मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च, 2021 सत्र
सोमवार, दिनांक 15 मार्च, 2021
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
उज्जैन
जिले में कोरोनाकाल
में श्रमिकों
को रोजगार
[श्रम]
1. ( *क्र. 5281 ) श्री महेश परमार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन जिले में संचालित उद्योगों से अनगिनत श्रमिकों को कोरोनाकाल से ही घर बैठा दिया गया है? यदि हाँ, तो श्रमिकों को पुन: रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने क्या चिंता की? वर्तमान में कितने क्या प्रस्ताव श्रमिकों के हित में कब पारित कराये? (ख) क्या उज्जैन जिले में बेरोजगार हुए परिवारों से संपर्क करने के लिए कोई प्रयास किया? क्या आपदा प्रबंधन फंड के माध्यम से उदर पोषण के लिए शिविर लगाए? क्या बंद हुए उद्योगों के समाज कल्याण मद से श्रमिकों के घर तक आर्थिक सहायता पुहंचाने के लिए कोई कार्यवाहियां की? श्रमिक परिवारों के प्रति कब-कब और कहां-कहां किन-किन दायित्वों को पूरा किया? (ग) उज्जैन जिले में कोरोना काल के दौरान पंजीकृत श्रमिकों को कौन-कौन सी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ घर तक पहुंचाया गया है? कितने श्रमिक परिवारों को क्या राहत मिली है? विभाग द्वारा श्रमिक परिवारों के कल्याण के लिए पहुंचाई गयी राहत की सूची लाभांवित श्रमिकों की जानकारी सहित उपलब्ध कराएं।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। उज्जैन जिले में नागदा स्थित ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज (स्टेपल फायबर डिवीज़न) के 20 ठेका श्रमिकों को ठेकेदार द्वारा कार्य से बंद करने की शिकायत पर क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा संज्ञान लेते हुए इन प्रकरणों में औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के अंतर्गत वैधानिक कार्यवाही निरंतरित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। श्रम विभाग में बंद हुए उद्योगों हेतु आपदा प्रबंधन फण्ड एवं समाज कल्याण मद का प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उज्जैन जिले की प्रश्नांकित जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
योजना का नाम
|
लाभांवित श्रमिक |
प्रदत्त लाभ/हितलाभ
|
1. |
मुख्यमंत्री प्रवासी मजदूर सहायता योजना, 2020 |
1856 |
रूपये 1000/- के मान से रूपये 18,56,000/- 1856 श्रमिकों के बैंक खातों में दिये गए। |
2. |
म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल |
13488 |
रूपये 1000-1000 के मान से दो बार में राशि रूपये 2,69,76,000/- 13488 श्रमिकों के बैंक खातों में दिये गए। |
दमोह
जिले में मत्स्य
बीज उत्पादन
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
2. ( *क्र. 3846 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में मत्स्य बीज हेतु मत्स्य विभाग की कितनी हैचरी संचालित हैं तथा उनके रख-रखाव व मत्स्य बीज उत्पादन में वर्ष 2019-20 व 2020-21 में कितनी राशि व्यय हुई है तथा कितनी मछली पालक समितियों को मत्स्य बीज उपलब्ध कराया गया व मत्स्य बीज से कितनी आय हुई है? (ख) वर्ष 2019-20 व 2020-21 में प्रश्नांश (क) की मछुआ समितियों को मछली पालन की किन-किन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मत्स्य विभाग द्वारा दिया गया है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) दमोह जिले में मत्स्य बीज उत्पादन हेतु एक सरकुलर हेचरी एवं एक बंगला बंध संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में विभाग की मछुआ सहकारिता योजना का लाभ दिया गया है।
मण्डला तहसील अंतर्गत अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही
[राजस्व]
3. ( *क्र. 4643 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मण्डला जिले के तहसील मण्डला रा.नि. मण्डल पोंडीमाल ग्राम पंचायत लिंगामाल के प.ह.नं. 83/100 खसरा नं. 80, 114/1, 114/4 में स्थानीय लोगों द्वारा लगभग 3 वर्षों से अवैध अतिक्रमण कर झुग्गी झोपड़ी बना ली गयी है? (ख) यदि हाँ, तो अवैध अतिक्रमण अभी तक क्यों नहीं हटाया गया? कब तक हटाया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) लगभग 50 वर्ष पुराने अतिक्रमण झुग्गी झोपड़ी मण्डला जिले के तहसील मण्डला रा.नि. मंडला पोंडीमाल ग्राम पंचायत लिंगामाल के प.ह.नं. 83/100 खसरा नंबर 80, 114/1, 114/4 में स्थानीय लोगों द्वारा मकान/झुग्गी झोपड़ी बनी हुई है। (ख) खसरा नंबर 80 मद आबादी पटवारी अभिलेख में दर्ज है, जिसमें उदय कुमार पिता सुलेचन, सुखचेन पिता लखन, पंचम पिता झनकलाल का मकान बाड़ी स्थित है। परम्परागत आबादी होने से स्वामित्व योजना अंतर्गत परिभाषित है। खसरा नंबर 114/1, 114/4 मद चारागाह अभिलेख में दर्ज है, जिसमें से 114/1 रिक्त है एवं 114/4 में रामकृपाल पिता ज्वाला प्रसाद, मदनलाल पिता चिंरोजीलाल, भीमशंकर पिता जग्गूलाल के लगभग 30 वर्षों से कच्चे आवासीय झुग्गी झोपड़ी बने हुए हैं। अतिक्रमण के प्रकरण में न्यायालयीन कार्यवाही के तहत गुणदोष के आधार पर आदेश पारित किये जाने के पश्चात अग्रिम कार्यवाही की जाएगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
राजगढ़ विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कृषकों को मुआवज़ा वितरण
[राजस्व]
4. ( *क्र. 720 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 अप्रैल, 2020 से प्रश्न दिनांक तक राजगढ़ विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत रबी एवं खरीफ की फसलें खराब होने के कारण हुए सर्वे में कितने किसानों का मुआवज़ा बंटना लंबित है? किसानों की संख्या सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, है तो राजगढ़ विधान सभा के किसानों का लंबित मुआवजे का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। दिनांक 01 अप्रैल, 2020 से राजगढ़ विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत रबी एवं खरीफ फसलें खराब नहीं हुईं हैं। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
किसानों को उपज का भुगतान
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
5. ( *क्र. 4293 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माह दिसम्बर 2020-21 में भिण्ड एवं मुरैना जिले के किसानों द्वारा बाजरा, मक्का की उपज सहकारी समितियों को समर्थन मूल्य पर बेची गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या किसानों को उनकी बेची गई उपज की राशि का भुगतान कर दिया गया है? यदि नहीं, तो कितने किसानों को कितनी राशि का भुगतान किन कारणों से नहीं किया गया है? (ग) किसानों की बकाया राशि का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीकृत किसानों से समर्थन मूल्य पर बाजरा का उपार्जन सहकारी समितियों द्वारा किया गया है। (ख) समर्थन मूल्य पर उपार्जित बाजरा का स्वीकृत मात्रानुसार कृषकों को भुगतान किया जा चुका है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम अंतर्गत शिविरों का आयोजन
[राजस्व]
6. ( *क्र. 4645 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के अंतर्गत छतरपुर विधानसभा के ग्रामीण क्षेत्रों में कहां एवं किन-किन दिनांक को शिविरों का आयोजन किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में इन शिविरों में प्राप्त आवेदन एवं उन पर की गई कार्यवाही तथा प्रत्येक आवेदक का नाम, पता सहित विस्तृत जानकारी प्रदाय करें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में प्रश्न दिनांक तक लंबित आवेदनों की संख्या कारणों सहित प्रदाय करें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) छतरपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत शासन के निर्देश के अनुक्रम में आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम ग्राम पंचायत सुकवां एवं ग्राम पंचायत पडरिया में क्रमश: दिनांक 01.08.2019 एवं दिनांक 28.01.2020 को आयोजित किये गये। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में प्रश्न दिनांक तक ग्राम पंचायत सुकवां में कुल प्राप्त 214 आवेदन पत्रों में से 21 आवेदन पत्र का तत्काल निराकरण किया गया एवं 184 आवेदन पत्रों का शिविर उपरांत निराकरण किया गया। शेष 9 आवेदन पत्र लंबित स्थिति में हैं। ग्राम पंचायत पडरिया में कुल प्राप्त 246 आवेदन पत्रों में से 24 आवेदन पत्रों का तत्काल निराकरण किया गया एवं 51 आवेदन पत्रों का शिविर उपरांत निराकरण किया गया। 171 आवेदन पत्र लंबित स्थिति में हैं। प्राप्त आवेदन पत्रों का संबंधित विभागों द्वारा सत्यता परीक्षण कराये जाने के कारण आवेदन पत्र लंबित हैं।
ब्यावरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत रेत खनन हेतु स्वीकृत पटटे
[खनिज साधन]
7. ( *क्र. 1443 ) श्री रामचन्द्र दांगी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जो रेत खनन की जा रही है, उसमें ठेकेदार को खनन हेतु कुल कितने पट्टे हैं? रकबा नंबर व स्थान सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) ठेकेदार द्वारा अलग-अलग किन स्थानों पर से कितनी-कितनी रॉयल्टी जमा की गई है व ठेकेदार द्वारा ठेका प्रारंभ से आज तक कुल कितनी रसीद ठेकेदार द्वारा काटी गई है? रकबा नंबर सहित जानकारी उपलब्ध कराएं? (ग) क्या पर्यावरण की स्वीकृति ठेकेदार के पास है? (घ) क्या ठेकेदार द्वारा डुप्लीकेट रसीद जारी की जा सकती है? यदि नहीं, तो क्या उक्त रसीदों की जाँच करवाई जाएगी।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत रेत खदानों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। इनमें से ग्राम बेराड की खदान संचालित है। (ख) ठेकेदार द्वारा राजगढ़ जिला रेत समूह के खदानों की ठेके की देय किश्त राशि (रॉयल्टी सहित) 1.74 करोड़ जमा की गई है। संचालित रेत खदान ग्राम बेराड खसरा क्रमांक 239 रकबा 4.000 हेक्टेयर क्षेत्र पर 351 ई-टीपी जारी की गई है। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित संचालित रेत खदान की पर्यावरण स्वीकृति प्राप्त है। (घ) जी नहीं। प्रश्नांश (ख) में उल्लेख अनुसार सेण्ड पोर्टल से ई-टीपी जारी की गई है। अत: जाँच किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
श्योपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत नवीन सायलो केन्द्र की स्थापना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
8. ( *क्र. 3535 ) श्री बाबू जण्डेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला श्योपुर की विधानसभा क्षेत्र श्योपुर में गेहूं की फसल की बम्पर पैदावार को देखते हुये क्या नवीन गेहूं खरीदी केन्द्र/सायलोकेन्द्र प्रस्तावित किये गये हैं? यदि हाँ, तो कहां-कहां पर? सूची उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या श्योपुर वि.स. क्षेत्र के कृषक साइलोकेन्द्र नागदा, सलमान्या से भौगोलिक दृष्टि से दूर करीब सैकड़ों ग्रामों के कृषकों को अपनी उपज विक्रय करने के लिये पन्द्रह से बीस किलोमीटर दूर से उक्त दोनों साइलो केन्द्रों के उबड़-खाबड़ सड़कों से होकर अपनी गेहूं की उपज विक्रय के लिये जान जोखिम में डालकर आना जाना पड़ता है तथा नागदा सायलो केन्द्र पर चम्बल नहर के खराब रास्ते के कारण विगत वर्षों में किसानों के ट्रेक्टर ट्रॉली नहर में गिरने से किसानों के मरने की घटना घटित हुई है? क्या उपज बेचने में करीब 2 से 4 दिन का समय लगता है, जिससे उन्हें अतिरिक्त भाड़ा भी चुकाना पड़ता है एवं कृषकों को लाभ की बजाय हानि हो रही है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त वर्णित समस्याओं के समाधान के लिये शासन/प्रशासन द्वारा कोई योजना एवं तैयारी की गयी है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो कारण बतावें। (घ) कृषकों की समस्याओं के समाधान हेतु क्या शासन प्रशासन विगत वर्ष 2020-21 की भांति वि.स. श्योपुर में संचालित साइलो केन्द्र नागदा एवं सलमान्या से पृथक कर नवीन संचालित किये गये खरीदी केन्द्र जलालपुरा, आसीदा, गोहेड़ा, सोईकलां, नागरगांवड़ा तथा नयागांव तेहखण्ड, बोरदादेव, लुहाड़, यथावत रखेंगे? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बौद्ध विहार हेतु भूमि का आवंटन
[राजस्व]
9. ( *क्र. 4465 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के पूर्व तारांकित प्रश्न क्र. 460, दिनांक 29.2.2020 के प्रश्नांश (क) में जानकारी दी गयी थी कि ग्राम भरवेली जिला बालाघाट में माईन लीज़ की अवधि 2020 तक होने से बौद्ध विहार हेतु भूमि आवंटित नहीं की जा सकती? उक्त अवधि उपरान्त क्या वर्ष 2021 में भूमि आवंटन हेतु शासन द्वारा कोई कार्यवाही की गई है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक भूमि आवंटित की जाएगी? यदि नहीं, तो क्या? इसके लिये पुन: मांग पत्र अनुशंसा पत्र प्रस्तुत करने होंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। आवेदित भूमि पर माईन लीज़ दिनांक 30.06.2022 तक स्वीकृत है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सागर जिले की बीला बांध परियोजना निर्माण कार्य की जाँच
[जल संसाधन]
10. ( *क्र. 5289 ) श्री तरबर सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विषयांकित नहर का निर्माण कार्य स्वीकृत सर्वे व डिजाइन ड्राईंग के अनुसार पूर्ण हुआ है? क्या शासन इस तथ्य का सत्यापन करेगा कि नहर का निर्माण स्वीकृत डिजाइन ड्राईंग के अनुसार ही हुआ है? (ख) क्या बीला पोषक नहर का स्वीकृत डिजाइन के अनुसार जमीन पर वास्तविक निर्माण नहीं किया गया है, केवल कागजों में नियमों की पूर्ति की गई है, इस कारण से बांध में योजना के अनुसार जल संग्रहण नहीं हो रहा है? निर्माण में भारी पैमाने पर भ्रष्टाचार व सरकारी धन की बर्बादी हुई है? यदि हाँ, तो क्या सरकार इन आरोपों की जाँच कराएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। बीला बांध एवं नहर परियोजना का निर्माण कार्य वर्ष 1973 में पूर्ण किया गया था। सामान्य वर्षा की स्थिति में परियोजना से निर्मित क्षमता के अनुरूप सिंचाई की जा रही है। विगत पांच वर्षों में की गई सिंचाई की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। बीला पोषक नहर का निर्माण बीला बांध के भराव हेतु किया जाना प्रतिवेदित है। बीला पोषक नहर से विगत वर्षों में बांध में जल संग्रहण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। बीला पोषक नहर निर्माण के संबंध में लोकायुक्त संगठन को प्राप्त शिकायत में उल्लेखित अभिकथन सही नहीं पाये जाने से प्रकरण संगठन स्तर पर दिनांक 20.03.2018 को समाप्त किया गया। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
मनावर को जिला बनाने की कार्यवाही
[राजस्व]
11. ( *क्र. 4176 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा मनावर को जिला बनाने के लिए माननीय मुख्यमंत्री महोदय को पत्र सं. 610/एम.पी.-एम.एल.ए./2020, दिनांक 28.08.2020, पत्र सं. 89/एम.पी.-एम.एल.ए./2020, दिनांक 04.02.2020, पत्र सं. 63/एम.पी.-एम.एल.ए./2020, दिनांक 18.01.2020 पोस्ट एवं ईमेल द्वारा अवगत कराया गया? उक्त पत्रों पर कार्यवाही का ब्यौरा दें। (ख) जिला बनाने के लिए क्या मानक तय किए गए हैं? क्या मनावर जिला बनाने के मानकों को पूरा करता है? (ग) क्या धार जिला मुख्यालय की दूरी डही, कुक्षी, मनावर, गंधवानी तहसील क्षेत्र से 140 कि.मी. से 90 कि.मी. तक होने के कारण लोगों को काफी आर्थिक, मानसिक नुकसान उठाना पड़ता है? क्या मनावर को जिला बनाने से लोगों को इन समस्याओं से निजात मिल सकती है? (घ) क्या मनावर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम गणपुर, मांडवी, देवलरा समेत अनेक गांव से जिला मुख्यालय धार की दूरी लगभग 90 कि.मी. से अधिक और कुक्षी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम गांगपुर, कवड़ा, कातरखेड़ा आदि की दूरी 140 कि.मी. से अधिक है? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन मनावर को जिला बनाने की कोई योजना बना रहा है? यदि हाँ, तो योजना का विस्तृत ब्यौरा दें। यदि नहीं, तो विधिसम्मत कारण बताएं।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय, मध्यप्रदेश मंत्रालय, वल्लभ भवन भोपाल के पत्र क्रमांक 873/सी.एम.एस./एम.एल.ए./199/2020 भोपाल दिनांक 06.2.2020 के अनुक्रम में विभाग द्वारा मनावर को जिला बनाने के संबंध में कलेक्टर, जिला धार से अभिमत सहित प्रतिवेदन चाहा गया है। (ख) जिला बनाये जाने हेतु मानक निर्धारित नहीं है। प्रभावी व समुचित प्रशासन, जनसामान्य की सुविधा तथा संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर नवीन जिलों का सृजन किया जाता है। शेष प्रश्नांश उदभूत नहीं होता। (ग) जी हाँ। जी हाँ। (घ) जी हाँ। (ड.) मनावर को जिला बनाने के संबंध में कलेक्टर जिला धार से प्रस्ताव/प्रविवेदन चाहा गया है। शेष प्रश्नांश उदभूत नहीं होता।
