मध्य प्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-अप्रैल, 2016 सत्र
सोमवार, दिनांक 14 मार्च, 2016
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
(वर्ग 3 : गृह, जेल, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, आयुष, भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास, संसदीय कार्य, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण, महिला एवं बाल विकास)
साक्षी
हॉस्पिटल को मेडीकल
कॉलेज का
दर्जा
1. ( *क्र. 5674 ) श्रीमती ममता मीना : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गुना जिले के गुना ब्लॉक के म्याना क्षेत्र में एक ही कैम्पस में साक्षी इंजीनियरिंग कॉलेज, साक्षी नर्सिंग कॉलेज तथा साक्षी हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेन्टर एवं एक स्कूल संचालित है? इसी कैम्पस में मेडीकल कॉलेज की अनुमति के लिये आवेदन किया है? क्या निर्धारित मापदण्ड में आता है या नहीं? (ख) यदि प्रश्नांश (क) में वर्णित तथ्य सत्य हैं तो विभाग की कौन सी नीति है, जिसके तहत नियम विरूद्ध साक्षी मेडीकल कॉलेज की विभाग ने अनुशंसा करके केन्द्र शासन को भेजी है? क्या जाँच कराकर निरस्त करेंगे? (ग) क्या साक्षी मेडीकल कॉलेज खोलने की अनुशंसा विभाग द्वारा दबाव में की गई है? यदि नहीं, की है तो बतायें कि नवीन मेडीकल कॉलेज खोलने के क्या नियम हैं? कितनी भूमि भवन तथा सुविधाएं हों तब कौन-कौन अनुमति देता है? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित तथ्यों की जाँच करायेंगे? क्या विभाग से संबंधित योजनाओं में साक्षी कैम्पस में एक ही भवन और भूमि को सभी संस्थानों में अलग-अलग बताकर अवैध अनुमतियां ली हैं? क्या उन सभी को जाँच कराकर निरस्त करेंगे और संबंधित पर कार्यवाही करेंगे? कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सभी संस्था के लिए पृथक-पृथक भवन हैं। चिकित्सा महाविद्यालय संचालित करने की अनुमति एम.सी.आई. से प्राप्त करने हेतु चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा डी.एण्ड.एफ. जारी किया गया है, जो एम.सी.आई. के मानदण्ड के अंतर्गत है। (ख) नियमानुसार डी.एण्ड.एफ. जारी किया गया है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। नवीन चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित करने हेतु 25 एकड़ भूमि की आवश्यकता होती है। चिकित्सा महाविद्यालय की आवश्यकता दर्शाते हुए एम.सी.आई. के मानदण्डों की पूर्ति की शर्त पर चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा डी.एण्ड.एफ. जारी किया जाता है, एम.सी.आई. नई दिल्ली के मानदण्डों के अनुरूप सुविधायें होने पर एम.सी.आई. द्वारा गहन निरीक्षण उपरांत मान्यता प्रदान की जाती है। (घ) उत्तरांश ‘‘ग’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाण्डेर थाने में पूर्णकालिक निरीक्षक की पदस्थी
2. ( *क्र. 3404 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भाण्डेर थाने में निरीक्षक का पद स्वीकृत है, लेकिन प्रभारी नियुक्त कर कार्य कराया जा रहा है? (ख) क्या पुलिस लाईन दतिया में कई निरीक्षक रिजर्व में मौजूद है? (ग) क्या भाण्डेर थाना उत्तर प्रदेश की सीमा से लगा हुआ है और वहां अवैध उत्खनन को लेकर खूनी हिंसक घटनायें होती रहती हैं? इस बावत् जनप्रतिनिधि ने कई बार शिकायत की है? (घ) यदि हाँ, तो भाण्डेर थाने में निरीक्षक पदस्थ न करते हुये प्रभारी क्यों पदस्थ किया गया? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जिले में निरीक्षकों की कमी के कारण कानून व्यवस्था एवं थाना कार्य सुचारू रूप से संपादित करने के लिये प्रभारी नियुक्त कर कार्य कराया जा रहा है। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। परन्तु विगत 03 वर्षों में अवैध उत्खनन को लेकर खूनी हिंसक घटनाएं नहीं हुईं हैं और न ही इस बावत् थाना भाण्डेर पर कोई शिकायत प्राप्त हुई है। (घ) प्रश्नांश ‘क’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुदान/वित्तीय सहायता प्राप्त बाल संरक्षण गृह
3. ( *क्र. 4863 ) श्री हर्ष यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्न दिनांक की स्थिति में जिला सागर में ऐसे कितने बाल संरक्षण गृह हैं, जिन्हें शासन से अनुदान-वित्तीय सहायता प्राप्त होती है? ऐसे संरक्षण गृहों का नाम, स्थान और वर्तमान में रहने वाले बच्चों की संख्या बतावें? (ख) कबीर सेवाधाम कुडारी में दिनांक 19/11/2013 को कितने बच्चे थे? यदि बच्चों की संख्या कम हुई तो बच्चे कहाँ गये? क्या शासन ने इसकी जाँच कराई? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक कराई जायेगी? (ग) बाल सुधार गृहों, संरक्षण गृहों से बच्चे गायब होने के क्या कारण हैं? क्या मानव तस्करी अथवा अनैतिक कार्यों हेतु गायब हैं अथवा बेचे गये हैं? (घ) क्या शासन बच्चा गायब होने वाली संस्थाओं पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कर रहा है? यदि नहीं, तो कारण बतावें? ऐसी संस्थाओं की वित्तीय मदद बंद क्यों नहीं की गई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) प्रश्न दिनांक की स्थिति में जिला सागर में वित्तीय सहायता प्राप्त एक बाल संरक्षण गृह, संजीवनी बाल आश्रम रजाखेड़ी सागर है, जिसमें 56 बच्चे निवासरत हैं। (ख) कबीर सेवाधाम कुडारी में दिनांक 19/11/2013 को कुल 23 बच्चे निवासरत थे व बच्चों की संख्या कम नहीं हुई है। वर्तमान में बाल कल्याण समिति के आदेश द्वारा दिनांक 24/11/2015 को 13 बालिकाओं को संजीवनी बाल आश्रम एवं 08 बालकों को सेंट फ्रांसिस सेवा धाम आश्रम में स्थानांतरित किया गया है। दो बच्चे आश्रम की केयर टेकर श्रीमती चंदारानी शर्मा के थे, जो उन्हीं के पास छोड़ दिए गये। (ग) बाल संरक्षण गृहों से बच्चे गायब नहीं हुये हैं, अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश 'ग' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पुलिस चौकी की स्थापना
4. ( *क्र. 6016 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले के ग्राम जेबर की आबादी लगभग दस हजार से अधिक है तथा यहां पर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, स्टेट बैंक आदि स्थापित हैं तथा इसकी सीमा उत्तर प्रदेश से लगती है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इस ग्राम में कानून व्यवस्था हेतु पुलिस चौकी खोले जाने का प्रस्ताव लंबित है? (ग) उक्त ग्राम की संबंधित थाना चंदेरा से दूरी 25 K.M. से अधिक होने से उक्त परिप्रेक्ष्य में चौकी कब तक खोल दी जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ। (ख) ग्राम जेबर में पुलिस चौकी खोले जाने का प्रस्ताव शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं पाये जाने से अमान्य किया गया। (ग) उत्तरांश ’ख’ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
धार जिले में दवाईयों का क्रय
5. ( *क्र. 5726 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा दिनांक 01.01.2012 से 31.12.2015 तक खरीदी हेतु कितनी राशि व्यय की गई? (ख) उपरोक्त खरीदी के लिये किन-किन अखबारों में विज्ञप्ति निकलवाई गई, इस प्रक्रिया में किन-किन फर्मों ने भाग लिया और सफल फर्में कौन सी थीं? (ग) जिन फर्मों ने निविदायें नहीं डाली थीं, उन्हें किस आधार पर खरीदी आर्डर दिये गये? कारण स्पष्ट करें। ऐसी कितनी फर्में हैं, जिन्होंने प्रश्नांश (ख) अनुसार निविदा प्रक्रिया में भाग नहीं लिया था और उन्हें सप्लाय आर्डर दिये गये? इसके लिये दोषी अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) ऐसे कितने वर्क आर्डर थे, जिनमें दवा सप्लायर ने 60 दिन या उससे अधिक समय-सीमा में दवा सप्लाय नहीं की, उस पर कितनी पेनाल्टी लगाई गई? नाम दण्ड राशि सहित बतायें। सी.ए.जी. की 31 मार्च, 2014 की रिपोर्ट के अनुसार जिन फर्मों पर कार्यवाही के लिये कहा गया था? उन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो इसकी अनदेखी करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
छतरपुर जिले में ट्राफिक वार्डन योजना का क्रियान्वयन
6. ( *क्र. 1622 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में सड़क दुर्घटनाओं में वर्ष 2011 से प्रश्न दिनांक तक कितने व्यक्तियों की मौतें हुईं, उनकी संख्या कितनी है? (ख) सामुदायिक पुलिसिंग के अंतर्गत ट्राफिक वार्डन योजना को छतरपुर जिले को सुगम एवं दुर्घटना विहीन बनाने हेतु अब तक क्या प्रयास किये गये? (ग) सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम एवं कमी लाने हेतु क्रेन प्राप्त करने हेतु कोई प्रस्ताव गृह विभाग को दिया गया? यदि हाँ, तो कब? नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) छतरपुर जिले में वर्ष 2011 से प्रश्न दिनांक तक सड़क दुर्घटनाओं के दौरान 934 व्यक्तियों की मृत्यु हुई। (ख) छतरपुर जिले में सामुदायिक पुलिसिंग के अंतर्गत ट्राफिक वार्डन योजना को सुगम एवं दुर्घटना विहीन बनाने हेतु स्वेच्छा से कार्य करने वाले इच्छुक नागरिकों से आवेदन मांगे गये हैं, जिनका वेरीफिकेशन कराने के उपरांत उनको ट्राफिक वार्डन के रूप में नियुक्त कर यातायात संचालन हेतु आवश्यक प्रशिक्षण देकर जिले में तैनात किया जावेगा। (ग) जिला छतरपुर को पुलिस मुख्यालय, भोपाल के आदेश क्रमांक पु.मु./पुमनि/पी.टी.आर.आई./2844/2011, दिनांक 09.12.2011 के द्वारा 01 क्रेन आवंटित की गई है, जो दिनांक 18.01.2012 को जिला छतरपुर को प्राप्त हो चुकी है।
हीरानगर आरक्षी केन्द्र पर लंबित शिकायतों का निराकरण
7. ( *क्र. 5916 ) श्री रमेश मेन्दोला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर के हीरानगर आरक्षी केन्द्र पर दिनांक 20.01.16 को एक विद्युत उपभोक्ता ने इलेक्ट्रॉनिक्स काम्प्लेक्स इलेक्ट्रिकल जोन के कर्मचारी दीपक बाँदिल के विरूद्ध मारपीट, दुर्व्यवहार, गालीगलोच की शिकायत की गई? हाँ तो शिकायत महेश सिंह, 22 ए, सुभाष नगर द्वारा की गई? प्रश्न भाग (क) की शिकायत पर 15.02.16 तक क्या कार्यवाही की गई? अगर नहीं की गई तो कारण बतावें। (ख) क्या विद्युत विभाग के कर्मचारी पर कार्यवाही करने की बजाय शिकायतकर्ता महेश सिंह के विरूद्ध ही एफ.आई.आर. पंजीबद्ध की गई? हाँ तो किन धाराओं में अगर कर्मचारी द्वारा शिकायत की गई तो उसकी प्रति देवें? (ग) हीरानगर आरक्षी केन्द्र पर दि. 15.02.16 की स्थिति में कितनी शिकायतें किस प्रकार की लंबित हैं?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। आवेदक श्री महेश सिंह द्वारा दिनांक 20.01.2016 को थाना हीरानगर जिला इंदौर में प्रस्तुत किये गये आवेदन पत्र में श्री दीपक बांदिल के विरूद्ध लाइट काटने, विवाद करने एवं अपशब्द बोलने के तथ्य उल्लेखित किये गये थे। शिकायत आवेदन पत्र के अवलोकन करने पर शिकायत के भीतर ऐसी कोई तात्विक शिकायती शब्दावली नहीं पायी गई, जो संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आ सके और शिकायत पर ही सीधे धारा 154 सी.आर.पी.सी. के प्रावधानों के अंतर्गत संज्ञेय अपराध की प्रथम सूचना दर्ज की जा सके। उक्त आवेदन पत्र प्रस्तुत किये जाने के पूर्व ही प्रथम सूचनाकर्ता श्री दीपक बांदिल, सहायक यंत्री, इलेक्ट्रॉनिक्स काम्प्लेक्स इलेट्रिकल जोन, इंदौर की रिपोर्ट पर श्री महेश सिंह के विरूद्ध अपराध क्रमांक 22/16 धारा 353, 294, 506 भादवि दिनांक 20.01.2016 को 18:52 बजे पंजीबद्ध किया जा चुका था। आवेदक श्री महेश के विरूद्ध इसी घटना के संबंध में अपराध पंजीबद्ध होने के कारण उनके द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र को जाँच में लिया गया है। जाँच में आवेदक श्री महेश सिंह को सूचित किये जाने के उपरांत भी उपस्थित न होने के कारण आवेदन पत्र जांचाधीन है। जाँच में आये निष्कर्ष के आधार पर विधि अनुरूप कार्यवाही की जावेगी। (ख) जी नहीं। दिनांक 20.01.2016 को शिकायतकर्ता श्री महेश सिंह द्वारा थाना हीरानगर में आवेदन पत्र प्रस्तुत किये जाने के पूर्व ही प्रथम सूचनाकर्ता श्री दीपक बांदिल, सहायक यंत्री, इलेक्ट्रानिक्स काम्प्लेक्स इलेक्ट्रिकल जोन, इंदौर की रिपोर्ट पर श्री महेश सिंह के विरूद्ध अपराध क्रमांक 22/16 धारा 353, 294, 506 भादवि का दिनांक 20.01.2016 को 18:52 बजे पंजीबद्ध किया गया था। कर्मचारी द्वारा शिकायत की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) हीरानगर आरक्षी केन्द्र इंदौर में दिनांक 15.02.2016 की स्थिति में मारपीट रूपये हड़पने, दहेज की मांग, पारिवारिक विवाद, मकान एवं प्लाटों पर अवैध कब्जे आदि की कुल 116 शिकायतें लंबित हैं। जाँच में आये निष्कर्ष के आधार पर विधि अनुरूप कार्यवाही की जावेगी।
आर्थिक अनियमितताओं के दोषियों पर एफ.आई.आर. दर्ज की जाना
8. ( *क्र. 5163 ) श्री विश्वास सारंग : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सी.एम. मॉनिट प्रकरण क्रमांक 3258/CMS/MLA/151/2011, 08.12.2011 (B) के संबंध में अनियमितताओं की जाँच किस समिति ने की थी? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या सेवा प्रदाता संस्था ने 10.75 करोड़ की राशि शासन की जानकारी के बिना राज्य के खाते से ई.एम.आर.आई. के सिकन्दराबाद स्थित मुख्यालय को दिनांक 11.11.2008 से 12.01.2009 के बीच हस्तांतरित की थी? यदि हाँ, तो राशि हस्तांतरित करने वालों के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत क्या उक्त संस्था और व्यक्तियों के खिलाफ एफ.आई.आर. भी दर्ज करायी गयी है? यदि नहीं, तो क्यों? कारण दें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सकों की पूर्ति
9. ( *क्र. 4732 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में आदिवासी बाहुल्य जिलों में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में डॉक्टरों की कमी क्यों है एवं उसे कब तक पूरा किया जावेगा? (ख) सीधी सिंगरौली जिलों के स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में कितने डॉक्टरों एवं स्टॉफ की कमी है? पर्याप्त स्टॉफ की नियुक्ति कब तक की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रदेश में विशेषज्ञों/चिकित्सकों की अत्यधिक कमी के कारण पद रिक्त हैं। पदपूर्ति हेतु विभाग निरंतर प्रयासरत है, निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ख) सीधी जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार एवं सिंगरोली जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। विशेषज्ञ के पद पर पदोन्नति की कार्यवाही निरंतर जारी है, लोक सेवा आयोग के माध्यम से 1896 चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया प्रचलन में है, पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
स्नातकोत्तर कक्षाओं में प्रवेश के नियम
10. ( *क्र. 2682 ) श्री मधु भगत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2008 से कौन-कौन से मेडीकल कॉलेज हैं, जो शासकीय नहीं हैं, इनमें स्नातक तथा स्नातकोत्तर कक्षाओं में प्रवेश के नियम क्या-क्या हैं, 2008 में क्या थे? (ख) उपरोक्त जिला भोपाल, इंदौर, उज्जैन स्थित मेडीकल कॉलेजों में स्नातकोत्तर कक्षाओं में 2008 से प्रश्न दिनांक तक, कितने एडमीशन किस कोटे के आधार पर हुए? (ग) क्या डी-मेट परीक्षा घोटाला, अनियमितता या एडमीशन के चयन में अनियमितता मनमानी के संबंध में कोई जानकारी उक्त अवधि 2008 से प्रश्न दिनांक तक विभाग के संज्ञान में आई है? यदि हाँ, तो क्या-क्या? (घ) क्या पी.जी. कक्षा में प्रवेश के चयन के संबंध में मामले/शिकायतें/शासन, लोकायुक्त/मेडिकल कॉलेज में विचाराधीन हैं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आंगनवाड़ी केंद्रों से लाभांवित हितग्राही
11. ( *क्र. 2633 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2014 एवं 2015 में मंगल दिवस, बाल चौपाल, किशोरी बालिका सप्ताह, पोषण आहार सप्ताह तथा विश्व स्तनपान सप्ताह कब-कब, कहाँ-कहाँ मनाया जाकर कितने हितग्राही लाभांवित हुए? (ख) भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कितनी आंगनवाड़ी किन स्थानों में संचालित होकर कितने बच्चे दर्ज हैं? इन आंगनवाड़ियों में कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहित सूची देवें। इसमें से कितने भवन शासकीय एवं कौन से भवन किराये पर हैं? कौन-सी आंगनवाड़ी में कार्यकर्ता के पद रिक्त हैं? (ग) भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्र में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की पूर्ण भर्ती हेतु किये जा रहे प्रयासों की जानकारी देवें। जनपद भगवानपुरा की इससे संबंधित समिति की कब-कब बैठक हुई? वर्ष 2015 की बैठकवार सूची देवें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2014 एवं 15 में मंगल दिवस का आयोजन प्रति मंगलवार को, बाल चौपाल का आयोजन प्रत्येक माह की 25 तारीख को, किशोरी बालिका सप्ताह का आयोजन 24 से 30 जनवरी, पोषण आहार सप्ताह का आयोजन 01 से 07 सितम्बर तथा विश्व स्तनपान सप्ताह का आयोजन 01 से 07 अगस्त में प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र में मनाया गया है। लाभांवित हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘क‘ अनुसार है। (ख) भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्र में 467 आंगनवाड़ी संचालित होकर उसमें 43920 बच्चे दर्ज हैं। आंगनवाड़ी केन्द्र संचालन, कार्यरत कार्यकर्ताओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ख‘ अनुसार है। 430 आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवन में तथा 37 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवन में संचालित हैं। रिक्त आंगनवाड़ी केन्द्रों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ख‘ अनुसार है। (ग) भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्र में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की भर्ती हेतु विज्ञप्ति जारी कर नियमानुसार आवेदन पत्र मंगाये जाकर खंड एवं जिला स्तरीय बैठक का आयोजन कर पदपूर्ति के प्रयास किये गये हैं। जनपद भगवानपुरा की खंड स्तरीय चयन समिति की बैठक का आयोजन दिनांक 23.06.2015 एवं दिनांक 31.12.2015 में किया गया है।
सड़क दुर्घटना के प्रकरणों पर कार्यवाही
12. ( *क्र. 3026 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा दुर्घटना होने पर किस तरह की कार्यवाही किये जाने की व्यवस्था है? विधानसभा क्षेत्र सुसनेर में विगत 02 वर्षों में ऐसे प्रकरण हुए हों तो पूर्ण जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़क दुर्घटना में क्या वाहन परमिट, ड्रायविंग लायसेन्स, परमिट हेतु नियत रूट व अन्य मानकों की सूक्ष्मता से जाँच की गई? यदि हाँ, तो क्या निष्कर्ष निकाले गए? विवरण उपलब्ध करावें। (ग) विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत (क) अवधि में गुराड़ी बंगला के निकट सड़क दुर्घटना के प्रकरण में विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में घटित प्रकरणों में वाहनों के यातायात मानकों के अनुरूप दस्तावेज उपलब्ध थे? यदि नहीं, तो की गई कार्यवाही का विवरण उपलब्ध करावें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) किसी भी दुर्घटना की सूचना प्राप्त होने पर विभाग द्वारा तत्काल मौके पर पहुंचकर घायल व्यक्ति को उपचार के लिये भेजा जाता है एवं घटना में वाहन चालक की लापरवाही या अपराधिक दायित्व पाये जाने पर वाहन चालक के विरूद्ध प्रथम सूचना पत्र दर्ज किया जाकर वैधानिक कार्यवाही की जाती है। विधानसभा क्षेत्र सुसनेर के अंतर्गत जिला शाजापुर के थाना मोमन बड़ोदिया में सड़क दुर्घटना के विगत दो वर्षों में 45 प्रकरण दर्ज किये गये हैं एवं जिला आगर मालवा के विधानसभा क्षेत्र सुसनेर, थाना सुसनेर, सोयत एवं नलखेड़ा में दो वर्षों में 288 प्रकरण पंजीबद्ध हुए हैं। कुल 333 प्रकरण पंजीबद्ध हुए हैं। (ख) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर के अंतर्गत थाना सोयत के अपराध क्रमांक 172/15 एवं थाना सुसनेर के अपराध क्रमांक 366/15 में दस्तावेजों में कमी पायी गई, जिन पर विधि अनुरूप कार्यवाही की गई। शेष प्रकरणों में दस्तावेजों में कमी नहीं पाई गई। (ग) गुराड़ी बंगला के निकट थाना सुसनेर, में सड़क दुर्घटना के अपराध क्रमांक 266/15 तथा थाना सोयत के अपराध क्रमांक 172/15 में प्रकरण में मान. न्यायालय में चालान पेश किया गया है। (घ) प्रश्नांश ‘ग’ के संदर्भ में सड़क दुर्घटना के थाना सुसनेर अपराध क्र. 266/15 में दस्तावेज वैध नहीं पाए जाने पर मोटर व्हीकल एक्ट के तहत चालान मान. न्यायायल में पेश किया गया है।
निजी चिकित्सालय एवं नर्सिंग होम्स के विरूद्ध शिकायतों पर कार्यवाही
13. ( *क्र. 5818 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा अंतर्गत किन-किन स्थानों पर निजी चिकित्सालय एवं नर्सिंग होम किन-किन शर्तों के अधीन कब से संचालित किये जा रहे हैं? शर्तों की प्रति उपलब्ध कराते हुये बतावें कि इन निजी चिकित्सालय एवं नर्सिंग होम्स को किन-किन रोगों, ऑपरेशन आदि के लिये अनुमति प्रदान की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त सभी निजी चिकित्सालय एवं नर्सिंग होम्स में अनुमति अनुसार ही पात्र चिकित्सकों से कार्य कराया जा रहा है? यदि नहीं, तो विगत दो वर्षों में इनके विरूद्ध क्या-क्या शिकायतें किस-किस स्तर पर कब-कब प्राप्त हुईं तथा प्राप्त शिकायतों में कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या ब्यावरा नगर में संचालित अर्शी नर्सिंग होम में दिनांक 26 जनवरी 2016 को तहसील ब्यावरा के ग्राम बैलास की एक प्रसूता महिला की नर्सिंग होम प्रबंधन की लापरवाही के कारण मृत्यु हो जाने एवं बिना पोस्टमार्टम के प्रसूता की मृत्यु उपरांत शव को एम्बुलेंस में डालकर बल पूर्वक परिवार के सदस्यों को डरा-धमका कर ग्राम बैलास पहुँचाने व परिजनों से अभद्र व्यवहार की स्थानीय एवं जिला प्रशासन को शिकायतें प्राप्त हुईं हैं? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा में निम्नलिखित निजी चिकित्सालय एवं नर्सिंग होम मध्यप्रदेश उपचार्या गृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं अधिनियम 1973 एवं नियम 1997 के अंतर्गत संचालित हैं। 1. पंजाबी नर्सिंग होम, राजगढ़ रोड ब्यावरा वर्ष 2007 से संचालित है। 2. अर्शी नर्सिंग होम, राजगढ़ रोड ब्यावरा वर्ष 2007 से संचालित है। 3. वरदान हॉस्पिटल, राजगढ़ रोड ब्यावरा वर्ष 2013 से संचालित है। 4. पटवा जनरल हॉस्पिटल एवं मेटरनिटी केयर, राजगढ़ रोड ब्यावरा वर्ष 2013 से संचालित है। 5. कान्ताश्री हॉस्पिटल पुराना सुठालिया रोड़ ब्यावरा वर्ष 2013 से संचालित है। शर्तों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। नर्सिंग होम/चिकित्सालयों में उपलब्ध चिकित्सकों की योग्यता अनुसार रोगों के ईलाज एवं ऑपरेशन करने की अनुमति होती है। (ख) जी हाँ। उक्त चिकित्सालय में अनुमति अनुसार ही पात्र चिकित्सकों से कार्य कराया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। इस संबंध में शिकायत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी राजगढ़ को दिनांक 12/02/2016 को प्राप्त हुई है। प्रकरण की जाँच हेतु जाँच अधिकारी नियुक्त किया गया है। जाँच प्रक्रिया प्रचलन में है।
नामजद आरोपियों के विरूद्ध न्यायालय में चालान पेश किया जाना
14. ( *क्र. 524 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के थाना उचेहरा अंतर्गत बड़ी छिपहटी उचेहरा निवासी भूरा उर्फ मुबारक अली पिता श्री लाल मोहम्मद के घर में घटी घटना दिनांक 13.07.2012 को लेकर एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई थी, जिस पर पुलिस द्वारा दिनांक 19.07.2012 को अपराध क्रमांक 223/12, 294, 323, 506, 34 का मुकदमा नामजद आरोपीगणों के विरूद्ध कायम किया गया था? (ख) क्या उपरोक्त नामजद आरोपीगणों के विरूद्ध दर्ज मुकदमा अपराध क्रमांक 223/12, 294, 323, 506, 34 का चालान न्यायालय में आज दिनांक तक पेश हुआ है या नहीं? यदि नहीं, तो पेश न होने का क्या कारण है? (ग) क्या उपरोक्त अपराध क्रमांकों के सभी आरोपियों की गिरफ्तारी आज दिनांक तक की गई है या नहीं? यदि नहीं, तो गिरफ्तार न करने एवं इतना समय बीत जाने का क्या कारण है? (घ) क्या पुलिस द्वारा घोर लापरवाही करते हुए प्रभावशील एवं सरहंगों के दबाव के कारण न्यायालय में चालान पेश न किये जाने के कारण फरियादी न्याय से वंचित हैं, इसी के चलते फरियादी एवं इनके परिवार के ऊपर दिनांक 01.01.2016 को पुन: इन्हीं अपराधियों के इशारे एवं शह पर घर में घुस कर हमला कराया गया है, जबकि पुलिस द्वारा उल्टा फरियादियों के विरूद्ध झूठी रिपोर्ट अपराध क्रमांक 3 में दर्ज की गई है? यदि हाँ, तो क्यों, क्या दर्ज किये गये झूठे मुकदमें पर खात्मा लगाया जाएगा?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित अपराध में कुल 05 आरोपियों के विरूद्ध अभियोग पत्र सक्षम न्यायालय में दिनांक 22.02.2016 को प्रस्तुत किया गया है। प्रकरण में नामजद शेष 02 आरोपी श्री कृष्णदेव सिंह एवं श्री छत्रपाल सिंह के विरूद्ध विवेचना में पर्याप्त साक्ष्य न होने से उक्त प्रकरण से पृथक किया गया है। (ग) प्रकरण में नामजद कुल 07 आरोपियों में से आरोपी 1- श्री निसार पिता श्री अब्दुल सत्तार 2- श्री जयबहादुर सिंह को दिनांक 30.09.2012 एवं आरोपी 1- श्री कौशलेन्द्र सिंह उर्फ बबलू, 2- श्री अशोक द्विवेदी, 3- श्री सुनील गुप्ता को दिनांक 08.10.2012 को साक्ष्य के आधार पर गिरफ्तार किया गया है, शेष 02 आरोपी श्री कृष्णदेव सिंह एवं श्री छत्रपाल सिंह के विरूद्ध पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध न होने से आरोपियों के नाम विवेचना से पृथक किये गये हैं। (घ) जी नहीं। अपराध क्रमांक 23/12 में अभियोग पत्र सक्षम न्यायालय में दिनांक 22.02.2016 को प्रस्तुत किया जा चुका है। थाना उचेहरा में दिनांक 01.01.2016 को दो पक्षों में आपस में झगड़ा होने से क्रमशः फरियादिया श्रीमती जमीला बेगम की सूचना पर अपराध क्र. 02/16 धारा 147, 323, 294, 506 भादवि का अपराध आरोपी श्री शोकत अली एवं उसके अन्य 09 साथियों के विरूद्ध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया एवं फरियादिया श्रीमती आयशा बी की सूचना पर अपराध क्रमांक 3/16 धारा 147, 323, 294, 506 भादवि का आरोपी श्री मुबारक अली उर्फ भूरा तथा श्रीमती जमीला बेगम एवं अन्य 08 नामजद आरोपियों के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया है। अपराध क्रमांक 2/16 में सभी आरोपियान गिरफ्तार होने पर अभियोग पत्र क्रमांक 56/2016 तैयार कर दिनांक 22.02.2016 को माननीय न्यायालय प्रस्तुत किया गया एवं अपराध क्र. 3/16 के समस्त आरोपियान फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। प्रकरण वर्तमान में विवेचनाधीन है। विवेचना में आये साक्ष्य एवं तथ्यों के आधार पर प्रकरण में विधि अनुरूप कार्यवाही की जाएगी।
अनियमित खरीदी के दोषी फार्मासिस्ट/स्टोर कीपर के विरूद्ध कार्यवाही
15. ( *क्र. 5845 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला भोपाल में कौन-कौन से फार्मासिस्ट/स्टोर कीपर भण्डार एवं क्रय शाखा में कब-कब से पदस्थ हैं? (ख) मिसरोद स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ एक फार्मासिस्ट को विभाग के किस अधिकारी के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल के भण्डार/क्रय शाखा में कार्य लिया जा रहा है एवं क्यों? (ग) क्या राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा वर्ष 2015-16 में दिये गए बजट की अनियमित खरीदी के संबंध में भोपाल के दैनिक समाचार पत्र डी.बी. स्टार में खबर प्रकाशित होने के बाद मिशन संचालक कार्यालय द्वारा घोटाले से संबंधित दस्तावेजों को जब्त कर कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो जाँच किस स्तर पर है? (घ) क्या शासन/विभाग उपरोक्त करोड़ों रूपयों की अनियमित खरीदी के लिए मुख्य रूप से दोषी फार्मासिस्ट/स्टोर कीपर श्री गुलाब सिंह को तत्काल निलंबित करते हुए पारदर्शी जाँच कराएगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
केवलारी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत चिकित्सकों के पद की पूर्ति
16. ( *क्र. 4048 ) श्री रजनीश सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केवलारी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत स्वास्थ्य विभाग के कितने खण्ड हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के उक्त खण्डों में महिला एवं पुरूष चिकित्सक के कितने पद रिक्त हैं एवं कितने पूर्ण हैं? कार्यरत कर्मचारी की जानकारी देवें। (ग) क्या विकासखण्ड छपारा सामुदायिक केन्द्र में महिला चिकित्सक का पद स्वीकृत है? यदि हाँ, तो कार्यरत कर्मचारी का नाम बतायें? यदि नहीं, तो रिक्त पद की पूर्ति कब तक की जावेगी? (घ) तारांकित प्रश्न क्रमांक 2303 दिनांक 04 मार्च 2015 के संदर्भ में बतायें कि प्रश्न दिनांक तक पदों को भरने की कार्यवाही में कितने कौन से रिक्त पद भरे गये? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) केवलारी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत केवलारी, छपारा, धनौरा, सिवनी विकासखण्ड संचालित हैं। (ख) प्रश्नांकित विकासखण्डों के अंतर्गत संचालित स्वास्थ्य केन्द्रों में पदस्थ चिकित्सकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, विभागीय संरचना अनुसार महिला चिकित्सक के पदनाम से पद स्वीकृत नहीं है। जिला चिकित्सालय, सिविल अस्पताल एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर की संस्थाओं में स्त्रीरोग विशेषज्ञ के नाम से पद स्वीकृत हैं। छपारा में विशेषज्ञों के 03 (मेडिसिन, सर्जरी एवं स्त्रीरोग विशेषज्ञ) के एक-एक पद तथा चिकित्सा अधिकारी के 02 पद स्वीकृत हैं। विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी के कारण पदपूर्ति नहीं की जा सकी है, स्वीकृत 02 पदों के विरूद्ध 02 चिकित्सा अधिकारियों की पदस्थापना है एवं एक आर.सी.एच. संविदा चिकित्सक पदस्थ है। लोक सेवा आयोग से चयनित चिकित्सकों में स्त्री रोग योग्यता की चिकित्सकों की उपलब्धता अनुसार पदस्थापना संबंधी कार्यवाही की जा सकेगी। निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (घ) विभाग रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निरंतर प्रयासरत् है। पदोन्नति में पर्याप्त मात्रा में विशेषज्ञ उपलब्ध नहीं होने से पदपूर्ति नहीं की जा सकी है, हाल ही में पैरामेडिकल कर्मचारियों की नवीन नियुक्ति पश्चात पदस्थापना अंतर्गत 02 लेब टेक्नीशियन, 01 रेडियोग्राफर एवं 02 फार्मासिस्ट ग्रेड-2, कुल 05 कर्मचारियों की पदस्थापना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संस्थाओं में की गई है। वर्ष 2015 में लोक सेवा आयोग से चयन पश्चात 17 चिकित्सकों की पदस्थापना सिवनी जिले के अंतर्गत स्वास्थ्य संस्थाओं में की गई है। पदपूर्ति हेतु विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है।
शासकीय उचित मूल्य की दुकानों का संचालन
17. ( *क्र. 2509 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में वर्तमान समय में कितनी उचित मूल्य की दुकानें कहाँ-कहाँ संचालित हैं? (ख) मध्यप्रदेश की योजनानुसार प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर उचित मूल्य की दुकान संचालित करने की योजना अनुरूप अभी तक मण्डला जिले में कितनी पंचायतों में उचित मूल्य की दुकानों का संचालन किया जा चुका है? (ग) राशन कार्डधारियों की संख्या, आवागमन एवं दूरी को ध्यान में रखकर के प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्रांतर्गत निवास के सुदूर गांव में काफी लंबे समय से उचित मूल्य की दुकान की मांग निरन्तर चली आ रही है, उक्त सभी ग्रामों में पंचायत स्तर पर दुकानों का संचालन कब तक कर दिया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मण्डला जिले में प्रत्येक पंचायत में उचित मूल्य दुकान खोलने के प्रावधान का अभी क्रियान्वयन नहीं हो सका है, क्योंकि मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 में संशोधन प्रक्रियाधीन है। (ग) मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 में संशोधन उपरांत प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रत्येक पंचायत में उचित मूल्य दुकानों के आवंटन की कार्यवाही सक्षम अधिकारी द्वारा की जा सकेगी।
आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन का निर्माण
18. ( *क्र. 1838 ) श्री मुकेश नायक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पन्ना जिले में संचालित कौन-कौन से आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु वर्ष 2013-14, 2014-15 तक की अवधि में किस-किस योजना में कहाँ-कहाँ कितने-कितने भवन निर्माण स्वीकृत किये गये? (ख) उक्त में से कौन-कौन से भवनों का निर्माण कार्य निर्धारित अवधि में पूर्ण हो चुका है एवं कौन-कौन से भवन का कार्य अब तक अपूर्ण/अप्रारंभ पड़ा है? कारण बतावें। (ग) उक्त अपूर्ण/अप्रारंभ कार्यों को पूर्ण कराने हेतु विभाग द्वारा वर्तमान तक क्या कार्यवही की गई? कब-कब संबंधित एजेंसियों को इस हेतु पत्र लिखे गये? यदि नहीं, लिखे गये तो कारण बतायें? (घ) क्या शासन उक्त निर्माण कार्यों में हो रहे विलम्ब के कारणों की जाँच करायेगा तथा जाँच में पाये गये अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जिले में 1170 संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में से वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 की अवधि में बी.आर.जी.एफ. योजना अंतर्गत 20 आंगनवाड़ी भवन निर्माण एवं आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा 05 आंगनवाड़ी भवन निर्माण स्वीकृत किये गये हैं। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) पन्ना जिले में स्वीकृत इन आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की कोई निश्चित समय-सीमा नियत नहीं की गई है। उत्तरांश ‘क’ अनुसार स्वीकृत 25 आंगनवाड़ी भवनों में से 16 आंगनवाड़ी भवन पूर्ण हो चुके हैं तथा 09 आंगनवाड़ी भवन निर्माण एजेंसी द्वारा धीमी गति से कार्य करने के कारण अपूर्ण हैं। (ग) निर्माणाधीन/अपूर्ण 09 आंगनवाड़ी भवनों को पूर्ण कराने हेतु जिला स्तर पर निर्माण एजेंसी एवं पंचायत विभाग के साथ समय-समय पर समीक्षा की गई है। किसी प्रकार का विशिष्ट पत्राचार पृथक से नहीं किया गया है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) निर्माणाधीन/अपूर्ण 09 आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य प्रगतिरत है, जिसे शीघ्रता से पूर्ण कराने की कार्यवाही की जा रही हैं। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
थाना नूराबाद में पंजीबद्ध प्रकरण पर कार्यवाही
19. ( *क्र. 4084 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला मुरैना थाना नूराबाद में दिनांक 19.01.2015 को प्रथम सूचना रिपोर्ट 9/15 धारा 376, 506 के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था? यदि हाँ, तो 9/15 प्रकरण में प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या अमर शर्मा कॉलेज वाला महाराजपुर ने प्रश्नांश (क) पीड़िता के साथ बलात्कार किया? यदि हाँ, तो क्या मेडीकल रिपार्ट प्राप्त हुई? पीड़िता के द्वारा क्या बयान दर्ज किए गए? गम्भीर अपराध होने के उपरान्त संबंधित पुलिस विभाग द्वारा समुचित कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही? इसके लिए कौन उत्तरदायी है? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) में विवेचना अधिकारी द्वारा क्या विवेचना की गई? किन लोगों के बयान दर्ज किए गए? कब चालान प्रस्तुत किया गया? (घ) दिनांक 19.01.2015 को घटित घटना में पुलिस विभाग कार्यवाही क्यों नहीं कर रहा है? कार्यवाही करने की समय-सीमा क्या है? कब तक कार्यवाही पूर्ण हो जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी नहीं दिनांक 19.01.2015 को फरियादिया की सूचना पर से थाना सिविल लाईन, जिला मुरैना में आरोपी अमर शर्मा कॉलेज वाला महाराजपुरा के विरूद्ध अपराध क्रमांक 0/15 धारा 376, 506 भादवि का पंजीबद्ध कर फरियादिया का मेडिकल परीक्षण कराया गया एवं कथन लिया गया व माननीय न्यायालय में धारा 164 जा.फौ. के तहत फरियादिया का कथन लेखबद्ध कराया जाकर प्रकरण का घटना स्थल थाना नूराबाद से संबंधित होने पर थाना नूराबाद में दिनांक 20.01.2015 को असल अपराध क्रमांक 3/15 धारा 376, 506 भादवि का कायम कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण की विवेचना में अभियोजन हित के साक्ष्य संकलित किये जा रहे हैं। (ख) वांछित प्रकरण की फरियादिया की सूचना पर से आरोपी अमर शर्मा के विरूद्ध बलात्कार का प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर विवेचना के दौरान फरियादिया का मेडिकल परीक्षण कराया गया व मेडिकल रिपोर्ट प्राप्त की गई। पीड़िता ने अपने कथन में प्रथम सूचना रिपोर्ट की पुष्टि की है। प्रकरण की विवेचना के दौरान पुलिस विभाग द्वारा समुचित कार्यवाही की जा रही है। (ग) प्रश्नांश ‘क’ और ‘ख’ के परिप्रेक्ष्य में दौराने विवेचना पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया गया एवं पीड़िता के कथन लेख किये व धारा 164 जा.फौ. के तहत माननीय न्यायालय में कथन कराये गये साक्षी शिवचरण लोधी, विनोद लोधी एवं साक्षीगण सत्यशील शर्मा, विष्णु शर्मा, हरीनारायण भार्गव, सुरेश मिश्रा एवं रूसतम सिंह सिकरवार आदि के कथन लिये गये। प्रकरण की पूर्ण विवेचना की जाकर प्रकरण का निराकरण किया जावेगा। (घ) उत्तरांश ‘क’, ‘ख’, व ‘ग’ अनुसार। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पोषण आहार परिवहन पर व्यय
20. ( *क्र. 2708 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में दर्ज गर्भवती, धात्री महिलाओं एवं बच्चों आदि को पूरक पोषण आहार व टीकाकरण के अतिरिक्त क्या-क्या सुविधा उपलब्ध कराई जाती है? (ख) आंगनवाड़ी केन्द्रों में वितरण हेतु प्रदाय पोषण आहार के परियोजना मुख्यालय तक अथवा आंगनवाड़ी केन्द्र तक परिवहन व्यय हेतु राशि स्वीकृत/भुगतान की जाती है? यदि हाँ, तो किस दर से? (ग) धार जिले की धरमपुरी विधान सभा क्षेत्र की नालछा एवं धरमपुरी परियोजना अंतर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु विगत 02 वर्षों में वर्षवार कितनी-कितनी राशि परिवहन पर व्यय की गई है? परियोजना मुख्यालय तक तथा वहां से केन्द्र तक भुगतान राशि की जानकारी उपलब्ध कराई जावे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) आंगनवाड़ी केन्द्रों में दर्ज गर्भवती, धात्री महिलाओं एवं बच्चों को पूरक पोषण आहार एवं टीकाकरण के अतिरिक्त स्कूल पूर्व अनौपचारिक शिक्षा, स्वास्थ्य जाँच, सदंर्भ सेवा, स्वास्थ्य एवं पोषण शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। (ख) जी हाँ। 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों एवं गर्भवती/धात्री माताओं हेतु पूरक पोषण आहार (टेकहोम राशन) का प्रदाय एम.पी. एग्रो के द्वारा परियोजना मुख्यालय तक किया जाता है। परियोजना मुख्यालय से आंगनवाड़ी केन्द्रों तक निर्धारित राशि रू. 50/- प्रति क्विंटल, प्रति आंगनवाड़ी केन्द्र प्रतिमाह की दर से परिवहन कराये जाने का प्रावधान है। निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है।
संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य के पद की पूर्ति
