मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च, 2021 सत्र
सोमवार, दिनांक 15 मार्च, 2021
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
उज्जैन
जिले में कोरोनाकाल
में श्रमिकों
को रोजगार
[श्रम]
1. ( *क्र. 5281 ) श्री महेश परमार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन जिले में संचालित उद्योगों से अनगिनत श्रमिकों को कोरोनाकाल से ही घर बैठा दिया गया है? यदि हाँ, तो श्रमिकों को पुन: रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने क्या चिंता की? वर्तमान में कितने क्या प्रस्ताव श्रमिकों के हित में कब पारित कराये? (ख) क्या उज्जैन जिले में बेरोजगार हुए परिवारों से संपर्क करने के लिए कोई प्रयास किया? क्या आपदा प्रबंधन फंड के माध्यम से उदर पोषण के लिए शिविर लगाए? क्या बंद हुए उद्योगों के समाज कल्याण मद से श्रमिकों के घर तक आर्थिक सहायता पुहंचाने के लिए कोई कार्यवाहियां की? श्रमिक परिवारों के प्रति कब-कब और कहां-कहां किन-किन दायित्वों को पूरा किया? (ग) उज्जैन जिले में कोरोना काल के दौरान पंजीकृत श्रमिकों को कौन-कौन सी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ घर तक पहुंचाया गया है? कितने श्रमिक परिवारों को क्या राहत मिली है? विभाग द्वारा श्रमिक परिवारों के कल्याण के लिए पहुंचाई गयी राहत की सूची लाभांवित श्रमिकों की जानकारी सहित उपलब्ध कराएं।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। उज्जैन जिले में नागदा स्थित ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज (स्टेपल फायबर डिवीज़न) के 20 ठेका श्रमिकों को ठेकेदार द्वारा कार्य से बंद करने की शिकायत पर क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा संज्ञान लेते हुए इन प्रकरणों में औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के अंतर्गत वैधानिक कार्यवाही निरंतरित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। श्रम विभाग में बंद हुए उद्योगों हेतु आपदा प्रबंधन फण्ड एवं समाज कल्याण मद का प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उज्जैन जिले की प्रश्नांकित जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
योजना का नाम
|
लाभांवित श्रमिक |
प्रदत्त लाभ/हितलाभ
|
1. |
मुख्यमंत्री प्रवासी मजदूर सहायता योजना, 2020 |
1856 |
रूपये 1000/- के मान से रूपये 18,56,000/- 1856 श्रमिकों के बैंक खातों में दिये गए। |
2. |
म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल |
13488 |
रूपये 1000-1000 के मान से दो बार में राशि रूपये 2,69,76,000/- 13488 श्रमिकों के बैंक खातों में दिये गए। |
दमोह
जिले में मत्स्य
बीज उत्पादन
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
2. ( *क्र. 3846 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में मत्स्य बीज हेतु मत्स्य विभाग की कितनी हैचरी संचालित हैं तथा उनके रख-रखाव व मत्स्य बीज उत्पादन में वर्ष 2019-20 व 2020-21 में कितनी राशि व्यय हुई है तथा कितनी मछली पालक समितियों को मत्स्य बीज उपलब्ध कराया गया व मत्स्य बीज से कितनी आय हुई है? (ख) वर्ष 2019-20 व 2020-21 में प्रश्नांश (क) की मछुआ समितियों को मछली पालन की किन-किन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मत्स्य विभाग द्वारा दिया गया है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) दमोह जिले में मत्स्य बीज उत्पादन हेतु एक सरकुलर हेचरी एवं एक बंगला बंध संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में विभाग की मछुआ सहकारिता योजना का लाभ दिया गया है।
मण्डला तहसील अंतर्गत अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही
[राजस्व]
3. ( *क्र. 4643 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मण्डला जिले के तहसील मण्डला रा.नि. मण्डल पोंडीमाल ग्राम पंचायत लिंगामाल के प.ह.नं. 83/100 खसरा नं. 80, 114/1, 114/4 में स्थानीय लोगों द्वारा लगभग 3 वर्षों से अवैध अतिक्रमण कर झुग्गी झोपड़ी बना ली गयी है? (ख) यदि हाँ, तो अवैध अतिक्रमण अभी तक क्यों नहीं हटाया गया? कब तक हटाया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) लगभग 50 वर्ष पुराने अतिक्रमण झुग्गी झोपड़ी मण्डला जिले के तहसील मण्डला रा.नि. मंडला पोंडीमाल ग्राम पंचायत लिंगामाल के प.ह.नं. 83/100 खसरा नंबर 80, 114/1, 114/4 में स्थानीय लोगों द्वारा मकान/झुग्गी झोपड़ी बनी हुई है। (ख) खसरा नंबर 80 मद आबादी पटवारी अभिलेख में दर्ज है, जिसमें उदय कुमार पिता सुलेचन, सुखचेन पिता लखन, पंचम पिता झनकलाल का मकान बाड़ी स्थित है। परम्परागत आबादी होने से स्वामित्व योजना अंतर्गत परिभाषित है। खसरा नंबर 114/1, 114/4 मद चारागाह अभिलेख में दर्ज है, जिसमें से 114/1 रिक्त है एवं 114/4 में रामकृपाल पिता ज्वाला प्रसाद, मदनलाल पिता चिंरोजीलाल, भीमशंकर पिता जग्गूलाल के लगभग 30 वर्षों से कच्चे आवासीय झुग्गी झोपड़ी बने हुए हैं। अतिक्रमण के प्रकरण में न्यायालयीन कार्यवाही के तहत गुणदोष के आधार पर आदेश पारित किये जाने के पश्चात अग्रिम कार्यवाही की जाएगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
राजगढ़ विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कृषकों को मुआवज़ा वितरण
[राजस्व]
4. ( *क्र. 720 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 अप्रैल, 2020 से प्रश्न दिनांक तक राजगढ़ विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत रबी एवं खरीफ की फसलें खराब होने के कारण हुए सर्वे में कितने किसानों का मुआवज़ा बंटना लंबित है? किसानों की संख्या सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, है तो राजगढ़ विधान सभा के किसानों का लंबित मुआवजे का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। दिनांक 01 अप्रैल, 2020 से राजगढ़ विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत रबी एवं खरीफ फसलें खराब नहीं हुईं हैं। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
किसानों को उपज का भुगतान
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
5. ( *क्र. 4293 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माह दिसम्बर 2020-21 में भिण्ड एवं मुरैना जिले के किसानों द्वारा बाजरा, मक्का की उपज सहकारी समितियों को समर्थन मूल्य पर बेची गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या किसानों को उनकी बेची गई उपज की राशि का भुगतान कर दिया गया है? यदि नहीं, तो कितने किसानों को कितनी राशि का भुगतान किन कारणों से नहीं किया गया है? (ग) किसानों की बकाया राशि का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीकृत किसानों से समर्थन मूल्य पर बाजरा का उपार्जन सहकारी समितियों द्वारा किया गया है। (ख) समर्थन मूल्य पर उपार्जित बाजरा का स्वीकृत मात्रानुसार कृषकों को भुगतान किया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम अंतर्गत शिविरों का आयोजन
[राजस्व]
6. ( *क्र. 4645 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के अंतर्गत छतरपुर विधानसभा के ग्रामीण क्षेत्रों में कहां एवं किन-किन दिनांक को शिविरों का आयोजन किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में इन शिविरों में प्राप्त आवेदन एवं उन पर की गई कार्यवाही तथा प्रत्येक आवेदक का नाम, पता सहित विस्तृत जानकारी प्रदाय करें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में प्रश्न दिनांक तक लंबित आवेदनों की संख्या कारणों सहित प्रदाय करें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) छतरपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत शासन के निर्देश के अनुक्रम में आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम ग्राम पंचायत सुकवां एवं ग्राम पंचायत पडरिया में क्रमश: दिनांक 01.08.2019 एवं दिनांक 28.01.2020 को आयोजित किये गये। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में प्रश्न दिनांक तक ग्राम पंचायत सुकवां में कुल प्राप्त 214 आवेदन पत्रों में से 21 आवेदन पत्र का तत्काल निराकरण किया गया एवं 184 आवेदन पत्रों का शिविर उपरांत निराकरण किया गया। शेष 9 आवेदन पत्र लंबित स्थिति में हैं। ग्राम पंचायत पडरिया में कुल प्राप्त 246 आवेदन पत्रों में से 24 आवेदन पत्रों का तत्काल निराकरण किया गया एवं 51 आवेदन पत्रों का शिविर उपरांत निराकरण किया गया। 171 आवेदन पत्र लंबित स्थिति में हैं। प्राप्त आवेदन पत्रों का संबंधित विभागों द्वारा सत्यता परीक्षण कराये जाने के कारण आवेदन पत्र लंबित हैं।
ब्यावरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत रेत खनन हेतु स्वीकृत पटटे
[खनिज साधन]
7. ( *क्र. 1443 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जो रेत खनन की जा रही है, उसमें ठेकेदार को खनन हेतु कुल कितने पट्टे हैं? रकबा नंबर व स्थान सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) ठेकेदार द्वारा अलग-अलग किन स्थानों पर से कितनी-कितनी रॉयल्टी जमा की गई है व ठेकेदार द्वारा ठेका प्रारंभ से आज तक कुल कितनी रसीद ठेकेदार द्वारा काटी गई है? रकबा नंबर सहित जानकारी उपलब्ध कराएं? (ग) क्या पर्यावरण की स्वीकृति ठेकेदार के पास है? (घ) क्या ठेकेदार द्वारा डुप्लीकेट रसीद जारी की जा सकती है? यदि नहीं, तो क्या उक्त रसीदों की जाँच करवाई जाएगी।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत रेत खदानों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। इनमें से ग्राम बेराड की खदान संचालित है। (ख) ठेकेदार द्वारा राजगढ़ जिला रेत समूह के खदानों की ठेके की देय किश्त राशि (रॉयल्टी सहित) 1.74 करोड़ जमा की गई है। संचालित रेत खदान ग्राम बेराड खसरा क्रमांक 239 रकबा 4.000 हेक्टेयर क्षेत्र पर 351 ई-टीपी जारी की गई है। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित संचालित रेत खदान की पर्यावरण स्वीकृति प्राप्त है। (घ) जी नहीं। प्रश्नांश (ख) में उल्लेख अनुसार सेण्ड पोर्टल से ई-टीपी जारी की गई है। अत: जाँच किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
श्योपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत नवीन सायलो केन्द्र की स्थापना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
8. ( *क्र. 3535 ) श्री बाबू जण्डेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला श्योपुर की विधानसभा क्षेत्र श्योपुर में गेहूं की फसल की बम्पर पैदावार को देखते हुये क्या नवीन गेहूं खरीदी केन्द्र/सायलोकेन्द्र प्रस्तावित किये गये हैं? यदि हाँ, तो कहां-कहां पर? सूची उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या श्योपुर वि.स. क्षेत्र के कृषक साइलोकेन्द्र नागदा, सलमान्या से भौगोलिक दृष्टि से दूर करीब सैकड़ों ग्रामों के कृषकों को अपनी उपज विक्रय करने के लिये पन्द्रह से बीस किलोमीटर दूर से उक्त दोनों साइलो केन्द्रों के उबड़-खाबड़ सड़कों से होकर अपनी गेहूं की उपज विक्रय के लिये जान जोखिम में डालकर आना जाना पड़ता है तथा नागदा सायलो केन्द्र पर चम्बल नहर के खराब रास्ते के कारण विगत वर्षों में किसानों के ट्रेक्टर ट्रॉली नहर में गिरने से किसानों के मरने की घटना घटित हुई है? क्या उपज बेचने में करीब 2 से 4 दिन का समय लगता है, जिससे उन्हें अतिरिक्त भाड़ा भी चुकाना पड़ता है एवं कृषकों को लाभ की बजाय हानि हो रही है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त वर्णित समस्याओं के समाधान के लिये शासन/प्रशासन द्वारा कोई योजना एवं तैयारी की गयी है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो कारण बतावें। (घ) कृषकों की समस्याओं के समाधान हेतु क्या शासन प्रशासन विगत वर्ष 2020-21 की भांति वि.स. श्योपुर में संचालित साइलो केन्द्र नागदा एवं सलमान्या से पृथक कर नवीन संचालित किये गये खरीदी केन्द्र जलालपुरा, आसीदा, गोहेड़ा, सोईकलां, नागरगांवड़ा तथा नयागांव तेहखण्ड, बोरदादेव, लुहाड़, यथावत रखेंगे? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बौद्ध विहार हेतु भूमि का आवंटन
[राजस्व]
9. ( *क्र. 4465 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के पूर्व तारांकित प्रश्न क्र. 460, दिनांक 29.2.2020 के प्रश्नांश (क) में जानकारी दी गयी थी कि ग्राम भरवेली जिला बालाघाट में माईन लीज़ की अवधि 2020 तक होने से बौद्ध विहार हेतु भूमि आवंटित नहीं की जा सकती? उक्त अवधि उपरान्त क्या वर्ष 2021 में भूमि आवंटन हेतु शासन द्वारा कोई कार्यवाही की गई है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक भूमि आवंटित की जाएगी? यदि नहीं, तो क्या? इसके लिये पुन: मांग पत्र अनुशंसा पत्र प्रस्तुत करने होंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। आवेदित भूमि पर माईन लीज़ दिनांक 30.06.2022 तक स्वीकृत है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सागर जिले की बीला बांध परियोजना निर्माण कार्य की जाँच
[जल संसाधन]
10. ( *क्र. 5289 ) श्री तरबर सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विषयांकित नहर का निर्माण कार्य स्वीकृत सर्वे व डिजाइन ड्राईंग के अनुसार पूर्ण हुआ है? क्या शासन इस तथ्य का सत्यापन करेगा कि नहर का निर्माण स्वीकृत डिजाइन ड्राईंग के अनुसार ही हुआ है? (ख) क्या बीला पोषक नहर का स्वीकृत डिजाइन के अनुसार जमीन पर वास्तविक निर्माण नहीं किया गया है, केवल कागजों में नियमों की पूर्ति की गई है, इस कारण से बांध में योजना के अनुसार जल संग्रहण नहीं हो रहा है? निर्माण में भारी पैमाने पर भ्रष्टाचार व सरकारी धन की बर्बादी हुई है? यदि हाँ, तो क्या सरकार इन आरोपों की जाँच कराएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। बीला बांध एवं नहर परियोजना का निर्माण कार्य वर्ष 1973 में पूर्ण किया गया था। सामान्य वर्षा की स्थिति में परियोजना से निर्मित क्षमता के अनुरूप सिंचाई की जा रही है। विगत पांच वर्षों में की गई सिंचाई की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। बीला पोषक नहर का निर्माण बीला बांध के भराव हेतु किया जाना प्रतिवेदित है। बीला पोषक नहर से विगत वर्षों में बांध में जल संग्रहण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। बीला पोषक नहर निर्माण के संबंध में लोकायुक्त संगठन को प्राप्त शिकायत में उल्लेखित अभिकथन सही नहीं पाये जाने से प्रकरण संगठन स्तर पर दिनांक 20.03.2018 को समाप्त किया गया। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
मनावर को जिला बनाने की कार्यवाही
[राजस्व]
11. ( *क्र. 4176 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा मनावर को जिला बनाने के लिए माननीय मुख्यमंत्री महोदय को पत्र सं. 610/एम.पी.-एम.एल.ए./2020, दिनांक 28.08.2020, पत्र सं. 89/एम.पी.-एम.एल.ए./2020, दिनांक 04.02.2020, पत्र सं. 63/एम.पी.-एम.एल.ए./2020, दिनांक 18.01.2020 पोस्ट एवं ईमेल द्वारा अवगत कराया गया? उक्त पत्रों पर कार्यवाही का ब्यौरा दें। (ख) जिला बनाने के लिए क्या मानक तय किए गए हैं? क्या मनावर जिला बनाने के मानकों को पूरा करता है? (ग) क्या धार जिला मुख्यालय की दूरी डही, कुक्षी, मनावर, गंधवानी तहसील क्षेत्र से 140 कि.मी. से 90 कि.मी. तक होने के कारण लोगों को काफी आर्थिक, मानसिक नुकसान उठाना पड़ता है? क्या मनावर को जिला बनाने से लोगों को इन समस्याओं से निजात मिल सकती है? (घ) क्या मनावर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम गणपुर, मांडवी, देवलरा समेत अनेक गांव से जिला मुख्यालय धार की दूरी लगभग 90 कि.मी. से अधिक और कुक्षी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम गांगपुर, कवड़ा, कातरखेड़ा आदि की दूरी 140 कि.मी. से अधिक है? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन मनावर को जिला बनाने की कोई योजना बना रहा है? यदि हाँ, तो योजना का विस्तृत ब्यौरा दें। यदि नहीं, तो विधिसम्मत कारण बताएं।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय, मध्यप्रदेश मंत्रालय, वल्लभ भवन भोपाल के पत्र क्रमांक 873/सी.एम.एस./एम.एल.ए./199/2020 भोपाल दिनांक 06.2.2020 के अनुक्रम में विभाग द्वारा मनावर को जिला बनाने के संबंध में कलेक्टर, जिला धार से अभिमत सहित प्रतिवेदन चाहा गया है। (ख) जिला बनाये जाने हेतु मानक निर्धारित नहीं है। प्रभावी व समुचित प्रशासन, जनसामान्य की सुविधा तथा संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर नवीन जिलों का सृजन किया जाता है। शेष प्रश्नांश उदभूत नहीं होता। (ग) जी हाँ। जी हाँ। (घ) जी हाँ। (ड.) मनावर को जिला बनाने के संबंध में कलेक्टर जिला धार से प्रस्ताव/प्रविवेदन चाहा गया है। शेष प्रश्नांश उदभूत नहीं होता।
खरगोन विधानसभा क्षेत्रांतर्गत संचालित सहकारी संस्थाएं
[सहकारिता]
12. ( *क्र. 4692 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन विधानसभा क्षेत्र में सहकारिता विभाग के अधीनस्थ कितनी संस्था, सोसायटी, समितियां (आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था) संचालित हैं? नाम, पता सहित सूचीवार जानकारी देवें। (ख) उक्त संस्था, समितियां, सोसायटियों में विगत 5 वर्षों में खाद (फर्टिलाइजर) परिवहन में कितना खर्च किया गया? वर्षवार जानकारी देवें। क्या इतने खर्च में उक्त संस्था, समिति, सोसायटियों में लोन लेकर खुद का खाद गोडाउन निर्मित किया जा सकता है? यदि हाँ, तो उक्त संस्थाओं, सोसायटियों, समितियों द्वारा अभी तक क्या कोई कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? संस्था, समिति, सोसायटीवार कारण सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्तमान में सहकारिता विभाग के अधीनस्थ सस्थाओं, समितियों, सोसायटियों के जो कर्मचारी कार्यरत हैं, क्या उनकी नियुक्तियां नियमानुसार की गईं हैं? यदि नहीं, तो कर्मचारीवार कारण सहित विवरण देवें?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट प्रपत्र-2 अनुसार है। खरगौन विधानसभा क्षेत्र की सभी प्राथमिक संस्थाओं में पर्याप्त गोदाम एवं भण्डारण क्षमता है, इसलिये अतिरिक्त गोदाम निर्माण की आवश्यकता नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। नियमानुसार नियुक्तियां की गई हैं।
अवैध उत्खनन के प्रकरणों को कलेक्टर द्वारा शून्य/माफ किया जाना
[खनिज साधन]
13. ( *क्र. 3291 ) श्री सुनील सराफ : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.01.2019 से 31.03.2020 तक कलेक्टर अनूपपुर द्वारा अवैध उत्खनन एवं परिवहन के कितने प्रकरणों में अवैध उत्खननकर्ता एवं परिवहनकर्ता को लाभ पहुंचाते हुए शून्य या माफ कर दिए गए हैं? (ख) ऐसे समस्त प्रकरणों का विवरण तथा कारण बतावें। (ग) क्या इनका पुनर्परीक्षण कराया जाएगा? यदि नहीं, तो कारण बतावें कि अवैध उत्खननकर्ताओं एवं अवैध परिवहनकर्ताओं को संरक्षण क्यों दिया जा रहा है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) में दिए गए उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अतिवृष्टि से प्रभावित फसलों का मुआवज़ा भुगतान
[राजस्व]
14. ( *क्र. 3169 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सौंसर के जिन किसानों की दिनांक 28.08.2020 एवं 29.09.2020 की अतिवृष्टि एवं भीषण बाढ़ से हानि हुई थी, उनमें से कितने किसानों को कितना प्रतिशत मुआवज़ा प्रदान किया गया? कितना अभी बाकी है? बचा हुआ मुआवज़ा कब तक दिया जायेगा? (ख) उक्त विधानसभा क्षेत्र सौंसर में कन्हान नदी तथा अन्य नदियों में आयी भीषण बाढ़ हजारों किसानों की फसलें तथा किसानों के खेतों से नदी द्वारा उपजाऊ भूमि खदेड़ कर ले गई, कई किसानों के खेतों में रेत के ढेर लग गये? जिम्मेदार प्रशासन के अधिकारी को पत्र लिखे जाने के बाद भी खेतों के गड्ढे समतलीकरण एवं रेत के ढेर हटाने की कार्यवाही क्यों नहीं की गयी? (ग) क्या अतिवृष्टि एवं भीषण बाढ़ की जानकारी प्रशासन द्वारा किसानों को पूर्व में नहीं देना चाहिए था? (घ) उक्त बिन्दुओं पर कार्यवाही कब तक की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) अतिवृष्टि एवं भीषण बाढ़ से प्रभावित कुल 3092 कृषकों को 33 प्रतिशत के मान से प्रथम किश्त की राहत राशि 2,02,89,476/- रूपये प्रदान की जा चुकी है। वितरण हेतु राहत राशि 4,11,93,784/- रूपये शेष है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) प्रशासन द्वारा खेतों का समतलीकरण एवं रेत के ढेर हटाने का कोई प्रावधान नहीं है। (ग) मौसम विभाग द्वारा समय-समय पर आम सूचनाएं जारी की जाती हैं। (घ) उत्तरांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भिण्ड जिले में दी गई अनुकम्पा नियुक्तियां
[राजस्व]
15. ( *क्र. 1392 ) श्री संजीव सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020 में तत्कालीन कलेक्टर भिण्ड के द्वारा कितनी अनुकम्पा नियुक्ति की गई? (ख) क्या उक्त अनुकम्पा नियुक्तियों की अनुमति राज्य शासन द्वारा ली गई? यदि नहीं, तो क्या यह नियम है कि अनुकम्पा नियुक्ति शासन की अनुमति की प्रत्याशा में की गई? यदि नहीं, तो उक्त अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) उक्त अनुकम्पा नियुक्ति किन-किन विभागों में की गई? क्या उन विभागों में पद रिक्त थे? यदि नहीं, तो दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) वर्ष 2020 में कलेक्टर भिण्ड द्वारा 18 अनुकम्पा नियुक्ति की गई। (ख) जी नहीं। उक्त अनुकम्पा नियुक्तियां सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 29.09.2014 निहित प्रावधान के प्रकाश में की गईं हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उक्त अनुकम्पा नियुक्तियां राजस्व विभाग, नगर पालिक गोहद, नगर परिषद फूप, दबोह, मिहोना, उप कोषालय मेहगांव, शिक्षा विभाग एवं जनपद पंचायत भिण्ड में रिक्त पदों पर की गई। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नदियों से अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
16. ( *क्र. 4825 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के खनिज विभाग द्वारा वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 में प्रदेश की नदियों से रेत खनन के लिए किस नियम के तहत ठेके दिए गए हैं और इसका नियम क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इन दोनों वर्षों में या अलग-अलग वर्षों में विभाग द्वारा विदिशा जिले में किस कंपनी को कितने घनमीटर रेत खनन हेतु ठेके दिए गए हैं? कंपनी/घनमीटर/वर्ष/राशि सहित जानकारी उलब्ध करावें। खदानों/नीलामी से वर्षवार कितने राजस्व की प्राप्ति शासन को हुई? (ग) विदिशा जिले में फर्शी, पत्थर, गिट्टी, क्रेशर, मुरम, कोपरा, रेत आदि की खदानें कितनी समयावधि के लिए किन-किन व्यक्तियों/कंपनियों को स्वीकृत की गईं हैं? व्यक्ति का नाम, सर्वे नंबर, स्थान, स्वीकृत वर्ष, तिथियों सहित कितने समयावधि के लिए खदान दी गई है? वर्षवार जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में किन-किन खनिज पट्टाधारकों की खनिज रॉयल्टी/राजस्व बकाया है? लीज़ अनुसार बतावें। वसूली के लिए क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में प्रदेश में रेत ठेके मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम, 2019 के तहत दिये गये हैं। नियम अधिसूचित है। (ख) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ग) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (घ) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है।
ओपन कैप के गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य की जाँच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
17. ( *क्र. 3222 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिंगरौली व रीवा में ओपन कैप (शेड) के निर्माण बाबत् कहां-कहां स्वीकृति प्रदान की गई, स्थान व लागत सहित बतावें कि उक्त कार्य किन संविदाकारों/ठेकेदारों द्वारा अनुबंध की शर्तों एवं प्राक्कलन अनुसार क्या कार्य कराये जा रहे हैं, इनके गुणवत्ता की जाँच कब-कब, किन-किन सक्षम अधिकारियों द्वारा तकनीकी आधारों पर की गई? तिथिवार नाम सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के शेडों के निर्माण में प्राक्कलन अनुसार किन-किन सामग्रियों के उपयोग बाबत् अनुमति प्रदान की गई है, नाम व प्रतिशत की जानकारी देवें। क्या प्राक्कलन में दर्शाये सामग्रियों के उपयोग अनुसार कार्य कराये जा रहे हैं अथवा नहीं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार क्या रीवा जिले की तहसील गुढ़ की ईटार पहाड़ में निर्माणाधीन ओपन कैप का निर्माण प्राक्कलन अनुसार सामग्री का उपयोग कर नहीं बनाया जा रहा बल्कि लाल मिट्टी का उपयोग कर पटाई की जा रही है, यदि हाँ, तो इसकी जाँच किन सक्षम अधिकारियों की समिति बनाकर करावेंगे? अगर नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) में क्या उल्लेखित तथ्यों का पालन कर कार्य न कराया जाकर गुणवत्ता विहीन कार्य कराकर राशि का गबन किया जा रहा है। निर्माण में उपयोग की जा रही सामग्री की रॉयल्टी जमा कर जिन विभाग द्वारा अनुज्ञा पत्र लिये गये उसका विवरण देते हुये बतावें। अगर नहीं लिये गये खनिज संपदा का उपयोग बिना रॉयल्टी जमा किये संविदाकारों द्वारा किया जा रहा है, तो इस पर क्या आपराधिक प्रकरण दर्ज कराते हुये रॉयल्टी जमा कराये जाने बाबत् निर्देश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बिना प्रतिकर भुगतान किये लीज़ खसरा खतौनी में प्रविष्िट
[खनिज साधन]
18. ( *क्र. 4458 ) श्री विक्रम सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खनिज लीज़ स्वीकृत होने से लीज़ धारक को बिना प्रतिकर किसानों एवं निजी व्यक्तियों के खसरे में लीज़ की प्रविष्टि करने का अधिकार प्राप्त हो जाता है, जिससे किसानों को ऋण की सुविधा बंद हो जाती है, खरीद बिक्री पर रोक लग जाती है एवं किसानों की भूमियों पर लीज़ धारक को अधिकार प्राप्त हो जाता है? (ख) सतना जिले के किस-किस विकासखण्ड में कितनी-कितनी भूमियों पर बिना प्रतिकर भुगतान किये लीज़ खसरा खतौनी में किसके आदेश से अंकित की गई है? हल्कावार बतायें। (ग) उक्त अवैधानिक लीज़ प्रविष्टि कब तक विलोपित कर दी जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रीवा जिलांतर्गत किसानों को खाद का प्रदाय
[सहकारिता]
19. ( *क्र. 4883 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के सहकारिता विभाग में पदस्थ उपायुक्त/प्रशासक एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक रीवा से जब भी किसानों को खाद प्रदाय करने की बात की जाती है तो उनके द्वारा यह बताया जाता है कि समिति प्रबंधकों के उपर वसूली होने के कारण खाद का उठाव नहीं हो पाता है तो ऐसे कितने समिति प्रबंधक हैं, जिनके उपर रिकवरी होने के बाद भी कार्यवाही न कर उन्हें प्रभार देकर उपकृत किया गया है? उनके नाम, वर्षवार रिकवरी के विवरण सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में विभागीय अधिकारियों की इसी मनमानी कार्यशैली की वजह से जिस समिति प्रबंधक को चाहते हैं, उसे प्रभार देते हैं और जिसे नहीं चाहते हैं, उसके विरूद्ध रिकवरी निकालकर निलंबित कर देते हैं? विभागीय अधिकारियों की इस कार्यशैली से समितियों द्वारा खाद का अग्रिम भण्डारण नहीं हो पाता है एवं किसानों को समय पर खाद नहीं मिल पा रही है? (ग) क्या विभाग किसानों को समय पर खाद प्रदाय कराना सुनिश्चित करने हेतु उपरोक्त मनमानी कर रहे जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही कर कृत कार्यवाही से प्रश्नकर्ता सदस्य को अवगत करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) रीवा जिले में वर्ष 2019-20 में खरीफ एवं रबी में 2917 मेट्रिक टन खाद भण्डारण था, खरीफ 2020 एवं रबी 2020-21 में 34,683 मेट्रिक टन खाद भण्डारण कराया है जो विगत वर्ष की तुलना में 5556 मेट्रिक टन अधिक है। समिति प्रबंधकों की संख्या कम होने से ऐसे समिति प्रबंधक जिनके प्रकरण सहकारी न्यायालय में विचाराधीन हैं, उन्हें प्रभार सौंपा गया है। न्यायालय में वसूली के प्रकरण प्रचलित होने मात्र से प्रभार न सौंपे जाने का कोई प्रावधान नहीं है। समिति प्रबंधकों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी नहीं। जाँच उपरांत दोषी पाये जाने पर ही निलंबित किया जाता है। रीवा जिले में किये गये अग्रिम खाद भण्डारण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अन्य सिंचाई स्त्रोत से दर्ज सिंचित भूमि के मुआवज़ा वितरण के मापदण्ड
[राजस्व]
20. ( *क्र. 3684 ) श्रीमती रामबाई गोविंद सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व लेखा अनुसार भूमि के खसरा की प्रविष्टि में सिंचित भूमि दर्ज होने के कारण क्रय-विक्रय के समय भूमि मालिक से सरकार द्वारा राजस्व सिंचित भूमि का लिया जाता है, किन्तु मुआवज़ा वितरण के समय इसमें अलग-अलग मापदण्ड निर्धारित कर दिए गए हैं, क्यों? (ख) यदि जिस भूमि में सिंचित दर्ज है, लेकिन उस भूमि में कोई सिंचाई का स्त्रोत नहीं है, वह अन्य स्त्रोत पर निर्भर है तो ऐसी स्थिति में उस भूमि पर कुंआ एवं अन्य स्त्रोत हेतु सरकार द्वारा भूमि मालिक को किसी भी योजना में कोई लाभ नहीं दिया जाता है, क्यों? (ग) इसके विपरीत शासन द्वारा जब ऐसी भूमि जिसमें सिंचित दर्ज है, लेकिन वह अन्य स्त्रोत से सिंचित है तो मुआवज़ा वितरण के समय उसे असिंचित भूमि के मापदण्ड अनुसार मुआवज़ा प्रदान किया जाता है, क्यों? (घ) यदि उपरोक्त दोनों तथ्य सही है तो क्या सरकार द्वारा ऐसी सभी भूमि जिसमें सिंचित दर्ज है, लेकिन उसमें सिंचाई का स्त्रोत नहीं है, वह अन्य स्त्रोत पर निर्भर है, उन सभी को सिंचित भूमि मानकर ही मुआवज़ा वितरण किया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उदभूत नहीं होता। (ख) जी, नहीं, यदि भूमि खाते में सिंचाई का स्रोत दर्ज नहीं है व अन्य स्रोत पर निर्भर है तो भी पात्रतानुसार भूमि मालिक को योजना का लाभ दिया जाता है। (ग) जी, नहीं, मुआवज़ा वितरण के समय राजस्व अभिलेख की प्रविष्टि अनुसार कार्यवाही की जाती है। (घ) उत्तरांश (ख) व (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उदभूत नहीं होता।
बुरहानपुर जिले के लिये प्रस्तावित सिंचाई परियोजनाएं
[जल संसाधन]
21. ( *क्र. 3475 ) श्री सुरेन्द्र सिंह नवल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ताप्ती के माध्यम से बुरहानपुर जिले को सिंचित करने के लिये कितने परियोजनाओं पर काम चल रहा है एवं कितनी परियोजनाएं प्रस्तावित हैं? योजना का नाम, लागत, समय-सीमा क्या है? (ख) ताप्ती नदी का आवंटित 71 टी.एम.सी. जल को उपयोग करने का क्या प्लान है? बुरहानपुर जिला अभी तक सिंचित नहीं हो पाया, उसके मुख्य कारण क्या रहे?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) ताप्ती नदी एवं उसकी सहायक नदियों पर वर्तमान में बुरहानपुर जिले में 4 परियोजनाओं का निर्माण कार्य प्रगतिरत है। परियोजनाओं की लागत रू. 11855.39 लाख एवं सिंचाई क्षमता 4390 हेक्टर है। बुरहानपुर जिले में 9 परियोजनायें ताप्ती नदी एवं सहायक नदियों पर प्रस्तावित हैं, जिनकी लागत रू. 37,467.76 लाख तथा सिंचाई क्षमता 11,343 हेक्टर है। परियोजनाओं के नाम, लागत एवं सिंचाई क्षमता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ताप्ती नदी के अंतर्राज्यीय जल बंटवारे अनुसार मध्यप्रदेश राज्य को 70 टी.एम.सी. जल की मात्रा आवंटित की गई है। इसके उपयोग हेतु निर्मित, निर्माणाधीन एवं प्रस्तावित सिंचाई परियोजनाओं की संख्या 275 है, जिसकी लागत राशि रूपये 5,86,588.29 लाख एवं सिंचाई क्षमता 2,11,340 हेक्टर है। इन परियोजनाओं में 38.603 टी.एम.सी. जल का उपयोग होगा, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शित है। परियोजनाओं का निर्माण कार्य बजट की उपलब्धता पर निर्भर होता है।
टीकमगढ़ जिले में गौण खनिजों के दिये गये ठेके
[खनिज साधन]
22. ( *क्र. 4661 ) श्री राकेश गिरि : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले में डायस्फोर, पायरोफ्लाईट, ग्रेनाईट सहित इसी के समतुल्य गौण खनिजों की खदानें हैं? यदि हाँ, तो प्रवर्गवार गौण खनिज खदानों के क्षेत्रफल सहित स्थानों के नामों की सूची दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विगत पाँच वर्षों में कौन-कौन से खनिज उत्खनन का पट्टा किस-किस को दिया गया है? लीज़ राशि सहित सूची दें। क्या पट्टा दत्त गौण खनिज खदान की शत-प्रतिशत लीज़ राशि जमा हो चुकी है? यदि नहीं, तो बकाया का वर्षवार विवरण तथा वसूली की कार्यवाही का ब्यौरा दें? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में अंकित समस्त खनिजों के लिये चालू वित्त वर्ष में उत्खनन पट्टे दिये गये हैं? यदि हाँ, तो दिये गये उत्खनन पट्टों का खनिजवार, क्षेत्रफल, लीज़ राशि व समयावधि सहित पट्टेदारों के नामों की सूची दें। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार, क्या मौके पर उत्खनन के दौरान और पश्चात भी खदानों की लम्बाई, चौड़ाई, गहराई सहित पट्टा शर्तों के अनुपालन का सत्यापन कराया जाता है? यदि हाँ, तो सत्यापनकर्ता अधिकारी का नाम, पदनाम, प्रत्येक खदान का वर्षवार निरीक्षण/सत्यापन का विवरण उपलब्ध करायें? यदि नहीं, तो क्यों? क्या पट्टों की शर्तों के उल्लंघन हेतु पट्टेदारों के पट्टे निरस्त एवं सत्यापन अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर दर्शित है। (ख) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर दर्शित है। (ग) जी नहीं। चालू वित्तीय वर्ष में कोई भी उत्खननपट्टे स्वीकृत नहीं किये गये हैं। (घ) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में उत्खनिपट्टा की शर्तों के उल्लंघन पर कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है। खनिज नियमों में खदान की लंबाई, चौड़ाई, गहराई के सत्यापन किये जाने का प्रावधान नहीं है। खदान की आवश्यकता अनुसार जाँच की जाती है। किये गये निरीक्षण अनुसार पट्टा शर्तों के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। खदान की चूंकि आवश्यकता अनुसार जाँच की जाती है, अत: सत्यापन अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध रेत खनन/परिवहन पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
23. ( *क्र. 4783 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नई रेत नियम 2019 में रॉयल्टी जांच नाके स्थापित करने के प्रावधान हैं? (ख) क्या ग्वालियर, सीहोर एवं होशंगाबाद जिलों में स्थापित रेत जाँच नाकों पर रेत माफिया के लोग अवैध वसूली कर रहे हैं? (ग) क्या रेत माफिया को जाँच नाकों पर शासन द्वारा अधिकृत किया है? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) वर्णित जिलों में पदस्थ खनिज अमले के अधिकारियों के अवैध वसूली में शामिल होने की शिकायतें प्राप्त हुईं हैं? (च) यदि हाँ, तो दोषी अधिकारियों पर शासन कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब-तब? (छ) क्या रेत माफिया के लोगों पर शासन द्वारा कोई कार्यवाही होगी? यदि हाँ, तो कब-तक? (ज) क्या ग्वालियर/सीहोर/होशंगाबाद जिलों में जारी अवैध रेत खननकर्ताओं पर प्रशासन द्वारा कार्यवाही की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) से (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। (च) प्रश्नांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (छ) रेत माफिया जैसी स्थिति नहीं है। सभी जगह सफल निविदाकार रेत खदानों का संचालन कर रहे हैं। अवैध खनन, परिवहन, भण्डारण की स्थिति में नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ज) ग्वालियर/सीहोर/होशंगाबाद जिलों में विभाग द्वारा अवैध रेत उत्खननकर्ताओं पर नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। वर्ष 2020-21 की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है।
मुआवज़ा की राशि का किश्तों में भुगतान
[राजस्व]
24. ( *क्र. 3296 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.04.2020 से 06.05.2021 के संदर्भ में बतावें कि चौरई विधानसभा क्षेत्र में फसलें खराब होने पर मुआवज़ा राशि की एक ही किश्त क्यों प्रदान की गई है? (ख) इसके पूर्व विगत वर्षों में कब-कब मुआवज़ा राशि किश्तों में दी गई? (ग) कब तक मुआवज़ा राशि की द्वितीय व अंतिम किश्त प्रदान कर दी जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? क्या कारण है कि इस बार मुआवज़ा राशि बेहद कम है तथा इसे बढ़ाया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। बजट उपलब्धता के आधार पर एक किस्त दी गयी है। (ख) वर्ष 2019-20 में बाढ़/अतिवृष्टि में राहत राशि किस्तों में बांटी गयी है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। राहत राशि की गणना राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के अन्तर्गत पूर्व के मापदण्डों के अनुसार ही की गयी है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तहसील करेरा में पदस्थ पटवारी द्वारा खरीदी गई भूमि
[राजस्व]
25. ( *क्र. 1473 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील करेरा में पदस्थ पटवारी राकेश उर्फ बंटी गुप्ता इसकी पत्नी प्रीति गुप्ता, इनकी मां मिथला गुप्ता, पिता रामकुमार गुप्ता के नाम विगत 15 वर्षों में तहसील करेरा के निम्न ग्रामों कस्बा करेरा, टीला, सिरसौद, अलगी, निचरौली, चिन्नौद, सिल्लारपुर, टकटकी, जरगवां चक्क, दिनारा, में कृषि भूमि व भूखण्ड रहा है? सर्वे नंबर रकवा की जानकारी वर्तमान बाजार मूल के साथ देवें। (ख) उक्त भूमि को कब क्रय करने के आय स्त्रोत की जानकारी देवें? क्या उक्त भूमि खरीदने के लिये शासकीय सेवक को विभागीय अनुमति लेना आवश्यक है? यदि हाँ, तो संबंधी जन द्वारा कब अनुमति प्राप्त कर भूमि खरीदी गई है? (ग) यदि उक्त भूमियों को क्रय करने बावत् आय पर्याप्त नहीं है तो क्या यह माना जावेगा कि पद का दुरूपयोग करते हुये अनैतिक तरीके से धन अर्जित कर उक्त भूमि खरीदी गई है? यदि हाँ, तो दोषी पर कब क्या कार्यवाही करेंगे? (घ) प्रश्नांश (क) के पटवारी के विरूद्ध नियुक्ति दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कुल कतनी शिकायतें व लोकायुक्त की कार्यवाही की गई है? उनकी वर्तमान स्थिति क्या है? जाँच प्रतिवेदन अनुसार की गई कार्यवाही के साथ जानकारी देवें। क्या उक्त पटवारी को लोकायुक्त के प्रकरण के निराकरण न होने तक हल्का के प्रभार से मुक्त रखा जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक आदेश प्रसारित कर दिए जावेंगे।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) पटवारी राकेश ऊर्फ बन्टी गुप्ता एवं परिवार की भूमि का विवरण निम्नलिखित है :-
भूमि स्वामी का नाम |
ग्राम का नाम |
सर्वे नम्वर |
रकवा |
वर्तमान वाजारू मूल्य |
विवरण |
राकेश ऊर्फ बन्टी गुप्ता |
कस्वा करैरा |
2118 मिन 8 मिन 2 |
1462 वर्गफिट एवं 975 वर्गफिट |
774459, 516477 |
वसीयत से प्राप्त |
सिरसौद |
4593 |
0.20 हे. |
477440 |
वसीयत से प्राप्त |
|
टीला |
2497 |
0.53 हे. |
406192 |
वसीयत से प्राप्त |
|
श्रीमति प्रीति गुप्ता |
अलगी |
1483/1 |
0.06 हे. |
53144 |
भूमि स्व-अर्जित होना बताया है, जिसका आय का स्त्रोत कोचिंग क्लास एवं सासू मां के उपहार आदि से प्राप्त होना जबाव में बताया है। |
जरगवां अव्वल |
252/1, |
0.48 हे. |
1188096 |
||
करैरा |
2118 मिन 8 मिन 2, 2118 मिन |
487.5 वर्गफिट, 520 वर्गफिट |
258210, 275424 |
||
टीला |
2497, 86 मिन 2 |
0.54 हे., 0.05 हे. |
413856, 59000 |
वसीयत से प्राप्त |
|
सिल्लारपुर |
321, 322 |
0.16 हे. |
161664 |
वसीयत से प्राप्त |
|
|
निचरौली |
निरंक |
निरंक |
निरंक |
कोई भूमि नहीं है। |
|
चिन्नोद |
निरंक |
निरंक |
निरंक |
कोई भूमि नहीं है। |
|
टकटकी |
निरंक |
निरंक |
निरंक |
कोई भूमि नहीं है। |
|
दिनारा |
निरंक |
निरंक |
निरंक |
कोई भूमि नहीं है। |
(ख) भूमियों के स्व-अर्जित करने के आय के स्त्रोतों की जानकारी प्रशनांश (क) में विवरण के कॉलम में वर्णित है। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उदभूत नहीं होता। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नाधीन अवधि में एक शिकायत लोकायुक्त ग्वालियर द्वारा दर्ज की थी। माननीय न्यायालय सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश महोदय शिवपुरी के विशेष सत्र वाद क्रमांक-05/13, आदेश दिनांक 15.03.2014 को पारित आदेशानुसार शिकायत प्रमाणित न होने से निरस्त करते हुये पटवारी को दोषमुक्त किया जा चुका है। माननीय न्यायालय के आदेश प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
राजस्व
के लंबित
प्रकरणों का
निराकरण
[राजस्व]
1. ( क्र. 57 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह अंतर्गत पूर्व से प्रश्न दिनांक तक किन-किन किसानों के कितने प्रकरण कब से किन कारणों से नामांतरण फौती, बंटवारा के निराकरण हेतु अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय, कलेक्टर कार्यालय, संभागीय कार्यालय या राजस्व ग्वालियर मंडल में शेष लंबित पड़े है। (ख) हटा नगर में निष्क्रांति भूमि एवं अन्य शासकीय भूमि पर किन किन लोगों के द्वारा अतिक्रमण किया गया है जानकारी अतिक्रमणकर्ताओं के साथ पता सहित बतायी जावे साथ ही कब तक यह अतिक्रमण हटाये जावेंगे।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला दमोह अंतर्गत अनुविभागीय अधिकारी न्यायालयों में म.प्र. भू-राजस्व संहिता की धारा 109, 110, 178 के तहत अधिनस्थ न्यायालय से निराकृत आदेश के विरूद्ध संहिता की धारा 44 के अंतर्गत अपील नामांतरण के 96 एवं अपील बंटवारा के 25 प्रक्ररण, कुल 121 अपील प्रकरण लंबित है। कार्यालय कलेक्टर की जानकारी निरंक है। संभागायुक्त कार्यालय में द्वितीय अपील के नामांतरण के 186 एवं बंटवारा के 39 प्रकरण लंबित है। न्यायालय राजस्व मंडल ग्वालियर में जिला दमोह के निगरानी अंतर्गत फौती नामांतरण के 06 प्रकरण, बंटवारा के 06 प्रकरण, नामांतरण के 34 प्रकरण इस तरह कुल 46 प्रकरण लंबित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ' अनुसार है। (ख) जिला दमोह तहसील हटा नगर अंतर्गत निष्क्रांत भूमि पर 52 व्यक्ति एवं शासकीय भूमि पर 116 व्यक्तियों द्वारा अतिक्रमण किया गया है। जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'ब' अनुसार है। नियमानुसार शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि
[राजस्व]
2. ( क्र. 88 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि हेतु पात्र किसानों की संख्या तहसीलवार बतायें। उनमें से कितने किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि मिल रही है? (ख) रायसेन जिले में कितने पात्र किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि क्यों नहीं मिल रही है? तहसीलवार संख्या बतायें। (ग) रायसेन जिले में सभी पात्र किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि मिले इस हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में पात्रता की क्या-क्या शर्तें हैं तथा संबंधित किसानों को क्या-क्या दस्तावेज उपलब्ध कराना पड़ते है तथा किसान यदि ऑनलाईन आवेदन करना चाहे तो उसको क्या-क्या कार्यवाही करना पड़ती है? पूर्ण विवरण दें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) रायसेन जिले में पात्र किसानों द्वारा आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने पर योजना का लाभ दिया जा रहा है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) रायसेन जिले में सभी पात्र किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि मिले इस हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा ग्राम में प्रचार-प्रसार करवाकर किसानों को दस्तावेज उपलब्ध कराने एवं संबंधित पटवारियों द्वारा किसानों से दस्तावेज प्राप्त करने आदि की कार्यवाही की जा रही है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। सारा पोर्टल saara.mp.gov.in पर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि-सिटीजन इंटरफेस नामक लिंक एवं प्रधानमंत्री किसान पोर्टल के फार्मर कॉर्नर के माध्यम से ऑनलाईन आवेदन प्रस्तुत किया जा सकता है।
वृहताकार/मध्यक कृषक सेवा समितियों का गठन
[सहकारिता]
3. ( क्र. 121 ) श्री सुदेश राय : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीहोर विधानसभा क्षेत्र में कितनी वृहदाकार/मध्यम कृषक सेवा समितियाँ वर्तमान में संचालित हैं एवं इनका कार्यक्षेत्र का आकार किस प्रकार निर्धारित है तथा प्रत्येक समिति अन्तर्गत कौन-कौन से ग्राम सम्मिलित हैं? (ख) प्रत्येक सोसायटी पर कितने कृषकों का पंजीयन/सदस्यता है तथा शासन के निर्देशानुसार कार्य को आसान/सुगम बनाये जाने हेतु क्या विभाग नवीन सोसायटी/संस्थाओं के गठन का प्रस्ताव रखे है? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो कारण बतायें?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) सीहोर विधानसभा क्षेत्र में 17 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां संचालित है। इनका कार्यक्षेत्र का आकार पंजीकृत उपविधियों के अनुसार निर्धारित है। प्रत्येक सहकारी समिति के कार्यक्षेत्र के ग्रामों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सीहोर विधानसभा क्षेत्र में नवीन प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति पंजीकृत करने का कोई प्रस्ताव नहीं हुआ है और न ही विचाराधीन/लंबित है।
खनिज विकास मद से स्वीकृत कार्य
[खनिज साधन]
4. ( क्र. 122 ) श्री सुदेश राय : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खनिज विकास मद से विभाग अन्तर्गत कौन-कौन से कार्य कराये जाने के क्या-क्या प्रावधान है? (ख) जिला सीहोर के विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत वर्ष 2014-15 से 2020-21 तक खनिज विकास मद से कुल कितने कार्य स्वीकृत किये गये है? श्रेणी एवं स्थान सहित कार्य की जानकारी बतावें। (ग) स्वीकृत कार्यों में से कुल कितने कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं तथा कितने कार्य अपूर्ण है, यदि अपूर्ण हैं तो कारण बतायें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) खनिज विकास मद के नाम से कोई मद स्वीकृत नहीं है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विभाग की लापरवाही से फसलों का खराब होना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
5. ( क्र. 764 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अप्रैल 2016 से दिसम्बर 2020 तक नागरिक आपूर्ति निगम म.प्र. द्वारा गेहूँ, चना, धान एवं अन्य कृषि फसलें कितने क्विंटल खरीदी गई? जिलेवार जानकारी देवें एवं बैतूल जिले की जानकारी तहसीलवार देवें। क्या बैतूल जिले में सहकारी समितियों से खाद्यान्न खरीदने में पैसे की मांग की जाती है? गत पांच वर्षों में बैतूल जिले में इस प्रकार की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है एवं उन पर क्या कार्यवाही हुई है? (ख) अप्रैल 2016 से दिसम्बर 2020 तक कृषकों से खरीदे गये खाद्यान्न गेहूँ, धान, चना इत्यादि कितने क्विंटल अनाज बरसात के पानी में भीगने से खराब हुआ तथा कितने अन्य कारण से खराब हुआ है? (ग) उपरोक्त प्रश्नाधीन अवधि में खराब हुआ खाद्यान्न किसकी लापरवाही से खराब हुआ इसके लिए कौन-कौन जवाबदार हैं एवं इस संबंध में अब तक किन-किन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांकित अवधि में कितने क्विंटल खाद्यान्न पानी से भीगने या अन्य कारण से खराब होने के कारण नीलाम किया गया है? यदि हाँ, तो यह किस-किस भाव से किसे-किसे बेचा गया है? (ड.) खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के पास कितने क्विंटल की भंडारण क्षमता है तथा प्रश्नाधीन अवधि में इनके द्वारा कितने क्विंटल अनाज खरीदा गया? क्या खरीदे गये पूर्ण अनाज के भंडारण की क्षमता निगम के पास है? यदि नहीं, तो अतिरिक्त खाद्यान्न का भंडारण कहां किया गया? निगम की लापरवाही से लाखों क्विंटल अनाज खुले में पड़ा होने रह जाने के कारण बारिश में भीगने के कारण सड़ गया है? (च) खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम म.प्र. शासन के अतिरिक्त अप्रैल 2016 से दिसम्बर 2020 तक किन-किन एजेन्सियों ने कितना-कितना खाद्यान्न खरीदा है? फसलवार जानकारी दें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (च) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
संबल योजना से काटे गये नाम
[श्रम]
6. ( क्र. 785 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना में रायसेन जिले में कितने पंजीकृत हितग्राहियों के नाम क्यों काटे गये? ग्राम पंचायतवार/नगरीय निकायवार संख्या बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के जिन हितग्राहियों के नाम काटे गये हैं, उनका पंजीयन किसने किया था तथा नाम किसने काटे तथा क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों, कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत रायसेन को प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कब-कब प्राप्त हुए तथा उक्त पत्रों में उल्लेखित बिन्दुओं पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित बिन्दुओं की जाँच किन-किन अधिकारियों ने कब-कब की तथा जाँच के क्या निष्कर्ष रहे? जाँच के निष्कर्षों से प्रश्नकर्ता विधायक को अवगत क्यों नहीं कराया तथा कब तक अवगत करायेंगे?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना में रायसेन जिले में 83537 पंजीकृत हितग्राहियों के नाम अपात्र होने के कारण काटे गये। ग्राम पंचायतवार, नगरीय निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिन हितग्राहियों के नाम काटे गये हैं। उनका पंजीयन विहित प्राधिकारी (ग्रामीण क्षेत्र में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत तथा शहरी क्षेत्र में नगर निगम आयुक्त/मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगरीय निकाय द्वारा किया गया था।) अपात्र व्यक्तियों के पंजीयन निरस्ती की कार्यवाही ग्राम सचिव तथा वार्ड प्रभारी की अनुशंसा पर की गई। उक्त कार्यवाही म.प्र. शासन श्रम विभाग के पत्र क्रमांक 756/595/2019/ए-16 दिनांक 30.06.2019 के निर्देशों के परिपालन में की गई। (ग) प्रतक्ष्य रूप से मान. मंत्री जी को संबोधित किये गये पत्रों की जानकारी शासन द्वारा संधारित नहीं की जाती है। प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में मान. विधायक जी द्वारा मान. मंत्रीजी को संबोधित एवं कलेक्टर को पृष्ठांकित पत्र क्रमांक 752 दिनांक 07.10.19 तथा कलेक्टर जिला रायसेन को संबोधित पत्र क्रमांक 551 दिनांक 11.10.19, पत्र क्रमांक 756 दिनांक 11.10.19, पत्र क्रमांक 11 दिनांक 13.01.2020 एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, जिला रायसेन को पत्र क्रमांक 50 दिनांक 13.02.2020 तथा सचिव म.प्र.असंगठित शहरी/ग्रामीण कर्मकार कल्याण मण्डल को पत्र क्रमांक 112 दिनांक 13.01.20 प्रेषित किये गये हैं। उक्त पत्रों में उल्लेखित बिन्दुओं पर कलेक्टर जिला रायसेन द्वारा आदेश क्रमांक 4792 दिनांक 11.11.2019 द्वारा जाँच हेतु श्रम पदाधिकारी मण्डीदीप एवं परियोजना अधिकारी, शहरी विकास अभिकरण जिला रायसेन का दल जाँच हेतु गठित किया गया, उक्त दल द्वारा कलेक्टर को पत्र क्रमांक 2019 दिनांक 27.02.2020 द्वारा प्रतिवेदित किया गया है कि पंजीकृत जिन व्यक्तियों के जो नाम काटे गये हैं वे अपात्रता की श्रेणी में हैं। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार। जाँच के निष्कर्षों से मा. विधायक महोदय को जिला कलेक्टर के पत्र क्रमांक 1074 दिनांक 02.03.2021 द्वारा अवगत कराया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय विभागों में कर्मचारियों का शाखा परिवर्तन
[राजस्व]
7. ( क्र. 1632 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा जिला स्तरीय एवं तहसील स्तरीय शासकीय विभागों के कर्मचारियों को एक ही शाखा में पदस्थ रखने की कोई अधिकतम सीमा निर्धारित की गई है? यदि हाँ, तो कितने वर्ष पश्चात शाखा परिवर्तन का प्रावधान है? (ख) क्या धार जिले में जिला स्तरीय व तहसील स्तरीय शासकीय विभागों के कर्मचारियों की शाखा में नियमानुसार प्रावधानित वर्ष पश्चात (टेबल चेंज) शाखाओं का पुन: विभाजन किया जाता है? (ग) धार जिले में राजस्व विभाग के जिला स्तरीय एवं तहसील स्तरीय शासकीय कार्यालयों में पिछले चार वर्ष या उससे अधिक समय से एक ही शाखा में पदस्थ कर्मचारियों की जानकारी देवें। (घ) क्या प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में लम्बे समय से एक ही शाखा में पदस्थ कर्मचारियों की शाखा परिवर्तन किये जाने हेतु कोई कार्यवाही प्रचलित है? यदि हाँ, तो कब तक कार्रवाई की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश कार्यालय कार्यवाही निर्देशिका की कण्डिका-4 अध्याय-3 अनुसार समान्यत: लिपिकों को तीन वर्ष में कम से कम एक बार एक शाखा से दूसरी शाखा में बदल दिया जाना चाहिए। कार्य बदलते समय भी कर्मचारी के अनुभव को ध्यान में रखा जाना चाहिए। (ख) जी हाँ। समय-समय पर आवश्यकतानुसार कर्मचारियों का शाखा परिर्वतन किया जाता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (घ) जी नहीं। समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है।
भूमियों के फर्जी विक्रय पत्र
[राजस्व]
8. ( क्र. 1649 ) श्री राकेश मावई : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला विदिशा तहसील शमशाबाद ग्राम हाड़ा के भूमि खसरा क्रमांक 223, 239, 240 कुल रकबा 8.246 के भूमि स्वामी बृजेन्द्र सिंह, नरेन्द्र सिंह, सुरेन्द्र सिंह, राजेन्द्र सिंह पुत्रगण गोपाल सिंह निवासी ग्राम जलालगढ़ तहसील सबलगढ़ जिला मुरैना किस वर्ष से किस वर्ष तक भूमि स्वामी रहे? (ख) क्या बृजेन्द्र सिंह पुत्र गोपाल सिंह ने दिनांक 03.03.2020 को पुलिस अधीक्षक विदिशा एवं दिनांक 24.09.2019 को कमिश्नर भोपाल, कलेक्टर विदिशा, पुलिस अधीक्षक विदिशा तथा दिनांक 23.09.2019 को थाना प्रभारी शमशाबाद को अपने भूमि के फर्जी तरीके से गलत व्यक्तियों के माध्यम से अशोक कुमार द्वारा विक्रय पत्र लिखाने की शिकायत की गई है? यदि हाँ, तो उक्त शिकायतों पर कब क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के भूमियों के विक्रय पत्र में बने हस्ताक्षर एवं सही भूमि स्वामियों के हस्ताक्षर का मिलान पुलिस द्वारा कराया जाकर अपराधिक प्रकरण दर्ज किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? उक्त कार्यवाही कर अपराध पंजीबद्ध करते हुये आरोपियों की गिरफ्तारी करा देगें? (घ) प्रश्नांश (ख) के विक्रय पत्र एवं सही भूमि स्वामियों द्वारा की गई शिकायत पत्रों पर किन-किन को आरोपी बनाया जायेगा तथा उक्त विक्रय पत्र कब तक शून्य कर दिया जायेगा? यदि नहीं, तो कारण बतायें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला विदिशा की तहसील शमशाबाद के ग्राम हाड़ा का खसरा क्रमांक 223 रकबा 0.272 हे. वर्ष 1974-75 से 2020-21 तक जंगल खुर्द (शासकीय भूमि) के नाम से दर्ज है। खसरा क्रमांक 239 रकबा 1.923 हे. व खसरा क्रमांक 240 रकबा 6.177 हे. वर्ष 1985-86 से 1989-90 तक नरेन्द्रसिंह बालिग, सुरेन्द्रसिंह, बृजेन्द्रसिंह, राजेन्द्रसिंह ना.बा. पुत्रगण गोपालसिंह सर परस्त नरेन्द्रसिंह भाई व महेन्द्रसिंह ना.बा. पुत्र सरदारसिंह सर परस्त पिता स्वयं जाति गूजर के नाम दर्ज रही। (ख) थाना प्रभारी शमशाबाद से प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार बृजेन्द्रसिंह पुत्र गोपालसिंह द्वारा दिनांक 30.03.2020 को पुलिस अधीक्षक विदिशा एवं 29.09.2020 को कमिश्नर भोपाल कलेक्टर विदिशा,पुलिस अधीक्षक विदिशा तथा दिनांक 23.09.2019 को थाना प्रभारी शमशाबाद को उनकी भूमि फर्जी तरीके से गलत व्यक्तियों के माध्यम से अशोक कुमार द्वारा विक्रय पत्र लिखने की शिकायत की गई है। (ग) थाना प्रभारी शमशाबाद से प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार शिकायतकर्ता द्वारा जाँच के सबंध में थाना प्रभारी को दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण फर्जी हस्ताक्षरो की जाँच नहीं की जा सकी है। शिकायतकर्ता मूल निवासी मुरैना है जिन्हें कथन हेतु थाना प्रभारी द्वारा तलब किया गया परन्तु उनके उपस्थित न होने के कारण कार्यवाही नहीं की जा सकी। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (घ) थाना प्रभारी शमशाबाद से प्राप्त जानकारी अनुसार आवेदक बृजेन्द्रसिंह आदि द्वारा भूमि आराजी क्रमांक 223,239 एवं 240 के सबंध में प्रकरण क्रमांक 4/अ-46/89-90 में पारित आदेश दिनांक 22.12.89 के विरूद्ध अनुविभागीय अधिकारी शमशाबाद के न्यायालय में अपील दायर की गई है, उक्त प्रकरण में माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में डब्ल्यू पी नंबर 13266/20 भी दायर की गई है, जिसमें माननीय न्यायालय द्वारा 21.09.2020 को प्रकरण में सुनवाई कर आगामी दिनांक तक के लिए स्थगन आदेश जारी किया गया है। अत: कोई अग्रेतर कार्यवाही नहीं की गई।
गबन की गई राशि की वसूली
[सहकारिता]
9. ( क्र. 1655 ) श्री राकेश मावई : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेवा सहकारी समिति जवा, नौवस्ता, गढवा, कोनी शाखा जवा जिला रीवा में वर्ष 2010 से लगातार वर्ष 2016 तक एवं वर्ष 2016 से लगातार 2019 तक खाद्य बिक्री की क्रमश: राशि 30.64, 20.87, 7.78, 40.89, 3.84, 2.33, 8.7, 1.87 कुल राशि रूपये 1 करोड़ 29 लाख 94 हजार तत्कालीन समिति प्रबंधक द्वारा जमा नहीं की गई है? यदि हाँ, तो उक्त अवधि में कौन-कौन समिति प्रबंधक की पदस्थापना थी? नाम, पद के साथ जानकारी देवें। सहपत्रों के साथ जानकारी देवें। (ख) यदि प्रश्नांश (क) सही है तो उक्त पदस्थापना अवधि में उक्त समिति प्रबंधक की कुल कितनी शिकायतें एवं विधानसभा में प्रश्न उद्भुत हुए हैं तथा उन पर कब क्या कार्यवाही हुई? सहपत्रों के साथ जानकारी दें। क्या उक्त राशि के ख्यानतकर्ता समिति प्रबंधक को पुन: से कोनी समिति में पदस्थ किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त नियम विरूद्ध पदस्थापना को कब तक निरस्त कर दोषी को निलंबित कर दिया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि एवं खाद्य बिक्री की बकाया राशि क्या दोषी से ब्याज राशि के साथ वसूल कर जमा कराते हुए पुलिस में गबन ख्यानत का प्रकरण दर्ज करा देगें? यदि हाँ, तो कब तक? कितने ख्यानत राशि के विरूद्ध? वर्तमान में उक्त समिति प्रबंधक की पदस्थापना कहां है? (घ) सेवा सहकारी समिति चौखण्डी शाखा डभौरा में कब से उर्वरक खाद नहीं दी जा रही है? क्या लिमिट बंद होने के कारण खाद नहीं दी जा रही है? यदि हाँ, तो लिमिट बंद होने में कौन-कौन दोषी है? उनके विरूद्ध कब क्या कार्यवाही करेंगे तथा कब तक खाद उपलब्ध करा दी जायेगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्ष 2020-21 से, जी हाँ। समिति प्रबंधक द्वारा खाद बिक्री की राशि जमा नहीं करने के कारण लिमिट बंद हुई जिससे खाद का उठाव नहीं हो सका। दोषी समिति प्रबंधक के विरूद्ध सहकारी अधिनियम की धारा 64 के अंतर्गत वसूली का प्रकरण दायर किया गया है। आपराधिक प्रकरण पुलिस में सौंपने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
कुण्डालियां वृहद परियोजना के कारण डूब में ग्राम आये
[जल संसाधन]
10. ( क्र. 1755 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की जीरापुर तहसील का कुण्डालिया वृहद परियोजना के डूब क्षेत्र में जब कालीसिंध नदी में बाढ़ आती है तो सारंगपुर तहसील का ग्राम शामगीघाटा जलमग्न हो जाता है? यदि हाँ, तो, वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कितनी बार एवं कितने समय तक ग्राम शामगीघाटा जल मग्न रहा? वर्षवार, दिनांकवार, जलमग्न अवधि से अवगत करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में दर्शित जलमग्न ग्राम को बाढ़ग्रस्त अवधि से बचाने के लिए विभाग द्वारा कोई योजना बनाई गयी है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित ग्राम शामगीघाटा को डूब से बचाने के लिए यदि कोई योजना नहीं बनायी गयी है तो भविष्य में ग्राम के जलमग्न होने से ग्रामवासियों को किसी भी प्रकार की हानि होती है तो उसके लिए कौन जवाबदार होगा? (घ) क्या ग्राम शामगीघाटा के जलमग्न होने से ग्राम को जोड़ने वाली सड़क को बाढ़ में बह जाने से कई बार कई दिनों तक खासपुरा-कड़लावद मार्ग बन्द हुआ है? वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक उक्त मार्ग कितनी बार कितने दिनों तक बंद रहा है? वर्षवार अवधि बतावें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। ग्राम शामगीघाटा कालीसिंध नदी की सहायक नदी उतावली के निकट स्थित है अतिवृष्टि के समय उतावली नदी में भारी बाढ़ की स्थिति निर्मित होने पर ग्राम शामगीघाटा का पहुंच मार्ग अस्थाई रूप से अल्प अवधि के लिये बाधित होना प्रतिवेदित है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) कुण्डलिया बांध के जलभराव से प्रश्नाधीन ग्राम के 160 मकानों में से मात्र 12 मकान प्रभावित होते हैं। प्रभावित मकानों का अधिग्रहण कर मुआवजा वितरण किया जा चुका है एवं 19 परिवारों के द्वारा शासन से स्वीकृत विशेष पैकेज अनुसार एकमुश्त पुनर्वास अनुदान प्राप्त कर लिया जाना प्रतिवेदित है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) लोक निर्माण विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार अतिवृष्टि से उतावली नदी में बाढ़ से मार्ग क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण वर्ष 2016-17 में 12 दिन, वर्ष 2019-20 में 19 दिन एवं वर्ष 2020-21 में 15 दिवस तक खासपुरा-कडलावद मार्ग पर वाहनों का आवागमन बंद रहना प्रतिवेदित है।
संचालित की जा रही रेत, मुरूम, गिट्टी की खदानें
[खनिज साधन]
11. ( क्र. 1849 ) श्री राम दांगोरे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खंडवा जिले में खनिज विभाग द्वारा कितनी रेत, मुरूम, गिट्टी की खदानें किन-किन ठेकेदारों द्वारा कब से संचालित की जा रही है और किस समय अवधि तक की जावेगी? इनकों किस दर से खदानें दी गई हैं? खदान स्वीकृति के लिए विगत 5 वर्षों में शासन से जारी दिशा-निर्देश की प्रति भी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत निर्माणाधीन ब्रॉडगेज रेलवे के कार्य के लिए रेलवे ठेकेदारों को कहां-कहां खदानें दी गई है एवं कितने क्षेत्रफल भूमि की दी गई है किस दर से दी गई है? क्या किसी खदान पर जुर्मानें की कार्यवाही अधिरोपित की गई है? यदि हाँ, तो कितना जुर्माना किस-किस खदान से प्राप्त हुआ और यदि जुर्माना माफ किया तो किस आधार पर किया गया? शासन निर्देश की प्रति देवें। (ग) क्या खदानों के लिए पहाड़ियां, छोटा झाड़, जंगल की भूमि का प्रावधान है? यदि हाँ, तो शासन निर्देशों की छाया प्रति देवें। रेल्वे ठेकेदारों ने क्या तय मापदंडों के अनुसार खुदाई की है? यदि हाँ, तो कितने घन मीटर खनिज कितने क्षेत्रफल से निकाला गया है? यदि निर्देशों की अवहेलना हुई है तो दोषी अधिकारियों के विरुद्ध क्या कार्रवाई की गई? कहां-कहां से रेत, गिट्टी, मुरूम लाई गई है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) खंडवा जिले में रेत खनिज की खदान स्वीकृत नहीं है। मुरम एवं क्रशर द्वारा गिट्टी निर्माण हेतु पत्थर खनिज के स्वीकृत उत्खनिपट्टा की प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। उत्खनिपट्टा स्वीकृति किसी दर के आधार पर नहीं दी जाती है। समस्त खदानें अधिसूचित नियम, मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के तहत स्वीकृत हैं। खदान स्वीकृति हेतु पृथक से कोई निर्देश नहीं हैं। (ख) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 68 (6) के प्रावधानों के तहत प्रश्नानुसार स्वीकृत परिवहन अनुज्ञा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। रेल्वे ठेकेदारों के विरूद्ध नियम विरूद्ध उत्खनन करने पर दर्ज प्रकरण एवं किये गये अर्थदण्ड तथा जमा अर्थदण्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। इनमें से किसी प्रकरण पर जुर्माना माफ नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वन संरक्षण अधिनियम, 1980 के तहत विधिवत अनुमति प्राप्त होने पर छोटा झाड़ जंगल की भूमि पर खदान स्वीकृत की जा सकती है। मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में पहाड़ पर खदान स्वीकृत किये जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। यह अधिनियम एवं नियम अधिसूचित है। रेल्वे ठेकेदारों द्वारा अवैध उत्खनन किये जाने पर कार्यवाही की गई है। इसकी जानकारी प्रश्नांश (ख) के उत्तर में दी गई है। नियमों की अवहेलना न होने के कारण दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। रेल्वे ठेकेदारों द्वारा स्वीकृत परिवहन अनुज्ञा एवं जिले में स्थित पत्थर खदानों से मुरम, गिट्टी प्राप्त की गई है। खंडवा जिले से समीपस्थ जिलों से रेत प्राप्त की गई है।
नामांन्तरण एवं सीमांकन के प्राप्त आवेदन
[राजस्व]
12. ( क्र. 1935 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की तहसील, छतरपुर, राजनगर, लवकुशनगर में वर्ष जनवरी 2019 से जनवरी 2021 तक कुल कितने सीमांकन के नामान्तरण के आवेदन प्राप्त हुये। (ख) प्रश्नांश (क) से कुल कितने उक्त तहसीलों में सीमांकन एवं नामान्तरण किये गये जो नहीं हुये उनकी संख्या कारण सहित नामवार बतावें। (ग) शासन के द्वारा नामान्तरण एवं सीमांकन के नियम क्या हैं? यदि जिन अधिकारियों द्वारा नियमों का पालन नहीं किया गया तो क्या शासन उन पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) इस संबंध में जिले के किन-किन संगठनों में जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिये हैं? यदि हाँ, तो उन पर अब तक क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) छतरपुर जिले की तहसील, छतरपुर, राजनगर, लवकुशनगर में वर्ष जनवरी 2019 से जनवरी 2021 तक कुल प्राप्त हुए सीमांकन नामान्तरण के आवेदन पत्र निम्नानुसार है :-
क्र. |
तहसील |
नामांतरण |
सीमांकन |
1 |
राजनगर |
5136 |
646 |
2 |
लवकुशनगर |
2942 |
273 |
3 |
छतरपुर |
8402 |
1382 |
(ख) प्रश्नांश (क) से प्रश्नाधीन तहसीलों में निराकृत तथा शेष सीमांकन एवं नामांतरण के आवेदन पत्र निम्नानुसार है :-
क्र. |
तहसील |
निराकृत |
शेष |
||
नामांतरण |
सीमांकन |
नामांतरण |
सीमांकन |
||
1 |
राजनगर |
3016 |
379 |
2120 |
267 |
2 |
लवकुशनगर |
2846 |
273 |
96 |
0 |
3 |
छतरपुर |
2773 |
941 |
5629 |
441 |
(ग) शासन के द्वारा नामान्तरण एवं सीमांकन के नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रकरणों में साक्ष्याभाव के कारण प्रकरण निराकृत नहीं किए जा सके है। नियमों का पालन किया जा रहा है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (घ) छतरपुर जिले में उक्त संबंध में कोई ज्ञापन प्रकाश में नहीं आया है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता।
राजमार्ग भूमि अधिग्रहण में मुआवजा भुगतान में अनियमितता
[राजस्व]
13. ( क्र. 1936 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय राजमार्ग झांसी खजुराहों के प्राइवेट जमीन अधिग्रहण में 2015 के प्रावधान उपरांत वर्ष 2010 के आधार पर आवार्ड पारित किया गया है दोनों आवार्ड की दरों की प्रतियां तथा आवार्ड पारित दिनांक पर लागू दरें क्यों नहीं लगाई हैं? यदि लगाई हैं तो सूची देवें। (ख) क्या शासन सही संशोधित आवार्ड पातिर कर स्थानीय पीड़ितों को न्याय देगा? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों? (ग) राष्ट्रीय राजमार्ग खजुराहों झांसी अन्तर्गत छतरपुर से बमीठा के बीच भूमि अधिग्रहण के कितने प्रकरण विवादित न्यायालय में गतिशील हैं? कितने लोगों द्वारा मुआवजा प्राप्त कर लिया गया है? सूची देवें। ऐसे कितने प्रकरण हैं जिन्हें आज दिनांक तक भुगतान प्राप्त नहीं हुआ है? नाम, ग्राम, राशि, की जानकारी देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं, राष्ट्रीय राजमार्ग झांसी-खजुराहो के प्रायवेट जमीन अधिग्रहण के प्रकरणों में नेशनल हाइवे एक्ट, 1956 की धारा 3 ए अंतर्गत अधिसूचना के प्रकाशन की दिनांक को तत्समय प्रचलित गाइड-लाइन के आधार पर ही प्रतिकर तथा उस पर अंतिम अवार्ड दिनांक तक की अवधि हेतु 12 प्रतिशत ब्याज लगाकर अंतिम अवार्ड राशि का निर्धारण किया गया है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (ख) राष्ट्रीय राजमार्ग झांसी खजुराहो अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम-1956 की धारा 3 (जी) के तहत सक्षम न्यायालय द्वारा पारित आवार्ड में संशोधन हेतु न्यायालय कमिश्नर, सागर संभाग, सागर के न्यायालय में 425 प्रकरण विचाराधीन है। जिनका निराकरण न्यायिक प्रक्रिया अंतर्गत होगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) तहसील छतरपुर अंतर्गत 07 ग्रामों के प्रकरणों में अवार्ड पारित किये गये है। आज दिनांक 03.03.2021 तक 878 लोगों द्वारा मुआवजा प्राप्त कर लिया है, सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ' अनुसार' है। भुगतान न प्राप्त करने वालों की संख्या 590 है, सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। इसी प्रकार तहसील राजनगर अंतर्गत 13 ग्रामों में अवार्ड पारित किये गये है। दिनांक 26.02.2021 तक 563 लोगों द्वारा मुआवजा प्राप्त कर लिया है, सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। भुगतान न प्राप्त करने वालों की संख्या 183 है सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द' अनुसार' है। राष्ट्रीय राजमार्ग झांसी खजुराहो अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम-1956 की धारा 3 (जी) के तहत सक्षम न्यायालय द्वारा पारित अवार्ड में संशोधन हेतु न्यायालय कमिश्नर, सागर संभाग, सागर के न्यायालय में 425 प्रकरण विचाराधीन है।
राजगढ़ जिले में खनिज खदानें
[खनिज साधन]
14. ( क्र. 1958 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में नवीन खनिज नीति के तहत शासन द्वारा कितनी खदानें लीज पर दी गई हैं? इससे कितनी रायल्टी शासन को प्राप्त हुई है? (ख) पिछले 1 वर्ष में उक्त खदानों से कितने घन मीटर उत्खनन किया गया है? शासन द्वारा कितने घन मीटर उत्खनन की अनुमति दी गई थी? यदि अनुमति से अधिक खनन हुआ है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? (ग) क्या उत्खनन प्रारंभ करने से पूर्व प्रत्येक खदान का माईनिंग प्लान, पर्यावरण विभाग की अनापत्ति एवं सिया की अनुमति ली गई थी? यदि हाँ, तो कितनी खदानों की अनुमति ली गई थी? यदि नहीं, तो कितने खदानों की अनुमति नहीं ली गई? जिन खदानों की अनुमति नहीं ली गई थी उनमें कितना उत्खनन किया गया? (घ) बिना अनुमति के उत्खनन करने पर शासन के नियमानुसार क्या कार्यवाही की जाती है तथा राजगढ़ जिले में इस तरह के प्रकरण में अभी तक क्या कार्यवाही की गई हैं? (ड.) क्या राजगढ़ जिले की समस्त खदानों में जे.सी.बी. तथा पोकलेन मशीनों का उत्खनन में प्रयोग किया गया है? यदि नहीं, तो उत्खनन कैसे हो रहा है। उत्खनन प्रक्रिया का भुगतान विवरण सहित जानकारी दें। उत्खनन में कितनी मशीनें कार्यरत हैं? क्या इनकी शासन के नियमानुसार समस्त अनुमति ली गई है? यदि नहीं, तो विभाग क्या कार्यवाही कर रहा हैं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में नवीन संशोधन दिनांक 22 जनवरी 2021 के तहत जिले में कोई खदान वर्तमान में स्वीकृत नहीं है। मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्यापार) नियम, 2019 दिनांक 30 अगस्त 2019 से अधिसूचित नियम के तहत राजगढ़ जिले की 29 रेत खदानें समूह के रूप में ठेका अवधि 04/06/2020 से 03/06/2023 तक स्वीकृत की गई है। इस रेत समूह से फरवरी 2021 तक रॉयल्टी सहित कुल राशि 1.74 करोड़ प्राप्त हुई है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित रेत खदान के समूह में स्वीकृत वार्षिक ठेका मात्रा 35000 घनमीटर के विरूद्ध दिनांक 28/02/2021 तक 1067 घनमीटर रेत का उत्खनन किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) रेत समूह में स्वीकृत 02 खदान क्रमश: बेराड खसरा क्रमांक 239 रकबा 4.000 हेक्टेयर एवं सईंदाबाद खसरा क्रमांक 12 रकबा 4.000 हेक्टेयर, में समस्त वैधानिक अनुमतियां प्राप्त होकर संचालित हैं। शेष 27 खदानों में वैधानिक अनुमति प्राप्त न होने के कारण खदानें संचालित नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) बिना अनुमति के उत्खनन करने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। प्रश्नाधीन जिले में प्रश्नांश (ग) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) प्रश्नाधीन जिले में स्थित खदानों में जे.सी.बी. तथा पोकलेन मशीन द्वारा उत्खनन किये जाने में कोई प्रतिबंध नहीं है। खदानधारी द्वारा वैधानिक अनुमति में दी गई शर्तों के अनुसार मशीनों का उपयोग आवश्यकतानुसार किया जाता है। प्रश्नाधीन जिले में बिना वैधानिक अनुमति के मशीनों का उत्खनन में उपयोग नहीं किया जा रहा है। उत्खनन में उपयोगित मशीनों की जानकारी अथवा इसके उपयोग में किये गये भुगतान की जानकारी संधारित किये जाने का प्रावधान नियमों में नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अलीराजपुर जिले में कोविड-19 महामारी में व्यय राशि
[राजस्व]
15. ( क्र. 2044 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दि.01.04.2020 से प्रश्न दिनांक तक कोविड-19 महामारी से संबंधित कितनी राशि किन कार्यों के लिए विभाग द्वारा अलीराजपुर जिले में व्यय की गई? इन कार्यों में टेंडर या अन्य प्रक्रिया का पालन किया गया। (ख) परिवहन एवं भोजन हेतु जिन फर्मों व व्यक्तियों को भुगतान किया गया उनके नाम बतावें। इनका क्या टी.डी.एस. काटा गया? (ग) श्रमिकों को लाने के लिए जिले में कितने वाहन भेजे गए थे, कितना भुगतान किया गया है कितनी राशि टी.डी.एस. की काटी गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिले में 01.04.2020 से प्रश्न दिनांक तक कोविड-19 महामारी में विभिन्न मदों में किये व्यय की मदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। टेंडर प्रक्रिया नहीं की गई है। (ख) कोविड-19 महामारी में भुगतान किये गये फर्मों/संस्थाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- "ब" अनुसार है। टी.डी.एस काटा गया है। (ग) जिले द्वारा श्रमिकों को अपने गंतव्य स्थान तक पहुँचाने हेतु कुल 209 वाहन को डीजल सहित किराया राशि रूपये 58,79,929/- का भुगतान किया गया एवं वाहन किराया हेतु राशि रूपये 3005/- टी.डी.एस. कटौत्रा किया गया है।
खण्ड लेखकों का नियमितीकरण
[राजस्व]
16. ( क्र. 2243 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में खण्डलेखक के पद पर कुल कितने कर्मचारी कार्यरत हैं? जिलेवार जानकारी दी जावें। उनकी भर्ती की क्या प्रक्रिया अपनाई गई है? (ख) खण्डलेखकों में से कितनों को सहायक ग्रेड-03 के पद पर नियुक्त किया गया है। शेष को कब तक नियमित किया जायेगा? (ग) क्या प्रदेश के अन्य जिलों में खण्डलेखकों को नियमित कर दिया है या मात्र कटनी जिले में ही नियमित किया जाना शेष है? क्या मुख्यमंत्री जी ने वर्ष 2013 में जम्हूरी मैदान में खण्डलेखकों का संविलियन सहायक ग्रेड-3 में किए जाने की घोषणा की थी? यदि हाँ, तो अभी तक संविलियन आदेश क्यों जारी किए गए? कब तक किये जायेंगे। (घ) कार्यालय कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट कटनी ने तहसीलदार कटनी को पत्र क्रमांक 12973/एस.डब्ल्यू/2019 दिनांक 01.01.2019 लिखकर जानकारी चाही थी, उस संबंध में तहसीलदार द्वारा क्या जानकारी दी गई? उसकी एक प्रति दें। यदि नहीं, दी गई तो कारण बताएं। (ड.) कटनी जिले के कटनी में पदस्थ तहसीलदार मुनब्बर खान की विगत 5 वर्ष से प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी शिकायतें शासन/कलेक्टरों को उनकी पदस्थापना स्थलों में प्राप्त हुई? उन पर शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मध्यप्रदेश के तहसील कार्यालयों में खण्डलेखक के पद पर कार्यरत कर्मचारियों की तहसीलवार संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- ''अ'' पर है। इनकी भर्ती मध्यप्रदेश जिला कार्यालय कार्यवाही निर्देशिका के अध्याय 15 की कण्डिका 3 एवं वित्तीय संहिता भाग- 2 के परिशिष्ट क्रमांक 6 की कंडिका 65 में निहित प्रावधान अनुसार की गई थी। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। जानकारी उत्तरांश (ख) अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उद्भुत नहीं होता। (ड.) कटनी जिले में पदस्थ श्री मुनौब्बर खान, तहसीलदार की कटनी जिले में पदस्थापना अवधि के दौरान 21 शिकायतें प्राप्त हुई है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
17. ( क्र. 2244 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर, कटनी एवं सतना जिले में 01 जनवरी 2017 के पश्चात कितनी कितनी उचित मूल्य की दुकानों पर किन अनियमितताओं के लिए किस-किस व्यक्ति के खिलाफ पुलिस प्रकरण दर्ज हुए हैं? कितने के चालान पुलिस द्वारा मान. न्यायालय में दर्ज किये? कितनों के नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) के जिलों में उक्त अवधि में कितनी उचित मूल्य की दुकानों के संचालकों की अनियमितताओं के चलते लाइसेंस किस-किस सक्षम अधिकारी ने निरस्त किये तथा क्या कारण रहे कि अनियमितताओं के बावजूद पुन: उसी संचालक को दुकान संचालित करने हेतु लाइसेंस दे दिया? ऐसे कितने प्रकरण प्रकाश में आये। (ग) प्रश्नांश (क) के जिलों में प्रश्न दिनांक तक क्या सभी उचित मूल्य की दुकानों पर थम्ब इम्प्रेशन से राशन का भुगतान किया जा रहा है? क्या वर्तमान में शासन द्वारा सभी दुकानों पर ऑफलाईन/बिना थम्ब इम्प्रेशन सामग्री वितरण देने हेतु निर्देश प्रदान किये हैं? यदि हाँ, तो निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क) जिलों में खाद्य सामग्री में मिलावट को लेकर गत 01 जनवरी 2018 के पश्चात कितने व्यक्तियों को किस-किस मिलावट के लिए कितने-कितने वर्ष की मान. न्यायालय द्वारा सजा/जुर्माना हुआ है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय आराजी को खुर्द-बुर्द करना
[राजस्व]
18. ( क्र. 2355 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले की मझगवां में पदस्थ रहे अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) आर.के. चौधरी को कलेक्टर सतना (भू-प्रबंधन) के पत्र क्र. 2713/18/भू प्रबंधन/तक/06 सतना दिनांक 01.02.2006 के द्वारा निर्देशित किया गया था कि ग्राम कामता चित्रकूट के नक्शा एवं बन्दोबस्ती शीट के रकबे में कमी एवं बेसी की भिन्नताओं और विसंगतियों को सुधारने के लिये जाँच दल गठित करें, जिसके परिपालन में जाँच दल द्वारा 1958-59 के खसरा के रकबे से मिलान में आराजी नम्बर 1016 एवं 1017 में भिन्नता पाई गई थी, जिसके बावजूद अनुविभागीय अधिकारी द्वारा दिए गए फैसले में शासकीय आराजी नं. 1016 के मूल बन्दोबस्ती सन् 1958-59 अनुसार 5.10 एकड़ में स्थान पर 3.65 शेष रहा गया पाया गया और नक्शे के स्वरूप में परिवर्तन कर 1.45 एकड़ गायब कर दिया गया? (ख) क्या जिला प्रशासन द्वारा ग्राम कामता के नक्शे में सुधार करवाते हुये प्रश्नांश (क) के फैसले के अनुसार शासकीय आराजी को उसके मूल स्वरूप 5.10 एकड़ में लाने का प्रयास किया गया? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्यों न यह माना जाय कि राजस्व अधिकारियों, कर्मचारियों एवं भूमाफियाओं की मिलीभगत से शासकीय आराजी को खुर्द-बुर्द की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। 1958-59 की खतौनी के रकबे में मिलान उपरांत 1016,1017 के नक्शे में भिन्नता पाई जाने के कारण आ.नं. 1016 के मूल बन्दोबस्ती नक्शा शीट में सुधार कर वास्तविक रुप से खसरा अनुसार 3.65 एकड़ रकबा किया गया। (ख) प्रश्नांकित फैसले के अनुसार 1016, 1017 में नक्शे में सुधार किया जा चुका है। खसरा नम्बर 1016 की बन्दोबस्त नक्शा शीट तथा चालू नक्शे में सुधार पश्चात् खसरा अनुसार रकबा 3.65 एकड़ किया गया। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
लोक सेवा केन्द्रों में प्राप्त आवेदन
[लोक सेवा प्रबन्धन]
19. ( क्र. 2375 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में 1 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक लोक सेवा केन्द्रों में किन-किन सेवाओं हेतु कितने-कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुए? किस-किस हेतु कितना-कितना शुल्क निर्धारित है? लोक सेवा केन्द्र के बाहर लिखवाया क्यों नहीं गया? (ख) कितने आवेदन पत्रों में सेवाएं समय-सीमा में दी गई? कितने आवेदन पत्रों में सेवाएं समय-सीमा में नहीं दी गई तथा क्यों? इसके लिए कौन-कौन जबावदार हैं तथा शासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) किस-किस सेवा के कितने आवेदन पत्र क्यों निरस्त किये गये? कितने आवेदन पत्र लंबित है तथा उनका कब तक निराकरण होगा? (घ) (क) अवधि में लोक सेवा केन्द्रों में निर्धारित शुल्क से अधिक शुल्क लेने, केन्द्र के बाहर किस सेवा के लिए कितना शुल्क निर्धारित है को नहीं लिखवाने, अधिक शुल्क लेने की किन-किन माध्यमों से कितनी शिकायतें प्राप्त हुई तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) रायसेन जिले में 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक लोक सेवा केन्द्रों में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार आवेदन पत्र प्राप्त हुए। लोक सेवा केन्द्र के माध्यम से विभिन्न सेवाओं हेतु निर्धारित शुल्क की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। सभी लोक सेवा केन्द्रों में सेवाओं एवं शुल्क की सूची चस्पा की गई है। (ख) 218188 आवेदन पत्रों में सेवाएं समय-सीमा में दी गई है। 2437 आवेदन पत्रों में सेवाएं समय-सीमा में नहीं दी गई। लोक सभा निर्वाचन 2019, कोविड-19, लोक सेवा पोर्टल एवं इंटरनेट की तकनीकी समस्या आदि के कारण पदाभिहित अधिकारी द्वारा निराकरण में विलम्ब हुआ। विलम्ब हेतु जवाबदार पदाभिहित अधिकारियों को अधिनियम अंतर्गत प्रकरण अपील में दर्ज कर नोटिस जारी किये गये एवं दोषी अधिकारियों पर शास्ति अधिरोपित की गई। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 3 एवं 4 अनुसार है। (ग) 71 सेवाओं के 15706 आवेदन पत्र संबंधित पदाभिहित अधिकारी द्वारा जाँच में अपात्र पाये जाने/आवश्यक दस्तावेज संलग्न न होने के कारण निरस्त किये गये है। 3274 आवेदन पत्र लंबित है जिनका निराकरण निर्धारित समय-सीमा में सतत् प्रक्रिया अनुसार किया जाता है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। (घ) (क) अवधि में लोक सेवा केन्द्रों में निर्धारित शुल्क से अधिक शुल्क लेने के संबंध में सीएम हेल्पलाईन के माध्यम से कुल 02 शिकायतें प्राप्त हुई है। शिकायतकर्ता को आवेदन हेतु लिये जाने वाले शुल्क की जानकारी न होने के कारण उनके द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई थी। शुल्क की स्पष्ट जानकारी उपलब्ध कराये जाने पर उनके द्वारा शिकायत संतुष्टि से बंद कराई गई। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहकारी संस्थाओं की स्थिति
[सहकारिता]
