि.ली./इकाई
थी, में विगत
वर्ष की तुलना
में सुधार हुआ
है जो क्रमश: 0;74
कि.ग्रा./इकाई
एवं 1;06 मि.ली./इकाई
है। हीटरेट
विगत वर्ष 2943
कि.कैलोरी/इकाई
के विरूद्ध कम
कर के 2620
कि.कैलोरी/इकाई
की गई। मप्रपाजकंलि.
की ताप
विद्युत
इकाइयों के
वेरियेबेल
चार्ज रेट में
कमी आई है जो
वर्ष 2015-15
के 2.51 रू./इकाई की
तुलना में
वर्ष 2015-16
में सितम्बर 2015
की स्थिति में
2.48 रू./इकाई
है। उल्लेखित
है कि जल
विद्युत
इकाइयों को
मुख्यत:
जलाशय में जल
स्तर एवं
विद्युत की
मांग के
अनुसार, आवश्यकतानुसार
संचालित
कराया जाता
है।
शहरों में प्रदूषण की रोकथाम
54. ( क्र. 1206 ) श्री मुकेश नायक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश के दस लाख से अधिक आबादी वाले बड़े शहरों में वायु, जल एवं ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिये वर्तमान में शासन क्या सावधानी बरत रहा है? (ख) इन शहरों में वायु प्रदूषण का अध्ययन करने के लिये क्या कार्यवाही हुई है और उसके क्या नतीजे निकले? (ग) राजधानी भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर में कौन से इलाके वायु प्रदूषण के मान से खतरनाक और घातक चिन्हित किये गये हैं, इलाकों की जानकारी दीजिए? (घ) भोपाल में तालाब, जबलपुर में नर्मदा नदी, उज्जैन में क्षिप्रा नदी को प्रदूषण से मुक्ति दिलाने के लिये क्या प्रयास किये जा रहे हैं और उन पर कितनी धनराशि खर्च की जा रही है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नाधीन आबादी वाले शहर-इंदौर, भोपाल, जबलपुर एवं ग्वालियर में वायु एवं ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिये मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा परिवेशीय वायु गुणवत्ता तथा ध्वनि स्तर मापन कार्य किया जाता है। जल प्रदूषण नियंत्रण हेतु प्राकृतिक जल स्त्रोतों एवं औद्योगिक निस्त्राव की जाँच की जाती है। (ख) प्रश्नांश के उत्तर ''क'' में वर्णित शहर इंदौर में 3, ग्वालियर में 2, भोपाल में 5 तथा जबलपुर में 2 स्थानों पर नेशनल एम्बियेंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग कार्यक्रम के तहत परिवेशीय वायु मापन कार्य किया जाता है। व्यवसायिक क्षेत्रों में परिवेशीय वायु गुणवत्ता में धूल कणों की उपस्थिति मानकों से थोड़ा अधिक पायी गयी है। अन्य पैरामीटर सल्फर डॉईऑक्साईड, आक्साईडस् ऑफ नाइट्रोजन निर्धारित मानकों के अंदर पाये गये। (ग) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर में वर्णित शहरों में परिवेशीय वायु में धूल कणों की मात्रा व्यावसायिक क्षेत्रों में अपेक्षाकृत मानकों से थोड़ा अधिक पाई गई है,जो खतरनाक तथा घातक चिन्हित करने जैसी स्थिति नहीं है। (घ) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जल स्त्रोतों की गुणवत्ता का मापन तथा पर्यावरण जन-जागृति संबंधी कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। भोपाल में तालाब के प्रदूषण मुक्ति हेतु रूपये 09.21 करोड़, उज्जैन में क्षिप्रा नदी को प्रदूषण से मुक्ति दिलाने के लिये नगरपालिक निगम,उज्जैन द्वारा रूपये 48.80 लाख तथा जबलपुर द्वारा नर्मदा नदी में प्रदूषण रोकने हेतु रूपये 16.94 लाख व्यय की जा रही है।
स्टाप डेम/जलाशय लीकेज में सुधार
55. ( क्र. 1274 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दमोह जिला अंतर्गत विगत वर्ष 2012 से आज दिनाँक तक कृषि सिंचाई हेतु कितनी जलाशयों व नदियों पर स्टाप डेमों का निर्माण किया गया है एवं निर्माण किन कार्य ऐजेसियों द्वारा कितनी-कितनी राशि से कराया गया है? (ख) हटा विधान सभा क्षेत्र के कुछ जलाशयों व स्टाप डेमों में नहरें लीकेज की शिकायतें प्राप्त हो रही है जैसे- कुम्हारी जलाशय, पिपरिया जलाशय, समधन तलैया आदि अन्य जलाशयों व स्टाप डेमों की नहरे लीकेज व पिचिंग लीकेज की मरम्मत व जाँच कब तक कराई जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शराब दुकानों को बाजार/मंदिर के पास से अन्यत्र स्थापित किया जाना
56. ( क्र. 1276 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश सरकार ने शराब दुकान खोले जाने या दुकान संचालन के क्या मापदण्ड निर्धारित किए है? हटा दमोह एवं पटेरा विकासखण्ड में शासन द्वारा कितनी दुकानें संचालित है एवं ठेकेदार कौन हैं नाम पतावार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) क्या दुकानों के स्थापित होने के लिए मंदिर, मस्जिद, मुख्यमार्ग व बीच शहर व बाजार तथा शिक्षा संस्थाओं से कितनी दूरी पर शराब दुकान संचालित होना चाहिए यदि दूरी का शासन द्वारा कोई मापदण्ड है तो हटा विधान सभा क्षेत्र की शराब दुकानों को दूरी के आधार पर क्यों संचालित नहीं किया जा रहा है? दूरी के आधार पर दुकाने संचालित करने हेतु कब तक कार्यवाही की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) विभागीय अधिसूचना क्रमांक बी-1-05/2015/2/पांच (5), दिनाँक 06.02.2015 द्वारा निर्धारित किये गये मापदण्ड संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। प्रश्नांश की शेष वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (ख) शराब दुकानों के संचालन संबंधी मापदण्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। हटा विधान सभा क्षेत्र में मदिरा दुकानें निर्धारित मापदण्ड अनुसार ही संचालित है।
सागर नगर के संजय ड्राईव एवं चकराघाट का सौन्दर्यीकरण
57. ( क्र. 1305 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर नगर के चकराघाट एवं संजय ड्राईव के सौन्दर्यीकरण हेतु शासन द्वारा कितनी राशि स्वीकृत की गई थी तथा इस राशि से कितना कार्य पूर्ण हो चुका है? शेष कार्य कब तक पूर्ण किया जायेगा? (ख) क्या सागर तालाब में क्रूज चलाये जाने के प्रस्ताव की स्वीकृति की जा चुकी है? यदि हाँ, तो प्रश्नांक दिनाँक तक क्या प्रगति है? क्रूज कब तक संचालित होने लगेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) भारत शासन पर्यटन मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा सागर में संजय, ड्राइव, चकरा घाट हेतु राशि रूपये 123.62 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त है जिसमें से रूपये 103.91 लाख का कार्य किया जा चुका है। भारत शासन से शेष राशि प्राप्त न होने के कारण शेष कार्य कब तक पूर्ण होंगे बताया जाना संभव नहीं है। (ख) सागर तालाब में क्रूज चलाये जाने के प्रस्ताव की स्वीकृति दी जा चुकी है। क्रूज का निर्माण एवं आवश्यक कार्यवाही प्रगति पर है। दिनाँक बताया जाना संभव नहीं।
सागर नगर में सिटी बस का संचालन
58. ( क्र. 1306 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न संख्या 7 (क्रमांक 2036) दिनाँक 10 जून 2014 (क) के उत्तरांश में बताया गया था कि सागर शहर में सिटी बसें चलाया जाना प्रस्तावित हैं? यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांक दिनाँक तक लगभग डेढ़ वर्ष व्यतीत होने पर भी बसों का संचालन शुरू नहीं हो सका है? इस संबंध में क्या कार्यवाही प्रचलन में हैं? (ख) उक्त प्रश्नांक (क) के परिप्रेक्ष्य में सागर शहर में सिटी बसों के संचालन हेतु क्या गाइड लाईन तय की गई हैं तथा इस हेतु कितना बजट प्रावधानित किया गया है? क्या इसकी प्रशासकीय स्वीकृतियां दी जा चुकी हैं? यदि नहीं, तो कब तक बजट स्वीकृति प्रदत्त की जा सकेंगी? (ग) क्या शासन नगर के आवागमन की आवश्यकताओं पर विचार करते हुए सागर शहर की सिटी बसों की सेवाएं अविलंब प्रारंभ करने पर विचार करेगा तथा कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। सागर शहर के लिए जे.एन.एन.यू.आर.एम. योजनांतर्गत सिटी बसों का संचालन प्रस्तावित था, परन्तु भारत सरकार द्वारा उक्त योजना बन्द कर दी गई है। पुन: प्रस्ताव अमृत योजनांतर्गत तैयार कर भारत सरकार को स्वीकृति हेतु भेजा गया है। (ख) सागर शहर में सिटी बसों के संचालन हेतु प्रस्ताव अमृत योजना की गाईडलाईन अनुसार भारत सरकार को भेजा गया है। इसके लिये राशि रू. 14 करोड़ का बजट प्रस्तावित किया गया है। भारत सरकार से स्वीकृति अपेक्षित है तथा समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) सागर शहर में सिटी बस सेवा अमृत योजनांतर्गत प्रस्तावित है। भारत सरकार द्वारा स्वीकृति उपरांत सिटी बस सेवा प्रारंभ की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विद्युत विहीन ग्रामों का विद्युतीकरण
59. ( क्र. 1348 ) श्री संजय पाठक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के ऐसे कितने गांव हैं जिनमें विद्युत विभाग द्वारा अभी तक विद्युतीकरण का लाभ नहीं दिया गया? (ख) कटनी जिले के क्षेत्रान्तर्गत ग्रामीण विद्युतीकरण हेतु वर्तमान में क्या योजना है? योजनान्तर्गत सिंचाई एवं बी.पी.एल. कनेक्शन दिया जाता है तो विधानसभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ के ऐसे कितने गांव हैं जहां पर सिंचाई एवं बी.पी.एल. कनेक्शन दिये गये हैं? पृथक-पृथक ग्रामवार जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में ट्रांसफार्मर किस दक्षता के स्थापित किये गये हैं उनमें से कितने खराब हो चुके है, कितने बदले गये हैं और कितने बदले जाने योग्य है? बदले जाने का समय-सीमा निर्धारित की जाये?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) कटनी जिले में वर्तमान में 08 ग्राम अविद्युतीकृत हैं। (ख) कटनी जिले में वर्तमान में 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण, विद्युतीकृत ग्रामों के सघन विद्युतीकरण गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले सभी श्रेणी के हितग्राहियों को नि:शुल्क बी.पी.एल. कनेक्शन प्रदान किये जाने के कार्य स्वीकृत हैं। इस योजना के अंतर्गत सिंचाई पम्प कनेक्शन दिये जाने का कार्य सम्मिलित नहीं है। विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत पूर्व में 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना एवं वर्तमान में 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत दिए गए बी.पी.एल.कनेक्शनों की ग्रामवार संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' में दर्शाए अनुसार है। (ग) कटनी जिले के विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत 25 के.व्ही.ए. क्षमता के कुल 218 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किए गए है। कुल स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों से 39 वितरण ट्रांसफार्मर फेल हुए है, तथा उक्त सभी 39 वितरण ट्रांसफार्मर समय-सीमा के अंतर्गत बदलकर विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी गई है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
बैराज निर्माण से सिंचित रकबा के संबंध में
60. ( क्र. 1354 ) श्री सतीश मालवीय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि. अतारांकित प्रश्न संख्या 79 (क्र. 2484) दिनाँक 12 मार्च 2015 के उत्तर में बताया गया कि कांकरिया चांद बैराज के संबंध में जिम्मेदारी नियत करने के निर्देश दिये गये हैं? यदि उक्त अनुपालन में प्रश्न दिनाँक तक किसी तरह की कोई कार्यवाही अगर की गई हैं तो बतावें? (ख) अगर कार्यवाही नहीं की गई है तो क्यों? (ग) उपरोक्त अधिकारियों के समय में निर्मित जितने भी बैराज थे उनमें से वर्तमान वर्ष की वर्षा में जो बैराज साईडों से बहे है जिससे शासन को करोड़ों की क्षति हुई हैं, क्या उन पर भी कार्यवाही की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। निम्न अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई है :- (1) श्री यू.सी.जैन, तत्कालीन अधीक्षण यंत्री, जल संसाधन मण्डल, उज्जैन, (2) श्री आर.एस. मण्डलोई, तत्कालीन कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन संभाग उज्जैन, (3) श्री एस.के. सक्सेना, तत्कालीन उपयंत्री, जल संसाधन उपसंभाग, घट्टिया उज्जैन एवं (4) श्री डी.के. सहगल, तत्कालीन उपयंत्री, जल संसाधन उपसंभाग, घट्टिया उज्जैन। (ख) उत्तर ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) रांचीखेड़ा बैराज एवं कुमार्डी नौगांव बैराज कम काजवे गत वर्षा में क्षतिग्रस्त हुए है। कुमार्डी बैराज एवं काजवे के संबंध में प्रश्नांश-''क'' के उत्तर में वर्णित कार्रवाई की गई है। रांचीखेड़ा बैराज के संबंध में जिम्मेदारी निर्धारित कर प्रस्ताव भेजने हेतु मुख्य अभियंता, नर्मदा-ताप्ती कछार, इंदौर को निर्देशित किया गया है।
बाणसागर विस्थापितों का पुनर्वास स्थान का स्वामित्व एवं रोजगार
61. ( क्र. 1382 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के बाणसागर वृहद परियोजना में डूब प्रभावितों को विस्थापित किया गया है? यदि हाँ, तो कुल कितने ग्राम डूबे है और कितने परिवार प्रभावित हुये है? (ख) बाण सागर डूब से प्रभावित परिवारों को शहडोल जिले के किन-किन ग्रामों में पुनर्वास किया गया है? यदि किया गया है तो उन्हें क्या पुनर्वास भूमि का स्वामित्व दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? और दिया जायेगा तो कब तक? (ग) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी एवं जयसिंह नगर तहसील में बाणसागर प्रभावित गरीब विस्थापित लोग बसे हैं? यदि हाँ, तो उन्हें आवास की भूमि पर स्वामित्व दिया जावेगा? (घ) बाण सागर विस्थापन से ब्यौहारी एवं जयसिंह नगर तहसील में बहुतायत संख्या में झोपड़ी बनाकर निवास कर रहे हैं, जिनके पास रोजगार के कोई साधन नहीं है? क्या उनके लिये रोजगार के साधन उपलब्ध कराये जावेंगे?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। बाणसागर परियोजना के डूब क्षेत्र में शहडोल जिले के 5 ग्राम क्रमंश: न्यू सपटा, न्यू वरौंधा, सरसी एवं टिकुरी टोला तथा तिखवा आंशिक रूप से प्रभावित हुए है। ब्यौहारी तहसील के कुल 69 ग्राम डूब से प्रभावित हुए है, जिनमें से 22 ग्राम पूर्ण डूब से तथा 47 ग्राम आंशिक रूप से डूब प्रभावित है। कुल 12,645 परिवार विस्थापित हुए है। इन परिवारों को पुनर्वास हेतु आवासीय भू-खण्ड के पट्टे दिए गए है और जन विस्थापितों ने भूखण्ड के एवज में नगदी का विकल्प दिया उन्हे नगद अनुदान दिया गया है। (ख) एवं (ग) शासन की नीति पुनर्वास हेतु पट्टे दिए जाने की है। भूमि स्वामित्व दिए जाने की नहीं। (घ) रोजगार उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीण विकास विभाग तथा उद्योग विभाग की विभिन्न योजनाएं प्रचलित है।
बाण सागर परियाजना का पानी सिंचाई नहर उपलब्ध कराना
62. ( क्र. 1384 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बाण सागर परियोजना के निर्माण से शहडोल जिले के अधिकांश ग्राम डूब गये है और वहां के डूब प्रभावित लोग अधिकांशत: शहडोल जिले के जयसिंह नगर और ब्यौहारी तहसील में निवासरत है? (ख) क्या बाणसागर परियोजना का पानी शहडोल जिले के बुड़वा क्षेत्र के कुछ ग्रामों की छोड़कर अन्य ग्रामों में सिचांई हेतु नहर की व्यवस्था कर सिंचाई का पानी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो शहडोल जिले के अधिकांश गांव डूबने से उत्पन्न बेरोजगारी एवं पुनर्वास की पीड़ा को समाप्त करने के लिये नहर बनवाकर सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध कराया जावेगा यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) बाणसागर परियोजना के डूब क्षेत्र में शहडोल जिले के 22 ग्राम पूर्ण रूप से एवं 47 ग्राम आंशिक रूप से प्रभावित हुए है। डूब से विस्थापित परिवारों की पुर्नस्थापन विस्थापित परिवारों की इच्छा अनुसार डूब क्षेत्र के निकट आदर्श पुनर्वास ग्रामों में तथा अन्यत्र किया गया है। बाणसागर दांयी तट नहर से ब्यौहारी तहसील के बुड़वा क्षेत्र में 27 ग्रामों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई गई है। अत: शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
जनसंपर्क विभाग द्वारा व्यय राशि
63. ( क्र. 1408 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनसंपर्क विभाग द्वारा प्रचार-प्रसार के लिए वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में कितना बजट व्यय किया गया है? वर्षवार, मदवार ब्यौरा देवें। (ख) जनसंपर्क विभाग द्वारा एन.जी.ओ. के माध्यम से वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में क्या-क्या कार्य कराए? कार्यवार एन.जी.ओ. वार एवं राशिवार ब्यौरा दें? (ग) जनसंपर्क विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 के लिए एन.जी.ओ. के माध्यम से कार्य हेतु योजना/कार्य कराए गए है, अथवा प्रस्तावित है? कार्यवार, राशिवार ब्यौरा दें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में प्रचार-प्रसार पर मदवार बजट व्यय का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "एक" अनुसार है। (ख) शासन की उपलब्धियों एवं विकास कार्यों की योजनाओं पर आधारित नुक्कड़ नाटक द्वारा प्रचार-प्रसार किया गया। एन.जी.ओ. वार एवं राशिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "दो" अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वीरपुर डेम को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना
64. ( क्र. 1409 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इच्छावर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वीरपुर डेम को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव विभाग के पास लंबित है? यदि हाँ, तो अभी तक क्या-क्या कदम उठाए गए? (ख) क्या डेम क्षेत्र में नाव/क्रूज एवं नौकायान की सुविधा भी दी जाएगी? (ग) वीरपुर डेम को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की क्या योजना है? (घ) क्या डेम क्षेत्र में पर्यटन के लिए बजट स्वीकृत किया गया है? यदि हाँ, तो योजनावार स्वीकृत बजट का ब्यौरा देवें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। (घ) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विदेशी पूजी निवेश की नीति
65. ( क्र. 1449 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि सरकार ने विदेशी पूंजी निवेश की नीति बनाई है? (ख) यदि हाँ, तो 2008 से 2015 तक कुल कितना विदेशी पूंजी निवेश हुआ है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) भारत सरकार से संबंधित है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
भोपाल नगर निगम की आय-व्यय एवं कर्ज की जानकारी
66. ( क्र. 1468 ) श्री आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल नगर पालिका निगम प्रशासन को वर्ष 2010 से प्रश्न दिनाँक में केन्द्र व राज्य सरकार से किस-किस वर्ष में किस-किस कार्य हेतु किस-किस महापौर के कार्यकाल में कुल कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई तथा व्यय की गई वर्षवार बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2010 से प्रश्न दिनाँक तक किस-किस महापौर के कार्यकाल में कितनी-कितनी राशि का ऋण लिया और किस-किसके कार्यकाल में कितनी-कितनी राशि का कुल कितना-कितना कर्ज रहा तथा वर्तमान में भोपाल नगर निगम कुल कितनी राशि की कर्जदार है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'अ' एवं 'ब' अनुसार है।
अनियमितताओं के दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही
67. ( क्र. 1469 ) श्री आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी जो मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर 2013 तक प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ थे, उनके द्वारा वक्फ संपत्ति को अवैध लीज़/अवैध हस्तांतरण और अनियमितताओं के प्रकरण प्रकाश में आये थे? (ख) यदि हाँ, तो उनके विरूद्ध कार्यवाही हेतु सामान्य प्रशासन विभाग में कब-कब प्रस्ताव प्राप्त हुए और वर्तमान में कार्यवाही की क्या स्थिति है? (ग) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1644 दिनाँक 27 फरवरी, 2015 को प्रश्न की कण्डिका क-ख के उत्तर में संबंधित अधिकारी पर गंभीर प्रकरण होना स्वयं माननीय मुख्यमंत्री जी ने स्वीकार किया है? यदि हाँ, तो वक्फ संपत्ति का संक्रमण करना, क्रय करना धारा 52 2 (1) के प्रावधानों के अंतर्गत संज्ञेय और गैर जमानती अपराध है? यदि हाँ, तो अपराध साबित होने के बावजूद दोषी अधिकारी को शासन ने न तो निलंबित किया और न ही अभियोजन की कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क) (ग) के परिप्रेक्ष्य में दोषी अधिकारी के विरूद्ध सक्षम कार्यवाही नहीं होने तथा कार्यवाही के 02 वर्षों के विलंब के लिये किस स्तर के कौन-कौन अधिकारी उत्तरदायी सहित दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ (ख) श्री शफीकउद्दीन (सैयद) राप्रसे के विरूद्ध पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से दिनाँक 24/02/2014 दिनाँक 02/06/2014, दिनाँक 25/06/2014 और दिनाँक 02/12/2014 को प्रस्ताव प्राप्त हुए। उक्त प्रकरणों में मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के अंतर्गत विभागीय जाँच संस्थित कर आरोप पत्रादि जारी किए गए। एक प्रकरण में श्री शफीकउद्दीन (सैयद) से प्राप्त उत्तर के बाद मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के अंतर्गत जाँचकर्ता अधिकारी नियुक्त किया गया है। शेष तीन प्रकरणों में वर्तमान में विभागीय जाँच प्रचलित है। (ग) जी हाँ। श्री शफीकउद्दीन (सैयद) राप्रसे के विरूद्व अभियोजन प्रकरणों के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 15-01/2004/1-10, दिनाँक 05/09/2014 के अनुसार पिछडा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग अथवा किसी अन्वेषण एजेंसी/अन्य परिवादी का कोई अभियोजन प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। विभागीय जाँच के प्रस्ताव पर कार्यवाही प्रचलित है। (घ) उत्तरांश ''ख'' एवं ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधानसभा क्षेत्र गुनौर अंतर्गत गढ़ीपड़रिया, मिढ़ासन उद्वहन सिंचाई योजना
68. ( क्र. 1479 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा गुनौर तहसील देवेन्द्र नगर के अंतर्गत गढ़ीपड़रिया, मिढ़ासन, उद्वहन सिंचाई योजना स्वीकृत है? (ख) प्रश्न (क) का उत्तर यदि हाँ, है तो योजना के निर्माण हेतु कितनी राशि स्वीकृत है? क्या इस योजना का शिलान्यास माननीय मुख्यमंत्री महोदय म.प्र. शासन द्वारा किया गया था? यदि हाँ, तो किस दिनाँक को? (ग) योजना की निर्माण एजेंसी कौन है? योजना के तकनीकी मार्गदर्शन हेतु कौन से उपयंत्री तैनात हैं उपयंत्री का नाम एवं विभाग बतावें? (घ) परियोजना का कितना निर्माण कार्य हो चुका है? कितना शेष है? क्या परियोजना सही गुणवत्ता एवं उचित तकनीकी मार्गदर्शन में निर्मित की गई है? यदि योजना का कार्य अपूर्ण है तो क्यों? परियोजना कब तक पूर्ण कर ली जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) देवेन्द्रनगर तहसील के ग्राम गढ़ी पड़रिया में मिढ़ासन लघु सिंचाई परियोजना एवं पन्ना जिले में मिढ़ासन व्यपवर्तन सिंचाई योजना मिढ़ासन नदी पर निर्माणाधीन है। विधान सभा गुनौर में कोई सिंचाई परियोजना स्वीकृत नहीं है। विन्द्रावन लघु सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति रू.277.64 लाख एवं मिढ़ासन डायवर्सन सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति रू.2774.76 लाख की दी गई है। जी हाँ। दिनाँक 30.01.2013 को। पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति की आवश्यकता है। (ख) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा मिढ़ासन डायवर्सन सिंचाई परियोजना का शिलान्यास दिनाँक 30.01.2013 को किया गया है।
वित्तीय प्रबंधन हेतु टेली साफ्टवेयर का उपयोग
69. ( क्र. 1489 ) श्री राजकुमार मेव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्तीय प्रबंधन हेतु टेली साफ्टवेयर क्रय किये जाने हेतु शासन द्वारा कोई निर्देश विभागों एवं कार्यालयों को दिये गये है? यदि हाँ, तो आदेश की छायाप्रति उपलब्ध कराई जावे? खरीदे गये टेली साफ्टवेयर का बजट शीर्ष क्या है? (ख) खरगोन जिले के किस-किस विभाग एवं कार्यालयों में टेली साफ्टवेयर क्रय किये गये? टेली साफ्टवेयर का बजट शीर्ष, फर्म एवं एजेंसी का नाम तथा किस पद्धति से टेली साफ्टवेयर क्रय किये गये? क्या इनका उपयोग किया जा रहा है या प्रस्तावित है? (ग) यदि हाँ, तो किस-किस विभाग द्वारा एवं यदि नहीं, तो किस-किस विभाग द्वारा नहीं किया जा रहा है? क्या कारण है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वित्त विभाग द्वारा कोई निर्देश नहीं दिये गये है। अत:शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश "क" के प्रकाश में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
गोविंदगढ़ किले स्थित प्रथम सफेद शेर की समाधि का संरक्षण
70. ( क्र. 1505 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के अंतर्गत गोविंदगढ़ किला परिसर में विश्व के प्रथम सफेद शेर की समाधि है? क्या शासन की कोई योजना है कि इस ऐतिहासिक स्थल को विकसित कर पर्यटक से जोड़ा जायेगा एवं समाधि स्थल को संरक्षित करने हेतु शासन स्तर पर क्या प्रयास हो रहे है? (ख) प्रश्न (क) के ही संबंध में रीवा जिले अंतर्गत गोविंदगढ़ किला ऐतिहासिक एवं प्राचीन धरोहर है? इसे पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने एवं किले का जीर्णोद्धार करने के संबंध में क्या कार्यवाही की जा रही है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। शासन द्वारा पीपीपी मोड के अंतर्गत ऐतिहासिक स्थल (गोविन्दगढ़ किला परिसर) को विकसित कर पर्यटन से जोड़ने की योजना प्रचलन में है। (ख) जी हाँ। पीपीपी मोड के अंतर्गत ऐतिहासिक स्थल (गोविन्दगढ़ किला परिसर) को विकसित करने की योजना प्रचलन में है।
सेल टैक्स वेरियर की शिकायतों पर कार्यवाही विषयक
71. ( क्र. 1508 ) श्री मधु भगत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले की सीमाओं पर कहां-कहां सेल टैक्स के वेरियर है और विगत तीन वर्षों से इन पर कौन-कौन से अधिकारी, कर्मचारी कब से तैनात हैं नाम, पद, अवधि बताएं? (ख) उपरोक्त अधिकारी/कर्मचारियों की पद स्थापना फिल्ड/बेरियर इत्यादित पर कब-कब, कहां-कहां रही तथा इनके विरूद्ध क्या-क्या शिकायतें विभाग स्तर पर प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो क्या उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) सेल टैक्स वेरियर से पिछले तीन वित्तीय वर्षों में कितनी आय हुई और कितनों वाहनों द्वारा वेरियर से रिकार्ड में दर्ज किया गया?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) बालाघाट जिले की सीमाओं पर वाणिज्यिक कर विभाग की एक ही जाँच चौकी, ग्राम रजेगांव में स्थापित है। विगत तीन वर्षों में पदस्थ अधिकारी, कर्मचारी का नाम, पदनाम व अवधि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ग) वाणिज्यिक कर जाँच चौकी रजेगांव पर पिछले तीन वर्षों में वसूल की गई शास्ति राशि तथा रिकार्ड में दर्ज वाहनों की संख्या की जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
वर्ष |
वाहनों की संख्या |
वसूली की गई शास्ति की राशि |
बेरियर पर रिकार्ड में दर्ज वाहनों की संख्या |
1 |
2012-13 |
36 |
14,51,709 |
7,093 |
2 |
2013-14 |
29 |
21,39,484 |
5,664 |
3 |
2014-15 |
34 |
12,31,030 |
10,325 |
योग |
99 |
48,22,223 |
23,082 |
बालाघाट नगर के तालाबों पर अतिक्रमण
72. ( क्र. 1509 ) श्री मधु भगत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट नगर पालिका सीमा के अंतर्गत तथा उसकी परिधि के आसपास कौन-कौन से ग्रामों, इलाकों, वार्ड नं. में अवैध निर्माण, विकास, कॉलोनी कब्जे, अतिक्रमण की जानकारी नगर पालिका को, संचालनालय को और शासन को पिछले 3 वर्षों (1.1.12 से 30.3.15) के बीच प्राप्त हुई? तिथि के क्रम में की गई कार्यवाही बतायें? (ख) क्या बालाघाट नगर पालिका, अतिक्रमण, अवैध कब्जे, अवैध निर्माण और साफ-सफाई के लिये संवेदनशील है? यदि हाँ, तो परिषद के अभिलेख में कितनी शिकायतें, मामले प्राप्त हुए और क्या कार्यवाही किस प्राधिकारी द्वारा किस तिथि में की गई, उसके क्या परिणाम रहे? (ग) नगर के अंतर्गत देवीतालाब और कौन-कौन से तालाब है? उनका रकबा, स्वामित्व किसका है तथा उस रकवे में किस-किस के अवैध निर्माण, वैध निर्माण कब से है? क्या उक्त तालाब की सफाई हेतु शिकायतों और विभिन्न जनता द्वारा अनुरोध किया गया था? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। बालाघाट नगर पालिका सीमा क्षेत्र में तहसीलदार बालाघाट के पत्र क्रमांक 92 कानूनगो/2015 बालाघाट दिनाँक 01-12-2015 से प्राप्त जानकारी अनुसार कुल 07 तालाब स्थित है। उक्त तालाबों में खसरा नं., रकबा एवं कब्जेदार की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। जी हाँ। देवी तालाब की नियमित सफाई नगर पालिका द्वारा कराई जाती है।
ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि
