मध्यप्रदेश विधान सभा


प्रश्‍नोत्तर-सूची
सितम्‍बर, 2022 सत्र


गुरूवार, दिनांक 15 सितम्‍बर, 2022

[ बुधवार, दिनांक 27 जुलाई, 2022 के प्रश्‍नोत्‍तर ]


भाग-1
तारांकित प्रश्‍नोत्तर



धार जिले में उद्योगों को आवंटित भूमि

[राजस्व]

1. ( *क्र. 398 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                         (क) धार जिले में म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 के अध्याय 18 में बताई गई दखल रहित भूमियों में से किस ग्राम की कितनी भूमि किस प्रकरण क्रमांक, आदेश, दिनांक से कलेक्टर या राजस्व विभाग के द्वारा उद्योगों को आवंटित किए जाने के संबंध में उद्योग विभाग को आवंटित की गई? आदेश की प्रति-सहित बताएं। (ख) उद्योग विभाग को प्राप्त भूमि भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 (1) में किस-किस प्रयोजन के लिए आरक्षित की गई? (ग) मनावर, गंधवानी एवं कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में किन-किन शर्तों/नियमों के तहत किन-किन प्रयोजन/मद की जमीन किन-किन उद्योगों को किस दिनांक से लीज़ पर दी गई? प्रति-सहित बताएं। किन-किन उद्योगों की जमीनों की लीज़ समाप्‍त हो गई, किन उद्योगों ने लीज़ का नवीनीकरण कितने वर्षों के लिए किन प्रयोजन/मद के तहत कराया? प्रति सहित बताएं।  

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) धार  जिले में तहसील पीथमपुर के ग्राम गवला में 10.117 हेक्टेयर, तहसील धार के ग्राम जैतपुरा में 21.000 हेक्टेयर, ग्राम मगजपुरा में 6.487 हेक्टेयर, तहसील मनावर के ग्राम लुन्हेराबुजुर्ग में 20.000 हेक्टेयर, मोराड 0.858 हेक्टेयर, ग्राम मुहाली में 0.645 हेक्टेयर, ग्राम टोंकी में 63.50 हेक्टेयर, ग्राम टेमरनी में 3.726 हेक्टेयर, ग्राम गालपुरा में 14.569 हेक्टेयर, सोण्डुल में 0.729 हेक्टेयर, कस्थली में 0.261 हेक्टेयर, तहसील बदनावर के ग्राम खेरवास में 19.342 हेक्टेयर, भैसोला 632.501 हेक्टेयर, दोत्रया में 291.896 हेक्टेयर, ग्राम छायन में 52.278 हेक्टेयर, तिलगारा में 150.145 हेक्टेयर, भोईंदा में 12.404 हेक्टेयर, तहसील सरदारपुर के ग्राम हातोद में 65.785 हेक्टेयर, बोदला में 24.009 हेक्टेयर, ग्राम तारपुरा में 0.405 हेक्टेयर, ग्राम गवल्यावाडी में 31.317 हेक्टेयर, ग्राम कालीकिराय में 40.403 हेक्टेयर, ग्राम लोधीपुरा में 74.697 हेक्टेयर, ग्राम जैतापुर में 81.972 हेक्टेयर, पलास्या में 96.576 हेक्टेयर, ग्राम बलवारी में 79.154 हेक्टेयर, तारपुरा में 196.128 हेक्टेयर, कुण्डा में 38.543 हेक्टेयर, बासवी में 68.315 हेक्टेयर, लालबाग में 54.833 हेक्टेयर, तहसील गंधवानी के ग्राम करोंदिया में 8.975 हेक्टेयर, अतरसुमा में 1.500 हेक्टेयर, ग्राम घुरसल 7.108 हेक्टेयर इस प्रकार कुल 2170.178 हेक्टेयर भूमि उद्योग विभाग को आवंटित की गई। आदेश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है।                                                                             (ख) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 (1) के अंतर्गत पड़त कदम घोषित की जाकर उद्योग विभाग को आवंटित की गई। (ग) तहसील मनावर एवं कुक्षी की जानकारी निरंक है। तहसील गंधवानी में ग्राम करोंदिया, अतरसुमा, घुरसल की भूमि 18.503 हेक्टेयर कलेक्टर जिला धार के आदेश क्रमांक/39-43/नजूल/82 दिनांक 10 फरवरी, 1982 एवं आदेश क्रमांक 178/रीडर-1/1984, दिनांक 02.03.1984 के द्वारा उद्योग विभाग को अंतरित की गई। उक्त भूमि तत्पश्चात उद्योग विभाग के द्वारा मेसर्स महेन्द्र सीमेंट प्रा.लि. को आवंटन आदेश क्रमांक 8002, दिनांक 15.10.1984 क्षेत्रफल 3.762 हेक्टेयर भूमि स्थायी लीज़ पर 99 वर्षों के लिए आवंटित की गई थी। तत्पश्चात उद्योग विभाग के आदेश क्रमांक 1284-1288 धार दिनांक 12.09.2002 के द्वारा मेसर्स सतगुरू सीमेंट इकाई को लीज़ पर आवंटित की गई। आदेश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।  

प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

2. ( *क्र. 547 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                (क) रायसेन जिले में प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना के अंतर्गत 25 जून, 2022 की स्थिति में कितनी महिलाओं को गैस कनेक्‍शन दिये गये? एजेंसीवार, विकासखण्‍डवार संख्‍या बतायें। (ख) 25 जून, 2022 की स्थिति में प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना के अंतर्गत गैस कनेक्‍शन हेतु किन-किन पात्र महिलाओं के आवेदन पत्र किस-किस गैस एजेंसी पर क्‍यों लंबित हैं तथा उनका कब तक निराकरण होगा?                                      (ग) 1 जनवरी, 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना के अंतर्गत पात्र महिलाओं को गैस कनेक्‍शन देने हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा कब-कब क्‍या दिशा निर्देश दिये गये? (घ) प्रश्‍नांश (ग) में दिये गये दिशा-निर्देशों के पालन में रायसेन जिले में आज दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई तथा पात्र महिलाओं को गैस कनेक्‍शन क्‍यों नहीं दिये जा रहे हैं तथा कब तक गैस कनेक्‍शन दिये जायेंगे?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) रायसेन जिले में प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना के अंतर्गत 25 जून, 2022 की स्थिति में ऑयल कंपनियों द्वारा कुल 156075 महिलाओं को गैस कनेक्‍शन दिये गये। विकासखण्‍डवार एजेंसीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।                                   (ख) पोर्टल पर ऑनलाईन दर्ज लंबित पात्र आवेदन पत्रों की गैस एजेन्‍सीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। ऑयल कंपनी के ऑनलाईन पोर्टल पर एस.वी. जारी करने की सुविधा उपलब्‍ध नहीं होने से पात्र परिवारों को गैस कनेक्‍शन जारी नहीं किये गये।                                                               (ग) प्रश्‍नांकित अवधि में प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना के अंतर्गत पात्र महिलाओं को गैस कनेक्‍शन देने हेतु भारत सरकार के पत्र दिनांक 04 अगस्‍त, 2021 एवं म.प्र. शासन के पत्र क्रमांक 608/पी.एस.फूड/ उज्‍जवला/2021 दिनांक 16.08.2021, पत्र क्र. 635/पी.एस.खाद्य/उज्‍जवला/2021 दिनांक 25.08.2021, पत्र क्र. 706/उज्‍जवला/2021, दि. 15.09.2021, पत्र क्र. 756 पी.एस.खाद्य/उज्‍जवला/2021 दिनांक 28.09.2021, पत्र क्र. 9551/पी.एस.खाद्य/उज्‍जवला/2021, दिनांक 22.10.2021 के द्वारा विभागीय दिशा-निर्देश जारी किये गये। जो पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) शासन के दिशा-निर्देशों के पालन में कलेक्‍टर जिला रायसेन द्वारा समस्‍त क्षेत्रीय प्रबंधक एल.पी.जी., जिला नोडल अधिकारी उज्‍जवला, समस्‍त गैस एजेंसी संचालकों को शासन निर्देशानुसार कार्यवाही सुनिश्चित करते हुये पात्र महिलाओं को गैस कनेक्‍शन प्रदाय करने के निर्देश दिये जाकर गैस कनेक्‍शन प्रदाय कराये गये हैं। स्‍थानीय निकाय के निर्वाचन की आचार संहिता प्रभावशील होने के कारण उज्‍जवला योजना का ऑनलाईन पोर्टल बंद होने से शेष लंबित 792 गैस कनेक्‍शन नहीं दिये जा सके हैं, जो पोर्टल चालू होते ही प्रदाय किये जा सकेंगे।

पेंच व्‍यपवर्तन नहर निर्माण

[जल संसाधन]

3. ( *क्र. 643 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विभाग द्वारा किन-किन क्षेत्रों में नहर निर्माण कार्य कराया गया है और किन-किन क्षेत्रों में नहर निर्माण कार्य किन-किन कारणों से नहीं कराया गया है?                                                           (ख) विभाग द्वारा कौन-कौन सी कार्य एजेन्‍सी से कितनी-कितनी राशि का कार्य कराया गया है? वर्ष 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक की जानकारी वर्षवार, कार्यवार देवें। (ग) पेंच नहर निर्माण कार्य का विभाग द्वारा कौन-कौन सी कार्य एजेन्‍सी को किस मद से कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है? (घ) पेंच नहर निर्माण कार्य कर रही वर्तमान एवं पूर्व की कार्य एजेन्‍सी कंपनियों की कितनी-कितनी सि‍क्‍योरिटी डिपॉजिट (अमानत राशि)/बैंक गांरटी आदि विभाग के पास जमा/शेष है? (ड.) सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नहर निर्माण कार्य अनुबंध के अनुसार कब तक पूर्ण किया जाना था? किन कारणों से नहर निर्माण कार्य अभी तक पूर्ण नहीं हो पाया है? इसके लिये कौन-कौन जिम्‍मेदार/दोषी हैं और दोषियों के विरूद्व क्‍या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बखारी शाखा नहर शत-प्रतिशत एवं सिवनी शाखा नहर लगभग 95 प्रतिशत पूर्ण होना प्रतिवेदित है। सिवनी शाखा नहर की वितरक शाखा डी-4 में हार्ड रॉक, वनभूमि एवं भू-अर्जन के कारण कुछ स्थानों में कार्य नहीं हो पाया था। वर्तमान में निर्माण कार्य प्रगतिरत होना प्रतिवेदित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।                                                (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

सिविल अस्‍पताल हटा को आवंटित भूमि पर अतिक्रमण

[राजस्व]

4. ( *क्र. 184 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह में सिविल अस्‍पताल हटा हेतु कितनी भूमि आवंटित की गई थी? आवंटन आदेश की छायाप्रति व जमीन के खसरा, नक्‍शा सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें। क्‍या सिविल अस्‍पताल हटा को आवंटित भूमि पर अस्‍पताल का कब्‍जा है? यदि हाँ, तो कितनी भूमि पर? नहीं तो किन के द्वारा शासकीय अस्‍पताल हटा की आवंटित भूमि पर अतिक्रमण किया गया है? नाम, पतावार कब्‍जा की भूमि सहित जानकारी उपलब्‍ध करायी जावे। (ख) सिविल अस्‍पताल हटा, को मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी द्वारा भूमि पर किये गये अतिक्रमण को हटाये जाने हेतु कोई आवेदन दिया गया? यदि हाँ, तो सिविल अस्‍पताल हटा की भूमि को अतिक्रमण मुक्‍त कराये जाने की क्‍या कार्यवाही की गई एवं आज दिनांक तक अस्‍पताल को आवंटित भूमि को अतिक्रमण मुक्‍त क्‍यों नहीं कराया गया एवं अतिक्रमण मुक्‍त कब तक कराया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जिला दमोह के सिविल अस्पताल हटा हेतु ग्राम हटा खास पटवारी हल्का नंबर 32 में स्थित भूमि खसरा नंबर 22/4 रकबा 2.00 हे. एवं खसरा नंबर 26/2 रकबा 0.023 हे. कुल रकबा 2.023 हे. भूमि आवंटित की गई थी। आवंटन आदेश की प्रति व जमीन के खसरा, नक्‍शा की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। सिविल अस्पताल हटा को आवंटित की गयी भूमि में से रकबा 1.100 हे. पर अस्पताल का अधिपत्य व कब्जा है। शेष भूमि पर अतिक्रमणकर्ताओं की सूची कब्जा सहित पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) सिविल अस्पताल हटा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा सिविल अस्पताल की भूमि के सीमांकन हेतु पत्र तहसीलदार हटा को प्रेषित किया गया है। सिविल अस्पताल हटा की भूमि में अतिक्रामकों की मौके का चिन्हांकन कर अतिक्रामकों के विरुद्ध म.प्र.भू.रा. संहिता 1959 की धारा 248 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत अनावेदकगणों की सुनवाई उपरांत विधि अनुकूल अतिक्रामक भूमि से अनावेदकगणों की बेदखली की जाकर भूमि मुक्त कराई जावेगी।

अवैध उत्खनन/परिवहन/भण्डारण पर कार्यवाही

[खनिज साधन]

5. ( *क्र. 961 ) श्री विनय सक्सेना : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले अंतर्गत गत तीन वर्षों में अवैध उत्खनन/परिवहन/भण्डारण आदि के                                       कितने-कितने प्रकरण बनाये गये? किन-किन व्यक्तियों/फर्मों/कम्पनियों के विरुद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गयी है? किस-किस पर कितना-कितना जुर्माना अधिरोपित किया गया है? सभी जुर्माने संबंधी नोटिस/आदेश की प्रति उपलब्‍ध करायें। (ख) क्या मार्च 2021 में बांगड़ इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के विरुद्ध बिना अनुमति के उत्खनन एवं भण्डारण के फलस्वरूप, 71 करोड़ रूपये जुर्माने का नोटिस जारी किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त मामले से संबंधित जांच प्रतिवेदन, नोटिस, कंपनी द्वारा दिया गया उत्तर, जमा कराई गयी राशि आदि की जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ग) विगत 10 वर्षों में विभाग के जबलपुर जिले कार्यालय में पदस्थ रहे अमले की सूची कार्यकालवार तथा उनके विरुद्ध प्राप्त शिकायतें व की गयी कार्यवाही का विवरण उपलब्‍ध करावें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नांश की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) जी हाँ। बांगड़ इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर प्रायवेट लिमिटेड के विरूद्ध अवैध उत्‍खनन एवं भंडारण के फलस्‍वरूप, रूपये 71,87,82,750/- जुर्माना राशि जमा करने हेतु कारण बताओ नोटिस पत्र क्रमांक 1666, दिनांक 26.03.2021 से माननीय कलेक्‍टर न्‍यायालय द्वारा जारी किया गया था, जिसके विरूद्ध अनावेदक कंपनी द्वारा उत्‍तर दिनांक तक रूपये 6,97,00,700/- जमा किया जा चुका है, प्रकरण वर्तमान में माननीय न्‍यायालय कलेक्‍टर, जबलपुर के समक्ष विचाराधीन है। शेष प्रश्‍नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' में दर्शित है। (ग) प्रश्‍नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र '' एवं '' में दर्शित है।

शासकीय भूमि को नि‍जी भूमि करने की जांच

[राजस्व]

6. ( *क्र. 999 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                               (क) माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय के पत्र क्र. 210/सी.एम.एस./सी.बी./2022, दिनांक 13.04.2022 को दिए गए निर्देश के तहत अवर सचिव, राजस्व विभाग द्वारा प्रश्‍नकर्ता को प्रेषित पत्र                                                          क्र. 598/564/2022/सात-3, दिनांक 26.04.2022 के तहत अवगत कराया कि कलेक्टर इंदौर को आवश्यक कार्यवाही हेतु आदेश जारी किए हैं? यदि हाँ, तो कलेक्टर इंदौर द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? विवरण दें। (ख) क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा माननीय मुख्य सचिव को पत्र क्र. 4205/नागदा, दिनांक 16.03.2022 द्वारा इन्दौर शहर स्थित शासकीय भूमि सर्वे क्र. 143/645/2 की शासकीय कर्मचारियों द्वारा शासकीय भूमि को नि‍जी भूमि करने के संबंध में राजस्व अभिलेख वर्ष 1925-1926 के खसरा पांच साल की कॉपी उपलब्ध कराते हुए जांच की मांग की थी? यदि हाँ, तो जांच किस उच्च अधिकारी द्वारा की गई है? जांच अधिकारी का नाम देते हुए जांच प्रतिवेदन की कॉपी उपलब्ध कराएं।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। कलेक्‍टर इंदौर द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व जूनी इन्‍दौर श्री अंशुल खरे से जॉच करवाई गई। जॉच प्रतिवेदन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

आदिवासी की जमीन गैर आदिवासी को विक्रय

[राजस्व]

7. ( *क्र. 1131 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                          (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्र. 1111, दिनांक 10 मार्च, 2022 के खण्ड (क) के संदर्भ में आदिवासी की जमीन गैर आदिवासी को विक्रय करने की धारा 165 (6) में अनुमति देने की सामान्य शर्तें क्या हैं? उनकी सूची देवें तथा बतावें कि यह सामान्य शर्तें प्रदेश के सभी जिलों में समान हैं या भिन्न भिन्न हैं? (ख) क्या राज्य शासन ने धारा 165 (6) में अनुमति देने हेतु सामान्य शर्तों के संदर्भ में कोई आदेश, परिपत्र जारी किया है? यदि हाँ, तो उसकी प्रति देवें। यदि नहीं, तो बतावें कि सामान्य शर्तें क्या कलेक्टर के विवेक के अनुसार तय की जावेंगी? (ग) क्या मात्र पिछले 16 वर्षों में इन्दौर संभाग में 933.256 हेक्टेयर तथा उज्जैन संभाग में 1289.110 हेक्टेयर आदिवासी की जमीन गैर आदिवासी को विक्रय करने की अनुमति दी गई? (घ) प्रश्‍नांश (ग) से स्पष्ट है कि धारा 165 (6) में अनुमति देते वक्त तत्कालीन कलेक्टरों ने सुविधा का संतुलन आदिवासी के पक्ष में करने के स्थान पर गैर आदिवासी के पक्ष में किया तथा प्रश्‍नाधीन अवधि में इन्दौर, उज्जैन संभाग में लगभग 8 हजार आदिवासी भूमिहीन हो गये? क्या शासन इसकी उच्च स्तरीय जांच करायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता की धारा 165 की उपधारा 6 के प्रावधान संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। धारा 165 की उपधारा 6 के खण्‍ड (ड.) अनुसार आदिम जनजाति के किसी भूमि स्‍वामी अधिकार का अंतरण 165 (6) के खण्‍ड (एक) के अधीन अधिसूचित विनिर्दिष्‍ट क्षेत्रों से भिन्‍न क्षेत्रों में लागू है। (ख) उत्‍तरांश '' अनुसार। (ग) जी हाँ। विगत लगभग 16 वर्षों में इंदौर संभाग के जिलों में 873.725 हे. एवं उज्‍जैन संभाग के जिलों में 1196.883 हे. भूमि आदिवासी से गैर आदिवासी को विक्रय की अनुज्ञा दी गई है। (घ) विधिक अर्थान्‍वयन के कारण जवाब की आवश्‍यकता नहीं।

परिशिष्ट - "एक"

आरक्षित वन अधिसूचित भूमि

[वन]

8. ( *क्र. 127 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                              (क) मध्‍य भारत वन विधान 1950 की धारा 20 के तहत राजपत्र में दिनांक 21 अक्‍टूबर, 1954 को कितने जिलों के कितने वनमण्‍डलों के, कितने वन परिक्षेत्रों की कितने वर्ग मील भूमि को आरक्षित वन भूमि अधिसूचित किया गया? इन भूमियों से संबंधित धारा 4 की अधिसूचना राजपत्र में किस दिनांक को प्रकाशित की गई? यदि धारा 4 की अधिसूचना का प्रकाशन नहीं हो पाया हो तो कारण बतावें। (ख) 21 अक्‍टूबर, 1954 को प्रकाशित अधिसूचना में बड़वाह वनमण्‍डल के 09 वनग्रामों की कितनी-कितनी निजी भूमि, आबादी मद, निस्‍तार मद एवं जंगल मद की भूमि किस-किस वनखण्‍ड में शामिल कर आरक्षित वन अधिसूचित की गई? इनमें से किस ग्राम की कितनी निजी भूमि एवं कितनी आबादी मद की भूमि पर किसानों का कब्‍जा है तथा कितनी भूमि पर वन विभाग का कब्‍जा है? (ग) 09 ग्रामों की कितनी निजी भूमि को आरक्षित वन बनाने के लिए किस प्रकरण क्रमांक में किस आदेश दिनांक से अर्जित किया गया, किस किसान की कितनी भूमि का कितना मुआवजा निर्धारित कर कितनी राशि का किस दिनांक को भुगतान किया गया? (घ) निजी भूमि को अर्जित किए बिना ही आरक्षित वन अधिसूचित करने का अधिकार वन विभाग को किस-किस धारा में दिया जाकर धारा में क्‍या-क्‍या उल्‍लेख किया गया है?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) राजपत्र दिनांक 21.10.1954 में प्रकाशित अधिसूचना अनुसार वर्तमान में 13 जिलों के 15 वनमंडल अन्तर्गत 43 वन परिक्षेत्रों की 3893.64 वर्गमील भूमि को आरक्षित वनभूमि अधिसूचित किया गया, इन भूमियों में से भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 4 में अधिसूचित करने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। वर्ष 1954 में विभिन्न आरक्षित वनखण्‍डों को जोड़कर अविकल वनखण्ड बनाने के उद्देश्य से अनेक क्षेत्रों का समायोजन व पुनः आरक्षण मध्यभारत वन अधिनियम, 1950 की धारा 20 के अन्तर्गत मध्यभारत वन तथा आदिम जाति कल्याण विभाग की अधिसूचना क्रमांक 1623/X-F/114/(54) दिनांक 09.10.1954 द्वारा किया गया। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार(ग) 09 वनग्रामों में निजी भूमि प्रतिवेदन न होने से शेष प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश '''' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न ही उपस्थित                                       नहीं होता।

सिंचाई हेतु पाइप लाईन

[जल संसाधन]

9. ( *क्र. 851 ) श्री सुरेश राजे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                         (क) जिला ग्वालियर अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 19 डबरा का ग्राम जिगनिया-बारकरी से बिलौआ तक कृषि क्षेत्र के खेतों में सिंचाई हेतु डाली जा रही पाइप लाईन का प्रोजेक्ट कुल कितनी राशि का है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार ग्राम जिगनिया-बारकरी से बिलौआ क्षेत्र में सिंचाई हेतु कितनी किलोमीटर पाइप लाईन कुल कितनी राशि व्यय कर बिछाई जानी है? इसमें से कितनी किलोमीटर पाइप लाईन बिछाई जा चुकी है? कुल कितनी राशि किस निर्माण एजेंसी को आज प्रश्‍न दिनांक तक भुगतान की गयी है? शेष कार्य कब तक पूर्ण किया जावेगा? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के अनुसार उक्त जिगनिया-बारकरी से बिलौआ सिंचाई परियोजना का कार्य पूर्ण होने पर किस-किस ग्राम में कितने-कितने हेक्टेयर भूमि में सिंचाई की जा सकेगी? ग्रामवार एवं रकबा सहित बतावेंl

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) माँ रतनगढ़ बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना में दाबयुक्त सूक्ष्म सिंचाई पद्धति अंतर्गत यूनिट-2 नहर के लिये राशि रू. 1377.19 करोड़ स्वीकृत होना प्रतिवेदित है। प्राप्‍त स्वीकृति में विधानसभा क्षेत्र क्र. 19 डबरा के ग्राम जिगनियां-बारकरी से बिलौआ तक खेतों में सिंचाई हेतु बिछाई जाने वाली पाइप लाईन का कार्य शामिल है।                                                            जिगनियां-बारकरी के लिए अलग से राशि स्‍वीकृत नहीं है। (ख) देवगढ़-बिलौआ नहर प्रणाली (जिगनियां-बारकरी) के अंतर्गत लगभग 400 किमी का पाइप लाईन नेटवर्क बिछाया जाना प्रस्तावित है। जिगनियां-बारकरी नहर का कार्य माँ रतनगढ़ बहुउद्देशीय परियोजना के यूनिट-2 नहर अंतर्गत दाबयुक्त सूक्ष्म सिंचाई पद्धति में सम्मिलित है। अलग से कोई राशि स्वीकृत नहीं है। संपूर्ण कार्य हेतु राशि रू. 831 करोड़ का अनुबंध निर्माण एजेंसी मेसर्स मंटेना वशिष्ठा माइक्रो जे.व्ही. के साथ संपादित किया गया है, इसमें आज दिनांक तक 5.5 कि.मी. पाइप लाईन बिछाई जा चुकी है। प्रश्‍न दिनांक तक निर्माण एजेंसी मेसर्स मंटेना वशिष्ठा माइक्रो जे.व्ही. को सामग्री प्रदाय करने, सर्वेक्षण एवं निर्माण कार्य हेतु कुल राशि रू. 423 करोड़ का भुगतान किया जाना प्रतिवेदित है। अनुबंधानुसार कार्य पूर्ण करने की अवधि जुलाई 2024 लक्षित है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "दो"

तालाबों और नहरों का संरक्षण

[जल संसाधन]

10. ( *क्र. 977 ) श्री सचिन सुभाषचन्‍द्र यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद में विभाग के निर्मित तालाबों में पानी के साथ ही मिट्टी जमा होने से जलभराव की क्षमता कम हुई है? अगर हाँ तो वर्षा काल के पूर्व मिट्टी निकालने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो विवरण देवें। (ख) क्या इन तालाबों से किसानों को निःशुल्क मिट्टी निकालने की अनुमति दी जा सकती है? यदि हाँ, तो अनुमति‍ कौन प्रदान करेंगे, नहीं तो क्यों?                                         (ग) उक्त तालाबों की नहरों के सुधार या पक्की करने के कोई प्रस्ताव लंबित हैं? अगर हाँ तो कब तक स्वीकृति दी जाएगी, नहीं तो क्यों? (घ) विधानसभा क्षेत्र कसरावद में बने किन-किन तालाबों को इंदिरा सागर की नहरों से फीड करने के प्रस्ताव नर्मदा घाटी विकास को भेजे गये हैं? यदि हाँ, तो विवरण और प्रश्‍न दिनांक तक प्रस्तावों की अद्यतन स्थिति बतावें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद अंतर्गत जल संसाधन विभाग द्वारा निर्मित तालाबों में पानी के साथ ही मिट्टी जमा होने से उनकी जीवित जलभराव की क्षमता में कमी नहीं आना प्रतिवेदित है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।                                                         (ख) जी नहीं। तालाबों से मिट्टी निकालने हेतु प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग, भोपाल के पत्र दिनांक 01.07.2011 द्वारा तालाब से गाद (सिल्ट) निकालने से बांध में रिसाव की समस्या के दृष्टिगत, इसे पूर्णतः अव्यवहारिक माना है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्‍नाधीन क्षेत्र के तालाबों की नहरों के सुधार या पक्की करने के कोई प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित नहीं हैं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) विधानसभा क्षेत्र कसरावद में बने किसी भी तालाब को इंदिरा सागर परियोजना की नहरों से फीड करने का कोई प्रस्ताव नर्मदा घाटी विकास विभाग को नहीं भेजा गया है, तथापि विधानसभा क्षेत्र कसरावद में निर्मित 14 तालाबों को नर्मदा घाटी विकास विभाग एवं जल संसाधन विभाग की आपसी सहमति अनुसार इंदिरा सागर की नहरों से आउटलेट व सीपेज के माध्यम से फीड किया जा रहा है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "तीन"

खाद्यान्‍न भण्‍डारण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

11. ( *क्र. 143 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                                (क) 25 जून, 2022 की स्थिति में रायसेन जिले की किन-किन शासकीय उचित मूल्‍य की दुकानों में पी.ओ.एस. मशीन में कितना खाद्यान्‍न स्‍टॉक उपलब्‍ध है तथा दुकान पर भौतिक रूप से कितना खाद्यान्‍न का स्‍टॉक है? दोनों में अंतर का क्‍या कारण है? (ख) 25 जून, 2022 की स्थिति में रायसेन जिले की किन-किन शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से मई एवं जून माह का राशन एवं केरोसिन तेल का वितरण नहीं किया है तथा क्‍यों? (ग) रायसेन जिले की शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में उपभोक्‍ताओं के मान से खाद्यान्‍न का आवंटन क्‍यों नहीं किया जा रहा है तथा परिवहनकर्ता ठेकेदार द्वारा अनुबंध अनुसार निर्धारित तिथि तक खाद्यान्‍न दुकानों पर क्‍यों नहीं पहुंचाया जा रहा है? (घ) 1 जनवरी, 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक खाद्यान्‍न आवंटन राशन का वितरण न होने के संबंध में मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्‍त हुए तथा उन पर आज दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) उचित मूल्‍य दुकानों पर अनियमितता के कारण प्रकरण निर्मित होने एवं अन्‍य कारणों से उचित मूल्‍य दुकानों की पी.ओ.एस. मशीन एवं भौतिक स्‍टॉक में अन्‍तर प्रदर्शित हो रहा है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।                                        (ख) 25 जून, 2022 की स्थिति में रायसेन जिले की समस्‍त शासकीय उचित मूल्‍य दुकानों से माह मई एवं जून 2022 के राशन का वितरण किया गया है, किन्‍तु केरोसीन का वितरण नहीं किया गया है। चूंकि ऑयल कंपनी स्‍तर से केरोसीन मूल्‍य वृद्धि होने के कारण डिपो का प्रदाय दर 95.15 रू. प्रति लीटर एवं कर, भाड़ा, कमीशन आदि जोड़ने के पश्‍चात फुटकर बिक्री मूल्‍य 101 से 103 प्रति लीटर केरोसीन है। केरोसीन प्रदाय दर अधिक होने के कारण उपभोक्‍ताओं द्वारा केरोसीन क्रय नहीं किया जा रहा है न ही केरोसीन की उपभोक्‍ताओं द्वारा मांग की जा रही है। (ग) रायसेन जिले की शासकीय उचित मूल्‍य दुकानों को उपभोक्‍ताओं के मान से खाद्यान्‍न आवंटन दुकान में बची शेष स्‍टॉक की मात्रा को समायोजित करते हुये आगामी माह के लिये जारी किया जाता है। रायसेन जिले में परिवहनकर्ता ठेकेदार द्वारा अनुबंध अनुसार शासकीय उचित मूल्‍य दुकानों के डिलेवरी ऑर्डर जारी करने के 24 घण्‍टें के अंदर खाद्यान्‍न पहुंचाया जा रहा है। (घ) प्रश्‍नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।  

शिकायतों पर कार्यवाही

[राजस्व]

12. ( *क्र. 1015 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                  (क) राजगढ़ जिले की तहसील जीरापुर एवं खिलचीपुर अंतर्गत तहसीलदार, राजस्‍व निरीक्षक, पटवारी की अनियमितता संबंधी शिकायत माननीय मुख्‍यमंत्री, माननीय राजस्‍व मंत्री, मुख्‍य सचिव, आयुक्‍त (राजस्‍व), कलेक्‍टर, राजगढ़ को प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्राचार के माध्‍यम से विगत 4 वर्षों में कब व किन बिन्‍दुओं पर की गई? (ख) क्‍या इस संबंध में जांच गठित की गई है? यदि हाँ, तो उक्‍त शिकायतों पर कितने मामलों में असत्‍य शिकायतें पाई गई? असत्‍य मामले पाये जाने के क्‍या कारण हैं?                                                          (ग) कितनी शिकायतों पर मामले सत्‍य पाये गये हैं? जांच में दोषी पाये गये अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जा रही है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अनुसार है। (ख) जांच में की गई कार्यवाही संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-के कॉलम-04 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट-अनुसार है।

परिशिष्ट - "चार"

डोकरीखेड़ा जलाशय की प्रशासकीय स्‍वीकृति

[जल संसाधन]

13. ( *क्र. 818 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र पिपरिया, जिला नर्मदापुरम के ग्राम डोकरीखेड़ा में डोकरीखेड़ा जलाशय के भराव हेतु नवीन डी.पी.आर. जिसकी लागत 33.69 लाख है, उक्‍त कार्य की घोषणा मान. मुख्‍यमंत्री जी के द्वारा (घोषणा क्रमांक बी-5376) कार्य को कराये जाने के निर्देश जारी किये गये थे?                                                                  (ख) यदि हाँ, तो क्‍या कार्यालय मुख्‍य अभियंता जल संसाधन विभाग नर्मदापुरम (म.प्र.) का पत्र क्रमांक 1672/कार्य/देनवा/डोकरीखेड़ा/मु.अ./ज.स.वि./2022, दिनांक 08.03.2022 एवं कार्यालय मुख्‍य अभियंता बोधी जल संसाधन विभाग भोपाल का पत्र क्रमांक 102/पी.ई.सी./586/पार्ट-2/द.ला./बोधी भोपाल, दिनांक 25.02.2022 प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग भोपाल को कार्य की प्रशासकीय स्‍वीकृति हेतु प्राक्‍कलन संलग्‍न कर प्रेषित किये जा चुके हैं? (ग) यदि हाँ, तो                                                        बार-बार पत्राचार करने के उपरांत भी कार्य की प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी न होने का क्‍या कारण है? (घ) कार्य की प्रशासकीय स्‍वीकृति कब तक जारी हो जावेगी, नहीं तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ, प्रस्‍ताव की लागत रू. 33.69 करोड़ होना प्रतिवेदित है। (ख) से (घ) जी हाँ। जी हाँ। प्रमुख अभियंता से शासन को प्राप्‍त प्रस्‍ताव में डोकरीखेडा जलाशय के लिए तवा बांध से जल उपलब्‍ध कराने के लिए जल की उपलब्‍धता एवं तकनीकी परीक्षण हेतु प्रस्‍ताव पुन: मुख्य अभियंता (बोधी) भोपाल को दिनांक 27.05.2022 को प्रेषित किया गया है। शासन स्‍तर पर प्रस्‍ताव प्राप्‍त होने के उपरांत प्रशासकीय स्‍वीकृति के संबंध में निर्णय लिया जाना संभव होगा। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

तितली पार्क का रख-रखाव

[वन]

14. ( *क्र. 520 ) श्री उमंग सिंघार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                                         (क) क्‍या धार जिले में पर्यटन नगरी माण्‍डव में तत्‍कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा 78.00 लाख रूपये लागत राशि का तितली पार्क स्‍वीकृत किया गया था? राशि स्‍वीकृति के पश्‍चात प्रथम किश्‍त 31,64,800/- राशि जारी की गई थी? विभाग द्वारा तितली पार्क हेतु 723 वर्गमीटर में तालाब किनारे फ्लेग स्‍टोन पेचिंग कार्य हेतु 234926/- राशि, 5650 वर्गमीटर में लैण्‍ड स्‍केपिंग कार्य हेतु                                           34183/- राशि, 885 वर्गमीटर में फेंसिंग कार्य हेतु 760301/- राशि, 500 वर्गमीटर में पार्किंग हेतु 597122/- राशि, पौधा रोपण हेतु 2750 पौधे लगाने हेतु 258464/- राशि तथा कंसल्‍टेंसी फीस की 3 प्रतिशत राशि 35068/- राशि को मिलाकर कुल राशि रू. 1920046/- खर्च की गई थी? (ख) प्रश्‍नांकित (‍क) अनुसार यदि हाँ, तो उक्‍त पार्क कार्य प्रगतिरत, अपूर्ण या पूर्ण हो गया है? यदि कार्य अपूर्ण है तो कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (ग) क्‍या इतनी राशि खर्च करने के बाद उक्‍त पार्क मवेशियों के लिये चारागाह में तब्‍दील हो गया है, सारे पौधे नष्‍ट होकर मैदान में तब्‍दील हो गये हैं, इसका जिम्‍मेदार कौन है एवं जिम्‍मेदार पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक कार्यवाही की जायेगी एवं यदि नहीं, तो क्‍यों?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) तितली पार्क हेतु स्‍वीकृत राशि रूपये 78.67 लाख है। शेष जी हाँ। (ख) तितली पार्क का कार्य अपूर्ण है। भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण द्वारा आपत्ति लिये जाने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। क्षेत्र का फेंसिंग से घेराव किया गया है। स्‍थल निरीक्षण में रोपित 2750 पौधों के विरूद्ध 1307 पौधे जीवित पाये गये हैं। पौधरोपण में मौसमी पौधे होने एवं सिंचाई का प्रावधान नहीं होने से पौधे मृत हुए हैं, इसके लिए कोई जिम्‍मेदार नहीं है, अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

विवाह उपरांत सहायता राशि का प्रदाय

[श्रम]

15. ( *क्र. 11 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या भवन संनिर्माण के कार्डधारकों को विवाह उपरांत मिलने वाली सहायता राशि का प्रावधान समाप्‍त कर दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो सहायता राशि समाप्ति का प्रावधान किस दिनांक से लागू किया गया है? (ग) क्‍या प्रावधान समाप्ति के पूर्व पनागर एवं बरेला में हो चुके विवाह के प्रकरणों में विवाह सहायता राशि दी जावेगी? (घ) यदि हाँ, तो क्‍या शासन द्वारा हितग्राहियों के हित में अनुकूल दिशा निर्देश जारी किये जायेंगे?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्‍नांश '' के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्‍नांश '' के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सौन चिरैया अभयारण्य में कृषि भूमि का क्रय विक्रय

[वन]

16. ( *क्र. 1075 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                           (क) जिला शिवपुरी अन्‍तर्गत सोन चिरैया अभयारण्य वर्ष 1983 में बनाया गया तब से प्रश्‍न दिनांक तक एक भी सोन चिरैया इस अभयारण्य में नहीं है और न ही कोई अन्‍य वन्‍य प्राणी है? यदि हाँ, तो सौन चिरैया अभयारण्य को क्‍यों बनाया गया? अभयारण्य बनाने का क्‍या उद्देश्‍य है? विगत पॉच वर्षों में अभ्‍यारण्‍य में कितनी राशि व्‍यय की गई? (ख) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र करेरा के 32 ग्राम सोन चिरैया अभयारण्य के अंतर्गत आते हैं और उसमें किसानों की कृषि भूमि का क्रय विक्रय प्रतिबंधित है तथा विकास के कार्य, जैसे सड़क निर्माण उद्योगों की स्‍थापना, पेट्रोल पम्‍प की स्‍थापना आदि विकास कार्य नहीं हो पा रहे हैं, जिससे क्षेत्र पिछड़ता जा रहा है? यदि हाँ, तो सोन चिरैया अभयारण्य के अंतर्गत आने वाले 32 ग्रामों की कृषि भूमि का क्रय विक्रय चालू कर दिया जायेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या सोन चिरैया अभयारण्य क्षेत्र में अवैध रेत उत्‍खनन, पत्‍थर उत्‍खनन जैसे कार्य निरंतर जारी हैं? यदि हाँ, तो विकास कार्यों को क्‍यों रोका जा रहा है?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) शिवपुरी जिले के अंतर्गत सोन चिरैया अभयारण्‍य करैरा का गठन राज्‍य शासन की अधिसूचना दिनांक 21 मई, 1981 द्वारा किया गया था। अभयारण्‍य के गठन से वर्ष 1993 तक क्षेत्र में सोन चिरैया की उपस्थिति प्रतिवेदित की गई है। वर्ष 1993 के पश्‍चात यद्यपि सोन चिरैया दिखाई नहीं दी है, तथापि अभयारण्‍य क्षेत्र में अन्‍य प्रजाति के वन्‍य पशु-पक्षी मौजूद रहे हैं। सोन चिरैया अभयारण्‍य के गठन का उद्देश्‍य सोन चिरैया सहित अन्‍य वन्‍य                                                   पशु-पक्षियों का संरक्षण एवं संवर्धन रहा है। विगत पांच वित्‍तीय वर्षों में अभयारण्‍य में व्‍यय राशि निम्‍नानुसार रही है :-

क्र.

वर्ष

व्‍यय की गई राशि (रूपये में)

1

2017-18

3175585

2

2018-19

1880122

3

2019-20

1582018

4

2020-21

3119562

5

2021-22

3158500

 

(ख) सोन चिरैया अभयारण्‍य करैरा की सीमा में कुल 33 राजस्‍व ग्राम हैं। वन्‍यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा 20 अनुसार नवीन अधिकारों का सृजन वर्जित है। कृषि भूमि का हस्‍तांतरण उत्‍तराधिकार द्वारा ही किया जा सकता है। अत: कृषि भूमि का क्रय-विक्रय वर्जित है। प्रश्‍नाधीन विकास कार्य नियमानुसार सक्षम स्‍तर से अनुमति प्राप्‍त कर कराये जा सकते हैं, अत: क्षेत्र पिछड़ने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। राष्‍ट्रीय वन्‍यप्राणी बोर्ड से करैरा अभयारण्‍य के डिनोटिफिकेशन की अनुशंसा प्राप्‍त हो चुकी है तथा डिनोटिफिकेशन की कार्यवाही प्रारम्‍भ कर दी गई है। कृषि भूमि का क्रय-विक्रय डिनोटिफिकेशन के बाद संभव है। (ग) करैरा अभयारण्‍य क्षेत्र के अंदर कोई रेत अथवा पत्‍थर की खदानें स्‍वीकृत नहीं है। करैरा अभयारण्‍य क्षेत्र में पदस्‍थ क्षेत्रीय कर्मचारियों द्वारा अवैध रेत एवं पत्‍थर उत्‍खनन को रोकने हेतु निरंतर वैधानिक कार्यवाही की जाती है। उत्‍तरांश '' अनुसार अभयारण्‍य क्षेत्र में विकास कार्यों पर किसी प्रकार की रोक नहीं है।

कोटवारों को मानदेय

[राजस्व]

17. ( *क्र. 108 ) श्री रामचन्‍द्र दांगी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                (क) प्रदेश में कितने कोटवार पदस्थ हैं? (ख) प्रदेश के कोटवारों को प्रति माह कितना वेतन तथा कौन कौन सी अन्य सुविधाएं दी जाती हैं? (ग) क्या सरकार मानती है कि वर्तमान में प्रदेश के कोटवारों को दिया जाने वाला वेतन उनके परिवार के भरण पोषण के लिए पर्याप्त है?                                                                     (घ) क्या सरकार प्रदेश के कोटवारों को नियमित चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी घोषित करने और उन्हें कलेक्टर रेट पर वेतन दिए जाने के लिए कार्यवाही करेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) मई 2022 की स्थिति में प्रदेश में 36650 कोटवार पदस्‍थ हैं। (ख) ग्राम कोटवार को मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता-1959 की धारा-231 अनुसार सेवा भूमि या पारिश्रमिक या दोनों का प्रावधान किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। इसके अतिरिक्‍त कोटवारों को प्रति वर्ष वर्दी, जू‍ते, टॉर्च, बेल्‍ट एवं गरम कोट प्रदाय किये जाते हैं। (ग) कोटवारों को उनकी सेवाओं के लिए सेवा भूमि या पारिश्रमिक या दोनों मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता-1959 के प्रावधानों के अनुसार प्रदाय किए जाते हैं। (घ) ऐसा कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन                                    नहीं है।

परिशिष्ट - "पांच"

संबल योजना की राशि का प्रदाय

[श्रम]

18. ( *क्र. 304 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार को जानकारी है कि वर्ष 2019-20, 2020-21 के संबल योजना के अंतर्गत मिलने वाले लाभ अभी तक हितग्राहियों को नहीं मिले हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या सरकार वर्ष                                       2019-20 के संबल योजना के अंतर्गत मिलने वाले हित लाभ संबंधित हितग्राहियों को देने के लिए कार्यवाही करेगी? (ग) यदि हाँ, तो कब तक संबल योजना की राशि दी जाएगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) वर्ष 2019-20, 2020-21 के संबल योजना के पात्र स्‍वीकृत व डिजि‍टली साईन्‍ड प्रकरणों में बजट उपलब्धता अनुसार लाभ वितरण किया गया है। संबल योजना में अनुग्रह योजनांतर्गत आवेदन देने हेतु सामान्यतः 180 दिवस की समय-सीमा है, उक्त समय-सीमा को भी जिला कलेक्टर/अपीलीय अधिकारी द्वारा शिथिल किये जाने की व्यवस्था शासन द्वारा दी गई है। पदाभिहित अधिकारी द्वारा प्रकरण पात्र पाये जाने पर राशि भुगतान की स्थिति निर्मित होती है। इसी प्रकार अपात्र चिन्हित प्रकरणों में भी अपील की व्यवस्था शासन द्वारा की गई है। ऐसे में अपील निराकरण उपरान्त भी राशि प्रदाय किये जाने की स्थिति निर्मित होती है। हितलाभ वितरण एक सतत् प्रक्रिया है, जिसमें हितलाभ वितरण बजट उपलब्धता अनुसार किया जा रहा है। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार हितलाभ वितरण एक सतत् प्रक्रिया है। सभी पात्र प्रकरणों में बजट उपलब्धता अनुसार राशि प्रदाय की जा रही है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

स्टापडेम निर्माण

[जल संसाधन]

19. ( *क्र. 856 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र परासिया अन्तर्गत विभाग द्वारा सिंचाई योजना स्टापडेम एवं बैराज के कितने प्रस्ताव बनाये गये हैं तथा कितने स्टापडेम एवं बैराज का सर्वे एवं डी.पी.आर. बनाया गया है? (ख) विधान सभा क्षेत्र परासिया अन्तर्गत स्थित ग्राम पंचायत दमुआ के भीमसेन ढाना स्टापडेम का निर्माण कार्य प्रारंभ कराये जाने के संबंध में विभाग द्वारा अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है, उसका क्या कारण है, जबकि जिले से इसके प्रस्ताव भी विभाग को भेज दिये गये हैं? कारण सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) ग्राम पंचायत दमुआ के भीमसेन ढाना स्टापडेम का निर्माण कार्य विभाग द्वारा कब तक प्रारंभ करा दिया जायेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।                                                           (ख) ग्राम पंचायत दमुआ के अंतर्गत भीमसेन ढाना स्टापडेम के कमाण्ड क्षेत्र को दमुआ जलाशय (घाटामाली नदी पर स्टोरेज टेंक) में समाहित करते हुए दमुआ जलाशय के सर्वेक्षण कार्य हेतु प्राक्कलन रू. 26.12 लाख तैयार कर प्रमुख अभियंता भोपाल के माध्‍यम से मुख्य अभियंता बोधी को परीक्षण हेतु प्रेषित किया गया। मुख्य अभियंता, बोधी के परीक्षणोपरांत अनुशीलन की कार्यवाही संभागीय कार्यालय स्‍तर पर प्रचलन में होना प्रतिवेदित है। (ग) प्रारंभिक कार्यवाही प्रचलन में होने से स्‍वीकृति दिए जाने की स्थिति नहीं है। स्वीकृति के लिए निश्चित समय-सीमा बताना संभव                              नहीं है।

परिशिष्ट - "छ:"

रेत खदानों के टेंडर

[खनिज साधन]

20. ( *क्र. 755 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदापुरम जिले में वर्ष 2021-22 में कुल कितनी रेत खदानों को चिन्हित कर रेत विक्रय हेतु टेंडर किया गया? (ख) टेंडर की कुल राशि क्या है? क्या ठेकेदार द्वारा संपूर्ण राशि जमा कर दी गई है? (ग) ठेकेदार के द्वारा रेत खदान संचालित करने की समय-सीमा क्या थी?                                              (घ) वर्ष 2018-19, 2019-20, 2020-21 , 2021-22 में नर्मदापुरम जिले में रेत खदानों से कितनी आय हुई है एवं वर्ष 2022 -23 की क्या योजना है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नाधीन जिले में वर्ष 2021-22 में कोई रेत खदान का चिन्‍हांकन न किया जाकर विक्रय हेतु टेण्‍डर नहीं किया गया है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जिले में रेत खदानों से वर्षवार आय निम्‍नानुसार है :-

क्र.

वर्ष

आय (रूपयों में)

1.

2018-2019

27,83,29,077/-

2.

2019-2020

27,89,38,309/-

3.

2020-2021

65,50,00,000/-

4.

2021-2022

81,47,71,693/-

 

वर्ष 2020-21 में जिले की रेत खदानों का ठेका 261.99 करोड़ रूपयों में स्‍वीकृत किया गया था। ठेकेदार द्वारा माह अक्‍टूबर, नवम्‍बर एवं दिसम्‍बर 2021 की ठेका किश्‍त जमा न करने के कारण ठेका निरस्‍त किया गया, जिसके विरूद्ध ठेकेदार द्वारा माननीय उच्‍च न्‍यायालय, जबलपुर में याचिका दायर की गई, जिस पर न्‍यायालय का स्‍थगन है एवं याचिका विचाराधीन है। अत: वर्ष 2022-23 की कोई योजना वर्तमान में नहीं है।

कोरोना काल में मृत लोगों के परिजनों को आर्थिक सहायता

[राजस्व]

21. ( *क्र. 324 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                              (क) सागर नगर में कोरोना काल (कोविड-19) में मृत लोगों के परिजनों को आर्थिक सहायता दिये जाने के लिये राजस्‍व विभाग की कौन-कौन सी योजनायें हैं? किस योजना में कितनें लोगों के आर्थिक सहायता के प्रकरण शेष हैं? शेष होने का क्या कारण है तथा इन्हें कब तक सहायता प्रदान करा दी जायेगी? (ख) क्या यह सही है कि कोरोना काल (कोविड-19) में जो अविवाहित व्यक्ति मृत हो गये हैं एवं जिनके माता-पिता जीवित नहीं हैं, ऐसे प्रकरण में क्या उन सदस्यों को जिन पर उनके परिवार के देखभाल की जिम्मेदारी थी, उनको आर्थिक सहायता दी जायेगी एवं कब तक? ऐसे कितने प्रकरण हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) कोरोना काल (कोविड-19) में मृत लोगों के परिजनों को आर्थिक सहायता दिये जाने के लिये राजस्‍व विभाग द्वारा मुख्यमंत्री कोविड-19 (अनुग्रह राशि 50 हजार) हेतु निर्देश जारी किये गये हैं। कोविड-19 प्रभावित रोगियों एवं नागरिकों को अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे शासकीय कर्मियों हेतु सुरक्षा कवच के रूप में मुख्यमंत्री                                 कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना जारी की गई थी। मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना में 05 प्रकरणों में योजना के प्रावधानानुसार दस्‍तावेज पूर्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। पूर्ति उपरांत पात्र होने पर सहायता दी जावेगी। (ख) सागर जिले में कोई प्रकरण लंबित नहीं है। अत: प्रश्‍न उदभूत नहीं होता।

 

 

कुंडालिया वृहद परियोजना

[जल संसाधन]

22. ( *क्र. 345 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की कुंडालिया वृहद परियोजना से सारंगपुर विधानसभा के छूटे हुए क्षेत्र को सिंचाई से लाभान्वित किए जाने हेतु माननीय मुख्‍यमंत्री महोदय को निवेदन किया गया था? यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर के सिंचाई के लाभ से छूटे हुए क्षेत्र लाभान्वित किए जाने हेतु विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में यदि विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई है, तो उसकी पुनरीक्षित प्रशासकीय स्‍वीकृ‍ति कब तक प्रदान की जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। वस्‍तुस्थिति यह है कि विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत सिंचाई लाभ से छूटे हुए क्षेत्र को परियोजना के सैच्‍य क्षेत्र में सम्मिलित किए जाने हेतु कुण्‍डालिया बांध में अतिरिक्‍त जल की मात्रा उपलब्‍ध न होने के कारण मैदानी कार्यालय द्वारा छूटे हुए क्षेत्र को सिंचित किए जाने हेतु मोहनपुरा बांध से सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध कराने हेतु परियोजना रिपोर्ट तैयार कर उनके कार्यालयीन पत्र दिनांक 24.05.2022 द्वारा प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग, भोपाल को प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है। वर्तमान में प्रस्‍ताव का तकनीकी एवं वित्‍तीय मापदण्‍ड आदि का परीक्षण मुख्‍य अभियंता (बोधी), कार्यालय में प्रचलन में है। प्रस्‍ताव अंतिम होने पर स्‍वीकृति के संबंध में निर्णय लिया जाना संभव होगा। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

अवैध अतिक्रमण ह‍टाया जाना

[राजस्व]

23. ( *क्र. 46 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                      (क) प्रदेश में भू-माफिया अभियान के तहत प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस जिले में भू-माफियाओं द्वारा शासकीय भूमि पर किये गये अतिक्रमण को हटाया गया एवं कितनी-कितनी भूमि को अतिक्रमण से मुक्‍त कराया गया है? (ख) क्‍या प्रदेश में अपराध करने वालों की सम्‍पत्ति को अवैध अतिक्रमण के नाम पर तत्‍काल बुल्‍डोजर चलाकर तोड़ा जा रहा है? यदि हाँ, तो क्‍या प्रदेश में बड़ी संख्‍या में शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो यह अतिक्रमण क्‍यों नहीं हटाया जा रहा है? (ग) क्‍या देवास जिले के शासकीय विद्यालय के परिसरों पर अतिक्रमण कर कब्‍जे किये गये हैं? यदि हाँ, तो किन-किन विद्यालयों के परिसरों के अतिक्रमण अभी तक नहीं हटाये गये? कारण भी बताएं।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है।                                                                      (ख) जी नहीं। यह कहना सही नहीं है कि प्रदेश में बड़ी संख्‍या में शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर निर्माण किया गया है। शासकीय भूमि के अतिक्रमण के मामले में म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 248 एवं नगर पालिका अधिनियम की सम्‍यक धाराओं में प्रकरण दर्ज कर बेदखली आदेश पारित कर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाती है, जो एक सतत् प्रक्रिया है।                                                             (ग) जिला देवास की तहसील खातेगांव के ग्राम अकावल्‍या में 300 वर्गफीट भूमि पर किये गये अतिक्रमण हटाये जाने की कार्यवाही प्रचलित है।

परिशिष्ट - "सात"

मल्‍लारा तालाब सर्वेक्षण की जांच

[जल संसाधन]

24. ( *क्र. 1069 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश शासन जल संसाधन विभाग मंत्रालय, वल्‍लभ भवन भोपाल पत्र क्रमांक एफ                                                     16-33/2016/पी-2/31, भोपाल 2018 श्री सी.एल. मरकाम एस.डी.ओ. जल संसाधन मुलताई द्वारा विकासखण्‍ड प्रभात पट्टन तहसील मुलताई, जिला बैतूल की मल्‍लारा तालाब योजना का त्रुटिपूर्ण सर्वेक्षण कार्य कर भू-अर्जन की मात्रा का त्रुटिपूर्ण प्रावधान करने हेतु अनुमति है? यदि हाँ, तो क्‍यों? नहीं तो उसकी प्रति दें। (ख) क्‍या तकनीकी एवं वित्‍तीय रूप से साक्ष्‍य पाये जाने पर योजना की साध्‍यता स्‍वीकृति मध्‍यप्रदेश शासन जल संसाधन विभाग, मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक                                                                     डी-1498/2012/ल.सि./1, भोपाल दिनांक 03.08.2012 द्वारा प्रदान की गई, जिसके अनुसार योजना की लागत रू. 161.46 लाख आकलित थी एवं इससे 100 हे. क्षेत्र में सिंचाई किया जाना प्रस्‍तावित था? यदि हाँ, तो प्रति दें। यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं? (ग) श्री सी.एल. मरकाम द्वारा योजना की प्रशासकीय स्‍वीकृति हेतु प्रस्‍ताव में कुल 11 हे. जिसमें निजी भूमि 04 हे. सिंचित एवं 07 हे. असिंचित भूमि सम्मिलित थी, के अधिग्रहण हेतु रू. 67.35 लाख की राशि प्रस्‍तावित थी, पर म.प्र. शासन जल संसाधन विभाग मंत्रालय के आदेश क्र. एफ 22/06/2013-14/ल.सि./31/भो., दिनांक 22.08.2013 द्वारा 228.15 लाख की प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रदान की गई। योजना के निर्माण कार्य पूर्ण होने पर वास्‍तवित डूब प्रभावित क्षेत्र 17.932 हे. निजी सिंचित भूमि 08.630 हे. एवं असिंचित 08.102 हे. होना पाया गया, जो कि स्‍वीकृति में दर्शित डूब क्षेत्र 11.00 हे. ही है। यदि हाँ, तो प्रति दें। यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं? (घ) योजना की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्‍वीकृति म.प्र. शासन के                                          एफ-22/03/2016-17/ल.सि./31/679, दिनांक 05.04.2018 रू. 310.34 लाख की प्रदान की गई, जो बढ़ी हुई राशि है? यदि हाँ, तो कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? प्रकरण की क्‍या पुन: जांच की जावेगी? प्रश्‍नांश (क) से (घ) तक बिन्‍दुवार उत्‍तर दें कि शासन किस नाम/पदनाम को दोषी मानता है? दोषियों के विरूद्ध कब तक निलंबन की एवं विभागीय जांच की कार्यवाही करेगा।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) श्री सी.एल. मरकाम एस.डी.ओ. जल संसाधन विभाग, मुलताई द्वारा विकासखण्‍ड प्रभातपट्टन, तहसील मुलताई जिला बैतूल की मल्‍लारा तालाब योजना के त्रुटिपूर्ण सर्वेक्षण के संबंध में तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि श्री मरकाम को मल्‍लारा जलाशय परियोजना का त्रुटिपूर्ण सर्वेक्षण कर भू-अर्जन की मात्रा का त्रुटिपूर्ण प्रावधान करने की अनुमति नहीं दी गई, अपितु श्री मरकाम को मल्‍लारा जलाशय परियोजना का त्रुटिपूर्ण सर्वेक्षण कर भू-अर्जन की मात्रा का त्रुटिपूर्ण आकलन करने के कारण शासन के आदेश क्रमांक-एफ 16-33/2018/ पी-2/31, दिनांक 01.12.2018 द्वारा आरोप पत्रादि जारी किए जाकर विभागीय जाँच संस्थित की गई। आरोप पत्र के परिप्रेक्ष्‍य में श्री मरकाम द्वारा प्रस्‍तुत बचाव उत्‍तर को मान्‍य कर शासनादेश                                                               क्रमांक-एफ 16-33/2018/पी-2/31, दिनांक 18.01.2019 द्वारा किसी कार्यवाही के बिना प्रकरण समाप्‍त किया गया। शासनादेश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परि‍शिष्‍ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''दो'' (पृ. 1 से 5) अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''तीन'' (पृ. 1 से 5) एवं ''चार'' (पृ.1 से 2) अनुसार है। (घ) जी हाँ। परियोजना की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्‍वीकृति शासनादेश दिनांक 05.04.2018 द्वारा राशि रू. 310.34 लाख की प्रदान की गई। परियोजना की प्रशासकीय स्‍वीकृत राशि से पुनरीक्षित प्रशासकीय स्‍वीकृत राशि में वृद्धि होने का एक कारण भू-अर्जन की मात्रा तथा राशि में वृद्धि होना भी था। भू-अर्जन की मात्रा के त्रुटिपूर्ण आकलन/प्रावधान के लिए दोषी अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय जॉंच की जाकर शासनादेश दिनांक 18.01.2019 द्वारा प्रकरण समाप्‍त किया जा चुका है। अत: प्रकरण में पुन: जॉंच की आवश्‍यकता नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

वन ग्राम, मजरा एवं टोला में निर्माण कार्य की स्‍वीकृति‍

[वन]

25. ( *क्र. 682 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिला अन्‍तर्गत कुल क‍ितने वन ग्राम, मजरा, टोला हैं? विकास खण्‍डवार अलग-अलग नाम एवं जनसंख्‍या दर्शाकर सूची देवें। (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर में वर्णित सूची अनुसार इन वन ग्रामों, मजरों एवं टोलों में समुचित विकास नहीं हो पा रहा है? यदि नहीं, तो विभाग द्वारा इन ग्रामों का राजस्‍व ग्रामों की तरह विकास हो, ऐसी कार्य योजना बनाई जा रही है? नहीं तो क्‍यों? (ग) क्‍या इन ग्रामों मजरों एवं टोलों में शाला भवन, पंचायत भवन, आंगनवाड़ी केन्‍द्र, उप स्‍वास्‍थ्य केन्‍द्र, सामुदायिक भवन, हैण्‍डपम्‍प, सड़क निर्माण जैसे अनेक विकास कार्यों हेतु जनहित में निर्माण की अनुमति पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को दी जावेगी? नहीं तो क्‍यों?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विदिशा जिले के सामान्‍य वनमंडल के अंतर्गत कुल 05 वनग्राम हैं, जिनका विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) वनग्रामों के विकास के लिये पृथक से कोई कार्य-आयोजना नहीं है, परन्‍तु वनग्रामों के विकास कार्यों के लिए नोडल एजेन्‍सी द्वारा प्रस्‍ताव प्रेषित करने पर वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के अंतर्गत कार्यवाही की जाती है।                                                              (ग) इन वन ग्रामों मजरों एवं टोलों में शाला भवन, पंचायत भवन, आंगनवाड़ी केन्‍द्र, उप स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र, सामुदायिक भवन, हैण्‍डपम्‍प, सड़क, निर्माण जैसे अनेक विकास कार्यों हेतु जनहित में निर्माण की अनुमति हेतु प्रस्‍ताव वन विभाग को प्राप्‍त होते हैं, तो वन विभाग द्वारा वन संरक्षण अधिनियम के तहत अनुमति जारी की जाती है। शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "आठ"

 

 



भाग-2

नियम 46 (2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्‍नोत्तर के रुप में परिवर्तित तारांकित प्रश्‍नोत्तर


बिना अनुमति वृक्षों की कटाई

[राजस्व]

1. ( क्र. 3 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.शासन के द्वारा मध्यप्रदेश आदिम जनजातियों का संरक्षण (वृक्षों में हित) अधिनियम 1999 एवं नियम 2020 में आदिम जनजातियों को शोषण से बचाने की दृष्टि से उनके खेतों पर खड़े हुए वृक्षों में उनके हितों का संरक्षण करने से संबंधित विधि को समेकित तथा संशोधित करने हेतु शासन द्वारा कोई आदेश प्रसारित किया गया था? यदि हाँ, तो कब? नियम एवं आदेश की प्रति उपलब्ध कराये। (ख) क्या सिवनी जिले के विकासखंड कुरई के अन्तर्गत ग्राम ढुटेरा राजस्व निरीक्षक मण्डल सुकतरा तहसील कुरई के भूमि स्वामी भोजलाल पिता मिहिलाल वगैरह जाति गोंड भूमि स्वामी की भूमि खसरा नंबर 92/4, 127/4,140/3,150/4,167,169/3,174/2,185/2,309/4,476/5 में स्थित ईमारती सागवान एवं गैर इमारती वृक्षों की कटाई बिना अनुमति के की गई है? यदि हाँ, तो किस सक्षम अधिकारी की अनुमति से वृक्षों की कटाई करायी गई? क्या भूमिस्वामी के द्वारा वृक्ष काटने हेतु कोई आवेदन पत्र सीमांकन रिपोर्ट, फील्ड बुक, वृक्षों को काटने हेतु वृक्षों की सूची विधिवत पेश की गई थी? हाँ तो कब?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ख) जी नहीं। केवल भूमि स्‍वामी के खसरा नंबर 169/3 की सीमा तथा वन क्षेत्र में वन विकास निगम के द्वारा उपचार हेतु डाले गये कूप वर्ष 2019-20 की सीमा पर लगभग 10-12 वर्ष पूर्व, अज्ञात लोगों के द्वारा बिना सक्षम अनुमति के 01 लोखंडी, 01 मवई एवं 01 लेंड़ि‍या प्रजाति के 03 गैर इमारती वृक्षों को काटे जाने के पुराने डूंठ पाये गये हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "नौ"

लकड़ी नीलामी की राशि का भुगतान

[वन]

2. ( क्र. 4 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्‍कालीन डी.ओ.एफ.श्री डी.के. वासनिक, दिनेश झारिया डिप्टी रेंजर, वनरक्षक देवेन्द्र ग्रामोत्तर की देख-रेख में बिना अनुमति के लगभग 18 एकड़ में स्थित ईमारती/गैर ईमारती वृक्षों को काटा जाकर दिनांक 09.02.2021 को 35 ट्रक 356.71 घनमीटर एवं दिनांक 12 मार्च को 12 ट्रक 121.862 घनमीटर लकड़ी माह अप्रैल में 35 ट्रक 333.455 घनमीटर लकड़ी इस तरह कुल सतकठा 567 घनमीटर एवं सागौन 242.490 घनमीटर कुल 811.388 घनमीटर लकड़ी का विदोहन कर बैहरई डिपों में परिवहन कराया गया था? यदि हाँ, तो किस अधिकारी की अनुमति से अवैध रूप से कटाई की गई थी? (ख) क्या भूमिस्वामी की भूमि में स्थित ईमारती/गैर इमारती वृक्षों को काटे जाने पर बरघाट परियोजना के तत्कालीन अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध शासन/विभाग कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या बैहरई डिपों से लकड़ी की नीलामी करने के उपरांत भूमिस्वामियों को नीलामी से प्राप्त राशि को उनके खाते पर अंतरित की गई है? यदि हाँ, तो पृथक-पृथक दिनांक बतायें। यदि नहीं, तो क्यों?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रश्‍नांकित क्षेत्र में बिना अनुमति के कोई पातन या परिवहन नहीं कराया गया है। भारत सरकार की अनुमति उपरान्त विभिन्न तिथियों में पातन और परिवहन मध्‍यप्रदेश वन विकास निगम द्वारा किया गया है। (ख) एवं (ग) प्रश्‍नांश के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

ठेकेदारों से पेनाल्‍टी की वसूली

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

3. ( क्र. 26 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्‍या म.प्र. स्‍टेट सिविल सप्‍लाई कार्पो. द्वारा रेक, लंबी दूरी परिवहन, द्वार प्रदाय योजना, डेमरेज, वारफेज एवं शासन द्वारा चलाई जा रही विभिन्‍न योजनाओं में विलंब से परिवहन करने वाले प्रदेश के ठेकेदारों को नोटिस जारी कर पेनाल्‍टी वसूली की कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार प्रश्‍न दिनांक से गत 3 वर्षों में जारी किये गये नोटिस एवं पेनाल्‍टी राशि जो भी स्थिति हो की जानकारी ठेकेदारवार, जिलेवार देवें? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अंतर्गत कितनी राशि वसूल की गई? विवरण दें। यदि वसूली नहीं की गई है तो कारण बतावें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) एवं (ख)  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है(ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में पेनाल्‍टी वसूली की कुल राशि रूपये 6,72,51,805/- की गई है।

शरणार्थियों को आवंटित भूमि की जानकारी

[राजस्व]

4. ( क्र. 39 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान बंगलादेशी शरणार्थियों को इंदौर में खजराना थाने के पीछे एवं कनाडिया रोड पर सरकारी भूमि आवंटित की गई थी? यदि हाँ, तो किन-किन हितग्राहियों को कितने-कितने स्क्वेयर फीट भूमि आवंटित की गई थी? सूची उपलब्ध करावें। (ख) कनाडिया रोड पर कतिपय भू-माफिया लोग शरणार्थियों से महंगे दामों पर भूमि/भवन खरीद रहे हैं? क्या उक्त सरकारी भूमि को हितग्राहियों को बेचने का अधिकार है? कनाडिया रोड पर अभी तक कितने प्लॉट/मकान की बिक्री की रजिस्ट्री हो गई है? (ग) कनाडिया रोड की रजिस्ट्री को कब निरस्त किया जावेगा? शरणार्थियों को खजराना थाने के पीछे एवं कनाडिया रोड पर आवंटित सरकारी भूमि को अन्य          भू-माफिया से बचाने हेतु बिक्री/रजिस्ट्री पर रोक कब लगाई जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। 175 हितग्राहियों को 13 बाय 66 वर्गफीट के 1-1 भूखण्ड/भवन आवंटित किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार  है। (ख) जी हाँ। 15 व्यक्तियों के क्रय-विक्रय की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जाँच उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। भूखण्ड/भवन के क्रय-विक्रय पर रोक लगायें जाने हेतु जिला पंजीयक इंदौर को लिखा गया है।

राजस्व प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

5. ( क्र. 61 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) जबलपुर जिले में भूमि जायेदाद सम्बंधी नामांतरण, सीमांकन, बंटवारा व अविवादित पंजीकृत कितने-कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया? कितने प्रकरण लम्बित हैं? विशेष अभियान के तहत कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया? कितने प्रकरणों का निर्धारित समयावधि में निराकरण नहीं किया गया? इस सम्बंध में शासन एवं जिला प्रशासन ने कब-कब क्या दिशा निर्देश जारी किये हैं? वर्ष 2019-20 से 2022-23 तक की तहसीलवार व माहवार जानकारी दें। (ख) न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) में पंजीकृत कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया एवं कितने-कितने प्रकरण लम्बित है? माहवार पृथक-पृथक जानकारी दें। राजस्व प्रकरणों का निर्धारित समयावधि में निराकरण न करने, लापरवाही बरतने वाले दोषी किन-किन अधिकारियों पर जिला प्रशासन ने कब क्या कार्यवाही की हैं? (ग) लोकायुक्त पुलिस (संगठन) आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्‍यूरो (ई.ओ.डब्ल्यू.) ने कब-कब किन-किन कर्मचारियों अधिकारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है एवं छापे में किस-किस के पास कितनी-कितनी नगद राशि व कितनी-कितनी चल-अचल सम्पति बरामद की हैं? शासन ने आरोपी किन-किन कर्मचारियों, अधिकारियों के विरूद्ध कब क्या कार्यवाही की है? सूची दें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जबलपुर जिले में भूमि जायेजाद संबंधी नामांतरण के सीमांकन, बंटवारा विवादित/अविवादित प्रकरणों का निराकरण की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार। अविवादित प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण किया गया है। वर्तमान में नामान्तरण के 3154, बंटवारा के 500, सीमांकन के 1030, प्रकरण लंबित है। विशेष अभियान (अभिलेख शुद्धिकरण पखवाड़ा के तहत 8198 प्रकरणों का निराकरण किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "ब" अनुसार। वर्ष 2019-20 से 2022-23 तक की तहसीलवार माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ"  अनुसार(ख) न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) में पंजीकृत/निराकृत/लंबित प्रकरणों की तहसीलवार  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "अ" अनुसार। राजस्व प्रकरणों का समय पर निराकरण न करने, लापरवाही बरतने वाले दोषी अधिकारियों पर जिला प्रशासन द्वारा की गयी कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "स" अनुसार(ग) लोकायुक्त संगठन आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो दवारा रिश्वत लेते हुए पकड़े गये अधिकारियों, कर्मचारियों व पटवारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "द" अनुसार। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

पहाड़ि‍यों के सौंदर्यीकरण की योजना

[वन]

6. ( क्र. 62 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन मण्डल सामान्य जबलपुर ने पर्यटन की दृष्टि से ठाकुरताल की पहाड़ि‍यों को नैसर्गिक सौंदर्य प्रदान करने हेतु नगर वन योजना कब क्या बनाई है? इसका कुल रकबा कितना है एवं कितने क्षेत्रफल में कौन-कौन सा विकास एवं निर्माण कार्य कराना स्वीकृत/प्रस्तावित है? शासन ने कब कितनी राशि की प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति दी है तथा कब कितनी राशि का बजट प्रावधान किया है? कब-कब कितनी-कितनी राशि आवंटित की है और कब से कितनी राशि आवंटित नहीं की है एवं क्यों? (ख) प्रश्‍नांकित योजना के तहत कितने क्षेत्रफल को नैसर्गिक स्वरूप में कब विकसित किया गया है एवं कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से विकास कार्य कब किस एजेन्सी से कराये है?            10 कि.मी. का पैदल ट्रैक व 3.5 कि.मी. के हिस्से में सफारी कार्य कब कितनी राशि में कराया गया है। पर्यटकों की सुविधा की दृष्टि से कौन-कौन सा कार्य कराया गया है? (ग) ठाकुरताल की पहाड़ियों के कितने क्षेत्रफल में अवैध कब्जा, अतिक्रमण व अवैध निर्माण है तथा कितने क्षेत्रफल को कब्जा मुक्त कराया गया हैं? प्रस्तावित कौन-कौन सा विकास कार्य कब से नहीं कराया गया एवं क्यों? वाचटावर व गेट का निर्माण कार्य कब से रूका पड़ा है एवं क्यों? शासन शेष कार्यों के लिये कब तक आवश्यक राशि का आवंटन कर निर्माण कार्य पूर्ण कराना सुनिश्चित करेगा?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वनमंडल जबलपुर द्वारा पर्यटन की दृष्टि से ठाकुरताल की पहाड़ियों को नैसर्गिक सौंदर्य प्रदान करने हेतु नगर वन योजना अंतर्गत वर्ष 2016-17 में रकबा 149.95 हेक्टेयर का प्रस्ताव तैयार कर चैनलिंक फैसिंग/क्षेत्र सफाई, वृक्षारोपण/नेचुरल ट्रेल/वाचटॉवर/गेट निर्माण/सोलर लाईट सोलर पंप (सोलर सिस्टम), तालाब गहरीकरण, पोर्टबल टॉयलेट, पार्क बैचेंस, बंक हाउस आदि कार्य प्रस्तावित किया गया, जिसकी प्रशासकीय स्वीकृति राष्‍ट्रीय कैम्‍पा प्राधिकरण, नई दिल्‍ली के पत्र क्रमांक-13-28 (29) NVY/2015 CAMPA January, 2017 एवं प्रधान मुख्य वन संरक्षक के पत्र क्रमांक एफ-2/2016/10-3/445, दिनांक 20.07.2017 से दी गई। तकनीकी स्वीकृति मुख्‍य वन संरक्षक मध्यवन वृत जबलपुर के आदेश कं./व्यय/31, दिनांक 14.08.2017 से राशि रू. 2.00 करोड़ की दी गई। राशि आवंटन का विवरण निम्‍नानुसार है :-

वर्ष

आवंटित राशि रूपये में

योग

राज्‍यांश

केन्‍द्रांश

2017-18

1660000

8000000

9660000

2018-19

2016358

0

2016358

2019-20

0

7350000

7350000

योग

3676358

15350000

19026358

आगामी वर्षों में राशि ए.पी.ओ. में स्वीकृत न होने के कारण आवंटित नहीं की गई। नवीन नगर वन की स्‍थापना का प्रस्‍ताव भारत सरकार के पत्र क्रमांक-FNOE.I-3/2021B-1 (NAEB) दिनांक 18.11.2021 से 50 हेक्‍टेयर हेतु स्वीकृत किया गया है जिस हेतु राशि रूपये 95.75 लाख विमुक्त की गई है। प्रोजेक्ट पुनरीक्षित होने के कारण कार्य प्रारंभ नहीं किये गये है। (ख) उत्‍तरांश () में उल्‍लेखित अवधि में कार्य योग्‍य 100 हेक्‍टेयर क्षेत्र को वि‍कसित किया गया है। 10 कि.मी. का पैदल ट्रैक वर्ष 2019-20 में राशि 11.84 लाख से कराया गया है। 3.5 कि.मी. हिस्‍से की सफारी कार्य नहीं कराया गया है। प्रश्‍नांश की शेष जानकारी संलग्न  परिशिष्‍ट  में है। (ग) नगर वन उद्यान ठाकुरताल की पहाड़ि‍यों में कोई भी अतिक्रमण अवैध कब्‍जा या निर्माण विभाग के संज्ञान में नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। वाच टावर व गेट निर्माण कार्य वर्षान्‍त 31 मार्च, 2020 से शेष है। आगामी वर्षों के ए.पी.ओ. में राशि आवंटित न होने के कारण कार्य रूका है। अत: समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "दस"

कृषि धारकों को बैंकों द्वारा जारी किसान क्रेडिट कार्ड

[राजस्व]

7. ( क्र. 76 ) श्रीमती कल्पना वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) जिला सतना विधान सभा क्षेत्र रैगांव में प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितने कृषि भूमि धारक किसान हैं? (ख) उपरोक्‍त में से कितने किसानों के पास बैंकों द्वारा जारी किसान क्रेडिट कार्ड हैं तथा कितने किसान फसल बीमा से जुड़े हैं? (ग) क्‍या सरकार की जानकारी में है कि जिन किसानों के पास जारी किसान क्रेडिट कार्ड नहीं हैं, उन्‍हें निजी साहूकारों से कर्ज लेने के लिये मजबूर होना पड़ता है? (घ) यदि हाँ, तो क्‍या सरकार सभी किसानों को समय-सीमा में किसान क्रेडिट कार्ड के दायरे में लाने के लिये अधिकारियों को निर्देशित करेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) विधानसभा रैगांव अन्‍तर्गत कुल 96748 किसान कृषि भूमि धारक है। (ख) उपरोक्‍त में से बैकों द्वारा कुल 27268 किसानों के पास क्रेडिट कार्ड है तथा कुल 15415 किसान फसल बीमा से जुडे है। (ग) जी नहीं। जिले में ऐसा कोई मामला प्रकाश में नहीं है। (घ) उत्‍तरांश (ग) के प्रकाश में, प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

शासकीय लीज भूमि का मद परिवर्तन

[राजस्व]

8. ( क्र. 86 ) श्री ग्‍यारसी लाल रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) सेंधवा नगरीय क्षेत्र में शिक्षा एवं अन्‍य व्‍यवसायिक उपयोग के लिये किन-किन व्‍यक्ति/संस्‍थाओं को पिछले 10 साल में कितनी शासकीय भूमि लीज पर दी गई हैं? (ख) क्‍या लीज की शर्तों के अनुसार भूमि का उपयोग किया जा रहा हैं? यदि नहीं, तो वर्तमान में उस भूमि का क्‍या उपयोग किया जा रहा हैं? (ग) क्‍या सेंधवा नगर में शासकीय लीज भूमि का मद परिवर्तन किया जाकर अन्‍य व्‍यवसाय जैसे:- होटल, कॉलोनी निर्माण इत्‍यादि कार्य किये जा रहे हैं, जिसमें शासन को करोड़ों रूपयों की राजस्‍व की हानि हो रही हैं? इसके लिये कौन अधिकारी जिम्‍मेदार हैं? (घ) क्‍या शासकीय लीज भूमि का मद परिवर्तन करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध निलंबन एवं विभागीय जांच की कार्यवाही तथा लीज धारकों की लीज निरस्‍त कर भूमि को शासकीय अधिपत्‍य में लिये जाने की कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) सेंधवा नगरीय क्षेत्र में शिक्षा एवं अन्य व्यवसायिक उपयोग के लिये निजी व्यक्ति/संस्थाओं को पिछले 10 साल में शासकीय भूमि लीज पर नहीं दी गई है। (ख) से  (घ) उत्‍तरांश () के परिप्रेक्ष्‍य में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

शासकीय भूमि का आवंटन

[राजस्व]

9. ( क्र. 87 ) श्री ग्‍यारसी लाल रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र में तहसील सेंधवा एवं तहसील वरला में स्थित नगरीय निकाय, नगर पंचायत व ग्राम पंचायतों में कहाँ-कहाँ कितनी शासकीय भूमि उपलब्‍ध हैं? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ख) शासकीय भूमि को किसी संस्‍था या अन्‍य को आवंटित करने के क्‍या             दिशा-निर्देश हैं? नियमावली उपलब्‍ध करायें। (ग) सेंधवा नगरीय सीमा के अंतर्गत वर्ष 2016 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक कितनी शासकीय भूमि किसी संस्‍था या अन्‍य व्‍यक्ति को आवंटित की गई?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे                    परिशिष्ट-''एक''  अनुसार है। (ख) इस संबंध में म.प्र. नजूल भूमि निर्वतन निर्देश, 2020 का द्वितीय संस्करण राजस्‍व विभाग की वेबसाईट www.govtpressmp.nic.in पर उपलब्‍ध है जिसे डाउनलोड भी किया जा सकता है। जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-''दो'' अनुसार है। (ग) सेंधवा नगरीय सीमा के अन्‍तर्गत वर्ष 2016 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक शासकीय भूमि निजी संस्था या अन्य व्यक्ति को आवंटित नहीं की गई।

राजस्‍व न्‍यायालय के आदेशों का पालन

[राजस्व]

10. ( क्र. 138 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 में किस-किस धारा में राजस्‍व न्‍यायालय की क्‍या-क्‍या परिभाषा दी गई है? किस-किस राजस्‍व न्‍यायालय द्वारा दिए गए आदेशों या निर्णयों का पालन किए जाने की क्‍या-क्‍या समय-सीमा निर्धारित हैं। (ख) राजस्‍व न्‍यायालयों द्वारा दिए गए आदेश एवं निर्णय पर यदि किसी अन्‍य न्‍यायालय ने स्‍थगन आदेश जारी नहीं किया है तो ऐसे आदेश एवं निर्णय का पालन किए जाने की समयावधि क्‍या है और इसकी जिम्‍मेदारी किस पर हैं? पृथक-पृथक बतावें। (ग) मध्‍यप्रदेश शासन ने राजस्‍व न्‍यायालयों द्वारा दिए गए आदेशों या निर्णयों का निश्चित समयावधि में पालन सुनिश्चित किए जाने के संबंध में किस-किस दिनांक को पत्र, परिपत्र, आदेश, निर्देश जारी किए हैं? प्रति सहित बतावें। यदि नहीं, किए हैं तो कब तक किए जावेंगे?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 31 में राजस्‍व न्‍यायालय की परिभाषा दी गई है जो इस प्रकार है:- मण्‍डल तथा राजस्‍व अधिकारियों की न्‍यायालयों की प्रास्थिति का प्रदान किया जाना- मण्‍डल या राजस्‍व अधिकारी जब कि वह राज्‍य सरकार तथा किसी व्‍यक्ति के बीच या किन्‍हीं कार्यवाहियों के पक्षकारों के बीच अवधारण के लिये उद्भूत होने वाले किसी प्रश्‍न की जांच करने या उसे विनिश्चित करने के लिये इस संहिता या तत्‍समय प्रवृत्‍त किसी अन्‍य अधिनियमित के अधीन शक्ति का प्रयोग कर रहा हो राजस्‍व न्‍यायालय होगा। (ख) एवं (ग) मध्‍यप्रदेश राजस्‍व संहिता के अध्‍याय चार की धारा 44 से 51 के अनुसार राजस्‍व अधिकारियों को संहिता में मूल आदेश अथवा अपील, पुनरीक्षण, पुनर्विलोकन शक्तियां प्राप्‍त है जिसके अंतर्गत सक्षम राजस्‍व अधिकारी द्वारा आदेश पारित किये जाते है। सक्षम राजस्‍व अधिकारी द्वारा जिस प्रावधान अंतर्गत आदेश पारित किये जा रहे है, उसमें वर्णित समयावधि अथवा आदेश में पीठासीन अधिकारी द्वारा आदेशित समयावधि में निर्देशित पदाधिकारी/कर्मचारी को आदेश का पालन किया जाना चाहिये।

बांध परियोजना के डूब क्षेत्र का व्‍यवस्‍थापन

[जल संसाधन]

11. ( क्र. 144 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 25 जून 2022 की स्थिति में सागर जिले में स्‍वीकृत किन-किन बांध/सिंचाई परियोजना में रायसेन जिले की बेगमगंज तहसील के कौन-कौन से गांव पूर्णत: डूब रहे हैं तथा उनके व्‍यवस्‍थापन हेतु आज दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) बेगमगंज तहसील के पूर्णत: डूब रहे ग्रामों के परिवारों को चिन्हित कर कब तक वैकल्पिक स्‍थान पर बसा दिया जायेगा? (ग) 25 जून 2022 की स्थिति में सागर जिले में स्‍वीकृत किन-किन बांध/सिंचाई परियोजना में रायसेन जिले की बेगमगंज तहसील के कौन-कौन से ग्रामों की भूमि डूब रही है तथा किन-किन ग्रामों के किसानों का मुआवजा राशि का भुगतान हो गया है तथा किन-किन ग्रामों के किसानों को मुआवजा राशि का भुगतान क्‍यों नहीं हुआ? (घ) क्‍या विभाग के अधिकारियों द्वारा रायसेन जिले की बेगमगंज तहसील के कुछ ग्रामों में निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी है? यदि हाँ, तो क्‍यों तथा इसकी सूचना कलेक्‍टर रायसेन एवं रायसेन जिले के सांसद/विधायकों को क्‍यों नहीं दी गई?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) 25 जून 2022 की स्थिति में मडिया बांध में जल भराव होने पर रायसेन जिले के कोई भी ग्राम डूब में नहीं आ रहे हैं। वर्तमान में बांध निर्माणाधीन है। पूर्ण भराव की स्थिति में पूर्ण रूप से डूब में आने वाले ग्राम चांदामऊ की भूमि का मुआवजा हेतु     भू-अर्जन हेतु धारा-21 की कार्यवाही तथा ग्राम ककरुआ की धारा 19 की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है। इन ग्रामों के मकानों एवं अन्‍य परिसंपत्तियों के अर्जन हेतु धारा-11 की कार्यवाही अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व), तहसील बेगमगंज में प्रक्रियाधीन है। डूब प्रभावित ग्रामों की आबादी के व्‍यवस्‍थापन हेतु तहसील बेगमगंज के गोपालपुर चुरक्कावीरपुर एवं उचेरा में स्थित शासकीय भूमि आवंटन की कार्यवाही कलेक्‍टर जिला रायसेन के स्‍तर पर प्रचलन में है। (ख) बेगमगंज तहसील के पूर्णत: डूब में आने वाले ग्रामों के परिवारों को चिन्हित कर भू-अर्जन एवं अन्य कार्यवाही पूर्ण होने पर वैकल्पिक स्थानों पर बसाया जाना संभव होगा। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) सागर जिले में स्‍वीकृत बीना सिंचाई परियोजना अन्‍तर्गत मडिया बांध डूब क्षेत्र में आने वाले रायसेन जिले की बेगमगंज तहसील के ग्रामों की  सूची संलग्‍न  परिशिष्‍ट  अनुसार है। डूब में आ रहे 45 ग्रामों में से 10 ग्रामों का भू-अर्जन अवार्ड पारित किया जा चुका हैजिनके किसानों को मुआवजा राशि के भुगतान की कार्यवाही कलेक्‍टर रायसेन के स्‍तर पर प्रक्रियाधीन है। शेष ग्रामों के भू-अर्जन न होने के कारण मुआवजा राशि का भुगतान नहीं हुआ है। (घ) वस्‍तुस्थिति यह है कि मडिया बांध के डूब क्षेत्र में पूर्णत: डूब में आने वाले ग्राम क्रमश: ककरूआ, बरामदगढ़ी एवं चांदामऊ में प्रधानमंत्री/मुख्‍यमंत्री आवास स्‍वीकृत न किये जाने एवं स्‍वीकृत आवासों के निर्माण स्‍थगित रखे जाने हेतु कलेक्‍टरजिला रायसेन एवं अन्य अधिकारियों यथा मुख्‍य कार्यपालन अधिकारीजिला पंचायत रायसेनअनुविभागीय अधिकारी, (राजस्‍व) बेगमगंजजिला-रायसेनमुख्‍य कार्यपालन अधिकारीजनपद पंचायत बेगमगंजजिला रायसेन से पत्र दिनांक 20.09.2021 द्वारा अनुरोध किया गया था। कार्यवाही प्रचलन में होने के कारण अवगत कराने की स्थिति नहीं थी।

परिशिष्ट - "ग्यारह"

जारोली डेम की मरम्‍मत

[जल संसाधन]

12. ( क्र. 162 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि    (क) क्‍या विधानसभा क्षेत्र सबलगढ़ में रामपुर घाटी के नीचे क्‍वारी नदी पर जारोली घाट पर स्‍टाप डेम बनाया गया है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में उक्‍त निर्मित स्‍टाप डेम में घटिया किस्‍म की सामग्री का उपयोग किया गया जिसके कारण उक्‍त डेम की वाल पहली ही वर्षा में ध्‍वस्‍त होकर बहाव में बह गई है? यदि हाँ, तो उक्‍त घटिया निर्माण के लिये कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी एवं कार्य एजेंसी दोषी है एवं दोषी अधिकारी/कर्मचारियों एवं कार्य एजेंसी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ग) क्‍या उक्‍त डेम की विगत एक वर्ष से ध्‍वस्‍त वाल का निर्माण कार्य अभी तक नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो क्‍यों एवं इसके लिये उत्‍तरदायी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कार्यवाही कब तक की जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) स्टॉपडेम का निर्माण कार्य विभागीय स्पेसिफिकेशन एवं ड्राईंग अनुरूप कराया जाना प्रतिवेदित है। वर्ष 2021-22 में 28 जुलाई से 03 अगस्त के मध्य क्‍वांरी नदी के कैचमेन्ट में अतिवृष्टि के कारण बाढ़ का पानी रूपांकित फ्लड से 04.00 मीटर ऊपर तक जाने के कारण संरचना की बांयी ओर की की-वॉल क्षतिग्रस्त हुई जो कि प्राकृतिक आपदा का हिस्सा है। प्राकृतिक आपदा होने से क्षतिग्रस्त की-वॉल के लिए किसी अधिकारी/कर्मचारी एवं कार्य एजेन्सी को दोषी ठहराने तथा किसी के विरुद्ध कोई कार्यवाही किये जाने की स्थिति नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) डेम की की-वॉल की मरम्मत हेतु एजेन्सी निर्धारित होना प्रतिवेदित है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की आचार संहित लागू होने के कारण अनुबंध नहीं हुआ है। आचार संहिता हटने के पश्चात् अनुबंध संपादित कराकर कार्य कराया जाना संभव होगा। किसी अधिकारी/कर्मचारी पर कार्यवाही किए जाने की स्थिति नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

वि.स. सबलगढ़ के स्‍वीकृत बांधों के संबंध मे

[जल संसाधन]

13. ( क्र. 163 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍न क्रमांक 316 दिनांक 22.12.2021 को माननीय जल संसाधन मंत्री महोदय म.प्र. से प्रश्‍नकर्ता द्वारा पूछे गये विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 03 सबलगढ़ के रामपुर घाटी क्षेत्र के प्रस्तावित बांधों के संबंध के प्रश्‍न के जवाब में बताया गया था कि उक्‍त डेमों की साध्‍यता हो चुकी है चूंकि करोना काल होने के कारण बजट का अभाव है एवं शीघ्र ही स्‍वीकृति प्रदाय कर बजट स्‍वीकृत किया जायेगा? (ख) प्रश्‍नांश (क) यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक इस संदर्भ में क्‍या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्‍यों एवं कार्यवाही कब तक की जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) तथ्यात्मक स्थिति यह है कि प्रश्‍न के जवाब में बताया गया था कि ''शीघ्र ही इन योजनाओं का सर्वेक्षण कार्य किया जाकर अग्रिम कार्यवाही की जाएगी''। तत्‍समय नवलपुरा तालाब की साध्‍यता स्‍वीकृति दिनांक 03.08.2018 को दी जाकर सर्वेक्षण कार्य पूर्ण होना तथा डी.पी.आर. बनाने की कार्यवाही प्रचलन में होने की जानकारी दी गई थी एवं शेष 04 परियोजनाओं की साध्‍यता स्‍वीकृति दिनांक 04.03.2020 को दिया गया, जिसमें सर्वेक्षण कार्य नहीं हुआ था। वर्तमान में शेष सभी 04 योजनाओं का सर्वेक्षण कार्य पूर्ण कर लिया जाना प्रतिवेदित है। डी.पी.आर. तैयार करने की कार्यवाही मैदानी कार्यालयों में प्रचलन में है। डी.पी.आर. प्राप्‍त होने पर स्‍वीकृति के संबंध में निर्णय लिया जाना संभव होगा। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

पंचमनगर मध्यम सिंचाई परियोजना से किसानों को सिंचाई का लाभ

[जल संसाधन]

