मध्य प्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-अप्रैल, 2016
सत्र
मंगलवार, दिनांक 15 मार्च, 2016
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
(वर्ग
4
: लोक
निर्माण, वाणिज्य, उद्योग
एवं रोजगार, खेल
एवं युवा
कल्याण, धार्मिक
न्यास एवं
धर्मस्व, वन, तकनीकी
शिक्षा एवं
कौशल विकास, उच्च
शिक्षा)
नेवज/पार्वती
नदी पर पुल
निर्माण
1. ( *क्र. 5985 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कालापीपल विधानसभा क्षेत्रांतर्गत लोक निर्माण विभाग सेतु संभाग द्वारा वर्ष 2011-12 से 2015-16 तक किन-किन नदियों पर पुल निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हुई है? (ख) नेवज नदी पर ग्राम बोल्दा के पास एवं पार्वती नदी पर देहरी घाट के पास क्या पुल स्वीकृत किये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या पुल निर्माण हेतु निविदा आमंत्रित की गई है? कार्यादेश किस एजेंसी को दिया गया है, कार्यादेश अनुसार कार्य पूर्ण करने की अवधि क्या है? कार्यवार जानकारी देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
कौशल विकास केन्द्र के कर्मियों की वेतन वृद्धि
2. ( *क्र. 6312 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान से प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद सरकारी नौकरी प्राप्त कर सकते हैं और कौशल विकास केन्द्र के प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षण उपरांत स्वयं का धंधा छोटा सा स्थापित कर सकते हैं? क्या दोनों का काम प्रशिक्षण देना है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर संस्थान के अधिकारी एवं कर्मचारी नियमित हैं और वेतनवृद्धियों के साथ-साथ संपूर्ण वेतन प्राप्त कर रहे हैं, जबकि कौशल विकास केन्द्र के अधिकारी एवं कर्मचारी बिना वेतनवृद्धि के वर्षों से संविदा पर कार्य कर रहे हैं, ऐसा क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर जब दोनों का कार्य प्रशिक्षण देना है तो फिर नियमित एवं संविदा जैसा नियुक्ति दोष इन अधिकारी एवं कर्मचारियों की स्थापना में क्यों है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर क्या कौशल विकास के अधिकारी एवं कर्मचारियों का नियमित या संविदा वेतन बढ़ाया जाएगा?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। कौशल विकास केन्द्रों में अल्प अवधि के आवश्यकतानुसार प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित होने के कारण संविदा नियुक्ति का प्रावधान है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' अनुसार। (घ) संविदा पर नियुक्त कर्मचारी/अधिकारियों के मानदेय बढ़ाये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है।
नरसिंहपुर एवं इंदौर जिले में पी.आई.यू. के तहत निर्माण कार्य
3. ( *क्र. 6373 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर एवं इंदौर जिले में पी.आई.यू. के तहत कुल कितने निर्माण कार्य कितनी-कितनी लागत के किए जा रहे हैं? (कार्यवार 1 जनवरी, 2013 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी दें.) (ख) उपरोक्त में से कौन-कौन से कार्य में कितना-कितना विलंब हुआ है एवं उसके कारण लागत में कितनी-कितनी वृद्धि हुई है? (ग) क्या उपरोक्त कार्यों के गुणवत्ताहीन होने संबंधी शिकायतें प्राप्त हुईं हैं, हाँ तो उनका भौतिक सत्यापन किस अधिकारी द्वारा किया गया एवं क्या-क्या कमियां पाईं गईं? (घ) उक्त निर्माण कार्य किस-किस एजेंसी के माध्यम से कराए जा रहे हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''अ-1'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ग) जिला इन्दौर में शिकायत निरंक अत: भौतिक सत्यापन का प्रश्न ही नहीं उठता, नरसिंहपुर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब-1'' अनुसार है। (घ) जिला नरसिंहपुर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''अ-1'' अनुसार है।
वन मण्डल ग्वालियर में कराये गये कार्य
4. ( *क्र. 5810 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल, 2013 से 31 अक्टूबर, 2015 तक वन मण्डल ग्वालियर में कितने कूपों में परकोलेशन टैंक वन्य प्राणियों के पीने के पानी हेतु तालाब, पानी रोकने की खन्ती कन्टूर ट्रैंच निर्माण कराया गया है? कूपवार, परिक्षेत्रवार, स्थलवार, लम्बाई एवं घनमीटर वाईज़ स्पष्ट करें। (ख) प्रश्नांक (क) अनुसार उक्त निर्माण कार्यों में प्रत्येक कार्य वाइज़ कितनी-कितनी वित्तीय स्वीकृति थी तथा कितना-कितना व्यय किया गया, निर्माण कार्य किस-किस कर्मचारी/अधिकारी के सुपरविज़न में किस-किस निर्माण एजेन्सी/ठेकेदार से कराया गया? क्या उक्त निर्माण कार्य पूर्ण होने के उपरान्त संबंधित तकनीकी विभाग से उनकी गुणवत्ता का सर्टीफिकेट लिया गया है? यदि हाँ, तो कार्य तथा परिक्षेत्र वाईज़ स्पष्ट करें? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित स्पष्ट करें। (ग) ग्वालियर जिले में किन-किन वन समितियों द्वारा वाहन चालकों, वन सुरक्षा कार्यों पर 1 अप्रैल, 2012 से 31 मार्च, 2015 तक कितनी राशि व्यय की गयी? समिति का नाम कार्य एवं व्यय की गयी राशि की जानकारी दें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4 अनुसार है।
कटनी वन मंडल अंतर्गत स्थापित वन जाँच नाके
5. ( *क्र. 3332 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी वन मंडल के अंतर्गत वन जाँच नाके कहाँ-कहाँ कब से स्थापित हैं तथा उक्त नाके स्थापित किए जाने के क्या प्रावधान/निर्देश हैं? की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के स्थापित जाँच नाके, यदि नियम विरूद्ध हैं तो उन्हें कब समाप्त किया जावेगा तथा उक्त नाकों में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई? उक्त कर्मचारियों में से कौन-कौन दैनिक वेतन में कार्यरत हैं? इनमें किन-किन की उक्त अवधि में क्या शिकायतें हैं, उनकी जाँच कब-किसने की?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ एवं ‘’ब’’ अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में स्थापित कोई भी जाँच नाका नियम विरूद्ध नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। वर्ष 2013-14 से पदस्थ कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’स‘‘ अनुसार है। इनमें से श्री अनिल कुमार मिश्रा, वनपाल के विरूद्ध अवैध वसूली के संबंध में शिकायत प्राप्त हुई है, जिसकी जाँच फरवरी, 2016 में सहायक वन संरक्षक एवं संलग्नाधिकारी, श्री टी.सी. पाल द्वारा की गई है।
प्राचीन मंदिरों का जीर्णोद्धार/घाट निर्माण
6. ( *क्र. 6294 ) श्री सचिन यादव : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्रांतर्गत मां नर्मदा किनारे ग्राम सांयता में विगत 500 वर्ष पुराने शालीवाहन शिव मंदिर परिसर में दर्शनार्थियों के ठहरने हेतु धर्मशाला के निर्माण, ग्राम पानवा माता मंदिर के जीर्णोद्धार एवं घाट निर्माण, ग्राम कठोरा में 200 वर्ष पुराने श्रीराम मंदिर के जीर्णोद्धार एवं ग्राम सगूर भगूर विकासखण्ड भीकनगांव में माता मंदिर के जीर्णोद्धार तथा घाट निर्माण को पूर्ण कराये जाने के लिए प्रश्नकर्ता द्वारा जिला कलेक्टर खरगोन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग एवं माननीय मंत्री जी को लिखे कितने पत्र प्राप्त हुए और उस पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित मंदिरों के निर्माण कार्यों की स्वीकृति कब तक जारी की जायेगी और उक्त सभी कार्यों को कब तक पूर्ण करा दिया जायेगा?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्रांतर्गत मां नर्मदा किनारे ग्राम सांयता में विगत 500 वर्ष पुराने शालीवाहन शिव मंदिर परिसर में दर्शनार्थियों के ठहरने हेतु धर्मशाला के निर्माण, ग्राम पानवा के जीर्णोद्धार एवं घाट निर्माण, ग्राम कठोरा में 200 वर्ष पुराने श्रीराम मंदिर के जीर्णोद्धार संबंधी कोई प्रस्ताव विभाग को प्राप्त नहीं हुआ है। जनपद पंचायत भीकनगांव ग्राम सगूर भगूर तहसील भीकनगांव में छोटी माता मंदिर के घाट निर्माण हेतु विधायक निधि से 5 लाख रूपये वर्ष 2007-08 में स्वीकृत किये जाकर ग्राम पंचायत द्वारा उक्त घाटों का निर्माण करा दिया गया है एवं सांसद निधि से वर्ष 2011-12 में बड़ी माता मंदिर के घाट निर्माण व मंदिर के जीर्णोद्धार हेतु ग्रामीण यांत्रिकी विभाग को कार्य हेतु 8 लाख रूपये स्वीकृत किये गये थे, संबंधित विभाग द्वारा कार्य पूर्ण करा दिया गया है। (ख) प्रस्ताव प्राप्त होने पर कार्यवाही की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पशु मेले के आयोजन हेतु बजट का आवंटन
7. ( *क्र. 2538 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यानसिंह सोलंकी : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खरगोन जिला अंतर्गत जनपद पंचायत, बड़वाहा के ग्राम पंचायत बॉगरदा में प्रतिवर्ष शहीद दिवस 30 जनवरी से पशु मेले का आयोजन जनपद पंचायत द्वारा किया जाता है, उक्त मेले में पशुओं की बिक्री में आई गिरावट से मेला आयोजन में बजट आवंटन किये जाने एवं ग्राम बॉगरदा में प्रदेश का एक मात्र भारत माता के मंदिर के जीर्णोद्धार के लिये शासन स्तर पर क्या कार्यवाही की जा रही है। (ख) पशु मेला आयोजन करने के लिये बजट आवंटन एवं भारत माता मंदिर के जीर्णोद्धार के लिये प्रश्नकर्ता द्वारा शासन स्तर पर कितने पत्र जारी किये गये हैं एवं विभाग द्वारा इस पर क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या राज्य शासन प्रश्नांश (ख) के अनुसार प्रश्नकर्ता के प्रस्ताव पर कोई विचार कर आवंटन स्वीकृत करेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्राचीन मंदिरों का जीर्णोद्धार
8. ( *क्र. 2919 ) श्री राजेश सोनकर : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा ग्राम पंचायत देवगुराड़िया एवं ग्राम पंचायत मुण्डला दोस्तदार में मंदिर निर्माण हेतु कोई घोषण की थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्राचीन गुटकेश्वर मंदिर एवं केवड़ेश्वर मंदिर, जो कि लोक माता अहिल्याबाई द्वारा बनाये गये हैं, के जीर्णोद्धार हेतु धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग ने जिला प्रशासन को मंदिर जीर्णोद्धार हेतु कोई राशि आवंटित की थी? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि हाँ, तो उक्त प्राचीन मंदिरों का जीर्णोद्धार किस विभाग द्वारा कराया जायेगा? क्या मंदिर निर्माण ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के माध्यम से कराये जाने की कोई योजना थी? क्या विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक टेण्डर प्रक्रिया की गई है? यदि नहीं, तो संबंधित विभाग द्वारा टेण्डर क्यों नहीं बुलाये जा रहे हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग द्वारा मंदिरों के जीर्णोद्धार हेतु स्वीकृत राशि यदि लेप्स होती है, तो क्या आगामी वित्तीय वर्ष में पुन: स्वीकृति दी जायेगी? राशि लेप्स होने के पीछे जिम्मेदारों पर कोई कार्यवाही की जा रही है व कब तक मंदिर जीर्णोद्धार कार्य प्रारंभ करा लिया जायेगा?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, प्राचीन मंदिर गुटकेश्वर मंदिर हेतु रूपये 25.00 लाख एवं केवड़ेश्वर महादेव मंदिर हेतु रूपये 25.34 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति सहित राशि ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग इंदौर को दी गई है। (ग) उक्त कार्यों की निर्माण एजेंसी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा है। प्रथम आमंत्रण ई-निविदा क्रमांक 19 दिनांक 15/1/2016 को आमंत्रित की गई थी, जिसमें एकल निविदा प्राप्त होने से पुन: द्वितीय आमंत्रण ई-निविदा सूचना क्रमांक 22 दिनांक 9/2/2016 को आमंत्रित की गई, जो दिनांक 26/2/2016 को खोली गई। जिसे स्वीकृति हेतु दिनांक 27/2/2016 को सक्षम अधिकारी को प्रस्तुत की गई। (घ) निर्माण एजेंसी द्वारा कार्यवाही प्रारंभ की गई है। जीर्णोद्धार का कार्य शीघ्र ही प्रारंभ किया जा रहा है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। समय-सीमा में निर्माण कार्य न होने पर पुन: आवंटन दिये जाने पर विचार किया जावेगा।
ग्राम नरसिंगा से पिरझलार तक मार्ग का निर्माण
9. ( *क्र. 6206 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में ग्राम नरसिंगा से पिरझलार तक का मार्ग किस योजना के तहत किस वर्ष में स्वीकृत किया गया तथा कितनी राशि का तथा कितने कि.मी. का स्वीकृत किया गया है? उपरोक्त मार्ग के लिए किस एजेंसी को अधिकृत किया गया है? (ख) वर्तमान में उपरोक्त कार्य की क्या स्थिति है? एजेंसी द्वारा कितना कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा किस अधिकारी द्वारा कार्य की गुणवत्ता को देखे बिना ही भुगतान कर दिया गया तथा कितनी राशि का भुगतान किया गया है? (ग) उपरोक्त मार्ग बनने के समय ही जीर्ण-शीर्ण हो गया है? इसके संदर्भ में ठेकेदार को कितनी बार नोटिस जारी किया गया है? क्या ठेकेदार को इस कार्य के लिए उपयोगिता प्रमाण पत्र जारी किया गया है? यदि हाँ, तो किस इंजीनियर के द्वारा उपयोगिता प्रमाण पत्र जारी किया गया है? (घ) उक्त मार्ग का निर्माण कब तक पूर्ण हो जायेगा? प्रश्न दिनांक तक कार्य पूर्ण क्यों नहीं किया गया? क्या कार्य एजेंसी के द्वारा किये गये कार्य की जाँच की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
बागली विधान सभा क्षेत्र में वन परिक्षेत्रों की संख्या
10. ( *क्र. 6394 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के बागली विधान सभा क्षेत्र में कुल कितने वन परिक्षेत्र हैं? इनमें कितने बीट हैं? कितनी सब रेंज हैं? इनमें वन परिक्षेत्र उदयनगर में कौन-कौन से विभिन्न पद स्वीकृत हैं व कहाँ-कहाँ कब से रिक्त हैं? (ख) वन परिक्षेत्र उदयनगर से जून-जुलाई 2015 में कितने वन रक्षक, वनपाल, उपवन क्षेत्रपाल के स्थानांतरण किये गये? क्या यह शासन की निर्धारित ट्रांसफर नीति के अंतर्गत किये गये? एक साथ अधिक संख्या में इन क्षेत्रों से स्थानांतरण किये जाने का क्या कारण था? (ग) प्रश्नांकित वन परिक्षेत्र तीन जिलों की सीमाओं से संलग्न है? इसके उपरांत भी अधिक संख्या में स्थानांतरण से विभाग में अस्थिरता व वन परिक्षेत्र की सीमाओं की सुरक्षा का संकट उत्पन्न नहीं होगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) देवास जिले के बागली विधान सभा क्षेत्र में कुल 07 वन परिक्षेत्र हैं। इनमें 133 बीट व 35 सबरेंज हैं। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में परिक्षेत्र उदयनगर से किसी वन रक्षक, वनपाल, उप वनक्षेत्रपाल के स्थानांतरण नहीं किये गये हैं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वन परिक्षेत्र उदयनगर की सीमा 3 जिलों की सीमाओं से संलग्न है। रिक्त बीटों की सुरक्षा समीप के कर्मचारियों को अतिरिक्त प्रभार में रखकर कराये जाने से अस्थिरता व वनों की सुरक्षा का कोई संकट नहीं है।
कन्या महाविद्यालय के भवन का उपयोग
11. ( *क्र. 6334 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के जिला मुख्यालय पर कन्या महाविद्यालय स्वीकृत किया गया था? यदि हाँ, तो स्वीकृति की दिनांक एवं वर्ष बतावें एवं आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या यह वर्तमान में संचालित है? यदि नहीं, तो इसके बंद होने का क्या कारण है? क्या बालिकाओं के अध्ययन की सुविधा को देखते हुये शासन इसे पुन: प्रारंभ करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों नहीं? (ग) क्या कन्या महाविद्यालय के स्वीकृत होने के बाद इसके लिये नवीन भवन भी निर्माण कराया गया था? यदि हाँ, तो उक्त महाविद्यालय बंद करने के बाद उस महाविद्यालय के भवन का किसके द्वारा और क्या उपयोग किया जा रहा है? (घ) क्या भवन का उपयोग नहीं होने तथा देखरेख नहीं होने से भवन क्षतिग्रस्त नहीं हो रहा है? क्या शासन उक्त भवन को क्षतिग्रस्त होने से बचाने के लिये किसी अन्य शासकीय विभाग को भवन किराये पर देगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। म.प्र. शासन, उच्च शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक 487/37/यो./87, दिनांक 13.07.1987 के द्वारा सत्र 1987-88 से राजगढ़ में कन्या महाविद्यालय स्वीकृत किया गया। (ख) जी नहीं। जिला योजना समिति के निर्णय के परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर जिला राजगढ़ के आदेश क्रमांक 1720/जीयोस/2002, दिनांक 28.06.2002 द्वारा शासकीय बालक महाविद्यालय राजगढ़ में कन्या महाविद्यालय सम्मिलित किया गया। जी नहीं। वर्तमान में शासन द्वारा पूर्व से संचालित महाविद्यालयों के सुदृढ़ीकरण गुणवत्ता एवं उनके विकास के प्रयास किये जा रहे हैं। अत: कन्या महाविद्यालय को प्रारंभ करने में कठिनाई है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) शासकीय कन्या महाविद्यालय प्रारंभ तिथि से पुराने बस स्टैण्ड पर स्थित शासकीय पी.जी. महाविद्यालय के भवन में संचालित था। कलेक्टर के आदेश क्रमांक 1722/जी.यो.स./02, दिनांक 28.06.2002 द्वारा उक्त भवन हाईस्कूल, पुरा राजगढ़ को आवंटित किया गया तथा कन्या महाविद्यालय का शासकीय पी.जी. महाविद्यालय, राजगढ़ में विलय किया गया। विलय होने के उपरांत महाविद्यालय की कक्षाएँ कन्या छात्रावास में संचालित की गईं। वर्तमान में पूर्व में संचालित किये जा रहे कन्या महाविद्यालय का भवन पूर्णत: ध्वस्त हो चुका है। अत: किराये पर दिये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। वर्तमान में कन्या छात्रावास भवन में विधि की कक्षाएँ संचालित की जा रही हैं।
कुलपति के विरूद्ध प्रचलित जाँच
12. ( *क्र. 6036 ) श्री आरिफ अकील : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय के कुलपति श्री एम.डी. तिवारी के विरूद्ध प्रदेश में व अन्य प्रदेश में पदस्थी के दौरान गबन, वित्तीय अनियमितताएं व अवैध नियुक्तियों आदि की जाँच प्रचलन में हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी जांचें कब-कब से प्रचलन में हैं और कौन-कौन सी जांचों में दोषी पाये गये? पद व पदस्थी स्थान सहित वर्षवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में श्री एम.डी. तिवारी की गोपनीय चरित्रावली का अवलोकन एवं अधिनियम का पालन किए बगैर कुलपति के पद पर पदस्थ किए जाने के लिए कौन-कौन दोषी हैं तथा श्री तिवारी की डी.पी.सी. में किन-किन अधिकारियों द्वारा अनुसंशा की गई? उनके नाम, पद सहित बतावें।
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल में श्री एम.डी. तिवारी के कुलपति पदस्थ होने के दौरान विभिन्न अनियमितताओं की शिकायतों की जाँच हेतु कुलाधिपति सचिवालय के आदेश क्रमांक एफ-3-3/2015/रास/ यूए-1/1218 दिनांक 09.10.2015 द्वारा मान. न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) श्री ए.के. गोहिल भोपाल को जाँच अधिकारी नियुक्त किया गया, जिसके अनुसार छ: सप्ताह में जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत करना था। इसके पश्चात क्रमश: पत्र दिनांक 24.11.2015 द्वारा 08 सप्ताह एवं 25.01.2016 द्वारा जाँच अवधि को दिनांक 30.03.2016 तक बढ़ाया गया है। श्री तिवारी के विरूद्ध आई.आई.आई.टी. इलाहाबाद में डायरेक्टर पद पर पदस्थगी के दौरान की गई अनियमितता की शिकायत उच्च शिक्षा विभाग को प्राप्त हुई थी। जिसे पत्र क्रमांक 615/819/2015/38-3 दिनांक 15.04.2015 द्वारा नियमानुसार आगामी कार्यवाही हेतु कुलाधिपति सचिवालय को अग्रेषित की गई। जाँच कार्यवाही प्रचलित होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) म.प्र. विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 के प्रावधान अनुसार कुलाधिपति सचिवालय की अधिसूचना दिनांक 19.02.2014 द्वारा तीन सदस्यीय समिति (डी.पी.सी. नहीं) नियुक्त की गई थी, जिसके अध्यक्ष प्रो. देवस्वरूप, कुलपति राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर थे एवं सदस्य प्रो. दिनेश सिंह, कुलपति, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली एवं श्री विवेक कृष्ण तन्खा, वरिष्ठ अधिवक्ता, नई दिल्ली थे। समिति द्वारा अनुशंसित पैनल में से कुलाधिपति जी ने आदेश दिनांक 25.04.2014 द्वारा श्री एम.डी. तिवारी को 04 वर्ष के लिए कुलपति नियुक्त किया।
फोरलेन मार्ग निर्माण की जाँच
13. ( *क्र. 4087 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 23.01.2016 को अटेर रोड पुलिया से पुस्तक बाजार भिण्ड तक फोरलेन मार्ग का निर्माण घटिया होने के संबंध में शिकायती पत्र प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग को दिया था? यदि हाँ, तो प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) कार्यालय प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग भोपाल के पत्र क्रमांक 17/सी/उत्तर/2016/80, दिनांक 28.1.2016 मुख्य अभियंता लोक निर्माण ग्वालियर को जाँच कर प्रतिवेदन भेजने हेतु निर्देशित किया गया? यदि हाँ, तो क्या जाँच प्रतिवेदन प्रश्नांश दिनांक तक प्राप्त हो चुका है? (ग) प्रश्नांश (ख) में जाँच में क्या कमियाँ पायी गई? कमियों को दूर करने के लिए क्या उपाय किए गए? किस प्रयोग शाला में प्रयुक्त सामग्री का परीक्षण किया गया? परीक्षण रिपोर्ट क्या प्राप्त हुई? (घ) प्रश्नांश (क) में निर्माण कार्य कब तक पूर्ण हो जायेगा, वर्णित मार्ग के किनारे कितनी पट्टी सुरक्षित रखी गई है? कहाँ पर नाला निर्माण हुआ? कहाँ पर नाला निर्माण नहीं हुआ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। शिकायत की जाँच प्रचलित है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। (ग) जाँच प्रचलन में है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) 31/03/2016 तक पूर्ण होने की संभावना है। वर्णित मार्ग के दोनों ओर के नालों के पश्चात् आर.ओ.डब्ल्यू. से बची हुयी भूमि सुरक्षित पट्टी के रूप में मान्य होगी। मार्ग के दाहिनी ओर चैनेज 10 मी. से 230 मी. तक (लं. 220 मी.) चैनेज 255 मी. से 570 मी. तक (315 मी.) एवं चैनेज 590 मी. से 640 मी तक (लं. 50 मी.) तथा मार्ग की बायीं ओर 10 मी. से 230 मी. तक (लं. 220 मी.) कुल लंबाई 805 मी. में नाला निर्माण कार्य हुआ है। मार्ग के शेष भाग में नाला निर्माण कार्य प्रगति पर है।
दमोह से गैसावाद सिमरिया मार्ग का निर्माण
14. ( *क्र. 4472 ) श्री लखन पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा दमोह से गैसावाद सिमरिया मार्ग का निर्माण कराया गया है? यदि हाँ, तो किस ठेकेदार द्वारा? कार्य की लागत व रोड निर्माण किये जाने की समयावधि बताएँ। (ख) सड़क निर्माण में सी.आर.एम. एवं डब्ल्यू.एम.एम. व डामरीकारण कार्य लाइमस्टोन से किया जा सकता है या नहीं? (ग) ठेकेदार द्वारा किस पत्थर की कितनी रॉयल्टी जमा की गई? अलग-अलग बतायें। (घ) कार्य की वास्तविक लागत कितनी थी एवं कार्यपूर्ण होने में लागत से अधिक कितना व्यय किया गया एवं निर्माण कार्य से स्वीकृत डी.पी.आर. से कौन सा कार्य अधिक कराया गया एवं क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। मेसर्स मोंटेकालो कंस्ट्रक्शन लिमिटेड अहमदाबाद। अनुबंधानुसार कार्य की लागत रू. 801766621.34 अनुबंधानुसार कार्य की प्रारंभ दिनांक 19.07.2011 एवं पर्यवेक्षण सलाहकार द्वारा कार्य पूर्णता दिनांक 10.01.2015 को दिया गया। (ख) जी नहीं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (घ) अनुबंधानुसार कार्य की लागत रू. 801766621.34 अद्यतन लागत से अधिक खर्च राशि रू. 27,86,38,303.09 शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
जय किसान .org द्वारा वित्तीय अनियमितता
15. ( *क्र. 2778 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जय किसान .org ने प्रदेश सरकार से अनुमति लेकर बैंक की समस्त सुविधाएं मुहैया कराने हेतु बैकिंग सिस्टम लागू करने का कार्य किया है? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश के किन-किन जिलों में यह कार्य किया गया है? विवरण सहित बतावें। (ग) क्या जय किसान .org द्वारा छल पूर्वक आम लोगों एवं इस कंपनी में कार्यरत लोगों से ठगी गई राशि को ऐंठ कर लापता हुए संस्थान के मालिक को गिरफ्तार कर ठगी गई राशि को वसूलकर संबंधित हितग्राहियों को प्रदान की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बतावें एवं यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गबन के दोषियों पर कार्यवाही
16. ( *क्र. 6390 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संयुक्त विभागीय जाँच का निर्णय केवल ऐसे मामलों में ही लिया जाता है, जिसमें बहुत से शासकीय अधिकारियों/कर्मचारियों के खिलाफ सांठगांठ का आरोप हो और एक प्रतिवादी अपना उत्तरदायित्व दूसरे प्रतिवादियों पर डालने का प्रयत्न न करे? (ख) यदि हाँ, तो स्वामी विवेकानंद शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नीमच में गत वर्ष 48 लाख के गबन के आरोप में संबद्ध अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 18 के तहत संयुक्त विभागीय जाँच क्यों नहीं की जा रही है? (ग) क्या शासन वर्तमान में संचालित विभागीय जाँच प्रक्रिया नियम-14 को निरस्त कर नियम 18 के तहत संयुक्त विभागीय जाँच आदेशित करेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित की गई राशि की वसूली संबंधितों की संपत्ति अधिग्रहित कर की जाएगी? यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा दें? (ड.) क्या शासन इस गबन के मामले की विस्तृत जाँच आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरों के माध्यम से कराएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, नियमानुसार म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 14 के अतंर्गत विभागीय जाँच कराई जा रही है, जिसमें जाँचकर्ता एवं प्रस्तुतकर्ता अधिकारी की नियुक्ति की जा चुकी है। (ग) जी नहीं। विभागीय जाँच नियमानुसार की जा रही है। (घ) जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर उसके निष्कर्षों के अनुसार गुण-दोष पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ड.) जी नहीं। विभागीय जाँच में दोषी पाये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
वनमण्डल देवास अंतर्गत अवैध उत्खनन के पंजीबद्ध प्रकरण
17. ( *क्र. 5572 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वनमण्डल देवास अंतर्गत वर्ष 2014 से 2016 तक कितने अवैध उत्खनन के प्रकरण बनाये गये? (ख) उक्त प्रकरणों में क्या-क्या कार्यवाही की गई? (अपराधी, राजसात, कोर्ट केस आदि की जानकारी सहित प्रस्तुत करें) (ग) क्या उक्त वर्षों में अवैध उत्खनन के प्रकरण में वाहनों को जब्त किया जाकर छोड़ा गया? यदि हाँ, तो कितने किस आधार पर?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (ग) देवास (क्षेत्रीय) वनमण्डल अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में अवैध उत्खनन के 32 प्रकरण दर्ज किये गये। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सिंहस्थ 2016 के मद्देनज़र विस्थापन कार्य
18. ( *क्र. 1270 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्थ 2016 के मद्देनज़र नीलगंगा चौड़ीकरण की जद में आ रही बस्ती के मकानों को हटाने की विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? प्रभावितों को विस्थापित किये जाने के संबंध में क्या कार्य योजना बनाई गई? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार क्या प्रभावितों को विस्थापित किये जाने हेतु जे.एन.एन.यू.आर.एम. अंतर्गत पंवासा में बनाये जा रहे फ्लेटों का कार्य अभी तक पूर्ण नहीं हुआ है? उक्त फ्लेटों के निर्माण कार्य के संबंध में जारी निविदा विज्ञप्ति, अनुबंध, प्राप्त निविदाओं की जानकारी देते हुए इस संबंध में किन-किन की शिकायतें प्राप्त हुईं? उक्त निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? निर्माण कार्य में देरी के लिये कौन दोषी है? दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) यदि सिंहस्थ पूर्व उक्त फ्लेटों का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ तो प्रभावितों को कहाँ पर विस्थापित किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) प्रश्नांश के संबंध में लो.नि.वि. द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। शेष प्रश्नांश ही उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
युवा इंजीनियर योजना में लाभांवित छात्र
19. ( *क्र. 2636 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री युवा इंजीनियर कांट्रेक्टर योजना अंतर्गत खरगोन जिले में कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है? (ख) उक्त योजनांतर्गत खरगोन जिले में कितने आवेदन प्राप्त हुए तथा कितने स्वीकृत हुए तथा कितने अस्वीकृत हुए? अस्वीकृतिका कारण बतायें। (ग) खरगोन जिले से विगत एक वर्ष में कितने इंजीनियरों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) अवधि में खरगोन जिले के कितने हितग्राहियों को उप ठेके के माध्यम से प्रतिष्ठित ठेकेदारों से कब-कब जोड़ा गया? हितग्राही नाम, प्रतिष्ठित ठेकेदार का नाम व संस्था की सूची देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) 24. (ख) 411. स्वीकृत 29, अस्वीकृत 382. चयन प्रक्रिया कम्प्यूटरीकृत रेन्डम जनरेशन सिस्टम द्वारा होने के कारण। (ग) 15. (घ) हितग्राहियों के आवेदन प्राप्त न होने के कारण ठेकेदारों से नहीं जोड़ा गया। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ब्यौहारी तहसील अंतर्गत काष्ठागार का संचालन
20. ( *क्र. 1040 ) श्री रामपाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी तहसील अंतर्गत ग्राम पपौंध के आस-पास 50-60 ग्राम आबाद हैं? इसी तरह जयसिंह नगर तहसील के ग्राम अमझोर के आस-पास 50-60 ग्राम आबाद हैं? (ख) क्या ग्राम पपौंध एवं अमझोर में आमजन को लकड़ी उपलब्धता हेतु (शवदाह इत्यादि के लिए) वन विभाग द्वारा काष्ठागार संचालित की गई है? यदि नहीं, तो क्यों और भविष्य में जन सामान्य की सुविधा हेतु कब तक काष्ठागार का संचालन किया जायेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार ग्राम पपौंध के आसपास 33 ग्राम तथा ग्राम अमझोर के पास 31 ग्राम आबाद हैं। (ख) ग्राम पपौंध तथा ग्राम अमझोर क्रमशः निस्तार डिपो निपनिया एवं अमझोर से संलग्न है, जहाँ से इन ग्रामों के निवासियों को निस्तार दर पर वनोपज उपलब्ध कराई जाती है। इन ग्रामों के शवदाह के लिये जलाऊ उपलब्ध कराने के लिये वर्तमान में कोई डिपो संचालित नहीं है। भविष्य में इन ग्रामों में शवदाह हेतु जलाऊ डिपो खोलने की कोई योजना नहीं है।
शिवपुरी जिलांतर्गत रेशम घाट पर पुल निर्माण
21. ( *क्र. 4812 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले के कोलारस परगना के अंतर्गत ग्राम भड़ोता के पास सिंध नदी पर रेशम घाट पर पुल न होने कारण वर्षा ऋतु में आवागमन बंद हो जाता है? यदि हाँ, तो शासन सिंध नदी पर रेशन घाट पर पुल बनाने की स्वीकृति कब तक प्रदान करेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या जिला एवं परगना मुख्यालय से भड़ोता होते हुए सिंध नदी के रेशम घाट से खरैह होते हुए रन्नौद, इन्दार आदि क्षेत्रों के सैकड़ों ग्रामवासी इन मार्ग से होकर आवागमन करते हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन प्राथमिकता के आधार पर रेशम घाट पर सिंध नदी पर पुल निर्माण कराएगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या सिंध नदी पर रेशम घाट पर पुल न होने के कारण कोलारस से देहरदा, देहरदा से पचावली एवं पचावली से आगे देहरदा-ईसागढ़ रोड से रन्नौद रोड होते हुए काफी लंबी दूरी तय करके सैकड़ों ग्रामों के किसान, व्यापारी, छात्र, मजदूर आदि को काफी लंबा चक्कर काटना पड़ता है, जिससे समय, डीजल-पेट्रोल आदि का अपव्यय होता है? यदि हाँ, तो शासन इससे निजात कब तक दिलाएगा? (घ) क्या शासन जिले एवं क्षेत्र के लिए अतिआवश्यक एवं अत्यंत उपयोगी सिंध नदी के रेशम घाट पर संवेदनशीलता दिखाते हुए जन उपयोगी पुल की स्वीकृति तत्काल प्रदान करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में समय-सीमा बताना संभव नहीं है। न तो स्वीकृत है और न ही प्रस्तावित है। (ख) जी हाँ। शासन की प्राथमिकता सूची में नहीं होने से कोई कार्यवाही नहीं की गई। समय-सीमा बताना संभव नहीं। (ग) जी हाँ। वर्षाकाल में वर्तमान रपटा जलमग्न होने से मार्ग उपयोगकर्ताओं को लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। शासन की प्राथमिकता सूची में नहीं होने से कोई कार्यवाही नहीं की गई है। (घ) वर्तमान में शासन की प्राथमिकता सूची में नहीं होने से कोई कार्यवाही नहीं की गई है। स्वीकृति हेतु समय-सीमा बताना संभव नहीं।
वनपरिक्षेत्र अंतर्गत राजस्व ग्रामों में सड़कों का निर्माण
22. ( *क्र. 6118 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वनपरिक्षेत्र में जो राजस्व ग्राम स्थित हैं, उन ग्रामों में आवागमन के लिए शासन द्वारा सड़क निर्माण की कोई योजना है? यदि हाँ, तो क्या? (ख) नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसे कितने राजस्व ग्राम हैं, जो वन परिक्षेत्र अंतर्गत आते हैं? (ग) प्रश्न की कंडिका (ख) की उपलब्ध जानकारी अनुसार क्या इन सभी राजस्व ग्रामों में आवागमन के लिए सड़कों का निर्माण किया जा चुका है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? क्या कारण हैं? सड़कों का निर्माण कब तक किया जावेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वन क्षेत्रों में स्थित राजस्व ग्रामों के आवागमन के लिए सड़क निर्माण की वन विभाग की कोई योजना नहीं है। (ख) नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र के वन परिक्षेत्रों के अन्दर लगभग 255 राजस्व ग्राम हैं। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित ग्रामों में पक्के/कच्चे मार्ग उपलब्ध हैं। वन क्षेत्रों में स्थित ग्रामों के सड़क निर्माण/उन्नयन का प्रस्ताव प्राप्त होने पर नियमानुसार अनुमति देने पर विचार किया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
इंजीनियरिंग महाविद्यालय सागर में प्रवेश सीटों में कटौती
23. ( *क्र. 5601 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शास. इंदिरा गांधी इंजीनियरिंग महाविद्यालय सागर में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा प्रवेश सीटों की संख्या कम की गई है? यदि हाँ, तो कितनी सीटें कम की गई? इसके क्या कारण हैं, शासन स्तर पर इस संबंध में क्या प्रभावी कदम उठाये गये हैं? (ख) क्या सागर स्थित शास. इन्दिरा गांधी इंजीनियरिंग महाविद्यालय सागर में पी.जी. कोर्स स्वीकृत किए गये हैं? यदि हाँ, तो इस कोर्स में कोई प्रवेश अभी तक क्यों नहीं किए गये? इस संबंध में शासन स्तर पर क्या कार्यवाही हुई? (ग) क्या शासन पी.जी. कोर्स शुरू कराने हेतु आवश्यक कदम उठायेगा तथा कब तक?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। संस्था की सत्र 2014-15 प्रवेश क्षमता में से शैक्षणिक सत्र 2015-16 के लिये 25 प्रतिशत सीटें कम की गईं हैं। संस्था में अधोसंरचना एवं स्टॉफ की कमी के कारण ए.आई.सी.टी.ई. द्वारा सीटों की कमी की गई है। अतिथि व्याख्याताओं की सेवाएं ली जा रही हैं। नियमित नियुक्ति हेतु दिनांक 07.09.2015 को विज्ञापन जारी कर दिया गया है। संस्था में नवीन पाठयक्रमों के लिये रूपये 920.62 लाख की लागत का नवीन भवन निर्माणाधीन है। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शिक्षकों की भर्ती की कार्यवाही प्रचलन में है। स्टॉफ की कमी की पूर्ति के उपरांत अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद्, नई दिल्ली से पी.जी. कोर्स प्रारंभ करने की अनुमति प्राप्त की जायेगी। भर्ती की प्रक्रिया सतत् प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जावरा शहर में रेलवे ओव्हर ब्रिज का निर्माण
24. ( *क्र. 5698 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र सरकार के वर्ष 2014-15 के रेलवे बजट में जावरा शहर के मध्य स्थित रेलवे स्टेशन के पास रेलवे अंडर ब्रिज स्वीकृत होकर केन्द्र/राज्य अंतर्गत विभागीय योजना के क्रियान्वयन की कार्यवाही चल रही है? (ख) यदि हाँ, तो क्या 14 वीं विधानसभा निर्वाचन के पूर्व माननीय मुख्यमंत्री जी ने जावरा नगर में जन आशीर्वाद यात्रा में ब्रिज को बनाए जाने एवं राज्य सरकार द्वारा पर्याप्त बजट राशि दिये जाने की घोषणा की है? (ग) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता के निवेदन पर मान. लोक निर्माण मंत्री द्वारा भी उक्त स्थल का निरीक्षण कर अतिशीघ्र ब्रिज निर्माण कार्य प्रांरभ किये जाने के निर्देश दिये थे? (घ) यदि हाँ, तो उक्त स्थल पर अंडर ब्रिज निर्माण किये जाने की कार्यवाही कब पूर्ण होकर निर्माण कार्य कब से प्रांरभ किया जाएगा, साथ ही केन्द्रीय स्वीकृत बजट में राज्य शासन अपनी भूमिका किस प्रकार प्रतिपादित कर रहा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ, अपितु अण्डर ब्रिज उपयुक्त न होने से रेलवे ओव्हर ब्रिज का निर्माण प्रस्तावित है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। (घ) कार्य का डी.पी.आर. वित्तीय व्यय समिति से अनुमोदित हो चुका है तथा कार्य को वर्ष 2016-17 के बजट में शामिल किया गया है। वर्तमान में निर्माण की निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।
सागर संभाग में निजी भूमि को वनखण्डों से पृथक किया जाना
25. ( *क्र. 4137 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वनखण्डों में शामिल निजी भूमि के संबंध में राज्य के मुख्य सचिव ने दिनांक 01 जून, 2015 को क्या-क्या आदेश, निर्देश दिए हैं? इसके अनुसार सागर संभाग के किस जिले में प्रश्नांकित दिनांक तक कितनी निजी भूमि को वनखण्डों से पृथक किया गया, कितनी निजी भूमि को वनखण्डों से पृथक किया जाना शेष है? (ख) संभाग के किस जिले के कितने ग्रामों के कितने किसानों के नाम पर राजस्व अभिलेखों में दर्ज कितनी भूमि को कितने वनखण्डों में अधिसूचित किया जाकर किस अनुविभागीय अधिकारी को किस दिनांक को वन व्यवस्थापन अधिकारी अधिसूचित किया गया? (ग) 01 जून, 2015 से प्रश्नांकित दिनांक तक किस अनुविभागीय अधिकारी ने वन विभाग से कितने ग्रामों के कितने किसानों की कितनी भूमि वनखण्ड में शामिल किए जाने की जानकारी प्राप्त की, कितने पटवारियों से कौन-कौन सी जानकारी प्राप्त की? (घ) 01 जून, 2015 के पत्रानुसार कब तक निजी भूमि को वनखण्डों से पृथक कर दिया जावेगा, कब तक किसानों को निजी भूमि के वन विभाग से कब्जें दिलवा दिए जावेंगे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नांकित निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) प्रश्नांकित वन व्यवस्थापन की कार्यवाही के अंतर्गत निजी भूमियों को वनखण्डों से पृथक करने की कार्यवाही अर्द्धन्यायिक प्रक्रिया है, अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। किसानों की निजी भूमियों पर उनका कब्जा यथावत है। वन विभाग द्वारा पुनः कब्जा दिलाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
खण्डवा
इंदौर सड़क
मार्ग को
फोरलेन किया
जाना
1. ( क्र. 171 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खण्डवा-इंदौर सड़क मार्ग को फोरलेन किया जाना माननीय मुख्यमंत्रीजी म.प्र. शासन की घोषणा में शामिल है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इस मार्ग का सर्वे तथा स्वीकृति दी जा चुकी है? इसमें वन विभाग की कितनी-कितनी भूमि अधिग्रहित की जा रही है? क्या वन भूमि को लेकर इस कार्य में विलंब हो रहा है? (ग) क्या खण्डवा इंदौर फोरलेन में नर्मदा नदी पर नया पुल बनने एवं रेल्वे क्रासिंग पर फ्लाई-ओवर ब्रिज बनाने का कार्य भी इसी योजना में शामिल है? यदि हाँ, तो कुल कितने एवं किन स्थानों पर? (घ) क्या इसमें भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही आरंभ हो चुकी है? यदि हाँ, तो इन्दौर-खण्डवा सड़क का फोरलेन मार्ग निर्माण कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) इस मार्ग का सर्वे किया जा कर फिजि़बिलिटी रिर्पोट तैयार करने का कार्य पूर्ण किया जा चुका है जिसमें वन विभाग की 96.783 हेक्टयर भूमि अधिग्रहित की जाना प्रस्तावित है, अधिग्रहण संबंधित कार्यवाही परियोजना के पुनरीक्षित होने के कारण स्थगित की गई है। (ग) जी हाँ, प्रस्तावित फिजि़बिलिटी रिर्पोट के अन्तर्गत नर्मदा नदी पर भी नया पुल एवं रेल्वे क्रासिंग पर आर.ओ.बी. बनाने का प्रावधान है। (घ) उपरोक्त मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने का प्रस्ताव केन्द्रीय परिवहन मंत्रालय को भेजा गया है इसलिये मार्ग के फोरलेन परियोजना को पुनरीक्षित किया जाना है। मार्ग का फोरलेन निर्माण की समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
खंडवा नगर में फोरलेन सड़क निर्माण
2. ( क्र. 181 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में खंडवा जिले में किन मार्गों पर फोरलेन सड़क निर्माण स्वीकृत हुए हैं? फोरलेन सड़क निर्माण के मानक अनुसार सड़कों की कुल चौड़ाई पटरी भरने का मापदण्ड एवं पेंटर डिवाईडर लगाने का मापदंड क्या है? क्या सेंट्रल लाईटिंग कार्य भी इसमें शामिल है? (ख) क्या खंडवा-डुल्हार, इंदिरा चौक से हरसूद रोड नाका, इंदिरा चौक से रामनगर मार्ग, तीन पुलिया से शिवाजी चौक फोरलेन सड़क मार्ग स्वीकृत हैं? यदि हाँ, तो यहां फोरलेन की मानक चौड़ाई की सड़क का निर्माण कब तक पूरा कर लिया जाएगा? (ग) एम.पी.आर.डी.सी. एवं लोक निर्माण द्वारा नगर विकास के इन महत्वपूर्ण निर्माण कार्यों में फेरबदल किस सक्षम अधिकारी के आदेश एवं जनप्रतिनिधियों के सुझाव अनुसार किया गया? (घ) प्रश्नांश (ख) के क्रम में स्वीकृत सड़क मार्ग नियमानुसार नहीं बनाने एवं इनमें से कुछ निर्माण कार्य अब तक आरंभ नहीं होने के लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार हैं? उन पर कब तक अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो स्वीकृत फोरलेन निर्माण फण्ड की कितनी राशि शेष या लैप्स हुई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) मार्गवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। फोरलेन सड़क के लिए मापदण्ड एम.ओ.आर.टी.एण्ड एच. एवं आय.आर.सी. के द्वारा जारी किये गये है। जी हाँ। मार्गों में सेंट्रल लाईटिंग का कार्य स्थल आवश्यकतानुसार शामिल है एवं म.प्र. सड़क विकास निगम लि. के अंतर्गत विगत तीन वर्षा में खंडवा जिले के अंतर्गत खंडवा-देडतलई-बुरहानपुर मार्ग के उन्नयन का कार्य किया गया है, जिसमें से खंडवा शहर मार्ग के कि.मी. 0+000 से 3+760 कि.मी. मार्ग को फोरलेन बनाने का प्रावधान है, फोरलेन सड़क निर्माण में मानक अनुसार सड़क की कुल चौड़ाई 7.5 मीटर-7.5 मीटर दोनों ओर केरिज वे, 1.2 मी. मीडियन, 1.5 मीटर- 1.5 मीटर दोनों ओर फूटपाथ एवं दोनों ओर साईड ड्रैन्स देने का मापदण्ड है। सेन्ट्रल लाइटिंग का कार्य खंडवा देडतलई मार्ग के अनुबंध में शामिल नहीं है। (ख) जी हाँ, विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। खंडवा-देडतलई मार्ग के इंदिरा चौक से राम नगर तक 0 से 3+760 तक का कार्य फोरलेन बनाने हेतु स्वीकृत है। कार्य के दौरान खंडवा शहर में उपलब्ध चौड़ाई में मार्ग का चौड़ीकरण किया गया है। जो निम्नानुसार हैः- प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटवाने के पश्चात उपलब्ध कराई भूमि पर चैनेज 0+00 से 0+250 तक 10 मी. चौड़ाई, चैनेज 0+250 से 1+200 तक औसत 15 मी. चौड़ाई, चैनेज 1+200 से 3+7600 तक फोरलेन चौड़ाई में कार्य किया गया। जनता द्वारा किए गए अतिक्रमण एवं मंदिर विस्थापन विरोध के कारण, प्रशासन के सहयोग से उपलब्ध करवाई गई जगह में ही सड़क चौड़ीकरण फोरलेन का कार्य किया गया है। (ग) स्वीकृत निर्माण कार्यों में कोई फेरबदल नहीं किया गया है, एवं म.प्र. सड़क विकास निगम लि. के अंतर्गत निर्मित सड़कों में फेरबदल कार्य की आवश्यकतानुसार एवं जन प्रतिनिधियों के सुझावों को ध्यान में रखते हुये विभाग द्वारा नियुक्त स्वंतत्र सलाहकार मेसर्स लॉयन इंजीनियरिंग कंसल्टेन्टस प्रा. लि. की रिपोर्ट के आधार पर निगम के अधिकारियों के अनुमोदन से किये जाते है। (घ) सड़क निर्माण कार्य स्वीकृत प्रावधानों अनुसार प्रगतिरत है, एवं म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत प्रश्नांश 'ख' में उल्लेखित इंदिरा चौक से राम नगर मार्ग म.प्र. सड़क विकास निगम के अधिपत्य में है जिसका निर्माण कार्य बी.ओ.टी. योजना के अंतर्गत उपलब्ध चौड़ाई में मार्ग का निर्माण किया गया प्रशासन के सहयोग से जितना अतिक्रमण हट सका एवं उपलब्ध भूमि में प्रश्न के ‘ख’ के उत्तर में दर्शित चौड़ाई में कार्य किया गया। कोई अधिकारी दोषी नहीं है। अतः कार्यवाही का प्रश्न नहीं है। यह मार्ग बी.ओ.टी. परियोजना में है जिन हिस्सों में फोरलेन नहीं किया जा सका उसमें चेंज ऑफ स्कोप के प्रावधान के अन्तर्गत कार्यवाही की जावेगी। कोई राशि लैप्स होने का प्रश्न नहीं है।
शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार प्रदाय
3. ( क्र. 341 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार दिलाने संबंधी तथा गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को उद्योग धंधे स्थापित करने के संबंध में शासन की क्या योजना है? (ख) क्या धार जिले में जिला उद्योग को जिले की प्रत्येक तहसील में इन गतिविधियों के क्रियान्वयन हेतु कोई लक्ष्य दिया जाता है? यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक जिले में इस गतिविधि के लिये कितना-कितना लक्ष्य प्रदान किया गया? (ग) क्या इन गतिविधियों के लिये विभाग द्वारा लक्ष्यपूर्ति की जा सकी? यदि नहीं, तो यह लक्ष्य पूर्ति न होने के क्या कारण हैं? (घ) क्या हितग्राहियों के प्रकरण पंजीयन क्रमानुसार प्राथमिकता के आधार पर स्वीकृत किये जाने के नियम हैं? यदि हाँ, तो क्या इसका पालन धार जिले के उद्योग केंद्र में किया जा रहा है? यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक पंजीकृत प्रकरण एवं स्वीकृत प्रकरण की जानकारी तिथिवार प्रस्तुत करें? यदि पालन नहीं हुआ तो क्यों? कारण सहित बतावें।
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) विभाग द्वारा निम्न योजनाएं संचालित हैं - 1. मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना 2. मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना 3. प्रधानमंत्री सृजन कार्यक्रम योजना (ख) जी हाँ। जानकारी निम्नानुसार है-
क्रमांक |
वर्ष |
प्राप्त लक्ष्य |
1 |
2013-14 |
1925 |
2 |
2014-15 |
686 |
3 |
2015-16 |
761 |
(ग) वर्ष 2013-14 में लक्ष्य की, हितग्राही द्वारा बैंक की औपचारिकता समयावधि में पूर्ण न करने, योजना लाभप्रद न होने से पूर्ति नहीं हो सकी एवं वर्ष 2015-16 में लक्ष्य अनुरूप स्वीकृति 31 मार्च, 2016 तक प्राप्त कर ली जाएगी। (घ) जी हाँ। समस्त प्रकरण पंजीयन अनुसार टास्क फोर्स कमेटी के समक्ष रखे जाते हैं। कमेटी द्वारा प्रकरणों का गुणदोष के आधार पर निराकरण कर बैंकों को प्रेषित किया जाता है। वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मार्गों के मरम्मत कार्य
4. ( क्र. 562 ) श्री ओम प्रकाश धुर्वे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला डिण्डोरी के अंतर्गत सब डिवीजन क्रं. 1 एवं क्र. 2 में वर्ष 2013, 14, 15 में किन-किन मार्गों का, कितने कि.मी, किनके द्वारा मरम्मत कार्य कराया गया? (ख) क्या ठेकेदार द्वारा निर्धारित कि.मी. तक पूरा कार्य मरम्मत का किया गया, यदि नहीं, किया गया तो इस स्थिति में किन-किन ठेकेदारों के ऊपर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) जिला डिण्डोरी में ध्वस्त रोड़, A.R मद से वर्ष 2013, 14, 15 में किन-किन मार्गों का निर्माण किन-किन ठेकेदारों के माध्यम से कराया गया, लागत सहित बतावें? (घ) क्या उक्त मार्गों का कार्य समय-सीमा में ठेकेदारों द्वारा कराया गया? यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) एवं (ख) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'ब' अनुसार है।
ओवर ब्रिज का निर्माण
5. ( क्र. 1271 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्थ 2016 के मद्देनज़र हीरा मिल से घासमण्डी चौराहा को जोड़ने वाले जीरो पाईंट ओवर ब्रिज, हरिफाटक ओवर ब्रिज के निर्माण के संबंध में की गई संपूर्ण कार्यवाही, निविदा विज्ञप्ति, अनुबंध प्राप्त निविदाएं, उपरोक्त संबंध में किन-किन की शिकायतें प्राप्त हुई आदि की जानकारी देते हुए उक्त निर्माण कार्य कब तक पूर्ण होना था? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार अनुबंध में उल्लेखित निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं होने के लिये कौन दोषी है? दोषी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन कार्यों के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। पुल निर्माण कार्य संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कोई भी दोषी नहीं है। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
नवीन पुल का निर्माण
6. ( क्र. 1497 ) श्री
दुर्गालाल
विजय : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
श्योपुर
विधानसभा क्षेत्रांतर्गत
ग्राम
नयागाँव-शाहपुरा
के मध्य से
गुजर रही गहरी
सीप नदी के
दाहिने एवं
बांयी ओर
कराहल एव श्योपुर
तहसील के
दर्जनों
ग्राम बसे हैं? इनमें
निवासरत
नागरिकों को दोनों
ओर विद्यमान
ग्रामों में
जाने आने हेतु
पुल के अभाव
में अब तक 30 से 50
कि.मी. की दूरी
सड़क मार्ग से
तय करना पड़ती
है? (ख)
यदि हाँ,
तो
क्या शासन
जनहित एवं
नागरिकों की
सुविधा के मद्देनजर
उक्त
ग्रामों के
मध्य सीप नदी
पर नवीन पुल
का निर्माण
कराने पर गंभीरता
से विचार
करेगा तथा इस
कार्य को वर्ष
2016-17 के
बजट में शामिल
कर इसकी डी.पी.आर.