73. ( क्र. 1520 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में कितने वितरण केन्द्रों में ट्रांसफार्मर ओवर लोड है? वितरण केन्द्रवार जानकारी देवें? (ख) कितने ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि प्रस्तावित है? मांग अनुसार कितने अतिरिक्त लगाये जाना आवश्यक है? कब तक इस कार्य को पूर्ण कर दिया जाएगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में किसी भी वितरण केन्द्र में स्थापित वितरण ट्रांसफार्मर पर उसकी क्षमता से अधिक भार नहीं है। (ख) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वितरण ट्रांसफार्मरों पर वर्तमान में संबद्ध भार एवं भविष्य में होने वाली संभावित भार वृद्धि के दृष्टिगत 24 ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि एवं 137 अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाए जाने के कार्य किये जाने प्रस्तावित हैं। उक्त में से पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा 24 ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि तथा 19 अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाने के कार्य विभागीय स्तर पर आगामी 3 माह में पूर्ण करने के प्रयास किये जा रहे हैं। शेष 118 अतिरिक्त ट्रांसफार्मरों की स्थापना का कार्य फीडर विभक्तिकरण योजना में प्रगति पर है तथा ठेकेदार एजेंसी से यह कार्य मार्च 2016 तक पूर्ण कराया जाना संभावित है।
गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में वोल्टेज की समस्या
74. ( क्र. 1522 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विद्युत वोल्टेज की समस्या को दूर किये जाने हेतु विभाग की कोई योजना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो इस समस्या के निदान हेतु समय-सीमा बतावें? (ख) विद्युत लाईन लाइसेंस रोके जाने हेतु विद्युत विभाग की क्या योजना है? विद्युत वितरण केन्द्र 33/11 के आवश्यक है? क्षेत्रवार विस्तृत जानकारी दें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ, गाडरवारा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति किये जाने हेतु ए.डी.बी. III दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना एवं आई.पी.डी.एस. योजना के अंतर्गत नये 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों का निर्माण प्रस्तावित है। उपरोक्त कार्य वर्ष 2018 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। (ख) विद्युत लाईन लॉस कम किये जाने हेतु विद्युत के अवैधानिक उपयोग की रोकथाम के लिये वितरण कंपनी द्वारा चलाई जाने वाली मुहिम के अंतर्गत विशेष सशस्त्र बल (एस.ए.एफ.) की प्लाटून दो जिलों यथा नरसिंहपुर एवं रीवा का चयन कर तीन माह के लिए उपलब्ध कराई गई थी तथा वर्तमान में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्तर्गत सभी 15 वृतों में 15 टीमें तथा एक केन्द्रीय उड़नदस्ता टीम द्वारा बिजली चोरी/अनियमितता के प्रकरणों पर कार्यवाही की जा रही है। उक्त के अतिरिक्त फीडर विभक्तिकरण योजना के अंतर्गत एल.टी. लाईन का केबिलीकरण किया जा रहा है। गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र हेतु भविष्य के संभावित भार वृद्धि के प्रबंधन हेतु ए.डी.बी.- III, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना एवं आई.पी.डी.एस. योजना में निम्नलिखित 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों का निर्माण प्रस्तावित किया गया है:-
क्र. |
विधानसभा क्षेत्र का नाम |
योजना का नाम |
प्रस्तावित 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र का नाम |
1 |
गाडरवारा |
ए.डी.बी. - III |
रायपुर |
2 |
गाडरवारा |
ए.डी.बी. - III |
सिंगपुर (चीचली) |
3 |
गाडरवारा |
दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना |
मदगुला |
4 |
गाडरवारा |
आई.पी.डी.एस. योजना |
गाडरवारा (बाबाटोला) शनि मंदिर के पास |
,
जनसहयोग से निर्माण कार्य
75. ( क्र. 1527 ) डॉ. मोहन यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा 01.01.2015 से प्रश्न दिनाँक तक अनुसूचित जाति एवं सामान्य वर्ग की बस्ती एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विभाग द्वारा जनसहयोग से कितने कार्य किये गये? (ख) आगामी सिंहस्थ को दृष्टिगत निर्माण कार्यों में जनभागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिये विभाग द्वारा क्या कार्ययोजना बनाई गई है? संपूर्ण ब्यौरा प्रस्तुत करें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जनभागीदारी योजनान्तर्गत अनुसूचित जाति क्षेत्र (मांग संख्या 64) में 80 कार्य, सामान्य क्ष्ोत्र (मांग संख्या 60) में 176 कार्य स्वीकृत किये गये। (ख) जनभागीदारी योजना के नियमों के अन्तर्गत कार्य स्वीकृत किये जाते है पृथक से कोई कार्य येाजना नहीं बनाई गयी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के प्रस्तावित कार्य
76. ( क्र. 1528 ) डॉ. मोहन यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के विकास के लिये उज्जैन जिले में कौन-कौन से प्रस्ताव वित्तीय वर्ष 2015-16 में प्रस्तावित हैं? उनमें से कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो चुके हैं एवं कौन-कौन से कार्य अधूरे हैं? अधूरे कार्यों को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (ख) क्या आगामी सिंहस्थ को दृष्टिगत रखते हुए विभाग द्वारा पृथक से कोई विशेष कार्ययोजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो क्या?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) वित्तीय वर्ष 2015-16 में उज्जैन जिले में 02 सौर परियोजनाएं प्रस्तावित थी, जो पूर्ण हो चुकी है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। प्रश्नाधीन अवधि में म.प्र. ऊर्जा विकास निगम द्वारा किये गये पूर्ण/अपूर्ण कार्यों का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) जी नहीं।
बावड़ीखेड़ा तालाब की कच्ची नहर एवं बरों का पक्का निर्माण
77. ( क्र. 1548 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर जिले के बावड़ीखेड़ा तालाब की नहर एवं बरों का पक्का निर्माण कार्य वर्ष 2013-14 में किया गया है? यदि हाँ, तो कार्य किस मद में किया गया है? कार्यादेश अनुसार नहर एवं बरों के पक्के निर्माण कार्य पूर्ण करने की समयावधि क्या थी? ठेकेदार द्वारा किस दिनाँक को कार्य पूर्ण किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित तालाब की नहर एवं बरों के पक्के निर्माण हेतु स्वीकृति प्राक्कलन में किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि का प्रावधान किया गया था? कराये गये कार्यों का कितना भुगतान किया जा चुका है? (ग) क्या स्वीकृत प्राक्कलन अनुसार नहर एवं बरों का पक्का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? क्या कार्य का अंतिम भुगतान ठेकेदार को हो चुका है? यदि नहर एवं बरों का पक्का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ है तो उसके लिए जिम्मेदार कौन है? क्या जिम्मेदार के विरूद्ध कार्यवाही की गई है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। एम.पी.डब्ल्यू.एस.आर.पी. मद में। दिनाँक 13.07.2015। दिनाँक 21.06.2015 तक 92 प्रतिशत कार्य पूर्ण किया गया। (ख) मुख्य बांध के लिए रूपये 3.33 लाख तथा नहर कार्य के लिए 82.04 लाख। रू. 69.51 लाख। (ग) जी नहीं। जी नहीं। विश्व बैंक परियोजना समाप्त हो जाने के उपरांत राज्य की निधि से धनराशि की व्यवस्था कर कार्य इसी वित्तीय वर्ष में पूर्ण कराने के निर्देश दे दिए गये है। अत: शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
पार्वती नदी के पीलीकराड़ डेम एवं नेवज नदी के बांकाखेड़ी डेम का निर्माण
78. ( क्र. 1549 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले के पार्वती नदी के पीलीकराड डेम एवं नेवज नदी के बांकाखेड़ी डेम का निर्माण किस वित्तीय वर्ष में हुआ था? दोनों डेम की लागत कितनी-कितनी थी? ठेकेदार द्वारा कार्य पूर्ण की दिनाँक क्या-क्या थी? (ख) क्या पार्वती नदी के पीलीकराड़ डेम एवं नेवज नदी के बांकाखेड़ी डेम के दोनों किनारों पर पिचिंग का कार्य प्राक्कलन के अनुसार हो गया है? यदि नहीं, हुआ तो उसके लिए कौन जिम्मेदार है? क्या जिम्मेदार के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) पीलीकरार स्टॉप डेम का निर्माण कार्य वर्ष 2014 में रू.232.02 लाख की लागत से मार्च-2014 में तथा बांकाखेड़ी स्टॉप डेम का निर्माण कार्य जून 2010 में रू.344.00 लाख की लागत से जून-2010 में पूर्ण किया गया। (ख) पीलीकारार स्टॉप डेम के प्राक्कलन में पिचिंग का प्रावधान नहीं था। बांकाखेड़ी स्टॉप डेम में पीचिंग के स्थान पर तकनीकी रूप से बोल्डर फिलिंग उपयुक्त होने से बोल्डर फिलिंग का कार्य किया गया। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते है।
प्रश्न क्रमांक 49 दिनाँक 28/7/2015
79. ( क्र. 1569 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नोत्तरी दिनाँक 28.07.2015 में मुद्रित अतारांकित प्रश्न संख्या 1 (क्रमांक 49) के प्रश्नांश (क) एवं (ख) का उत्तर जल संसाधन संभाग कटनी द्वारा रीठी, बहोरीबंद विकासखण्ड के अंतर्गत वर्ष 2011 से प्रश्न दिनाँक तक बांधों और लाईनिंग में कराई गई। मरम्मत की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र (अ) अनुसार है। (ग) का उत्तर जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र (ब) अनुसार है दिया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, तो प्रश्नांश के उत्तर के संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र (अ) एवं (ब) में कराए गए कार्यों को क्या विभागीय स्तर पर कराया गया है या किसी ठेकेदार से कराया गया है? यदि ठेकेदार से कराया गया है तो कब-कब किस-किस कार्य की निविदा कब-कब प्रकाशित की गई? उक्त कार्यों के लिए स्वीकृत आदेश की प्रतियां उपलब्ध करावें तथा उक्त कार्य हेतु प्राक्कलन किसके द्वारा तैयार किया गया है? (ग) प्रश्नांश (घ) का उत्तर दिया गया था कि वर्ष 1917 में निर्मित गोरहा बांध अत्याधिक वर्षा के कारण दिनाँक 03.09.2013 को क्षतिग्रस्त होना प्रतिवेदित है। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा स्थल निरीक्षण करने के पश्चात् दिए गए निर्देश अनुसार क्षतिग्रस्त भाग का सुधार कार्य वार्षिक मरम्मत अंतर्गत रूपया 11.98 लाख व्यय किया जाकर मार्च 2015 में कराया गया है। (घ) प्रश्नांश (ग) का उत्तर यदि हाँ, तो बांध क्षतिग्रस्त होना प्रतिवेदित किया गया है तो किस अधिकारी ने प्रतिवेदित किया है? उसके प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें तथा किस अधिकारी ने स्थल निरीक्षण किया था? निरीक्षण प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें। उक्त बांध की देख-रेख का उत्तरदायित्व किस-किस को सौंपा था? उसके आदेश की प्रति भी उपलब्ध करावें। (ड.) प्रश्नांश (ग) से संबंधित बांध की मरम्मत पर व्यय किए गए 11.98 रूपये व्यय संबंधी बिल व्हाऊचर की प्रतियां उपलब्ध करावें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (घ) उपयंत्री श्री व्ही.के.असाटी द्वारा। प्रतिवेदन की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'' के अनुसार है। दिनाँक 02.09.2015 को स्थल निरीक्षण तत्कालीन मुख्य अभियंता, सिवनी श्री आर.एस.रघुवंशी, द्वारा किया गया। प्रतिवेदन की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''2'' (पेज-1 से 14) के अनुसार है। संभाग के भीतर स्थित जल संरचनाओं के संधारण एवं नियमन का कार्य संभागीय कार्यपालन यंत्री के सामान्य पर्यवेक्षण में संबंधित सहायक यंत्री एवं उपयंत्री द्वारा किया जाने की व्यवस्था है। इस हेतु आदेश जारी नहीं किए जाते हैं। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''3'' (पृष्ठ 1 से 8) के अनुसार है।
टीकमगढ़ जिले में रेत खदानों को चिन्हित करने हेतु
80. ( क्र. 1591 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले में 2015 में रेत खदानों को शासन की नीति के अनुसार ठेके पर दी गई है तथा ठेकेदारों द्वारा रेत के उठाव कार्य में विवाद की स्थिति निर्मित होने के संबंध में प्रश्नकर्ता ने खनिज विभाग को पत्र लिखकर अवगत कराया था कि ठेकेदारों द्वारा रेत उठाव का कार्य प्रांरभ होने के पहले जतारा विकासखण्ड एवं पलेरा विकासखण्ड तथा बल्देवगढ़ विकासखण्डों की सभी खदानों का सीमांकन किया जाय एवं खदान के रकवे को निकाल उसे चिन्हित किया कि कितना रकबा किस खदान में आता है उसके बाद ही रेत का उठाव कार्य प्रारंभ किया जाये? (ख) यदि हो तो क्या यह कार्यवाही खनिज विभाग द्वारा की गई है? यदि हाँ, तो क्या यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों कारण स्पष्ट करें तथा खदानों की नाप, सीमांकन एवं रकवा सुरक्षित कर विकासखण्डवार खदानों को कब तक चिन्हित करायेगें? (ख) क्या ठेकेदारों के अलावा फिर कोई रेत उठाव का कार्य करेगा तो उनके विरूद्ध कार्यवाही करेगें? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। प्रश्नानुसार पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) कलेक्टर टीकमगढ़ द्वारा खदानों का सीमांकन कराये जाने के संबंध में तहसीलदारों को दिनाँक 19.09.2012 को आदेश दिये गये थे। खदानों का सीमांकन कराये जाकर खदानों में इसका विवरण दर्शाने वाले बोर्ड स्थापित किये गये है। अत: प्रश्नानुसार कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) अधिकृत ठेकेदारों के अलावा अन्यों द्वारा नियम विरूद्ध उत्खनन किये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही किये जाने का प्रावधान नियमों में है। अत: वर्तमान में ऐसा कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं होने के कारण समय-सीमा बताये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राज्य स्तरीय तकनीकी समिति
81. ( क्र. 1624 ) श्री संजय उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के नगरीय निकायों में राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के कार्यों की निविदा दरों हेतु सलाह देने राज्य स्तरीय तकनीकी समिति बनाई गई है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2010-11 से प्रश्न दिनाँक तक जबलपुर संभाग अंतर्गत किन-किन निकायों की किन-किन योजना/कार्यों की किस-किस दर की स्वीकृति हेतु अनुशंसा की गई है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’, ‘ब’ एवं ‘स’ अनुसार है।
सब स्टेशनों के मेंटेनेन्स हेतु जारी राशि
82. ( क्र. 1626 ) श्री संजय उइके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा सिवनी वृत के अंतर्गत 33 K.V सब स्टेशनों के मेंटेनेन्स हेतु राशि जारी की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो कब-कब, कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों हेतु दी गई एवं किन के द्वारा कार्य कराया गया?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा वर्ष 2015-16 के दौरान सिवनी वृत्त हेतु संचालन एवं संधारण मद में 33 के.व्ही., 11 के.व्ही. एवं एल.टी. लाईनों तथा 33/11 के.व्ही. सब स्टेशनों, वितरण ट्रांसफार्मरों एवं अन्य उपकरणों के मेंटेनेन्स के लिये कुल राशि रू.2.44 करोड़ का आवंटन दिनाँक 11.5.15 को किया गया है। उक्त मद में संचालन एवं संधारण के सभी कार्यों हेतु एक मुश्त राशि उपलब्ध कराई जाती है, विभिन्न कार्यों हेतु पृथक-पृथक आवंटन नहीं किया जाता। यह कार्य पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर पर सामग्री क्रय कर किया जा रहा है।
ब्यावरा के निस्तारी वाले की कार्ययोजना की स्वीकृति
83. ( क्र. 1641 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न संख्या 56 (क्रमांक 1143) दिनाँक 23 जुलाई 2015 के उत्तर की कंडिका (ख) में बताया गया था कि निकाय (नगर पालिका ब्यावरा) द्वारा ब्यावरा शहर के निस्तारी नाले को पक्का करने, ढकने तथा उसके निस्तारण हेतु कार्य योजना बनाई जा रही है? तो क्या निकाय द्वारा उक्त नाले को पक्का करने, ढकने तथा निस्तारण हेतु कार्ययोजना बनाई जाकर शासन को प्रेषित कर दी गई है तथा शासन द्वारा उक्त कार्ययोजना पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन उक्त नाले को पक्का करने, ढकने तथा निस्तारण कार्ययोजना को स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) कार्ययोजना प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
मानकी तालाब की नहरों को पक्का करना
84. ( क्र. 1642 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की तहसील ब्यावरा के अंतर्गत मानकी तालाब से सिंचाई कार्य हेतु नहरों का निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो क्या उक्त नहरें पूर्णत: कच्ची होने से बड़ी मात्रा में पानी का रिसाव होता रहता है, जिसमें पानी का अपव्यय तो हो ही रहा है साथ ही नहरों के दोनों तरफ के कृषकों की भूमि पर अत्याधिक जल भराव होने के कारण फसल लेना संभव नहीं हो रहा है? (ख) क्या जलसंसाधन विभाग द्वारा सभी प्रकार की नहरों को सीमेन्ट कांक्रीट से पक्का करने का कार्य बड़े पैमाने पर किया जा रहा है, जिसमें नहरों के अंतिम छोर तक पर्याप्त दबाव से पानी पहुंचाया जा सकें व अधिकतम रकबें को सिंचित क्षेत्र में लाया जा सकें? यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अन्य सिंचाई तालाबों सहित मानकी तालाब की नहरों को भी सीमेन्ट कांक्रीट से पक्का करने हेतु कार्ययोजना स्वीकृत की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ, परियोजना की स्वीकृति में नहरों में लाईनिंग का प्रावधान नहीं था। नहरों का नियमित संधारण कर रूपांकित सिंचाई क्षेत्र 173 हेक्टर के विरूद्ध गत वर्ष 159 हेक्टर रबी सिंचाई की गई है। (ख) उपलब्ध सीमित वित्तीय संसाधनों से सिंचाई परियोजनाओं की नहरों की लाईनिंग करने की व्यवस्था है। जिन परियोजनाओं में रूपांकित क्षमता और की जा रही सिंचाई में ज्यादा अंतर होकर प्रति हेक्टर न्यून राशि से सिंचाई क्षमता वापस प्राप्त की जा सकती है उनकी लाईनिंग को प्राथमिकता दी गई है। विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा में सिंचाई परियोजनाओं में रूपांकित सिंचाई क्षमता और की जा रही सिंचाई में अंतर ज्यादा नहीं है। अत: समय-सीमा निश्चित किया जाना संभव नहीं है।
कोष एवं लेखा के अधिकारियों की शिकायत
85. ( क्र. 1649 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री मुन्नालाल बंसल (राष्ट्रपति पदक से सम्मानित) निवासी मोतीमहल गांधी बाजार विजयपुर (जिला श्योपुर) द्वारा प्रमुख सचिव वित्त को 01.11.2012 में कोई शिकायती आवेदन दिया? यदि हाँ, तो उसका विषय क्या था? क्या यह सही है कि आयुक्त कोष एवं लेखा भोपाल द्वारा अपने पत्र क्र. 3327/14.11.2012 द्वारा जाँच की गई? (ख) क्या श्री वरूण वर्मा की शिकायत का रिकार्ड आयुक्त कोष एवं लेखा से गायब हो चुका है? यदि हाँ, तो दोषी कौन है? दोषी के प्रति क्या कार्यवाही की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। जिसका विषय इस प्रकार है, संयुक्त संचालक कोष लेखा एवं पेंशन ग्वालियर के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के संबंध में की गई जाँच को निरस्त कर पुन: जाँच कराने के संबंध में एवं जाँच अधिकारी श्री वरूण वर्मा अपर संचालक कोष एवं लेखा भोपाल द्वारा की गई एकतरफा जाँच को निरस्त कर श्री वरूण वर्मा की भी जाँच करने बावत्। यह सही नहीं है कि आयुक्त कोष एवं लेखा भोपाल के द्वारा अपने पत्र क्रमांक 3327/14.11.2012 द्वारा जाँच की गई। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उदभूत नहीं होता है।
आंकलित खपत की प्रथा को बंद करना
86. ( क्र. 1657 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में कुल कितने रजिस्टर्ड कनेक्शनधारी है, कृषि, घरेलू, व्यापारिक की अलग-अलग वितरण केन्द्रवार जानकारी दी जावें? तथा इनसे लगभग कितने रूपयों की वसूली प्रतिमाह हो रही है? एवं व्यय कितने रूपयों का हो रहा है? (ख) क्या जो अवैध तार डालकर विद्युत का उपयोग कर रहे है? उनसे विद्युत विभाग के कर्मचारी कुछ लेनेदेन करके चोरी में सहयोग कर रहे है तथा जो कनेक्शनधारी है उनके बिलों पर उक्त चोरी की बिजली से होने वाले नुकसान की भरपाई आंकलित खपत दिखाकर पूर्ति कर रहे हैं? यदि हाँ,तो ऐसा क्यों? (ग) आंकलित खपत की प्रथा को कब तक बंद कर दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मुरैना जिले में माह अक्टूबर, 2015 की स्थिति में, अस्थाई कनेक्शनों को छोडकर राजस्व पत्रक अनुसार कुल 132293 रजिस्टर्ड (स्थाई कनेक्शन) उपभोक्ता है, जिनमें से कृषि, घरेलू एवं गैर-घरेलू (व्यवसायिक) उपभोक्ताओं की वितरण केन्द्रवार संख्या संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उपरोक्त उपभोक्ताओं से औसतन प्रतिमाह लगभग रूपये 1035 लाख की राशि की वसूली हो रही है। व्यय की गणना संबंधी जानकारी वृत्त/जिला स्तर पर संधारित नहीं की जाती। (ख) जी नहीं। मुरैना वृत्त में अवैध रूप से तार डालकर विद्युत का उपयोग करने वालों पर समय-समय पर मुहिम चलाकर अवैध कनेक्शन काटने एवं विद्युत चोरी के प्रकरण पंजीबद्ध किये जाकर वसूली की कार्यवाही की जाती है। (ग) आंकलित खपत जैसी कोई प्रथा नहीं है। मीटरयुक्त कनेक्शनों में वास्तविक खपत के आधार पर ही बिल लिये जा रहे हैं एवं बंद/जले/खराब मीटर वाले उपभोक्ताओं के बिलों में पिछले तीन माह की वास्तविक खपत के आधार पर औसत बिल दिये गये हैं तथा ऐसे मीटरों को बदलने की नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है।
उप संचालक कोष एवं लेखा के पद पर पदस्थ होने की शिकायत की जाँच
87. ( क्र. 1659 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री मुन्ना लाल बंसल (राष्ट्रीय पदक से सम्मानित) नि.मोतीमहल गाँधी बाजार विजयपुर जिला श्योपुर के द्वारा महामहिम राष्ट्रपति महोदय को कोई शिकायती आवेदन दिनेश बाथम के संबंध में दिया गया था? उस शिकयती आवेदन के आधार पर कार्मिक एवं प्रशिक्षण नई दिल्ली ने 29.05.2013 द्वारा प्रमुख सचिव म.प्र. शासन को जाँच हेतु लिखा, प्रमुख सचिव महोदय द्वारा उपरोक्त की जाँच हेतु आयुक्त कोष एवं लेखा भोपाल को लिखा? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त जाँच के संबंध में निम्न जानकारी दिलावें (1) श्री दिनेश बाथम उप संचालक कोष लेखा ग्वालियर की फर्जी नियुक्ति संबंधी जाँच की जाँच रिपोर्ट, (2) कोष लेखा ग्वालियर की एल.डी.सी पर पद नियुक्ति या पदों के आदेश की प्रति (3) निवास स्थान का पता एल.डी.सी पद पर नियुक्ति आदेश के आधार पर या सेवापुस्तिका में दर्ज पते के आधार पर प्रमाणित प्रति दी जावें? (4) क्या श्री दिनेश बाथम संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा से 30.06.2015 को सेवानिवृत्त हो चुके है उन्हें सेवानिवृत्ति पर प्रदाय किया गया एन.ओ.सी. (विभागीय नो ओब्जेक्शन सर्टिफिकेट) की प्रमाणित प्रति?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) विभाग में श्री मुन्ना लाल बंसल के द्वारा महामहिम राष्ट्रपति महोदय को श्री दिनेश बाथम के संबंध में दिया गया शिकायती आवेदन पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ख) उत्तरांश "क" के प्रकाश में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
मध्यप्रदेश सरकार की आर्थिक स्थिति
88. ( क्र. 1674 ) श्री सचिन यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनाँक तक में मध्यप्रदेश की आर्थिक स्थिति क्या है? प्रदेश सरकार ने किस-किस माध्यम से कितना-कितना कर्ज किस-किस कार्य हेतु लिया है? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित कर्ज को कम करने के लिए प्रदेश सरकार कौन-कौन से योजना व प्रयास कर रही है? (ग) वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में केन्द्र सरकार से प्रदेश सरकार को कितनी-कितनी राशि किस-किस रूप में कब-कब प्राप्त हुई? साथ ही वर्ष 2004 से 2013 के मध्य कितनी-कितनी राशि केन्द्र सरकार से प्रदेश सरकार को प्राप्त हुई है? वर्षवार जानकारी दें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) संतोषजनक। प्रदेश सरकार ने 31 मार्च, 2014 तक प्रदेश सरकार पर प्रदेश की विकासात्मक गतिविधियों हेतु लिये गये कर्ज का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) कर्ज निर्धारित सीमा के अंतर्गत ही लिया जा रहा है। (ग) वर्ष 2013-14 एवं वर्ष 2014-15 में केन्द्र सरकार से प्रदेश सरकार को प्राप्त राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'स' अनुसार है।
मुख्यमंत्री की घोषणाओं हेतु वित्त व्यवस्था
89. ( क्र. 1675 ) श्री सचिन यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर संभाग में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा नवम्बर, 2012 से प्रश्न दिनाँक तक कितनी-कितनी घोषणाएं किस-किस जिले में किस-किस कार्य हेतु की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित घोषणाओं में से कितनी पूर्ण एवं अपूर्ण है? उक्त घोषणाओं के कार्यों के लिए वित्त व्यवस्था के क्या मापदण्ड है? (ग) उक्त घोषणाएं समय पर पूर्ण नहीं होने में कौन-कौन दोषी हैं, के खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। घोषणाओं के कार्यों के लिए वित्त व्यवस्था के संबंध में कोई निश्चित मापदण्ड नहीं है। (ग) घोषणाओं के क्रियान्वयन की एक सतत् प्रक्रिया है। संबंधित विभाग द्वारा अपनी नीति एवं प्रक्रियाओं के तहत कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लोक सेवा गारंटी केन्द्रों पर नोटरी शपथ पथ की अनिवार्यता
90. ( क्र. 1682 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक सेवा गांरटी केन्द्रों पर मूल निवासी पत्र, जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र के लिए नोटरी का शपथ पत्र अनिवार्य है? (ख) यदि नहीं, तो खण्डवा मुख्यालय पर क्यों तथा कब से लिया जा रहा है? (ग) क्या यह कलेक्टर महोदय की संज्ञान में है? (घ) यदि हाँ, तो पंधाना सहित जिले के अन्य लोक सेवा गारंटी केन्द्र में क्यों नहीं लिया जा रहा है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश दिनाँक 25 सितम्बर, 2014 के अनुसार स्व-प्रमाणित घोषणा-पत्र के आधार पर प्रमाण-पत्र जारी किये जा रहे हैं। (ग) जी हाँ। (घ) उत्तरांश 'ख' अनुसार।
म.प्र. में विद्युत उत्पादन की इकाईवार जानकारी
91. ( क्र. 1686 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की ताप एवं जल विद्युत इकाइयों की विद्युत गृहवार स्थापित उत्पादन क्षमता एवं कुल उत्पादन क्षमता नाम सहित स्थान सहित बतावें? इसमे कितनी पुरानी विद्युत इकाईयां बंद कर दी गई या बंद करने का प्रस्ताव है? (ख) वर्तमान में निर्माणाधीन श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना 2 x 660 कुल 1220 मैगावाट का निर्माण कार्य पूर्ण कर उत्पादन प्रारंभ होने के पश्चात् मध्य प्रदेश पावंर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की भविष्य में 2015-16 से 2018-19 तक किन-किन इकाइयों से ताप एवं जल विद्युत उत्पादन कहां-कहां किन स्थानों पर प्राप्त होगा, वर्षवार बतावें? (ग) वर्ष 2015-16 से मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की किन-किन स्थानों पर कितने क्षमता की ताप एवं जल विद्युत इकाइयों के निर्माण कार्य पारंभ किये गये?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) वर्तमान में म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की ताप एवं जल विद्युत इकाइयों की विद्युत गृहवार स्थापित उत्पादन क्षमता, नाम, स्थान एवं कुल उत्पादन क्षमता सहित विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' में दर्शाया गया है। म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की पुरानी 07 ताप विद्युत इकाईयाँ सेवानिवृत्त की जा चुकी है एवं 02 ताप विद्युत इकाइयों को सेवानिवृत्त किया जाना प्रस्तावित है, विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' में दर्शाये अनुसार है। (ख) वर्तमान में निर्माणाधीन श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना द्वितीय चरण की 2X660 मेगावाट कुल 1320 मेगावाट से वाणिज्यिक उत्पादन प्राप्त होने की संभावित तिथि निम्नानुसार है :- इकाई क्रमांक 3 - जुलाई 2018, इकाई क्रमांक 4 - नवंबर 2018, उपरोक्त परियोजना के अतिरिक्त भविष्य में वर्ष 2015-16 से वर्ष 2018-19 तक म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा अन्य किसी नवीन ताप एवं जल विद्युत परियोजना से विद्युत उत्पादन प्राप्त होना प्रस्तावित नहीं है। (ग) वर्ष 2015-16 में म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की किसी भी ताप एवं जल विद्युत इकाइयों के निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किये गये हैं।
म.प्र. में पावर जनरेटिंग कम्पनी की इकाइयों से विद्युत उत्पादन की जानकारी
92. ( क्र. 1687
) श्री
योगेन्द्र
सिंह : क्या
ऊर्जा मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
वर्तमान में
मध्यप्रदेश
पावर
जनरेटिंग
कंपनी अन्तर्गत
ताप एवं जल
विद्युत
इकाइयों की
कुल कितनी
मेगावाट
क्षमता है? ताप
एवं जल
विद्युत
इकाइयों का
विवरण, नाम, क्षमता
का विवरण
अलग-अलग
बतावें? (ख)
वर्ष 2009-10
से प्रश्न
दिनाँक तक मध्यप्रदेश
पावर
जनरेटिंग
कंपनी द्वारा
किन-किन ताप
एवं जल
विद्युत
इकाइयों के
निर्माण कार्य
प्रारंभ
कराये गये एवं
इस अवधि में
किन-किन
विद्युत
इकाइयों से
विद्युत उत्पादन
प्राप्त हुआ? नाम, स्थान, क्षमता
सहित विवरण
बतायें?