14. ( क्र. 188 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह में पंचमनगर परियोजना कब कितनी राशि से स्‍वीकृत की गई थी? स्‍वीकृति का प्रशासकीय आदेश प्रदाय करें। साथ ही यह बतायें कि पंचमनगर परियोजना में दमोह जिले के कौन-कौन से गांव के किसानों को सिंचाई का लाभ प्राप्‍त हो सकेगा? (ख) विधानसभा क्षेत्र हटा के हटा व पटेरा विकासखण्‍ड के किसानों द्वारा ज्ञापन के माध्‍यम से मांग आयी है कि हटा व पटेरा विकासखण्‍ड को भी उक्‍त योजना में शामिल किया जावे जिसके प्रस्‍ताव शासन स्‍तर पर भेजे गये हैं? क्‍या हटा व पटेरा विकासखण्‍ड को इस योजना में जोड़े जाने की समुचित कार्यवाही की जावेगी जिससे कि किसानों को लाभ प्राप्‍त हो सके?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) पंचमनगर मध्यम सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 31.03.2012 को राशि रू.263.10 करोड़ एवं पंचमनगर सिंचाई काम्प्लेक्स की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 03.01.2017 को राशि रू. 674.90 करोड़ की प्रदान की गई थी। प्रशासकीय स्‍वीकृति एवं पुनरीक्षित प्रशासकीय स्‍वीकृति के आदेश की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे   परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। परियोजना से दमोह जिले की पथरिया विकासखण्ड के अंतर्गत 11 ग्राम, बटियागढ़ विकासखण्ड के अंतर्गत 57 ग्रामों के किसानों को सिंचाई का लाभ प्राप्त होगा। ग्रामवार सूची  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र हटा के हटा व पटेरा विकासखण्ड के किसानों द्वारा उनके क्षेत्र को शामिल किए जाने हेतु ज्ञापन के माध्यम से मांग संबंधी जानकारी मैदानी कार्यालयों के संज्ञान में नहीं होना प्रतिवेदित है, अपितु मान. सदस्‍य का पत्र दिनांक 15.02.2021 मुख्‍यमंत्री कार्यालय के माध्‍यम से शासन को प्राप्‍त हुआ है। परियोजना के मूल प्रस्ताव में सम्मिलित ग्रामों की सिंचाई एवं पेयजल हेतु आवंटन के उपरांत शेष जल उपलब्ध नहीं होने के कारण अन्य ग्रामों को सम्मिलित किया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

रेत नीति के नियम 4 अनुसार रायल्‍टी की वापसी

[खनिज साधन]

15. ( क्र. 193 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विषयांकित रेत नीति के क्रमांक 04 में पंचायत द्वारा शासकीय योजनाओं जैसे स्‍वच्‍छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना तथा ऐसे कार्य जो पंचायतों द्वारा किये जा रहे हैं में निकटतम स्‍वीकृत रेत खदान से लायी गई रेत की रायल्‍टी की राशि वापस करने के प्रावधान हैं? (ख) प्रश्‍न दिनांक तक प्रदेश की विभिन्‍न ग्राम पंचायतों से रेत नीति में दी गई छूट अनुसार कार्यां में इस्‍तेमाल की गयी रेत की रायल्‍टी की राशि लौटाने के कितने प्रस्‍ताव विभाग को प्राप्त हुये हैं? जिले अनुसार जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ग) यदि प्रश्‍नांश (ख) में वर्णित कोई भी प्रस्‍ताव विभाग को प्राप्‍त नहीं हुआ है तो इसका अर्थ यह हुआ कि रेत नीति में शासन द्वारा पंचायतों को दी गयी इतनी बड़ी छूट की जानकारी विभाग पंचायतों तक नहीं पहुंचा सका। जानकारी न पहुंचाने के लिए दोषियों पर शासन क्‍या कार्यवाही करेगा तथा भविष्‍य में रेत नीति में छूट का लाभ पंचायतों को मिल सके, इसके लिए विभाग क्‍या कार्ययोजना बनाएगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। विभाग में प्रश्‍नानुसार रेत नीति लागू नहीं है। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार रेत नीति में प्रावधान न होने के कारण प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

किसान सम्मान निधि का भुगतान

[राजस्व]

16. ( क्र. 230 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसानों को किसान सम्मान निधि का भुगतान किये जाने की कोई योजना संचालित है? यदि हाँ, तो कब से? योजना का नाम एवं भुगतान किये जाने वाले राशि बतायें। (ख) प्रश्‍न (क) अनुसार शासन की उक्त योजना का लाभ किसानों को प्राप्त हो रहा है? यदि हाँ, तो संख्‍यावार जानकारी उपलब्‍ध करायें। यदि नहीं, तो क्यों? ऐसे कितने किसान हैं जिन्हें लाभ नहीं प्राप्त हो रहा है? संख्‍यावार जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ग) क्या उक्त योजना से वंचित किसानों को लाभान्वित किया जायेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें। यदि नहीं, तो कारण बतायें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। दिनांक 1.12.2018 से। योजना का नाम प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि योजना है एवं योजनांतर्गत एक वर्ष में प्रत्‍येक पात्र कृषक परिवार को रूपये 2000/- की तीन समान किश्‍तों में कुल राशि रूपये 6000/- का भुगतान किया जाता है। (ख) जी हाँ। दिनांक 10.07.2022 की स्थिति में 83,82,881 पात्र कृषक परिवारों को योजना का लाभ प्राप्‍त हो रहा है। प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि योजना के नियत मापदण्‍ड अनुसार जिन पात्र कृषक परिवारों से सही जानकारी प्राप्‍त हुई है, उन्‍हें योजना का लाभ निरंतर प्राप्‍त हो रहा है। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

शासकीय भूमि पर अवैध कब्‍जा

[राजस्व]

17. ( क्र. 237 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर की तहसील महाराजपुर में पदस्थ तहसीलदार के आदेश क्रमांक 864/री-2/2022 दिनांक 02-01-2022 द्वारा अतिक्रामक बालमुकुन्द पिता महादेव चौरसिया निवासी गढ़ी मलहरा की शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा करने की रिपोर्ट पुलिस थाना गढीमलहरा में दर्ज करायी गयी थी? यदि हाँ, तो तहसीलदार के आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या बालमुकुन्द चौरसिया की मृत्यु दिनांक 24-04-2018 को हो गयी थी? यदि हाँ, तो मृत व्यक्ति की रिपोर्ट शासन के नियम व निर्देशों के तहत की गयी थी? यदि हाँ, तो नियमों व निर्देशों की प्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो क्या आदेश जारी करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। तहसीलदार महाराजपुर के पत्र क्रमांक 864/री-2/2022 दिनांक 02/01/2022 की प्रति पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट  अनुसार है।              (ख) जी हाँ। अतिक्रामक की मृत्‍यु संबंधी तथ्‍य संज्ञान में न होने से संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

शिकायतों पर कार्यवाही

[राजस्व]

18. ( क्र. 238 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर की तहसील महाराजपुर में पदस्थ तहसीलदार का मूल पद बतायें। क्या उक्त तहसीलदार को माननीय मंत्री जी (राजस्व) द्वारा अग्रेषित आवेदन कलेक्टर छतरपुर द्वारा कार्यवाही हेतु दिया गया था? यदि हाँ, तो क्या उक्त आवेदन पर तहसीलदार द्वारा कार्यवाही की गयी थी? यदि हाँ, तो कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो क्यों कारण बतायें। (ख) क्या उक्त तहसीलदार द्वारा न्यायालय अपर कलेक्टर छतरपुर के प्रकरण क्रमांक 0020 अपील/2022-23 आदेश दिनांक 25-05-22 का पालन किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें। (ग) उक्त तहसीलदार वर्ष 2012 से प्रश्‍न दिनांक तक कहाँ-कहाँ पदस्थ रहे हैं एवं वर्ष 2012 से प्रश्‍न दिनांक तक इनके विरूद्ध कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है? उल्लेख करें। (घ) क्या उक्त तहसीलदार की शिकायत दिनांक 20-06-2022 एवं 24-06-2022 को कलेक्टर छतरपुर को की गयी थी? यदि हाँ, तो क्या उक्त शिकायतों पर सक्षम अधिकारी द्वारा कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें। यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें। (ड.) क्या शासन के नियमानुसार सक्षम अधिकारी द्वारा निर्धारित समय-सीमा पर कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध विभाग कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जिला छतरपुर की तहसील महाराजपुर में प्रभारी तहसीलदार के रूप में श्री सुनील वर्मा पदस्‍थ है, इनका मूल पद नायब तहसीलदार है। श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत, माननीय मंत्री जी (राजस्‍व) द्वारा अग्रेषित आवेदन जांच हेतु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) को कार्यालय के पत्र क्रमांक 11/शिका.2/2022 दिनांक 29.06.2022 से प्रेषित किया गया। जांच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) न्‍यायालय अपर कलेक्‍टर छतरपुर के प्रकरण क्रमांक 0020 अपील/2022-23 आदेश दिनांक 25.05.2022 के द्वारा अधीनस्‍थ न्‍यायालय का अभिलेख प्राप्‍त करने तक के लिए स्‍थगन आदेश जारी किया गया था। दिनांक 27.05.2022 को अधीनस्‍थ न्‍यायालय का अभिलेख प्राप्‍त हो गया है, जिससे स्‍थगन आदेश दिनांक 25.05.2022 शून्‍य हो गया है।              (ग) श्री सुनील वर्मा दिनांक 23.07.2012 से 28.01.2017 तक जिला गुना दिनांक 08.02.2017 से 10.07.2017 तक जिला विदिशा में दिनांक 01.08.2017 से 08.03.2019 तक जिला रीवा में। दिनांक 28.03.2019 से 05.07.2019 तक जिला रायसेन में। दिनांक 13.08.2019 से 17.07.2020 तक जिला होशंगाबाद में। दिनांक 30.07.2020 से वर्तमान तक जिला छतरपुर में। जिलें में पदस्‍थी दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक इनके विरूद्ध 03 शिकायतें प्राप्‍त हुई है। (घ) हाँ, तहसीलदार की शिकायत दिनांक 20.06.2022 एवं 24.06.2022 को कलेक्‍टर छतरपुर को की गयी थी। उक्‍त शिकायतों में आवेदक द्वारा पारित नामांतरण आदेश के प्रति असंतोष व्‍यक्‍त कर संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही हेतु लेख किया गया है, जबकि वसीयतनामा के आधार पर नामांतरण आदेश पारित किया जा चुका है। अत: आवेदक अनुतोष प्राप्ति हेतु स्‍वतंत्र है। शिकायतों की जांच प्रक्रियाधीन है निष्‍कर्ष उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ड.) आवेदक की शिकायत की जांच प्रक्रियाधीन है। जांच उपरांत ही आगामी कार्यवाही की जा सकेगी।

विधानसभा सिरमौर अंतर्गत उद्योगों की स्थापना

[राजस्व]

19. ( क्र. 252 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) क्या विकासखण्ड जवा के डभौरा में वीडियोकॉन एवं अन्य औद्योगिक समूहों के द्वारा शासन की औद्योगिक नीति के तहत किसानों की भूमि अधिग्रहीत की गई थी? यदि हाँ, तो कुल कितने रकबे का अधिग्रहण किया गया था? अधिग्रहीत की गई शासकीय एवं निजी भूमियों का खसरा क्रमांकवार विवरण उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुक्रम में कई वर्ष व्यतीत हो जाने के उपरांत भी अभी तक उक्त औद्योगिक समूहों के द्वारा किसी भी प्रकार का उद्योग स्थापित न कर पाने का क्या कारण है? क्या भविष्य में उक्त औद्यागिक समूहों के द्वारा उद्योग स्थापित कराये जावेंगे? यदि हाँ, तो विभाग के द्वारा क्या समय-सीमा निर्धारित की गई है? यदि नहीं, तो क्या अधिग्रहीत की गई भूमियों को कृषकों को वापस किया जावेगा? (ग) क्या विकासखण्ड सिरमौर अंतर्गत क्योंटी में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने संबंधी प्रस्ताव शासन स्तर पर स्वीकृत किया गया था? यदि हाँ, तो स्वीकृति उपरांत बिना प्रश्‍नकर्ता के संज्ञान में लाये उक्त संयंत्र को अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने का क्या कारण है? क्या स्वीकृत सौर ऊर्जा संयंत्र पुनः पूर्व प्रस्तावित स्थल क्योंटी में स्थापित कराया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता।               (ख) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता।

एक्वाडक्ट एवं स्‍टॉपडेम का घटिया निर्माण

[जल संसाधन]

20. ( क्र. 255 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) त्योंथर उद्वहन सिंचाई योजना के तहत कुल कितने एक्वाडक्ट एवं स्‍टॉपडेम का निर्माण कराया गया है? ऐसे समस्त निर्मित एक्वाडक्ट की लागत कितनी थी? क्या निर्माण एजेंसी को पूर्ण भुगतान कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो अब तक निर्मित एक्वाडक्ट निर्माण एजेंसी को कितना भुगतान किया जा चुका है? स्थलवार विवरण उपलब्ध करावें। (ख) विकासखण्ड जवा अंतर्गत कई एक्वाडक्ट ऐसे हैं जो निर्माण के उपरांत ही खराब हो गए हैं? क्या ऐसे स्थलों का भौतिक निरीक्षण कर टूटे हुए एक्वाडक्ट एवं स्‍टॉपडेम का मरम्मत कार्य कराया जावेगा? क्या    समय-सीमा के पूर्व खराब हो चुके एक्वाडक्ट एवं स्‍टॉपडेम की निर्माण एजेंसियों तथा कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारी के विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?      (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अनुक्रम में खराब हो चुके अथवा टूटे हुए एक्वाडक्ट एवं स्‍टॉपडेम की स्थलवार सूची उपलब्ध करावें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) त्‍योंथर उद्वहन सिंचाई योजना के अंतर्गत एक्‍वाडक्‍ट एवं स्‍टॉपडेम निर्माण नहीं कराया जाना प्रतिवेदित होने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) विकासखण्‍ड जवा अंतर्गत टमस नदी पर त्‍योंथर बहाव योजना में 6500 मी. की लम्‍बाई में साइफन एक्‍वाडक्‍ट का निर्माण कराया गया है, जिसमें ग्राम पटहट के समीप टमस नदी पर 450 मी. की लम्‍बाई में एक आर.सी.सी. एक्‍वाडक्‍ट का निर्माण किया गया है, जो सही स्थिति में होना प्रतिवेदित है। इस एक्‍वाडक्‍ट के अपस्‍ट्रीम एवं डाउनस्‍ट्रीम में क्रमश: 4200 मी. एवं 1850 मी. (कुल लम्‍बाई 6050 मी.) की Pre-stressed concrete (पी.एस.सी.) पाइप लाइन दो कतारों में बिछाई गई है। इस वर्ष रबी सिंचाई 2021-22 में नहर संचालन किया गया। इस दौरान साइफन एक्‍वाडक्‍ट की आर.छी. 4650 मी. से 6500 मी. के मध्‍य पी.एस.सी. पाइप लाइन के कई स्‍थानों पर रिसाव पाया गया है, जिसके सुधार हेतु निविदाकार को निर्देशित किया जाना प्रतिवेदित है। वर्तमान में निर्माण कार्य प्रगतिरत है एवं निविदाकार द्वारा सुधार कार्य किया जा रहा है। निविदाकार को कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है, अत: दण्‍डात्‍मक कार्यवाही करने की स्थिति नहीं है। स्‍टापडेम की वस्‍तुस्थिति उत्‍तरांश () अनुसार है।

सतधरु बांध निर्माण की अद्यतन स्थिति‍

[जल संसाधन]

21. ( क्र. 270 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में सतधरु नदी पर बनने वाले बाँध के निर्माण की अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) इस बाँध का निर्माण कार्य कब आरम्भ किया गया तथा इसे कब तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था? (ग) बाँध निर्माण में कितना विलम्ब हो चुका है तथा इस विलम्ब का क्या कारण है? (घ) सतधरु नदी पर बनने वाले बाँध का निर्माण किस दिनांक तक पूरा हो जाएगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) दमोह जिले में सतधारू नदी पर बनने वाले बांध का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाना प्रतिवेदित है। (ख) एवं (ग) अनुबंध अनुसार बांध का निर्माण दिनांक 04.06.2018 से प्रारंभ किया गया था एवं इसे पूर्ण करने का लक्ष्य जून 2021 था। बांध के निर्माण कार्य में लगभग 06 माह का विलंब कोविड-19 के कारण होना प्रतिवेदित है।                (घ) दमोह जिले में सतधारू नदी पर बनने वाले बांध का निर्माण कार्य 12/2021 में पूर्ण कर लिया जाना प्रतिवेदित है।

सीतानगर बांध निर्माण की अद्यतन स्थिति

[जल संसाधन]

22. ( क्र. 271 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले के ग्राम सीतानगर में सोनार नदी पर बनने वाले बाँध के निर्माण की अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) इस बाँध का निर्माण कार्य कब आरम्भ किया गया तथा इसे कब तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था? (ग) बाँध निर्माण में कितना विलम्ब हो चुका है तथा इस विलम्ब का क्या कारण है? (घ) सोनार नदी पर बनने वाले इस बाँध का निर्माण किस दिनांक तक पूरा हो जाएगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) दमोह जिले के ग्राम सीतानगर में सुनार नदी पर बनने वाले बांध का निर्माण कार्य 75 प्रतिशत पूर्ण कर लिया जाना प्रतिवेदित है। (ख) अनुबंध अनुसार बांध का निर्माण कार्य दिनांक 12.09.2018 से प्रारंभ किया गया था एवं इसे पूर्ण करने का लक्ष्य सितंबर 2021 रखा गया था। (ग) बांध के निर्माण कार्य में लगभग 01 वर्ष 06 माह का विलंब होना प्रतिवेदित है, जिसका मुख्य कारण कोविड-19 संक्रमण एवं बांध निर्माण कार्य के लिए अर्जित भूमि का कृषकों द्वारा मुआवजा न लेने के कारण व्‍यवधान उत्‍पन्‍न किए जाना है।            (घ) सुनार नदी पर बनने वाले बांध निर्माण कार्य पूर्ण करने का पुनरीक्षित लक्ष्‍य जून-2023 रखा जाना प्रतिवेदित है।

नदियों के पट्टे वितरण

[राजस्व]

23. ( क्र. 308 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) क्या सौंसर विधानसभा क्षेत्र में ग्रीष्मकाल में नदियों में तरबूज और खरबूज की खेती करने वाले किसानों को खेती के लिए नदी में पट्टे आवंटित करने पर रोक लगा दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है तथा क्या सरकार इन किसानों को खेती के लिए फिर से पट्टे आवंटित करेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्‍तरांश () के अनुक्रम में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है।

पास में उचित मूल्य की दुकान खोले जाना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

24. ( क्र. 309 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) विधानसभा क्षेत्र सौंसर में ऐसे ग्राम हैं जहाँ उचित मूल्य की दुकान नहीं है तथा ग्रामवासियों को राशन लेने के लिए पांच किलोमीटर या उससे अधिक दूर जाना पड़ता है? (ख) क्या सरकार इन ग्रामों में उचित मूल्य की दूकान खोलने के लिए कार्यवाही करेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। ऐसे गांवों की सूची एवं दुकान से दूरी की  जानकारी संलग्न  परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। दुकान आवंटन की कार्यवाही प्रचलन में है।  05 दुकानविहीन ग्राम पंचायतों में आवेदन प्राप्‍त नहीं होने के कारण पुन: विज्ञप्ति जारी किया जाना है। मध्‍यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के प्रावधान अनुसार प्रत्‍येक पंचायत में एक उचित मूल्‍य दुकान खोलने का प्रावधान है। उक्‍त प्रावधान अनुसार उचित मूल्‍य दुकान खोलने की कार्यवाही वर्तमान में प्रचलित है। एक पंचायत में 800 से अधिक परिवार होने की स्थिति में अतिरिक्‍त दुकान खोलने का प्रावधान है।

परिशिष्ट - "बारह"

बुजुर्ग राशनकार्ड धारकों के बायोमेट्रिक मैच न होना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

25. ( क्र. 311 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) अलीराजपुर जिले में प्रश्‍न दिनांक तक ऐसे कितने बुजुर्ग राशनकार्ड धारक हैं जिनके अंगूठे के निशान के बायोमेट्रिक मशीन से मैच न होने के कारण राशन नहीं मिल रहा है? ग्राम व जनपदवार राशन कार्ड धारकों की सूची देवें। (ख) क्या ऐसे मामलों में परिवार से बाहर के व्यक्ति को नामांकित करने का नियम है? (ग) यदि हाँ, तो क्या सरकार बुजुर्ग राशनकार्ड धारकों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए अंगूठे के निशान के बायोमेट्रिक मशीन से मैच न होने की स्थिति में ओटीपी, आई स्केनर या आधार कार्ड की कापी से राशन देने का प्रावधान करेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) अलीराजपुर जिले में राष्‍ट्रीय खाद्य सुर‍क्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र हितग्राहियों में से बुजुर्ग हितग्राहियों के अंगूठे की रेखाएं           घिसने-सिकुड़ने से पीओएस मशीन पर बायोमेट्रिक सत्‍यापन विफल होने के कारण राशन प्राप्‍त करने से कोई हितग्राही वंचित नहीं है, जिन हितग्राहियों के बायोमेट्रिक सत्‍यापन विफल हुए हैं, उनको नॉमिनी अथवा आधार नम्‍बर से लिंक मोबाईल नम्‍बर पर ओटीपी के माध्‍यम से राशन का वितरण कराया जा रहा है। (ख) जी हाँ। बायोमेट्रिक सत्‍यापन सफल न होने वाले हितग्राहियों को नॉमिनी अथवा आधार नम्‍बर से लिंक मोबाईल नम्‍बर पर ओटीपी के माध्‍यम से राशन का वितरण कराया जा रहा है। (ग) राष्‍ट्रीय खाद्य सुर‍क्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों में से परिवार के किसी भी सदस्‍य द्वारा पीओएस मशीन पर बायोमेट्रिक सत्‍यापन के आधार पर राशन प्राप्‍त किया जा सकता है। हितग्राही की एक अंगुली/अंगूठा की रेखाओं से बायोमेट्रिक सत्‍यापन सफल न होने पर एक से अधिक अंगुलियों (फ्यूजन फिंगर) के बायोमेट्रिक सत्‍यापन किया जाता है, साथ ही, बायोमेट्रिक सत्‍यापन न होने पर आधार नंबर से लिंक मोबाइल नंबर पर ओटीपी अथवा नॉमिनी के माध्‍यम से राशन सामग्री के वितरण की सुविधा उपलब्‍ध कराई गई है। हितग्राही द्वारा आधार पंजीयन केन्‍द्र पर अपने आधार नंबर को अपडेट कराने तथा मोबाइल नंबर लिंक कराने की सुविधा उपलब्‍ध है। किसी भी पात्र हितग्राही को बायोमेट्रिक सत्‍यापन सफल न होने के आधार पर राशन से वंचित नहीं किया जा रहा है।

राजस्व अभिलेखों में दर्ज भूमि

[राजस्व]

26. ( क्र. 314 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले की हल्का सौनोरा चेक उतैरी की आराजी क्रमांक 91 वर्ष 1958-59 के राजस्व अभिलेख में किस-किस के नाम पर दर्ज थी? क्रमांक रकबा एवं नाम पृथक-पृथक बतावें, यह भूमि मई 2022 में किस-किस भू-स्वामी के नाम पर दर्ज है? रकबा सहित बतावें। (ख) आराजी क्रमांक 91 में वर्तमान में दर्ज किस-किस भूस्वामी का नाम किस आदेश दिनांक के द्वारा दर्ज किया गया, किस आधिपत्यधारी को किस आदेश दिनांक से भूस्वामी हक पर दर्ज किया, दोनों ही आदेशों की प्रति सहित बतावें। (ग) आराजी क्रमांक 91 पर वर्ष 1958-59 एवं वर्ष 2022 मई में किस-किस के नाम पर किस क्रमांक का कितना रकबा दर्ज है, उसमें से कितने रकबे पर उनका कब्जा है? सूची सहित बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी संलग्न  परिशिष्‍ट अनुसार।                  (ख) उत्‍तरांश '''' के अनुसार वर्तमान के खसरे में दर्ज अनुसार लगभग 700 भूमिस्‍वामी है तथा विभिन्‍न आदेश दिनांकों के द्वारा दर्ज किये गये है। सभी अधिपत्‍यधारी को नामांतरण आदेश दिनांक से भूमिस्‍वामी हक में दर्ज किया गया है। आदेशों का विवरण वर्तमान खसरे के कैफियत के कालम में अंकित है। (ग) उत्‍तरांश '''' के अनुसार वर्ष 1958-59 की स्थिति में आराजी क्रमांक एवं नाम, रकबा सहित दर्ज है। खसरे में दर्ज भूमिस्‍वामी अपने-अपने रकबे पर काबिज है।

परिशिष्ट - "तेरह"

नामांतरण प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

27. ( क्र. 325 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत राजस्व विभाग में नामांतरण दर्ज कराये जाने हेतु विगत तीन वर्षों से प्रश्‍न दिनांक तक कितने आवेदन प्राप्त हुये। इनमें से कितनों का निराकरण हुआ तथा कितने लंबित है? लंबित रहने का क्या कारण है? (ख) नामांतरण प्रकरणों के निराकरण हेतु शासन द्वारा कोई  समय-सीमा निर्धारित है? यदि हाँ, तो समय-सीमा में निराकरण न हो पाने के लिये कौन जिम्मेदार है? क्या शासन ऐसे अधिकारियों पर कोई दण्डात्मक कार्यवाही करेगा तथा कब तक? (ग) क्या नामांतरण हो जाने के बाद भी समय-सीमा में राजस्व रिकार्ड में दर्ज नहीं हो पाते हैं? जिससे आवेदकों को प्रयोजन का लाभ नहीं मिल पाता? क्या शासन नामातंरण एवं राजस्व रिकार्ड में दर्ज कराये जाने हेतु कोई सरलीकरण कराये जाने पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) विधानसभा सागर अन्तर्गत तहसील सागर में विगत 03 वर्षों से प्रश्‍न दिनांक तक नामातंरण संबंधी कुल 10354 प्राप्त आवेदनों को पंजीबद्ध किया गया, जिसमें से कुल 9339 प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है। शेष 1015 प्रकरण नियमानुसार समय-सीमा में प्रचलित है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। नामांतरण की कार्यवाहियां विनिर्दिष्‍ट कालावधि के भीतर निराकृत नहीं की जाती है तो संहिता की धारा 110 (7) में समुचित प्रावधान है शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है। (ग) राज्‍य सरकार द्वारा संहिता की           धारा 110 (4) में नामांतरण आदेश पारित होने के बाद भू-अभिलेख में प्रविष्टि तथा धारा 11 (5) में अद्यतन भू-अभिलेखों की प्रमाणित प्रति तीन दिन के भीतर पक्षकारों को नि:शुल्‍क प्रदाय करने के उपबंध किये गये हैं।

राजगढ़ जिलांतर्गत मंदिरों की जानकारी

[राजस्व]

28. ( क्र. 347 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) राजगढ़ जिले में किन-किन सर्वे नंबरों की शासकीय भूमि पर किन-किन देवी देवताओं के मंदिर स्थित हैं एवं किन-किन सर्वे नंबरों की शासकीय भूमि पर धार्मिक ट्रस्‍ट एवं किन-किन सर्वे नंबर की निजी भूमि पर मंदिर स्थित हैं? (ख) राजगढ़ जिले में ऐसे कौन-कौन से मंदिर हैं जिनके खसरे के रिकार्ड में भगवान (मूर्ति) मालिक है और कौन-कौन से मंदिर ट्रस्‍ट के अधीनस्‍थ हैं?                  (ग) राजगढ़ जिले के किन-किन मंदिरों में कलेक्‍टर महोदय प्रबंधक के रूप में खसरे के राजस्‍व रिकार्ड में दर्ज है? (घ) क्‍या सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार कलेक्‍टर महोदय मंदिर प्रबंधक नहीं रह सकते व राजस्‍व रिकार्ड से कलेक्‍टर महोदय का नाम हटाए जाने का निर्देश है? यदि हाँ, तो अभी तक कौन-कौन से मंदिरों में नाम हटाए गए हैं? ग्रामवार, मंदिरवार जानकारी से अवगत करावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जिले की शासकीय मंदिरों की सूची  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। राजगढ़ जिले में स्थित शासकीय भूमि पर दो धार्मिक ट्रस्ट है।             1. माँ जालपा मंदिर तहसील राजगढ (फारेस्ट भूमि पर) 2. भैंसवा माता मंदिर तहसील सारंगपुर सर्वे नंबर 194 पर स्थित है। निजी भूमि पर स्थित मंदिर की सूची  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ख) राजगढ़ जिले में स्थित शासकीय भूमि पर स्थित मंदिरों के खसरे के रिकार्ड में भगवान (मूर्ति) मालिक दर्ज नहीं है। दो मंदिर ट्रस्ट के अधीनस्थ है। 1. माँ जालपा मंदिर तहसील राजगढ 2. भैंसवा माता मंदिर तहसील सारंगपुर (ग) राजगढ़ जिले की शासकीय भूमि पर स्थित समस्त मंदिरों के व्यवस्थापक के रूप में कलेक्टर महोदय का नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज है।           (घ) जी नहीं।

किसानों की उपज का समर्थन मूल्‍य पर खरीदी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

29. ( क्र. 351 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) ग्वालियर, चम्बल संभाग में कितने किसानों द्वारा वर्ष 2022 रबी फसल के समर्थन मूल्‍य (एम.एस.पी) हेतु पंजीयन कराये गये? जिलावार पंजीकृत किसानों की संख्या की जानकारी दी जावे। (ख) उक्त किसानों द्वारा गेहूँ, चना, सरसों, मूंग, अरहर के समर्थन मूल्यों पर किन-किन जिलों के अनाजवार संख्या की जानकारी दी जावे। (ग) उक्त संभाग के किस-किस जिले में कितनी शासन की मान्य संस्थाओं, सहकारी, समितियों पर जून 2022 तक कितनी खरीद की गई है? गेहूँ, चना, सरसों सहित अन्य फसलों की मात्रा सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (घ) क्या शासन द्वारा अनुमानित मात्रा में जून 2022 तक समर्थन मूल्य पर खरीद हो सकी है? अनुमान के अनुरूप खरीद नहीं होने के क्या कारण रहे? जिन कारणों से खरीद नहीं हो सकी है शासन उन कारणों के समाधान का किस प्रकार से प्रयास करेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) ग्वालियर, चम्बल संभाग में वर्ष 2022 में रबी फसल के समर्थन मूल्‍य पर पंजीकृत किसानों की संख्‍या की जानकारी संलग्न  परिशिष्‍ट-अ अनुसार है।              (ख) ग्वालियर, चम्बल संभाग में समर्थन मूल्‍य पर गेहूँ एवं चने का उपार्जन किया गया है, जिसकी जिलावार जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट-ब अनुसार है। मूंग, अरहर एवं सरसों का उपार्जन निरंक है।          (ग) ग्वालियर, चम्बल संभाग में जून 2022 में शासन की मान्‍य संस्‍थाओं, सहकारी समितियों द्वारा उपार्जित स्‍कंध की फसलवार जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट-स अनुसार है। (घ) रबी विपणन वर्ष 2022-23 में खुले बाजार में गेहूँ के मूल्‍य समर्थन मूल्‍य से अधिक होने के कारण विगत वर्षों की तुलना में समर्थन मूल्‍य पर उपार्जन अपेक्षाकृत कम हुआ है। ग्‍वालियर एवं चंबल संभाग में ऐसे पंजीकृत किसान जो अपनी एफ.ए.क्‍यू. गुणवत्‍ता का गेहूँ विक्रय करने उपार्जन केन्‍द्र पर पहुंचे उन सभी किसानों उनकी उपज की समर्थन मूल्‍य पर खरीदी हेतु 04.04.2022 से 14.05.2022 तक अवधि निर्धारित की गई थी। इस अवधि में भी जो किसान अपनी उपज का विक्रय नहीं कर पाये उन्‍हें समुचित अवसर प्रदान करने के लिए उपार्जन अवधि में दिनांक 31.05.2022 तक वृद्धि की गयी। इस अवधि में समर्थन मूल्‍य पर चना का उपार्जन विगत वर्ष की तुलना में लगभग चार गुना अधिक किया गया।

परिशिष्ट - "चौदह"

गेहूँ एवं चना खरीदी का भुगतान

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

30. ( क्र. 364 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिला अंतर्गत गेहूँ एवं चना विक्रय हेतु कितने किसानों ने अपना पंजीयन कराया था तथा कितने किसानों ने अपना अनाज गेहूँ एवं चना उपार्जन केन्द्रों में विक्रय किया? (ख) क्या शासन द्वारा सागर जिला के किसानों को उनके अनाज खरीदी उपरांत गेहूँ एवं चना की राशि का भुगतान कर दिया गया है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। यदि सम्पूर्ण किसानों की राशि का भुगतान नहीं किया गया है तो क्यों? (ग) सागर जिला में कितने किसानों का गेहूँ एवं चना की राशि का भुगतान शेष रह गया है? किसानों की संख्या एवं राशि सहित जानकारी देवें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) में शेष रहे किसानों की राशि के भुगतान का क्या कारण है? इसके लिए कौन उत्तरदायी है? विभाग किसानों की राशि का भुगतान कब तक करेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) सागर जिले में रबी विपणन वर्ष 2022-23 में 83292 किसानों द्वारा गेहूँ की फसल विक्रय करने हेतु तथा 30386 किसानों द्वारा चने की फसल विक्रय करने हेतु     ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन कराया गया। पंजीकृत किसानों में से 21729 किसानों द्वारा गेहूँ की तथा 14532 किसानों द्वारा चने की फसल का विक्रय उपार्जन केन्‍द्रों पर किया गया। (ख) सागर जिले में गेहूँ एवं चना विक्रय करने वाले किसानों को किये गये भुगतान एवं भुगतान हेतु शेष किसानों की जानकारी संलग्न  परिशिष्‍ट अनुसार है। उपार्जित मात्रा के परिवहन में मार्गस्‍थ कमी, किसानों के पोर्टल पर दर्ज त्रुटिपूर्ण बैंक खातों में सुधार तथा आधार विहीन बैंक खाते के स्‍थान पर आधार से लिंक नवीन बैंक खाता लेने की कार्यवाही के चलते होने के फलस्‍वरूप कुछ किसानों का भुगतान शेष है। (ग) सागर जिले में गेहूँ एवं चना के भुगतान शेष रहे किसानों की संख्‍या एवं राशि की जानकारी संलग्न  परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) उपार्जित मात्रा के परिवहन में मार्गस्‍थ कमी, किसानों के पोर्टल पर दर्ज त्रुटिपूर्ण बैंक खातो में सुधार तथा आधार विहीन बैंक खाते के स्‍थान पर आधार से लिंक नवीन बैंक खाता लेने की कार्यवाही के चलते होने के फलस्‍वरूप कुछ किसानों का भुगतान शेष है। भुगतान की कार्यवाही निरंतर की जा रही है। तकनीकी कमियों का निराकरण करते हुए भुगतान किया जा रहा है। तकनीकी त्रुटियों के लिए कोई अधिकारी/कर्मचारी उत्‍तरदायी नहीं है।

परिशिष्ट - "पंद्रह"

समय पर परिवहन न करने वाले ठेकेदारों पर जुर्माना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

31. ( क्र. 422 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.स्टेट सिविल सप्लाई कार्पोरेशन द्वारा समस्त प्रकार के परिवहन एल.आर.टी.रेक, द्वार प्रदाय एवं डेमरेज वारफेज विलंब से परिवहन कार्य करने वाले प्रदेश के समस्त जिलों के ठेकेदारों को वसूली हेतु कारण बताओ नोटिस जारी किए गये हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) अंतर्गत विलंब के कारण गत 3 वर्षों में अधिरोपित जुर्माना राशि की ठेकेदारवार, जिलेवार जानकारी देवें। (ग) क्या प्रश्‍नांश (ख) अंतर्गत ठेकेदारों द्वारा अधिरोपित राशि जमा की गई है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) यदि हाँ, तो जमा की गई राशि का विवरण दें। यदि नहीं, जमा की गई तो कारण बतलावें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है। (ग) अधिरोपित पेनाल्‍टी राशि परिवहनकर्ताओं के देयक स्‍वीकृति के समय मध्‍यप्रदेश स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज कार्पोरेशन के द्वारा काटी जाती है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  एवं उत्‍तरांश ()  अनुसार है।

ग्रीष्मकालीन फसलों की गिरदावली

[राजस्व]

32. ( क्र. 452 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्या प्रश्‍नकर्ता सदस्य द्वारा पत्र क्र. JSP/00981/BPL/22 दिनांक 06/06/22 को ग्रीष्मकालीन फसल गिरदावली के सबंध में पत्र दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या नरसिंहपुर जिले में ग्रीष्मकालीन मूंग, उड़द एवं अन्य फसलों की गिरदावली की गई है? यदि हाँ, तो कितने किसानों की एवं कितने किसान शेष रह गये हैं और शेष किसानों की कब तक की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, जिला कलेक्‍टर भू-अभिलेख के माध्‍यम से दिनांक 15/06/2022 को पत्र प्राप्‍त हुआ है। (ख) जी हाँ। नरसिंहपुर जिले में 147893 किसानों की ग्रीष्‍मकालीन मूंग, उड़द एवं अन्‍य फसलों की गिरदावरी की गई है, 2997 किसान गिरदावरी से शेष रह गए है, शेष किसानों की गिरदावरी करने हेतु कलेक्‍टर नरसिंहपुर को निर्देशित किया गया है।

लीजधारी से डेड रेन्‍ट की वसूली

[खनिज साधन]

33. ( क्र. 466 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किस-किस खनिज की खदान का कितना-कितना डेड रेन्‍ट निर्धारित किया गया हैं? डेड रेन्‍ट की वसूली किस कानून की किस धारा के तहत लीजधारी से किस दिनांक से की जा सकती है? इस संबंध में धारा में क्‍या-क्‍या उल्‍लेख किया गया है? (ख) लीजधारी को भू-प्रवेश की अनुमति दिए जाने का क्‍या प्रावधान हैं? लीजधारी को भू-प्रवेश की अनुमति दिए बिना ही डेड रेन्‍ट की वसूली किए जाने का अधिकार किस कानून की किस-किस धारा में किसे दिया जाकर धारा में क्‍या-क्‍या उल्‍लेख किया गया हैं? (ग) गत पांच वर्षों में मण्‍डला जिले के अन्‍तर्गत कितनी खदानों में भू-प्रवेश की अनुमति दिए बिना किस अवधि का कितना डेड रेन्‍ट जमा किए जाने की सूचना पत्र लीजधारी को दिया गया? कितना डेड रेन्‍ट भू-प्रवेश की अनुमति दिए बिना ही वसूल किया गया? (घ) लीजधारी को भू-प्रवेश की अनुमति दिए जाने का दायित्‍व किस-किस विभाग का हैं? भू-प्रवेश की अनुमति किन-किन कारणों से दिए जाने से इन्‍कार किया जा सकता है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) खनिजों के डेडरेन्‍ट की दरें खान एवं खनिज (विकास तथा विनियमन) अधिनियम, 1957 की तृतीय अनुसूची तथा मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 की अनुसूची-4 अनुसार निर्धारित है। जो अधिसूचित है। अधिनियम, 1957 की धारा   9-क के अधीन अधिसूचित दरों पर डेडरेंट देय होगा। राज्‍य शासन द्वारा जारी परिपत्र दिनांक              09 मई, 2022 अनुसार डेडरेंट अनुबंध निष्‍पादन की तिथि से देय होगा। (ख) लीजधारी को भू-प्रवेश की अनुमति मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता, 1959 की धारा 247 (5) के प्रावधानों के अंतर्गत प्रदान किया जाता है। शेष प्रश्‍न की जानकारी प्रश्‍नांश (क) अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में दिये गये उत्‍तर अनुसार डेडरेंट लिया जाना एवं भू-प्रवेश दिया जाना पृथक-पृथक नियमों का विषय है। अत: प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता, 1959 के अंतर्गत यह विषय कलेक्‍टर (राजस्‍व) का विषय है। भू-प्रवेश की अनुमति भूमि के प्रकार पर निर्भर होती है। निजी भूमि-‍स्‍वामी की सहमति न होने पर भू-प्रवेश की अनुमति से इंकार किया जा सकता है।

वन भूमियों को वर्किंग प्‍लान में शामिल करना

[राजस्व]

34. ( क्र. 467 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्‍या अविभाजित मण्‍डला (डिण्‍डोरी) एवं बैतूल जिले के राजस्‍व ग्रामों के निस्‍तार पत्रक, अधिकार अभिलेख, खसरा पंजी में दर्ज जमीनों को वन विभाग ने संरक्षित वन सर्वे में शामिल कर भा.व.अ. 1927 की धारा 29, धारा 4 एवं धारा 34 अ में अधिसूचित किया है? (ख) यदि हाँ, तो किस जिले के किस ग्राम की कितनी भूमि संरक्षित वन सर्वे में शामिल की गई? कितनी भूमि धारा 4 में अधिसूचित की गई? संरक्षित वन सर्वे में शामिल समस्‍त भूमि किस दिनांक को राजपत्र में धारा 34 अ के अनुसार डीनोटीफाईड की गई। (ग) सर्वे एवं वनखण्‍ड में शामिल भूमि किस-किस सार्वजनिक एवं निस्‍तारी प्रयोजन के लिए किस-किस जंगल मद और गैर जंगल मद में दर्ज जमीन है, इन जमीनों को सर्वें, वनखण्‍ड एवं वर्किंग प्‍लान में शामिल करने की अनुमति कलेक्‍टर या राजस्‍व विभाग ने किस दिनांक को प्रदान की? प्रति सहित बतावें। (घ) भू-राजस्‍व संहिता 1959 के अध्‍याय 18 में बताई गई दखल रहित जमीनों को धारा 29, धारा 4 एवं धारा 34 अ में अधिसूचित करने का अधिकार या छूट भू-राजस्‍व संहिता की किस-किस धारा में दिया गया हैं।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) मण्‍डला पश्चिम सामान्‍य वनमण्‍डल अंतर्गत उपलब्‍ध अभिलेख कंपलीशन रिपोर्ट अनुसार कुल 470 ग्रामों की सूची  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट  अनुसार 105132.56 एकड़ अर्थात 42563.79 हे. भूमि संरक्षित वन सर्वे में शामि‍ल की गई है जिनमें से इस वनमण्‍डल के अंतर्गत 9 वनखण्‍ड बनाए जाकर 184.39 एकड़ अर्थात 74.65 हे. भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 4-एक में अधिसूचित की गई है। भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 34-अ के अंतर्गत 253 ग्राम निर्वनी कृत किए गए। राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना में ग्रामों के नामों के समक्ष खसरा नंबर रकबा का उल्‍लेख नहीं किया गया है। डिंडोरी-धारा 4 (1) के तहत जिले के कुल 254 ग्रामों की 11747.76 हेक्‍टेयर भूमि अधिसूचित की गई है तथा दिनांक 17 नवम्‍बर 1972 को धारा 34 (अ) के तहत ग्राम संख्‍या 489 रकबा निरंक राजपत्र में प्रकाशित किया गया है। बैतूल-मुख्‍य वन संरक्षक वन वृत्‍त बैतूल के प्रतिवेदन अनुसार वन वृत्त बैतूल अंतर्गत वनमंडलों में उपलब्ध अभिलेख सर्वे डिमारकेशन कम्प्लीशन रिपोर्ट अनुसार 680 ग्रामों के रकबा अनुसार 369409.76 एकड़ (149495.059 हे.) भूमि संरक्षित वन सर्वे में शामिल की गई। वन वृत्त बैतूल अंतर्गत 482 वनखंडों की 71909.247 हे. भूमि भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 4 (1) में अधिसूचित की गई है। भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 34 (अ) के अंतर्गत प्रकाशित अधिसूचना क्र./4073-दस-2-72 दिनांक 10.07.1972 से वनमंडलों के अंतर्गत आने वाले 829 ग्राम निर्वनीकृत किये गये। राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना में ग्राम के नाम के समक्ष खसरा नंबर एवं रकबा का उल्लेख नहीं है। 31.12.1976 तक के अतिक्रमण व्यवस्थापन के तहत वर्ष 1990-91 में आंशिक भूमि धारा 34 (अ) के तहत निर्वनीकृत की गई है।      (ग) सर्वे एवं वन खण्‍ड में शामिल भूमि बडे झाड के जंगल छोटे झाड़ के जंगल, पहाड़, चट्टान मद में एवं अन्‍य सार्वजनिक प्रयोजन मद में दर्ज है। इन जमीनों को सर्वे वनखण्‍ड एवं वर्किंग प्‍लान में शामिल करने मण्‍डला जिले से अनुमति नहीं दी गई है। डिंडोरी-सर्वे एवं वन खण्‍ड में शामिल भूमि बड़े झाड़ का जंगल, छोटे झाड़ का जंगल एवं पहाड़ चट्टान मद की सार्वजनिक एवं निस्‍तारी प्रयोजन के लिये दर्ज है। बैतूल-सर्वे एवं वनखण्‍ड में शामिल भूमि बड़े झाड़ के जंगल, छोटे झाड़ के जंगल, पहाड़ चट्टान मद में एवं अन्‍य सार्वजनिक प्रयोजनों के लिये दर्ज है। बैतूल जिले में कोई अनुमति नहीं दी गई है। (घ) भू-राजस्‍व संहिता 1959 के अध्‍याय 18 में बताई गई दखल रहित जमीनों को धारा 29, धारा 4 एवं धारा 34अ में अधिसूचित करने संबंधी कोई प्रावधान म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता में नहीं है।

पंचायतों हेतु रेत संबंधी प्रावधान

[खनिज साधन]

35. ( क्र. 476 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश राजपत्र में दिनांक 30 अगस्‍त 2019 को प्रकाशित रेत नियम 2019 की कंडिका 4 में ग्राम पंचायतों के निर्माण कार्यों हेतु रायल्‍टी जमा करवाई जाकर रेत की अनुमति से संबंधित प्रावधानों के अनुसार मध्‍यप्रदेश शासन विकास आयुक्‍त कार्यालय ने प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी परिपत्र जारी नहीं किया? (ख) नियम 2019 में पंचायतों के लिए रेत से संबंधित क्‍या प्रावधान किए गए तथा उनका पालन किए जाने के संबंध में शासन ने किस दिनांक को प्रक्रिया निर्धारित कर परिपत्र जारी किया? प्रति सहित बतावें। (ग) यदि परिपत्र जारी नहीं किया हो तो उसका कारण बतावें। कब तक परिपत्र जारी किया जावेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है।                   (ख) पंचायतों के लिए रेत संबंधी प्रावधान मध्‍यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण तथा व्‍यापार) नियम, 2019 के नियम 4 के अंतर्गत अधिसूचित हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर अनुसार प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

लघु सिंचाई परियोजनाओं की स्‍वीकृति

[जल संसाधन]

36. ( क्र. 484 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता विधायक ने पत्र क्रमांक 58 दिनांक 21.4.2022 से प्रमुख सचिव महोदय, जल संसाधन को राजगढ़ विधानसभा अंतर्गत लघु सिंचाई परियोजनाओं को प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रदान करने बाबत्। पत्र लिखा है? यदि हाँ, तो विधायक का पत्र प्राप्‍त होने के बाद से शासन/विभाग द्वारा किस-किस दिनांक को क्‍या-क्‍या पत्राचार किया गया? किये गये पत्राचार तथा प्राप्‍त हुए उत्‍तर की प्रति उपलब्‍ध कराते हुए जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार क्‍या शासन राजगढ़ की लंबित लघु सिंचाई परियोजनाओं की प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रदान कर देगा? हाँ तो कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) माननीय सदस्‍य का प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित पत्र दिनांक 21.04.2022 जो कि प्रमुख सचिव, जल संसाधन विभाग को संबोधित है, प्रमुख अभियंता द्वारा मुख्‍य अभियंता, चंबल बेतवा कछार, भोपाल को प्रेषित किया जाना प्रेतिवेदित है। पत्र में उल्‍लेखित 11 चिन्हित परियोजनाओं की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ अनुसार है। किए गए पत्राचार की प्रति  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट -1, 2, 3 एवं 4  अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश '''' में दिए गए पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ  में दर्शित परियोजनाओं की प्रशासकीय स्‍वीकृति दिए जाने की स्थिति नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

गेहूँ खरीदी एवं भुगतान की जानकारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

37. ( क्र. 508 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) कालापीपल विधान सभा क्षेत्र में इस वर्ष किस-किस कृषक से किस दिनांक को कितनी मात्रा में गेहूँ कितनी राशि का शासन द्वारा तय एजेंसी द्वारा खरीदा गया तथा भुगतान किस दिनांक को किया गया तथा किस-किस कृषक का भुगतान उत्‍तर दिनांक तक शेष है? (ख) प्रश्‍नांश (क) की सूची में किस-किस कृषक से कितनी राशि सोसायटी आदि के बकाया ऋण की किस दिनांक को काटी गई तथा वह राशि सोसायटी इत्‍यादि को कृषक के ऋण पेटे किस दिनांक को दी गई तथा इसमें विलंब का कारण क्‍या है तथा नियमानुसार उसे कितने दिवस में सोसायटी को देना था?             (ग) क्‍या कई दिनों के अंतराल से ऋण पेटे काटी गई राशि सोसायटी देने से कृषक को शून्‍य प्रतिशत ब्‍याज का लाभ नहीं मिला तथा सोसायटी ने ऋण पर सात प्रतिशत से दस प्रतिशत की दर से ब्‍याज लगा दिया? यदि हाँ, तो बतावें कि ऐसे कृषकों की संख्‍या कितनी है? (घ) क्‍या विलंब से भुगतान पर कृषक पर लगाये गये ब्‍याज तथा पेनल्‍टी को निरस्‍त किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों? यदि हाँ, तो कब तक? (ड.) क्‍या विलंब से भुगतान पर लगाये गये ब्‍याज की राशि संबंधित एजेंसी जिसने विलंब किया उससे वसूली जायेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

अन्‍नपूर्णा एवं गरीब कल्‍याण योजनांतर्गत राशन का वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

38. ( क्र. 548 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) रायसेन जिले में मुख्‍यमंत्री अन्‍नपूर्णा योजना तथा प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण योजना के अंतर्गत कितनी तारीख से राशन वितरण होता है तथा शासकीय उचित मूल्‍य की दुकान माह में कितने दिन खुलती है? (ख) रायसेन जिले में 1 जनवरी, 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक की स्थिति में किस-किस शासकीय उचित मूल्‍य की दुकान से हितग्राहियों को किस-किस माह का राशन नहीं दिया गया तथा क्‍यों? (ग) रायसेन जिले में परिवहनकर्ता ठेकेदार द्वारा शासकीय उचित मूल्‍य की दुकानों पर किस दिनांक तक राशन पहुँचाया जाता है? 1 जनवरी, 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में किस-किस दिनांक में राशन पहुँचा? (घ) माननीय मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को विगत 2 वर्षों में प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के संबंध में रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब मिले तथा उनमें उल्‍लेखित किन-किन समस्‍याओं का निराकरण नहीं हुआ तथा क्‍यों? कब तक निराकरण होगा?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत मुख्‍यमंत्री अन्‍नपूर्णा योजना एवं प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजनांतर्गत आवंटित खाद्यान्‍न पात्र हितग्राहियों को वितरण सुनिश्चित करने हेतु दोनों योजना की वितरण प्रारम्‍भ करने की अवधि पृथक-पृथक यथा माह की प्रथम तारीख से मुख्‍यमंत्री अन्‍नपूर्णा योजना एवं माह की 15 तारीख से प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण योजनांतर्गत खाद्यान्‍न का वितरण प्रारम्‍भ किया जाता है। उचित मूल्‍य दुकानें शासकीय अवकाश को छोड़कर प्रत्‍येक दिवस खोले जाने का प्रावधान है किन्‍तु, जिन विक्रेताओं द्वारा एक से अधिक दुकानों का संचालन किया जा रहा है, उन दुकानों को सप्‍ताह में तीन दिवस खोली जाती हैं। (ख) रायसेन जिले में दिनांक 01 जनवरी 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 अंतर्गत वैध पात्रता पर्चीधारी परिवारों में से उचित मूल्‍य दुकानों पर राशन सामग्री प्राप्‍त करने हेतु उपस्थित समस्‍त पात्र परिवारों को राशन का वितरण किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) रायसेन जिले में मध्‍यप्रदेश स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज कार्पोरेशन द्वारा द्वार प्रदाय योजनांतर्गत नियुक्‍त परिवहनकर्ताओं द्वारा सामग्री प्रदाय करने हेतु उचित मूल्‍य दुकान के डिलीवरी आर्डर जारी करने के 24 घंटे के भीतर दुकान पर राशन सामग्री पहुँचाई जाती है। दिनांक 01 जनवरी 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में परिवहनकर्ता द्वारा उचित मूल्‍य दुकानों पर प्रदाय सामग्री की अवधि की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट-अ  अनुसार है। (घ) रायसेन जिले में माननीय विधायकों द्वारा प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के संबंध में प्रेषित पत्र एवं उनके संबंध में विगत दो वर्षों में की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट-ब अनुसार है।

परिशिष्ट - "सोलह"

प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का संचालन एवं प्रबंधन

[राजस्व]

39. ( क्र. 618 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना के तहत कितने व्यक्तियों को कितनी क्षतिपूर्ति राशि दी गई? जिलेवार जानकारी दें। (ख) ग्वालियर जिले में उक्त योजना के तहत कितने व्यक्तियों को कितनी क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान किया गया? (ग) ग्वालियर जिले में कोविड-19 के तहत (उत्तर दिनांक तक) कितने व्यक्ति मृतक हुये उनमें से कितने परिवारों को आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत एवं वितरण की गई? (घ) क्या शासन द्वारा कोविड-19 के तहत बचाव आमजन की सुरक्षा व्यवस्था हेतु कोई स्थाई योजना बनाई है? यदि हां? तो क्या? यदि नहीं? तो कब तक कार्यवाही की जायेगी? (ड.) ग्वालियर जिले में शासकीय अस्पतालों में भर्ती मरीजों को ऑक्सीजन दिये जाने हेतु कितने प्लांट स्थापित है? उनसे पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उत्सर्जन हो रहा है या नहीं? यदि हाँ? तो क्या फिर भी बाहर से प्राइवेट सिलेंडरों के माध्यम से ऑक्सीजन क्रय की जा रही है? यदि हाँ? तो किस कारण? विस्तृत विवरण दें?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) प्रदेश में मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना के तहत कुल 61 शासकीयकर्मियों के वैध वारिसानों को 50.00 लाख रूपये के मान से आर्थिक सहायता राशि दी गई है। जिलेवार जानकारी संलग्न  परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ख) जिला ग्वालियर में मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना के तहत 02 शासकीयकर्मियों के वैध वारिसानों को 50.00 लाख रूपये के मान से आर्थिक सहायता राशि का भुगतान किया गया।              (ग) ग्‍वालियर जिले में कोविड- 19 से मृतकों की संख्या 738 दर्ज है। लोक स्‍वास्‍थ्‍य परिवार कल्‍याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी गाईड-लाईन दिनांक 03 सितम्‍बर 2021 में परिभाषित कोविड मृत्‍यु अनुसार 910 हितग्राहियों को 50,000/- के मान से अनुग्रह राशि का भुगतान किया गया है। (घ) जी नहीं। भारत सरकार द्वारा समय-समय पर प्राप्‍त दिशा-निर्देशों के पालन में समस्‍त जिला कलेक्‍टर एवं मुख्‍य चिकित्‍सा एवं स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारियों को कोविड-19 के तहत बचाव एवं आमजन की सुरक्षा व्‍यवस्‍था हेतु दिशा निर्देश जारी किये जाकर निरंतर इलाज किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (ड.) ग्वालियर जिले में शासकीय अस्पतालों में भर्ती मरीजों को ऑक्सीजन दिये जाने हेतु 09 ऑक्‍सीजन प्लांट स्‍थापित है। जी हॉ। जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "सत्रह"

लीज भूमियों की जांच

[राजस्व]

40. ( क्र. 629 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्या जावरा नगर चौपाटी स्थित एवं नगर के मध्य बने रेलवे फाटक के दोनों ओर देश की आजादी के पूर्व एवं आजादी के पश्चात जिनिंग फैक्ट्री, आईल मिल, रबर फैक्ट्री इत्यादि प्रकार के अन्य अनेक कार्य शासनाधिन भूमियों के अनुबंध कर लीज पर लेकर किए जाते थे? (ख) यदि हाँ, तो रेलवे फाटक के शहरी भाग की ओर जवाहर नगर की भूमि लीज पर होकर अनुबंधित कार्य होते रहे तथा रेलवे फाटक से लगे महावीर कॉम्प्लेक्स (सिटी पुलिस थाने के सामने ) की भूमि लीज पर होकर जीनिंग कार्य किए जाते रहे? (ग) यदि हाँ, तो इसी के साथ रेलवे फाटक से चौपाटी की ओर भूमियाँ भी लीज पर होकर तिलक नगर स्थित एवं उसके आसपास प्रीमियर ऑयल मिल सहित अन्य भूमियां भी लीज पर होकर उद्योग धंधे संचालित होते रहे? (घ) यदि हाँ, तो वर्ष 1980 से पूर्व के वर्षों में किस प्रकार के कूट रचित दस्तावेजों के माध्यम से भ्रामक जानकारी देकर भूमियों का नामांतरण होकर शासनाधीन भूमियां निज स्वामित्व की हो गई? क्या शासन विभाग संपूर्ण स्थिति की गंभीरता स्तरीय जांच कर कार्रवाई करेगा, तो कब तक? कार्यवाही किस सक्षम अधिकारी के माध्यम से होगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) से (घ) प्रश्‍नांश () के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नवीन डैम बनाने के प्रस्‍ताव

[जल संसाधन]

41. ( क्र. 630 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन विभाग द्वारा जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2020-21 एवं वर्ष 2022-23 में जावरा तहसील एवं पिपलौदा तहसील अंतर्गत किन-किन स्थानों पर डैम के नवीन प्रस्ताव बनाकर कार्य योजना बनाई गई? (ख) वर्ष 2018- 19 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक शासन/विभाग द्वारा किन-किन स्थानों पर किस-किस प्रकार के कार्य को स्वीकृति दी जाकर निर्माण कार्य किए गए? कितने पूर्ण हुए, कितने अपूर्ण रहे? कितने अप्रारम्भ हैं? स्थानवार, स्वीकृत बजट राशि अनुसार किए गए व्यय सहित कार्यों की स्पष्ट जानकारी दें। (ग) पिपलौदा तहसील अंतर्गत हल्दूनी डैम, मचून डैम एवं विगत वर्षों में स्वीकृत की गई खोड़ाना तालाब कार्य योजना की पुनर्समीक्षा कर उसे पुनः कब तक स्वीकृति दी जाकर डार्क जोन एरिया घोषित पिपलौदा तहसील की समस्या का निवारण हो सकेगा? (घ) खोड़ाना तालाब कार्ययोजना शासन/विभाग द्वारा जिसका सर्वे करवाने का बजट स्वीकृत कर, सर्वे पूर्ण कर,साध्यता पाए जाने पर एवं क्षेत्रीय कृषकों की सहमति पर 8.19 करोड़ रु. की बजट राशि भी स्वीकृत की, किंतु कतिपय कारणों से उसे निरस्त किया गया तो क्या क्षेत्रीय भयावह जल संकट की कठिनाई को दृष्टिगत रख पुनः सर्वे एवं पुनः स्वीकृति कब तक दी जा सकेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जावरा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत वर्ष 2020-21 में पिपलौदा तहसील अन्तर्गत हल्दुनी बैराज की साध्यता स्‍वीकृति दिनांक 15.03.2022 को प्रदान की गई है। सर्वेक्षण उपरान्त योजना की डी.पी.आर. तैयार करने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित अवधि के दौरान विधानसभा क्षेत्र जावरा की पिपलौदा तहसील अर्न्तगत इन्द्रपुरी बैराज की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 02.03.2019 को प्रदान की गई है। जानकारी संलग्न  परिशिष्ट  अनुसार है। (ग) पिपलौदा तहसील अन्तर्गत हल्दुनी बांध न होकर हल्दुनी बैराज है, जिसकी साध्‍यता स्‍वीकृति दिनांक 15.03.2022 को रू. 315 लाख की 180 हेक्‍टेयर सैंच्‍य क्षेत्र हेतु प्रदान की गई है। सर्वेक्षण उपरान्त योजना की डी.पी.आर. तैयार करने की कार्यवाही प्रचलन में है। मचुन तालाब क्रमांक-2 लागत रूपये 4539.55 लाख रूपांकित सिंचाई क्षमता 1120 हेक्टेयर की डी.पी.आर. प्रमुख अभियंता कार्यालय में परीक्षणाधीन है। वर्तमान में दोनों परियोजनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति दिए जाने की स्थिति नहीं है। निमज्जित खोड़ाना तालाब की प्रशासकीय स्वीकृति वर्ष 2007 में प्रदान की गई थी जिसे वर्ष 2011 में शासन द्वारा मापदण्‍डों के अनुरूप नहीं होने से परियोजना की प्रशासकीय स्‍वीकृति निरस्त की गई। निमज्जित खोड़ाना तालाब के कार्य योजना की पुन: समीक्षा करने की स्थिति नहीं है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "अठारह"

गलत तरीके से भूमि अधिग्रहित करने वालों पर कार्यवाही

[राजस्व]

42. ( क्र. 675 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले की वर्तमान में नगर पंचायत सेमरिया क्षेत्रांतर्गत खसरा क्र. 426 सन् 1956-1957 की खसरा खतौनी में किसका नाम दर्ज था? उक्‍त आराजी तब से अब तक किन-किन भू-धारकों के पास कितने रकवे से कब-कब किस प्रकार से हस्‍तान्‍तरित हुई एवं वर्तमान में कितने बटांकों के साथ किस अस्तित्‍व में है? विवरण सहित सत्‍यापित जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में उपरोक्‍त आराजी में वर्ष 1958-59 में किसका नाम दर्ज था? सत्‍यापित जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्‍या आम निस्‍तार/शासकीय पोखरी के अस्तित्‍व को कूटरचित दस्‍तावेजों के आधार पर अधिग्रहित करने वालों के विरूद्ध दण्‍डात्‍मक कार्यवाही कर उक्‍त जमीन को आम निस्‍तार के लिये पुन: बहाल किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? स्‍पष्‍ट करें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) रीवा जिले की वर्तमान में नगर पंचायत सेमरिया क्षेत्रान्तर्गत खसरा क्रमांक 426 सन् 1956-1957 की खसरा खतौनी में बाल्मीक प्रसाद सा. भटगवां का नाम दर्ज था। उक्त आराजी 1956-1957 से 1960-61 तक बाल्मीक प्रसाद के नाम दर्ज थी। वर्ष 1961 से 1996 तक का अभिलेख जिला अभिलेखागार में उपलब्ध नहीं है। वर्ष 1997-98 से           2002-03 के पंचायत खसरे में खसरा नं. 426 के तीन बटांक दर्ज है। 426/1 रकवा 1.05 एकड़ जगदीश प्रसाद पिता केशव प्रसाद ब्रा., 426/2 रकवा 2.09 एकड़ रामाश्रय पिता ठाकुरदीन ब्रा. एवं 426/3 रकवा 1.04 एकड़ ओमकार प्रसाद पिता केशव प्रसाद ब्रा. के नाम अभिलेख में दर्ज है। वर्ष 2007-08 से 2011-12 के पंचशाला खसरे में वर्ष 2010-11 में अन्य 426/3 में भूमिस्वामी उदित इन्फ्रा वर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड डायरेक्टर श्रीमती नीलम मिश्रा पत्नी अभय मिश्रा निवासी अर्जुन नगर रीवा तहसील हुजूर जिला रीवा दर्ज हुआ। उक्त अन्तरण रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के आधार पर नामान्तरण हुआ है। वर्ष 2020-21 के कम्प्यूटरीकृत खसरे में आराजी नं. 426/1/1/1 रकवा 0.169 हे. श्रीमती नीलम मिश्रा पति अभय मिश्रा, 426/1/1/2 रकवा 0.024 हे. सन्तराम पिता जगदीश प्रसाद, 426/1/2 रकवा 0.220 हे. श्रीमती नीलम मिश्रा पति अभय मिश्रा, 426/1/3 रकवा 0.012 हे. संजीव कुमार गुप्ता पिता हुकुमचन्द्र गुप्ता 426/2 रकवा 0.846 हे. रामभगत, जितेन्द्र, सत्यम, बीरबल पिता रामभजन शुक्ला 426/3 रकवा 0,421 हे. उदित इन्फ्रा वर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड डायरेक्टर श्रीमती नीलम मिश्रा पत्नी अभय मिश्रा निवासी अर्जुन नगर रीवा के नाम भूमिस्वामी स्वत्व में दर्ज है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में उपरोक्त आराजी में वर्ष 1958-59 में बाल्मीक प्रसाद सा. भटगवां का नाम दर्ज था। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में वर्ष 1956-57 से 1960-61 तक आराजी क्रमांक 426 के पंचशाला खसरे में कालम नं. 1 एवं कालम नं. 22, 23 में पोखरी दर्ज था। उक्त आराजी के उपलब्ध किसी भी वर्ष के खसरे में आम निस्तार अथवा शासकीय पोखरी दर्ज नहीं है। वर्तमान में प्रश्‍नाधीन आराजी के कई बटांक नामान्तरण बंटवारा होने से दर्ज हो चुके है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में भूमिस्वामी की सहमति के बगैर भूमि को आम निस्तार के लिये बहाल किया जाना सम्भव नहीं है।

भूमिहीन गरीबों को पट्टा वितरण

[राजस्व]

43. ( क्र. 744 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य सरकार भूमिहीन गरीबों को विगत 10 वर्षों से कब्जे के आधार पर आवास हेतु भूमि देने के लिये कृत संकल्पित है? (ख) यदि हाँ, तो खण्डवा जिले में राजस्व विभाग द्वारा कितने भूमिहीन गरीबों को आवास हेतु पट्टे का वितरण गत अभियान में किया गया? तहसीलवार स्वीकृत पट्टों की जानकारी दी जाए। (ग) क्या खण्डवा विधानसभा के कई ग्रामों में सैकड़ों आवासहीन गरीब भूमि के पट्टे से वंचित हैं जिसके कारण उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है?             (घ) यदि हाँ, तो क्या इन गरीबों को पट्टा वितरण हेतु नवीन सर्वें कराकर आबादी क्षेत्र से बाहर काबिज भूमि का आवास पट्टा वितरित किये जाने की कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) वर्तमान में कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं हैं।           (ख) खंडवा जिले में राजस्‍व विभाग द्वारा कुल 65,919 भूमिहीन गरीबों को आवास हेतु भू-खंड प्रमाण पत्रों का वितरण गत अभियान में किया गया। तहसीलवार स्वीकृत पट्टों की  जानकारी संलग्न  परिशिष्‍ट  अनुसार  है। (ग) जी, नहीं। जिले की समस्‍त विधानसभाओं में समय-समय पर पात्रतानुसार आवासहीन गरीबों को भूमि के पट्टे वितरित किये जाकर प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ प्राप्‍त हो रहा हैं। (घ) उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "उन्नीस"

वन विभाग के कार्यों की जानकारी

[वन]

44. ( क्र. 747 ) श्री उमंग सिंघार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या धार जिले की आदिवासी बाहुल्‍य क्षेत्र गंधवानी विधान सभा में विकास हेतु एवं आदिवासियों की मुलभूत सुविधाओं हेतु तत्‍कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा वन विभाग के विभिन्‍न कार्य स्‍वीकृत किये थे?             (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो कौन-कौन से मद से कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य स्‍वीकृत किये गये थे? ब्‍लाकवार, कार्यवार एवं राशिवार जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ग) उक्‍त स्‍वीकृत कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण, अपूर्ण एवं प्रगतिरत हैं? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? उक्‍त कार्यों की कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है? कितनी राशि भुगतान हेतु शेष हैं?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ग) जानकारी उत्‍तरांश ''''  के  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट  में है। अपूर्ण कार्यों को शीघ्र पूर्ण कराने के प्रयास जारी हैं, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

उचित मूल्‍य की दुकानों के वृद्धि की योजना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

45. ( क्र. 758 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल दक्षिण पश्चिम विधान सभा क्षेत्र में बी.पी.एल. राशनकार्ड धारियों की जनसंख्‍या के अनुपात में उचित मूल्‍य की दुकानों की संख्‍या में वृद्धि करने की योजना है? यदि हाँ, तो दुकानों में वृद्धि कब तक होगी और यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) भोपाल दक्षिण पश्चिम स्थित उचित मूल्‍य की दुकानों पर राशनकार्ड धारियों को पर्याप्‍त मात्रा, गुणवत्‍तापूर्ण खाद्य सामग्री दिये जाने का क्‍या प्रावधान है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) उचित मूल्‍य की दुकानों में सामग्री प्रदाय किये जाने के लिये पूर्व व्‍यवस्‍था परिवार के मुखिया को ही परिवार का सम्‍पूर्ण खाद्य सामग्री प्रदाय करने की व्‍यवस्‍था को कब तक बहाल किया जायेगा और यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) उचित मूल्‍य की दुकानों पर राशन कार्डधारकों का मशीन पर नाम नहीं आने का क्‍या कारण है एवं ऐसे कार्डधारकों को खाद्य साम्रगी प्रदाय किये जाने की क्‍या व्‍यवस्‍था है?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रचलित प्रावधान अनुसार एक अतिरिक्‍त नवीन उचित मूल्‍य दुकान खोली जा सकती है। तत्‍संबंध में जिले में कार्यवाही प्रचलित है। निश्चित समय बताया जाना संभव नहीं है। (ख) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र सहित भोपाल जिले में उचित मूल्‍य दुकानों से पात्र परिवारों को दी जाने वाली खाद्य सामग्री की मात्रा की  जानकारी संलग्न  परिशिष्‍ट अनुसार है। उपरोक्‍त सामग्री, पात्रतानुसार अच्‍छी औसत गुणवत्‍ता (एफ.ए.क्‍यू) सामग्री दिये जाने का प्रावधान है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 अंतर्गत पात्र परिवारों को समय पर उनकी हकदारी सुनिश्चित करने के लिए परिवार के किसी भी सदस्‍य को संपूर्ण परिवार की राशन सामग्री दी जाती है। प्रत्‍येक परिवार का मुखिया हर समय गांव में ही रहे, यह आवश्‍यक नहीं है। यदि मुखिया को ही राशन सामग्री प्राप्‍त करना है तो वह वन नेशन वन राशनकार्ड के अंतर्गत कहीं से भी राशन सामग्री प्राप्‍त कर सकता है। अत: वर्तमान व्‍यवस्‍था में किसी परिवर्तन का औचित्‍य नहीं है।             (घ) उचित मूल्‍य की दुकानों पर प्रत्‍येक पात्र परिवार जिनकी पात्रता पर्ची जारी हो चुकी है, के नाम एवं पात्रता पीओएस मशीन में प्रदर्शित होती है। मशीन में ऐसे परिवारों के नाम प्रदर्शित नहीं होते हैं जिनका चिन्‍हांकन अथवा चिन्‍हांकन उपरांत सत्‍यापन कर पात्रता पर्ची नहीं जारी की गई है।

परिशिष्ट - "बीस"

भू-अभिलेख अधीक्षक के रिक्‍त पदों की जानकारी

[राजस्व]

46. ( क्र. 759 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) दिनांक 01 जनवरी 2022 तक भू-अभिलेख अधीक्षक के कुल कितने पद रिक्‍त हैं? इनमें से कितने पद भू-अभिलेख विभाग के तथा कितने पद अन्‍य विभागों में प्रतिनियुक्ति के हैं? वर्गवार एस.सी., एस.टी., ओ.बी.सी. एवं अन्‍य के कितने पद रिक्‍त हैं? इनमें से कितने-कितने पद किस-किस वर्ष से रिक्‍त चले आ रहे हैं पदवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित रिक्‍त पदों में से कितने पदों को वर्गवार पदोन्‍नति से भरा जाना है क्‍या पदोन्‍नति के रिक्‍त पदों की वर्गवार पूर्ति में कोई वैधानिक बाधा है? यदि‍ हाँ, तो क्‍या? यदि नहीं, तो इन्‍हें नहीं भरे जाने का क्‍या कारण है? क्‍या इसके लिए कोई दो‍षी हैं? यदि हाँ, तो संबंधित के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही कब तक की जावेगी एवं पदोन्‍नति के रिक्‍त पदों की पूर्ति कब तक कैसे किस प्रकार की जावेगी? (ग) क्‍या रिक्‍त पदों की व्‍यवस्‍था हेतु उच्‍च पद का प्रभार पुलिस विभाग की व्‍यवस्‍थानुसार दिया जाना विचाराधीन है? यदि हाँ, तो तदविषयक कार्यवाही कब तक, कैसे होगी एवं किस पद नाम को कितने वर्ष की सेवा तदविषयक पात्रता धारक माना जावेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) क्‍या पात्रता धारक सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख एवं एस.एल.आर. पदोन्‍न‍ति की प्रत्‍याशा में सेवानिवृत्‍त हो गये हैं? यदि हाँ, तो उनकी संख्‍या कितनी-कितनी है? क्‍या उनकी क्षति पूर्ति की कोई योजना है? यदि हाँ, तो क्‍या है और यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) दिनांक 01 जनवरी 2022 तक भू-अभिलेख अधीक्षक के कुल 137 पद रिक्‍त हैं। सभी पद भू-अभिलेख विभाग के है। अन्‍य विभागों में प्रतिनियुक्ति का पद नहीं है। वर्गवार 01.01.2022 तक रिक्‍त पदों की स्थिति:-

सामान्‍य

एस.सी.

एस.टी.

ओ.बी.सी.

कुल रिक्‍त पद

90

21

26

00

137

वर्गवार वर्षानुसार रिक्‍त पदों की स्थित :-

वर्ष

सामान्‍य

एस.सी.

एस.टी.

ओ.बी.सी.

वर्षानुसार कुल रिक्‍त पद

2016

84

17

22

00

123

2017

90

20

23

00

133

2018

90

21

23

00

134

2019

90

21

23

00

134

2020

90

21

23

00

134

2021

90

21

26

00

137

2022

90

21

26

00

137

(ख) सभी रिक्‍त पदों को वर्गवार पदोन्‍नति से भरा जाना है। जी हाँ। वर्तमान में वर्ष 2016 से पदोन्‍नति में आरक्षण संबंधी मामला माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय में विचाराधीन होने से पदोन्‍नति नहीं की जा सकी है। माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय से निर्णय होने पर पदोन्‍नति की जावेगी। (ग) जी नहीं। सीमित कार्य होने के कारण उच्‍च पद का प्रभार दिए जाने की आवश्‍यकता नहीं है। (घ) जी हाँ। सेवानिवृत्‍त हो गये है। जिनकी जानकारी निम्‍नानुसार है:-

सेवानिवृत्‍त एस.एल आर. की वर्षानुसार संख्‍या

 

सेवानिवृत्‍त ए.एस.एल.आर. की वर्षानुसार संख्‍या

वर्ष

संख्‍या

 

वर्ष

संख्‍या

2016

10

 

2016

09

2017

01

 

2017

06

2018

00

 

2018

00

2019

00

 

2019

00

2020

01

 

2020

01

2021

02

 

2021

11

2022

01

 

2022

07

कुल

15

 

कुल

34

पदोन्‍नति पर रोक होने के उपरांत भी सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख एवं अधीक्षक भू-अभिलेख को नियमानुसार समय-समय पर समयमान-वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है।

नहरों की माईनर डिस्ट्रीब्‍यूटरियों का उपयोग

[जल संसाधन]

47. ( क्र. 772 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर चम्बल के, श्‍योपुर, मुरैना, भिण्ड, दतिया, जिलों की नगर सीमा से लगी हुई नहरों की कितनी माईनर डिस्ट्रीब्‍यूटरियों का उपयोग सिंचाई हेतु कब से नहीं हो पा रहा है? उनके आस-पास रहवासी, बस्तियों के मकान, कॉलोनी बनाई जा चुकी है। चम्बल के ए.वी.सी, एम.बी.सी केनल एवं ग्वालियर दतिया की नहरों की माईनर डिस्ट्रीब्‍यूटरियों की जानकारी जून 2022 की स्थिति में दी जावे। (ख) चम्बल के जिला, तहसील, नगर परिषद के कितने नगरों के पास की माईनर डिस्ट्रीब्‍यूटरियों पर मकान बनाकर, माईनरो की खेती बाला सिंचाई का रकबा कितना कम कब से हो गया है रकवा की सर्वे नम्बर सहित पूर्ण जानकारी जून 2022 की स्थिति में दी जावे। (ग) क्या यह भी सही है मुरैना, भिण्ड, श्‍योपुर की माईनर डिस्ट्रीब्‍यूटरियों को या तो नष्‍ट  कर दिया है या उन पर जल संसाधन विभाग की अनुमति के बिना सड़कें बनाई जा चुकी है विभाग द्वारा नष्‍ट  माइनर डिस्ट्रीब्‍यूटरियों के बारे में अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? तिथिवार  पूर्ण जानकारी दी जावे।  (घ) ग्वालियर चम्बल में कितना रकवा सिंचाई से कम हूआ है उसकी सर्वे नम्बर रकबा सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। क्या नष्‍ट  की गई माइनर डिस्ट्रीब्‍यूटरियों पर उक्त अवधि में विभाग द्वारा मरम्मत राशि खर्च  की गई है यदि हाँ, तो पूर्ण जानकारी राशि सहित वर्ष 2018 से लेकर  जून 2022 की स्थिति में दी जावे।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) यमुना कछार ग्वालियर अंतर्गत श्योपुर, मुरैना, ग्वालियर एवं भिण्ड जिलों में मुख्यतः चम्बल नहर प्रणाली एवं हरसी नहर प्रणाली के माध्यम से सिंचाई की जाती है। इन नहरों की माईनर, वितरिकाओं आदि का क्षेत्र सिंचाई हेतु उपयोग न होने बावत्  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'''' के कॉलम नं. 4 में दर्शित है।             (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के "प्रपत्र-अ" के कॉलम नं. 4 और 7 में दर्शित है।             (ग) जी नहीं। यमुना कछार के तहत जिला मुरैना, भिण्ड एवं श्योपुर अंतर्गत किसी भी नहर को नष्ट नहीं किया गया है एवं न ही उन पर सड़के बनाई गई है। ए.बी.सी. की 10 एल/33 आर वितरिका 6.00 कि.मी. से 12.00 कि.मी. तक का क्षेत्र रास्ते के रूप में बिना अनुमति के उपयोग हो रहा है। उक्त भूमि को विभाग द्वारा अनुपयोगी परिसम्पत्तियों के पोर्टल पर दिनांक 09.07.2021 एवं 13.07.2021 को पंजीयन करा दिया जाना प्रतिवेदित है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'''' अनुसार है। इन जिलों में कम हुये रकवे के सर्वे नं. की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' में दर्शित है। कुछ नहरों के सर्वे नं. संकलित कराये जा रहे हैं। इन नहरों की मरम्मत/रख-रखाव कार्य पर वर्ष 2018 से जून 2022 तक की अवधि में कोई राशि व्‍यय नहीं की जाना प्रतिवेदित है।

बंटवारा प्रकरण में अनियमितता से स्टाम्‍प ड्यूटी की हानि

[राजस्व]

48. ( क्र. 773 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) क्या जिला, तहसील, मुरैना के ग्राम-जौरा खुर्द के सर्वे क्रमांक 6062 एवं 2069 का बंटवारा प्रकरण क्रमांक 46/2019/2020/अ-27 आदेश दिनांक 23.06.2020 में स्वीकृत किया गया है? आवेदक के हिस्से अनुसार सर्वे, रकबा सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ख) उक्त बंटवारा असमान भाग से किया जाकर कुल कितने रकबा  को असमान रूप से हस्‍तान्तरित किया गया है? उक्त के बराबर में खातेदारों की वल्दियत भी बदल दी गई है, इस प्रकार इस प्रकरण में स्टाम्‍प ड्यूटी  की हानि होकर शासन के नियमों का उल्‍लंघन किया है? पूर्ण जानकारी तथ्यों सहित दी जावे। (ग) क्या उक्त प्रकरण की शिकायतें  कब-कब, किन- किन अधिकारियों, शासन के प्रतिनिधियों को की गई शिकायतकर्ताओं के नाम, अधिकारियों के नाम सहित जानकारी दी जावे? (घ) क्या शासन निर्धारित स्टाफ ड्यूटी  में असत्य प्रमाण जुटाकर की गई कार्यवाही की जांच कर जिम्मेदार कर्मचारी/अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बताई जावे?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँI तत्कालीन तहसीलदार तहसील मुरैना नगर द्वारा ग्राम जौराखुर्द के प्रकरण क्रमांक 46/2019-20/अ-27 में तत्कालीन पटवारी द्वारा फर्द बंटवारा के अनुसार जौराखुर्द के सर्वे क्रमांक 2062 एवं 2069 का बंटवारा आदेश दिनांक 23/06/2020 द्वारा स्वीकृत किया गया हैI उक्त बंटवारा न्यायालयीन प्रक्रिया अंतर्गत उभयपक्षों को सुनवाई का समुचित अवसर दिया गया हैI प्रकरण में अन्तर्निहित बंटवारा फर्द की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'अनुसार हैI प्रश्‍नांकित सर्वे क्रमांक 6062 का कोई बंटवारा नहीं किया गया हैI                   (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ग) उक्‍त बंटवारा प्रकरण की शिकायत शिकायतकर्ता श्री उदयवीर सिंह सिकरवार तत्‍कालीन जिला उपाध्‍यक्ष भारतीय जनता पार्टी मुरैना द्वारा आयुक्‍त चम्‍बल संभाग मुरैना को की गई थी। आयुक्‍त चम्‍बल संभाग की नोटशीट की छायाप्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है  जिसमें शिकायत नस्‍तीबद्ध की गई है।             (घ) लागू नहीं।

खाद्यान्‍न उपार्जन संबंधी नियम

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

49. ( क्र. 823 ) श्री राकेश मावई : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में खाद्यान्‍न उपार्जन किसी अधिनियम के बजाये नीति के तहत किये जाने का क्‍या कारण है? वर्ष 2021 की विभागीय समीक्षा बैठक में उपार्जन का कड़ा कानून बनाये जाने हेतु लिये गये निर्णय पर प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) क्‍या सभी खरीदी केन्‍द्रों पर खाद्यान्‍न की गुणवत्‍ता परखने की जिम्‍मेदारी आउटसोर्स से नियुक्‍त सुपरवाईजरों की होती है? फिर भी यदि भण्‍डारण और वितरण के दौरान खाद्यान्‍न अमानक पाया जाता है तो इसके लिये कौन जिम्‍मेदार होगा?                      (ग) विगत 3 वर्षों से मुरैना जिले के किन-किन खरीदी केन्‍द्रों से कितना-कितना खाद्यान्‍न अमानक खरीदा जाना पाया गया और किन-किन भण्‍डारगृहों में अमानक खाद्यान्‍न होना पाया गया? इन अनियमितताओं के लिये कौन जिम्‍मेदार पाया गया तथा उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई?               (घ) सार्वजनिक वितरण प्रणाली से वितरित होने वाले खाद्यान्‍न की गुणवत्‍ता का परीक्षण के क्‍या नियम निर्देश हैं एवं इसकी क्‍या प्रक्रिया अपनाई जाती है? इसके लिये कौन शासकीय सेवक जिम्‍मेदार होते है? प्रश्‍नांश (ग) अनुसार भण्‍डारग्रहों से सार्वजनिक वितरण प्रणाली में प्रतिमाह वितरण हेतु प्राप्‍त खाद्यान्‍न की गुणवत्‍ता का परीक्षण नियत प्रक्रिया से किया जा रहा है? यदि हाँ, तो विगत 2 वर्षों में माहवार किन-किन भण्‍डारग्रहों से पी.डी.एस. हेतु किस-किस अनाज की निकासी कब-कब की गई तथा अनाज का परीक्षण किस-किस शासकीय सेवकों द्वारा कब-कब किया गया तथा उनके द्वारा क्‍या-क्‍या परीक्षण प्रतिवेदन दिये गये, संपूर्ण जानकारी सहित परीक्षण प्रतिवेदन उपलब्‍ध करायें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रदेश में खाद्यान्‍न उपार्जन की गतिविधियों को नियमित करने के लिए कोई अधिनियम अथवा नियम अधिसूचित न होने के कारण उपार्जन नीति जारी कर उसके प्रावधानों के तहत उपार्जन का कार्य संपादित किया जाता है। कृषि उपज के उपार्जन को वर्तमान प्रचलित कानून अंतर्गत नियंत्रित करने का निर्णय लिया गया है। (ख) उपार्जन के दौरान खरीदी केन्‍द्रों एवं भण्‍डारण केन्‍द्रों पर खाद्यान्‍न की गुणवत्‍ता की जांच का दायित्‍व आउटसोर्स से नियुक्‍त सर्वेयर की होती है। गुणवत्‍ता परीक्षण में अनियमितता पाए जाने पर जिले की उपार्जन समिति द्वारा जांच उपरान्‍त संबंधित ऑउटसोर्स एजेंसी द्वारा उपलब्‍ध कराए गए सर्वेयर पर उचित कार्यवाही की जाती है। (ग) विगत 3 वर्षों में मुरैना जिले के उपार्जन केन्‍द्रों पर अमानक स्‍तर के उपार्जित खाद्यान्‍न की मात्रा की उपार्जन केन्‍द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। जिले में किसी भी भण्‍डारण स्‍थल में अमानक स्‍तर के खाद्यान्‍न के भण्‍डारण का प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है। (घ) सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत वितरित किए जाने वाले खाद्यान्‍न के उठाव के पूर्व गुणवत्‍ता की जांच कर स्‍टेक चयन की कार्यवाही एक समिति द्वारा की जाती है। केन्‍द्र प्रभारी मध्‍यप्रदेश स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज कार्पोरेशन, शाखा प्रबंधक, मध्‍यप्रदेश स्‍टेट वेयर हाउसिंग एण्‍ड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन तथा संबंधित क्षेत्रीय कनिष्‍ठ आपूर्ति अधिकारी इस समिति के सदस्‍य होते है। मुरैना जिले में समिति द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन कर स्‍टेक चयन किया जा रहा है। विगत 2 वर्षों में माहवार, भण्‍डारगृहवार, खाद्यान्‍नवार निकासी किये गये खाद्यान्‍न की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। प्रदायकेन्‍द्रवार, माहवार स्‍टेक चयन की कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है।

निजी कृषि भूमि से सागौन के पेड़ों की कटाई हेतु अनुम‍ति

[राजस्व]

50. ( क्र. 824 ) श्री राकेश मावई : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला मुरैना की तहसील जौरा अंतर्गत ग्राम निटहरा के निजी भूमि सर्वे क्र. 690 कृषक श्री रामहेत सिंह के खेत में लगाये गये 20 साल पुराने सागौन के पेड़ काटने की अनुमति देने बाबत् तहसीलदार जौरा को प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्र क्र. 861/2022 दिनांक 15.02.2022 को दिया गया? यदि हाँ, तो पत्र पर प्रश्‍न दिनांक तक पेड़ काटने के लिए अनुमति देने हेतु कोई कार्यवाही क्‍यों नहीं की गई? इसके लिए कौन दोषी है? क्‍या दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो कारण सहित जानकारी देवें। (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) अनुसार निजी भू‍मि सर्वे क्र. 690 में सागौन के पेड़ काटने हेतु कृषक रामहेत सिंह द्वारा जिला कलेक्‍टर मुरैना की जनसुनवाई में भी पूर्व में दो बार आवेदन दिये गये? यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक सागौन के पेड़ काटने की अनुमति देने हेतु कोई कार्यवाही क्‍यों नहीं की गई? कारण सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार दिये गये पत्र में वर्णित निजी भूमि सर्वे क्रमांक 690 में 20 वर्ष पुराने सागौन के पेड़ काटने की अनुमति कृषक को कब तक दी जावेगी? यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँI आवेदन प्राप्त होने उपरान्त म.प्र.                भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 240 नियम (2) एवं (4) के प्रावधानानुसार ग्राम पंचायत स्तरीय समिति/वन विभाग को अनुशंसा/अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रस्तुत किये जाने हेतु पत्र प्रेषित किया गया। शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता। (ख) जी नहीं। कलेक्‍टर मुरैना की जनसुनवाई में आवेदक रामहेत सिंह द्वारा अपनी निजी भूमि सर्वे क्रमांक 690 में सागौन के पेड़ काटने की अनुमति हेतु आवेदन प्रस्तुत करने सम्बन्धी कोई अभिलेख नहीं पाया गया। (ग) उत्‍तरांश (क) में वर्णित अनापत्ति            प्रमाण-पत्र संबंधी निर्णय अनुसार कार्यवाही की जाना प्रावधानित है।

रेत खदान का संचालन

[खनिज साधन]

51. ( क्र. 844 ) कुँवर रविन्‍द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चम्बल संभाग में चम्बल नदी घाट पर कितनी रेत की खदान संचालित है(ख) इन संचालित रेत खदानों से वर्ष 2021-22 में कितनी रेत की सप्लाई किनके द्वारा कराई गई? (ग) इन संचालित खदानों से रेत सप्लाई में चोरी की कितनी घटनाएं शासन के पकड़ में आई?              (घ) चम्बल संभाग में जिला श्योपुर से जिला भिण्ड तक रेत की खदान संचालित करने से शासन को रॉयल्टी भी प्राप्त होगी व बैरोजगारों को रोजगार भी प्राप्त होगा। रेत की खदान खोलने हेतु शासन द्वारा किसी योजना पर विचार किया जा रहा है? अगर हाँ, तो क्या? अवगत करावें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) चंबल संभाग में चंबल नदी घाट पर कोई भी रेत की खदान संचालित नहीं है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।  (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) चंबल संभाग में वन मंडलाधिकारी मुरैना वन मंडल मुरैना के पत्र क्रमांक मा.चि./8196 दिनांक 24/08/2021 से रेत की खदान खोलने हेतु प्रस्‍ताव अपर प्रधान मुख्‍य वन संरक्षक, ग्‍वालियर वृत्‍त ग्‍वालियर के कार्यालय में विचाराधीन है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

करोड़ों की शासकीय जमीनों को निजी हाथों में सौंपना

[राजस्व]

52. ( क्र. 847 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 988 दिनांक 10.03.2022 के उत्तर के खण्ड (क) के संदर्भ में बतावें कि अपील की जाये या नहीं की जाये, इस सन्दर्भ में क्या कार्यवाही की गई? उससे संबधित समस्त दस्तावेज, पत्राचार, नोटशीट, की प्रति देवें तथा बतावें कि सक्षम प्राधिकारी ने इसमें दस वर्ष का समय लगाया। उसका नाम तथा पद बतावें। (ख) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 988 के खण्ड (ख) का स्पष्ट उत्तर देवे कि गंभीर लापरवाही किस अधिकारी द्वारा की गई तथा उस पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई तथा क्या आदेश के अंत में दी गई लिबर्टी से पेरा 16 की टिप्पणी शून्य नहीं होती है? यदि हाँ, तो बतावें कि कैसे? (ग) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 988 के खण्ड (ग) के उत्तर के संदर्भ में पैरा 15 में पटवारी के अनैतिक कार्य के बारे में कोई टिप्पणी नहीं है तथा खण्ड (घ) के अनुसार उच्चतम न्यायालय के आदेश की प्रति क्यों नहीं दी गई? स्पष्ट कारण बतावें तथा आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्‍नाधीन जमीन के संदर्भ में उच्चतम न्यायालय में रिव्यु पिटीशन दाखिल न की जाये इसका निर्णय किस गुणदोष के आधार पर लिया गय? क्या विधि विभाग से राय ली गई? इस संदर्भ में समस्त दस्तावेज, पत्राचार, नोटशीट की प्रति देवें। (ड.) उच्चतम न्यायालय तथा उच्च न्यायालय के आदेश की प्रतियां उपलब्ध करावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जिला रतलाम की तहसील रतलाम शहर के प.ह.नं. 16 कस्बा रतलाम की सर्वे क्रमांक 122,123 की भूमि के संबंध में राजस्व मंडल ग्वालियर के निगरानी प्र.क्रं. 1469-एफ/2001 में पारित आदेश दिनांक 17/07/2021 के विरूद्ध शासन द्वारा माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर में याचिका क्रमांक 4685/14 दायर की गई थी, जो दिनांक 16/12/2014 को खारिज की, उक्त आदेश के विरूद्ध शासन द्वारा एसएलपी क्रमांक 15378-15379/2016 में प्रस्तुत की गई। यह भी आदेश दिनांक 22/08/2016 से खारिज हो चुका है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार  है। आदेश को 10 वर्ष में चुनौती देने बाबत् उल्लेख प्रश्‍न क्रमांक 988 के उत्‍तरांश (क) में किया जा चुका है। (ख) न्‍यायालयीन प्रकरणों में पारित आदेशों के संबंध में अपील करने का निर्णय प्रकरण की तत्‍समय प्रचलित परिस्थिति के प्रकाश में गुणदोष के आधार पर किया जाता है। माननीय न्‍यायालय के आदेश में वर्णित ऑपरेटिव पार्ट अनुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) माननीय उच्‍च न्‍यायालय द्वारा याचिका क्रमांक 4685/2014 के पैरा 15 में पटवारी के अनैतिक कार्यों में टिप्‍पणी नहीं की गई है। माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय के आदेश की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  अनुसार  है। (घ) न्‍यायालयीन प्रकरणों में पारित आदेशों के संबंध में अपील करने का निर्णय प्रकरण की तत्‍समय प्रचलित परिस्थिति के प्रकाश में गुणदोष के आधार पर किया जाता है। प्रश्‍नाधीन जमीन के संदर्भ में उच्चतम न्यायालय में रिव्यु पिटीशन दाखिल किये जाने से संबंधित अभिलेख उपलब्‍ध नहीं होने से जानकारी दी जाने कठिनाई है।                (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है।