खरगोन विधानसभा क्षेत्रांतर्गत संचालित सहकारी संस्थाएं
[सहकारिता]
12. ( *क्र. 4692 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन विधानसभा क्षेत्र में सहकारिता विभाग के अधीनस्थ कितनी संस्था, सोसायटी, समितियां (आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था) संचालित हैं? नाम, पता सहित सूचीवार जानकारी देवें। (ख) उक्त संस्था, समितियां, सोसायटियों में विगत 5 वर्षों में खाद (फर्टिलाइजर) परिवहन में कितना खर्च किया गया? वर्षवार जानकारी देवें। क्या इतने खर्च में उक्त संस्था, समिति, सोसायटियों में लोन लेकर खुद का खाद गोडाउन निर्मित किया जा सकता है? यदि हाँ, तो उक्त संस्थाओं, सोसायटियों, समितियों द्वारा अभी तक क्या कोई कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? संस्था, समिति, सोसायटीवार कारण सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्तमान में सहकारिता विभाग के अधीनस्थ सस्थाओं, समितियों, सोसायटियों के जो कर्मचारी कार्यरत हैं, क्या उनकी नियुक्तियां नियमानुसार की गईं हैं? यदि नहीं, तो कर्मचारीवार कारण सहित विवरण देवें?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट प्रपत्र-2 अनुसार है। खरगौन विधानसभा क्षेत्र की सभी प्राथमिक संस्थाओं में पर्याप्त गोदाम एवं भण्डारण क्षमता है, इसलिये अतिरिक्त गोदाम निर्माण की आवश्यकता नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। नियमानुसार नियुक्तियां की गई हैं।
अवैध उत्खनन के प्रकरणों को कलेक्टर द्वारा शून्य/माफ किया जाना
[खनिज साधन]
13. ( *क्र. 3291 ) श्री सुनील सराफ : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.01.2019 से 31.03.2020 तक कलेक्टर अनूपपुर द्वारा अवैध उत्खनन एवं परिवहन के कितने प्रकरणों में अवैध उत्खननकर्ता एवं परिवहनकर्ता को लाभ पहुंचाते हुए शून्य या माफ कर दिए गए हैं? (ख) ऐसे समस्त प्रकरणों का विवरण तथा कारण बतावें। (ग) क्या इनका पुनर्परीक्षण कराया जाएगा? यदि नहीं, तो कारण बतावें कि अवैध उत्खननकर्ताओं एवं अवैध परिवहनकर्ताओं को संरक्षण क्यों दिया जा रहा है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) में दिए गए उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अतिवृष्टि से प्रभावित फसलों का मुआवज़ा भुगतान
[राजस्व]
14. ( *क्र. 3169 ) श्री विजय रेवनाथ चौरे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सौंसर के जिन किसानों की दिनांक 28.08.2020 एवं 29.09.2020 की अतिवृष्टि एवं भीषण बाढ़ से हानि हुई थी, उनमें से कितने किसानों को कितना प्रतिशत मुआवज़ा प्रदान किया गया? कितना अभी बाकी है? बचा हुआ मुआवज़ा कब तक दिया जायेगा? (ख) उक्त विधानसभा क्षेत्र सौंसर में कन्हान नदी तथा अन्य नदियों में आयी भीषण बाढ़ हजारों किसानों की फसलें तथा किसानों के खेतों से नदी द्वारा उपजाऊ भूमि खदेड़ कर ले गई, कई किसानों के खेतों में रेत के ढेर लग गये? जिम्मेदार प्रशासन के अधिकारी को पत्र लिखे जाने के बाद भी खेतों के गड्ढे समतलीकरण एवं रेत के ढेर हटाने की कार्यवाही क्यों नहीं की गयी? (ग) क्या अतिवृष्टि एवं भीषण बाढ़ की जानकारी प्रशासन द्वारा किसानों को पूर्व में नहीं देना चाहिए था? (घ) उक्त बिन्दुओं पर कार्यवाही कब तक की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) अतिवृष्टि एवं भीषण बाढ़ से प्रभावित कुल 3092 कृषकों को 33 प्रतिशत के मान से प्रथम किश्त की राहत राशि 2,02,89,476/- रूपये प्रदान की जा चुकी है। वितरण हेतु राहत राशि 4,11,93,784/- रूपये शेष है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) प्रशासन द्वारा खेतों का समतलीकरण एवं रेत के ढेर हटाने का कोई प्रावधान नहीं है। (ग) मौसम विभाग द्वारा समय-समय पर आम सूचनाएं जारी की जाती हैं। (घ) उत्तरांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भिण्ड जिले में दी गई अनुकम्पा नियुक्तियां
[राजस्व]
15. ( *क्र. 1392 ) श्री संजीव सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020 में तत्कालीन कलेक्टर भिण्ड के द्वारा कितनी अनुकम्पा नियुक्ति की गई? (ख) क्या उक्त अनुकम्पा नियुक्तियों की अनुमति राज्य शासन द्वारा ली गई? यदि नहीं, तो क्या यह नियम है कि अनुकम्पा नियुक्ति शासन की अनुमति की प्रत्याशा में की गई? यदि नहीं, तो उक्त अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) उक्त अनुकम्पा नियुक्ति किन-किन विभागों में की गई? क्या उन विभागों में पद रिक्त थे? यदि नहीं, तो दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) वर्ष 2020 में कलेक्टर भिण्ड द्वारा 18 अनुकम्पा नियुक्ति की गई। (ख) जी नहीं। उक्त अनुकम्पा नियुक्तियां सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 29.09.2014 निहित प्रावधान के प्रकाश में की गईं हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उक्त अनुकम्पा नियुक्तियां राजस्व विभाग, नगर पालिक गोहद, नगर परिषद फूप, दबोह, मिहोना, उप कोषालय मेहगांव, शिक्षा विभाग एवं जनपद पंचायत भिण्ड में रिक्त पदों पर की गई। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नदियों से अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
16. ( *क्र. 4825 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के खनिज विभाग द्वारा वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 में प्रदेश की नदियों से रेत खनन के लिए किस नियम के तहत ठेके दिए गए हैं और इसका नियम क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इन दोनों वर्षों में या अलग-अलग वर्षों में विभाग द्वारा विदिशा जिले में किस कंपनी को कितने घनमीटर रेत खनन हेतु ठेके दिए गए हैं? कंपनी/घनमीटर/वर्ष/राशि सहित जानकारी उलब्ध करावें। खदानों/नीलामी से वर्षवार कितने राजस्व की प्राप्ति शासन को हुई? (ग) विदिशा जिले में फर्शी, पत्थर, गिट्टी, क्रेशर, मुरम, कोपरा, रेत आदि की खदानें कितनी समयावधि के लिए किन-किन व्यक्तियों/कंपनियों को स्वीकृत की गईं हैं? व्यक्ति का नाम, सर्वे नंबर, स्थान, स्वीकृत वर्ष, तिथियों सहित कितने समयावधि के लिए खदान दी गई है? वर्षवार जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में किन-किन खनिज पट्टाधारकों की खनिज रॉयल्टी/राजस्व बकाया है? लीज़ अनुसार बतावें। वसूली के लिए क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में प्रदेश में रेत ठेके मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम, 2019 के तहत दिये गये हैं। नियम अधिसूचित है। (ख) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ग) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (घ) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है।
ओपन कैप के गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य की जाँच
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
17. ( *क्र. 3222 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिंगरौली व रीवा में ओपन कैप (शेड) के निर्माण बाबत् कहां-कहां स्वीकृति प्रदान की गई, स्थान व लागत सहित बतावें कि उक्त कार्य किन संविदाकारों/ठेकेदारों द्वारा अनुबंध की शर्तों एवं प्राक्कलन अनुसार क्या कार्य कराये जा रहे हैं, इनके गुणवत्ता की जाँच कब-कब, किन-किन सक्षम अधिकारियों द्वारा तकनीकी आधारों पर की गई? तिथिवार नाम सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के शेडों के निर्माण में प्राक्कलन अनुसार किन-किन सामग्रियों के उपयोग बाबत् अनुमति प्रदान की गई है, नाम व प्रतिशत की जानकारी देवें। क्या प्राक्कलन में दर्शाये सामग्रियों के उपयोग अनुसार कार्य कराये जा रहे हैं अथवा नहीं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार क्या रीवा जिले की तहसील गुढ़ की ईटार पहाड़ में निर्माणाधीन ओपन कैप का निर्माण प्राक्कलन अनुसार सामग्री का उपयोग कर नहीं बनाया जा रहा बल्कि लाल मिट्टी का उपयोग कर पटाई की जा रही है, यदि हाँ, तो इसकी जाँच किन सक्षम अधिकारियों की समिति बनाकर करावेंगे? अगर नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) में क्या उल्लेखित तथ्यों का पालन कर कार्य न कराया जाकर गुणवत्ता विहीन कार्य कराकर राशि का गबन किया जा रहा है। निर्माण में उपयोग की जा रही सामग्री की रॉयल्टी जमा कर जिन विभाग द्वारा अनुज्ञा पत्र लिये गये उसका विवरण देते हुये बतावें। अगर नहीं लिये गये खनिज संपदा का उपयोग बिना रॉयल्टी जमा किये संविदाकारों द्वारा किया जा रहा है, तो इस पर क्या आपराधिक प्रकरण दर्ज कराते हुये रॉयल्टी जमा कराये जाने बाबत् निर्देश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बिना प्रतिकर भुगतान किये लीज़ खसरा खतौनी में प्रविष्िट
[खनिज साधन]
18. ( *क्र. 4458 ) श्री विक्रम सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खनिज लीज़ स्वीकृत होने से लीज़ धारक को बिना प्रतिकर किसानों एवं निजी व्यक्तियों के खसरे में लीज़ की प्रविष्टि करने का अधिकार प्राप्त हो जाता है, जिससे किसानों को ऋण की सुविधा बंद हो जाती है, खरीद बिक्री पर रोक लग जाती है एवं किसानों की भूमियों पर लीज़ धारक को अधिकार प्राप्त हो जाता है? (ख) सतना जिले के किस-किस विकासखण्ड में कितनी-कितनी भूमियों पर बिना प्रतिकर भुगतान किये लीज़ खसरा खतौनी में किसके आदेश से अंकित की गई है? हल्कावार बतायें। (ग) उक्त अवैधानिक लीज़ प्रविष्टि कब तक विलोपित कर दी जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रीवा जिलांतर्गत किसानों को खाद का प्रदाय
[सहकारिता]
19. ( *क्र. 4883 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के सहकारिता विभाग में पदस्थ उपायुक्त/प्रशासक एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक रीवा से जब भी किसानों को खाद प्रदाय करने की बात की जाती है तो उनके द्वारा यह बताया जाता है कि समिति प्रबंधकों के उपर वसूली होने के कारण खाद का उठाव नहीं हो पाता है तो ऐसे कितने समिति प्रबंधक हैं, जिनके उपर रिकवरी होने के बाद भी कार्यवाही न कर उन्हें प्रभार देकर उपकृत किया गया है? उनके नाम, वर्षवार रिकवरी के विवरण सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में विभागीय अधिकारियों की इसी मनमानी कार्यशैली की वजह से जिस समिति प्रबंधक को चाहते हैं, उसे प्रभार देते हैं और जिसे नहीं चाहते हैं, उसके विरूद्ध रिकवरी निकालकर निलंबित कर देते हैं? विभागीय अधिकारियों की इस कार्यशैली से समितियों द्वारा खाद का अग्रिम भण्डारण नहीं हो पाता है एवं किसानों को समय पर खाद नहीं मिल पा रही है? (ग) क्या विभाग किसानों को समय पर खाद प्रदाय कराना सुनिश्चित करने हेतु उपरोक्त मनमानी कर रहे जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही कर कृत कार्यवाही से प्रश्नकर्ता सदस्य को अवगत करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) रीवा जिले में वर्ष 2019-20 में खरीफ एवं रबी में 2917 मेट्रिक टन खाद भण्डारण था, खरीफ 2020 एवं रबी 2020-21 में 34,683 मेट्रिक टन खाद भण्डारण कराया है जो विगत वर्ष की तुलना में 5556 मेट्रिक टन अधिक है। समिति प्रबंधकों की संख्या कम होने से ऐसे समिति प्रबंधक जिनके प्रकरण सहकारी न्यायालय में विचाराधीन हैं, उन्हें प्रभार सौंपा गया है। न्यायालय में वसूली के प्रकरण प्रचलित होने मात्र से प्रभार न सौंपे जाने का कोई प्रावधान नहीं है। समिति प्रबंधकों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी नहीं। जाँच उपरांत दोषी पाये जाने पर ही निलंबित किया जाता है। रीवा जिले में किये गये अग्रिम खाद भण्डारण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अन्य सिंचाई स्त्रोत से दर्ज सिंचित भूमि के मुआवज़ा वितरण के मापदण्ड
[राजस्व]
20. ( *क्र. 3684 ) श्रीमती रामबाई गोविंद सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व लेखा अनुसार भूमि के खसरा की प्रविष्टि में सिंचित भूमि दर्ज होने के कारण क्रय-विक्रय के समय भूमि मालिक से सरकार द्वारा राजस्व सिंचित भूमि का लिया जाता है, किन्तु मुआवज़ा वितरण के समय इसमें अलग-अलग मापदण्ड निर्धारित कर दिए गए हैं, क्यों? (ख) यदि जिस भूमि में सिंचित दर्ज है, लेकिन उस भूमि में कोई सिंचाई का स्त्रोत नहीं है, वह अन्य स्त्रोत पर निर्भर है तो ऐसी स्थिति में उस भूमि पर कुंआ एवं अन्य स्त्रोत हेतु सरकार द्वारा भूमि मालिक को किसी भी योजना में कोई लाभ नहीं दिया जाता है, क्यों? (ग) इसके विपरीत शासन द्वारा जब ऐसी भूमि जिसमें सिंचित दर्ज है, लेकिन वह अन्य स्त्रोत से सिंचित है तो मुआवज़ा वितरण के समय उसे असिंचित भूमि के मापदण्ड अनुसार मुआवज़ा प्रदान किया जाता है, क्यों? (घ) यदि उपरोक्त दोनों तथ्य सही है तो क्या सरकार द्वारा ऐसी सभी भूमि जिसमें सिंचित दर्ज है, लेकिन उसमें सिंचाई का स्त्रोत नहीं है, वह अन्य स्त्रोत पर निर्भर है, उन सभी को सिंचित भूमि मानकर ही मुआवज़ा वितरण किया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उदभूत नहीं होता। (ख) जी, नहीं, यदि भूमि खाते में सिंचाई का स्रोत दर्ज नहीं है व अन्य स्रोत पर निर्भर है तो भी पात्रतानुसार भूमि मालिक को योजना का लाभ दिया जाता है। (ग) जी, नहीं, मुआवज़ा वितरण के समय राजस्व अभिलेख की प्रविष्टि अनुसार कार्यवाही की जाती है। (घ) उत्तरांश (ख) व (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उदभूत नहीं होता।
बुरहानपुर जिले के लिये प्रस्तावित सिंचाई परियोजनाएं
[जल संसाधन]
21. ( *क्र. 3475 ) श्री सुरेन्द्र सिंह नवल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ताप्ती के माध्यम से बुरहानपुर जिले को सिंचित करने के लिये कितने परियोजनाओं पर काम चल रहा है एवं कितनी परियोजनाएं प्रस्तावित हैं? योजना का नाम, लागत, समय-सीमा क्या है? (ख) ताप्ती नदी का आवंटित 71 टी.एम.सी. जल को उपयोग करने का क्या प्लान है? बुरहानपुर जिला अभी तक सिंचित नहीं हो पाया, उसके मुख्य कारण क्या रहे?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) ताप्ती नदी एवं उसकी सहायक नदियों पर वर्तमान में बुरहानपुर जिले में 4 परियोजनाओं का निर्माण कार्य प्रगतिरत है। परियोजनाओं की लागत रू. 11855.39 लाख एवं सिंचाई क्षमता 4390 हेक्टर है। बुरहानपुर जिले में 9 परियोजनायें ताप्ती नदी एवं सहायक नदियों पर प्रस्तावित हैं, जिनकी लागत रू. 37,467.76 लाख तथा सिंचाई क्षमता 11,343 हेक्टर है। परियोजनाओं के नाम, लागत एवं सिंचाई क्षमता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ताप्ती नदी के अंतर्राज्यीय जल बंटवारे अनुसार मध्यप्रदेश राज्य को 70 टी.एम.सी. जल की मात्रा आवंटित की गई है। इसके उपयोग हेतु निर्मित, निर्माणाधीन एवं प्रस्तावित सिंचाई परियोजनाओं की संख्या 275 है, जिसकी लागत राशि रूपये 5,86,588.29 लाख एवं सिंचाई क्षमता 2,11,340 हेक्टर है। इन परियोजनाओं में 38.603 टी.एम.सी. जल का उपयोग होगा, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शित है। परियोजनाओं का निर्माण कार्य बजट की उपलब्धता पर निर्भर होता है।
टीकमगढ़ जिले में गौण खनिजों के दिये गये ठेके
[खनिज साधन]
22. ( *क्र. 4661 ) श्री राकेश गिरि : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले में डायस्फोर, पायरोफ्लाईट, ग्रेनाईट सहित इसी के समतुल्य गौण खनिजों की खदानें हैं? यदि हाँ, तो प्रवर्गवार गौण खनिज खदानों के क्षेत्रफल सहित स्थानों के नामों की सूची दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विगत पाँच वर्षों में कौन-कौन से खनिज उत्खनन का पट्टा किस-किस को दिया गया है? लीज़ राशि सहित सूची दें। क्या पट्टा दत्त गौण खनिज खदान की शत-प्रतिशत लीज़ राशि जमा हो चुकी है? यदि नहीं, तो बकाया का वर्षवार विवरण तथा वसूली की कार्यवाही का ब्यौरा दें? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में अंकित समस्त खनिजों के लिये चालू वित्त वर्ष में उत्खनन पट्टे दिये गये हैं? यदि हाँ, तो दिये गये उत्खनन पट्टों का खनिजवार, क्षेत्रफल, लीज़ राशि व समयावधि सहित पट्टेदारों के नामों की सूची दें। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार, क्या मौके पर उत्खनन के दौरान और पश्चात भी खदानों की लम्बाई, चौड़ाई, गहराई सहित पट्टा शर्तों के अनुपालन का सत्यापन कराया जाता है? यदि हाँ, तो सत्यापनकर्ता अधिकारी का नाम, पदनाम, प्रत्येक खदान का वर्षवार निरीक्षण/सत्यापन का विवरण उपलब्ध करायें? यदि नहीं, तो क्यों? क्या पट्टों की शर्तों के उल्लंघन हेतु पट्टेदारों के पट्टे निरस्त एवं सत्यापन अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर दर्शित है। (ख) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' पर दर्शित है। (ग) जी नहीं। चालू वित्तीय वर्ष में कोई भी उत्खननपट्टे स्वीकृत नहीं किये गये हैं। (घ) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में उत्खनिपट्टा की शर्तों के उल्लंघन पर कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है। खनिज नियमों में खदान की लंबाई, चौड़ाई, गहराई के सत्यापन किये जाने का प्रावधान नहीं है। खदान की आवश्यकता अनुसार जाँच की जाती है। किये गये निरीक्षण अनुसार पट्टा शर्तों के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। खदान की चूंकि आवश्यकता अनुसार जाँच की जाती है, अत: सत्यापन अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध रेत खनन/परिवहन पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