21. ( *क्र. 4426 ) श्री गिरीश गौतम : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा संभाग के संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य का पद करीब 3 वर्ष से रिक्त है तथा प्रभारी जबलपुर संयुक्त संचालक को बनाया गया है? (ख) क्या रीवा संभाग की फाइलें संयुक्त संचालक के हस्ताक्षर, आदेश एवं निर्देश के लिए जबलपुर भेजी जाती हैं, जिसके लिए रीवा से कर्मचारियों को भेजा जाता है? यदि हाँ, तो रीवा से जबलपुर किस-किस कर्मचारी को कब-कब भेजा गया विवरण देवें तथा कर्मचारियों को प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि यात्रा भत्ता देयक में भुगतान की गयी है? (ग) क्या रीवा संभाग के संयुक्त संचालक स्वास्थ्य का प्रभार किसी वरिष्ठ डॉक्टर या रीवा में पदस्थ डिप्टी डायरेक्टरों में से किसी एक को संयुक्त संचालक स्वास्थ्य रीवा का प्रभार दिया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों कारण बताएं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ, दिनांक 13.12.2013 से तत्कालीन संभागीय संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य सेवायें के निलंबन उपरांत से रिक्त होने के कारण जबलपुर संभागीय संयुक्त संचालक को रीवा संभाग का प्रभार सौंपा गया है। (ख) जी हाँ, शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी हाँ। यथाशीघ्र। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
केरोसीन परिवहन की राशि की वसूली
22. ( *क्र. 5230 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्र.सं. 14 (क्र. 445), दिनांक 07.07.2014 के उत्तर में तेलदूत योजना में केरोसीन डीलरों को 19,04,660/- रूपये अतिरिक्त लाभ एवं अधिक दूरी का परिवहन व्यय देने के कारण राशि 36,11,016/- रूपये का भार कटनी जिले के उपभोक्ताओं पर आने की जानकारी दी गई है, तो कितनी-कितनी राशि की वसूली, किस थोक केरोसीन डीलर से कब की गई? कितनी राशि की किन-किन से वसूल किया जाना, किन कारणों से शेष है? (ख) क्या विधानसभा सत्र फरवरी मार्च 2015 के प्रश्न सं. 173 (क्र. 3682) के उत्तर में कटनी ग्रामीण क्षेत्र में केरोसीन फुटकर ब्रिकी दर निर्धारण में अनियमितता वर्ष 1998 से स्वीकार की गई है? यदि हाँ, तो कुल कितनी राशि का अवैध भार, ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं पर डाला गया एवं यह अनियमितताएं क्या थीं? (ग) कटनी में तेलदूत योजना एवं केरोसीन परिवहन के भाड़े के संबंध में वर्ष 2012-13 से कब-कब जाँच की गई, क्या प्रतिवेदन दिये गये? क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) में किन अधिकारियों द्वारा पद का दुरूपयोग कर थोक डीलरों को अवैध लाभ पहुंचाया गया? क्या वसूली गई राशि का उपयोग कटनी नगर एवं जिले के विकास में किया जायेगा? यदि हाँ, तो कैसे और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ, थोक केरोसीन डीलरों से वसूली योग्य सपूर्ण राशि वसूल कर ली गई है। डीलरवार वसूल की गई राशि रूपये 30,81,972 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। लिंक समिति से उचित मूल्य दुकान तक निर्धारित दूरी से अधिक दूरी का परिवहन व्यय की राशि रूपये 5,29,044 की वसूली की कार्यवाही जिला स्तर पर प्रचलित है। (ख) जी हाँ, जाँच अवधि की राशि रूपये 36,11,016 का भार ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं को पड़ा है। केरोसीन भाव निर्धारण आदेश में लिंक समितियों एवं शासकीय उचित मूल्य दुकानों की राउण्ड ट्रिप की दूरियां त्रुटिपूर्ण होकर निर्धारित दूरी से अधिक दूरी का परिवहन व्यय देने के कारण माह जनवरी 2012 से मार्च 2014 तक उपभोक्ताओं पर भार आया है। (ग) तेलदूत योजना एवं केरोसीन परिवहन व्यय के संबंध में वर्ष 2012-13 से दिनांक 28-06-2013 एवं 10-01-2014 को जाँच की गई। जाँच के प्रतिवेदन संलग्न जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ एवं ‘स’ अनुसार है। थोक केरोसीन डीलरों के विरूद्ध की गई कार्यवाही स्वरूप अधिरोपित राशि वसूल की गई है एवं दोषी अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रचलित है।, (घ) उपरोक्त (क) से (ग) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘द’ अनुसार है। जी नहीं। इस प्रकार का कोई प्रावधान नियमों में नहीं है।
शासकीय अनुदान से संचालित झूलाघर
23. ( *क्र. 661 ) श्री राजेश सोनकर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या इंदौर जिले में शासकीय अनुदान से झूलाघर संचालित किये जाते हैं। यदि हाँ, तो इंदौर जिला अंतर्गत शासकीय अनुदान से संचालित किये जाने वाले झूलाघरों की सूची उपलब्ध करायें? उनमें से कितने चालू एवं कितने कब से बंद हैं? (ख) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में शासकीय अनुदान से संचालित झूलाघर कब से जिले में संचालित किये जा रहे हैं? विगत एक वर्ष में झूलाघरों के संचालन में प्रतिवर्ष कितनी राशि अनुदान के रूप व्यय की गई है व किन-किन कार्यों में की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में जिले में संचालित झूलाघर के नियमित संचालन एवं प्राप्त अनुदान के उचित उपयोग करवाने का दायित्व किन अधिकारियों/कर्मचारियों के ऊपर है? उनके द्वारा कब-कब जाँच की गई एवं क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में संचालित झूलाघर बंद पाये जाने की स्थिति में क्या कार्यवाही की गई? क्या उनका अनुदान संचालन बंद होने के पश्चात् भी जारी है? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ. मध्य प्रदेश राज्य समाज कल्याण बोर्ड द्वारा केंद्रीय समाज कल्याण बोर्ड से प्राप्त अनुदान से संचालित झूलाघर (पालना घर) की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है. (ख) सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है. संस्था द्वारा राशि का व्यय समाज कल्याण बोर्ड नई दिल्ली के बजट अनुसार पालना घर के 2 कर्मचारियों के वेतन पर, पालना घर में लाभांवित हो रहे 25 बच्चों को दिए जा रहे पोषण आहार पर तथा आवश्यक दवाओं तथा अन्य मदों पर व्यय किया जाता है. (ग) झूलाघर के निरीक्षण के लिए केंद्रीय समाज कल्याण नई दिल्ली द्वारा तैनात क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा वर्ष में न्यूनतम एक बार निरीक्षण किया जाता है. कमी होने पर सुझाव दिए जाते हैं. बंद पाई गयी इकाइयों को केंद्रीय समाज कल्याण बोर्ड से कार्यक्रम को बंद करने की अनुशंसा की जाती है. (घ) क्षेत्रीय अधिकारी द्वारा निरिक्षण के समय झूलाघर बंद पाए जाने पर संस्था के अनुदान पर रोक लगा दी जाती है तथा झूलाघर को बंद करने की कार्यवाही की जाती है. कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है. झूलाघर बंद हो जाने के बाद अनुदान दिए जाने का प्रश्न ही नहीं उठता।
आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों की पदोन्नति
24. ( *क्र. 4499 ) पं. रमाकान्त तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी से अधीक्षक सह जिला आयुर्वेद अधिकारी में पदोन्नति की क्या प्रक्रिया है? पिछली पदोन्नति कब की गई थी? (ख) क्या पदोन्नति किये जाने हेतु नियमित रूप से डी.पी.सी. हो रही है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) मध्यप्रदेश में अधीक्षक सह जिला आयुर्वेद अधिकारी के कितने पद स्वीकृत हैं? उनमें से कितने नियमित अधीक्षक सह जिला आयुर्वेद अधिकारी पदस्थ हैं एवं कितने प्रभारी अधीक्षक सह जिला आयुर्वेद अधिकारी पदस्थ हैं? (घ) पदोन्नति किये जाने हेतु विभाग द्वारा अगली डी.पी.सी. कब की जायेगी? समय-सीमा सहित बतायें। एक डी.पी.सी. से दूसरी डी.पी.सी. में कितने समय का अन्तर विभाग द्वारा निश्चित किया गया है? क्या विभाग द्वारा निर्धारित समय-सीमा में डी.पी.सी. हो रही है? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विभागीय सेवा भर्ती नियम-2013 के तहत आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी से जिला आयुष अधिकारी के पद पर पदोन्नति हेतु चिकित्सा अधिकारी पद पर 05 वर्ष का कार्यानुभव प्रावधानित है। पिछली पदोन्नति वर्ष 2015 में की गई। (ख) वर्ष 2015 में डी.पी.सी. की गई है। पिछले वर्षों में नवीन विभागीय सेवा भर्ती नियम के प्रकाशन की कार्यवाही प्रचलित होने से तथा पदक्रम सूचियों में आपत्तियां एवं गोपनीय प्रतिवेदनों की अनुपलब्धता के कारण नियमित रूप से डी.पी.सी. नहीं हो सकी है। (ग) अधीक्षक सह जिला आयुर्वेद अधिकारी जिसका वर्तमान नाम जिला आयुष अधिकारी है, के 51 पद स्वीकृत हैं। 23 नियमित एवं 28 प्रभारी जिला आयुष अधिकारी पदस्थ हैं। (घ) डी.पी.सी. की कार्यवाही यथाशीघ्र की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 24 अप्रैल 2013 के अनुसार वर्ष में दो बार डी.पी.सी. आयोजित किया जाना निर्धारित है। पूर्व में विभागीय सेवा भर्ती नियम 2013 के प्रकाशन की कार्यवाही प्रचलित होने से तथा पदक्रम सूचियों में आपत्तियॉ एवं गोपनीय प्रतिवेदनों की अनुपलब्धता के कारण डी.पी.सी. में विलम्ब हुआ है।
नगर एवं ग्राम रक्षा समितियों के सदस्यों को प्रदत्त सुविधाएं
25. ( *क्र. 5953 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य में नगर एवं ग्राम रक्षा समितियों का गठन किन प्रावधानों के तहत किया गया? इन समितियों के सदस्यों को क्या-क्या सुविधाएं शासन प्रदान करता है? इन समिति सदस्यों के क्या-क्या अधिकार निर्धारित किए गए हैं? (ख) माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा गत वर्षों में इन समितियों के सदस्यों की महापंचायत आहूत की थी? यदि हाँ, तो महापंचायत में माननीय मुख्यमंत्री जी ने क्या-क्या घोषणाएं की थीं? इन घोषणाओं पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) पुलिस मुख्यालय भोपाल में उपलब्ध जानकारी के अनुसार विदिशा जिले के कितने नगरों एवं कितने ग्रामों में रक्षा समितियां वर्तमान में कार्यरत हैं, इनमें कितने सदस्य हैं? सदस्यों के नाम, थाने का नाम, कार्य करने की अवधि सहित थानावार जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) रक्षा समिति के सदस्यों को मानदेय दिए जाने के संबंध में शासन की क्या योजना है, इन्हें कब से मानदेय के रूप में कितनी राशि प्रदान की जावेगी? समय-सीमा बतावें। नहीं तो कारण देवें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) राज्य में नगर एवं ग्राम रक्षा समितियों का गठन मध्यप्रदेश अधिनियम 1999 खण्ड-3 के तहत किया गया है। ग्राम एवं नगर रक्षा समितियों के सदस्यों को कर्तव्य के दौरान भोजन, नाश्ता एवं सदस्यों के घायल अथवा मृत होने पर आर्थिक सहायता उपलब्ध कराते हैं। सदस्यों को किसी प्रकार के अधिकार प्रदत्त नहीं किये गये हैं। (ख) जी हाँ। दिनांक 24.04.2008 को भोपाल में आयोजित म.प्र. ग्राम एवं नगर रक्षा समिति के राज्य स्तरीय सम्मेलन में माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा निम्न घोषणाएं की गई :- 1. रक्षा समितियों के लिए आवंटित बजट को रूपये 50 लाख से बढ़ाकर 2 करोड़ किया जायेगा। 2. प्रत्येक जिले के चयनित 3 उत्कृष्ट रक्षा समितियों को प्रतिवर्ष, 15 अगस्त के अवसर पर, रूपये 10,000 प्रति समिति के मान से पुरूस्कार दिया जायेगा, जिसके लिये बजट आवंटन पृथक से उपलब्ध कराया जायेगा। 3. रक्षा समितियों के ऐसे सदस्य जिनके द्वारा लगातार तीन वर्षों तक सक्रिय सेवाएं उपलब्ध कराईं जाती हैं, उन्हें संबंधित पुलिस अधीक्षक द्वारा दिये गए प्रमाण पत्र के आधार पर प्राथमिकता पर शस्त्र लाईसेंस जारी किये जायेगें। 4. रक्षा समिति के सदस्यों को पुलिस बल के साथ कर्तव्य निर्वहन के समय पुलिस कर्मचारियों के लिए निर्धारित मापदण्ड के अनुसार निःशुल्क भोजन प्रदाय किया जायेगा। 5. रक्षा समिति के ऐसे सदस्य, जिनके द्वारा 3 वर्ष तक सक्रिय सेवा उपलब्ध कराई हो, उन्हें पुलिस अधीक्षक के प्रमाण पत्र के आधार पर आरक्षक भर्ती में अन्य अर्हतायें पूरी करने की शर्त पर साक्षात्कार के समय बोनस अंक दिया जावेगा, जिससे उन्हें पुलिस भर्ती में प्राथमिकता मिलेगी। 6. रक्षा समिति के सदस्य की कर्तव्य निर्वहन के दौरान मृत्यु अथवा चोटिल होने पर बीमा का लाभ उपलब्ध कराने हेतु सामूहिक बीमा योजना प्रारंभ करने पर विचार किया जायेगा। 7. रक्षा समिति के प्रशिक्षित सदस्यों को पुलिस के साथ कर्तव्य निर्वहन की अवधि के लिए मानदेय स्वीकृत किये जाने पर विचार किया जायेगा। उक्त घोषणाओं के संबंध में वस्तु स्थिति निम्न प्रकार है :- 1. घोषणा क्रमांक 1-4 तक के संबंध में पुलिस मुख्यालय द्वारा आवश्यक कार्यवाही कर घोषणाओं पर विधिवत आदेश एवं निर्देश जारी कर घोषणाओं का पालन किया गया। 2. घोषणा क्रमांक 5 के संबंध में शासन द्वारा ग्राम एवं नगर रक्षा समितियों के सक्रिय सदस्यों को आरक्षक भर्ती के साक्षात्कार में बोनस अंक प्रदान करने के प्रावधान पूर्व में जारी किये गये थे, किन्तु कालान्तर में आरक्षक भर्ती परीक्षा व्यापम के माध्यम से संचालित किये जाने एवं साक्षात्कार की प्रकिया समाप्त किये जाने के फलस्वरूप वर्तमान में बोनस अंक का प्रावधान स्वतः समाप्त हो गया है। 3. घोषणा क्रमांक 6 के संबंध में ग्राम एवं नगर रक्षा समिति के सदस्यों को कर्तव्य के दौरान मृत्यु/घायल होने की स्थिति में शासन स्तर पर कॉरपस फण्ड बनाकर बजट प्रावधान है। अतः ग्राम/नगर रक्षा समिति के सदस्यों की मृत्यु/घायल होने की स्थिति में उन्हे नियमानुसार आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। 4. घोषणा क्रमांक 7 के क्रियान्वयन में ग्राम/नगर रक्षा समिति के सदस्यों को मानदेय प्रदान करने के संबंध में पुलिस मुख्यालय द्वारा भेजे गए बजट प्रस्ताव को वित्तीय अनुशासन के कारण अमान्य किया गया है। (ग) पुलिस मुख्यालय, भोपाल में उपलब्ध जानकारी अनुसार विदिशा जिले में कुल 21 थाने हैं, जिसमें कुल 1208 ग्राम/नगर रक्षा समितियाँ कार्यरत हैं, जिनमें कुल 7767 सदस्य हैं। थानेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट अनुसार। (घ) वित्तीय अनुशासन के कारण वर्तमान में मानदेय का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
महिलाओं
अपराध के
प्रकरण
1. ( क्र. 46 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में वर्ष 2012 से आज दिनांक तक कितनी महिलाओं, नाबालिग लड़कियों की हत्या, अपहरण, गुमशुदगी हुई एवं कितनों पर ज्यादती हुई? (ख) उक्त घटनाओं में से कितने मुकदमें कायम हुए, कितने चालान पेश हुए है एवं कितने लंबित हैं? जिन अपराधियों को आज दिनांक तक गिरफ्तार नहीं किया गया है, उन्हें कब तक गिरफ्तार कर लिया जायेगा? (ग) उक्त में से कितनी अनुसूचित जाति/जनजाति की पीडि़त महिलाओं को शासन द्वारा मुआवजा दिया गया एवं कितने प्रकरण लंबित हैं? लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक कर लिया जायेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) धार जिले में वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक कुल 72 महिलाओं की हत्या हुई जिसमें 67 महिलाएं तथा 05 नाबालिग थी। उक्त अवधि में कुल 524 अपहरण के प्रकरण दर्ज हुए जिसमें 57 महिलायें तथा 467 नाबालिग थी। उक्त अवधि में 639 बलात्कार के प्रकरण दर्ज किये गये जिसमें 267 महिलायें तथा 372 नाबालिग थी। उक्त अवधि में कुल 3080 गुमशुदगी दर्ज की गई जिसमें 2148 बालिग तथा 932 नाबालिग थी। जिले की वर्षवार संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उक्त सभी घटनाओं में प्रकरण कायम किये गये हैं। हत्या, अपहरण एवं ज्यादती के कुल 1235 अपराध पंजीबद्ध किये गये जिसमें 391 महिलायें तथा 844 नाबालिग थी। उक्त प्रकरणों में 912 में चालान न्यायालय में पेश किये गये। 163 प्रकरण लंबित हैं। प्रकरण के शेष आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। समय-सीमा बताना संभव नहीं। (ग) अनु.जाति की महिलाओं को उक्त अवधि में कुल 20 प्रकरणों में शासन द्वारा मुआवजा राशि दी गई है। 01 प्रकरण प्रक्रियाधीन है। अनुसूचित जनजाति महिलाओं की कुल 50 प्रकरणों में अनु.जनजाति की महिलाओं को शासन द्वारा मुआवजा राशि दी गई है। 06 प्रकरण मुआवजा राशि हेतु प्रक्रियाधीन हैं।
खाद्य सामग्री की जाँच
2. ( क्र. 168 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में खाद्य विभाग द्वारा खादय सामग्री (सेंपल) की जाँच किए जाने वाली कितनी प्रयोगशालाएं कहाँ-कहाँ पर संचालित हैं? (ख) क्या खाद्य विभाग के अधिकारियों द्वारा लिये गये सेंपल की जाँच रिपोर्ट महिनों तक नहीं आने से मिलावटखोर निर्भीक है? (ग) यदि हाँ, तो क्या प्रत्येक संभाग स्तर पर खादय सामग्री जाँच की लेब खोलने पर विभाग की कोई कार्ययोजना है ताकि नागरिकों के स्वास्थ्य के साथ हो रहे खिलवाड़ को रोका जा सके? (घ) खंडवा जिले में खाद्य विभाग द्वारा विगत दो वर्षों में कितनी होटलों/रेस्टोरेंट एवं दुकानों के सेंपल लिये गये तथा कितने नमूने अमानक पाए जाने पर दुकानदारों के विरूद्ध कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) क्या खाद्य अधिकारियों की मांगलिक परिसरों, होटल, एवं रेस्टोरेंट से अवैध वसूली की शिकायतों के कारण मिलावटखोरों पर लगाम नहीं लगाई जा रही है? यदि हाँ, तो इन अधिकारियों पर विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं नियंत्रक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, ईदगाह हिल्स, भोपाल परिसर में एक खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला संचालित है। जो कि भोपाल में स्थित है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश ‘ख’ के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ड़) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खण्डवा नगर में अवैध जुए सट्टे का कारोबार
3. ( क्र. 193 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा नगरीय क्षेत्र में विगत तीन वर्षों में अवैध जुए सट्टे के कितने प्रकरण बनाए गए एवं कितनी राशि जप्त की गई है? कितने प्रकरणों में दोषियों को मान. न्यायालय द्वारा सजा सुनार्इ गई है? (ख) क्या नगरीय क्षेत्र में जनप्रतिनिधियों की शिकायत के उपरांत भी इन अवैध जुए सट्टे का कारोबार पुलिस विभाग की निष्क्रियता से फल-फूल रहा है और उन पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जा रही है? (ग) क्या खण्डवा नगर के संजय नगर/दादाजी वार्ड में जगह-जगह जुएं सट्टे के खाईवाल होने से इन क्षेत्रों में आए दिन झगड़े एवं आपराधिक गतिविधियां बढ़ गई है? यदि हाँ, तो पुलिस द्वारा कब-कब कार्यवाही की गई? (घ) पुलिस विभाग द्वारा नगरीय क्षेत्र में ऐसे अवैध कार्यों पर सख्त कार्यवाही एवं सघन गश्त कब से आरंभ की जाएगी? क्या पुलिस द्वारा ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) खण्डवा नगरीय क्षेत्र के थाना पद्म नगर, थाना मोघट रोड एवं थाना कोतवाली में विगत तीन वर्षों में जुआ एवं सट्टा के कुल 264 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं जिनमें कुल राशि रूपये 10,04,196/- जब्त की गई है तथा कुल 261 प्रकरणों में आरोपीगण को सक्षम न्यायालय द्वारा दण्डित किया गया है। (ख) जी नहीं। खण्डवा नगरीय क्षेत्र में विगत तीन वर्षों में 2013 की तुलना में वर्ष 2014 में एवं वर्ष 2014 की तुलना में वर्ष 2015 में जुए एवं सट्टे के कुल प्रकरणों में कमी परिलक्षित हुई है। अवैध जुआ एवं सट्टा के प्रकरणों में विधि अनुसार प्रभावी कार्यवाही की जाती है। (ग) जी नहीं खण्डवा नगर के संजय नगर/दादाजी वार्ड में समय-समय पर घटित आपराधिक घटनाओं में प्रभावी एवं विधिसम्मत कार्यवाही की गई है जिनका जुआ एवं सट्टे के खाईवालों से प्रत्यक्ष संबंध होना नहीं पाया गया है। (घ) खण्डवा नगरीय क्षेत्र में अवैध गतिविधियों की रोकथाम हेतु प्रभावी एवं त्वरित कार्यवाही की जा रही है। नगरीय क्षेत्र में निरंतर एवं सघन गश्त की जा रही है। बीट प्रणाली को प्रभावी रूप से क्रियान्वित कर सार्वजनिक स्थलों पर पुलिस की उपस्थिति सुनिश्चित की गई है। जुए एवं सट्टे संबंधी गतिविधियों में लिप्त अपराधियों के विरूद्ध प्रतिबंधात्मक कार्यवाही भी की जा रही है। यह एक सतत् प्रक्रिया है।
गोहलपुर थाना प्रकरण में जाँच व कार्यवाही
4. ( क्र. 225 ) श्री मोती कश्यप : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 06.12.2015 को थाना गोहलपुर के अंतर्गत किसी दलित और राजनीतिक कार्यकर्त्ता के साथ घटित घटना रोकने, अपहरण करने, अस्त्र-शस्त्रों से सांघातिक चोटें पहुंचाने, डकैती डालने और पीडि़त को पुलिस के समक्ष थाना में फेंके जाने पर पुलिस महानिरीक्षक जबलपुर को अ.भा. रविदासिया धर्म संगठन एवं संत शिरोमणि सदगुरू रविदास आश्रम के किन्हीं पदाधिकारियों द्वारा दिनांक 18.12.2015 एवं 11.12.2015 को कोई अभ्यावेदन प्रस्तुत किया है? (ख) प्रश्नांश (क) पर पुलिस महानिरीक्षक जबलपुर ने किस वरिष्ठ अधिकारी को किसी दिनांक को जाँच के लिए निर्देशित किया और उस अधिकारी के द्वारा किस दिनांक को किस प्रकार का जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया है? विवरण देवें? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) पर थाना प्रभारी गोहलपुर की क्या अपराधियों से सांठ-गांठ, प्रोत्साहन, स्वेच्छाचारिता, उदासीनता पायी जाने पर उसके विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई है और अन्यत्र पदस्थ किया गया है?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) हाँ, यह सही है कि दिनांक 06.12.15 को श्री राजेन्द्र चौधरी के साथ आरोपियों द्वारा मारपीट कर पुलिस थाना गोहिलपुर के बाहर छोड़कर भाग जाने की घटना घटित हुई थी। उपरोक्त घटना के संबंध में संत शिरोमणि सदगुरू रविदास आश्रम के श्री बालकिशन चौधरी, एडवोकेट श्री सुरेन्द्र चौधरी के द्वारा दिनांक 11.12.2015 को एवं दिनांक 18.12.2015 को अखिल भारतीय रविदास धर्म संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री मूलचन्द मोरे द्वारा पुलिस महानिरीक्षक जबलपुर जोन जबलपुर उपरोक्त घटना में संलिप्त दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने हेतु ज्ञापन प्रस्तुत किये थे। (ख) पुलिस महानिरीक्षक जबलपुर जोन जबलपुर द्वारा आवश्यक जाँच एवं कार्यवाही हेतु क्रमशः दिनांक 11.12.15 एवं 22.12.15 को पुलिस अधीक्षक जबलपुर को प्रेषित किये गये थे। पुलिस अधीक्षक जबलपुर द्वारा उक्त दोनों अभ्यावेदनों को नगर पुलिस अधीक्षक, गोहलपुर को जाँच हेतु अपने पत्र क्र पुआ/जबल-शिका/आईजीपी/1167/15, दिनांक 16.12.15 एवं क्र. पुअ/जबल-शिका/आईजीपी/1201/15 दिनांक 30.12.2015 को भेजे गये। नगर पुलिस अधीक्षक, गोहलपुर के द्वारा उपरोक्त अभ्यावेदनों में जाँच की जाकर जाँच प्रतिवेदन क्रमशः 1- पत्र क्रमांक नपुअ/गोहल/ जबल/शिका/1911,144, 145,146/2015 दिनांक 28.12.2015 के द्वारा एवं 2- पत्र क्रमांक नपुअ/गोहल/जबल/शिका/153-ए/2015 दिनांक 04.01.16 के द्वारा जाँच प्रतिवेदन पुलिस अधीक्षक, जबलपुर को प्रेषित किये गये। जाँच में 06.12.2015 को दलित नेता श्री राजेन्द्र चौधरी के साथ आरोपियों द्वारा मारपीट कर पुलिस थाना गोहलपुर के बाहर छोड़कर भाग जाने की घटना घटित होना पाया गया। उक्त घटना के संबंध में फरियादी राहुल पिता विनोद चौधरी निवासी गोहलपुर की रिपेार्ट पर थाना गोहलपुर में अप.क्र. 908/15 धारा 147, 148, 294, 323, 506 भा.द.वि. एवं 3 (1) 10 अजा/जजा (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 का आरोपीगण 1- गगन यादव, बीनू पटेल व स्वपनिल तथा अन्य 8-10 अज्ञात आरोपियों के खिलाफ पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण में विवेचना उपरान्त धारा 365 भा.द.वि. का इजाफा साक्ष्य के आधार पर किया गया। प्रकरण में नामजद आरोपी गगन यादव को दिनांक 18.12.15 को एवं बीनू पटेल को 10.12.2015 को एवं अन्य आरोपियों में से चीना उर्फ अरूण चौधरी को दिनांक 07.12.15 को गिरफ्तार किया गया तथा घटना में आरोपियों द्वारा प्रयुक्त की गई कार एम.पी. 20-सीडी-4419 को दिनांक 10.12.2015 को आरेापी गगन यादव से जब्त की गई। प्रकरण में शेष आरोपियों की पतासाजी कर गिरफ्तारी के सघन प्रयास किये जा रहे हैं। प्रकरण में विधिसम्मत कार्यवाही की जा रही है। प्रकरण वर्तमान में विवेचना में है। (ग) नगर पुलिस अधीक्षक, गोहलपुर से अभ्यावेदनों पर कराई गई जाँच पर थाना प्रभारी गोहलपुर की अपराधियों से कोई सांठगांठ, स्वेच्छाचारिता, उदासीनता नहीं पाई गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुलिस अधिकारियों/कर्मियों की पदस्थापनायें
5. ( क्र. 230 ) श्री मोती कश्यप : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर में विगत एक वर्षों में किन उपपुलिस अधीक्षक, थाना प्रभारी, निरीक्षक, की किन-किन तिथियों में कहाँ पदस्थापना की गयी है? विवरण देवें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) पुलिस अधिकारियों व निरीक्षकों को किन थानों से कितनी सेवा अवधियों के उपरान्त अन्यत्र कहीं पदस्थापना की गई है? उसमें से किन्हें किन आरोपों में लाइन अटैच किया गया है और कितने दिवस उपरान्त कहीं पुन: पदस्थापना की गई है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) जिला में किन अधिकारी इन्स्पेक्टर को 2 वर्ष से अधिक कोई अवधि पूर्ण होने के उपरान्त भी किन्हीं कारणों से अन्यत्र पदस्थापित नहीं किया गया है? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में से थाना प्रभारी गोहलपुर को इस कारण अन्यत्र पदस्थापित नहीं किया गया है, क्योंकि वे राष्ट्रपति-राज्यपाल पदक और स्थानीय उत्कृष्ट सेवा पदक हेतु किन्हीं उत्कृष्ट सेवाओं के कारण विचार में लिया गया है?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘ब’ अनुसार। (ग) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति अनुसार 02 वर्ष की अवधि पूर्ण होने पर स्थानांतरण किया जाना बाध्यकारी नहीं हैं। (घ) जी नहीं।
मारपीट अपहरण डकैती कर जख्मी को थाने में फेंकना
6. ( क्र. 238 ) श्री मोती कश्यप : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 06.12.2015 को जबलपुर के थाना गोहलपुर में किसी दलित सामाजिक-राजनीतिक नेता को किन्हीं गुण्डों के द्वारा रोका, किसी वाहन से अपहरण किया गया व डकैती कर किन्हीं अस्त्र-शस्त्रों से सांघातिक चोटें पहुंचाई गई और थाना गोहलपुर के उक्त थाना प्रभारी, उपनिरीक्षक, पुलिसकर्मियों की उपस्थिति में थाने में फेंका गया है, जिन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है? (ख) पीडि़त को शरीर में किन अस्त्र-शस्त्रों से कहाँ, कैसी चोटें पायी गई हैं और पीडि़त ने अपने कथन में घटना, डकैती और आरोपियों का क्या विवरण दिया है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) पर किन-किन दफाओं पर किन-किन को आरोपी बनाया गया है तथा उन पर किन प्रकार के अपराध पंजीबद्ध हैं और उन्हें कब, कहाँ से गिरफ्तार किया गया है तथा कौन शेष हैं? (घ) प्रश्नांश (क) थाना प्रभारी कब से पदस्थ है और प्रश्नांश (ख), (ग) में अनियमितताओं और उदासीनताओं पर उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है और कब हटाया गया है?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी नहीं। घटना के संबंध में फरियादी राहुल चौधरी की रिपोर्ट पर थाना गोहलपुर में अप.क्र. 908/15, धारा 147, 148, 294, 323, 506 भा.द.वि. एवं 3 (1) 10 अजा/जजा (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 का कायम किया गया, बाद विवेचना धारा 365 भा.द.वि. इजाफा की गई। प्रकरण में 3 नामजद और 8-10 अन्य आरोपियों में से, 02 नामजद आरोपी गगन को दिनांक 08.12.2015 और बीनू पटेल को दिनांक 10.12.2015 तथा अन्य आरोपी चीना उर्फ अरूण चौधरी को दिनांक 07.12.2015 को गिरफ्तार किया गया। (ख) पीडि़त राजेन्द्र चौधरी ने थाने पर चोटों का विवरण लिखाते वक्त चेहरे, सिर छाती, पेट व पीठ पर हाथ, डंडा से चोट आना बताया है। फरियादी राहुल चौधरी ने बांये हाथ पर, दोनों पैरों पर, ओंठ पर, कमर व पेट पर श्रीमती अनिता चौधरी ने दाहिनी भुजा एवं कलाई पर और मोहित चौधरी ने पेट, पीठ एवं हाथ में चोट होना बताया। पीडि़तों ने अपने कथन में घटना के बारे में गगन यादव, बीनू पटेल, स्वप्निल तथा और भी लड़कों द्वारा लात घूसों से एवं रिवाल्वर के बट, बेसबाल के डंडे से मारपीट कर गाड़ी में बैठाकर थाने ले जाने और थाने पर बैठाकर चले जाने की बात, एवं गगन यादव के साथ 8-10 लड़कों ने मिलकर पुरानी रंजिश पर से मारपीट करने की बात लेख करायी है। डकैती के संबंध में कोई बात पीडि़तों के द्वारा नहीं बतलाई गई है। फरियादी एवं पीडि़त द्वारा उनके कथन में आरोपियों में गगन यादव, बीनू पटेल व स्वपनिल तथा अन्य 8-10 अज्ञात लड़के होने का विवरण दिया है। (ग) उत्तरांश ’क’ एवं ’ख’ अनुसार। आरोपियों को जबलपुर नगर में गिरफ्तार किया गया। अपराधिक रिकार्ड संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (घ) थाना प्रभारी गोहलपुर श्री विपिन ताम्रकार (निरीक्षक) दिनांक 23.05.2013 से थाना गोहलपुर के पद पर पदस्थ हैं। उनके द्वारा इस प्रकरण में किसी प्रकार की उदासीनता एवं लापरवाही नहीं पायी जाने से उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई।
फिजियोथेरेपी विशेषज्ञों की नियुक्ति
7. ( क्र. 384 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चिकित्सा क्षेत्र में अधिकांश बीमारियों को ठीक करने हेतु फिजियोथेरेपी की आवश्यकता अनिवार्य है? (ख) यदि हाँ, तो राज्य के मेडीकल कॉलेजों/अस्पतालों में फिजियोथेरेपी के कितने विशेषज्ञ पदस्थ है? कॉलेजवार जानकारी दें? (ग) क्या शासन फिजियोथेरेपी के पर्याप्त विशेषज्ञ उपलब्ध कराने हेतु कार्यवाही करेगा? (घ) यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) चिकित्सा क्षेत्र में कई बीमारियों को ठीक करने के लिये फिजियोथेरेपी अनिवार्य नहीं है, परन्तु कुछ बीमारियों में सहयोगी शाखा के रूप में महत्वपूर्ण हैं। (ख) चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल/रीवा/सागर/ग्वालियर/इन्दौर में फिजियोथेरेपी विशेषज्ञ का कोई पद स्वीकृत नहीं हैं, अपितु चिकित्सा महाविद्यालय ग्वालियर में 03, जबलपुर में 02, इन्दौर तथा रीवा में 01-01 फिजियोथेरेपिस्ट पदस्थ हैं। (ग) उत्तरांश ‘‘ख’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ‘‘ख’’ एवं ‘‘ग’’ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राज्य के मेडीकल कॉलेज/अस्पतालों की स्थानांतरण नीति
8. ( क्र. 385 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मेडीकल कॉलेजों में कई शल्य चिकित्सक/विशेषज्ञ लगातार 15-20 वर्षों से एक ही स्थान पर पदस्थ हैं? (ख) क्या शासन ऐसे शल्य चिकित्सकों/विशेषज्ञों की सेवाएं जनहित में अन्य मेडीकल कॉलेजों में उपलब्ध कराई जावेगी? (ग) यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित शल्य चिकित्सकों/विशेषज्ञों की पदस्थापना लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा की जाती हैं। ऐसा कोई प्रस्ताव विभाग स्तर पर विचाराधीन नहीं है। (ग) यशशीघ्र निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
पुरूष स्टॉफ नर्स की भर्ती प्रारंभ कराये जाने व भेदभाव न किये जाने
9. ( क्र. 535 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा महिला स्टॉफ नर्स के 1868 पद फरवरी, 2015 में विज्ञापन प्रकाशित किया गया था? (ख) क्या विभाग द्वारा बी.एस.सी./जी.एन.एम. का नर्सिंग का कोर्स पुरूष एवं महिला दोनों को कराते हुए डिग्री एवं डिप्लोमा प्रदान किये जा रहे हैं एवं समान रूप से शासन द्वारा निर्धारित छात्रवृत्ति भी बराबर प्रदान की जा रही है? (ग) यदि हाँ, तो स्टॉफ नर्स की भर्ती में पुरूष वर्ग को शामिल क्यों नहीं किया गया? इसी भेदभाव के चलते माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रकरण क्रमांक 2757/दिनांक 15 अप्रैल, 2015 को दायर की गई थी, जिस पर माननीय न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश जारी कर महिला स्टॉफ नर्स के भर्ती में रोक लगा दी गई, किंतु विभाग द्वारा माननीय न्यायालय के आदेश की अवहेलना कर महिला स्टॉफ नर्स की भर्ती प्रक्रिया चालू रखी गई, क्यों? कारण सहित बताएं? (घ) क्या पुरूष स्टॉफ नर्स के डिग्री/डिप्लोमा धारी युवकों द्वारा समय-समय पर संबंधित मंत्री/राज्य मंत्री एवं मुख्य मंत्री को ज्ञापन सौंप कर भर्ती प्रक्रिया का विरोध जताया गया, जिस पर मुख्य मंत्री जी द्वारा आश्वासन देते हुए 26 जुलाई, 2015 के पूर्व की गई स्टॉफ नर्स की भर्ती स्थगित कर दी गई, लेकिन 16 सितंबर, 2015 में पुन: विभाग द्वारा महिला स्टॉफ नर्स की भर्ती प्रारंभ कर दी गई, क्यों? कारण सहित बताएं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्वास्थ्य केन्द्रों की योजना का क्रियान्वयन
10. ( क्र. 1034 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के ब्यौहारी एवं जयसिंह नगर जनपद पंचायत अंतर्गत संचालित स्वास्थ्य केन्द्रों में विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु शासन द्वारा राशि आवंटित की जाती है और रोगी कल्याण समिति के माध्यम से भी स्वास्थ्य केन्द्रों को राशि प्राप्त होती है? (ख) प्रश्नांश (क) हाँ तो विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों को वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में कितनी राशि प्राप्त हुई और प्राप्त राशियों में से कितनी राशि व्यय की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। स्वास्थ्य केन्द्रों की विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु शासन द्वारा राशि आवंटित की जाती है। रोगी कल्याण समिति में एन.एच.एम. से तथा ए.पी.एल. मरीजों से पंजीयन एवं भर्ती शुल्क से राशि प्राप्त होती है। शेष सेवाएं निःशुल्क है। (ख) रोगी कल्याण समिति में प्राप्त एवं व्यय राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
पैरामेडिकल स्टॉफ का नियमितीकरण
11. ( क्र. 1035 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें भोपाल के पत्र क्र./4/समन्वय/ 09/155 भोपाल दिनांक 04 जून 2009 को जारी परिपत्र के अनुसार दिनांक 16 एवं 17 फरवरी में आयोजित समीक्षा बैठक की कार्यवाही की कण्डिक क्रमांक 5.20.3 में पैरामेडिकल स्टॉफ जो संविदा पर कार्यरत हैं उनमें से योग्य उम्मीदवारों का चयन समिति परीक्षा के माध्यम से नियमितीकरण किये जाने का निर्णय लिया जाकर कार्यवाही हेतु उप सचिव एवं अपर संचालक प्रशासन को निर्देशित किया गया था? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार हाँ तो उक्त संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक नियमितीकरण की कार्यवाही पूर्ण की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें से प्रेषित प्रस्ताव पर सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा असहमति व्यक्त किये जाने के कारण उक्त प्रस्ताव अमान्य किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी
12. ( क्र. 1082 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा क्या-क्या योजनायें चलाई जा रही हैं इन योजनाओं द्वारा 1 अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को क्या-क्या लाभ दिया गया है? (ख) 1 जनवरी 2016 की स्थिति में महिला एवं बाल विकास विभाग में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी ग्वालियर जिले में पदस्थ है उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक स्पष्ट करें? ऐसे कितने अधिकारी/कर्मचारी ग्वालियर जिले में विगत 5 वर्ष या उससे अधिक समय से पदस्थ हैं उनका नाम, पद स्पष्ट करें इन अधिकारियों/कर्मचारियों को स्थानांतरण जिले से बाहर क्यों नहीं किया जा रहा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) भितरवार विधान सभा क्षेत्र में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा समेकित बाल विकास परियोजना ग्वालियर में चलाई जा रही है, इन योजनाओं द्वारा 01 अप्रैल, 2015 से प्रश्न दिनांक तक लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘1’ अनुसार है। लाडली लक्ष्मी योजना अंतर्गत 395 एवं उषाकिरण योजना अंतर्गत 07 हितग्राहियों को लाभ दिया गया है। (ख) 01 जनवरी 2016 की स्थिति में महिला एवं बाल विकास विभाग में ग्वालियर जिले में पदस्थ अधिकारियों के नाम,पद, स्थापना दिनांक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘2’ अनुसार हे। जिले में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी जो विगत 05 वर्ष या उससे अधिक समय से जिले में पदस्थ है उनका नाम, पद, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘3’ अनुसार है। 05 वर्ष से अधिक अवधि से पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों के जिले से बाहर स्थानान्तरण किया जाना बाध्यकारी नहीं है। अधिकारी/कर्मचारी की प्रशासनिक आवश्यकता एवं उपयोगिता को दृष्टिगत रखते हुए ही स्थानान्तरण किये जाते है।
जिला चिकित्सालय का उन्नयन
13. ( क्र. 1503 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर जिला आदिवासी बाहुल्य व स्वास्थ्य सुविधा के क्षेत्र में पिछड़ा जिला है, जिले की 7.5 लाख जनसंख्या के स्वास्थ्य का दायित्व भी जिला चिकित्सालय श्योपुर पर ही है? (ख) क्या चिकित्सालय में सामान्य स्थिति में प्रतिदिन औसतन 500 मरीज उपचार हेतु आते हैं, मौसमी बीमारियों के सीज़न में ये संख्या दो तीन गुना तक हो जाती है? ऐसे में जगह के अभाव में मरीजों को उपलब्ध 100 बिस्तरों के अलावा गैलरियों व बैंचों पर लेटकर उपचार कराना पड़ता है? (ग) क्या चिकित्सालय में जगह की कमी व मरीजों को हो रही असुविधा के मद्देनज़र दिनांक 07.10.2015 को जिला योजना समिति की बैठक में सर्वसम्मति से उक्त चिकित्सालय को 100 से 200 बिस्तरीय कराने का प्रस्ताव तैयार कर शासन को स्वीकृति हेतु भेजने का निर्णय लिया गया था? (घ) यदि हाँ, तो निर्णय के पालन में क्या विभाग द्वारा प्रस्ताव तैयार कर शासन को स्वीकृति हेतु भेज दिया है? यदि नहीं, तो क्या शासन शीघ्र प्रस्ताव तैयार करवाकर उसे स्वीकृत करेगा तथा वर्ष 2016-17 के बजट में शामिल करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। (ग) जी हाँ। (घ) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला श्योपुर से उनके अभिमत सहित प्रस्ताव मंगवाकर परीक्षण किया जावेगा। परीक्षण उपरांत नियमानुसार कार्यवाहीं की जावेगी।
प्रदेश में महिलाओं द्वारा गर्भपात
14. ( क्र. 1558 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर जिलें में विगत एक वर्ष में महिलाओं द्वारा कराए गए गर्भपात की संबंधित हॉस्पिटल के नाम सहित संख्या उपलब्ध करावें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार किये गये सभी गर्भपात स्वास्थ्य सलाह के आधार पर किये गये हैं? यदि नहीं, तो प्रशासन द्वारा संबंधित के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) इंदौर जिले में माह अप्रैल 2014 से मार्च 2015 तक महिलाओं द्वारा कराए गए गर्भपात की संबंधित हॉस्पिटल के नाम सहित संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चिकित्सा अधिकारियों की वेतन वृद्धि
15. ( क्र. 1560 ) श्री
सुदर्शन गुप्ता
(आर्य) : क्या
लोक
स्वास्थ्य
एवं परिवार
कल्याण मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
विगत 05
वर्षों में
मध्यप्रदेश
लोक सेवा आयोग
के माध्यम से
प्रदेश के स्वास्थ्य
विभाग में
चिकित्सा
अधिकारी के
पदों पर
नियुक्ति की
गई थी? यदि
हाँ, तो
कितने चिकित्सा
अधिकारियों
की नियुक्ति
की गई? वर्षवार
सूची उपलब्ध
करावें। (ख) क्या
प्रश्नांश (क) अनुसार
नियुक्त
चिकित्सा
अधिकारी को
प्रतिवर्ष
वेतन वृद्धि
का लाभ दिया
जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों, कारण स्पष्ट
करें व कब तक
इन्हें वेतन
वृद्धि का लाभ
प्रदान कर
दिया जावेगा, दिनांक
स्पष्ट
करें?