शासकीय जमीनों को निजी हाथों में सौंपना

[राजस्व]

53. ( क्र. 848 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 987 दिनांक 10 मार्च 2022 के खण्ड (क) तथा (ख) के उत्तर के संदर्भ में बतावें अपील की जाये या नहीं, यह निर्णय किसकी सलाह से लिया गया? उस संबंधी समस्त पत्राचार नोटशीट की प्रति देवें। (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित भूमि के प्रकरण के सन्दर्भ में उच्चतम न्यायालय में वाद दायर किया जाये या नहीं इस संदर्भ में विधि विभाग से राय ली गई या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शासन का यह स्पष्ट निर्देश है कि शासकीय भूमि के संदर्भ में शासन के विपरीत निर्णय होने पर इसे सक्षम न्यायालय में चुनौती दी जाये? यदि हाँ, तो इस आदेश का पालन क्यों किसके निर्देश पर नहीं किया गया? संबंधित दस्तावेज उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 987 के खण्ड (ग) से संबंधित जानकारी एकत्रित करने हेतु की गई कार्यवाही पत्राचार की प्रति देवें तथा जानकारी आ गई हो तो उसकी प्रति देवें। (ड.) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 987 के खण्ड (घ) का उत्तर किस आधार पर दिया गया कि शासन के निर्देशों का पालन न कर, सक्षम न्यायालय में चुनौती न देकर तथा माननीय न्यायालय में समय पर जानबूझकर जवाब प्रस्तुत न कर 160 करोड़ की जमीन निजी नाम पर कर देने के बाद भी किसी अधिकारी की जवाबदेही नहीं बनती है, दस्तावेज सहित उत्तर देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) न्यायालयीन प्रकरणों में पारित आदेशों के सम्बन्ध में अपील सम्बन्धी कार्यवाही बावत गुणदोष के आधार पर निर्णय किया जाता है। अपील संबंधी तत्‍कालीन अभिलेख उपलब्‍ध नहीं हो पाने से उत्‍तर दिये जाने में कठिनाई है। (ख) उत्‍तरांश (क) अनुसार। (ग) न्यायालयीन प्रकरणों में पारित आदेशों के सम्बन्ध में अपील सम्बन्धी कार्यवाही बावत गुणदोष के आधार पर मुकदमा नीति के अनुसार की जाती है। शेष जानकारी उत्‍तरांश (क) अनुसार। (घ) अवमानना याचिकाओं में मूल आदेश के पालन में की गयी कार्यवाही की जानकारी देनी होती है। अभिलेखों में उच्च न्यायालय में दायर अवमानना याचिका क्रमांक 262/2012 के अंतरिम आदेश 25/7/2012 एवं 08/11/2012 में जवाब फाइल न करने के कारणों से संबंधित न्‍यायालयीन अभिलेख उपलब्ध न होने के कारण जानकारी प्रदान करने में कठिनाई है। (ड.) प्रश्‍न क्रमांक 987 के खण्‍ड-(घ) का उत्‍तर जिले से तत्‍समय प्रतिवेदित जानकारी के आधार पर दिया गया। शेष जानकारी उत्‍तरांश (क) अनुसार है।

रेत उत्खनन से प्राप्‍त आय

[खनिज साधन]

54. ( क्र. 852 ) श्री सुरेश राजे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) रेत खदान से प्राप्त आय की कितनी अंश राशि सम्बंधित खदान क्षेत्र के विकास हेतु ग्राम पंचायत को देने का आदेश/नियम है तथा रेत/काली गिट्टी/मुरम का ओवरलोड परिवहन करने पर वाहन अनुसार कितनी राशि का दण्ड देने का आदेश है?, इनकी सत्यापित प्रति उपलब्ध करावेंl              (ख) क्या डबरा क्षेत्र के अंतर्गत वैध/अवैध खदानों से रेत एवं मुरम का ओवरलोड परिवहन होने से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से बने मार्ग सिर्फ छ: माह के भीतर 70 प्रतिशत से अधिक रोड़ उखड़ने से गड्ढों में बदल गयी है जिससे शासन को करोड़ों रुपयों की क्षति हुई है? इसको रोकने हेतु किस प्रकार के उपाय किये गए हैं, पूर्व में भी प्रश्‍नकर्ता द्वारा इसे रोकने हेतु मांग उठाई गयी थी इसको रोकने हेतु प्रश्‍न दिनांक तक किस ओवरलोड वाहन से किस दिनांक को कितनी राशि वसूली गयी? (ग) जिला ग्वालियर में संचालित रेत खदानों से वर्ष 2018-19 से 2021-22 में प्रश्‍न दिनांक तक कितनी-कितनी आय हुयी? प्राप्त आय की कितनी-कितनी राशि स्वीकृत खदान क्षेत्र की किस ग्राम पंचायत को किस कार्य हेतु प्रदान की गयी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) रेत खनिज से प्राप्‍त राशि के अंतरण के संबंध में मध्‍यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण तथा व्‍यापार) नियम, 2019 के नियम 21 (1) के अनुसार रूपये 75/- प्रति घनमीटर संबंधित ग्राम पंचायत/नगरीय निकाय के लिए राज्‍य शासन को निगम द्वारा संचालित खाते से अंतरित किया जाना प्राव‍धानित है। रेत, काली गिट्टी/मुरम के ओवरलोड के प्रकरणों में कार्यवाही किये जाने के पृथक से प्रावधान खनिज नियमों में नहीं हैं अपितु, अभिवहन पार-पत्र में दर्ज मात्रा से अधिक मात्रा के लिए मध्‍यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भंडारण का निवारण) नियम, 2022 के नियम 20 (1) अनुसार कार्यवाही किया जाना प्रावधानित है। उक्‍त नियम मध्‍यप्रदेश राजपत्र में अधिसूचित हैं। (ख) म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना ईकाई, ग्‍वालियर द्वारा निर्माणाधीन मार्ग पैकेज क्रमांक एम.पी. 14704 के डामरीकरण कार्य को ओवरलोड़ रेत परिवहन वाहनों द्वारा क्षतिग्रस्‍त होने का लेख किया गया है। ओवरलोडिंग/अभिवहन पार-पत्र से अधिक खनिज मात्रा का परिवहन किये जाने पर की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न  परिशिष्‍ट  पर दर्शित है। जिले में अभिवहन पार-पत्र में दर्ज मात्रा से अधिक मात्रा के ओवरलोड़ वाहनों से दिनांकवार एवं वाहनवार प्रकरण का विवरण  संलग्‍न  परिशिष्‍ट अनुसार 9,83,823/- रूपये वसूल कर जमा कराया गया है। (ग) जिला ग्‍वालियर में संचालित रेत खदानों से वर्ष 2018-19 से 2021-22 में प्रश्‍न दिनांक तक प्राप्‍त आय रूपये 52,79,32,488/- प्राप्‍त हुए हैं। रेत खनिज से प्राप्‍त राशि का अंतरण मध्‍यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण तथा व्‍यापार) नियम, 2019 के नियम 21 के तहत वर्णित प्रावधान अनुसार किया जाता है। कार्यवार आवंटन का नियमों में प्रावधान न होने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "इक्कीस"

नौरादेही अभयारण्‍य के विस्थापितों को मुआवजा

[वन]

55. ( क्र. 853 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्या वन परिक्षेत्र सर्रा अंतर्गत नौरादेही अभ्यारण के 24 ग्रामों का विस्थापन किया जा रहा है जिसमें ग्राम कुसमी की विस्थापन प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है? यदि हाँ, तो ग्राम दूधिया रैयत 01 एवं 02 की विस्थापन प्रक्रिया वर्ष 2015 से अभी तक पूर्ण क्यों नहीं हुई है तथा ग्राम वासियों को विस्थापन की मुआवजा राशि प्रदान क्यों नहीं की गई? इसका क्या कारण है? मुआवजा राशि कब तक प्रदाय की जाएगी? (ख) ग्राम दूधिया रैयत 01 एवं 02 के ग्राम वासियों के विस्थापन में कट ऑफडेट (अंतिम तिथि) क्या है जिसके आधार पर विस्थापन की प्रक्रिया पूर्ण कर मुआवजा राशि प्रदाय की जायेगी?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। नौरादेही वन्‍यप्राणी अभयारण्‍य के अंतर्गत ग्राम कुसमी के विस्‍थापन की प्रक्रिया वर्ष 2015 में पूर्ण हो चुकी है। संरक्षित क्षेत्रों से ग्रामों का पुनर्स्‍थापन पूर्णत: स्‍वैच्छिक है। ग्राम दुधिया रैयत 01 एवं 02 के ग्रामीणों के मध्‍य विस्‍थापन के मुआवजा हेतु शासन द्वारा विस्‍थापन हेतु जारी दिशा-निर्देश के अनुसार विकल्‍प चयन पर सहमति न बन पाने के कारण विस्‍थापन प्रक्रिया में विलंब हुआ है। जिला स्‍तरीय विस्‍थापन समिति द्वारा विस्‍थापन हेतु पात्र/अपात्र हितग्राहियों का अंतिम रूप से निर्धारण की कार्यवाही पूर्ण नहीं होने के कारण मुआवजा राशि प्रदान नहीं की जा सकी है। मुआवजा राशि का प्रदाय पात्रता निर्धारण उपरांत सम्‍भव है। (ख) ग्राम दुधिया रैयत 01 एवं 02 के ग्रामवासियों के विस्‍थापन में कट-ऑफ-डेट (अंतिम तिथि) 28.02.2021 निर्धारित की गई है।

वन भूमि का राजस्व भूमि में परिवर्तन

[वन]

56. ( क्र. 854 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना टाईगर रिजर्व अन्तर्गत जिला छतरपुर के विस्थापित ग्रामों को वनभूमि की धारा 34 ए के तहत डी-नोटिफाइड किया गया है। क्या उक्त पुनर्बसाहट स्थल अब वन भूमि नहीं रहेगा? अब राजस्व भूमि होगी? (ख) प्रश्‍नांश (क) से क्या उक्त ग्रामों में जिला प्रशासन द्वारा केन्द्र शासन के आदेश एफ सी 8.34/2017 दिनांक 20.05.2019 का पालन किया जा चुका है? यदि नहीं, तो कब तक करा दिया जावेगा? (ग) विलम्ब के लिये कौन दोषी है? क्या दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध प्रशासन कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही से अवगत करावें। (घ) क्या वनभूमि को राजस्व भूमि में परिवर्तित नहीं होने से ग्रामवासियों को शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ नहीं मिलने से जो आर्थिक हानि हुई है, क्या हानि की पूर्ति शासन/जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कराई जावेगी? यदि नहीं, तो स्पष्ट करें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। मध्‍यप्रदेश राजपत्र प्रकाशन दिनांक 28.01.2022 में प्रकाशित अधिसूचना क्रमांक 15-14/2020/10-2, दिनांक 18.01.2022 अनुसार उक्‍त पुनर्बसाहट स्‍थल अधिसूचना प्रकाशित होने की दिनांक से संरक्षित वन नहीं रहेगा तथा यह भूमि राजस्‍व विभाग को हस्‍तांतरित मानी जायेगी। (ख) जी हाँ। (ग) उत्‍तरांश () के अनुक्रम में विलम्‍ब के लिये कोई भी कर्मचारी/अधिकारी दोषी नहीं है। अत: शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। क्‍योंकि वन भूमि निर्वनीकृत कर राजस्‍व विभाग को हस्‍तांतरण की अधिसूचना जारी की जा चुकी है।

संनिर्माण कर्मकार मंडल में पंजीकृत हितग्राहियों को आर्थिक सहायता

[श्रम]

57. ( क्र. 855 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) सागर विधान सभा क्षेत्र में भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल में कितने हितग्राही पंजीकृत है एवं मार्गदर्शिका अनुसार इनके नवीनीकरण कराये जाने का क्या प्रावधान है? (ख) क्या भवन एवं अन्य संनिर्माण में पंजीकृत श्रमिक प्रायः अशिक्षित होने से अज्ञानतावश नवीनीकरण नहीं करा पाते है, जिस कारण श्रमिक की मृत्यु उपरांत इनके परिजनों को शासन द्वारा दी जाने वाली आर्थिक सहायता राशि नहीं मिल पाती? क्या शासन इनके नवीनीकरण की बाध्यता को खत्म कराये जाने पर कोई विचार करेगा ताकि इन्हें शासन द्वारा दी जाने वाली श्रम कार्ड की सुविधा का लाभ मिल सके?           (ग) भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल में पंजीकृत हितग्राही जिनका अज्ञानतावश नवीनीकरण न हो पाने के कारण मृत्यु उपरान्त उनके परिजनों को आर्थिक सहायता नहीं मिल पाती है? क्या शासन उनके परिजनों को आर्थिक सहायता दिये जाने बावत् कोई वैकल्पिक व्यवस्था बनायेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मध्‍यप्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मंडल अंतर्गत सागर विधान सभा क्षेत्र में कुल 5719 श्रमिक पंजीकृत है। नियमानुसार प्रथम बार जारी पंजीयन की वैधता 05 वर्ष हेतु होती है। पदाभिहित अधिकारी के कार्यालय में आवेदन के साथ रू. 10/- अभिदाय राशि जमा कर पंजीयन की वैधता अवधि में आगामी 05 वर्ष की वृद्धि करायी जा सकती है। (ख) मध्‍यप्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मंडल द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ वैध परिचय-पत्र धारी निर्माण श्रमिकों को ही दिए जाने का प्रावधान है। पंजीयन के नवीनीकरण के प्रावधान को समाप्‍त करने की वर्तमान में कोई योजना नहीं है। (ग) नियमानुसार म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल अंतर्गत वैध परिचयपत्र धारी श्रमिक की मृत्‍यु पर ही ''मृत्‍यु की दशा में अंत्‍येष्टि एवं अनुग्रह भुगतान योजना'' का लाभ दिये जाने का प्रावधान है। वैध परिचय-पत्र न होने की स्थिति में योजना का लाभ नहीं मिल पाने पर परिजनों को आर्थिक सहायता दिये जाने की वैकल्पिक व्‍यवस्‍था बनाये जाने की वर्तमान में कोई योजना नहीं है।

धान की बिक्री से हो रहे नुकसान

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

58. ( क्र. 908 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20, 2020-21 तथा 2021-22 में विभाग के पास कितनी धान थी जिसे टेंडर के माध्‍यम से बेचा गया हैं? धान की क्विंटल में मात्रा सहित जानकारी दें। (ख) इन दोनों वर्षों में खरीदी गई धान के वर्षानुसार कॉस्‍ट शीट देवें तथा यह भी बताएं कि धान खरीदी, ट्रान्‍सपोर्टेशन, धान के हुए नुकसान, इन सभी को मिलाकर विभाग को धान किस रेट में पड़ी तथा बेचने पर धान किस रेट में बिकी? इसकी सम्‍पूर्ण जानकारी देते हुए इन दो वर्षों में खरीदी गई धान से शासन को कितना नुकसान उठाना पड़ा, इसकी जानकारी भी वर्षानुसार दें। (ग) शासन को धान खरीदी पर लगातार करोड़ों रूपये के हो रहे नुकसान की क्‍या शासन ने कभी समीक्षा की हैं? यदि हाँ, तो समीक्षा में निकलकर आई बातों की जानकारी दें। बालाघाट जिले में रबी में उत्‍पादित धान को किसानों को औने-पौने दाम पर व्‍यापारियों को बेचना पड़ता है, यह देखते हुए कि बालाघाट के पड़ोसी राज्‍यों, छत्‍तीसगढ़ तथा महाराष्‍ट्र में रबी में उत्‍पादित धान की समर्थन मूल्‍य पर सरकारी खरीदी की जाती हैं, क्‍या शासन आगामी वर्ष में रबी से उत्‍पादित धान के उर्पाजन केन्‍द्र प्रारंभ करेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित धान की मिलिंग उपरांत शेष धान को ई- निविदा/ई-ऑक्‍शन के माध्‍यम से विक्रय किया गया है। मिलिंग से शेष धान की मात्रा, विक्रय की गई मात्रा एवं शेष धान की मात्रा की जानकारी संलग्न  परिशिष्टअ अनुसार है। खरीफ विपणन मौसम 2021-22 में प्रदेश में 45.76 लाख मे.टन समर्थन मूल्‍य पर धान का उपार्जन किया गया है। जिसकी कस्‍टम मिलिंग हेतु भारत सरकार द्वारा दिनांक 30.09.2022 तक की अवधि नियत है। वर्तमान स्थिति में 21.53 लाख मे.टन धान की मिलिंग की जा चुकी है। शेष धान 24.23 लाख मे.टन मिलिंग की कार्यवाही प्रचलन में है।                    (ख) खरीफ विपणन मौसम 2019-20 एवं 2020-21 हेतु भारत सरकार द्वारा धान के लिए जारी कास्‍ट शीट की जानकारी संलग्न  परिशिष्टब अनुसार है। कास्‍ट शीट अनुसार धान की औसत लागत व्‍यय एवं ई-ऑक्‍शन के माध्‍यम से विक्रित औसत दर की जानकारी संलग्न  परिशिष्‍टब अनुसार है। उक्‍त दोनों वर्षों में विक्रय की गई धान का उठाव सफल निविदाकरों द्वारा किया जा रहा है। लागत एवं व्‍यय की अंतर की राशि का दावा तैयार करने की कार्यवाही प्रचलन में है। दावा तैयार करने की कार्यवाही पूर्ण होने उपरांत शासन को हुई वास्‍तविक हानि का वर्षवार आंकलन संभव हो सकेगा। (ग) विगत दो वर्षों में समर्थन मूल्‍य पर धान उपार्जन मात्रा में अत्‍याधिक वृद्धि होने तथा प्रदेश में धान मिलिंग क्षमता सीमित होने के कारण उपार्जित संपूर्ण धान की भारत सरकार द्वारा निर्धारित समय-सीमा में मिलिंग नहीं कराई जा सकी है। राज्‍य शासन द्वारा खरीफ विपणन मौसम में किसानों द्वारा उत्‍पादित धान को ही समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित किया जाता है। रबी मौसम में मुख्‍य रूप से गेहूँ का समर्थन मूल्‍य पर उपार्जन किया जाता है। रबी में उत्‍पादित धान को समर्थन मूल्‍य पर उपार्जन की कोई नीति नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "बाईस"

भू-राजस्व रिकार्ड को ऑनलाइन किया जाना

[राजस्व]

59. ( क्र. 911 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2010 के पश्चात किस-किस कम्पनी ने म.प्र की भूमि राजस्व रिकार्ड को ऑनलाइन (डिजिटल) किया है? कम्पनी का नाम सहित जानकारी देवें। (ख) सोलर एनर्जी/विंड एनर्जी के इन्वेस्टर को शासन की अनुउपयोगी भूमि (वन क्षेत्र के अलावा) लीज पर देने की शासन की क्या नीति है? (ग) उज्जैन इंदौर संभाग में किन-किन जिलों का मेप डिजिटलाइजेशन का कार्य पूर्ण हो चुका है, किनका नहीं? सम्‍पूर्ण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) 1 जनवरी 2010 के पश्चात डिजिटल भूमि राजस्व रिकॉर्ड को M/s भोपाल ई-गवर्नेंस लिमिटेड द्वारा ऑनलाइन किया गया है। (ख) सोलर एनर्जी/विंड एनर्जी के इन्वेस्टर को शासन की अनुउपयोगी भूमि (वन क्षेत्र के अलावा) लीज पर नहीं दी जाती है। इन परियोजनाओं के इन्‍वेस्‍टर्स को परियोजना अवधि तक भूमि उपयोग की अनुमति, अनुज्ञा अनुबंध उपरांत दी जाती है। (ग) संभाग इंदौर अंतर्गत जिला इंदौर, खरगोन, बड़वानी, झाबुआ, अलीराजपुर, खंडवा एवं बुरहानपुर में मेप डिजिटलाइजेशन का कार्य पूर्ण है। धार जिले में 7 नक्शा विहिन ग्रामों को छोड़कर 1618 ग्रामों के नक्शों को डिजिटलाईजेशन कार्य पूर्ण हो गया है। संभाग उज्जैन अंतर्गत जिला उज्जैन, रतलाम, आगर-मालवा एवं मंदसौर में मेप डिजिटलाइजेशन का कार्य पूर्ण है। जिला देवास अन्‍तर्गत कुल 1160 ग्रामों में से कुल 1141 ग्रामों का डिजिटलाइजेशन का कार्य पूर्ण हो चुका है। शेष 19 ग्रामों में से 7 ग्रामों के नक्‍शे जीर्ण-शीर्ण होने तथा 12 वन ग्रामों के नक्‍शे अनुपलब्‍ध होने से डिजिटलाइजेशन से शेष है। जिला शाजापुर के 637 ग्रामों में से 631 ग्रामों का मैप डिजिटाईजेशन का कार्य पूर्ण हो चुका है। 02 ग्राम नक्शाविहीन होने से एवं 04 ग्राम मजरा टोला प्रक्रिया में होने के कारण शेष है। जिला नीमच में 812 में से 774 ग्रामों का डिजिटाईजेशन कार्य पूर्ण किया जा चुका है। शेष बचे राजस्व ग्रामों के डिजिटाईजेशन का कार्य प्रक्रियाधीन है।

गरीबों को पट्टे का प्रदाय

 [राजस्व]

60. ( क्र. 914 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगरपालिका परासिया अंतर्गत वे.को.लि. प्रबंधन द्वारा लीज पर ली गई जमीन जिसकी वर्तमान में लीज समाप्त हो चुकी है और लीज समाप्त होने के बाद भी उक्त जमीन वे.को.लि. प्रबंधन के कब्जे में है? (ख) क्‍या उपरोक्त लीज की भूमि को शासन के नाम पर परिवर्तित कर, विभिन्न पात्र हितग्राहियों को शासन की योजना अन्तर्गत आवास निर्माण हेतु लीज की भूमि का पट्टा प्रदान कराये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही की जायेगी? क्योकि नगरपालिका परासिया अन्‍तर्गत अनेक परिवार गरीब व असहाय है, जिन्हें उक्त भूमि का पट्टा वितरण किया जाना आवश्यक है? अवगत करायें। (ग) नगरपालिका परासिया अन्‍तर्गत शासन की योजना के अनुसार वर्ष 2020 से वर्ष 2022 तक किन-किन हितग्राहियों को पट्टा वितरण किया गया है? हितग्राहियों के नाम व पता सहित जानकारी उपलब्ध करायें। अगर नहीं किया गया है तो इसका क्या कारण है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं, वे.को.लि. प्रबंधन द्वारा लीज पर ली गई जमीन की लीज समाप्‍त होने पर भारत सरकार द्वारा प्रकाशित राजपत्र में अधिसूचना क्रमांक सा.का.नि. 717 (अ) दिनांक 01 अक्‍टूबर 2021 के अनुसार लीज नवीनीकरण स्‍वीकृत हो गई है।  (ख) वर्तमान में इस संबंध में कोई प्रकरण विचाराधीन नहीं है। (ग) शासन की योजना के अंतर्गत नगर पालिका परासिया में वर्ष 2020 से 2022 तक किसी भी हितग्राही को पट्टा वितरित नहीं किया गया है। नगर पालिका परासिया में हितग्राहियों को पट्टा प्रदान किए जाने योग्य भूमि उपलब्ध नहीं होने के कारण पट्टा प्रदाय नहीं किया गया है।

कृषकों को उनकी जमीन का मालिकाना हक दिया जाना

 [राजस्व]

61. ( क्र. 915 ) श्री मनोज चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) प्रश्‍नकर्ता द्वारा राजस्व विभाग से संबंधित माननीय मुख्यमंत्री महोदय को संबोधित पत्र क्रमांक Q/3/आलोट, दिनांक 16/3/22 के संबंध में अभी तक क्या कार्यवाही शासन स्तर से हुई है? (ख) विधान सभा क्षेत्र आलोट के कई ग्रामों के निवासियों द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व आलोट को शुगर मिल द्वारा अधिग्रहित की गई जमीन के संबंध में जो ज्ञापन प्राप्त हुए हैं, उन पर अभी तक क्या कार्रवाई की गई है? (ग) ग्राम पालनगरा, ताजली,आक्या, धतूरिया,किशनगढ़, लंगरखेड़ी, भोजाखेड़ी,भावगढ़,खजूरीसोलंकी, जोयन, धुधावती, ईसामपुर, विक्रमगढ़, गुराडिया, आलोट के ग्रामों में उन भूमियों के भूमि स्वामियों के नाम, उनकी भूमि के खाता खसरा की सूची देवें जो स्वतंत्रता के पूर्व विक्रम शुगर मिल की स्थापना हेतु शासन द्वारा किसानों से अधिग्रहित की गई थी। (घ) बताएं कि स्वतंत्रता के पूर्व विक्रम शुगर मिल के स्थापना के लिए अधिग्रहित की गई भूमियों पर अभी वर्तमान में किसके द्वारा खेती की जा रही है? क्या उन काश्तकारों को भूमि स्वामी होने का मालिकाना हक शासन द्वारा प्रदाय कर दिया गया है? यदि नहीं, तो कब तक कर दिया जाएगा? (ड.) बताएं कि उपरोक्त भूमियों पर वर्षों से खेती करते आ रहे काश्तकारों के नाम भूमियों को मालिकाना हक प्रदाय किए जाने के संबंध में स्थानीय प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्‍नांश (क) में अंकित पत्र के संबंध में आवश्‍यक कार्यवाही करने हेतु कलेक्‍टर रतलाम को विभागीय पत्र दिनांक 17/06/2022 से लिखा गया है।  (ख) तहसील आलोट के कुछ ग्रामों में स्थित भूमि, वर्ष 1955-56 के अधिकार भू-अभिलेख अनुसार विक्रम शुगर मिल के नाम से दर्ज है, जो अनुविभागीय अधिकारी जावरा के प्रकरण क्रमांक 79/बी-90-3/74-75 के आदेश क्रमांक 25/06/1993 से शासकीय दर्ज की गई है। ज्ञापन में किसानों द्वारा भूमि स्वामी के अधिकार की मांग की है, जो नियमानुसार स्‍वीकृति योग्‍य नहीं है। (ग) तहसील आलोट के ग्राम पालनगरा, ताजली, आक्या, धतुरिया, किशनगढ, लंगरखेडी, भोजाखेडी, भावगढ, खजुरी सोलंकी, जोयन, दुधावती, ईसामपुर, विक्रमगढ, गुराडिया में स्थित शुगर मिल की भूमियां वर्ष 1955-56 के अधिकार अभिलेख अनुसार विक्रम शुगर मिल के नाम से दर्ज है, जो अनुविभागीय अधिकारी जावरा के प्रकरण क्रमांक 79/बी-90-3/74-75 के आदेश क्रमांक 25/06/1993 से शासकीय दर्ज की गई है। वर्तमान में उक्त भूमियों पर भूमि स्वामी के रूप में किसी व्यक्ति का नाम दर्ज नहीं है, भूमियां शासकीय है। स्वतंत्रता के पूर्व मिल स्थापना के समय भूमि अधिग्रहण संबंध में अभिलेख उपलब्ध नहीं है। (घ) विक्रम शुगर मिल के नाम दर्ज रही भूमियों पर वर्तमान में विभिन्न ग्रामीणों के द्वारा कब्‍जा कर खेती की जा रही है। स्वतंत्रता के पूर्व शुगर मिल हेतु भूमि अधिग्रहण का कोई अभिलेख उपलब्ध नहीं है। प्रश्‍नागत व्‍यक्तियों को शासकीय भूमि का स्‍वत्‍व प्रदान किये जाना, नियमानुसार स्‍वीकृति योग्‍य नहीं है। (ड.) प्रश्‍नगत काश्‍तकारों को शासकीय भूमि का स्‍वत्‍व प्रदान करने संबंधी मांग स्‍थानीय प्रशासन द्वारा नियमानुसार स्‍वीकृति योग्‍य नहीं पाई गई।

जिम्‍मेदार अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर कार्यवाही

[खनिज साधन]

62. ( क्र. 917 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बजट सत्र 10 फरवरी-मार्च 2022 के प्रश्‍न क्र. 1350 के अनुसार जिम्‍मेदार अधिकारी/कर्मचारियों पर अभी तक कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्‍या और नहीं तो कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार क्‍या चम्‍बल नदी मुरैना में अभी भी अवैध रेत उत्‍खनन हो रहा है? यदि हो रहा है तो प्रशासन उसे रोकने के लिये क्‍या कार्यवाही कर रहा है? प्रश्‍न दिनांक तक कितने अवैध रेत उत्‍खनन के प्रकरणों पर कार्यवाही की गई? विवरण सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के अनुसार विगत वर्षों से चम्‍बल नदी मुरैना से अवैध रेत उत्‍खनन दिन-रात किया जा रहा, इस संबंध में प्रशासन को कई बार अवगत कराया गया परन्‍तु प्रश्‍न दिनांक तक उत्‍खनन जारी है। उसे रोकने हेतु जिम्‍मेदार अधिकारी/कर्मचारी पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) अवैध उत्‍खननकर्ताओं के साथ जिम्‍मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों की संलिप्‍तता न पाये जाने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) चंबल नदी मुरैना में होने वाले अवैध उत्‍खनन पर निरंतर कार्यवाही की जा रही है। अवैध उत्‍खननकर्ताओं एवं परिवहनकर्ताओं का  विवरण  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  पर दर्शित है। (ग) चंबल नदी, मुरैना से होने वाले अवैध रेत उत्‍खनन पर निरंतर कार्यवाही की जा रही है। प्रश्‍नांश दिनांक तक अधिकारी/कर्मचारी संलिप्‍त नहीं पाये जाने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

रेत का खनन, भंडारण एवं परिवहन

[खनिज साधन]

63. ( क्र. 922 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में रेत की कौन-कौन-सी खदान का संचालन कौन-कौन कंपनी/एजेंसी/ठेकेदार कर रही है? किस खदान से कितने क्यूबीक-मीटर रेत के स्टॉक की अनुमति किस आदेश-क्रमांक दिनांक से दी गई है? (ख) जिले में गत दो वर्ष में किस-किस वाहन/व्यक्ति को रेत का अवैध परिवहन/भंडारण/खनन करते किस दिनांक को किसके द्वारा पकड़ा गया? उस पर कब कितना अर्थदंड लगाकर वाहन को किस दिनांक को मुक्त किया? वाहन चालक और मालिक के विरुद्ध थानों में धारा-379 के तहत रेत-चोरी के कितने प्रकरण पंजीबद्ध करवाए? यदि रेत-चोरी के प्रकरण पंजीबद्ध नहीं करवाए तो कारण बताएं। (ग) जिले में अवैध रेत-खनन एवं परिवहन की गत दो वर्ष में किस-किस ने लिखित शिकायत, ज्ञापन, पत्र किस पुलिस, अनुविभागीय-अधिकारी, खनिज-अधिकारी, कलेक्टर एवं विभाग को दी, उनमें से किस-किस पर जांच किसके द्वारा कर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया? प्रतिवेदन की प्रति-सहित बतावें। (घ) मनावर-विधानसभा क्षेत्र में रेत-भंडारण के लिए कहां-कहां स्थान निर्धारित है? महापुरा चिड़िया-संगम से नर्मदा नगर, ग्राम रतवा, मलनगाँव, पेरकड, बड़दा, गोगांवा, सुलगाँव, दगड़पुरा में नर्मदा नदी से अवैध रेत उत्खनन/भंडारण पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो क्यों? (ङ) मनावर-विधानसभा क्षेत्र में अवैध रेत खनन/भंडारण/परिवहन रोकने हेतु विभाग वर्तमान में क्या-क्या कार्यवाही कर रहा है। किन-किन अधिकारियों/पुलिस-चौकियों को इसकी अथॉरिटी/नियुक्ति दी है? इसके लिए क्या जिला प्रशासन द्वारा ग्राम-स्तर पर कोई समिति बनाई है? यदि नहीं, तो क्यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) धार जिले में 40 रेत खदानों का ठेका समर्पण रामका माईनिंग प्रा. लिमि. को प्रदान किया गया है। खदानों की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ  पर दर्शित है। खदान से रेत स्‍टॉक की अनुमति दिये जाने का नियमों में कोई प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थि‍त नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब  पर दर्शित है। वाहन चालक और मालिक के विरूद्ध थानों में धारा-379 के तहत रेत चोरी के 39 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स  पर दर्शित है। (घ) खनिज नियमों में रेत भंडारण हेतु पूर्व से स्‍थान निर्धारित करने के कोई प्रावधान नहीं है। महापुरा चिडि-संगम में नर्मदा नगर, ग्राम रतवा, मलनगांव, पेरकड, बड़दा, गोगांवा, सुलगांव, दगड़पुरा में नर्मदा नदी से वर्ष 2020-21 में अवैध रेत उत्‍खनन/भंडारण के कुल 21 प्रकरण दर्ज कर राशि रूपये 19.40 लाख अर्थदण्‍ड प्रस्‍तावित/वसूला है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ड.) मनावर विधानसभा क्षेत्र में अवैध रेत उत्‍खनन/परिवहन/भंडारण रोकने हेतु खनिज विभाग, राजस्‍व एवं पुलिस विभाग द्वारा संयुक्‍त रूप से कार्यवाही लगातार की जा रही है। अवैध रेत उत्‍खनन/परिवहन/भंडारण पर कार्यवाही के अधिकार विभागीय अधिकारियों, राजस्‍व अधिकारियों एवं जिला पंचायत का मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी/जनपद पंचायत के मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी को प्रदान किये गये हैं। ग्राम स्‍तर पर समिति बनाने के नियमों में कोई प्रावधान नहीं है।

उद्योगों हेतु आवंटित भूमि की जानकारी

[राजस्व]

64. ( क्र. 924 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) धार जिले के मनावर और गंधवानी तहसील अंतर्गत किस ग्राम की पटवारी मानचित्र में दर्ज किस खसरा क्रमांक का कितना रकबा सीमेंट कंपनियों, उद्योगों या उद्योग विभाग को किस आदेश क्रमांक दिनांक से आवंटित की गई? प्रति-सहित बताएं। (ख) आवंटित की गई भूमि राजस्व अभिलेखागार में उपलब्ध मिसिल बंदोबस्त, निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में आवंटन आदेश के पूर्व किस-किस जंगल-मद और गैर-जंगल-मद में किस-किस सार्वजनिक एवं निस्तारित प्रयोजनों के लिए दर्ज भूमि है? (ग) गैरखाते की दखल-रहित जंगल-मद और गैर-जंगल-मद में सार्वजनिक एवं निस्तारित प्रयोजनों के लिए दर्ज जमीनों को निजी उद्योगों को आवंटित किए जाने का प्रावधान भू-राजस्व संहिता 1959 की किस धारा में दिया है? (घ) माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने सिविल अपील प्रकरण क्रमांक 19869/2010 आदेश दिनांक 28 जनवरी 2011 को सार्वजनिक प्रयोजनों की जमीनों के संबंध में क्या आदेश दिया है? उस आदेश का प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी पालन नहीं किए जाने का क्या कारण है? कब तक आदेश का पालन किया जाएगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  '''' एवं '''' अनुसार है। (ग) गैर खाते की दखल-रहित जंगल-मद और गैर-जंगल-मद में सार्वजनिक एवं निस्तारित प्रयोजनों के लिए दर्ज जमीनों को निजी उद्योगों को आवंटित किए जाने का प्रावधान म.प्र.भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 के अंतर्गत मद परिवर्तन कर, म.प्र.राजस्व पुस्तक परिपत्र 4 (2) की कंडिका 5 के अंतर्गत विभिन्न शर्तों के एवं प्रतिबंधनों के अधीन आवंटित किये जाने के प्रावधान थे। वर्तमान में मध्‍यप्रदेश नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश 2020 के अंतर्गत भूमि हस्तांतरण के प्रावधान है। (घ) माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश (कण्डिका 22) के पालन हेतु शासन के समस्त आदेशों/निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जा रहा है।

मजरे-टोले को राजस्व ग्राम घोषित करना

[राजस्व]

65. ( क्र. 931 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिला अंतर्गत राजस्व अभिलेख में कितने मजरे-टोले दर्ज हैं? प्रत्येक मजरे टोले की जनसंख्यावार, तहसीलवार जानकारी दें? मजरे टोलों को राजस्व ग्राम घोषित नहीं किए जाने से ग्रामीण जन मूलभूत सुविधाओं से वंचित है? (ख) शासन द्वारा मजरे टोलों को राजस्व ग्राम घोषित किए जाने के संबंध में कोई नीति तैयार की गई है? यदि हाँ, तो नीति की प्रति उपलब्ध करावें?            (ग) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित मजरे टोलों को प्रश्‍नांश (ख) में उल्लेखित नीति के क्रम में राजस्व ग्राम घोषित कर रहवासियों को मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी? हाँ तो कब तक, नहीं तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) विदिशा जिला अंतर्गत राजस्‍व अभिलेख में मजरे टोले दर्ज नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्‍थ्‍ति नहीं होता। (ख) जी नहीं। कार्यालय आयुकत भू-अभिलेख एवं बन्‍दोबस्‍त द्वारा निर्देश जारी किए गए है। जानकारी संलग्न  परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ग) उत्‍तरांश () के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "तेईस"

स्‍टापडेम निर्माण एवं नहरों की सफाई हेतु प्राप्‍त आवंटन

[जल संसाधन]

66. ( क्र. 932 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले की नहरों-डेमों की सफाई व रख-रखाव के लिए वर्ष 2020 से प्रश्‍नांश दिनांक तक कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ। प्राप्त आवंटन के विरूद्ध कितनी राशि व्यय की गई? व्यय राशि की जानकारी नहर/डेमवार उपलब्ध कराये। (ख) क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा विदिशा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम मानपुर में गरगटू नदी पर स्टाप डेम निर्माण के संबंध में माननीय विभागीय मंत्री को प्रेषित पत्र 609 दिनांक 01.12.2021, प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग को किस दिनांक को प्राप्त हुआ, प्राप्त पत्र के क्रम में डेम निर्माण की स्वीकृति के संबंध में क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही से प्रश्‍नकर्ता को अवगत कराया गया है या नहीं? यदि हाँ, तो पत्र की प्रति उपलब्ध कराये? यदि नहीं, तो दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही कर उक्त डेम निर्माण की स्वीकृति कब तक जारी की जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विदिशा जिले के अंतर्गत नहरों/बांधों की साफ सफाई व रख-रखाव में वर्ष-2020 से प्रश्‍न दिनांक तक किए गए वर्षवार व्‍यय की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'''' एवं '''' अनुसार है। (ख) माननीय सदस्‍य का प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित पत्र दिनांक 01.12.2021 जो माननीय मंत्रीजी, जल संसाधन विभाग को संबोधित होकर प्रमुख अभियंता के माध्‍यम से मैदानी कार्यालयों को दिनांक 13.07.2022 को प्राप्‍त होना प्रतिवेदित है। साध्‍यता स्‍वीकृति प्राप्‍त मानपुर स्‍टापडेम का सर्वेक्षण उपरांत जल संग्रहण क्षमता निर्धारित मापदण्‍ड 0.50 मि.घ.मी. से कम अर्थात 0.28 मि.घ.मी. होने से परियोजना असाध्‍य होना प्रतिवेदित है। असाध्‍यता के संबंध में जानकारी प्रपत्र-151 भरकर मैदानी कार्यालयों द्वारा प्रमुख अभियंता को दिनांक 22.06.2022 द्वारा प्रेषित किया गया है। कार्यवाही प्रचलन में होने के कारण तत्‍संबंध में जानकारी माननीय सदस्‍य को उपलब्‍ध कराने की स्थिति नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

वृक्षारोपण हेतु स्‍थलों का चयन

[वन]

67. ( क्र. 939 ) श्री बीरेन्‍द्र रघुवंशी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन परिक्षेत्र कोलारस में कैम्पा मद 2022-23 में प्रस्तावित 10 ए.पी.ओ. के वृक्षारोपण स्थलों का चयन किन-किन अधिकारियों द्वारा किया था? उनके नाम, पद सहित जानकारी दें। उनके द्वारा ए.पी.ओ. की स्वीकृति हेतु विभाग को दी गई रिपोर्ट एवं ए.पी.ओ. स्वीकृति के लिए शासन को भेजी गई समस्त जानकारी मय शासन के स्वीकृति आदेश सहित सभी दस्तावेजों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार सभी 10 ए.पी.ओ. वृक्षारोपण स्थल किस आधार पर स्वीकृति उपरांत अनुपयुक्त बताकर निरस्त किए गए? विभाग द्वारा ए.पी.ओ. निरस्त किए जाने के लिए वृक्षारोपण स्थलों का भौतिक निरीक्षण कर किस स्तर के अधिकारियों द्वारा जांच कराई गई? उनके द्वारा ए.पी.ओ. निरस्त करने हेतु किन-किन तथ्यों को आधार माना गया? क्या सभी 10 स्थल में एक भी वृक्षारोपण हेतु उपयुक्त नहीं था? ए.पी.ओ. निरस्त किए जाने के पूर्व की गई जांच/कार्यवाही का प्रतिवेदन सहित की गई समस्त कार्यवाही के समस्त दस्तावेजों की स्वच्छ छायाप्रतियां उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित ए.पी.ओ. वृक्षारोपण स्थल को पूर्व में उपयुक्त मानकर स्वीकृति उपरांत सभी 10 ए.पी.ओ. अनुपयुक्त स्थल बताकर निरस्त किए जाने संबंधी जारी आदेश के विरूद्ध क्या विभाग नियमानुसार कार्यवाही करेगा तथा सभी 10 ए.पी.ओ. को पुनः कोलारस वन परिक्षेत्र में स्वीकृत कर विभाग के अधिकारियों द्वारा की गई मनमानी पर उनके विरूद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो सकारण उत्तर दें?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) कोलारस परिक्षेत्र में वर्ष 2022-23 में कैम्पा मद में प्रस्तावित स्थलों के चयन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। वर्ष 2022-23 में कैम्पा मद से शिवपुरी वनमण्डल में किये जाने वाले कार्यों के प्रस्ताव की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। कैम्पा मद में ए.पी.ओ. की स्वीकृति प्रतिकरात्मक वन रोपण निधि अधिनियम, 2016 के तहत राष्‍ट्रीय कैम्‍पा प्राधिकरण द्वारा जारी की जाती है, जो पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है, अतः मध्‍यप्रदेश शासन द्वारा जारी स्वीकृति की प्रति प्रस्तुत करने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) शिवपुरी वनमण्डल के कोलारस परिक्षेत्र में कैम्पा मद से वर्ष 2022-23 में स्वीकृत 10 स्थलों का निरीक्षण वनमण्डलाधिकारी, शिवपुरी, उप वनमण्डलाधिकारी, करेरा तथा परिक्षेत्र अधिकारी कोलारस द्वारा दिनांक 19.04.2022 तथा 23.04.2022 को करने पर यह पाया गया कि इन स्थलों की गुणवत्ता तथा सुरक्षा की दृष्टि से पौधों की जीवितता सुनिश्चित किया जाना कठिन होगा। वनमण्डलाधिकारी, शिवपुरी द्वारा स्थल परिवर्तन का अनुरोध करने पर वन मुख्यालय द्वारा स्थल परिवर्तन की अनुमति दी गई है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। (ग) स्‍थल परिवर्तन की कार्यवाही वृक्षारोपण की सफलता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई है, अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

सर्वेक्षण कार्य के भुगतान में अनियमितता

[जल संसाधन]

68. ( क्र. 942 ) श्री बीरेन्‍द्र रघुवंशी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरकुला मध्यम सिंचाई परियोजना पोहरी के सर्वेक्षण कार्य के लिए 3.27 करोड़ के भुगतान हेतु प्राक्कलन किस अधिकारी द्वारा कब स्वीकृत किया गया? नाम, पद व स्वीकृत प्राक्कलन की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्‍या एक ही कार्यालय द्वारा पानी की गणना की मात्रा बार-बार परिवर्तित की गयी है? यदि हाँ, तो क्या मैदानी कर्मचारियों द्वारा इसके लिए कोई परिवर्तन रिकार्ड प्रस्तुत किया गया है? क्या ड्रिलिंग कार्य व भू-गर्भ शास्त्री की रिपोर्ट विभाग के पास उपलब्ध नहीं है? यदि है तो उक्त रिकार्ड की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार परियोजना सर्वेक्षण कार्य हेतु 0.11 प्रतिशत के हिसाब से राशि रू. 1013990 एवं नहर कार्य हेतु राशि 238869 कुल राशि 1252859 का निविदा के पूर्व पेमेंट शेड्यूल प्रावधानित था, परन्तु निविदा के पश्चात् विभाग द्वारा सर्वेक्षण कार्य हेतु 02 प्रतिशत राशि 34255710 का प्रावधान रखा गया है, दोनों प्रावधानों में राशि रू. 33002851 अधिक का प्रावधान किया गया। उक्त प्रावधान में परिवर्तन कैसे कर दिया गया जबकि प्रावधान में परिवर्तन का अधिकार ही नहीं है? उसके लिये कौन दोषी है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या ठेकेदार को बिना स्वीकृति के राशि 1252859 के भुगतान के विरूद्ध राशि 32736055 का भुगतान कर विभाग द्वारा अत्यधिक भुगतान कर आर्थिक अनियमितता की गयी है? उक्त प्रकरण में जांच कराकर संबंधितों के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की जावेगी व कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) वस्‍तुस्थिति यह है कि सरकुला मध्‍यम सिंचाई परियोजना पोहरी के सर्वेक्षण कार्य के लिए रू. 03.27 करोड़ के भुगतान हेतु कोई प्राक्‍कलन नहीं बनाया गया है, क्‍योंकि निर्माण कार्य टर्न-की पद्धति पर होने के कारण सर्वेक्षण कार्य अनुबंध में सम्मिलित होने से स्‍वीकृत पेमेंट शेड्यूल अनुसार कराये गये सर्वेक्षण, ड्राइंग, डिजाइन कार्य के विरूद्ध एजेंसी को रू. 3, 27, 36, 055/- का भुगतान किया जाना प्रतिवेदित है। सक्षम अधिकारी द्वारा स्‍वीकृत पेमेंट शेड्यूल की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -1 अनुसार है, जिसमें सक्षम अधिकारी श्री एस.डी. श्रीवास्‍तव, मुख्‍य अभियंता के साथ अन्‍य अधिकारियों के हस्‍ताक्षर हैं।      (ख) वस्‍तुस्थिति यह है कि विभाग द्वारा निविदा प्रक्रिया के पूर्व एवं अनुबंधित एजेंसी द्वारा निर्माण कार्य के पूर्व पानी की गणना की गई है। सक्षम अधिकारी द्वारा स्‍वीकृत हाईड्रोलॉजी की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -2 एवं "3" अनुसार है। ड्रिलिंग कार्य एवं भू-गर्भीय शास्‍त्री की रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-4 अनुसार है। (ग) वस्‍तुस्थिति यह है कि सर्वेक्षण कार्य हेतु 0.11 प्रतिशत के हिसाब से कोई राशि प्रावधानित नहीं थी। निविदा में सर्वेक्षण कार्य हेतु 02 प्रतिशत के हिसाब से पेमेंट शेड्यूल स्‍वीकृत है एवं निविदा के पश्‍चात् भी सर्वेक्षण, ड्राइंग, डिजाइन कार्य हेतु 02 प्रतिशत के हिसाब से राशि रू. 3, 42, 55, 710/- पेमेंट शेड्यूल सक्षम अधिकारी द्वारा स्‍वीकृत किया गया है। सक्षम अधिकारी द्वारा स्‍वीकृत पेमेंट शेड्यूल की प्रति उत्‍तरांश '' के परिशिष्ट -1 अनुसार है। स्‍वीकृत राशि में कोई भी परिवर्तन नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। अत: किसी अधिकारी पर कार्यवाही करने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं, ठेकेदार को सर्वेक्षण, ड्राइंग, डिजाइन कार्य हेतु पेमेंट शेड्यूल अनुसार रू. 3, 42, 55, 710/- के विरूद्ध रू. 3, 27, 36, 055/- का ही भुगतान किया जाना प्रतिवेदित है। अधिक भुगतान नहीं किया गया है। अत: जांच कराने की स्थिति नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

नौरादेही अभयारण्य के ग्रामों का विस्‍थापन

[वन]

69. ( क्र. 949 ) श्री हर्ष यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा नौरादेही अभयारण्य को टाइगर प्रोजेक्ट घोषित किये जाने के बाद वन भूमि में निवासरत नागरिकों को विस्थापन/पुनर्वास किये जाने का प्रावधान किया गया है? यदि हाँ, तो जारी नियम निर्देशों का विस्तृत विवरण देवें। (ख) क्या आसपास के जिलों एवं सागर जिले में ही अन्य स्थानों से विस्थापित/पुनर्वास किये गये नागरिकों को देवरी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत विस्थापित/ पुनर्वास हुए हैं? यदि हाँ, तो उन स्थानों पर विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई मूलभूत आवश्‍यक सुविधाओं का विवरण एवं उन स्थानों की विस्तृत जानकारी देवें। (ग) क्या अन्य जिले एवं जिले के भीतर ही अन्य तहसील या ग्राम से विस्थापित होकर आने वाले नागरिकों को उनके बी.पी.एल./पेंशन/नि:शुल्‍क राशन आदि सुविधाओं के लाभ से वंचित किया गया हैं? यदि हाँ, तो क्या विभाग उनको प्राप्त हो रही समस्त सुविधाओं को पुनः उसी रूप में चालू कराने के संबंध में कोई कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्‍नांश (ग) अनुसार विभाग शासन के अन्य विभागों से मिलकर उनके विस्थापन/पुनर्वास किए जाने हेतु कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) नौरादेही अभयारण्‍य को टाइगर रिजर्व घोषित नहीं किया गया है। शासन की विस्‍थापन नीति के तहत राष्‍ट्रीय उद्यान/अभयारण्‍य में निवासरत नागरिकों को उनके द्वारा स्‍वेच्‍छा से चयनित विकल्‍प एवं ग्राम सभा की सहमति उपरांत विस्‍थापन/पुनर्वास का प्रावधान है। निर्देशों की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। विस्‍थापित हितग्राही स्‍वेच्‍छा से चयनित विकल्‍प-1 अनुसार नगद राशि रूपये 10.00 लाख प्रति पात्र परिवार के तहत मुआवजा राशि प्राप्‍त कर अन्‍यत्र बसे हैं। उक्‍त विकल्‍प के तहत मुआवजा राशि के अतिरिक्‍त कोई अन्‍य सुविधायें उपलब्‍ध कराने का प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्‍तरांश (ग) के अनुसार प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

दिव्यांगजन एवं वृद्धजनों को राशन का प्रदाय

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

70. ( क्र. 952 ) श्री हर्ष यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में दिव्यांगजन एवं वृद्धजनों को नि:शुल्क राशन वितरण हेतु किन-किन पद्धतियों के माध्यम से कराये जाने का प्रावधान किया गया है? क्या अंगूठे के निशान बायोमेट्रिक मशीन में मैच न होने के कारण राशन वितरित नहीं किया जा रहा है? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार विधान सभा क्षेत्र देवरी में वर्ष 2019 से ऐसे कितने दिव्यांगजन/वृद्धजन हैं जिनको बायोमेट्रिक मशीन में अगूंठे के निशान मैच न होने के कारण राशन प्रदाय नहीं किया गया है? पंचायतवार/नामवार विस्तृत जानकारी देवें। (ग) क्या ऐसे में परिवार से बाहर के व्यक्ति को नामांकित करने का नियम है? यदि हाँ, तो विधान सभा क्षेत्र देवरी में विकासखण्डवार ऐसे कितने परिवार के व्यक्ति हैं, जिन्हें नामांकित करते हुए राशन उपलब्ध कराया गया है? यदि नहीं, तो उन दिव्यांगजन/वृद्धजनों को शासन से प्राप्त खाद्यान्न का वितरण कैसे किया गया? विस्तृत विवरण देवें। (घ) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार यदि नहीं, तो क्या सरकार दिव्यांगजन/वृद्धजन राशन कार्डधारकों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए अंगूठे के निशान बायोमेट्रिक मशीन से मैच न होने की स्थिति में ओ.टी.पी./आईस्केनर या आधार कार्ड से राशन देने का प्रावधान करेगी? यदि नहीं, तो वर्तमान वितरण व्यवस्था में विभाग कोई सुधार करेगा।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) राष्‍ट्रीय खाद्य सुर‍क्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों में से परिवार के किसी भी सदस्‍य द्वारा पी.ओ.एस. मशीन पर बायोमेट्रिक सत्‍यापन के आधार पर राशन प्राप्‍त किया जा सकता है। हितग्राही की एक अंगुली/अंगूठा की रेखाओं से बायोमेट्रिक सत्‍यापन सफल न होने पर एक से अधिक अंगुलियों (फ्यूजन फिंगर) के बायोमेट्रिक सत्‍यापन किया जाता है। साथ ही, बायोमेट्रिक सत्‍यापन न होने पर आधार नंबर से लिंक मोबाइल नंबर पर ओ.टी.पी. अथवा नॉमिनी के माध्‍यम से राशन सामग्री के वितरण की सुविधा उपलब्‍ध कराई गई है। किसी भी पात्र हितग्राही को बायोमेट्रिक सत्‍यापन सफल न होने के आधार पर राशन से वंचित नहीं किया जा रहा है। (ख) सागर जिले की विधान सभा क्षेत्र देवरी में राष्‍ट्रीय खाद्य सुर‍क्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित परिवारों में से दिव्‍यांग एवं वृद्धजनों के अंगूठे एवं अंगुली के निशान मैच न करने के कारण सन् 2019 से पी.ओ.एस. मशीन पर बायोमेट्रिक सत्‍यापन विफल होने के कारण राशन प्राप्‍त करने से कोई हितग्राही वंचित नहीं है, जिन हितग्राहियों के बायोमेट्रिक सत्‍यापन विफल हुए हैं, उनको ओ.टी.पी./नॉमिनी के माध्‍यम से राशन का वितरण कराया जा रहा है। (ग) जी हाँ। बायोमेट्रिक सत्‍यापन सफल न होने वाले हितग्राहियों को आधार नंबर से लिंक मोबाइल नंबर पर ओ.टी.पी. अथवा नॉमिनी के माध्‍यम से राशन सामग्री के वितरण की सुविधा उपलब्‍ध कराई गई है। देवरी विधान सभा अंतर्गत विकासखण्‍ड देवरी के 210 परिवार, नगरपालिका देवरी के 28 परिवार एवं विकासखण्‍ड केसली के 127 परिवार इस प्रकार कुल 365 परिवार के नॉमिनी बनाकर राशन प्राप्‍त करने की सुविधा उपलब्‍ध कराई गई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जिन वृद्धजन/दिव्‍यांगजन हितग्राहियों के बायोमेट्रिक सत्‍यापन सफल नहीं होते है उन्‍हें आधार नंबर से लिंक मोबाइल नंबर पर ओ.टी.पी. अथवा नॉमिनी के माध्‍यम से राशन सामग्री के वितरण की सुविधा उपलब्‍ध कराई गई है। शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता।

गौण खनिज नियम-1996 के तहत प्रदाय की गई रॉयल्टी में छूट

[खनिज साधन]

71. ( क्र. 953 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार ने दिनांक 20.09.2019 को मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 की धारा 63 (3) में संशोधन करते हुए केन्द्र सरकार के किसी विभाग या उपक्रम को भी प्रदेश में निर्मित की जाने वाली सड़क या अन्य निर्माण कार्यों में उपयोग होने वाली साधारण मिट्टी तथा मुरम के संबंध में आदेश जारी कर रॉयल्टी से छूट प्रदान की है? (ख) क्या यह छूट इस आदेश के जारी होने की तारीख के बाद जारी होने वाली निविदाओं पर ही लागू होने का प्रावधान है? (ग) क्या मध्यप्रदेश सरकार ने मात्र एक माह के अंतराल में पुनः दिनांक 17.11.2019 को मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 की धारा 63 (3) के नियम में संशोधन करते हुए वह छूट पूर्व की निविदाओं पर भी लागू कर दी? (घ) क्या जिन निविदाकारों को प्रश्‍नांश (ग) में वर्णित संशोधन दिनांक के पूर्व निविदा का कार्यादेश प्राप्त हो चुका था तो उन्हें पूर्व प्रभावी दिनांक से यह छूट दी जा सकती है? यदि हाँ तो कैसे प्रदान की जा सकती है? (ड.) क्या यह छूट पूर्व प्रभावी दिनांक से लागू करने से शासन को राजस्व की हानि हुई है? यदि हाँ, तो कितनी राशि की हानि हुई? वित्तीय वर्ष 2019-20 से उत्तर दिनांक तक वर्षवार एवं ग्‍वालियर जिले की जानकारी दें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

वितरण हेतु खरीदी गई ज्वार की गुणवत्ता जांच

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

72. ( क्र. 954 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर जिले में वर्ष 2022-23 में शासन द्वारा ज्वार खरीदी गई? यदि हाँ तो कितनी मात्रा में, किससे तथा किस दर पर? कितनी राशि भुगतान की गई? (ख) क्या उक्त अवधि में क्रय की गई ज्वार की गुणवत्ता को लेकर कोई शिकायत प्राप्त हुई? यदि हाँ तो उस पर क्या कार्यवाही हुई?                   (ग) क्या क्रय ज्वार का एफ.सी.आई. द्वारा क्वालिटी कंट्रोल के माध्यम से कोई सर्वे कराया गया? यदि हाँ, तो सर्वे रिपोर्ट में पायी गई स्थिति अनुसार क्या कार्यवाही की गई? क्या खरीदी गई ज्वार की गुणवत्ता मानक अनुसार थी? सर्वे रिपोर्ट एवं की गई कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करायें। (घ) क्या सामग्री खरीदते समय गुणवत्ता की जांच हेतु प्राइवेट सर्वे एजेंसी नियुक्त की जाती है तथा उसकी क्या जवाबदेही होती है? वर्ष 2020-21 से उत्तर दिनांक तक किस एजेंसी को कार्य दिया गया एवं कितना भुगतान किया या करना है? अनुबंध की प्रति एवं वर्षवार जानकारी दें। (ड.) क्या विगत तीन वर्षों में खरीदी गई सामग्री अमानक पायी गई? यदि हाँ, तो कौन दोषी है? उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? दोषी से किसी प्रकार की कोई राशि की वसूली की गई? यदि हाँ, तो किससे एवं कितनी राशि? यदि नहीं, तो कारण सहित बतायें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में समर्थन मूल्‍य पर ज्‍वार का उपार्जन वर्तमान में प्रारंभ नहीं हुआ है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थि‍त नहीं होता। (घ) रबी एवं खरीफ फसलों के उपार्जन के दौरान खाद्यान्‍न की गुणवत्‍ता परीक्षण हेतु उपार्जन स्‍थल पर उपार्जन संस्‍था द्वारा एवं भण्‍डारण स्‍थल पर उपार्जन एजेंसी द्वारा आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्‍यम से गुणवत्‍ता परीक्षण उपलब्‍ध कराये जाते हैं। गुणवत्‍ता परीक्षकों द्वारा भारत शासन द्वारा निर्धारित एक समान विर्निर्दिष्टियां मानक अनुसार समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित की जाने वाली फसल का परीक्षण किया जाता है। निविदा शर्तों के अनुसार सेवा प्रदाता अथवा उसके कोई सुपरवाईजर/सर्वेयर द्वारा किये गये कृत्‍य से उपार्जन एजेंसी को कोई आर्थिक क्षति का वहन करना पड़ता है तो उस राशि की प्रतिपूर्ति सेवा प्रदाता की जमा प्रतिभूति राशि अथवा सेवा प्रदाता के द्वारा प्रस्‍तुत बिल से समायोजन किया जाता है। वर्ष                 2020-21 से उत्‍तर दिनांक तक खाद्यान्‍न गुणवत्‍ता की जांच हेतु नियुक्‍त सेवा प्रदाता एवं भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। सेवा प्रदाता एजेंसी से निष्‍पादित अनुबंध की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टब अनुसार है। (ड.) विगत 3 वर्षों में अमानक स्‍तर के खाद्यान्‍न के उपार्जन के संबंध में कोई शिकायत संज्ञान में नहीं आई है। शेष प्रश्‍न उपस्थि‍त नहीं होता।

सिंचाई परियोजनाओं की स्वीकृति

[जल संसाधन]

73. ( क्र. 957 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कून वियर, छापर जलाशय, गोरा फीडर, कांटी जलाशय, तेंदुआ जलाशय, नैगुवां जलाशय परियोजना सहित मोरवा, बछरोनिया तालाब के निर्माण प्रक्रिया की वर्तमान में क्या स्थिति है? उक्त परियोजनाओं की स्वीकृति में क्या परेशानियां आ रही हैं? उक्त परेशानियों को कब तक दूर कर परियोजना स्वीकृत कर बजट आंवटित कर दिया जावेगा। (ख) छतरपुर विकासखण्ड में सिंचाई क्षमता में वृद्धि हेतु उक्त परियोजनाओं के अतिरिक्त कौन-कौन सी परियोजनाएं संचालित, प्रक्रियाधीन, प्रस्तावित आदि हैं?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। कून वियर, छापर तालाब, कांटी जलाशय, बछरोनिया तालाब तथा मोरवा तालाब की डी.पी.आर. परीक्षणाधीन होने से स्‍वीकृति दिए जाने की स्थिति नहीं है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) छतरपुर विकासखण्‍ड में सिंचाई क्षमता में वृद्धि हेतु उक्त परियोजनाओं के अतिरिक्त संचालित निर्माणाधीन एवं चिन्हित परियोजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

परिशिष्ट - "चौबीस"

मृत कर्मचारी को मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना का लाभ

[राजस्व]

74. ( क्र. 958 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) क्या श्री कृष्णदत्त पाठक, सिटी मिशन मैनेजर नगरपालिका छतरपुर की ड्यूटी कार्यालय नगरपालिका परिषद् छतरपुर के आदेश क्र/1684/स्वा.शाखा/न.पा.छ/2021 छतरपुर दिनांक 27.03.2021 के द्वारा वार्ड नं. 21 से 40 के वार्डों एवं कन्‍टेनमेंट एरिया में अपने निरीक्षण में सैनिटाइजेशन करवाने एवं आश्रय स्थल पर निराश्रितों को रूकवाने एवं उनके खाने की व्यवस्था सहित कोरोना वायरस से रोकथाम के समस्त उपाय करने हेतु लगाई गई थी? (ख) क्या श्री कृष्णदत्त पाठक की मृत्यु कोविड संक्रमण से हुई थी? (ग) प्रश्‍नांश "क" में उल्लेखित आदेश के परिपालन में 20 वार्डों का सैनिटाइजेशन कन्‍टेनमेंट एरिया सहित करने, निराश्रितों के रूकने, खाने की व्यवस्था एवं कोरोना वायरस की रोकथाम के समस्त उपाय करने के आदेश का पालन करने के दौरान कोविड से संक्रमित होकर मृत्यु होने पर श्री कृष्णदत्त पाठक को कोरोना योद्धा कल्याण योजनांतर्गत लाभ नहीं दिया गया, जबकि योजना की कंडिका 3.1 में पात्र कर्मी के संबंध में लेख है कि "कन्‍टेनमेंट एरिया में पर्यवेक्षण, साफ-सफाई एवं आदि विभिन्न कार्यों में तैनात है जिससे उनका सीधा संपर्क कोविड मरीज से होने की संभावना है पात्र होगें''। क्या राहत आयुक्त अपने आदेश क्रमांक 876 भोपाल 07.06.2022 पर पुनः विचार कर मुख्यमंत्री कोविड 19 योद्धा कल्याण योजना का लाभ देगा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) विभाग ने कैसे प्रमाणित किया कि सौंपे गए दायित्वों के निर्वाहन से ही श्री पाठक कोविड संक्रमित नहीं हुए?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) उत्‍तरांश (क) अनुसार मुख्‍यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्‍याण योजना, कोविड-19 प्रभावित रोगियों एवं नागरिकों को प्रत्‍यक्ष रूप से अपनी सेवा प्रदान कर रहे कर्मियों के सुरक्षा कवच के रूप में यह योजना लागू की गई थी। दिवंगत कर्मी को सौंपे गये दायित्‍वों में योजना की कण्डिका 3.1 में प्रावधानित ''ऐसे शासकीय कर्मी, जो कोविड की रोकथाम हेतु प्रत्‍यक्ष रूप से अपनी सेवाएं दे रहे हैं, अर्थात कोविड इलाज हेतु नामित अस्‍पताल, Covid Care Center, Covid Testing Lab, Quarantine center में या कोविड-19 की रोकथाम हेतु घर-घर सर्वेक्षण, नमूना संग्रहण, जांच, कन्‍टेनमेंट एरिया में पर्यवेक्षण, साफ-सफाई आदि विभिन्‍न कार्यों में तैनात है, जिससे उनका सीधा संपर्क कोविड मरीज से होने की संभावना है, पात्र होगें।'' के अनुसार कोविड मरीज से सीधा संपर्क नहीं था। कोविड मरीजों संबंधी कार्य संपादन नहीं किया जा रहा था। तदानुक्रम में प्रकरण का निराकरण किया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (घ) उत्‍तरांश (ग) अनुसार।

संबल योजना के लंबित भुगतान

[श्रम]

75. ( क्र. 962 ) श्री विनय सक्सेना : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या संबल योजना के लाभार्थियों को मिलने वाली राशि का भुगतान लंबे समय से लंबित है? (ख) यदि हाँ, तो जबलपुर नगर निगम क्षेत्र के ऐसे लंबित हितग्राहियों का ब्‍यौरा दें। (ग) वर्ष 2020 एवं वर्ष 2021 में स्वीकृत किन-किन लाभार्थियों के प्रकरणों में भुगतान लंबित है? उनके क्या-क्या कारण हैं? (घ) क्या हितग्राहियों को समयबद्ध तरीके से राशि भुगतान किये जाने के संबंध में कोई नीति/निर्देश हैं? यदि हाँ, तो एक भुगतान के स्वीकृत होने के पश्चात उसे हितग्राही को भुगतान करने की अधिकतम अवधि क्या है? (ङ) यदि अधिकतम अवधि निर्धारित नहीं है तो क्या शासन जनहित में इस योजना के हितलाभ वितरण को समयबद्ध बनाएगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मुख्‍यमंत्री जन कल्‍याण (संबल) योजनान्‍तर्गत पदाभिहित अधिकारी द्वारा प्राप्‍त आवेदनों पर समुचित जांच कर, पात्र पाये जाने पर, पात्रतानुसार हितलाभ स्‍वीकृति की कार्यवाही की जाती है। तत्‍पश्‍चात प्रकरणों में डिजीटली हस्‍ताक्षर तथा मृत्‍यु सत्‍यापन की कार्यवाही की जाती है। उक्‍त कार्यवाही पश्‍चात ऐसे समस्‍त प्रकरण राज्‍य स्‍तर पर ऑनलाइन प्राप्‍त होते हैं, जिनमें उपलब्‍ध बजट अनुसार सहायता राशि का भुगतान किया जाता है। संबल योजना में अनुग्रह योजनांतर्गत आवेदन देने हेतु सामान्यतः 180 दिवस की समय-सीमा है, उक्त समय-सीमा को भी जिला कलेक्टर/अपीलीय अधिकारी द्वारा शिथिल किये जाने की व्यवस्था शासन द्वारा दी गई है। पदाभिहित अधिकारी द्वारा प्रकरण पात्र पाये जाने पर राशि भुगतान की स्थिति निर्मित होती है। इसी प्रकार अपात्र चिन्हित प्रकरणों में भी अपील की व्यवस्था शासन द्वारा की गई है। ऐसे में अपील निराकरण उपरान्त भी राशि प्रदाय किये जाने की स्थिति निर्मित होती है। हितलाभ वितरण एक सतत् प्रक्रिया है, जिसमें हितलाभ वितरण बजट उपलब्धता अनुसार किया जा रहा है। (ख) नगर निगम, जबलपुर अन्‍तर्गत भुगतान हेतु लंबित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) नगर निगम, जबलपुर में वर्ष 2020 में 05 प्रकरण एवं वर्ष 2021 में 56 अनुग्रह सहायता के प्रकरण भुगतान हेतु लंबित है। लंबित प्रकरणों में बजट उपलब्धता अनुसार भुगतान किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) जी नहीं। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ड.) बजट उपलब्‍धता के आधार पर राशि आवंटित की जाती है, अत: अधिकतम अवधि निर्धारित नहीं की जा सकती है।

श्रमिकों को श्रम आयुक्‍त की निर्धारित मजदूरी दर से भुगतान

[श्रम]

76. ( क्र. 966 ) श्री सुनील उईके : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जुन्नारदेव विधान सभा क्षेत्र में शासकीय विभागों लोक निर्माण, सिंचाई, लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी, वन एवं विभागीय कार्यों एवं ठेकेदारों के द्वारा संपादित कार्यों में श्रम आयुक्त की निर्धारित दैनिक मजदूरी दर 351/- रूपये के स्थान पर मनरेगा के निर्धारित मजदूरी दर के समतुल्य भुगतान कर श्रमिकों का शोषण किया जा रहा है। क्‍या कम मजदूरी की जांच कराकर दोषियों को दण्डित करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) मनरेगा की निर्धारित मजदूरी दर 204 से मजदूरों को 100 दिवस में 20400/- रूपये का भुगतान मिलना चाहिए जबकि मौके पर मजदूरी का मस्टरोल भरा जा रहा है, उसके बाद किस आधार पर मूल्यांकनकर्ता अधिकारी द्वारा उसको कम मजदूरी दर से भुगतान किया जा रहा है? क्या ऐसे मूल्यांकनकर्ता अधिकारी के खिलाफ कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) मनरेगा योजना केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। क्या इस योजना से वर्षा ऋतु में किसानों के खेत पर बड़े पैमाने पर फलदार लघु इमारती, इमारती एवं बांस के पौधों का वृक्षारोपण कराने हेतु क्या श्रम मंत्री महोदय विचार करेंगे? जिससे श्रमिकों को भविष्य में फलदार पौधों से स्थायी रोजगार मिल सके?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मनरेगा के अंतर्गत जो कार्य कराए जाते हैं, उनमें मनरेगा की मजदूरी दर जो कि केन्‍द्र शासन स्‍तर से तय की जाती है, उसका भुगतान किया जाता है। छिंदवाड़ा जिला कार्यालय को जुन्‍नारदेव विधान सभा क्षेत्र के शासकीय विभाग के कार्यों में ठेकेदार के द्वारा कम मजदूरी भुगतान की कोई भी शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) मनरेगा के तहत किये गये कार्यों का भुगतान पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किया जाता है। (ग) प्रश्‍न श्रम विभाग से संबंधित नहीं है।

खनिज उत्खनन पट्टा देने के नियम

[खनिज साधन]

77. ( क्र. 969 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल 2016 से विदिशा जिले में पत्थर, गिट्टी, मुरम, रेत की निजी भूमि एवं शासकीय भूमि पर किन-किन व्यक्ति/फर्मों को कहाँ व किस-किस ग्राम, कस्बा में सर्वे क्रमांकों में क्रेशर लगाकर एवं खदान का उत्खनन पट्टा प्रदान करने की स्वीकृति‍, स्थायी एवं अस्थायी कब-कब और कितनी-कितनी अवधि के लिए प्रदान की गई थी तथा कितनी उक्त प्रकार की खदानें पूर्व से संचालित हैं? स्वीकृति दिनांक, स्वीकृत पत्र, खसरा नंबर, भूमि तथा फर्म एवं फर्म के मालिक का नाम, पता सहित तहसीलवार जानकारी उपलब्ध करावें एवं शासन को कितना-कितना राजस्व प्राप्त हुआ? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के सदंर्भ में पर्यावरण एवं ब्लास्टिंग की स्वीकृति किन-किन के द्वारा ली गई है? किन-किन के द्वारा नहीं ली गई है? नाम, पता, सर्वे नंबर सहित विस्तृत जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में किन-किन फर्मों, व्यक्तियों पर पत्थर, रेत एवं अन्य खनिजों की कितनी-कितनी राशि जमा की है? कितनी राशि बकाया है? बकाया राशि की वसूली न करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही न करने के क्या कारण हैं? (घ) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में खनिज पट्टा स्थायी एवं अस्थायी देने एवं क्रेशर मशीन लगाने के क्या-क्या नियम-निर्देश एवं गाइड-लाइन हैं? छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ङ) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में ग्राम काछीखेड़ा तह. लटेरी में व अन्य कितनी पत्थर क्रेशर मशीन, स्कूलों एवं मुख्य सड़क के 500 मीटर की परिधि में हैं? स्कूल एवं मुख्य सड़क के 500 मीटर के अंदर क्रेशर मशीन लगाने की अनुमति किसके द्वारा दी गई? स्वीकृति दिनांक, अधिकारी का नाम सहित जानकारी देंवे। (च) प्रश्‍नांश (ड.) के संदर्भ में अवैध उत्खननकर्ताओं के विरूद्ध कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई है? कितना जुर्माना वसूल किया गया? कितनों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करवाई गई? की गई कार्यवाही/एफ.आई.आर. की छायाप्रति उपलब्ध करावें। यदि कार्यवाही नहीं की गई तो कब-तक कर दी जावेगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नाधीन अवधि में विदिशा जिले में स्‍वीकृत खनिज के उत्‍खनिपट्टे, नीलाम खदान, उत्‍खनन अनुज्ञा का वांछित तहसीलवार विवरण, पट्टेदार/फर्म का नाम, पता, ग्राम, स्‍वीकृति दिनांक, सर्वे क्रमांक, अवधि एवं शासन को प्राप्‍त राजस्‍व की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के 1, 2 एवं 3 अनुसार है। जिले में वर्षवार प्राप्‍त खनिज राजस्‍व का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के 1, 2 एवं 3 में दर्शित है। (ग) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के 1, 2 एवं 3 अनुसार है। बकाया वसूली एक सतत् प्रक्रिया है, अत: प्रश्‍नांश अनुसार कार्यवाही का प्रश्‍न ही नहीं है। (घ) प्रश्‍नांश अनुसार खनिज के उत्‍खनिपट्टे स्‍वीकृति के प्रावधान अधिसूचित नियम मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में है। क्रशर मशीन लगाने के संबंध में कोई नियम, निर्देश खनिज नियमों में नहीं है। (ड.) ग्राम काछीखेड़ा तहसील लटेरी में स्‍थापित क्रेशर मशीन एवं पत्‍थर खदान स्‍कूल एवं मुख्‍य सड़क से 500 मीटर की परिधि के बाहर संचालित है। इसके अलावा मुख्‍य सड़क एवं स्‍कूल से 500 मीटर की परिधि के अंदर स्‍थापित/संचालित क्रशर मशीन का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (च) प्रश्‍नांश अनुसार कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। अत: प्रश्‍न के शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

धारणाधिकार एवं स्वामित्व योजना नियम

[राजस्व]

78. ( क्र. 970 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) विदिशा जिले में योजना प्रारंभ से प्रश्‍नांकित अवधि तक नगरीय क्षेत्रों में धारणाधिकार एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्वामित्व योजना के तहत कितने आवेदन प्राप्त हुए? तहसीलवार जानकारी उपलब्ध करावें तथा धारणाधिकार एवं स्वामित्व योजना के क्या नियम/निर्देश/आदेश हैं? छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश '' के संदर्भ में उन आवेदनों की जांच किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा की गई? जांच में क्या-क्या कमियां पाई गईं? जांच उपरांत कितने हितग्राहियों को आवासीय भू-खण्ड दिये गये? तहसीलवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश '' एवं '' के संदर्भ में सिरोंज-लटेरी विधान सभा क्षेत्र में कितने आवेदन प्राप्त हुये? उनमें से कितने पात्र पाये गये? कितने अपात्र पाये गये? कितने आवेदन लंबित हैं? कितने हितग्राहियों को भू-खण्ड उपलब्ध करा दिये गये हैं? ग्राम एवं वार्डवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्‍नांश '' के संदर्भ में यदि पात्र हितग्राहियों को पात्रता के बाद भी आवासीय भू-खण्ड नहीं दिये गये हैं तो इसके लिए दोषी कौन है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बतावें एवं पात्र हितग्राहियों को भू-खण्ड कब तक उपलब्ध करा दिये जावेंगे?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जिले में योजना आरंभ से प्रश्‍नांकित अवधि तक नगरीय क्षेत्र में मुख्‍य मंत्री नगरीय भू-अधिकार योजना (धारणाधिकार) के तहसील विदिशा-391, बासौदा-46, सिरोंज-210, लटेरी-59, शमशाबाद-318, कुरवाई-148 कुल-1024 आवेदन पत्र प्राप्त हुये हैं। तहसीलवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वामित्व योजना के अंतर्गत शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया में आवेदन प्राप्त करने का कोई प्रावधान नहीं है। इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र की आबादी भूमि में निवासरत व्यक्तियों के भू-खण्ड का ड्रोन के माध्यम से सर्वे कर अधिकार अभिलेख तैयार किया जाता है। मुख्‍यमंत्री नगरीय भू-अधिकार योजना (धारणाधिकार) के नियम-निर्देश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब अनुसार है एवं स्वामित्व योजना के नियम-निर्देश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-स अनुसार है। (ख) नगरीय क्षेत्र में मुख्‍य मंत्री नगरीय भू-अधिकार योजना (धारणाधिकार) हेतु राजस्व निरीक्षक/हल्का पटवारी के दल द्वारा जांच की गई है। जांच में निर्देशानुसार हितग्राही दिनांक 31.12.2014 के पूर्व का कब्जा न होना, अधिभोगी भू-खण्ड का आधिपत्य प्रमाण-पत्र/दस्तावेज न होना, भू-खण्ड किसी योजना परियोजना में होना आदि कमियां पाई गई। जांच उपरांत कुल 149 हितग्राहियों को नगरीय क्षेत्र में मुख्‍य मंत्री नगरीय भू-अधिकार योजना (धारणाधिकार) के तहत लाभान्वित किया गया, तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-द अनुसार है। (ग) कस्बा सिरोंज अंतर्गत कुल-210 आवेदन प्राप्त हुये हैं, जिनमें से 137 की जांच की गई है जो वन भूमि तथा जल संसाधन की भूमि होने से निर्देशानुसार अपात्र पाये गये हैं। शेष आवेदनों की जांच प्रचलित है। स्वामित्व योजना में 277 गाँव में ड्रोन फ्लाई किया जा चुका है तथा 144 नक्‍शे प्राप्त हुये हैं, जिनका भौतिक सत्यापन कर अंतिम प्रकाशन उपरांत भू-अधिकार पत्र जारी किये जावेगा। कस्बा लटेरी अंतर्गत कुल-59 आवेदन पत्र प्राप्त हुये थे जिनमें शासन निर्देशानुसार शासकीय भूमि धारकों द्वारा दिनांक 31.12.2014 अथवा उसके पूर्व के अधिभोग संबंधी कोई भी विधिक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किये जाने के कारण उक्त 59 आवेदक पात्र नहीं पाये गये हैं। वर्तमान में तहसील अंतर्गत कोई आवेदन लंबित नहीं हैं। स्वामित्व योजना के तहत 182 ग्रामों में ड्रोन सर्वे का कार्य किया जा चुका है एवं जिसके उपरांत ग्राम मुरवास तहसील लटेरी में 633 आवासीय भू-अधिकार पत्रों का वितरण किया गया है। (घ) ऐसा कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है। आवेदनों का निराकरण नियमानुसार किया जा रहा है। शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता।

जाति प्रमाण-पत्र की लंबित जांच

[राजस्व]

79. ( क्र. 973 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 3288 दिनांक 17 मार्च 2022 के उत्‍तर की कंडिका (ग) में बताया गया है कि जिला स्‍तर पर प्रकरण की जांच की जाकर जांच उपरांत यदि कोई दोषी पाया जाता है तो उसके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही/प्रस्‍तावित की जावेगी? यदि हाँ, तो जिला स्‍तर पर किस अधिकारी द्वारा किस दिनांक से उक्‍त प्रकरण की क्‍या जांच की जा रही हैं तथा वर्तमान में उक्‍त जांच की अद्यतन स्थिति क्‍या है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या जिला स्‍तर पर प्रचलित जांच के लिये कोई समय-सीमा निर्धारित की गई है? यदि हाँ, तो क्‍या? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) उपरोक्‍तानुसार क्‍या उक्‍त प्रकरण में तहसीलदार नरसिंहगढ़ के अधीन जांच दल गठित कर जांच कराई गई थी? यदि हाँ, तो उक्‍त जांच दल के जांच प्रतिवेदन में क्‍या निष्‍कर्ष प्राप्‍त हुए? जांच प्रतिवेदन की प्रति सहित बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जांच हेतु तहसीलदार नरसिंहगढ के अधीन एक जांच दल गठित किया जाकर जांच कराई गई। जांच प्रतिवेदन प्राप्‍त हो चुका है। (ख) जी नहीं। जिला स्‍तर पर जांच की कार्यवाही प्रचलित नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। जांच प्रतिवेदन के निष्‍कर्ष अनुसार अनावेदक द्वारा अपना मूल हिन्‍दू धर्म बदल कर बौद्ध धर्म को अपनाना और फिर हिन्‍दू धर्म के आधार पर जाति प्रमाण पत्र हासिल कर सरपंच पद का चुनाव लड़ना इस बात का द्योतक है कि अनावेदक ने केवल सरपंच पद के निर्वाचन का लाभ उठाने के लिए गलत आधारों पर जाति प्रमाण पत्र हासिल करने का एक सुनियोजित कुचक्र किया है। जांच प्रतिवेदन की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार है।

परिशिष्ट - "पच्चीस"

खाद्यान्‍न अनियमितता की जांच

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

80. ( क्र. 974 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 3289, दिनांक 17 मार्च 2022 के उत्‍तर में प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है, बताया गया था? यदि हाँ, तो क्‍या प्रश्‍न दिनांक तक जानकारी एकत्रित कर प्रश्‍नकर्ता को उपलब्‍ध करा दी गई है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्‍यों एवं इसके लिये कौन-कौन जिम्‍मेदार है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या शासन आमजन के खाद्यान्‍न में अनियमितता कर शासन की महत्‍वकांक्षी योजनाओं की साख धूमिल करने वाले तथा शासन निर्देशों का पालन न करने वाले संबंधितों के विरूद्ध विशेष कर जिला प्रबंधक मध्‍यप्रदेश स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज कॉर्पोरेशन राजगढ़ को निलंबित कर अन्‍यत्र पदस्‍थ करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 3289, दिनांक 17 मार्च 2022 के उत्‍तर में प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) जानकारी विधान सभा को उपलब्‍ध करा दी गई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जिला प्रबंधक, राजगढ़ एवं गोदाम प्रभारी के पर्यवेक्षण में कमी के दृष्टिगत जिला प्रबंधक, राजगढ़ एवं संबंधित गोदाम प्रभारी को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया जाकर अनुशासनात्‍मक कार्यवाही की जा रही है।

वन भूमियों एवं वन ग्रामों के विकास कार्य

[वन]

81. ( क्र. 978 ) श्री सचिन सुभाषचन्‍द्र यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र कसरावद अंतर्गत वनग्राम में निवासरत ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने में विभाग से निर्माण कार्यों की अनुमति के आवेदन ऑनलाइन/ऑफलाइन प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ, तो ग्रामवार आवेदनों का विवरण देवें। (ख) विधान सभा क्षेत्र कसरावद की ग्राम पंचायतों और अन्य विभागों द्वारा वनग्रामों को मूलभूत सुविधाओं के साथ ही विकास कार्यों (बिजली, पानी, एवं सड़क निर्माण) के लिए विभाग को आवेदन प्रस्तुत किये हैं? यदि हाँ, तो वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने आवेदन प्राप्त हुए तथा कितने लंबित हैं? (ग) विधान सभा क्षेत्र में कुल कितने वन परिक्षेत्र हैं? इन वन परिक्षत्रों को कितना रकवा वनों के लिए तथा कितना रकवा वन ग्रामों के लिए संरक्षित है? (घ) विभाग द्वारा इन वन क्षेत्रों का सीमांकन किया गया है? यदि हाँ, तो विभाग के पास कितने सर्वेयर पदस्थ हैं?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) प्रश्‍नांकित क्षेत्र अंतर्गत कोई भी वनग्राम स्थित नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) विधान सभा क्षेत्र कसरावद में कुल 02 परिक्षेत्र कसरावद (सम्‍पर्ण भाग) एवं परिक्षेत्र भीकनगांव का (आंशिक भाग) वनक्षेत्र में आता है। इन परिक्षेत्रों का सम्‍पूर्ण रकवा वनों के लिये संरक्षित है तथा इन परिक्षेत्रों में कोई भी वनग्राम नहीं होने से वनग्राम का रकवा संरक्षित होने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। वन परिक्षेत्रवार वन क्षेत्र का विवरण संलग्‍न परिशष्‍ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। वनमण्‍डल (सामान्‍य) खरगोन अंतर्गत मध्‍यप्रदेश अधिसूचना क्रमांक/1623/एक्‍स-एफ/114 (54) दिनांक 09.10.1954 में वनक्षेत्रों का सीमांकन होकर अधिसूचित किया गया है। वर्तमान में वनमण्‍डल (सामान्‍य) खरगोन अंतर्गत कोई भी सर्वेयर पदस्‍थ नहीं है।

परिशिष्ट - "छब्बीस"

पौधारोपण की जानकारी

[वन]

82. ( क्र. 984 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) वन विभाग द्वारा खरगोन जिले में विगत 3 वर्षों में कितने पौधे लगाए गए? किस-किस खसरा नंबर की जमीन पर लगाए गए? पौधों की वर्तमान स्थिति क्या है? कितने पौधे जीवित हैं, कितने पौधे मृत हैं की जानकारी खसरा नंबरवार एवं ग्रामवार देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार किए गए वृक्षारोपण में चैनलिंक के जाली, बारवेड वायर, सीमेंट पोल, उर्वरक, मानव श्रम तथा अन्य समस्त में किया गया व्यय किस-किस बीट/रेंज में कब-कब हुआ? बीट रेंज अनुसार हुए व्यय की वित्तीय व्यय अनुसार जानकारी उपलब्ध करावें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विगत 3 वर्षों में वन विभाग द्वारा खरगोन जिले के वनमंडलों में केवल वन कक्षों में पौधारोपण किया गया। वन कक्षवार रोपित पौधों की जानकारी सहित प्रश्‍नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार वनमंडल खरगोन एवं बड़वाह के अंतर्गत चैनलिंक के जाली, बारवेड वायर, सीमेंट पोल, उर्वरक, मानव श्रम तथा अन्‍य समस्‍त में किये गये व्‍यय की बीट/रेंजवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।

राशन पात्रता सूची से हितग्राहियों के हटाये गये नाम

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

83. ( क्र. 985 ) श्री मनोज चावला : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्र. 1250, दिनांक 10 मार्च 2022 के खण्‍ड '' के संदर्भ में बतावें कि जो 21202 परिवार पिछले 6 माह से राशन नहीं ले रहे थे, उन्होंने 2015 से सितंबर 2017 तक कितने महीने राशन प्राप्त किया? (ख) क्या कोई परिवार 6 माह तक राशन न ले तो उनका नाम सूची से हटाया जा सकता है? यदि हाँ, तो इस संदर्भ में जारी परिपत्र/आदेश की प्रति देवें तथा बतावें कि मार्च 2018 में रतलाम शहर के अलावा अन्य किस शहर में कितने-कितने परिवार को आवंटन सूची में से हटाया गया और यदि सिर्फ रतलाम में ही हटाया गया तो क्यों? कारण बतावें (ग) प्रश्‍नांश '' के संदर्भ में बतावें कि 21202 परिवार में से कुल हितग्राहियों की संख्या कितनी है तथा उनका नाम मात्र आवंटन सूची में से हटाया गया कि उनका कूपन निरस्त किया गया? (घ) प्रश्‍नाधीन 21202 परिवार क्या अपात्र हितग्राही थे या पात्र हितग्राही थे तथा उनके कितने-कितने नाम       किस-किस दुकान पर दर्ज थे? (ड.) प्रश्नाधीन जिन 21202 परिवार के नाम आवंटन सूची से हटाए गए उनसे कोई पत्र व्यवहार किया गया या नहीं? उन्हें कैसे सूचित किया गया? क्या वे उपभोक्ता श्रेणी में आते हैं या नहीं तथा उनका नाम हटाने पर उपभोक्ता संरक्षण के नियमों का पालन क्यों नहीं किया गया?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

स्‍वीकृत संबल कार्ड धारी परिवारों की राशि का समायोजन

 [श्रम]

84. ( क्र. 993 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिला अंतर्गत वर्ष 2018 से वर्ष 2022 तक संबल योजना अंतर्गत संबल कार्डधारी परिवारों को शासन द्वारा संबल कार्डधारी की मृत्यु उपरांत आर्थिक सहायता तथा मजदूरी कार्डधारी परिवार को विवाह सहायता के कितने प्रकरण स्वीकृत किये गये? वर्षवार, विकासखण्‍डवार, जनपद पंचायत एवं नगरपालिका की जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अंतर्गत कितने संबल कार्डधारी परिवारों की अनुग्रह एवं सहायता राशि उनके बैंक खातों में जमा कर दी गई है तथा कितने शेष हैं? (ग) क्या पिछले वर्षों में नरयावली विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत स्वीकृत संबल कार्डधारी परिवारों की अनुग्रह एवं सहायता राशि प्रश्‍न दिनांक तक उनके बैंक खातों में समायोजित नहीं की गई? नगरपालिका एवं जनपदवार विस्तृत जानकारी देवें। (घ) ऐसे कितने संबल कार्डधारी परिवारों को अनुग्रह एवं सहायता राशि की स्वीकृति संबंधी स्वीकृति पत्रक नगरपालिका मकरोनिया एवं जनपद पंचायत सागर द्वारा प्रदान किये गये थे एवं उनके बैंक खातों में राशि समायोजित नहीं की गई है तो क्यों? इसके लिये कौन उत्तरदायी है एवं हितग्राहियों के बैंक खातों में राशि कब तक समायोजित कर दी जायेगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) सागर जिला अन्‍तर्गत वर्ष 2018 से वर्ष 2022 तक संबल योजना अन्‍तर्गत 5656 संबल कार्ड धारियों की मृत्‍यु उपरान्‍त आर्थिक सहायता/अनुग्रह सहायता के प्रकरण स्‍वीकृत किये गये, जिसकी वर्षवार, विकासखण्‍डवार, जनपद पंचायत एवं नगरीय निकायवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। सागर जिला अंतर्गत वर्ष 2018 से वर्ष 2022 तक म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल की विवाह सहायता योजना अंतर्गत कुल 5983 प्रकरण स्‍वीकृत किये गये, जिसकी वर्षवार, जनपद पंचायत एवं नगरीय निकायवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ-1'' अनुसार है। (ख) सागर जिला अन्‍तर्गत वर्ष 2018 से वर्ष 2022 तक संबल योजना अन्‍तर्गत 5656 संबल कार्ड धारियों की मृत्‍यु उपरान्‍त आर्थिक सहायता/अनुग्रह सहायता के प्रकरण स्‍वीकृत किये गये, जिसमें से 4881 प्रकरणों में अनुग्रह सहायता राशि उत्‍तराधिकारियों के बैंक खाते में जमा कर दी गई है तथा 775 अनुग्रह सहायता के प्रकरण शेष हैं। जिसकी वर्षवार, विकासखण्‍डवार एवं नगरीय निकायवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) पिछले वर्षों में प्रश्‍न दिनांक तक नरयावली विधान सभा क्षेत्र अन्‍तर्गत स्‍वीकृत संबल कार्डधारी परिवारों की अनुग्रह एवं सहायता के 96 प्रकरणों में उत्‍तराधिकारी के बैंक खाते में राशि समायोजित नहीं की गई है। नगरपालिका एवं जनपदवार विवरण निम्‍नानुसार है :-

क्र.