20. ( क्र. 2376 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में कितनी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां संचालित हैं उनके द्वारा किसानों को क्या-क्या सुविधायें प्रदान की जाती हैं? (ख) उक्त संस्थाओं को वर्ष 2018-19 से फरवरी, 2021 तक शासन से किस मद में क्या राशि दी गई है? उक्त राशि किन मदों में व्यय की गई? (ग) उक्त संस्थाओं के आय के क्या-क्या स्त्रोत हैं? कितने कर्मचारी कार्यरत हैं? क्या उनको वेतन मानदेय दिया जा रहा है? (घ) 31 मार्च, 2020 की स्थिति में उक्त संस्थाओं को कितनी राशि का लेना-देना है? संस्थावार जानकारी उपलब्ध करावें। किन-किन संस्थाओं का ऑडिट कब से नहीं हुआ? कब तक ऑडिट कराया जायेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) 114 समितियां, इनके द्वारा पात्र सदस्यों को निम्नलिखित सुविधाएं प्रदान की जाती हैः- 1. कृषि फसल हेतु किसान क्रेडिट कार्ड (नकद एवं वस्तु) शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाता है। 2. खाद बीज एवं कृषि आदान हेतु ऋण उपलब्ध कराया जाता है। 3. समर्थन मूल्य पर कृषि उपज का उपार्जन कार्य संस्थाओं द्वारा किया जाता है। 4. प्रधानमंत्री फसल बीमा का लाभ दिलाने का कार्य संस्था द्वारा किया जाता है। 5. संस्थाओं द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली योजनांतर्गत उपभोक्ता व्यवसाय कार्य किया जाता है। (ख) वर्ष 2018-19 से फरवरी 2021 तक शासन से मदवार प्राप्त राशि एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ग) खाद बीज क्रय विक्रय, उपभोक्ता व्यवसाय, कृषि उपज उपार्जन कार्य से प्राप्त कमीशन, प्रबंधकीय अनुदान विनियोजनों से आय एवं वितरित कृषि तथा अकृषि ऋण से प्राप्त ब्याज आदि संस्थाओं के आय के प्रमुख स्त्रोत है। 615 कर्मचारी कार्यरत है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (घ) सहकारी संस्थाओं के वित्तीय पत्रक 31 मार्च की स्थिति पर बनाये जाते है, इसलिये 31 मार्च 2020 पर जिले की पैक्स संस्थाओं की लेनदारी देनदारी की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 03 अनुसार है। जिले की पैक्स संस्थाओं की अंकेक्षण की स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 04 अनुसार है। शेष अंकेक्षण यथा शीघ्र पूर्ण करा लिया जायेगा, समयावधि बताना संभव नहीं है।
जिला भिण्ड में परिवहन विभाग को कैम्प करने हेतु निर्देशित किया जाना
[परिवहन]
21. ( क्र. 2436 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न 3035 दिनांक 20 मार्च 2017 के संदर्भ में विभागीय मंत्री ने यह जानकारी दी थी कि दिनांक 14.12.2015 को परिवहन विभाग के विधेयक पर चर्चा के दौरान यह आश्वासन दिया था कि आर.टी.ओ. भिण्ड को यह निर्देशित किया जाएगा कि वे सप्ताह में एक दिन लहार कार्यालय में बैठेगें और जो कार्य हो वह करें तदोपरांत तहसील लहार में परिवहन विभाग का अस्थायी कैंप माह में प्रत्येक गुरूवार को लगाए जाने की कार्यवाही शुरू की गई है? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या सप्ताह में एक दिन आर.टी.ओ. भिण्ड लहार में बैठते हैं एवं माह के हर गुरूवार को लहार में परिवहन विभाग का कैम्प लगाया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों तथा क्या परिवहन के एक कर्मचारी नियमित रूप से लहार मुख्यालय पर बैठने हेतु निर्देशित किया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उक्त प्रश्न के प्रश्नांश (घ) के उत्तर में क्या माननीय मंत्री जी द्वारा यह भी बताया गया था कि परिवहन विभाग का प्रस्तावित सेटअप जिसमें भिण्ड जिले के पद भी शामिल हैं, शासन स्तर पर विचाराधीन है? यदि हाँ, तो क्या उक्त सेटअप में भिण्ड जिले के लिए एक सहायक परिवहन अधिकारी का पद भी स्वीकृत किया जाना प्रस्तावित है अथवा स्वीकृत कर दिया गया है? यदि स्वीकृत कर दिया गया है तो क्या किसी सहायक परिवहन अधिकारी की पदस्थापना भिण्ड जिले में कर दी जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) नवंबर 2016 से फरवरी 2020 तक परिवहन विभाग द्वारा तहसील लहार में अस्थाई कैंप का संचालन माह के प्रत्येक गुरूवार को किया जा रहा था। मार्च 2020 से कोरोना वायरस के संक्रमण बचाव को दृष्टिगत रखते हुए लॉकडाउन के दौरान समस्त शासकीय कार्यालय भी बद रखे जाने के निर्देश दिये गये थे। अनलॉक की प्रक्रिया प्रांरभ होने पर अब शासकीय कार्यालयों में दैनंदिन कामकाज प्रारंभ हो गया है, इसी क्रम में लहार में अस्थाई कैम्प की व्यवस्था पुनः पूर्ववत प्रारंभ किया जाना सुनिश्चित किया जा रहा है। (ग) जी हाँ। जिला परिवहन कार्यालय भिण्ड में एक पद क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी एवं एक पद सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी का स्वीकृत है। वर्तमान में भिण्ड परिवहन कार्यालय में जिला परिवहन अधिकारी के पद पर श्री अनुराग शुक्ला, सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी दिनांक 25.09.2020 से पदस्थ हैं।
खाद्यान्न से वंचित कार्डधारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
22. ( क्र. 2497 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले कितने बी.पी.एल. कार्डधारी उपभोक्ता पात्रता पर्ची अथवा पात्रता पर्ची का खाद्यान्न वितरण करने वाली लिस्ट में नाम दर्ज न होने से खाद्यान्न से वंचित हैं? जिला प्रशासन ने कितने कार्डधारकों को पात्रता पर्ची प्रदायकर राशन वितरण करने वाली लिस्ट में दर्ज किये हैं एवं कितने दर्ज करना है? वार्डवार वर्ष 2020-2021 की स्थानीय निकायवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में लोक सेवा केन्द्र में बी.पी.एल. कार्ड में मुखिया का नाम परिवर्तन करने हेतु कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुये हैं? इनमें से कितने कार्डधारकों के मुखिया का नाम परिवर्तन निर्धारित समयावधि में किया गया है एवं कितने का नाम परिवर्तन नहीं किया गया एवं क्यों? (ग) वन नेशन वन कार्ड योजना के तहत कितने कार्डधारकों को आधार कार्ड सीडिंग से जोड़ा गया है एवं कितने जोड़ना बकाया हैं। डोर टू डोर राशन कार्ड सत्यापन में कितने-कितने फर्जी/अपात्र कार्डधारकों के नाम काटे गये हैं एवं कितने नाम जोड़े गये है तथा कितने शेष हैं एवं क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) नगर निगम जबलपुर के तहत वैध पात्र परिवार खाद्यान्न प्राप्त करने से वंचित नहीं हैं। नगर निगम जबलपुर जिले में प्राथमिकता एवं अंत्योदय अन्य योजना श्रेणी अंतर्गत लाभान्वित परिवारों की स्थानीय निकायवार एवं वार्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। आवेदक परिवारों द्वारा आवश्यक वैध दस्तावेजों सहित आवेदन प्रस्तुत करने पर उनकी पात्रता व दस्तावेजों का परीक्षण, सत्यापन कर पात्रता पर्ची एवं सामग्री आवंटन जारी कर प्रदाय किए जाने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। यह एक सतत् प्रक्रिया है। (ख) लोकसेवा केन्द्र से बीपीएल कार्ड में मुखिया के नाम में परिवर्तन करने हेतु वर्ष 2020-21 में फरवरी 2021 तक 110 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें मुखिया का नाम परिवर्तन निर्धारित समयावधि में किया गया है, जिला खाद्य कार्यालय में मुखिया के नाम परिवर्तन संबंधी कोई आवेदन लंबित नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वन नेशन वन कार्ड योजना के अंतर्गत जबलपुर नगर निगम अंतर्गत 4,27,567 पात्र हितग्राहियों की आधार सीडिंग की गई है, 9,415 हितग्राहियों की आधार सीडिंग शेष है। वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के तहत प्रत्येक पात्र परिवार के कम से कम एक सदस्य के डाटाबेस में आधार नम्बर सीडिंग पूर्ण है। नगर निगम जबलपुर में स्थानीय निकाय के अमले द्वारा विवाह हो जाने से परिवार से पृथक हुई महिला सदस्य/मृत्यु/दोहरे होने आदि कारणों से चिन्हांकित 37,466 अपात्र परिवारों को पोर्टल से अस्थाई रूप से पृथक किया गया है। माह सितम्बर 2020 से प्रश्न दिनांक तक नगर निगम जबलपुर में वैध दस्तावेजों सहित आवेदन प्रस्तुत करने वाले 10,176 परिवारों को नवीन पात्रता पर्ची जारी की गई है। प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार नवीन परिवारों को जोड़ा जाना एक सतत् प्रक्रिया है।
पुनर्स्थापित परिवारों की समस्याओं का निराकरण
[राजस्व]
23. ( क्र. 2501 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला प्रशासन जबलपुर ने नगर निगम सीमान्तर्गत स्थित शासकीय नजूल भूमि की सुरक्षा, अवैध कब्जा, अतिक्रमण व निर्माण कार्य की रोकथाम हेतु क्या व्यवस्था एवं उपाय किये हैं? शासकीय राजस्व अभिलेख में शासन के नाम दर्ज कहां-कहां पर स्थित कितनी-कितनी भूमि को मुक्त कराया है? वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक भूमि का स्थान प.ह.न.ख.न. व रकबा सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में स्थित कहां-कहां कितने-कितने विस्थापित परिवारों को कहां-कहां पर कितनी-कितनी भूमि पर पुनर्स्थापित (बसाया) किया गया? इसके पुनर्वास हेतु कहां-कहां पर क्या-क्या बुनियादी सुविधाएं व व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई गई हैं तथा कहां-कहां पर कौन-कौन सी सुविधाएं एवं व्यवस्था नहीं हैं एवं क्यों? (ग) प्रश्नांकित किन-किन पुनर्वास स्थलों का कब-कब किस-किस ने आकस्मिक निरीक्षण किया है तथा पुनर्स्थापित परिवारों की समस्याओं, परेशानियों व कठिनाईयों को हल करने हेतु क्या-क्या उपाय एवं व्यवस्था की है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जबलपुर जिले में जिला प्रशासन द्वारा नगर निगम सीमान्तर्गत स्थित शासकीय नजूल भूमि में अवैध कब्जा/अतिक्रमण व निर्माण की रोकथाम के लिये यथा समय कार्यवाही की जाती हैं। शासकीय राजस्व अभिलेख में शासन के नाम दर्ज भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराए जाने संबंधी जानकारी स्थान, पटवारी हल्का नंबर खसरा नंबर व रकबा सहित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में स्थित विस्थापित परिवारों को पुनर्स्थापित किया गया एवं विस्थापित परिवारों को पुनर्स्थापित करने व उन्हें बुनियादी, सुविधाएं व व्यवस्थाओं संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) पुनर्वास स्थलों के आकस्मिक निरीक्षण तथा पुनर्स्थापित परिवारों की समस्याओं आदि संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
अनुग्रह सहायता राशि के संबंध
[श्रम]
24. ( क्र. 2536 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भवन और अन्य संनिर्माण कर्मकार सहपठित मध्यप्रदेश नियम, 2002 के नियम 277 के अन्तर्गत निर्माण श्रमिक जो कि म. प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अन्तर्गत वैध पात्रताधारी नहीं हैं की निर्माण कार्य के दौरान मौत होने की दशा में अनुग्रह सहायता राशि दी जाती है। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, है तो 01-01-2020 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र पानसेमल में कितने हितग्राही लाभान्वित हुए? हितग्राहियों की सूची देवें कुल कितने श्रमिकों की मौत कार्य स्थल पर हुई? कितने को योजना का लाभ मिला कितनो को योजना का लाभ नहीं मिला? कारण सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, है तो नगर पंचायत परिषद अंजड, जिला- बड़वानी में 31-07-2020 से 30-09-2020 की अवधि में सुल्ताना पति मोहम्मद जहीर के संबंध में अनुग्रह सहायता के आवेदन के साथ संलग्न समस्त दस्तावेजों का विवरण देवें तथा आज दिनांक तक की गई समस्त कार्यवाहियों का विवरण देवें एवं यदि आवेदक को लाभ प्राप्त हो गया है, तो भुगतान दिनांक बतावें। यदि लाभ प्राप्त नहीं हुआ है, तो क्या कारण है? कब तक प्रकरण का निराकरण हो जावेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) ऐसे पात्र निर्माण श्रमिक जो कि मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के अंतर्गत वैध परिचय पत्रधारी नहीं है/पंजीकृत नहीं है, की निर्माण कार्य के दौरान मृत्यु की दशा में अंत्येष्टि तथा अनुग्रह राशि तथा स्थायी अपंगता की स्थिति में अनुग्रह राशि दी जाती है। (ख) 01.01.2020 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र पानसेमल में मण्डल की ''निर्माण स्थल पर कार्य के दौरान अपंजीकृत श्रमिक की मृत्यु की दशा में अंत्येष्टि एवं अनुग्रह राशि भुगतान योजना 2014'' अंतर्गत लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी निरंक है। उक्त अवधि में विधानसभा क्षेत्र पानसेमल में किसी अपंजीकृत श्रमिक की निर्माण स्थल पर कार्य के दौरान मृत्यु का प्रकरण संज्ञान में नहीं आया। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) नगर पंचायत परिषद अंजड, जिला-बड़वानी में श्रीमती सुल्ताना पति मोहम्मद जहीर द्वारा अपने पति मोहम्मद जहीर की मृत्यु निर्माण स्थल पर कार्य के दौरान होने पर, अपंजीकृत श्रमिक की मृत्यु की दशा में अंत्येष्टि एवं अनुग्रह राशि भुगतान योजना 2014 के अंतर्गत प्रश्नांकित अवधि में प्रस्तुत आवेदन एवं संलग्न दस्तावेजों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उक्त आवेदन के संबंध में नगर पंचायत अंजड, जिला बड़वानी द्वारा जिला श्रम पदाधिकारी, बड़वानी को प्रकरण दिनांक 08.01.2021 को अग्रेषित किया गया। कार्यालय श्रम पदाधिकारी, जिला बड़वानी द्वारा प्रकरण के संबंध में पत्र क्र. 179 दिनांक 21.01.2021 तथा पत्र क्र. 399 दिनांक 16.02.2021 आवंटन हेतु मण्डल कार्यालय को प्रेषित किया। मण्डल कार्यालय द्वारा पत्र क्र. 1274 दिनांक 24.02.2021 द्वारा प्रकरण में भुगतान हेतु आवंटन श्रम पदाधिकारी, बड़वानी को जारी किया गया। कार्यालय श्रम पदाधिकारी, जिला बड़वानी द्वारा पत्र क्र. 477, दि. 24.02.2021 द्वारा ईपीओ क्र.165748 दि. 24.02.2021 के माध्यम से अनुग्रह राशि का भुगतान हितग्राही को किया जा चुका है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गुणवत्ताहीन खाद्यान्न वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
25. ( क्र. 2873 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा केंद्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले गरीबों व अन्य श्रेणियों में पंजीकृत पात्र हितग्राहियों को सस्ता गेंहू,चावल,दाल,तेल,नमक व शक्कर इत्यादि खाद्यान्न सामग्री वितरित की गई? (ख) यदि हाँ, तो रतलाम जिले को वर्ष 2020 के माह नवम्बर से लेकर प्रश्न दिनांक तक कुल कितना आवंटन प्राप्त होकर जिले के अंतर्गत कितना खाद्यान्न वितरण हुआ? (ग) अवगत कराएं कि प्रदेश में जिलेवार खाद्यान्न वितरण किस परिवहन प्रक्रिया के माध्यम से जिलों में भेजा जाता है, रतलाम जिले की जानकारी दें l (घ) जानकारी दें कि गुणवत्ता विहीन गेंहू,चावल प्रदेश को प्राप्त हुए तो किस सक्षम अधिकारी अथवा अधिकृत एजेंसी द्वारा गुणवत्ता के प्रमाणीकरण व भौतिक सत्यापन किये, इस हेतु कौन जिम्मेदार होगा तथा रतलाम जिले अंतर्गत यदि अनियमितता की जानकारी प्राप्त हुई तो किस प्रकार जाँच की जाकर क्या कार्यवाहियां की? जिलेवार प्राप्त शिकायतों पर जाँच व की गई कार्यवाहियों से अवगत कराएंl
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सिंचाई हेतु तालाबों की स्वीकृति
[जल संसाधन]
26. ( क्र. 2913 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी, 2018 से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन जल संसाधन संभाग में प्रस्तावित सिंचाई तालाबों हेतु कब-कब स्थल निरीक्षण किया गया है? जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में किये गये स्थल निरीक्षणों के उपरान्त किन-किन प्रस्तावित तालाबों के संबंध में साध्यता संबंधी डाटा विभागीय पोर्टल पर ऑनलाईन अपलोड किया जा चुका है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में नीमच विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत जीरन तहसील के किन-किन सिंचाई तालाबों के प्रस्ताव शासन को प्राप्त होकर उनके विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन पर शासन स्वीकृति अपेक्षित है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) स्थल निरीक्षण किए गए चिन्हित परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) विभागीय वेबसाइट में दर्ज चिन्हित परियोजनाएं एवं प्रक्रियाधीन परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) नीमच विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जीरन तहसील से संबंधित परियोजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। शासन स्तर पर कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
27. ( क्र. 3004 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जीरापुर तहसील जिला राजगढ़ में छापी मध्यम परियोजना के सेंडल डेम नहर के निकट शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाकर तहसीलदार जीरापुर द्वारा अतिक्रमण धारी पर जुर्माना लगाया गया था? (ख) क्य उक्त बहुमूल्य भूमि पर पुन: अनाधिकृत लोगों द्वारा राजनैतिक प्रभाव से कब्जा कर लिया गया है? अगर हाँ, तो किन लोगों द्वारा इस भूमि पर कब्जा किया गया है? (ग) शासकीय बहुमूल्य भूमि से अनाधिकृत व्यक्तियों का अतिक्रमण हटाने हेतु शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? इस बावत् प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर राजगढ़ को लिखित एवं मौखिक संज्ञान में लाने के बावजूद कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? कार्यवाही की समय-सीमा बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) सर्वे क्रमांक 1488 पर अतिक्रमण संबंधी जानकारी प्राप्त होने पर तहसील कार्यालय जीरापुर में प्रकरण क्रमांक 60/बी-121/2020-21 दर्ज किया जाकर निम्नानुसार व्यक्तियों को अनाधिकृत कब्जे हेतु नोटिस जारी किया गया :- 1. गोपाल पिता भागीरथ दांगी जीरापुर 2. शिवचरण पिता उकार बक्ष दांगी 3. देवनारायण पिता बाबरू दांगी जीरापुर 4. चम्पालाल पिता हजारीलाल दांगी काषीखेडी 5. राजेश पिता राधेश्याम मंडलोई दांगी जीरापुर 6. दरबारसिंह पिता दुलेसिंह राजपूत निवासी रनारा खिलचीपुर 7. लक्ष्मीनारायण मंडलोई पिता रूगनाथ दांगी जीरापुर 8. रामप्रताप पिता रतनलाल जाति दांगी निवासी केषरपुरा 9. बापूलाल पिता हजारीलाल दांगी निवासी काषीखेडी 10. संजय भावसार पिता शिवप्रसाद भावसार जीरापुर 11.गोपाल भावसार पिता शिवप्रसाद भावसार जीरापुर 12.रामप्रसाद पिता भागीरथ दांगी जीरापुर 13.बबली बाई बैवा बद्रीलाल जाति दांगी जीरापुर 14.जगदीश पिता भागीरथ दांगी जीरापुर 15.हजारीलाल पिता भागीरथ दांगी जीरापुर 16. लक्ष्मीनारायण पिता भागीरथ दांगी जीरापुर (ग) शासकीय भूमि पर काबिज अनाधिकृत व्यक्तियों का अतिक्रमण हटाने हेतु न्यायालय तहसीलदार जीरापुर द्वारा प्रकरण क्रमांक 60/बी-121/2020-21 दर्ज किया जाकर कार्यवाही की जा रही है। न्यायालय निर्णय अनुसार आगामी कार्यवाही सम्पादित की जायेगी। प्रकरण न्यायालय में प्रचलित होने से कार्यवाही की समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
राजस्व गांव घोषित कर पट्टे वितरित किया जाना
[राजस्व]
28. ( क्र. 3018 ) श्री करण सिंह वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र इछावर के जो गांव राजस्व ग्राम बनने के नियम पूरे करते हैं, उन्हें सर्वें करवा कर राजस्व गांव बनाने हेतु क्या मध्यप्रदेश शासन कैम्प लगाने का विचार कर रही है? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रदेश में राजस्व गांव कैसे घोषित किये जाते हैं? (ग) इछावर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ग्राम अबिदाबाद चारमंडली एवं ग्राम वीरपुर में राजस्व विभाग द्वारा वर्ष 2002 से प्रश्न दिनांक तक अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के कितने हितग्राहियों को कब-कब एवं कहां-कहां भू-अधिकार के पट्टे वितरित किये गये तथा उक्त सभी लाभांवित हितग्राही इन क्षेत्रों में कब से निवास कर रहे हैं? (घ) क्या उक्त पट्टा वितरण कार्य में भारी भेदभाव बरता जाकर पात्र हितग्राहियों को वंचित किया गया एवं कुछ अपात्र व्यक्तियों को शासन की नीति का गलत तरीकें से लाभ दे दिया गया है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। शासन द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुसार पात्र मजरे टोलों/गांवों को राजस्व ग्राम घोषित करने की सतत् प्रक्रिया है। (ख) म.प्र.भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 71 के तहत राजस्व गांव घोषित किये जाते हैं। (ग) तहसील इछावर ग्राम अबीदाबाद (चार मंडली) एवं ग्राम वीरपुर में राजस्व विभाग द्वारा वर्ष 2002 से प्रश्न दिनांक तक अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसी भी हितग्राहियों को पट्टे नहीं दिए गए। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
मार्केटिंग संस्था की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
29. ( क्र. 3035 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में कुल कितनी मार्केटिंग संस्थाएं है? इनके द्वारा दिनांक 01.01.2018 से 30-06-2020 तक गेहूँ का कितना उपार्जन किया गया? संस्थावार, मात्रा सहित वर्षवार बतावें। (ख) क्या कारण है कि नागदा जं. व खाचरौद संस्थाओं द्वारा उपार्जित गेहूँ व इनके द्वारा भण्डारण स्थल पर जमा गेहूँ की मात्रा में भारी अंतर हैं? प्रश्नांश (क) अवधि अनुसार भण्डारित गेहूँ की मात्रा नागदा जं. व खाचरौद संस्थाओं के संदर्भ में देवें। (ग) उपरोक्तानुसार नागदा जं. एवं खाचरौद संस्थाओं में भारी अनियमितता से शासन को हो रही हानि को देखते हुए इन संस्थाओं को बंद करके अन्य संस्थाओं को उपार्जन कार्य कब तक दिया जाएगा? (घ) यदि नहीं, तो कारण बतावें कि शासन को हानि पहुँचाने वाली इन संस्थाओं को संरक्षण क्यों दिया जा रहा है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जैतहरी एवं पुष्पराजगढ़ में वारिसाना नामांतरण के प्रकरण
[राजस्व]
30. ( क्र. 3051 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले के अन्तर्गत जैतहरी एवं पुष्पराजगढ़ तहसील में वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक में कितने वारिसाना नामांतरण किये गये है व कितने प्रकरण लंबित हैं लंबित होने का क्या कारण है कब तक लंबित सभी प्रकरणों का निराकरण किया जायेगा। (ख) अनूपपुर जिले में पुष्पराजगढ़ व जैतहरी में कितने हितग्राहियों को वास दखल कार का पट्टा दिया गया है एवं कितने आवेदन प्राप्त हुए कितने पात्र व अपात्र हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) तहसील पुष्पराजगढ़ अन्तर्गत वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक कुल 1935 वारिसाना नामान्तरण किये गये हैं तथा 93 प्रकरण लंबित है। तहसील जैतहरी अंतर्गत वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक 960 वरिसाना नामांन्तरण दर्ज किए गए है, 103 लंबित है। लंबितप्रकरणों में कार्यवाही प्रचलित है। विधिवत सुनवाई की जाकर समय-सीमा में निराकरण कर दिया जावेगा। (ख) अनुविभाग पुष्पराजगढ़ अन्तर्गत कुल 137 आवेदन प्राप्त हुए जिसमे वासस्थान दखलकार अधिनियम अंतर्गत कुल 131 पात्र हितग्राहियो का पट्टा दिया गया हैं तथा 06 अपात्र है। अनुविभाग जैतहरी अंतगर्त म.प्र. वास स्थान दखलकार अधिनियम के तहत 2017 से अब तक 69 ओवदन पत्र प्राप्त हुए जिनमे से 9 हितग्राही पात्र होने से उन्हे पट्टा दिया गया है तथा 60 आवेदन पत्र अपात्र होने से खरिज किए गए हैं।
अनुपपुर जिले में धान खरीदी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
31. ( क्र. 3052 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक अनुपपुर जिले में कितने क्विटंल धान खरीदी गयी। धान खरीदी की सरकार की आखिरी तारीख क्या थी, अनूपपुर जिले के कितने किसानों का भुगतान आज तक नहीं हुआ है और क्यों? इस हेतु दोषी कौन है। (ख) क्या अनूपपुर में सरकार द्वारा घोषित तारीख खत्म होने के बाद बालाघाट में धान खरीदी की गयी है, किस-किस नियम से और कितना क्विंटल धान खरीदी गई एवं किसान को किस रेट से भुगतान किया गया है? (ग) प्रबंधक विपणन सहाकरी संघ अनूपपुर ने शासन के किस आदेश पर तारीख खत्म होने के बाद खरीदी की है, आदेश की छायाप्रति देवें। (घ) अनूपपुर जिले अंतर्गत एफ.सी.आई. गोदामों में कितने गोदाम पंजीकृत हैं सूची उपलब्ध करायें उक्त गोदामों में किस-किस जगह अनाज का भंडार किया जा रहा है, जानकारी उपलब्ध करायें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) अनूपपुर जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर 45,617.3 एवं वर्ष 2020-21 में 71,036.12 मे.टन धान का उपार्जन किया गया है। अनूपपुर जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में दिनांक 20.01.2020 एवं वर्ष 2020-21 में दिनांक 15.01.2021 धान उपार्जन की अंतिम तिथि निर्धारित थी। खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित एवं स्वीकृत मात्रानुसार समस्त किसानों को समर्थन मूल्य की राशि का भुगतान किया जा चुका है। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में उपार्जन करने वाली संस्था द्वारा धान का परिदान न करने के कारण 21 किसानों का भुगतान लंबित है। उपार्जन मात्रानुसार धान का परिदान करने का दायित्व उपार्जन समिति का है। (ख) बालाघाट में खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में धान खरीदी का कार्य दिनांक 25.01.2020 तक एवं वर्ष 2020-21 में दिनांक 15.01.2021 तक धान उपार्जन का कार्य किया गया। शासन द्वारा निर्धारित अवधि के पश्चात् धान की खरीदी नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन की अवधि अनूपपुर जिले के लिए दिनांक 20.01.2020 निर्धारित की गई थी। ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीकृत किसानों में से जिन किसानों को वैध ऑनलाईन कृषक तौल पर्ची जारी की गई थी किन्तु, उपज की तौल एवं खरीदी की प्रविष्टि नहीं हो सकी थी, उनसे धान की खरीदी हेतु अवधि दिनांक 22.01.2020 तक बढ़ाई गई। अनुमति हेतु जारी पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) अनूपपुर जिले में भारतीय खाद्य निगम के पंजीकृत गोदाम उपलब्ध नहीं हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अतिक्रमण पर कार्यवाही की जानकारी
[राजस्व]
32. ( क्र. 3161 ) श्री जितू पटवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में अप्रैल 2020 से 5 फरवरी 2021 तक तथा अतिक्रमण अभियान के तहत कितने निर्माण तोड़े गये? उनका बाजार मूल्य कितना था? जिनके निर्माण तोड़े गये उनका नाम, गांव शहर का नाम, खसरा, खाता नम्बर जमीन का रकबा, तोड़ने हेतु नोटिस देने की दिनांक, तोड़ने की दिनांक सहित सूची देवें। (ख) क्या माफिया अभियान के नाम पर राजनैतिक द्वेष किया जा रहा है? 30 वर्षों से निर्मित भवनों को भी तोड़ा जा रहा है? बतायें की इन्दौर में कम्प्यूटर बाबा का आश्रम क्यों तोड़ा गया? (ग) छतरपुर में निर्मल जैन का खसरा 1217 तथा 1217/2/3 पर बना वेयरहाउस एवं मांगलिक भवन बिना उचित सुनवाई का मौका दिये क्यों तोड़ा गया? यदि वह जमीन 1201 खसरा की सरकारी थी तो नामंतरण कैसे हुआ? नपती कैसे की गई? निर्माण की अनुमति कैसे दी गई? (घ) प्रश्नांश (ख) तथा (ग) में भवन तोड़ने के आदेश तथा कार्यवाही संबंधित समस्त दस्तावेज, अभिलेख, नोटिस आदेश आदि की विवरण देवें तथा बताएं की प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कितने प्रकरणों में ऐसे व्यक्ति शामिल हैं जिन पर किसी प्रकार का कोई अपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ अनुसार है। (ख) जी, नहीं। माफिया अभियान के नाम पर राजनैतिक द्वेष नहीं किया जा रहा हैं। विधि अनुसार कार्यवाही की गई है। कम्प्यूटर बाबा आश्रम के संबंध में तहसीलदार हातोद के न्यायालयीन प्रकरण क्रमांक 06/अ-68/2020-21 में मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता की धारा 248 के तहत कार्यवाही की गई। न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत कार्यवाही करते हुए उपरोक्त प्रकरण में पारित आदेश दिनांक 06-11-2020 के अनुक्रम में शासकीय भूमि पर किये गये अतिक्रमण को दिनांक 08-11-2020 को हटाया गया। (ग) छतरपुर जिले में घुवारा तहसील अंतर्गत भूमि खसरा नम्बर 1217 तथा 1217/2 पर वेयर हाऊस, मांगलिक भवन व अन्य कोई निर्माण नहीं अपितु शासकीय भूमि खसरा नम्बर 1201/1 के अंश रकवा 0.300 हे. भूमि पर श्री निर्मल कुमार जैन पिता स्व. श्री कोमल चंद्र जैन द्वारा अवैध रूप से वेयर हाऊस/मांगलिक भवन का अवैध निर्माण किया गया था। जिसे नियमानुसार राजस्व न्यायालयीन कार्यवाही के द्वारा बेदखल किया गया। शासकीय भूमि खसरा नम्बर 1201/1 की भूमि का कोई नामांतरण नहीं हुआ। उक्त शासकीय भूमि का गठित राजस्व दल द्वारा विधिवत् सीमांकन किया गया। मुख्य नगर पालिका अधिकारी घुवारा द्वारा श्री निर्मल कुमार जैन पिता स्व. कोमल चंद्र जैन को खसरा नम्बर 1217/2 में क्षेत्रफल 150x150 =7500 वर्ग फुट में वेयर हाऊस निर्माण की अनुमति दिनांक 02/12/2006 को दी गयी है। स्वीकृति की कंडिका क्रमांक 03 के अनुसार समय-सीमा में निर्माण कार्य नहीं किया गया, जो अवैधानिक है। इसके अतिरिक्त निर्मल कुमार जैन द्वारा वेयर हाउस से लगी भूमि पर बिना वैधानिक अनुमति के मांगलिक भवन/अन्य निर्माण कर लिया गया। जिसकी नगर परिषद घुवारा से कोई वैधानिक अनुमति नहीं ली गई। वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ एवं ब अनुसार है। शासकीय भूमि पर अतिक्रमण तथा अनियमितता निर्माण के मामले में कार्यवाही म.प्र. भू-राजस्व संहिता, 1959 तथा म.प्र. नगर पालिका अधिनियम, 1961 के प्रावधानों अंतर्गत की जाती है जिसमें संबंधित अतिक्रमणकर्ता/निर्माणकर्ता के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज होने अथवा न होने का कोई रिकार्ड दर्ज करना अपेक्षित नहीं है।
नईगढ़ी सूक्ष्म सिंचाई योजना का निर्माण
[जल संसाधन]
33. ( क्र. 3208 ) श्री राजेन्द्र शुक्ल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नईगढ़ी सूक्ष्म सिंचाई योजना कब पूर्ण होगी, सिंचाई का रकबा क्या है? कितने किलोमीटर नहरों का निर्माण होगा? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में योजना को पूर्ण होने में विलंब का कारण स्पष्ट करें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) नईगढ़ी सूक्ष्म दबाव सिंचाई परियोजना का निर्माण कार्य अनुबंध अनुसार जून 2022 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। सिंचाई का रकबा 50,000 हेक्टर प्रस्तावित है। परियोजना में 09.85 कि.मी. राइजिंग मेन, 72.280 कि.मी. ग्रेविटी मेन एवं एक हेक्टर क्षेत्र तक पानी पहुंचाने हेतु छोटी पाईप लाईन का निर्माण किया जाना है। (ख) परियोजना का विलम्ब होने का कारण निम्नानुसार है :- (1) निविदा उपरांत सर्वेक्षण कार्य में विलम्ब होने एवं अनुबंधित सैच्य क्षेत्र 50,000 हेक्टर के निर्धारण में निर्णय उपरांत 10/2018 से एजेंसी द्वारा वास्तविक कार्य प्रारंभ किये जाने के कारण (2) माह मार्च 2020 से सितम्बर 2020 तक कोविड-19, महामारी के कारण कार्य प्रभावित होने के कारण (3) कृषकों द्वारा कार्य में अवरोध उत्पन्न करने के कारण।
नियम विरूद्ध राशि व्यय करने के जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
34. ( क्र. 3211 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले में वर्ष 2019 से प्रश्नांश दिनांक तक में खनिज संपदा/खनिज के उत्खनन से जिले को कितने राजस्व की प्राप्ति हुई का विवरण देते हुये बतावें कि विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों से प्राप्त राजस्व की स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त राजस्व का उपयोग वर्ष 2019 से प्रश्नांश दिनांक तक के दौरान कब-कब, कहां-कहां, किन-किन कार्यों में किया गया का विवरण विधानसभा क्षेत्रवार देवें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त राजस्व का उपयोग प्रश्नांश (ख) अनुसार किये जाने बाबत् शासन द्वारा क्या आदेश एवं निर्देश जारी किये गये हैं प्रति देते हुये बतावें कि प्राप्त राजस्व को क्षेत्रवार व्यय करने के निर्देश हैं? क्या इसका पालन कर शहडोल जिले के विधानसभा क्षेत्रों में राशि व्यय की गई? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त राजस्व की राशि ब्योहारी विधानसभा से कितनी हुई कि जानकारी पृथक से देवें। साथ ही यह भी बतावें कि प्राप्त राजस्व का कितने प्रतिशत व्यय कर ब्योहारी विधानसभा में विकास के कार्य कराये गये नाम एवं व्यय राशि सहित जानकारी देवें? (ड.) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त राजस्व की राशि को प्रश्नांश (ख) (ग) (घ) अनुसार व्यय न कर विशेष क्षेत्रों में व्यय कर ब्यौहारी विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्य को प्रभावित किया गया शासन के जारी निर्देशों एवं आदेशों के विपरीत राशि जारी की गई इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेगें बतावें एवं भविष्य में विधानसभा क्षेत्रवार प्राप्त राजस्व अनुसार राशि व्यय किये जाने बाबत् निर्देश जारी करेंगे?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जिले में वर्ष 2019 से माह जनवरी 2021 तक खनिज संपदा/खनिज के उत्खनन से जिले को प्राप्त राजस्व की जानकारी निम्नानुसार है-
क्र. |
वर्ष |
विधानसभा क्षेत्र |
राशि (रूपये में) |
1 |
2019-20 |
ब्यौहारी |
15989946 |
2 |
जयसिंहनगर |
583491222 |
|
3 |
जैतपुर |
901802675 |
|
योग- |
1501283843 |
||
1 |
2020-21 |
ब्यौहारी |
16407976 |
2 |
जयसिंहनगर |
331126107 |
|
3 |
जैतपुर |
881153230 |
|
योग- |
2729971156 |
(ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त राजस्व राज्य की संचित निधि में जमा होती है। अत: प्रश्नाधीन राशि का जिले में उपयोग किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश की जानकारी प्रश्नांश (ख) अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) में दिये गये उत्तर अनुसार है। प्रश्नांश (ख) में दिये गये उत्तर के प्रकाश में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) प्रश्नांश (ख) में दिये गये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गुणवत्ताविहीन कार्य के लिये जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[जल संसाधन]
35. ( क्र. 3212 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी विधानसभा क्षेत्र के रिवार जलाशय में लिफ्ट इरीगेशन का निर्माण कराया जा रहा है? निर्माणाधीन लिफ्ट इरीगेशन की तकनीकी स्वीकृति की प्रति देते हुये बतावें कि कार्य प्राक्कलन एवं अनुबंध की शर्तों अनुसार क्या कराये जा रहे हैं का सत्यापन कब-कब किन-किन जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा किया गया कि प्रति देते हुए बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) की योजना के निर्माण बाबत् कार्यादेश कब किन शर्तों एवं अवधि पर कार्य पूर्ण करने हेतु किस संविदाकार एवं ठेकेदार को कार्यादेश जारी किये गये? (ग) प्रश्नांश (क) के निर्माणाधीन लिफ्ट इरीगेशन में उपयोग की जा रही सामग्री एवं पानी सप्लाई हेतु डाली जा रही पाईपों की गुणवत्ता की जाँच कब-कब किन अधिकारियों द्वारा की गई? क्या इन सामाग्रियों की जाँच तकनीकी आधारों पर की गई तो कब एवं किस अधिकारी द्वारा बतावें? (घ) प्रश्नांश (क) की योजना से पानी पहुंचाये जाने बाबत् उपयोग की जाने वाली पाईप लाईने जो किसानों के खेतों की खुदाई कर डाली जा रही है लेकिन खुदाई के बाद किसानों के खेतों का समतलीकरण करते हुए पूर्ववत स्थिति में नहीं किया जा रहा क्यों? इसके लिए किनको जिम्मेदार मानकर कार्यवाही करेंगे? (ड.) प्रश्नांश (क) की निर्माणाधीन योजना का निर्माण गुणवत्ता विहीन सामग्री का उपयोग कर किया जा रहा है खेतों में डाली जा रही पाईपें गुणवत्ता विहीन हैं जिसकी जाँच उच्चस्तरीय समिति बनाकर कराया जाना आवश्यक है इसके लिए किन-किन को जिम्मेदार मानकर क्या कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) ब्यौहारी विधानसभा क्षेत्र के रिवार जलाशय में लिफ्ट इरिगेशन का निर्माण नही किया जा रहा है, अपितु प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बाणसागर जलाशय से हिरवार माइक्रो सिंचाई योजना निर्माणाधीन है। परियोजना की तकनीकी स्वीकृति एवं अनुबंध की शर्तें एवं Quality Assurance की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है । कार्य तकनीकी स्वीकृत एवं अनुबंध की शर्तों के अनुरूप ही कराया जाना प्रतिवेदित है। कार्य का निरीक्षण समय-समय पर मुख्य अभियंता, अधीक्षण यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री द्वारा किया जाता है तथा सम्पादित कार्यों का सत्यापन कार्यपालन यंत्री एवं सहायक यंत्री द्वारा किया गया है। (ख) निर्माणाधीन हिरवार माइक्रो इरिगेशन योजना के निर्माण हेतु मेसर्स फलौदी कंस्ट्रक्शन एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रायवेट लिमिटेड को दिनांक 02.08.2018 को कार्यादेश दिया जाना प्रतिवेदित है, जिसकी समयावधि 36 माह नियत है । अनुबंध की प्रति उत्तरांश (क) के परिशिष्ट अनुसार है । (ग) प्रश्नाधीन परियोजना के निर्माण में उपयोग की जा रही एम.एस. पाइप की गुणवत्ता का परीक्षण मुख्य अभियंता, अधीक्षण यंत्री, कार्यपालन यंत्री एवं अनुविभागीय अधिकारी द्वारा संयुक्त रूप से दिनांक 21.08.2018, 21.09.2018, 22.11.2018 एवं 07.12.2018 को किया जाना प्रतिवेदित है। पानी सप्लाई हेतु डाली जा रही एच.डी.पी.ई. पाइप की गुणवत्ता का परीक्षण तकनीकी आधारों पर सेन्ट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी सिपेट भोपाल स्थित संस्थान से दिनांक 29.09.2019 को कराया जाना प्रतिवेदित है। (घ) सिंचाई हेतु डाली जा रही पाईप लाइनों की खुदाई के उपरांत पाईप डालकर उसी क्रम में किसानों के खेतों का समतलीकरण का कार्य किया जाता है। वर्तमान में भी पाईप लाइन डालने का कार्य प्रगतिरत है, जिसके समतलीकरण का कार्य भी साथ में किया जा रहा है। अनुविभागीय अधिकारी द्वारा इस तथ्य का प्रमाणीकरण दिनांक 01.03.2021 को किया गया होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है । (ङ) निर्माणाधीन योजना का निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्वक किया जा रहा है, जिसमें उपयोग की जा रही सामग्री की गुणवत्ता का परीक्षण समय-समय पर प्रयोगशालाओं में कराया गया है। उपयोग की जा रही सामग्री मानक स्तर की है। अतः किसी पर कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नही होता है।
ग्वालियर, मुरैना, भिण्ड जिलों में खरीदी केन्द्रों के स्थान परिवर्तन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
36. ( क्र. 3261 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020 में ग्वालियर, मुरैना, भिण्ड, जिलों में किन-किन सहकारी संस्थाओं को बाजरा, धान खरीदी केन्द्र बनाये थे उनके नाम सहित जानकारी दी जावें। (ख) उक्त संस्थाओं के ग्राम-मुख्यालयों खरीदी केन्द्रों के बजाय वेयर हाउस गोदामों पर खरीदी क्यों की गई? क्या यह खरीदी नियम विरूद्ध की गई थी? जिलावार वेयर हाउसों के नाम, स्थान, किस खरीदी केन्द्रों की खरीदी की गई सहित पूर्ण जानकारी दी जावें? (ग) क्या ग्रामीण क्षेत्र के खरीदी केन्द्रों से कई-कई मील दूर किसान वेयर हाउसों पर ट्रेक्टरों के साथ एक सप्ताह तक पड़े रहे तथा कई गुना भाड़ा गरीब किसानों द्वारा ट्रेक्टरों को देना पड़ा? क्या शासन इसकी क्षतिपूर्ति करेगा? (घ) ग्रामीण क्षेत्रों के खरीदी का स्थान परिवर्तन किस अधिकारियों द्वारा किया गया? क्या उन्हें स्थान परिवर्तन का अधिकार था कारण सहित पूर्ण जानकारी दी जावें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में ग्वालियर, मुरैना, भिण्ड जिलों में समर्थन मूल्य पर बाजरा, धान उपार्जन हेतु सहकारी संस्थाओं द्वारा संचालित उपार्जन केन्द्रों की नाम सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) समर्थन मूल्य पर उपार्जित खाद्यान्न के परिवहन व्यय को कम करने, शीघ्रता से परिवहन एवं कृषकों को भुगतान, समिति स्तर पर सूखत आदि कारणों से एवं परिवहन के दौरान होने वाली शार्टेज को सीमित करने की दृष्टि से भंडारण स्थल पर उपार्जन केन्द्र बनाने का प्रावधान उपार्जन नीति में किया गया, जिसके अनुसार भंडारण स्थल पर उपार्जन केन्द्र स्थापित किए गए। जिलेवार भंडारण स्थल पर स्थापित उपार्जन केन्द्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) रबी विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन हेतु जारी नीति अनुसार यथासम्भव उपार्जन केन्द्र सम्बद्ध मैप की गई पंचायत केन्द्र बिन्दु में हो, जिससे कृषकों को सामान्यत: 25 कि.मी. से अधिक दूरी तय न करने का प्रावधान किया गया है। समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन हेतु किसानों को एस.एम.एस. के माध्यम से सूचना देने के उपरांत खरीदी की कार्यवाही की जाती है। किसानों को अपनी उपज विक्रय करने हेतु एक सप्ताह तक उपार्जन केन्द्र रहने के प्रकरण प्रकाश में नहीं आए हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर में उल्लेखित तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए जिला उपार्जन समिति द्वारा उपार्जन केन्द्रों को भंडारण स्थल पर स्थापित किया गया है। जिला उपार्जन समिति को उपार्जन केन्द्र स्थल निर्धारण का दायित्व जारी उपार्जन नीति में दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वामी विवेकानंद मल्टी स्टेट सोसायटी के खिलाफ शिकायतें
[सहकारिता]
37. ( क्र. 3269 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री स्वामी विवेकानंद मल्टी स्टेट को आपरेटिव क्रेडिट सोसायटी को काम करने के लिए आयुक्त सहकारिता द्वारा एनओसी जारी की गई थी जिसे सोसायटी के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद निरस्त कर दिया गया है एनओसी जारी करने और निरस्त करने की तारीख बताएं। (ख) क्या भोपाल की मन्दाकिनी गौरव गुलाबी महाकाली उषा प्रभा हेमा लाला लाजपत राय एवं न्यू मित्र मण्डल गृह निर्माण समितियों में हुई गड़बड़ियों की जाँच के लिए कलेक्टर भोपाल द्वारा जाँच के लिए सहकारिता विभाग को निर्देश दिये है। (ग) यदि हाँ, तो क्या निर्धारित समयावधि में जाँच करके रिपोर्ट भेज दी गई है। (घ) यदि जाँच नहीं की गई तो इसका क्या कारण है।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) श्री स्वामी विवेकानंद को-ऑपरेटिव्ह क्रेडिट सोसायटी को म.प्र. में काम करने के लिये आयुक्त सहकारिता द्वारा दिनांक 29.04.2016 को एन.ओ.सी. जारी की गयी थी। एन.ओ.सी. में उल्लेखित प्रमुख शर्तों का पालन नहीं किये जाने के कारण इसे दिनांक 05.12.2019 को निरस्त किया गया। दिनांक 29.04.2016 की एन.ओ.सी. में उल्लेखित शर्तों के साथ ही कतिपय अतिरिक्त शर्तों के साथ उक्त एन.ओ.सी. दिनांक 05.02.2020 को बहाल की गयी। मूल एन.ओ.सी. दिनांक 29.04.2016 की शर्तों तथा दिनांक 05.02.2020 को बहाल की गयी एन.ओ.सी. की अतिरिक्त शर्तों का पालन नहीं किये जाने से सोसायटी को दिनांक 12.11.2020 को कारण बताओ सूचना पत्र जारी करने के उपरांत उक्त दोनों एन.ओ.सी. दिनांक 10.12.2020 को निरस्त की गयी। (ख) जी हाँ। उषा प्रभा गृह निर्माण सहकारी संस्था के जाँच के आदेश नहीं दिये गये है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) जाँच के प्रचलन में रहते हुये कलेक्टर जिला भोपाल के जाँच आदेश क्रमांक 753/अ.जि.द. (उत्तर)/2020 दिनांक 02-12-2020 जिससे जाँच के आदेश दिये गये है, के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के द्वारा प्रकरण क्रमांक डब्ल्यू.पी. 705/2021 में पारित आदेश दिनांक 01-02-2021 के द्वारा, जाँच पर स्थगन दिया गया है, इस कारण जाँच नहीं की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
उपभोक्ताओं के संरक्षण हेतु नियम
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
38. ( क्र. 3273 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के लागू के बाद भी राज्य सरकार द्वारा अभी तक इसके क्रियान्वयन के लिए नियम नहीं बनाए गए हैं। (ख) यदि हाँ, तो राज्य के उपभोक्ताओं के संरक्षण के लिए नियम बनाने में विलंब का क्या कारण है। (ग) क्या राज्य उपभोक्ता आयोग तथा प्रदेश के जिला उपभोक्ता आयोगों में बड़ी संख्या में पद रिक्त होने के कारण उपभोक्ताओं के प्रकरणों के निराकरण में विलंब हो रहा है यदि हाँ, तो राज्य उपभोक्ता आयोग तथा प्रदेश के जिला उपभोक्ता आयोगों में रिक्त पद भरने में विलंब का क्या कारण है।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) एवं (ख) कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) नियम बनाए जाने की कार्यवाही प्रचलन में है, इसके उपरांत राज्य उपभोक्ता आयोग एवं जिला उपभोक्ता आयोग के रिक्त पदों को भरने की कार्यवाही शीघ्र की जाएगी।
रजौला रैयल जलाशय का निर्माण
[जल संसाधन]
39. ( क्र. 3283 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के अन्तर्गत पांढुर्णा विधानसभा-क्षेत्र ग्राम नांदनबाड़ी के पारू रगौरीढ़ाना जलाशय एवं ग्राम रजौला रैयल के पास रजौला रैयल जलाशय की सहायता स्वीकृति लगभग एक वर्ष पूर्व प्राप्त हो चुकी है? परन्तु आज तक कार्य प्रारम्भ नहीं हो पाया है? (ख) प्रश्नांश क्रमांक (क) में उल्लेखित जानकारी का निर्माण कब प्रारम्भ हो पायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) छिंदवाड़ा जिले के पाढुंर्णा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत गौरीढा़ना जलाशय एवं रजौला रैयत जलाशय की साध्यता स्वीकृति दिनांक 27.02.2020 को प्रदान की गई है। दोनों परियोजनाओं के सर्वेक्षण कार्य हेतु निविदा प्रकाशन की कार्यवाही प्रचलन में होना प्रतिवेदित है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
अनूपपुर जिले डी.एम.एफ. के तहत व्यय राशि
[खनिज साधन]
40. ( क्र. 3292 ) श्री सुनील सराफ : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दि.01.01.2019 से 31.01.2021 तक अनूपपुर जिले में डी.एम.एफ (डिस्ट्रिक्ट मारनिंग फंड) के तहत जिला कलेक्टर द्वारा किन-किन कार्यों में कितनी राशि व्यय की गई? कार्यनाम, राशि व्यय (भुगतान, लंबित भुगतान) सहित माहवार देवें। (ख) उपरोक्त कार्यों के लिए की टेंडर प्रक्रिया की जानकारी कार्यवार देवें। प्रत्येक कार्य की चयनित, अचयनित फर्मों की जानकारी कार्यवार देवें। (ग) इसके लिए अखबारों में निकाली गई विज्ञप्तियों की छायाप्रति कार्यवार देवें। बिना विज्ञप्ति निकाले कितने कार्य आवंटित किए गए उनकी सूची भी कार्यवार देवें। (घ) मनमाने तरीके से कार्य आवंटित करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम देकर बतावें कि इसके लिए शासन उन पर कब तक कार्यवाही करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जिला पंचायत, अनूपपुर, म.प्र. से प्राप्त जानकारी अनुसार दिनांक 01/01/2019 से 31/01/2021 तक अनूपपुर जिले में डी.एम.एफ. (डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन) से नियमानुसार कार्यों को स्वीकृत कर क्रियान्वयन एजेंसी संबंधित विभाग को अधिकृत करते हुए राशि व्यय की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) जिला पंचायत, अनूपपुर, म.प्र. से प्राप्त जानकारी अनुसार चूंकि, उपरोक्त कार्यों हेतु जिला खनिज प्रतिष्ठान निधि अंतर्गत कार्य स्वीकृति कर संबंधित विभाग को क्रियान्वयन एजेंसी अधिकृत कर विभागीय नियमानुसार कार्य किये जाने हेतु निर्देश दिये जाते हैं। उपरोक्त के अनुक्रम में क्रियान्वयन एजेंसी द्वारा विभागीय नियमों के तहत टेण्डर की प्रक्रिया कर चयनित, अचयनित फर्मों की जानकारी दी गई है। विभागवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) जिला पंचायत, अनूपपुर, म.प्र. से प्राप्त जानकारी अनुसार क्रियान्वयन एजेंसी/विभागों द्वारा कार्यों की विज्ञप्ति जारी की गई है। विज्ञप्ति की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (घ) जिला पंचायत, अनूपपुर, म.प्र. से प्राप्त जानकारी अनुसार विभागों द्वारा अपने विभागीय नियमों के आधार पर कार्य आवंटित किये गये हैं।
प्रधानमंत्री फसल बीमा खरीफ 2019 के अंतर्गत छूटे गांव
[राजस्व]
41. ( क्र. 3316 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के कितने ग्रामों में वर्ष 2019 की खरीफ फसल के दौरान प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों की सोयाबीन की फसल खराब हो गई थी? फसल नुकसानी का सर्वे किस दिनांक से किस दिनांक तक किया गया था? (ख) जिले की खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के कितने किसानों को राज्य सरकार के द्वारा आर.बी.सी. 6/4 के अंतर्गत राशि प्रदान की गई थी? यदि राहत राशि का वितरण हुआ है तो किस दर से? क्या प्रति हेक्टेयर मुआवजा दिया गया है? यदि नहीं, तो किस कारण से वितरण नहीं किया गया है? (ग) खरीफ 2019 के प्रधानमंत्री फसल बीमा राशि वितरण में खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के कितने पटवारी हल्कों के किसानों को बीमा प्रीमियम जमा करने के बाद भी अभी तक बीमा राशि का पैसा प्राप्त नहीं हुआ है? (घ) क्या पटवारी हल्का बीजापुर, सुलगांव, बड़ढा इन पटवारी हल्कों में फसल नुकसानी होने के पर्याप्त साक्ष्य होने के बाद भी किसानों को आज दिनांक तक बीमा कंपनी ने बीमा राशि का भुगतान नहीं किया है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) देवास जिले के 1149 ग्रामों में वर्ष 2019 की खरीफ फसल के दौरान अतिवृष्टि के कारण किसानों की सोयाबीन की फसल खराब हो गई थी। फसल नुकसानी का सर्वे दिनांक 13.09.2019 से दिनांक 21.09.2019 तक किया गया था। (ख) जिला देवास की खातेगांव विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत 61068 कृषकों को आर.बी.सी. 6-4 के अंतर्गत राशि प्रदान की गई थी। आर.बी.सी. 6-4 के प्रावधानों की प्रति पुस्तकालय में रखे अनुसार है। जी हाँ प्रति हेक्टेयर के दर से गणना की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) खरीफ 2019 के ऐसे शेष कृषक जिनकी प्रविष्टि पोर्टल पर बैंकों द्वारा दर्ज नहीं की जा सकी थी, उनकी प्रविष्टि भारत सरकार के पोर्टल पर प्रक्रियाधीन होने से संख्या बताना वर्तमान में सभव नहीं है। (घ) पटवारी हल्का बीजापुर में थ्रेशोल्ड उपज से वास्तविक उपज अधिक होने के कारण दावा नहीं बना है। पटवारी हल्का सुलगांव एवं पटवारी हल्का बड़ढा में पात्र कृषकों को फसल बीमा राशि का भुगतान किया गया है।
जबलपुर संभाग अंतर्गत बांधों की सुरक्षा एवं सिंचाई व्यवस्था
[जल संसाधन]
42. ( क्र. 3326 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा विषयांकित बांधों की सुरक्षा एवं सिंचाई की पर्याप्त व्यवस्थायें की गई हैं? (ख) यदि हाँ, तो बतायें बिना चौकीदार एवं अमीन के कैसे संभव है? (ग) क्या चौकीदार एवं अमीनों के रिटायर होने के बाद दोबारा भर्ती की गई है? (घ) यदि नहीं, तो किसके द्वारा बांधों की सुरक्षा एवं सिंचाई व्यवस्था की जा रही है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ, उपलब्ध संसाधनों से बांध की सुरक्षा एवं सिंचाई कराने की व्यवस्था है। (ख) विभाग में उपलब्ध अमले को एक से अधिक जलाशय का प्रभार दिया जाकर एवं जल उपभोक्ता संथाओं के सहयोग से। (ग) एवं (घ) जी नहीं। उत्तरांश ''ख'' अनुसार।
राजस्व ग्राम घोषित करना
[राजस्व]
43. ( क्र. 3341 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में ऐसे कई मजरे-टोले आज भी हैं जो ग्राम की आबादी से दूर होने के कारण बिजली,पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है? क्या बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण प्रदेश में मजरे-टोलों की संख्या में वृद्धि हुई है? यदि हाँ, तो क्या ग्राम के आसपास लगे मजरे-टोलों को ग्राम पंचायत के अधीन मानकर उन्हें मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएगी? (ख) क्या प्रदेश में मजरा-टोला एवं आबादी से अलग निवासरत ग्रामीण क्षेत्रों को निकट के राजस्व ग्राम में शामिल करने के लिये प्रदेश में कोई योजना बनाई जा रही है? (ग) खण्डवा जिले में किन-किन मजरे-टोलों को राजस्व ग्राम घोषित करने की कार्यवाही प्रचलित है? खण्डवा विधानसभा क्षेत्र के कितने राजस्व ग्रामों में आबादी क्षेत्र से दूर बसाहट होने के कारण मुलभूत सुविधाएँ नहीं है? (घ) खंडवा जिले के मजरे-टोलों को कब तक राजस्व ग्राम घोषित कर दिया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मजरे टोलों में निवासरत लोगों को भी यथा संभव मूलभूत सुविधाएं जैसे बिजली, पानी, आदि उपलब्ध कराई जाती है। जी हाँ, बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण प्रदेश में मजरे टोलों की जनसंख्या में वृध्दि हुई है। मजरे टोले ग्राम पंचायत के अधीन होते हैं, पंचायत द्वारा मूलभूत सुविधायें उपलब्ध करायी जाती हैं। (ख) मजरे टोले मूल राजस्व ग्राम का ही भाग होते है। अत: पृथक से योजना बनाने का प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) खण्डवा जिले में वर्तमान में संलग्न परिशिष्ट अनुसार मजरे टोलों को पृथक राजस्व ग्राम घोषित करने की कार्यवाही प्रचलित है। शेष प्रश्नांश की जानकारी निरंक है। (घ) समय-सीमा बताना संभव नहीं है
उचित मूल्य की दुकानों को प्रदाय खाद्यान्न में कटौती
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
44. ( क्र. 3397 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत संचालित शासकीय उचित मूल्य दुकानों में खाद्यान्न कटौत्री की जा रही है? यदि हाँ, तो इसका क्या आधार/मानक तय है? (ख) यदि कटौत्री की जा रही है तो सागर जिले में दिसम्बर, 2020 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन माह में कितनी कटौत्री विभाग ने की विकासखंडवार जानकारी देवें। (ग) क्या विभाग ने कोविड-19 के समय राशन उपभोक्ताओं को ऑफलाईन राशन वितरण किये जाने संबंधी मौखिक/लिखित आदेश जारी किये थे जिसके तहत उपभोक्ताओं को राशन प्रदाय किया गया था? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (घ) यदि कटौत्री उपरांत अधिकांश राशन उपभोक्तओं को राशन प्रदाय शासकीय उचित मूल्य दुकानों से नहीं किया जा रहा है? तो इसके लिए कौन उत्तरदायी है तथा माह दिसम्बर, 2020, जनवरी 2021, फरवरी 2021 में वंचित/शेष रह गये राशन उपभोक्ताओं को राशन प्रदाय किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक जानकारी देवें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) उचित मूल्य दुकानों के आवंटन में वितरण पश्चात् पूर्व माहों की शेष बची मात्रा का समायोजन करने के कारण कटौती की जाती है। उचित मूल्य दुकान की परिवार एवं सदस्यों के आधार पर बनने वाली पात्रता में से बची मात्रा का समायोजन कर पहुंचायी जाने वाली मात्रा का आवंटन जारी किया जाता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। बची मात्रा का समायोजन करने के बाद भी जिलों की मांग के आधार पर अतिरिक्त आवंटन जारी किया जाता है। सागर जिले में दिसम्बर-2020, जनवरी-2021 में वितरण प्रभावित नहीं हुआ है। फरवरी, 2021 में हड़ताल के कारण वितरण प्रभावित हुआ है। 10 मार्च, 2021 तक फरवरी माह का वितरण अनवरत जारी रहेगा। जी हाँ। मार्च, 2021 में।
कृषि शाख सहकारी समिति में पदस्थ कर्मचारियों का वेतन वितरण
[सहकारिता]
45. ( क्र. 3454 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त सहकारिता एवं पंजीकृत सहाकरी संस्थायें कार्यालय म.प्र. भोपाल द्वारा प्राथमिक कृषि सहकारी समिति संस्था में पदस्थ कर्मचारियों के वेतन संबंधी कोई आदेश वर्ष 2016-17 में जारी किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त आदेश के परिपालन में सागर जिले में जिला सहकारी बैंक मर्यादित एवं पंजीयक कार्यालय एवं प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों द्वारा कर्मचारियों को वेतन वितरण किया जा रहा है? (ग) यदि नहीं, तो सागर जिले में प्राथमिक सहकारी समितियों द्वारा पदस्थ कर्मचारियों जैसे सहायक प्रबंधक, विक्रेता, लिपिक, चौकीदारों को निर्धारित वेतन प्रदाय क्यों नहीं किया जा रहा है? इसके लिये कौन उत्तरदायी हैं एवं कब तक वितरण किया जावेगा? (घ) क्या उक्त आदेश के परिपालन के संबंध में विभागीय संगठनों द्वारा कोई ज्ञापन मान. मुख्यमंत्री जी एवं मान.मंत्री महोदय एवं विभाग को प्रेषित किये गये हैं एवं उक्त संबंध में विभाग ने आज दिनांक तक कोई कार्यवाही की है तथा सहकारी संघों को इस संबंध में अवगत कराया है? यदि नहीं, तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहाकरी संस्थाएं म.प्र. भोपाल का पत्र क्रमांक/साख/विधि/2016/1368, भोपाल दिनांक 19.05.2016 जारी किया गया है। जो संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कोविड-19 के तहत बढ़ाये गये किराया दर को वापस लेना
[परिवहन]
46. ( क्र. 3466 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोविड-19 को दृष्टिगत रखते हुए बसों में 50 प्रतिशत सवारी के मान से किराया डबल कर बसों को चलाने की अनुमति परिवहन विभाग द्वारा दी गई है? यदि हाँ, तो निर्देश की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या बस मालिकों द्वारा 100 प्रतिशत सीटों पर यात्रियों को बैठाकर किराये की डबल डेकर बसों का संचालन किया जा रहा है, जिससे आम यात्रियों को कोविड-19 की आड़ में यात्रियों से डबल किराया लिया जा रहा हैं? (ग) यदि हाँ, तो शासन आकस्मिक रूप से जांचकर बस मालिकों के विरूद्ध कार्यवाही कर अधिक लिए जा रहे किराये पर नियंत्रण करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं (ख) जी नहीं, ऐसा कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है। (ग) आकस्मिक जाँच की कार्यवाही सतत् रूप से की जाती है। त्रुटि पाये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नहर निर्माण हेतु किसानों से ली गई जमीन
[जल संसाधन]
47. ( क्र. 3483 ) श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नहर निर्माण के समय मुख्य नहर से निकली छोटी नहरों के निर्माण (खेतों में सिंचाई हेतु) के लिये निवाड़ी जिले के किसानों से नहर के दोनों ओर कितने-कितने फिट जमीन ली गई? क्या किसानों द्वारा सिंचाई के प्रयोजन हेतु दी गई जमीन अन्य विभागों को जबरन बिना किसान की सहमति के दी गई है? यदि हाँ, तो निवाड़ी जिले में किस-किस विभाग को? (ख) क्या जल संसाधन विभाग बिना NOC के किसानों की खेती की जमीन जो सिंचाई के प्रयोजन हेतु दी गई थी अन्य विभागों को दे सकते हैं? किस नियम के तहत। पूर्ण विवरण दें? (ग) निवाड़ी जिले में जमीन अन्य विभागों को कब-कब कितनी-कितनी दी गई क्या पूर्व मुआवजे को छोड़कर आज की वर्तमान जमीन के रेट के हिसाब से मुआवजा का प्रावधान है? (घ) क्या बिना किसानों की सहमति के अन्य विभागों को नहर के आजू-बाजू की जमीन दी जा सकती है? क्या शासन ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करेगा जो नहर की जमीन अन्य विभागों को दे रहे हैं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (घ) नहर निर्माण के समय मुख्य नहर से निकली छोटी नहरों के निर्माण (खेतों में सिंचाई हेतु) के लिए निवाड़ी जिले के दोनों और नहर रूपांकन अनुसार जमीन ली जाना प्रतिवेदित है। रूपांकन से अधिक जमीन नहीं ली गई है। जी नहीं। निवाड़ी जिले में विभाग द्वारा जमीन अन्य विभाग को नहीं दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते हैं।
क्रेसर/खदान लीज प्रदाय करने के नियम
[खनिज साधन]
48. ( क्र. 3492 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी-सिंगरौली जिले में वर्ष 2015 से अब तक कितने क्रेसर एवं अन्य प्रकार की खदानें संचालित हैं? संचालक/फर्म एवं स्थल का सम्पूर्ण पता की जानकारी उपलब्ध कराई जाय। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संचालित क्रेसर में पत्थर निकालने हेतु क्या लीज प्रदान किये जाने के क्या नियम हैं? निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें। किस-किस व्यक्ति/फर्म को पत्थर निकालने हेतु लीज दी गई है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन जिलों में क्रेशर द्वारा गिट्टी निर्माण करने हेतु स्वीकृत पत्थर खनिज के उत्खनिपट्टे एवं अन्य प्रकार की संचालित खदानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 में यांत्रिक क्रिया द्वारा गिट्टी बनाने के लिए पत्थर (अर्थात क्रशर के उपयोग हेतु) उत्खनिपट्टा स्वीकृत करने के प्रावधान है। यह नियम अधिसूचित है। शेष जानकारी पुस्ताकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है।
संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के श्रमिकों का पंजीयन
[श्रम]
49. ( क्र. 3544 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल में श्रमिकों के पंजीयन हेतु आवेदन के साथ कौन-कौन से दस्तावेज दिये जाना आवश्यक है? क्या पंजीकरण हेतु पंचनामा एवं रजिस्टर्ड ठेकेदार का प्रमाण पत्र आवश्यक है? आवेदन उपरान्त कितने दिवस में पंजीयन कार्ड प्रदाय किये जाने का प्रावधान है? इनके नवीनीकरण की प्रक्रिया से अवगत करायें। (ख) सागर नगर में कितने श्रमिक म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल में पंजीकृत है तथा शासन से इन्हें क्या-क्या सुविधायें प्रदाय की जा रही है? विगत 3 वर्षों में कितने श्रमिकों को कौन-कौन सी सुविधाओं का लाभ दिया गया? (ग) क्या यह सही है कि वर्तमान में म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल श्रमिकों की पंजीयन प्रक्रिया नगरीय निकायों द्वारा संचालित है? नगरीय निकायों में पंजीयन प्रक्रिया जटिल होने के कारण अनेक चक्कर लगाने के बाद भी श्रमिकों के पंजीयन एवं नवीनीकरण नहीं हो पा रहे है?। इससे लाभार्थियों की संख्या भी कम हुई है एवं श्रमिक शासन से मिलने वाले लाभों से वंचित हो रहे है। इसका क्या कारण है? (घ) क्या शासन श्रमिकों के हित को ध्यान में रखते हुये इनके पंजीयन पूर्व की भांति मंडल द्वारा शिविरों के माध्यम से करायेगा तथा कब तक? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) म.प्र.भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के श्रमिकों के पंजीयन हेतु आवेदन के साथ निम्न दस्तावेज दिये जाना आवश्यक है: 1. श्रमिक की आयु संबंधी प्रमाणपत्र 2. श्रमिक की बैंक पासबुक की प्रति 3. आवेदक की फोटो 4. निवास के संबंध में प्रमाण (वोटर आई.डी./लायसेंस/बिजली का बिल/राशन कार्ड, आधार कार्ड) 5. 90 दिन नियोजन के संबंध में स्वप्रमाणित हस्ताक्षरित प्रमाण/अंगूठे के निशानयुक्त प्रमाण पत्र। निर्माण श्रमिक पंजीयन हेतु पंचनामा एवं रजिस्टर्ड ठेकेदार के प्रमाण पत्र की अनिवार्यता नहीं है। वर्तमान में लोक सेवा गारंटी अधिनियम अंतर्गत निर्माण श्रमिक पंजीयन हेतु प्रस्तुत आवेदन का 01 दिवस में निराकरण किए जाने का प्रावधान है। कार्ड की वैधता अवधि 5 वर्ष समाप्त होने के पश्चात आवेदक द्वारा नवीनीकरण हेतु पदाभिहित अधिकारी को आवेदन प्रस्तुत करने पर पदाभिहित अधिकारी द्वारा श्रम सेवा पोर्टल पर ऑनलाईन श्रमिक परिचय पत्र नवीनीकरण किया जाता है। (ख) नगर पालिक निगम सागर में 3340 निर्माण श्रमिक म.प्र.भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत पंजीकृत है। म.प्र.भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। विगत 03 वर्षों में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को दी गई सुविधाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। वर्तमान में म.प्र.भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत नगरीय क्षेत्र में आयुक्त/मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगरीय निकाय निर्माण श्रमिकों के पंजीयन हेतु पदाभिहित अधिकारी है। नगरीय निकायों में श्रमिकों का पंजीयन/नवीनीकरण किया जा रहा है तथा पात्र हितग्राहियों को योजनाओं का लाभ प्रदाय किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्तमान में शिविरों के माध्यम से निर्माण श्रमिक पंजीयन किये जाने के शासन के कोई निर्देश नहीं है।
पात्र हितग्राहियों की खाद्यान्न पर्ची का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
50. ( क्र. 3554 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला रीवा अंतर्गत विकासखंण्ड जवा एवं विकासखण्ड सिरमौर के पात्र हितग्राहियों को कम्प्यूटराइज्ड खाद्यान्न पर्ची मुख्यालय भोपाल स्तर पर जारी नहीं की जा रही हैं? यदि हाँ, तो ऐसे कुल कितने हितग्राही हैं जिनकी खाद्यान्न पर्ची लंबित हैं? (ख) खाद्यान्न हेतु पात्र हितग्राहियों को कम्प्यूटराइज्ड खाद्यान्न पर्ची जारी न किये जाने का क्या कारण है? यह कि लंबित खाद्यान्न पर्चियां कब तक जारी की जा सकेंगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) माह सितम्बर 2020 से प्रश्न दिनांक तक रीवा जिले के विकासखण्ड जवा एवं विकासखण्ड सिरमौर में वैध पात्र पाए गए सभी 5560 नवीन परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की चुकी है। माह फरवरी 2021 में विकासखण्ड जवा एवं सिरमौर में कुल 459 नवीन परिवारों के आवेदनों को जिले द्वारा पोर्टल पर दर्ज किया गया है। आवेदक परिवार द्वारा आवश्यक वैध दस्तावेजों सहित आवेदन प्रस्तुत करने पर उसकी पात्रता व दस्तावेजों का परीक्षण, सत्यापन उपरांत वैध पात्र परिवार हेतु पात्रता पर्ची एवं सामग्री आवंटन जारी कर प्रदाय किए जाने की सुविधा दी गई है, यह एक सतत् प्रक्रिया है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार।
बीपीएल राशन कार्ड व खाद्यान्न पात्रता पर्ची
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
51. ( क्र. 3566 ) श्री मनोज चावला : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में प्रश्न दिनांक कुल कितने बीपीएल राशन कार्ड धारक नगरीय क्षेत्र व ग्रामीण क्षेत्र में दर्ज है स्थानीय निकायवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत दर्ज बीपीएल राशन कार्ड धारकों में क्या सभी हितग्राहियों को खाद्यान्न पात्रता पर्ची जारी हो चुकी है या शेष है शेष पात्रता पर्ची हितग्राहियों की संख्या स्थानीय निकायवार बताएं? (ग) बीपीएल राशन कार्ड धारक हितग्राहियों को वर्तमान में शासन द्वारा कौन-कौन सी योजना का लाभ उपलब्ध कराया जा रहा है क्या नवीन बीपीएल राशन कार्ड विभाग/शासन के द्वारा बनाए जा रहे हैं या वर्तमान में नवीन बीपीएल राशन कार्ड का कार्य बंद है। (घ) 1 जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक रतलाम जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में कुल कितने बीपीएल राशन कार्ड बनाए गए हैं और कितने बी.पी.एल कूपन के प्रकरण लंबित है स्थानीय निकायवार जानकारी उपलब्ध कराएं?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट में समाहित है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 में निर्धारित पात्रता श्रेणी अंतर्गत आवेदक परिवार द्वारा आवश्यक दस्तावेजों सहित आवेदन प्रस्तुत करने पर सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची एवं खाद्यान्न आवंटन जारी करना एस सतत् प्रक्रिया है। (ग) बी.पी.एल. के पात्रता पर्चीधारी हितग्राहियों को वर्तमान में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत प्राथमिकता परिवार के रूप में 05 किग्रा. प्रति सदस्य के मान से खाद्यान्न (गेहूं, चावल एवं मोटा अनाज), 01 किग्रा. नमक/फोर्टिफाईड नमक एवं 02 लीटर मिट्टी का तेल दिया जा रहा है। बी.पी.एल. राशन कार्ड उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी करने का परियोजन राशन सामग्री हितग्राहियों को उपलब्ध कराना है। बी.पी.एल राशन कार्ड जारी करने की सेवा को लोकसेवा गारंटी अधिनियम से पृथक कर दिया गया है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट में समाहित है।
सिंध नदी पर स्वीकृत रेत खदानें
[खनिज साधन]
52. ( क्र. 3633 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्र में सिंध नदी पर किन-किन स्थानों पर रेत खदानों की स्वीकृति कब-कब जारी की गई? क्या उक्त स्वीकृत खदानों से रेत निकालने की विधिवत अनुमति प्राप्त हो चुकी है? यदि हाँ, तो किन-किन खदानों से कितनी-कितनी मात्रा में रेत निकालने की अनुमति प्राप्त हुई है? स्वीकृत समस्त रेत खदानों के सर्वे नंबर, रकवा सहित समस्त जानकारी उपलबध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या सिंध नदी पर स्टॉप डेमों के निर्माण होने के उपरांत ही उक्त सभी रेत खदानों की स्वीकृति पहली बार हुई है तथा पूर्व में कभी भी उक्त स्थानों पर रेत खदान स्वीकृत नहीं थीं? क्या उक्त नदी पर रेत खदान क्षेत्र में स्टॉप डेम होने से पानी भरा हुआ है? जो किसानों की कृषि सिंचाई हेतु उपयोग किया जा रहा है? क्या नियमानुसार जहां पानी भरा हुआ है, उस स्थान से रेत का खनन किया जा सकता है? अथवा नहीं? यदि नहीं, तो फिर वर्ष भर में 08 माह से अधिक समय तक खदान स्वीकृति क्षेत्र में पानी भरा होने पर रेत का खनन नियमानुसार कैसे हो सकता है? (ग) जल भराव क्षेत्र से रेत खनन किए जाने हेतु असामाजिक तत्वों द्वारा स्टॉप डेमों के गेट तोड़कर रेत खनन हेतु पानी निकालने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में जबकि नियमानुसार उक्त खदानें संचालित नहीं हो सकती तो उक्त सभी खदानों की स्वीकृति को कब तक निरस्त कर दिया जावेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र में सिंध नदी पर स्वीकृत खदानों की प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) जी हाँ। पूर्व में दिनांक 30.01.2013 को नीलामी के माध्यम से 4 खदानें स्वीकृत की गई थी, परन्तु नियत समय-सीमा में वैधानिक अनुमतियां प्राप्त न होने के कारण खदान का संचालन नहीं किया गया। प्रश्नाधीन नदी पर 5 स्टॉप डेम बने हुए हैं। जिसके पानी का उपयोग सिंचाई हेतु किसानों द्वारा किया जा रहा है। रेत खदानें नियमानुसार स्टॉप डेम से 200 मीटर दूरी छोड़कर चिन्हित की गई है। जिन स्थानों पर पानी भरा है, उस स्थल से रेत का खनन नहीं किया जा सकता है। मानसून अवधि में रेत खदान से रेत का खनन प्रतिबंधित रहता है। (ग) कुछ अज्ञात व्यक्तियों द्वारा गेट हटाकर पानी निकाला गया था। तत्समय सूचना मिलने पर जल संसाधन विभाग द्वारा गेट बन्द कर दिये गये हैं। स्टॉप डेम से नियमानुसार 200 मीटर की दूरी छोड़कर खदानें चिन्हित की गई है एवं विधिवत अनुमतियां प्राप्त होने के उपरांत ही रेत खदानों का संचालन किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में सभी खदानों को निरस्त किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ई.ओर.डब्ल्यू. में दर्ज प्रकरण
[जल संसाधन]
53. ( क्र. 3634 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री एस.के. अग्रवाल प्रभारी कार्यपालन यंत्री सिंध परियोजना पक्का बांध संभाग मड़ीखेड़ा के विरूद्ध सहायक यंत्री सिंध परियोजना भू-अर्जन उप-संभाग शिवपुरी पदस्थ रहते हुए आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ई.ओ.डब्ल्यू) में प्रकरण पंजीबद्ध होकर वर्तमान में भी विचाराधीन है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या श्री एस.के. अग्रवाल को उसी कार्यालय (सिंध परियोजना पक्का बांध संभाग मड़ीखेड़ा) में प्रभारी कार्यपालन यंत्री के पद पर पदस्थ किया गया है? फिर क्या श्री अग्रवाल वरिष्ठ पद पर रहकर अपने स्वयं के विरूद्व आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में दर्ज प्रकरण के साक्ष्यों को प्रभावित या नष्ट नहीं करेंगे? क्या यह विषय विभाग के संज्ञान में नहीं है? (ग) यदि नहीं, है तो फिर विभाग इस विषय को कब तक संज्ञान में लेगा? श्री अग्रवाल के विरूद्ध पंजीबद्ध जाँच के निष्पक्ष निराकरण हेतु विभाग कब तक श्री अग्रवाल को मूल पद पर वापस कर अन्यत्र स्थानांतरण करेगा। यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। प्रकरण के समस्त मूल साक्ष्य/अभिलेख ई.ओ.डब्ल्यू. ग्वालियर द्वारा जप्त कर अपने पास सुरक्षित रखे गये हैं। इसलिए साक्ष्य प्रभावित या नष्ट किए जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी नहीं, विभाग के संज्ञान में है। (ग) श्री अग्रवाल को अन्यत्र स्थानांतरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सोन चिरैया अभ्यारण की डीनोटीफाई जमीन
[राजस्व]
54. ( क्र. 3653 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर घाटीगांव, गिरवाई राजस्व कृषि क्षेत्र से गांव गिरवाई, चकगिरवाई, कोटालसर, बरा, नयागांव, पनिहार, रायपुर, बरई, मालीपुरा, सुजवाया, तिघरा, बिठौली, महाराजपुरा, ओडपुरा, सौजना, घाटीगांव धुआं, जखौदी, खितैरा वसईकला समेडी, कालाखेत, रामपुरा आदि गांव को सोन चिरैया अभ्यारण से डीलिट करने का नोटीफिकेशन जारी हुए कितना समय राजस्व विभाग को प्राप्त हुआ है? (ख) उक्त गांवों की 11173 हेक्टेयर भूमि के सर्वे नम्बर राजस्व विभाग द्वारा अभी तक घोषित करने में विलम्ब के क्या कारण हैं? (ग) अभ्यारण द्वारा डीनोटीफिकेशन के बाद भी राजस्व विभाग द्वारा रकबा, सर्वे नम्बर नहीं देने से किसानों की खेती की जमीन के बंटवारा, नामांतरण, प्रकरणों में विलम्ब हो रहा है। कृषि जमीन की रजिस्ट्री नहीं होने से किसानों को परेशानी हो रही है, इसका निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मध्यप्रदेश शासन वन विभाग द्वारा मध्यप्रदेश शासन के राजपत्र दिनांक 27.11.2020 में सोन चिरैया अभ्यारण से डीलिट करने का नोटीफिकेशन जारी किया गया था जिसे लगभग 3 माह का समय हुआ है। (ख) सोन चिरैया अभ्यारण से वन विभाग द्वारा डीनोटीफाई किये गये सर्वे नम्बरो की सूची अप्राप्त है। (ग) नामांतरण/बंटवारे के आवेदन पत्रों का निराकरण गुण-दोष के आधार पर किया जा रहा है। कृषि भूमि के विक्रय-पत्रों का संपादन कार्य वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण-पत्र लेकर किया जाता है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता।
ग्वालियर में भूखण्डों के नामन्तरण बंटवारा प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
55. ( क्र. 3654 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर जिले व नगर एस.डी.एम न्यायालयों में आवासीय भूखण्डों के कृषि योग्य जमीन के नामान्तरण, बंटवारा, सीमांकनों के समय-सीमा में निराकरण नहीं होने के कारण हजारों प्रकरण जनवरी 2021 तक लंबित हैं? न्यायालयों के लंबित प्रकरणों की संख्यावार जानकारी दी जाये। (ख) क्या उक्त प्रकरणों में ग्वालियर नगर के उपभोक्ता जिन्हें आवासीय भू-खण्डों के विवाद न्यायालय में होने के कारण स्वयं के भवन निर्माण में भारी परेशानी आ रही है, उक्त प्रकरणों का कब तक निराकरण कर दिया जावेगा? (ग) क्या सी.एम. हेल्प लाईन की स्थिति 21 दिसम्बर 2020 की स्थिति L-1 पर 4079 L-2 पर 987 L-3 पर 1286 L-4 पर 5642, 28 दिसम्बर L-1 पर 4202 L-2 पर 1165 L-3 पर 1346 L-4 पर 5437 11 जनवरी 2021 L-1 पर 4109 L-2 पर 1065 L-3 पर 1245 L-4 पर 5340 शिकायतें पेंड़िग हैं? इन शिकायतों का अविलंब निराकरण कब तक किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। न्यायालयवार प्रचलित/लम्बित नामांतरण, बंटवारा तथा सीमांकन प्रकरणों की जानकारी निम्नानुसार है:-
क्रमांक |
तहसील का नाम |
लंबित प्रकरण |
||
नामांतरण |
बंटवारा |
सीमांकन |
||
1 |
डबरा |
2555 |
260 |
86 |
2 |
घाटीगांव |
0 |
0 |
0 |
3 |
मुरार |
1999 |
180 |
172 |
4 |
तानसेन |
582 |
39 |
17 |
5 |
ग्वालियर |
832 |
57 |
25 |
6 |
चीनोर |
0 |
0 |
0 |
7 |
सिटीसेन्टर |
489 |
116 |
100 |
8 |
भितरवार |
690 |
38 |
12 |
कुल |
7147 |
690 |
412 |
क्रमांक |
अनुविभाग का नाम |
नगर अनुविभागीय कार्यालय में लंबित अपीलीय प्रकरण |
|
|
|||
1 |
मुरार |
150 |
|
2 |
लश्कर |
66 |
|
3 |
ग्वालियर सिटी |
59 |
|
4 |
झांसी रोड |
66 |
|
(ख) न्यायालयीन प्रक्रिया द्वारा उक्त सभी प्रकरणों का यथाशीघ्र निराकरण किया जायेगा समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। दर्शित तिथियों में उनके सम्मुख अंकित सी.एम. हेल्पलाईन पर शिकायतें लंबित थी। दिनांक 06/03/2021 की स्थिति में विभिन्न स्तर पर लंबित शिकायतों में एल-1 पर 3907, एल-2 पर 1099 एल-3 पर 1267, एल-4 पर 4167 शिकायतें लंबित हैं। सी.एम. हेल्पलाईन पर शिकायतों का प्राप्त होना और निराकरण सतत् प्रक्रिया है, जिनका निराकरण नियमानुसार किया जा रहा है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
एन.एच.आई.69 के लिए अर्जित भूमि, मकान का मुआवजा
[राजस्व]
56. ( क्र. 3702 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार एवं बरेठा वनग्राम में से बरेठा वनग्राम के प्रभावितों को एन.एच.आई.69 के लिये अर्जित भूमि, मकान, दुकान का मुआवजा प्रश्नांकित दिनांक तक वितरित नहीं किया? (ख) यदि हाँ, तो धार एवं बरेठा के किस-किस की कितनी भूमि, मकान एवं दुकान के अर्जन की कार्यवाही कब की जाकर किसे किस दिनांक को कितनी राशि का भुगतान किया? अर्जन का प्रकरण किस दिनांक को पंजीबद्ध किया? प्रकरण पंजीबद्ध करने के पूर्व मुआवजा भुगतान किस कानून की किस धारा के अनुसार किया गया? (ग) भू-अर्जन का प्रकरण किस दिनांक को पंजीबद्ध कर किस दिनांक को अवार्ड आदेश किया? उसके अनुसार किस किसान को उसकी भूमि, मकान एवं दुकान का कितना मुआवजा किस दिनांक को भुगतान किया? किसे मुआवजा प्रश्नांकित दिनांक तक भी भुगतान नहीं किया गया? (घ) अवार्ड आदेश के अनुसार मुआवजा राशि एवं अवार्ड आदेश के दिनांक से भुगतान दिनांक तक की ब्याज की राशि का कब तक किसानों को भुगतान कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) अवार्ड अनुसार धार वनग्राम के धारकों को भूमि, मकान, दुकान का भुगतान किया जा चुका हैं तथा वनग्राम बरेठा के धारकों को एक किश्त का भुगतान किया गया हैं। (ख) 1. हाँ, ग्राम धार के कुल 28 धारकों के कुल 2.170 हे. भूमि तथा मकान एवं दुकान का अधिग्रहण किया हैं, जिसका भुगतान कुल राशि 1,09,44,702 (एक करोड़ नौ लाख चौवालीस हजार सात सौ दो रूपये) दिनांक 16-03-2020 को भुगतान किया जा चुका है तथा वनग्राम बरेठा के कुल 24 धारकों का कुल 0.890 हे. भूमि तथा मकान एवं दुकान का अधिग्रहण किया है जिसकी प्रथम किश्त में राशि 34,03,385 (चौतीस लाख तीन हजार तीन सौ पच्यासी रूपये मात्र) का भुगतान दिनांक 03.12.2015 को किया जा चुका है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। 2. भू-अर्जन का प्रकरण क्रमांक 07/अ-82/2016 दिनांक 28.12.2016 को पंजीबद्ध किया गया। 3. अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत वन निवासी वन अधिकारों की मान्यता अधिनियम 2006 एवं नियम 2007 की धारा 3 (ड.) के अंतर्गत ग्राम स्तरीय वन अधिकार समिति के पारित प्रस्ताव एवं जिला स्तरीय समिति में वनाधिकार नियमके तहत यह राशि भू-अर्जन के तर्ज पर देने का निर्णय लिया है उपरोक्त आदेश के तहत प्रथम किश्त की राशि का भुगतान किया गया। तत्पश्चात कलेक्टर जिला बैतूल के पत्र क्रमांक 11793 दिनांक 24.12.2016 द्वारा दिए निर्देश के अनुसार भू-अर्जन का प्रकरण पंजीबध्द किया गया। (ग) 1. भू-अर्जन का प्रकरण क्रमांक 07/अ-82/2016 दिनांक 28.12.2016 को पंजीबद्ध किया गया तथा प्रकरण का अवार्ड 20.01.2020 को पारित किया गया। 2. ग्राम धार के कुल 28 धारकों को भूमि, मकान एवं दुकान की प्रथम किश्त की राशि 30,44,235 ( तीस लाख चौवालीस हजार दो सौ पैंतीस रूपये) का भुगतान दिनांक 03-12-2015 को किया गया तत्पश्चात अवार्ड उपरांत अंतर राशि 68,05,996 (अड़सठ लाख पाँच हजार नौ सौ छियान्वें रूपये) का भुगतान दिनांक 16.03.2020 को किया जा चुका हैं। 3. ग्राम बरेठा के कुल 24 धारकों का प्रथम किश्त में राशि 34,03,385 (चौतीस लाख तीन हजार तीन सौ पच्यासी रूपये मात्र) का भुगतान दिनांक 03.12.2015 को किया जा चुका हैं अंतर राशि 80,95,117 (अस्सी लाख पंचानवें हजार एक सौ सत्रह रूपये मात्र) का भुगतान शेष हैं। आवेदक विभाग राष्टीय राजमार्ग द्वारा आज दिनांक तक राशि जमा नहीं कि गई हैं, जिसके कारण मुआवजा भुगतान किया जाना शेष है। (घ) राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से राशि प्राप्त होते ही अवार्ड अनुसार राशि भुगतान की कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
समितियों को आवंटित भूमि
[राजस्व]
57. ( क्र. 3703 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या घोड़ाडोंगरी तहसील के 11 राजस्व ग्रामों में बनाई गई सामूहिक कृषि सहकारी समितियों को आवंटित भूमि शासन के 1978 एवं 1990 में दिए आदेश के बाद भी समिति सदस्यों एवं काबिजों को प्रश्नांकित दिनांक तक पट्टें पर आवंटित नहीं की गई? (ख) यदि हाँ, तो किस ग्राम में समिति बनाई गई? उस ग्राम में गैर खाते की दर्ज दखल रहित भूमि के किस खसरा नंबर के कितने रकबे में से कितना रकबा किस आदेश क्रमांक दिनांक से समिति को आवंटित किया? कितना रकबा किस आदेश क्रमांक दिनांक से ग्राम के किस भूमिहीन को आवंटित किया? पृथक-पृथक बतावें। (ग) समिति को आंवटित भूमि समिति के सदस्यों एवं भूमि पर काबिजों को किन-किन कारणों से प्रश्नांकित दिनांक तक भी आवंटित नहीं की गई? इस संबंध में शासन एवं पंजीयक/आयुक्त मध्यप्रदेश शासन सहकारिता विभाग ने किस-किस दिनांक को आदेश किए थे? (घ) समिति सदस्यों एवं काबिजों को भूमि के पट्टे कब तक वितरित कर दिए जावेगें?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जिला बैतूल की तहसील घोड़ाडोंगरी के अंतर्गत 11 राजस्व ग्रामों में बनाई गई सामूहिक कृषि सहकारी समितियों को शासन के आदेशानुसार भंग कर मूल मद में भूमि दर्ज करने के वजह से काबिजों को पट्टे नहीं दिए गए। (ख) जिला बैतूल की तहसील घोड़ाडोंगरी के अंतर्गत 11 राजस्व ग्रामों में बनाई गई सामूहिक सहकारी समितियों को आवंटित भूमि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संबल योजना में अपात्रों को लाभ का प्रदाय
[श्रम]
58. ( क्र. 3736 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा वित्तीय प्रावधान के बिना ही वर्ष 2018 में संबल योजना लागू की गई थी? तो क्या इस पर वित्त विभाग ने आपत्ति उठायी थी? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार विधानसभा क्षेत्र सुमावली के अंतर्गत कितने अपात्र व्यक्तियों द्वारा संबल योजना का लाभ प्राप्त किया गया है? यदि हाँ, तो उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही हुई है? सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार विधानसभा क्षेत्र सुमावली के अंतर्गत कितने पात्र व्यक्तियों द्वारा संबल योजना का लाभ प्राप्त किया गया है, कितने पात्र व्यक्तियों को आज दिनांक तक लाभ क्यों प्राप्त नहीं हुआ है।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) पात्र श्रमिकों को ही मुख्यमंत्री जन कल्याण संबंल योजना अंतर्गत लाभ प्रदान किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
आसन नदी पर रपटा निर्माण की स्वीकृति
[जल संसाधन]
59. ( क्र. 3737 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र सुमावली के अंतर्गत बड़ौना गांव के पास आसन नदी पर रपटा निर्माण कार्य स्वीकृत हैं? यदि हाँ, तो कार्य कब तक शुरू किया जावेगा? (ख) विधानसभा क्षेत्र सुमावली के अंतर्गत कितनी-कितनी सिंचाई योजना संचालित है तथा उनके द्वारा कितने हेक्टेयर में सिंचाई की जा रही हैं? सिंचित रकबे की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार सुमावली विधानसभा क्षेत्र में कितनी योजनाएं स्वीकृत है तथा कितनी योजनाएं स्वीकृति हेतु लंबित हैं? योजनाओं की नामवार जानकारी से अवगत करावें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। सुमावली विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत प्रस्तावित चैना स्टाप डेम वित्त विभाग द्वारा निर्धारित वित्तीय सूचकांक अधिक्रमित होने के कारण वर्तमान में स्वीकृत किया जाना संभव नहीं है।
सुमावली विधान सभा क्षेत्र में संचालित सहकारी दुकानें
[सहकारिता]
60. ( क्र. 3745 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सुमावली के अंतर्गत सेवा सहकारी संस्था की कितनी दुकानें (समितियां) हैं? ये कहां-कहां संचालित हैं? नाम व पते सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) विधानसभा क्षेत्र सुमावली के अंतर्गत वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार किस-किस सहकारी समिति द्वारा कितने किसानों का कितना-कितना ऋण माफ किया गया है? कितने किसानों का किन-किन सोसायटियों का ऋण शेष है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सुमावली विधानसभा क्षेत्र में निरस्त किये गये भूमि के पट्टे