23. ( *क्र. 4783 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नई रेत नियम 2019 में रॉयल्टी जांच नाके स्थापित करने के प्रावधान हैं? (ख) क्या ग्वालियर, सीहोर एवं होशंगाबाद जिलों में स्थापित रेत जाँच नाकों पर रेत माफिया के लोग अवैध वसूली कर रहे हैं? (ग) क्या रेत माफिया को जाँच नाकों पर शासन द्वारा अधिकृत किया है? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) वर्णित जिलों में पदस्थ खनिज अमले के अधिकारियों के अवैध वसूली में शामिल होने की शिकायतें प्राप्त हुईं हैं? (च) यदि हाँ, तो दोषी अधिकारियों पर शासन कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब-तब? (छ) क्या रेत माफिया के लोगों पर शासन द्वारा कोई कार्यवाही होगी? यदि हाँ, तो कब-तक? (ज) क्या ग्वालियर/सीहोर/होशंगाबाद जिलों में जारी अवैध रेत खननकर्ताओं पर प्रशासन द्वारा कार्यवाही की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) से (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। (च) प्रश्नांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (छ) रेत माफिया जैसी स्थिति नहीं है। सभी जगह सफल निविदाकार रेत खदानों का संचालन कर रहे हैं। अवैध खनन, परिवहन, भण्डारण की स्थिति में नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ज) ग्वालियर/सीहोर/होशंगाबाद जिलों में विभाग द्वारा अवैध रेत उत्खननकर्ताओं पर नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। वर्ष 2020-21 की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है।
मुआवज़ा की राशि का किश्तों में भुगतान
[राजस्व]
24. ( *क्र. 3296 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.04.2020 से 06.05.2021 के संदर्भ में बतावें कि चौरई विधानसभा क्षेत्र में फसलें खराब होने पर मुआवज़ा राशि की एक ही किश्त क्यों प्रदान की गई है? (ख) इसके पूर्व विगत वर्षों में कब-कब मुआवज़ा राशि किश्तों में दी गई? (ग) कब तक मुआवज़ा राशि की द्वितीय व अंतिम किश्त प्रदान कर दी जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? क्या कारण है कि इस बार मुआवज़ा राशि बेहद कम है तथा इसे बढ़ाया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। बजट उपलब्धता के आधार पर एक किस्त दी गयी है। (ख) वर्ष 2019-20 में बाढ़/अतिवृष्टि में राहत राशि किस्तों में बांटी गयी है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। राहत राशि की गणना राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के अन्तर्गत पूर्व के मापदण्डों के अनुसार ही की गयी है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तहसील करेरा में पदस्थ पटवारी द्वारा खरीदी गई भूमि
[राजस्व]
25. ( *क्र. 1473 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील करेरा में पदस्थ पटवारी राकेश उर्फ बंटी गुप्ता इसकी पत्नी प्रीति गुप्ता, इनकी मां मिथला गुप्ता, पिता रामकुमार गुप्ता के नाम विगत 15 वर्षों में तहसील करेरा के निम्न ग्रामों कस्बा करेरा, टीला, सिरसौद, अलगी, निचरौली, चिन्नौद, सिल्लारपुर, टकटकी, जरगवां चक्क, दिनारा, में कृषि भूमि व भूखण्ड रहा है? सर्वे नंबर रकवा की जानकारी वर्तमान बाजार मूल के साथ देवें। (ख) उक्त भूमि को कब क्रय करने के आय स्त्रोत की जानकारी देवें? क्या उक्त भूमि खरीदने के लिये शासकीय सेवक को विभागीय अनुमति लेना आवश्यक है? यदि हाँ, तो संबंधी जन द्वारा कब अनुमति प्राप्त कर भूमि खरीदी गई है? (ग) यदि उक्त भूमियों को क्रय करने बावत् आय पर्याप्त नहीं है तो क्या यह माना जावेगा कि पद का दुरूपयोग करते हुये अनैतिक तरीके से धन अर्जित कर उक्त भूमि खरीदी गई है? यदि हाँ, तो दोषी पर कब क्या कार्यवाही करेंगे? (घ) प्रश्नांश (क) के पटवारी के विरूद्ध नियुक्ति दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कुल कतनी शिकायतें व लोकायुक्त की कार्यवाही की गई है? उनकी वर्तमान स्थिति क्या है? जाँच प्रतिवेदन अनुसार की गई कार्यवाही के साथ जानकारी देवें। क्या उक्त पटवारी को लोकायुक्त के प्रकरण के निराकरण न होने तक हल्का के प्रभार से मुक्त रखा जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक आदेश प्रसारित कर दिए जावेंगे।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) पटवारी राकेश ऊर्फ बन्टी गुप्ता एवं परिवार की भूमि का विवरण निम्नलिखित है :-
भूमि स्वामी का नाम |
ग्राम का नाम |
सर्वे नम्वर |
रकवा |
वर्तमान वाजारू मूल्य |
विवरण |
राकेश ऊर्फ बन्टी गुप्ता |
कस्वा करैरा |
2118 मिन 8 मिन 2 |
1462 वर्गफिट एवं 975 वर्गफिट |
774459, 516477 |
वसीयत से प्राप्त |
सिरसौद |
4593 |
0.20 हे. |
477440 |
वसीयत से प्राप्त |
|
टीला |
2497 |
0.53 हे. |
406192 |
वसीयत से प्राप्त |
|
श्रीमति प्रीति गुप्ता |
अलगी |
1483/1 |
0.06 हे. |
53144 |
भूमि स्व-अर्जित होना बताया है, जिसका आय का स्त्रोत कोचिंग क्लास एवं सासू मां के उपहार आदि से प्राप्त होना जबाव में बताया है। |
जरगवां अव्वल |
252/1, |
0.48 हे. |
1188096 |
||
करैरा |
2118 मिन 8 मिन 2, 2118 मिन |
487.5 वर्गफिट, 520 वर्गफिट |
258210, 275424 |
||
टीला |
2497, 86 मिन 2 |
0.54 हे., 0.05 हे. |
413856, 59000 |
वसीयत से प्राप्त |
|
सिल्लारपुर |
321, 322 |
0.16 हे. |
161664 |
वसीयत से प्राप्त |
|
|
निचरौली |
निरंक |
निरंक |
निरंक |
कोई भूमि नहीं है। |
|
चिन्नोद |
निरंक |
निरंक |
निरंक |
कोई भूमि नहीं है। |
|
टकटकी |
निरंक |
निरंक |
निरंक |
कोई भूमि नहीं है। |
|
दिनारा |
निरंक |
निरंक |
निरंक |
कोई भूमि नहीं है। |
(ख) भूमियों के स्व-अर्जित करने के आय के स्त्रोतों की जानकारी प्रशनांश (क) में विवरण के कॉलम में वर्णित है। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उदभूत नहीं होता। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नाधीन अवधि में एक शिकायत लोकायुक्त ग्वालियर द्वारा दर्ज की थी। माननीय न्यायालय सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश महोदय शिवपुरी के विशेष सत्र वाद क्रमांक-05/13, आदेश दिनांक 15.03.2014 को पारित आदेशानुसार शिकायत प्रमाणित न होने से निरस्त करते हुये पटवारी को दोषमुक्त किया जा चुका है। माननीय न्यायालय के आदेश प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
राजस्व
के लंबित
प्रकरणों का
निराकरण
[राजस्व]
1. ( क्र. 57 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह अंतर्गत पूर्व से प्रश्न दिनांक तक किन-किन किसानों के कितने प्रकरण कब से किन कारणों से नामांतरण फौती, बंटवारा के निराकरण हेतु अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय, कलेक्टर कार्यालय, संभागीय कार्यालय या राजस्व ग्वालियर मंडल में शेष लंबित पड़े है। (ख) हटा नगर में निष्क्रांति भूमि एवं अन्य शासकीय भूमि पर किन किन लोगों के द्वारा अतिक्रमण किया गया है जानकारी अतिक्रमणकर्ताओं के साथ पता सहित बतायी जावे साथ ही कब तक यह अतिक्रमण हटाये जावेंगे।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला दमोह अंतर्गत अनुविभागीय अधिकारी न्यायालयों में म.प्र. भू-राजस्व संहिता की धारा 109, 110, 178 के तहत अधिनस्थ न्यायालय से निराकृत आदेश के विरूद्ध संहिता की धारा 44 के अंतर्गत अपील नामांतरण के 96 एवं अपील बंटवारा के 25 प्रक्ररण, कुल 121 अपील प्रकरण लंबित है। कार्यालय कलेक्टर की जानकारी निरंक है। संभागायुक्त कार्यालय में द्वितीय अपील के नामांतरण के 186 एवं बंटवारा के 39 प्रकरण लंबित है। न्यायालय राजस्व मंडल ग्वालियर में जिला दमोह के निगरानी अंतर्गत फौती नामांतरण के 06 प्रकरण, बंटवारा के 06 प्रकरण, नामांतरण के 34 प्रकरण इस तरह कुल 46 प्रकरण लंबित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ' अनुसार है। (ख) जिला दमोह तहसील हटा नगर अंतर्गत निष्क्रांत भूमि पर 52 व्यक्ति एवं शासकीय भूमि पर 116 व्यक्तियों द्वारा अतिक्रमण किया गया है। जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'ब' अनुसार है। नियमानुसार शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि
[राजस्व]
2. ( क्र. 88 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि हेतु पात्र किसानों की संख्या तहसीलवार बतायें। उनमें से कितने किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि मिल रही है? (ख) रायसेन जिले में कितने पात्र किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि क्यों नहीं मिल रही है? तहसीलवार संख्या बतायें। (ग) रायसेन जिले में सभी पात्र किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि मिले इस हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में पात्रता की क्या-क्या शर्तें हैं तथा संबंधित किसानों को क्या-क्या दस्तावेज उपलब्ध कराना पड़ते है तथा किसान यदि ऑनलाईन आवेदन करना चाहे तो उसको क्या-क्या कार्यवाही करना पड़ती है? पूर्ण विवरण दें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) रायसेन जिले में पात्र किसानों द्वारा आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने पर योजना का लाभ दिया जा रहा है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) रायसेन जिले में सभी पात्र किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि मिले इस हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा ग्राम में प्रचार-प्रसार करवाकर किसानों को दस्तावेज उपलब्ध कराने एवं संबंधित पटवारियों द्वारा किसानों से दस्तावेज प्राप्त करने आदि की कार्यवाही की जा रही है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। सारा पोर्टल saara.mp.gov.in पर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि-सिटीजन इंटरफेस नामक लिंक एवं प्रधानमंत्री किसान पोर्टल के फार्मर कॉर्नर के माध्यम से ऑनलाईन आवेदन प्रस्तुत किया जा सकता है।
वृहताकार/मध्यक कृषक सेवा समितियों का गठन
[सहकारिता]
3. ( क्र. 121 ) श्री सुदेश राय : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीहोर विधानसभा क्षेत्र में कितनी वृहदाकार/मध्यम कृषक सेवा समितियाँ वर्तमान में संचालित हैं एवं इनका कार्यक्षेत्र का आकार किस प्रकार निर्धारित है तथा प्रत्येक समिति अन्तर्गत कौन-कौन से ग्राम सम्मिलित हैं? (ख) प्रत्येक सोसायटी पर कितने कृषकों का पंजीयन/सदस्यता है तथा शासन के निर्देशानुसार कार्य को आसान/सुगम बनाये जाने हेतु क्या विभाग नवीन सोसायटी/संस्थाओं के गठन का प्रस्ताव रखे है? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो कारण बतायें?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) सीहोर विधानसभा क्षेत्र में 17 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां संचालित है। इनका कार्यक्षेत्र का आकार पंजीकृत उपविधियों के अनुसार निर्धारित है। प्रत्येक सहकारी समिति के कार्यक्षेत्र के ग्रामों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सीहोर विधानसभा क्षेत्र में नवीन प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति पंजीकृत करने का कोई प्रस्ताव नहीं हुआ है और न ही विचाराधीन/लंबित है।
खनिज विकास मद से स्वीकृत कार्य
[खनिज साधन]
4. ( क्र. 122 ) श्री सुदेश राय : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खनिज विकास मद से विभाग अन्तर्गत कौन-कौन से कार्य कराये जाने के क्या-क्या प्रावधान है? (ख) जिला सीहोर के विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत वर्ष 2014-15 से 2020-21 तक खनिज विकास मद से कुल कितने कार्य स्वीकृत किये गये है? श्रेणी एवं स्थान सहित कार्य की जानकारी बतावें। (ग) स्वीकृत कार्यों में से कुल कितने कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं तथा कितने कार्य अपूर्ण है, यदि अपूर्ण हैं तो कारण बतायें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) खनिज विकास मद के नाम से कोई मद स्वीकृत नहीं है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विभाग की लापरवाही से फसलों का खराब होना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
5. ( क्र. 764 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अप्रैल 2016 से दिसम्बर 2020 तक नागरिक आपूर्ति निगम म.प्र. द्वारा गेहूँ, चना, धान एवं अन्य कृषि फसलें कितने क्विंटल खरीदी गई? जिलेवार जानकारी देवें एवं बैतूल जिले की जानकारी तहसीलवार देवें। क्या बैतूल जिले में सहकारी समितियों से खाद्यान्न खरीदने में पैसे की मांग की जाती है? गत पांच वर्षों में बैतूल जिले में इस प्रकार की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है एवं उन पर क्या कार्यवाही हुई है? (ख) अप्रैल 2016 से दिसम्बर 2020 तक कृषकों से खरीदे गये खाद्यान्न गेहूँ, धान, चना इत्यादि कितने क्विंटल अनाज बरसात के पानी में भीगने से खराब हुआ तथा कितने अन्य कारण से खराब हुआ है? (ग) उपरोक्त प्रश्नाधीन अवधि में खराब हुआ खाद्यान्न किसकी लापरवाही से खराब हुआ इसके लिए कौन-कौन जवाबदार हैं एवं इस संबंध में अब तक किन-किन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांकित अवधि में कितने क्विंटल खाद्यान्न पानी से भीगने या अन्य कारण से खराब होने के कारण नीलाम किया गया है? यदि हाँ, तो यह किस-किस भाव से किसे-किसे बेचा गया है? (ड.) खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के पास कितने क्विंटल की भंडारण क्षमता है तथा प्रश्नाधीन अवधि में इनके द्वारा कितने क्विंटल अनाज खरीदा गया? क्या खरीदे गये पूर्ण अनाज के भंडारण की क्षमता निगम के पास है? यदि नहीं, तो अतिरिक्त खाद्यान्न का भंडारण कहां किया गया? निगम की लापरवाही से लाखों क्विंटल अनाज खुले में पड़ा होने रह जाने के कारण बारिश में भीगने के कारण सड़ गया है? (च) खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम म.प्र. शासन के अतिरिक्त अप्रैल 2016 से दिसम्बर 2020 तक किन-किन एजेन्सियों ने कितना-कितना खाद्यान्न खरीदा है? फसलवार जानकारी दें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (च) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
संबल योजना से काटे गये नाम
[श्रम]
6. ( क्र. 785 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना में रायसेन जिले में कितने पंजीकृत हितग्राहियों के नाम क्यों काटे गये? ग्राम पंचायतवार/नगरीय निकायवार संख्या बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के जिन हितग्राहियों के नाम काटे गये हैं, उनका पंजीयन किसने किया था तथा नाम किसने काटे तथा क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों, कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत रायसेन को प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कब-कब प्राप्त हुए तथा उक्त पत्रों में उल्लेखित बिन्दुओं पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित बिन्दुओं की जाँच किन-किन अधिकारियों ने कब-कब की तथा जाँच के क्या निष्कर्ष रहे? जाँच के निष्कर्षों से प्रश्नकर्ता विधायक को अवगत क्यों नहीं कराया तथा कब तक अवगत करायेंगे?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना में रायसेन जिले में 83537 पंजीकृत हितग्राहियों के नाम अपात्र होने के कारण काटे गये। ग्राम पंचायतवार, नगरीय निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिन हितग्राहियों के नाम काटे गये हैं। उनका पंजीयन विहित प्राधिकारी (ग्रामीण क्षेत्र में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत तथा शहरी क्षेत्र में नगर निगम आयुक्त/मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगरीय निकाय द्वारा किया गया था।) अपात्र व्यक्तियों के पंजीयन निरस्ती की कार्यवाही ग्राम सचिव तथा वार्ड प्रभारी की अनुशंसा पर की गई। उक्त कार्यवाही म.प्र. शासन श्रम विभाग के पत्र क्रमांक 756/595/2019/ए-16 दिनांक 30.06.2019 के निर्देशों के परिपालन में की गई। (ग) प्रतक्ष्य रूप से मान. मंत्री जी को संबोधित किये गये पत्रों की जानकारी शासन द्वारा संधारित नहीं की जाती है। प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में मान. विधायक जी द्वारा मान. मंत्रीजी को संबोधित एवं कलेक्टर को पृष्ठांकित पत्र क्रमांक 752 दिनांक 07.10.19 तथा कलेक्टर जिला रायसेन को संबोधित पत्र क्रमांक 551 दिनांक 11.10.19, पत्र क्रमांक 756 दिनांक 11.10.19, पत्र क्रमांक 11 दिनांक 13.01.2020 एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, जिला रायसेन को पत्र क्रमांक 50 दिनांक 13.02.2020 तथा सचिव म.प्र.असंगठित शहरी/ग्रामीण कर्मकार कल्याण मण्डल को पत्र क्रमांक 112 दिनांक 13.01.20 प्रेषित किये गये हैं। उक्त पत्रों में उल्लेखित बिन्दुओं पर कलेक्टर जिला रायसेन द्वारा आदेश क्रमांक 4792 दिनांक 11.11.2019 द्वारा जाँच हेतु श्रम पदाधिकारी मण्डीदीप एवं परियोजना अधिकारी, शहरी विकास अभिकरण जिला रायसेन का दल जाँच हेतु गठित किया गया, उक्त दल द्वारा कलेक्टर को पत्र क्रमांक 2019 दिनांक 27.02.2020 द्वारा प्रतिवेदित किया गया है कि पंजीकृत जिन व्यक्तियों के जो नाम काटे गये हैं वे अपात्रता की श्रेणी में हैं। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार। जाँच के निष्कर्षों से मा. विधायक महोदय को जिला कलेक्टर के पत्र क्रमांक 1074 दिनांक 02.03.2021 द्वारा अवगत कराया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय विभागों में कर्मचारियों का शाखा परिवर्तन