नगरीय निकाय/जनपद पंचायत का नाम

स्‍वीकृत प्रकरणों की संख्‍या जिसकी राशि बैंक में समायोजित की गई है।

1

नगरपालिका परिषद् मकरोनिया बुजुर्ग

15

2

जनपद पंचायत सागर

81

योग

96

(घ) नरयावली विधान सभा क्षेत्र अन्‍तर्गत नगर पालिक परिषद् मकरोनिया बुजुर्ग के 15 प्रकरण एवं जनपद पंचायत सागर के 81 प्रकरण पदाभिहित अधिकारी द्वारा स्‍वीकृत हैं। पर्याप्‍त बजट आवंटन पर राशि हितग्राही के खाते में अन्‍तरित की जाती है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "सत्ताईस"

छात्र-छात्राओं को मूंग वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

85. ( क्र. 994 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिला अंतर्गत शासकीय शालाओं में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को मूंग वितरण कराये जाने हेतु कितना आवंटन प्राप्त हुआ था? (ख) मूंग वितरण के लिए विभाग द्वारा किस-किस विकासखण्‍ड को कितना आवंटन प्रदाय किया गया? जानकारी देवें तथा विभाग द्वारा किस मापदंड से उचित मूल्य राशन दुकानों को आवंटन प्रदाय किया गया? जानकारी देवें। (ग) नरयावली विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाली उचित मूल्य दुकानों को मूंग वितरण का आवंटन किस मापदंड के आधार पर किया गया? (घ) क्या नरयावली विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत शासकीय शालाओं में                छात्र-छात्राओं को दर्ज संख्या के आधार पर मूंग वितरण किया गया है? यदि नहीं, तो शेष रह गये छात्र-छात्राओं को मूंग वितरण किया जायेगा? यदि नहीं, तो इसके लिए कौन उत्तरदायी है?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) सागर जिले में शासकीय शालाओं में अध्‍ययनरत            छात्र-छात्राओं हेतु 2604.05 मे.टन मूंग का आवंटन जारी किया गया है। (ख) सागर जिले में विकासखण्‍डवार आवंटित मूंग की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। शासकीय प्राथमिक शाला के छात्र-छात्राओं को 10 किलो एवं शासकीय माध्यमिक शाला के छात्र-छात्राओं को 15 किलो प्रति छात्र के मान से मूंग का आवंटन जारी किया गया है। (ग) नरयावली विधान सभा क्षेत्र की उचित मूल्य दुकानों को भी शासकीय प्राथमिक शाला के छात्र-छात्राओं को 10 किलो एवं शासकीय माध्यमिक शाला के   छात्र-छात्राओं को 15 किलो प्रति छात्र के मान से मूंग का आवंटन जारी किया गया है। (घ) नरयावली विधान सभा क्षेत्र की शासकीय शालाओं में माह अगस्‍त, 2021 तक दर्ज छात्र-छात्राओं की संख्‍या के आधार पर मूंग का आवंटन एवं वितरण किया गया है। प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के अंतर्गत कोरोना काल की अवधि माह नवम्‍बर, 2020 से अगस्‍त, 2021 तक की कुल 176 शैक्षणिक दिवसों की मध्‍यान्‍ह भोजन पकाने की लागत राशि के समतुल्‍य मान से कुल 65, 94, 383 लक्षित विद्यार्थियों को राशि रू. 671.82 करोड़ से कुल 78511 मे.टन नि:शुल्‍क मूंग का वितरण हेतु आवंटन जारी किया गया है। मूंग का वितरण कोरोना काल की अवधि में शालाओं में दर्ज छात्र-छात्राओं को किया जाना है, इस कारण माह अगस्‍त, 2021 के पश्‍चात शासकीय शालाओं में दर्ज नवीन छात्र-छात्राओं हेतु मूंग का आवंटन जारी न करने के कारण वितरण नहीं किया जा सका है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "अट्ठाईस"

जलाशय एवं नहर निर्माण की जानकारी

[जल संसाधन]

86. ( क्र. 996 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के बहोरीबंद तहसील स्थित खलरहा जलाशय एवं उसकी नहरों के निर्माण हेतु प्राक्कलन अनुसार कितनी राशि स्वीकृत की गई थी? इस जलाशय के निर्माण की प्रस्तावना में इस जलाशय की कितनी लंबाई की नहरों का निर्माण कर किस-किस ग्राम की कितनी-कितनी कृषि भूमि की सिंचाई होनी थी? (ख) इस जलाशय एवं नहर के निर्माण में कितनी राशि व्यय कर कितनी लंबाई की नहर का निर्माण किया गया तथा शेष कितनी राशि बची तथा उसका क्‍या उपयोग किया गया? वर्तमान समय में इससे किस ग्राम की कितनी कृषि भूमि सिंचित हो रही है? (ग) निर्माण के समय प्रस्तावित सिंचाई क्षमता से कम क्षेत्र में सिंचाई होने के क्या कारण हैं? क्या शासन इस जलाशय की सिंचाई क्षमता बढ़ाने हेतु ग्राम नैगवां से सकरवारा ग्रामों के बीच पड़ने वाली वन भूमि पर पाइप-लाइन ओपन/अंडर ग्राउन्‍ड बिछाकर सिंचाई जल प्रदान करने की कोई योजना बनाकर वन विभाग से मंजूरी लेगा ताकि इस जलाशय का निर्माण सार्थक हो सके? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) कटनी जिले के बहोरीबंद तहसील स्थित खलरहा जलाशय की प्रशासकीय स्‍वीकृति दिनांक 23.08.2011 को राशि रु. 212.05 लाख की 120 हेक्‍टेयर रबी सिंचाई हेतु प्रदान की गई थी। प्रस्ताव अनुसार कुल 04.80 कि.मी. लंबाई की नहर निर्माण कर ग्राम नैगवां की 80 हे., ग्राम बघराज की 25 हे. तथा ग्राम सकरवारा की 15 हे. भूमि की सिंचाई करना प्रस्‍तावित था। (ख) जलाशय एवं नहर निर्माण में कुल राशि रु. 145.03 लाख व्यय कर 0.90 कि.मी. लंबाई की नहर का निर्माण किया जाना प्रतिवेदित है। स्वीकृत राशि में से रु. 67.02 लाख राशि शेष बची हुई है। वर्तमान समय में केवल नैगवां गांव की औसतन 70 हे. कृषि भूमि सिंचित होना प्रतिवेदित है। (ग) निर्माण के समय प्रस्तावित सिंचाई क्षेत्र से कम क्षेत्र में सिंचाई होने का मुख्य कारण नहर की प्रस्तावित लंबाई का पूर्ण न होना प्रतिवेदित है। ग्राम वासियों की मांग अनुसार कार्यपालन यंत्री कटनी द्वारा ग्राम नैगवां से सकरवारा तक प्रारंभिक सर्वेक्षण कर संबंधित नहर कार्य का प्राक्कलन रु. 340.81 लाख का तैयार कर अधीक्षण यंत्री, जल संसाधन मण्डल, जबलपुर को उनके पत्र दिनांक 29.12.2015 के द्वारा प्रेषित किया गया था, किन्तु परियोजना की प्रति हेक्टयर लागत निर्धारित मापदण्ड से अत्यधिक होने के कारण योजना अनुपयुक्त पाई जाना प्रतिवेदित है। वर्तमान में ग्राम नैगवां से सकरवारा के बीच पडने वाली वन भूमि पर            पाइप-लाइन ओपन/अंडर ग्राउंड बिछाकर सिंचाई हेतु जल प्रदाय करने की कोई योजना प्रचलन में नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

बैराजों के निर्माण की जानकारी

[जल संसाधन]

87. ( क्र. 1000 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त पाडसुत्या बैराज (334.71 लाख रूपये), बागेडी बैराज (223.23 लाख रूपये) के निर्माण हेतु निविदा आमंत्रित कर कार्यादेश जारी कर दिए गए हैं? यदि हाँ, तो टेण्डर किस ठेकेदार को किन-किन शर्तों पर स्वीकृत कर कार्यावधि पूर्ण करने की सीमा सहित विवरण दें। (ख) विधान सभा प्रश्‍न क्रं. 828, दि. 22/12/2021 के प्रश्‍न (ग) के उत्तर में अवगत कराया गया था कि बोरदिया बैराज परियोजना का प्रशासकीय प्रतिवेदन प्रमुख अभियंता कार्यालय में परीक्षणाधीन है? यदि हाँ, तो प्रशासकीय स्वीकृति हेतु शासन को प्रेषित कर स्वीकृति प्रदान की गई है? विवरण दें। (ग) रिंगनिया और चामुण्डामाता बैराज के निर्माण हेतु शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? विवरण दें। (घ) नागदा-खाचरौद क्षेत्र में कितने स्टॉप डेम, तालाब आदि के निर्माण हेतु सर्वे किया जा रहा है तथा कितनी योजनाएं प्रमुख अभियंता कार्यालय एवं शासन स्तर पर स्वीकृति हेतु लम्बित हैं? योजनाओं के नाम सहित विवरण दें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) प्रश्‍नाधीन बैराजों के निर्माण हेतु निविदा आमंत्रित कर स्‍वीकृति आदेश जारी कर दिए गए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार तथा शर्तें परिशिष्‍ट ''1'' एवं ''2" अनुसार है। (ख) वस्‍तुस्थिति यह है कि उज्जैन जिले की बोरदिया बैराज योजना राशि रू. 443.98 लाख एवं रूपांकित सिंचाई क्षमता 255 हेक्टेयर का प्रस्‍ताव प्रमुख अभियंता कार्यालय भोपाल में परीक्षाणाधीन होना प्रतिवेदित है। स्‍वीकृति हेतु कोई प्रस्‍ताव शासन स्‍तर पर लंबित नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। वर्तमान में साध्‍यता स्‍वीकृति का कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है। (घ) प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में कोई स्‍टापडेम अथवा तालाब आदि के निर्माण हेतु सर्वेक्षण कार्य नहीं किया जा रहा है। सर्वेक्षित परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। शासन स्तर पर स्‍वीकृत हेतु कोई परियोजना लंबित नहीं है।

बरगी को पूर्णकालिक तहसील बनाया जाना

[राजस्व]

88. ( क्र. 1002 ) श्री संजय यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) बरगी को पूर्णकालिक तहसील बनाने हेतु प्रकरण की वर्तमान स्थिति क्‍या है? क्‍या प्रकरण में प्रशासकीय अनुमोदन प्राप्ति की कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है? प्रकरण को कृषि उत्पादन आयुक्त के समक्ष रखा जाकर अग्रिम कार्यवाही पूर्ण की जावेगी? यदि नहीं, तो विधिसम्मत कारण देवें।                (ख) विधान सभा प्रश्‍न क्र. 3554, दिनांक 17.3.2022 के उत्‍तर '' में विभाग ने बताया है कि कलेक्‍टर जबलपुर से दावे/आपत्ति प्राप्ति की जानकारी दिनांक 22.12.2021 को प्राप्‍त हुई है, तो फिर प्रशासकीय अनुमोदन प्राप्‍त होने में इतना लंबा समय क्‍यों लगा, जबकि कोई दावे/आपत्ति इस अधिसूचना के खिलाफ प्राप्‍त नहीं हुए है? विधिसम्‍मत कारण देवें। इतनी धीमी गति से कार्य किया जाने से विभागीय प्रक्रिया जांच का विषय होना चाहिए? यदि हाँ, तो कब तक जांच की जावेगी? यदि नहीं, तो उचित कारण देवें। (ग) जबलपुर के शहरी क्षेत्र के ग्राम हिनौतिया रानीताल चैराहा जबलपुर में स्थित पिंजरा पोल गौ-शाला ट्रस्ट की भूमि पर अतिक्रमण कर व्यवसायिक भवन का निर्माण किन-किन के द्वारा किया जा रहा है? गौ-शाला ट्रस्ट की भूमि पर व्यवसाय के मार्केट का निर्माण किस आदेश के तहत किया जा रहा है? क्या गौ-शाला ट्रस्ट की भूमि पर व्यवसायिक मार्केट का निर्माण किया जा सकता है? उक्त व्यवसायिक मार्केट के निर्माण की अनुमति किन-किन विभागों द्वारा किस आधार/मापदण्डों के प्रदान की गई है? संपूर्ण विवरण दिया जावे।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) उतरांश '''' के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जबलपुर के शहरी क्षेत्र ग्राम हिनौतिया रानीताल चौराहा जबलपुर मौजा सुभाषनगर स्थित भूमि शीट नं. 71 प्लॉट नं. 268/1 रकवा 37201.3 वर्गफुट भूमि पिंजरा पोल गौ-शाला चैरिटेबल ट्रस्ट जबलपुर अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल पिता बालकृष्ण अग्रवाल के नाम से दर्ज है। न्यास पिंजरापोल गौ-शाला चैरिटेबल ट्रस्ट (पंजीयन क्रमांक 333) द्वारा अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल पिता श्री बालकृष्ण अग्रवाल, निवासी नयागांव रामपुर के प्रस्तुत आवेदन पत्र अंतर्गत म.प्र. लोकन्यास अधिनियम 1951 की धारा 13 एवं 14 के तहत् तत्‍कालीन न्यायालय पंजीयक लोक न्यास एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अनुभाग कोतवाली जबलपुर के राजस्व प्रकरण क्रमांक 09/बी-113/2015-16 में पारित आदेश दिनांक 23.07.2016 से जबलपुर विकास योजना अंतर्गत संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश एवं नगरपालिका निगम जबलपुर की अनुमति एवं प्रस्तावित ले-आउट के अनुसार अन्य शर्तों के अधीन निर्माण की अनुमति प्रदान की गई थी। भवन निर्माण/व्यवसायिक मार्केट प्रयोजन हेतु अनुमति उपयोगिता मद अनुसार संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश व नगरपालिका निगम जबलपुर के अधीन रहती है।

नवीन अनुभाग का गठन

[राजस्व]

89. ( क्र. 1003 ) श्री संजय यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला जबलपुर के शाहपुरा को अनुभाग घोषित करने एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व शहपुरा भिटौनी के पद का सृजन कर पद स्वीकृति एवं नवीन भवन की स्वीकृति हेतु विगत दो-तीन वर्षों से लगातार सदन में प्रश्‍न एवं मुख्यमंत्री जी, राजस्व मंत्री जी सहित संबधित विभाग को पत्राचार कर बरगी विधान सभा क्षेत्र की जनहित की मांग की जा रही है? (ख) तहसील-शाहपुरा को अनुभाग घोषित करने में ग्राम पंचायतों एवं पटवारी हल्कों में किसी भी प्रकार के संशोधन नहीं होना है तथा वर्तमान में विगत कई वर्षों से जिला प्रशासन जबलपुर द्वारा स्थानीय व्यवस्था के तहत अभी भी कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी शाहपुरा भिटौनी को विधिवत् रूप से संचालित करवाया जा रहा है, तो तहसील शहपुरा को अनुभाग घोषित करने में क्‍या कठिनाई है? (ग) वि.स. प्रश्‍न क्र. 1452, दिनांक 10.3.2022 के उत्‍तर में विभाग ने बताया कि कलेक्‍टर जबलपुर से वांछित जानकारी नहीं आने के आभाव में प्रकरण लंबित है? यदि हाँ, तो जानकारी प्रश्‍न दिनांक तक प्राप्‍त हुई अथवा नहीं? यदि नहीं, तो इतने दिनों तक जानकारी नहीं भेजे जाने पर कलेक्‍टर जबलपुर को कारण बताओ नोटिस कब तक जारी होगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) शाहपुरा को नवीन अनुभाग गठन करने संबंधी कार्रवाई विचाराधीन है. (ग) कलेक्‍टर जबलपुर से वांछित जानकारी प्राप्त हो चुकी है जो परीक्षणाधीन है. शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

धार्मिक स्‍थल एवं सामुदायिक भवन का पुनर्वास

[जल संसाधन]

90. ( क्र. 1016 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुण्‍डालिया वृहद परियाजना, तहसील जीरापुर, जिला राजगढ़ के डूब क्षेत्र में आये ग्रामों में कितने धार्मिक स्‍थल (मंदिर, मस्जिद, चबूतरे) एवं सामुदायिक भवन तथा शासकीय एवं निजी भूमि में डूब में आये हैं? ग्रामवार बताने की कृपा करें। (ख) उक्‍त धार्मिक स्‍थल एवं सामुदायिक भवन का पूर्ण निर्माण एवं स्‍थापना हेतु कितनी राशि शासन द्वारा कब और किसको प्रदान की गई? वर्तमान में इनके पुन: निर्माण एवं स्‍थापना की क्‍या स्थिति है? (ग) अगर डूब क्षेत्र में आये ग्रामों का पुनर्वास किया जा चुका है और धार्मिक स्‍थल एवं सामुदायिक भवन का पुनर्वास नहीं किया गया है, तो इसके लिये शासन की क्‍या योजना हैं एवं इसके लिए दोषी कौन है? उस पर क्‍या कार्यवाही की जा रही है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) कुण्डालिया वृहद परियोजना के डूब क्षेत्र में 18 धार्मिक स्थल (मंदिर) शासकीय भूमि एवं 01 निजी धार्मिक स्थल (मंदिर) इस प्रकार कुल 19 धार्मिक स्थल डूब में आना प्रतिवेदित है। कोई भी मस्जिद, चबूतरे एवं सामुदायिक भवन डूब क्षेत्र में नहीं आए हैं। ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश '' में उल्‍लेखित 18 धार्मिक स्थलों के निर्माण एवं स्थापना हेतु राशि रु. 48, 70, 754/- का भुगतान वर्ष-2021 में मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष (तहसीलदार) एवं संबधित ग्राम सचिव के संयुक्त खाते में जमा की जाना प्रतिवेदित है। राशि का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। वर्तमान में पुनः निर्माण एवं स्थापना का कार्य मंदिर निर्माण समिति द्वारा किया जाना है तथा 01 निजी धार्मिक स्थल            श्री यशवंत सिंह पिता सज्जन सिंह राजपूत ग्राम सिरपोई को राशि का भुगतान स्वामित्व निर्धारण नहीं होने के कारण प्रक्रियाधीन है। (ग) डूब क्षेत्र में आये ग्रामों का पुनर्वास किया जा चुका है। नियमानुसार धार्मिक स्थल का अधिग्रहण किया जाकर मुआवजा राशि का भुगतान मंदिर निर्माण समिति को किया जा चुका है। उक्त धार्मिक स्थलों का निर्माण/पुनर्वास, मंदिर निर्माण समिति एवं ग्रामीणों की आपसी सहमति द्वारा किया जाना है। अतः किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "उनतीस"

अवैध कुओं का उत्खनन

[राजस्व]

91. ( क्र. 1019 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) जिला सिवनी तहसील लखनादौन के ग्राम गगई में स्टे की अवहेलना कर अवैध कुंआ उत्खनन किया गया है? यदि हाँ, तो जानकारी प्रदान करें। (ख) क्या न्यायालय तहसीलदार लखनादौन द्वारा उत्खनन हेतु स्टे लगाने के बाद कुंआ उत्खनन किया गया है? यदि हाँ, तो किसके द्वारा कुंआ उतखनन किया गया? नामवार जानकारी प्रदान करें। (ग) क्या इस संबंध में जांच कराई गई? यदि हाँ, तो दोषियों पर क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित जानकारी प्रदान करें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता। (ग) जी हाँ। जांच में स्‍टे के बाद उत्‍खन्‍न कार्य न किये जाने के कारण दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

बुजुर्ग राशन कार्ड धारकों को राशन वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

92. ( क्र. 1025 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) उज्जैन जिला की विधान सभा क्षेत्र बड़नगर में प्रश्‍न दिनांक तक ऐसे कितने बुजुर्ग राशन कार्ड धारक हैं जिनके अंगूठे के निशान के बायोमेट्रिक मशीन से मैच न होने के कारण राशन नहीं मिल रहा है? दुकानवार ऐसे बुजुर्गों की जानकारी नामवार एवं ग्रामवार उपलब्ध करावें। (ख) क्या ऐसे मामलों में परिवार से बाहर के व्यक्ति को नामांकित करने का नियम है? (ग) यदि हाँ, तो क्या सरकार बुजुर्ग राशन कार्ड धारकों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए अंगूठे के निशान के बायोमेट्रिक मशीन से मैच न होने की स्थिति में ओ.टी.पी., आई स्केनर या आधार कार्ड की कॉपी से राशन देने का प्रावधान करेगी? (घ) विधान सभा क्षेत्र में ऐसे कितने परिवार हैं जिनका अन्त्योदय राशन कार्ड शासन द्वारा बंद कर दिया गया है? बन्द करने के क्या कारण हैं? यदि बिना किसी कारण के बन्द किये गए हैं तो इसके लिए कौन अधिकारी दोषी है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) उज्‍जैन जिले की विधान सभा क्षेत्र बड़नगर में राष्‍ट्रीय खाद्य सुर‍क्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र हितग्राहियों में से बुजुर्ग हितग्राहियों के अंगूठे की रेखाएं घिसने-सिकुड़ने से पी.ओ.एस. मशीन पर बायोमेट्रिक सत्‍यापन विफल होने के कारण राशन प्राप्‍त करने से कोई हितग्राही वंचित नहीं है, जिन हितग्राहियों के बायोमेट्रिक सत्‍यापन विफल हुए हैं, उनको नॉमिनी के माध्‍यम से राशन का वितरण कराया जा रहा है। (ख) जी हाँ। बायोमेट्रिक सत्‍यापन सफल न होने वाले हितग्राहियों को नॉमिनी के माध्‍यम से राशन वितरण का प्रावधान है। (ग) राष्‍ट्रीय खाद्य सुर‍क्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों में से परिवार के किसी भी सदस्‍य द्वारा पी.ओ.एस. मशीन पर बायोमेट्रिक सत्‍यापन के आधार पर राशन प्राप्‍त किया जा सकता है। हितग्राही की एक अंगुली/अंगूठा की रेखाओं से बायोमेट्रिक सत्‍यापन सफल न होने पर एक से अधिक अंगुलियों (फ्यूजन फिंगर) के बायोमेट्रिक सत्‍यापन किया जाता है, साथ ही बायोमेट्रिक सत्‍यापन न होने पर आधार नंबर से लिंक मोबाइल नंबर पर ओ.टी.पी. अथवा नॉमिनी के माध्‍यम से राशन सामग्री के वितरण की सुविधा उपलब्‍ध कराई गई है। हितग्राही द्वारा आधार पंजीयन केन्‍द्र पर अपने आधार नंबर को अपडेट कराने तथा मोबाइल नंबर लिंक कराने की सुविधा उपलब्‍ध है। किसी भी पात्र हितग्राही को बायोमेट्रिक सत्‍यापन सफल न होने के आधार पर राशन से वंचित नहीं किया जा रहा है। (घ) विधान सभा क्षेत्र बड़नगर में अन्‍त्‍योदय राशन कार्ड बंद नहीं किये गये हैं। अत: जानकारी निरंक है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

कोटवारों का चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी में नियमितीकरण

[राजस्व]

93. ( क्र. 1026 ) श्री मुरली मोरवाल [ श्री विजय रेवनाथ चौरे, श्री आलोक चतुर्वेदी ] : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के कोटवारों को प्रतिमाह कितना वेतन तथा कौन कौन सी अन्य सुविधाएं दी जाती हैं? (ख) क्या सरकार मानती है कि वर्तमान में प्रदेश के कोटवारों को दिया जाने वाला वेतन उनके परिवार के भरण पोषण के लिए पर्याप्त है? (ग) क्या सरकार प्रदेश के कोटवारों को नियमित चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी घोषित करने और उन्हें कलेक्टर रेट पर वेतन दिए जाने के लिए कार्यवाही करेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) ग्राम कोटवार को मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता-1959 की धारा-231 अनुसार सेवा भूमि या पारिश्रमिक या दोनों का प्रावधान किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार। इसके अतिरिक्‍त कोटवारों को प्रति वर्ष वर्दी, जूते, टार्च, बेल्‍ट एवं गरम कोट प्रदाय किये जाते हैं। (ख) कोटवारों को उनकी सेवाओं के लिए सेवा भूमि या पारिश्रमिक या दोनों मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता-1959 के प्रावधानों अनुसार प्रदाय किए जाते हैं। (ग) ऐसा कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है।

परिशिष्ट - "तीस "

काबिज कास्‍त भूमि का बंटन

[राजस्व]

94. ( क्र. 1028 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम बेला, तहसील रघुराजनगर, जिला सतना की आराजी नम्बर 49, 51 एवं 140 अनुविभागीय अधिकारी राजस्व तहसील रघुराजनगर द्वारा दिनांक 26/08/1972 को विधिवत जांच संस्थापित कर काबिज कास्त भूमि का बंटन किया गया था? यदि हाँ, तो तत्समय से वर्तमान तक वंटित भूमि के भू-स्वामी की जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार किस आधार पर भूमि आवंटित की गई है? क्या भूमि गलत तरीके से आवंटित तो नहीं हुई? (ग) क्या कुछ             भू-स्वामियों द्वारा कलेक्टर पद श्रेणी, अनिम्न पद श्रेणी के किसी भी राजस्व अधिकारी की अनुमति के बगैर आवंटित भूमि का नामांतरण कराया गया है? (घ) यदि प्रश्‍नांश (ग) सही है तो क्या उन भूमि धारकों पर भूमि अंतरण की धाराओं का उल्लंघन पाए जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी तथा उक्त भूमि कब तक म.प्र. शासन दर्ज की जाएगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) सतना जिला के तहसील रघुराजनगर के पटवारी हल्‍का बेला, ग्राम बेला की आ.नं. 49, 51 एवं 140 के अतिरिक्‍त अन्‍य भूमियों में न्‍यायालय अनु. अधि. राजस्‍व रघुराजनगर के प्र.क्र. 372/1971-72 में पारित आदेश दिनांक 26.08.1972 के द्वारा विधिवत जांच कर 35 लोगों के मध्‍य काबिल कास्‍त भूमि का बंटन किया गया था। बंटन के समय भूमि स्‍वामी की जानकारी के साथ आदेश दिनांक 26.08.1972 की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट 'अनुसार है। तत्‍समय से वर्तमान तक बंटित भूमि में भूमि स्‍वामियों की जानकारी जांच प्रतिवेदन दिनांक 05.12.2019 एवं 05.08.2019 में अंकित है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट 'अनुसार है। (ख) न्‍यायालय अनु. अधि. राजस्‍व के प्र.क्र. 372/1971-72 में पारित आदेश दिनांक 26.08.1972 के द्वारा विधिवत जांच कर 35 लोगों के मध्‍य काबिल कास्‍त भूमि का बंटन किया गया था। (ग) जी हाँ, कलेक्‍टर पद श्रेणी के अनुमति के बगैर आवंटित भूमियों में से उत्‍तरांश '''' में वर्णित आराजियों का नामांतरण हुआ है। (घ) उत्‍तरांश '''' में बंटित आराजियों में से आ.नं. 49 से 49/1/2/3, 49/1/2/1/3, 49/1/3/1, 49/1/3/2, 49/1/4/1, 49/1/4/2, 49/1/11 एवं आ.नं. 51/1 एवं 51/2 राज्‍य शासन के आदेश दिनांक 10.06.2013 द्वारा भूमि स्‍वामी दर्ज है। प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट 'अनुसार है एवं शेष बंटित आराजियां न्‍यायालय कलेक्‍टर सतना के प्र.क्र. 119/1985-86 में पारित आदेश दिनांक 18.07.2006 के द्वारा म.प्र. शासन दर्ज है।

नहरों की सफाई व रख-रखाव कार्य की जानकारी

[जल संसाधन]

95. ( क्र. 1033 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी विधान सभा क्षेत्र की नहरों की सफाई व रख-रखाव के लिये माह जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक विभाग द्वारा कितनी राशि का आवंटन एवं व्‍यय हुआ है? जानकारी की वर्षवार छायाप्रति देवें। (ख) सिवनी विधान सभा क्षेत्र की नहरें अनेक स्‍थानों पर जर्जर हो गई हैं, इससे नहर का पानी किसानों के खेतों में भर जाता है और फसलें खराब होती हैं व जनहानि की आशंका बनी रहती है। इसकी मरम्‍मत कब तक की जायेगी? (ग) सिवनी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत पेंच नहर निर्माण का कुल रकवा, कुल कार्य एवं कुल व्‍यय की जानकारी उपलब्‍ध करायें। (घ) पेंच नहर निर्माण में वास्‍तविक कार्य बहुत कम हुआ है, इस हेतु कोई जांच हुई है? उस समय कौन-कौन से पर्यवेक्षण अधिकारी पदस्‍थ थे? इस संबंध में विभाग के पास अनियमितता एवं भ्रष्‍टाचार की शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं तो उस पर क्‍या कार्यवाही हुई? जांच प्रतिवेदन की छायाप्रति उपलब्‍ध कराएं।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) सिवनी विधान सभा क्षेत्र की नहरों की सफाई एवं रख-रखाव के लिए माह जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक आवंटित राशि एवं व्यय संबंधी वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-"अ" अनुसार है। (ख) विधान सभा क्षेत्र सिवनी के अन्तर्गत समस्त जलाशयों की नहरें अच्छी स्थिति में होना प्रतिवेदित है। नहरों के क्षतिग्रस्त होने पर आवश्यकता अनुसार सुधार कार्य प्रतिवर्ष पी.आई.एम. अन्तर्गत प्राप्त अनुदान राशि से जल उपभोक्ता संथाओं के माध्यम से कराया जाकर कृषकों की मांग अनुसार सिंचाई हेतु पानी प्रदाय किया जाता है। विधान सभा क्षेत्र सिवनी के अन्तर्गत वर्तमान में पेंच व्यपवर्तन वृहद परियोजना की बखारी शाखा नहर एवं सिवनी शाखा नहरों में लाईनिंग का कार्य कराया जा रहा है, जिससे नहरों के क्षतिग्रस्त होने की संभावना लगभग समाप्त हो जावेगी। लाईनिंग कार्य हेतु निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (घ) मैदानी कार्यालय से प्राप्‍त जानकारी अनुसार पेंच नहर निर्माण में वास्‍तविक कार्य कम होना प्रतिवेदित है। तत्‍समय पदस्‍थ अधिकारियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र"1" अनुसार है। कलेक्‍टर, जिला सिवनी के पत्र दिनांक 10.11.2020 के माध्‍यम से मान. सदस्‍य का शिकायती पत्र दिनांक 09.11.2020 प्राप्‍त हुआ था। शासन के आदेश दिनांक 24.12.2020 द्वारा संचालक हाइड्रोलॉजी, कार्यालय मुख्‍य अभियंता (बोधी) की अध्‍यक्षता में तीन सदस्‍यीय जांच दल का गठन किया गया। जांच दल द्वारा निरीक्षण कर जांच प्रतिवेदन प्रेषित किया गया है जिसके संबंध में प्रमुख अभियंता से समस्‍त तथ्‍यों का समावेश करते हुए विस्‍तृत जांच प्रतिवेदन प्रस्‍तुत करने हेतु निर्देशित किया गया है। तद्नुसार जांच प्रतिवेदन प्राप्‍त होने पर जानकारी उपलब्‍ध कराया जाना संभव होगा।

परिशिष्ट - "इकतीस"

दीवार निर्माण कार्य में अनियमितता

[वन]

96. ( क्र. 1035 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या गांधी सागर अभयारण्य क्षेत्र में विभाग ने अभी 1 लाख मीटर पत्थर की दीवार बनाई है, जिसका शासकीय रेट 1350/- रुपए प्रति मीटर है? (ख) विभाग ने 280/- रुपये प्रति ट्राली में पत्थर डलवाया और दो ट्राली पत्थर में 1 मीटर दीवार बनी? दीवार की चुनवाई 130/- रुपये प्रति मीटर में करवाई, इस प्रकार अपने क्षेत्र में 54000 मीटर दीवार बनाई है इस हिसाब से लगभग 500/- रुपये प्रति मीटर दीवार बनाने की लागत आई, जबकि विभाग ने 1350/- रुपए प्रति मीटर के हिसाब से पैसा निकाला इस प्रकार विभाग द्वारा दीवार बनाने में लगभग 750/- रुपये प्रति मीटर का भ्रष्टाचार किया गया और कुल 2 करोड़ 70 लाख रुपए का भ्रष्टाचार दीवार बनाने में किया गया है। (ग) क्या विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को इस निर्माण कार्य और भ्रष्टाचार की जानकारी थी और क्या निर्माण के समय उन्होंने दीवार का निरीक्षण किया था? (घ) दीवार बनाने के लिए किए गए भ्रष्टाचार के लिए कौन-कौन उत्तरदायी है? (ड.) इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर क्या कार्रवाई की जाएगी? कृपया समय-सीमा बतावें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। गांधीसागर अभयारण्‍य में वर्ष 2021-22 में अभयारण्‍य क्षेत्र के घेराव के लिए 24267 रनिंग मीटर गेमप्रूफवाल (आकार 1.80 मी. X 0.90 मी. X 1.80 मी.) तथा 24306 रनिंग मीटर पशु अवरोधक दीवार (आकार 0.80 मी. X 0.50 मी. X 1.00 मी.) का निर्माण किया गया। गेमप्रूफवाल एवं पशु अवरोधक दीवार के निर्माण में पत्‍थर संग्रहण तथा परिवहन की दर रूपये 234.23 प्रति घनमीटर है। गेमप्रूफवाल की दीवार चुनवाई की दर रूपये 562.13 प्रति रनिंग मीटर तथा पशु अवरोधक दीवार की चुनवाई की दर रूपये 167.31 प्रति रनिंग मीटर है।                  (ख) उत्‍तरांश '''' के अनुक्रम में जी नहीं। गेमप्रूफवाल निर्माण में प्रति रनिंग मीटर 2.43 घनमीटर तथा पशु अवरोधक दीवार के निर्माण में प्रति रनिंग मीटर में 0.65 घनमीटर पत्‍थर लगा है। दीवार निर्माण कार्य में कोई भ्रष्‍टाचार की शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई। (ग) प्रश्‍नाधीन दीवार निर्माण कार्य की जानकारी वन मंडलाधिकारी एवं अधीनस्‍थ अमले को थी। निर्माण कार्य का निरीक्षण संबंधित परिक्षेत्र अधिकारी तथा उप वन मंडलाधिकारी द्वारा किया गया तथा पूर्ण सत्‍यापन करने के उपरांत ही ई-भुगतान संबंधित के बैंक खातों में किया गया है, अत: किसी प्रकार के भ्रष्‍टाचार का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) एवं (ड.) उत्‍तरांश (क), (ख) एवं (ग) के अनुक्रम में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

गरीब वृद्धजनों को राशन सामग्री का वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

97. ( क्र. 1040 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) क्‍या ओ.टी.पी. आई स्‍कैनर व्‍यवस्‍था के चलते गरीब वृद्धों के अंगूठे के निशान प्रदर्शित नहीं होने के कारण शा.उ.मू. की दुकानों से राशन वितरित नहीं किए जाने के मामले प्रकाश में आए हैं? (ख) यदि हाँ, तो किस-किस जिले में ऐसे कितने गरीब उपभोक्‍ता हैं और उन्‍हें कब-कब से राशन वितरित नहीं किया जा रहा है? (ग) प्रश्‍नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में यह अवगत करावें कि उपरोक्‍त अव्‍यवस्‍था में कब तक सुधार हो जावेगा तथा इस लापरवाही के लिए कौन-कौन जिम्‍मेदार है? उनके विरूद्ध शासन द्वारा क्‍या तथा कब तक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी नहीं। ओ.टी.पी. आई स्‍कैनर व्‍यवस्‍था के चलते गरीब वृद्धों के अंगूठे के निशान प्रदर्शित नहीं होने के कारण शासकीय उचित मूल्‍य की दुकानों से राशन वितरित नहीं किए जाने के मामले प्रकाश में नहीं आये हैं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता। (ग) जिन वृद्धजन/दिव्‍यांगजन हितग्राहियों के बायोमेट्रिक सत्‍यापन सफल नहीं होते हैं, उन्‍हें आधार नंबर से लिंक मोबाइल नंबर पर ओ.टी.पी. अथवा नॉमिनी के माध्‍यम से राशन सामग्री के वितरण की सुविधा उपलब्‍ध कराई गई है। शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता।

राजस्‍व प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

98. ( क्र. 1041 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) क्‍या भूमि बंटवारा, नामांतरण एवं अतिक्रमणयुक्‍त भूमि के प्रकरणों के निराकरण हेतु नियमानुसार समय-सीमा निर्धारित है? (ख) यदि हाँ, तो भोपाल जिले की किन-किन तहसीलों में भूमि बंटवारा, नामांतरण और शासकीय भूमि पर अतिक्रमण के किन-किन के विरूद्ध व कितने-कितने प्रकरण कब-कब से प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में लंबित हैं? (ग) प्रश्‍नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में यह अवगत करावें कि प्र‍चलित प्रकरणों का निर्धारित समय-सीमा में निराकृत नहीं करने एवं लम्बित रखे जाने के क्‍या कारण हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) भोपाल जिले के अन्तर्गत तहसील हूजुर बैरसिया एवं कोलार में क्रमश: बंटवारा के 312, 141, 96 नामांतरण के 4225, 371, 2257 एवं शासकीय भूमि पर अतिक्रमण के 12, 30, 07 प्रकरण लंबित हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में अधिकांश प्रकरण समय-सीमा में निराकृत किये जाते हैं। वर्तमान में राजस्व अधिकारियों के त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन एवं नगरीय निकाय निर्वाचन कार्य में व्यस्त होने से कुछ प्रकरण समय-सीमा में निराकृत नहीं हो सके। साथ ही आवेदक द्वारा पूर्ण दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किये जाने, विवादित प्रकरणों में साक्ष्य समय-सीमा में प्रस्तुत नहीं किये जाने से विलम्ब की स्थिति निर्मित होती है।

चकबंदी योजना से उत्‍पन्‍न समस्‍या का समाधान

[राजस्व]

99. ( क्र. 1061 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील कैलारस के ग्राम शेखपुर में वर्ष 1970-71 के समय चकबंदी योजना लागू की गई थी? यदि हाँ, तो चकबंदी अनुसार भू-स्‍वामियों को कृषि हेतु कब्‍जा आधिपत्‍य दिया गया है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) क्‍या किसानों द्वारा चकबंदी से पूर्व स्थिति अनुसार ही सर्वे नम्‍बरों पर काबिज होकर कृषि कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्‍यों? (ग) ग्राम की राजस्‍व सीमा में रेल्‍वे लाइन विस्‍तारीकरण योजना से मुआवजा की वजह से किसानों में मतभेद इस‍लिए उत्‍पन्‍न हो रहा है कि राजस्‍व अभिलेखों एवं वास्‍तविक आधिपत्‍यधारियों में विसंगति है। इस समस्‍या के समाधान हेतु विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है? (घ) चकबंदी की अपूर्ण प्रक्रिया से किसान भारी परेशान हैं कि वह अपने आर्थिक जरूरत में भूमि विक्रय नहीं कर पाता है। क्‍योंकि भू-स्‍वामी सर्वे नंबर एवं आधिपत्‍य सर्वे नंबरों में विसंगति है? (ड.) प्रश्‍नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) के तारतम्‍य में यह स्‍पष्‍ट किया जा सकेगा की गई चकबंदी पूर्णत: व्‍यवस्थित लागू की जावेगी या उसे समाप्‍त किया जावेगा? उत्‍पन्‍न समस्‍या का समाधान कब तक कर लिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ I तहसील कैलारस के ग्राम शेखपुर में वर्ष 1970-71 के समय चकबंदी योजना प्रारंभ की गई थी किन्तु तत्समय कृषकों की पारस्परिक सहमति के अभाव में अधिकार अभिलेख का अंतिम प्रकाशन नहीं हो सका फलस्वरूप भूमि स्वामियों को कब्जा नहीं दिया जा सका। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। कुछ किसानों द्वारा चकबंदी के प्रथम प्रकाशन अनुसार एवं कुछ किसानों द्वारा बंदोबस्त पूर्व की स्थिति अनुसार ही सर्वे नंबरों पर काबिज होकर कृषि कार्य किया जा रहा हैI वर्तमान अभिलेख चकबंदी के पूर्व बंदोबस्त अनुसार प्रभावशील है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) यह कहना सही नहीं है कि मुआवजा वितरण राजस्व अभिलेख एवं वास्तविक परिस्थितियों में अंतर से प्रभावित होने से, किसानों में मतभेद हो रहे हैंI अधिग्रहण से प्रभावित किसानों को उनकी परस्पर सहमति व संतुष्टि के बाद ही मुआवजा वितरित किया जा रहा है। (घ) चकबंदी के अभिलेख का अंतिम प्रकाशन नहीं होने से वर्तमान प्रचलित अभिलेख एवं कुछ हिस्सों के कब्जे की मौके पर भिन्नता है किन्तु ग्राम शेखपुर में विक्रय (रजिस्ट्री) पर किसी भी प्रकार की रोक नहीं हैI नियमानुसार दस्तावेज प्रस्तुत करने पर भूमि का क्रय-विक्रय किया जा रहा है। (ड.) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 यथा संशोधित अधिनियम 2018 की धारा 206 (3) में निहित प्रावधान अनुसार तहसील कैलारस के ग्राम शेखपुर में तत्समय कृषकों की पारस्परिक सहमति के अभाव में चकबंदी प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो सकी। संहिता की धारा 206 (3) के प्रावधानानुसार दो तिहाई भूमि स्वामी के अपने खातों की चकबंदी के लिए सहमत होने पर चकबंदी की प्रक्रिया की जाना प्रावधानित है।

उचित मूल्‍य की दुकानों में अव्‍यवस्‍था

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

100. ( क्र. 1062 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जौरा विधान सभा क्षेत्र में कितनी उचित मूल्‍य की दुकानें हैं? नामवार सूची उपलब्‍ध करावें। क्‍या उनका नियमित रूप से संचालन हो रहा है? क्‍या उनको सामग्री नियमित और आसानी से उपलब्‍ध हो रही है? (ख) क्‍या उचित मूल्‍य की दुकानों के संचालन के लिए नोडल अधिकारी नियुक्‍त किये गये हैं? यदि किये गये हैं तो नामवार सूची उपलब्‍ध करावें। (ग) ऐसी कितनी दुकानें हैं जिनके विक्रेता बदलने के कारण खाद्य की कमी चली आ रही है? (घ) क्‍या काफी दुकानों पर खाद्य सामग्री को खुर्दबुर्द किया गया है, जिसके कारण मशीनों में माल की शार्टेज चली आ रही है, जिससे जनता को खाद्य सामग्री उपलब्‍ध नहीं हो पायी है, जिसके कारण जनता में आक्रोश है?      (ड.) क्‍या ऐसे लोगों के खिलाफ जांच करवाकर कार्यवाही की जावेगी और जिनको पूरी खाद्य सामग्री नहीं मिली है उनको खाद्य सामग्री उपलब्‍ध होगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्‍नांकित विधान सभा क्षेत्र में 102 उचित मूल्‍य की दुकानें संचालित हैं। नामवार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। जी हाँ। जी हाँ।    (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (ग) कोई नहीं। (घ) जिन दुकानों पर खाद्यान्‍न सामग्री को खुर्दबुर्द किया गया है उनके विरुद्ध एफ.आई.आर एवं वसूली की कार्यवाही की गई है एवं खुर्दबुर्द खाद्यान्‍न सामग्री की अतिरिक्‍त मात्रा उपलब्‍ध होने के बाद उपभोक्‍ताओं को खाद्यान्‍न सामग्री उपलब्‍ध कराई जा चुकी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (ड.) प्रश्‍नांश (घ) के उत्‍तर अनुसार कार्यवाही होने से प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

वाहनों के पंजीयन की जानकारी

[परिवहन]

101. ( क्र. 1080 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि    (क) मुरैना जिले में वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में मोटर साईकिल, चार पहिया वाहन, ट्रक, डम्‍पर व ट्रैक्‍टर के पंजीयन हेतु प्रतिमाह कितने आवेदन जिला परिवहन कार्यालय में प्राप्‍त हुए?           (ख) उक्‍त में कितने वाहनों के पंजीयन समय-सीमा में किये गये तथा कितने वाहनों के नहीं? इसके क्‍या कारण हैं? इस हेतु कौन उत्‍तरदायी है? उसके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी?                   (ग) क्‍या कार्यालयीन अमले को दलाली के जरिये जिन आवेदकों से अनियमित लाभ मिल जाता है, उनके पंजीयन शीघ्र कर दिये जाते हैं तथा शेष आवेदक पंजीयन हेतु महीनों तक चक्‍कर लगाते रहते हैं? (घ) यदि नहीं, तो क्‍या शासन प्रश्‍नांश (क) में वर्णित अवधि में प्राप्‍त समस्‍त आवेदनों के निराकरण में विलम्‍ब के कारणों की जांच करवायेगा व दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश '''' के संबंध में कम्प्यूटर अभिलेखानुसार प्राप्त आवेदनों पर समय-सीमा में कार्यवाही कर पंजीयन किया गया। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। कार्यालय में प्राप्त सभी आवेदनों पर नियमानुसार लोकसेवा गांरटी अधिनियम के अंतर्गत नियत समयावधि में पंजीयन किया जाता है। (घ) सभी पंजीयन समय-सीमा में प्रावधानुसार किए गए हैं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "बत्तीस"

प्रदेश के वन्‍य जीव के संबंध में

[वन]

102. ( क्र. 1084 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) क्‍या राज्‍य सरकार द्वारा गुजरात के जामनगर स्थित ग्रीन जूलोजिकल रेस्‍क्‍यू एण्‍ड रिहेबिलिटेशन किंगडम को प्रदेश के वन्‍य जीव दिए गये हैं या दिए जाना प्रस्‍तावित है? यदि हाँ, तो इसमें कौन-कौन से वन्‍य जीव शामिल हैं? (ख) क्‍या सर्वोच्‍च न्‍यायालय के आदेश के बावजूद गुजरात सरकार द्वारा अभी तक मध्‍यप्रदेश को गिर के सिंह नहीं दिए गये हैं? (ग) यदि हाँ, तो क्‍या सरकार गिर के सिंह न दिए जाने को ध्‍यान में रखते हुए जामनगर स्थित ग्रीन जूलोजिकल रेस्‍क्‍यू एंड रिहेबिलिटेशन किंगडम को प्रदेश के वन्‍य जीव देने के फैसले पर फिर से विचार कर इसे निरस्‍त करेगी?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वन विहार राष्‍ट्रीय उद्यान-जू भोपाल से ग्रीन्‍स जूलोजिकल रेस्‍क्‍यू एण्‍ड रिहेबिलिटेशन सेंटर, जामनगर, गुजरात को 1 बाघ एवं 3 तेन्‍दुए दिया जाना प्रस्‍तावित है। (ख) जी हाँ। (ग) दोनों विषय भिन्‍न होने से जी नहीं।

जिला खनिज मद की राशि का व्‍यय

[खनिज साधन]

103. ( क्र. 1085 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्‍द्र सरकार के खनिज मंत्रालय के आदेश के विपरित जिला सिंगरौली में खनिज मद की राशि वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक 50 प्रतिशत से कम सिंगरौली जिले में व्‍यय की गई है?               (ख) सिंगरौली जिले में बढ़ते प्रदूषण के चलते वहां के रहवासियों के स्‍वास्‍थ्‍य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। उनके स्‍वास्‍थ्‍य सुधार के लिये डी.एम.एफ. की क्‍या 75 प्रतिशत राशि राज्‍य को दी गई है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत दी गई है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नांश अनुसार केन्‍द्र सरकार खनिज मंत्रालय से ऐसा कोई आदेश प्राप्‍त नहीं हुआ है। खनिज मद की राशि राज्‍य की संचित निधि में जमा की जाती है। जिसका व्‍यय बजट आवंटन के माध्‍यम से किया जाता है। (ख) सिंगरौली जिले में बढ़ते प्रदूषण के चलते स्‍थानीय रहवासियों के स्‍वास्‍थ्‍य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने का कोई भी गंभीर मामला प्रकाश में नहीं आया है। डी.एम.एफ. की राशि का व्‍यय जिले की आवश्‍यकता के अनुरूप किया जाता है, जिसमें स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र भी सम्मिलित है।

नर्मदा सेवा यात्रा की बसों का भुगतान

[परिवहन]

104. ( क्र. 1092 ) श्री बाला बच्चन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) प्रश्‍न क्र. 1193, दिनांक 10.03.2022 के (ख) उत्‍तर अनुसार दिनांक 18.02.2022 को परिवहन आयुक्‍त द्वारा नर्मदा सेवा यात्रा बसों के भुगतान संबंधी पत्र 32 जिला कलेक्‍टरों को प्रेषित किया गया। प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में इसके संबंध में प्राप्‍त समस्‍त प्रति उत्‍तर की प्रमाणित प्रति जिलावार देवें। (ख) इसी प्रश्‍न के (ग) उत्‍तर में उल्‍लेख है कि जिला कलेक्‍टरों से प्राप्‍त जानकारी में भुगतान न होने के कारण बजट आवंटन न होना है लेकिन बस नंबर, बस मालिक नाम क्‍यों नहीं उपलब्‍ध कराया जा रहा है। बजट आवंटन होने पर भुगतान किसे किया जाएगा? यह 05 वर्षों बाद भी विभाग बताने में अक्षम क्‍यों है? (ग) कब तक बस नंबर, बस मालिक नाम, मोबाईल नंबर की जानकारी जिलावार उपलब्‍ध करा दी जाएगी? समय-सीमा देवें। यदि जानकारी उपलब्‍ध नहीं कराई जा सकती तो क्‍या विभाग इसमें अनियमितता करने वालों पर कोई कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो इन्‍हें संरक्षण देने का कारण बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। ऐसे वाहन जिन्हें भुगतान नहीं किया जा सका है, बजट आवंटन प्राप्त होने के पश्चात् संबंधित वाहन स्वामी के बैंक खाते में जिला कलेक्टर कार्यालय से भुगतान किया जायेगा। (ग) जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

पौधारोपण पर हुए व्‍यय की जानकारी

[वन]

105. ( क्र. 1093 ) श्री बाला बच्चन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) दिनांक 02 जुलाई 2017 को हुए पौधारोपण में कुल कितनी राशि व्‍यय की गई? वनमंडलवार जानकारी देवें। (ख) क्‍या कारण है कि 05 वर्ष बाद भी विभाग आज तक इस पर हुए व्‍यय की जानकारी नहीं दे पाया? इसके जिम्‍मेदार अधिकारियों पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा? (ग) इस पौधारोपण के अंतर्गत बड़वानी जिले के वनमंडलों में जिन संस्‍थाओं को राशि दी गई उनके नाम, बैंक नाम जिसमें राशि भुगतान की गई की जानकारी सहित देवें। बैंक ब्रांच नाम भी साथ में देवें। भुगतान दिनांक भी संस्‍था नाम के सामने दर्शाएं।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) दिनांक 02 जुलाई, 2017 को वन विभाग द्वारा किये गये पौधा रोपण पर हुए व्‍यय की जानकारी चाही जाने पर उपलब्‍ध कराई गयी है। शेष प्रश्‍न उ‍पस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।

रेत परिवहन पर कार्यवाही

[खनिज साधन]

106. ( क्र. 1096 ) श्री सुनील सराफ : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍न क्र. 1175, दिनांक 10.03.2022 पर विधान सभा में चर्चा के दौरान दिए आश्‍वासन के फलस्‍वरूप गठित जांच दल की रिपोर्ट की प्रमाणित प्रति देवें। (ख) इस रिपोर्ट के आधार पर अब तक की गई कार्यवाही से अवगत करावें। यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो कारण बतावें। कब तक कार्यवाही होगी? (ग) जब करकोमा मार्ग पर रेत का परिवहन सिद्ध हो गया है तो परिवहन न होने का विधान सभा उत्‍तर देने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) भविष्‍य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए विभाग क्‍या कदम उठाएगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

खनिज साधन मद में प्राप्‍त राशि की जानकारी

[खनिज साधन]

107. ( क्र. 1097 ) श्री सुनील सराफ : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में वर्ष 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक खनिज साधन मद में कुल कितनी राशि प्राप्‍त हुई है? वर्षवार विवरण देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार जिले की कोतमा, अनूपपुर एवं पुष्‍पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में कितनी-कितनी राशि स्‍वीकृत/आवंटित की गई? विधान सभावार, वर्षवार देवें। (ग) उपरोक्‍त राशि से जो कार्य स्‍वीकृत किए गए, उनके स्‍थान नाम, लागत, स्‍वीकृति दिनांक, कार्य पूर्ण/अपूर्ण स्थिति, विभाग नाम सहित देवें। (घ) अनूपपुर जिले में इस मद के निर्धारण संबंधी अंतिम बैठक कब हुई थी? क्‍या कारण है कि लंबी अवधि के उपरांत भी बैठक आहूत नहीं की जा रही है, जिससे इससे संबंधित कार्य लंबित हैं?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) विभाग में खनिज साधन मद नाम से कोई भी मद न होने से जानकारी निरंक है। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।          (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्‍नांश (क) अनुसार शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

आरा मशीनों का निरी‍क्षण

[वन]

108. ( क्र. 1100 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) प्रश्‍न क्रमांक 1163 दिनांक 10/03/2022 के (ग) उत्‍तर अनुसार केवल एक ही फर्म का निरीक्षण कई बार किया गया लेकिन दिनांक 11/03/2020 के बाद से महिदपुर की किसी आरामशीन का निरीक्षण क्‍यों नहीं किया गया? (ख) निरीक्षण न करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (ग) क्‍या कारण है कि मात्र एक आरामशीन संचालक द्वारा ही जी.एस.टी. नंबर लिया गया है, शेष फर्मों द्वारा क्‍यों नहीं? कब तक महिदपुर विधान सभा क्षेत्र की समस्‍त आरा मशीनें जी.एस.टी. के अंतर्गत शामिल की जाएगी? (घ) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र की समस्‍त आरामशीनों को विगत 02 वर्षों में जारी अनुज्ञप्ति की छायाप्रति प्रत्‍येक आरामशीन के संदर्भ में पृथक-पृथक देवें। जिन फर्मों द्वारा अनुज्ञप्ति से अधिक वनोपज का भंडारण किया गया, उनके लायसेंस कब तक निरस्‍त किए जाएंगे?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) दिनांक 11.03.2020 के बाद से महिदपुर विधान सभा क्षेत्र की समस्त 22 आरामशीनों का निरीक्षण मुख्य वन संरक्षक, उज्जैन द्वारा स्वीकृत रोस्टर के अनुसार वनमंडलाधिकारी, उप वनमंडलाधिकारी, परिक्षेत्राधिकारी एवं परिक्षेत्र सहायक द्वारा किया गया है। (ख) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में स्थित समस्त 22 आरामशीनों का निरीक्षण समय-समय पर समस्त श्रेणी के अधिकारी/कर्मचारी द्वारा किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। अतः शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में एक ही फर्म पंजीबद्ध होने के कारण केवल उसी के द्वारा ही जी.एस.टी. नम्बर लिया गया है। शेष 21 आरामशीनें व्यक्तिगत रूप से संचालित की जा रही है, अतः उनके लिये जी.एस.टी. नम्बर अनिवार्य नहीं है। (घ) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र की समस्त 22 आरामशीनों में से 18 आरामशीनों की विगत दो वर्षों में मध्यप्रदेश काष्ठ चिरान (विनियमन) अधिनियम, 1984 की धारा-6 के तहत नवीनीकरण किया गया है। शेष 04 आरामशीन अनुज्ञप्ति धारकों की मृत्यु हो जाने के कारण अनुज्ञप्ति नवीनीकरण/नामांतरण की कार्यवाही न्यायालय में प्रचलित होने के कारण लंबित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। महिदपुर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत केवल एक ही फर्म पंजीबद्ध है, जिसके यहां अनुज्ञप्ति से अधिक वनोपज भंडारण नहीं पाए जाने के कारण कोई कार्यवाही नहीं की गई। अतः शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

राजस्‍व मंडल में चल रहे प्रकरण का निराकरण

[राजस्व]

109. ( क्र. 1101 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्‍व मंडल ग्‍वालियर में दिनेश पिता मांगीलाल जैन, निवासी महिदपुर रोड, जिला उज्‍जैन के चल रहे प्रकरण में सुनवाई क्‍यों लंबित है? चूंकि इन पर लगभग 29 करोड़ रू. की रिकवरी है। इसलिए सुनवाई कब तक होगी? (ख) प्रश्‍न क्रमांक 3313, दिनांक 13.03.2022 के (क) उत्‍तर में स्‍पष्‍ट किया गया है कि सदस्‍य के पद रिक्‍त होने के बावजूद निर्णय प्रक्रिया रूकी नहीं है तो फिर इस प्रकरण में सुनवाई क्‍यों लंबित है? (ग) कब तक इस प्रकरण का निराकरण कर शासन की लगभग 29 करोड़ रू. की रिकवरी सुनिश्चित की जाएगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) प्रकरण पंजीबद्ध होकर विचारण में है। सुनवाई की कार्यवाही चल रही है। सम्यक सुनवाई उपरान्त प्रकरण का विधिसंगत निराकरण किया जायेगा। (ख) जी हाँ। जी नहीं, प्रकरण में सुनवाई की जा रही है। (ग) प्रकरण का सम्यक सुनवाई उपरांत निराकरण किया जायेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

निर्माण कार्यों की प्रशासकीय स्‍वीकृति

[जल संसाधन]

110. ( क्र. 1105 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्‍ड जिले के विधान सभा क्षेत्र लहार में नवीन लघु सिंचाई योजनान्‍तर्गत 'बिसरिया नाला बैराज' एवं नरेला नाला निर्माण कार्य की प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रदान नहीं किए जाने से कार्य प्रारंभ नहीं किया जा सका है? (ख) क्‍या लहार वितरिका की सार माईनर की आर.डी. 0 से 3 कि.मी. तक आर.सी.सी. डक्‍ट के निर्माण कार्य एवं वैशपुरा माईनर पर 08 नग व्‍ही.आर.बी. के निर्माण कार्य की भी प्रशासकीय स्‍वीकृति विभाग में लंबित होने से कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है? (ग) यदि हाँ, तो उपरोक्‍त प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संबंध में अभी तक प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी नहीं किये जाने के क्‍या कारण हैं तथा कब तक प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रदान की जाएगी ताकि कार्य प्रारंभ हो सके?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) प्रश्‍नाधीन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत बिसरिया नाला बैराज एवं नरेला नाला बैराज की प्रशासकीय स्‍वीकृति दिनांक 04.02.2022 को क्रमश: रू. 283.80 लाख एवं रू. 177.84 लाख की प्रदान की गई है। दोनों कार्यों की निविदा आमंत्रित की जा चुकी है। अतएव शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) लहार वितरिका की सार माइनर की आर.डी. 0.00 से 03.00 कि.मी. तक आर.सी. डक्‍ट के निर्माण कार्य एवं वैशपुरा माइनर पर 08 नग व्‍ही.आर.बी. के निर्माण कार्य की प्रशासकीय स्‍वीकृति हेतु अनुशीलन की कार्यवाही मैदानी कार्यालयों में प्रचलन में होना प्रतिवेदित है। वर्तमान में प्रशासकीय स्‍वीकृति दिए जाने की स्थिति नहीं है।        (ग) उत्‍तरांश '' एवं '' अनुसार। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

मुआवजा राशि के वितरण में अनियमितता

[राजस्व]

111. ( क्र. 1106 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता की ध्‍यानाकर्षण सूचना दिनांक 11.03.2022 पर चर्चा के दौरान माननीय भारसाधक मंत्री जी ने स्‍वीकार किया कि भिण्‍ड जिले की गोहद तहसील में वर्ष 2020 में ओलावृष्टि से हुई फसल के क्षतिपूर्ति मुआवजा वितरण में राशि रू. 01 करोड़ 29 लाख रूपये का गलत भुगतान हुआ है, जिसमें से 93.8 लाख रूपए की वसूली हो गई है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में माननीय मंत्री जी द्वारा उक्‍त संपूर्ण प्रकरण की संभागीय आयुक्‍त से जांच कराए जाने की जानकारी दी गई थी?      (ग) यदि हाँ, तो क्‍या जांच पूर्ण कर ली गई है तथा जांच के क्‍या निष्‍कर्ष रहे एवं जांच उपरांत        किस-किस अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। ध्‍यानाकर्षण सूचना दिनांक 11.03.2022 के अनुक्रम में वस्‍तुस्थिति की जांच आयुक्‍त चंबल संभाग द्वारा की जा रही है। मध्‍यप्रदेश शासन, राजस्‍व विभाग, मंत्रालय, वल्‍लभ भवन, भोपाल का पत्र क्रमांक 411/सात/शा-8/2022 दिनांक 14/03/2022 द्वारा अनियमितता की जांच के निर्देश दिये गये हैं। (ग) आयुक्‍त चंबल संभाग द्वारा अंतरिम प्रतिवेदन प्रेषित किया गया है जिसमें जांच हेतु कम से कम दो माह का समय और मांगा गया है।

कमीशन एवं प्रसांगकि व्‍यय की राशि का भुगतान

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

112. ( क्र. 1109 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि म.प्र. के जिला भिण्‍ड, तहसील गोहद के अंतर्गत आने वाले निम्‍नलिखित चना, मसूर, सरसों खरीदी केन्‍द्र (सेवा सहकारी संस्‍था मर्यादित ) :- (अ) पाली (डिरमन) शाखा गोहद, जिला भिण्‍ड, म.प्र. (ब) सिरसौदा शाखा गोहद, जिला भिण्‍ड, म.प्र. (स) गोहद शाखा गोहद जिले का वित्‍तीय वर्ष 2019-20 का 15 प्रतिशत कमीशन एवं प्रासंगिक व्‍यय की राशि तथा वित्‍तीय भिण्‍ड, म.प्र. का म.प्र. स्‍टेट सिविल सप्‍लाई कॉरपोरेशन लिमि‍टेड भिण्‍ड म.प्र. द्वारा इन संस्‍थाओं वर्ष 2020-21 का 75 प्रतिशत कमीशन एवं प्रासंगिक व्‍यय की राशि का भुगतान आज तक क्‍यों नहीं किया गया? भुगतान कब तक किया जाएगा?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : वर्ष 2019-20 में जिला भिण्ड, तहसील गोहद के अन्तर्गत समर्थन मूल्‍य पर सरसों खरीदी केन्‍द्र पाली डिरमन, सिरसौदा एवं गोहद को गोदाम स्‍तरीय उपार्जन केन्‍द्र संचालन के कारण 0.425 प्रतिशत के मान से कमीशन भुगतान तथा अन्‍य प्रासंगिक व्‍यय मद में किए गए भुगतान की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। वर्ष 2020-21 में सरसों खरीदी केन्‍द्र पाली डिरमन, सिरसौदा एवं गोहद केन्‍द्र संचालन के लिए 0.25 प्रतिशत के मान से कमीशन का भुगतान एवं अन्‍य प्रासंगिक व्‍यय के साथ स्‍थानीय परिवहन एवं हम्‍माली व्‍यय मद में किए गए भुगतान की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। मध्‍यप्रदेश स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज कार्पोरेशन द्वारा प्रदेश में नेफेड के एजेंट के रूप में चना, मसूर एवं सरसों के उपार्जन का कार्य किया गया है। सरसों उपार्जन हेतु नेफेड से किए गए अनुबंध अनुसार 15 प्रतिशत कमीशन की राशि का भुगतान केन्‍द्र शासन द्वारा अंकेक्षित लेखों के निराकरण एवं सी.ए.जी. ऑडिट उपरांत कमीशन की 15 प्रतिशत राशि का भुगतान मध्‍यप्रदेश स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज कार्पोरेशन द्वारा किया जाएगा। नेफेड से कमीशन की राशि एवं अन्‍य मदों में अप्राप्‍त राशि प्राप्‍त होने के उपरांत समितियों को शेष भुगतान कर दिया जाएगा।

परिशिष्ट - "तैंतीस"

ग्रीन इण्डिया मिशन में व्‍याप्‍त अनियमि‍तताएं

[वन]

113. ( क्र. 1111 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) ग्रीन इण्डिया मिशन क्‍या है एवं इसके उद्देश्‍य क्‍या हैं? यह प्रदेश में क्‍यों, कब और किन स्‍थानों पर लागू हुई है? इस योजना में भारत सरकार को विभाग द्वारा विगत तीन वित्‍तीय वर्षों में  क्‍या और कितनी राशि का प्रस्‍ताव भेजा गया? भारत सरकार से कब और कितनी राशि स्‍वीकृति उपरांत प्राप्‍त हुई है? कितनी राशि किस प्रयोजन पर व्‍यय हुई, की संपूर्ण जानकारी दें। (ख) उपरोक्‍त के संबंध में विधान सभा प्रश्‍न क्र. 3576, उत्‍तर दिनांक 17.03.2022 में प्रदेश के कुल 19 वनमण्‍डल में योजना लागू कर राशि व्‍यय बताया गया है जबकि विभाग के वार्षिक प्रतिवेदन 2018-19 के पृष्‍ट क्र. 160 पर 18 वनमण्‍डल में योजना लागू है? क्‍या दोनों सही है और यदि हाँ, तो दोनों जानकारी में विरोधाभास क्‍यों है? विधान सभा में क्‍या असत्‍य जानकारी दी जाकर विधान सभा की अवमानना की गई है? क्‍या वनमण्‍डल क्षेत्र कम और अधिक करने के अधिकार हैं? यदि हाँ, तो किसको एवं किन नियमों के तहत? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में वर्ष 2020-21 में कुल 2621.72 लाख रूपये बजट आवं‍टित हुआ उसके विरूद्ध विभाग ने 3417.26 लाख व्‍यय किये? आवंटन के विरूद्ध अधिक व्‍यय कैसे संभव हुआ? स्‍पष्‍ट करें। क्‍यों असत्‍य, मित्‍थ्‍या एवं भ्रामक जानकारी सदन में दी जाकर सदन की अवमानना की गई? उपरोक्‍त जानकारी के लिये कौन जिम्‍मेदार हैं? क्‍या उनके विरूद्ध जिम्‍मेदारी तय कर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) उपरोक्‍त के संबंध में कितने हेक्‍टेयर भूमि में कितने वृक्षारोपण, आजीवि‍का, कार्बन प्रच्‍छादन, जैव विविधता विकास, इको सिस्‍टम पुनर्वास एवं स्‍थानीय समुदायों को आर्थिक सुरक्षा के लक्ष्‍य के विरूद्ध कितना लक्ष्‍य प्राप्‍त हुआ है? संपूर्ण जानकारी दें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) ग्रीन इंडिया मिशन भारत सरकार द्वारा ''नेशनल एक्‍शन प्‍लान फार क्‍लाइमेट चेंज'' के 8 मिशनों में से एक मिशन है, जिसका उद्देश्‍य अखिल भारतीय स्‍तर पर 50 लाख हेक्‍टेयर क्षेत्र में वनावरण तैयार किया जाना, 50 लाख हेक्‍टेयर क्षेत्र में वनों को सुधारना एवं वनों पर आधारित 30 लाख परिवारों की आजीविका में सुधार करना है। यह केन्‍द्र प्रवर्तित योजना है। जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने एवं वनों पर से जैविक दबाव कम करने के उद्देश्‍य से वर्ष 2018-2019 से प्रदेश के 18 वनमंडलों में ग्रीन इण्डिया मिशन योजना लागू की गयी। योजना में वर्ष 2021-22 में बुरहानपुर एवं खण्‍डवा वनमंडल भी शामिल किये गये। विगत तीन वर्षों में भारत सरकार को प्रेषित प्रस्‍ताव, स्‍वीकृत तथा प्राप्‍त राशि की जानकारी निम्‍नानुसार है :-

वर्ष

प्रस्‍तावित राशि                      (रूपये लाख में)

स्‍वीकत राशि                     (रूपये लाख में)

प्राप्‍त राशि                                 (रूपये लाख में)

2019-20

7886.40

7886.40

5154.94

2020-21

9038.00

3549.00

2621.72

2021-22

5944.99

4353.82

1990.67

वनमंडलवार व्‍यय की गयी राशि तथा प्रयोजन की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2018-19 से वर्ष 2020-21 तक योजना 18 वनमंडलों में संचालित की जा रही थी। वर्ष 2021-22 के ए.पी.ओ. में खण्‍डवा एवं बुरहानपुर वनमंडलों को सम्मिलित किया गया। इस प्रकार वर्तमान में ग्रीन इण्डिया मिशन योजना की गतिविधियां 20 वनमंडलों में संचालित की जा रही हैं। जी हाँ, दोनों जान‍कारियां सही हैं। विधान सभा को असत्‍य जानकारी नहीं दी गयी है। प्रश्‍न क्रमांक 3576, दिनांक 17.03.2022 के उत्‍तर में दिसम्‍बर, 2021 की स्थिति में 19 वनमंडलों में व्‍यय की गई राशि की जानकारी दी गई है। क्‍योंकि वर्ष 2021-22 में बुरहानपुर वनमंडल में दिनांक 31 दिसम्‍बर, 2021 तक कोई राशि व्‍यय नहीं हुई थी। अत: कुल 20 वनमंडलों में से केवल 19 वनमंडलों की व्‍यय की जानकारी प्रस्‍तुत की गई। वनमंडल क्षेत्र कम और अधिक करने के अधिकार राज्‍य स्‍तरीय संचालन समिति तथा National Executive Council को है, जिनके द्वारा वर्ष 2021-2022 में खण्‍डवा एवं बुरहानपुर वनमंडलों को योजना में सम्मिलित करने का अनुमोदन किया गया। (ग) आवंटन के विरूद्ध अधिक व्‍यय नहीं किया गया बल्कि पूर्व वर्षों की अवशेष राशि का भी रिवैलिडेशन कर व्‍यय वित्‍तीय वर्ष 2020-21 में किया गया। असत्‍य, मित्‍थ्‍या एवं भ्रामक जानकारी विधान सभा सदन में नहीं दी गयी है। अ‍त: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) 31 मार्च, 2022 की स्थिति में योजना अन्‍तर्गत कुल 20, 098 हेक्‍टेयर क्षेत्र उपचारित कर 45, 84, 043 पौधों का रोपण किया गया है। विगत तीन वित्‍तीय वर्षों में ग्रामीण युवाओं के लिए विभिन्‍न प्रकार के कौशल उन्‍नयन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए जिसमें कुल 4, 039 हितग्राहियों को कौशल वृद्धि प्रशिक्षण द्वारा आजीविका के साधन उपलब्‍ध करवाए गए तथा 7, 315 हितग्राहियों को ऊर्जा के वैकल्पिक साधन प्रदाय किये गये। कार्बन प्रच्‍छादन, जैव विविधता विकास एवं ईको सिस्‍टम पुनर्वास पर अध्‍ययन नहीं हुआ है।

परिशिष्ट - "चौंतीस"

खाद्यान्‍न वितरण में अनियमितता

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

114. ( क्र. 1112 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) मई 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक गुना जिले के राघौगढ़ तहसील में उचित मूल्‍य की दुकानों के विरूद्ध कोई शिकायत प्राप्‍त हुई है? यदि हाँ, तो उसकी जांच कराई गई है? यदि हाँ, तो शिकायत कब और किससे प्राप्‍त हुई है? शिकायती पत्र, उचित मूल्‍य की दुकान का पता, समिति का नाम, डीलर का नाम, पता सहित बतायें। (ख) उपरोक्‍त के संबंध में शिकायत पर किन के द्वारा कब जांच की गई? जांच प्रतिवेदन कब और किसको प्रस्‍तुत किया है? जांच पूर्ण हो चुकी है तो निष्‍कर्ष एवं प्रतिवेदन की प्रति सहित बतायें। यदि लंबित है तो किस स्‍तर पर? कब तक कार्यवाही पूर्ण की जायेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या यह भी सही है कि प्रदेश में उचित मूल्‍य की दुकानों में विगत 3-4 माहों से गेहूँ का वितरण नहीं किया जाकर चावल का वितरण ही किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसके क्‍या कारण? कहाँ-कहाँ और कब से ऐसी स्थिति निर्मित है? जिलेवार बतायें। प्रदेश में गेहूँ का उत्‍पादन भरपूर होने के बाद भी ऐसी स्थिति निर्मित होने के लिये कौन जिम्‍मेदार है? जिम्‍मेदारी तय कर संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) उपरोक्‍त के संबंध में इसके पूर्व में भी उचित मूल्‍य की दुकानों से मोटा अनाज बांटा गया है? उचित मूल्‍य की दुकान से कौन-कौन सी खाद्य सामग्री, कब-कब एवं कितनी-कितनी बांटने के नियम है? स्‍पष्‍ट करें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) मई, 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक गुना जिले के राघौगढ़ तहसील अंतर्गत दो उचित मूल्‍य दुकाने पीलाघाटा- 0609045 एवं खिरिया- 0609104 की शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं। 1. कलेक्‍टर महोदय के आकस्मिक निरीक्षण के दौरान सेवा सहकारी समिति गावरी ग्राम पंचायत पीलाघाटा (0609045) दुकान ग्रामीणवासियों द्वारा मौके पर शिकायत की गई।               2. हितग्राहियों द्वारा दूरभाष के माध्‍यम से एकता स्‍व-सहायता समूह ग्राम पंचायत खिरिया (0609104) दुकान में राशन वितरण करते समय अनियमितता करने के संबंध में अनुविभागीय कार्यालय, राघौगढ़ को सूचना प्राप्‍त हुई। (ख) दुकान पीलाघाटा (0609045) - शिकायत के संबंध में दिनांक 06.05.2022 को कनिष्‍ठ आपूर्ति अधिकारी राघौगढ़ द्वारा जांच की गई, जांच प्रतिवेदन दिनांक 07.05.2022 को कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी महोदय को प्रस्‍तुत किया गया, संबंधित के विरूद्ध थाना राघौगढ़ में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। दुकान खिरिया (0609104) - शिकायत के संबंध में दिनांक 28.06.2022 को कनिष्‍ठ आपूर्ति अधिकारी राघौगढ़ एवं दो पटवारियों के साथ की गई, जांच प्रतिवेदन कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी महोदय को प्रस्‍तुत किया गया, दुकान को निलंबित की जाकर अन्‍य संस्‍था से संलग्‍न कर दिया गया। अत: न्‍यायालय अनुविभागीय अधिकारी द्वारा उक्‍त प्रतिवेदन के आधार पर कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी हैं। जांच प्रतिवेदन की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार हैं। (ग) भारत सरकार से संशोधित आवंटन माह      जून 2022 से प्राप्‍त होने के कारण प्रदेश में भी माह जून 2022 से चावल वितरण का अनुपात बढाया गया है। जिलेवार खाद्यान्‍न (गेहूँ, चावल, मोटा अनाज) के अनुपात का पत्रक पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। जिला अनूपपुर, बालाघाट, डिंडौरी, मंडला, शहडोल, उमारिया में माह जून 2022 से चावल का ही वितरण कराया जा रहा हैं। भारत सरकार से ही चावल के वितरण का अनुपात बढ़ाये जाने के उपरोक्‍त स्थिति हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) उपार्जित मोटे अनाज को प्रदेश में ही उपयोग किया जाना हैं इसलिए उचित मूल्‍य दुकानों में मोटे अनाज का आवंटन जारी कर वितरण कराया गया है। उचित मूल्‍य की दुकान से अन्‍त्‍योदय अन्‍न योजना प्रति परिवार 35 किलोग्राम खाद्यान्‍न (गेहूँ+चावल+मोटा अनाज), प्राथमिकता परिवार प्रति सदस्‍य 5 किलोग्राम खाद्यान्‍न (गेहूँ+चावल+मोटा अनाज) बांटने के नियम हैं।

ऋण तथा शेष देय राशि के भुगतान में विलंब

 [खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

115. ( क्र. 1115 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) वर्ष 2022 में कालापीपल विधान सभा क्षेत्र में किस-किस सोसायटी या अन्‍य एजेन्‍सी के माध्‍यम से किस-किस किसान से कितनी मात्रा में कितनी दर से कुल कितनी राशि का गेहूँ खरीदा गया? सूची देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित किस-किस कृषकों की देय राशि में से कितनी राशि किस-किस सोसायटी या अन्‍य एजेन्‍सी के ऋण के पेटे काटी गई? ऐसा किस आदेश के तहत किया गया? उसकी प्रति देवें तथा बतावें कि ऋण रा‍शि तथा शेष देय राशि का भुगतान किस-किस दिनांक को कृषक तथा ऋण प्रदाय करने वाली एजेन्‍सी को किया गया? (ग) क्‍या ऋण प्रदाय एजेन्‍सी को भुगतान काफी विलंब से किया गया? क्‍या विलंब से भुगतान के कारण कृषकों को शून्‍य प्रतिशत ब्‍याज का लाभ न मिला तथा उन पर ब्‍याज तथा पेनाल्‍टी मिलाकर 7 से 10 प्रतिशत ब्‍याज वसूली की जा रही है? यदि हाँ, तो ऐसे कृषकों की सूची प्रदान करें तथा लगाई गई ब्‍याज राशि की जानकारी देवें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में शासन ऋण राशि भुगतान में सोसायटी द्वारा विलंब करने पर क्‍या लगाया गया ब्‍याज निरस्‍त करेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

खाद्यान्‍न परिवहन पर व्‍यय की जानकारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

116. ( क्र. 1116 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) वर्ष 2017-18 से 2021-22 तक प्रदेश स्‍तर पर कितना-कितना खाद्यान्‍न किस-किस प्रकार का खरीदा गया? परिवहन पर खाद्यान्‍न अनुसार कुल कितना खर्च हुआ तथा सहकारी विपणन संघ की खाद्यान्‍न उपार्जन में हानि (योजना कोड 3248), सहकारी समिति की हानि (योजना कोड 0570), परिवहन कमीशन (योजना कोड 1299), म.प्र. नागरिक आपूर्ति निगम की खाद्यान्‍न उपार्जन में हानि (योजना कोड 3229) में इन वर्षों में प्रस्‍तावित तथा वास्‍तविक आंकड़े क्‍या-क्‍या हैं? (ख) वर्ष 2017-18 से 2021-22 तक वर्षवार कितना खाद्यान्‍न किस-किस योजना के लिये किस दर से दिया गया? कितना खाद्यान्‍न भा.सा.नि. द्वारा केन्‍द्रीय पूल में उठाया गया? कितना निम्‍न गुणवत्‍ता का हो गया तथा कितना खराब होने पर नष्‍ट कर दिया गया तथा कितना शेष रहा? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित निम्‍न गुणवत्‍ता तथा शेष रहे खाद्यान्‍न का निष्‍पादन कैसे किया गया? निम्‍न गुणवत्‍ता का खाद्यान्‍न किस-किस एजेन्‍सी को किस-किस दर से बेचा गया तथा यह दर खाद्यान्‍न की सारे खर्च मिलाकर कुल लागत से प्रति क्विंटल कितनी कम रही? (घ) शाजापुर जिले में वर्ष 2017-18 से 2021-22 तक खाद्यान्‍न से परिवहन पर कितना खर्च किया गया? किस-किस दूरी के लिये किस दर से प्रति ट्रिप कितना भुगतान किया? उक्‍त दूरी की पी.डब्‍ल्‍यू.डी. तथा गूगल मेप द्वारा दर्शायी गयी दूरी की सूची देवें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

राज्‍य खाद्य आयोग की योजनाएं

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

117. ( क्र. 1119 ) श्री जितु पटवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) राज्‍य खाद्य आयोग द्वारा मध्‍यान्‍ह भोजन कार्यक्रम की संख्‍या का निरीक्षण किस प्रकार किया जाता है? वर्ष 2010-11 से 2021-22 तक मध्‍यान्‍ह भोजन के हितग्राही की संख्‍या क्‍या है तथा उनका सत्‍यापन किस दस्‍तावेज के आधार पर किया गया? उसकी प्रति देवें। (ख) राज्‍य खाद्य आयोग के वार्षिक प्रतिवेदन में नवम्‍बर 2020 से अगस्‍त 2021 तक 176 शैक्षणिक दिवसों हेतु 6594383 हितग्राही को साबित मूंग वितरण बताया गया जबकि इस अवधि वर्ष 2020-21 तथा 2021-22 में विद्यार्थियों की संख्‍या क्रमश: 6434 लाख तथा 5862 लाख शिक्षा विभाग द्वारा बताई गई है। इस मान से हितग्राही संख्‍या दोनों वर्षों का औसत 61.48 लाख होना चाहिये। क्‍या इसकी जांच की जावेगी? (ग) राज्‍य खाद्य आयोग द्वारा विभिन्‍न योजना के संबंध में राज्‍य शासन को भेजी गयी समेकित अनुशंसा पत्र क्र. 130 तथा पत्र क्र. 72 दिनांक का उल्‍लेख वार्षिक प्रतिवेदन 2021-22 में नहीं है तथा इस संदर्भ में खाद्य महिला एवं बाल विकास तथा ग्रामीण विकास को भेजे गये स्‍मरण पत्र की प्रति देवें। (घ) राज्‍य खाद्य आयोग द्वारा कार्यालय भवन के रिनोवेशन तथा 4 कमरों के रिनोवेशन हेतु स्‍वीकृत राशि क्रमश: 100.25700 रू. तथा 52.222830 से क्‍या-क्‍या कार्य किस दर से कितनी मात्रा में कराया गया? क्‍या सामग्री किस दर से किस मात्रा में खरीदी गई? सूची देवें तथा बिल इत्‍यादि की फोटोप्रति देवें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) राज्‍य खाद्य आयोग द्वारा गठन दिनांक 22 जुलाई 2017 से मध्‍यान्‍ह भोजन योजना अंतर्गत प्राथमिक एवं माध्‍यमिक शाला के छात्र/छात्राओं को स्‍कूल दिवस में दिये जा रहे भोजन का जिले/ब्‍लॉक के भ्रमण समय निरीक्षण किया जाता है। वर्ष 2010-11 में 88.92 लाख, 2011-12 में 84.55 लाख, 2012-13 में 78.93 लाख, 2013-14 में 75.75 लाख, 2014-15 में 71.86 लाख, 2015-16 में 64.11 लाख, 2016-17 में 60.31 लाख, 2017-18 में 52.60 लाख, 2018-19 में 48.65 लाख, 2019-20 में 47.61 लाख, 2020-21 में 65.86 लाख एवं 2021-22 में 65.83 लाख छात्र/छात्राएं लाभान्वित हुए। इनका सत्‍यापन पी.एम. पोषण अंतर्गत विद्यार्थियों की संख्‍या मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायतों से प्राप्‍त कर विद्यार्थियों को लाभान्वित किया जाता है। पत्र की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ख) मंत्रि-परिषद् के निर्णय के परिपालन में कोरोना अवधि के दौरान माह नवम्‍बर, 2020 से 4 अगस्‍त, 2021 तक कुल 176 शैक्षणिक दिवसों की भोजन पकाने की लागत राशि के समतुल्‍य मान से एन.आई.सी. भोपाल के माध्‍यम से प्राप्‍त तत्‍समय शिक्षा पोर्टल पर दर्ज कुल 6594383 लक्षित विद्यार्थियों को राशि               रू. 671.82 करोड़ से कुल 78511 मे. टन साबुत मूंग मार्कफेड के माध्‍यम से प्रदाय किये जाने हेतु कार्यादेश जारी किया गया है। मध्‍यान्‍ह भोजन कार्यक्रम हेतु पंचायत एवं ग्रामीण विकास के अंतर्गत प्रधानमंत्री पोषण शक्ति अभियान (मध्‍यान्‍ह भोजन परिषद्) द्वारा छात्रों की संख्‍या प्रतिवेदित की जाती है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) आयोग के वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2021-22 के पृष्‍ठ क्रमांक 46 में पत्र क्रमांक 130 एवं क्रमांक 72 का उल्‍लेख है। अनुशंसाओं सहित पत्र की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। आयोग की समेकित अनुशंसाओं पर कार्यवाही कर अवगत कराने हेतु खाद्य महिला एवं बाल विकास पंचायत एवं ग्रामीण विकास को आयोग के पत्र क्रमांक 1046 दिनांक 13.11.2018, पत्र क्र. 61 दिनांक 25.01.2020, पत्र क्र. 133 दिनांक 18.02.2020, पत्र क्र. 821 दिनांक 27.11.2020 द्वारा स्‍मरण पत्र भेजे गये हैं। प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (घ) शासन द्वारा स्‍वीकृत राशि रू. 1, 00, 25, 700/- से राजधानी परियोजना प्रशासन (अब लोक निर्माण विभाग) द्वारा आयोग कार्यालय का रिनोवेशन, स्‍टाफ की बैठने की व्‍यवस्‍था, फर्नीचर, पार्टीशन, पेनलिंग, एल्‍यूमिनियम विन्‍डो, खाद्य आयोग कार्यालय के पांच कमरों का रिनोवेशन कार्य 05 सदस्‍यों के लिये कराया जाकर ए.सी. एवं अन्‍य विद्युत कार्य कराया गया। एक कमरा स्‍टाफ के लिये रिनोवेशन का कार्य कराया गया जिसमें ए.सी. का कार्य सम्मिलित नहीं है। चेयरमैन तथा सदस्‍य सचिव हेतु केबिन का नवीनीकरण कार्य संलग्‍न टॉयलेट, ए.सी., विण्‍डो रिप्‍लेसमेंट, वर्टिकल ब्‍लाइंड आदि कार्य सहित मीटिंग हाल का रिनोवेशन कराया गया। यह कार्य 25.25 एस.ओ.आर. से कम दर पर किया गया। इन कार्यों पर राशि रू. 92, 70, 101/- का व्‍यय वास्‍तुवि‍दीय सेवाओं के शुल्‍क सहित हुआ। शासन द्वारा स्‍वीकृत राशि रू. 52, 22, 283/- से राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा वातानुकूलित कोर्ट रूम का निर्माण/रिनोवेशन, पार्टीशन, पेनलिंग, स्‍टेज एवं फर्नीचर, चेयरमैन हेतु वातानुकूलित एवं संलग्‍न टॉयलेट सहित कक्ष का निर्माण, सहायकों हेतु              2 कक्ष, विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारियों हेतु 2 कक्ष फर्नीचर सहित एवं स्‍टोर रूम का निर्माण, स्‍टोरेज एवं फर्नीचर तथा वेटिंग रूम का रिनोवेशन फर्नीचर के साथ किया जा रहा है। इसके अलावा 2 सामान्‍य टॉयलेट का निर्माण, कोरिडोर का फ्लोरिंग एवं सीलिंग का कार्य भी किया जाना है। यह कार्य 25.25 एस.ओ.आर. से कम दर पर किया गया। इस स्‍वीकृति के तहत कुल रू. 40 लाख का व्‍यय होना अनुमानित है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

वन्यप्राणियों का संरक्षण

[वन]

118. ( क्र. 1120 ) श्री जितु पटवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वन्‍य प्राणी संरक्षण के लिये दस राष्‍ट्रीय उद्यान के नाम एवं क्षेत्रफल तथा पिछले 03 वर्ष में माह जून की स्थिति में पशुओं के नाम एवं संख्‍या बतावें तथा वर्ष 2019-20 से 2021-22 तक राष्‍ट्रीय उद्यानों के रख-रखाव इत्‍यादि पर हुये कुल खर्च तथा पर्यटकों से प्राप्‍त आय तथा पर्यटकों की संख्‍या राष्‍ट्रीय उद्यानवार जानकारी दें। (ख) प्रदेश में 25 वन्‍य प्राणी अभयारण्य कहाँ-कहाँ हैं और किस वन्‍य प्राणी के संरक्षण हेतु बनाये गये? इन अभ्‍यारण्‍यों का क्षेत्रफल और उसमें शासकीय और निजी भूमि कितनी-कितनी है तथा अभयारण्य से जिस वन्‍य प्राणी के लिये बनाया गया है, क्‍या उपलब्धि हासिल हुई? प्रत्‍येक अभयारण्य के रख-रखाव पर हुये खर्च की वर्ष 2019-20 से 2021-22 तक की जानकारी दें। (ग) खरमोर तथा सोनचिरैया के संरक्षण हेतु किस-किस गाँव में कितनी जमीन आरक्षित की है? उसमें शासकीय और निजी कितनी है तथा अभयारण्य बनाने से खरमोर तथा सोनचिड़िया के संरक्षण में क्‍या उपलब्धि हासिल हुई? (घ) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ व अवधि में बताएं कि किस-किस राष्‍ट्रीय उद्यान में कितने-कितने जानवरों का अवैध शिकार किया गया?                 (ड.) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में कितनी भूमि पर आज दिनांक तक अवैध कब्‍जा किया गया और कब्‍जा‍धारियों पर क्‍या कार्यवाही की गई?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रदेश में कुल 11 राष्ट्रीय उद्यान अधिसूचित हैं। प्रदेश व्यापी बाघ, सह-परभक्षी एवं शाकाहारी वन्यजीवों की गणना प्रत्येक 04 वर्ष में एक बार की जाती है। अंतिम गणना वर्ष 2018 में की गई थी, अत: विगत तीन वर्षों में जून की स्थिति में वन्यप्राणियों की संख्या बताया जाना संभव नहीं है। प्रश्‍नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''1'' एवं ''2'' अनुसार है। (ख) प्रदेश में कुल 24 वन्यप्राणी अभयारण्य अधिसूचित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''3'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''4'' अनुसार है। सोनचिड़िया एवं खरमोर प्रवासी पक्षी है। प्रतिवर्ष उनके इन अभयारण्यों में आना पर्यावरणीय कारकों पर निर्भर करता है। घाटीगांव, करैरा अभयारण्य में सोनचिड़िया तथा सरदारपुर एवं सैलाना अभयारण्य में खरमोर की संख्या में कमी प्रतिवेदित की गई है। (घ) वन्यप्राणी अपराध की जानकारी प्रशासनिक इकाई अनुसार संधारित की जाती है। अतः संजय, पन्ना, बांधवगढ़, कान्हा, पेंच तथा सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यानों की जानकारी संबंधित टाइगर रिजर्व के अंतर्गत संधारित की गई है एवं तदानुसार ही जानकारी संकलित की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''5'' अनुसार है। (ङ) राष्ट्रीय उद्यानों में अवैध कब्जा तथा कब्जाधारियों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''6'' अनुसार है।

बी.पी.एल. राशन कार्ड की जानकारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

119. ( क्र. 1132 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) क्या शासन द्वारा बी.पी.एल. राशन कार्ड जारी नहीं करने के आदेश दिए गए हैं? यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार यदि नहीं, तो 01 जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक तहसील सरदारपुर में कितने नवीन बी.पी.एल. राशन कार्ड बनाए गए? ग्रामवार जानकारी देवें। (ग) क्या बी.पी.एल. राशन कार्ड के बिना वृद्धा पेंशन व राशन पात्र गरीब के परिवारों को दिया जा सकता है? यदि हाँ, तो कैसे और यदि नहीं, तो पात्र गरीब परिवारों को राशन व वृद्धा पेंशन दिए जाने हेतु क्या निर्देश जारी किए गए हैं? (घ) सरदारपुर विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने नवीन पात्र वृद्धजनों को वृद्धा पेंशन व नवीन पात्र गरीब परिवारों को राशन दिया गया? सूची उपलब्ध करावें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