लोक
स्वास्थ्य
एवं परिवार
कल्याण
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख)
जी हाँ, चिकित्सा
अधिकारियों
जिनकी नियुक्ति
के पश्चात 02 वर्ष की
परिवीक्षा
अवधि समाप्त
किए जाने के आदेश
जारी हो चुके
हैं उन्हें
वेतन वृद्धि
का लाभ प्रदान
किया जा रहा
है, शेष
चिकित्सकों
की परिवीक्षा
अवधि समाप्त किए
जाने के संबंध
में
कार्यवाही
प्रचलन में है।
निश्चित
समयावधि बताई
जाना संभव नहीं
है।
छिंदवाड़ा जिले में मेडिकल कॉलेज खोले जाने की घोषणा
16. ( क्र. 1687 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिन्दवाड़ा जिले में मेडिकल कॉलेज खोले जाने की घोषणा माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की जा चुकी है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) छिन्दवाड़ा जिले में मेडिकल कॉलेज कब तक खोला जायेगा? (ग) छिन्दवाड़ा जिले में मेडिकल कॉलेज खोले जाने में काफी विलंब हो रहा है? जिसका क्या कारण है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। इस हेतु भूमि का चयन किया जाकर प्रभारी अधिष्ठाता की नियुक्ति कर दी गई है एवं डी.पी.आर तैयार कराया जा रहा है। (ख) यथाशीघ्र निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सायलों बेग का निर्माण
17. ( क्र. 1788 ) श्री सुदेश राय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र सीहोर अंतर्गत विकासखण्ड के ग्राम इमलिया हसन (हाईवे पर) में गेहूं खरीदी हेतु सायलों बेग का निर्माण पूर्व में प्रस्तावित था? (ख) यदि हाँ, तो इस हेतु कितनी शासकीय भूमि का चयन किया गया है उसके खसरे/रकबा का क्या नंबर है? (ग) सायलों वेग के निर्माण की स्वीकृति एवं बजट हेतु क्या कार्यवाही प्रचलित है?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) साइलो बैग हेतु 25 एकड़ शासकीय भूमि का चयन किया गया है, जिसका खसरा क्र. 190/2 (ख), 190/5, 190/6, 289/282, 283 है। (ग) सीहोर जिले में पर्याप्त भण्डारण व्यवस्था होने से साइलों बैग के निर्माण की आवश्यकता नहीं है।
ग्रामीण क्षेत्रों में उचित मूल्य की दुकानों का संचालन
18. ( क्र. 1792 ) श्री सुदेश राय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीहोर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी शासकीय उचित मूल्य की दुकानें हैं एवं इनके कार्यक्षेत्र अंतर्गत कितने ग्राम प्रत्येक सोयायटी अंतर्गत आते हैं? (ख) शासन के नियमों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में कितनी आबादी पर दुकान संचालित किये जाने के शासन के निर्देश है, आदेश की प्रति उपलब्ध करायें? (ग) क्या वर्तमान में सीहोर विधानसभा क्षेत्र में उचित मूल्य की दुकानों की संख्या पर्याप्त है? यदि नहीं, तो दुकानों की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव विभाग के समक्ष विचाराधीन है? यदि हाँ, तो स्पष्ट करें और नहीं तो कारण बतायें?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक पंचायतों में एक उचित मूल्य दुकान खोलने का प्रावधान है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के प्रावधानों के अनुरूप सीहोर विधानसभा क्षेत्र में उचित मूल्य दुकानों की संख्या पर्याप्त नहीं है। मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 में संशोधन प्रचलित है। तदुपरांत प्रत्येक पंचायत में एक दुकान स्थापित करने की कार्यवाही की जा सकेगी।
रोगी कल्याण समिति की बैठक
19. ( क्र. 1839 ) श्री मुकेश नायक : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पन्ना में गठित जिला रोगी कल्याण समिति की बैठक कब-कब आयोजित की गई? बैठक में क्या-क्या प्रस्ताव रखे गये एवं किन-किन प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया? 1 जनवरी 2012 से प्रश्नांकित दिनांक तक की जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) की अवधि में जिला रोगी कल्याण समिति पन्ना को किन-किन स्त्रोतों में कितनी-कितनी आय हुई एवं कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों पर व्यय की गई? (ग) क्या पन्ना जिले की विधानसभाओं के निर्वाचित विधायक जिला रोगी कल्याण समिति के सदस्य हैं? यदि हाँ, तो जिला रोगी कल्याण समिति की बैठकों में विधायकों को आमंत्रित नहीं किये जाने एवं बैठकों के कार्यवाही विवरण से अवगत न कराये जाने के लिये कौन दोषी है? क्या दोषियों का उत्तरदायित्व निर्धारण कर उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या एवं कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’अ’’एवं ’’ब’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’स’’ अनुसार है। (ग) जी हाँ। पन्ना जिले के विधानसभाओं के निर्वाचित विधायक जिला पन्ना की रोगी कल्याण समिति की सामान्य सभा के सदस्य है एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों की रोगी कल्याण समिति की साधारण सभा के अध्यक्ष है। चूंकि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पवई, शाहनगर, देवेन्द्रनगर में प्रश्नांश अवधि में सामान्य सभा की बैठक संपादित नहीं हो सकी इस कारण क्षेत्रीय विधायकों को आमंत्रित नहीं किया जा सका है। इस कारण संबंधित संस्थाओं के प्रभारियों को कारण बताओं नोटिस एवं चेतावनी दी गई है। भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति न हो ऐसे निर्देश दिये गये।
पुलिस थानों /चौकियों में दर्ज अपराधिक प्रकरण
20. ( क्र. 2552 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की तहसील नौगाँव के अन्तर्गत थाने/पुलिस चौकियां स्थापित हैं? हाँ, तो पुलिस थानों/चौकियों के नामों की सूची पटल पर रखते हुए स्पष्ट करें कि थानों/चौकियों में दर्ज अपराध प्रकरणों की विवेचना के लिए सिटीजन चार्ट लागू है? (ख) क्या उक्त थानों/चौकियों के क्षेत्र में वर्ष, 2015 (01 जनवरी, 15 से 31 दिसम्बर, 2015) तक की अवधि में घटित अपराधों की एफ.आई.आर. दर्ज की गई हैं? हाँ, तो उक्त अवधि में उक्त थानों/चौकियों में दर्ज प्रकरणों की सिटीजन चार्ट के अनुसार समय-सीमा में विवेचना पूर्ण कर ली गई है, तो थाना/चौकी का नाम, अपराध क्रमांक/दिनांक, फरियादी का नाम व पता, विवेचना पूर्ण होने की तिथि, न्यायालय में चालान प्रस्तुत करने की तिथि, न्यायालय का प्रकरण क्रमांक, विवेचना अपूर्ण रहने का कारण, विवेचना करने वाले अधिकारी का नाम/पदनाम सहित जानकारी थाना/चौकीवार बताएं? (ग) क्या उक्त अपराधों में ऐसे अपराध/प्रकरण भी सम्मिलित हैं, जिनमें सिटीजन चार्ट का पालन न कर प्रश्न दिनांक तक विवेचनाएं लंबित हैं? हाँ, तो थाना/चौकी का नाम, अपराध क्रमांक व दिनांक, फरियादी का नाम व पता, विवेचना में सिटीजन चार्ट का पालन न करने वाले अधिकारी का नाम/पद उल्लिखित कर पटल पर रखें। (घ) शासन, उक्त लंबित प्रकरणों में सिटीजन चार्ट का पालन न करने के कारण विवेचना के अन्तराल को देखते हुए तत्काल लंबित प्रकरणों की विवेचना करने के आदेश/निर्देश जारी कर विवेचना पूर्ण कराएगा। यदि हाँ, तो अवधि बताएं?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ। छतरपुर जिले की तहसील नौगांव के अंतर्गत थाना नौगांव हरपालपुर, अलीपुरा एवं पुलिस चौकी लुगासी, गरोली व काकनपुरा स्थापित है। अपराधों की विवेचना दण्ड प्रक्रिया संहिता में वर्णित प्रावधानों के अनुसार की जाती है। इस संबंध में सिटीजन चार्टर लागू नहीं है। (ख) जी हाँ। सिटीजन चार्टर में विवेचना पूर्ण करने की समय-सीमा निर्धारित नहीं है। (ग) किसी भी अपराधिक प्रकरण विशेष की विवेचना पूर्ण करने की अवधि सिटीजन चार्टर में तय नहीं की गई है। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) सभी विवेचनाधीन प्रकरणों का यथाशीघ्र विधिसम्मत निराकरण करने का निरंतर प्रयास किया जाता है। शेष उत्तरांश ’ख’ एवं ’ग’ अनुसार।
सतना शहर में चोरियों की वारदात
21. ( क्र. 2977 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत एक-दो वर्ष से सतना शहर में आये दिन दस-पन्द्रह चोरियां हो रही है? (ख) क्या सतना शहर चोरों का अड्डा बन गया है और वे दिन-दहाड़े चौरियां कर रहे है? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) का उत्तर हां, है तो पुलिस द्वारा क्या कार्यवाही की गई है, थानावार पकड़े गये चोरों या चोरी की दर्ज रिपोर्ट की जानकारी बतायें? (घ) सतना शहर के चोरों के आंतक से मुक्त करने की दिशा में पुलिस प्रशासन द्वारा क्या कोई ठोस कार्यवाही की जायेगी या नहीं?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी नहीं वस्तुस्थिति यह है कि सतना शहर के तीनों थानों में यदा-कदा चोरी की घटनाएं घटित हो जाती हैं। (ख) जी नहीं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। पुलिस द्वारा विधि अनुरूप कार्यवाही की जा रही है। (घ) शहर में चोरी की घटनाओं को नियंत्रित किये जाने हेतु गश्त एवं वीट व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाया गया है। पूर्व में गिरफ्तार आरोपियों की नियमित चेकिंग व प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की गई है।
जिला चिकित्सालय उज्जैन में नवनिर्मित मातृ एवं शिशु अस्पताल
22. ( क्र. 3009 ) श्री सतीश मालवीय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला चिकित्सालय उज्जैन में नवनिर्मित मातृ एवं शिशु अस्पताल 450 बेड अस्पताल के सफल संचालन हेतु अधीक्षक का पद स्वीकृत किया जावेगा अथवा नहीं? एवं अन्य कितना स्टॉफ स्वीकृत किया जावेगा? (ख) क्या संविदा प्रभारी सिविल सर्जन द्वारा नवनिर्मित मातृ एवं शिशु अस्पताल 450 बेड अस्पताल हेतु की गई खरीदी की समस्त जानकारी उक्त मद एन.एच.एम./डी. एम.आर्इ.डी. द्वारा उपलब्ध करायी गयी थी। जिसमें कलेक्टर जिला स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष होते हैं क्या उक्त करोड़ों रूपये के क्रय में अनुमति प्राप्त की गई थी। (ग) शासन की उक्त राशि में खरीदी में कई गुना अधिक राशि खर्च कर म.प्र.लघु उद्योग निगम में स्वीकृत दरों पर सामान्य उपकरण, फर्नीचर क्रय न करते हुए स्पेशल फर्नीचर के क्रय आदेश जारी किये गये जबकि महिला एवं शिशु वार्ड में अधिकांशत: सामान्य गर्भवती महिलाओं एवं शिशुओं का उपचार किया जाता है? फिर भी नियम विरूद्ध सेमी फ्लावर बेड, एक्जामिनेशन टेबल, बेड साईड लाकर, सिजेरियन किट आदि एल.यू.एन. एवं संचालनालय के कार्पोरेशन की दर से अधिक राशि में की गई खरीदी पर शासन को लाखों रूपये की क्षति पहुंचाने वाले संविदा सिविल सर्जन पर क्या कार्यवाही करेंगे?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। जिला चिकित्सालय के स्वीकृत स्टॉफ से उक्त अस्पताल का संचालन किया जावेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। जी नहीं, संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें द्वारा, डी.एफ.आई.डी. मद में उपकरण, फर्नीचर क्रय करने हेतु दिनांक 03.12.2015 एवं 04.12.2015 को प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त होने के कारण जिला कलेक्टर से अनुमति प्राप्त नहीं की गई है। (ग) मध्य प्रदेश लघु उद्योग निगम में सामान्य श्रेणी की दरे उपलब्ध नहीं होने से तथा निर्धारित समय पर 450 बेडेड, चिकित्सालय शीघ्र आरंभ करने की स्थिति को दृष्टिगत रखते हुये मांग अनुसार उत्तम गुणवत्ता के उपकरण, फर्नीचर सामाग्री प्राप्त करने हेतु क्रय आदेश जारी किये गये है। सभी क्रय भण्डार क्रय नियमों का पालन करते हुये रेट कान्ट्रेक्ट पर मध्य प्रदेश लघु निगम की दरों पर ही किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों का हनन
23. ( क्र. 3109 ) श्री रामनिवास रावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारतीय संविधान अनुच्छेद 19 के तहत प्रत्येक नागरिक व नागरिकों के समूह को वाक एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता व शांतिपूर्वक निरायुध सम्मेलन करने के मौलिक अधिकार अनुसार प्रदेश में किसी संगठन/संस्था अथवा व्यक्तियों द्वारा संवैधानिक व्यवस्था के अंतर्गत अपनी मांग रखने के लिए धरना/प्रदर्शन एवं शांतिपूर्वक तरीके से सम्मेलन/आंदोलन करने से पूर्व प्रशासन की अनुमति लेना आवश्यक है? यदि हाँ, तो इस संबंध में शासन के क्या निर्देश है? जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या माह सितम्बर एवं अक्टूबर 2015 में क्रमश: प्रदेश के अध्यापकों एवं पंचायत प्रतिनिधियों तथा दिनांक माह फरवरी 2016 में मनरेगा के संविदाकर्मियों द्वारा अपनी जायज मांगों को लेकर राजधानी भोपाल में सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए लोकतांत्रिक तरीके से शांतिपूर्वक ढंग से निरायुध विरोध प्रदर्शन कर रहे अध्यापकों एवं पंचायत प्रतिनिधियों, मनरेगा कर्मियों को पुलिस द्वारा आंदोलन करने से बलपूर्वक रोका गया तथा उन्हें गिरफ्तार कर उनके मौलिक अधिकारों का हनन किया गया है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन दोषी है?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ। दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा की स्थिति में तथा पुलिस एक्ट 1861 की धारा 30 के तहत अनुमति की आवश्यकता होती है। (ख) माह सितम्बर में म.प्र. आजाद संघ द्वारा अपनी मांगे मनवाने के लिये यादगार-ए-शहजानी पार्क भोपाल में दिनांक 13.09.2015 से 15.09.2015 तक तीन दिवसीय धरने की अनुमति प्राप्त की गयी थी, अनुमति अवधि समाप्त होने के उपरांत भी धरना व आमरण अनशन जारी रखा गया। इस पर दिनांक 17.09.2015 को कार्यपालिक मजिस्ट्रेट द्वारा धरने पर बैठे अध्यापकों को पार्क खाली करने की हिदायत दी जाने पर अध्यापक संघ के प्रदर्शनकारी उग्र होकर प्रदर्शन कर अपने साथियों को आव्हान करने लगे। प्रदर्शनकारियों की तरफ से लोक शांति भंग होने की पूर्ण संभावना होने पर पुलिस द्वारा वैधानिक कार्यवाही करते हुए 151 दं.प्र.सं. के तहत गिरफ्तार किया गया। दिनांक 25.09.2015 को म.प्र. आजाद अध्यापक संघ द्वारा भोपाल में प्रांतीय रैली का आव्हान किया गया और बिना अनुमति के अपनी मांगे मनवाने के लिये भोपाल शहर में प्रवेश कर उग्र धरना प्रदर्शन करने लगे उनके कृत्य मौके पर लोक शांति भंग होने की पूर्ण संभावना पर शहर भोपाल के थाना गोविन्दपुरा, थाना कोहेफिजा, थाना जहांगीराबाद क्षेत्र में प्रदर्शनकारियों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही करते हुए 151 दं.प्र.सं. के तहत गिरफ्तार किया गया। माह अक्टूबर में दिनांक 28.10.2015 को त्रिस्तरीय पंचायत राज संघ म.प्र. द्वारा बिना अनुमति दशहरा मैदार टी.टी. नगर भोपाल में बल पूर्वक प्रवेश कर उग्र आंदोलन करने लगे मौके पर संज्ञेय अपराध घटित होकर लोक शांति भंग होने की पूर्ण संभावना पर प्रदर्शनकारियों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही करते हुए 151 दं.प्र.सं. के तहत गिरफ्तार किया गया। माह फरवरी में दिनांक 01.02.2016 को मनरेगा संविदा अधिकारी कर्मचारी एवं ग्राम रोजगार सहायक संगठन म.प्र. भोपाल के द्वारा अनुमति शर्तों का उल्लघंन कर उत्तेजक होकर उग्र भड़काऊ भाषण देकर तोड़-फोड़ एवं पथराव कर बलवा किया। इस सम्पूर्ण घटनाक्रम में 10 पुलिस कर्मचारी एवं 04 प्रदर्शनकारी घायल हुए। जिस पर थाना छोला मंदिर में अपराध क्रमांक 80/2016 धारा 341, 147, 186, 353, 336 भा.द.वि. का कायम किया गया एवं थाना गौतम नगर में अपराध क्रमांक 53/2016 धारा 341, 336, 147 भा.द.वि. का प्रदर्शनकारियों के विरूद्ध कायम किया गया। दोनों प्रकरण विवेचना में हैं। पुलिस द्वारा आंदोलनकारियों के विरूद्ध नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की गयी। किसी भी आंदोलनकारियों के मौलिक अधिकारों का हनन नहीं किया गया।
आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी चयन में आरक्षण के नियमों का उल्लंघन
24. ( क्र. 3123 ) श्री रामनिवास रावत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक सेवा आयोग द्वारा आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी की अंतिम चयन सूची दिनांक 03 दिसंबर, 2015 के संदर्भ में बतावें कि प्रत्येक केटेगिरी (होरिजेंटल-वर्टिकल) में कट ऑफ पाईंट क्या थे की सूची प्रस्तुत करें? (ख) क्या आरक्षित पदों पर चयन में सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ/7/46/99/आ.प्र.1, दिनांक 07.11.2000 के निर्देशों का पालन किया गया या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रत्येक केटेगिरी में कितनी महिलाएं सामान्य सूची में चयनित हुई तथा कितनी महिलाएं आरक्षण के अंतर्गत चयनित हुई? क्या सामान्य सूची में आने जैसे प्राप्तांक के बाद भी महिलाओं को आरक्षण की श्रेणी में शामिल किया गया? यदि हाँ, तो बतावें कि इसके लिये कौन जिम्मेदार है तथा क्या पुन: चयन सूची को सुधारा जायेगा? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित परीक्षा में केटेगिरी अनुसार चयनित परीक्षार्थियों के नाम, पता, पिता का नाम, प्राप्तांक तथा रेंक सहित सूची प्रदान करें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) कट ऑफ मार्क्स (CUT OFF MARKS) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एक अनुसार। (ख) जी हाँ (ग) (1) अनारक्षित श्रेणी के 317 पदों के विरूद्ध 30 प्रतिशत महिला आरक्षण के अनुसार 95 पद महिलाओं के बनते हैं। कुल 137 महिलाएं चयनित हुई हैं, जिसमें से 95 महिलाएं आरक्षण के विरूद्ध एवं 42 महिलाएं ओपन पदों पर मेरिट के आधार चयनित हुई है, इनमें से 08 महिला (नि:शक्त) भी शामिल है। उक्त 137 महिला आवेदकों में से अनुसूचित जाति की 07 महिला आवेदक, अनुसूचित जनजाति की 01 महिला आवेदक तथा अन्य पिछडा वर्ग की 34 महिला आवेदक चयनित हुई हैं। (2) . अनुसूचित जाति के 131 पदों विरूद्ध 30 प्रतिशत महिला आरक्षण के अनुसार 40 पद महिलाओं के बनते है। कुल 41 महिलाओं का चयन हुआ है, जिसमें 01 महिला (नि:शक्त) भी शामिल है। (3). अनुसूचित जनजाति के 186 पदों के विरूद्ध 30 प्रतिशत महिला आरक्षण के अनुसार 56 पद महिलाओं के बनते है। कुल 74 महिलाओं का चयन हुआ है। जिनमें से 56 महिला आरक्षित पदों तथा 18 महिला मेरिट के आधार पर अनुसूचित जनजाति ओपन पदों पर चयनित हुई है जिसमें से 01 महिला (नि:शक्त) भी शामिल है। (4) अन्य पिछडा वर्ग के 88 पदों के विरूद्ध 30 प्रतिशत महिला आरक्षण के अनुसार 26 पद महिलाओं के बनते है। कुल-28 महिलाओं का चयन हुआ है, जिसमें 02 महिला आवेदक (नि:शक्त) भी शामिल है। जी हाँ। चयन नियमानुसार किया गया है। (घ) चयनित परीक्षार्थियों के नाम, पता, पिता का नाम प्राप्तांक तथा रेंक सहित सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार।
डी-मेट परीक्षा 2015
25. ( क्र. 3129 ) श्री रामनिवास रावत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न संख्या 1 (क्रमांक 16) दिनांक 11.12.2015 के संदर्भ में बतावें कि मेरिट सूची विधानसभा में डी-मेट प्राप्तांक सहित क्यों प्रस्तुत नहीं की गई? अधूरी मेरिट सूची के देने के लिए कौन जिम्मेदार है? (ख) डी-मेट परीक्षा 2015 के परिणाम घोषित करने के लिए उच्च न्यायालय से क्या निर्देश मिले थे तथा परिणाम किस दिनांक को कितने बजे घोषित किया गया? निर्देश अनुरूप समय पर परिणाम घोषित नहीं किया गया तो उसके लिए कौन जिम्मेदार है? (ग) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 16 दिनांक 11.12.2015 के खण्ड (ग) के उत्तर के अनुसार बतावें कि संभावित उत्तर कुंजी वेबसाईट पर किस दिनांक को किस समय अपलोड की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित उत्तर कुंजी हेतु कमेटी की बैठक कब हुई और सही उत्तर कुंजी किस दिनांक को कितने बजे अपलोड की गई? (ड.) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 16 दिनांक 11.12.2015 के खण्ड (ग) में चाही गई जानकारी क्यों नहीं उपलब्ध कराई गई? उसे उपलब्ध करावें तथा इस संबंध में जिम्मेदार अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ड.) जानकारी ए.एफ.आर.सी. से एकत्रित की जा रही है।
एन.आर.एच. एम. योजनांतर्गत नियुक्त कर्मचारियों की वेतनवृद्धि
26. ( क्र. 3186 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला श्योपुर एवं मुरैना में कितने कम्प्यूटर ऑपरेटर, सपोर्टस्टॉफ, फार्मासिस्ट, एन.आर.एच.एम. स्कीम के तहत कार्यरत हैं? जानकारी निम्न प्रारूप पर दी जावे? नाम कर्मचारी-पद-संख्या-प्रथम नियुक्ति दिनांक। (ख) फार्मासिस्ट के कितने पद श्योपुर एवं मुरैना जिले में रिक्त है, प्रश्न दिनांक तक की स्थित में जानकारी मय स्वास्थ्य केन्द्र के प्रदाय की जावे? प्रश्नांश ‘क’ में वर्णित कर्मचारियों को वर्तमान में कितना वेतन दिया जा रहा है? जिला श्योपुर एवं मुरैना की पद वाईज जानकारी दी जावें। (ग) क्या प्रश्नांश ‘क’ में वर्णित एन.आर.एच.एम. की योजना के कार्यरत संविदा कर्मचारियों की सेवा 03 वर्ष पूर्ण होने पर प्रतिवर्ष 15 प्रतिशत वेतन वृद्धि का प्रावधान है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध कराये, तथा आदेश के मुताबिक उन्हें कब तक लाभान्वित कर दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्न भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) प्रश्न से संबंधित स्वास्थ्य केन्द्रवार रिक्त पदों एवं वेतन संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बी.पी.एल. एवं ए.पी.एल. कार्ड उपलब्ध कराया जाना
27. ( क्र. 3273 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल संभाग के अनुसूचित जाति एवं जनजाति के व्यक्तियों के राज्य सरकार के निर्देशानुसार शासकीय योजनानुसार बी.पी.एल., ए.पी.एल. कार्ड एवं अन्य कार्ड बनाने की योजना है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार शहडोल संभाग के विभिन्न विकासखण्डों एवं नगरीय क्षेत्रों में कितने अनुसूचित जाति एवं जनजाति के परिवार निवासरत हैं? कितने परिवारों की खाद्यान्न पर्ची जारी कर दी गई है? कितने शेष हैं, शेष परिवारों की पर्ची कब तक जारी की जावेगी? (ग) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायतों एवं नगर पंचायतों में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के ग्राम पंचायतवार कितने परिवार ऐसे हैं जिनकी पात्रता पर्ची अभी तक जारी नहीं की गई हैं? इनके लिए कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत प्रदेश के समस्त अनुसूचित जाति/जनजाति के परिवारों को (प्रथम/द्वितीय/तृतीय श्रेणी के अधिकारी/कर्मचारी तथा आयकर दाता को छोड़कर) प्राथमिकता परिवार श्रेणी में सम्मिलित किया गया है, जिनको स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी करने का प्रावधान है।, (ख) शहडोल संभाग के जिला शहडोल, अनूपपुर एवं उमरिया में विकासखण्ड एवं नगरीय निकायवार निवासरत अनुसूचित जाति/जनजाति की परिवार संख्या, उनको जारी पात्रता पर्ची एवं शेष रहे परिवारों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। पात्र परिवारों का सत्यापन एवं पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है। अनुसूचित जाति/जनजाति के आवेदन करने वाले पात्र परिवार का कोई आवेदन शेष नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।, (ग) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायतों एवं नगर पंचायतों में अनुसूचित जाति/जनजाति के आवेदन करने वाले कोई भी पात्र परिवार पात्रता पर्ची से वंचित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हत्याओं, अपहरण तथा बलात्कार के मामलों में अपराधियों की गिरफ्तारी
28. ( क्र. 3501 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अपराध क्रमांक 155/12 दिनांक 29.03.2012 थाना जनकगंज जिला ग्वालियर में दर्ज है जिसमें 13 वर्षीय बालक सुमित किरार का अपहरण कर हत्या की गई थी? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक हत्यारों का पता चल सका है यदि हाँ, तो हत्यारों के नाम बतावें? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित स्पष्ट करें? (ख) ग्वालियर जिले में किन-किन व्यक्तियों की हत्याएं अपहरण तथा बलात्कार 1 जुलाई 2015 से 31 दिसम्बर 2015 तक हुई है उनका नाम, पिता/पति का नाम, जाति, थाना, पता सहित बतावें? क्या इन घटनाओं में संलिप्त अपराधी पकड़े गये है? यदि हाँ, तो उनके नाम घटना वाईज स्पष्ट करें यदि फरार है? तो कब तक पकड़ लिये जावेंगे तथा अज्ञात व्यक्तियों की कब तक खोज कर ली जावेगी स्पष्ट करें? (ग) थाना जनकगंज, माधोगंज, इन्दरगंज भितरवार एवं भितरवार विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले थानों में कौन-कौन पुलिस कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं उनका नाम, पद स्पष्ट करें? 3 वर्ष से अधिक समय एक ही स्थान पर पदस्थ पुलिस कर्मचारियों को अन्यत्र थाने में स्थानान्तरण किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यो कारण सहित स्पष्ट करें? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार उक्त थानों में कितने-कितने पद 1 जनवरी, 2016 की स्थिति में किस-किस स्तर के पुलिस कर्मचारियों के रिक्त है उनकी कब तक पूर्ति कर ली जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ। आरोपियों का पता नहीं चलने पर विवेचना उपरांत दिनांक 23.12.2012 को प्रकरण में खात्मा लगाया गया था। दिनांक 23.07.2013 से प्रकरण में अग्रिम विवेचना पुनः प्रारम्भ की गई है। प्रकरण वर्तमान में विचाराधीन है। अज्ञात आरोपियों का पता करने के प्रयास किये जा रहे हैं। (ख) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। घटना में संलिप्त पकड़े व फरार आरोपियों की जानकारी परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ में समाहित है। विवेचनाधीन प्रकरणों में फरार आरोपियों की गिरफ्तारी एवं अज्ञात आरोपियों की पतासाजी हेतु विधि अनुसार कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। शासन की स्थानान्तरण नीति के अनुसार यह आवश्यक नहीं है कि तीन वर्ष पूर्ण होने पर स्थानान्तरण किया ही जाय। वर्तमान में जिन कर्मचारियों के एक ही थाने में तीन वर्ष पूर्ण हो गये हैं उनके संबंध में प्रशासनिक दृष्टिकोण से निर्णय लिया जाएगा। (घ) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’स’ अनुसार है। रिक्तियों की पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कुपोषण शिविरों का आयोजन
29. ( क्र. 3552 ) श्री अंचल सोनकर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग जबलपुर को शासन द्वारा किस-किस योजनांतर्गत कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी राशि व्यय हुई। योजनाओं के प्रचार प्रसार, मुद्रक सामग्री की खरीदी व शिविरों के आयोजन पर कितनी राशि खर्च की गई। वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत कुपोषित बच्चों को खोजने हेतु विभाग द्वारा कितने शिविरों का आयोजन कहाँ-कहाँ पर किया गया। शिविर में कितने बच्चे, बालिकायें एवं गर्भवती महिलाएं कुपोषित पाई गई। क्या अति कम वजन के कितने कुपोषित बच्चों को चिन्हित किया गया एवं कितने कुपोषित बच्चे, बालिकाओं एवं महिलाओं को उपचार हेतु पोषण पुर्नवास केन्द्रों में भर्ती कर उपचार कराया गया? (ग) प्रश्नांश ‘क’ एवं ‘ख’ में कुपोषित बच्चे, बालिकायें एवं महिलाओं को चिन्हित करने हेतु आयोजित शिविरों में किस-किस अधिकारी/कर्मचारियों ने भाग लिया आयोजित शिविरों में कुल कितनी राशि व्यय की गई इसका सत्यापन किसने किया?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’क’ अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों का वज़न लिया जाकर उनके पोषण स्तर का निर्धारण किया जाता है। जबलपुर जिले अन्तर्गत 2101 आंगनवाड़ी केन्द्र तथा 285 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों में प्रतिमाह 01 से 04 तारीख तक वज़न मेलों का आयोजन किया जाता है। वर्ष 2014 -15 एवं 2015-16 में वज़न मेले में कम वज़न वाले बच्चों एवं किशोरी बालिकाओं का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ख‘ अनुसार है। गर्भवती महिलाओं के पोषण स्तर का निर्धारण नहीं किया जाता है। जी हाँ। चिन्ह्ति कुपोषित बच्चों का स्नेह शिविरों में किये उपचार एवं पोषण पुनर्वास केन्द्रों में संदर्भित किये गये बच्चों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ग’ पर है। (ग) जिले अन्तर्गत आंगनवाड़ी केन्द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र में प्रत्येक माह आयोजित वज़न मेलों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका द्वारा बच्चों का वज़न लिया जाता है। उक्त वज़न मेलों में किसी प्रकार की राशि व्यय नहीं की जाती है। अतः शेष का प्रश्न नहीं।
कटनी में मेडीकल कालेज की स्थापना
30. ( क्र. 3824 ) श्री मोती कश्यप : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने अपने पत्र दिनांक 02.01.2016 द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी से कटनी में किन क्षमताओं, पात्रताओं, क्षेत्रीय और किन्हीं समीपवर्ती जिलों की आवश्यकताओं का उल्लेख करते हुये किसी महाविद्यालय की मांग उठाई है? (ख) क्या जबलपुर के ने.सु.बो. मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल की बिस्तर क्षमता कितनी है और क्या उसमें कटनी एवं सीमावर्ती किन जिलों के रोगी उपचारार्थ आते है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) की स्थापना से प्रश्नांश (ख) कॉलेज/ चिकित्सालय से दबाव घटेगा और चिकित्सा सुविधा के विकेन्द्रीकरण से जनता अधिकाधिक लाभान्वित हो सकेगी? (घ) क्या प्रश्नांश (क) का परीक्षण कराया गया है और कार्यवाही किस स्तर पर प्रचलन में है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) नेताजी सुभाष चन्द्र बोस चिकित्सा महाविद्यालय से सम्बद्ध चिकित्सालय की 810 बिस्तर की क्षमता हैं। कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, मण्डला, डिण्डोरी, सिवनी, दमोह आदि जिलों के रोगी चिकित्सालय में उपचार हेतु आते हैं। (ग) कटनी में चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना से वहाँ भी मरीज उपचार हेतु उपस्थित होने की संभावना है। (घ) कटनी में शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय खोलने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में चयन में अनियमितता
31. ( क्र. 3831 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 2010 से 2015 तक निजी चिकित्सा महाविद्यालय में एम.बी.बी.एस प्रथम वर्ष में प्रवेशित विद्यार्थियों का नाम, पिता का नाम, स्थाई निवास का पता सहित सूची प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सूची में से बतावें कि एन.आर.आई. कोटा, पी.एम.टी/ए.आई.पी.एम.टी तथा डी-मेट परीक्षा से कौन-कौन से विद्यार्थी चयनित हुये तथा उनका उन परीक्षाओं में प्राप्तांक तथा रेंक क्या थी। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सूची में से कौन-कौन विद्यार्थी व्यापम की जाँच में आरोपी बनाये गये हैं। उनकी महाविद्यालय अनुसार सूची देवें तथा बतावें कि वे महाविद्यालय से निकाल दिये गये है या अध्ययनरत है? (घ) उल्लेखित वर्ष में पी.एम.टी/ए.आई.पी.एम.टी कोटे से चयनित कितने अभ्यार्थियों ने अंतिम दिन (30 सितम्बर तथा 11 अक्टूबर 2015) प्रवेश लेने से इंकार कर दिया उनकी सूची देवें तथा बतावें कि उनके स्थान पर किनको प्रवेश किसकी अनुशंसा से दिया गया।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
एस.टी.एफ. में दर्ज प्रकरण तथा सी.बी.आई. की जाँच में शामिल प्रकरण
32. ( क्र. 3832 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एस.टी.एफ. द्वारा व्यापम घोटाले के दर्ज प्रकरण की सूची, प्रकरण क्रमांक, दिनांक, घटना की दिनांक, धारायें प्रारम्भिक रिपोर्ट में आरोपियों के नाम, विवेचना पूर्ण होने की दिनांक, विवेचना के बाद जोड़े गये/ हटाये गये आरोपियों के नाम माननीय न्यायालय में चालान प्रस्ततु करने की दिनांक सहित प्रदान करें? (ख) एस.टी.एफ. के अलावा प्रदेश के विभिन्न थानों में 2000 से लेकर 2013 तक दर्ज प्रकरण की सूची प्रकरण क्रमांक, दिनांक, घटना की दिनांक, धारायें, प्रारम्भिक रिपोर्ट में आरोपियों के नाम, विवेचना पूर्ण होने की दिनांक, विवेचना के बाद जोड़े गये/हटाये गये आरोपियों के नाम माननीय न्यायालय में चालान प्रस्तत करने की दिनांक सहित प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित प्रकरणों में से किस-किस प्रकरण की जाँच/विवेचना सी.बी.आई. द्वारा की जा रही हैं। शेष प्रकरणों की सूची देवें तथा बतावें कि उन प्रकरणों की जाँच/ विवेचना/कोर्ट ट्रायल किस एजेन्सी द्वारा किया जा रहा है तथा इन प्रकरणों को सी.बी.आई. में किस कारण से अपनी सूची में शामिल नहीं किया। (घ) क्या एस.टी.एफ. व्यापम घोटाले के नये प्रकरणों की जाँच/विवेचना कर रहा है या नहीं यदि नहीं, तो कारण बतावें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ख) एस.टी.एफ. के अलावा प्रदेश के विभिन्न थानों में वर्ष 2000 से लेकर वर्ष 2013 तक दर्ज प्रकरणों की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ’क’ एवं ’ख’ में उल्लेखित प्रकरणों में से सी.बी.आई. द्वारा विवेचना किये जा रहे प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’स’ अनुसार है एवं शेष प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’द’ अनुसार है। व्यापम संबंधी समस्त प्रकरणों की जानकारी एस.टी.एफ. द्वारा सी.बी.आई. को उपलब्ध करा दी गई है जिनका परिशीलन कर सी.बी.आई. द्वारा क्रमशः अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना करने की प्रक्रिया जारी है। व्यापम संबंधी समस्त 212 प्रकरणों की विवेचनाएं सी.बी.आई. द्वारा किये जाने के संबंध में माननीय उच्चतम न्यायालय में मध्यप्रदेश एस.टी.एफ. की ओर से दिनांक 21.08.2015 को आवेदन प्रस्तुत किया गया है, जिस पर निर्णय होना शेष है। (घ) एस.टी.एफ. द्वारा वर्तमान में व्यापम से संबंधित किसी भी नये प्रकरण की जाँच/विवेचना नहीं की जा रही है। व्यापम संबंधी लंबित शिकायतों में कौन सी संस्था जाँच/विवेचना करे, इस तथ्य पर आदेश दिये जाने हेतु एस.टी.एफ. मध्यप्रदेश द्वारा दिनांक 21.08.2015 को माननीय उच्चतम न्यायालय के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया गया है। माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार भविष्य में कार्यवाही की जावेगी।
आयुष विभाग में कार्यरत शासकीय व स्वशासी सेवकों को समयमान वेतनमान
33. ( क्र. 3866 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. आयुष विभाग के अधीन आयुष (आयुर्वेद, होम्योपैथी एवं यूनानी) महाविद्यालयों एवं चिकित्सालयों में कार्यरत शासकीय एवं स्वशासी आयुष चिकित्सा शिक्षकों, खेल अधिकारी एवं ग्रंथपाल (लाइब्रेरियन) की सेवाएं मध्यप्रदेश आयुष विभाग (राजपत्रित) सेवाभर्ती नियम 2013 तथा स्वशासी शासकीय आयुर्वेद, होम्योपैथी एवं यूनानी महाविद्यालय/चिकित्सालय स्वशासी सेवा (शिक्षकीय संवर्ग) भर्ती नियम 2010 संशोधन के अनुरूप संधारित की जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या शासकीय एवं स्वशासी सेवाभर्ती नियमों में मध्यप्रदेश राज्य की सिविल सेवा के सदस्यों के लिए प्रभावशील समयमान वेतनमान योजना 2006 के प्रावधान सभी शिक्षकीय एवं अशिक्षकीय संवर्ग पदों हेतु लागू किये गए है? यदि नहीं, तो किन कारणों से यह विसंगति दूर नहीं की गई है स्पष्ट करें एवं विसंगति दूर न करने के कारणों से अवगत करावें? (ग) प्रश्नांश ‘क’ एवं ‘ख’ के संदर्भ में क्या कार्यरत शासकीय एवं स्वशासीय आयुष सेवकों (समस्त शिक्षकीय एवं अशिक्षकीय संवर्ग पदों) को समयमान वेतनमान योजना 2006 का लाभ दे दिया गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार क्या कार्यरत शासकीय एवं स्वशासी आयुष सेवकों में से कुछ संवर्गों को समयमान वेतनमान योजना 2006 का लाभ दिया जाना लंबित है? यदि हाँ, तो उक्त योजना का लाभ कब तक प्रदाय किया जाकर एरियर का भुगतान कर दिया जावेगा समय अवधि बतावें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) शिक्षकों की सेवाएं स्वशासी शासकीय शिक्षकीय संवर्ग सेवा भर्ती नियम 2010 एवं राजपत्रित सेवा भर्ती नियम 2013 के तहत् संधारित हैं। स्वशासी सेवा के गैर शैक्षणिक पदों के भर्ती नियम बनाने की कार्यवाही प्रचलित है, जिसमें खेल अधिकारी एवं ग्रंथपाल के पद भी शामिल हैं। (ख) समयमान वेतनमान वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 24/01/08 दिनांक 01/04/06 से प्रभावशील, परिपत्र दिनांक 27/07/11 एवं परिपत्र दिनांक 31/01/13 के तहत् वित्त विभाग द्वारा जारी अनुसूचियों में वर्णित सेवा संवर्गों के अधिकारियों/कर्मचारियों के लिए लागू है। वित्त विभाग की अनुसूचियों में जो संवर्ग सम्मिलित नहीं हैं उन्हें समयमान वेतनमान लागू नहीं है। वित्त विभाग की अनुसूची से पृथक रह गये अन्य संवर्गों को भी सम्मिलित करने हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) कार्यरत आयुष सेवकों में जिन संवर्गों को वित्त विभाग द्वारा समयमान वेतनमान लागू किया गया है उसके तहत् जिन आयुष सेवकों को इसका लाभ दिया जा रहा है उनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) जिन संवर्गों को समयमान वेतनमान लागू करने हेतु सूची में जोड़ा जाना है, उनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति
34. ( क्र. 3895 ) श्री दिनेश राय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में कितने शासकीय मेडिकल कॉलेज संचालित हैं तथा कितने कहाँ-कहाँ पर नये खोले जाना प्रस्तावित हैं? (ख) सिवनी में शासकीय मेडिकल कॉलेज खोले जाने के माननीय मुख्यमंत्री महोदय के सिवनी प्रवास के दौरान की गई घोषणा की पूर्ति हेतु विभाग द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) यदि कार्यवाही नहीं की गई तो इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं तथा कब तक कार्यवाही पूर्ण कर स्वीकृति दे दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रदेश में 06 शासकीय स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा एवं सागर में संचालित हैं। नये चिकित्सा महाविद्यालय, रतलाम, शहडौल, विदिशा, दतिया, खण्डवा,शिवपुरी एवं छिंदावाड़ा में खोले जाना प्रस्तावित है। (ख) माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा सिवनी प्रवास के दौरान दिनांक 17/05/2013 को सिवनी में पी.पी.पी. मोड से चिकित्सा महाविद्यालय खोलने की घोषणा की गई थी, किन्तु पी.पी.पी. मोड पर किसी भी संस्था/ निवेशक द्वारा चिकित्सा महाविद्यालय खोलने का प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ हैं अतएव शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विभाग द्वारा प्रयास किए गए हैं शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पेंशनरों को आयुर्वेदिक औषधियों का प्रदाय
35. ( क्र. 3920 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला आयुष अधिकारी भोपाल के अंतर्गत भोपाल के आयुर्वेद औषधालयों एवं चिकित्सालय में पेंशनरों को आयुर्वेद औषधियां क्रय कर उपलब्ध कराने की सुविधा लागू है? यदि हाँ, तो कब से यह व्यवस्था लागू है? (ख) भोपाल के आयुर्वेद औषधालयों एवं चिकित्सालय के चिकित्सकों द्वारा वर्ष 2015 में पेंशनरों को औषधि क्रय कर उपलब्ध कराने हेतु संबंधित अधिकारी को कब-कब औषधियां के प्रस्ताव बनाकर भेजे गए और संबंधित अधिकारी द्वारा औषधि सप्लायर को कब-कब आदेश दिए गए? दोनों की दिनांकवार जानकारी देवें? (ग) औषधियां न मिलने पर और संबंधित अधिकारी द्वारा पेंशनरों की औषधियां क्रय कर प्रदाय करने के पूर्व से जारी चिकित्सा व्यवस्था पर, रोक लगाने पर पेंशनरों, पेंशनर ऐसोसिएशन एवं पूर्व सांसदों द्वारा विभाग को कब-कब और कितनी शिकायतें की गई, तथा पेंशनरों द्वारा विधानसभा में भी अभ्यावेदन प्रस्तुत करने के बाद संबंधित अधिकारी के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, गई तो क्यों? (घ) शासन की व्यवस्था के विरूद्ध मनमानी करने वाले अधिकारी पर क्या कार्यवाही की जाएगी और कब तक, तथा पूर्व से जारी पेंशनरों की चिकित्सा व्यवस्था कब तक बहाल होगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2001 से व्यवस्था लागू है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) पेंशनर्स ऐसोसिएशन द्वारा पत्र क्रमांक 188 दिनांक 07/06/2015 से की गई शिकायत विचारोपरांत नस्तीबद्ध की गई है। पेंशनर्स एसोसिएशन द्वारा पत्र क्रमांक एवं दिनांक रहित एक अन्य शिकायत (संचालनालय में दिनांक 14/08/2015 को प्राप्त) की जाँच कराई गई। जाँच समिति के प्रतिवेदन के परीक्षणोपरान्त पुनः जाँच हेतु तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है। पेंशनर्स द्वारा प्रमुख सचिव म.प्र. विधानसभा को प्रस्तुत शिकायती पत्र, विधानसभा सचिवालय के पत्र दिनांक 31/10/2015 के साथ एवं मान. डॉ. रामलखन सिंह पूर्व सांसद भिण्ड द्वारा जिला आयुष अधिकारी भोपाल के विरूद्ध की गई शिकायत दिनांक 10/11/2015 संचालनालय को प्राप्त होने पर जाँच हेतु जाँच समिति गठित की गई है। जाँच प्रतिवेदन अद्यतन अप्राप्त है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार उपयुक्त कार्यवाही की जावेगी। (घ) जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार उपयुक्त कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। पेंशनर्स की चिकित्सा व्यवस्था बहाल है।
नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा परिवहन कार्य में अनियमितता
36. ( क्र. 3931 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14, 2014-15 व 2015-16 में झाबुआ जिले में नागरिक आपूर्ति निगम अंतर्गत परिवहन कार्य किस-किस एजेन्सी को दिया गया? (ख) नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा परिवहन कार्य हेतु क्या निविदाएं आमंत्रित की गई? यदि हाँ, तो कितनी निविदाएं प्राप्त हुई तथा इनमें क्या-क्या दरें प्राप्त हुई है शासन की निर्धारित दर क्या है व वर्तमान में किस दर पर कार्यादेश दिया गया है? (ग) क्या विभाग को परिवहन में अनियमितता के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वर्ष 2013-14 व 2014-15 में मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज़ कार्पोरेशन द्वारा झाबुआ जिले में एच.एल.आर.टी. परिवहनकर्ता मेसर्स जितेन्द्र रणजीत सिंह बाफना एवं एल.आर.टी परिवहनकर्ता सुरेश चन्द्र पूरनमल जैन को परिवहन का कार्य दिया गया। वर्ष 2015-16 में परिवहन कार्य हेतु निविदा स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलित है।, (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शासन द्वारा परिवहन हेतु कोई दर निर्धारित नहीं की गई है। निविदा में प्राप्त न्यूनतम दर के आधार पर सक्षम स्वीकृति के उपरांत कार्यादेश जारी किया गया है।, (ग) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगाये गये ऑपरेशन या नसबंदी शिविरों
37. ( क्र. 4173 ) श्री अजय सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में स्वास्थ्य विभाग द्वारा किन-किन स्थानों पर आंख का ऑपरेशन या नसबंदी शिविर लगाये गये? (ख) ऐसे स्थन जहां पर आंख का ऑपरेशन कराने वाले रोगी की आंख की रोशनी चली गयी या नसबंदी कराने वाले महिला/पुरूष की जान चली गयी अथवा नसबंदी फेल हो गयी। ऐसे मरीजों की पूर्ण जानकारी बतावें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग द्वारा 51 जिला चिकित्सालयों, 6 शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं 3 गैस राहत चिकित्सालय में आंखों के ऑपरेशन किये जाते है। प्रदेश में नसबंदी ऑपरेशन जिला चिकित्सालय, सिविल अस्पताल एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों किए जाते है। (ख) जिला चिकित्सालय बड़वानी में 16 से 23 नवम्बर 2015 को किये गये मोतियाबिंद ऑपरेशन के दौरान कुल 68 रोगियों, रोगियों की दृष्टिबाधित हुई है। 68 रोगियों की पूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’1’’ अनुसार है। परिवार कल्याण केंप में किये गये ऑपरेशन में असफल प्रकरणों/मृत्यु प्रकरणों की जानकारी निम्नानुसार हैः-
क्रं. |
वर्ष |
असफल नसबंदी प्रकरण |
मृत्यु प्रकरण |
1. |
2014-15 |
|
08 |
2. |
2015-16 |
2363 |
10 |
नसबंदी असफल प्रकरणों/मृत्यु प्रकरणों की पूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’2’’ अनुसार है।
चिकित्सा महाविद्यालय खोलने बाबत्
38. ( क्र. 4262 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में वर्तमान में कितने चिकित्सा महाविद्यालय कहाँ-कहाँ पर है? (ख) क्या शासन द्वारा म.प्र. के राजगढ़ जिले के जिला मुख्यालय पर चिकित्सा महाविद्यालय खोले जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है? (ग) यदि हाँ, तो क्या राजगढ़ विधानसभा के जिला मुख्यालय पर चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा नवीन चिकित्सा महाविद्यालय खोला जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक खोला जावेगा? (घ) यदि नहीं, तो, कारण बतावें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मध्यप्रदेश में प्रश्न दिनांक को शासकीय स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा तथा सागर में संचालित हैं। इसके अतिरिक्त 04 निजी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल, 02 इंदौर तथा 01 उज्जैन में संचालित हैं। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) फिलहाल कोई योजना नहीं है, अतएव प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अमानक दवाईयों का प्रदाय
39. ( क्र. 4303 ) श्री मधु भगत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 3234 दिनांक 31/07/2015 के प्रश्नांश (क) में पूछा गया था कि अमानक दवाईयों के साथ-साथ अनुपयोगी, अमानक सामग्री के प्रदाय, तथा भुगतान संबंधी कितने प्रकरण विभाग की जानकारी में हैं? जिसका उत्तर न देकर मात्र शिकायत की जानकारी दी गई, पूर्ण उत्तर देते हुए अपूर्ण उत्तर देने के लिए कौन जिम्मेदार है? (ख) प्रश्नांश (ख) में क्रय समिति की अनुशंसा टीप क्रय आदेश की प्रति तथा जारी करने वाले सामग्री लेने वाले अधिकारियों के नाम भी पूछे गये थे नाम क्यों छुपाये गये? (ग) क्या प्रश्नांश (ग) का उत्तर सही एवं अभिलेखों पर आधारित दिया गया है तो जिन दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की गई है उन्हें जारी आरोप पत्र उनके उत्तर तथा जाँच प्रतिवेदन और दण्डादेश का विवरण देवे? (घ) जिन कंपनी की दवाईयों अमानक पाई गई उनका चयन किस अधिकारी ने किस आधार पर किया उसका नाम पद तथा चयन के आधार का अभिलेख बतायें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
एंबुलेंस सेवा में संलग्न वाहन
40. ( क्र. 4348 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले अंतर्गत कौन-कौन से किस प्रकार के वाहन एंबुलेंस सेवा में किस दर से कब से संलग्न है? (ख) वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइज़ेशन (W.H.O.) की एंबुलेंस सेवा के लिये निर्धारित गाईड लाईन एवं नियम क्या है? इस गाईड लाईन के अनुसार एंबुलेंस सेवा में संलग्न वाहन किस प्रकार का चाहिए एवं उसमें सेवा के समय कौन-कौन से उपकरण होना आवश्यक है, सूची सहित जानकारी देवें? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वाहनों में प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित गाइड लाइन का पालन हो रहा है? यदि नहीं, तो इसके परिपालन में शासन द्वारा कब तक किस प्रकार की क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) जबलपुर जिले में वित्त वर्ष 2014-15 से कहाँ-कहाँ पर कितने स्वाईन फ्लू के मरीज पाये गये इनका इलाज कहाँ-कहाँ पर किया गया। उनमें से कितने स्वस्थ हुये तथा कितने किस रोग से मरे हैं? शासन द्वारा इनके इलाज पर कितनी-कितनी राशि खर्च की गई, इस रोग की जाँच कहाँ-कहाँ पर की जाती है एवं उसकी जाँच रिपोर्ट कब प्राप्त होती है? जाँच रिपोर्ट जल्दी प्राप्त होने तथा समुचित शीघ्र उपचार हेतु शासन किस प्रकार की नीति बना रहा हैं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जबलपुर संभाग में संविदा मानदेय बाबत्
41. ( क्र. 4361 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर संभाग में पदस्थ राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के समस्त डाटा एंट्री ऑपरेटर (संविदा) को सभी जिलों में मिशन संचालक के आदेश दिनांक 03.03.2014 के पुनरीक्षण निर्धारण के आधार पर मानदेय दिया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो विगत 02 वर्षों की जिलेवार पदस्थ डाटा एंट्री ऑपरेटर (संविदा) एवं उन्हें प्राप्त मानदेय की सूचीबद्ध जानकारी प्रदान करें? (ग) यदि नहीं, तो राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन संचालक के आदेश पर जबलपुर संभाग के जिलों द्वारा अलग-अलग मापदंड क्यों और किसके कहने पर अपनाया जा रहा है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
डॉयल 100 योजना
42. ( क्र. 4365 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन ने जो डॉयल 100 योजना शुरू की है उसमें उपयोग किये जा रहे वाहन स्वयं शासन के हैं या किराये पर लिये गये हैं? क्या इसके लिए अतिरिक्त स्टॉफ की उपलब्धता की गई है? यदि नहीं, तो इसके लिए कहाँ से स्टॉफ उपलब्ध कराया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत यदि थाने एवं चौकियों से स्टॉफ उपलब्ध कराया गया है तो वहां पर जो स्टॉफ की कमी हुई है? उसकी पूर्ति कहाँ से की गई? (ग) डॉयल 100 में जो गाडि़यां किराये पर ली गई है, उसका मापदण्ड किस आधार पर किया गया है? क्या सामान्य रूप से उसका जो किराया दिया जा रहा है वह सामान्य से अधिक है जबकि शहर में इससे कम मूल्य पर वाहन किराये पर उपलब्ध हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार शासन को जो राजस्व का नुकसान हो रहा है क्या इसकी जानकारी शासन को है? यदि है तो इसका भुगतान किस मद से किया जा रहा है?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) वाहन किराये पर लिये गये है। वाहन के लिये स्टॉफ वाहन प्रदाय करने वाली निजी कंपनी के द्वारा उपलब्ध कराये गये है। साथ में लगने वाला पुलिस बल संबंधित थानों का लगाया जाता है। (ख) थाने से एक शिफ्ट में सामान्यतः 02 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। समेकित बलवृद्धि से समय-समय पर थानों में स्टॉफ की पूर्ति की जावेगी। (ग) वाहन प्रदाता का चयन खुली निविदा के आधार पर किया गया है। जारी किये गये टेण्डर में विभिन्न सेवाओं एवं सामग्री की आपूर्ति स्थापना, संचालन, मेन्टेनेन्स आदि सभी शामिल हैं। वाहन प्रदाय, ड्रायवर एवं पर्यवेक्षण स्टॉफ, वाहन मेन्टेनेन्स भी इसी का हिस्सा है। सफल निविदा दाता का चयन न्यूनतम मूल्य (एल-1) आधार पर किया गया है। समस्त कार्य में सभी प्रकार के टैक्स भी शामिल है और दरें मार्च 2020 तक के लिये फिक्स है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) इस योजनांतर्गत शासन को कोई नुकसान नहीं हो रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चिकित्सकों की पदस्थापना
43. ( क्र. 4386 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में वर्तमान में कितने आयुर्वेद अस्पताल संचालित हैं इनमें से कितने शासकीय भवनों में तथा कितने अन्य स्थानों पर संचालित है? फरवरी 2016 की स्थिति के अनुसार जानकारी दी जावें? (ख) उक्त अस्पतालों में चिकित्सकों, कंपाउंडरों, दवासाज के कितने पद स्वीकृत है तथा वर्तमान में कितने डॉक्टर व अन्य कर्मचारी कहाँ-कहाँ पदस्थ है? अस्पतालों के नाम, स्थान सहित जानकारी दी जावें? (ग) क्या उक्त अस्पतालों में डॉक्टर, अन्य स्टॉफ के अभाव में लोगों को आयुर्वेद चिकित्सा का लाभ नहीं मिल पा रहा है? भवन, चिकित्सकों, स्टॉफ की कमी कब तक पूरी कर दी जावेंगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मुरैना जिले में वर्तमान में एक जिला चिकित्सालय एवं 35 आयुर्वेद अस्पताल (औषधालय) संचालित हैं। फरवरी 2016 की स्थिति में इनमें से 10 शासकीय भवनों में एवं 25 अन्य स्थानों पर संचालित हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार। (ग) जी नहीं। उपलब्ध स्टॉफ द्वारा लोगों को चिकित्सा का लाभ दिया जा रहा है। भवन की कोई कमी नहीं हैं। लोक सेवा आयोग द्वारा 710 चिकित्सकों का चयन किया गया हैं नियुक्ति संबंधी कार्यवाही प्रक्रियाधीन हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पुलिसकर्मियों हेतु आवासीय व्यवस्था
44. ( क्र. 4462 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ तहसील में सहायक पुलिस अधीक्षक, उप पुलिस अधीक्षक एवं पुलिसकर्मियों के निवास हेतु वर्तमान में क्या सुविधा है? (ख) क्या सरकार उपरोक्त पुलिसकर्मियों को आवास सुविधा दिलाने की दृष्टि से पुलिस आवास निर्माण कराएगी? यदि हाँ, तो कब तक एवं नहीं तो क्यों नहीं? (ग) क्या किराये के मकानों में रहने वाले पुलिसजनों को शासन बाजारमान से किराया अदा करता हैं अथवा शासन द्वारा निर्धारित किराया अनुसार? ब्यौरा दें।
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) वर्तमान में गरोठ तहसील में सहायक पुलिस अधीक्षक का कोई पद स्वीकृत नहीं है। उप पुलिस अधीक्षक गरोठ वर्तमान में पुलिस विभाग के शासकीय आवासगृह में निवासरत है। (ख) पुलिस आवासों का निर्माण उपलब्ध धनराशि के अनुसार प्रतिवर्ष किया जाता है। (ग) जी नहीं। किराये के मकानों में रहने वाले पुलिसजनों को वित्त विभाग के ज्ञाप दिनांक 01.09.2012 द्वारा स्वीकृत दरों के अनुसार गृह भाड़ा भत्ते का भुगतान किया जाता है।
आंगनवाड़ी भवन एवं स्टॉफ की कमी
45. ( क्र. 4477 ) श्री राजेन्द्र श्यामलाल दादू : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र नेपानगर में कितनी आंगनवाडियां संचालित हैं, कितने स्थाई आंगनवाड़ी भवन हैं? कितनी आंगनवाडियां भवनविहीन है? (ख) प्रश्नांकित आंगनवाडि़यों में दर्ज बच्चों की संख्या क्या है? उनमें कितने बच्चे कुपोषित श्रेणी में आते है? आंगनवाड़ीवार जानकारी दें? (ग) एकीकृत बाल विकास परियोजना खकनार अंतर्गत कर्मचारियों के कितने पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने कर्मचारी कार्यरत हैं, कितने पद कितने समय से रिक्त हैं? पदवार जानकारी दें? (घ) एकीकृत बाल विकास परियोजना खकनार का भवन किस वर्ष में निर्माण हुआ था? वर्तमान में भवन की भौतिक स्थिति क्या है? क्या यह भवन एक महत्वपूर्ण कार्यालय के संचालन हेतु उपयुक्त है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र नेपानगर अंतर्गत 372 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 40 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जिसमें से 291 विभागीय आंगनवाड़ी भवन (स्थाई) तथा 81 आंगनवाड़ी केन्द्र भवनविहीन (किराये के एवं अन्य शासकीय भवन में ) संचालित है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘1‘ एवं ‘2‘ अनुसार है। (ख) 372 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 40 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों में दर्ज बच्चों की संख्या 42588 है, विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। दर्ज बच्चों में 1557 बच्चे अति कम वजन के है, तथा 11676 बच्चे कम वजन की श्रेणी के है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) एकीकृत बाल विकास परियोजना खकनार अंतर्गत कर्मचारियों के स्वीकृत, कार्यरत, रिक्त पदों की पदवार विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। (घ) एकीकृत बाल विकास परियोजना खकनार का भवन निर्माण वर्ष 1998 में हुआ है। वर्तमान में खकनार परियोजना कार्यालय भवन में संचालित होकर गोदाम का उपयोग टेकहोम राशन भंडारण हेतु किया जा रहा है। यह भवन परियोजना कार्यालय के संचालन हेतु उपयुक्त है।
पुलिस बल एवं रिजर्व पुलिस बल
46. ( क्र. 4531 ) श्री
विष्णु
खत्री : क्या
गृह मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) बैरसिया
विधानसभा
अंतर्गत मुख्यालय
बैरसिया में
कानून व्यवस्था
एवं सुरक्षा
की दृष्टि से
स्वीकृत
पुलिस बल
उपलब्ध है
अथवा नहीं? पुलिस
थानावार सूची
उपलब्ध
करायें?