[राजस्व]
7. ( क्र. 1632 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा जिला स्तरीय एवं तहसील स्तरीय शासकीय विभागों के कर्मचारियों को एक ही शाखा में पदस्थ रखने की कोई अधिकतम सीमा निर्धारित की गई है? यदि हाँ, तो कितने वर्ष पश्चात शाखा परिवर्तन का प्रावधान है? (ख) क्या धार जिले में जिला स्तरीय व तहसील स्तरीय शासकीय विभागों के कर्मचारियों की शाखा में नियमानुसार प्रावधानित वर्ष पश्चात (टेबल चेंज) शाखाओं का पुन: विभाजन किया जाता है? (ग) धार जिले में राजस्व विभाग के जिला स्तरीय एवं तहसील स्तरीय शासकीय कार्यालयों में पिछले चार वर्ष या उससे अधिक समय से एक ही शाखा में पदस्थ कर्मचारियों की जानकारी देवें। (घ) क्या प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में लम्बे समय से एक ही शाखा में पदस्थ कर्मचारियों की शाखा परिवर्तन किये जाने हेतु कोई कार्यवाही प्रचलित है? यदि हाँ, तो कब तक कार्रवाई की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश कार्यालय कार्यवाही निर्देशिका की कण्डिका-4 अध्याय-3 अनुसार समान्यत: लिपिकों को तीन वर्ष में कम से कम एक बार एक शाखा से दूसरी शाखा में बदल दिया जाना चाहिए। कार्य बदलते समय भी कर्मचारी के अनुभव को ध्यान में रखा जाना चाहिए। (ख) जी हाँ। समय-समय पर आवश्यकतानुसार कर्मचारियों का शाखा परिर्वतन किया जाता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (घ) जी नहीं। समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है।
भूमियों के फर्जी विक्रय पत्र
[राजस्व]
8. ( क्र. 1649 ) श्री राकेश मावई : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला विदिशा तहसील शमशाबाद ग्राम हाड़ा के भूमि खसरा क्रमांक 223, 239, 240 कुल रकबा 8.246 के भूमि स्वामी बृजेन्द्र सिंह, नरेन्द्र सिंह, सुरेन्द्र सिंह, राजेन्द्र सिंह पुत्रगण गोपाल सिंह निवासी ग्राम जलालगढ़ तहसील सबलगढ़ जिला मुरैना किस वर्ष से किस वर्ष तक भूमि स्वामी रहे? (ख) क्या बृजेन्द्र सिंह पुत्र गोपाल सिंह ने दिनांक 03.03.2020 को पुलिस अधीक्षक विदिशा एवं दिनांक 24.09.2019 को कमिश्नर भोपाल, कलेक्टर विदिशा, पुलिस अधीक्षक विदिशा तथा दिनांक 23.09.2019 को थाना प्रभारी शमशाबाद को अपने भूमि के फर्जी तरीके से गलत व्यक्तियों के माध्यम से अशोक कुमार द्वारा विक्रय पत्र लिखाने की शिकायत की गई है? यदि हाँ, तो उक्त शिकायतों पर कब क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के भूमियों के विक्रय पत्र में बने हस्ताक्षर एवं सही भूमि स्वामियों के हस्ताक्षर का मिलान पुलिस द्वारा कराया जाकर अपराधिक प्रकरण दर्ज किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? उक्त कार्यवाही कर अपराध पंजीबद्ध करते हुये आरोपियों की गिरफ्तारी करा देगें? (घ) प्रश्नांश (ख) के विक्रय पत्र एवं सही भूमि स्वामियों द्वारा की गई शिकायत पत्रों पर किन-किन को आरोपी बनाया जायेगा तथा उक्त विक्रय पत्र कब तक शून्य कर दिया जायेगा? यदि नहीं, तो कारण बतायें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला विदिशा की तहसील शमशाबाद के ग्राम हाड़ा का खसरा क्रमांक 223 रकबा 0.272 हे. वर्ष 1974-75 से 2020-21 तक जंगल खुर्द (शासकीय भूमि) के नाम से दर्ज है। खसरा क्रमांक 239 रकबा 1.923 हे. व खसरा क्रमांक 240 रकबा 6.177 हे. वर्ष 1985-86 से 1989-90 तक नरेन्द्रसिंह बालिग, सुरेन्द्रसिंह, बृजेन्द्रसिंह, राजेन्द्रसिंह ना.बा. पुत्रगण गोपालसिंह सर परस्त नरेन्द्रसिंह भाई व महेन्द्रसिंह ना.बा. पुत्र सरदारसिंह सर परस्त पिता स्वयं जाति गूजर के नाम दर्ज रही। (ख) थाना प्रभारी शमशाबाद से प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार बृजेन्द्रसिंह पुत्र गोपालसिंह द्वारा दिनांक 30.03.2020 को पुलिस अधीक्षक विदिशा एवं 29.09.2020 को कमिश्नर भोपाल कलेक्टर विदिशा,पुलिस अधीक्षक विदिशा तथा दिनांक 23.09.2019 को थाना प्रभारी शमशाबाद को उनकी भूमि फर्जी तरीके से गलत व्यक्तियों के माध्यम से अशोक कुमार द्वारा विक्रय पत्र लिखने की शिकायत की गई है। (ग) थाना प्रभारी शमशाबाद से प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार शिकायतकर्ता द्वारा जाँच के सबंध में थाना प्रभारी को दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण फर्जी हस्ताक्षरो की जाँच नहीं की जा सकी है। शिकायतकर्ता मूल निवासी मुरैना है जिन्हें कथन हेतु थाना प्रभारी द्वारा तलब किया गया परन्तु उनके उपस्थित न होने के कारण कार्यवाही नहीं की जा सकी। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (घ) थाना प्रभारी शमशाबाद से प्राप्त जानकारी अनुसार आवेदक बृजेन्द्रसिंह आदि द्वारा भूमि आराजी क्रमांक 223,239 एवं 240 के सबंध में प्रकरण क्रमांक 4/अ-46/89-90 में पारित आदेश दिनांक 22.12.89 के विरूद्ध अनुविभागीय अधिकारी शमशाबाद के न्यायालय में अपील दायर की गई है, उक्त प्रकरण में माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में डब्ल्यू पी नंबर 13266/20 भी दायर की गई है, जिसमें माननीय न्यायालय द्वारा 21.09.2020 को प्रकरण में सुनवाई कर आगामी दिनांक तक के लिए स्थगन आदेश जारी किया गया है। अत: कोई अग्रेतर कार्यवाही नहीं की गई।
गबन की गई राशि की वसूली
[सहकारिता]
9. ( क्र. 1655 ) श्री राकेश मावई : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेवा सहकारी समिति जवा, नौवस्ता, गढवा, कोनी शाखा जवा जिला रीवा में वर्ष 2010 से लगातार वर्ष 2016 तक एवं वर्ष 2016 से लगातार 2019 तक खाद्य बिक्री की क्रमश: राशि 30.64, 20.87, 7.78, 40.89, 3.84, 2.33, 8.7, 1.87 कुल राशि रूपये 1 करोड़ 29 लाख 94 हजार तत्कालीन समिति प्रबंधक द्वारा जमा नहीं की गई है? यदि हाँ, तो उक्त अवधि में कौन-कौन समिति प्रबंधक की पदस्थापना थी? नाम, पद के साथ जानकारी देवें। सहपत्रों के साथ जानकारी देवें। (ख) यदि प्रश्नांश (क) सही है तो उक्त पदस्थापना अवधि में उक्त समिति प्रबंधक की कुल कितनी शिकायतें एवं विधानसभा में प्रश्न उद्भुत हुए हैं तथा उन पर कब क्या कार्यवाही हुई? सहपत्रों के साथ जानकारी दें। क्या उक्त राशि के ख्यानतकर्ता समिति प्रबंधक को पुन: से कोनी समिति में पदस्थ किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त नियम विरूद्ध पदस्थापना को कब तक निरस्त कर दोषी को निलंबित कर दिया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि एवं खाद्य बिक्री की बकाया राशि क्या दोषी से ब्याज राशि के साथ वसूल कर जमा कराते हुए पुलिस में गबन ख्यानत का प्रकरण दर्ज करा देगें? यदि हाँ, तो कब तक? कितने ख्यानत राशि के विरूद्ध? वर्तमान में उक्त समिति प्रबंधक की पदस्थापना कहां है? (घ) सेवा सहकारी समिति चौखण्डी शाखा डभौरा में कब से उर्वरक खाद नहीं दी जा रही है? क्या लिमिट बंद होने के कारण खाद नहीं दी जा रही है? यदि हाँ, तो लिमिट बंद होने में कौन-कौन दोषी है? उनके विरूद्ध कब क्या कार्यवाही करेंगे तथा कब तक खाद उपलब्ध करा दी जायेगी?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्ष 2020-21 से, जी हाँ। समिति प्रबंधक द्वारा खाद बिक्री की राशि जमा नहीं करने के कारण लिमिट बंद हुई जिससे खाद का उठाव नहीं हो सका। दोषी समिति प्रबंधक के विरूद्ध सहकारी अधिनियम की धारा 64 के अंतर्गत वसूली का प्रकरण दायर किया गया है। आपराधिक प्रकरण पुलिस में सौंपने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
कुण्डालियां वृहद परियोजना के कारण डूब में ग्राम आये
[जल संसाधन]
10. ( क्र. 1755 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले की जीरापुर तहसील का कुण्डालिया वृहद परियोजना के डूब क्षेत्र में जब कालीसिंध नदी में बाढ़ आती है तो सारंगपुर तहसील का ग्राम शामगीघाटा जलमग्न हो जाता है? यदि हाँ, तो, वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कितनी बार एवं कितने समय तक ग्राम शामगीघाटा जल मग्न रहा? वर्षवार, दिनांकवार, जलमग्न अवधि से अवगत करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में दर्शित जलमग्न ग्राम को बाढ़ग्रस्त अवधि से बचाने के लिए विभाग द्वारा कोई योजना बनाई गयी है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित ग्राम शामगीघाटा को डूब से बचाने के लिए यदि कोई योजना नहीं बनायी गयी है तो भविष्य में ग्राम के जलमग्न होने से ग्रामवासियों को किसी भी प्रकार की हानि होती है तो उसके लिए कौन जवाबदार होगा? (घ) क्या ग्राम शामगीघाटा के जलमग्न होने से ग्राम को जोड़ने वाली सड़क को बाढ़ में बह जाने से कई बार कई दिनों तक खासपुरा-कड़लावद मार्ग बन्द हुआ है? वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक उक्त मार्ग कितनी बार कितने दिनों तक बंद रहा है? वर्षवार अवधि बतावें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। ग्राम शामगीघाटा कालीसिंध नदी की सहायक नदी उतावली के निकट स्थित है अतिवृष्टि के समय उतावली नदी में भारी बाढ़ की स्थिति निर्मित होने पर ग्राम शामगीघाटा का पहुंच मार्ग अस्थाई रूप से अल्प अवधि के लिये बाधित होना प्रतिवेदित है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) कुण्डलिया बांध के जलभराव से प्रश्नाधीन ग्राम के 160 मकानों में से मात्र 12 मकान प्रभावित होते हैं। प्रभावित मकानों का अधिग्रहण कर मुआवजा वितरण किया जा चुका है एवं 19 परिवारों के द्वारा शासन से स्वीकृत विशेष पैकेज अनुसार एकमुश्त पुनर्वास अनुदान प्राप्त कर लिया जाना प्रतिवेदित है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) लोक निर्माण विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार अतिवृष्टि से उतावली नदी में बाढ़ से मार्ग क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण वर्ष 2016-17 में 12 दिन, वर्ष 2019-20 में 19 दिन एवं वर्ष 2020-21 में 15 दिवस तक खासपुरा-कडलावद मार्ग पर वाहनों का आवागमन बंद रहना प्रतिवेदित है।
संचालित की जा रही रेत, मुरूम, गिट्टी की खदानें
[खनिज साधन]
11. ( क्र. 1849 ) श्री राम दांगोरे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खंडवा जिले में खनिज विभाग द्वारा कितनी रेत, मुरूम, गिट्टी की खदानें किन-किन ठेकेदारों द्वारा कब से संचालित की जा रही है और किस समय अवधि तक की जावेगी? इनकों किस दर से खदानें दी गई हैं? खदान स्वीकृति के लिए विगत 5 वर्षों में शासन से जारी दिशा-निर्देश की प्रति भी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत निर्माणाधीन ब्रॉडगेज रेलवे के कार्य के लिए रेलवे ठेकेदारों को कहां-कहां खदानें दी गई है एवं कितने क्षेत्रफल भूमि की दी गई है किस दर से दी गई है? क्या किसी खदान पर जुर्मानें की कार्यवाही अधिरोपित की गई है? यदि हाँ, तो कितना जुर्माना किस-किस खदान से प्राप्त हुआ और यदि जुर्माना माफ किया तो किस आधार पर किया गया? शासन निर्देश की प्रति देवें। (ग) क्या खदानों के लिए पहाड़ियां, छोटा झाड़, जंगल की भूमि का प्रावधान है? यदि हाँ, तो शासन निर्देशों की छाया प्रति देवें। रेल्वे ठेकेदारों ने क्या तय मापदंडों के अनुसार खुदाई की है? यदि हाँ, तो कितने घन मीटर खनिज कितने क्षेत्रफल से निकाला गया है? यदि निर्देशों की अवहेलना हुई है तो दोषी अधिकारियों के विरुद्ध क्या कार्रवाई की गई? कहां-कहां से रेत, गिट्टी, मुरूम लाई गई है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) खंडवा जिले में रेत खनिज की खदान स्वीकृत नहीं है। मुरम एवं क्रशर द्वारा गिट्टी निर्माण हेतु पत्थर खनिज के स्वीकृत उत्खनिपट्टा की प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। उत्खनिपट्टा स्वीकृति किसी दर के आधार पर नहीं दी जाती है। समस्त खदानें अधिसूचित नियम, मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के तहत स्वीकृत हैं। खदान स्वीकृति हेतु पृथक से कोई निर्देश नहीं हैं। (ख) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 68 (6) के प्रावधानों के तहत प्रश्नानुसार स्वीकृत परिवहन अनुज्ञा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। रेल्वे ठेकेदारों के विरूद्ध नियम विरूद्ध उत्खनन करने पर दर्ज प्रकरण एवं किये गये अर्थदण्ड तथा जमा अर्थदण्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। इनमें से किसी प्रकरण पर जुर्माना माफ नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वन संरक्षण अधिनियम, 1980 के तहत विधिवत अनुमति प्राप्त होने पर छोटा झाड़ जंगल की भूमि पर खदान स्वीकृत की जा सकती है। मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में पहाड़ पर खदान स्वीकृत किये जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। यह अधिनियम एवं नियम अधिसूचित है। रेल्वे ठेकेदारों द्वारा अवैध उत्खनन किये जाने पर कार्यवाही की गई है। इसकी जानकारी प्रश्नांश (ख) के उत्तर में दी गई है। नियमों की अवहेलना न होने के कारण दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। रेल्वे ठेकेदारों द्वारा स्वीकृत परिवहन अनुज्ञा एवं जिले में स्थित पत्थर खदानों से मुरम, गिट्टी प्राप्त की गई है। खंडवा जिले से समीपस्थ जिलों से रेत प्राप्त की गई है।
नामांन्तरण एवं सीमांकन के प्राप्त आवेदन
[राजस्व]
12. ( क्र. 1935 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की तहसील, छतरपुर, राजनगर, लवकुशनगर में वर्ष जनवरी 2019 से जनवरी 2021 तक कुल कितने सीमांकन के नामान्तरण के आवेदन प्राप्त हुये। (ख) प्रश्नांश (क) से कुल कितने उक्त तहसीलों में सीमांकन एवं नामान्तरण किये गये जो नहीं हुये उनकी संख्या कारण सहित नामवार बतावें। (ग) शासन के द्वारा नामान्तरण एवं सीमांकन के नियम क्या हैं? यदि जिन अधिकारियों द्वारा नियमों का पालन नहीं किया गया तो क्या शासन उन पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) इस संबंध में जिले के किन-किन संगठनों में जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिये हैं? यदि हाँ, तो उन पर अब तक क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) छतरपुर जिले की तहसील, छतरपुर, राजनगर, लवकुशनगर में वर्ष जनवरी 2019 से जनवरी 2021 तक कुल प्राप्त हुए सीमांकन नामान्तरण के आवेदन पत्र निम्नानुसार है :-
क्र. |
तहसील |
नामांतरण |
सीमांकन |
1 |
राजनगर |
5136 |
646 |
2 |
लवकुशनगर |
2942 |
273 |
3 |
छतरपुर |
8402 |
1382 |
(ख) प्रश्नांश (क) से प्रश्नाधीन तहसीलों में निराकृत तथा शेष सीमांकन एवं नामांतरण के आवेदन पत्र निम्नानुसार है :-
क्र. |
तहसील |
निराकृत |
शेष |
||
नामांतरण |
सीमांकन |
नामांतरण |
सीमांकन |
||
1 |
राजनगर |
3016 |
379 |
2120 |
267 |
2 |
लवकुशनगर |
2846 |
273 |
96 |
0 |
3 |
छतरपुर |
2773 |
941 |
5629 |
441 |
(ग) शासन के द्वारा नामान्तरण एवं सीमांकन के नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रकरणों में साक्ष्याभाव के कारण प्रकरण निराकृत नहीं किए जा सके है। नियमों का पालन किया जा रहा है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (घ) छतरपुर जिले में उक्त संबंध में कोई ज्ञापन प्रकाश में नहीं आया है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता।
राजमार्ग भूमि अधिग्रहण में मुआवजा भुगतान में अनियमितता
[राजस्व]