वनों में आग एवं पौधारोपण की जानकारी

[वन]

120. ( क्र. 1142 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2022 में डिण्‍डौरी जिला के कौन-कौन से जंगल में कब-कब आग लगी? आग लगने की सूचना विभाग को कब-कब मिली? कितने समय में आग को बुझाया गया? आग बुझाने में कौन-कौन विभागीय अमले ने काम किया तथा कितने लोगों ने आग बुझाने में मदद की? जंगल का कितना रकवा आग में जला? कितने नये पेड़ आग में जले? (ख) आग जंगल में न लग पाये उसके लिए विभाग ने क्‍या उपाय किये हैं तथा आग बुझाने के क्‍या-क्‍या उपाय विभाग ने तैयार करके रखे हैं? जो उपाय विभाग ने किये हैं वह क्‍या पर्याप्‍त हैं? अगर हाँ तो बतावें। समय पर आग क्‍यों नहीं बुझ पाती और अगर नहीं तो उपयुक्‍त उपाय क्‍यों नहीं है? कब तक उपयुक्‍त उपाय बनाये जायेंगे? (ग) डिण्‍डौरी जिले में वर्ष 2000 से आज तक कहाँ-कहाँ, कितने-कितने रकवा में कब-कब, कौन-कौन से प्रजाति का पौधारोपण किया गया? पौधारोपण किस मद से कितनी राशि में किया गया? वर्तमान में कितने पौधे जीवित हैं? किस प्रजाति के जीवित हैं? कम्‍पाटवार जानकारी दें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 (ख) में है। बजट आवंटन अनुसार समुचित उपाय कर अग्नि पर नियंत्रण किया जाता है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है।

कृषकों को सिंचाई हेतु पानी का प्रदाय

[जल संसाधन]

121. ( क्र. 1143 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या डिण्‍डौरी जिले में सिंचाई हेतु निर्मित सभी बांध, एनीकट आदि से प्राक्‍कलन अनुसार प्रस्‍तावित रकवा की सिंचाई शत्-प्रतिशत हो रही है? अगर हाँ तो बतावें कि नीमटोला, पिण्‍डरूखी, केवलारी, ग्‍वारा, गोयरा, टिकरीपिपली, पड़रिया आदि जगह के कृषक पानी की मांग क्‍यों कर रहे हैं? अगर नहीं तो प्राक्‍कलन में प्रस्‍तावित रकवा की सिंचाई क्‍यों पूर्ण रूप से नहीं हो पा रही है? प्रस्‍तावित रकवा में शत्-प्रतिशत सिंचाई नहीं होने का जिम्‍मेदार कौन है? शत्-प्रतिशत सिंचाई कब तक होगी? शत्-प्रतिशत सिंचाई हो सके, उसके लिए विभाग की क्‍या कार्ययोजना है? बांध व एनीकटवार जानकारी दें। (ख) सिवनी जिले में पानी की मांग को लेकर कृषकों ने कब-कब मांग की? उनकी मांग पर कब-कब क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है? कृषकों की मांग कब तक पूर्ण होगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) सिंचाई की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित ग्रामों के कृषकों द्वारा की गई पानी की मांग अनुसार, तत्समय उन्हें सिंचाई हेतु पानी प्रदाय किया जाना प्रतिवेदित है। योजनाओं में उपलब्‍ध जल एवं लक्ष्‍य अनुसार सिंचाई होना प्रतिवेदित होने से किसी अधिकारी को जिम्मेदार ठहराने की स्थिति नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) सिवनी जिले के विकासखण्ड केवलारी में कृषकों द्वारा दिसम्बर 2021 एवं 06 जनवरी 2022 को पानी की मांग की गई थी। कृषकों की मांग अनुसार संजय सरोवर परियोजना से सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध कराया गया। विधान सभा क्षेत्र सिवनी के अन्तर्गत वर्तमान में पेंच व्यपवर्तन वृहद परियोजना की बखारी शाखा नहर एवं सिवनी शाखा नहरों में लाइनिंग का कार्य कराया जा रहा है। कृषकों द्वारा समय-समय पर सिंचाई हेतु की जाने वाली पानी की मांग अनुसार कृषकों को सिंचाई हेतु पानी प्रदाय किया जाता है। लाइनिंग का कार्य प्रगति‍रत है एवं पूर्ण होने पर सिंचाई के समय किसानों को अधिकतम पानी दिया जा सकेगा। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

विस्‍थापितों का पुनर्वास

[राजस्व]

122. ( क्र. 1152 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) क्‍या राजस्‍व विभाग द्वारा अपने ज्ञाप क्रमांक 6-16/2018/सात/नुजूल तथा क्रमांक 21-3/2008/ पुनर्वास, दिनांक 03.04.2018 द्वारा मध्‍यप्रदेश में पश्चिम पाकिस्‍तान से आये विस्‍थापितों के पुनर्वास के लंबित मामलों के निराकरण के संबंध में परिपत्र जारी किया था? (ख) क्‍या विधान सभा के बजट सत्र 2018 में तत्‍कालीन राजस्‍व मंत्री श्री उमाशंकर गुप्‍ता और दिनांक 18 अप्रैल 2018 को इकबाल मैदान, भोपाल में चेतीचांद के एक कार्यक्रम में मा. मुख्‍यमंत्री ने भी विस्‍थापितों के मामलों को एक माह में निपटा दिये जाने की घोषणा की थी, जिसका उल्‍लेख कलेक्‍टर भोपाल में अपने पत्र क्रमांक 80/अविअ/शहर वृत्‍त/20219, दिनांक 28.01.2019 में भी किया है? (ग) यदि हाँ, तो किन कारणों से भोपाल सहित प्रदेश के उन सभी शहरों में पट्टे और मालिकाना हक के मामले यथावत लंबित है जिनमें विस्‍थापित परिवार रहते हैं? (घ) क्‍या मामलों के निराकरण के संबंध में 03.04.2018 के ज्ञापन की कंडिका क्रमांक 4 में ''रिफ्यूजी कार्डधारी व्‍यक्ति'' और कंडिका 5 में ''अंतरिती'' के प्रावधान को हटाने और पट्टे की दरों को संशोधित करने की मांग शासन से कुछ संस्‍थाओं ने की है? यदि हाँ, तो किस-किस ने और कब तक शासन संशोधित आदेश जारी कर लंबित मामलों का निराकरण कर देगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, (ख) जी हाँ (ग) प्रश्‍न दिनांक तक भोपाल के ईसरानी मार्केट के लंबित प्रकरणों में से 134 पट्टे स्‍वीकृत किये जा चुके है व 13 पट्टों के निष्‍पादन की कार्यवाही प्रचलन में है। 13 प्रकरण प्रीमियम/भू-भाटक जमा न होने के कारण लंबित है। (घ) जी हाँ, सिंधी सेन्‍ट्रल पंचायत भोपाल द्वारा आवेदन दिया गया है। विभाग के पत्र क्रमांक 21-3/2008/सात-8/440, दिनांक 08/07/2022 द्वारा इस संबंध में कलेक्‍टर भोपाल को निर्देश दिये गये है। अत: शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

वन विभाग की योजनाएं

[वन]

123. ( क्र. 1160 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) वन विभाग जिला बड़वानी अंतर्गत समस्‍त वन मंडलों में वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक लगाये गये पौधों एवं उनमें जीवित पौधों की संख्‍या तथा उन पर खर्च की गई राशि की जानकारी वर्षवार दीजिए। (ख) प्रश्‍नांश (क) अंतर्गत वन्‍य प्राणियों के द्वारा कितने व्‍यक्तियों एवं पशुओं को घायल/शिकार किया गया की जानकारी नाम सहित, विभाग द्वारा दी जाने वाली सहायता राशि की जानकारी, नियत अवधि में शेष रहे प्रकरणों की जानकारी कारण सहित उपलब्‍ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) अंतर्गत विभाग की तेंदुपत्‍ता की कौन-कौन सी योजना का क्रियान्‍वयन किया जा रहा है? क्रियान्वित योजनाओं में किये गये कार्यों एवं लाभार्थियों की संख्‍या उपलब्‍ध करावें। किन योजनाओं का क्रियान्‍वयन नहीं किया जा रहा? कारण सहित जानकारी देवें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वन विभाग द्वारा जिला बड़वानी के अंतर्गत समस्‍त वन मण्‍डलों में वर्ष 2018 से 2021 तक लगाए गये पौधों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। वर्ष 2022 में पौधा रोपण का कार्य प्रगति पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश '''' अंतर्गत जिला बड़वानी में तेन्‍दूपत्‍ता की समस्‍त योजनाओं का क्रियान्‍वयन म.प्र. राज्‍य लघु वनोपज संघ द्वारा स्‍वीकृत बजट उपलब्‍धता के आधार पर किया जा रहा है, इससे संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

संबल योजनांतर्गत अनुग्रह सहायता राशि का लाभ

[श्रम]

124. ( क्र. 1161 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 2630 दिनांक 17.03.2022 के प्रश्‍नांश (ख) में आज दिनांक तक श्री राम अवतार पिता जगदीश शर्मा को संबल योजना का लाभ प्राप्‍त हुआ है या नहीं? यदि हाँ, तो स्‍वीकृति आदेश देवें। यदि नहीं, हुआ है तो इसके लिए कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्‍मेदार है? उसका नाम बतावें एवं ऐसी लापरवाही बरतने वाले के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई है? प्रतिवेदन देवें। (ख) प्रश्‍नकर्ता के अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 1069 दिनांक 23.12.2021 के प्रश्‍नांश (घ) में मृतक रशीदा बेगम के संबंध में संबल योजना का लाभ प्राप्‍त हुआ है या नहीं? यदि हाँ, तो स्‍वीकृति आदेश देवें। यदि नहीं हुआ है तो इसके लिए कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्‍मेदार है? उसका नाम बतावें एवं ऐसे लापरवाही बरतने वाले के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई है? प्रतिवेदन देवें।       (ग) प्रश्‍न दिनांक तक इंदौर संभाग में निकायवार कुल कितने संबल योजना में अपील के प्रकरण लंबित हैं? उनके अपील आवेदन पत्र, उन पर आज दिनांक तक पारित आदेश की प्रति देवें। (घ) क्‍या संबल योजना के तहत अनुग्रह सहायता राशि का प्रकरण स्‍वीकृत किए जाने के पूर्व यदि किसी हितग्राही को सामाजिक न्‍याय विभाग की योजना का लाभ स्‍वीकृत कर दिया जाता है तो ऐसे हितग्राही को संबल योजना के तहत मिलने वाला अनुग्रह सहायता का लाभ मिल पाता है? यदि हाँ, तो इस बाबत् शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की प्रति उपलब्‍ध करवाई जावे। (ड.) यदि प्रश्‍नांश (घ) सही नहीं है तो फिर ऐसे कारणों से अब तक कितने लोगों को संबल योजना के तहत मिलने वाला अनुग्रह सहायता का लाभ नहीं मिल पाया है? ऐसे हितग्राहियों की जिलेवार सूची दी जावे और ऐसे पात्र लोगों को शासन की इस योजना का लाभ नहीं मिल पाने के लिए कौन अधिकारी जिम्‍मेदार है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित प्रश्‍न क्रमांक 2630 म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मण्डल को प्राप्त नहीं है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्‍नांश (ख) में उल्लेखित प्रश्‍न क्रमांक 1069 म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मण्डल को प्राप्त नहीं है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) इन्दौर संभाग के निकायवार संबल योजना के लंबित अपील प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। संबल योजना के अंतर्गत अनुग्रह सहायता राशि का प्रकरण स्वीकृत किये जाने के पूर्व सामाजिक न्याय विभाग की परिवार सहायता योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त होने की दशा में संबल योजना का लाभ प्राप्त नहीं होता है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ड.) मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) के अंतर्गत यदि किसी पंजीकृत असंगठित श्रमिक की मृत्यु होने पर उसके उत्तराधिकारी द्वारा शासन के विभिन्न विभागों द्वारा उनकी योजनाओं में विभिन्न वर्गों के लिये अनुग्रह राशि का लाभ लिया हो तो उसे संबल योजना के अंतर्गत लाभ हेतु अपात्रता होती है। उक्त प्रकार के आवेदन अपात्र होते हैं व ग्रहण योग्य नहीं होते। अतः इनका किसी प्रकार का रिकॉर्ड जिलों द्वारा संधारित नहीं किया जाता है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

बारदाना क्रय एवं परिवहन व्‍यय की जानकारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

125. ( क्र. 1172 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा विगत पांच वर्षों में बारदाना क्रय एवं परिवहन पर कितना कितना व्‍यय किया गया? वर्षवार बताएं। (ख) बारदाना क्रय एवं परिवहन किस-किस संस्‍था/एजेंसी से किस-किस दर पर क्रय किया गया? (ग) बारदाना क्रय एवं परिवहन हेतु एजेंसी/संस्‍था निर्धारित करने हेतु क्‍या प्रक्रिया अपनाई गई? प्रक्रिया में किस-किस संस्‍था/एजेंसी द्वारा भाग लिया गया एवं उनके द्वारा क्‍या-क्‍या दरें दी गई? तुलनात्‍मक विवरण दें। (घ) क्‍या उपर्युक्‍त प्रक्रिया में नियमों का पूर्णत: पालन किया गया है? (ड.) क्‍या इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्‍त हुई है? यदि हाँ, तो उस पर क्‍या कार्यवाही की गई है?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है।    (ख) नये जूट बारदाने का क्रय जूट कमिश्‍नर भारत शासन कार्यालय कोलकाता, नेफेड कोलकाता के माध्‍यम से, पी.पी. बारदाना जेम पोर्टल के माध्‍यम से बारदाना प्रदायकर्ताओं से एवं एक भर्ती पुराना बारदाना भारत शासन की अनुमति के आधार पर एम.पी. टेण्‍डर से ऑनलाइन निविदा के माध्‍यम से क्रय किया गया है। बारदाना क्रय का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। बारदाना परिवहन एजेंसी/संस्‍था व दरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टस अनुसार है।    (ग) नये जूट बारदाने का क्रय भारत शासन के निर्देशानुसार जूट कमिश्‍नर कार्यालय/नेफेड के माध्‍यम से क्रय किया गया। पी.पी. बारदानों का क्रय भारत शासन के निर्देशानुसार भारत शासन जेम पोर्टल के माध्‍यम से खुली निविदा में प्राप्‍त एल-1 दर पर किया गया। उपरोक्‍त प्रश्‍नाधीन अवधि में मात्र वर्ष 2019-20 में एल-1 की दर पर अन्‍य बिडर्स द्वारा पी.पी. बारदाना प्रदाय की सहमति नहीं दिये जाने पर जेम कार्यालय नई दिल्‍ली की सहमति अनुसार जेम पोर्टल से एल-2 की दर पर आवश्‍यक उपार्जन कार्य हेतु पी.पी. बारदाने क्रय किये गये। पुराने जूट बारदानों का क्रय एम.पी. टेंडर पर ऑनलाइन खुली निविदा से प्राप्‍त एल-1 दर के आधार पर किया गया। तुलनात्‍मक विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है। (घ) जी हाँ। (ड.) इस संबंध में कोई शिकायत संज्ञान में नहीं आई है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

अनुसूचित जनजाति की भूमि का विक्रय

[राजस्व]

126. ( क्र. 1257 ) श्री बीरेन्‍द्र रघुवंशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की किस धारा में अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों/भूमि स्वामी को अन्य वर्ग के व्यक्तियों को भूमि विक्रय की अनुमति प्रदान किए जाने के प्रावधान रखे गए तथा ऐसी अनुमति प्रदान किए जाने हेतु कौन सक्षम अधिकारी हैं? (ख) मध्यप्रदेश के जिलों में सक्षम अधिकारियों द्वारा वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक की अवधि तक कुल कितनी अनुमतियां प्रदान की गई हैं? जिलेवार व तहसीलवार जानकारी देवें। (ग) मध्यप्रदेश के गुना, शिवपुरी, अशोकनगर व राजगढ़ (ब्‍यावरा) जिले में वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में कितनी-कितनी अनुमतियां प्रदान की गई हैं? अनुमति का सम्पूर्ण ब्‍यौरा अनुमति प्रदान करने वाले सक्षम अधिकारी के नाम एवं मूल पद सहित प्रदाय करें। जानकारी जिला व तहसीलवार उपलब्ध करावें। (घ) क्या यह सही है कि म.प्र. के विभिन्न जिलों में सक्षम अधिकारियों द्वारा भूमि विक्रय की अनुमति प्रदान न करते हुए उससे निम्न अधिकारियों द्वारा भूमि विक्रय की अनुमतियां प्रदान कर संहिता के प्रावधान का उल्लंघन किया है? यदि हाँ, तो क्या म.प्र. शासन ऐसे दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए ऐसी समस्त अधिकारी विहीन अनुमतियां निरस्त करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) . म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 165 की उपधारा 6 में आदिम जनजाति क्षेत्र से भिन्‍न क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति के व्‍यक्तियों/भूमी स्‍वामी को अन्‍य वर्ग के व्‍यक्तियों को भूमि विक्रय की अनुमति प्रदान किये जाने के प्रावधान रखे गये हैं तथा ऐसी अनुमति प्रदान किये जाने हेतु कलेक्‍टर की पद श्रेणी से अभिन्‍न पद श्रेणी के राजस्‍व अधिकारी सक्षम है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार(ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार। अनुमति प्रदान करने वाले सक्षम अधिकारी जिला गुना में श्री भास्‍कर लक्षाकार, तत्‍कालीन कलेक्‍टर, अशोकनगर में श्रीमती मंजू शर्मा तत्‍कालीन कलेक्‍टर, राजगढ़ में अपर कलेक्‍टर कमलचन्‍द्र नागर हैं। जिला शिवपुरी में प्रश्‍नांकित अवधि में कोई अनुमति जारी नहीं की गई। (घ) विधिक अर्थान्‍वयन से संबंधित होने के कारण जवाब की आवश्‍यकता नहीं है।

शासकीय भूमि का निजी भूमि में परिवर्तन

[राजस्व]

127. ( क्र. 1264 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) क्‍या तारांकित प्रश्‍न क्र. 757, सत्र फरवरी-मार्च 2018 से उद्भूत आश्‍वासन क्र. 50 के उत्‍तर में कलेक्‍टर सतना द्वारा पत्र क्र. 97, दिनांक 08.02.19 को प्रमुख, राजस्‍व आयुक्‍त भोपाल को भेजे गये जवाब में स्‍वीकार किया है कि तहसील रघुराजनगर के अंतर्गत पटवारी हल्‍का रामस्‍थान की शासकीय जमीनों को बिना कलेक्‍टर के मंजूरी के खुर्दबुर्द की गई थी, जिसे पुन: शासकीय घोषित की गई है। (ख) प्रश्‍नांश (क) अगर सही है तो उक्‍त भूमियों का तत्‍कालीन पटवारी वीरेन्‍द्र सिंह व रामशिरोमणि सिंह ने शासकीय अभिलेख में हेरा-फेरी व कूट रचना करने के कारण कलेक्‍टर सतना द्वारा 15.02.2019 को उक्‍त दोनों पटवारियों को निलंबित किया था। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अगर सही है तो पुलिस अ‍धीक्षक सतना द्वारा अपने पत्र क्र. 23, दिनांक 18.07.2017 द्वारा नगर पुलिस अधीक्षक सतना को 8 बिन्‍दुओं की जांच के आदेश दिये थे जिसके परिपालन में नगर पुलिस अधीक्षक ने अपने पत्र क्र. 3094, दिनांक 04.09.2017 के तहत थाना प्रभारी कोलगवां को 13 बिन्‍दुओं के जांच के आदेश दिये थे तथा बाबूपुर चौकी प्रभारी द्वारा अपने पत्र क्र. 117/229 दिनांक 05.07.2017 को क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को लिखे पत्र में यह बात स्‍वीकार की है? उक्‍त चौकी प्रभारी ने पत्र क्र. क्‍यू/17, दिनांक 04.09.17, 06.09.17 पत्र क्र. त्र 244, दिनांक 14.08.17 के तहत नोटिस जारी किया था? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख), (ग) अगर सही है तो थाना कोलगवां के अपराध        क्र. 168 एवं सिटी कोतवाली के अपराध क्र. 169 में पटवारी रामानन्‍द सिंह की गिरफ्तारी हो गई है। एक ही तरह के अपराध में दो तरह की कार्यवाही शासन हित एवं जनहित में समाजसेवी छत्रपाल सिंह छत्‍तू द्वारा क्‍यों की गई? शिकायत में सारे बिन्‍दु प्रमाणित है लेकिन बाबूपुर चौकी प्रभारी द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक अपराध दर्ज क्‍यों न‍हीं किया गया है? बिन्‍दुवार कारण सहित बतायें। क्‍या नवागत पुलिस अधीक्षक एवं नगर पुलिस अधीक्षक स्‍वयं समस्‍त 13 बिन्‍दुओं का परीक्षण कर चौकी प्रभारी को अपराध दर्ज करने के निर्देश जारी करेंगे? यदि नहीं, तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) सतना जिले अंतर्गत तहसील रघुराजनगर में पटवारी हल्‍का रामस्‍थान की बंटित भूमियों को पट्टेदारों द्वारा बिना सक्षम अधिकारी के मंजूरी के रजिस्‍टर्ड विक्रय पत्रों के आधार पर नामांतरण किया जाना स्‍वीकार किया है, उक्‍त भूमियों की जांच की गई जिसमें नामांतरण अवैध मानते हुये नामांतरण निरस्‍त कर पुन: शासकीय घोषित किया गया है।     (ख) जांच कमेटी के अंतरिम प्रतिवेदन के आधार पर श्री वीरेन्‍द्र सिंह एवं रामशिरोमणि सिंह पटवारी को निलंबित किया गया था। (ग) पुलिस अधीक्षक सतना द्वारा पत्र क्रमांक पु.अ./सतना/ओ.एम./वि स प्र/23/2017, दिनांक 18.07.2017 नगर पुलिस अधीक्षक एवं उप पुलिस अधीक्षक सतना को ध्‍यानाकर्षण सूचना क्रमांक 87 द्वारा माननीय विधायक श्रीमती उषा चौधरी द्वारा सदन में लाए गए प्रश्‍न के परिप्रेक्ष्‍य में जारी किया गया था। नगर पुलिस अधीक्षक सतना द्वारा पत्र क्रमांक-3094 जारी नहीं किया गया है, बल्कि पत्र क्र. 2094, दिनांक 04.09.2017 इस कार्यालय के पत्र के परिप्रेक्ष्‍य में थाना प्रभारी कोलगवां एवं चौकी प्रभारी बाबूपुर को विधिसंगत कार्यवाही हेतु जारी किया गया था। चौकी प्रभारी बाबूपुर द्वारा पत्र क्रमांक 117/229, दिनांक 05.07.2017 जारी नहीं किया गया है, बल्कि पत्र क्रमांक – 117/299 दिनांक 05.07.2017 क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को जारी किया गया है। इसी प्रकार चौकी प्रभारी बाबूपुर द्वारा पत्र क्रमांक 244 दिनांक 14.08.2017 जारी नहीं किया गया है, बल्कि पत्र क्रमांक 274 दिनांक 14.08.2017 जारी किया गया है। जांच कार्यवाही के तारतम्‍य में चौकी प्रभारी बाबूपुर द्वारा पत्र/नोटिस जारी किये गये हैं। जिनकी छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) थाना कोलगवां के मौजा सोनौरा की आराजी क्रमांक 168/2016 एवं थाना कोतवाली के अपराध क्रमांक 169/2017 काल्‍पनिक व्‍यक्तियों को खड़ा कर फर्जी रजिस्‍ट्री शासकीय भूमि को निजी भूमि बदलते हुए करवाये जाने पर अपराध कायम किये गये। दोनों अपराधों के आवेदक, घटनास्‍थल एवं घटना दिनांक अलग-अलग होने से अपराधों की कायमी अलग-अलग की गई है। मौजा रामस्‍थान की आराजी में आवेदक छत्रपाल सिंह छत्‍तू द्वारा दी गई शिकायत जांच के तारतम्‍य में एक जांच दल आयुक्‍त रीवा संभाग रीवा के नेतृत्‍व में गठित हुआ था। उक्त प्रकरण के संबंध में उच्‍च स्‍तरीय जांच दल की जांच रिपोर्ट में रामस्‍थान मौजा (मनकहरी प्रिज्‍म सीमेन्‍ट) विवादित आराजी अवैध उत्‍खनन की जांच कमिश्‍नर रीवा संभाग रीवा द्वारा छ: सदस्‍यी कमेटी अपनी जांच रिपोर्ट प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन राजस्‍व विभाग भोपाल को प्रेषित की गई थी (जो कि विधान सभा सत्र फरवरी 2018 में माननीय विधायक अजय सिंह द्वारा पूछे गये तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 757 से उद्भूत आश्‍वासन क्रमांक 50 पर आधारित थी। प्रकरण में जांच रिपोर्ट के अनुसार कार्यवाही होने से पुलिस द्वारा पृथक से कोई कार्यवाही नहीं की गई है।

खदान आवंटन में अनियमितता

[खनिज साधन]

128. ( क्र. 1277 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि   (क) धार जिले की तहसील धरमपुरी के ग्राम पंचायत बगवान्‍या के पुराना हल्‍का नंबर 03 व नया हल्‍का नंबर 06 में खनिज विभाग के द्वारा किन-किन व्‍यक्तियों को खदान आवंटित की गई है? क्‍या खदान आवंटन नियमानुकूल है? (ख) खनिज विभाग के नियमानुसार क्‍या सड़क मार्ग से 500 मीटर की दूरी खदान स्‍वीकृति हेतु अनिवार्य होती है? यदि हाँ, तो विभाग ने सीमांकन व कब्‍जा दिये जाने के पूर्व नियमानुसार जांच कर स्‍वीकृति दी थी अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण बतायें। (ग) क्‍या प्रश्‍नांकित खदान जहां स्‍वीकृत की गई हो, वहां ग्राम पंचायत द्वारा 15 लाख रूपये से निर्मित सड़क पूर्व से ही विद्यमान थी तथा खसरा नंबर 490 खदन में ग्राम पंचायत का आम रास्‍ता है एवं उस मार्ग के आसपास के 10 से 15 गांव का आम रास्‍ता है? (घ) खसरा नं. 490 खदान वाले एरिया में सेमलदा तालाब लगा हुआ है? खदान में ब्‍लास्टिंग से तालाब में दरारें आ रही हैं? साथ ही उक्‍त खसरे में एक बड़ा नाला भी नक्‍शे में मौजूद है? 11 के.व्‍ही. हाईटेंशन लाईन खदान के बीच से निकल रही है? स्‍टोन क्रेशर भी लगा हुआ है, जिससे आम नागरिकों के स्‍वास्‍थ्‍य पर बुरा असर हो रहा है? इन सब अनियमितताओं एवं नियम विरूद्ध खदान स्‍वीकृति पर विभाग क्‍या कार्यवाही करेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नांश अनुसार स्‍वीकृत खदानों की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट पर दर्शित है। जो नियमानुसार स्‍वीकृत की गई है। (ख) जी नहीं। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। खसरा नंबर 490 में स्थित खदान में ग्राम पंचायत का कोई आम रास्‍ता नहीं है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। तालाब/नाला से नियमानुसार प्रतिबंधित दूरी छोड़ने के उपरांत खदान स्‍वीकृत की गई है। खदान में ब्‍लास्टिंग से तालाब में दरारें जैसी स्थिति नहीं है। 11 के.वी. हाईटेंशन लाईन खदान के बीच से नहीं गुजर रही है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "पैंतीस"

 

 



भाग-3


अतारांकित प्रश्‍नोत्तर


ई.आर.एम. प्रस्ताव की स्वीकृति

[जल संसाधन]

1. ( क्र. 5 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                        (क) सिवनी जिले की केवलारी विधानसभा क्षेत्र की संजय सरोवर परियोजना के अन्तर्गत भीमगढ़ बांयी एवं दांयी तट नहर के रूपांकित सिंचाई क्षेत्र 81824 हेक्टेयर के ई.आर.एम. प्रस्ताव 204.02 करोड़ रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने हेतु कोई पत्र जारी किया गया था? यदि हाँ, तो शासन/विभाग के द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जावेगी? (ख) क्या मुख्य अभियंता बोधी, जल संसाधन विभाग म.प्र.शासन के द्वारा पत्र क्रमांक 88/107/ई.आर.एम./द.ला./बोधी, भोपाल दिनांक 22.2.2022 के द्वारा शासन को प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने हेतु पत्र जारी किया गया था? यदि हाँ, तो कब तक ई.आर.एम. की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) सिवनी जिले की केवलारी विधानसभा क्षेत्र की संजय सरोवर परियोजना के अंतर्गत भीमगढ़ बांयी एवं दांयी तट नहर के ई.आर.एम. प्रस्‍ताव के संबंध में तत्‍थ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि मुख्‍य अभियंता बोधी के पत्र क्रमांक-88/107/ ई.आर.एम./द.ला./बोधी दिनांक 22.02.2022 द्वारा संजय सरोवर परियोजना की भीमगढ़ बांयी एवं दांयी तट नहर तथा बालाघाट जिले की ढूटी बांयी तट नहर प्रणाली हेतु कुल रूपांकित सैच्‍य क्षेत्र 81,824 हेक्‍टेयर के लिए राशि रूपये 357.00 करोड़ के ई.आर.एम. प्रस्‍ताव की प्रशासकीय स्‍वीकृति की अनुशंसा की गई। उक्‍त ई.आर.एम. प्रस्‍ताव में सिवनी जिले की भीमगढ़ बांयी तट एवं दांयी तट नहर प्रणाली हेतु रूपये 204.02 करोड़ एवं बालाघाट जिले की ढूटी बांयी तट नहर प्रणाली हेतु रूपये 152.98 करोड़ सम्मिलित है। मुख्‍य अभियंता बोधी की अनुशंसा के परिप्रेक्ष्‍य में मुख्‍य अभियंता, वैनगंगा कछार, सिवनी के पत्र दिनांक 04.04.2022 द्वारा प्रमुख अभियंता को प्रेषित ई.आर.एम. प्रस्‍ताव प्रमुख अभियंता से दिनांक 12.05.2022 को शासन स्‍तर पर प्राप्‍त हुआ। वर्तमान में भारत सरकार से ई.आर.एम. मद में राशि प्राप्त न होने के कारण इस प्रस्‍ताव पर भारत सरकार की सहमति के संबंध में जानकारी तथा भारत सरकार की सहमति प्राप्‍त न होने की स्थिति में उक्‍त प्रस्‍ताव की स्‍वीकृति हेतु रा‍ज्‍य सरकार के मद की जानकारी तथा 04 वर्षीय चरणबद्ध प्रस्‍ताव प्रमुख अभियंता से चाहा गया है। शासन स्‍तर पर पुन: प्रस्‍ताव प्राप्‍त होने पर गुण-दोष के आधार पर प्रशासकीय स्‍वीकृति के संबंध में कार्यवाही की जा सकेगी। प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी करने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

 

 

बिजना पिक वियर योजना की प्रशासकीय स्वीकृति

[जल संसाधन]

2. ( क्र. 6 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                               (क) क्‍या सिवनी जिले के विकासखण्ड छपारा की बिजना पिक वियर योजना की प्रशासकीय स्वीकृति का प्रस्‍ताव स्‍वीकृति हेतु शासन/विभाग के पास लंबित है? यदि हाँ, तो शासन/विभाग के द्वारा कब तक प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की जावेगी? (ख) क्या छपारा विकासखण्ड की बिजना पिक वियर योजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिये जाने के उपरांत शासन/विभाग निविदा की प्रक्रिया प्रारंभ करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या मुख्य अभियंता वैनगंगा कछार जल संसाधन विभाग सिवनी के द्वारा पत्र क्रमांक 1314/कार्य/2018 सिवनी दिनांक15.7.2019 को बिजना पिक-अप वियर की प्रशासकीय स्वीकृति हेतु 3644.91लाख रूपये का प्राक्कलन मुख्य अभियंता जल संसाधन विभाग/मुख्य अभियंता बोधी भोपाल को स्वीकृति हेतु प्रेषित किया गया है? कब तक प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) सिवनी जिले के विकासखण्‍ड छपारा की बिजना पिक-अप वियर योजना के संबंध में तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि मुख्‍य अभियंता वैनगंगा कछार, सिवनी के पत्र दिनांक 15.07.2019 द्वारा बिजना पिक-अप वियर की प्रशासकीय स्‍वीकृति हेतु राशि रूपये 36.45 करोड़ का प्रस्‍ताव मुख्‍य अभियंता बोधी को प्रेषित किया जाना तथा मुख्‍य अभियंता बोधी द्वारा परीक्षणोंपरांत की गई अनुशंसा के आधार पर बिजना हर्रई माइक्रो सिंचाई परियोजना का राशि रूपये 27.93 करोड़ का संशोधित प्राक्कलन मुख्‍य अभियंता, वैनगंगा कछार, सिवनी के पत्र दिनांक 04.04.2022 द्वारा प्रमुख अभियंता को प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है। प्रमुख अभियंता से प्राप्त बिजना हर्रई माइक्रो सिंचाई परियोजना का प्रशासकीय स्‍वीकृति का प्रस्‍ताव शासन स्‍तर पर परीक्षणाधीन है। परियोजना की प्रशासकीय स्‍वीकृति परियोजना के गुण-दोष पर निर्भर होने के कारण प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान किए जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। प्रशासकीय स्‍वीकृति दिए जाने के उपरांत ही निविदा की प्रक्रिया प्रारंभ की जाती है।

मृत्‍यु उपरांत अनुग्रह राशि का भुगतान

[श्रम]

3. ( क्र. 13 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पनागर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कालाडूमर की गुलाब बाई बर्मन, जितेन्‍द्र तिवारी, सिंगलदीप के मुन्‍ना लाल, उर्दुवाकलां के शील कुमार पटेल एवं जैतना की कमला बाई गौंड एवं अन्‍य हितग्राहियों को संबल योजना के अंतर्गत मृत्‍यु उपरांत अनुग्रह राशि का भुगतान नहीं किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो कारण बतावें? (ग) क्‍या छूट गये हितग्राहियों को अनुग्रह राशि दी जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ (ख) श्रीमती गुलाब बाई बर्मन,                           श्री जितेन्द्र तिवारी व श्री मुन्नालाल का प्रकरण जनपद पंचायत, पनागर को प्राप्त नहीं है।                                श्री शीलकुमार पटेल संबल योजनांतर्गत पंजीकृत हितग्राही नहीं हैं एवं श्रीमती कमला बाई संबल योजनांतर्गत अपात्र है। (ग) छूट गये हितग्राहियों के आवेदन प्राप्ति पर पात्रता अनुसार नियमानुसार राशि स्वीकृति की कार्यवाही की जाती है।

निजी स्वामित्व की भूमि पर गौण खनिज का उत्खनन

[खनिज साधन]

4. ( क्र. 59 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खनिज विभाग जबलपुर ने वन भूमि से लगी निजी स्वामित्व की भूमि पर गौण खनिज का उत्खनन करने हेतु कब-कब किस-किस को कहां-कहां की कितनी-कितनी भूमि पर किन शर्तों पर कितनी-कितनी अवधि के लिए स्वीकृति/अनुमति दी हैं? वन विभाग ने कब-कब किस-किस को कहां-कहां की कितनी-कितनी भूमि पर गौण खनिज का उत्खनन करने हेतु अनापत्ति/अनुमति किन शर्तों पर कितनी अवधि के लिये दिया है। स्थल निरीक्षण कब किसने किया है? भूस्वामी का नाम पता, ग्राम प.ह.न.,ख.न. रकबा व फील्ड रिपोर्ट की छायाप्रति सहित वर्ष 2018-19 से 2022-23 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में दी गई स्वीकृति/अनापत्ति के संदर्भ में किस-किस ने कब से कब तक कहां-कहां की कितनी-कितनी भूमि पर कितनी-कितनी मात्रा में कौन-कौन सी गौण खनिज का उत्खनन परिवहन व भण्डारण किया है? इसकी जांच कब-कब किसने की हैं? (ग) प्रश्‍नांश (क) में किस-किस ने कब-कब कहां-कहां की कितनी-कितनी भूमि पर अवैध रूप से गौण खनिज का उत्खनन परिवहन व भण्डारण कितनी-कितनी मात्रा में किया है एवं किस-किस ने कब-कब कहां-कहां पर कितनी-कितनी मात्रा में जब्त किया है तथा कब किस पर किसने क्या कार्यवाही की हैं? क्या शासन नियम विरूद्ध दी गई स्वीकृति/अनापत्ति देने व अवैध रूप से गौण खनिज का उत्खनन परिवहन व भण्डारण करने की जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) एवं (ख) प्रश्‍नांश की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित अनुमति धारकों के विरूद्ध अवैध रूप से गौण खनिज का उत्‍खनन, परिवहन व भंडारण करने के संबंध में कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं आया। जी नहीं। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

बाल श्रम रोकने के उपाय

[श्रम]

5. ( क्र. 60 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में बेसहारा, अनाथ बच्चों के कल्याण, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वरोजगार एवं बाल श्रम को रोकने हेतु संचालित किन-किन योजनाओं पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई एवं कितने-कितने बच्चे लाभांवित हुये? 2018-19 से 2022-23 तक की जानकारी दें। (ख) जबलपुर जिले में संचालित किन-किन योजनाओं में आवंटित कितनी-कितनी राशि व्यय हुई एवं कितने-कितने बच्चे लाभांवित हुये है? बालश्रम को रोकने हेतु क्या उपाय किये गये? स्कूल छोड़ चुके कितने बच्चों को स्कूलों में भर्ती कराया गया और उनकी शिक्षा व रोजगार की क्या व्यवस्था की गई? प्रश्‍नांश (क) अवधि की जानकारी दें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के आर्थिक रूप से बेहद खराब वाले परिवारों के कितने बच्चों को सामान्य कार्य, सामान्य काम धंधों, खतरनाक उद्योगों से मुक्त कराकर उनके पुनर्वास, शिक्षा व रोजगार के क्या प्रबंध किये गये? इस सम्बंध में शासन के क्या निर्देश हैं जिला प्रशासन ने इसकी जांच पड़ताल करने हेतु क्या निर्देश दिये हैं?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रदेश में बेसहारा, अनाथ बच्‍चों के कल्‍याण, शिक्षा स्‍वास्‍थ्‍य, स्‍वरोजगार के संबंध में श्रम विभाग द्वारा कोई योजना संचालित नहीं की जाती है। बाल श्रम को रोकने हेतु बाल एवं कुमार श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के अंतर्गत सतत निरीक्षण कराये जाते है। जिला टास्‍कफोर्स की बैठकों का आयोजन किया जा रहा है। कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है। जनजागरण अभियान चलाये जा रहे हैं, रैली के माध्‍यम से प्रचार-प्रसार कर बाल श्रम उन्‍मूलन की कार्यवाही की जा रही है (ख) विभाग द्वारा कोई योजना संचालित नहीं है। अत: जानकारी निंरक है। जिला टास्‍कफोर्स का गठन किया गया है, टास्‍कफोर्स की नियमित बैठकें हो रही है, जनजागरण अभियान एवं रैली के माध्‍यम से बाल श्रम रोकने की कार्यवाही की जा रही है। (ग) जबलपुर द्वारा बाल एवं कुमार श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम अंतर्गत निरीक्षण दौरान 01 बाल श्रमिक को विमुक्‍त कराया जाकर बाल कल्‍याण समिति के समक्ष पुनर्वास हेतु प्रस्‍तुत किया गया। प्रावधान अनुसार नियोजक से राशि रू. 20,000/- बालश्रम एवं पुनर्वास कोष में जमा कराये गये। अधिनियम के प्रावधान अनुसार बाल श्रम उन्‍मूलन हेतु जिला स्‍तरीय टास्‍कफोर्स का गठन किया गया है। बाल श्रम उन्‍मूलन हेतु शासन द्वारा कार्यशालाओं का आयोजन, रैली का आयोजन, जन जागरण अभियान चलाए जाने के निर्देश दिए गए है, तदानुसार कार्यवाही की जा रही है।

सिंचाई योजनाओं की जानकारी

[जल संसाधन]

6. ( क्र. 96 ) श्री ग्‍यारसी लाल रावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेंधवा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कौन-कौन सी सिंचाई योजनाएं वर्ष 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक प्रस्‍तावित हैं? क्षेत्रवार जानकारी दें। (ख) विधानसभा क्षेत्र सेंधवा की कौन सी सिंचाई योजनाओं की डी.पी.आर. तैयार कर स्‍वीकृति की कार्यवाही की जा रही है? (ग) क्‍या सिंचाई योजनाओं को इस वित्‍तीय वर्ष में स्‍वीकृति प्रदान की जायेगी? यदि हाँ, तो कौन सी योजनाओं को स्‍वीकृति प्रदान की जायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ग) शासन स्‍तर पर प्रस्‍ताव अप्राप्त है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "छत्‍तीस"

रिक्‍त पदों की जानकारी

[राजस्व]

7. ( क्र. 97 ) श्री ग्‍यारसी लाल रावत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) बड़वानी जिले में कितने पद तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों, राजस्‍व निरीक्षकों एवं पट‍वारियों के सृजित हैं? तहसीलदार, नायब तहसीलदार राजस्‍व निरीक्षकवार, पटवारी की जानकारी तहसीलवार देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर बतायें कि इसमें कौन-कौन अधिकारी एवं कर्मचारी कब से पदस्‍थ हैं? उनके नाम सहित जानकारी दें एवं यह भी बतायें कि कब से किस-किस के पद रिक्‍त हैं? इन रिक्‍त पदों का कार्य कौन-कौन देख रहा हैं? (ग) प्रश्‍नांश (क) (ख) के आधार पर बतायें कि इन रिक्‍त पदों को शासन कब तक भरेगा? (घ) बड़वानी जिले में विगत तीन वर्षों में कितने तहसीलदारों की शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं तथा उक्‍त शिकायत पर किन-किन तहसीलदारों पर कब-कब, क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई हैं? जानकारी देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जिला बड़वानी अंतर्गत तहसीलदार के 09, नायब तहसीलदार -19, राजस्‍व निरीक्षक के कुल-39 एवं पटवारी के 181 पद स्‍वीकृत है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-01, 02 एवं 03 अनुसार है। (ग) वर्तमान में स्थानान्तरण पर प्रतिबंध है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जिले में कार्यरत तहसीलदारों की पदस्थ अवधि में उनके विरूद्ध शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष जानकारी का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

ग्रामीण विकास मद की राशि का भुगतान

[वन]

8. ( क्र. 128 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या यह सही है कि म.प्र. शासन द्वारा दिए गए 1998 के आदेश के बाद भी मध्‍यप्रदेश राज्‍य लघु वनोपज सहकारी संघ भोपाल ने बैतूल जिले की प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों को ग्रामीण विकास एवं वन विकास मद की पूरी राशि का भुगतान नहीं किया गया। (ख) राज्‍य शासन ने 1998 में ग्रामीण विकास मद की राशि के संबंध में क्‍या आदेश मध्‍यप्रदेश राज्‍य लघु वनोपज सहकारी संघ भोपाल को दिया उसके अनुसार बैतूल जिले की किस-किस प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति को कितनी राशि का भुगतान किया गया, ग्रामीण विकास मद की कितनी राशि किस समिति को प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी प्रदान नहीं की गई वर्षवार बतावें। (ग) म.प्र. राज्‍य लघु वनोपज सहकारी संघ भोपाल ने वर्ष 1998 से प्रश्‍नांकित दिनांक तक बैतूल जिले की किस समिति को ग्रामीण विकास मद की कितनी राशि प्रदान की है, कितनी राशि के किस-किस प्रस्‍ताव पर क्‍या-क्‍या आपत्ति लगाई गई है। (घ) ग्रामीण विकास मद की बकाया राशि कब तक प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों को उपलब्‍ध करवाई जावेगी?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। लाभांश वितरण के संबंध में राज्य शासन के वर्ष 1998 के आदेश को वर्ष 2006, 2012 एवं 2022 में संशोधित किया जा चुका है। जिनके अनुसार वर्तमान में ग्रामों की अधोसंरचना एवं मूलभूत सुविधाओं के विकास की राशि म.प्र. राज्य लघु वनोपज संघ के निर्देशानुसार एवं वन विकास की राशि वन विभाग की देखरेख में व्यय किये जाने का निर्देश हैं। तद्नुसार ही लघु वनोपज संघ द्वारा प्राथमिक लघु वनोपज समितियों से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर कार्य स्वीकृत किये जाते हैं। (ख) राज्य शासन द्वारा ग्रामीण विकास मद की राशि के संबंध में वर्ष 1998 के आदेश के उपरांत समय-समय पर अपने आदेश वर्ष 2006, 2012 एवं 2022 द्वारा संशोधित किया गया है। उक्त आदेशों की छायाप्रति  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट-1 में है। बैतूल जिले की प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों को ग्रामीण विकास मद के स्वीकृत कार्यों की भुगतान की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है। ग्रामीण विकास मद की राशि का संधारण जिला यूनियनवार किया जाता है तथा प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति से प्रस्ताव प्राप्त होने पर उपलब्ध राशि की सीमा के तहत ही संघ मुख्यालय द्वारा कार्य स्वीकृत किये जाते हैं। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। (घ) उत्तरांश '' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

शासकीय पट्टेधारी को भू-स्‍वामी का हक

[राजस्व]

9. ( क्र. 131 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. भू राजस्‍व संहिता 1959 के अध्‍याय 18 में बताई गई दखल रहित भूमियों के पट्टेधारियों को भूमि का भूस्‍वामी हक प्रदान किये जाने के संबंध में राज्‍य शासन ने किस-किस दिनांक को आदेश, निर्देश, पत्र, परि‍पत्र जारी किया? प्रति सहित बतावें। (ख) पट्टाधारियों को भूस्‍वामी हक प्रदान किए जाने के संबंध में क्‍या-क्‍या प्रावधान प्रचलित हैं? कितने वर्षों के बाद पट्टाधारियों को भूस्‍वामी हक प्रदान कर दिया जाता है? वर्तमान में किस वर्ष के पट्टाधारियों को किन कारणों से भूस्‍वामी हक प्रदान नहीं किया जा सकता है? (ग) शासकीय पट्टेधारियों को आंवटित भूमि के संबंध में भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 165 की किस-किस उपधारा में संशोधन कर राजपत्र में किस दिनांक को अध्‍यादेश जारी किया गया? उस अध्‍यादेश के अनुसार धारा 165 में किस दिनांक को विधिवत संशोधन राजपत्र में प्रकाशित किया गया?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार(ग) अध्‍यादेश दिनांक 21.08.2015 में जो संशोधन किया गया वह संशोधन अधिनियमित नहीं हुआ है।

प्रश्‍न क्रमांक 3051 में दी गई जानकारी

[राजस्व]

10. ( क्र. 132 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍न क्रमांक 3051 दिनांक 14/03/2018 में जिला अभिलेखागार खरगोन में तहसील बड़वाह के अंतर्गत 09 वनग्रामों के अभिलेख उपलब्‍ध हैं, इन ग्रामों में भूस्‍वामी हक पर 614.122 हेक्‍टेयर, आबादी के रकबा 3.680 हेक्‍टेयर, निस्‍तार मद में 213.286 हेक्‍टेयर एवं वन भूमि का रकबा 3467.402 हेक्‍टेयर दर्ज है, की जानकारी दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो 09 ग्रामों में से किस-किस ग्राम की किस वर्ष में बनाई गई मिसल बन्‍दोबस्‍त, खसरा पंजी. खतौनी पंजी. पटवारी मानचित्र, नामान्‍तरण पंजी जिला एवं तहसील अभिलेखागार और बड़वाह वन मण्‍डल में उपलब्‍ध है? किस-किस वर्ष की खसरा पंजी, खतौनी पंजी, पटवारी मानचित्र ऑनलाईन की गई है? (ग) 09 राजस्‍व ग्रामों को किस अधिसूचना या आदेश से वन ग्राम घोषित किया? इन वनग्रामों के अभिलेख, पटवारी मानचित्र राजस्‍व विभाग के द्वारा बनाए जाने, ऑनलाईन किए जाने की कार्यवाही राजस्‍व विभाग भू-राजस्‍व संहिता 1959 की किस धारा में दिए गए किस प्रावधान के अनुसार कर रहा है? (घ) 09 ग्रामों की 614.122 हेक्‍टेयर निजी भूमि एवं 3.680 हेक्‍टेयर आबादी मद की भूमि को किस प्रकरण क्रमांक में किस आदेश दिनांक से आरक्षित वन अधिसूचित किए जाने के लिए अर्जित किया गया?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्‍न क्रमांक 3051 दिनांक 14/03/2018 को तहसील बड़वाह अंतर्गत 09 वनग्राम है, इन ग्रामों में भूस्वामी हक पर 614.122 हे., आबादी के रकबा 3.680 हे., निस्तार मद में 213.286 हे. की जानकारी दी गई थी। (ख) जिला-खरगोन की तहसील-बड़वाह अंतर्गत 09 वन ग्रामों के वर्ष 1948-49 के मिसल व मिसल का नक्शा हल्का पटवारी के पास उपलब्ध है एवं वर्ष 1948-49 एवं वर्ष 1980-81 की मिसल बंदोबस्त, खसरा पंजी, खातोनी पंजी, पटवारी मानचित्र वन मण्डल कार्यालय बड़वाह में उपलब्ध है। (ग) मध्य भारत वन विधान 1950 की धारा 20 के तहत् फॉरेस्ट एण्ड ट्राइबल वेलफेयर डिपार्टमेंट ग्वालियर की अधिसूचना क्रमांक/ 1623/X-F/114 (54) दिनांक 09/10/1954 राजपत्र दिनांक 21/10/1954 से आरक्षित वन अधिसूचित किया गया है। इन वन ग्रामों के अभिलेख पटवारी मानचित्र (नक्शा) राजस्व विभाग द्वारा गिरदावरी एवं आर.बी.सी. 6 (4) के लिए संधारण करता है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) अनुसार अधिसूचना राजपत्र में दिनांक 21/10/1954 को आरक्षित वन अधिसूचित किया गया।

ग्रामीण संसाधनों पर अधिकार

[राजस्व]

11. ( क्र. 136 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बैतूल हरदा एवं होशंगाबाद जिले के कितने राजस्‍व ग्रामों के निस्‍तार पत्रक की प्रतियॉं प्रश्‍नांकित दिनांक तक ग्रामसभा/ग्राम पंचायत को प्रदान कर उनमें दर्ज कितनी-कितनी भूमियों के अधिकार नियंत्रण एवं प्रबंधन भी ग्रामसभा या ग्राम पंचायत को सौंप दिये गये हैं। (ख) ग्राम के पटवारी मानचित्र में दर्ज निस्‍तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख में किस-किस सार्वजनिक एवं निस्‍तारी प्रयोजनों के लिये किस-किस मद में दर्ज जमीनों के संबंध में ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत को संविधान की 11वीं अनुसूची, पैसा कानून 1996 एवं वन अधिकार कानून 2006 में क्‍या-क्‍या अधिकार दिए गये हैं? (ग) सार्वजनिक एवं निस्‍तारी प्रयोजनों के लिये दर्ज जमीनों के संबंध में माननीय सर्वोच्‍च अदालत ने सिविल अपील प्रकरण क्रमांक 19869/2010 में दिनांक 28 जनवरी 2011 को दिये आदेश में ग्राम सभा और ग्राम पंचायत बावत् क्‍या-क्‍या निर्देश दिये हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) बैतूल जिले के 1303 राजस्‍व ग्रामों के निस्‍तार पत्र में दर्ज 209418 हे. भूमि के निस्‍तार पत्रक की प्रतियां तथा जिला नर्मदापुरम के 936 राजस्‍व ग्रामों के निस्‍तार पत्रक में दर्ज 140803 हे. के निस्‍तार पत्रक की प्रतियां ग्राम पंचायत को सौंपी गई है जबकि जिला हरदा में अभी कोई ऐसी प्रतियां उपलब्‍ध नहीं कराई गई है। (ख) संविधान की 11 वीं अनूसूची, पेसा कानून 1996 एवं वन अधिकार कानून 2006 में किये गये प्रावधानों की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट – '''' अनुसार(ग) माननीय सर्वोच्च अदालत की सिविल अपील प्रकरण क्रमांक 19869/2010 आदेश दिनांक 28 जनवरी 2011 में दिये गये प्रावधानों की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट – '''' अनुसार

लघु वनोपज पर ग्रामसभा का अधिकार

[वन]

12. ( क्र. 137 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायतों को किस-किस लघु वनोपज पर संविधान की 11वीं अनुसूची पेसा कानून 1996, वन अधिकार कानून 2006, भू-राजस्‍व संहिता 1959 एवं भारतीय वन अधिनियम 1927 की किस-किस धारा में क्‍या-क्‍या अधिकार दिया है, किस-किस धारा में वन विभाग को क्‍या-क्‍या अधिकार दिया है? पृथक-पृथक बतावें। (ख) ग्रामसभा एवं ग्रामपंचायतों को किस-किस लघु वनोपज पर क्‍या-क्‍या अधिकार सौंपे जाने के संबंध में राज्‍य मंत्रालय भोपाल ने किस-किस दिनांक को आदेश जारी किया, किस-किस लघु वनोपज को वन विभाग के नियंत्रण से मुक्‍त किए जाने के संबंध में किस-किस दिनांक को राजपत्र में अधिसूचना का प्रकाशन किया, आदेश एवं अधिसूचना की प्रति सहित बतावें। (ग) ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत को लघु वनोपज पर प्राप्‍त अधिकारों में हस्‍तक्षेप कर लघु वनोपज पर प्रतिबंध लगाने, लघु वनोपज के वन अपराध पंजीबद्ध कर जप्‍ती एवं राजसात करने का अधिकार राज्‍य शासन ने किस आदेश दिनांक से वन विभाग के किस श्रेणी के अधिकारी को सौंपा हैं?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है।                                  (ख) ग्राम सभाओं को प्रत्‍योजित अधिकार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (ग) ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत को लघु वनोपज पर प्राप्‍त अधिकारों पर कोई प्रतिबंध नहीं है किन्‍तु संग्रहण सतत् पोषणीय पद्धति से न करने पर एवं संग्रहण प्रकिया में वनोपज को नुकसान पहुंचाने के कारण भारतीय वन अधिनियम, 1927 के प्रावधानों के अंतर्गत वन अधिकारी कार्यवाही करने हेतु अधिकृत हैं।

विवाह सहायता राशि भुगतान के प्रकरण

[श्रम]

13. ( क्र. 153 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 25 जून 2022 की स्थिति में रायसेन जिले में मध्‍यप्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार मण्‍डल में पंजीकृत किन-किन के विवाह सहायता राशि भुगतान के प्रकरण किस स्‍तर पर कब से एवं क्‍यों लंबित हैं? (ख) संबंधितों के परिजनों को राशि का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा?                                            (ग) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में माननीय मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को 1 जनवरी 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्र विवाह सहायता राशि भुगतान हेतु कब-कब प्राप्‍त हुए तथा उन पर क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्रों में उल्‍लेखित किन-किन को राशि का भुगतान कर दिया गया तथा किन-किन को राशि का भुगतान क्‍यों नहीं किया तथा कब तक राशि का भुगतान होगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) 25 जून 2022 की स्थिति में रायसेन जिले में मध्‍यप्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार मण्‍डल अंतर्गत पंजीकृत 80 हितग्राहियों के विवाह सहायता योजनांतर्गत राशि भुगतान के प्रकरण जनपद पंचायत/नगरीय निकाय स्‍तर पर लंबित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। त्रिस्‍तरीय पंचायत निर्वाचन एवं नगरीय निर्वाचन में संलग्‍न होने के कारण प्रकरण में कार्यवाही प्रचलित है। (ख) म.प्र. राजपत्र दिनांक 15 अप्रैल 2022 में मंडल की 'विवाह सहायता योजना' में आंशिक संशोधन संबंधी अधिसूचना जारी की गई है, जिसमें योजनांतर्गत पंजीकृत पात्र महिला श्रमिक अथवा पंजीकृत श्रमिक की पुत्री (प्रति श्रमिक 02 पुत्रियों तक) द्वारा सामाजिक न्‍याय विभाग की ''मुख्‍यमंत्री कन्‍यादान योजना'' अंतर्गत आयोजित होने वाले सामूहिक विवाह कार्यक्रमों में सम्मिलित होकर विवाह करने पर मुख्‍यमंत्री कन्‍यादान योजना के प्रावधान अनुसार हितग्राही को सामाजिक न्‍याय विभाग के माध्‍यम से हितलाभ प्रदान किए जाने संबंधी प्रावधान किया गया है। विवाह सहायता योजना में उक्‍त संशोधन के परिणाम स्‍वरूप मंडल के पत्र क्रमांक 4135 दिनांक 20-05-2022 अनुसार दिनांक                                 22-04-2022 के पूर्व संपन्‍न हुए विवाहों में संबंधित जिला कलेक्‍टर से प्राप्‍त मांग  पत्र अनुसार विवाह सहायता राशि का आवंटन प्रदाय किया जायेगा तथा दिनांक 22-04-2022 को अथवा इसके पश्‍चात संपन्‍न हुए विवाहों हेतु ''मुख्‍यमंत्री कन्‍यादान योजना'' अंतर्गत आयोजित होने वाले सामूहिक विवाह कार्यक्रमों में सम्मिलित होकर विवाह करने पर मुख्‍यमंत्री कन्‍यादान योजना के प्रावधान अनुसार हितग्राही को सामाजिक न्‍याय विभाग के माध्‍यम से हितलाभ प्रदान किया जायेगा।                                         (ग) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में माननीय मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को 1 जनवरी 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में प्रश्‍नकर्ता विधायक का 01 पत्र प्राप्‍त हुआ, जिस पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।

अन्‍त्‍येष्टि एवं अनुग्रह सहायता राशि का प्रदाय

[श्रम]

14. ( क्र. 154 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 25 जून 2022 की स्थिति में रायसेन जिले में मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण (संबल) योजना तथा मध्‍यप्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार मण्‍डल में पंजीकृत श्रमिकों की मृत्‍यु उपरांत अन्‍त्‍येष्टि एवं अनुग्रह सहायता राशि भुगतान के किन-किन प्रकरण में किस स्‍तर पर कब से एवं क्‍यों लंबित हैं? (ख) उक्‍त लंबित प्रकरणों का कब तक निराकरण होगा तथा संबंधित के परिजनों को राशि का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा? (ग) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में माननीय मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को 1 जनवरी 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्‍त हुए तथा उन पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्रों में उल्‍लेखित किन-किन समस्‍याओं का निराकरण हुआ तथा किन-किन समस्‍याओं का निराकरण क्‍यों नहीं हुआ तथा कब तक निराकरण होगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना के अंतर्गत्त रायसेन जिले में 25 जून 2022 की स्थिति में पंजीकृत श्रमिकों की मृत्यु उपरांत अन्तेष्टि सहायता का कोई भी प्रकरण भुगतान हेतु लंबित नहीं है। अनुग्रह सहायता राशि भुगतान के 189 प्रकरण में ई.पी.ओ. जारी है। जिनमें पर्याप्‍त बजट उपलब्‍धता पर भुगतान किया जाता है। मध्‍यप्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल के अंतर्गत 25 जून 2022 की स्थिति में रायसेन जिले में मृत्‍यु की दशा में अंत्‍येष्टि एवं अनुग्रह सहायता योजनांतर्गत कोई भी प्रकरण भुगतान हेतु लंबित नहीं है। (ख) म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल अंतर्गत प्रकरणों में पात्रता अनुसार राशि भुगतान एक सतत् प्रक्रिया है। पदाभिहित अधिकारियों द्वारा पात्रता अनुसार प्रकरण स्वीकृति उपरान्त ई.पी.ओ. जारी कर डिजीटली हस्ताक्षरित किये जाने तथा मृत्यु सत्यापन की कार्यवाही पश्चात् राज्य स्तर पर प्रकरणों में बजट उपलब्‍धता अनुसार भुगतान किया जाता है। (ग) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में माननीय विधायक महोदय द्वारा माननीय मंत्री जी को संबोधित पत्र क्रमांक 1030 दिनांक 20-04-2022 मंत्री महोदय के माध्यम से दिनांक 27-04-2022 को सचिव, असंगठित मण्डल को प्राप्त हुआ। जिस संबंध में वस्तुस्थिति से माननीय विधायक महोदय को मण्डल के पत्र क्रमांक 1539 दिनांक 29-04-2022 द्वारा अवगत कराया गया, साथ ही उक्त पत्र श्रम पदाधिकारी, मण्डीदीप की ओर आवश्यक कार्यवाही हेतु अग्रेषित किया गया। 2. इसी प्रकार माननीय विधायक महोदय का समविषयक पत्र माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय के माध्यम से दिनांक 06-06-2022 को प्राप्त हुआ। जिसे श्रम पदाधिकारी, मण्डीदीप को आवश्यक कार्यवाही बावत् पत्र क्र. 2538 दिनांक 13-06-2022 द्वारा प्रेषित किया गया। जिसकी प्रतिलिपि माननीय विधायक महोदय जी को भी प्रेषित की गई है। 3. माननीय विधायक महोदय का माननीय मंत्री जी श्रम विभाग को संबोधित पत्र क्रमांक 1058 दिनांक 28-04-2022 माननीय मंत्री जी कार्यालय के माध्यम से दिनांक 13-06-2022 को प्राप्त हुआ। जो कि पत्र क्रमांक 8849 दिनांक                                               28-06-2022 के माध्यम से आवश्यक कार्यवाही हेतु श्रम पदाधिकारी, रायसेन को भेजा गया। जिसकी प्रतिलिपि माननीय विधायक महोदय जी को भी प्रेषित की गई है। प्रश्‍नांश (क) के संबंध में भवन मंडल अंतर्गत माननीय मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को 1 जनवरी 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में प्रश्‍नकर्ता विधायक का 01 पत्र प्राप्‍त हुआ, जिस पर की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) असं‍गठित मंडल अंतर्गत माननीय विधायक महोदय के पत्रों में उल्लेखित सभी समस्याओं के निराकरण हेतु तत्परता से कार्यवाही करते हुये श्रम पदाधिकारी, मण्डीदीप द्वारा मुख्य कार्यापालन अधिकारी जनपद पंचायत सिलवानी/बेगमगंज एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी सिलवानी/बेगमगंज को कार्यवाही हेतु पत्र प्रेषित किये गये, जिन पर त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन एवं नगरीय निर्वाचन में संलग्न होने के कारण कार्यवाही प्रचलन में है। माननीय विधायक महोदय द्वारा प्रकरणों में भुगतान लंबित होने की समस्या का उल्लेख किया गया था। प्रकरणों में भुगतान एक सतत् प्रक्रिया है। पदाभिहित अधिकारियों द्वारा पात्रता अनुसार प्रकरण स्वीकृति उपरान्त ई.पी.ओ. जारी कर डिजीटली हस्ताक्षरित किये जाने तथा मृत्यु सत्यापन की कार्यवाही पश्चात् राज्य स्तर पर प्रकरणों में बजट उपलब्‍धता अनुसार भुगतान किया जाता है। भवन मंडल अंतर्गत प्रश्‍नांश की जानकारी संलग्न  परिशिष्ट  अनुसार है।

परिशिष्ट - "सैंतीस"

प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

15. ( क्र. 170 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                                   (क) क्‍या प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना के अंतर्गत पात्रता हेतु क्‍या-क्‍या नियम एवं निर्देश हैं?                                           (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में बी.पी.एल. कार्डधारियों को नि:शुल्‍क गैस कनेक्‍शन दिये जाने का प्रावधान हैं? (ग) यदि हाँ, तो सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत स्थिति इण्‍डेन गैस एजेंसी रामपुर कला द्वारा ऐसे पात्र हितग्राहियों से राशि वसूली गई है? यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त एजेंसी के विरूद्ध कोई शिकायती आवेदन विभाग को प्राप्‍त हुए है? यदि हाँ, तो प्राप्‍त आवेदनों का विवरण व आज दिनांक तक उक्‍त गैस एजेंसी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई है?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना के अंतर्गत पात्रता हेतु भारत सरकार के पत्र दिनांक 04 अगस्‍त 2021 एवं म.प्र.शासन के पत्र क्रमांक 608/पी.एस.फूड/उज्‍जवला/ 2021 दिनांक 16.08.2021, पत्र क्र. 635/पी.एस.खाद्य/उज्‍जवला/2021 दिनांक 25.08.2021,पत्र क्र.706 /उज्‍जवला/2021 दि.15.09.2021, पत्र क्र.756/पी.एस.खाद्य/उज्‍जवला/2021 दिनांक 28.09.2021, पत्र क्र. 9551/पी.एस.खाद्य/उज्‍जवला/2021 दिनांक 22.10.2021 के द्वारा विभागीय दिशा निर्देश जारी किये गये, जो  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) इण्‍डेन गैस एजेंसी रामपुरकलां के संचालक द्वारा अवैध राशि प्राप्‍त कर उज्‍जवला का गैस कनेक्‍शन देने के संबंध में प्राप्‍त शिकायत की जांच कराई गई एवं जांच प्रतिवेदन अनुसार पाई गई अनियमितताओं के संबंध में इण्‍डेन गैस एजेंसी रामपुरकलां के संचालक के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई। उक्‍त प्रकरण में मान. न्‍यायालय कलेक्‍टर जिला मुरैना के प्र.क्र. 83/ब-121/2020-21 में पारित आदेश दिनांक 18.03.2021 द्वारा रूपये 10000/- अर्थदण्‍ड कर जमा करने हेतु आदेश पारित किया गया है। उपरोक्‍त आदेश के विरूद्ध गैस एजेंसी संचालक द्वारा मा. न्‍यायालय सत्र न्‍यायाधीश, सत्र खण्‍ड मुरैना के आपराधिक अपील क्र. 51/2021 में पारित आदेश दिनांक 10 जून 2022 द्वारा अपील स्‍वीकार करते हुए आलोच्‍य आदेश को अपास्‍त किया गया है। उक्‍त एजेंसी के विरूद्ध प्राप्‍त शिकायती आवेदन एवं उक्‍त गैस एजेंसी के विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है।

वृक्षारोपण की जांच व स्‍थानांतरित रेन्‍जरों को कार्यमुक्‍त करना

[वन]

16. ( क्र. 191 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह की हटा वीट अंतर्गत वर्ष 2019-20, 2020-21 व वर्ष 2021-22 में किस-किस प्रजाति के कितने वृक्ष एवं पौधे कहां-कहां रोपे गये एवं वृक्षारोपण में सरकार का कितना व्‍यय हुआ? वृक्षारोपण में स्‍थलवार जीवित पौधों की संख्‍या बतायी जावे व प्राक्‍कलन सहित गड्ढों की खुदाई व रोपण पर व संरक्षण पर व्‍यय की जानकारी दी जावे। वृक्षारोपण की शिकायतें लगातार प्राप्‍त होती रहती है तो क्‍या एक प्रदेश स्‍तरीय जांच समिति बनाकर हटा बीट अंतर्गत हुये वृक्षारोपण की जांच कराकर कार्यवाही की जावेगी? (ख) साथ ही बताया जावे कि वन विभाग में शासन द्वारा कुछ रेंजरों की परिवीक्षा अवधि के पूर्ण हो जाने के उपरांत नवीन पदस्‍थापना की गई थी लेकिन आज दिनांक तक नवीन पदस्‍थापना स्‍थल पर कितने रेंजरों ने कार्य भार लिया? हटा के रेंजर द्वारा नवीन पदस्‍थापना स्‍थल पर कार्यभार क्‍यों ग्रहण नहीं किया?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जिला दमोह में आने वाले वन मण्‍डल दमोह एवं नौरादेही (वन्‍यप्राणी) वन मण्‍डल के अंतर्गत बीट हटा नहीं है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) परिवीक्षा अवधि पूर्ण हो जाने के उपरांत नवीन पदस्‍थापना पर 54 वन क्षेत्रपालों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। परिक्षेत्र हटा में किसी अन्‍य वनक्षेत्रपाल की पदस्थिति न होने से तथा तत्‍पश्‍चात कलेक्‍टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी दमोह के आदेश क्रमांक-185, दिनांक 31.05.2022 एवं आदेश क्रमांक-718, दिनांक 21.06.2022 द्वारा परिक्षेत्र अधिकारी हटा को त्रि-स्‍तरीय पंचायत आम निर्वाचन 2022 में सेक्‍टर अधिकारी नियुक्‍त किया गया है, जिस कारण नवीन पदस्‍थापना में कार्यभार ग्रहण करने हेतु भारमुक्‍त नहीं किया जा सका।

कोरोना मृतकों के परिजनों को अनुग्रह राशि का प्रदाय

[राजस्व]

17. ( क्र. 204 ) श्री तरूण भनोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कोरोना से होने वाली मृत्‍यु पर मृतक के परिजन को 50 लाख अथवा अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करने का प्रावधान है अथवा नहीं? (ख) यदि वर्णित (क) हाँ तो जबलपुर जिले में कितने कोरोना से मृतकों के परिजनों को 50 लाख अथवा अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई है, जानकारी उनके नामवार एवं पतावार दी जावे। (ग) क्‍या उक्‍त योजना एस.टी./एस.सी. कर्मचारियों के लिये भी है? यदि हाँ, तो जबलपुर स्थित शासकीय सेठ गोविन्‍ददास चिकित्‍सालय अंतर्गत कार्यरत कोरोना से मृतक एस.डी. प्रधान के परिजनों को कब अनुकंपा नियुक्ति अथवा 50 हजार की राशि प्राप्‍त होगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जबलपुर जिले में डॉ. क्षीतिज भटनागर की पत्नी डॉ. शिखा भटनागर को 50 लाख की राशि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज योजना में प्रदान की गई। इसी प्रकार श्री अब्दुल मुबीन लैब टैक्नीशियन की पत्नी श्रीमति आरजू बानो को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज योजना के अंतर्गत 50 लाख की राशि एवं अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई। श्री एस.डी. प्रधान कंपाउंडर की पत्नी को 50 लाख की राशि एवं उनके पुत्र को अनुकंपा नियुक्ति का प्रकरण संचालनालय, स्‍वास्‍थ्‍य सेवायें में प्रक्रियाधीन है। (ग) जी हाँ। शासकीय सेठ गोविन्ददास चिकित्सालय जबलपुर के श्री एस.डी. प्रधान कंपाउंडर की पत्नी को 50 लाख की राशि का भुगतान बीमा कंपनी में प्रक्रियाधीन है एवं उनके पुत्र को अनुकंपा नियुक्ति का प्रकरण संचालनालय, स्‍वास्‍थ्‍य सेवायें में प्रक्रियाधीन है।

नर्मदा तट पर अवैध मुरूम उत्‍खन्‍न

[खनिज साधन]

18. ( क्र. 210 ) श्री तरूण भनोत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या भेड़ाघाट नर्मदा तट स्थित सरस्‍वती घाट और भीटा गांव में बेजा तरीके से अवैध मुरूम उत्‍खनन की घटनाओं की शिकायतें मिली हैं? (ख) यदि हाँ, तो इन शिकायतों पर शासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है? (ग) क्‍या अवैध मुरूम उत्‍खनन के कारण मिट्टी के ढेरों में टिटहरी पक्षी के अंडे नष्‍ट हो रहे है और अवैध उत्‍खनन से पर्यावरण को होने वाले संभावित नुकसान के साथ ही पशु-पक्षियों को होने वाले नुकसान को कम करने के लिये क्‍या कदम उठाये जा रहे है? (घ) क्‍या सरकार अवैध उत्‍खनन को रोकने और पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव को कम करने के लिये किसी ठोस नीतिगत फैसले पर विचार करेगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

 

निराकृत प्रकरणों की जानकारी

[राजस्व]

19. ( क्र. 239 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की महाराजपुर तहसील में पदस्थ वर्तमान तहसीलदार द्वारा भूमि संबंधी वसीयत सीमांकन, नामांतरण, बंटवारा आदि के प्रकरण निराकृत किये गये है? (ख) प्रश्‍नांश (क) यदि हाँ, तो वर्तमान पदस्थ तहसीलदार के पदांकन दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक निराकृत प्रकरणों की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार वसीयत प्रकरणों में आपत्तियां लगी है? यदि हाँ, तो किन-किन प्रकरणों में?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) उपरोक्‍त वसीयत, सीमांकन, नामांतरण, बंटवारा आदि के प्रकरणों का निराकरण म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 109,110 के तहत नामांतरण/वसीयत नामांतरण धारा 129 के तहत सीमांकन, धारा 178, 178 (क) के तहत बंटवारा के प्रकरणों में विधि संगत न्‍यायालयीन प्रक्रिया के तहत प्रकरणों का निराकरण किया गया। प्रकरणों में निराकृत आदेश की नियमानुसार प्रतियां आर.सी.एम.एस. पोर्टल पर डिजिटल साईन से अपलोड की गई है। (ग) जी हाँ। कुल 03 वसीयत नामांतरण पर आपत्तियाँ प्राप्‍त हुई है। आपत्तियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।

ग्रेनाइट पत्‍थर उत्‍खनन की स्‍वीकृति

[खनिज साधन]

20. ( क्र. 240 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या डी.जी. मिनरल्स कम्पनी लवकुश नगर को ग्रेनाइट पत्थर उत्खनन की स्वीकृत शासन के नियम व निर्देशों के तहत की गयी थी? यदि हाँ, तो नियम व निर्देशों की प्रति तथा स्वीकृत दिनांक की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या उक्त कम्पनी संचालक द्वारा नियम व निर्देशों का पालन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्‍या कम्पनी नगर की बीच बस्ती में संचालित है तथा स्वीकृत क्षेत्र के बाहर पत्थर खोदा जा रहा है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) यदि हाँ, तो जिला खनिज अधिकारी द्वारा कार्यवाही की गयी है? यदि हाँ, तो कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो क्यों कारण बतायें। (घ) विगत दिनों कम्पनी की दीवाल गिरने से आर.के. महाविद्यालय के दो विद्यार्थियों की मृत्यु तथा कुछ विद्यार्थी घायल हुये थे तथा इसके पूर्व भी जन हानि की सूचनाएं प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो शासन कम्पनी संचालक व निरीक्षणकर्ता अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की गयी है? यदि हाँ, तो कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो कारण बतायें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 अधिसूचित है। डी.जी. मिनरल्‍स कंपनी को शासन के आदेश दिनांक 21/04/2022 से स्‍वीकृत किया गया है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। कंपनी द्वारा नगर के बीच बस्‍ती में खदान संचालित नहीं है, बल्कि नगर के बाहर एक छोर में बस्‍ती से निर्धारित दूरी छोड़कर खदान संचालित की जा रही है। खदान में पत्‍थर उत्‍खनन स्‍वीकृत क्षेत्र के अंदर किया जा रहा है। (ग) कंपनी संचालक द्वारा नियम व निर्देशों का पालन किये जाने एवं स्‍वीकृत क्षेत्रान्‍तर्गत खनन कार्य संपादित करने से कंपनी पर कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। दिनांक 28/03/2022 की घटना को संज्ञान में लेते हुए थाना लवकुश नगर में अपराध क्रमांक 123/2022 धारा 304 ए ता. हि. का प्रकरण दर्ज किया गया है। विवेचना में दीवार निर्माण करने वाले ठेकेदार इकबाल मोहम्‍मद निवासी लवकुश नगर, आर. के. कॉलेज प्रबंधन समिति के प्रमुख श्री योगेन्‍द्र खरे व श्री रजनीश सोनी एवं डी.जी. मिनरल्‍स प्रायवेट लिमिटेड के प्रमुख श्री मुकेश मीना को जिम्‍मेदार मानते हुए अपराध में नामजद किया गया है। मामले में विवेचना जारी है। चालानी कार्यवाही होना शेष है। इस घटना के अतिरिक्‍त ग्रेनाईट खदान में उत्‍खनन के दौरान पूर्व में अन्‍य कोई भी जन हानि या किसी के घायल होने की सूचना थाना ईकाई में पंजीकृत नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

कोरोना काल में अनियमितता

[राजस्व]

21. ( क्र. 246 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन में वैश्विक महामारी कोरोना में कितने पीडि़तों ने इलाज या मृत्यु होने पर राहत राशि मुआवजे के लिए आवेदन प्रस्तुत किये, कितने पीडि़तों को इलाज के लिए किस-किस मद में राशि दी गयी? (ख) प्रश्‍नांश (क) संदर्भित कितने पीडि़तों को किस कारण से मुवावजा राशि नहीं दी गयी? (ग) कोरोना पीड़ित की मृत्यु होने पर राहत राशि मुआवजा राशि प्राप्त करने के क्या नियम प्रावधान थे, रतलाम मंदसौर जिले में ऐसे कितने आवेदन लंबित है जिनमें समस्त शासन द्वारा चाही गयी जानकारी होने के बावजूद भी पीड़ित परिवारों को मुवावजा नहीं दिया गया? (घ) उज्जैन संभाग में कोरोना अवधि (1 जनवरी 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक) में खरीदी आदि अनियमितता करने के मामले में जिला कलेक्टरों द्वारा क्या-क्या सम्बन्धित के खिलाफ कार्यवाही की गयी नाम सहित जांच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध कराये?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) उज्जैन जिले अन्तर्गत कुल 1599 मृतकों के वैध वारिसानों द्वारा अनुग्रह राशि हेतु आवेदन प्रस्तुत किये। कोविड-19 संक्रमण से मृत्यु होने पर विभाग द्वारा अनुग्रह राशि प्रदाय किये जाने के निर्देश है, ईलाज के लिये राशि प्रदाय किये जाने का प्रावधान नहीं है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट–'''' अनुसार है। (ग) कोरोना पीडि़त की मृत्यु होने पर मुआवजा राशि प्राप्त करने के दिशा-निर्देशों की  प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट–'''' अनुसार है। रतलाम एवं जिला मंदसौर में अनुग्रह राशि हेतु पात्र पीड़ित परिवारों के आवेदन लंबित नहीं है। (घ) उज्जैन संभाग में कोरोना अवधि (1 जनवरी 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक) में खरीदी आदि अनियमितता के संबंध में कोई मामला नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है।

अवैध उत्खनन की जानकारी

[खनिज साधन]

22. ( क्र. 248 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में 1 जनवरी 2018 के पश्चात अवैध उत्खनन के कितने मामले, कहाँ-कहाँ, दर्ज किये गये? इसमें कौन-कौन सा खनिज कितनी-कितनी मात्रा में जप्त किया गया तथा किस कारण से कितना वापस छोड़ा गया, कितना खनन माफिया जबरन छुड़ा ले गये? समस्त जानकारी देवें। (ख) वर्तमान में उक्त संभाग में किस-किस सामग्री के कितने-कितने ठेके किसकिस कम्पनी/व्यक्ति के नाम से हैं जिनकी कितनी-कितनी मात्रा में खनन की स्वीकृति है? विभाग इसकी निगरानी किस तरह करता है? समस्त जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) संदर्भित खदानों की निगरानी विभाग किस तरह करता है? ठेकेदारों द्वारा स्वीकृत खनन से अधिक खनन के कितने मामले उक्त संभागों में, उक्त अवधि में, कहाँ-कहाँ सामने आये? उनके विरुद्ध क्या-क्या कार्यवाही विभाग द्वारा की गयी? कितनी कार्यवाही अभी भी प्रचलन में है? समस्त जानकारी देवें। (घ) खनिज विभाग के अधिकारी कर्मचारियों के विरुद्ध उक्त अवधि में, उक्त संभागों में, जांच एजेंसियों/विभाग द्वारा की गयी कार्यवाही का विवरण देवें तथा प्रतिवेदन की प्रतिलिपि देते हुए प्रकरण की वर्तमान स्थिति से अवगत करायें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित संभाग के जिलों में प्रश्‍नाधीन अवधि में दर्ज अवैध उत्‍खनन के प्रकरणों तथा उनमें जप्‍त की गई खनिज की मात्रा का विवरण पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ में दर्शित है। जप्‍तशुदा खनिज अर्थदण्‍ड राशि जमा होने पर छोड़ा गया परंतु खनिज माफिया द्वारा जबरन छुड़ा कर खनिज ले जाने संबंधी कोई स्थिति प्रकाश में नहीं आयी है। (ख) प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित संभाग के जिलो उज्‍जैन, रतलाम, आगर-मालवा, शाजापुर, मंदसौर तथा नीमच में कोई भी खनिज ठेके पर स्‍वीकृत नहीं किया गया है। देवास जिले में रेत खनिज का ठेका मेसर्स परम एजेन्‍सीस भोपाल के पक्ष में स्‍वीकृत किया गया है, उक्‍त ठेके में खनन हेतु स्‍वीकृत खनिज मात्रा का विवरण  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब  अनुसार है। विभागीय अधिकारियों के साथ ही राजस्‍व एवं पुलिस विभाग द्वारा इसकी निगरानी नियमित निरीक्षण तथा औचक निरीक्षण कर की जा रही है। (ग) प्रश्‍नांश अनुसार विभाग द्वारा विभागीय अमले से खदानों का सामयिक निरीक्षण कराता है तथा औचक निरीक्षण हेतु दल गठित कर कार्यवाही कराया जाता है। संभाग के किसी भी जिले में ठेकेदारों द्वारा खनिज खनन हेतु स्‍वीकृत मात्रा से अधिक मात्रा में खनन किये जाने का कोई प्रकरण प्रश्‍नाधीन अवधि में नहीं पाया गया, अत: प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) संभाग में प्रश्‍नाधीन अवधि में विभाग के किसी भी अधिकारी, कर्मचारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई। प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

राजस्व अधिकारी/कर्मचारियों के विरुद्ध जांच

[राजस्व]

23. ( क्र. 249 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2018 के पश्चात राजस्व विभाग में पदस्थ राजस्व अधिकारी, संयुक्त कलेक्टर, ADM, SDM/SDO, अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक,पटवारी सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी के विरुद्ध भ्रष्टाचार, ट्रेप अपराधिक प्रकरणों के अपराध क्रमांक, दिनांक, धारा सहित अपराध का विवरण देते हुए समस्त जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश '''' संदर्भित उक्त सभी अधिकारी कर्मचारी के विरुद्ध प्रचलित विभागीय कार्यवाही का विवरण, प्राप्त प्रतिवेदन का विवरण देवें। (ग) प्रश्‍नांश '''', '''' संदर्भित उक्त अवधि में किस-किस अधिकारी कर्मचारी के विरुद्ध विभागीय जाँच नस्तीबद्ध/समाप्त की गयी है? आदेश की प्रतिलिपि देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरणों में संबंधित न्‍यायालयों में विशेष पुलिस स्‍थापना लोकायुक्‍त/जांच एजेंसी द्वारा कार्यवाही की जाती है।

पृथक अनुविभागीय अधिकारी राजस्व न्यायालय की स्थापना

[राजस्व]

24. ( क्र. 256 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                  (क) क्या विगत तीन माह पूर्व विकासखण्ड सिरमौर में आयोजित कार्यक्रम में माननीय मुख्यमंत्री महोदय के द्वारा तहसील जवा में पृथक अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय (एस.डी.एम. कोर्ट) को स्थापित कर डभौरा एवं अतरैला में उप-तहसील कार्यालय संचालित कराने संबंधी घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो उक्त घोषणा के अनुक्रम में क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुक्रम में उक्त घोषित पृथक अनुविभागीय राजस्व न्यायालय (एस.डी.एम. कोर्ट) के संचालन एवं डभौरा तथा अतरैला में नियमित रुप से उप-तहसील कार्यालय संचालित करने के संबंध में क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई है? विभाग के द्वारा जवा में पृथक अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय (एस.डी.एम. कोर्ट) कब से प्रारंभ किया जा सकेगा? क्या उप तहसील कार्यालय डभौरा एवं अतरैला में नियमित स्टाफ की पदस्थापना एवं नियमित कार्यालय संचालन की व्यवस्था की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) माननीय मुख्‍यमंत्री कार्यालय द्वारा दिनांक 30 मई 2022 को प्रेषित नोटशीट के माध्‍यम से सिरमौर में आयोजित कार्यक्रम में तहसील जवा में अनुविभाग कार्यालय स्‍थापित किए जाने की घोषणा की जाने की आधिकारिक सूचना प्राप्‍त हुई। जिसके क्रम में जवा में पृथक अनुविभाग बनाए जाने के संबंध में कलेक्‍टर रीवा से प्रस्‍ताव प्राप्‍त करने की कार्रवाई प्रचलित है। (ख) जवा में अनुविभाग कार्यालय गठन संबंधी घोषणा के क्रम में कलेक्‍टर रीवा से विधिवत प्रस्‍ताव प्राप्‍त करने की कार्रवाई प्रचलित है। कलेक्‍टर रीवा से प्रस्‍ताव प्राप्‍त होने परघोषणा के अनुरूप नियमनुसार कार्रवाई की जाना प्रस्‍तावित हैं।

योजना का लाभ दिया जाना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

25. ( क्र. 266 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                         (क) दमोह जिले की विधानसभा क्षेत्र दमोह अंतर्गत कितने बुजुर्ग राशनकार्ड धारक हैं जिनके अंगूठे के निशान के बॉयोमेट्रिक मशीन से मैच न होने के कारण राशन नहीं मिल रहा है? (ख) क्या ऐसे मामलों में परिवार से बाहर के व्यक्ति को नामांकित करने का नियम है? (ग) यदि हाँ, तो क्या सरकार बुजुर्ग राशनकार्ड धारकों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए अंगूठे के निशान के बॉयोमेट्रिक मशीन से मैच न होने की स्थिति में ओ.टी.पी., आई स्केनर या आधार कार्ड की कापी से राशन देने का प्रावधान करेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) दमोह जिले में राष्‍ट्रीय खाद्य सुर‍क्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र हितग्राहियों में से बुजुर्ग हितग्राहियों के अंगूठे की रेखाएं घिसने-सिकुड़ने से पी.ओ.एस. मशीन पर बॉयोमेट्रिक सत्‍यापन विफल होने के कारण राशन प्राप्‍त करने से कोई हितग्राही वंचित नहीं है। (ख) जी हाँ। बॉयोमेट्रिक सत्‍यापन सफल न होने वाले हितग्राहियों को नॉमिनी के माध्‍यम से राशन वितरण का प्रावधान है। (ग) राष्‍ट्रीय खाद्य सुर‍क्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों में से परिवार के किसी भी सदस्‍य द्वारा पी.ओ.एस. मशीन पर बॉयोमेट्रिक सत्‍यापन के आधार पर राशन प्राप्‍त किया जा सकता है। हितग्राही की एक अंगुली/ अंगूठा की रेखाओं से बॉयोमेट्रिक सत्‍यापन सफल न होने पर एक से अधिक अंगुलियों (फ्यूजन फिंगर) के बॉयोमेट्रिक सत्‍यापन किया जाता है। साथ ही, बॉयोमेट्रिक सत्‍यापन न होने पर आधार नंबर से लिंक मोबाइल नंबर पर ओ.टी.पी. अथवा नॉमिनी के माध्‍यम से राशन सामग्री के वितरण की सुविधा उपलब्‍ध कराई गई है। हितग्राही द्वारा आधार पंजीयन केन्‍द्र पर अपने आधार नंबर को अपडेट कराने तथा मोबाइल नंबर लिंक कराने की सुविधा उपलब्‍ध है। किसी भी पात्र हितग्राही को बॉयोमेट्रिक सत्‍यापन सफल न होने के आधार पर राशन से वंचित नहीं किया जा रहा है।

कोटवारों का नियमितीकरण

[राजस्व]

26. ( क्र. 268 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                    (क) प्रदेश के कोटवारों को प्रति माह कितना वेतन तथा कौन-कौन सी अन्य सुविधाएं दी जाती हैं? (ख) क्या वर्तमान में प्रदेश के कोटवारों को दिया जाने वाला वेतन उनके परिवार के भरण पोषण के लिए पर्याप्त है? (ग) क्या प्रदेश के कोटवारों को नियमित चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी घोषित करने और उन्हें कलेक्टर रेट पर वेतन दिए जाने के लिए कार्यवाही करेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) ग्राम कोटवार को मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता-1959 की धारा-231 अनुसार सेवा भूमि या पारिश्रमिक या दोनों का प्रावधान किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट  अनुसार है। इसके अतिरिक्‍त कोटवारों को प्रतिवर्ष वर्दी, जूते, टार्च, बेल्‍ट एवं गरम कोट प्रदाय किये जाते हैं। (ख) कोटवारों को उनकी सेवाओं के लिए सेवाभूमि या पारिश्रमिक या दोनों मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता-1959 के प्रावधानों अनुसार प्रदाय किए जाते हैं। (ग) ऐसा कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है।

परिशिष्ट - "अड़तीस"

गहरी खदानों के अपशिष्‍ट से फसलें एवं जमीनें खराब होना

[खनिज साधन]

27. ( क्र. 295 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खनिज संपदा निकालने हेतु कितने फिट गहराई तक खुदाई का प्रावधान है? (ख) जबलपुर जिले के अंतर्गत गांधी ग्राम से लगे बडखेरा रोड पर आयरन ओर की खदान 300 फीट तक खोदी गई, क्‍या यह सही है या नहीं? (ग) क्‍या खदान से निकल रहा पानी एवं अपशिष्‍ट नाली, नहरों एवं खेतों में बहाया जा रहा है? (घ) क्‍या व्‍यक्तिगत लाभ के लिए फसल, जमीन की उर्वरा शक्ति एवं पर्यावरण को क्षति नहीं हो रही है? यदि हाँ, तो क्‍या शासन कार्यवाही करेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) रेत खनन को छोड़कर शेष खनिज के खनन कार्य हेतु गहराई की कोई सीमा नहीं है। (ख) से (घ) जी नहीं।

ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायतों को अधिकार

[वन]

28. ( क्र. 470 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                              (क) ग्रामसभा और ग्राम पंचायत को पटवारी मानचित्र में दर्ज सामुदायिक भूमियों, किस-किस लघु वनोपज पर क्‍या-क्‍या अधिकार संविधान की 11वीं अनुसूची, पेसा कानून 1996, वन अधिकार कानून 2006, भू-राजस्‍व संहिता 1959 की किस-किस धारा में दिया गया है, इनमें से किस-किस धारा में वन विभाग को क्‍या-क्‍या अधिकार दिए गए है? पृथक-पृथक बतावें। (ख) राज्‍य शासन ने पटवारी मान‍चित्र, निस्‍तार पत्रक, अधिकार अभिलेख में सार्वजनिक एवं निस्‍तारी प्रयोजनों के लिए दर्ज सामुदायिक भूमियों एवं किस-किस लघु वनोपज के अधिकार, नियंत्रण एवं प्रबंधन ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत को सौंपे जाने का किस-किस दिनांक को आदेश या अधिसूचना जारी की है? प्रति सहित बतावें। (ग) पटवारी मान‍चित्र एवं निस्‍तार पत्रक में दर्ज सामुदायिक भूमियों को वन विभाग द्वारा वर्किंग प्‍लान में शामिल कर कब्‍जा किए जाने, लघु वनोपज पर प्रतिबंध लगाकर लघु वनोपज के वन अपराध पंजीबद्ध किए जाने पर संबंधित वन अधिकारियों के विरूद्ध किस-किस कानून की किस-किस धारा के अनुसार कौन-कौन सी कार्यवाही के क्‍या-क्‍या अधिकार वर्तमान में किसे दिए गए है?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न  परिशिष्ट अनुसार है। लघु वनोपजों में तेन्दूपत्ता विनिर्दिष्ट वनोपज घोषित होने से इसके विपणन की कार्यवाही म.प्र. राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा की जाती है। (ख) प्रश्‍नांश से संबंधित राज्य शासन द्वारा कोई विशिष्ट आदेश जारी नहीं किये गये है। (ग) वन विभाग द्वारा वर्किंग प्लान में अधिसूचित वन भूमियों को शामिल किया जाता है, जिसके प्रबंधन एवं नियंत्रण का अधिकार वन अधिकारियों को प्राप्त है, अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "उनतालीस"