तैयार कराने
उपरांत शीघ्र
स्वीकृति
प्रदान करेगा? यदि
नहीं, तो
क्यों?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
सरताज सिंह ) : (क) जी
हाँ। जी हाँ, 22 से 38
कि.मी. दूरी तय
करनी पड़ती है।
(ख) शासन की
प्राथमिकता
सूची में नहीं
है, वर्तमान
में बताना
संभव नहीं है।
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
उद्योग विभाग में संचालित योजनाओं की स्थिति
7. ( क्र. 1498 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) श्योपुर जिले में वर्ष, 2014-15, 2015-16 में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, प्रधानमंत्री सृजन कार्यक्रम योजनान्तर्गत बेरोजगारों से ऋण स्वीकृति/प्राप्त हेतु कितने आवेदन उद्योग विभाग को प्राप्त हुए इन योजनाओं का निर्धारित लक्ष्य क्या हैं के मद्देनजर कितने-कितने प्रकरण विभाग ने स्वीकृत कर ऋण वितरण हेतु किन-किन बैंको में भेजे जानकारी वर्ष/योजना/बैंकवार बतावें? (ख) उक्त भेजे गये प्रकरणों को उक्त बैंको से ऋण प्रकरण स्वीकृत कराकर बेरोजगार को ऋण वितरण कराने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या विभागीय अमले व उक्त बैंको की उदासीनता के कारण जिले में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में 72, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना में 3 एवं प्रधानमंत्री सृजन कार्यक्रम योजना में 4 बेरोगारों को ही ऋण मिल पाया नतीजन लक्ष्य प्राप्ति नहीं हो पाई व बेरोजगारों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा हैं यदि हाँ, तो इस हेतु शासन क्या कार्यवाही करेगा? (घ) क्या अब शासन जिले में उक्त योजनाओं में लक्ष्य प्राप्ति एवं बेरोजगारों को लाभान्वित करने हेतु स्वयं अपने स्तर से अथवा जिला कलेक्टर के माध्यम से त्वरित उचित कार्यवाही करवाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ऋण प्रकरणों में स्वीकृति के संबंध में बैंक शाखाओं से निरन्तर सम्पर्क किया गया तथा खंड स्तरीय बी.एल.बी.सी. की बैठकों में एवं समय-समय पर भी बैंक शाखावार ऋण प्रकरणों की समीक्षा करवाकर अधिक से अधिक ऋण प्रकरणों में स्वीकृति उपरांत ऋण वितरण हेतु प्रयास किये गये। (ग) से (घ) जी नहीं। जानकारी निम्नानुसार है:-
क्रं. |
योजना का नाम |
वर्ष 2014-15 |
वर्ष 2015-16 |
1 |
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना |
191 |
110 |
2 |
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना |
10 |
04 |
3 |
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम |
07 |
05 |
वर्ष 2014-15 में बैंक शाखाओं द्वारा मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना में शासन से प्राप्त निर्धारित लक्ष्य के अनुसार शत्-प्रतिशत लक्ष्यपूर्ति की गई। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत आवेदक द्वारा बैंक की औपचारिकता पूर्ण नहीं करने, समयावधि में प्रशिक्षण प्राप्त नहीं करने, चयनित कार्यस्थल लाभप्रद नहीं होना एवं आवेदकों के पास कार्यस्थल नहीं होने आदि से स्वीकृत प्रकरण के विरूद्ध वितरण नहीं हो पाया। वर्ष 2015-16 में माह मार्च 2016 तक उपरोक्त सभी योजनाओं में लक्ष्य अनुरूप कार्यवाही प्रचलित हैं।अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रोड निर्माण में की गई अनियमितता
8. ( क्र. 1692 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परासिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत परासिया से बरेठा मार्ग का निर्माण दिलीप बिल्डकॉन कंपनी, भोपाल द्वारा किया जा रहा है एवं वह गुणवत्ताहीन है, जिसमें अनेकों अनियमितता है, फिर भी एम.पी.आर.डी.सी. के अधिकारियों द्वारा अनियमितताओं की अनदेखी कर कोई उचित कार्यवाही नहीं की गई क्यों? क्या रोड की अनियमितता के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा जिला कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) परासिया को अनेकों पत्र प्रेषित किए गये? क्या रोड निर्माण की उच्चस्तरीय कमेटी द्वारा जाँच कराई जायेगी? (ख) क्या दिलीप बिल्डकॉन कंपनी, भोपाल द्वारा उक्त मार्ग का निर्माण कार्य पूर्ण किए बिना ही टोल नाकों को आरम्भ कर दिया गया? क्या यह उचित है? जबकि उक्त निर्माण में नाली निर्माण कार्य, अनेकों स्थान पर रोड निर्माण, दिशा संकेत आदि कार्य अपूर्ण है? जिसके कारण लगभग पाँच दुर्घटना भी घट चुकी है? टोल टैक्स नाका प्रारंभ किए जाने के संबंध में शासन के क्या दिशा निर्देश (नियमावली) हैं, उपलब्ध करायें? (ग) क्या दिलीप बिल्डकॉन कंपनी, भोपाल द्वारा उक्त मार्ग के निर्माण करते समय अनेकों जगह पी.एच.ई. विभाग द्वारा बिछाई गई पाईप लाईनों को सड़क के नीचे दबा दिया गया? जिससे भविष्य में आकस्मिक टूट-फूट सुधार कार्य किया जाना असंभव हो जायेगा? ग्राम इकलहरा से जुन्नारदेव तक पाईप लाईन क्षतिग्रस्त की गई, जिसका दिलीप बिल्डकॉन कंपनी, भोपाल द्वारा कोई मुआवजा क्यों नहीं प्रदान किया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। बैतूल सारनी परासिया मार्ग का निर्माण कार्य मेसर्स दिलीप बिल्डकॉन द्वारा किया गया है। जी नहीं। जी नहीं। मार्ग का निर्माण कार्य स्वतंत्र इंजीनियर की देख-रेख में मानक अनुसार है। अत: कार्यवाही का प्रश्न नहीं है। माननीय विधायक के कार्य निर्माण के दौरान जो पत्र एवं सुझाव मिले उनका स्वतंत्र सलाहकार के माध्यम से निवेशकर्ता से पालन कराया गया है। अत: जाँच का प्रश्न ही नहीं है। (ख) जी नहीं। अनुबंध की शर्तों के अनुसार ही टोल नाके प्रारंभ किये गये है। अनुबंधानुसार नाली निर्माण कार्य पूर्ण कराया गया है। आई.आर.सी. के मानक अनुसार ही दिशा संकेतक लगाये गये है। मार्ग के कि.मी. 75+500 से कि.मी. 80+280 कुल लंबाई 4.78 कि.मी. में सतपुडा पैच कॉरिडोर होने के कारण कार्य नहीं कराया जा सका। उक्त हिस्से में निर्माण कार्य की अनुमति नेशनल बोर्ड ऑफ वाइल्ड लाइफ से अपेक्षित है। अनुमति पश्चात कार्य कराया जायेगा। निगम कार्यालय में दुघर्टना बाबत् कोई सूचना निवेशकर्ता से प्राप्त नहीं है। टोल प्रारंभ किये जाने के दिशा निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। जी नहीं। निर्माण कार्य के दौरान ग्राम इकलहरा में जो पाईप लाईन क्षतिग्रस्त हुई थी जिसके सुधार हेतु ग्राम पंचायत इकलहरा की मांग अनुसार राशि रू. 263900/- का भुगतान निवेशकर्ता एजेन्सी द्वारा संबंधित ग्राम पंचायत को किया गया।
पानसेमल में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान का संचालन
9. ( क्र. 1893 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले में कहाँ-कहाँ औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान संचालित हो रहे हैं और इन संस्थाओं में कितने प्रशिक्षणार्थी हैं, संस्थावार जानकारी दें? (ख) क्या पानसेमल में उक्त संस्था की शुरूआत हो गई है? यदि हाँ, तो इसके भवन की क्या स्थिति है? क्या भवन निर्माण हेतु राशि की उपलब्धता के बावजूद उचित स्थान का चयन नहीं होने के कारण भवन निर्मित नहीं हो पाया है? (ग) कब तक सही स्थान का चयन कर I.T.I. का भवन निर्मित कर दिया जायेगा, समय-सीमा स्पष्ट करें?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी निम्नानुसार हैं-
क्रमांक |
संस्था का नाम |
प्रशिक्षणार्थियों की संख्या |
1 |
शासकीय आई.टी.आई. बड़वानी |
101 |
2 |
शासकीय आई.टी.आई. निवाली |
225 |
3 |
शासकीय आई.टी.आई. पाटी |
147 |
4 |
शासकीय आई.टी.आई. राजपुर |
21 |
5 |
शासकीय आई.टी.आई. सेंधवा |
20 |
6 |
शासकीय आई.टी.आई. ठीकरी |
17 |
7 |
शासकीय आई.टी.आई. पानसेमल |
19 |
8 |
योगेश्वर निजी आई.टी.आई. बड़वानी |
120 |
(ख) जी
हाँ। शासकीय
औद्योगिक
संस्था
पानसेमल
अगस्त 2015 से
किराये के भवन
में संचालित
है। जी नहीं। (ग)
भवन निर्माण
हेतु स्थान का
चयन किया जा
चुका हैं।
अनुबंध
अनुसार भवन
निर्माण
पूर्ण होने की
अनुमानित तिथि
30/05/2017
हैं।
कराये गये मेंन्टेनेंस की जानकारी
10. ( क्र. 1947 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर संभाग में म.प्र. रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन के साथ हुये अनुबंधों के आधार पर किस-किस स्थान पर कितने किलोमीटर लंबे बी.ओ.टी. के प्रोजेक्ट प्रश्न तिथि तक चल रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्थानों पर एम.पी.आर.डी.सी. के साथ किन-किन निजी कंपनियों के द्वारा सड़कों के मेंटेनेंस हेतु क्या-क्या अनुबंध किये हैं? सड़कों का मेंटेनेंस कब-कब तयशुदा समय-सीमा में कराया जाना अत्यावश्यक है? कब-कब, किस रोड का मेंटेनेंस कराया गया? (ग) क्या राज्य शासन द्वारा प्रदेश की आम जनता को सड़क मार्ग से अच्छे आवागमन हेतु इन बी.ओ.टी. के मार्गों को बनवाया है? अगर हाँ तो बी.ओ.टी. के मार्गों का मेंटेनेंस उक्त कंपनियों के द्वारा अनुबंधों के आधार पर समय-समय पर न करने पर सभी मार्गों में सड़कों के खराब हो जाने पर आमजन को बेहद तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है? (घ) क्या अनुबंध के आधार पर बी.ओ.टी. कंपनियों को मेंटेनेंस के कार्य समय-समय पर नहीं करने पर पेनाल्टी निर्धारित की जाती है? 1.4.2010 से 31.3.2013 तक किस-किस कंपनी पर कितनी पेनाल्टी रख-रखाव नहीं करने पर ली गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ“ अनुसार है। (ख) बी.ओ.टी. योजना के अंतर्गत सड़कों का मेंटेनेंस कार्य निवेशकर्ता द्वारा कराया जाता है। सड़कों के मेंटेनेंस हेतु किये गये अनुबंध की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है, जिसके अंतर्गत मेंटेनेंस कब-कब कराया जाना आवश्यक है उल्लेख है, तदानुसार ही कम्पनी द्वारा मेन्टेनेन्स का कार्य किया जाता है। (ग) जी हाँ, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ“ में सम्मिलित बी.ओ.टी. की आठ सड़कों के मार्गों का कम्पनीयों द्वारा अनुबंध अनुसार समय-समय पर सतत् रूप से मेंटेनेंस कार्य किया जा रहा है। (घ) जी हाँ। निवेशकर्ता द्वारा मेंटेनेंस किया गया है। मात्र एक कंपनी मेसर्स के.टी. हाइवे प्रा.लि. से पेनाल्टी के रूप में रू. 1.5 लाख की वसूली की गई।
उज्जैन में सड़कों का मेंटेनेंस
11. ( क्र. 1949 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में म.प्र. रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन के साथ हुये अनुबंधों के आधार पर किस-किस स्थान पर कितने किलोमीटर लंबे बी.ओ.टी. के प्रोजेक्ट प्रश्न तिथि तक चल रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्थानों पर एम.पी.आर.डी.सी. के साथ किन-किन निजी कंपनियों के द्वारा सड़कों के मेंटेनेंस हेतु क्या-क्या अनुबंध किये हैं? सड़कों का मेंटेनेंस कब-कब तयशुदा समय-सीमा में कराया जाना अत्यावश्यक है? कब-कब, किस रोड का मेंटेनेंस कराया गया? (ग) क्या राज्य शासन द्वारा प्रदेश की आम जनता को सड़क मार्ग से अच्छे आवागमन हेतु इन बी.ओ.टी. के मार्गों को बनवाया है? अगर हाँ तो बी.ओ.टी. के मार्गों का मेंटेनेंस उक्त कंपनियों के द्वारा अनुबंधों के आधार पर समय-समय पर न करने पर सभी मार्गों में सड़कों के खराब हो जाने पर आमजन को बेहद तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है? (घ) क्या अनुबंध के आधार पर बी.ओ.टी. कंपनियों को मेंटेनेंस के कार्य समय-समय पर नहीं करने पर पेनाल्टी निर्धारित की जाती है? 1.4.2010 से 31.3.2013 तक किस-किस कंपनी पर कितनी पेनाल्टी रख-रखाव नहीं करने पर ली गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सड़कों के मेन्टेनेंस का दायित्व निवेशकर्ता कम्पनी का है। सड़कों के मेन्टेनेंस अनुबंध में शेड्यूल-के एवं शेड्यूल-एम में दिये गये प्रावधान आपरेशन/मेंटेनेंस के अनुसार कराया जाना आवश्यक है। मेंटेनेंस कार्य निवेशकर्ता कंपनी द्वारा एक निरंतर प्रक्रिया के तहत वर्षभर किया जाता है। (ग) जी हाँ। निवेशकर्ता कंपनी के द्वारा अनुबंधानुसार सड़कों का मेंटेनेंस सतत् रूप से समय-समय पर कराया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। निवेशकर्ता द्वारा मेंटनेंस का कार्य कराया गया है अत: पेनाल्टी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन ग्रामों का विस्थापन
12. ( क्र. 2244 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद जिले के अंतर्गत सतपुड़ा टाईगर रिजर्व अंतर्गत कितने ग्रामों का विस्थापन किया गया है तथा कितने ग्राम विस्थापन हेतु शेष है? ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें? (ख) जिन ग्रामों का विस्थापन किया जा चुका है उन्हें पूर्व में किस-किस प्रावधान तथा सुविधाओं के अनुसार विस्थापित किया गया है और शेष विस्थापन होना है वह किन-किन प्रावधानों से किया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या विस्थापन विकल्प 2 (जमीन एवं पैसा दोनों) के अनुसार किया जा रहा है? यदि हाँ, कब तक और नहीं तो लंबित रहने का कारण बतायें? विस्थापन का कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (घ) पूर्व में जिन ग्रामों का विस्थापन हो चुका है उनमें मूलभूत सुविधायें उपलब्ध जैसे पेयजल, सड़क, बिजली, स्कूल इत्यादि का विकास हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नांकित जिले के अंतर्गत 37 ग्रामों एवं उनके टोलों का विस्थापन किया गया है तथा 20 ग्राम विस्थापन हेतु शेष हैं। विस्थापित ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' तथा विस्थापन हेतु शेष ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) विभागीय दिशा निर्देश में निहित प्रावधानों के अनुसार एवं ग्रामीणों द्वारा स्वेच्छा से विकल्प का चयन कर, उनकी ग्राम पंचायत की ग्रामसभा से प्रस्ताव पारित करने पर विकल्प-। (10 लाख रूपये नगद राशि देकर) एवं विकल्प-।। (02 हेक्टेयर भूमि देकर वन विभाग द्वारा व्यवस्थापन) के अनुसार विस्थापन किया गया है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में शेष 20 ग्रामों का विस्थापन भी विकल्प-। एवं विकल्प-।। के अंतर्गत हितग्राहियों द्वारा चयनित विकल्प के अनुसार ही किया जावेगा। विभागीय दिशा निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) जी नहीं। विस्थापन विकल्प-।। में नगद राशि दिये जाने का प्रावधान नहीं है। इस विकल्प में विस्थापितों को 2 हेक्टेयर कृषि भूमि देकर विभाग द्वारा विस्थापित किये जाने का प्रावधान है। विस्थापन ग्रामीणों की सहमति से चुने गये विकल्प एवं इस कार्य हेतु भारत सरकार एवं/अथवा राज्य शासन द्वारा बजट की उपलब्धता पर निर्भर है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) विकल्प-। के अनुसार ग्रामवासी रूपये 10 लाख प्रति परिवार को राशि लेकर स्वयं विस्थापित होते है, जिसमें विभाग द्वारा मूलभूत सूविधायें उपलब्ध कराने का प्रावधान नहीं है। विकल्प-।। के अनुसार जिन ग्रामवासियों को वन विभाग द्वारा भूमि देकर विस्थापित किया गया है, उन्हें वन विभाग द्वारा नियमानुसार मूलभूत सूविधायें जैसे पेयजल, सड़क, बिजली स्कूल इत्यादि विकल्प के अंतर्गत उपलब्ध राशि से निर्मित की जा रही है।
मंदिरों की स्थिति के संदर्भ में
13. ( क्र. 2357 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने मठ/मंदिर है जिनके ट्रस्ट बने हुए हैं वर्तमान में ट्रस्ट की जानकारी नाम/पता व गठन का दिनांक, उपलब्ध भूमि, ट्रस्ट के सदस्यों की नामवार पता सहित जानकारी देवें? ट्रस्ट की सम्पत्ति गठन के समय क्या थी और प्रश्न दिनांक तक क्या है? (ख) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र में कितने मंदिर है जहां पर खेती एवं दान से विगत 5 वर्षों में प्राप्त आय की जानकारी तथा प्रत्येक वर्ष की पृथक-पृथक जानकारी एवं प्राप्त आय से मंदिरों के जीर्णोद्धार पर किये गये खर्च की जानकारी ग्राम एवं मंदिरों के नाम सहित बतावें? (ग) उदयपुरा वि.स. क्षेत्र के छींद स्थित हनुमान मंदिर पर हजारों की संख्या में दर्शनार्थी आते है? यदि हाँ, तो यहां का आय-व्यय का ब्यौरा देवें? क्या छिन्द मंदिर अशासकीय ट्रस्ट बनवाने हेतु शासन की कोई योजना है?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मण्डला जिले के औद्योगिक क्षेत्र केन्द्र मनेरी में इकाईयों को भूमि आवंटन
14. ( क्र. 2507 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मण्डला जिले के औद्योगिक विकास केन्द्र मनेरी में प्रारंभ से लेकर प्रश्न दिनांक तक कितने और कौन-कौन सी कैसी इकाईयों को जमीन भूमि आवंटित की गई है? (ख) भूमि आवंटन की शर्तें क्या होती हैं, आवंटन शर्तों के अनुरूप उपयोग नहीं किये जाने वाली इकाई कितनी है, आवंटन शर्तों के अधीन ऐसी कितनी इकाईयां हैं, जिनका चिन्हांकन किया गया है? चिन्हांकन पश्चात कितनी इकाईयों पर अभी तक क्या कार्यवाही निरस्तीकरण नोटिस की गई है तथा कितनी इकाईयों का भूमि आवंटन निरस्त किया गया है? (ग) जमीन आंवटन का निरस्तीकरण उपरांत कितनी इकाईयों की जमीन और कितना रकबा या क्षेत्रफल पर कब्जा प्राप्त कर लिया गया है?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भूमि आवंटन की शर्तें समय-समय पर लागू भूमि आवंटन नियम अनुसार होती है। वर्तमान में भूमि आवंटन ''म.प्र. राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2015'' द्वारा निर्धारित शर्तों के अधीन किया जा रहा है। आवंटन शर्तों के अनुरूप भूमि का उपयोग नहीं किये जाने वाली 710 इकाईयों का वर्तमान तक चिन्हांकन किया जाकर 706 प्रकरणों में भूखण्डों का निरस्तीकरण किया गया है तथा 02 इकाईयों को भूखण्ड निरस्तीकरण हेतु नोटिस जारी किये गये हैं एवं 02 इकाईयों के प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। (ग) भूमि आवंटन के निरस्तीकरण उपरांत 699 इकाईयों की 8,87,500 वर्गमीटर भूमि का कब्जा वापिस लिया गया है।
लक्ष्मणबाग संस्थान में महन्त की नियुक्ति
15. ( क्र. 2581 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रीवा जिला अंतर्गत लक्ष्मणबाग संस्थान में पदस्थ महन्त को किन कारणों से कब हटाया गया था? क्या संस्थान में किसी दूसरे महन्त की नियुक्ति वर्तमान में की गई है? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के ही संदर्भ में क्या इस संस्थान की भूमियों को मूल स्वरूप से बदलकर कुछ अन्य कार्य किये जा रहे है? यदि हाँ, तो क्या काम किये जा रहे है और क्यों? क्या संस्थान के संविधान के अनुरूप यह नियम है? यदि हाँ, तो क्या इसकी अनुमति ली गई है?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) विभागीय आदेश क्रमांक एफ 7-50/2001/छ: भोपाल दिनांक 18.1.2005 द्वारा लक्ष्मणबाग संस्थान के महंत श्री हरिवंशाचार्य को संस्थान में घोर आर्थिक एवं अन्य अनियमितता/पद के दुरूपयोग किये जाने के कारण महंत पद से हटाया गया है। अन्य महंत की नियुक्ति नहीं की गई है। महंत द्वारा मान. उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका डब्ल्यू.पी. 229/09 प्रस्तुत की है जो विचाराधीन है। मान. उच्च न्यायालय के निर्णय अनुसार कार्यवाही की जावेगी निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं।
बंद उद्योगों पर लीज निरस्ती की कार्यवाही
16. ( क्र. 2638 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला उद्योग केन्द्र खरगोन में वर्तमान दिनांक तक कितने उद्योग पंजीकृत है? विगत 3 वर्षों में कितने उद्योग मुख्यमंत्री रोजगार योजनान्तर्गत पंजीकृत हुए? (ख) जिला केन्द्र द्वारा क्षेत्र अंतर्गत कितने उद्योगों की लीज पर प्रदत्त भूमि को कार्य बंद होने/अप्रारंभ होने के कारण लीज निरस्त की गई है?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) 2936 उद्योग पंजीकृत हैं। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना दिनांक 01 अगस्त, 2014 से प्रारंभ हुई है। इस योजना अन्तर्गत वर्ष 2014-15 में 16 एवं 2015-16 में 18 कुल 34 उद्योग पंजीकृत हुए हैं। (ख) 39 इकाईयों की।
नृसिंह मंदिर परिसर की भूमि पर अतिक्रमण
17. ( क्र. 2764 ) श्री गोपाल परमार : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आगर नगर में नृसिंह मंदिर परिसर छावनी की कितनी जमीन है जानकारी देवें? (ख) क्या नृसिंह मंदिर की जमीन शासकीय अभिलेख व नगर पालिका अभिलेख के अनुसार उक्त जमीन पर अतिक्रमण किया गया है यदि हाँ, तो किनके द्वारा नाम सूची देवें? (ग) क्या राजस्व अधिकारी द्वारा न.पा. की टीम सहित अतिक्रमण तोड़ा गया था यदि हाँ, तो उक्त भूमि पर फिर से गलत जगह का पट्टा बताकर अतिक्रमण मेन रोड के पास कर लिया गया है उस अतिक्रमण को हटाने की कार्यवाही करेंगे तो कब तक क्या उक्त पट्टे का गलत तरीके से उपयोग करने के कारण पट्टा निरस्त किया जायगा तो कब तक? (घ) उक्त मंदिर की आंवटित भूमि से कब तक अतिक्रमण हटाया जावेगा समय-सीमा बतावे यदि अतिक्रमण नहीं हटाया जाता है तो उसके लिये कौन अधिकारी जिम्मेदार है शासन क्या कार्यवाही करेगा?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) आगर नगर में श्री नृसिंह मंदिर परिसर छावनी के नाम से जमीन नहीं है। जी नहीं। (ख) श्री नृसिंह मंदिर शासकीय भूमि सर्वे नंबर 154 रकवा 0.188 हे. में बना है, जो राजस्व अभिलेख में आबादी दर्ज है। खसरे के कालम नंबर 12 में दर्ज है। इस पर अतिक्रमण नहीं है। (ग) सर्वे क्रमांक 154 से लगकर भूमि सर्वे क्रमांक 157 रकवा 1.107 नोईयत आबादी नजूल भूमि दर्ज है जिसमें क्रमश: राजेन्द्र भूरे एवं मदन नाम के व्यक्ति को राजीव गांधी आश्रय योजना का आवासीय पट्टा जारी किया गया था जिसमें राजेन्द्र भूरे द्वारा आवंटित भूमि 795 वर्ग फीट से अधिक भूमि पर निर्माण कार्य किये जाने के फलस्वरूप अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही तहसील एवं नगरपालिका कार्यालय के अमलों द्वारा किये जाने से व्यथित होकर राजेन्द्र भूरे ने व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 आगर न्यायालय में प्रकरण क्रमांक 26-ए/2015 दर्ज होकर वर्तमान में प्रचलित है। (घ) प्रकरण वर्तमान में सिविल न्यायालय में विचाराधीन है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रदेश में प्रतिभाशाली खिलाडि़यों को रोजगार
18. ( क्र. 2920 ) श्री राजेश सोनकर : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश द्वारा 6 वर्षों में कितने खिलाडि़यों को विक्रम अवार्ड, एकलव्य अवार्ड व अन्य खेल अवार्डों से कब-कब व किन-किन खिलाडि़यों को सम्मानित किया, वर्षवार जिला सहित नामों की सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिला/संभाग इंदौर में कितने प्रतिभाशाली खिलाडि़यों को शासन द्वारा शासकीय विभागों में कब-कब, कहाँ-कहाँ पर नौकरियां दी गईं? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा खेलों को एवं खिलाडि़यों को प्रोत्साहित करने हेतु प्रतिभाशाली खिलाडि़यों को रोजगार देने हेतु शासकीय विभागों/प्राइवेट संस्थानों में नौकरी दिलाने के लिए क्या प्रयास किये जा रहे हैं? क्या कई खिलाड़ी राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं एवं अन्य प्रतियोगिताओं में शामिल होने के बावजूद भी निम्न शैक्षणिक योग्यता होने से आज भी बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में कितने खिलाड़ी आज दिनांक तक प्रदेश एवं देश का नाम राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रोशन करने के बाद भी आज तक बेरोजगार हैं? क्या शासन इन खिलाडि़यों को जल्द ही शासकीय विभागों/ अर्द्धशासकीय विभाग, प्राइवेट कम्पनियों में प्राथमिकता से रोजगार दिलाने का प्रयास करेगा? यदि हाँ, तो कब तक खिलाडियों को रोजगार प्राप्त हो सकेगा, समय-सीमा बतावें?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विगत 6 वर्षों में वर्ष 2010 से 2016 तक किसी भी खिलाड़ी को जिला/संभाग इंदौर में नियुक्ति प्रदान नहीं की गई है। वर्ष 2013 से 2015 तक जिन प्रतिभाशाली खिलाडि़यों को शासन द्वारा शासकीय विभागों में नियुक्ति हेतु अनुशंसा की गई है उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में म.प्र. सरकार द्वारा खेलों को एवं खिलाडि़यों को प्रोत्साहित करने हेतु खेल के उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर केवल विक्रम पुरस्कार प्राप्त खिलाड़ी को शासन द्वारा उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित किए जाने के पश्चात् नियमानुसार तृतीय/चतुर्थ श्रेणी में शासकीय सेवा में नियुक्ति प्रदान की जाती है तथा अन्य संस्थान भारत ओमान रिफाइनरीज़ लिमिटेड, बीना में खिलाडि़यों को रोजगार दिलाया गया है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में केवल विक्रम पुरस्कार अवार्डी को शासन द्वारा उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित किए जाने के पश्चात् नियमानुसार तृतीय/चतुर्थ श्रेणी में शासकीय सेवा में नियुक्ति प्रदान की जाती है। अतएव शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुरैना एवं श्योपुर जिले में पुलों की स्वीकृति उपरांत निर्माण
19. ( क्र. 3110 ) श्री रामनिवास रावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह जनवरी 2016 की स्थिति में जिला मुरैना एवं श्योपुर में किन-किन स्थानों पर कौन-कौन से पुलों एवं सड़क मार्गों का निर्माण का सर्वे कराकर डी.पी.आर. तैयार कराई गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किन-किन पुलों एवं सड़क मार्गों की डी.पी.आर. तैयार होने के पश्चात किन-किन पुलों एवं सड़क मार्गों को स्वीकृत किए जाने की कार्यवाही प्रचलन में हैं? उक्त पुल एवं सड़क मार्ग कौन-कौन सी योजना में बनाया जाना प्रस्तावित है? इनमें से किन-किन पुलों एवं सड़क मार्गों के निर्माण हेतु कितनी-कितनी राशि की प्रशासकीय स्वीकृति कब जारी की गई है? पुलों के नाम सहित बतावें? (ग) मुरैना सबलगढ़ मार्ग पर सिकरौदा के पास आसन नदी पर, नैपरी के पास क्वारी नदी एवं सबलगढ़ तहसील के अटारघाट, कैलारस तहसील के चंबल नदी पर सेवर घाट पर स्वीकृत किए गए पुल का निर्माण कार्य अभी तक पूर्ण/प्रारंभ न हो पाने के क्या कारण हैं? कब तक पुलों का निर्माण कार्य पूर्ण करा दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) पुल की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। इसके अतिरिक्त एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा सर्वे कराकर डी.पी.आर. तैयार करने संबंधी जानकारी निम्न है। (1) जिला मुरैना सिहोनिया बिचौली मार्ग (2) जिला श्योपुर टेंटरा विजयपुर धौवनी मार्ग। मार्गों की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश 'क' अनुसार निम्नानुसार सड़क मार्गों की डी.पी.आर. तैयार होने के पश्चात सड़क मार्गों का स्वीकृत किए जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। (1) जिला मुरैना सिहोनिया बिचौली मार्ग (2) जिला श्योपुर टेंटरा विजयपुर धौवनी मार्ग। उक्त सड़क मार्ग ए.डी.बी. पोषित योजना में बनाई जाना प्रस्तावित है। इसमें से किसी भी सड़क मार्ग निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' व 'ब' अनुसार है। (ग) मुरैना सबलगढ़ मार्ग पर सिकरौदा के पास आसन (सोन) नदी नेपरी के पास क्वारी नदी पर पुल निर्माण का कार्य अभी प्रारंभ न हो पाने का कारण निम्नानुसार है। पूर्व में उक्त निर्माण कार्य बी.ओ.टी. (टोल+एन्युटी) योजनांतर्गत परन्तु कंसेशनायर मेसर्स कानकास्ट मुरैना रोड प्रोजेक्ट प्रा.लि. कार्य की प्रगति अनुधानुसार न होने के कारण ठेका निरस्त कर दिया गया, तदोपरान्त निविदा आमंत्रण प्रक्रिया द्वारा नई एजेन्सी नियुक्त किया गया। साथ ही नैपरी के पास पुल एवं पहुंच मार्ग हेतु भू-अर्जन शेष होना था नई निर्माण एजेन्सी मेसर्स राजा कंस्ट्रक्शन प्रा.लि. को 2 वर्ष का समय निर्धारित किया गया अत: उक्त पुलों का निर्माण कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण कर लिया जावेगा। सबलगढ़ तहसील के अटारघाट में चंबल नदी पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण हेतु डी.पी.आर. परीक्षणाधीन है। वर्तमान में समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
सागर संभाग अंतर्गत अनुविभागीय अधिकारियों की पदस्थापना
20. ( क्र. 3235 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर संभाग के अंतर्गत कितने जिलों में भवन/सड़क उपसंभागों में प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी पदस्थ है? (ख) लोक निर्माण विभाग भवन/सड़क उपसंभाग सागर जिले के अंतर्गत कितने उपसंभागों में प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी कब से कार्यरत है? (ग) लोक निर्माण विभाग के भवन/सड़क उपसंभाग में यदि प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी पदस्थ है तो क्या विभाग के पास अनुविभागीय अधिकारियों की कमी है? (घ) यदि कमी नहीं है तो भवन/सड़क उप संभाग में वरिष्ठ उपयंत्री/उपयंत्री डिग्री होल्डर को पदस्थ करने का क्या कारण है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्नांश ‘ग’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय हाई स्कूल का निर्माण
21. ( क्र. 3236 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. 06 सागर द्वारा शासकीय हाई स्कूल भवन का निर्माण कार्य की निविदा कब जारी की गई थी? निविदा कार्य में नलकूप खनन/जल स्त्रोत का कार्य भी सम्मलित था? (ख) यदि निविदा कार्य में नलकूप खनन/जल स्त्रोत का कार्य सम्मलित था तो विभाग द्वारा इस कार्य पर कितनी राशि खर्च की एवं क्या-क्या कार्य कराये गये? (ग) क्या वर्तमान में उक्त जल स्त्रोत कार्य कर रहा है? यदि नहीं, तो क्यों कारण बतावें एवं शाला भवन में जल स्त्रोत की क्या व्यवस्था कब तक की जावेगी? (घ) क्या शाला भवन जल स्त्रोत के अभाव में लोकार्पण/स्कूल शिक्षा विभाग को सुपर्द नहीं किया जा पा रहा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. सागर द्वारा शासकीय हाई स्कूल भवन कनेरा नीखर की निविदा दिनांक 03.02.2011 को जारी की गई थी, निविदा कार्य में नलकूप खनन कार्य सम्मिलित था। (ख) जी हाँ राशि रूपये 201133/- खर्चे की गई, जिसमें ट्यूब वेल खनन, केसिंग डालने का कार्य एवं सबर्मसिबल पंप आदि शामिल थे। (ग) जी नहीं, वर्तमान में उक्त जल स्त्रोत कार्य नहीं कर रहा है, क्योंकि (1) बोर की केसिंग में पंप अटक जाने के कारण। (2) जल स्तर नीचे जाने के कारण। ठेकेदार के हर्जे-खर्चे पर शीघ्र ही नलकूप खनन का कार्य कराया जावेगा एवं ठेकेदार की जमा राशि से समायोजन कर कार्य कराया जावेंगा। (घ) जी हाँ, कार्य पूर्ण हो चुका एवं शिक्षा विभाग के साथ संयुक्त निरीक्षण न होने के कारण हस्तांतरित नहीं हो पा रहा है। जल स्त्रोत की व्यवस्था न होना भी हस्तांतरित नहीं होने का एक कारण है।
राजघाट नहर परियोजना के निर्माण हेतु
22. ( क्र. 3408 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दतिया जिले में राजघाट नहर परियोजना के निर्माणार्थ हेतु वन विभाग की 34.780 हेक्टेयर भूमि के बदले राजस्व की उतनी ही भूमि वन विभाग के पक्ष में हस्तांतरण कर नामांतरण कर दी गई है? (ख) क्या जल संसाधन विभाग ने क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण दाण्डिक वृक्षारोपण हेतु वर्ष 2013 में रूपये 20520000.00 वन विभाग के पास जमा कर दिये गये है? (ग) क्या इसके बावजूद वन विभाग द्वारा उपरोक्त भूमि जल संसाधन विभाग को नहीं सौंपी है, इससे एक तो परियोजना की लागत बढ़ गई है और दूसरे क्षेत्र के किसानों को अभी तक पानी प्राप्त नहीं हो सका? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) हाँ, में है तो इसके लिऐ कौन जिम्मेदार है और वन विभाग द्वारा कब तक भूमि हस्तांरण कर दी जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों और अभी तक इतनी बड़ी रकम एवं जमीन (राजस्व विभाग की ) वन विभाग के पास रखने का क्या औचित्य रहा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। जल संसाधन विभाग द्वारा समय-समय पर सैद्धान्तिक अनुमोदन के अनुपालन में जमा कराई गई राशियों का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। (ग) भारत सरकार द्वारा जारी सैद्धान्तिक अनुमोदन दिनांक 31.07.2007 में निर्धारित शर्तों का पूर्ण अनुपालन प्रतिवेदन भेजने पर भारत सरकार से औपचारिक अनुमोदन प्राप्त कर वनभूमि उपलब्ध कराई जा सकेगी। सैद्धान्तिक अनुमोदन दिनांक 31.07.2007 में निर्धारित शर्तों के आंशिक अनुपालन की शर्तवार स्थिति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) उत्तरांश ‘‘ग’’ के अनुसार भारत सरकार द्वारा दिये गये सैद्धान्तिक अनुमोदन की समस्त शर्तों के अनुपालन में प्रतिवेदन भारत सरकार को भेजकर औपचारिक अनुमोदन उपरांत ही वन भूमि का, हस्तांतरण तत्परता से जल संसाधन विभाग को किया जायेगा। स्वीकृति प्रक्रियाधीन होने से राजस्व भूमि व जमा राशियाँ वन विभाग में जमा रखी गई है।
राजमार्गों पर एमेनिटी सेन्टर (टोहास) विकसित करना
23. ( क्र. 3470 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार राज्य के राष्ट्रीय राजमार्गों व राज्य मार्गों व हाईवे एमेनिटी सेंटर (टोहास) विकसित किये जा रहे हैं, यदि हाँ, तो इन सेंटर्स पर क्या-क्या कार्य प्रस्तावित है? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित इन राजमार्ग पर कहाँ-कहाँ हाईवे एमेनिटी सेंटर (टोहास) कार्य पूर्ण हो चुका है व कौन सा कार्य अपूर्ण है? उक्त सेंटर्स कब तक कार्य करना प्रारंभ कर देंगे? (ग) क्या लेबड़-नयागांव फोरलेन पर भी हाईवे एमेनिटी सेंटर (टोहास) विकसित किया जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ पर, जानकारी देवें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। म.प्र. लोक निर्माण विभाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
लो.नि.वि. संभाग गुना के उपयंत्रियों को अतिरिक्त प्रभार
24. ( क्र. 3659 ) श्रीमती ममता मीना : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लो.नि.वि. संभाग गुना के अंतर्गत उपसंभागों में कितने-कितने उपयंत्री है किस उपयंत्री पर कौन-कौन से सेक्शन में किस-किस मार्ग एवं भवन का कार्यभार दे रखा है? (ख) क्या उपसंभाग गुना में सात उपयंत्री राघौगढ़ उपसंभाग में चार व चांचौड़ा उपसंभाग में एक उपयंत्री पदस्थ है? यदि हाँ, तो सबसे अधिक उपयंत्री उपसंभाग गुना में पदस्थ है? (ग) बतायें कि उपसंभाग राघौगढ़ में पदस्थ कनिष्ठ उपयंत्री श्री मनोज अग्रवाल को उपसंभाग गुना के अंतर्गत अतिरिक्त प्रभार फतेहगढ़ सेक्शन व हवाई पट्टी, गुना व प्रयोगशाला गुना का अतिरिक्त प्रभार किस नियम के तहत दिया गया है? (घ) क्या कनिष्ठ उपयंत्री से गुना उपसंभाग के कार्यों का अतिरिक्त प्रभार प्रयोगशाला गुना का प्रभार कब तक हटाया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) उपसंभाग गुना में 07, उपसंभाग राधौगढ़ में 05 एवं चांचौड़ा उपसंभाग में 01 उपयंत्री पदस्थ है। जी हाँ। (ग) 02 उपयंत्रियों के पदोन्नत हो जाने से प्रशासनिक कारणों से श्री मनोज अग्रवाल, उपयंत्री (राजपत्रित वर्ग-2) को फतेहगढ़/हवाई पट्टी का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया था एवं मण्डल कार्यालय में सहायक यंत्री/उपयंत्री राजपत्रित वर्ग-2 पदस्थ न होने से प्रशासनिक कारणों से प्रयोगशाला का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया था। (घ) कार्यपालन यंत्री, लो.नि.वि. गुना संभाग के आदेश क्रमांक 723-24 दिनांक 24/02/2015 द्वारा उपसंभाग के कार्य फतेहगढ़ सेक्सन एवं हवाई पट्टी सेक्सन का अतिरिक्त प्रभार हटा दिया गया है एवं अधीक्षण यंत्री, लो.नि.वि. मण्डल गुना के आदेश क्रमांक 478-79 दिनांक 24/02/2016 द्वारा प्रयोगशाला का प्रभार हटा दिया गया है।
निविदा स्वीकृत करने के अधिकार
25. ( क्र. 3660 ) श्रीमती ममता मीना : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लो.नि.वि. के नये निविदा फार्म में समयवृद्धि के अधिकार अधीक्षण यंत्री को है व लो.नि.वि.पी.आई.यू. में किसको है? नियम सहित बतावें? (ख) क्या यदि अतिरिक्त परियोजना संचालक लो.नि.वि.पी.आई.यू. को समय वृद्धि का अधिकार नहीं है तो किस नियम से समयवृद्धि की जा रही है? नियम विरूद्ध समयवृद्धि स्वीकृत करने पर शासन क्या कार्यवाही करेगा? (ग) लो.नि.वि. में निविदा स्वीकृति के अधिकार मुख्य अभियंता अधीक्षण यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री की तरह लो.नि.वि. पी.आई.यू. में पदवार क्यों नहीं है? एक जैसे नियम क्यों नहीं है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ, 30 दिन से अधिक विलंब पर समयवृद्धि स्वीकृत करने के अधिकार लोक निर्माण विभाग में अधीक्षण यंत्री को है एवं लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. में अधीक्षण यंत्री स्तर के अधिकारी संयुक्त परियोजना संचालक का अलग से कोई कार्यालय नहीं होने के कारण 30 दिन से अधिक समयवृद्धि स्वीकृति मुख्य अभियंता स्तर के अधिकारी अतिरिक्त परियोजना संचालक लो.नि.वि. पी.आई.यू. कार्यालय द्वारा दी जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' एवं '2' अनुसार है। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार समयवृद्धि स्वीकृत की जाती है। कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) पी.आई.यू. में अधीक्षण यंत्री स्तर के अधिकारी का स्वतंत्र कार्यालय नहीं होने के कारण पी.आई.यू. में निविदा स्वीकृति के अधिकार पी.डब्ल्यू.डी. के पदवार मुख्य अभियंता, अधीक्षण यंत्री, कार्यपालन यंत्री पदवार जैसे नहीं। एक जैसे संरचना नहीं होने के कारण एक जैसे नियम नहीं।
आदिवासियों को पट्टे का प्रदान
26. ( क्र. 3694 ) श्री संजय शर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वनभूमि में काबिज आदिवासियों को पट्टे प्रदान किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो ग्रामवार जानकारी प्रदान करें? (ग) आदिवासियों को वनभूमि के पट्टे प्रदान करने की क्या नीति है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) तेन्दूखेड़ा विधान सभा क्षेत्र में दो वनग्राम कोटरी एवं हींगपानी हैं, जिनमें निवासरत आदिवासियों को प्रदाय किये गये 15 वर्षीय पट्टों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ग) वनग्राम नियम 1977 में पट्टे प्रदाय करने का प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है।
सोनकच्छ के पीलिया खाल पर पुल निर्माण बाबत्
27. ( क्र. 3723 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सोनकच्छ से जलेरिया रोड पर स्थित पीलिया खाल पर पुल निर्माण हेतु कोई कार्यवाही की जा रही है? (ख) यदि नहीं, तो क्या क्षेत्रवासियों के हित में विभाग द्वारा उक्त पुल निर्माण हेतु कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या बारिश के दौरान उक्त पीलिया खाल पर पानी अधिक होने से आवागमन बंद हो जाता हैं? यदि हाँ, तो क्या आगामी बारिश तक उक्त खाल पर बड़ा पुल स्वीकृत किया जा सकेगा या नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) सोनकच्छ से जलेरिया रोड पर स्थित पीलिया साल पर पूर्व से वी.सी.डब्ल्यू. वेन्टेज काजवे निर्मित है तथा इस पर से आवागमन चालू है। वर्तमान में इस पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण का कोई प्रस्ताव नहीं है एवं निर्माण हेतु कोई कार्यवाही प्रचलन में नहीं है। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में विभाग द्वारा कोई कार्यवाही प्रस्तावित नहीं है। (ग) प्रश्नांकित मार्ग प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में निर्मित होने से कोई कार्यवाही प्रस्तावित नहीं शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
वन विभाग में अनियमितता
28. ( क्र. 3726 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देवास जिले के वनमण्डल अधिकारियों द्वारा विभाग की वसूली, दण्ड या अन्य कार्यों हेतु ली जाने वाली मनी राशि की मनी रसीद कट्टे असली व नकली दो प्रकार के चलाए जा रहे है? (ख) क्या देवास जिले में ऐसा कोई मामला प्रकाश में आया है? यदि हाँ, तो क्या? (ग) क्या शासन द्वारा ऐसे भ्रष्ट एवं दोषी अधिकारियों पर कोई ठोस कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो किन-किन पर क्या की गई है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
प्रतिरक्षा उद्योग और औद्योगिक क्षेत्र हेतु भूमि का हस्तांतरण
29. ( क्र. 3827 ) श्री मोती कश्यप : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या उद्योग संचालनालय ने अपने पत्र दिनांक 14.08.2015 द्वारा जिला कटनी में किसी को कोई निर्देश दिया है? (ख) क्या जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र कटनी ने अपने पत्र दिनांक 19.01.2016 में प्रश्नांश (क) को संदर्भित कर किसी राजस्व अधिकारी को किन्हीं उद्देश्यों के परिप्रेक्ष्य में किन्ही भूमि के विषय में कोई लेख किया है और कोई स्मरण पत्र दिया है? (ग) क्या प्रश्नांश (क), (ख) में किन रकबे व खसरे की भूमि में कहाँ रक्षा उत्पादन इकाईयों और कहाँ कौन सी औद्योगिक इकाईयां स्थापित की जाना विचाराधीन है? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) राजस्व अधिकारी ने प्रश्नांश (क) निर्देश का निष्पादन किस दिनांक को कर दिया है? यदि नहीं, तो क्यों?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। स्मरण पत्र नहीं दिया गया है। (ग) भूमि विभाग को हस्तांतरित होने पर विचार किया जावेगा। (घ) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
शासकीय विधि महाविद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षण कार्य
30. ( क्र. 3861 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के विधि महाविद्यालयों में अध्यापन हेतु यूजीसी एवं बार काउन्सिल ऑफ इंडिया के दिशा-निर्देशों के अनुसार सहायक प्राध्यापक हेतु क्या न्यूनतम शैक्षणिक अर्हता निर्धारित है स्पष्ट करें? क्या बार काउन्सिल ऑफ इंडिया की लीगल एज्युकेशन कमेटी के परिपत्र क्रमांक 09/2012/ (2283/2012) दिनांक 30.11.2012 के अनुसार एल.एल.एम. दूरस्थ/पत्राचार पद्धति से उत्तीर्ण अभ्यार्थियों को विधि महाविद्यालयों में अध्यापन हेतु नियुक्त नहीं किया जा सकता है। यदि हाँ, तो क्या बार काउन्सिल के उक्त परिपत्र का अनुपालन प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के समस्त विधि महाविद्यालयों में कराया जा रहा है? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (ख) वर्तमान शिक्षण सत्र में प्रदेश के शासकीय विधि महाविद्यालयों में सहायक प्राध्यापक/प्राध्यापक के रिक्त पदों के विरूद्ध ऐसे कितने व कौन-कौन से अतिथि विद्वान कार्यरत हैं जो दूरस्थ/पत्राचार शिक्षा पद्धति से एल.एल.एम. उत्तीर्ण है? क्या विधि शिक्षा के नियमन के लिए जिम्मेदारवार काउन्सिल ऑफ इंडिया के निर्देशों का अनुपालन न किया जाना विधि शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित नहीं करता है यदि हाँ, तो उच्च शिक्षा विभाग उक्त परिपत्र के दिशा-निर्देशों को लागू करने हेतु क्या कार्यवाही करने जा रहा है?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) न्यूनतम शैक्षणिक अर्हता, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' की कंडिका 20 तथा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। उक्त पत्र में दूरस्थ पत्राचार पद्धति से उत्तीर्ण विद्यार्थियों के संबंध में पूर्व में लिये गये निर्णय को स्थगित किया गया है, पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' में है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' में है। जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मानदेय का भुगतान
31. ( क्र. 3862 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. के शासकीय महाविद्यालयों में प्राध्यापक/सहायक प्राध्यापकों के रिक्त पदों के विरूद्ध अतिथि विद्यान शैक्षणिक कार्य कर रहे है? क्या अतिथि विद्यानों का चयन मेरिट के आधार पर ऑनलाईन पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है एवं चयन में यूजीसी द्वारा निर्धारित योग्यता मानकों का अनुपालन किया जाता है? (ख) वर्तमान में प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्यानों को प्रति कालखण्ड कितना मानदेय भुगतान किया जा रहा है? क्या प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत अतिथि विद्यानों के मानदेय में वृद्धि किए जाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन है? यदि हाँ, तो विचाराधीन प्रस्ताव का विवरण उपलब्ध करावें? (ग) क्या विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पत्र क्र./एफ.10-1/2009 (PS) फरवरी 2010 द्वारा ग्रेस्ट लेक्चरर को प्रति व्याख्यान हेतु 1000/- रूपये अथवा 25000/- रूपये मासिक मानदेय दिये जाने हेतु देश के समस्त उच्च शिक्षा विभाग प्रमुखों को निर्देशित किया गया है? यदि हाँ, तो म.प्र. में संचालित महाविद्यालयों में उक्त आदेश का अनुपालन क्यों नहीं किया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में यूजीसी के उक्त पत्र के पालन में गेस्ट लेक्चरर को प्रति व्याख्यान राशि 1000/- रूपये अथवा 25000/- रूपये मासिक मानदेय भुगतान कब से प्रारंभ कर दिया जावेगा व उक्त मानदेय वर्ष 2010 से स्वीकृत किया जाकर संबंधितों को एरियर का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। जी हाँ एवं अतिथि विद्वानों के चयन में विभागीय नियम/मानकों का अनुपालन किया जाता है। (ख) वर्तमान में प्रदेश के अतिथि विद्वानों को रूपये 200/— प्रतिकाल खण्ड (अधिकतम 3 काल खण्ड प्रति कार्य दिवस) का भुगतान किया जा रहा है। जी हाँ। विचाराधीन प्रस्ताव मानदेय में वृद्धि का ही है। (ग) जी नहीं, किन्तु विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से निर्देश नहीं गाइड लाइन जारी किया गया है। मध्यप्रदेश में चयन एवं मानदेय हेतु म.प्र. शासन उच्च शिक्षा विभाग के दिशा—निर्देशों का पालन किया जाता है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के संदर्भ में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
क्रय किया गया गौण खनिज
32. ( क्र. 4144 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर एवं बैतूल वनवृत के अतंर्गत किस वनमण्डल एवं किस वन परिक्षेत्र ने गत तीन वर्षों में किस दर पर कितना और कौन-कौन सा गौण खनिज किससे क्रय किया उसके परिवहन पर कितनी राशि खर्च की गई कितनी रॉयल्टी का भुगतान किया गया? (ख) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 के नियम 3 में गौण खनिज पर वन विभाग को क्या-क्या छूट प्राप्त है उस छूट के अनुसार गत तीन वर्षों में गौण खनिज की खनिज विभाग से अनुमति न लिए जाने का क्या कारण रहा है? (ग) गत तीन वर्षों खनिज क्रय किए जाने की किस दिनांक को निविदा आमंत्रित की गई किस दिनांक को किस दर की किसने निविदा डाली किसकी निविदा स्वीकृत की गई इसमें से किस के पास खनिज विभाग की लीज रही है? (घ) जिसके पास खनिज विभाग की लीज नहीं रही उससे गौण खनिज क्रय किए जाने का क्या कारण रहा है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। खनिज साधन विभाग द्वारा जिन निविदाकारों की निविदा स्वीकृत की गई है, के पास खनिज साधन विभाग की लीज नहीं है। (घ) भण्डार क्रय नियमों का पालन करते हुए, निविदा आमंत्रण कर, निविदाकारों से गौण खनिज क्रय किया गया है।
आई.टी.आई भवन का निर्माण
33. ( क्र. 4145 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले के बड़ामलहरा नगर पंचायत में बनाए गए आई.टी.आई. भवन में आई.टी.आई प्रश्नांकित दिनांक तक भी प्रांरभ नहीं की जा सकी है? (ख) आई.टी.आई का भवन किस एजेन्सी के द्वारा किस दिनांक से बनाया जाना प्रांरभ किया गया उसका कितना भुगतान किया जा चुका है उस भवन के प्रश्नांकित दिनांक तक भी पूरा न हो पाने का क्या कारण रहा है? (ग) कब तक आई.टी. आई का भेपूरा करवाया जाकर आई.टी.आई प्रांरभ की जावेगी समय-सीमा सहित बतावें?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) संभागीय परियोजना यंत्री लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू.) छतरपुर मुख्यालय, नौगांव जिला छतपुर द्वारा निर्माण कार्य दिनांक 02.04.2015 से प्रांरभ किया गया। राशि रूपये 3,26,71,490/- का भुगतान किया जा चुका है। अनुबंध अनुसार निर्माण कार्य पूर्ण की तिथि दिनांक 25.08.2016 निर्धारित है। (ग) आगामी सत्र अगस्त 2016 से नवीन भवन में संस्था संचालित किये जाने की संभावना है।
अधिकारों का अभिभाषण
34. ( क्र. 4153 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग मध्यप्रदेश शासन के प्रमुख सचिव ने दिनांक 10 अप्रैल 2015 को किन-किन राजस्व अभिलेखों में दर्ज किन-किन अधिकारों एवं प्रयोजनों का अभिलेखन किए जाने के निर्देश किस-किस जिले के कलेक्टर को दिए जाकर क्या-क्या निर्देश दिए है? (ख) सागर संभाग के किस जिले के राजस्व अभिलखों में किन-किन मदों में दर्ज जमीन किन-किन अधिकारों एवं प्रयोजनों के लिए दर्ज जमीनों को भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 29 एवं धारा 4 (1) में अधिसूचित किया है? (ग) संभाग के किस जिले के राजस्व विभाग ने 10 अप्रैल 2015 से प्रश्नांकित दिनांक तक धारा 29 एवं धारा 4 (1) में अधिसूचित कितनी भूमियों पर राजस्व अभिलेखों में दर्ज अधिकारों, प्रयोजनों एवं मदों का अभिलेखन कर किस दिनांक को वनमण्डल को सूची उपलब्ध करवाई यदि सूची उपलब्ध नहीं करवाई हो तो उसका कारण बतावें? (घ) 10 अप्रैल 2015 के पत्र में दिए निर्देशानुसार कब तक अधिकारों का अभिलेखन किया जाकर सूची वनमण्डल को उपलब करवा दी जावेगी समय-सीमा सहित बतावें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नाधीन निर्देश संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वृक्षा रोपण की जानकारी
35. ( क्र. 4321 ) श्री रजनीश सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग सिवनी द्वारा जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितनी भूमि पर कहाँ-कहाँ वृक्षारोपण कराया गया है तथा कौन-कौन से निर्माण कार्य कराये गये हैं वन परिक्षेत्रवार जानकारी देवे वन परिक्षेत्रवार वृक्षारोपण की संख्या व उस पर व्यय राशि तथा निर्माण कार्य एवं उस पर व्यय राशि का विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में कराये गये वृक्षारोपण शत्-प्रतिशत जीवित रहे, इसकी जिम्मेदारी किन-किन अधिकारी/कर्मचारी को दी गई तथा इस हेतु उन्हें कौन-कौन से संसाधन उपलब्ध कराये गये? (ग) प्रश्न दिनांक तक रोपित कितने पौधे वर्तमान में जीवित है? कितने पौधे नष्ट हो गये? नष्ट पौधों पर व्यय कितना था एवं इसके लिए जिम्मेदार कौन है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। परिक्षेत्र अधिकारियों एवं उप वनमंडल अधिकारियों को वाहन उपलब्ध कराये गये हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। शासन द्वारा निर्धारित अनुसार पौधे जीवित रहने एवं प्राकृतिक कारणों से पौधे नष्ट होने के कारण नष्ट पौधों के व्यय के लिये किसी भी अधिकारी/कर्मचारी को जिम्मेदारी का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
गुना जिले में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण
36. ( क्र. 4332 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के गुना जिले में वर्तमान में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत कितने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कार्यरत है? इनमें से ऐसे कितने कर्मचारी है जो 1986 के पूर्व से कार्य कर रहे है? (ख) क्या दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित करने के लिये मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय अथवा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कोई आदेश पारित किया गया है? यदि हाँ, तो माननीय न्यायालय ने इन्हें कब तक नियमित करने का आदेश दिया है? (ग) माननीय न्यायालय के आदेश के पश्चात् शासन द्वारा विभाग के कितने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित किया जा चुका है तथा कितने नियमित किये जाने शेष है? (घ) वर्तमान में कार्यरत विभाग के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिये सरकार ने क्या कार्य योजना बनाई है तथा इन कर्मचारियों को कब तक नियमित कर दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) गुना जिले के वर्तमान में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत 340 दैनिक वेतन भोगी कार्यरत है। इनमें से 88 दैनिक वेतन भोगी वर्ष 1986 के पूर्व से कार्यरत है। (ख) कोई समेकित आदेश नहीं है परंतु प्रकरण विशेष में आदेश दिया गया है। मान. न्यायालय के आदेशों में समय-सीमा निर्धारित नहीं है। (ग) विभाग में 56 दैनिक वेतन भोगियों को मान. न्यायालय के आदेश से नियमित किया गया है। 12 दैनिक वेतन भोगी नियमितीकरण हेतु शेष है। (घ) वर्तमान में कोई योजना नहीं है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में संचालित हॉस्टल
37. ( क्र. 4358 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में कितने हॉस्टल संचालित हैं एवं वर्तमान में प्रत्येक हॉस्टल में छात्र-छात्राओं की कितनी-कितनी संख्या है? (ख) वर्ष 2013 से वर्तमान तक विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा प्रत्येक हॉस्टल को कौन-कौन सी सुविधायें उपलब्ध कराई जा रही हैं? एवं इस मद में किये गये व्यय का विवरण उपलब्ध करायें? (ग) वर्ष 2013 से वर्तमान तक विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा प्रत्येक हॉस्टल के कितने रख-रखाव एवं सुधार कार्य कराये गये हैं एवं इन कार्यों में कितनी राशि का व्यय किन-किन मदों से किया गया है?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विश्वविद्यालय में 02 होस्टल संचालित हैं। (1) पुरूष छात्रावास-छात्रों की संख्या- 20 (2) महिला छात्रावास- छात्राओं की संख्या- 170 (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। (ग) वर्ष 2013 से वर्तमान तक पुरूष छात्रावास में रख-रखाव में राशि रू. 2,26,432.98 व्यय किये गये तथा महिला छात्रावास में रख-रखाव में राशि रू. 4,35,136.13 व्यय किये गये। राशि का व्यय सामान्य मद से किया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है।
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में व्याख्याताओं की भर्ती
38. ( क्र. 4359 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में विभिन्न संवर्गों (शैक्षणिक एवं प्रशासनिक) में कितने पद स्वीकृत है? इनमें कितने कार्यरत एवं कितने रिक्त है? (ख) वर्ष 2010 से वर्तमान तक विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कितनी भर्ती की गई है? क्या इन भर्तियों में शासन के नियम अनुसार रोस्टर प्रणाली का पालन किया गया है? (ग) विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा संविदा/अनुकम्पा एवं अतिथि व्याख्यता के पद हेतु कितने भर्तियां की गई है? क्या इन भर्तियों में शासन के नियम अनुसार रोस्टर प्रणाली का पालन किया गया है? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) यदि रोस्टर का पालन नहीं किया गया है तो इसका कारण स्पष्ट करते हुये संबंधितों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) कुल 64 भर्ती की गई। जी हाँ। (ग) संविदा पर कोई भर्ती नहीं की गई, अनुकंपा में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर 17 भर्ती की गई एवं 103 अतिथि विद्वानों को आमंत्रित किया गया। जी हाँ। अतिथि विद्वानों के आमंत्रण में आरक्षित प्रवर्ग के उम्मीदवारों को विषयवार प्राथमिकता दी गई, जिस विषय में आरक्षित वर्ग के उम्मीदवार नहीं थे वहां छात्रों के पठन-पाठन को ध्यान में रखते हुए अनारक्षित प्रवर्ग के उम्मीदवारों से अतिथि विद्वानों को आमंत्रित किया गया है। (घ) 'ख' एवं 'ग' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
सोनापीपरी से अम्बाड़ा तक मार्ग निर्माण
39. ( क्र. 4421 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम सोनापीपरी से ग्राम अम्बाड़ा तक सड़क मार्ग का निर्माण कार्य किया गया है? उसकी स्वीकृति विभाग द्वारा कब प्रदान की गई थी? इस सड़क निर्माण की लागत क्या है और किस ठेकेदार द्वारा सड़क निर्माण का कार्य किया गया है? (ख) ग्राम सोनापीपरी से ग्राम अम्बाड़ा तक सड़क मार्ग के निर्माण में किन-किन किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई है? क्या जिन किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई है उन सभी किसानों को शासन द्वारा मुआवजा प्रदान किया जा चुका है? अगर हाँ, तो कितने किसानों को कितना मुआवजा प्रदान किया गया है? (ग) उक्त सड़क निर्माण में जिन किसानों को भूमि अधिग्रहण के बदले मुआवजा राशि प्रदान नहीं की गई है तो उसका क्या कारण है? क्या ऐसे किसानों को मुआवजा राशि ब्याज सहित प्रदान की जायेगा? ऐसे कौन-कौन से किसान हैं जिन्हें मुआवजा प्रदान नहीं किया गया है? ऐसे किसानों को मुआवजे की राशि कब तक प्रदान कर दी जायेगी? (घ) क्या सड़क निर्माण में प्रभावित किसानों को मुआवजा राशि अभी तक प्रदान न करने पर विभागीय लापरवाही उजागर नहीं होती है? अगर हाँ, तो इस लापरवाही के लिए कौन-कौन से अधिकारी जिम्मेदार हैं और उन पर क्या और कब तक कार्यवाही की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। मार्ग निर्माण की स्वीकृति दिनांक 04.10.2011 को शासन द्वारा प्रदान की गयी। सड़क निर्माण की लागत 42.14 करोड़ रूपये है एवं मार्ग का निर्माण मेसर्स बी.व्ही.एस.आर.एस.एस.जी. रोड प्रोजेक्ट्स प्रा. लि. हैदराबाद द्वारा किया गया है। (ख) ग्राम सोनापीपरी से ग्राम अम्बाड़ा तक सड़क निर्माण में ग्राम उमरेठ, छावड़ीकलां तथा छावड़ी खुर्द से संबंधित 88 किसानों के रकबे 6.898 हेक्टेयर का अर्जन भूमि अर्जन अधिनियम के अंतर्गत संपन्न किया गया है तथा प्रतिकर राशि रू. 11397071/- निर्धारित करते हुए राशि वितरित की गयी। विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) भू-अर्जन की प्रक्रिया से उपरोक्त प्रक्रिया से ग्राम सोनापीपरी, उमरेठ, मोआरी, शीलादेही, पाठा, रिधौरा माल, छावड़ कलां, घोघरी रैयत, छावड़ी खुर्द तथा ग्राम अम्बाड़ा के 230 भूमि स्वामी छूट गये हैं। कलेक्टर छिंदवाड़ा द्वारा छूटे हुए रकबे के संबंध में मध्यप्रदेश शासन, राजस्व विभाग द्वारा अधिसूचित ‘‘आपसी सहमति से क्रय नीति’’ अंतर्गत भूमि क्रय किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा बनाये मार्ग