(ख) कानून
व्यवस्था
एवं सुरक्षा
की दृष्टि से
मुख्यालय
बैरसिया में
रिजर्व पुलिस
बल की आवश्यकता
है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो
विभाग इसकी
पूर्ति कब तक
करेगा?
गृह
मंत्री ( श्री
बाबूलाल गौर ) : (क) जी
हाँ। जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार। (ख) जी
नहीं।
उत्तरांश ’क’ के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
बैरसिया अंतर्गत आयुष विभाग में रिक्त पदों की पूर्ति
47. ( क्र. 4532 ) श्री विष्णु खत्री : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत आयुष विभाग के कहाँ-कहाँ पर केन्द्र संचालित हो रहे है? केन्द्रवार सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित केन्द्र विभाग के भवनों के संचालित हो रहे हैं अथवा अन्य भवनों में संचालित हो रहे है? सूची सहित विवरण उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित ऐसे केन्द्र जो विभाग के भवनों में संचालित नहीं हो रहे है अथवा भवनविहीन हैं के संबंध में विभाग की नवीन भवन तैयार करने की योजना है अथवा नहीं यदि नहीं, तो क्यों? (घ) बैरसिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत संचालित केन्द्रों में स्टॉफ स्वीकृत संख्यानुसार है अथवा उसमें कमी है यदि कमी है तो रिक्त पदों की पूर्ति विभाग कब तक कर देगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित आयुष औषधालय हैः- आयुर्वेद-सोहाया, रूनाह, कलारा, यूनानी-ललरिया। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित औषधालयों में से आयुष औषधालय सोहाया,ललरिया, शासकीय भवन में संचालित है। रूनाह, कलारा अन्य भवनों में संचालित है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित औषधालयों में से रूनाह औषधालय पंचायत के भवन में एवं कलारा औषधालय किराये के भवन में संचालित है। वर्तमान में इन औषधालयों के नवीन भवन निर्माण हेतु कोई योजना नहीं है। भवन उपलब्धता के कारण प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। जी हाँ। रिक्त पदों की पूर्ति की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
पुलिसकर्मियों की संख्या के संदर्भ में
48. ( क्र. 4566 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में आबादी के मान से पुलिस की क्या स्थिति है? यथा प्रति पुलिसकर्मी कितने नागरिकों की जिम्मेदारी है? (ख) क्या प्रदेश में पुलिस बल की कमी है? यदि हाँ, तो आबादी और क्षेत्र के मान से कितने पुलिसकर्मियों की आवश्यकता निर्मित हो रही है? (ग) पिछले 10 वर्षों में शासन द्वारा नवीन पदों का सृजन किया गया है? यदि हाँ, तो कितने पद सृजित किए व कितनी भर्तियां की गई हैं?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) म.प्र. में स्थित पुलिस कर्मियों का औसत प्रति 1 लाख की जनसंख्या पर 135.24 है। (ख) जी हाँ। राष्ट्रीय औसत 185.25 प्रति लाख के अनुसार आबादी के मान से वर्तमान में म.प्र. की लगभग 7.5 करोड़ की जनसंख्या को देखते हुए लगभग 37500 अतिरिक्त पुलिस बल की आवश्यकता है। क्षेत्र के मान से पुलिस बल की गणना मध्यप्रदेश के संदर्भ में प्रासंगिक नहीं है। (ग) जी हाँ। विगत 10 वर्षों में 36889 नवीन पद निर्मित किये गये हैं तथा 42933 पदो पर भर्तियाँ की गई है।
आयुष विभाग के चिकित्सा अधिकारियों पर आपराधिक प्रकरण
49. ( क्र. 4581 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में भोपाल जिले में आयुष के ऐसे कितने चिकित्सा अधिकारी पदस्थ हैं, जिनके विरूद्ध 354 धारा के अंतर्गत आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध हैं एवं ऐसे चिकित्सा अधिकारियों को प्रश्न दिनांक तक कितनी शिकायतें कब-कब की गई एवं विभाग के द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई, वर्षवार की गई कार्यवाहीवार बतावें? (ख) क्या जिन चिकित्सा अधिकारी पर आपराधिक प्रकरण दर्ज है, उसके लिये विभाग के द्वारा कोई जाँच कमेटी बनाई गई थी? अगर हाँ, तो जाँच कमेटी के द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? शासन द्वारा गठित जाँच कमेटियों को कब तक जाँच रिपोर्ट देना अनिवार्य है, जाँच कमेटी संबंधी शासन का क्या नियम है, नियम बतावें? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) में वर्णित जिन चिकित्सा अधिकारियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज है, उसके विरूद्ध विभाग कब तक कार्यवाही करेगा एवं क्या कार्यवाही करेगा और नहीं करेगा तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) डॉ. परिहार के विरूद्ध अपराध क्रमांक 34/14 अंतर्गत धारा 354 क (1) (2) 506, 509 भा.द.वि. कायम किया गया है। डॉ. परिहार के विरूद्ध शिकायतों का विवरण- (1) संचालक आयुष को प्राप्त शिकायत दिनांक 24/01/2012, (2) प्रमुख सचिव आयुष को प्रस्तुत शिकायत 30/01/2012, (3) मुख्य मंत्री कार्यालय के पत्र दिनांक 23/02/2013 से प्राप्त शिकायत (4) प्रमुख सचिव आयुष को प्रस्तुत शिकायत दिनांक 01/04/2013 (5) प्रमुख सचिव आयुष को प्रस्तुत शिकायत दिनांक 25/04/2013, (6) मान. राज्य मंत्री जी के पत्र दिनांक 16/10/2015 द्वारा संचालक आयुष को प्रेषित शिकायत। श्रीमती सुमन कुशवाह द्वारा प्रमुख सचिव आयुष को दिनांक 30/01/2012, को शिकायत प्रस्तुत करने पर प्रमुख सचिव आयुष द्वारा 4 सदस्यीय जाँच समिति दिनांक 31/03/2012 गठित की गई। जाँच समिति द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन के अनुक्रम में डॉ. परिहार के विरूद्ध आरोप पत्र दिनांक 15/04/2013 जारी किये गये। डॉ. परिहार द्वारा प्रस्तुत प्रतिवाद उत्तर संतोषप्रद नहीं होने से म.प्र. शासन आयुष विभाग के आदेश क्रमांक/एफ 2-17-2012-1-59 दिनांक 19/12/2013 से नियमित विभागीय जाँच संस्थित की जाकर जाँचकर्ता अधिकारी एवं प्रस्तुतकर्ता अधिकारी नियुक्त किये गये। जाँच प्रतिवेदन अप्राप्त है। माननीय न्यायालय निर्णय पारित होने तक समानांतर विभागीय जाँच नहीं की जाने के कारण यह विभागीय जाँच लंबित है। प्रमुख सचिव आयुष के अर्द्ध-शासकीय पत्र दिनांक 24/05/2013 के द्वारा अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पुलिस मुख्यालय को मुख्य मंत्री कार्यालय के पत्र दिनांक 23/02/2013 से प्राप्त शिकायत जाँच एवं कार्यवाही हेतु प्रेषित की गई। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक महिला अपराध पुलिस मुख्यालय के पत्र दिनांक 06/02/2014 के द्वारा अवगत कराया गया कि शिकायत सही पाये जाने पर महिला थाना जहांगीराबाद भोपाल में डॉ. परिहार के विरूद्ध अपराध क्रमांक 34/14 अंतर्गत धारा 354 क (1) (2) 506, 509 भा.द.वि. कायम किया गया है। माननीय राज्य मंत्री आयुष के पत्र क्रमांक 3368, दिनांक 16/10/2015 से प्राप्त पत्र विधिक कार्यवाही हेतु अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (महिला अपराध) पुलिस मुख्यालय, भोपाल को संचालनालय पत्र क्रमांक/1/1/विजाँच/16/550, दिनांक 24/02/2016 से प्रेषित किया गया है। (ख) आपराधिक प्रकरण दर्ज होने के पूर्व ही विभाग को प्राप्त शिकायत की जाँच हेतु दिनांक 31/03/2012 को जाँच कमेटी गठित की गई जिससे संबंधित विवरण प्रश्नांश ''क'' के उत्तर में दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। शिकायतों की जाँच हेतु गठित कमेटी के लिए कोई निश्चित समय-सीमा निर्धारित नहीं है। संबंधित प्रकरण में कमेटी गठन के साथ प्रतिवेदन के लिए समय-सीमा निर्धारित की जाती है। (ग) प्रश्नांश ''ख'', ''क'' के उत्तर में वर्णित चिकित्सक के विरूद्ध दर्ज आपराधिक प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। न्यायालय निर्णय पारित होने के उपरांत निर्णय के परिप्रेक्ष्य में चिकित्सक के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। कार्यवाही नहीं करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सामुदायिक स्वा. केन्द्र कटंगी महिला चिकित्सक की पदस्थापना
50. ( क्र. 4610 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के सामुदायिक स्वा. केन्द्र कटंगी में कुल कितने वर्षों से महिला चिकित्सक का पद रिक्त है? (ख) महिला चिकित्सक की कब तक पदस्थापना कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विभाग अंतर्गत महिला चिकित्सक के पदनाम से पद स्वीकृत नहीं है। विभाग द्वारा प्रदेश में स्वीकृत विशेषज्ञों/चिकित्सकों के पदों का पुर्नआवंटन 8 अप्रेल 2011 के द्वारा किया गया है, जिसमें सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर की संस्थाओं में स्त्रीरोग विशेषज्ञ का पद स्वीकृत किया गया है, अतः कटंगी में स्त्रीरोग विशेषज्ञ का एक पद स्वीकृत एवं रिक्त है। कटंगी में वर्ष 2004 के पश्चात से विशेषज्ञ/स्त्रीरोग योग्यताधारी चिकित्सा अधिकारी पदस्थ नहीं किए जा सके हैं। (ख) प्रदेश में स्त्रीरोग विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी के कारण सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कटंगी में पदपूर्ति की कार्यवाही नहीं की जा सकी है। पदोन्नति की कार्यवाही निरंतर जारी है, मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से 1896 चिकित्सकों की भर्ती की कार्यवाही प्रचलन में है, स्त्रीरोग योग्यता के चिकित्सा अधिकारी की उपलब्धता अनुसार पदस्थापना संबंधी कार्यवाही की जा सकेगी, निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
मनासा शासकीय चिकित्सालय की समस्याओं के निराकरण
51. ( क्र. 4634 ) श्री कैलाश चावला : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय स्वास्थ्य मंत्री को दिनांक 12.11.2014 को पत्र लिखकर मनासा शासकीय चिकित्सालय की समस्याओं का निराकरण करने हेतु लिखा गया था? उक्त पत्र में क्या-क्या प्रस्ताव माननीय मंत्री जी को लिखे गए थे? (ख) उक्त प्रस्ताव पर विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) उक्त कठिनाइयां कब तक हल कर ली जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित दिनांक 12.11.2014 का पत्र अप्राप्त है। दिनांक 07.07.2014 के पत्र में 30 बिस्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मनासा को 60 बिस्तरीय सिविल अस्पताल में उन्नयन का प्रस्ताव है। (ख) संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी नीमच को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मनासा के उन्नयन हेतु प्रस्ताव मंगाया गया, जो परीक्षणाधीन है। (ग) उन्नयन प्रस्ताव के परीक्षण उपरांत यथोचित कार्यवाही की जावेगी।
जिला खाद्य अधिकारी विरूद्ध प्राप्त शिकायतों की जाँच
52. ( क्र. 4657 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले में जिला खाद्य अधिकारी के पद पर पदस्थ श्री अमरसिंह अजनार पूर्व में विगत कई वर्षों तक वरिष्ठ खाद्य निरीक्षक व सहायक जिला खाद्य अधिकारी के पद पर कार्यरत रहे हैं? श्री अजनार के विरूद्ध तत्कालीन कार्यावधि में खाद्यान्न की कालाबाजारी करने व पेट्रोल पम्प डीलरों, होटल संचालकों आदि से अवैध वसूली करने संबंधी अनेकों शिकायतें हुई थीं? (ख) क्या शिकायतों में प्रथम दृष्टया श्री अजनार को अनेकों अनियमितताओं में संलिप्त पाये जाने तथा अपने का दुरूपयोग करने का दोषी पाये जाने पर अन्यत्र स्थानांतरित किया गया था? क्या उस समय संबंधित के विरूद्ध बैठाई गई जाँच पूर्ण हो गई है? यदि जाँच पूर्ण हो गई है तो जाँचकर्ता द्वारा उसमें क्या निष्कर्ष दिया गया? (ग) यदि संबंधित को अनियमितता किये जाने का दोषी पाया गया था तो फिर किस आधार पर श्री अजनार को पदोन्नति दी गई तथा किस उपलब्धि के आधार पर उन्हें वापस धार जिले में पदस्थ किया गया है?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। श्री अजनार धार जिले में कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी के पद पर लगभग 11 वर्ष, सहायक आपूर्ति अधिकारी के पद पर लगभग 06 वर्ष तक पदस्थ रहें है एवं जिला आपूर्ति अधिकारी के पद पर माह नवम्बर, 2014 से कार्यरत है। श्री अमरसिंह अजनार तत्कालीन सहायक आपूर्ति अधिकारी धार के विरूद्ध दिनांक 17.01.2012 को जन शिकायत निवारण विभाग में शिकायत की गई थी। (ख) जी नहीं। शिकायत की जाँच अपर कलेक्टर धार द्वारा की गई, जाँच में शिकायत निराधार पाई गई। जाँच प्रतिवेदन संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
महिला एवं बाल विकास पर्यवेक्षकों के रिक्त पदों की पूर्ति
53. ( क्र. 4734 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में कितने नये आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत हुए हैं? जिलेवार जानकारी दें? (ख) क्या प्रदेश में महिला एवं बाल विकास पर्यवेक्षकों की कमी है? यदि हाँ, तो कितनी जिलेवार जानकारी दें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) भारत सरकार द्वारा प्रदेश हेतु 4305 नये आंगनवाड़ी केन्द्रों की स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसकी जिलेवार स्वीकृति मंत्री-परिषद से अपेक्षित है। अत: जिलेवार जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। वर्ष 2014 में व्यापम के माध्यम से परीक्षा आयोजित कर प्रदेश अंतर्गत पर्यवेक्षकों के कुल स्वीकृत 3213 पदों पर नियुक्ति की कार्यवाही की जा चुकी है। पर्यवेक्षकों की सेवानिवृत्ति, पदोन्नति एवं त्यागपत्र आदि से पदों की रिक्ति एवं रिक्त पदों की पूर्ति निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है।
कम्प्यूटर एवं फोटो कापी मशीनों की रिपेयरिंग का भुगतान
54. ( क्र. 4770 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग जिला श्योपुर अंतर्गत कुल कितने कम्प्यूटर व फोटोकॉपी मशीनें उपलब्ध हैं? वर्ष 2014-15 में इनकी रिपेयरिंग किस दुकानदार से करवाई? इसमें कितनी राशि व्यय की? (ख) क्या श्री पवन गुप्ता जो वर्तमान में डी.पी.ओ. कार्यालय श्योपुर में कार्यालयीन कार्य हेतु कम्प्यूटर लगा रहे हैं जिनकी श्योपुर शहर में कम्प्यूटर व फोटोकॉपी मशीन रिपेयरिंग की कोई दुकान नहीं है के बावजूद इन्हें राशि 2,2,528/- रूपये का तथा असलम कम्प्यूटर नाम से संचालित दुकानदार को राशि 68,123/- रूपये का भुगतान, कम्प्यूटर व फोटोकॉपी मशीन की रिपेयरिंग के नाम पर माह मार्च 2015 में अनियमित रूप से विभाग द्वारा किया गया? (ग) क्या उक्त भुगतान के संबंध में आयुक्त चम्बल संभाग मुरैना ने पत्र क्रमांक 3356 दिनांक 16.06.2015 द्वारा विभागीय संयुक्त संचालक मुरैना को जाँच हेतु लिखा था? यदि हाँ, तो क्या जाँच कराई गई? जाँच के क्या परिणाम आए? यदि नहीं, तो जाँच कराने में विलंब का कारण बतावें? (घ) क्या शासन अब उक्त मामले की जाँच शीघ्र करवायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जिला श्योपुर अंतर्गत 11 कम्प्यूटर तथा 01 फोटो कॉपी मशीन है विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘’अनुसार । वर्ष 2014-15 में इनकी रिपेयरिंग पर कुल रुपये 19973/-व्यय किये गये विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। (ख) श्री पवन कुमार गुप्ता द्वारा वर्तमान में डी.पी.ओ. कार्यालय श्योपुर में कार्यालयीन कार्य हेतु कोई कम्प्यूटर नहीं लगाया गया है। इन्हें कम्प्यूटर और फोटोकॉपी मशीन रिपयेर का कोई भुगतान नहीं किया गया है। विशुभ कम्प्यूटर एवं स्टेशनरी सप्लाई श्योपुर के प्रोपराईटर पवन गुप्ता को प्रशिक्षण किट सप्लाई का 22,528/-का भुगतान किया गया है तथा लक कम्प्यूटर श्योपुर के प्रोपराईटर असलम को कम्प्यूटर रिपेयर के रु. 7500/-एवं अन्य कार्यों के रु.60,630/- कुल रु. 68,123 का भुगतान किया गया। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ एवं ‘‘द‘’ अनुसार है। (ग) आयुक्त चंबल संभाग मुरैना ने पत्र क्र. 3356 दिनांक 16.06.2015 द्वारा विभागीय संयुक्त संचालक मुरैना को जाँच हेतु लिखा गया था। जाँच प्रचलन में है शीघ्र ही कार्यवाही पूर्ण कर ली जावेगी। (घ) ’’ग’’ के परिप्रेक्ष्य में जाँच शीघ्र पूर्ण की जाकर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं/सहायिकाओं की भर्ती में अनियमितता
55. ( क्र. 4815 ) श्री रामसिंह यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं/सहायिकाओं के रिक्त एवं नवीन पदों पर भर्ती हेतु वर्तमान में जो नियम लागू हैं उसके अनुसार सर्वाधिक अंक अर्जित करने वाले आवेदकों को नियुक्ति दी जाती है? (ख) क्या वर्तमान भर्ती प्रक्रिया के नियमानुसार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं/सहायिकाओं से निर्धारित अवधि में आवेदन पत्र बंद लिफाफे के स्थान पर खुले रूप में लिए जाते हैं? यदि हाँ, तो खुले रूप में आवेदन प्राप्त करने के उपरांत क्या यह ज्ञात नहीं होता है कि किस आवेदक को सर्वाधिक अंक प्राप्त हो रहे हैं? यदि हाँ, तो इससे गोपनीयता एवं पारदर्शिता कैसे बनाए रखी जा सकती है? (ग) क्या इस प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता के लिए निविदाओं जैसी बंद लिफाफे में आवेदन लेने की व्यवस्था शासन करेगा? (घ) विगत 01 वर्ष में शिवपुरी जिले के विकासखण्ड बदरवास एवं कोलारस के अंतर्गत किन-किन आंगनवाड़ियों के कौन-कौन से रिक्त पदों हेतु कब-कब विज्ञप्ति किन-किन समाचार पत्रों में प्रकाशित कराई गई? उक्त विज्ञप्तियों के तहत कितने आवेदकों के आवेदन पत्र प्राप्त किए गए?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका नियुक्ति निर्देशों में शासन द्वारा आवेदकों से सीलबंद लिफाफे लिये जाने का प्रावधान न होने से सीलबंद आवेदन पत्र आवेदकों से नहीं लिये जाते है। खण्ड स्तरीय चयन समिति के समक्ष प्राप्त आवेदनों की मेरिट लिस्ट तैयार कर अनन्तिम चयन हेतु प्रस्तुत की जाती है। (ग) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन
56. ( क्र. 4816 ) श्री रामसिंह यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बदरवास एवं कोलारस विकासखण्ड के अंतर्गत प्रश्न दिनांक की स्थिति में कौन-कौन आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका किन आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पदस्थ हैं? इनमें से ऐसी कौन-कौन सी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता है जो अविवाहित होते हुए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका के पदों पर नियुक्त हुई थी और वर्तमान में कई वर्षों पूर्व विवाहित होकर जिला एवं प्रदेश से बाहर चली गई हैं? आंगनवाड़ी केन्द्रवार बताएं? (ख) क्या जो आंगनवाड़ी कार्यकर्ता केन्द्र से बाहर निवास करती है? उन केन्द्रों का संचालन आंगनवाड़ी सुपरवाइजरों की मिलीभगत से दलाल एवं बिचौलिये करते हैं? यदि नहीं, तो वर्ष 2015 में परियोजना कार्यालय बदरवास एवं कोलारस में सुपरवाइजरों की मासिक बैठक में आंगनवाड़ी केन्द्रवार सुपरवाइजरों द्वारा दिए गए प्रतिवेदन का विवरण दें? (ग) क्या बदरवास एवं कोलारस विकासखण्ड में वर्ष 2015 में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की मासिक बैठक आयोजित हुई है? यदि हाँ, तो सेक्टरवार सुपरवाइजरों द्वारा तथा परियोजना अधिकारी द्वारा ली गई मासिक बैठकों में उपस्थित आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की उपस्थिति का विवरण देवें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। अविवाहित होते हुये आंगनवाड़़ी कार्यकर्ता/सहायिका के पदों पर नियुक्ति हुई संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है। शेष प्रश्न की जानकारी निरंक है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्न की जानकारी निरंक है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स‘ अनुसार है।
महिला एवं पुरूष नसबंदी कि असफल प्रकरण
57. ( क्र. 4878 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले में विगत पाँच वर्षों में ऐसे कितने असफल महिला एवं पुरूष नसबंदी प्रकरण है जो पंजीबद्ध हैं? (ख) क्या असफल महिला एवं पुरूष नसबंदी हितग्राही को क्षतिपूर्ति राशि देने का प्रावधान विभाग द्वारा है? यदि हाँ, तो ऐसे कितने प्रकरण सागर जिले में विभाग द्वारा स्वीकृत किये गये एवं कितने लंबित हैं? (ग) लंबित प्रकरणों को शासन कब तक क्षतिपूर्ति राशि प्रदान करेगा? (घ) महिला एवं पुरूष नसबंदी असफल प्रकरणों में किन-किन शल्य चिकित्सकों के प्रकरण असफल हुए? नाम सहित जानकारी देवें एवं इनके विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) 1040 महिला एवं पुरूष असफल नसबंदी प्रकरण पंजीबद्ध हुये। (ख) जी हाँ। विभाग द्वारा 921 प्रकरणों का निराकरण किया गया जिनमें से 314 प्रकरण स्वीकृत, 607 प्रकरण अस्वीकृत किये गये तथा 119 लंबित प्रकरणों में कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) यथा शीघ्र निराकरण कर राशि प्रदान की जावेगी। (घ) निम्न शल्य चिकित्सकों के प्रकरण असफल हुये है। (1) डॉ. एम.के चौबे (2) डॉ. के.आर. सहाय (3) डॉ. मुकेश जैन (4) डॉ. दिवाकर मिश्रा (5) डॉ. शशी ठाकुर (6) डॉ. एच.एल. भूरीया को इस बाबत् सतर्कता बरतने तथा भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न होने के संबंध में सचेत किया गया।
चिकित्सकों द्वारा किये जा रही प्राइवेट प्रैक्टिस
58. ( क्र. 4882 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय एवं अशासकीय चिकित्सकों द्वारा प्राइवेट प्रैक्टिस करने हेतु प्राइवेट क्लिनिक व नर्सिंग होम खोलने के लिये विभाग द्वारा क्या मापदण्ड व नियम रखे गये हैं? (ख) सागर जिले अंतर्गत शासकीय व अशासकीय चिकित्सकों के कितने प्राइवेट क्लिनिक व नर्सिंग होम वर्ष 2010-11 में पंजीकृत किये गये थे? इनमें से कितने वर्तमान में संचालित है एवं इनमें कितने नवीनीकृत किये गये हैं एवं कितने नवीनीकृत हेतु आवेदन जमा है? (ग) सागर जिले में ऐसे कितने शासकीय, अशासकीय चिकित्सक द्वारा प्राइवेट क्लिनिक व नर्सिंग होम वर्तमान में संचालित है जिनका प्रश्न दिनांक तक पंजीकरण नवीनीकृत नहीं किया गया? (घ) क्या विभाग अपंजीकृत प्राइवेट क्लिनिक, नर्सिंग होम एवं चिकित्सकों पर जिनका पंजीयन पिछले एक साल पहले खत्म हो चुका है फिर भी प्राइवेट क्लिनिकों में प्रैक्टिस कर रहे हैं पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्राइवेट क्लिनिक व नर्सिंग होम खोलने के लिए विभाग द्वारा मध्य प्रदेश उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम, 1973 एवं नियम 1997 लागू है। (ख) सागर जिले के अंतर्गत 50 प्राइवेट क्लिनिक एवं 04 नर्सिंग होम वर्ष 2010-11 में पंजीकृत किये गये है। इनमें से वर्तमान में 19 प्राइवेट क्लिनिक एवं 04 नर्सिंग होम संचालित है एवं इनमें से 19 प्राइवेट क्लिनिक एवं 04 नर्सिंग होम के नवीनीकरण किये गये है। वर्तमान में कोई भी आवेदन एम.पी. ऑनलाईन पोर्टल पर नवीनीकरण हेतु नहीं है। (ग) सागर जिले में गेर पंजीकृत/नवीनीकृत शासकीय, अशासकीय चिकित्सक द्वारा प्राइवेट क्लिनिक व नर्सिंग होम वर्तमान में संचालन की जानकारी निरंक है। (घ) जी नहीं। प्रश्नांश ’’ग’’ से संदर्भ में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खाद्य पर्ची वितरण के दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
59. ( क्र. 4907 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्राकृतिक आपदा से वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में प्रभावित किसानों को जिनकी फसलें प्राकृतिक आपदा के कारण पचास प्रतिशत से अधिक प्रभावित हुई है, ऐसे परिवारों को खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 में अंतर्गत प्राथमिकता परिवार श्रेणी में सम्मिलित किया जाना है? ऐसी सरकार की मंशा है? (ख) यदि हाँ, तो रीवा जिले के गुढ़, रायपुर कर्चुलियान, हुजूर, तहसीलों सहित अन्य तहसीलों में कितने ऐसे किसान हैं जिनका पचास प्रतिशत से अधिक फसल का नुकसान हुआ, उनकी संख्या सहित पूर्ण विवरण देते हुए बतावें कि उनमें से कितने किसानों को कब-कब खाद्य सुरक्षा पर्चियां जारी की जाकर खाद्यान्न उपलबध कराया गया तथा कितना खाद्यान आवंटन प्राप्त कर आवंटन की कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार पचास प्रतिशत से अधिक फसलों के नुकसान के बाद भी ऐसे कितने किसान हैं, जिनको खाद्य पर्ची जारी नहीं की गई, क्यों? जारी की जाएगी तो कब तक, नाम सहित विवरण देवें? (घ) यदि प्रश्नांश (ख) अनुसार खाद्य पर्चियां जारी की गई एवं उचित मूल्य दुकानों द्वारा अनियमितताएं की जाकर खाद्यान की कालाबाजारी की गई और संबंधित किसानों को खाद्यान नहीं मिला तो इसके लिऐ कौन-कौन दोषी होंगे? उनकी पहचान कर क्या कार्यवाही करेंगे? साथ ही जिनके खाद्यान पर्चियां पात्र होते हुए प्रश्नांश दिनांक तक नहीं जारी की गई, उसके लिये किन-किन को दोषी मानते हुए क्या-क्या कार्यवाही कब तक करेंगे?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) रीवा जिले की तहसील गुढ़ 22,371, रायपुर कर्चुलियान 12,829, हुजूर 19,135 एवं अन्य तहसीलों में 1,70,059 इस प्रकार, कुल 2,24,394 कृषकों की फसल क्षति प्राकृतिक आपदा के कारण 50 प्रतिशत से अधिक हुई है। प्राकृतिक आपदा से प्रभावित परिवारों का सतत् रूप से सत्यापन किया जाकर 9,674 परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की जाकर 2,343.45 क्विंटल खाद्यान्न प्रतिमाह जारी किया जा रहा है। (ग) रीवा जिले में प्राकृतिक आपदा से प्रभावित 2,24,394 कृषकों में से उन किसानों का सत्यापन किया जाना शेष है, जिन्हें पूर्व से योजनांतर्गत लाभांवित नहीं किया जा रहा है। अब तक 12,632 कृषकों का सत्यापन किया जाकर 9,674 कृषकों को पात्रता पर्ची जारी की जा चुकी है। शेष कृषकों के सत्यापन की कार्यवाही प्रचलित है। सत्यापन उपरांत अन्य पात्र श्रेणी में सम्मिलित न होने वाले कृषकों को पात्रता पर्ची दी जाएगी। (घ) विकासखण्ड नईगढ़ी अंतर्गत ग्राम पंचायत सोनवर्षा के सचिव द्वारा संबंधित कृषकों को पात्रता पर्ची न दी जाकर उचित मूल्य दुकान के विक्रेता/समिति प्रबंधक से सांठगांठ कर खाद्यान्न सामग्री की कालाबाजारी करने पर उनके विरूद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत प्रकरण निर्मित किया गया, जिसमें कार्यवाही प्रचलित है। शेष कृषकों के सत्यापन की कार्यवाही प्रचलित है।
दोषियों की पहचान कर कार्यवाही
60. ( क्र. 4908 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नोत्तर दिनांक 16.12.2015 में मुद्रित परि.अता.प्रश्न संख्या-67 क्रमांक 1789 के उत्तर में (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो संबंधित जानकारी क्या एकत्रित कर दोषियों की पहचान उपरान्त दोषियों के ऊपर किस-किस तरह की कार्यवाही कब-कब प्रस्तावति की गई है, बतावें? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) के अनुसार अगर संबंधितों द्वारा दोषियों की पहचान कर कार्यवाही प्रस्तावित नहीं की गई तो उन पर क्या कार्यवाही करेंगे? करेंगे तो कब तक, अगर नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ। (ख) इस संबंध में रीवा जिले के विभिन्न थानों में पंजीबद्ध विवेचना पूर्ण होने पर विवेचना के परिणामों के आधार पर आगामी कार्यवाही की जावेगी। दर्ज प्रकरणों की अद्यतन स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश ’ख’ अनुसार समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
गरीबी रेखा के राशन कार्ड
61. ( क्र. 5157 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सोनकच्छ व टोंकखुर्द तह. अंतर्गत जनवरी 2015 से आज दिनांक तक गरीबी रेखा राशन कार्ड हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुए है? (ख) जनवरी 2015 से आज दिनांक तक कुल कितने गरीबी रेखा के राशन कार्ड बनाए गए है? (ग) सोनकच्छ व टोंकखुर्द तहसील में जनवरी 2015 से आज दिनांक तक कुल प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदन पेंडिंग है और किस कारण से है तथा कितने आवेदन निरस्त किये हैं, क्यों?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) सोनकच्छ व टोंकखुर्द तहसील अंतर्गत प्रश्नांकित अवधि में क्रमश: 715 एवं 62 आवेदन गरीबी रेखा (प्राथमिकता परिवार श्रेणी के अंतर्गत) के राशनकार्ड हेतु प्राप्त हुए हैं।, (ख) सोनकच्छ व टोंकखुर्द तहसील अंतर्गत प्रश्नांकित अवधि में क्रमश: 715 एवं 62 राशनकार्ड (प्राथमिकता परिवार श्रेणी के अंतर्गत) बनाये गए हैं।, (ग) प्रश्नांकित तहसीलों में कोई भी बी.पी.एल. राशनकार्ड (प्राथमिकता परिवार श्रेणी के अंतर्गत) बनाया जाना शेष नहीं है।
चिकित्सीय उपकरण खरीदी
62. ( क्र. 5164 ) श्री विश्वास सारंग : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक भोपाल जिले के विभिन्न शासकीय चिकित्सालयों के लिए चिकित्सीय उपकरण खरीदे गए हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन से कितने-कितने मूल्य के? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत उक्त उपकरण किस एजेंसी के माध्यम से किन-किन फर्मों से खरीदे गए हैं? (ग) निजी चिकित्सालयों द्वारा चिकित्सीय उपकरण खरीदे जाने पर राज्य/केन्द्र सरकार द्वारा उनको क्या-क्या छूट प्रदान की जाती है? जानकारी दें? वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक भोपाल जिले के कौन-कौन से चिकित्सालय इस योजना के माध्यम से उपकरण खरीद चुके हैं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कुपोषण के कारण बच्चों में ठिगनापन
63. ( क्र. 5177 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या NFHS राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में कुपोषण के चलते 42% बच्चे ठिगनेपन के शिकार है यदि हाँ, तो विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है? (ख) प्रदेश में मातृ मृत्यु दर व शिशु मृत्यु दर की पिछली 3 वर्ष की स्थिति बताते हुये बताएं कि देश के अन्य राज्यों की तुलना में क्या स्थिति है? इसमें सुधार हेतु शासन क्या प्रयास कर रहा है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय चिकित्सालयों में उपलब्ध उपकरणों का उपयोग
64. ( क्र. 5231 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिला अंतर्गत शासकीय जिला चिकित्सालय, स्वास्थ्य केन्द्रों में नागरिकों के स्वास्थ्य परीक्षण एवं जाँच हेतु वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक चिकित्सीय जाँच की कौन-कौन सी मशीनें, उपकरण एवं सामग्री, कब-कब प्राप्त हुयी? चिकित्सालयवार, केन्द्रवार बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत चिकित्सालयों में उपलब्ध मशीनों, उपकरणों से कौन-कौन सी जाँच एवं स्वास्थ्य परीक्षण किये जाने की सुविधा प्राप्त होगी एवं उपरोक्त मशीन, उपकरण एवं सामग्री वर्तमान में किन-किन शासकीय सेवकों के प्रभार में कब से है? नाम, पदनाम सहित बतायें? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत क्या इन मशीनों, उपकरणों के संचालन हेतु प्रशिक्षित स्टॉफ उपलब्ध एवं पदस्थ हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन, नाम पदनाम बतायें? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या कारण है कि शासकीय जिला चिकित्सालय कटनी में टी.एम.टी. मशीन, डायलिसिस मशीन एवं अन्य चिकित्सीय जाँच के उपकरण, सामग्री का उपयोग नहीं किया जा रहा है? इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? क्या इन पर कार्यवाही की जायेगी एवं उपलब्ध मशीनों को जनहित में अतिशीघ्र प्रारंभ करवाया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) कटनी जिला के अंतर्गत शासकीय जिला चिकित्सालय एवं स्वास्थ्य संस्थाओं में नागरिकों के स्वास्थ्य परीक्षण एवं जाँच हेतु वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक चिकित्सीय जाँच की मशीनों उपकरण एवं सामग्री की जानकारी चिकित्सालयवार, केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत चिकित्सालय में उपलब्ध मशीनों उपकरणों से जिला चिकित्सालय में 48 सिविल अस्पताल 32 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र 26 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र 13 उप स्वास्थ्य केन्द्र 05 जाँच की नागरिकों को सुविधा प्राप्त हो रही है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत् इन मशीनों, उपकरणों के संचालन हेतु प्रशिक्षण स्टॉफ उपलब्ध एवं पदस्थ है। प्रशिक्षित स्टॉफ के नाम, पदनाम सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार। (घ) शासकीय जिला चिकित्सालय कटनी में टी.एम.टी. मशीन वर्ष 2006 क्रय की गई थी वर्तमान में मशीन खराब है। सुधरवाने की कार्यवाही जारी है। उपकरण के उपयोग न होने की जाँच हेतु क्षेत्रीय संयुक्त संचालक जबलपुर को निर्देश दिये गये है जाँच उपरान्त कौन व्यक्ति दोषी है यह ज्ञात हो सकेगा। दोषी पाये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। जी हाँ यथाशीघ्र। डायलिसिस मशीन एवं अन्य चिकित्सकीय जाँच के उपकरण सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। सभी मशीन एवं उपकरण चालू हालत में है।
पुलिस अधीक्षक सतना के पत्र दिनांक 23.12.15.