[राजस्व]
61. ( क्र. 3749 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सुमावली के अंतर्गत राजस्व विभाग द्वारा विगत 5 वर्ष में प्रश्न दिनांक तक कितने भूमि के पट्टे निरस्त कर दिए गए हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार ग्राम पंचायत मुंदावली व गुढ़ा आसन में मुख्यमंत्री द्वारा आवंटित पट्टे हल्का नं. 65 में सर्वे न. 871/1, 845/1, 844, 847, 849, 860 व हल्का नं. 43 में सर्वे न. 838/1, 838, 778, 781 किस कारण निरस्त कर गौचर कर दिए गए?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सुमावली के अन्तर्गत तहसील जौरा एवं तहसील मुरैना में विगत 05 वर्षों से प्रश्नांकित दिनांक तक राजस्व विभाग द्वारा किसी भूमि का कोई पट्टा निरस्त नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में तहसील जौरा की ग्राम पंचायत मुंदावली पटवारी हल्का नम्बर 65 में सर्वे नम्बर 871/1, 845/1, 844, 847, 849 एवं 860 के पट्टे निरस्त नहीं किये गये हैं। तहसील जौरा की ग्राम पंचायत गुढ़ासन का रिकार्ड अनुसार ग्राम पंचायत गुढ़ासन का पटवारी हल्का नम्बर 43 न होकर 63 है तथा राजस्व अभिलेख में 714 ही अंतिम खसरा नम्बर है। अतः प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित सर्वे क्रमांक 838/1, 838, 778, 781, में पट्टे आवंटन एवं निरस्त कर गौचर किये जाने का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है।
नरसिंहपुर जिले में धान खरीदी केन्द्र
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
62. ( क्र. 3782 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला नरसिंहपुर में उपार्जन वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 में कितने धान खरीदी केन्द्र बनाए गये हैं? (ख) क्या वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 में धान खरीदी केन्द्रों की संख्या कम की गई? यदि हाँ, तो कारण सहित जानकारी दें। (ग) वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 में प्रति हेक्टेयर कितने क्विंटल धान खरीदी की गई एवं कितनी अपेक्षा कम खरीदी हुई? यदि हाँ, तो कारण सहित जानकारी दें। (घ) वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 में धान खरीदी का शत्-प्रतिशत भुगतान कर दिया गया है। यदि हाँ, तो कितनी धान खरीदी में कितनी राशि प्रति क्विंटल दी गई है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जिला नरसिंहपुर में खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 में 33, वर्ष 2019-20 में 33 एवं वर्ष 2020-21 में 49 धान उपार्जन केन्द्र बनाए गए। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जिला नरसिंहपुर में खरीफ विपणन वर्ष 2018-19, वर्ष 2019-20 एवं वर्ष 2020-21 में धान की तहसीलवार प्रति हेक्टेयर उत्पादकता की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जिले में वर्ष 2018-19 में 66511.12, वर्ष 2019-20 में 67940.23 एवं वर्ष 2020-21 में 113163.61 मे.टन धान का उपार्जन समर्थन मूल्य पर किया गया है। इस प्रकार समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन मात्रा में वृद्धि हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जिला नरसिंहपुर में खरीफ उपार्जन वर्ष 2018-19, 2019-20 में उपार्जित धान का शत्-प्रतिशत किसानों को भुगतान कर दिया गया है। वर्ष 2020-21 में 17104 कृषकों से खरीदी गयी धान की देय राशि रू. 211.38 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। शेष रू. 57 लाख के भुगतान की कार्यवाही प्रचलन में है। वर्ष 2018-19 में रू. 1750, वर्ष 2019-20 में रू. 1815 एवं वर्ष 2020-21 में रू. 1868 प्रति क्विंटल की दर से उपार्जित धान का भुगतान किया गया है।
बैतूल बाजार नगर पंचायत में नजूल भूमि की जानकारी
[राजस्व]
63. ( क्र. 3887 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्तमान नगर पंचायत बैतूल बाजार को किस वर्ष में नगर पालिका/नगर परिषद् घोषित किया गया था? (ख) इस नगर पंचायत की नजूल भूमि के सीमांकन हेतु क्या कोई जाँच दल गठित किया गया था? यदि हाँ, तो सीमांकन के बाद कितने भू-स्वामियों को कितने-कितने रकबे की भूमियों के स्थाई एवं अस्थायी पट्टे वितरित किये गये एवं कितने-कितने रकबे की भूमि किन-किन भूमि स्वामियों को दिया जाना शेष है? रकबे सहित वितरित किए गए पट्टे एवं शेष भूमि के पट्टों की जानकारी भू-स्वामी के नामों के साथ उपलब्ध करावें। (ग) क्या शेष बचे पट्टों को वितरण किये जाने की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक इन पट्टों को संबंधित भू-स्वामियों को वितरित किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) बैतूल विधानसभा क्षेत्रांर्तगत वर्तमान नगर पंचायत बैतूल बाजार को वर्ष 1945 में नगर परिषद् घोषित किया गया था। (ख) अनुविभागीय अधिकारी (रा.) बैतूल के प्रतिवेदन अनुसार इस नगर पंचायत की नजूल भूमि के सीमांकन हेतु सेशन डिटेल सर्वे दल 1967-68 में गठित किया गया था। गठित दल द्वारा सीमांकन कर नजूल क्षेत्र की 42 नजूल शीट तैयार की गई थी जिसमें 1545 भू-खण्ड, क्षेत्रफल 66.14 हेक्टर का सर्वे किया गया था। उक्त भू-खण्ड में से 308 भू-खण्ड धारियो को क्षेत्रफल 37691.38 वर्गमीटर के स्थायी पट्टे दिये गये है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। शेष 1237 भू-खण्ड, क्षेत्रफल 28.44 हेक्टर भूमि के भू-खण्ड धारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बैतूल के अनुसार शेष बचे 1237 भू-खण्डधारी की नजूल जाँच होकर नजूल जाँच पंजी में दर्ज है। शेष पट्टे वितरण की कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कर्मचारियों की न्यायोचित मांगों का निराकरण
[सहकारिता]
64. ( क्र. 3932 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में सहकारिता सम्मितियों के कर्मचारियों द्वारा वर्तमान में कलम बन्द हड़ताल की जा रही है? हाँ तो क्या कारण है तथा वर्तमान में शासन द्वारा गेहूँ पंजीयन एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली में प्रदाय राशन वितरण की क्या व्यवस्था है? (ख) क्या सभी कर्मचारियों के एक साथ हड़ताल पर जाने की वजह से सभी समितियों के कार्य प्रभावित हो रहे है? हाँ तो क्या इसके समाधान के लिए शासन इनकी मांगों पर विचार कर रहा है? हाँ तो कब तक हड़ताल समाप्त करने हेतु उनकी मांगों का निराकरण होगा? नहीं तो क्या कारण है? (ग) क्या 10 मार्च 2018 को तत्कालीन सहकारिता मंत्री द्वारा सहकारिता कर्मचारियों का कैडर लागू करने की घोषणा की गई थी? उसके उपंरात समस्त कर्मचारियों द्वारा हड़ताल समाप्त की गई थी? हाँ तो वर्तमान तक शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई और नहीं तो क्या वर्तमान में सहकारिता मंत्री द्वारा सहकारिता कर्मचारियों की उचित एवं न्यायोचित मांगों के निराकरण कर उनकी मांग अनुसार शीघ्र आदेश जारी करने की कार्यवाही करेंगे?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश "क" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जी हाँ। कैडर नियम लागू कर दिये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हितग्राहियों
को मुआवजा एवं
आवास का आवंटन
[जल
संसाधन]
65. ( क्र. 3957 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा मुरैना जिले में आसन नदी पर डेम का निर्माण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कार्य एजेंसी का नाम बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में उक्त डेम के निर्माण में डूब क्षेत्र में आने वाले ग्रामीणों की भूमि एवं मकान आदि के पुनर्वास/मुआवजा की क्या योजना है? उक्त डूब क्षेत्र में आने वाले कितने हितग्राहियों को मुआवजा/आवास आवंटित कर दिये गये हैं एवं कितने शेष हैं? अलग-अलग सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में उक्त डेम के डूब क्षेत्र में ग्राम धमकन आदि ग्रामिणों को शेष 83 आवास आवंटित क्यों नहीं हुए हैं? इसके लिये दोषी अधिकारी, कर्मचारियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी एवं आवास कब तक आवंटित कर ग्रामीणों का पुनर्वास कर दिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के "प्रपत्र-अ" अनुसार है। (ख) आसन बैराज निर्माण से 12 ग्रामों की कृषि भूमि डूब क्षेत्र में आई है इसमें से एक ग्राम गदाल का पुरा (पुराहथरिया) के ग्रामीण विस्थापित हुए हैं। इसके पुनर्वास योजना के तहत कलेक्टर मुरैना द्वारा बनाई गई समिति द्वारा 215 हितग्राहियों का चयन किया गया, जिसमें से 132 हितग्राहियों द्वारा शासन द्वारा निर्धारित विशेष पैकेज में दिए गये प्रावधान के अनुसार रू. 05.00 लाख लेने की सहमति दी गई, इनमें से 112 हितग्राहियों को राशि रू. 05.00 लाख प्रति हितग्राही के मान से भुगतान कर दिया गया है। शेष 20 हितग्राहियों के अभिलेखों का परीक्षण उपरांत भुगतान किया जाना संभव होगा। शेष 83 हितग्राहियों को भू-खण्ड उपलब्ध कराने की कार्यवाही प्रचलन में है। विस्तृत सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के "प्रपत्र-ब" अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। भूमि आवंटन की कार्यवाही प्रचलन में होने के कारण अधिकारियों पर कार्यवाही करने की स्थिति नहीं है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
प्राकृतिक आपदा से हुई क्षति का मुआवजा
[राजस्व]
66. ( क्र. 3958 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा दैवीय आपदा द्वारा हुई क्षति हेतु मुआवजा प्रदाय हेतु शासन की नवीन नीति क्या है? फोटो प्रति उपलब्ध कराई जावे। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में दैवीय प्रकोपों द्वारा जनवरी/फरवरी, 2018 से जनवरी, 2021 तक तहसील सबलगढ़, कैलारस जिला-मुरैना में तहसीलवार आर.बी.सी. 6-4 के अन्तर्गत कितने कृषकों को किस-किस प्रकार के फसल क्षति में कितना मुआवजा दिया गया? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में चाही जानकारी के अनुसार सभी कृषकों को मुआवजा राशि प्रदाय की जा चुकी है अथवा शेष है? शेष होने का कारण बताते हुए उन्हें क्षति का मुआवजा कब तक दे दिया जावेगा? जानकारी में मुआवजा (सहायता) राशि, मांग संख्या, लेखा शीर्ष वर्ष, फसल का उल्लेख होना चाहिये।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्राकृतिक आपदा से क्षति हेतु राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 की संशोधित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) तहसील सबलगढ़, कैलारस, जिला मुरैना में प्राकृतिक प्रकोप से प्रभावित समस्त 3520 कृषकों को राशि 2, 76, 05, 776/- रूपये की राहत राशि प्रदाय की जा चुकी है। कोई कृषक राहत राशि वितरण से शेष नहीं है। मुआवजा (सहायता) राशि मांग संख्या 58, मुख्य शीर्ष 2245 है। वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब''अनुसार है।
खनिज मद की राशि का व्यय
[खनिज साधन]
67. ( क्र. 4004 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी एवं सतना जिले में विगत तीन वर्षों में खनिज मद में कितनी राशि वसूल की गई? कितनी राशि किस-किस कार्य में व्यय की गई? पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के कार्यों को करने के लिए कब-कब जिला सतर्कता/मूल्यांकन समिति की बैठक आयोजित कर कार्य कराए जाने की अनुशंसा की गई? (ग) खनिज मद की राशि किन-किन कार्यों में खर्च की जा सकती है? प्रावधान की प्रति दें। क्या प्रावधान के विपरीत राशि व्यय की गई है? इस तरह के प्रावधान के विपरीत राशि खर्च करने के लिए किन-किन अधिकारियों ने अनुशंसा की है? उनके नाम, पद नाम बताएं। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रावधान के विपरीत खनिज मद की राशि खर्च करने के लिए दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कब क्या कार्यवाही करेंगे? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) प्रश्नांकित अवधि में प्रश्नांकित जिलों में कुल कितनी शिकायतें शासन/प्रशासन को प्राप्त हुई शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन जिलों में विगत तीन वर्षों में प्राप्त खनिज राजस्व की जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दर्शित है। खनिज राजस्व की राशि राज्य की संचित निधि में प्राप्त होती है। इसे सीधे जिला स्तर पर व्यय के प्रावधान नहीं है। (ख) से (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) में दिये उत्तर अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
क्रेशर मालिक पर अवैध भण्डारण का प्रकरण
[खनिज साधन]
68. ( क्र. 4033 ) श्री संजीव सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले की तहसील गोहद में निजी भूमि मौजा डिरमन पाली में गिट्टी का क्रेशर सिद्धि विनायक स्टोन एग्रीगेट के नाम से लीज स्वीकृत है। उक्त लीज किस दिनांक से स्वीकृत है और इसमें कितना घनमीटर पत्थर आज दिनांक तक खनन किया गया है? (ख) डिरमन पाली की निजी भूमि में सिद्धि विनायक स्टोन एग्रीगेट के द्वारा लीज स्वीकृत दिनांक से आज दिनांक तक गिट्टी का भण्डारण कितना किया गया है? क्या क्रेशर मालिक ने भण्डारण स्वीकृत कराया है? यदि नहीं, तो सम्बन्धित क्रेशर मालिक पर अवैध भण्डारण का प्रकरण बनाया गया है या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। वस्तुस्थिति यह है कि जिले की तहसील गोहद अंतर्गत ग्राम डिरमन पाली में नहीं अपितु ग्राम डिरमन की निजी भूमि में सिद्धि विनायक स्टोन एग्रीगेट के नाम से क्रशर से गिट्टी बनाने हेतु पत्थर का उत्खननपट्टा स्वीकृत है तथा दिनाँक 18/10/2018 से 17/10/2028 तक की अवधि के लिए अनुबंधित होकर संचालित है। सिद्धि विनायक स्टोन एग्रीगेट द्वारा स्वीकृति दिनाँक से 26/02/2020 तक खनन कर 1, 33, 390 घनमीटर खनिज का उत्पादन किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) में दिए गए उत्तर से स्पष्ट है कि ग्राम डिरमन पाली की निजी भूमि में सिद्धि विनायक स्टोन एग्रीगेट के नाम से कोई लीज स्वीकृत नहीं है न ही गिट्टी का भण्डारण किया गया है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही नहीं है।
नगर सर्वेक्षकों की नियुक्ति
[राजस्व]
69. ( क्र. 4054 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता संशोधित अधिनियम 2018 की धारा 104 की उपधारा (3) के अनुसार म.प्र. में कुल कितने सेक्टर हैं? साथ ही मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता संशोधित अधिनियम 2018 की धारा 104 की उपधारा (2) के अनुसार किन-किन जिलों में कितने सेक्टरों में नगर सर्वेक्षकों को नियुक्त किया गया है और कितने सेक्टर रिक्त हैं? (ख) नगर सर्वेक्षक होने के लिये न्यूनतम कितने वर्षों का कार्यानुभव होना चाहिये? इस संबंध में क्या निर्देश जारी किये गये हैं? यदि नहीं, जारी किये गये हैं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र भू राजस्व संहिता 1959 यथा संशोधित नियम 2018 की धारा 104 की उप धारा 3 के अनुसार नगरीय क्षेत्र में सेक्टर की विरचना होने तक म.प्र भू-राजस्व संहिता संशोधन अधिनियम 2018 में प्रवृत्त होने के ठीक पूर्व इसमें विद्यमान प्रत्येक ग्राम, एक सेक्टर के रूप में समझा जायेगा। इस आधार पर प्रदेश के नगरीय क्षेत्र का प्रत्येक ग्राम, एक सेक्टर हैं। उपधारा 2 के अनुसार नगर सर्वेक्षक की विशिष्ट रूप से कोई नियुक्ति नहीं की गई है। (ख) इस संबंध में अलग से कोई निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। वर्तमान पटवारी ही नगरीय क्षेत्र के सेक्टर में पदस्थापना के बाद नगर सर्वेक्षक कहलाएगा।
जिला खनिज मद की राशि से विकास कार्य
[खनिज साधन]
70. ( क्र. 4070 ) श्री जयसिंह मरावी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले में खनिज मद से कार्य कराने हेतु किन-किन विभागों से किन-किन कार्यों के प्रस्ताव वित्तीय वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुए हैं? प्राप्त प्रस्तावों में से किन-किन कार्यों के लिये कितनी-कितनी धनराशि स्वीकृत करके उपलब्ध करवाई गई है? (ख) प्रश्नाधीन प्रस्तावों में से जिन-जिन कार्यों के लिये धनराशि अभी तक स्वीकृत करके प्रदान नहीं की गई है, ऐसे लंबित कार्यों के लिये प्राथमिकता के आधार पर धनराशि उपलब्ध करवाई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या उक्तावधि में जिले के जनप्रतिनिधियों से भी कोई प्रस्ताव प्राप्त हुये हैं? यदि हाँ, तो प्रस्ताव क्या-क्या हैं और कब तक स्वीकृत किये जायेंगे?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) शहड़ोल जिले में खनिज मद से प्राप्त राशि राज्य की संचित निधि में जमा होती है। इसका व्यय सीधे किया जाना प्रावधानित नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार है।
नहरों के निर्माण कार्य की जानकारी
[जल संसाधन]
71. ( क्र. 4074 ) श्री जयसिंह मरावी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले के विकासखण्ड सोहागपुर के ग्राम मिठौरी स्थित जलाशय से किन-किन ग्रामों को सिंचाई का पानी उपलब्ध कराने का लक्ष्य/कार्ययोजना में था? (ख) प्रश्नाधीन जलाशय से नहरों का निर्माण कहाँ से कहाँ तक हो चुका है और कहाँ से कहाँ तक का निर्माण कार्य अधूरा है तथा कहाँ से कहाँ तक का निर्माण कार्य अभी तक शुरू ही नहीं हुआ है? (ग) उक्त जलाशयों से वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार किन-किन ग्रामों में कितने-कितने क्षेत्र में सिंचाई का पानी उपलब्ध करवाया गया तथा लक्ष्य के अनुपात में उपलब्धि का प्रतिशत कितना है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) शहडोल जिले के सोहागपुर के ग्राम मिठौरी स्थित मिठौरी जलाशय से ग्राम मिठौरी, दगदहा, करूई एवं सिंहपुर में नहर से तथा ग्राम पडरिया एवं हर्राटोला के कृषकों को स्वयं के साधन से बांध से पानी उद्वहन कर सिंचाई का पानी उपलब्ध कराने का लक्ष्य कार्य योजना में था। (ख) मिठौरी जलाशय के निर्माण के संबंध में तथ्यात्मक स्थिति यह है कि परियोजना का निर्माण कार्य स्केयरसिटी के अंतर्गत वर्ष 1987 में प्रारंभ कराया गया एवं तत्पश्चात एस.जी.आर.वाय मद से बांध व स्पिल चैनल का कार्य वर्ष 2002-03 में पूर्ण कराया गया। नहर में मिट्टी व पक्की संरचनाओं का कार्य नाबार्ड अंतर्गत वर्ष 2004-05 में प्रांरभ किया गया। नहर डीप कटिंग एवं साफ्ट रॉक से गुजरने के कारण ठेकेदार द्वारा कार्य पूर्ण नहीं किया गया। ठेकेदार द्वारा छोड़े गए कार्य को विभाग द्वारा विद्युत यांत्रिकी यूनिट से नहर की शेष खुदाई का कार्य कराया गया, किन्तु नहर की आर.डी. 1320 मीटर से 3900 मीटर से मिट्टी फिसलकर नहर तल में जमा होने से नहर में जल प्रवाह बाधित हो जाने के कारण प्रश्नाधीन क्षेत्र में पानी उपलब्ध कराना संभव नहीं हो सका। नहर में जल प्रवाह सुचारू रूप से प्रवाहित किए जाने हेतु नहर के क्षतिग्रस्त भाग के सुधार कार्य हेतु प्राक्कलन तैयार करने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
परिवहन नियमों के उल्लंघन पर की गयी कार्यवाहियाँ
[खनिज साधन]
72. ( क्र. 4131 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले की सीमांतर्गत विभाग द्वारा जनवरी 2020 से कटनी जिले एवं अन्य जिले के खनिज परिवहन वाहनों की जाँच और कार्यवाही की गयी? यदि हाँ, तो वाहनों की जाँच और कार्यवाही का विवरण बताइये और वाहनवार इन वाहनों में कितनी मात्रा/वजन में कौन-कौन सी सामग्री भरी हुयी थी और किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा जाँच/कार्यवाही कब-कब की गयी? (ख) प्रश्नांश (क) वाहनों में किन-किन खनिजों का परिवहन कहाँ से कहाँ तक के लिए एवं किस जिले के किस ठेकेदार/खदान मालिक की किस खदान से किया जा रहा था और किन दस्तावेजों के अभाव अथवा क्या उल्लंघन से कार्यवाही, जुर्माना किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) वाहनों की जाँच में किन वाहनों के द्वारा नियमों/निर्देशों का पालन किया गया और किसके द्वारा नहीं? यह निर्णय किस प्रकार और किस नाम/पदनाम के शासकीय सेवक द्वारा लिए गये? जाँच, प्रकरण एवं वाहनवार बताइये।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नानुसार जानकारी संधारित नहीं की जाती है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
रतलाम जिलांतर्गत प्याज नीलामी की जानकारी
[सहकारिता]
73. ( क्र. 4278 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 455 दिनांक 22.09.2020 के खण्ड (ग) में उल्लेखित पत्रों के उत्तर कि प्रति देवें। (ख) वर्ष 2017 में प्याज खरीदी के सन्दर्भ में, विनिष्टीकरण के सन्दर्भ में, भावान्तर वसूलने के सन्दर्भ में, नीलामी के सन्दर्भ में जितने भी परिपत्र जारी किये गये, उन सबका विवरण उपलब्ध कराई जाए। (ग) प्रश्न क्रमांक 590 दिनांक 29.12.2020 में उल्लेखित विषय के सन्दर्भ में रतलाम उज्जैन तथा भोपाल स्तर पर जितना भी पत्र व्यवहार हुआ है उनका विवरण दिलाया जाये। (घ) वर्ष 2017 में रतलाम मण्डी में किस-किस दिनांक को विभाग द्वारा कितनी-कितनी मात्रा का प्याज नीलाम किया गया तथा वह किस दिनांक को निलामी मात्रा अनुसार उठाया गया। (ड.) आर.एम. ट्रेडर्स तथा बागवान ट्रेडिंग कम्पनी को लिखे गये तथा उनसे प्राप्त पत्रों का विवरण देवें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 03 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 04 अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 05 अनुसार है।
शासकीय भूमि की जानकारी
[राजस्व]
74. ( क्र. 4279 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1104 दिनांक 19.03.2020 के खण्ड (क) के सन्दर्भ में बताएं कि उल्लेखित तीन जमीन के अलावा और किसी जमीन को शासकीय से निजी नाम पर करने को लेकर कोई विवाद नहीं है तथा उल्लेखित तीन जमीन के अलावा और किसी निजी जमीन को दर्ज नहीं किया गया है? (ख) सज्जन मिल, जे.वी.एल., एक्ट्राबोर्ड, बर्फ कारखाना, पैलेस, लोकेन्द्र भवन, आईल मिल, आदि जो जो जमीन निजी नाम पर दर्ज हुई है उसमें किसी प्रकार का विवाद था या नहीं? यदि था तो अध्ययन स्थिति से अवगत कराएं। (ग) खण्ड (क) में उल्लेखित प्रश्न के सन्दर्भ में बताए की सर्वे क्रमांक 43/1131 तथा सर्वे क्रमांक 137/1/ख/2 दोनों में उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना तथा बाद में न्यायालय तहसीलदार द्वारा निजी नाम पर करना क्या मिलीभगत से किया गया नामांतरण नहीं है? (घ) दोनों प्रकरण में उल्लेखित सभी न्यायालयीन फैसले की प्रति देवें तथा बतावें कि 100 करोड़ से अधिक मूल्य की इन जमीनों को निजी नाम से दर्ज करने के पूर्व हाईकोर्ट की डबल बैंच अथवा सुप्रीम कोर्ट में चुनौती क्यों नहीं दी गई तथा विधि विभाग की राय क्यों नहीं प्राप्त की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्न क्रमांक 1104 दिनांक 19.03.2020 के प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में उल्लेखित तीन जमीन के अलावा कस्बा रतलाम में स्थित सर्वे क्रमांक 313 मिन 2 रकबा 7.730 हेक्टर, 626/1 रकवा 5.040 हेक्टर, 141/1 रकवा 3.500 हेक्टर एवं ग्राम पलसोडी स्थित सर्वे क्रमांक 225 रकवा 237.270 हेक्टर भूमि को लेकर विवाद है। किसी अन्य भूमि को शासकीय से निजी दर्ज नहीं किया गया है। (ख) प्रश्नानुसार बाधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित भूमि के मामले में माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर के आदेश के उपरान्त कलेक्टर के आदेश के पालन में तहसीलदार रतलाम के द्वारा नामान्तरण किया गया। (घ) दोनों प्रकरण में आदेशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। तत्समय अधिकारियों के द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के सख्त आदेश का पालन करते हुये कार्यवाही की गई है। माननीय उच्च न्यायालय की डबल बैंच अथवा माननीय उच्चतम न्यायालय में तात्कालीन अधिकारियों द्वारा अपील अथवा विधि विभाग की राय प्राप्त नहीं की गई है।
पेंच व्यपवर्तन परियोजना के गुणवत्ताहीन कार्य
[जल संसाधन]
75. ( क्र. 4326 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा पेंच व्यपवर्तन परियोजना का निमार्ण कार्य पूर्णत: बंद है? अपूर्ण निर्माण कार्य से निर्माण एजेन्सी द्वारा गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं किये जाने से जलाशय में सीपेज बना हुआ है परियोजना नहर निर्माण के लगभग 03 वर्ष बीत जाने के बाद भी किसानों को सिंचाई का लाभ नहीं मिल पा रहा है? (ख) क्या नहर निर्माण के गुणवत्ताहीन सीपेज होने के कारण निर्माण एजेन्सी म.प्र. के ई-टेंडरिग घोटाले में आरोपी मेंटाना कन्स्ट्रक्शन कंपनी चेयरमैन श्रीनिवास राजू दोषी पाये जाने पर जेल में निरूद्ध है? (ग) क्या सिवनी विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नांश (क) नहर निर्माण कार्य लगभग 03 वर्ष से चल रहा है, किन्तु अभी तक 50 प्रतिशत कार्य ही हो पाया है और ठेकेदार को अतिरिक्त भुगतान कर दिया गया है? नहर निर्माण कार्य ठेकेदार और अधिकारियों की मिलीभगत से अत्यंत धीमी गति से चल रहा है? अधिकारियों द्वारा ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के उद्देश से अपनी मर्जी से सर्वे स्थल पर न किया जाकर अन्यत्र स्थान परिवर्तन कर कार्य किया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ है तो निर्माण एजेन्सी संबंधित अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई है एवं संबंधित निर्माण एजेन्सी द्वारा नहर का कार्य पूर्ण क्यों कराया गया तथा सुधार कार्य कब तक कराया जावेगा? (ड.) क्या खामखरेली डेम में पूर्व सर्वे अनुसार कार्य न किया जाकर नहर को सीधे डेम में मिलाया जा रहा है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं, सिवनी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत पेंच व्यपवर्तन परियोजना की डी-2 वितरक नहर का कार्य प्रगतिरत होना प्रतिवेदित है। जी नहीं। जलाशय के पक्की संरचनाओं में गेलरी के अन्दर व्हीप होल्स तथा मिट्टी वाले भाग में बोल्डर टो से प्रेशर रिलीज के लिए फिल्टर की व्यवस्था रहती है, जिससे होने वाला जल रिसाव एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। जी नहीं विगत 3 वर्षों में की गई सिंचाई की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) इस आशय की अधिकारिक सूचना इस विभाग के पास उपलब्ध नहीं है। (ग) शासन द्वारा दिनांक 24.12.2020 को गठित जाँच दल का जाँच प्रतिवेदन अपेक्षित होने से तथ्यात्मक जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। जी नहीं, निर्धारित कमाण्ड क्षेत्र को दृष्टिगत रखकर निर्माण स्थल पर भौगोलिक स्थिति अनुसार तकनीकी रूप से उपयुक्त स्थल पर निर्माण कार्य कराया जाना प्रतिवेदित है। (घ) उत्तरांश ''ग'' अनुसार। सुधार कार्य के लिए निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ङ) जी नहीं।
ओलावृष्टि से नष्ट हुई फसलों का मुआवजा
[राजस्व]
76. ( क्र. 4350 ) श्री बाबू जण्डेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र श्योपुर में माह जनवरी 2021 में प्राकृतिक आपदा ओलावृष्टि से कृषकों की सरसों, चना, धनियाँ गेहूँ एवं अन्य रबी की फसलें नष्ट/नुकसान हुआ है? यदि हाँ, तो कितने ग्रामों के कितने किसानों की कितने रकबा की कितने प्रतिशत फसल नष्ट हुई? (ख) क्या श्योपुर विधानसभा क्षेत्र के किसानों की प्राकृतिक आपदा ओलावृष्टि से नष्ट हुई फसलों का मुआवजा/राहत राशि प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो कितने किसानों को कितनी राशि प्रदान की गई? (ग) आर.बी.सी 6-4 में क्या प्रावधान है? क्या श्योपुर के किसानों को प्रावधानानुसार राहत राशि प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो कितने कृषकों को कितनी राशि का भुगतान किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिये कौन जवाबदार है? मुआवजा हेतु शेष किसानों को राहत राशि कब तक प्रदाय की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। विधानसभा क्षेत्र श्योपुर की तहसील श्योपुर में माह जनवरी 2021 में प्राकृतिक आपदा ओलावृष्टि से कुल 06 ग्रामों के 248 कृषकों की कुल 262.236 हेक्टेयर भूमि की फसल में 60 प्रतिशत का नुकसान हुआ है। तहसील बडौदा के कुल 03 ग्रामों के 339 कृषकों की कुल रकबा 808.77 हेक्टेयर भूमि की फसल में 40 प्रतिशत का नुकसान हुआ है। (ख) जी हाँ। श्योपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के प्रावधानों के अंतर्गत कुल 587 प्रभावित कृषकों को राशि 1, 30, 71, 119/- रूपये की राहत राशि प्रदान की गयी है। (ग) राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के प्रावधानों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। विधानसभा क्षेत्र श्योपुर अंतर्गत समस्त 587 कृषकों को राशि 1, 30, 71, 119/- रूपये का भुगतान किया गया है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
केन्द्र एवं राज्य प्रवर्तित योजनांतर्गत पंजीकृत किसान
[राजस्व]
77. ( क्र. 4366 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा कृषक हित में केंद्र/राज्य प्रवर्तित योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि व मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि प्रदान की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो संपूर्ण म.प्र. में दोनों योजनाओं में कुल कितने कितने कृषक सम्मिलित/पंजीकृत हुए तथा रतलाम जिले में कुल कितने कितने कृषक तथा जावरा विधानसभा क्षेत्र में कितने कृषकों को दोनों योजनाओं में पंजीकृत किया गया? (ग) उपरोक्तानुसार कुल कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई? प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित संख्यावार कृषकों को भुगतान की गई राशि दर्शा कर बताएं। (घ) रतलाम जिले में व जावरा विधानसभा क्षेत्र में दोनों योजनाओं में पंजीकृत कृषकों में से कितनों को अपात्र घोषित किया? तहसीलवार बताएं एवं पिपलोदा तहसील के हसनपालिया, बरखेड़ी तथा जावरा तहसील के ग्राम आक्याबेनी, कुम्हारी के संपूर्ण नाम पंजीकृत नहीं हो पाए तो किन कारणों से? वे कब पंजीकृत किए जाएंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) संपूर्ण मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजनांतर्गत 8214858 कृषकों का पंजीयन किया गया है। यह समस्त किसान मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजनांतर्गत भी पंजीकृत हैं। रतलाम जिले में दोनों योजनाओं में 172025 तथा जावरा विधानसभा क्षेत्र में दोनों योजनाओं में 59098 कृषकों को पंजीकृत किया गया है (ग) प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना प्रारंभ से दिनांक 7.3.2021 की स्थिति में प्रदेश में 8214858 कृषकों को 8476.00 करोड़ राशि का वितरण किया गया है। जिला रतलाम में 172025 कृषकों को रूपये 180.00 करोड़ का वितरण किया गया है। जावरा विधानसभा क्षेत्र में 59098 कृषकों को रूपये 45.30 करोड़ का वितरण किया गया है। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना प्रारंभ से दिनांक 07.03.2021 की स्थिति में प्रदेश में 5745278 कृषकों को रूपये 1149.00 करोड़ का वितरण किया गया है। जिला रतलाम में 129808 कृषकों को रूपये 25.96 करोड़ का वितरण किया गया है। जावरा विधानसभा क्षेत्र में 46795 कृषकों को रूपये 9.35 करोड़ का वितरण किया गया है। (घ) दोनों योजनाओं में रतलाम जिले में 5103 एवं विधानसभा क्षेत्र जावरा की तहसील जावरा में 654 एवं तहसील पिपलोदा में 826 कृषकों को अपात्र अंकित किया गया है। पिपलोदा तहसील के ग्राम हसनपालिया, बरखेड़ी तथा जावरा तहसील के ग्राम कुम्हारी में कृषकों को योजना का लाभ प्राप्त हो रहा है। जावरा तहसील के ग्राम आक्याबेनी में तकनीकी त्रुटि सुधार कर पटवारी को प्रविष्टि हेतु डाटा उपलब्ध कराया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संबल योजनांतर्गत हितग्राहियों की जानकारी
[श्रम]
78. ( क्र. 4367 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री जन कल्याण निधि (संबल) योजना में संपूर्ण म.प्र. में कुल कितने पात्र हितग्राही पंजीकृत हैं तथा रतलाम जिले में कुल कितने पात्र हितग्राही पंजीकृत हैं? (ख) बताएं कि योजना प्रारंभ से प्रदेश भर में कितने हितग्राही परिवारों को योजना से सहारा मिला वह कुल कितने परिवारों को प्रदेश भर में कुल कितनी राशि वितरित कर सहायता दी गई? (ग) साथ ही योजना प्रारंभ व विगत समय में हुए शासन परिवर्तन दोनों अवधि के दौरान प्रदेश भर में क्या स्थिति रही? रतलाम जिले में वर्ष 2018-19 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों के आवेदन अथवा विभिन्न व्यवस्थाओं से प्राप्त हितग्राहियों के कितने आवेदन प्राप्त होकर निराकृत किए गए तथा कितने शेष रहे? ब्लॉकवार संख्यात्मक जानकारी दें। (घ) विभिन्न कारणों से हुए पंजीयन को पुनः किन कारणों से अपात्र घोषित किया गया? रतलाम जिले में कुल कितने अपात्र घोषित हुए व कुल कितने आवेदन पंजीयन हेतु लंबित हैं? उल्लेखित वर्ष अनुसार जानकारी दें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना में 1, 42, 16, 114 पात्र हितग्राही पंजीकृत हैं। रतलाम जिले में कुल 3, 53, 314 पात्र हितग्राही पंजीकृत हैं। (ख) योजना प्रारंभ से वर्तमान तक 222191 प्रकरणों में हितग्राही परिवारों को दी गई सहायता राशि रूपये 1818.97 करोड़ है। (ग) प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। । प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) राज्य शासन के निर्देशानुसार भौतिक सत्यापन में श्रमिकों को पात्र/अपात्र चिन्हित किया गया। कारणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
पेंच व्यपवर्तन नहर निर्माण कार्य की जाँच
[जल संसाधन]
79. ( क्र. 4376 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा सिवनी विधानसभा क्षेत्र में निर्माणाधीन पेंच व्यपवर्तन नहर निर्माण कार्य की जाँच की मांग पर गठित जाँच दल द्वारा प्रस्तुत की गई। जाँच रिपोर्ट में इंगित बिन्दुओं (अ) नहर कार्य गुणवत्ताहीन एवं घटिया है। (ब) पक्के संरचनाओं का कार्य उचित नहीं है जिससे पानी नहीं पहुंच रहा है तथा नहरें क्षतिग्रस्त हो रही हैं। (स) डी-4 नहर का कार्य ठेकेदार द्वारा बिना किसी स्वीकृत अलायन्मेंट के किया जा रहा है, पर क्या कार्यवाही हुई? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा अपर मुख्य सचिव भोपाल को प्रेषित पत्र क्रमांक 1417 दिनांक 20/11/2020 में उल्लेखित तथ्य ''ठेकेदार को अतिरिक्त भुगतान कर दिया गया है'' की जाँच कब की जायेगी? (ग) प्राप्त जाँच रिपोर्ट एवं नवीन जाँच रिपोर्ट प्राप्त कर कब तक संबंधित ठेकेदार एवं दोषियों पर कार्यवाही की जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क) जलाशय से सभी नहरों के अंतिम छोर तक पानी कब तक पहुंचेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) सिवनी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत पेंच परियोजना की निर्मित/निर्माणाधीन/क्षतिग्रस्त नहर कार्य की जाँच हेतु शासन के आदेश दिनांक 24.12.2020 द्वारा जाँच दल का गठन किया गया है। जाँच प्रतिवेदन अपेक्षित है। प्रतिवेदन प्राप्त होने पर निर्णय लिया जाना संभव होगा। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं। (घ) निर्माण कार्य यथासंभव पूर्ण कराकर पानी पहुंचाने के लिए समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
टप्पा तहसील की जानकारी
[राजस्व]
80. ( क्र. 4379 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी मालवा विधान सभा क्षेत्र के जिला होशंगाबाद के अंतर्गत ग्राम शिवपुर में टप्पा तहसील प्रारंभ की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो कब से शुरू की गई थी एवं आज की स्थिति में टप्पा तहसील का कार्य शिवपुर में प्रतिदिन किया जाता है? (ग) टप्पा तहसील के लिए तहसील भवन की क्या स्थिति है? (घ) क्या निकट भविष्य में टप्पा तहसील को पूर्ण तहसील में परिवर्तित करने की योजना है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2002-03 से प्रति बुधवार को कार्य किया जाता है। (ग) तहसील भवन नहीं है। वर्तमान पंचायत भवन शिवपुर में टप्पा कार्यालय में कार्य संपादित किया जाता है। (घ) जी नहीं।
नहरों की लाईनिंग एवं सीमेंटीकरण कार्य
[जल संसाधन]
81. ( क्र. 4380 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तवा नहर कमांड एरिया के होशंगाबाद एवं हरदा जिलों में नहरों की लाईनिंग सीमेंटीकरण का कार्य किस वर्ष स्वीकृत हुआ तथा कुल कितनी राशि स्वीकृत हुई? किस योजना के अंतर्गत कितनी राशि स्वीकृत की गई। (ख) उक्त लाईनिंग का कार्य कब तक पूर्ण होना संभावित था तथा वर्तमान में कितनी राशि खर्च करके कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण किया गया? (ग) क्या उक्त लाईनिंग का कार्य पूर्ण गुणवत्ता से किया जा रहा है? उक्त किए गए कार्य की कोई गारंटी एवं वारंटी है? यदि हाँ, तो क्या है? (घ) शेष कार्य कब तक पूर्ण हो जाएगा एवं गुणवत्ता विहीन कार्य की जाँच कर संबंधित अधिकारियों व ठेकेदारों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) तवा परियोजना की नहरों की विस्तारीकरण, सुदृढ़ीकरण एवं आधुनिकीकरण (ई.आर.एम.) के अंतर्गत प्रथम चरण की स्वीकृति वर्ष 2013 में रू. 89.91 करोड़ एवं द्वितीय से चतुर्थ चरण की स्वीकृति वर्ष 2016 में रू. 858.01 करोड़ की नहरों में लाईनिंग कार्य के लिए प्रदान की गई। (ख) प्रथम चरण के अंतर्गत कार्य मई 2018 में पूर्ण होना प्रतिवेदित है। द्वितीय से चतुर्थ चरण तक के कार्य मई 2024 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। उक्त कार्य के विरूद्ध रू. 562.98 करोड़ व्यय किया जाकर 60 प्रतिशत कार्य पूर्ण किया जाना प्रतिवेदित है। (ग) जी हाँ, विभिन्न अनुबंधों के अनुसार कार्यों की पूर्णता तिथि के पश्चात 12 माह से 24 माह तक क्षतिग्रस्त कार्यों को सुधारने का उत्तरदायित्व निर्माण एजेंसी के ऊपर है। (घ) शेष कार्यों में प्रचलित अनुबंधित कार्यों को जून 2024 तक पूर्ण करना लक्षित है। अन्य कार्यों की निविदा की प्रक्रिया प्रचलन में है। निर्धारित गुणवत्ता के स्तर को बनाए रखने के लिए पृथक से एक गुण-नियंत्रक इकाई कार्यरत है। बांयी तट नहर का कार्य पूर्ण हो चुका है। बांयी तट नहर की आर.डी. 6, 523 मीटर से 23, 470 मीटर तक लाईनिंग कार्य में कुछ स्थानों पर गुणवत्ता अनुसार कार्य नहीं पाए जाने पर तत्काल कार्यवाही करते हुए उक्त स्थानों की लाईनिंग को तोड़कर संबंधित ठेकेदार के स्वयं के व्यय पर पुन: विभागीय मापदण्डों एवं गुणवत्ता अनुसार कार्य संपादित कराए जाना प्रतिवेदित है। कार्य में लापरवाही बरतने के कारण शासकीय सेवकों को जाँच उपरांत दोषी पाए जाने पर प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग के आदेश दिनांक 08.02.2018 द्वारा दण्डित कर एक-एक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी गई है। दोषी अधिकारियों के नाम निम्नानुसार है :- 1. श्री अरविंद कुमार यादव, सहायक यंत्री 2. श्री एम.एल.चन्द्रोल, उपयंत्री 3. श्री बी.के. उपाध्याय, उपयंत्री 4. श्री एन.के. सूर्यवंशी, उपयंत्री।
भू-भवन को राजस्व पंजी में इन्द्राज किया जाना
[राजस्व]
82. ( क्र. 4387 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पंचायत कैलारस में ऐसे कितने भू-भवन स्वामी हैं जिन्हें राजस्व विभाग द्वारा धारक की खतौनी में इन्द्राज किया गया है? भूमि स्वामी पंजी में नहीं? ऐसे भू-भवन स्वामियों के नाम स्थान एवं काबिज समयावधि डायवर्सन खतौनी सहित अवगत करावें। (ख) क्या ऐसे भवन स्वामियों पर भवन की रजिस्ट्री है और नामांतरण डायवर्सन, पुस्तिका में एवं नगर पंचायत में भी दर्ज है किन्तु खसरा खतौनी में इन्द्राज नहीं है? ऐसे भू-भवन स्वामी अपने विक्रय पत्र एवं दस्तावेजों के साथ वर्षों से उक्त भू-भवन पर काबिज हैं? उसके उपरांत भी उनके दस्तावेजों के आधार पर उन्हें भू-स्वामी पंजी में इन्द्राज क्यों नहीं किया गया है? (ग) क्या वर्तमान भू-भवन स्वामियों का पूर्णतः मालिकाना हक होने के उपरांत भी यदि वह भू-भवन विक्रय करता है तो उसे मजबूरन पूर्व भू-भवन विक्रेता के द्वारा रजिस्ट्री करानी पड़ रही हैं? ऐसी विसंगति के निराकरण हेतु विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की जा सकेगी? (घ) (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में उपरोक्त समस्या निराकरण हेतु विभाग द्वारा डायवर्सन की खतौनी को मूल अभिलेख मानते हुए संबंधित भू-भवन स्वामियों को भू-स्वामी घोषित कर भू-स्वामी पंजी में इन्द्राज किया जा सकेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो विभाग की उक्त समस्या निराकरण हेतु क्या योजना हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) नगर पंचायत कैलारस में ऐसे भू-भवन स्वामियों की कुल संख्या 92 है जिनका तत्समय प्रभावशील म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 172 की उप धारा 4 के प्रावधानानुसार डायवर्सन किया जाकर डायवर्सन खतौनी में धारक के रुप में इन्द्राज किया गया है। भूमि स्वामी न होने के कारण खसरा में अंकित नहीं किया गया है। ऐसे भू-भवन स्वामियों के नाम, स्थान एवं काबिज समयावधि की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, ऐसे भू-भवन स्वामियों (धारकों) के पास भवन की रजिस्ट्रियां तो हैं परन्तु यह रजिस्ट्रियां राजस्व के खसरा में दर्ज भूमि स्वामियों द्वारा न की जाकर नगर पंचायत के प्रमाणीकरण अथवा धारकों की रजिस्ट्री से रजिस्ट्री की गई है। अत: उन्हें मालिकाना हक प्राप्त नहीं है। नगर पंचायत में भी भू-भवन स्वामियों (धारको) के नाम दर्ज है। भूमि स्वामियों द्वारा विक्रय पत्र संपादित न किये जाने एवं विक्रय पत्रों में विक्रेता के रुप में मूल भूमि स्वामी का नाम अंकित न होने अथवा राजस्व अभिलेख से मिलान न होने के कारण राजस्व अभिलेख खसरा में भूमि स्वामी के रुप में भू-भवन स्वामियों (धारकों) का इन्द्राज किया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में यह प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (घ) भूमि स्वामी से भूमि क्रय की जाने पर म.प्र. भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 109 एवं 110 के प्रावधान अंतर्गत सूचना प्राप्त होने पर विधिक प्रक्रिया के अनुसरण में क्रेता का नाम खसरे में दर्ज किये जाने की व्यवस्था है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता।
मजरा-टोला को राजस्व ग्राम घोषित करना
[राजस्व]
83. ( क्र. 4391 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मजरा-टोला को राजस्व ग्राम घोषित करने के शासन के क्या दिशा-निर्देश, नियम, कानून हैं? इन नियम प्रक्रिया के तहत किस प्रकार से किसके द्वारा मजरा-टोला को राजस्व ग्राम घोषित किया जा सकता है? (ख) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किन-किन ग्राम पंचायतों में कौन-कौन से मजरा-टोला राजस्व ग्रामों के साथ सम्मिलित हैं? इन मजरा-टोलों की आबादी एवं ग्राम पंचायत से सड़क मार्ग की दूरी सहित सूची देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कुछ मजरा-टोलों को प्रश्नांश (क) प्रावधानों के तहत या नियमों को आंशिक शिथिल करते हुये राजस्व ग्राम का दर्जा दिया जा सकता है, ताकि यहां के निवासी शासन की सुविधाओं से लाभान्वित हो सकें? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार। मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता, 1959 की धारा 71 में उपबंधित अनुसार ग्रामों और सेक्टर को विभाजित या सम्मिलित करने या उसमें से किसी क्षेत्र को अपवर्जित करने के लिये जिला सर्वेक्षण अधिकारी, संहिता की धारा-64 अंतर्गत आयुक्त भू-अभिलेख द्वारा जारी अधिसूचना के अध्याधीन, सक्षम हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार। (ग) मजरे-टोलों को राजस्व ग्राम घोषित करने की कार्यवाही परिशिष्ट-क अनुसार परिपत्र के मापदण्डों अनुसार ही गुणदोष के आधार पर की जाती है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता।
गृह निर्माण सहकारी संस्था के सदस्यों की जानकारी
[सहकारिता]
84. ( क्र. 4397 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सितारा गृह निर्माण सहकारी संस्था, भोपाल पंजीयन क्रं. बीआबी/889 दिनांक 23.4.2002 में पंजीयन दिनांक को कुल कितने सदस्य थे? क्या संस्था में रवि श्रीवास्तव, दिनेश त्रिवेदी, राजेश आर्य, हरिशचंद्र, दिलीप खेर, स्वप्निल तेलंग, मुकेश श्रीवास्तव, मुकेश त्रिवेदी, उषा बख्शी, तनमय तिवारी, श्रीमती प्रमोद त्रिवेदी, संचालक रहते हुए संस्था से भू-खण्ड प्राप्त किया था? (ख) उक्त समस्त व्यक्ति किसी अन्य संस्था में संचालक रहे हैं अथवा वर्तमान में है? यदि हैं तो कौन-कौन सी संस्था में संचालक रहे हैं और इनके द्वारा संचालक मण्डल में रहते हुए अन्य संस्थाओं से भू-खण्ड प्राप्त किए थे? (ग) यदि हाँ, तो यह मध्यप्रदेश सहकारी अधिनियम 1960 के प्रावधानों तथा उपविधियों के अनुरूप है या नहीं। (घ) यदि हाँ, तो नियम की प्रति देवें। यदि नहीं, तो इन पर अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? 11 संचालकों के निर्वाचन अध्यक्ष/प्रशासक की उपस्थिति में विभाग के किस अधिकारी/कर्मचारी द्वारा किन तिथियों में करवाए गए जिसमें उपरोक्त सभी या कुछ नाम अन्य संस्थाओं के संचालक मण्डल में रहे हैं?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) सितारा गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्या. भोपाल का पंजीयन क्रमांक डी.आर.बी.899 दिनांक 23.04.2002 एवं परिसमापन दिनांक 06.02.2007 है। पंजीयन दिनांक को कुल 21 सदस्य थे। संस्था में रवि श्रीवास्तव, दिनेश त्रिवेदी, राजेश आर्य, हरिशचंद्र, दिलीप खेर, स्वप्निल तेलंग, मुकेश श्रीवास्तव, मुकेश त्रिवेदी, उषा बख्शी, तनमय तिवारी, श्रीमती प्रमोद त्रिवेदी, संचालक रहते हुए भू-खण्ड प्राप्त नहीं किए गये थे। (ख) जी नहीं। केवल दिनेश त्रिवेदी एवं स्वप्निल तेलंग अन्य संस्थाओं में निर्वाचित रहे हैं। वर्तमान में दिनेश त्रिवेदी महाकाली गृह निर्माण सहकारी संस्था में दिनांक 11.08.2017 से उपाध्यक्ष तथा इसके पूर्व 2007 के निर्वाचन में संचालक एवं दिनांक 15.05.2008 के सहयोजन से अध्यक्ष ओर दिनांक 17.04.2012 के निर्वाचन में अध्यक्ष के पद पर रहे हैं। इसके अतिरिक्त दिनेश त्रिवेदी मंदाकिनी गृह निर्माण सहकारी संस्था में वर्ष 2003 में संचालक रहे हैं। स्वप्निल तेलंग वर्ष 2007, वर्ष 2012-13 में हेमा गृह निर्माण सहकारी संस्था में अध्यक्ष रहे हैं। शेष जानकारी एकत्र की जा रही है। (ग) उत्तरांश "ख" के परिप्रेक्ष्य में स्पष्ट उत्तर संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश 'ख' एवं 'ग' के परिप्रेक्ष्य में संभव नहीं है। सितारा गृह निर्माण सहकारी संस्था के 11 संचालकों के निर्वाचन, निर्वाचन अधिकारी श्री एम.पी. पुरोहित, सहकारी निरीक्षक द्वारा दिनांक 17.11.2002 को कराये गये तत्समय प्रश्नांश (क) में वर्णित व्यक्तियों के अन्य संस्था के संचालक मण्डल में रहने की कोई जानकारी नहीं है।
स्वास्थ्य केन्द्र भवन का निर्माण
[राजस्व]
85. ( क्र. 4452 ) श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन. पी.) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मौजा मुगवानी न.ब. 474 हल्का नं. 71 तहसील व जिला नरसिंहपुर अन्तर्गत स्थित खसरा नं. 111/1 रकबा 09.79 हेक्टयेर में से 0.300 हेक्टेयर तथा खसरा नं. 112/1 रकबा 0.74 भूमि कुल रकबा 1.045 हेक्टेयर भूमि लोकहित में नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन निर्माण हेतु स्वास्थ्य विभाग को हस्तांतरित की गई? (ख) इस संबंध में क्या पूर्व अध्यक्ष, मध्यप्रदेश विधानसभा एवं विधायक गोटेगांव की अनुशंसा तथा जनभावनाओं के अनुरूप कार्यालय कलेक्टर जिला नरसिंहपुर द्वारा संभागीय परियोजना यंत्री लोक निर्माण विभाग नरसिंहपुर को स्वास्थ्य केन्द्र भवन निर्माण शीघ्र किये जाने हेतु निर्देशित किया गया था? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) हाँ, तो क्षेत्र के सरपंच द्वारा कलेक्टर को तथा स्थानीय लोगों के द्वारा पूर्व अध्यक्ष विधानसभा को दिये गये आवेदन तथा आम जनता के हित को दृष्टिगत रखते हुए इस नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन का निर्माण अभी तक क्यों नहीं प्रारंभ हुआ एवं इसका निर्माण कब तक पूर्ण करा लिया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित खसरा नं. प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र के निर्माण हेतु उपयुक्त नहीं होने से खसरा क्रमांक 160/1 का चयन कर लेआउट दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तालाबों की भूमियों पर अतिक्रमण
[राजस्व]
86. ( क्र. 4459 ) श्री विक्रम सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में सभी विकासखण्डों में कुल कितने शासकीय एवं अशासकीय तालाब हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने तालाब नगरी क्षेत्र और कितने तालाब ग्रामीण क्षेत्रों में हैं और कितने तालाबों पर अतिक्रमण है? अतिक्रमणकर्ता का नाम सहित बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार ऐसे कितने तालाब हैं जिनका विभिन्न न्यायालयों में मामले लंबित हैं? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने तालाबों का अस्तित्व समाप्त हो चुका है, इसकी वजह क्या थी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सतना जिले में सभी विकासखण्डों में कुल 1733 शासकीय एवं अशासकीय तालाब है। (ख) सतना जिले के नगरीय क्षेत्र में 84 एवं ग्रामीण क्षेत्र में 1649 तालाब स्थित हैं। इन तालाबो में से 5 तालाबों पर अतिक्रमण पाया गया है। अतिक्रमणकर्ताओं के नाम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार ऐसे 15 तालाब हैं जिनका विभिन्न न्यायालयों में मामले लंबित है। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार सतना जिले के सभी तालाब अस्तित्व में है।
जिला सहकारी बैंक में अनियमितताएं
[सहकारिता]
87. ( क्र. 4471 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के ऐसे कौन-कौन से जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक हैं, जिनके मुख्य कार्यपालन अधिकारियों पर 2014 से 2021 तक गंभीर वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? बैंक का नाम, अधिकारी का नाम एवं आरोपित राशि का विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) से उक्त आरोपित मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की जांचें किन-किन अधिकारियों को आवंटित हैं? उनके नाम बतावें एवं किन प्रकरणों की जाँच पूर्ण हो चुकी है, किन प्रकरणों की जाँच लंबित है? किन प्रकरणों में दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जा चुकी है? (ग) जिन प्रकरणों की जाँच लंबित है, उन जाँचकर्ता अधिकारियों को विलंब के लिये दोषी मानते हुये कोई कार्यवाही की गई है या की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या जिला बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को राज्य सहकारी बैंक प्रबंध संचालक द्वारा जिला बैंक से सी.ई.ओ. को आर्थिक अनियमितता के आरोप में निलंबित किया था अथवा अटैच किया गया था? उन्हीं प्रबंध संचालक द्वारा उसी आरोपित बैंक सी.ई.ओ. को बिना जाँच के और बड़े बैंक का मुख्य कार्यपालन अधिकारी पदस्थ किया गया है? क्या शासन ऐसे अपैक्स बैंक के प्रबंध संचालक पर भी कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? प्रबंध संचालकों के नाम बतावें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। (ग) 06 माह से अधिक लंबित शिकायतों की जाँच के 07 प्रकरण है, जाँच अधिकारियों को समय पर जाँच नहीं करने के कारण, उनके विरूद्ध विभागीय कार्यवाही हेतु कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। (घ) वर्ष 2014 से 2021 तक गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के कारण निलंबित किये गये एवं बहाल किये गये मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ई-टेन्डर घोटाले की जाँच
[जल संसाधन]
88. ( क्र. 4520 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में 2009 से 2018 तक कौन-कौन मंत्री रहे तथा किस मंत्री के कार्यकाल में ई-टेण्डरिंग घोटाला हुआ? घोटाले में लिप्त अधिकारी का नाम, संबंधित राशि, विभागीय जाँच, जाँच प्रतिवेदन की रिपोर्ट सहित सूची देवें। (ख) ई-टेण्डर घोटाले में कुल कितनी राशि का कार्य लिप्त है? क्या इस टेण्डर के किसी आदेश पर माननीय मंत्री का अनुमोदन स्वीकृत या अनुशंसा उल्लेखित है या नहीं? क्या तात्कालिक मंत्री के निज सचिव इस घोटाले में आरोपी है? (ग) क्या ई-टेण्डर घोटाले की विभागीय जाँच भी हुई है? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन की प्रति देवें। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित घोटाले में लोकायुक्त ई.ओ.डब्ल्यू. व पुलिस थाने में प्रकरण विवेचना में है या दर्ज हो चुका है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) ई-टेण्डरिंग घोटाले की जाँच राज्य आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा की जा रही है। पुलिस अधीक्षक, आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ, भोपाल द्वारा उनके पत्र क्र. प्रकोष्ठ/इ.भो./वि.स.ता.प्र.क्र.-4520/621/21, भोपाल, दिनांक 04.03.2021 (प्रतिलिपि संलग्न) से संसूचित किया गया है कि ''ई-टेंडर से संबंधित (01 प्रकरण) अपराध क्रमांक 12/2019 अंतर्गत धारा 420, 468, 471, 120बी भारतीय दण्ड विधान, धारा 7 सहपठित धारा 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2018, धारा 66 आई.टी. एक्ट 2000 अंतर्गत पंजीबद्ध किया गया है। उक्त प्रकरण धारा 173 (8) दण्ड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत विवेचनाधीन है। प्रकरण वर्तमान में विवेचनाधीन होने से संबंधित जानकारी दिया जाना विधि सम्मत न होने के कारण प्रदाय किया जाना संभव नहीं है।'' (घ) विभाग को आधिकारिक सूचना नहीं होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण की जानकारी
[राजस्व]
89. ( क्र. 4528 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में शासकीय भूमि पर किस-किस पंचायत में एवं किस-किस नगर परिषद् में किस-किस सर्वे नं. के कितने-कितने रकबा पर किन-किन व्यक्तियों द्वारा 15.02.2021 की स्थिति में अवैध कब्जा-अतिक्रमण किया गया है? इस अवैध कब्जे की किन-किन शिकायतकर्ताओं द्वारा 01.01.2019 से 15.02.2021 तक शिकायतें की गई हैं? शिकायतकर्ताओं का नाम, पता दें। क्या शिकायत पर कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो किस-किस शिकायत पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? क्या अवैध कब्जा हटा दिया गया है? यदि हाँ, तो कब क्या चीनोर पंचायत के कोई प्रकरण पेंडिंग हैं? यदि हाँ, तो उनका विस्तृत विवरण दें। उन पर कब तक कार्यवाही कर कब्जा हटा दिया जायेगा? अभी तक पेंडिंग रखने के लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी है? (ख) क्या ग्राम पंचायत खैरवाया तहसील चीनोर के ग्रामवासियों द्वारा अवैध कब्जा बाबत् दिनांक 02.02.2021 को नायब तहसीलदार चीनोर एवं दिनांक 09.02.2021 को कलेक्टर ग्वालियर की जन-सुनवाई में शिकायत की गई है? यदि हाँ तो शिकायत का विवरण दें। क्या अवैध अतिक्रमण किया गया है? यदि हाँ तो किन-किन व्यक्तियों द्वारा कब से? किन-किन सर्वे नम्बरों पर कुल कितने रकबा पर अवैध अतिक्रमण किया गया है? अवैध अतिक्रमणकर्ताओं के नाम, पिता/पति का नाम, पता बतावें। क्या इस अवैध अतिक्रमण को हटाकर शासकीय भूमि को मुक्त कराया जावेगा? क्या अवैध अतिक्रमणकर्ताओं पर दण्डनात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में शासकीय भूमि पर दिनांक 15.02.2021 की स्थिति में अवैध कब्जा-अतिक्रमण, अवैध कब्जे की शिकायतकर्ताओं एवं शिकायत पर की गई कार्यवाही के संबंध में जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) ग्राम पंचायत खैरवाया के निवासियों द्वारा शिकायत की गई है कि शासकीय भूमि में भू-माफियों के द्वारा अवैध कब्जा कर लेने से पशुओं को चराने हेतु भूमि नहीं बची है। जाँच कराये जाने पर 14 व्यक्तियों के द्वारा अवैध अतिक्रमण कर गेहूँ की फसल बोई जाना पाया गया। जिनके विरूध म.प्र. भू-राजस्व सहिता 1959 की धारा 248 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर सुनवाई हेतु प्रचलित है। अवैध अतिक्रमणकर्ताओं का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। धारा 248 अंतर्गत प्रचलित प्रकरणों में विधि अनुसार कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
कृषि साख-सहकारी समिति में अवैध नियुक्ति
[सहकारिता]
90. ( क्र. 4529 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्राथमिक कृषि सहकारी समिति मर्यादित चीनोर जिला ग्वालियर में श्री सुबीर सिंह पवैया की अवैध नियुक्ति एवं अवैध रूप से कार्य कराने के सम्बन्ध में दिनांक 23.07.2020 को दौलत सिंह कुशवाह द्वारा एवं दिनांक 31.07.2020 तथा दिनांक 02.01.2021 को प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा कलेक्टर ग्वालियर को पत्र लिखकर अवैध नियुक्ति एवं अवैध रूप से कार्य कराने की जाँच कराने बाबत् पत्र लिखे थे? क्या पत्र क्र. 171 दिनांक 02.01.2021 पर कलेक्टर द्वारा डी.आर. को कार्यवाही हेतु लिखा गया था? पत्र दिनांक से प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त पत्रों पर क्या जाँच कराई गई? विवरण दें। किस-किस कर्मचारी/अधिकारी से जाँच कराई? उनके नाम एवं पद बतावें। जाँच उपरान्त क्या कार्यवाही की गयी? (ख) क्या प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा इतनी गम्भीर शिकायतें करने पर पत्र क्र. 171 दिनांक 02.01.2021 की प्रतिलिपि में माननीय मुख्यमंत्री महोदय मध्यप्रदेश शासन भोपाल को लेख कर अनुरोध किया गया था कि विधायकों के पत्रों पर अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही या जवाब नहीं दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या ऐसी गम्भीर लापरवाही के लिये दोषी अधिकारियों पर कठोर दण्डनात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो दोषियों के नाम बतावें तथा कब तक और क्या दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। पत्र क्रमांक 2/2020/1514, दिनांक 31.07.2020 एवं पत्र क्र. 1/2021/107, दिनांक 07.01.2021 से श्री विकास माठे स.नि./स.वि.अ. विकासखण्ड भितरवार को जाँच हेतु दी गई। जाँच प्रतिवेदन दिनांक 01.03.2021 को प्राप्त हो गया। जाँच प्रतिवेदन अनुसार श्री सुबीर सिंह पवैया को दे.वे.भोगी के रूप में अस्थायी रूप से सेल्समैन के पद पर संस्था के प्रस्ताव ठहराव क्रमांक 125, दिनांक 25.03.2009 से रखा गया। अतः संस्था का ठहराव सेवा नियम लागू होने के पूर्व का होने से नियुक्ति अवैध नहीं है। (ख) जी नहीं। प्रकरण में जाँच करवाई गई। उत्तरांश "क" अनुसार नियुक्ति अवैध नहीं है। माननीय विधायक महोदय के पत्रों पर यथा समय कार्यवाही की जा चुकी है, किसी अधिकारी पर दण्डात्मक कार्यवाही की आवश्यकता नहीं है।
म.प्र उपभोक्ता कल्याण कोष की स्थापना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
91. ( क्र. 4561 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अन्य प्रदेशों की तरह म.प्र में भी उपभोक्ता कल्याण कोष की स्थापना की गयी है? यदि हाँ, तो कब से? यदि नहीं, तो क्यों? वर्तमान एवं विगत 3 वर्षों में कोष की सकल प्राप्तियों का विवरण क्या है? क्या राज्य में उपभोक्ता आन्दोलन को मजबूत करने के लिए केन्द्रीय सरकार द्वारा प्रदान की गई? सहायता राशि सम्मिलित है? प्रदेश में युवाओं में उपभोक्ता आन्दोलन मजबूत करने के लिए शासन की क्या योजना प्रचलन में है? योजनाओं से अवगत करायें। (ख) कोष का मुख्य उद्देश्य क्या है? वर्तमान एवं विगत 3 वर्षों में प्रतिवर्ष कोष की निधि का उपयोग कौन-कौन से प्रयोजनों हेतु कितनी मात्रा में किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उपभोक्ता क्लब के मुख्य उद्देश्य क्या हैं? राज्य के कितने महाविद्यालयों/विद्यालयों में उपभोक्ता क्लब स्थापित हैं? वर्तमान एवं विगत 3 वर्षों में उपभोक्ता क्लबों की कितनी सहायता दी गई? प्रदेश में उपभोक्ता संरक्षण के लिए विभाग को कुल कितना बजट गत 3 वित्तीय वर्षों में प्राप्त हुआ? किस-किस कार्य के लिए कुल कितना उक्त अवधि में खर्च किया गया? (घ) विगत 3 वित्तीय वर्षों में उपभोक्ता क्लबों ने दी गई सहायता का उपयोग किन-किन प्रयोजनों पर किया?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
परिवार खाद्यान्न सुरक्षा पात्रता पर्ची
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
92. ( क्र. 4568 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर विधान सभा क्षेत्र में सार्वजनिक वितरण प्रणाली हेतु मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजनांतर्गत सागर जिले में पूर्व में जारी कितनी परिवार खाद्यान्न सुरक्षा पात्रता पर्ची (ई-राशन कार्ड) के पात्रता श्रेणी के दस्तावेजों की जाँच उपरान्त अपात्र मानकर निरस्त की गई है? निरस्त किये जाने का क्या कारण है? (ख) क्या कुछ लोगों की गैर मौजूदगी में सत्यापन कर पात्र होते हुये भी उनको अपात्र कर राशन पर्ची बंद कर दी गई है? कितनी बंद पर्ची पुनः शुरू करा दी गई है एवं कितनी शेष है? (ग) क्या शासन ऐसे पात्र हितग्राहियों की राशन पर्ची पुनः चालू कर राशन उपलब्ध करायेगा तथा कब तक?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) सागर जिले के सागर विधानसभा क्षेत्र में विवाह हो जाने से अन्यत्र चले जाने, मृत, डुप्लीकेट आदि कारणों से अपात्र के रूप में चिन्हांकित 6162 परिवारों की पात्रता अस्थाई रूप से स्थगित की गई है। स्थगित परिवारों की सूची उचित मूल्य दुकानों पर प्रदर्शित करने के निर्देश जारी किए गए थे। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कारणों से चिन्हांकित अपात्र पाए गए परिवारों की पात्रता अस्थाई रूप से स्थगित की गई है। इनमें से 491 परिवारों द्वारा पात्रता संबंधी वैध दस्तावेज उपलब्ध कराने से इनकी पात्रता पर्ची पुन: जारी की जा चुकी है। अस्थाई रूप से पृथक किए गए परिवारों द्वारा वैध दस्तावेजों सहित आवेदन प्रस्तुत करने पर उन्हें पुन: जोड़ा जाकर पात्रता पर्ची जारी करने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, यह एक सतत् प्रक्रिया है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार।
तहसील में पदस्थ प्रवाचकों का स्थानांतरण
[राजस्व]
93. ( क्र. 4590 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला तहसील छतरपुर में सी.सी.टी.वी. कैमरे लगे हुए हैं? क्या उक्त तहसील में पदस्थ तहसीलदार कार्यालय समय पर कार्यालय में उपस्थित रहते हैं? (ख) उक्त तहसीलदार की दिनांक 5/6/2020 से प्रश्न दिनांक तक कितनी शिकायतें कब-कब, कहाँ-कहाँ की गई है? क्या उक्त शिकायतों पर सक्षम अधिकारी द्वारा कार्यवाही की गई थी? कार्यवाही का विवरण उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या न्यायालय तहसीलदार छतरपुर प्रकरण क्रमांक/893 हल्का मोजा खसरा नंबर 155 प्रकरण विचाराधीन है? यदि हाँ, तो क्यों? कानून स्पष्ट करें। (घ) क्या हल्का बगौता के खसरा नंबर 1111 में बंदोबस्त से प्रश्न दिनांक तक कब-कब किसके आदेश से नाम परिवर्तन किए गए थे? (ड.) रियासत छतरपुर महाराज भवानी सिंह जूदेव द्वारा सीलिंग एक्ट के तहत जिला छतरपुर की किस-किस तहसील के हल्का मौजा के किन-किन खसरा नंबरों की भूमि शासन हित में समर्पित की गई एवं किन-किन खसरा नंबरों की भूमि अपने एवं परिवार के लिए उपयोग में रखी थी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। (ख) प्रश्न दिनांक तक तहसीलदार के विरूद्ध 08 शिकायतें प्राप्त हुई है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ''अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
अनैतिक रूप से पट्टे का प्रदाय
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
94. ( क्र. 4602 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन में साहिबखेड़ी जलाशय/तालाब मत्स्य पालन के लिए 10 वर्ष के पट्टे पर दिया जाता है? यदि हाँ, तो इसके लिए शासन के क्या नियम-निर्देश हैं? क्या दिनांक 04 मई 2020 को इसकी विज्ञप्ति जारी की गई थी? यदि हाँ, तो पट्टे के लिए किस-किस संस्था/समिति द्वारा आवेदन किया गया था? (ख) क्या यह सही है कि प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में साहिबखेड़ी तालाब को कहार मछली उद्योग सहकारी समिति मर्या. फाजलपुरा जिला उज्जैन को पट्टे पर दिया गया है? एक समिति को कितने पट्टे दिये जाने के नियम है? वर्तमान समिति के पास कहाँ-कहाँ पर मत्स्य पालन के पट्टे हैं? क्या समिति को प्रदाय पट्टा नियम और नीति के विरूद्ध है? (ग) क्या शासन व प्रशासन स्तर पर इसकी शिकायत प्राप्त हुई है? शिकायत का क्या निष्कर्ष निकला? क्या फर्जी समिति बनाकर कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर समिति द्वारा उक्त पट्टा लिया गया है? यदि हाँ, तो क्या समिति का पट्टा शीघ्र निरस्त किया जावेगा और दोषी अधिकारी पर कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक और नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। जी हाँ। प्राप्त आवेदनों की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ख) जी हाँ। नीति अनुसार जलाशय को 4 हेक्टेयर प्रति सदस्य को दिए जाने का प्रावधान है। तालाबों की संख्या को सीमित नहीं किया गया है। प्रश्नाधीन समिति सदस्य संख्या 145 के पास उनडासा जलाशय 118 हेक्टेयर एवं साहिबखेड़ी 237 हेक्टेयर के मत्स्य पालन के पट्टे है। जी नहीं। (ग) शिकायत की जाँच प्रचलन में है। अत: शेष प्रश्न फिलहाल उद्भूत नहीं होता।
साहिबखेड़ी जलाशय का पट्टा
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
95. ( क्र. 4603 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त उज्जैन संभाग के आदेश क्र. 6588-89 दिनांक 28.10.16 से कहार मछली उद्योग सहकारी समिति मर्या. फाजलपुरा, उज्जैन को उण्डासा जलाशय एवं आदेश क्र.5771-72 दिनांक 27.10.2020 के द्वारा उज्जैन के साहिबखेड़ी जलाशय का पट्टा दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या इसमें म.प्र. शासन मछली पालन विभाग मंत्रालय भोपाल के निर्देश पुस्तिका क्र.1548/2008/36 भोपाल दिनांक 08.10.2008 में अंकित निर्देशों का पालन हुआ है? यदि नहीं, तो इसके लिए कौन दोषी है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो उनका क्या निराकरण किया गया? क्या उक्त समिति का पंजीयन भी शंकास्पद है? लगातार शिकायतें प्राप्त होने के बाद भी क्या उक्त समिति को आर्थिक लाभ देने के लिए शासन के आदेश-निर्देशों को नजर अंदाज किया किया गया है? यदि हाँ, तो ऐसे अधिकारी पर कब और क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार समिति का असली पंजीयन का रिकार्ड उपलब्ध करावें। क्या जिन-जिन अधिकारियों की इसमें संलिप्तता है, उन्हें शासन कठोर कार्यवाही से दंडित करेगा तथा इनके विरू़द्ध एफ.आई.आर. दर्ज कर संस्था के दोनों पट्टे निरस्त किये जावेंगे एवं भविष्य के लिए उक्त समिति को ब्लैक लिस्ट में डाला जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। शिकायत की जाँच प्रचलन में है। शेष प्रश्न फिलहाल उपस्थित नहीं होता। (ग) कहार मछली उदयोग सहकारी समिति मर्यादित फाजलपुरा म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत संस्था है। समिति का पंजीयन क्रमांक 178 दिनांक 06.08.1954 है। तत्समय समिति के पंजीयन हेतु अधिकारिता डिप्टी रजिस्टार को-ऑपरेटिव सोसायटी डिवीजन इंदौर में निहित होकर इंदौर कार्यालय द्वारा ही समिति का पंजीयन किया जाने से समिति का पंजीयन रिकार्ड उज्जैन कार्यालय में उपलब्ध नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
फर्जी राशन कार्ड का प्रदाय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
96. ( क्र. 4621 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 एवं वर्ष 2020-21 में जिला विदिशा अंतर्गत तहसील पठारी में गरीबी रेखा के कितने राशन कार्ड बनाये गये? (ख) क्या ग्राम छापरा तहसील पठारी जिला विदिशा के रूपा अहिरवार पुत्र मानक अहिरवार का नाम गरीबी रेखा की सूची में बैगर प्रकरण बनाये फर्जी राशन कार्ड तहसीलदार द्वारा कोड फीस 111360/- रू. बचाने के उद्देश्य से दिया गया? (ख) प्रश्नांश (ख) के क्रम में हाँ तो फर्जी राशन कार्ड प्रदाय किये जाने वाले तहसीलदार पठारी एवं संबंधित राजस्व निरीक्षक पटवारी द्वारा शासन को राजस्व की हानि एवं फर्जी रूप से राशन कार्ड देने पर कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या? नहीं तो क्यों? क्या शासन इस संबंध में निष्पक्ष जाँच करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में प्रश्नांकित तहसील में गरीबी रेखा के 11 राशन कार्ड बनाये गये। (ख) जी नहीं। प्रश्नांकित व्यक्ति द्वारा आवेदन प्रस्तुत करने पर पटवारी एवं सचिव के संयुक्त जाँच दल द्वारा जाँच करने पर सर्वे में 13 अंक प्राप्त होने के कारण पात्र पाये जाने पर तत्कालीन तहसीलदार द्वारा गरीबी रेखा का राशन कार्ड जारी किया गया है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्टाप डेम की जल भराव क्षमता में वृद्धि
[जल संसाधन]
97. ( क्र. 4622 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिला अंतर्गत ग्राम जाखा में स्थित स्टाप डेम से वर्तमान में कितने हेक्टेयर भूमि में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध है? (ख) क्या शासन जाखा स्टाप डेम की जल भराव क्षमता में वृद्धि कर सिंचाई सुविधा से वंचित उक्त क्षेत्र के कृषकों को पर्याप्त सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) रायसेन जिला अंतर्गत ग्राम जाखा में जल संसाधन विभाग द्वारा कोई स्टाप डेम का निर्माण नहीं किया जाना प्रतिवेदित होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
प्राइवेट संस्थानों में कार्यरत श्रमिकों को प्राप्त सुविधायें
[श्रम]
98. ( क्र. 4625 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित खदानों, टनल निर्माण इकाइयों में कितने श्रमिक कार्यरत है? कार्यरत श्रमिकों में से कितने स्थाई श्रमिक हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित श्रमिकों को श्रम कानून अंतर्गत कौन-कौन सी सुविधाएं प्राप्त हैं? विभाग के कितने अधिकारियों/कर्मचारियों ने प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संस्थानों का विगत 3 वर्षों में निरीक्षण/परीक्षण किया एवं श्रम कानून के उल्लघंन की कौन-कौन सी शिकायत प्राप्त की एवं उन पर कब क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित श्रमिकों का प्रॉविडेंट फंड/जी.पी.एफ. अंशदान की राशि काटकर जमा की गई है? यदि हाँ, तो कितने श्रमिकों की कितनी राशि प्रश्न दिनांक तक जमा की गई? यदि नहीं, की जा रही तो क्यों नही? इसका दोषी कौन है? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संस्थानों में कार्यरत श्रमिकों का क्या दुर्घटना बीमा किया गया है? यदि हाँ, तो विगत 3 वर्षों में कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन श्रमिक दुर्घटना या घायल हुए तथा उन्हें किस प्रकार की कौन-कौन सी सहायता प्रदान की गई? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) श्रम कानूनों के अंतर्गत खदानों हेतु समुचित शासन केन्द्र शासन है, अत: बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित खदानों में श्रमिकों संबंधी जानकारी राज्य के श्रम विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। टनल निर्माण कार्यों में कार्यरत श्रमिकों संबंधी वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिशिष्ट में उल्लेखित टनल निर्माण करने वाली इकाइयों में कार्यरत श्रमिकों को विभिन्न श्रम कानूनों के अंतर्गत प्रावधानों जैसे :- न्यूनतम वेतन, बोनस, ग्रेच्युटी, ओवर टाईम, सप्ताहिक अवकाश आदि एवं व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण जैसे हेल्मेट, दस्ताने, सुरक्षा जूते, डस्ट मास्क इत्यादि सुविधाएं प्राप्त है। श्रम पदाधिकारी, कार्यालय, कटनी में पदस्थ 02 श्रम निरीक्षकों द्वारा उक्त संस्थानों का ऑनलाइन पोर्टल जनरेटेड निरीक्षण व्यवस्था अनुसार गत 03 वर्षों में 03 बार निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान कोई उल्लंघन नहीं पाया गया। माह अप्रैल 2020 एवं माह दिसम्बर 2020 में विलंब से वेतन भुगतान संबंधी शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसमें हस्तक्षेप कर श्रमिकों को वेतन का भुगतान कराया जाकर निराकरण कराया गया। (ग) संस्थानों में प्रॉविडेंट फण्ड/जी.पी.एफ. से संबंधित जानकारी श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन केन्द्रीय भविष्य निधि संगठन से संबंधित है। तथापि प्राप्त जानकारी अनुसार श्रमिकों की भविष्य निधि में वर्ष 2020-21 में माह दिसम्बर 2021 तक जमा राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जी हाँ, विगत 03 वर्षों में उक्त दोनों इकाइयों में कोई भी दुर्घटना नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मैंगनीज डम्प करने हेतु अनुमति
[खनिज साधन]
99. ( क्र. 4629 ) श्री संजय उइके : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले में मैंगनीज के डम्प हेतु अनुमति दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो किन-किन लीज धारकों/फर्म/संस्था/ठेकेदार को कब कब कितनी-कितनी मात्रा डम्प करने की अनुमति दी गई? (ग) क्या कुछ लीज धारक/फर्म/संस्था/ठेकेदार द्वारा बिना अुनमति के डम्प किया जा रहा है? हाँ तो अब तक क्या कार्यवाही की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' पर दर्शित है। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नरसिंहपुर जिले की रेत खदानों की स्वीकृति
[खनिज साधन]
100. ( क्र. 4642 ) श्री संजय शर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में नरसिंहपुर जिले में किन-किन खदानों से रेत खनन हेतु कितने समयावधि की स्वीकृति प्रदान की गई है? खदानवार, एरिया, खसरा-नक्शा, नदी एवं ठेकेदार का नाम सहित जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार, स्वीकृत खदानों से कितनी-कितनी मात्रा में खनन की अनुमति प्रदान की गई है एवं स्वीकृत खदानों में ठेकेदार को किन-किन खदानों में मशीनों द्वारा खनन की अनुमति प्रदान की गई है? क्या पर्यावरण की अनुमति भी ठेकेदार द्वारा ली गई है? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार कितनी खदानों में ठेकेदार द्वारा खनन कार्य प्रारम्भ कर लिया गया है? क्या खनन प्रारम्भ करने से पूर्व खदान का सीमांकन राजस्व विभाग द्वारा कराया गया है? यदि हाँ, तो कितनी खदानों में सीमा चिन्ह बने हुये हैं? सूची उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ख) के अनुसार खदानों में खनन हेतु मशीनों की अनुमति प्रदान करते समय मजदूरों के हितों का ध्यान क्यों नहीं रखा गया? (ङ) प्रश्नांश (क) के अनुसार ठेकेदार के विरुद्ध विगत 3 वर्षों में अन्य माध्यमों से प्राप्त शिकायतों पर जिला प्रशासन नरसिंहपुर द्वारा क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की गई है? (च) प्रश्नांश (ड.) के अनुसार क्या ठेकेदार पर अवैध उत्खनन का केस दर्ज किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में रेत समूह की खदानों को दिनांक 30/06/2022 की अवधि हेतु मेसर्स धन लक्ष्मी मार्केडाईस प्रायवेट लिमिटेड़ के पक्ष में स्वीकृत की गई है। खदानों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ-1'' पर दर्शित है। खदानों के नक्शे पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ-2'' पर दर्शित है। (ख) प्रश्नाधीन जिले की रेत समूह में कुल 20 लाख घनमीटर वार्षिक मात्रा खनन हेतु प्रदान की गई है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब में दर्शाई गई है। (ग) स्वीकृत खदानों में से 17 खदानों में खदान का संचालन आरंभ हो चुका है। इन 17 खदानों का सीमांकन कराया गया है तथा सीमा चिन्ह स्थापित किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। (घ) खदानों में खनन, अनुमोदित खनन योजना एवं प्राप्त पर्यावरण अनुमति अनुसार किया जाता है। मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्यापार) नियम, 2019 के नियम 3 (6) अनुसार स्थानीय श्रमिकों को कार्य में प्राथमिकता दिये जाने का प्रावधान है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) प्रश्नानुसार प्राप्त शिकायतों की जाँच जिला प्रशासन नरसिंहपुर द्वारा कराई गई है। ठेकेदार द्वारा अवैध उत्खनन, परिवहन, भंडारण नहीं किये जाने के कारण कोई कार्यवाही नहीं की गई है। (च) जी नहीं। ठेकेदार द्वारा कोई अवैध उत्खनन किया जाना नहीं पाया गया है।
उपजाऊ कृषि भूमियों की नीलामी
[खनिज साधन]
101. ( क्र. 4653 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रैगांव-नागौद विधानसभा के ग्राम लालपुर, डाम्हा, मौहारी, नवस्ता, छींदा, हिलौंधा, कोलाड, बसुधा, खम्ह्हरिया, पडरिया, पटना, उमरहट, महकोना, रजरवारा, सप्ती दुबे, सप्तींमाफी, झण्डहा, बरकोनिया, सलैया, रेरूआ, बरेठिया, कचनार, विकरा, भुलनी, खैरा, आदि ग्रामों की उपजाऊ भूमियां एम.आई.सी.एल. नागपुर कम्पनी द्वारा सर्वेक्षण कर नीलामी हेतु प्रस्तावित की गई है? यदि हाँ, तो किन नियमों के तहत उपजाऊ भूमि के नीलामी की प्रक्रिया की जा रही है? नियम सहित पूर्ण जानकारी दें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार ग्रामों की बेशकीमती उपजाऊ कृषि भूमियाँ क्षेत्र के किसानों की जीविका का एक मात्र साधन है, खेती को लाभ का धंधा बनाने हेतु प्रदेश सरकार कृत संकल्प है, बावजूद इस क्षेत्र के किसानों की उपजाऊ भूमियों की खनिज हेतु नीलामी किस तरह से उपयुक्त है? (ग) क्या उक्त क्षेत्रों के किसानों हेतु बरगी परियोजना का कार्य प्रगतिरत है? प्रभावित कृषकों की भूमि का विवरण दें। क्षेत्र में राष्ट्रीय पक्षी मोर भी बहुतायत में हैं जिनको भी उत्खनन आदि से खतरा होगा? (घ) क्या माननीय मुख्ययमंत्री जी के सतना प्रवास दिनांक 26/1/2021 को प्रश्नांश (क) के ग्रामों की आम जनता का ज्ञापन क्रमांक 783 दिनांक 26/1/2021 सौंपा गया था एवं पत्र क्रमांक 828 दिनांक 6/2/2021 के माध्यम से ब्लाक नीलामी की कार्यवाही निरस्त की मांग की गई थी? उपरोक्त पर की गई कार्यवाही का पूर्ण विवरण देवें एवं बतावें कि कब तक में ब्लाक नीलामी की कार्यवाही को निरस्त कर दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जिला सहकारी बैंको में नियमों का उल्लंघन
[सहकारिता]
102. ( क्र. 4672 ) श्री आरिफ मसूद : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक से दूसरे जिला सहकारी बैंक में संविलियन के संबंध में सेवा नियम एवं परिपत्रों के द्वारा आयुक्त एवं पंजीयक सहकारिता मध्यप्रदेश द्वारा नियम बताए गए हैं? यदि हाँ, तो आदेश/नियम की प्रति संलग्न करें। (ख) क्या उक्त नियम/आदेश के अनुसार दोनों बैंकों की सहमति/अनापत्ति आवश्यक/अनिवार्य हैं? यदि हाँ, तो उक्त नियम बनाये जाने की दिनांक से 31 दिसम्बर 2020 तक की अवधि में किस-किस जिले में बैंको ने किन-किन कर्मचारियों के संविलयन/प्रतिनियुक्ति दूसरे जिले के बैंक के लिए सहमति दी थी एवं किन-किन कर्मचारियों को दूसरे बैंकों में संविलयन किया गया है? (ग) क्या जिन कर्मचारियों का संविलयन अथवा प्रतिनियुक्ति की गई है उनके मामलों में विहित प्रक्रिया का पालन किया गया है? यदि नहीं, तो उक्त बनाये गये नियमों के विरूद्ध जिन कर्मचारियों का संविलयन/प्रतिनियुक्ति की गई है, उसके लिये कौन-कौन उत्तरदायी है तथा नियम विरूद्ध किया गया संविलयन निरस्त किये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश अनुसार तत्कालीन आयुक्त सहकारिता एवं संयुक्त आयुक्त जिनके द्वारा उक्त नियम बनाये गये थे उन्हीं के द्वारा उन नियमों के विरूद्ध बैंकों की सहमति के बिना संविलयन किये जाने की जाँच कराकर जाँच निष्कर्ष के आधार पर उनके विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो एवं तीन अनुसार है। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आयुक्त सहकारी संस्थाओं में नियम विरूद्ध पदस्थापना
[सहकारिता]
103. ( क्र. 4673 ) श्री आरिफ मसूद : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुक्त सहकारी संस्थाएं, मध्यप्रदेश विंध्याचल भवन भोपाल में उपायुक्त स्थापना एवं स्टोर में कौन-कौन अधिकारी, कर्मचारी शासन आदेश/स्थानांतरण नीति के विरूद्ध लंबे समय से पदस्थ हैं। उनके नाम एवं पद सहित पदस्थ दिनांक बतायें। (ख) क्या उक्त स्थापना एवं स्टोर में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध आर्थिक अनियमितताएं किये जाने की शिकायतें कार्यालय के साथ-साथ आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो एवं लोकायुक्त संगठन में की गई हैं? यदि हाँ, तो उक्त शिकायतें कब-कब प्राप्त हुई और उन शिकायतों में क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश अनुसार जिसमें की स्थापना शाखा, भण्डार शाखा में लंबे समय तक अधिकारी, कर्मचारियों को पदस्थ न रखे जाने के समय-समय पर दिये गये निर्देशानुसार उन अधिकारी, कर्मचारियों को अन्यत्र स्थानांतरण किया जाकर उक्त प्राप्त शिकायतों की जाँच कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। विभाग में उपलब्ध अभिलेखों के अनुसार आर्थिक अनियमितता किये जाने की कोई शिकायत लोकायुक्त संगठन व आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो में नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक ए 6-1/2019/एक/9, दिनांक 04 जून 2019 की कण्डिका 11.20 में सामान्यत: 03 वर्ष की अवधि पूर्ण होने पर क्रय/स्टोर/स्थापना शाखा में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों को अन्यत्र शाखा में पदस्थ किया जाना प्रावधानित है, परन्तु अनिवार्यता नहीं हैं। उत्तरांश ''ख'' अनुसार आर्थिक अनियमितता की शिकायतें प्राप्त न होने से, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
104. ( क्र. 4683 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम शहपुरा तह. हुजूर जिला भोपाल स्थित शासकीय भूमि पूर्व में आयुष्मान अस्पताल (वर्तमान में बंसल अस्पताल) को आवंटित की गई थी? यदि हाँ, तो कितनी? खसरा नं. सहित पूर्ण विवरण दें। (ख) क्या आयुष्मान अस्पताल ने शासन से अनुमति प्राप्त कर बैंक में बंधक रखकर ऋण प्राप्त किया गया था? यदि हाँ, तो अनुमति का विवरण दें। यदि नहीं, तो क्या अनुमति प्राप्त किया जाना आवश्यक नहीं था? (ग) क्या ऋण दाता बैंक ने शासन की अनुमति के बिना ही बंधक रखी भूमि को नीलाम/विक्रय कर दिया? (घ) उक्त विक्रय/नीलामी से जो भूमि क्रेता बंसल अस्पताल द्वारा प्राप्त की गई क्या वह विधिसम्मत है? यदि नहीं, तो इस संबंध में दोषियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी एवं शासन द्वारा निरस्तीकरण की क्या कार्यवाही की जा रही है? (ड.) क्या बंसल अस्पताल द्वारा प्रश्नगत भूमि के अतिरिक्त शासकीय भूमि पर अतिक्रमण किया गया है? यदि हाँ, तो कितनी भूमि पर? पूर्ण विवरण दें। किस-किस अधिकारी द्वारा कब-कब निरीक्षण एवं जाँच की गई एवं जाँच में क्या पाया गया?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। खसरा नं. 131 में से 1.00 एकड भूमि आवंटित की गई थी। (ख) कार्यालय नजूल अधिकारी राजधानी परियोजना भोपाल के पत्र क्रमांक 351/राज.परि./97 भोपाल दिनांक 21.04.1997 से संचालक, आयुष्मान मेडिकल डायनोस्टिक प्रा.लि. ई-6 एम.आई.जी. 100 अरेरा कॉलोनी को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया था। जिसमे लेख था की यदि उक्त भूमि बैंक/वित्तीय संस्था से लोन प्राप्त करने हेतु मार्टगेज की जाती है, तो कार्यालय को कोई आपत्ति नहीं है। (ग) जी नहीं। बैंक अनुसार उनके द्वारा उपरोक्त मार्टगेज की गई भूमि की नीलामी नहीं की गई है। (घ) वर्तमान डिमांड पंजी में आयुष्मान हृदय चिकित्सालय के नाम दर्ज है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) उक्त भूमि का निरीक्षण किया जा रहा है। जाँच प्रक्रिया प्रचलित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियम विरूद्ध पेट्रोल पंप आवंटन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