ऊर्जा मंत्री
( श्री
राजेन्द्र
शुक्ल ) : (क)
वर्तमान में
म.प्र.पावर
जनरेटिंग
कंपनी लिमिटेड
की ताप
विद्युत उत्पादन
क्षमता 4320
मेगावाट एवं
जल विद्युत
उत्पादन
क्षमता 915
मेगावाट है।
ताप एवं जल
विद्युत
इकाइयों का विवरण
नाम, क्षमता
सहित संलग्न
परिशिष्ट में
दर्शाया गया
है। (ख) वित्तीय
वर्ष 2009-10
से प्रश्न
दिनाँक तक
म.प्र.पावर
जनरेटिंग
कंपनी लिमिटेड
द्वारा एक ताप
विद्युत गृह
का निर्माण
कार्य
प्रारंभ किया
गया, जिसका
विवरण निम्नानुसार
है :-
क्र. |
परियोजना का नाम एवं स्थान |
क्षमता |
निर्माण कार्य आरंभ होने की तिथि |
1
|
श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना द्वितीय चरण, डोंगलिया, जिला खण्डवा (म.प्र.) |
2X660 मेगावाट |
31/12/2014 |
वर्ष 2009-10 से प्रश्न दिनाँक तक म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की निम्नलिखित ताप विद्युत इकाइयों से विद्युत उत्पादन प्रारंभ हुआ :-
क्र. |
परियोजना का नाम एवं स्थान |
क्षमता |
वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ होने की तिथि |
1
|
सतपुड़ा ताप विद्युत गृह विस्तार इकाई क्रमांक 10 एवं 11 सारणी, जिला बैतूल (म.प्र.) |
इकाई
क्र. 10-250 मेगावाट |
18/08/2013 |
2
|
श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह प्रथम चरण, डोंगलिया, जिला खण्डवा (म.प्र.) |
इकाई
क्र. 01-600 मेगावाट |
01/02/2014 |
उपरोक्त अवधि में म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा किसी भी जल विद्युत इकाई का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया गया तथा इस अवधि में किसी भी नवीन जल विद्युत इकाई से विद्युत उत्पादन प्रारंभ नहीं हुआ।
नगर पालिका परिषद डबरा में संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति
93. ( क्र. 1694 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद डबरा में वर्ष 2010 से 2015 तक कितने संविदा कर्मचारी नियुक्त किये गये हैं की वर्ष वाइज जानकारी देवें? क्या कर्मचारी नियुक्त करते समय शासन के समस्त नियमों का पालन किया है यदि हाँ, तो उन नियमों की प्रति प्रदान करें यदि नियमों का पालन नहीं किया है तो उन दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे? (ख) प्रश्नांश (क) नगर पालिका में वर्तमान में स्थाई कर्मचारियों के कुल कितने पद हैं तथा कितने स्थाई कर्मचारी कार्यरत है शासन के स्टाफ पैटर्न से कितने कर्मचारी न.पा.प. डबरा में होना चाहिये?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) नगर पालिका, डबरा में संविदा नियुक्त कर्मचारियों का विवरण निम्नानुसार है :-
क्रमांक |
वर्ष |
रखे गये कर्मचारी |
1 |
2010 |
191 |
2 |
2011 |
201 |
3 |
2012 |
230 |
4 |
2013 |
256 |
5 |
2014 |
346 |
6 |
2015 |
305 |
संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति कार्य की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए परिषद की स्वीकृति उपरांत निकाय द्वारा निर्मित अनुबंधों के तहत की जाती है। निकायों में संविदा कर्मचारियों के नियुक्ति के नियम नहीं बनाये गये हैं। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) नगर पालिका, डबरा में वर्तमान में 239 स्वीकृत पद के विरूद्ध 195 स्थाई कर्मचारी कार्यरत हैं। शासन के स्टाफ पेटर्न के मान से निकाय में 218 नियमित एवं 206 संविदा कर्मचारी होना चाहिए।
लंबित प्रकरणों का निराकरण
94. ( क्र. 1710 ) श्री संजय शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेवानिवृत, कर्मचारियों, मृत कर्मचारियों के आश्रितों के पेंशन प्रकरण तैयार करने के संबंध में तथा अन्य लंबित देयकों के भुगतान के संबंध में विभाग के क्या-क्या निर्देश है उक्त निर्देशों की प्रति दें? (ख) नवम्बर 15 की स्थिति में रायसेन एवं नरसिंहपुर जिले में किन-किनके प्रकरण किस स्तर पर कब से एवं क्यों लंबित है? इसके क्या-क्या कारण है? (ग) उक्त लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक होगा सेवानिवृत्ति से पूर्व प्रकरण तैयार करने के संबंध में विभाग के क्या-क्या निर्देश है तथा उनका जिले में पालन क्यों नहीं हो रहा है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) सेवानिवृत्त कर्मचारियों, एवं मृत्य कर्मचारियों के आश्रितों के पेंशन प्रकरण तैयार करने के संबंध में मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग के पत्र क्रमांक एफ-9-3/2015/नियम/चार, दिनाँक 29/6/2015 द्वारा विस्तृत निर्देश जारी किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -1 अनुसार है। (ख) नवम्बर, 2015 की स्थिति में रायसेन जिले में 20 एवं नरसिंहपुर जिले में 31 पेंशन प्रकरण संबंधित कार्यालय स्तर पर लंबित है। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -2 अनुसार है। (ग) पेंशन प्रकरण पेंशन कार्यालयों में प्रस्तुत किये जाने के उपरांत लोक सेवा गारंटी अधिनियम, 2010 में उल्लेखित अवधि अनुसार निराकृत किये जाते है। मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1976 के नियम 57 व 58 के प्रावधान अनुसार तैयार किये जाते है। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित निर्देशों के अनुसार वर्ष में दो बार जुलाई व दिसम्बर में प्रकरणों की समीक्षा की जाती है।
जनभागीदारी योजनान्तर्गत अपूर्ण कार्य
95. ( क्र. 1711 ) श्री संजय शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनभागीदारी योजना के अंतर्गत कार्य स्वीकृत करने एवं निर्माण एजेंसी के निर्धारण के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश है उनकी प्रति दें? उक्त योजनान्तर्गत क्या-क्या कार्य स्वीकृत किये जा सकते है? कौन-कौन से कार्य स्वीकृत नहीं किये जा सकते हैं? (ख) वर्ष 2012-13 से नवम्बर 15 तक की अवधि में रायसेन जिले में उक्त योजनान्तर्गत कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये? कार्यवार स्वीकृत राशि सहित पूर्ण विवरण दें? (ग) कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है तथा क्यों? कार्यवार कारण बतायें? उक्त कार्य शीघ्र पूर्ण हो इस हेतु क्या-क्या कार्यवाही विभाग तथा शासन द्वारा की गई? (घ) उक्त अवधि में उक्त योजनान्तर्गत कार्य स्वीकृत करने के संबंध में किन-किन मान. सांसद/विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जनभागीदारी योजना के नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। सभी अपूर्ण कार्य वर्ष 2015-16 में स्वीकृत होने के कारण प्रगति पर हैं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
मॉडल रोड का निर्माण
96. ( क्र. 1753 ) श्री दिनेश राय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी नगर के बीचोबीच से गुजरने वाली मॉडल रोड कितने लागत की है? इसकी वर्तमान स्थिति क्या है? क्या यह निर्माण कार्य समय-सीमा में पूर्ण कर लिया गया है? यदि नहीं, तो विलंब होने का क्या कारण है? क्या शासन/प्रशासन इसकी जिम्मेदारी सुनिश्चित करेगा? (ख) क्या जो रोड निर्माण कार्य हुआ है वह शासन द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुसार हुआ है? यदि नहीं, तो क्या ठेकेदार के खिलाफ कोई कानूनी कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो कार्यवाही का विवरण उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो क्यों, कारण स्पष्ट करें? (ग) क्या प्रश्नांश (क) मॉडल रोड का निर्माण कार्य माह नवंबर 2013 से प्रारंभ हुआ था, जो 15 नवंबर, 2015 को दो साल बीतने के बाद भी इसका निर्माण कार्य आज भी अधूरा पड़ा हुआ है, न डिवाईडर पूर्ण हुये हैं, न चौक-चौराहे बने हैं और न ही पोल शिफ्टिंग का कार्य हुआ है यदि हाँ, तो प्रशासन कार्य पूर्ण कराने हेतु लगातार तीसरी बार इसकी समयावधि बढ़ायेगा? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) मॉडल रोड हेतु परिषद संकल्प व मूल्यांकन की जानकारी उपलब्ध करावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सिवनी नगर से गुजरने वाली मॉडल रोड की लागत राशि रू.1170.00 लाख है वर्तमान में उक्त रोड का निर्माण का कार्य चल रहा है। जी नहीं, मार्ग के चौड़ीकरण में स्थित विद्युत पोल की शिफ्टिंग के कारण कार्य निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण हो पा रहा है। जी हाँ, कार्य पूर्ण करने की जिम्मेदारी नगर पालिका सिवनी की है। (ख) जी हाँ। शेष का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) जी हाँ। अधूरे कार्यों को पूर्ण करने हेतु समयावधि बढ़ाई जावेगी। पोल शिफ्टिंग में विलंब होने के कारण। (घ) मॉडल रोड हेतु पी.आई.सी. का संकल्प एवं मूल्यांकन के संबंध में बिल की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा रात्रि विश्राम
97. ( क्र. 1754 ) श्री दिनेश राय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 01 जनवरी, 2013 से प्रश्न दिनाँक तक प्रदेश के सचिव/प्रमुख स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों ने महीने में एक बार रात्रि विश्राम जिला मुख्यालयों या ग्रामीण क्षेत्र में किया है? यदि हाँ, तो जबलपुर संभाग की दिनाँकवार, रात्रि विश्राम का स्थलवार व अधिकारी का नामवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत ऐसे कौन-कौन से अधिकारी है, जिन्होंने रात्रि विश्राम जिला मुख्यालयों या ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं किया है? क्यों कारण दें? ऐसे अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
एक बत्ती कनेक्शन एवं खराब ट्रांसफार्मर के संबंध में
98. ( क्र. 1774 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एक बत्ती कनेक्शन प्रदान करने के क्या नियम है, उन्हें प्रतिमाह किस दर से विद्युत बिल का भुगतान करने का नियम प्रचलन में है? पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल कितने एक बत्ती कनेक्शनधारी हैं? उनसे विगत 6 माहों में माहवार कितना विद्युत बिल वसूला गया? (ख) पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसे कितने कृषक है जिन्हें 3 एच.पी. के स्थान पर 5 एच.पी. एवं 5 एच.पी. के स्थान पर 7.5 एच.पी के बढ़े हुए अधिभार के बिल वित्त वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनाँक के मध्य प्रदान किये गये? उनमें से कितने कृषकों ने संशोधन हेतु आवेदन किया एवं कितने कृषकों के बढ़े हुए अधिभार के बिल कम किये गये? (ग) पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वित्त वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनाँक तक कहां-कहां के कितने ट्रांसफार्मर किन कारणों से खराब हुये? उन्हें कब दुरूस्त किया गया? प्रश्न दिनाँक तक कहां-कहां के कितने ट्रांसफार्मर किन कारणों से खराब पड़े हुये हैं? (घ) वर्तमान समय में पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कृषि कार्य एवं ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं को कितने घंटे विद्युत प्रदाय की जा रही है? कृषि कार्य हेतु निर्धारित घंटों में बिजली बार-बार गोल होने 5-10 मिनिट बाद विद्युत आने-जाने के क्या कारण है इसमें कब तक सुधार कर कृषकों को लगातार विद्युत प्रदान की जावेगी यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) एक बत्ती कनेक्शन प्रदान करने हेतु आवेदक का बी.पी.एल. हितग्राही होना आवश्यक है तथा ऐसे अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के आवेदकों से रूपये 106/- एवं अन्य आवेदकों से रूपये 136/- की राशि जमा कराते हुए मीटर युक्त कनेक्शन किये जाते हैं। उक्त उपभोक्ताओं को म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश में निर्धारित दर पर बिलिंग की जा रही है जिससे अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के बी.पी.एल. श्रेणी के उपभोक्ताओं को प्रतिमाह 25 यूनिट तक के बिजली उपयोग पर ऊर्जा प्रभार में रूपए 2.90 प्रति यूनिट की सब्सिडी प्रदान की जाती है। पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 18033 एक बत्ती कनेक्शनधारी हैं तथा उनसे विगत 6 माह में निम्नानुसार राशि जमा कराई गई है:-
माह |
वसूली गई राशि (रू. लाख में) |
मई 15 |
11.20 |
जून 15 |
20.23 |
जुलाई 15 |
22.76 |
अगस्त15 |
25.29 |
सितम्बर 15 |
10.78 |
अक्टूबर15 |
12.42 |
(ख) वर्ष 2014-15
से प्रश्न
दिनाँक तक
कृषि पंप
उपभोक्ताओं
के भार के
भौतिक सत्यापन
के दौरान 3578
प्रकरणों में
स्वीकृत भार
से अधिक भार
पाए जाने के
कारण उपभोक्ताओं
के भार में
वृद्धि की गई
थी जिनमें से 925
उपभोक्ताओं
से भार में की
गई वृद्धि के
परिप्रेक्ष्य
में आपत्ति के
साथ आवेदन
प्राप्त हुए
हैं। पुन: भार
का भौतिक सत्यापन
कर 278 उपभोक्ताओं
के भार कम
पाये जाने पर
बढे़ हुए भार
को कम किया
गया है तथा
बढ़े हुए बिल
कम किये गये। (ग)
पाटन
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत वित्तीय
वर्ष 2014-15
से प्रश्न
दिनाँक तक 867
ट्रांसफार्मर
खराब/चोरी हुए
है जिनकी
वितरण केन्द्रवार
संख्या संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है। प्रश्न
दिनाँक तक उक्त
में से 857
ट्रांसफार्मर
बदल दिये गये
हैं तथा 10
ट्रांसफार्मर
नियमानुसार
बकाया राशि 10
प्रतिशत जमा
नहीं होने के
कारण बदलने
हेतु शेष है।
ट्रांसफार्मर
फेल होने का
मुख्य कारण
ट्रांसफार्मरों
के पार्टस एवं
ऑयल की चोरी, तकनीकी
खराबी, बाहरी
व्यक्तियों
द्वारा
विद्युत लाईन
से छेड़खानी एवं
बिजली का
अवैधानिक
उपयोग आदि है।
बदलने हेतु
शेष 10 वितरण
ट्रांसफार्मरों
की सूची संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है। (घ)
वर्तमान में
पाटन
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत कृषि
उपभोक्ताओं
के फीडरों पर 10
घण्टे (2 शिफ्ट-रात्रि
में 4 घंटे एवं
दिन में 6
घंटे) तथा
घरेलू उपभोक्तओं
के फीडरों में
24 घंटे
विद्युत
प्रदाय की जा
रही है।
सामान्यत: लगातार
विद्युत
प्रदाय की
जाती है तथापि
कतिपय अवसरों
पर फीडरों में
किसी भी तरह
के फाल्ट आने
पर विद्युत
अवरोध उत्पन्न
होते हैं, जिन्हें
तुरन्त
सुधार कर दूर
किया जाता है।
बदवार पहाड़ सोलर प्लांट से ऊर्जा उत्पादन
99. ( क्र. 1798 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के गुढ़ तहसील के बदवार पहाड़ पर सोलर प्लांट लगा कर ऊर्जा उत्पादन का कार्य किया जाना है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो बदवार पहाड़ के सोलर प्लांट की योजना संचालन का आदेश कब जारी हुआ? यह योजना क्या भारत सरकार द्वारा संचालित एवं स्वीकृत है? यदि हाँ, तो यह कब मंजूर (स्वीकृत) हुई? अगर प्रदेश सरकार के द्वारा यह योजना शुरू की गयी तो कब? (ग) प्रश्नांश (क) की योजना के प्रारंभ करने में कितना समय लगेगा एवं कब योजना प्रारंभ कर पूर्ण कर ली जायेगी? इस प्लांट के निर्माण के लिए कितनी भूमि की आवश्यकता होगी तथा इस हेतु कितनी भूमि अधिग्रहीत की गई है? इसमें से कितनी भूमि शासकीय एवं कितनी भूमि प्राइवेट किसानों की है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) राज्य शासन द्वारा दिनाँक 28 अप्रैल 2015 को परियोजना हेतु स्वीकृति दी गई है। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अल्ट्रा मेगा सौर परियोजनाओं की स्वीकृति दिनाँक 12.12.2014 को दी गई है, जिसमें रीवा परियोजना भी शामिल है। (ग) परियोजना अप्रैल 2016 तक प्रारंभ होगी एवं परियोजना की पूर्णता की अवधि जून 2017 निर्धारित की गई है। परियोजना के लिए लगभग 1500 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी। इस हेतु 1255.664 हेक्टेयर शासकीय भूमि आवंटित कर दी गई है। परियोजना हेतु कुल भूमि में 1276.546 हेक्टेयर शासकीय भूमि व 223.454 हेक्टेयर निजी भूमि की आवश्यकता है।
पवार जाति के साफ्टवेयर में पंवार फिट से जाति प्रमाण पत्रों में त्रुटि होना
100. ( क्र. 1809
) पं. रमेश
दुबे : क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
क्या जाति
प्रमाण पत्र
के साफ्टवेयर
में पवार (PAWAR)
के स्थान
पर पंवार (PANWAR)
होने के
कारण इस जाति
के लोगों को
लोक सेवा केन्द्र
से गलत पंवार (PANWAR)
का जाति
प्रमाण पत्र
प्रदाय किया
जा रहा है? (ख)
क्या छिन्दवाड़ा
जिले में केन्द्र
सरकार के
प्रपत्र में
प्रदेश के अन्य
पिछड़ा वर्ग
में शामिल
जाति पवार को
पंवार (PANWAR) का
प्रमाण पत्र
जारी किया जा
रहा है? (ग)
क्या शासन
इसे संज्ञान
में लेकर उक्त
दोनों
प्रपत्र के
साफ्टवेयर
में पंवार (PANWAR)
के स्थान
पर सुधारकर
पवार शब्द
अंकित करवाकर
पवार जाति का
प्रमाण पत्र
प्रदाय करने
का आदेश देगा? यदि
हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क) मध्यप्रदेश
शासन पिछड़ा
वर्ग एवं अल्पसंख्यक
कल्याण
विभाग के पत्र
क्र. एफ 6-2/2014/54-1, भोपाल
दिनाँक 20
जून 2014 के साथ
संलग्न
ओबीसी की सूची
में पवार जाति
दर्ज नहीं है।
उक्त सूची
में पंवार एवं
पोवार जातियाँ
राज्य की
सूची क्रमांक-13, राज्य
की अधिसूचना
क्र./दिनाँक
एफ 8-पच्चीस-4-84,
दिनाँक 26/12/84
अनुसार दर्ज
है। उक्त
प्रपत्र में
संलग्न सूची
अनुसार उल्लेखित
जातियों को ही
साफ्टवेयर
में डिजिटल जाति
प्रमाण पत्र
प्रदाय करने
की व्यवस्था
की गई है। (ख) पंवार
एवं पोवार
जाति केन्द्र
की सूची क्र. 12
एवं अधिसूचना
क्र. 12015/15/2008-बी.सीसी, दिनाँक
16/06/2015 एवं 12011/68/93-बी.सी.सी.