65. ( क्र. 5416 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस अधीक्षक सतना ने कार्यालयीन पत्र क्रमांक पु.अ./सतना/ सी.का 161 दिनांक 23.12.15 द्वारा नगर पुलिस अधीक्षक सतना को श्री त्रिवेणी प्रसाद तनय रामौतार निवासी नई बस्ती कृपालपुर सतना के द्वारा आरोपियों के विरूद्ध जाँच कर शिकायत में बिन्दुवार कार्यवाही सुनिश्चित कर प्रतिवेदन 15 दिवस में उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो क्या आरोपियों के विरूद्ध जाँचकर प्रतिवेदन दिया गया है तथा प्रतिवेदन अनुसार कौन-कौन दोषी पाये गये? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के परिप्रेक्ष्य में दोषी पाये गये आरोपियों के विरूद्ध पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराते हुये माननीय न्यायालय में चालान पेश किया गया या नहीं?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश ’क’ उल्लेखित शिकायत पत्र की जाँच के संबंध में जाँचकर्ता अधिकारी द्वारा जाँच प्रतिवेदन प्रेषित किया है, जिसमें अनावेदकगण 1- श्री लक्ष्मीप्रसाद त्रिपाठी पिता स्व. रामस्वरूप त्रिपाठी उम्र 63 वर्ष निवासी ग्राम राम टेकरी कृपालपुर (सेवानिवृत्त राजस्व निरीक्षक) 2- श्री अखिलेश कुमार ब्राम्हण पिता श्री नन्द किशोर ब्राम्हण निवासी बैरगला थाना कोठी, 3- श्री रजनीश शर्मा पिता श्री शंकरदीन शर्मा डी.पी.एस. स्कूल के पीछे, ग्राम सोनौरा, थाना कोलगवां दोषी पाये गये हैं। (ग) प्रश्नांश ’ख’ में उल्लेखित अनावेदकगणों के विरूद्ध उक्त जाँच पर अपराध क्रमांक 168/16 धारा 420, 467, 468, 34 भा.द.वि. पंजीबद्ध किया गया है जो विवेचनाधीन है। विवेचनापूर्ण होने पर उपलब्ध साक्ष्य अनुसार अंतिम प्रतिवेदन न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा।
जन स्वास्थ्य रक्षकों की आरोग्य केन्द्रों में पदस्थी
66. ( क्र. 5417 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में शासन द्वारा प्रशिक्षित जन स्वास्थ्य रक्षकों से नियमित स्वास्थ्य कार्य करवाया जा रहा है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा खोले गये आरोग्य केन्द्रों की रजिस्टर पंजी में जन स्वास्थ्य रक्षक का नाम होने के बाद भी इतनी महत्वपूर्ण योजना में उसकी नियुक्ति नहीं की जाकर सिर्फ महिला कार्यकर्ताओं को ही पदस्थ किया गया है? जन स्वास्थ्य रक्षकों को आरोग्य केन्द्रों में पदस्थ करने की क्या योजना है? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (ख) जन स्वास्थ्य रक्षकों को संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें डिपो होल्डर बनाकर स्वास्थ्य से संबंधित समस्त कार्य करवाये जा रहे है? क्या 1995 में जन स्वास्थ्य रक्षकों के लिये म.प्र. शासन एवं भारत शासन ने निर्णय लिया था कि 1977 काविलेज हेल्प गाइड एवं जनस्वास्थ्य रक्षकों से यह कार्य करवाया जावेगा? क्या संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें के आदेशानुसार वैकल्पिक वैक्सीन वितरण प्रणाली हेतु जन स्वास्थ्य रक्षकों/विलेज हेल्प गाइड की ड्यूटी लगाई गई और उन्हें कितना मासिक परिश्रम दिया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) 24 घण्टे नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवा देने वाले जन स्वास्थ्य रक्षकों को आरोग्य केन्द्रों में नियुक्ति क्यों नहीं की जाकर निर्धारित प्रोत्साहन राशि क्यों नहीं दी जा रही है? कब तक इनकी नियुक्ति कर प्रोत्साहन राशि दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश ‘‘क‘‘ के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बालक /बालिकाओं के अपहरण के प्रकरण
67. ( क्र. 5545 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के बागली विधान सभा क्षेत्र के पुलिस थानों में विगत दो वषों में कुल कितनी नाबालिक बालिकाओं/बालकों के अपहरण, गुमशुदगी के प्रकरण कौन-कौन से थानों में पंजीबद्ध हुए? (ख) प्रश्नांकित प्रकरणों में पुलिस थानों के प्रभारी अधिकारियों ने क्या-क्या कार्यवाही की? कुल कितने प्रकरणों में पुलिस द्वारा पीडि़त परिवारों को उनके बालक/बालिकाओं की सुपुर्दगी कराई गई? (ग) प्रश्नांकित प्रकरणों में प्रश्न दिनांक तक किन-किन की बरामदगी होना शेष है? पुलिस द्वारा शेष बच्चों की खोज के लिए क्या कार्यवाही की जा रही है?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) बागली विधानसभा क्षेत्र के कुल 06 थानों में विगत 02 वर्षों में थाना सतवास में 17, थाना बागली 07, थाना हाटपिपल्या में 13, थाना उदयनगर में 06, थाना कांटाफोड़ में 07, इस प्रकार कुल 50 प्रकरण नाबालिग बालक एवं बालिकाओं के अपहरण/गुमशुदगी के संबंध में पंजीबद्ध हुए थे। (ख) ट्रेक द मिसिंग चाइल्ड पोर्टल पर गुम/अपहृत बालक बालिकाओं के विवरण अपलोड किये गये तथा गुमशुदा/अपहृत बालक बालिकाओं की बरामदगी हेतु 04 माह व्यतीत होने पर विवेचना मानव द्रुव्यापार प्रकोष्ठ के राजपत्रित अधिकारी से कराई गई। पतासाजी के विशेष प्रयास, सी.डी.आर. का तकनीकी विश्लेषण एवं विशेष अभियान ऑपरेशन मुस्कान चलाकर कुल 39 प्रकरणों में अपहृत बालक बालिकाओं को बरामद कर पीडि़त परिवार को सुपुर्द किया गया है। (ग) 08 प्रकरणों में 07 बालिकाओं एवं 01 बालक की बरामदगी होना शेष है। पुलिस द्वारा विवेचना कर तलाश की जा रही है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नसबंदी के दौरान महिला की मौत
68. ( क्र. 5566 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 23.1.2016 को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कटंगी जिला बालाघाट में महिला नसबंदी शिविर के दौरान महिला की मौत हो गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन इस मौत की जाँच करवायेगा? (ग) शासकीय चिकित्सालयों में महिला नसबंदी के दौरान मौत होने पर शासन द्वारा कोई राशि प्रदान करने की योजना है? (घ) यदि हाँ, तो मृतक महिला के परिवार को राशि प्रदान करने की कार्यवाही की जावेंगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ. (ख) जी हाँ। कलेक्टर बालाघाट ने अपने आदेश दिनांक 02.02.2016 द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, बालाघाट की अध्यक्षता में इस प्रकरण की जाँच हेतु आदेशित किया गया। (ग) एवं (घ) जी हाँ।
अम्बाह सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का उन्नयन
69. ( क्र. 5579 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अम्बाह (जि.मुरैना) सामु.स्वा. केन्द्र पर प्रतिमाह औसतन कितने मरीज भर्ती हो जाते है, जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक की संख्या दी जावें? (ख) अम्बाह सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का दर्जा कितने बिस्तरीय हैं? (ग) क्या उक्त केन्द्र पर क्षमता से अधिक मरीज भर्ती होते रहते हैं? जिन्हें धरती पर लिटाकर उपचार दिया जाता है? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन इस जनहित की गंभीर समस्या को दूर करने हेतु अम्बाह सामु.स्वा.केन्द्र को 100 बिस्तरीय का करने एवं तदानुसार स्टॉफ की व्यवस्था करने पर विचार करेगा, यदि हाँ, तो कब तक तत्संबंधी आदेश जारी कर दिये जावेंगे?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) अम्बाह (जि.मुरैना) सिविल हॉस्पिटल पर प्रतिमाह औसतन 500 मरीज भर्ती होते है, जनवरी 2015 से दिनांक 26/02/2016 तक 6224 मरीज भर्ती हुये। (ख) अम्बाह सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को सिविल हॉस्पिटल का दर्जा प्राप्त है एवं यह 58 बिस्तरीय है। (ग) जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश ’’ग’’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सागर जिले में डेंगू जैसी बीमारियों का उपचार
70. ( क्र. 5599 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में वर्ष 2015 से प्रश्नांश दिनांक तक कितने रोगी डेंगू जैसी घातक बीमारियों के चिन्हित किये गये हैं? क्या डेंगू से पीडि़तों को उपचार हेतु सागर से अन्यत्र रिफर किया जाता है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण हैं? (ख) डेंगू जैसी घातक बीमारी के उपचार के लिये शासन द्वारा क्या व्यवस्था सुनिश्चित की हैं? क्या उपचार हेतु पर्याप्त साधन उपलब्ध है? यदि नहीं, तो क्या शासन जनहित में अतिमहत्वपूर्ण सुविधायें उपलब्ध कराने पर विचार करेगा तथा कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सागर जिले में वर्ष 2015 से प्रश्नांश दिनांक तक डेंगू के 77 रोगी चिन्हित किए गये है। डेंगू के समस्त प्रकरण चिन्हित कर सागर में ही उपचारित किये गए है, अन्यत्र रैफर नहीं किया गया है। (ख) डेंगू बीमारी के उपचार हेतु शासन द्वारा जिला चिकित्सालय सागर में डेंगू बीमारी के जाँच की व्यवस्था की है, जहां मेक एलाईजा एवं एन.एस.-1 एलाईजा किट से जाँच सुविधा उपलब्ध है। जिला चिकित्सालय में डेंगू आईसोलेशन वार्ड भी स्थापित किया गया है, जिसमें मरीज को आवश्यक उपचार दिया जाता है तथा उपचार हेतु पर्याप्त साधन उपलब्ध है।
जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत हितग्राहियों को सहायता राशि
71. ( क्र. 5600 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय मुख्य जिला चिकित्सालय सागर में जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत हितग्राहियों को मिलने वाली आर्थिक सहायता राशि का समय पर भुगतान नहीं हो रहा हैं? यदि हाँ, तो समय पर भुगतान न हो पाने के कारण क्या है? (ख) जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत हितग्राहियों के लिए आर्थिक सहायता देने हेतु सागर जिले में कितना बजट प्रावधानित किया गया हैं? विगत वर्ष 2014-15, 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक नगरीय क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कितने-कितने हितग्राहियों को आर्थिक सहायता प्रदान की गई? कितने हितग्राहियों को आर्थिक सहायता राशि प्रदाय किया जाना शेष है? (ग) क्या विभाग में जननी सुरक्षा योजना में बजट की समस्या चल रही हैं? यदि हाँ, तो शासन लोक हित में क्या कदम उठा रहा है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। हितग्राहियों को ई-पेमेंट के माध्यम से भुगतान किया जाता है, जिन हितग्राहियों के बैंक खाते की जानकारी अप्राप्त होती है उनके भुगतान में विलंब होता है। (ख) सागर जिले को वर्ष 2015-16 में राशि रूपये 3,23,50,000/- का बजट प्रावधानित है। विगत वर्ष 2014-15, 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक नगरीय क्षेत्र में 17714 हितग्राही एवं ग्रामीण क्षेत्र में 48848 हितग्राहियों को आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। 7774 हितग्राहियों को भुगतान किया जाना शेष है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
योजना राशि के उपयोग में अनियमितता की जाँच कर कार्यवाही
72. ( क्र. 5618 ) पं. रमेश दुबे : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 3007 दिनांक 4 मार्च 2015 के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में क्या विधिवत एवं विस्तृत जाँच करायी गयी? हाँ तो किसके द्वारा जाँच की गयी? जाँच के तथ्यों से अवगत कराते हुए यह बतावें कि कितनी शासकीय राशि का गबन होना अथवा अनियमितता पायी गयी तथा दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी? (ख) यदि जाँच नहीं करायी गयी है तो क्या शासन प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि की जाँच कोषालय के लेखाधिकारियों की टीम गठित कर कराये जाने का आदेश देगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। संभागीय लेखा प्रबंधक तथा जिला लेखा प्रबंधक, एन.एच.एम. जबलपुर के द्वारा जाँच में वित्तीय अनियमितताएं परिलक्षित हुई तथा दोषी विकासखण्ड चौरई के खण्ड चिकित्सा अधिकारी, लेखापाल, खण्ड कार्यक्रम प्रबंधक तथा खण्ड कम्युनिटी मोबिलाइजर एवं अमरवाड़ा के खण्ड चिकित्सा अधिकारी को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किए गए हैं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छिन्दवाड़ा जिले में लाडली लक्ष्मी योजना के लाभ दिये जाने में अनियमितता
73. ( क्र. 5619 ) पं. रमेश दुबे : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी छिन्दवाड़ा के द्वारा उनके पत्र दिनांक 16/11/2015 के माध्यम से लाडली लक्ष्मी योजना अंतर्गत प्राप्त 200 आवेदनों को अपील में स्वीकृत किये जाने की सूचना दी गयी है? यदि हाँ, तो यह आवेदन अपील पूर्व किस स्तर पर कब प्राप्त हुआ था और क्या इन आवेदन पत्रों की प्राप्ति अभिस्वीकृति जारी की गयी थी? (ख) क्या उक्त आवेदन पत्र समय-सीमा में परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास अधिकारी के कार्यालय में अथवा आंगनवाड़ी में प्रस्तुत किया गया था किंतु अधिकारियों कर्मचारियों ने इसकी पावती नहीं दी और उनके लापरवाही के चलते विलंब होने के कारण लाभ से वंचित किया गया था? (ग) क्या प्रश्नकर्ता के द्वारा उक्त विषय पर पत्राचार करने पर उसे एकमुश्त अपील में लेकर कार्यवाही की गयी है? (घ) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र में यह बताया गया है कि उपरोक्त के संबंध में जाँच दल गठन कर जाँच की जा रही है? यदि हाँ, तो जाँच दल में कौन-कौन है? क्या जाँच हुई? हाँ तो जाँच में लिए गये मौखिक साक्ष्य और दस्तावेजी साक्ष्य के विवरण सहित जाँच के तथ्यों से अवगत करावे और यह बतावे कि कौन दोषी पाया गया तथा उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, अपील पूर्व यह प्रकरण परियोजना स्तर पर माह फरवरी 2015 से माह अक्टूबर 2015 की अवधि में प्राप्त हुए थे, जी हाँ, प्राप्ति अभिस्वीकृति जारी की गयी थी। (ख) नहीं, शेष प्रश्न का उत्तर उद्भूत नहीं होता है, (ग) अपील हेतु प्रस्तुत किये जाने के लिए परियोजना स्तर पर आवेदनों को प्राप्त किया जाना पूर्व से ही प्रक्रियाधीन था। (घ) हाँ, तीन सदस्यीय जाँच दल गठित किया गया, जिसमें (1) श्रीमती स्नेहलता ठाकुर वि.महिला सशक्तिकरण अधिकारी छिंदवाडा, (2) सुश्री राना परवीन खान वि. महिला सशक्तिकरण अधिकारी हर्रई, (3) श्रीमती बीना रक्षित पर्यवेक्षक,एकीकृत बाल विकास सेवा योजना छिंदवाडा नवीन जाँच दल में सम्मिलित थे, जाँच दल का प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, जिसमें कोई भी अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं पाया गया।
स्वास्थ्य विभाग में पदोन्नति एवं नियम विरूद्ध
74. ( क्र. 5650 ) श्री तरूण भनोत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 10.2.06 में प्रशासकीय अधिकारी (द्वितीय श्रेणी) पद की पदोन्नति सहायक शल्य चिकित्सक (द्वितीय श्रेणी) की वरियता सूची के आधार पर की गई है? क्या स्वास्थ्य विभाग में लागू नियुक्ति एवं पदोन्नति नियम 1989 में प्रशासकीय अधिकारी पद पर पदोन्नति हेतु निर्धारित फीडर केडर पदों की वरियता सूचियां सा.प्र.वि. के परिपत्र क्र. सी/3-1/95/3-एक भोपाल दिनांक 2 फरवरी 95 द्वारा जारी ग्यारह कालम के पपत्र में दिनांक 1.1.04 को जारी की गई थी? (ख) क्या स्वास्थ्य विभाग के उच्च पदों पर पदोन्नति हेतु केवल संचालनालय के कर्मचारियों को ही शासन प्राथमिकता दे रहा है? जिसकी सत्यता दिनांक 30.1.13 में प्रशासकीय अधिकारियों पद की पदोन्नति की गई है? चौबीस रिक्त पदों के विरूद्ध मात्र नौ कर्मचारी पदोन्नत किये गये, इंदौर, भोपाल संभागों में पदस्थ कनिष्ठ लेखा अधिकारी सीनियर आडिट प्रबंधक मेडिकल स्टोर, कुल चार कर्मचारियों की योग्यता होने पर भी पदोन्नति नहीं किया गया? क्यों पूर्ण जानकारी देवें? (ग) क्या संयुक्त संचालक स्वा. सेवायें इंदौर में वर्ष 1998 में कनिष्ठ लेखा अधिकारी पद का नियम विरूद्ध पदोन्नति की गई थी? क्या इसकी जाँच करवाते हुये दोषी अधिकारी पर कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। (ख) जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिंहस्थ पर्व में सुरक्षा का प्रबंध
75. ( क्र. 5696 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग अप्रैल माह से प्रारंभ होने वाले सिंहस्थ पर्व की तैयारियों में जुटे हुए हैं? (ख) क्या उज्जैन नगर में आने वाले श्रद्धालुगण लाखों की संख्या में विश्व भर से पहुंचने वाले हैं? (ग) यदि हाँ, तो समस्त व्यवस्थाओं यथा दुर्घटना, चोरी, लूटपाट, छेड़छाड़, मारपीट एवं संदिग्ध आंशकित विस्फोटों जैसी स्थितियों पर नियंत्रण तथा संदिग्ध कुख्यात असामाजिक तत्वों के अवैध/अज्ञात प्रवेश की संभावनाएं भी बनी हुई हैं? (घ) यदि हाँ, तो इन्दौर एवं उज्जैन संभाग अंतर्गत आने वाले जिलों/तहसीलों/नगरों एवं ग्रामों से लगी हुई अन्य राज्यों की सीमा से लगे थानों, चौकियों तथा सुरक्षा केन्द्रों पर सुरक्षा बलों में क्या अभिवृद्धि की जाकर क्या-क्या किया गया है?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) अवांछित गतिविधियों पर नियंत्रण हेतु पूर्ण तैयारी की गई है। (घ) जिलों में आवश्यकतानुसार अतिरिक्त बल का विनियोजन किया जावेगा।
रतलाम जिला अंतर्गत जेलों की स्थिति एवं बजट
76. ( क्र. 5697 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कैदियों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षाओं को लेकर शासन/विभाग गंभीरता से कार्य कर रहा है? (ख) क्या जेल में कैदियों के खानपान, स्वास्थ्य एवं उनकी सुरक्षा हेतु केंद्र/राज्य पर्याप्त बजट का प्रावधान कर अनेक सुधारात्मक कार्य कर रहा है? (ग) यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14, वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 के प्रश्न दिनांक तक रतलाम जिले को किन-किन कार्यों के लिये कितना-कितना बजट स्वीकृत हुआ? (घ) साथ ही उपरोक्त वर्षों में प्राप्त बजट से क्या-क्या कार्य किये गये? खानपान, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा व्यवस्था सहित किये गये निर्माण कार्यों/मरम्मत/प्रशिक्षण, स्वास्थ्य शिविर इत्यादि पर किये गये व्यय के भौतिक सत्यापन से अवगत कराएं?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) रतलाम जिले को वेतन के अतिरिक्त कार्यों के लिए आवंटित/स्वीकृत बजट राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (घ) प्राप्त बजट राशि से किये गये कार्यों की जानकारी का विवरण संलग्न परिशिष्टि के प्रपत्र-ख अनुसार है। रतलाम जिले की जेलों में बंदियों की सुरक्षा के लिए पदस्थ स्टॉफ पर वर्ष, 2013-14 में रूपये 1,93,44,069/-, वर्ष, 2014-15 में रूपये 1,99,96,533/- एवं वर्ष, 2015-16 में प्रश्न दिनांक तक रूपये 2,00,86,684/- का व्यय किया गया है। जेल भवन मरम्मत पर विभागीय मद से वर्ष, 2013-14, वर्ष, 2014-15 में व्यय निरंक है। वर्ष, 2015-16 में विभागीय मद से रूपये 3,17,440/- भवन मरम्मत पर व्यय किये गए। रतलाम जिले की जेलों में बंदियों को प्रशिक्षण देने के लिए जेल उद्योग स्थापित नहीं है। प्रश्नाधीन अवधि में रतलाम जिले में स्थित जेलों में स्वास्थ्य शिविर आदि नहीं लगाये गये हैं।
खरीदी गई सामग्रियां
77. ( क्र. 5709 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिंड जिले लोक स्वास्थ्य एवं परि. कल्याण विभाग में 01.04.2010 से 31.03.2013 तक क्या-क्या सामग्री खरीदे जाने हेतु कितनी-कितनी राशि का आवंटन किस-किस स्थान हेतु हुआ? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार किस-किस नाम की कितनी संख्या में क्या-क्या सामग्री किस दर पर, कब खरीदी गयी? प्राप्त सभी निविदाओं की दरें एवं फर्मों/संस्थाओं का नाम/पतें दें? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित खरीदी गयी सामग्रियों को किस-किस स्थान पर कितनी संख्या में कब-कब दिया गया? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार खरीदी गयी सामग्रियों का भुगतान कब-कब किसको-किसको कितना-कितना दिया गया?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
निर्माण कार्य
78. ( क्र. 5710 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा भिंड जिले में 01.04.2010 से 31.03.2013 तक किस-किस स्थान पर, क्या-क्या निर्माण कार्य हेतु, कितनी-कितनी राशि व्यय करने हेतु आवंटित की गयी? (ख) क्या भिंड जिले में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार क्या-क्या निर्माण कार्य किस-किस स्थान पर कितनी-कितनी राशि व्यय कर, कब-कब बनाये गये? निर्माण कार्यों की किस दर पर किसको निविदा की गयी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) एवं उल्लेखित कार्यों की निविदायें किस-किस नाम के अखबारों में किस दिनांकों को पब्लिश हुई? किस-किस के द्वारा किस दर पर निविदा डाली? सभी कंपनी/व्यक्ति के नाम व उनके द्वारा निविदा की दर की सूची दें? (घ) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित समयानुसार एवं निर्माण कार्यवर किस स्थान के किस प्रकार के कितनी स्वीकृति राशि के क्या कार्यों का कितना भुगतान किसको कब कैसे किया गया?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
वाहन चोरी के प्रकरण
79. ( क्र. 5725 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 01.01.2012 से 31.12.2015 तक ट्रैक्टर, बाईक, स्कूटी एवं अन्य चार पहिया वाहन चोरी के कितने प्रकरण दर्ज हुये? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने वाहन बरामद कर लिये गये इनमें कितने आरोपी बनाये गये? वाहनवार, प्रकरणवार, आरोपी नाम, सहित विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी देवें? क्या इनकी सुपुर्दगी संबंधित वाहन मालिक को दे दी गई? (ग) ऐसे कितने मामले हैं जिनमें बरामद वाहन, वाहन मालिकों को न देते हुये थाने में खड़े कर रखे हैं और कब से? थानावार, वाहन क्रमांक, सहित देवें? (घ) जो वाहन अभी तक बरामद नहीं किये जा रहे हैं उनमें पुलिस क्या कार्यवाही कर रही है?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में विधानसभा क्षेत्र कुक्षी जिला धार अंतर्गत थाना कुक्षी, थाना बाग, थाना ड़ही में ट्रैक्टर, बाईक, स्कूटी एवं अन्य चार पहिया वाहन चोरी के कुल 201 प्रकरण पंजीबद्ध हुए हैं। (ख) प्रश्नांश ’क’ के संबंध में चोरी गये कुल 204 वाहनों में से कुल 42 वाहन बरामद किये गये हैं। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सभी 42 बरामद वाहन संबंधित वाहन मालिकों को नियमानुसार सुपुर्द किये गये हैं। थाने पर रखे गये वाहनों की संख्या निरंक है। (घ) प्रश्नांकित वाहन चोरी से संबंधित सभी प्रकरणों में विधि अनुसार विवेचना की गई है। कुल 201 प्रकरणों में से 36 प्रकरणों में चालानी कार्यवाही, 164 प्रकरणों में खात्मा एवं 01 प्रकरण में खारजी कता की गई है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों के दिये जाने वाले खाद्यान्न
80. ( क्र. 5739 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या आंगनवाड़ी केन्द्रों में टेक होम राशन खाद्यान्न दिये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो प्रावधानों की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) एकीकृत महिला बाल विकास कार्यालय गुनौर द्वारा टेक होम राशन न भिजवाने का क्या कारण है? इसके लिये कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या और कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) टेक होम राशन आंगनवाड़ी कार्यकर्ता या सहायिका यदि एकीकृत महिला बाल विकास कार्यालय विकासखण्ड स्तर से यदि उठाव करती है, तो क्या उन्हें राशन को अपने केन्द्र तक ले जाने का व्यय महिला बाल विकास विभाग द्वारा वहन किया जाता है? यदि हाँ, तो विकासखण्ड मुख्यालय से किस केन्द्र को कितनी राशि दी जाती है, आंगनवाड़ी केन्द्रवार बतावें? (घ) टेक होम राशन को यदि आंगनवाड़ी केन्द्र तक पहुँचाने का प्रावधान नहीं है तो खाद्यान्न को केन्द्र तक पहुंचाने शासन की क्या कोई वैकल्पिक व्यवस्था है? यदि कोई व्यवस्था नहीं है तो यह व्यवस्था कब तक दुरूस्त की जावेगी बतावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) एकीकृत बाल विकास परियोजना गुनौर में वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर आंगनवाड़ी कार्यकर्तायें/सहायिकायें टेकहोम राशन का उठाव कर रही है। कोई भी अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं द्वारा टेकहोम राशन (खाद्यान्न) का उठाव परियेाजना कार्यालय की गोदाम से किया जा रहा है। विभाग द्वारा राशि रू.50/-प्रति क्विंटल, प्रति आंगनवाड़ी केन्द्र, प्रतिमाह के मान से राशि प्रदाय की जाती है। माह अक्टूबर 2014 से नवम्बर 2015 तक राशि का प्रदाय उनके बैंक खातों में किया जा चुका है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है। (घ) टेकहोम राशन को आंगनवाड़ी केन्द्रों तक पहुंचाने का प्रावधान है, जिसके लिये राशि रू.50/- प्रति क्विंटल, प्रति आंगनवाड़ी केन्द्र प्रतिमाह के मान से राशि व्यय किए जाने का प्रावधान हैं। जिला स्तर से परिवहन के टेंडर की प्रक्रिया पूर्ण न होने के कारण वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर ही आंगनवाड़ी कार्यकर्तायें/सहायिकायें टेकहोम राशन का उठाव कर रही है। जिला स्तर से परिवहनकर्ता की व्यवस्था हो जाने पर केन्द्रों में टी.एच.आर. परिवहनकर्ता के माध्यम से भेजा जा सकेगा।
मुरैना थाना सिविल लाईन महिला आहरणकर्ता
81. ( क्र. 5778 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिविल लाईन पुलिस मुरैना द्वारा विवाहित महिला (नाबालिग) के अपहरण की रिपोर्ट दिनांक 08.09.2015 को की गई? जिस पर 13.09.2015 को अपराध क्रमांक 500/2015 धारा 365, 366/34 कायम हुआ उस पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई (ख) क्या अपराधियों की अभी तक गिरफ्तारी नहीं की गई, बल्कि एक सप्ताह बाद महिला व अपहरणकर्ता को पकड़कर छोड़ दिया गया क्यों? महिला उत्पीड़न के प्रकरण में इस उदासीनता के लिये जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) उक्त महिला का मेडिकल परीक्षण क्यों नहीं कराया गया एवं महिला के गहने कपड़े आदि बरामद नहीं करने के क्या कारण रहे? (घ) उक्त प्रकरण की शिकायत पुलिस महानिरीक्षक चम्बल को दिनांक 13.10.2015 को ज्ञापन के माध्यम से की गई थी, उस पर क्या कार्यवाही की गई? इस प्रकार के गंभीर, महिला, उत्पीड़न के प्रकरण को रफा-दफा क्यों किया गया?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) यह सही नहीं है कि विवाहित महिला (नाबालिग) के अपहरण की रिपोर्ट दिनांक 08.09.2015 को सिविल लाईन थाना जिला मुरैना में की गई है जबकि सत्य यह है कि दिनांक 08.09.2015 की घटना की रिपोर्ट अपहृता के द्वारा दिनांक 13.09.2015 को विवाहित महिला (नाबालिग) निवासी पूठपुरा के अपहरण की थाना सिविल लाईन, जिला मुरैना में की गई रिपोर्ट पर से अपराध क्रमांक 500/15, धारा 363, 366, 34 भा.द.वि. का कायम कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण की संपूर्ण विवेचना में अभियोजन योग्य साक्ष्य न होने से खात्मा क्रमांक-108/15 तैयार किया गया। (ख) यह सही नहीं है कि अपहृता महिला/अपहरणकर्ता को एक सप्ताह बाद पकड़कर छोड़ दिया। प्रकरण की विवेचना से आरोपियों का घटना में सम्मिलित न होना पाये जाने एवं अपहृत के कथन से अपहरण जैसी घटना घटित होने से संबंधित तथ्य न पाये जाने से आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की गई एवं प्रकरण में खात्मा क्रमांक 108/15 तैयार किया गया। मान. न्यायालय के आदेश से अपहृता को नारी निकेतन में दाखिल कराया गया। उक्त प्रकरण में कोई भी अधिकारी के द्वारा उदासीनता नहीं बरती गई। (ग) दिनांक 15.09.2015 को अपहृता की दस्तयाबी के बाद मेडिकल परीक्षण कराया गया था। महिला के गहने, कपड़े आदि के खोने का उल्लेख फरियादी द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट में नहीं कराया गया। (घ) उत्तरांश ’क’ ’ख’ एवं ’ग’ अनुसार कार्यवाही की गई।
जिला विदिशा में रिक्त चिकित्सकों के पद
82. ( क्र. 5793 ) श्री सूर्यप्रकाश मीना : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला विदिशा अंतर्गत आने वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं सी.एस.सी. केन्द्रों एवं अन्य स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सकों के कितने पद स्वीकृत हैं एवं उक्त में से कितने रिक्त हैं? रिक्त रहने के कारण सहित जानकारी दे? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के क्रम में संचालित स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सकों के पद रिक्त रहने से क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं पर विपरीत असर पड़ रहा है? (ग) यदि हाँ, तो शासन कब तक रिक्त चिकित्सकों के पदों की पूर्ति करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विदिशा जिले अंतर्गत 07 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्सा अधिकारी के 14 पद स्वीकृत हैं तथा 15 चिकित्सक पदस्थ हैं। संचालित 22 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्सा अधिकारियों के 26 पद स्वीकृत एवं 11 चिकित्सा अधिकारी कार्यरत हैं। विभाग पदपूर्ति हेतु निरंतर प्रयास कर रहा है, प्रदेश में चिकित्सकों की अत्यधिक कमी के कारण पद रिक्त हैं। (ख) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जहाँ चिकित्सा अधिकारी के पद रिक्त हैं, में सुविधाएं प्रभावित न हो इस हेतु वैकल्पिक व्यवस्था की गई है, जिससे चिकित्सा सेवायें सूचारू रूप से संपादित की जा रही हैं। (ग) रिक्त पदपूर्ति हेतु विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है, मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से 1896 चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया प्रचलन में है, उपलब्धता अनुसार पदस्थापना संबंधी कार्यवाही की जा सकेगी।
गंभीर बीमारियों का इलाज राज्य बीमारी सहायता निधि से
83. ( क्र. 5794 ) श्री सूर्यप्रकाश मीना : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन गंभीर बीमारी गेंगरिन, हाथ पैर में या अन्य जगह फ्रेक्चर सहित ऐसी बीमारियों जिनमें 25 हजार से अधिका का व्यय आता है को राज्य बीमारी सहायता निधि से राशि स्वीकृत किये जाने के संबंध में कार्यवाही करेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में ऐसी कई बीमारियाँ है जो राज्य बीमारी सहायता निधि से जिनके इलाज को राशि स्वीकृत नहीं किये जाने से गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाला परिवार इलाज कराने में असमर्थ रहता है? (ग) क्या शासन गरीबों के हित में ऐसी सभी बीमारियां एवं दुर्घटना में घायल होने के उपरांत होने वाले इलाज जिन में 25 हजार से अधिक का व्यय आता है का इलाज राज्य बीमारी सहायता निधि से कराये जाने का प्रावधान करेगा? (घ) यदि प्रश्नांश (ग) के क्रम में हाँ तो क्या जिला मुख्यालयों पर स्थित जिला चिकित्सालय अथवा संचालित निजी अस्पतालों में उपलब्ध सुविधा या सहमति के आधार पर ही इलाज कराये जाने की अनुमति देगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। राज्य बीमारी सहायता निधि अन्तर्गत चिन्हित 21 बीमारियाँ जिनमें 25 हजार से अधिक का व्यय आता है, के प्रकरण स्वीकृत किये जाते है। इसके अतिरिक्त अन्य बीमारियों का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) अधिकांश बीमारियों का उपचार दीनदयाल उपचार योजना अन्तर्गत शासकीय चिकित्सालयों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, सिविल अस्पतालों, जिला चिकित्सालयों एवं मेडिकल कॉलेजों, में निःशुल्क उपचार/जाँचें/दवाईयाँ एवं भोजन की व्यवस्था शासन द्वारा की जाती हैं। (ग) जी नहीं। उत्तर “ख” के परिपेक्ष्य में ऐसी कोई योजना विचाराधीन नहीं है। (घ) प्रश्नांश “ग” के क्रम में जिला चिकित्सालयों में निःशुल्क उपचार/जाँचें/दवाईयाँ एवं भोजन की व्यवस्था शासन द्वारा की जाती हैं। निजी अस्पतालों में उपलब्ध सुविधा राज्य बीमारी सहायता निधि अन्तर्गत चिहिन्त बीमारियों का उपचार किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
डॉक्टरों/कर्मचारियों के रिक्त पदों की पूर्ति
84. ( क्र. 5809 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भितरवार विधान सभा क्षेत्र में डॉक्टरों/कर्मचारियों के पदों की स्वीकृति के विरूद्ध आधे से ज्यादा पद रिक्त है? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) प्रश्न (क) अनुसार विधानसभा क्षेत्र भितरवार में 01 जनवरी 2016 की स्थिति में कौन-कौन डॉक्टर/कर्मचारी पदस्थ हैं उनका नाम, पद, पदस्थापना, दिनांक एवं मुख्यालय स्पष्ट करें? कितने पद 01 जनवरी 2016 की स्थिति में किस-किस स्तर के डॉक्टरों/कर्मचारियों के कहाँ-कहाँ पर रिक्त है? उनको कब तक भर लिया जावेगा? (ग) लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा जनकल्याण हेतु क्या-क्या योजनायें चलायी जा रही है योजनावाईज 01 अप्रैल 2015 से 31 दिसम्बर 2015 तक कितने व्यक्ति/हितग्राही को भितरवार विधान सभा क्षेत्र में क्या-क्या लाभ दिया गया है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं, विशेषज्ञ के पदों के अतिरिक्त भितरवार विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत पदों के विरूद्ध अधिकांश पदों पर अधिकारियों/कर्मचारियों की पदस्थापना है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभाग निरंतर प्रयासरत है एवं प्रक्रिया निरंतर जारी है परंतु विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी के कारण पदपूर्ति नहीं की जा सकी है। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। लाभार्थियों को योजना के स्वरूप अनुसार प्रावधानों से लाभान्वित किया गया है।
पोषण आहार परिवहन में अनियमितता
85. ( क्र. 5819 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग मध्यप्रदेश शासन की आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार पहुँचाने हेतु वर्तमान में क्या नीति है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विभाग की नीति अनुरूप राजगढ़ जिले के आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार पहुँचाने हेतु किन-किन माध्यमों का उपयोग किया जा रहा है? यदि यह कार्य निविदा के माध्यम से किया जा रहा है तो वर्तमान में सेवाप्रदाताओं को कब-कब, किन-किन शर्तों पर कितने समय के लिये अनुबंधित किया गया? सेवाप्रदाता का नाम, वाहन का प्रकार एवं क्रमांक सहित बतावें? (ग) क्या सेवाप्रदाताओं द्वारा निर्धारित किये गये आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार उतारते समय भौतिक सत्यापन हेतु आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के अलावा सरपंच सचिव अथवा अन्य ग्रामवासियों के समक्ष कोई पंचनामा बनाये जाने के आदेश है? यदि हाँ, तो क्या इसका पालन राजगढ़ जिले में किया जा रहा है अथवा नहीं? (घ) क्या विभाग द्वारा प्रदाय की पोषण आहार सामग्री आंगनवाड़ी केन्द्रों पर न पहुंचाकर फर्जी सत्यापन कराकर कागजी खानापूर्ति की जा रही है? क्या इस संबंध में विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कभी भ्रमण के दौरान सत्यापन किया गया? यदि हाँ, तो कब, किस स्तर के अधिकारी द्वारा सत्यापन किया गया? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों एवं गर्भवती/धात्री माताओं हेतु पूरक पोषण आहार का प्रदाय एम.पी.एग्रो. के माध्यम से परियोजना स्तर तक किया जाता है, परियोजना स्तर से आंगनवाड़ी केन्द्र तक पूरक पोषण आहार परिवहनकर्ता के माध्यम से पहुंचाया जाता है। (ख) राजगढ़ जिले में पोषण आहार परिवहन हेतु दो बार निविदाएं जारी की गई थी सभी परियोजनाओं के लिये निविदा प्राप्त नहीं हुई एवं प्राप्त निविदाओं में किसी भी निविदादाता द्वारा निविदा की शर्तों को पूर्ण नहीं करने पर जिला स्तरीय समिति द्वारा निविदा अमान्य करते हुए शासन द्वारा नियत अधिकतम दर के अधीन स्थानीय स्तर पर परिवहन व्यवस्था का निर्णय लिया गया था, तद्नुसार नवीन निविदा तक परियोजना स्तर पर लोडिंग वाहनों के माध्यम से परिवहन करवाया जा रहा है। (ग) आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पोषण आहार उतारते समय कार्यकर्ता/सहायिका से पावती ली जाती है। सरपंच सचिव अथवा अन्य ग्रामवासियों के समक्ष पंचनामें बनाये जाने के आदेश नहीं है। पंचनामा पोषण आहार वितरण के समय बनाने के निर्देश है जिसका पालन किया जा रहा है। (घ) जी नहीं। आंगनवाड़ी केन्द्रों पर प्राप्त पोषण आहार का सत्यापन सेक्टर पर्यवेक्षक द्वारा किया जाता है। नियमित भ्रमण के समय वरिष्ठ अधिकारी द्वारा भी पोषण आहार सत्यापन किया जाता है।
प्रदेश में पुलिस शिकायत अथॉरिटी का गठन
86. ( क्र. 5876 ) सुश्री उषा ठाकुर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के एक निर्देश के तारतम्य में पुलिस शिकायत अथॉरिटी का गठन प्रदेशों में करना है? हाँ तो माननीय न्यायालय का निर्देश कब का है और उस पर प्रदेश में दि. 31.01.16 तक क्या कार्यवाही हुयी? (ख) क्या पुलिस विभाग के विरूद्ध शिकायतों की जाँच भी साधारणतया पुलिस विभाग ही करता है? अत: इसमें पक्षपात की संभावना रहती है? (ग) कैलेण्डर वर्ष 2010 से 2015 तक विभिन्न वर्ग के पुलिस अधिकारियों की शिकायतें जो प्राप्त हुयी उन्हें वर्गवार, वर्षवार बतावें? (घ) 31.01.2016 की स्थिति में जिलेवार कितनी शिकायतों पर जाँच चल रही है? यह भी वर्षवार 2010 से बतावें कि वर्गवार, जिलेवार कितने अधिकारी कर्मचारी दंडित हुये और कितनी शिकायतें किन कारणों से नस्तीबद्ध कर दी गई?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के प्रकरण क्रमांक 310/1996, प्रकाश सिंह विरूद्ध भारत सरकार के निर्णय दिनांक 22.09.2006 के अनुसार राज्यों में पुलिस शिकायत अथॉरिटी के गठन करने का निर्णय पारित किया गया है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय दिनांक 22.09.2006 के निर्देश के पालन में राज्य सरकार के गृह विभाग मंत्रालय, वल्लभ भवन, भोपाल द्वारा आदेश क्रमांक एफ-1/2010/ब-2/दो, भोपाल दिनांक 30.08.2010 के तहत प्रदेश के समस्त जिलों में जिला पुलिस शिकायत बोर्ड का गठन किया गया है। आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्टि के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ख) पुलिस विभाग के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों की जाँच साधारणतया पुलिस विभाग द्वारा ही की जाती है लेकिन शिकायत की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए अन्य अनुभाग के अधिकारियों से भी जाँच करवाई जाती है जिस कारण शिकायत जाँच में पक्षपात की संभावना नहीं रहती है। (ग) कैलेण्डर वर्ष 2010 से 2015 तक विभिन्न वर्ग के पुलिस अधिकारियों की जो शिकायतें प्राप्त हुई उनकी वर्षवार जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। (घ) 31.01.2016 की स्थिति में जिलेवार चल रही शिकायत जाँच की स्थिति एवं 2010 से दण्डित किये गये अधिकारी/कर्मचारियों और नस्तीबद्ध की गई शिकायतों की कारण सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है।
प्रसूति सहायता का संचालन
87. ( क्र. 5905 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सन् 2000 में प्रसूति सहायता योजना का संचालन किस विभाग द्वारा किया जाता था एवं वर्तमान में किस विभाग से किया जा रहा है? (ख) पूर्व की व्यवस्था को बदले जाने के कारण वर्तमान व्यवस्था में हितग्राहियों को हो रही परेशानी को दूर किये जाने की विभाग की क्या योजना है? (ग) क्या हितग्राहियों की सुविधाओं के दृष्टिगत रखते हुए पूर्व की व्यवस्था चालू की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
एक्सप्लोसिव प्रतिष्ठानों की जाँच
88. ( क्र. 5930 ) श्री
नीलेश अवस्थी
:
क्या गृह
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
विभागीय
निर्देशों पर
माह सितम्बर, अक्टूबर
2015 में
कटनी जिले के
एक्सप्लोसिव
लायसेंस
धारकों एवं
पटाखा
कारोबारियों
की जाँच की गई
थी? यदि
हाँ, तो
किन प्रतिष्ठानों
की किन बिन्दुओं
पर किन शासकीय
सेवकों
द्वारा कब
जाँच की गई? (ख)
प्रश्नांक
(क) उल्लेखित
जाँच दलों
द्वारा क्या
कारोबारियों
के विक्रय एवं
भण्डारन स्थलों
की भी जाँच की
गई? यदि
हाँ, क्या
प्रतिवेदन
दिये? क्या
किन्हीं
प्रतिष्ठानों
की दुबारा जाँच
भी कराई गई? यदि हाँ, तो क्यों? दुबारा जाँच
में क्या
पाया गया? भ्रामक जाँच
प्रतिवेदनों
के दोषी
अधिकारियों
पर क्या
कार्यवाही की
गई? (ग) क्या
माधोनगर कटनी
में फरवरी 2016 में
पटाखों का
नियम विपरीत
भण्डारन
पाया गया? यदि हाँ, तो किन
पर क्या
कार्यवाही की
गई क्या अन्य
पटाखा
कारोबारियों
के भण्डारन
की भी जाँच की
गई? यदि
हाँ, तो जाँच
में क्या
पाया गया? (घ)
प्रश्नांश (क)
से (ग) तक के
संदर्भ में
पटाखों विस्फोटकों
के भण्डारन
में
अनियमितता
मिलने से
पूर्व की
प्रशासकीय
कार्यवाही
में लापरवाही
साबित होने की
क्या शासन
द्वारा समग्र जाँच
कराकर
संबंधितों पर
कार्यवाही की
जायेगी?
उत्तर
में यदि हाँ, तो क्या
और कब तक यदि
नहीं, तो
क्यों नहीं
बतलावें?