105. ( क्र. 4684 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा नरसिंहपुर जिला अंतर्गत आई.ओ.सी.एल. कंपनी द्वारा नियम विरूद्ध पेट्रोल पंप आवंटन किये जाने संबंधी शिकायती पत्र दिनांक 03 फरवरी 2021 को कलेक्टर नरसिंहपुर को प्रेषित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त पत्र में उल्लेखित बिंदुओं पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? बिंदुवार जानकारी दें। (ग) क्या इसी संबंध में नितिन कोरी मु.पो. खमरिया तहसील गोटेगांव जिला नरसिंहपुर द्वारा भी शिकायत की गई है? यदि हाँ, तो उक्त शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई है? (घ) नियम विरूद्ध आवंटन को कब तक निरस्त कर दोषी अधिकारी/कर्मचारियों पर कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
चेक पोस्ट/बेरियर पर अवैध वसूली
[परिवहन]
106. ( क्र. 4693 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेंधवा (बालसमुंद) जिला बड़वानी में स्थित परिवहन विभाग के बेरियर/चेक पोस्ट से विगत 5 वर्षों में परिवहन विभाग को कितनी राजस्व/कमाई हुई? वर्षवार विवरण देवें। (ख) बालसमुंद सेंधवा जिला बड़वानी में स्थित परिवहन विभाग के चेक पोस्ट से विगत 3 वर्षों में कितने वाहन पर ओवरलोड, अवैध तरीके से बिना बिल का सामान रखे हुए व परिवहन विभाग के नियमों का पालन नहीं करते हुए पाए जाने पर कार्यवाही की? वाहनवार विवरण देवें। (ग) बालसमुंद सेंधवा जिला बड़वानी में स्थित परिवहन विभाग के चेक पोस्ट/बेरियर पर अवैध वसूली किए जाने संबंधित 181 सी.एम. हेल्प लाइन, परिवहन विभाग के अधिकारियों व अन्य जगह पर कब-कब किसके किसके द्वारा शिकायत की गई? उन शिकायतों पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही नहीं करने का कारण सहित विवरण देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला बड़वानी में स्थित परिवहन जाँच चौकी सेंधवा (बालसमुंद) से विगत पांच वर्षों में रूपये 89.20 करोड शासकीय राजस्व प्राप्त हुआ है। वर्षवार राजस्व पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) परिवहन चेक पोस्ट सेंधवा पर विगत तीन वर्षों में 56162 मालयानों पर ओव्हर लोड, अवैध तरीके से बिना बिल का सामान रखे हुये व परिवहन विभाग के नियमों का पालन नहीं करते हुये पाये जाने पर चालानी कार्यवाही की गई। जिससे लगभग रूपये 7.54 करोड समझौता शुल्क वसूल किया गया है। वर्षवार कार्यवाही विवरण पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। विगत 03 वर्षों की वाहनवार जानकारी विशद रूप की होने के कारण जानकारी की सी.डी. पृथक से संलग्न है एवं अतिरिक्त जानकारी का पूरक पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) बालसमुंद सेंधवा जिला बडवानी में स्थित परिवहन विभाग के चेक पोस्ट/बेरियर पर अवैध वसूली किए जाने संबंधित 181 सीएम हेल्प लाइन, परिवहन विभाग के अधिकारियों व अन्य जगहों पर की गई शिकायतों की सूची दिनांक, शिकायतकर्ता का नाम एवं की गई कार्यवाही के विवरण सहित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है एवं अन्य जगह की गई शिकायतों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' अनुसार है। यह कहना सही नहीं है कि कार्यवाही नहीं की गई है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पात्र झुग्गी झोपड़ी वासियों को पट्टे का प्रदाय
[राजस्व]
107. ( क्र. 4696 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2020 से 16 फरवरी 2021 तक नागदा व खाचरौद नगर पालिका सीमा क्षेत्र के कितनी झुग्गी झोपड़ी वासियों ने पट्टे हेतु आवेदन किया? कितने लोगों को पट्टा प्रदान कर दिया गया है, कितने शेष हैं? उन्हें कब तक पट्टा प्रदान कर दिया जायेगा? (ख) नागदा/बिरलाग्राम क्षेत्र में रेल्वे की भूमि पर कितनी झोपड़ियां स्थित हैं? रेल्वे को अन्य स्थान पर शासन द्वारा भूमि उपलब्ध कराकर झुग्गी वासियों को पट्टा प्रदान किया जायेगा? (ग) बिरलाग्राम क्षेत्र में उद्योग समुह की भूमि पर कितनी झोपड़ियां स्थित हैं? विवरण दें। क्या शासन उद्योग समूह के पास अतिक्रमित शासकीय भूमि व उद्योग की भूमि पर स्थित झुग्गी झोपड़ियां से विनिमय कर झुग्गी वासियों को मालिकाना हक प्रदान करेगा? (घ) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रं. 3637 दिनांक 13/02/2020 को कलेक्टर एवं एस.डी.एम. को पत्र लिखकर नागदा/बिरलाग्राम निचली बस्तियों में वर्षों से पात्र निवासरत रहवासियों को पट्टे दिये जाने की मांग की थी? यदि हाँ तो क्या कार्यवाही की गई? (ड.) क्या माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा विधानसभा चुनाव पूर्व घोषणा की थी जो जहां निवास कर रहा है उसी स्थान के पट्टे प्रदान कर मालिकाना हक दिया जायेगा? यदि हाँ तो क्या कार्यवाही की जा रही है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जनवरी 2020 से 16 फरवरी 2021 तक खाचरौद नगरीय क्षेत्र में पट्टे हेतु 198 आवेदन प्राप्त हुए थे। 90 पात्र हितग्राहियों को पट्टे स्वीकृत कर प्रदान किये गये है, शेष की जाँच प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है एवं नागदा नगर पालिका क्षेत्र में 1422 हितग्राहियों द्वारा पट्टे हेतु आवेदन दिये गये थे जिसमें से पात्र 593 लोगों को पट्टे वितरित किये गये। निराकरण हेतु कोई आवेदन शेष नहीं है। (ख) रेल्वे मंडल की भूमि पर पट्टा प्रदाय अधिकार राजस्व विभाग व नगरीय निकाय को प्राप्त नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) बिरलाग्राम उद्योग समूह की भूमि के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय में एस.एल.पी. (सी) क्रमांक 015837-/2019 रजिस्टर्ड दि. 10.07.2019 विचाराधीन है। न्यायालयीन प्रकरण प्रचलित होने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। सर्वोच्च न्यायालय में उद्योग भूमि का प्रकरण विचाराधीन होने से कोई कार्यवाही वर्तमान में संभव नहीं है। (ड.) जी हाँ। जो जहाँ निवास कर रहा है, उसी स्थान पर पट्टे की घोषणा की गई है। उत्तरांश (ख), (ग), (घ) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहकारी कर्मचारियों की न्यायोचित मांगों का निराकरण
[सहकारिता]
108. ( क्र. 4697 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में सेवा सहकारी संस्थाओं के 55 हजार कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलनरत् हैं? इसमें कौन-कौन सी मांगे हैं? जिसमें सहकारी समितियों के प्रभारी प्रबंधक, सहायक प्रबंधक, विक्रेताओं, लेखपाल, लिपिक, कम्प्यूटर ऑपरेटर, भृत्य, चौकीदार को शासकीय कर्मचारी घोषित कर म.प्र. सरकार के कर्मचारियों की भांति वेतन, भत्ते, बीमा एवं अन्य सुविधाओं का लाभ दिये जाने की मांग कर रहे हैं? यदि हाँ तो शासन द्वारा क्या निर्णय लिया गया? (ख) क्या जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक जिला उज्जैन में 1987 के पश्चात प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था के कर्मचारीगणों को जिला बैंक के कैडर में सम्मिलित नहीं किया गया जिसमें उज्जैन संभाग में सिर्फ जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित उज्जैन के कर्मचारी वंचित रहे हैं? यदि हाँ तो क्या कैडर फंड में सम्मिलित करने हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। अपितु प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं में समिति प्रबंधकों (कैडर) के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु बैंक के पत्र क्र./सामान्य/8516, दिनांक 23.06.1987 से विज्ञप्ति प्रकाशित की गई, जिसमें संस्थाओं में कार्यरत कर्मचारियों द्वारा उक्त पद हेतु आवेदन दिये गये थे। दिनांक 13.09.1987 को लिखित परीक्षा एवं दिनांक 17.03.1990 को साक्षात्कार उपरांत 56 उम्मीदवारों को चयनित किया जाकर समिति प्रबंधक (कैडर) के पद पर नियुक्ति दी गई। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खाद्यान्न स्टॉक में अनियमितता की जाँच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
109. ( क्र. 4719 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले अंतर्गत शासकीय उचित मूल्य दुकान (3206042) कुरावर के विक्रेता को खाद्यान्न स्टॉक में अनियमितता के कारण वितरण कार्य से पृथक कर उसके विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है? यदि हाँ, तो प्रकरण का संपूर्ण विवरण देवें। (ख) क्या म.प्र. सार्वजानिक वितरण प्रणाली में शासकीय उचित मूल्य दुकानों को प्रतिदिन खोलने एवं प्रति सप्ताह राशन वितरण कराये जाने संबंधी निर्देश उल्लेखित होकर प्रतिमाह निरीक्षण/भौतिक सत्यापन हेतु अधिकारियों के पृथक-पृथक दायित्व निर्धारित हैं? यदि हाँ, तो क्या उक्त दुकान पर माह मार्च 2020 से जनवरी 2021 तक ( 11 माह ) का आवंटित खाद्यान्न POS मशीन/ऑनलाइन विभागीय पोर्टल पर निरंतर लंबित होना बिना जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम एवं कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी नरसिंहगढ़ की मिलीभगत/संरक्षण के संभव नहीं हैं? (ग) क्या शासन उक्त प्रकरण में जिला प्रबंधक नागारिक आपूर्ति निगम एवं कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी नरसिंहगढ़ को प्रथम दृष्ट्या अपने पदीय कर्तव्यों का पालन नहीं कर मिलीभगत/संरक्षण प्रदान करने से इनको निलंबित कर प्राथमिकी दर्ज करवाएगा तथा शासन स्तर से जाँच दल गठित कर प्रकरण की सूक्ष्मता से जाँच करवाई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रकरण का सम्पूर्ण विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। उक्त अवधि का आवंटित खाद्यान्न पी.ओ.एस. मशीन पर निरंतर लम्बित होने से उक्त दुकान पर माह मार्च 2020 से जनवरी 2021 तक पी.ओ.एस. मशीन/ऑनलाइन विभागीय पोर्टल पर लम्बित होने हेतु संबंधित शासकीय उचित मूल्य दुकान का सेल्समैन एवं नागरिक आपूर्ति निगम का परिवहनकर्ता एवं केन्द्र प्रभारी जिम्मेदार है। नागरिक आपूर्ति निगम के गोदाम से जब परिवहन हेतु खाद्यान्न सामग्री परिवहनकर्ता को प्रदाय हेतु दी जाती है तब ऑनलाइन ट्रक चिट पी.ओ.एस. मशीन में दिखने लगती है। यह सामग्री उचित मूल्य दुकान के विक्रेता को प्राप्त होने पर पी.ओ.एस. मशीन से वह ट्रक चिट रिसीव करता है। यह नागरिक आपूर्ति निगम के केन्द्र प्रभारी की जिम्मेदारी है कि वह पी.ओ.एस. मशीन से रिसीव की हुई ट्रक चिट परिवहनकर्ता से प्राप्त कर शासकीय उचित मूल्य दुकान में रिसीव की हुई सामग्री को ए.ई.पी.डी.एस. पोर्टल पर ऑनलाइन प्राप्ति से मिलान करें। इस प्रकरण में ट्रक चिट लम्बित होने से संबंधित कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी के द्वारा बनाये गये प्रकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रकरण में गोदाम प्रबंधक एवं जिला प्रबंधक मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन को पृथक से अवगत कराया गया है। निश्चि समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सामान्य प्रशासन विभाग के नियमों का उल्लंघन
[सहकारिता]
110. ( क्र. 4720 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के पत्र क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 भोपाल, दिनांक 19 जुलाई 2019 एवं पूर्ववर्ती आदेशों के अनुसार माननीय संसद सदस्यों एवं विधायकों के पत्रों पर कार्यवाही तथा शासकीय कार्यक्रमों में आमंत्रित करने के संबंध में समुचित निर्देश जारी किये गये हैं तथा उक्त निर्देशों को पालन कड़ाई से न किये जाने पर आचरण व सेवा नियमों के अधीन अवचार समक्षा जाकर अनुशासनात्मक कार्यवाही का लेख है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रश्नकर्ता द्वारा क्रमश: अपने पत्र क्रमांक 1447 दिनांक 20.08.2020, 1448 दिनांक 20.08.2020, 1449 दिनांक 20.08.2020 एवं 1450 दिनांक 20.08.2020 से जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित शाखा नरसिंहगढ़, शाखा तलेन, शाखा बोड़ा एवं शाखा कुरावर से संस्था में पदस्थ कर्मचारियों एवं खराब हुई उपज संबंधी जानकारी चाही गई थी? यदि हाँ, तो क्या पत्र दिनांक से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता को न तो पत्रों की अभिस्वीकृति और न ही 30 दिवस से अधिक समय उपरांत भी पत्रानुसार जानकारी उपलब्ध कराई गई है? यदि हाँ, तो क्या सक्षम अधिकारी का यह कृत्य कदाचरण होकर अवचार की श्रेणी में आता है? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त वर्णित निर्देशों की अवहेलना करने वाले शाखा प्रबंधकों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी नहीं। जी हाँ। संबंधित शाखा प्रबंधकों को बैंक द्वारा गंभीर दुराचरण के अंतर्गत एक वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने संबंधित कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है एवं बैंक पत्र क्रमांक 7117 दिनांक 06.03.2021 से मान. विधायक महोदय विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ को संबंधित शाखाओं की संस्थाओं में पदस्थ कर्मचारी एवं खराब हुई उपज संबंधित जानकारी प्रेषित कर दी गई है।
श्रमिकों का भौतिक सत्यापन
[श्रम]
111. ( क्र. 4743 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संबल योजना में रतलाम नगर निगम क्षेत्र में वर्ष 2018-19 में कितने संबल हितग्राही पंजीकृत किये गये थे तथा उनमें से कितने सत्यापन का बहाना लेकर अपात्र किये गये? (ख) संबल पोर्टल पर देखने पर 23 हजार से ज्यादा हितग्राही को अपात्र घोषित किये गये हैं? क्या यह सत्यता से परे है? क्या उनका पुन: सत्यापन किया जाना आवश्यक है? क्या इस हेतु सरकार द्वारा कोई नीति बनाई गई है या कोई निर्देश दिये गये हैं? अगर नहीं तो कब तक निर्देश दिये जायेंगे? (ग) इन अपात्र हितग्राहियों में से पुन: सत्यापित कर उन्हें कब तक योजना का लाभ प्राप्त हो जायेगा तथा इस अपात्रता की समयावधि में जो भी आर्थिक नुकसान हितग्राही का हुआ है, इस हेतु क्या योजना है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना के अन्तर्गत वर्ष 2018-19 में योजना प्रारंभ दिनांक 01.04.2018 से कुल 38646 हितग्राही पंजीकृत किये गये, उनमें से राज्य शासन के निर्देश क्रमांक 756/595/2019/ए-16 दिनांक 20.06.2019 द्वारा दिये गये निर्देशों के परिपालन में श्रमिकों का भौतिक सत्यापन किया गया, जिसमें कुल 23375 हितग्राही अपात्र पाये गये। (ख) जी नहीं। जी नहीं। जी नहीं। भौतिक सत्यापन में अपात्र चिन्हित व्यक्ति अथवा उनके विधिक उत्तराधिकारी पात्रता सत्यापन अभियान में किये गये विनिश्चयों से असंतुष्ट होने पर जिला कलेक्टर अथवा उनके द्वारा नामांकित अपर कलेक्टर के समक्ष अपील प्रस्तुत कर सकते हैं। शासन के पत्र क्रमांक 211/1581/2020/ए-16 दिनांक 12.02.2021 द्वारा उक्त प्रावधान किये गये हैं। (ग) अपात्र चिन्हित व्यक्ति अथवा उनके विधिक उत्तराधिकारी द्वारा पात्रता सत्यापन अभियान में किये गये विनिश्चयों से असंतुष्ट होने पर जिला कलेक्टर अथवा उनके द्वारा नामांकित अपर कलेक्टर के समक्ष अपील प्रस्तुत करने पर विहित प्राधिकारी के जाँच प्रतिवेदन अथवा ऐसी और जाँच करने के उपरान्त जैसी वह आवश्यक समझे पात्रता/अपात्रता का विनिश्चिय किया जायेगा। विनिश्चिय में पात्र पाये जाने पर हितग्राही द्वारा हितलाभ हेतु आवेदन किया जा सकेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भूमि सीमांकन की जानकारी
[राजस्व]
112. ( क्र. 4747 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम बैरागढ़ चिचली कोलार के भूमि नंबर 521/1/1/, 522/17/1/, 522/18, 523/6 तहसील कोलार जिला भोपाल के सीमांकन हेतु भूमि स्वामी द्वारा दिनांक 26/12/2019 को आवेदन किया गया था? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के भू-स्वामियों से पटवारी हल्का कानूनगो द्वारा 5 लाख रूपये की रिश्वत की मांग की गई है। रिश्वत न मिलने पर सीमांकन नहीं करने की शिकायत भूमि स्वामियों द्वारा दिनांक 20/01/2021 को एस.डी.एम., कलेक्टर, आयुक्त राजस्व से की हैं? यदि हाँ, तो उक्त शिकायत पत्रों में कब और क्या कार्यवाही की गई? (ग) यदि प्रश्नांश (क), (ख) हाँ तो क्या अधिकारियों की मिलीभगत से शिकायतकर्ता के भूमि में बिल्डर द्वारा जबरन भवन निर्माण करा दिया गया है? यदि हाँ, तो कब तक जाँच कराकर दोषियों आर.आई. पटवारियों पर कठोर कार्यवाही करते हुये भूमि स्वामियों की भूमि खाली करा दी जायेगी? (घ) प्रश्नांश (ख) के पटवारी, आर.आई. अनिल मालवीय, बिरेश बघेल को कब तक हटा कर प्रकरण का निराकरण करा देंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ (ख) जी नहीं। शिकायत 29/12/2020 के पूर्व प्राप्त हुई, जिस पर कार्यालय कलेक्टर भोपाल के पत्र क्रमांक 2143/भू-अभि/2020 भोपाल दिनांक 29/12/2020 में तहसीलदार एम.पी.नगर वृत्त को शिकायत का जाँचकर्ता अधिकारी बनाया गया था उनके द्वारा प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन दिनांक 13/01/2021 अनुसार शिकायत तथ्यहीन तथा निराधार बताया गया है। प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर अनुसार प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (घ) उत्तराशं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
बाणसागर नहर पर सुरक्षा के मापदण्ड
[जल संसाधन]
113. ( क्र. 4749 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 16 फरवरी 2021 को सीधी जिले के चुरहट विधानसभा के अंतर्गत पाटन ग्राम के अंतर्गत बाणसागर नहर पर बस डूब जाने से कितने लोगों की मृत्यु हुई? (ख) क्या नहर किनारे सड़क बनी है या बनाई गई है? यदि हाँ, तो किस विभाग द्वारा? (ग) वर्तमान में इसकी हालत कैसी है? बाणसागर नहर से सड़क की दूरी कितनी है? क्या सुरक्षा मापदण्ड अनुसार सड़क बनी है? (घ) क्या विभाग ने दुर्घटना न हो, इस हेतु नहर के आसपास क्या मापदण्ड अपनाये हैं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) मृतकों की संख्या 54 है। (ख) से (घ) जी हाँ। नहर के किनारे, नहर की देखरेख एवं रख-रखाव के लिए आवागमन हेतु नहर निर्माण के दौरान जल संसाधन विभाग/मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कम्पनी लिमिटेड द्वारा वर्ष 2000 में नहर निरीक्षण मार्ग निर्मित कराया गया। मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कम्पनी लिमिटेड द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी अनुसार निरीक्षण मार्ग की हालत ठीक होना प्रतिवेदित है। निरीक्षण मार्ग नहर के ऊपर एवं किनारे निर्मित है। निरीक्षण मार्ग का उन्नयनीकरण प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किया गया है। प्रश्नाधीन मार्ग शुरू में सार्वजनिक यातायात हेतु नहीं, अपितु नहर के निरीक्षण मार्ग के रूप में निर्मित कराया गया था। निर्माण के दौरान निरीक्षण मार्ग हेतु निर्धारित सुरक्षा मापदण्ड अपनाए गए थे।
बाणसागर नहर पर हुई बस दुर्घटना की जानकारी
[परिवहन]
114. ( क्र. 4751 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 16.02.21 को सीधी जिले के चुरहट विधानसभा के अंतर्गत पटना ग्राम के पास बाणसागर नहर पर बस डूब जाने के कई लोगों की मौत हुई? क्या विंध्य में 5 दशक में 6 बड़े हादसों में 322 लोगों ने जान गंवाई है? (ख) यदि हाँ, तो सरकार इस संबंध में आगामी कार्यवाही हेतु क्या-क्या आवश्यकताओं की पूर्ति करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) इस दुर्घटना में कुल 54 यात्रियों (28 पुरूष 23 महिलायें एवं 03 बच्चे) की मृत्यु हुई। 6 बड़े हादसों की तिथि एवं स्थान का उल्लेख न होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है।
रेत का अवैध भण्डारण
[खनिज साधन]
115. ( क्र. 4755 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 23 मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के कौन-कौन से जिले किस-किस खदान में रेत के अवैध उत्खनन मामले में किस-किस के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं? जिलेवार, वाहन क्रमांक सहित बतावें। (ख) क्या डिजियाना कंपनी द्वारा देवास जिले से रेत का उत्खनन कर बैतूल जिले में भण्डारण करने की शिकायत प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो क्या खनिज निरीक्षक द्वारा अवैध रेत उत्खनन कर भण्डारण करने के लिए अनुबंधकर्ता पर प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही की गई? (ग) यदि नहीं, तो प्रदेश में रेत का अवैध उत्खनन कर भण्डारण किये जाने वालों के विरूद्ध कार्यवाही न किये जाने के क्या कारण है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। खनिज निरीक्षक के प्रतिवेदन के आधार पर डिजियाना कंपनी के विरूद्ध अवैध भंडारण का प्रकरण कलेक्टर न्यायालय में प्रस्तुत किया है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
क्रेशर संचालकों द्वारा अवैध खनन
[खनिज साधन]
116. ( क्र. 4761 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम बैजनाथ, खमरिया, मधुपर, सोनरा, हिनौती, नरोरा, कोठार, देवरा, तहसील हुजूर जिला रीवा में जितने भी गिट्टी के क्रेशर संचालित है क्या उन सभी के पास वैध खनन पट्टा है? यदि हाँ, तो पिछले तीन वर्ष में उनके खनन पट्टा से कितना उत्पादन हुआ है और कितनी रॉयल्टी तथा अन्य देय कर जमा कराये गये हैं? वैध खनि पट्टा धारकों की खान में कितना खनिज निकाला गया है? क्या यह उत्खनन सर्वे (वॉल्यूमेट्रिक सर्वे) के द्वारा प्रमाणित किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) जिन क्रेशर मालिकों के पास खनन पट्टा नहीं है उन्होंने पिछले 3 वर्षों में कितना खनिज किस खनन पट्टा धारक से क्रय किया है? क्रेशरवार/क्रय की गई मात्रावार/वर्षवार/माहवार जानकारी दें। उक्त क्रेशर मालिकों द्वारा बेची गयी गिट्टी पर पिछले 3 वर्षों में कितना जी.एस.टी. चुकाया गया है? इन क्रेशर से निकलने वाली गिट्टी के ट्रकों की क्या कहीं नाके पर जाँच की जाती हैं? यदि हाँ, तो पिछले 3 वर्षों में कितने ऐसे ट्रक जब्त किये गये हैं जिनमें वैध रॉयल्टी पास नहीं था? (ग) क्या इन सभी क्रेशर के पास वैध पर्यावरणीय सी.टी.ओ. एवं सी.टी.ई. हैं? क्या इन क्रेशरों से उत्पन्न होने वाले वायु प्रदूषण की मात्रा तय मानकों से नीचे हैं? क्रेशरवार जानकारी दें। (घ) जो क्रेशर अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड, बेला सीमेंट वर्क्स की स्वीकृत खान से सट कर स्थापित किये गये हैं उनको किस आधार पर भंडारण की अनुमति दी गई है? जो क्रेशर अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड, बेला सीमेंट वर्क्स की स्वीकृत खान के अंदर स्थापित है उन्हें अनुमति किस आधार पर दी गई है। अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड, बेला सीमेंट वर्क्स की स्वीकृत खान में भण्डारण किस आधार पर दिया गया है जबकि स्वीकृति खनि पट्टे में किसी दूसरे प्रयोजन के लिए अनुमति नहीं दी जानी चाहिए? भंडारण की जारी सभी अनुमतियों का विवरण देवें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। मध्यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भंडारण का निवारण) नियम, 2006 नियम में खनिपट्टा के निकट खनिज व्यापारिक अनुज्ञप्ति स्वीकृत किये जाने में कोई बाध्यता नहीं है। स्वीकृत खनिपट्टा क्षेत्र में व्यापारिक अनुज्ञप्ति स्वीकृत नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
निविदा की शर्तों का उल्लंघन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
117. ( क्र. 4762 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खाद्यान्न परिवहन के ठेकेदारों द्वारा उपार्जित स्कंध के परिवहन हेतु अनुबंध की कंडिका 32.1 अनुसार निविदा की शर्त का उल्लंघन करने पर पेनाल्टी वसूली किया जाना प्रावधानित किया है? रीवा संभाग से किस-किस खाद्यान्न परिवहन के ठेकेदारों पर निविदा की शर्तों का उल्लंघन करने के प्रकरण शासन के समक्ष आने पर 01.04.2018 से प्रश्नतिथि के दौरान जिलेवार/प्रकरणवार/ ठेकेदारोंवार/राशिवार कितनी-कितनी राशि की पेनाल्टी प्रश्नतिथि तक शासन के द्वारा वसूल कर जमा करवाई गई? बिन्दुवार विवरण दें। (ख) क्या कार्यालय कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट जिला सतना के आदेश क्रमांक/435/उपार्जन/विपणन संघ/2020 सतना दिनांक 13.08.2020 से परिवहनकर्ता पर 7357119=00 (शब्दों में तिहत्तर लाख सन्तावन हजार एक सौ उन्नीस रूपये) की राशि जमा कराने जाने का आदेश जारी किया था? प्रश्नतिथि तक शासन/जिला प्रशासन ने कितनी राशि उक्त परिवहनकर्ता के देयकों से कटौती कर संबंधित कृषकों को नियमानुसार भुगतान किया जा चुका है? सूची दें। राशि बतायें। अगर नहीं की गई है तो कारण दें। नियम बतायें। कब तक की जायेगी? (ग) क्या कार्यालय कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट जिला सतना के दूसरे आदेश क्रमांक 436/उपार्जन/विपणन संघ/2020 सतना दिनांक 13.08.2020 से किस परिवहनकर्ता पर 2, 87, 48, 125=00 (शब्दों में दो करोड़ सतासी लाख अड़तालीस हजार एक सौ पच्चीस रूपये) की राशि जमा कराने का आदेश जारी किया था? प्रश्नतिथि तक शासन/जिला प्रशासन ने कितनी राशि उक्त परिवहनकर्ता के देयकों से कटौती कर संबंधित कृषकों को नियमानुसार भुगतान किया जा चुका है? सूची दें। राशि बतायें। अगर नहीं की गई तो कारण दें। नियम बतायें। कब तक की जायेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अवैध रेत खनन एवं परिवहन पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
118. ( क्र. 4784 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रशासन द्वारा रेत परिवहन करने वाले वाहनों को अण्डरलोड करने हेतु वाहनों में लगी रीप हटाने के निर्देश दिये, ऐसा ही कार्य अन्य खनिज गिट्टी/पत्थर/लाईमस्टोन/बॉक्साईड/लोहा/तांबा आदि के लिए भी लागू होगा क्या? यदि हाँ, तो कब-तक? (ख) प्रदेश में रॉयल्टी जाँच नाके केवल रेत खनिज परिवहन करने वाले वाहनों की जाँच कर रहे हैं, क्या अन्य खनिजों जैसे पत्थर/मुरम/कोपरा/ गिट्टी/लोहा/बॉक्साईड/ग्रेनाईट/मार्बल के लिए अन्य/पृथक से जाँच नाके स्थापित होंगे? यदि हाँ, तो कब-तक? (ग) क्या इन्दौर जिले में एक रॉयल्टी नाके के अलावा अन्य जिले से आने वाली रेत (धारा, बड़वानी, खरगोन एवं अलीराजपुर) रेत खनिज की जाँच के लिए भी रॉयल्टी जाँच नाके स्थापित किये जावेंगे? यदि हाँ, तो कब-तक एवं कितने तथा प्रश्न दिनांक तक अन्य जिलों से रेत खनिज अवैध परिवहन करने वाले के कितने वाहनों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो नाके लगाने की कोई खास वजह या कारण हैं? विगत एक वर्ष से प्रश्न दिनांक तक अन्य जिलों से आने वाले रेत खनिज वाहनों की सूची उपलब्ध करायें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) विभाग द्वारा रेत खनिज के ओवर लोडिंग के प्रकरण में प्रश्नानुसार निर्देश दिये गये हैं। मोटरयान अधिनियम में क्षमतानुरूप परिवहन बावत निर्देश पूर्व से ही हैं, अतएव पृथक से निर्देश जारी करने की आवश्यकता नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। अन्य खनिजों हेतु वर्तमान में पृथक से जाँच नाके स्थापित किये जाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वर्तमान में प्रश्न में उल्लेखित जिलों में से इंदौर जिले में कम संख्या में रेत परिवहन होने के कारण इसकी आवश्यकता नहीं है। इंदौर के बाहर के जिलों से अवैध परिवहन/ओवर लोडिंग करने वाले वाहनों पर अप्रैल 2020 से फरवरी 2021 तक कुल 127 प्रकरण दर्ज कर 80.10 लाख रूपये का अर्थदण्ड वसूल किया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। विभाग द्वारा अवैध परिवहन में संलिप्त वाहनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वैध वाहनों की प्रश्नानुसार जानकारी संधारित नहीं की जाती है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
119. ( क्र. 4787 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिला अन्तर्गत तह. कोटर ग्राम पंचायत अबेर में आराजी न. 1195 शासकीय दर्ज है, जो शासकीय विद्यालय एवं बस्ती को जोड़ने का आम रास्ता है? (ख) क्या उक्त आराजी श्री इतवारीलाल प्रजापति तनय श्री बुद्धा कुमार प्रजापति द्वारा अतिक्रमित किया गया है? (ग) उक्त प्रकरण विगत 10 वर्षों से चला आ रहा है, कई बार कलेक्टर सतना, अनुविभागीय अधिकारी रामपुर बघेलान एवं तहसीलदार कोटर को ग्रामिणों द्वारा लिखित आवेदन देकर एवं स्वयं प्रश्नकर्ता द्वारा भी उक्त अतिक्रमित भूमि को अतिक्रमणमुक्त कराने के संबंध में पत्राचार किया गया, किन्तु आज दिनांक तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं हु? (घ) क्या उक्त अतिक्रमित भूमि को अतिक्रमणमुक्त कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? क्या अतिक्रमणकारी को संरक्षण देने वालों पर भी कार्यवाही होगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) आराजी नंबर 1195 रकवा 0.7890 हे. शासकीय रास्ता दर्ज अभिलेख है जो शासकीय विद्यालय व बस्ती में पहुंच हेतु आम मार्ग नहीं है। आराजी नं 1195 शासकीय रास्ते से लगी हुई पट्टे की भूमि आराजी नंबर 1219 में मार्ग प्रचलित है (ख) जी नहीं। (ग) आराजी नंबर 1195 मौके पर रिक्त रही, वर्ष 2018 में शिकायत मिलने पर नायब तहसीलदार द्वारा मौका निरीक्षण कर रास्ते का समतलीकरण कराकर रास्ता खुलवाया गया था। वर्ष 2020-21 में उक्त आराजी के अंश रकवा 0.024 हे. में अतिक्रमण पाये जाने पर म.प्र.भू.रा.सं. 1959 की धारा 248 के तहत स्थल चिन्हित कर न्यायालय तहसीलदार कोटर में प्रकरण 0027/अ68/2020-21 पंजीबद्ध किया गया है जो अतिक्रामक के जवाब हेतु नियत है। (घ) अतिक्रमित अंश रकवे से न्यायालयीन प्रक्रिया अंतर्गत अतिक्रमण हटाया जा सकेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
महाविद्यालय की भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
120. ( क्र. 4789 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय संजय गांधी महाविद्यालय सीधी द्वारा कलेक्टर सीधी को लिखे पत्र क्र. 1713/स्था./2019 सीधी दिनांक 16/10/2019 एवं पत्र क्र. 1793/स्था.2019 सीधी दिनांक 25/10/2019 एस.डी.एम. एवं कलेक्टर सीधी को प्रेषित किया है, जो महाविद्यालय की भूमि से अतिक्रमण हटवाने, सीमांकन करवाने के संबंध में है पर आज दिनांक तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ख) क्या ग्राम जमोड़ीखुर्द भूमि खसरा क्रमांक 445 रकबा 0.198 हेक्टेयर तहसील गोपद वनास जिला सीधी किसके स्वामित्व की भूमि है? राजस्व अभिलेख में कब से कब तक भू-स्वामी दर्ज है? खसरा क्रमांक 445 रकबा 0.198 हेक्टेयर उक्त भूमि का सीमांकन राजस्व प्रकरण क्र.0024अ12/2020-21 दिनांक 23/07/2020 को पूर्ण कर नायब तहसीलदार गोपद बनास जिला सीधी की कोर्ट में आदेशित किया जा चुका था, परन्तु दिनांक 25/07/2020 को पुनः उक्त सीमांकन प्रकरण पर रोक किस कारण से लगाई गई और आज दिनांक तक उक्त प्रकरण में क्या कार्यवाही की गई? (ग) शासकीय संजय गांधी महाविद्यालय सीधी को कितने गांव की कितनी भूमियां अधिग्रहित कर आवंटित की गई है? महाविद्यालय की चौहद्दी स्पष्ट करते हुए समस्त खसरे एवं अधिग्रहण उपरांत वितरित किये गए मुआवजे की जानकारी प्रदान करें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) उक्त पत्रों के अनुक्रम में कार्यवाही करते हुए पत्र क्रमांक 681/प्रवा./2019 दिनांक 26/12/2019 के द्वारा कुल 07 लोगों का कुल 8.188 हे. पर किया गया अवैध कब्जा बलपूर्वक हटाया जा चुका है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) ग्राम जमोड़ी खुर्द की खसरा क्र. 4451/0198 हे. गायत्री सिंह बेवा अशोक सिंह बघेल सा. पड़खुरी 586 सीधी म.प्र. 1/2 अभिशेक सिंह उर्फ अनूप सिंह पिता अशोक सिंह सा. पड़खुरी 586 पड़खुरी सीधी म.प्र. 1/2 दर्ज है। 1974 से निरंतर उक्त भू-स्वामी के नाम दर्ज अभिलेख है। सीमांकन प्रकरण 0024/अ-12/2020-21 दिनांक 23/07/2020 पर रोक प्राचार्य संजय गांधी से प्राप्त पत्र क्रमांक 933 स्था0/2020 व 951/स्था0/2020/16/07/2020 के माध्यम से लिखित आपत्ति पर शासन के हित को सुरक्षित रखने हेतु लगाई गई तत्पश्चात जिला कार्यालय के पत्र क्रमांक 1712/कले/भू-अभि./सीमां./2020 दिनांक 08.10.2020 के द्वारा जिला स्तरीय दल गठित किया गया। (ग) शासकीय संजय गांधी महाविद्यालय सीधी में कुल दो गांवों से (करौदिया उत्तरटोला की कुल भूमि 9.794 हे. एवं मधुरी कोठार की कुल भूमि 8.716 हे. कुल रकबा 17.510 हे.) मध्यप्रदेश शासन की भूमि आवंटित की गई थी अधिग्रहण नहीं किया गया था। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता।
राज्य में अविवादित नामांतरण एवं बँटवारे के लंबित प्रकरण
[राजस्व]
121. ( क्र. 4791 ) श्री विनय सक्सेना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य में अविवादित नामांतरण/बँटवारे के कितने प्रकरण निर्धारित समय-सीमा 30 दिवस से अधिक समय से लम्बित हैं? जिलेवार बतावें। (ख) निर्धारित समय-सीमा में प्रकरणों का निराकरण न करने पर दोषी अधिकारियों के विरुद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गयी? जिलेवार बतावें। (ग) क्या राजस्व विभाग अंतर्गत न्यायालय नायब तहसीलदार व अतिरिक्त तहसीलदार व अपर कलेक्टर न्यायालय हेतु कार्यालय सहायक सह डाटा एंट्री ऑपरेटर के पद सृजित किये गए हैं? यदि हाँ, तो विवरण देवें। (घ) क्या नवगठित तहसील कार्यालयों हेतु राजस्व न्यायालयों को कार्यालय सहायक सह डाटा एंट्री ऑपरेटर के नवीन पद सृजित किए गए हैं? यदि नहीं किए गए हैं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिन जिलों में निर्धारित समय-सीमा में प्रकरणों का निराकरण नहीं किया गया, उन जिलों के कलेक्टर के द्वारा संबंधित पीठासीन अधिकारी को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किए गए हैं। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। कार्यालय सहायक सह डाटा एन्ट्री ऑपरेटर की पृथक से आवश्यकता नहीं है। वर्तमान में सहायक ग्रेड-03 पद इस कार्य हेतु स्वीकृत किए जा चुके है।
सी.एम. हेल्पलाइन में लंबित शिकायतों की जानकारी
[राजस्व]
122. ( क्र. 4792 ) श्री विनय सक्सेना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले के अंतर्गत निजी भूमि में अतिक्रमण की कितनी सी.एम. हेल्पलाइन शिकायतें लम्बित हैं? सूची देवें। (ख) जबलपुर जिले के अंतर्गत शासकीय भूमि में अतिक्रमण की कितनी सी.एम. हेल्पलाइन शिकायतें लम्बित हैं? सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अंतर्गत कितनी शिकायतें सी.एम. हेल्पलाइन में नियत समय-सीमा में निराकृत नहीं की जा सकी है? (घ) नियत समय-सीमा में शिकायतें निराकृत नहीं करने वाले किन-किन अधिकारियों पर क्या-क्या कार्यवाही की गयी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जबलपुर जिले के अंतर्गत निजी भूमि में अतिक्रमण की 83 शिकायतें लंबित हैं। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जबलपुर जिले के अंतर्गत शासकीय भूमि में अतिक्रमण की 116 शिकायतें लंबित हैं। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) समय-सीमा में ही समस्त शिकायतों का निराकरण किया जाता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
सी.एस.आर. की राशि के संबंध में
[खनिज साधन]
123. ( क्र. 4795 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड (HCL) तथा मैंगनीज ओर इंडिया लिमिटेड (MOIL) जिनके द्वारा जिले में क्रमश: संचालित मलाजखण्ड ताम्र परियोजना तथा विभिन्न मैंगनीज खदानें सी.एस.आर. की श्रेणी में आती हैं? यदि हाँ, तो नियमानुसार दोनों कंपनियों को विगत तीन वर्षों में सी.एस.आर. की कितनी राशि बालाघाट जिले में खर्च करनी थी? वर्षवार कम्पनी अनुसार जानकारी दें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित दोनों कंपनियों द्वारा सी.एस.आर. की अधिकांश राशि कंपनियों के कार्यक्षेत्र में खर्च न करके जिले से बाहर खर्च की जाती है? यदि नहीं, तो विगत तीन वर्षों में जिले में खर्च की गई राशि की जानकारी कम्पनी अनुसार स्थान तथा कार्य का नाम, खर्च की गयी राशि अनुसार दें। क्या विभाग जिला प्रशासन बालाघाट से इस संबंध में कार्यवाही करने को कहेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड (HCL) तथा मैंगनीज ओर इंडिया लिमिटेड़ (MOIL) द्वारा विगत तीन वर्षों में किये गये सी.एस.आर. के तहत खर्च की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। दोनों कंपनियों द्वारा विगत तीन वर्षों में खर्च की गई सी.एस.आर. की राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। पृथक से कोई कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं है।
धान उपार्जन के संबंध में
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
124. ( क्र. 4796 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विगत तीन वर्षों में समर्थन मूल्य अंतर्गत कितने-कितने किसानों से धान उपार्जित किया गया? जिले अनुसार तथा उपार्जन एजेन्सी अनुसार बतावें। (ख) क्या उपार्जन एजेन्सियों के द्वारा खरीदी केन्द्रों को खरीदी के बाद उपार्जित धान की राशि तथा लेबर व प्रासंगिक व्यय, कमीशन आदि का संपूर्ण भुगतान कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? यह भुगतान कब तक कर दिया जाएगा तथा भुगतान में देरी के लिए दोषियों पर क्या कार्यवाही की जाएगी? (ग) क्या उपार्जित धान की राशि सभी किसानों को भुगतान कर दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों? राशि का भुगतान कब तक कर दिया जाएगा? भुगतान में देरी का कारण स्पष्ट करते हुए इसके लिए दोषियों पर क्या कार्यवाही की जाएगी? (घ) बालाघाट जिले में कितने किसानों को धान की राशि का भुगतान करना शेष है? वर्षवार व केन्द्रवार जानकारी दें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जमाकर्ताओं की मांग पर अमानत राशि का भुगतान
[सहकारिता]
125. ( क्र. 4807 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रं. 565 दिनांक 29.12.2020 के खण्ड (क) के संदर्भ में बताएं कि राजेन्द्रसूरी साख समिति का आर्थिक व्यवहार क्या नियमित चल रहा है? मई 2018 से जनवरी 2021 तक अमानतदारों को कितना भुगतान किया गया? (ख) यदि शाखा समिति बंद नहीं की गई है तो इससे यह अर्थ निकालें कि अभी तक चल रही है, जैसा की उल्लेखित प्रश्न के खण्ड (घ) के उत्तर में भी कहा गया है, तो बताएं कि जमाकर्ताओं की मांग पर अमानत राशि का भुगतान किया जा रहा है या नहीं? (ग) संदर्भित प्रश्न के उत्तर में इतना विरोधाभास क्यों है? उत्तर में कह रहे हैं कि शाखा समिति बंद नहीं की गई है तथा दूसरी ओर कह रहे हैं कि ऋण वसूली की जाकर कितने छोटे जमाकर्ता को अमानत राशि का भुगतान किया जावेगा? (घ) अप्रैल 2018 से फरवरी 2021 तक समिति में जमाकर्ताओं की संख्या तथा जमा राशि, ऋण राशि, ऋणधारकों की सूची, ऋण प्राप्त करने की दिनांक तथा ली गई ऋण राशि तथा शाखा समिति की चल-अचल सम्पत्ति की सूची देवें तथा अनियमितता निरीक्षण प्रतिवेदन का विवरण देवें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी नहीं, परन्तु संस्था में ऋणियों से वसूली कर जमाकर्ताओं को आंशिक भुगतान की प्रक्रिया चल रही है। राशि रूपये 31, 70, 33, 921.62 (ख) जी हाँ, वसूली अनुसार जमाकर्ताओं को आंशिक भुगतान किया जा रहा है। (ग) संदर्भित प्रश्न के उत्तर "घ" में सही उत्तर दिया गया था कि ऋण वसूली की जाकर प्रथमत: छोटे जमाकर्ताओं को अमानत राशि का भुगतान किया जावेगा। ऋणियों से वैधानिक एवं न्यायालयीन प्रक्रिया से वसूली करने एवं वसूली अनुसार आंशिक भुगतान की प्रक्रिया जारी है। अत: उत्तर में कोई विरोधाभास नहीं है। (घ) प्रश्नांकित अवधि में अमानतदारों द्वारा किसी भी प्रकार की राशि अमानत के रूप में जमा नहीं की गई है तथापि 10, 852 ऋणियों द्वारा राशि रूपये 32, 40, 05, 732.62 संस्था में जमा करायी गई है। दिनांक 23.02.2021 की स्थिति में ऋण राशि, ऋण धारकों की सूची, ऋण प्राप्त करने का दिनांक तथा ली गई ऋण राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। चल-अचल संपत्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। निरीक्षण प्रतिवेदन में अनियमित ऋण वितरण करना, ऋण स्वीकृति के समय बंधक संपत्ति का मूल्यांकन नहीं कराना, सक्षम ऋण स्वीकृति प्राप्त किये बिना ऋण वितरण करना, कालातीत सदस्यों से वसूली के लिये वाद दायर नहीं करना, ऋण वसूली की कार्रवाई न की जाना, कर्मचारियों से ऋण वसूली के प्रकरणों में वेतन से कटौती न करना, तरल पूंजी का अभाव होते हुये भी बड़े ऋण स्वीकृत कर संस्था की आर्थिक स्थिति को कमजोर करना, रिकार्ड नहीं लिखना, संस्था द्वारा केशबुक तातारीख नहीं रखना, संस्था के सदस्यों को अमानत राशि परिपक्वता के उपरांत भी भुगतान नहीं किया जाना इत्यादि अनियमितताओं का उल्लेख किया गया है।
कंट्रोल दुकानों में वितरित किये गये खाद्यान्न की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
126. ( क्र. 4850 ) श्री जितू पटवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018 से 2020 तक प्रत्येक वर्ष के दिसम्बर माह में इंदौर जिले में कंट्रोल की कितनी दुकानों में कूपन तथा सामग्री वितरित की गई? हितग्राही की संख्या तथा वितरित की गई सामग्री की सूची देवें तथा बतावें कि वर्ष 2017 से 2020 तक इन दुकानों पर घोटाले, फर्जीवाड़े काल्पनिक हितग्राही आदि के कितने प्रकरण पाये गये? कितनों पर पुलिस में प्रकरण दर्ज किया गया? (ख) क्या प्रश्नांश (क) वर्णित स्थान में वर्ष 2018 से 2020 के बीच कितने काल्पनिक हितग्राही पाये गये तथा उनका नाम हटा दिया गया लेकिन उन काल्पनिक हितग्राहियों को कुल कितना सामान दिया गया तथा उनका बाजार मूल्य क्या था? इंदौर जिले में ऐसे हितग्राहियों की संख्या कितनी-कितनी पाई गई? (ग) इंदौर जिले में अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 तक किस-किस मिलर्स द्वारा कितनी-कितनी मात्रा में चावल किस दर से किस दिनांक को दिया गया तथा अप्रैल 2020 से नम्बर 2020 तक कंट्रोल दुकान के माध्यम से कितने हितग्राहियों को कितनी मात्रा में चावल जाँच में खराब अमानक पाया गया? (घ) लॉकडाउन अवधि में हितग्राही को कितनी-कितनी अतिरिक्त सामग्री प्रदान की गई तथा बतावें कि क्या घोषणा की गई थी तथा उस घोषणा के अनुसार सामग्री वितरित की गई या नहीं? यदि हाँ, तो किस माह में दी गई?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) वर्ष 2018 से 2020 तक प्रत्येक वर्ष के दिसम्बर माह में इन्दौर जिले की कन्ट्रोल दुकानों की संख्या, हितग्राही संख्या एवं वितरित की गई सामग्री की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। इन्दौर जिले में वर्ष 2017 से 2020 की अवधि में 11 उचित मूल्य दुकानों में गंभीर अनियमितताएं पाये जाने पर पुलिस में प्रकरण दर्ज किये गये। (ख) वर्ष 2018 से 2020 के बीच इन्दौर जिले में काल्पनिक हितग्राहियों का कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। अप्रैल 2020 से नवम्बर 2020 तक उचित मूल्य दुकान से जाँच में हितग्राहियों को कोई अमानक चावल वितरित नहीं किया जाना पाया गया। (घ) लॉकडाउन अवधि में हितग्राही को नियमित आवंटन के अतिरिक्त प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 05 किलों खाद्यान्न प्रति सदस्य के मान से एवं 1 किलो दाल प्रति परिवार के मान से नि:शुल्क माह अप्रैल 2020 से नवम्बर 2020 के लिए वितरित करने के निर्देश दिये गये थे। तदानुसार ही सामग्री निशुल्क वितरित की गई।
प्रवासी श्रमिकों पर खर्च परिवहन की जानकारी
[राजस्व]
127. ( क्र. 4851 ) श्री जितू पटवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मार्च 2020 के अंतिम सप्ताह से अप्रैल 2020 तक तथा मई 2020 से जून 2020 तक प्रवासी श्रमिकों को अन्य राज्य से मध्यप्रदेश लाने के लिये प्रदेश की सीमा से अपने गंतव्य तक छोड़ने अन्य प्रदेश के प्रवासी श्रमिक को अपने प्रदेश में छोड़ने की कितनी बसें लगाई गई तथा इन बसों पर कुल कितना भुगतान देय था? जिलेवार बतावें। (ख) दिनांक 25 मार्च 2020 से 15 अप्रैल 2020 तक लगाई गई बसों के जिलेवार बस संख्या, कुल यात्री तथा देय भाड़ा, भुगतान किये गए राशि सहित जानकारी देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) तथा (ख) में उल्लेखित बसों में फर्जीवाड़े की कई जिले में शिकायत हुई है तथा ऐसा माना जाता है कि लगभग 50 करोड़ से अधिक का फर्जीवाड़ा हुआ है क्या इसकी उच्चस्तरीय जाँच कराई जावेगी? (घ) जुलाई 2020 से अक्टूबर 2020 तक शासकीय कार्यक्रमों में नागरिकों को लाने के लिये अधिग्रहित बसों की संख्या तथा कुल देय भाड़ा जिलेवार बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) दिनांक 25 मार्च 2020 से 15 अप्रैल 2020 तक लगाई गई बसों की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है। (ग) जी नहीं । अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (घ) जुलाई 2020 से अक्टूबर 2020 तक शासकीय कार्यक्रमों में नागरिकों को लाने के लिए की गई अधिग्रहित बसों की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’स’’ अनुसार है।
भोपाल जिले के सितारा गृह निर्माण सहकारी समिति का संचालन
[सहकारिता]
128. ( क्र. 4863 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले की सितारा गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित का पंजीयन दिनांक परिसमापन तिथि बताते हुये उक्त अवधि में संचालकों के नाम एवं उनकी कार्यावधि बताई जायें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित किन-किन संचालकों द्वारा भोपाल जिले के गौरव, महाकाली, गुलाबी, हेमा, न्यूमित्र मंडल, मंदाकिनी एवं लाला लाजपत राय गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं में भी सदस्यता प्राप्त की है? यदि हाँ, तो सदस्यता की तिथि बताई जाये। (ग) प्रश्नांश (क) उल्लेखित संचालक मंडल या उनके निकटस्थ परिजन द्वारा प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं में भूखण्ड प्राप्त किया है? यदि हाँ, तो विवरण देते हुये भूखंड प्राप्ति की वैधता बताई जाये। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित समितियों का कब तक अंकेक्षण करवाया है? वर्ष वार अंकेक्षण का नाम, अवधि, संस्था का आम सभा में पारित करवाने की तिथि बताई जाये। नियमित अंकेक्षण न कराने की स्थिति में संस्थाओं में विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) भोपाल जिले की सितारा गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित भोपाल पंजीयन क्रमांक डी.आर.बी. 899 दिनांक 23.04.2002 तथा परिसमापन दिनांक 06.02.2007 है। संस्था का प्रथम निर्वाचन दिनांक 17.11.2002 को सम्पन्न हुआ, इस निर्वाचित संचालक मण्डल का कार्यकाल 16.11.2007 तक रहा तथा निर्वाचित संचालक मण्डल में रवि श्रीवास्तव अध्यक्ष श्री दिनेश त्रिवेदी उपाध्यक्ष, श्री राजेश आर्य, श्री तनमय तिवारी, श्री हरिशचन्द्र, श्री दिलीप खेर, श्री स्वप्निल तैलंग, श्री मुकेश श्रीवास्तव, श्री मुकेश त्रिवेदी, श्रीमती उषा बख्शी, श्रीमती प्रमोद त्रिवेदी संचालक रहे है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित संचालकों में से गौरव, गुलाबी नगर, न्यूमित्र मण्डल, लाला लाजपत राय गृह निर्माण सहकारी संस्था में से किसी ने भी सदस्यता प्राप्त नहीं की है। श्री दिनेश त्रिवेदी द्वारा मंदाकिनी एवं महाकाली गृह निर्माण सहकारी संस्था में सदस्यता प्राप्त की गई तथा हेमा गृह निर्माण सहकारी संस्था में श्री स्वप्निल तैलंग द्वारा सदस्यता प्राप्त की गई है। इन संस्था के अभिलेख उपलब्धता के अभाव में सदस्यता तिथि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश (क) में दिये गये पदाधिकारी/संचालकों में श्री दिनेश त्रिवेदी द्वारा मंदाकिनी गृह निर्माण सहकारी संस्था से भूखण्ड प्राप्त किया गया है तथा महाकाली गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित भोपाल से श्री स्वप्निल तैलंग एवं श्री दिनेश त्रिवेदी द्वारा भूखण्ड प्राप्त किया गया है। उत्तरांश (क) में उल्लेखित निकटस्थ परिजन से आशा स्पष्ट न होने से उत्तर दिया जाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अवैध रेत खनन की जानकारी
[खनिज साधन]
129. ( क्र. 4865 ) श्री बाला बच्चन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक की स्थिति में इंदौर संभाग में कितनी रेत खदानें है जिलावार, खदान नाम, स्थान सहित जानकारी देवें। (ख) दिनांक 01/04/2020 से 06/02/2021 तक विभाग के किन-किन अधिकारियों ने किन-किन खदानों का निरीक्षण किया? निरीक्षण टीप दौरे का विवरण सहित जानकारी देवें। (ग) अवैध रेत खदानों के संचालन पर रोक संबंधी कितने पत्र उपरोक्त अवधि में विभाग को प्राप्त हुए? (घ) इन पत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पत्रवार देवें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) इंदौर संभाग में जिला धार में 40, जिला खरगौन में 30, जिला बड़वानी में 23, जिला अलीराजपुर में 49 एवं जिला बुरहानपुर में 09 रेत खदानें हैं। संभाग के शेष अन्य जिला यथा इंदौर, झाबुआ, खंडवा में घोषित रेत खदानें नहीं हैं। प्रश्नांश अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के 1, 2, 3, 4 एवं 5 पर जिलावार दर्शित है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित रेत खदानों के निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -ब के 1, 2, 3, 4 एवं 5 पर जिलावार दर्शित है। (ग) रेत खदानों के संबंध में खरगौन एवं बड़वानी जिले में शिकायतें प्राप्त हुई है। शेष अन्य जिलों में शिकायतें प्राप्त नहीं है। (घ) प्रश्नांश (ग) में दी गई जानकारी अनुसार प्राप्त पत्रों पर कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -स के 1 एवं 2 पर दर्शित है।
इंदौर संभाग में अवैध खनन एवं परिवहन
[खनिज साधन]
130. ( क्र. 4866 ) श्री बाला बच्चन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर संभाग में दिनांक 01.04.2020 से 15.02.2021 तक अवैध रेत खनन एवं परिवहन के कितने प्रकरण किनके विरूद्ध दर्ज किए गए? जिलावार पृथक-पृथक बतावें। (ख) उपरोक्तानुसार प्रकरणों में कितनी दंड राशि वसूली गई? कितनी शेष है, की जानकारी प्रकरणवार, जिलावार देवें। (ग) लंबित राशि कब तक वसूल की जाएगी? (घ) इस ओर ध्यान न देने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित अनुसार है। (ग) राजस्व वसूली एक सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) प्रश्नांश (ग) में दिये गये उत्तर अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भंडारित एवं उपार्जित गेहूं की मात्रा में अंतर
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
131. ( क्र. 4867 ) श्री बाला बच्चन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 21/03/2020 से 30/06/2020 तक इंदौर संभाग में कितना गेहूं उपार्जित किया गया? जिलावार जानकारी देवें। (ख) उक्त अवधि में भंडारित गेहूं की मात्रा भी जिलावार देवें। (ग) क्या कारण है कि भंडारित गेहूँ और उपार्जित गेहूं की मात्रा में कई जिलो में अंतर है? इसके जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित बतावें। (घ) इसके लिए शासन उन पर कब तक कार्यवाही कर अंतर की राशि वसूल करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) रबी विपणन वर्ष 2020-21 में दिनांक 21/03/2020 से 30/06/2020 तक इंदौर संभाग में जिलेवार समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूं की जिलेवार भंडारित मात्रा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) समर्थन मूल्य पर उपार्जित एवं भंडारित गेहूं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। इंदौर एवं धार जिले में उपार्जित एवं भंडारित मात्रा में अंतर का कारण कोविड-19 के संक्रमण के कारण समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन का कार्य माह मार्च के स्थान पर अप्रैल से प्रारम्भ किया जा सका। समस्त पंजीकृत किसानों को समर्थन मूल्य पर गेहूं विक्रय का अवसर प्रदान करने हेतु उपार्जन एवं परिवहन का कार्य माह जून, 2020 में भी जारी रहा। माह मई के अंतिम सप्ताह में 'निसर्ग' चक्रवात के कारण पूरे प्रदेश में भारी बारिश हुई, साथ ही मानसून समय से पूर्व आने के कारण गेहूं पानी से प्रभावित हुआ है। प्राकृतिक आपदा से हुई क्षति के लिए किसी का दायित्व निर्धारण नहीं किया जा सकता है। जिला झाबुआ, अलीराजपुर एवं खण्डवा जिले में उपार्जित एवं भंडारित मात्रा में अंतर का कारण परिवहन के दौरान मात्रा में कमी होना है, जिसकी वसूली परिवहनकर्ता से करने का प्रावधान है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) झाबुआ एवं अलीराजपुर जिले में स्कन्ध के परिवहन के दौरान हुई कमी की राशि का कटौत्रा परिवहनकर्ता से किया गया है एवं खण्डवा जिले में वसूली की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
जिला भिंड अंतर्गत करधन तालाब की जीर्णोद्धार
[जल संसाधन]
132. ( क्र. 4887 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भाण्डेर नहर संभाग क्र.10 लहार जिला भिण्ड के अन्तर्गत करधन तालाब दबोह के जीर्णोद्धार हेतु कब कितनी राशि स्वीकृत की गई एवं इस कार्य हेत कब निविदा आमंत्रित की गई तथा किस ठेकेदार/कॉन्ट्रेक्टर की निविदा स्वीकृत की गई तथा जीर्णोद्धार हेतु कितनी राशि का कार्य आदेश किस दिनांक को दिया गया? ठेकेदार/कान्ट्रेक्टर के नाम पता सहित विवरण दें? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न दिनांक तक कार्य की प्रगति क्या है एवं ठेकेदार को अभी तक कितनी राशि का भुगतान कर दिया गया है? (ग) क्या ठेकेदार द्वारा कार्य अपूर्ण ही छोड़ दिया गया है? यदि हाँ, तो क्यों तथा शेष कार्य न करने ठेकेदार/फर्म के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों एवं कब तक कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा? (घ) वर्ष 1999 में दबोह स्थित करधन तालाब का सर्वे नं. क्या था तथा कितना रकबा सिचिंत था? क्या सिंचित रकबा बढ़ाने हेतु करधन तालाब के समीप ही ग्राम गोरा से निकले वाली माईनर से जोड़कर तालाब भरने हेतु कोई योजना है? यदि हाँ, तो कब तक इस योजना को क्रियान्वित किया जाएगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) भिण्ड जिले के अंर्तगत करधन तालाब के जीर्णोद्धार हेतु प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 06.04.2018 को रुपये 87.39 लाख की प्रदान की गई। कार्य की निविदा दिनांक 20.06.2018 को आमंत्रित की गई। कार्य मेसर्स सेठ एण्ड सन्स, निवासी-230, खजांची महोल्ला बिहारीजी मार्ग दतिया को स्वीकृत की जाकर दिनांक 10.09.2018 को कार्यादेश जारी किया जाना प्रतिवेदित है। (ख) कार्य की भौतिक प्रगति 31.59 प्रतिशत। ठेकेदार को राशि रुपये 22.38 लाख का भुगतान किया जाना प्रतिवेदित है। (ग) जी नहीं। कार्य पूर्ण करने हेतु ठेकेदार को 14 दिवस का नोटिस दिनांक 16.02.2021 को दिया गया है एवं ठेकेदार द्वारा समयवृद्धि की मांग की गई है, समयवृद्धि स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) वर्ष 1999 की स्थिति में दबोह स्थित करधन तालाब का सर्वे न. 812, 813 था। प्रश्नाधीन तालाब पहले नगर पंचायत दबोह के अधीन होने एवं इसका रिकार्ड/दस्तावेज विभाग के पास उपलब्ध नहीं होने के कारण सिंचाई का रकबा बताना संभव नहीं है। वर्तमान में इस तालाब से 85 हेक्टेयर खरीफ एवं 05 हेक्टेयर रबी कुल 90 हेक्टेयर में सिंचाई करना प्रस्तावित है। सिंचित रकबा बढ़ाने हेतु करधन तालाब के समीप ही ग्राम गोरा के समीप अमहा माइनर की सबमाइनर बड़े गांव सबमाइनर से कच्चे चैनल के माध्यम से जोड़ा जाकर ठेकेदार से कार्य पूर्ण कराकर इस वर्ष तालाब को भरा जाना प्रतिवेदित है।
संबल योजना एवं मुख्यमंत्री जनकल्याण (नया सवेरा) योजना का लाभ
[श्रम]
133. ( क्र. 4891 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक गुना जिले में असंगठित क्षेत्रों में श्रमिकों की संख्या कितनी है? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में शहरी/ग्रामीण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत कितने श्रमिकों को संबल योजना में शामिल किया गया है एवं हितग्राहियों को कौन-कौन सी विभागीय योजना अंतर्गत हितलाभ वितरित किये गये? (ग) उपरोक्त के संबंध में मण्डल द्वारा संचालित श्रमिक कल्याणकारी गतिविधियां अंतर्गत सस्ती दरों पर कॉपियों का वितरण किया गया है? यदि हाँ, तो कितने छात्र-छात्राओं को कितनी-कितनी राशि की सस्ती दरों पर कितनी-कितनी संख्या में, कितने-कितने मूल्य पर कॉपियां वितरित की गई? क्या कॉपियों का क्रय केन्द्रीय/राज्य स्तर पर किया गया है? यदि हाँ, तो क्या-क्या नियम/प्रक्रिया है, उनका पालन इसमें किस प्रकार किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में गुना जिले में मुख्यमंत्री जनकल्याण (नया सवेरा ) योजना अंतर्गत कितने असंगठित श्रमिकों को पंजीकृत किया है? (ड.) उपरोक्त के संबंध में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक विभाग में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं एवं जिम्मेदारी तय होने पर किस-किस के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक कार्यवाही की जायेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में गुना जिले में असंगठित क्षेत्रों के संबंध में संचालित म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना के अन्तर्गत नये पंजीकृत श्रमिकों की संख्या 2981 है एवं म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल अंतर्गत 1904 निर्माण श्रमिक नये पंजीकृत हुये है। (ख) म.प्र. असंगठित शहरी/ग्रामीण कर्मकार कल्याण मण्डल के अंतर्गत संबल योजना में पंजीकृत श्रमिकों की संख्या जिले में कुल 1,36,569 है। योजना के अन्तर्गत हितग्राहियों के लिये संचालित मंडल की श्रम विभागीय योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उपरोक्त के संबंध में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के संबंध में संचालित (1) म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल (2) म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा प्रश्नांश में वर्णित योजना संचालित नहीं की जाती। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) म.प्र. असंगठित शहरी/ग्रामीण कर्मकार कल्याण मण्डल के अंतर्गत संबल योजना में पंजीकृत श्रमिकों की संख्या जिले में कुल 1,36,569 है। (ङ) श्रम पदाधिकारी कार्यालय गुना में उपरोक्त के संबंध में शिकायतें प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्राकृतिक आपदा से प्रभावितों को मुआवजा
[राजस्व]
134. ( क्र. 4892 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक गुना जिले में प्राकृतिक प्रकोपों जैसे अतिवृष्टि,बाढ़, ओला, पाला,शीतलहर, कीट प्रकोप, इल्ली, टिड्डी, आंधी-तूफान, सूखा एवं अग्नि दुर्घटनाओं से फसल नुकसानी, जनहानि और पशुहानि, मकान क्षति, सर्पदंश से मृत्यु होने के प्रकरण सामने आये है? यदि हाँ, तो कब, किस कारण से, किस को कितनी हानि होने का सर्वे किया गया? गौशवारा बनाकर तहसीलवार पृथक-पृथक बतायें। (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के तारतम्य में नुकसानी, जनहानि और पशुहानि होने पर संपूर्ण मुआवजा राशि का वितरण कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कब,कितनी राशि का भुगतान किस तरह से हितग्राही/आवेदक को किया गया? तहसीलवार पृथक-पृथक गौशवारा बनाकर बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या कारण हैं,जिसमें कितने हितग्राहियों को मुआवजा वितरण नहीं हो सका? कारण सहित बतायें। शेष हितग्राहियों को कब तक भुगतान कर दिया जायेगा? (घ) उपरोक्त के संबंध में विभाग में कौन-कौन सी शिकायतें कब, किस के द्वारा प्राप्त हुई है एवं जिम्मेदारी तय होने पर किस के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक कार्यवाही की जायेगी?
राजस्व
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) जी
हाँ। तहसीलवार जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है।
(ख) प्रश्नांश
के तारतम्य
में नुकसानी, जनहानि
और पशुहानि
हेतु तहसीलवार
वितरित राशि
की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है।
(ग) जिले
में 2019-20 की
फसल क्षति का 25% एवं 2020-21 की 33%
राशि वितरित
की गई है। 127
हितग्राहियों
के संयुक्त
खाते में
सहमति नहीं
होने से
भुगतान शेष है।
(घ) जानकारी
निरंक है। अत:
शेष प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता है।
परिशिष्ट
- "चौंतीस"
धरमपुरी में निर्माणधीन डेम के प्रभावितों को मुआवजा
[जल संसाधन]
135. ( क्र. 4895 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के धरमपुरी विकासखण्ड के अन्तर्गत ग्राम कोडीदा में स्थानीय नदी पर डेम बनाया जा रहा है? यदि हाँ, तो कितनी लागत का? (ख) उक्त डेम के निर्माण को किस एजेन्सी को किन-किन शर्तों पर कार्यादेश दिये गये है? कब तक डेम का कार्य पूर्ण किया जाना संभावित है? (ग) उक्त योजना में कौन-कौन से ग्राम के कितने-कितने किसान, स्थानीय रहवासियों की जमीनें, मकान, पेड़, पौधे, कुआं, पाईप लाईन आदि डूब में आ रही है? सूची देवें। (घ) क्या जिस प्रकार नर्मदा घाटी विकास विभाग में डूब क्षेत्र के प्रभावितों को मुआवजा दिया गया था उसी के अनुसार इस योजना के अन्तर्गत प्रभावितों को मुआवजा दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या प्रभावितों को विशेष पैकेज में 5 से 10 लाख तक का मुआवजा एवं वयस्क पुत्र/पुत्रियों को मुआवजा, पेड़ कुंआ पाईप लाईन का मुआवजा दिया जायेगा? नहीं तो क्यों? (ड.) क्या जिन प्रभावितों को मुआवजा दिया जा रहा है, उनकी मुआवजा राशि में से टी.डी.एस. काटा जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या टी.डी.एस. काटना बंद किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों ?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। कारम मध्यम परियोजना की लागत रू. 304.44 करोड़ है। (ख) बांध का निर्माण कार्य ए.एन.एस. कन्स्ट्रक्शन प्रा.लि. को टर्न-की निविदा पद्धति पर अनुबंध क्रमांक 2/2018-19 के तहत सौंपा गया है। अनुबंध अनुसार परियोजना के मुख्य बांध का निर्माण कार्य अगस्त 2021 में पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) जी नहीं। कारम मध्यम सिंचाई परियोजना के डूब प्रभावितों हेतु विशेष पुनर्वास पैकेज की स्वीकृति दिनांक 16.05.2018 को प्रदान की गई है, जो परिवार पुनर्वास पैकेज नहीं लेना चाहता उसे भूमि अर्जन, पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013, के अनुसार मुआवजा प्राप्त होगा। पुनर्वास पैकेज से संबंधित आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे "परिशिष्ट के प्रपत्र - 1" अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ङ) कलेक्टर, जिला धार से प्राप्त जानकारी अनुसार जिन व्यक्तियों को मकान की मुआवजा राशि रू. 02.50 लाख से अधिक भुगतान किया गया है, उनसे टी.डी.एस. काटा जाना प्रतिवेदित है। कृषि भूमि के मुआवजे के लिए कोई टी.डी.एस. नहीं काटा गया। भू-अर्जन अधिनियम 2013 की धारा 46 एवं 96 के परिप्रेक्ष्य में आयकर अधिनियम 1961 की धारा 194 LA के प्रावधानों का पुन: परीक्षण कर विधि अनुसार आगामी कार्यवाही की जावेगी।
धार जिले में प्राकृतिक आपदा से प्रभावितों को मुआवजा
[राजस्व]
136. ( क्र. 4896 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक धार जिले में प्राकृतिक प्रकोपों जैसे अतिवृष्टि, बाढ़, ओला, पाला, शीतलहर, कीट प्रकोप, इल्ली, टिड्डी, आंधी-तूफान, सूखा एवं अग्नि दुर्घटनाओं से फसल नुकसानी, जनहानि और पशुहानि,मकान/क्षति सर्पदंश से मृत्यु होने के प्रकरण सामने आये है? यदि हाँ, तो कब,किस कारण से, किस को कितनी हानि होने का सर्वे किया गया? गौशवारा बनाकर तहसीलवार पृथक-पृथक बतायें। (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के तारतम्य में क्या नुकसानी, जनहानि और पशुहानि होने पर संपूर्ण मुआवजा राशि का वितरण कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कब, कितनी राशि का भुगतान किस तरह से हितग्राही/आवेदक को किया गया? तहसीलवार पृथक-पृथक गौशवारा बनाकर बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या कारण है, जिससे कितने हितग्राहियों को मुआवजा वितरण नहीं हो सका? कारण सहित बतायें। शेष हितग्राहियों को कब तक भुगतान कर दिया जायेगा? (घ) उपरोक्त के संबंध में विभाग में कौन-कौन सी शिकायतें कब, किस के द्वारा, कितनी प्राप्त हुई है एवं जिम्मेदारी तय होने पर किस के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक कार्यवाही की जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। प्रकरणों में राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के मानदण्डों के तहत सर्वे किया गया है। तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) धार जिला अन्तर्गत जनहानि और पशुहानि नुकसानी, होने पर संपूर्ण राहत राशि का भुगतान एवं फसल क्षति के कीट व्याधि प्रकरणों में प्रभावित कृषकों 33 प्रतिशत राशि का भुगतान ई–पेमेन्ट के माध्यम से संबंधितों को कर दिया गया है। तहसीलवार पृथक-पृथक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) धार जिला अन्तर्गत सर्पदंश से हानि के कुल 17 प्रकरण में राहत राशि वितरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) उक्त संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
देवास जिले में प्राकृतिक आपदा से प्रभावितों को मुआवजा
[राजस्व]
137. ( क्र. 4899 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक देवास जिले में प्राकृतिक प्रकोपों, जैसे अतिवृष्टि, बाढ़, ओला, पाला, शीतलहर, कीट प्रकोप/, इल्ली, टिड्डी, आंधी-तूफान, सूखा एवं अग्नि दुर्घटनाओं से फसल नुकसानी, जनहानि और पशुहानि मकान क्षति सर्पदंश से मृत्यु होने के प्रकरण सामने आये है? यदि हाँ, तो कब, किस कारण से किस को कितनी हानि होने का सर्वे किया गया? गौशवारा बनाकर तहसीलवार पृथक-पृथक बतायें। (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के तारतम्य में नुकसानी, जनहानि और पशुहानि होने पर संपूर्ण मुआवजा राशि का वितरण कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कब, कितनी राशि का भुगतान किस तरह से हितग्राही/आवेदक को किया गया? तहसीलवार पृथक-पृथक गौशवारा बनाकर बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या कारण है, जिससे कितने हितग्राहियों को मुआवजा वितरण नहीं हो सका? शेष हितग्राहियों को कब तक भुगतान कर दिया जायेगा? (घ) उपरोक्त के संबंध में विभाग में कौन-कौन सी कुल कितनी शिकायतें कब,किस के द्वारा कितनी प्राप्त हुई हैं एवं जिम्मेदारी तय होने पर -किस के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक कार्यवाही की जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। उक्त प्रकरणों में तत्समय हानि का सर्वे कराया जाकर मुआवजा वितरण हेतु प्रकरण तैयार कराये गये। प्रकरणों का तहसीलवार गौशवारा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) स्वीकृत प्रकरणों में राहत राशि का भुगतान संबंधित हितग्राहियों को ई-पेमेन्ट के माध्यम से किया गया है। वर्ष 2019-20 में अतिवृष्टि से खरीफ फसल क्षति की कुल स्वीकृत राशि का 25 % राशि का वितरण एवं वर्ष 2020 में अतिवृष्टि/बाढ़ तथा कीट प्रकोप से खरीफ फसल क्षति की कुल स्वीकृत राशि का 33 % राशि का वितरण किया गया। समस्त मदों की राहत राशि वितरण की तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार समस्त राशि वितरित है। कोई हितग्राही राहत राशि वितरण हेतु शेष नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) मुआवजा राशि वितरण के सम्बन्ध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
संबंल योजना एवं मुख्यमंत्री जनकल्याण (नया सेवरा) योजना
[श्रम]
138. ( क्र. 4900 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक देवास जिले में असंगठित क्षेत्रों में पंजीकृत श्रमिकों की संख्या कितनी हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में शहरी/ग्रामीण कर्मकार कल्याण मण्डल अन्तर्गत कितने श्रमिकों को संबल योजना में शामिल किया गया है एवं हितग्राहियों को कौन-कौन सी विभागीय योजना अन्तर्गत हितलाभ वितरित किये गये? (ग) उपरोक्त के संबंध में मण्डल द्वारा संचालित श्रमिक कल्याणकारी गतिविधियां अन्तर्गत सस्ती दरों पर कॉपियों का वितरण किया गया है? यदि हाँ, तो कितने छात्र/छात्राओं को कितनी-कितनी राशि की सस्ती दरों पर कितनी-कितनी संख्या में, कितने-कितने मूल्य पर कॉपियां वितरित की गई? (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में देवास जिले में मुख्यमंत्री जनकल्याण (नया सवेरा) योजना अन्तर्गत कितने असंगठित श्रमिकों को पंजीकृत किया है, इसमें से कितने कोरोना काल में अन्य प्रदेशों एवं अन्य जिलों से आये हैं? पृथक-पृथक बतायें। उक्त सभी श्रमिकों के लिये शासन की क्या कार्ययोजना है? उनको किस प्रकार पुनर्वास अथवा रोजगार के अवसर उपलब्ध करायें जायेंगे एवं उसकी अद्यतन स्थिति क्या है? यदि नहीं, तो क्यों? (ङ) उपरोक्त के संबंध में विभाग में कौन-कौन सी शिकायतें कब-कब, किस-किस के द्वारा, कितनी-कितनी प्राप्त हुई है एवं जिम्मेदारी तय होने पर किस-किस के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में देवास जिले में असंगठित क्षेत्रों के मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना के अन्तर्गत नये पंजीकृत श्रमिकों की संख्या 641 है। म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल अंतर्गत नये पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की संख्या 2479 है। (ख) म.प्र. असंगठित शहरी/ग्रामीण कर्मकार कल्याण मण्डल के अंतर्गत संबल योजना में जिले में कुल 3,34,808 पंजीकृत श्रमिकों को शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना के अन्तर्गत हितग्राहियों के लिये संचालित विभागीय योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार हैं। (ग) उपरोक्त के संबंध में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के संबंध में संचालित (1) . म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल (2) . म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा प्रश्नांश में वर्णित योजना संचालित नहीं की जाती। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) देवास जिले में मुख्यमंत्री जनकल्याण (नया सवेरा) योजना अन्तर्गत 3,34,808 असंगठित श्रमिक पंजीकृत है। देवास जिले के अन्य प्रदेशों में नियोजित 1339 श्रमिक वापस लौटे है। जिनमें से 1192 निर्माण श्रमिक एवं 147 अन्य नियोजन के असंगठित श्रमिक है। प्रवासी श्रमिकों के लिये श्रम विभाग द्वारा प्रवासी मजदूरों का पंजीयन रोजगार सेतु पोर्टल के माध्यम से कराकर स्थानीय स्तर पर उन्हें रोजगार उपलबध कराने का प्रयास किया गया है। देवास जिले में 426 श्रमिकों को अन्य नियोजनो में रोजगार उपलब्ध कराया गया है। मनरेगा योजना के अंतर्गत 1160 जॉब कार्ड धारक प्रवासी श्रमिक है। जिनमें से मनरेगा के अंतर्गत नियोजित प्रवासी श्रमिकों की संख्या 502 है। (ङ) श्रम पदाधिकारी कार्यालय देवास में उपरोक्त के संबंध में शिकायतें प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मतदाता सूची निर्माण में त्रुटियां
[राजस्व]
139. ( क्र. 4905 ) श्री सुनील सराफ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय तहसीलदार तहसील कोतमा वृत्त बिजुरी जिला अनूपपुर के पत्र क्र./प्रवा./ना.तह./ 2020-21 बिजुरी दिनांक 26.12.2020 में नगर परिषद् डोला में बी.एल.ओ. द्वारा मतदाता सूची में फर्जीवाड़ा के संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) उपरोक्त पत्रानुसार अभी तक नाम विलोपित क्यों नहीं किए गए हैं? (ग) कब तक इनके विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) नायब तहसीलदार बिजुरी के पत्र क्र./प्रवा./न./ तह./ 2020-21 दिनांक 26.12.2020 द्वारा प्राप्त की गई, त्रुटियों का परिर्माजन किया जा चुका है। तदनुसार विलोपन की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है। (ख) जी नहीं। नाम विलोपित किये जा चुके है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सहकारी समिति में कार्यरत स्टॉफ का नियमितीकरण
[सहकारिता]
140. ( क्र. 4914 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहकारी समितियों के लंबे समय से कार्यरत स्टॉफ को नियमित करने की दिशा में शासन ने क्या कार्यवाही की है? (ख) दि. 01.04.2020 से 15.02.2021 तक इस संबंध में कितनी बैठकें हुई? (ग) कब तक इन्हें नियमित कर दिया जाएगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) प्रश्नांश के संदर्भ में नियमों में प्रावधान नहीं होने से कोई कार्यवाही नहीं की गयी। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांकित अवधि में उक्त संदर्भ में कोई बैठक आयोजित नहीं की गयी। (ग) उत्तरांश (क) के संदर्भ में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
प्रकरणों की अस्वीकृति संबंधी
[राजस्व]
141. ( क्र. 4915 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में विभाग के RBC 6-4 के कितने प्रकरण विगत 1 वर्ष में जिले में पंजीकृत किये गये? तहसीलवार जानकारी देवें। (ख) इनमें से कितने स्वीकृत किए गए? (ग) अस्वीकृत प्रकरणों की सूची कारण सहित देवें। क्या कारण है कि कुछ दिनों पूर्व एक साथ कई प्रकरण अस्वीकृत कर दिए गए? (घ) प्रश्नांश (ग) प्रकरण अस्वीकृत करके जनता को प्रताड़ित करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) धार जिले में वर्ष 2020-21 में कुल 1407 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है। तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -''अ'' अनुसार है। (ख) जिला धार अन्तर्गत 1391 प्रकरण स्वीकृत किये गये। (ग) अस्वीकृत प्रकरणों की जानकारी कारण सहित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -''ब'' अनुसार है। (घ) अस्वीकृत किये गये प्रकरण राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के प्रावधानों की श्रेणी में नहीं आने से अस्वीकृत किये गये है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
उपार्जन केन्द्रों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
142. ( क्र. 4920 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में वर्ष 2020 में गेहूँ एवं चना के कुल कितने उपार्जन केन्द्र निर्धारित किए गए थे? इन पर कितनी खरीदी की गई? केन्द्रवार, विधानसभावार पृथक-पृथक देवें। (ख) क्या जिले में जितना गेहूं उपार्जित किया गया, उतना ही भंडारित भी किया गया? प्रत्येक भंडारण केन्द्र की जानकारी केन्द्रवार, विधानसभावार पृथक-पृथक देवें। (ग) भंडारण एवं उपार्जन में अंतर किस कारण से रहा? इस हानि के जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम देकर बतावें कि इसके लिए उन पर कब तक कार्यवाही की जाएगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
इस्लाम नगर का नाम परिवर्तन करने संबंधी
[राजस्व]
143. ( क्र. 4924 ) श्री विष्णु खत्री : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र के ग्राम इस्लाम नगर का नाम परिवर्तन के संबंध में प्रश्नकर्ता के पत्र क्र.310/149/बैरसिया दिनांक 28.08.2020 के संदर्भ में भारत सरकार गृह मंत्रालय द्वारा मुख्य सचिव म.प्र.शासन को संबोधित पत्र क्रमांक 11/09/2008 M&G दिनांक 02.09.2019 में असहमति व्यक्त करने से सूचित किया गया है? (ख) प्रश्नकर्ता के पत्र क्र. 310/149/बैरसिया दिनांक 28.08.2020 प्रश्नकर्ता को सूचित संलग्न पत्र भारत सरकार गृह मंत्रालय द्वारा मुख्य सचिव म.प्र.शासन को संबोधित पत्र क्रमांक 11/09/2010 M&G दिनांक 02/09/2019 पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? कार्यवाही से अवगत कराये? (ग) क्या 2010 के बाद विभाग ने इस संबंध में भारत सरकार गृह मंत्रालय से कोई पत्राचार किया है? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो क्या कारण है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। पत्र दिनांक 02.09.2019 द्वारा प्रश्नकर्ता के पत्र दिनांक 03.08.2019 की प्रति यथोचित कार्यवाही हेतु अग्रेषित की गई थी। (ख) कलेक्टर जिला भोपाल से प्रतिवेदन/प्रस्ताव चाहा गया है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार कलेक्टर जिला भोपाल का प्रतिवेदन/प्रस्ताव प्राप्त होने पर अग्रेत्तर कार्यवाही की जा सकेगी।
लौह एवं मेगनीज अयस्क संबंधी
[खनिज साधन]
144. ( क्र. 4930 ) श्री संजय यादव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर में आयरन ओर एवं मैगनीज ओर की 2018 से अभी तक कितनी भण्डारण अनुज्ञप्ति स्वीकृत की गई है? किस-किस को और किस अवधि के लिए दी गई है नाम सहित उपलब्ध करावें और किस नियम के तहत दी गई है इसके नियम क्या हैं? प्रतिलिपि उपलब्ध करायें और जिला जबलपुर में आयरन ओर एवं मैगनीज ओर की कितनी खदानें स्वीकृत हैं? (ख) जिले में किन-किन ठेकेदारों को कितनी-कितनी मात्रा के लिए आर.टी.पी. प्रदान की गई है? (ग) क्या जिला जबलपुर तहसील सिहोरा में अत्यधिक मात्रा में लो ग्रेड का लेटाराईट आयरन ओर अत्यधिक मात्रा में मिलता है और अधिकतर खदानें लेटराइट के नाम से स्वीकृत हैं? यह कि यदि कंपनी/संस्था द्वारा लेटेराइट का बेनीफीकेशन करके आयरन ओर बनाया जाएगा तो विभाग द्वारा आयरन ओर की रायल्टी अंतर की राशि जमा करा कर रायल्टी दी जाएगी या नहीं? (घ) 31 मिनिरल गौण खनिज नीति के तहत PL एवं ML के आवेदन अलग-अलग लिए जायेंगे या एक ही आवेदन में स्वीकृति दी जायेगी? 31 मिनिरल गौण खनिज नीति के तहत जिला जबलपुर में कितने आवेदन शासन स्तर पर लंबित हैं एवं जिला स्तर पर कितने आवेदन निरस्त किये गये हैं? की गई कार्यवाही से अवगत करावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। कुल 31 भंडारण अनुज्ञप्ति स्वीकृत की गई है। स्वीकृत भंडारण अनुज्ञप्तियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - ''अ'' पर दर्शित है। मध्यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण का निवारण) नियम, 2006 नियम अधिसूचित है। आयरन ओर तथा मैगनीज की स्वीकृत खनिपट्टा खदानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -''ब'' पर दर्शित है। (ख) जी नहीं। किसी भी पट्टेदार को आर.टी.पी. प्रदान नहीं की गई है। (ग) जी नहीं। खान एवं खनिज (विकास तथा विनियमन) अधिनियम, 1957 की धारा 9 के प्रावधान अनुसार स्वीकृत खनिपट्टा क्षेत्र से हटाये गये/उपयोग में लाये गये किसी भी खनिज के बारे में रॉयल्टी देय होती है। इस प्रावधान का पालन किया जाता है। (घ) जी नहीं। 31 गौण खनिजों में उत्खनिपट्टा देने के प्रावधान है। 31 गौण खनिजों के लिये मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में हुये संशोधन दिनांक 22/01/2021 से लागू किया गया है। जिसमें 06 आवेदन पत्र प्राप्त हुये हैं। उक्त आवेदन पत्र जिला स्तर पर लंबित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
राशन वितरण के संबंध में
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
145. ( क्र. 4931 ) श्री संजय यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा बरगी की जनपद पंचायत शहपुरा भिटौनी के अंतर्गत कितनी शासकीय उचित मूल्य दुकाने संचालित हैं? उक्त दुकानों में गत 3 माह में कितना-कितना राशन वितरण हेतु मांग थी एवं कितना-कितना प्राप्त हुआ हैं? प्राप्त राशन में से कितना वितरण किया गया एवं कितना शेष रहा? क्या दुकानों को गेहूँ कम मात्रा में प्रदाय किये जा रहे हैं? म.प्र. शासन के पास प्रश्न दिनांक तक कितना गेहूँ वितरण हेतु संरक्षित है? (ख) क्या पी.डी.एस. मशीन में अंगूठा लगाने पर राशन वितरण का संपूर्ण विवरण आ जाता है? क्षेत्र भ्रमण में देखा गया है कि हितग्राही को आधा राशन प्राप्त हुआ है परंतु पी.डी.एस. मशीन द्वारा पर्ची पर पूर्ण राशन प्राप्त होना दर्शाया है तो बताया जाये की इसके लिए कौन जिम्मेदार है? मशीन में गड़बड़ी क्यों की जा रही है? क्या इसकी जाँच की जावेगी? (ग) वर्तमान में अन्त्योदय परिवारों को कितना राशन किस दर से प्रदाय किया जा रहा है? खाद्य सुरक्षा विधेयक में वितरण हेतु क्या मापदण्ड है? (घ) क्या आधार लिंक नहीं होने पर राशन प्रदाय नहीं किया जाता है? ऐसे कितने हितग्राही हैं जिनका आधार लिंक नहीं होने पर भी राशन प्राप्त हो रहा है? विगत माह में शहपुरा जनपद में 3000 हितग्राहियों के नाम किस कारण काट दिये गये?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र में 82 उचित मूल्य दुकाने संचालित हैं। प्रश्नांकित अवधि में दुकानों पर शेष उपलब्ध मात्रा, प्रदाय मात्रा, आवंटन, वितरण और शेष की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। मध्यप्रदेश में म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन लिमिटेड के पास वर्तमान में 84.21 लाख मे.टन गेहूं संरक्षित है। (ख) जी हाँ। पीओएस मशीन में पात्र हितग्राही के बॉयोमेट्रिक सत्यापन उपरांत उसके परिवार के समस्त सदस्यों एवं उनको राशन सामग्री की पात्रता प्रदर्शित होती है। हितग्राही द्वारा पात्रतानुसार एवं इच्छानुसार संपूर्ण मात्रा अथवा आंशिक मात्रा प्राप्त करने की सुविधा पीओएस मशीन पर उपलब्ध है। हितग्राही द्वारा राशन प्राप्त करने पर उनके द्वारा प्राप्त की गई राशन सामग्री की पीओएस मशीन से पावती जनरेट होती है जिसकी 01 प्रति, सामग्री प्राप्त करने आये हितग्राही को दी जाती है। जिले में मशीन से जारी पावती की पर्ची पर पूर्ण राशन प्राप्त करने एवं हितग्राही को उससे कम राशन जारी करने का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। (ग) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत अंत्योदय परिवारों को 35 किग्रा. प्रति परिवार के मान से 01 रुपये प्रति कि.ग्रा. की दर से खाद्यान्न वितरित कराया जा रहा है। उक्त अधिनियम के अंतर्गत अंत्योदय परिवारों को 35 कि.ग्रा. प्रति परिवार के मान से एवं प्राथमिकता परिवारों को 05 कि.ग्रा. प्रति सदस्य के मान से राशन प्राप्त करने का मापदंड है। (घ) जी नहीं। जिन दुकानों पर नेट कनेक्टिविटी उपलब्ध नहीं है, वहां की दुकान से पात्र हितग्राही को समग्र आई.डी. के आधार पर राशन वितरण किया जाता है। साथ ही ऐसे हितग्राही जिनके बॉयोमेट्रिक सत्यापन विफल होते हैं, उनको नॉमिनी के माध्यम से राशन वितरण करने की सुविधा उपलब्ध है। साथ ही परिवार के किसी भी सदस्य द्वारा बॉयोमेट्रिक सत्यापन से राशन प्राप्त करने की सुविधा है। जनपद भिटौनी में 2009 हितग्राही को समग्र आई.डी. के आधार पर राशन वितरण किया गया है। विगत माहों में विवाह हो जाने, परिवार से पृथक होने, मृत्यु होने, दोहरे स्थानों पर नाम होने आदि के फलस्वरूप एम-राशन मित्र पोर्टल अनुसार 3776 हितग्राहियों को अस्थाई रूप से पृथक किया गया है।
सिंहपुर बैराज मध्यम परियोजना के प्रभावित परिवारों का विस्थापन
[जल संसाधन]
146. ( क्र. 4942 ) श्री
नीरज विनोद
दीक्षित : क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
छतरपुर
जिलांतर्गत
सिंहपुर
बैराज मध्यम
परियोजना
अंतर्गत अपस्ट्रीम
ग्राम
मुखर्रा एवं
सिंहपुर बांध
की एफ.टी.एल. की
स्थिति में
जलमग्न हो
जाते हैं? एफ.टी.एल.