13. ( क्र. 1936 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय राजमार्ग झांसी खजुराहों के प्राइवेट जमीन अधिग्रहण में 2015 के प्रावधान उपरांत वर्ष 2010 के आधार पर आवार्ड पारित किया गया है दोनों आवार्ड की दरों की प्रतियां तथा आवार्ड पारित दिनांक पर लागू दरें क्यों नहीं लगाई हैं? यदि लगाई हैं तो सूची देवें। (ख) क्या शासन सही संशोधित आवार्ड पातिर कर स्थानीय पीड़ितों को न्याय देगा? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों? (ग) राष्ट्रीय राजमार्ग खजुराहों झांसी अन्तर्गत छतरपुर से बमीठा के बीच भूमि अधिग्रहण के कितने प्रकरण विवादित न्यायालय में गतिशील हैं? कितने लोगों द्वारा मुआवजा प्राप्त कर लिया गया है? सूची देवें। ऐसे कितने प्रकरण हैं जिन्हें आज दिनांक तक भुगतान प्राप्त नहीं हुआ है? नाम, ग्राम, राशि, की जानकारी देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं, राष्ट्रीय राजमार्ग झांसी-खजुराहो के प्रायवेट जमीन अधिग्रहण के प्रकरणों में नेशनल हाइवे एक्ट, 1956 की धारा 3 ए अंतर्गत अधिसूचना के प्रकाशन की दिनांक को तत्समय प्रचलित गाइड-लाइन के आधार पर ही प्रतिकर तथा उस पर अंतिम अवार्ड दिनांक तक की अवधि हेतु 12 प्रतिशत ब्याज लगाकर अंतिम अवार्ड राशि का निर्धारण किया गया है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (ख) राष्ट्रीय राजमार्ग झांसी खजुराहो अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम-1956 की धारा 3 (जी) के तहत सक्षम न्यायालय द्वारा पारित आवार्ड में संशोधन हेतु न्यायालय कमिश्नर, सागर संभाग, सागर के न्यायालय में 425 प्रकरण विचाराधीन है। जिनका निराकरण न्यायिक प्रक्रिया अंतर्गत होगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) तहसील छतरपुर अंतर्गत 07 ग्रामों के प्रकरणों में अवार्ड पारित किये गये है। आज दिनांक 03.03.2021 तक 878 लोगों द्वारा मुआवजा प्राप्त कर लिया है, सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ' अनुसार' है। भुगतान न प्राप्त करने वालों की संख्या 590 है, सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। इसी प्रकार तहसील राजनगर अंतर्गत 13 ग्रामों में अवार्ड पारित किये गये है। दिनांक 26.02.2021 तक 563 लोगों द्वारा मुआवजा प्राप्त कर लिया है, सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। भुगतान न प्राप्त करने वालों की संख्या 183 है सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द' अनुसार' है। राष्ट्रीय राजमार्ग झांसी खजुराहो अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम-1956 की धारा 3 (जी) के तहत सक्षम न्यायालय द्वारा पारित अवार्ड में संशोधन हेतु न्यायालय कमिश्नर, सागर संभाग, सागर के न्यायालय में 425 प्रकरण विचाराधीन है।
राजगढ़ जिले में खनिज खदानें
[खनिज साधन]
14. ( क्र. 1958 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में नवीन खनिज नीति के तहत शासन द्वारा कितनी खदानें लीज पर दी गई हैं? इससे कितनी रायल्टी शासन को प्राप्त हुई है? (ख) पिछले 1 वर्ष में उक्त खदानों से कितने घन मीटर उत्खनन किया गया है? शासन द्वारा कितने घन मीटर उत्खनन की अनुमति दी गई थी? यदि अनुमति से अधिक खनन हुआ है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? (ग) क्या उत्खनन प्रारंभ करने से पूर्व प्रत्येक खदान का माईनिंग प्लान, पर्यावरण विभाग की अनापत्ति एवं सिया की अनुमति ली गई थी? यदि हाँ, तो कितनी खदानों की अनुमति ली गई थी? यदि नहीं, तो कितने खदानों की अनुमति नहीं ली गई? जिन खदानों की अनुमति नहीं ली गई थी उनमें कितना उत्खनन किया गया? (घ) बिना अनुमति के उत्खनन करने पर शासन के नियमानुसार क्या कार्यवाही की जाती है तथा राजगढ़ जिले में इस तरह के प्रकरण में अभी तक क्या कार्यवाही की गई हैं? (ड.) क्या राजगढ़ जिले की समस्त खदानों में जे.सी.बी. तथा पोकलेन मशीनों का उत्खनन में प्रयोग किया गया है? यदि नहीं, तो उत्खनन कैसे हो रहा है। उत्खनन प्रक्रिया का भुगतान विवरण सहित जानकारी दें। उत्खनन में कितनी मशीनें कार्यरत हैं? क्या इनकी शासन के नियमानुसार समस्त अनुमति ली गई है? यदि नहीं, तो विभाग क्या कार्यवाही कर रहा हैं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में नवीन संशोधन दिनांक 22 जनवरी 2021 के तहत जिले में कोई खदान वर्तमान में स्वीकृत नहीं है। मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्यापार) नियम, 2019 दिनांक 30 अगस्त 2019 से अधिसूचित नियम के तहत राजगढ़ जिले की 29 रेत खदानें समूह के रूप में ठेका अवधि 04/06/2020 से 03/06/2023 तक स्वीकृत की गई है। इस रेत समूह से फरवरी 2021 तक रॉयल्टी सहित कुल राशि 1.74 करोड़ प्राप्त हुई है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित रेत खदान के समूह में स्वीकृत वार्षिक ठेका मात्रा 35000 घनमीटर के विरूद्ध दिनांक 28/02/2021 तक 1067 घनमीटर रेत का उत्खनन किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) रेत समूह में स्वीकृत 02 खदान क्रमश: बेराड खसरा क्रमांक 239 रकबा 4.000 हेक्टेयर एवं सईंदाबाद खसरा क्रमांक 12 रकबा 4.000 हेक्टेयर, में समस्त वैधानिक अनुमतियां प्राप्त होकर संचालित हैं। शेष 27 खदानों में वैधानिक अनुमति प्राप्त न होने के कारण खदानें संचालित नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) बिना अनुमति के उत्खनन करने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। प्रश्नाधीन जिले में प्रश्नांश (ग) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) प्रश्नाधीन जिले में स्थित खदानों में जे.सी.बी. तथा पोकलेन मशीन द्वारा उत्खनन किये जाने में कोई प्रतिबंध नहीं है। खदानधारी द्वारा वैधानिक अनुमति में दी गई शर्तों के अनुसार मशीनों का उपयोग आवश्यकतानुसार किया जाता है। प्रश्नाधीन जिले में बिना वैधानिक अनुमति के मशीनों का उत्खनन में उपयोग नहीं किया जा रहा है। उत्खनन में उपयोगित मशीनों की जानकारी अथवा इसके उपयोग में किये गये भुगतान की जानकारी संधारित किये जाने का प्रावधान नियमों में नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अलीराजपुर जिले में कोविड-19 महामारी में व्यय राशि
[राजस्व]
15. ( क्र. 2044 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दि.01.04.2020 से प्रश्न दिनांक तक कोविड-19 महामारी से संबंधित कितनी राशि किन कार्यों के लिए विभाग द्वारा अलीराजपुर जिले में व्यय की गई? इन कार्यों में टेंडर या अन्य प्रक्रिया का पालन किया गया। (ख) परिवहन एवं भोजन हेतु जिन फर्मों व व्यक्तियों को भुगतान किया गया उनके नाम बतावें। इनका क्या टी.डी.एस. काटा गया? (ग) श्रमिकों को लाने के लिए जिले में कितने वाहन भेजे गए थे, कितना भुगतान किया गया है कितनी राशि टी.डी.एस. की काटी गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिले में 01.04.2020 से प्रश्न दिनांक तक कोविड-19 महामारी में विभिन्न मदों में किये व्यय की मदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। टेंडर प्रक्रिया नहीं की गई है। (ख) कोविड-19 महामारी में भुगतान किये गये फर्मों/संस्थाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- "ब" अनुसार है। टी.डी.एस काटा गया है। (ग) जिले द्वारा श्रमिकों को अपने गंतव्य स्थान तक पहुँचाने हेतु कुल 209 वाहन को डीजल सहित किराया राशि रूपये 58,79,929/- का भुगतान किया गया एवं वाहन किराया हेतु राशि रूपये 3005/- टी.डी.एस. कटौत्रा किया गया है।
खण्ड लेखकों का नियमितीकरण
[राजस्व]
16. ( क्र. 2243 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में खण्डलेखक के पद पर कुल कितने कर्मचारी कार्यरत हैं? जिलेवार जानकारी दी जावें। उनकी भर्ती की क्या प्रक्रिया अपनाई गई है? (ख) खण्डलेखकों में से कितनों को सहायक ग्रेड-03 के पद पर नियुक्त किया गया है। शेष को कब तक नियमित किया जायेगा? (ग) क्या प्रदेश के अन्य जिलों में खण्डलेखकों को नियमित कर दिया है या मात्र कटनी जिले में ही नियमित किया जाना शेष है? क्या मुख्यमंत्री जी ने वर्ष 2013 में जम्हूरी मैदान में खण्डलेखकों का संविलियन सहायक ग्रेड-3 में किए जाने की घोषणा की थी? यदि हाँ, तो अभी तक संविलियन आदेश क्यों जारी किए गए? कब तक किये जायेंगे। (घ) कार्यालय कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट कटनी ने तहसीलदार कटनी को पत्र क्रमांक 12973/एस.डब्ल्यू/2019 दिनांक 01.01.2019 लिखकर जानकारी चाही थी, उस संबंध में तहसीलदार द्वारा क्या जानकारी दी गई? उसकी एक प्रति दें। यदि नहीं, दी गई तो कारण बताएं। (ड.) कटनी जिले के कटनी में पदस्थ तहसीलदार मुनब्बर खान की विगत 5 वर्ष से प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी शिकायतें शासन/कलेक्टरों को उनकी पदस्थापना स्थलों में प्राप्त हुई? उन पर शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मध्यप्रदेश के तहसील कार्यालयों में खण्डलेखक के पद पर कार्यरत कर्मचारियों की तहसीलवार संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- ''अ'' पर है। इनकी भर्ती मध्यप्रदेश जिला कार्यालय कार्यवाही निर्देशिका के अध्याय 15 की कण्डिका 3 एवं वित्तीय संहिता भाग- 2 के परिशिष्ट क्रमांक 6 की कंडिका 65 में निहित प्रावधान अनुसार की गई थी। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। जानकारी उत्तरांश (ख) अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उद्भुत नहीं होता। (ड.) कटनी जिले में पदस्थ श्री मुनौब्बर खान, तहसीलदार की कटनी जिले में पदस्थापना अवधि के दौरान 21 शिकायतें प्राप्त हुई है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
17. ( क्र. 2244 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर, कटनी एवं सतना जिले में 01 जनवरी 2017 के पश्चात कितनी कितनी उचित मूल्य की दुकानों पर किन अनियमितताओं के लिए किस-किस व्यक्ति के खिलाफ पुलिस प्रकरण दर्ज हुए हैं? कितने के चालान पुलिस द्वारा मान. न्यायालय में दर्ज किये? कितनों के नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) के जिलों में उक्त अवधि में कितनी उचित मूल्य की दुकानों के संचालकों की अनियमितताओं के चलते लाइसेंस किस-किस सक्षम अधिकारी ने निरस्त किये तथा क्या कारण रहे कि अनियमितताओं के बावजूद पुन: उसी संचालक को दुकान संचालित करने हेतु लाइसेंस दे दिया? ऐसे कितने प्रकरण प्रकाश में आये। (ग) प्रश्नांश (क) के जिलों में प्रश्न दिनांक तक क्या सभी उचित मूल्य की दुकानों पर थम्ब इम्प्रेशन से राशन का भुगतान किया जा रहा है? क्या वर्तमान में शासन द्वारा सभी दुकानों पर ऑफलाईन/बिना थम्ब इम्प्रेशन सामग्री वितरण देने हेतु निर्देश प्रदान किये हैं? यदि हाँ, तो निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (क) जिलों में खाद्य सामग्री में मिलावट को लेकर गत 01 जनवरी 2018 के पश्चात कितने व्यक्तियों को किस-किस मिलावट के लिए कितने-कितने वर्ष की मान. न्यायालय द्वारा सजा/जुर्माना हुआ है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय आराजी को खुर्द-बुर्द करना
[राजस्व]
18. ( क्र. 2355 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले की मझगवां में पदस्थ रहे अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) आर.के. चौधरी को कलेक्टर सतना (भू-प्रबंधन) के पत्र क्र. 2713/18/भू प्रबंधन/तक/06 सतना दिनांक 01.02.2006 के द्वारा निर्देशित किया गया था कि ग्राम कामता चित्रकूट के नक्शा एवं बन्दोबस्ती शीट के रकबे में कमी एवं बेसी की भिन्नताओं और विसंगतियों को सुधारने के लिये जाँच दल गठित करें, जिसके परिपालन में जाँच दल द्वारा 1958-59 के खसरा के रकबे से मिलान में आराजी नम्बर 1016 एवं 1017 में भिन्नता पाई गई थी, जिसके बावजूद अनुविभागीय अधिकारी द्वारा दिए गए फैसले में शासकीय आराजी नं. 1016 के मूल बन्दोबस्ती सन् 1958-59 अनुसार 5.10 एकड़ में स्थान पर 3.65 शेष रहा गया पाया गया और नक्शे के स्वरूप में परिवर्तन कर 1.45 एकड़ गायब कर दिया गया? (ख) क्या जिला प्रशासन द्वारा ग्राम कामता के नक्शे में सुधार करवाते हुये प्रश्नांश (क) के फैसले के अनुसार शासकीय आराजी को उसके मूल स्वरूप 5.10 एकड़ में लाने का प्रयास किया गया? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्यों न यह माना जाय कि राजस्व अधिकारियों, कर्मचारियों एवं भूमाफियाओं की मिलीभगत से शासकीय आराजी को खुर्द-बुर्द की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। 1958-59 की खतौनी के रकबे में मिलान उपरांत 1016,1017 के नक्शे में भिन्नता पाई जाने के कारण आ.नं. 1016 के मूल बन्दोबस्ती नक्शा शीट में सुधार कर वास्तविक रुप से खसरा अनुसार 3.65 एकड़ रकबा किया गया। (ख) प्रश्नांकित फैसले के अनुसार 1016, 1017 में नक्शे में सुधार किया जा चुका है। खसरा नम्बर 1016 की बन्दोबस्त नक्शा शीट तथा चालू नक्शे में सुधार पश्चात् खसरा अनुसार रकबा 3.65 एकड़ किया गया। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
लोक सेवा केन्द्रों में प्राप्त आवेदन
[लोक सेवा प्रबन्धन]
19. ( क्र. 2375 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में 1 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक लोक सेवा केन्द्रों में किन-किन सेवाओं हेतु कितने-कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुए? किस-किस हेतु कितना-कितना शुल्क निर्धारित है? लोक सेवा केन्द्र के बाहर लिखवाया क्यों नहीं गया? (ख) कितने आवेदन पत्रों में सेवाएं समय-सीमा में दी गई? कितने आवेदन पत्रों में सेवाएं समय-सीमा में नहीं दी गई तथा क्यों? इसके लिए कौन-कौन जबावदार हैं तथा शासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) किस-किस सेवा के कितने आवेदन पत्र क्यों निरस्त किये गये? कितने आवेदन पत्र लंबित है तथा उनका कब तक निराकरण होगा? (घ) (क) अवधि में लोक सेवा केन्द्रों में निर्धारित शुल्क से अधिक शुल्क लेने, केन्द्र के बाहर किस सेवा के लिए कितना शुल्क निर्धारित है को नहीं लिखवाने, अधिक शुल्क लेने की किन-किन माध्यमों से कितनी शिकायतें प्राप्त हुई तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) रायसेन जिले में 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक लोक सेवा केन्द्रों में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार आवेदन पत्र प्राप्त हुए। लोक सेवा केन्द्र के माध्यम से विभिन्न सेवाओं हेतु निर्धारित शुल्क की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। सभी लोक सेवा केन्द्रों में सेवाओं एवं शुल्क की सूची चस्पा की गई है। (ख) 218188 आवेदन पत्रों में सेवाएं समय-सीमा में दी गई है। 2437 आवेदन पत्रों में सेवाएं समय-सीमा में नहीं दी गई। लोक सभा निर्वाचन 2019, कोविड-19, लोक सेवा पोर्टल एवं इंटरनेट की तकनीकी समस्या आदि के कारण पदाभिहित अधिकारी द्वारा निराकरण में विलम्ब हुआ। विलम्ब हेतु जवाबदार पदाभिहित अधिकारियों को अधिनियम अंतर्गत प्रकरण अपील में दर्ज कर नोटिस जारी किये गये एवं दोषी अधिकारियों पर शास्ति अधिरोपित की गई। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 3 एवं 4 अनुसार है। (ग) 71 सेवाओं के 15706 आवेदन पत्र संबंधित पदाभिहित अधिकारी द्वारा जाँच में अपात्र पाये जाने/आवश्यक दस्तावेज संलग्न न होने के कारण निरस्त किये गये है। 3274 आवेदन पत्र लंबित है जिनका निराकरण निर्धारित समय-सीमा में सतत् प्रक्रिया अनुसार किया जाता है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। (घ) (क) अवधि में लोक सेवा केन्द्रों में निर्धारित शुल्क से अधिक शुल्क लेने के संबंध में सीएम हेल्पलाईन के माध्यम से कुल 02 शिकायतें प्राप्त हुई है। शिकायतकर्ता को आवेदन हेतु लिये जाने वाले शुल्क की जानकारी न होने के कारण उनके द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई थी। शुल्क की स्पष्ट जानकारी उपलब्ध कराये जाने पर उनके द्वारा शिकायत संतुष्टि से बंद कराई गई। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सहकारी संस्थाओं की स्थिति
[सहकारिता]
20. ( क्र. 2376 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में कितनी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां संचालित हैं उनके द्वारा किसानों को क्या-क्या सुविधायें प्रदान की जाती हैं? (ख) उक्त संस्थाओं को वर्ष 2018-19 से फरवरी, 2021 तक शासन से किस मद में क्या राशि दी गई है? उक्त राशि किन मदों में व्यय की गई? (ग) उक्त संस्थाओं के आय के क्या-क्या स्त्रोत हैं? कितने कर्मचारी कार्यरत हैं? क्या उनको वेतन मानदेय दिया जा रहा है? (घ) 31 मार्च, 2020 की स्थिति में उक्त संस्थाओं को कितनी राशि का लेना-देना है? संस्थावार जानकारी उपलब्ध करावें। किन-किन संस्थाओं का ऑडिट कब से नहीं हुआ? कब तक ऑडिट कराया जायेगा?