गृह
मंत्री ( श्री
बाबूलाल गौर ) : (क) जी
हाँ - विभागीय
निर्देशों पर
संयुक्त रूप
से एक्सप्लोसिव
लायसेंस
धारकों एवं
पटाखा
कारोबारियों
की जाँच की गई
है।
एक्सप्लोसिव
लायसेन्स
धारकों की सूची
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ‘अ’
अनुसार
है। जाँच के
बिन्दु पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘ब’
अनुसार
है। पटाखा
कारोबारियों
की सूची
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘स’
अनुसार
है।
एक्सप्लोसिव
लायसेंस
धारकों की जाँच
उपखण्ड
मजिस्ट्रेट/नगर
पुलिस
अधीक्षक एवं अनुविभागीय
अधिकारी
पुलिस के
द्वारा की गई
है। पटाखा
कारोबारियों
की जाँच
कार्यपालिक
मजिस्ट्रेट (नायब
तहसीलदार/तहसीलदारों)
एवं थाना
प्रभारियों
के द्वारा की
गई है। गठित जाँच
दल के आदेश की
छायाप्रति
एवं जाँच
बिन्दुओं की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ‘द’
अनुसार
है। (ख) जी हाँ।
जाँच दलों के
द्वारा
कारोबारियों
के विक्रय एवं
भण्डारण स्थल
की जाँच की गई
है। जाँच
प्रतिवेदनानुसार
थाना कोतवाली
क्षेत्रांतर्गत
पटाखा
कारोबारियों
जिसमें नरेश
कुमार गुप्ता, गणेश
प्रसाद गुप्ता, उमेश
कुमार गुप्ता, नितिन
गुप्ता,
श्रीमती
कांति बाई एवं
संतोष कुमार
सरावगी तथा
थाना कैमोर
अंतर्गत
नारायण दास
बत्रा की दुकानें
नियम विरूद्ध
रिहायशी
इलाके में स्थित
होने एवं
सुरक्षा के
पुख्ता
इंतजाम नहीं होने
के कारण उक्त
सभी दुकानों
को आबादी
क्षेत्र से
बाहर किये
जाने के आदेश
दिये गये।
किन्हीं प्रतिष्ठानों
के उन्हीं
स्थानों की
संयुक्त रूप
से दोबारा जाँच
नहीं करायी
गयी, नये
स्थान की जाँच
करायी गयी, भ्रामक जाँच
प्रतिवेदन की
स्थिति
निर्मित नहीं
हुई। (ग) जी
हाँ। दिनांक 11.02.2016 को थाना
माधवनगर क्षेत्रान्तर्गत
पटाखा
कारोबारियों
में से सुरेश
कुमार पिता
हरसूमल गलानी, उम्र 60 वर्ष
एवं इन्द्र
कुमार
ठारवानी पिता
नवेन्दराम
ठारवानी उम्र 55 वर्ष
दोनों निवासी
बड़ी काली
मंदिर के बाजू
में माधवनगर
के यहां
रिहायशी
क्षेत्र में
अवैध रूप से
आतिशबाजी
पटाखा का
भण्डारण पाया गया।
आरोपियों के
विरूद्ध थाना
माधवनगर में अप.क्र.92/16 एवं
अपराध क्र.93/2016 धारा 5
विस्फोटक
पदार्थ
अधिनियम के
तहत कायम किया
गया। (घ)
पटाखों
विस्फोटकों
के भण्डारण
में अनियमितता
मिलने से थाना
माधवनगर में
पटाखा
व्यवसायी
आरोपियों के
विरूद्ध
अपराधिक
प्रकरण पंजीबद्ध
किये गये।
प्रशासकीय
कार्यवाही
में लापरवाही
साबित न होने
के कारण
कार्यवाही का
प्रश्न ही उत्पन्न
नहीं होता।
बिना वरिष्ठ सूची जारी किये पदोन्नति
89. ( क्र. 5954 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा वर्ष 2008 से प्रश्नांश दिनांक तक किस-किस पद पर किस-किस कर्मचारी की पदोन्नति की गई है, पदोन्नति आदेश सहित जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पदोन्नति किस वर्ष की पदक्रम सूची के आधार पर जारी की गई है? पदोन्नत कर्मचारी की वरिष्ठता क्रमांक व वर्ष सहित बतावें? (ग) कर्मचारियों की वरिष्ठता निर्धारण हेतु पदक्रम सूची प्रतिवर्ष जारी करने का प्रावधान है या नहीं? यदि हाँ, तो विदिशा जिले में किस-किस संवर्गों के पदों की पदक्रम सूची वर्ष 2008 से 2015 में जारी की गई है? पदक्रम सूची उपलब्ध करावें? (घ) विदिशा जिले में पदक्रम सूची जारी नहीं करते हुये पदोन्नति किया गया है या नहीं? यदि हाँ, तो इसके लिये दोषी कौन है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। पदोन्नति आदेश की प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित पदोन्नति, पदक्रम सूची वर्ष 2010 एवं वर्ष 2013 को जारी वरिष्ठता सूची के आधार पर की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। वर्ष 2010 में समस्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की, वर्ष 2011 में ड्रेसर पद एवं वर्ष 2013 में समस्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की वरिष्ठता सूची जारी की गई। पदक्रम जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन थानों एवं नवनी चौकियों की स्थापना के मापदण्ड
90. ( क्र. 5987 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में नवीन थानों एवं नवीन चौकियों की स्थापना हेतु निर्धारित मापदण्ड क्या-क्या हैं? (ख) शाजापुर जिले में थाना अवंतीपुर बड़ोदिया, थाना कालापीपल, थाना अकोदिया एवं थाना सुनेरा में कितने-कितने गांव, कुल कितनी-कितनी जनसंख्या तथा क्षेत्रफल कितना-कितना है? थानेवार सूची देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित थानों में वर्ष 2010 से 2015 तक कितने अपराध पंजीबद्ध हुए है? थानेवार चार्ट देवें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) नवीन थाना/चौकी की स्थापना हेतु निर्धारित मापदण्ड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’स’ अनुसार है।
जेलों से फरार कैदी
91. ( क्र. 5988 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. की जेलों में से वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक कितने कैदियों के फरार होने की घटना घटित हुई? इसमें कितने कैदी विचाराधीन एवं कितने सजायाफ्ता थे? नाम एवं पते सहित सूची देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार म.प्र. की जेलों से फरार कैदियों में से कितने कैदियों को वापस बंदी बना लिया है? सूची देवें? (ग) म.प्र. की जेलों में से फरार विचाराधीन एवं सजायाफ्ता कैदी किन-किन धाराओं के तहत बंदी थे? नामवार/जेलवार सूची देवें? (घ) म.प्र. की जेलों में से फरार कैदियों के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? जिम्मेदारों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम क्रमांक-6 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम क्रमांक-4 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम क्रमांक-7 एवं 8 अनुसार है।
बड़ी होटलों में अनियमितता
92. ( क्र. 6003 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधायक के तारांकित प्रश्न क्र. 253, प्रश्नोत्तरी सूची क्र. 6, दिनांक 31 जुलाई, 2015 का उत्तर उपलब्ध करायें? (ख) क्या इन्दौर, उज्जैन संभाग में बड़े-बड़े होटल मालिकों की अधिकारियों की सेटिंग से सब्सिडी वाली टंकिया होटलों में व्यावसायिक कार्य हेतु प्रयोग की जा रही हैं? यदि नहीं, तो 1 जनवरी 2015 के पश्चात् इंदौर, उज्जैन संभाग में खाद्य आपूर्ति अधिकारी द्वारा कहाँ-कहाँ पर किन-किन होटलों में सब्सिडी वाली टंकियों को व्यावसायिक उपयोग हेतु पकड़ा गया? प्रतिष्ठान का नाम, स्थल जाँचकर्ता अधिकारी का नाम सहित जानकारी देवें? (ग) उक्त संभाग में खाद्य अधिकारी द्वारा कब-कब, किस-किस बड़ी होटलों का निरीक्षण किया गया, उनमें क्या कमियां पायी गयीं? जाँच अधिकारी का नाम, पायी गयी कमियां सहित जानकारी देवें?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है, जो मूल प्रश्न के उत्तर में संबंधित विभाग द्वारा दी जाएगी। (ख) ऐसा कोई मामला विभाग प्रकाश में नहीं आया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
ऑन-लाईन खरीदी में उपभोक्ता की शिकायत
93. ( क्र. 6005 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. ऑन-लाईन व्यापार करने वाली कितनी कंपनिया रजिस्टर्ड हैं? रजिस्टर्ड कंपनियों की सूची उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित कंपनियों के व्यापार व्यावसाय को लेकर इन्दौर, उज्जैन संभाग में कितनी शिकायत उपभोक्ता संरक्षण परिषद् को प्राप्त हुई व उन पर क्या कार्यवाही की गयी? (ग) क्या विभाग मानता है कि ऑन-लाईन खरीदी कि शिकायतों को लेकर अलग से नए नीति निर्देश बनाये जाने की आवश्यकता है? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो ऑन-लाईन खरीदी से ग्राहक को हो रहे शोषण से बचाने के लिए विभाग ने कब, किस स्थल पर जागरूकता शिविर आयोजित किये?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) ऑन-लाईन व्यापार करने वाली वाली कंपनियों का पंजीयन राज्य सरकार द्वारा नहीं किया जाता है।, (ख) उपरोक्त (क) के संदर्भ में कंपनियों के व्यापार को को लेकर इन्दौर एवं उज्जैन संभाग में उपभोक्ता संरक्षण परिषद् को कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, अपितु इन्दौर एवं उज्जैन संभाग अंतर्गत गठित जिला उपभोक्ता फोरम में प्राप्त शिकायतों की जानकारी एवं उक्त प्राप्त शिकायतों में उपभोक्ताओं की सुनवाई जिला उपभोक्ता फोरम में किया जाकर प्रकरणों का निराकरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।, (ग) इस विषय पर भारत सरकार द्वारा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम से संशोधन प्रस्तावित होने से राज्य स्तर से पृथक से कार्यवाही की आवश्यकता नहीं है।
राशन दुकानों से खाद्यान्न वितरण
94. ( क्र. 6012 ) श्री संजय पाठक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र विजयराघगढ़ में किस वितरण केन्द्र में कितने गरीबी रेखा एवं अतिगरीब व अन्य प्रकार के राशन कार्ड स्वीकृत है जिन्हें शासन के निर्धारित दर पर राशन उपलब्ध कराया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के केन्द्रों को जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितना खाद्यान्न तथा अन्य सामग्रियां आवंटित कर भंडारित किया केन्द्रवार जानकारी देवें तथा प्राप्त सामग्री किस माह में कितनी वितरित की गयी तथा कितनी वितरण हेतु शेष थी? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में ऐसे कितने हितग्राही थे जिन्हें विगत तीन माह से खाद्यान्न वितरण नहीं किया गया, तथा यह भी बतावें कि किस कारण से खाद्यान्न एवं वितरण सामग्री कार्डधारक को उपलब्ध नहीं करायी गयी? (घ) वितरण केन्द्रवार जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने कार्डधारकों के नाम काटे गये जानकारी देवें तथा कितने के जोड़े गये?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित क्षेत्र में ऐसा कोई हितग्राही नहीं पाया गया जो खाद्यान्न प्राप्त करने के लिए दुकान पर गया और उसे सामग्री से वंचित किया गया। आवंटन अनुसार सामग्री का भण्डारण उचित मूल्य की दुकानों पर कराया गया है। जो पात्र परिवार उचित मूल्य दुकान से सामग्री लेने नहीं आ पाये, उनकी सामग्री शेष स्टॉक के रूप में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -‘ब’ में दर्शायी गई है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है।
आंगनवाड़ी भवन के स्वीकृत प्रस्ताव
95. ( क्र. 6019 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सागर जिले के महिला एवं बाल विकास विभाग में दिनांक 1 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता द्वारा आंगनवाड़ी भवन निर्माण हेतु भेजे गये अनुशंसित प्रस्तावों की उपेक्षा की गयी जबकि अन्य विधानसभा क्षेत्रों में आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति दिये जाते समय माननीय विधायक की अनुशंसा अनुसार ही आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत किये गये हैं? (ख) क्या संयुक्त संचालक बाल विकास सेवा सागर के पत्र क्रमांक 142 दिनांक 10.02.2016 के साथ संलग्न जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास जिला सागर द्वारा प्रदत्त जानकारी अनुसार आंगनवाड़ी के क्रमश: 114+40+15 कुल 169 भवन निर्माण की स्वीकृति में दिनांक 01.05.2015 को तकनीकी स्वीकृति के क्रमांक 254, 28, 29, 02, 255 आदि है और 05.05.2015 को 39, 43, 47 दिनांक 08.05.2015 को 92, 257, 86 दिनांक 15.12.2015 को क्र. 292 और दिनांक 05.04.2015 को क्रमांक 426 ऐसे ही किसी भी दिनांक में किसी भी क्रमांक से तकनीकी स्वीकृतियां जारी की गयी हैं? यदि हाँ, तो क्या यह प्रथम दृष्ट्या विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों की कार्य के प्रति लापरवाही, स्वेच्छाचारिता और मनमानी नहीं है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में उत्तरदायित्व का निर्धारण कर संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। विभाग द्वारा आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु ग्रामों के चयन में अनुसूचित जनजाति, अनसूचित जाति, बाहुल्य ग्रामों एवं बसाहटों एवं अति कुपोषण की दरों वालें क्षेत्रों को प्राथमिकता दिये जाने तथा इन प्राथमिकताओं के आधार पर जिले के मान. सांसद/विधायक व अन्य जनप्रतिनिधि से आवश्यक भवनविहीन आंगनवाड़ी के लिये भवन निर्माण के प्रस्तावों की अनुशंसा प्राप्त करने के निर्देश प्रसारित है। सागर जिले में जिला स्तर पर मान. विधायक की ओर से 12 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु अनुशंसाएँ प्राप्त हुई थी। इनमें से 3 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति जिला स्तर से दी जा चुकी है तथा शेष आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु खसरा नक्शा प्राप्त कर मनरेगा योजना के अभिसरण से निर्मित होने वाले आंगनवाड़ी भवनों की स्वीकृति में इन्हें प्रावधानित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘क’ अनुसार है। (ख) तकनीकी विभाग के अनुसार प्रत्येक विकासखंड से सहायक यंत्री द्वारा अलग-अलग तकनीकी पंजी का संधारण किया जाता है उक्त स्थिति में अलग-अलग विकासखण्ड के लिये अलग-अलग क्रमांक एक ही दिनांक में जारी किये गये है। तदानुसार (114+40+15 कुल 169) भवन निर्माण की स्वीकृतियां जारी की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ख’ अनुसार है। (ग) अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
डायल 100 सेवा
96. ( क्र. 6020 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन अंतर्गत गृह विभाग द्वारा प्रत्येक जिले में डायल 100 योजना के तहत चार पहिया वाहन किस जिले को कितने उपलब्ध कराये गये हैं? संख्यात्मक जानकारी देवें? (ख) क्या शासन की डायल 100 योजना को आशातीत सफलता प्राप्त हुई है और इसकी 24 घंटे की तत्परतापूर्ण सेवा से अपराध पर तथा अपराधियों पर दबाब बढ़ा है? जिससे अपराध का ग्राफ भी कम हुआ है? महिलाओं की सुरक्षा की दृष्टि से भी डायल 100 सेवा महत्वपूर्ण है? (ग) यदि हाँ, तो क्या इन वाहनों में फर्स्ट पार्टी बीमा नहीं कराया गया है? जिससे यदि कभी कोई दुर्घटना घटित हो जाये तो इन वाहनों पर ड्यूटी पर तैनात अधिकारी एवं कर्मचारी के परिवारों को अलग से क्या एक्सीडेंटल बीमा की राशि दी जावेगी? या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या शासन प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में उक्त वाहनों का फर्स्ट पार्टी बीमा करायेगी? अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 146 के अंतर्गत पर व्यक्ति जोखिम बीमा (थर्ड पार्टी) कराया गया है। इन वाहनों पर ड्यूटी पर तैनात कम्पनी के स्टॉफ/परिवारों को अलग से कम्पनी द्वारा क्षतिपूर्ति राशि दी जावेगी। (घ) वाहन कम्पनी के स्वामित्व में हैं अतः फर्स्ट पार्टी बीमा कराने का दायित्व नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लापरवाह डॉक्टर के विरूद्ध कार्यवाही
97. ( क्र. 6033 ) श्री आरिफ अकील : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुसूचित जाति वर्ग के राजाराम पुत्र श्री श्यामलाल के इलाज के नाम पर राशि वसूलने के चलते लापरवाही करने वाले डॉ. प्रदीप सक्सेना के विरूद्ध कार्यवाही किए जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 14 जनवरी 2016 को माननीय स्वास्थ्य मंत्री, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, मध्यप्रदेश शासन एवं डीन गांधी मेडिकल कॉलेज को पत्र लिखकर संबंधित डॉक्टर के विरूद्ध कार्यवाही किए जाने का अनुरोध किया था? यदि हाँ, तो क्या मामले की जाँच करने हेतु डीन द्वारा 3 सदस्यीय समिति गठित कर 15 दिवस में प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश जारी किए हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या हमीदिया अस्पताल में स्थापित विभिन्न प्रकार के जाँच उपकरण मरम्मत के अभाव में काफी समय से खराब होने के कारण गरीब रोगियों को प्रायवेट जाँच कराना पड़ती है और लिफ्ट भी खराब है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से जाँच उपकरण एवं लिफ्ट कब-कब से खराब हैं? उनके मरम्मत हेतु कब-कब क्या-क्या प्रयास किए गए? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कार्यवाही को लंबित रखने के क्या कारण हैं व जाँच उपकरण एवं लिफ्ट समय पर मरम्मत नहीं कराने के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? उनके विरूद्ध क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी नहीं। हमीदिया चिकित्सालय, भोपाल के विभिन्न विभागों में स्थापित जाँच उपकरण सुचारू रूप से संचालित किये जा रहे हैं। जो भी उपकरण खराब होते हैं, उनका सुधार कार्य तत्काल कराया जाकर चिकित्सालय में आने वाले मरीजों की जाँच की जाती हैं। अस्पताल प्रबंधन द्वारा किसी भी मरीज को प्राइवेट जाँच कराये जाने हेतु नहीं भेजा गया हैं। हमीदिया चिकित्सालय भोपाल की ओ.पी.डी. ब्लॉक में स्थापित लिफ्ट दिनांक 05/07/2014 से खराब हैं, जिसकी सूचना कार्यालयीन पत्र दिनांक 09/07/2014 एवं पत्र दिनांक 01/08/2014 द्वारा कम्पनी को सुधार कार्य हेतु पत्र जारी किये गये हैं। कार्यालयीन पत्रों के सन्दर्भ में कम्पनी द्वारा दिनांक 12/11/2014 को ई-मेल द्वारा अवगत कराया गया था कि लिफ्ट 25 वर्ष पुरानी होने तथा उसमें प्रयुक्त होने वाले स्पेयर पार्ट्स वर्तमान में उपलब्ध न होने से लिफ्ट का सुधार कार्य संभव नहीं हैं। इसलिए लोक निर्माण विभाग द्वारा नई लिफ्ट लगाये जाने की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) नई लिफ्ट स्थापित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
साम्प्रदायिक दंगे फैलाने वालों के विरूद्ध कार्यवाही
98. ( क्र. 6034 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में माह जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में प्रदेश में कहाँ-कहाँ किन-किन कारणों से कहाँ-कहाँ साम्प्रदायिक दंगे, तनाव, धारा 144 फायरिंग आश्रुगैस के गोले छोड़े गये कितने आरोपियों को गिरफ्तार किया गया तथा कितने गिरफ्तार नहीं हो पाए?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में साम्प्रदायिक दंगा घटित नहीं हुआ है। उक्त अवधि में 44 साम्प्रदायिक तनाव की घटनाये घटित हुई है। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार है।
मरीजों के इलाज हेतु योजनाएं
99. ( क्र. 6041 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गंभीर जानलेवा बीमारियों के इलाज हेतु प्रदेश एवं जिला स्तर पर कौन-कौन सी योजना विभाग द्वारा संचालित की जा रही हैं? (ख) गंभीर बीमारियों के इलाज हेतु पीडि़त व्यक्ति को जिला तथा प्रदेश स्तर पर अधिकतम कितनी राशि किस प्रक्रिया के तहत इलाज हेतु उपलब्ध करायी जाती है? (ग) राशि के अभाव में बी.पी.एल. धारी एवं अन्य गरीब परिवारों के मरीज को तत्काल हेतु जिला तथा प्रदेश स्तर पर क्या-क्या सुविधाएं क्या-क्या औपचारिकता पूर्ण करने पर दी जा रही हैं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) गंभीर जानलेवा बीमारियों के इलाज हेतु राज्य स्तर से राज्य बीमारी सहायता निधि/मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना एवं मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना एवं दीनदयाल अत्योदय उपचार योजना का विकेन्द्रीकरण कर जिला स्तर से संचालित की जा रहीं है। उक्त योजनाओं की निगरानी राज्य स्तर से की जाती हैं। (ख) गरीबी रेखा के नीचे एवं अन्य गरीब परिवारों के मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने पर दीनदयाल अत्योदय उपचार योजनांतर्गत कार्डधारी हितग्राहियों को राशि रूपये 30.000/- तक ईलाज की सुविधा है। सभी मरीजों को निःशुल्क उपचार, जांचें एवं भोजन की व्यवस्था शासन द्वारा जिला स्तर पर चिकित्सालयों में उपलब्ध कराई जाती हैं। प्रदेश स्तर पर संचालित योजनाओं में राज्य बीमारी सहायता निधि का विकेन्द्रीकरण कर जिला स्तर पर स्वीकृति के अधिकार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दिये गये हैं। योजनांतर्गत चिन्हित बीमारियों के उपचार हेतु न्यूनतम राशि रूपये 25,000/- से अधिकतम राशि रूपये 2,00,000/- स्वीकृत कर संबंधित अस्पताल को उपलब्ध कराई जाती है। मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजनांतर्गत 0 से 15 वर्ष तक के बच्चों के उपचार हेतु अधिकतम राशि रूपये 1,00,000/- स्वीकृत करने के अधिकार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकार को दिये गये हैं। मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना के विकेन्द्रीकरण के पश्चात संभागीय संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवायें स्तर पर तकनीकी समिति की अनुशंसा अनुसार राशि रूपये 6,50,000/- दो किश्तों में चिन्हित अस्पतालों को उपलब्ध कराई जाती है। आवेदक द्वारा संलग्न प्रोफार्मा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार आवेदन की पचारिकता पूर्ण करने पर स्वीकृति दी जाती है। (ग) उत्तर (ख) में समाहित है।
आगजनी की घटना की जाँच एवं दोषयों के विरूद्ध कार्यवाही
100. ( क्र. 6062 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल स्थित खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग मुख्यालय में दिनांक 05 एवं 06.11.2015 की दरम्यानी रात को कथित आगजनी की घटना की जाँच पुलिस थाना शाहजहांनाबाद भोपाल के द्वारा किन-किन विशेषज्ञ के साथ पूर्ण की गई? पुलिस जाँच निष्कर्ष में आगजनी के लिए किन-किन जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों को आरोपी बनाया जाकर उनकी गिरफ्तारी की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में आगजनी एवं अन्य संबंध में मुख्यालय में पदस्थ किन अपर कलेक्टर स्तर के अधिकारियों के विरूद्ध माह नवम्बर 2015 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब शिकायतें प्राप्त हुई? उन शिकायतों की जाँच किस स्तर के अधिकारियों द्वारा की गई और जाँच निष्कर्ष के आधार पर क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनाधिकारी द्वारा कार्यवाही करना
101. ( क्र. 6065 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में खाद्य विभाग द्वारा 4/8/2012 को नगर पालिका छतरपुर के वार्ड क्रमांक 20, 22, 25 एवं 26 की शासकीय उचित मूल्य की दुकान को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किए गए थे? किस अधिकारी द्वारा, मूल पद एवं नाम बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में किस अधिकारी द्वारा किस प्रकार का निराकरण किया गया? उक्त अधिकारी का मूल पद एवं नाम बताएं? (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में निराकरण करने वाले अधिकारी को निराकरण की शक्तियां शासन द्वारा प्रदत्त की गई थी? हाँ या नहीं में जवाब दें। (घ) प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में यदि हाँ, तो उन शक्तियों की प्रमाणित प्रतियां प्रस्तुत की जावे? (ड.) प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में यदि नहीं, तो क्या शासन दोषी अधिकारी के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। श्री जे.के. श्रीवास्तव, अपर कलेक्टर प्रभारी अधिकारी (खाद्य) द्वारा उक्त कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गए थे। (ख) श्री नारायण शर्मा, सहायक आपूर्ति अधिकारी जो कि प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी भी थे, के द्वारा इन प्रकरणों का अंतिम निराकरण किया गया। इनके द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रत्येक शासकीय उचित मूल्य दुकानों से 3,000 रूपये प्रतिभूति राशि राजसात कर निर्धारित शीर्ष में जमा करायी गई।, (ग) जी नहीं, कलेक्टर कार्यालय, छतरपुर के पत्र क्रमांक 1465/खाद्य/स्थापना/2012 दिनांक 20.09.2012 द्वारा श्री नारायण शर्मा को जिला आपूर्ति अधिकारी का प्रभार दिया गया था। जिससे शक्तियां स्वत: प्राप्त हो जाती हैं। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) प्रश्नांश 'ग' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रोगी कल्याण समिति द्वारा राशि का दुरूपयोग
102. ( क्र. 6066 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रोगी कल्याण समिति छतरपुर के पास 1 जनवरी 2010 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि किस-किस मद से आई? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्राप्त राशि को किस-किस कार्य में खर्च किया गया? (ग) रोगी कल्याण समिति छतरपुर की उक्त अवधि में कितनी साधारण सभा व कार्यकारिणी सभा की बैठक हुई? बैठक में कौन-कौन उपस्थित रहा? पृथक-पृथक बैठक दिनांक व उपस्थिति सहित बतायें? (घ) रोगी कल्याण समिति के पास प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि किस-किस मद में जमा है? (ड.) रोगी कल्याण समिति में प्रश्न दिनांक में कौन-कौन पदाधिकारी व सदस्य हैं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) रोगी कल्याण समिति के पास प्रश्न दिनांक तक रूपये 72,40,687=28 पैसे भारतीय स्टेट बैंक कृषि विकास छतरपुर के पास जमा है। (ड.) रोगी कल्याण समिति छतरपुर जिले की साधारण सभा एवं कार्यकारिणी समिति के पदाधिकारियों एवं सदस्यों की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
वाहन चोरी के पंजीकृत प्रकरण
103. ( क्र. 6072 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला आगर अंतर्गत विगत 03 वर्षों में कितने वाहन चोरी के प्रकरण पंजीबद्ध किए गए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कितने आवेदन प्राप्त हुए? इनमें से कितनों में एफ.आई.आर. की जाकर कार्यवाही की गई एवं कितनों में वाहन जब्त कर संबंधितों को पुन: लौटाये गये हैं? कृपया थानेवार जानकारी देवें? (ग) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत थानेवार स्वीकृत व रिक्त पदों की जानकारी देवें? न्यूनतम कितने पद महिलाओं हेतु आरक्षित हैं? इनमें से कितने रिक्त हैं? रिक्त पदों की पूर्ति हेतु क्या कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या? (घ) लम्बे समय से एक ही स्थान पर कार्यरत कर्मचारियों के स्थानांतरण का कोई प्रावधान है? यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत ऐसे कितने कर्मचारी हैं, जो लम्बे समय से कार्यरत हैं? क्या इनके स्थानांतरण किये जावेंगे?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जिला आगर अंतर्गत विगत तीन वर्षों में वाहन चोरी के कुल 184 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ग) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत थानों में निरीक्षक से आरक्षक तक के स्वीकृत, उपलब्ध एवं रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। महिलाओं के लिए अलग से कोई पद स्वीकृत नहीं है। परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार रिक्त पदों की पूर्ति आगामी समय में सीधी भर्ती/पदोन्नति से की जाएगी। (घ) जी हाँ। पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार किसी एक थाने में किसी कर्मचारी की एक पद पर पदस्थापना सामान्यतः 04 वर्ष तथा अधिकतम 05 वर्ष से अधिक नहीं हो। विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत आने वाले थानों में 05 वर्ष की अवधि से अधिक समय से कोई भी अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ नहीं है।
विधानसभा क्षेत्र में खाद्यान्न वितरण व्यवस्था
104. ( क्र. 6076 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कितने परिवारों को खाद्यान्न पर्ची आवंटित है? क्षेत्र में कितने BPL, ADY परिवार हैं व उनमें कितने सदस्य है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार आवंटित खाद्यान्न पर्ची में दर्ज सदस्य संख्या का कूपन में अंकित सदस्य संख्या से एवं कूपनों की संख्या का पात्रता पर्चियों की संख्या से मिलान किया जाता है? यदि हाँ, तो कब किया गया? (ग) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत ग्राम-भण्डावद में कितनी पात्रता पर्चियां आवंटित है एवं कूपनधारी कितने हैं? क्या फर्जी पात्रता पर्ची होने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्या स्व-प्रेरणा से जाँच की जाकर कार्यवाही होगी? (घ) विधान सभा क्षेत्र सुसनेर में शासकीय उचित मूल्य दुकानों पर खाद्यान्न व अन्य सामग्री किस एजेन्सी/ठेकेदारों द्वारा परिवहन कर पहुँचाई जा रही है?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत 50,190 पात्र परिवारों को सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) उपलब्ध कराई गई है, इस क्षेत्र में अन्त्योदय अन्न योजना के 5,704 एवं प्राथमिकता परिवार अंतर्गत बी.पी.एल. श्रेणी के 40,878 परिवार हैं, जिनमें सदस्य संख्या क्रमश: 24,042 एवं 1,89,171 है। (ख) पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की जाती है। कूपन की कोई व्यवस्था वर्तमान में प्रचलित नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत ग्राम-भण्डावद में 375 पात्र परिवारों को सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची जारी की गई हैं। ग्राम-भण्डावद में फर्जी पात्रता पर्ची होने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। ग्राम-भण्डावद में पात्र परिवारों के सत्यापन उपरांत ही पात्रता पर्ची जारी किये जाने एवं कोई शिकायत प्राप्त न होने के कारण जाँच का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत संचालित शासकीय उचित मूल्य दुकानों पर खाद्यान्न, नमक एवं शक्कर का प्रदाय मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज़ कार्पोरेशन द्वारा द्वार प्रदाय योजनांतर्गत अनुबंधित परिवहनकर्ता मेसर्स गोपी रोड लाईंस, आगर प्रो. शिवनारायण गुप्ता एवं मेसर्स आर.आर. ट्रांसपोर्ट, भोपाल प्रो. मोहम्मद रिज़वान खान द्वारा किया जा रहा है। सोयत नगर की 03 एवं जनपद पंचायत सुसनेर की 10 उचित मूल्य दुकानों पर थोक डीलर मेसर्स संतोष ऑयल एजेंसी सुसनेर द्वारा सीधे एवं विधानसभा क्षेत्र की शेष उचित मूल्य दुकानों पर मेसर्स संतोष ऑयल एजेंसी, सुसनेर एवं मेसर्स महावीर केरोसीन एजेंसी, नलखेड़ा केरोसीन थोक डीलर द्वारा केरोसीन सेमी-होलसेलर कृषि साख संस्था सुसनेर एवं मार्केटिंग सोसायटी नलखेड़ा के माध्यम से केरोसीन का प्रदाय किया जा रहा है।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण की योजना
105. ( क्र. 6096 ) श्री सचिन यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में जननी सुरक्षा योजनांतर्गत कितनी राशि का आवंटन किया गया और उक्त राशि में से कितनी राशि का वितरण विगत तीन वर्षों में किया गया? (ख) क्या उक्त राशि के वितरण में हुई अनियमितताओं के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई हैं? हाँ तो कितनी-कितनी और उस पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) कसरावद विधानसभा क्षेत्र में उक्त योजनांतर्गत महिलाओं को राशि का वितरण नहीं किया जा रहा है, इसके क्या कारण हैं? जाँच कर बतायें कि ऐसा क्यों किया जा रहा है और इस अनियमितता किये जाने में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है कि खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) प्रश्नांश (ग) दर्शित जाँच के दौरान कितनी महिलाओं को उक्त योजनांतर्गत राशि प्राप्त नहीं हुई है? इन्हें कब तक राशि का वितरण कर दिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) खरगोन जिले में जननी सुरक्षा योजनांतर्गत विगत तीन वर्षों में आवंटन एवं वितरित राशि की जानकारी निम्नांकित है :-
वर्ष |
आवंटन |
वितरित राशि |
2013-14 |
5,65,92,200 |
5,29,79,990 |
2014-15 |
5,31,30,000 |
4,29,44,137 |
2015-16 |
5,45,05,600 |
2,90,60,252 |
कुल राशि |
16,42,27,800 |
12,49,84,379 |
(ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जाँच में लापरवाही परिवर्तित हुई है। खण्ड चिकित्सा अधिकारी, खण्ड कार्यक्रम प्रबंधक, खण्ड लेखा प्रबंधक के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा रही है। (घ) जाँच के दौरान 408 महिलाओं का भुगतान लंबित है। इनमें से 200 महिलाओं का भुगतान प्रक्रियाधीन है। शेष महिलाओं का भुगतान हितग्राहियों के बैंक खाता क्रमांक प्राप्त होने पर यथाशीघ्र कर दिया जायेगा।
मोतियाबिंद ऑपरेशन में लापरवाही
106. ( क्र. 6097 ) श्री सचिन यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत एक वर्ष से प्रश्न दिनांक तक जिला बड़वानी, श्योपुर एवं सतना (चित्रकूट) में मोतियाबिंद के ऑपरेशन कैंप के दौरान कितने-कितने मरीजों के ऑपरेशन किये गये उनमें से कितने मरीजों की आँखों की रोशनी चली गई तथा उन्हें सरकार द्वारा किस प्रकार की आर्थिक सहायता दी गई? (ख) प्रश्नांश (क) की लापरवाही में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी पाये गये और उनके खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही की गई? पदनाम सहित जानकारी दें? क्या बड़वानी कैंप के दौरान लगातार उक्त दो जिलों में घोर लापरवाही किये जाने में शासन स्तर पर भी कौन-कौन जिम्मेदार है? पदनाम सहित जानकारी दें? (ग) उक्त जिलों में की गई लापरवाही की जाँच किन-किन अधिकारियों द्वारा की गई? उनके पदनाम सहित जानकारी दें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विगत एक वर्ष से दिनांक 15.02.2016 तक जिला चिकित्सालय बड़वानी में 1134 जिला चिकित्सालय श्योपुर में 96 तथा जिला सतना में 106834 मोतियाबिंद ऑपरेशन किये गये। ग्रामीण क्षेत्रों में केवल रोगियों के नेत्र परीक्षण कैंप लगाया जाता है व चिन्हित रोगियों के मोतियाबिंद ऑपरेशन सुविधायुक्त जिला चिकित्सालय में किये जाते हैं। जिला चिकित्सालय बड़वानी में दिनांक 16 से 23 नवम्बर 2015 को कुल 86 रोगियों में से 68 रोगियों के दृष्टिबाधित हुई, जिला श्योपुर एवं सतना में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के दौरान किसी भी रोगी की आंखो की दृष्टिबाधित नहीं हुई है। राज्य सरकार द्वारा बड़वानी जिले के दृष्टिबाधित 68 रोगियों को 2 लाख सहायता राशि एकमुश्त भुगतान की गयी तथा 65 रोगियों को आजीवन पाँच हजार प्रतिमाह सहायता राशि दिसम्बर 2015 से भुगतान की जा रही है। (ख) बड़वानी जिले में संचालक के निरीक्षण उपरांत प्रथम दृष्टतया दोषी डॉ. अमर सिंह विश्नार, सिविल सर्जन जिला चिकित्सालय बड़वानी, डॉ. आर.एस. पलोड, नेत्र रोग विशेषज्ञ, श्री प्रदीप चोगडे नेत्र सहायक, श्रीमति लीला वर्मा, स्टॉफ नर्स विनिता चौकसे, स्टॉफ नर्स, शबानावली मंसूरी, स्टॉफ नर्स, माया चैहान, स्टॉफ नर्स को दोषी पाया गया जिनको निलंबित कर दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’1’’ अनुसार। जिला श्योपुर में संचालक तथा उप संचालक (नेत्र) तथा क्षेत्रीय संयुक्त संचालक ग्वालियर द्वारा जाँच की गयी। जाँच के उपरांत, मरीजों के पूर्ण रिकार्ड संधारण न करने के कारण श्री गंगासिंह जाटव (बहुउद्देशीय कार्यकर्ता), श्री मातादीन जाटव, बहुउद्देशीय कार्यकर्ता को एवं नेत्र सहायक महेन्द्र प्रताप सिंह को निलंबित किया गया तथा तीन नेत्र सहायकों क्रमशः रवि किशोर दीक्षित, संजीव यादव आर्दश सक्सेना को कारण बताओ नोटिस जारी किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’2’’ अनुसार। संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें मध्यप्रदेश द्वारा डॉ. एस.के. तिवारी, प्रभारी सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक जिला श्योपुर, डॉ. निर्मला छत्रसाली, नेत्र चिकित्सक मेडिकल कॉलेज ग्वालियर, डॉ. आर.के. गुप्ता, नेत्र चिकित्सक, मेडिकल कॉलेज ग्वालियर को अनुशासनात्मक कार्यवाही कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’3’’ अनुसार। कोई नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) बड़वानी जिले में डॉ. बी.एन. चैहान, संचालक, एन.एच.एम. तथा डॉ. हेमन्त सिन्हा, उप संचालक, नेत्र द्वारा जाँच की गयी। शासन स्तर से उच्च स्तरीय जाँच दल श्री ए.पी. श्रीवास्तव अपर मुख्य सचिव (वित्त विभाग), डॉ. एम.के.राठौर अधिष्ठाता, एम.जी.एम. चिकित्सा महाविद्यालय इन्दौर एवं डॉ. देवाशीष विश्वास विभागाध्यक्ष, माइक्रोबायलॉजी विभाग, एम्स भोपाल द्वारा जाँच की गई। जिला चिकित्सालय श्योपुर की शिकायत की डॉ. अर्चना शिग्नवेकर, क्षेत्रीय संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवायें ग्वालियर एवं डॉ. हेमन्त सिन्हा, उप संचालक, स्वास्थ्य सेवायें भोपाल तथा डॉ. के.एल. साहू, संचालक, स्वास्थ्य सेवायें भोपाल की उपस्थिति में जाँच की गयी। सतना जिले की शिकायत की जाँच कलेक्टर सतना द्वारा गठित जाँच दल डॉ. आर.जी. चौरसिया (जिला कार्यक्रम प्रबंधक अधंत्व), डॉ. नरेन्द्र शर्मा (मेडिसिन विशेषज्ञ), डॉ. अरूण त्रिवेदी (नेत्र चिकित्सक), डॉ. ए. कुम्हार (औषधि निरीक्षक), श्री ह्देश श्रीवास्तव (नेत्र सहायक) द्वारा की गयी। क्षेत्रीय संयुक्त संचालक रीवा द्वारा गठित टीम श्री चारूदत्त सहा. प्राध्यापक, श्यामशाह चिकित्सा महाविद्यालय रीवा, डॉ. आसू सिंह संभागीय मातृ स्वास्थ्य सलाहकार, डॉ. ज्ञानेश मिश्रा जिला कार्यक्रम अधिकारी अधंत्व रीवा द्वारा भी सतना जिले की शिकायत की जाँच की गयी।
नरसिंहगढ़ के उप-स्वास्थ्य केन्द्र कुरावर का उन्नयन
107. ( क्र. 6116 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत उप-स्वास्थ्य केन्द्र कुरावर की स्थापना कब हुई थी एवं स्थापना के समय कितने बिस्तर का चिकित्सालय था व वर्तमान में कितने बिस्तर का अस्पताल है? (ख) उप-स्वास्थ्य केन्द्र कुरावर की स्थापना के समय एवं वर्तमान में आबादी में कितना अंतर आया है? (ग) क्या बढ़ती हुई आबादी को ध्यान में रखकर इस उप-स्वास्थ्य केन्द्र को स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन करने पर विचार किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो उपचार की वैकल्पिक व्यवस्था क्या होगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र के ग्राम कुरावर में उप-स्वास्थ्य केन्द्र/सिविल डिस्पेन्सरी की वर्ष 1966 में स्थापना हुई थी। स्थापना के समय कोई बिस्तर स्वीकृत नहीं थे। वर्ष 1987 में 06 बिस्तरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन किया गया था। वर्ष 2010-11 में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को (बीमॅाक) संस्था के रूप में चिन्हित किया गया है। वर्तमान में 10 बिस्तर का अस्पताल है। (ख) सिविल डिस्पेन्सरी कुरावर की स्थापना के समय से वर्तमान आबादी में लगभग छ: गुना बढोत्तरी हुई है। वर्तमान में कुरावर की आबादी लगभग-16000 है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। पदस्थ 02 चिकित्सक (डॉ. नरेश गवली व डॉ. अनिता खटीक) के द्वारा कुरावर क्षेत्र की जनता को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
अनुकंपा नियुक्ति
108. ( क्र. 6117 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी 2005 से 31 दिसम्बर 2007 के बीच राजगढ़ जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कितनी अनुकंपा नियुक्तियां हुई? उनकी सूची देवें? क्या वे समस्त अनुकंपा नियुक्ति शासन के नियमों के अनुरूप है? (ख) क्या तत्कालीन सी.एस. डॉ. आर.के. जैन द्वारा किसी कर्मचारी को नियम विरूद्ध पदस्थापना का हवाला देकर ज्वाईन कराने से मना कर दिया था? तो उक्त कर्मचारी की कालीपीठ में किस नियम से नियुक्ति हुई है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) 01 जनवरी 2005 से 31 दिसम्बर 2007 के बीच राजगढ़ जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कितनी 09 अनुकंपा नियुक्तियां की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। नहीं, अनुकंपा नियुक्ति के अधिकार सिविल सर्जन को नहीं होने से सूची में अंकित क्रमांक 01 से 03 अनुकंपा नियुक्ति, नियमों के अनुरूप नहीं है। (ख) तत्कालीन सिविल सर्जन कार्यालय राजगढ़ डॉ. आर.के. जैन द्वारा किसी कर्मचारी को नियम विरूद्ध पदस्थापना का हवाला देकर ज्वाईन करने से मना किये जाने संबंधी प्रकरण कार्यालयीन अभिलेख अनुसार उपलब्ध नहीं है। प्रश्नांकित अवधि में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कालीपीठ पर किसी कर्मचारी की नियुक्ति नहीं की गई।
रिक्त पदों की पूर्ति
109. ( क्र. 6122 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ एवं छतरपुर जिलों के जिला मुख्यालय स्वास्थ्य केन्द्रों, सिविल अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं उप-स्वास्थ्य केन्द्रों में कहाँ-कहाँ प्रश्न दिनांक तक किस अधिकारी एवं कर्मचारी के एवं अन्य स्टॉफ के किस श्रेणी के पद स्वीकृत है और किस के भरे एवं किस के रिक्त है? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर ऐसे रिक्त पदों को भरे जाने हेतु विभाग द्वारा शासन द्वारा एवं जिला मुख्यालय द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि ऐसे रिक्त पदों को भरा जावेगा तो कब तक, ओर नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) टीकमगढ़ जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार एवं छतरपुर जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) वर्ष 2015 में लोक सेवा आयोग से चयन उपरांत 14 चिकित्सकों की पदस्थापना टीकमगढ़ जिले अंतर्गत की स्वास्थ्य संस्थाओं में की गई, इसी प्रकार छतरपुर जिले अंतर्गत 17 चिकित्सा अधिकारियों की पदस्थापना की गई है। बंधपत्र के अनुक्रम में 06 चिकित्सकों की पदस्थापना टीकमगढ़ एवं 01 चिकित्सक की पदस्थापना छतरपुर जिले अंतर्गत की गई है। पैरामेडिकल संवर्ग की सीधी भर्ती की प्रक्रिया के उपरांत छतरपुर में 20 फार्मासिस्ट ग्रेड-1 एवं 02 लैब टेक्नीशियन का आवंटन किया गया है। टीकमगढ़ जिले में 10 फार्मासिस्ट ग्रेड-2, 01 रेडियोग्राफर एवं 01 लैब टेक्नीशियन का आवंटन किया गया है। पदपूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है। (ग) उत्तरांश ’’ख’’ के संदर्भ में विभाग रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निरंतर प्रयास कर रहा है, पदोन्नति की कार्यवाही निरंतर जारी है, पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
नवीन थाने एवं चौकियां
110. ( क्र. 6123 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ एवं छतरपुर दोनों जिलों में स्वीकृत पुलिस थाने एवं चौकियों में कितना पुलिस बल है और कितना अमला प्रश्न दिनांक तक कार्यरत है? शेष अमला भेजा जावेगा तो कब तक और नहीं तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि कहाँ-कहाँ पुलिस थानों में प्रश्न दिनांक तक 100 नंबर डायल वाहन भेजे जा चुके हैं और कहाँ-कहाँ क्यों नहीं? जहाँ नहीं भेजे गये वहां ऐसे वाहन कब तक भेज दिये जावेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि प्रश्न दिनांक तक अभी दोनों जिलों में कहाँ-कहाँ नवीन थाने एवं नवीन पुलिस चौकियां खोले जाने हेतु पुलिस अधीक्षकों ने प्रस्ताव कब गृह विभाग को भेजे हैं? प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई ऐसे प्रस्तावों पर अमल कराने शासन कब तक कार्यवाही करेगा? कब तक नवीन पुलिस थाने एवं चौकियां खोल दी जावेंगी?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। पदोन्नति एवं भर्ती प्रक्रिया से रिक्त पदों की पूर्ति निरन्तर की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जिला छतरपुर हेतु दिनांक 19 नवम्बर 2015 को 20 एफ.आर.वी. वाहन तथा जिला टीकमगढ़ हेतु दिनांक 06 जनवरी 2016 को 12 एफ.आर.वी. वाहन उपलब्ध करा दिये गये हैं। टीकमगढ़ व छतरपुर के जिला पुलिस अधीक्षकों द्वारा जिलों के समस्त थानों के क्षेत्राधिकार को चिन्हित कर इन वाहनों द्वारा ही कार्य सम्पादन कराया जा रहा है। आगामी वर्ष 2016-17 में टीकमगढ़ एवं छतरपुर जिले हेतु 05-05 वाहन और आवंटित किये जाने का प्रावधान है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) वर्तमान आर्थिक परिस्थितियों में नवीन चैकी/थाना उन्नयन में कठिनाई है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार।
सागर चिकित्सा महाविद्यालय को एम.सी.आई. की अनुमति
111. ( क्र. 6130 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रं. 902 दिनांक 11 दिसम्बर 2015 के संदर्भ में बतावें कि क्या एम.सी.आई. द्वारा दिनांक 20.11.2015 को किये गये निरीक्षण की अनुशंसा प्राप्त की गई है? (ख) सागर चिकित्सालय महाविद्यालय की जिन बिन्दुओं के कारण 2015-16 में अनुमति नहीं हुई उनका क्रमवार उल्लेख करें, प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 902 के उत्तर के खण्ड (ख) के अनुसार दर्शायी गयी कमियां क्या थी तथा उसमें से कौन-कौन सी पूर्ति कर दी गई है? (ग) वर्ष 2015-16 के लिये MCI से अनुमति न होने के बाद भी आर.के.डी.एफ. तथा मॉडर्न मेडिकल कॉलेज को काउन्सलिंग में भाग लेने की अनुमति किसके द्वारा किस आधार पर दी गई संपूर्ण जानकारी देवें? (घ) वर्ष 2015-16 के लिये निजी चिकित्सा महाविद्यालय में MBBS प्रथम वर्ष में प्रवेशित विद्यार्थियों की सूची प्रदान करें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) एम.सी.आई. के निरीक्षण दल द्वारा दर्शाई गई कमियों का पालन प्रतिवेदन अधिष्ठाता, बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय, सागर द्वारा दिनांक 31/12/2015 को एम.सी.आई. नई दिल्ली को पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार भेजा गया है। (ग) निजी चिकित्सा महाविद्यालय आर.के.डी.एफ. भोपाल को माननीय उच्च न्यायालय नई दिल्ली द्वारा याचिका क्रमांक 9663/2015 में पारित निर्णय दिनांक 09/10/2015 एवं आदेश दिनांक 12/10/2015 तथा मॉडर्न मेडिकल कॉलेज, इन्दौर को माननीय उच्च न्यायालय इन्दौर में याचिका क्रमांक 6447/2015 में पारित निर्णय दिनांक 29/09/2015 के परिपालन में ए.आई.पी.एम.टी. 2015 रैंक के अनुसार संचालक चिकित्सा शिक्षा द्वारा काउंसिलिंग में सीट आवंटन की कार्यवाही की गई थी। (घ) वर्ष 2015-16 के लिये निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में एम.बी.बी.एस. प्रथम वर्ष में प्रवेशित विद्यार्थियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। इण्डेक्स मेडिकल कॉलेज से वर्ष 2015 में प्रवेशित छात्रों की सूची एकत्रित की जा रही है।
टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर
112. ( क्र. 6131 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर में कुल कितने टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर, आई.बी.एफ. सेंटर एवं हॉस्पिटल है? (ख) प्रश्नांक (क) के संदर्भ में इनमें से कितने हॉस्पिटल पंजीकृत एवं कितने अपंजीकृत है? पंजीकरण क्रमांक सहित सूची प्रदान करते हुवे यह बतावें कि इनमें से कितने सेंटरों को या हॉस्पिटलों को शासन द्वारा जमीन प्रदान की गई है? (ग) टेस्ट ट्यूब बेबी के लिये इंडियन कॉउन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च द्वारा जारी नेशनल गाईड लाईन एक्रिडिएशन सुपरविजन एण्ड रेग्युलेशन ऑफ ए.आर.टी. क्लिनीकल इन इंडिया 2005 में क्या मार्गदर्शिका है तथा म.प्र. में इसका कैसे पालन हो रहा है? (घ) राज्य शासन द्वारा शासकीय अस्पतालों में आय.व्ही.एफ. सेंटर क्यों नहीं खोले जाते हैं? प्रदेश में किराये की कोख देने वाली महिलाओं के सुरक्षा के लिये क्या कानून है? इन्हें निजी आय.व्ही.एफ. सेंटर वालों द्वारा एक बार हेतु कितना मानदेय दिया जाता है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) इन्दौर में कुल 16 टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर, आई.बी.एफ. सेंटर एवं हॉस्पिटल है। (ख) प्रश्नांश के संदर्भ में सभी हॉस्पिटल पंजीकृत है। पंजीयन क्रमांक सहित सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कलेक्टर एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी इन्दौर से प्राप्त जानकारी अनुसार उपरोक्त किसी भी सेन्टर को शासन से जमीन नहीं दी गई है। (ग) ए.आर.टी (असिस्टेट रीप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी) ट्यूब बेबी सेंटर के लिये भारत सरकार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा जारी नेशनल गाईड लाईन एक्रिडिएशन सुपरविजन एण्ड रेग्युलेशन ऑफ ए.आर.टी. क्लीनिक इन इंडिया 2005 जारी की गई है। जो आई.सी.एम.आर. की वेबसाईट icmr.nic.in पर उपलब्ध है। उक्त मार्गदर्शिका के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा राज्य एक्रिडियेश्न अथोरिटी स्थापित किया जाना अंकित है। वर्तमान में राज्य में संचालित समस्त आय.व्ही.एफ./जेनेटिक क्लिनिक/जेनेटिक लेबोरेटरी एवं जेनेटिक कांउसिलिंग सेन्टर का पंजीयन, पी.सी.पी.एन.डी.टी. अधिनियम के अन्तर्गत जिला कलेक्टर एवं जिला समुचित अधिकारी, पी.सी.पी.एन.डी.टी. द्वारा किया जाता है। (घ) राज्य शासन द्वारा शासकीय अस्पतालों में आय.व्ही.एफ. सेन्टर खोलने हेतु प्रक्रिया प्रचलन में है। प्रदेश में किराये की कोख देने वाली महिलाओं की सुरक्षा के लिये भारत सरकार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा जारी नेशनल गाईड लाईन एक्रिडिएशन सुपरविजन एण्ड रेग्युलेशन ऑफ ए.आर.टी. क्लीनिक इन इंडिया 2005 मार्गदर्शिका ही है। किराये की कोख देने वाली महिलाओं का मानदेय अधिनियम के द्वारा निर्धारित नहीं है।
अमानक खाद्य पदार्थों पर कार्यवाही
113. ( क्र. 6139 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दि. 01.01.12 से 31.12.15 तक उज्जैन जिले में कितनी अमानक, मिथ्याछाप एवं अन्य मिलावटी, नकली खाद्य सामग्री के प्रकरण बनाये गये? (ख) उपरोक्त प्रकरणों में कितनी दंड राशि वसूली गई एवं कितनी वसूलना शेष हैं? अन्य की गई कार्यवाही भी बतावें? (ग) जिन फर्मों से राशि वसूलना शेष है, उनसे वसूली कब तक कर ली जावेगी? (घ) समय पर दंड राशि वसूल न करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) एवं (घ) शास्ति अधिरोपित करना एवं वसूल करना सक्षम न्यायालय की एक न्यायिक प्रक्रिया है। जिन प्रकरणों में शास्ति राशि की वसूली शेष है, ऐसे प्रकरणों में वसूली हेतु सक्षम न्यायालय को पत्र लिखा गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बैतूल में जननी एक्सप्रेस टेंडर
114. ( क्र. 6142 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले में वर्ष 2015 में जननी एक्सप्रेस के टेंडर हुए हैं? यदि हाँ, तो कब तथा किस-किस की क्या-क्या दरें प्राप्त हुई? (ख) क्या जननी एक्सप्रेस के उक्त टेंडर में प्राप्त दरें पूर्व स्वीकृत दरों से अधिक थी? यदि हाँ, तो पूर्व स्वीकृत दर क्या थी एवं टेंडर में क्या दर प्राप्त हुई? (ग) क्या पिछली स्वीकृत दरों की तुलना में अधिक दरें प्राप्त होने पर भी बगैर कलेक्टर बैतूल के अनुमोदन के दरों को स्वीकृत कर वर्क आर्डर जारी कर दिया गया है? (घ) यदि हाँ, तो क्यों? इसके लिए कौन जिम्मेदार है तथा विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दवा खरीदी में भ्रष्टाचार