की स्थिति में
इन ग्रामों
में जलभराव की
स्थिति का
विवरण दें। (ख) क्या
लंबे समय से
इन ग्रामों को
विस्थापित
किये जाने की
मांग की जाती
रही है? यदि
हाँ, तो
क्या
कार्यवाही अब
तक की गई है? (ग) क्या
कार्यपालन
यंत्री जल संसाधन
संभाग छतरपुर
द्वारा इन
दोनों ग्रामों
के प्रभावित 1126
परिवारों को 5-5 लाख रू.
का विशेष
पैकेज दिये जाने
का प्रस्ताव
शासन/विभाग को
भेजा गया है? यदि हाँ, तो
विभाग द्वारा
इस प्रस्ताव
पर क्या
कार्यवाही की
गई है? प्रस्ताव
कहां लंबित है? कार्यवाही
न किये जाने
के क्या कारण
हैं? कब
तक प्रभावित
परिवारों को
विशेष पैकेज
दिया जायेगा?
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) जी
नहीं। छतरपुर
जिले में
सिंहपुर
बैराज मध्यम
परियोजना
अंतर्गत
ग्राम
मुखर्रा एवं
सिंहपुर की भूमि
में बांध की
एफ.टी.एल. के
नीचे आंशिक
रूप से आने
वाले ग्राम
मुखर्रा की
प्रभावित
भूमि रकबा 116.341 हेक्टर
एवं ग्राम
सिंहपुर की
डूब क्षेत्र की
भूमि रकबा 203.991 हेक्टर
एवं डूब में
आने वाली
परिसम्पत्तियों
का मुआवजा
भुगतान पूर्ण
रूप से किया
जा चुका है, साथ ही
परियोजना के
एफ.टी.एल. एवं
एम.डब्ल्यू.एल.
के बीच
प्रभावित
मकानों का
मुआवजा
भुगतान किया
जा चुका है। (ख) जी
हाँ। ग्राम
सिंहपुर के
बांध के डाउनस्ट्रीम
में बसे शेष 624
परिवारों एवं
ग्राम
मुखर्रा के
एम.डब्ल्यू.एल.
से ऊपर बसे
शेष 502
परिवारों, कुल 1,126
परिवारों
द्वारा
विस्थापन की
मांग की जा
रही है। बांध
के
डाउनस्ट्रीम
एवं
एम.डब्ल्यू.एल.
के ऊपर
निवासरत व्यक्तियों
को विस्थापन
करने की कोई
नीति नहीं होने
से शेष
प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) जी
नहीं। एम.डब्ल्यू.एल.
के ऊपर बसे
तथा बांध के
डाउनस्ट्रीम
में बसे
परिवारों को
पुनर्वास
अनुदान की
पात्रता न
होने से विशेष
पैकेज दिए
जाने का
प्रश्न ही
उपस्थित नहीं
होता है।
बुन्देलखंड पैकेज अंतर्गत निर्माण कार्य
[जल संसाधन]
147. ( क्र. 4943 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में गत चार वर्षों में बुन्देलखंड पैकेज अंतर्गत प्राप्त राशि से सिंचाई विभाग द्वारा कौन-कौन से कार्य कराये गये हैं? स्थान व लागत की जानकारी दें। (ख) उक्त निर्मित संरचनाओं में से कौन-कौन सी उपयोग में आ रही हैं व कौन-कौन सी नहीं और क्यों? (ग) क्या निर्मित कुछ बांध टूट गये थे जिनकी जाँच विधानसभा की समिति ने की थी? यदि हाँ, तो मामले में किन-किन पर क्या-क्या कार्यवाही अब तक की गई है? नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) छतरपुर जिले में विगत 04 वर्षों में बुन्देलखण्ड पैकेज अंतर्गत कोई भी राशि प्राप्त नहीं होना प्रतिवेदित है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
वनग्रामों के संबंध में
[राजस्व]
148. ( क्र. 4946 ) श्री सुरेश राजे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर, शिवपुरी, रायसेन जिलों के वनग्रामों बावत् राज्य शासन द्वारा 26 अप्रैल 1962 को दिये गये आदेश का पालन नहीं किये जाने के संबंध में जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कलेक्टर एवं अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों को प्राप्त आवेदनों पर अब तक कार्यवाही नहीं की गई है? (ख) इस अवधि में प्राप्त उक्त संबंधी आवेदनों पर किस-किस अधिकारी द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? क्या कार्यवाही लंबित है? (ग) दिनांक 26 अप्रैल 1962 को आदेशित किस वनग्राम का जिला अभिलेखागार एवं तहसील अभिलेखागार में किस-किस वर्ष बनाया गया? पटवारी मानचित्र, खसरा पंजी, किस्तबंदी एवं संशोधन पंजी उपलब्ध है? इनमें कितनी भू-स्वामी हक की भूमि आबादी एवं विस्तार मद की भूमि दर्ज है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। ग्वालियर जिले में वनग्रामों बावत् राज्य शासन द्वारा 26 अप्रैल 1962 को दिये गये आदेश का पालन किया जा चुका है। रायसेन जिले के वनग्रामों बावत् राज्य शासन द्वारा 26 अप्रैल 1962 को दिये गये आदेश का पालन नहीं किये जाने के संबंध में जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कलेक्टर एवं अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों को प्राप्त आवेदनों पर कार्यवाही की गई है। शिवपुरी जिले में वनग्रामों बावत् शासन द्वारा द्वारा 26 अप्रैल 1962 को दिये गये आदेश का पालन नहीं किये जाने के संबंध में जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कलेक्टर एवं अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों को आवेदन प्राप्त नहीं हुए। (ख) ग्वालियर जिले में वनग्रामों बावत् राज्य शासन द्वारा 26 अप्रैल 1962 को दिये गये आदेश के पालन में कार्यवाही शेष नहीं है। रायसेन जिले में इस अवधि में ग्राम गीदगढ को हस्तांतरित 722.88 एकड़ वनभूमि के संबंध में प्राप्त आवेदनों पर कलेक्टर रायसेन द्वारा निम्नानुसार कार्यवाही की गई:- (i) जिला अभिलेखागार में ग्राम गीदगढ़ के उपलब्ध अभिलेख की जाँच करायी गई। (ii) ग्राम गीदगढ के संबंध में दिनांक 28/12/2019 को जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया। (iii) दिनांक 10/02/2020 को कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में जिला स्तरीय समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में लिये गए निर्णय अनुसार कार्यवाही की जा रही है। शिवपुरी जिले में प्रश्नांश की जानकारी निरंक है। (ग) ग्वालियर जिले में गुर्जा, छिकारी, प्रयागपुरा, सरईपुरा, लखनपरा,कोटावीरान, लोढरा, शनकुआ, सिकरावली, बसोरा, सिघपुर कुल 11 गांवों के खसरा एवं प्रयागपुरा, सरईपुरा, लोढरा शनकुआ, सिकरावली, छिकारी,बसोरा, सिघपुर, गुर्जा कुल 9 गांवों के पटवारी मानचित्र जिला अभिलेखागार में 1962 के पूर्व के उपलब्ध है कुल 12 गांवों में से ग्राम भगवानपुरा को छोड़कर शेष 11 ग्रामों में 2894 वीघा 2 विश्वा रकबा किसानों के नाम,162 बीघा आबादी एवं 620 बीघा 3 विश्वा रकबा निस्तार मद में दर्ज है। रायसेन जिले में दिनांक 26 अप्रैल 1962 को आदेशित वनग्रामों का जिला अभिलेखागार में वर्षवार उपलब्ध पटवारी मानचित्र, खसरा पंजी/किश्तबंदी एवं संशोधन पंजी जिसमें भूमिस्वामी हक की भूमि, आबादी एवं निस्तार मद की भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शिवपुरी जिले में प्रश्नांश की जानकारी निरंक है।
जलाशय योजना की नहरों का निर्माण
[जल संसाधन]
149. ( क्र. 4948 ) श्री हर्ष यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले के विकासखण्ड केसली अंतर्गत सूरजपुरा जलाशय योजना की नहरों का निर्माण कार्य अधूरा है, फिर भी ठेकेदार को पूर्ण भुगतान किया गया है? (ख) क्या उक्त ठेकेदार का अंतिम देयक रूपये 200 लाख का ऋणात्मक प्रस्तुत हुआ है? भुगतान कराने/करने में कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? (ग) सागर जिले के अन्य अनुबंध के कौन-कौन से अंतिम देयक अन्य योजनाओं के ऋणात्मक प्रस्तुत हुए? उनकी क्या कार्यवाही की गयी? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के अनुसार दोषी अधिकारी/कर्मचारियों को कब तक निलंबित कर विधिवत जाँच करायी जावेगी एवं राशि की वसूली कब तक की जाकर कार्य पूर्ण करा लिये जावेंगे? (ङ) सागर जिले में वर्ष अप्रैल 2015 से मार्च 2020 तक कौन-कौन से अनुबंध को बगैर फाइनल किये ही किन-किन अधिकारियों द्वारा ठेकेदार की गारंटी राशि वापिस ली गयी है? क्या यह नियम विरूद्ध है? यदि हाँ, तो गारंटी वापिस करने वाले दोषी अधिकारियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही कब तक की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ङ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर नामांतरण
[राजस्व]
150. ( क्र. 4949 ) श्री हर्ष यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देवरी विकासखण्ड के मौजा रसेना के खसरा नं 492 में बेऔलाद नन्हीबाई दुबे के नाम से दर्ज 1.15 हेक्टेयर भूमि कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर छलपूर्वक फर्जी वसीयत तैयार कर राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से दिनांक 11/06/2019 को अन्य व्यक्तियों के नाम पर सरकारी रिकार्ड में दर्ज की गई थी? यदि हाँ, तो मामले में दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी है? वसीयत का सत्यापन किसके द्वारा किया गया एवं किन कूट दस्तावेजों के आधार पर नामांतरण की कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कृपया बतायें कि राजस्व विभाग में वसीयत किए जाने संबंधी क्या नियम है? क्या बेऔलाद स्व नन्हीबाई दुबे की वसीयत दर्ज किए जाने में समस्त सरकारी नियमों का पालन किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या सरकारी रिकार्डो में स्व. नन्हीबाई दुबे निवासी रसेना का निधन 25/06/1997 में होना दर्ज है? यदि हाँ, तो क्या कारण था कि नायब तहसीलदार कार्यालय महाराजापुर के राजस्व प्रकरण क्रमांक 24 अ/6 वर्ष 2019-20 में सरकारी रिकार्ड से मिलान किए बगैर ही स्व नन्हीबाई दुबे की मृत्यु के लगभग 20 वर्ष बाद 17/05/2017 में मृत्यु होना सही मानकर मृतका को मिली सरकारी पट्टे की 1.15 हेक्टेयर भूमि पर अन्य व्यक्ति रफीक खान के नाम पर नामांतरण की कार्यवाही पूर्ण की गई थी? क्या कारण है कि उक्त नामांतरण कार्यवाही 18/12/2020 को एसडीएम देवरी द्वारा निरस्त किए जाने के बाद भी सरकारी रिकार्डो में दर्ज किए गये फर्जी नाम अभी तक हटाये नहीं गये है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में 2 दशक पूर्व मृत हो चुकी महिला की कूटरचित वसीयत तैयार कर कूट मृत्यु प्रमाण पत्र के आधार पर मूल्यवान भूमि के नामांतरण, फर्जी इश्तहार प्रकाशन एवं झूठे गवाहों के आधार पर राजस्व अधिकारियों की संलिप्तता से नामांतरण कराये जाने के गंभीर मामले के दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? क्या विभाग द्वारा उक्त मामले में उच्च जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) देवरी विकासखण्ड के मौजा रसेना स्थित उक्त भूमि खसरा नम्बर 492 का नामांतरिण न्यायालय नायब तहसीलदार महाराजपुर के रा.प्र.क्रं./0084/ अ-6/वर्ष 2019-20 में आदेश दिनांक 11.06.2019 द्वारा वसीयतकर्ता (मृत) नन्हीबाई बेवा शंकरलाल दुबे निवासी रसेना के स्थान पर वसीयतगृहीता रफीक पिता जब्बार खान निवासी रसेना के नाम किया गया। जिसका सत्यापन देवरी तहसील के न्यायालय नायब तहसीलदार, महाराजपुर के द्वारा किया गया। प्रकरण में संलग्न अपंजीकृत वसीयत के आधर पर M.P.L.R.C.-1959 की धारा 109, 110 के आधार पर नामांतरण किया गया। राजस्व विभाग में वसीयत दर्ज करने में नियमों का पालन किया गया। (ख) उक्त प्रकरण में संलग्न ग्राम पंचायत रसेना द्वारा जारी मृत्यु प्रमाण पत्र अनुसार नन्हीबाई की मृत्यु 08-10 वर्ष पूर्व हुई है। (जारी आदेश दिनांक 17.05.2017) अपील प्रस्तुत होने पर न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी देवरी जिला सागर के रा.प्र.क्र./40/अ-6/अपील 2020-21 आदेश दिनांक 28.12.2020 के पालन में न्यायालय नायब तहसीलदार महाराजपुर देवरी के रा.प्र.क्रं./0634/अ-6/वर्ष 2020-21 दर्ज कर आदेश दिनांक 01.02.2021 के द्वारा अभिलेख मृतिका के वारसान के नाम दिनांक 02.02.2021 को ही अभिलेख संशोधित किया जा चुका है। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में न्यायालयीन प्रक्रिया के क्रम में अनुविभागीय अधिकारी द्वारा प्रश्नांश (ख) अनुसार कार्यवाही की जाकर रिकार्ड दुरस्त कर दिया है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता है।
जनजाति की जमीन
[राजस्व]
151. ( क्र. 5255 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम के तत्कालीन अपर कलेक्टर डॉ. कैलाश बुन्देला द्वारा पद का दुरूपयोग कर जनजातियों की भूमि गैर जनजातियों को विक्रय करने की अनुमति का खुलासा हुआ? बुंदेला द्वारा जनजातियों की कितनी जमीन गैर जनजातियों को विक्रय करने की अनुमति दी गई? बुंदेला पर क्या कार्यवाही की गई? तत्संबंधी ब्यौरा दें। (ख) ग्राम पिपलिया, पटवारी हल्का नंबर 19, तहसील बुधनी, जिला सीहोर भूमि खसरा नंबर 51/2, 52/2, 53, 54, 55/2, 55/4, 55/6 किस मद में किस नाम से दर्ज भूमि है? (ग) क्या वाद क्रमांक 11ए/14 दिनांक 08/07/2014 न्यायाधीश वर्ग - 1 बुधनी जिला सीहोर फैसले में सुदामा शिवहरे धोखे से प्रश्नांश (ख) की जमीन निष्पादित करवाया? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) की भूमि का जानबूझकर फर्जी नामांतरण/निष्पादन सुदामा शिवहरे और संबंधित अधिकारियों की प्रशासनिक त्रुटि है? कब तक इस त्रुटि का समाधान होगा एवं सुदामा शिवहरे तथा संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कर क्या कार्यवाही होगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। रतलाम जिले के तत्कालीन अपर कलेक्टर डॉ. कैलाश बुंदेला द्वारा उनके कार्यकाल में कुल 42.285 हे. जमीन गैर जनजाति को विक्रय करने की अनुमति दी गई है। श्री बुंदेला के विरूद्ध कृत अनियमितता के संबंध में अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रचलित है। (ख) ग्राम पिपलिया पटवारी हल्का नं 19 तहसील बुधनी जिला सीहोर भूमि खं.नं. 51/2, 52/2,53,54, 55/2, 55/4,55/6 की भूमि स्वामी श्रीमती मनोरमा पत्नी श्री सुदामा शिवहरे के नाम पर वर्तमान में दर्ज है। (ग) माननीय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1 बुधनी के समक्ष प्रचलित वाद क्रमांक 11ए/14 दिनांक 08/07/2014, निर्णय दिनांक 11/03/2017 द्वारा निरस्त किया गया है। (घ) प्रश्नांश (ख) की भूमि के संबंध में अपर कलेक्टर सीहोर के प्रकरण क्र. 01/अ-21/2005-06 में पारित आदेश दिनांक 18.10.2005 से अनुमति उपरांत विक्रय पत्र के आधार पर नामांतरण स्वीकृत किया गया है, जिसमे कोई प्रशासनिक त्रुटि नहीं की गई है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता।
अधिकारी/कर्मचारियों पर कार्यवाही
[राजस्व]
152. ( क्र. 5284 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जौरा कस्बा स्थित शिवहरे धर्मशाला के पास व रामजानकी मंदिर के पास माफी की भूमि पर भवन निर्मित है जबकि विधानसभा परि.अता.प्र.क्र. 353 दिनांक 29.12.2020 के उत्तरांशों में ऐसा कोई उल्लेख नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) से यह उल्लेखित है कि राजस्व विभाग के कर्मचारी, अधिकारियों द्वारा माफी की भूमि को खुर्दबुर्द करने में संलिप्त हैं एवं जानकारी छुपाने का प्रयास किया गया है? औपचारिकतापूर्ण धारा 248 के तहत केवल दस्तावेजों पर बेदखली की कार्यवाही की गयी है भौतिक रूप से नहीं? ऐसा क्यों? (ग) विधानसभा परि.अतारांकित प्रश्न क्र. 353 दिनांक 29.12.2020 के उत्तरांश (ग) में केवल 18 अतिक्रमण एवं रकबा 4.834 उल्लेखित किया गया है? जो बेबुनियाद व मनगढ़त हैं ऐसी स्थिति में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जौरा द्वारा वर्तमान स्थिति का भौतिक सत्यापन कर अतिक्रमण मुक्त एवं अतिक्रमण युक्त भूमि संरचना का प्रमाणीकरण प्रस्तुत किया जा सकेगा एवं विभाग के संलिप्त अधिकारी कर्मचारियों को चिन्हित किया जा सकेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में माफी की भूमि को खुर्दबुर्द करवाने वाले संलिप्त राजस्व अधिकारी, कर्मचारियों को चिन्हित कर दण्डात्मक कार्यवाही हेतु जाँच संस्थित की जा सकेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कस्बा जौरा स्थित शिवहरे धर्मशाला के पास माफी की भूमि सर्वे क्र. 484 एवं 485 तथा रामजानकी मंदिर के पास माफी की भूमि सर्वे क्र. 750, 751, 760, 761, 780 781 एवं 769 पर भवन निर्मित हैं। विधानसभा प्रश्न क्र.353 दिनांक 29.12.2020 में कुल माफी की भूमि के कुल सर्वे नम्बरों एवं रकबा के साथ अतिक्रमित रकबे की सूची प्रेषित की गई थी। सर्वे क्र.485,760,761,769,780,781 में पूर्व में प्रकरण दर्ज कर अर्थदण्ड अधिरोपित कर बेदखली की कार्यवाही की जाने से पूर्व तारांकित प्रश्न के जबाव में संलग्न अतिक्रमण सूची में उक्त सर्वे नम्बरों का उल्लेख नहीं किया गया था, सर्वे नम्बर 484 का उल्लेख किया गया था। (ख) राजस्व विभाग के कर्मचारियों द्वारा माफी की भूमि खुर्दबुर्द करने में संलिप्त नहीं है एवं न हीं जानकारी छुपाने का प्रयास किया गया है। प्रश्नाधीन भूमि में भौतिक रूप से वर्तमान में अतिक्रमण है, जिसकी जाँच राजस्व निरीक्षक/मौजा पटवारी से कराई जाकर अतिक्रमण रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण न्यायालय में दर्ज किये जाकर कार्यवाही प्रचलित है। (ग) राजस्व न्यायालय में विधिवत 18 प्रकरणों में पूर्णरूपेण कार्यवाही की जा चुकी है। (घ) माफी की भूमि को खुर्दबुर्द करने में राजस्व अधिकारी, कर्मचारी संलिप्त नहीं हैं। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता।
जिला कार्यालय में पद स्वीकृति के संबंध में
[परिवहन]
153. ( क्र. 5285 ) श्री अनिल जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निवाड़ी जिले में जिला कार्यालय तथा आवश्यक पदों की स्वीकृति शासन के विचारधीन है? यदि हाँ, तो अद्यतन स्थिति बतायी जाये। (ख) क्या निवाड़ी जिले में अस्थाई रूप से कैम्प के माध्यम से ड्राईविंग लायसेंस बनाये जाने की व्यवस्था प्रारम्भ की गई है? यदि हाँ, तो कब से प्रारम्भ की गई और अस्थायी व्यवस्था से हो रही जन असुविधाओं को कब तक दूर किया जा सकेगा? (ग) क्या निवाड़ी जिले में विभिन्न प्रयोजनों हेतु आवश्यक भूमि हेतु विभाग द्वारा मांग की गई और भूमि का आवंटन हो चुका है? यदि नहीं, तो कारण एवं अद्यतन स्थिति से अवगत करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। प्रस्ताव विचाराधीन है। (ख) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शिकायत पर कार्यवाही
[राजस्व]
154. ( क्र. 5290 ) श्री तरबर सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 31.12.2020 को एक शिकायतकर्ता किसान को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बंडा के समक्ष ले जाकर एक पटवारी की शिकायत की गई थी? यदि हाँ, तो शिकायत क्या थी? शिकायतकर्ता कौन था? शिकायत किसकी थी? अनुविभागीय अधिकारी द्वारा तत्काल क्या कार्यवाही की गई थी? क्या दस्तावेज निष्पादित किये गये थे? उनमें क्या तथ्य साबित थे? (ख) अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा 31.12.2020 के बाद इस प्रकरण में कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई बतायें। (ग) पटवारी के विरूद्ध किस-किस आरोप में उसे निलंबित करके जाँच करने के प्रावधान या परम्परा है? क्या अनुविभागीय दंडाधिकारी के समक्ष शपथपूर्वक दिये गये कथन में लगाये रिश्वत लेने एवं कदाचरण का आरोप इस श्रेणी में है? (घ) क्या अनुविभागीय अधिकारी राजस्व ने प्रश्नांश (क) मामले में शिथिलता बरती है? यदि हाँ, तो शासन शिथिलता पर संज्ञान लेकर उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा और कब? (ङ) क्या शासन प्रश्नांश (क) मामले की जाँच पटवारी को निलंबित करके करेगा? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हां,। शिकायत में कहा गया था कि शिकायतकर्ता की भूमि ग्राम पिपरिया इल्लाई में स्थित है। उनकी भूमि खसरा नं. 46/3 रकबा 0.36 हे. जो कि शुम्मी पिता पुनू के नाम से राजस्व अभिलेख में दर्ज है। भूमि खसरा नं. पूर्व में टीकाराम पिता पुनू के नाम से दर्ज थी। वर्ष 2013 में उनके पिता के नाम के स्थान पर उक्त भूमि पर उनके चाचा शुम्मी पिता पुनू का नाम दर्ज हो गई। उक्त प्रविष्टि सुधार कार्य हेतु उनके द्वारा निरंतर पटवारी से निवेदन किया गया परन्तु पटवारी कोई सुधार नहीं किया गया। पटवारी द्वारा शिकायतकर्ता से राशि की मांग की गई थी। जिससे उनके द्वारा कर्जा लेकर एक बार 8000/- आठ हजार रूपये तथा दूसरी बार 1000/- एक हजार रूपये पटवारी को दिये। शिकायतकर्ता द्वारा पटवारी को माह सितम्बर 2020 में उक्त राशि दी गई थी। पटवारी द्वारा पैसे लेकर भी उक्त भूमि का सुधार नहीं किया गया है। पटवारी से सुधार कार्य के बारे में पूछे जाने पर कुछ दिन और रूकने को बोलते है। उक्त शिकायत मनीष यादव पिता टीकाराम यादव द्वारा की गई थी। शिकायत श्री अनुराग पाण्डेय पटवारी हल्का पिपरिया इल्लाई रा.नि.मं. बहरोल तहसील बण्डा द्वारा की गई थी। उक्त शिकायत पर तत्काल कार्यवाही करते हुये श्री अनुराग पाण्डेय पटवारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, जिसमें दिनांक 05/01/2021 पेशी नियत की गई थी, तथा नियत दिनांक को श्री अनुराग पाण्डेय पटवारी द्वारा अपना जवाब प्रस्तुत किया गया। प्रस्तुत जवाब संतोषप्रद नहीं पाये जाने पर श्री अनुराग पाण्डेय पटवारी के विरूद्ध दिनांक 15.01.2021 को तहसीलदार बण्डा से उनके प्रभार के हल्कों की विस्तृत जॉंच कर आरोप पत्रादि की जानकारी प्राप्त की गई दिनांक 16.02.2021 को तहसीलदार बण्डा से प्रतिवेदन प्राप्त होते ही कार्यालयीन पत्र क्रमांक क/209/एस.टी./2021 बण्डा दिनांक 17.02.2021 द्वारा म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 14 अंतर्गत विभागीय जॉंच प्रस्तावित करते हुये आरोप पत्रादि जारी किये गये। (ख) जानकारी (क) अनुसार (ग) म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 09 में शासकीय सेवक निलंबित किया जाना प्रावधानित किया गया है। म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 09 (2) कोई शासकीय सेवक नियुक्ति प्राधिकारी के आदेश द्वारा (क) -उसके विरूद्ध किये जाने के दिनांक से यदि उसे या तो किसी दाण्डिक आरोप पर या अन्यथा, अड़तालीस घण्टे से अधिक की कालावधि के लिये अभिरक्षा में निरूद्ध किया गया है। (ख) -उसे दोष-सिद्ध ठहराये जाने के दिनांक से, यदि वह, किसी अपराध के लिये दोष-सिद्ध ठहराये जाने की दशा में, अड़तालीस घण्टे से अधिक की अवधि के लिये दण्डादिष्ट किया गया हो और ऐसी दोष-सिद्धि के परिणामस्वरूप तत्काल पदच्युत न कर दिया हो या सेवा से हटा न दिया गया हो अनिवार्यतः सेवा निवृत्त न कर दिया हो। निलंबित कर दिया गया समझा जायेगा। जी नहीं (घ) जी नहीं, उत्तरांश ख एवं ग के प्रकाश में प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ङ) जी नहीं। श्री अनुराग पाण्डेय पटवारी के विरूद्ध म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के तहत विभागीय जॉंच संस्थित करके कार्यवाही की जा रही है।
शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने के संबंध में
[राजस्व]
155. ( क्र. 5292 ) श्री राकेश गिरि : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिला मुख्यालय से टीकमगढ़-सागर मार्ग स्थित, अंतौरा तिराहा के समीप, ग्राम जमुनियांखेरा, पटवारी हल्का बड़ागांव धसान, खसरा नम्बर 616/3, 617/1, 186/1, 187/7 एवं 188/1 क्या शासन के स्वामित्व की भूमि है? यदि हाँ, तो खसरावार रकबा बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार, उक्त खसरा नम्बरों की सम्पूर्ण/आंशिक भू-भाग पर कृषि/आवासीय/वाणिज्यिक प्रयोजन हेतु पट्टे दिये गये हैं? यदि हाँ, तो खसरावार, क्षेत्रफल, प्रयोजन तथा पट्टाधारी का नाम बतायें? (ग) प्रश्नांश (क) में अंकित खसरा नम्बरों की भूमि पर क्या अतिक्रमण किया जाकर, मकान निर्माण तथा मोबाईल टावर लगाये गयें हैं? यदि हाँ, तो अतिक्रमणकर्ताओं का नाम, पता क्षेत्रफल सहित टावर स्थापित करने वाली कम्पनी का बतायें। क्या उक्त भूमि पर मोबाइल कम्पनियों द्वारा शासन/राजस्व विभाग या व्यक्ति विशेष की स्वीकृति/सहमति से टावर स्थापित किये गये हैं? यदि नहीं, तो, किसकी सहमति से मोबाईल टावर स्थापित किये गये हैं? दोषी का नाम बतायें। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) अनुसार, शासकीय भूमि पर अतिक्रमण के लिये कौन अधिकारी/व्यक्ति दोषी है? शासकीय भूमि पर से अनाधिकृत अतिक्रमण सहित टावर कब तक हटाये जायेगे? अतिक्रमणकर्ताओं/ मोबाईल कम्पनियों तथा दोषियों पर कब तक और क्या कार्यवाही की जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। खसरा नंबर 617/1 रकबा 0.243 हे. पठार, 186/1 रकबा 0.073 हे. पठार, 188/1 रकबा 0.016 हे. पठार म.प्र. शासन दर्ज है। 616/3 रकबा 0.217 हे. पठार म.प्र. शासन पठार है। खसरा नंबर 187/7 अभिलेख में नंबर दर्ज नहीं है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) ग्राम जमुनियाखेरा स्थित भूमि खसरा नंबर 616/3 रकबा 0.271 हे. में से अंश रकबा 0.139 हे. पर जमना प्रसाद तनय हल्कू यादव एवं इसी खसरा के अंश रकबा 0.089 हे., खसरा नंबर 188/1 रकबा 0.016 हे. पर प्रकाश तनय हल्कू यादव का मकान एवं बाउण्ड्रीवॉल बनाकर कब्जा किये है तथा इसी भूमि पर जियो कंपनी का मोबाईल टावर लगा हुआ है, जिसकी स्वीकृति राजस्व विभाग से नहीं ली गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता । (घ) शासकीय भूमि पर अतिक्रमण होने पर न्यायालय अतिरिक्त तहसीलदार बड़ागांवधसान के रा.प्र.क्र./108/अ-68/12-13 एवं रा.प्र.क्र./109/अ-68/12-13 आदेश दिनांक 06.05.2013 के द्वारा बेदखली आदेश पारित किया गया था। जिसकी प्रथम अपील न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी महोद टीकमगढ़ प्रकरण क्र. 158/अपील/12-13, प्र.क्र./159/अपील/12-13 आदेश दिनांक 10.07.2013 द्वारा अपील कमिश्नर महोदय सागर, संभाग सागर के प्र.क्र. 771/अ-68/2012-13, प्र.क्र. 772/अ-68/12-13 आदेश दिनांक 24.03.2015 द्वारा अतिरिक्त तहसीलदार बड़ागांवधसान का आदेश दिनांक 06.05.2013 एवं अनुविभागीय अधिकारी महोदय टीकमगढ़ का आदेश दिनांक 10.07.2013 निरस्त करते हुये आदेशित किया गया कि विधिवत सीमांकन कराने के पश्चात् आगामी कार्यवाही की जावे। सीमांकन सूचना जारी किये जाने के बाद संबंधित पक्षों द्वारा माननीय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 के न्यायालय में स्थाई निषेधाज्ञा व कब्जा की घोषणा हेतु प्रकरण संस्थित किया गया जिनके प्रकरण क्र. 17/ए/2021 एवं 20/ए/2021 प्रचलन में है नोटिस तामील है जवाब हेतु 4 मार्च 2021 नियत है। सिविल न्यायालय के आदेशानुसार मामले में अग्रिम कार्यवाही की जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
खातेगांव
में परिवहन
कार्यालय
खोले जाना
[परिवहन]
1. ( क्र. 498 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परिवहन कार्यालय खोले जाने हेतु विभाग के क्या-क्या मापदण्ड है? बतावें। (ख) क्या खातेगांव से परिवहन कार्यालय की दूरी लगभग 125 कि.मी. है एवं खातेगांव विधान सभा क्षेत्र एवं आस-पास की विधान सभा क्षेत्र के नागरिकों द्वारा खातेगांव में परिवहन कार्यालय खोले जाने संबंधी मांग की जा रही है? (ग) यदि शासन द्वारा तहसील क्षेत्रिय परिवहन कार्यालय खोले जाने का प्रावधान है तो क्या शासन खातेगांव में परिवहन कार्यालय खोले जाने पर विचार करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रदेश के जिला मुख्यालयों पर जिला परिवहन कार्यालय स्थापित किये गये है। परिवहन कार्यालय खोलने के संबंध में कोई पृथक से मापदण्ड प्रावधानित नहीं है। (ख) जी हाँ। चालक लाइसेंस बनाने संबंधी कार्य पूर्णतया बायोमैट्रिक प्रणाली से होता है। जिसमें कम्प्यूटर के माध्यम से आवेदक के फोटो, फिंगरप्रिन्ट अंगूठा निशानी एवं डिजिटल हस्ताक्षर लिये जाते हैं, यह कम्प्यूटराइज्ड सिस्टम, स्थाई प्रकार का होता है। जो प्रदेश के जिलों में परिवहन कार्यालय की स्मार्ट शाखा में स्थाई रूप से स्थापित होता है। अतः उक्त प्रक्रिया पूर्ण करने के लिये आवेदक को परिवहन कार्यालय में उपस्थित होना अनिवार्य होता है। कम्प्यूटराइज्ड सिस्टम वहनीय प्रकृति (Portable nature) का न होने के कारण उक्त प्रक्रिया अन्य स्थान पर पूर्ण नहीं की जा सकती है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम हरणगांव को तहसील बनाये जाना
[राजस्व]
2. ( क्र. 502 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खातेगांव विधान सभा क्षेत्रफल की दृष्टि से बड़ी विधान सभा है किन्तु मात्र दो तहसील कार्यालय हैं जिनसे ग्रामीण अंचलों की दूरी लगभग 40 से 52 कि.मी. तक है? (ख) ग्राम हरणगांव जिससे लगभग 35-40 ग्राम जुड़े हुए हैं एवं ग्रामीणों द्वार हरणगांव की तहसील बनाये जाने संबंधी बार-बार मांग की जा रही है? क्या शासन ग्राम हरणगांव को तहसील का दर्जा दिये जाने संबंधी विचार करेगा बतावें? (ग) अगर शासन ग्राम हरणगांव में तहसील कार्यालय खोले जाने संबंधी स्वीकृति प्रदान करेगा तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) तहसील मुख्यालय खातेगांव से समस्त ग्रामों की अधिकतम दूरी 35 से 40 कि.मी. है। (ख) जी नहीं, एक पत्र प्रश्नकर्ता विधायक का माननीय मुख्यमंत्री जी को सम्बोधित प्राप्त हुआ। जिसके परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर जिला देवास में प्रतिवेदन/प्रस्ताव चाहा गया। कलेक्टर के प्रस्ताव के अनुक्रम में अग्रेत्तर कार्यवाही की जा सकेगी। शेष प्रश्नांश उदभूत नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में लागू नहीं होता।
फर्जी तरीके से पटवारी की आई.डी. हैक कर नामान्तरण करना
[राजस्व]
3. ( क्र. 726 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में फर्जी तरीके से पटवारी की आई.डी. हैक कर जमीन नामान्तरण का प्रकरण हुआ है? यदि हाँ, तो किसकी जमीन किसके पक्ष में नामान्तरण की गई? (ख) यदि हाँ, तो उक्त प्रकरण में कौन-कौन दोषी है तथा उनके विरूद्ध विभाग ने क्या-क्या कार्यवाही की? क्या जिस व्यक्ति/संस्था के पक्ष में फर्जी तरीके से नामान्तरण हुआ उस व्यक्ति/संस्था के विरूद्ध भी कार्यवाही हुई? यदि हाँ, तो क्या? नहीं तो क्यों नहीं? (ग) प्रश्न की कंडिका (ख) अनुसार दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की गई हैं? हाँ तो किस धारा में? नहीं तो क्यों नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जाँच में निम्नानुसार व्यक्ति प्रथम दृष्टया दोषी पाये गये है। 1- तहसील राजगढ़ में पदस्थ पटवारी श्रीमती राधा गुप्ता 2- मनीष गुप्ता, निवासी आवास कालोनी, जीरापुर 3- पंकज गांधी, निवासी इन्दौर 4- कल्पक गांधी, निवासी इन्दौर। उपरोक्त के विरूद्ध थाने में एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। जाँच समिति द्वारा की गई जाँच में दोषी पाये जाने वाले पटवारी श्रीमती राधा गुप्ता को पत्र क्रमांक 1738 दिनांक 29.12.2020 से निलंबित किया गया है। जाँच अनुसार जिन व्यक्तियों/संस्था के पक्ष में नामान्तरण हुआ था, उनमें पंकज गांधी व कल्पक गांधी निवासी इन्दौर है अत: प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने से उनके विरूद्ध भी एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। (ग) जी हाँ। भारतीय दण्ड संहिता की धारा 420, 465, 466, 468, 120-बी सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम 2000 की धारा 65, 66 डी, 70, 71, 72, 74 के अंतर्गत दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की गई है।
असंगठित कर्मकार कल्याण मण्डल की योजनाऐं
[श्रम]
4. ( क्र. 731 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन श्रम विभाग असंगठित कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीकृत श्रमिक की आकस्मिक मृत्यु होने पर शासन से श्रमिक के परिवार को सहायता मिलने का नियम है? यदि हाँ, तो नियम की प्रति सहित जानकारी दें। (ख) यदि हाँ, तो पंजीयन क्रमांक 138592937 पंजीयन दिनांक 03 मई 2018 स्वर्गीय गोविंद की मृत्यु होने पर क्या शासन ने मृतक के आश्रित को सहायता राशि स्वीकृत की? यदि हाँ, तो कब, कितनी? (ग) यदि नहीं, तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पंजीयन क्रमांक 138592937 पंजीयन दिनांक 03.05.2018 को किया गया था। दिनांक 03.02.2020 को लिपिकीय त्रुटिवश योजना अन्तर्गत अपात्र होने पर भी (कृषि भूमि 01 हेक्टेयर से अधिक होने के कारण) प्रकरण स्वीकृत हो गया था। त्रुटि संज्ञान में आने पर अपीलीय अधिकारी एवं अपर कलेक्टर, जिला रतलाम के आदेश अनुसार अपात्रता के आधार पर हितलाभ स्वीकृती आदेश निरस्त किया गया। अत: राशि दिये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी प्रश्नांश (ख) अनुसार।
बकाया राशि की वसूली
[सहकारिता]
5. ( क्र. 800 ) श्री रामपाल सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी बैंक रायसेन की शाखाओं एवं सोसायटियों द्वारा दिये गये ऋणों में से दो लाख से अधिक के बकाया दारों की सूची दें जिसमें ऋणी का नाम, पिता नाम, पता तथा फरवरी 2021 की स्थिति में बकाया राशि, ऋण स्वीकृति दिनांक, ऋण स्वीकृत करने वाले अधिकारी का नाम सहित पूर्ण विवरण दें। (ख) उक्त बकाया राशि वसूल करने हेतु क्या-क्या कार्यवाही/प्रयास किये गये? उक्त राशि कब तक वसूली की जायेगी? (ग) क्या प्रश्नांश (क) के बकायादारों या उनके परिजनों को बैंक द्वारा अन्य योजनाओं में ऋण दिया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन को क्यों ऋण दिया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) के लिए कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी है? उनके खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही की गई?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) शाखाओं के 2 लाख से अधिक बकायादारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार एवं समितियों के 2 लाख से अधिक बकायादारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ख) वसूली हेतु नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सीमांकन, बंटवारा नामांतरण एवं अभिलेख सुधार कार्य की जानकारी
[राजस्व]
6. ( क्र. 1362 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्तमान में प्रश्न दिनांक तक सीमांकन, बंटवारा, नामांतरण एवं अभिलेख सुधार के कितने प्रकरण लंबित हैं? कलेक्टर, एडीएम, एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार के न्यायालयवार एवं प्रकरणवार संख्या की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित लंबित प्रकरणों के निराकरण हेतु न्यायालय स्तर पर निर्धारित समयावधि से अवगत कराएं। (ग) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत ऐसे कितने प्रकरण हैं जो प्रश्नांश (ख) के उत्तर में दर्शित निर्धारित समयावधि से भी अधिक समय से लंबित हैं? प्रकरणवार, न्यायालयवार संख्यात्मक जानकारी देवें तथा उक्त लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सारंगपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्तमान में प्रश्न दिनांक तक सीमांकन के 45 बंटवारा के 272 नामांतरण 582 एवं अभिलेख सुधार के 83 प्रकरण लंबित हैं। न्यायालयवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) न्यायालय स्तर पर निर्धारित समयावधि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ब अनुसार है। (ग) न्यायालयवार लंबित प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। प्रकरणों का विधिक प्रक्रिया अनुसार निराकरण किया जाएगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
राजगढ़ जिले के नक्शा विहिन नगर/ग्रामों की जानकारी
[राजस्व]
7. ( क्र. 1372 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में कितने नक्शा विहीन नगर एवं ग्राम हैं? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित नक्शा विहीन नगर एवं ग्राम के नक्शे कब तक तैयार हो कर आम जनता के लिए उपलब्ध हो सकेगें? (ग) क्या माह अप्रैल 2021 से ऑन लाईन नक्शे उपलब्ध कराने की योजना के तहत सम्पूर्ण नक्शाविहीन नगर एवं ग्रामों के नक्शे कम्प्यूटर की ऑन लाईन प्रक्रिया में सम्मिलित हो जावेगें? यदि नहीं, तो नक्शाविहीन नगर एवं ग्रामों की जानकारी कैसे प्रदान की जावेगी? (घ) पचोर नगर के नक्शाविहीन होने के उपरांत भी एन.एच.-52 सड़क निर्माण हेतु भू-अर्जन की कार्यवाही किस आधार पर की गयी है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) राजगढ़ जिले में कोई भी नगर एवं ग्राम नक्शा विहीन नहीं है। शेष प्रश्न उदभूत नहीं होता l (ख) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में प्रश्न उदभूत नहीं होताl (ग) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में प्रश्न उदभूत नहीं होता l (घ) पचोर नगर में नक्शा शीट उपलब्ध है। एन.एच. 52 सड़क निर्माण हेतु भू-अर्जन की कार्यवाही उपलब्ध नक्शा शीट के आधार पर की गई है।
मध्यप्रदेश राज्य सहकारी जनऔषधि विपणन
[सहकारिता]
8. ( क्र. 1899 ) श्री आरिफ मसूद : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राज्य सहकारी जन औषधि विपणन संघ मर्यादित भोपाल में कितने कर्मचारी किस-किस पद पर प्रदेश एवं अन्य राज्य में कार्यरत हैं, उनका नाम, पदनाम एवं पता सहित सूची प्रदान करें। (ख) जन औषधि संघ के लिए कोई सेवा नियम एवं सेटअप पंजीयक द्वारा अनुमोदित किए गए हैं? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों के नाम बताएं और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (ग) अभी तक नियुक्त किए गए, कार्यरत रह चुके एवं कार्य किए सभी कर्मचारियों की नियुक्ति प्रक्रिया एवं संचालक मंडल के अनुमोदन का विस्तृत विवरण एवं उनको किये गये वर्षवार/मदवार भुगतान की गई राशि की जानकारी उपलब्ध कराई जाए। (घ) जन औषधि संघ द्वारा पंजीयन दिनांक से प्रश्न दिनांक तक टी.ए., डी.ए. एवं यात्रा भत्ते के नाम पर कुल कितनी राशि व्यय की गई? उसका विवरण वर्षवार/मदवार उपलब्ध करावें? शिकायतों के चलते आयुक्त महोदय ने जन औषधि संघ में प्रशासक नियुक्त कर दिया है? यदि हाँ, तो किस आदेश क्रमांक दिनांक से, यदि नहीं, तो प्रशासक नियुक्ति कब तक की जावेगी।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी नहीं, पंजीयक द्वारा अनुमोदित सेवा नियमों का होना अपरिहार्य न होने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते। (ग) अभी तक नियुक्त किये गये, कार्यरत रह चुके एवं कार्य किये कर्मचारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। कर्मचारियों की नियुक्ति अध्यक्ष द्वारा की जाती है, जिसके लिये संचालक मंडल द्वारा उन्हें अधिकृत किया गया है। कर्मचारियों को वर्षवार, मदवार भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है, म.प्र. राज्य सहकारी जन औषधि विपणन संघ मर्यादित में दिनांक 10.12.2019 को संचालक मंडल का निर्वाचन होने से निर्वाचित संचालक मंडल कार्यरत होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध चेकपोस्ट बैरियर को हटाया जाना
[खनिज साधन]
9. ( क्र. 1942 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में क्या खनिज विभाग द्वारा अवैध खनिज परिवहन की रोकथाम हेतु चैक पोस्ट/बैरियर लगाये गये हैं? यदि हाँ, तो स्थान का नाम बतावें। (ख) क्या खनिज विभाग द्वारा अवैध खनिज परिवहन की रोकथाम हेतु चैक पोस्ट/बैरियर लगाये जाने के निजी ठेकेदारों को अनुमति दी गई है? यदि हाँ, तो नियम बतावें। (ग) क्या नियम विरूद्ध निजी ठेकेदारों द्वारा बैरियर जो लगाये गये हैं उनमें विभागीय अधिकारियों की सहमति प्राप्त है? क्या दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अधिग्रहित भूमि का मुआवजा
[जल संसाधन]
10. ( क्र. 2009 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विदिशा जिले के विकासखण्ड बासौदा अन्तर्गत बघर्रू बांध निर्मित है? यदि हाँ, तो इस बांध से किन-किन ग्रामों की कुल कितनी-कितनी भूमि सिंचित होगी या हो रही है? (ख) क्या इस बांध में किसानों की भूमि डूब में आयी थी? यदि हाँ, तो किन-किन ग्रामों की कितनी-कितनी भूमि डूब में आयी? (ग) क्या इस बांध में डूब में आयी एवं अधिग्रहण की गई भूमि के मालिक किसानों को पर्याप्त मुआवजा सभी को दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? शेष रहे किसानों को उपरोक्तानुसार मुआवजा कब तक दिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। डूब प्रभावित संपूर्ण अधिग्रहित भूमि के मालिक किसानों को पूर्ण मुआवजा दिया जा चुका है। डूब प्रभावित 01 मकान के मुआवजे का भुगतान संबंधित कृषक द्वारा संयुक्त खातों का विवरण नहीं दिए जाने के कारण शेष है। भवन के मुआवजे की राशि भू-अर्जन अधिकारी के पास जमा है। संबंधित कृषक द्वारा खातों का विवरण दिए जाने पर भू-अर्जन अधिकारी द्वारा भुगतान किया जा सकेगा।
गरीबी रेखा के कूपनों की जानकारी
[राजस्व]
11. ( क्र. 2133 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गरीबी रेखा के कूपन बनवाने हेतु शासन स्तर से प्रतिबंध लगाया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) पात्र हितग्राहियों को जिनकी उम्र 60 वर्ष हो गई है उनके लिए पेंशन का लाभ दिलवाने हेतु कौन से दस्तावेज का उपयोग किया जायेगा? (ग) क्या गरीबी रेखा में आने वाले पात्र हितग्राहियों की सूची ग्राम स्तर पर सार्वजनिक की जाएगी या फिर इन हितग्राहियों को अलग से कोई कार्ड जारी किया जायेगा? (घ) क्या इस पर शासन कोई नई रणनीति तैयार कर रही है? यदि हाँ, तो अवगत करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) पात्र हितग्राहियों जिनकी उम्र 60 वर्ष हो गई है, उनको पेंशन का लाभ दिलवाने के लिए समग्र आई.डी., आधार कार्ड, बी.पी.एल. कार्ड, वोटर आई.डी. आदि का उपयोग किया जाता है। (ग) गरीबी रेखा में आने वाले पात्र हितग्राहियों की सूची ग्राम स्तर पर एवं समग्र पोर्टल पर सार्वजनिक की जा चुकी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
धान उपार्जन की खरीदी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
12. ( क्र. 2254 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में धान उपार्जन हेतु जिला उपार्जन समिति द्वारा कितने एवं कहाँ-कहाँ खरीदी केन्द्र स्थापित किये जाने की अनुशंसा की गई थी और किन-किन विभागीय निर्देशों से 15 नवम्बर 2020 एवं उसके पश्चात कितने और कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन से खरीदी केन्द्र प्रारंभ किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत कटनी जिले में उपार्जन प्रारंभ होने, उपार्जन कार्य बंद होने तक किन-किन आदेशों से कहाँ-कहाँ के कौन-कौन से खरीदी केन्द्र कब-कब प्रारंभ और कब-कब किन कारणों से बंद किये गये और फिर कब किन कारणों से पुन: प्रारंभ किये गये? संपूर्ण सूची देवें एवं यह भी बताएं कि कौन-कौन सी समितियां किन कारणों से डिफाल्टर घोषित की गई? समितिवार केन्द्रवार सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के तहत कटनी जिले में उपार्जन प्रारंभ होने पश्चात किन-किन केन्द्रों में किन-किन दिनांकों को बारदानों के कमी एवं परिवहन में देरी की वजह से खरीदी बंद रही? केन्द्रवार सूची देवें एवं यह भी बतलावें की बारदानों की कमी और परिवहन में देरी के लिए दोषी जिला प्रबंधक नान के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? (घ) कलेक्टर कटनी द्वारा नान के जिला प्रबंधक को जो कारणदर्शी सूचना पत्र जारी किए गए उनमें अंतिम कार्यवाही क्या की गई? (ड.) विगत वर्षों में विलंब से परिवहन करने पर परिवहनकर्ताओं पर शासन एवं कलेक्टर द्वारा किन-किन परिवहनकर्ताओं पर कितना-कितना जुर्माना लगाया गया है और बताएं की जुर्माना की राशि वसूल हुई या नहीं?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय भूमियों को अधिपत्य में लेने
[राजस्व]
13. ( क्र. 2255 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में मुख्यमंत्री जी ने साफ-साफ निर्देश दिए है, कि भू-माफियाओं के विरूद्ध कठोर कार्यवाही कर शासकीय जमीनों को खाली कराकर शासन कब्जे में ले। अगर यह सही है तो क्या सतना एवं कटनी जिले की हर तहसील में वर्ष 1958-59 में जो आराजियां शासकीय थी। उन्हें गरीबों को भरण पोषण के लिए आवंटित किया गया था, उक्त आराजियों को भू-माफियाओं द्वारा बिना कलेक्टर के अनुमति के निजी स्वत्वों में करा ली गई, उन्हें कब तक पुन: मध्यप्रदेश शासन के नाम से दर्ज कर दिया जावेगा बताएं और ऐसे भू-माफियाओं के विरूद्ध पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) प्रश्नांश (क) के प्ररिप्रेक्ष्य में तहसील रघुराजनगर एवं कटनी जिले के मुड़वारा (कटनी) तहसील अन्तर्गत शासकीय जमीनों को कूट रचित दस्तावेज तैयार कर निजी स्वत्व में किये जाने के कितने मामले प्रकाश में आये हैं? पृथक-पृथक विवरण दें। वर्ष 1958-1959 में जो भूमि शासकीय थी, वह निजी स्वत्व में कैसे हो गई नामान्तरण करने वालो के विरूद्ध कब कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रमुख सचिव राजस्व को पत्र क्रमांक 820 दिनांक 22/12/2020 को भू-माफियाओं के विरूद्ध बिन्दुवार शिकायतवार कार्यवाही हेतु लिखा था। उस पर शासन ने क्या कार्यवाही की?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, सतना एवं कटनी जिले में वर्ष 1958-59 में जो आराजियां शासकीय थी, उन्हे कतिपय व्यक्तियों द्वारा निजी स्वत्वों में दर्ज करा ली गयी थी। प्रकरण संज्ञान में आने पर विधिक प्रक्रिया अनुसार उन्हें पुन: म.प्र. शासन दर्ज किया गया है। (ख) सतना जिले की तहसील रघुराजनगर अंतर्गत कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत कर शासकीय भूमि को निजी भूमिस्वामी स्वत्व में परिवर्तित किये जाने की शिकायत पटवारी हल्का सेजहटा ग्राम सोनौरा की आराजियों के मामले में प्रकाश में आने पर राज्य शासन के निर्देशानुसार आयुक्त रीवा संभाग रीवा के गठित जाँच दल द्वारा जाँच की जाकर प्रकरण में दोषियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई है। तहसील कटनी एवं कटनी नगर अंतर्गत ऐसा कोई मामला प्रकाश में नहीं आया हैं। (ग) पत्र दिनांक 22/12/2020 जाँच हेतु कलेक्टर जिला सतना को विभाग के पत्र दिनांक 30/01/2021 द्वारा जाँच एवं प्रतिवेदन हेतु प्रेषित किया गया है।
डूब प्रभावितों को राशि का भुगतान
[जल संसाधन]
14. ( क्र. 2312 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के विकासखण्ड सिलवानी के अंतर्गत नगपुरा नगझिरी जलाशय, सेमराखास जलाशय तथा सालाबरू बांध से कितने ग्रामों की कितने-कितने हेक्टेयर भूमि सिंचित होना प्रस्तावित थी तथा फरवरी 2021 की स्थिति में उक्त जलाशयों से किन-किन ग्रामों की कितनी-कितनी भूमि सिंचित हो रही है? (ख) क्या उक्त जलाशयों के डूब क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्तियों को प्राप्त वन भूमि के पट्टा की जमीन भी डूबी है? यदि हाँ, तो उक्त किसानों को मुआवजा राशि क्यों नहीं दी? (ग) क्या सालाबरू जलाशय से ग्राम पिपलिया खास में भी नहर का निर्माण होना था यदि हाँ, तो ग्राम पिपलिया खास में नहर का निर्माण क्यों नहीं किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) के संबंध में मान. मंत्री जी, विभाग के अधिकारियों का प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब प्राप्त हुए तथा उक्त पत्रों पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही से प्रश्नकर्ता विधायक को कब-कब अवगत कराया?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। उक्त जलाशयों के डूब क्षेत्र के अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्तियों को प्राप्त वनभूमि के पट्टों की जमीन भी डूबी है। उक्त किसानों को मुआवजा राशि प्रदान की जा चुकी है। (ग) जी हाँ। वनभूमि प्रभावित होने तथा वनभूमि का हस्तांतरण न हो पाने के कारण नहर का निर्माण नहीं किया जा सका। वनभूमि हस्तांतरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
स्व-सहायता समूहों द्वारा संचालित उचित मूल्य की दुकानों की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
15. ( क्र. 2487 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर जिले में कुल कितनी आदिम जाति सेवा सहकारी समितियां है, जिसके अन्तर्गत कुल कितनी उचित मूल्य की दूकाने संचालित है? समितिवार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित उचित मूल्य की दुकानों में से कितनी-कितनी दुकानें समिति और स्व-सहायता समूहों द्वारा संचालित की जा रहीं है? ग्राम व विकासखण्डवार समूह के अध्यक्ष/सचिव के नाम सहित सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा कब से संचालित किया जा रहा है? किये गये दुकान आवंटन के आदेश की प्रति देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार संचालित स्व-सहायता समूहों द्वारा संचालित उचित मूल्य की दुकानों का ऑडिट कब-कब किसके द्वारा किया गया है? (ड.) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या संचालित उचित मूल्य की दुकानों में स्व-सहायता समूहों द्वारा वित्तीय अनियमितता और खाद्यान्न की हेरा-फेरी या गबन का कार्य किया गया है। यदि हाँ तो किस-किस स्व-सहायता समूहों द्वारा किया गया है उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है? क्या स्व-सहायता समूहों द्वारा वित्तीय अनियमितता और खाद्यान्न की हेरा-फेरी या गबन का कार्य किये जाने के उपरांत भी प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में स्व-सहायता समूहों द्वारा उचित मूल्य की दुकाने संचालित की जा रही है। सूची सहित जानकारी देवें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित जिले में 26 आदिम जाति सेवा सहकारी समितियां हैं जिनके माध्यम से कुल 200 उचित मूल्य की दुकानें संचालित हैं। समितिवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्न (क) के उत्तर में उल्लेखित समितियों द्वारा 200 एवं स्व–सहायता समूहों द्वारा 75 उचित मूल्य की दुकानें संचालित की जा रही हैं। शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) दुकान आवंटन आदेश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। उक्त जानकारी में आवंटन दिनांक का उल्लेख है। (घ) महिला स्व-सहायता समूहों को ऑडिट कराने की वर्तमान में कोई बाध्यता नहीं है। (ड.) जी हाँ। की गई अनियमितता एवं उसकी जाँच उपरांत की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। अनियमितता के स्वरूप को देखते हुए दंडात्मक कार्यवाही जिले द्वारा की गई है।
वाहनों के पंजीयन से प्राप्त आय
[परिवहन]
16. ( क्र. 2505 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्षेत्रिय परिवहन (आर.टी.ओ.) कार्यालय जबलपुर में सभी प्रकार के वाहनों का पंजीयन लाइसेंस नवीनीकरण वाहन, की फिटनेस जांच, स्थाई/अस्थाई परमिट, वाहनों से जुर्माना आदि से कितनी-कितनी राजस्व आय हुई है? लक्ष्य-पूर्ति बतलावें। वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक की जानकारी दें। (ख) शासन ने वाहनों का ऑनलाइन पंजीयन, लाइसेंस व परमिट प्रदाय करने की क्या व्यवस्था की है एवं इसमें क्या सुधार किया है? सभी प्रकार के वाहनों का पंजीयन हेतु कितने-कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुये? कितने वाहनों का पंजीयन से कितनी राजस्व आय हुई? कितने-कितने वाहनों के लाइसेंस का नवीनीकरण, फिटनेस जाँच व परमिट प्रदाय से कितनी-कितनी आय हुई? महिलाओं को कितने नि:शुल्क लाइसेंस प्रदाय किये गये? कितने स्पेशल नम्बरों के पंजीयन से कितनी आय हुई है? (ग) प्रश्नांश (क) में मोटर व्हीकल एक्ट के तहत वाहनों की फिटनेस जाँच व ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रेक की क्या-क्या व्यवस्था तथा कौन-कौन से संसाधन, उपकरण मशीनरी है? कितने-कितने वाहनों की फिटनेस जाँच की गई है? जांच में कितने-कितने वाहन फिट/अनफिट पाये गये तथा कितने फिटनेस प्रमाण-पत्र जारी किये गये?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) क्षेत्रीय परिवहन (आर.टी.ओ.) कार्यालय जबलपुर में सभी प्रकार के वाहनों का पंजीयन लाइसेंस नवीनीकरण वाहन, की फिटनेस जांच, स्थाई/अस्थाई परमिट, वाहनों से जुर्माना आदि से राजस्व आय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 1, 2, 3, 4, 5, 6 अनुसार है। वर्ष 2018-19 से 2020-21 में राजस्व लक्ष्य एवं आय संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-7 अनुसार है। (ख) सभी प्रकार के वाहनों के पंजीयन, लायसेंस व परमिट प्रदाय किए जाने हेतु ऑन लाइन आवेदन किए जाने की व्यवस्था शासन द्वारा की गई है। सभी प्रकार के वाहनों के पंजीयन हेतु प्राप्त आवेदन पत्रों एवं उनसे प्राप्त राजस्व की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। लायसेंस नवीनीकरण, फिटनेस जाँच व परमिट से प्राप्त आय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। महिलाओं को निःशुल्क प्रदान किए गए लायसेंसों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। स्पेशल नंबरों के पंजीयन से प्राप्त आय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। (ग) फिटनेस हेतु आने वाले वाहनों का भौतिक निरीक्षण कर मैनुअल फिटनेस टेबलेट से फोटो होने के उपरांत जारी की जा रही है तथा कार्यालय प्रांगण में स्थित ड्रायविंग टेस्टिंग ट्रेक पर टेस्ट लिए जाने के उपरांत ही लायसेंस जारी किए जा रहे हैं। जांच में फिट/अनफिट वाहनों एवं प्रदाय फिटनेस प्रमाण-पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है।
खाद्यान्न का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
17. ( क्र. 2510 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत जबलपुर को मुख्यमंत्री राशन वितरण प्रणाली व प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले हितग्राहियों हेतु कितनी-कितनी मात्रा में खाद्यान्न व कैरोसिन का आवंटन किया है एवं कितनी-कितनी मात्रा में वितरित किया गया? इसके वितरण व निगरानी की क्या व्यवस्था की गई? वर्ष 2020-21 की माहवार जानकारी दें। (ख) जिला पंचायत जबलपुर द्वारा किन-किन दुकानों को माहवार कितनी-कितनी मात्रा में खाद्यान्न व कैरोसिन प्रदाय किया गया है? कितने-कितने हितग्राहियों को कितनी-कितनी मात्रा में खाद्यान्न व कैरोसिन का वितरण किया गया है? इसकी जाँच कब-कब किसने की है? दुकानवार जानकारी दें। (ग) किन-किन जनपद पंचायतों के तहत किन ग्राम पंचायत में कितने-कितने हितग्राहियों को योजनाओं का लाभ नहीं मिला है एवं क्यों? इस संबंध में (क) अवधि में प्राप्त शिकायतों पर जिला प्रशासन व जिला पंचायत जबलपुर में कब-कब, किस-किस पर क्या-क्या कार्यवाही की है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सारंगपुर अन्तर्गत मंदिर/मस्जिद की भूमि की जानकारी
[राजस्व]
18. ( क्र. 2803 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ की विधानसभा क्षेत्र सांरगपुर अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक नगरीय/ग्रामीण क्षेत्र में मंदिर/मस्जिद, पीरमठ्ठा, बालेमियां आदि धार्मिक स्थलों के नामे कितनी-कितनी शासकीय भूमि है? पटवारी हल्कावार, सर्वे नबंर, रकबे की जानकारी से अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार दर्शायी गई धार्मिक स्थलों के नामे अंकित शासकीय भौतिक रूप से किन-किन के आधिपत्य में होकर जुताई करने/खेती करने का कार्य संपन किया जा रहा है? जुताई करने वाले का नाम, पटवारी हल्कावार, सर्वे नंबर, रकबे की जानकारी से अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या शासकीय धार्मिक स्थलों कर भूमि पुजारी/बाबाओं के आधिपत्य/कब्जे में थी, उनके द्वारा अन्य व्यक्तियों के नाम से नोटरी/कब्जा करवाया जाकर अवैध कार्य किया जा रहा है? हाँ तो ऐसे व्यक्तियों के विरूद्ध शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) चाही गई पटवारी हल्कावार, सर्वे नंबर रकबे की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जुताई करने वाले का नाम पटवारी हल्कावार, सर्वे नंबर रकबे की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) ऐसी कोई जानकारी संज्ञान में नहीं आई है। शेष प्रश्नांश उदभूत नहीं होता।
अधिसूचनाओं को ऑन लाईन किया जाना
[राजस्व]
19. ( क्र. 2957 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सूचना के अधिकार कानून 2005 की धारा 4 के तहत भू-राजस्व संहिता 1954 के तहत बन्दोबस्त किए जाने, चकबन्दी किए जाने एवं अधिकार अभिलेख बनाए जाने से संबंधित वर्ष 2000 तक राजपत्र में प्रकाशित की गई अधिसूचनाओं को प्रश्नांकित दिनांक तक भी ऑन लाईन नहीं किया गया? (ख) आयुक्त भू-अभिलेख एवं बन्दोबस्त मध्यप्रदेश शासन ग्वालियर के कार्यालय में भू-राजस्व संहिता 1959 के अनुसार बन्दोबस्त किए जाने, चकबन्दी किए जाने एवं अधिकार अभिलेख बनाए जाने से संबंधित वर्ष 2000 तक की किस जिले के कितने ग्रामों से संबंधित प्रकाशित अधिसूचनाओं की प्रति उपलब्ध है? उनमें से कितनी अधिसूचनाओं को प्रश्नांकित दिनांक तक भी ऑन लाईन किन-किन कारणों से नहीं किया जा सका है? (ग) अधिसूचनाओं को कब तक ऑन लाईन किया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ क्योंकि प्रश्नांकित अधिसूचनाएं मध्य प्रदेश शासन राजस्व विभाग द्वारा समय-समय पर जारी की जाकर राजपत्र में प्रकाशित की गई हैंl (ख) प्रश्नांकित अधिसूचनाएं राजस्व विभाग द्वारा समय-समय पर जारी की जाकर राजपत्र में प्रकाशित की गई है, जो सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है। शेष प्रश्न उदभूत नहीं होता l (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उदभूत नहीं होता
माईक्रो सिंचाई मध्यम परियोजना में लगाये गये पाईपों का निर्धारण
[जल संसाधन]
20. ( क्र. 3016 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्धा बांध, पारसडोह बांध, घोघरी बांध, माइक्रो सिंचाई मध्यम परियोजना उक्त सभी परियोजनाओं में आने वाले समस्त प्रकार के पाइपों का डायमीटर अनुसार ठेकेदार को भुगतान की गयी राशि की जानकारी दें। (ख) समस्त परियोजना में जो डायमीटर के पाइप लगाए गए हैं। क्या वह निर्धारित गुणवत्ता के लगाए गए हैं तथा गुणवत्ता कि जाँच अधिकारी द्वारा की गई है? सम्पूर्ण विवरण दें। (ग) क्या शासन कि जानकारी में यह तथ्य आया है, कि उक्त परियोजना में लगाए गये पाइप निर्धारित गुणवत्ता के हैं या नहीं तो इसके लिए कौन-कौन से अधिकारी जिम्मेदार हैं तथा इस संबंध में अधिकारी एवं ठेकेदारों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई है? (घ) क्या ठेकेदार को कार्य हेतु सीमा से अधिक राशि दी गई थी? यदि हाँ, तो क्यों इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं? क्या उक्त प्रकरण कि जाँच करा कर कार्यवाही करेगें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। सभी परियोजनाओं में निर्धारित गुणवत्ता के पाइप ही लगाए गए हैं। अधिकारी द्वारा ही गुणवत्ता की जाँच की गई है। प्रश्नांकित बांधों की गुणवत्ता जाँच की रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ग) जी नहीं, प्रश्नांकित परियोजनाओं में लगाए गए पाइप निर्धारित गुणवत्ता के न होने के संबंध में कोई जानकारी शासन के संज्ञान में नहीं है। किसी अधिकारी एवं ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही की स्थिति नहीं है। (घ) जी नहीं, ठेकेदार को किए गए कार्य एवं प्रदाय की गई सामग्री की राशि का ही भुगतान किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनूपपुर जिले में श्रम कार्ड की जानकारी
[श्रम]
21. ( क्र. 3053 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक अनूपपुर जिले में अन्तर्गत विभाग द्वारा कितने श्रम कार्ड किस आधार पर तैयार किये गये है? श्रम कार्ड तैयार करने के क्या नियम हैं? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित श्रम कार्डों से शासन हितग्राहियों को क्या-क्या सुविधायें प्रदान करता है, वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को शासन द्वारा क्या-क्या लाभ प्रदाय किये गये विधान सभावार/क्षेत्रवार हितग्राहियों की जानकारी देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित श्रम कार्ड विभाग द्वारा जारी कर दिया जाता है, किन्तु इसके उपरोक्त हितग्राहियों को शासन द्वारा प्राप्त सुविधाओं का लाभ विभाग की उदासीनता के चलते प्राप्त नहीं हो पाता? क्या शासन हितग्राहियों को शासन द्वारा प्राप्त सुविधा की समीक्षा कर लापरवाही बरतने वाले अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही करेंगा। यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) 1. म.प्र.भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक अनूपपुर जिलें में निर्माण श्रमिकों द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र के आधार पर 5206 निर्माण श्रमिकों का पंजीयन किया गया है। 18 से 60 वर्ष की आयु के ऐसे श्रमिक जो विगत 01 वर्ष में 90 दिवस भवन एवं अन्य संनिर्माण कार्यों में नियोजित रहें हो, द्वारा पंजीयन हेतु विहित प्राधिकारी को निर्धारित प्रारूप में आवेदन प्रस्तुत करने पर विहित प्राधिकारी द्वारा आवेदन के परीक्षण उपरांत श्रम सेवा पोर्टल के माध्यम से ऑनलाईन पंजीयन किए जाने का प्रावधान है। 2. मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना के अन्तर्गत वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक अनूपपुर जिले में 1,51,944 श्रम कार्ड तैयार किये गये। मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना के अन्तर्गत श्रम कार्ड जारी करने के लिये निम्नानुसार पात्रताधारी होना आवश्यक है :- ऐसे व्यक्ति जो नौकरी, स्वरोजगार, घरों में नियोजन, वेतन हेतु कार्य, किसी ऐसे कार्य में नियोजन जो किसी एजेन्सी, ठेकेदार के माध्यम से या प्रत्यक्ष रूप से कार्यरत हों, जिन्हें भविष्य निधि, ग्रैच्युटी आदि सामाजिक सुरक्षा का लाभ प्राप्त नहीं होता हो, तथा जिनके पास 01 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि नहीं हो, जो शासकीय सेवा में नहीं हो तथा जो आयकर दाता नहीं हो। (ख) 1. म.प्र.भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक अनूपपुर जिले में मण्डल की योजनाओं अंतर्गत प्रदाय किये गये लाभ की विधान सभावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना के अन्तर्गत हितग्राहियों के लिये संचालित विभागीय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ-1 अनुसार है। 01 अप्रैल 2018 (योजना प्रारंभ) से प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना के अन्तर्गत प्रदत्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब-1 अनुसार है। (ग) जी नहीं। पदाभिहित अधिकारी द्वारा लापरवाही बरतने का प्रकरण संज्ञान में आने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।
समर्थन मूल्य पर खरीदी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
22. ( क्र. 3054 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में समर्थन मूल्य में किसानों पर फसल की खरीदी हेतु किसानों का पंजीयन कराया गया है? यदि हाँ, तो विवरण सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने किसानों का पंजीयन हुआ? फसलवार विवरण सहित बतावें। जिले में लक्ष्य के अनुरूप कितनी खरीदी हुई? कितनी शेष है, शेष खरीदी के लिए सरकार द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? क्या जिले में टोकन जारी करने के बाद किसानों की फसल की खरीदी नहीं हो पाई है? यदि हाँ, तो कितने किसानों की कितनी-कितनी खरीदी शेष रह गई है? फसलवार बतावें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[लोक सेवा प्रबन्धन]
23. ( क्र. 3090 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा एवं सिंगरौली जिले में लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से किन-किन तरह के आवेदन पत्र लिये जा रहे हैं, लिये जाने वाले आवेदन पत्रों की फीस क्या निर्धारित की गई है आवेदन पत्रवार बतावें साथ ही यह भी बतावें कितने आवेदन पत्र निरस्त किये गये एवं कितने आवेदन पत्रों पर कार्यवाही की गई की जानकारी वर्ष 2018 से प्रश्नांश दिनांक तक की देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के आवेदन पत्रों को क्या सीधे लिये जाने बावत् प्रतिबंधित किया गया है तो आदेश एवं निर्देश की प्रति देवें अगर नहीं तो सीधे आवेदन पत्र संबंधित कार्यालयों द्वारा क्यों नहीं किये जा रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार विभिन्न तरह के आवेदन पत्रों को प्रश्नांश (ख) के जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों द्वारा आवेदन न लेकर लोक सेवा गांरटी के माध्यम से आवेदन करा कर आवेदकों को आर्थिक क्षति पहुँचाये जाने के लिये किनको जिम्मेदार मानकर कार्यवाही करेंगे बतावें एवं सीधे संबंधित विभागों द्वारा आवेदन लिये जाने बावत् निर्देश जारी करेंगे तो कब तक बतावें अगर नहीं करेंगे तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) के केन्द्रों द्वारा मनमानी विभिन्न तरह के आवेदन पत्र लेने की राशि वसूली जा रही है गरीब परेशान हो रहे हैं इस पर क्या आदेश व निर्देश जारी करेंगे एवं प्रश्नांश (ख) (ग) के जिम्मेदारों को क्या निर्देश जारी करेंगे क्या इन पर अपने पदीय दायित्वों को निर्वहन पर कमी मानकर अनुशासनात्मक कार्यवाही करेंगे तो? अगर नहीं तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) रीवा एवं सिंगरौली जिले में लोक सेवा केन्द्रों पर mpedistrict.gov.in पोर्टल के माध्यम से 323 सेवाओं के ऑनलाईन आवेदन लिये जा रहे है। लोक सेवा केन्द्रों से आवेदन करने पर निर्धारित प्रोसेस शुल्क ली जाती है। यदि किसी सेवा हेतु संबंधित विभाग की पृथक से कोई विधिक शुल्क निर्धारित है तो वह भी ली जाती है, जो सेवावार अलग-अलग होती है। वर्ष 2018 से प्रश्नांश दिनांक तक आवेदनों का विवरण निम्नानुसार है- जिला सिंगरौली – आवेदनों पर कार्यवाही:- 618593, निरस्त आवेदन:- 53555, जिला रीवा – आवेदनों पर कार्यवाही:- 686587, निरस्त आवेदन:- 48930। (ख) म.प्र. लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 अंतर्गत अधिसूचित किसी भी सेवाओं को सीधे लिये जाने बावत् किसी भी प्रकार का प्रतिबंध नहीं किया गया है। यदि आवेदक सीधे आवेदन की प्रति कार्यालय में जमा करना चाहता है तो सीधे आवेदन कार्यालय में जमा कर सकता है एवं कार्यालयों द्वारा आवेदन जमा भी किये जा रहे हैं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं प्रश्नांश (ख) अनुसार आवेदक अपना आवेदन जमा करने हेतु अपनी सुविधा अनुसार पूर्ण रूप से स्वतंत्र है वह अपनी इच्छा अनुसार लोक सेवा केन्द्र या संबंधित कार्यालय में आवेदन जमा कर सकता है। साथ ही जिले में आवेदकों द्वारा लोक सेवा केन्द्र एवं कार्यालयों में आवेदन जमा किया जा रहा है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) जिले में संचालित केन्द्रों के द्वारा अधिसूचित सेवाओं को शासन से निर्धारित राशि ही लेने हेतु अधिकृत किया गया है। आवेदन जमा करने पर आवेदक को ली जाने वाली फीस की ऑनलाईन रसीद प्रदान की जाती है। जिसमें लिये जाने वाली राशि का संपूर्ण विवरण अंकित रहता है। यदि कोई शिकायत प्राप्त होती है तो लोक सेवा प्रदान की गारंटी अधिनियम 2010 के अंतर्गत निहित प्रावधान एवं आरएफपी में कार्यवाही के निर्देश प्रसारित है।
कंपनी को लाभ पहुंचाने के जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[राजस्व]
24. ( क्र. 3091 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंगरौली जिले में किसानों/कब्जेधारियों को पूर्व में शासन द्वारा काबिज भूमियों के पट्टे/ अधिकार पत्र प्रदान किये गये थे? (ख) प्रश्नांश (क) के पट्टा व अधिकार पत्र किसानों के पट्टे व अधिकार पत्र को निरस्त किये जाने बावत् जिला प्रशासन द्वारा कार्यवाही की जा रही है पट्टा व अधिकार पत्र निरस्त होने से किसानों को जिन कंपनियों द्वारा भूमियां ली जा रही हैं उनको मिलने वाले मुआवजे से वंचित होना पड़ रहा है इस पर क्या निर्देश जारी करेगें? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के संदर्भ में जिला प्रशासन द्वारा कंपनियों को लाभ पहुँचाने व किसानों को मुआवजे से वंचित किये जाने हेतु पट्टे निरस्त करने की कार्यवाहियां की जा रही हैं पट्टों को निरस्त करने पर रोक लगाये जाने व पट्टेधारी किसानों को शासन द्वारा प्राप्त पट्टे के आधार पर मुआवजा दिये जाने के निर्देश देने की कार्यवाही करेगें तो कब तक? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) में उल्लेखित तथ्यों की जाँच उच्च स्तरीय समिति बनाकर कराये जाने के साथ जिन अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा शासन द्वारा प्राप्त किसानों को प्राप्त पट्टों को निरस्त करने की कार्यवाही की जा रही है उन पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित करेगें?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उचित राशन की दुकानों में गड़बड़ी की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
25. ( क्र. 3157 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में उचित मूल्य की कितनी राशन दुकानों पर 01 मार्च 2017 के बाद से प्रश्न दिनांक तक खाद्यान्न वितरण में अनियमितताएं पाई गई है? जिलावार संख्या बतायें। अनियमितता पाये जाने पर उचित मूल्य की दुकानों के संचालकों पर क्या-क्या कार्यवाही इस अवधि में की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अवधि में काला बाजारी के कितने प्रकरण विभाग ने दर्ज कराये एवं कितना क्विंटल खाद्यान्न जब्त किया हैं? जिलावार बतावें। (ग) कालाबाजारी करने के कितने मामलों में दुकानों का आवंटन निरस्त किया गया और कितनों के विरूद्ध ए.एस.ए. एवं अन्य धाराओं में अपराध पंजीबद्ध किये गये। (घ) शासकीय खाद्यान्न के वितरण में अनियमितता मिलने पर इंदौर, शाजापुर, सीहोर, जबलपुर, राजगढ़, मंडला और बालाघाट में क्या कार्यवाही विभाग द्वारा की गई है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अवैध खनन की जानकारी
[खनिज साधन]
26. ( क्र. 3167 ) श्री जितू पटवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर संभाग एवं उज्जैन संभाग में अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 तक अवैध उत्खनन के कुल कितने प्रकरण सामने आये? जिलेवार सूची देवें तथा बतावें कि उसमें से कितनों पर प्रकरण दर्ज हुआ तथा जुर्माने के रूप में कितनी राशि वसूली गई? (ख) प्रश्नाधीन अवधि में अवैध उत्खनन करने वालों ने कितने प्रकरणों में शासकीय कर्मचारी/अधिकारी पर हमला किया? यह संख्या इसी अवधि में पिछले वर्ष से कितनी कम अथवा कितनी ज्यादा है? जिलेवार दिनांक सहित जानकारी दें। (ग) म.प्र. की सीमा में बन रही मुम्बई दिल्ली 8 लेन सड़क में कितनी-कितनी मात्रा में क्या-क्या खनिज सामग्री लगेगी तथा उस सामग्री हेतु कंशेषनर ने कहाँ-कहाँ कौन सी खसरा खाता की कितने रकबे की जमीन आवंटित करवाई तथा अभी तक कितनी रायल्टी का भुगतान किया?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में ग्वालियर एवं उज्जैन संभाग में से मात्र शिवपुरी जिले के शासकीय अधिकारी पर हमले का मामला प्रकाश में आया है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। प्रश्नाधीन अवधि में पिछले वर्ष हमले का कोई भी मामला प्रकाश में नहीं आया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) रतलाम, मंदसौर एवं झाबुआ जिले में बन रही मुम्बई दिल्ली 8 लेन सड़क के निर्माण में लगने वाली सामग्री मिट्टी/अर्थवर्क, गिट्टी एवं रेत तथा जमा रायल्टी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है एवं शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द पर दर्शित है।
राशन हेतु पात्रता पर्ची का वितरण न होना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
27. ( क्र. 3184 ) श्री गोपाल सिंह चौहान : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चन्देरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ईसागढ़ जनपद एवं चन्देरी जनपद में आने वाली सभी ग्राम पंचायतों में राशन हेतु पात्रता पर्ची ऑनलाइन करने के बाद एवं जनपद पंचायतों ने भी सत्यापन कर पोर्टल पर ऑनलाइन कर दिए हैं, लेकिन पात्रता पर्ची अभी तक नहीं आई है? (ख) क्या खाद्य विभाग द्वारा अशोकनगर में राशन हेतु पात्रता पर्ची ऑनलाइन नहीं की जा रही है (ग) दोषी अधिकारियों, कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? नाम, पद सहित स्पष्ट करे।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) चंदेरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ईसागढ एवं चंदेरी जनपद में आने वाली सभी ग्राम पंचायतों अंतर्गत स्थानीय निकायों द्वारा नवीन आवेदकों के आवेदन पोर्टल पर अग्रेषित किए जा रहे हैं। माह सितम्बर, 2020 से प्रश्न दिनांक तक ईसागढ एवं चंदेरी जनपद में कुल 3303 नवीन वैध पात्र परिवारों की पात्रता पर्ची जारी कर वितरित की गई है। (ख) जिले द्वारा आवेदनों का सत्यापन, अनुशंसा एवं स्वीकृति की कार्यवाही की जा रही है। (ग) पोर्टल पर दर्ज आवेदकों की पात्रता व दस्तावेज का परीक्षण, सत्यापन, स्वीकृति तथा वैध पात्रताधारी लाभार्थियों को पात्रता पर्ची जारी कर उनका वितरण करना एक सतत प्रक्रिया है। इस संबंध में कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी न होने से कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पदीय दायित्वों का निर्वहन न करने के जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[लोक सेवा प्रबन्धन]
28. ( क्र. 3226 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा एवं सिंगरौली जिले में जन सुनवाई के माध्यम से कितने आवेदन पत्र वर्ष 2019 से प्रश्नांश दिनांक तक में प्राप्त हुये की जानकारी संस्था प्रमुखवार देवें। यह भी बतावें कि किन आवेदन पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई एवं कितने पत्रों पर कार्यवाही प्रचलन में है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्राप्त आवेदन पत्रों पर कार्यवाही की स्थिति क्या है? संस्था प्रमुखों के साथ जिलों के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा बैठक बुलाकर अपने अधीनस्थों को आवेदन पत्रों पर कार्यवाही कर निराकरण बाबत कब-कब निर्देश जारी किये गये, अगर निर्देश जारी नहीं किये गये और आवेदन पत्रों पर कार्यवाही लंबित है तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के तारतम्य में जनसुनवाई के दौरान प्राप्त आवेदन पत्रों का समय पर निराकरण न करने, आवेदकों को परेशान करने व जनसुनवाई के नाम पर जिले के जिम्मेदार संस्था प्रमुखों द्वारा अपने समय का दुरूपयोग के लिये किन-किन को जिम्मेदार मानकर कार्यवाही करेगें एवं आवेदन पत्रों के निराकरण बाबत क्या कार्यवाही करेगें?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) रीवा जिले में जन सुनवाई के माध्यम से वर्ष 2019 से प्रश्नांश दिनांक तक कुल 2231 आवेदन पत्र प्राप्त हुए, जिसमें से 2144 आवेदन पत्रों पर निराकरण किया गया है, शेष 87 आवेदन पत्रों पर कार्यवाही प्रचलन में है एवं सिंगरौली जिले में जनसुनवाई के माध्यम से कुल 10421 आवेदन पत्र प्राप्त हुए, जिसमें से 2202 आवेदन पत्रों पर निराकरण किया गया है, शेष 8219 आवेदन पत्रों पर कार्यवाही प्रचलन में है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला कार्यालय में प्रति सप्ताह होने वाली समय-सीमा बैठक एवं राजस्व अधिकारियों की बैठक में प्रति माह जनसुनवाई/सी.एम. हेल्पलाईन आवेदनों की सतत समीक्षा होती है तथा संस्था प्रमुखों को त्वरित निराकरण करने के निर्देश दिये जाते है। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के तारतम्य में जनसुनवाई के दौरान प्राप्त आवेदन पत्रों का समय पर निराकरण किया जाता है। आवेदकों को परेशान व समय का दुरूपयोग करने का प्रश्न ही नहीं उठता।
वाहनों की जानकारी
[परिवहन]
29. ( क्र. 3243 ) श्री राकेश मावई : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में क्या वाहनों की मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा 56 (4) के तहत दिये गये फिटनेस प्रमाण-पत्र जारी करने के पश्चात् समय-समय पर परीक्षण किया जाता है? यदि हाँ, तो वाहन त्रुटि होने पर दण्ड प्रक्रिया के क्या प्रावधान हैं? (ख) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक मुरैना जिले में से ऐसे कितने वाहन है जो फिटनेस प्रमाण-पत्र जारी होने के पश्चात् निरीक्षण करने पर फिटनेस के सभी मापदण्ड पूर्ण नहीं करते हैं उनकी संख्या बतायें तथा उन वाहनों पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) यह भी बतायें कि वाहन के फिटनेस के मापदण्डों को पूर्ण नहीं करने के कारण वाहन दुर्घटना होती है तो क्या दण्ड दिया जाता है? (घ) क्या वाहन दुर्घटना चालक की गलती से होती है तो चालक का लायसेंस निरस्त किया जात है? यदि हाँ, तो वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक मुरैना जिले में कितने वाहन चालकों पर क्या कार्यवाही की गई। नाम सहित विवरण देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। यदि वाहन के फिटनेस प्रमाण-पत्र की वैधता समाप्त पाई जाती है तो मोटरयान अधिनियम की धारा 192 के प्रावधान अनुसार प्रथम अपराध के लिये 5000/-रूपये के जुर्माने तथा द्वितीय अपराध के लिये 10000/- रूपये तक का जुर्माना अधिरोपित किया जा सकता है। (ख) वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक मुरैना जिले में वाहन चैकिंग के दौरान फिटनेस के मापदण्डों का उल्लंघन पाये जाने पर कुल 408 वाहनों पर चालानी कार्यवाही कर रूपये 13,88,500 के राजस्व की वसूल की गई है। (ग) मोटरयान अधिनियम 1988 एवं भारतीय दंड विधान की सुसंगत धाराओं के तहत समुचित कार्यवाही की जाती है। (घ) जी हाँ, दुर्घटना में चालक की गलती पाये जाने पर उसका चालकों के लायसेंस निलंबित और निरस्त करने की कार्यवाही की जाती है। वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक मुरैना जिले में कुल 712 चालक लायसेंस के निलंबन की कार्यवाही की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
तहसील राजपुर के अंतर्गत अतिक्रमण करने वालो को संरक्षण
[राजस्व]
30. ( क्र. 3294 ) श्री सुनील सराफ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) न्यायालय तहसीलदार तहसील राजपुर जिला बड़वानी के क्रमांक रा.प्र.क्र. 0032/अ-68/2020-21 में प्रकाश पिता शंकर निवासी जुलवानिया तह. राजपुर द्वारा अतिक्रमण कर ढ़ाबा निर्माण का उल्लेख है इस पर प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही का विवरण देवें। (ख) क्या कारण है कि यह अतिक्रमण अभी तक ध्वस्त नहीं किया गया है? (ग) इसे ध्वस्त न कर अतिक्रमण करने वालों को संरक्षण देने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम देकर बतावें कि शासन इसके लिए उन पर कब तक कार्यवाही करेगा? (घ) कब तक इस अतिक्रमण को ध्वस्त किया जाएगा? यदि नहीं, तो इसे संरक्षण देने का कारण बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) न्यायालय तहसीलदार तहसील राजपुर के प्रकरण क्रमांक रा.प्र.क्र. 0032/अ-68/2020-21, में अनावेदक प्रकाश पिता शंकर निवासी जुलवानिया तहसील राजपुर के विरूद्ध ग्राम जुलवानिया की शासकीय भूमि पर बने अवैध निर्माण को हटाने का आदेश पारित किया जा चुका है। (ख) अनावेदक के विरूद्ध प्रकरण में बेदखली आदेश जारी किया गया है, शीघ्र ही अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जायेगी। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में संरक्षण की स्थिति न होने से प्रश्नांश लागू नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में विधि अनुसार कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
भावांतर राशि का प्रदाय
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
31. ( क्र. 3298 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चौरई विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2020-21 में मक्का, ज्वार एवं अन्य फसलों का विक्रय न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर हुआ? इनके भावांतर निर्धारण की शासन ने क्या प्रक्रिया तय की है? (ख) कृषक संख्या, फसल नाम, भावांतर राशि सहित देवें। (ग) कब तक भावांतर राशि प्रदान की जाएगी? (घ) यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) छिन्दवाड़ा जिले की चौरई विधान सभा क्षेत्र में खरीफ एवं रबी विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान-1084.80, गेहूं 85277.42, चना-4271.80, मसूर-3.75, सरसों-145.30 मे. टन धान का उपार्जन किया गया है। विधान सभा क्षेत्र चौरई में उपार्जन अवधि के दौरान एफएक्यू गुणवत्ता की उक्त फसलों का समर्थन मूल्य से कम पर विक्रय नहीं हुआ है। समर्थन मूल्य पर ज्वार के उपार्जन की व्यवस्था थी परन्तु जिले में ज्वार की आवक नहीं हुई। जिले में समर्थन मूल्य पर मक्का का उपार्जन नहीं किया गया है। वर्ष 2020-21 भावान्तर योजना लागू नहीं होने से भावान्तर का निर्धारण नहीं किया गया। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बाढ़ प्रभावितों को मुआवजा दिया जाना