40. ( क्र. 4473 ) श्री लखन पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा दमोह से गैसावाद सिमरिया मार्ग बनाया गया है? हाँ, तो निर्माण एजेंसी का नाम बताएं? (ख) रोड निर्माण कार्य में सी.आर.एम. (क्रेशर रन मेटल) एवं डब्लू.एम.एम. सीमेंट कांक्रीट एवं डामरीकरण में कितना मेटल गिट्टी का उपयोग किया गया एवं कहाँ से लाई गई? ठेकेदार द्वारा किस स्वीकृत अथवा निजी खदान से रोड निर्माण हेतु उत्खनन किया गया? (ग) ठेकेदार द्वारा उत्खनन क्षेत्र का खनिज विभाग से नाप कराया गया या नहीं एवं स्वीकृत मात्रा से खदान का मिलान किया गया या नहीं? यदि मिलान नहीं किया गया तो कारण स्पष्ट करें? (घ) यदि उत्खनन क्षेत्र लाइमस्टोन का है तो ठेकेदार से रायल्टी लाइमक्टोन की ली गई या सेंड स्टोन की? यदि रायल्टी सेंड स्टोन की ली गई तो क्या अतिरिक्त लाइम स्टोन की रायल्टी ली जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। मेसर्स मोंटो कार्लो कंस्ट्रक्शन लि. अहमदाबाद है। (ख) सड़क निर्माण में सी.आर.एम. नहीं अपितु जी.एस.बी. का उपयोग किया था। उपयोग की गई सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। खदान संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) इस संबंध में खनिज विभाग द्वारा ठेकेदार को चुकता प्रमाण पत्र दिया गया है पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार। शेष इस विभाग से संबंधित नहीं है। (घ) प्रयुक्त गौण खनिज लाइम स्टोन की श्रेणी का नहीं था, रायल्टी (तकनीकी) संचालक भौतिकी तथा खनिज कर्म क्षेत्रीय कार्यालय जबलपुर की रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चेक पोस्ट की वसूली
41. ( क्र. 4509 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के चेक पोस्ट रीवा मिर्जापुर (हनुमना चेक पोस्ट) पर तौल कांटा हेतु किस कंपनी का इलेक्ट्रोनिक कांटा लगाया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में चेक पोस्ट का निर्माण एवं वसूली के अनुबंध से संबंधित विवरण उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में तौल कांटे बाउन्ड्रीवाल के बगल की सड़क की निर्माण का एग्रीमेन्ट था? यदि हाँ, तो क्या सड़क बन गई? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में जो कर्मचारी कार्य करेंगे उसमें प्रत्येक पद के विरूद्ध योग्य क्षेत्रीय बेरोजगार लोगों को काम में रखने का प्रावधान है? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) चेक पोस्ट पर इलेक्ट्रोनिक तौल कांटा उपकरण लगाये जाने का दायित्व निवेशकर्ता का है। निवेशकर्ता द्वारा मेसर्स विश्वकर्मा स्केलस प्रा.लि. का तौल काटा लगवाया हुआ है। (ख) चेक पोस्ट का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। वसूली के अनुबंध संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, जिसके अनुसार निवेशकर्ता द्वारा वाणिज्यिक वाहनों से सेवा शुल्क लिया जाता है। (ग) जी नहीं तदापि चेक पोस्ट के दोनों ओर मुरूम सड़क का निर्माण कार्य निवेशकर्ता द्वारा किया गया है। (घ) उक्त परियोजना बी.ओ.टी. पद्धति पर आधारित है इसमें निवेशकर्ता को कर्मचारी नियुक्त करने का अधिकार प्राप्त होता है कंसेशनायर द्वारा चेक पोस्ट के निर्माण में क्षेत्रीय लोगों को रोजगार दिया गया था।
निजी बी.एड कॉलेजों में निर्धारित मापदण्ड की शर्तों का पालन
42. ( क्र. 4516 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में कितने निजी बी.एड. व एम.एड. कॉलेज हैं? कितने संचालित हैं? (ख) क्या सभी कॉलेजों में निर्धारित मापदण्ड की शर्तों का पालन किया गया है? यदि नहीं, तो ऐसे कॉलेजों के नाम व उनमें पायी जाने वाली कमियों का विवरण दें? निर्धारित मापदण्ड के अनुसार कॉलेज नहीं होने पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या शासन द्वारा निर्धारित फीस के अलावा अतिरिक्त फीस के रूप में छात्रों से निजी कॉलेजों द्वारा मनमाने तरीके से मोटी रकम वसूली जाती है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या ऐसे कॉलेजों के विरूद्ध झूठी जानकारी प्रस्तुत करने के लिए कॉलेज बंद करने के साथ-साथ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक उक्त कार्यवाही की जावेगी?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) रायसेन जिले में कुल 06 निजी बी.एड़ कॉलेज संचालित हैं, एम.एड. कॉलेज नहीं है। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बैरसिया तहसील में संचालित महाविद्यालय में पी.जी. क्लासेस
43. ( क्र. 4533 ) श्री विष्णु खत्री : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैरसिया तहसील अंतर्गत संचालित एक मात्र विवेकानंद महाविद्यालय में वर्तमान में कोई पी.जी. क्लासेस संचालित हो रही है? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित महाविद्यालय में पी.जी. क्लासेस शुरू किये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा किये गये पत्राचारों पर अभी तक क्या कार्यवाही हुई? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में दर्शित महाविद्यालय में वर्तमान विद्यार्थियों के अनुपात में शिक्षकों एवं अन्य स्टाफ की पर्याप्त व्यवस्था है? यदि नहीं, तो इन्हें कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। (ख) कार्यालयीन पत्र क्रमांक 837/511/आउशि/यो/14 दिनांक 19.08.2014 पत्र एवं क्रमांक 1109/100/आउशि/ यो/15 दिनांक 06.10.2015 द्वारा संबंधित को अवगत कराया गया कि वर्तमान में शासन द्वारा पूर्व से संचालित पाठ्यक्रमों के सुदृढीकरण एवं गुणवत्ता विकास के प्रयास किये जा रहे हैं। अत: महाविद्यालय में पी.जी. कक्षायें खोले जाने में कठिनाई है। (ग) प्रश्नांश—''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुलिस, ट्रैफिक पुलिस व अस्थाई सुलभ शौचालय की व्यवस्था
44. ( क्र. 4538 ) श्री संजय शर्मा : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या रायसेन जिले की गैरतगंज तहसील अंतर्गत सिहोरा हनुमान मंदिर में स्थानीय आयोजकों द्वारा प्रतिवर्ष यज्ञ का आयोजन कराया जाता है? यदि हाँ, तो उसके आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या अनुमानत कितनी रहती है? यदि पिछले वर्ष की संख्या हो तो बताएं? (ख) क्या सिहोरा ग्राम में यज्ञ आयोजन के समय रायसेन, भोपाल, सागर, नरसिंहपुर जिलों से आने वाले श्रद्धालुओं को वहां निस्तार आदि के लिए अस्थाई/चलित सुलभ शौचालय अथवा स्थाई सुलभ शौचालयों निर्मित किया जाना प्रस्तावित है? (ग) क्या यज्ञ के समय भारी तादाद में दुपहिया, चार पहिया वाहनों के पहुंचने से यातायात व्यवस्था हेतु शासन द्वारा यज्ञ अवधि तक पुलिस व्यवस्था व ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्थाएं कराई जाती है? (घ) प्रश्नांश (ख) व (ग) का उत्तर यदि नहीं, है तो क्या इस वर्ष होने वाले यज्ञ आयोजन में उक्त संपूर्ण व्यवस्थाएं कराए जाने हेतु संबंधित विभागों के द्वारा कोई कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। लगभग 10 हजार श्रद्धालु आते हैं। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। (घ) यज्ञ के समय भारी तादात में दो पहिया, चार पहिया वाहनों के आगमन को दृष्टित रखते हुये यज्ञ अवधि के दौरान कानून एवं शांति व्यवस्था हेतु पुलिस एवं ट्राफिक पुलिस की व्यवस्था कराई जाती है। सिहोरा मंदिर शासन संधारित नहीं है।
वोकेशनल ट्रेनिंग के संदर्भ में
45. ( क्र. 4563 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा वोकेशनल ट्रेनिंग प्रदान करने हेतु निजी स्वयंसेवी संस्थाओं को नामित किया जाता है? यदि हाँ, तो संबंधित विभाग और प्रक्रिया का ब्यौरा दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार भोपाल संभाग में वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक वोकेशनल ट्रेनिंग प्रदाता हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुए व कितने आवेदन लंबित है? आवेदनों के लंबित होने का कारण ब्यौरा सहित दें? (ग) क्या वोकेशनल ट्रेनिंग प्रदाता हेतु आवेदन वर्तमान में लिए जा रहे है? यदि नहीं, तो क्या नियमों को बदला जा रहा है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जनवरी 2015 में जारी विज्ञापन पर प्राप्त हुये 924 आवेदन पत्र लंबित है। केन्द्र सरकार द्वारा अपेक्षित आवंटन प्राप्त होने पर कार्यवाही की जावेगी। (ग) भारत सरकार की एम.ई.एस. योजना अंतर्गत वोकेशनल ट्रेनिंग प्रदाता हेतु आवेदन वर्तमान में नहीं लिये जा रहे है। किन्तु राज्य सरकार द्वारा निजी कौशल विकास केन्द्र प्रारंभ करने की योजना दिनांक 21.01.2016 से लागू की गई है। जिसके तहत प्रदेश के लिये 96 एवं भोपाल संभाग के लिये 31 ऑनलाईन आवेदन प्राप्त हो चुके है। एम.ई.एस. योजना केन्द्र शासन की होने से जवाब दिया जाना संभव नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रिदम कालेज बड़वानी को स्वीकृत राशि
46. ( क्र. 4628 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रिदम कालेज बड़वानी को विगत वर्ष 2014-15 और 2015-16 में किस-किस विभाग के द्वारा कितना-कितना पैसा कौशल विकास के लिए दिया गया विभागवार जानकारी दें? (ख) वर्णित वर्षों में रिदम कालेज बड़वानी के द्वारा कितने विद्यार्थियों को प्रशिक्षित किया गया एवं उनमें से कितने विद्यार्थियों को रोजगार उपलब्ध कराया गया? (ग) यदि रोजगार नहीं दिलाया गया है तो उनके खिलाफ में अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, की गई है तो क्यों तथा कब तक की जावेगी? (घ) रिदम कालेज बड़वानी को प्राप्त होने वाले पैसे का उपयोगिता प्रमाण पत्र विभागों को प्राप्त हुआ है या नहीं? यदि नहीं, तो उपयोगिता प्रमाण पत्र न देने के कारण जिम्मेदारों के खिलाफ में क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? भविष्य में उक्त कालेज की सहायता बंद की जायेगी एवं पूर्व में दी गई राशि की वसूली की जायेगी?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खेल सामग्री का वितरण
47. ( क्र. 4650 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धार जिले में खेल एवं युवा कल्याण विभाग को वित्तीय वर्ष 2013-14 व 2014-15 में खेल सामग्री आदि क्रय करने हेतु कितनी राशि आवंटित की गई तथा आवंटन के विरूद्ध मदवार कितनी धन राशि खर्च की गई? (ख) क्या आवंटन के अतिरिक्त शासन स्तर से सीधे भी सामग्री जिला स्तर को उपलब्ध हुई है? संख्यात्मक सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या जिला स्तर या तहसील स्तर पर सामग्री वितरण हेतु कोई परामर्शदात्री समिति का गठन किया गया है तथा उसमें किन-किन क्षेत्रिय जनप्रतिनिधियों को सम्मिलित किया गया है? (घ) यदि नहीं, तो क्रय की गई सामग्री तथा शासन से प्राप्त खेल सामग्री आदि किसकी अनुशंसा पर किस आधार पर वितरित की गई?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) धार जिले में प्रश्नांकित वर्षों में आवंटित एवं व्यय की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ख) जी हाँ। सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। (ग) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (घ) पायका योजनान्तर्गत सामग्री का क्रय एवं वितरण स्थानीय मांग एवं चिन्हित ग्राम पंचायतों एवं जनपद पंचायतों के लिए ही किया गया था।
धार जिले में शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज की स्वीकृति
48. ( क्र. 4651 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिला मुख्यालय पर भारत सरकार अथवा मध्यप्रदेश शासन द्वारा शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज स्वीकृत करने की कार्रवाई की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो क्या धार जिला मुख्यालय पर इस हेतु भूमि का चिन्हांकन कर लिया गया है एवं क्या चिन्हांकित भूमि का हस्तांतरण हो गया है? (ग) क्या इंजीनियरिंग कॉलेज के निर्माण एवं छात्रों के प्रवेश पंजीयन अगले शैक्षणिक सत्र 2016-17 से प्रारंभ करने का कोई कार्यक्रम निर्धारित किया है?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) कार्यवाही प्रचल में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बड़पानी-देवनारा मार्ग पर बावनथड़ी नदी पर पुल निर्माण
49. ( क्र. 4794 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले में बावनथड़ी नदी पर बड़पानी-देवनारा मार्ग पर पुल निर्माण करने हेतु शासन विचार कर रहा है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक कुल निर्माण कार्य को प्रशासकीय स्वीकृति एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। डी.पी.आर. परीक्षणाधीन है। (ख) वर्तमान में बजट में सम्मिलित न होने से निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।
शिवपुरी जिले में मठ-मंदिर
50. ( क्र. 4817 ) श्री रामसिंह यादव : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शिवपुरी जिले में विभाग के अंतर्गत कौन-कौन से कहाँ-कहाँ के मठ-मंदिर आदि धार्मिक स्थल आते हैं? इनमें से कौन-कौन से मठ-मंदिर एवं धार्मिक स्थल जीर्ण-शीर्ण हैं? मठ-मंदिर आदि के पुजारियों/सेवादार कौन-कौन है? इन्हें कितनी मासिक राशि भुगतान की जाती है? (ख) क्या शिवपुरी जिले के प्रश्नांश (क) में वर्णित मठ-मंदिर, स्मारक एवं धार्मिक स्थल आदि जो जीर्ण-शीर्ण हैं उनकी मरम्मत हेतु राशि किन-किन के लिए कब तक कितनी-कितनी उपलब्ध करा दी जाएगी? यदि राशि उपलब्ध नहीं कराई जाएगी तो क्यों? (ग) क्या शिवपुरी जिले में वर्ष 2015-16 में मठ-मंदिर, स्मारक एवं धार्मिक स्थल के जीर्णोद्धार एवं मरम्मत हेतु राशि स्वीकृत की गई है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ के लिए कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई? (घ) क्या कोलारस विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मठ-मंदिर, स्मारक एवं धार्मिक स्थलों के जीर्णोंद्धार एवं मरम्मत हेतु राशि स्वीकृत करेगा? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ के लिए कितनी राशि कब तक स्वीकृत की जाएगी? यदि राशि स्वीकृत नहीं की जाएगी तो क्यों?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गोराटीला-पिछोर रोड का दोहरीकरण एवं पुल निर्माण
51. ( क्र. 4818 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले के एन.एच.03 पड़ोरा से गोराटीला-पिछोर रोड के दोहरीकरण एवं सिंध नदी पर पुल निर्माण की कोई योजना है? यदि हाँ, तो योजना क्या है? योजनान्तर्गत सड़क/पुल निर्माण की स्वीकृति कब तक होगी? टेण्डर कब तक लगेंगे एवं कार्य कब तक प्रारंभ होगा? (ख) क्या शासन प्राथमिकता के आधार पर गोराटीला-पिछोर मार्ग के दोहरीकरण एवं मार्ग में सिंध नदी पर पुल निर्माण की स्वीकृति अविलम्ब प्रदान कर रहा है? यदि नहीं, तो स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जाएगी? (ग) क्या गोराटीला-पिछोर मार्ग लोक महत्व की दृष्टि से शिवपुरी जिले का अत्यंत महत्वपूर्ण मार्ग है तथा इस मार्ग के दोहरीकरण से विकास को भी गति मिलेगी? इसलिए क्या शासन इस निर्माण कार्य को विशेष महत्व देगा? (घ) क्या वर्तमान में जर्जर गोराटीला-पिछोर मार्ग के दोहरीकरण कार्य शासन प्राथमिकता पर निर्माण कराएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु ब्रिक्स योजना अंतर्गत सिंध नदी पर पुल एवं मार्ग का इन्टरमीडियेट लेन में सीमेंट कांक्रीट रोड उन्नयन की योजना है। वर्तमान में परीक्षण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार। (ग) जी हाँ। शेष उत्तरांश 'क' अनुसार। (घ) प्रस्ताव परीक्षणाधीन है वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
भू-अर्जन मुआवजा
52. ( क्र. 4877 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बाकरी नदी कर्रापुर बारछा मार्ग पर पुल निर्माण के समय किसानों की भूमि लोक निर्माण विभाग द्वारा पुल निर्माण हेतु ली गई थी, जिसका भू-अर्जन प्रकरण में कितने किसानों को मुआवजा दिया जाना प्रस्तावित था? (ख) क्या कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग सेतु संभाग सागर द्वारा भू-अर्जन की मुआवजा राशि अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सागर के खाते में जमा कर दी गई है? यदि हाँ, तो कब और कितनी राशि जमा की गई? (ग) यदि मुआवजा राशि अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सागर के खाते में जमा कर दी गई है तो उसका वितरण राजस्व विभाग सागर द्वारा भू-अर्जित किसानों को प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं किया गया? (घ) यदि कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग सेतु संभाग सागर द्वारा भू-अर्जन की मुआवजा राशि अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सागर के खाते में जमा कर दी गई है तो भू-अर्जित किसानों को मुआवजा वितरण में विलंब के लिये उत्तरदायी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध शासन कोई कार्यवाही करेगा? समय-सीमा बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। दो किसानों को। (ख) कलेक्टर, सागर के पी.डी. खाते में चालान क्रमांक-109 तथा 142 से दिनांक 11/03/2014 को राशि रू. 2,72,250/- जमा करा दी गई। (ग) अवार्ड पारित करने की प्रक्रिया प्रचलित है अवार्ड पारित होने के बाद मुआवजा वितरण की कार्यवाही की जावेगी। (घ) प्रश्नांश ‘ग’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बाघों का शिकार व उनकी मृत्यु
53. ( क्र. 4899 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के पेंच राष्ट्रीय उद्यान व उससे जुड़े क्षेत्र व दक्षिण सामान्य वनमण्डल के अंतर्गत वन क्षेत्र में बिना मुंडेर के कुंओं में वर्ष 2009 से वर्तमान तक कितने बाघों व अन्य वन्य प्राणियों की मृत्यु हुई है उसकी सूची उपलब्ध करावें? (ख) सिवनी जिले में वन्य प्राणियों की सुरक्षा की दृष्टि से बिना मुंडेर के कुंओं के सुधार तथा दीवार बनाने हेतु पेंच पार्क व दक्षिण सामान्य वन मण्डल को शासन से कोई आवंटन प्राप्त हुआ है और उस राशि से कितने कुंओं के मुंडेर तैयार किये गये हैं? इसकी सूची उपलब्ध करावें? (ग) सिवनी वन वृत्त अंतर्गत वन्य प्राणियों की सुरक्षा के संबंध में वर्ष 2013 से वर्तमान तक कितनी बैठकों का आयोजन कब-कब किया गया है? (घ) सिवनी जिले के अंतर्गत बिना मुंडेर के कुंओं में वन्य प्राणियों की मृत्यु के संबंध में संबंधित कुएं के मालिक या जिम्मेदार व्यक्ति तथा वन अधिकारी व कर्मचारी को कोई नोटिस या अन्य कार्यवाही प्रस्तावित की गई है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (ख) जी नहीं। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। (घ) बिना मुंडेर के कुंए में दिनांक 02.01.2016 को मृत बाघ के संबंध में कुंआ राजस्व क्षेत्र में था। कुंआ मालिक को जगत निर्माण की सलाह देते हुए पत्र लेख किया गया है। वन अधिकारी/कर्मचारी की गलती न होने के कारण नोटिस या अन्य कार्यवाही प्रस्तावित नहीं की गई।
वन एवं राजस्व के जमीनों के सीमांकन
54. ( क्र. 4909 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2004 से मुख्य वन सचिव म.प्र. शासन के निर्देशानुसार वन एवं राजस्व विभाग द्वारा संयुक्त सीमांकन की कार्यवाही प्रचलित है वन एवं राजस्व सीमाओं की सत्यापन के अनुसार अभिलेखों का अद्यतीकरण करने की कार्यवाही प्रचलन में है? (ख) यदि हाँ, तो रीवा संभाग अंतर्गत राजस्व भूमि एवं वन भूमियों संबंधी सीमांकन की कार्यवाही क्या प्रचलन में है? अगर है तो कितनी पूर्ण की जाकर सीमा चिन्ह स्थापित कर राजस्व अभिलेखों में सुधार की कार्यवाही की गई? इनमें से कितने राजस्व एवं वन की भूमि है अलग-अलग विवरण देवें? (ग) यदि प्रश्नांश (क) के अनुसार शासन के निर्देशों का पालन करते हुए कार्यवाही में विलंब है तो इसके लिए दोषियों की पहचान कर क्या कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। वन वृत्त रीवा के अन्तर्गत आने वाले वनमंडलों में वन एवं राजस्व सीमाओं का संयुक्त सीमांकन कार्य निम्नानुसार पूर्ण किया गया हैः-
क्र |
वनमण्डल का नाम |
वन एवं राजस्व सीमा के ग्रामों की संख्या |
संयुक्त सीमांकन किये गये ग्रामों की संख्या |
1 |
रीवा |
295 |
295 |
2 |
सतना |
451 |
425 |
3 |
सीधी |
652 |
652 |
4 |
सिंगरौली |
464 |
464 |
|
योग |
1862 |
1836 |
रीवा वनमंडल के अन्तर्गत वनभूमि पर 97 कृषि पट्टों की 170.662 हेक्टेयर भूमि के पट्टे निरस्त किये गये। संयुक्त सीमांकन उपरान्त राजस्व विभाग के बन्दोबस्त नक्शे की मूल प्रति में सुधार की कार्यवाही होना शेष है। (ग) उत्तरांश ‘‘क’’ के अनुसार शासन के निर्देशों का पालन किये जाने से किसी के दोषी होने का प्रश्न हीं नहीं उठता।
स्वरोजगार योजनाओं के क्रियान्वयन
55. ( क्र. 4981 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, दीनदयाल रोजगार योजना, रानी दुर्गावति अजा/अ.ज.जा स्वरोजगार योजना, मंख्यमंत्री स्वरोजगार योजना अंतर्गत रतलाम जिले में विगत तीन वर्षों में योजना के लक्ष्य व लक्ष्य विरूद्ध लाभान्वितों की संख्या का तहसीलवार ब्यौरा क्या है? (ख) उपरोक्त अवधी में कितनी पात्र आवेदक योजना का लाभ बैकों एव ऑफिस लेतलाली के कारण व अन्य कारणों से प्राप्त नहीं कर सके? तहसीलवार ब्यौरा दें व कारणों का उल्लेख करें? (ग) आलोट तहसील में उक्त योजनाओं की लक्ष्य प्राप्ति ना होने पर तीन वर्षों में जिम्मेदारों पर की गई कार्यवाही का ब्यौरा दें? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त योजनाओं का तहसीलवार लक्ष्य आवंटित नहीं किया जाता है। (ख) आफिस की लेतलाली के कारण कोई आवेदक लाभ लेने से वंचित नहीं हुआ है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निर्माण कार्यों
56. ( क्र. 4982 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आलोट विधानसभा क्षेत्र में एवं रतलाम जिले में विभाग द्वारा निर्मित (डिपोजिट भवन) राजस्व, स्वास्थ्य, पशु चिकित्सालय व अन्य भवन जिनके निर्माण की स्वीकृति वर्ष 2007 से होकर कार्य प्रारंभ था, अब तक संबंधित विभागों को हैण्ड ओवर नहीं किये गये? यदि हाँ, तो भवनों का ब्यौरा तहसीलवार, स्वीकृति वर्षवार, व देरी के कारण सहित बतायें? (ख) उपरोक्त भवनों की देरी के लिए जिम्मेदारों पर अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? भवनों के निर्माण कार्य किस कारण से बंद है? (ग) वर्ष 2013 से अब तक स्वीकृत नये भवन विभाग के पास, किस-किस विभाग के, निर्माण हेतु किस कारण से लंबित है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। ऐसे कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', 'अ-1' अनुसार है।
धार्मिक स्थल रामवन में बनी पुरानी रविदास मंदिर का भव्य निर्माण
57. ( क्र. 5061 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा सतना जिले के मैहर धार्मिक नगरी में संत रविदास मंदिर के निर्माण हेतु घोषणा करते हुए भूमि पूजन जनवरी 2016 में की गई है? यदि हाँ, तो तहसील रामपुर बाघेलान अंतर्गत रामवन धार्मिक स्थल में बनी पुरानी जीर्ण-शीर्ण मंदिर को क्यों नहीं बनवाया जा रहा है, जबकि वही अन्य मंदिरों का भव्य निर्माण करा दिया गया है? (ख) क्या धार्मिक नगरी मैहर के तर्ज पर वित्तीय वर्ष 2016-17 में सतना जिले हेतु प्राप्त आवंटन में से धार्मिक स्थल रामवन परिसर के अंदर रविदास मंदिर के कायाकल्प हेतु बजट उपलब्ध कराया जायेगा? यदि हाँ, तो क्या कलेक्टर सतना को इस संबंध में निर्देश दिये जायेंगे?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
निजी महाविद्यालय में अध्ययनरत् छात्र/छात्राएं
58. ( क्र. 5062 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के विंध्याचल महाविद्यालय जिगना द्वारा कौन-कौन सी डिग्री दी जाती है तथा विषयवार स्नातक/स्नातकोत्तर उपाधि हेतु वर्तमान सत्र में कितने छात्र/छात्राओं को प्रवेश दिया गया है? (ख) क्या उक्त महाविद्यालय में डी.एड./बी.एड. की भी डिग्री दी जाती है? यदि हाँ, तो कितने पद स्वीकृत हैं एवं कितने छात्र/छात्राओं द्वारा प्रवेश लिया गया है? (ग) क्या इस महाविद्यालय में नियमित कक्षाएं संचालित नहीं होती हैं? सिर्फ एडमीशन देकर भारी भरकम राशि वसूली जाती है? परीक्षा के समय छात्र/छात्राएं परीक्षा देने आते हैं, इसके अलावा कभी कक्षा संचालन नहीं होते हैं? क्या इस मामले में वरिष्ठ अधिकारियों से भौतिक सत्यापन कराकर दोषी पाये जाने पर संस्था की मान्यता समाप्त करने की कार्यवाही की जायेगी?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सतना जिले के विन्ध्याचल महाविद्यालय जिगना द्वारा डिग्री नहीं दी जाती है। विषयवार स्नातक/स्नातकोत्तर उपाधि हेतु वर्तमान सत्र में प्रवेशित छात्र—छात्राओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जी नहीं। बी.एड. की डिग्री विश्वविद्यालय एवं डी.एड. डिप्लोमा माध्यमिक शिक्षा मण्डल, भोपाल द्वारा प्रदान किया जाता है। बी.एड. पाठ्यक्रम में 08 एवं डी.एड. पाठ्यक्रम के लिये 08 पद स्वीकृत हैं। बी.एड. में 46 छात्र एवं 54 छात्राएं तथा डी.एड. में 29 छात्र एवं 21 छात्राओं नें प्रवेश लिया है। (ग) जी नहीं। अधिक शुल्क लेने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
राशि प्रदान करने के बाद भी समय पर निर्माण कार्य न करना
59. ( क्र. 5165 ) श्री विश्वास सारंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल के पत्र दिनांक 23-12-2011 हमीदिया अस्पताल में प्रस्तावित ट्रामा यूनिट के उन्नयन हेतु 35 लाख रूपए की राशि लोक निर्माण विभाग को दी थी? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत विभाग ने निर्माण हेतु निविदा आदि उसी वर्ष क्यों जारी नहीं की? कारण दें? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत क्या समय पर कार्य न होने के कारण अब लागत बढ़ गई है? समय पर कार्य न होने के लिए किस पदनाम/नाम के अधिकारी जिम्मेदार है? क्या जिम्मेदारों पर कोई कार्रवाई की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों? कारण दें? नियम बताएं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं। प्रशासकीय स्वीकृति आदेश की प्रति अधिष्ठाता गांधी चिकित्सा महावि़द्यालय के पत्र दिनांक 23.12.2011 द्वारा अधीक्षण यंत्री लोक निर्माण मंडल क्र.-1 भोपाल को प्रेषित की गई थी। उक्त कार्य हेतु कोई भी राशि प्राप्त नहीं हुई है। (ख) स्वीकृत आदेश प्राप्त होने के पूर्व ही लोक निर्माण विभाग का एस.ओ.आर. पुनरीक्षित (15.06.2009) होने के कारण पुनरीक्षित प्राक्कलन राशि रू. 48.16 लाख का कार्यपालन यंत्री के पत्र दिनांक 22/08/2012 से प्रेषित कर दिया गया था चूंकि स्वीकृति पुराने एस.ओ.आर. (1.11.1999) से प्रभावशील दर पर जारी की गई थी इस कारण निविदा आमंत्रित नहीं हो सकती थी। (ग) जी हाँ। लागत में वृद्धि नवीन एस.ओ.आर. (15.06.2009 से प्राभवशील) लागू होने के कारण हुई। प्रशासकीय स्वीकृति आदेश अधिष्ठता गांधी चिकित्सा महाविद्यालय के पत्र दिनांक 23.12.2011 द्वारा विलम्ब से लोक निर्माण विभाग को प्रेषित किया गया। जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
जिले की रोड के सुधार एवं उन्नयन
60. ( क्र. 5178 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मल्हारगढ़, भौरासा कुरवाई रोड जो अशोकनगर जिले को विदिशा सागर जिले को जोड़ता है के सुधार व उन्नयन हेतु विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है? (ख) मुंगावली बीना रोड 38 किलोमीटर रोड व्हाया आगासोद रिफाइनरी में अशोकनगर जिले का दस किलोमीटर है व उसके बाद सागर जिले के बीना का 28 किलोमीटर रोड को जी.पी. पावर प्लांट के भारी वाहनों से बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है के सुधार हेतु क्या कार्यवाही हो रही है? (ग) चंदेरी रोड पर तला रोड जेल तालाब से बहादुरपुर रोड का लगभग एक किलोमीटर का रोड बनने से मुंगावली बस स्टैण्ड व शहर में जाम रोकने का जो प्रस्ताव किया है तथा जो पुराना करीला मेला अस्थाई बायपास बनता रहा है, को डामर रोड स्वीकृति जिसके बारे में प्रश्नकर्ता ने पत्र भी लिखा है तथा मुंगावली से लोक निर्माण विभाग ने प्रस्ताव भी किया है, कि स्वीकृति का विवरण देवें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन मार्ग में ध्वस्त कि.लो. मीटर लंबाई 8.40 कि.मी. में पुर्ननिर्माण हेतु योजना मद के अंतर्गत रू. 423.95 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 22.01.2013 को जारी की गई है। वर्तमान में कार्य प्रगति पर है एवं म.प्र. सड़क विकास निगम के अंतर्गत भौरासा-मल्हारगढ़ मार्ग का उन्नयन ए.डी.बी. योजना के पंचम चरण में करने हेतु डी.पी.आर. तैयार कराया जा रहा है। (ख) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ग) माननीय सदस्य का पत्र दिनांक 23.02.2016 को प्राप्त। प्राक्कलन वर्तमान में परीक्षणाधीन है।
इंदौर-कोटा राजमार्ग के व्यवस्थान
61. ( क्र. 5363 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्थ 2016 के लिए कौन-कौन से मार्गों का उन्नयनीकरण किया जाना है? सूची उपलब्ध करावें? प्रगतिरत कार्यों की अद्यतन स्थिति भी बताइये? (ख) क्या सिंहस्थ 2016 के लिए इंदौर कोटा राजमार्ग के व्यवस्थापन के लिए विभाग की कोई कार्य योजना हैं? यदि हाँ, तो क्या व कार्यों की अद्यतन स्थिति बताइये? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि नहीं, है तो क्या इंदौर-कोटा राजमार्ग सिंहस्थ 2016 में अनुमानित यातायात के मान से सुव्यवस्थित है? यदि नहीं, तो शीघ्रता से क्या व्यवस्था की जावेगी? (घ) विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत नगरीय क्षेत्र सुसनेर एवं सोयतकलां में इंदौर-कोटा राजमार्गों पर व्यवस्थापन व सौंदर्यीकरण हेतु विभाग शीघ्र निर्णय लेकर स्वप्रेरणा से कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या व कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' 'अ-1' अनुसार है। (ख) जी हाँ। योजना अंतर्गत उज्जैन के शहरी क्षेत्र अंतर्गत कोयला फाटक से खिलचीपुल पुलिया तक उन्नतीकरण का कार्य पूर्ण किया गया। मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा सुसनेर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगरीय क्षेत्र सुसनेर एवं सोयतकलां में इंदौर-कोटा राजमार्ग पर फोरलेन सीमेंट कांक्रीट रोड जिसकी लंबाई क्रमश: 2.2 कि.मी., 2.2 कि.मी. का प्राक्कलन प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत नगरीय क्षेत्र सुसनेर एवं सोयतकलां में इन्दौर-कोटा राजमार्गों पर फोरलेन सीमेंट कांक्रीट रोड जिसकी लंबाई क्रमश: 2.2 कि.मी., 2.2 कि.मी. का प्राक्कलन जिसकी लागत राशि क्रमश: रू. 1224 लाख एवं रू. 1303 लाख है प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं।
वन भूमि के विकास कार्यों में उपयोग
62. ( क्र. 5364 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा वन भूमि अन्य विभाग को हस्तांतरित करने हेतु क्या मापदण्ड है? क्या जनहित के कार्यों एवं विकास कार्यों हेतु वनभूमि प्राथमिकता से प्रदाय की जा सकती है? यदि हाँ, तो क्या प्रक्रिया अपनाई जाती है? (ख) विगत 02 वर्षों में उज्जैन संभाग अंतर्गत विकास कार्यों के लिये कितनी वनभूमि अन्य विभाग को प्रदाय की गई है? कार्यवार विवरण देवें? (ग) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत ग्राम गोठड़ा, तहसील नलखेड़ा अंतर्गत कितनी वन भूमि है? (घ) क्या कुंडालिया बांध परियोजना हेतु सिंचाई विभाग द्वारा वन भूमि की या अनापत्ति प्रमाण-पत्र की मांग की गई है? यदि हाँ, तो कार्यवाही किस स्तर पर प्रचलित है व कब तक निराकरण होगा? क्या कोई समय-सीमा इस हेतु निर्धारित है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वन विभाग द्वारा जनहित के कार्यों एवं विकास कार्यों हेतु अन्य विभाग को वन भूमि हस्तांतरण करने हेतु मापदण्ड एवं प्रक्रिया वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 में प्रावधानित है। प्रावधान अनुसार आवेदक विभाग द्वारा वन भूमि हस्तांतरित हेतु निर्धारित प्रारूप में आवेदन प्रस्तुत करने पर भारत सरकार आवेदक विभाग को वनभूमि उपयोग पर देने की स्वीकृति राज्य शासन द्वारा भारत सरकार से अनुमोदन प्राप्त कर प्रदान की जाती है। भारत सरकार से पूर्व, अनुमोदन प्राप्त करने की प्रक्रिया का संक्षिप्त विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। भारत सरकार ने वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के अन्तर्गत जन उपयोगी सुविधाओं के लिए वन भूमि के उपयोग की सामान्य स्वीकृति जारी कर राज्य शासन को अधिकार सौंपे हैं। इन आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है। (ख) विगत 02 वर्षों में उज्जैन संभाग के अन्तर्गत विकास कार्यों के लिये 385.3189 हेक्टेयर वनभूमि अन्य विभागों एवं संस्थाओं को उपयोग हेतु प्रदाय की गई है। वनमण्डलवार, कार्यवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स’’ अनुसार है। (ग) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अन्तर्गत ग्राम गोठड़ा तहसील नलखेड़ा अन्तर्गत 465.595 हे. वनभूमि है। (घ) कुण्डालिया बांध परियोजना हेतु सिंचाई विभाग द्वारा शाजापुर वन मंण्डल की 405.00 हेक्टेयर एवं वनमण्डल, राजगढ़ की 275.270 हेक्टेयर, कुल 680.270 हेक्टेयर वनभूमि के उपयोग की मांग की गई थी। भारत सरकार, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के पत्र क्रमांक 8-02/2014/एफसी, दिनांक 15.09.2015 द्वारा प्रकरण में औपचारिक अनुमोदन प्रदान किया गया है। राज्य शासन के आदेश दिनांक 20.10.2015 से आवेदित वनभूमि का व्यपवर्तन करने हेतु सशर्त अनुमति के आधार पर वनभूमि जल संसाधन विभाग को हस्तांतरण की कार्यवाही शीघ्र पूर्ण कर ली जायेगी। इस हेतु कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है।
औषधिय पोध का रोपण
63. ( क्र. 5385 ) श्री संजय पाठक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में औषधि विकास हेतु विगत तीन वर्षों में क्या-क्या कार्ययोजनायें बनाई गई? यदि योजना बनाई गई तो किस-किस औषधि पौधों के कितने रकबे के लिये प्रस्तावित हुई? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कितनी कार्य योजनायें औषधि वृक्षारोपण की स्वीकृत हुई एवं उक्त योजनायें कितनी राशि की हैं? (ग) प्रश्न दिनांक तक कितने रोपणी के कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं एवं प्रश्न दिनांक तक कितने पूर्ण किये जाना शेष है? (घ) विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र में किस-किस प्रजाति के औषधि पौधों का कितने रकबा में किस वीट में वृक्षारोपण किया गया?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) प्रश्नाधीन जिले एवं अवधि में औषधि विकास हेतु कोई कार्य योजनाएं वन विभाग द्वारा नहीं बनाई गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तालाब का पुनर्निर्माण कार्य
64. ( क्र. 5565 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2014 में वन विकास निगम लामता परियोजना बालाघाट को उसके क्षेत्रांतर्गत किसान तालाब सादाबोडी के पुनर्निर्माण हेतु रोजगार गारंटी मद से 35 लाख 50 हजार की राशि स्वीकृत की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो किसान तालाब सादाबोडी के पुन:निर्माण कार्य में कुल कितनी राशि व्यय की गई? (ग) क्या तालाब निर्माण का कार्य अधूरा पड़ा हुआ है? यदि हाँ, तो कब तक तालाब निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) दिनांक 25.02.2016 तक कुल राशि रूपये 5,03,640.00 (रूपये पाँच लाख तीन हजार छ: सौ चालीस) । (ग) जी हाँ। जानकारी संकलित की जा रही है।
वन भूमि का संरक्षण
65. ( क्र. 5575 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में कितनी वन भूमि किन-किन तहसीलों में है? (ख) उक्त वन भूमि को संरक्षित करने हेतु विगत 3 वर्षों में विभाग द्वारा कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ग) उक्त कार्यों हेतु क्या कोई निविदा विज्ञप्ति प्रकाशित की गई? यदि हाँ, तो किस समाचार पत्र में? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उक्त निर्माण कार्यों की वर्तमान में क्या स्थिति है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) कार्य विभागीय रूप से कराये गये हैं। अत: निविदा विज्ञप्ति प्रकाशन का कोई प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्तमान स्थिति संतोषजनक है।
लोक निर्माण विभाग के अधीन निर्माणाधीन सड़क
66. ( क्र. 5593 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में लोक निर्माण विभाग के अधीन निर्माणाधीन सड़कों की जानकारी विधान सभावार देते हुए बतावें कि ये सड़क कब से निर्माणाधीन हैं तथा इनके निर्माण की क्या समय-सीमा निर्धारित की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) की सड़कों में कितनी ऐसी सड़कें हैं जिनके निर्माण कार्य पूर्ण होने का समय पूरा हो चुका है, लेकिन निर्माण कार्य पूर्ण नहीं कराए गए? कार्य पूर्ण नहीं कराये जाने पर किन-किन पर, कब-कब, कौन-कौन सी कार्यवाही प्रस्तावित की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के सड़कों का कार्य गुणवत्ताविहीन एवं मौके पर न कर फर्जी बिल वाउचर के आधार पर राशि का आहरण करा दिया गया तो इसके लिए किन-किन को दोषी मानते हुए किस-किस तरह की कार्यवाही करेंगे? क्या राशि वसूली के साथ आपराधिक प्रकरण भी पंजीबद्ध करायेंगे? हाँ तो कब तक नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) एवं (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य की जाँच की गई जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' के सरल क्रमांक 13, 17, 24 में वर्णित है। फर्जी व्हाउचर नहीं पाया गया। राशि वसूली हेतु विभागीय जाँच संस्थित हो गई है। वर्तमान में अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कराने की स्थिति परिलक्षित नहीं होती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
इन्दरगढ़, पिछोर मार्ग की स्वीकृति
67. ( क्र. 5641 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दरगढ़ पिछोर मार्ग से हुसैनपुरा, रूरा होते हुये भड़ौल तक कोई मार्ग स्वीकृत किया गया है, यदि हाँ, तो कब, मार्ग की लम्बाई, लागत राशि सहित जानकारी उपलब्ध कराई जावे? (ख) कंडिका (क) में वर्णित मार्ग कौन सी योजना अंतर्गत एवं किस निर्माण एजेन्सी द्वारा बनाई जा रही है? इसके निर्माण पूर्ण होने की अवधि क्या है? (ग) वर्तमान में उक्त मार्ग की क्या स्थिति है, क्या मार्ग पूर्ण हो गया है या अधूरा है, यदि अधूरा है तो संबंधित निर्माण एजेंसी को विभाग द्वारा कितना भुगतान कर दिया गया है? उक्त मार्ग का किन-किन अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया? उनके क्या प्रतिवेदन रहे? (घ) क्या उक्त मार्ग पर अभी तक सिर्फ गिट्टी भराने का कार्य हुआ है, जबकि भुगतान फर्जी दस्तावेज तैयार कर अधिक कर दिया गया है? यदि हाँ, तो इसमें कौन-कौन से अधिकारी जिम्मेदार है, उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं। इन्दरगढ़ पिछोर मार्ग से हुसैनपुरा रूरा होते हुये भडोल मार्ग के नाम से कोई मार्ग स्वीकृत नहीं है। इन्दरगढ़ गोराघाट से सेनपुरा रूरा मार्ग के नाम से मार्ग स्वीकृत है, जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' में दर्शित है। (ख) कंडिका ''क'' में वर्णित इन्दरगढ़ गोराघाट से सेनपुरा रूरा मार्ग 24-5054-6590 नाबार्ड योजना स्वीकृत है। निर्माण एजेन्सी श्री कैलाश नारायण शर्मा ठेकेदार नितिन नगर ठाटीपुर ग्वालियर है। अनुबंधानुसार कार्य पूर्ण करने की अवधि 17.10.2014 थी। जो समाप्त हो चुकी है, एवं कार्य पूर्ण करने हेतु दिनांक 30.06.2016 तक समयावधि स्वीकृत की गयी। (ग) मार्ग की वर्तमान स्थिति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' के कालम नं. 14 में दर्शायी गई है। वर्तमान में कार्य अधूरा है। संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार संबंधित निर्माण एजेन्सी क्रं. 1 को रू. 157.96 लाख तथा एजेन्सी क्रं. 2 को रू. 60.00 लाख कुल राशि रू. 217.96 लाख का भुगतान कर दिया गया है। मार्ग का निरीक्षण अधीक्षण यंत्री ग्वालियर मण्डल ग्वालियर द्वारा दिनांक 11.02.2012 को किया, प्रतिवेदन संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार है। (घ) जी नहीं। अभी तक मिट्टी का कार्य 7.00 कि.मी. जी.एस.बी. ग्रेड 1-7.00 कि.मी. तथा डब्ल्यू.बी.एम. ग्रे-3- 6.00 कि.मी. सी.सी. 1.00 कि.मी. तथा 3 नग पुलियों का निर्माण हो चुका है। फर्जी दस्तावेज तैयार कर अधिक भुगतान नहीं किया गया है। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता।
अनियमितता की जाँच कर दोषियों पर कार्यवाही
68. ( क्र. 5651 ) श्री तरूण भनोत : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर में छात्रावास एवं रिसर्च सेंटर के भवन निर्माण में व्यापक अनियमिततायें एवं भ्रष्टाचार कर निम्न गुणवत्ता का निर्माण कार्य करवाया गया था? जिस पर लोकायुक्त में प्रकरण भी दर्ज किया था एवं सिविल लाईन्स थाना जबलपुर में भी प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी? (ख) क्या उक्त निर्माण के जाँच कमेटी के चेयरमेन द्वारा वर्णित (क) के निर्माण कार्य को गुणवत्ता विहीन बताकर निर्माण की निविदा प्रक्रिया को भी नियम विरूद्ध बताकर अधिक भुगतान किये जाने की रिपोर्ट प्रस्तुत की थी? (ग) यदि वर्णित (क), (ख) हाँ तो उक्त निर्माण से संबंधित दोषियों एवं निविदा समिति के सदस्यों पर शासन क्या दण्डात्मक कार्यवाही करेगा?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ, प्रथम दृष्टया जांच प्रतिवेदन में पाया गया। जी नहीं। इस संबंध में सिविल लाईन थाना जबलपुर में प्राथमिकी दर्ज हुई थी। प्रकरण से संबंधित समस्त अभिलेख माननीय प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के आधिपत्य में ले लिए गए हैं एवं विचाराधीन हैं। (ख) उच्च शिक्षा विभाग द्वारा अनियमितताओं की जांच हेतु दिनांक 14.03.2011 को एक समिति गठित की गई थी, जिसमें निर्माण कार्य से संबंधित बिन्दु भी शामिल था। समिति द्वारा विभाग को प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन पत्र दिनांक 16.06.2015 विभाग द्वारा मूलत: माननीय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश (लोकायुक्त) जबलपुर को आगामी कार्यवाही हेतु अग्रेषित किया गया। (ग) प्रश्नांश ''क'' एवं ''ख'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में माननीय न्यायालय के अंतिम निर्णय अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी।
मंदिरों के पुजारियों को प्रदेश शासन द्वारा राहत प्रदान
69. ( क्र. 5652 ) श्री तरूण भनोत : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या राज्य सरकार प्रदेश के लगभग 32 हजार मंदिरों और उसकी कृषि भूमि पुजारियों को सौंपने जा रहा है एवं इस संदर्भ में दावे-आपत्तियां भी आमंत्रित कर बुलायी जा रही हैं ताकि वे जमीन की देख-रेख के साथ-साथ फसल उगाकर धार्मिक पूजा-पाठ के लिये उपयोग भी कर सकेंगे? यदि हाँ, तो इस हेतु कब तक आदेश जारी किये जावेंगे? (ख) जबलपुर जिले में विभाग द्वारा संधारित 62 मंदिरों की कुल कृषि भूमि 1184 एकड़ लगभग है, जिनमें कोई पुजारी नहीं है, ऐसी स्थिति में अभी तक कौन देख-रेख एवं फसल उगा रहा है? (ग) क्या केबिनेट बैठक दिनांक 31 मई 08, 14 जुलाई 09, 25 जून 013, को संधारित मंदिर की कृषि भूमि लीज पर न देकर अस्थाई रूप से पुजारियों के हवाले करने का आदेश दिया था, किंतु उसका पालन जबलपुर जिले में नहीं हुआ? क्या जबलपुर की धार्मिक संस्था ब्राम्हण मंच द्वारा धरना प्रदर्शन, रैली निकालकर जिला प्रशासन जबलपुर को 29 जनवरी 014 को 8 सूत्रीय मांग पत्र पुजारियों के आवेदन के साथ सौंपा था? उस पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) वर्णित (ग) के अनुसार जिला प्रशासन को अधिकृत पुजारियों की सूची के अनुसार क्या उन्हें देख-रेख हेतु नियुक्त किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दोषियों को बचाया जाना
70. ( क्र. 5661 ) श्री के.पी. सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वनमण्डल शिवपुरी की रेंज पोहरी की सबरेंज भैसरावन में उद्वहन सिंचाई योजना तिघरा से 20 हार्सपावर की विद्युत मोटर एवं पाईप चोरी हुये हैं? यदि हाँ, तो उक्त मोटर एवं पाईप कब चोरी हुये? चोरी के संबंध में विभाग द्वारा कब-कब व क्या-क्या कार्यवाही की गई? उक्त चोरी के संबंध में विभाग को किन-किन माध्यमों से कब-कब कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? उन पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या उक्त चोरी के संबंध में विभाग द्वारा पुलिस प्रकरण पंजीबद्ध कराया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या चोरी के संबंध में प्राप्त शिकायतों में उक्त चोरी तत्कालीन परिक्षेत्र सहायक भैसरावन के द्वारा चोरी करना उल्लेखित किया गया है? क्या इसी कारण विभाग द्वारा पुलिस प्रकरण पंजीबद्ध नहीं कराया जाकर दोषियों को बचाया जा रहा है? (ग) क्या शासन/विभाग प्रश्नांश (क) से (ख) में उल्लेखित बिन्दुओं एवं चोरी के संबंध में प्राप्त शिकायतों पर उच्च स्तरीय कार्यवाही कर चोरी की घटना पर पुलिस प्रकरण पंजीबद्ध कराते हुये दोषियों पर दण्डात्मक कार्यवाही करने के साथ-साथ समय रहते चोरी का पुलिस प्रकरण पंजीबद्ध नहीं करने वाले दोषियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कथित चोरी के संबंध में विभाग द्वारा दिनांक 2.3.2016 को पुलिस में सूचना दी गई है। प्राप्त एक शिकायत में तत्कालीन परिक्षेत्र सहायक भैसरावन के द्वारा कथित रूप से चोरी करना उल्लेखित किया गया है। प्राप्त शिकायत में प्रथम दृष्टया दोषी पाये गये कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारंभ की गई है। अत: दोषियों को बचाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्राप्त शिकायतों पर विभागीय कार्यवाही प्रारंभ करते हुए संबंधित कर्मचारियों के विरूद्ध कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन मण्डल शिवपुरी में तेंदूपत्ता चोरी
71. ( क्र. 5662 ) श्री के.पी. सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी के वनमण्डल शिवपुरी में विगत 3 वर्षों में तेंदूपत्ता चोरी करते हुये कितने ट्रैक्टर ट्राली जप्त कर प्रकरण पंजीबद्ध किये गये थे? इनमें से कौन-कौन से प्रकरण जप्तकर्ता एवं जाँच अधिकारियों के पास कितनी-कितनी अवधि पश्चात निराकृत किये गये? उसके क्या निष्कर्ष निकले? क्या निराकृत प्रकरणों में विधिसम्मत कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? कितने प्रकरण कब से व क्यों लंबित हैं? प्रकरणवार जानकारी देवें? (ख) क्या जप्तकर्ता एवं जाँचकर्ता अधिकारी द्वारा अपराधी के बयान एवं शपथ-पत्र के आधार पर वन विभाग के दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को भी सह अभियुक्त बनाया गया है? यदि हाँ, तो जाँच अधिकारी के अधीन कार्यरत सह अभियुक्त श्रमिकों का न्यायालय में चालान प्रस्तुत नहीं करने के क्या कारण हैं? क्या दोषियों को बचाने की नीयत से जानबूझकर कार्यवाही नहीं की जा रही है? (ग) क्या उक्त प्रकरणों के संबंध में अन्य माध्यमों से भी शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो प्राप्त किन-किन शिकायतों पर जाँच अधिकारी द्वारा क्या कार्यवाही कब-कब की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या शासन/विभाग प्रश्नांश (क) से (ग) में उल्लेखित प्रकरण एवं शिकायतों की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए शासन के प्रचलित नियम/निर्देशों के अंतर्गत कार्यवाही करने के साथ-साथ समय रहते कार्यवाही नहीं कर दोषियों को अनियमित रूप से बचाने वाले संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) शिवपुरी वनमंडल में प्रश्नाधीन अवधि में तेन्दूपत्ता चोरी करते हुए कोई भी ट्रैक्टर—ट्राली जप्त कर प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुबंध के अनुसार सुविधा न होना
72. ( क्र. 5691 ) श्री रामनिवास रावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले 01 वर्षों में BOT के अंतर्गत बनी सड़कों पर यातायात प्रारम्भ होने के बाद हुई दुर्घटनाएं तथा उसमें मृत, घायल व्यक्ति की जानकारी, सम्पत्ति की हानि सहित वर्षवार बतावें? क्या अनुबंध अनुसार कन्शेसनर द्वारा दुर्घटना का रिकार्ड रखने का प्रावधान था, यदि हाँ, तो उसका विवरण उपलब्ध करावे? (ख) लेबड-नयागांव फोरलेन पर अनुबंध के अनुसार सड़क पर वेरियेशन कितने एम.एम. होना चाहिये तथा उसका मूल्यांकन किसके द्वारा निर्माण से आज कि कब-कब किया गया? (ग) लेबड-जावरा तथा जावरा नयागांव सड़क पर अनुबंध की शर्त के अनुसार क्या-क्या सुविधाएं टोल नाका, ले बाय, बस स्टैण्ड पर होना चाहिये तथा किस-किस जगह वह सुविधा है तथा कहाँ नहीं है? (घ) प्रश्नांश (ग) की सड़क पर मेडियन में पौधे तथा सड़क के दोनों ओर अनुबंध के अनुसार पेड़ लगाये गये है, यदि हाँ, तो उनकी संख्या चेनेज अनुसार बतावे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) प्रत्येक मार्ग के कार्य क्षेत्रांतर्गत आने वाले पुलिस विभाग एवं संबंधित निवेशकर्ता से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) लेबड-नयागांव फोरलेन पर अनुबंध के अनुसार संधारण अवधि में अधिकतम रफनेस 3000 एम.एम. प्रति कि.मी. तक होना चाहिये तथा उसका मूल्याकंन अधिकृत प्रयोगशाला द्वारा दिनांक 7-8 अक्टूबर 2013, 29 मई 2014, 16 अक्टूबर 2014, 26-27 फरवरी 2015, 26 मई 2015, 21-24 नवम्बर 2015 को किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जी हाँ। प्रश्नांक ''ग'' की सड़क पर मेडियन में पौधे औसत 3 मीटर की दूरी पर पौधे लगाये गये हैं तथा सड़क के दोनों ओर अनुबंध के अनुसार पेड़ लगाये गये जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
खेल स्टेडियम की स्वीकृत
73. ( क्र. 5699 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जावरा नगर/पिपलौदा नगर/जावरा ब्लॉक एवं पिपलौदा ब्लॉक में विभागीय मंत्री द्वारा विधायक की अनुशंसा पर इंडोर एवं आउटडोर स्टेडियम स्वीकृत किये हैं? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त उल्लेखित क्रमानुसार नगरों एवं ब्लॉकों में इंडोर एवं आउटडोर स्टेडियम निर्माण हेतु कितना-कितना बजट स्वीकृत होकर जिले को कितनी राशि प्रदान कब की गई है? (ग) क्या स्टेडियम निर्माण हेतु स्थलों का चयन कर भूमि प्राप्त करने की प्रशासनिक कार्यवाही चल रही है? (घ) यदि हाँ, तो पर्याप्त बजट कब प्राप्त होकर भूमि प्राप्त करने संबंधी कार्यवाहियों इत्यादि कब पूर्ण होकर स्टेडियम निर्माण कार्य कब प्रारंभ किये जाएंगे?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जावरा ब्लॉक में 01 आउटडोर खेल परिसर निर्माण के प्रस्ताव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को पत्र क्र. 1318, दिनांक 26.09.2015 द्वारा प्रेषित किए गए हैं। (ख) इण्डोर स्टेडियम निर्माण की योजना को भारत सरकार के पत्र क्र. 30-01/एमवाईएएस/आरजीकेए/2015/ 6419/6428, दिनांक 05.11.2015 द्वारा योजना की पुनः समीक्षा के कारण भारत सरकार द्वारा स्थगित रखा गया है। जावरा ब्लॉक में आउटडोर खेल परिसर निर्माण हेतु राशि रू. 80.00 लाख का आवंटन ग्रामीण यांत्रिकी सेवा को जिला पंचायत के माध्यम से सौंपा गया है। (ग) जी हाँ। (घ) आउटडोर खेल परिसर का निर्माण कार्य विभाग द्वारा नहीं किया जा रहा है एवं इण्डोर खेल परिसर के संबंध में जानकारी प्रश्नोत्तर ‘‘ख’’ में दी गई है। अतः भूमि प्राप्त करने एवं निर्माण कार्य प्रारंभ की समय-सीमा विभाग द्वारा बताई जाना संभव नहीं है।
एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा बनाये गये मार्ग
74. ( क्र. 5783 ) श्री विष्णु खत्री : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैरसिया विधान सभा अंतर्गत आंकिया से बरखेड़ा से डोंगरगांव होते हुये बेरावल तक एवं ईंटखेड़ी से इस्लामनगर होते हुये रास्लाखेड़ी तक विभाग द्वारा बनाये जा रहे मार्ग का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि नहीं, तो क्या कारण हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में बरखेड़ा से आंकिया मार्ग पर ग्राम बरखेड़ा स्थिति मिडिल स्कूल के पास से बाय-पास मार्ग के निर्माण हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा लिखे गये पत्र पर क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या प्रश्नांश 'क' में दर्शित मार्गों की गुणवत्ता से विभाग संतुष्ट है? उक्त मार्गों का गुणवत्ता परीक्षण किस अधिकारी द्वारा किया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) अंकिया-बरखेड़ा-नजीराबाद मार्ग पर बरखेड़ा में बाय-पास निर्माण हेतु भू-अर्जन किया जा चुका है। अत: माननीय विधायक जी के पत्र में दिया गया प्रस्ताव तकनीकी रूप से संभव न होने के कारण उस पर कार्यवाही नहीं की गई। (ग) जी हाँ। गुणवत्ता परीक्षण कर कार्य स्वतंत्र अभियंता द्वारा कराया जाता है।
धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के अधीन मंदिर
75. ( क्र. 5811 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्वालियर जिले में धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के अधीन कौन-कौन से मंदिर हैं उनका नाम, ग्राम-स्थान (पता) तथा किस देवी/देवता का मंदिर है, स्पष्ट करें? भितरवार विधान सभा क्षेत्र में ऐसे कौन-कौन से मंदिर हैं जिन मंदिरों के नाम से भूमि सलंग्न है। उन मंदिरों का नाम, गाँव, विकासखण्ड उनसे संबंधित भूमि, कुल रकबा, किस-किस सर्वे नं. में है वर्तमान में उस भूमि पर किस प्रकार का उपयोग किस-किस के द्वारा किया जा रहा है स्पष्ट करें? (ख) ग्वालियर जिले में 1 अप्रैल 2014 से प्रश्न दिनांक तक धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग द्वारा कितना-कितना वित्तीय आवंटन प्राप्त हुआ है उक्त आवंटन में किस-किस मंदिर में कितनी-कितनी राशि का उपयोग किस-किस की अनुशंसा पर किस विभाग द्वारा किस एजेन्सी/ठेकेदार द्वारा निर्माण कराया गया है तथा कराया जा रहा है। निर्माणरत् तथा निर्माणधीन मंदिर का नाम, ग्राम, विकासखण्ड स्पष्ट करें। तथा वर्तमान में भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है स्पष्ट करें? (ग) 1 जनवरी 2016 की स्थिति में ग्वालियर जिले में धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के मंदिरों पर कौन-कौन पुजारी पदस्थ है उनका नाम, पिता/पति का नाम, जाति, विकासखण्ड तथा उनको वर्तमान में प्रतिमाह कितना-कितना मानदेय (पुजारी भत्ता) दिया जा रहा है स्पष्ट करें?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है
राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 12 फोरलेन के कार्य
76. ( क्र. 5820 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 12 अंतर्गत ब्यावरा से भोपाल तक फोरलेन सड़क निर्माण कार्य हेतु किस निर्माण एजेन्सी को कितनी अवधि में कार्य पूर्ण करने हेतु कार्यादेश दिया गया था? (ख) क्या संबंधित निर्माण एजेन्सी द्वारा निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण करा लिया जावेगा? यदि नहीं, तो किन कारणों से सड़क निर्माण कार्य प्रश्न दिनांक तक मात्र 20 प्रतिशत कार्य ही कराया जाकर वर्तमान में कार्य लगभग बंद है? यदि हाँ, तो इस हेतु निर्माण एजेन्सी के विरूद्ध कोई कार्यवाही प्रस्तावित की गई है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या सड़क की वर्तमान दुर्दशा के कारण अधिकांश यात्री वाहनों द्वारा अपने वाहनों का संचालन बंद कर दिया गया है। जिससे यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है तथा आये दिने बड़ी दुर्घटनायें घटित हो रही हैं? यदि हाँ, तो मार्ग निर्माण न होने की दशा में विभाग द्वारा गड्ढे भरकर कब तक आवागमन योग्य बनाया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। निवेशकर्ता एजेन्सी की वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण कार्य धीमा है। कार्य की प्रगति बढ़ाने हेतु निर्माण एजेंसी को नोटिस जारी किए गए हैं। ऐजेंसी के विरूद्ध अनुबंध के अनुसार दिनांक 22.04.2015 को अनुबंध निरस्तीकरण का नोटिस दिया गया है। (ग) जी नहीं। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। निवेशकर्ता एजेन्सी को मार्ग के गड्ढे भरवाने का कार्य तीव्र गति से करने के निर्देश दिये गये हैं। निवेशकर्ता द्वारा वित्तीय उपलब्धता के अनुसार मार्ग को आवागमन योग्य बनाया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ब्यावरा नगर में इंजीनियरिंग कॉलेज की स्वीकृति