दिनाँक 10/09/1995
अनुसार उल्लेखित
है, पवार जाति
नहीं। उक्त
प्रपत्र में
संलग्न सूची
अनुसार उल्लेखित
जातियों को ही
साफ्टवेयर
में डिजिटल जाति
प्रमाण पत्र
प्रदाय करने
की व्यवस्था
की गई है। (ग)
नियमानुसार
प्रकरण का
परीक्षण राज्य
पिछड़ा वर्ग
आयोग से कराया
जाकर आवश्यक
कार्यवाही की
जायेगी इस
हेतु निश्चित
समय-सीमा बताई
जाना संभव
नहीं है।
लिपिक वर्गीय कर्मचारियों का गोपनीय चरित्रावली लिखा जाना तथा उनका संधारण
101. ( क्र. 1810 ) पं. रमेश दुबे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में लिपिक वर्गीय कर्मचारियों की गोपनीय चरित्रावली लिखे जाने हेतु वर्तमान में शासन के क्या नियम निेर्देश हैं? क्या लिपिक वर्गीय कर्मचारियों की गोपनीय चरित्रावली लिखे जाने हेतु मंत्रालयीन कर्मचारियों तथा प्रदेश के जिलों अथवा तहसीलों में कार्यरत लिपिक वर्गीय कर्मचारियों के लिए अलग-अलग प्रपत्र निर्धारित हैं? यदि हाँ, तो ये प्रपत्र कौन-कौन से हैं? स्पष्ट करते हुए प्रपत्र की प्रति संलग्न करें। (ख) छिंदवाड़ा जिले में लिपिक वर्गीय कर्मचारियों की गोपनीय चरित्रावली लिखे जाने हेतु कौन से प्रपत्र का उपयोग किया जा रहा है? छिंदवाड़ा जिले में विगत 3 वर्षों में राजस्व, स्कूल शिक्षा एवं वन विभाग के गोपनीय चरित्रावलियों के अभाव में किन-किन लिपिक वर्गीय कर्मचारियों का समयमान वेतनमान स्वीकृत नहीं किया गया है? गोपनीय चरित्रावली लिखे जाने व उसके संधारण की जिम्मेदारी किसकी है? विभागवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में लिपिक वर्गीय कर्मचारियों की गोपनीय चरित्रावलियां समय पर नहीं लिखे जाने, उसका विधिवत संधारण नहीं होने से चलते समयमान वेतनमान अथवा पदोन्नति से वंचित रहने वाले कर्मचारियों के लिए कौन लोग जिम्मेदार है? (घ) क्या शासन इसे संज्ञान में लेकर गोपनीय चरित्रावलियों के नहीं लिखे जाने अथवा उसका विधिवत संधारण नहीं होने के कारण समयमान वेतनमान व पदोन्नति से वंचित लिपिकवर्गीय कर्मचारियों को बिना गोपनीय चरित्रावली के लिपिक के वर्तमान कार्य और व्यवहार का उनके वर्तमान कार्यालय प्रमुख से प्रतिवेदन प्राप्त कर समयमान वेतनमान अथवा पदोन्नति देने का आदेश देगा? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रेषित पत्रों की जानकारी का प्रदाय
102. ( क्र. 1821 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के नगर पंचायत मऊगंज एवं हनुमना को प्रश्नकर्ता एवं प्रश्नकर्ता के प्रश्न पर विभिन्न कार्यालयों द्वारा प्रेषित पत्रों के तारतम्य में प्रश्न दिनाँक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही के क्या परिणाम निकले? पत्र क्रमांकवार, दिनाँकवार किसको लिखा गया? किसके द्वारा प्राप्त हुआ? उसके क्या परिणाम निकले? प्रत्येक पत्र के संबंध में पृथक-पृथक जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि पत्रों में कार्यवाही नहीं हुई, तो इस हेतु कौन-कौन जिम्मेदार हैं? नाम एवं पद सहित बतावें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में नहीं की गई कार्यवाही के क्या कारण हैं? स्पष्ट बतावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उतरांश ‘क’ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उतरांश ‘ख’ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की जानकारी
103. ( क्र. 1822 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के जल संसाधन उप संभाग मऊगंज में पदस्थ किस दै.वे.भो.कर्म. को मान. न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी मऊगंज द्वारा भारतीय दण्ड संहिता की धारा 323/34 में दिनाँक 24.07.2007 को रू. 500/- का अर्थदण्ड दिया गया था नाम बतावें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पद से पृथक करने का प्रावधान है यदि हाँ, तो नियम उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या इन्हें पद से पृथक किया गया है? यदि हाँ, तो किस अधिकारी द्वारा पद नाम सहित बतावें? आदेश की कापी देवें? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) के संदर्भ में पद के पृथक दिनाँक से प्रश्न दिनाँक तक अनु.अधि., कार्य.यंत्री, अधी.यंत्री कार्यालय द्वारा सेवा में पुन: लिए जाने हेतु क्या-क्या पत्र व्यवहार किया गया? सभी पत्रों का विवरण देवें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) श्री मृगेन्द्र सिंह। (ख) जी नहीं, नैतिक पतन का अपराध सिद्ध होने पर कार्रवाई की जा सकती है। (ग) एवं (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते है।
शहर विकास योजनाओं का क्रियान्वयन
104. ( क्र. 1835 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन व अन्य राष्ट्रीय योजनाओं के अंतर्गत प्रदेश के कितने एवं किन-किन शहरों को चयनित किया गया है? वर्ष 2011 से अब तक का ब्यौंरा क्या है? (ख) उक्त योजनाओं के तहत वर्ष 2011 से प्रश्न दिनाँक तक प्राप्त केन्द्रांश/केन्द्र सहायता/योजना राशि का वर्षवार शहरवार ब्यौंरा क्या है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
24 घंटे विद्युत प्रदाय के संबंध में
105. ( क्र. 1853 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के मुख्यमंत्री जी ने किस दिनाँक और किस स्थान पर यह घोषणा की थी कि प्रदेश के हर जिले में 24 घंटे बिजली प्रदान की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या कुक्षी विधानसभा क्षेत्र के समस्त ग्रामों में 24 घंटे बिजली प्रदाय की जा रही है? यदि नहीं, तो कब तक प्रदाय आरंभ किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा दिनाँक 20 जनवरी 2013 को जबलपुर जिले में घरेलू उपयोग हेतु 24 घण्टे विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराए जाने की योजना का शुभारंभ किया गया तथा प्रदेश के सभी जिलों में उक्त योजना का क्रमश: शुभारंभ करते हुए संपूर्ण प्रदेश में जून 2013 से घरेलू उपयोग हेतु 24 घटें विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराया जा रहा है। (ख) जी हाँ, कुक्षी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत समस्त राजस्व ग्रामों के मुख्य आबादी क्षेत्र में आकस्मिक व्यवधानों को छोड़कर 24:00 घण्टे बिजली प्रदान की जा रही है।
प्रश्नकर्ता के पत्र पर कार्यवाही
106. ( क्र. 1860
) श्री
सुरेन्द्र
सिंह बघेल :
क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
प्रश्नकर्ता
द्वारा पत्र
क्रमांक 401
दिनाँक 07.10.2015
द्वारा मेरे
विधानसभा
क्षेत्र में
चल रहे कार्यों
की विस्तृत
जानकारी हेतु
पत्र
कार्यपालन
यंत्री, जल
संसाधन विभाग, मनावर
जिला धार को
प्रेषित कर
जानकारी
उपलब्ध
कराने हेतु
लिखा गया था? (ख)
यदि हाँ,
तो क्या
संपूर्ण
जानकारी
उपलब्ध करा
दी गई है, यदि
नहीं, तो क्यों? कब
तक संपूर्ण
जानकारी
उपलब्ध करा
दी जावेगी?
जल संसाधन
मंत्री ( श्री
जयंत मलैया ) : (क)
कार्यपालन
यंत्री, जल
संसाधन संभाग, मनावर
को मा. प्रश्नकर्ता
विधायक का
प्रश्नांकित
पत्र प्राप्त
होना
प्रतिवेदित
है। (ख)
कार्यपालन
यंत्री, जल
संभाग, मनावर
द्वारा उनके
पत्र दिनाँक 31.10.2015
द्वारा
जानकारी
उपलब्ध कराई
जाना
प्रतिवेदित
है। प्रश्नांश
उत्पन्न
नहीं होता है।
नगर पालिक निगम मुरैना के वार्ड क्र. 46 में स्थित पार्क
107. ( क्र. 1871 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका निगम मुरैना के वार्ड क्र. 46 में मध्यप्रदेश गृह निर्माण मण्डल द्वारा कितने पार्क हस्तांतरण समय निगम को दिये गये, वह कहां-कहां स्थित है उनका क्षेत्रफल कितना-कितना है, क्या सभी पार्क अतिक्रमणविहीन है? (ख) वर्तमान में वार्ड में कितने पार्कों का सौन्दर्यीकरण/निर्माण कार्य कराया जा रहा है क्या उन पार्कों को भू-नक्शा अनुसार सम्पूर्ण क्षेत्रफल निगम द्वारा अपने अधिपत्य में लिया गया हैं, पार्कों के भू-नक्शा उपलब्ध कराये जावेगे, पार्कों का क्षेत्रफल पृथक-पृथक बताया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) वर्णित पार्कों में अतिक्रमण संबंधी कोई शिकायत प्राप्त हुई है या अतिक्रमण संबंधी कोई प्रकरण लंबित हैं? वर्तमान में पार्कों में डाली जा रही मिट्टी कार्य कितने वर्ग मीटर क्षेत्रफल में किया जा रहा है क्या वह संपूर्ण पार्क क्षेत्रफल है मिट्टी कार्यवक्त क्या कोई अतिक्रमण निगम के संज्ञान में आया है? यदि हाँ, तो उसे हटाने की कार्यवाही कब तक की जावेगी? यदि नहीं, तो वार्ड के पार्कों के लिये समिति गठित कर निगम का अधिपत्य कराया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ, 06 पार्क हस्तांतरित किये गये है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, 2 पार्कों में सौन्दर्यीकरण कराया जा रहा है। जी नहीं अपितु अविवादित क्षेत्र अधिपत्य में लिया गया है। जी हाँ, जी हाँ। (ग) जी नहीं, जी नहीं। 1400.00 वर्गमीटर में मिट्टी कार्य किया जा रहा है। जी नहीं, अपितु अविवादित क्षेत्र में ही कार्य कराया जा रहा है। जी हाँ। अतिक्रमण संज्ञान में आया है, जो हस्तांतरण के पूर्व से विद्यमान है। जी हाँ, म.प्र. गृह निर्माण मण्डल से समन्वय कर जिला प्रशासन के सहयोग से नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी, समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत चाही गई जानकारी
108. ( क्र. 1894 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद करैरा जिला शिवपुरी में वर्ष 2011-12 से 2015-16 (अक्टूबर 2015) तक सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत कितने व्यक्तियों द्वारा जानकारी चाही गई? (ख) क्या सूचना का अधिकारी अधिनियम के तहत सभी प्राप्त आवेदकों को जानकारी उपलब्ध करा दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों? व शेष व्यक्तियों को कब तक जानकारी उपलब्ध करा दी जावेगी? सूचना अधिकार अधिनियम के तहत प्रस्तुत आवेदन के बाद कितने दिन में जानकारी देने का प्रावधान है? (ग) समय पर जानकारी न देने हेतु कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जबावदार हैं? व सूचना का अधिकार अधिनियम का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ शासन क्या कठोरतम कार्यवाही कब तक करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) नगर परिषद्, करैरा, जिला-शिवपुरी में वर्ष 2011-12 से अक्टूबर 2015-16 तक कुल 27 आवेदनों द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी चाही गई है। (ख) जी हाँ। सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत आवेदन प्रस्तुति दिनाँक से 30 दिवस के भीतर जानकारी प्रदाय की जाती है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर परियोजना करैरा जिला शिवपुरी की जाँच से संबंधित
109. ( क्र. 1895 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न सरल क्रमांक 141 (क्र. 3051 तारांकित दिनाँक 30 जुलाई, 2015) के उत्तर (घ) में उप संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास ग्वालियर द्वारा जाँच की जा रही है? बताया है तो जाँच किस तारीख को उप संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास ग्वालियर को कब भेजी गई? शिकायत की प्रति उपलब्ध करावें व शिकायत का निराकरण कब तक किया जाना था? (ख) क्या शिकायत की जाँच हो चुकी है? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन से अवगत करावें? यदि जाँच नहीं की गई तो कब तक पूर्ण कर दी जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, भोपाल के पत्र क्र. 7042, दिनाँक 18-05-2015 द्वारा उप संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, ग्वालियर संभाग को जाँच हेतु भेजा गया था। शिकायत की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। शिकायत के निराकरण हेतु समयावधि निर्धारित नहीं की गई थी। (ख) जी हाँ, जाँच प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। उप संचालक, ग्वालियर संभाग के पत्र क्र. 4502 दिनाँक 06-01-2015 अनुसार प्रथम दृष्टया कोई दोषी नहीं पाया गया। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रस्फुटन समिति के माध्यम से कर्ज
110. ( क्र. 1912 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रस्फुटन समिति (योजना) के गठन की क्या प्रक्रिया निर्धारित है? जानकारी सहित बतावें? (ख) प्रस्फुटन समिति के माध्यम से क्या-क्या कार्य किये जाते हैं? विस्तार से बतावें? वर्ष 2011-12 से 2015-16 तक मुरैना जिले को कितनी राशि आवंटित की गयी? (ग) प्रश्नांश (ख) में आवंटित राशि में विकासखण्ड मुरैना व अम्बाह जिला मुरैना में किन-किन कार्यों में किस-किस माध्यम से राशि व्यय हुयी? जानकारी वर्षवार बतावें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रस्फुटन समितियों के माध्यम से किये जा रहे कार्यों के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। वर्ष 2011-12 से 2015-16 तक मुरैना जिले को प्रस्फुटन योजनान्तर्गत आवंटित की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) विकासखण्ड मुरैना व अम्बाह, जिला मुरैना में प्रस्फुटन समितियों को आवंटित की गई राशि के व्यय के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
एकीकृत आवास एवं मलिन बस्ती विकास कार्यक्रम
111. ( क्र. 1913 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एकीकृत आवास एवं मलिन बस्ती विकास कार्यक्रम (आई.एच.एस.डी.पी.) के तहत नगरीय निकायों में क्या-क्या कार्य किये जाने का प्रावधान है? व क्रियान्वयन हेतु क्या मार्गदर्शिका निर्मित है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नगर पालिका परिषद (नगर निगम) मुरैना को वर्ष 2013-14 से वर्ष 2014-15 में कितनी राशि आवंटित की गयी? व क्या-क्या कार्य कराये गये? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के अनुसार वित्तीय वर्षों में राशि आवंटित नहीं हुई? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) योजना वर्ष 2012-13 में भारत सरकार द्वारा बंद कर दी गई है। मार्गदर्शी सिद्धांत की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मुरैना, नगर निगम में यह योजना संचालित नहीं रही है। जिससे शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युत नियामक आयोग के द्वारा कटौती एवं विद्युत आपूर्ति
112. ( क्र. 1929 ) श्री जतन उईके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16 में मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा संभाग/जिला/तहसील कार्यालयों में एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत सप्लाई एवं कटौती का क्या शेड्यूल निर्धारित किया है? कृषि पंप घरेलू उपयोग की अलग-अलग जानकारी? (ख) पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण द्वारा ग्रामीण या शहरी क्षेत्रों में शेड्यूल अनुसार माह अक्टूबर 2014 से माह 2015 नवम्बर तक कितनी-कितनी आपूर्ति की गई है? यह जानकारी विकासखण्ड पांडुर्णा जिला छिन्दवाड़ा की देवें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) वर्ष 2015-16 में प्रदेश में संभाग/जिला/तहसील मुख्यालयों (कार्यालयों नहीं) एवं ग्रामीण क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की घोषित विद्युत कटौती नहीं की जा रही है, अपितु कृषि उपभोक्ताओं के फीडरों पर 10 घंटे तथा गैर-कृषि उपभोक्ताओं के फीडरों पर 24 घंटे विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराया जा रहा है। (ख) पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्तर्गत तथा छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्णा विकासखण्ड में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के गैर-कृषि फीडरों एवं कृषि फीडरों पर माह अक्टूबर-2014 से माह नवम्बर-2015 तक की गई औसतन माहवार विद्युत आपूर्ति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दर्शाएं अनुसार है।
पांढुरना विधान सभा में डी.पी.तार नहीं होने पर उपभोक्ताओं पर विद्युत बिल भारी
113. ( क्र. 1930 ) श्री जतन उईके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पांढुरना विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने ग्राम है जहाँ पर डी.पी. एवं तार नहीं है लेकिन फिर भी ग्रामीणों पर विद्युत बिल जारी है? ग्रामवार जानकारी देवें? (ख) क्या ग्राम पंचायत सावज पानी के (टोले) पर 6 माह से ट्रांसफार्मर जला है। फिर भी विभाग द्वारा ग्रामवासियों एवं किसानों को बिल क्यों भेजे रहे? (ग) क्या उक्त स्थान से जले ट्रांसफार्मर को बदल कर नया ट्रांसफार्मर स्थापित कर दिया जावेगा? समय-सीमा बताएँ?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) पांढुर्णा विधानसभा क्षेत्र में ऐसा कोई ग्राम नहीं है जहाँ पर तार एवं ट्रांसफार्मर नहीं होने पर भी बिल जारी हो रहे हैं। (ख) ग्राम पंचायत सावजपानी के (टोले) पर स्थापित एक 16 के.व्ही.ए. क्षमता का ट्रांसफार्मर जिस पर 8 एकबत्ती कनेक्शन विद्युत प्रदाय हेतु संबद्ध थे, फेल हो गया था, किन्तु इन उपभोक्ताओं को समीप स्थापित एक अन्य 63 के.व्ही.ए. क्षमता के ट्रांसफार्मर से संबद्ध कर निरंतर विद्युत प्रदाय किया जा रहा है एवं उपभोक्ताओं को नियमानुसार बिल दिए जा रहे हैं। (ग) उक्त फेल ट्रांसफार्मर को दिनाँक 27.11.2015 को बदल दिया गया है एवं वर्तमान में विद्युत प्रदाय उक्त बदले गए ट्रांसफार्मर से चालू है।
म.प्र.वि.म. द्वारा टी.सी. कनेक्शन
114. ( क्र. 1931 ) श्री जतन उईके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले में पांढुर्णा विधानसभा क्षेत्र द्वारा किसानों को अपने खेतों में सिंचाई करने हेतु अस्थायी कनेक्शन लिये जाते हैं? जनसंपर्क के दौरान प्रश्नकर्ता को शिकायतें मिली है कि विभाग द्वारा आवश्यक रूप से उसे तीन माह के लिये टी.सी. कनेक्शन कहा जाता है और एक एच.पी. या दो एच.पी. या तीन एच.पी. मोटर के लिये समान रूप से एक जैसे राशि विभाग द्वारा दिया जा रहा है? संबंधित किसान को बिल की रसीद भी नहीं दी जाती है? (ख) पांढुर्णा क्षेत्र अंतर्गत कितने अस्थाई कनेक्शन है, संख्या बतायें? (ग) क्या विगत एक वर्ष में गरीब रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के घरेलू कनेक्शन का बिल भुगतान माफ किया गया हो? यदि हाँ, तो कितने परिवार के संख्या बतायें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) छिंदवाड़ा जिला के पांढुरना विधानसभा क्षेत्र में कृषकों को उनके आवेदन अनुसार अवधि एवं भार के लिए अस्थाई कनेक्शन प्रदान किये जा रहे हैं। कृषि उपभोक्ताओं द्वारा 03 माह से कम की अवधि का अस्थाई कनेक्शन चाहे जाने पर भी उनसे न्यूनतम 03 माह की अवधि के अस्थाई कनेक्शन के लिए देय राशि के बराबर अग्रिम राशि जमा कराई जाती थी। राज्य शासन द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार वर्तमान में न्यूनतम 02 माह की अवधि के बराबर की अग्रिम राशि जमा कराई जा रही है। उपभोक्ता की मांग अनुसार एक एच.पी., दो एच.पी. या तीन एच.पी. भार के कृषि कार्य हेतु अस्थाई पम्प कनेक्शन प्रदान किये जा रहे हैं। यह सही नहीं है कि एक एच.पी. या दो एच.पी. या तीन एच.पी. मोटर के लिये समान रूप से राशि जमा कराई जाती है अपितु संबंधित उपभोक्ता की मांग अनुसार भार एवं अवधि के अनुसार निर्धारित राशि ली जाती है। संबंधित आवेदक कृषकों को प्राप्त राशि की विधिवत रसीद दी जाती है। कनेक्शन विच्छेद के उपरान्त उपयोग की अवधि अनुसार राशि का समायोजन आवश्यक होने पर कर दिया जाता है। (ख) पांढुर्णा क्षेत्र में 1 अप्रैल, 2015 से 25 नवम्बर, 2015 तक की स्थिति में कृषि कार्य हेतु 1041 अस्थायी पम्प कनेक्शन दिये गये हैं। (ग) जी नहीं।
बैतूल जिले की मोहल्ला समितियाँ
115. ( क्र. 1953 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार द्वारा नगरपालिका/नगर पंचायतों में मोहल्ला समितियों के भवन के आदेश जारी किए गए हैं? यदि हाँ, तो कब? आदेश की प्रति उपलब्ध कराते हुए अवगत कराएं? (ख) क्या बैतूल जिले में नगरपालिका एवं नगर पंचायतों द्वारा वन अधिकार कानून 2006 के नियम 3 में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार मोहल्ला समितियों का गठन कर लिया गया है? यदि हाँ, तो कब-कब, किस-किस वार्ड की मोहल्ला समितियाँ गठित की गई है? यदि मोहल्ला समितियों का गठन नहीं किया गया है तो इसके क्या कारण है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन, नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग, मंत्रालय के पत्र क्रमांक एफ 1-10/2014/18-3 भोपाल, दिनाँक 09 सितम्बर, 2014 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है एवं क्रमांक एफ 1-10/2014/18-3 दिनाँक 30.07.2015 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। कार्यालय कलेक्टर (आदिम जाति कल्याण) बैतूल, जिला बैतूल पत्र क्रमांक/वन/2015/11997 बैतूल, दिनाँक 30 नवम्बर 2015 तथा पत्र क्रमांक 5205 दिनाँक 07 जुलाई, 2015 एवं समय-समय पर स्मरण-पत्र द्वारा अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद् बैतूल/आमला/सारणी एवं मुलताई को तथा मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद् बैतूल बाजार/भैंसदेही/आठनेर, चिचौली को नगरीय क्षेत्रों में त्रिस्तरीय समितियों का गठन करने के निर्देश दिये गये हैं। कार्यवाही प्रचलन में है। छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' एवं ''द'' अनुसार है।
मीटर एवं विद्युत देयकों के संबंध में
116. ( क्र. 1977 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में वर्तमान में घरेलु व अन्य समस्त प्रकार के कितने विद्युत उपभोक्ता हैं इनके यहां स्थापित मीटरों में से कितने चालू व कितने कई कारणों से बंद तथा जले फूके पड़े हैं इनके स्थान पर नये मीटर लगाने में विलंब का कारण बतावें? (ख) क्या विद्युत नियामक आयेाग के निर्देशानुसार खराब/बंद मीटरों के स्थान पर उपभोक्ता द्वारा आवेदन देने के पश्चात् सात दिवस में नये मीटर बदलने चाहिये, इसके बावजूद कई-कई महिनों तक विद्युत कंपनी/ठेकेदार द्वारा नये मीटर नहीं लगाये जा रहे हैं, इसका कारण बतावें? (ग) क्या जिले में वर्तमान में लगभग 61380 उपभोक्ता है एवं 30621 मीटर खराब पड़े हैं इन्हें बदलने के बजाए संबंधित उपभोक्ताओं सहित जिन उपभोक्ताओं के मीटर चालू है उन्हें भी वास्तविक बिजली खपत के स्थान पर कंपनी द्वारा मनमाने तरीके से दो से चार गुना अधिक राशि के आंकलित खपत के बिल जारी कर उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ लादा जा रहा है? (घ) क्या शासन उक्त तथ्यों की जाँच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करेगा तथा बंद मीटरों को तत्काल बदलाने की व्यवस्था कर नियमानुसार बिल जारी करने हेतु विद्युत कंपनी को निर्देशित करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) श्योपुर जिले में माह अक्टूबर 2015 की स्थिति में घरेलू एवं अन्य सभी श्रेणी के 79696 उपभोक्ता हैं। उक्त उपभोक्ताओं के परिसरों में स्थापित मीटरों में से चालू/बंद/जले मीटरों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। मीटर लोकसेवा गांरटी अधिनियम 2010 के निहित प्रावधानों के अनुसार बदले जा रहे हैं एवं जले फुके मीटरों को भी नियमानुसार बदल जा रहा है। (ख) लोकसेवा गांरटी अधिनियम 2010 के अंतर्गत निर्धारित सेवाओं के बिन्दु क्रमांक 1.6 अनुसार शहरी क्षेत्र के अन्तर्गत जोन/वितरण केन्द्र प्रभारी द्वारा 22 कार्य दिवस एवं ग्रामीण क्षेत्रों में वितरण केन्द्र प्रभारी द्वारा 37 कार्य दिवसों में संबंधित उपभोक्ता से आवेदन प्राप्त होने पर बंद/खराब मीटरों को बदलने की कार्यवाही की जाना है एवं जले/फुके मीटरों की जाँचोपरान्त संबंधित उपभोक्ता द्वारा वांछित मीटर लागत राशि जमा करने के उपरान्त मीटर बदलना है। तदानुसार श्योपुर जिले में भी मीटर बदलने की कार्यवाही की जा रही है। (ग) जी नहीं, श्योपुर जिले में वर्तमान में उपभोक्ताओं की कुल संख्या 79696 है तथा इनमें से 8743 मीटर बंद/खराब एवं जले हैं, जिन्हे बदलने की नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। श्योपुर जिले में बदं/खराब/जले/फुके मीटर वाले उपभोक्ताओं को पिछले 03 माह की वास्तविक खपत के औसत के आधार पर बिल दिये गये हैं तथा जिन उपभोक्ताओं के मीटर चालू है उन्हें वास्तविक बिजली खपत के आधार पर ही बिल जारी किये जा रहे हैं। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) में दर्शाए अनुसार श्योपुर जिले में बंद/खराब/जले/फुके मीटरों को निर्धारित समय-सीमा में बदलने की कार्यवाही की जा रही है, तथा नियमानुसार विद्युत बिल जारी किये जा रहे हैं, अत: किसी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
चिन्हित पर्यटन स्थल
117. ( क्र. 1978 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में वर्ष 2012-13 से 2015-16 तक की अवधि में किन-किन स्थलों को पर्यटन केन्द्रों के रूप में चिन्हित किया गया? (ख) उक्त स्थलों को पर्यटन केंद्रों के रूप में विकसित करने हेतु कितनी राशि वर्षवार जिले को आवंटित की? आवंटित राशि से किन-किन स्थलों पर क्या-क्या कार्य स्वीकृत कर प्रारंभ/पूर्ण कराये गये, क्या-क्या कार्य प्रस्तावित है कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी? (ग) जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु क्या कोई कार्य योजना तैयार कर शासन को भेजी गई है, यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्ध करावें? क्या इस कार्य योजना में श्योपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम नागदा के अतिप्राचीन नागेश्वर, सिद्धेश्वर, भूतेश्वर महादेव मंदिर क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने का प्रस्ताव शामिल किया गया है, यदि नहीं, तो इस कार्य योजना में शामिल किया जावेगा? (घ) उक्त प्रेषित कार्य योजना को कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विभाग द्वारा किसी भी स्थल को पर्यटन केन्द्र के रूप में चिन्हित नहीं किया जाता है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वर्ष 2014-15 में कूनोपालपुर जिला श्योपुर में पर्यटक सुविधाओं के विकास कार्य हेतु राशि रूपये 100.00 लाख 13वें वित्त आयोग के अंतर्गत स्वीकृत है जिससे कूनोपालपुर में स्थित विश्राम गृह को होटल इकाई के रूप में विकसित करने हेतु अतिरिक्त कक्षों का तथा किचिन, रेस्टॉरेंट का निर्माण कार्य तथा पुराने कक्षों को उन्नयन कार्य कराया जा रहा है। (ग) वर्तमान में कोई योजना विचाराधीन नहीं। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संस्कृति विभाग की योजना
118. ( क्र. 1986 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संस्कृति विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजना साहित्यकारों/कलाकारों को लाभान्वित करने के लिये चलाई जा रही है? (ख) विभाग की कौन-कौन सी योजना प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र बड़नगर में संचालित की जा रही है? (ग) विगत एक वर्ष में विभाग की किस-किस योजना में विधानसभा क्षेत्र बड़नगर के कितने लोग लाभान्वित हुए हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) संस्कृति विभाग की 03 योजनाएं साहित्यकारों/ कलाकारों को आर्थिक सहायता हेतु संचालित हैं :- (1) मासिक सहायता योजना. (2) कलाकार कल्याण कोष से आर्थिक सहायता योजना (लम्बी तथा गंभीर बीमारी के लिए इलाज हेतु आर्थिक सहायता). (3) प्रतिभा प्रोत्साहन योजना अंतर्गत (विकलांग) साहित्यकारों/कलाकारों को आर्थिक सहायता. (ख) प्रश्नांश ‘क’ अनुसार योजनायें संचालित है. (ग) निरंक.