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) 114 समितियां, इनके द्वारा पात्र सदस्यों को निम्नलिखित सुविधाएं प्रदान की जाती हैः- 1. कृषि फसल हेतु किसान क्रेडिट कार्ड (नकद एवं वस्तु) शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाता है। 2. खाद बीज एवं कृषि आदान हेतु ऋण उपलब्ध कराया जाता है। 3. समर्थन मूल्य पर कृषि उपज का उपार्जन कार्य संस्थाओं द्वारा किया जाता है। 4. प्रधानमंत्री फसल बीमा का लाभ दिलाने का कार्य संस्था द्वारा किया जाता है। 5. संस्थाओं द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली योजनांतर्गत उपभोक्ता व्यवसाय कार्य किया जाता है। (ख) वर्ष 2018-19 से फरवरी 2021 तक शासन से मदवार प्राप्त राशि एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ग) खाद बीज क्रय विक्रय, उपभोक्ता व्यवसाय, कृषि उपज उपार्जन कार्य से प्राप्त कमीशन, प्रबंधकीय अनुदान विनियोजनों से आय एवं वितरित कृषि तथा अकृषि ऋण से प्राप्त ब्याज आदि संस्थाओं के आय के प्रमुख स्त्रोत है। 615 कर्मचारी कार्यरत है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (घ) सहकारी संस्थाओं के वित्तीय पत्रक 31 मार्च की स्थिति पर बनाये जाते है, इसलिये 31 मार्च 2020 पर जिले की पैक्स संस्थाओं की लेनदारी देनदारी की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 03 अनुसार है। जिले की पैक्स संस्थाओं की अंकेक्षण की स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 04 अनुसार है। शेष अंकेक्षण यथा शीघ्र पूर्ण करा लिया जायेगा, समयावधि बताना संभव नहीं है।
जिला भिण्ड में परिवहन विभाग को कैम्प करने हेतु निर्देशित किया जाना
[परिवहन]
21. ( क्र. 2436 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न 3035 दिनांक 20 मार्च 2017 के संदर्भ में विभागीय मंत्री ने यह जानकारी दी थी कि दिनांक 14.12.2015 को परिवहन विभाग के विधेयक पर चर्चा के दौरान यह आश्वासन दिया था कि आर.टी.ओ. भिण्ड को यह निर्देशित किया जाएगा कि वे सप्ताह में एक दिन लहार कार्यालय में बैठेगें और जो कार्य हो वह करें तदोपरांत तहसील लहार में परिवहन विभाग का अस्थायी कैंप माह में प्रत्येक गुरूवार को लगाए जाने की कार्यवाही शुरू की गई है? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या सप्ताह में एक दिन आर.टी.ओ. भिण्ड लहार में बैठते हैं एवं माह के हर गुरूवार को लहार में परिवहन विभाग का कैम्प लगाया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों तथा क्या परिवहन के एक कर्मचारी नियमित रूप से लहार मुख्यालय पर बैठने हेतु निर्देशित किया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उक्त प्रश्न के प्रश्नांश (घ) के उत्तर में क्या माननीय मंत्री जी द्वारा यह भी बताया गया था कि परिवहन विभाग का प्रस्तावित सेटअप जिसमें भिण्ड जिले के पद भी शामिल हैं, शासन स्तर पर विचाराधीन है? यदि हाँ, तो क्या उक्त सेटअप में भिण्ड जिले के लिए एक सहायक परिवहन अधिकारी का पद भी स्वीकृत किया जाना प्रस्तावित है अथवा स्वीकृत कर दिया गया है? यदि स्वीकृत कर दिया गया है तो क्या किसी सहायक परिवहन अधिकारी की पदस्थापना भिण्ड जिले में कर दी जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) नवंबर 2016 से फरवरी 2020 तक परिवहन विभाग द्वारा तहसील लहार में अस्थाई कैंप का संचालन माह के प्रत्येक गुरूवार को किया जा रहा था। मार्च 2020 से कोरोना वायरस के संक्रमण बचाव को दृष्टिगत रखते हुए लॉकडाउन के दौरान समस्त शासकीय कार्यालय भी बद रखे जाने के निर्देश दिये गये थे। अनलॉक की प्रक्रिया प्रांरभ होने पर अब शासकीय कार्यालयों में दैनंदिन कामकाज प्रारंभ हो गया है, इसी क्रम में लहार में अस्थाई कैम्प की व्यवस्था पुनः पूर्ववत प्रारंभ किया जाना सुनिश्चित किया जा रहा है। (ग) जी हाँ। जिला परिवहन कार्यालय भिण्ड में एक पद क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी एवं एक पद सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी का स्वीकृत है। वर्तमान में भिण्ड परिवहन कार्यालय में जिला परिवहन अधिकारी के पद पर श्री अनुराग शुक्ला, सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी दिनांक 25.09.2020 से पदस्थ हैं।
खाद्यान्न से वंचित कार्डधारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
22. ( क्र. 2497 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम जबलपुर के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले कितने बी.पी.एल. कार्डधारी उपभोक्ता पात्रता पर्ची अथवा पात्रता पर्ची का खाद्यान्न वितरण करने वाली लिस्ट में नाम दर्ज न होने से खाद्यान्न से वंचित हैं? जिला प्रशासन ने कितने कार्डधारकों को पात्रता पर्ची प्रदायकर राशन वितरण करने वाली लिस्ट में दर्ज किये हैं एवं कितने दर्ज करना है? वार्डवार वर्ष 2020-2021 की स्थानीय निकायवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में लोक सेवा केन्द्र में बी.पी.एल. कार्ड में मुखिया का नाम परिवर्तन करने हेतु कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुये हैं? इनमें से कितने कार्डधारकों के मुखिया का नाम परिवर्तन निर्धारित समयावधि में किया गया है एवं कितने का नाम परिवर्तन नहीं किया गया एवं क्यों? (ग) वन नेशन वन कार्ड योजना के तहत कितने कार्डधारकों को आधार कार्ड सीडिंग से जोड़ा गया है एवं कितने जोड़ना बकाया हैं। डोर टू डोर राशन कार्ड सत्यापन में कितने-कितने फर्जी/अपात्र कार्डधारकों के नाम काटे गये हैं एवं कितने नाम जोड़े गये है तथा कितने शेष हैं एवं क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) नगर निगम जबलपुर के तहत वैध पात्र परिवार खाद्यान्न प्राप्त करने से वंचित नहीं हैं। नगर निगम जबलपुर जिले में प्राथमिकता एवं अंत्योदय अन्य योजना श्रेणी अंतर्गत लाभान्वित परिवारों की स्थानीय निकायवार एवं वार्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। आवेदक परिवारों द्वारा आवश्यक वैध दस्तावेजों सहित आवेदन प्रस्तुत करने पर उनकी पात्रता व दस्तावेजों का परीक्षण, सत्यापन कर पात्रता पर्ची एवं सामग्री आवंटन जारी कर प्रदाय किए जाने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। यह एक सतत् प्रक्रिया है। (ख) लोकसेवा केन्द्र से बीपीएल कार्ड में मुखिया के नाम में परिवर्तन करने हेतु वर्ष 2020-21 में फरवरी 2021 तक 110 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें मुखिया का नाम परिवर्तन निर्धारित समयावधि में किया गया है, जिला खाद्य कार्यालय में मुखिया के नाम परिवर्तन संबंधी कोई आवेदन लंबित नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वन नेशन वन कार्ड योजना के अंतर्गत जबलपुर नगर निगम अंतर्गत 4,27,567 पात्र हितग्राहियों की आधार सीडिंग की गई है, 9,415 हितग्राहियों की आधार सीडिंग शेष है। वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के तहत प्रत्येक पात्र परिवार के कम से कम एक सदस्य के डाटाबेस में आधार नम्बर सीडिंग पूर्ण है। नगर निगम जबलपुर में स्थानीय निकाय के अमले द्वारा विवाह हो जाने से परिवार से पृथक हुई महिला सदस्य/मृत्यु/दोहरे होने आदि कारणों से चिन्हांकित 37,466 अपात्र परिवारों को पोर्टल से अस्थाई रूप से पृथक किया गया है। माह सितम्बर 2020 से प्रश्न दिनांक तक नगर निगम जबलपुर में वैध दस्तावेजों सहित आवेदन प्रस्तुत करने वाले 10,176 परिवारों को नवीन पात्रता पर्ची जारी की गई है। प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार नवीन परिवारों को जोड़ा जाना एक सतत् प्रक्रिया है।
पुनर्स्थापित परिवारों की समस्याओं का निराकरण
[राजस्व]
23. ( क्र. 2501 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला प्रशासन जबलपुर ने नगर निगम सीमान्तर्गत स्थित शासकीय नजूल भूमि की सुरक्षा, अवैध कब्जा, अतिक्रमण व निर्माण कार्य की रोकथाम हेतु क्या व्यवस्था एवं उपाय किये हैं? शासकीय राजस्व अभिलेख में शासन के नाम दर्ज कहां-कहां पर स्थित कितनी-कितनी भूमि को मुक्त कराया है? वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक भूमि का स्थान प.ह.न.ख.न. व रकबा सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में स्थित कहां-कहां कितने-कितने विस्थापित परिवारों को कहां-कहां पर कितनी-कितनी भूमि पर पुनर्स्थापित (बसाया) किया गया? इसके पुनर्वास हेतु कहां-कहां पर क्या-क्या बुनियादी सुविधाएं व व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई गई हैं तथा कहां-कहां पर कौन-कौन सी सुविधाएं एवं व्यवस्था नहीं हैं एवं क्यों? (ग) प्रश्नांकित किन-किन पुनर्वास स्थलों का कब-कब किस-किस ने आकस्मिक निरीक्षण किया है तथा पुनर्स्थापित परिवारों की समस्याओं, परेशानियों व कठिनाईयों को हल करने हेतु क्या-क्या उपाय एवं व्यवस्था की है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जबलपुर जिले में जिला प्रशासन द्वारा नगर निगम सीमान्तर्गत स्थित शासकीय नजूल भूमि में अवैध कब्जा/अतिक्रमण व निर्माण की रोकथाम के लिये यथा समय कार्यवाही की जाती हैं। शासकीय राजस्व अभिलेख में शासन के नाम दर्ज भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराए जाने संबंधी जानकारी स्थान, पटवारी हल्का नंबर खसरा नंबर व रकबा सहित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में स्थित विस्थापित परिवारों को पुनर्स्थापित किया गया एवं विस्थापित परिवारों को पुनर्स्थापित करने व उन्हें बुनियादी, सुविधाएं व व्यवस्थाओं संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) पुनर्वास स्थलों के आकस्मिक निरीक्षण तथा पुनर्स्थापित परिवारों की समस्याओं आदि संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
अनुग्रह सहायता राशि के संबंध
[श्रम]
24. ( क्र. 2536 ) सुश्री चंद्रभागा किराड़े : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भवन और अन्य संनिर्माण कर्मकार सहपठित मध्यप्रदेश नियम, 2002 के नियम 277 के अन्तर्गत निर्माण श्रमिक जो कि म. प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अन्तर्गत वैध पात्रताधारी नहीं हैं की निर्माण कार्य के दौरान मौत होने की दशा में अनुग्रह सहायता राशि दी जाती है। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, है तो 01-01-2020 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र पानसेमल में कितने हितग्राही लाभान्वित हुए? हितग्राहियों की सूची देवें कुल कितने श्रमिकों की मौत कार्य स्थल पर हुई? कितने को योजना का लाभ मिला कितनो को योजना का लाभ नहीं मिला? कारण सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, है तो नगर पंचायत परिषद अंजड, जिला- बड़वानी में 31-07-2020 से 30-09-2020 की अवधि में सुल्ताना पति मोहम्मद जहीर के संबंध में अनुग्रह सहायता के आवेदन के साथ संलग्न समस्त दस्तावेजों का विवरण देवें तथा आज दिनांक तक की गई समस्त कार्यवाहियों का विवरण देवें एवं यदि आवेदक को लाभ प्राप्त हो गया है, तो भुगतान दिनांक बतावें। यदि लाभ प्राप्त नहीं हुआ है, तो क्या कारण है? कब तक प्रकरण का निराकरण हो जावेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) ऐसे पात्र निर्माण श्रमिक जो कि मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल के अंतर्गत वैध परिचय पत्रधारी नहीं है/पंजीकृत नहीं है, की निर्माण कार्य के दौरान मृत्यु की दशा में अंत्येष्टि तथा अनुग्रह राशि तथा स्थायी अपंगता की स्थिति में अनुग्रह राशि दी जाती है। (ख) 01.01.2020 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र पानसेमल में मण्डल की ''निर्माण स्थल पर कार्य के दौरान अपंजीकृत श्रमिक की मृत्यु की दशा में अंत्येष्टि एवं अनुग्रह राशि भुगतान योजना 2014'' अंतर्गत लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी निरंक है। उक्त अवधि में विधानसभा क्षेत्र पानसेमल में किसी अपंजीकृत श्रमिक की निर्माण स्थल पर कार्य के दौरान मृत्यु का प्रकरण संज्ञान में नहीं आया। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) नगर पंचायत परिषद अंजड, जिला-बड़वानी में श्रीमती सुल्ताना पति मोहम्मद जहीर द्वारा अपने पति मोहम्मद जहीर की मृत्यु निर्माण स्थल पर कार्य के दौरान होने पर, अपंजीकृत श्रमिक की मृत्यु की दशा में अंत्येष्टि एवं अनुग्रह राशि भुगतान योजना 2014 के अंतर्गत प्रश्नांकित अवधि में प्रस्तुत आवेदन एवं संलग्न दस्तावेजों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उक्त आवेदन के संबंध में नगर पंचायत अंजड, जिला बड़वानी द्वारा जिला श्रम पदाधिकारी, बड़वानी को प्रकरण दिनांक 08.01.2021 को अग्रेषित किया गया। कार्यालय श्रम पदाधिकारी, जिला बड़वानी द्वारा प्रकरण के संबंध में पत्र क्र. 179 दिनांक 21.01.2021 तथा पत्र क्र. 399 दिनांक 16.02.2021 आवंटन हेतु मण्डल कार्यालय को प्रेषित किया। मण्डल कार्यालय द्वारा पत्र क्र. 1274 दिनांक 24.02.2021 द्वारा प्रकरण में भुगतान हेतु आवंटन श्रम पदाधिकारी, बड़वानी को जारी किया गया। कार्यालय श्रम पदाधिकारी, जिला बड़वानी द्वारा पत्र क्र. 477, दि. 24.02.2021 द्वारा ईपीओ क्र.165748 दि. 24.02.2021 के माध्यम से अनुग्रह राशि का भुगतान हितग्राही को किया जा चुका है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गुणवत्ताहीन खाद्यान्न वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
25. ( क्र. 2873 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा केंद्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले गरीबों व अन्य श्रेणियों में पंजीकृत पात्र हितग्राहियों को सस्ता गेंहू,चावल,दाल,तेल,नमक व शक्कर इत्यादि खाद्यान्न सामग्री वितरित की गई? (ख) यदि हाँ, तो रतलाम जिले को वर्ष 2020 के माह नवम्बर से लेकर प्रश्न दिनांक तक कुल कितना आवंटन प्राप्त होकर जिले के अंतर्गत कितना खाद्यान्न वितरण हुआ? (ग) अवगत कराएं कि प्रदेश में जिलेवार खाद्यान्न वितरण किस परिवहन प्रक्रिया के माध्यम से जिलों में भेजा जाता है, रतलाम जिले की जानकारी दें l (घ) जानकारी दें कि गुणवत्ता विहीन गेंहू,चावल प्रदेश को प्राप्त हुए तो किस सक्षम अधिकारी अथवा अधिकृत एजेंसी द्वारा गुणवत्ता के प्रमाणीकरण व भौतिक सत्यापन किये, इस हेतु कौन जिम्मेदार होगा तथा रतलाम जिले अंतर्गत यदि अनियमितता की जानकारी प्राप्त हुई तो किस प्रकार जाँच की जाकर क्या कार्यवाहियां की? जिलेवार प्राप्त शिकायतों पर जाँच व की गई कार्यवाहियों से अवगत कराएंl
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सिंचाई हेतु तालाबों की स्वीकृति
[जल संसाधन]
26. ( क्र. 2913 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी, 2018 से प्रश्न दिनांक तक उज्जैन जल संसाधन संभाग में प्रस्तावित सिंचाई तालाबों हेतु कब-कब स्थल निरीक्षण किया गया है? जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में किये गये स्थल निरीक्षणों के उपरान्त किन-किन प्रस्तावित तालाबों के संबंध में साध्यता संबंधी डाटा विभागीय पोर्टल पर ऑनलाईन अपलोड किया जा चुका है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में नीमच विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत जीरन तहसील के किन-किन सिंचाई तालाबों के प्रस्ताव शासन को प्राप्त होकर उनके विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन पर शासन स्वीकृति अपेक्षित है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) स्थल निरीक्षण किए गए चिन्हित परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) विभागीय वेबसाइट में दर्ज चिन्हित परियोजनाएं एवं प्रक्रियाधीन परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) नीमच विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जीरन तहसील से संबंधित परियोजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। शासन स्तर पर कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
27. ( क्र. 3004 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जीरापुर तहसील जिला राजगढ़ में छापी मध्यम परियोजना के सेंडल डेम नहर के निकट शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाकर तहसीलदार जीरापुर द्वारा अतिक्रमण धारी पर जुर्माना लगाया गया था? (ख) क्य उक्त बहुमूल्य भूमि पर पुन: अनाधिकृत लोगों द्वारा राजनैतिक प्रभाव से कब्जा कर लिया गया है? अगर हाँ, तो किन लोगों द्वारा इस भूमि पर कब्जा किया गया है? (ग) शासकीय बहुमूल्य भूमि से अनाधिकृत व्यक्तियों का अतिक्रमण हटाने हेतु शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? इस बावत् प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर राजगढ़ को लिखित एवं मौखिक संज्ञान में लाने के बावजूद कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? कार्यवाही की समय-सीमा बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) सर्वे क्रमांक 1488 पर अतिक्रमण संबंधी जानकारी प्राप्त होने पर तहसील कार्यालय जीरापुर में प्रकरण क्रमांक 60/बी-121/2020-21 दर्ज किया जाकर निम्नानुसार व्यक्तियों को अनाधिकृत कब्जे हेतु नोटिस जारी किया गया :- 1. गोपाल पिता भागीरथ दांगी जीरापुर 2. शिवचरण पिता उकार बक्ष दांगी 3. देवनारायण पिता बाबरू दांगी जीरापुर 4. चम्पालाल पिता हजारीलाल दांगी काषीखेडी 5. राजेश पिता राधेश्याम मंडलोई दांगी जीरापुर 6. दरबारसिंह पिता दुलेसिंह राजपूत निवासी रनारा खिलचीपुर 7. लक्ष्मीनारायण मंडलोई पिता रूगनाथ दांगी जीरापुर 8. रामप्रताप पिता रतनलाल जाति दांगी निवासी केषरपुरा 9. बापूलाल पिता हजारीलाल दांगी निवासी काषीखेडी 10. संजय भावसार पिता शिवप्रसाद भावसार जीरापुर 11.गोपाल भावसार पिता शिवप्रसाद भावसार जीरापुर 12.रामप्रसाद पिता भागीरथ दांगी जीरापुर 13.बबली बाई बैवा बद्रीलाल जाति दांगी जीरापुर 14.जगदीश पिता भागीरथ दांगी जीरापुर 15.हजारीलाल पिता भागीरथ दांगी जीरापुर 16. लक्ष्मीनारायण पिता भागीरथ दांगी जीरापुर (ग) शासकीय भूमि पर काबिज अनाधिकृत व्यक्तियों का अतिक्रमण हटाने हेतु न्यायालय तहसीलदार जीरापुर द्वारा प्रकरण क्रमांक 60/बी-121/2020-21 दर्ज किया जाकर कार्यवाही की जा रही है। न्यायालय निर्णय अनुसार आगामी कार्यवाही सम्पादित की जायेगी। प्रकरण न्यायालय में प्रचलित होने से कार्यवाही की समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