77. ( क्र. 5821 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले अथवा आस-पास 100 कि.मी. की परिधि में शासकीय अभियांत्रिकी (इंजीनियरिंग) महाविद्यालय नहीं है। जबकि जिला मुख्यालय राजगढ़ एवं नगर पचोर में पॉलीटेक्निक महाविद्यालय संचालित है तथा जिले में हायर सेकेण्डरी स्कूलों की संख्या 67 है। जिसमें प्रतिवर्ष एक हजार से भी अधिक छात्र-छात्रायें इंजीनियरिंग करने हेतु राजधानी भोपाल, इंदौर के इंजीनियरिंग कॉलेजों पर आश्रित रहते है? यदि हाँ, तो क्या आर्थिक रूप से असक्षम एवं ग्रामीण क्षेत्र के गरीब प्रतिभावान बच्चे इंजीनियरिंग अध्ययन से वंचित रह जाते हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या राजगढ़ जिले के ब्यावरा नगर में, जो कि दो राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 3 एवं 12 के संगम तथा रेलमार्ग की सुविधा उपलब्ध होने के दृष्टिगत इंजीनियरिंग महाविद्यालय प्रारंभ करने हेतु छात्र-छात्राओं के अभिभावक व आमजनों द्वारा निरंतर शासन-प्रशासन से मांग की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या शासन राजगढ़ जिले के ब्यावरा नगर में शासकीय अभियांत्रिकीय (इंजीनियरिंग) महाविद्यालय की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। राजगढ़ जिले के निकटस्थ जिले उज्जैन में 01 शासकीय 01 स्वशासी तथा 05 निजी इंजीनियरिंग महाविद्वालय, जिला भोपाल में 02 स्वशासी एवं 73 निजी क्षेत्र की संस्थायें एवं जिला विदिशा में 01 अनुदान प्राप्त इंजीनियरिंग महाविद्यालय संचालित हैं। (ख) वर्तमान में शासन की ऐसी कोई योजना नहीं है। इंजीनियरिंग क्षेत्र में प्रदेश में पर्याप्त प्रवेश क्षमता उपलब्ध है।
कॉलेज ग्राउंड पर स्टेडियम निर्माण
78. ( क्र. 5901 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत तीन वर्षों में नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा शहर में पुराने कॉलेज ग्राउंड पर स्टेडियम निर्माण हेतु विभाग के पास कब-कब प्रस्ताव/मांग आई? (ख) उक्त प्रस्ताव पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या विभाग खेल प्रतिभावान युवाओं को प्रोत्साहन हेतु गाडरवारा नगर में शीघ्र सर्वसुविधा युक्त स्टेडियम निर्माण करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) मान. प्रश्नकर्ता विधायक श्री गोविन्द सिंह पटेल के पत्र दिनांक 26.06.2015 से स्टेडियम निर्माण हेतु मांग प्राप्त हुई है। (ख) संचालनालय के पत्र क्रमांक 4841 दिनांक 24.09.2015 द्वारा भूमि को राजस्व अभिलेख में विभाग के नाम दर्ज कर आधिपत्य प्राप्त करने हेतु जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी नरसिंहपुर को लेख किया गया था किंतु भूमि का अभी आधिपत्य प्राप्त नहीं हुआ है। (ग) भूमि का आधिपत्य विभाग को प्राप्त होने पर ही स्टेडियम निर्माण की कार्यवाही संभव है। निश्चित तिथि बताई जाना संभव नहीं है।
सड़कों के निर्माण
79. ( क्र. 5902 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक विभाग के पास कितनी सड़कों के निर्माण कराये जाने हेतु किन-किन स्त्रोतों द्वारा प्रस्ताव प्राप्त हुये हैं? (ख) प्रश्नांकित प्रस्तावों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई तथा अन्य महत्वपूर्ण सड़कों को आगामी बजट में शामिल कर निर्माण कराये जाने की प्रक्रिया पूर्ण कर सड़कों का निर्माण किया जावेगा यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है एवं नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक एम.पी.आर.डी.सी. को सड़क निर्माण हेतु कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ, परन्तु निगम द्वारा गाडरवारा गोटेटोरिया मार्ग (एम.डी.आर.) को ए.डी.बी.-V योजना में उन्न्यन कार्य हेतु प्रस्तावित किया जा रहा है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, एवं गाडरवारा गोटेटोरिया मार्ग निर्माण हेतु प्रशासकीय स्वीकृति एवं ए.डी.बी. से ऋण स्वीकृत होने के पश्चात निर्माण कार्य किया जावेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
सड़कों की जानकारी
80. ( क्र. 5923 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत दो वर्ष में लोक निर्माण विभाग द्वारा सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन सी पुरानी सड़कों का नवीनीकरण एवं डामरीकरण किया गया है एवं कौन-कौन सी सड़कें शेष हैं? (ख) विभाग द्वारा विगत 02 वर्षों में सुवासरा वि.स.क्षेत्र के लिये कौन-कौन सी नवीन सड़क निर्माण के प्रस्ताव स्वीकृति हेतु भेजे गये है उनकी स्थिति बतायें? (ग) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में विगत 02 वर्षों में पुरानी सड़कों के नवीनीकरण पर व्यय की गई राशि की जानकारी सड़क के नाम सहित उपलब्ध करावें? (घ) विधानसभा क्षेत्र सुवासरा के ग्राम धतूरिया, शेरगढ़, ढोढर, बांकली एवं अन्य लिंक रोड के निर्माण हेतु विभाग द्वारा क्या योजना बनाई गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मंदिरों के जीर्णोद्धार की योजना
81. ( क्र. 5924 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में शासकीय मंदिरों के जीर्णोद्धार हेतु क्या योजना बनाई गई है? (ख) गरोठ दूधाखेड़ी माता मंदिर के जीर्णोद्धार हेतु शासन द्वारा एवं मंदिर समिति के द्वारा कितनी-कितनी राशि से निर्माण किया जा रहा है? (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के प्रसिद्ध मकडीमाता मंदिर, हरणेश्वर महादेव घसोई, मोडी माता मंदिर सीतामऊ के जीर्णोद्धार हेतु क्या योजना बनाई गई है? (घ) चन्दवासा स्थित धर्मराजेश्वर मंदिर पूरे भारत में प्राचीन एवं पुरातात्विक महत्व का मंदिर है? शासन द्वारा इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने हेतु क्या योजना बनाई जा रही है?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर
82. ( क्र. 5932 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कुल कितने पद स्वीकृत हैं तथा रिक्त पदों के विरूद्ध कितने कर्मचारी पदस्थ हैं? यदि रिक्त पदों से अधिक कर्मचारी कार्यरत है तो इसका दोषी कौन है? दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कब क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) वर्ष 2013 में नियमित किये गये दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को मध्यप्रदेश शासन के किन नियमों के आधार पर वर्ष 2008 से वरिष्ठता प्रदान की गई है? क्या उक्त कृत्य कदाचार के श्रेणी में आता है? उत्तर में यदि हाँ, तो इसका दोषी कौन है एवं उसके विरूद्ध कब, क्या कार्यवाही की गई बतलावें? (ग) क्या रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर के गणित, कम्प्यूटर साइंस, भौतिक शास्त्र, बायोसाइंस, शिक्षण विभागों को 17 तकनीकी कर्मचारियों तथा केन्द्रीय ग्रंथालय के 02 अन्य तकनीकी कर्मचारियों को मध्यप्रदेश राज्य शासन सेवा शर्तों के अधीन वेतनमान न देकर उन्हें यू.जी.सी. की सेवा शर्तों के अनुसार पदोन्नति एवं वेतनमान राज्य सरकार बगैर अनुमति के प्रदान किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो क्या उक्त वेतनमान कार्य-परिषद् की बगैर सहमति और राज्य सरकार की बगैर अनुमति के प्रदान किया गया? यदि हाँ, तो क्या शासन पूरे प्रकरण की जाँच कराकर रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के दोषी अधिकारी एवं संबंधित लोगों पर क्या कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) माननीय उच्च न्यायालय में दायर याचिका क्रमांक 12596/08 में पारित निर्णय दिनांक 18.01.2011 एवं मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 16.05.2007 के परिपालन में वर्ष 2013 में नियमित किये गये। वरिष्ठता दिये जाने के निर्णय का परीक्षण किया जा रहा है। परीक्षण उपरांत स्थिति स्पष्ट होने पर योग्य कार्यवाही की जायेगी। (ग) माननीय उच्च न्यायालय में दायर याचिका क्रमांक 3966/1995 में पारित निर्णय दिनांक 14.03.2006 तथा याचिका क्रमांक 3862/2011 में पारित निर्णय दिनांक 07.03.2011 एवं उच्च शिक्षा विभाग के पत्र दिनांक 04.05.2007 तथा 15.12.99 के परिपालन में यू.जी.सी. द्वारा स्वीकृत पद एवं वेतनमान में कार्यरत 17 तकनीकी कर्मचारियों को यू.जी.सी. के अंतर्गत संचालित यूसिक की गाइड लाईन के अनुसार कार्य-परिषद् द्वारा गठित समिति की अनुशंसा के आधार पर वरिष्ठ वेतनमान का लाभ प्रदाय किया गया। केन्द्रीय ग्रन्थालय के 02 तकनीकी कर्मचारियों को कार्य-परिषद् द्वारा गठित समिति की अनुशंसा पर कार्य-परिषद् द्वारा लिये गये निर्णय अनुसार यू.जी.सी. वेतनमान प्रदान किया गया है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
पाटन अंतर्गत मार्ग/पुल/पुलिया निर्माण
83. ( क्र. 5933 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्त वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक लोकनिर्माण विभाग एवं सेतु निर्माण संभाग जबलपुर को कौन-कौन से मार्ग/ब्रिज/पुल/पुलियों का निर्माण संधारण, मरम्मत व सुधार कार्य हेतु किस-किस योजना मद से कब-कब कितनी राशि आवंटित की गई तथा कितनी-कितनी राशि कौन-कौन से कार्यों में व्यय हुई एवं कौन-कौन से मार्ग/पुल/पुलियों के निर्माण कार्य कितनी लागत से कहाँ-कहाँ पर प्रस्तावित है एवं उनका निर्माण किस योजना मद से कब प्रारंभ किया जावेगा? (ख) प्रश्नांक (क) में किन-किन मार्ग/पुल/पुलियों का निर्माण, संधारण, सुधार व मरम्मत कार्य हेतु कब-कब कितनी-कितनी राशि की प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति किस स्तर पर दी गई तथा किन-किन मार्ग/पुल/पुलियों का कौन-कौन सा कार्य कराना स्वीकृत/प्रस्तावित है? उपसंभागवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांक (क) किन-किन मार्ग/पुल/पुलियों से संबंधित कितनी-कितनी राशि का कौन-कौन सा कार्य किस एजेन्सी से किसने कराया है तथा निविदा की शर्तों के तहत कौन-कौन सा कार्य कब से किस एजेन्सी से नहीं कराया है एवं क्यों? दोषी एजेन्सी पर कब क्या कार्यवाही की गई? प्रश्नांक (क) में कराये गये किन कार्यों की गुणवत्ता की जाँच कब किसने की है तथा किन कार्यों में क्या अनियमितता पाई गई और इसके लिये दोषी किस एजेन्सी/अधिकारी पर कब क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा समय-समय पर विभाग को मार्ग/पुल/पुलियों के निर्माण हेतु अनुगृह पत्र प्रेषित किये गये है उत्तर में यदि हाँ, तो इन पत्रों पर कब क्या कार्यवाही की गई विधायक द्वारा अनुशंसित मार्गों/पुल/पुलियों का निर्माण किस योजना मद से कब प्रारंभ किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', ''अ-1'' एवं ‘’ब’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', ''अ-1'', ‘’ब’’ एवं ‘’ब-1’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''स-1'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' एवं ‘’द’’ अनुसार है।
ऑन-लाईन टेण्डर
84. ( क्र. 5948 ) श्री सतीश मालवीय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्थ 2016 हेतु लोक निर्माण विभाग द्वारा मुरमीकरण के कितने ऑन-लाईन टेण्डर डाले गये? टेण्डर डालने वाली फर्म का नाम एवं रेट सहित सूची उपलब्ध करावें? (ख) क्या 22 प्रतिशत बिलों के टेण्डर नवीन नारंग व अमित जिन्दल ने डाला था एवं 36 प्रतिशत बिलों का टेण्डर कृष्णा इन्टरप्राईजेस ने डाला था? (ग) यदि हाँ, तो 22 प्रतिशत बिलों के टेण्डर को लोक निर्माण विभाग द्वारा किस उद्देश्य से स्वीकृत किया गया? इस प्रक्रिया में विभाग को कितने राजस्व की हानि हुई है? शासन दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही कब तक करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) 8 टेण्डर प्राप्त हुये थे। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं अपितु नवीन नारंग व अमित जिन्दल द्वारा डाली गई दर क्रमश: 21.69 प्रतिशत एस.ओ.आर. से कम व 9.11 प्रतिशत एस.ओ.आर. से अधिक प्राप्त हुई। कृष्णा इन्टर प्राइजेस की निविदा, निविदा शर्तों को पूर्ण नहीं करने के कारण नहीं खोली गई अत: इनकी दर बताया जाना संभव नहीं। (ग) निविदा अभी स्वीकृत नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
वन मुख्यालय में संधारित पंजी
85. ( क्र. 5955 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निर्वाचित जन प्रतिनिधियों के पत्रों की पृथक से पंजी संधारित किए जाने के क्या प्रावधान वर्तमान में प्रचलित है, इन प्रावधानों के अनुसार वन मुख्यालय सतपुड़ा भवन भोपाल में संधारित पंजी में प्रश्नकर्ता द्वारा गत एक वर्ष में किस विषय पर लिखा गया? (ख) गत एक वर्ष में पत्र लिखकर प्रश्नकर्ता ने किस दिनांक को किस-किस जिले से संबंधित एवं किस-किस वन मंडल से संबंधित कौन-कौन सी जानकारी उपलब्ध करवाए जाने का अनुरोध किया, उसमें से कौन-कौन सी जानकारी किन कारणों से प्रश्नकर्ता को उपलब्ध नहीं करवाई जा सकती? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा किस पत्र में चाही गई किस जिले या किस वनमंडल की जानकारी किन-किन कारणों से प्रश्नांकित दिनांक तक भी प्रश्नकर्ता को उपलब्ध नहीं करवाई जा सकी? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा चाही गई जानकारी प्रश्नकर्ता को कब तक उपलब्ध करवा दी जावेगी? समय-सीमा सहित बतावें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) मध्यप्रदेश शासन, संसदीय कार्य विभाग के ज्ञापन क्रमांक/109 एक (2) 31/48/2001 (सं.का.) दिनांक 23.01.2002 के अनुसार वर्तमान में निर्वाचित जन प्रतिनिधियों के पत्रों की पृथक से पंजी संधारित किये जाने के प्रावधान प्रचलित है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ एवं ‘‘ब’’ अनुसार है।
मुख्य सचिव द्वारा प्रेषित पत्र
86. ( क्र. 5956 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य सचिव कार्यालय से प्रमुख सचिव वन विभाग को प्रेषित पत्र क्रमांक 4760 दिनांक 16 जुलाई 2015 के साथ प्रश्नकर्ता के द्वारा किस दिनांक को किस विषय में लिखा गया पत्र प्रमुख सचिव कार्यालय को किस दिनांक को प्राप्त हुआ, उसमें से किस पत्र पर प्रमुख सचिव कार्यालय ने किस दिनांक को किस-किस को क्या निर्देश दिए? (ख) मध्यप्रदेश शासन वन विभाग भोपाल ने दिनांक 15 मई 1998 को शुद्ध लाभ की राशि से संबंध में क्या आदेश दिया, 25 जनवरी 2001 को ग्राम सभा को कौन-कौन से अधिकार प्रत्यायोजित किए गए? इन दोनों ही आदेशों में दिए किस-किस निर्देश का पालन किया जाना मध्य प्रदेश लघु वनोपज संघ भोपाल के लिए आवश्यक रहा है? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्य सचिव को लिखे गये, मुख्य सचिव कार्यालय से 16 जुलाई 2015 को प्रमुख सचिव वन के कार्यालय को प्रेषित पत्रों में चाही गई कौन-कौन सी जानकारी प्रश्नकर्ता को प्रश्नांकित दिनांक तक भी उपलब्ध नहीं करवाई जा सकी? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा चाही गई जानकारी प्रश्नकर्ता को कब तक उपलब्ध करवाई जावेगी? समय-सीमा सहित बतावें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) कार्यालय मुख्य सचिव, म.प्र. शासन द्वारा पत्र क्रमांक 4760 दिनांक 16 जुलाई, 2015 से प्रमुख सचिव, वन विभाग को प्रेषित पत्र म.प्र. शासन वन विभाग के पत्र क्रमांक 1617/2035/2015/10-3 दिनांक 30.07.2015 से प्रबंध संचालक, म.प्र. राज्य लघु वनोपज संघ को दिनांक 31.07.2015 को प्राप्त हुआ, जिसमें माननीय विधायक श्री निशंक कुमार जैन के पत्रों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है, जानकारी निर्धारित प्रारूपों में एक सप्ताह में उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये थे। (ख) म.प्र. शासन वन विभाग, भोपाल द्वारा पत्र दिनांक 15 मई, 1998 से शुद्ध लाभ की राशि के संबंध में निम्न निर्देश जारी किए गएः- ‘‘लघु वनोपज के दोहन एवं व्यापार पर किया गया समस्त खर्च घटाने के बाद सम्पूर्ण शुद्ध मुनाफा सहकारी समितियों को दिया जायेगा। समितियाँ मुनाफे का कम से कम 20 प्रतिशत भाग वनों के पुनरोत्पादन पर वन विभाग के देख-रेख में लगाएंगी, कम से कम 50 प्रतिशत भाग संग्राहकों को उनके द्वारा संग्रहित मात्रों के अनुपात में बाटेंगी तथा शेष राशि सहकारी समिति अपने विवेकानुसार ग्राम की मूलभूति सुविधा के विकास में लगा सकेंगी अथवा संग्राहकों को पत्ता संग्रहण के अनुपात में वितरित कर सकेंगी।’’ म.प्र. शासन वन विभाग द्वारा ग्राम सभाओं को अधिकार प्रत्यायोजित किये जाने संबंधित परिपत्र संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। उपरोक्त दोनों ही आदेशों में दिये गये निर्देशों का पालन किया जाना आवश्यक रहा है। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्य सचिव को लिखे गये, मुख्य सचिव कार्यालय से 16 जुलाई 2015 को प्रमुख सचिव (वन) के कार्यालय को प्रेषित पत्रों में चाही गई समस्त जानकारी प्रश्नकर्ता को उपलब्ध नहीं कराई जा सकी है। (घ) प्रश्नांकित जानकारी यथाशीघ्र उपलब्ध कराई जाएगी। चाही गई जानकारी अत्यंत विस्तृत स्वरूप की होने से संकलित करने में लगने वाले समय को दृष्टिगत रखते हुए, समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
संचालक उच्च शिक्षा रीवा के विरूद्ध श्किायत
87. ( क्र. 5968 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रभारी अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा रीवा के विरूद्ध आर्थिक अपराध, भ्रष्टाचार, एवं नियम विरूद्ध कार्य तथा नियम विरूद्ध विदेश प्रवास दिनांक 01.08.13 से 13.02.13 तक का वेतन आहरण की शिकायत प्राप्त हुई व नियम विरूद्ध कार्य के संबंध में पुलिस प्राथमिकी दर्ज कराई गई? जानकारी सहपत्रों एवं आदेशों के साथ देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रभारी अतिरिक्त संचालक श्रीमती डॉ. ऊषा अवस्थी रीवा के विरूद्ध शासकीय महाविद्यालय गुढ़ में पदस्थ अनुसूचित जनजाति की महिला कर्मचारी दीपा कोल के द्वारा अनुसूचित जाति थाना रीवा शिकायत दर्ज कराई गई है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में ए.डी. रीवा के विरूद्ध वर्तमान में कौन-कौन अधिकारियों द्वारा किस-किस शिकायत की जाँच की जा रही है तथा जाँच की क्या स्थिति है? शिकायत प्राप्त होने का दिनांक एवं जाँच की स्थिति अंकित कर जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के संदर्भ में श्रीमती ऊषा अवस्थी विवादित अतिरिक्त संचालक को पद से कब तक हटा दिया जावेगा एवं उनके विरूद्ध प्राप्त शिकायतों की कब तक निष्पक्ष जाँच करा ली जायेगी?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी, हाँ, जांच कलेक्टर रीवा द्वारा की जा रही है। पुलिस में प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई गई। शिकायत की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। (ख) जी हाँ। जांच अप्रमाणित पाई गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में अतिरिक्त संचालक को पद से हटाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। जांच प्रतिवेदन अपेक्षित है।
शासकीय हाईस्कूल का भवन निर्माण
88. ( क्र. 5986 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड कालापीपल अंतर्गत ग्राम सेमलिया में शासकीय हाईस्कूल भवन निर्माण की प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति कब हुई? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भवन के कार्यादेश किस दिनांक को जारी किया गया? अनुबंध अनुसार कार्य पूर्ण करने की दिनांक क्या है? अनुबंध में दी गई समयावधि को अधिकतम कितने समय के लिए बढ़ाया जा सकता है? इस कार्य में कितना समय बढ़ाया गया है? बढ़ाये गये समय की अवधि कब समाप्त हो रही है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भवन का कार्य प्रश्न दिनांक तक पूर्ण हो गया है? यदि नहीं, तो तय समय-सीमा में पूर्ण नहीं करने के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या जिम्मेदार के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 22.03.2011 एवं तकनीकी स्वीकृति दिनांक 22.03.2011 को। (ख) कार्यादेश दिनांक 03.01.2012। अनुबंधानुसार पूर्ण करने का दिनांक 02.07.2012 तक। समयावधि बताना संभव नहीं। दिनांक 30.03.2016। (ग) जी नहीं। ठेकेदार श्री जे.पी. शर्मा। जी हाँ। गुणदोषों के आधार पर अर्थदण्ड अधिरोपण एवं शासन के आदेश दिनांक 24.03.2015 अनुसार निलंबन एवं काली-सूची में डालने की कार्यवाही।
छात्रों की ऑन-लाईन छात्रवृत्ति
89. ( क्र. 6006 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर, उज्जैन संभाग के विभिन्न निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों में छात्रों को छात्रवृत्ति ऑन-लाईन खाते में जमा नहीं करायी जाती? यदि हाँ, तो क्या कारण है? (ख) क्या इंदौर, उज्जैन संभाग में निजी तकनीकी महाविद्यालयों द्वारा छात्रवृत्ति राशि को बिना अभिभावक एवं छात्र की सहमति के बगैर सीधे महाविद्यालय शिक्षण फीस में जोड़ लिया जाता है? क्या यह वैधानिक रूप से सही है? (ग) यदि नहीं, तो ऐसी कितनी शिकायतें तकनीकी शिक्षा विभाग के पास लंबित हैं? शिकायतकर्ता का नाम महाविद्यालय का नाम तथा की गयी कार्यवाही सहित जानकारी 1 जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक की देवें?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। छात्रवृत्ति की राशि छात्र के खाते में जमा की जाती है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) निरंक।
इजीनियरिंग का गिरता स्तर
90. ( क्र. 6007 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर, उज्जैन संभाग में कहाँ-कहाँ पर कितने निजी इंजीनियरिंग कॉलेज संचालित हैं? (ख) इन महाविद्यालयों की शैक्षणिक क्षमता (सीट) कितनी है तथा सत्र 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कितने विद्यार्थियों ने प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया है तथा कितनों ने अध्ययन के दौरान महाविद्याल छोड़ दिया है? (ग) उक्त महाविद्यालयों में ऐसे कितने विद्यार्थी है, जिन्होंने प्रवेश लेकर डिग्री प्राप्त की तथा ऐसे कितने विद्यार्थी है जिन्होंने बीच में अध्ययन बंद कर दिया है? (घ) क्या सरकार मानती है कि उक्त संभाग के निजी महाविद्यालयों में सुविधाएं एवं शैक्षणिक स्तर की कमी है तथा विद्यार्थियों को पूर्ण शुल्क देने के बावजूद भी पूर्ण ज्ञान नहीं प्राप्त हो पाता और विद्यार्थी इंजीनियरिंग की पढ़ाई बीच में ही छोड़ देते है? यदि हाँ, तो इसका आंकलन कब-कब विभाग द्वारा किया गया?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ ', 'ब ' एवं 'स' अनुसार है। (घ) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विजयराघवगढ़-बरही रोड में पुल निर्माण
91. ( क्र. 6013 ) श्री संजय पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विजयराघवगढ़ से बरही रोड में महानदी पर निर्मित पुल बाणसागर के भराव के कारण बरसात में आवागमन अधिकांश बाधित होता है? (ख) यदि हाँ, तो सेतु निर्माण इस नदी में दूसरे पुल का निर्माण कराया जायेगा जिससे वर्षा अवधि में आवागमन बाधित न हो? (ग) क्या चाका से विजयराघवगढ़ बरही खितौली रोड का विस्तार एवं नवीन रोड कार्य के साथ-साथ पुल निर्माण का कार्य अतिरिक्त स्वीकृत कराकर कराया जावेगा, जिससे रोड निर्माण के बाद पर्यटन एवं यातायात का अधिक से अधिक से लोगों को मिल सकेगा? क्यों कि रोड के साथ छोटी महानदी की पुल स्वीकृत नहीं है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। बाणसागर के भराव के कारण नहीं अपितु वर्षाकाल में नदी में बाढ़ की स्थिति में आवागमन बाधित होता है। (ख) वर्तमान में न तो प्रस्तावित है और न ही स्वीकृत है। (ग) प्रश्नांकित मार्ग विभाग के कार्यक्षेत्र अंतर्गत नहीं है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
शासकीय महाविद्यालयों में जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष
92. ( क्र. 6119 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में शासकीय महाविद्यालयों में जनभागीदारी समितियों के अध्यक्ष नियुक्ति के क्या नियम है? (ख) प्रश्न की कंडिका (क) के नियमानुसार क्या कोई व्यक्ति जिसके ऊपर उसी महाविद्यालय में अध्ययन के दौरान नकल का प्रकरण दर्ज हुआ है जनभागीदारी समिति का अध्यक्ष नियुक्त हो सकता है? (ग) क्या कोई ऐसा व्यक्ति जिसको की माननीय न्यायालय द्वारा 6 माह की सजा सुनाई गई है वह शासकीय महाविद्यालय जनभागीदारी समिति का अध्यक्ष बन सकता है?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष नियुक्ति के नियम संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) नियम/निर्देशों में ऐसा कोई पृथक उल्लेख नहीं है। तथापि गणमान्य नागरिक की ही नियुक्ति शासन द्वारा पुलिस वेरीफिकेशन उपरांत की जाती है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार।
शासकीय मॉडल कॉलेज खोला जाना
93. ( क्र. 6136 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मा. मुख्यमंत्री महो. द्वारा हरदा जिले की खिरकिया तहसील में शासकीय मॉडल कॉलेज खोले जाने की घोषणा की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो उक्त शासकीय मॉडल कॉलेज खोले जाने के संबंध में शासन स्तर पर वर्तमान में क्या-क्या कार्यवाही प्रचलन में है? (ग) नगर के समाज सेवियों द्वारा शासकीय मॉडल कॉलेज हेतु भूमि दान की गई है तो क्या दान की गई भूमि पर शासकीय मॉडल कॉलेज की स्थापना की जावेगी या शासन द्वारा अन्य कोई भूमि चिन्हांकित की गई है? (घ) कब तक उक्त कॉलेज स्वीकृत कर निर्माण कार्य पूरा करा दिया जावेगा?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। हरदा जिले की तहसील खिरकिया में शासकीय मॉडल कॉलेज खोले जाने का वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। अन्य कोई भूमि चिन्हांकित नहीं की गई है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कटनी-दमोह मार्ग
94. ( क्र. 6148 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी-दमोह मार्ग का निर्माण निवेशकर्ता कंपनी के साथ 15 वर्ष का अनुबंध किया गया है, जिसमें 2 वर्ष में निर्माण पूर्ण किया जाना है, तो निर्माण कब प्रारंभ किया गया? क्या निर्माण कार्य पूर्ण हो गया? यदि नहीं, तो निर्माण में क्या-क्या कार्य शेष हैं? (ख) निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण न होने पर निवेशकर्ता कंपनी के विरूद्ध कनेक्शन अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार क्या कार्यवाही की गई? (ग) मार्ग निर्माण में लाल गिट्टी (सेन्ड स्टोन) का उपयोग किया जा रहा है, जो भारतीय सड़क कांग्रेस के निर्धारित मापदंड के अनुसार है यदि हाँ, तो लाल गिट्टी की टेस्ट रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध करावें? (घ) मार्ग निर्माण में लाल गिट्टी (सेन्ड स्टोन) कितनी मात्रा में लगाई गई है तथा खनिज विभाग को कितनी रायल्टी देय थी, कितनी कब जमा की गई? यदि नहीं, जमा की गई तो इसके लिये कौन उत्तरदायी है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। निर्माण कार्य अनुबंधानुसार दिनांक 05.06.2014 को प्रारंभ किया गया एवं दिनांक 03.06.2016 को पूर्ण किया जाना है। प्रथम होमोजिनियस सेक्शन का निर्माण कार्य दिनांक 18.08.2015 को पूर्ण किया गया। शेष कार्य का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) समयावधि अभी शेष है अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) बी.ओ.टी. योजना में गिट्टी की मात्रा का अभिलेख अनुबंधानुसार विभाग द्वारा रखे जाने का प्रावधान नहीं है। निवेशकर्ता स्वयं रायल्टी का लेखा-जोखा रखने हेतु जिम्मेदार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वानिकी कार्य व वनवर्धन कार्यों की जानकारी
95. ( क्र. 6149 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में वानिकी कार्य में वित्तीय वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि का व्यय कार्यों के लिए किया गया? कार्य का नाम व स्थान का विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कूपों में कितने वृक्षों की कटाई की गई? कटाई से कितनी-कितनी मात्रा में इमारती व जलाऊ लकडी प्राप्त हुई? वृक्षों की कटाई तथा निकासी में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्राप्ति इमारती व जलाऊ लकड़ी में से कितनी लकड़ी जनता को उपयोग के लिए दी गई?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
औद्योगिक नीति की अवहेलना
96. ( क्र. 6160 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नवीन औद्योगिक नीति के तहत एवं माननीय मुख्यमंत्री की घोषणानुसार स्थापित/कार्यरत औद्योगिक इकाईयों में (सभी कार्यों) स्थानीय युवा बेरोजगारों को प्राथमिकता के आधार पर सेवा में रखा जावेगा? (ख) जे.के. टायर्स नूराबाद जिला मुरैना में स्थापित सभी इकाईयों में स्थानीय व्यक्तियों के स्थान पर अधिकांश बाहरी व्यक्तियों को रोजगार के अवसर दिये गये हैं? (ग) क्या स्थानीय तकनीकी युवकों को दिखावे के लिये कुछ समय पदस्थापित कर उनके द्वारा हटा दिया जाता है? यदि हाँ, तो क्या यह औद्योगिक नीति एवं माननीय मुख्यमंत्री की घोषणाओं का उल्लंघन नहीं है? (घ) क्या स्थानीय लोगों को जिन्हें अप्रैल 2015 व जनवरी 2016 के मध्य हटाया गया है? उन्हें पुन: कब तक रोजगार पर रखा जावेगा?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) औद्योगिक नीति, उद्योग संवर्धन नीति-2014 में स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने का पृथक प्रावधान नहीं है। (ख) जी नहीं। जिला मुरैना में औद्योगिक क्षेत्र बानमौर में स्थित जे.के. टायर्स उद्योग में 378 कर्मचारी एवं 989 श्रमिक इस प्रकार कुल 1367 व्यक्ति को रोजगार प्राप्त है। इनमें 378 कर्मचारियों में से 364 स्थानीय एवं 14 राज्य के बाहर के व्यक्तियों तथा 989 श्रमिकों में से 987 स्थानीय श्रमिकों एवं 02 राज्य के बाहर के श्रमिकों को रोजगार दिया गया है। (ग) सेवा से हटाया जाना इकाई का अधिकार है। (घ) अप्रैल 2015 व जनवरी 2016 के मध्य स्थानीय लोगों को रोजगार से नहीं हटाया गया है। तथापि उत्तरांश-ग के परिप्रेक्ष्य में इकाई से सेवामुक्त किसी व्यक्ति के पुन: वापसी के अधिकार संबंधित इकाई के प्रबंधन के है।
लोक निर्माण खण्ड मुरैना में रिक्त पदों की पूर्ति
97. ( क्र. 6161 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग खण्ड मुरैना में उपयंत्रियों के पद स्वीकृत होकर कितने समय से प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक रिक्त हैं? जानकारी उपखण्डवार दी जावे? (ख) क्या उपरोक्त पदों के अभाव में क्षेत्र में कार्यरत निर्माण कार्य अपूर्ण हैं? जिससे जन समुदाय को आवागमन में कठिनाई हो रही है? (ग) उपरोक्त (क) में वर्णित रिक्त पदों की कब तक पूर्ति कर दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) उपयंत्री सिविल के कुल 15 स्वीकृत पदों के विरूद्ध 6 पद दिनांक 27/05/15 से प्रश्न दिनांक तक रिक्त है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उपयंत्रीगण की उपलब्धता होने पर। समय-सीमा बताना संभव नहीं।
अतिथि विद्यानों की आमंत्रण प्रक्रिया में विलंब
98. ( क्र. 6223 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान शिक्षण सत्र 2015-16 में प्रदेश के महाविद्यालयों में प्राध्यापकों/सहायक प्राध्यापकों के रिक्त पदों के विरूद्ध अतिथि विद्वानों को शैक्षणिक कार्य के लिए आमंत्रण हेतु विज्ञापन किस दिनांक को जारी किया गया? मेरिट लिस्ट कब जारी हुयी एवं अतिथि विद्वानों को किस दिनांक से व्याख्यान हेतु आमंत्रित किया गया स्पष्ट बतावें? (ख) उच्च शिक्षा विभाग के एकेडमिक कैलेण्डर के अनुसार शिक्षण सत्र 2015-16 में महाविद्यालयों में कक्षाएं कब से प्रारंभ हुयी? कैलेण्डर अनुसार कक्षाएं प्रारंभ होने के कितने समय बाद अतिथि विद्वानों को अध्यापन कार्य हेतु आमंत्रित किया गया? क्या अतिथि विद्वानों के आमंत्रण की प्रक्रिया में काफी अधिक विलंब होने के कारण महाविद्यालयों में अध्यापन कार्य प्रभावित हुआ? इसके क्या कारण रहे? (ग) प्रदेश के महाविद्यालयों में एकेडमिक कलैण्डर के अनुसार कक्षाओं के प्रारंभ के दिनांक से ही अतिथि विद्वानों को व्याख्यान हेतु आमंत्रित क्यों नहीं किया जाता है? क्या विभाग ऐसे कोई कदम उठाने जा रहा है जिससे आगामी शिक्षण सत्र में प्रदेश के महाविद्यालयों में अतिथि विद्वानों की नियुक्ति की प्रक्रिया एकेडमिक कलैण्डर के अनुसार कक्षाओं के प्रारंभ होने के पूर्व ही समय-सीमा में पूर्ण कर ली जावें जिससे छात्र-छात्राओं का अध्यापन कार्य प्रभावित न हो? (घ) प्रदेश के महाविद्यालयों में शिक्षण सत्र 2015-16 के लिए आमंत्रित अतिथि विद्वान किस दिनांक तक अध्यापन कार्य करेंगे? इस हेतु विभाग द्वारा क्या दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं? क्या अतिथि विद्वानों को माह मई में शिक्षण कार्य से मुक्त कर दिया जाता है, जबकि इस समय तक अधिकांश विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं प्रारंभ ही नहीं हो पाती हैं और कक्षाएं संचालित रहने के दौरान ही पाठ्यक्रम पूर्ण न हो पाने की स्थिति में ही अतिथि विद्वानों को कार्यमुक्त कर दिया जाता है? क्या विभाग इस स्थिति को उचित मानता है? क्या विभाग इस संबंध में ऐसे दिशा-निर्देश जारी करेगा जिससे महाविद्यालयों में पाठ्यक्रम पूरा किया जाने तक अतिथि विद्वानों की सेवाएं ली जा सकें?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) शैक्षणिक कार्य हेतु आमंत्रण विज्ञापन दिनांक 16.07.2015 तथा मेरिट लिस्ट दिनांक 19.08.2015 जारी की गई एवं व्याख्यान हेतु दिनांक 19.08.2015 एवं 22.08.2015 के मध्य आमंत्रित किया गया। (ख) दिनांक 01.07.2015 से अतिथि विद्वानों के 50 दिवस पश्चात अध्यापन हेतु बुलाया गया। जी नहीं, वर्चुअल क्लासों द्वारा शिक्षण कार्य सुचारू रूप से सतत् था। (ग) स्थानांतरण नीति के अनुसार उच्च शिक्षा विभाग में जून माह तक स्थानांतरण की प्रक्रिया जारी रहती है, जिसके कारण महाविद्यालयों में पदों की रिक्ती की स्थिति ज्ञात नहीं होती, जिसके विरूद्ध आमंत्रण के लिए आवेदन जारी कर आवेदकों से महाविद्यालयों की वरीयता प्राप्त की जा सके। (घ) सामान्यत: अतिथि विद्वानों से शैक्षणिक दिवसों की समाप्ति तक आवश्यकतानुसार अध्यापन कार्य कराया जाता है। इसके दिशा निर्देश विभागीय परिपत्र दिनांक 05.08.2014 से जारी है। जी नहीं। अतिथि विद्वानों को एकेडमिक कैलेंडर अनुसार आवश्यकता के स्वरूप अध्यापन कार्य पूर्ण होने पर कार्यमुक्त किया जाता है। उक्त के संदर्भ में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
नील गायों से फसलों का नुकसान
99. ( क्र. 6272 ) श्री दिनेश राय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले में नील गाय, जंगली सुअरों एवं अन्य जंगली जानवरों की बढ़ती संख्या से किसानों की फसलों को भारी नुकसान हो रहा है? (ख) यदि हाँ, तो इस समस्या के स्थायी समाधान के लिये शासन/विभाग के पास क्या योजना है? (ग) कृषि क्षेत्र से नील गायों, जंगली सुअर आदि को हटाने के लिये एवं किसानों की फसल को नष्ट होने से रोकने के लिये शासन की क्या योजना है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। (ख) स्थायी समाधान के तहत फसल हानि किये जाने पर प्रभावित कृषकों को 30 कार्य दिवस में क्षतिपूर्ति राशि दिये जाने का प्रावधान मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गांरटी अधिनियम, 2010 के तहत सेवा क्रमांक 4.6 में राजस्व विभाग के अंतर्गत किया गया है। इसके अतिरिक्त कृषि विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर प्रदेश के कुछ टाईगर रिजर्व में वन्यप्राणियों से फसल सुरक्षा हेतु सोलर फेंसिंग निर्माण का कार्य किया जाना प्रावधानित किया गया है। अनुभव के आधार पर अन्य क्षेत्रों में इसका विस्तार किया जा सकेगा। (ग) कृषि क्षेत्र से नीलगायों, जंगली सुअर आदि को हटाने के लिए शासन की कोई योजना नहीं है। इसके अतिरिक्त कृषि विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर प्रदेश के कुछ टाईगर रिजर्व में वन्यप्राणियों से फसल सुरक्षा हेतु सोलर फेंसिंग निर्माण का कार्य प्रावधानित किया गया है। अनुभव के आधार पर अन्य क्षेत्रों में इसका विस्तार किया जा सकेगा।
देवगढ़ पुलिस द्वारा जप्त ट्रैक्टर को राजसात
100. ( क्र. 6280 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 01.12.2015 को ग्राम खुलावली थाना देवगढ़ मुरैना का ट्रैक्टर क्रमांक MP06-AA-5009 को दुर्घटना में युवक की मृत्यु के अपराध में जप्त किया था? रिपोर्टकर्ता का नाम, दिनांक, समय सहित पूर्ण जानकारी दी जावे? (ख) क्या उक्त ट्रैक्टर को देवगढ़ पुलिस द्वारा अधिपत्य में लेने के बाद वन विभाग के सुपुर्द किया गया था? पुलिस द्वारा किस दिनांक को लिखित सूचना, वायरलैस, मोबाईल फोन से वन विभाग को दी गई? उसकी दिनांक, समय सहित पूर्ण जानकारी दी जावे? (ग) पुलिस द्वारा जप्त ट्रैक्टर को वन विभाग को क्यों दिया गया? जबकि ग्राम खुलावली राष्ट्रीय चम्बल अभ्यारण्य सीमा से कई मील दूर है? (घ) क्या ग्राम खुलावली में ट्रैक्टर में डम्प रेत को भरकर पुलिस के सुपुर्द किया गया था?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। रिपोर्टकर्ता का नाम चन्दन सिंह, पुत्र सुघर सिंह गुर्जर, उम्र 55 वर्ष, निवासी ग्राम खुलावली, दिनांक 01.12.2015 और समय प्रात: 10.00 बजे है। (ख) जी हाँ। पुलिस थाना देवगढ़ द्वारा लिखित सूचना पत्र क्रमांक/1437/15, दिनांक 12.12.2015 से समय सायं 03.00 बजे गेमरेंजर, कार्यालय देवरी में दी गई थी। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित सूचना पत्र में खनिज अधिकारी द्वारा वन विभाग को कार्यवाही करने हेतु लेख किया गया था, जिसके तारतम्य में पुलिस द्वारा जप्त ट्रैक्टर को गेमरेंजर, राष्ट्रीय चम्बल अभ्यारण्य, देवरी को दिया गया था। (घ) वन विभाग द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ट्रैक्टर-ट्राली का वन अपराध प्रकरण दर्ज करने के उपरांत सुरक्षा हेतु वाहन मय रेत के पुलिस को दिया गया।
आवंटन शर्तों का उल्लंघन होना
101. ( क्र. 6289 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छतरपुर जिले में उद्योग विभाग द्वारा आवंटित जमीन पर कौन-कौन से उद्योग धंधो का संचालन किया जा रहा है? स्थान, आवंटित भू-खण्ड, आवंटन किस के नाम से किया गया था वर्तमान में किसके नाम है पृथक-पृथक स्थानवार, बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में ऐसे कितने भू-खण्ड हैं जिनमें आवंटन शर्तों का उल्लंघन किया जा रहा है? (ग) विभाग द्वारा आवंटित भू-खण्ड का हस्तांतरण किसके द्वारा किये गये आदेश सहित बतायें? (घ) ऐसे कितने आवंटित भू-खण्ड हैं जिनमें शोरूम व दुकानें बनाई गई है और किराये पर संचालित की जा रही हैं? क्या संचालन सही है?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 05 इकाईयों द्वारा (ग) विभाग द्वारा आवंटित भू-खण्डों का हस्तांतरण मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियमों में वर्णित सक्षम अधिकारी के आदेश से किए गये हैं। (घ) मेसर्स आनंद फेब्रीकेटर्स द्वारा दो पहिया वाहन की सर्विसिंग के साथ शोरूम भी बनाया गया है। इकाई द्वारा संचालित गतिविधि गैर-औद्योगिक गतिविधि होने के कारण इकाई के विरूद्ध नियमानुसार निरस्तीकरण की कार्यवाही की गई।
भवनों की मरम्मत व अनाधिकृत कब्जे
102. ( क्र. 6290 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर में विभाग के कितने भवन, दुकानें व भू-खण्ड हैं, जिनके रख-रखाव की जवाबदारी विभाग के पास है? स्थानवार बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक इन भवनों, दुकानों व भू-खण्डों को किस-किस को आवंटित किया गया है? नाम, पद, स्थान, आवंटन दिनांक सहित बतायें? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक इन भवनों दुकानों, भू-खण्डों पर क्या-क्या कार्य कराये गये? उन पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है? पृथक-पृथक बतायें? (घ) ऐसे कितने भवन, दुकान व भू-खण्ड हैं, जिन पर अनाधिकृत रूप से कब्जे हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) भवन एवं दुकानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। विभाग के अधिपत्य में भू-खण्ड नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। विभाग के अधिपत्य में भू-खण्ड नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। विभाग के अधिपत्य में भू-खण्ड नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। विभाग के अधिपत्य में भू-खण्ड नहीं है।
वन विभाग के कार्यों की जानकारी
103. ( क्र. 6295 ) श्री सचिन यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वन विभाग द्वारा विगत 3 वर्षों में कौन-कौन से कार्य, कितनी-कितनी राशि के, किस-किस स्थान पर किये गये और कौन-कौन से कार्य प्रस्तावित एवं संचालित है? कार्यवार एवं स्थानवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित पूर्ण किये गये कार्यों का क्या भौतिक सत्यापन किया गया है हाँ तो कब और किस-किस अधिकारी/कर्मचारी द्वारा पदनाम सहित जानकारी दें? भौतिक सत्यापन की रिपोर्ट सहित जानकारी दें? नहीं तो उक्त सभी कार्यों का भौतिक सत्यापन कब तक किया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित कार्यों में कितनी-कितनी अनियमितताएं होने संबंधी कितनी-कितनी शिकायतें किस-किस प्रकार की, कब-कब प्राप्त हई और उस पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 'अ' एवं 2 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश 'क' में दर्शित कार्यों के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
लोक निर्माण विभाग द्वारा कराये गये कार्य
104. ( क्र. 6300 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुलताई वि.स. में वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 में विभाग द्वारा कौन-कौन से पुल-पुलिया, भवन एवं सड़क मार्ग स्वीकृत हुये? कितने पूर्ण एवं कितने अपूर्ण हैं की स्थिति से नामों के साथ वर्षवार सूची उपलब्ध करायें? (ख) क्या स्वीकृत पुल-पुलिया भवन एवं सड़कों के लिय उपयोग में आने वाली सामग्री की गुणवत्ता का परीक्षण करवाया गया? (ग) उक्त कार्यों के लिये किन-किन अधिकारियों द्वारा निर्माण स्थलों का निरीक्षण कर गुणवत्ता सुधार हेतु प्राक्कलन अनुसार तकनीकी मार्ग दर्शन दिया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' के कालम क्रं. 7 के एवं पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
सड़कों एवं पुलों के अधूरे कार्य
105. ( क्र. 6313 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में वर्ष 2009 से प्रश्न दिनांक तक, किस-किस मद में, कितनी-कितनी लंबाई एवं चौड़ाई की, कौन-कौन सी सड़कों, पुलों की प्रशासनिक स्वीकृति गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि इन कार्यों को वर्षवार क्रमश: कराने, निविदायें कब, कौन-कौन से कार्यों की बुलाकर, कितनी, किस दर की प्राप्त होने पर, न्यूनतम दर की निविदा किस दर की, किस ठेकेदार की स्वीकृत की गई थी एवं कितनी समयावधि में कार्य कराने अनुबंध किया गया था? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि इन कार्यों को प्रत्येक का कितना-कितना बिल अंकित करते हुये, संबंधित किस ठेकेदार को प्रश्न दिनांक तक, कब-कब, कितना-कितना भुगतान किया जा चुका है? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि प्रत्येक कार्य का प्रश्न दिनांक तक कितना भुगतान ठेकेदार को हो चुका है? कौन से कार्य पूर्ण, अपूर्ण एवं लंबित हैं? अपूर्ण एवं लंबित कार्य कब तक पूर्ण हो जावेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'ब', 'ब-1' अनुसार है। (ख) से (घ) उत्तरांश 'क' के अनुसार।
स्वशासी महाविद्यालय में निकाय का गठन
106. ( क्र. 6316 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजधानी भोपाल में कितने स्वशासी महाविद्यालय कार्यरत हैं? (ख) भोपाल स्थित स्वशासी महाविद्यालयों में से कितने महाविद्यालयों में कार्य परिषद् का गठन किया जा चुका है तथा कितने में इसका गठन शेष है और क्यों? (ग) महाविद्यालयीन गतिविधियों के संचालन हेतु उक्त अनुसार सभी स्वशासी महाविद्यालयों में कार्य परिषद् का गठन कब तक कर दिया जायेगा? (घ) शहर के मध्य में स्थित शासकीय महारानी लक्ष्मी बाई कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में छात्राओं के हित को देखते हुये राष्ट्र भाषा में स्नातकोत्तर का विषय कब से प्रारंभ किया जायेगा?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) भोपाल में 04 स्वशासी महाविद्याल हैं। (ख) शासकीय सरोजनी नायडू कन्या महाविद्यालय एवं उच्च शिक्षा उत्कृष्ट्ता संस्थान, भोपाल में कार्य-परिषद् का गठन है तथा शासकीय एम.एल.बी. कन्या महाविद्यालय एवं शासकीय गीतांजली कन्या महाविद्यालय भोपाल में कार्य-परिषद् का गठन शेष है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (घ) जी नहीं।
अधिनियम का पालन नहीं करने वाले के विरूद्ध कार्यवाही
107. ( क्र. 6329 ) श्री जितू पटवारी : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या धारा 27 मध्यप्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण वार्षिक अधिनियम के अंतर्गत रजिस्ट्रार या असिस्टेंट रजिस्ट्रार को संस्था द्वारा प्रस्तुत वार्षित सूची फाईल करने पर कोई जाँच कर आदेश देने का अधिकार है? (ख) क्या मध्यप्रेदश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत संस्था द्वारा संस्था के नियमों एवं उक्त अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत सदस्य बनाये जा सकते हैं? (ग) यदि नियमों एवं अधिनियमों के विपरीत संस्था द्वारा सदस्य बनाये गये हैं तो संस्था के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा सकती है? (घ) इस संबंध में अधिनियम के अंतर्गत जाँच करने हेतु सक्षम अधिकारी कौन है?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। (ग) मध्यप्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1973 की धारा 32 (2) के अधीन नियमानुसार शिकायत प्राप्त होने पर जाँच की जा सकती है। (घ) संबंधित संभाग के असिस्टेंट रजिस्ट्रार को अधिनियम की धारा 32 के अंतर्गत जाँच करने के अधिकार प्रदत्त किये गये हैं।
एक ही स्थान पर तीन वर्षों से ज्यादा पदस्थ अधिकारी
108. ( क्र. 6330 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर संभाग में कितने अधिकारी एक ही जिले में तीन वर्षों से ज्यादा अवधि से पदस्थ है उनकी सूची, नाम, पद, विभाग शहर, पदस्थ की दिनांक सहित देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिकारियों के खिलाफ किसी विभागीय जाँच, लोकायुक्त अथवा ई.ओ.डब्ल्यू. की जाँच में कोई प्रतिकूल फैसला आया हो तो उसकी जाँच का विषय, प्रकरण क्रमांक सहित जानकारी प्रदान करें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिकारियों के खिलाफ कोई विभागीय जाँच लंबित हो तो उसकी जानकारी तथा जाँच का विषय बतावें यदि लोकायुक्त अथवा ई.ओ.डब्ल्यू. में कोई प्रकरण से होकर विवेचना में हो तो उसके प्रकरण क्रमांक, दिनांक, विषय सहित जानकारी दें? (घ) क्या इंदौर जिले में वर्तमान में क्या कोई कार्यपालन यंत्री पिछले आठ वर्षों से पदस्थ है? यदि हाँ, तो किस कारण से इनका नियमानुसार तबादला नहीं किया गया तथा बतावें कि इनका तबादला कब किया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) 22 अधिकारी, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ के कॉलम 8 अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब’ के कॉलम 7 अनुसार। (घ) जी हाँ। प्रशासकीय कारणों से। वर्तमान में स्थानांतरण पर प्रतिबंध होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा बनाई गई सड़कों की स्थिति
109. ( क्र. 6331 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) MPRDC की एन्युटी रोड K.C.C. कंपनी के द्वारा रीवा एवं सतना जिले में कौन-कौन सी रोड का निर्माण किया गया है एवं उन्हें प्रोविजनल COD पत्र जारी किया गया है? (ख) क्या इस रोड का CTE द्वारा निरीक्षण किया गया उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या निर्माण में रोड कंपनी द्वारा PQC में डावेल एवं टाई-बार का उपयोग नहीं किया गया यदि हाँ, तो क्यों एवं मुख्य अभियंता एवं संबंधित अधिकारियों द्वारा क्या समाधान दिया गया एवं क्या कार्यवाही की गई विवरण उपलब्ध करायें? (घ) इस लापरवाही का जिम्मेदार कौन-कौन अधिकारी एवं कंसलटेन्ट हैं और उन पर शासन क्या कार्यवाही करेगा या कर चुका है आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ड.) शासन इस घोर लापरवाही पर क्या ठेकेदार कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करेगा या कोई और जुर्मना लगायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) रीवा जिले के अंतर्गत मनगवां-बैकुण्ठपुर मार्ग तथा सतना जिले के अंतर्गत पोड़ी-माहराजपुर-परसमनिया मार्ग व सिजहटा-हिनौती-मलगांव-अबेर मार्ग का निर्माण कार्य कराया गया। जी हाँ। (ख) जी हाँ। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) उत्तरांश 'ग' 'घ' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लंबित प्रकरण में लापरवाही
110. ( क्र. 6353 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अता. प्रश्न संख्या-12 (क्र. 274) दि. 10.12.2015 में बताया गया कि मान. सर्वोच्च न्यायालय में प्रकरण क्रमांक 7936/2002 में दिनांक 17.07.2009 के बाद उत्तर दिनांक तक तारीख नहीं लगी? ऐसा विभाग के किन अधिकारियों की लापरवाही से हुआ? उनके नाम, पदनाम सहित बतावें? (ख) लगभग 7 वर्ष से मान. सर्वोच्च न्यायालय में प्रकरण में तारीख नहीं लगी? इसकी ओर विभाग के उच्चाधिकारियों ने क्यों ध्यान नहीं दिया? (ग) प्ररकण की अद्यतन स्थिति एवं विगत 6 पेशियों की कार्यवाही स्थिति का विवरण देवें?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम
111. ( क्र. 6356 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धार एवं बड़वानी जिले में दिनांक 01-01-13 से 31-12-15 तक कितने प्रशिक्षण कार्यक्रम किन संस्थाओं को दिए गए? इसके लिए क्या प्रक्रिया अपनाई गई? (ख) इन संस्थाओं के नाम, अनुदान राशि, हितग्राही संख्या, स्थान नाम सहित माहवार बतावें? अचयनित संस्थाओं के नाम भी बतावें? (ग) क्या बिना चयन प्रक्रिया अपनाये इन संस्थाओं को कार्य आवंटित कर दिया गया? यदि हाँ, तो इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (घ) यदि नहीं, तो कार्य आवंटित करने के पूर्व जो चयन प्रक्रिया अपनाई गई, उसका विवरण देवें? धार एवं बड़वानी जिले की पृथक-पृथक जानकारी प्रश्नांश (क) से (घ) तक देवें?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स एवं ‘द’ अनुसार है। अचयनित संस्थाओं की जानकारी निरंक है. (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) धार एवं बड़वानी जिले में प्रशिक्षण संस्थाओं के प्रशिक्षण अनुभव को दृष्टिगत रखते हुए संस्थाओं का चयन किया गया।
ऋण प्रकरणों में गारंटी
112. ( क्र. 6357 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धार एवं बड़वानी जिले में सी.जी.टी.एम.एस.ई के माध्यम से दिनांक 01.01.13 से 31.12.15 तक कितने प्रकरणों में गारंटी दी गई? (ख) इन प्रकरणों की चयन प्रक्रिया की जानकारी देवें? स्वीकृत/अस्वीकृत प्रकरण जिलावार बतावें? (ग) उचित चयन प्रक्रिया न अपनाकर मनमाने तरीके से गारंटी राशि एवं (ख) अनुसार ऋण उपलब्ध कराने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) विभाग द्वारा संचालित विभिन्न स्व-रोजगार योजनाओं में ऋण प्रकरणों का निराकरण एवं वित्तीय पोषण भारतीय रिजर्व बैंक के मानक अनुसार बैंक शाखाओं द्वारा किया जाता है। सी.जी.टी.एम.एस.ई. की गारन्टी संबंधी जानकारी बैंक द्वारा संधारित की जाती है। (ख) उत्तरांश 'क' के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) ऐसी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई, अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
घुड़सवारी अकादमी में घोड़ा खरीदी
113. ( क्र. 6363 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग अंतर्गत घुड़सवारी अकादमी के लिए वित्तीय वर्ष 2011-12 से लेकर वर्ष 2015-16 तक की अवधि में किस-किस वित्तीय वर्ष में कितनी-कितनी राशि के कितने-कितने घोड़े एवं घोडि़यों को कहाँ-कहाँ से खरीदी किस नियम प्रक्रिया के अंतर्गत की गई? वित्तीय वर्ष बतायें? (ख) घुड़सवारी अकादमी में उक्त अवधि में कितने घोड़े/घोड़ी की मृत्यु किन-किन कारणों से हुई है? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में घोड़े/घोड़ी के रख-रखाव व खान-पान आदि पर कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य पर व्यय की गई?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) घुड़सवारी अकादमी भोपाल हेतु वर्ष 2011-12 से अब तक घोड़े/घोडि़यों के क्रय संबंधी वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। घुड़सवारी अकादमी हेतु घोड़े/घोडि़यों के क्रय हेतु गठित तकनीकी समिति एवं वित्तीय समिति की अनुशंसा अनुसार क्रय किये गये हैं। (ख) घुड़सवारी अकादमी में वर्ष 2011-12 से अब तक हुई घोड़े/घोड़ी की मृत्यु, कारण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में घोड़े/घोड़ी के रख-रखाव व खान-पान आदि कार्यों पर की गई व्यय राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ग अनुसार है।
ट्रस्टों की भूमियों का उपयोग
114. ( क्र. 6380 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी जिले में वर्तमान में सामाजिक, धार्मिक, व्यक्तिगत एवं अन्य प्रकार के कौन-कौन ट्रस्ट संचालित हैं और इनमें कौन-कौन व्यक्ति पदाधिकारी/ट्रस्टी हैं? ट्रस्टवार बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित ट्रस्टों के क्या-क्या उद्देश्य है एवं इनके द्वारा कौन-कौन से कार्य किये जा रहे हैं? ट्रस्टों से संलग्न परिसंपत्तियां, भूमि, भवन एवं विभिन्न प्रकार की सामग्री का ब्यौरा ट्रस्टवार देवें और बतायें क्या किन्हीं ट्रस्टों को शासकीय भूमि भी प्रदान की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) में किन-किन ट्रस्टों को कौन-कौन कार्य प्रयोजन हेतु कब-कब और कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी शासकीय भूमि आवंटित की गई थी? (घ) प्रश्नांश (ग) में क्या ट्रस्टों को आवंटित भूमियों का वर्तमान में उद्देश्यानुसार उपयोग किया जा रहा है अथवा नहीं? ट्रस्टवार बतायें? (ड.) प्रश्नांश (ख) से (घ) में क्या भूमि के उपयोग में आवंटन शर्तों के उल्लंघन पर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन
115. ( क्र. 6381 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी जिले में विभाग द्वारा वर्ष 2013-14 से अब तक कौन-कौन सी खेल प्रतियोगिता का कब-कब एवं कहाँ-कहाँ आयोजन किया गया? क्या प्रतियोगिताओं में खेल संघों एवं अन्य संस्थाओं की भी सहभागिता रही? यदि हाँ, तो किन-किन की बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) में कौन-कौन खिलाड़ी, टीम, क्लब, विद्यालय आदि शामिल हुये एवं इन आयोजनों में कितना-कितना व्यय, किन-किन मदों में प्रतियोगितावार, वर्षवार किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) क्या प्रतियोगिताओं में शामिल खिलाडि़यों, टीमों का राज्य/राष्ट्रीय स्तर पर चयन हुआ? यदि हाँ, तो किन-किन का और विभाग द्वारा इन्हें क्या-क्या सुविधायें उपलब्ध करायी गई?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में आयोजित खेल प्रतियोगिताओं से सम्बन्धित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। इन प्रतियोगिताओं में सभी खिलाड़ी भाग लेते है, अतः संघ/संस्थाओं की सहभागिता बताए जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नोत्तर (क) में वर्णित प्रतियोगिताओं में सम्मिलित खिलाडि़यों की जानकारी एकत्रित की जा रही है। वर्षवार एवं प्रतियोगितावार व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। टीम, क्लब एवं विद्यालयवार जानकारी की आवश्यकता नहीं होने से नहीं रखी जाती है, अतः यह जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर चयनित खिलाडि़यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। विभाग द्वारा राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर चयनित खिलाडि़यों को यात्रा किराया, भोजन, आवास, परिवहन, किट, ट्रेक सूट, प्रमाण-पत्र आदि की व्यवस्था उपलब्ध कराई गई।
नरसिंहपुर जिले में स्थापित आरा मशीन
116. ( क्र. 6391 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिलांतर्गत कुल कितनी आरा मशीनें स्थापित हैं? (ख) उपरोक्त में से कितनी आरा मशीनें किस-किस नाम से संचालित हैं एवं कितनी आरा मशीनें किस-किस कारण से बंद हैं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) नरसिंहपुर जिलांतर्गत कुल 33 आरा मशीनें स्थापित हैं। जिनमें से 27 आरा मशीनें संचालित हैं तथा 6 आरा मशीनें बंद है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
वन समितियों में कराये गये कार्य
117. ( क्र. 6395 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के वन परिक्षेत्र उदयनगर, पुंजापुरा, बागली, कांटाफोड़, सतवास, जिनवानी में कुल कितनी वन समितियां है? इनके नाम, कार्य एवं अधिकार क्या-क्या हैं? (ख) प्रश्नांकित में वर्ष 2014 से प्रश्न दिवस तक केन्द्र व राज्य शासन की किन-किन मदों से क्या-क्या कार्य कराये है? राशिवार बतायें? कार्य का उद्देश्य क्या थे? (ग) प्रश्नांकित कार्यों का भौतिक सत्यापन कब-कब, किससे कराया गया वर्तमान में कार्यों की भौतिक स्थिति क्या है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) देवास जिले में परिक्षेत्रवार समितियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। समितियों के कर्तव्य एवं अधिकार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
मार्ग
निर्माण व
संधारण
1. ( क्र.
344 ) श्री
कालुसिंह
ठाकुर : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
क्या धार
जिले की
सड़कें अत्यन्त
खराब स्थिति
(जर्जर) में
पहुँच चुकी
हैं? सड़कों
की जानकारी
विधानसभा
क्षेत्र के
साथ उनकी आवागमन
भौतिकी
स्थिति से
अवगत कराया
जावे?