जिले में आयोजित होने वाले समारोह में आमंत्रित कलाकार
119. ( क्र. 1987 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संस्कृति विभाग के द्वारा संस्कृतिक नगरी उज्जैन में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में सिर्फ उज्जैन के ही साहित्यकारों और कलाकरों को आमंत्रित किया जाता है जिले के अन्य तहसील के साहित्यकारों और कलाकारों को नहीं? (ख) यदि हाँ, तो क्यों और यदि आमंत्रित किया जाता है तो कौन से साहित्यकार तथा कलाकार शासन द्वारा चिन्हित किये गये है? (ग) प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के कलाकारों/साहित्यकारों को भी विभाग की योजनाओं का लाभ प्राप्त हो इस संदर्भ में शासन की क्या कार्य योजना है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) देश/प्रदेश से प्राप्त प्रस्तावों एवं कतिपय समितियों के विचारों के अनुक्रम में ही पूरे देश के कलाकारों को आमंत्रित किया जाता है. कालिदास समारोह 2015 में तराना तहसील के ग्राम ताजापुर के मूलनिवासी कलाकार श्री अब्दुल हमीद लतीफ को वायलिन वादन के लिए आमंत्रित किया गया. उज्जैन जिले की अन्य तहसीलों में बड़नगर, घट्टिया, नागदा में समरस शिविर मार्च-2015 में आयोजित किये गये. उन शिविरों में अनुसूचित जाति के छात्रावासों में छात्र-छात्राओं को चित्रकला एवं क्राफ्ट का प्रशिक्षण दिया गया. संस्कृति विभाग के कार्यक्रमों में राष्ट्रीय तथा प्रादेशिक स्तर पर कलाकारों की भागीदारी संयोजित की जाती है. (ख) समय-समय पर प्रदेश के प्रतिष्ठित एवं प्रतिभाशाली कलाकारों को अवसर प्रदान किये जाते हैं. (ग) कालिदास संस्कृत अकादमी द्वारा पूर्ववर्ती वर्षों में प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के कलाकारों में शांकर समारोह, ओंकारेश्वर में शाजापुर जिले के ग्राम झोकर के लोक गायक को कार्यक्रम प्रस्तुति का अवसर प्रदान किया गया. समरस कला शिविर, वनजन कला शिविर, झाबुआ जिले के गांव भाभरा, डेहरी एवं बांडीघाट आदि स्थानों पर अलीराजपुर के ग्राम चिचलगुड़ा, रतलाम जिले के ग्राम तिरला, देवास जिले के ग्राम उदयगढ़ के कलाकारों के आमंत्रित किया गया है एवं शिविर आयोजित किये गये. विभाग की संस्थायें तथा शिविर आयोजित किये गये. विभाग की संस्थायें तथा अकादमियों निष्पक्षता के साथ ग्रामीण कलाकारों/साहित्यकारों को भी निमंत्रित किया करती है.
देशी विदेशी मदिरा की दुकाने
120. ( क्र. 1988 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में देशी और विदेशी मदिरा की कितनी अधिकृत दुकाने हैं? इनके अधिकृत लायसेंसधारी विक्रेता कौन है तथा किस-किस स्थान पर इनकी दुकानें स्थापित है? (ख) क्या देशी मदिरा की अधिकृत दुकानों के अलावा अन्य स्थानों पर कमीशन एजेन्ट (डायरी) के माध्यम से विक्रय करने की छूट है? यदि नहीं, तो क्या ग्रामीण क्षेत्र में अधिकृत दुकानों के अलावा विक्रय की जा रही है तो वो अवैध है? (ग) आबकारी विभाग और पुलिस विभाग के द्वारा विगत एक वर्ष से आज प्रश्न दिनाँक तक बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में कितने प्रकरण बनाये गये तथा उन पर क्या कार्यवाही की गई?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में 27 देशी/विदेशी मदिरा की फुटकर दुकानें संचालित हैं जिनके नाम, स्थान एवं अधिकृत लायसेंसधारियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकृत दुकानों के अलावा किसी अन्य स्थान से कमीशन एजेंट (डायरी) के माध्यम से मदिरा का विक्रय के प्रकरण प्रकाश में नहीं आने से जानकारी निरंक है। (ग) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में आबकारी विभाग द्वारा 92 एवं पुलिस विभाग द्वारा 397 अवैध शराब के आपराधिक प्रकरण मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34 के तहत कायम कर, चालान सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत कर आरोपियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई हैं।
परिशिष्ट - ''सत्तर''
बड़नगर विधानसभा में खनिज उत्खनन
121. ( क्र. 1989 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में मिट्टी मुरम गिट्टी रेत पत्थर की कुल कितनी खदानें है उनका सर्वे नं. तथा रकबा कितना है तथा किन-किन ग्राम एवं ग्राम पंचायतों में हैं? (ख) पिछले 03 वर्षों में कितनी खदानें लीज पर किन-किन व्यक्तियों को दी गई है? उनका सर्वे नंबर व रकबा कितना है? (ग) यदि लीज पर दी गई है तो उनमें से कितने क्यबिक मीटर खोदने और परिवहन करने की अनुमति दी गई है? (घ) सत्र 2013-2014 व 2014-2015 में कितने अवैध खनन के प्रकरण बनाये गये व उसमें क्या-क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ में दर्शित है। (ख) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ में दर्शित है। (ग) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ में दर्शित है। (घ) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘द’ में दर्शित है।
केन बेतवा लिंक परियोजना के क्रियान्वयन
122. ( क्र. 2000 ) श्री अनिल जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बुन्देलखण्ड के छतरपुर जिले में स्थित केन नदी एवं टीकमगढ़ जिले में स्थित बेतवा नदी को जोड़ने के लिये केन बेतवा लिंक नाम की कोई परियोजना राज्य शासन में स्वीकृति हेतु विचाराधीन है? यदि हाँ, तो इस परियोजना में प्रस्तावित नहर की लंबाई तथा प्राक्कलन, डीपीआर की लागत राशि की जानकारी दी जावें? (ख) केन बेतवा लिंक परियोजना से टीकमगढ़ एवं छतरपुर जिले में प्रस्तावित एन रूट कमांड एरिया एवं लाभान्वित होने वाले तालाबों की जानकारी जिलेवार एवं तहसीलवार दी जावे? (ग) क्या परियोजना की तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासकीय स्वीकृति हो चुकी है यदि हाँ, तो आदेश के क्रमांक एवं दिनाँक सहित जानकारी दी जावे? यदि नहीं, तो बतायें कि उक्त स्वीकृतियां कब तक हो सकेंगी? (घ) उक्त परियोजना का निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ हो सकेगा एवं इन क्षेत्र के किसान कब तक लाभान्वित हो सकेंगे?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (घ) जी नहीं। परियोजना की डी.पी.आर. बनाने एवं स्वीकृति प्राप्त करने की जिम्मेदारी केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय द्वारा उनके अधीन राष्ट्रीय जल विकास प्राधिकरण को सौंपी गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार परियोजना की डी.पी.आर. अंतिम नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते है।
राजमार्ग पर 150 मीटर पर शराब दुकान
123. ( क्र. 2025 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015-16 में माननीय उच्च न्यायालय की पालना में राज्य राजमार्ग एवं राष्ट्रीय राजमार्ग के मध्य से 150 मीटर की दूरी पर स्थित मदिरा की दुकानों को अन्यत्र स्थापित करने हेतु निर्देशित किया गया है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही प्रदेश में की गई? कहां-कहां से दुकान हटाई गई, स्थानवार जानकारी देवे? (ख) क्या सरकार मानती है कि राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य मार्ग के समीप मदिरा की दुकान होने से दुर्घटना की संभावना ज्यादा रहती है? यदि हाँ, तो 2015-16, 2016-17 में उज्जैन संभाग में ऐसी कितनी दुकानों के लायसेंस निरस्त कर दिये है या अन्यत्र स्थानान्तरित की दी गई है? (ग) क्या उज्जैन संभाग में उच्च न्यायालय के परिपालन में दुकानदारों द्वारा आगे के दरवाजे को बंद कर पीछे से शराब बेची जा रही है? क्या यह उचित है, यदि नहीं, तो ऐसे दुकानदारों के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं की गई?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आबकारी अधिकारियों का अध्ययन हेतु भ्रमण
124. ( क्र. 2026 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार राज्य में आबकारी मद्य संयम नीति के प्रस्ताव तैयार करने, दुकानदार कार्ययोजना के संबंध में विभिन्न राज्यों में प्रचलित आबकारी नीति, नियम, अधिनियम, विपणन प्रचलन व्यवस्था संचालन के अध्ययन हेतु सरकारी आबकारी अधिकारियों का दल अन्य राज्यों में भेजती है, यदि हाँ, तो वर्ष 2014-15, 2015-16 के प्रस्ताव तैयार करने के किन-किन अधिकारियों की किन-किन राज्यों में भेजा जा चुका है या भेजना है आदेश की प्रति सहित जानकारी देवे? (ख) क्या इनमें आबकारी के ऐसे अधिकारी शामिल नहीं किये गये है जिन पर विभागीय जाँच या 16 सीसीए या अन्य गंभीर विभागीय जाँच चल रही है? जिलेवार सूची देवे? (ग) क्या आबकारी विभाग में ऐसे अधिकारी जिन पर 16 सीसीए या अन्य गंभीर विभागीय जाँच चल रही है उन्हें भी फील्ड पोस्टिंग दी हुई है? यदि हाँ, तो क्यों? सूची प्रस्तुत करें? क्या विभाग द्वारा ऐसे अधिकारियों को फिल्ड पोस्टिंग देना सही है? यदि नहीं, तो ऐसे अधिकारियों की पोस्टिंग कब तक निरस्त की दी जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) देशी मदिरा प्रदाय व्यवस्था एवं आबकारी नीति की अन्य राज्यों में प्रचलित प्रक्रिया का अध्ययन हेतु वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में आसवनी शाखा से किसी भी अधिकारी को नामांकित नहीं किया गया है। देशी मदिरा एवं विदेशी मदिरा की फुटकर ब्रिकी की दुकानों के अन्य राज्यों में निष्पादन की प्रक्रिया का अध्ययन करने के लिये, वर्ष 2014-15 में किसी भी आबकारी अधिकारी को नामांकित नहीं किया गया था। मध्यप्रदेश राज्य में वर्ष 2015-16 के लिये देशी मदिरा एवं विदेशी मदिरा की फुटकर ब्रिकी की दुकानों के ऑनलाईन लॉटरी द्वारा निष्पादन की प्रक्रिया का अध्ययन करने के लिये, आबकारी आयुक्त कार्यालय के आदेश क्रमांक 7-ठेका/2015-16/359, दिनाँक 30.10.2014 द्वारा श्री मुकेश नेमा, उपायुक्त आबकारी एवं श्री अजय शर्मा, सहायक आबकारी आयुक्त को छत्तीसगढ़ राज्य में अध्ययन हेतु नामांकित किया गया था। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) उपरोक्त नामांकित अधिकारियों में से श्री मुकेश नेमा, उपायुक्त आबकारी को 16 सीसीए के तहत कारण बताओं सूचना पत्र जारी है। (ग) आबकारी विभाग में जिन अधिकारियों पर 16 सीसीए या अन्य गंभीर विभागीय जाँच चल रही है, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। जिन अधिकारियों के विरूद्ध 16 सीसीए या अन्य विभागीय जाँच चल रही है, उनके पद कार्यपालिक होने से कार्यपालिक पदों पर ही शासन द्वारा जारी स्थानान्तरण नीति के तहत उन्हे पदस्थ किया गया है।
प्रदेश में रिश्वतखोर कर्मचारियों पर कार्यवाही
125. ( क्र. 2028 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम, नीमच एवं मंदसौर जिले में 1 जनवरी, 2013 के पश्चात् राजस्व एवं गृह विभाग के कितने रिश्वत खोरों के मामलों में कितने राज्य कर्मचारी पकड़ाये गए? उन कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की गई? उनके नाम सहित जानकारी देवें? (ख) 1 जनवरी 2013 से प्रश्न दिनाँक तक ऐसे कितने एपीओ तथा सस्पेंड कर्मचारियों को बिना चार्टशीट के दुबारा पोस्टिंग दे दी गई, बिना चार्टशीट के पोस्टिंग देने के क्या कारण थे? (ग) प्रश्नांकित जिलों में 1 जनवरी 2013 के पश्चात् ऐसे कितने कर्मचारी हैं, जिन पर भ्रष्टाचार का प्रकरण दर्ज कर निलम्बित किया गया तथा जाँच में वे निर्दोष पाए गए? ऐसे प्रकरण दर्ज करने वाले दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शोभापुर जलाशय (घोड़ाडोंगरी) में घटिया निर्माण कार्य
126. ( क्र. 2049 ) श्री सज्जन सिंह उईके : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) घोड़ाडोंगरी क्षेत्र (बैतूल) के ग्राम शोभापुर में कब जलाशय का निर्माण हुआ था? कितनी राशि से ठेका हुआ था? (ख) जलाशय का रिपेयरिंग/सुधार कार्य कब/किस कम्पनी (ठेकेदार) को कितनी राशि से हुआ? आदेश की प्रति देवें? (ग) जलाशय में ठेकेदार द्वारा घटिया कार्य किया गया है? यदि हाँ, तो प्रभारी अधिकारी जिम्मेदार है? राशि पूर्ण आहरण की गई है? (घ) शोभापुर जलाशय रिपेयरिंग कार्य, घटिया निर्माण की जाँच होगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रश्नाधीन जलाशय का निर्माण वर्ष 1973 में हुआ था और निर्माण लागत रू.17.80 लाख थी। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) राशि रू.159.51 लाख की लागत से सुधार कार्य सितंबर-2014 में पूर्ण होना प्रतिवेदित है। कार्य की गुणवत्ता अच्छी होने से शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते है।
घोड़ाडोंगरी क्षेत्र में विद्युत सेपरेशन कार्य
127. ( क्र. 2050 ) श्री सज्जन सिंह उईके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) घोड़ाडोंगरी विधान सभा क्षेत्र में विद्युत सेपरेशन कार्य हेतु क्षेत्र किस कम्पनी का ठेका है? कितने ग्राम में कार्य चल रहा है? (ख) खंड शाहपुर के बीजादेही क्षेत्र में सेल्दा ग्राम में कृषकों को सेपरेशन से लाभ कब तक मिलेगा? कृषकों की संख्या देवें? (ग) खंड शाहपुर में ग्राम रामपुर में सब स्टेशन का कार्य पूर्ण हो गया है? (घ) ग्राम बरजोरपुर (शाहपुर) में सब स्टेशन निर्माण कार्य शुरू नहीं है? (1) यदि हाँ, तो उ. वन मंडल (सा.) बैतूल जमीन नहीं दे रहा है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र में फीडर विभक्तिरण के कार्य हेतु मेसर्स रेमकी इन्फ्रा स्ट्रक्चर लिमिटेड, हैदराबाद को कार्यादेश जारी किया गया है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में 33 ग्रामों में कार्य चल रहा है। (ख) बीजादेही क्षेत्र का सेल्दा ग्राम शाहपुर वितरण केन्द्र के अंतर्गत आता है तथा यह ग्राम 33/11 के.व्ही. भौरा उपकेन्द्र से निर्गमित 11 के.व्ही. कुप्पा फीडर से संबद्ध है। उक्त फीडर के विभक्तिकरण का कार्य प्रगति पर है जिसे दिनाँक 31.01.2016 तक पूर्ण कराने के प्रयास किये जा रहे हैं। उक्त फीडर विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण होने पर सेल्दा ग्राम के कृषकों को लाभ मिल सकेगा। सेल्दा ग्राम के अंतर्गत कृषकों की संख्या 32 है। (ग) जी हाँ। ग्राम रामपुर में 33/11 के.व्ही. सब स्टेशन दिनाँक 27.11.2015 को चार्ज कर दिया गया है। (घ) ग्राम बरजोपुर (शाहपुर) में 33/11 के.व्ही. सब स्टेशन के निर्माण का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में स्वीकृत है। इस योजना की स्वीकृति दिनाँक 28.7.15 को प्राप्त हुई है। उक्त सब स्टेशन हेतु भूमि का चयन कर वन-विभाग से अधिग्रहण करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
जनसुनवाई में प्राप्त आवेदनों का निराकरण
128. ( क्र. 2055 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में पारदर्शी एवं स्वच्छ प्रशासन देने हेतु शासन की कौन-कौन सी योजनायें वर्तमान में प्रचलन में है? (ख) टीकमगढ़ जिले में जिला मुख्यालय पर जन सुनवाई में विगत 3 वर्षों में विभिन्न विभागों में कितने प्रकरण आये? विभागश: दर्ज एवं निराकृत प्रकरणों की जानकारी दें? (ग) टीकमगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विभागश: सभी दर्ज एवं निराकृत प्रकरणों की जानकारी से अवगत करावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विधानसभा क्षेत्र बमोरी के अंतर्गत अवैध अस्वीकृत ट्रांसफार्मरों की संख्या
129. ( क्र. 2062 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र-028 बमोरी के अंतर्गत किन-किन ग्रामों में विगत दो वर्षों में अवैध, अस्वीकृत डी.पी जप्त की गई है? क्या जप्त किये गये ट्रांसफार्मरों का विभाग में लेखा-जोखा रहता है क्या? दर्ज किये गये ट्रांसफार्मरों की ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें? (ख) विधानसभा क्षेत्र-028 बमोरी के अंतर्गत जो ट्रांसफार्मर, तार चोरी हुये है? उनमें से कितनों की एफ.आई.आर दर्ज की गई है? क्या चोरी गये ट्रांसफार्मरों के स्थान पर नवीन ट्रांसफार्मर उक्त ग्रामों में स्थापित किये गये है ग्रामवार सूची उपलब्ध करावे? साथ ही जो ट्रांसफार्मर, तार चोरी हुये है? उनके स्थान पर नवीन डी.पी.तार स्वीकृत किये जायेंगे क्या? (ग) वर्तमान में कितने ग्रामों के ट्रांसफार्मर एवं तार चोरी हुये है? जिनकी एफ.आई.आर. दर्ज होना शेष है? ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें? (घ) माह नवम्बर 2013 से आज तक प्रदाय किये गये विद्युत ट्रांसफार्मर 25,63 एवं 100 केव्हीए के किन-किन ग्रामों में रखे गये हैं? उक्त में से स्वीकृत सरकारी, कृषक अनुदान एवं राजीव गांधी विद्युतीकरण में प्रदाय किये गये ट्रांसफार्मरों की पृथक-पृथक जानकारी देवें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) विधानसभा क्षेत्र 028 बमोरी के अंतर्गत विगत दो वर्षों में जप्त किये गये अवैध/अस्वीकृत वितरण ट्रांसफार्मरों का ग्रामवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र 'अ' अनुसार है। जी हाँ, जप्त किये गये ट्रांसफार्मरों का लेखा-जोखा म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में रखा जाता है। (ख) विधानसभा क्षेत्र '028 बमोरी के अंतर्गत ग्राम बडेरा में 16 के.व्ही.ए. क्षमता का ट्रांसफार्मर चोरी हुआ है एवं 5 अन्य ग्रामों में तार चोरी की घटनायें हुई है। प्रकरणवार एफ.आई.आर. दर्ज किये जाने तथा चोरी गये ट्रांसफार्मर/तार के स्थान पर पुन: ट्रांसफार्मर/तार लगाने का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार वर्तमान में 02 ग्राम क्रमश: रामपुर एवं भौंरा में तार चोरी की घटनाओं की एफ.आई.आर. दर्ज होना शेष है। (घ) माह नवम्बर 2013 से अघतन स्थिति में स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों की योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' एवं 'द' अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में दसवीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना का वर्ष 2012 में क्लोजर हो गया है एवं बारहवीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना का कार्य प्रारंभिक स्थिति में है।
अनियमितताओं की जाँच पर कार्यवाही
130. ( क्र. 2078 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर संभाग की किन-किन निकायों नगर पालिका, नगर परिषद व नगर पालिका निगमों के खिलाफ आर्थिक अनियिमतताओं के प्रकरण प्रश्न दिनाँक तक विभागीय जाँच में हैं, निकायवार प्रकरण सहित बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश 1 जनवरी 2010 से प्रश्न दिनाँक तक सागर संभाग के किन-किन निकायों के खिलाफ जाँच उपरांत आर्थिक अनियिमतताओं की कार्यवाही की गई? (ग) विभाग द्वारा अनियमितताओं की शिकायतों पर जाँच पूर्ण करने के लिये क्या समय-सीमा निर्धारित है? अगर हाँ, तो कितनी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) सागर संभाग के अंतर्गत 01 नगर निगम, 13 नगर पालिका एवं 37 नगर परिषद एवं 51 नगरीय निकाय है। इन नगरीय निकायों में से विभागीय जाँच से संबंधित प्रकरण निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) शिकायतों पर जाँच पूर्ण करने के लिये नियमों में समय-सीमा निर्धारित नहीं है।
खनिज विभाग की बकाया राशि की वसूली न होना
131. ( क्र. 2079 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में 01 जनवरी 2013 से प्रश्न दिनाँक तक खनिज विभाग को कितना राजस्व प्राप्त हुआ? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में राजस्व किस-किस कार्य से कितना-कितना प्राप्त हुआ? स्थानवार कार्य सहित बतायें? (ग) खनिज विभाग का किस-किस पर प्रश्न दिनाँक तक कितनी-कितनी राशि खनिज उत्खनन, ग्रेनाइट, बालू, पत्थर का राजस्व बकाया है? सूची नाम, पता, राशि सहित बतायें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में दिनाँक 1 जनवरी 2013 से दिनाँक 30 अक्टूबर 2015 तक कुल रूपये 58,25,13,592/- (अंठावन करोड़ पच्चीस लाख तेरह हजार पांच सौ बानवे) खनिज राजस्व के रूप में प्राप्त हुआ है। (ख) प्रश्नांश 'क' के प्रकाश में छतरपुर जिले में विभिन्न स्थानों पर स्वीकृत खनिपट्टे, उत्खनिपट्टे, नीलाम खदान आदि से अनिवार्य भाटक, रायल्टी राशि, खनिज राजस्व के रूप में प्राप्त होती है। इसके अलावा विविध राशि यथा अर्थदण्ड, आवेदन शुल्क से भी खनिज राजस्व प्राप्त होता है। प्राप्त खनिज राजस्व का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' में दर्शित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर दर्शित है।
विद्युत डी.पी. जलने की घटना
132. ( क्र. 2084 ) सुश्री उषा ठाकुर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इन्दौर के अन्तर्गत दिनाँक 01 अप्रैल,2015 से 31 अक्टूबर, 2015 तक कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब हुए क्षमतावार संख्या बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जले/खराब हुए विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों के जलने के प्रमुख कारण क्या-क्या हैं बतावें? (ग) उक्त डी.पी. किस कंपनी के थे? (घ) निगरानी के लिए जिम्मेदार अधिकारी कौन थे? क्या इसकी जाँच की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) म.प्र.प.क्षे.वि.वि.कं.लि. इंदौर क्षेत्रांतर्गत दिनाँक 01 अप्रैल 2015 से 31 अक्टूबर 2015 तक जले/खराब हुए वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) वितरण ट्रांसफार्मरों के जलने के प्रमुख कारण इस प्रकार है :- 1. अवैधानिक रूप से विद्युत का उपयोग किया जाना। 2. स्थायी विद्युत कनेक्शनों पर कृषकों द्वारा स्वीकृत भार से अधिक क्षमता की विद्युत मोटर का बिना सूचना दिये उपयोग किये जाने के कारण विद्युत वितरण प्रणाली पर अधिक भार आने के कारण। 3. वितरण ट्रांसफार्मरों पर ट्रांसफार्मर की सुरक्षा हेतु स्थापित निर्धारित क्षमता के ड्राप आउट फयूज (डी.ओ.फयूज) के जल जाने के उपरांत स्थानीय उपभोक्तओं द्वारा वितरण ट्रांसफार्मर की क्षमता से अधिक क्षमता के स्थानीय तार (निर्धारित क्षमता के फयूज तार नहीं) लगा दिये जाने के कारण। 4. कतिपय प्रकरणों में उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत वितरण लाईनों से छेड़छाड़ कर लाईनों को क्षति पहुंचाने के कारण। 5. आकाशीय बिजली लाईनों या ट्रांसफार्मर पर गिरने से हाई सर्ज वोल्टेज के कारण। 6. एल.टी.लाईन शार्ट सर्किट होने पर (ग) प्रश्नांश ’’क’’ में उल्लेखित अवधि में म.प्र.प.क्षे.वि.वि.कं.लि. इंदौर क्षेत्रांतर्गत क्षेत्रीय भंडारों में लौटाये गये जले/खराब हुए विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावार/कम्पनीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) सम्पूर्ण वितरण कम्पनी क्षेत्र में एक विद्युत वितरण केन्द्र कार्यालय का कार्य क्षेत्र कई ग्रामों को समाहित कर काफी वृहद क्षेत्र होता है, तथा इतने विशाल कार्य क्षेत्र में प्रत्येक वितरण केन्द्रवार औसतन 400 से 450 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित होते है। इन विद्युत ट्रांसफार्मरों में से ट्रांसफार्मर जलने के प्रमुख कारण उत्तरांश ’’ख’’ में उल्लेखित है। उक्त स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों का सामान्य रख-रखाव कार्य संबंधित वितरण केन्द्र कार्यालय के प्रभारी अधिकारी (कनिष्ठ यंत्री/सहायक यंत्री) द्वारा किया जाता है। वितरण केन्द्र प्रभारी द्वारा वितरण ट्रांसफार्मर पर सम्बद्ध भार की समीक्षा की जाती है एवं निर्धारित भार क्षमता से अधिक भार होने पर क्षमता वृद्धि अथवा अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाने के प्रस्ताव तैयार किये जाते हैं। तदनुसार समय-समय पर जाँच/आवश्यक कार्यवाही की गई है।
बहुमंजिला इमारतों की शिकायतें
133. ( क्र. 2086 ) सुश्री उषा ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर नगर पा.निगम क्षेत्र अंतर्गत कितनी बहुमंजिला इमारतों के खिलाफ विगत 3 वर्षों में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? (ख) प्राप्त शिकायतें किन-किन बहुमंजिला इमारतो के खिलाफ थी तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई, कितनी शिकायतें लंबित है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) विगत 3 वर्षों से प्राप्त शिकायत, की गई कार्यवाही एवं लंबित शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नगर पालिका परिषद वारासिवनी द्वारा कराए गये कार्य
134. ( क्र. 2093 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले की नगरपालिका परिषद वारासिवनी में विगत 3 वर्षों में किन-किन मद से कितनी-कितनी राशि कब-कब, किन-किन कार्यों हेतु शासन ने उपलब्ध करायी है? (ख) इन नगरपालिकाओं/नगर परिषदों में स्थानीय तौर पर कर आदि के तौर पर कितनी-कितनी राशि, किन-किन मद में उगाही गयी हैं? (ग) उक्त शासन से प्राप्त राशि एवं स्थानीय तौर पर कर आदि से उगाही राशि से परिषदों ने क्या-क्या कार्य किया है? किन-किन कार्यवार कितनी राशि खर्च की हैं, कितनी राशि उनके पास शेष हैं? कार्य का नाम, कार्य एजेंसी, खर्च राशि एवं शेष राशि की जानकारी देवें? (घ) क्या उन राशियों से कोई सामग्री भी क्रय की गई है? यदि हाँ, तो क्रय की गई सामग्री, फर्म का नाम और सामग्रीवार भुगतान राशि की जानकारी दें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब', 'स' एवं 'द' अनुसार है।
दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमितीकरण
135. ( क्र. 2096 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2013 में कर्मचारी संगठन द्वारा म.प्र. शासन के विभिन्न विभागों में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को नियमित करने का पत्र लिखा है? (ख) क्या दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को म.प्र. शासन द्वारा 10 वर्ष एवं 20 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर विशेष भत्ता क्रमश: 1500 रूपये एवं 2500 रूपये स्वीकृत किया गया है? (ग) शासन के पास दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित कार्यभारित स्थापना, आकस्मिक निधि में करने का प्रस्ताव विचाराधीन हैं? यदि हाँ, तो कब तक नियमित किया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं।
मनासा विधानसभा क्षेत्र की सिंचाई परियोजना
136. ( क्र. 2108 ) श्री कैलाश चावला : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच जिले के मनासा विधानसभा क्षेत्र में गंगाबावड़ी सिंचाई परियोजना कालीया खो परियोजना का सर्वे किस वर्ष में कराया गया था एवं क्या डीपीआर तैयार कर स्वीकृति के प्रस्ताव तैयार कर शासन को प्रेषित किए गए है? (ख) क्या कलिया खो योजना का शिलान्यास माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी द्वारा किया गया था एवं गंगाबावड़ी योजना का शिलान्यास पूर्व मुख्यमंत्री (श्री पटवा) द्वारा किया गया था? (ग) यदि हाँ, तो इन पर अभी तक कार्य प्रारंभ क्यों नहीं हो सका? यदि नहीं, तो अब कब तक कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) गंगाबावड़ी तथा कालिया खो सिंचाई परियोजनाओं का सर्वेक्षण वर्ष 2002 में कराया गया। जी हाँ। शासन को डी.पी.आर. प्राप्त हुए थे। (ख) जी हाँ। (ग) परियोजनाएं निर्धारित मापदण्डों पर साध्य नहीं होने से प्रशासकीय स्वीकृति नहीं दी जा सकी।
मनासा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बरलाई में चौपाल चर्चा
137. ( क्र. 2110 ) श्री कैलाश चावला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनाँक 26-10-2015 को नीमच जिले की मनासा विधानसभा क्षेत्र के बरलाई ग्राम में प्रभारी मंत्री द्वारा मुख्यमंत्री जी के निर्देशानुसार सूखे की स्थिति पर चौपाल चर्चा कर आयोजन किया गया था? (ख) उक्त चौपाल चर्चा में विभिन्न विभागों के कौन-कौन से अधिकारी उपस्थित थे व कौन अधिकारी जिनका उपस्थित रहना आवश्यक था? उपस्थित नहीं रहे? (ग) अनुपस्थित अधिकारी के विरूद्ध क्या शासन अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा? (घ) उक्त चौपाल चर्चा में माननीय प्रभारी मंत्री के सामने जो शिकायत आई वे क्या-क्या हैं? 15 नवंबर तक क्या कार्यवाही की गई निम्न प्रारूप में जानकारी प्रदान करें? विभाग दिनाँक शिकायत कलेक्टर द्वारा उक्त शिकायतों पर कार्यवाही करने के निर्देश की दिनाँक कार्यवाही की स्थिति (1) (2) (3) (4) (5)
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्थानीय निकायों द्वारा पात्रता पर्ची जारी करने की कार्यवाही
138. ( क्र. 2123 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत प्राथमिकता श्रेणी के परिवारों को मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु पात्रता पर्चियों की आवश्यकता होती है? यदि हाँ, तो कटनी नगर में किस-किस श्रेणी के कितने-कितने प्राथमिकता परिवारों को जनवरी 2014 से प्रश्न दिनाँक तक पात्रता पर्ची किस कार्यालय से निर्मित कर वितरित की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत कटनी नगर के कितने प्राथमिकता परिवारों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत, किन-किन कारणों से, वर्तमान में सामग्री प्राप्त नहीं हो पा रही है? (ग) प्रश्नांश (क) के तहत बताये कि प्राथमिकता परिवारों की पात्रता पर्ची जारी करने के संबंध में, श्रेणीवार शासन के क्या दिशा निर्देश हैं, जारी आदेश प्रदान कर, बताये कि क्या इस संबंध में शासन एवं कार्यालय कलेक्टर (खाद्य शाखा) कटनी द्वारा नगरपालिक निगम कटनी से पत्राचार किया गया है? यदि हाँ, तो पत्रों की प्रति उपलब्ध कराकर बताये कि इन पत्रों पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के संबंध में क्या अनेक प्राथमिकता परिवार समग्र आई.डी. होने जाति प्रमाण पत्रों आदि का सत्यापन होने के पश्चात् भी पात्रता पर्ची प्राप्त न होने से सार्वजनिक वितरण प्रणाली की सामग्री प्राप्त करने से आज तक वंचित है? (ड.) यदि हाँ, तो ऐसे परिवारों की श्रेणीवार, राशन, दुकानवार, वार्डवार सूची देवें एवं बताये कि शासन की योजना के लाभ से नागरिकों को वंचित करने के जिम्मेदार शासकीय सेवकों पर क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी तथा समग्र डाटाबेस में पंजीकृत प्राथमिकता परिवारों को किस प्रक्रिया से कब तक पात्रता पर्ची जारी की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। आवश्यकता होती है। जिला आपूर्ति अधिकारी, जिला-कटनी से प्राप्त जानकारी आयुक्त, नगर निगम, कटनी को जारी की गई पात्रता पर्ची का पत्रक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) इस प्रकार की कोई लिखित शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ग) जी हाँ। शासन के दिशा-निर्देश, जिला आपूर्ति अधिकारी, जिला-कटनी के पत्र क्रमांक 210/खाध/2015 कटनी, दिनाँक 09.06.2015 एवं पत्र क्रमांक 266/खाध/2015, कटनी, दिनाँक 07.07.2015 तथा नगर पालिक निगम, कटनी के पत्र क्रमांक 1903/खाध/शाखा/2015, कटनी दिनाँक 25.06.2015 की छायाप्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ पर पेज नं. 01 से 07 अनुसार है। अब नगर पालिक निगम, कटनी कार्यालय स्थित लोक सेवा केन्द्र कक्ष में यह कार्य प्रारंभ कराया गया है। (घ) आयुक्त, नगर निगम, कटनी को इस प्रकार की कोई लिखित शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ड.) आयुक्त, नगर पालिक निगम, कटनी को पात्रता पर्ची जारी हो जाने के बाद खाद्यान्न प्राप्त न होने की कोई लिखित शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
कटनी विकास योजना 2021 में त्रुटि सुधार की कार्यवाही
139. ( क्र. 2124 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय सहायक संचालक नगर तथा ग्राम निवेश कटनी द्वारा 20 मई 2013 को पत्र क्रमांक 292/नग्रानि/2013 के माध्यम से आयुक्त नगर तथा ग्राम निवेश मध्यप्रदेश भोपाल को कटनी विकास योजना 2021 में उपांतरण एवं त्रुटि सुधार बाबत् प्रस्ताव भेजा था? यदि हाँ, तो क्या भेजे गये प्रस्ताव के बिन्दुओं की त्रुटियों को सुधारा जा चुका है? यदि नहीं, तो क्यों? सुधार कार्य कब तक पूर्ण किया जायेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रस्ताव के क्रमांक 01 से 14 तक के बिन्दुओं में उल्लेखित विर्दिष्ट प्रावधान में से किन-किन बिन्दुओं में क्या-क्या सुधार कर, क्या-क्या नवीन प्रावधान किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि प्रस्ताव के क्रमांक 01 से 14 तक के बिन्दुओं में उल्लेखित विर्दिष्ट प्रावधानों में सुधार ना होने पर नगर तथा ग्राम निवेश कटनी द्वारा वर्तमान में किन आधारों पर निवेश अनुज्ञा स्वीकृत की जा रही है? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या विसंगतिपूर्ण प्रावधानों में सुधार ना होने से कटनी नगर में स्वीकृत निवेश अनुज्ञायें भी नियम विपरीत है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है? इसका क्या निराकरण किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। आयुक्त नगर तथा ग्राम निवेश भोपाल द्वारा कटनी विकास योजना 2021 में म.प्र. भूमि विकास नियम 2012 के उपातंरण प्रस्ताव दिनाँक 22/07/13 को विभाग को प्रेषित किये है। जी नहीं। प्रकरण शासन के परीक्षणाधीन है। (ख) प्रकरण शासन के परीक्षणाधीन है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता (ग) कटनी विकास योजना 2021 में म.प्र. भूमि विकास नियम 2012 के उपांतरण होने तक विकास योजना के प्रावधानों के अनुसार अनुज्ञा दी जाती है। (घ) जी नहीं। उत्तराशं 'ग' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
नगर पालिक निगम सिंगरौली के अंतर्गत वार्ड क्र.2 में विद्युतीकरण
140. ( क्र. 2135 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सिंगरौली के अंतर्गत नगर पालिक निगम अंतर्गत वार्ड क्र. 2 सिंगरौली का ग्राम मुहेर अनुसूचित जाति/जनजाति बाहुल्य में विद्युतीकरण नहीं है? कई बार विद्युतीकरण हेतु नगर पालिक निगम सिंगरौली को प्रस्तावित किया गया परंतु अभी तक विद्युतीकरण का कार्य नहीं हो पाया है? यदि हाँ, तो कब तक विद्युतीकरण का कार्य कराया जायेगा? (ख) जिला सिंगरौली ग्रामीण के टोला मोजरो में 100 की संख्या वाले क्षेत्र में विद्युतीकरण कार्य कब तक कराया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ, प्रश्नाधीन उल्लेखित क्षेत्र में विद्युतीकरण नहीं हुआ है। उल्लेखनीय है कि प्रश्नाधीन उल्लेखित क्षेत्र नगर पालिका निगम सिंगरौली के क्षेत्रान्तर्गत आता है। नगर पालिका निगम सिंगरौली से उक्त क्षेत्र में विद्युतीकरण के कार्य हेतु प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। प्रस्ताव प्राप्त होने पर सर्वे किया जावेगा तथा तदुपरांत स्वीकृत प्राक्कलन अनुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र के विद्युतीकरण हेतु व्यय होने वाली राशि नगर पालिका निगम सिंगरौली/माननीय सांसद/माननीय विधायक मद से प्राप्त होने के पश्चात् ही विद्युतीकरण का कार्य किया जाना संभव हो सकेगा। उक्त परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में विद्युतीकरण की समय-सीमा बता पाना संभव नहीं है। (ख) जिला सिंगरौली में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत वर्तमान में 5 अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण एवं 732 विद्युतीकृत ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य किया जाना स्वीकृत है। उक्त 5 अविद्युतीकृत ग्रामों एवं इन ग्रामों के मजरों/टोलों के विद्युतीकरण में वन बाधा है। वन विभाग से अनुमति प्राप्त करने हेतु प्रस्ताव दिनाँक 19.9.15 को प्रेषित किया गया है जिसकी स्वीकृति प्राप्त होने के पश्चात् उक्त 5 अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य प्राथमिकता के आधार पर पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर से किया जाना प्रस्तावित है। 732 विद्युतीकृत ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य टर्नकी आधार किया जाना प्रस्तावित है, जिस हेतु वर्तमान में निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। तदुपरांत न्यूनतम निविदाकार को ठेका देने के पश्चात् कार्य प्रारंभ किया जाना संभव हो सकेगा। अत: विद्युतीकरण हेतु वर्तमान में समय-सीमा बता पाना संभव नहीं है।
जले हुए ट्रान्सफार्मरों को बदला जाना
141. ( क्र. 2141 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सीधी एवं सिंगरौली में 25 और 63 केवी के ट्रान्सफार्मर खराब एवं जले हुए है, जिन्हें ठीक नहीं किया जा रहा है जिससे रवी के फसलों को सिंचाई आदि में विद्युत नहीं पहुंच पा रही है जिससे आम किसान सिंचाई के लिए काफी परेशान है? यदि हाँ, तो जले हुए ट्रांसफार्मरों को क्या ठीक किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक में? इस संबंध में शासन द्वारा क्या नियम/प्रावधान है, स्पष्ट करें? (ख) जिला सिंगरौली में कितने पम्पों के कनेक्शन है इसी तरह जिला सीधी में कितने पम्प कनेक्शनधारी है? उन्हें ट्रान्सफार्मर जलने के कितने दिनों में बदला जाता है, विगत एक वर्ष में कितने जले व कितने समय में ट्रान्सफार्मर लगाया गया?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) सीधी एवं सिंगरौली जिलों में दिनाँक 29.11.15 की स्थिति में 16 के.वी.ए. क्षमता का एक, 25 के.वी.ए. क्षमता के 07 एवं 63 के.वी.ए. क्षमता का एक इस प्रकार कुल 9 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने हेतु शेष हैं, जिन्हें उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण नहीं बदला जा सका है। वर्तमान में राज्य शासन के आदेश दिनाँक 28.10.2015 के अनुसार कुल बकाया राशि की 10 प्रतिशत राशि जमा होने पर जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने का प्रावधान है। उक्तानुसार बकाया राशि की 10 प्रतिशत राशि जमा होने पर शेष जले/खराब ट्रांसफार्मरों को बदलने की कार्यवाही की जावेगी, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) सिंगरौली जिले में 27438 एवं सीधी जिले में 29268 पम्पों के कनेक्शन विद्यमान हैं। जले/खराब ट्रांसफार्मर पहुंच मार्ग उपलब्ध होने पर ग्रामीण क्षेत्र में वर्षाकाल में 07 दिवस एवं अन्य समय में 03 दिवस में नियमानुसार बकाया राशि जमा होने पर बदले जाते हैं। उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार वर्तमान में नियमानुसार बकाया राशि की 10 प्रतिशत राशि जमा होने पर फेल ट्रांसफार्मर बदले जा रहे हैं। प्रश्नाधीन क्षेत्र में विगत एक वर्ष (1 दिसम्बर-2014 से 29 नवम्बर-2015) के दौरान 189 वितरण ट्रांसफार्मर फेल हुए हैं जिनमें से 180 वितरण ट्रांसफार्मर बदल दिए गए हैं तथा ट्रांसफार्मर बदलने में लगी अवधि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शाए अनुसार है। शेष 9 वितरण ट्रांसफार्मर नियमानुसार बकाया राशि की 10 प्रतिशत राशि जमा होने पर बदले जा सकेंगे।
राजघाट नहर परियोजना द्वारा नवीन/मरम्मत का कार्य
142. ( क्र. 2145 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले की सेवड़ा तहसील में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनाँक तक राजघाट नहर परियोजना द्वारा कुल कितनी नहरो/माईनर/वम्वा/गूल पर नवीन निर्माण/मरम्मत का कार्य कराया गया है? लागत राशि/कार्यस्थल का नाम/निर्माण ऐजेंसी के नाम सहित जानकारी उपलब्ध कराये? (ख) उक्त कंडिका (क) में वर्णित कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हो गये है और कितने अपूर्ण? क्या इसके अलावा ऐसे भी कोई कार्य है जो उक्त दिनाँक से पूर्व के स्वीकृत है? लेकिन अभी तक पूर्ण नहीं हुये है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा उनके खिलाफ अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गयी है? (ग) क्या विभाग द्वारा दतिया जिले के ग्रामो में चैक डेम निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये है? यदि हाँ, तो ग्रामवार/लागत राशि/निर्माण एजेंसी सहित जानकारी उपलब्ध कराये? (घ) क्या दतिया जिले की सेवड़ा तहसील में जो निर्माण कार्य कराये गये है? वह गुणवत्ताविहीन है फलस्वरूप प्रतिवर्ष नहरे/वम्वा/गूल आदि क्षतिग्रस्त हो जाते हैं जिससे फसलो के साथ-साथ शासन की राशि का भी नुकसान होता है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के अनुसार है। अपूर्ण कार्य को पूर्ण कराने की समयावधि समाप्त नहीं होने से प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है। (घ) जी नहीं, निर्माण अच्छी गुणवत्ता का होना प्रतिवेदित है। अत: प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
नहर का निर्माण निरस्त होने पर अर्जित भूमि की किसानों को वापसी
143. ( क्र. 2153
) श्रीमती
प्रतिभा सिंह
: क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
न.धा.वि.प्रा.
में नहरों का
निर्माण
कार्य निरस्त
होने पर
किसानों की
अर्जित भूमि
वापस किसानों
को लौटाने के
क्या नियम है? क्या
रा.अ.बा. सागर
परि. बोथी तट
नहर की तेवर
माइनर हेतु
वर्ष 1984-85
में 19.524 हे. भूमि
विभाग द्वारा
अर्जित की गयी
थी? क्या उक्त
माइनर का निर्माण
कार्य निरस्त
कर दिया गया
है? (ख)
उपरोक्त
अर्जित भूमि
के किसानों
द्वारा मान.
उच्च न्याया.
जबलपुर में
दायर याचिका
क्रं. 18707/2006
में पारित
आदेश दिनाँक 12.09.2007
में उक्त
भूमि संबंधी
किसानों को
वापस लौटाने
दिशा निर्देश
दिये गये थे? यदि
हाँ, तो विभाग
द्वारा मान.
न्याया. के
निर्देशों के
परिप्रेक्ष्य
में अब तक क्या
कार्यवाही की
गयी? उक्त भूमि
किसानों को कब
तक वापस की
जावेगी?
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क)
नहरों का
निर्माण
कार्य निरस्त
होने पर
किसानों की
अर्जित भूमि
वापस किसानों
को लौटाने के
नियम ‘’जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है। जी
हाँ। तेवर
माइनर की
आर.डी. 0.00
कि.मी. से आर.डी. 2.40
कि.मी. तक
कार्य वर्ष 1988
में पूर्ण हो
चुका था एवं
आर.डी. 2.40
कि.मी. से आर.डी. 3.50
कि.मी. तक का
कार्य निरस्त
नहीं किया गया
है। (ख)
जी नहीं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
खदानों में रेत की उपलब्धता का निर्धारण
144. ( क्र. 2161 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग में माइनिंग कार्पोरेशन में वर्ष 2015 में ग्रुपवार रेत की खदानों की रेत की घ.मी. मालावार नीलामी कितनी-कितनी राशि थी? उपरोक्त नीलाम की गयी रेत खदानों में अनुमानित रेत की उपलब्धता का मूल्यांकन/निर्धारण किन-किन अधिकारियों द्वारा किया गया? खदानवार अधि. के नाम पद सहित जानकारी दे? (ख) जबलपुर सम्भाग की उक्त अवधि में स्टेट माइनिंग कार्पोरेशन द्वारा नीलाम की गयी रेत खदानों में रेत की उपलब्धता शासन द्वारा दर्शायी गयी मात्रा से काफी कम है? उक्त त्रुटि सुधार के लिए शासन द्वारा क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में म.प्र. राज्य खनिज निगम की जबलपुर संभाग की ग्रुपवार रेत खदानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 में दिनाँक 23.03.2013 को हुए संशोधन अनुसार नियम 42 के तहत रेत खदानों हेतु खनन योजना की अर्हता निर्धारित की गई है जिसमें खनिज भंडार का निर्धारण भी होता है तथा नियम 42 (छ) के तहत खनन संक्रियाओं का खनन अनुमोदित खनन योजना के अनुरूप होना आवश्यक है। खदान में मात्रा निर्धारण नियमानुसार खनन योजना में किया जाता है। (ख) खदानों में मात्रा का निर्धारण खनन योजना के अनुसार किया जाता है। अतएवं शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जबलपुर बिलहरी पिंकी सिटी पुल का पुनर्निर्माण
145. ( क्र. 2176 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केंट विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बिलहरी पिंक सिटी कॉलोनी के पास आवागमन हेतु नाले पर पुल निर्मित था? यदि हाँ, तो उक्त पुल को कब और किसने किसके आदेश पर तोड़ा है एवं क्यों? क्या इस संबंध में नगर निगम जबलपुर द्वारा कोई एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है? यदि हाँ, तो कब कहां पर? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या उक्त पुल के टूट जाने से स्थानीयवासियों/कॉलोनियों/कजरवारा क्षेत्र के रहवासियों को आवागमन में असुविधा उत्पन्न हो रही है? यदि हाँ, तो इसका निर्माण अभी तक क्यों नहीं कराया गया है एवं क्यों कब तक निर्माण कराया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। स्थानीयजनों द्वारा शिकायत की गई थी कि प्रश्नाधीन पुल सकरा है जिसके कारण वर्षाकाल में जल भराव होता है एवं 07 कॉलोनियों के घरों में पानी भर जाता है इसलिए पुल नगर निगम द्वारा दिनाँक 16 जून 2015 को तोड़ा गया। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थिति नहीं होता। स्थानीय जनों के मांग की पूर्ति हेतु पुल तोड़ा गया। (ख) जी नहीं। प्रश्नाधीन क्षेत्र के रहवासियों को आवागमन हेतु अन्य मार्ग उपलब्ध है एवं इस मार्ग को भी पैदल व दो पहियां वाहनों हेतु निर्मित करा दिया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुरैना नगर सीमा में बहुमंजिला भवनों का निर्माण
146. ( क्र. 2188 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना नगर निगम सीमा में 2011 से नवंबर 2015 तक कितनी बहुमंजिला (मल्टी स्टोरी) निर्मित एवं कितनी निर्माणधीन है उनके स्थान, संख्या सहित पूर्ण जानकारी दी जावें? (ख) उक्त निर्मित एवं निर्माणाधीन बहुमंजिला भवनों की अनुमति कब-कब किस संस्था द्वारा कितनी मंजिल की दी गई तथा जितनी भूमि का स्वामित्व था उसके अनुरूप ही निर्माण कराया गया है या उससे अधिक भूमि, मंजिल बनाई गई है प्रत्येक की अनुमति रकवा, कितनी मंजिल दिनाँक, वर्ष सहित पूर्ण जानकारी दी जावें? (ग) क्या उक्त बहुमंजिला भवनों में आग बुझाने वाले यंत्र फायर ब्रिगेड वाहन जाने का रास्ता तथा सुरक्षा संबंधी व्यवस्था की गई? यदि हाँ, तो क्या पूर्ण जानकारी दी जावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) निरंक। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश 'क' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मेघसिंह पर असत्य अपराध पंजीकृत
147. ( क्र. 2189 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2011 में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी मुरैना द्वारा सुमावली विधान सभा के ग्राम गलेथा (मोतीपुरा) थाना-बागचीनी में मेघसिंह पुत्र के दारासिंह पर विद्युत चोरी वसूली का असत्य प्रकरण दर्ज कराया गया था? क्यों पूर्ण जानकारी दी जावे? (ख) क्या मेघसिंह के पिता केदारसिंह द्वारा 25.12.2010 को 7180 रूपये 07.04.2012 को 6200/- रूपये 02.12.2013 को 6630/- छयासठ सौ तीस रूपये 15.12.2014 को 6355/- रूपये 25.03.2014 को 3000/- रूपये 20.03.2013 में 16770 रू. एवं 06.11.2011 को 11087 रूपये विभाग में जमा कराये थे? यदि हाँ, तो उन पर क्यों असत्य प्रकरण दर्ज कराया गया, जिन अधिकारी कर्मचारी द्वारा प्रकरण दर्ज कराया है? उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या विभाग उक्त प्रकरण की किसी वरिष्ठ अधिकारी से जाँच करायेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताई जावे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। (ख) कार्यालयीन अभिलेख के अनुसार श्री केदार सिंह पुत्र भभूती सिंह द्वारा प्रश्नांश में वर्णित रसीद दिनाँक 25.12.2010 से रू.7180/- की राशि अस्थाई कनेक्शन हेतु जमा की गई थी। दिनाँक 07.04.2012 को रू. 6200/- की राशि दिनाँक 02.12.2013 को 6630/- की राशि दिनाँक 15.12.2014 को रू.6355/- की राशि दिनाँक 25.03.2014 को रू.3000/- की राशि एवं दिनाँक 20.03.2013 को रू. 16770/- की राशि स्थाई कनेक्शन के बिल की राशि के विरूद्ध एवं दिनाँक 06.11.2011 को रू.11087/- की राशि अवैध विद्युत उपयोग के लिये लगाए गए अवैध ट्रांसफार्मर के नियमितीकरण हेतु जमा कराई गई थी। श्री मेघसिंह पुत्र केदार सिंह के नाम से कोई राशि जमा नहीं कराई गई है, न ही कोई प्रकरण दर्ज हुआ है। (ग) उत्तरांश ’क’ एवं ’ख’ में दर्शाएं अनुसार प्रकरण में कोई अनियमितता नहीं पाई गई है, अत: जाँच कार्यवाही आवश्यक नहीं है।
आर्थिक मदद में कटौती
148. ( क्र. 2192 ) श्री जितू पटवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सत्र 2014-15 एवं 15-16 हेतु केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को प्रदान की जाने वाली आर्थिक मदद में कटौती किये जाने से प्रदेश सरकार आर्थिक संकट में आ गई है? यदि हाँ, तो केन्द्र सरकार द्वारा कटौती किये जाने के क्या कारण रहे हैं? (ख) सत्र 14-15 एवं 15-16 हेतु राज्य सरकार द्वारा किन-किन योजनाओं हेतु केन्द्र सरकार से कितनी-कितनी राशि की मांग की गई थी एवं केन्द्र सरकार द्वारा प्रश्न दिनाँक तक कितनी राशि का आवंटन किया गया है? वर्षवार प्रत्येक योजना के अनुसार जानकारी प्रदान करें? (ग) क्या केन्द्र रकार द्वारा राज्य की लगभग एक दर्जन योजनाओं की राशि में कटौती की गई है? हाँ, तो इन योजनाओं के नाम बताते हुये कितनी कटौती की गई है? (घ) प्रश्नांश (ग) के तारतम्य में विगत यू.पी.ए. की सरकार द्वारा सन् 11-12 एवं 12-13 हेतु तथा वर्तमान सत्ताधारी केन्द सरकार द्वारा सन् 14-15 एवं 15-16 हेतु कटौती की गई योजनाओं में कितनी-कितनी राशि सत्रवार प्रदान की गई है? वर्षवार एवं योजनावार मांग एवं आवंटित राशि के तुलनात्मक आंकड़े प्रदान करे?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) सत्र 2014-15 के लेखे महालेखाकार कार्यालय से अप्राप्त है। सत्र 2015-16 में केन्द्रीय आयोजनान्तर्गत योजनाओं की निगरानी तंत्र से प्राप्त जानकारी अनुसार दिनाँक 27 नवम्बर,2015 तक केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को प्रदान की जाने वाली आर्थिक मदद संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रदेश आर्थिक संकट में नहीं आया है। (ख) भारत सरकार द्वारा जारी मापदण्ड एवं संभावित प्राप्ति के आधार पर योजनाओं में प्रावधान किया जाता है। वित्तीय वर्ष 2015-16 में इसी अनुमान के आधार पर राशि रूपये 30401.27 करोड़ का प्रावधान किया गया था। दिनाँक 27 नवम्बर, 2015 तक राशि रूपये 10165.30 करोड़ का आवंटन प्राप्त हो गया है। योजनावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) भारत सरकार से संबंधित है।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के सम्मान हेतु आयोजन
149. ( क्र. 2200 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को सम्मान देने हेतु म.प्र. संस्कृति विभाग की क्या कार्य योजना प्रचलन में है? (ख) क्या बुन्देलखण्ड के क्रान्तिकारियों को सम्मान देने हेतु विभाग किसी योजना पर विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो कब तक प्रारम्भ कर लेगे? (ग) क्या शेर-ए बुन्देलखण्ड अमर शहीद नारायणदास खरे की शहीद स्थली नरोसा नाला टीकमगढ़ में विगत 57 वर्षों से जनसहयोग से शहीद महोत्सव आयोजित होता है? (घ) यदि हाँ, तो जनभावनाओं के आधार पर उक्त कार्यक्रम को विभाग शहीद महोत्सव के रूप में (3 दिवसीय) मनाने का तय करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ. (ख) जी नहीं. केवल बुन्देलखण्ड के क्रान्तिकारियों पर केन्द्रित कोई विशेषीकृत कार्ययोजना विचाराधीन नहीं है. (ग) हाँ प्रत्येक वर्ष माह जनवरी में दिनाँक 18 से 21 तक स्थानीय मेला जन सहयोग से लगाया जाता है. (घ) निर्णय लिये जाने के संबंध में कार्यवाही प्रचलित है.