115. ( क्र. 6145 ) श्री बाला बच्चन : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मेरे प्रश्न क्र. 3268 दि. 31.07.2015 के उत्तर के अनुसार परिशिष्ट (अ) के पृष्ठ क्र. 157 एवं 158 में जिन फर्मों की निविदा स्वीकृत थी? उनके अतिरिक्त परिशिष्ट (ब) में संबंधित जिलों द्वारा अन्य बिना निविदा स्वीकृति के अन्य फर्मों को सप्लाई आर्डर किस आधार पर दिया गया? (ख) ऐसा किस प्रक्रिया के तहत किया गया कि जो फर्में निविदा में शामिल नहीं थी, उन्हें सप्लाई आर्डर दिया गया? (ग) ऐसा भ्रष्टाचार करने वाले संबंधित अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रश्नकर्ता के पत्रों पर की गई कार्यवाही
116. ( क्र. 6150 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा मुख्य सचिव म.प्र. शासन को पत्र क्रमांक 2157 दिनांक 21.09.2015 एवं पत्र क्रमांक 2938 दिनांक 22.01.2016 लिखा था तथा पत्र क्रमांक 2939 दिनांक 22.01.2016 के प्रमुख सचिव खाद्य विभाग को लिखा था? (ख) प्रश्नांश (क) के मुख्य सचिव को लिखे पत्र पर कार्यवाही हेतु मुख्य सचिव द्वारा पत्र क्रमांक 2015 दिनांक 16.10.2015 एवं पत्र क्रमांक 2016 दिनांक 01.02.2016 से प्रमुख सचिव खाद्य को कार्यवाही हेतु लिखा है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) यदि हाँ, तो उक्त पत्रों की निष्पक्ष जाँच हेतु किसी अन्य विभाग के किसी वरिष्ठ आई.ए.एस. से कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) हिन्द एनर्जी वेयर हाउस कटनी को अवैधानिक भण्डारण को प्रारंभ से लेकर वर्तमान तक का कितना किराया देय है तथा कितना भुगतान कर दिया गया? कितना शेष है?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) प्रकरण की जाँच कॉर्पोरेशन द्वारा क्षेत्रीय प्रबंधक जबलपुर एवं रीवा से जाँच कराई गई है। आगे जाँच की आवश्यकता नहीं है।, (घ) गोदाम संचालक को वर्तमान तक कुल देय राशि रूपये 52,34,190/- है। जिसमें से रूपये 32,55,936/- का भुगतान गोदाम संचालक को किया गया है। राशि रूपये 19,78,254/- भुगतान हेतु शेष है।
स्वास्थ्य केन्द्रों में रिक्त पदों की पूर्ति
117. ( क्र. 6151 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नोत्तरी दिनांक 31.07.2015 में मुद्रित प्रश्न क्रमांक 2418 का उत्तर (क) से (ग) की जानकारी एकत्र की जा रही है दिया गया है? यदि हाँ, तो जानकारी एकत्र कर ली गई होगी प्रदाय करें? (ख) जिले के विधानसभा क्षेत्र बहोरीबंद में कौन-कौन से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र उप-स्वास्थ्य केन्द्र है? इन स्वास्थ्य केन्द्रों में कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं और वर्तमान में इन पदों पर कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ हैं? (ग) उक्त स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्वीकृत पद संख्या आवश्यक पद संख्या के मान से कितने पद रिक्त हैं? विभाग द्वारा बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की प्राथमिकता को मद्देनजर रखते हुए खाली स्वीकृत पदों को कब तक भरा जावेगा? (घ) क्या अधिकारी/कर्मचारियों की ठीक प्रकार से मॉनीटरिंग न होने के कारण बहुत से स्वास्थ्य केन्द्र नियमित नहीं हैं? उक्त स्वास्थ्य केन्द्रों द्वारा गुणवत्ता आधारित स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने हेतु उच्च तकनीक का जैसे जी.पी.एस. अथवा वेव आधारित मॉनीटरिंग सिस्टम डेवलप करने की योजना है? यदि सही है तो कब तक की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। रिक्त पदों को भरने की कार्यवाही निरंतर जारी रहती है। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संदिग्ध हत्यारों की गिरफ्तारी
118. ( क्र. 6158 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मृतक आशीष तोमर की माँ श्रीमती साधना तोमर के माननीय प्रधानमंत्री भारत सरकार को प्रेषित पत्र दिनांक 24.08.2015 के तारतम्य में प्रधानमंत्री कार्यालय नई दिल्ली द्वारा पत्र क्रमांक PMOPG/D/2015/0210620 दिनांक 09.09.2015 द्वारा मुख्य सचिव म.प्र. शासन को प्रकरण में कार्यवाही करने हेतु लिखा गया था? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या मृतक आशीष तोमर की हत्या के संदिग्ध आरोपी मनीष शर्मा दिनांक 27.05.2015 को लगभग शाम 7.30 बजे मृतक के साथ अब्दुल वाजिद खान बार्ड नं. 7 के पास निशांत टॉकीज सिरोंज जिला विदिशा में थे, यह मनीष शर्मा तथा मृतक आशीष तोमर के मोबाईल के कॉल डिटेल की लोकेशन से प्रमाणित होता है? (घ) यदि हाँ, तो प्रभारी अधिकारी एस.डी.ओ.पी. लटेरी की जाँच रिपोर्ट में मनीष शर्मा मृतक आशीष तोमर के साथ नहीं पाये जाने की रिपोर्ट किस आधार पर तैयार की गई?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) श्रीमती साधना तोमर द्वारा मान. राज्यपाल महोदय, मध्यप्रदेश को प्रेषित शिकायत पत्र दिनांक 24.08.2015 पुलिस विभाग को राजभवन, मध्यप्रदेश से पत्र क्रमांक 565 दिनांक 15.09.2015 के संलग्न प्राप्त हुआ था जिसे पुलिस महानिरीक्षक, भोपाल जोन, भोपाल को आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजा गया था। (ख) स्व. आशीष तोमर की हत्या की घटना से संबंधित उपरोक्त शिकायत पत्र की जाँच पुलिस अधीक्षक, विदिशा से कराई गई। घटना के संबंध में थाना सिरोंज, जिला विदिशा में अपराध क्रमांक 165/15 धारा 302 भा.द.वि. में दिनांक 28.05.2015 को अज्ञात आरोपी के विरूद्ध पंजीबद्ध किया गया था जिसकी विवेचना अति.पुलिस अधीक्षक, विदिशा के नेतृत्व में गठित विशेष अनुसंधान दल द्वारा की जा रही है तथा प्रकरण विवेचनाधीन है। पुलिस मुख्यालय से भी प्रकरण की गंभीरता से विवेचना करने के संबंध में निर्देश जारी किये गये हैं। (ग) प्रकरण वर्तमान में विवेचनाधीन है, विवेचना में आये साक्ष्य के आधार पर विधि अनुरूप कार्यवाही की जायेगी। (घ) प्रश्नांश ’घ’ का उत्तर प्रश्नांश ’ग’ में समाहित है।
कैंसर चिकित्सालय एवं शोध संस्थान ग्वालियर
119. ( क्र. 6159 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा गरीब एवं असहाय कैंसर रोगियों के इलाज हेतु राज्य बीमारी सहायता योजना प्रारंभ की है व इन रोगियों को शासन के नियमानुसार पहले जयारोग्य चिकित्सालय ग्वालियर में भेजें? यदि वहां व्यवस्था न हो तो एन.ओ.सी. प्राप्त कर कैंसर चिकित्सालय एवं शोध संस्थान ग्वालियर में भेजा जावे? (ख) क्या जयारोग्य चिकित्सालय ग्वालियर में अधिकांशत: दो माह बाद इलाज की तारीख लगती है व वहां आवश्यक सम्पूर्ण व्यवस्था भी उपलब्ध नहीं है एवं एन.ओ.सी. समय पर न मिलने से कैंसर रोगी गम्भीर अवस्था में पहुंच जाते है? (ग) कैंसर चिकित्सालय एवं शोध संस्थान जन निकाय न्यास ग्वालियर जहां सम्पूर्ण व्यवस्थाएं उपलब्ध होकर उपचार सही समय पर संभाग होता रहा है व देश के 28 मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय संस्थानों में से एक है? जहां वर्तमान में उपचार हेतु रोक लगी है? (घ) यदि हाँ, तो शासन द्वारा संस्थान पर लगी रोक को हटाएगा, यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें म.प्र. का पत्र क्रमांक/4/रा.बी.स.नि./13/386 दिनांक 07.10.2013 के द्वारा राज्य बीमारी सहायता निधि के अन्तर्गत जिन चिन्हित बीमारीयों के उपचार/ऑपरेशन की सुविधाएं आदि शासकीय चिकित्सा संस्थाओं, जिला अस्पतालों/ मेडिकल कॉलेज अस्पतालों आदि में उपलब्ध हो तो, राज्य बीमारी सहायता निधि के हितग्राही रोगियों को उपचार/ऑपरेशन हेतु इन्हीं शासकीय संस्थाओं में भेजे जावे। जो उपचार/ऑपरेशन सुविधाएं शासकीय चिकित्सा संस्थाओं में उपलब्ध है, किन उक्त संस्था किसी कारण, रोगी का उपचार/ऑपरेशन तत्काल करने में असमर्थ हो तो, इस आशय का प्रमाण पत्र (एन.ओ.सी.) संबंधित संस्था से लेने के बाद संबंधित रोगी को अन्य निजी चिकित्सा संस्थाओं में उपचार/ऑपरेशन हेतु भेजा जावे। आकस्मिकता में रोगी के हित में, रोगी को उपचार/ऑपरेशन हेतु निकट की योजना अंतर्गत शासकीय मान्यता प्राप्त किसी भी चिकत्सा संस्था में भेजा जा सकता है। शासन के परिपत्र क्रमांक एफ 12-32/14/सत्रह/मेडि-3 दिनांक 28.08.2014 एवं संशोधित परिपत्र क्रमांक एफ 12-32/14/सत्रह/मेडि-3 दिनांक 16.09.2014 में बिन्दु क्रमांक 2 में संभाग के स्थान पर संभागीय जिला मुख्यालय यथा भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा तथा सागर को छोड़कर प्रदेश के शेष जिले अब राज्य बीमारी सहायता निधि एवं मुख्यमंत्री बाल ह्दय उपचार योजना के रोगियों को सीधे निजी क्षेत्र के मान्यता प्राप्त अस्पतालों में उपचार हेतु भेज सकेंगे। उपरोक्त परिपत्र जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) ग्वालियर मेडिकल कॉलेज के कैंसर विभाग में कैंसर के इलाज की संपूर्ण व्यवस्था उपलब्ध है किन्तु मरीजों की अत्याधिक संख्या होने के कारण रेडियोथैरेपी इलाज की तारीख लगती है। (ग) कैंसर चिकित्सालय एवं शोध संस्थान जन न्यास ग्वालियर राज्य बीमारी सहायता निधि में शासन द्वारा मान्यता प्राप्त अस्पतालों की सूची में सम्मिलित है। जो की 49 अस्पतालों में से एक है, सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जी नहीं। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
हत्याकाण्ड के आरोपियों पर की गई कार्यवाही
120. ( क्र. 6192 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के उदयनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत दिनांक 29.11.2011 को भाई-बहन की जघन्य हत्या हुई थी? उक्त हत्याकाण्ड में किन-किन व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया था? हत्या का क्या कारण था? मृत व्यक्ति की मोटर साईकल किससे जप्त हुई? पुलिस विवेचना के बाद किन-किन व्यक्तियों ने अपना जुर्म कबूला? (ख) प्रश्नांकित हत्याकाण्ड में पुलिस द्वारा आरोपियों से क्या-क्या साक्ष्य/प्रमाण प्राप्त हुए? (ग) पुलिस विवेचना के पश्चात् केस डायरी न्यायालय में कब प्रस्तुत की गई? क्या पुलिस द्वारा सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया अथवा अभी भी आरोपी फरार है? (घ) पुलिस द्वारा पीडि़त परिवार को कब तक सही जाँच व दोषी व्यक्तियों को सजा दिलाकर न्याय प्रदान किया जायेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) देवास जिले के उदयनगर थाना क्षेत्र में श्री शंकर पिता सिकदार भिलाल 24 वर्ष व श्रीमती दुर्गा बाई 20 वर्ष निवासी मगरादेह, भाई-बहन की हत्या में 1. धारा सिंह पिता गोपाल भिलाला 20 साल निवासी ग्राम नहरियापुर 2. गोपाल पिता लाला भिलाला 50 साल निवासी ग्राम नहरियापुर 3. बबलू पिता बलराम जाति भिलाला निवासी इंदौर 4. राज उर्फ राजा पिता बलराम भिलाला, 25 साल निवासी इंदौर 5. राजेश उर्फ कुंवर सिंह पिता झंवर सिंह भिलाला उम्र 30 साल निवासी अन्नपूर्णा वैशाली नगर इंदौर को प्रकरण में आरोपी बनाया गया है। साक्ष्य के आधार पर हत्या का कारण मृतिका का पति धारा सिंह व ससुराल पक्ष से विवाद एवं 3 वर्ष से अपने मायके रहना पाया गया। मृतक श्री शंकर की मोटर साईकल अभी तक नहीं मिली है। प्रकरण में गिरफ्तारशुदा आरोपीगणों द्वारा घटना किया जाना स्वीकार किया है। (ख) प्रकरण की विवेचना में भौतिक साक्ष्य के रूप में पुलिस द्वारा आरोपी राज उर्फ राजा एवं राजेश उर्फ कुंवर सिंह से घटना में प्रयुक्त एक-एक पत्थर एवं आरोपी बबलू से एक नोकिया कम्पनी का मोबाईल जब्त किया गया है। (ग) आरोपी 1. धारा सिंह 2. गोपाल, 3- राज उर्फ राजा, 4. बबलू 5. राजेश उर्फ कुंवर सिंह को दिनांक 27.12.2011 को गिरफ्तार किया गया है व उनके विरूद्ध सक्षम न्यायालय में दिनांक 26.03.2012 को अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया है। अन्य 02 अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध धारा 173 (8) जा.फौ. में प्रकरण विवेचना में है। (घ) उत्तरांश ’ग’ अनुसार। सजा का निर्णय माननीय न्यायालय द्वारा किया जाना है।
आंनगवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका की भर्ती
121. ( क्र. 6194 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका की नियुक्ति के क्या नियम व योग्यता है? क्या आवेदक को उसी ग्राम का होना आवश्यक है? जिस ग्राम में आंगनवाड़ी केन्द्र खोला गया है? (ख) जाति प्रमाण पत्र, बी.पी.एल. एवं निवास प्रमाण पत्र की जाँच के इन नियुक्तियों में क्या नियम व प्रक्रिया है? (ग) यदि दो ग्रामों की मतदाता सूची में किसी आवेदक का नाम दर्ज है तो उसके आवेदन पर क्या कार्यवाही किये जाने के प्रावधान है? (घ) छतरपुर जिले में प्रश्नांश (क), (ख), (ग) में वर्णित विवरण अनुसार विगत वर्ष 14-15, 15-16 में प्रश्न दिनांक तक की गई भर्तियों का विवरण दें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के चयन एवं नियुक्ति निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। जी हाँ। जिस ग्राम में आंगनवाड़ी केन्द्र खोला जा रहा है उसी ग्राम का निवासी होना आवश्यक है। (ख) जानकारी प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। (ग) विभाग के पत्र क्र./एफ 3-2/06/50-2, दिनांक 10.07.2007 में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के चयन एवं नियुक्ति निर्देश के बिन्दु (2) में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के नियुक्ति के लिये आवेदिका का संबंधित ग्राम/नगरीय क्षेत्र के वार्ड की स्थाई निवासी होना आवश्यक है। ग्राम/नगरीय क्षेत्र के वार्ड में स्थायी निवासी के प्रमाण के लिये राशन कार्ड/संबधित ग्राम/नगरीय क्षेत्र के वार्ड की अद्यतन मतदाता सूची/अद्यतन बी.पी.एल. सूची में महिला का नाम दर्ज होना चाहिए अथवा अविवाहित महिला होने पर उसके पिता का नाम तथा विवाहित महिला होने से उसके पति का नाम दर्ज होना चाहिए। उक्त दोनों भी उपलब्ध नहीं होने पर एस.डी.एम./तहसीलदार द्वारा जारी स्थानीय निवास के प्रमाण पत्र को मान्य किया जा सकता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है।
अ.जा.क. थाना के अंतर्गत अपराधिक प्रकरणों पर कार्यवाही
122. ( क्र. 6195 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले के अनु.जाति/जन जाति थाना के अंतर्गत वर्ष 2014-15 से 2015-16 में कितने आपराधिक प्रकरण थाने में सीधे दर्ज किये गये, कितने प्रकरणों पर कार्यवाही चल रही है? (ख) क्या अधिकांशत: अनु.जाति/अनु.जन जाति के आवेदन पत्रों पर थाना आ.जा. का द्वारा अपराध दर्ज नहीं किये जाते? (ग) क्या अनु.जाति/जन जाति के लोगों के आवेदन पत्रों पर दूसरे थाने से ही आपराधिक प्रकरणों के आधार पर राहत राशि दी जाती है? (घ) थाना अनु.जाति/जन जाति छतरपुर में कितने लोगों को कितनी-कितनी राहत राशि दी गई तथा कितने प्रकरणों में समझौता किया गया सभी प्रकरणों की सूची फरयादी के नाम एवं पता राहत राशि की सूची थानेवार उपलब्ध करायें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) बिन्दु ’क’ के संबंध में जानकारी निम्नानुसार है-
स.क्र. |
अवधि |
प्रकरणों की संख्या जो अजाक्स थानों में सीधे दर्ज किये गये |
निराकृत किये गये प्रकरण |
वर्तमान में कार्यवाही चल रही है, की संख्या |
01 |
01.01.2014 से 31.12.2014 तक |
03 |
03 |
00 |
02 |
01.01.2015 से 31.12.2015 तक |
00 |
00 |
00 |
03 |
01.01.2016 से 20.02.2016 तक |
00 |
00 |
00 |
(ख) जी नहीं। (ग) अनु. जाति/जन जाति के लोगों के आवेदन पत्रों पर संबंधित थाने में अनु. जाति/जन जाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 की धाराओं के अंतर्गत दर्ज अपराधिक प्रकरणों में संबंधित विवेचना अधिकारी (राजपत्रित पुलिस अधिकारी) द्वारा विवेचना कर राहत प्रकरण तैयार किया जाकर जिला संयोजक, आदिम जाति कल्याण विभाग को राहत राशि स्वीकृत हेतु भेजा जाता है। (घ) बिन्दु ’घ’ के संबंध में जानकारी निम्नानुसार है-
स.क्र. |
अवधि |
जाति वर्ग |
कितने प्रकरण में राहत राशि दी गई |
कितने व्यक्तियों की राहत राशि दी गई |
कितनी राहत राशि दी गई रूपये |
कितने प्रकरणों में समझौता किया गया |
01 |
01.01.2014 से 31.12.2014 तक |
अ.जा. |
120 |
187 |
65,00,000 |
00 |
अ.ज.जा. |
05 |
08 |
2,85,000 |
00 |
||
02 |
01.01.2015 से 31.12.2015 तक |
अ.जा. |
123 |
188 |
79,22,750 |
00 |
अ.ज.जा. |
05 |
05 |
2,47,500 |
00 |
||
03 |
01.01.2016 से 20.02.2016 |
अ.जा. |
00 |
00 |
00 |
00 |
अ.ज.जा. |
00 |
00 |
00 |
00 |
राहत राशि प्रदान किये जाने की उपरोक्त अवधि की थानावार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
चिकित्सालयों
में परिजनों
से बढ़ रहे
मारपीट के प्रकरण
1. ( क्र. 145 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग के विभिन्न शासकीय चिकित्सालयों में से 1 जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक मरीजों के ईलाज के दौरान मृत्यु को लेकर परिजनों एवं डॉ. के साथ मारपीट के कितने प्रकरण पुलिस में तथा कितने विभागीय तौर पर चल रहे हैं? (ख) क्या गत 5 वर्षों में डॉ. और मरीज के परिजनों के बीच विवाद की घटनाएं लगातार बढ़ रही है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इसकी रोकथाम के लिए क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (ग) उक्त संभाग में समस्त जिले एवं तहसील शासकीय चिकित्सालयों में पुलिस चौकी स्थापित करने हेतु गृह विभाग को लिखे गये पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) उज्जैन संभाग के विभिन्न शासकीय चिकित्सालयों में से 1 जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक मरीजों के ईलाज के दौरान मृत्यु को लेकर परिजनों एवं डॉक्टर के साथ मारपीट के 07 प्रकरण पुलिस में तथा 01 प्रकरण विभागीय तौर पर चल रहे हैं। (ख) जी हाँ। इस संबंध में समस्त संभागीय संयुक्त संचालकों, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों, सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षकों को पत्र क्रं.-1643 दिनांक 05.09.2014 द्वारा निर्देश दिये गये है। प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है साथ ही जिला अस्पतालों एवं सीमॉक स्तर के सिविल अस्पताल एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में आउटसोर्स एजेन्सी के माध्यम से सुरक्षा व्यवस्था की गई है। (ग) संभाग के अन्तर्गत जिला चिकित्सालय उज्जैन, देवास, शाजापुर, रतलाम, मन्दसौर, एवं नीमच में पुलिस चौकी स्थापित है। नवीन जिले आगर-मालवा जिला चिकित्सालय में पुलिस चौकी स्थापित करने हेतु सिविल सर्जन आगर-मालवा द्वारा पुलिस अधीक्षक, आगर-मालवा को दिनांक 02.09.2015 को पत्र लिखा गया है। तहसील स्तर पर रतलाम जिलें के जावरा एवं आलोट चिकित्सालयों में पुलिस चौकी स्थापित है।
राज्य बीमारी सहायता निधि के निर्धारित पैकेज में उपचार
2. ( क्र. 395 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य बीमारी सहायता निधि के अंतर्गत आने वाले रोगियों को शासन द्वारा निर्धारित पैकेज में उपचार करने के निर्देश है? (ख) क्या शासन द्वारा निर्धारित पैकेज रोगियों के उपचार के लिये पर्याप्त है? (ग) यदि हाँ, तो इस पैकेज से अधिक/अतिरिक्त राशि की मांग रोगियों से क्यों की जाती है? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) के अनुसार शासन निर्धारित पैकेज की राशि बढ़ाने पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? समय-सीमा बतावें? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) पैकेज से अधिक/अतिरिक्त राशि की मांग होने पर रोगियों द्वारा शिकायत प्राप्त होने पर ऐसे मान्यता प्राप्त अस्पतालों की मान्यता समाप्त करने की कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है। (घ) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खंडवा में निजी नर्सिंग होम में अनियमितता
3. ( क्र. 484 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खंडवा विधानसभा क्षेत्र में कितने निजी नर्सिंग होम है, सूची प्रदान करें? नर्सिंग होम स्थापना एवं संचालन के क्या प्रावधान हैं? क्या इनमें स्वास्थ्य विभाग की गाईड लाईनों का पालन किया जा रहा है? (ख) क्या नर्सिंग होम घनी आवासीय कालोनियों में होने से आस-पास के निवासियों को विभिन्न बीमारियां फैलने का भय रहता है? यदि हाँ, तो क्या इन्हें आवासीय क्षेत्र से बाहर करने का प्रावधान किया जाएगा? (ग) नर्सिंग होम के निरीक्षण एवं गाईडलाईन का पालन करवाने की जिम्मेदारी किस पर है? विगत तीन वर्षों में खंडवा स्वास्थ्य विभाग द्वारा कब-कब, किस-किस नर्सिंग होम का निरीक्षण किया गया? (घ) क्या खंडवा के किसी भी नर्सिंग होम में विभिन्न बीमारियों के उपचार, आपरेशन, एक्सरे, जाँच रिपोर्ट इत्यादि की रेट लिस्ट नहीं होने से मरीजों पर लूट खसोट मची है? यदि हाँ, तो इसका पालन कब तक करवाया जाएगा? (ड.) क्या इनमें पार्किंग, केंटीन एवं मरीज के परिजनों के लिए किसी भी प्रकार की सुविधा मुहैया नहीं कराई जा रही है? यदि हाँ, तो क्यों? विभागीय अधिकारियों द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं (निरीक्षण) में बरती जा रही गंभीर लापरवाही पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) खंडवा विधानसभा क्षेत्र में कुल 14 निजी नर्सिंग होम है, जिसमें से एक नर्सिंग होम वर्तमान में असंचालित है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। नर्सिंग होम की स्थापना एवं संचालन के प्रावधान मध्यप्रदेश उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण एवं अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 (यथा संसोधन दिनांक 20 फरवरी 2006) मध्यप्रदेश उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण एवं अनुज्ञापन) अधिनियम 1997 (यथा संशोधित दिनांक 17 जनवरी 2007) के अनुसार है। 14 नर्सिंग होम में से 07 नर्सिंग होम में केंटीन/पार्किंग की व्यवस्था सुदृढ़ नहीं होने कारण विभाग द्वारा 1-श्रीमाली हॉस्पिटल, 2-हिन्दूजा हॉस्पिटल, 3-अत्रीवाल हॉस्पिटल, 4-प्रणाम हॉस्पिटल, 5-मिश्रा हॉस्पिटल, 6-सोनी हॉस्पिटल, 7-अग्रवाल हॉस्पिटल को नोटिस जारी किये गये है। (ख) विभाग के संज्ञान में अभी तक आवासीय क्षेत्र में स्थित नर्सिंग होमों के आस-पास निवासियों में विभिन्न बीमारियों के फैलने की जानकारी नहीं आई है, क्योंकि जिले के सभी आवासीय क्षेत्र में स्थित नर्सिंग होमों का पंजीयन म.प्र. प्रदूषण कंन्ट्रोल बोर्ड भोपाल से पंजीयन कराया गया है एवं नर्सिंग होम के अपशिष्ट पदार्थों का निष्कासन हासविन इन्सिनेरेटर प्रा.लि. इंदौर द्वारा किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) नर्सिंग होम के निरीक्षण एवं गाईडलाईन के पालन करवाने की जिम्मेदारी संबंधित जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की होती है। विगत तीन वर्षों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा किये गये नर्सिंग होम के निरीक्षण की जानकारी निम्नानुसार हैः- 1.शुभम हॉस्पिटल-08.04.2013, 18.11.2013, 07.06.2014, 30.10.2014, 05.08.2015, 19.10.2015, 19.01.2016। 2. मिश्रा हॉस्पिटल-29.10.2013, 11.03.2013, 02.04.2014, 19.10.2015, 23.01.2016 3. जेजे हॉस्पिटल-20.12.2013, 08.04.2013, 07.06.2014, 03.11.2015, 21.12.2015। 4.अत्रिवाल हॉस्पिटल-11.03.2013, 20.3.2014, 29.09.2015,01.02.2016 5.प्रकाश हॉस्पिटल-11.03.2013, 29.03.2014, 31.12.2015, 6. जैन नर्सिंग होम-11.03.2013, 05.06.2014, 05.08.2015, 05.02.2016 7. अग्रवाल नर्सिंग होम-08.04.2013, 15.11.2014, 07.09.2015, 26.02.2016 8. श्रीमाली हॉस्पिटल-08.04.2013, 02.04.2014, 12.04.2015, 26.02.2016 9. हिन्दुजा हॉस्पिटल-08.04.2013, 27.06.2014, 31.03.2015, 03.02.2016 10. गुर्जर हॉस्पिटल-11.03.2013, 29.08.2014, 29.07.2015, 07.01.2016 11. सेन्ट रिचर्ड पेम्पुरी हॉस्पिटल-08.04.2013, 02.04.2014, 07.04.2015, 27.01.2016 12. प्रणाम हॉस्पिटल-11.03.2013, 29.04.2014, 05.07.2015 13. सोनी हॉस्पिटल-04.04.2015, 29.09.2015, 27.01.2016 श्री दादाजी हाँस्पिटल -11.03.2013, (वर्तमान में असंचालित) (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) विभागीय अधिकारियों द्वारा किये गये निरीक्षण के दौरान 14 नर्सिंग होम में से 07 नर्सिंग होम में पार्किंग/केंटीन की व्यवस्था सुदृढ़ नहीं होने के फलस्वरूप विभाग द्वारा 1-श्रीमाली हॉस्पिटल, 2-हिन्दूजा हॉस्पिटल, 3-अत्रीवाल हॉस्पिटल, 4-प्रणाम हॉस्पिटल, 5-मिश्रा हॉस्पिटल, 6-सोनी हॉस्पिटल, 7-अग्रवाल हॉस्पिटल को नोटिस दिया गया है। शेष सभी नर्सिंग होम में पार्किंग/केंटीन एवं मरीजों के परिजनों के लिये सभी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराई जा रही है।
कुपोषण कार्यों में महिला बाल विकास की अनियमितता
4. ( क्र. 488 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खंडवा जिले में विगत तीन वर्षों में कुपोषण के कितने प्रकरण सामने आये तहसीलवार संख्या बतायें? विभाग द्वारा गत तीन वर्षों में कुपोषण से बचाव के कार्यों पर कितनी राशि व्यय की है? (ख) तत्कालीन कलेक्टर द्वारा कुपोषण के विरूद्ध चलाये गये अभियान में घर-घर गांव-गांव से एकत्रित कराए गए सैकड़ों क्विंटल गेहूँ का महिला बाल विकास विभाग द्वारा क्या उपयोग किया गया? (ग) कुपोषण के विरूद्ध इस जनअभियान में एकत्रित सामग्री का क्या उपयोग किया गया है? (घ) क्या जिले में कुपोषण पर हो रहे शासकीय व्यय के विरूद्ध इसके सकारात्मक परिणाम नगण्य है? गत तीन वर्षों से आंगनवाड़ी केन्द्रों पर इसका सप्लाय किस एजेंसी द्वारा किया जा रहा है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) खण्डवा जिले में विगत तीन वर्षों में 0 से 5 वर्ष तक के कुल 88405 कुपोषित बच्चे चिन्हांकित किये गये जिसका तहसीलवार विवरण निम्नानुसार है –
क्र. वर्ष तहसील का नाम चिन्हित कुपोषित बच्चों की संख्या
1. 2012-13 खण्डवा 6702
हरसूद 9556
पन्धाना 12826
पुनासा 5744
योग – 34828
2. 2013-14 खण्डवा 4511
हरसूद 7687
पन्धाना 10535
पुनासा 4412
योग - 27145
3. 2014-15 खण्डवा 4406
हरसूद 7886
पन्धाना 9922
पुनासा 4218
योग – 26432
महायोग 88405
जिला खण्डवा में गत तीन वर्षों र्में कुपोषण से बचाव के कार्यों पर कुल राशि 1,16,68,672/- रूपये का व्यय किया गया। व्यय राशि का वर्षवार विवरण निम्नानुसार है–
क्र. वर्ष व्यय राशि
1. 2012-13 54,67,765
2. 2013-14 17,11,940
3. 2014-15 44,88,967
योग - 1,16,68,672
(ख) अभियान के तहत विभिन्न ग्रामों से 264.83 क्विंटल गेहूँ जन सहयोग से एकत्रित किया गया है। उक्त एकत्रित किया गया गेहूँ ग्राम स्तर पर गठित स्थानीय स्व-सहायता समूहों को आंगनवाड़ी केन्द्रों में दर्ज कुपोषित बच्चों के लिए पौष्टिक पोषण आहार तैयार कर वितरण किये जाने हेतु प्रदाय करते हुए उपयोग किया गया। (ग) उत्तर ’ख’ अनुसार। (घ) जी नहीं। जिले में कुपोषण पर हो रहे शासकीय व्यय के विरूद्ध इसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए है जिसके तहत वर्ष 2012-13 में जहाँ कुपोषित बच्चों की कुल संख्या 34828 थी, वहीं यह संख्या घट कर वर्ष 2014-15 में 26432 रह गई, इस प्रकार कुल 8396 बच्चे कुपोषण श्रेणी से मुक्त हुए। राष्ट्रीय पोषण संस्थान हैदराबाद द्वारा (वर्ष 2010) के सर्वे अनुसार खण्डवा जिले में कुपोषित बच्चों का प्रतिशत 56.9 था जो अब एन.एफ.एच.एस-4 (वर्ष 2015-16) में घटकर 46.8 प्रतिशत रह गया है। विभाग के पत्र क्रमांक एफ-3-21/07/50-2, भोपाल, दिनांक 27-03-2008 द्वारा जारी निर्देशानुसार गत तीन वर्षों से आंगनवाड़ी केन्द्रों पर उक्त सामग्री का प्रदाय स्थानीय स्व-सहायता समूहों के माध्यम से कराया जा रहा है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकों को शासकीय सेवक घोषित करना
5. ( क्र. 551 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं द्वारा शासकीय सेवक का दर्जा देने, ऐसा नहीं करने पर श्रम विभाग द्वारा जारी न्यूनतम वेतन देने की मांग की जा रही है? (ख) क्या सतना जिले में महिलाकर्मी म.प्र आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका संघ के बैनर तले धरना देकर प्रदर्शन किया गया है तथा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया है? यदि हाँ, तो क्या इनके द्वारा सात सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपने के बाद निराकरण शासन स्तर से किया जावेगा? (ग) क्या इन महिला कर्मियों द्वारा सेवा संबंधी नियम बनाकर शासकीय सेवक घोषित करने, शासकीय सेवक घोषित करने के पूर्व श्रम विभाग द्वारा लागू न्यूनतम वेतन दिलाए जाने, चिकित्सा एवं सामान्य अवकाश में वृद्धि कर सामाजिक सुरक्ष देने, बिना परीक्षा के योग्यतानुसार पदोन्नति देने, शासकीय सेवक घोषित किये बिना सेवा की समय-सीमा से आयु बंधन हटाने एवं वेतन किश्तों में न देकर एक मुश्त माह की पाँच तारीख तक खातों में जमा कराये जाने की मांग की गई है? (घ) क्या शासन इन सात सूत्रीय मांगों में से कितनी मांगों पर सहमत होकर निर्णय लेने का विचार किया जा रहा है कब तक मांगों पर निर्णय लिया जाएगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। नियमानुसार निराकरण किया जाएगा। (ग) जी हाँ। (घ) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका भारत सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के तहत कार्य करने वाले मानसेवी कार्यकर्ता है। अतः नियमों के अधीन ही संघ द्वारा प्रेषित मांगों पर विचार किया जाकर नियमानुसार निराकरण किया जा सकेगा। कोई भी निर्णय भारत सरकार के समन्वय से ही लिया जा सकेगा अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
महात्मा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय फर्जी नियुक्तियां
6. ( क्र. 646 ) श्री राजेश सोनकर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय में क्या पिछले दिनों फर्जी नियुक्यिां पाई गई थी? यदि हाँ, तो दोषियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में महात्मा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय में उक्त नियुक्तियों के स्थान पर क्या पुन: भर्ती की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में भर्ती किन नियमों के तहत की जायेगी, क्या-क्या प्रक्रिया होगी? क्या इसमें प्रतीक्षा सूची में शामिल व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जायेगी व कितने व्यक्ति इस प्रतीक्षा सूची में शामिल हैं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। अधिष्ठाता, चिकित्सा महाविद्यालय, इंदौर द्वारा नियुक्तियों को निरस्त किया गया। सभी फर्जी नियुक्त अभ्यर्थियों के विरूद्ध नामजद एफ.आई.आर. क्रमांक 545 दिनांक 12/08/2015 को थाना संयोगितागंज इंदौर में दर्ज कराई गई हैं। अधिष्ठाता कार्यालय के संदिग्ध कर्मचारी श्री हरिशंकर पारिक प्रभारी लिपिक स्थापना अविज्ञप्त शाखा दिनांक 08/09/2015 से पुलिस अभिरक्षा में होने से निलंबित किया गया है। श्री पारिक के विरूद्ध विभागीय जाँच की कार्यवाही की जा रही है। (ख) रिक्त पदों की पूर्ति हेतु समय-समय पर व्यापम को रिक्तियों से अवगत कराया जाता हैं। रिक्त पदों की पूर्ति की निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं हैं। (ग) प्रतिक्षा सूची एक वर्ष के लिये वैध होती हैं। भर्ती नियमों के अनुसार भरती की जाती है शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संचालित उप स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थिति
7. ( क्र. 1058 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले के ब्यौहारी एवं जयसिंह नगर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ उप स्वास्थ्य केन्द्र संचालित हैं? प्रत्येक उप स्वास्थ्य केन्द्रों में कितने पद स्वीकृत है और पदवार किस कर्मचारी की पदस्थापना है? (ख) क्या समस्त उप स्वास्थ्य केन्द्र स्वयं के भवन पर संचालित है? यदि हाँ, तो कितने और नहीं तो कितने और कहाँ-कहाँ? (ग) क्या समस्त स्वयं के भवनों में संचालित उप स्वास्थ्य केन्द्रों में विद्युत एवं पानी की समुचित व्यवस्था है? यदि नहीं, तो किन-किन भवनों में विद्युत अथवा पानी की व्यवस्था नहीं है और कब तक पूर्ण करायी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्न भाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। 54 का भवन है एवं 27 का भवन नहीं है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश भाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। यथा संभव शीघ्र निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।
पुलिस विभाग की भूमि पर अतिक्रमण
8. ( क्र. 1577 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इंदौर जिले में पुलिस विभाग की भूमि पर अनाधिकृत अतिक्रमण कर निर्माण अथवा उसका उपयोग किया जा रहा है? यदि हाँ, तो थानावार अतिक्रमण भूमि की सूची उपलब्ध करावें? (ख) क्या इंदौर के पुराने पुलिस अधीक्षक कार्यालय की भूमि पर भी अतिक्रमण है? यदि हाँ, तो पुलिस प्रशासन व जिला प्रशासन इन अतिक्रमणों को हटाने हेतु क्या कार्यवाही कर रहे हैं?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ। थाना सदर बाजार अंतर्गत पुलिस विभाग के आधिपत्य की भूमि पर एक तरफ कोने में अब्बूराव पिता थानसेन राव निवासी 4 इनकलाब कालोनी इन्दौर द्वारा सूरज बैंड के नाम से एक दुकान का निर्माण किया गया है। अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन हैं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मध्यप्रदेश पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन द्वारा बनाये जाने वाले आवास
9. ( क्र. 1578 ) श्री सुदर्शन गुप्ता (आर्य) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश पुलिस कार्पोरेशन द्वारा पुलिस कर्मचारियों के लिये सस्ती दरों पर मकान उपलब्ध कराने के लिये मकान निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया गया है? यदि हाँ, तो इन्दौर जिले में कितने मकान बनाये जाने की योजना है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रस्तावित योजना कब तक पूर्ण हो जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) प्रस्ताव विचाराधीन है। संख्या बताया जाना अभी संभव नहीं है। (ख) उत्तरांश ’क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रावनवाड़ा पुलिस चौकी को थाना बनाये जाने
10. ( क्र. 1708 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परासिया विधान सभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत रावनवाड़ा पुलिस चौकी अन्तर्गत लगभग 66 ग्राम आते हैं इन ग्रामों की दूरी एवं इनमें जनसंख्या बहुत अधिक है और जिसके कारण क्षेत्र में आपराधिक गतिविधियां भी अत्यधिक घटित होती है। ऐसी स्थिति में विभाग द्वारा क्या रावनवाड़ा पुलिस चौकी को थाना बनाया जाना अतिआवश्यक है? जिसके संबंध में विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या परासिया विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत रावनवाड़ा पुलिस चौकी को थाना बनाया जाना प्रस्तावित है? अगर हाँ, तो कब तक रावनवाड़ा पुलिस चौकी को थाना बनाया जाएगा? (ग) परासिया विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत रावनवाड़ा पुलिस चौकी को थाना बनाये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा पुलिस महानिदेशक भोपाल को कई पत्र प्रेषित किए गये हैं, जिस पर विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ। प्रस्ताव परीक्षणाधीन हैं। (ख) जी हाँ। प्रस्ताव परीक्षणाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) पुलिस मुख्यालय द्वारा रावनवाड़ा चौकी को थाना बनाए जाने हेतु प्रस्ताव शासन को प्रेषित कर दिया गया है जो शासन स्तर पर परीक्षणाधीन है।
आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी के रिक्त पदों की पूर्ति
11. ( क्र. 1811 ) श्री प्रताप सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले के जबेरा विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत ग्राम बनवार, पतलोनी, चौपरा चौबीसा एवं माला बम्होरी में स्थित आयुर्वेदिक औषधालयों में आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी के पद कब से रिक्त हैं? यदि प्रतिपूर्ति की गई है तो पदस्थ अधिकारी का नाम एवं पदस्थापना दिनांक सहित बतलावें? (ख) यदि नहीं, तो इन आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों के रिक्त पदों की पूर्ति करने हेतु शासन स्तर पर क्या कार्यवाही की जा रही है? पद पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? (ग) मध्यप्रदेश में जिला आयुर्वेद अधिकारियों के कितने पद स्वीकृत हैं तथा उनके विरूद्ध कितने भरे एवं कितने रिक्त हैं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों के 710 पदों हेतु म.प्र. लोक सेवा आयोग से चयन सूची प्राप्त हो चुकी है। पदों को भरने की कार्यवाही की जा रही है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) मध्यप्रदेश में जिला आयुष अधिकारी के 51 पद स्वीकृत है, जिनमें 23 नियमित जिला आयुष अधिकारी तथा 28 प्रभारी जिला आयुष अधिकारी पदस्थ हैं।
नकली घी मावा एवं दूध जब्ति
12. ( क्र. 1812 ) श्री प्रताप सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विगत वर्ष कब-कब एवं कहाँ-कहाँ पर संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा छापा मारकर नकली घी, दवाइयां, मावा एवं दूध आदि जब्त किया है? जब्त किये गये घी, मावा एवं दूध आदि का पृथक-पृथक विवरण दें? (ख) उपरोक्त नकली घी, मावा एवं दूध बनाने तथा बेचने आदि के लिए किन-किन के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या विभाग द्वारा निरंतर कार्यवाही न कर महज औपचारिकता बतौर मुख्य त्यौहारों पर छापामार कार्यवाही की जाती है? क्या लम्बे समय से चल रहे इस नकली कारोबार में विभाग के अधिकारी/कर्मचारी की सांठगांठ एवं विलम्ब होने से कानून की पकड़ से कारोबारी बच जाते हैं? ऐसे कोताही बरतने वाले अधिकारी/कर्मचारी के मामले कितने प्रकाश में आये हैं तथा उनके विरूद्ध कार्यवाही कर दण्डित किया गया? यदि हाँ, तो बतलावें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। जी नहीं। प्रश्नांकित अवधि में कोताही बरतने वाले अधिकारी एवं कर्मचारी के कोई भी मामले प्रकाश में नहीं आये हैं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों, उपकेन्द्रों का संचालन
13. ( क्र. 1863 ) श्री मुकेश नायक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पवई विधान सभा क्षेत्र में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र, मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र किस-किस गांव में कितने शासकीय भवन, अशासकीय एवं कितने स्वयं के भवनों में संचालित है? (ख) स्वयं के भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों व मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र को विगत 2 वर्षों में कितना किराया विभाग द्वारा भुगतान किया गया व कितना किराया भुगतान करना शेष है? (ग) जिला कार्यक्रम अधिकारी, ब्लॉक परियोजना अधिकारी द्वारा 1 अप्रैल 2012 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन केन्द्रों का आकस्मिक निरीक्षण किया गया? कौन-कौन के केन्द्र बंद पाये गये? उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) पवई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 439 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 77 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। इनमें से 184 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवनों में, 299 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में, एवं 33 किराये के भवनों में संचालित है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) किराया भुगतान करना शेष नहीं है। परियोजना शाहनगर में स्वयं के भवनों में संचालित कुल 06 आंगनवाड़ी केन्द्र (मिनी) केन्द्र सहित विगत 02 वर्षों में 15000/- रू. का भुगतान किया गया है। (ग) जिले में उपलब्ध अभिलेख अनुसार जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा जून 2015 से अब तक 54 आंगनवाड़ी केन्द्रों का आकस्मिक निरीक्षण किया गया है। परियोजना पवई एवं शाहनगर अंतर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों का परियोजना अधिकारी द्वारा निरीक्षण किया गया है। विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
आंगनवाड़ी केंद्रों की जानकारी
14. ( क्र. 1864 ) श्री मुकेश नायक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पन्ना जिले की पवई विधानसभा क्षेत्र में विगत 03 वर्षों में कितने नये आंगनवाड़ी केंद्र पवई एवं शाहनगर तहसील में किस-किस ग्राम में खोली गई, ग्रामवार जानकारी बतायें? (ख) प्रत्येक आंगनवाड़ी केंद्रों में महिलाओं/बच्चों को वितरण होने वाले पोषण-आहार की गुणवत्ता का परीक्षण कब-कब किया गया? (ग) पवई एवं शाहनगर तहसील में कितने पद आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका के पद रिक्त है? कब तक पूर्ति की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) पन्ना जिले की पवई जिले की विधानसभा क्षेत्र की पवई एवं शाहनगर तहसील में विगत 03 वर्षों में कोई नया आंगनवाड़ी केन्द्र नहीं खोला गया है। अतः शेष जानकारी का प्रश्न ही नहीं होता है। (ख) प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र में महिलाओं/बच्चों को वितरण होने वाले पोषण आहार की गुणवत्ता का परीक्षण आंगनवाड़ी केन्द्र की कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, स्व-सहायता समूह, प्रतिनिधि सरपंच, बच्चों के पालक, माता-पिता, एवं प्रधानाध्यापक प्राथमिक/माध्यमिक शाला आदि के द्वारा पंचनामा प्रारूप तैयार कर प्रतिदिन किया जाता है। एवं जिला अधिकारी, परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक के द्वारा अपने निरीक्षण के दौरान पोषण आहार की गुणवत्ता परीक्षण किया जाता है। (ग) पवई एवं शाहनगर तहसील अन्तर्गत क्रमश: आंगनवाड़ी कार्यकर्ता 07 तथा निरंक एवं आंगनवाड़ी सहायिका के क्रमश: 07 तथा निरंक पद रिक्त है। पदपूर्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में भर्ती में रोस्टर का पालन
15. ( क्र. 2004 ) श्री संजय उइके : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन योजना अंतर्गत वर्ष 2010-11 से 2014-15 के मध्य विभिन्न पदों पर जिला स्तर पर भर्तियां की गई है? यदि हाँ, तो जबलपुर संभाग एवं बालाघाट जिले स्तर से उक्त वर्षों में की गई सभी भर्तियों के विज्ञापन विवरण एवं चयनित अधिकारी/कर्मचारियों की जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या आरक्षण नियमों के तहत पदों पर की गई भर्ती के लिए 100 बिन्दु आरक्षण रोस्टर संधारित करने के प्रावधान है? यदि हाँ, तो क्या उक्त भर्तियों में 100 बिन्दु आरक्षण रोस्टर संधारित किए गए है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। शेष प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। जी हाँ।
धान परिवहन की निविदा
16. ( क्र. 2006 ) श्री संजय उइके : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रत्येक वर्ष बालाघाट जिले में समर्थन मूल्य के अन्तर्गत उपार्जित धान को उपार्जन केन्द्र से भण्डारण गोदाम तक धान परिवहन हेतु निविदा बुलाई जाती है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक बुलाई गई निविदा में कौन-कौन परिवहनकर्ता ने हिस्सा लिया उनके दर, सफल निविदाकार की दर, स्वीकृत दर कार्यादेश प्रति उपलब्ध करावें?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) वित्तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक बुलाई गई निविदा में हिस्सा लेने वाले परिवहनकर्ता एवं उनके द्वारा प्रस्तुत दरें, सफल निविदाकार की दर एवं स्वीकृत दर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। वर्ष 2012-13 से 2014-15 तक सफल निविदाकार की दर स्वीकृति उपरांत परिवहनकर्ता से अनुबंध निष्पादित किया गया है। पृथक से कार्यादेश जारी नहीं किया गया है। वर्ष 2015-16 में सफल निविदाकार की स्वीकृत दर कार्यादेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
संयुक्त नियंत्रक खाद्य एवं औषधि विभाग की शिकायत की जाँच
17. ( क्र. 2333 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग में पदस्थ संयुक्त नियंत्रक की शिकायत शासन को की गई हैं तो बतावें कि उन शिकायतों पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या उक्त अधिकारी की पदस्थी के दौरान 5-6 दिसम्बर 15 को शासकीय कार्यालय नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग में भ्रष्टाचार से संबंधित जांचों का रिकॉर्ड व उक्त अधिकारी के विरूद्ध की गई्ं शिकायतों को जला दिया गया है? (ग) शासकीय कार्यालय में आग लगने की घटना की सूचना विभाग द्वारा उस विभाग को देकर एफ.आई.आर. क्यों नहीं कटवाई गई है? कारण बतावें? (घ) कार्यालय में आग लगने के कारणों की जाँच विभाग के किस अधिकारी द्वारा की गई है और नहीं की गई तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मिलावटी खाद्य पदार्थों के अभियोग पत्रों की जानकारी
18. ( क्र. 2336 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाद्य सुरक्षा अधिकारी होशंगाबाद द्वारा दिनांक 25.06.2012 को स्लिप क्रमांक 9497 द्वारा लिये गये राजश्री के गुटखा के नमूने को प्रयोगशाला की जाँच में असुरक्षित, प्रतिबंधित पाये जाने पर किस-किस आरोपी के विरूद्ध माननीय न्यायालय में अभियोग पत्र किस दिनांक को किस क्रमांक द्वारा प्रस्तुत किये? प्रकरण की अद्यतन जानकारी से अवगत करावें? (ख) उक्त खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा दिनांक 21.02.2013 व दिनांक 18.03.2013 को क्रमश: स्लिप क्रमांक 13464 व 13476 पर लिये गये राजश्री गुटखों को प्रयोगशाला की जाँच में असुरक्षित व प्रतिबंधित पाए जाने पर दोनों प्रकरणों में किस-किस आरोपी पर किस-किस दिनांक को किस-किस क्रमांक से अभियोग पत्र किस-किस न्यायालय में प्रस्तुत किये गये? प्रकरणों की अद्तन जानकारी से अवगत करायें? (ग) इसी प्रकार दिनांक 25.06.2013 को स्लिप क्रमांक 18810 पर कत्था के नमूने को जाँच में मिथ्याछाप पाये जाने पर किस-किस आरोपी के विरूद्ध किस दिनांक को किस क्रमांक से किस न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किये?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) उक्त प्रकरण आयुक्त खाद्य सुरक्षा म.प्र. के अभियोजन स्वीकृति आदेश दिनांक 10.04.13 के पालन में आरोपी श्री दयाल लालवानी आ. श्री दौलतराम लालवानी, इटारसी के विरूद्ध माननीय न्यायालय इटारसी के समक्ष दिनांक 31.05.2013 को प्रकरण क्रमांक 520/13 पर प्रस्तुत किया गया है। वर्तमान में प्रकरण माननीय न्यायालय के समक्ष विचारण में है। (ख) पेपर स्लिप क्रमांक 13464, राजश्री गुटखा के लिये अभिहित अधिकारी, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, होशंगाबाद, म.प्र. के अभियोजन स्वीकृति आदेश दिनांक 08.11.13 के पालन में आरोपी श्री तुलसीराम यादव आ. श्री भैयालाल यादव, इटारसी के विरूद्ध माननीय न्यायालय इटारसी के समक्ष दिनांक 03.12.2013 को प्रकरण क्रमांक 1383/13 पर प्रस्तुत किया गया है। वर्तमान में प्रकरण माननीय न्यायालय के समक्ष विचारण में है। एवं पेपर स्लिप क्रमांक 13476, राजश्री गुटखा के लिये अभिहित अधिकारी, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, होशंगाबाद, म.प्र. के अभियोजन स्वीकृति आदेश दिनांक 08.11.13 के पालन में आरोपी श्री मोहन देवानी आ. श्री व्यापारीमल देवानी, मालिक-गौरव प्रोवीजन, इटारसी के विरूद्ध माननीय न्यायालय इटारसी के समक्ष दिनांक 03.12.2013 को प्रकरण क्रमांक 1384/13 पर प्रस्तुत किया गया है। वर्तमान में प्रकरण माननीय न्यायालय के समक्ष विचारण में है। (ग) उक्त प्रकरण में अभिहित अधिकारी, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, होशंगाबाद, म.प्र. के अभियोजन स्वीकृति आदेश दिनांक 20.03.14 के पालन में आरोपी श्री अकलेश कुमार आ. श्री हरिकुमार आचार्य, मालिक-कमल पान मसाला, बाबई, के विरूद्ध माननीय न्याय निर्णायक अधिकारी, होशंगाबाद के समक्ष दि. 22.03.2014 को प्रकरण क्रमांक 06/14 पर प्रस्तुत किया गया है। वर्तमान में प्रकरण माननीय न्यायालय के समक्ष विचारण में है।
महिला सशक्तिकरण अमले की पदपूर्ति
19. ( क्र. 2727 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला सशक्तिकरण विभाग अंतर्गत क्या प्रत्येक खण्ड स्तर पर महिला सशक्तिकरण अधिकारी एवं कार्यालयीन कर्मचारियों के पद स्वीकृत हैं? यदि हाँ, तो स्वीकृत पदों में से कितने पद भरे गये है व कितने पद खाली हैं? खण्ड स्तर पर रिक्त पद कब तक भरे जावेंगे? (ख) महिला सशक्तिकरण अधिकारी के कुल स्वीकृत पदों में से कितने पद सीधी भर्ती के हैं, व कितने पद पदोन्नति से भरे जाना है? (ग) यदि मध्यप्रदेश में बहुत अधिक संख्या में पद रिक्त हैं तो योजना का संचालन किस प्रकार से हो रहा है? (घ) खण्ड स्तरीय कार्यालयीन पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। विकासखंड महिला सशक्तिकरण अधिकारी के स्वीकृत 313 पदों में से 139 पद भरे हुये है एवं 174 पद खाली है। विकासखंड स्तर पर लाड़ली लक्ष्मी योजनांतर्गत 313 डाटा एन्ट्री ऑपरेटर (आउटसोर्सिंग) के पद खाली है। रिक्त पद भरे जाने की कार्यवाही की जा रही है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) विकासखंड महिला सशक्तिकरण अधिकारी के कुल स्वीकृत पदों में से 156 पद सीधी भर्ती के एवं 157 पद पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है। (ग) जिले में कार्यरत विभागीय अमले के माध्यम से योजना का संचालन किया जा रहा है। (घ) पद पूर्ति की कार्यवाही की जा रही है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
पात्रता पर्ची एवं खाद्यान्न वितरण
20. ( क्र. 2729 ) श्री
कालुसिंह
ठाकुर : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) शासन
द्वारा
खाद्यान्न
सुरक्षा मिशन
के तहत गरीब
परिवारों एवं
अजा/ अजजा
वर्ग आदि
चिन्हित परिवारों
को खाद्यान्न
एवं नमक,
शक्कर, केरोसिन
आदि सामग्री
रियायती दर पर
उपलब्ध
कराने हेतु
पात्रता
पर्ची का
वितरण कब से
प्रारंभ किया
गया है? (ख) धार
जिले में अब
तक कितनी
पात्रता
पर्ची जारी की
गई है तथा
विभाग द्वारा
उचित मूल्य
दुकानों को
किस आधार पर खाद्यान्न
आदि सामग्री
वितरण हेतु
आवंटित की
जाती है,
(ग) वर्ष
2014-15 एवं 2015-16 में
वर्तमान तक
धरमपुरी
विधानभा
क्षेत्र में
दुकानवार, जारी
नवीन पात्रता
पर्ची एवं
किन-किन
दुकानों को कितनी-कितनी
सामग्री
कितने पात्र
परिवारों के
वितरण हेतु
आवंटित की गई
है, जानकारी
दी जावे,
तथा
सेल्समेनों
द्वारा कितने
पात्र
परिवारों को
सामग्री
वितरित की गई? क्या
उचित मूल्य
दुकानों के
सेल्समेनों
द्वारा पर्ची
जारी माह से
दो तीन माह तक
चयनित
परिवारों को
आवंटन प्राप्त
न होना बताकर
उन्हें
सामग्री
वितरण किये
बिना वापस कर
दिया जाता है, तथा उक्त
बचत के
खाद्यान्न
की
कालाबाजारी
कर दी जाती है? (घ) यदि
हाँ, तो
अब तक कितनी
शिकायतें कहाँ-कहाँ
की प्राप्त
हुईं तथा उनकी
जाँच किस-किस
अधिकारी
द्वारा की गई, तथा
कितनी
शिकायतें सही
पाई जाने पर किस-किस
सेल्समेन के
विरूद्ध क्या-क्या
कार्यवाही की
गई? प्रकरणवार
जानकारी
उपलब्ध
करावें?