धार जिले
में कौन-कौन
सी नवनिर्मित
सड़कें हैं
तथा उन पर
शासन द्वारा कितना
व्यय किया
गया है? (ख)
विगत दो
वर्षों में
धार जिले
अंतर्गत
धरमपुरी
विधान सभा
क्षेत्र के
मरम्मत एवं
नवीनीकरण
हेतु कब-कब
कितना-कितना
व्यय किया
गया है? (ग)
प्रश्नांश (क)
में कितनी
सड़कों के लिए
मरम्मत आदि
गड्ढों को
भरने का कार्य
किया जा रहा है? पृथक-पृथक
सड़कों के
मरम्मत का
कार्य कराने
की जानकारी
एवं जहां मरम्मत
नहीं कराये जा
रहे है वहां
कब से कार्य
कराने हेतु
प्रक्रिया
प्रारंभ कर दी
जावेगी? (घ)
धरमपुरी
विधानसभा
क्षेत्र में
लोक निर्माण विभाग
के पास
कौन-कौन से
मार्ग हैं और
उन पर वर्ष 2013 से
प्रश्नांश
दिनांक तक
कब-कब और
कौन-कौन से
कार्य करवाये
गये हैं? धरमपुरी
क्षेत्र के
मार्ग पर
कब-कब कार्य
हुआ है तथा
वर्णित
मार्गों के
मरम्मत
नवीनीकरण
हेतु क्या
प्रावधान हैं
और कब तक मरम्मत
हो जावेगी?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
सरताज सिंह ) : (क)
जी नहीं। विस्तृत
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र 'अ' 'अ-1' एवं नव
निर्मित
सड़कों की
विस्तृत जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ब' अनुसार
है। (ख) मरम्मत
की विस्तृत जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ-1' 'स-1 एवं
नवीनीकरण की
विस्तृत जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'स-2' अनुसार
है। (ग) जी
हाँ। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र 'अ-1' एवं
'द' अनुसार
है। शेष प्रश्न
ही उपस्थित
नहीं होता है।
(घ) विस्तृत जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ-1' एवं
'ई' अनुसार
है।
वनभूमि पर अवैध कटाई व अतिक्रमण
2. ( क्र. 643 ) श्री राजेश सोनकर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर जिला अंतर्गत वन भूमि पर अवैध कटाई व अतिक्रमण की शिकायतें आई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ पर वन भूमि पर अवैध कटाई व अतिक्रमण की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में वन विभाग द्वारा इन शिकायतों का क्या निराकरण किया गया व कहाँ-कहाँ पर वन भूमि संरक्षण के लिये क्या-क्या कार्य किया गया? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में अवैध कटाई व अतिक्रमण से मुक्ति के लिये क्या शासन स्तर पर वन भूमि का डिजीटल मेप आदि तैयार करने की वन विभाग की कोई योजना है? यदि हाँ, तो क्या योजना है व कब तक इनको बना लिया जायेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विगत 1 वर्ष में 5 शिकायतें प्राप्त हुई थी। शिकायतों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में शिकायतों के संबंध में की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। वन भूमि संरक्षण के लिये संवेदनशील क्षेत्रों पर 5 चौकियां स्थापित की गई हैं। वनक्षेत्रों का लगातार भ्रमण किया जा रहा है। वन विभाग द्वारा वर्ष 2014 में 7.932 हे. एवं वर्ष 2015 में 0.34 हे. वन भूमि अतिक्रमण से मुक्त कराई गई है। (घ) जी हाँ। डिजिटल मैप तैयार कर लिये गये हैं तथा अवैध कटाई की रोकथाम हेतु योजना बनाई गई है। अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया प्रचलन में है, परन्तु वन अधिकार, 2006 के तहत दावों के सत्यापन की प्रक्रिया पूर्ण न होने के कारण अतिक्रमण से मुक्ति की योजना निर्माण की समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री सड़क निर्माण
3. ( क्र. 897 ) श्री जतन उईके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पांढुर्णा विधानसभा क्षेत्र छिन्दवाड़ा के अंतर्गत अमरावती रोड से लहाना मार्ग के निर्माण का टेण्डर किस वर्ष हुआ था? निर्माण कार्य एजेन्सी और मार्ग निर्माण को प्राक्कलन राशि क्या निर्धारित की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो मार्ग निर्माण की कार्यविधि अनुबंधानुसार कितने वर्ष निर्धारित की गई थी? प्राक्कलन में प्रशासकीय और तकनीकी स्वीकृती के अनुसार क्या-क्या प्रावधान रखे गये थे? (ग) मार्ग निर्माण में आने वाली कुल कितनी पुल-पुलियों का निर्माण इस कार्य के साथ होना था और निर्माण एजेन्सी द्वारा अभी तक क्या-क्या और कितना कार्य किया जा चुका है? अनुबंध की राशि में मार्ग निर्माण न होने की स्थिति में क्या पुनरीक्षित प्राक्कलन तैयार कर विभाग द्वारा स्वीकृति कराया गया है? (घ) क्या निर्माण एजेन्सी द्वारा उक्त कार्य दी गई समयावधि में पूर्ण नहीं करने पर विभाग द्वारा निर्माण एजेन्सी को कार्य पूर्ण करने हेतु समयावधि बढ़ाई गई तो किस आधार पर? कार्य विलंब होने की स्थिति में संबंधित अधिकारी पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई तथा उक्त निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर दिया जायेगा? पूर्ण करने की अवधि की जानकारी दें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) प्रश्नांकित मार्ग म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के अधीन है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) प्रश्नांश 'क' के उत्तर अनुसार।
प्रभावित परिवारों का पुनर्वास
4. ( क्र. 898 ) श्री जतन उईके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छिन्दवाड़ा अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग 47 का चौड़ीकरण 4 लाइन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या सड़क के चौड़ीकरण से प्रभावित परिवारों को पुनर्वास की क्या व्यवस्था शासन द्वारा की जा रही है? सड़क चौड़ीकरण से कितने परिवार प्रभावित हुए? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या शासन अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के ऐसे परिवारों के पुनर्वास की व्यवस्था करेगी जो प्रश्नाधीन सड़क के किनारे शासकीय भूमि पर अस्थाई रूप से दुकाने लगातार वर्षों से अपने परिवारों का भरण पोषण कर रहे है, यदि हाँ, तो कब बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, नागपुर से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, नागपुर से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
पार्वती नदी पर पुल निर्माण
5. ( क्र. 1538 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत श्योपुर-खातौली अन्तर्राज्जीय मार्ग पर स्थित पार्वती नदी पर बना पुल काफी जर्जर व सड़क स्तर से बहुत नीचा व सकरा भी हैं ये मार्ग/पुल श्योपुर जिले को राजस्थान के महानगरों से जोड़ता है? (ख) वर्षाकाल में पार्वती नदी में बाढ़ आ जाने की स्थिति में उक्त पुल कई 2 दिनों तक डूबा रहता है नतीजन आवागमन बंद हो जाता है इस कारण नागरिकों को कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ता है प्रतिवर्ष ये पुल क्षतिग्रस्त भी हो जाता हैं? (ग) यदि हाँ, तो क्या ये सच है कि उक्त समस्याओं के निवारण हेतु उक्त पुल को नवीन व ऊंचा बनाने के वास्ते सेतु निगम द्वारा 12 करोड़ का प्रस्ताव तैयार कर शासन को स्वीकृति हेतु भेजा हैं व कब बतावें, ये प्रस्ताव वर्तमान में किस स्तर पर लंबित हैं? (घ) क्या शासन जिलावासियों को वर्षाकाल में प्रतिवर्ष होने वाली कठिनाइयों से निजात दिलाने हेतु, क्या शासन उक्त प्रस्ताव को वर्ष 2016-17 के वार्षिक बजट में शामिल करके शीघ्र स्वीकृति प्रदान करेगा, यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जलमग्नीय पुल होने के कारण अतिवृष्टि के समय यातायात बंद हो जाता है। जी हाँ। (ग) जी नहीं। लंबित बाबत् प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नाधीन कार्य शासन की प्राथमिकता सूची में नहीं होने से डी.पी.आर. तैयार नहीं किया गया है। वर्तमान में बताना संभव नहीं है।
निर्माणाधीन पुल का कार्य पूर्ण कराना
6. ( क्र. 1539 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रेमसर-मूंढला मार्ग पर खाड़ी नदी पर निर्माणाधीन पुल का वर्तमान तक कितना कार्य पूर्ण/अपूर्ण रह गया है इसका कारण व कब तक पूर्ण कराया जावेगा? (ख) क्या उक्त मार्ग श्योपुर जिला मुख्यालय सहित राजस्थान के कोटा महानगर को जोड़ता है वर्षाकाल में खाड़ी नदी का जलस्तर बढ़ जाने के कारण उक्त मार्ग पर विद्यमान दर्जनों गांव के ग्रामीणों को आवागमन कई 2 दिनों तक अवरूद्ध हो जाने के कारण प्रतिवर्ष कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है? (ग) क्या सेतु निगम के संबंधित अमले व ठेकेदार की उदासीनता के कारण उक्त पुल का निर्माण कार्य निर्धारित अवधि पूर्ण होने के पश्चात् भी अपूर्ण पड़ा है इस हेतु कौन दोषी है के विरूद्ध शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई अथवा की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्षेत्रीय नागरिकों को प्रतिवर्ष वर्षाकाल में होने वाली कठिनाइयों के निवारण हेतु क्या अब शासन शीघ्र उक्त पुल के निर्माण कार्य को पूर्ण कराएगा? इस हेतु निश्चित समय-सीमा बतावें? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) पुल कार्य लगभग पूर्ण। दोनों तरफ का पहुंच मार्ग का निर्माण किया जाना है, ठेकेदार द्वारा धीमी गति से कार्य करने के कारण, अप्रैल 2016 तक पूर्ण होने की संभावना है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) जी नहीं, ठेकेदार द्वारा धीमी गति से कार्य करने के कारण पूर्ण करने में विलंब हुआ है। अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जावेगी। इसके लिए कोई अधिकारी दोषी नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। अप्रैल 2016 तक पूर्ण होने की संभावना है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
लीज निरस्त की जाना
7. ( क्र. 1667 ) श्रीमती ममता मीना : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या गुना जिले में वर्ष 2010 से 2015 तक औद्योगिक क्षेत्रों में उद्यमियों द्वारा घोषित व्यापार हेतु भूमि का आवंटन किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत जिन व्यवसायियों को कारोबार के लिये भूमि आवंटित हुई है वे उस व्यापार न कर अन्य व्यापार करें या उस भूमि में रहवास बनाये या व्यापार बंद करके भूमि रिक्त रखे हुए है तो उनकी लीज निरस्त कब और कैसे होगी? (ग) गुना जिले के औद्योगिक क्षेत्र में आवंटित भूमि पर विभाग की शर्तों का पालन नहीं करने वाले उद्यमियों की जाँच कर रहे हैं? यदि पालन नहीं किया तो विभाग उनकी लीज कब तक निरस्त कर नये उद्यमियों को आवंटित करेगा?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) वर्ष 2010 से 2015 तक औद्योगिक क्षेत्रों में उद्यमियों द्वारा घोषित व्यापार हेतु भूमि का आवंटन नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) गुना जिले के औद्योगिक क्षेत्र में आवंटित भूमि पर विभाग की शर्तों का पालन नहीं करने से औद्योगिक क्षेत्र कुशमौदा की 19 औद्योगिक इकाइयों की एवं औद्योगिक क्षेत्र गुना की 10 औद्योगिक इकाइयों की लीज निरस्त की गई है। इनमें से 19 औद्योगिक इकाइयों की अपील उपरांत लीज बहाल हुयी। शेष 10 औद्योगिक इकाइयों की लीज निरस्त कर दी गई। निरस्त लीज धारकों में से 01 उद्यमी ने माननीय उच्च न्यायालय में वाद प्रस्तुत किया है। शेष 09 भू-खण्डों का आधिपत्य प्राप्त कर ऑन लाईन प्रक्रिया से आवंटन की कार्यवाही की जा रही है।
शासकीय महाविद्यालयों में भवन निर्माण करने संबंधी
8. ( क्र. 1816 ) श्री प्रताप सिंह : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर संभाग में जिलेवार कितने शासकीय महाविद्यालय एवं स्नातकोत्तर महाविद्यालय स्थापित हैं, उनकी छात्र संख्या कितनी है, तथा कितने भवनविहीन हैं? भवन निर्माण हेतु आगामी वित्तीय वर्ष के बजट में क्या प्रावधान रखा गया है, अथवा नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित शासकीय महाविद्यालयों में कितने महाविद्यालय छात्रावासयुक्त हैं तथा शेष छात्रावासविहीन महाविद्यालयों में छात्रावास भवन निर्मित करने की क्या योजना/नीति है? (ग) क्या छात्रावास भवन जन सामान्य को निजी कार्य हेतु किराये पर दिये जाते हैं? इस संबंध में राज्य शासन की क्या नीति है?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सागर संभागांतर्गत 35 स्नातक एवं 10 स्नातकोत्तर महाविद्यालय स्थापित हैं। जिसमें कुल 56603 छात्र संख्या है। 06 नवीन महाविद्यालय भवनविहीन है। जी हाँ। (ख) 15 महाविद्यालय छात्रावास युक्त हैं। शेष छात्रावास विहीन महाविद्यालयों छात्रावासों के भवन निर्माण हेतु कोई पृथक योजना/नीति नहीं है। (ग) छात्रावास भवन जन सामान्य को निजी कार्य हेतु किराये पर नहीं दिया गया। कोई नीति नहीं है।
फोरलाईन मार्ग का निर्माण किया जाना
9. ( क्र. 1818 ) श्री प्रताप सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर व्हाया दमोह सागर फोरलाईन मार्ग का निर्माण विगत वर्षों में किया गया था? निर्माणाधीन फोर लाईन सड़क निर्माण के लिए कितने वृक्षों की कटाई की गई थी? प्रजातिवार बतलावें? काटे गये वृक्षों की जगह नवीन वृक्षारोपण किया जाना था, यदि हाँ, तो अभी तक मार्ग के किनारे कितने वृक्षों का रोपण किया गया है? (ख) काटे गये वृक्ष कहाँ पर सुरक्षित रखे गये थे, क्या उनका विक्रय/नीलामी की गई है, यदि हाँ, तो उससे कितना राजस्व प्राप्त हुआ हे? (ग) वृक्षों की कटाई से पर्यावरण पर जो विपरीत प्रभाव पड़ रहा है, शासन इस दिशा में क्या कार्य कर रहा है? क्या दमोह जिले में वृक्षारोपण या उनके रखरखाव के लिए कोई विशेष योजना की आवश्यकता शासन महसूस करता है, जिसके फलस्वरूप पर्यावरण संतुलन बना रहे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं। निगम अंतर्गत सागर दमोह जबलपुर मार्ग का उन्नयन कार्य बी.ओ.टी. योजना के अंतर्गत दो लेन में किया गया है। वृक्षों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) काटे गये वृक्ष वन विभाग के वन डिपों में जमा किये गये। राजस्व प्राप्ति की जानकारी उपलब्ध नहीं है। (ग) वृक्षों की कटाई से अधिक मात्रा में वृक्षारोपण किया गया है अत: पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
कराये गये मेंटेनेंस की जानकारी
10. ( क्र. 1957 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर/रीवा/शहडोल/सागर संभाग में म.प्र. रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन के साथ हुये अनुबंधों के आधार पर किस-किस स्थान पर कितने किलोमीटर लंबे बी.ओ.टी. के प्रोजेक्ट प्रश्नतिथि तक चल रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्थानों पर एम.पी.आर.डी.सी. के साथ किन-किन निजी कंपनियों के द्वारा सड़कों के मेंटेनेंस हेतु क्या-क्या अनुबंध किये हैं? सड़कों का मेंटेनेंस कब-कब तयशुदा समय-सीमा में कराया जाना अत्यावश्यक है? (ग) क्या यह सत्य है कि राज्य शासन द्वारा प्रदेश की आम जनता को सड़क मार्ग से अच्छे आवागमन हेतु इन बी.ओ.टी. के मार्गों को बनवाया है? अगर हाँ तो बी.ओ.टी. के मार्गों का मेंटेनेंस उक्त कंपनियों के द्वारा अनुबंधों के आधार पर समय-समय पर न करने पर सभी मार्गों में सड़कों के खराब हो जाने पर आमजन को बेहद तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है? (घ) क्या यह सत्य है कि अनुबंध के आधार पर बी.ओ.टी. कंपनियों को मेंटेनेंस के कार्य समय-समय पर नहीं करने पर पेनाल्टी निर्धारित की जाती है? 1.4.2010 से 31.3.2013 तक किस-किस कंपनी पर कितनी पेनाल्टी रख-रखाव नहीं करने पर ली गई, राशिवार/सड़कवार/कंपनीवार जानकारी दें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) सड़कों के मेंटेनेंस का दायित्व निवेशकर्ता कंपनी का है। सड़कों के मेंटेनेंस अनुबंध में शेड्यूल एवं शेड्यूल-एम. पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 में दिये प्रावधान ऑपरेशन/मेंटेनेंस के अनुसार कराया जाना आवश्यक है। मेंटेनेंस कार्य निवेशकर्ता कंपनी द्वारा एक निरंतर प्रक्रिया के तहत वर्षभर किया जाता है। (ग) जी हाँ। निवेशकर्ता कंपनी के द्वारा अनुबंधानुसार सड़कों का मेंटेनेंस सतत् रूप से समय-समय पर कराया जा रहा है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) जी हाँ। मेंटेनेंस नहीं करने पर पेनाल्टी का प्रावधान अनुबंध में है, परन्तु निवेशकर्ता द्वारा मेंटेनेंस का कार्य कराया गया है अत: पेनाल्टी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मेन्टेनेंस की जानकारी
11. ( क्र. 1958 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर एवं चंबल संभाग में म.प्र. रोड डेव्लपमेंट कार्पोरेशन के साथ हुये अनुबंधों के आधार पर किस-किस स्थान पर कितने किलोमीटर लंबे बी.ओ.टी. के प्रोजेक्ट प्रश्न तिथि तक चल रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्थानों पर एम.पी.आर.डी.सी. के साथ किन-किन कंपनियों के द्वारा सड़कों के मेंटेनेंस हेतु क्या-क्या अनुबंध किये हैं? सड़कों का मेंटेनेंस कब-कब तयशुदा समय-सीमा में कराया जाना अत्यावश्यक है? (ग) क्या राज्य शासन द्वारा प्रदेश की आम जनता को सड़क मार्ग से अच्छे आवागमन हेतु इन बी.ओ.टी. के मार्गों को बनवाया है? अगर हाँ तो बी.ओ.टी. के मार्गों का मेंटेनेंस उक्त कंपनियों के द्वारा अनुबंधों के आधार पर समय-समय पर न करने पर सभी मार्गों में सड़कों के खराब हो जाने पर आमजन को बेहद तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है? (घ) क्या अनुबंध के आधार पर बी.ओ.टी. कंपनियों को मेंटेनेंस के कार्य समय-समय पर नहीं करने पर पेनाल्टी निर्धारित की जाती है? 01.4.2010 से 31.3.2013 तक किस-किस कंपनी पर कितनी पेनाल्टी रख-रखाव नहीं करने पर ली गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। निर्माण एजेंसी द्वारा समय-समय पर सड़क का रख रखाव किया जाता रहा है, जिसके कारण आमजन को सड़क के खराब होने से उत्पन्न तकलीफों का सामना नहीं करना पड़ रहा है। (घ) जी हाँ। पेनाल्टी निर्धारित किये जाने का अनुबंध में प्रावधान है। विभिन्न कंपनियों द्वारा अपने अपने दायित्व वाले मार्ग का समय-समय पर रख रखाव किया जा रहा है। अत: कोई पेनाल्टी नहीं ली गई।
आय एवं व्यय की जानकारी
12. ( क्र. 2002 ) श्री संजय उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत परिक्षेत्रवार वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक आय-व्यय की विभिन्न कार्यों हेतु निर्माण सामग्री हेतु बुलाई गई निविदा की प्रति, सफल निविदाकार का नाम एवं दर, कार्यादेश की प्रति, सप्लाई का दिनांक की जानकारी मदवार/योजनावार देवें? (ख) बतावें कि सामग्री सप्लायरों द्वारा खनिज की रायल्टी किस खदान की जमा कराई गई एवं कितनी राशि जमा कराई गई?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2 'अ' एवं 2 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
हितग्राहियों को ऋण स्वीकृति
13. ( क्र. 2371 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला रायसेन में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत कितने हितग्राहियों को ऋण स्वीकृत किये गये हैं तथा उन्हें कितना शासन से अनुदान प्रदान किया गया हैं? (ख) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक जिला उद्योग केन्द्र को कितनी राशि शासन स्तर से प्राप्त हुई तथा कितना व्यय किया गया? (ग) जिला उद्योग केन्द्र में उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र से प्रश्नाधीन अवधि के दौरान कितने आवेदन ऋण प्राप्ति के लिये प्राप्त हुए थे? उनमें से कितने आवेदनों का निराकरण किया गया तथा अभी तक कितने लंबित है?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) 968। अनुदान राशि बैंकों द्वारा सीधे संबंधित नोडल बैंक शाखा से प्राप्त की जाती है। (ख) योजनान्तर्गत विभिन्न मदों में कुल राशि 870500/- प्राप्त हुई तथा सम्पूर्ण राशि का व्यय किया गया। (ग) 469 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से सभी 469 आवेदन टास्कफोर्स समिति के चयन के उपरान्त निराकृत कर विभिन्न बैंकों की शाखाओं को अग्रेषित किए गए हैं। कोई आवेदन लंबित नहीं है।
पी.आई.यू. के स्वीकृत कार्य
14. ( क्र.
2372 ) श्री
रामकिशन पटेल
: क्या लोक
निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
विभाग के
अंतर्गत
पी.आई.यू. से
उदयपुरा
विधान सभा
क्षेत्र में
दिनांक 01.01.13 से
प्रश्न
दिनांक तक
कितने कार्य
स्वीकृत किए
गए? कार्य
नाम, स्थान
स्वीकृति
राशि,
पूर्णता
दिनांक सहित
बतावें? (ख)
उपरोक्त
कार्यों में
से कितने
कार्य पूर्ण
हो गये हैं और
कितने अपूर्ण
हैं? अपूर्ण
कार्यों में
कितनी राशि
आहरित की जा चुकी
है और इनकी
अद्यतन
स्थिति से
अवगत करावें? (ग)
अपूर्ण कार्य
कब तक पूर्ण
कर लिए जाएंगे?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
सरताज सिंह ) : (क)
एक कार्य
शासकीय
पॉलिटेक्निक
महाविद्यालय बरेली, स्वीकृत
रू. 1818.00 लाख, संभावित
पूर्णत: की
दिनांक
अनुबंध
अनुसार 17.12.2016 है। (ख)
कोई कार्य
पूर्ण नहीं
हुआ है, एक मात्र स्वीकृत
कार्य
प्रगतिरत है।
प्रगतिरत
कार्य पर 219.00
लाख की राशि
व्यय की जा
चुकी है।
कार्य प्लिंथ
स्तर पर
प्रगतिरत है। (ग)
अनुबंध
अनुसार कार्य
पूर्ण करने का
दिनांक 17.12.2016 तक
कार्य पूर्ण
करने का
प्रयास किया
जायेगा।
विभागीय कार्यों की श्रेणीवार सूची
15. ( क्र. 2640 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में कौन-कौन से मार्ग पी.डब्ल्यू.डी. अंतर्गत सूचीबद्ध हैं? दूरी सहित सूची देवें? (ख) उक्त मार्गों में से कितने किन ठेकेदारों के मेंटेनेंस अवधि में किस दिनांक तक हैं तथा कितने मार्ग विभागीय रखरखाव अंतर्गत है? मार्गवार ठेकेदार सहित सूची देवें? (ग) जिले में कार्यरत उपयंत्री/यंत्री की क्षेत्रवार सूची नाम, नंबर सहित देवे? इनके द्वारा कब-कब कितने मार्गों का निरीक्षण वर्ष 2014 एवं 2015 में किया गया बताये वर्तमान में विभागीय रखरखाव वाले मार्गों की स्थिति क्या है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं प्रपत्र-'अ-1' अनुसार है। (ख) ठेकेदार के मेंटेनेंस के अधीन मार्गों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब', 'ब-1' एवं विभागीय रख-रखाव के अंतर्गत मार्गों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। (ग) उपयंत्री/यंत्री की क्षेत्रवार सूची मय मोबाईल नंबर का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। मार्गों की स्थिति की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ई' एवं 'द' अनुसार है। म.प्र. सड़क विकास निगम के श्री आशीष पटेल, सहायक महाप्रबंधक मो.नं. 98268-21007 (2) श्रीमती नताशा मयंक सहायक महाप्रबंधक मो.नं. 78984-86390 (3) श्री अतुल मुले प्रबंधक मो.नं. 94240-53735 (4) श्री संतोष सुपेकर मो.नं. 94240-53734 इनके द्वारा मार्गों का निरंतर निरीक्षण किया जाता है। वर्तमान में म.प्र. सड़क विकास निगम के अंतर्गत विभागीय रख-रखाव वाले मार्गों की स्थिति संतोषजनक है।
शासकीय महाविद्यालयों में घटती छात्र संख्या
16. ( क्र. 2877 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों में महाविद्यालयीन शिक्षा सुधार, गुणवत्ता सुधार, सुदृढ़ बनाने हेतु इन्दौर संभाग के कितने महाविद्यालयों में कितनी राशि किस-किस मद से प्रदान की गई, महाविद्यालयवार वर्षवार बतावें? (ख) वर्ष, 2015 में खरगोन जिले के समस्त महाविद्यालयों में अ.जा./अ.ज.जा./अ.पि.व. छात्रवृत्ति के अतिरिक्त अन्य योजनाओं के हितग्राहियों की संख्या महाविद्यालयवार योजनावार संख्या बतावें? (ग) खरगोन जिले में कितने महाविद्यालयों में अध्ययनरतकितनी छात्राओं को वर्ष 2014 में अ.जा./अ.ज.जा./अ.पि.व. छात्रवृत्ति के अतिरिक्त गांव की बेटी, प्रतिभा किरण योजना का दोहरा लाभ मिला, महाविद्यालयवार संख्या बतावें?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विगत 3 वर्षों में महाविद्यालयीन शिक्षा सुधार, गुणवत्ता सुधार सुदृढ़ बनाने हेतु इंदौर संभाग के 49 शासकीय महाविद्यालयों को पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अुनसार राशि प्रदान की गई। (ख) वर्ष 2015 में खरगोन जिले के समस्त महाविद्यालयों में अ.जा./अ.ज.जा./ अ.पि.व. छात्रवृत्ति के अतिरिक्त अन्य योजना के हितग्राहियों की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी निरंक है।
वन्य प्राणियों की निगरानी एवं चिकित्सा
17. ( क्र. 2884 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संरक्षित क्षेत्रों की घोषण होने के बाद से होकर जाने वाली विद्युत लाईनों को कब-कब हटाने के लिए कितने प्रयास किये गये हैं? कितनी हटाई गईं, कितनी हटाई जाना प्रस्तावित हैं? (ख) वन्य प्राणियों की चिकित्सा हेतु विभाग द्वारा क्या प्रयास किये गये? कहाँ-कहाँ पर इनके उपचार हेतु कौन-कौन पदस्थ हैं वन्य प्राणियों की चिकित्सा हेतु कोई शाखा है, तो जानकारी देवें? यदि चिकित्सा हेतु कोई नियुक्ति नहीं है, तो कारण बतावें? (ग) वन्य प्राणियों के निगरानी हेतु क्या प्रयास किये जाते हैं, तथा इनकी गणना हेतु क्या प्रयास किये जाते हैं? निगरानी उपकरण तथा वायरलेस उपकरणों की अंतिम खरीदी कब, किन शर्तों पर की गई थी? इन उपकरणों की वर्तमान स्थिति क्या है? मेंटेनेंस अवधि में किये गये कार्य की जानकारी देवें? (घ) खरगोन जिले में वन्य प्राणियों हेतु संचालित/प्रस्तावित विभागीय योजना की जानकारी देवें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) संरक्षित क्षेत्रों से होकर गुजरने वाली विद्युत लाईनों को हटाने के कोई प्रयास नहीं किये गये हैं। कोई लाइन हटाई नहीं गई है एवं न ही कोई लाइन हटाये जाने के प्रस्ताव हैं। परन्तु इन्हें हानि रहित पदार्थ से आवरित करने का प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किया गया है। (ख) वन्यप्राणियों की चिकित्सा हेतु वन विभाग द्वारा टाइगर रिजर्व क्षेत्र में वन्यप्राणी चिकित्सकों की पदस्थिति की गई है। जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इसके अतिरिक्त अन्य क्षेत्रों में वन्यप्राणी चिकित्सा हेतु स्थानीय पशु चिकित्सा अधिकारियों का सहयोग लिया जाता है। वन्यप्राणियों की चिकित्सा हेतु अलग से कोई शाखा नहीं है, परन्तु राज्य स्तर पर वन विभाग की सहायता से पशु चिकित्सा महाविद्यालय, जबलपुर में एक वन्यप्राणी स्वास्थ्य एवं फोरेंसिक केन्द्र स्थापित किया गया है। (ग) रेडियो कॉलर, केमरा ट्रेप, गश्ती व निगरानी तंत्र के माध्यम से वन्यप्राणियों की निगरानी की जाती है। वन्यप्राणी गणना 4 वर्षों में एक बार पूरे प्रदेश स्तर पर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण, भारत सरकार एवं भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून की मदद से की जाती है। इस वर्ष से प्रदेश के सभी संरक्षित क्षेत्रों में वन्यप्राणी आंकलन का कार्य प्रारंभ किया गया है। निगरानी कार्य हेतु उपयोग किये जाने वाले उपकरणों की खरीदी मध्यप्रदेश शासन, वन विभाग द्वारा प्रदत्त राशि से राज्य वन अनुसंधान संस्थान, जबलपुर द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर निविदा के माध्यम से की गई है। सभी उपकरण चालू हालत में हैं। अभी कोई मेंटेनेंस का कार्य नहीं किया गया है। वायरलेस उपकरणों की अंतिम खरीदी के संबंध में जानकारी पूरे प्रदेश स्तर से एकत्रित की जा रही है। (घ) खरगौन जिले के खरगौन एवं बड़वाह वनमंडलों में वन्यप्राणियों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था हेतु जल संरचना निर्माण एवं रहवास प्रबंधन के कार्य कराये जाते हैं। बड़वाह वनमंडल में राज्य मछली महाशीर के संरक्षण की योजना प्रारंभ की गई है।
दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों का नियमितिकरण
18. ( क्र. 3297 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर स्थित कौशल विकास विभाग के अंतर्गत औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं (आई.टी.आई., महिला आई.टी.आई., आई.टी.आई. दिव्यांगों के लिए) में कितने दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी कार्यरत हैं। उनमें से कितनों को नियमित किया गया। (ख) जिन्हें नियमित नहीं किया गया है, उन्हें नियमित नहीं करने का क्या कारण है। उन्हें कब तक नियमित किया जाएगा।
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) इन्दौर स्थित आई.टी.आई. तथा महिला आई.टी.आई. में कोई दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कार्यरत नहीं है। दिव्यांग आई.टी.आई. इन्दौर में 01 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी श्री मेहरवान सिंह कार्यरत हैं। इन्हें नियमित नहीं किया गया है। (ग) श्री मेहरवार सिंह की नियुक्ति दैनिक वेतन भोगी (चतुर्थ श्रेणी) के स्वीकृत पद पर ही हुई हैं, अतएव नियमित किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नीलगाय/आवारा गायों से फसलों को हो रहे नुकसान
19. ( क्र. 3409 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भाण्डेर विधान सभा क्षेत्र में नील गाय/आवारा गायों की संख्या में वृद्धि हुई है? (ख) क्या इन गायों से भाण्डेर विधानसभा क्षेत्र के किसानों की फसलें बर्बाद हो रही है? (ग) क्या गायों से फसलों की रक्षा हेतु किसानों एवं जनप्रतिनिधियों ने समय-समय पर विभिन्न स्तर पर आवेदन दिये है? (घ) यदि प्रश्नांश (क) (ख) (ग) का उत्तर हाँ में है तो अभी तक इन गायों के व्यवस्थापन हेतु कोई कार्य क्यों नहीं हुआ? क्या इन गायों के व्यवस्थापन हेतु कोई कार्ययोजना है? यदि नहीं, तो कब तक कार्ययोजना बना कर किसानों को राहत दी जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) भाण्डेर विधान सभा क्षेत्र में नीलगाय/आवारा गायों की गणना नहीं की गई है। अतः यह नहीं कहा जा सकता कि इनकी संख्या में वृद्धि हुई है। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। (घ) नीलगाय/आवारा गायों के व्यवस्थापन की कोई कार्य योजना नहीं है। अतएव व्यवस्थापन की कोई कार्यवाही नहीं की गई। किसानों को इस समस्या से राहत देने हेतु निम्न प्रावधान किये गये है :- 1. राजस्व विभाग द्वारा मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम, 2010 के तहत् सेवा क्रमांक 4.6 के अंतर्गत वन्यप्राणियों से फसलहानि होने पर 30 कार्य दिवस में प्रभावित कृषकों को क्षतिपूर्ति राशि राजस्व पुस्तक परिपत्र के आधार पर भुगतान किये जाने का प्रावधान है। 2. राज्य शासन के द्वारा फसल नुकसान करने वाले नीलगाय को मारने हेतु अनुमति देने का अधिकार अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को दिया गया है। इसके अतिरिक्त कृषि विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर प्रदेश के कुछ टाइगर रिजर्व में वन्यप्राणियों से फसल सुरक्षा हेतु सोलर फेंसिंग निर्माण का कार्य किया जाना प्रावधानित किया गया है। अनुभव के आधार पर अन्य क्षेत्रों में इसका विस्तार किया जा सकेगा।
स्टेट बायोडाइवर्सिटी बोर्ड का गठन
20. ( क्र. 3473 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य में बायोडाइवर्सिटी एक्ट 2002 की धारा 22 के तहत स्टेट बायोडाइवर्सिटी बोर्ड का गठन किया गया है? यदि हाँ, तो अधिसूचना की प्रति तथा वर्तमान में बोर्ड के सदस्यों की जानकारी देवें। (ख) स्टेट बायोडाइवर्सिटी बोर्ड ने अब तक एक्ट की धारा 23 के अनुसरण में बायोडाइवर्सिटी के संरक्षण के लिए सरकार को किसी तरह का परामर्श या गाईडलाइन दी है? यदि हाँ, तो अब तक दिए गए परामर्शों के विवरण सहित जानकारी देवें। (ग) क्या राज्य में बायोडाइवर्सिटी एक्ट 2002 के तहत बायोडाइवर्सिटी हेरिटेज साइट अधिसूचित की गई है? यदि हाँ, तो इनके संरक्षण के लिए सरकार द्वारा क्या नियम बनाए हैं, यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) क्या प्रदेश में स्थानीय निकाय स्तर पर बायोडाइवर्सिटी मैनेजमेंट कमेटी का गठन किया गया है? यदि हाँ, तो निकायवार ब्यौरा क्या है यदि नहीं, तो इसके क्या कारण है? (ड.) स्टेट बायोडाइवर्सिटी बोर्ड की अब तक कितनी बैठकें हुईं? तिथि दें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ, अधिसूचना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। वर्तमान बोर्ड के सदस्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जी हाँ, परामर्शों के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) जी नहीं, नियम बनाने की कार्यवाही की जा रही। (घ) जी हाँ, निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ड.) स्टेट बायोडाइवर्सिटी बोर्ड की अब तक 11 बैठकें आयोजित की गयी है। तिथिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है।
खेलकूद की गतिविधियों के लिए खेल मैदानों को आरक्षण एवं निर्माण
21. ( क्र. 3666 ) श्रीमती ममता मीना : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग द्वारा गुना जिले के समस्त ग्रामों तथा कस्बों और शहरों में युवाओं के उत्थान हेतु खेल मैदानों का आरक्षण कराया है या कराये जाने की कोई योजना है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग में कितनी आरक्षित भूमि पर निर्माण हेतु स्वीकृति के लिए पेंडिंग है? कब तक निर्माण की स्वीकृति देकर खेल मैदानों पर निर्माण करायेंगे? (ग) क्या गुना जिले के कुंभराज और मकसूदनगढ़ के खेल मैदानों को और गुना जिले के गांवों में खेल मैदानों को भूमि राजस्व विभाग से आरक्षित कराई है? (घ) क्या भविष्य में कुंभराज और मकसूदनगढ़ में स्टेडियम का निर्माण कराने की योजना है एवं क्या गांवों में युवाओं के उत्थान के लिये गांवों में भूमि आरक्षित कराकर उन्हें लाभान्वित कराने की नीति बनायेंगे?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं। अपितु प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीण विकास विभाग की परफारमेंस ग्रांट से एक स्टेडियम/खेल परिसर निर्माण की योजना है। (ख) निर्माण की स्वीकृति विभाग द्वारा जारी नहीं की जाती है। निर्माण एजेंसी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग है। अतः समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। अपितु ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा गुना जिले में स्वीकृत खेल परिसर की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। वर्तमान में ऐसी कोई योजना नहीं है।
पांदा से खरेली तक रोड निर्माण
22. ( क्र. 3730 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पांदा से ग्राम खरेली तक रोड स्वीकृत है? यदि हाँ, तो किस योजना में है? (ख) यदि स्वीकृत है तो कब तक निर्माण कार्य शुरू होगा? यदि स्वीकृत नहीं है तो क्या विभाग द्वारा इसकी स्वीकृति हेतु कोई कार्यवाही प्रचलित है? (ग) यदि कार्यवाही प्रचलित है तो जानकारी स्पष्ट करें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी नहीं। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। वर्तमान में कोई कार्यवाही प्रचलित नहीं है। (ग) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
म.प्र. पी.डब्ल्यू.डी. मेन्युअल 1983 की प्रभावशीलता
23. ( क्र. 3837 ) श्री उमंग सिंघार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग में वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में, अनेक मामलों में म.प्र. पी.डब्ल्यू.डी. मैन्युअल 1983 के प्रावधानों/निर्देशों का पालन न करने के आरोप में, अनेक अधिकारियों/कर्मचारियों को शासन तथा विभागाध्यक्ष ने दण्डित किया है? यदि हाँ, तो क्या यह नियमानुसार है और उक्त मैन्युअल 1983 आज भी यथावत लागू एवं प्रभावशीलता उपयोगी है? (ख) क्या उक्त म.प्र. पी.डब्ल्यू.डी. मैन्युअल 1983 में कोई संशोधन किया गया है? यदि हाँ, तो उसकी प्रति बतायें? (ग) क्या उक्त मैन्युअल का पालन करना बंधनकारी है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी नहीं। समय-समय पर किये गये संशोधन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ।
गरोठ क्षेत्र के शासकीय महाविद्यालय की स्वीकृति
24. ( क्र. 3904 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र के भानपुर शासकीय महाविद्यालय वर्तमान में कहाँ संचालित हो रहा है? क्या उक्त महाविद्यालय हेतु भूमि का आवंटन हो गया है? यदि हाँ, तो भवन निर्माण करने की शासन की कोई योजना है? यदि हाँ, तो कब तक भवन निर्माण होगा? (ख) वर्तमान में जहां महाविद्यालय संचालित किया जा रहा है क्या वहां मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं? यदि नहीं, तो क्या शासन वहां मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) महाविद्यालय में अध्यापन हेतु समस्त पदों की पूर्ति की जा चुकी है? यदि नहीं, तो किस-किस विषय के पद रिक्त हैं और इन पदों की पूर्ति कब तक हो जायेगी वर्तमान में अध्यापन व्यवस्था हेतु कौन-कौन अध्यापक कार्यरत है? नाम बतायें और किस विषय के हैं, बतायें? (घ) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत गरोठ एवं भानपुर विकासखण्ड स्थित महाविद्यालय में कौन से पाठ्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं? क्या विज्ञान, वाणिज्य एवं तकनीकी संकाय संचालित करने हेतु कोई योजना है? यदि हाँ, तो कब तक संचालित होंगे, बतायें?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) शासकीय महाविद्यालय, भानपुरा वर्तमान में सुभाष शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल, भानपुरा के भवन में संचालित हो रहा है। महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु 4.00 हेक्टेयर भूमि आवंटित हो गई है। भवन निर्माण हेतु प्राचार्य से मूल प्रॉक्कलन, तकनीकी स्वीकृति, नक्शा आदि मंगाया है। प्राचार्य से पूर्ण प्रस्ताव प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। समय—सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश की समग्र जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्राचार्य के पद की पूर्ति हेतु पदोन्नति की कार्यवाही प्रचलन में है। शैक्षणिक संवर्ग के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग के द्वारा विज्ञापन 19.02.2016 को जारी किया जा चुका है। पद पूर्ति की निश्चित समय—सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) शासकीय महाविद्यालय, गरोठ में कला, विज्ञान एवं वाणिज्य के संकाय संचालित हैं एवं शासकीय महाविद्यालय, भानपुरा में कला संकाय संचालित है। जी नहीं। शेष प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तेंदूपत्ता बोनस वितरण
25. ( क्र. 3975 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिंगरौली के अंतर्गत वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में तेंदूपत्ते का कितना संग्रहण किया गया तथा तेंदूपत्ते से जिले को कुल कितने रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ तथा तेंदूपत्ते के लाभांश से कितने रूपये बोनस का भुगतान कितनों को किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में तेंदूपत्ता संग्रहक (मजदूरों) के परिवार कल्याण की क्या योजना है? क्या इनके बच्चों की शिक्षा-दीक्षा के लिये किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता देने का प्रावधान है? (ग) यदि हाँ, तो इसका मापदण्ड क्या है और इसके तहत सिंगरौली जिले में कितने परिवार को क्या लाभ दिया गया?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जिला सिंगरौली अंतर्गत वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में क्रमशः 143980 एवं 178077 मानक बोरा तेन्दूपत्ता संग्रहण किया गया तथा तेन्दूपत्ता संग्रहण से जिले को क्रमशः रू. 24,50,43,374/- एवं रू. 32,67,69,279/- का राजस्व (विक्रय मूल्य) प्राप्त हुआ। वर्ष 2014-15 में संग्रहण वर्ष 2012 का बोनस 71,208 संग्राहकों को राशि रू. 18,20,66,760/- तथा वर्ष 2015-16 में संग्रहण वर्ष 2013 का बोनस 45,200 संग्रहकों को रूपये 4,74,97,732/- का भुगतान किया गया। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में तेन्दूपत्ता संग्राहक (मजदूरों) के लिए लघु वनोपज संघ द्वारा उनका रू. 5,000/- का सामाजिक सुरक्षा समूह बीमा कराया जाता है जिसके अंतर्गत सामान्य मृत्यु की स्थिति में रू. 5,000/-, आंशिक विकलांगता की स्थिति में रू. 12,500/- तथा पूर्ण विकलांगता या दुर्घटना में मृत्यु की स्थिति में रू. 26,500/- बीमा धन का भुगतान किये जाने की योजना है। जी हाँ। तेन्दूपत्ता संग्राहकों के बच्चों की शिक्षा के लिए ’एकलव्य शिक्षा विकास योजना‘ के अंतर्गत आर्थिक सहायता देने का प्रावधान है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
वन विभाग सिवनी द्वारा निर्माण कार्य
26. ( क्र. 4066 ) श्री रजनीश सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग जिला सिवनी में वर्ष 2013-14 से 2014-15 प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के किस-किस मद से, कब-कब करवाये गये? नियुक्त कार्य एजेंसी के नाम सहित विकासखंडवार एवं वर्षवार पूर्ण ब्यौरा देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रचलित कार्य में कौन-कौन से कार्य पूर्ण है एवं उक्त कार्य में से किस-किस कार्य के लिए किस-किस को, कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस दिनांक को चेक/ड्राफ्ट क्रमांक एवं नगद राशि के रूप में किया गया? (ग) इनमें से कितने कार्य पूर्ण है एवं कितने अपूर्ण जानकारी देवें? कार्य अपूर्ण होने के क्या कारण है? क्या अपूर्ण कार्य के दोषी को चिन्हित कर उसे विभाग द्वारा सजा दी गई है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। वर्ष 2015-16 के कार्य प्रगतिरत है। अत: अपूर्ण कार्य के लिये किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन समितियों द्वारा कराये गये कार्य
27. ( क्र. 4067 ) श्री रजनीश सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वनमंडल जिला सिवनी के अंतर्गत कितनी वन समितियां रजिस्टर्ड की गई है? परिक्षेत्रवार समितियों की सूची बतायें? (ख) समितियों के खाते में विगत 03 वर्षों में कितनी-कितनी राशि जमा कराई गई? (ग) समितियों के माध्यम से समिति क्षेत्र में कौन-कौन कार्य कराये गये? कार्यवार उन पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (घ) समितियों में कराये गये कार्यों का सत्यापन कब-कब, किस-किस समिति का गठन कर कराया गया?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (घ) समितियों द्वारा कराये गये कार्यों के सत्यापन हेतु कोई समिति गठित नहीं की गयी।
संकलित की गई जानकारी उपलब्ध कराया जाना
28. ( क्र. 4146 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के अता. प्रश्न संख्या 28, क्रमांक 1842 दिनांक 03 मार्च 2015 के संदर्भ में बतावें, धारा 29 में किस दिनांक को राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना की प्रति वन विभाग के पास उपलब्ध हैं? (ख) धारा 4 (1) में अधिसूचित भूमियों को वर्किंग प्लान, संरक्षित वन कक्ष इतिहास, संरक्षित वन कक्ष मानचित्र एवं पी.एफ. एरिया रजिस्टर में किस कानून की किस-किस धारा के प्रावधानों के अनुसार किन-किन कारणों से सम्मिलित किया है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 4 (1) में अधिसूचित वन विभाग के अधीन भूमियों को प्रश्नांकित अभिलेखों में दर्ज कर इनके प्रबन्धन के लिये कार्य आयोजना में सम्मिलित किया गया।
छतरपुर जिले में निर्वनीकृत भूमि
29. ( क्र. 4147 ) श्रीमती रेखा यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अता. प्रश्न संख्या 46 क्रमांक 1270 दिनांक 24 नवम्बर 2009 को छतरपुर वनमण्डल के अतंर्गत 151375.665 (एक लाख इक्कावन हजार तीन सौ पचहत्तर दशमलव छ: छ: पाँच) हेक्टेयर संरक्षित वन भूमि के निर्वनीकरण की अधिसूचना वर्ष 1980 के पूर्व जारी हो चुकी है की जानकारी दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो छतरपुर जिले के कितने ग्रामों की कितनी जमीन संरक्षित वन सर्वे डिमारकेशन में शामिल की गई इनमें से कितने ग्रामों की कितनी भूमि 1980 के पर्वू वनखण्डों में अधिसूचित की गई, कितने ग्रामों की कितनी भूमि एवं कितने ग्रामों की समस्त वन भूमि 1980 के पूर्व राजपत्र में किस दिनांक को निर्वनीकृत की गई? (ग) 1980 के पूर्व निर्वनीकृत की गई भूमियों की राजपत्र में किस-किस दिनांक को प्रकाशित अधिसूचनाओं की प्रतियाँ वन विभाग के पास उपलब्ध है, उन अधिसूचनाओं के आधार पर प्रश्न क्रमांक 1270 में निर्वनीकृत पूरी भूमि की जानकारी न दिए जाने का क्या कारण हैं? (घ) 1980 के पूर्व वनखण्डों में अधिसूचित एवं राजपत्र में निर्वनीकृत की गई भूमियों को भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 29 के अनुसार किस दिनांक के राजपत्र में संरक्षित वन भूमि अधिसूचित किया गया?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) छतरपुर जिले के 554 ग्रामों की 1,98,391.41 हेक्टेयर भूमि सर्वे डिमारकेशन में शामिल की गई। इनके सर्वेक्षण उपरान्त 552 ग्रामों की 1,89,924.698 हेक्टेयर भूमि धारा 4 (1) में अधिसूचित की गई। वर्ष 1980 के पूर्व 1012 ग्रामों की समस्त संरक्षित वनभूमि एवं 880 ग्रामों की आंशिक रूप से 1,80,118.96 हेक्टेयर संरक्षित वनभूमि विभिन्न अधिसूचना दिनांकों 25.05.1969, 13.03.1970, 19.05.1972, 27.09.1972, 21.10.1972 एवं 14.11.1972 से निर्वनीकृत की गई। (ग) प्रश्नांश ’’ख‘‘ में वर्णित दिनांकों के अनुसार प्रकाशित अधिसूचनाओं की प्रतियाँ वन विभाग के पास उपलब्ध है। प्रश्न क्रमांक 1270 में निर्वनीकृत भूमि की जानकारी में धारा 4 (1) के अन्तर्गत केवल वनखण्डों के बाहर की छूटी 1,51,375.665 हेक्टेयर भूमि दर्शायी गई थी, जिसमें वनखण्डों के अन्दर की 28743.295 हेक्टेयर निर्वनीकृत भूमि शामिल नहीं थी। (घ) वर्ष 1980 के पूर्व राजपत्र में निर्वनीकृत की गई भूमियों में से राजपत्र दिनांक 22.10.2010 में 883.176 हेक्टेयर एवं राजपत्र दिनांक 3.09.2011 में 226.15 हेक्टेयर भूमि को भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 29 के अनुसार संरक्षित वन अधिसूचित किया गया।
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में अम्बेडकर पीठ के कार्य
30. ( क्र. 4360 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के अंतर्गत अम्बेडकर पीठ की स्थापना की गई है? यदि हाँ, तो इस पीठ की स्थापना से वर्तमान तक कार्यक्षेत्र क्या है? (ख) पीठ स्थापना के समय संचालन हेतु जिन पदों की स्वीकृति की गई थी क्या वर्तमान में वे ही कार्य कर रहे है? यदि हाँ, तो इनकी पदस्थापना से आज तक की सूची उपलब्ध करायें? यदि नहीं, तो समस्त पदस्थापना की जानकारी प्रदाय करें? (ग) इस पीठ की स्थापना का उद्देश्य क्या था? क्या वह अपने उद्देश्यों की पूर्ति कर रही है? इसके संचालन में विश्वविद्यालय द्वारा किन-किन मदों में कितना-कितना व्यय किया गया है? (घ) क्या इसका संचालन प्रभारियों की नियुक्ति कर किया जा रहा है? यदि हाँ, तो स्पष्ट करें कि ऐसा क्यों किया जा रहा है?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विश्वविद्यालय में डॉ. अम्बेडकर स्टडीज सेंटर स्थापित है। इस स्टडीज सेंटर का कार्यक्षेत्र विश्वविद्यालय के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत आने वाले सभी जिले हैं। (ख) डॉ. अम्बेडकर स्टडीज सेंटर के संचालन हेतु कोई पद स्वीकृत नहीं है। स्टडीज सेंटर के संचालन का कार्य विश्वविद्यालय स्तर पर पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों से कराया जा रहा है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) डॉ. अम्बेडकर स्टडीज सेंटर की स्थापना डॉ. बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर के विचारों के युवा मानस में प्रचारित—प्रसारित करना तथा डॉ. अम्बेडकर पर शोध प्रोत्साहित करना था। जी हाँ। स्टडीज सेंटर के संचालन हेतु विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा प्रदाय राशि से निम्नानुसार व्यय किया गया:— (1) लायब्रेरी हेतु पुस्तकों पर — रू, 1,00,000/— (2) उपकरण पर (एक कम्प्यूटर एवं एक लेपटॉप) रूपये 78,120/— (3) सेमिनार (वर्कशाप) रू. 25,000/— (4) कार्यक्रम राष्ट्रीय सिम्पोसियम के लिए रू. 35,000/— (5) स्टडीज सेंटर कार्य से यात्रा पर रू. 5,000/— (6) अन्य मद पर रू. 1,22,687/— (घ) जी हाँ। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा पदों की स्वीकृति नहीं होने के कारण।
मेलों को वित्तीय सहायता
31. ( क्र. 4488 ) श्री राजेन्द्र श्यामलाल दादू : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) इंदौर संभाग के विभिन्न जिलों में कितने ऐसे मेले हैं, जिनका शासन द्वारा संचालन एवं प्रबंधन में वित्तीय सहायता दी जाती है? (ख) मेलों को उक्त वित्तीय सहायता प्रदान किये जाने हेतु क्या-क्या मापदण्ड हैं? (ग) जिला बुरहानपुर के कौन-कौन से मेले उपरोक्त मापदण्ड अनुसार वित्तीय सहायता की पात्रता रखते हैं?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना
32. ( क्र. 4536 ) श्री विष्णु खत्री : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) चतुर्दश विधान सभा के अभी तक के कार्यकाल में दिनांक 31.12.2015 तक भोपाल जिले से कब-कब मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत तीर्थाटन कराया गया है? तिथिवार सूची उपलब्ध करावें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में दर्शित तिथियों में बैरसिया विधान सभा क्षेत्र के निवासियों को भी तीर्थाटन कराया गया है? यदि हाँ, तो कितने व्यक्तियों को लाभान्वित किया गया है? प्रत्येक यात्रा दिनांक की नामवार, ग्राम पंचायतवार सूची उपलब्ध करावें?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्र की स्वीकृति
33. ( क्र. 4556 ) श्री जय सिंह मरावी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले में 12वीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत कहाँ-कहाँ नवीन औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्र खोलने की कार्य योजना है? (ख) क्या औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्र खोलने के लिए कोई मापदण्ड निर्धारित है? यदि हाँ, तो मापदण्ड क्या है? (ग) क्या केशवाही में भी औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्र खोलने का प्रस्ताव है? यदि हाँ, तो किस वर्ष के कार्य योजना में सम्मिलित है?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) सत्र अगस्त 2016 बुढ़ार विकासखण्ड जिला शहडोल में नवीन आई.टी.आई. प्रांरभ किये जाने की योजना हैं। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
औद्योगिक क्षेत्रों में नए उद्योगों की स्थापना
34. ( क्र. 4575 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र मंडीदीप, पीथमपुर, मालनपुर में पिछले 5 वर्षों में नए उद्योग स्थापना के लिये शासन द्वारा एम.ओ.यू. किए गए हैं? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक किए गए एम.ओ.यू. और इसके तहत लगने वाले उद्योग का ब्यौरा देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उद्योगों के लिये क्या भूमि आवंटित की गई है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार स्थापित होने वाले उद्योगों के लिये आवश्यक मूलभूत सुविधाएं शासन ने उपलब्ध कराई हैं? यदि हाँ, तो सुविधाओं का ब्यौरा देवें?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। ब्यौरा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ब्यौरा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) आवश्यक मूलभूत सुविधाएं जैसे सड़क, नाली, बिजली और पानी की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
वन ग्रामों का विकास
35. ( क्र. 4576 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीहोर जिले में कितने वन ग्राम हैं? इन ग्रामों के विकास के लिये शासन द्वारा क्या योजनाएं संचालित की जा रही है? (ख) वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक सीहोर जिले के वन ग्रामों पर कितनी राशि व्यय की गई वर्षवार, मदवार, ग्रामवार ब्यौरा दें। (ग) क्या वन ग्रामों में राजस्व ग्रामों की भांति चौकीदार रखे गए हैं? यदि नहीं, तो इस दिशा में शासन की क्या योजना है? (घ) सीहोर जिले में वन अधिकार अधिनियम के तहत कितने पट्टे वितरित किए गए, कितने प्रकरण लंबित हैं व प्रकरण लंबित रहने के क्या कारण हैं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) सीहोर जिले में 51 वनग्राम है। इन ग्रामों के विकास के लिये वर्तमान में शासन की काई पृथक योजना संचालित नहीं है, किन्तु अन्य ग्रामों की भाँति वनग्रामों में भी शासन के विभिन्न मदों में विकास कार्य कराये जाते हैं। (ख) वनग्रामों के विकास हेतु वर्ष 2006-07 से 2008-09 तक प्राप्त राशि से वर्ष 2014-15 तक वनग्रामों के विकास के कार्यों पर किये गये व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ग) वनग्रामों में राजस्व ग्रामों की भाँति कोई भी चैकीदार नहीं रखे गये है। इस संबंध में शासन की कोई योजना नहीं है। (घ) सीहोर जिले में वन अधिकार अधिनियम के तहत 3988 व्यक्तिगत वन अधिकार हक प्रमाण-पत्र एवं 392 सामुदायिक प्रमाण-पत्र प्रदाय किये गये हैं एवं जिले में कोई प्रकरण लंबित नहीं है।
गुना शहर में स्टेडियम निर्माण की प्रशासनिक अनुमति
36. ( क्र. 4603 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या म.प्र. के सभी जिलों में खेलकूद के लिये स्टेडियम स्थापित हैं? यदि नहीं, तो कौन से जिले रिक्त हैं और कौन से जिले में स्टेडियम निर्माण के लिये शासन ने भूमि आवंटन करायी है? (ख) खेल एवं युवा कल्याण विभाग स्टेडियम निर्माण की प्रशासनिक स्वीकृति इस विभाग लेकर प्रदान करता है कि नहीं? यदि हाँ, तो क्या गुना शहर में भूमि आवंटन होने के बाद स्टेडियम निर्माण की प्रशासनिक स्वीकृति पेंडिंग है? (ग) क्या सामान्य प्रशासन विभाग या म.प्र. शासन द्वारा नवीन स्टेडियम निर्माण की प्रशासनिक स्वीकृति गुना शहर में दिलाने के लिये संबंधित विभाग को आदेशित करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) यदि प्रश्नांश (क), (ख) और (ग) के तथ्यों का विवरण सत्य है तो क्या गुना शहर में नवीन स्टेडियम निर्माण हेतु भूमि आवंटन राजस्व विभाग से होने के बाद प्रशासनिक स्वीकृति अभी तक नहीं दिलाने के लिये कौन उत्तरदायी है? शासन समीक्ष कर प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान करायेगा या नहीं? कारण सहित बताएं?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) विभाग द्वारा स्टेडियम निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की जाती है। गुना शहर में भूमि आवंटन के पश्चात लोक निर्माण के एस.ओ.आर. में परिवर्तन होने के कारण पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) चूंकि कार्यवाही प्रचलन में है, अतएव पृथक से आदेशित करने का औचित्य नहीं है। (घ) विधानसभा क्षेत्र गुना के जगनपुर में आवंटित भूमि पर स्टेडियम बनाने हेतु लोक निर्माण विभाग के एस.ओ.आर. दिनांक 01.08.2014 में संशोधन हो जाने से परियोजना संचालक ग्वालियर द्वारा पत्र दिनांक 01.08.2015 के माध्यम से पुनरीक्षित लागत अनुसार राशि रू. 1508.93 लाख की तकनीकी स्वीकृति प्रदान की गई है। इस संदर्भ में कलेक्टर गुना के अर्द्ध शासकीय पत्र दिनांक 11.08.2015 द्वारा पुनरीक्षित प्रस्ताव अनुसार प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान करने हेतु लेख किया गया है, जिसका परीक्षण किया जा रहा है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय महाविद्यालय कटंगी में स्नातकोत्तर कक्षा स्वीकृत करना
37. ( क्र.
4613 ) श्री
के.डी. देशमुख :
क्या तकनीकी
शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
शासकीय
महाविद्यालय
कटंगी जिला
बालाघाट में
गणित एवं
रसायन शास्त्र
में स्नातकोत्तर
कक्षायें स्वीकृत
करने की मांग
की जा रही है? (ख)
यदि हाँ, तो कब तक
गणित तथा
रसायन शास्त्र
में स्नातकोत्तर
कक्षायें स्वीकृत
कर दी जावेगी?