[राजस्व]
32. ( क्र. 3300 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के चौरई विधानसभा क्षेत्र में सितम्बर, 2020 में पेंच नदी में आई बाढ़ से खेत भी बहकर चले गए हैं इनका कितना मुआवजा निर्धारित किया गया? खेत स्थान नाम, ग्राम नाम सहित देवें। (ख) क्या मुआवजा अभी तक नहीं दिया गया है या इसकी प्रक्रिया अभी तक प्रारंभ नहीं की गई है क्यों? (ग) कब तक मुआवजा वितरण कर दिया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) छिंदवाड़ा जिले के चौरई विधानसभा क्षेत्र में तहसील चांद में अतिवृष्टि/बाढ़ से भूमि नष्ट होने से प्रभावित ग्राम साजपानी, कोनापिंडरई, सिरस, हलालखुर्द, वाडीवाड़ा, लोनीखुर्द, लोनीकला, सिंगोड़ी, मंदरिया, रमपुरी, चिखलीखुर्द, भाड़पिपरिया, हरनाखेड़ी, कोकीवाड़ा, पिपरियाखाती, टाप, तिघराचमपत, बादगांव, कौआखेड़ा, बांसखेड़ा, चंदनगांव के कुल 190 कृषकों को मुआवजा राशि 15,28,798/- प्रदान की गई। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार सहायता दी गई है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रणजीत क्लब में बेदखली की कार्यवाही
[राजस्व]
33. ( क्र. 3312 ) श्री बाला बच्चन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी के रणजीत क्लब में कुछ दिनों पूर्व बेदखली की कार्यवाही किस विधि और विधिक प्रक्रिया के पालन में की गई? (ख) जो भवन गिराया गया उसके आदेश किस विधि में जारी हुए? (ग) यदि बेदखली लोक परिसर में से होनी मानी जाए तो लोक परिसर से बेदखली कानून के अंतर्गत कार्यवाही क्यों नहीं हुई? कारण नियम सहित बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) अनुविभागीय अधिकारी एवं नजूल अधिकारी बड़वानी के जाँच प्रतिवेदन अनुसार कस्बा बड़वानी में स्थित रणजीत क्लब बड़वानी के पदाधिकारियों द्वारा बिना अनुमति के दुकानें, बेडमिंटन हॉल एवं स्वीमिंग पुल का निर्माण किये जाने की जानकारी प्राप्त होने पर अनुविभागीय अधिकारी, लोक निर्माण विभाग बड़वानी द्वारा पत्र क्रमांक 468 दिनांक 06-07-2020 से प्रतिवेदित किया गया कि रणजीत क्लब भवन वर्ष 1936 से 1943-44 तक की समयावधि में लोक निर्माण विभाग की पुस्तिका में दर्ज होकर उक्त समयावधि में भवन फ्री लीज पर था। तत्पश्चात् शासकीय रेकार्ड में लोक निर्माण भवन रजिस्टर में न्यू रणजीत क्लब तथा आउट हाउस तल मंजिल, प्रथम मंजिल वर्ष 1942, स्काच रूम वर्ष 1936 एवं पावर हाउस वर्ष 1943-44 जी ए डी विभाग (राजस्व विभाग) के अंतर्गत गैर आवासीय मद में दर्ज हुआ। रणजीत क्लब बड़वानी द्वारा दिनांक 13-07-1976 से 12-07-2001 तक कुल 25 वर्ष की समयावधि के लिये लीज डीड फार्म तैयार कर दिया गया था। रणजीत क्लब बड़वानी की लीज अवधि समाप्त होने के पश्चात लीज नवीनीकरण नहीं होकर क्लब परिसर में अनाधिकृत रूप से निर्माण किया गया जो लीज डीड की शर्त क्रमांक 5 का उल्लंघन है। रणजीत क्लब में बिना अनुमति भवन/दुकान/आवास आदि का लगभग 4270 वर्गमीटर भूमि पर अवैध निर्माण किया गया था। अनुविभागीय अधिकारी एवं नजूल अधिकारी द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन में लगभग 1.200 हेक्टर पर निर्माण कर लीज डीड की शर्त क्रमांक 5- (पट्टाधारी बंगला व आउट हाउस का प्रयोग क्लब व इससे संबंधित गतिविधियों के अतिरिक्त अन्य उद्देश्य के लिये नहीं करेंगें) का उल्लंघन कर पट्टाधारी द्वारा आउट हाउस में दुकान निर्माण कर अन्य उद्देश्यों हेतु किराये पर दी गई, शर्त क्रमांक 6- ( पट्टाधारी द्वारा किसी भी प्रकार के निर्माण या सरंचना में स्थायी या अस्थायी परिवर्तन केवल मुख्य अभियंता के अनुमति पश्चात् ही किया जाना) का उल्लंघन कर पट्टाधारी द्वारा बिना अनुमति प्राप्त किए निर्माण कार्य किये गए एवं शर्त क्रमांक 10- (पट्टाधारी को बंगले या आउट हाउस या अन्य भाग को किराये पर देने का अधिकार नहीं होगा) का उल्लंघन कर पट्टाधारी द्वारा 27 दुकानों का निर्माण कर किराये पर दी गई। अध्यक्ष रणजीत क्लब बड़वानी को सूचना पत्र जारी करने पर उनके द्वारा कोई समाधानकारक जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया। रणजीत क्लब पदाधिकारियों द्वारा लीज शर्तों का उल्लंघन करते हुए सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बिना निर्माण कर व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा था। उपयोग की जा रही भूमि/भवन आदि संपत्ति शासन गाईड लाईन अनुसार रूपये 71,76,94,350/- की है। अत: न्यायालय कलेक्टर जिला बड़वानी के प्रकरण क्रमांक 0001/अ-20 (1)/2020-21 पारित आदेश दिनांक 20-01-2021 से रणजीत क्लब बड़वानी के पदाधिकारियों द्वारा भवन/परिसर का व्यवसायिक उपयोग किया जाकर लीज शर्तों का उल्लंघन किया जाने से उक्त लीज स्वत: निरस्त मानी जाकर रणजीत क्लब बड़वानी को लीज पर आवंटित भूमि एवं अन्य नजूल भूमि पर स्थित परिसंपत्तियों व संरचनाओं को शासन पक्ष में अधिग्रहित किया गया। (ख) रणजीत क्लब बड़वानी को लीज पर आवंटित भूमि एवं अन्य नजूल भूमि पर स्थित परिसंपत्तियों व संरचनाओं को शासन पक्ष में अधिग्रहण की कार्यवाही की गई। (ग) प्रकरण बेदखली अधिनियम के तहत पंजीबद्ध नहीं होकर प्रकरण में लीज भूमि की लीज समाप्ति एवं अन्य लीज शर्तों का उल्लंघन किया जाने के आधार पर कार्यवाही की गई।
मुख्यमंत्री जल कल्याण संबल योजना 2018 का क्रियान्वयन
[श्रम]
34. ( क्र. 3347 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले की जनपदों सिवनी, केवलारी, छपारा, धनौरा, कुरई, बरघाट, घंसौर में मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना 2018 के हितग्राही को कब से योजना की राशि का भुगतान क्यों नहीं किया? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक भुगतान किया जावेगा? (ख) क्या शासन/विभाग के द्वारा कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) सिवनी जिले की जनपदों में कितने लंबित आवेदन पत्रों पर कार्यवाही नहीं की गई? जनपद वार ब्यौरा एवं हितग्राहियों की सूची उपलब्ध करावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) सिवनी जिले की जनपदों सिवनी, केवलारी, छपारा, धनौरा, कुरई, बरघाट, घंसौर में मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना 2018 के हितग्राहियों को 27 अक्टूबर 2020 तक के स्वीकृत प्रकरणों में भुगतान किया गया है। शेष प्रकरणों में पर्याप्त बजट प्राप्ति पर आगामी भुगतान संबंधी कार्यवाही की जावेगी। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार। (ग) प्रश्नांश की जानकारी निरंक है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नामांतरण के आवेदन/प्रकरणों की जानकारी
[राजस्व]
35. ( क्र. 3348 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले की सिवनी तहसील में विगत 2-2 वर्षों की रजिस्ट्री के कितने आवेदन पत्रों को अकारण निरस्त कर नस्तीबद्ध किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? कारण सहित बतावें। (ख) क्या शासन/विभाग के द्वारा ऐसे कोई आदेश प्रसारित किये गये है कि रजिस्ट्री के उपरांत नामांतरण प्रक्रिया नहीं की जावेगी? यदि हाँ, तो क्यों? कारण सहित बतावें। (ग) सिवनी जिले की तहसील सिवनी, बरघाट, केवलारी, कुरई, लखनादौन, घंसौर, छपारा में फौती नामांतरण, रजिस्ट्री नामांतरण के कितने प्रकरण लंबित है? अद्यतन जानकारी बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला सिवनी की तहसील सिवनी के अंतर्गत रजिस्ट्री के आवेदन पत्रों को अकारण निरस्त कर नस्तीबद्ध नहीं किया गया हैं। शेष प्रश्नांश उदभूत नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उदभूत नहीं होता। (ग) चाही गई जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. |
तहसील का नाम |
फौती नामांतरण |
रजिस्ट्री नामांतरण |
1 |
सिवनी |
437 |
1034 |
2 |
कुरई |
146 |
143 |
3 |
बरघाट |
203 |
452 |
4 |
केवलारी |
96 |
145 |
5 |
लखनादौन |
241 |
114 |
6 |
घंसौर |
114 |
88 |
7 |
छपारा |
152 |
265 |
कुल |
- |
1389 |
2241 |
डायवर्सन के प्रकरण एवं राशि वसूली
[राजस्व]
36. ( क्र. 3349 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले की सिवनी, लखनादौन, केवलारी, कुरई, बरघाट, घंसौर अनुविभाग में वर्ष 2017-2018, 2018-19, 2019-20 में डायवर्सन के कितने प्रकरणों में आदेश पारित किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रत्येक अनुविभाग के पृथक-पृथक राजस्व निरीक्षक मंडलवार ग्रामवार खसरा नंबर रकबा की जानकारी देवे। (ग) शासन/विभाग की मदशीर्ष में भू-राजस्व, शालाकर, उपकर, अर्थदंड की कितनी राशि जमा कराई गई? क्या वसूल किये जाने हेतु कोई राशि शेष है? यदि हाँ, तो कब तक वसूल की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सिवनी जिले के राजस्व अनुविभागों में प्रकरणों की संख्या जिनमें डायवर्सन के आदेश पारित किये गये अथवा संशोधन अधिनियम, 2018 उपरांत डायवर्सन हेतु RCMS में प्राप्त आवेदनों के अनुक्रम में पुष्टि की जाने संबंधी निराकृत प्रकरणों की जानकारी निम्नानुसार है-
क्रमांक |
अनुभाग का नाम |
2017-18 |
2018-19 |
2019-20 |
1 |
सिवनी |
48 |
51 |
383 |
2 |
कुरई |
37 |
21 |
38 |
3 |
बरघाट |
27 |
60 |
137 |
4 |
केवलारी |
53 |
35 |
146 |
5 |
लखनादौन |
112 |
109 |
411 |
6 |
घंसौर |
37 |
57 |
69 |
कुल योग |
314 |
333 |
1184 |
(ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रत्येक अनुविभाग के पृथक-पृथक राजस्व निरीक्षक मंडलवार ग्रामवार खसरा नंबर रकबा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सिवनी जिले में मदशीर्ष में भू-राजस्व, शालाकर, उपकर, अर्थदण्ड की कुल राशि रू 86089593/- जमा कराई गई तथा राशि रू. 3606437/- वसूल कराया जाना शेष है। वसूली कार्य नियमित रूप से जारी है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
फर्जी तथ्यों के आधार पर दिये गये निर्णय की शिकायत
[राजस्व]
37. ( क्र. 3443 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्य सचिव कार्यालय को अपने पत्र क्रमांक वि/हो/क्र/657/2020 दिनांक 21.02.2020 एवं वि/हो/क्र/723/2020 दिनांक 05.06.2020 से पत्र लिखकर श्री हरेन्द्र नारायण द्वारा फर्जी तथ्य बनाकर मेरे विरुद्ध न्यायालयीन निर्णय देने संबंधी शिकायत की गयी थी? (ख) क्या मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा अपने पत्र क्र. 1516 दिनांक 28.02.2020 एवं पत्र क्र. 3206 दिनांक 15.06.2020 से प्रमुख सचिव, राजस्व म.प्र. भोपाल लिखकर कार्यवाही कर तथ्यों से प्रश्नकर्ता को अवगत कराने हेतु लिखा गया था? (ग) क्या अवर सचिव द्वारा अपने पत्र क्र. 808/1242/2020/ सात-2 भोपाल दिनांक 19.06.2020 से कलेक्टर, होशंगाबाद को तथ्यात्मक प्रतिवेदन से अवगत कराने हेतु लिखा था। यदि हाँ, तो प्रतिवेदन का विवरण उपलब्ध करावें। (घ) जानकारी दें कि प्रश्नांश (ख) में मुख्य सचिव कार्यालय से जारी पत्रों के संबंध में की गयी कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को अवगत कराया गया। यदि हाँ, तो क्या एवं कब? (ड.) जानकारी दें कि उल्लेखित क्या कार्यवाही की गयी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। कलेक्टर से प्राप्त प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) विभाग द्वारा कलेक्टर जिला होशंगाबाद को प्रेषित पत्र दिनांक 19/06/2020 की प्रति प्रश्नकर्ता मान. विधायक को प्रेषित की गई थी। (ड.) उपरोक्त (ग) एवं (घ) अनुसार।
होशंगाबाद में क्षतिग्रस्त पिचिंग का बारिश पूर्व निर्माण
[जल संसाधन]
38. ( क्र. 3444 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या होशंगाबाद में अगस्त, 2020 में आयी भीषण बाढ़ के कारण गृह विज्ञान महाविद्यालय, होशंगाबाद से लगी पिचिंग क्षतिग्रस्त हो गयी थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या पिचिंग का पुनर्निर्माण/मरम्मत कर दी गयी है। यदि हाँ, तो कब एवं कितनी लागत से किसके द्वारा? (ग) क्या पिचिन के पुनर्निर्माण का 6.71 करोड़ का कार्यपालन यंत्री, तवा परियोजना, होशंगाबाद द्वारा वर्ष 2020 में प्रेषित प्रस्ताव मुख्य अभियंता, बोधी, जल संसाधन विभाग, भोपाल के पास परीक्षणाधीन है? यदि हाँ, तो कब से। इस संबंध में क्या निर्णय लिया गया? यदि हाँ, तो क्या यदि नहीं, तो कब तक किया जावेगा? (घ) क्या शासन सुनिश्चित करेगा कि 2021 की बारिश पूर्व पिचिंग का पुन: निर्माण/मरम्मत का कार्य अनिवार्यत: हो सके?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जी हाँ। पिचिंग का मरम्मत कार्य जल संसाधन विभाग द्वारा दिनांक 18.02.2021 को राशि रू. 01.40 लाख की लागत से पूर्ण कर दिया गया है। (ग) एवं (घ) तथ्यात्मक स्थिति यह है कि पिचिंग के सुदृढ़ीकरण हेतु राशि रू. 6.71 करोड़ का प्रस्ताव मुख्य अभियंता बोधी को तवा परियोजना मण्डल होशंगाबाद के पत्र दिनांक 24.12.2020 से प्रेषित किया गया था। मुख्य अभियंता बोधी द्वारा दिनांक 22.01.2021 को पिचिंग के सुदृढ़ीकरण कार्य हेतु मिटिगेशन फण्ड के उपयोग के संबंध में भारत सरकार से मार्ग-दर्शन प्राप्त न होने के कारण उक्त कार्य अन्य संबंधित मद से करने के संबंध में दिए गए निर्देश के परिपालन में मुख्य अभियंता होशंगाबाद द्वारा दिनांक 11.02.2021 को पिचिंग के सुदृढ़ीकरण का प्रस्ताव प्रमुख अभियंता को प्रेषित किया गया। प्रस्ताव प्रमुख अभियंता स्तर पर विचाराधीन है। शासन स्तर पर प्रस्ताव अप्राप्त है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पट्टे की शर्तों का उल्लंघन करने पर पट्टा निरस्तीकरण की कार्यवाही
[राजस्व]
39. ( क्र. 3445 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी, इटारसी श्री हरेन्द्र नारायण द्वारा अपने पत्र क्रं. 660/रीडर/अविअ/2020, दिनांक 09.03.2020 से प्रश्नकर्ता को अवगत कराया था कि जितेन्द्र राजवंशी द्वारा किसी प्रकार का अतिक्रमण नहीं किया गया है? (ख) क्या जितेन्द्र राजवंशी द्वारा आवंटित क्षेत्रफल से अधिक क्षेत्रफल पर निर्माण किया गया तथा जिस शीट पर भूखण्ड आवंटित हुआ उससे पृथक शीट पर निर्माण किया गया है? (ग) क्या न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व इटारसी द्वारा दिनांक 18.09.2020 को जितेन्द्र राजवंशी द्वारा किये गये अतिक्रमण हटाने के आदेश जारी किये गये थे? (घ) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पट्टे की शर्तों का उल्लंघन करने पर जितेन्द्र राजवंशी को आवंटित पट्टे निरस्त करने का अनुरोध किया गया था? क्या उक्त पट्टा निरस्त किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। प्रश्नकर्ता द्वारा पटटे की शर्तों का उल्लंघन करने पर जितेन्द्र राजवंशी को आवंटित पट्टे निरस्त करने का अनुरोध किया गया था जिसकी जाँच प्रचलन में है जाँच उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
राइस मिलरों द्वारा की जा रही अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
40. ( क्र. 3471 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना एवं रीवा जिले के अन्तर्गत कितनी राइस मिले वर्तमान में चालू हालत में हैं? उनके नाम, पार्टनर प्रोप्राइटर सहित बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) की राइस मिलों द्वारा विगत 2 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक किन-किन राइस मिलों द्वारा कितनी-कितनी धान मिलिंग हेतु नागरिक आपूर्ति निगम से प्राप्त की गई, कितनी मिलिंग की गई? मिलवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) की राइस मिलों द्वारा जमा किए चावल में से कितने लाट किस-किस राइस मिल के अमानक पाए गए? जानकारी देते हुए बतायें कि उस अमानक चावल का क्या किया गया? क्या उन राइस मिलरों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण पुलिस थाने में दर्ज किया गया? यदि नहीं, किया गया तो कब तक करेंगे। (घ) क्या रीवा जिले में विगत वर्षों में परिवहनकर्ताओं द्वारा कई ट्रक धान और गेहूँ वेयर हाउस में न पहुँचाकर गबन किया है अर्थात बाजार में विक्रय कर दिया गया है? उन प्रकरणों की क्या स्थिति है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रेत खदानों की रायल्टी
[खनिज साधन]
41. ( क्र. 3495 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले में ग्राम पंचायत से रेत खदानों का संचालन के दौरान में रायल्टी की राशि कितने घनमीटर हेतु किस दर से प्राप्त हुई है? रेत खदानवार विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ प्राप्त रायल्टी से 50 रूपये घनमीटर की राशि ग्राम पंचायतों को प्रदान करने का नियम था? तो उक्त राशि प्रश्नकर्ता व कलेक्टर सीधी के पत्राचार के बावजूद भी आज दिनांक तक संबंधित ग्राम पंचायत को क्यों प्रदाय नहीं की गई? कब तक उक्त राशि प्रदाय की जायेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश रेत नियम, 2018 अनुसार सीधी जिले में ग्राम पंचायत से 50/- रूपये प्रति घन मीटर से रेत की रॉयल्टी प्राप्त हुई है। खदानवार प्राप्त रॉयल्टी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) जी हाँ। मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्यापार) नियम, 2019 के नियम 21 में कार्य सुविधा, लेखा, संधारण व उत्तरदायित्व के समुचित निर्धारण के दृष्टिगत संशोधन प्रस्तावित होने से ग्राम पंचायतों को राशि अंतरित नहीं की जा सकी है। उक्त नियम के नियम 21 में संशोधन उपरांत ग्राम पंचायतों को राशि अंतरण की कार्यवाही की जा सकेगी।
मुख्यमंत्री जनकल्याण नया सवेरा संबल योजना
[श्रम]
42. ( क्र. 3509 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री जनकल्याण नया सवेरा संबल योजना में वर्ष 2019 में विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा, जिला राजगढ़ में कितने पंजीकृत हितग्राहियों को बिना सूचना दिए जनकल्याण पोर्टल पर अपात्र घोषित किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित अपात्र घोषित किए गए पंजीकृत हितग्राहियों में से कितने हितग्राहियों की दुर्घटना बीमारी अथवा प्राकृतिक मृत्यु हो गई है? (ग) क्या ऐसे हितग्राही जो नया सवेरा संभल पोर्टल पर पंजीकृत थे और उनको बिना सूचना के अपात्र घोषित किया गया, उनके मृत्यु दावा प्रकरण पोर्टल पर स्वीकृत हो पा रहे हैं? यदि नहीं, तो बिना सूचना के अपात्र घोषित किए गए इन हितग्राहियों के परिवारों के साथ हुए आर्थिक नुकसान के लिए कौन जिम्मेदार व उत्तरदायी होगा? (घ) विभाग से मृत पंजीकृत हितग्राहियों (जो बिना सूचना दिया अपात्र घोषित किए गए हैं) को पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आर्थिक सहायता भुगतान किए जाने हेतु अभियान चलाकर कोई कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों? विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा में नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में से कितने हितग्राहियों के आवेदन पोर्टल पर उन्हें अपात्र घोषित किए जाने से निरस्त हुए हैं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मुख्यमंत्री जनकल्याण नया सवेरा संबल योजना में वर्ष 2019 में विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा जिला राजगढ़ में शासन के निर्देशानुसार पंजीकृत हितग्राहियों का भौतिक सत्यापन वार्डवार दल गठित कर स्थल निरीक्षण द्वारा तथा ग्राम पंचायतों में दल गठित कर चौकिदारों से डोंडी पिटवाने के बाद भौतिक सत्यापन कराया गया है। बिना सूचना दिये किसी भी पात्र हितग्राही को पोर्टल पर अपात्र घोषित नहीं किया गया है। (ख) अपात्र घोषित व्यक्तियों के संबंध में जानकारी का संग्रहण नहीं किया जाता है। (ग) ऐसे हितग्राही जो संबल पोर्टल पर पंजीकृत थे उनकी मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना अन्तर्गत पात्रता के सत्यापन हेतु राज्य शासन द्वारा निर्देश क्रमांक 756/595/2019/ए-16 दिनांक 20.06.2019 द्वारा सचिव ग्राम पंचायत एवं वार्ड प्रभारी एवं नगरीय निकाय द्वारा डोर टू डोर सत्यापन किये जाने हेतु निर्देशित किया गया था। जिसके संदर्भ में जिलों में विहित प्राधिकारी द्वारा सत्यापन अभियान संचालित किया गया। पात्र चिन्हित श्रमिकों के आवेदन ही योजना अन्तर्गत स्वीकृति योग्य हैं अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) मृत पंजीकृत हितग्राही यदि योजना अन्तर्गत पात्र हैं। तो उसके विधिक वारिस को पोर्टल के माध्यम से हितलाभ प्रदान किया जाता है। अपात्र चिन्हित व्यक्ति को योजना अन्तर्गत लाभ नहीं दिया जाता है। राज्य शासन के पत्र क्रमांक 211/1581/2020/ए-16 दिनांक 12.02.2021 द्वारा अपात्र चिन्हित व्यक्ति अथवा उनके विधिक उत्तराधिकारी द्वारा पात्रता सत्यापन अभियान में किये गये विनिश्चयों से असंतुष्ट होने पर जिला कलेक्टर अथवा उनके द्वारा नामांकित अपर कलेक्टर के समक्ष अपील प्रस्तुत कर अपनी पात्रता/अपात्रता का विनिश्चिय कराया जा सकता है। विनिश्चय में पात्र पाये जाने पर हितग्राही द्वारा हितलाभ हेतु आवेदन किया जा सकेगा।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के पात्र हितग्राहियों को योजना का लाभ
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
43. ( क्र. 3557 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड जवा अंतर्गत प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के सत्र 2017 से 2020 तक कुल कितने कनेक्शन आवंटित किये गए? हितग्राहियों की ग्रामवार सूची प्रदाय की जाए? (ख) विकासखण्ड जवा अंतर्गत ऐसे कितने पात्र हितग्राही शेष हैं, जिनको इस योजना का लाभ अभी तक प्राप्त नहीं हो सका? ऐसे छूटे हुए वंचित पात्र हितग्राहियों को इस योजना का लाभ कब तक दिया जा सकेगा? (ग) क्या सूची में उल्लेखित नामों क्रमशः राजकुमारी वर्मा, शांति वर्मा, सियादुलारी वर्मा, कुसमी वर्मा, देवती वर्मा, मुन्नी बाई, तिजिया वर्मा, रेखा वर्मा, आशा देवी वर्मा, बिटोल वर्मा, समनी वर्मा, नथिया वर्मा के नाम से फर्जी तरीके से गैस सिलेंडर अन्य लोगों को बेच दिये गये? पात्र हितग्राहियों को उसका लाभ नहीं मिला, क्या इन गंभीर शिकायतों पर संबंधित गैस एजेंसी की जाँच की जावेगी? (घ) क्या दोषी एजेंसी एवं जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों पर दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? उक्त उल्लेखित वंचित हितग्राहियों को कब तक वास्तविक रुप से गैस सिलेण्डर प्राप्त हो सकेंगे?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) विकासखण्ड जवा अंतर्गत प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के सत्र 2017 से 2020 तक कुल 20986 कनेक्शन आवंटित किये गये है। पात्र हितग्राहियों की ग्रामवार सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विकासखण्ड जवा अंतर्गत समस्त पात्र हितग्राहियों को कनेक्शन प्रदाय किये जा चुके है। वर्तमान में कोई आवेदन लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, प्रश्न में उल्लेखित हितग्राहियों को योजना अंतर्गत कनेक्शन प्रदाय किये गये है। पात्र हितग्राहियों को योजना अंतर्गत लाभांवित किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
धणावा पथवारी डेम निर्माण कार्य निरस्त करने
[जल संसाधन]
44. ( क्र. 3571 ) श्री मनोज चावला : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पिपलौदा तहसील अंतर्गत ग्राम आंबा के पास धणावा पथवारी डेम निर्माण कार्य विभाग द्वारा किया जाना प्रस्तावित है यदि हाँ, तो बताएं कि क्या उक्त डेम योजना की डी.पी.आर. बनाते वक्त स्थानीय भूमि स्वामी, पंचायत और जनप्रतिनिधियों की इस संबंध में मांग की गई थी यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध कराए? (ख) उक्त डेम की डी.पी.आर. किन अधिकारियों और कर्मचारियों को देख-रेख में बनाई गई थी? (ग) क्या आंबा गांव के मजरे गांव लांबाखोरा, जामू डाबरा, बखतपुरा, बामनघाटी, गड़ी नाल, कुंडाल, माता की धार और भी कई गांव की आबादी, मकान, उपजाऊ भूमि व वन क्षेत्र पूरी तरह डूब में जा रहे हैं। (घ) क्या निर्माण के संबंध में पर्यावरण विभाग की NOC और डूब क्षेत्र का सर्वे करा लिया गया है यदि हाँ तो कुल कितनी भूमि, वन क्षेत्र, मकान, इस से प्रभावित होंगे। (ड.) क्या इस सम्बन्ध में दिनांक 9/2/2021 को ग्रामवासियों और जनप्रतिनिधियों द्वारा डेम निर्माण कार्य निरस्त करने हेतु कलेक्टर रतलाम को ज्ञापन दिया गया है यदि हां तो बताए की इस पर क्या कार्यवाही शासन द्वारा की गई है
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ, पिपलोदा तहसील अंतर्गत ग्राम आम्बा के पास प्रस्तावित घणावा (गणावा) पथवारी डैम पून्याखेड़ी तालाब योजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 20.09.2018 को दी जा चुकी है। जी हाँ, प्रश्नाधीन योजना का डी.पी.आर. बनाने के पूर्व स्थानीय भूमि स्वामी, पंचायत और जन-प्रतिनिधियों द्वारा इस संबंध में मांग की गई थी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) डी.पी.आर. कार्यपालन यंत्री के मार्गदर्शन में तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी एवं उपयंत्री द्वारा तैयार की गई थी। (ग) जी नहीं, पूरी तरह डूब में नहीं जा रहे हैं। (घ) प्रश्नाधीन योजना के लघु सिंचाई योजना होने के कारण पर्यावरण विभाग की NOC (स्वीकृति) की आवश्यकता नहीं है। विभाग द्वारा डूब क्षेत्र का सर्वे करा लिया गया है। डूब प्रभावित भूमि, वन क्षेत्र एवं मकान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''2'' अनुसार है। (ड.) जी हाँ। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
सर्प काटने पर मृत्यु पर आर्थिक सहायता
[राजस्व]
45. ( क्र. 3657 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कौशल सिंह सिकरवार पुत्र राम खिलाड़ी सिंह उम्र 15 वर्ष ग्राम खाड़ोली (कोका सिंह का पुरा) थाना देवगढ़ जिला मुरैना की दिनांक 05/11/2019 को सर्प काटने से मृत्यु हुई थी जिसका उपचार जयारोग्य, चिकित्सालय ग्वालियर में हुआ था? (ख) क्या मृतक के परिवारजनों द्वारा कई बार आवेदन देने के बावजूद तहसीलदार जौरा द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान नहीं की गई है? शासन की नीतियों प्राकृतिक जन हानि पीड़ित परिवार आर्थिक सहायता देने की हैं? (ग) क्या जयारोग्य चिकित्सालय समूह के ग्वालियर के संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक कार्यालय से दिनांक 14/08/2020 को पत्र क्रमांक 14354/एम.आर.डी./20, को तहसीलदार जौरा को स्पीड पोस्ट से मृतक के ईलाज संबंधी दस्तावेज अधीक्षक कार्यालय से पूर्व में पत्र क्रमांक 2194/एम.आर.डी./दिनांक 06/02/2020 को नायब तहसीलदार जौरा को भेज दिये गये हैं? इतने बड़े संस्थान के प्रमाणीकरण के बाद भी आर्थिक सहायता प्रदान नहीं करना क्या शासन की नीतियों की अनदेखी का प्रमाण हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कौशल सिंह सिकरवार पुत्र राम खिलाड़ी की मृत्यु इलाज के दौरान जयारोग्य चिकित्सालय ग्वालियर में दिनांक, 05/11/2019 को हुई थी। (ख) जी हाँ। मृतक के परिवारजनों द्वारा आर्थिक सहायता हेतु आवेदन प्रस्तुत किया था, सर्प के काटने से मृत्यु के संबंध में कोई प्रमाण न होने के कारण आवेदक का आवेदन पत्र राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के अंतर्गत पात्रता न होने से आर्थिक सहायता का प्रकरण निरस्त किया गया है। (ग) जी हाँ। जयारोग्य चिकित्सालय समूह के ग्वालियर के संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक कार्यालय से पत्र क्रमांक 14354/एम.आर.डी./20 दिनांक 14/08/2020 तहसीलदार जौरा को प्राप्त हुआ था, किन्तु उसके साथ कोई दस्तावेज प्राप्त नहीं हुऐ थे। अधीक्षक कार्यालय ग्वालियर का पत्र क्रमांक 2194/एम.आर.डी दिनांक 06/02/2020 की छायाप्रति आवेदक द्वारा तहसीलदार जौरा को प्रस्तुत की गयी थी। आर.बी.सी. 6-4 के अंतर्गत प्रावधान में आवेदक को पात्रता न होने से आवेदन पत्र निरस्त किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बाल श्रमिकों से काम लेने के प्रकरण
[श्रम]
46. ( क्र. 3660 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर नगर निगम सीमा में दुकानों, होटलों, अन्य संस्थाओं पर बाल श्रमिकों के कार्य करने के निरीक्षण वर्ष 2020 में कितनी बार किये गये? समय, क्षेत्र का नाम, मोहल्ला सहित पूर्ण जानकारी दी जावें। (ख) उक्त अवधि में बाल श्रमिकों से कार्य करवाने के कितने प्रकरण पंजीबद्ध हुये? उनकी संख्या बच्चों के नाम पते सहित जानकारी दी जावें। (ग) बाल श्रमिकों से काम लेने हेतु शासन की क्या नीति है? क्या उक्त नीति का अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा पालन किया जाता रहा है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) वर्ष 2020 में बाल एवं कुमार श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 के अंतर्गत ग्वालियर नगर निगम सीमा में कुल 10 संस्थानों में कुल 10 निरीक्षण किये गये। दिनांक, क्षेत्र का नाम, मोहल्ला एवं पूर्ण जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ख) वर्ष 2020 में बाल एवं कुमार श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 के अंतर्गत कुल 06 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है (जिसमें 07 बाल श्रमिक नियोजित होना पाया गया)। उक्त सभी प्रकरणों में मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी के समक्ष अभियोजन दायर किया गया है। जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। (ग) बाल श्रमिकों से काम लेने के संबंध में श्रम विभाग द्वारा बाल एवं कुमार (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 के अंतर्गत संबंधित नियोजकों के विरूद्ध कार्यवाही की जाती है। उक्त का पालन अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा कराया जाता है।
गैर खाते की भूमि का बंटन
[राजस्व]
47. ( क्र. 3714 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले की घोड़ाड़ोगरी तहसील के राजस्व अभिलेखों में दर्ज गैरखाते की दखल रहित भूमि का भूमिहीनों में बंटन किए जाने में भेदभाव पूर्ण कार्यवाही की जाकर 1965 के पहले से काबिलों को प्रश्नांकित दिनांक तक भी पट्टा वितरित नहीं किया गया? (ख) तहसील के किस ग्राम में गैरखातें की किस मद में कितनी भूमि निस्तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख में दर्ज रही है? इसमें से कितनी भूमि कितने भूमिहीनों को किस आदेश क्रमांक दिनांक से आवंटित की गई? निस्तार पत्रक में दर्ज किस खसरा क्रमांक का कितना रकबा वर्तमान में किसके नाम पर दर्ज है? (ग) तहसील के अंतर्गत बनाई गई सामूहिक कृषि सहकारी समितियों को आवंटित भूमि पर 1965-66 के पहले से काबिजों को किन कारणों से पट्टा प्रश्नांकित दिनांक तक भी वितरित नहीं किया? यह भूमि निस्तार पत्रक में किस मद में दर्ज है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) तहसील घोड़ाड़ोगरी अंतर्गत आने वाले समस्त ग्रामों में गैरखाते की भूमि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार निस्तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख में दर्ज रही है। उपलब्ध अभिलेख अनुसार भूमिहीनों को आवंटित भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। निस्तार पत्रक में दर्ज खसरा क्रमांक रकबा एवं वर्तमान अभिलेख की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) तहसील घोड़ाड़ोगरी अंतर्गत बनाई गई सामूहिक कृषि सहकारी समितियों को आवंटित भूमि पर 1965-66 के पहले से काबिजों को भूमि मद बड़े झाड़ के जंगल में दर्ज होने के कारण, पट्टा वितरित नहीं किया गया। यह भूमि निस्तार पत्रक में बड़े झाड़ के जंगल मद में दर्ज है।
पट्टे का वितरण
[राजस्व]
48. ( क्र. 3715 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले के घोड़ाडोंगरी एवं शाहपुर तहसील के राजस्व ग्रामों की 31.12.1976 तक के अतिक्रमणकारियों को पट्टे पर वितरित भूमि की प्रविष्टि अधीक्षक भू-अभिलेख बैतूल ने प्रश्नांकित दिनांक तक भी ग्राम की संशोधन पंजी, निस्तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख में दर्ज नहीं करवाई? (ख) अधीक्षक भू-अभिलेख ने इन दोनों तहसील के किस ग्राम के किस खसरा नम्बर के कितने रकबे का पट्टा कितने व्यक्तियों को दिया? उस पट्टे का ब्यौरा संशोधन पंजी, निस्तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख में प्रश्नांकित दिनांक तक भी दर्ज नहीं किए जाने का क्या कारण रहा है? (ग) पट्टे पर आवंटित भूमि निस्तार पत्रक में किस मद एवं किस प्रयोजन के लिए दर्ज भूमि रही है? प्रयोजन परिवर्तन का आदेश कलेक्टर बैतूल ने भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 (2) के अनुसार किन-किन कारणों से प्रश्नांकित दिनांक तक भी जारी नहीं किया? (घ) 237 (2) के तहत आदेश जारी कर पट्टे का विवरण, संशोधन पंजी एवं निस्तार पत्रक में दर्ज किए जाने के संबंध में क्या कार्यवाही की जा रही है? कब तक की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। राजस्व अभिलेखों में संशोधन पंजी एवं खसरा अभिलेख में दर्ज है। (ख) तहसील घोड़ाडोंगरी एवं शाहपुर अंतर्गत पट्टे वितरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। तहसील शाहपुर में कुल राजस्व ग्राम 43 के खसरा नंबर के कुल रकबा 152.764 हेक्टर का पट्टा 181 व्यक्तियों को दिया गया है। तहसील घोड़ाडोंगरी के अंतर्गत अतिक्रमणकारियों को पट्टे पर वितरित भूमि की प्रविष्टि राजस्व अभिलेख संशोधन पंजी एवं खसरा अभिलेख में दर्ज है। तहसील शाहपुर के पट्टे वितरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' में सम्मिलित सूची अनुसार राजस्व अभिलेख में दर्ज है तथा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' में दी गई सूची का संबंधित अभिलेख में इन्द्राज नहीं है। (ग) तहसील घोड़ाडोंगरी में पट्टे पर आवंटित भूमि बड़े झाड़/छोटे झाड़ के जंगल मद में दर्ज रही है तथा तहसील शाहपुर में पट्टे पर आवंटित भूमि बड़े झाड़/छोटे झाड़ के जंगल व पहाड चट्टान मद में दर्ज रही है। प्रयोजन परिवर्तन हेतु विधिवत प्रस्ताव प्राप्त होने के उपरांत ही धारा 237 (2) के तहत प्रकरण का परीक्षण कर आदेश पारित किया जाता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं में किये जा रहे भ्रष्टाचार
[सहकारिता]
49. ( क्र. 3732 ) श्री संजय यादव : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा के प्रश्न क्र. 1247 उत्तर दिनांक 18.03.2020 के जवाब में 16 अवैधानिक रजिस्ट्रियों को निरस्त करने के निर्देश दिये थे तो क्या उक्त निरस्त की कार्यवाही पूर्ण हो गई है? यदि हाँ, तो आदेश क्रमांक, दिनांक बतायें। यदि नहीं, तो कब तक की जायेगी? (ख) क्या कार्यालय उपायुक्त सहकारिता जिला भोपाल के पत्र क्र. 1626, दिनांक 11.03.2020 में गठित जाँच दल द्वारा जाँच प्रतिवेदन दे दिया है? यदि हाँ, तो उस पर की गई कार्यवाही से अवगत करायें। यदि जाँच प्रतिवेदन नहीं दिया गया है तो कब तक दिया जावेगा? क्या जाँच कमेटी गठित के बाद संबंधित समितियों द्वारा भूखण्ड का पंजीयन करवाया गया है? यदि हाँ, तो सूची दी जाए एवं क्या सहकारी सोसायटी अधिनियम के अध्याय 8-क, पालन हुआ है? (ग) भोपाल की कौन-कौन सी सहकारी गृह निर्माण समिति में प्रशासक कब से नियुक्त हैं? प्रशासक नियुक्ति संबंधी क्या प्रावधान हैं एवं कार्यकाल क्या है एवं प्रशासक के उत्तरदायित्व क्या हैं? प्रशासक द्वारा अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन न करने पर क्या कार्यवाही की जाती है? (घ) सहकारी सोसायटी अधिनियम के अध्याय 8-क, में क्या प्रावधान है? प्रति उपलब्ध करायें। विगत 5 वर्षों में इस प्रावधान का पालन भोपाल की किन समितियों ने नहीं किया है? उनकी सूची देवें एवं पालन नहीं करने पर किन-किन पर अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। विधानसभा प्रश्न क्र. 1247 दिनांक 18.03.2020 के जवाब में 16 रजिस्ट्री निरस्त करने के निर्देश दिये गये थे। उप आयुक्त सहकारिता जिला भोपाल द्वारा संस्था प्रशासक को 16 रजिस्ट्री निरस्त करने हेतु पत्र निर्देश किया गया था, पुनः कार्यालय उप आयुक्त सहकारिता जिला भोपाल के पत्र क्रमांक/3700/विधि/दिनांक 18.11.2020 के द्वारा 16 रजिस्ट्री निरस्त कराने हेतु पत्र लिखा गया था। निरस्ती की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। गठित जाँच दल द्वारा दिनांक 05.03.2021 को जाँच प्रतिवेदन दिया गया है। प्रतिवेदन परीक्षणाधीन है। जानकारी एकत्र की जा रही है। मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 के अध्याय 8 (क) के प्रावधानों का पालन नहीं हुआ है। (ग) भोपाल की गृह निर्माण संस्थाओं में प्रशासकों की नियुक्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 49 (7) (क) (ख), 53 (1),53 (12) के प्रावधानों के अंतर्गत प्रशासक की नियुक्ति की जाती है। तत्संबधी सहकारी अधिनियम के प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। प्रशासक का उत्तरदायित्व रजिस्ट्रार के नियंत्रण के तथा ऐसे अनुदेशों जो वह समय-समय पर दे, अध्याधीन रहते हुए, संचालक मंडल की या सोसायटी के किसी अधिकारी को समस्त शक्तियों का या उनमें से किसी शक्ति का प्रयोग करने तथा उसके समस्त कृत्यों पर उनके से किसी कृत्य के निर्वहन और समस्त ऐसी कार्यवाहियां जो सोसायटी के हित में अपेक्षित है, करने की शक्ति होगी। प्रशासक द्वारा अपने उत्तर दायित्व को निर्वहन न करने की दशा में सेवा नियमों के अंतर्गत कार्यवाही की जाती है। (घ) सहकारी अधिनियम के अध्याय 8-क के प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। गत 05 वर्षों में पालन न करने तथा प्रकरण पंजीबद्ध करने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है।
मुरैना जिले में सुविधायें संचालित योजनाऐं
[परिवहन]
50. ( क्र. 3759 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना में परिवहन विभाग द्वारा कौन-कौन सी कार्य योजना कहाँ-कहाँ संचालित हैं? (ख) जिला मुरैना में परिवहन विभाग द्वारा वर्ष 2018-19 व वर्ष 2019-20 में कितने बस परमिट जारी? किस रूट पर जारी किए गए हैं? गाड़ी का नम्बर और मालिक सहित सूची उपलब्ध करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) परिवहन विभाग द्वारा मोटरयान अधिनियम 1988 तथा उसके अधीन निर्मित नियमों में विहित प्रावधानों तथा शासन द्वारा घोषित विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं का कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जाता है। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय मुरैना द्वारा पृथक से कोई कार्य योजना संचालित नहीं की गई है। (ख) जिला मुरैना में वर्ष 2018-19 एवं वर्ष 2019-20 में जारी किये गये परमिट, रूट, वाहन क्रमांक तथा वाहन स्वामियों को स्वीकृत किये गये स्थाई व अस्थाई परमिटों की सूची क्रमशः पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' तथा 'ब' अनुसार है।
मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना
[श्रम]
51. ( क्र. 3799 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) सेवा योजना के मापदण्ड एवं शर्तें क्या हैं? (ख) मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना के अंतर्गत वर्ष 2020-21 में जिला नरसिंहपुर, सागर एवं दमोह में कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना के अंतर्गत वर्ष 2020-21 में जिला नरसिंहपुर, में 4788, जिला सागर में 5687 एवं दमोह में 3586 हितग्राहियों को विभाग द्वारा लाभान्वित किया गया है।
नजूल टैक्स की वसूली
[राजस्व]
52. ( क्र. 3823 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र उत्तर-मध्य एवं पूर्व क्षेत्र जबलपुर स्थित किन-किन वार्डों के कितने-कितने नजूल भूमि पट्टाधारक भवन स्वामी से नजूल टैक्स की कितनी-कितनी राशि वसूल करना बकाया है? इसकी वसूली हेतु जिला प्रशासन ने क्या प्रयास किये हैं? कितने-कितने भवन स्वामियों ने नजूल पट्टे की भूमि का नवीनीकरण व नामांतरण नहीं कराया है? वर्ष 2020-21 की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में नजूल संबंधी प्रकरणों के निराकरण हेतु दिनांक 01/02/201 एवं दिनांक 02/02/2021 को सिटी कोतवाली थाना में किस-किस स्तर के किन-किन कर्मचारियों/अधिकारियों ने भाग लिया? इसमें कितने-कितने प्रकरणों का निराकरण कर नजूल टैक्स की कितनी-कितनी राशि की वसूली की गई है? कितने भवन स्वामियों को नजूल टैक्स की बकाया राशि की जानकारी दी गई है? (ग) कोतवाली थानांतर्गत मानिक अग्रवाल रद्दी वाला के मकान से पुरानी राजा रसगुल्ला स्थित गली के किन-किन नजूल पट्टाधारक भवन स्वामी से नजूल टैक्स की कितनी राशि वसूल करना बकाया है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिले की विधानसभा क्षेत्र उत्तर, मध्य एवं पूर्व क्षेत्र जबलपुर अंतर्गत वर्ष 2020-21 में तहसील रांझी अंतर्गत मदन महल मालवीय वार्ड, लोकमान्य तिलक वार्ड, श्यामा प्रसाद मुकर्जी वार्ड, द्वारका प्रसाद मिश्र वार्ड, सेठ गोविंद दास वार्ड, सिद्धबाबा बार्ड, शीतलामाई वार्ड, महर्षि अरविंद वार्ड रांझी अनुभाग के पट्टाधारक से नजूल टैक्स रूपये 339519/-नजूल टैक्स बकाया है। नवीनीकरण हेतु 7224 भवन स्वामी शेष है। तहसील अधारताल अंतर्गत 12 वार्ड डॉ. राजेन्द्र प्रसाद वार्ड, पं. भवानी प्रसाद वार्ड, महात्मा गांधी वार्ड, जवाहरगंज वार्ड, गोविंद वल्लभ पंत वार्ड, खेरमाई वार्ड, हनुमानताल वार्ड, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद वार्ड, राजीव गांधी वार्ड, कस्तूरबा गांधी वार्ड, रविन्द्रनाथ टैगोर वार्ड, असफाक उल्ला खाँ वार्ड अंतर्गत नजूल ब्लॉक 1 से 69 एवं 76 से 80 आते हैं। वर्ष 2020-21 की स्थिति में तहसील अंतर्गत 15155 पट्टे आवंटित है जिनमें 6445 पट्टों का नवीनीकरण हो चुका है जिनकी शमन राशि, प्रब्याजी एवं भू-भाटक की राशि नवीनीकरण दौरान ही शासकीय कोषालय में जमा करा ली जाती है। तहसील अंतर्गत 8710 पट्टे नजूल नवीनीकरण हेतु शेष है। इनमें नवीनीकरण एवं वसूली हेतु जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर शिविरों का आयोजन किया जाता है। सितंबर 2020 में नवीन नजूल निर्वर्तन नियम लागू होने से शमन राशि प्रब्याजी एवं भू-भाटक की गणना विधि में शासन द्वारा परिवर्तन किया गया है जिससे नवीनीकरण से शेष 8710 पट्टेधारियों के द्वारा अभिलेख उपलब्ध कराने के बाद कुल वसूली की गणना की जा सकेगी। चूकि स्थाई पट्टे पर प्राप्त नजूल भूमि के नामांतरण एवं बटवारा नियमों के तहत् फौती क्रय विक्रय दान वसीयत हकत्याग, बटवारा आदि के आधार पर होते है इस कारण यह बताया जाना संभव नहीं है कि कितने-कितने भवन स्वामियों ने नजूल पट्टे की भूमि का नवीनीकरण एवं नामांतरण नहीं कराया गया है। (ख) जिले के सिटी कोतवाली थाना में दिनांक 01.02.2021 एवं दिनांक 02.02.2021 को नजूल संबंधी प्रकरणों के निराकरण हेतु शिविर में अनुविभागीय अधिकारी/ तहसीलदार/राजस्व निरीक्षक स्तर के अधिकारी एवं कर्मचारी द्वारा भाग लिया गया। जिसमें नवीनीकरण हेतु 06 आवेदन प्राप्त पत्र हुए। शिविर में नजूल टैक्स की बकाया राशि वसूली निरंक है। शिविर में 12 व्यक्तियों को जानकारी दी गई। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है।
पनागर के अंतर्गत गरीबी रेखा के कार्ड
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
53. ( क्र. 3873 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विषयांतर्गत गरीबी रेखा के सर्वे में पात्र होने के बाद भी कार्ड रद्द किये जाते हैं? ऐसा क्यों? (ख) यदि नहीं, तो बतायें कि विषयांकित किस क्षेत्र में तहसील एवं विकासखण्ड अनुसार कितने कार्ड बनाये गये? (ग) प्रश्न दिनांक की स्थिति में प्रश्नांश (ख) के अनुसार इनमें से कितने कार्ड रद्द किये गये?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) विधानसभा क्षेत्र पनागर अंतर्गत विकासखण्ड पनागर में 27757 एवं विकासखण्ड जबलपुर में 9560 कार्ड, कुल 37317 बी.पी.एल. कार्ड प्रचलित हैं। (ग) प्रश्न दिनांक की स्थिति में पात्र व्यक्तियों का कोई कार्ड रद्द नहीं किया गया है।
स्थाई मजदूरों का नियमितीकरण
[श्रम]
54. ( क्र. 3925 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में जो भारी उद्योग स्थापित है उनमें जो स्थाई मजदूर कार्यरत है, उन्हें नियमित किए जाने के नियम है? (ख) यदि हाँ, तो कितने दिनों नियम से अवगत करावें। (ग) क्या नियमित मजदूर को फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा बिना किसी कारण, निकालने के प्रावधान है, यदि हाँ, तो नियम से अवगत कराएं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। श्रम कानूनों में मजदूरों को नियमित किये जाने संबंधी नियम नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विभाग द्वारा शून्य ब्याज पर ऋण की जानकारी
[सहकारिता]
55. ( क्र. 3968 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन सहकारिता विभाग द्वारा शून्य ब्याज पर ऋण देने का क्या प्रावधान है? इस हेतु क्या नियम, प्रक्रिया, प्रचलन में है? उसकी फोटो प्रति सहित उपलब्ध कराई जावे। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में तहसील कैलारस, सबलगढ़ जिला मुरैना अर्थात विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 3 सबलगढ़ के कृषकों को शून्य ब्याज पर ऋण प्रदाय किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में विधान सभा क्षेत्र क्रमांक 3 सबलगढ़ जिला मुरैना में कितने-कितने कृषकों द्वारा आवेदन प्रस्तुत किये, की जानकारी जनवरी, 2017 से जनवरी, 2021 तक ऋण प्रदाय किये। (घ) क्या उपरोक्तानुसार प्राप्त आवेदनों के सभी आवेदकों को ऋण प्राप्त हो चुका है अथवा शेष है? शेष को कब तक ऋण प्रदाय कर दिया जावेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) सहकारिता विभाग द्वारा शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर अल्पावधि कृषि ऋण दिए जाने के संबंध में सहकारिता विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 3-4/2017/15-1, दिनांक 08.02.2021 से 2019-20 से संबंधित जारी योजना की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जनवरी 2017 से जनवरी, 2021 तक 5212 कृषकों के द्वारा आवेदन प्रस्तुत किए गए समस्त 5212 कृषकों को राशि रूपये 808.04 लाख का ऋण प्रदाय किया गया। (घ) सभी आवेदकों को ऋण प्रदाय किया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
फसलों पर मौसम एवं जलवायु का विपरीत प्रभाव
[राजस्व]
56. ( क्र. 4042 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत पांच वर्षों तक मध्यप्रदेश में फसलों पर मौसम एवं जलवायु का विपरीत प्रभाव के कारण कृषकों की फसल मौसम अतिवृष्टि, सूखा एवं विभिन्न आपदाओं से हुये नुकसान का आकलन किया गया है? यदि हाँ, तो भोपाल जिले में नुकसान की संक्षिप्त जानकारी दी जायें। (ख) मौसम तथा आपदाओं में प्रतिकूल प्रभाव से कृषकों को हो रही हानि के बचाव के लिये शासन द्वारा क्या कन्टेन्जेंसी प्लान तैयार है? यदि हाँ, तो वर्ष 2020-21 में उनका कितना प्रति माह अनुपालन किया गया? प्लान अनुसार बताया जाये। (ग) मौसम एवं फसल आपदाओं से फसलों में बचाव हेतु सरकार द्वारा लघु एवं दीर्घकालीन योजनाओं में कितना व्यय किया गया? पृथक-पृथक बताया जाये।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। भोपाल जिले में फसलों पर मौसम एवं जलवायु का विपरीत प्रभाव के कारण कृषकों की फसल मौसम अतिवृष्टि, सूखा एवं विभिन्न आपदाओं से हुये नुकसान का कुल आकलन राशि रूपयें 1,57,89,80,134/-सहायता दी गयी है। (ख) मौसम की विपरीत परिस्थितियों हेतु राज्य स्तर पर खरीफ एवं रबी फसलों हेतु मॉडल आकस्मिक कार्ययोजना तैयार की जाती है। साथ ही जिला स्तर पर स्थानीय आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए जिला स्तरीय आकस्मिक कार्ययोजना तैयार की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रत्येक वर्ष मौसम की विपरीत परिस्थितियों हेतु राज्य स्तर पर खरीफ एवं रबी फसलों हेतु मॉडल आकस्मिक कार्ययोजना तैयार की जाती है, जिसे जिला स्तर पर उपलब्ध कराया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उद्योग हेतु भूमि आरक्षित करने
[राजस्व]
57. ( क्र. 4056 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिला मुख्यालय पर उद्योगों को लगाये जाने हेतु शासन स्तर पर कोई भूमि आरक्षित की गई है? यदि हाँ, तो कहाँ की गई? (ख) हाँ तो आरक्षित की गई भूमि का पटवारी हल्का नं., सर्वे न. रकवा की जानकारी सहित उपलब्ध कराएं। नहीं तो कारण बताएं।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री सम्मान निधि की राशि अपात्रों को दिया जाना
[राजस्व]
58. ( क्र. 4092 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत इस वित्तीय वर्ष में किसानों को सम्मान निधि की राशि दी गई है? यदि हाँ, तो किस-किस जिले में कितने-कितने किसानों को कितनी-कितनी राशि उनके खाते में डाली गई हैं? (ख) क्या अपात्र किसानों को भी प्रधानमंत्री सम्मान निधि की राशि उनके खाते में डाली गई है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन दोषी है और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) आवेदक द्वारा गलत जानकारी दिये जाने के कारण कुछ अपात्र हितग्राही को राशि प्राप्त हुई है। अपात्रता की जानकारी प्राप्त होने पर नियम संगत कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
समर्थन मूल्य पर शासन की नीति
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
59. ( क्र. 4127 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसान के खरीफ एवं रबी की फसलें क्रय करने हेतु शासन ने प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या नियम बनाये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि टीकमगढ़ जिले में प्रश्न दिनांक तक गत वर्ष कहाँ-कहाँ उपरोक्त फसलों के क्रय हेतु केन्द्र बनाये गये थे एवं भविष्य में फसलों के लिये कहाँ-कहाँ किस मापदण्ड के आधार पर बनाये जा रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि गत वर्ष कहाँ-कहाँ के किसानों को क्रय केन्द्रों पर फसलों के विक्रय में परेशानियों का सामना करना पड़ा था और क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि क्या विधायकों से किसानों को फसल बेचने हेतु क्रय केन्द्र सुविधा की दृष्टि से बनाने हेतु प्रस्ताव लिखित में लिये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। समर्थन मूल्य पर खरीफ एवं रबी की फसलें उपार्जन हेतु जारी नीति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) रबी विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन हेतु टीकमगढ़ जिले में 113 उपार्जन केन्द्र स्थापित किए गए थे। उपार्जन केन्द्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। रबी विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन हेतु उपार्जन केन्द्रों का निर्धारण जिला उपार्जन समिति द्वारा किया जाएगा। उपार्जन नीति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) टीकमगढ़ जिले में रबी विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन में सामान्यत: किसानों को अपनी उपज विक्रय करने में कोई परेशानी परिलक्षित नहीं हुई है। जिले में खरीफ फसलों का रकबा नहीं होने के कारण उपार्जन केन्द्र स्थापित नहीं किए गए हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न उपार्जन हेतु उपार्जन केन्द्रों का निर्धारण जिला उपार्जन समिति द्वारा उपार्जन नीति के प्रावधान अनुसार किया जाता है। माननीय जनप्रतिनिधि द्वारा उपार्जन केन्द्र निर्धारण के संबंध में जिला उपार्जन समिति को लिखित में प्रस्ताव प्रेषित किया जा सकता है, जिस पर जिला उपार्जन समिति द्वारा उपार्जन नीति के परिप्रेक्ष्य में उपार्जन केन्द्र निर्धारण के संबंध में निर्णय लिया जा सकेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खाद्यान्न का समर्थन मूल्य पर उपार्जन और भंडारण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
60. ( क्र. 4133 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्न क्रमांक – 2207, दिनांक–17/07/2019 के तारतम्य में विगत-02 वर्षों के रबी/खरीफ उपार्जन वर्षों में किन-किन खरीदी केन्द्रों में क्या-क्या अनियमितता किस प्रकार ज्ञात हुई और प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गयी? (ख) खरीदी-केन्द्रों में बारदानों की आपूर्ति की ज़िम्मेदारी किस कार्यालय/विभाग की होती हैं? इसके क्या नियम/निर्देश हैं? क्या वर्ष 2019-20 से कटनी-जिले में बारदानों के अभाव में खरीदी कार्य प्रभावित हुआ हैं? हाँ, तो इसके क्या कारण रहे और इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं? क्या कार्यवाही की गयी? (ग) क्या खाद्य कार्यालय कटनी के पत्र दिनांक 21/12/2020 एवं 05/01/2021 से जिला-प्रबन्धक नान कटनी को बारदाना के लिए पत्राचार किया गया था? यदि हाँ, तो क्यों और बारदानों की अनुपलब्धता से धान का उपार्जन/ परिवहन/भंडारण एवं भुगतान में खरीदी केंद्रवार कितना विलंब हुआ? क्या इस लापरवाही पर कोई कार्यवाही की गयी? हाँ, तो क्या? नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के तहत कटनी जिले में खाद्यान्न के उपार्जन में लगातार गंभीर अनियमितता होने का संज्ञान लिया जाकर शासन स्तर से जांच/कार्यवाही की जायेगी और प्रदेश में केंद्रीयकृत व्यवस्था से समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न का उपार्जन किया जायेंगा? हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
संविदा अधिकारियों/कर्मचारियों का वेतन पुनरीक्षण
[राजस्व]
61. ( क्र. 4141 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश राजस्व विभाग के आदेश क्रमांक एफ 3-24/सात/शा-5/2011 दिनांक 15/09/2011 अनुसार म.प्र. लोक सेवाओं के प्रदाय की गारंटी अधिनियम 2010 के प्रभावी प्रशासन हेतु कौन-कौन से पद स्वीकृत हुए थे? क्या उक्त पद किसी परियोजना हेतु स्वीकृत थे? यदि हाँ, तो परियोजना का नाम और कार्यावधि बताइयें। (ख) प्रश्नांश (क) पद पर कार्यरत कर्मियों को लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 के प्रभावी प्रशासन के लिए नियुक्त किया गया था? यदि हाँ, तो प्रबन्धक (लोक सेवा) एवं कार्यालय सहायक का वेतन पुनरीक्षण सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र दिनांक 5 जून 2018 अनुसार 90 प्रतिशत क्यों नहीं किया गया? क्या इस संबंध में शासन/विभाग स्तर पर कोई प्रस्ताव विचाराधीन हैं? यदि हाँ, तो क्या? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या विभाग द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग म.प्र. शासन को वेतन पुनरीक्षण के लिए कोई प्रस्ताव भेजा गया हैं? यदि हाँ, तो प्रस्ताव पर क्या कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक की गयी? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के तहत संविदा अधिकारियों/कर्मचारियों के वेतन पुनरीक्षण हेतु किन-किन माननीय जनप्रतिनिधियों के पत्र कब-कब प्राप्त हुये तथा उन पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गयी और आगे क्या कार्यवाही कर विभाग के जिलों में कार्यरत प्रबन्धकों के वेतन का पुनरीक्षण कब तक किया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र. शासन लोक सेवा प्रबंधन विभाग का ज्ञाप क्र. 447/2011/लो.से.प्र./61 दिनांक 14/7/2011 द्वारा म.प्र. लोक सेवा प्रदान की गारंटी अधिनियम 2010 के तहत् अधिसूचित सेवाओं को प्रदान करने की प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करने एवं नियमित अनुश्रवण में जिला कलेक्टर की सहायता हेतु म.प्र. शासन लोक सेवा प्रबंधन विभाग द्वारा प्रत्येक जिले हेतु संविदा आधार पर जिला प्रबंधक (लोक सेवा) एवं कार्यालय सहायक का एकल पद समस्त जिले हेतु स्वीकृत किये गये हैं। (संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है) जिसके परिप्रेक्ष्य में म.प्र. शासन राजस्व विभाग द्वारा जिला प्रबंधक (लोक सेवा) के 50 पद एवं कम्प्यूटर ऑपरेटर के 50 पदों की स्वीकृति, आदेश क्र. एफ 3-24/सात/शा-5/2011 दिनांक 15/09/2011 से जारी किया गया है। (संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।) (ख) जी हाँ, प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पदों पर कार्यरत कर्मियों को म.प्र. लोक सेवा प्रदान की गारंटी अधिनियम 2010 के तहत् अधिसूचित सेवाओं के क्रियान्वयन हेतु नियुक्त किया गया था तथा म.प्र. शासन लोक सेवा प्रबंधन विभाग का ज्ञाप क्र. एफ 6-6/2019/लोसेप्र/61 दिनांक 13/06/2019 (संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है) द्वारा म.प्र. सामान्य प्रशासन विभाग का परिपत्र क्रमांक सी-5-2/2018/1/3, दिनांक 5 जून 2018 के परिप्रेक्ष्य में लोक सेवा प्रबंधन विभाग की सहमति लिये बगैर उक्त पदों का कोई वेतन पुनरीक्षण न किये जाने का लेख किया गया है, जिस कारण प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पदों का वेतन पुनरीक्षण राजस्व विभाग द्वारा नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। प्रक्रियाधीन है। (घ) जानकारी निरंक। समय-सीमा बताई जाना सम्भव नहीं है।
म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 115, 116 में संशोधन करने
[राजस्व]
62. ( क्र. 4234 ) श्री रघुनाथ सिंह मालवीय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजस्व अभिलेखों में कार्यालीन त्रुटियों, सूक्ष्म, त्रुटि के संशोधन, सुधार के अधिकार कलेक्टर/अनुविभागीय अधिकारी को दिये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो धारा 115, 116 में संशोधन के बाद से कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी एवं कलेक्टर कार्यालय में आज दिनांक तक कितने प्रकरण लंबित हैं? संख्यावार बतावें। (ग) रिकार्ड दुरस्ती हेतु कृषकों को महीनों कलेक्टर कार्यालय व तहसील कार्यालय के चक्कर लगाना पड़ रहा है क्यों? (घ) यदि नहीं, तो म.प्र. के कृषकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुये धारा 115, 116 में संशोधन करने हेतु आवश्यक कार्यवाही करेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ l (ख) जिलेवार कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी एवं कलेक्टर कार्यालय में लंबित प्रकरणों का संख्यावार संलग्न परिशिष्ट अनुसार हैl (ग) जी नहीं। रिकार्ड दुरूस्ती के प्रकरणों को RCMS पोर्टल पर दर्ज कर समय-सीमा में निराकरण किया जा रहा है l आवश्यकता पड़ने पर कृषकों को साक्ष्य/दस्तावेज प्रस्तुत करने हेतु अनुविभागीय अधिकारी अथवा तहसील कार्यालय में उपस्थित होना होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के सन्दर्भ में प्रश्न उद्भूत नहीं होता l
लोक सेवा गारन्टी अधिनियम के अन्तर्गत दी जाने वाली सेवाएं
[लोक सेवा प्रबन्धन]
63. ( क्र. 4280 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक सेवा गारन्टी अधिनियम की प्रति देवें तथा बतावें कि इसमें 31 जनवरी 2021 के अनुसार कितनी सेवाएं शामिल है? उन सेवाओं के नाम तथा अवधि सहित सूची देवें। (ख) उक्त अधिनियम में किस-किस विभाग की कौन-कौन सी सेवाएं शामिल हैं तथा कौन-कौन सी सेवाएं शामिल नहीं है। तथा उन्हें क्यों नहीं शामिल किया गया है? (ग) क्या विभाग के पास यह सूची है कि किस-किस विभाग में कितने प्रकार की सेवाएं हैं? हाँ तो उनकी प्रति देवें। यदि नहीं, तो बतावें की किस विभाग कि कौन सी सेवा को शामिल करना या नहीं करना, यह कैसे तय किया जाता है? (घ) प्रश्नाधीन अधिनियम में गृह विभाग की कितनी सेवाओं में से कितनी सेवाएं शामिल हैं तथा कितनी और कौन-कौन सी सेवाओं को शामिल करना विचाराधीन है? (ड.) अधिनियम के तहत वर्ष 2019 तथा वर्ष 2020 में रतलाम जिले के अन्तर्गत लोक सेवा केन्द्रों में किस-किस विभाग के कितने आवेदन आये? कितनों पर समयावधि पर काम नहीं हुआ तथा जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही कि गई?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) लोक सेवा गारन्टी अधिनियम 2010 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। सेवाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ख) अधिनियम में शामिल सेवाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। लोक सेवा गारंटी अधिनियम अंतर्गत सेवाओं को अधिसूचित किये जाने हेतु संबंधित विभाग द्वारा सहमति के साथ प्रस्ताव प्रेषित किया जाता है एवं प्रेषित प्रस्ताव पर म.प्र. लोक सेवा प्रदाय की गारंटी अधिनियम 2010 की धारा 3 के अंतर्गत सेवाओं को अधिसूचित किया जाता है। शेष प्रश्नांश के उत्तर का प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी नहीं, लोक सेवा गारंटी अधिनियम अंतर्गत विभिन्न विभागों की अधिसूचित सेवाओं की सूची उपलब्ध है, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। लोक सेवा गारंटी अधिनियम अंतर्गत सेवाओं को अधिसूचित किये जाने हेतु संबंधित विभाग द्वारा सहमति के साथ प्रस्ताव प्रेषित किया जाता है एवं प्रेषित प्रस्ताव पर म.प्र. लोक सेवा प्रदाय की गारंटी अधिनियम 2010 की धारा 3 के अंतर्गत सेवाओं को अधिसूचित किया जाता है। (घ) गृह विभाग द्वारा प्राप्त प्रस्ताव अनुसार 36 सेवाओं को लोक सेवा गारंटी अधिनियम अंतर्गत अधिसूचित कर अधिसूचना जारी की जा चुकी है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''स'' अनुसार है। (ड.) अधिनियम के तहत रतलाम जिले में संचालित समस्त 09 लोक सेवा केन्द्रों पर विभिन्न विभागों की सेवाओं के वर्ष 2019 में कुल 1,99,519 तथा वर्ष 2020 में कुल 1,61,844 आवेदन प्राप्त हुए। उक्त आवेदनों की विभागवार संख्यात्मक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है। समयावधि में सेवा कार्य प्रदान नहीं किये जाने पर संबंधित पदाभिहित अधिकारी को कारण बताओं सूचना पत्र जारी कर जवाब प्राप्त किया गया। सीएमओ बड़ावदा का जवाब संतोषजनक नहीं होने पर द्वितीय अपीलीय अधिकारी द्वारा संबंधित पदाभिहित अधिकारी पर अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ड'' अनुसार है।
अवैध उत्खनन कर अवैध वसूली
[खनिज साधन]
64. ( क्र. 4300 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले के ग्राम कजली डोंगरी में कौन-कौने से मुख्य खनिज की लीज किस-किस के नाम पर कब-कब से स्वीकृत है? (ख) किस-किस मैग्नीज खनिज की लीज से वर्ष 2011-12 से 2018-19 तक कितनी-कितनी रायल्टी प्रतिवर्ष प्राप्त हुई? (ग) क्या वर्ष 2004-05 के पूर्व वर्षों में मैग्नीज खनिज की लीज से शासन को प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अवधि से अधिक रायल्टी प्राप्त होती थी? यदि हाँ, तो वर्ष 2005-2006 से अब तक शासन को कम रायल्टी प्राप्त होने के कारण क्या हैं? (घ) क्या खनिज विभाग के अधिकारी की लीज आवंटित कर्ताओं से मिलीभगत होने के कारण मैग्नीज खनिज की रायल्टी में बड़े स्तर पर चोरी की जाकर शासन को राजस्व की क्षति पहुँचाई जा रही है? यदि हाँ, तो क्या इसकी जाँच कराई जाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के सरल क्रमाँक 1 व 2 पर दर्शित है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कॉलम क्रमांक 8 में दर्शित है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
मजरे एवं टोले को राजस्व ग्राम बनाने
[राजस्व]
65. ( क्र. 4328 ) श्री मनोज चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 626 दिनांक 29/12/2020 के बिंदु (क) अंतर्गत यदि सूखाखेड़ा एवं तारागढ़ राजस्व ग्राम बनने की पात्रता रखते हैं तो उन्हें राजस्व ग्राम में कब तक घोषित किया जाएगा? विभाग द्वारा इस संबंध में अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) आलोट, ताल तहसील अंतर्गत मजरे एवं टोले वाले ग्रामों की सूची उपलब्ध कराएं और बताएं कि इस संबंध में जिला प्रशासन द्वारा उन्हें राजस्व ग्राम में सम्मिलित करने हेतु कब-कब क्या कार्यवाही की गई है? (ग) जावरा तहसील की ग्राम पंचायत डोडियाना में भोभडा घाट नाम से मजरा स्थित है? यदि हाँ, तो बताएं कि उक्त मजरा को राजस्व ग्राम में सम्मिलित करने हेतु क्या शासन द्वारा कभी कोई कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक की जाएगी? (घ) प्रश्न क्रमांक 626 दिनांक 29/12/2020 के बिंदु क्रमांक (घ) में प्रेषित उत्तर के संदर्भ में यदि ग्राम विभाजन के मापदंड का प्रावधान है तो बताएं कि अभी तक मजरे टोले को राजस्व ग्राम घोषित करने के संबंध में कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? (ड.) राजस्व ग्राम घोषित न करने के कारण वहां स्थित लोगों को शासन द्वारा प्रदाय की जाने वाली योजनाओं का लाभ न मिलने के लिए कौन जिम्मेदार है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, मजरे टोले के अभिलेख मूल ग्राम से पृथक करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) आलोट, ताल तहसील अंतर्गत मजरे एवं टोले वाले ग्रामों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। आलोट तहसील के ग्राम कराड़िया में सूखाखेड़ा एवं तालोद में तारागढ़ है। कृत कार्यवाही का विवरण प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार है। (ग) जी हाँ। जावरा तहसील की ग्राम पंचायत डोडियाना में भोभडा घाट नाम से मजरा स्थित है, उक्त मजरा राजस्व ग्राम घोषित करने के लिए निर्धारित मापदण्ड की श्रेणी में नहीं होने से कार्यवाही नहीं की गई है। (घ) जी हाँ। कार्यवाही प्रचलित है। (ड.) मजरा टोला मूल राजस्व ग्राम एवं ग्राम पंचायत का हिस्सा होने से वहां स्थित लोगों को शासन की योजनाओं का लाभ मिलता है। शेष प्रश्नांश उदभूत नहीं होता।
जल उपभोक्ता संस्थाओं की जानकारी
[जल संसाधन]
66. ( क्र. 4341 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा कार्यपालन यंत्री अपर पुरवा नहर संभाग रीवा के कार्यालय में जल उपभोक्ता संस्थाओं को उपलब्ध कराई गई राशि की जानकारी लेने के सबंध में पत्र क्र. 705—07 दिनांक 28.11.2019 दिया गया था? (ख) यदि हाँ, तो आज दिनांक तक जानकारी उपलब्ध क्यों नहीं कराई गई, न ही कोई कारण बताया गया? संबंधित पत्र अनुसार चाहे गये दस्तावेज कब तक उपलब्ध करा दिये जायेगें? पत्र का जवाब न देने वाले अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नाधीन पत्रानुसार चाहे गए दस्तावेज कार्यपालन यंत्री, अपर पुरवा नहर संभाग, रीवा के पत्र दिनांक 24.02.2021 द्वारा उपलब्ध करा दिए गए हैं। अधीनस्थ उप संभागीय कार्यालयों से जानकारी प्राप्त न होने के कारण संभागीय कार्यालय द्वारा माननीय सदस्य को वांछित जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जा सकी थी। पत्र का समय पर उत्तर नहीं देने वाले कार्यपालन यंत्री एवं अनुविभागीय अधिकारियों के विरूद्ध मुख्य अभियंता, गंगा कछार रीवा द्वारा दिनांक 01.03.2021 को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया है।
नोडल एजेंसी के रूप में CM Des बोर्ड पोर्टल का विकास और संचालन
[सहकारिता]
67. ( क्र. 4349 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहकारिता विभाग नोडल एजेंसी के रूप में तैनात किया गया है? यदि हाँ, तो कब से? (ख) बड़ी स्क्रीन डिस्पले कहाँ-कहाँ लगाई जाएगी? उसकी लागत क्या होगी? उस का टेंडर कैसे होगा और निगरानी के लिए कितना खर्चा आएगा? (ग) श्रेणीवार परफारमेंस इंडिकेटर की क्या व्यवस्था रहेगी? विभाग की कार्य योजना क्या है? वित्तीय रिपोर्ट का विवरण प्रस्तुत करें। (घ) Chief Minister dashboard portal के विकास और संचालन की क्या व्यवस्था विभाग द्वारा की जाएगी? नीति निर्देश उपलब्ध कराते हुए जानकारी प्रस्तुत करें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी नहीं। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के सन्दर्भ में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
विभागीय कार्यों को समय सीमा में पूर्ण करना
[लोक सेवा प्रबन्धन]
68. ( क्र. 4368 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा आमजन के जन कार्यों व आवश्यकताओं को समयावधि में पूर्ण किए जाने हेतु लोक सेवा केंद्रों पर तत्काल सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्तमान में किन-किन कार्य आवश्यकताओं को समयावधि में पूर्ण किए जाने हेतु सम्मिलित किया गया? कार्य, नामवार जानकारी दें। (ग) वर्ष 2017-18 से लेकर प्रश्न दिनांक तक रतलाम जिले में संचालित किन-किन केंद्रों पर किस-किस प्रकार के कुल कितने आवेदन प्राप्त हुए और समयावधि में उन्हें पूर्ण कर सेवा प्रदान की गई? ब्लॉकवार संख्यात्मक जानकारी दें? (घ) समयावधि में सेवा कार्य प्रदाय किए जाने में विलंब प्रश्नांश (ग) वर्णित किन-किन स्थानों पर व किन किन कार्यों में हुआ तथा संबंधित के विरुद्ध किस-किस प्रकार की दंडात्मक कार्यवाही की गई व सुधार हेतु क्या किया गया? ब्लॉकवार संख्यात्मक जानकारी दें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्तमान में अलग-अलग विभागों की लोक सेवा केन्द्र पर कुल 40 सेवाओं को समयावधि में पूर्ण किये जाने हेतु सम्मिलित किया गया है। सेवाओं की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र - 'अ' अनुसार है। (ग) वर्ष 2017-18 से लेकर प्रश्न दिनांक तक रतलाम जिले में संचालित समस्त 09 लोक सेवा केन्द्रों पर विभिन्न सेवाओं जैसे- आय, मूल निवासी, खसरा, बी-1 आदि के आवेदन प्राप्त हुये और समयावधि में पूर्ण कर सेवा प्रदान की गई आवेदनों की ब्लॉकवार (लोक सेवा केन्द्रवार) संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र – 'ब' अनुसार है। (घ) कोई भी आवेदन समय-सीमा बाह्य लंबित नहीं है। शेष प्रश्नांश के उत्तर का प्रश्न नहीं उठता।
योजनान्तर्गत खाद्यान्न वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
69. ( क्र. 4369 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा केंद्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से रतलाम जिले में विभिन्न व्यवस्थाओं/केंद्रों से सस्ता खाद्यान्न उपलब्ध करवाया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में जिला अंतर्गत किन-किन व्यवस्थाओं/केंद्रों के माध्यम से यह किया जा रहा है? (ग) रतलाम जिला अंतर्गत शहरी व ग्रामीण कितने उपभोक्ता हितग्राही पंजीकृत किए जा कर उन्हें कितना-कितना पात्रता अनुसार खाद्यान्न प्रदान किया जा रहा है? ब्लॉकवार संख्यात्मक जानकारी दें। (घ) वर्ष 2018 -19 से लेकर प्रश्न दिनांक तक वर्षवार कितनी पात्रता पर्चियॉं प्रदान कर उन्हें खाद्यान्न दिया गया तथा कितने पात्रता पर्चीधारी हितग्राही किन कारणों से शेष रहे? जिले में उल्लेखित वर्षों अंतर्गत फर्जी राशन कार्ड गुणवत्ताविहीन खाद्यान्न तथा केंद्रों से खाद्यान्न की कालाबाजारी इत्यादि की कितनी शिकायतें प्राप्त होकर उन पर क्या कार्रवाई की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना) एवं कल्याणकारी संस्था एवं छात्रावास योजना के अंतर्गत विभाग द्वारा वर्तमान में सस्ता खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। (ग) उपभोक्ताओं की संख्या एवं उनके खाद्यान्न प्राप्त करने की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ' अनुसार है। कल्याणकारी एवं छात्रावास योजनांतर्गत पंजीकृत हितग्राहियों एवं उन्हें पात्रतानुसार आवंटित खाद्यान्न की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- 'ब' अनुसार है। (घ) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 अंतर्गत रतलाम जिले में वर्ष 2018-19 तथा 2019-20 में जारी पात्रता पर्चियों की संख्या निरंक है। वर्ष 2020-21 में प्रश्न दिनांक तक 14478 पात्र परिवारों की पात्रता पर्चियां जारी की गई हैं। प्रश्नांकित अवधि में फर्जी राशनकार्ड की शिकायत निरंक है। खाद्यान्न की कालाबाजारी इत्यादि पर की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- 'स' अनुसार है। गुणवत्ताहीन खाद्यान्न की 01 शिकायत सी.एम. हेल्पलाईन में प्राप्त हुई है। खराब दिये गये गेहूं को वापस कराकर विक्रेता को उचित मूल्य दुकान से दूसरा गेहूं दिलाया गया एवं विक्रेता को समझाइश दी गई कि दुकान में खराब सामग्री आने पर म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन को वापस करे। शिकायतकर्ता के निराकरण से संतुष्ट होने पर शिकायत बंद की गई।
कृषि उपज मण्डी बदरवास हेतु भूमि आवंटन
[राजस्व]
70. ( क्र. 4370 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोलारस विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कृषि उपज मण्डी बदरवास को वर्तमान स्थान से नगर के बाहर स्थापित कर नवीन परिसर निर्माण किए जाने हेतु प्रकरण कृषि विभाग से सभी पूर्तियों के उपरांत भूमि आवंटन किए जाने की समस्त औपचारिक प्रक्रियाऐं पूर्ण कर राजस्व विभाग में लंबित है? यदि हाँ, तो क्या राजस्व विभाग की प्रदेश स्तरीय बैठक में भी बदरवास मण्डी हेतु भूमि आवंटन की स्वीकृति हो चुकी है? यदि हाँ, तो कब? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि राजस्व विभाग की प्रदेश स्तरीय बैठक से भूमि आवंटन की स्वीकृति नहीं हो सकी है। तो क्या प्रदेश में अन्य स्थानों से कृषि उपज मण्डी निर्माण हेतु प्राप्त भूमि आवंटन के प्रकरण भी बैठक आयोजित न होने से लंबित हैं? यदि हाँ, तो कितने तथा कौन-कौन से? उक्त प्रकरणों के निराकरण हेतु कब तक राजस्व विभाग की प्रदेश स्तरीय बैठक आयोजित कर कृषि उपज मण्डी बदरवास के नवीन प्रांगण निर्माण हेतु भूमि आवंटित कर दी जाएगी? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि बदरवास कृषि उपज मण्डी हेतु भूमि आवंटन के प्रकरण में प्रश्नांश (क) व (ख) में उल्लेखित कारणों के अतिरिक्त कोई अन्य समस्या है तो स्पष्ट जानकारी देकर अवगत करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। नवीन नजूल निर्वर्तन निर्देश 2020 के अनुसार कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चंदेरी सूक्ष्म उद्वहन सिंचाई परियोजना
[जल संसाधन]
71. ( क्र. 4375 ) श्री गोपाल सिंह चौहान : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चंदेरी सूक्ष्म उद्वहन सिंचाई परियोजना में पूर्व योजना के विपरीत दिसंबर 2019 में बिना शासन की स्वीकृति और बिना पर्यावरण क्षति का आंकलन किये अंडर ग्राउंड नहर की बजाए खुली नहर बनाये जाने की प्रक्रिया किसानों को नुकसान पहुंचाने के लिये क्यों बनाई गई? (ख) भूमि अधिग्रहण कानून-2013 में यह स्पष्ट प्रावधान है कि योजना से पूर्व किसानों की लिखित सहमति लेना, ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायतों से अनुमति लेना जरूरी है, किंतु इस परियोजना में कुँवरपुर, मुरादपुर, खानपुर, चकखानपुर में खुली नहर के प्रस्ताव से पूर्व ये सहमति और अनुमति क्यो नहीं ली गई? (ग) जलसंसाधन विभाग, परियोजना प्रबंधक द्वारा राज्य सरकार को खुली नहर के नुकसान, पहले से अधिग्रहित उपलब्ध भूमियों, इससे पर्यावरण को होने वाली क्षति तथा किसानों को होने वाली परेशानियों के बारे में क्यों नहीं अवगत कराया गया? (घ) पूर्व परियोजना में जो परिवर्तन किया गया है वह जलसंसाधन विभाग एवं मंत्रालय से किस पत्राचार के माध्यम से किया गया है? विस्तार से अवगत कराएं।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) चन्देरी सूक्ष्म सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति शासन से प्राप्त है। इस परियोजना में पूर्व निर्मित राजघाट डैम के जल का उपयोग किया जाना है। राजघाट बॉंध की पर्यावरणीय स्वीकृति पूर्व से ही प्राप्त है। अत: चंदेरी सूक्ष्म सिंचाई परियोजना के लिए पृथक से पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है। प्रश्नाधीन परियोजना में राजघाट बांध की बांयी तट नहर की आर.डी. 3330 मीटर पर हैड रेग्यूलेटर बनाकर 06 कि.मी. लंबी एप्रोच चैनल (खुली नहर) के माध्यम से पानी पंप हाउस तक लाने तथा सिंचाई हेतु भूमिगत पाइप लाइन के माध्यम से जल प्रदाय किया जाना प्रावधानित है। परियोजना के क्रियान्वयन हेतु टर्न-की पद्धति पर आमंत्रित निविदा स्वीकृति पश्चात अनुबंध किया गया। ठेकेदार द्वारा विस्तृत सर्वेक्षण करने के उपरांत स्थल की भौगौलिक परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुये खुली नहर के रूप में एप्रोच चैनल का प्रावधान किया जाकर मुख्य अभियंता बोधी से सहमति प्राप्त कर सक्षम अधिकारी से अनुमोदन प्राप्त किया गया। शासन से पृथक से अनुमोदन/स्वीकृति की आवश्यकता नहीं है। (ख) भू-अर्जन अधिनियम, 2013 के अन्तर्गत प्रारम्भिक अधिसूचना धारा-11 एवं विभिन्न धाराओं का प्रकाशन भू-अर्जन अधिकारी द्वारा किया जाता है। योजना से प्रभावित होने वाले कृषकों द्वारा निश्चित समय-सीमा में दावे आपत्ति प्रस्तुत किया जाना होता है। जिसके समुचित निराकरण उपरांत ही भू-अर्जन अधिकारी द्वारा अवार्ड पारित किया जाता है। कृषकों एवं ग्राम पंचायत से लिखित अनुमति/सहमति लेने की आवश्यकता नहीं होती है। प्रश्नाधीन परियोजना में भू-अर्जन अधिनियम 2013 के अन्तर्गत प्रारम्भिक अधिसूचना एवं विभिन्न धाराओं का प्रकाशन दैनिक समाचार पत्रों एवं कृषकों के अवलोकनार्थ ग्राम पंचायत के सूचना पटल पर राजस्व विभाग द्वारा चस्पा की गई तथा भू-अर्जन अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रावधानित समस्त धाराओं एवं उपधाराओं का अनुपालन किया गया है। (ग) प्रश्नांकित योजना में खुली नहर (एप्रोच चैनल) के निर्माण से किसी प्रकार के नुकसान होने, पर्यावरणीय क्षति होने, किसानों को परेशानी होने की स्थिति न होने के कारण इस संबंध में पृथक से राज्य शासन को अवगत नहीं कराया गया। किसी भी परियोजना से प्रभावित होने वाली आवश्यक भूमि के अधिग्रहण के कारण संबंधित भूमि स्वामियों को परेशानी होना स्वाभाविक है जिसके एवज में शासन द्वारा प्रभावितों को समुचित मुआवजे के भुगतान का प्रावधान किया गया है जो कि इस परियोजना में भी किया जा रहा है। (घ) परियोजना के मूल स्वरूप में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया गया है। टर्न-की आधार पर स्वीकृति निविदा में ठेकेदार द्वारा विस्तृत सर्वेक्षण उपरांत भौगोलिक परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुये खुली नहर के रूप में एप्रोच चैनल का प्रावधान किया जाकर मुख्य अभियंता बोधी से सहमति प्राप्त कर सक्षम अधिकारी से अनुमोदन प्राप्त किया गया है। इस संबंध में विभाग एवं मंत्रालय के बीच पृथक से किसी पत्राचार की आवश्यकता नहीं है।
विभाग द्वारा भुगतान में अनियमितता
[जल संसाधन]
72. ( क्र. 4377 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हैदराबाद की मेंटाना कंस्ट्रक्शन कंपनी या उसे ज्वाइंट वेंचर में जल संसाधन विभाग द्वारा प्रदाय की गई माईक्रो सिंचाई की निविदाओं में जी.ए.डी. स्वीकृति एवं पेमेंट शेड्यूल स्वीकृति के पूर्व भुगतान के प्रकरण विभाग द्वारा कराई गई जाँच दल गठन उपरांत जाँच में संज्ञान में आया है? यदि हाँ, तो भुगतानकर्ता एवं अन्य उच्च अधिकारियों पर क्या कार्यवाही होगी? (ख) ठेकेदार को भुगतान अनुबंध में परिधि में न होने पर क्या कार्यवाही होगी? क्या ठेकेदार के भुगतान हेतु कार्यपालन यंत्री को बिना डिमांड के आवंटन दिया गया है? (ग) योजनाओं में बिना पानी के उपलब्धता के अनुबंधित सिंचाई रकबा बढ़ाया जाकर अनुबंधित राशि बढ़ाई गई है? (घ) क्या पूर्व का अनुबंध का प्रावधान है कि यूनिट वन चालू होने पर यूनिट टू का भुगतान हो? यदि हाँ, तो क्यों अनुबंध में नजरअंदाज किया गया, जिससे ठेकेदार ने उस लोहा खरीदी पर भुगतान ले लिया जो साइट पर नहीं है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (घ) विभागीय समीक्षा बैठकों में प्रश्नाधीन कंपनी या उसके ज्वाइंट वेंचर को आवंटित माइक्रो सिंचाई परियोजनाओं में सामग्री के विरूद्ध भुगतान किये जाने के प्रकरण संज्ञान में आने पर शासन द्वारा जाँच हेतु समिति गठित की गई है। समिति के जाँच निष्कर्षों के आधार पर प्रश्नांकित बिंदुओं के संबंध में तथ्यात्मक जानकारी प्राप्त हो सकेगी तथा आगामी कार्यवाही नियमानुसार की जा सकेगी।
तहसील स्तर पर लंबित प्रकरण
[राजस्व]