गौण खनिज पर ग्राम पंचायतों को छूट

[खनिज साधन]

29. ( क्र. 471 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पंचायतों द्वारा किए जाने वाले निर्माण कार्यों और ग्रामीण विकास से संबंधित जिला पंचायत द्वारा नियंत्रित मदों से स्‍वीकृत किए गए कार्यों में लगने वाले गौण खनिज से संबंधित क्‍या-क्‍या छूट म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 एवं म.प्र. रेत नियम 2019 में दी गई है, इस छूट में ग्राम पंचायतों और जनपद पंचायतों को क्‍या-क्‍या अधिकार दिए गए है? (ख) गत दो वर्षों में मण्‍डला, डिण्‍डोरी एवं बैतूल जिले में किस-किस ग्राम पंचायत एवं किस-किस एजेन्‍सी ने ग्रामीण विकास के कितने कार्यों में कितना गौण खनिज किस दर पर क्रय किया? कितने गौण खनिज के परिवहन पर कितनी राशि खर्च की? कितने गौण खनिज की कितनी रॉयल्‍टी का सप्‍लायर को या खनिज विभाग को भुगतान किया गया? (ग) राजपत्र में अधिसूचित छूट से संबंधित नियमों का पालन नहीं किए जाने का क्‍या-क्‍या कारण रहा है? राज्‍य शासन ने नियमों में दी गई छूट का लाभ सुनिश्चित किए जाने के संबंध में किस-किस दिनांक को पत्र परिपत्र, आदेश, निर्देश जारी किए? प्रति सहित बतावें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 3 में ग्राम पंचायतों, जनपद पंचायतों, जिला पंचायतों द्वारा किये जाने वाले निर्माण कार्यों के संबंध में छूट से संबंधित निम्‍नानुसार प्रावधान हैं:- ''नियम-3 (छूट) - ग्राम पंचायतों, जनपद पंचायतों, जिला पंचायतों तथा उपभोक्‍ता संस्‍थाओं द्वारा सार्वजनिक कार्यों के लिये संबंधित पंचायतों तथा जल उपभोक्‍ता संस्‍थाओं द्वारा हाथ में लिये गये कार्यों के लिए शासकीय भूमि से निकाले गये गौण खनिज के लिए लागू नहीं होगी। (तथापि शासकीय विभागों को नियम 10 के उप-नियम (3) में निहित राजस्‍व प्राप्ति शीर्ष के अधीन रॉयल्‍टी जमा करना होगी)''। मध्‍यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण तथा व्‍यापार) नियम, 2019 के नियम 4 (1) में पंचायतों के संबंध में छूट से संबंधित निम्‍नानुसार प्रावधान हैं:- ''नियम 4 (1) (छूट) - पंचायत/नगरीय निकाय द्वारा शुरू की गई शासकीय योजना या अन्‍य लाभप्रद कार्यों (स्‍वच्‍छ भारत अधियान, प्रधानमंत्री आवास योजना आदि) के लिए निकटतम स्‍वीकृत रेत खदान से रॉयल्‍टी का भुगतान करने के उपरांत ही रेत प्राप्‍त की जा सकेगी। पंचायत/नगरीय निकाय द्वारा जमा की गई रॉयल्‍टी की संपूर्ण रकम, लदान (लोडिंग) एवं परिवहन छोड़कर, की वापसी आवश्‍यक जांच एवं प्रमाणीकरण के आधार पर की जाएगी परंतु पंचायत/नगरीय निकाय के लिए कार्य ठेकेदार द्वारा किए जाते हैं, तो उपरोक्‍त जमा रॉयल्‍टी वापस नहीं की जाएगी।'' (ख) ग्राम पंचायत द्वारा खनिजों का क्रय तथा परिवहन व्‍यय की जानकारी का संधारण किया जाना मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में प्रावधानित नहीं है। ग्राम पंचायतों द्वारा रॉयल्‍टी का भुगतान किये जाने का प्रावधान नहीं है। अत: प्रश्‍नांश की जानकारी का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 3 में प्रावधानित छूट अधिसूचित है। अधिसूचित नियमों के संबंध में पृथक से निर्देश जारी किया जाना आवश्‍यक नहीं है, अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

वन ग्रामों की जानकारी

[वन]

30. ( क्र. 472 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                              (क) क्‍या राज्‍य के 925 वनग्रामों के संबंध में विस्‍तृत जानकारी प्रश्‍न क्रमांक 2175 दिनांक 7.3.2017 एवं प्रश्‍न क्रमांक 3248 दिनांक 8.3.2017 में पटल पर प्रस्‍तुत करने के बाद भी ग्रामों के पटवारी मानचित्र एवं खसरा पंजी आदि बनाने के लिए पटवारियों की पदस्‍थापना बाबत् वन विभाग ने राज्‍य शासन को पत्र लिखा है? (ख) 925 वनग्रामों में किस ग्राम का पटवारी मानचित्र खसरा पंजी राज्‍य शासन के आदेश दिनांक 28.02.1980 के तहत बनाए गए? (ग) किस ग्राम को किस अधिसूचना क्रमांक दिनांक से किस कानून की किस धारा के तहत अधिसूचित आरक्षित वन/संरक्षित वन कक्ष में कब बसाया गया, उसमें से किस-किस अधिसूचना की प्रति वन विभाग के पास उपलब्‍ध है? प्रति सहित बतावें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

राजस्‍व ग्राम को वन ग्राम घोषित करना

[वन]

31. ( क्र. 473 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) खंडवा वनवृत्‍त के किस-किस राजस्‍व ग्राम को किस अधिसूचना क्रमांक या आदेश दिनांक से वनग्राम घोषित किया? किस वनग्राम को किस अधिसूचना क्रमांक या आदेश दिनांक से वीरान ग्राम घोषित किया? राजस्‍व ग्राम को वन ग्राम एवं वीरान ग्राम घोषित करने का क्‍या-क्‍या अधिकार या छूट वन विभाग को किस कानून की किस धारा में दी है? (ख) खंडवा वनवृत्‍त में प्रतिवेदित किस-किस वनग्राम की भूमि से संबंधित कौन-कौन सी मिसल बंदोबस्‍त, खसरा पंजी, खतौनी पंजी, पटवारी मानचित्र वनमंडलों में उपलब्‍ध है? किस ग्राम की किस वर्ष की खसरा पंजी खतौनी पंजी भू-पोर्टल पर उपलब्‍ध है? इनमें किस ग्राम में कितनी निजी भूमि, कितनी आबादी मद की भूमि कितनी निस्‍तार मद और जंगल मद की भूमि दर्ज है?                                                     (ग) खंडवा वनवृत्‍त में प्रतिवेदित किस वनग्राम की कितनी निजी भूमि, कितनी आबाद मद की भूमि, कितनी निस्‍तार मद एवं जंगल मद की भूमि को मध्‍य भारत वन विधान 1950 की धारा 20 के अनुसार राजपत्र में किस दिनांक को आरक्षित वन अधिसूचित किया? इन भूमियों से संबंधित धारा 4 की अधिसूचना किस दिनांक को प्रकाशित की गई धारा 5 से 19 तक की जांच किस प्रकरण में कर किस दिनांक को आदेश दिए गए? धारा 4 की अधिसूचना एवं आदेश की प्रति सहित बतावें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वनवृत्त खण्डवा अंतर्गत वनमंडल खण्डवा, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वाह, बडवानी एवं सेंधवा में किसी भी राजस्व ग्राम को वनग्राम अथवा वीरान घोषित नहीं किया गया है। राजस्व ग्रामों को वनग्राम एवं वीरान ग्राम घोषित करने का वन विभाग के पास कोई अधिकार/कानून नहीं है।   (ख) वनवृत्त खण्डवा अंतर्गत वनमंडल खण्डवा, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वाह, बडवानी एवं सेंधवा के कुल 225 वनग्रामों के खसरा पंजी, मानचित्र, खसरा-खतौनी, अभिलेख, राजस्व अभिलेखागार एवं वनमंडल कार्यालय में उपलब्ध हैं। वनग्रामों में स्थित निजी भूमि, आबादी भूमि, निस्तार मद एवं जंगल मद की वनभूमियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वन वृत्त खण्डवा के अंतर्गत मध्य भारत विधान 1950 की धारा-20 के अनुसार राजपत्र दिनांक 21.10.1954 में वनमण्डल खरगोन के 58 वनग्राम, बड़वाह के 09, बड़वानी के 45 वनग्राम तथा सेंधवा के 25 वनग्राम इस प्रकार कुल 137 वनग्रामों को पुनः आरक्षित वनभूमि के रूप में अधिसूचित की गई है। खण्डवा वनवृत्त के वनग्राम पूर्व से ही धारा-20 में आरक्षित वन के रूप में घोषित होने से धारा-5 से 19 तक की कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

 

जल संसाधन विभाग की स्‍वीकृत योजनाएं

[जल संसाधन]

32. ( क्र. 528 ) श्री उमंग सिंघार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) क्‍या धार जिले की गंधवानी विधानसभा में जल संसाधन विभाग द्वारा निर्माण कार्य स्‍वीकृत किये गये हैं? यदि हाँ, तो गंधवानी, बाग एवं तिरला विकासखण्‍ड में कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी लागत राशि के कब-कब स्‍वीकृत किये गये हैं? विकासखण्‍ड, कार्यवार एवं राशिवार सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) प्रश्‍नांकित (क) यदि हाँ, तो स्‍वीकृत कार्यों की प्रश्‍न दिनांक तक निविदा जारी कर टेण्‍डर प्रक्रिया क्‍यों नहीं की गई है? इसका जिम्‍मेदार कौन है तथा कब तक निविदा जारी कर टेण्‍डर प्रक्रिया कर दी जायेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार है। गंधवानी बाग एवं तिरला विकासखण्‍ड में स्‍वीकृत 05 परियोजनाओं में से 02 परियोजनाओं की निविदा स्‍वीकृत की जा चुकी है। 02 परियोजनाओं की निविदा की कार्यवाही प्रचलन में है। शेष 01 परियोजना से प्रभावित होने वाली वनभूमि व्‍यपवर्तन की अनुमति के अभाव में निविदा की कार्यवाही नहीं की जा सकी है। अत: किसी अधिकारी के जिम्‍मेदार होने की स्थिति नहीं है। निविदा जारी कर टेण्‍डर प्रक्रिया करने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "चालीस"

प्राप्‍त राशि का उपयोग

[वन]

33. ( क्र. 557 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) वित्‍तीय वर्ष 2021-22 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में रायसेन जिले में विभाग को किस-किस योजना में कब-कब शासन से कितनी-कितनी राशि प्राप्‍त हुई? (ख) उक्‍त प्राप्‍त राशि में से क्‍या-क्‍या, कितनी-कितनी राशि के किसकी अनुशंसा पर कहाँ-कहाँ कार्य स्‍वीकृत किये गये?                  (ग) वित्‍तीय वर्ष 2020-21 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में माननीय मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र कब प्राप्‍त हुए तथा उन पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्‍नांश (ग) में प्राप्‍त पत्रों में उल्‍लेखित किन-किन समस्‍याओं का निराकरण नहीं हुआ तथा क्‍यों? इसके लिए कौन-कौन दोषी है तथा उल्‍लेखित समस्‍याओं का निराकरण कब तक होगा?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है।      (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (घ) वित्‍तीय वर्ष 2020-21 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में माननीय वन मंत्री जी एवं विधायकों के 44 पत्र प्राप्‍त हुये, जिसमें से 34 पत्रों का निराकरण किया गया है तथा उत्‍तरांश '''' के  परिशिष्‍ट  में लिखे कारणों से 10 पत्रों के निराकरण की कार्यवाही जारी है, जिनका निराकरण शीघ्र किया जावेगा। इसके लिये कोई दोषी नहीं है।

 

किसान सम्‍मान निधि

[राजस्व]

34. ( क्र. 558 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) 25 जून, 2022 की स्थिति में रायसेन जिले में कितने किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि की राशि मिल रही है? तहसीलवार संख्‍या बतायें। (ख) 25 जून, 2022 की स्थिति में रायसेन जिले में कितने किसानों को मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजना की राशि मिल रही है? तहसीलवार संख्‍या बतायें। (ग) रायेसन जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि प्राप्‍त करने वाले कितने किसानों को मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजना की राशि नहीं मिल रही है तथा इस हेतु विभाग के अधिकारियों ने क्‍या-क्‍या कार्यवाही की? (घ) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संबंध में जिला कार्यालय रायसेन को 1 जनवरी, 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में रायसेन जिले के किन-किन सांसद तथा विधायकों के पत्र प्राप्‍त हुए तथा उन पर क्‍या कार्यवाही की गई?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) 25 जून, 2022 की स्थिति में रायसेन जिले में 161065 किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि की राशि मिल रही है। जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट -1 अनुसार है। (ख) 25 जून 2022 की स्थिति में रायसेन जिले में 159225 किसानों को मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजना की राशि मिल रही है। जानकारी संलग्न  परिशिष्‍ट -2 अनुसार है। (ग) प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि की राशि प्राप्‍त करने वाला प्रत्‍येक हितग्राही मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजना की राशि प्राप्‍त करने हेतु पात्र होता है। सत्‍यापन की प्रक्रिया पूर्ण होते ही राशि हितग्राही के खाते में अंतरित कर दी जाती है। (घ) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संबंध में जिला कार्यालय रायसेन को 01 जनवरी, 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में माननीय प्रभारी मंत्री जिला रायसेन, माननीय मंत्री लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण विभाग मध्‍यप्रदेश शासन एवं माननीय विधायक विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 143 सिलवानी के पत्र प्राप्‍त हुए है। प्राप्‍त पत्रों पर नियमानुसार कार्यवाही हेतु संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) एवं तहसीलदारों को निर्देशित किया गया है।

परिशिष्ट - "इकतालीस"

दोषियों के विरूद्ध अनुशासनात्‍मक कार्यवाही

[राजस्व]

35. ( क्र. 571 ) श्री योगेन्‍द्र सिंह (बाबा) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय कर्म. गृह निर्माण सहकारी संस्‍था मर्यादित, तलैनी, सारंगपुर राजगढ़ के सम्‍बंध में प्रमुख सचिव राजस्‍व को प्रदान किये गये पत्र क्रमांक-561, दिनांक 30.05.2022 तथा समिति के सदस्‍यों के अभ्‍यावेदन के बिन्‍दु क्रमांक-1 से 5 तक बिन्‍दुवार जांच करवाते हुए स्‍वीकृत नक्‍शे के अनुसार सीमांकन नहीं करने पर अनुशासनात्‍मक कार्यवाही की जाएगी तथा तत्‍कालीन सरपंच द्वारा अपने नाबालिक पुत्रों को आवासीय पट्टे प्रदान करने तथा पट्टों पर क्षेत्रफल, चतु:सीमा, क्र., दिनांक का उल्‍लेख नहीं होने पर क्‍या पट्टे निरस्‍त किये गये हैं? (ख) प्रश्‍न क्रमांक-470 दिनांक 10.03.2022 को एवं मुख्‍यमंत्री मेनिट के अभ्‍यावेदन के बिन्‍दुवार जांच कब करवाई गई तथा जांच प्रतिवेदन से अवगत कराया जाएगा? स्‍वीकृत नक्‍शे के अनुसार जांच करने पर पाये गये आवास अतिक्रमण क्‍यों नहीं हटाया गया तथा पुन: दूसरी बार जांच 29.03.2022 को मनमानी करते हुए टी. एण्‍ड सी. पी. के स्‍वीकृत नक्‍शे के अनुसार नहीं करने पर दोषियों को निलंबित किया जायेगा? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार राजस्‍व निरीक्षक द्वारा दोनों बार जांच में बनाये गये पंचनामा तथा जांच रिपोर्ट प्रदान की जाएगी तथा स्‍वीकृत नक्‍शे के अनुसार गुमराहपूर्वक जांच रिपोर्ट तैयार करने वाले अधिकारियों को निलम्बित करते हुए, अतिक्रमण हटाया जायेगा तथा निष्‍पक्ष जांच कराई जायेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) शासकीय कर्म. गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित, तलेनी, सारंगपुर जिला राजगढ़ के संबंध में समिति के सदस्यों के अभ्यावेदन के बिंदु क्रमांक (1) से (5) की जांच प्रचलित है। जांच प्रतिवेदन अनुसार कार्यवाही प्रावधानित है। तत्कालीन सरपंच द्वारा अपने नाबालिग पुत्रों को आवासीय पट्टा प्रदान करने के संबंध में न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी सारंगपुर में प्रकरण क्रमांक 41/बी-121/2022-23 (विविध) दर्ज कर कार्यवाही प्रचलित है। (ख) मुख्यमंत्री कार्यालय भोपाल का पत्र क्रमांक 6090/CMS/PUB/2022 भोपाल, दिनांक 08/04/2022 तहसीलदार सारंगपुर को जांच हेतु प्रेषित किया गया। प्रथम बार राजस्व निरीक्षक व दल द्वारा दिनांक 24/02/2022 को आवेदक की उपस्थिति में मौका जांच की गई जिसके प्रतिवेदन व पंचनामे में अतिक्रमण का उल्लेख नहीं है एवं दिनांक 29/03/2022 को राजस्व निरीक्षक व दल द्वारा आवेदक की उपस्थिति में सीमांकन किया गया जिसमें कोई अतिक्रमण नहीं पाया गया। शेष जानकारी उपरोक्त (क) अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश '''' के अनुसार राजस्व निरीक्षक द्वारा दोनों बार जांच में बनाए गए पंचनामा तथा जांच रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट   अनुसार है। शेष जानकारी उपरोक्त (क) अनुसार है।

किसान क्रेडिट कार्ड की जानकारी

[राजस्व]

36. ( क्र. 613 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                           (क) विधानसभा क्षेत्र में सिहावल सहित सीधी एवं सिंगरौली जिले में प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितने कृषि भूमिधारक किसान हैं? (ख) उपरोक्‍त में से कितने किसानों के पास बैंकों द्वारा जारी किसान क्रेडिट कार्ड हैं तथा कितने किसान फसल बीमा से जुड़े हैं? (ग) क्‍या सरकार की जानकारी में है कि जिन किसानों के पास बैंकों द्वारा जारी किसान क्रेडिट कार्ड नहीं हैं उन्‍हें निजी साहूकारों से कर्ज लेने के लिए मजबूर होना पड़ता है? (घ) यदि हाँ, तो क्‍या सरकार सभी किसानों को समय-सीमा में किसान क्रेडिट कार्ड के दायरे में लाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित करेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) सिहावल विधानसभा क्षेत्र सहित सीधी जिले में कुल 166520 एवं सिंगरौली जिले में कुल 269794 कृषि भूमि धारक किसान है। (ख) सीधी जिले में बैंकों द्वारा जारी किये गये किसान क्रेडिट कार्ड की संख्या 29080 एवं सिंगरौली जिले में 59351 है तथा सीधी जिले में खरीफ 2021 में 2525 एवं रबी 2021-22 में 2945 किसान  फसल बीमा  से जुड़े है एवं सिंगरौली जिले में 4876 किसान बीमा से जुड़े हुये है। (ग) जी नहीं। सीधी एवं सिंगरौली जिले में ऐसा कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं है। (घ) उत्‍तरांश (ग) के प्रकाश में, प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

विभागीय भूमियों की जानकारी

[वन]

37. ( क्र. 631 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                 (क) रतलाम जिला अंतर्गत किन-किन स्थानों पर कितनी-कितनी शासन/विभाग की वन भूमि स्थित है? क्षेत्रफल सहित बताएं। (ख) साथ ही विकासखंडवार किन-किन स्थानों पर कितनी-कितनी भूमियां हैं? जानकारी देकर स्पष्ट करें कि उन भूमियों पर किस-किस प्रकार के कार्य किए जा रहे हैं? कितने भूमियों का उपयोग होकर कितनी भूमियां रिक्त पड़ी हैं अथवा स्थाई या अस्थाई प्रकार का अतिक्रमण, अवैध कब्जा है? स्पष्ट जानकारी दें? (ग) बताएं कि वर्ष 2018-19 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक विभाग की भूमियों पर किस-किस प्रकार के कार्य किए जाते रहे हैं? विकासखंडवार, ग्रामवार किए गए कार्यवार स्वीकृत बजट एवं व्यय राशि सहित कार्यों की पूर्णता, अपूर्णता की जानकारी दें। (घ) बताएं कि वर्ष 2018-19 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक उपरोक्तानुसार उपरोक्त उल्लेखित भूमियों पर किए गए कार्यों के उल्लेखनीय कार्य क्या होकर, उससे क्या लाभ हुआ तथा विगत समय में किस-किस स्थान पर नवीन योजनाएं बनाकर भूमियों का संरक्षण व उपयोग किया जाना सुनिश्चित हुआ?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) भारतीय वन अधिनियम, 1927 में अधिसूचित वन भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) वन विभाग द्वारा वन परिक्षेत्रों में वन कक्षों के अंतर्गत कार्य किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (घ) रतलाम वनमंडल में विगत समय में कराये गये विभिन्न वानिकी कार्यों के फलस्वरूप इंडिया स्टेट ऑफ फारेस्ट रिपोर्ट 2019 एवं 2021 के तुलनात्मक विश्लेषण में रतलाम जिले के अंतर्गत 15.31 वर्ग कि.मी. वन आवरण की वृद्धि हुई। पर्यावरणीय लाभ के साथ स्थानीय समुदायों को रोजगार, चारा, जलाऊ एवं लघु वनोपज की प्राप्ति हुई। योजना बनाकर विगत समय में भूमि संरक्षण एवं वृक्षारोपण कार्य का स्थलवार विवरण उत्‍तरांश '' के पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 अनुसार है।

राजस्व भूमियों के संबंध में

[राजस्व]

38. ( क्र. 632 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                             (क) क्या जावरा नगर फोरलेन सड़क स्थित जावरा चौपाटी से लेकर अरनियापीथा मंडी, भेसाना फंटा से आगे ग्राम रूपनगर फंटे तक सड़क के दोनों और अनेक स्थानों पर शासन की राजस्व भूमिया हैं? (ख) यदि हाँ, तो फोरलेन सड़क निर्माण के पूर्व एवं फोरलेन सड़क निर्माण के पश्चात उपरोक्त दोनों स्थलों पर शासन की राजस्व भूमियों पर कब-कब सीमांकन किया गया और किसके द्वारा किया गया? सीमांकन में निर्माण के पूर्व व पश्चात भूमियों की स्थितियां किस प्रकार की रही? (ग) साथ ही बताएं कि विगत वर्षों में अरनिया पीथा मंडी परिसर की बाउंड्रीवाल की चारों दिशाओं से लगी भूमियों पर एवं अरनिया पीथा मंडी के सामने ग्राम अरनिया पीथा एवं ग्राम भैसाना की भूमियों पर तथा हिंगलाज माता मंदिर के पास एवं मंदिर के सामने व औद्योगिक क्षेत्र थाना जावरा के पास व सामने शासन की भूमियों की क्या स्थिति है? (घ) अवगत कराएं कि वर्ष 2021-22 एवं वर्ष 2022 -23 में विभाग द्वारा उक्त समस्त शासकीय भूमियों की जांच हेतु जांच दल गठित किए गए तो जांच दल द्वारा किस-किस दिनांक को किस-किस प्रकार की कार्यवाही करते हुए शासन की भूमि से अवैध कब्जे हटाकर अतिक्रमण मुक्त की गई?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) शासकीय भूमियां होने से सीमांकन नहीं किया। फोरलेन निर्माण के पश्चात बन्नाखेडा भूमि सर्वे नम्बर 185/251 पर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कार्यालय बनाया है। निर्माण पूर्व/पश्चात भूमि सर्वे नं. 226/2 पर बस स्टेण्ड दुकान आदि, सर्वे नम्बर 226/3226/4 पर श्रीराम कालोनी के मकान व दुकानें बनी है। सर्वे नम्बर 240/8 ग्राम रूपनगर, मंगलदास महाराज का आश्रम एवं बालाजी का मंदिर बना है। (ग) अरनियापीथा मण्डी के सामने भूमि सर्वे नम्बर 148/1/1/1 रकबा 5.036 हेक्टेयर भूमि में स्कूल भवन, खेल मैदान, पानी की टंकी (पेयजल), आबादी व खेतों के आने-जाने के रास्ते है। ग्राम भैसाना भूमि सर्वे नम्बर 161/1 रकबा 0.880 हेक्टेयर नोईयत चरागाह व सर्वे नम्बर 164 रकबा 0.430 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण है। हिंगलाज माता मंदिर कस्बा जावरा के सर्वे नम्बर 87 रकबा 3.743 हेक्‍टेयर नोईयत में रास्ता है एवं मंदिर के पास बगीचा भी है। इसी सर्वे नम्बर पर बागरी समाज के श्मशान की भूमि आवंटित है व कुछ भाग पर अतिक्रमण है। औद्योगिक क्षेत्र थाना जावरा के आस-पास व सामने की भूमि खाते की भूमि है। (घ) जी नहीं

राजस्‍व प्रकरणों का निपटारा

[राजस्व]

39. ( क्र. 644 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                              (‍क) सिवनी जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 01 अप्रैल 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने आवेदन सीमांकन, नामांतरण बंटवारे के प्राप्‍त हुये? कितने आवेदनों के संबंध में न्‍यायालय में प्रकरण दर्ज किए गए। उसमें कितने प्रकरण दर्ज करना शेष हैं? (ख) प्राप्‍त आवेदनों में से कितने सीमांकन, नामांतरण बंटवारा समय-सीमा में स्‍वीकृत किये गये? कितने आवेदन अस्‍वीकृत व विचाराधीन हैं? कारण सहित विवरण दें। (ग) कितने सीमांकन, त्रुटि, सुधार, बंटवारा, नामांतरण के प्रकरण राजस्‍व अधिकारी द्वारा समय-सीमा में कार्यवाही नहीं करने के कारण निरस्‍त हुये हैं? आवेदनकर्ता के नाम कारण सहित विवरण दें। (घ) सिवनी जिले में 01 नवम्‍बर से 15 नवम्‍बर 2021 तक शासन द्वारा भू अभिलेख रिकार्ड शुद्धिकरण अभियान के अंतर्गत नक्‍शा संबंधित त्रुटियों में सुधार फोती नामांतरण, भूमि सुधार, खसरा रकबा में सुधार व्‍यपवर्तन डाटा एन्ट्री हेतु कितने आवेदन प्राप्‍त हुये? राजस्‍व अधिकारी द्वारा उसमें कितने प्रकरण का निराकरण कर दिया गया तथा कितने शेष है? नाम सहित विवरण दें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जिला सिवनी अंतर्गत आने वाली सभी तहसीलों में नामांतरण, बंटवारा एवं सीमांकन के प्रकरणों की स्थिति निम्‍नानुसार है:-

मद

न्‍यायालय में कुल 

प्राप्‍त आवेदन

न्‍यायालय में कुल 

दर्ज आवेदन

दर्ज होने से शेष 

आवेदन

1

2

3

4

सीमांकन

17218

17218

0

नामांतरण

69051

69051

0

बंटवारा

11762

11762

0

योग

98031

98031

0

(ख) प्रश्‍नांश '''' अनुसार प्राप्त आवेदन जो समय-सीमा में स्‍वीकृत किये गये एवं अस्‍वीकृत व विचाराधीन है, की जानकारी निम्‍नानुसार है :-

मद

समयसीमा में निराकृत 

आवेदन

समयसीमा में अस्‍वीकृत 

आवेदन

समयसीमा में विचाराधीन 

आवेदन

1

2

3

4

सीमांकन

13406

0

3812

नामांतरण

63801

0

5250

बंटवारा

9885

0

1877

योग

87092

0

10939

सभी आवेदनों का गुणदोषों के आधार पर समय-सीमा में निराकरण किया गया है। (ग) सिवनी जिला अंतर्गत सीमांकन त्रुटि, सुधार, बंटवारा, नामांतरण के प्रकरणों में राजस्व अधिकारियों द्वारा समय-सीमा में कार्यवाही नहीं किये जाने के कारण निरस्‍त हुए आवेदनों की जानकारी निरंक है।                 (घ) जिले में 01 नवम्‍बर से 15 नवम्‍बर 2021 तक शासन द्वारा भू अभिलेख रिकार्ड शुद्धिकरण अभियान के अंतर्गत नक्‍शा संबंधित त्रुटियों में सुधार फौती नामांतरण, भूमि सुधार, खसरा रकबा में सुधार व्‍यपवर्तन डाटा एन्ट्री हेतु आवेदन प्राप्त नहीं हुए है। अभिलेख (रिकार्ड) शुद्धिकरण अभियान के अंतर्गत हल्‍का पटवारियों से नक्‍शा संबंधी त्रुटि, भूमि स्‍वामी एवं भूमि प्रकार सुधार, खसरा नम्‍बर त्रुटि सुधार, रकबा त्रुटि सुधार, व्‍यपवर्तन डाटा एन्‍ट्री न होने संबधी त्रुटियों का खसरा नम्‍बरवार खसरा, नक्‍शा तथा मिसल बंदोबस्‍त खसरा से मिलान कराया जाकर चिन्‍हांकित कराया गया तथा स्‍वप्रेरणा से शासन के निर्देशानुसार खसरा नम्‍बरवार, ग्राम का प्रकरण तैयार कराया जाकर अभिलेख की त्रुटियों और अशुद्धियों का सुधार कराया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता है।

गेहूँ, धान की खरीदी एवं भुगतान

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

40. ( क्र. 645 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                               (क) सिवनी जिले में वर्ष 2018-19 एवं 2020-21 में कितनी मात्रा में गेहूं, धान की खरीदी की गई? मात्रा सहित जानकारी देवें। केन्‍द्र शासन द्वारा कितनी राशि एवं मात्रा की खरीदी की स्‍वीकृति दी गई थी? (ख) क्‍या वर्ष 2020-21 में जो गेहूं खरीदा गया उसे खुले कैम्‍पों में एवं निजी गोदामों में रखा गया, जिससे काफी मात्रा में गेहूं खराब हुआ? (ग) क्‍या वर्ष 2018-19 में केन्‍द्र की स्‍वीकृति से अधिक गेहूं खरीदी का भुगतान देने से केन्‍द्र द्वारा असहमति दी गई? कितनी मात्रा का गेहूं अधिक था? इसका भुगतान कहां से किया गया? (घ) क्‍या रिजर्व बैंक द्वारा तय की गई लिमिट के आधार पर राज्‍य सरकार की गांरटी पर, खाद्य, नागरिक आपूर्ति निगम, राज्‍य विपणन संघ जैसी संस्‍था को दिया गया था? खरीदी एवं भण्‍डारण का कर्ज वर्ष 2021 तक कितना हो गया? इसे प्रदेश सरकार कैसे वापस करेगी? राशि की मात्रा सहित पूर्ण जानकारी दी जावें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) :  (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

वन विभाग द्वारा कराये गये कार्य

[वन]

41. ( क्र. 670 ) श्री अनिल जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नवगठित निवाड़ी जिले के गठन के लगभग तीन वर्ष होने के पश्चात् भी वन मंडल टीकमगढ़ द्वारा निर्माण कार्य हेतु निविदायें निवाड़ी और टीकमगढ़ की संयुक्त रूप से लगाई जाती हैं? यदि हाँ, तो क्यों? निवाड़ी जिले अंतर्गत वन विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों की निविदायें टीकमगढ़ जिले से अलग कब से लगाई जायेगी? (ख) निवाड़ी जिले में कौन-कौन से वनमार्ग हैं तथा उनके निर्माण, मरम्मत कार्य पर वित्तीय वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन स्थानों पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ग) वित्तीय वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक वन समितियों द्वारा जिले में क्या-क्या कार्य कहां करवाये गये तथा उन पर कितनी राशि व्यय हुई? उक्त कार्यों का सत्यापन किन अधिकारियों द्वारा किया गया है? क्या कार्य स्थल पर सूचना पटल लगाया गया है? यदि नहीं, तो क्यों एवं कब तक लगवायेंगे?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। वन मण्‍डल निवाड़ी का गठन राज्‍य शासन के आदेश दिनांक 28 मार्च, 2022 द्वारा किया गया है। वन मण्‍डल निवाड़ी में अमले की पदस्‍थापना एवं कार्यालय प्रारंभ करने की कार्यवाही की जा रही है। पदस्‍थापना एवं कार्यालय प्रारंभ होते ही अलग-अलग निविदाएं जारी की जावेगी। (ख) जानकारी संलग्न  परिशिष्‍ट पर है। (ग) निवाड़ी जिले के अंतर्गत मात्र वित्‍तीय वर्ष 2021-22 में वन परिक्षेत्र निवाड़ी के अंतर्गत भमौरा वन समिति द्वारा भमौरा में सी.पी.टी. मरम्‍मत कार्य कराया गया, जिस पर राशि रूपये 24336/- का व्‍यय हुआ। कार्य का सत्‍यापन वन परिक्षेत्र अधिकारी, निवाड़ी द्वारा किया गया। कार्य स्‍थल पर सूचना पटल लगाया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "बयालीस"

जिला खनिज निधि के उपयोग की नीति

[खनिज साधन]

42. ( क्र. 671 ) श्री अनिल जैन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                           (क) प्रदेश में जिला खनिज निधि की कुल कितनी राशि संग्रहित है? जिलेवार जानकारी देवें।                                           (ख) प्रश्‍नांश (क) में प्रश्‍नगत जिला खनिज निधि कहां संग्रहित होती है एवं वर्तमान में इस निधि का उपयोग हो रहा है अथवा नहीं? इस निधि के उपयोग के लिए वर्तमान में कोई नियम प्रक्रिया है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (ग) क्या नवगठित निवाड़ी जिले के गठन के पश्चात् जिला खनिज निधि का उपयोग निवाड़ी जिले में निर्माण कार्य हेतु किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? यदि जिला खनिज निधि का उपयोग किया गया है तो कौन-कौन से कार्यों में किया गया है? वर्षवार जानकारी देवें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रदेश में जिला खनिज निधि में कुल राशि 5385.97 करोड़ रूपये संग्रहित है। जिसकी जिलेवार जानकारी संलग्न  परिशिष्‍ट  पर है। (ख) जिला खनिज निधि विभाग द्वारा खोले गये बैंक खातों में संग्रहित होती है। इस निधि का उपयोग हो रहा है। जी हाँ, मध्‍यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्‍ठान नियम, 2016 अधिसूचित है। (ग) नवगठित निवाड़ी जिले के गठन के पश्‍चात् जिला खनिज निधि का उपयोग निवाड़ी जिले में निर्माण कार्य हेतु नहीं किया गया है। निवाड़ी जिले का जिला खनिज प्रतिष्‍ठान का बैंक खाता नहीं होने के कारण निवाड़ी जिले की जिला खनिज निधि की राशि टीकमगढ़ के जिला खनिज प्रतिष्‍ठान में संयुक्‍त रूप में एकत्रित हो रही है एवं जिला निवाड़ी की जिला खनिज प्रतिष्‍ठान की राशि टीकमगढ़ के जिला खनिज प्रतिष्‍ठान के खाते में सुरक्षित है। जिला निवाड़ी में बैंक खाता खोलने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "तैंतालीस"

अनुकम्‍पा नियुक्ति दी जाना

[राजस्व]

43. ( क्र. 672 ) श्री अनिल जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                    (क) निवाड़ी जिले अंतर्गत राजस्व विभाग में वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस विभाग के मृतक कर्मचारी के वारिसों को अनुकंपा नियुक्ति दी गई? (ख) निवाड़ी जिले अंतर्गत राजस्व विभाग में स्वीकृत पदों के विरूद्ध आरक्षण रोस्टर अनुसार सहायक वर्ग-दो, सहायक वर्ग-तीन एवं भृत्य के कितने पद भरे हैं एवं कितने पद रिक्त हैं? वर्गवार एवं नामवार जानकारी देवें। (ग) निवाड़ी जिले के अंतर्गत राजस्व विभाग में कितने अनुकंपा नियुक्ति प्रकरण लंबित हैं एवं उक्त प्रकरण कब से लंबित हैं? (घ) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में यदि निवाड़ी जिले अंतर्गत राजस्व विभाग में अनुकंपा नियुक्त के प्रकरण लंबित हैं, तो क्यों एवं कब तक उक्त प्रकरणों का निराकरण कर आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान कर दी जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जिला निवाड़ी में राजस्व स्थापना अंतर्गत वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल 11 मृतक कर्मचारियों के वारिसों को अनुकंपा नियुक्ति दी गई है, जिसमें से राजस्व विभाग के 08 मृतक कर्मचारियों के वारिसों को तथा 03 शिक्षा के विभाग के मृतक कर्मचारियों के वारिसों को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई है। (ख) जिला निवाड़ी की राजस्व स्थापना अंतर्गत आरक्षण रोस्टर अनुसार सहायक वर्ग-दो, सहायक वर्ग-तीन एवं भृत्य के भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी निम्नानुसार है:-

 

क्र.

पदनाम

स्वीकृत पद

भरे पद

रिक्त पद

1

सहायक ग्रेड-2

17

01

16

2

सहायक ग्रेड-3

31

26

5

3

भृत्य

53

19

34

 

(ग) जिला निवाड़ी की राजस्व स्थापना अंतर्गत वर्तमान में अनुकम्‍पा नियुक्ति के लंबित प्रकरणों की जानकारी निम्नानुसार हैः- 1- श्री सुदीप पाण्डेय पिता स्व. श्री कृष्णा प्रसाद पाण्डेय प्रकरण प्राप्ति दिनांक 27.10.2021, 2- शुभम गिरि पिता स्व. श्री अजय गिरि प्रकरण प्राप्ति दिनांक 24.03.2022, 3- कु. ललिता रैकवार पिता स्व. श्री ओम शिवाय कढा प्रकरण प्राप्ति दिनांक 01.04.2022, इन प्रकरणों में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) सामान्‍य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 29.09.2014 के अनुसार जिले में अनुकंपा नियुक्ति के प्राप्त प्रकरणों का निराकरण किया जाता है। लंबित अनुकंपा नियुक्ति प्रकरणों में अनुकम्पा नियुक्ति हेतु गठित समिति द्वारा आपत्ति ली गई है। आपत्तियों का निराकरण होने के उपरांत नियुक्ति प्रदान की जायेगी।

निर्माण कार्यों के प्रस्‍ताव

[जल संसाधन]

44. ( क्र. 673 ) श्री अनिल जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                           (क) निवाड़ी जिले की विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी में 01 जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक जल संसाधन विभाग द्वारा कौन-कौन से निर्माण कार्य, मेन्टेनेन्स कार्य कितनी-कितनी राशि से किस-किस स्थान पर स्वीकृत कराकर किस एजेन्सी द्वारा एवं किस यंत्री के सुपरविजन में कराये गये हैं या कराये जा रहे हैं? प्रश्‍न दिनांक की भौतिक एवं वित्तीय स्थिति की संपूर्ण जानकारी देवें।                                         (ख) निवाड़ी जिले की विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी में कौन-कौन से नवीन निर्माण कार्य या मेन्टेनेन्स के कार्य के प्रस्ताव शासन स्तर पर स्वीकृति हेतु लंबित हैं? कार्य का नाम, लागत राशि, प्रस्ताव भेजने का दिनांक, कार्य का स्थान, लंबित रहने का कारण सहित पूर्ण विवरण दें। (ग) निवाड़ी जिले में जल संसाधन विभाग में कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ हैं, उनका नाम, पदनाम, पदस्थापना दिनांक, वर्तमान पद पर पदस्थ दिनांक एवं मुख्यालय बतावें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) निवाड़ी जिले के विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी में 01 जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक विभाग द्वारा कोई निर्माण कार्य नहीं कराया गया है। मेंटेनेंस कार्यों की  जानकारी संलग्न  परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) निवाड़ी जिले के विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी के कोई भी नवीन निर्माण कार्यों या मेंटेनेंस के कार्यों के प्रस्‍ताव शासन स्‍तर पर स्‍वीकृति हेतु लं‍बित नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-''ब/1 एवं ब/2'' अनुसार है।

परिशिष्ट - "चौवालीस"

 

भू-धारक की सत्‍यापित जानकारी

[राजस्व]

45. ( क्र. 681 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले की वर्तमान में नगर पंचायत सेमरिया क्षेत्रान्‍तर्गत खसरा क्र. 426 सन् 1956-1957 की खसरा खतौनी में किसका नाम दर्ज था? उक्‍त आराजी त‍ब से अब तक किन-किन भू-धारकों के पास कितने-कितने रकबे से कब-कब, किस-किस प्रकार से हस्‍तान्‍तरित हुई एवं वर्तमान में कितनों के साथ किस अस्तित्‍व में है? विवरण सहित सत्‍यापित जानकारी देवें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में उपरोक्‍त आराजी की सत्‍यापित जानकारी देवें?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) रीवा जिले की वर्तमान में नगर पंचायत सेमरिया क्षेत्रान्तर्गत खसरा क्रमांक 426 सन् 1956-1957 की खसरा खतौनी में बाल्मीक प्रसाद सा. भटगवां का नाम दर्ज था। उक्त आराजी 1956-1957 से 1960-61 तक बाल्मीक प्रसाद के नाम दर्ज थी। वर्ष 1961 से 1996 तक का अभिलेख जिला अभिलेखागार में उपलब्ध नहीं है। वर्ष 1997-98 से                                 2002-03 के पंचायत खसरे में खसरा नं. 426 के तीन बटांक दर्ज है। 426/1 रकवा 1.05 एकड़ जगदीश प्रसाद पिता केशव प्रसाद ब्रा., 426/2 रकवा 2.09 एकड़ रामाश्रय पिता ठाकुरदीन ब्रा. एवं 426/3 रकवा 1.04 एकड़ ओमकार प्रसाद पिता केशव प्रसाद ब्रा. के नाम अभिलेख में दर्ज है। वर्ष 2007-08 से 2011-12 के पंचशाला खसरे में वर्ष 2010-11 में अन्य 426/3 में भूमिस्वामी उदित इन्फ्रा वर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड डायरेक्टर श्रीमती नीलम मिश्रा पत्नी अभय मिश्रा निवासी अर्जुन नगर रीवा तहसील हुजूर जिला रीवा दर्ज हुआ। उक्त अन्तरण रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के आधार पर नामान्तरण हुआ है। वर्ष 2022-23 के कम्प्यूटरीकृत खसरे में आराजी नं. 426/1/1/1 रकवा 0.169 हे. श्रीमती नीलम मिश्रा पति अभय मिश्रा, 426/1/1/2 रकवा 0.024 हे. सन्तराम पिता जगदीश प्रसाद, 426/1/2 रकवा 0.220 हे. श्रीमती नीलम मिश्रा पति अभय मिश्रा, 426/1/3 रकवा 0.012 हे. संजीव कुमार गुप्ता पिता हुकुमचन्द्र गुप्ता 426/2 रकवा 0.846 हे. रामभगत, जितेन्द्र, सत्यम, बीरबल पिता रामभजन शुक्ला 426/3 रकवा 0,421 हे. उदित इन्फ्रा वर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड डायरेक्टर श्रीमती नीलम मिश्रा पत्नी अभय मिश्रा निवासी अर्जुन नगर रीवा के नाम भूमि स्वामी स्वत्व में दर्ज है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है।

किसान क्रेडिट कार्ड के संबंध जानकारी

[राजस्व]

46. ( क्र. 724 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                      (क) विधानसभा क्षेत्र छतरपुर में प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितने कृषि भूमिधारक किसान हैं?                                  (ख) उपरोक्त में से कितने किसानों के पास बैंकों द्वारा जारी किसान क्रेडिट कार्ड हैं तथा कितने किसान फसल बीमा से जुड़े हैं? (ग) क्या जिन किसानों के पास जारी किसान क्रेडिट कार्ड नहीं है उन्हें निजी साहूकारों से कर्ज लेने के लिए मजबूर होना पड़ता है? (घ) क्या सरकार सभी किसानों को समय-सीमा में किसान क्रेडिट कार्ड के दायरे में लाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित करेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) छतरपुर जिले की विधानसभा क्षेत्र छतरपुर के अंतर्गत 65492 कृषि भूमि धारक किसान है। (ख) 14976 किसानों के पास बैंकों द्वारा जारी किसान क्रेडिट कार्ड है एवं 15872 किसान फसल बीमा से जुड़े है। (ग) जी नहीं। छतरपुर जिले में इस प्रकार का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। (घ) बैंकिंग नियमों के अनुसार पात्रताधारी किसानों को परीक्षण उपरांत किसान क्रेडिट कार्ड बैंक द्वारा जारी किया जाता है।

सीमांकन, बंटवारा एवं नामांतरण

[राजस्व]

47. ( क्र. 751 ) श्री उमंग सिंघार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या धार जिले की गंधवानी विधानसभा अंतर्गत आने वाली तहसील कार्यालयों में भूमि के सीमांकन, बंटवारा एवं नामांतरण किये जाने हेतु 01 जनवरी 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक आवेदकों द्वारा आवेदन पत्र प्रस्‍तुत किये गये हैं? (ख) प्रश्‍नांकित (क) अनुसार यदि हाँ, तो गंधवानी विधानसभा में आने वाली तहसीलों में उक्‍त समयावधि में किन-किन आवेदकों द्वारा भूमि के सीमांकन, बंटवारा एवं नामांतरण हेतु आवेदन पत्र प्रेषित किये गये हैं? (ग) क्‍या उक्‍त प्राप्‍त आवेदन पत्रों का निराकरण किया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन आवेदकों की भूमि के सीमांकन, बंटवारा एवं नामांतरण का कितने-कितने समय में निराकरण किया गया है एवं किन-किन आवेदकों का प्रश्‍न दिनांक तक निराकरण नहीं हुआ है? कारण बतावे तथा यह भी बतावे की लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट – '''' अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट – '''' अनुसार।

परिशिष्ट - "पैंतालीस"

प्‍लांटेशन जल जाने पर कार्यवाही

[वन]

48. ( क्र. 760 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍न दिनांक तक वनमण्‍डल, औबेदुल्‍लागंज के परिक्षेत्र गौहरगंज में बीट पाजरा में 02 प्‍लांटेशन जल कर नष्‍ट हो गये, जिनमें लगभग 02 करोड़ रूपये खर्च आया था, विभागीय अधिकारियों पर क्‍या कार्यवाही की गई कारण सहित बतावें और यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) क्‍या वनमण्‍डल औबेदुल्‍लागंज में अवैध कटाई व अवैध अतिक्रमण किया गया है? यदि हाँ, तो दोषी कर्मचारी अधिकारी पर क्‍या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) प्‍लांटेशन में जो खर्च आया था, क्‍या दोषी अधिकारी/ कर्मचारियों के वेतन से वसूल की जायेगी? यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें। (घ) क्‍या डी.एफ.ओ. औबेदुल्‍लागंज के खिलाफ प्रश्‍न दिनांक तक कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो बतावें। यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण सहित बतावें। (ड.) क्‍या जांच के आदेश होने के बाद वन मंडलाधिकारी औबेदुल्‍लागंज को अन्‍यत्र पदस्‍थ किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वनमण्‍डल औबेदुल्‍लागंज के अंतर्गत परिक्षेत्र गौहरगंज की बीट पांजरा में कक्ष क्रमांक पी.एफ. 831 में 79 हेक्‍टेयर एवं पी.एफ. 835 में 109 हेक्‍टेयर के वृक्षारोपण क्षेत्रों में क्रमश: दिनांक 01.03.2022 एवं 05.03.2022 में अग्नि की घटना हुई थी, जिसे तत्‍काल नियंत्रण कर लिया गया था। उक्‍त दोनों वृक्षारोपण क्षेत्रों में 26,600 रोपित पौधों में से 1724 पौधे अग्नि से प्रभावित हुये थे, जिन्‍हें प्रतिस्‍थापित कर दिया गया है उक्‍त वृक्षारोपण क्षेत्रों में क्षेत्र तैयारी सहित सकल कार्यों पर रूपये 53.68 लाख की राशि व्‍यय हुई। अग्नि की घटना की जांच हेतु गठित जांच दल द्वारा की गई जांच में कोई भी अधिकारी कर्मचारी दोषी होना नहीं पाये जाने के कारण विभागीय अधिकारियों पर कार्यवाही का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) वनमण्‍डल औबेदुल्‍लागंज में माह जनवरी 2022 से जून 2022 की अवधि में अवैध कटाई के 624 वन अपराध प्रकरण पंजीबद्ध किये जाकर 140.593 घ.मी. वनोपज जप्‍त की गई है। उक्‍त अवधि में अतिक्रमण के 05 वन अपराध प्रकरण 3.273 हेक्‍टेयर पंजीबद्ध हुये हैं, जिन्‍हें नियमानुसार बेदखल कर दिया गया है। शासकीय कर्तव्‍य में लापरवाही का प्रदर्शन किये जाने पर 01 वनपाल व 06 वनरक्षकों के विरूद्ध लघुशास्ति अधिरोपित करने हेतु आरोप ज्ञापन जारी किया गया है। (ग) प्रश्‍नाधीन प्‍लान्‍टेशन में अग्नि दुर्घटना में गठित जांच दल के जांच प्रतिवेदन में किसी भी अधिकारी/कर्मचारी की लापरवाही परिलक्षित नहीं हुई है, अत: वेतन वसूली का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।                                   (घ) प्रश्‍नाधीन वृक्षारोपण क्षेत्रों में अग्नि की घटना की जांच हेतु गठित जांच दल द्वारा की गई जांच में वनमण्‍डलाधिकारी की लापरवाही परिलक्षित नहीं हुई है। (ड.) उत्‍तरांश (घ) के अनुक्रम में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

खदानों का आवंटन

[खनिज साधन]

49. ( क्र. 761 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                    (क) विगत दो सत्र 2020-21, 2021-22 में भोपाल जिले में कितनी पत्‍थर, मुरम और गिट्टी की खदानों का आवंटन किया गया है? आवंटि के नाम, पता सहित सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) क्‍या रहवासी क्षेत्रों में भी खदानें आवंटित की गई हैं? यदि हाँ, तो किन-किन स्‍थानों पर? सूची उपलब्‍ध करावें। (ग) क्‍या खदानें लीज पर दी गई हैं? यदि हाँ, तो कितने वर्ष की लीज पर दी गई हैं?                                       (घ) क्‍या नाथू बरखेड़ा व नीलबड़ रहवासी क्षेत्रों में स्थित क्रेशर की लीज समाप्‍त कर दी गई? यदि हाँ, तो कब और यदि नहीं, तो क्‍यों? (ड.) क्‍या अचारपुरा औद्योगिक क्षेत्र में भी खदानें लीज पर दी जा रही हैं?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न  परिशिष्‍ट  पर है। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। 10 वर्ष के लिये। (घ) जी नहीं। नाथू बरखेड़ा व नीलबड़ रहवासी क्षेत्रों में स्थित क्रेशर आधारित पत्‍थर का उत्‍खनिपट्टा लगभग 13 से 17 वर्ष पूर्व से स्‍वीकृत होकर संचालित है, खदानों का आवंटन मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 5 अनुसार प्रतिबंधित एवं निर्धारित दूरियां छोड़ने के उपरांत किया जाता है। उक्‍त खदानें पर्यावरण सम्‍मति एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सम्‍मति प्राप्‍त कर संचालित हो रही है। अत: प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी नहीं।

परिशिष्ट - "छियालीस"

 

रियायती/न्‍यूनतम दर पर भूमि का आवंटन

[राजस्व]

50. ( क्र. 787 ) श्री योगेन्‍द्र सिंह (बाबा) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के आवंटित अभ्‍यार्थियों को क्‍यों भोपाल या भोपाल शहर में पेट्रोल पम्‍प स्‍थापना के लिये शासन द्वारा भूमि आवंटित करने के क्‍या-क्‍या प्रावधान हैं?                                               (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार पेट्रोल पम्‍प आवंटित होने के पश्‍चात भूमि क्‍या बाजार मूल्‍य अथवा रियायती/न्‍यूनतम दर पर आवंटित की जाएगी? (ग) भोपाल शहर में पूर्व में इस प्रकार कितने-कितने पेट्रोल पम्‍प अनुसूचित जाति/जनजाति अभ्‍यार्थियों को स्‍थापना के लिये भूमि आवंटित की गई?                                   (घ) प्रश्‍नांश (स) अनुसार आवंटित जमीन रियायती/न्‍यूनतम दर पर या बाजार दर पर आवंटित की गई थी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र. नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश 2020 अन्तर्गत अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के लिये पेट्रोल पम्प हेतु पृथक से भूमि आवंटन का प्रावधान नहीं है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (ग) प्रश्‍नांश के संबंध में जानकारी निरंक है। (घ) उत्तरांश (ग) के क्रम में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है।

उच्‍च पद का प्रभार प्रदान दिया जाना

[राजस्व]

51. ( क्र. 788 ) श्री योगेन्‍द्र सिंह (बाबा) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री ज्‍योति जगदीश सिंह पटवारी तहसील कुण्‍डम जिला जबलपुर को उनकी पटवारी में वरिष्‍ठता (अनुसूचित जाति संवर्ग) में काफी वरिष्‍ठ होने के पश्‍चात अभी तक राजस्‍व निरीक्षक की परीक्षा उत्‍तीर्ण करने के पश्‍चात भी अभी तक राजस्‍व निरीक्षक के पद पर पदोन्‍नति से वंचित कैसे किया गया है कब तक पदोन्‍नति की जाएगी? स्‍पष्‍ट करें। (ख) माननीय उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर के प्रकरण क्र. डब्‍ल्‍यूपी-96/2018 में पारित आदेश के पश्‍चात भी राजस्‍व निरीक्षक के पद पर पदोन्‍नति से वंचित है, उनसे काफी कनिष्‍ठ पटवारी राजस्‍व निरीक्षक पद पर पदोन्‍नत हो गये है, श्री ज्‍योति जगदीश पटवारी के अभ्‍यावेदन पर कब तक कार्यवाही करते हुए राजस्‍व निरीक्षक के पद पर पदोन्‍नति या पदोन्‍नति की प्रत्‍याशा में राजस्‍व निरीक्षक का प्रभार प्रदान किया जाएगा? स्‍पष्‍ट करें। (ग) श्री ज्‍योति जगदीश पटवारी को राजस्‍व निरीक्षक के पद पर पदोन्‍नति करते समय उनकी वरिष्‍ठता के आधार पर राजस्‍व निरीक्षक की वरिष्‍ठता प्रदान की जाएगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। मध्‍यप्रदेश लोक सेवा (पदोन्‍नति) नियम 2002 के संबंध में माननीय उच्‍च न्‍यायालय द्वारा दिनांक 30/04/2016 को पारित आदेश के विरूद्ध माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय में एस.एल.पी. दायर की गई है, जिसमें यथास्थिति बनाए रखने के आदेश पारित किए गए है। उक्‍त कारण से वर्तमान में पदोन्‍नति नहीं की जा सकी है।                                          (ख) माननीय उच्‍च न्‍यायालय द्वारा याचिका क्रमांक 96/2018 में पारित आदेश का संबंध पदोन्‍नति से संबंधित इस विषय से नहीं है। जी हाँ। माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय में पदोन्‍नति संबंधी विचाराधीन प्रकरण में पारित आदेश के क्रम में पदोन्‍नति नहीं की जा सकी है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) पदोन्‍नति में वरिष्‍ठता/गोपनीय चरित्रावली/मेरिट के आधार पर निर्णय किया जाता है। वर्तमान में पदोन्‍नति पर रोक है।

अल्‍ट्राटेक कंपनी शहडोल द्वारा की जा रही अनियमितता

[खनिज साधन]

52. ( क्र. 817 ) श्री सुनील सराफ : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले में अल्‍ट्राटेक विचारपुर कोलमाइंस के संबंध में विगत 03 वर्षों में कमिश्‍नर शहडोल व कलेक्‍टर शहडोल को कितने पत्र प्राप्‍त हुए? सभी पत्रों की छायाप्रति देवें। (ख) इन पत्रों पर की गई कार्यवाही से भी पत्रवार अवगत करावें? (ग) क्‍या कारण है कि प्रतिबंध के बावजूद अल्‍ट्राटेक के ट्रकों का परिवहन विचारपुर, कल्‍याणपुर एवं शहडोल नगर के बीचो-बीच से किया जा रहा है? इसके जिम्‍मेदारों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? कब तक इन मार्गों के प्रयोग करने पर कंपनी पर रोक लगाई जाएगी? (घ) इसके सी.एस.आर. फंड से जिला प्रशासन शहडोल द्वारा विगत 03 वर्षों में कौन-कौन से कार्य कितनी लागत के कहाँ-कहाँ करवाएं गए है? विवरण देवें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नांश अनुसार विगत 03 वर्षों में कुल 08 पत्र प्राप्‍त हुए हैं, जिनका विवरण  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) प्रश्‍नानुसार इन पत्रों पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ग) अल्‍ट्राटेक कंपनी द्वारा खनिज कोयला का परिवहन ट्रकों से किये जाने के लिए पृथक से कोई मार्ग नहीं है। प्रश्‍नाधीन मार्ग आम मार्ग है। आमजनों को असुविधा न हो तथा वाहनों से किसी प्रकार से अप्रिय घटना न घटे इसलिए कंपनी द्वारा रात्रि में 11:30 बजे से सुबह 05:00 बजे तक खनिज कोयला का परिवहन ट्रकों के माध्‍यम से किया जाता है। ऐसी स्थिति में प्रतिबंध लगाये जाने का कोई प्रश्‍न नहीं उठता है। (घ) सी.एस.आर. फंड से जिला प्रशासन, शहडोल द्वारा विगत 03 वर्षों के दौरान कराये गये कार्यों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है।

बुजुर्ग राशनकार्ड धारकों को राशन की वैकल्पिक व्‍यवस्‍था करना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

53. ( क्र. 830 ) श्री राकेश मावई : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना में ऐसे कितने बुजु्र्ग राशनकार्ड धारक हैं जिनके बुढ़ापें में अंगूठे की रेखाएं घिसने-सिकुड़ने से अंगूठे के निशान बॉयोमेट्रिक मशीन से मेच न होने के कारण उन्‍हें राशन नहीं मिल पा रहा है? प्रश्‍न दिनांक तक ऐसे सभी राशन कार्डधारकों के नाम एवं पते सहित जानकारी देवें। (ख) क्‍या यदि किसी बुजुर्ग के फिंगर प्रिंट मैच नहीं कर रहे हैं तो किसी ऐसे व्‍यक्ति को नॉमिनेट करने का नियम है जो राशन लेने वाले परिवार से न हो उसके फिंगर प्रिंट को नॉमिनेशन के लिए मान्‍य किया जायेगा? (ग) यदि हाँ, तो ऐसे सक्षम व्‍यक्ति को ढूंढकर लाने की परेशानी को ध्‍यान में रखते हुए क्‍या सरकार फिंगर प्रिंट मेच न होने वाले बुजुर्ग राशन कार्डधारकों, आई स्‍केनर, रजिस्‍टर्ड मोबाईल पर ओ.टी.पी. अथवा आधार कार्ड के आधार पर राशन देने का प्रावधान करेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण सहित जानकारी देवें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) मुरैना जिले में राष्‍ट्रीय खाद्य सुर‍क्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र हितग्राहियों में से बुजुर्ग हितग्राहियों के अंगूठे की रेखाएं घिसने-सिकुड़ने से पी.ओ.एस. मशीन पर बॉयोमेट्रिक सत्‍यापन विफल होने के कारण राशन प्राप्‍त करने से कोई हितग्राही वंचित नहीं है, जिन हितग्राहियों के बॉयोमेट्रिक सत्‍यापन विफल हुए हैं, उनको नॉमिनी अथवा आधार नम्‍बर से लिंक मोबाईल नम्‍बर पर ओ.टी.पी. के माध्‍यम से राशन का वितरण कराया जा रहा है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। बॉयोमेट्रिक सत्‍यापन सफल न होने वाले हितग्राहियों को नॉमिनी अथवा आधार नम्‍बर से लिंक मोबाईल नम्‍बर पर ओ.टी.पी. के माध्‍यम से राशन का वितरण कराया जा रहा है। (ग) राष्‍ट्रीय खाद्य सुर‍क्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों में से परिवार के किसी भी सदस्‍य द्वारा पी.ओ.एस. मशीन पर बॉयोमेट्रिक सत्‍यापन के आधार पर राशन प्राप्‍त किया जा सकता है। हितग्राही की एक अंगुली/ अंगूठा की रेखाओं से बॉयोमेट्रिक सत्‍यापन सफल न होने पर एक से अधिक अंगुलियों (फ्यूजन फिंगर) के बॉयोमेट्रिक सत्‍यापन किया जाता है। साथ ही, बॉयोमेट्रिक सत्‍यापन न होने पर आधार नंबर से लिंक मोबाइल नंबर पर ओ.टी.पी. अथवा नॉमिनी के माध्‍यम से राशन सामग्री के वितरण की सुविधा उपलब्‍ध कराई गई है। हितग्राही द्वारा आधार पंजीयन केन्‍द्र पर अपने आधार नंबर को अपडेट कराने तथा मोबाइल नंबर लिंक कराने की सुविधा उपलब्‍ध है। किसी भी पात्र हितग्राही को बॉयोमेट्रिक सत्‍यापन सफल न होने के आधार पर राशन से वंचित नहीं किया जा रहा है। शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता।

बी.पी.एल. राशन कार्ड पर राशन का आवंटन

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

54. ( क्र. 845 ) कुँवर रविन्‍द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा वर्तमान में बी.पी.एल. राशन कार्डधारी उपभोक्ताओं को कितना गेहूं, चावल प्रति सदस्य के हिसाब से आवंटित किया जा रहा है? (ख) क्या‍ एक उपभोक्ता के लिए आवंटित किया जा रहा राशन 01 माह के लिये पर्याप्त है? (ग) यदि नहीं, तो उपभोक्ता के हित में गेहूं व चावल की मात्रा बढ़ाने हेतु शासन द्वारा कोई कार्यवाही की जा रही है? अगर हाँ, तो उपभोक्ताओं को कितना-कितना राशन एक माह में वितरित किया जावेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत बी.पी.एल. सहित अन्‍य श्रेणी के सम्मिलित प्राथमिकता श्रेणी के हितग्राहियों को प्रतिमाह 5 किलोग्राम खाद्यान्‍न प्रति सदस्‍य राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम अंतर्गत एवं 5 किलोग्राम खाद्यान्‍न प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना अंतर्गत इस प्रकार एक हितग्राही को 10 किलोग्राम खाद्यान्‍न प्रतिमाह आवंटित किया जा रहा है। (ख) विभाग द्वारा हितग्राहियों की मासिक खाद्यान्‍न की आवश्‍यकता का आंकलन नहीं किया जाता है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित खाद्यान्‍न का वितरण कराया जाता है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

 

 

शासकीय भूमि का निजी नामों पर नामांतरण

[राजस्व]

55. ( क्र. 849 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 1240 दिनांक 10.03.2022 के खण्ड (क) के उत्तर में जानकारी अधूरी तथा अपूर्ण क्यों दी गई? (ख) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 1240 दिनांक 10.03.2022 के खण्ड (ख) का उत्तर यदि ''जी नही'' है तो बतावें कि इन्दौर उज्जैन संभाग में वर्ष 2010 से 2020 तक दिये गये ऐसे सभी आदेशों को निरस्त किया जायेगा या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 1240 दिनांक 10.03.2022 के खण्ड (ग) का असत्य उत्तर क्यों दिया गया? रतलाम में सर्वे क्रमांक 122 तथा 123, सर्वे क्रमांक 43/1131/मिन यदि ऐसी 12 भूमि हैं जिसमें अगले सक्षम न्यायालय में चुनौती नहीं दी गई। खण्ड '''' का स्पष्ट और सही उत्तर दिलाया जाये। (घ) 1956-57 के बंदोबस्त के समय रतलाम जिले में जो भूमि शासकीय दर्ज थी तथा कालांतर में वह निजी नाम पर दर्ज हो गई। उन जमीन का पुराना तथा वर्तमान सर्वे नम्बर, रकबा तथा जिस व्यक्ति के नाम दर्ज हुई उसका पूरा नाम, पिता का नाम तथा दर्ज होने की तारीख सहित सूची देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। पूर्ण जानकारी प्रस्‍तुत की गई है। जिला-रतलाम के परिप्रेक्ष्‍य में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) प्रश्‍न विशेष का उल्‍लेख नहीं होने से प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (ग) जिला रतलाम की तहसील रतलाम शहर के प.ह.न. 16 कस्बा रतलाम की सर्वे क्र. 122, 123 की भूमि के संबंध में राजस्व मंडल ग्वालियर के निगरानी प्र.क. 1469-एफ/2001 में पारित आदेश दिनांक 17.07.2001 के विरूद्ध शासन द्वारा माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर में याचिका क्रमांक 4685/14 दायर की गई थी, जो दिनांक 16.12.2014 को खारीज की, उक्त आदेश के विरूद्ध शासन द्वारा एस.एल.पी. क्रमांक 15378-15379/2016 में प्रस्तुत की गई। यह आदेश दिनांक 22.08.2016 से खारीज हो चूकी है। जिला रतलाम की तहसील रतलाम शहर के प.ह.न. 16 कस्बा रतलाम की सर्वे क. 43/1131/मिन की भूमि के संबंध न्यायालय कलेक्टर जिला रतलाम के प्रकरण क्रमांक 03/अ-20 (4)/12-13 में पारित आदेश दिनांक 01/04/2013 के पैरा 14 में यह उल्लेख है कि आयुक्त उज्जैन के आदेश दिनांक 01/10/2007 के विरूद्ध अपील प्रस्ताव को म.प्र.शासन राजस्व विभाग भोपाल ने पत्र क्रमांक एफ-32/458/सात-2-ए दिनांक 24-1-2013 द्वारा विधि विभाग के निर्देशानुसार मा.उच्च न्यायालय के रिटपीटिशन क्रमाक 963/09 सैफुउद्दीन विरूद्ध म.प्र.शासन में पारित आदेश दिनांक 06/01/2011 का आदेश भी हाईकोर्ट का आदेश में सम्मिलित हो जाने से कमिश्नर के आदेश दिनांक 01/10/2007 के विरूद्ध निगरानी प्रस्तुत करने के प्रस्ताव अमान्य किया गया। (घ) सर्वे नं. 43/ 1131/मिन. एवं सर्वे नं. 137 संबंधित खसरा वर्ष 1956-57 एवं वर्तमान की नकल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है।

शासकीय भूमि को आबादी भूमि घोषित किया जाना

[राजस्व]

56. ( क्र. 850 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम काछीबडोदा जनपद पंचायत बदनावर जिला धार द्वारा 26.01.2022 को ग्राम सभा का आयोजन कर ग्राम काछीबडोदा में शासकीय भूमि खाता क्रमांक 1038 सर्वे नं. 335/2 (5) रकबा 0.620 हेक्टेयर को आबादी में घोषित करने का प्रस्ताव सर्वानुमति से स्वीकृत किया गया? (ख) क्या सरपंच तथा सचिव ने कलेक्टर धार को पत्र क्रमांक 22 दिनांक 04.03.2022 प्रश्‍नांश '''' में उल्लेखित भूमि को आबादी घोषित करने हेतु लिखा था? (ग) प्रश्‍नांश (क) तथा (ख) का उत्तर यदि हाँ, तो बतावें कि प्रश्‍नाधीन भूमि को आबादी घोषित किया गया है या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक कर दिया जायेगा? (घ) अधीक्षक भू अभिलेख जिला धार द्वारा वर्ष 2017-18 से 2021-22 तक जिला धार में किये गये सभी सीमांकन की सूची प्रस्तुत करें तथा बतावें कि इससे किसी प्रकार की अनियमितताएं हुई है या नहीं।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, काछीबडोदा ग्राम पंचायत द्वारा 26.01.2022 को ग्रामसभा का आयोजन कर ग्राम काछीबडोदा में शासकीय भूमि खाता क्रमांक 1038 सर्वे नं. 335/2/5 रकबा 0.620 हेक्टेयर भूमि को आबादी में घोषित करने का प्रस्ताव तहसीलदार बदनावर को प्रस्तुत किया है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। प्रकरण न्यायालय तहसीलदार न्यायालय बदनावर में प्रचलित है। (घ) अधीक्षक भू-अभिलेख धार द्वारा वर्ष 2017-18 से वर्ष 2021-22 तक कुल 65 सीमांकन किये गये हैजानकारी संलग्न परिशिष्‍ट  अनुसार है। जी नहीं।

परिशिष्ट - "सैंतालीस"

नियम विरूद्ध खरीदी की जांच

[वन]

57. ( क्र. 883 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या माननीय नेता प्रतिपक्ष म.प्र. विधानसभा द्वारा अपने पत्र क्र. 117/22 दिनांक 27.05.2022                                               श्री रामस्‍वरूप सिकरवार, भा.व.से. (से.नि.) के 'ग्रेज्‍युटी एवं अवकाश नगदीकरण' संबंधी प्रकरण का निराकरण करने हेतु अपर मुख्‍य सचिव म.प्र. शासन, वन विभाग को पत्र लिखा गया था? यदि हाँ, तो उक्‍त पत्र के संबंध में प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) क्‍या माननीय नेता प्रतिपक्ष म.प्र. विधानसभा द्वारा पत्र क्र. 161/22 दिनांक 5 जून 2022 वन विभाग में वायरलेस सेट एवं अन्‍य उपकरण नियम विरूद्ध खरीदे जाने की जांच कराकर नियमानुसार पुन: निविदा आमंत्रित कराए जाने हेतु अपर मुख्‍य सचिव म.प्र. शासन वन विभाग को पत्र लिखा गया था? (ग) यदि हाँ, तो उक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में किस अधिकारी से जांच कराई गई एवं जांचोपरांत क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। प्रकरण में की गई कार्यवाही की जानकारी से माननीय नेता प्रतिपक्ष को अवगत कराया गया है। पत्र की प्रति संलग्‍न  परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जांच हेतु प्रधान मुख्‍य वन संरक्षक (वन्‍यप्राणी) को भेज कर तथ्‍यात्‍मक प्रतिवेदन चाहा गया है।

परिशिष्ट - "अड़तालीस"

 

 

तवा नहर का सीमेंटीकरण

[जल संसाधन]

58. ( क्र. 898 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तवा नहर कमांड क्षेत्र में नहर सीमेंटीकरण की योजना कब स्वीकृत की गई एवं उसकी कितनी राशि स्वीकृत है? (ख) आज दिनांक तक सीमेंटीकरण निर्माण की क्या स्थिति है? कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण किया जा चुका है? (ग) विधानसभा क्षेत्र सिवनी मालवा के अंतर्गत कितनी नहरों का सीमेंटीकरण होना शेष है? (घ) पूर्ण गुणवत्ता के साथ सीमेंटीकरण का कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) तवा नहर कमाण्‍ड क्षेत्र में लाइनिंग (सीमेंटीकरण) हेतु ई.आर.एम. मद अंतर्गत वर्ष 2013 में राशि रू.89.91 करोड़ की प्रथम चरण तथा वर्ष 2016 में राशि रू.858.01 करोड़ की द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण की प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रदान की गई। (ख) हंडिया शाखा नहर प्रणाली की अजनई, हरदा एवं रूंदलाय उप शाखा नहर का 95 प्रतिशत तथा तवा दांयी तट नहर प्रणाली की बागरा शाखा नहर का कार्य 99 प्रतिशत पूर्ण होना एवं प्रशासकीय स्‍वीकृति प्राप्त अन्‍य सभी नहरों का कार्य 100 प्रतिशत पूर्ण होना प्रतिवेदित है।                                (ग) विधानसभा क्षेत्र सिवनी मालवा के अंतर्गत प्रशासकीय स्‍वीकृति अनुसार किसी भी नहर का लाइनिंग होना शेष नहीं है। (घ) नहरों के लाइनिंग का कार्य अक्टूबर 2022 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।

तहसील भवन का निर्माण

[राजस्व]

59. ( क्र. 899 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदापुरम जिले में कुल कितनी तहसील कार्यरत हैं? (ख) विधानसभा क्षेत्र सिवनी मालवा में क्या केसला तहसील एवं शिवपुर तहसील स्वीकृत एवं कार्यरत है? (ग) इन तहसील कार्यालयों के भवन निर्माण का कार्य कब तक किया जावेगा? (घ) क्या पूर्ण सुविधाओं के साथ दोनों जगह पूर्ण तहसील का दर्जा राजस्व विभाग के द्वारा दिया चुका है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) नर्मदापुरम जिले में कुल 09 तहसीलें कार्यरत हैं। (ख) जी नहीं। केसला एवं शिवपुर टप्‍पा तहसील के रूप में संचालित है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं।

मत्स्य पालन हेतु प्रदाय अनुदान

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

60. ( क्र. 904 ) श्री सुरेश राजे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                            (क) मत्स्य विभाग में संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं एवं मत्स्य पालन हेतु अनुदान प्राप्त योजना के शासन आदेश/नियम की प्रति के साथ वर्ष 2018-19 से 2021-22 में ग्वालियर जिला में निजी तालाब निर्माण हेतु कितनी राशि प्राप्त हुई? जिसमें से कितनी राशि व्यय की गयी? वर्षवार बतावें l (ख) ग्वालियर जिला में मत्स्य पालन हेतु जनपद पंचायत/जिला पंचायत के अधीन कौन-कौन से तालाब/जलाशय हैं? इनमें से किसे कब तक के लिए किस संस्था/व्यक्ति को कुल कितनी राशि में पट्टे पर दिए गए? क्या अनुबंध अनुसार राशि जमा की जा रही है एवं शर्तों का पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की गयी? (ग) जिला ग्वालियर अंतर्गत वर्ष 2018-19 से 2021-22 में किस ग्राम के किस हितग्राही द्वारा मत्स्य पालन हेतु किस खसरा नंबर एवं रकबा में तालाब निर्माण करवाया गया? उसे कितनी अनुदान राशि किस-किस कार्य हेतु दी गई? कृषकवार एवं वर्षवार बतावें l

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विभाग में संचालित जनकल्‍याणकारी योजनाओं एवं मत्‍स्‍य पालन हेतु अनुदान प्राप्‍त की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। (ख) ग्‍वालियर जिले में जिला पंचायत स्‍वामि‍त्‍व के कुल 06 जलाशय एवं जनपद पंचायत के 07 जलाशय है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार(ग) जिला ग्‍वालियर के अंतर्गत वर्ष 2018-19 से 2021-22 ग्रामवार/हितग्राहीवार/खसरा नंबर एवं रकवा की जानकारी परिशि‍ष्‍ट के प्रपत्र-स अनुसार

लदेरा डेम के निर्माण कार्य की जानकारी

[जल संसाधन]

61. ( क्र. 905 ) श्री सुरेश राजे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (‍क) जिला ग्वालियर अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 19 डबरा में जल संसाधन विभाग द्वारा लदेरा डेम का निर्माण किस वर्ष करवाया गया एवं उसकी कुल लागत राशि क्या है? प्राक्कलन की प्रति उपलब्ध करावें। कार्य पूर्ण करने की अवधि कब तक थी? (ख) यदि कार्य अपूर्ण रहा तो क्या कारण हैं? डेम की वर्तमान स्थिति सहित निर्माण एजेंसी को कुल कितनी राशि भुगतान की गयी?                              (ग) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार ग्राम लदेरा स्थित लदेरा डेम के निर्माण होने के उपरान्त क्षेत्र के किसानों को इससे किस प्रकार का लाभ दिया गया? यदि नहीं, तो क्यों? वर्तमान में डेम की स्थिति से अवगत करावें तथा क्या लदेरा डेम के अपूर्ण कार्य को पूर्ण करने हेतु क्‍या योजना है?                                              (घ) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अनुसार क्या लदेरा डेम के भराव क्षेत्र में वन विभाग द्वारा वृक्षारोपण कराया गया? यदि हाँ, तो वृक्षारोपण किस वर्ष कराया गया? कुल कितनी राशि व्यय की गयी? क्या लदेरा डेम के अपूर्ण कार्य को पूर्ण करने हेतु वन विभाग द्वारा जल संसाधन से राशि व्यय की मांग की गई? यदि हाँ, तो कितनी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) लदेरा लघु सिंचाई का निर्माण वर्ष 1982 में प्रारंभ किया गया था। परियोजना की मूल प्रशासकीय स्‍वीकृत लागत रू.24.23 लाख थी प्राक्कलन की  प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। तत्समय योजना को 03 वर्ष में पूर्ण करना लक्षित था। (ख) परियोजना का कार्य अपूर्ण है। परियोजना से प्रभावित होने वाली 52.10 हेक्‍टेयर वन भूमि की भारत सरकार से स्‍वीकृति प्राप्‍त नहीं होने के कारण परियोजना का कार्य वर्ष 1989 से बंद है। निर्माण एजेंसी को तत्समय राशि रू. 23.33 लाख का भुगतान किया गया (ग) परियोजना अपूर्ण होने के कारण क्षेत्र के किसानों को कोई लाभ प्राप्‍त नहीं हुआ। वर्ष 2014-15 में विभागीय वित्‍तीय एवं तकनीकी सलाहकार समिति द्वारा परियोजना की प्रति हेक्‍टेयर लागत निर्धारित मापदण्‍ड से अधिक होने के कारण परियोजना की प्रशासकीय स्‍वीकृति को निरस्‍त करने का निर्णय लिया गया। लदेरा सिंचाई परियोजना का संपूर्ण कमाण्‍ड मॉं रतनगढ़ बहुउद्देशीय परियोजना में शामिल किए जाने के कारण लदेरा सिंचाई परियोजना के अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करने की कोई योजना नहीं होना प्रतिवेदित है। (घ) वनमण्‍डलाधिकारी, सामान्‍य वन मण्‍डल, ग्‍वालियर से प्राप्त जानकारी अनुसार लदेरा डेम के भराव क्षेत्र में वृक्षारोपण नहीं कराया गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। वन विभाग द्वारा प्रथम चरण की स्‍वीकृति उपरांत जल संसाधन विभाग से रू.6.48 करोड़ की मॉंग की गई थी, उक्‍त राशि से योजना लागत में भारी वृद्धि होने के कारण म.प्र. शासन द्वारा दिनांक 10.11.2014 को योजना की प्रशासकीय स्‍वीकृति निरस्‍त की गई। तदोपरांत भारत शासन द्वारा भी दिनांक 24.01.2017 को प्रकरण को निरस्‍त किया गया।

पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को प्रदाय राशि

[श्रम]

62. ( क्र. 906 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की जून 2022 की स्थिति में कितनी संख्या है? पुरूष, महिलाओं की संख्यावार जानकारी दी जावें। (ख) वर्ष 2021 एवं जून 2022 में कितने श्रमिक परिवारों की पुत्रियों को विवाह हेतु व्यक्तिगत विवाह एवं सामूहिक विवाह के आयोजन हेतु सहायता राशि उपलब्ध कराई गई है? नाम, पिता-माता के पते सहित, राशि की संख्या सहित जानकारी दी जावे। (ग) क्या वर्ष 2021 के कोरोना काल में भी निर्माण श्रमिकों की पुत्रियों को विवाह हेतु सहायता राशि उपलब्ध कराई गई थी? इस काल में कितने सामूहिक विवाह आयोजित किये गये थे? संख्या सहित पूर्ण जानकारी दी जावे।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) ग्‍वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र में म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल के अंतर्गत माह जून, 2022 की स्थिति में 9529 निर्माण श्रमिक पंजीकृत है, जिनमें 8274 पुरूष एवं 1255 महिला श्रमिक पंजीबद्ध है। (ख) ग्‍वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2021 में व्‍यक्तिगत विवाह हेतु म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल द्वारा संचालित विवाह सहायता योजना के अंतर्गत कुल 220 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है, जिसमें प्रत्‍येक हितग्राही को सहायता राशि रूपये 51,000/- प्रदाय की गई है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जून 2022 में ग्‍वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कोई भी सामूहिक विवाह आयोजित नहीं किया गया है। (ग) ग्‍वालियर पूर्व विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2021 के कोरोना काल में विवाह सहायता योजना अंतर्गत कुल 65 निर्माण श्रमिकों की पुत्रियों के लिए विवाह सहायता राशि रू. 51000/- प्रति श्रमिक प्रदाय की गई है। इस काल में ग्‍वालियर पूर्व विधान सभा क्षेत्र में कोई सामूहिक विवाह आयोजित नहीं किया गया।

तेंदूपत्ता संग्रहकों की जानकारी

[वन]

63. ( क्र. 907 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                        (क) प्रदेश में तेदूपत्ता संग्रहकों की कितनी संख्या है? महिला-पुरूषों की जिलवार संख्या की जानकारी जून 2022 की स्थिति में दी जावे। (ख) प्रदेश में कितने तेंदूपत्ता संग्राहकों की दुघर्टना में वर्ष 2021 से जून 2022 तक मृत्यु हुई? महिला-पुरूषों की संख्या सहित जानकारी दी जावें। उन्हें कितनी सहायता राशि उपलब्ध कराई गई है? (ग) प्रदेश में तेंदूपत्ता संग्राहकों की दुर्घटना में कितने लोग आंशिक रूप से, कितने पूर्ण विकलांग हुये? उनकी संख्या एवं सहायता राशि की जानकारी दी जावे।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे  परिशिष्ट-1 अनुसार है।                                        (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है।

संबल योजना तथा श्रमि‍क कार्ड में अंतर

[श्रम]

64. ( क्र. 909 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संबल तथा श्रमि‍क कार्ड में अन्‍तर को स्‍पष्‍ट करते हुए कृपया यह कि क्‍या दोनों ही योजनाओं में कर्मकार कल्‍याण शुल्‍क की राशि खर्च की जाती हैं? वर्ष 2018-19 से प्रश्‍न दिनांक तक विभाग को कर्मकार कल्‍याण शुल्‍क से प्राप्‍त राशि की जानकारी वर्षवार देवें? (ख) संबल योजना की नोडल एजेंसी भी श्रम विभाग हैं, बालाघाट जिले के वर्ष 2019-20 से संबल योजना में हितग्राहियों के लंबित प्रकरणों की जानकारी जनपद पंचायत अनुसार देवें। (ग) क्‍या संबल योजना के लंबित प्रकरणों में जो हितग्राही संबल योजना का लाभ न मिलने की शिकायत जब तक सी.एम. हेल्‍प लाईन में अथवा अन्‍य स्‍थानों पर नहीं करता, उसे योजना का लाभ नहीं मिलता? (घ) बालाघाट जिले की विभिन्‍न जनपद पंचायतों में संबल के 2019-20 से लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जायेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) म.प्र.भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल अंतर्गत भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार (नियोजन तथा सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम 1996 की धारा 12 सहपठित म.प्र. नियम 2002 के नियम 272 के प्रावधान अनुसार भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कार्यों में 90 दिवस संलग्‍न रहने वाले 18 से 60 वर्ष की आयु के कर्मकारों का पंजीयन किया जाता है। मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण (संबल) योजना अंतर्गत किये जाने वाले कर्मकारों के पंजीयन को आम बोलचाल की भाषा में संबल कार्ड कहा जाता है। म.प्र.भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल को प्रदेश में संचालित निर्माण कार्यों में प्राप्‍त उपकर राशि का उपयोग केवल मण्‍डल द्वारा संचालित योजनाओं पर ही किया जाता है वर्ष 2018-19 से प्रश्‍न दिनांक तक मण्‍डल को प्राप्‍त उपकर राशि का विवरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। कर्मकार कल्‍याण शुल्‍क संबंधी राशि मुख्‍यमंत्री जन कल्‍याण (संबल) योजना हेतु खर्च नहीं की जाती है। (ख) म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्‍याण मंडल द्वारा बालाघाट जिले की वर्ष 2019-20 से अब तक लंबित अनुग्रह सहायता प्रकरणों की निकायवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। मुख्‍यमंत्री जन कल्‍याण (संबल) योजनान्‍तर्गत पदाभिहित अधिकारी द्वारा प्राप्‍त आवेदनों पर समुचित जांच कर, पात्र पाये जाने पर, पात्रतानुसार हितलाभ स्‍वीकृति की कार्यवाही की जाती है। मृत्‍यु सत्‍यापन की कार्यवाही की जाती है, तत्‍पश्‍चात प्रकरणों में डिजीटली हस्‍ताक्षर की कार्यवाही की जाती। उक्‍त कार्यवाही पश्‍चात ऐसे समस्‍त प्रकरण राज्‍य स्‍तर पर ऑनलाईन प्राप्‍त होते हैं, जिनमें उपलब्‍ध बजट अनुसार सहायता राशि का भुगतान किया जाता है। (घ) म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्‍याण मंडल को पर्याप्‍त बजट उपलब्‍धता पर लंबित प्रकरणों में अनुग्रह सहायता राशि का भुगतान किया जाता है।
परिशिष्ट - "उन्चास"

नियम विरूद्ध चल रहे वाहनों के विरूद्ध कार्यवाही

[परिवहन]

65. ( क्र. 912 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के संभागीय मुख्यालयों में पूरे वर्ष ट्रैक्टर ट्राली से रेत, गिट्टी एवं अन्य सामग्री भेजने वाले ट्रैक्टर, ट्रालियों वाहनों पर नंबर नहीं लिखे हैं। यदि हाँ, तो विभाग द्वारा कब-कब उक्त के विरूद्ध कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही के विवरण देवें। भोपाल, इंदौर, मुख्यालयों पर कुल कितने ट्रैक्टर ट्रालियों से उक्त कार्य किया जा रहा है? (ख) प्रश्‍नांश (क) से क्या व्यावसायिक कार्य करने वाले ट्रैक्टर एवं ट्राली के मालिकों से व्यावसायिक टैक्स परिवहन विभाग वसूलता है? यदि हाँ, तो विवरण देवें। यदि नहीं, तो क्या शासन इस दिशा में कोई योजना तैयार कर रहा है? (ग) क्या संभागीय मुख्यालयों में व्यावसायिक कार्य करने वाले ट्रैक्टर ट्रालियों परिवहन विभाग के नियमों के विरूद्ध कंडम, बिना पंजीयन के, बिना बीमा,बिना नंबर के हजारों वाहन संचालित हैं जिनके कारण प्रत्येक वर्ष दुर्घटनाएं हुईं हैं? वर्ष 2021 से प्रश्‍नांश दिनांक तक की जानकारी उपलब्ध करावें। इस दिशा में कब-कब विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) प्रदेश के संभागीय मुख्यालयों में पूरे वर्ष ट्रैक्टर ट्राली से रेत, गिट्टी एवं अन्य सामग्री भेजने वाले ट्रैक्टर, ट्रालियों वाहनों पर नंबर नहीं लिखे होने के संबंध में परिवहन विभाग द्वारा समय-समय पर उनके विरूद्ध कार्यवाही की जाती है। वर्ष 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक प्रदेश के संभागीय मुख्यालयों पर परिवहन विभाग द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण संभागीय मुख्यालयवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। भोपाल, इंदौर मुख्यालयों के परिवहन कार्यालयों में क्रमश: 873 एवं 646 व्यावसायिक ट्रैक्टर ट्रालियां पंजीकृत हैं, जिनके द्वारा उक्त कार्य किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।            (ग) संभागीय मुख्यालयों में व्यावसायिक कार्य करने वाले ट्रैक्टर ट्रालियों परिवहन विभाग के नियमों के विरूद्ध कंडम, बिना पंजीयन के, बिना बीमा, बिना नंबर के वाहन संचालित होने पर परिवहन विभाग द्वारा उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। वर्ष 2021 से प्रश्‍नांश दिनांक तक संभागीय मुख्यालयों में ट्रैक्टर ट्रालियों से हुई दुर्घटनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। दुर्घटनाओं को रोकने की दिशा में परिवहन विभाग द्वारा समय-समय पर ट्रैक्टर ट्रालियों की चैकिंग तथा उनमें रिफ़लेक्टर टेप लगवाए जाने की कार्यवाही की गई हैं। प्रश्‍नाधीन अवधि में विभाग द्वारा की गई कार्यवाही का  विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "पचास"

 

 

राजस्‍व अभिलेख में दर्ज भूमि

[राजस्व]

66. ( क्र. 923 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                               (क) ग्राम समान पुराना पटवारी हल्का 41 नया पटवारी हल्का नंबर 15 तहसील हुजूर जिला रीवा के वर्ष 1944-45 से 1950-51 तक के खसरा पंजी में खसरा क्रमांक 146, 149, 160, 161, 58, 902, 177, 175 राजस्व अभिलेख में किसके नाम पर दर्ज था? उक्त खसरों में किस-किस दिनांक को क्या-क्या परिवर्तन हुआ? वर्तमान में यह भूमि किसके नाम पर दर्ज है? (ख) वर्ष 1944-45 से 1950-51 तक दमड़ी कोल के नाम पर दर्ज ग्राम समान पुराना पटवारी हल्का नंबर 41, नया पटवारी हल्का नंबर 15, तहसील हुजूर, जिला रीवा के नाम पर किस खसरा क्रमांक में कितना रकबा दर्ज था? इसमें से कितनी भूमि वर्तमान में किस-किस के नाम पर दर्ज है? यह भूमि का विक्रय किस दिनांक को दमड़ी कोल के किस वंशज के द्वारा किसे किया गया, जिसके आधार पर राजस्व अभिलेखों में नामांतरण की कार्यवाही की गई? (ग) आदिवासी दमड़ी कोल का कौन-कौन वंशज वर्तमान में जिंदा है? उसका उपरोक्त भूमियों में से किस-किस भूमि पर नाम दर्ज है? किस-किस भूमि पर नाम किन कारणों से दर्ज नहीं है? पृथक-पृथक बताएं।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित ग्राम समान पुरान पट. हल्का 41 नया पट. हल्का 15 वर्तमान में 13 तहसील हुजूर जिला रीवा के वर्ष 1944-45 से वर्ष 1950-51 तक का अभिलेख तहसील कार्यालय हुजूर एवं जिला अभिलेखागार में उपलब्ध नहीं होने से परिवर्तन संबंधी जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। अधिकार अभिलेखध्री. नंबरिंग सूची वर्ष 1974-75 के अनुसार पुराने नंबर 146, 149, 160, 161, 58, 902, 177, 175 से निर्मित नवीन नंबर क्रमशः निम्नानुसार हैः- पुराना खसरा नंबर नया खसरा नंबर 146 337, 338, 339 149 344, 345, 347 160 356, 358, 359, 360 161 361, 362, 363 58, 902 107, 108, 109 177 400, 401 175 393, 394, 395, 396, 397 वर्तमान अभिलेख/खसरा में दर्ज है। (ख) प्रश्‍नांश (ख) संबंधी जानकारी तहसील एवं जिला अभिलेखागार में उपलब्ध न होने के कारण दिये जाने में कठिनाई है। (ग) आदिवासी दमड़ी कोल के वंसज से संबंधित जानकारी तहसील कार्यालय में उपलब्ध नहीं होने से जानकारी दिये जाने में कठिनाई है।

भू-स्‍वामी हक में दर्ज भूमि

[राजस्व]