बुंदेलखण्ड में पर्यटन की स्थिति को बढ़ावा देने के संबंध में
150. ( क्र. 2201 ) श्री के. के. श्रीवास्तव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बुंदेलखण्ड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये शासन के समक्ष कोई नीति या योजना विचाराधीन है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इस योजना में टीकमगढ़ जिले के ऐतिहासिक और दर्शनीय स्थलों जैसे ओरछा, गण्कुण्डार किला, मोहनगढ़ किला, सूर्य मंदिर, मडखेरा, टीकमगढ़ किला तालकांठी जैन तीर्थ पपोरा जी, अहार जी, महादेव मंदिर, कुण्डेश्वर पापट संग्रहालय सूर्य मंदिर उमरी बडागांव किला, बल्देवगढ़ एवं तोप आदि को शामिल किये जाने की योजना है? (ग) यदि हाँ, तो क्या इन स्थानों की कनेक्टिीविटी के लिये म.प्र. पर्यटन विभाग वातानुकूलित बस पर्यटन बस सेवा शीघ्र प्रारंभ करेगा? हां, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तकनीकी त्रुटिपूर्ण नहर निर्माण से शासकीय राशि का नुकसान
151. ( क्र. 2205 ) श्री राजेन्द्र श्यामलाल दादू : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र नेपानगर में विभाग द्वारा विगत 5 वर्ष में कितने तालाब/परियोजनाएं स्वीकृत होकर निर्मित है? उक्त तालाबों पर कितने-कितने किमी. नहरे निर्मित है? क्या सभी नहरे वर्तमान में चालू हालत में है? (ख) क्या खडकी-रगई तालाब परियोजना की एक नहर तकनीकी त्रुटिपूर्ण निर्मित होने से आज दिनाँक तक चालू नहीं हो सकी है? उक्त नहर बंद होने से कितने किसानों की कितने हेक्टेयर भूमि में सिंचाई प्रभावित हो रही है? (ग) प्रश्नांश (ख) की तकनीकी त्रुटिपूर्ण नहर की लागत कितनी है? शासन की इस राशि के नुकसान हेतु कौन-कौन अधिकारी/ कर्मचारी/ठेकेदार जवाबदेह है? क्या संबंधित जवाबदारों के विरूद्ध इस संबंध में जवाबदेही का निर्धारण किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) खडकी-रगई परियोजना की एक नहर का भू-तल स्तर ठीक नहीं होने से बहाव से 125 हेक्टर भूमि में सिंचाई में अवरोध था। इसे ठीक करा लिया गया है।
परिशिष्ट – ''तिहत्तर''
संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण
152. ( क्र. 2206 ) श्री राजेन्द्र श्यामलाल दादू : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला बुरहानपुर के किस-किस विभाग में संविदा कर्मचारी नियुक्त हैं? कृपया विभागवार जानकारी दें? क्या सभी विभागों में पदस्थ संविदा कर्मचारियों के नियुक्ति नियम एवं शर्तें समान हैं? (ख) शासन द्वारा संविदा शाला शिक्षकों को 03 वर्ष की सेवा पश्चात् अध्यापक संवर्ग में संविलियन किया जाता है? क्या इस तरह अन्य विभाग के संविदा कर्मचारियों के संविलियन/नियमितीकरण के लिए नियम है? (ग) यदि नहीं, तो वर्षों की सेवा उपरांत संविदा कर्मचारियों का भविष्य सुनिश्चित करने के दृष्टिगत इनके संविलियन/नियमितीकरण हेतु शासन कोई नीति निर्धारण करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जिला बुरहानपुर की विभागवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) संविदा नियुक्ति किसी योजना/कार्यक्रम के लिए संविदा पर स्वीकृत पदों पर एक निश्चित अवधि के लिए अनुबंध के आधार पर की जाती है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नेपा लिमिटेड द्वारा किये जा रहे जल एवं वायु प्रदूषण की जाँच
153. ( क्र. 2210 ) श्री राजेन्द्र श्यामलाल दादू : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नेपा लिमिटेड नेपानगर द्वारा जो दूषित जल ताप्ती नदी में प्रवाहित किया जाता है, उसका प्रदूषण जाँच हेतु मानक मापन वर्ष 2009-10 से प्रश्न दिनाँक तक किस-किस विभाग द्वारा कब-कब किया गया? कृपया परीक्षण रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्न (क) में अंकित अवधि में नेपा लिमिटेड द्वारा किेये जा रहे वायु प्रदूषण की जाँच, वायु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कब-कब किया गया? कृपया जाँच/परीक्षण रिपोर्ट की प्रति दें? (ग) उक्त कारखानों के दूषित जल एवं वायु प्रदूषण की जाँच वर्ष में कितने बार किये जाने का प्रावधान है? क्या नेपा लिमिटेड के संबंध में इसका पालन किया गया? यदि नहीं, तो क्या इसके लिए जवाबदेही का निर्धारण किया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित उद्योग के निस्त्राव जाँच हेतु वर्ष 2009-10 एवं 2010-11 में त्रैमासिक तथा वर्ष 2011-12 से 2014-15 तक द्विमासिक लक्ष्य निर्धारित था। वायु प्रदूषण की जाँच हेतु वर्ष में दो बार लक्ष्य निर्धारित था। वर्ष 2015-16 हेतु जल/वायु नमूनों के संग्रहण लक्ष्य की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई। जल एवं वायु नमूनों के संग्रहण का कार्य लक्ष्य अनुसार संपादित किये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रदेश की ताप विद्युत उत्पादन क्षमता
154. ( क्र. 2215 ) श्री रामनिवास रावत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2002-03 में मध्यप्रदेश पावर जिनरंटिंग कंपनी लिमिटेड की ताप विद्युत उत्पादन क्षमता 2272.5 मेगावाट थी? इसी वर्ष कुल विद्युत उत्पादन 14560 मिलियन यूनिट हुआ एवं वर्ष का औसत लोड 1662 मेगावाट था, लेकिन वर्तमान में वर्ष 2015-16 में मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की ताप विद्युत उत्पादन क्षमता 4320 मेगावाट हैं एवं सभी ताप विद्युत इकाइयों का वर्ष 2015-16 (माह अक्टूबर तक) का औसत लोड 1600 से 1900 मेगावाट पर ही चलाया जा रहा है? कारण बतावें? (ख) क्या जून 2014 से प्रश्न दिनाँक की अवधि में मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत गृहों को केंद्र सरकार द्वारा अतिविशिष्ट अच्छी ग्रेड का कोयला जो कि अन्य उद्योगों में उपयोग होने वाला महंगा एवं कम मात्रा में प्रदान किया जा रहा है, जिससे म.प्र.पा.ज.कं. की इकाइयों की उत्पादित बिजली महंगी उत्पादित हो रही है एवं राज्य सरकार द्वारा कोई आपत्ति नहीं ली जा रही है बल्कि इसी कारण रिजर्वसेट डाउन/बैंकिंग डाउन के नाम पर कम लोड या इकाइयों को पूर्ण रूप से बंद करवा दिया जाता है,बतावें कि रिजर्व सट डाउन बैंकिंग डाउन के नाम पर जिन इकाइयों को कम लोड/बंद करवा दिया जाता है, उस अवधि में राज्य शासन /पावर मेनेजमेंट कंपनी द्वारा कितना मुआवजा जनरेटिंग कंपनी को दिया जाता है एवं मुआवजा का क्या फार्मूला हैं? (ग) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनाँक तक म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा वर्षवार कितने टन कोयला की मांग की गई इसके विरूद्ध कितने टन कोयला का कोटा आवंटन किया एवं वास्तविक रूप से कितने मेट्रिक टन कोयला प्राप्त किया गया? (घ) प्रदेश में 2013-14 से अक्ट्रबर 2015 तक विद्युत की अधिकतम मांग (मेगावाट में) एवं इसकी आपूर्ति हेतु केन्द्रीय अंश निजी क्षेत्र प्राइवेट ट्रेडर्स से लघु अवधि में खरीदी एवं अन्य स्त्रोतो से स्त्रोतवार,वर्षवार प्राप्त बिजली की मिलियन यूनिट कुल रकम एवं प्रति यूनिट औसत दर बतावें? (ड.) क्या राज्य सरकार स्वयं की विद्युत इकाइयों से उत्पादन की रूचि कम है एवं आत्म निर्भर न होकर निजी कंपनियां, केंद्र सरकार, प्राइवेट ट्रेडर्स एवं अन्य स्त्रोतों से बिजली प्राप्त कर पावर जनरेटिंग कंपनी को साजिश के तहत केंद्र या निजी के हाथों सौंपने का षड़यंत्र किया जा रहा है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ, वर्ष 2002-03 में म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की उत्पादन क्षमता 2272.5 मेगावाट थी कुल उत्पादन 14560 मिलियन यूनिट हुआ, एवं औसत लोड 1662 मेगावाट था। वर्ष 2015-16 में म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की ताप विद्युत उत्पादन क्षमता 4320 मेगावाट है। वर्ष 2015-16 (अक्टूबर माह तक) का म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की ताप विद्युत इकाइयों का औसत उपलब्ध लोड 2961 मेगावाट रहा है। परन्तु प्रदेश में विद्युत की मांग के दृष्टिगत उत्पादन इकाइयों के रिजर्वशट-डाउन/बेकिंग-डाउन में रहने के कारण औसत लोड 1936 मेगावाट रहा है। (ख) म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के सभी स्थापित ताप विद्युत गृह ''एफ'' ग्रेड के कोयले को, जिसकी जी.सी.व्ही. 3700 से 4600 किलो कैलोरी/किलोग्राम के बीच रहती है, जलाकर बिजली बनाने के लिये डिजाईन किये गये हैं। विद्युत उत्पादन हेतु ''ए'' एवं ''बी'' ग्रेड अर्थात् 5800 किलो कैलोरी/किलोग्राम से अधिक जी.सी.व्ही. के कोयले को अधिक महंगा होने तथा तकनीकी रूप से उपयुक्त न होने के कारण ताप विद्युत गृहों में सीधे उपयोग में लाया जाना युक्तिसंगत नहीं माना जाता है। कम मात्रा में कोयला प्राप्त होने पर उसका प्रति इकाई विद्युत उत्पादन लागत पर सीधा कोई प्रभाव नहीं आता है। तथापि वार्षिक अनुबंधित मात्रा से कम कोयले की प्राप्ति होने पर कोयला कंपनियों को प्रदाय में बढ़ोत्तरी लाने हेतु सतत् प्रयास किये जाते हैं। अपितु न चाहते हुए भी म.प्र.पावर जनेरटिंग कंपनी लिमिटेड के संजय गांधी ताप विद्युत गृह में अधिक मात्रा में ''ए'' एवं ''बी'' ग्रेड का कोयला प्रदाय किये जाने से महंगा विद्युत उत्पादन हो रहा है, जिस हेतु राज्य सरकार द्वारा केन्द्र सरकार स्तर पर लगातार प्रयास किये गये एवं यह आश्वासन प्राप्त किया गया है कि भविष्य में इस ताप विद्युत गृह को कुल प्रदाय मात्रा के 20 से 25% से अधिक ''ए'' एवं ''बी'' ग्रेड कोयला प्रदाय नहीं किया जावेगा। उपरोक्त प्रयासो के परिणाम स्वरूप ही संजय गांधी ताप विद्युत गृह के लिए गत वित्तीय वर्ष में जून 2014 से मार्च 2015 तक की अवधि की तुलना इस वित्तीय वर्ष में ''ए'' एवं ''बी'' ग्रेड कोयले में कमी आई है, जिसका जून, 2014 से अक्टूबर 2015 तक विवरण निम्न तालिका में दर्शाया गया है :-
क्र. |
माह |
कुल प्राप्त मात्रा में 'अ' एवं 'ब' श्रेणी के कोयले का प्रतिशत |
1 |
जून 2014 |
71.21 |
2 |
जुलाई 2014 |
68.55 |
3 |
अगस्त 2014 |
70.41 |
4 |
सितम्बर 2014 |
74.03 |
5 |
अक्टूबर 2014 |
70.44 |
6 |
नवंबर 2014 |
62.56 |
7 |
दिसंबर 2014 |
65.01 |
8 |
जनवरी 2015 |
58.65 |
क्र. |
माह |
कुल प्राप्त मात्रा में 'अ' एवं 'ब' श्रेणी के कोयले का प्रतिशत |
9 |
फरवरी 2015 |
51.01 |
10 |
मार्च 2015 |
50.31 |
11 |
अप्रैल 2015 |
45.82 |
12 |
मई 2015 |
41.45 |
13 |
जून 2015 |
11.10 |
14 |
जुलाई 2015 |
00.00 |
15 |
अगस्त 2015 |
3.97 |
16 |
सितम्बर 2015 |
39.50 |
17 |
अक्टूबर 2015 |
48.04 |
रिजर्वशट-डाउन/बेकिंग-डाउन के रूप में म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा अपनी उत्पादन इकाइयों को बंद करने या आंशिक भार पर, बिजली की उपलब्धता मांग की तुलना में अधिक होने पर, मासिक मैरिट आर्डर डिसपेच के आधार पर राज्य भार प्रेषण केन्द्र के निर्देशानुसार चलाया जाता है। प्रश्नांश में उल्लेखित रिजर्वशट-डाउन/बेकिंग-डाउन की अवधि में राज्य शासन/पावर मैनेजमेंट कपंनी द्वारा म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड को मुआवजा नहीं दिया जाता है। अपितु इस अवधि में भी म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा घोषित उपलब्ध क्षमता के अनुसार क्षमता प्रभार की वसूली म.प्र.विद्युत नियामक आयोग के उत्पादन टैरिफ के अवधारण संबंधी निबंधन एवं शर्तों के अनुसार की जाती है। (ग) म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा अपने सभी स्थापित ताप विद्युत गृहों के लिये संबंधित कोयला कंपनियों के साथ कोयला प्रदाय अनुबंध किये गये हैं तथा जिनमें दर्ज वार्षिक अनुबंधित मात्रा के अनुसार ही संबंधित ताप विद्युत गृहों को कोयला प्रदाय किया जाता है। वर्ष 2013-14 से अक्टूबर, 2015 तक वर्षवार एवं विद्युत गृहवार वार्षिक अनुबंधित मात्रा के विरूद्ध वास्तविक रूप से प्राप्त कोयले की मात्रा लाख मिलीयन टन में निम्न तालिका में दर्शाई गई है :-
क्र. |
विद्युत गृह |
वार्षिक अनुबंधित मात्रा (ला.मि.टन में) |
वास्तविक रूप में प्राप्त कोयले की मात्रा (ला.मि.टन में) |
||
2013-14 |
2014-15 |
2015-16 |
|||
1 |
अमरकंटक ता.वि.गृ.चचाई |
20 |
19.64 |
15.60 |
5.20 |
2 |
संजय गांधी ता.वि.गृ. बिरसिंहपुर |
64 |
59.23 |
52.28 |
24.23 |
3 |
सतपुड़ा ता.वि.गृ. सारनी (पुरानी इकाईयाँ) |
66 |
45.65 |
47.89 |
19.62 |
4 |
सतपुड़ा ता.वि.गृ.सारनी (विस्तारित इकाईयाँ) |
18.513 |
0.49 |
3.39 |
2.26 |
5 |
श्री सिंगाजी ता.वि.परि. खंडवा |
49.939 |
2.44 |
13.26 |
9.97 |
(घ) प्रदेश में वर्ष 2013-14, 2014-15 तथा अप्रैल 2015 से अक्टूबर, 2015 तक विद्युत की अधिकतम मांग क्रमश: 9758 मेगावाट, 9832 मेगावाट तथा 9823 मेगावाट रही है। इसकी आपूर्ति हेतु केन्द्रीय अंश, प्राइवेट ट्रेडर्स से लघु अवधि में खरीदी एवं अन्य स्त्रोतों से स्त्रोतवार, वर्षवार प्राप्त बिजली की मिलियन यूनिट, कुल रकम एवं प्रति यूनिट औसत दर संलग्न परिशिष्ट में दर्शाई गई है। (ड.) जी नहीं। उपभोक्ताओं के लिये विद्युत की लागत न्यूनतम रखने के उद्देश्य से विद्युत उत्पादन गृहों को वेरिएबल दर के बढ़ते क्रम (आरोही क्रम में) में चलाया जाता है। म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड, उत्पादन क्षमता वृद्धि हेतु सतत् प्रयासरत है, इसी क्रम में वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 के अन्तर्गत क्रमश: 1100 मेगावाट एवं 600 मेगावाट उत्पादन क्षमता में वृद्धि की गई है। वर्तमान में श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना (द्वितीय चरण) के अनतर्गत 2X660 मेगावाट कुल 1320 मेगावाट क्षमता की इकाइयां निर्माणाधीन हैं। अत: राज्य सरकार की म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की उत्पादन क्षमता में लगातार वृद्धि की जा रही है एवं निजी हाथों में सौंपने का कोई षड़यंत्र नहीं है।
चम्बल संभाग के सिंचित रकबे के संबंध में
155. ( क्र. 2216 ) श्री रामनिवास रावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चम्बल संभाग में 1 जनवरी 2009 की स्थिति में कुल कितना सिंचित रकबा था? 31 अक्टूबर, 2015 की स्थिति में कितना सिंचित रकवा है? कितनी राशि वर्षवार सिंचाई कर के रूप में प्राप्त हुई? जिलेवार बतावें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में चम्बल संभाग के कुछ जिलों में विगत वर्षों की तुलना में सिंचित रकवे की तुलना में 31 अक्टूबर 2015 की स्थिति में सिंचित रकवे में कमी आई है? यदि हाँ, तो क्यों? राजस्थान से चम्बल नहर में पार्वती एक्वाडक्ट पर 3900 क्यूसेक के विरूद्ध इस वर्ष औसतन 2000 क्यूसेक पानी मिला है व डग वैल (कुएं) व बोर सूख जाने से सिंचित रकवा कम हुआ है व तालाबों में पानी का भराव न होने से भी कमी आई है? (ग) प्रश्नांश (ख) के क्षेत्र में सिंचाई रकवे में वृद्धि के लिये शासन द्वारा प्रश्नांकित अवधि में कौन-कौन सी योजनाएं बनाकर स्वीकृत कर निर्माण प्रारंभ किया है व कौन-कौन सी योजनाओं की डी.पी.आर. तैयार की जाकर स्वीकृति की कार्यवाही किस स्तर पर लंबित है? लंबित योजनाओं को कब तक स्वीकृत कर दिया जावेगा? जिलेवार योजना के नाम सहित बतावें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
तिलहन संघ के संविलियत सेवायुक्तों का वेतन निर्धारण
156. ( क्र. 2226 ) श्री रजनीश सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. राज्य तिलहन संघ के संविलियत सेवायुक्तों को वेतनमान निर्धारण में संबंधित के पूर्व वेतनमान (तिलहन संघ) अनुसार लाभ नहीं मिल रहा है? यदि नहीं, तो क्यों कारण बतावें? (ख) विधान सभा प्रश्न क्रमांक 563 दिनाँक 20.02.2015 के उत्तर में तिलहन संघ के संविलियत सेवायुक्तों को वेतन संरक्षण प्रावधान का उल्लेख क्या किया है? गत लगभग एक वर्ष से संविलियत लगभग 500 सेवायुक्तों को वेतन संरक्षण क्यों नहीं दिया गया? (ग) क्या तिलहन संघ के संविलियत सेवायुक्तों के वेतन निर्धारण हेतु वित्त विभाग अलग से आदेश जारी करने हेतु सामान्य प्रशासन विभाग से पहल करेगा क्या? (घ) तिलहन संघ के संविलियत कर्मचारियों का वेतन निर्धारण तिलहन संघ करेगा या संबंधित विभाग करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) म प्र राज्य तिलहन संघ के संविलियन सेवायुक्तों को छठवां वेतनमान में संविलियत पद के वेतनमान का लाभ सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनाँक 12.08.2013 के प्रावधान अनुसार मिल रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) संविलियन कर्मचारियों के वेतन निर्धारण की प्रक्रिया संविलियन की योजना की कण्डिका 2.6 अंतर्गत प्रचलन में है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) संबंधित विभाग।
राजगढ़ जिले की विधानसभा में विद्युत विहीन ग्राम
157. ( क्र. 2245 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ऊर्जा विभाग द्वारा राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ के समस्त ग्रामों में विद्युत व्यवस्था की गई है? (ख) यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ में आज दिनाँक तक ऐसे कितने ग्राम है जो विद्युतविहीन है जिससे ग्रामीणों को आज दिनाँक तक अंधेरे में रहना पड़ रहा है? उक्त सभी विद्युतविहीन ग्रामों की सूची उपलब्ध करावें? क्या उन ग्रामों में विद्युत की व्यवस्था की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? अवधि बतावें? (ग) विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ के कई ग्रामों में विद्युत पोल एवं तार टूटे है अथवा झूल रहे है जिससे जनहानि की संभावना रहती है तथा ग्रामवासियों को विद्युत नहीं मिल पा रही है? ऐसे ग्रामों की सूची उपलब्ध करावें? (घ) जिन ग्रामों में विद्युत पोल एवं तार टूटे है अथवा झूल रहे है उन पालों एवं तारों को कब तक एवं किसके माध्यम से बदला जावेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ में ऐसे 10 ग्राम हैं, जो पोल टूटने व तार चोरी होने के कारण विद्युत आपूर्ति से वंचित है। उक्त ग्रामों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' में दर्शाए अनुसार है। इन ग्रामों में से वर्तमान में एक ग्राम वीरान है, शेष सभी 9 ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य दिनाँक 31.03.2016 तक पूर्ण कर विद्युत प्रदाय बहाल करने के प्रयास किये जा रहे है। (ग) एवं (घ) राजगढ़ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 11 के.व्ही. लाईन के विद्युत पोल जो आंधी-तूफान के कारण टूटे हैं एवं झुके पोल तथा झूलते हुए तार आदि को सुधारने/ व्यवस्थित करने का कार्य मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर पर किया जा रहा है तथा जनवरी 2016 तक इन कार्यों को पूर्ण करने के प्रयास किये जा रहे है। ऐसे ग्रामों की सूची सहित प्रश्नाधीन चाहा गया विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' एवं 'स' में दर्शाए अनुसार है।
शासन की जमीन पर अतिक्रमण
158. ( क्र. 2250 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजहर्ष गृह निर्माण सोसायटी कोलार रोड भोपाल में सोसायटी के एम सेक्टर की ओर अंदर खुली जमीन, पार्क एवं सार्वजनिक उपयोग की भूमि पर कतिपय तत्वों द्वारा कब्जा कर अवैध निर्माण किया जा रहा है, जिसकी शिकायतें जन सामान्य द्वारा जिला प्रशासन एवं संबंधितों को की गई थी? (ख) क्या शासन द्वारा स्वीकृत प्लान से हटकर उक्त अवैध कब्जों की जाँच कर उन्हें हटाने हेतु अब तक कोई कार्यवाही की गई है, यदि नहीं, तो क्यों तथा क्या शासन उन्हें तत्काल हटाने हेतु एवं भविष्य में ऐसे अवैध निर्माण न हो उन्हें रोकने हेतु आवश्यक कार्यवाही व पहल करेगा? (ग) क्या उक्त सोसायटी में लगी हुई शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा व निर्माण निरंतर जारी है यदि हाँ, तो इस पर कब तक रोक लगाई जायेगी एवं अवैध निर्माण कब तक हटा दिया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्र की जा रही है।
टेण्डर प्रक्रिया में अनियमितता
159. ( क्र. 2253 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यपालन यंत्री (विद्युत) म.प्र. हाउसिंग एवं अधोसंरचना विकास बोर्ड संभाग भोपाल द्वारा टेडर क्र. 151 NIT NO. 12/2013-14 को बुलाकर टेण्डर खुलने के उपरांत बिना सूचना दिये टेण्डर निरस्त कर दिया गया? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) क्या टेण्डर नियत दिनाँक 24.07.14 को न खोलकर अपनी मनमर्जी से अन्यत्र दिनाँक को खोला गया? (ग) जिस ठेकेदार का टेण्डर खुला उससे 25.10.14 में परफारमेंस राशि रू. 75000 ड्राफ्ट तथा 500 रू. का स्टाम्प के साथ कार्यपालन यंत्री द्वारा मार्क कर आवक किया गया? यदि हाँ, तो फिर उसे बिना सूचना दिये टेण्डर निरस्त कर उसकी अमानत राजसात कर ली गई क्यों? (घ) उपरोक्त टेण्डर प्रक्रिया में मनमर्जी अनियमतता एवं ठेकेदार के प्रति किये दुर्व्यवहार की जाँच कर संबंधितों के प्रति कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। बिना सूचना दिये टेण्डर निरस्त नहीं किया गया। कार्यपालन यंत्री (विद्युत) द्वारा निविदा स्वीकृति की सूचना पत्र क्र. 4252 दिनाँक 25.09.2014 तथा ई-मेल दिनाँक 25.09.2014 द्वारा ठेकेदार को दी गई, जिसके अनुसार औपचारिकतायें पूर्ण करते हुए 15 दिवस अर्थात 10.10.2014 तक अनुबंध निष्पादित करना था। निर्धारित समय में कार्यवाही न करने पर एन.आय.टी. की कंडिका 8.1.1 के अनुसार दिनाँक 22. 10.2014 को निविदा निरस्त की गई। (ख) जी नहीं। (ग) निविदा स्वीकृति की सूचना हेतु जारी पत्र दिनाँक 25.09.2014 के अनुसार 15 दिवस की अवधि अर्थात दिनाँक 10.10.2014 तक अनुबंध निष्पादित नहीं करने के कारण कार्यपालन यंत्री (विद्युत) द्वारा दिनाँक 22.10.2014 को एन.आई.टी. की कंडिका 8.1.1 के अनुसार धरोहर राशि दिनाँक 22.10.2014 को राजसात करते हुए निविदा स्वीकृति की सूचना निरस्त की गई। ठेकेदार द्वारा परफारमेंस सिक्यूरिटी की राशि रू. 75000/- का डिमाण्ड ड्राफ्ट तथा रू. 500/- का स्टाम्प पेपर डाक से भेजा गया था, जो कार्यपालन यंत्री के कार्यालय में दिनाँक 27.10.2014 को पहुंचा, जबकि दिनाँक 22.10.2014 को निविदा निरस्त की जा चुकी थी। अतः ठेकेदार के द्वारा दिये पते पर सूचित करते हुए मूलतः वापस किया गया। (घ) टेण्डर प्रक्रिया म.प्र. शासन के ई-प्रॉक्योरमेंट पोर्टल के तहत ऑनलाईन की गई है तथा टेण्डर प्रक्रिया में ठेकेदार के प्रति किसी प्रकार का दुर्व्यवहार नहीं हुआ।
ग्रोन मेडोज कॉलोनी की समस्याओं के तत्काल निराकण के संबंध