73. ( क्र. 4378 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक फौती नामांतरण, सीमांकन, अविवादित बंटवारे, नामांतरण, खसरा सुधार, बरीसाना, आदि के कितने प्रकरण कब से लंबित है? लंबित होने के क्या कारण है? तहसीलवार, संख्या पृथक-पृथक प्रदाय करें। उपरोक्त सभी प्रकरण कितनी समय-सीमा में निराकृत किये जाने के निर्देश हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में ऐसे कौन-कौन से प्रकरण हैं, जिनमें सक्षम अधिकारी के द्वारा आदेश करने के बाद भी निराकरण नहीं हुआ? ऐसा किस कारण हुआ? क्या यह विधि अनुरूप है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सिवनी जिले में लम्बित/प्रचलित प्रकरणों का विवरण निम्नानुसार है:-
तहसील |
नामांतरण |
फौती नामांतरण |
वसीयत नामांतरण |
बंटवारा |
सीमांकन |
अभिलेख अद्यतन |
सिवनी |
1034 |
437 |
0 |
134 |
550 |
0 |
कुरई |
143 |
146 |
0 |
82 |
95 |
0 |
धनोरा |
60 |
48 |
6 |
0 |
0 |
97 |
बरघाट |
452 |
203 |
0 |
155 |
84 |
0 |
लखनादौन |
114 |
241 |
79 |
319 |
148 |
0 |
छपारा |
265 |
152 |
10 |
189 |
68 |
684 |
घंसौर |
88 |
114 |
8 |
63 |
121 |
0 |
केवलारी |
145 |
96 |
0 |
85 |
1 |
0 |
कुल 8 |
2301 |
1437 |
103 |
1027 |
1067 |
781 |
उक्त प्रकरण समय-सीमा में न्यायालयीन प्रक्रिया अंतर्गत निराकृत किए जाते हैं। म.प्र. लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम, 2010 की धारा 3 के तहत अविवादित नामांतरण/फौती नामांतरण 30 कार्य दिवस, बंटवारा 90 कार्य दिवस एवं सीमांकन 30 कार्य दिवस में निराकृत किये जाने के निर्देश है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में जिले की जानकारी निरंक है।
जिला सहकारिता बैंक एवं जिला सहकारिता समितियां
[सहकारिता]
74. ( क्र. 4381 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद एवं हरदा जिलों में जिला सहकारी बैक के अंतर्गत कितनी सहकारी बैंक हैं? (ख) दोनों जिलों में उन सहकारी बैंक के अधीन कितनी सहकारी समितियॉं तथा उनमें कृषक सदस्यों की संख्या क्या है? विधानसभा क्षेत्रवार बतायें। (ग) कितनी सहकारी समिति एवं कृषक डिफाल्टर है? क्या डिफाल्टर कृषकों को शून्य प्रतिशत व्याज पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है? (घ) यदि नहीं, तो इन कृषकों को कब और कैसे रेग्यूलर बनाया जावेगा? जिससे उनको शून्य प्रतिशत पर ऋण प्राप्ति का लाभ मिल सकें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जिला होशंगाबाद में 12 कृषि शाखाऐं 05 अमानत शाखाऐं एवं जिला हरदा में 05 कृषि शाखाऐं एवं 01 अमानत शाखा कार्यरत है। इस प्रकार दोनों जिलों में कुल 17 कृषि शाखाऐं एवं 06 अमानत शाखाऐं कार्यरत है। (ख) जिला होशंगाबाद में 99 एवं जिला हरदा में 52 कुल 151 प्राथमिक कृषि साख समिति कार्यरत है। जिनके सदस्यों की संख्या 1,09,820 है। विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ग) डिफाल्टर समितियों की संख्या संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार एवं डिफाल्टर कृषकों की संख्या संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। डिफाल्टर कृषकों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण उपलब्ध नहीं कराया जाता है। (घ) कालातीत ऋणी पूर्व में बकाया कृषक ऋण की राशि अदा कर नियमित कृषक की श्रेणी में आकर शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण प्राप्त कर सकते है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में पंजीयन
[राजस्व]
75. ( क्र. 4392 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने खाते तथा इनमें से कितने हितग्राहियों का पंजीयन प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में किया गया है तथा कितने हितग्राही का पंजीयन किया जाना शेष है? तहसीलवार ग्रामवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में पंजीकृत कहां-कहां के कितने कृषकों के खातों में प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि पहुंची है? इनमें से कितनों के खातों में किन कारणों से अभी तक राशि नहीं पहुंची है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना से प्रश्न दिनांक तक कितने कृषकों को कुल कितनी किसान सम्मान निधि प्रदान की गई तथा शेष कृषकों को कब से प्रदान किया जाना प्रारंभ कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 98306 खाते है। इनमें से 51809 हितग्राहियों का पंजीयन प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में किया गया है। पात्र किसानों द्वारा दस्तावेज उपलब्ध कराने पर पंजीयन संबंधी कार्यवाही की जाती है। अत: शेष संख्या बताया जाना संभव नहीं है। तहसीलवार ग्रामवार विस्तृत जानकारी का अवलोकन प्रधानमंत्री किसान पोर्टल पर किया जा सकता है। (ख) पंजीकृत कृषकों एवं उनके खातों में पहुंची राशि का अवलोकन पी.एम.किसान पोर्टल (http://www.pmkisan.gov.in – Farmers Corner) के माध्यम से किया जा सकता है। दस्तावेज उपलब्ध कराने वाले पात्र कृषकों को लाभ प्राप्त हो रहा है अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना में प्रश्न दिनांक तक 51809 कृषकों को राशि प्रदान की गई है। प्रदान की गई किश्तवार राशि की जानकारी का अवलोकन पी.एम.किसान पोर्टल (http://www.pmkisan.gov.in – Farmers Corner) के माध्यम से किया जा सकता है। विधिवत आवेदन करने वाले पात्र किसानों को योजना का लाभ दिया जा रहा है अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खाद्यान सामग्री हुई कटौत्री के संबंध में
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
76. ( क्र. 4394 ) सुश्री कलावती भूरिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अलीराजपुर जिले में कोरोना काल के समय सार्वजानिक वितरण प्रणाली (पी.डी.एस.) के तहत अनाज को ऑफलाइन वितरण किया गया? वितरित किये गये अनाज को पी.ओ.एस. मशीन से नहीं घटाये जाने से पी.ओ.एस. मशीन में स्टॉक प्रदर्शित हो रहा है, जिसके कारण से विगत 3-4 माह से लगातार खाद्य विभाग द्वारा आवंटन कम कर प्रदाय किया जा रहा है, आदिवासी क्षेत्र में खाद्यान सामग्री कम करने का क्या कारण है? इसका जिम्मेदार कौन है? जिम्मेदारों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ख) सहकारी समितियों के कर्मचारियों की न्यायोचित मांगों को लेकर दिनांक 04/02/2021 से अनिश्चितकालीन कलम बन्द आन्दोलन का समर्थन करते हुए जिले की समस्त शासकीय उचित मुल्य की दुकानें व सहकारी संस्थाऐं पूर्ण रूप से बन्द रखने का ऐलान किया है, जिसके चलते क्षेत्र वासियों को समय पर अनाज नहीं मिल पायेगा उसका जिम्मेदार कौन होगा? कर्मचारियों की न्यायोचित मागों को शासन कब तक हल करेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित जिले में कोरोना काल के समय सार्वजनिक वितरण प्रणाली के खाद्यान्न का वितरण पी.ओ.एस मशीन के माध्यम से विक्रेता के आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से ऑनलाईन मोड में किया गया है। वितरित खाद्यान्न की मात्रा पी.ओ.एस. मशीन से स्वत: कम हुई है। जिन माहों में जिले द्वारा अतिरिक्त आवंटन की मांग की गई है, अतिरिक्त आवंटन भी उपलब्ध कराया गया है। राशन सामग्री का आवंटन उचित मूल्य दुकान के सभी परिवारों की पात्रता में से पूर्व माहों में शेष बचे खाद्यान्न का समायोजन कर जारी किया जाता है। एन.आई.सी. से वितरण पंजी से वितरित मात्रा का समायोजन जिले द्वारा प्रदत्त आंकड़ों के आधार पर कर दिया गया है। अत: शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) सहकारी समितियों के कर्मचारियों की हड़ताल को देखते हुए मार्च, 2021 में भी 10 मार्च, 2021 तक वितरण अनवरत जारी है। वर्तमान में हड़ताल समाप्त हो चुकी है एवं उससे वितरण मात्रा पर प्रभाव नहीं पड़ा है। न्यायोचित मांगों पर शासन द्वारा समुचित निर्णय लिया गया है।
संगीता गृह निर्माण सहकारी संस्था, इन्दौर की अनियमितता
[सहकारिता]
77. ( क्र. 4398 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर स्थित संगीता गृह निर्माण सहकारी संस्था में कितने सदस्य हैं? सदस्यों की सूची एवं उनके द्वारा जमा की गई राशि की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) इनमें से कितने सदस्यों को स्कीम नं. 103 में प्लॉट आवंटित किए गए? सूची उपलब्ध करावें। (ग) शेष बचे सदस्यों को कब प्लॉट आवंटित किए जावेंगे? इन्दौर में ऑपरेशन क्लीन के अंतर्गत कितने सदस्यों ने आवेदन दिया है? सूची उपलब्ध करावें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) संगीता गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्या. इन्दौर में कुल 135 सदस्य है। सदस्य सूची एवं उनकी जमा राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में परिशिष्ट में दर्शित सदस्यों में से किसी भी सदस्य को स्कीम न. 103 में प्लाट आवंटित नहीं किये गये हैं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) के परिशिष्ट में दर्शित सदस्यों की सूची में से 84 सदस्यों को संस्था के मंगलमूर्ति नगर में भूखण्ड का आवंटन एवं पंजीयन किया जा चुका है। 51 सदस्यों को भूखण्डों का आवंटन किया जाना शेष है। भूखण्ड आवंटन हेतु शेष रहे सदस्यों को संस्था की शेष भूमि का विकास होने पर भूखण्ड आवंटित किये जायेंगे। भूखण्ड आवंटन के सत्यापन हेतु उपायुक्त सहकारिता जिला इन्दौर के आदेश क्रमांक 665 दिनांक 03/03/2021 से श्री जी.एस. परिहार अंकेक्षण अधिकारी को अधिकृत किया गया है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। संस्था के संबध में 05 शिकायती आवेदन प्राप्त हुए है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है।
सी.एम. हेल्पलाइन में प्राप्त शिकायतों का निराकरण
[लोक सेवा प्रबन्धन]
78. ( क्र. 4414 ) श्री राकेश मावई : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक सी.एम. हेल्प लाईन नम्बर 181 पर विभिन्न विभागों की समस्याओं के निराकरण के लिये आम जनता की कितनी शिकायतें कब-कब प्राप्त हुई? विभागवार शिकायतों की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त शिकायतों में से प्रश्न दिनांक तक कितनी शिकायतों का निराकरण एल-1, एल-2, एल-3 एवं एल-4 में किया गया? सूची उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में एल-1, एल-2, एल-3 के निराकरण में कितनी शिकायतों में शिकायतकर्ता से संपर्क किया गया? (घ) क्या संबंधित विभाग द्वारा शिकायतकर्ताओं से सम्पर्क किये बिना ही एल-1, एल-2, एल-3 में निराकरण बता दिया जाता है जिसके कारण शिकायतें एल-4 में पहुँच जाती है, इसके लिये दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) सी.एम. हेल्पलाईन नंबर 181 पर मुरैना जिले में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न विभागों की समस्याओं के निराकरण के लिए आम जनता द्वारा कुल 161080 शिकायतें प्राप्त हुईं। विभागवार शिकायतों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एल-1, एल-2, एल-3 एवं एल-4 द्वारा निराकृत शिकायतों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एल-1, एल-2, एल-3, के निराकरण में शिकायतकर्ता से संपर्क किया गया। जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) एल-1, एल-2, एल-3, अधिकारियों के निराकरण से शिकायतकर्ता से असंतुष्ट होने पर शिकायतें एल-4 पर पहुंचती हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला सहकारी बैंक में अनियमितता
[सहकारिता]
79. ( क्र. 4474 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मुख्य शाखा बालाघाट में 70 लाख के अमानत में खयानत गबन मामले में जिम्मेदार व जवाबदार प्रभारी शाखा प्रबंधक को हटाया नहीं गया और न ही कोई शासकीय कार्यवाही हुई? (ख) क्या कैशियर को मामूली विभागीय दंड देकर छोड़ दिया गया? यदि हाँ, तो क्यों क्या कारण हैं? प्रश्नांश (क) अंतर्गत गबन मामले में एफ.आई.आर. दर्ज क्यों नहीं कराई गई, जबकि ऐसे ही एक प्रकरण में छिन्दवाड़ा जिले में अनियमितता एवं गबन में मामले में एफ.आई.आर. की कार्यवाही की गई है। (ग) क्या जिला सहकारी बैंक बालाघाट के कर्मचारियों की थ्रीप सोसायटी की पिछले 5 साल में भ्रष्टाचार एवं हेराफेरी की गई है? यदि हाँ, तो सोसायटी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? क्या उक्त समिति की पुन: अनियमितता एवं भ्रष्टाचार की जाँच की जावेगी? (घ) उक्त सोसायटी के विरूद्ध शिकायकर्ता आर के असाटी, अखिलेख जायसवाल, के.के. राणे, अशोक नेमा द्वारा की गई शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई? (ड.) उक्त सोसायटी के सचिव प्रकाश साहू को एक ही स्थान पर पदस्थ रखे जाने के क्या कारण हैं?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. मुख्यालय की शाखा बालाघाट में राशि रू. 46.43 लाख के अमानत में ख्यानत प्रकरण में लिपिक/कैशियर को प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया। आरोपी लिपिक एवं कैशियर को हटाकर अन्य स्थान पर पदस्थ किया जाकर उनके विरूद्ध विभागीय कार्यवाही की गई, शाखा प्रबंधक के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही संस्थित करते हुए जाँच अधिकारी की नियुक्ति की गई तथा दिनांक 05.03.2021 से शाखा प्रबंधक मुख्य शाखा बालाघाट का स्थानांतरण अन्यत्र कर दिया गया है। (ख) जी नहीं। लिपिक/कैशियर के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही संस्थित की गई। संबंधित दोषी लिपिक को दोषी पाए जाने पर आगामी दो वार्षिक वेतन वृद्धि संचयी प्रभाव से रोके जाने का दण्ड दिया गया है। लिपिक से गबन की पूर्ण राशि रू. 46.43 लाख एवं ब्याज की राशि रू. 1.90 लाख जमा करायी गई। दोषियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण हेतु एफ.आई.आर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) विभागीय कार्यवाही प्रचलित है। (ङ) श्री प्रकाश साहू वर्तमान में प्रभारी शाखा प्रबंधक शाखा किरनापुर में दिनांक 21.06.2019 से पदस्थ है।
खल्ला लघु जलाशय के क्षतिग्रस्त जलाशय के लिकेज को सुधारने के संबंध में
[जल संसाधन]
80. ( क्र. 4479 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जल संसाधन संभाग मुलताई अंतर्गत लघु जलाशय खल्ला जलाशय का गेट वर्षों से क्षतिग्रस्त है तथा जलाशय के गेट की लोहे की चादरें व सामग्री स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त हैं? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) के संबंध में ग्रामवासियों द्वारा लगातार मांग करने पर भी अभी तक जल प्रवाह बंद किये जाने का कोई भी कार्य शासन द्वारा अभी तक संपूर्ण क्यों नहीं किया गया हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में 50 मोटर का जल प्रवाह लिकेज होने से हमेशा बहता रहता हैं, जिससे कि जल का अपव्यय होता हैं जिसके कारण समय से पहले ही खेतों में खड़ी गेंहू की फसल सूख जाती है। (घ) प्रश्नांश (क) के संबंध में व्यापक जनहित में जलाशय की क्षति का मरम्मत कार्य शासन शीघ्र पूर्ण करायेगा और कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी नहीं, खल्ला जलाशय का गेट अथवा लोहे की चादरें क्षतिग्रस्त नहीं हैं अपितु जलाशय के स्लूस बैरल के मेशनरी स्ट्रक्चर से आंशिक रूप से लीकेज है। लीकेज रोकने हेतु जलाशय के स्लूस बैरल के मेशनरी स्ट्रक्चर के आवश्यक सुधार कार्य हेतु दिनांक 22.01.2021 को रू.18.02 लाख की स्वीकृति दी जाकर निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होना प्रतिवेदित है। (ग) स्लूस बैरल के मेशनरी स्ट्रक्चर से होने वाले लगभग 02 क्यूसेक पानी के रिसाव के कारण बहने वाले पानी का अपव्यय नहीं होता है अपितु उक्त जल का उपयोग कृषकों द्वारा सिंचाई के लिए किया जाता है। गेहूं की फसल सूखने की स्थिति नहीं है। (घ) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जामनेर नदी पर बांध
[जल संसाधन]
81. ( क्र. 4485 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन विभाग द्वारा जिला देवास में कितनी सिंचाई परियोजनाऐं एवं ''बैराज डेम'' किन-किन नदियों पर निर्मित किये गये हैं एवं इनसे कितने गांवों की कितने हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई सुविधा निर्मित की गई है? प्रत्येक का नाम/हेक्टेयर सिंचित भूमि का उल्लेख करें। (ख) विभाग द्वारा खातेगांव विधानसभा क्षेत्र की और कितनी नदियों पर बैराज डेम बनाया जाना प्रस्तावित है? नाम/संख्या/स्थान बताएं। क्या विभाग ग्राम पटरानी में ''जामनेर नदी'' एवं ग्राम विक्रमपुर में किसनेर नदी पर बैराज डेम प्रस्तावित करेगा। (ग) क्या ग्राम पटरानी, लकड़ानी, उमेड़ा, जूनापानी के किसानों के पास एवं ग्राम विक्रमपुर, गड़वाय के किसानों को सिंचाई हेतु पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है? (घ) क्या विभाग इन दोनों स्थानों/नदियों पर बैराज डेम हेतु डी.पी.आर. शीघ्र तैयार करवायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शासन स्तर पर कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं है। (ग) एवं (घ) जी हाँ, प्रश्नाधीन ग्रामों के किसानों को सिंचाई हेतु पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है। वर्तमान में इन स्थानों/नदियों पर बैराज/डैम हेतु शासन स्तर पर कोई प्रस्ताव प्राप्त न होने से डी.पी.आर. तैयार कराने की स्थिति नहीं है।
आर.टी.ओ. केंप के संबंध में
[परिवहन]
82. ( क्र. 4486 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में देवास जिला मुख्यालय पर आर.टी.ओ. कार्यालय संचालित किया जा रहा है जहां से जिले भर की परिवहन अनुज्ञा एवं पंजियन, चालक लायसेंस जारी किये जाते है? (ख) जिले की कन्नौद, खातेगांव, सतवास तहसील के नागरिकों को परिवहन संबंधी कार्यों के लिये 100 से 150 कि.मी. दूर देवास जाना पड़ता है जिसमें समय और पैसा दोनों खर्च होता है? (ग) क्या विभाग जिला केन्द्र से अधिक दूरी की तहसील के वाहन मालिक/चालकों की सुविधा की दृष्टि से सप्ताह में 2 दिन तय करके आर.टी.ओ. केंप लगाने पर विचार करेगा? (घ) यदि हाँ, तो क्या विभाग खातेगांव में सप्ताह में 2 दिन आर.टी.ओ. केंप प्रारंभ करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में देवास मुख्यालय पर जिला परिवहन कार्यालय संचालित है। जिला अंतर्गत इस कार्यालय से संपूर्ण देवास में वाहनों की परिवहन अनुज्ञा पत्र, पंजीयन एवं चालक लायसेंस जारी किये जाते हैं। (ख) से (घ) यह सही है कि जिले की कन्नौद, खातेगांव, सतवास तहसील के नागरिकों को परिवहन विभाग संबंधी कार्यों हेतु जिला मुख्यालय देवास पर उपस्थित होना होता है। क्योंकि चालक लायसेंस बनाने संबंधी कार्य पूर्णतया बायोमैट्रिक प्रणाली से होता है। जिसमें कम्प्यूटर के माध्यम से आवेदक के फोटो, फिंगरप्रिन्ट अंगूठा निशानी एवं डिजिटल हस्ताक्षर लिये जाते हैं, यह कम्प्यूटराइज्ड सिस्टम, स्थाई प्रकार का होता है। जो प्रदेश के जिलों में परिवहन कार्यालय की स्मार्ट शाखा में स्थाई रूप से स्थापित होता है। अतः उक्त प्रक्रिया पूर्ण करने के लिये आवेदक को परिवहन कार्यालय में उपस्थित होना अनिवार्य होता है। कम्प्यूटराइज्ड सिस्टम वहनीय प्रकृति (Portable nature) का न होने के कारण उक्त प्रक्रिया कन्नौज, खातेगांव, सतवास में पूर्ण नहीं की जा सकती है। वर्णित स्थिति में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत कार्यरत विक्रेता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
83. ( क्र. 4495 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत उचित मूल्य की दूकानों में कितने विक्रेता कार्यरत हैं? जिलेवार संख्या बतायें। कार्यरत विक्रेता को क्या समय पर भुगतान किया जाता है? माह में कितना वेतन दिया जाता है? कब से भुगतान नहीं किया गया है? यदि खाद्य उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा 8400 रूपये दिया जाता है तो समिति द्वारा इन्हें 6000 रूपये के मान से प्रतिमाह भुगतान क्यों किया जाता है? (ख) कोविड-19 के कारण लाकडॉउन समय पर इन कर्मचारियों के द्वारा अत्याधिक मेहनत कर अपनी सेवाएं दी है? क्या सरकार द्वारा इन्हें इस काल में 70 रूपये प्रति क्विंटल की दर से अतिरिक्त कमीशन राशि दिये जाने हेतु कहा गया था? यदि हाँ, तो उक्त राशि का भुगतान कर दिया गया है? यदि नहीं, तो कब तक किया जावेगा? (ग) खाद्यान्न वितरण प्रणाली में उपयोग की जा रही है पी.ओ.एस. मशीन में पर्ची और इन्टरनेट का भुगतान किसके द्वारा किया जा रहा है? क्या मशीन प्रदाता कंपनी द्वारा इन्टरनेट व पर्ची का भुगतान इन विक्रेताओं को नहीं किया जाता है? इस हेतु सरकार क्या विक्रेताओं के मानदेय में उक्त खर्च की राशि को जोड़ने पर विचार करेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) सार्वजनिक वितरण प्रणाली में संचालित दुकानों में खाद्यान्न कटौती होकर प्रतिमाह आता है, हितग्राहियों को खाद्यान्न वितरण में समस्या उत्पन्न होती है यह व्यवस्था कब तक ठीक हो जावेगी? यदि हितग्राहियों का अंगूठा पी.ओ.एस. मशीन में नहीं लगता है तो ऑफलाईन वितरण की व्यवस्था क्यों नहीं की जाती है? इसके लिए पृथक से क्या व्यवस्थाएं की गई हैं?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वाहनों की जांच
[परिवहन]
84. ( क्र. 4513 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाराष्ट्र के सीमावर्ती जिले खण्डवा, बैतूल, छिंदवाड़ा एवं सिवनी में किस-किस स्थान पर विभाग भार वाहक वाहनों की वर्तमान में जाँच कर रहा है? इन स्थानों से संबंधित जाँच बावत् राजपत्र में किस दिनांक को अधिसूचना प्रकाशित की गई या किस दिनांक को आदेश जारी किए? (ख) वाहनों की कौन-कौन सी जाँच किए जाने, वाहनों में भरे माल से संबंधित कौन-कौन सी जाँच किए जाने से संबंधित विभाग के क्या-क्या अधिसूचना, नियम, आदेश, निर्देश, परिपत्र वर्तमान में प्रचलित हैं? प्रति सहित बतावें। (ग) गत 6 माह में कितने वाहनों में कितनी ओवरलोडिंग होना जाँच के दौरान पाया गया? ऐसे वाहनों पर कितना जुर्माना किया? इन वाहनों से कितने वजन की सामग्री विभाग ने जप्त कर किस गोदाम में रखी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) महाराष्ट्र के सीमावर्ती जिले खण्डवा में परिवहन जाँच चौकी स्थापित नहीं है। बैतूल जिले में दो परिवहन जाँच चैकियां क्रमशः (01) मुलताई (02) अदनानाका संचालित हैं। छिंदवाडा जिले में परिवहन जाँच चौकी सौंसर एवं सिवनी जिले में परिवहन जाँच चौकी खवासा संचालित है, जहां विभाग के द्वारा भारवाहक वाहनों की वर्तमान में जाँच की जाती है। परिवहन जाँच चौकियां स्थापित किये जाने संबंधी शासन की अधिसूचना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) वाहनों की जाँच किये जाने संबंधी प्रावधान मोटरयान अधिनियम 1988, केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989, मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 एवं मध्यप्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम 1991 में विहित किये गये हैं। उक्त सभी अधिनीयमितियाँ वर्तमान में प्रचलित है। (ग) गत 6 माह में 1071 वाहनों पर ओवरलोडिंग होना जाँच के दौरान पाया गया है तथा ऐसे वाहनों पर 1832750.00 रूपये जुर्माना किया गया है। जानकारी का पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। ओव्हरलोड वाहनों से सामग्री जप्त करने का प्रावधान मोटरयान अधिनियम 1988 में नहीं है। मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 113 (3) (क) (ख) एवं 114 में स्पष्ट उल्लेखित है कि यदि तुलवाने पर यह पाया जाता है कि उस यान में भार से संबंधित धारा 113 के उपबंधो का किसी प्रकार उल्लंघन किया है तो प्राधिकृत अधिकारी ड्रायवर को लिखित आदेश द्वारा यह निर्देश दे सकेगा कि वह अधिक वजन को अपनी जोखिम पर उतार दे और यान या ट्रेलर को उस स्थान से तब तक न हटाए जब तक अधिक भार कम कर क्षमता के अनुसार नहीं कर दिया जाता या यान अथवा ट्रेलर की बाबत अन्यथा ऐसी कार्यवाही नहीं कर दी जाती जिससे वह धारा 113 का अनुपालन करें और ऐसी सूचना प्राप्त होने पर ड्रायवर ऐसे निर्देशों का पालन करेगा। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
राजस्व ग्रामों की भूमि
[राजस्व]
85. ( क्र. 4514 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले के 1303 राजस्व ग्रामों के निस्तार पत्रक में दर्ज जमीनों में से 680 ग्रामों की जमीन संरक्षित वन सर्वे, 1299 ग्रामों की जमीन नारंगी भूमि सर्वे में शामिल की गई, 829 ग्रामों की समस्त भूमि राजपत्र में डीनोटीफाईड की गई जिसकी प्रविष्टि निस्तार पत्रक प्रश्नांकित दिनांक तक भी दर्ज नहीं की गई? (ख) 680 ग्रामों की कितनी भूमि एवं 1299 ग्रामों की कितनी भूमि सर्वे एवं वनखण्ड में शामिल की गई इन ग्रामों में से कितने ग्रामों की समस्त भूमि राजपत्र में किस दिनांक को डीनोटीफाईट की गई? (ग) सर्वे एवं वनखण्ड में शामिल भूमि, डीनोटीफाईड भूमि की प्रविष्टि निस्तार पत्रक में प्रश्नांकित दिनांक तक भी दर्ज नहीं करने का क्या कारण है, प्रविष्टि कब तक दर्ज की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) वनमंडलाधिकारी उत्तर बैतूल (सा.) वन मंडल से प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार वनमंडल के अंतर्गत सर्वे डिमार्केशन स्कीम अनुसार 265 ग्रामों की भूमि संरक्षित वन सर्वे में शामिल की गई, इनमें 112 ग्रामों की 16332.444 हे. (रामपुर भतौडी परियोजना मंडल वन विकास निगम बैतूल को हस्तांतरित 16 वन खंड भी शामिल है) भूमि भा.व.अ.1927 की धारा 4 (1) में अधिसूचित की गई, 317 ग्रामों की 33079.269 हे. भूमि नारंगी क्षेत्र सर्वेक्षण एवं सीमांकन इकाई बैतूल द्वारा सर्वे में शामिल की गई। इनमें से 33 ग्रामों में उपयुक्त पाई गई, 1425.778 हे. भूमि के 51 वनखंड बनाये जाकर भा.व.अ. 1927 की धारा 4 (1) के तहत प्रस्तावित किए गए। म.प्र. राजपत्र दिनांक 15 सितम्बर 1972 के अनुसार वन मंडल के अंतर्गत आने वाले 179 ग्राम डीनोटीफाईड किये गये है, राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना में ग्राम के नाम के समक्ष खसरा एवं रकबा का उल्लेख नहीं है। वनमंडलाधिकारी दक्षिण बैतूल (सा.) वन मंडल से प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार वन मंडल के अंतर्गत डिमार्केशन कम्पलीशन रिपोर्ट अनुसार 415 ग्रामों की भूमि संरक्षित वन सर्वे में शामिल की गई। इनमें से 211 ग्रामों की 31998.803 हे. भूमि भा.व.अ.1927 की धारा 4 (1) में अधिसूचित की गई। 750 ग्रामों की 83585.891 हे. भूमि नारंगी क्षेत्र सर्वेक्षण एवं सीमांकन इकाई बैतूल द्वारा सर्वे में शामिल की गई, इनमें से 67 ग्रामों में उपयुक्त पाई गई 3880.037 हे. भूमि के 128 वनखंड बनाये जाकर भा.व.अ. 1927 की धारा 4 (1) के तहत प्रस्तावित किए गए। म.प्र. राजपत्र दिनांक 15 सितम्बर 1972 के अनुसार वन मंडल के अंतर्गत आने वाले 570 ग्राम डीनोटीफाईड किये गये है, राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना में ग्राम के नाम के समक्ष खसरा एवं रकबा का उल्लेख नहीं है। वनमंडलाधिकारी पश्चिम बैतूल (सा.) वन मंडल से प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार वन मंडल के अंतर्गत 680 ग्रामों में से 161 ग्रामों की 21338.925 हे. भूमि एवं 202 ग्रामों की 21087.233 हे. भूमि सर्वे एवं 2259.302 हे. भूमि वनखंड में शामिल की गई। इन ग्रामों में से 80 ग्रामों की भूमि राजपत्र में दिनांक 15 सितम्बर 1972 में प्रकाशित अधिसूचना क्रमांक 4073 – दस-02-72 दिनांक 10 जुलाई 1972 में डीनोटीफाईड की गई। (ग) अधिसूचना में केवल ग्रामों के नाम एवं बन्दोबस्त क्रमांक एवं पटवारी हल्का नंबर प्रकाशित किये गये है जिसके कारण प्रविष्टि दर्ज नहीं की गई है। प्रविष्टि दर्ज करने की समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
ई-टेण्डर घोटाले में भूमिका
[जल संसाधन]
86. ( क्र. 4522 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ई-टेण्डर घोटाले की जाँच के दायरे में शामिल जल संसाधन विभाग के टेण्डर की जानकारी कार्य का प्रकार, लागत, टेण्डर, स्वीकृति की दिनांक, फर्म का नाम तथा पता, मालिक/भागीदार का नाम तथा पता, कुल राशि कार्य प्रारंभ करने की दिनांक, कार्य समाप्त की दिनांक, भुगतान की विभिन्न दिनांक सहित सूची देवें। (ख) टेण्डर अंतिम रूप से स्वीकृत करने की प्रक्रिया बतावें। किस-किस अधिकारी ने ई-टेण्डरिंग घोटाले वाले टेण्डर की अधिकारिक स्वीकृति प्रक्रिया में शामिल हुए उनका नाम तथा पद देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) में शामिल टेण्डर में तत्कालीक मंत्री के भी प्रक्रिया में कई हस्ताक्षर हैं? यदि हाँ, तो उसकी प्रति देवें तथा बतावें कि टेण्डर स्वीकृति में माननीय मंत्री की कोई भूमिका होती है या नहीं? यदि होती है तो प्रश्नांश के संदर्भ में समस्त जानकारी देवें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) ई-टेण्डरिंग घोटाले की जाँच राज्य आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा की जा रही है। पुलिस अधीक्षक, आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ, भोपाल द्वारा उनके पत्र क्र. प्रकोष्ठ/इ.भो./वि.स.ता.प्र.क्र.-4522/622/21 दिनांक 04.03.2021 संलग्न परिशिष्ट से संसूचित किया गया है कि ''ई-टेंडर से संबंधित (01 प्रकरण) अपराध क्रमांक-12/2019 अंतर्गत धारा 420, 468, 471, 120बी भारतीय दण्ड विधान, धारा 7 सहपठित धारा 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2018, धारा 66 आई.टी. एक्ट 2000 अंतर्गत पंजीबद्ध किया गया है। उक्त प्रकरण धारा 173 (8) दण्ड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत विवेचनाधीन है। प्रकरण वर्तमान में विवेचनाधीन होने से संबंधित जानकारी दिया जाना विधि सम्मत न होने के कारण प्रदाय किया जाना संभव नहीं है।
कृषि साख सहकारी सेवा समिति में अनियमितता
[सहकारिता]
87. ( क्र. 4530 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में कितनी प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाएं हैं? इनमें 01 फरवरी 2021 की स्थिति में कितने-कितने कर्मचारी पदस्थ है? वर्गवार संख्या बतायें। प्रत्येक सहकारी संस्था में 01 फरवरी 2021 की स्थिति में कुल कितने कृषकों पर कितनी ऋण राशि बकाया है? समितिवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) भितरवार विधानसभा क्षेत्र की कृषि साख सहकारी समिति, चीनौर में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं? उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक स्पष्ट करें। 1 फरवरी 2021 की स्थिति में उक्त संस्था द्वारा किस-किस किसान पर कितना-कितना ऋण बकाया कब से है? (ग) भितरवार विधानसभा क्षेत्र की किस-किस समिति में 1 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक भ्रष्टाचार के सम्बन्ध में किन-किन व्यक्तियों द्वारा शिकायतें की गई हैं? कौन-कौन से भ्रष्टाचार के प्रकरण किस-किस संस्था पर किस-किस कर्मचारी/अधिकारी या समितियों में संलग्न ठेकेदार/ ट्रांसपोर्टरों या अन्य किसी के द्वारा किये गये हैं? उनके नाम, पद तथा कौन-कौन से भ्रष्टाचार में लिप्त पाये गये है? सम्पूर्ण जानकारी दें। क्या उनके द्वारा किये गये भ्रष्टाचार की जाँच कराई गई है? यदि हाँ? तो किस-किस कर्मचारी/अधिकारी द्वारा जाँच की गई है? उनका नाम, पद बतावें। जाँच में क्या-क्या कमियाँ पाई गई हैं? भ्रष्टाचार में कौन-कौन दोषी है? क्या दोषियों के प्रति कोई दण्डात्मक-कार्यवाही की गई है? यदि हाँ? तो क्या?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) कृषि साख सहकारी समिति मर्या. चीनौर में पदस्थ कर्मचारी अधिकारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। दिनांक 01.02.2021 की स्थिति में किसानों पर बकाया ऋण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (ग) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 01 जनवरी 2018 से दिनांक 28.02.2021 तक प्राप्त 67 शिकायतों और उन पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है।
कोटेशन पर कराये गये कार्य
[जल संसाधन]
88. ( क्र. 4531 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यपालन यंत्री हर्सी जल संसाधन संभाग डबरा एवं कार्यपालन यंत्री हर्सी उच्च स्तरीय नगर संभाग ग्वालियर एवं उनके अधीनस्त कार्यालयों द्वारा 1 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि के किस-किस स्थान पर कौन-कौन से निर्माण कार्य तथा सामग्री हेतु किस ठेकेदार/ऐजेन्सी को कोटेशन पर कब-कब आदेश दिये गये हैं? क्या इन कार्यों के लिये दिये गये कोटेशनों की किसी सक्षम अधिकारी से स्वीकृति ली गई है? यदि हाँ, तो कोटेशन वाईज विवरण दें। क्या स्वीकृति कार्यों का कार्य पूर्ण किया जा चुका है? यदि हाँ, तो किस-किस कार्य तथा सामग्री प्रदाय के लिये कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई थी तथा कितना-कितना भुगतान किया गया था? (ख) 1 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक निर्माण कार्य एवं सामग्री के सम्बन्ध में कोई शिकायतें की गई है? यदि हाँ, तो किस-किस व्यक्ति द्वारा क्या-क्या शिकायतें कब-कब की गई हैं? शिकायतों का विवरण दें। क्या उन शिकायतों की जाँच कराई गई है? यदि हाँ? तो जाँच में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी या निर्माण ऐजेन्सी दोषी पाये गये हैं? उनके नाम, पद बतावें। क्या दोषियों के प्रति कोई दण्डात्मक कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) प्रश्नांकित संभागीय कार्यालयों द्वारा प्रश्नांकित अवधि में किसी भी निर्माण कार्य को कोटेशन पर कराने के आदेश नहीं दिए गए हैं। सामग्री हेतु किए गए कोटेशन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में निर्माण कार्य एवं सामग्री के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं होना प्रतिवेदित है अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय स्कूल की आराजी को खुर्द-बुर्द करना
[राजस्व]
89. ( क्र. 4551 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में रामपुर बघेलान में हल्का सगौनी अंतर्गत म.प्र.शासन के शासकीय आराजी नम्बर 574 रकबा 1.41 आराजी 573 रकबा 0.71 वर्ष 1963-64 में था, परन्तु वर्तमान में 0.30 डिस्मिल ही हैं? (ख) प्रश्नांश (क) का रकबा जो पहले शासकीय था परन्तु अब नहीं रहा तो किसके नाम है, किस आधार पर उक्त शासकीय आराजी को निजी करके उसको खुर्द-बुर्द किया गया है? मामले में कौन कौन लोग दोषी है, दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या प्रश्नांश (क) की आराजी पुन: 1963-1964 में दर्ज रकबे के मूल स्वरूप में आयेगी? हाँ तो कब तक नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में खसरा वर्ष 1975-76 में आराजी नंबर 573 के निम्न वटांक हुए, आराजी नंबर 573/1 रकवा 0.30 एकड़, सरकारी आराजी नंबर 573/2 रकवा 0.56 एकड़, लक्ष्मीनारायण सिंह बश नंबर 572/3, आराजी नंबर 573/3 रकवा 0.05 एकड़, कौशल बानी सा0 देह दर्ज अभिलेख है। कॉलम नंबर 12 में आदेश का हवाला दर्ज नहीं है। बश नंबर 572/3 में लक्ष्मीनारायण सिंह पिता अमरीक सिंह सा. देह शासकीय पट्टाधारी 10 साल लगान 0.25 व कालम नंबर 12 में बहुक्म वंटन अधिकारी दिनांक 04-05-1976 को की गई हस्ताक्षर अवाच्य दर्ज है। खसरा वर्ष 1975-76 में आराजी नं0 574 रकवा 1.41 एकड़ लक्ष्मीनारायण सिह बश नंबर 572/3 दर्ज है। आदेश का हवाला दर्ज नहीं है। आराजी नंबर 573/2, 573/3 व 574 में आगे खातेदार द्वारा विक्रय व वटवारा से अन्य वटांक बनते गये है। वर्तमान खसरा में ग्राम करही की आराजी नंबर 573 एवं 574 में वटांक कायम किए जा चुके है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त आराजियों को पुन: शासकीय घोषित करने हेतु प्रकरण कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट सतना के न्यायालय में प्रचलित है। शेष प्रश्नांश उदभूत नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) की आराजी पुन: शासकीय घोषित करने हेतु प्रकरण कलेक्टर, जिला सतना के न्यायालय में प्रचलित है। समुचित आदेश पारित होने पर विधि अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
पटवारी द्वारा नियम विरूद्ध कार्य किये जाना
[राजस्व]
90. ( क्र. 4553 ) श्री भूपेन्द्र मरावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के तहसील हूजूर, पटवारी हल्का सगरा में पदस्थ वर्तमान पटवारी कितने वर्षों से पटवारी हल्का में पदस्थ हैं? उक्त अवधि में तहसील हूजूर में कितने तहसीलदार एवं एस.डी.एम. पदस्थ रहे? एक पटवारी को इतने वर्षों तक एक ही पटवारी हल्का में पदस्थ रखे जाने के क्या कारण हैं? (ख) प्रश्नांकित क्षेत्र के ग्राम सगरा वार्ड-16 में शासकीय स्कूल के समीप शासकीय भूमि एवं उस पर स्थित शासकीय हैण्डपंप के आस-पास की भूमि पर खेत एवं पत्थर की मेड़े बनाई जाकर अतिक्रमण पटवारी की मिलीभगत से किये जाने की सूचना प्रशासन को प्राप्त होने के उपरांत किस अधिकारी द्वारा स्थल निरीक्षण कर क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांकित क्षेत्र में पटवारी हल्का पर शासकीय भूमि एवं उससे लगी आसन्न भूमियों की नपती वर्षों से स्थापित सीमाओं का उल्लंघन कर मिलीभगत कर किये जाने एवं किसानों को परेशान किए जाने पर शासन एवं प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाहियां की जाएगी? प्रश्नांकित क्षेत्र के अतिक्रमण को हटाये जाने एवं किसानों का रास्ता खुलवाए जाने के संबंध में प्रशासन क्या कार्यवाही करेगा? क्या प्रश्नांकित क्षेत्र में अतिक्रमण की शिकायत सी.एम.हेल्पलाइन में की गई थी? (घ) क्या मान. मुख्यमंत्री के अतिक्रमण पर त्वरित कार्यवाही के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो शासन द्वारा कलेक्टर की अगुवाई में स्थल निरीक्षण कर अतिक्रमण हटाए जाने एवं रास्ता खुलवाए जाने की त्वरित कार्यवाही कब तक की जाएगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) वर्तमान पटवारी श्री संदीप कुमार शुक्ला वर्ष 2017 से पदस्थ है। उक्त अवधि में तहसील हुजूर में एस.डी.एम. श्री के.पी. पाण्डेय, अरूण कुमार विश्वकर्मा, बलबीर रमण, विकास सिंह, श्रीमती फरहीन खांन पदस्थ रहे है तहसीलदार श्री विवेक कुमार गुप्ता, जितेन्द्र तिवारी, गौरीशंकर शर्मा, श्रीमती रत्नराशि पाण्डेय (प्र.नायब तहसीलदार), मनीष तिवारी, राकेश शुक्ला, रामेश्वर प्रसाद त्रिपाठी पदस्थ रहे है। पटवारी की पदस्थापना स्थानान्तरण नीति के अन्तर्गत की जाती है। (ख) ग्राम सगरा के वार्ड क्रमांक 16 में स्कूल को आवंटित शासकीय भूमि खसरा क्रमांक 640/1/2 रकवा 3.200 हे0 में स्थित हैण्डपम्प के आसपास अंश भाग 0.253 हे. भूमि में रामजी तिवारी पिता श्रीनिवास तिवारी फसल बोकर एवं मकान बनाकर अतिक्रमण किया गया है, जिसका स्थल निरीक्षण एवं अतिक्रमण का चिन्हाकंन न्यायालय तहसीलदार तहसील हुजूर द्वारा गठित राजस्व निरीक्षक सहित राजस्व टीम द्वारा किया गया है, तथा अतिक्रामक के विरूद्ध अतिक्रमण रिपोर्ट तहसीलदार तहसील हुजूर न्यायालय में प्रस्तुत करने पर प्रकरण क्रमांक 0014/अ.68/2020-21 पंजीबद्ध किया गया है, जो विचाराधीन है। (ग) प्रश्नाकिंत क्षेत्र में शासकीय स्कूल की भूमि एवं उससे लगी भूमियों का चिन्हाकंन तहसीलदार तहसील हुजूर द्वारा गठित राजस्व निरीक्षक सहित राजस्व टीम द्वारा किया गया है। अत: शेष प्रश्न उदभूत नहीं होता। प्रश्नाकिंत क्षेत्र में 0.253 हे. भूमि पर श्रीरामजी पिता श्रीनिवास तिवारी के विरूद्ध हल्का पटवारी द्वारा अतिक्रमण की रिपोर्ट न्यायालय तहसील हुजूर में प्रस्तुत की गई है, जो न्यायालयीन प्रक्रिया के अन्तर्गत विचाराधीन है। शासकीय भूमि में रास्ता दर्ज नहीं है। अतः रास्ता खुलवाये जाने का प्रश्न उपस्थिति नहीं होता। न्यायालयीन प्रक्रिया पूर्ण कर विधि अनुसार कार्यवाही की जायेगी। जी नहीं। (घ) जी हाँ, अतिक्रामक श्रीरामजी पिता श्रीनिवास तिवारी के विरूद्ध अतिक्रमण प्रतिवेदन पटवारी हल्का सगरा द्वारा प्रस्तुत किये जाने पर न्यायालय तहसीलदार तहसील हुजूर के न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन है। न्यायालयीन प्रक्रिया पूर्ण कर विधि अनुसार त्वरित कार्यवाही की जायेगी। शासकीय भूमि में रास्ता दर्ज नहीं है। अतः रास्ता खुलवाये जाने का प्रश्न उपस्थिति नहीं होता।
जिला सहकारी बैंको में लोन धारक का बीमा
[सहकारिता]
91. ( क्र. 4559 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की विभिन्न जिला सहकारी बैंको में कौन-कौन सी बीमा कम्पनियां लोन धारक खातेदारों (कृषक के आलावा) का बीमा कर रही हैं? कम्पनी का नाम सहित जानकारी देवें। (ख) मंदसौर जिले में 1 जनवरी 2015 के पश्चात जिला सहकारी बैंक से 1.50 से तक लोन लेने वाले कितने खाताधारकों की मृत्यु हुई, वर्तमान में इनका लोन मय ब्याज कितना है? इनके परिवारजन को लोन भुगतान हेतु कब-कब नोटिस जारी किये? ऐसे खाताधारकों के नोटिस का विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) संदर्भित मृतक खाताधारकों के लोन के एवज में कितनों की मकान की रजिस्ट्री बैंक के पास है? बैंकिग नियमानुसार मृतक खाताधारकों के लोन के भुगतान में राहत के लिए कोई नियम है या इनके मकान को नीलाम कर लोन वसूला जाएगा? (घ) क्या मंदसौर की जिला सहकारी बैंक दलौदा ने दलौदा निवासी लताबाई पिता ओमप्रकाश को भवन निर्माण हेतु 1.50 लाख रु. का लोन दिया गया, किन्तु 50000 रु. क़िस्त भरने के बाद लताबाई की केंसर से मृत्यु हो गयी तत्पश्चात दलोदा बैंक ने 21.02.21 को परिवारजन को 3 लाख 72 हजार जमा करने नोटिस दिया गया और कहा गया की रु. के आभाव में 7 दिन में मकान नीलाम कर राशि वसूली जायेगी, जिससे मृतक के पति को हृदयघात हुआ, क्या ऐसे प्रकरण में मृतक का लोन माफ़ किया जाएगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. मंदसौर के द्वारा राशि रू. 1.50 लाख तक के लोन लेने वाले 4 हितग्राही एवं राशि 1.50 लाख से अधिक के लोन लेने वाले 2 हितग्राहियों की मृत्यु हुई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 एवं 03 अनुसार है। (ग) जी हाँ। एक खाताधारक की रजिस्ट्री बैंक के पास है, बैंक ऋण नीति अनुसार लोन के भुगतान में राहत का कोई प्रावधान नहीं हैं। ऋण वसूली नहीं होने की स्थिति में प्रकरण में वैधानिक कार्यवाही करते हुए प्रकरण न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किये जाते है व न्यायालय के निर्णय अनुसार कार्यवाही की जाती है। एकमुश्त समझौता योजनान्तर्गत लोक अदालत के माध्यम ऋण के ब्याज भुगतान के लिए राहत का प्रावधान है। (घ) जी हाँ। श्रीमती लताबाई पिता ओमप्रकाश को भवन निर्माण हेतु नहीं बल्कि भवन भू-खण्ड तारण ऋण योजनान्तर्गत ऋण प्रदाय किया गया। ऋण खाते में कुल राशि रू. 22,100 जमा हुई है। श्रीमती लताबाई की मृत्यु की सूचना प्राप्त होने पर मूल श्रीमती लताबाई के नाम से दिनांक 21.12.2020 को रू. 3,72,129.00 ऋण बकाया की जानकारी से अवगत कराया गया। नोटिस नहीं दिया गया, मृतक के पति को हृदयघात होने की जानकारी बैंक को नहीं है। बैंक ऋण नीति में ऋण माफ किए जाने का कोई प्रावधान नहीं है।
शिकायतों का निस्तारण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
92. ( क्र. 4560 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला स्तर पर उपभोक्ता द्वारा किस-किस प्रकार की शिकायत दर्ज करवाने की क्या प्रक्रिया है? क्या उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा- 35 में प्रावधानित प्रक्रिया अनुसार प्रस्तुत की जा सकती है या कोई नया अधिनियम है? (ख) उज्जैन संभाग में जनवरी 2018 से दिसम्बर 2020 तक कितनी शिकायतें किस-किस तरह की प्राप्त हुईं और कितनों का निस्तारण किया गया और कितने प्रकरणों में जुर्माना किया गया? उक्त अवधि में निराकृत प्रकरणों में जुर्माने की राशि की जानकारी देवें। (ग) सरकार की मिलावट खोरी एवं जालसाजी के प्रकरणों से निपटने की क्या कार्ययोजना है? प्रदेश में उपभोक्ता संरक्षण के कितने एनजीओ प्रदेश में कहाँ-कहाँ कार्य कर रहे हैं? उक्त अवधि में शासन द्वारा प्रदेश के एनजीओ को कुल कितनी राशि दी गयी, राशि के एवज में उक्त संस्थाओं द्वारा कहाँ-कहाँ शिविर लगाकर उपभोक्ताओं को जागरूक या अन्य कार्य किया? इन एनजीओ के खिलाफ प्रदेश में कहाँ-कहाँ, किस-किस व्यक्ति द्वारा शिकायत उक्त अवधि में की गयी? (घ) उक्त अवधि में प्रदेश में किन-किन एनजीओ को राज्य एवं प्रदेश स्तरीय पुरूस्कार दिए गये? क्या पुरुस्कार चयन हेतु कोई कमेटी का गठन किया गया? यदि हाँ, तो इसमें कौन-कौन सदस्य थे? उनकी उपभोक्ता संरक्षण के क्षेत्र में योग्यता की जानकारी देवें। क्या प्रदेश में उपभोक्ता पुरुस्कारों को लेकर भारी अनियमितता हो रही है? इसे रोकने के लिए विभाग द्वारा क्या प्रयास किये गये?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भूमि का विक्रय एवं नामांतरण
[राजस्व]
93. ( क्र. 4588 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पटवारी हल्का मतौल जिला टीकमगढ़ के अंतर्गत ग्राम बछाई तहसील खरगापुर में खसरा नंबर 47 पटवारी रिकॉर्ड में रंगनथा पिता बहोरा चमार के नाम दर्ज था जिसका ₹1 के स्टांप पर कीमत ₹60 में विक्रय किया गया है जिसका रकबा 9.20 एकड़ है, क्या यह नियम के विपरीत है? यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्रवाई की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार भूमि का विक्रय एवं नामांतरण किस नियम के अंतर्गत किया गया है। (ग) विक्रय की गई भूमि का नामांतरण 14 वर्ष बाद जब क्रेता सरपंच बना तभी क्यों किया गया है। (घ) विक्रेता की हस्ताक्षर निशानी उसकी मृत्यु के पश्चात लगाई गई है, क्या यह नियम के विरुद्ध नहीं है? उक्त तरीके से की गई धांधली के लिए कौन-कौन कर्मचारी अधिकारी दोषी हैं एवं दोषियों के विरुद्ध क्या कार्रवाई की गई है? यदि नहीं, की गई तो कब तक की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) ग्राम मातौल तहसील खरगापुर की भूमि खसरा नंबर 47 रकवा 9.20 एकड़ भूमि का नामान्तरण पंजी क्रमांक 19 के अनुसार तत्कालीन नायब तहसीलदार बल्देवगढ़ द्वारा विक्रेता रंगनाथा अहिरवार के स्थान पर क्रेता भुमानी सिंह ठाकुर के नाम नामान्तरण दिनांक 12.09.1974 को स्वीकृत किया गया। पंजीयन अधिनियम के अनुसार 100/- रुपये एवं कम मूल्य के दस्तावेजों का पंजीयन तत्समय एवं वर्तमान समय में अनिवार्य नहीं है, इस कारण दस्तावेज हस्तलिखित होकर 60/- रुपये मूल्य के होने से 1/- रुपये के स्टाम्प पर नियमानुसार अपंजीकृत लिखित है। (ख) ग्राम मातौल तहसील खरगापुर की भूमि खसरा नंबर 47 रकवा 9.20 एकड़ का नामान्तरण पंजी क्रमांक 19 के अनुसार तत्कालीन नायब तहसीलदार बल्देवगढ़ द्वारा दिनांक 12.09.1974 को मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 109-110 के तहत स्वीकृत किया गया। (ग) क्रेता के सरपंच बनने से नामान्तरण की कार्यवाही का कोई संबंध नहीं है। नामान्तरण हेतु क्रेता द्वारा आवेदन प्रस्तुत किया जाने पर नामान्तरण के संबंध में कार्यवाही की गई। (घ) प्रश्नांश के संबंध में विक्रेता के पुत्र नथुवा तनय रंगनाथा अहिरवार द्वारा शपथ-पत्र प्रस्तुत किया गया है कि विक्रेता रंगनाथा नामान्तरण के समय जीवित था, रंगनाथा की मृत्यु वर्ष 1980-81 में हुई है। नामान्तरण की कार्यवाही मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 109-110 के तहत की गई है। शेष प्रश्नांश उदभूत नहीं होता।
गंगउ बांध के जल बटवारे के संबंध में
[जल संसाधन]
94. ( क्र. 4595 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में स्थित गंगउ बांध का निर्माण कब एवं किसके द्वारा किया गया? इसकी जलग्रहण क्षमता कितनी है? इस बांध का निर्माण किस उद्देश्य से किया गया। बांध की आयु क्या निर्धारित थी? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या बांध के पानी का बंटवारा किसी अन्य राज्य के साथ करना था? यदि हाँ, तो कितना एवं किस वर्ष तक किन शर्तों के अधीन किया जाना था?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) छतरपुर जिले में स्थित गंगउ बांध का निर्माण तत्कालीन यूनाइटेड़ प्राविन्स द्वारा वर्ष 1915-16 में किया गया था। बांध की कुल जलभराव क्षमता 94.275 मि.घ.मी. है। बांध का निर्माण सिंचाई के उद्देश्य से किया गया है। सामान्यत: बांध का निर्माण 100 वर्षों के लिए किया जाता है। (ख) वर्तमान में बांध उत्तर प्रदेश सरकार के आधिपत्य में है। निर्माण वर्ष स्वतंत्रा पूर्व का है जब म.प्र. एवं उ.प्र. राज्य अस्तित्व में नहीं थे। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
सहकारी संस्थाओं का निर्वाचन
[सहकारिता]
95. ( क्र. 4604 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विक्रमादित्य नागरिक सहकारी बैंक मर्या. उज्जैन के निर्वाचन अक्टूबर 2020 में ड्यू हो चुके थे? क्या बैंक द्वारा समयावधि में निर्वाचन प्रस्ताव निर्वाचन प्राधिकारी भोपाल को प्रेषित कर दिये गये थे? उज्जैन जिले की अन्य कितनी संस्थाओं के निर्वाचन प्रस्ताव निर्वाचन प्राधिकारी के पास निर्वाचन आदेश जारी करने के लिए लंबित हैं? (ख) क्या विक्रमादित्य नागरिक सहकारी बैंक मर्या. उज्जैन का निर्वाचन प्रस्ताव निर्वाचन प्राधिकारी भोपाल को प्रेषित किये जाने के पश्चात भी आज दिनांक तक निर्वाचन आदेश क्यों नहीं जारी किये गये? निर्वाचन आदेश कब तक जारी कर दिये जावेंगे? जिनके निर्वाचन लंबित है उनके निर्वाचन कब तक जारी किये जावेंगे? (ग) निर्वाचन प्रस्ताव निर्वाचन प्राधिकारी भोपाल को समयावधि में प्राप्त होने के उपरांत भी निर्वाचन प्रस्ताव पर निर्वाचन अधिकारी नियुक्ति हेतु कौन अधिकारी दोषी है? दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। बैंक द्वारा निर्वाचन हेतु प्रस्ताव दिनांक 25.06.2020 को संयुक्त पंजीयक, सहकारी संस्थाएं, उज्जैन को प्रेषित किया गया था तथा उनके द्वारा मध्यप्रदेश राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी भोपाल को दिनांक 17.07.2020 को प्रेषित किया गया। म.प्र. राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी भोपाल से प्राप्त जानकारी अनुसार उनके स्तर पर कोई भी त्रुटि रहित निर्वाचन प्रस्ताव आदेश जारी करने हेतु लंबित नहीं है। (ख) दिनांक 23.02.2021 को रजिस्ट्रीकरण अधिकारी नियुक्त करने के आदेश जारी हो गए हैं, उज्जैन जिले द्वारा त्रुटियों/आपत्तियों के निराकरण के पश्चात। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता।
शिल्पी गृह निर्माण सहकारी समिति भोपाल द्वारा मूलभूत सुविधाऐं
[सहकारिता]
96. ( क्र. 4624 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या भोपाल में पंजीकृत शिल्पी गृह निर्माण समिति वार्ड क्रमांक-62, 83 में स्थित है? उसके द्वारा आवासियों को मूलभूत सुविधायें उपलब्ध करायी गई है अथवा नहीं? इस सोसायटी द्वारा वर्ष 1987-88 से आज दिनांक तक सोसायटी द्वारा क्या मूलभूत सुविधायें रहवासियों को उपलब्ध करायी गई है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : शिल्पी गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित भोपाल वार्ड क्रमांक 62-83 में स्थित न होकर वार्ड क्रमांक 82-83 में स्थित है। संस्था के द्वारा आवासियों को डब्ल्यू.बी.एम. रोड, सीवेज लाईन, सेप्टिक टैंक मात्र सुविधायें उपलब्ध कराई गई थी। वर्ष 1987-88 से वर्ष 2009 तक सुविधायें उपलब्ध कराई गई थी, परन्तु सदस्यों द्वारा पूर्ण विकास शुल्क की राशि न जमा कराये जाने से शेष सुविधायें उपलब्ध नहीं कराई गई है।
स्वत्वों का भुगतान
[सहकारिता]
97. ( क्र. 4627 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण बैंक के कौन से सेवानिवृत्त/संविलियन कर्मचारियों को कितना-कितना वेतन, भविष्यनिधि, ग्रेच्युटि, अवकाश नगदीकरण की राशि का भुगतान 31/01/2021 कि स्थिति में किया जाना शेष है? नामवार शेष देयकों के विवरण सहित सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित इन कर्मचारियों को कितना अवकाश नगदीकरण का भुगतान किया गया? (ग) जबलपुर जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण बैंक में कितनी राशि रक्षित निधि, भवन निधि, कल्याण निधि आदि मदों में जमा है? उल्लेखित जमा निधियों का भुगतान एवं समायोजन कब-कब किन-किन कार्यों हेतु किया गया? संपूर्ण सूची सहित जानकारी देवें। (घ) विगत 3 वर्षों में परिसमापक द्वारा सेवानिवृत्त कर्मचारियों के वेतन एवं अन्य देयकों के भुगतान के संबंध में कब- कब क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों नहीं की? इसका दोषी कौन है? प्रश्नांश (क) में शेष भुगतान किस प्रकार से कब तक कर दिया जावेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित किसी भी कर्मचारी को अवकाश नगदीकरण का भुगतान नहीं किया गया। (ग) जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक मर्या. जबलपुर (परिसमापनाधीन) के अंकेक्षित वित्तीय पत्रक 31.03.2020 के अनुसार रक्षित निधि में राशि रुपये 47,89,410.87, भवननिधि में राशि रुपये 15,43,210.72, कल्याण निधि में राशि रुपये 28,490.00 है। माननीय उच्च न्यायालय के आदेशानुसार श्री आर.के. जैन, सेवानिवृत्त पर्यवेक्षक के देय स्वत्वों के भुगतान हेतु भवन निधि से 6.00 लाख रुपये का भुगतान दिनांक 22.12.2020 को किया गया। उपरोक्त निधियों से इसके अतिरिक्त अन्य कोई भुगतान एवं समायोजन नहीं किया गया है। (घ) विगत 03 वर्षों में परिसमापक द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के पालन में श्री आर.के. जैन, सेवानिवृत्त पर्यवेक्षक के वेतन का भुगतान दिनांक 07.10.2019 एवं अन्य देयको का भुगतान दिनांक 22.12.2020 को तथा श्री प्रभात विश्वकर्मा सेवानिवृत्त शाखा प्रबंधक के वेतन का भुगतान दिनांक 25.08.2020 को एवं अन्य देयकों का भुगतान दिनांक 29.09.2020 को किया गया। शेष स्वत्वों हेतु विभागीय निर्देशों के अनुरूप संपत्ति एवं देयताओं का निर्धारण किया जा सकेगा। शेष प्रश्न ही नहीं उपस्थित होता।
घोषित राजस्व ग्राम
[राजस्व]
98. ( क्र. 4630 ) श्री संजय उइके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग/शासन में टोले, पारों, मोहल्लों को राजस्व ग्राम घोषित करने का प्रस्ताव विचाराधीन है? (ख) यदि हाँ, तो बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्र के किन-किन टोले/पारे/मोहल्लो को राजस्व ग्राम घोषित करने का प्रकरण विचाराधीन है? (ग) विभाग द्वारा कब तक राजस्व ग्राम घोषित किए जावेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्र के टोले/पारे/मोहल्लों को राजस्व ग्राम घोषित करने का प्रकरण विचाराधीन नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में लागू नहीं होता।
रेत का उत्खनन
[खनिज साधन]
99. ( क्र. 4631 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पिपरिया की तहसील बनखेड़ी जिला होशंगाबाद के अन्तर्गत आने वाले ग्राम माल्हनवाड़ा में रजिस्टर्ड रेत खदान हैं? (ख) क्या कि वर्तमान में रेत का उत्खनन निजी भूमि से हो रहा हैं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) का उत्तर यदि हाँ, तो क्या ग्राम माल्हनवाड़ा की रजिस्टर्ड रेत खदान का सीमांकन रकबा अनुसार कराया जाकर स्थल चिन्हित कराये जाकर चिन्हित रकबे से रेत का उत्खनन कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) खदान की स्वीकृत सीमा अंतर्गत ही कार्य संचालित है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
डेली सर्विस बसों के संचालन हेतु चिन्हित मार्ग
[परिवहन]
100. ( क्र. 4635 ) श्री पंचूलाल प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के अन्तर्गत परिवहन विभाग द्वारा कितने मार्ग बसों के परिचालन हेतु चिन्हित किये गये हैं? (ख) रीवा जिले की मनगवां विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत परिवहन विभाग द्वारा चिन्हित मार्गों पर प्रश्न दिनांक की स्थिति में कौन-कौन सी बसें, किन-किन कम्पनियों की संचालित हैं? बस नम्बर, बस संचालकों के नाम/पता व समय-सारणी सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) पिछले एक वर्ष में उक्त मार्गों में कितने यात्री वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुये तथा कितने लोग मृत-घायल हुये? क्या उन्हें मुआवजे की राशि उपलब्ध कराई गई है? यदि हाँ, तो कितनी राशि उपलब्ध कराई गई? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) रीवा जिले के अंतर्गत परिवहन विभाग द्वारा परिचालन हेतु बसों के कुल 23 मार्ग चिन्िहत है। (ख) रीवा जिले की मनगंवा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत परिवहन विभाग द्वारा चिन्हित मार्गों की संख्या 12 है। वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जिला रीवा अंतर्गत एक वर्ष की अवधि में बस दुर्घटनाओं में 03 व्यक्ति म़ृत एवं 14 व्यक्ति घायल हुए है। मृतक एवं घायलों के प्रकरण तैयार कर भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
उचित मूल्य की दुकानों का संचालन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
101. ( क्र. 4657 ) श्री पंचूलाल प्रजापति : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले की मनगवां विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल कितनी उचित मूल्य की दुकानें कहां-कहां संचालित हैं? उचित मूल्य की दुकानों पर कहां-कहां कितने हितग्राहियों की संख्या दर्ज है? उनमें से कितने हितग्राही गरीबी रेखा एवं कितने अति गरीबी रेखा में शामिल हैं? समस्त जानकारी उचित मूल्य दुकानवार उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में उचित मूल्य की दुकानों पर ऐसे कितने सेल्समैन हैं जिनके विरूद्ध शिकायतों पर विभागीय कार्यवाही की गई है तथा कितने शिकायती प्रकरण लम्बित हैं? प्रकरण दिनांक सहित कार्यवाही का विवरण उपलब्ध करावें। (ग) वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत उचित मूल्यों की दुकानों में कितने प्रकार की कौन-कौन सी राशन सामग्री भेजी गई तथा प्रति हितग्राही के हिसाब से कितनी-कितनी मात्रा में वितरित की गई है? प्रति हितग्राही को कितनी-कितनी मात्रा में कौन-कौन सी खाद्य सामग्री प्रदाय करने का प्रावधान है? उचित मूल्य दुकानवार जानकारी उपलब्ध करावें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम एवं वृक्षारोपण
[खनिज साधन]
102. ( क्र. 4660 ) श्री राकेश गिरि : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले की बड़ागॉंव धसान तहसील की ग्राम पंचायत परा में क्वार्टज (कांच बनाने की कच्ची सामग्री) खनन के लिये पट्टा दिया गया है? यदि हाँ, तो पट्टेदार का नाम, पट्टा अवधि, लीज राशि व क्षेत्रफल बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार, क्या खदान वन विभाग की जमीन में अथवा वन विभाग की जमीन से संलग्न भू-भाग में स्थित है? क्या खनिज उत्खनन के लिये हरे वृक्षों को कांटा गया है? यदि हाँ, तो, प्रजातिवार, पेड़ काटने की अनुमतियों का विवरण उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या खनन कार्य में संलग्न श्रमिकों के स्वास्थ्य और मौके पर आवश्यक बचाव उपकरण उपलब्ध कराये गये हैं? यदि हाँ, तो उपलब्ध उपकरणों की सूची दें। क्या खनन कार्य से आस-पास के क्षेत्र में पर्यावरण प्रदूषण तथा हरित क्षेत्र क्षरण हो रहा है? यदि हाँ, तो पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम तथा कितने पौधों का वृ़क्षारोपण किया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार, क्या खनन हेतु पर्यवेक्षणकर्ता अधिकारी नियुक्त किया गया है? यदि हाँ, तो नाम पदनाम बतायें। क्या पट्टे की शर्तों का अक्षरशः पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो, अनुचित खनन, पर्यावरण प्रदूषण फैलाने, वृक्षारोपण न करने के लिये पट्टाधारी एवं पर्यवेक्षण अधिकारी पर कब तक और क्या कार्यवाही की जायेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लोक सेवा केन्द्रों के संबंध में
[लोक सेवा प्रबन्धन]
103. ( क्र. 4674 ) श्री आरिफ मसूद : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल जिले में लोक सेवा केन्द्रों के जारी टेण्डर वर्ष 2019-2020 में लोक सेवा केन्द्र कलेक्टोरेट, टी.टी. नगर एवं कोलार में निविदाकारों के दस्तावेज विभाग द्वारा प्रसारित निर्देशों के विपरीत थे अथवा दस्तावेज त्रुटिपूर्ण तथा अपूर्ण लगाये थे? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शिकायत जाँच पर गठित समिति द्वारा टेण्डर निरस्त करने की अनुशंसा की गई थी? यदि हाँ, तो टेंडर निरस्त क्यों नहीं किये गए? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में समिति की अनुशंसा के आधार पर प्रतिवेदन को किस अधिकारी द्वारा नियम विरूद्ध पलटकर लोक सेवा केन्द्रों का ठेका बचाया गया? इसके लिये जिम्मेदार अधिकारी कौन है एवं उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि कोई कार्यवाही नहीं की गयी तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में लोक सेवा केन्द्र कलेक्टोरेट, टी.टी. नगर एवं कोलार के ठेकेदारों को विभागों के नियमों के विरूद्ध चयनित किये गए हैं तो इनका ठेका कब तक निरस्त किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - ''अ'' अनुसार है। जाँच समिति द्वारा प्रस्तुत अनुशंसा पर पुन: परीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी, जिसमें आर.एफ.पी. की कंडिका 2.3.1 (जी) में मानवीय त्रुटि पायी गयी थी। इसलिए टेण्डर निरस्त नहीं किये गये जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
फलदार वृक्ष बिना अनुमति के काटना
[राजस्व]
104. ( क्र. 4685 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा पत्र क्र. जेएसपी/एनएसपी/5013, दिनांक 13/02/2020 कलेक्टर नरसिंहपुर को दिया गया है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) जिला नरसिंहपुर के तह. गोटेगांव के ग्राम पंचायत इमलिया में अरविंद पटेल द्वारा 70 वर्ष पुराने फलदार वृक्षों को कटवा दिये? यदि हाँ, तो क्या इसकी अनुमति शासन से ली गई है? यदि अनुमति नहीं ली है तो क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? (ग) फलदार वृक्ष बिना अनुमति के काटने पर दोषियों पर कार्यवाही किस धारा के तहत की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, पत्र के अनुक्रम में न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व गोटेगांव में प्रकरण क्रमांक 11/ब-121 वर्ष 2020-21 दर्ज किया जाकर कार्यवाही की गई। (ख) जी हाँ, 01 जामुन का वृक्ष मौके पर नहीं पाया गया। वृक्ष उखाड़ने या काटने के संबंध में प्रशासन से किसी भी प्रकार कोई अनुमति नहीं ली गई थी, जिसके संबंध में अनावेदक के विरूद्ध म.प्र.भू.-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 240 एवं धारा 253 (1) के तहत कार्यवाही की गई। (ग) फलदार वृक्ष बिना अनुमति के काटनें पर म.प्र. भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 240 एवं धारा 253 (1) के तहत कार्यवाही की जाकर 5000/- (अंकन पांच हजार रूपये/-) का अर्थदण्ड चालान क्रमांक 16 दिनांक 11.9.2020 द्वारा जमा करवा दिया गया है।
मत्स्य कृषकों को प्राप्त राशि
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
105. ( क्र. 4686 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मछली पालन विभाग में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में विगत 5 वर्षों में करोड़ों रूपयों का अनुदान मत्स्य बीज संबंधी ईकाई की स्थापना के नाम पर कृषकों को प्रदान किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो जिलावार मत्स्य कृषकों (हितग्राही) की संख्या सहित जानकारी देवें जिनको राशि प्रदान की गयी है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) अंतर्गत मात्र 10 प्रतिशत ही राशि वास्तविक कार्य में उपयोग हुई है, शेष राशि का दुरूपयोग किया गया है? विगत 2 वर्षों में खर्च की गई राशि से संबंधित क्षेत्र में कितना मत्स्य बीज का उत्पादन हुआ? जिलेवार जानकारी देवें। (ग) क्या शासन द्वारा उक्त क्षेत्रों का भौतिक सत्यापन वरिष्ठ अधिकारियों से करा कर दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही कर दुरूपयोग की गई राशि की वसूली की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्न (क) के उत्तर के आलोक्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्न (क) के उत्तर के आलोक्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निरस्त श्रमिक पंजीयन
[श्रम]
106. ( क्र. 4694 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन विधानसभा क्षेत्र में विगत 2 वर्षों में कितने हितग्राहियों के श्रमिक कार्ड/श्रमिक पंजीयन निरस्त किए गए? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिन हितग्राहियों के श्रमिक पंजीयन/श्रमिक कार्ड को निरस्त किया गया? वह किनके द्वारा किया गया, निरस्त करने के कारण बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जनवरी 2018 में कितने हितग्राहियों के श्रमिक कार्ड/पंजीयन थे व प्रश्न दिनांकों को कितने श्रमिक कार्ड/पंजीयन है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) खरगोन विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले निकायों नगर पालिका खरगोन, जनपद पंचायत खरगोन एवं जनपद पंचायत गोगंवा में विगत 2 वर्षों में मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना के अंतर्गत कुल 18782 श्रमिक पंजीयन निरस्त किये गये एवं म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत 959 पंजीयन निरस्त किये। (ख) मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजनांतर्गत हितग्राहियों के श्रमिक पंजीयन शासन के निर्देश क्रमांक 756/595/2019/ए-16 दिनांक 30.06.2019 के परिपालन में एवं म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के श्रमिक पंजीयन शासन के निर्देश क्रमांक 869/595/2019/ए-16 दिनांक 2.7.2019 के अनुक्रम में किये गये भौतिक सत्यापन में ग्राम सचिव तथा वार्ड प्रभारी की अनुशंसा पर निरस्त किये गये। निरस्त करने के कारण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना 01 अप्रैल 2018 से प्रारंभ हुई है। अत: जनवरी 2018 की स्थिति में पंजीयन निरंक है। प्रश्न दिनांक तक 89575 श्रमिक पंजीकृत हैं। म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत माह जनवरी 2018 में 3879 निर्माण श्रमिक पंजीकृत थे। प्रश्न दिनांक तक 2144 निर्माण श्रमिक पंजीकृत है।
सिंचाई व पेयजल हेतु संचालित योजनाऐं
[जल संसाधन]
107. ( क्र. 4695 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन विभाग द्वारा सिंचाई के लिए जल संसाधनों की बढ़ोतरी हेतु खरगोन विधानसभा क्षेत्र में किन किन योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है? (ख) जल संसाधन विभाग द्वारा खरगोन विधानसभा क्षेत्र में बहने वाली नदियों जिनका पानी आगे जाकर बड़ी नदियों में मिलता है उस पानी को रोककर सिंचाई क्षेत्र को बढ़ाने के लिए क्या कोई कार्य योजना बनाई जा रही है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें और नहीं तो कारण सहित बतावें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) वर्तमान में खरगोन विधानसभा क्षेत्र में जल संसाधनों की बढ़ोत्तरी हेतु किसी भी योजना का निर्माण नहीं किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। खरगौन विधानसभा क्षेत्र में बहने वाली कुंदा नदी पर नवलपुरा खेड़ी बैराज तथा वेदा नदी पर सुल्तानपुर बैराज चिन्हित हैं।
बी.पी.एल. पात्रता अपडेट नहीं किया जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
108. ( क्र. 4698 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा नागदा नपा क्षेत्र में कितने बी.पी.एल./अन्तोदय कार्डधारी की वार्डवार जानकारी एसडीएम नागदा को दिनांक 15/02/2021 को पत्र द्वारा मांगी है? क्या जानकारी उपलब्ध करा दी गयी? कब तक उपलब्ध करा दी जायेगी? (ख) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में बीपीएल के पात्र हितग्राहियों की परिवार के सदस्यों के मान से पात्रता अपडेट करने हेतु कितने आवेदन नगर पालिका नागदा/खाचरौद/जनपद पंचायत में दे रखे हैं? संख्यात्मक विवरण दें। (ग) बीपीएल के पात्र हितग्राहियों की पात्रता अपडेट करने हेतु साईट कब प्रारंभ की गई थी? विवरण दें तथा साईट बंद है या प्रारंभ? बंद रहने का क्या कारण है? यदि साईट चल रही है तो फिर क्यों पात्र हितग्राहियों को उनके सदस्य के मान से खाद्यान्न उपलब्ध नहीं हो पा रहा है? कारण सहित विवरण दें। (घ) क्या नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत बीपीएल के पात्र हितग्राहियों द्वारा पात्रता पर्ची अपडेट करने हेतु कई माह पूर्व से ही आवेदन दे रखा है उसके बावजूद भी उनकी पात्रता पर्ची परिवार के सदस्यों के मान से अपडेट नहीं हो पा रही है जिसके कारण उनको वास्तविक खाद्यान्न उपलब्ध नहीं हो पा रहा है? यदि हाँ तो कब तक पात्रता पर्ची अपडेट कर दी जायेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। उक्त जानकारी पत्र क्रमांक 230 दिनांक 25.02.2021 के माध्यम से अनुविभागीय अधिकारी नागदा द्वारा उपलब्ध कराई गई है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 अंतर्गत पात्र परिवारों की पात्रता पर्ची अपडेट करने की सुविधा माह जुलाई 2020 से विभागीय पोर्टल पर उपलब्ध है इसे बंद नहीं किया गया है। स्थानीय निकाय द्वारा पात्र परिवारों द्वारा प्रस्तुत आवेदन व दस्तावेजों का सत्यापन, सदस्यों को जोड़ना एक सतत् प्रक्रिया है, तदनुसार पात्र परिवार की सदस्य संख्या के मान से खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर अनुसार नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में स्थानीय निकाय द्वारा पात्रता परिवारों से पात्रता पर्ची अपडेट करने हेतु प्राप्त आवेदनों के परीक्षणोपरांत वैध दस्तावेजों के आधार पर पोर्टल पर सदस्य संख्या का अपडेशन किया जाता है, जिसके आधार पर पात्र परिवार को उसकी पात्रतानुसार राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। पात्रता पर्ची में संशोधन, अपडेशन एक सतत् प्रक्रिया है।
दोषी अधिकारी/कर्मचारी पर कार्यवाही
[राजस्व]
109. ( क्र. 4699 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्न क्र. 84 (क्र. 1312) दिनांक 19 दिसम्बर 2019 के प्रश्नांश (क) व (ख) के उत्तर में बताया गया कि विभागीय जाँच संबंधी कार्यवाही कार्यालय आयुक्त उज्जैन द्वारा की जा रही है? यदि हाँ तो क्या विभागीय जाँच पूर्ण हो गई है? इसमें कौन-कौन दोषी पाये गये? जाँच प्रतिवेदन का विवरण दें। (ख) उपरोक्त प्रश्नांश (ख) के उत्तर में बताया गया कि विभागीय जाँच के परिणाम के आधार पर अग्रिम कार्यवाही की जा सकेगी? यदि हाँ तो दोषी तत्कालीन पदस्थ तहसीलदार व मौजा पटवारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? (ग) तहसील कार्यालय नागदा में पदस्थ रहे बाबु चित्रेश वाघे के विरूद्ध क्या-क्या शिकायतें प्राप्त हुई तथा इनके विरूद्ध क्या विभागीय जाँच चल रही है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 84 (1312) अनुसार श्री रमेश सिसौदिया तहसीलदार के विरूद्ध वर्तमान में जिला विभागीय जाँच अधिकारी, उज्जैन द्वारा की जा रही हैं, जो वर्तमान में प्रचलित है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में विभागीय जाँच के परिणाम के आधार पर तत्कालीन तहसीलदार के विरूद्ध कार्यवाही की जा सकेगी। पटवारी की विभागीय जाँच में दो वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी गई है। (ग) तहसील कार्यालय नागदा में पदस्थ रहे बाबू श्री चित्रेश वाघे के विरूद्ध पद के दुरूपयोग की शिकायतें प्राप्त हुई थी। जी हाँ।
सहकारी संस्थाओं को प्रदाय कमीशन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
110. ( क्र. 4721 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के माध्यम से गेंहू/चना आदि की खरीदी कराये जाने पर सहकारी संस्थाओं को कमीशन स्वरूप राशि विभाग द्वारा दिये जाने के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो निर्देशों की प्रति सहित किस मान से कमीशन निर्धारित कर दिया जाता हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विगत तीन वर्षों में राजगढ़ जिले के अंतर्गत कब-कब गेंहू/चना खरीदी का कितना-कितना कमीशन किस-किस सहकारी संस्था को किस माध्यम से दिया गया? (ग) उपरोक्तानुसार क्या विगत तीन वर्षों से किसी भी सहकारी संस्था को उक्त कमीशन स्वरूप प्राप्त होने वाली राशि का भुगतान नहीं किया गया हैं? यदि हाँ, तो क्यों तथा इसके लिये कौन-कौन अधिकारी उत्तरदायी हैं तथा शासन संबंधित अधिकारियों द्वारा अपने कर्तव्य पालन में की गई लापरवाही के लिये उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या तथा कब तक?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। समर्थन मूल्य पर गेहूं एवं चना उपार्जन पर समितियों को देय कमीशन के निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–अ अनुसार है। (ख) राजगढ़ जिले में विगत 3 वर्षों में समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूं, चना खरीदी की मात्रा पर देय कमीशन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उपार्जन एजेंसियों द्वारा समितियों को कमीशन की राशि का भुगतान जेआईटी पोर्टल/चेक/आरटीजीएस एवं जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक, राजगढ़ के माध्यम से किया गया है। (ग) राजगढ़ जिले में विगत 3 वर्षों में उपार्जित गेहूं, चने पर देय कमीशन का भुगतान समितियों को किया गया है। सहकारी समितियों द्वारा वास्तविक रूप से गोदामों में जमा स्कन्ध मात्रा के आधार पर कमीशन का भुगतान किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भौतिक सत्यापन के अभाव में लंबित आवेदन
[श्रम]
111. ( क्र. 4722 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में अंतर्गत नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल एवं संबल योजना में प्रश्न दिनांक तक ऐसे कितने पात्र हितग्राही हैं, जिनका विभागीय पोर्टल पर भौतिक सत्यापन नहीं होने से उनको योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या विभागीय पोर्टल पर ऑनलाइन भौतिक सत्यापन कर हितग्राहियों को लाभांवित किये जाने हेतु प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही की गई हैं? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही किन कारणों से किस स्तर पर कब से लंबित हैं? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन ऐसे समस्त पात्र हितग्राहियों का विभागीय पोर्टल पर भौतिक सत्यापन करवाकर योजनाओं का लाभ प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) 1. म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल- चाही गई जानकारी निरंक है। 2. म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मंडल - मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजनांतर्गत पात्रता का निर्धारण भौतिक सत्यापन के उपरान्त ही हो सकेगा तथा चिन्हित समस्त पात्र हितग्राही योजना का लाभ प्राप्त करने की पात्रता रखते हैं। (ख) जी हाँ। जारी आदेशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पात्रता सत्यापित होने पर लाभ प्रदान किया जा सकेगा।
भूमि का अधिग्रहण
[राजस्व]
112. ( क्र. 4753 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रामपुर नैकिन तहसील को भीतरी-डाडी टोला मार्ग के भूमि अधिग्रहण का प्रकरण PWD से कब प्राप्त हुआ? (ख) तहसीलदार/SDM एवं पटवारी द्वारा इस संबंध में किस-किस दिनांक को क्या-क्या कार्यवाही की? (ग) भूमि अधिग्रहण के संबंध में वर्तमान में क्या स्थिति है? (घ) क्या विशेष दल बनाकर भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही पूर्णकर प्रश्नकर्ता को भी अवगत कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) रामपुर नैकिन तहसील की भितरी-डांडी टोला मार्ग के लिए भूमि अर्जन का प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग उप संभाग चुरहट जिला सीधी के पत्र क्रमांक 436/तक./2020-21 चुरहट दिनांक 09.10.2020 द्वारा प्रस्तुत किया गया है। (ख) हल्का पटवारी से पटवारी अभिलेख परीक्षण उपरांत दिनांक 30.10.2020 को प्राप्त होने के पश्चात् उपखण्ड अधिकारी चुरहट द्वारा जॉंचकर धारा-11 के प्रकाशन की कार्यवाही का प्रस्ताव दिनांक 25.02.2021 को जिला भू-अर्जन कार्यालय में प्रस्तुत किया गया है। (ग) धारा-11 के प्रकाशन हेतु कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) धारा-11 के प्रकाशन उपरांत भूमि अर्जन अधिनियम, 2013 के तहत चरणबद्ध रूप से अग्रिम कार्यवाही संपादित की जायेगी। भू-अर्जन अधिनियम, 2013 अंतर्गत विशेष दल बनाने का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्नांश उदभूत नहीं होता।
मुआवजा एवं बस संचालक पर कार्यवाही
[परिवहन]
113. ( क्र. 4754 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 16 फरवरी 2021 को सीधी जिले के रामपुर नैकिन थाना क्षेत्र अंतर्गत पुल पर बस अनियंत्रित होकर नहर में पलटने के कारण कई छात्र-छात्राओं की अकाल मृत्यु हो गई? (ख) यदि हाँ, तो उक्त घटना किसकी लापरवाही के कारण हुई? क्या दोषियों पर प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो कार्यवाही न किये जाने के क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त घटना में जिन छात्र-छात्राओं की मृत्यु हुई है क्या उनके परिवारजनों को शासन की तरफ से मुआवजा दिया गया है? यदि हाँ, तो कितना-कितना? (घ) क्या बस पर क्षमता से अधिक यात्री बैठाना, बस चालक द्वारा रूट बदलना-नियम विरूद्ध बस का संचालन करने के लिये दोषी पाये जाने पर क्या रजिस्ट्रेशन रद्द करने की कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। यह सही है। (ख) दुर्घटना वाहन चालक की लापरवाही के कारण होना प्रकाश में आया है। दुर्घटना के पश्चात वाहन चालक श्री बालेन्द्र कुमार विश्वकर्मा पुत्र श्री गोविंद विश्वकर्मा निवासी ग्राम मझियार बडी हरई थाना सेमरिया जिला रीवा को जिला पुलिस सीधी ने दिनांक 17.02.2021 को गिरफ्तार किया जाकर वाहन स्वामी श्री कमलेश्वर सिंह परिहार पुत्र श्री के.पी सिंह परिहार निवासी सिजहटा, रामपुर बघेलान जिला सतना को भी आरोपी बनाया गया है। परिवहन आयुक्त मध्यप्रदेश के आदेश क्रमांक 10/निज सचिव/टीसी/2021 दिनांक 17.02.21 द्वारा प्रभारी जिला परिवहन अधिकारी सीधी श्री शांतिप्रकाश दुबे को दिनांक 17.02.21 के अपरान्ह से निलंबित किया गया है। (ग) जी हॉं, कलेक्टर कार्यालय सीधी द्वारा दुर्घटना में प्रत्येक मृतक के परिजनों को रूपये 7 लाख की सहायता स्वीकृत की गयी है। अभी तक 47 मृतकों के परिवारजनों को सहायता दी जा चुकी है। (घ) क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार रीवा द्वारा दिनांक 16.02.2021 को वाहन का परमिट क्रमांक SCP/18/रीवा/15/16 एवं चालाक का लायसेंस दिनांक 16.02.2021 को निरस्त किया गया है। साथ ही अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी सतना के द्वारा वाहन का फिटनेस प्रमाण पत्र दिनांक 16.02.2021 को निरस्त कर दिया गया है।
गृह निर्माण समितियों में हुई गड़बडि़याँ
[सहकारिता]
114. ( क्र. 4756 ) श्री
आरिफ अक़ील : क्या
सहकारिता
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
भोपाल की मन्दाकिनी, गौरव, गुलाबी, महाकाली, हेमा, लाला
लाजपत राय एवं
न्यू मित्र
मण्डल गृह
निर्माण
समितियों में
हुई
गड़बडि़यों
की जाँच के
लिए कलेक्टर
भोपाल द्वारा
सहकारिता
विभाग को जाँच
के लिए
निर्देश दिये
गये हैं?
(ख)
यदि
हाँ, तो
क्या
सहकारिता
विभाग द्वारा
निर्धारित
समयावधि में
सभी समितियों
की जाँच
रिपोर्ट शासन
को भेजी दी गई
है? (ग) यदि
नहीं, तो
सहकारिता
विभाग द्वारा
समितियों की
जाँच में हो
रही देरी के
लिए कौन-कौन
जिम्मेदार
है? क्या
जाँच के
उपरांत
संबंधित
दोषियों पर
कार्यवाही की
जावेगी?
यदि हाँ,
तो
कब तक?
यदि नहीं, तो क्यों?
सहकारिता
मंत्री ( डॉ.
अरविंद सिंह
भदौरिया ) : (क) जी
हाँ। (ख) जी
नहीं। (ग) कलेक्टर
जिला भोपाल के
आदेश क्रमांक 753/अ.जि.द.
(उत्तर)/2020
दिनांक 02-12-2020
जिससे जाँच के
आदेश दिये गये
है के विरूद्ध
माननीय उच्च
न्यायालय
जबलपुर
द्वारा
प्रकरण
क्रमांक डब्ल्यू.पी.