तकनीकी
शिक्षा
मंत्री ( श्री
उमाशंकर
गुप्ता ) : (क)
जी हाँ। (ख)
प्रकरण में
परीक्षण की
कार्यवाही
प्रचलन में
है। समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
स्टेडियम की बाउन्ड्रीवाल निर्माण
38. ( क्र. 4620 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बालाघाट जिले में तहसील मुख्यालय कटंगी में स्टेडियम की बाउन्ड्रीवाल निर्माण हेतु प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान करने का प्रस्ताव संचालक खेल एवं युवा कल्याण विभाग में लंबित है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक बॉउन्ड्रीवाल निर्माण कार्य को स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं। (ख) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
योजनाओं के क्रियान्वयन
39. ( क्र. 4760 ) श्री अनिल जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी के उप वनमण्डल निवाड़ी अंतर्गत वन भूमि पर किन-किन संरचनाओं के निर्माण कार्य हेतु कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जा रही हैं, योजनावार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में संचालित योजनाओं के लिये वित्तीय वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में कितना आवंटन प्राप्त हुआ एवं निर्माण कार्यों पर कितना-कितना व्यय हुआ है, योजनावार एवं घटकवार जानकारी दी जावें तथा यह भी बतावें कि कितना आवंटन शेष है तथा अपूर्ण कार्यों के लिये वित्तीय वर्ष में कितनी राशि की अतिरिक्त आवश्यकता है? (ग) प्रश्नांश (ख) में कराये गये निर्माण कार्यों में से कितने कार्य विभागीय तौर पर और कितने कार्य निविदा के आधार पर किये गये हैं, क्रियान्वयन एजेंसी के नाम सहित बताया जावें? (घ) प्रश्नांश (ख) में प्राप्त आवंटन के अलावा गैर निर्माण कार्यों हेतु किन-किन योजनाओं में किन-किन प्रयोजनों हेतु कितना आवंटन प्राप्त हुआ है और व्यय तथा शेष की जानकारी अतिरिक्त मांग सहित बतायी जावे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के समस्त कार्य प्रक्रिया अनुसार विभागीय तौर पर कराये गये हैं। क्रियान्वयन एजेन्सी वन विभाग है। कोई भी कार्य निविदा के आधार पर नहीं कराये गये हैं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
कोलारस अंतर्गत विभागीय वर्तमान मार्ग एवं प्रस्तावित मार्ग
40. ( क्र. 4837 ) श्री रामसिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जनवरी 2016 की स्थिति में कौन-कौन से मार्ग कहाँ से कहाँ तक कितनी लंबाई के हैं? इनमें से कौन-कौन से मार्ग, पुल, पुलिया एवं रपटा जीर्ण-शीर्ण स्थिति में है? इनका जीर्णोद्धार एवं डामरीकरण तथा निर्माण कब तक किया जाएगा? (ख) कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2012-13 से वर्ष 2015-16 की अवधि में पेंच-रिपेयरिंग एवं डामरीकरण कार्य कितनी राशि से किस एजेंसी से कराया गया किस एजेंसी को कितना भुगतान किया गया? (ग) क्या कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रश्न दिनांक की स्थिति में सड़क एवं भवन निर्माण कार्य प्रचलित है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से निर्माण कार्य कितनी-कितनी लागत के कहाँ-कहाँ पर प्रचलित है? उक्त कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (घ) कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ऐसे कौन-कौन से मार्ग है, जिन्हें यदि विभाग द्वारा जोड़ दिया जाता है, तो क्षेत्रीय जनता को अत्यंत लाभ होगा तथा दूरस्थ क्षेत्रों से आवागमन सुगम हो जाएगा? ऐसे मार्गों का सर्वे कब तक कराकर इनकी स्वीकृति की प्रक्रिया कब तक प्रारंभ होगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) पेंच रिपेर्स जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं डामरीकरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) जी हाँ। सड़क कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' एवं 'द-1' अनुसार है और भवन कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' एवं 'ई-2' अनुसार है। (घ) विभाग में इस प्रकार की कोई योजना प्रचलित नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्रामीण क्षेत्रों में खेल मैदान एवं स्टेडियम निर्माण
41. ( क्र. 4838 ) श्री रामसिंह यादव : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने एवं ग्रामीण क्षेत्रों में खेल मैदान/स्टेडियम निर्माण की शासन की क्या योजना है? शासन द्वारा वर्तमान वित्तीय वर्ष में जिलेवार कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य हेतु स्वीकृत की है? (ख) शिवपुरी जिले में खेलों को बढ़ावा देने एवं खेल मैदान/स्टेडियम निर्माण हेतु कितनी-कितनी राशि कहाँ-कहाँ के लिये किस-किस कार्य एवं उद्देश्य के लिये वर्ष 2015-16 में स्वीकृत की है? जिले में वर्ष 2015-16 में खेल मैदान/स्टेडियम कहाँ-कहाँ स्वीकृत किए हैं एवं कहाँ-कहाँ पर प्रस्तावित है? (ग) क्या शिवपुरी जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में खेल मैदान/स्टेडियम निर्माण हेतु वर्ष 2015-16 में भूमि आवंटित कर विभाग को सूचित किया गया है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ की किस-किस खसरा नंबर की कितनी रकबा भूमि आवंटित की गई है? (घ) कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत खेल मैदान/स्टेडियम कहाँ-कहाँ पर कितनी लागत से निर्माण किए जाएंगे वर्तमान में कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत खेल मैदान/स्टेडियम हेतु क्या-क्या कार्यवाही किस स्तर पर प्रचलित है?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) आउटडोर खेल परिसर का निर्माण पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की परफारमेंस ग्रांट से ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में माननीय स्थानीय विधायक की अनुशंसा से 5 से 7 एकड़ भूमि का आवंटन खेल और युवा कल्याण विभाग के नाम किए जाने पर राशि रू. 80.00 लाख की लागत से 01 खेल परिसर निर्माण कराये जाने की योजना है एवं इण्डोर खेल परिसर निर्माण के लिये 80 x 60 मीटर की भूमि खेल और युवा कल्याण विभाग के नाम आवंटित होने पर केन्द्र एवं राज्य के 50-50 प्रतिशत अंश से इण्डोर खेल परिसर निर्माण की योजना है। आउटडोर खेल परिसर का निर्माण ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा किया जाना है, जबकि इण्डोर खेल परिसर निर्माण की योजना को भारत सरकार के पत्र क्र. 30-01/एमवाईएएस/आरजीकेए/2015/6419/6428, दिनांक 05.11.2015 द्वारा योजना की पुनः समीक्षा के कारण भारत सरकार द्वारा स्थगित रखा गया है, इसलिये इस विभाग द्वारा कोई राशि स्वीकृत नहीं की गई है। (ख) शिवपुरी जिले में वर्ष 2015-16 में खेल परिसर/स्टेडियम निर्माण हेतु विकासखण्ड पोहरी के ग्राम मचाखुर्द में राशि रू. 80.00 लाख एवं विकासखण्ड बदरवास के ग्राम खतौरा में राशि रू. 80.00 लाख ग्रामीण यांत्रिकी विकास विभाग द्वारा स्वीकृत किए गए हैं। स्वीकृत एवं प्रस्तावित खेल परिसर निर्माण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है। (घ) कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत खेल मैदान/स्टेडियम विकासखण्ड बदरवास के ग्राम पंचायत खतौरा में राशि रू. 80.00 लाख लागत से निर्माण किया जावेगा। दिनांक 03.02.2016 को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोलारस द्वारा अतिक्रमण हटाया गया। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा दिनांक 05.02.2016 को कार्य स्थल का डिटेल सर्वे करवाया गया तथा डी.पी.आर. तैयार करने की कार्यवाही चल रही है।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
42. ( क्र. 4920 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिला अंतर्गत वन मण्डल रीवा में कितनी वन समितियों का गठन किया गया है? उनके नाम, पदाधिकारियों सहित बतावें? साथ ही समितियों के कार्याक्षेत्र का विवरण भी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) की समितियों द्वारा वर्ष 2012 से प्रश्नांश दिनांक तक कौन-कौन से आस्था मूलक कार्य कराये गये? ये कार्य कुल कितनी लागत के थे? आस्था मूलक कार्य की गुणवत्ता क्या है वर्तमान में समितियों के विकास खाते में कुल कितनी राशि शेष है तथा शेष राशि क्यों बची है? (ग) प्रश्नांश (ख) के कार्य वन समितियों द्वारा अगर कार्यक्षेत्र से हटकर कराये गए तो कहाँ-कहाँ किस-किस कार्य में किस-किस लागत से, का विवरण देवें एवं राशि व्यय संबंधी शासन के आदेश एवं निर्देशों की प्रति देवें? (घ) यदि प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार राशि नियम विरूद्ध तरीके से व्यय की गई तो इसके लिए किन-किन को दोषी मानकर उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) समितियों द्वारा कार्यक्षेत्र से हटकर कोई कार्य नहीं किये गये हैं। अत: शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) कोई भी राशि नियम विरूद्ध तरीके से व्यय नहीं की गई है, अत: कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
पट्टों के प्रदाय
43. ( क्र. 4933 ) श्री संजय उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वनाधिकार अधिनियम 2006 के तहत पट्टों के प्रदाय बाबत् अनापत्ति प्रमाण पत्र हेतु प्रकरण विभाग से मांगा जाता है? (ख) यदि हाँ, तो बैहर, बिरसा, परसवाड़ा तहसील के वित्तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक कितने प्रकार, किन-किन के अनापत्ति प्रमाण पत्र हेतु आवेदन प्राप्त हुये, किन-किन के जारी किये गये, किन-किन के अभी तक जारी नहीं किये गये? (ग) जिन व्यक्तियों के प्रकरणों में अनापत्ति जारी नहीं की गयी उसके क्या कारण है एवं कब तक जारी कर दी जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्टार्टअप कार्यक्रम संबंधी
44. ( क्र. 4989 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में स्टार्टअप कार्यक्रम के अंतर्गत कहाँ-कहाँ इन्क्यूबेटर खोले जा रहे है तथा कहाँ-कहाँ प्रस्तावित है? अलग-अलग जानकारी तथा स्टार्टअप का पूर्ण ब्यौरा दे? क्या रतलाम - मंदसौर जिले में इन्क्युवेटर सेन्टर प्रारंभ किये जायेगे? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों? (ख) इंदौर में आयोजित इन्ड-एक्सपो 2016 के आयोजन की उपलब्धि का ब्यौरा क्या है? (ग) प्रदेश में आई.टी. पार्क ने कहाँ-कहाँ कार्य प्रारंभ कर दिया है एव उसका ब्यौरा क्या है? प्रदेश में कहाँ-कहाँ आई.टी. पार्क स्थापना की संभावना है?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विकास संस्थान, इन्दौर द्वारा दिनांक 06.02.2016 से दिनांक 08.02.2016 तक आयोजित वेण्डर विकास कार्यक्रम में 70 सूक्ष्म, लघु उद्यमों एवं 22 सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम एवं वृहद् उद्यम द्वारा भाग लिया गया। (ग) इन्दौर में आई.टी. पार्क कार्यरत है। सिहांसा (इन्दौर), जबलपुर, ग्वालियर एवं भोपाल में आई.टी. पार्क की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। सागर में आई.टी. पार्क हेतु भूमि चिन्हित कर ली गई है।
सड़कों का निर्माण
45. ( क्र. 4990 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत विगत 3 वर्षों में जिला रतलाम अंतर्गत कुल कितने किलोमीटर सड़कों का निर्माण सपन्न हुआ? कितनी सड़के स्वीकृत होकर अब तक निर्मित नहीं हो सकी? कितनी सड़कें ग्यारंटी अवधि से पूर्व ही खराब हो गई? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित निर्माण कार्यों में गुणवत्ताहीन, निर्धारित अनुबंध के विपरीत कार्य करने वाले कितने ठेकेदारों को शासन ने ब्लेक लिस्टेड किया? नामवार कार्यवार एवं दिये गए दण्डानुसार ब्यौरा दें? (ग) लोक निर्माण विभाग को वर्ष 2015 के लिए आवंटित बजट राशि के व्यय का ब्यौरा क्या है एवं वर्ष 2015 में केन्द्र सरकार से प्राप्त राशि व उसके व्यय का ब्यौरा क्या है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) रतलाम जिले में विगत 3 वर्षों में 78.80 कि.मी. सड़कों का निर्माण संपन्न हुआ है, एवं म.प्र. सड़क विकास निगम के अंतर्गत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। 30 सड़के कोई सड़के ग्यारंटी अवधि में खराब नहीं हुई है। (ख) एक ठेकेदार को ब्लेक लिस्ट किया गया जिला रतलाम में हायर सेकेण्डरी स्कूल बड़ावदा एवं सरसी में आर्टस क्राफ्ट रूम लायब्रेरी एवं टायलेट निर्माण कार्य पूर्ण न होने के कारण इस कार्यालय के आदेश दिनांक 27.02.2016 द्वारा ठेकेदार मेसर्स जी.आर. पटसरिया कंस्ट्रक्शन कंपनी दतिया को काली सूची में डाला गया। (ग) लोक निर्माण विभाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। म.प्र. सड़क विकास निगम को वर्ष 2015-16 में आवंटित बजट राशि रूपये 1807.13 करोड़ में से दिनांक 01.03.2016 तक राशि रूपये 1740.68 करोड़ व्यय हुआ है।
मंदिरों के निर्माण
46. ( क्र. 5134 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बालाघाट जिले में ऐसे कितने मंदिर है, जिनकी निर्माण की योजना धर्मस्व विभाग में बनाई है, तो मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिये शासन के पास प्रतिवर्ष कितना आवंटन प्राप्त होता है, विगत 3 वर्षों की जानकारी देवें? (ख) बालाघाट जिले के कितने मंदिरों को सूचीबद्ध किया गया है एवं किया जा रहा है व जिले में मंदिरों के निर्माण के जीर्णोद्धार की कितनी राशि खर्च करने की योजना है? (ग) बालाघाट जिले के मंदिरों के जीर्णोद्धार एवं मरम्मत के लिये पिछले 3 वर्षों में विभाग/कलेक्टर को प्राप्त आवेदनों पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) उपरोक्त अवधि में दी गई राशि की ऑडिट रिपोर्ट कहाँ-कहाँ की संस्थाओं/धार्मिक स्थलों की पूर्ण की गई है?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पी.आई.यू. द्वारा कराये गये कार्य
47. ( क्र. 5137 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग अंतर्गत पी.आई.यू. द्वारा सिवनी जिले में किन-किन विभागों के क्या-क्या निर्माण कार्य विगत 03 वर्षों में निर्मित किये गये हैं, अथवा प्रचलित है? 10 लाख से ज्यादा लागत वाले कार्यों का विवरण देवें? इन कार्यों की वर्तमान भौतिक स्थिति बतावें? कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो चुके हैं और कौन-कौन से प्रचलित है? कहाँ-कहाँ कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हुआ है? (ख) प्रदेश में पी.आई.यू. द्वारा निर्मित/निर्माणाधीन कार्यों की गुणवत्ता जाँच/निरीक्षण/भौतिक सत्यापन आदि की क्या व्यवस्था है? गुणवत्ताहीन निर्माण कार्यों की रोकथाम हेतु विभाग की क्या योजना है? (ग) क्या उक्त निर्माण कार्य पी.आई.यू. द्वारा समय-सीमा में पूर्ण नहीं किये जा सके हैं? क्यों? गुणवत्ताहीन निर्माण कार्यों हेतु कौन-कौन उत्तरदायी है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) गुणवत्ता जाँच की व्यवस्था स्थल पर स्थापित प्रयोगशाला एवं एन.ए.बी.एल. एक्रेडिटेड प्रयोग शाला में निर्माण सामग्री की नियमित जाँच द्वारा। परिक्षण-निरीक्षण की व्यवस्था ए.पी.ई. पी.ई. एवं डी.पी.ई. द्वारा आवश्यकतानुसार समय-समय पर निरीक्षण द्वारा। औचक निरीक्षण जे.पी.डी. एवं डी.पी.ई. द्वारा। भौतिक सत्यापन की व्यवस्था सुपरविजन कन्सलटेन्ट द्वारा शत-प्रतिशत एवं विभागीय अधिकारियों द्वारा न्यूनतम 35 प्रतिशत अनिवार्य करने के प्रावधान द्वारा। गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य की रोकथाम हेतु शासन आदेश दिनांक 04.03.2015 से गुणवत्ताविहिन कार्य करने पर ठेकेदार के निलंबन का प्रावधान द्वारा एवं शासन आदेश दिनांक 01.02.2016 से गुणवत्ताविहिन कार्य पाये जाने पर सुपरविजन कन्सलटेन्ट को निलंबित/ब्लैकलिस्ट करने का प्रावधान द्वारा। विभागीय अधिकारियों द्वारा गुणवत्ताहीन कार्यों कि रोकथाम हेतु दायित्वों का प्रावधान लो.नि.वि. नियमावली कार्य 1983 वोल्यूम-1 नियम के सेक्शन 19 के पैरा 1.129 अनुसार। गुणवत्ताहीन कार्यों की रोकथाम हेतु कार्यों के औचक निरीक्षण सुनिश्चित करने हेतु जे.पी.डी. एवं डी.पी.ई. को प्रति सप्ताह में दो दिन मुख्यालय से बाहर कार्यों का निरीक्षण करने का प्रावधान परियोजना संचालक पी.आई.यू. के पत्र क्र. 556 दिनांक 03.03.2015 अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कार्य गुणवत्ताहीन नहीं, अतः कोई उत्तरदायी नहीं।
स्वरोजगार योजनाओं का क्रियान्वयन
48. ( क्र. 5243 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा स्वरोजगार योजनाओं के तहत पी.एम.ई.जी.पी. मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना एवं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना संचालित की जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) में भी परिवार के सदस्य के शासकीय सेवा में होने और अन्य सदस्यों को शासकीय योजनाओं से ऋण प्राप्त होने पर भी योजनाओं में ऋण प्राप्त की पात्रता होती है? (ग) प्रश्नांश (क) में कटनी जिले में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कितने आवेदकों द्वारा किस-किस कार्य हेतु किन योजनाओं में आवेदन किया गया और कितने आवेदकों को कितना-कितना ऋण स्वीकृत कर प्रदाय किया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) आवेदकों का चयन किस आधार पर किया गया? एवं शेष रहे आवेदकों के चयन न होने के क्या कारण रहे? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) में क्या स्वरोजगार योजनाओं में अनियमिताओं के संबंध में अपर कलेक्टर कटनी को जनवरी 2016 में ज्ञापन दिया गया था? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक, किस-किस के द्वारा क्या-क्या जाँच और कार्यवाही की गई बतायें? क्या शासन स्तर पर ज्ञापन की उच्चस्तरीय जाँच करयी जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश 'क' में उल्लेखित योजनाओं में आवेदक के परिवार के सदस्य शासकीय सेवा में होने पर योजनान्तर्गत ऋण प्राप्त करने हेतु कोई बंधन नहीं हैं। राज्य शासन द्वारा संचालित मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना और मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनान्तर्गत अत्यधिक आवेदन प्राप्त होने के कारण आगामी कुछ वर्षों के लिए एक परिवार से एक ही सदस्य को ऋण पात्रता का बंधन रखा गया हैं। भारत शासन की पी.एम.ई.जी.पी. योजनान्तर्गत परियोजना स्थापित करने के लिए एक परिवार से एक ही व्यक्ति पात्र हैं। परिवार की परिभाषा में स्वयं और पति/पत्नि शामिल हैं। (ग) निम्नानुसार आवेदन प्राप्त हुए -
क्रं. |
योजना का नाम |
प्राप्त आवेदन |
गतिविधि |
|
|
|
वर्ष 2014-15 |
वर्ष 2015-16 |
|
1. |
पी.एम.ई.जी.पी. |
52 |
30 |
उद्योग, सेवा |
2. |
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना |
35 |
41 |
उद्योग, सेवा |
3. |
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना |
550 |
907 |
उद्योग, सेवा एवं व्यवसाय |
निम्नानुसार योजनावार ऋण स्वीकृत एवं वितरित किया गयाः-
क्र. |
योजना का नाम |
स्वीकृत प्रकरण |
वितरित प्रकरण |
||||||
|
|
वर्ष 2014-15 |
वर्ष 2015-16 |
वर्ष 2014-15 |
वर्ष 2015-16 |
||||
संख्या |
राशि (लाखों में) |
संख्या |
राशि |
संख्या |
राशि |
संख्या |
राशि
|
||
1. |
पी.एम.ई.जी.पी. |
16 |
232.79 |
7 |
137.31 |
16 |
232.79 |
4 |
25.85 |
2. |
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना |
13 |
815.20 |
28 |
2024.30 |
13 |
632.60 |
17 |
794.00 |
3. |
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना |
371 |
677.50 |
382 |
1065.55 |
352 |
434.50 |
312 |
684.10 |
(घ) योजनान्तर्गत शासन द्वारा गठित टी.एफ.सी. द्वारा योजनाओं के प्रावधान अनुसार आवेदकों का चयन किया गया। आवेदक का डिफाल्टर होना/साक्षात्कार में उपस्थित न होना/प्रोजेक्ट वर्क नहीं होना आदि कारणों से टीएफसी द्वारा प्रकरण अमान्य किये जाते हैं। (ड.) जी हाँ। महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र कटनी द्वारा जाँच की जा रही है और कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
केन्द्र एवं राज्य शासन से प्राप्त सहायता राशि
49. ( क्र. 5356 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शा. कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय हरदा की जनभागीदारी समिति को विगत तीन वर्षों में केन्द्र एवं राज्य शासन से कब-कब, किस-किस योजनान्तर्गत अनुदान/आर्थिक सहा. आदि की राशि प्राप्त हुई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जनभागीदारी समिति द्वारा विगत तीन वर्षों में कब-कब बैठकें आहूत की जाकर कौन-कौन से प्रस्ताव लिये अथवा स्वीकृत किये गये उन स्वीकृत किये गये कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? (ग) जनभागीदारी समिति में स्थानीय विधायक को नहीं बुलाये जाने का क्या कारण है एवं इसके लिये कौन अधिकारी/कर्मचारी व अन्य जिम्मेदार है? (घ) क्या आगामी बैठक में स्थानीय विधायक को आंमत्रित किया जावेगा? (ड.) यदि नहीं, तो उसका कारण स्पष्ट करें?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति को विगत 03 वर्षों में केन्द्र एवं राज्य शासन से अनुदान/आर्थिक सहायत प्राप्त नहीं हुई है। (ख) विगत 03 वर्षों में जनभागीदारी समिति की कोई बैठक आयोजित नहीं हुई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एस.एच. 14 अंतर्गत मार्ग के व्यवस्थापन
50. ( क्र. 5365 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डग-जीरापुर मार्ग (एस.एच. 14) का रख-रखाव एम.पी.आर.डी.सी. के अधीन है या नहीं? यदि नहीं, तो इसके रख-रखाव की क्या व्यवस्था है व रख-रखाव के क्या प्रावधान हैं? (ख) क्या एस.एच. 14 अंतर्गत सुसनेर-खिलचीपुर मार्ग की रिपेयरिंग की निविदा स्वीकृत की गई है? यदि हाँ, तो स्वीकृति आदेश एवं कार्य प्रगति की अद्यतन रिपोर्ट उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कार्य स्वीकृति हेतु लागत राशि में से वर्तमान तक कितनी राशि व्यय हो चुकी है? कार्य की मानिटरिंग किस प्रकार की जा रही है? (घ) डग-जीरापुर मार्ग अंतर्गत कितने पुल का निर्माण लंबित है? लंबित पुलों के निर्माण हेतु कोई प्रस्ताव या मांग प्रक्रियाधीन है? यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृति होकर निर्माण होगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। है। इसका रख-रखाव निगम द्वारा किया जावेगा। रख रखाव के लिये राजमार्ग हेतु स्वीकृति संधारण मापदण्ड रखे जावेंगे। (ख) जी हाँ। निविदा स्वीकृत पत्र की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। कार्य प्रगति की अद्यतन रिपोर्ट संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) मार्ग पर 26.60 कि.मी. लंबाई में डामरीकरण नवीनीकरण हेतु रू. 351.82 लाख स्वीकृत है कार्य प्रगति पर है संधारण कार्य हेतु रू. 186.42 लाख स्वीकृत है। कार्यादेश जारी होना शेष है। अभी तक कोई व्यय नहीं किया गया है कार्य की मानीटरिंग विभाग द्वारा की जा रही है। (घ) प्रश्नाधीन मार्ग में कुल 5 पुलों का निर्माण प्रस्तावित है। जी हाँ, कठाल नदी पर पुल का निर्माण कि.मी. 2/8 विभागीय बजट से तथा 4 अन्य कार्यों का निर्माण ब्रिक्स योजना के अंतर्गत किया जाना प्रस्तावित है। निश्चित समय-सीमा बताना वर्तमान में संभव नहीं है।
विभाग द्वारा किए जाने वाले कार्य
51. ( क्र. 5366 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन काष्ठ चोरी के प्रकरणों में किस प्रकार की कार्यवाही की जाती है व किन आधारों पर विवरण देवें? जुर्माना वसूलने हेतु क्या प्रक्रिया अपनाई जाती है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अनुसार विधानसभा क्षेत्र सुसनेर में विगत 02 वर्षों में कितने प्रकरण संज्ञान में आए हैं व इन पर क्या कार्यवाही की गई हैं व कितना जुर्माना वसूला गया हैं? (ग) क्या विभाग द्वारा वृक्षारोपण कार्य हेतु बजट आवंटित किया जाता हैं? यदि हाँ, तो जिला आगर में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में आवंटित राशि व इनसे किए कार्यों का विवरण देवें? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित कार्यों का भौतिक सत्यापन किया जाता हैं? यदि हाँ, तो क्या विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत 02 वर्षों के कार्यों का भौतिक सत्यापन किया गया?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वन काष्ठ चोरी के प्रकरणों में भारतीय वन अधिनियम, 1927 के अधीन चोरी की गई काष्ठ एवं वन अपराध में प्रयुक्त वाहन, औजार इत्यादि की जप्ती धारा 52 के अंतर्गत न्यायालय में वन अपराध का परिवाद धारा 26 एवं धारा 33 में प्रस्तुत करना अथवा अपराधी द्वारा वन अपराध के संबंध में प्रस्तुत राजीनामा की सक्षम अधिकारी द्वारा स्वीकार किये जाने पर धारा 68 में प्रशमन की कार्यवाही की जाती है। न्यायालय द्वारा धारा 67 के तहत अधिरोपित जुर्माना न्यायालय द्वारा वसूल किया जाता है। धारा 68 में प्रशमनित प्रकरणों में अपराधी द्वारा दण्ड की राशि जमा न करने पर धारा 82 के प्रावधानित प्रक्रिया अनुसार कार्यवाही की जाती है। (ख) प्रश्नाधीन विधान सभा क्षेत्र की प्रश्नावधि में काष्ठ चोरी का 1 प्रकरण प्रकाश में आया है, जिसमें जांचोपरांत निराकरण किया जा चुका है। अपराधी अज्ञात होने के कारण, कोई जुर्माना वसूल नहीं किया गया। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। भौतिक सत्यापन किया गया।
उद्योगों की जानकारी
52. ( क्र. 5386 ) श्री संजय पाठक : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी जिले में ऐसे कितने उद्योग इस वर्ष प्रस्तावित है तथा उनके द्वारा कौन-कौन से उद्योग लगाये जायेंगे? (ख) प्रस्तावित किन-किन उद्योगों के लिये भूमि आरक्षित की गई? यदि हाँ, तो कितने रकवे की भूमि किन-किन उद्योगों के लिये आरक्षित की गई? उद्योगवार जानकारी देवें? (ग) उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये कटनी जिले को क्या विशेष पैकेज में शामिल किया जावेगा?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) लगभग 40 उद्योग दाल मिल, राईस मिल, रिफेक्ट्री उत्पाद, सीमेंट वालपुट्टी, डेयरी प्रोडक्ट, मार्बल कटिंग आदि के लगाया जाना प्रस्तावित है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कटनी जिले के विकासखण्डों रीठी, ढीमरखेड़ा व बहोरीबंद को प्राथमिकता विकासखण्ड की सूची में शामिल किया गया है। प्राथमिकता विकासखण्ड में स्थापित होने वाले पात्र सूक्ष्म व लघु उद्योगों को अतिरिक्त 2 वर्ष की अवधि के लिए और वृहद् व मेगा स्तर के उद्योगों को अतिरिक्त 3 वर्ष की अवधि के लिए वेट और केन्द्रीय विक्रय कर सहायता दिये जाने का प्रावधान उद्योग संवर्धन नीति 2014 में है।
निर्माण लागत में वृद्धि
53. ( क्र. 5398 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्थ महापर्व 2016 के दौरान लोक निर्माण विभाग द्वारा कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये? स्वीकृति के समय उक्त कार्यों की लागत कितनी थी? उक्त कार्य कब तक पूर्ण होना थे? पृथक-पृथक कार्य की पृथक-पृथक जानकारी प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी के पश्चात स्वीकृत कार्यों में से किन-किन कार्यों के लागत मूल्य में कितने प्रतिशत की वृद्धि की गई? उक्त वृद्धि किनके आदेश पर की गई? क्या नियमानुसार विज्ञप्ति जारी किये जाने एवं अनुबंध, किये जाने के पश्चात लागत मूल्य में वृद्धि की जा सकती है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत, नियमों की प्रति उपलब्ध करावें? वृद्धि की गई राशि की वित्तीय स्वीकृति कब प्राप्त की गई? यदि नहीं, की गई तो बिना वित्तीय स्वीकृत के लागत मूल्य में वृद्धि किये जाने एवं भुगतान किये जाने के क्या नियम हैं? समस्त कार्यों की पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) की जानकारी अनुसार यदि लागत मूल्य में वृद्धि की गई है तो पूर्व में डी.पी.आर., स्टीमेंट, तकनीकी स्वीकृति, वित्तीय स्वीकृति प्राप्त करते समय कम राशि स्वीकृति प्राप्त करने के लिए कौन अधिकारी दोषी है? दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) मार्ग निर्माण की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' 'अ-1' एवं पुल निर्माण की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है।
नकली थिसिस (P.H.D.) के लिये कार्यवाही
54. ( क्र. 5403 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालक, तकनीकी शिक्षा द्वारा पी.एच.डी. हेतु प्रस्तुत थिसिस में नकल की जाँच हेतु राजीव गांधी प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय द्वारा उच्चस्तरीय जाँच कमेटी का का गठन किया गया? क्या उक्त कमेटी ने पूर्णत: नकल का दोषी ठहराया है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नकल प्रकरण को कार्यसमिति की बैठक में किस दिनांक को रखा गया तथा उस पर क्या निर्णय लिया गया? (ग) नकल प्रकरण में विश्वविद्यालय के परिनियम क्या हैं तथा उपरोक्त प्रकरण में नियमानुसार कार्यवाही हुई या नहीं? (घ) क्या 290 पेज की थिसिस में लगभग 140 पेज की नकल शिक्षा की एथिकल वेल्यू को समाप्त करता है? यदि हाँ, तो क्या विश्वविद्यालय नकलकर्ता पर पुलिस में प्रकरण दर्ज करायेगा?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मनरेगा के अंतर्गत प्रचलित वनमार्गों का निर्माण
55. ( क्र. 5411 ) श्री मोती कश्यप : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बड़वारा के अंतर्गत कितने रकबा में आरक्षित व संरक्षित वन क्षेत्र है जानकारी बीटवार दी जावे? (ख) प्रश्नांश (क) क्षेत्र में मुख्य वन मार्ग कौन-कौन से है, जानकारी दी जावे? (ग) क्या विभाग ने मनरेगा योजना के अंतर्गत उनमें से किन मय पुल-पुलियों के किन मार्गों के निर्माण की कोई योजना बनायी है और किनकी किन कारणों से नहीं बनायी है? (घ) क्या प्रश्नांश (ख), (ग) के गुणवत्तापूर्ण निर्माण हेतु ग्रामीण यांत्रिकी सेवायें को निर्माण एजेन्सी बनाया गया है? (ड.) प्रश्नांश (ख) (ग) के समस्त मार्गों का मय पुलियों सहित कब तक निर्माण करा दिया जावेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) वन विभाग द्वारा मनरेगा के अन्तर्गत पुल-पुलियों के निर्माण विभागीय गतिविधियों हेतु आवश्यक नहीं होने के कारण वर्तमान में कोई योजना नहीं बनाई गई है। (घ) एवं (ड.) प्रश्नांश ’’ख’’ एवं ’’ग’’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मार्गों का एम.डी.आर. में उन्नयन
56. ( क्र. 5413 ) श्री मोती कश्यप : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता ने अपने पत्र दिनांक 02.01.2016 व 14.01.2015 द्वारा मान. मुख्यमंत्री जी को और दिनांक 10.10.2015 द्वारा मान. विभागीय मंत्री जी को विधान सभा क्षेत्र बड़वारा के किन मार्गों को एम.डी.आर. के रूप में उन्नयन करने हेतु लेख किया है? (ख) प्रश्नांश (क) मार्गों में वाहनों के सघन परिवहन के कारण मार्गों की हालत किस प्रकार की हो जाती है? (ग) क्या संभावित औद्योगिक विकास एवं खनिज परिवहन गतिविधियों की दृष्टि से प्रश्नांश (क) मार्गों का एम.डी.आर. के रूप में उन्नयन की कार्यवाही कब तक पूर्ण कर दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भारी वाहनों के सघन परिवहन के कारण सतह का क्षरण होता है। (ग) संलग्न परिशिष्ट अनुसार वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
निर्माणाधीन भवन एवं सड़कें
57. ( क्र. 5426 ) श्रीमती मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर संभाग के जिलों में लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़कें, भवन और पुलियाओं का निर्माण चल रहा है यदि हाँ, तो जिलेवार बतावें कितने भवन, सड़कें और पुलिया निर्माणाधीन है? (ख) क्या कई भवन, सड़क और पुलियाओं के निर्माण करने की अंतिम तिथि समाप्त हो गई फिर भी निर्माण या तो पूर्ण हुआ अथवा प्रारंभ ही नहीं हुआ उनके नाम और कारण बतावें? (ग) क्या कतिपय इकाइयों के निर्माण की स्वीकृत राशि से कार्यपूर्ण नहीं होना पाया तथा अतिरिक्त राशि की मांग की गई अतिरिक्त राशि की डिमाण्ड का औचित्य बतावें? (घ) वित्त वर्ष 2013-14 और 2014-15 में विभाग द्वारा कितने निर्माण इंदौर संभाग में जिलेवार पूर्ण किये इनमें समयावधि और अतिरिक्त समय वाले अलग-अलग बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', अ-1, अ-2, अ-3 अनुसार इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय राजमार्ग परिक्षेत्र अंतर्गत-61 उच्चस्तरीय पुल का निर्माण कार्य प्रगति पर है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब, ब-1, ब-2, ब-3, ब-4, ब-5, ब-6, ब-7, ब-8 ब-9 एवं ब-10 अनुसार है। राष्ट्रीय राजमार्ग क्रं. 59ए इन्दौर बैतूल मार्ग के कि.मी. 13/2 पर सुडैल नाके पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण कार्य की अनुबंधानुसार पूर्णता तिथि 11.12.2015 को समाप्त हो गई है। ठेकेदार ने समय पर उक्त कार्य की ड्राईंग एवं डिजाईन प्रस्तुत नहीं की जिससे कार्य में विलंब हुआ। वर्तमान में कार्य प्रगति पर है। इसके अतिरिक्त म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत तीन सड़कें जिनमें पुल पुलियाओं के कार्य किये जाना सम्मिलित है अनुबंधित समय-सीमा में पूर्ण नहीं हो सकी है (1) राऊ महू मण्डलेश्वर मार्ग राजमार्ग क्रमांक-01 (2) खंडवा देड़तलाई बुरहानपुर राजमार्ग क्रमांक-50 (3) कुक्षी बाग जोबट झाबुआ राजमार्ग क्रमांक-39 स.क्रं. 1 मार्ग का निर्माण वन भूमि व्यपवर्तन में दें एवं स.क्रं. 1, 2, 3 में निवेशकर्ता की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं होने से मार्ग निर्माण प्रस्तावित हुए है। (ग) जी हाँ विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार एवं रा.रा. परिक्षेत्र अंतर्गत कार्य की स्वीकृत लागत रू. 2.01 करोड़ है। अनुमोदित डिजाईन एवं ड्राईंग में स्वीकृत ड्राईंग के परिवर्तन होने से पुनरीक्षित प्राक्कलन रू. 3.23 करोड़ की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने हेतु भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय नई दिल्ली को प्रेषित किया गया है। स्वीकृति अपेक्षित है। भवन कार्यों हेतु अतिरिक्त राशि की डिमाण्ड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र स-1, स-2, स-3, स-4, स-5, स-6, स-7 एवं स-8 अनुसार है। (घ) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र द, द-1 एवं द-2 अनुसार के रा.रा. परिक्षेत्र अंतर्गत इंदौर संभाग में वर्ष 2014-15 में रा.रा.क्रं. 59ए के कि.मी. 1 से 23 में मजबूतीकरण का कार्य किया गया है। यह कार्य समयावधि में पूर्ण कर लिया गया है। इसके अतिरिक्त म.प्र. सड़क विकास निगम के अंतर्गत 2013-14 एवं 2014-15 में पूर्ण किये गये कार्य निम्नानुसार है :- समयावधि में पूर्ण किये गये कार्य :- (1) महू घाटा पिपलौद मार्ग (2) मुंदी पुनासा सुलगांव सनावद मार्ग (3) बामखलफाटा दो गांवा व्हाया बोराबा सरवर देवलामार्ग (4) पुनासा मुंदी सिंघाजी मार्ग सिंघाजी (छोटा तवा) ब्रिज एप्रोच मार्ग (5) बीड मुंदी देवला कुटला अटूट मार्ग। (6) अलीराजपुर जोबट मार्ग। (7) बावनगजा पाटी बोकराटा मार्ग (8) ए.बी. रोड मगरखेडी बामंदीफाटा मार्ग (9) सिंघाना चिकल्दा मार्ग (10) आशापुर खालवा सिंगोट मार्ग। (11) बडवाह काटकूट मार्ग (12) दरियापुर जसौंदी मार्ग (13) नागदा धार मार्ग (सी.सी. पेवमेंट) (14) लेबड घाटा बिल्लौदा मार्ग (15) मरीमाता जक्शन से उज्जैन आर.ओ.बी. मार्ग अतिरिक्त समय वाले कार्य :- (1) राऊ महू मण्डलेश्वरमार्ग (2) खण्डवा देडतलाई बुरहानपुर मार्ग (3) झाबुआ,जोबट कुक्षी मार्ग (4) थांदला लिमडी मार्ग।
इंदौर-उज्जैन के मध्य पोहा क्लस्टर बनाना
58. ( क्र. 5427 ) श्रीमती मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी ने इंदौर-उज्जैन के बीच पोहा क्लस्टर बनाने की घोषणा की थी? (ख) क्या पोहा क्लस्टर की डायगनोस्टिक रिपोर्ट बनाने हेतु एम.एस.एम.ई. इंदौर को जवाबदारी दी गई थी? यदि हाँ, तो पिछले तीन वर्षों में भी इसमें कोई प्रगति क्यों नहीं हुई? (ग) माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा के बावजूद कार्य में प्रगति नहीं होने का क्या कारण है?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
इन्दौर संभाग में मंदिरों की भूमि के मुआवजे
59. ( क्र. 5431 ) श्रीमती मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या इन्दौर संभाग के जिलों में कई मंदिरों के नाम से जो भूमि अलाट है वह या तो डूब में आई अथवा शासन द्वारा अन्य को दे दी गई? क्या उसके मुआवजे की राशि कतिपय जिलों में जिलाधीश के खाते में जमा है? (ख) क्या उक्त मुआवजे की राशि भू-अर्जन अधिकारी अथवा मंदिर समिति के पास ही जमा रहना चाहिये? यदि हाँ, तो जिलाधीश के खाते में जमा रहने का औचित्य बतावें? (ग) जिलेवार बतावे कि किन-किन मंदिरों की राशि जिलाधीश के खाते में कितनी-कितनी और कब से जमा है? जबकि इस राशि का उपयोग मंदिर के जीर्णोद्धार व विकास के लिये किया जाना है? (घ) अगर यह माना जाये कि मंदिर का प्रबंधक सम्बन्धित जिले का जिलाधीश ही रहता है, तो इस राशि का वित्त वर्ष 2010-11 से लेकर 2014-15 तक कहाँ-कहाँ, कितना-कितना उपयोग किया गया?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
इंदौर में राष्ट्रीय स्तर के खेल
60. ( क्र. 5433 ) श्रीमती मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या इंदौर के कैलेण्डर वर्ष 2013 और 2014 में आयोजित राष्ट्रीय खेलों में कई अनियमितताएं हुई और इसकी शिकायतें होकर उनकी जाँच भी विभिन्न अधिकारियों द्वारा की गई? (ख) यदि हाँ, तो किन-किन अधिकारियों ने जाँच कर मोटे रूप में क्या निष्कर्ष दिये किन-किन व्यक्तियों को दोषी पाया उनके नाम बतावें? (ग) प्रथम दृष्टया दोषियों पर 31.12.15 तक क्या कार्यवाही की गई नहीं तो क्यों नहीं?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) इन्दौर जिले में राष्ट्रीय खेलों का आयोजन नहीं किया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश ‘‘क’’ के संदर्भ में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हरदा जिला वन समिति
61. ( क्र. 5451 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में वर्ष 2013-14, 2014-15 से आज दिनांक तक कौन-कौन से वन समिति को कितनी राशि स्वीकृत की गई, कितने कार्य पूर्ण हो चुके है, कितने अपूर्ण है कितने कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है और कार्य पूर्ण एवं नहीं कराये जाने के क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में गुणवत्ता निरीक्षण किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया, अपूर्ण एवं गुणवत्ताविहीन कार्य के लिए संबंधित अधिकारी के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई यदि नहीं, कि गई तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 ''अ'' एवं 1 ''ब'' अनुसार है। सभी कार्य प्रारम्भ किये गये हैं। वर्ष 2015-16 के कुछ कार्य प्रगति पर हैं। अत: कार्य नहीं कराये जाने के कारण का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। समिति खाते की राशि से समितियों द्वारा कार्य स्वयं कराया जाता है एवं इन कार्यों की गुणवत्ता संबंधी निगरानी समितियों द्वारा किया जाता है। अपूर्ण कार्य प्रगति पर हैं। विकास खाते के कार्य गुणवत्ताविहीन नहीं होने के कारण किसी अधिकारी/कर्मचारी विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राष्ट्रीय उद्यान में वाहनों के प्रवेश नीति
62. ( क्र. 5453 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के टाइगर रिजर्व कान्हा, बांधवगढ़ पेंच, सतपुड़ा में वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 एवं प्रश्न दिनांक तक आंतरिक एवं विदेशी पर्यटक की संख्या एवं प्रवेश शुल्क द्वारा प्राप्त राशि की जानकारी से अवगत कराएं? (ख) कान्हा एवं बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में धारण क्षमता के 10 प्रतिशत तक वाहनों की प्रवेश अनुमति क्षेत्र संचालक का स्वविवेक अनुसार देने प्रावधान का नीति निर्देश का आदेश की प्रति उपलब्ध करायें? (ग) क्या बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक पैदल, गस्ती साइकल गस्ती में जनहानि/घायल हुए हैं? यदि हाँ, तो नामवार एवं क्षतिपूर्ति राशि की जानकारी देवें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) नीति निर्देश के आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
घास का विक्रय
63. ( क्र. 5477 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना विधान सभा 029 के अंतर्गत वन विभाग ग्राम विलोनिया बीट एवं खेजरा चांदौल बीट का विगत 03 वर्षों में घास का विक्रय किया गया है? उसकी राशि का विवरण उपलब्ध करावें? (ख) खेजरा, मालपुर में जो पौध रोपण वर्तमान में किया जा रहा है उसमें व्यय की गई राशि तथा कार्य की स्थिति का विवरण बतावें? (ग) पर्यावरण अंतर्गत स्वीकृत राशि उपयोगिता राशि व शेष बची राशि का विवरण देवें? राशि शेष बचने का कारण भी बतावें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) पौधा रोपण वर्तमान में नहीं किया जा रहा है। माह जुलाई, 2015 में रोपण किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। माह अप्रैल, 2015 से ई-भुगतान पद्धति लागू होने से, श्रमिकों द्वारा ई-भुगतान के बदले नगद राशि अपेक्षा के फलस्वरूप श्रमिकों के अभाव में कार्य पूर्ण न होने के कारण राशि समर्पित की गई व शेष रही है।
शास.इंजीनियरिंग कालेज एवं फार्मेसी कालेज खोलना
64. ( क्र. 5591 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शास. इंजीनियरिंग कालेज, फार्मेसी कालेज खोलने हेतु क्या-क्या मापदण्ड आवश्यक हैं? (ख) क्या चंबल संभाग के किसी भी जिले में शास.इंजी. कालेज फार्मेसी कालेज नहीं होने के कारण, श्योपुर, मुरैना, भिण्ड के छात्र, छात्राएं, धनाभाव के कारण अपने गृह जिले से सैंकड़ों किलोमीटर की दूरी पर स्थित शास.इंजी. एवं फार्मेसी कालेजों में अध्ययन हेतु नहीं जा पाते है और वह तकनीकी शिक्षा से वंचित रह जाते है? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन इस गंभीर समस्या को मद्देनजर रखते हुए छात्रहित में चंबल संभाग का मध्य क्षेत्र अम्बाह होने से अम्बाह में शास.इंजी. कालेज व फार्मेसी कालेज खोलने की स्वीकृति जारी करेगा, यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) शास. इंजीनियरिंग कालेज खोले जाने हेतु अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा, नई दिल्ली एवं फार्मेसी कालेज खोले जाने के लिये फार्मेसी काउंसलिंग आॅफ इंडिया द्वारा मापदंडों का निर्धारण किया गया है। जिनकी पूर्ति के उपरांत संबंधित निकायों द्वारा संस्था खोले जाने अनुमोदन प्रदान किया जाता है। (ख) जी नहीं। चंबल संभाग में निजी क्षेत्र में 03 इंजीनियरिंग एवं 05 फार्मेसी संस्थायें संचालित है। अंबाह से 54 किमी. दूर स्थित ग्वालियर में 21 एवं 74 किमी.दूर स्थित दतिया में 02 इंजीनियरिंग संस्थायें भी संचालित है। (ग) ऐसी कोई योजना नहीं है।
तेंदूपत्ता संग्राहकों को शासन के योजनाओं का लाभ
65. ( क्र. 5598 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन मण्डल रीवा अंतर्गत कितनी तेंदूपत्ता समितियां वर्तमान में संचालित हैं वर्ष 2012 से प्रश्नांश तक में किन-किन समितियों के माध्यम से कितने तेंदूपत्ते का संग्रहण किया जाकर कब-कब उनका निवर्तन किया गया तथा कितना राजस्व रीवा जिले को प्राप्त हुए? (ख) प्रश्नांश (क) के तेंदूपत्ता संग्राहकों को शासन द्वारा किस-किस योजना के लाभ से कितनों को कब-कब लाभान्वित किया गया, कब-कब, कितने संग्राहकों को कितना-कितना बोनस प्रदान किया गया है? (ग) क्या वर्ष 2015 में वन विभाग द्वारा तेंदूपत्ता मद से सड़क का निर्माण परिक्षेत्र अतरैला में कराने हेतु स्वीकृत प्रदान की गई थी? सड़क की लागत एवं वर्तमान में भौतिक स्थिति क्या है क्या अध्यक्ष लघु वन उपज द्वारा इसके निर्माण के संबंध की शिकायत की गई थी? अगर की गई तो उस पर कब-कब क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ख) के अनुसार अगर तेंदूपत्ता संग्राहकों को शासन द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ नहीं दिया गया तो इसके लिए किन-किन को दोषी मानकर कौन-कौन सी कार्यवाही करेंगे? साथ ही प्रश्नांश (ग) के घटिया निर्माण के लिए किन को दोषी मानते हुए कार्यवाही किस स्वरूप की करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वर्तमान में 21 प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियाँ संचालित हैं। वर्ष 2012 से 2015 तक संग्रहित तेन्दूपत्ता, प्राप्त विक्रय मूल्य (राजस्व) एवं निर्वर्तन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) प्रश्नांश ‘क’ के तेन्दूपत्ता संग्राहकों के परिवार एवं सदस्यों को, सामाजिक सुरक्षा समूह बीमा योजना, एकलव्य शिक्षा विकास योजना एवं तेन्दूपत्ता प्रोत्साहन पारिश्रमिक लाभ की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जी हाँ। वर्ष 2015 में म.प्र. राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा तेन्दूपत्ता विकास मद से, वन परिक्षेत्र अतरैला के प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति, अतरैला में बड़ी डाडी से जरहैयया रोड एवं रपटा निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदान की गई थी। जिसकी लागत रुपये 59.38 लाख है। सड़क वर्तमान में निर्माणाधीन है। जी हाँ। जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित, रीवा के अध्यक्ष श्री रामप्रसाद आदिवासी द्वारा उक्त सड़क के निर्माण के संबंध में म.प्र. राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ, भोपाल को हुई शिकायत की जाँच हेतु जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित, रीवा के पत्र क्रमांक-1500 दिनांक 03.12.2015 से कार्यपालन यंत्री ग्रामीण अभियांत्रिकी विभाग, रीवा को लेख किया जा चुका है। इनसे प्रतिवेदन अपेक्षित है। (घ) उत्तरांश ‘ख’ अनुसार संचालित योजनाओं का लाभ तेन्दूपत्ता संग्राहकों को दिया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। चूँकि प्रश्नांश ‘ग’ में वर्णित घटिया निर्माण की शिकायत की जाँच, प्रक्रियाधीन होने से, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बी.एड. कॉलेज भवन का हस्तांतरण
66. ( क्र. 5615 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पं. दीनदयाल उपाध्याय शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय परिसर सागर में स्थित बी.एड. कॉलेज के भवन को हस्तांतरित करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन है? यदि हाँ, तो यह भवन कब तक हस्तांतरित हो पायेगा? (ख) क्या शासन स्तर पर उक्त भवन को डॉ. हरिसिंह गौर केन्द्रीय विश्वविद्यालय सागर से अदल-बदल सिद्धांत के तहत ग्राम भैंसा स्थित शासकीय साइंस कॉलेज भवन के बदले उपरोक्त भवन देने हेतु शासन स्तर पर निर्णय हुआ था? यदि हाँ, तो इस संबंध में क्या प्रगति हुई है?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। बी.एड. महाविद्यालय भवन विश्वविद्यालय के अधीन है। भवन को वर्तमान सत्र में यथावत रखते हुए अगले शैक्षणिक सत्र 2016 से हस्तांतरित की प्रक्रिया पर विचार किया जायेगा। (ख) जी हाँ। शासनादेश के पत्र क्रमांक 1117/2014/38—2, दिनांक 28.08.2014 की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। कुल सचिव, डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय के पत्र क्रमांक 630, दिनांक 24.06.2015 द्वारा बी.एड. भवन के हस्तांतरण के संबंध में विश्वविद्यालय में अपने स्वयं के परिसर में शिक्षा विभाग के लिये भूमि को चिन्हित कर लिया गया है। विश्वविद्यालय द्वारा बी.एड. महाविद्यालय भवन को शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, सागर को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया अभी नहीं की गई है।
पॉलिटेक्निक महाविद्यालय एवं आई.टी.आई. की स्थापना
67. ( क्र. 5630 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के पत्र क्र./विधा./मण्डला/593 दिनांक 06.12.2014 जो माननीय मुख्यमंत्री को संबोधित था तथा जिसमें अपने विधान सभा क्षेत्र की जनभावनायें जनमांग को सम्मान देने हेतु निवेदन किया था तथा पत्र के क्रमांक 19 पर अंकित विकासखंड नैनपुर में पॉलिटेक्निक महाविद्यालय की मांग की गयी थी? उस पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भित पत्र के क्र. 16 पर अंकित बम्हनी बंजर एवं आस-पास के क्षेत्र बेरोजगारी दूर करने के लिये आई.टी.आई. की स्थापना एवं बेरोजगारी के कौशल उन्नयन की मांग की गयी थी उस पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गयी ? बतायें?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। जिला मण्डला में पॉलिटेक्निक महाविद्यालय पूर्व से ही संचालित हैं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) विभागीय नीति अनुसार वर्तमान में शासन द्वारा प्राथमिकता उन विकाखण्डों में दी जा रही हैं। जहाँ शासकीय/प्राईवेट आई.टी.आई. संचालित नहीं हैं। बम्हनी बंजर मण्डला ब्लॉक के अंतर्गत आता हैं। तथा मण्डला ब्लॉक में 01 शासकीय तथा 05 प्राईवेट आई.टी.आई. संचालित हैं। अतएव वर्तमान नीति अनुसार बम्हनी बंजर में नवीन आई.टी.आई. खोले जाने का प्रावधान नहीं हैं।
आई.टी.आई. में कार्यरत रिर्सोस पर्सन
68. ( क्र. 5633 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. की आई.टी.आई. में कार्यरत रिसोर्स पर्सन का चयन एम.पी. ऑन-लाईन से हुआ है? (ख) क्या दिनांक 01/08/2015 से आई.टी.आई. खुली है उनका मानदेय 20,000 तथा गेस्ट फैकल्टी का 10,000 एवं रिसोर्स पर्सन का 7200 है? यदि हाँ, सभी एक ही काम कर रहे हैं, फिर वेतन अलग-अलग क्यों? (ग) म.प्र. के आई.टी.आई. में एम्प्लॉयबिलिटी के विषय एम.बी.ए./बी.बी.ए. योग्यताधारी ही पढ़ा सकते हैं? जिनको सुबह 8.30 से शाम 5.30 बजे तक रहना पड़ता है और 3 से 7 पीरियड पढ़ाना होता है उनका मानदेय 7200/- न्यायोचित नहीं है क्या समान कार्य समान वेतन के सिद्धांत पर अन्य प्रशिक्षण अधिकारी के समान वेतन नहीं दिया जाना चाहिए? (घ) यदि हाँ, तो शासन कब तक रिसोर्स पर्सन का मानदेय बढ़ा देगा समय-सीमा बतायें?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) आई.टी.आई. में गेस्ट फैकल्टी का मानदेय रूपये 10,000/- प्रतिमाह (अधिकतम) तथा रिसोर्स पर्सन का रूपये 7200/- प्रतिमाह है। मानदेय निर्धारित नियमों के अनुसार है। (ग) जी हाँ। एम्प्लॉयबिलिटी के विषय एम.बी.ए./बी.बी.ए. योग्यताधारी ही पढ़ा सकते हैं। मानदेय निर्धारित नियमों के अनुसार है। (घ) वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सेवढ़ा मार्ग का निर्माण कार्य
69. ( क्र. 5648 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया-सेवढ़ा मार्ग का निर्माण कार्य (MPRDC) पूर्ण होने की दिनांक से प्रश्न दिनांक तक इस मार्ग पर कितनी बार पेंच वर्क, पटरी सफाई का कार्य एवं अन्य कार्य, कितनी-कितनी लागत से किस-किस निर्माण एजेंसी द्वारा कराये गये? (ख) क्या वर्तमान में अभी कोई कार्य पुन: डामरीकरण या पेंच वर्क या पट्टी सफाई का स्वीकृत हुआ है? यदि हाँ, तो कब कितनी लागत का कितनी लंबाई कहाँ से कहाँ तक तथा किस निर्माण एजेंसी को यदि नहीं, तो कब तक स्वीकृत किया जायेगा? (ग) क्या पूर्व में इस मार्ग पर जो पेंच वर्क के नाम कार्य कराये गये उनमें फर्जी दस्तावेज तैयार कर अधिकारियों की मिली भगत से निर्माण एजेंसियों को भुगतान कर दिये गये और शासन को आर्थिक हानि पहुंचाई गई? यदि हाँ, तो संबंधित दोषी अधिकारियों व निर्माण एजेंसियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो जाँच कराई जावे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। पूर्व में इस मार्ग पर पेंच रिपेयर के कार्य नियमानुसार कराये गये हैं। शासन को कोई आर्थिक हानि नहीं पहुंचाई गई है। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। कार्य नियमानुसार किये गये है अत: जाँच का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय महाविद्यालयों में रजिस्ट्रार के पदों की जानकारी
70. ( क्र. 5656 ) श्री तरूण भनोत : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के 1000 छात्र संख्या वाले शासकीय महाविद्यालयों में पूर्व में रजिस्ट्रार के पद स्वीकृत किये गये थे? क्या रजिस्ट्रार को शासकीय महाविद्यालयों में आहरण संवितरण अधिकार (देयक संबंधी) देकर वित्तीय नियंत्रण संबंधी कार्य कराया जाता है? (ख) वर्तमान में प्रदेश में ऐसे कितने शासकीय महाविद्यालय हैं, जहां 1000 छात्र संख्या होने के बाद भी रजिस्ट्रार के पद स्वीकृत नहीं है? क्या उन महाविद्यालयों में पद स्वीकृत किये जावेंगे? (ग) क्या प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में छात्रावास मैनेजर के स्वीकृत पदों को रजिस्ट्रार के पदों में परिवर्तित कर महाविद्यालयों में वित्तीय नियंत्रण संबंधी व्यवस्था सुव्यवस्थित की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) शासकीय महाविद्यालयों में रजिस्ट्रार के कितने पद स्वीकृत हैं, कितने भरे हैं? कितने रिक्त हैं? क्या रजिस्ट्रार के रिक्त पदों पर निर्देशों के बावजूद भी पदोन्नति नहीं की जा रही है? निर्देशों का पालन न करने वाले अधिकारी पर शासन क्या कार्यवाही करेगा? कब तक रिक्त पदों पर पदोन्नति की जावेगी?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) 1000 से अधिक छात्र संख्या वाले 106 शासकीय महाविद्यालयों में रजिस्ट्रार के पद स्वीकृत नहीं हैं। पद स्वीकृति के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। (ग) जी नहीं। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। रजिस्ट्रार के पद पर पदोन्नति की कार्यवाही प्रचलित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। समय—सीमा बताया जाना संभव नहीं।
ग्वारीघाट जबलपुर को पावन नगरी घोषित करना
71. ( क्र. 5657 ) श्री तरूण भनोत : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या ग्वारीघाट क्षेत्र जबलपुर को विगत दो वर्ष पूर्व म.प्र. सरकार द्वारा पावन नगरीय (क्षेत्र) घोषित किया था? (ख) यदि हाँ, तो म.प्र. शासन द्वारा घोषित राजपत्र पर आज दिनांक तक उसे प्रकाशित क्यों नहीं किया गया? इसके लिये जिम्मेदार कौन है व शासन उन पर क्या कार्यवाही करेगा? (ग) अब कब तक वर्णित (क) के क्षेत्र को राजपत्र पर प्रकाशित करवा दिया जावेगा?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। राजपत्र में प्रकाशन किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
फर्जी अंकसूची एवं दस्तावेजों के आधार पर नौकरी
72. ( क्र. 5663 ) श्री के.पी. सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग एवं संबंधित अधिकारियों को वन मण्डल जिला शिवपुरी अंतर्गत विगत 05 वर्षों में किन-किन कर्मचारियों की फर्जी अंकसूची के आधार पर नौकरी प्राप्त करने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? प्राप्त शिकायतों का शिकायतवार उल्लेख करते हएु प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही किस-किस के विरूद्ध की गई? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक की जावेगी? (ख) क्या शिकायतों के पश्चात वरिष्ठ कार्यालय द्वारा कार्यरत अधिकारी/ कर्मचारियों की अंकसूची सेवा पुस्तिका में मिलान कर प्रविष्टि हेतु निर्देश दिये गये थे? निर्देशों के परिपालन में क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें? (ग) क्या शासन/विभाग प्राप्त शिकायतों एवं संलग्न दस्तावेजों की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए फर्जी व कूटरचित अंकसूचियों/दस्तावेज प्रस्तुत करने वाले दोषियों पर कठोर अनुशासनात्मक व दण्डात्मक कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जाँच पूर्ण होने के उपरान्त जाँच परिणाम अनुसार कार्यवाही की जायेगी। अत: समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उद्योगों की स्थापना के लिए भूमि आवंटन, विकास तथा रोजगार
73. ( क्र. 5684 ) श्रीमती ममता मीना : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक म.प्र. के विभिन्न जिले में कुल कितनी भूमि लेण्ड बैंक के रूप में अधिग्रहित की गई? उस भूमि को कितना विकसित कर उद्योगों को वितरण किया समस्त विवरण जिलेवार दें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित अधिग्रहित भूमि पर कुल कितने औद्योगिक क्षेत्र जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्रों द्वारा तथा कितने अधोसंरचना विकास निगम (ए.के.व्ही.एन.) द्वारा विकसित किये गये और ऐसे विकसित क्षेत्रों में कितने उद्योग स्थापित किये? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित तथ्य उद्योग विभाग द्वारा विकास की दृष्टि से जिलों को 'अ', 'ब', 'स' श्रेणी में विभाजित कर (स) श्रेणी के जिलों में उद्योग स्थापना हेतु विशेष प्रोत्साहन योजनाएं लागू की गई थीं? क्या (स) श्रेणी वाले जिलों में उद्योग स्थापना को प्रोत्साहन हेतु जमीन आवंटन की दरों में शासन की कोई रियायत देने की योजना है? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के तहत समाज के गरीब कमजोर वर्ग, शिक्षित युवा रोजगार महिलाओं को उद्योग स्थापना हेतु कम दरों पर जमीन आवंटन की योजना है? यदि हाँ, तो कब तक लागू करेंगे?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उद्योग संवर्धन नीति 2010 में प्रावधान है किन्तु उद्योग संवर्धन नीति 2014 में प्रावधान नहीं है। म.प्र. राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम-2015 में प्रावधान नहीं है। (घ) म.प्र. राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2015 के अंतर्गत छोटे उद्यमियों द्वारा उद्योग स्थापना को विशेष प्रोत्साहन देने के लिये 500 वर्गमीटर क्षेत्रफल तक के भूखण्डों के आवंटन की दरों में 90 प्रतिशत तक की छूट का प्रावधान है।
बी.ओ.टी. के अंतर्गत बनाई गई सड़कें
74. ( क्र. 5693 ) श्री रामनिवास रावत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले 3 (तीन) वर्षों में BOT के अंतर्गत बनाई गई सड़कों का नाम, कुल किमी लंबाई कार्य प्रारंभ करने की दिनांक, कार्य पूर्ण करने की दिनांक तथा टोल प्रारंभ की दिनांक सहित सूची प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़कों में से कौन सी सड़क टू-लेन, फोर-लेन तथा सिक्स-लेन है तथा कितने टोल हैं? प्रत्येक टोल पर प्रारंभ से वाहनवार कितना शुल्क लिया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़क की लागत क्या है तथा टोल वसूली कितने वर्षों की अनुबंध है? किस सड़क पर शासन को किस रूप में कितना प्रतिशत मान से कमीशन इत्यादि प्राप्त हो रहा है? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़क पर निर्माण अवधि में कितने पेड़ काटे गये अनुबंध के अनुसार कितने पेड़ लगाने थे तथा अभी तक कितने पेड़ लगाये गये हैं? पेड़ लगाने के कार्य का सोशल ऑडिट करवाया गया या नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