राजस्व गांव घोषित कर पट्टे वितरित किया जाना
[राजस्व]
28. ( क्र. 3018 ) श्री करण सिंह वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र इछावर के जो गांव राजस्व ग्राम बनने के नियम पूरे करते हैं, उन्हें सर्वें करवा कर राजस्व गांव बनाने हेतु क्या मध्यप्रदेश शासन कैम्प लगाने का विचार कर रही है? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रदेश में राजस्व गांव कैसे घोषित किये जाते हैं? (ग) इछावर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ग्राम अबिदाबाद चारमंडली एवं ग्राम वीरपुर में राजस्व विभाग द्वारा वर्ष 2002 से प्रश्न दिनांक तक अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के कितने हितग्राहियों को कब-कब एवं कहां-कहां भू-अधिकार के पट्टे वितरित किये गये तथा उक्त सभी लाभांवित हितग्राही इन क्षेत्रों में कब से निवास कर रहे हैं? (घ) क्या उक्त पट्टा वितरण कार्य में भारी भेदभाव बरता जाकर पात्र हितग्राहियों को वंचित किया गया एवं कुछ अपात्र व्यक्तियों को शासन की नीति का गलत तरीकें से लाभ दे दिया गया है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। शासन द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुसार पात्र मजरे टोलों/गांवों को राजस्व ग्राम घोषित करने की सतत् प्रक्रिया है। (ख) म.प्र.भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 71 के तहत राजस्व गांव घोषित किये जाते हैं। (ग) तहसील इछावर ग्राम अबीदाबाद (चार मंडली) एवं ग्राम वीरपुर में राजस्व विभाग द्वारा वर्ष 2002 से प्रश्न दिनांक तक अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसी भी हितग्राहियों को पट्टे नहीं दिए गए। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
मार्केटिंग संस्था की जानकारी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
29. ( क्र. 3035 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में कुल कितनी मार्केटिंग संस्थाएं है? इनके द्वारा दिनांक 01.01.2018 से 30-06-2020 तक गेहूँ का कितना उपार्जन किया गया? संस्थावार, मात्रा सहित वर्षवार बतावें। (ख) क्या कारण है कि नागदा जं. व खाचरौद संस्थाओं द्वारा उपार्जित गेहूँ व इनके द्वारा भण्डारण स्थल पर जमा गेहूँ की मात्रा में भारी अंतर हैं? प्रश्नांश (क) अवधि अनुसार भण्डारित गेहूँ की मात्रा नागदा जं. व खाचरौद संस्थाओं के संदर्भ में देवें। (ग) उपरोक्तानुसार नागदा जं. एवं खाचरौद संस्थाओं में भारी अनियमितता से शासन को हो रही हानि को देखते हुए इन संस्थाओं को बंद करके अन्य संस्थाओं को उपार्जन कार्य कब तक दिया जाएगा? (घ) यदि नहीं, तो कारण बतावें कि शासन को हानि पहुँचाने वाली इन संस्थाओं को संरक्षण क्यों दिया जा रहा है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जैतहरी एवं पुष्पराजगढ़ में वारिसाना नामांतरण के प्रकरण
[राजस्व]
30. ( क्र. 3051 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले के अन्तर्गत जैतहरी एवं पुष्पराजगढ़ तहसील में वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक में कितने वारिसाना नामांतरण किये गये है व कितने प्रकरण लंबित हैं लंबित होने का क्या कारण है कब तक लंबित सभी प्रकरणों का निराकरण किया जायेगा। (ख) अनूपपुर जिले में पुष्पराजगढ़ व जैतहरी में कितने हितग्राहियों को वास दखल कार का पट्टा दिया गया है एवं कितने आवेदन प्राप्त हुए कितने पात्र व अपात्र हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) तहसील पुष्पराजगढ़ अन्तर्गत वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक कुल 1935 वारिसाना नामान्तरण किये गये हैं तथा 93 प्रकरण लंबित है। तहसील जैतहरी अंतर्गत वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक 960 वरिसाना नामांन्तरण दर्ज किए गए है, 103 लंबित है। लंबितप्रकरणों में कार्यवाही प्रचलित है। विधिवत सुनवाई की जाकर समय-सीमा में निराकरण कर दिया जावेगा। (ख) अनुविभाग पुष्पराजगढ़ अन्तर्गत कुल 137 आवेदन प्राप्त हुए जिसमे वासस्थान दखलकार अधिनियम अंतर्गत कुल 131 पात्र हितग्राहियो का पट्टा दिया गया हैं तथा 06 अपात्र है। अनुविभाग जैतहरी अंतगर्त म.प्र. वास स्थान दखलकार अधिनियम के तहत 2017 से अब तक 69 ओवदन पत्र प्राप्त हुए जिनमे से 9 हितग्राही पात्र होने से उन्हे पट्टा दिया गया है तथा 60 आवेदन पत्र अपात्र होने से खरिज किए गए हैं।
अनुपपुर जिले में धान खरीदी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
31. ( क्र. 3052 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक अनुपपुर जिले में कितने क्विटंल धान खरीदी गयी। धान खरीदी की सरकार की आखिरी तारीख क्या थी, अनूपपुर जिले के कितने किसानों का भुगतान आज तक नहीं हुआ है और क्यों? इस हेतु दोषी कौन है। (ख) क्या अनूपपुर में सरकार द्वारा घोषित तारीख खत्म होने के बाद बालाघाट में धान खरीदी की गयी है, किस-किस नियम से और कितना क्विंटल धान खरीदी गई एवं किसान को किस रेट से भुगतान किया गया है? (ग) प्रबंधक विपणन सहाकरी संघ अनूपपुर ने शासन के किस आदेश पर तारीख खत्म होने के बाद खरीदी की है, आदेश की छायाप्रति देवें। (घ) अनूपपुर जिले अंतर्गत एफ.सी.आई. गोदामों में कितने गोदाम पंजीकृत हैं सूची उपलब्ध करायें उक्त गोदामों में किस-किस जगह अनाज का भंडार किया जा रहा है, जानकारी उपलब्ध करायें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) अनूपपुर जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर 45,617.3 एवं वर्ष 2020-21 में 71,036.12 मे.टन धान का उपार्जन किया गया है। अनूपपुर जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में दिनांक 20.01.2020 एवं वर्ष 2020-21 में दिनांक 15.01.2021 धान उपार्जन की अंतिम तिथि निर्धारित थी। खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित एवं स्वीकृत मात्रानुसार समस्त किसानों को समर्थन मूल्य की राशि का भुगतान किया जा चुका है। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में उपार्जन करने वाली संस्था द्वारा धान का परिदान न करने के कारण 21 किसानों का भुगतान लंबित है। उपार्जन मात्रानुसार धान का परिदान करने का दायित्व उपार्जन समिति का है। (ख) बालाघाट में खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में धान खरीदी का कार्य दिनांक 25.01.2020 तक एवं वर्ष 2020-21 में दिनांक 15.01.2021 तक धान उपार्जन का कार्य किया गया। शासन द्वारा निर्धारित अवधि के पश्चात् धान की खरीदी नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन की अवधि अनूपपुर जिले के लिए दिनांक 20.01.2020 निर्धारित की गई थी। ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीकृत किसानों में से जिन किसानों को वैध ऑनलाईन कृषक तौल पर्ची जारी की गई थी किन्तु, उपज की तौल एवं खरीदी की प्रविष्टि नहीं हो सकी थी, उनसे धान की खरीदी हेतु अवधि दिनांक 22.01.2020 तक बढ़ाई गई। अनुमति हेतु जारी पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) अनूपपुर जिले में भारतीय खाद्य निगम के पंजीकृत गोदाम उपलब्ध नहीं हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अतिक्रमण पर कार्यवाही की जानकारी
[राजस्व]
32. ( क्र. 3161 ) श्री जितू पटवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में अप्रैल 2020 से 5 फरवरी 2021 तक तथा अतिक्रमण अभियान के तहत कितने निर्माण तोड़े गये? उनका बाजार मूल्य कितना था? जिनके निर्माण तोड़े गये उनका नाम, गांव शहर का नाम, खसरा, खाता नम्बर जमीन का रकबा, तोड़ने हेतु नोटिस देने की दिनांक, तोड़ने की दिनांक सहित सूची देवें। (ख) क्या माफिया अभियान के नाम पर राजनैतिक द्वेष किया जा रहा है? 30 वर्षों से निर्मित भवनों को भी तोड़ा जा रहा है? बतायें की इन्दौर में कम्प्यूटर बाबा का आश्रम क्यों तोड़ा गया? (ग) छतरपुर में निर्मल जैन का खसरा 1217 तथा 1217/2/3 पर बना वेयरहाउस एवं मांगलिक भवन बिना उचित सुनवाई का मौका दिये क्यों तोड़ा गया? यदि वह जमीन 1201 खसरा की सरकारी थी तो नामंतरण कैसे हुआ? नपती कैसे की गई? निर्माण की अनुमति कैसे दी गई? (घ) प्रश्नांश (ख) तथा (ग) में भवन तोड़ने के आदेश तथा कार्यवाही संबंधित समस्त दस्तावेज, अभिलेख, नोटिस आदेश आदि की विवरण देवें तथा बताएं की प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कितने प्रकरणों में ऐसे व्यक्ति शामिल हैं जिन पर किसी प्रकार का कोई अपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ अनुसार है। (ख) जी, नहीं। माफिया अभियान के नाम पर राजनैतिक द्वेष नहीं किया जा रहा हैं। विधि अनुसार कार्यवाही की गई है। कम्प्यूटर बाबा आश्रम के संबंध में तहसीलदार हातोद के न्यायालयीन प्रकरण क्रमांक 06/अ-68/2020-21 में मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता की धारा 248 के तहत कार्यवाही की गई। न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत कार्यवाही करते हुए उपरोक्त प्रकरण में पारित आदेश दिनांक 06-11-2020 के अनुक्रम में शासकीय भूमि पर किये गये अतिक्रमण को दिनांक 08-11-2020 को हटाया गया। (ग) छतरपुर जिले में घुवारा तहसील अंतर्गत भूमि खसरा नम्बर 1217 तथा 1217/2 पर वेयर हाऊस, मांगलिक भवन व अन्य कोई निर्माण नहीं अपितु शासकीय भूमि खसरा नम्बर 1201/1 के अंश रकवा 0.300 हे. भूमि पर श्री निर्मल कुमार जैन पिता स्व. श्री कोमल चंद्र जैन द्वारा अवैध रूप से वेयर हाऊस/मांगलिक भवन का अवैध निर्माण किया गया था। जिसे नियमानुसार राजस्व न्यायालयीन कार्यवाही के द्वारा बेदखल किया गया। शासकीय भूमि खसरा नम्बर 1201/1 की भूमि का कोई नामांतरण नहीं हुआ। उक्त शासकीय भूमि का गठित राजस्व दल द्वारा विधिवत् सीमांकन किया गया। मुख्य नगर पालिका अधिकारी घुवारा द्वारा श्री निर्मल कुमार जैन पिता स्व. कोमल चंद्र जैन को खसरा नम्बर 1217/2 में क्षेत्रफल 150x150 =7500 वर्ग फुट में वेयर हाऊस निर्माण की अनुमति दिनांक 02/12/2006 को दी गयी है। स्वीकृति की कंडिका क्रमांक 03 के अनुसार समय-सीमा में निर्माण कार्य नहीं किया गया, जो अवैधानिक है। इसके अतिरिक्त निर्मल कुमार जैन द्वारा वेयर हाउस से लगी भूमि पर बिना वैधानिक अनुमति के मांगलिक भवन/अन्य निर्माण कर लिया गया। जिसकी नगर परिषद घुवारा से कोई वैधानिक अनुमति नहीं ली गई। वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ एवं ब अनुसार है। शासकीय भूमि पर अतिक्रमण तथा अनियमितता निर्माण के मामले में कार्यवाही म.प्र. भू-राजस्व संहिता, 1959 तथा म.प्र. नगर पालिका अधिनियम, 1961 के प्रावधानों अंतर्गत की जाती है जिसमें संबंधित अतिक्रमणकर्ता/निर्माणकर्ता के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज होने अथवा न होने का कोई रिकार्ड दर्ज करना अपेक्षित नहीं है।
नईगढ़ी सूक्ष्म सिंचाई योजना का निर्माण
[जल संसाधन]
33. ( क्र. 3208 ) श्री राजेन्द्र शुक्ल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नईगढ़ी सूक्ष्म सिंचाई योजना कब पूर्ण होगी, सिंचाई का रकबा क्या है? कितने किलोमीटर नहरों का निर्माण होगा? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में योजना को पूर्ण होने में विलंब का कारण स्पष्ट करें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) नईगढ़ी सूक्ष्म दबाव सिंचाई परियोजना का निर्माण कार्य अनुबंध अनुसार जून 2022 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। सिंचाई का रकबा 50,000 हेक्टर प्रस्तावित है। परियोजना में 09.85 कि.मी. राइजिंग मेन, 72.280 कि.मी. ग्रेविटी मेन एवं एक हेक्टर क्षेत्र तक पानी पहुंचाने हेतु छोटी पाईप लाईन का निर्माण किया जाना है। (ख) परियोजना का विलम्ब होने का कारण निम्नानुसार है :- (1) निविदा उपरांत सर्वेक्षण कार्य में विलम्ब होने एवं अनुबंधित सैच्य क्षेत्र 50,000 हेक्टर के निर्धारण में निर्णय उपरांत 10/2018 से एजेंसी द्वारा वास्तविक कार्य प्रारंभ किये जाने के कारण (2) माह मार्च 2020 से सितम्बर 2020 तक कोविड-19, महामारी के कारण कार्य प्रभावित होने के कारण (3) कृषकों द्वारा कार्य में अवरोध उत्पन्न करने के कारण।
नियम विरूद्ध राशि व्यय करने के जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
34. ( क्र. 3211 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले में वर्ष 2019 से प्रश्नांश दिनांक तक में खनिज संपदा/खनिज के उत्खनन से जिले को कितने राजस्व की प्राप्ति हुई का विवरण देते हुये बतावें कि विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों से प्राप्त राजस्व की स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त राजस्व का उपयोग वर्ष 2019 से प्रश्नांश दिनांक तक के दौरान कब-कब, कहां-कहां, किन-किन कार्यों में किया गया का विवरण विधानसभा क्षेत्रवार देवें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त राजस्व का उपयोग प्रश्नांश (ख) अनुसार किये जाने बाबत् शासन द्वारा क्या आदेश एवं निर्देश जारी किये गये हैं प्रति देते हुये बतावें कि प्राप्त राजस्व को क्षेत्रवार व्यय करने के निर्देश हैं? क्या इसका पालन कर शहडोल जिले के विधानसभा क्षेत्रों में राशि व्यय की गई? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त राजस्व की राशि ब्योहारी विधानसभा से कितनी हुई कि जानकारी पृथक से देवें। साथ ही यह भी बतावें कि प्राप्त राजस्व का कितने प्रतिशत व्यय कर ब्योहारी विधानसभा में विकास के कार्य कराये गये नाम एवं व्यय राशि सहित जानकारी देवें? (ड.) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त राजस्व की राशि को प्रश्नांश (ख) (ग) (घ) अनुसार व्यय न कर विशेष क्षेत्रों में व्यय कर ब्यौहारी विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्य को प्रभावित किया गया शासन के जारी निर्देशों एवं आदेशों के विपरीत राशि जारी की गई इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेगें बतावें एवं भविष्य में विधानसभा क्षेत्रवार प्राप्त राजस्व अनुसार राशि व्यय किये जाने बाबत् निर्देश जारी करेंगे?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जिले में वर्ष 2019 से माह जनवरी 2021 तक खनिज संपदा/खनिज के उत्खनन से जिले को प्राप्त राजस्व की जानकारी निम्नानुसार है-
क्र. |
वर्ष |
विधानसभा क्षेत्र |
राशि (रूपये में) |
1 |
2019-20 |
ब्यौहारी |
15989946 |
2 |
जयसिंहनगर |
583491222 |
|
3 |
जैतपुर |
901802675 |
|
योग- |
1501283843 |
||
1 |
2020-21 |
ब्यौहारी |
16407976 |
2 |
जयसिंहनगर |
331126107 |
|
3 |
जैतपुर |
881153230 |
|
योग- |
2729971156 |
(ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त राजस्व राज्य की संचित निधि में जमा होती है। अत: प्रश्नाधीन राशि का जिले में उपयोग किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश की जानकारी प्रश्नांश (ख) अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) में दिये गये उत्तर अनुसार है। प्रश्नांश (ख) में दिये गये उत्तर के प्रकाश में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) प्रश्नांश (ख) में दिये गये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गुणवत्ताविहीन कार्य के लिये जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[जल संसाधन]