67. ( क्र. 925 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                             (क) सतना क्षेत्र की आराजी क्रमांक 135, 136, 138 एवं 142 वर्ष 1958-59 में किस-किस के नाम पर दर्ज थी, आराजी क्रमांक और रकबे की भूस्वामीवार सूची उपलब्ध करवाएँ। वर्तमान में यह भूमि किस आराजी क्रमांक रकबा सहित किसके नाम पर दर्ज है? (ख) आराजी क्रमांक 135, 136, 138 एवं 142 के कितने रकबे को किस-किस न्यायालय के किस आदेश क्रमांक दिनांक से भू-स्वामी हक में दर्ज किया गया? उसमें से किस-किस आदेश की प्रति उपलब्ध है? प्रति सहित बतावें।                                        (ग) न्यायालयीन आदेशों से भू-स्वामी हक में दर्ज किए गए भूस्वामी को भूमि पर क्या-क्या अधिकार प्राप्त हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार। (ख) उत्‍तरांश '''' में अंकित भूमिस्‍वामी स्‍वत्‍व की आराजियां निम्‍न आदेशों के तहत भूमिस्‍वामी हक में दर्ज की गई है:- (I) आ.नं. 135/3 आयुक्‍त रीवा संभाग रीवा के प्रकरण क्रमांक 8/1994-95 आदेश दिनांक 12.09.1996 के पालन में नजूल अधिकारी सतना के प्रकरण क्र. 35020 (1) 1983-84 में पारित आदेश दिनांक 03.01.2003 से आ.क्र. 135/2, 136 से रकवा 26908 वर्गफीट को भूमिस्‍वामी हक में दर्ज है। आ.नं. 136/1/1 रकवा 0.299हे. न्‍यायालय कलेक्‍टर सतना के प्र.क्र. 0226/ब-121/ 2021-22 में पारित आ.दि. 03.11.2021 से भूमिस्‍वामी दर्ज। (II) हस्‍तलिखित आ.नं. 138/4 रकवा 0.082हे. कलेक्‍टर महोदय सतना के आदेश क्रमांक 212/6/2002-03 में पारित आदेश दिनांक 06.12.2003 से सुधाकर चतुर्वेदी तनय दिवाकर चतुर्वेदी वगै. सा.मुख्‍तायारगंज सतना, आ.नं.138/5 रकवा 0.052हे. कलेक्‍टर महोदय सतना के आदेश दिनांक 12.12.1995 एवं नजूल आधिकारी के प्रकरण क्रमांक 3220 (1)/1999-2000 में पारित आदेश दिनांक 30.01.2002 से भूमिस्‍वामी दर्ज है आ.नं. 138/6 का रकवा 0.096हे. न्‍यायालय नजूल अधिकारी सतना के प्र.क्र. 826/2011-12 आदेश दिनांक 24.09.2012 से 80×130 10400 वर्ग‍फीट भूमि स्‍वामी दर्ज है। आदेश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार। (ग) न्यायालयीन आदेशों से भूमिस्‍वामी स्‍वत्‍व में दर्ज की गई भूमि पर सम्‍पूर्ण स्‍वत्‍व के अधिकार प्राप्‍त है।

खाद्यान्न पात्रता पर्ची का प्रदाय

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

68. ( क्र. 930 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                            (क) क्‍या परासिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न नगरीय निकायों एवं जनपद पंचायत की विभिन्न ग्राम पंचायतों में अनेकों ऐसे गरीबी रेखा कार्डधारी व अन्य योजनाओं में पात्र हितग्राही है, जिन्हें पात्रता होने के बाद भी विभाग द्वारा अभी तक खाद्यान्न पात्रता पर्ची प्रदान नहीं की गई है? ऐसे सभी पात्र हितग्राहियों की नगरीय निकाय व ग्राम पंचायतवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार ऐसे सभी हरिजन वर्ग, आदिवासी वर्ग, विकलांग व अन्य पात्र हितग्राहियों को खाद्यान्न पात्रता पर्ची पात्र होने के बाद भी प्रदान नहीं किये जाने का क्या कारण है? (ग) ऐसे सभी हरिजन वर्ग, आदिवासी वर्ग, विकलांग व अन्य पात्र हितग्राहियों को विभाग द्वारा खाद्यान्न पात्रता पर्ची कब तक प्रदान कर दी जायेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी नहीं, परासिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्‍न नगरीय निकायों एवं जनपद पंचायत की विभिन्‍न ग्राम पंचायतों में ऐसे गरीबी रेखा कार्डधारी व अन्‍य योजनाओं में पात्र हितग्राही पात्रता पर्ची से वंचित नहीं है। (ख) प्रश्‍नांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में जानकारी निरंक है। (ग) प्रश्‍नांश '''' एवं '''' के परिप्रेक्ष्‍य में जानकारी निरंक है।

खनिज ब्लॉक की नीलामी

[खनिज साधन]

69. ( क्र. 933 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (‍क) राज्य में खनिज ब्लॉक नीलाम किए जाने की योजना या नीति को किस दिनांक से लागू किया गया? प्रश्‍नांकित दिनांक तक किस जिले में किस खनिज का कितने हेक्टेयर का ब्लॉक किस दिनांक को नीलाम किया गया? उसमें से किस ब्लॉक में खनिज का खनन प्रारंभ हो चुका है? (ख) नीलामी की योजना एवं नीति लागू किए जाने के दिनांक से प्रश्‍नांकित दिनांक तक खनिज विभाग ने किस जिले के किस ग्राम में कितने हेक्टेयर क्षेत्र में किस खनिज का ब्लॉक बनाया है, उस ब्लॉक में कितनी आर.एफ., कितनी पी.एफ., कितनी राजस्व वन, कितनी राजस्व भूमि  एवं कितनी निजी भूमि शामिल की गई इस भूमियों से संबंधित वैधानिक कार्यवाही के संबंध में भारत सरकार, खनिज मंत्रालय ने दिनांक-3 जून 2022 में क्या-क्या आदेश एवं निर्देश दिए हैं? (ग) राज्य सरकार के द्वारा खनिज ब्लॉक में शामिल भूमियों से संबंधित वैधानिक कार्यवाहियों को किए जाने हेतु क्या-क्या नीति या योजना बनाई है प्रति सहित बतावे? यदि नीति या योजना नहीं बनाई हो तो कारण बतावे।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) भारत सरकार द्वारा खान एवं खनिज (विकास तथा विनियमन) अधिनियम, 1957 में दिनांक 12/01/2015 से संशोधन कर नीलामी के प्रावधान किये गये हैं। नीलाम किये गये खनिज ब्‍लॉक का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के                                                     प्रपत्र-अ अनुसार है। जिला जबलपुर के प्रतापपुरा आयरन और ब्‍लॉक का खनन कार्य प्रारंभ हो चुका है। (ख) प्रश्‍नांकित दिनांक तक खनिज विभाग द्वारा बनाये गये ब्‍लॉक्‍स की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। भूमियों से संबंधित वैज्ञानिक कार्यवाही के संबंध में भारत सरकार, खान मंत्रालय से किसी प्रकार के आदेश या निर्देश प्राप्‍त नहीं हुए हैं। (ग) खनिज ब्‍लॉक में शामिल निजी भूमि के संबंध में भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्‍यवस्‍थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधि‍कार अधिनियम, 2013, राजस्‍व भूमि के मामले में मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता, 1959 तथा वन भूमि के मामलों में वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 अधिसूचित किये गये हैं। उपरोक्‍तानुसार अधिसूचित नियम/अधिनियम के अधीन कार्यवाही की जाती है।

निजी भूमियों को वन भूमि प्रतिवेदित किया जाना

[वन]

70. ( क्र. 934 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                           (क) भू-राजस्व संहिता 1959, भूअर्जन अधिनियम 1894, भूमि अर्जन अधिनियम 2013, भारतीय वन अधिनियम 1927 में भूस्वामी हक में दर्ज निजी भूमि एवं आबादी मद की भूमि को अर्जित किए बिना ही आरक्षित वन एवं संरक्षित वन प्रतिवेदित करने, वर्किंग प्लान में शामिल करने, नियंत्रण एवं प्रबन्धन करने का क्या-क्या अधिकार वन विभाग को दिया गया है? (ख) भोपाल एवं इंदौर संभाग के किस जिले के कितने राजस्व ग्रामों को वन विभाग वर्तमान में वन ग्राम प्रतिवेदित कर रहा है? उन ग्रामों की कितनी निजी भूमियों को किस अधिसूचना या आदेश से आरक्षित वन भूमि प्रतिवेदित कर रहा है? इनमें से कितने राजस्व ग्रामों की कितनी भूमि को वर्किंग प्लान में भी दर्ज बताया जा रहा है? (ग) भोपाल एवं इंदौर संभाग के किस जिले में कितनी निजी भूमियों को भा.व.अ.1927 की धारा 4 में अधिसूचित कर वन विभाग ने वर्किंग प्लान में शामिल कर लिया? उन निजी भूमियों की धारा 5 से 19 तक की जांच एवं कार्यवाही वर्तमान में किस अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के पास कब से लम्बित है?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 3 के अंतर्गत ''ऐसी वनभूमि या पड़त भूमि आरक्षित करने की शक्ति है जो सरकार की संपत्ति है अथवा जिस पर सरकार के साम्पत्तिक अधिकार है या जिसकी वनोपज की पूरी अथवा किसी भाग की सरकार हकदार है। अन्य किसी साम्पत्तिक अधिकार की भूमि नहीं होना चाहिये,'' को आरक्षित वन बनाने का विनिश्चय कर लिया गया तब राज्य सरकार राजपत्र में आशय की अधिसूचना जारी करें। संरक्षित वनों के संबंध में भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 29 में राज्य सरकार किसी वनभूमि या पड़त भूमि पर जो आरक्षित वन में सम्मिलित नहीं है किन्तु सरकार की संपत्ति है या जिस पर सरकार का साम्पत्तिक अधिकार है या उसकी संपूर्ण वनोपज या उनके किसी भाग पर सरकार हकदार है को संरक्षित भूमि अधिसूचित कर सकेगा। भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 4 एवं 29 में अधिसूचित आरक्षित एवं संरक्षित वनभूमि पर भू- राजस्व संहिता 1959 लागू नहीं होता है। (ख) भोपाल एवं इंदौर संभाग के किसी भी जिले में राजस्व ग्राम को वन विभाग वर्तमान में वनग्राम प्रतिवेदन नहीं कर रहा है। शेष भाग का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।                          (ग) इंदौर संभाग के किसी भी जिले में कोई निजी भूमि प्रतिवेदन नहीं है तथा भोपाल संभाग के विदिशा जिले में भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 4 के अंतर्गत 401.666 हेक्टेयर भूमि वर्किंग प्लान में शामिल की गई है। उक्त निजी भूमियों की जांच अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पदेन वन व्यवस्थापन अधिकारी बासौदा, नटेरन, लटेरी एवं सिरोंज के पास वर्ष 2003 के बाद लंबित है।

अनाज बेचने पर हिग्राहियों को अनाज की आपूर्ति

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

71. ( क्र. 941 ) श्री बीरेन्‍द्र रघुवंशी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                           (क) शासकीय उचित मूल्य की दुकानें जिन पर गरीबी रेखा से नीचे जीवन जीने वाले तथा अन्य गरीब हितग्राहियों की उदर पूर्ति हेतु भारत सरकार तथा राज्य सरकार से अनाज प्राप्त होता है, लेकिन जब वो अनाज सेल्समैन द्वारा बेच दिया जाता है तो जितने महीनों का अनाज सेल्समैन द्वारा बेच दिया जाता है, गरीबों को उन महीनों का अनाज कभी भी उपलब्ध नहीं होता और न ही सेल्समैन से इस अनाज की प्रतिपूर्ति हो पाती है। क्या विभाग नियमों को कठोर कर अनाज बेचने वाले सेल्समैनों की संपत्ति की नीलामी कर/अन्य किसी माध्यम से बेचे गए अनाज की प्रतिपूर्ति करने हेतु कानून बनाने की कार्यवाही करेगा जिससे गरीबों को समय पर निरंतर अनाज मिलता रहे? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार वर्तमान में सेल्समैन द्वारा अनाज बेच दिए जाने पर अनाज की प्रतिपूर्ति/राशि वसूली कैसे की जाती है? नियम, निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें। जिन महीनों का अनाज सेल्समैन द्वारा बेच दिया जाता है उस माह में हितग्राही को अनाज देने के क्या निर्देश हैं? नियम, निर्देशों की प्रतियां उपलब्ध करावें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।




शासकीय उचित मूल्य की दुकानों को प्रदाय आवंटन

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

72. ( क्र. 943 ) श्री बीरेन्‍द्र रघुवंशी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) शिवपुरी जिले में विगत 03 वर्षों में शासकीय उचित मूल्य की दुकानों को किस दिनांक को कितना-कितना अनाज एवं अन्य खाद्य सामग्री हितग्राहियों को बांटने हेतु आवंटित की गई? जानकारी सामग्रीवार, तहसीलवार, वर्षवार, माहवार, संस्थावार, आवंटन का दिनांक उल्लेखित कर प्रदाय करें। (ख) शिवपुरी जिले में विगत 03 वर्षों में किन-किन शासकीय उचित मूल्य की दुकानों पर सेल्समैन द्वारा अनाज बेचने संबंधी घटनाएं हुईं है तथा उसमें संस्था को तत्समय कितनी खाद्य सामग्री का आवंटन किया गया था व उक्त खाद्य सामग्री में से कितनी साम्रगी को बेच दिया गया था? बेची गई सामग्री कौन-कौन सी थी तथा उनका वजन एवं बाजार मूल्य क्या था? जानकारी संस्थावार, सामग्रीवार, मूल्यवार, तहसीलवार उपलब्ध करावें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-''अनुसार है।  (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'' अनुसार है।

संबल योजनान्तर्गत प्रदाय राशि

[श्रम]

73. ( क्र. 950 ) श्री हर्ष यादव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                           (क) विभाग द्वारा संबल योजनान्तर्गत पंजीकृत व्यक्तियों की आकस्मिक एवं दुर्घटना मृत्यु के संबंध में क्या-क्या एवं कितनी-कितनी राशि की अनुदान सहायता एवं कितनी समय-सीमा में प्रदाय किये जाने प्रावधान किये गये हैं? नियम निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) सागर जिला अंतर्गत वर्ष 2019 से संबल योजनान्तर्गत पंजीकृत व्यक्तियों को आकस्मिक एवं दुर्घटना मृत्यु की सहायता हेतु विभिन्न माध्यमों से आवेदन प्राप्त हुए हैं? उनको प्रदाय सहायता राशि बैंकवार/विकासखण्डवार/ पंचायतवार विस्तृत जानकारी देवें। (ग) क्या जिले में संबल योजनान्तर्गत अपात्र व्यक्तियों को लाभान्वित किये जाने/पात्र व्यक्तियों को लाभ न दिए जाने एवं अन्य अनियमितताओं के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त हुई? प्राप्त शिकायतवार विस्तृत विवरण देवें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) में प्राप्त शिकायत अनुसार दोषियों के विरूद्ध विभाग द्वारा वसूली/निलंबन/या अन्य कोई कार्यवाही की गई हैं? यदि हाँ, तो विस्तृत विवरण देवें। यदि नहीं, तो क्यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) संबल योजना अन्‍तर्गत पंजीकृत व्‍यक्तियों की आकस्मिक एवं दुर्घटना मृत्‍यु हो जाने पर रूपये 4.00 लाख (चार लाख) की आर्थिक सहायता दिये जाने का प्रावधान है। प्राप्‍त आवेदन को पदाभिहित अधिकारी द्वारा जाँच अधिकारी को भेजने पर जाँच अधिकारी द्वारा 07 कार्य दिवस में जाँच की जाना प्रावधानित है। जिसके आधार पर पात्रतानुसार राशि प्रदाय/प्रकरण निरस्‍ती की कार्यवाही पदाभिहित अधिकारी द्वारा किये जाने का प्रावधान है। नियम/दिशा-निर्देश की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) सागर जिले में वर्ष 2018 से आज दिनांक 12.07.2022 तक संबल योजना अन्‍तर्गत पंजीकृत व्‍यक्तियों की आकस्मि‍क एवं दुर्घटना मृत्‍यु हो जाने पर 680 प्रकरणों में राशि रूपये 27,20,00,000/- (सत्‍ताईस करोड़ बीस लाख रूपये) आर्थिक सहायता के रूप में वैध उत्‍तराधिकारी को सीधे हितग्राही के खाते में राज्‍य स्‍तरीय बैंक पंजाब नेशनल बैंक अन्‍नपूर्णा नगर शाखा इन्‍दौर से प्रदाय किया जाता है। विकासखण्‍डवार एवं नगरीय निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी निरंक है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

जलाशय का निर्माण

[जल संसाधन]

74. ( क्र. 951 ) श्री हर्ष यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                       (क) विभाग में निर्माण कार्यों को कराये जाने हेतु नियुक्त निर्माण एजेंसी एवं उनके द्वारा जमा की गई अमानत (गांरटी) राशि के संबंध में क्या नियम हैं? नियम एवं जलाशय निर्माण हेतु जारी निविदा शर्तों एवं नियुक्त एजेंसी के कार्यादेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या विकासखण्ड केसली अन्तर्गत सूरजपुरा जलाशय योजना की नहरों का निर्माण कार्य प्रश्‍न दिनांक तक अधूरा है? यदि हाँ, तो संबंधित निर्माण एजेंसी को 200 लाख रूपया का ऋणात्मक अंतिम देयक प्रस्तुत होने के बाद भी अधूरे निर्माण का पूर्ण भुगतान किया गया है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार ऋणात्मक देयक प्रस्तुत होने के बाद भी निर्माण एजेंसी को नियम विरूद्ध रूप से पूर्ण भुगतान करने/कराने वाले दोषी अधिकारियों/निर्माण एजेंसी के विरूद्ध विभाग कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो दोषी अधिकारियों/निर्माण एजेंसी के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई हैं? नामवार पदवार बतावें।                  (ङ) सागर जिले में वर्ष 04/2015 से 03/2022 तक विभाग द्वारा कौन-कौन से अनुबंध को बगैर पूर्ण किये ही नियम विरूद्ध तरीके से निर्माण एजेंसी को जमा गांरटी राशि वापिस की गयी है? यदि हाँ, तो वापिस करने वाले दोषी अधिकारियों के विरूद्ध विभाग कार्यवाही करेगा तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विभाग अंतर्गत अमानत राशि के संबंध में जारी नियम की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। जलाशय प्रश्‍नांश में किसी जलाशय विशेष का उल्लेख नहीं किए जाने के कारण शासन द्वारा जारी मानक निविदा प्रपत्र, जिसमें निविदा शर्तें दर्शित‍ हैं, की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 अनुसार है। वर्तमान में विभाग के अंतर्गत पृथक से कार्यादेश जारी करने की प्रथा समाप्‍त हो चुकी है। (ख) एवं (ग) जी हाँ, विकासखण्‍ड केसली अंतर्गत सूरजपुरा जलाशय परियोजना की नहरों का निर्माण कार्य प्रश्‍न दिनांक तक अपूर्ण है। जी नहीं, ऋणात्‍मक अंतिम देयक प्रस्‍तुत होने के बाद निर्माण एजेंसी को कोई भुगतान नहीं किया गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- अ अनुसार है। प्रकरणों में जाँच हेतु प्रमुख अभियंता को निर्देशित किया गया है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्‍त होने पर गुण-दोष के आधार पर त्रुटिकर्ताओं के विरूद्ध कार्यवाही बाबत निर्णय लिया जाना संभव होगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

 

 

बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजनाओं का क्रियान्वयन

[जल संसाधन]

75. ( क्र. 955 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                    (क) प्रदेश के ग्वालियर अंचल के जिला ग्वालियर भिण्ड एवं दतिया जिले के 233 ग्रामों के किसानों के लिये वर्ष 2017 से उत्तर दिनांक तक क्या कोई बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी? इसके तहत कौन-कौन से कार्य होना है? (ख) प्रत्येक सिंचाई परियोजना में किस कार्य हेतु कितनी राशि स्वीकृत हुई? क्रियान्वयन एजेंसी कौन है? प्रत्येक कार्य की पूर्णता अवधि कितनी निर्धारित है? उसका पूर्ण विवरण दें। (ग) प्रत्येक सिंचाई परियोजना में कार्य हेतु स्वीकृति राशि के विरूद्ध कितनी-कितनी राशि किस दिनांक को किस निर्माण एजेंसी को अग्रिम तथा मौके पर किये गये कार्य के मूल्यांकन उपरांत भुगतान की? भुगतान की गई राशि का मौके पर किसके द्वारा मूल्यांकन/सत्यापन किया गया? यदि मौके पर कार्य नहीं हुआ तो क्या बिना कार्य के राशि भुगतान किया जाना उचित है? यदि नहीं, तो किसके आदेश/स्वीकृति से राशि बिना कार्य के भुगतान की गई? इसके लिये कौन दोषी है? क्या दोषी के विरूद्ध कोई जांच या कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या शासन/विभाग द्वारा उक्त लंबित बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजनाओं के कार्य को शीघ्र पूरा करने हेतु कोई कार्य योजना बनाई है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं? तो लंबित परियोजनाओं का क्रियान्वयन कब तक कर लिया जायेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

खरीदी केन्द्रों पर संग्रहित सामग्री का भण्‍डारण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

76. ( क्र. 956 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में प्राइवेट वेयरहाउस में माल भरने के क्या नियम हैं? क्या खरीदी केंद्र से निकटतम दूरी से लेकर अधिकतम दूरी तक वेयरहाउस क्रम से भरे जाते हैं? यदि हाँ, तो खरीद केंद्रों से वेयरहाउस की दूरी के क्रम में ग्वालियर जिले की सीमा में स्थित प्राइवेट वेयरहाउस की क्षमता एवं समीपस्थ केन्द्र से दूरी सहित सूची उपलब्ध कराएं। (ख) वित्तीय वर्ष 2019-20 से उत्तर दिनांक तक किस प्राइवेट वेयरहाउस में कितना माल भरा गया? वेयरहाउस से माल उठाने के क्या नियम हैं? इसमें भी क्‍या निकटतम से अधिकतम दूरी का मानक लागू होता है? प्राइवेट वेयरहाउस में रखे गये माल को किस पीडीएस दुकान पर सप्लाई किया? उसका नाम एवं दूरी सहित जानकारी देवें। इस हेतु किस ट्रांसपोर्टर को कितनी राशि भुगतान की गई? वर्षवार एवं वेयरहाउसवार जानकारी दें। (ग) क्या ग्वालियर जिले की सीमा में वेयरहाउस खाली होने के उपरांत भी 2019-20 से उत्तर दिनांक तक जिले के बाहर प्राइवेट वेयरहाउस भरे गए? यदि हां? तो किस नियम के तहत? खरीद केन्द्र से सामग्री जिस प्राइवेट वेयरहाउस में रखी गई उसकी दूरी सहित सूची उपलब्ध कराएं। इस हेतु किस ट्रांसपोर्टर को कितनी राशि भुगतान की गई? वर्षवार एवं वेयरहाउसवार जानकारी दें। (घ) वेयरहाउस में रखे शासकीय माल में क्या कभी कोई शॉर्टेज आती है? यदि हाँ, तो क्यों एवं उसका क्या नियम है? इसके लिए कौन उत्तरदायी होता है?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

अतिक्रमण हटाया जाना

[राजस्व]

77. ( क्र. 960 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                            (क) मौजा उर्दमऊ जिला छतरपुर की भूमि खसरा नंबर 1816 किसके नाम दर्ज है? उक्त भूमि को किस प्रयोजन हेतु आरक्षित किया गया है? (ख) उक्त खसरा नंबर में क्या कोई अतिक्रमण है? यदि हाँ, तो किसका? अतिक्रमण हटाने के लिए क्या कार्यवाही की गई? अतिक्रमण कब तक हटा दिया जावेगा।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) मौजा उर्दमऊ जिला छतरपुर स्थित भूमि खसरा नंबर शासकीय मध्‍यप्रदेश शासन अभिलेख में दर्ज है। उक्‍त भूमि को गौ-शाला निर्माण के लिए आरक्षित किया गया है। (ख) जी हाँ। उपरोक्त खसरा नं. में रज्जन दीक्षित. मनोज कुमार दीक्षित, पुष्पेन्द्र कुमार दीक्षित, अखलेश कुमार दीक्षित पुत्रगण ललता प्रसाद दीक्षित निवासी ग्राम उर्दमऊ द्वारा बाउण्ड्री बनाकर अतिक्रमण किये जाने से प्रकरण क्रमांक 37/अ-68/2019-20. 38/अ-68/2019-20, 39/अ-68/2019-20. 40/अ-68/2019-20 के तहत अतिक्रमण पाये जाने से मकान की बाउण्ड्री व तार-बारी का अतिक्रमण हटाया गया था। वर्तमान में अतिक्रामकगण द्वारा पुनः अतिक्रमण किये जाने पर अतिक्रामको के विरूद्ध म.प्र. भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के अंतर्गत, राजस्‍व न्‍यायालय तहसीलदार महाराजपुर के न्‍यायालय में कार्यवाही न्‍यायाधीन है।

नगरीय क्षेत्रों की आबादी भूमि का सर्वे कार्य

[राजस्व]

78. ( क्र. 963 ) श्री विनय सक्सेना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों के आबादी भूमि में निवासरत परिवारों को उक्त भूमि का स्वामित्व/पट्टा आदि प्रदान करने की योजना में जबलपुर जिले अंतर्गत कुल कितने व्यक्तियों द्वारा आवेदन किये गये? (ख) कितने व्यक्तियों को भूमि का स्वामित्व/पट्टा जारी किया जा चुका है तथा कितने आवेदन रिजेक्ट किये गये हैं? तहसीलवार बतावें। (ग) क्या जबलपुर नगरीय क्षेत्र की आबादी भूमि के सर्वे की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है? यदि हाँ, तो समस्त अभिलेख बतावें। यदि नही, तो सर्वे अपूर्ण रहने का क्या कारण हैं? (घ) जबलपुर नगरीय क्षेत्र की आबादी भूमि का सर्वे पूर्ण करने हेतु कितने समय का लक्ष्य निर्धारित किया गया हैं? संबंधित अभिलेख उपलब्‍ध करावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) नगरीय क्षेत्रों के आबादी भूमि में निवासरत परिवारों को उक्त भूमि का स्वामित्व/पट्टा आदि मुख्‍यमंत्री नगरीय भू-अधिकार योजना (धारणाधिकार) के अंतर्गत प्रदान करने की योजना है। जिसके अन्‍तर्गत जिले में कुल 15583 व्यक्तियों द्वारा आवेदन किये गये। (ख) जिले में 1234 व्यक्तियों को भूमि स्वामित्व/पट्टा योजनांतर्गत जारी किया जा चुका है तथा 1140 आवेदन रिजेक्ट किये गये हैं। रिजेक्ट किये गये आवेदनों की तहसीलवार सूची  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है                                   (ग) नगरीय क्षेत्रों का सर्वेक्षण हेतु मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग द्वारा जारी चरणबद्ध मार्गदर्शिका कार्यालय आयुक्त भू-अभिलेख ग्वालियर के पत्र क्रमांक 1266/11-भू.प्र./नगरीय सर्वेक्षण/2021 ग्वालियर दिनांक 02.12.2021 के माध्यम से प्राप्त मार्गदर्शिका में दिए गए निर्देशानुसार जिला स्तर से जिला स्तरीय समन्वय समिति, नगरीय निकाय (नगर निगम) स्तरीय समन्वय समिति, नगरीय निकाय (नगर पालिका परिषद/नगर परिषद) स्तरीय समन्वय समिति, वार्ड स्तरीय समन्वय समिति का गठन किया गया है। (घ) नगरीय क्षेत्र की आबादी का सर्वे आयुक्त भू अभिलेख द्वारा जारी नगरीय क्षेत्र की मार्गदर्शिका (पत्र क्रमांक 1266/11-भू.प्र./नगरीय सर्वेक्षण/2021 ग्वालियर दिनांक 02.12.2021 अनुसार किया जाएगा। संबंधित अभिलेख पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है।

राशन घोटालों में कार्यवाही

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

79. ( क्र. 964 ) श्री विनय सक्सेना : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                            (क) विगत 2 वर्षों में विभाग अंतर्गत राशन घोटाले/वितरण अनियमितता/परिवहन अनियमितता आदि के कितने-कितने प्रकरण संज्ञान में आये हैं? जिलेवार, प्रकरणवार वस्तुस्थिति बतावें।                    (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किन-किन प्रकरणों की जांच में कितनी-कितनी राशि व अनाज की अनियमितता होना पाया गया? जांच प्रकरणों की सूची प्रस्‍तुत करें। (ग) उक्त दोषियों से कितनी-कितनी राशि वसूल की गयी? जिलेवार, प्रकरणवार बतावें। (घ) उक्त अनियमितताओं को रोकने विभाग द्वारा क्या-क्या कदम उठाये गये?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उक्‍त अनियमितताओं को रोकने के लिये विभाग द्वारा आवश्‍यक वस्‍तु अधिनियम 1955 एवं मध्‍यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 अंतर्गत सतत् निगरानी की जाकर निरंतर कार्यवाही की जा रही हैं। जिले में संचालित प्रत्‍येक उचित मूल्‍य दुकानों पर माह की 07 तारीख को अन्‍न उत्‍सव का आयोजन किया जाता हैं जिसमें विभाग से नियुक्‍त अधिकारी, प्रत्‍येक उचित मूल्‍य दुकानों के लिए नियुक्‍त नोडल अधिकारी, शासकीय/कर्मचारी, निगरानी समिति के सदस्‍यों तथा माननीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में खाद्यान्‍न का वितरण व नियमित निगरानी व जांच की जाती है।

वानिकी एवं पडती भूमि विकास पुरस्‍कार

[वन]

80. ( क्र. 967 ) श्री सुनील उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                (क) मध्यप्रदेश में 26 जनवरी 1988 को प्रथम बार महामहिम राज्यपाल महोदय श्री के.एम. चांडी के हस्ते राज्य भवन में आज दिनांक तक कितने वन अधिकारी एवं कर्मचारियों को वानिकी के प्रदेश स्तरीय सर्वोच्च सम्मान स्वर्ण पदक से अलंकृत किया गया है। नाम, पदनाम की जानकारी उपलब्ध कराने का कष्ट करें। (ख) वर्ष 1995 का इंदिरा प्रियदर्शनी वृक्ष मित्र पुरस्‍कार भारत सरकार द्वारा 16 मार्च 2000 को विज्ञान भवन नई दिल्ली में योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री के.सी जी के हस्ते वितरण किया गया, जिसमें प्रदेश की पहली शासकीय संस्था वनपरिक्षेत्र बाजना रतलाम एवं वनमण्डल झाबुआ को यह पुरस्कार मिला। इस पुरस्का‍र को गृहण करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम की जानकारी उपलब्ध करावें (ग) क्या मध्यप्रदेश में अमृता देवी विश्ननोई पुरस्‍कार वनों एवं वन्य प्राणि‍यों के सरंक्षण संवर्धन हेतु दिया जाता है? यदि हाँ, तो यह पुरस्कार किन कारणों से बंद कर दिया है?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रश्‍नाधीन अवधि में महामहिम राज्यपाल महोदय के हस्ते विभाग के किसी भी अधिकारी/कर्मचारी को वानिकी के प्रदेश स्तरीय सर्वोच्च सम्मान स्वर्ण पदक से अलंकृत नहीं किया गया है। शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) इंदिरा प्रियदर्शनी वृक्ष मित्र पुरस्कार वर्ष 1995 वन परिक्षेत्र बाजना, सामाजिक वानिकी वृत्त, रतलाम में श्री रविन्द्रसिंह कुशवाह तत्कालीन वन परिक्षेत्र अधिकारी को प्राप्त हुआ था। वनमंडल झाबुआ अंतर्गत किसी अधिकारी/कर्मचारी को यह पुरस्कार प्राप्त नहीं हुआ था। इंदिरा प्रियदर्शनी वृक्ष मित्र पुरस्कार वर्ष 1996 वनमंडल झाबुआ के अंतर्गत ग्राम वन समिति भंवरपिपल्या को प्राप्त हुआ था। (ग) जी हाँ। पुरस्‍कार बन्‍द नहीं किया गया है।

स्‍वीकृत तालाबों एवं जल संरचनाएं

[जल संसाधन]

81. ( क्र. 968 ) श्री सुनील उईके : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                          (क) विधानसभा जुन्नारदेव क्षेत्र में कितनी लघु एवं मध्यम सिंचाई योजनाएं विभाग द्वारा स्वीकृत एवं प्रस्तावित की गई हैं। (ख) क्या जुन्नारदेव क्षेत्र के किसानों के हित में बहने वाले नदी नालों पर सर्वेक्षण करवाकर क्षेत्र में एनीकेट एवं तालाबों का सर्वे कराकर सिंचाई हेतु प्राक्कलन तैयार करवायेगें? अगर हाँ तो कब तक? (ग) जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में 2018 से आज दिनांक तक वर्तमान में स्वीकृत तालाबों एवं जल संरचनाओं के स्थलवार कितने कार्य स्वीकृत हुये हैं एवं बजट के अभाव में कितने कार्य लंबित हैं। (घ) वर्ष 2018 से आज दिनांक तक जल संसाधन विभाग द्वारा निर्मित जल संरचनाओं से कितना एकड़ रकबा सिंचित हुआ है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विधानसभा क्षेत्र जुन्‍नारदेव में स्‍वीकृत लघु एवं मध्‍यम सिंचाई परियोजनाओं की  जानकारी संलग्न  परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' तथा प्रस्‍तावित परियोजनाओं की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के  प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) जुन्‍नारदेव क्षेत्र के किसानों के हित में सर्वेक्षण कराकर क्षेत्र में बहने वाले नदी नालों पर जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' में दर्शाए अनुसार सिंचाई परियोजनाओं के प्रस्‍ताव/प्राक्कलन तैयार कराया जाना प्रतिवेदित है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। बजट के अभाव में कोई कार्य लंबित नहीं है। (घ) वर्ष 2018 से आज दिनांक तक जल संसाधन विभाग द्वारा निर्मित जल संरचनाओं से कुल 3384 एकड़ रकबा सिंचित हुआ है।

परिशिष्ट - "इक्यावन"

 

 

 

अनुग्रह सहायता एवं अन्‍त्‍येष्टि सहायता

[श्रम]

82. ( क्र. 971 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में 1 अप्रैल, 2018 से प्रश्‍नांकित अवधि तक संबल योजना एवं म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मण्डल में पंजीकृत श्रमिकों के परिवारों को अन्‍त्‍येष्टि सहायता, अनुग्रह सहायता एवं अन्य कौन-कौन सी योजनाओं से आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में जनपद पंचायत सिरोंज एवं लटेरी एवं नगर पालिका परिषद सिरोंज एवं नगर परिषद लटेरी में कितने श्रमिकों की संबल योजना एवं म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मण्डल अनुग्रह सहायता राशि एवं अन्‍त्‍येष्टि सहायता राशि हेतु प्रकरण लंबित हैं? मृतक का नाम, सहायता राशि प्राप्तकर्ता का नाम, समग्र आईडी नम्‍बर, खाता संख्या, आईएफएससी कोड, ग्राम का नाम राशि सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या जनपद पंचायत सिरोंज में संबल योजना एवं म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मण्डल अंतर्गत अनुग्रह सहायता राशि हेतु 28 से अधिक प्रकरण लंबित हैं तथा अन्‍त्‍येष्टि सहायता हेतु 76 से अधिक प्रकरण लंबित हैं? यदि हाँ, तो कारण सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में उक्त योजना में पंजीकृत श्रमिकों के आश्रितों को भुगतान कब-तक कर दिया जावेगा? भुगतान क्यों नहीं किया जा रहा है? इसके लिए दोषी कौन है? दोषियों पर कार्यवाही कब-तक की जावेगी तथा आश्रितों के लिए अनुग्रह सहायता एवं अन्‍त्‍येष्टि सहायता का भुगतान कब-तक कर दिया जावेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) विदिशा जिले में 1 अप्रैल 2018 से प्रश्‍नांकित अवधि तक श्रम विभाग अंतर्गत मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना में पंजीकृत श्रमिकों के परिवारों को निम्‍नानुसार योजनाओं में आर्थिक सहायता स्‍वीकृत की गई है :-

क्र.

योजना का नाम

1

अन्‍त्‍येष्टि सहायता

2

अनुग्रह सहायता (सामान्‍य मृत्‍यु)

3

अनुग्रह सहायता (दुर्घटना मृत्‍यु)

4

अनुग्रह सहायता (स्‍थाई अपंगता)

5

अनुग्रह सहायता (आंशिक स्‍थाई अपंगता)

विदिशा जिले में 1 अप्रैल, 2018 से प्रश्‍नांकित अवधि तक म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत पंजीकृत श्रमिकों को प्रदाय किये गये हितलाभ की योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ख) जनपद पंचायत सिरोंज एवं लटेरी तथा नगरीय निकाय सिरोंज एवं लटेरी से संकलित जानकारी अनुसार मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण (संबल) योजना अंतर्गत जनपद पंचायत सिरोंज में अनुग्रह सहायता के 28 प्रकरण एवं अन्‍त्‍येष्टि सहायता के 76 प्रकरण लंबित है। जनपद पंचायत लटेरी, नगरीय निकाय सिरोंज एवं लटेरी में लंबित प्रकरणों की जानकारी निरंक है। लंबित प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में जनपद पंचायत सिरोंज एवं लटेरी एवं नगरपालिका परिषद सिरोंज एवं नगर परिषद लटेरी में म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल की अंत्‍येष्टि एवं अनुग्रह सहायता योजना अंतर्गत लंबित प्रकरणों की जानकारी निरंक है। (ग) कार्यालय जनपद पंचायत सिरोंज अंतर्गत ई.ओ.डब्‍ल्‍यू. की जांच लंबित होने से निकाय का यूजर एवं पासवर्ड बंद होने से 28 प्रकरण अनुग्रह एवं 76 प्रकरण अन्‍त्‍येष्टि सहायता के लंबित है। (घ) मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत सिरोंज को दिनांक 04 जुलाई 2022 को नवीन यूजर आई.डी पासवर्ड प्रदान किया गया है। सभी पात्र, स्‍वीकृत व डिजीटली हस्‍ताक्षरित प्रकरणों में मृत्‍यु सत्‍यापन पश्‍चात् बजट उपलब्‍धता अनुसार सहायता राशि दी जाती है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

उचित मूल्‍य की दुकानों की जानकारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

83. ( क्र. 972 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) विदिशा जिले में कितनी ग्राम पंचायतों में उचित मूल्य की दुकानें हैं तथा कितनी ग्राम पंचायतों में शासकीय उचित मूल्य की दुकानें संचालित नहीं हो रहीं हैं? दुकान संचालन के क्या नियम/निर्देश/आदेश हैं? छायाप्रति उपलब्ध करावें। किन-किन संस्थाओं एवं समितियों द्वारा उचित मूल्य की दुकानों का संचालन किया जा रहा है? शासकीय उचित मूल्य की दुकानवार, विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में विकासखण्ड सिरोंज एवं लटेरी में 1 अप्रैल 2019 से प्रश्‍नांकित अवधि तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न‍योजना एवं रियायती दर पर कितना-कितना खाद्यान्न शास.उचित मूल्य की दुकानों को आवंटित किया गया? उसके विरूद्ध कितना वितरण किया गया, कितना शेष है? माहवार एवं शासकीय उचित मूल्‍य की दुकानवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में शासकीय उचित मूल्य की दुकानों का निरीक्षण प्रदेश, जिला एवं विकासखण्ड के किन-किन अधिकारियों द्वारा किया गया? जांच में क्या कमियां एवं कौन-कौन दोषी पाये गये हैं? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में शासकीय उचित मूल्य दुकान आवंटन के क्या नियम/निर्देश एवं आदेश हैं? छायाप्रति उपलब्ध करावें एवं वर्तमान में समिति/समूह/संस्था द्वारा नियुक्त किये गये व्यक्ति की क्या योग्यता है? क्या योग्‍यता न होने पर भी व्यक्ति को दुकान आवंटित की गई है? यदि हां, तो इसके लिए दोषी कौन है? (ङ) प्रश्‍नकर्ता के पत्र क्रमांक 161/बीपीएल/2022 दिनांक14.05.2022 कलेक्टर महोदय एवं 162/बीपीएल/2022 दिनांक 14.05.2022 आयुक्त भोपाल संभाग भोपाल एवं जिला खाद्य अधिकारी जिला विदिशा एवं स्मरण पत्र क्रमांक 175/बीपीएल/2022 दिनांक 22.05.2022 कलेक्टर महो.एवं पत्र क्रमांक 176/बीपीएल/2022 दिनांक 22.05.2022 आयुक्त भोपाल संभाग भोपाल, जिला खाद्य अधिकारी जिला विदिशा एवं SDM सिरोंज को पत्र प्राप्त हुए हैं? यदि हां, तो प्रश्‍नकर्ता को पत्र की पावती से कब अवगत कराया गया एवं उक्त पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो इसके लिए दोषी कौन है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी तथा प्रश्‍नकर्ता को पत्र में चाही गई जानकारी कब-तक उपलब्ध करा दी जावेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्‍नांकित जिले के अंतर्गत 500 ग्राम पंचायतों में उचित मूल्‍य की दुकानें संचालित हैं। 77 ग्राम पंचायतें दुकानविहीन हैं। उचित मूल्‍य दुकानों का संचालन म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के प्रावधानों के अनुसार किया जाता है। उक्‍त नियंत्रण आदेश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। जिले में सहकारी संस्‍थाएं, महिला स्‍व-सहायता समूह एवं संयुक्‍त वन प्रबंधन समितियों द्वारा उचित मूल्‍य दुकानों का संचालन किया जा रहा है। उचित मूल्य की दुकानों की दुकानवार, विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांकि‍त जिले के प्रश्‍नांकित विकासखण्‍ड अंतर्गत अक्‍टूबर, 2019 से एन.एफ.एस.ए अंतर्गत संचालित सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत आवंटित खाद्यान्‍न, वित‍रण एवं शेष की माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। अप्रैल, 2019 से सितंबर, 2019 तक की जानकारी वर्तमान पोर्टल पर उपलब्‍ध न होने से तैयार कराई जा रही है। प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना अप्रैल, 2020 से लागू होने के कारण प्रारंभ दिनांक से प्रश्‍नांकित अवधि तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। उचित मूल्‍य दुकानों की पात्रतानुसार कुल आवंटन में से पूर्व माह की शेष मात्रा को घटाकर नेट आवंटन जारी किया जाता है। पोर्टेबिलिटी से खाद्यान्‍न वितरण किये जाने पर आवश्‍यकता/मांग अनुसार अतिरिक्‍त आवंटन जारी कर खाद्यान्‍न की पूर्ति की जाती है। प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना अंतर्गत अन्‍य योजनाओं के उपलब्‍ध खाद्यान्‍न से भी वितरण किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (घ) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर में  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 की कंडिका 10 के अंतर्गत योग्‍यता प्रावधानित की गई है, जो पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। उचित मूल्‍य की दुकानें विक्रेताओं/व्‍यक्तियों को न आवंटित करते हुए संस्‍थाओं को आवंटित की जाती हैं। जिन संस्‍थाओं को उचित मूल्‍य की दुकानें आवंटित की जाती हैं, उनके द्वारा विक्रेता की नियुक्ति की जाती है। म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के अंतर्गत प्रावधानित विक्रेता की योग्‍यता का मापदंड पूर्व से संचालित दुकानों के विक्रेताओं पर लागू करने की कानूनी बाध्‍यता नहीं है। उचित मूल्‍य दुकानवार विक्रेताओं के योग्‍यता की जानकारी एकत्रित कराई जा रही है। जानकारी प्राप्‍त होने पर प्रावधानित योग्‍यता अनुसार विक्रेताओं की नियुक्ति करने के संबंध में संबंधित संस्‍थाओं के नियंत्रक अधिकारियों को नियमानुसार कार्यवाही करने हेतु लिखा जायेगा।                       (ड.) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍नांकित पत्र कार्यालय में प्राप्‍त हुये हैं। पत्र की पावती कार्यालय द्वारा प्रेषित नहीं की गई है, किन्‍तु पत्र पर आगामी आवश्‍यक कार्यवाही करते हुये कार्यालयीन पत्र क्रमांक                            1069-70 दिनांक 19.05.2022 एवं 1263-64 दिनांक 10.06.2022 से क्षेत्रीय कनिष्‍ठ आपूर्ति अधिकारी को निर्देशित किया जाकर माननीय प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य को प्रतिलिपि प्रेषित करते हुये अवगत कराया गया है। उक्‍त प्राप्‍त पत्रों द्वारा चाही गई जानकारी संबंधित क्षेत्रीय कनिष्‍ठ आपूर्ति अधिकारी द्वारा जानकारी के विस्‍तृत रूप, उपार्जन कार्य एवं निर्वाचन ड्यूटी की व्‍यस्‍तता के कारण जानकारी तैयार करने में विलंब होना अवगत कराया गया है। प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्र में चाही गई जानकारी कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1555 दिनांक 18.07.2022 से प्रेषित की गई है।

प्रेशराइज्‍ड़ पाईप सिंचाई प्रणाली

[जल संसाधन]

84. ( क्र. 975 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जल संसाधन संभाग नरसिंहगढ़ जिला राजगढ़ अंतर्गत पार्वती परियोजना से प्रेशराइज्‍ड पाईप सिंचाई प्रणाली का कार्य वर्तमान में चल रहा हैं? यदि हाँ, तो कार्य की अद्यतन स्थिति सहित बतावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या संबंधित निर्माण एजेन्‍सी को मटेरियल/सामग्री का भुगतान होने के बावजूद भी निर्माण स्‍थल/यार्ड में अनुबंध अनुसार मटेरियल/सामग्री प्रश्‍न दिनांक तक उपलब्‍ध नहीं हैं? यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त संबंध में कोई अनियमितता हुई हैं? (ग) उपरोक्‍तानुसार क्‍या उक्‍त संबंध में कोई जांच शासन स्‍तर पर अथवा वरिष्‍ठ विभागीय कार्यालय में प्रचलित हैं? यदि हाँ, तो विवरण सहित बतावें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। जल संसाधन संभाग, नरसिंहगढ़ जिला राजगढ़ अंतर्गत पार्वती परियोजना से प्रेशराइज्ड पाइप सिंचाई प्रणाली का कार्य वर्तमान में चल रहा है। जिसके अंतर्गत नहर प्रणाली का सर्वे कार्य पूर्ण हो चुका है। 30 हेक्‍टेयर तक की जीएडी अनुमोदित हो चुकी है। वर्तमान में 1.08 कि.मी. एमएस पाइप तथा 14.28 कि.मी. एचडीपीई पाइप बिछाया (Laying) जा चुका है। निर्माण कार्य प्रगतिरत है। (ख) एवं (ग) प्रश्‍नांश में वर्णित अनुसार तथ्‍य संज्ञान में आने पर परियोजना में निर्माण एजेंसी को सामग्री के विरूद्ध भुगतान किए जाने के फलस्‍वरूप निर्माणाधीन परियोजनाओं में सामग्री के विरूद्ध किए गए भुगतान की जाँच हेतु शासन द्वारा अपर सचिव, जल संसाधन विभाग की अध्‍यक्षता में समिति गठित की गयी है। जिसमें मुख्य अभियंता बोधी तथा अधीक्षण यंत्री, प्रशासन सदस्य हैं। जांच समिति से जांच प्रतिवेदन अपेक्षित है।

शासकीय उचित मूल्‍य दुकान

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

85. ( क्र. 976 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 1087 दिनांक 10 मार्च 2022 के उत्‍तर की कंडि‍का (क) में बताया गया था कि विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ जिला राजगढ़ की जिन पंचायतों में दुकान नहीं हैं, उनमें ऑनलाइन आवेदन पत्र आंमत्रित किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में हैं? यदि हाँ, तो क्‍या प्रश्‍न दिनांक तक ऑनलाइन आवेदन पत्र आंमत्रित कर लिये गये हैं अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण सहित स्‍पष्‍ट करें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में उपरोक्‍त के संबंध में अद्यतन स्थिति क्‍या हैं तथा कब तक शेष पंचायतों में उचित मूल्‍य दुकान प्रारंभ की जा सकेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रश्‍न दिनांक तक ऑनलाईन आवेदन पत्र आमंत्रित कर लिये गये हैं। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र की 10 दुकानविहीन ग्राम पंचायतों (लसुल्डियापाता, कुक्लियाखेड़ी, कांसरोद, मेंग्‍लादीप, हुलखेड़ी, पटेलपुरा, बिरगड़ी, बड़नगर, खेरखेडी, शिवपुरा) के लिए ऑनलाईन विज्ञप्ति जारी कर दुकान आवंटन हेतु आवेदन आमंत्रित किये गये हैं जिसमें कुल 21 ऑनलाईन आवेदन पत्र 09 ग्राम पंचायतों हेतु प्राप्‍त हुये हैं। बड़नगर ग्राम पंचायत हेतु आवेदन प्राप्‍त नहीं हुआ है। एक अन्‍य पंचायत सराना हेतु विज्ञप्ति जारी नहीं की गई थी। वर्तमान में चुनाव के आदर्श आचार संहिता को दृष्टिगत रखते हुए आवेदन पत्रों पर कार्यवाही नहीं की गई है। आचार संहिता समाप्ति उपरांत ऑनलाईन आवेदन पत्रों का नियमानुसार परीक्षण कर नवीन उचित मूल्‍य दुकान आवंटन की कार्यवाही पूर्ण की जायेगी एवं बड़नगर तथा सराना पंचायत हेतु आवेदन आमंत्रित किया जायेगा।

राजस्व ग्रामों को वनग्राम एवं वीरान ग्राम घोषित किया जाना

[वन]

86. ( क्र. 979 ) श्री सचिन सुभाषचन्‍द्र यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व ग्रामों को वनग्राम एवं वीरान ग्राम घोषित करने का अधिकार किन-किन कानूनों के तहत किस धारा में वन विभाग के किस श्रेणी और किन स्तर के अधिकारियों को अधिकार प्रदान किये गये हैं? विवरण देवें। (ख) खरगोन जिले के बड़वाह तहसील और कसरावद तहसील के किस किस राजस्व ग्राम को वन मंडलों द्वारा वनग्राम और वीरान ग्राम प्रतिवेदित कर रहा है? यह कार्यवाही किस आदेश या अधिसूचना के तहत वन मंडलों द्वारा की जा रही है? क्या इसकी अनुमति कलेक्टर खरगोन द्वारा दी गई है? (ग) बड़वाह वन मंडल द्वारा प्रतिवेदित वनग्राम एवं वीरान ग्राम से किस-किस वर्ष की मीसल बन्दोबस्त, खतौनी, पंजी, खसरा पंजी राजस्व अभिलेखागारों में उपलब्ध है? उनमें से कितनी निजी भूमि आबादी मद, निस्तार मद एवं जंगल मद की भूमि दर्ज बताई गई है? इनमें से कितने ग्रामों की कितनी निजी भूमि का वन विभाग को कलेक्टर ने किस दिन कब्जा सौंपा? (घ) किस ग्राम की कितनी निजी भूमि को किस प्रकरण क्रमांक में किस कानून की किस धारा के तहत आरक्षित वन अधिसूचित किये जाने हेतु अर्जित किया गया? अर्जन आदेश की प्रति सहित जानकारी देवें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) राजस्व ग्रामों को वनग्राम एवं वीरान ग्राम घोषित करने का अधिकार वन विभाग को नहीं है। अतः शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) खरगौन जिले के बडवाह एवं कसरावद तहसील के अंतर्गत वन विभाग द्वारा कोई भी राजस्व ग्राम को वनग्राम अथवा वीरान ग्राम प्रतिवेदन नहीं किया गया है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) बडवाह वनमंडल के 09 वनग्राम की वर्ष 1948-49 एवं वर्ष 1980-81 की मीसल बन्दोबस्त, खतौनी पंजी, खसरा पंजी, पटवारी मानचित्र वनमंडल कार्यालय में उपलब्ध हैं। वनग्रामों की वनभूमि की मदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वनग्रामों में निजी भूमि शामिल नहीं है। अतः शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) वनवृत्त खण्डवा के अंतर्गत वनमंडल खण्डवा, बुरहानपुर, खरगौन, बडवाह, बड़वानी एवं सेंधवा के वनग्रामों में निजी भूमि शामिल नहीं है। अतः शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

वन भूमि पर बसी आबादी को राजस्व ग्राम घोषित

[वन]

87. ( क्र. 980 ) श्री सचिन सुभाषचन्‍द्र यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद में ऐसे कितने मजरे टोले या फालिए हैं जो वनभूमि पर बसे हैं? क्या इनको मूलभूत सुविधाएं मिल रही है? यदि हाँ, तो विवरण देवें। (ख) इन मजरे टोलों को राजस्व ग्राम या वनग्राम घोषित करने की कोई कार्ययोजना है? यदि हाँ, तो विवरण देवें।                   (ग) विधानसभा क्षेत्र कसरावद में आज भी वनभूमि पर बसी आबादी बिजली, पानी और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से विभाग की निर्माण अनुमति नहीं होने के कारण वंचित है, क्या सरकार इन्हें मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराएगी?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद के अंतर्गत वनमंडल खरगौन के परिक्षेत्र कसरावद की वनभूमि पर कुल 34 मजरे टोले एवं फालिए बसे हैं, जिनमें उपलब्ध मूलभूत-सुविधाओं की जानकारी संलग्‍न  परिशिष्ट पर है। (ख) जी नहीं। (ग) विधानसभा क्षेत्र कसरावद में वनभूमि पर बसी आबादी हेतु बिजली, पानी और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाऐं उपलब्ध हैं। वन भूमि पर गैर वानिकी कार्यों के प्रस्ताव अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी ( वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 या वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के तहत प्राप्त होने पर विभाग द्वारा नियमानुसार अनुमति की कार्यवाही की जाती है।

परिशिष्ट - "बावन"

राशन वितरण प्रणाली

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

88. ( क्र. 981 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                    (क) खरगोन विधानसभा क्षेत्र में प्रश्‍न दिनांक तक विगत 2 वर्षों में किन-किन स्थानों पर नई राशन दुकानें खोली गई है एवं किन स्थानों की निविदाएं आमंत्रित की गई थी परंतु आज दिनांक तक उन दुकानों को खोला नहीं गया? कब तक खोली जाएगी? क्‍या गोगावा ब्लॉक की दसनावल ग्राम पंचायत में राशन दुकान खोला जाना आवश्यक है? यदि है तो कब तक खोली जाएगी? नहीं तो क्यों? (ख) उक्त विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने गांव ऐसे हैं जहां ग्राम वासियों को राशन लेने 3 किलोमीटर या उससे अधिक चलकर जाना पड़ता है? क्या उन स्थानों पर राशन दुकान खोली जाएगी? यदि खोली जाएगी तो कब तक और नहीं तो क्यों? (ग) राशन वितरण हेतु जो गाड़ियां चलाई जा रही हैं वह खरगोन विधानसभा में किस किस ग्राम में जाती है, कब-कब जाती है, पूरा टाइमिंग शेड्यूल एवं वहां जाने पर किस को सूचना मिलती है? गाड़ियां संचालित करने का शासन की क्या नियम, शर्ते, दिशा-निर्देश हैं? छायाप्रति देवें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र में प्रश्‍नांकित अवधि में पिपराटा एवं ऊनखुर्द- 02 पंचायतों में नवीन उचित मूल्‍य दुकानें खोली गईं। शेष 18 दुकानविहीन पंचायतों हेतु विज्ञप्ति आमंत्रित की गई थी, किन्‍तु वर्तमान में पंचायत निर्वाचन की आदर्श आचार संहिता लागू होने से आगामी कार्यवाही रुकी हुई है। गोगावा ब्‍लॉक की दसनवाल पंचायत में पंचायत मुख्‍यालय पर दुकान संचालित है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 35 गांव ऐसे हैं, जहां राशन दुकान से ग्राम 03 किलोमीटर या उससे अधिक दूर है। 03 किलोमीटर से अधिक पर दुकान खोलने का नियम में प्रावधान नहीं है। प्रश्‍नांकित क्षेत्र में मुख्‍यमंत्री राशन आपके ग्राम योजना अंतर्गत गांव में राशन पहुंचाकर देने की व्‍यवस्‍था लागू की गई है। (ग) राशन वितरण हेतु 'मुख्‍यमंत्री राशन आपके ग्राम' योजनांतर्गत चलने वाली राशन सामग्री के वाहन प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र में ग्राम पंचायत मुख्‍यालय एवं राशन दुकान वाले ग्रामों को छोड़कर शेष गांवों में जाकर राशन सामग्री वितरित कर रही हैं। उक्‍त गाड़ियों के समय सारणी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। उक्‍त गाड़ियों के संचालन के संबंध में जारी दिशा-निर्देश की प्रतियां पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार हैं।

 

राशन दुकानों की जानकारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

89. ( क्र. 982 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                   (क) विगत 3 वर्षों में खरगोन विधानसभा क्षेत्र की राशन दुकानों पर कितना राशन आवंटित हुआ एवं कितना राशन वितरित हुआ? उसकी जानकारी महावार राशन दुकानवार देवें। किन-किन हितग्राहि‍यों द्वारा राशन नहीं लिया गया या नहीं दिया गया माहवार, राशन दुकानवार और नहीं देने का कारण सहित सूची देवें। हितग्राहियों द्वारा नहीं लिए गए राशन का क्या किया गया? विवरण देवेंl (ख) विगत 3 वर्षों में खरगोन जिले की कुल कितनी दुकानों में गड़बड़ियां पाई जाने पर क्या-क्या कार्रवाई की गई? इस अवधि में कितना खाद्यान्न जप्त किया गया। (ग) खरगोन जिले की राशन दुकानों पर विगत 3 वर्षों में कब-कब नापतौल अधिकारि‍यों द्वारा तोलकाटों एवं नापों का सत्यापन कराया गया? सील लगवाई गई? उचित मूल्य दुकानवार जानकारी देवें। नापतोल अधिकारी द्वारा कांटों एवं नापो का सत्यापन कितने दिनों में करवाया जाना आवश्यक है? (घ) उचित मूल्य दुकानों पर बारदानों/थैलों का क्या किया जाता है? कितने वारदाना उचित मूल्य दुकानों पर से शेष है एवं बाकी कहां है?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

संबल व कर्मकार मंडल अनुग्रह राशि

[श्रम]

90. ( क्र. 983 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जून 2022 की स्थिति में खरगोन जिले में मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना तथा मध्य प्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल में पंजीकृत श्रमिकों की मृत्यु के उपरांत अनुग्रह सहायता राशि भुगतान के कितने प्रकरण किस स्तर पर कब से और क्यों लंबि‍त हैं इनमें कब तक राशि का भुगतान कि‍या जाएगा? (ख) जून 2020 की स्थिति में खरगोन जिले में संबल योजना अंतर्गत अंत्येष्टि के कितने प्रकरण लंबित हैं जिनकी अंत्येष्टि की राशि का भुगतान हितग्राही को आज दिनांक तक नहीं मिला? कब तक दिया जाएगा? पात्र हितग्राही जिनको आज दिनाक तक राशि‍ का भुगतान नहीं हुआ नाम, पता, मोबाइल नंबर सहि‍त ब्लॉकवार सूची देवें।                                               (ग) अंत्येष्टि सहायता राशि कितने दिनों में दी जानी चाहिए? दिशा-निर्देश की छायाप्रति देवें एवं विगत 2 वर्षों में खरगोन जिले के गोगावां ब्लॉक, खरगोन ब्लॉक एवं नगर पालिका खरगोन में कितने हितग्राहियों को कब कब दी गई? नाम, पता, मोबाइल नंबर स्वीकृति दिनांक, भुगतान दिनांक, मृत्यु दिनांक, सहित सूची देवें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल में जून, 2022 की स्थिति में खरगोन जिले में पंजीकृत श्रमिकों की मृत्यु के उपरांत अनुग्रह सहायता राशि भुगतान के लंबित प्रकरणों की जानकारी निरंक है। मुख्‍यमंत्री जन कल्‍याण संबल योजना अन्‍तर्गत जिले की समस्‍त जनपद पंचायतों व नगरीय निकायों में कुल 747 अनुग्रह सहायता राशि के प्रकरण भुगतान हेतु लंबित हैं। पर्याप्‍त बजट उपलब्‍धता पर भुगतान किया जाता है। (ख) मुख्‍यमंत्री जन कल्‍याण संबल योजना के अंतर्गत प्रश्‍नांश (ख) के संबंध में जानकारी निरंक है। (ग) संबल योजनांतर्गत पंजीबद्ध असंगठित कर्मकार के उत्‍तराधिकारी को तुरंत अन्‍त्‍येष्टि हेतु रूपये 5000/- (पॉच हजार) दिये जाने का प्रावधान है। दिशा-निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। खरगोन जिले के गोगावॉ ब्‍लॉक, खरगोन ब्‍लॉक एवं नगर पालिका खरगोन के हितग्राहियों की सूची नाम, पता, मोबाईल नम्‍बर स्‍वीकृति दिनांक, भुगतान दिनांक मृत्‍यु दिनांक सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है।

शासकीय भूमि का निजी नाम पर नामांतरण

[राजस्व]

91. ( क्र. 986 ) श्री मनोज चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) शासकीय भूमि किसी न्यायालय द्वारा निजी नाम पर किए जाने के आदेश को अगले सक्षम न्यायालय में चुनौती देने संबंधित आदेश/परिपत्र की प्रति उपलब्ध करावें तथा बतावें कि इस आदेश का पालन न होने पर क्या मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) के तहत कार्रवाई होगी या नहीं? (ख) रतलाम जिले में वर्ष 2005 से जून 2022 कौन-कौन सी शासकीय भूमि, किस न्यायालय के आदेश से निजी नाम पर दर्ज की गई है? उन भूमि के सर्वे क्रमांक, रकबा, गांव का नाम तथा जिसके नाम दर्ज की गई उसका नाम सहित सूची देवें तथा समस्त न्यायालयीन फैसले की प्रतियां देवें। (ग) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 1249 दिनांक 10 मार्च 2022 के खंड (घ) के संदर्भ में सर्वे क्र. 122 तथा 123 तथा सर्वे क्र 43/1131/मिन एक के प्रकरणों पर अधिकारियों पर विधि सम्‍मत कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 1249 दिनांक 10 मार्च 2022 के प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में बतावें कि शासकीय जमीन किसी न्यायालयीन द्वारा निजी नाम पर करने के आदेश को अगले सक्षम न्यायालय में चुनौती दी जाए यह क्या मध्यप्रदेश राज्य मुकदमा प्रबंधन नीति 2018 से तय होगा? यदि हाँ, तो इस नीति की प्रति देवें तथा बतावें की इसमें कहाँ पर इस संदर्भ में उल्लेख है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) शासकीय भूमि/सम्‍पत्तियों से संबंधित मामलों का प्रबंधन मध्‍यप्रदेश राज्‍य मुकदमा प्रबंधन नीति 2018 के अनुसार किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। प्रभारी अधिकारी की उसे समुनिदेशित प्रकरण के संबंध में किसी चूक को कर्तव्‍य से कदाचरण/लापरवाही माना जाता है और मध्‍यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 एवं म.प्र. सिविल सेवा (सीसीए) नियम 1966 के अधीन अंर्तविष्‍ट उपबंधो के निबंधनों के अनुसार उसके विरूद्ध समुचित विभागीय कार्यवाही की जाती है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ग) न्यायालयीन प्रकरणों में पारित आदेश के अपील संबंधी निर्णय के संदर्भ में गुण दोष के आधार पर किया जाता है। (घ) उत्‍तरांश (क) अनुसार।

मजरे टोले को राजस्व ग्राम घोषित किया जाना

[राजस्व]

92. ( क्र. 987 ) श्री मनोज चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                           (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्र. 2558 दिनांक 17/3/22 के प्रश्‍नांश (क) अनुसार आलोट तहसील के ग्राम कराडिया में मजरा सूखाखेड़ा एवं तालोद में मजरा तारागढ़ को राजस्व ग्राम बनाने की प्रक्रिया में मैप बनाने हेतु मैप आई.टी. को निर्देशित किया गया था, उक्त संदर्भ में कार्यवाही कहां तक संपन्न हुई है? (ख) क्या इतना समय बीत जाने के बाद भी उक्त मजरे एवं टोले को राजस्व ग्राम नहीं बनाए जाने के कारण वहां निवासरत जनता को शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा? (ग) रीवा जिले के ग्राम टिकुरी तहसील मनगवां के आराजी नंबर 832 रकबा 0.328 तथा आराजी नंबर 831 रकबा 0.672 मध्य प्रदेश शासन के नाम दर्ज है, इन भूमियों में से कोई पट्टा शासन द्वारा किसी भी व्यक्ति को जारी नहीं किया गया है तो किस आधार पर उपरोक्त भूमियों में अतिक्रमण कर कब्जा किया गया है? (घ) क्या कब्जा धारकों के विरुद्ध इस संबंध में तहसील मनगवां, जिला रीवा में शिकायतें प्राप्त हुई हैं? शासन की भूमि जिस पर स्कूल खेल मैदान आदि स्थित है पर अतिक्रमण को क्यों नहीं हटाया जा रहा है? उक्त अतिक्रमण को कब तक हटा दिया जाएगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) आयुक्‍त भू-अभिलेख ग्‍वालियर के पत्र क्रमांक 243/भूप्र./mplrs/म.टो./GIS map/2022/10847ग्वालियर दिनांक 03/03/2022 द्वारा मैप आई.टी. भोपाल की ओर लेख किया गया था। तथा पुनः पत्र क्रमांक 731/भू प्र/mplrs/म.टो./GISmap// 2022/129192 ग्वालियर दिनांक 1.7.2022 के माध्यम से MPSEDC भोपाल (मैप आई.टी.) से स्‍मरण कराया गया। मैप आई.टी. द्वारा उन्‍हें उपलब्ध कराये गये रिकार्ड/जानकारी अनुसार मजरा तारागढ का इसके मूल ग्राम तालोद तथा मजरा सूखाखेडा का मूल ग्राम कराडिया से नक्शा तैयार कर सत्यापन के लिये SLR रतलाम को प्रेषित किया जा चुका है। (ख) जी नहीं। मजरा टोला राजस्व ग्राम का ही अंग होने से वहां के निवासियों को राजस्व ग्राम की सुविधाएं मिलती हैं। (ग) रीवा जिले अन्तर्गत ग्राम टिकुरी तहसील मनगवां की आराजी नं0 831 रकबा 0.672 हे0 तालाब पोखर एवं आराजी नं0 832 रकवा0.328 हे0 टीला दर्ज अभिलेख है। उक्त भूमियों में इन्द्रमणि प्रसाद पिता रामनिही सोंधिया को पट्टा जारी नहीं किया गया है। उक्त आराजी नं0 पर इन्द्रमणि प्रसाद द्वारा अवैध अतिक्रमण कर कब्जा किया गया है। (घ) कब्जाधारक के विरूद्ध न्यायालय तहसीलदार तहसील मनगवां के समक्ष राजस्‍व प्रकरण क्रमांक 25/अ.68/2021.22 प्रचलित होना न्‍यायाधीन है। शासन की जिस भूमि पर स्कूल खेल का मैदान आदि स्थित है वह बाउण्ड्रीवाल के भीतर सुरक्षित है। इसके अतिरिक्त भूमि पर अतिक्रमण है जिसके संबंध में प्रकरण न्‍यायाधीन है।

ग्राम सूरजना एवं खेरखेडा को गरोठ तहसील में जोड़ा जाना

[राजस्व]

93. ( क्र. 989 ) श्री देवीलाल धाकड़ (एडवोकेट) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम सूरजना एवं खेरखेडा भाट जो कि वर्तमान में भानपुरा तहसील अंतर्गत आते है। गांधीसागर बांध के कारण चंबल नदी का बेक वाटर बीच में आ जाने के कारण दोनो ग्रामों के निवासियों को तहसील कार्यालय के कार्य से एवं को ऑपरेटिव सोसायटी के कार्य से व्हाया गरोठ होकर लगभग 35 से 40 कि.मी. घुमकर आना पड़ता है जिससे ग्रामवासियों को भारी परेशानियॉ उठाना पड़ती है? (ख) क्या इन दोनों ग्रामों को भानपुरा तहसील से हटाकर गरोठ तहसील में जोड़ने की कार्यवाही विचाराधीन है। (ग) विचाराधीन है तो क्या प्रगति है? कार्य क्यों पूर्ण नहीं हुआ? कब तक होगा? (ग) ग्राम सूरजना एवं खेरखेड़ा को गरोठ तहसील में जोड़ दिया जाता हे तो ग्राम वासियों को सुविधा होगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) कलेक्टर मंदसौर से प्राप्त प्रस्ताव का प्रशासकीय अनुमोदन होकर कार्यवाही विचाराधीन है। (घ) जी हाँ।

हिंगलाज माताजी दर्शनार्थियों से प्रवेश शुल्क की वसूली

[वन]

94. ( क्र. 992 ) श्री देवीलाल धाकड़ (एडवोकेट) : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर गांधीसागर अभ्यारण में हिंगलाज माताजी का प्रसिद्ध प्राचीन धार्मिक स्थल है जो पुरातत्व विभाग अंतर्गत आता है। क्‍या यहां दर्शन हेतु आने वाले दर्शनार्थियों से वन विभाग द्वारा रसीद बनाकर राशि ली जा रही है? (ख) हिंगलाज माता मंदिर हिंगलाज माता के दर्शन करने हेतु राजस्थान एवं मध्यप्रदेश के हजारों दर्शनार्थी मंदिर पहुँचते है। क्या हिंगलाज माता के दर्शन के लिए आये दर्शनार्थियों से प्रवेश शुल्क लिया जाना उचित है? क्या दर्शनार्थियों से राशि लेने का वन विभाग को अधिकार है? यदि नहीं, तो संबंधित वन अधिकारी व कर्मचारी के विरुद्ध विभाग कोई कार्यवाही करेगा? (ग) क्‍या वन विभाग द्वारा दर्शनार्थियों से प्रवेश शुल्क के नाम से रसीद ली जा रही है? यदि हाँ, तो किस आदेश से, क्या विभाग से कोई आदेश जारी हुआ है? आदेश की प्रति उपलब्ध करवायें। (ङ) यदि विभाग द्वारा रसीद काटी जाती है तो किस अनुसार व कितनी-कितनी राशि की? विभाग द्वारा विगत वर्ष 2018 से अभी तक की विस्तृत जानकारी वर्षवार उपलब्ध करायें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) गांधीसागर अभयारण्‍य के सीमा के अन्‍दर हिंगलाजगढ़ किले में प्रश्‍नाधीन धार्मिक स्‍थल स्थित है। हिंगलाजगढ़ किले को संस्‍कृति विभाग द्वारा राज्‍य संरक्षित स्‍मारक घोषित किया गया है। उक्‍त किला अभयारण्‍य की सीमा में स्थित है होने के कारण प्रवेश हेतु नियमानुसार प्रवेश शुल्‍क लिया जा रहा है। (ख) गांधी सागर अभयारण्‍य में प्रवेश करने वाले पर्यटकों से राज्‍य शासन के अधिसूचित नियमों के पालन में नियमानुसार प्रवेश शुल्‍क लिया जा रहा है जो उचित है। प्रवेश शुल्‍क लेने का अधिकार वन विभाग को है, अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। प्रधान मुख्‍य वन संरक्षक (वन्‍यप्राणी) के पत्र दिनांक 20.09.2017 एवं मध्‍यप्रदेश शासन, वन विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ 14-82/1988/10-2 दिनांक 18/08/2021 के पालन में नियमानुसार प्रवेश शुल्‍क लिया जा रहा है। उक्‍त आदेश/अधिसूचना की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 में है। (घ) उत्‍तरांश (ग) के परिशिष्‍ट की अधिसूचना में उल्‍लेखित नियम के उपनियम 3 (1) एवं 3 (2) में उल्‍लेखित दरों के अनुसार राशि ली जाती है। प्रश्‍नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 में है।

राजस्व ग्राम घोषित किया जाना

[राजस्व]

95. ( क्र. 997 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता द्वारा बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र के कौन-कौन से मजरो-टोला को राजस्व ग्राम घोषित करने हेतु शासन को कब-कब, कौन-कौन से पत्र प्रेषित किए? प्रेषित पत्रों की छायाप्रति देवें।               (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित पत्रों पर की गई कार्यवाही की छायाप्रति देवें एवं यह भी बतलावें कि‍ बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन से मजरा-टोले राजस्व ग्राम घोषित होने की पात्रता रखतें हैं? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्लेखित मजरों-टोलों को राजस्व ग्राम घोषित करने की प्रक्रिया कब से प्रारंभ की गई अथवा की जावेगी? राजस्व ग्राम घोषित करने के उल्लेखित प्रकरण कहां शासन के किस स्तर पर किन कारणों से कब से लंबित हैं तथा इनका निराकरण कब तक कर, इन्हें राजस्व ग्राम घोषित कर दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) माननीय विधायक महोदय के द्वारा क्रमश:- (1) (i) पत्र क्रमांक/B/2/1916 दिनांक 11-06-2019 के ग्राम मड़ैया टोला ग्राम पंचायत किरहाई पिपरिया तह.-बहोरीबंद (ii) ग्राम हीरापुर ग्राम पंचायत बड़गांव तहसील रीठी (iii) ग्राम शहपुरा ग्राम पंचायत निर्टरा तह.-रीठी (2) पत्र क्रमांक/B-94/10/308 दिनांक 31.10.2019 के ग्राम गौरहा के नयागांव को राजस्‍व ग्राम घोषित करने बावत् (3) पत्र क्रमांक/B-94/05/474 दिनांक 18-05-2020 के द्वारा जानकारी चाही गई। (4) पत्र क्रमांक/B-94/04/232 दिनांक 01-04-2021 के द्वारा निम्‍नानुसार मजरे टोलों को राजस्व ग्राम घोषित करने हेतु प्रेषित किया :-

 

क्रमांक

ग्राम पंचायत का नाम

ग्राम

मजरे टोले का नाम

1

गौरहा

गौरहा

जरूआखेड़ा

2

गौरहा

गौरहा

नयागांव

3

पटीराजा

छुरिया

बढ़ैयाखेड़ा

4

बाकल

बाकल

राजीव नगर

5

किवलहरा

किवलहरा

कंचनपुर

6

बंधी स्‍टेशन

बंधी स्‍टेशन

खिरवा टोला

7

निर्टरा

शहपुरा

शहपुरा

 

(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। बहोरीबंद विधानसभा के अंतर्गत तह. बहोरीबंद का ग्राम गौरहा के मजरा टोला नयागांव, राजस्‍व ग्राम घोषित होने की पात्रता रखता है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्लेखित मूल ग्राम गौरहा के मजरा टोला नयागांव को राजस्व ग्राम घोषित किये जाने हेतु अधिसूचना बावत् कलेक्टर जिला कटनी द्वारा पत्र क्र./77/अ.भू.अ./रा.नि./2022 कटनी दिनांक 25.01.2022 द्वारा प्रस्ताव भेजा गया। उक्त प्रस्ताव भू सर्वेक्षण तथा भू अभिलेख नियम 2020 तथा कार्यालयीन निर्देश दिनांक 26.11.2021 के अनुरूप न होने से आयुक्त भू अभिलेख द्वारा पत्र क्र./156/11 भू प्र./म.टो./2022/18006 ग्वालियर दिनांक 8.2.2022 के माध्यम से संशोधित प्रस्ताव चाहा गया। कलेक्टर जिला कटनी द्वारा पत्र क्रमांक 696/भू.अभि./2022 कटनी दिनांक 12.07.2022 द्वारा संशोधित प्रस्ताव भेजा गया। जिसके परीक्षण उपरांत भू सर्वेक्षण तथा भू अभिलेख नियम 2020 तथा कार्यालयीन निर्देश दिनांक 26.11.2021 अनुसार कार्यवाही प्रावधानित है।

 

छपरा जलाशय को पुनर्जीवित

[जल संसाधन]

96. ( क्र. 998 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा पूर्व में पूछे गये विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक 921 दिनांक 11.7.19, प्रश्‍न क्रमांक 647 दिनांक 21.2.19 एवं प्रश्‍न क्रमांक 1265 दिनांक 10.3.22 के उत्तर में बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत निर्मित छपरा जलाशय की सिंचाई क्षमता समाप्त होने का कारण इसके उत्‍तर में कमांड एरिया में मार्बल माइन्सों द्वारा अपने वेस्ट मटेरियल को डंपिंग करना बताया गया था? (ख) प्रश्‍नांश (क) यदि हाँ, तो क्या विभाग इस जलाशय को पुनर्जीवित करने हेतु इसके कमांड ऐरिया में डंप किए गये मार्बल खदान के बेस्ट मटेरियिल का आंकलन कर उसे शिफ्ट करने की कोई योजना बनावेगा? (ग) प्रश्‍नांश (ख) यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं बतलावे?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ, बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्रांतर्गत निर्मित छपरा जलाशय के कमाण्‍ड एरिया में मार्बल माइंस द्वारा अपने वेस्‍ट मैटीरियल को डंप करने के कारण जलाशय की सिंचाई क्षमता समाप्त होने का उत्‍तर दिया गया था। (ख) एवं (ग) जी हाँ, छपरा जलाशय को पुनर्जीवित करने हेतु मैदानी अमले द्वारा जलाशय के कमाण्‍ड़ एरिया में डंप किए गए मार्बल खदान के वेस्‍ट मैटीरियल का सर्वेक्षण प्रस्‍तावित है एवं तत्‍पश्‍चात साध्‍य होने की स्थिति में उक्‍त कार्य का प्राक्कलन/प्रस्‍ताव तैयार किया जाकर डीएमएफ मद अंतर्गत कलेक्‍टर कटनी को स्‍वीकृति हेतु प्रेषित किये जाने की कार्यवाही की जाना प्रस्‍तावित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

किसान सम्मान योजना का लाभ

[राजस्व]

97. ( क्र. 1001 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                            (क) म.प्र. में केन्द्र शासन व राज्य शासन द्वारा संचालित किसान सम्मान योजना कब से लागू की गई है? नागदा खाचरोद विधानसभा क्षेत्र में इस योजना के पात्र किसानों की संख्या कितनी है? ग्रामवार किसान के नाम व दी जाने वाली राशि सहित सम्पूर्ण विवरण दें। (ख) क्या प्रदेश सरकर व केन्द्र सरकार दोनों की राशि का लाभ नागदा खाचरोद विधान सभा क्षेत्र के किसानों को मिल रहा है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि दी जा रही है? पृथक-पृथक किसानों की संख्या सहित सम्पूर्ण विवरण दें। (ग) नागदा खाचरोद विधान सभा क्षेत्र के कितने किसानों को योजना प्रारंभ से प्रश्‍न दिनांक तक योजना का लाभ नहीं मिल पाया है? कब तक इस योजना का लाभ प्राप्त होगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) मध्‍य प्रदेश में केन्द्र सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना दिनांक 01.12.2018 से व राज्य शासन की मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना दिनांक 01 सितम्बर, 2020 से लागू की गई है। नागदा खाचरोद तहसील क्षेत्र में इन योजनाओं के पात्र किसानों की संख्या 31689 है। जानकारी पी.एम.किसान पोर्टल www.pmkisan.gov.in एवं सारा पोर्टल saara.mp.gov.in पर उपलब्‍ध है। पात्र किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष रूपये 2000/- की तीन समान किश्तों में कुल                                 रू. 6000/- एवं मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष रूपये 2000/- की दो समान किश्तों में कुल रू. 4000 की राशि दी जा रही है। (ख) जी हाँ। पात्र किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष रूपये 2000/- की तीन समान किश्तों में कुल रू. 6000/- एवं मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष रूपये 2000/- की दो समान किश्तों में कुल रू. 4000 की राशि दी जा रही है। जानकारी पी.एम.किसान पोर्टल www.pmkisan.gov.in एवं सारा पोर्टल saara.mp.gov.in पर उपलब्‍ध है। (ग) प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि योजना के नियत मापदण्‍ड अनुसार जिन पात्र कृषक परिवारों से सही जानकारी प्राप्‍त हुई है, उन्‍हें योजना का लाभ निरंतर प्राप्‍त हो रहा है अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

पर्यटकों के लिए रिसोर्ट एवं लॉजों का निर्माण

[राजस्व]

98. ( क्र. 1004 ) श्री संजय उइके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के समीपस्थ पर्यटकों के लिए निजी भूमि पर रिसोर्ट एवं लॉज का निर्माण फर्म/व्यक्तियों द्वारा किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो किन-किन फर्म/व्यक्तियों द्वारा कब-कब निर्माण कार्य कराया गया है? रिसोर्ट/लॉज मालिकों के नाम, रकबा, खसरा नम्बर सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के समीपस्थ जिस भूमि पर लॉज/रिसोर्ट का निर्माण किया गया है, उक्त भूमि के क्रेता एवं विक्रेता का नाम, पूर्ण पता, भूमि की रजिस्ट्री की दिनांक, की जानकारी उपलब्ध करावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ एवं ब अनुसार। (ग) उत्‍तरांश (ख) अनुसार।

जिला जबलपुर अंतर्गत अतिक्रमण हटाया जाना

[राजस्व]

99. ( क्र. 1013 ) श्री संजय यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                       (क) बरगी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत नेशनल हाइवे-07 की सर्विस रोड निर्माण कार्य में बाधक नायडू होटल के अतिक्रमण को हटाने हेतु एन.एच.ए.आई. के द्वारा बार-बार अनुरोध किये जाने पर प्रश्‍नकर्ता द्वारा जिला प्रशासन से लगातार पत्राचार कर रोड निर्माण में बाधक नायडू होटल हटाने हेतु आग्रह किया गया है? प्रश्‍नकर्ता द्वारा जिला प्रशासन को दिये गये पत्रों के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न दिनांक तक प्रशासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? सर्विस रोड निर्माण कार्य में बाधक नायडू होटल के अतिक्रमण को प्रशासन क्‍यों नहीं हटा रहा है? नेशनल हाइवे कार्य से बाधक अतिक्रमण को कब तक हटाया जावेगा? (ख) जनपद पंचायत जबलपुर की ग्राम पंचायत घुन्‍सौर के ग्राम घाना में स्थित कर्मिशयल आटोमोबाइल के पीछे खसरा नंबर- 190 रकबा 5 एकड़ शासकीय भूमि का सीमांकन कर चिन्हित कर शासकीय प्रयोजन हेतु आरक्षित करने हेतु विगत एक वर्ष से जिला प्रशासन को पत्राचार किया जा रहा है, तो विगत एक वर्ष से दिये गये पत्रों के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न दिनांक तक प्रशासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? उल्‍लेखित भूमि का सीमांकन/चिन्‍हांकन सहित अतिक्रमण मुक्‍ती की कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ग) जनपद पंचायत शहपुरा भिटोनी के ग्राम अहमदपुर प00नं0-56 में स्थित खसरा नंबर-30 रकबा 1.39 हेक्‍टयर एवं कंचनपुरी मेनरोड में स्थित भूमि तथा बरगी हिल्‍स कालोनी मालकछार रोड जनपद पंचायत शहपुरा ग्राम खैरी में स्थित रानी अवंती बाई लोधी सागर परियोजना की अनुपयोगी रिक्‍त भूमि एवं भवनों को राजस्‍व मद में दर्ज करने हेतु न्‍यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व शहपुरा भिटौनी के प्रतिवेदन के अनुसार उक्‍त भूमि को सिंचाई विभाग के मद से पृथक कर मध्‍यप्रदेश शासन (राजस्‍व विभाग) के नाम दर्ज करने हेतु तत्‍कालीन अपर कलेक्‍टर ग्रामीण जबलपुर द्वारा मध्‍यप्रदेश नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश 2020 के अध्‍याय दो कंडिका-11 के तहत सक्षम प्राधिकारी, संभाग नजूल निर्वर्तन समिति की ओर प्रकरण भेजे जाने हेतु लेख किया था? तो प्रश्‍न दिनांक तक प्रकरण में क्‍या कार्यवाही की गई है? संपूर्ण ब्‍यौरा प्रदान किया जावे तथा रानी अवंती बाई लोधी सागर परियोजना की अनुपयोगी रिक्‍त भूमि एवं भवनों को राजस्‍व मद में कब तक दर्ज की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) NHAI के द्वारा जिला प्रशासन को अतिक्रमण हटाने के लिए पत्र प्राप्‍त हुआ इसके तारतम्‍य में तहसीलदार जबलपुर द्वारा अतिक्रमण हटाने के संबंध में नियमानुसार रा0 प्र0 क्र. 0015/अ-68/2022-23 दर्ज कर लिया गया है। न्‍यायालयीन प्रकरण में निर्णय अनुसार कार्यवाही की जाती है। (ख) उक्‍त के संबंध में तहसील जबलपुर न्‍यायालय में अतिक्रमण के विरूद्ध प्रकरण क्रमांक 007/अ-68/2022-23 के अंतर्गत प्रकरण न्‍यायाधीन है। दिनांक 20.05.2022 को अनावेदक को विधिवत सूचना पत्र तामील पश्‍चात उक्‍त भूमि का सीमांकन किया गया है। (ग) जनपद पंचायत शहपुरा भिटोनी के ग्राम अहमदपुर प00नं0-56 में स्थित खसरा नंबर-30 रकबा 1.39 हेक्टेयर एवं कंचनपुरी मेनरोड में स्थित भूमि तथा बरगी हिल्स कालोनी मालकछार रोड जनपद पंचायत शहपुरा ग्राम खैरी में स्थित रानी अवंती बाई सागर परियोजना की अनुपयोगी रिक्त भूमि एवं भवनों को राजस्व मद में दर्ज करने हेतु राजस्व मध्यप्रदेश नजूल भूमि निवर्तन निर्देश 2020 के अध्याय दो कंडिका-11 के सक्षम प्राधिकारी, संभाग नजूल निर्वर्तन समिति के समक्ष विचाराधीन है।

तेंदूपत्‍ता निधि से विकास कार्यों की जानकारी

[वन]

100. ( क्र. 1014 ) श्री संजय यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                            (क) प्रश्‍नकर्ता की विधान सभा क्षेत्र की दो जनपद पंचायतों क्रमश: जबलपुर-बरगी एवं शहपुरा भिटौनी-चरगंवा आदिवासी बाहुल्‍य क्षेत्र होने के साथ ही वन बाहुल्‍य क्षेत्र भी है, विभाग के पास तेन्‍दूपत्‍ता लाभांश की राशि पर्याप्‍त रूप से होने के बाद भी विभाग द्वारा वनग्रामों एवं विधान सभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों जैसे-सड़क/नाली/पेयजल एवं शिक्षा आदि कार्य से वंचित है? (ख) क्षेत्र में विकास कार्यों हेतु विभाग द्वारा अभी तक क्‍या कार्यवाही की गई है? वनग्रामों एवं विधान सभा क्षेत्र के विकास कार्यों के अभी तक कितने विकास कार्यों हेतु विभाग द्वारा कुल कितनी राशि आवंटित की गई है तथा कितने विकास कार्यों का लंबित रखा गया है? विभाग के पास लंबित विकास कार्यों की स्‍वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी? बरगी विधान सभा क्षेत्र में विगत 3 वर्षों में तेन्‍दूपत्‍ता लाभांश की राशि से स्‍वीकृत विकास कार्यों एवं लंबित विकास कार्यों की सूची प्रदान की जावे। विभाग लंबित विकास कार्यों की स्‍वीकृति कब तक जारी करेगा? विभाग के पास अभी तक कितनी तेन्‍दूपत्‍ता लाभांश (राशि) उपलब्‍ध है तथा अभी तक किन-किन क्षेत्रों में व्‍यय की गई है? आगामी विकास योजनाओं से अवगत कराया जावें? (ग) प्रश्‍नकर्ता द्वारा दिये गए विकास कार्यों के समस्‍त लंबित प्रस्‍तावों को लंबित रखे जाने के उचित कारण स्‍पष्‍ट करें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) क्षेत्र में विकास कार्यों हेतु परियोजनाएं स्वीकृत की गई है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। विभाग के पास प्रश्‍नांश (क) से संबंधित प्राथमिक लघु वनोपज समितियों द्वारा विकास कार्यों हेतु प्रेषित कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है। अतः उनकी स्वीकृति का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। वर्तमान में जिला यूनियन जबलपुर हेतु अधोसंरचना मद में रूपये 231.00 लाख उपलब्ध है। विगत तीन वर्षों के विभिन्न क्षेत्रों में व्यय की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। लघु वनोपज प्राथमिक समितियों से प्रस्ताव प्राप्त होने पर उपलब्ध राशि की सीमा के तहत उनकी स्वीकृति की कार्यवाही नियमानुसार म.प्र. राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा किये जाने की योजना है। (ग) प्रश्‍नकर्ता द्वारा कार्यों की सूची स्वीकृत करने हेतु विभाग को प्रेषित की गयी है। कार्यों की आवश्यकता का परीक्षण कर तकनीकी एवं वित्तीय परियोजना का प्रस्ताव तैयार किये जाने के उपरांत ही उनकी स्वीकृति की कार्यवाही की जाती है।

परिशिष्ट - "तिरेपन"

छापी जलाशय मध्‍यम सिंचाई परियोजना

[जल संसाधन]

101. ( क्र. 1017 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छापी जलाशय मध्‍यम सिंचाई परियोजना, तहसील जीरापुर जिला राजगढ़ का निर्माण किस वर्ष में हुआ था एवं उस समय इसकी सिंचाई क्षेत्र एवं फसल पद्धति क्‍या थी एवं वर्तमान में सिंचाई क्षेत्र में फसल पद्धति क्‍या है? (नहरों के माध्‍यम से) (ख) वर्तमान में नहरों के माध्‍यम से किन-किन ग्रामों में कुल क्षेत्रफल में से कितने-कितने क्षेत्रफल में सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध करवाई जा रही है? ग्रामवार जानकारी दें। (ग) यदि प्रश्‍नांश (ख) में दर्शाये गये ग्रामों के शेष बचे हुये क्षेत्र में कुण्‍डालिया वृहद् सिंचाई परियोजना जिला राजगढ़ में सिंचाई किया जाना प्रस्‍तावित है, तो इस क्षेत्र में सिंचाई सुविधा कब तक उपलब्‍ध करवाई जाएगी? (घ) यदि छापी जलाशय के कमाण्‍ड क्षेत्र से लगे हुये ग्रामों में कुण्‍डालिया वृहद् परियोजना के प्रेशर पाइप सिंचाई योजना के बिछाने का कार्य पूर्ण या प्रगति पर है, तो छापी कमाण्‍ड में सिंचित बचे हुये क्षेत्र को पूर्व में क्‍यों छोड़ा गया?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) वर्तमान में छापी मध्‍यम सिंचाई परियोजना से नहरों के माध्‍यम से 12 ग्रामों के कुल क्षेत्रफल 1824 हेक्‍टेयर के विरूद्ध 1631 हेक्‍टेयर रकबे में सिंचाई की जा रही है। जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ग) छापी मध्‍यम सिंचाई परियोजना के कमाण्‍ड क्षेत्र के ग्रामों के शेष बचे हुए क्षेत्र में कुण्‍डालिया वृहद सिंचाई परियोजना से सिंचाई के संबंध में तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि कुण्‍डालिया वृहद सिंचाई परियोजना अंतर्गत प्रेशराइज्‍ड़ पाइप प्रणाली से सिंचाई हेतु प्रचलित अनुबंधानुसार छापी कमाण्‍ड़ क्षेत्र को कुण्‍डालिया सैच्‍य क्षेत्र में सम्मिलित नहीं किया गया है। छापी कमाण्‍ड़ क्षेत्र के लगे हुए ग्रामों के असिंचित कृषि के रकबे को वर्तमान में आंशिक रूप से कुण्‍डालिया वृहद सिंचाई परियोजना के कमाण्‍ड़ क्षेत्र में सम्मिलित किया जा रहा है। विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। इस क्षेत्र में वर्ष 2023-24 में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराया जाना प्रस्‍तावित है। (घ) कुण्‍डालिया वृहद सिंचाई परियोजना अंतर्गत प्रेशराइज्‍ड़ पाइप प्रणाली से सिंचाई हेतु प्रचलित अनुबंधानुसार छापी कमाण्‍ड़ क्षेत्र को कुण्‍डालिया सैच्‍य क्षेत्र में सम्मिलित नहीं किया गया था। छापी जलाशय की प्रशासकीय स्‍वीकृत प्रतिवेदन में जीवित जल भराव क्षमता के आधार पर रूपांकित सैच्‍य क्षेत्र का निर्धारण किया गया था।

परिशिष्ट - "चउवन"

अवैध उत्‍खनन के प्रकरणों पर कार्यवाही

[खनिज साधन]