फर्जी पी.एच.डी. की जाँच में अनियमितता
75. ( क्र. 5694 ) श्री रामनिवास रावत : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रभारी संचालक तकनीकी शिक्षा आशीष डोंगरे की फर्जी पी.एच.डी. की जाँच उपाधि प्रदान करने वाले विश्वविद्यालय से कराने के स्थान पर शासन द्वारा अन्य कमेटी गठित कर जाँच किसके आदेश पर किस नियम से करवाई गई? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जाँच कमेटी की बैठक किस दिनांक को, किस शहर में, किस स्थान पर आयोजित की गई? बैठक में उपस्थित सदस्यों को भुगतान किये गये TA-DA की प्रति, यात्रा के टिकिट होटल एवं अन्य खर्चे का विवरण प्रदान करें? (ग) जाँच समिति के अंतिम प्रतिवेदन की प्रतिलिपि देवें। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरण में शासन द्वारा उपाधि प्रदान करने वाले विश्वविद्यालय से क्या जानकारी मांगी गई तथा उत्तर दिनांक तक शिक्षा की एथिकल वेल्यू को समाप्त करने वाले इस प्रकरण पर क्या कार्यवाही की गई?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लेबड़-नयागांव फोरलेन पर टोल वसूली बंद की जाय
76. ( क्र. 5695 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लेबड़-जावरा तथा जावरा नयागांव फोरलेन पर किस-किस चैनेज (कि.मी) पर पेंचवर्क किया हुआ है? क्या अनुबंध के अनुसार पेंच वर्क किया जा सकता है तथा उत्तर दिनांक तक किस-किस चैनेज (मि.मी.) पर फोरलेन अनुबंध के विपरीत खराब हालात में है? (ख) क्या कन्शेसनर ने नियमानुसार पेड़ लगाये हैं, मैडन में पौधे लगाये हैं? यदि नहीं, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) की फोरलेन पर किस-किस स्थान पर प्रकाश की व्यवस्था (चालू हालात में) अनुबंध के अनुसार कन्शेसनर द्वारा की गई है? (घ) फोरलेन प्रश्नांकित के निर्माण में गलतियों की जाँच क्या रोड कांग्रेस द्वारा करवाई गई तथा बतावें कि इस फोरलेन पर होने वाली, दुर्घटना के मूल कारण क्या है? विगत एक वर्ष में दुर्घटनाओं की दिनांक अनुसार जानकारी दें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) लेबड़-जावरा तथा नयागांव फोरलेन पर पेंचवर्क की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जी हाँ। अनुबंध के प्रावधान अनुसार मार्ग का रख-रखाव एवं सुधार कार्य निरंतर प्रक्रिया के तहत निवेशकर्ता कंपनी द्वारा संधारण कार्य किया जाता है। वर्तमान में उत्तर दिनांक तक लेबड़-जावरा तथा जावरा-नयागांव फोरलेन पर अनुबंध के विपरीत मार्ग खराब हालत में नहीं है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) अनुबंध अनुसार लेबड़-जावरा फोरलेन मार्ग पर 73 स्थानों पर प्रकाश की व्यवस्था (चालू हालात में) होना थी, जिसमें से 16 स्थानों पर चालू हालात में है। जावरा नयागांव फोरलेन पर अनुबंध के अनुसार आवश्यक समस्त 14 स्थानों पर प्रकाश की व्यवस्था (चालू हालात में) है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। फोरलेन प्रश्नांकित का निर्माण स्वतंत्र सलाहकार की देख-रेख में तकनीकी मापदण्डों अनुरूप किया गया है। निर्माण कार्य में कोई गलतियां नहीं हुई, इसलिये जाँच का कोई प्रश्न नहीं है। फोरलेन पर होने वाली, दुर्घटना के मूल कारण यातायात के नियमों की अवहेलना एवं वाहन की तेज गति है। विगत एक वर्ष में दुघर्टनाओं की जानकारी संबंधित कन्सेशनायरों से प्राप्त की जाकर जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
तकनीकी शिक्षा एवं कौशल उन्नयन का विकास
77. ( क्र. 5704 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तकनीकी शिक्षा एवं कौशल उन्नयन विकास हेतु केन्द्र/राज्य प्रवर्तित अनेक योजनाओं/कार्यों का क्रियान्वयन शासन/विभाग द्वारा रतलाम जिले में सफलतापूर्वक किया जा रहा है? (ख) क्या शासन सम्मत व्यवस्थाओं के अलावा निजी एवं मान्यता प्राप्त रजिस्टर्ड संस्थाओं द्वारा भी उपरोक्त योजनाओं/कार्यों को किया जा रहा है? (ग) यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14, वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 के प्रश्न दिनांक तक रतलाम जिले में कितने तकनीकी शिक्षा केन्द्र एवं कितने कौशल उन्नयन विकास केन्द्र किन-किन स्थानों पर होकर कितने-कितने छात्र-छात्राएं लाभान्वित हो रहे हैं? (घ) जिला अंतर्गत उपरोक्त शासकीय निजी संस्थानों हेतु कितना-कितना बजट स्वीकृत होकर क्या-क्या उल्लेखनीय कार्य किन-किन स्थानों पर कब-कब किये गये?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक/दो अनुसार है।
शासनाधीन मंदिरों की जमीन, संपत्ति, चढ़ावे एवं आय-व्यय
78. ( क्र. 5705 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या रतलाम, जिला अंतर्गत अनेक मंदिर शासनाधीन होकर संस्कृति एवं श्रद्धा का केन्द्र होकर कलेक्टर महोदय के व्यवस्थापना में आकर उनकी देख-भाल एवं रख-रखाव किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासनाधीन मंदिरों पर नियमित पूजा पाठ होकर हजारों श्रद्धालुओं के आवागमन के साथ ही मंदिरों से संलग्न भूमियों पर कृषि कार्य भी किया जाता है तथा श्रद्धालुओं से चढ़ावे के रूप में काफी राशि प्राप्त होती है? (ग) वर्ष 2013-14, वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 के प्रश्न दिनांक तक चढ़ावे, दान एवं कृषि भूमियों से उपरोक्त वर्षों में कितनी राशि प्राप्त होकर कितना व्यय हुआ?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वन भूमि माने-जाने के प्रावधान
79. ( क्र. 5804 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आरक्षित वन, संरक्षित वन, आरक्षित वन बनाए जाने के लिए प्रस्तावित वन, असीमांकित वन, नारंगी वन एवं समझे गए वन को लेकर किस कानून, किस नियम में क्या-क्या प्रावधान दिए हैं? किन भूमियों को न्यायालय द्वारा वन भूमि परिभाषित किया गया है? (ख) ग्वालियर संभाग के अंतर्गत आने वाले किस वनमंडल में वन विभाग के द्वारा वर्तमान में कितनी आरक्षित वन भूमि, कितनी संरक्षित वन भूमि, कितनी असीमांकित वन भूमि, कितनी नारंगी वन भूमि, कितनी समझे गए वन, कितनी आरक्षित वन बनाए जाने के लिए प्रस्तावित भूमि एवं कितना न्यायालय द्वारा परिभाषित भूमि प्रतिवेदित की जा रही है? पृथक-पृथक बतावें? (ग) वन विभाग के द्वारा प्रतिवेदित कितनी भूमि पर 10 अप्रैल 2015 को प्रमुख सचिव वन विभाग भोपाल के आदेशानुसार वर्तमान में अधिकारों के अभिलेखन की कार्यवाही की जा रही है? यह कार्यवाही कब तक पूरी कर ली जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 20, 29, 4 (1) तथा धारा 20 (अ) में प्रावधानित है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा याचिका क्रमांक 202/95 में पारित आदेश दिनांक 12.12.1996 द्वारा वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के अंतर्गत 'वन' को पारिभाषित किया गया है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'तीन' अनुसार है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नर्मदापुरम संभाग में लंबित जाँच
80. ( क्र. 5805 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 29 एवं धारा 4 में अधिसूचित कितने वनखण्डों में शामिल कितने ग्रामों की कितनी जमीनों की धारा 5 से 19 तक की जाँच नर्मदापुरम संभाग के अंतर्गत आने वाले किस वन व्यवस्थापना अधिकारी के पास वर्तमान में लंबित हैं? यह जमीनें राजस्व अभिलेखों में किन-किन सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजनों के लिए और किन-किन अधिकारों के लिए जमीनें दर्ज है? (ख) धारा 5 से 19 तक जाँच के लिए लंबित जमीनों को राजस्व विभाग राजस्व अभिलेखों में किन-किन मदों या नोईयत में दर्ज करता रहा है? इनमें से किन मदों की जमीनों को याचिका क्रमांक 202/95 में 12 दिसम्बर 1996 को वन भूमि परिभाषित कर किस कानून के दायरे में आने वाली भूमि माना है? (ग) धारा 4 में किस दिनांक को राजपत्र में अधिसूचना का प्रकाशन किया? धारा 4 के तहत राजपत्र में किस दिनांक को संशोधित अधिसूचना का प्रकाशन किया? अधिसूचना में किस वनखण्ड में कितनी भूमि अधिसूचित की गई? इनमें से कितनी भूमि किस कार्य आयोजना अधिकारी ने किस अवधि के वर्किंग प्लान में सम्मलित की? (घ) धारा 5 से 19 तक की लंबित जाँच के बाद भी वर्किंग प्लान में भूमियों को किस कानून, किस नियम, किस न्यायालीन आदेश के तहत किसके निर्देश पर शामिल किया गया?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 4 में अधिसूचित 666 वनखण्डों में 2,39,853 हेक्टेयर वनभूमि की धारा 5 से 19 तक की जाँच नर्मदापुरम संभाग के अन्तर्गत आने वाले विभिन्न वन व्यवस्थापन अधिकारियों के पास लंबित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ‘‘ अनुसार है। शेष जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-4 (1) में अधिसूचित एवं धारा 5 से 19 तक की जाँच के लिये लंबित भूमियाँ राजस्व अभिलेखों में बड़े झाड़, छोटे झाड़, घास मद इत्यादि में दर्ज रही है। संरक्षित वन भूमियाँ, छोटे झाड़, बड़े झाड़ मद आदि की भूमियाँ है। माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा याचिका क्रमांक 202/95 में पारित आदेश दिनांक 12.12.1996 से वन को परिभाषित किया गया है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब‘‘ अनुसार है। वन की यह परिभाषा वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के लिये है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) धारा 5 से 19 तक की जाँच हेतु लंबित भूमियाँ जो संरक्षित वन है, को वैज्ञानिक प्रबन्धन हेतु वर्किंग प्लान में सम्मिलित किया गया है।
जंगली जानवरों द्वारा फसलों को क्षति पहुंचाना
81. ( क्र. 5829 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले में वन विभाग के अंतर्गत जंगली जानवरों जैसे नील गाय, हिरण, जंगली सूअर आदि के द्वारा किसानों की फसल को भारी क्षति पहुंचाई जा रही है? (ख) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में क्या वन विभाग द्वारा इस प्रकार की क्षति से किसानों को राहत प्रदान करने हेतु कोई नीति बनाई गई है? यदि हाँ, तो इसके लिये क्या-क्या नियम बनाये गये हैं। क्या नियमों के परिपालन में विभाग द्वारा किसानों की शिकायतों का निराकरण किया जाता है? (ग) क्या राजगढ़ जिले के विभिन्न वन परिक्षेत्रों के आस-पास निवासरत किसानों द्वारा कंडिका 'क' में वर्णित जंगली जानवरों द्वारा पहुंचाई गई क्षति को लेकर वन विभाग एवं राजस्व अधिकारियों तक शिकायतें पहुंचाने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की जाती है तथा शिकायतकर्ता को एक-दूसरे विभाग के पास भेजकर टाल-मटोल किया जाता है? (घ) क्या 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक राजगढ़ जिले के किसी भी वन परिक्षेत्र के जानवरों द्वारा पहुंचाई गई क्षति के विरूद्ध किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता किसानों को प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो कब, किस ग्राम के कितने किसानों को कितनी राशि प्रदान की गई?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। किसानों को राहत प्रदान करते के उद्देश्य से निम्नानुसार प्रावधान किये गये है, जिनके परिपालन में किसानों की शिकायतों का निराकरण किया जाता है:- 1. राजस्व विभाग द्वारा मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम 2010 के तहत् सेवा क्रमांक 4.6 के अंतर्गत वन्य प्राणियों से फसल हानि होने पर 30 कार्य दिवस में प्रभावित कृषकों को क्षतिपूर्ति राशि राजस्व पुस्तक परिपत्र के आधार पर भुगतान किये जाने का प्रावधान है। 2. राज्य शासन के द्वारा फसल नुकसान करने वाले नील गाय एवं जंगली सुअर को मारने हेतु अनुमति देने का अधिकार अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को दिया गया है। (ग) जी नहीं। राजगढ़ जिले के विभिन्न वन परिक्षेत्रों के आस-पास निवासरत किसानों द्वारा कंडिका ''क'' में वर्णित जंगली जानवरों द्वारा पहुंचाई गई क्षति को लेकर वन विभाग एवं राजस्व अधिकारियों तक आवेदन एवं शिकायतें प्राप्त होने के बाद त्वरित कार्यवाही कर उनका निराकरण किया जाता है। अत: टाल-मटोल का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। 01 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक राजगढ़ जिलें के वन परिक्षेत्र के वन्य प्राणियों द्वारा पहुंचायी गई क्षति के विरूद्ध रूपये 1,21,109/- की आर्थिक सहायता किसानों को प्रदाय की गई है। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
क्रय नियमों का उल्लंघन
82. ( क्र. 5830 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक राजगढ़ जिले के नेताजी सुभाषचंद्र बोस शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ब्यावरा में कब-कब, कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई तथा कितनी-कितनी राशि विभिन्न शीर्षों में 31 मार्च,2013 तक महाविद्यालय के विभिन्न खातों में जमा हैं? (ख) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में उक्त अवधि में प्राप्त राशि व पूर्व जमा राशि में से कब-कब, कितनी-कितनी राशि, से किन-किन प्रयोजनों हेतु किस प्रक्रिया के तहत व्यय की गई तथा व्यय की गई राशि की भौतिक उपलब्धियां क्या है? (ग) क्या उक्त अवधि में महाविद्यालय द्वारा विभिन्न मदों से सामग्री क्रय करने, भवन मरम्मत तथा अन्य प्रकार के कार्यों में निर्धारित मापदण्ड़ों का पालन नहीं किया जाकर म.प्र. भंडार क्रय नियम का उल्लंघन व लघु उद्योग निगम से अनुमोदित दरों के विपरीत शासकीय राशि का दुरूपयोग किया गया है? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त अवधि में किये गये सभी प्रकार के व्ययों की जाँच, जाँच कमेटी का गठन कर करवायेगा? यदि हाँ, तो कब तक तथा क्या प्रश्नकर्ता को जाँच के नियमित तथ्यों से अवगत कराया जावेगा?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) वर्ष 2013—14 से प्रश्न दिनांक तक नेता जी सुभाषचन्द्र बोस शासकीय स्नताकोत्तर महाविद्यालय ब्यावरा को प्राप्त हुई राशि की वर्षवार, मदवार जानकारी तथा महाविद्यालय के विभिन्न खातों में जमा राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अुनसार है। (ख) उक्त अवधि में प्राप्त राशि, उसके व्यय तथा प्रक्रिया की वर्षवार, मदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
तेंदूपत्ता संग्राहकों के महासम्मेलन पर व्यय
83. ( क्र. 5840 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजधानी भोपाल के जम्बूरी मैदान में दिनांक 7 फरवरी 2016 को प्रदेश के तेंदूपत्ता संग्राहकों तथा वन समितियों के सदस्यों के राज्य स्तरीय महासम्मेलन का आयोजन किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त आयोजन के लिए किस-किस मद से किस-किस कार्य के लिए कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ग) उक्त आयोजन स्थान पर डोम/पण्डाल आदि अन्य व्यवस्थाओं का कार्य किस एजेन्सी/इवेंट से कराया गया? इवेंट संचालक के नाम एवं पता सहित बताएं? (घ) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में सम्मेलन में प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा क्या-क्या घोषणाएं की गई? उनके क्रियान्वयन की अद्यतन स्थिति क्या है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) महासम्मेलन के आयोजन स्थान जम्बूरी मैदान, भेल, भोपाल में व्यवस्थाओं का कार्य करने वाली एजेंसी का विवरण निम्नानुसार हैः-
क्र. |
कार्य का नाम |
कार्य करने वाली एजेंसी का विवरण |
1 |
कार्यक्रम स्थल की ब्राडिंग, प्रदर्शनी लगाना, प्रदर्शनी आकल्पन, साज-सज्जा, प्रदर्शनी के लिए पेनल्स, डिजीटल फोटो प्रिंट एवं 4-एक्स बोर्ड पर निर्माण कार्य, लाईट, जनरेटर एल.ई.डी, फ्लावर डेकोरेशन कार्य, इवेंट मैनेजमेंट संबंधी कार्य, डोम पंडाल, कारपेट, स्टेज चेयर, वुडन फ्लोरिंग, एवं अन्य कार्य। |
म.प्र. माध्यम, 40 प्रशासनिक क्षेत्र, अरेरा हिल्स, भोपाल-462011 |
क्र. |
कार्य का नाम |
कार्य करने वाली एजेंसी का विवरण |
2 |
सम्मेलन स्थल पर अतिथियों हेतु चाय-नाश्ता आदि। |
म.प्र. पर्यटन विकास निगम। |
3 |
महासम्मेलन स्थल पर साफ-सफाई, अग्निशमन व्यवस्था एवं चलित शौचालय व्यवस्था। |
नगर निगम भोपाल |
4 |
कार्यक्रम स्थल एवं पार्किंग स्थल पर बेरिकेटिंग व्यवस्था। |
लोक निर्माण विभाग |
(घ) महासम्मेलन में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा कक्ष से संबंधित की गई घोषणाएं एवं क्रियान्वयन की अद्यतन स्थिति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
जिला छतरपुर की भूमियों को वन भूमि से पृथक करना
84. ( क्र. 5872 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहदेव योजना अंतर्गत अधिसूचना दिनांक 13/03/1970, 19/05/1972, 21/09/1972, 21/10/1972 एवं 14/11/1972 से जिला छतरपुर की निर्वनीकृत की जाकर राजस्व भूमि पुन: वन विभाग में किस नियम एवं अधिसूचना द्वारा सम्मिलित की गई है? (ख) मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के प्रमुख सचिव के पत्र क्रमांक एफ 25-7/2015/ 10-3 भोपाल दिनांक 04/06/2015 के निर्देशानुसार आयुक्त सागर संभाग सागर द्वारा जिला छतरपुर की कौन-कौन सी भूमियों को वन भूमि से पृथक किये जाने की समीक्षा की गई? (ग) आयुक्त सागर संभाग सागर के कार्यालय/न्यायालय में जिला छतरपुर के किन-किन व्यक्तियों द्वारा पुन: सम्मिलित की गई। कौन-कौन सी भूमियों को पृथक किये जाने कब-कब आवेदन प्रस्तुत किये गये? (घ) प्रस्तुत आवेदन पत्रों पर आयुक्त सागर संभाग सागर द्वारा कब तक समीक्षा कर ली जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) सिंहदेव योजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 13.03.1970, 19.05.1972, 27.09.1972, 21.10.1972 एवं 14.11.1972 से जिला छतरपुर के अंतर्गत निर्वनीकृत की गई भूमियों में से भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-4 (1) के तहत अधिसूचना क्रमांक 3320-1800-दस-2-76 दिनांक 31.05.1976 (राजपत्र प्रकाशन दिनांक 16.07.1976) से तथा पुन: अधिसूचना क्रमांक एफ-5-38-87-दस-3 दिनांक 02.12.1987 (राजपत्र प्रकाशन दिनांक 18.12.1987) से इन भूमियों पर अच्छे श्रेणियों के वन होने के कारण अधिसूचित की गई तथा धारा-29 के तहत अधिसूचना क्रमांक एफ-25-44-2010-दस-3 दिनांक 06.10.2010 (राजपत्र प्रकाशन दिनांक 22.10.2010) एवं अधिसूचना क्रमांक एफ-25-19-2011-10-3 दिनांक 21.09.2011 (राजपत्र प्रकाशन दिनांक 30.09.2011) से वैकल्पिक वृक्षारोपण हेतु प्राप्त भूमियों को पुन: लिया जाकर अधिसूचित किया गया। (ख) सिंहदेव योजनाधीन अधिसूचित निर्वनीकृत भूमियों के अद्यतनीकरण की समीक्षा कमिश्नर सागर संभाग द्वारा जिला स्तरीय समीक्षा बैठक में की गई। (ग) न्यायालय कमिश्नर सागर संभाग में इस संबंध में कोई आवेदन पत्र प्राप्त नहीं हुये है। कोई भी हितग्राही द्वारा आवेदन प्राप्त होने पर इस संबंध में नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
यू.जी.सी. फण्ड एवं लायब्रेरियन के रिक्त पद
85. ( क्र. 5888 ) सुश्री उषा ठाकुर : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर उज्जैन संभाग के शासकीय महाविद्यालयों की लायब्रेरी के उन्नयन के लिये वर्ष 2014-15 में यू.जी.सी. से कितनी राशि आवंटित होकर प्राप्त हुई? (ख) इन्दौर उज्जैन संभाग में शासकीय महाविद्यालयों में लायब्रेरियन के कितने पद स्वीकृत तथा रिक्त हैं। रिक्त पदों पर कब तक नियुक्ति की जावेगी?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) इंदौर एवं उज्जैन संभाग के शासकीय महाविद्यालयों की लायब्रेरी के उन्नयन के लिये यू.जी.सी. से वर्ष 2014—15 में निम्नानुसार राशि प्राप्त हुई है :— 1. शासकीय जीजाबाई कन्या पी.जी. महाविद्यालय मोती तबेला इंदौर रूपये 15,000/— 2. शासकीय कालिदास कन्या महाविद्यालय उज्जैन रूपये 80,000/— 3. शासकीय कन्या महाविद्यालय नीमच रूपये 2,40,000/— (ख) इंदौर संभाग अंतर्गत शासकीय महाविद्यालयों में लायब्रेरियन के कुल स्वीकृत पद 51 कार्यरत 20 तथा रिक्त 31 पद हैं तथा उज्जैन संभाग अंतर्गत शासकीय महाविद्यालयों में लायब्रेरियन के कुल स्वीकृत 55 पद, कार्यरत 16 तथा रिक्त 39 पद हैं। रिक्त पदों की पूर्ति लोक सेवा आयोग के माध्यम से कार्यवाही प्रचलन में है। अत: पद पूर्ति की निश्चित समय—सीमा बताना संभव नहीं है।
पाटन अंतर्गत वन कार्यालय
86. ( क्र. 5938 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वित्त वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन सी कितनी लागत से वानिकी परियोजनाएं एवं अन्य निर्माण कार्य करवाये गये? (ख) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर वन परिक्षेत्र कार्यालय स्वीकृत हैं एवं इन स्वीकृत कार्यालयों में कौन-कौन से अधिकारियों/कर्मचारियों के कितने पद सृजित हैं और इन सृजित पदों के परिप्रेक्ष्य में कौन-कौन कब से पदस्थ है एवं कौन-कौन से पद रिक्त हैं? (ग) क्या पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत तहसील मुख्यालय मझौली में वन परिक्षेत्र कार्यालय स्थापित न होने की वजह से आम नागरिकों को वन परिक्षेत्र कार्यालय सिहोरा जाना पड़ता है? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन जनहित में वन परिक्षेत्र कार्यालय मझौली की स्थापना कर यहां पर वन अमले को पदस्थ करेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। प्रश्नांश अवधि में पाटन विधान सभा क्षेत्र में अन्य निर्माण कार्य नहीं कराये गये हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) मझौली तहसील के अंतर्गत मात्र 3906.175 हेक्टेयर वनक्षेत्र सिहोरा परिक्षेत्र के मझौली वृत्त में आता है। इतने सीमित वनक्षेत्र हेतु पृथक से परिक्षेत्र कार्यालय स्थापित किया जाना एवं वन अमले को पदस्थ किया जाना प्रस्तावित नहीं है।
विश्वविद्यालय में अनियमितता
87. ( क्र. 5939 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में व्याप्त अनियमितताओं के संबंध में दस्तावेजों के साथ की गई शिकायत के आधार पर 17 बिन्दुओं पर जाँच के आदेश जारी किये गये थे? रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा गठित की गई 03 सदस्यी कमेटी द्वारा इस पर क्या जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत कर किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों को दोषी पाया एवं इन दोषियों पर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. सुरेशवर शर्मा के कार्यकाल में परीक्षा परिणामों में हेरा-फेरी हेतु गठित की गई प्रो. एस.एम. सिंह की तीन सदस्यी जाँच कमेटी द्वारा किन-किन अध्यापक/कर्मचारियों को अपने जाँच प्रतिवेदन में हटाने की अनुशंसा की थी एवं कि वर्तमान समय में ये दोषी अध्यापक/कर्मचारी किन पदों पर पदस्थ होकर क्या कार्य कर रहे हैं?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। राजभवन के पत्र क्र./430/रास/यू.ए.—2/2015 दिनांक 2 दिसम्बर 2015 द्वारा 17 बिन्दुओं पर परीक्षण उपरांत तथ्यात्मक प्रतिवेदन विश्वविद्यालय से चाहा गया है। शिकायत श्री दिनेश सिंह कार्य-परिषद् के सदस्य द्वारा की गई है। वि.वि. द्वारा परीक्षण कर तथ्यात्मक परीक्षण हेतु तीन सदस्यीय समिति का गठन आदेश क्र./स्था/2015/341 दिनांक 7.12.2015 द्वारा किया गया है। समिति का प्रतिवेदन अपेक्षित है प्रतिवेदन प्राप्त होने के बाद समिति की अनुशंसानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ख) (1) विश्वविद्यालय के पूर्व कुपपति प्रो. सुरेश्वर शर्मा के कार्यकाल में परीक्षा परिणामों में हेरा—फेरी हेतु गठित की गई प्रो. एस.एम. सिंह की जाँच समिति द्वारा अपने जाँच प्रतिवेदन में किसी भी अध्यापक एवं कर्मचारी को हटाने की अनुशंसा नहीं की थी। अपितु उन्होंने कुछ अध्यापकों एवं कर्मचारियों पर आरोप लगाये थे। (2) उपरोक्त जाँच समिति के प्रतिवेदन के आधार पर विश्वविद्यालय द्वारा उपरोक्त अध्यापकों एवं कर्मचारियों की नियमानुसार जाँच की गई थी एवं सभी को प्रो. एस.एम. सिंह की जाँच समिति द्वारा लगाये गये समस्त आरोपों से दोषमुक्त तत्कालीन मान्य पूर्व कुलपति श्री अरूण गर्टू (आई.पी.एस.) द्वारा किया गया था। (3) विश्वविद्यालय के उपरोक्त निर्णय की संपुष्टि दिनांक 30.04.2002 को आयोजित कार्य-परिषद की बैठक में यथा— ''उपरोक्त रिपोर्ट पर की गई कार्यवाही उचित पाई गई।'' एवं दिनांक 15.07.2002 को आयोजित कार्य-परिषद की बैठक में यथा—''कार्य-परिषद के निम्न सदस्यों ने डॉ. एस.एम. सिंह द्वारा प्रस्तुत रिर्पोट को अध्ययन करने के लिए मांग की। तदानुसार अध्ययन उपरांत आगामी कार्य-परिषद में इस प्रकरण में चर्चा होगी। अत: निर्णय लिया गया कि निम्नलिखित सदस्यों को संबंधित रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाये यथा :— 1. श्री हेमन्त शेष मोढ़, 2. श्री शैलेन्द्र शुक्ला, 3. डॉ. एम.लाल, डॉ. डी.के. मिश्र। कार्य-परिषद का शेष कार्यवृत्त अनुमोदित किया गया'' तथा दिनांक 06.08.2002 को आयोजित कार्य-परिषद की बैठक में यथा— ''बहुमत के आधार पर यह निर्णय लिया गया कि एस.एम. सिंह रिपोर्ट पर विगत कार्य-परिषद द्वारा लिया गया निर्णय यथावत रखा जाये। जो सदस्य इस रिर्पोट पर कोई खुलासा चाहते हैं वे कुलपति जी को सीधे लिखकर प्राप्त कर सकते हैं। श्री हेमन्त मोढ़ एवं श्री शैलेन्द्र शुक्ला ने इस निर्णय पर अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए रिपोर्ट के अन्य अंश दिये जाने का निवेदन किया जो अध्यक्ष द्वारा स्वीकार किया गया।'' संपुष्टि की जा चुकी है। (4) वर्तमान सभी दोष—मुक्त अध्यापक/कर्मचारी अपने पदों पर कार्य रहे हैं।
लंबी अवधि से पदस्थ अधिकारी
88. ( क्र. 5942 ) श्री हर्ष यादव : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खेल युवा कल्याण अंतर्गत कौन-कौन जिला खेल अधिकारी, संभागीय खेल अधिकारी एक स्थान पर तीन साल से अधिक अवधि से पदस्थ हैं? नाम एवं पदस्थापना दिनांक, पदस्थापना स्थल की जानकारी दें? (ख) विगत 5 वर्षों में खेल युवा कल्याण अंतर्गत कौन-कौन से अधिकारियों का अन्य विभागों से खेल विभाग संविलियन हुआ है? (ग) संविलियन के विरूद्ध कौन-कौन सी शिकायतें प्राप्तु हुई? जाँच किनके द्वारा की गई?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। किसी भी अधिकारी का संविलियन नहीं हुआ। (ग) अतः प्रश्नोत्तर (ख) के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
समिति/संघ के प्रकरण
89. ( क्र. 5946 ) श्री हर्ष यादव : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के वास्तविक अध्यक्ष, धारा-27, मान्यता विवाद के संबंध में रजिस्ट्रार मध्यप्रदेश एवं सब रजिस्ट्रार भोपाल-नर्मदापुरम संभाग के पास कितने आवेदन एवं शिकायतें लम्बित हैं? क्या इस संबंध में शासन के सम्मुख एक अपील भी विचाराधीन है? (ख) क्या इस संबंध में माननीय उच्च न्यायालय में भी याचिका विचाराधीन है? याचिकाकर्ता सहित मामले की अद्यतन स्थिति बतावें? (ग) क्या माननीय न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन होते हुए किसी एक पक्ष को वैध एवं अन्यों को अवैध ठहराया जाना विधि-संगत है? (घ) सामान्य प्रशासन विभाग को वास्तविक स्थिति से अवगत नहीं कराने का दोषी कौन है? (ड.) इस संगठन के निर्वाचन जो कि रजिस्ट्रार फर्म्स एंड सोसायटी की देख-रेख में कराये गये थे, उसमें निर्वाचन अधिकारी द्वारा दूषित निर्वाचन कराने पर विभाग ने कोई कार्यवाही क्यों नहीं की? दोषी निर्वाचन अधिकारी के खिलाफ कब तक कार्यवाही की जायेगी?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) मध्यप्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1973 की धारा 32 (2) के प्रावधानों के तहत् प्रश्नांकित संघ के वास्तविक अध्यक्ष, धारा-27 के संबंध में रजिस्ट्रार, मध्यप्रदेश एवं असि. रजिस्ट्रार, भोपाल नर्मदापुरम संभाग, भोपाल के समक्ष नियमानुसार शिकायत अथवा आवेदन प्राप्त न होने से तथा मान्यता विवाद के संबंध में उक्त अधिनियम में प्रावधान न होने से लंबित होने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। रजिस्ट्रार के आदेश के विरूद्ध अपील विचाराधीन है। (ख) जी हाँ। याचिकाकर्ता श्री अरूण द्विवेदी द्वारा दायर याचिका वर्तमान में माननीय न्यायालय के समक्ष लंबित है। (ग) मध्यप्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण, 1973 में प्रश्नांकित जानकारी से संबंधित विवरण विधि-संगत होने अथवा नहीं होने संबंधी प्रावधान वर्णित नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) सामान्य प्रशासन विभाग को वास्तविक स्थिति से अवगत कराया है। अतःशेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) प्रश्नांकित संगठन के दूषित निर्वाचन, कराने संबंधी कोई वैधानिक निष्कर्ष कार्यालय के समक्ष नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मंत्री जी को लिखे गये पत्र
90. ( क्र. 5960 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के द्वारा दिनांक 13 जनवरी 2016 को माननीय मंत्री जी को लिखे गए पत्र क्रमांक 2855, पत्र क्रमांक 2854 एवं पत्र क्रमांक 2853 में किस-किस विषय से संबंधित शासकीय धन के दुरूपयोग एवं बजट राशि के दुरूपयोग की जाँच करवाए जाने का निवेदन किया है, पत्र किस दिनांक को किस निर्देश के साथ किसे प्रेषित किया गया है? (ख) गैर संरक्षित वन भूमियों को संरक्षित वन भूमि बताया जाकर, गैर वन भूमियों को नारंगी भूमि बताया जाकर, निजी भूमियों को संरक्षित वन भूमि बताया जाकर वन विभाग वर्तमान में किन-किन वानिकी गतिविधियों का संचालन कर रहा है? ऐसा वह किन प्रावधानों के अनुसार कर रहा है? (ग) गैर संरक्षित वन भूमियों, गैर वन भूमियों एवं निजी भूमियों को संरक्षित वन भूमियों एवं निजी भूमियों को संरक्षित वन एवं नारंगी वन बताया जाकर वानिकी प्रबंधन किए जाने एवं शासकीय धन खर्च किए जाने के लिए शासन किसे जिम्मेदार मानता है? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा लिखे गए पत्रों की जाँच कब तक करवाई जाकर शासकीय धन के दुरूपयोग को रोके जाने एवं की गई कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को अवगत कराए जाने के संबंध में क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी समय-सीमा सहित बतावें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) गैर संरक्षित वनभूमियों को संरक्षित वनभूमि, गैर वन भूमियों को नारंगी भूमि एवं निजी भूमियों को संरक्षित वनभूमि नहीं बताया जा रहा है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश 'क' में दर्शित पत्रों पर प्रश्नांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में जाँच कराये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
धावड़ा गोद की जप्ती
91. ( क्र. 5961 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दक्षिण वनमंडल बैतूल मुलताई उपवनमंडल में श्री जी. एस. मुबेल को मध्यप्रदेश शासन ने किस दिनांक को किस आदेश क्रमांक से पदस्थ किया? श्री जी. एस. मुबेल की बैतूल जिले में किस पद पर किस दिनांक को किसके द्वारा पदस्थापना की गई थी? (ख) श्री जी. एस. मुबेल ने ग्राम प्रभात पट्टन में किसके निवास पर भंडारित धावड़ा गोद के लिए किस दिनांक को सर्च-वारंट जारी किया, तलाशी के दौरान किस स्थान से किस दिनांक को कितना धावड़ा गोद जप्त किया, किस दिनांक को किस-किस धारा में किस-किस के विरूद्ध वन अपराध पंजीबद्ध किया गया? (ग) वन विभाग के किस गवाह ने अपने बयान में लोकेश निकाजू को किस कक्ष क्रमांक के कितने धावड़ा वृक्षों में धाव लगाते एवं कैमिकल का उपयोग करते देखा, वन विभाग ने किस गवाह के बयान के आधार पर लोकेश निकाजू पर धावड़ा वृक्षों को धाव लगाए जाने, एवं कैमिकल का उपयोग किए जाने का आरोप लगाया है? (घ) धावड़ा गोद की जप्ती किए जाने और किस धारा वन अपराध पंजीबद्ध किए जाने का क्या कारण है? इन धाराओं में दिनांक को किस आधार पर वन अपराध पंजीबद्ध किया गया है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वनमण्डलाधिकारी, दक्षिण बैतूल के आदेश क्रमांक/स्था./367, दिनांक 24.12.2013 से श्री जी.एस.मुबेल को उप वनमण्डल मुलताई का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था, जिसका अनुमोदन अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (प्रशा.-1), म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक/प्रशा.-1/रा.व.से./5509, दिनांक 31.12.2013 से किया गया। श्री जी.एस.मुबेल की पदस्थापना बैतूल जिले में दिनांक 15.04.2013 को अपर प्रबंध संचालक (प्रशा./सम.), म.प्र. राज्य लघु वनोपज (व्या. एवं विकास) सहकारी संघ, भोपाल द्वारा की गई थी। (ख) सर्च वारंट दिनांक 02.06.2014 को श्री रविशंकर मालवीय के मकान हेतु जारी किया गया, जहां किराये से रह रहे श्री लोकेश निकाजू एवं श्री संजय शिवहरे से 892.05 कि.ग्रा. धावड़ा गोंद जप्त किया गया, जिनके विरूद्ध दिनांक 02.06.2014 को भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 26 (च), 33 (अ), 66 (क), 69 एवं वनोपज व्यापार (विनियमन), 1969 की धारा 2 (घ) /5 के तहत वन अपराध क्रमांक 453/65 पंजीबद्ध किया गया। (ग) किसी भी गवाह द्वारा श्री लोकेश निकाजू को धावड़ा वृक्षों पर घाव लगाते एवं कैमिकल का उपयोग करते हुये नहीं देखा। वन अपराध प्रकरण की जाँच में पाये गये परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर उन पर आरोप लगाया गया है। (घ) परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर वनक्षेत्र में धावड़ा वृक्षों में रसायन लेकर अप्राकृतिक रूप से गोंद निकालकर अवैध रूप से संग्रहित किये जाने कें कारण भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 26 (च), 33 (अ), 66 (क), 69 एवं वनोपज व्यापार (विनियमन), 1969 की धारा 2, (घ) /5 के अंतर्गत वन अपराध उक्त दिनांक 02.06.2014 को पंजीबद्ध किया गया।
न्यायालीन आदेश
92. ( क्र. 5962 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सर्वोच्च अदालत की याचिका क्रमांक 202/95 से 12 दिसम्बर 1996 आई.ए. क्रमांक 791-792 दिनांक 1 अगस्त 2003 एवं ग्वालियर पीठ की याचिका क्रमांक 1413/2002 में दिनांक 8 सितम्बर 2006 को किस जिले के किस मद में दर्ज कितनी जमीनों को वन संरक्षण कानून 1980 के दायरे में आने वाली वनभूमि परिभाषित एवं आदेशित किया है? (ख) माननीय उच्चतम न्यायालय एवं माननीय उच्च न्यायालय ने किस दिनांक के आदेश में आजादी के पहले और आजादी के बाद राजस्व अभिलेखों में दर्ज वृक्षविहीन पहाड़ चट्टान, पठार, घास, चरनोई, गोचर, सरना, करात कदीम मद में दर्ज जमीनों को संरक्षित वन, नारंगी वन, असीमांकित वन या वन भूमि परिभाषित या आदेशित किया है? (ग) किस न्यायालीन आदेश एवं किस-किस राज्य शासन के आदेश के अनुसार ग्राम पलासखेड़ी तहसील भैसदेही जिला बैतूल के खसरा क्रमांक 21/1 रकबा 39.837 मद पहाड़ चट्टान को कलेक्टर बैतूल ने नारंगी भूमि बताकर कार्य अनुमति दिए जाने से वर्ष 2015 में इंकार किया है? (घ) खसरा क्रमांक 21/1 रकबा 39.837 को राज्य शासन ने किस आदेश दिनांक के द्वारा व्हाईट क्ले की खदान के लिए आवंटित किया राज्य शासन के आदेश को न माने जाने का क्या कारण है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) प्रश्नांश में दर्शित माननीय न्यायालयों के आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जिसमें माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा आदेश दिनांक 12.12.1996 में, वन को परिभाषित किया गया है। (ग) जी नहीं। न्यायालयीन आदेश अथवा राज्य शासन के किसी भी आदेश में ग्राम पलासखेड़ी तहसील भैसदेही, जिला-बैतूल के खसरा क्रमांक 21/1 रकबा 39.837 मद पहाड़ चट्टान को नारंगी भूमि बताकर कार्य अनुमति दिये जाने से वर्ष 2015 में कलेक्टर, बैतूल द्वारा इन्कार नहीं किया गया है। (घ) प्रश्नांकित भूमि पर मध्यप्रदेश शासन खनिज साधन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 3-44/07/12/1 दिनांक 26.02.2011 द्वारा सफेद मिट्टी खनिज का पट्टा स्वीकृत किया गया है। भारत सरकार की नई नीति खान एवं खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 संशोधन 2015 अनुसार जो खदानें किसी भी कारण से पूर्व में प्रारम्भ नहीं हुई हैं, ऐसी खदानों की संबंधित विभागों से, अनुमति मिलने के बाद ही नीलामी से आवंटन करने के प्रावधान है। उक्त आवंटन के विरूद्ध प्रस्तुत आपत्ति के निराकरण की दिशा में विभागीय स्तर पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
जूलॉजिकल पार्क एण्ड रेक्सक्यू सेन्टर मुकुंदपुर की जानकारी
93. ( क्र. 5976 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में स्थापित जूलॉजिकल पार्क एण्ड रेक्सक्यू सेंटर मुकुंदपुर वनमंडल जिला सतना में कितने अधिकारी/कर्मचारी/श्रमिक पदस्थ हैं व कार्यरत हैं? पदवार सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त पार्क को संचालित व संधारित करने में किस-किस की ड्यूटी तैनात कर रखी गयी हैं? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में 2013 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस कार्य (प्रयोजन) हेतु कितने-कितने रूपये का आवंटन दिया गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में पार्क को विकसित करने के लिये निर्माण हेतु संविदाकार एवं सामग्री क्रय व भुगतान हेतु निविदा का आमंत्रण किया गया है तथा किस-किस ठेकेदार व फर्म को अनुबंध किया गया है? यदि नियम विरूद्ध राशि व्यय/भुगतान किया गया है तो कौन-कौन दोषी हैं? दोषी अधिकारी के विरूद्ध कब क्या कार्यवाही करेंगे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (ग) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 01, 02 एवं 03 अनुसार है। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के संदर्भ में निर्माण कार्य विभागीय रूप से कराया गया है। निर्माण कार्य किये जाने हेतु सामग्री क्रय हेतु निविदा आमंत्रण की गई थी। सफल निविदाकार का नाम, पता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 04 अनुसार है। प्रश्नाधीन व्यय/भुगतान वर्तमान में परीक्षणाधीन है। अत: शेष का प्रश्न वर्तमान में उपस्थित नहीं होता।
उपसंभाग अमरपाटन जिला सतना की जानकारी
94. ( क्र. 5977 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के उपसंभाग अमरपाटन में श्री राकेश चतुर्वेदी उपयंत्री कब से पदस्थ हैं तथा श्री चतुर्वेदी के पास किन-किन उपखंडों का प्रभार है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में श्री राकेश चतुर्वेदी उपयंत्री द्वारा पदस्थापना दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कितने-कितने कार्यों का स्टीमेट एवं मूल्यांकन उपयोगिता (पूर्णत:) प्रमाण पत्र जारी किये गये हैं? कार्यवार, वर्षवार, उपखंडवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में उपयंत्री श्री चतुर्वेदी के विरूद्ध किस-किस प्रकार की कुल कितने शिकायतें व जाति प्रताड़ना की कुल कितनी शिकायतें लंबित हैं या प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो उक्त शिकायतों में श्री चतुर्वेदी को किन-किन में दोषी पाया गया तथा उपखंड अमरपाटन से कब तक स्थानांतरित कर दिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) दिनांक 17/09/2012 से। उपखंड (सेक्शन) अमरपाटन एवं मुकुन्दपुर। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) श्री राकेश चतुर्वेदी, उपयंत्री के विरूद्ध कोई शिकायत व जाति प्रताड़ना की किसी प्रकार की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतः शिकायत लंबित रहने व दोषी पाये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुल एवं सड़क निर्माण की स्वीकृति
95. ( क्र. 5995 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कालापीपल विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बेगमखेड़ी जो कि नेवज नदी के कारण चारों ओर से कटा हुआ है तथा ग्राम हरूखेड़ी पार्वती नदी के कारण मुख्य मार्ग से जुड़ नहीं पाया है, तो क्या इन गांवों को मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए दोनों नदियों पर पुल एवं सड़क निर्माण की मांग की गई है? यदि हाँ, तो क्या प्रारंभिक प्राक्कलन तैयार करने के बाद पुल निर्माण की डी.पी.आर. तैयार की गई है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित गांवों को मुख्य सड़क से जोड़ने हेतु सड़क एवं दोनों नदियों पर पुल निर्माण करने की स्वीकृति प्रदान की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतायें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) वर्तमान में प्रश्नाधीन कार्य स्वीकृत नहीं है विभाग की प्राथमिकता एवं उपलब्ध वित्तीय संसाधन अनुसार कार्यों की स्वीकृति प्रदान की जाती है शेष प्रश्न का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मूल प्रशासकीय स्वीकृति के तहत अतिरिक्त कार्य की स्वीकृति
96. ( क्र. 5996 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कालापीपल विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत अरनियाकलॉ-कालापीपल व्हाया अकोदी मार्ग की प्रशासकीय/तकनीकी स्वीकृति की प्रति देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्य का कार्यादेश कब जारी हुआ कार्यादेशानुसार कार्य पूर्ण करने की तिथि क्या है? क्या कार्य की समयावधि बढ़ाई गई है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्ग की मूल प्रशासकीय स्वीकृति के तहत ग्राम जोगखेड़ी पहुंच मार्ग लंबाई 2.50 किमी के निर्माण की अतिरिक्त स्वीकृति हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुआ है? क्या स्वीकृति प्रदान कर दी गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) कार्यादेश दिनांक 15.02.2013 को जारी, अनुबंधानुसार दिनांक 15.09.2014 को कार्य पूर्ण करना था। जी हाँ कार्य की समयावधि दिनांक 31.03.2016 तक बढ़ाने हेतु ठेकेदार द्वारा आवेदन दिया गया है, जो विचाराधीन है। (ग) जी हाँ, मूल प्रशासकीय स्वीकृति राशि रू. 1468.23 लाख के अन्दर 2.5 कि.मी. के अतिरिक्त कार्य रू. 98.85 लाख के अनुपूरक शेड्यूल ऑफ आईटम, प्राक्कलन एवं तुलनात्मक दिनांक 03.03.2016 को मुख्य अभियंता को प्राप्त हुए है। जी नहीं, मुख्य अभियंता के द्वारा परीक्षणाधीन है।
मंदिरों का जीर्णोद्धार
97. ( क्र. 6008 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) 1 जनवरी 2013 के पश्चात शासन द्वारा संधारित मंदिरों की जीर्णोद्धार हेतु कितनी-कितनी राशि मंदसौर जिले में कहाँ-कहाँ किस-किस मंदिर को दी गयी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भित कितने मंदिरों में उक्त राशि का उपयोग कर कार्य पूर्ण कर लिया है तथा कितनों ने नहीं? (ग) क्या मंदसौर जिले में विभाग द्वारा जारी राशि के बावजूद भी अधिकारियों की लापरवाही से मंदिरों का जीर्णोद्धार नहीं हो पाया और राशि लैप्स हो गयी? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं और उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गयी?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है
लोक निर्माण विभाग की सम्पत्ति
98. ( क्र. 6009 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम मंदसौर जिले में लोक निर्माण विभाग की संपत्ति भवन कहाँ-कहाँ पर स्थित हैं? उनमें से कितने भवन जीर्ण-शीर्ण अवस्था में होकर अनुपयोगी है? (ख) क्या लोक निर्माण विभाग के अनुपयोगी भवन दूसरे विभाग को दिये जा सकते हैं? यदि हाँ, तो शासन ने ऐसी पहल कब-कब की? (ग) उक्त जिलों में लोक निर्माण विभाग द्वारा कहाँ-कहाँ पर नये विश्राम गृह बनाने की योजना है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। अतः शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) वर्तमान में कोई नहीं।
तकनीकी शिक्षा की जानकारी
99. ( क्र. 6015 ) श्री संजय पाठक : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ में तकनीकी शिक्षा प्रदाय हेतु कितने संस्थान स्थापित हैं तथा किस-किस ट्रेड (संकाय) की प्रशिक्षण दिये जाते है तथा बताएं कि संबंधित ट्रेड के कितने-कितने पद शिक्षकों के तथा तकनीकी सहायकों के स्वीकृत हैं एवं उनके विरूद्ध कितने पद भरे एवं रिक्त हैं? संस्थावार जानकारी देवें? (ख) किस ट्रेड (संकाय) में कितने छात्रों को वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक से प्रवेश दिया गया एवं इस अवधि में कितने छात्रों ने ट्रेडवार (संकाय) प्रशिक्षण पूर्ण किया तथा कितने छात्र अनुत्तीर्ण हुये? (ग) यदि प्रश्नांश (क) में किसी संकाय के शिक्षक उपलब्ध नहीं थे तो उस संकाय के छात्रों को किस तरह प्रशिक्षित किया गया तथा यह रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर ली जावेगी?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी निम्नानुसार है :-
स.क्रं. |
शासकीय/प्रायवेट आई.टी.आई. का नाम |
ट्रेड का नाम |
संबंधित ट्रेड के शिक्षकों तथा तकनीकी सहायकों के स्वीकृत पद (प्रशिक्षण अधिकारी) |
संबंधित ट्रेड के शिक्षकों तथा तकनीकी सहायकों के भरे पद (प्रशिक्षण अधिकारी) |
संबंधित ट्रेड के शिक्षकों तथा तकनीकी सहायकों के रिक्त पद (प्रशिक्षण अधिकारी) |
1. |
शासकीय आई.टी.आई. विजयराघवगढ़ |
कोपा |
01 |
01 |
शून्य |
डीजल मैकेनिक |
01 |
01 |
शून्य |
||
फिटर |
02 |
02 |
शून्य |
||
इलेक्ट्रीशियन |
02 |
02 |
शून्य |
||
2. |
शासकीय आई.टी.आई., बरही |
इलेक्ट्रीशियन |
01 |
01 |
शून्य |
3. |
आचार्य प्रायवेट आई.टी.आई. बरही |
इलेक्ट्रीशियन |
प्रायवेट आई.टी.आई. में शासन द्वारा पदों की स्वीकृति नहीं दी जाती है। |
||
4. |
श्री विनायक प्रायवेट आई.टी.आई. बरही |
इलेक्ट्रीशियन |
|||
फिटर |
|||||
5. |
द्वारका प्रसाद प्रायवेट आई.टी.आई. विजयराघवगढ़ |
इलेक्ट्रीशियन |
|||
फिटर |
|||||
6. |
चित्रांश प्रायवेट आई.टी.आई. विजयराघवगढ़ |
इलेक्ट्रीशियन |
|||
फिटर |
(ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) किसी संकाय में शिक्षक उपलब्ध न होने पर मेहमान प्रवक्ता आमंत्रित कर प्रशिक्षण पूर्ण करवाया जाता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय योजनाओं का लाभ
100. ( क्र. 6021 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सुरखी जिला सागर के अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय राहतगढ़ में वर्तमान में कुल कितने छात्र-छात्रायें अध्ययनरत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अध्ययन छात्र-छात्राओं में से कितने छात्र-छात्रायें शासन की किस-किस योजना के पात्रता रखते हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में दर्शित सभी छात्र-छात्राओं को वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में पात्रता अनुसार सभी योजनाओं का लाभ प्राप्त हो चुका है? (घ) यदि नहीं, तो प्रश्नांश (ग) में दर्शित वर्षों में कितने छात्र-छात्राओं को किन-किन शासकीय योजनाओं का लाभ नहीं मिल सका है और क्यों? शासन की योजनाओं से वंचित इन छात्र-छात्राओं को कब तक लाभांवित किया जाना सुनिश्चित किया जावेगा?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विधान सभा क्षेत्र सुरखी जिला सागर के अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय राहतगढ़ में वर्तमान में कुल 499 विधार्थी हैं। जिसमें 257 छात्र एवं 242 छात्रायें अध्ययनरत हैं। (ख) अध्ययनरत छात्र—छात्रायें विभाग की जिन योजना के पात्रतानुसार पात्र हैं। उनकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी हाँ। सभी छात्र—छात्राओं को शासन की योजनाओं का लाभ दिया गया है। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के संदर्भ में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
मानदेय में विसंगति
101. ( क्र. 6022 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में कुल कितनी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थायें, कितने कौशल विकास केन्द्र हैं? इनमें से कितनी आई.टी.आई. एवं कौशल विकास केन्द्र केवल महिलाओं के लिये संचालित हैं? संख्यात्मक जानकारी देते हुये सागर जिले की सूची उपलब्ध करायी जावें? (ख) क्या आई.टी.आई. एवं कौशल विकास केन्द्रों में एम.पी.ऑन-लाईन से सिलेक्ट रिर्सोस पर्सन का मानदये केवल 7200/- रूपये माहवार है जबकि अतिथि विद्वानों का मानदेय 10000/- प्रतिमाह है? मानदेय की यह विसंगति क्यों और किस कारण से है? (ग) क्या डी.जी. एण्ड टी. विषय समाजशास्त्र विषय से स्नातकोत्तर डिग्री वाले जो बी.एड. हो, पढ़ाते थे? उनके स्थान पर अब में एम.बी.ए./बी.बी.ए. ही एम्प्लॉयबिलिटी स्किल विषय का अध्यापन करा रहे हैं? (घ) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ग) में उल्लिखित समाजशास्त्र वाले शिक्षक किस विषय का अध्यापन करा रहे हैं? उनकों किस प्रकार का दायित्व सौंपा गया है? यदि कोई दायित्व नहीं सौंपा गया है तो क्यों? कारण बतावें?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) मध्यप्रदेश में कुल 217 शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाएं तथा 135 कौशल विकास केन्द्र संचालित है। उक्त में से 14 शासकीय महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाएं संचालित है। केवल महिलाओं के लिए अलग से कोई भी कौशल विकास केन्द्र संचालित नहीं है। सागर जिले की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। कौशल विकास में रिर्सोस पर्सन का पद स्वीकृत नहीं है। जी हाँ। मानदेय शासन के निर्धारित नियमों के अनुसार है। (ग) सामाजिक अध्ययन विषय के स्थान पर अगस्त 2012 से एम्प्लॉयबिलिटी स्कील विषय आरंभ किया गया है। सामाजिक अध्ययन विषय के नियमित प्रशिक्षण अधिकारी पूर्व से संस्थाओं में पदस्थ है, जिनकी योग्यता समाजशास्त्र अथवा मनोविज्ञान में स्नातक डिग्री निर्धारित है। एम्प्लॉयबिलिटी स्किल विषय के पद (संविदा) की योग्यता बी.बी.ए./एम.बी.ए. निर्धारित है। उक्त दोनों अर्हताधारी प्रशिक्षण वर्तमान में एम्प्लॉयबिलिटी स्किल विषय का अध्यापन करा रहे हैं। (घ) सामाजिक अध्ययन विषय के प्रशिक्षण अधिकारी एम्प्लॉयबिलिटी स्किल विषय का अध्यापन करा रहे हैं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पट्टे की जमीन पर वन विभाग द्वारा हस्ताक्षेप
102. ( क्र. 6030 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की चंदला विधान सभा क्षेत्र में म.प्र. शासन द्वारा किसानों को लगभग 50 वर्ष से पूर्व कितने कृषकों को वन भूमि में खेती के लिए पट्टे दिये गये थे तहसीलवार जानकारी उपलब्ध करायें, जिसमें किसानों का आज भी कब्जा है और खेती करके फसल उगा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो वन विभाग द्वारा कृषकों को क्यों आये दिन नोटिस देकर परेशान किया जाता है कि यह जमीन वन विभाग की है जबकि कृषकों के पास जमीन के पट्टे ऋण पुस्तिकायें तथा शासकीय रिकार्ड में राजस्व भूमि दर्ज है? (ग) यदि उक्त जमीनें वन विभाग की थी तो शासन द्वारा दिये गये पट्टों के समय तथा कृषकों द्वारा वन भूमि में कब्जा के समय वन विभाग द्वारा आपत्ति क्यों नहीं लगाई गयी थी? (घ) क्या वन विभाग भविष्य में कृषि योग्य भूमि के बदले शासन (राजस्व विभाग) की ऊबड़-खाबड़ जमीन को लेने के लिए योजना बना रहा है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नांकित विधान सभा क्षेत्र की वनभूमि पर, राजस्व विभाग द्वारा कोई पट्टा नहीं दिया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ’’क‘‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं, ऐसी कोई योजना विचाराधीन नहीं है।
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में सुरक्षा राशि का दुरूपयोग
103. ( क्र. 6037 ) श्री आरिफ अकील : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय भोपाल की सुरक्षा व्यवस्था का कार्य किस संस्था को किन शर्तों के तहत कितने वर्षों के लिए कब तथा किसकी स्वीकृति से दिया गया? (ख) क्या अनुबंध की शर्तों के विपरीत जिलाधीश दर से भी कम राशि पर मजदूरों को रखकर उनसे सुरक्षा कार्य कराया जा रहा है इस संबंध में विभाग को कुछ शिकायतें भी प्राप्त हुई हैं यदि हाँ, तो किन-किनके द्वारा कब-कब शिकायतें की गई और शिकायत के आधार पर शासन द्वारा किन-किन के विरूद्ध कब-कब तथा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में विश्वविद्यालय के उन अधिकारियों/ कर्मचारियों, जिन्होंने अनुबंध की शर्तों के अनुसार सुरक्षाकर्मी तैनात नहीं करने को लेकर सुरक्षा एजेंसी के पदाधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं करने व मौन स्वीकृति देने वाले एवं शासन की राशि का दुरूपयोग करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) विश्वविद्यालय परिसर की सुरक्षा का कार्य मेसर्स आस्कर सिक्यूरिटी एवं फायर सर्विस 44, शॉपिंग कॉम्पलेक्स, लाल टंकी मार्केट मॉडल टाउन, पानीपत से किये गये अनुबंध अनुसार प्रथमत: 18.08.09 से 06 माह के लिए, तथा नवीनीकरण दिनांक 18.02.2010 से नई ऐजेन्सी को कार्य सौंपे जाने तक के लिए दिया गया। कार्य परिषद की स्वीकृति से। (ख) जी नहीं। इस संबंध में नेता प्रतिपक्ष, म.प्र. विधान सभा के द्वारा विभाग को शिकायत प्रस्तुत की गई, जिसे विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 की धारा 10 (1) के नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही हेतु जुलाई, 2015 में कुलाधिपति सचिवालय को अग्रेषित किया गया। इसके अतिरिक्त श्री हेमन्त कटारे, कार्य-परिषद सदस्य के पत्र दिनांक 04.01.2016, 11.01.2016 एवं 01.02.2016 द्वारा, श्री अमित शर्मा के पत्र दिनांक 04.01.2016 द्वारा तथा ए.आई.एम.एस. अध्यक्ष श्री बी.पी. शर्मा द्वारा विश्वविद्यालय को शिकायतें प्रस्तुत की गई, जिन पर विश्वविद्यालय स्तर पर कार्यवाही प्रचलित है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में निष्कर्ष आने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
दोषियों के विरूद्ध समय-सीमा में कार्यवाही
104. ( क्र. 6038 ) श्री आरिफ अकील : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा विभागीय जाँच प्रकरणों का निपटारा एक वर्ष की निर्धारित समयावधि में किये जाने एवं लंबित जांचों की छ: माही समीक्षा करने के निर्देश जारी किए गए हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के किन-किन अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध किस-किस मामले की जांचे कब-कब संस्थित की जाकर कब-कब निराकृत की गई और जांचों का अंतिम निर्णय क्या रहा? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शासन के निर्देश के बावजूद किन-किन अधिकारियों की जांचे किन-किन कारणों से निराकृत नहीं हो सकी तथा इन जांचों की समीक्षा किस-किसके द्वारा कब-कब की गई नाम, पद तथा वर्तमान पदस्थापना सहित बतावें?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विश्वविद्यालय की बी.डी.एस. परीक्षा 2013 में हुई अनियमितताओं के संबंध में तत्कालीन कुलसचिव डॉ. संजय पी. तिवारी एवं तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक, डॉ. एस.व्ही.एस. राजपूत के विरूद्ध विभागीय जाँच प्रकरण में दिनांक 20.01.2015 को क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक, सागर संभाग, सागर को जाँच अधिकारी तथा कुलसचिव, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल को प्रस्तुतकर्ता अधिकारी नियुक्त किया गया। जाँच अधिकारी के पत्र दिनांक 07.10.2015 द्वारा जाँच प्रतिवेदन विभाग को प्रस्तुत किया गया, परन्तु स्पष्ट अभिमत प्राप्त नहीं होने के कारण पुन: जाँच अधिकारी से स्पष्ट अभिमत प्राप्त किया गया। उक्त प्रकरण अंतिम निराकरण हेतु शासन स्तर पर प्रक्रियाधीन है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
निस्तारी लकड़ी उपलब्ध कराया जाना
105. ( क्र. 6048 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्रामीण जनता के उपयोग हेतु जलाऊ एवं निस्तारी लकड़ी उपलब्ध हेतु विभाग की क्या नीति है? (ख) विभाग द्वारा जरूरत मंद व्यक्तियों को निस्तारी लकड़ी की उपलब्धता हेतु क्षेत्र में डिपो या केन्द्र संचालन हेतु कोई योजना है? यदि नहीं, तो कब तक डिपो या केन्द्र स्थापित किये जाएंगे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नांकित विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्रामीण जनता के उपयोग हेतु जलाऊ एवं निस्तारी लकड़ी उपलब्ध हेतु वन विभाग की नीति निम्नानुसार है- ’’वर्तमान निस्तार नीति के अंतर्गत वनों की सीमा से 5 कि.मी. परिधि के अंतर्गत आने वाले ग्रामों के ग्रामीणों को कृषि व घरेलू कार्यों के उपयोग हेतु बांस, बल्ली एवं जलाऊ लकड़ी आदि वनोपज रियायती दरों पर प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। ग्रामीण राज्य के समस्त आरक्षित एवं सरंक्षित वनों से गिरी पड़ी मरी सूखी जलाऊ लकड़ी स्वंय के उपयोग हेतु सिर बोझ से निःशुल्क ला सकते हैं। ग्रामीण जनता को उपलब्धता के आधार पर विभागीय कूपों से निस्तार के लिये निर्धारित दर पर जलाऊ चट्टे तथा निस्तारी लकड़ी निस्तार डिपो से प्रदाय करने का प्रावधान है।‘‘ (ख) जी हाँ। गाडरवारा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत एक केन्द्रीय डिपो गाडरवारा तथा 04 निस्तार डिपो क्रमशः गोटीटोरिया, सेसाडाबर, चीचली तथा बारहा डिपो संचालित है। डिपो या केन्द्र खोले जाने की कोई योजना विचाराधीन नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गाडरवारा के शासकीय महाविद्यालय
106. ( क्र. 6049 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितने शासकीय महाविद्यालय संचालित हैं तथा कितनी आबादी पर महाविद्यालय खोले जाने का नियम है? (ख) क्षेत्र की बढ़ती हुई जनसंख्या के अनुपात में एवं समय-समय पर की गई मांग के दृष्टिगत नये महाविद्यालय खोलने पर विभाग विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों? (ग) गाडरवारा में संचालित स्नातकोत्तर महाविद्यालय में कितने प्राध्यापकों, सहायक प्राध्यापक एवं अन्य कर्मचारियों के पद स्वीकृत हैं तथा स्वीकृत पद के विरूद्ध कितने प्राध्यापकों, सहायक प्राध्यापक कर्मचारी पदस्थ हैं और कितने रिक्त हैं? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत 01 स्नातकोत्तर महाविद्यालय संचालित है। आबादी पर आधारित महाविद्यालय खोलने के कोई नियम नहीं हैं। (ख) जी नहीं। वर्तमान में शासन द्वारा पूर्व से संचालित महाविद्यालयों के गुणवत्ता विकास एवं सुदृढ़ीकरण किये जाने का कार्य किया जा रहा है। अत: गाडरवारा में नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ करने में कठिनाई है। (ग) गाडरवारा में संचालित महाविद्यालय में प्राध्यापकों, सहायक प्राध्यापक एवं अन्य कर्मचारियों के स्वीकृत पद एवं पदस्थ तथा रिक्त पद की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है।
एन.सी.वी.टी. से मान्यता प्राप्त आई.टी.आई.