705/2021 में
पारित आदेश
दिनांक 01-02-2021
द्वारा जाँच
पर स्थगन
दिया गया है, इसलिए
शेष का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
उचित मूल्यों की दुकानों को आवंटित चावल की गुणवत्ता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
115. ( क्र. 4757 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा कोरोना काल में जिला भिण्ड में उचित मूल्य की दुकानों में उपभोक्ताओं को बांटने के लिए चावल उपलब्ध कराये गये थे? यदि हाँ, तो किस-किस उचित मूल्य की दुकान को तथा कितनी-कितनी मात्रा में चावल उपलब्ध कराये गये थे? बतावें। (ख) क्या कोरोना काल में गरीबों को बांटने वाला अनाज प्रश्न दिनांक तक भी नहीं बांटा गया है? क्या उक्त अनाज महीनों से उचित मूल्यों की दुकान पर रखे-रख्ो खराब हो गये हैं? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन दोषी है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में गरीबों को बांटे जाने वाले चावल वितरण न कर उसे खराब करने के कौन-कौन दोषी है? क्या दोषियों पर कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। उपलब्ध कराये गये चावल की मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। कोरोनाकाल में गरीबों को बांटे जाने वाला अनाज का वितरण कराया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में वितरण होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नोटिस के बाद भी कार्यवाही न होना
[सहकारिता]
116. ( क्र. 4771 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहकारिता आयुक्त भोपाल के द्वारा नोटिस क्र./साख/विधि/2018/2307 दिनांक 23.08.2018 जारी किया था? जारी नोटिस का विवरण उपलब्ध कराते हुये बतायें कि उक्त नोटिस किन-किन शिकायतों पर, किन-किन प्रकरणों में की गई अनियमितताओं पर दस्जावेजी सबूतों के आधार पर जारी किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नोटिस क्या इंदौर के तात्कालीन सहकारिता आयुक्त अभय खरे को जारी किया था? क्या उनके द्वारा पद का दुरूपयोग कर अपने अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर इन्दौर संभाग की किन-किन नाम/पते वाली सहकारी संस्थाओं एवं किन किस नाम/पते वाले बैंकों को धारा 80 (क) या अन्य धाराओं के तहत नोटिस जारी किये थे? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित जारी नोटिस पर प्रश्नतिथि तक आयुक्त/प्रमुख सचिव सहकारिता/अन्य किस सक्षम अधिकारी के द्वारा जाँच एवं कार्यवाही के आदेश जारी किये गये? क्या नोटिस के जवाब के बाद विभाग संतुष्ट हो गया? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित जारी नोटिस के बाद विभाग द्वारा कार्यवाही एवं जाँच नहीं किये जाने पर उक्त जारी नोटिस को विभाग वैध मानता है कि अवैध? अगर अवैध तो तात्कालीन सहकारिता आयुक्त पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। जारी पत्र का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार, शिकायतकर्ता की जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-02 अनुसार है। (ख) जी हाँ। म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 80 (क) के तहत जारी नोटिसों की जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-03 अनुसार है। (ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) प्रकरण प्रक्रियाधीन होने के कारण वैध है अथवा अवैध बताया जाना संभव नहीं है।
अतिक्रमण कर कॉम्पलेक्स का निर्माण
[राजस्व]
117. ( क्र. 4772 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना शहर के बान्धवगढ़ स्थित महालक्ष्मी कॉम्पलेक्स जिस भूमि पर बना है उसका आराजी क्रमांक एवं रकबा क्या है? उक्त महालक्ष्मी कॉम्पलेक्स की भूमि का वर्ष 1958-59 के खसरा खतौनी में भूमि किसके नाम पर दर्ज थी? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित उक्त रिहायशी कॉम्पलेक्स के बगल से क्या नाला जाता है? नाले की चौड़ाई प्रश्नतिथि तक क्या है? नाले की आराजी क्रमांक एवं रकबा (महालक्ष्मी कॉम्पलेक्स के बाजू से) कुल कितना प्रश्नतिथि तक राजस्व रिकार्डों में दर्ज है? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित उक्त नाले की वर्ष 1958-59 के खसरा खतौनी में (महालक्ष्मी कॉम्पलेक्स के बाजू में) क्या आराजी क्रमांक दर्ज है एवं कुल कितना रकवा दर्ज है? (घ) उक्त कॉम्पलेक्स के निर्माण के समय किन आराजी क्रमांकों एवं कुल कितने रकबे पर भवन स्वामी का कब्जा दस्तावेजों में दर्शाया गया था? उस समय महालक्ष्मी कॉम्पलेक्स से सटे नाले की आराजी क्रमांक व रकवा क्या था? क्या नाले की आराजी क्रमांक व कुल रकबा वर्ष 1958-59 की खसरा खतौनी से मेल खाता था? प्रश्नतिथि तक किस-किस नाम के पटवारी/राजस्व निरीक्षक/ तहसीलदार/एसडीएम के द्वारा नाले की चौड़ाई कम कर अतिक्रमण करने वाले उक्त स्थल का निरीक्षण कर किन आदेश क्रमांकों एवं दिनांकों से क्या कार्यवाही/आदेश जारी किये? विवरण उपलब्ध करायें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सतना शहर के बान्धवगढ स्थित महालक्ष्मी कॉम्पलेक्स जिस भूमि पर बना है उसका आराजी क्रमांक 240/1/14 रकबा 0.045 हे0 240/1/15 रकवा 0.032हे0 आ0नं0 240/1/16 रकवा 0.045 हे0 कुल रकवा 0.122 हे0 में निर्मित है। वर्ष 1958-59 में उक्त आराजियां शासकीय भूमियों के वर्ग 9 एवं 10 में दर्ज नहीं है, अत: शासकीय भूमि नहीं है। वर्ष 1958-59 की खतौनी के प्रारंभ के कुछ पृष्ठ नहीं है तथा कुछ पृष्ठ अपठनीय है अत: यह बताना संभव नहीं है कि उक्त भूमि किसके नाम दर्ज थी। (ख) नाले का रकवा 0.182हे0 है। नाले की आराजी क्रमांक 242 रकबा 0.182 हे0 प्रश्नतिथि तक दर्ज अभिलेख है महालक्ष्मी काम्पलेक्स के पास नाले की चौड़ाई कहीं 20 फीट एवं कहीं 30 फीट है। (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित नाला वर्ष 1958-59 के खसरा खतौनी में आराजी क्रमांक 242 रकबा 0.182 हे0 दर्ज है। (घ) उक्त काम्पलेक्स के निर्माण के समय उत्तरांश ''क'' में वर्णित आराजी क्रमांक एवं रकबे पर भूमिस्वामी हक में शासकीय अभिलेख में दर्शाया गया था। भूमिस्वामी द्वारा उत्तरांश (क) में वर्णित आराजी एवं (ख) वर्णित आराजी क्रमांक 242 रकबा 0.182 हे0 के अंश भाग यानी 3 बाई 10 फिट बराबर 30 वर्गफिट पर अनाधिकृत कब्जा कर काम्पलेक्स की बाउण्ड्री बनाई गई थी, जिसे हटा दिया गया है। नाले की आराजी क्रमांक व कुल रकबा वर्ष 1958-59 की खतौनी से मेल खाता है। तहसीलदार नजूल के राजस्व प्रकरण क्रमांक 01अ68/2016-17 आदेश दिनांक 14/10/2016 द्वारा कलेक्टर सतना के गाइड लाइन अनुसार बाजार मूल्य का 20 प्रतिशत राशि का अर्थण्ड सहित अधिरोपित करते हुए अतिक्रमण हटाये जाने का आदेश पारित किया गया। आदेश के पालन में दिनांक 27/10/2017 को अतिक्रमण नगर निगम के माध्यम से हटा दिया गया है। तहसीलदार रघुराजनगर द्वारा दिनांक 17/12/2019 को मौके से जाकर निरीक्षण किया गया जिसमें अतिक्रमण हटाया जाना पाया गया।
आउटसोर्स संस्था की जानकारी
[श्रम]
118. ( क्र. 4788 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन अंतर्गत कितनी आउटसोर्सिंग संस्था पंजीकृत हैं एवं इसके पंजीयन के क्या नियम है? जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) कौन सी संस्था किस विभाग में कार्यरत है? कितने कर्मचारी किन-किन विभागों में कार्यरत हैं? विभागवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) इन कर्मचारियों को भर्ती करने की क्या नियमावली है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) श्रम विभाग द्वारा आउटसोंर्सिग संस्थाओं का पंजीयन नहीं किया जाता है एवं ना ही इस संबंध में पृथक से नियम है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियम अनुसार निविदा पद्धत्ति से आउटसोर्स एजेंसी का चयन किया जा सकता है।
कृषकों की भूमि का अधिग्रहण
[राजस्व]
119. ( क्र. 4790 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मेसर्स वेलस्पन एनर्जी म.प्र. द्वारा कटनी जिला के ग्राम डोकरिया एवं ग्राम बुजबुजा में 660x3 मेगावाट विद्युत परियोजना की स्थापना हेतु कृषकों की भूमियों का भू-अधिग्रहण किया गया? (ख) यदि हाँ, तो भू-अधिग्रहण किन शर्तों पर किया गया? (ग) जब परियोजना विगत कुछ वर्ष से बंद है तो क्या उन कृषकों की भूमि वापस की जावेगी जिन्होनें मुआवजे की राशि स्वीकार नहीं की है? यदि हाँ, तो कब तक की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) भू-अर्जन अधिनियम 1894 में दिये प्रावधानों/शर्तो के तहत भू-अधिग्रहण किया गया है। शर्तों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) अनुपयोजित भूमि के मामले में, मध्यप्रदेश भू-अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार नियम, 2015 के नियम 21 के प्रावधानों अंतर्गत, भूमि वापसी अथवा लैंड बैंक में रखने की कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्नांश उदभूत नहीं होता।
भुगतान किया गया वी.जी.एफ.
[लोक सेवा प्रबन्धन]
120. ( क्र. 4793 ) श्री विनय सक्सेना : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा आज दिनांक तक निजी लोक सेवा केंद्र संचालकों को कितना वी.जी.एफ. (V.G.F.) प्रदान किया जा चुका है? जिलेवार बतावें। (ख) सेवाओं को क्या लोक सेवा केंद्र संचालकों के स्थान पर शासकीय संस्था ज़िला गवर्नेंस सोसायटी के माध्यम से प्रदाय नहीं किया जा सकता है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) ज्यादा से ज़्यादा सेवाओं का प्रदाय लोक सेवा केंद्रों तक सीमित क्यों रखा गया है? उन्हें अन्य योजनाओं व आवेदनों की तरह पब्लिक पोर्टल पर उपलब्ध क्यों नहीं कराया जा रहा है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) राज्य लोक सेवा अभिकरण द्वारा सितम्बर 2012 से नवम्बर 2017 तक निजी लोक सेवा केन्द्र को राशि रूपये 24,20,38,694/- (राशि रूपये चौबिस करोड़ बीस लाख अड़तिस हजार छ: सौ चौरानवे मात्र) एवं जिला ई-गवर्नेंस सोसायटी द्वारा दिसम्बर 2017 से दिनांक फरवरी 2021 तक राशि रूपये 10,54,30,589/- (राशि रूपये दस करोड़ चौवन लाख तीस हजार पांच सौ नवासी मात्र) सहित कुल राशि रूपये34,74,69,283/- (राशि रूपये चौतीस करोड़ चौहत्तर लाख उनहत्तर हजार दो सौ तिरासी मात्र) के भुगतान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) लोक सेवा गारंटी अधिनियम में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है और न ही कोई दिशा-निर्देश जारी किये गये है। (ग) लोक सेवा केन्द्रों के साथ एमपी ऑनलाईन एवं अन्य विभागीय पोर्टल से भी सेवाएं उपलब्ध कराई जा रहीं है।
जबलपुर में राज्य खाद्य लेबोरेट्री का निर्माण
[राजस्व]
121. ( क्र. 4794 ) श्री विनय सक्सेना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम मझगवां प.ह.न. 57 के खसरा न. 4/1 एवं 5/1 डुमना रोड, जिला जबलपुर में श्रीमती संध्या वर्मा की पैतृक संपत्ति स्थित है? यदि हाँ, तो म.प्र. शासन द्वारा उक्त खसरा न. 4/1 एवं 5/1 की भूमि पर किस आधार पर अधिग्रहण किये बगैर राज्य खाद्य लेबोरेट्री का निर्माण किया जा रहा है? (ख) क्या श्रीमती संध्या वर्मा द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में उक्त संबंध में प्रस्तुत रिट याचिका क्रमांक 9586/2020 में दिनांक 29/07/2020 में स्पष्ट आदेश दिए गये हैं कि उक्त खसरे क्रमांक की भूमि पर कोई निर्माण न किया जावे? यदि हाँ, तो क्या उक्त आदेश का पालन किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में राज्य खाद्य लेबोरेट्री निर्माण हेतु खाद्य विभाग को जमीन कब आवंटित की गयी? खसरा न.4/1 एवं 5/1 का बटांक कब हुआ? पटवारी नक्शा कब काटा गया? सीमांकन किस आधार पर किया गया? (घ) उक्त स्थल पर खसरा न.4/2 एवं 5/2 की भूमि किस नाम पर दर्ज है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिले की तहसील रांझी अंतर्गत प्रश्न अनुसार ग्राम मझगवां न होकर ग्राम महगवां है। जिसकी भूमि खसरा नम्बर 4/1 एवं 5/1 वर्तमान अभिलेख अनुसार श्रीमती संध्या वर्मा का नाम खसरे में दर्ज नहीं है। शेष प्रश्नांश उदभूत नहीं होता। (ख) जी हाँ। दिये गये आदेश का पालन किया जा रहा है। (ग) न्यायालय कलेक्टर जबलपुर अंतर्गत अपर कलेक्टर (शहर) के राजस्व प्रकरण क्रमांक 03/अ-20 (1)/2019-20 में आदेश दिनांक 04.10.2019 के द्वारा ग्राम महगवां खसरा नम्बर 4/2, 4/3, 4/4, 4/5 खाद्य एवं औषधी प्रशासन विभाग फूड लेबोरेट्री को भूमि आवंटित की गई है। खसरा नम्बर 4/1 एवं 5/1 का बटांक वर्ष 2007 में किया गया। खसरा नम्बर 4 में नक्शा तरमीम नहीं किया गया है। उक्त प्रकरण में प्रस्तावित नक्शे के आधार पर सीमांकन किया गया। (घ) खसरा नम्बर 4/2, 5/2 मध्यप्रदेश शासन के नाम रिकार्ड में दर्ज है।
टैक्स में छूट तथा परिवहन आयुक्त के पत्र का परिपालन
[परिवहन]
122. ( क्र. 4797 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लॉक डाउन के तहत क्या व्यवसायिक वाहनों जैसे बस ट्रक इत्यादि के तिमाही कर में छूट दी गई हैं? यदि हाँ, तो जबलपुर संभाग में दी गई छूट की जिले अनुसार जानकारी दें। यदि नहीं, तो शासन कब तक यह छूट देगा? व्यवसायिक वाहनों के मासिक टेक्स में मिलने वाली छूट की भी जानकारी दें। (ख) कार्यालय परिवहन आयुक्त मध्यप्रदेश ग्वालियर के पत्र क्रमांक 2015/तकनीकी/टी.सी/2018 दिनांक 26/04/2018 द्वारा सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के पत्र क्रमांक आर-11021/44/2017- एम.व्ही.एल. दिनांक 16/04/2018 का क्या प्रदेश में परिपालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो इसके परिपालन न होने के लिए दोषियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा?
राजस्व
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) तथ्यात्मक
स्थिति यह है
कि
मध्यप्रदेश
शासन, परिवहन
विभाग की
अधिसूचना
दिनांक 11.11.2020
द्वारा
मध्यप्रदेश
राज्य में
पंजीकृत ऐसे समस्त
लोक सेवा यान
जिनका मासिक
मोटरयान कर कराधान
अधिनियम
प्रथम
अनुसूची के मद
(4) के
अनुसार शोध्य
है, को
माह अप्रैल 2020 से माह
अगस्त 2020 तक
के शोध्य कर
के भुगतान से
पूर्णतः एवं
माह सितंबर 2020 के
शोध्य कर के
भुगतान से
पचास प्रतिशत
की छूट प्रदाय
की गई है।
अधिसूचना की
प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
जबलपुर संभाग
के जिलों में
भी उपरोक्तानुसार
छूट दी गयी
है। तिमाही दर
पर कर का
भुगतान करने
वाले वाहनों
को मोटरयान कर
में छूट
प्रदाय नहीं
की गई है। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) जी
हाँ, प्रदेश
में उपरोक्त
पत्रों
द्वारा जारी
निर्देशों का
पालन किया जा
रहा है। इस
संबंध में कोई
शिकायत
प्राप्त नहीं
हुई है।
परिशिष्ट
- "तिरेसठ"
बिना परमिट/अवैध तरीके से बसों का संचालन
[परिवहन]
123. ( क्र. 4803 ) सुश्री कलावती भूरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अलीराजपुर जिले में प्रतिदिन 50-60 की संख्या में डबल डेकर बसें बिना परमिट/अवैध तरीके से गुजरात, महाराष्ट्र जैसे अन्य राज्यों से बेखौफ आ-जा रही हैं। इसका जिम्मेदार कौन है? किसके संरक्षण में किस आदेश से चल रही है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्षेत्र में अवैध तरीके से चल रही बसों का न तो उनके पास कोई दस्तावेज है न फिटनेस सर्टिफिकेट न बीमा है फिर भी बेखौफ संचालन किया जा रहा है। यदि ऐसे में कोई अप्रिय घटना घटती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? (ग) यदि अलीराजपुर जिले में टूरिज्म परमिट से संचालन किया जा रहा है तो सवारी बसों का संचालन कैसे हो रहा है? इनकी जांच कब-कब जिला प्रशासन एवं परिवहन विभाग द्वारा की गई है? यदि कार्यवाही की गई तो दिनांक सहित जानकारी देवें। नहीं की तो क्यों नहीं की गई? (घ) प्रश्न (क), (ख) और (ग) अनुसार प्रश्नकर्ता द्वारा पूर्व में मध्यप्रदेश शासन और जिला प्रशासन को पत्र के माध्यम से अवगत कराया जा चुका था, किन्तु उस पर आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है? इसका क्या कारण है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) यह कहना सही नहीं है कि अलीराजपुर जिले में प्रतिदिन 50-60 की संख्या में डबल डेकर बसे बिना परमिट/अवैध तरीके से गुजरात, महाराष्ट्र जैसे अन्य राज्यों में बेखौफ आ जा रही है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) अलीराजपुर जिले में टूरिस्ट परमिट पर सवारी बसों के संचालन होने पर समय-समय पर विशेष चैकिंग कर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। कार्यवाही का पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नकर्ता माननीय विधायक को दिनांक 26/12/2020 को अवगत करा दिया गया है।
प्रवासी श्रमिकों के संबंध में
[राजस्व]
124. ( क्र. 4808 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रं. 609 दिनांक 23.09.2020 के संदर्भ में प्रश्न के खण्ड (ग) के उत्तर में बताया जाये की 14 लाख श्रमिक यदि आए तथा प्रवासी मजदूर योजना के पात्रता की शर्तें क्या थी? उसकी प्रति देवें। (ख) 01.50 लाख श्रमिकों को भुगतान नगद किया गया या उनके बैंक खाते में किया गया किस-किस जिले में कितने-कितने श्रमिकों को भुगतान किया गया? (ग) संदर्भित प्रश्न के खण्ड (घ) के उत्तर के संदर्भ में किस किस जिले में कितनी बसें लगाई गयी? रतलाम, नीमच, मन्दसौर, झाबुआ तथा धार जिले में सम्पूर्ण जानकारी बस संख्या, गंतव्य स्थान भाड़ा तथा बस में जाने वाले श्रमिकों की संख्या सहित सूची देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मुख्यमंत्री प्रवासी मजदूर सहायता योजना-2020 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) श्रमिकों को भुगतान उनके बैंक खातों में किया गया है। जिलेवार श्रमिकों की संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘ब’’ अनुसार है। (ग) बसों की संख्या की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘स’’ अनुसार है। जिला रतलाम, नीमच, मंदसौर, झाबुआ एवं धार की जिलेवार पृथक-पृथक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘द’’ अनुसार है।
प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना वापस जमा करने के लिये नोटिस
[राजस्व]
125. ( क्र. 4810 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 जनवरी, 2021 की स्थिति में इन्दौर संभाग के अलग-अलग जिलों में कितने किसानों को अपात्र मानकर प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना के अंतर्गत दी गई सहायता वापस जमा करने के लिये नोटिस जारी किये गए हैं? (ख) दिनांक 01 जनवरी, 2021 की स्थिति में उपरोक्त में से कितने किसानों से राशि वसूल की जा चुकी है तथा कितने किसानों से राशि अभी वसूल की जाना है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र– 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र–'ब' अनुसार है। पात्र-अपात्र का निर्धारण नहीं होने से शेष वसूली की संख्या बताया जाना संभव नहीं है।
सी.एम. हेल्पलाइन में की गई शिकायतों का निराकरण
[लोक सेवा प्रबन्धन]
126. ( क्र. 4826 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में सी.एम. हेल्पलाईन (181) में शिकायत क्र. 12926127, 12233817, 10316996, 11792073 एवं 13180716 पर क्या कार्यवाही की गई? क्या निराकरण किया गया? यदि शिकायतों का निराकरण नहीं किया गया, तो कब तक कर दिया जावेगा? (ख) यदि शिकायतें विलोपित की गई हैं तो किस आधार पर? यदि शिकायतें असत्य आधारों पर विलोपित की गई तो इसके लिए दोषी कौन है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) सी.एम. हेल्पलाईन (181) में दर्ज शिकायत क्र. 12926127, 12233817, 10316996, 11792073 एवं 13180716 के निराकरण एवं स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–''अ'' अनुसार है। (ख) उपरोक्त शिकायतों के निराकरण एवं शिकायत की स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। सी.एम. हेल्पलाईन 181 के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश संलग्न है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–''ब'' अनुसार है।
जय किसान ऋण माफी योजना
[सहकारिता]
127. ( क्र. 4827 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 31 मार्च 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक विदिशा जिले में सहकारिता विभाग के अंतर्गत जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक एवं प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के द्वारा कितने प्रकार के ऋण किस-किस वर्ग के कृषकों को कितनी राशि तक उपलब्ध करवाया गया है तथा इस पर कितने प्रतिशत ब्याज दर लिया जाता है? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विदिशा जिले में 31 मार्च 2018 की स्थिति में कितने कृषकों का ऋण पी.ए. (ड्यू ऋण) एवं एन.पी.ए. (ओवर ड्यू ऋण) था तथा कितने कृषकों का ऋण एम.टी.सी. (परिवर्तित ऋण) किया गया है? कृषक संख्यावार, समितिवार, बैंक शाखावार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सिरोंज एवं लटेरी तहसीलों में किस-किस पैक्स समिति से कितने-कितने किसानों का कितनी राशि का कर्जा माफ हुआ है? समितिवार कृषकों की संख्या, ऋण माफी की राशि सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) क्या जय किसान फसल ऋण माफी योजना अंतर्गत दो लाख तक के कर्ज के लिए सिरोंज एवं लटेरी तहसीलों में कितने कृषक पात्र पाये गये? कितने अपात्र पाये गये हैं? कितने कृषकों का ऋण माफ कर दिया गया हैं? कितने कृषक ऋण माफी हेतु शेष है? कृषक संख्या, ऋण राशि सहित पैक्सवार जानकारी उपलब्ध करावे। (ङ) क्या जय किसान फसल ऋण माफी योजना के कारण कितने किसान एन.पी.ए. (ओवर ड्यू) हो गये हैं एवं उन पर 14% ब्याज दर से ऋण वसूला जा रहा है? शेष एवं पात्र कृषकों जो कालातीत हो गए हैं। उनका ब्याज कब तक माफ कर दिया जावेगा? (च) सिरोंज-लटेरी तहसील में कौन-कौन सी पैक्स समितियाँ हैं एवं उनमें कौन-कौन से ग्राम सम्मिलित हैं? सूची उपलब्ध करावें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (च) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सहकारिता समितियों की जानकारी
[सहकारिता]
128. ( क्र. 4838 ) श्री उमंग सिंघार : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले सहित संपूर्ण मध्यप्रदेश में गेहूं उपार्जन हेतु विपणन संघ द्वारा पैक्स समितियों को कितनी राशि देना शेष हैं? जिला बैंकवार जानकारी उपलब्ध करावे। राशि उपलब्ध कराने के संबंध में क्या कार्यवाही की जा रही हैं? (ख) 0 प्रतिशत शासन की योजना अनुसार पैक्स समितियों को ब्याज की रकम किस वर्ष से नहीं दी गई है? जिला बैंकवार बकाया राशि की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) शासन स्तर से इन संस्थाओं को ब्याज की राशि कब तक दी जावेगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) 135.34 करोड़, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार, शेष राशि संस्थाओं को उपलब्ध कराने हेतु आयुक्त सहकारिता द्वारा पत्र क्र./विप./उपा./2021/581 दिनांक 06.03.2021 से विपणन संघ को लिखा गया है। (ग) शासन स्तर से ब्याज देने का कोई प्रावधान नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहकारिता समितियों के कर्मचारियों की मांग
[सहकारिता]
129. ( क्र. 4839 ) श्री उमंग सिंघार : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला धार सहित संपूर्ण मध्यप्रदेश में सहकारिता समितियों के कर्मचारियों द्वारा अनिश्चित कालीन हड़ताल की जा रही है? किन-किन मांगों के संबंध में शासन प्रशासन द्वारा विचार किया जा रहा है एवं उनकी समस्याओं के लिये सरकार द्वारा क्या कदम उठाये जा रहे हैं? मांगों सहित ब्यौरा उपलब्ध करावें। (ख) क्या कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के फलस्वरूप सहकारी संस्थाऐं बंद होने से अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है? जिले सहित प्रदेश की जनता के हितों को ध्यान में रखकर उचित एवं जायज मांगों को कब तक पूर्ण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या विगत कुछ वर्षों से उक्त कर्मचारियों द्वारा विभिन्न जायज मांगों के संबंध में विभागीय मंत्री/मुख्यमंत्री महोदय द्वारा आश्वासन दिया गया था कि शीघ्र उचित मांगों को स्वीकार कर कर्मचारियों की समस्याओं का निराकरण किया जावेगा? विगत पांच वर्षों में दिये गये आश्वासनों में क्या कार्यवाही की गई? विस्तृत ब्यौरा देवें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खदानों की जानकारी
[खनिज साधन]
130. ( क्र. 4841 ) श्री उमंग सिंघार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की गंधवानी विधानसभा क्षेत्र में विगत 05 वर्षों में किस-किस दिनांक को कितनी-कितनी खदानें कब तक की अवधि में किन-किन निजी फर्म एवं कंपनियों को स्वीकृत की गई है? प्राप्त आवेदन के अनुसार कितनी खदानों की स्वीकृति देना शेष है? साथ में यह भी बतावें कि समस्त खदानों की जमीन भूमि स्वामी के हक में है या लीज पर ली गई या अन्य प्रकार से अधिगृहित की गई है? (ख) क्या कुछ खदानों में स्वीकृत एरिया से बाहर भी खनन कार्य किया जा रहा है? विगत पांच वर्षों में क्षेत्र की जनता, क्षेत्र के जनप्रतिनिधि या अन्य प्रकार से इस संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? उक्त शिकायतों के संबंध में शासन प्रशासन द्वारा क्या निराकरण किया गया एवं कितने प्रकरण लंबित हैं? (ग) क्या खनिज विभाग में कुल लाभ का कुछ प्रतिशत स्थानीय क्षेत्र के विकास के लिये निर्माण कार्यों या अन्य विकास कार्य कराये जाते है? यदि हाँ, तो विगत पांच वर्षों में कुल लाभ की राशि का कितना प्रतिशत राशि का उपयोग किस-किस निर्माण कार्य के लिये खर्च की गई है? मदवार, तिथिवार, विधानसभा, जिलेवार ब्यौरा देवें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। दो खदानों के संबंध में निजी फर्म/कंपनी के आवेदन संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार विचाराधीन हैं। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश (क) के उत्तर में उल्लेखित संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शित खनिपट्टों में से संचालित खदानों के अंदर ही खनन कार्य किया जा रहा है। विगत पांच वर्षों में उक्त खदानों के संबंध में स्वीकृत खदान क्षेत्र से बाहर खनन कार्य करने से संबंधित क्षेत्र की जनता, क्षेत्र के जनप्रतिनिधि या अन्य प्रकार से शिकायत शासन/प्रशासन से प्राप्त नहीं हुई है, शेष का प्रश्न नहीं उठता है। (ग) खनिज से जो राजस्व राशि प्राप्त होती है, वह संपूर्ण राशि निर्धारित मद में जमा होती है। अत: लाभ का प्रश्न नहीं उठता है।
शासकीय जमीन को निजी करने का अधिकार
[राजस्व]
131. ( क्र. 4852 ) श्री जितू पटवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) न्यायालय तहसीलदार के आदेश को क्या न्यायालय तहसीलदार पलट सकता है या अन्य न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में आता है तथा धारा 165 (6) तथा 165 (7) में जो अधिकार हस्तांतरित कर सकता है? (ख) न्यायालय तहसीलदार क्या शासकीय जमीन के विवाद में उसे निजी नाम पर करने का आदेश दे सकता है तथा आदेश देने का अधिकार किस धारा से प्राप्त होता है? उसका उल्लेख करें। (ग) बताएं कि तहसीलदार, एस.डी.एम., ए.डी.एम. को कलेक्टर की कानून का अध्ययन नहीं होता है, न उस क्षेत्र में कार्यरत होते है, फिर भी वे कैसे करोड़ों की संपत्ति का मालिकाना हक तय कर देते है? कानून की धाराओं की मनचाही व्याख्या कर देते है? (घ) बतावें कि पिछले पांच वर्षों में इन्दौर संभाग अन्तर्गत प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित कितने फैसलों की जिला न्यायालय अथवा उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई तथा इस संदर्भ में वर्ष 2018 से 2020 तक में हुये कितने फैसले निरस्त कर दिये गये? (ङ) क्या सरकार प्रशासनिक अधिकारियों के फैसले करने के अधिकार के स्थान पर प्रत्येक जिले में रेवेन्यू कोर्ट का निर्माण करेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 यथा संशोधित वर्ष 2018 की धारा-51 के तहत पुनर्विलोकन की अनुमति प्राप्त कर तहसीलदार न्यायालय पूर्व में पारित आदेश में विधि अनुसार परिवर्तन कर सकता है। संहिता की धारा 165 (6) एवं 165 (7) में अधिकारिता कलेक्टर को है, जिसे हस्तांतरित नहीं किए जा सकता। (ख) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 यथा संशोधित वर्ष 2018 की किसी भी धारा में शासकीय भूमि को निजी नाम पर करने की अधिकारिता न्यायालय, तहसीलदार को नहीं है तथा स्वत्व का निर्धारण भी राजस्व न्यायालयों द्वारा नहीं किया जाता। (ग) प्रश्नाधीन सभी पीठासीन अधिकारी विभागीय विधियों के संबद्ध विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण करते हैं, अत: यह कहना युक्ति संगत नहीं है, कि उन्हें कानून का अध्ययन नहीं होता है। (घ) इंदौर संभाग के सभी जिलों के लिए जानकारी निरंक है। (ङ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में आवश्यकता नहीं है।
लोक सेवा गारंटी अधिनियम
[लोक सेवा प्रबन्धन]
132. ( क्र. 4853 ) श्री जितू पटवारी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक सेवा गारंटी अधिनियम किस दिनांक से लागू हुआ? प्रारंभ में इससे कितनी सेवाएं थी तथा 10 फरवरी 2021 तक इसमें कितनी सेवाएं हो चुकी है? सूची देवें। (ख) खण्ड (क) के तहत इन्दौर संभाग अन्तर्गत वर्ष 2018 से 2020 तक कुल कितने-कितने आवेदन प्राप्त हुए तथा प्रत्येक वर्ष में कितने फीसदी आवेदन पर समयावधि में निर्णय हुये? (ग) खण्ड (क) के अधिनियम में किस-किस विभाग की वर्तमान में कितनी सेवाएं प्रचलन में हैं तथा किस-किस विभाग की और कितनी सेवाएं शामिल किये जाने की कार्यवाही पाईप लाइन में है? (घ) गृह विभाग की कुल कितने प्रकार की संवाऐं हैं तथा उसमें से कितनी सेवाऐं इस अधिनियम में शामिल हैं? क्या इस अधिनियम में मात्र छोटे स्तर की सेवा ही शामिल है तथा उच्च अधिकारियों से संबंधित सेवाओं को भी शामिल नहीं किया गया? (ड.) इस अधिनियम में ऐसी कितनी सेवाऐं है जिसको समयावधि में पूर्ण करने की सीधी जिम्मेदारी कलेक्टर, एस.पी., संभागायुक्त, प्रमुख सचिव तथा मुख्य सचिव की है? उनकी सूची देवें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) लोक सेवा गारंटी अधिनियम 18 अगस्त 2010 से लागू किया गया है। प्रारंभ में अधिनियम अंतर्गत 26 सेवाएं अधिसूचित की गई थी। 10 फरवरी 2021 तक लोक सेवा गारंटी अधिनियम अंतर्गत अधिसूचित सेवाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–''अ'' अनुसार है। (ख) इन्दौर संभाग अन्तर्गत वर्ष 2018 से 2020 तक जिलावार प्राप्त आवेदनों एवं उनके निराकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–''ब'' अनुसार है। (ग) लोक सेवा गारंटी अधिनियम अंतर्गत अधिसूचित सेवाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–''अ'' अनुसार है। लोक सेवा गारंटी अधिनियम अंतर्गत सेवाओं को अधिसूचित किये जाने हेतु संबंधित विभाग द्वारा सहमति के साथ प्रस्ताव प्रेषित किया जाता है एवं प्रेषित प्रस्ताव पर म.प्र. लोक सेवा प्रदाय की गारंटी अधिनियम 2010 की धारा 3 के अंतर्गत सेवाओं को अधिसूचित किया जाता है। यह एक निरंतर प्रक्रिया है। (घ) गृह विभाग द्वारा प्राप्त प्रस्ताव अनुसार 36 सेवाओं को लोक सेवा गारंटी अधिनियम अंतर्गत अधिसूचित कर अधिसूचना जारी की जा चुकी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–''स'' अनुसार है। लोक सेवा गारंटी अधिनियम अंतर्गत सेवाओं को अधिसूचित किये जाने हेतु संबंधित विभाग द्वारा सहमति के साथ प्रस्ताव प्रेषित किया जाता है एवं प्रेषित प्रस्ताव पर म.प्र. लोक सेवा प्रदाय की गारंटी अधिनियम 2010 की धारा 3 के अंतर्गत सेवाओं को अधिसूचित किया जाता है। (ड.) लोक सेवा गारंटी अधिनियम अंतर्गत अधिसूचित समस्त सेवाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–''अ'' अनुसार है, जिसमें पदाभिहित अधिकारी, प्रथम अपीलीय अधिकारी एवं द्वितीय अपील प्राधिकारी का पदनाम उल्लेखित है।
अनियमित पट्टा वितरण
[राजस्व]
133. ( क्र. 4856 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले के तहसील कोलारस एवं ग्राम नैनागर सर्वे क्र. 1062 एवं 1022 पटवारी हल्का क्रमांक 145 में वर्ष 1996-97 से प्रश्न दिनांक तक मध्यप्रदेश शासन राजस्व भूमि का किन-किन सामान्य एवं अन्य जाति के लोगों को कितनी-कितनी भूमि का पट्टा किस-किस पटवारी हल्का में किस-किस आराजी नंबर में कितने-कितने रकबा का दिया गया है? भूमि स्वामी, पट्टेदार का नाम, पिता/पति/स्थाई पता/उम्र/जाति/पटवारी हल्का अंकित कर सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के भूमि में जिन लोगों को पट्टा दिया गया है तो किस अधिकारी के आदेश से आदेश की प्रति एवं अपनाई गई प्रक्रिया की प्रति देते हुये नियम की प्रति के साथ जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) भूमि में नियम का पालन नहीं हुआ तो कौन-कौन दोषी है? दोषी पर कब, क्या कार्यवाही करेगें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) में अंकित भूमि व पट्टेदार अधिकारी द्वारा नियम का पालन नहीं किया गया है तो पट्टा निरस्त करते हुए पुलिस प्रकरण दर्ज कराकर उक्त भूमि मध्यप्रदेश शासन घोषित करवा देगें? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) शिवपुरी जिले की तहसील कोलारस एवं ग्राम नैनागिर सर्वे 1062 एवं 1022 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) तहसील नरवर के ग्राम नैनागिर के सर्वे नं. 1062 में से रकबा 1.00 हे. भूमि का व्यवस्थापन प्रकरण क्रमांक 94/95-96 अ 19 आदेश दिनांक 3/12/96 से किया गया है उक्त प्रकरण रिकार्ड पासबुक क्रमांक 119 दिनांक 21/4/17 से माननीय अवर सचिव महोदय राजस्व मण्डल ग्वालियर में भेजा गया है मूल प्रकरण अभी वापस प्राप्त नहीं हुआ है। इसलिए जानकारी दी जा पाना संभव नहीं है। (ग) नियमों का पालन हुआ है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
जीरापुर हाट बाजार की भूमि
[राजस्व]
134. ( क्र. 4862 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले में कस्बा जीरापुर में स्थित भूमि सर्वे नं. 1524/2 के चारों नक्शों में तरमीम पिछले एक वर्ष में स्वीकृत की गई? यदि हाँ, तो कब स्पष्ट करें? (ख) प्रश्नांश (क) के सर्वे नंबर के पास क्या पूर्व में अन्य किसी व्यक्ति को पट्टा दिया गया था? यदि हाँ, तो कब दिया गया था? (ग) इस सर्वे क्रमांक की चतुरसीमा में क्या मुख्य मार्ग पर भी कोई तरमीम स्वीकृत की गई है? यदि हाँ, तो क्या भूमि आवंटन का मूल प्रकरण तरमीम स्वीकृति के समय देखा गया था? (घ) क्या सर्वें नं. 1524 में हाट बाजार की भूमि दी गयी थी? यदि हाँ, तो कलेक्टर द्वारा किस दिनांक में स्वीकृत की गयी? (ङ) क्या मूल पट्टे के प्रकरण में तरमीम दर्शायी गयी है? मूल पट्टेधारियों द्वारा यदि क्रय-विक्रय किया गया है, तो क्या विधिवत कलेक्टर से अनुमति ली गयी? यदि नहीं, तो इनमें किन धाराओं का उल्लंघन हुआ है? धाराओं का उल्लंघन करने वाले संबंधित अधिकारी/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की जाएगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। सर्वे क्रमांक 1524/2 के चार नक्शे नहीं है। शेष प्रश्न उदभूत नहीं होता। (ख) नगर जीरापुर जिला राजगढ़ में खसरा रिकार्ड वर्ष 1974-75 से 1978-79 अनुसार वर्ष 1976 में भूमि सर्वे क्रमांक 1524 में से हाफिजन बाई पति बाबुल्ला खां को 2.000 हेक्टेयर भूमि पट्टे पर दी गई थी। (ग) जी हाँ, पट्टा आवंटन संबंधी मूल प्रकरण तरमीम स्वीकृति के समय उपलब्ध नहीं होने से नहीं देखा जा सका। (घ) जी हाँ, कलेक्टर राजगढ़ के प्रकरण क्रमांक 170/अ-59/2019-20 आदेश दिनांक 02.03.2020 द्वारा हाट बाजार हेतु भूमि आवंटन की गई थी। (ड.) मूल पट्टा प्रकरण उपलब्ध नहीं होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है। हाफिजन बाई पति बाबुल्ला खां द्वारा पट्टे की भूमि विक्रय हुई है। कार्यालयीन अभिलेख अनुसार किसी भी व्यक्ति द्वारा विक्रय की अनुमति प्राप्त नहीं की गई है। भू-राजस्व संहिता की धाराओं का उल्लंघन के संबंध में जाँच कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराने हेतु अनुविभागीय अधिकारी खिलचीपुर-जीरापुर को निर्देशित किया गया है। जाँच उपरान्त प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर नियमानुसार आगामी कार्यवाही प्रस्तावित की जा सकेगी।
लोक सेवा केन्द्रों में राजस्व न्यायालयों संबंधी प्रकरण
[राजस्व]
135. ( क्र. 4864 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजस्व न्यायालयों से संबंधित प्रकरण चलाने के लिये आवेदन पत्र लोक सेवा केन्द्रों पर प्रस्तुत किया जाना अनिवार्य है और उसके लिये आवेदक को शुल्क भी जमा करना होता है? यदि हाँ, तो भोपाल जिले में विगत् अक्टूबर 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदन पत्र लोक सेवा केन्द्रों में जमा हुये हैं? उसमें से कितने आवेदन पत्र निरस्त कर दिये गये हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जो प्रकरण राजस्व न्यायालयों में नहीं पहुंचे उन प्रकरणों के निरस्तीकरण की कार्यवाही की गई और उन्हें पुन: आवेदन देने के लिये बाध्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो ऐसे कितने मामले हैं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कारणों से आम जनता के लिये उत्पन्न कठिनाइयों से राहत दिलाने के लिये क्या व्यवस्था की गई है एवं दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। प्रश्न दिनांक तक कुल 11653 आवेदन पत्र जमा हुये हैं। 11 प्रकरण निरस्त किये गये है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध रेत खनन
[खनिज साधन]
136. ( क्र. 4873 ) श्री बाला बच्चन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनूपपुर जिले में मेसर्स कमलेश सिंह, चचाई के विरूद्ध अवैध रेत खनन का प्रकरण बनाकर पोकलेन मशीन जब्त की गई एवं लगभग 28 करोड़ रूपये का जुर्माना लगाया गया? इस संबंधी समस्त दस्तावेजों की विवरण प्रति देवें। (ख) उक्त प्रकरण की वर्तमान स्थिति बतावें। (ग) क्या जब्त मशीन संबंधित को वापस दी जा चुकी है? यदि हाँ, तो किसके आदेश पर दी गई? आदेश की प्रति देवें। संबंधित द्वारा जुर्माने की पूरी राशि क्या जमा कर दी गई है? यदि हाँ, तो विवरण देवें। (घ) यदि जुर्माना राशि पूरी जमा किए बिना पोकलेन मशीन छोड़ दी गई है तो कारण बतावें। ऐसा करने वाले अधिकारी का नाम, पदनाम देकर बतावें कि इसके लिए विभाग उन पर कब तक कार्यवाही करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) वस्तुस्थिति यह है कि, श्री कमलेश सिंह चंदेल निवासी चचाई के विरूद्ध अवैध रेत उत्खनन का प्रकरण दर्ज कर हुंडई हाइड्रोलिक एक्सकेवेटर मशीन जप्त की गई है। इस प्रकरण में न्यायालय कलेक्टर, अनूपपुर द्वारा श्री कमलेश सिंह निवासी चचाई के विरूद्ध रूपये 28,31,70,000/- (अट्ठाईस करोड़ इक्कतीस लाख सत्तर हजार) जुर्माना लगाया गया है। इस संबंध में समस्त दस्तावेजों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) प्रकरण वर्तमान स्थिति में माननीय उच्च न्यायालय, मध्यप्रदेश, जबलपुर में (याचिका क्रमांक 3132/2020) विचाराधीन है। (ग) जप्त मशीन न्यायालय कलेक्टर, अनूपपुर के आदेश क्रमांक 119/बी 121/2019-20 अनूपपुर दिनांक 11/06/2020 से मशीन मालिक श्री कमलेश सिंह चंदेल निवासी चचाई की सुपुर्दगी में सशर्त दी गई है। संबंधित द्वारा जुर्माने की राशि जमा नहीं की गई है। (घ) यह सही नहीं है कि, जुर्माना राशि पूरी जमा किये बिना पोकलेन मशीन छोड़ दी गई है। बल्कि मशीन मालिक द्वारा मशीन की कीमत के बराबर 50 लाख रूपये का बंध पत्र निष्पादित कराकर प्रस्तुत किया गया है तथा मशीन मालिक श्री कमलेश सिंह चंदेल, निवासी चचाई को इस शर्त पर सुपुर्दगी में दी गई है कि, अनावेदक, मध्यप्रदेश शासन, खनिज साधन विभाग, मंत्रालय, वल्लभ भवन, भोपाल के समक्ष प्रकरण के निराकरण तक वाहन किसी को भी अंतरित नहीं करेगा तथा आदेश दिये जाने पर मशीन को उपलब्ध करायेगा। पोकलेन मशीन न छोड़ने के कारण छोड़ने वाले अधिकारी का नाम, पदनाम दिये जाने तथा कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उपार्जन केन्द्रों पर क्रय किए गए गेहूँ
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
137. ( क्र. 4874 ) श्री बाला बच्चन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.05.2020 से 30.09.2020 की अवधि में इंदौर संभाग के उपार्जन केन्द्रों पर क्रय किया गया कितना गेहूं वर्षा से खराब हुआ? जिलावार बतावें। (ख) म.प्र. हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ के जून 2020 के आदेश जिसने प्रदेश सरकार को खुले में गेहूं भीगने पर सुरक्षित स्थान पर रखवाना था पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार गेहूं भीगने के लिए सहकारी समिति या परिवहनकर्ता किसे दोषी माना गया? जिलेवार बतावें। इसके दोषियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उपायुक्त सहकारिता के विरूद्ध प्राप्त शिकायतें
[सहकारिता]
138. ( क्र. 4885 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के सहकारिता विभाग में उपायुक्त के पद पर पदस्थ श्री विजय कुमार पाण्डेय सेवा की शुरूआत से आज दिनांक तक कहाँ-कहाँ पदस्थ रहे, विवरण सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में इनके विरूद्ध अब तक कितनी शिकायतें कहाँ-कहाँ प्राप्त हुई? उनमें अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? शिकायतवार की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करावें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "एक" अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "दो" अनुसार है।
प्राकृतिक आपदा से प्रभावितों को मुआवजा का भुगतान
[राजस्व]
139. ( क्र. 4886 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक भिण्ड जिले में प्राकृतिक प्रकोपों जैसे अतिवृष्टि, बाढ़, ओला, पाला, शीतलहर, कीट प्रकोप, इल्ली, टिड्डी, आंधी-तूफान, सूखा एवं अग्नि दुर्घटनाओं से फसल नुकसानी, जनहानि और पशुहानी, मकान क्षति, सर्पदंश से मृत्यु होने के प्रकरण सामने आये हैं? यदि हाँ, तो कब किस कारण से, किस को कितनी हानि होने का सर्वे किया गया? गौशवारा बनाकर तहसीलवार पृथक-पृथक बतायें। (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के तारतम्य में क्या नुकसानी, जनहानि और पशुहानि होने पर संपूर्ण मुआवजा राशि का वितरण कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कब, कितनी राशि का भुगतान किस तरह से हितग्राही/आवेदक को किया गया? तहसीलवार पृथक-पृथक गौशवारा बनाकर बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या कारण है, जिससे कितने हितग्राहियों को मुआवजा वितरण नहीं हो सका? कारण सहित बतायें। शेष हितग्राहियों को कब तक भुगतान कर दिया जायेगा? (घ) उपरोक्त के संबंध में विभाग में कौन-कौन सी शिकायतें कब, किस के द्वारा, कितनी प्राप्त हुई है एवं जिम्मेदारी तय होने पर किस के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक कार्यवाही की जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। उक्त प्रकरणों में तत्समय हानि का सर्वे कराया जाकर मुआवजा वितरण हेतु प्रकरण तैयार कराये गये। प्रकरणों का तहसीलवार गोशवारा संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मुआवजा राशि का हितग्राही के बैंक खाते में ई-पेमेन्ट से भुगतान किया गया है। राशि वितरण का तहसीलवार गोशवारा संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) 2277 हितग्राही पाही कास्तकार होने से एवं बैंक खाते उपलब्ध न होने से मुआवजा राशि का भुगतान किया जाना शेष है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उपरोक्त के संबंध में जिले में सी.एम. हेल्पलाइन/अन्य माध्यम से कुल 356 शिकायतें प्राप्त हुई है। यदि किसी पर जिम्मेदारी तय होती है तो संबंधित अधिकारी/कर्मचारी पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तालाबों के जीर्णोद्धार हेतु व्यय राशि
[जल संसाधन]
140. ( क्र. 4888 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के भाण्डेर नहर संभाग क्रमांक 10 लहार के अंतर्गत कितने तालाब हैं? प्रत्येक तालाब का नाम तथा रकबा सहित अलग-अलग विवरण दें। (ख) दिनांक 1 अप्रैल 2014 से प्रश्न दिनांक तक लहार संभाग के अंतर्गत किन-किन तालाबों के जीर्णोद्धार में कितनी-कितनी राशि किस-किस तालाब में व्यय की गई? (ग) क्या जल संसाधन विभाग द्वारा देखरेख न करने से तालाबों की भूमि पर अनेक व्यक्तियों द्वारा अतिक्रमण कर कब्जा कर लिया है? तो कब तक सभी तालाबों की भूमि का सीमांकन कराकर अतिक्रमण मुक्त कराया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) प्रश्नाधीन भाण्डेर नहर संभाग क्रमांक-10 लहार के अंतर्गत 10 पुराने तालाब थे। शासनादेश दिनांक 01.10.2011 तथा 27.02.2012 के परिपालन में दिनांक 28.02.2013 से प्रश्नाधीन संभागीय कार्यालय का नाम परिवर्तित कर लहार शाखा नहर संभाग, लहार जिला भिण्ड किया गया। प्रश्नाधीन संभागीय कार्यालय अंतर्गत निर्मित 10 तालाबों में से 09 पुराने तालाब लहार शाखा नहर संभाग, लहार तथा 01 तालाब भाण्डेर मुख्य नहर संभाग, भाण्डेर मुख्यालय इंदरगढ़ जिला भिण्ड को हस्तांतरित किया गया। तालाब के नाम, रकबे एवं जीर्णोद्धार पर किए गए व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्लाट, आवास क्रय/विक्रय उपरांत नामांतरण डायवर्सन में अनियमितता
[राजस्व]
141. ( क्र. 4894 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक भोपाल जिले में प्लाट, आवास क्रय/विक्रय उपरांत नामांतरण, डायवर्सन के प्रकरण प्राप्त हुये हैं? यदि हाँ, तो कब-कब, कितने-कितने, किस-किस स्तर पर, किस-किस तरह के, किस-किस आवेदक के, कितने-कितने शुल्क के प्रकरण प्राप्त हुये हैं? विधानसभावार पृथक-पृथक गौशवारा बनाकर बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उपरोक्त सभी प्रकरणों में नामांतरण, डायवर्सन कर दिया गया है? यदि हाँ, तो शासन के क्या-क्या नियम/निर्देश का पालन करते हुये, कब-कब, किस-किस के द्वारा, कितने-कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया? प्रकरणवार पृथक-पृथक बतायें। यदि नहीं, तो प्रकरणवार कारण सहित बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में ग्राम तथा नगर निवेश के भी नियम/निर्देश है, जिसका अनुपालन करते हुये कार्यवाही की जाना है? यदि हाँ, तो क्या-क्या नियम/निर्देश, कब-कब, किस-किस के द्वारा जारी किये गये है एवं उनका अक्षरश: पालन किया गया हैं? यदि नहीं, तो कौन-कौन जिम्मेदार है, जिम्मेदारों के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उपरोक्त के संबंध में आयुक्त भोपाल संभाग भोपाल द्वारा उपरोक्त कार्यों की समीक्षा, जाँच करने के निर्देश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो कब-कब, क्या-क्या? निर्देशों के अनुपालन की अद्यतन स्थिति क्या है? यदि अनुपालन नहीं किया जा रहा है तो कौन-कौन जिम्मेदार है? पालन प्रतिवेदन कब तक प्रस्तुत कर दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। भोपाल जिला अन्तर्गत वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक नामान्तरण/डायवर्सन के प्राप्त प्रकरणों की जानकारी निम्नानुसार है :-
वर्ष |
कुल दर्ज प्रकरण |
|
डायवर्सन पुष्टि हेतु |
नामांतरण |
|
2019&20 |
750 |
20626 |
2020&21 |
3687 |
36086 |
कुल |
4437 |
56712 |
नामांतरण के प्रत्येक प्रकरण हेतु शुल्क- वैधानिक- 100 ई- गर्वेनेंस, लोकसेवा- 40 कुल शुल्क- 140 विधानसभावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र (अ) अनुसार है। (ख) डायवर्सन के प्रकरण में केवल सूचना आवेदक को देना है। केवल भूमि पुन: निर्धारण की देय राशि की गणना की पुष्टि अनुविभागीय अधिकारी द्वारा की जाती है नामांतरण के शेष प्रकरण संबधित न्यायालयों में प्रक्रियाधीन है निराकृत प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र (ब) अनुसार है। (ग) जी नहीं। नामान्तरण तथा डायवर्सन पुष्टि के दर्ज प्रकरणों में म.प्र. भू-राजस्व संहिता, 1959 अंतर्गत बने नियमों के अनुसरण में कार्यवाही की जाती है। विभिन्न अधिनियम/नियम का पालन करने की जिम्मेदारी आवेदक की है। शेष प्रश्नांश उदभूत नहीं होता। (घ) आयुक्त भोपाल संभाग भोपाल द्वारा समय-समय पर नामांतरण/डायवर्सन संबंधी निर्देश जारी किये जाते है जिनका पालन किया जाता है। शेष प्रश्नांश उदभूत नहीं होता।
संबंल योजना एवं मुख्यमंत्री जनकल्याण (नया सवेरा) योजना
[श्रम]
142. ( क्र. 4898 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक धार जिले से असंगठित क्षेत्रों में पंजीकृत श्रमिकों की संख्या कितनी है? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में शहरी/ग्रामीण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत कितने श्रमिकों को संबल योजना में शामिल किया गया है एवं हितग्राहियों को कौन-कौन सी विभागीय योजना अंतर्गत हितलाभ वितरित किये गये? (ग) उपरोक्त के संबंध में मण्डल द्वारा संचालित श्रमिक कल्याणकारी गतिविधियां अंतर्गत सस्ती दरों पर कॉपियों का वितरण किया गया है? यदि हाँ, तो कितने छात्र/छात्राओं को कितनी-कितनी राशि की सस्ती दरों पर कितनी-कितनी संख्या में, कितने-कितने मूल्य पर कॉपियां वितरित की गई? (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में धार जिले में मुख्यमंत्री जनकल्याण (नया सवेरा) योजना अंतर्गत कितने असंगठित श्रमिकों को पंजीकृत किया है, इसमें से कितने कोरोना काल में अन्य प्रदेशों एवं अन्य जिलों से आये हैं? पृथक-पृथक बतायें। उक्त सभी श्रमिकों के लिये शासन की क्या कार्ययोजना है? उनको किस प्रकार पुनर्वास अथवा रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जायेंगे एवं उसकी अद्यतन स्थिति क्या है? यदि नहीं, तो क्यों? (ङ) उपरोक्त के संबंध में विभाग में धार जिले के संदर्भ में वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-शिकायतें प्राप्त हुई हैं एवं जिम्मेदारी तय होने पर किस-किस के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक कार्यवाही की जायेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में धार जिले में मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना में नये 5066 एवं मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत नये 1690 असंगठित क्षेत्र के श्रमिक पंजीकृत हुये है। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में मध्यप्रदेश असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मंडल की संबल योजना में जिले में कुल 458692 श्रमिक सम्मिलित है, इनके लिये संचालित विभागीय योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) उक्त मंडलों द्वारा सस्ती दरों पर कॉपियों के वितरण की योजना संचालित नहीं की जाती है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में धार जिले में मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना के अंतर्गत कुल 458692 श्रमिक पंजीकृत है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। सभी पंजीकृत श्रमिक मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना के अंतर्गत पात्रता अनुसार हितलाभ प्राप्त कर सकते है। श्रम विभागीय रोजगार सेतु पोर्टल पर धार जिले के 1430 प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध हुआ है। (ड.) श्रम कार्यालय धार को उपरोक्त संबंध में कोई शिकायत प्रश्नांकित अवधि में प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अग्रिम भुगतान की जांच
[जल संसाधन]
143. ( क्र. 4901 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 15/02/2021 को भोपाल स्थित मंत्रालय में विभागीय मंत्री जी ने जल संसाधान विभाग की समीक्षा बैठक की थी? यदि हाँ, तो इस बैठक में किस-किस प्रोजेक्ट का अग्रिम भुगतान बिना काम के किये जाने के मामले समीक्षा बैठक में रखे गये थे? (ख) यदि हाँ, तो इन किन-किन प्रोजेक्टों में कितनी-कितनी राशि का किस-किस निर्माण एजेन्सी को अग्रिम भुगतान किया गया? इस नियम विरूद्ध कार्य के लिये क्या जाँच समिति गठित की गई है? यदि हाँ, तो जाँच समिति के सदस्य कौन-कौन हैं और कब तक जाँच निष्कर्ष के आधार पर उत्तरदायियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। बैठक में राजघाट नहर परियोजना, दतिया तथा यमुना कछार, ग्वालियर के कार्यों की प्रगति की समीक्षा के दौरान निर्माणाधीन सिंचाई परियोजनाओं में सामग्री के विरूद्ध भुगतान किये जाने के प्रकरण संज्ञान में आये थे। जिसकी जाँच हेतु समिति का गठन किया गया है। उक्त समिति में अपर सचिव, जल संसाधन विभाग अध्यक्ष, मुख्य अभियंता (बोधी) तथा अधीक्षण यंत्री (प्रशासन) सदस्य हैं। समिति के जाँच निष्कर्षों के आधार पर नियमानुसार आगामी कार्यवाही किया जाना संभव होगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सर्वधर्म गृह निर्माण सहकारी समिति के शेष सदस्यों राशि वापस लिये जाने
[सहकारिता]
144. ( क्र. 4902 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल की सर्वधर्म गृह निर्माण सहकारी समिति कितने सदस्यों को भूखण्ड प्राप्त न होने पर उन्हें बहुमंजिली फ्लैट एवं दुकाने बनाकर दिये जा रहे है? सदस्यों की सूची दें। (ख) इन सदस्यों से प्रत्येक भूखण्ड के लिये कितनी-कितनी राशि ली जा रही है? (ग) क्या समिति के शेष रहे 405 सदस्यों में से 17 सदस्यों ने फ्लैट के बजाय सोसायटी में जमा राशि मय ब्याज के वापस की गई है? यदि हाँ, तो किन-किन सदस्यों को कितनी-कितनी मूल राशि एवं कितना-कितना ब्याज दिया गया? सदस्यवार सूची दें। (घ) जिन सदस्यों को भूखण्ड दिये जा रहे हैं, क्या उन्हें भी उनकी मूल राशि एवं ब्याज मिलाकर शेष राशि ली जायेगी? यदि हाँ, तो बतायें। यदि नहीं, तो क्यों?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) सर्वधर्म गृह निर्माण सहकारी समिति मर्या. भोपाल के सदस्यों को भूखंड प्राप्त न होने पर 352 सदस्यों को बहुमंजिला फ्लैट एवं 28 सदस्यों को 28 दुकानें बनाकर दिये जा रहें हैं। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - 01 अनुसार है। (ख) सदस्यों से भूखण्ड हेतु राशि प्राप्त न कर फ्लैट हेतु रूपये 15.97 लाख एवं दुकान हेतु रूपये 8.00 लाख की राशि ली जा रही है। (ग) संस्था के शेष 405 सदस्यों में से 17 सदस्यों को नहीं बल्कि 25 सदस्यों को संस्था। में जमा राशि मय ब्याज के वापस की गई है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (घ) जी नहीं। कुल जमा राशि पर ब्याज नहीं देय होगा। संस्था की उपविधि क्रमांक 43 (1) के अनुसार सदस्यों द्वारा जमा राशि वापस लेने पर मय ब्याज के देने के प्रावधान है। भूखण्ड/फ्लैट लेने पर जमा राशि पर ब्याज दिये जाने का प्रावधान नहीं है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -03 अनुसार है।
अनुकंपा नियुक्ति न दिये जाना
[जल संसाधन]
145. ( क्र. 4909 ) श्री सुनील सराफ : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्रीकांत पांडे पिता स्व. शैलेन्द्र पांडे निवासी ग्राम चचाई (बाणसागर) तह. ब्यौहारी, जिला-शहडोल की अनुकंपा नियुक्ति प्रश्न दिनांक तक नहीं किए जाने का कारण बतावें। (ख) वर्ष 2013 से लंबित अनुकंपा नियुक्ति आज तक प्रदान न करके मानसिक प्रताड़ना देने वाले संबंधित अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार अनुकंपा नियुक्ति न देने वाले ऐसे अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन होने से निर्णय होने के उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जाना संभव होगा। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
धार जिले में बरखेड़ा की स्वीकृति
[जल संसाधन]
146. ( क्र. 4916 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में निर्माणाधीन बरखेड़ा (बेलबाबा) की स्वीकृति दिनांक, लागत सहित बतावें। (ख) इसमें कितने कर्मचारी, श्रमिक कार्यरत हैं? उनका विगत 1 वर्ष का पी.एफ. की जानकारी कर्मचारी/श्रमिक नाम, पी.एफ. अंशदान कर्मचारी/श्रमिक, नियोक्ता का पृथक-पृथक देवें। (ग) कब तक यह निर्माण पूर्ण हो जाएगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) धार जिले की निर्माणाधीन बरखेड़ा मध्यम सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 12.05.2016 को रूपये 30856.00 लाख की प्रदान की गई। (ख) परियोजना में ठेकेदार/कंपनी के कुल 24 कर्मचारी कार्यरत है। उनकी विगत 01 वर्ष की पी.एफ.की जानकारी कर्मचारी का नाम पी.एफ. अंशदान का विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) अनुबंध अनुसार बांध कार्य 06/2021 तथा नहर कार्य 03/2022 में पूर्ण किया जाना लक्षित है।
महिलाओं के ड्राइविंग लाइसेंस बनाये जाना
[परिवहन]
147. ( क्र. 4917 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों में धार जिले में महिलाओं के कितने ड्राइविंग लाइसेंस बनाए गए? विधानसभावार जानकारी देवें। (ख) इनमें कितने लाइसेंस कैंप लगाकर बनाए गए एवं कब? तिथि सहित संख्या देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विगत 3 वर्षों में धार जिले में महिलाओं के कुल-8091 ड्रायविंग लायसेंस बनाए गए। विधान सभावार सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला परिवहन कार्यालय धार में लगाये गये कैम्पों तथा बनाये गये लाइसेंसो का विवरण निम्नानुसार है:-
क्र |
दिनांक |
स्थान |
लायसेंसो की संख्या |
01 |
7 फरवरी 2019 |
उत्कृष्ट विद्यालय |
33 |
02 |
19 नवंबर 2019 |
कन्या महाविद्यालय धार |
328 |
|
योग |
361 |
वर्ष 2018 एवं 2020 में लायसेंस कैम्प का कोई आयोजन नहीं किया गया है।
बैजनाथ कृषि सेवा सह.समिति की ऑडिट रिपोर्ट
[सहकारिता]
148. ( क्र. 4922 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैजनाथ कृषि सेवा सह.समिति, महिदपुर जिला उज्जैन में कितने किसान ड्यू/ओवरड्यू हैं की जानकारी कृषकवार, ग्रामवार देवें। (ख) प्रश्न दिनांक की स्थिति में कुल कितने किसानों का लोन बकाया है?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक, उज्जैन की शाखा महिदपुर से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था बैजनाथ के 1566 ड्यू तथा 399 ओवरड्यू कुल 1965 ऋणी कृषक सदस्य है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था बैजनाथ में कुल 1965 कृषकों पर राशि रूपये 997.78 लाख ऋण बकाया है।
क्रेशर मशीनों द्वारा जमा रायल्टी
[खनिज साधन]
149. ( क्र. 4923 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला उज्जैन अंतर्गत कुल कितनी क्रेशर मशीनें संचालित हैं? विधानसभा क्षेत्रवार बतावें। (ख) दिनांक 01.01.2018 से 31.01.2021 तक किन अधिकारियों ने कब-कब इनका निरीक्षण किया? प्रत्येक निरीक्षण टीप का विवरण देवें। (ग) उपरोक्त अवधि में क्रेशर मशीनों द्वारा जमा रायल्टी की जानकारी भी फर्मवार, वर्षवार देवें। (घ) अधिक खनन के कितने प्रकरण प्रश्नांश (क) अवधि में बनाए गए? उन पर की गई कार्यवाही, दंड राशि वसूली/लंबित की जानकारी प्रकरणवार देवें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के प्रावधानों के तहत क्रेशर मशीन संचालित करने की अनुमति नहीं दी जाती है। अपितु उक्त नियम में क्रेशर से गिट्टी निर्माण हेतु पत्थर के उत्खनन पट्टे स्वीकृत किये जाते हैं। उत्खनिपट्टों एवं उनसे संबंधित क्रेशरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) क्रेशर के आधार पर गिट्टी निर्माण हेतु स्वीकृत उत्खनिपट्टों से प्राप्त खनिज राजस्व की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (घ) प्रश्नांश (क) में अवधि का उल्लेख नहीं है। अवधि के आभाव में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला खनिज मद एवं रेत मद
[खनिज साधन]
150. ( क्र. 4937 ) श्री संजय यादव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रो की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में सुधार एवं मजबूत करने हेतु प्रदेश के सभी खनन प्रभावी जिलों में उपलब्ध जिला खनिज मद से कोविड-19 को दृष्टिगत रखते हुए अस्पताल निर्माण/मरम्मत आदि में व्यय करने हेतु जिला स्तर पर कार्यवाही हेतु निर्देश जारी किए हैं? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या बरगी विधानसभा क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में बाउन्ड्रीवॉल (चार दीवारी विहीन) निर्माण हेतु जिला खनिज मद के कोविड 19 से बचाव के अन्तर्गत निर्माण/मरम्मत आदि में व्यय के तहत जीर्णोद्धार/बाउन्ड्रीवॉल निर्माण की स्वीकृति एवं अन्य सुविधाओं हेतु जिला प्रशासन राशि जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण सहित बताया जावे। (ग) प्रदेश के सभी जिलो में उपलब्ध जिला खनिज मद से स्वास्थ्य सुविधाओं हेतु प्रश्न दिनांक से गत एक वर्ष में कितनी कितनी राशि, किस किस जिले में, कौन-कौन से निर्माण कार्यों के लिए स्वीकृत की गई है? सूची दी जाए। उक्त स्वीकृत राशि से कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं? (घ) जिला जबलपुर के खनिज मद एवं रेत मद हेतु प्रश्न दिनांक से गत एक वर्ष में कितने प्रस्ताव कौन-कौन से निर्माण कार्यों के लिए विभाग को दिये गये। इनमें से कौन-कौन से प्रस्तावों को स्वीकृत किया गया एवं कितनो को लंबित रखा है? कारण सहित बतायें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) जी नहीं। प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
धान की कस्टम मिलिंग में मिलावट
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
151. ( क्र. 4944 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट में धान की कस्टम मिलिंग में मिलावट का मामला आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो को सौंपा गया है? यदि हाँ, तो मामले का विवरण दें। (ख) मामले की जाँच किसके द्वारा की जा रही है व अब तक क्या-क्या प्रमुख तथ्य सामने आये हैं? कब तक जाँच पूर्ण की जाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। बालाघाट जिले की कस्टम मिलिंग के संबंध में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में अपराध क्रमांक 40/20 धारा 420, 272, 120 बी भादवि एवं धारा 3/7 आवश्यक वस्तु अधिनियम के अन्तर्गत पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। प्रकरण में विवेचना गतिशील है। (ख) अपराध क्रमांक 40/20 की विवेचना प्रकोष्ठ इकाई जबलपुर के विवेचक निरीक्षक श्री स्वर्णजीत सिंह धामी के द्वारा की जा रही है। प्रकरण वर्तमान में विवेचनाधीन है। प्राप्त साक्ष्य अनुसार वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।
भू-राजस्व संहिता की धाराओं के उल्लंघन एवं नियमों के विपरीत व्यपवर्तन
[राजस्व]
152. ( क्र. 4947 ) श्री सुरेश राजे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 (6 ङ ङ) के उल्लंघन एवं नियमों के विपरीत व्यपवर्तन पाये जाने पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, बड़वानी ने राजस्व प्रकरण क्र. 01-अ-2/2010-2011 आदेश दिनांक 29.09.2020 में व्यपवर्तन आदेश निरस्त कर भूमि को उसके मूल स्वरूप में लाने के लिए निर्देशित किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 (6 ङ ङ) का स्पष्ट उल्लंघन प्रस्तावित प्रयोजन का नक्शा नगर तथा ग्राम निवेश से अनुमोदित नहीं कराना, असिंचित भूमि दर्शाकर विक्रय करना, शासन को आर्थिक क्षति कारित करने संबंधित तथ्य सहीं पाए जाने पर दोषी अधिकारी/कर्मचारियों एवं क्रेता/विक्रेता के विरूद्ध थाना बड़वानी में नवंबर 2020 में आपराधिक प्रकरण दर्ज करवाया गया है? (ग) क्या न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) राजपुर, जिला बड़वानी के राजस्व प्रकरण 44/अ-2/2016 में पारित आदेश दिनांक 17.02.17 के विचारण में आदेश के पैरा में 08.11.2005 के सौदा इकरारनामें को आधार मानकर व्यपवर्तन किया गया है और इसी इकरारनामा में प्रयुक्त स्टॉम्प पेपर के फर्जी होने पर थाना नागलवाड़ी में अपराध क्र. 163/19 दिनांक 03.07.2019 को धारा 420, 467, 468 का प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) के राजस्व प्रकरण में प्रस्तावित प्रयोजन का नक्शा नगर तथा ग्राम निवेश से अनुमोदित कराए बिना स्कूल भवन का निर्माण किया गया है एवं सिंचित भूमि को असिंचित बताकर रजिस्ट्री करवाये जाने की शिकायत भी न्यायालय कलेक्टर ऑफ स्टॉम्प बड़वानी के आदेश दिनांक 21.02.2019 में सही पाई गई है जिससे शासन पक्ष को आर्थिक क्षति हुई है? (ङ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) के डायवर्सन प्रकरण में एक समान गंभीर अनियमितता पाए जाने पर भी प्रश्नांश (क) में व्यपवर्तन अनुज्ञा निरस्त कर दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है परंतु प्रश्नांश (ग) में व्यपवर्तन अनुज्ञा प्रश्न दिनांक तक भी निरस्त क्यों नहीं की गई है? अनुज्ञा निरस्त की जायेगी तो कब तक? कार्यवाही न करने वाले दोषी अधिकारियों के नाम, पदनाम की जानकारी देवें एवं उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित राजस्व प्रकरण क्रमांक 44/अ-2/2016-17 में कार्यालय सहायक संचालक नगर तथा ग्राम निवेश खरगोन के ज्ञाप क्रमांक 99/डाय.25/न.ग्रा.नि./खरगोन दिनांक 24.01.2017 के अनुसार ग्राम ओझर की भूमि सर्वे नम्बर 26/2 रकबा 0.830 हेक्टर एवं सर्वे नम्बर 26/3 रकबा 0.833 हेक्टर, इस प्रकार कुल रकबा 1.663 हेक्टर भूमि का शैक्षणिक प्रयोजन हेतु उल्लेखित शर्तों के आधार पर अभिमत दिया गया था। जिसके साथ प्रस्तावित योजना का अनुमोदित नक्शा संलग्न नहीं है। जिला पंजीयक बड़वानी से प्राप्त जानकारी अनुसार न्यायालय कलेक्टर आफ स्टॉम्प, बड़वानी के आदेश दिनांक 21.02.2019 में कमी स्टॉम्प शुल्क 151021/- रूपये एवं पंजीयन शुल्क 18587/- रूपये निर्धारित किया गया है जिसके विरूद्ध पक्षकार द्वारा आयुक्त इंदौर संभाग, इंदौर के समक्ष अपील प्रस्तुत की गई है, जो प्रचलित है। (ङ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) के डायवर्सन प्रकरण एक समान प्रकृति के नहीं है। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरण अनुभाग बड़वानी अंतर्गत भू-अर्जन प्रकरण से सम्बंधित है, जिसमें शासन को राजस्व हानि होने की सम्भावना थी। परन्तु प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित प्रकरण केवल धारा 165 (6 ड.ड.) के उल्लंघन से सम्बंधित है, जिसके सम्बंध में कार्यालय कलेक्टर जिला बड़वानी के पत्र क्रमांक 1300/रीडर-1/2020 बड़वानी दिनांक 02.03.2020 द्वारा पुनर्विलोकन की अनुमति मिलने के पश्चात, न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजपुर में राजस्व प्रकरण क्रमांक 12/अ-74/2020-21 को दर्ज करते हुए, प्रकरण में प्रस्तुत आपत्तियों/विभिन्न न्यायालयों के साईटेशन तथा शासन के नवीन निर्देशों (म.प्र.भू-राजस्व संहिता की धारा 165 (6 ड.ड.) का लोप अधिसूचना- दिनांक 02.01.2020 द्वारा किया गया है तथा भू-राजस्व संहिता 1959 संशोधान अधिनियम, 2018 के अनुसार धारा 172 को लोप किया गया) के आधार पर आदेश दिनांक 07.01.2021 द्वारा प्रस्तुत प्रकरण में नवीन प्रावधान अनुसार कार्यवाही सम्भव नहीं होने से सन्दर्भित डायवर्सन आदेश को निरस्त नहीं किया जाकर यथावत रखा गया है
वेयर हाउस व अन्य निर्माण तोड़ने की कार्यवाही
[राजस्व]
153. ( क्र. 4950 ) श्री हर्ष यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले की नगर परिषद् घुवारा में निर्मल जैन पिता स्व. श्री कोमल चंद जैन द्वारा निर्मित वेयर हाउस एवं अन्य निर्माण को तहसीलदार घुवारा द्वारा दिनांक 31/01/2021 को बिना उचित सुनवाई का अवसर दिए तोड़ दिया गया? (ख) शासन द्वारा किस आधार पर यह वेयर हाउस व अन्य निर्माण को तोड़ने की कार्यवाही की गई है? पूरी प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों की स्पष्ट जानकारी दें। (ग) उक्त निर्माण की जो क्रमश: स्वीकृतियां थी जो अधिकारियों द्वारा यह अनुमतियां प्रदान की गयी उनकी जानकारी दस्तावेजों के विवरण के साथ दी जाए। (घ) जहां निर्माण तोड़ा गया उस नगर में क्या उक्तावधि में और भी बेदखली आदेश दिए गये हैं वह कितने हैं और उन पर क्या कार्यवाही हुई? नाम सहित विवरण के साथ बताऐं।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। छतरपुर जिले की नगर परिषद् घुवारा में निर्मल जैन पिता स्व. श्री कोमल चंद्र जैन द्वारा शासकीय भूमि खसरा नम्बर 1201/1 रकबा 0.300 हे. पर वेयर हाऊस व अन्य निर्माण करके अतिक्रमण करने पर न्यायालय तहसीलदार घुवारा के रा.प्र. क्र. 127/अ-68/2021-21 दर्ज कर विधिवत नोटिस देकर सुनवाई का पर्याप्त अवसर देकर विधिवत बेदखली आदेश पारित कर अवैध निर्माण को बेदखल किया गया। (ख) तहसील घुवारा अंतर्गत भूमि खसरा नम्बर 1201/1 अंश रकबा 0.300 हे. पर अवैध वेयर हाउस व अन्य निर्माण करके अतिक्रमण करने पर म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत न्यायालय में रा.प्र.क्र./0127/अ-68/2020-21 दर्ज कर न्यायालय तहसीलदार घुवारा के द्वारा विधिवत बेदखली आदेश पारित कर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गयी। (ग) उक्त निर्माण के संबंध में मुख्य नगर पालिका अधिकारी घुवारा द्वारा निर्मल कुमार जैन पिता स्व. श्री कोमल चंद्र जैन को खसरा नम्बर 1217/2 में क्षेत्रफल 150x150 =7500 वर्ग फुट में वेयर हाऊस निर्माण की अनुमति दिनांक 02/12/2006 को दी गयी है। स्वीकृति की कंडिका क्रमांक 03 के अनुसार समय-सीमा में निर्माण कार्य नहीं किया गया। इसके अतिरिक्त निर्मल कुमार जैन द्वारा वेयर हाउस से लगी भूमि पर बिना वैधानिक अनुमति के मांगलिक भवन/अन्य निर्माण कर लिया गया। जिसकी नगर परिषद् घुवारा से कोई वैधानिक अनुमति नहीं ली गई। जारी अनापत्ति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''अ'' अनुसार है। (घ) तहसील घुवारा अंतर्गत 08 अन्य प्रकरणों में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गयी है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''ब'' अनुसार है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना
[राजस्व]
154. ( क्र. 4951 ) श्री हर्ष यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 जनवरी, 2021 की स्थिति में प्रदेश के अलग-अलग जिलों में कितने किसानों को अपात्र मानकर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत दी गई राशि वापस जमा करने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं एवं क्यों? (ख) दिनांक 01 जनवरी,2021 की स्थिति में उपरोक्त में से कितने किसानों से राशि वसूल की जा चुकी है तथा कितने किसानों से राशि अभी वसूल की जाना है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजनांतर्गत अपात्र पाये जाने के कारण नोटिस जारी किये गये है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। पात्र-अपात्र का निर्धारण नहीं होने से शेष वसूली की संख्या बताया जाना संभव नहीं है।
डिप्टी कलेक्टर पद पर पदोन्नति
[जल संसाधन]
155. ( क्र. 5254 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में तृतीय श्रेणी (कार्यपालिक) भर्ती नियम 1969 के अनुसार अमीन पद से सिंचाई निरीक्षक एवं नहर डिप्टी कलेक्टर पद में पदोन्नति के प्रावधान हैं? यदि हाँ, तो अमीन पद के लिये पटवारी प्रशिक्षण अर्हता में छूट प्रदान किये जाने के पश्चात् सिंचाई निरीक्षण के पदोन्नति पद नहर डिप्टी कलेक्टर पद हेतु पटवारी प्रशिक्षण अर्हता की छूट प्रदान की गई है? यदि नहीं, तो भर्ती नियम 1969 के अनुसार उन सिंचाई निरीक्षक जिन्होंने कम से कम 05 साल सिंचाई निरीक्षक का काम किया हो कब तक पदोन्नति देने का प्रावधान है? (ख) वर्ष 2015 से कितने अमीनो की पदोन्नति सिंचाई निरीक्षक पद पर की गई है? (ग) वर्ष 1/04/2020 के अनुसार विभाग में अमीन/सिंचाई निरीक्षक/नहर डिप्टी कलेक्टर के कितने पद किस वर्ग के लिए स्वीकृत/कार्यरत/रिक्त हैं? (घ) विभाग में म.प्र. एवं छ.ग. राज्य के विभाजन के पश्चात् भर्ती नियम 1969 के अनुसार सिंचाई निरीक्षक एवं नहर डिप्टी कलेक्टर पद हेतु जिलेवार कार्यक्षेत्र का निर्धारण वर्क डिपार्टमेंट मैन्युल के आधार पर किया गया है? यदि नहीं, तो स्वीकृत पद के विरूद्ध पदों का निर्धारण एवं स्वीकृती कब तक प्रदान की जावेगी।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। भर्ती नियम 1969 के अनुसार अमीन पद से सिंचाई निरीक्षक एवं नहर डिप्टी कलेक्टर के पद पर पदोन्नति के प्रावधान है। उक्त संवर्ग के लिए पदोन्नति हेतु पटवारी प्रशिक्षण अर्हता अनिवार्य रखी गई है। म.प्र. सिंचाई अभियांत्रिकी तथा भौतिकी सेवा (राजपत्रित) भर्ती नियम 1968 में संशोधन म.प्र. राजपत्र दिनांक 08 अप्रैल 1993 को नहर डिप्टी कलेक्टर की पदोन्नति हेतु सिंचाई निरीक्षक की अर्हत सेवा 10 वर्ष एवं पटवारी प्रशिक्षित अर्हता प्राप्त होने पर पदोन्नति का प्रावधान जारी किया गया है। म.प्र. जल संसाधन विभाग तृतीय श्रेणी (कार्यपालिक) भर्ती नियम 1969 में राजपत्र दिनांक 11 फरवरी 2008 द्वारा अमीन पद पर 15 वर्ष की न्यूनतम सेवा 10 वर्ष एवं पटवारी प्रशिक्षण में अर्हता निर्धारित की गई है। 05 वर्ष की सेवा होने पर पदोन्नति का प्रावधान नहीं है। (ख) वर्ष 2015 में 58 अमीनों की पदोन्नति सिंचाई निरीक्षक पद पर की गई है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) सिंचाई निरीक्षक एवं नहर डिप्टी कलेक्टर के कार्य क्षेत्र का निर्धारण परियोजना की सैच्य क्षेत्र के आधार पर किया जाता है। वर्तमान में म.प्र. राज्य के समस्त शासकीय सेवकों की पदोन्नति का प्रकरण मान. सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण पदोन्नति की कार्यवाही लंबित है।
सहकारी संस्थाओं में जनजाति वर्ग को पर्याप्त प्रतिनिधित्व
[सहकारिता]
156. ( क्र. 5257 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहकारी साख संरचना/संसाधन सहकारी सोसाइटी के अंतर्गत कितनी-कितनी प्राथमिक सेवा सहकारी संस्था एवं आदिम जाति सेवा सहकारी संस्थाएं हैं? क्या मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 एवं संस्था उपविधि सहकारिता विधान में संशोधन लागू दिनांक 5.2.2013 के पूर्व आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था की कुल सदस्य संख्या में आरक्षित वर्गों के सदस्य संख्या आधे से अधिक होने पर संचालक मंडल में कितने संचालक पद प्रत्येक आरक्षित प्रवर्ग से रखने का प्रावधान था? (ख) वर्तमान में सहकारिता विधान में संशोधन उपरांत दिनांक 5.2.2013 से पंजीकृत आदिम जाति सेवा सहकारी संस्थाओं की कुल सदस्य संख्या आरक्षित प्रवर्ग के आधे से अधिक होने पर संचालक मंडल के संचालक निर्वाचन में उपविधि के प्रावधान अनुसार कुल 11 निर्वाचित संचालकों में 1 निर्वाचित संचालक आरक्षित प्रवर्ग (एस.सी. या एस.टी.) का होगा, इस प्रावधान को शासन कब समाप्त करेगी? मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की वर्तमान धारा 48 (3) (क) और ऐसी संस्था की उपविधि में कब तक संशोधन करेगी? यदि नहीं, तो विधिसम्मत कारण बताएं। (ग) क्या मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा 48 (3) (क) के वर्तमान प्रावधान, संस्था उपविधि तथा प्रश्नांश (ख) अनुसार अनुसूचित जातियों या जनजातियों में से एक प्रवर्ग को संचालक बनाकर दूसरे प्रवर्ग को सहकारी समिति से बाहर करना चाहती है? यदि नहीं, तो कब तक? मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा 48 तथा उपविधि प्रावधान में संशोधन आरक्षित वर्गों का हित संवर्धन करेगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) सहकारी साख संरचना/संसाधन सहकारी सोसाइटी के अन्तर्गत मध्यप्रदेश में 3676 प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाऐं एवं 851 आदिम जाति बहुउद्देशीय सहकारी संस्थाऐं पंजीकृत हैं। मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 1960 में दिनांक 13-02-2013 से लागू संशोधन के पूर्व धारा 48 की उपधारा 3 के खण्ड (क) (एक) में प्रावधान था कि "प्राथमिक सोसाइटी की समिति में - जिसमें आधे या आधे से अधिक सदस्य अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के हैं, स्थानों की कुल संख्या के कम से कम आधे स्थान ऐसे जातियों, जनजातियों और पिछड़े वर्गों के सदस्यों के लिये ऐसे अनुपात में आरक्षित रखे जायेंगे जो विहित किया जाये। "उक्त प्रावधान सभी प्रकार की प्राथमिक सहकारी समितियों के लिये था, न कि केवल आदिम जाति सहकारी संस्थाओं के लिये। (ख) वर्तमान में प्रश्न में उल्लेख किये गये अनुसार प्रावधान नहीं है बल्कि प्रावधान यह है कि "यदि किसी सोसाइटी में अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति प्रवर्ग के व्यैक्तिक सदस्य हो, तो केवल एक स्थान, उस प्रवर्ग के सदस्य के लिये आरक्षित रखा जायेगा जिसके अन्य की अपेक्षा अधिक सदस्य हो", उक्त प्रावधान 97वें संविधान संशोधन के परिप्रेक्ष्य में किये गये हैं, अत: धारा 48 (3) (क) और प्रश्नांकित संस्थाओं की उपविधि में संशोधन आवश्यक नहीं है। (ग) जी नहीं, मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 1960 की धारा 48 में दिनांक 13-02-2013 से जो संशोधन लागू किये गये है वह 97वें संविधान संशोधन के आधार पर किये गये हैं, अत: अब पुन: धारा 48 अथवा प्रश्नांकित संस्था की उपविधियों में संशोधन की आवश्यकता नहीं है।
न्यायालय के आदेश का पालन
[सहकारिता]
157. ( क्र. 5283 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर जनपद पंचायत लवकुशनगर क्या सेवा सहकारी समिति मर्यादित छठी बम्हौरी में अयोध्या प्रसाद सोनी पदस्थ थे? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो क्या उक्त संस्था द्वारा उक्त कर्मचारी पर गबन के आरोप में कार्यवाही की गई थी? यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही का विवरण उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या न्यायालय द्वारा उक्त कर्मचारी को दोष मुक्त निर्णय पारित किया गया था? (घ) प्रश्न (ग) के अनुसार यदि हाँ, तो किस-किस न्यायालय द्वारा उक्त कर्मचारी को दोष मुक्त निर्णय पारित किया गया था? (ङ) क्या उक्त न्यायालय के निर्णय के परिप्रेक्ष्य में सेवा सहकारी समिति मर्यादित छठी बम्हौरी एवं सक्षम अधिकारी द्वारा उक्त निर्णय का पालन किया गया था? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। क्या शासन सक्षम अधिकारी द्वारा विधि सम्मत कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेंगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताएं। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -01 अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी लोंडी जिला छतरपुर द्वारा अपराधिक प्रकरण क्रमांक 844/09 में पारित निर्णय दिनांक 25.01.2010 से दोष मुक्त किया गया। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -02 अनुसार है। म.प्र. राज्य द्वारा आरक्षी केन्द्र चन्दला जिला छतरपुर द्वारा अपर सत्र न्यायाधीश लवकुशनगर जिला छतरपुर में दायर क्रिमिनल अपील क्रमांक 102/10 न्यायालय द्वारा दिनांक 16.09.2019 को निरस्त की गई, आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -03 अनुसार है। (ङ) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियमों में संशोधन करने बाबत
[खनिज साधन]
158. ( क्र. 5287 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश राजपत्र असाधारण दिनांक 05/01/2021 अनुसार खान एवं खनिज अधिनियम 1957 में संशोधन किया गया है, जिसकी कंडिका 4 अनुसार जिस जिले में रेत समूह ठेकेदार नहीं हैं उन जिलों में शासकीय कार्यों हेतु रेत खनन एवं परिवहन की स्वीकृति के अधिकार जिला कलेक्टर को प्रदान किये गये हैं? उक्त अनुज्ञा की समय-सीमा अवधि क्या निर्धारित की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार संबंधित जिला कलेक्टर द्वारा रेत परिवहन एवं खनन की अनुज्ञा जारी करने के पश्चात क्या सिया और सी.टी.ओ. कराना भी अनिवार्य है जबकि उक्त अनुज्ञा मात्र 30 दिवस के लिये ही प्रदान करने के निर्देश हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार अनुज्ञा अवधि मात्र अल्प समय 30 दिवस की होने के कारण क्या सिया एवं सी.टी.ओ. कराना नियमानुसार सही है? 30 दिवस के लिये जारी किये जाने वाले शासकीय कार्य हेतु रेत खनन एवं परिवहन के अनुज्ञा पत्रों हेतु सिया एवं सी.टी.ओ. की बाध्यता कब तक समाप्त कर दी जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? उक्त के संबंध में आदेश जारी करने/संशोधन से क्या वैधानिक कठिनाईयां उत्पन्न होगी जिसके कारण सिया एवं सी.टी.ओ. की बाध्यता की गई है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) खान एवं खनिज (विकास तथा विनियमन) अधिनियम, 1957 में मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) दिनांक 05/01/2021 द्वारा कोई संशोधन नहीं किया गया है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
योजनाओं में व्यय राशि की जांच
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
159. ( क्र. 5288 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास विभाग अंतर्गत कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं तथा सतना जिले में कौन-कौन सी योजना संचालित हैं योजनावार पात्रता सहित पूर्ण जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक सतना जिले में संचालित योजनाओं को कितना आवंटन प्रदान किया गया? आवंटित राशि का व्यय क्या नियमानुसार किया गया? किन-किन कार्यों में उक्त आवंटित राशि का व्यय किया गया? (ग) क्या शासन की फिशरमेन क्रेडिट कार्ड योजना, विभागीय जलाशयों में मत्स्योत्पादन योजना, नवीन मत्स्य समृद्धि योजना, मत्स्यबीज उत्पादन योजना, ग्रामीण तालाब/नगर निकाय के तालाबों के मत्स्य पालकों को अनुदान सहायता योजना आदि में आवंटित राशि का मनमाना व्यय किया गया है? यदि नहीं, तो उक्त योजनाओं हेतु व्यय एवं आवंटित राशि की जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) अनुसार शासन की योजनाओं में आवंटित राशियों के नियमानुसार व्यय हेतु व्यय राशि की जाँच उच्च स्तरीय जाँच दल बनाकर कब तक की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -''ब'' अनुसार। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महेन्द्र सागर तालाब से अतिक्रमण हटाया जाना
[जल संसाधन]
160. ( क्र. 5291 ) श्री राकेश गिरि : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले के मुख्यालय स्थित महेन्द्र सागर तालाब का कुल क्षेत्रफल कितने हेक्टेयर है? तालाब का जलोढ़ क्षेत्र बतायें क्या तालाब की उखरा बूढ़ा की जमीन पर कृषि एवं अन्य कार्यों हेतु स्थाई/अस्थाई पट्टे दिये गये हैं? यदि हाँ, तो पट्टेदारों की सूची दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि पट्टे नहीं दिये गये तो क्या तालाब की भूमि पर कतिपय व्यक्तियों द्वारा अतिक्रमण किया गया है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी भूमि पर किस-किस व्यक्ति द्वारा कब से कब्जा किया गया है? प्रत्येक अतिक्रमित क्षेत्रफल सहित कब्जादारों की सूची दें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार अतिक्रमणकर्ताओं के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें। यदि नहीं, तो उसके लिये दोषी पर कब तक और क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार तालाब की भूमि कब तक अतिक्रमण से मुक्त कराई जायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) महेन्द्र सागर तालाब का कुल क्षेत्रफल 102.736 हेक्टेयर एवं जलोढ़ क्षेत्र 102.736 हेक्टेयर है। जी नहीं। उखरा डूबा की जमीन कृषि एवं अन्य कार्यों हेतु स्थाई/अस्थाई पट्टे पर नहीं दी जाती है। अपितु अवर्षा की स्थिति में अथवा तालाब के खाली होने के पश्चात प्रतिवर्ष अलग-अलग कृषकों द्वारा अस्थाई रूप से कब्जा कर कृषि कार्य किया जाता है। वर्ष 2020-21 में कब्जा करने वाले व्यक्तियों एवं रकबे की जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दर्शित है। (ग) जी हाँ। सिंचाई अधिनियम-1931 एवं विभागीय प्रावधानानुसार अनाधिकृत रूप से कब्जा कर कृषि कार्य करने वाले लघु कृषकों पर रू.1182/- प्रति एकड़ एवं सीमांत कृषकों से रू.1253/- प्रति एकड़ की दर से दाण्डिक राशि वसूल की जाती है। (घ) तालाब की उखरा डूबा भूमि पर किसी व्यक्ति अथवा संस्था द्वारा स्थाई कब्जा अथवा निर्माण नहीं किया गया है अपितु कृषकों द्वारा उखरा डूबा भूमि में अस्थाई रूप से कृषि कार्य किया जाता है एवं फसल की कटाई पश्चात भूमि अतिक्रमण से मुक्त हो जाती है।
शिवपुरी जिले की सहकारी संस्थाओं की जानकारी
[सहकारिता]
161. ( क्र. 5293 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिला अन्तर्गत प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं की विगत तीन वर्षों की ऑडिट रिपोर्ट में किन-किन संस्थाओं में गंभीर आर्थिक अनियमिततायें पाई गई? विभाग द्वारा उक्त आर्थिक अनियमितताओं के संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की गई? विभाग द्वारा की गई कार्यावाही की जानकारी वर्षवार संस्थावार उपलब्ध करावें। (ख) शिवपुरी जिला अंतर्गत विगत तीन वर्षों में समर्थन मूल्य पर उपार्जन केन्द्रों पर हुई खरीदी में किन-किन संस्थाओं द्वारा की गई खरीदी में कौन-कौन सी व कितनी-कितनी उपज की कितनी-कितनी राशि की शार्टेज हुई? इस हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? वर्षवार, संस्थावार, जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) शिवपुरी जिला अंतर्गत विगत तीन वर्षों में पंजीकृत प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के संपन्न हुए निर्वाचन की संस्थावार जानकारी उपलब्ध करावें। कहां-कहां निर्वाचन से संबंधित शिकायतें प्राप्त हुई तथा विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) शिवपुरी जिले में विगत तीन वर्षों में कुल कितना फर्टीलाइजर प्राप्त हुआ? कितना फर्टीलाइजर वितरण हेतु दिया गया? संस्था द्वारा वितरण उपरांत कितनी-कितनी राशि जमा की गई? किन-किन संस्थाओं द्वारा राशि जमा नहीं की गई? इस हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ङ) शिवपुरी जिले में सहकारिता विभाग का विगत तीन वर्षों का आय-व्यय का ब्यौरा मदवार, राशि वार वर्षवार उपलब्ध करावें।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) शिवपुरी जिला अन्तर्गत प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं की विगत तीन वर्षों की आडिट रिपोर्ट के कुल 20 संस्थाओं में गम्भीर आर्थिक अनियमिततायें पाई गई, संस्थाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। संस्था को हुई हानि की वसूली हेतु विभाग द्वारा म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 58 बी अंतर्गत प्रकरणों में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जानकारी वर्षवार, संस्थावार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में शिवपुरी जिले में समर्थन मूल्य पर हुई खरीदी में शार्टेज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु आयुक्त सहकारिता के कार्यालयीन पत्र क्रमांक 216 दिनांक 08-03-2021 द्वारा निर्देश दिये गये है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के निर्वाचन नहीं होने से निर्वाचन संबंधी शिकायतें प्राप्त नहीं हुई। अत: शेष का प्रश्न नहीं उठता। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ङ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।