102. ( क्र. 1018 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रश्‍न क्रमांक 3346, दिनांक 17/03/2022 के माध्‍यम से अवैध उत्‍खनन की जानकारी मांगी गई थी, जिसके उत्‍तर में माननीय मंत्री महोदय द्वारा बताया गया था कि 15 अवैध उत्‍खनन के प्रकरण दर्ज हुए थे, जिसमें से 13 प्रकरणों में कलेक्‍टर न्‍यायालय राजगढ़ द्वारा जुर्माना राशि जमा कराई जा चुकी है। शेष दो प्रकरण कलेक्‍टर न्‍यायालय राजगढ़ के समक्ष विचाराधीन बताये गए। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित कलेक्‍टर न्‍यायालय राजगढ़ में शेष दो प्रकरण किस कारण से विचाराधीन हैं? क्‍या उपरोक्‍त दोनों प्रकरणों में करोड़ों रूपयों का जुर्माना लगाया गया है? यदि हाँ, तो कब तक वसूली हो जायेगी? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित जुर्माना नहीं वसूले जाने से शासन को जो वित्‍तीय हानि हो रही है, इसके लिए जिम्‍मेदार अधिकारी/कर्मचारियों पर क्‍या कार्यवाही की जाएगी? (घ) प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित जुर्माना को शीघ्र वसूलने हेतु क्‍या कार्यवाही की जा रही है? कब तक वसूली हो जाएगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) न्‍यायालयीन कार्यवाही प्रचलन में होने के कारण प्रकरण लंबित है। अत: जुर्माने की राशि एवं वसूली हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) एवं (घ) प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

श्रम विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाएँ

[श्रम]

103. ( क्र. 1020 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्रम विभाग द्वारा श्रमिकों के लिये कौन-कौन सी योजनाएं बनाई गई हैं? योजनावार जानकारी प्रदान करें। (ख) श्रम विभाग द्वारा कौन सी योजनाएं वर्तमान में संचालित हैं?                                (ग) नरसिंहपुर जिले में श्रमिक संगठित क्षेत्रों एवं असंगठित क्षेत्रों में पंजीकृत हैं एवं क्या संगठित क्षेत्र के मजदूरों के समान असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को लाभ मिल रहा है? यदि नहीं, तो कारण सहित जानकारी प्रदान करें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मंडल द्वारा निर्माण श्रमिकों हेतु कुल 19 योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत पंजीकृत असंगठित श्रमिकों के लिये मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल-2.0) योजना संचालित की जाती है। योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। म.प्र. श्रम कल्‍याण मंडल द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र स अनुसार है। म.प्र. स्‍लेट पेंसिल कर्मकार कल्‍याण मंडल द्वारा संचालित योजनाएं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र द अनुसार है। (ख) म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मंडल द्वारा पंजीकृत हिताधिकारी को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उदेद्श्‍य से संचालित 19 योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत पंजीकृत असंगठित श्रमिकों के लिये मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल-2.0) योजना वर्तमान में संचालित है। योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। म.प्र. श्रम कल्‍याण मंडल द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र स अनुसार है। म.प्र. स्‍लेट पेंसिल कर्मकार मंडल द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र द अनुसार है। (ग) नरसिंहपुर जिले में वर्तमान स्थिति में असंगठित क्षेत्र के 14,063 भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार पंजीकृत है। म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मंडल द्वारा असंगठित क्षेत्र में कार्य करने वाले 49 श्रेणियों के भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकारों को नियमानुसार पंजीकृत कर मण्‍डल द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ दिया जाता है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। म.प्र. असंगठित शहरी/ग्रामीण कर्मकार कल्‍याण मंडल द्वारा नरसिंहपुर जिलें में असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को लाभ मिल रहा है। संगठित एवं अंसगठित क्षेत्रों के मजदूरों हेतु शासन द्वारा पृथक-पृथक योजनाऐं संचालित है। अतः हितलाभ राशि भी पृथक-पृथक है। म.प्र. श्रम कल्‍याण मंडल द्वारा संचालित योजनाओं में नरसिंहपुर जिलें के लाभान्वितों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ई अनुसार है।

अनाज का भंडारण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

104. ( क्र. 1022 ) श्री रामचन्‍द्र दांगी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                (क) राजगढ़ जिले में शासकीय खरीदी कर अनाज का भंडारण करने के लिए कितनी क्षमता के कितने शासकीय व अशासकीय वेयर हाउस हैं। जिनमे से कितने वेयर हाउस पंजीकृत हैं?                            (ख) उपरोक्त पंजीकृत वेयरहाउस में से इस वर्ष कितने वेयर हाउस में कितना भंडारण किया गया? (ग) जिले में कितनी क्षमता के कितने वेयरहाउस ऐसे हैं जिनमें भंडारण नहीं किया गया?                           (घ) अनाज का भंडारण वेयरहाउस में करने हेतु क्या प्राथमिकता तय की गई एवं इस वर्ष कितने वेयरहाउस में अनाज का भंडारण किया गया व कितने में नहीं किया गया? सूची उपलब्ध करवायें। (ड.) जिले में अनाज का भंडारण करने का आधार क्या है व किन नियमों के तहत भंडारण किया गया? जानकारी व नियमावली उपलब्ध करवाएं।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

 

चम्बल सूक्ष्म सिंचाई परियोजना

[जल संसाधन]

105. ( क्र. 1027 ) श्री बाबू जन्‍डेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्र में निर्माणाधीन चम्बल सूक्ष्म सिंचाई 35 गांव नहर परियोजना के लिये कितनी राशि स्वीकृत थी? उक्त स्वीकृत राशि से क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी राशि से कराये गये? डी.पी.आर. प्रावधानानुसार अवगत करावें। (ख) परियोजना पर अभी तक कुल कितना व्यय हुआ है? उक्त व्यय राशि से परियोजना के कौन-कौन से कार्य पूर्ण किये जा चुके है तथा कौन-कौन से कार्य अभी भी शेष है? कार्य शेष रहने का क्या कारण है? शेष कार्य कब तक पूर्ण करा लिये जावेंगे? (ग) परियोजना अंतर्गत कराये गये कार्य प्रावधानानुसार/अनुबंधानुसार गुणवत्तापूर्ण हैं? यदि हाँ, तो गुणवत्ता की जांच कब-कब, किस-किस अधिकारियों द्वारा कब की गई है? जांच प्रतिवेदन/ निरीक्षण प्रतिवेदन प्रस्तुत कर अवगत करावें। (घ) क्या परियोजना के पूर्ण होने के पश्चात कितने समय तक किस-किस कार्य की (डिफेक्ट लाइवलिटी) गारंटी रहेगी? यदि हाँ, तो गारंटी अवधि में कम्पनी की कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य की सिक्यूरिटी के रूप में सुरक्षित रखी जावेंगी? (ड.) क्या कम्पनी द्वारा निर्माण कार्य अनाधिकृत/अप्रशिक्षित तथा अकुशल-स्थानीय व्यक्तियों से कराये गये हैं? यदि हाँ, तो कार्य की गुणवत्ता एवं परियोजना के विफल होने से इंकार नहीं किया जा सकता है? विफल होने पर कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी होकर जिम्मेदार होंगे? अधिकारी का नाम, पदनाम सहित जानकारी देवें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) निर्माणाधीन चंबल सूक्ष्‍म सिंचाई 35 गांव नहर परियोजना के लिए राशि रूपये 167.58 करोड़ स्‍वीकृत की गई है। उक्‍त स्‍वीकृत राशि से अनुबंधानुसार कराए गए कार्यों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-1'' अनुसार है।                      (ख) परियोजना पर अभी तक कुल राशि रू. 121.18 करोड़ का व्‍यय हुआ है। व्‍यय राशि से अनुबंधानुसार कराए गए एवं शेष कार्यों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-1'' में दर्शित है। कार्य शेष रहने के मुख्‍य कारण कोविड-19 महामारी, श्‍योपुर जिले में हुई अतिवर्षा होना तथा विधानसभा निर्वाचन 2018 की आचार संहिता लागू होना प्रतिवेदित हैं। शेष कार्यों को दिनांक 31.10.2022 तक पूर्ण कराया जाना लक्षित है। (ग) जी हाँ, परियोजना अंतर्गत कराए गए कार्य प्रावधानानुसार/अनुबंधानुसार गुणवत्‍तापूर्ण हैं। परियोजना के निर्माण में उपयोग की गई सामग्री की क्‍यूएपी सक्षम अधिकारी के अनुमोदन पश्‍चात तकनीकी मापदण्‍डानुसार विभागीय अधिकारियों द्वारा कार्य कराया गया है तथा कराए गए कार्यों की गुणवत्‍ता की जाँच विभागीय मापदण्‍डानुसार समय-समय पर गुण-नियंत्रण इकाई एवं वरिष्‍ठ अधिकारियों द्वारा किया जाना प्रतिवेदित है। निरीक्षणकर्ता अधिकारियों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-2'' तथा टेस्ट रिपोर्ट/निरीक्षण प्रतिवेदन पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 (पृ.-1 से 11) अनुसार है। (घ) जी हाँ, परियोजना के पूर्ण होने के पश्‍चात 05 वर्ष तक संपूर्ण परियोजना की डिफेक्‍ट लायबिलिटी तथा मरम्‍मत, संचालन एवं प्रबंधन का कार्य अनुबंधित एजेंसी द्वारा किया जाना है। इस हेतु संपूर्ण कार्य पर 05 प्रतिशत सुरक्षा निधि एवं 05 प्रतिशत बैक गारंटी के रूप में सुरक्षा निधि अनुबंध में प्रावधानित है। (ड.) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

खनिज प्रतिष्ठान के संबंध में

[खनिज साधन]

106. ( क्र. 1031 ) श्री संजय उइके : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र सरकार द्वारा जिला खनिज प्रतिष्ठान के अध्यक्ष जिले के प्रभारी मंत्री की जगह कलेक्टर को बनाया गया है? (ख) यदि हाँ, तो राज्य सरकार द्वारा तत्संबंध में जारी किए गए आदेश की प्रति उपलब्ध करावें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) भारत सरकार, खान मंत्रालय द्वारा परिपत्र दिनांक 23/04/2021 से जिला खनिज प्रतिष्‍ठान की गवर्निंग काउंसिल एवं मैनेजमेंट कमेटी के चेयरमैन के रूप में चुने हुए प्रतिनिधि के स्‍थान पर जिले के प्रशासनिक मुखिया यथा जिला कलेक्‍टर को रखे जाने हेतु निर्देशित किया गया है। (ख) भारत सरकार, खान मंत्रालय के निर्देशानुसार राज्‍य सरकार द्वारा तत्‍संबंध में मध्‍यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्‍ठान नियम, 2016 में संशोधन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

RDF योजना की जानकारी

[वन]

107. ( क्र. 1032 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन वृत्‍त बालाघाट के अंतर्गत बिगड़े वनों को सुधारने हेतु संचालित RDF योजना में विगत 3 वर्षों में प्राप्‍त फंड तथा उस फंड को किन कार्यों में खर्च किया गया? यह जानकारी वन परिक्षेत्र अनुसार देने की कृपा करें। (ख) लामटा उत्‍तर सामान्‍य वन परिक्षेत्र में RDF के तहत वर्ष 2021-22 में कराए गए कार्यों की यदि कोई शिकायतें प्राप्‍त हुई हो तो उसकी जानकारी दें। (ग) क्‍या शासन भोपाल स्‍तर से जांच दल भेजकर लामटा उत्‍तर सामान्‍य वन परिक्षेत्र में RDF के तहत कराए गए कार्यों की जांच कराएगा?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।                  (ख) प्रश्‍नाधीन वन परिक्षेत्र में वर्ष 2021-22 में RDF कार्यवृत्‍त में कराए गए कार्यों के संबंध में कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्‍तर (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

राशन वितरण घोटाला

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

108. ( क्र. 1042 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                              (क) क्‍या कोरोना काल सहित विगत 4 वर्षों में राशन वितरण के दौरान करोड़ों रूपये के घोटाले उजागर हुये हैं की उच्‍च स्‍तरीय जांच कराने हेतु संबंधित कलेक्‍टरों द्वारा प्रमुख सचिव को पत्र लिखा है? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश के किस-किस जिले में कुल कितनी-कितनी राशि के खाद्यान्‍न घोटाले उजागर हुये और प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में किन-किनके विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों कारण सहित यह अवगत करावें कि कब तक कार्यवाही की जावेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

मजदूरों का पंजीयन

[श्रम]

109. ( क्र. 1043 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनगणना वर्ष 2011 में प्रदेश की कुल कितनी आबादी पंजीकृत हुई? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में यह अवगत करावें कि माह अगस्‍त 2017 में प्रदेश की कुल आबादी से लगभग एक करोड़ अधिक मजदूरों का पंजीकृत होना पाया गया? यदि हाँ, तो क्‍या विभागीय समीक्षा के दौरान माननीय मंत्री जी द्वारा कुछ नाम हटाने के निर्देश दिए थे? (ग) यदि हाँ, तो वर्ष 2017 से प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में यह अवगत करावें कि भोपाल, इंदौर, उज्‍जैन, ग्‍वालियर और जबलपुर संभाग में मजदूरों के नाम पर कुल कितनी-कितनी राशि की कितनी-कितनी वित्‍तीय अनियमितताएं उजागर हुई और किन-किन के विरूद्ध कार्यवाही की गई?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार प्रदेश की जनसंख्‍या 7,26,26,809 है। (ख) जी नहीं। म.प्र.भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मंडल के अंतर्गत माह अगस्‍त 2017 की स्थिति में कुल 25,64,698 श्रमिक पंजीकृत थे। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना के संचालन 1 अप्रैल 2018 से प्रारंभ हुआ था। अतः प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। म.प्र. स्‍लेट पेंसिल कर्मकार कल्‍याण मंडल के अंतर्गत कुल 1200 श्रमिक पंजीकृत है। अतः प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

शासकीय स्‍कूल की भूमि पर अतिक्रमण

[राजस्व]

110. ( क्र. 1054 ) श्री योगेन्‍द्र सिंह (बाबा) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम टिकुरी, तहसील मनगवां, जिला-रीवा के खसरा नंबर 832 रकबा 0.328 तथा खसरा नंबर 831 रकबा 0.672 म.प्र. शासन के नाम पर दर्ज है? क्‍या इन भूमियों में से शासन द्वारा किसी को नियमानुसार पट्टा जारी किया गया है तो अवगत करायें। यदि नहीं, जारी किया गया है तो वहां से अतिक्रमण अभी तक क्‍यों नहीं हटाया गया है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार उक्‍त भूमि पर स्‍कूल, खेल मैदान आदि स्थित है फिर भी उक्‍त जमीन से अतिक्रमण नहीं हटाया गया है तथा अतिक्रमणकर्ता को संरक्षण प्रदान करने के लिये कौन-कौन दोषी है? उनके विरूद्ध अभी तक अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्‍नांश (क) और (ख) अनुसार शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाकर उक्‍त भूमि का कब्‍जा स्‍कूल शिक्षा विभाग को प्रदान किया जावेगा? इसी प्रकार शासकीय कन्‍या उच्‍चतर माध्‍यमि‍क विद्यालय सारंगपुर जिला राजगढ़ की भूमि से भी अभी तक अतिक्रमण नहीं हटाया गया है। इस संबंध में भी दोषी अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्‍मक कार्यवाही की जायेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जिला रीवा ग्राम टिकुरी स्थित भूमि खसरा नं 831 रकवा 0.672 हे. तालाब पोखर व 832 रकवा 0.328 हे0 टीला म.प्र. शासन के नाम दर्ज है। इन भूमियों पर किसी प्रकार का पट्टा जारी नहीं किया गया है। अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही तहसीलदार तहसील मनगवां के न्यायालय में राजस्व प्रकरण क्र. 25/अ.68/2021.22 प्रचलित है। वैधानिक प्रक्रिया अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में जिस भूमि पर स्कूल, खेल का मैदान आदि स्थित है वह स्कूल बाउण्ड्रीवॉल के अंदर स्थित है। इसके अतिरिक्त भूमि काश्त करके अतिक्रमण है। अतिक्रमणकर्ता के विरूद्ध न्यायालय तहसीलदार तहसील मनगवां में राजस्व प्रकरण क्रमांक 25/अ.68/2021.22 न्यायाधीन है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।                                   (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सारंगपुर जिला राजगढ़ के स्वामित्व की भूमि पर अतिक्रामक राधेश्याम पिता मदनलाल गुप्ता नि. पचोर के विरूद्ध न्यायालय तहसीलदार सारंगपुर में प्रचलित अतिक्रमण प्रकरण क्रमांक 23/अ-68/2020-21 में बेदखली आदेश दिनांक 07/04/2021 को पारित किया गया। अनावेदक द्वारा उक्त आदेश के विरूद्ध न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी महोदय, सारंगपुर के यहां अपील प्रस्तुत की गई। उक्त अपीलीय प्रकरण क्रमांक 65/अपील/2021-22 में पारित आदेश दिनांक 27/12/2021 में अधीनस्थ न्यायालय का आदेश यथावत रखा गया। उक्त अपीलीय प्रकरण में न्यायालय तहसीलदार सारंगपुर के समक्ष प्र.क्र. 23/अ-68/2020-21 में पारित आदेश की execution की कार्यवाही प्रचलित है। इसी प्रकार उक्त शास. कन्या उ.मा.वि.सारंगपुर के स्वामित्व की भूमि पर अन्य अतिक्रामक अयोध्या प्रसाद शर्मा पिता रामप्रसाद नि. सारंगपुर के विरूद्ध न्यायालय तहसीलदार सारंगपुर में प्रचलित अतिक्रमण प्रकरण क्रमांक 22/अ-68/2020-21 में बेदखली आदेश दिनांक 24/03/2021 को पारित किया गया जो अनावेदक द्वारा उक्त आदेश के विरूद्ध न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी महोदय, सारंगपुर के यहां अपील प्रस्तुत की गई। उक्त अपीलीय प्रकरण क्रमांक 10/अपील/2021-22 में पारित आदेश दिनांक 29/10/2021 में अधीनस्थ न्यायालय का आदेश यथावत रखा गया। तत्पश्चात् अनावेदक/अतिक्रामक द्वारा न्यायालय अपर कलेक्टर महोदय, राजगढ़ के यहां निगरानी प्रस्तुत की गई। उक्त निगरानी प्रकरण क्रमांक 071/निगरानी/2021-22 में पारित आदेश दिनांक 05/05/2022 में निगरानीकर्ता द्वारा मान. उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर में प्रस्तुत विविध याचिका क्र. 1364/ 2021 में उक्त भूमि पर यथा स्थिति बनाये रखे जाने के निर्देश दिये गये हैं।

स्‍टॉप डेम की उपयोगिता एवं रख-रखाव

[जल संसाधन]

111. ( क्र. 1063 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जौरा विधानसभा क्षेत्र में 2013 से आज दिनांक तक कितनी नदियों पर स्‍टॉप डेम व तालाब बनाये गये हैं और कितने तालाबों में आज दिनांक तक पानी भरा है और कितने खाली पड़े हैं? (ख) क्‍या सभी तालाबों के गेट सुरक्षित हैं और कितने तालाबों के गेट टूटे होने के कारण उनमें पानी नहीं भरा है? क्‍या उन तालाबों पर विभाग द्वारा नये गेट लगवाये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या जौरा विधानसभा में करोड़ों की लागत से जो तालाब बनाये गये हैं उन तालाबों पर अधिकारियों का कोई ध्‍यान नहीं है? क्‍या ऐसे अधिकारियों पर कार्यवाही की जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जौरा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2013 से आज दिनांक तक 02 नदियों पर 06 स्‍टॉप डेम बनाए गए हैं। सभी 06 स्‍टॉप डेमों में आज दिनांक तक पानी भरा होना प्रतिवेदित है। सभी 06 स्‍टॉप डेमों के गेट सुरक्षित हैं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। ऐसा कोई प्रकरण नहीं होने के कारण किसी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की स्थिति नहीं है।

वन परिक्षेत्र के विकास एवं निर्माण कार्य

[वन]

112. ( क्र. 1064 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जौरा विधानसभा क्षेत्र में कितनी फॉरेस्‍ट विभाग की जमीन है? उसमें जंगल को आबाद करने की दृष्टि से क्‍या कूप बनाये गये हैं और कितनी जीवित बागड़ लगायी है? कितनी रकबा में जमीन की गहरी खुदाई कर बीज रोपण किया गया है? (ख) क्‍या वन विभाग का अमला बेवजह ग्रामीणजनों पर कार्यवाही करता है और कार्यवाही के नाम पर अवैध वसूली करता है?                         (ग) क्‍या जंगल के रख-रखाव एवं जंगल को आबाद करने में वन विभाग की कार्यवाही नगण्‍य है? क्‍या वन विभाग इस पर कोई ठोस कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्‍या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जौरा विधानसभा क्षेत्र में 39927.091 हेक्टेयर फॉरेस्ट विभाग की जमीन है। हाँ उसमें जंगल आबाद करने की दृष्टि से कूप बनाये गये है। वर्ष 2021-22 में 14900 रनिंग मीटर में जीवित बागड़ हेतु बीजारोपण किया गया है तथा वर्ष 2021-22 में 227.40 हेक्टेयर जमीन की गहरी खुदाई कर बीजारोपण किया गया है। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

ग्रीन इंडिया मिशन के कार्यों की जानकारी

[वन]

113. ( क्र. 1081 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                         (क) वित्‍तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्‍न दिनांक तक जिला शिवपुरी के वन मण्‍डल के सतनवाड़ा रेंज में ग्रीन इंडिया मिशन के तहत कितने कार्य किये गये? किये गये कार्य क्‍या प्रोजेक्‍ट रिपोर्ट अनुसार हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार रेंज के किन-किन कक्ष क्रमांकों में कितनी-कितनी भूमि का आवंटन किया है? क्‍या कार्य प्रोजेक्‍ट की गाईड लाईन के अनुसार हुआ है? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं हुआ?                                   (ग) विभाग द्वारा कराये गये कार्य की निर्माण कार्य एजेंसी कौन सी थी और निर्माण कार्य की गुणवत्‍ता क्‍या है? विभाग द्वारा ग्रीन इंडिया मिशन के अनुसार, ग्रामीणों को क्‍या सामग्री उपलब्‍ध कराई? विवरण देवें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वित्‍तीय वर्ष 2018-19 से प्रश्‍न दिनांक तक जिला शिवपुरी के वन मण्‍डल के सतनबाड़ा रेंज में ग्रीन इण्डिया मिशन के तहत कराये गये कार्यों की सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट में है। किये गये कार्य प्रोजेक्‍ट रिपोर्ट अनुसार है। (ख) कराये गये कार्यों की कक्षवार एवं रकवा की जानकारी उत्‍तरांश (क) के संलग्‍न परिशिष्‍ट में है। कार्य प्रोजेक्‍ट अनुसार कराये गये हैं अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वन मण्‍डल शिवपुरी में ग्रीन इण्डिया मिशन अंतर्गत कोई निर्माण कार्य नहीं कराया गया है। अत: एजेंसी एवं गुणवत्‍ता का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। वन मण्‍डल शिवपुरी के वन परिक्षेत्र सतनबाड़ा में ग्रीन इण्डिया मिशन अंतर्गत ग्रामीणों को 150 प्रेशर कूकर उपलब्‍ध कराये गये हैं।

परिशिष्ट - "पचपन"

राशन का आवंटन

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

114. ( क्र. 1082 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक की स्थिति में विधानसभा क्षेत्र जनपद जौरा एवं मुरैना की विभिन्‍न उचित मूल्‍य दुकान में विभाग द्वारा AAY प्राथमिकता परिवार के विरूद्ध कितना आवंटन जारी किया गया है? (ख) विभाग के पास वर्ष 2019से प्रश्‍न दिनांक तक की स्थिति विभिन्‍न उचित मूल्‍य दुकानों द्वारा जारी AAY प्राथमिकता परिवार की संख्‍या उपलब्‍ध हो तो उचित मूल्‍य दुकानवार बतावें। (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (क) (ख) में उल्‍लेखित राशन कार्ड की संख्‍या में अंतर है? यदि हाँ, तो विवरण देवें। अंतर का कारण बताते हुये बतावें कि खाद्यान्‍न स्‍टॉक में उपलब्‍ध है या नहीं?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्‍नांकित अवधि में प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र की उचित मूल्‍य दुकानों में विभाग द्वारा AAY प्राथमिकता परिवारों को जारी किये गये आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांकित अवधि में उचित मूल्‍य दुकानों के AAY प्राथमिकता परिवार की संख्‍या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ग) उत्‍तरांश (क) सामग्री आवंटन की जानकारी है तथा उत्‍तरांश (ख) में AAY एवं प्राथमिकता परिवारों की संख्‍या है। अत: इन दोनों की तुलना कर अंतर निकालना संभव नहीं है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

ग्रामीणों को खाद्यान्‍न वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

115. ( क्र. 1086 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                        (क) विधान सभा क्षेत्र सहित सीधी एवं सिंगरौली जिले में वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक ऐसे कितने 60 वर्ष से अधिक राशनकार्ड धारक हैं जिनके अंगूठे के निशान के बायोमेट्रिक मशीन से मैच न होने के कारण राशन नहीं मिल रहा है? (ख) क्‍या यह सच है कि ऐसे मामलों में परिवार से बाहर के व्‍यक्ति को नामांकित करने का नियम है? (ग) क्‍या सरकार अन्‍य कोई वैकल्पिक, स्‍केनर या अन्‍य माध्‍यम के द्वारा जरूरत मंदों को खाद्य सुरक्षा गारंटी योजना के तहत भरण-पोषण के लिये खाद्यान्‍न उपलब्‍ध कराएगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सहित सीधी एवं सिंगरौली जिले में वर्ष 2020 से राष्‍ट्रीय खाद्य सुर‍क्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र हितग्राहियों में से बुजुर्ग हितग्राहियों के अंगूठे की रेखाएं घिसने-सिकुड़ने से पीओएस मशीन पर बायोमेट्रिक सत्‍यापन विफल होने के कारण राशन प्राप्‍त करने से कोई हितग्राही वंचित नहीं है, जिन हितग्राहियों के बायोमेट्रिक सत्‍यापन विफल हुए हैं, उनको ओटीपी/नॉमिनी के माध्‍यम से राशन का वितरण कराया जा रहा है। (ख) जी हाँ। बायोमेट्रिक सत्‍यापन सफल न होने वाले हितग्राहियों को नॉमिनी के माध्‍यम से राशन वितरण का प्रावधान है। (ग) राष्‍ट्रीय खाद्य सुर‍क्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों में से परिवार के किसी भी सदस्‍य द्वारा पीओएस मशीन पर बायोमेट्रिक सत्‍यापन के आधार पर राशन प्राप्‍त किया जा सकता है। हितग्राही की एक अंगुली/अंगूठा की रेखाओं से बायोमेट्रिक सत्‍यापन सफल न होने पर एक से अधिक अंगुलियों (फ्यूजन फिंगर) के बायोमेट्रिक सत्‍यापन किया जाता है। साथ ही, बायोमेट्रिक सत्‍यापन न होने पर आधार नंबर से लिंक मोबाइल नंबर पर ओटीपी अथवा नॉमिनी के माध्‍यम से राशन सामग्री के वितरण की सुविधा उपलब्‍ध कराई गई है। हितग्राही द्वारा आधार पंजीयन केन्‍द्र पर अपने आधार नंबर को अपडेट कराने तथा मोबाइल नंबर लिंक कराने की सुविधा उपलब्‍ध है। किसी भी पात्र हितग्राही को बायोमेट्रिक सत्‍यापन सफल न होने के आधार पर राशन से वंचित नहीं किया जा रहा है।

कोटवारों के वेतन एवं सुविधा

[राजस्व]

116. ( क्र. 1087 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) प्रदेश के कोटवारों को प्रतिमाह कितना वेतन तथा कौन-कौन सी अन्‍य सुविधाएं दी जाती है? क्‍या सरकार मानती है कि वर्तमान में प्रदेश के कोटवारों को दिया जाने वाला वेतन उनके परिवार के भरण-पोषण के लिये पर्याप्‍त है? (ख) क्‍या सरकार प्रदेश के कोटवारों को नियमित चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी घोषित करने और उन्‍हें कलेक्‍टर रेट पर वेतन दिये जाने के लिये कार्यवाही करेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) ग्राम कोटवार को मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता-1959 की धारा-231 अनुसार सेवा भूमि या पारिश्रमिक या दोनों का प्रावधान किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार। इसके अतिरिक्‍त कोटवारों को प्रति वर्ष वर्दी, जूते, टार्च, बेल्‍ट एवं गरम कोट प्रदाय किये जाते हैं। (ख) ऐसा कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है।

परिशिष्ट - "छप्पन"

शासकीय भूमि पर अतिक्रमण

[राजस्व]

117. ( क्र. 1088 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या ग्राम टिकुरी तह.मनगवां जिला रीवा के आराजी नं. 832 रकबा 0.328 तथा आराजी नं. 831 रकवा 0.672 म.प्र. शासन के नाम दर्ज है? क्‍या इन भूमियों में से कोई पट्टा शासन द्वारा इंद्रमणि प्रसाद पिता रामनिही सोंधिया को जारी किया गया है? यदि हाँ, तो इसकी प्रमाणित प्रति देवें। (ख) यदि नहीं, तो किस आधार पर इंद्रमणि प्रसाद द्वारा उपरोक्‍त भूमियों में अतिक्रमण कर कब्‍जा किया गया है? इस संबंध में तहसील मनगवां जिला रीवा में कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुईं एवं उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी देवें। (ग) क्‍या कारण है कि म.प्र. शासन की भूमि जिस पर स्‍कूल, खेल मैदान आदि स्थित है पर अतिक्रमणकर्ता को हटाया नहीं जाकर अनुचित संरक्षण दिया जा रहा है? (घ) इन्‍हें कब तक हटाकर शासकीय भूमि मुक्‍त करा दी जाएगी? इस और ध्‍यान न देने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। रीवा जिले अन्तर्गत ग्राम टिकुरी तहसील मनगवां की आराजी नं0 831 रकवा 0.672 हे0 तालाव पोखर एवं आराजी नं0 832 रकवा 0.328 हे0 टीला दर्ज अभिलेख है। उक्त भूमियों में इन्द्रमणि प्रसाद पिता रामनिही सोधिया को पट्टा जारी नहीं किया गया है। (ख) उक्त आराजी नं0 पर इन्द्रमणि प्रसाद द्वारा अवैध अतिक्रमण कर कब्जा किया गया है। शासकीय भूमि मुक्‍त कराने हेतु न्‍यायालय तहसीलदार मनगवां के न्‍यायालय में प्रकरण क्रमांक 25/अ.68/2021.22 पंजीबद्ध होकर न्‍यायाधीन है। (ग) मध्‍यप्रदेश शासन की भूमि जिस पर स्‍कूल, खेल मैदान आदि स्थित है वह रकवा बाउण्ड्रीबाल के अन्दर है इसके अतिरिक्त भूमि में फसल बोकर अतिक्रमण किया गया है। अतिक्रमण चिन्हित कर अतिक्रामक के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किया जा कर न्‍यायाधीन है। (घ) अनावेदक के विरूद्ध शासकीय भूमि मुक्‍त कराने हेतु न्‍यायालय तहसीलदार मनगवां के न्‍यायालय में प्रकरण क्रमांक 25/अ.68/2021.22 पंजीवद्ध होकर न्‍यायाधीन है।

दुकानों की बहाली की उच्‍चस्‍तरीय जांच

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

118. ( क्र. 1091 ) श्री राकेश मावई : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                    (क) क्‍या नगर पालिक निगम भोपाल क्षेत्र में वार्ड क्र. 60, 61, 62, 63 एवं 64 अंतर्गत आने वाली शासकीय उचित मूल्‍य की 10 दुकानों (दुकान क्र. 2803118, 2803120, 2803121, 2803122, 2803124, 2803125, 2803126, 2803151, 2803156, 2803148) को फूड इंस्‍पेक्‍टर श्री लकवीर सिंह गिल एवं प्रताप सिंह ठाकुर कुछ लोगों से झूठी शिकायत करवा कर जांच का बहाना बनाकर इन दुकानों को शील्‍ड कर दिया गया तथा लम्‍बे समय तक इन्‍हें बहाल नहीं किया गया, जिसके कारण इन दुकान मालिकों ने अपनी दुकाने राशन माफियाओं को बेच दी गई? (ख) यदि हाँ, तो दूसरे राशन माफियाओं द्वारा इन दुकानों को खरीदे जाने पर जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी श्रीमती ज्‍योति शाह नरवरिया द्वारा क्‍यों और कैसे बहाल किया गया? इसके लिये कौन दोषी है? क्‍या दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (क) अनुसार शासकीय उचित मूल्‍य की 10 दुकानों की जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी श्रीमती ज्‍योति शाह नरवरिया द्वारा बहाली की उच्‍च स्‍तरीय जांच कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित 10 दुकानों में से 09 दुकानों की जांच के दौरान कोई प्रकरण प्रचलित नहीं है। दुकान क्रमांक 2803124 की जांच खाद्य विभाग संयुक्‍त दल द्वारा दिनांक 18.11.2020 को की गई थी, जांच में अनियमिततायें पाये जाने के कारण दुकान का आदेश क्रमांक 1753 दिनांक 18.11.2020 से निलंबित किया जाकर प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था। प्रकरण में विधिवत सुनवाई कर कार्यालयीन आदेश क्रमांक 1266/खाद्य/2022 भोपाल दिनांक 14.06.2022 के द्वारा प्रतिभूति राशि 5000 एवं राशि 3623 रूपये शासन पक्ष में राजसात की जाकर प्रकरण निराकरण कर दुकान को बहाल किया गया है। जांच के दौरान प्रश्‍न में उल्‍लेखित किसी भी दुकान को सील नहीं किया गया था। राशन दुकानों के मालिकों द्वारा राशन माफियाओं को दुकान में बेची जाने की जानकारी निरंक है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रे‍क्ष्‍य में कार्यवाही का प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता। (ग) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रे‍क्ष्‍य में जांच का प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता।

नो माईनिंग ड्यूज प्रमाण-पत्र व मुरम अनुज्ञा

[खनिज साधन]

119. ( क्र. 1094 ) श्री बाला बच्चन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरम अनुज्ञा प्राप्‍त किए बिना मुरम खनन करने पर विभाग द्वारा कार्यवाही के नियमों की प्रमाणित प्रति देवें। (ख) नो माईनिंग ड्यूज प्रमाण-पत्र के बिना निर्माण कार्य करने वाले ठेकेदारों पर कार्यवाही के नियमों की छायाप्रति देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) (ख) अनुसार इंदौर, भोपाल जिले में ऐसे कितने प्रकरणों में विगत 02 वर्षों में कार्यवाही की गई है, जिलावार प्रकरण सहित जानकारी देवें। (घ) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार इंदौर, भोपाल, बड़वानी जिले में विगत 04 वर्षों में कितने नो माईनिंग ड्यूज प्रमाण-पत्र जारी किए गए की जानकारी जिलावार नाम सहित देवें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नांश अनुसार विभाग द्वारा कार्यवाही के नियम मध्‍यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भंडारण का निवारण) नियम, 2022 अधिसूचित हैं। (ख) प्रश्‍नांश के संबंध में खनिज विभाग द्वारा कार्यवाही के प्रावधान नहीं हैं।                                   (ग) प्रश्‍नांश अनुसार इंदौर, भोपाल जिले में विगत 02 वर्षों में अवैध मुरूम उत्‍खनन के प्रकरणों में की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है।                          (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।

भुगतान की जानकारी

[वन]

120. ( क्र. 1095 ) श्री बाला बच्चन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍न क्र. 3309 दिनांक 17.03.2022 के प्रश्‍नांश (ग) वर्णित परिशिष्‍ट 3 में जिन भुगतान प्राप्‍तकर्ता फर्मों के नाम दिए हैं उनके द्वारा प्रस्‍तुत बिलों की प्रमाणित प्रति देवें। (ख) उपरोक्‍त कार्यों के लिए निकाली गई निविदाओं की जानकारी भी कार्यवार देवें। प्रत्‍येक कार्य में अचयनित फर्मों की जानकारी भी कार्यवार देवें। (ग) उपरोक्‍त भुगतान के लिए काटे गए टी.डी.एस. की जानकारी भी फर्मवार, भुगतान दिनांक सहित देवें। (घ) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार यदि निविदा निकाले बिना कार्य दिया गया है तो ऐसा करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम देकर बतावें कि इसके लिए विभाग उन पर कब तक कार्यवाही करेगा?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है।                       (ख) जिला बड़वानी के वनमण्‍डल बड़वानी एवं सेंधवा में वानिकी कार्यों के दौरान रोपण के कार्य हेतु कार्यवार निविदा नहीं निकाली जाती है, अपितु वानिकी कार्यों में लगने वाली सामग्रियों का क्रय लघु उद्योग निगम, GEM एवं निविदा/कोटेशन के माध्‍यम से किया जाता है। निविदाओं की कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (घ) जिला बड़वानी के वनमण्‍डल बड़वानी एवं सेंधवा में नियमानुसार भण्‍डार क्रय नियमों का पालन कर न्‍यूनतम दर पर सामग्री क्रय कर उपयोग किया जा रहा है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

ई-अभिवहन पास संबंधी

[खनिज साधन]

121. ( क्र. 1098 ) श्री सुनील सराफ : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र कोतमा में वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में कुल कितनी रेत खदानें संचालित हैं? ठेकेदार का नाम, खदान का रकबा, वर्षवार उत्‍पादित रेत की कुल मात्रा, वसूल की गई रायल्‍टी की राशि सहित वर्षवार, खदानवार देवें। (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) अवधि में प्रदेश में रेत परिवहन हेतु आनलाईन ई-अभिवहन पास अनिवार्य किया गया है? यदि हाँ, तो नियमों की प्रति देवें। यदि नहीं, तो क्‍या बिना ई-अभिवहन पास के भी खदानों द्वारा रेत प्रदाय किया जा रहा है? (ग) विधान सभा प्रश्‍न क्र. 3323 दि. 17-03-2022 से प्राप्‍त जानकारी अनुसार ठेकेदार द्वारा बिना अभिवहन पास प्राप्‍त किए रेत, गिट्टी जैसे खनिजों का उपयोग भारी मात्रा में किया गया है तो इसमें उल्‍लेखित ठेकेदारों के विरूद्ध विभाग कब तक कार्यवाही करेगा? (घ) क्‍या विभाग द्वारा प्रधानमंत्री, मुख्‍यमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों को भी रेत, गिट्टी के उपयोग हेतु रायल्‍टी राशि में छूट करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो इसके नियम/आदेश की छायाप्रति देवें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट पर दर्शित है। जिले में खनिज रेत की 22 खदानें समूह में निविदा के माध्‍यम से आवंटित की गई है। उक्‍त 22 खदानों के समूह में वर्षवार जमा ठेका धन/रॉयल्‍टी की जानकारी निम्‍नानुसार है:- (1) वर्ष 2020-21 में राशि रूपये 5,70,13,923/- (2) वर्ष 2021-22 में राशि रूपये 15,56,26,318/- (ख) जी हाँ, मध्‍यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण तथा व्‍यापार) नियम, 2019 के नियम 3 (1) के तहत प्रावधान हैं। यह अधिसूचित नियम है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) म.प्र. शासन, खनिज साधन विभाग के निर्देश क्रमांक एफ 14-10/2018/12/1 भोपाल दिनांक 15/03/2018 से शासकीय निर्माण विभागों के ठेकेदारों द्वारा ऑनलाईन ''रॉयल्‍टी चुकता प्रमाण पत्र'' प्राप्‍त किये जाने के संबंध में प्रक्रिया निर्धारित की गई है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रधानमंत्री, मुख्‍यमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों को रॉयल्‍टी राशि में छूट के प्रावधान मध्‍यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण तथा व्‍यापार) नियम, 2019 के नियम 4 (1) अधिसूचित हैं। गिट्टी के उपयोग हेतु रॉयल्‍टी राशि में छूट के प्रावधान नियमों में नहीं हैं।

परिशिष्ट - "सत्तावन"

संबंल योजना का क्रियान्‍वयन

[श्रम]

122. ( क्र. 1099 ) श्री सुनील सराफ : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में संबल योजना के तहत कितने मृतकों की सहायता राशि कब से भुगतान हेतु लंबित है? प्रकरण नाम, पता, प्रकरण दर्ज दिनांक सहित विधानसभावार देवें। यह किस स्‍तर पर लंबित है? (ख) क्‍या कारण है कि कई प्रकरणों में एक वर्ष से भी अधिक समय हो गया है लेकिन भुगतान राशि लंबित है? (ग) कब तक प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अनुसार राशि का भुगतान कर दिया जाएगा? (घ) इसके निराकरण में विलंब के दोषी अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही की जाएगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) अनूपपुर जिले में संबल योजना के तहत भुगतान हेतु लंबित प्रकरणों की सूची नाम, पता, प्रकरण दर्ज दिनांक, विधान सभावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मुख्‍यमंत्री जन कल्‍याण (संबल) योजनान्‍तर्गत पदाभिहित अधिकारी द्वारा प्राप्‍त आवेदनों पर समुचित जाँच कर, पात्र पाये जाने पर, पात्रतानुसार हितलाभ स्‍वीकृति की कार्यवाही की जाती है। तत्‍पश्‍चात प्रकरणों में डिजीटली हस्‍ताक्षर तथा मृत्‍यु सत्‍यापन की कार्यवाही की जाती है। उक्‍त कार्यवाही पश्‍चात ऐसे समस्‍त प्रकरण राज्‍य स्‍तर पर ऑनलाईन प्राप्‍त होते हैं, जिनमें उपलब्‍ध बजट अनुसार सहायता राशि का भुगतान किया जाता है। संबल योजना में अनुग्रह योजनांतर्गत आवेदन देने हेतु सामान्यतः 180 दिवस की समय-सीमा है, उक्त समय-सीमा को भी जिला कलेक्टर/अपीलीय अधिकारी द्वारा शिथिल किये जाने की व्यवस्था शासन द्वारा दी गई है। पदाभिहित अधिकारी द्वारा प्रकरण पात्र पाये जाने पर राशि भुगतान की स्थिति निर्मित होती है। इसी प्रकार अपात्र चिन्हित प्रकरणों में भी अपील की व्यवस्था शासन द्वारा की गई है। ऐसे में अपील निराकरण उपरान्त भी राशि प्रदाय किये जाने की स्थिति निर्मित होती है। हितलाभ वितरण एक सतत् प्रक्रिया है, जिसमें हितलाभ वितरण बजट उपलब्धता अनुसार किया जा रहा है। (ग) बजट उपलब्‍धता अनुसार राशि भुगतान किया जाता है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

श्रम न्‍यायालय में विचाराधीन प्रकरण

[श्रम]

123. ( क्र. 1103 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में उज्‍जैन श्रम न्‍यायालय में कितने प्रकरण विचाराधीन हैं की जानकारी फर्म/कंपनी नाम, प्रकरण क्रमांक, प्रकरण प्रारंभ दिनांक सहित देवें। (ख) नागदा जंक्‍शन स्थित ग्रेसीम उद्योग समूह के चल रहे प्रकरणों की जानकारी प्रकरण क्रमांक, प्रकरण दिनांक सहित देवें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार इन प्रकरणों में विगत 03 वर्षों में कितनी तारीखें लगी? इसमें कंपनी के व विभाग के अधिकारी कब-कब उपस्थित/अनुपस्थित रहे की जानकारी प्रकरणवार देवें।                                                 (घ) कितने प्रकरणों में कंपनी प्रबंधन के विरूद्ध निर्णय लिया गया व उसके पालन की स्थिति बतावें। इन निर्णयों का पालन न करवाने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) कार्यालय, औद्योगिक न्‍यायालय, मध्‍यप्रदेश से प्राप्‍त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ख) कार्यालय, औद्योगिक न्‍यायालय, मध्‍यप्रदेश से प्राप्‍त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है एवं संचालक, औ.स्‍वा. एवं सुरक्षामध्‍यप्रदेशइन्‍दौर से प्राप्‍त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ग) कार्यालय, औद्योगिक न्‍यायालय, मध्‍यप्रदेश से प्राप्‍त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। संचालकऔ.स्‍वा. एवं सुरक्षामध्‍यप्रदेशइन्‍दौर द्वारा माननीय मुख्‍य न्‍यायिक दण्‍डाधिकारी के समक्ष प्रस्‍तुत किए गए विचाराधीन प्रकरणों में विगत 3 वर्षों में लगी तारीखों एवं उपस्थिति संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (घ) संचालकऔ.स्‍वा. एवं सुरक्षामध्‍यप्रदेशइन्‍दौर में विचाराधीन प्रकरणों में विगत तीन वर्षों में ग्रेसिम उद्योग समूह प्रबंधन के विरूद्ध दायर प्रकरणों में माननीय न्‍यायालय द्वारा लिए गए निर्णय एवं पालन की स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है।

राजस्‍व निरीक्षकों की वरिष्‍ठता सूची एवं स्‍थायीकरण

[राजस्व]

124. ( क्र. 1104 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में राजस्‍व निरीक्षकों के कितने पद स्‍थाई एवं अस्‍थायी हैं? पृथक-पृथक जानकारी बतावें। (ख) क्‍या पूर्व में राजस्‍व निरीक्षकों की पदक्रम सूची वर्ष 2010 से वर्ष 2018 तक जारी की गई थी? (ग) क्‍या वर्ष 2018 के बाद से राजस्‍व निरीक्षकों की पदक्रम सूची जारी नहीं की गई है? यदि हाँ, तो पदक्रम सूची जारी नहीं किये जाने के क्‍या कारण हैं? सूची जारी नहीं किये जाने के लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? उनके नाम बतावें एवं उनके विरूद्ध शासन क्‍या कार्यवाही करेगा?                    (घ) यदि वर्ष 2018 के बाद राजस्‍व निरीक्षकों की पदक्रम सूची जारी नहीं की गई है तो इसे कब तक जारी किया जावेगा? (ड.) प्रदेश में कितने राजस्‍व निरीक्षकों के पद को स्‍थाई किया जा चुका है एवं कितने राजस्‍व निरीक्षक अभी स्‍थाई किये जाने हेतु शेष हैं तथा उन्‍हें कब तक स्‍थाई कर दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) प्रदेश में राजस्व निरीक्षक के कुल 2169 पद स्वीकृत हैं जिसमें 542 पद सीधी भर्ती के एवं 1627 पद पदोन्नति के स्वीकृत हैं। सभी पद नियमित हैं। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। माननीय उच्च न्यायालय की खण्डपीठ जबलपुर में राजस्व निरीक्षक की वरिष्ठता निर्धारण के संबंध में याचिका क्रमांक 7545/2014 एवं खण्डपीठ ग्वालियर में वरिष्ठता निर्धारण के संबंध में याचिका क्रमांक 8579/20205035//2016 विचाराधीन होने से पदक्रम सूची जारी नहीं की जा सकी है। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है। (घ) मानयीय उच्च न्यायालय में उक्त प्रकरणों में निर्णय उपरान्त राजस्व निरीक्षक की पदक्रम सूची जारी की जा सकेगी। (ड.) जिलों से प्राप्त जानकारी अनुसार 167 राजस्व निरीक्षकों को स्थाई किया जा चुका हैं। 1268 राजस्व निरीक्षक स्थाई किये जाने हेतु शेष हैं। समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।

मजरे एवं टोलों को पृथक राजस्‍व ग्राम बनाया जाना

[राजस्व]

125. ( क्र. 1107 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                         (क) भिण्‍ड जिले में लहार, मिहोना एवं रौना तहसील के अंतर्गत 31 मई 2022 की स्थिति में मजरे, टोलों का पृथक राजस्‍व ग्राम बनाए जाने के कितने प्रस्‍ताव कलेक्‍टर भिण्‍ड के माध्‍यम से आयुक्‍त भू-अभिलेख ग्‍वालियर को कब-कब प्रेषित किए गए? (ख) उपरोक्‍त प्रस्‍तावों के संबंध में प्रश्‍नाधीन अवधि तक क्‍या कार्यवाही की गई एवं मजरे, टोलों को कब तक पृथक राजस्‍व ग्राम बनाया जाएगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) भिण्‍ड जिले में लहार, मिहोना एवं रौन तहसील के अंतर्गत 31 मई 2022 की स्थिति में मजरे, टोलों का पृथक राजस्‍व ग्राम बनाए जाने के संबंध में तहसील रौन के मूल राजस्‍व ग्राम पचोखरा व उससे नवनिर्मित राजस्‍व ग्राम डमनापुरा का प्रस्‍ताव नवीन सर्वेक्षण नियम 2020 के अनुसार अधीक्षक भू-अभिलेख जिला भिण्‍ड के पत्र क्रमांक/क्‍यू-8/भू.अभि/पे.नि./2021/1054 भिण्‍ड दिनांक 11.08.2021 से आयुक्‍त भू-अभिलेख म.प्र. ग्‍वालियर को भेजा गया। (ख) कलेक्टर जिला भिण्ड द्वारा अपने पत्र क्र./क्यू/8/भू प्र./पे.नि./1179 भिण्ड दि. 02.08.2019 द्वारा मूल ग्राम पचोखरा के मजरा टोला से प्रस्तावित नवीन राजस्व ग्राम डमनापुरा की अधिसूचना बावत् प्रस्ताव सचिव म.प्र. शासन राजस्व विभाग की ओर प्रेषित करते हुये पृष्ठांकित प्रति आयुक्त भू अभिलेख एवं बन्दोवस्त की ओर प्रेषित की गई थी। जिसके संबंध में शासन द्वारा अधिसूचना क्र./एफ 15-2/2019/सात/शाखा-7 भोपाल दिनांक 8.8.2019 को जारी की गई थी। उक्त अधिसूचना के क्रियान्वयन हेतु आयुक्त भू अभिलेख एवं बन्दोवस्त द्वारा पत्र क्रमांक/918/11 भू प्र./म.टो./2019 ग्वालियर दिनांक 10.09.2019 के माध्यम से कलेक्टर जिला भिण्ड की ओर लेख किया गया। म.प्र. भू राजस्व संहिता संशोधन अधिनियम 2018 प्रभावशील होने से शासन द्वारा भू सर्वेक्षण तथा भू अभिलेख नियम 2020 बनाये गये। जिसके क्रम में मजरे टोलों को राजस्व ग्राम बनाये जाने हेतु आयुक्त भू अभिलेख द्वारा पत्र क्रमांक 463/भू प्रबं./2021 ग्वालियर दि. 28.04.2021 के माध्यम से समस्त जिलों को निर्देश जारी किये। जिसके अनुसार ऐसे मजरे टोले जिनके लिये प्राधिकृत अधिकारी की अधिसूचना जारी की गई किन्तु अधिकार अभिलेख निर्माण का कार्य प्रारम्भ नहीं हुआ, उनकी पूर्व अधिसूचना शासन से निरस्त कराये जाने के उपरांत (भू सर्वेक्षण तथा भू अभिलेख) नियम 2020 के अनुसार सर्वेक्षण प्रारम्भ होने की अधिसूचना जारी की जाना है। जिसके क्रम में अधीक्षक भू-अभिलेख जिला भिण्ड के पत्र क्रमांक/क्‍यू-8/भू.अभि/पे.नि./2021/1054 भिण्ड दिनांक 11.08.2021 द्वारा पूर्व अधिसूचना निरस्‍त बावत प्रस्ताव भेजा गया। जिले से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर पूर्व अधिसूचना निरस्त कराये जाने हेतु आयुक्त भू अभिलेख द्वारा प्रस्‍ताव शासन को भेजा गया जिसके आधार पर अधिसूचना दिनांक 08/08/2019 निरस्‍त की जा चुकी है।

संबल योजनांतर्गत आर्थिक सहायता

[श्रम]

126. ( क्र. 1108 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या संबल योजनांतर्गत संबल कार्डधारियों की मृत्‍यु उपरांत उनके आश्रितों को आर्थिक सहायता उपलब्‍ध कराई जाती है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में भिण्‍ड जिले के लहार विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत संबल योजनांतर्गत कितने आवेदन प्राप्‍त हुए? (ग) उक्‍त आवेदनों में से कितने हितग्राहियों को संबल योजना के तहत कितनी-कितनी राशि की आर्थिक सहायता उपलब्‍ध कराई गई एवं कितने आवेदन किन-किन कारणों से लंबित हैं तथा उनका निराकरण कब तक कर दिया जाएगा? ला‍भान्वित हितग्राहियों के नाम, पता एवं उन्‍हें प्रदाय की गई राशि का विवरण दें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में भिण्‍ड जिले के लहार विधानसभा क्षेत्र के अन्‍तर्गत संबल योजनान्‍तर्गत अन्‍त्‍येष्टि एवं अनुग्रह सहायता के 512 आवेदन प्राप्‍त हुये। (ग) प्राप्‍त आवेदनों में 222 हितग्राही को 5000 रूपये की अन्‍त्‍येष्टि सहायता राशि एवं 223 प्रकरणों में सामान्‍य मृत्‍यु पर दो लाख रूपये की अनुग्रह सहायता एवं 18 प्रकरणों में दुर्घटना में मृत्‍यु होने पर चार लाख रूपये की अनुग्रह सहायता राशि प्रदाय की गई है। 49 प्रकरणों में निकाय द्वारा अनुग्रह सहायता स्‍वीकृत कर ईपीओ जारी कर दिया गया है। इसके अतिरिक्‍त जनपद लहार से प्राप्‍त जानकारी अनुसार ग्राम पंचायत स्‍तर पर 106 एवं जनपद रौन से प्राप्‍त जानकारी अनुसार 25 प्रकरण ग्राम पंचायत स्‍तर पर लंबित हैं। जो कि जनपद कार्यालय को प्राप्त नहीं है। लाभान्वित हितग्राहियों के नाम, पता एवं प्रदाय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

राजस्‍व न्‍यायालयों में लंबित प्रकरण

[राजस्व]

127. ( क्र. 1110 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                              (क) भिण्‍ड एवं सतना जिले में राजस्‍व न्‍यायालयों में खसरा सुधार से संबंधित कितने प्रकरण मार्च 2020 की स्थिति में लंबित थे एवं इन प्रकरणों में से कितने प्रकरणों में मध्‍यप्रदेश शासन पक्षकार था? न्‍यायालयवार सूची उपलब्‍ध कराएं। (ख) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में किस-किस प्रकरण में क्‍या-क्‍या निर्णय/आदेश दिए गए? न्‍यायालयवार बताएं। (ग) उपरोक्‍त जिलों में किस-किस राजस्‍व न्‍यायालय में खसरा सुधार के कितने प्रकरण वर्तमान में लंबित हैं? इन लंबित प्रकरणों में खसरा सुधार नहीं कराए जाने के क्‍या कारण हैं एवं कब तक खसरा सुधार के आदेश जारी किए जाएंगे?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार। (ग) वर्तमान में लंबित प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार। वर्तमान में लंबित खसरा सुधार के प्रकरण म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 115 के अधीन न्‍यायाधीन है।

पटवारी परीक्षा एवं पटवारी के रिक्‍त पदों की जानकारी

[राजस्व]

128. ( क्र. 1113 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) अंतिमवार विभाग द्वारा पटवारी चयन परीक्षा कब और कितने पदों के लिये आयोजित की गई थी? क्‍या उक्‍त सभी पदों पर नियुक्ति कर दी गई है? यदि हाँ, तो चयनित पटवारियों को किन नियमों एवं शर्तों का पालन कर पर पदस्‍थ किया गया है की जानकारी जिलेवार जानकारी देवें।                       (ख) उपरोक्‍त के संबंध में चयनित पटवारियों का अंतिम परीक्षा परिणाम की जानकारी देवें। परीक्षा आयोजन से अंतिम नियुक्ति आदेश तक कुल कितनी समयावधि तक परीक्षा तक वैध मानी गई, जानकारी देवें। (ग) उपरोक्‍त के संबंध में प्रश्‍न दिनांक तक प्रदेश में कुल कितने पटवारियों के पद रिक्‍त है? पदों को भरने हेतु‍ क्‍या, कार्यवाही की जानकारी देवें? प‍दों के रिक्‍त होने पर इनके उत्‍तरदायित्‍व का निर्वहन कैसे और किनसे लिया जा रहा है? (घ) 20 मार्च 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने पटवारियों के विरूद्ध कब और कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं? जानकारी देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) विभाग द्वारा अंतिम बार पटवारियों की चयन परीक्षा वर्ष 2017--18 में 9235 पदों के लिये आयोजित की गई थी। इस परीक्षा में अंतिम काउंसलिंग तक कुल 8565 पदों पर नियुक्ति कर दी गई है। जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 1 अनुसार। नियम शर्तों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 2 अनुसार है।                 (ख) चयनित पटवारियों का अंतिम परीक्षा परिणाम पी.ई.बी. द्वारा जारी मैरिट सूची अनुसार किया गया जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। पी.ई.बी द्वारा जारी पटवारी भर्ती परीक्षा 2017 की विज्ञप्ति के अध्याय 1 की कण्डिका 11 की उप कण्डिका (5) अनुसार प्रतीक्षा सूची 18 माह के लिए मान्य थी जिसे शासन के आदेश क्रमांक 9057/1542/2019/सात/5 दिनांक                                              12-9-2019 द्वारा निर्वाचन अवधि के दौरान आचार संहिता की अवधि को छोड़ते हुए 10 फरवरी 2020 तक बढ़ाई गई थी। (ग) वर्तमान में कुल 6785 पटवारियों के पद रिक्त हैं जिनमें से 3121 पदों के पूर्ति के प्रस्ताव वित्त विभाग को प्रेषित किया गया हैं। पदों के रिक्त होने पर इनके उत्‍तरदायि‍त्‍व का निर्वहन, जिले में पदस्‍थ पटवारियों को रिक्त हल्कों का अतिरिक्‍त प्रभार देकर लिया जा रहा है। (घ) 20 मार्च 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक पटवारियों के विरूद्ध 222 शिकायते प्राप्‍त हुई। वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है।

खनिज के लंबित प्रकरणों का निराकरण

[खनिज साधन]

129. ( क्र. 1114 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 20 मार्च 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक खनिज विभाग द्वारा प्रदेश में कहां पर स्‍थाई और अस्‍थाई चैक पोस्‍ट लगाये है? क्‍या उक्‍त कार्य में विभाग के कर्मचारी पदस्‍थ हैं और अन्‍य कौन-कौन से विभागों का सहयोग लिया गया है? उक्‍त पोस्‍टों पर बनाये गये प्रकरणों की जानकारी सहित संपूर्ण जानकारी दें। (ख) उपरोक्‍त अवधि में बरसात के दिनों में रेत भण्‍डारण के क्‍या नियम है? कितना स्‍टॉक रखा जा सकता है? क्‍या स्‍टॉक रखने के लिये विभाग पृथक से कोई अनुमति जारी करता है? इस स्‍टॉक पर निगरानी के लिये क्‍या-क्‍या कार्यवाही विभाग द्वारा कब-कब की जाती है? स्‍पष्‍ट करें कि भोपाल, इंदौर, होशंगाबाद, देवास, जबलपुर, नरसिंहपुर, रायसेन में रेत भण्‍डारण कहां पर कितनी अवधि के लिये कितना और किस फर्म/एजेंसी द्वारा किया गया है? (ग) क्‍या प्रश्‍न क्र. 3577 उत्‍तर दिनांक 17.03.2022 की कण्डिका (घ) में अवैध उत्‍खनन, परिवहन, भण्‍डारण के दर्ज निराकरण एवं शेष प्रकरणों की संख्‍यात्‍मक जानकारी दी है? यदि हाँ, तो यह स्‍पष्‍ट करें कि प्रकरण किसके विरूद्ध कब, किन धाराओं में, किसके द्वारा दर्ज किये गये है? अपराध क्र. नाम, पता, प्रकरण का प्रकार, घटना का विवरण, अधिकारी का नाम, पदनाम सहित संपूर्ण जानकारी के अभिलेख दें।                                                       (घ) उपरोक्‍त के संबंध में शेष प्रकरणों में क्‍या जब्‍ती सामान/वाहन/मशीने, धरोहर राशि विभाग के पास सुरक्षित है? यदि हाँ, तो किस प्रकरण में क्‍या-क्‍या है? यदि नहीं, तो क्‍यों? प्रकरणवार पृथक-पृथक बतायें। लंबित प्रकरण कब से किसके पास किस कारण से हैं? प्रकरण त्‍वरित निराकरण हेतु कार्यवाही कब तक की जायेगी? निश्चित समय-सीमा बतायें। यदि नहीं, तो क्‍यों? कलेक्‍टर न्‍यायालय में प्रकरण को लंबित रहने के कारण और प्रकरण के निराकरण के नियम सहित बतायें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) प्रश्‍नांश अनुसार बरसात के दिनों में रेत भंडारण हेतु कोई पृथक से नियम अधिसूचित नहीं है। भंडारण अनुज्ञप्ति क्षेत्र में भंडारण किये जाने हेतु कोई मात्रा निर्धारित नहीं है। जी हाँ, मध्‍यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भंडारण का निवारण) नियम, 2022 के अधीन भंडारण अनुज्ञप्ति स्‍वीकृति के प्रावधान है। भंडारण पर निगरानी रखे जाने हेतु विभागीय अमले द्वारा समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है। प्रश्‍नांश के शेष भाग अनुसार उल्‍लेखित जिलों में भंडारित रेत की मात्रा, स्‍वीकृत अनुज्ञप्ति की अवधि आदि का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित अनुसार है। (ग) जी हाँ, प्रश्‍नांश के भाग का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। (घ) जी हाँ, प्रकरणवार जप्‍तशुदा खनिज का नाम, मात्रा तथा जप्‍त किये गये वाहन/मशीन का विवरण एवं अधिरोपित दण्‍ड राशि का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द पर दर्शित है। लंबित प्रकरणों का निराकरण अर्धन्‍यायिक प्रक्रिया के अंतर्गत किया जाना प्रावधानित है। अर्धन्‍यायिक प्रक्रिया होने के कारण प्रश्‍नांश में लंबित रहने का कारण तथा इसकी समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

सिंचाई परियोजना की जानकारी

[जल संसाधन]

130. ( क्र. 1117 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 746 दिनांक 10 मार्च, 2022 के संदर्भ में बतावें कि 9 मैदानी मुख्‍य अभियंता द्वारा वर्ष 2017-18 से 2021-22 तक प्रतिवर्ष कितनी-कितनी राशि के कार्य पीस वर्क से कराये गये। (ख) 21 वृहद सिंचाई परियोजना की सूची देवें तथा बतावें कि डी.पी.आर. अनुबंध के अनुसार क्‍या थी तथा कार्य किस वर्ष के किस माह में पूर्ण होना था तथा कब पूर्ण हुआ और लागत में कितनी वृद्धि हुई? (ग) 27 निर्माणाधीन वृहद सिंचाई परियोजना की डी.पी.आर. अनुबंध अनुसार लागत तथा कार्य पूर्ण होने का वर्ष, माह क्‍या था तथा वार्षिक प्रतिवेदन 2021-22 में जो लागत तथा पूर्णता का माह वर्ष बताया गया है वह डी.पी.आर. अनुबंध के अनुसार है? यदि नहीं, तो क्‍यों तथा 2020-21 तथा 2021-22 के वार्षिक प्रतिवेदन में पूर्णता का लक्ष्‍य में अंतर क्‍यों है? (घ) वर्ष 2020-21 तथा 2021-22 के वार्षिक प्रतिवेदन में वृहद मध्‍यम तथा लघु निर्माणाधीन, प्रशासकीय स्‍वीकृति प्राप्‍त, प्रस्‍तावित सिंचाई परियोजना के नामों में क्‍या-क्‍या नाम कम और ज्‍यादा हैं और इसका कारण क्‍या है? (ड.) वर्ष 2020-21 के वार्षिक प्रतिवेदन में लघु सिंचाई परियोजना दिसम्‍बर 2020 तक 438 पूर्ण तथा 303 निर्माणाधीन तथा 2021-22 में 5116 पूर्ण तथा 288 निर्माणाधीन बताई गई, इस अंतर को कारण सहित बतावें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

खाद्यान्‍न भण्‍डारण की जानकारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

131. ( क्र. 1118 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                                                 (क) 31 दिसम्‍बर, 2021 को किस-किस प्रकार का कितना खाद्यान्‍न भण्‍डारण था तथा 30 जून 2022 तक कितना-कितना खाद्यान्‍न और खरीदा गया 30 जून 2022 के अनुसार किस-किस प्रकार के कितने खाद्यान्‍न का भण्‍डारण है? (ख) खाद्यान्‍न भण्‍डारण के शुल्‍क के रूप में 2017-18 से 2021-22 तक शाजापुर जिले में किस-किस व्‍यक्ति/फर्म को कितनी मात्रा के लिये किस दर से कितनी राशि का भुगतान देय थे? कितना किया गया तथा कितना शेष है? (ग) वर्ष 2022 में किस-किस प्रकार के खाद्यान्‍न का निष्‍पादन किया गया? किस-किस एजेन्‍सी इत्‍यादि को कितना खाद्यान्‍न किस दर से दिया गया? कितना खाद्यान्‍न किस दर से किस-किस देश को कितनी मात्रा में किस दर से कुल कितनी राशि का निर्यात (एक्‍सपोर्ट) किया गया? (घ) प्रश्‍नांश (ग) में उल्‍लेखित निर्यात क्‍या सीधे शासन द्वारा किया गया या किसी एजेन्‍सी के माध्‍यम से किया गया? सम्‍पूर्ण निर्यात प्रक्रिया की विस्‍तृत जानकारी एजेन्‍सी का नाम देश का नाम दर, मात्रा कमीशन (यदि दिया गया) इत्‍यादि सहित देवें तथा बतावे कि वर्ष 2022 में कुल कितनी राशि का निर्यात किया गया?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

राशन वितरण की जानकारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

132. ( क्र. 1121 ) श्री जितु पटवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्र. 1397 का उत्‍तर दिलावे तथा बतावें कि सभी राशन की दुकानों से डी.एस.के. कंपनी की मशीन के स्‍थान पर विजनटेक कंपनी की मशीन क्‍यों लगाई गई किसके निर्देश पर लगाई गई? संबंधित दस्‍तावेज उपलब्‍ध करावें। (ख) डी.एस.के. तथा विजनटेक कंपनी से हुये अनुबंध की प्रति देवें तथा बतावें कि डी.एस.के. को किस दर से भुगतान किया जा रहा था तथा विजनटेक को किस दर से भुगतान किया जा रहा है? दोनों मशीन के निर्माता उद्योग का नाम, पता, जी.एस.टी. इत्‍यादि क्रमांक, मालिक भागीदार का नाम, पता सहित सूची देवें। (ग) अपात्र परिवारों की घर-घर जाकर जांच वर्ष 2017 से 2021 तक कब-कब की गई तथा कितने अपात्र परिवार किस-किस जिले में कितनी मात्रा में पाये गये? पात्र तथा अपात्र परिवार की व्‍याख्‍या संबंधी परिपत्र की प्रति देवें। क्‍या अपात्र परिवार का नाम आवंटन की सूची में से हटाया जाता है या उनका कूपन निरस्‍त किया जाता है? (घ) रतलाम में रेण्‍डम जांच में 8 दुकानों पर अपात्र परिवारों को राशन में 10 करोड़ का घोटाला पाये जाने पर प्रकरण दर्ज किया गया लेकिन शेष 55 दुकानों पर जांच में 22 हजार अपात्र परिवार पाये जाने तथा 76 करोड़ का घोटाला होने पर प्रकरण दर्ज करने के स्‍थान पर 22 हजार अपात्र परिवार को आवंटन सूची में से हटा दिया, बतावें कि ऐसा किसके निर्देश से किया? आदेश की प्रति देवें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) विधानसभा तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 1397 का उत्‍तर विधानसभा सचिवालय को प्रेषित किया गया है। राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों को डिजिटल ट्रांजेक्‍शन के माध्‍यम से राशन सामग्री के वितरण के लिए सेवाप्रदाता मेसर्स डीएसके डिजिटल टेक्‍नालॉजी प्रा.लि. को 29 एवं लिंकवेल टेलीसिस्‍टम प्रा.लि. को 22 जिलों की उचित मूल्‍य दुकानों पर पी.ओ.एस. मशीन लगाने हेतु मध्‍यप्रदेश स्‍टेट इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स डवलपमेंट कार्पोरेशन द्वारा अनुबंध किया गया था। मेसर्स डीएसके डिजिटल टेक्‍नालॉजी प्रा.लि. द्वारा 29 जिलों में स्‍थापित पी.ओ.एस. मशीन के संधारण का कार्य न करने से डिजिटल ट्रांजेक्‍शन से राशन सामग्री का वितरण अवरूद्ध होने तथा भारत सरकार की मंशानुसार तत्‍काल निर्बाध रूप से डिजिटल ट्रांजेक्‍शन से राशन सामग्री वितरण की अन्‍य वैकल्पिक व्‍यवस्‍था हेतु उक्‍त जिलों में भी सेवाप्रदाता लिंकवेल टेलीसिस्‍टम प्रा.लि. के माध्‍यम से दुकानों पर पीओएस मशीनें लगाई जाकर राशन सामग्री वितरण की व्‍यवस्‍था की गई है, इस संबंध में जारी निर्देश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मध्‍यप्रदेश स्‍टेट इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स डवलपमेंट कार्पोरेशन द्वारा पीओएस मशीन के सेवाप्रदाता लिंकवेल टेलीसिस्‍टम प्राइवेट लिमिटेड एवं डीएसके डिजिटल प्राइवेट लिमिटेड के साथ किए गए अनुबंध की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। डीएसके डिजिटल प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 29 जिलों में लगाई गई पीओएस मशीन के लिए रू. 1045+कर/प्रतिमाह/मशीन एवं सेवाप्रदाता लिंकवेल टेलीसिस्‍टम प्राइवेट को रू. 1147.37 +कर प्रतिमाह/मशीन की दर निर्धारित है। सेवाप्रदाता द्वारा लगाई गई पीओएस मशीन के निर्माता, उद्योग का नाम, पता, जीएसटी क्रमांक मालिक/भागीदार का नाम एवं पता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-स अनुसार है।                                                      (ग) राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 अंतर्गत सम्मिलित परिवारों के सत्‍यापन की कार्यवाही घर-घर जाकर वर्ष 2019 में की गई। सत्‍यापन में मौके पर न मिलने वाले, मृत एवं अपात्र हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है। पात्र परिवारों के सत्‍यापन हेतु जारी निर्देश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अपात्र पाए गए हितग्राहियों का नाम अस्‍थाई रूप से (आवंटन एवं वितरण सूची से) पोर्टल से हटाया जाता है एवं इन अस्‍थाई रूप से हटाए गए परिवारों में से पात्रता एवं निवास संबंधी प्रमाण प्रस्‍तुत करने पर उनको आवंटन सूची में पुन: जोड़ने की कार्यवाही की जाती है। (घ) रतलाम जिले में अपात्र परिवारों को राशन वितरण करने के कारण 08 उचित मूल्‍य दुकानों के विरूद्ध प्रकरण निर्मित कर एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है। कलेक्‍टर, रतलाम के अनुरोध पर उचित मूल्‍य दुकानों से राशन प्राप्‍त करने के लिए उपस्थित न होने वाले 21,202 परिवारों को एनआईसी, भोपाल द्वारा पोर्टल से हटाया गया है। चूंकि 21,202 परिवारों को पूर्व में ही एनआईसी, भोपाल द्वारा हटाये जाने से शेष 55 दुकानों पर जांच की आवश्‍यकता प्रतीत नहीं हुई। कलेक्‍टर के पत्र की प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट 'अनुसार है।

शासकीय जमीनों का निजीकरण

[राजस्व]

133. ( क्र. 1122 ) श्री जितु पटवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                            (क) इंदौर एवं उज्‍जैन संभाग में जिले अनुसार उन जमीनों के तात्‍कालीन तथा वर्तमान सर्वे क्रमांक, रकबा तथा गांव के नाम बतावें जो 1956-57 के बन्‍दोबस्‍त के दौरान खाते में शासकीय थी।                                                      (ख) इंदौर, उज्‍जैन संभाग में जिलेवार उन जमीनों के सर्वें क्रमांक रकबा तथा गांव के नाम बतावें जो 1956-57 के बन्‍दोबस्‍त के दौरान शासकीय होकर किसी मंदिर के नाम दर्ज थी? (ग) प्रश्‍नांश (क) तथा (ख) में उल्‍लेखित जमीन में से उन जमीन के सर्वे क्रमांक रकबा तथा गांव के नाम बतावें जो जनवरी 2022 की स्थिति में निजी नाम पर दर्ज है? दर्ज व्‍यक्ति का नाम, जमीन का सर्वे क्रमांक रकबा गांव का नाम, जिस न्‍यायालयीन या प्रशासनिक आदेश से निजी नाम पर दर्ज की गई उस आदेश की प्रति सहित सूची देवें। (घ) क्‍या पिछले 15 वर्षों में इंदौर, उज्‍जैन संभाग में धारा 165 (6) के तहत आदिवासी की लगभग 2200 हेक्‍टेयर जमीन गैर आदिवासी को बेच दी गई? यदि हाँ, तो बतावें कि क्‍या इससे हजारों आदिवासी भूमिहीन नहीं हो जावेंगे? क्‍या शासन 165 (6) में आदिवासी की जमीन गैर आदिवासी को बेचने के प्रकरणों की जांच करवायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) वर्ष 1956-57 में प्रश्‍नांकित जिलों में बंदोबस्‍त नहीं होने से जानकारी निरंक है। (ख) वर्ष 1956-57 में बंदोबस्‍त की प्रक्रिया किसी भी ग्राम में नहीं हुई है। अत: इस संबंध में जानकारी निरंक है। (ग) उत्‍तरांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) मध्य प्रदेश भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 (6) में विहित प्रावधानों के अंतर्गत आदिम जनजाति के भूमि अंतरण के हित संरक्षण के समूचित प्रावधान है। इन्‍हीं प्रावधानों के अनुसार आदिम जनजाति के व्‍यक्ति की गैर आदिम जाति को भूमि विक्रय करने की अनुमति दी जाती है। अतः शेष प्रश्‍न उद्भूत ही नहीं होताl

बांधों के गहरीकरण एवं पक्‍की नहरों का निर्माण

[जल संसाधन]

134. ( क्र. 1123 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के ऐसे कितने छोटे बांध हैं जिनका वर्ष 2014-15 से वर्ष 2021 तक गहरीकरण करवाया गया है? ऐसे छोटे-छोटे बांधों के नाम बतावें। (ख) अल्‍प वर्षा होने से कई ऐसे छोटे-छोटे बांध हैं जिनमें गहरीकरण नहीं होने क्षमता के अनुसार पानी कम भरा रहा है, जिसके कारण कई हेक्‍टेयर कृषि भूमि असिंचित रह जाती है, इस हेतु विभाग की क्‍या योजना है?                                      (ग) देवास जिले के ऐसे कितने छोटे-छोटे बांध हैं जिनसे कृषि भूमि सिंचित होती है उन बांधों के नहरों की क्‍या स्थिति है? क्‍या पूर्णरूप से नहरें पक्‍की बनाई गई है? (घ) यदि नहरों को पक्‍का नहीं बनाया गया है तो क्‍या विभाग पानी के अपव्‍यय को रोकने हेतु नहरों का पक्‍का निर्माण करवायेगा तो कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विभाग द्वारा निर्मित किए गए बांधों का गहरीकरण का कार्य नहीं कराया जाता है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) अल्‍प वर्षा होने के कारण बांधों में उनकी जल संग्रहण क्षमता से कम जल भराव की स्थिति में जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक में सहमति से कम पानी की फसलें लगाए जाने हेतु ऐलान किए जाने का निर्णय लिया जाता है। (ग) एवं (घ) देवास जिले में 40 लघु सिंचाई परियोजनाएं हैं जिनसे कृषि भूमि सिंचित होती है। इन परियोजनाओं में से 39 परियोजनाओं में पक्‍की नहरें नहीं बनाई गई हैं। समय-समय पर इन परियोजनाओं की नहरों की मरम्‍मत एवं रख-रखाव का कार्य किए जाने के कारण नहरों के पक्‍के न होने के उपरांत भी पानी का अपव्‍यय नहीं होना तथा परियोजनाओं से पूर्ण रूपांकित क्षेत्र में पर्याप्‍त सिंचाई किए जाने के कारण नहरों के पक्‍कीकरण की आवश्‍यकता प्रतिपादित नहीं होना प्रतिवेदित है।

 

 

बैराज डेम का निर्माण

[जल संसाधन]

135. ( क्र. 1124 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विभाग द्वारा लघु एवं मध्‍यम सिंचाई परियोजना की कितनी डी.पी.आर. तैयार करवाई गई है? स्‍थानवार सूची उपलब्‍ध करावें।                         (ख) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम विक्रमपुर, पटरानी, सातल, हरणगाँव,जियागाँव व पलासी में बैराज डेम बनाये जाने हेतु ग्रामीणों द्वारा बार-बार मांग की जा रही है विभाग द्वारा इन ग्रामों में बैराज डेम निर्माण संबंधी क्‍या कार्यवाही करेगा? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में अंकित नामों के ग्रामों की विभाग द्वारा डी.पी.आर. अगर तैयार है तो उक्‍त ग्रामों के बैराज डेमों का निर्माण कार्य कब से प्रारंभ किया जावेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत किसी भी लघु एवं मध्‍यम सिंचाई परियोजना की डी.पी.आर. तैयार नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न  परिशिष्‍ट  अनुसार है। डी.पी.आर. तैयार न होने के कारण शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "अट्ठावन"

प्रवासी मजदूरों के लिए लगाई गई बस भाड़ा का भुगतान

[राजस्व]

136. ( क्र. 1133 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) वर्ष 2020 से जून 2022 तक प्रवासी मजदूरों के लिए लगाई गई बस की वर्षवार संख्या तथा देय भाड़ा की जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित देय भाडा में से कितना भुगतान कर दिया गया है तथा कितना भुगतान करना शेष है? (ग) प्रवासी मजदूरों के लिए वर्ष 2020 तथा 2021 में प्रदेश में कुल कितनी बस लगाई गई तथा उनका देय भाडा वर्षवार जिलेवार बतावें। (घ) धार तथा रतलाम जिले में वर्ष 2020 तथा 2021 में प्रवासी मजदूर हेतु लगाई गई बस के क्रमांक, ट्रेवल्स तथा मालिक का नाम, गंतव्य स्थान, दूरी, देय भाड़ा सहित सूची देवें तथा बतावें कि इनमें से किस-किस बस का भाड़ा का भुगतान पूर्णतः या आंशिक करना शेष है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है। (ग) जानकारी  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है। (घ) धार तथा रतलाम जिले की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है।

बुजुर्ग राशनकार्ड धारक को राशन वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

137. ( क्र. 1134 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                       (क) विधानसभा क्षेत्र सरदारपुर में प्रश्‍न दिनांक तक ऐसे कितने बुजुर्ग राशनकार्ड धारक हैं जिनके अंगूठे के निशान के बायोमेट्रिक मशीन से मैच न होने के कारण राशन नहीं मिल रहा है? (ख) क्या ऐसे मामलों में परिवार से बाहर के व्यक्ति को नामांकित करने का नियम है? (ग) यदि हाँ, तो क्या सरकार बुजुर्ग राशनकार्ड धारकों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए अंगूठे के निशान के बायोमेट्रिक मशीन से मैच न होने की स्थिति में ओटीपी, आई स्केनर या आधार कार्ड की कापी से राशन देने का प्रावधान करेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) धार जिले की विधानसभा क्षेत्र सरदारपुर में राष्‍ट्रीय खाद्य सुर‍क्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र हितग्राहियों में से बुजुर्ग हितग्राहियों के अंगूठे के निशान पीओएस मशीन में मैच न होने के कारण बायोमेट्रिक सत्‍यापन विफल होने के आधार पर राशन प्राप्‍त करने से कोई हितग्राही वंचित नहीं है, जिन हितग्राहियों के बायोमेट्रिक सत्‍यापन विफल हुए हैं, उनको आधार नम्‍बर से लिंक मोबाईल नम्‍बर पर ओटीपी अथवा नॉमिनी के माध्‍यम से राशन का वितरण कराया जा रहा है। (ख) जी हाँ। बायोमेट्रिक सत्‍यापन सफल न होने वाले हितग्राहियों को नॉमिनी के माध्‍यम से राशन वितरण का प्रावधान है। (ग) राष्‍ट्रीय खाद्य सुर‍क्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों में से परिवार के किसी भी सदस्‍य द्वारा पीओएस मशीन पर बायोमेट्रिक सत्‍यापन के आधार पर राशन प्राप्‍त किया जा सकता है। हितग्राही की एक अंगुली/अंगूठा की रेखाओं से बायोमेट्रिक सत्‍यापन सफल न होने पर एक से अधिक अंगुलियों (फ्यूजन फिंगर) के बायोमेट्रिक सत्‍यापन किया जाता है, साथ ही, बायोमेट्रिक सत्‍यापन न होने पर आधार नंबर से लिंक मोबाइल नंबर पर ओटीपी अथवा नॉमिनी के माध्‍यम से राशन सामग्री के वितरण की सुविधा उपलब्‍ध कराई गई है। हितग्राही द्वारा आधार पंजीयन केन्‍द्र पर अपने आधार नंबर को अपडेट कराने तथा मोबाइल नंबर लिंक कराने की सुविधा उपलब्‍ध है। किसी भी पात्र हितग्राही को बायोमेट्रिक सत्‍यापन सफल न होने के आधार पर राशन से वंचित नहीं किया जा रहा है।

काष्‍ठ लाभांश एवं तेंदूपत्‍ता बोनस की जानकारी

[वन]

138. ( क्र. 1144 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020, 2021 में डिण्‍डौरी जिला के विभिन्‍न वन समितियों को कितनी-कितनी राशि काष्‍ठ लाभांश की दी गई? समितियों ने कास्‍ठ लाभांश राशियों से कहां-कहां, क्‍या-क्‍या कार्य किये? समितिवार, कार्यवार राशि की जानकारी दें। (ख) वर्ष 2020, 2021 में डिण्‍डौरी जिला के विभिन्‍न समितियों को तेंदूपत्‍ता लाभांश की कितनी-कितनी राशि प्रदान की गयी, समितियों को प्राप्‍त राशि का उपयोग समिति ने कहां-कहां किया? राशिवार, समितिवार जानकारी दें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रश्‍नाधीन वर्षों में डिण्‍डौरी जिले के विभिन्‍न वन समितियों को काष्‍ठ लाभांश की राशि नहीं दी गई है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्‍नाधीन जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट-1 (अ), (ब) एवं 2 में है।

परिशिष्ट - "उनसठ"

 

विस्‍थापित परिवारों को पट्टों का प्रदाय

[राजस्व]

139. ( क्र. 1153 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पश्चिम पाकिस्‍तान से आये सिंधी विस्‍थापित परिवारों को शासन ने भोपाल के ईसरानी, बैनर्जी मार्केट में बैरक्‍स बनाकर बसाया गया था? वे बैरेक्‍स जर्जर और रहने योग्‍य नहीं रह गये हैं, कभी भी जनहानि हो सकती है और इस आशय का प्रतिवेदन कलेक्‍टर भोपाल ने अपने पत्र क्रमांक 60/अविअ/शहर वृत्‍त/2019, दिनांक 28.01.2019 के माध्‍यम से प्रमुख सचिव राजस्‍व को दिया है? (ख) क्‍या वर्ष 2015 में कुछ जर्जर मकानों के छज्‍जे गिरने की घटना हुई है और जर्जर मकानों का सीवेज खुले में बहता रहता है? मकानों के भीतर आ जाता है क्‍योंकि उन मकानों की जिला प्रशासन ने कभी मरम्‍मत नहीं कराई है? (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (क) में दर्शित प्रमुख सचिव राजस्‍व को प्रेषित पत्र में कलेक्‍टर, भोपाल ने बैरक्‍स में रह रहे सिंधी विस्‍थापित परिवारों को उस स्‍थान का मालिकाना हक/पट्टा देने के लिये कतिपय बिन्‍दुओं पर शासन से मार्गदर्शन चाहा है? (घ) यदि हाँ, तो क्‍या शासन शीघ्र मार्गदर्शन और स्‍पष्‍ट निर्देश देगा ताकि विस्‍थापित परिवारों को उस स्‍थान का मालिकाना हक/पट्टे देने के निर्देश देगा ताकि विस्‍थापित परिवार उन जर्जर मकानों को तोड़कर या मरम्‍मत करवाकर सु‍रक्षित जिंदगी बसर कर सकें? कब तक उन्‍हें पट्टे या मालिकाना हक दे दिया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) इस घटना के संबंध में कोई जानकारी उपलब्ध होना नहीं पाया गया है। (ग) जी हाँ। (घ) इस विभाग के पत्र क्रमांक 55/29/2019/सात-8 दिनांक 23/02/2019 तथा विभागीय पत्र क्रमांक 248/29/2019/सात-8 दिनांक 02/03/2020 एवं विभागीय पत्र क्रमांक 452/29/2019/सात-8, दिनांक 15/07/2022 द्वारा मार्गदर्शन कलेक्‍टर भोपाल को दिया गया है।

कृषि भूमि के फौती नामांतरण

[राजस्व]

140. ( क्र. 1158 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                               (क) हरदा जिलांतर्गत 01 जनवरी, 2020 से प्रश्‍न दिवस तक तहसील हरदा, ग्राम बीड़ की कृषि भूमि पर फौती नामांतरण के कितने प्रकरण कब से लंबि‍त हैं? (ख) प्रकरण क्र. 0076/अ-6/2019-20 एवं प्रकरण क्र. 00167/बी-121/2019-20 के संबंध में किन-किन आवेदकों द्वारा फौती नामांतरण के आवेदन नायब तहसीलदार को प्रस्‍तुत किये थे? (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (ख) के प्रकरणों में फौती नामांतरण तो हुआ परंतु गलत हुआ? रिकॉर्ड दुरूस्‍ती के लिये किन-किन आवेदकों द्वारा कब से निरंतर आवेदन दिये जा रहे हैं? क्‍या शासन ने रिकॉर्ड दुरूस्‍तीकरण की समय-सीमा निर्धारित की है? यदि की है, तो क्‍या है? क्‍या उक्‍त समय-सीमा में रिकॉर्ड दुरूस्‍त किया गया? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं? (घ) प्रश्‍नांकित प्रकरणों में निरंतर आवेदन एवं आवेदकों को तहसील के पटवारी द्वारा कार्य न करके परेशान किया जा रहा है? क्‍या दो‍षी व्‍यक्तियों की जांच कराकर एवं दण्डित कर निर्धारित समयावधि में प्रकरण का निराकरण एवं रिकॉर्ड दुरूस्‍तीकरण की कार्यवाही की जायेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) तहसील हरदा, जिला हरदा के ग्राम बीड की कृषि (भूमि पर) प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित समय-सीमा तक के फौती नामांतरण के लंबित प्रकरणों की संख्या निरंक है। (ख) प्रकरण क्र. 0076/अ-6/2019-2020 में 15 आवेदकगणो के द्वारा फौती नामांतरण का आवेदन प्रस्तुत किया गया था, जिनका विवरण इस प्रकार है-1 श्रीमति त्रिवेणी पत्नि स्व. श्रीधर जोशी 2. आनंद पिता स्व. श्रीधर जोशी 3. श्रीमति अनुराधापुत्री स्व.श्रीधर जोशी पत्नि सुधीर सारिया 4. श्रीमति उर्मिला पुत्री स्व.श्रीधर जोशी पतिन राजेन्द्र शर्मा 5.मोहन पिता रामौतार शर्मा 6. अशेक पिता रामौतार शर्मा 7. श्रीमती आशा पति स्व.मदनलाल शर्मा 8.राजेश आ.स्व मदनलाल शर्मा 9.श्रीमति शालू पुत्री मदनलाल शर्मा, पत्नि श्री संदीप शर्मा उपाध्याय 10 श्रीमति कुसुम शर्मा पुत्री स्व.रामातौर शर्मा 11 श्रीमति प्रेमलता उपाध्याय पुत्री स्व.रामातौर शर्मा पत्नि श्री विष्णुप्रसाद उपाध्याय 12 श्रीमती शशी शर्मा पुत्री स्व.रामातौर शर्मा पत्नि शैलेन्द्र शर्मा 13. दीनदयाल आ. रामसहाय 14. वृन्दावन आ.रामदास 15. सत्यनारायण पिता रामसहाय शर्मा प्रकरण क्रमांक 00167/बी.121/2019-20 के न्‍यायालय का नायब तहसीलदार न्यायालय का न होकर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) हरदा है तथा यह रिकार्ड दुरस्ती का प्रकरण है, फौती नामान्तरण का नहीं है। (ग) न्यायालय नायब तहसीलदार हरदा के राजस्व प्रकरण क्रमांक 0076/अ-6/2019-2020 में दिनांक 23/1/2020 को नामांतरण आदेश पारित किया गया है। आनंद जोशी पिता स्व.श्रीधर जोशी के द्वारा दिनांक 6.12.2021 को अनुविभागीय अधिकारी हरदा के न्यायालय में रिकार्ड दुरूस्ती हेतु आवेदन दिया गया जो न्‍यायाधीन है। (घ) पटवारी द्वारा फौती नामांतरण के प्रकरण क्र. 0076/अ-6/2019-2020 में पारित आदेश दिनांक 23.1.2020 अनुसार रिकार्ड दुरूस्त किया जा चुका है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

भूमि का सीमांकन

[राजस्व]

141. ( क्र. 1159 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                          (क) जिला उज्‍जैन, तहसील उज्‍जैन नगर, पटवारी हल्‍का नं. 24 खसरा नं. 3242/एक मिन2/मिन3 से 3242/1/2/3 में परिवर्तित कृषि भूमि के सीमांकन हेतु कब-कब आवेदन प्राप्‍त हुए? (ख) क्‍या उक्‍त भूमि के लिये आवेदकों द्वारा दिनांक 10.12.2021 एवं 25.04.2022 को भूमि सीमांकन के लिये आवेदन दिये गये थे? यदि हाँ, तो विभाग एवं शासन के भूमि सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण कितनी सीमा अवधि में किये जाने हेतु क्‍या आदेश है? (ग) प्रश्‍नांकित प्रकरण में विलंब क्‍यों किया जा रहा है? विलंब के लिये कौन-कौन दोषी है? भूमि सीमांकन कब तक किया जा सकेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जिला उज्जैन अंतर्गत तहसील उज्जैन नगर पटवारी हल्का नं. 5 खसरा नं. 3242/1मिन2/मिन3 के सीमांकन हेतु लोकसेवा केन्द्र के माध्यम से दिनांक 05.05.2022 को तहसील कार्यालय में प्राप्त हुआ था। (ख) जी नहीं। विभाग एवं शासन के द्वारा सीमांकन प्रकरणों के निराकरण हेतु दर्ज होने की दिनांक से एक माह की अवधि नियत होती है। (ग) नक्‍शे में प्रश्‍न (क) में अंकित सर्वे क्रमांक के बटांकन अंकित नहीं होने से वर्तमान में बटांकन की कार्यवाही प्रचलित है। ताकि उसके पश्‍चात शीघ्र विधिवत सीमांकन किया जा सके।

 

बड़े तालाब में केज कल्‍चर पर व्‍यय

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

142. ( क्र. 1173 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या भोपाल के बड़े तालाब में शासकीय/निजी योजना अंतर्गत केज कल्‍चर किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो इस पर 31/05/2022 तक कितनी राशि खर्च की गई है तथा कितनी राशि लाभ के रूप में प्राप्‍त हुई है? स्‍पष्‍ट वर्षवार बताएं। (ग) क्‍या केज में लाई गई सामग्री हल्‍की एवं अच्‍छी गुणवत्‍ता की नहीं होने के कारण भारी हानि उठाना पड़ी? यदि हाँ, तो कितनी राशि की हानि हुई एवं संबंधितों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) बड़े तालाब में लगाए गये केजों के संबंध में शासन/मंत्री/विभाग को आज दिनांक तक कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई तथा शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई। यदि नहीं, तो क्यों। दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जाएगी? शिकायतवार समय-सीमा बताएं।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशि‍ष्‍ट अनुसार है। (ग) केजो के संबंध में जांच ई.ओ.डब्‍ल्‍यू. में शिकायत प्रकरण आर. 1111/20 दर्ज है। जांच कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) एक शिकायत प्राप्‍त हुई है। शेष उत्‍तर (ग) अनुसार है।

परिशिष्ट - "साठ"