107. ( क्र. 6105 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में एन.सी.वी.टी. से मान्यता प्राप्त कुल कितने प्राईवेट आई.टी.आई. संचालित हैं? उनका नाम/स्थान तथा उनमें संचालित ट्रेड तथा स्टॉफ की जानकारी एवं स्टॉफ की योग्यता के प्रमाण पत्रों की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्न की कंडिका (क) की उपलब्ध जानकारी अनुसार जिले में संचालित एन.सी.वी.टी. मान्यता प्राप्त आई.टी.आई. शासन के नियमों के अनुसार संचालित हैं? यदि हाँ, तो कब-कब, किन-किन अधिकारियों द्वारा किस-किस दिनांक को, क्या-क्या निरीक्षण किया गया? (ग) यदि जिले की समस्त प्राईवेट आई.टी.आई. शासन के नियमों अनुसार संचालित नहीं है तो इनके खिलाफ क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? अगर कार्यवाही नहीं की जावेगी तो क्यों नहीं?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं दो अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (ग) जिले के अंतर्गत संचालित प्रायवेट आई.टी.आई. की शासन के नियमों के विरूद्ध संचालित होने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिक्षित बेरोजगारों का पंजीयन
108. ( क्र. 6106 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या रोजगार कार्यालय में शिक्षित बेरोजगार आवेदकों द्वारा रोजगार कार्यालय में पंजीयन कराया जाकर रोजगार प्रदान किया जाता है? यदि हाँ, तो राजगढ़ जिले में ऐसे कितने अशासकीय एवं अर्द्धशासकीय उपक्रम हैं, जिनके द्वारा विगत तीन वर्षों में रोजगार प्रदान किया गया तथा कितने प्रतिशत? रोजगार का विवरण श्रेणीवार तथा उपक्रमवार तथा विधान सभा क्षेत्रवार देवें? (ख) प्रश्नांश (ख) के अनुसार रोजगार देने में क्या अशासकीय उपक्रम (फैक्ट्री) द्वारा शासन के स्थानीय लोगों को 50 प्रतिशत रोजगार देने की घोषणा अनुसार शर्त पूरी की है? यदि हाँ, तो किस-किस फैक्ट्री द्वारा? यदि नहीं, तो शासन द्वारा घोषित नीति का पालन कब तक किया जावेगा?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। अशासकीय एवं अर्द्ध शासकीय उपक्रम की रोजगार संबंधी कोई भी जानकारी संधारित नहीं की जाती है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
खेल गतिविधियों के प्रचार-प्रसार
109. ( क्र. 6155 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा युवाओं में खेल के प्रति स्पर्धा बढ़ाने हेतु क्या-क्या गतिविधियां की जा रही हैं? क्या आयोजित की जाने वाली गतिविधियों का क्षेत्र में व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाता है? यदि हाँ, तो कटनी जिलान्तर्गत किस-किस खेल का प्रचार-प्रसार किस माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में कराया गया? यदि नहीं, तो क्यों? विगत दो वर्षों की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार गतिविधियों के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु खेलों के आयोजन हेतु जिले को कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ? प्राप्त राशि का उपयोग किस-किस प्रायोजन हेतु किया गया? वर्ष 2014-15 से वर्षवार पृथक-पृथक विवरण दें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार क्या प्रचार-प्रसार हेतु आयोजित गतिविधियों एवं उपयोग की गई राशि के संबंध में प्रमाणक हेतु फोटोग्राफ्स एवं अन्य अभिलेख संधारित कराये गये हैं? प्रश्नांकित अवधि में गतिविधियों के व्यापक प्रचार-प्रसार एवं खेलों के आयोजन की तिथियों से क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों को अवगत कराया गया है? यदि हाँ, तो विवरण दें? यदि नहीं, तो क्यों?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर, राजीव गांधी खेल अभियान योजनान्तर्गत ग्रामीण खेलकूद प्रतियोगिता, महिला खेलकूद प्रतियोगिता एवं युवा अभियान अंतर्गत अंतर प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। जी हाँ। एथलेटिक्स, कुश्ती, वालीबॉल, बैडमिंटन, फुटबॉल, हॉकी, खो-खो, कबड्डी, टेबल-टेनिस, क्रिकेट का प्रचार-प्रसार बैकड्रॉप, बैनर एवं समाचार पत्र के माध्यम से कराया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) खेलों के आयोजन में पृथक से प्रचार-प्रसार हेतु कोई भी राशि का आवंटन नहीं किया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। जी हाँ। कार्यालय जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी, जिला- कटनी के पत्र क्र. 959 दिनांक 15.09.2015 के माध्यम से सभी स्थानीय व क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया गया। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मंदिरों के दर्शनार्थ यात्रियों को सहायता राशि
110. ( क्र. 6170 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग द्वारा श्रीलंका में स्थित सीता मंदिर, अशोक वाटिका तथा अंकोरबाट आदि मंदिरों के तीर्थ यात्रियों को आर्थिक सहायता प्रदान किये जाने के प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो इस हेतु क्या-क्या नियम निर्मित हैं? प्रति दी जावे?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
धर्मशाला निर्माण
111. ( क्र. 6171 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मंदिर व धार्मिक स्थलों से लगी भूमि पर यात्रियों की सुविधा प्रदान हेतु शासन मंदिरों से लगी भूमि पर धर्मशाला निर्माण योजना किये जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या-क्या मापदण्ड व दिशा-निर्देश म.प्र. शासन द्वारा निर्धारित किये गये हैं व कितनी राशि तक अनुदान दिये जाने का प्रावधान है?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वर्ष 2015-16 में सड़क एवं नवीनीकरण हेतु प्राप्त राशि
112. ( क्र. 6186 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16 लोक निर्माण विभाग द्वारा जिला शिवपुरी को कितनी राशि आवंटित की गई, विधान सभावार जानकारी दी जावे? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विधान सभा क्षेत्र 23 करैरा को कितनी राशि दी जाकर कितने-कितने कार्य सड़क निर्माण एवं नवीनीकरण के कराये गये कार्य प्रारंभ एवं पूर्णावधि बतायी जावे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार लोक निर्माण विभाग में विधान सभा क्षेत्रवार आवंटन प्रदाय नहीं किया जाता है। (ख) लोक निर्माण विभाग में विधान सभा क्षेत्रवार आवंटन प्रदाय नहीं किया जाता है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं अ-1 अनुसार है।
नवीन सड़क का निर्माण
113. ( क्र. 6187 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय वित्तमंत्री के बजट भाषण वर्ष 2015-16 दिनांक 25 फरवरी 2015 के बिन्दु क्रमांक 28. वर्ष 2014-15 में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत 2 हजार 500 किलोमीटर सड़क निर्माण, 2 हजार किलोमीटर सड़क नवीनीकरण तथा 40 पुलों के निर्माण कार्य पूर्ण किये जायेंगे, का उल्लेख है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) के प्रकाश में जिला शिवपुरी को बजट में से कितनी राशि दी जाकर विधान सभा क्षेत्र 23 करैरा में कितनी-कितनी सड़कों का निर्माण एवं नवीनीकरण कराया गया, की जानकारी प्राक्कलन, क्रियान्वयन एजेंसी, कार्य प्रारंभ एवं पूर्णावधि आदि सहित बताया जावे? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्णित सभी कार्य पूर्ण हो चुके हैं अथवा नहीं तो कब तक पूर्ण कर दिये जावेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', ''अ-1'' एवं ‘’ब’’ अनुसार म.प्र. सड़क विकास निगम के अंतर्गत जानकारी में कुछ कार्यों की स्वीकृति दो जिलों को सम्मिलित रूप से दी गई है, शिवपुरी जिला हेतु एवं करैरा विधान सभा क्षेत्र हेतु पृथक से आवंटित राशि की जानकारी बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', ''अ-1'' एवं ‘’ब’’ अनुसार म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत उक्त कार्य पूर्ण होने की निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग द्वारा किये गए कार्य
114. ( क्र. 6203 ) श्री राजेश सोनकर : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिला अंतर्गत तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास योजना अंतर्गत कितने एन.जी.ओ. तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास हेतु कार्यरत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सांवेर विधान सभा क्षेत्र के लिये तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास योजना अंतर्गत विगत् 3 वर्षों में क्या-क्या कार्य कहाँ-कहाँ कराये गये? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास केन्द्र कहाँ-कहाँ संचालित हो रहे हैं व इनके क्या-क्या कार्य हैं?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्राचार्यों को अपलेखन के अधिकार
115. ( क्र. 6211 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में स्नातक एवं स्नातकोत्तर प्राचार्य को कितने रूपये मूल्य की सामग्री को बिना वरिष्ठ कार्यालय की अनुमति के क्रय करने के अधिकार प्रदान किये गये हैं तथा एक वित्तीय वर्ष में कितने रूपये मूल्य की सामग्री के अपलेखन के अधिकार स्नातक एवं स्नातकोत्तर प्राचार्य को प्रदान किये गये हैं? (ख) क्या स्नातक एवं स्नातकोत्तर प्राचार्यों को प्रदत्त अपलेखन अधिकार के आदेश में संशोधन कई वर्षों से नहीं हुआ है किन्तु प्राचार्य को सामग्री क्रय करने के अधिकार में वृद्धि कर दी गई हैं? (ग) क्या विभाग द्वारा स्नातक एवं स्नातकोत्तर प्राचार्यों को प्रदत्त अपलेखन अधिकार के आदेश में संशोधन किया जाना प्रस्तावित है यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के पृष्ठ संख्या 1 से 5 अनुसार। (ख) जी हाँ। (ग) वर्तमान में नहीं।
लोक निर्माण विभाग बड़नगर
116. ( क्र. 6212 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में विगत 02 वर्ष 6 माह में लोक निर्माण विभाग की कितनी सड़कें एवं नवीन बिल्डिंग स्वीकृत हुई हैं? कितनी सड़कों एवं नवीन बिल्डिंग के प्रस्ताव जिला स्तर, प्रदेश स्तर पर लंबित हैं एवं कितनी सड़कें एवं नवीन बिल्डिंग निर्माणाधीन हैं एवं कब तक पूर्ण होना है? (ख) विगत 2 वर्ष 6 माह में कितनी सड़कों एवं नवीन बिल्डिंग के प्रस्ताव विभाग द्वारा तैयार करके शासन को भेजे गये? (ग) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में निर्माणाधीन कितनी सड़कों एवं नवीन बिल्डिंग पर कब से कार्य बंद है तथा कितनी सड़कों एवं नवीन बिल्डिंग के टेण्डर निरस्त किये गये हैं? कार्य बंद होने की दशा में विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? जिन निर्माणाधीन सड़कों का कार्य बंद हो चुका है, ऐसी सड़कों को विभाग द्वारा कब तक पूर्ण करा लेगा? कार्य समय पर पूर्ण न करने वाले ठेकेदार एवं जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा? समय-सीमा बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) उक्त अवधि में दो सड़क कार्य एवं सात भवन कार्य स्वीकृत। कोई प्रस्ताव लंबित नहीं। 4 सड़क एवं 2 भवन कार्य निर्माणाधीन। दो सड़क कार्यों को 30 जून 2016 तक एवं दो सड़कें दिनांक 26.08.2017. तक तथा एक भवन कार्य को 30 अप्रैल 2016 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। शेष भवनों की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' अनुसार है। (ख) म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत दो मार्ग (1) बड़नगर-सुन्दराबाद-खरसौदकलां-उन्हेंल एवं (2) सुन्दराबाद-रूनीजा-खाचरौद एवं रूनीजा से सतरूण्डा मार्ग के प्रस्ताव भेजे गये हैं, एवं मार्ग निर्माणाधीन है। भवन के 4 प्रस्ताव जिनकी स्वीकृति प्राप्त हो गई है। भवन कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। 100 बिस्तरीय अस्पताल बड़नगर का कार्यादेश दिनांक 10.04.2015 से बंद है। विद्यमान बड़नगर अस्पताल परिसर अत्याधिक घनी आबादी के क्षेत्र में स्थित है। जिसमें स्थित पुराने भवनों में अस्पताल चल रहा है। दिनांक 14.05.2015 को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा आमजन की कठिनाइयों का उल्लेख करते हुए परिसर में स्थित भवनों को तोड़ने में असमर्थता व्यक्त की गई दिनांक 02.09.2015 को परियोजना संचालक पी.आई.यू. द्वारा आयुक्त स्वास्थ्य विभाग को वैकल्पिक भूमि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया। दिनांक 20.10.2015 को माननीय विधायक बड़नगर द्वारा शहर से बाहर स्थित भूमि पर भवन निर्माण की अनुशंसा की गई। दिनांक 02.10.2015 कलेक्टर उज्जैन द्वारा शहर के बाहर ग्राम कजलाना में स्थित खसरा नं. 337 की 2.0 एक भूमि आवंटित की गई है। नवीन आवंटित भूमि पर अस्पताल के नवीन भवन निर्माण की अनुमति मांगी गई है। स्वीकृति प्राप्त होने पर कार्य प्रारंभ किया जायेगा।
विधि महाविद्यालयों में स्वीकृत व रिक्त पद
117. ( क्र. 6234 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में ग्वालियर संभाग में कितने विधि महाविद्यालय संचालित है? उक्त महाविद्यालयों में प्राध्यापकों/सहायक प्राध्यापकों के कुल कितने पद स्वीकृत हैं व स्वीकृत पदों में से कितने पद भरे व कितने रिक्त है? जानकारी महाविद्यालयवार, जिलेवार उपलब्ध करावें व संभाग में ऐसे कौन-कौन से विधि महाविद्यालय हैं जो बार कॉउन्सिल ऑफ इंडिया से मान्यता प्राप्त न होने पाने के कारण वर्तमान में संचालित नहीं है? (ख) ग्वालियर संभाग में कौन-कौन से विधि महाविद्यालयों में एल.एल.बी. 3 वर्षीय एवं 5 वर्षीय पाठ्यक्रम कन्वेन्शनल एवं स्व-वित्तीय आधार पर संचालित हैं? उक्त दोनों पाठ्यक्रमों की कन्वेन्शनल एवं स्व-वित्तीय आधार पर संचालित होने की पृथक-पृथक जानकारी महाविद्यालयवार, जिलेवार उपलब्ध करावें?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) ग्वालियर संभाग में 04 शासकीय विधि महाविद्यालय एवं 02 शासकीय महाविद्यालयों में विधि संकाय संचालित है तथा कुल 04 अशासकीय विधि महाविद्यालय संचालित हैं। शैक्षणिक सवंर्ग के स्वीकृत/भरे/ रिक्त पदों की जानकारी महाविद्यालयवार जिलेवार (शासकीय/अशासकीय) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। संभाग के ऐसे विधि महाविद्यालय जिन्हें बी.सी.आई. से मान्यता प्राप्त न होने से वर्तमान में संचालित नहीं की सूचीबद्ध जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है। (ख) उक्त प्रश्नांश की समग्र विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' पर है।
फोरलेन में अनुबंध की शर्तें
118. ( क्र. 6237 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लेबड़-नयागांव फोरलेन पर पिछले पाँच वर्षों में हुई दुर्घटना की जानकारी दुर्घटना स्थल, दिनांक सहित देवें तथा अनुबंध के अनुसार कन्सेशनर द्वारा दुर्घटना की जानकारी का रजिस्टर/रिकार्ड रखा गया है या नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित दुर्घटनाओं में मृत तथा घायल व्यक्तियों के नाम, उम्र एवं पता दुर्घटना में हुई सम्पत्ति के नुकसान की जानकारी दें? क्या शासन दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि को चिन्ताजनक मानता है? यदि हाँ, तो क्या कदम उठाये गये? (ग) पिछले तीन वर्षों में लेबड़-जावरा तथा जावरा-नयागांव फोरलेन में अनुबंध के अनुसार कार्य का मूल्यांकन किस-किस दिनांक को किस अधिकारी द्वारा किया गया? उनमें क्या कमियां पाई गई तथा उसे किस दिनांक को पूर्ण किया गया? प्रश्न दिनांक पेड़, मीडियन में पौधे, लाईट, जन सुविधाएं, सड़क की स्थिति, सोल्डर की स्थिति, बस स्टेण्ड एवं ले-बाय पर सुविधा एवं रख-रखाव सड़क की नियमित सफाई, रंग, केट्स आई, साइन बोर्ड की स्थिति क्या-क्या है? चैनेज (कि.मी.) अनुसार प्रत्येक की जानकारी दें? (घ) अनुबंध के अनुसार फोरलेन पर किस-किस प्रकार का अतिरिक्त कार्य कितनी लागत से किया गया? उसके ऐवज में कन्सेशनर को क्या लाभ दिया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) लेबड़-नयागांव फोरलेन पर पिछले पाँच वर्षों में हुई दुर्घटना की जानकारी, दुर्घटना स्थल, दिनांक सहित की जानकारी संबंधित जिला पुलिस अधीक्षकों से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘1‘‘ अनुसार। जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित दुर्घटनाओं में मृत तथा घायल व्यक्तियों के नाम, उम्र एवं पता दुर्घटना में हुई सम्पत्ति के नुकसान की जानकारी संबंधित जिला पुलिस अधीक्षकों से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘1‘‘ अनुसार। जी हाँ। आमजन की सुरक्षा हेतु फोरलेन मार्ग के आबादी क्षेत्र में सर्विस रोड़, क्रश बैरियर, रोड मार्किंग एवं मार्ग क्रासिंग पर साईन बोर्ड रोड मार्किंग आदि सुरक्षात्मक उपाय किये गये है। (ग) बी.ओ.टी. मार्गों पर अनुबंध के अनुसार कार्य का मूल्यांकन का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्न दिनांक तक सड़क की स्थिति, सोल्डर की स्थिति संतोषजनक है। मीडियन में पौधे औसत 3 मीटर की दूरी पर लगाये गये है। मार्ग के दोनों ओर लगाये गये पेड़, लाईट, जन सुविधाएं, बस स्टेण्ड एवं ले-बाय पर सुविधा एवं रख-रखाव, रंग, केट आई, साईन बोर्ड की स्थिति संतोषजनक है एवं रख-रखाव नियमित एक निरंतर प्रक्रिया के तहत् की जाती है, जिसकी चैनेज (कि.मी.) अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘2‘‘ अनुसार। (घ) अतिरिक्त कार्य की लागत की स्वीकृति प्रक्रियाधीन है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘3‘‘ अनुसार।
डीमेट 2015 में धांधली में ए.एफ.आर.सी. तथा रेड्डी की भागीदारी
119. ( क्र. 6238 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 8 अक्टूबर 2015 की सम्पन्न डीमेट 2015 किन-किन केन्द्रों पर परीक्षा निर्धारित समय 3 से 6 के बाद भी चालू रही? उन केन्द्रों की सूची, परीक्षा समाप्त होने का समय, कुल शामिल परीक्षार्थी एवं संहित सूची प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित केन्द्रों पर निर्धारित अवधि के बाद परीक्षा होने के बारे में ए.एफ.आर.सी. तथा ऑबजर्वर रेड्डी को जिस माध्यम से सूचित किया गया उसकी केन्द्र अनुसार जानकारी दें? (ग) क्या परीक्षा में भारी गड़बड़ी की पूर्व विधायक पारस सकलेचा की शिकायत प्राप्त हुई, यदि हाँ, तो उस पर की गई कार्यवाही से अवगत करावें तथा बतावें कि ए.एफ.आर.सी. की परीक्षा के बारे में रिपोर्ट क्या है? (घ) क्या परीक्षा में जमकर की गई धांधली को ए.एफ.आर.सी. तथा ऑबजर्वर रेड्डी ने अनदेखी की है तथा क्या शासन इसकी उच्च स्तरीय जाँच करवायेगा?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
डीमेट 2015 में घोटाले की शासन द्वारा जाँच
120. ( क्र. 6245 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डीमेट 2015 परीक्षा 8 अक्टूबर 15 में परीक्षा के बाद उत्तर कुंजी किस दिनांक को कितने बजे किस साइट पर अपलोड की गई थी तथा बतावें कि इस उत्तर कुंजी पर किस-किस परीक्षार्थी की ओर से कितनी आपत्तियां प्राप्त हुईं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित उत्तर कुंजी में कितने प्रश्नों के उत्तर गलत पाये गये? वे प्रश्न, उनके क्रमांक, गलत तथा सही उत्तर की जानकारी दें तथा सही उत्तर कुंजी किस दिनांक की कितनी बजे किस साइट पर अपलोड की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आपत्ति का निराकरण हेतु किसके निर्देश पर कमेटी बनाई गई? कमेटी सदस्यों का चयन किसके द्वारा किया गया? क्या कमेटी ए.एफ.आर.सी. द्वारा बनाई गई? यदि नहीं, तो ऐसा क्यों नहीं किया गया जबकि सुपरविजन की उनकी जिम्मेदारी थी? (घ) क्या शासन उत्तर कुंजी में दस प्रश्नों के गलत उत्तर तथा सही उत्तर से पुन: मूल्यांकन न किये जाने की निजी चिकित्सा महाविद्यालय के घोटाले की किसी उच्च स्तरीय कमेटी से जाँच करवायेगा?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वृक्षों की अवैध कटाई एवं छिलाई
121. ( क्र. 6277 ) श्री दिनेश राय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी वनमण्डल अंतर्गत वन क्षेत्र में 1 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में अवैध वृक्षों की कटाई/छिलाई के कितने प्रकरण बनाये गये, प्रकरणवार, दिनांक/ स्थान, वन सम्पदा के मूल्य/मात्रा दोषी वन माफियाओं के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या उक्त वन क्षेत्र में सभी प्रकार के वृक्षों की छाल छीलने पर पूर्णत: प्रतिबंध है, इसके बावजूद वन माफियाओं द्वारा कीमती वृक्षों की छाल अवैध रूप से छिलवाकर उसका संग्रहण कर रहे हैं? (ग) क्या उक्त अवधि के दौरान वन क्षेत्र में दो-तीन बार लगभग 300 क्विंटल कीमती छाल छापा मारकर अमले द्वारा जप्त छाल को उन्हीं के सुपुर्द कर दिया? (घ) क्या उक्त छाल को छीलने पर हजारों वृक्षों को क्षति पहुंची के बदले में संबंधित अमले को दंडित करने के बजाय उन्हें पुरस्कृत भी किया गया? यदि नहीं, तो क्या शासन इस पूरे मामले की जाँच कराएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) उत्तर एवं दक्षिण सिवनी सामान्य वनमण्डल तथा पेंच टाईगर रिजर्व के अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में अवैध वृक्षों की कटाई के कुल 5154 प्रकरण बनाये गये हैं। प्रकरणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उक्त प्रकरणों में किसी वन माफिया की संलिप्तता नहीं पाई गई। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। ऐसा कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है। (ग) जी नहीं। ऐसा कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
लखनादौन-सिवनी फोरलेन पर दुर्घटना
122. ( क्र. 6278 ) श्री दिनेश राय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी, 2013 से प्रश्न दिनांक तक लखनादौन-सिवनी (खवासा) फोरलेन पर कुल कितने व्यक्तियों की मृत्यु, कितनी दुर्घटना तथा कितने व्यक्ति घायल हुये, संपूर्ण जानकारी वर्षवार उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अवधि तक लखनादौन-सिवनी (खवासा तक) फोरलेन किस टोल पर प्रतिदिन कितनी-कितनी राशि का कलेक्शन हुआ? टोलवार जानकारी देवें? (ग) उक्त फोरलेन पर निर्माण कंपनी द्वारा अनुबंध अनुसार कौन-कौन कार्य प्रश्न दिनांक तक अधूरे हैं, अधूरे कार्य की सूची देवें? (घ) क्या फोरलेन निर्माण कंपनी द्वारा सड़क किनारे जिन व्यक्तियों का मुआवजा दे दिया है? क्या उन्हें प्रश्न दिनांक तक अतिक्रमण मुक्त कर दिया है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ पर? स्थानवार जानकारी देवें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से संबंधित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
अभ्यारण सीमा के बाहर से रेल उत्खनन
123. ( क्र. 6281 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुरैना जिले के राष्ट्रीय चम्बल अभ्यारण्य की सीमा के बाहर जहां किसानों की खेती होती है उनमें दो वर्ष पूर्व रेत निकालने हेतु किसानों को पट्टे देने में वन विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण-पत्र किस नीति के तहत दिये गये थे? (ख) उक्त पट्टाधारियों के वर्ष 2013, 2014, 2015 के कितने लोगों को अनापत्ति प्रमाण पत्र दिये गये? (ग) वर्तमान में अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी करना क्यों बंद कर दिये, कारण सहित जानकारी दी जावे? (घ) किसानों की स्वत्व, स्वामित्व की भूमि से रेत निकालने पर चम्बल अभ्यारण्य अधिनियम के तहत किसानों के ट्रैक्टरों पर राजसात की कार्यवाही क्यों की जाती है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (ग) प्रश्नाधीन किसानों को प्रश्नाधीन अवधि में वन विभाग द्वारा कोई अनापत्ति प्रमाण-पत्र नहीं दिये गये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) चम्बल अभ्यारण्य क्षेत्र से विधि विरूद्ध रेत उत्खनन कर परिवहन करने पर, विधि सम्मत कार्यवाही करने के उपरान्त ही, संलिप्त वाहनों को, राजसात करने की कार्यवाही की जाती है।
शासकीय कॉलेज खोलने संबंधी
124. ( क्र. 6287 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले के विधान सभा क्षेत्र जुन्नारदेव के नवेगांव में शासकीय कॉलेज खोलने हेतु प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा माननीय मंत्री जी को दिनांक 30.01.15 को पत्र दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो शासन द्वारा इस पत्र में क्या कार्यवाही की गई और प्रश्नकर्ता विधायक को इसकी सचूना प्रदाय की गई? (ग) यदि नहीं, तो क्यों और कब तक प्रश्नांश (क) के अनुसार कार्यवाही की जायेगी?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) उल्लेखित पत्र कार्यालय को प्राप्त नहीं, तथापि मान. मुख्यमंत्री जी के कार्यालय से 120/सी.एम.एस./एस.एस.आर./2016 दिनांक 25.01.2016 (ए+) में कार्यालय को प्रकरण प्राप्त है। (ख) परीक्षण की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अवैध विक्रय, नामान्तरण का निरस्तीरकण एवं शासकीय न्यास का गठन
125. ( क्र. 6291 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या ग्राम जमारा, तहसील पिपरिया जिला होशंगाबाद में श्री ठाकुर जी का मंदिर है? (ख) यदि हाँ, तो मंदिर किसने बनवाया, कब बनवाया, मंदिर में कितनी भूमि, किस खसरा नम्बर की, कब कितने दान कर अर्पित की है? (ग) प्रश्नांश (ख) की भूमि, वर्तमान में किसके स्वामित्व एवं आधिपत्य में किस आधार पर है? (घ) मंदिर की भूमि के हुये अवैध विक्रय, नामान्तरण को निरस्त कर शासकीय न्यास का गठन कब तक कर दिया जावेगा?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। (ख) राजा पुखराज सिंह आ. हृदयसिंह पूर्वजों द्वारा लगभग 80 वर्ष पूर्व बनवाया गया है। मंदिर में भूमि ख.नं. 43, 138 रकबा क्रमश: 3.58, 2.01 कुल रकबा 5.59 ए भूमि दर्ज है। राजा पुखराज सिंह आत्मज हृदयसिंह के पूर्वजों द्वारा दान कर बनवाया गया है। (ग) प्रश्नांश (ख) की भूमि, वर्तमान में ठाकुर जी का मंदिर सरवाहकार रघुनंदन आ. कालूराम के नाम पर दर्ज है। कालेराम के फोत हो जाने के बाद मंदिर के पुजारी रघुनंदन के स्वामित्व में है। (घ) ठाकुर जी मंदिर की भूमि ख.नं. 43, 138 रकबा क्रमश: 3.58, 2.01 कुल रकबा 5.59ए भूमि पर कोई अवैध विक्रय, नामांतरण नहीं किया गया है।
वन भूमियों के संबंध में
126. ( क्र. 6298 ) श्री सचिन यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग के नियंत्रण एवं प्रबंधन में अंकित भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 20 धारा 29 धारा 4 (1) में अधिसूचित कितनी भूमि एवं धारा 20 'अ' के अनुसार मानी गई कितनी आरक्षित वन भूमि, कितनी संरक्षित वन भूमि वर्तमान में दर्ज है वनमण्डलवार बतावें? (ख) धारा 29 एवं धारा 4 (1) में क्या प्रावधान हैं? इन धाराओं के अनुसार अधिसूचित भूमियों को प्रबंधन में लिए जाने का अधिकार वन विभाग को भारतीय वन अधिनियम 1927 एवं वन संरक्षण कानून 1980 की किस धारा में प्राप्त हुआ है? (ग) धारा 4 (1) के तहत 1980 के पूर्व अधिसूचित, 1988 में प्रकाशित संशोधित अधिसूचनाओं के अनुसार धारा 5 से 19 तक की जाँच प्रश्नांकित दिनांक तक भी पूरी न हो पाने का क्या कारण रहा है? धारा 5 से 19 तक की जाँच के संबंध में किस दिनांक को आदेश, निर्देश एवं दिशा निर्देश जारी किये गए हैं? (घ) धारा 5 से 19 तक की जाँच कब तक पूरी कर ली जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नांकित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। धारा 20 (अ) के अंतर्गत अभी तक कोई भूमि अधिसूचित नहीं की गई। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। ''कार्य आयोजना'' वनों के वैज्ञानिक प्रबन्धन का एक दस्तावेज है, जिसमें आरक्षित एवं संरक्षित वनों के वैज्ञानिक प्रबन्धन की विधि वर्णित की जाती है। ऐसी प्रबन्धन योजना की पूर्व स्वीकृति वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 की धारा 2 (iv) के प्रावधानों के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा दी जाती है। (ग) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 4 (1) के तहत 1980 के पूर्व अधिसूचित भूमियों में से कतिपय वनखण्डों की धारा 5 से 19 तक की कार्यवाही के उपरान्त धारा-20 में अधिसूचना प्रकाशन के प्रस्ताव शासन को प्राप्त होने पर शासन द्वारा वर्ष 1988 में पुन: परीक्षण करने का निर्णय लिया गया तथा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को पदेन वन व्यवस्थापन अधिकारी नियुक्त किया गया। यह दायित्व उनके वर्तमान दायित्वों के अतिरिक्त था। अत: वनखण्डों में व्यवस्थापन के कार्य पूर्ण नहीं किये जा सके है। आदेश, निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (घ) यह अर्द्धन्यायिक प्रक्रिया होने से समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है।
वन भूमियों के आरक्षित एवं संरक्षित
127. ( क्र. 6299 ) श्री सचिन यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन विभाग के द्वारा 1980 के पूर्व बिना निर्वनीकरण के अन्तरित कर दी गई आरक्षित एवं संरक्षित वन भूमियों को निर्वनीकृत किए जाने की अनुमति के प्रस्ताव प्रश्नांकित दिनांक तक भी भारत सरकार को प्रेषित नहीं किए गए है? यदि हाँ, तो बतायें? (ख) वर्ष 1980 के पूर्व कितनी आरक्षित वन भूमि, कितनी संरक्षित वन भूमि एवं कितने वनग्रामों की कितनी वन भूमि बिना निर्वनीकरण के राजस्व विभाग को अंतरित की गई? इसमें से कितनी भूमि के निर्वनीकरण की अनुमति के प्रस्ताव प्रश्नांकित दिनांक तक भी भारत सरकार को प्रेषित नहीं किए गए? (ग) वर्ष 1980 के पूर्व बिना निर्वनीकरण के अंतरित की गई भूमियों के निर्वनीकरण की अनुमति के प्रस्ताव बनाकर भारत सरकार को प्रेषित किए जाने पर माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा किस दिनांक को किस याचिका में रोक लगाई है? आदेश की प्रति सहित जानकारी दें? (घ) भारत सरकार से निर्वनीकरण की अनुमति लिए जाने के प्रस्ताव कब तक बनाए जाकर राज्य सरकार भारत सरकार को प्रेषित करेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 1980 के पूर्व 50715.161 हेक्टेयर आरक्षित वनभूमि, 239243.691 हेक्टेयर संरक्षित वनभूमि एवं 533 वनग्रामों की 67087.66 हेक्टेयर आरक्षित वनभूमि एवं 2798.597 हेक्टेयर संरक्षित वनभूमि बिना निर्वनीकरण के राजस्व विभाग को अंतरित की गयी। जिसका प्रस्ताव, प्रश्नांकित तिथि तक, भारत सरकार को प्रेषित नहीं किये गये। (ग) I.A. No. 2 in WP No. 337/1995 में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 13.11.2000 से निर्वनीकरण पर रोक लगाई गई है। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) निर्वनीकरण का विषय विचाराधीन (Subjudice) होने से समय-सीमा बतायी जाना सम्भव नहीं है।
बैतूल जिले के शासकीय काष्ठगारों से नीलामी
128. ( क्र. 6301 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में कितने शासकीय काष्ठागार हैं? नामों और स्थानों से अवगत करायें? इन काष्ठागारों में लकड़ी की नीलामी कब होती है तथा प्रत्येक नीलामी में कितने घनमीटर काष्ठ नीलाम की जाती है वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 की जानकारी दें? (ख) उक्त में नीलामी की कितनी घनमीटर लकड़ी प्रदेश के बाहर जाती है? प्रश्नांश (क) में दिये गये वर्षों का ब्यौरा उपलब्ध करायें (ग) क्या प्रदेश के बाहर लकड़ी चिरान करके भेजी जाती है या गोले में भेजी जाती है? यदि गोले में भेजी जाती है तो क्या इसे चिरान करके भेजा जा सकता है? यदि हाँ, तो प्रदेश में चिरान करके भेजने से यहां की आरा मशीनों को रोजगार प्राप्त होगा? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार यदि नहीं, तो क्या वन विभाग लकड़ी की खरीदी करने वाले ठेकेदार को अनुबंधित कर सकता है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) प्रश्नाधीन जिले में दो शासकीय काष्ठागार बैतूल एवं भौंरा में स्थित है। इन काष्ठागारों में लकड़ी नीलामी अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (उत्पादन), भोपाल द्वारा वर्ष भर की नीलाम की तिथियां निर्धारित की जाती है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) प्रदेश के बाहर लकड़ी चिरान एवं गोले दोनों स्वरूपों में भेजी जाती है। जी हाँ। प्रदेश में चिरान करके भेजने से स्थानीय आरा मशीनों को रोजगार प्राप्त होगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुलताई में विभाग की सड़कों से संबंधित
129. ( क्र. 6302 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुलताई विधान सभा क्षेत्र में विभाग द्वारा वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 में मुलताई से भैंसदेही, बिसनूर से साईंखेड़ी, बघोड़ा से पट्टन मार्गों के संधारण हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई वर्षवार जानकारी दें? (ख) क्या संधारण हेतु उक्त कार्यों के बिंदु (क) के अनुसार निविदायें आमंत्रित की जाती हैं? (ग) उक्त कार्य किस ठेकेदार द्वारा करवाये जा रहे हैं? क्या उक्त मार्गों के संधारण के कार्य पूर्ण है या अपूर्ण हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार यदि उक्त मार्गों के संधारण के कार्य अपूर्ण हैं तो कब तक पूर्ण कर दिये जायेंगे? विभाग द्वारा कार्य पूर्ण करने के लिये ठेकेदार को कितने दिनों का समय दिया गया था?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
2 लाख रूपये से अधिक राशि के कार्य
130. ( क्र. 6311 ) श्री मुकेश नायक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में वित्तीय वर्ष 01.04.2013 से प्रश्नतिथि तक 2 लाख रू. से ज्यादा राशि के क्या-क्या कार्य किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित जिले में उक्त समयानुसार मेन्टेनेन्स पर कितनी राशि व्यय की गयी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित कार्यों में से किस-किस को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित स्थानों एवं समयानुसार उक्त सभी कार्यों का गुणवत्ता एवं उपयोगिता प्रमाण-पत्रों को किस-किस नाम/पदनाम द्वारा जारी किया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ‘’अ-1’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ-1'' एवं ‘’ब’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', ''अ-1'' एवं ‘’ब’’ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ‘’ब’’ अनुसार है।
शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय एवं शासकीय पॉलिटेक्निक का भवन निर्माण
131. ( क्र. 6315 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में शासन द्वारा वर्ष 2009 से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ, कब-कब, शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय एवं शासकीय पॉलिटेक्निक खोले गये हैं? (ख) शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय नौगांव एवं शासकीय पॉलिटेक्निक जतारा जिला टीकमगढ़ स्वीकृत दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ संचालित हैं? दोनों के भवनों के निर्माण हेतु शासन ने कितनी-कितनी राशि कब-कब स्वीकृत की थी? किस ठेकेदारों को किस दर पर किस समयावधि में भवन बनाने का कार्य-आदेश कब-कब दिया गया था? प्रश्न दिनांक तक इन पर कितनी राशि व्यय हो चुकी है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय नौगांव एवं शासकीय पॉलिटेक्निक जतारा के स्वीकृत दिनांक से प्रश्न दिनांक के मध्य, कहाँ-कहाँ के निवासी छात्र-छात्राओं ने किस-किस वर्ष में, किस ब्रान्च ट्रेड से प्रशिक्षण प्राप्त कर लिया है? प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन, कहाँ-कहाँ का किस ब्रान्च से प्रशिक्षण ले रहा है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बतायें कि दोनों प्रशिक्षण केन्द्रों पर प्रश्न दिनांक तक, कौन-कौन शासकीय, अतिथि, अधिकारी, कर्मचारी कब से पदस्थ हैं एवं कब से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन पद रिक्त पड़े हुये हैं? दोनों के भवनों के निर्माण कार्य पूर्ण एवं रिक्त स्टॉफ के पद भरे जावेंगे, तो कब तक और नहीं तो क्यों?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश में टोल वसूलने की समय-सीमा
132. ( क्र. 6332 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टोल एनुयुटी पर बेहरी हनुमना रोड बनाया गया है इसके पंच लिस्ट की सूची एवं उसमें कितने कार्य बचे है, की लिस्ट उपलब्ध करायें? (ख) निर्माण कम्पनी को किस दिनांक को टोल वसूली हेतु प्रोवीजनल C.O.D दिया गया? (ग) इस रोड पर टोल कब से चालू किया गया एवं आज दिनांक तक कितना वसूल किया गया कि महीनेवार जानकारी देवें? शासन एवं कम्पनी की बीच हुए अनुबंध में पंच पॉईन्ट को पूर्ण करने हेतु कितने दिनों का प्रावधान है? (घ) टोल वसूली आरम्भ दिनांक से आज दिनांक तक इस रोड के नियमानुसार रख-रखाव के लिए कब-कब किस-किस अधिकारियों ने निरीक्षण किया एवं उस पर क्या कार्यवाही हुई? (ड.) पुल-पुलियाओं की एप्रोच स्लेब एवं प्रोटेक्शन वर्क पिंचिंग एप्रोच का कितना निर्माण पूर्ण हो चुका है कितना शेष है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) दिनांक 31.03.2014 को। (ग) दिनांक 24.09.2014 से टोल वसूली की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। 90 दिवस का। (घ) अनुबंधानुसार रख-रखाव के लिये समय समय पर स्वतंत्र इंजीनियर मे. लायन इंजीनियरिंग कंसलटेंट द्वारा निरीक्षण एवं कार्यवाही की जाती रही है। साथ ही म.प्र. सड़क विकास निगम लि. के अधिकारियों द्वारा भी समय समय पर निरीक्षण किया गया है। निवेशकर्ता द्वारा रख-रखाव किया गया अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) पंच लिस्ट अनुसार दो मध्यम पुलों पर प्रोटेक्शन का कार्य शेष था जिसको पूर्ण किया जा चुका है। कुछ स्थानों पर पिचिंग एवं एप्रोच स्लेब का कार्य शेष है। अभी परियोजना की प्रोवीजनल पूर्णता जारी की है। पूर्णता प्रमाण-पत्र सभी कार्य पूर्ण होने पर जारी किया जाता है।
शासकीय भवनों की स्थिति
133. ( क्र. 6347 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग अंतर्गत राजगढ़ जिले के जिला मुख्यालय में कौन-कौन से शासकीय भवन, कार्यालय, इमारतें व पार्क आदि शासकीय सम्पत्ति है? उनका किसके द्वारा उपयोग किया जा रहा है? (ख) उक्त शासकीय भवनों, कार्यालय, इमारतें व पार्क आदि शासकीय सम्पत्ति में कौन-कौन सी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है क्या उक्त जीर्ण-शीर्ण हो रही शासकीय भवनों के रख-रखाव व मरम्मत का प्रावधान है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त शासकीय सम्पत्ति के रख-रखाव व मरम्मत की क्या व्यवस्था की जा रही है? (घ) क्या विभाग शासन के हित में जनता की सुविधा एवं शासन को आय के साधन में वृद्धि हेतु ऐसी अत्यन्त जीर्ण-शीर्ण हो चुके शासकीय भवनों, कार्यालय व ईमारतों के स्थान पर नवीन भवन या दुकानें आदि निर्मित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों नहीं? कारण बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) आवासीय भवन एवं गैर आवासीय भवनों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘ब’ अनुसार। (ख) जीर्ण-शीर्ण शासकीय भवनों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स-1’ एवं ‘स-2’ अनुसार। जी नहीं। (ग) उत्तरांश ‘ख’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) वर्तमान में ऐसी कोई योजना नहीं है। शेष प्रश्न का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
उद्योग धंधों की स्थापना
134. ( क्र. 6348 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राजगढ़ जिले में वर्तमान में कौन-कौन उद्योग कहाँ-कहाँ पर और किसके द्वारा संचालित है? (ख) क्या राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ में कोई लघु/मध्यम/भारी उद्योग संचालित हैं? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ पर और यदि नहीं, तो क्या विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ में कोई लघु/मध्यम/भारी उद्योग खोला जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) क्या राजगढ़ जिले के ग्राम गोरखपुरा में गैस पर आधारित कोई उद्योग लगाया जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कब तक?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) राजगढ जिले में स्थापित एवं किसके द्वारा संचालित उद्योगों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) राजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में संचालित लघु/मध्यम/भारी उद्योग संचालित उद्योगों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। राजगढ़ जिले में भारी उद्योग की स्थापना हेतु प्राप्त निवेश आशय प्रस्ताव पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) प्रश्न दिनांक तक कोई प्रस्ताव नहीं है।
शीशम की लकडी का अवैध परिवहन
135. ( क्र. 6352 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनूपपुर जिले के कोतमा में दिसम्बर 2015 से प्रश्न दिनांक तक शीशम के पेड़ की लकड़ी को परिवहन करते हुये जब्त किया गया था? यदि हाँ, तो उस शीशम के पेड़ को परिवहन करने के लिये किस वाहन का प्रयोग किया जा रहा था? वाहन क्रमांक एवं वाहन मालिक का नाम बतायें? (ख) क्या शीशम के वृक्ष को काटने एवं परिवहन हेतु वन विभाग या जिला प्रशासन द्वारा अनुमति दी गई थी? यदि नहीं, तो काटने वाले व्यक्तियों पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या उक्त पेड़ जमुना कालरी के बंकिम बिहार के सामने से काटे गये थे? यदि हाँ, तो उक्त पेड़ किसके आवेदन पर किसकी अनुमति से किन नियमों के अंतर्गत कटवाये गये? पेड़ काटने हेतु जिन्होंने अनुमति दी उनके खिलाफ शासन ने अब तक कार्यवाही की अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या शासन उक्त शीशम के पेड़ की कटाई की जाँच कर संबंधित दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही कर रहा है, यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों? कार्यवाही नहीं किये जाने का क्या कारण है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) जी हाँ। उक्त वृक्ष श्री एस.के. गुप्ता के आवेदन पर, अनुविभागीय अधिकारी, अनूपपुर द्वारा दण्ड प्रक्रिया संहिता वर्ष 1973 की धारा 133 के तहत काटने की अनुमति दी गई। सक्षम अधिकारी द्वारा दी गई अनुमति के कारण, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महिदपुर में चल रहे कार्य
136. ( क्र. 6355 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक की स्थिति में विभाग के कितने कार्य, कितनी लागत के कब से चल रहे हैं? कार्य नाम, स्थान नाम, लागत? स्वीकृति दिनांक सहित बतावें? (ख) ये कार्य कब तक पूर्ण होगें? (ग) पी.आई.यू. के कार्यों की जानकारी भी (क) एवं (ख) अनुसार देवें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सरताज सिंह ) : (क) विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार तथा महिदपुर पानबिहार जीवाजी नगर मार्ग दिनांक 05.12.2015 से चल रहा है जिसकी स्वीकृति अनुमानित लागत रू. 54.54 करोड़ की दिनांक 09.12.14 को प्रदान की गई। (ख) विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार तथा महिदपुर पानबिहार जीवाजी नगर मार्ग का कार्य पूर्ण होने की संभावित तिथि 04.12.2017। (ग) विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' अनुसार है।
औद्योगिक इकाइयों की स्थापना
137. ( क्र. 6358 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उद्योग संवर्धन नीति 2004 जो 2006-07 में लागू हुई तथा उसके पश्चात् यथा संशोधित 2007, 2010 तथा यथा संशोधित 2012, 2014 के तहत कुल जमा किये कर पर जो उद्योग निवेश संवर्धन सहायता दी जाती है के तहत धार जिले में कितनी इकाई (यूनिट) स्थापित की गई? इकाई नाम, उद्योग नाम, सहित वर्षवार देवें? (ख) वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा इस योजनांतर्गत प्रपत्र-4 उद्योग विभाग को देने पर कितनी छूट इन इकाइयों द्वारा प्राप्त की गई? प्रश्नांश (क) अनुसार देवें?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) स्थापित इकाइयों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा इस योजनान्तर्गत प्रपत्र-4 उद्योग विभाग को देने पर इकाइयों द्वारा छूट प्राप्त नहीं की गई अपितु इकाइयों को उद्योग निवेश संवर्धन सहायता के रूप में राशि की प्रतिपूर्ति/वितरित की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार है।
अतिथि विद्वान का नियमितीकरण
138. ( क्र. 6359 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या तकनीकी शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वानों को शासन द्वारा क्या सुविधाएं दी जा रही हैं? (ख) 15 वर्ष या उससे अधिक समय से कार्यरत अतिथि विद्वानों को नियमित करने की क्या प्रक्रिया अपनाई जा रही है? (ग) क्या इनके लिए अलग से पात्रता परीक्षा आयोजित की जा रही है या अन्य परीक्षाओं में इन्हें अंकों का लाभ दिया जा रहा है? (घ) इन्हें कब तक नियमित कर दिया जाएगा?
तकनीकी शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) : (क) अतिथि विद्वान आमंत्रण व्यवस्था के नियमों में सुविधा का कोई प्रावधान नहीं है। (ख) अतिथि विद्वानों को नियमित करने की कोई विभागीय नीति नहीं है। (ग) जी नहीं। म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सहायक प्राध्यापक संवर्ग की भर्ती में अध्यापन अनुभव (प्रतिवर्ष 04 अंक व अधिकतम 20 अंक) का लाभ देने का प्रावधान है। (घ) उत्तरांश ''ख'' के संदर्भ में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
वनों में खनिज के अवैध परिवहन
139. ( क्र. 6360 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन विभाग में ऐसे नियम हैं कि अवैध परिवहन (लकड़ी एवं गौण खनिज रेत, मिट्टी आदि) की जा रही सामग्री का मूल्य रूपये 1000 या उससे अधिक है तो वाहन राजसात किया जावेगा? यदि हाँ, तो नियमों की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या 1000 रूपये की सीमा का निर्धारण वनों में रहने वाले आदिवासियों एवं गरीब परिवारों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उचित हैं? क्या शासन वर्तमान में प्रत्येक वस्तु के बढ़ते हुए मूल्य को देखकर इस सीमा को बढ़ाए जाने पर विचार करेगा? (ग) यदि हाँ, तो यह सीमा कब तक बढ़ा दी जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं, परंतु भारतीय वन अधिनियम, 1972 के अंतर्गत मध्य प्रदेश अभिवहन (वनोपज) नियम, 2000 के संशोधन में निहित प्रावधानों के तहत अवैध रूप से परिवहन की जा रही किसी भी मूल्य की वनोपज पाये जाने पर वाहन राजसात किया जा सकता है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लघु उद्योगों को कोयला आवंटन
140. ( क्र. 6364 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. लघु उद्योग निगम भोपाल ने गत दो वर्षों में राज्य के किस-किस लघु उद्योग को किस वर्ष में कितना कोयला किस खदान से उपलब्ध करवाया, उद्योग का पूरा नाम, पता एवं संचालकों के नाम पते सहित बतावें? (ख) लघु उद्योग निगम के द्वारा लघु उद्योगों का चयन किन मापदण्डों, किन प्रक्रियाओं के आधार पर किया, इस कार्य के लिए निगम ने लघु उद्योगों का चयन किए जाने हेतु विज्ञप्ति कब जारी की? यदि विज्ञप्ति जारी नहीं की हो तो कारण बतावें? (ग) लघु उद्योग निगम ने लघु उद्योगों को कोयला खदान से कोयला उपलब्ध करवाए जाने के संबंध में किसे अपना अधिकृत प्रतिनिधि बनाया इस अधिकृत प्रतिनिधि का चयन किन मापदण्ड और प्रक्रिया के अनुसार किया गया, अधिकृत प्रतिनिधि से किस दिनांक को अनुबंध किया? (घ) लघु उद्योग निगम द्वारा लघु उद्योगों को आवंटित कोयले के संबंध में गत दो वर्षों में निगम एवं आयुक्त उद्योग और राज्य शासन को किस-किस के द्वारा की गई शिकायतें प्राप्त हुई उनकी जाँच किसे सौंपी गई?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) विभिन्न खदानों से उपलब्ध करवाये गये कोयले की जानकारी तथा उद्योगों का नाम, पता एवं संचालकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ एवं ‘ब‘ अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम के द्वारा लघु उद्योगों का चयन जिला स्तरीय समिति की अनुशंसा, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र द्वारा जारी उपयोगिता प्रमाण-पत्र तथा उद्योगों द्वारा जमा की गई राशि आदि के आधार पर किया। उद्योगों के चयन हेतु निगम द्वारा समय-समय पर जारी विज्ञप्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स‘ अनुसार है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम ने लघु उद्योगों को कोयला खदान से उपलब्ध करवाये जाने के संबंध में एस.ई.सी.एल के कोयले हेतु निविदा क्र. के.ई.12091-ए की प्रक्रिया एवं मापदण्ड के द्वारा मेसर्स एस.के.जे. एण्ड कोल कंपनी प्रा.लि. एवं वेस्टर्न कोलफील्डस लि. के कोयले हेतु लघु उद्योग इकाइयों की अनुशंसा पर विभिन्न लिफ्टरों को अधिकृत प्रतिनिधि बनाया जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘द‘ अनुसार है। मेसर्स एस.के.जे. एण्ड कोल कंपनी प्रा.लि. से दिनांक 19.11.2012 को अनुबंध किया। लिफ्टरों से अनुबंध नहीं किया गया। इसके स्थान पर घोषणा पत्र/शपथ पत्र प्राप्त किया गया है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘य‘ अनुसार शिकायतें प्राप्त हुई। शिकायतों की जाँच निगम स्तर पर की गई।
रोजगार कार्यालयों में पंजीकृत रोजगार
141. ( क्र. 6368 ) श्री मुकेश नायक : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिसम्बर 2013 की स्थिति के अनुसार राज्य के रोजगार कार्यालयों में पंजीकृत रोजगार इच्छुक शिक्षित तथा साक्षर बेरोजगारों की संख्या क्या थी और वर्ष 2010, 2011 तथा 2012 की तुलना में इस संख्या में कितनी बढ़ोत्तरी या कमी हुई है, बताएं? (ख) दिसम्बर 2013 तक राज्य के रोजगार कार्यालयों के माध्यम से प्रश्नांश (क) वर्णित अवधि में कितने पंजीकृत बेरोजगारों को रोजगार दिलाया गया?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
हीरा तराशने एवं जेवर हेतु प्रशिक्षण
142. ( क्र. 6369 ) श्री मुकेश नायक : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश में हीरा तराशने और हीरे के जेवर बनाने के लिये प्रशिक्षण देने की सरकार की क्या कोई योजना है? (ख) यदि हाँ, तो इसका विवरण दीजिए?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उद्यमिता विकास कार्यक्रम
143. ( क्र. 6388 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या युवाओं में उद्यमिता विकास हेतु शासन द्वारा कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है? यदि हाँ, तो कटनी जिले में वर्ष 2013-14 से अब तक क्या-क्या कार्यक्रम, प्रशिक्षण, वर्षवार आयोजित किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) में प्रशिक्षण किन-किन विषयों पर दिये गये एवं इनमें कितने प्रतिभागी शामिल हुये बतायें? (ग) प्रश्नांश (क) में आयोजित कार्यक्रम में कितने विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया और कितनी राशि व्यय की गई? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) क्या इन कार्यक्रमों में भागीदारी करने वालों को स्व-रोजगार योजनाओं में प्राथमिकता दी जाती है? यदि हाँ, तो प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले कितने युवाओं को रोजगार प्राप्त हुये?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। जानकारी निम्नानुसार है-
क्रमांक |
वर्ष |
प्रशिक्षण कार्यक्रम का नाम |
कार्यक्रम संख्या |
प्रशिक्षित हितग्राहियों की संख्या |
1 |
2013-14 |
ई.डी.पी. |
01 |
46 |
2 |
2014-15 |
ई.डी.पी. |
03 |
106 |
3 |
2015-16 |
ई.डी.पी. |
01 |
27 |
(ख) निर्धारित पाठ्यक्रम अनुसार शामिल उद्यमिता विकास/मार्केट सर्वे/योजनाओं की जानकारी, आदि विषयों में प्रशिक्षण प्रदान किए गए। 179 आवेदकों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया। (ग) प्रति प्रशिक्षण 15 विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण प्रदाय किया, जिसमें कुल राशि रूपए 3.00 लाख व्यय की गई। (घ) जी हाँ। 15 युवकों को।
वन भूमि में अवैध उत्खनन
144. ( क्र. 6389 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले के वन क्षेत्रों में अवैध उत्खनन के मामले जानकारी में आये है? यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14 से कहाँ-कहाँ अवैध उत्खनन होना पाया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में जिले के किन-किन ग्रामों/वन क्षेत्रों में क्या-क्या खनिज अवैध तौर पर कब-कब उत्खनित होना पाया गया? किन-किन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या जिले में वनोपज जाँच नाके स्थापित हैं? यदि हाँ, तो नाके कहाँ-कहाँ स्थापित हैं और इनमें कौन-कौन शासकीय सेवक पदस्थ हैं, नामवार बतायें? (घ) प्रश्नांश (ग) में नाकों में कार्यरत कर्मियों द्वारा क्या-क्या कार्य, किस प्रक्रिया से करने के शासनादेश विभागीय निर्देश हैं? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) में वन क्षेत्रों में अवैध उत्खनन एवं जाँच नाको की क्या वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा आकस्मिक जाँच की जाती है? यदि हाँ, तो इस प्रकार की जाँच कब-कब की गई? जाँच में क्या पाया गया? यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ‘‘ अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब‘‘ अनुसार है। (घ) विभागीय निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’स‘‘ अनुसार है। (ड.) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’द‘‘ अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खेल सामग्री का क्रय
145. ( क्र. 6393 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या उद्योग मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभागांतर्गत इंदौर एवं उज्जैन जिले में 1 जनवरी 2014 से 31 दिसम्बर 2015 तक खेल सामग्री क्रय किये जाने हेतु बजट से कितनी राशि की स्वीकृति प्रदान की गई थी? (ख) प्रश्नांकित सामग्री के क्रय हेतु क्या-क्या प्रक्रिया अपनाई गई? क्या प्रश्नांकित सामग्री क्रय हेतु निविदायें आमंत्रित की गई थी? यदि हाँ, तो किन-किन फर्मों से निविदायें प्राप्त हुईं? किस निविदाकार से कितनी राशि की खेल सामग्री क्रय की गई? (ग) प्रश्नांकित खेल सामग्री का वितरण कहाँ-कहाँ किया गया? स्थानवार बतायें? क्या सामग्री की प्राप्ति की रसीद प्राप्त की है? (घ) प्रश्नांकित अवधि में कौन-कौन खेल संघों को कितना-कितना अनुदान दिया गया? किस-किस खेलों/प्रतियोगिताओं के लिए ग्रामीण, महिला आदि के लिए कितनी-कितनी राशि उपलब्ध कराई गई? कितने बालक-बालिकाओं ने प्रतियोगिता में भाग लिया?
उद्योग मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'क' अनुसार है। (ख) सामग्री क्रय हेतु निविदा प्रक्रिया अपनाई गई है, जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ख' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ग' अनुसार है। जी हाँ। (घ) प्रश्नांकित अवधि में खेल संघों को दिये गये अनुदान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'घ' अनुसार है, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'च' अनुसार है।