35. ( क्र. 3212 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी विधानसभा क्षेत्र के रिवार जलाशय में लिफ्ट इरीगेशन का निर्माण कराया जा रहा है? निर्माणाधीन लिफ्ट इरीगेशन की तकनीकी स्वीकृति की प्रति देते हुये बतावें कि कार्य प्राक्कलन एवं अनुबंध की शर्तों अनुसार क्या कराये जा रहे हैं का सत्यापन कब-कब किन-किन जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा किया गया कि प्रति देते हुए बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) की योजना के निर्माण बाबत् कार्यादेश कब किन शर्तों एवं अवधि पर कार्य पूर्ण करने हेतु किस संविदाकार एवं ठेकेदार को कार्यादेश जारी किये गये? (ग) प्रश्नांश (क) के निर्माणाधीन लिफ्ट इरीगेशन में उपयोग की जा रही सामग्री एवं पानी सप्लाई हेतु डाली जा रही पाईपों की गुणवत्ता की जाँच कब-कब किन अधिकारियों द्वारा की गई? क्या इन सामाग्रियों की जाँच तकनीकी आधारों पर की गई तो कब एवं किस अधिकारी द्वारा बतावें? (घ) प्रश्नांश (क) की योजना से पानी पहुंचाये जाने बाबत् उपयोग की जाने वाली पाईप लाईने जो किसानों के खेतों की खुदाई कर डाली जा रही है लेकिन खुदाई के बाद किसानों के खेतों का समतलीकरण करते हुए पूर्ववत स्थिति में नहीं किया जा रहा क्यों? इसके लिए किनको जिम्मेदार मानकर कार्यवाही करेंगे? (ड.) प्रश्नांश (क) की निर्माणाधीन योजना का निर्माण गुणवत्ता विहीन सामग्री का उपयोग कर किया जा रहा है खेतों में डाली जा रही पाईपें गुणवत्ता विहीन हैं जिसकी जाँच उच्चस्तरीय समिति बनाकर कराया जाना आवश्यक है इसके लिए किन-किन को जिम्मेदार मानकर क्या कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) ब्यौहारी विधानसभा क्षेत्र के रिवार जलाशय में लिफ्ट इरिगेशन का निर्माण नही किया जा रहा है, अपितु प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बाणसागर जलाशय से हिरवार माइक्रो सिंचाई योजना निर्माणाधीन है। परियोजना की तकनीकी स्वीकृति एवं अनुबंध की शर्तें एवं Quality Assurance की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है । कार्य तकनीकी स्वीकृत एवं अनुबंध की शर्तों के अनुरूप ही कराया जाना प्रतिवेदित है। कार्य का निरीक्षण समय-समय पर मुख्य अभियंता, अधीक्षण यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री द्वारा किया जाता है तथा सम्पादित कार्यों का सत्यापन कार्यपालन यंत्री एवं सहायक यंत्री द्वारा किया गया है। (ख) निर्माणाधीन हिरवार माइक्रो इरिगेशन योजना के निर्माण हेतु मेसर्स फलौदी कंस्ट्रक्शन एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रायवेट लिमिटेड को दिनांक 02.08.2018 को कार्यादेश दिया जाना प्रतिवेदित है, जिसकी समयावधि 36 माह नियत है । अनुबंध की प्रति उत्तरांश (क) के परिशिष्ट अनुसार है । (ग) प्रश्नाधीन परियोजना के निर्माण में उपयोग की जा रही एम.एस. पाइप की गुणवत्ता का परीक्षण मुख्य अभियंता, अधीक्षण यंत्री, कार्यपालन यंत्री एवं अनुविभागीय अधिकारी द्वारा संयुक्त रूप से दिनांक 21.08.2018, 21.09.2018, 22.11.2018 एवं 07.12.2018 को किया जाना प्रतिवेदित है। पानी सप्लाई हेतु डाली जा रही एच.डी.पी.ई. पाइप की गुणवत्ता का परीक्षण तकनीकी आधारों पर सेन्ट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी सिपेट भोपाल स्थित संस्थान से दिनांक 29.09.2019 को कराया जाना प्रतिवेदित है। (घ) सिंचाई हेतु डाली जा रही पाईप लाइनों की खुदाई के उपरांत पाईप डालकर उसी क्रम में किसानों के खेतों का समतलीकरण का कार्य किया जाता है। वर्तमान में भी पाईप लाइन डालने का कार्य प्रगतिरत है, जिसके समतलीकरण का कार्य भी साथ में किया जा रहा है। अनुविभागीय अधिकारी द्वारा इस तथ्य का प्रमाणीकरण दिनांक 01.03.2021 को किया गया होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है । (ङ) निर्माणाधीन योजना का निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्वक किया जा रहा है, जिसमें उपयोग की जा रही सामग्री की गुणवत्ता का परीक्षण समय-समय पर प्रयोगशालाओं में कराया गया है। उपयोग की जा रही सामग्री मानक स्तर की है। अतः किसी पर कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नही होता है।
ग्वालियर, मुरैना, भिण्ड जिलों में खरीदी केन्द्रों के स्थान परिवर्तन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
36. ( क्र. 3261 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020 में ग्वालियर, मुरैना, भिण्ड, जिलों में किन-किन सहकारी संस्थाओं को बाजरा, धान खरीदी केन्द्र बनाये थे उनके नाम सहित जानकारी दी जावें। (ख) उक्त संस्थाओं के ग्राम-मुख्यालयों खरीदी केन्द्रों के बजाय वेयर हाउस गोदामों पर खरीदी क्यों की गई? क्या यह खरीदी नियम विरूद्ध की गई थी? जिलावार वेयर हाउसों के नाम, स्थान, किस खरीदी केन्द्रों की खरीदी की गई सहित पूर्ण जानकारी दी जावें? (ग) क्या ग्रामीण क्षेत्र के खरीदी केन्द्रों से कई-कई मील दूर किसान वेयर हाउसों पर ट्रेक्टरों के साथ एक सप्ताह तक पड़े रहे तथा कई गुना भाड़ा गरीब किसानों द्वारा ट्रेक्टरों को देना पड़ा? क्या शासन इसकी क्षतिपूर्ति करेगा? (घ) ग्रामीण क्षेत्रों के खरीदी का स्थान परिवर्तन किस अधिकारियों द्वारा किया गया? क्या उन्हें स्थान परिवर्तन का अधिकार था कारण सहित पूर्ण जानकारी दी जावें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में ग्वालियर, मुरैना, भिण्ड जिलों में समर्थन मूल्य पर बाजरा, धान उपार्जन हेतु सहकारी संस्थाओं द्वारा संचालित उपार्जन केन्द्रों की नाम सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) समर्थन मूल्य पर उपार्जित खाद्यान्न के परिवहन व्यय को कम करने, शीघ्रता से परिवहन एवं कृषकों को भुगतान, समिति स्तर पर सूखत आदि कारणों से एवं परिवहन के दौरान होने वाली शार्टेज को सीमित करने की दृष्टि से भंडारण स्थल पर उपार्जन केन्द्र बनाने का प्रावधान उपार्जन नीति में किया गया, जिसके अनुसार भंडारण स्थल पर उपार्जन केन्द्र स्थापित किए गए। जिलेवार भंडारण स्थल पर स्थापित उपार्जन केन्द्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) रबी विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन हेतु जारी नीति अनुसार यथासम्भव उपार्जन केन्द्र सम्बद्ध मैप की गई पंचायत केन्द्र बिन्दु में हो, जिससे कृषकों को सामान्यत: 25 कि.मी. से अधिक दूरी तय न करने का प्रावधान किया गया है। समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन हेतु किसानों को एस.एम.एस. के माध्यम से सूचना देने के उपरांत खरीदी की कार्यवाही की जाती है। किसानों को अपनी उपज विक्रय करने हेतु एक सप्ताह तक उपार्जन केन्द्र रहने के प्रकरण प्रकाश में नहीं आए हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर में उल्लेखित तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए जिला उपार्जन समिति द्वारा उपार्जन केन्द्रों को भंडारण स्थल पर स्थापित किया गया है। जिला उपार्जन समिति को उपार्जन केन्द्र स्थल निर्धारण का दायित्व जारी उपार्जन नीति में दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वामी विवेकानंद मल्टी स्टेट सोसायटी के खिलाफ शिकायतें
[सहकारिता]
37. ( क्र. 3269 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री स्वामी विवेकानंद मल्टी स्टेट को आपरेटिव क्रेडिट सोसायटी को काम करने के लिए आयुक्त सहकारिता द्वारा एनओसी जारी की गई थी जिसे सोसायटी के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद निरस्त कर दिया गया है एनओसी जारी करने और निरस्त करने की तारीख बताएं। (ख) क्या भोपाल की मन्दाकिनी गौरव गुलाबी महाकाली उषा प्रभा हेमा लाला लाजपत राय एवं न्यू मित्र मण्डल गृह निर्माण समितियों में हुई गड़बड़ियों की जाँच के लिए कलेक्टर भोपाल द्वारा जाँच के लिए सहकारिता विभाग को निर्देश दिये है। (ग) यदि हाँ, तो क्या निर्धारित समयावधि में जाँच करके रिपोर्ट भेज दी गई है। (घ) यदि जाँच नहीं की गई तो इसका क्या कारण है।
सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) श्री स्वामी विवेकानंद को-ऑपरेटिव्ह क्रेडिट सोसायटी को म.प्र. में काम करने के लिये आयुक्त सहकारिता द्वारा दिनांक 29.04.2016 को एन.ओ.सी. जारी की गयी थी। एन.ओ.सी. में उल्लेखित प्रमुख शर्तों का पालन नहीं किये जाने के कारण इसे दिनांक 05.12.2019 को निरस्त किया गया। दिनांक 29.04.2016 की एन.ओ.सी. में उल्लेखित शर्तों के साथ ही कतिपय अतिरिक्त शर्तों के साथ उक्त एन.ओ.सी. दिनांक 05.02.2020 को बहाल की गयी। मूल एन.ओ.सी. दिनांक 29.04.2016 की शर्तों तथा दिनांक 05.02.2020 को बहाल की गयी एन.ओ.सी. की अतिरिक्त शर्तों का पालन नहीं किये जाने से सोसायटी को दिनांक 12.11.2020 को कारण बताओ सूचना पत्र जारी करने के उपरांत उक्त दोनों एन.ओ.सी. दिनांक 10.12.2020 को निरस्त की गयी। (ख) जी हाँ। उषा प्रभा गृह निर्माण सहकारी संस्था के जाँच के आदेश नहीं दिये गये है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) जाँच के प्रचलन में रहते हुये कलेक्टर जिला भोपाल के जाँच आदेश क्रमांक 753/अ.जि.द. (उत्तर)/2020 दिनांक 02-12-2020 जिससे जाँच के आदेश दिये गये है, के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के द्वारा प्रकरण क्रमांक डब्ल्यू.पी. 705/2021 में पारित आदेश दिनांक 01-02-2021 के द्वारा, जाँच पर स्थगन दिया गया है, इस कारण जाँच नहीं की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
उपभोक्ताओं के संरक्षण हेतु नियम
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
38. ( क्र. 3273 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के लागू के बाद भी राज्य सरकार द्वारा अभी तक इसके क्रियान्वयन के लिए नियम नहीं बनाए गए हैं। (ख) यदि हाँ, तो राज्य के उपभोक्ताओं के संरक्षण के लिए नियम बनाने में विलंब का क्या कारण है। (ग) क्या राज्य उपभोक्ता आयोग तथा प्रदेश के जिला उपभोक्ता आयोगों में बड़ी संख्या में पद रिक्त होने के कारण उपभोक्ताओं के प्रकरणों के निराकरण में विलंब हो रहा है यदि हाँ, तो राज्य उपभोक्ता आयोग तथा प्रदेश के जिला उपभोक्ता आयोगों में रिक्त पद भरने में विलंब का क्या कारण है।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) एवं (ख) कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) नियम बनाए जाने की कार्यवाही प्रचलन में है, इसके उपरांत राज्य उपभोक्ता आयोग एवं जिला उपभोक्ता आयोग के रिक्त पदों को भरने की कार्यवाही शीघ्र की जाएगी।
रजौला रैयल जलाशय का निर्माण
[जल संसाधन]
39. ( क्र. 3283 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के अन्तर्गत पांढुर्णा विधानसभा-क्षेत्र ग्राम नांदनबाड़ी के पारू रगौरीढ़ाना जलाशय एवं ग्राम रजौला रैयल के पास रजौला रैयल जलाशय की सहायता स्वीकृति लगभग एक वर्ष पूर्व प्राप्त हो चुकी है? परन्तु आज तक कार्य प्रारम्भ नहीं हो पाया है? (ख) प्रश्नांश क्रमांक (क) में उल्लेखित जानकारी का निर्माण कब प्रारम्भ हो पायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) छिंदवाड़ा जिले के पाढुंर्णा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत गौरीढा़ना जलाशय एवं रजौला रैयत जलाशय की साध्यता स्वीकृति दिनांक 27.02.2020 को प्रदान की गई है। दोनों परियोजनाओं के सर्वेक्षण कार्य हेतु निविदा प्रकाशन की कार्यवाही प्रचलन में होना प्रतिवेदित है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
अनूपपुर जिले डी.एम.एफ. के तहत व्यय राशि
[खनिज साधन]
40. ( क्र. 3292 ) श्री सुनील सराफ : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दि.01.01.2019 से 31.01.2021 तक अनूपपुर जिले में डी.एम.एफ (डिस्ट्रिक्ट मारनिंग फंड) के तहत जिला कलेक्टर द्वारा किन-किन कार्यों में कितनी राशि व्यय की गई? कार्यनाम, राशि व्यय (भुगतान, लंबित भुगतान) सहित माहवार देवें। (ख) उपरोक्त कार्यों के लिए की टेंडर प्रक्रिया की जानकारी कार्यवार देवें। प्रत्येक कार्य की चयनित, अचयनित फर्मों की जानकारी कार्यवार देवें। (ग) इसके लिए अखबारों में निकाली गई विज्ञप्तियों की छायाप्रति कार्यवार देवें। बिना विज्ञप्ति निकाले कितने कार्य आवंटित किए गए उनकी सूची भी कार्यवार देवें। (घ) मनमाने तरीके से कार्य आवंटित करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम देकर बतावें कि इसके लिए शासन उन पर कब तक कार्यवाही करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जिला पंचायत, अनूपपुर, म.प्र. से प्राप्त जानकारी अनुसार दिनांक 01/01/2019 से 31/01/2021 तक अनूपपुर जिले में डी.एम.एफ. (डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन) से नियमानुसार कार्यों को स्वीकृत कर क्रियान्वयन एजेंसी संबंधित विभाग को अधिकृत करते हुए राशि व्यय की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) जिला पंचायत, अनूपपुर, म.प्र. से प्राप्त जानकारी अनुसार चूंकि, उपरोक्त कार्यों हेतु जिला खनिज प्रतिष्ठान निधि अंतर्गत कार्य स्वीकृति कर संबंधित विभाग को क्रियान्वयन एजेंसी अधिकृत कर विभागीय नियमानुसार कार्य किये जाने हेतु निर्देश दिये जाते हैं। उपरोक्त के अनुक्रम में क्रियान्वयन एजेंसी द्वारा विभागीय नियमों के तहत टेण्डर की प्रक्रिया कर चयनित, अचयनित फर्मों की जानकारी दी गई है। विभागवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) जिला पंचायत, अनूपपुर, म.प्र. से प्राप्त जानकारी अनुसार क्रियान्वयन एजेंसी/विभागों द्वारा कार्यों की विज्ञप्ति जारी की गई है। विज्ञप्ति की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (घ) जिला पंचायत, अनूपपुर, म.प्र. से प्राप्त जानकारी अनुसार विभागों द्वारा अपने विभागीय नियमों के आधार पर कार्य आवंटित किये गये हैं।
प्रधानमंत्री फसल बीमा खरीफ 2019 के अंतर्गत छूटे गांव
[राजस्व]
41. ( क्र. 3316 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के कितने ग्रामों में वर्ष 2019 की खरीफ फसल के दौरान प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों की सोयाबीन की फसल खराब हो गई थी? फसल नुकसानी का सर्वे किस दिनांक से किस दिनांक तक किया गया था? (ख) जिले की खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के कितने किसानों को राज्य सरकार के द्वारा आर.बी.सी. 6/4 के अंतर्गत राशि प्रदान की गई थी? यदि राहत राशि का वितरण हुआ है तो किस दर से? क्या प्रति हेक्टेयर मुआवजा दिया गया है? यदि नहीं, तो किस कारण से वितरण नहीं किया गया है? (ग) खरीफ 2019 के प्रधानमंत्री फसल बीमा राशि वितरण में खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के कितने पटवारी हल्कों के किसानों को बीमा प्रीमियम जमा करने के बाद भी अभी तक बीमा राशि का पैसा प्राप्त नहीं हुआ है? (घ) क्या पटवारी हल्का बीजापुर, सुलगांव, बड़ढा इन पटवारी हल्कों में फसल नुकसानी होने के पर्याप्त साक्ष्य होने के बाद भी किसानों को आज दिनांक तक बीमा कंपनी ने बीमा राशि का भुगतान नहीं किया है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) देवास जिले के 1149 ग्रामों में वर्ष 2019 की खरीफ फसल के दौरान अतिवृष्टि के कारण किसानों की सोयाबीन की फसल खराब हो गई थी। फसल नुकसानी का सर्वे दिनांक 13.09.2019 से दिनांक 21.09.2019 तक किया गया था। (ख) जिला देवास की खातेगांव विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत 61068 कृषकों को आर.बी.सी. 6-4 के अंतर्गत राशि प्रदान की गई थी। आर.बी.सी. 6-4 के प्रावधानों की प्रति पुस्तकालय में रखे अनुसार है। जी हाँ प्रति हेक्टेयर के दर से गणना की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) खरीफ 2019 के ऐसे शेष कृषक जिनकी प्रविष्टि पोर्टल पर बैंकों द्वारा दर्ज नहीं की जा सकी थी, उनकी प्रविष्टि भारत सरकार के पोर्टल पर प्रक्रियाधीन होने से संख्या बताना वर्तमान में सभव नहीं है। (घ) पटवारी हल्का बीजापुर में थ्रेशोल्ड उपज से वास्तविक उपज अधिक होने के कारण दावा नहीं बना है। पटवारी हल्का सुलगांव एवं पटवारी हल्का बड़ढा में पात्र कृषकों को फसल बीमा राशि का भुगतान किया गया है।
जबलपुर संभाग अंतर्गत बांधों की सुरक्षा एवं सिंचाई व्यवस्था
[जल संसाधन]
42. ( क्र. 3326 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा विषयांकित बांधों की सुरक्षा एवं सिंचाई की पर्याप्त व्यवस्थायें की गई हैं? (ख) यदि हाँ, तो बतायें बिना चौकीदार एवं अमीन के कैसे संभव है? (ग) क्या चौकीदार एवं अमीनों के रिटायर होने के बाद दोबारा भर्ती की गई है? (घ) यदि नहीं, तो किसके द्वारा बांधों की सुरक्षा एवं सिंचाई व्यवस्था की जा रही है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ, उपलब्ध संसाधनों से बांध की सुरक्षा एवं सिंचाई कराने की व्यवस्था है। (ख) विभाग में उपलब्ध अमले को एक से अधिक जलाशय का प्रभार दिया जाकर एवं जल उपभोक्ता संथाओं के सहयोग से। (ग) एवं (घ) जी नहीं। उत्तरांश ''ख'' अनुसार।
राजस्व ग्राम घोषित करना
[राजस्व]
43. ( क्र. 3341 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में ऐसे कई मजरे-टोले आज भी हैं जो ग्राम की आबादी से दूर होने के कारण बिजली,पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है? क्या बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण प्रदेश में मजरे-टोलों की संख्या में वृद्धि हुई है? यदि हाँ, तो क्या ग्राम के आसपास लगे मजरे-टोलों को ग्राम पंचायत के अधीन मानकर उन्हें मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएगी? (ख) क्या प्रदेश में मजरा-टोला एवं आबादी से अलग निवासरत ग्रामीण क्षेत्रों को निकट के राजस्व ग्राम में शामिल करने के लिये प्रदेश में कोई योजना बनाई जा रही है? (ग) खण्डवा जिले में किन-किन मजरे-टोलों को राजस्व ग्राम घोषित करने की कार्यवाही प्रचलित है? खण्डवा विधानसभा क्षेत्र के कितने राजस्व ग्रामों में आबादी क्षेत्र से दूर बसाहट होने के कारण मुलभूत सुविधाएँ नहीं है? (घ) खंडवा जिले के मजरे-टोलों को कब तक राजस्व ग्राम घोषित कर दिया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मजरे टोलों में निवासरत लोगों को भी यथा संभव मूलभूत सुविधाएं जैसे बिजली, पानी, आदि उपलब्ध कराई जाती है। जी हाँ, बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण प्रदेश में मजरे टोलों की जनसंख्या में वृध्दि हुई है। मजरे टोले ग्राम पंचायत के अधीन होते हैं, पंचायत द्वारा मूलभूत सुविधायें उपलब्ध करायी जाती हैं। (ख) मजरे टोले मूल राजस्व ग्राम का ही भाग होते है। अत: पृथक से योजना बनाने का प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) खण्डवा जिले में वर्तमान में संलग्न परिशिष्ट अनुसार मजरे टोलों को पृथक राजस्व ग्राम घोषित करने की कार्यवाही प्रचलित है। शेष प्रश्नांश की जानकारी निरंक है। (घ) समय-सीमा बताना संभव नहीं है