160. ( क्र. 2257 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल शहर में म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल द्वारा अरेरा हिल्स पर ग्रीन मेडोज आवासीय कॉलोनी का निर्माण कार्य कब प्रारंभ किया गया था एवं कब पूर्ण कर दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर कॉलोनी की समस्याओं के निराकरण हेतु कब-कब मंडल को पत्र दिये गये है कौन-कौन से कार्य पूर्ण कराये है? कौन से अधूरे हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताये असुरक्षित, अव्यवस्थित, समस्या से भरी कॉलोनी को हस्तांतरित करने मंडल द्वारा समिति पद दबाव क्यो डाला जा रहा है? समिति के 28.09.15 के पत्र का निराकरण विभाग करेगा तो कब तक और नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताये कि रोज बिला 28 के पीछे टूटे सीवेज लाईन चेम्बर को कब तक ठीक करायेगे, सैप्टिक टैंक के सलशोधक संयत्र को एवं अन्य व्यवस्थाओं को ठीक करायेंगे एवं रूकी हुई ब्याज की शेष राशि किस दिनाँक तक समिति को प्रदाय करेंगे? पूर्ण समस्याओं का निराकरण होगा तो कब तक और नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) भोपाल शहर में म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल द्वारा अरेरा हिल्स पर ग्रीन मेडोज आवासीय कॉलोनी का निर्माण एवं विकास कार्य दिनाँक 05.05.2007 को प्रारम्भ कर दिनाँक 15.01.2012 को पूर्ण किया गया। (ख) रहवासी कल्याण समिति द्वारा दि. 07.06.2015, दि. 29.06.2015 एवं दि. 28.09.2015 मण्डल को प्रेषित किये गये थे, जिनके तारतम्य में कार्यालयीन पत्र क्र. 4557-60 दिनाँक 10.08.2015 एवं पत्र क्र. 7477, दिनाँक 26.11.2015 द्वारा समिति को अवगत कराया गया कि समस्त कार्य पूर्ण है। ग्रीन मेडोज के समस्त आवंटियों द्वारा कॉलोनी की समस्त मूलभूत सुविधाओं का भलीभांति अवलोकन कर तथा संतुष्ट हो कर स्वयं के भवन का विधिवत आधिपत्य प्राप्त किया गया। स्वीकृत योजना अनुसार मण्डल द्वारा उक्त कॉलोनी के भवन/फ्लेटस का निर्माण व विकास कार्य पूर्ण किया गया है। अतः कोई भी कार्य अधूरा नहीं है। (ग) कॉलोनी के संधारण/रखरखाव का कार्य रहवासी कल्याण समिति द्वारा वर्ष 2012 से ही निरन्तर किया जा रहा है, जिस पर हुए व्यय की प्रतिपूर्ति मण्डल द्वारा प्रतिमाह कॉपर्स फण्ड के ब्याज से की जाती रही है। अनुबंध निष्पादित कर विधिवत हस्तांतरण हेतु मण्डल द्वारा रहवासी कल्याण समिति से लगातार अनुरोध किया जा रहा है। मण्डल द्वारा समिति पर कोई भी दबाव नहीं डाला जा रहा है। मण्डल परिपत्र क्र. 27/15 दिनाँक 16.04.2015 अनुसार भवन आधिपत्य के एक वर्ष पश्चात् पंजीकृत रहवासी कल्याण समिति द्वारा विधिवत कॉलोनी का आधिपत्य ग्रहण कर, समस्त रख-रखाव का कार्य संपादित करना है। पत्र दिनाँक 28.09.15 के तारतम्य में कार्यालयीन पत्र क्र. 7477-80 दिनाँक 26.11.15 द्वारा रहवासी कल्याण समिति को उत्तर दिया गया है। (घ) रोज विला 28 के पीछे टूटे सीवेज लाईन व चेम्बर को ठीक कराने का कार्य रहवासी कल्याण समिति द्वारा संपादित कराया जाना है। सेप्टिक टैंक के जल शोधक संयंत्र एवं न्य सभी व्यवस्थाओं के रख-रखाव एवं संचालन रहवासी कल्याण समिति का दायित्व है। विधिवत अनुबंध निष्पादित करने के पश्चात् कॉपर्स फण्ड की राशि रहवासी कल्याण समिति को हस्तांतरित की जा सकेगी। कॉलोनी के रखरखाव संबंधी समस्याओं का निराकरण रहवासी कल्याण समिति द्वारा ही किया जाना है।
माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणाओं पर अमल कराने बाबत्
161. ( क्र. 2258 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर एवं टीकमगढ़ जिले में जनवरी 2012 से प्रश्न दिनाँक तक कब-कब और कहां-कहां मुख्यमंत्री महोदय जी शासकीय प्रवास पर गये हुये थे और क्या-क्या घोषणायें की? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि इन घोषणाओं में कौन-कौन पूर्ण एवं कौन अपूर्ण है? क्या माननीय मुख्यमंत्री जी 13.01.13 को टीकमगढ़ जिले के पलेरा नगर घोषणा क्र. A 2034 से घोषणा कर आये थे कि किसी के मकान नहीं गिराये जाये कानून में संशोधन करेंगे? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के आधार पर संपूर्ण घोषणाओं पर अमल होगा तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ एवं ‘’ब’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार है। (ग) घोषणाओं के क्रियान्वयन की एक सतत् प्रक्रिया है। संबंधित विभाग द्वारा अपनी नीति एवं प्रक्रियाओं के तहत कार्यवाही की जाती है निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
हाउसिंग बोर्ड के आवास की नियम विरूद्ध रजिस्ट्री
162. ( क्र. 2262 ) श्री हर्ष यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पद्मधर कॉलोनी, ढेकहा, रीवा स्थिति एच.आई.जी. आवास क्रमांक 247, म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल द्वारा कब, किस योजना में कितनी लागत से निर्मित किया गया था? उक्त आवास की वर्तमान बाजार मूल्य क्या है? क्या इस आवास में मंडल द्वारा कोई अतिरिक्त निर्माण कराया गया था? कितनी लागत से? (ख) वर्तमान में इस आवास का क्या उपयोग किया जा रहा है? क्या इसका विक्रय कर दिया गया है? यदि हाँ, तो किस स्कीम में किन शर्तों और मापदण्डों के अनुसार? क्या विक्रय पूर्व नियमानुसार विज्ञापन आदि की कार्यवाही की गई? नहीं तो क्यों? (ग) क्या मंडल के उपायुक्त रीवा के आवास के रूप में उपयोग किये जा रहे इस भवन की नियम विरूद्ध रजिस्ट्री उपायुक्त के पक्ष में बाजार मूल्य से कम कीमत में भारी अनियमिततायें कर दी गई है? यदि हाँ, तो दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जाकर इस आवास की रजिस्ट्री निरस्त कराई जावेगी? नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नाधीन भवन का निर्माण एच.डी.एफ.सी. में 10/8 एच.आई.जी. भवनों की योजना के अंतर्गत किया गया था, जिसका निर्माण कार्य दिनाँक 30.09.1992 को पूर्ण हुआ था। तत्समय भवन का मूल्य 259400.00 प्रति भवन अपर आयुक्त, म.प्र. गृह निर्माण मण्डल, जबलपुर के द्वारा अनुमोदित किया गया। वर्तमान में भवन का बाजार मूल्य कलेक्टर गाईड लाईन अनुसार रूपये 31,75,000.00 है। भवन में 29.90 वर्गमीटर पर एक कमरा एवं एक टॉयलेट अतिरिक्त निर्मित है, जिसका मूल्य 78,130.00 है। साथ ही 19.50 वर्गमीटर पर ए.सी. सीट का कार गैरिज अतिरिक्त निर्मित है, जिसका मूल्य रूपये 1,17,000.00 है। (ख) 1. प्रश्नाधीन भवन का आवासीय उपयोग श्री यशंवत कुमार दोहरे, उपायुक्त द्वारा किया जा रहा है। 2. मण्डल द्वारा अपने कार्मिकों को संपूर्ण सेवाकाल में एक बार यह अवसर प्रदान किया जाता है कि उन्हें आवंटित किराये के भवन को एकमुश्त आधार पर विक्रय योजना के अंतर्गत आवंटित किया जाये। भवन क्रमांक एच.आई.जी. 247 जो कि श्री यशवंत कुमार दोहरे को किराये आधार पर आवंटित था, उसे मण्डल के नियमानुसार किराये से एकमुश्त आधार पर विक्रय किया गया है। इस योजना में विज्ञापन प्रकाशन करने का कोई नियम नहीं है। क्योंकि यह योजना केवल मण्डल कार्मिकों के हेतु है। (ग) जी नहीं। की गई कार्यवाही मण्डल के नियमानुसार है, जिससे प्रश्नाधीन भवन की रजिस्ट्री निरस्त करने की कार्यवाही किया जाना न्यायोचित नहीं है।
परंपरागत रहवासी एवं बैगा समुदाय का पुनर्वास
163. ( क्र. 2265 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन, भोपाल द्वारा अचानकमार अमरकंटक बायोस्फियर रिजर्व (म.प्र. भाग) में अनूपपुर जिले के अंतर्गत पुष्पराजगढ़ (राजेन्द्रग्राम) विकासखण्ड के ग्राम गढ़ीदादर एवं चचानडीह (गढीदादार पठार) में निवासरत परंपरागत रहवासी एवं बैगा समुदाय की जानकारी कलेक्टर अनूपपुर आयुक्त जिला अनूपपुर से कब और किस प्रकार की जानकारी चाही गयी थी? (ख) अचानकमार अमरकंटक बायोस्फियर रिजर्व (म.प्र. भाग) में जिला अनूपपुर के अंतर्गत पुष्पराजगढ़ (राजेन्द्रग्राम) विकासखण्ड ग्राम एढीदादर एवं चचानडीह सीमा क्षेत्र में खनन गतिविधियों से प्रभावित क्षेत्र वर्तमान में उपलब्ध वन्यप्राणी एवं क्षेत्र की जैवविविधता को संरक्षित हेतु किया गया उपाय एवं खनन गतिविधियों को रोकने के लिये क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या पुष्पराजगढ़ विकासखण्ड के रहवासियों हेतु शासन द्वारा संचालित योजनाओं एवं अद्यतन स्थिति की आर्थिक सामाजिक सर्वेक्षण कराया गया? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) चचानडीह एवं गढ़ीदादर बाक्साइड खदानों में जिन बैगा जनजातियों की भूमि ली गई, उन्हें नियमित रोजगार (नौकरी) प्रदाय किया गया था या नहीं? यदि नौकरी दिया गया हो तो नाम, पिता का नाम बतायें और कब दिया गया? कितना रूपया प्रतिमाह वेतन भुगतान किया जाता है? पुर्नवास व्यवस्था की गयी या नहीं? यदि की गयी हो तो नाम सहित जानकारी देवें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) गढ़ीदादर पठार के चारों और जिले के पुष्पराजगढ़ (राजेन्द्रग्राम) विकासखण्ड के ग्राम गढ़ीदादर एवं चचानडीह में निवासरत परंपरागत रहवासी/बैगा समुदाय तथा उक्त विकासखण्ड के अन्तर्गत सम्मिलित ग्रामों के रहवासियों हेतु शासन द्वारा संचालित विभिन्न योजनाएं एवं अद्यतन स्थिति में आर्थिक सामाजिक सर्वेक्षण प्रतिवेदन सहायक आयुक्त,आदिवासी विकास जिला अनूपपुर से एप्को ने पत्र दिनाँक 28/11/2014 द्वारा चाहा गया था। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र के ग्राम चचानडीह में बाक्साईट खनिज के दो खनिपट्टे क्रमशः मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम तथा श्री रामअवतार अग्रवाल के पक्ष में तथा ग्राम गढ़ीदादर में बाक्साईट खनिज का एक खनिपट्टा श्री इम्तियाज खान के पक्ष में नियमानुसार स्वीकृत होकर संचालित है। खनन गतिविधियों पर रोक लगाने संबंधी कोई कार्यवाही वर्तमान में प्रस्तावित नहीं है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नगर पालिकाओं के द्वारा निर्मित व्यवसाय दुकानों का निर्माण
164. ( क्र. 2266 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल संभाग अंतर्गत वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनाँक तक नगर परिषद, नगर पालिकाओं के द्वारा निर्मित व्यवसाय दुकानों का कब निर्माण किया गया? कब बोली की गई? कितने दुकानों की बोली होना है? किराये में देना शेष है? शेष के बोली व किराये में न देने का क्या कारण है? (ख) संभाग शहडोल अंतर्गत नगर पंचायत/नगर पालिकाओं द्वारा निर्माण कार्यों की भूमि पूजन एवं लोकार्पण कराया जाना आवश्यक है या नहीं? यदि हाँ, तो किन-किन नगर परिषद/नगर पालिकाओं में पिछले तीन वर्ष से प्रश्न दिनाँक तक कराये गये भूमि पूजन एवं लोकार्पण में शामिल जनप्रतिनिधियों की जानकारी देवें? (ग) पिछले तीन वर्षों 2012-13 से प्रश्न दिनाँक तक कराये गये निर्माण कार्यों की सी.सी. जारी करायी गयी या नहीं? किन-किन कार्यों की कब स्वीकृति हुई एवं किस दिनाँक को सी.सी. जारी की गयी? कार्य का नाम सहित जानकारी देवें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्र की जा रही है।
नगर परिषद पालिका, नगर निगम क्षेत्रों में भूमि लीज़
165. ( क्र. 2271 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निकाय क्षेत्रों (नगर परिषद, पालिका, निगम) नजूल, विकास प्राधिकरण की जमीन लीज़ की शर्तों का विवरण देवें? (ख) क्या लीज़ नाम ट्रांसफर किया जा सकता है? क्या लीज़ उपयोग पहले बताना आवश्यक है? क्या लीज़ उपयोग बाद में परिवर्तित किया जा सकता है? (ग) जिन प्रकरणों अगर लीज़ नाम एवं लीज़ उपयोग परिवर्तित किया गया है, तो क्या लीज़ निरस्त हो जायेगी? क्या लीज़ मालिक भूमि पर निर्माण कर उसे (भूमि को) विक्रय कर सकता है या मकान/दुकान पगड़ी ले सकता है? (घ) क्या लीज़ भूमि पर एवं इस पर निर्माण कार्य कर इसे बैंक में बंधक रखकर ऋण लिया जा सकता है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) म.प्र. राजपपत्र (असाधारण) प्राधिकार में प्रकाशित राजस्व विभाग, भोपाल दिनाँक 21 सितम्बर, 2010 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है एवं म.प्र. राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड-4 क्रमांक-1 की कंडिका 12 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। म.प्र. विकास प्राधिकरणों की संपत्तियों का प्रबंधन तथा व्ययन नियम 2013 के अंतर्गत विभाग प्राधिकरणों की की लीज की शर्तों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। तदनुसार लीज प्रकरण से संबंधित दिशा-निर्देश हैं। (ख) प्रश्नांश ‘क’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में दिशा-निर्देश हैं एवं तदनुसार लीज शर्तों के अनुसार कार्यवाही संपादित की जाती है। (ग) प्रश्नांश ‘क’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में दिशा-निर्देश है। (घ) जी हाँ। लीज डीड निष्पादित कराई जाकर अनापत्ति प्राप्त कर बैंक में बंधक रखकर ऋण लिया जा सकता है।
महिदपुर वि.स. क्षेत्र में अवैध खनन
166. ( क्र. 2278 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र में अवैध खनन के प्रकरणों की जानकारी दि. 01.01.13 से 10.11.15 के संदर्भ में नाम, प्रकरण क्रं., प्रकरण दिनाँक, वाहन नं. सहित जानकारी देवें? (ख) इनसे कितनी दंड राशि वसूली गई माहवार, प्रकरणवार जानकारी देवें? जिन प्रकरणों में राशि नहीं वसूली गई उनकी जानकारी पृथक से देवें? (ग) (क) अनुसार न्यायालयीन प्रकरणों की अद्यतन स्थिति बतायें? (घ) दिनेश पिता मांगीलाल जैन के विरूद्ध चल रहे प्रकरण की अद्यतन स्थिति बतावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। (ग) प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। (घ) प्रश्नानुसार प्रकरण दिनाँक 10.06.2014 से अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) महिदपुर के समक्ष विचाराधीन है। इस प्रकरण में उभय पक्षों के अंतिम तर्क का श्रवण किया जा चुका है। न्यायालयीन आदेश अपेक्षित है।
परिशिष्ट – ''सतहत्तर''
महिदपुर वि.स. के अख्या बहादुर डेम का रिनोवेशन
167. ( क्र. 2279 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र के अख्या बहादुर डेम का कैचमेंट एरिया कितना है? कमांड एरिया कितना है? (ख) इसका निर्माण कब हुआ था एवं यह कितनी बार ओव्हरफ्लो हुआ था? (ग) क्या शासन के पास R.R.R. योजनांतर्गत इसके रिनोवेशन तथा नहरे पक्की बनाने का प्रस्ताव विचाराधीन है? (घ) क्या शासन के पास छोटी कालीसिंध से नहर निकालकर अख्या बहादुर डेम की गांगी नदी में मिलाने का प्रस्ताव है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) 82.84 वर्ग कि.मी.। 2753 हेक्टेयर। (ख) वर्ष 1983 में। 8 बार। (ग) एवं (घ) जी नहीं।
खरगोन उद्धवहन सिंचाई योजना के भ्रष्टाचार के संबंध में
168. ( क्र. 2281 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन उद्धवहन सिंचाई योजना में ठेकेदार को समय-सीमा वृद्धि देने के बाद भी बेलेंसिंग रिजर्वायर का काम प्रारंभ नहीं हुआ क्यों? कारण सहित बतावें? कब तक पूर्ण होगा? (ख) तालाब का कार्य कब तक पूर्ण होकर सिंचाई सुविधा प्रारंभ होंगी? ठेकेदार को किए भुगतान की गई राशि का विवरण देवें? (ग) महालेखाकार द्वारा लगाई गई आपत्ति, उस पर की गई कार्यवाही सहित देवें? खुदाई से प्राप्त हार्डराक की मात्रा, किन-किन संस्थाओं को बेचा गया, उनके नाम, राशि सहित बतावे? (घ) उक्त कार्य से कितनी खेती सिंचित होगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) खरगोन उद्वहन परियोजना के तीन बी.आर. में से एक का निर्माण हो चुका है और उससे 9300 हे. में सिंचाई भी हो रही है। बी.आर 02 के क्षेत्र में यद्यपि बी.आर. 02 निर्माण नहीं हुआ है, लेकिन सीधे पाईप लाईन से 2500 हे. में सिंचाई आरंभ की गई है। बेलोंसिंग रिजर्वायर 03 का कार्य प्रगति पर है। भू-अर्जन में देरी के कारण बी.आर. निर्माण में देरी हुई है। कार्य जून 2016 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) तालाब का कार्य जून 2016 तक पूर्ण किया जाकर सिंचाई सुविधा प्रदाय किया जाना लक्षित है। ठेकेदार को भुगतान की गई राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। बी.आर.1 का निर्माण पूर्ण होकर 9300 हे. में सिंचाई हो रही है। बी.आर.2 के क्षेत्र में भी 2500 हे. सिंचाई बी.आर. निर्माण के बिना ही सीधे पाईप लाईन से की जा रही है। (ग) महालेखाकार द्वारा लगाई गई आपत्ति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार है। इस पर कार्यवाही प्रचलन में है। खुदाई से प्राप्त हार्डराक को बेचा नहीं गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) उक्त योजना से 33140 हेक्टेयर खेती सिंचित होगी।
नहरों के मरम्मत एवं निर्माण कार्य
169. ( क्र. 2294 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र मुलताई के अंतर्गत क्या कॅनाल लायनिंग कार्य करवाया गया है? यदि हाँ, तो जलाशय की, स्वीकृति राशि एवं व्यय राशि की जानकारी देवे? (ख) करवाया गया कार्य क्या गुणवत्ता युक्त है एवं प्राक्कलन के अनुसार है? यदि हाँ, तो गुणवत्ता हेतु किन मापदण्डों को उचित मानते हुए गुणवत्ता सुनिश्चित की गई है? (ग) क्या सामग्री परीक्षण कराया गया है? यदि हाँ, तो किस प्रयोगशाला से कराया गया है? प्रयोगशाला का नाम, परीक्षण परिणाम देने वाले अधिकारी का नाम पदनाम सहित पत्र क्रमांक एवं दिनाँक से अवगत करायें? (घ) यदि बिन्दु (ग) के अनुसार कार्यवाही नहीं की गई तो गुणवत्ता विहीन कार्य करवाये जाने के लिये दोषी तकनीकी अमला उपयंत्री/अनुविभागीय अधिकारी/कार्यपालन यंत्री पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक कार्यवाही की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। मापदण्डों की प्रतिलिपी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' (1 से 67 पृ.) के अनुसार है। (ग) जी हाँ। कोटि नियंत्रण इकाई, बैतूल। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-2' (पृ.-2) अनुसार है। (घ) निर्माण अच्छी गुणवत्ता का होना प्रतिवेदित है। अत: प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
जल संसाधन विभाग द्वारा किये जा रहे कार्य
170. ( क्र. 2295 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में विभाग द्वारा कौन-कौन से कार्य किये जा रहे हैं और कौन-कौन से नये कार्य प्रस्तावित है एवं पूर्व में कौन-कौन सी परियोजनायें अधूरी है? अधूरी योजना किस कारण से है? (ख) क्या विभाग द्वारा हरपुरा परियोजना का कार्य किया जा रहा है, अगर हाँ, तो निर्माण ऐजेंसी का नाम, कार्य पूर्ण का दिनाँक एवं वर्ष बतावें? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्णित कार्य समय-सीमा में नहीं किया गया है? अगर हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं? उन पर आज दिनाँक तक क्या कार्यवाही की गई, नहीं की गई तो क्यों और की जायेगी तो कब तक समय-सीमा बतावें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जन्म प्रमाण पत्र में नाम परिवर्तन हेतु प्रावधान
171. ( क्र. 2310 ) श्री रणजीतसिंह गुणवान : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में बनाये जा रहे जन्म प्रमाण पत्र में नाम परिवर्तन कराये जाने के प्रावधान है तो क्या-क्या है? (ख) क्या यह सही है कि बच्चे के स्कूल प्रवेश के समय अथवा नामकरण संस्कार के बाद नाम परिवर्तन होने की दशा में जन्म प्रमाण पत्र में किस प्रकार नाम परिवर्तन किये जाने का प्रावधान है? (ग) यदि नाम परिवर्तन का प्रावधान नहीं है तो जनहित में शासन क्या यह प्रावधान करायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं, यदि पंजी में कोई प्रविष्टि प्रारूपत: या सारत: गतल है अथवा कपट पूर्ण है या अनुचित तौर पर की गई है तो जन्म और मृत्यु रजिट्रीकरण अधिनियम 1969 की धारा 15 एवं म.प्र. जन्म और मृत्यु रजिट्रीकरण नियम 1999 के अंतर्गत कार्यवाही संभव है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कोई प्रस्ताव नहीं है।
सारनी पावर प्लांट में कर्मचारियों की पदस्थापना
172. ( क्र. 2541 ) श्री सज्जन सिंह उईके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सारनी पवार प्लांट (बिजली) में कितने सवंर्ग के अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत है? सवंर्गवार सूची देवें? (ख) सारनी पावर प्लांट (बिजली) में अनुकंपा हेतु प्रतिक्षारत आश्रितों की जानकारी वर्ष 2003-04 से 2015 तक देवें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी के सारनी पॉवर प्लांट में विभिन्न संवर्गों के कुल 1863 अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत हैं। संवर्गवार कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’ के अनुसार है। (ख) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कम्पनी लिमिटेड की संशोधित अनुकम्पा नियुक्ति नीति-2013, के प्रावधानों के अनुसार वर्ष 2003-04 से 2015 तक के पात्र प्रतीक्षारत आश्रितों के आवेदनों की कुल संख्या सात (07) है, जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ में दर्शाई गई है। साथ ही वर्ष 2003-04 से 2015 तक कुल प्राप्त आवेदनों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’स’’ के अनुसार है।
जाति प्रमाण पत्र अभियान
173. ( क्र. 2651 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जाति प्रमाण पत्र अभियान के लिए विभाग का वर्ष 2015-16 का बजट कितना है? ऑनलाइन किए जाने और लेमिनेशन की दर क्या है? (ख) इन्दौर संभाग अन्तर्गत कितने फार्म आनलाईन किए गए हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार इन कार्यों के लिए संबंधित एजेंसियों को कितना भुगतान किया गया? कितना शेष है? जिलावार बतावे? (घ) शेष भुगतान कब तक कर दिया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कावेरी वनमंडल खंडवा को आवंटित राशि
174. ( क्र. 2675 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कावेरी वनमंडल खंडवा क्षतिपूर्ति कार्यालय में वर्ष 2014 एवं 2015 में भगवानपुरा विधायक के कितने पत्र प्राप्त हुए, पत्रवार सूची दिनाँक सहित देवें? इन पर क्या पत्रवार कार्यवाही की गई? (ख) दि. 01.01.10 से 31.12.2014 तक कावेरी वनमंडल को कितनी राशि, किस मद के लिए आवंटित की गई एवं उसका व्यय किन कार्यों में किया गया? कार्यवार जानकारी वर्षवार देवें? (ग) विगत 2 वर्षों में निर्माण कार्यों के संबंध में कितनी शिकायतें कावेरी वनमंडल एवं वन विभाग को प्रश्नांश (क) व (ख) के संदर्भ की गई, उनकी जानकारी उस पर की गई कार्यवाही अनुसार बतावें? (घ) उपरोक्त अवधि (क) के जिन कार्यों की जाँच अधिकारियों द्वारा की गई, उनके नाम, जाँच प्रतिवेदन की प्रमाणित प्रति सहित उपलब्ध करावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’स’’ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’द’’ अनुसार है।
अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के संबंध में
175. ( क्र. 2690 ) श्री हर्ष यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16 में भोपाल संभाग में कितने व कौन से अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) का स्थानांतरण अन्यत्र किया गया था? (ख) ऐसे कौन-कौन से अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) है, जिन्होंने स्थानांतरण होने के बावजूद नवीन पदस्थापना स्थल पर अब तक कार्यभार ग्रहण नहीं किया है? (ग) क्या विभाग/शासन स्थानांतरण आदेशों का पालन सुनिश्चित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) केवल एक अधिकारी श्री ओ.पी. सोनी, संयुक्त कलेक्टर रायसेन। (ग) जी हाँ। समय-सीमा बताना संभव नहीं।
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