खाद्य
मंत्री (
कुँवर विजय
शाह ) : (क) शासन
द्वारा राष्ट्रीय
खाद्य
सुरक्षा
अधिनियम, 2013
के तहत
सम्मिलित 24
श्रेणियों के
पात्र
परिवारों
जिसमें प्रदेश
के समस्त
अनुसूचित
जाति/जनजाति
के परिवार (प्रथम/द्वितीय/तृतीय
श्रेणी के
अधिकारी/कर्मचारी
तथा आयकर दाता
को छोड़कर) भी
सम्मिलित हैं, को माह
मार्च, 2014 से
खाद्यान्न, नमक, शक्कर
एवं केरोसीन
वितरण हेतु
माह फरवरी, 2014 से
पात्रता
पर्ची (ई-राशनकार्ड)
का वितरण
प्रारंभ किया
गया था। (ख) धार
जिले में
वर्तमन में 3,68,032 सत्यापित
पात्र
परिवारों को
पात्रता
पर्ची (ई-राशनकार्ड)
जारी की गई
है। उचित मूल्य
दुकानों पर
संलग्न
पात्र
परिवारों की
संख्या के
आधार
खाद्यान्न
आदि सामग्री
का आवंटन जारी
किया जाता है
जिसमें अन्त्योदय
अन्न योजना
के परिवारों
को खाद्यान्न
35 किलोग्राम
तथा
प्राथमिकता
परिवारों को 5
किलोग्राम
प्रति सदस्य
प्रतिमाह, नमक 1
किलोग्राम, शक्कर 1
किलोग्राम
तथा केरोसीन
अन्त्योदय
अन्न योजना
के परिवारों
को 5
लीटर एवं
प्राथमिकता
परिवारों को 4 लीटर
प्रति परिवार
प्रतिमाह
वितरण हेतु
आवंटन किया
जाता है। (ग) विधानसभा
क्षेत्र
धरमपुरी की
उचित मूल्य
दुकानों पर
राशन सामग्री
वितरण हेतु
वर्तमान में 52626
पात्रता
पर्चीधारी
परिवार संलग्न
है। वर्ष 2014-15 से 2015-16
तक दुकानों पर
संलग्न
पात्रता
पर्चीधारी
परिवारों
संख्या, आवंटित
सामग्री एवं
राशन प्राप्त
करने वाले पात्र
परिवारों की
संख्या की
माहवार जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है। स्थानीय
निकाय द्वारा
सत्यापित
पात्र
परिवारों की
संख्या के
आधार पर राज्य
स्तर से
प्रतिमाह
राशन सामग्री
का दुकानवार
आवंटन जारी
किया जा रहा
है, विक्रेताओं
द्वारा राशन सामग्री
आवंटन के अभाव
में उपभोक्ताओं
को सामग्री
देने से इंकार
करने का प्रकरण
प्रकाश में
नहीं आया है।
उचित मूल्य
दुकानों को
आवंटित राशन
सामग्री में
से वितरण
उपरांत शेष
सामग्री को
आगामी माह के
आवंटन में
समायोजित कर
आवंटन जारी
किया जाता है।
वितरण से शेष
स्टॉक की
कालाबाजारी
नहीं की गई
है। (घ) जी
नहीं।
विधानसभा
क्षेत्र
धरमपुरी की
शासकीय उचित
मूल्य दुकान
दूधी से
सामग्री
वितरण में
अनियमितता
संबंधी
प्राप्त
शिकायत की जाँच
दिनांक 20.01.2016 को
श्री एम.एस.
ठाकुर, सहायक
आपूर्ति
अधिकारी
द्वारा की गई।
जाँच में
गेहूं वितरण
की फर्जी इन्ट्री
करना, स्टॉक
भाव सूची का प्रदर्शन
न करना, उपभोक्ताओं
से चावल के
पैसे प्राप्त
कर चावल का
प्रदाय न करना
एवं वितरण का
रिकार्ड जाँच
हेतु उपलब्ध
न कराने की
अनियमितता
पाये जाने पर
श्री सुनील
दर्शे
प्रबंधक आ.जा.
सेवा सहकारी
समिति धामनौद
तथा श्री
महेन्द्र
मोयदे
विक्रेता के
विरूद्ध
प्रकरण निर्मित
किया गया।
प्रकरण में
अनुविभागीय
अधिकारी (राजस्व), मनावर
जिला धार
संबंधित को
कारण बताओं
सूचना पत्र
जारी किया
गया।
नशीली दवाओं की तस्करी रोकना
21. ( क्र. 2845 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले से नशीली दवाई फेल्सीडीन कफ सीरप की विदेश एजेन्सियों एवं अलकायदा आतंकी संगठन को आपूर्ति किये जाने में कितने दवा व्यवसायिओं के बालाघाट एवं छिंदवाड़ा में नाम सामने आये हैं तथा डी.आई.जी. छिंदवाड़ा द्वारा कब तक जाँच की जायेगी? (ख) इस मामले में छिंदवाड़ा के मंटु लालानी एवं प्रशांत पाण्डे तथा बालाघाट के पराग मेडिकल स्वास्तिक एजेन्सी एवं एम.पी. मेडिकल के संचालकों के विरूद्ध अब तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? जबकि इनके विरूद्ध कटनी पुलिस अधीक्षक गौरव राजपूत ने कार्यवाही की अनुमति चाही थी?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) बालाघाट एवं छिंदवाड़ा के दवा व्यापारियों की जाँच करने पर कोई साक्ष्य नहीं आने से कोई अपराध होना नहीं पाया गया है। पुलिस उप महानिरीक्षक, छिन्दवाड़ा द्वारा शिकायतों की जाँच की गई, शिकायत को निराधार एवं भ्रामक होना पाया गया। (ख) प्रश्न में उल्लेखित व्यक्तियों एवं दुकानों के संचालकों के विरूद्ध शिकायत की जाँच में कोई साक्ष्य या तथ्य नहीं पाने से कार्यवाही नहीं की गई तथा उनके विरूद्ध कार्यवाही की अनुमति पुलिस अधीक्षक, कटनी द्वारा नहीं चाही गई है।
नवीन पुलिस चोकी की स्थापना
22. ( क्र. 2860 ) श्री
रजनीश सिंह :
क्या गृह
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) बढ़ती
आबादी एवं नक्सल
प्रभावित
क्षेत्र को
देखते हुये
विधान सभा
क्षेत्र
केवलारी के
अंतर्गत
पंडिया छपारा में
नवीन पुलिस
चौकी की स्थापना, शासन
द्वारा प्रस्तावित
है? यदि
नहीं, तो
क्यों?
(ख) क्या
नक्सल
प्रभावित
जिला बालाघाट
से लगे हुये
पांडिया
छपारा
क्षेत्र में
पुलिस चौकी की
स्थापना
अनिवार्य
नहीं है?
यदि
हाँ, तो
शासन इस पर क्या
कार्यवाही
करेगा, कब
तक पुलिस चौकी
की स्थापना
हो जायेगी? (ग) एक
नई पुलिस चौकी
खोलने/स्थापित
करने हेतु
सरकार के क्या-क्या
मापदण्ड
होते है?
स्पष्ट
करें।
गृह
मंत्री ( श्री
बाबूलाल गौर ) : (क) प्रस्ताव
निर्धारित
मापदण्ड के
अनुरूप नहीं
पाये जाने से
अमान्य किया
गया। (ख) जी
नहीं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार।
आंगनवाड़ी केन्द्रों एवं भवन
23. ( क्र. 2861 ) श्री रजनीश सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) केवलारी विधान सभा क्षेत्रांतर्गत कुल कितने आंगनवाड़ी भवन है? कितने भवनों की और आवश्यकता है? कितने आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवन में संचालित हो रही है? विकासखण्डवार जानकारी देवें? (ख) विधान सभा क्षेत्र के कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों में बाउंड्रीवाल है एवं कितने बाउंड्रीवालविहीन हैं? बाउंड्रीवालविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों में कब तक बाउंड्रीवाल बन जायेगी? (घ) जो आंगनवाड़ी किराये के भवन में संचालित हो रही हैं विगत 03 वर्षों में उनके लिए कितना किराया भुगतान किया गया?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) केवलारी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 346 आंगनवाड़ी भवन निर्मित है। 102 आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये विभागीय भवनों की आवश्यकता है। 37 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित है। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- 1 पर है। (ख) केवलारी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 346 आंगनवाड़ी भवनों में से 255 आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवनों में बाउंड्रीवॉल है एवं 91 भवनों में बाउंड्रीवॉल नहीं है। आंगनवाड़ी भवनों में बाउंड्रीवॉल का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता हैं। अतः समय-सीमा दी जाना संभव नहीं हैं। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- 2 पर है। (ग) विधानसभा क्षेत्र केवलारी अंतर्गत किराये के भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये विगत 03 वर्षों में कुल राशि रूपये 474450/- का भवन किराया भुगतान किया गया है।
खरगौन में चिकित्सा महाविद्यालय की स्वीकृति
24. ( क्र. 2881 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा में चिकित्सा महाविद्यालय की स्वीकृति किन बिंदुओं को दृष्टिगत रखते हुए प्रदान की गई, खरगौन में चिकित्सा महाविद्यालय की अस्वीकृति के कारण बतायें? शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय चयन के आधार की नीति की प्रति देवें? (ख) म.प्र. सह चिकत्सा परिषद, भोपाल में खरगौन जिले की पंजीकृत सह-चिकित्सीय कर्मियों की संख्या विकासखण्डवार बतायें? (ग) म.प्र. परिचारिका पंजीयन परिषद, भोपाल में खरगौन जिले की पंजीकृत छात्र/छात्राओं की संख्या विकासखण्डवार बतायें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) खण्डवा में चिकित्सा महाविद्यालय की स्वीकृति भारत सरकार के योजनांतर्गत दी गई है। खरगौन में चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित करने का कोई प्रस्ताव अस्वीकृत नहीं किया गया है अवएव प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) मध्यप्रदेश सह चिकित्सीय परिषद से जानकारी एकत्रित की जा रही हैं। (ग) पंजीयन की जानकारी विकासखण्डवार संधारित नहीं की जाती हैं, वर्ष 2015 में खरगौन जिले में जी.एन.एम. के पंजीकृत छात्र/छात्राओं की कुल संख्या 84 एवं ए.एन.एम. के पंजीकृत छात्र/छात्राओं की कुल संख्या 22 है।
नाप-तौल नियंत्रक द्वारा किये गये निरीक्षण
25. ( क्र. 2882 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उप/सहायक नियंत्रक, नाप-तौल, खरगौन द्वारा विगत 1 वर्षों में कितने निरीक्षण कार्य किये तथा अमानक नाप-तौल के कितने प्रकरण दर्ज कराये? दर्ज प्रकरणों पर की गई कार्यवाही की सूची देवें? (ख) विभागीय अधिकारी द्वारा खरगौन जिले में वर्ष 2014 में कितने बड़े तौल काटे (वाहन एवं माल को तौलने वाले) का सत्यापन कब-कब किया गया, तौल काटे के नाम, स्थान सहित सूची देवें? विभागीय अधिकारी द्वारा खरगौन जिले में वर्ष 2015 में कितनी जिनिंग एवं दाल मिलों में निरीक्षण कार्य किया गया तथा कितने प्रकरण बनाये गये? प्रकरणवार सूची देवें?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) खरगौन में उप/सहायक नियंत्रक नाप-तौल पदस्थ नहीं है, वहां निरीक्षक नाप-तौल पदस्थ हैं। निरीक्षक द्वारा विगत एक वर्ष में 3009 निरीक्षण किये तथा अमानक नाप-तौल के 63 प्रकरण दर्ज किये हैं। दर्ज प्रकरणों पर की गई कार्यवाही की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) खरगौन जिले में वर्ष 2014 में बड़े तौल कांटों के सत्यापन की जानकारी वर्ष 2015 में जिनिंग/दाल मिलों के निरीक्षण की संख्या व प्रकरण की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
नर्सिंग विद्यालय एवं महाविद्यालय में पदों की जानकारी
26. ( क्र. 2922 ) श्री राजेश सोनकर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर एवं उज्जैन संभाग के नर्सिंग विद्यालय एवं महाविद्यालय में चिकित्सकीय निर्देशक व नर्सिंग शिक्षक के कुल कितने पद रिक्त है? (ख) प्रश्नांश के संदर्भ में रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर ली जायेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में रिक्त पदों की पूर्ति के लिये वरीयता में स्नातकोत्तर एवं बी.एड. को क्या प्राथमिकता दी जायेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) इंदौर एवं उज्जैन संभाग के नर्सिंग महाविद्यालय/विद्यालय में चिकित्सकीय निर्देशक व नर्सिंग शिक्षक के निम्नानुसार पद स्वीकृत है-
क्र. |
उज्जैन एवं इंदौर संभाग के नर्सिंग विद्यालय/महाविद्यालय का नाम |
पदनाम |
रिक्त पदों की स्थिति |
रिमार्क |
|
|||||
उज्जैन संभाग |
|
|||||||||
1 |
नर्सिंग महाविद्यालय उज्जैन |
1. प्रोफेसर कम प्राचार्य |
1 |
प्रभारी प्राचार्या कार्यरत |
|
|||||
२ रीडर/एसोसिएट |
1 |
प्रभारी उप प्राचार्या कार्यरत |
|
|||||||
3. लेक्चरार |
5 |
1 पर डी.पी.एच.एन.ओ. कार्यरत |
|
|||||||
4. टयूटर/क्लीनिकल इन्सटेक्चर |
0 |
|
|
|||||||
2 |
जी.एन.एम. मंदसोर |
1. प्राचार्य |
1 |
|
|
|||||
2. उप प्राचार्य |
1 |
|
|
|||||||
3. सिस्टर ट्यूटर |
2 |
|
|
|||||||
3 |
जी.एन.एम. रतलाम |
1. सिस्टर ट्यूटर |
0 |
|
|
|||||
इंदौर संभाग |
|
|||||||||
1 |
जी.एन.एम. प्रशिक्षण केन्द्र खंडवा |
1. सिस्टर टयूटर |
0 |
|
|
|||||
2 |
जी.एन.एम. प्रशिक्षण केन्द्र झाबुआ |
1. सिस्टर टयूटर |
4 |
|
|
|||||
|
|
|
|
|
|
|
|
|
||
(ख) पदोन्नति के माध्यम से रिक्त पदों की पूर्ति की जावेगी। (ग) नर्सिंग संवर्ग के भर्ती नियम अनुसार प्रश्नांश क के पदों की पूर्ती के लिए वरियता में आवश्यक शैक्षणिक योग्यता जी.एन.एम./बी.एस.सी. नर्सिंग/डिप्लोमा इन पब्लिक हेल्थ डिप्लोमा/एम.एस.सी. नर्सिंग होती है।
शासकीय उचित मूल्य की दुकान
27. ( क्र. 2982 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सावर्जनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत शासकीय उचित मूल्य की दुकान ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित करने का क्या प्रावधान है? दुकान की स्थापना ग्राम पंचायत मुख्यालय में किये जाने का प्रावधान है या नहीं? (ख) सतना जिले में कितनी शासकीय उचित मूल्य की दुकानें ग्राम पंचायत मुख्यालय में स्थापित हैं तथा कितनी दुकानें ग्राम पंचायत क्षेत्र के ग्रामों में स्थापित है? (ग) सतना जिले में कितने खाद्य निरीक्षक/सहायक खाद्य आपूर्ति अधिकारी पदस्थ हैं, तथा इनकी पदस्थापना दिनांक से आज दिनांक तक कब-कब, किन-किन जनपदों में पदस्थ रहें? (घ) कई वर्षों से एक ही स्थान पर जमे रहने वाले खाद्य निरीक्षक/सहायक खाद्य आपूर्ति अधिकारी एवं मनमानी तौर पर ग्राम पंचायत मुख्यालय के स्थान पर गांवों में उचित मूल्य की दुकान खोलने वाले अधिकारियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
खाद्य
मंत्री (
कुँवर विजय
शाह ) : (क) सार्वजनिक
वितरण
प्रणाली (नियंत्रण)
आदेश, 2015 की
कंडिका 7
(2) के
अंतर्गत
ग्रामीण
क्षेत्र में
प्रत्येक
पंचायत में
उचित मूल्य
दुकान खोलने
का प्रावधान
है। जी नहीं। (ख)
सतना जिले में
684
शासकीय उचित
मूल्य
दुकानें
ग्राम पंचायत
मुख्यालय पर
तथा 6
उचित मूल्य
की दुकानें
ग्राम पंचायत
मुख्यालय से
इतर अन्य
ग्रामों में
स्थापित
हैं। जिन
पंचायतों में
एक से अधिक
दुकानें
संचालित हैं
उनमें मुख्यालय
पर स्थापित
दुकान के
अतिरिक्त
ग्रामों में
स्थापित
उचित मूल्य
दुकानों की
संख्या 26 है। (ग) सतना
जिले में 4 सहायक
आपूर्ति
अधिकारी तथा 3 कनिष्ठ
आपूर्ति
अधिकारी पदस्थ
हैं। पदस्थापना
की जानकारी संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (घ)
प्रश्नांश
(क) एवं (ग) के उत्तर
के परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
ही उपस्थित
नहीं होता।
परिशिष्ट
–
''इकतीस''
नर्सिंग कॉलेजों द्वारा मापदंडों का पालन
28. ( क्र. 2985 ) श्री
शंकर लाल
तिवारी :
क्या लोक
स्वास्थ्य
एवं परिवार
कल्याण मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) सतना
जिले में
कितने
नर्सिंग
कालेज चल रहे
हैं? शासकीय
एवं प्राइवेट
नर्सिंग
कालेज की जानकारी
दें? (ख) क्या
नर्सिंग
कॉलेज में स्वास्थ्य
विभाग द्वारा
निर्धारित
मापदण्डों
का पालन किया
जा रहा है? सी.एम.एच.ओ.
का जाँच
प्रतिवेदन
प्रस्तुत
करें? (ग) यदि
नर्सिंग
कॉलेज
निर्धारित
मापदण्डों
को पूरा नहीं
करते है तो
इनकी मान्यता
कब तक समाप्त
कर दी जायेगी? (घ) नर्सिंग
कॉलेज के
फर्जी पाये
जाने पर मान्यता
देने वाले
दोषी
अधिकारियों
के विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
जावेगी?
लोक
स्वास्थ्य
एवं परिवार
कल्याण
मंत्री ( डॉ.
नरोत्तम
मिश्र ) : (क) से (घ)
जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
नवीन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन निर्माण
29. ( क्र. 3153 ) श्री रामनिवास रावत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुरैना जिले की सबलगढ़ तहसील मुख्यालय पर संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हेतु नवीन भवन निर्माण हेतु 2.60 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की है? यदि हाँ, तो स्वीकृत आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? क्या उक्त भवन के निर्माण का शिलान्यास माननीय मुख्यमंत्री जी दिनांक 05.09.2014 को सबलगढ़ प्रवास के दौरान कर चुके हैं? यदि हाँ, तो उक्त भवन का निर्माण अभी तक प्रारंभ क्यों नहीं हुआ है? (ख) उक्त भवन निर्माण हेतु कितनी-कितनी भूमि कहाँ पर आरक्षित की गई है? भूमि का सर्वे क्रमांक एवं रकबा सहित बतावें? क्या प्रशासन द्वारा तहसील सबलगढ़ में अलखिया खोह के पास शासकीय भूमि का आवंटन अस्पताल भवन के निर्माण हेतु किया है जो कि सबलगढ़ नगर से बाहर एवं शमशानघाट के पास से रास्ता होने के कारण नागरिकों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा अस्पताल हेतु उचित जगह न होने के कारण अन्य स्थान पर भूमि आंवटन की मांग की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या प्रशासन पूर्व में ही स्थित सामुदायिक भवन एवं उसके पास स्थित शासकीय भूमि जो वर्तमान में किराए पर है को भवन निर्माण हेतु आवंटन का उपलब्ध कराएगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत भवन का निर्माण प्रारंभ कराने के संबंध में अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। स्वीकृति आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। उक्त भवन निर्माण हेतु भूमि के चयन में देरी होने के कारण। (ख) भूमि सर्वे क्रमाकं 984 एवं रकवा 1.810 हेक्टेयर, ग्राम रामपुरकलां रोड से अलखिया कच्चा रोड पर आरक्षित की गई है। जी हाँ। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) अस्पताल भवन निर्माण हेतु राशि रुपये 600.50 लाख की दिनांक 09.12.2015 को प्रशासकीय स्वीकति जारी की गई। निविदा अनुमोदन की कार्यवाही प्रचलन में है।
पुलिस अधिकारियों के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों पर कार्यवाही
30. ( क्र. 3154 ) श्री रामनिवास रावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 जनवरी 2014 से प्रश्नांकित दिनांक तक श्योपुर जिले में पदस्थ किन-किन पुलिस उप निरीक्षक, निरीक्षक, थानाप्रभारी एवं अन्य पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों की कितनी-कितनी शिकायतें पुलिस अधीक्षक, पुलिस उप महानिरीक्षक, पुलिस महानिरीक्षक एवं पुलिस महानिदेशक को प्राप्त हुई? (ख) प्रश्नांश (क) की शिकायतों की जाँच किस-किस अधिकारी से कराई गई? जाँच में कौन-कौन दोषी पाए गये? कितनों के विरूद्ध जाँच जारी है? दोषी पाए गए पुलिस अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की अनुशंसा जाँच अधिकारी द्वारा की गई तथा किस-किस पुलिस अधिकारी के विरूद्ध अभी तक क्या कार्यवाही की गई तथा वर्तमान में उक्त अधिकारी कहाँ-कहाँ पदस्थ हैं? (ग) क्या जाँच में दोषी पाए गये एवं जिनके विरूद्ध जाँच संस्थित है उन पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों को वर्तमान पदस्थापना से हटाकर अन्यत्र पदस्थ किया जावेगा जिससे कि जाँच प्रभावित न हो? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या कुछ पुलिस अधिकारियों के विरूद्ध प्राइवेट इस्तगासा के तहत माननीय न्यायालय ने आपराधिक प्रकरण दर्ज कर लिया है व वरिष्ठ अधिकारियों की जाँच में भी दोषी पाया गया है? यदि हाँ, तो किस-किस अधिकारी को नाम व पद सहित बतावें? क्या इन अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों व कब तक कार्यवाही कर दी जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘ब’ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार। शिकायत जाँच में दोषी एवं पाये गए एवं 04 पुलिस अधिकारी/कर्मचारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘द’ अनुसार। 07 (ग) अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध जाँच जारी है। जाँच उपरांत गुण-दोषों के आधार पर उनके विरूद्ध कार्यवाही की जा सकेगी। जानकारी पुस्कालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘इ’ अनुसार। (घ) जिला श्योपुर के 13 पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध 07 प्राइवेट इस्तगाशा विभिन्न न्यायालयों में लगाये गये है। जिन पर माननीय न्यायालय द्वारा प्रकरण दर्ज किये गये है। न्यायालय में लंबित प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘फ’ अनुसार। उपरोक्त परिशिष्ट के स.क्र. 7 में वर्णित प्रकरण क्रमांक 173/15 विरूद्ध प्र.आर. 26 शैलेन्द्र सिंह चैहान की जाँच वरिष्ठ अधिकारी (एस.डी.ओ.पी. विजयपुर) द्वारा भी करवाई गई। जाँच में प्र.आर. 26 शैलेन्द्र सिंह चैहान थाना विजयपुर को दोषी पाये जाने के परिणाम स्वरूप पुलिस लाईन श्योपुर संबद्ध किया गया है। शेष के विरूद्ध न्यायालयीन कार्यवाही के अंतिम परिणाम प्राप्त होने पर विधिसम्मत कार्यवाही की जा सकेगी।
बी.पी.एल. योजनांतर्गत सहकारी संस्थाओं को कमीशन
31. ( क्र. 3178 ) श्री सचिन यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013 में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत बी.पी.एल. योजना में सहकारी संस्थाओं को कितना कमीशन प्राप्त होता था और इसका पुन: निरीक्षण कब किया गया? निरीक्षण होने तक सहकारी संस्थाओं को इस योजना के संचालन में कितनी हानि हुई और उसकी प्रतिपूर्ति के लिए शासन की ओर से क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) वर्ष 2012-13 से 2014-15 तक सहकारी संस्थाओं से उपार्जित गेहूं एवं धान के देयकों में टी.डी.एस. के रूप में कितनी राशि विपणन संघ एवं नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा काटी गई और इसके विरूद्ध कितनी राशि आयकर विभाग में जमा की गई? जिलेवार एवं वर्षवार जानकारी दें? कितनी राशि के टी.डी.एस. के प्रमाण पत्र सहकारी संस्थाओं को जारी किये गये? जिलेवार एवं वर्षवार जानकारी दें? (ग) क्या जिन जिलों में विपणन संघ द्वारा खरीदी की गई उन जिलों में संस्थाओं के देयकों से दोहरा टी.डी.एस. काटा गया? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है और उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जा रही है?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत उचित मूल्य दुकान संचालन करने वाली संस्थाओं को बी.पी.एल. योजनांतर्गत वितरण किए जाने वाले खाद्यान्न पर जून, 2013 से रू. 20.00 प्रति क्विंटल कमीशन दिया गया है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के प्रावधान के तहत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत वितरण किए जाने वाले खाद्यान्न पर उचित मूल्य दुकानों के कमीशन में संशोधन दिनांक 01 अप्रैल, 2015 से किया गया है जिसके अंतर्गत नगरीय क्षेत्र की उचित मूल्य दुकानों को रू. 70.00 प्रति क्विंटल तथा ग्रामीण क्षेत्र में. 200 या 200 से अधिक राशनकार्डधारी दुकान को रू. 8,400 पृथक विक्रेता रखने पर अन्यथा एक विक्रेता द्वारा एक से अधिक दुकानों का संचालन करने पर अतिरिक्त दुकान के लिए मात्र रू. 2,400 प्रति दुकान दिए जाने का प्रावधान किया गया है। ऑडिट प्रतिवेदन के आधार पर संस्थाओं को हुई वास्तविक हानि की प्रतिपूर्ति के प्रस्ताव विभाग को प्राप्त होने पर कार्यवाही की जाएगी। (ख) वर्ष 2012-13 से 2014-15 तक सहकारी संस्थाओं से उपार्जित गेहूं एवं धान के देयकों में से टी.डी.एस. के रूप में मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ एवं मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज़ कार्पोरेशन द्वारा काटी गई, जमा की गई राशि एवं जारी टी.डी.एस. प्रमाण-पत्र का वर्षवार, जिलेवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्ष 2015-16 खरीफ के पूर्व दोहरा टी.डी.एस. दो संस्थाओं के उपार्जन प्रक्रिया में आयकर नियमों के कारण काटा जा रहा था। आयकर विशेषज्ञों से सलाह उपरान्त अब यह कटौती नहीं हो रही है। नियमों की अस्पष्ट व्याख्या के कारण ऐसा हो रहा था, इस कारण किसी अधिकारी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
दतिया जिले की स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी
32. ( क्र. 3413 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में चिकित्सीय एवं गैर चिकित्सीय कितने पद कहाँ-कहाँ के लिए स्वीकृत है और उन स्वीकृत पदों पर कौन-कौन कर्मचारी कब से पदस्थ है (संविदा कर्मचारी सहित) और कितने पद कहाँ-कहाँ रिक्त है? (ख) दतिया जिले में सामुदायिक/प्राथमिक/उप स्वास्थ्य केन्द्रों के भवनों की क्या स्थिति है क्या सभी भवनों का उपयोग किया जा रहा है अथवा कई भवन जीर्ण-शीर्ण होने से अनुपयोगी है? समस्त भवनों की जानकारी सूची सहित उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांक (क) में रिक्त कर्मचारियों विशेषकर महिला चिकित्सक एवं प्रश्नांश (ख) में जीर्ण-शीर्ण हो चुके भवनों के स्थान पर नये भवन कब तक उपलब्ध कराये जायेंगे? (घ) उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर शासन के नियमानुसार कौन से पद होना चाहिए? क्या दतिया जिले के उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर उसकी संपूर्ण व्यवस्था है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गैस कम्पनियों के वितरकों द्वारा सब्सिडी का गबन
33. ( क्र. 3480 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2014 इन्दौर, उज्जैन संभाग में गैस कंपनियों के वितरकों द्वारा सॉफ्टवेयर में दर्ज उपभोक्ताओं के मोबाईल नंबरों या अन्य रिकार्ड में छेडछाड़ करके सब्सिडी का गबन किये जाने के संबंध में कितनी शिकायत प्राप्त हुई, इस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) उक्त संभाग में गैस टंकी में कम गैस को लेकर या कंपनी की अन्य प्रकार की लापरवाही की कितनी शिकायतें 1 जनवरी 2014 के पश्चात् प्राप्त हुई, व उन पर क्या कार्यवाही हुई? (ग) किसी भी शहर में किसी भी वितरक द्वारा नियमान्तर्गत कितने अधिकतम गैस कनेक्शन रखे जा सकते हैं। क्या इस नियम का पालन हो रहा है? मंदसौर जिले में कुल कितने गैस उपभोक्ता किस-किस कंपनी के हैं?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में प्रश्नांकित संभागों में गैस एजेन्सी के वितरकों द्वारा सॉफ्टवेयर में दर्ज उपभोक्ताओं के डाटा में छेड़छाड़ करके सब्सिडी का गबन करने संबंधी एक शिकायत मेसर्स कृति इण्डेन, इन्दौर के विरूद्ध प्राप्त हुई। इण्डियन ऑयल कार्पोरेशन द्वारा उक्त वितरक के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए 1,95,267 रूपये की वसूली वितरक से की गई। (ख) प्रश्नांकित अवधि में 49 शिकायतें सिलेण्डर में कम गैस होने के संबंध में उपभोक्ताओं से प्राप्त हुई। शिकायत एवं उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कंपनी की अन्य किसी प्रकार की लापरवाही की शिकायतें प्राप्त नहीं हुई। (ग) पेट्रोलियम मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एल.पी.जी. वितरकों के लिए अधिकतम गैस कनेक्शन रखे जाने की कोई सीमा निर्धारित नहीं की गई है। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। मंदसौर जिले में इण्डियन ऑयल के 1,26,300, भारत पेट्रोलियम के 11,245 एवं हिन्दुस्तान पेट्रोलियम के 35,024 एल.पी.जी. के उपभोक्ता हैं।
उपभोक्ता संरक्षण संबंधी
34. ( क्र. 3647 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम एवं उज्जैन जिले में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम में विगत पाँच वर्षों में प्राप्त विवादों एवं उनके निराकरणों की वर्षवार संख्या क्या है? (ख) कितने प्रकरण अब तक लंबित है? (ग) विगत तीन वर्षों से जिला उपभोक्ता फोरम के निर्णयों के विरूद्ध राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम के समक्ष अपील में कितने प्रकरण गये? संख्या दें।
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जिला उपभोक्ता फोरम रतलाम एवं उज्जैन में विगत पाँच वर्षों में प्राप्त और निराकृत प्रकरणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जिला उपभोक्ता फोरम रतलाम में दिनांक 31-01-2016 की स्थिति में 282 प्रकरण लंबित हैं एवं जिला उपभोक्ता फोरम उज्जैन में दिनांक 31-01-2016 की स्थिति में 1090 प्रकरण लंबित है। (ग) विगत 3 वर्षों में जिला उपभोक्ता फोरम रतलाम एवं उज्जैन के निर्णयों के विरूद्ध राज्य उपभोक्ता प्रतितोषण आयोग के समक्ष प्राप्त अपील प्रकरणों की संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
नापतौल उपकरणों का सत्यापन
35. ( क्र. 3648 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) व्यापारियों एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में उपयोग होने वाले नाप-तौल उपकरणों की जाँच-सत्यापन, पुन: सत्यापन प्रक्रिया का वर्ष 2014 एवं 2015 का ब्यौरा क्या है? उक्त कार्य हेतु दो वर्षों में लगाये गये शिविरों का जिलेवार ब्यौरा दें। (ख) कौन-कौन से बड़े जिला मुख्यालयों पर उच्च क्षमतायुक्त सेकण्डरी स्टैण्डर्ड से सुसज्जित प्रयोगशालाएं स्थापित हैं? एवं उनकी कार्य प्रणाली का दो वर्षों का ब्यौरा दें। (ग) वर्ष 2011-12 से दिसम्बर 2015 तक विभाग द्वारा कितने एवं कौन-कौन से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण क्रय किये? वर्षवार, उपकरणवार, राशिवार ब्यौरा दें?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) नाप-तौल उपकरणों की जाँच, सत्यापन, पुन: सत्यापन लगाये गये शिविरों की जिलेवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। वे-व्रिज पैट्रोल/डीजल डिस्पेंसिंग पंप एवं ऐसे ही अन्य नाप-तौल उपकरण जो अपनी जगह से हटाये नहीं जा सकते, उनका उपयोग के स्थान पर ही सत्यापन/पुन:सत्यापन कार्य किया जाता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
आयुष औषधालयों का संचालन
36. ( क्र. 3754 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पनागर में कुल कितने आयुर्वेदिक, युनानी एवं होम्योपैथिक औषधालय संचालित है? (ख) क्या इन औषधालयों में स्वीकृत अमले के अनुसार अधिकारी कर्मचारी पदस्थ हैं? यदि हाँ, तो कुल कितने हैं? यदि नहीं, तो क्यों कारण बतावें? (ग) क्या जिस उद्देश्य से इन औषधालयों को संचालित किया जा रहा है, उन उद्देश्यों की पूर्ति हो रही है? यदि हाँ, तो वर्ष 2014 -15 में कुल कितने रोगियों का उपचार किया गया? एवं कितने राशि की दवा वितरित की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विधानसभा क्षेत्र पनागर में कुल 10 आयुर्वेद औषधालय संचालित है यूनानी, होम्योपैथी का कोई औषधालय संचालित नहीं है। (ख) इन औषधालयों में स्वीकृत पदों के अनुसार अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ नहीं हैं। वर्तमान पदस्थ अमले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। पद रिक्त रहने के कारण सेवानिवृत्ति एवं स्थानान्तरण है। (ग) जी हाँ उद्देश्यों की पूर्ति हो रही है। वर्ष 2014-15 में उपचारित रोगियों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। वित्तीय वर्ष 2014-15 में पनागर क्षेत्र अंतर्गत औषधालयों/पी.एच.सी./सी.एच.सी. में वितरित की गई औषधियों की राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
जिला शासकीय चिकित्सालय कटनी का उन्नयन
37. ( क्र. 3828 ) श्री मोती कश्यप : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी में शासकीय जिला चिकित्सालय में कौन-कौन से विभाग हैं और उनमें कौन विशेषज्ञ व चिकित्सक कार्यरत हैं तथा कौन से पद रिक्त हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में कटनी और सीमावर्ती किन जिलों के रोगी चिकित्सा सुविधा हेतु आते हैं और कितने मेडीकल कॉलेज/अस्पताल जबलपुर भेजे जाते हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के किन विभागों में कितने और कुल कितने बिस्तर की सुविधायें हैं तथा कितने अतिरिक्त बिस्तर भूमि पर लगाये जाते हैं एवं किन विभागों में कितने बिस्तर अपेक्षित है? (घ) क्या प्रश्नकर्ता ने अपने पत्र दिनांक 02.01.2016 द्वारा मुख्यमंत्री जी से प्रश्नांश (क) में किसी संख्या में बिस्तर बढ़ाने एवं उन्नयन की मांग की है? (ड.) क्या विभाग ने प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में चिकित्सालय के उन्नयन पर कोई कार्यवाही की जा रही है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) समीपवर्ती जिले जबलपुर, सतना, उमरिया एवं पन्ना जिलों से रोगी चिकित्सा सुविधा हेतु आते हैं एवं वित्तीय वर्ष 2015-16 में 394 रोगियों को जबलपुर चिकित्सा महाविद्यालय रेफर किया गया। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) शासन आदेश क्रमांक 12-43/2015/सत्रह/मेडि-3 दिनांक 18.9.2015/12.10.2015 के द्वारा 200 बिस्तरीय जिला चिकित्सालय कटनी का उन्नयन 350 बिस्तरीय जिला चिकित्सालय में किया जा चुका है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) उत्तरांश ’’घ’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उमरियापान सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदपूर्ति
38. ( क्र. 3830 ) श्री मोती कश्यप : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला कटनी विकासखण्ड ढीमरखेड़ा में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, उपस्वास्थ्य केन्द्र एवं मिनी उपस्वास्थ्य केंद्र कहाँ-कहाँ हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में कहाँ कौन विशेषज्ञ/चिकित्सक व कर्मी पदस्थ है और कहाँ पद रिक्त हैं? (ग) सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व चिकित्सालय उमरियापान में सेवारत चिकित्सकों/विशेषज्ञों में से कौन कहाँ पदस्थ है और दोहरी पदस्थी से कहाँ क्या स्थिति बनती है? (घ) प्रश्नांश (ग) के चिकित्सकों/विशेषज्ञों के रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र उमरियापान में वर्तमान में विशेषज्ञों के 03 पद स्वीकृत एवं रिक्त हैं, चिकित्सा अधिकारी के स्वीकृत 02 पदों के विरूद्ध 01 चिकित्सक की पदस्थापना है। स्थानीय कार्य सुविधा की दृष्टि से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खमतरा में पदस्थ डॉ. योगेश झा, चिकित्सा अधिकारी को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र उमरियापान के सी.बी.एम.ओ. पद का प्रभार सौंपा गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विभाग रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निरंतर प्रयासरत है, विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी के कारण पदपूर्ति किए जाने में कठिनाई हो रही है। चिकित्सा अधिकारियों के पदपूर्ति हेतु 1896 चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग में प्रचलन में है। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
स्टेट कोटे की सीट पर अन्य राज्यों के विद्यार्थियों की सूची
39. ( क्र. 3833 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग को एस.टी.एफ. द्वारा भेजे गये पत्र क्रं. समनि-1/एस.टी.एफ./रिडर/ए-26बी/2015 भोपाल दिनांक 22.06.2015 की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें तथा बतावें कि विभाग द्वारा इस पत्र का उत्तर किस दिनांक को दिया गया? (ख) निजी चिकित्सा महाविद्यालयों द्वारा वर्ष 2015 में एम.बी.बी.एस. प्रथम वर्ष में प्रवेशित विद्यार्थियों की सूची शासन को किस दिनांक को प्रेषित की गई हैं? (ग) निजी चिकित्सा महाविद्यालय द्वारा वर्ष 2015 में ए.आई.पी.एम.टी. से भरे जाने वाले स्टेट कोटे की सीटों पर अन्य राज्यों के विद्यार्थियों को प्रवेश देने के संदर्भ में बतावें कि क्या वह नियम के अनुसार हुआ है। इस संदर्भ में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई तथा उस पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) निजी चिकित्सा महाविद्यालय द्वारा वर्ष 2015 में एन.आर.आई. कोटे से चयनित विद्यार्थियों की सूची प्रदान करें तथा बतावें कि इसके लिये किस परीक्षा के माध्यम से चयन किया गया?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एस.टी.एफ. द्वारा भेजे गये पत्र क्रमांक समनि-1/एस.टी.एफ./रिडर/ए-26बी/2015 भोपाल, दिनांक 22/06/2015 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है, इस पत्र का उत्तर एस.टी.एफ. को भेजा नहीं गया है। (ख) निजी चिकित्सा महाविद्यालयों द्वारा वर्ष 2015 में एम.बी.बी.एस. प्रथम वर्ष में प्रवेशित विद्यार्थियों की सूची प्राप्त नहीं हुई है जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में वर्ष 2015 में ए.आई.पी.एम.टी. मेरिट सूची से भरे जाने वाले अनारक्षित श्रेणी के स्टेट कोटा सीटों पर अन्य राज्यों के विद्यार्थियों को भी मेरिट के अनुसार प्रवेश नियम अनुसार प्रवेश दिया गया है। इस संबंध में एक शिकायत दिनांक 11/09/2015 को प्राप्त हुई जिस पर शिकायतकर्ता के हस्ताक्षर हैं, किन्तु पता नहीं होने के कारण उन्हें नियमों के संबंध में अवगत नहीं कराया जा सका। (घ) निजी चिकित्सा महाविद्यालयों द्वारा वर्ष 2015 में एन.आर.आई. कोटे से चयनित विद्यार्थियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। एन.आर.आई. कोटे से विद्यार्थियों का चयन निजी चिकित्सा महाविद्यालयों द्वारा स्वयं के स्तर से ही किया जाता है।
नाप-तौल विभाग द्वारा की गई जाँच
40. ( क्र. 3946 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला झाबुआ में नाप-तौल विभाग अंतर्गत कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी किस-किस दिनांक से कहाँ-कहाँ पर पदस्थ हैं व्यक्तिवार पदनाम सहित जानकारी दी जावे? विभाग को जिले में कितनी शिकायतें विगत तीन वर्षों में प्राप्त हुई है? (ख) जिले में नाप-तौल विभाग द्वारा कितनी जाँच किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है? जाँच हेतु किन-किन अधिकारी को नियुक्त किया गया। विभागीय अधिकारी द्वारा कितनी जाँच कहाँ-कहाँ तथा कब की गई? प्रश्नांश (क) में प्राप्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या विभाग द्वारा झाबुआ जिले में लक्ष्य अनुरूप जाँच नहीं की गई है यदि हाँ, तो इसके लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं एवं विभाग द्वारा उस पर क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) श्री एल.सी. खण्डवी, निरीक्षक, नाप-तौल दिनांक 20.07.2012 से श्रीमती देवकन्या सिसोदिया, सहायक ग्रेड-3, दिनांक 05.02.1999 से एवं श्री संजय पांचाल, श्रम सहायक, दिनांक 20.10.2008 से पदस्थ हैं। 3 शिकायतें प्राप्त हुई है। (ख) जिले में नाप-तौल विभाग द्वारा प्रत्येक माह 250 संस्थानों की जाँच का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जाँच हेतु निरीक्षक नाप-तौल के पद पर श्री एल.सी. खण्डवी पदस्थ है। निरीक्षक नाप-तौल द्वारा वित्तीय वर्ष 2015-16 में दिनांक 25.02.2016 तक की गयी जाँच का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। प्राप्त शिकायतों पर की गयी कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा लक्ष्य के अनुरूप ही व्यापारिक संस्थानों की जाँच की गई है। अत: किसी भी प्रकार की कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी केन्द्रों में अनियमितताएं
41. ( क्र. 3947 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) झाबुआ जिले में प्रश्न दिनांक की स्थिति में कुल कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं इन केन्द्रों में संचालित गतिविधियों के संबंध में शासन के क्या निर्देश है निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) उक्त केन्द्रों में निर्देशानुसार सभी कार्य एवं गतिविधियाँ नियमित संचालित होने केन्द्रों के नियमित न खुलने तथा गुणवत्तायुक्त भोजन न परोसे जाने सहित अन्य कई प्रकार की अनियमितताएं बरती जाने की स्थिति निर्मित होती रही है अथवा होती रहती है? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) हाँ है तो इन अनियमितताओं की रोकथाम हेतु विभाग क्या कार्यवाही करेगा? जून 2014 से वर्तमान तक की अवधि में उक्त संचालित केन्द्रों में किस-किस अधिकारी द्वारा किस-किस दिनांक को निरीक्षण किया गया के दौरान क्या अनियमितताएं पाई गई? (घ) उक्त अवधि में अनियमितताएं बरती जाने की क्या कोई शिकायत विभाग को प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो उनकी जाँच कराई गई? जाँच उपरांत कौन दोषी पाया गया एवं उस के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई अथवा की जा रही है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) झाबुआ जिले में 1606 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। संचालित की जाने वाली गतिविधियों के निर्देशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘एक‘ अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अनियमितताओं की शिकायत प्राप्त होने पर विभाग द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। किये गये निरीक्षण एवं अनियमितताओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘दो‘ अनुसार है। (घ) जिला कार्यक्रम अधिकारी, परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षकों के निरीक्षण के दौरान केन्द्र का नियमित संचालन नहीं करने के कारण परियोजना रामा अन्तर्गत 04 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सेवा से पृथक किया गया। परियोजना झाबुआ अन्तर्गत 84 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं/ सहायिकाओं की सेवायें समाप्त की गई। माननीय उच्च न्यायालय के आदेशानुसार परियोजना झाबुआ की 76 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाओं को पुनः सेवा में लिया गया तथा 08 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को जिला न्यायालय झाबुआ के निर्णय पर पुनः सेवा में लिया गया।
शस्त्र लायसेंस
42. ( क्र. 4070 ) श्री
रजनीश सिंह :
क्या गृह
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
सिवनी जिले
में शस्त्र
लायसेंस देने
की शासन
द्वारा
निर्धारित प्रक्रिया
अनुसार ही शस्त्र
लायसेंस
प्रदाय किये
जा रहे है? शासन
द्वारा
निर्धारित
प्रक्रिया का
विवरण देवें? (ख) विगत
03
वर्षों में
सिवनी जिले
में विकासखण्डवार
कितने
आवेदकों को
शस्त्र
लायसेंस
प्रदाय किये
गये हैं?
ऐसे
कितने आवेदन
है जिनमें
आवेदन विभिन्न
कारणों से
निरस्त किये
गये है? कारण
सहित सूची
प्रदान करें। (ग)
सिवनी जिले
में ऐसे कितने
लायसेंसधारी
शस्त्रधारक
है, जिनके
विरूद्ध
आपराधिक
मामले दर्ज
किये गये हैं।
क्या उनके
विरूद्ध
विभागीय
कार्यवाही की
गयी है? यदि
हाँ, तो
क्या
कार्यवाही की
गई है?
गृह
मंत्री ( श्री
बाबूलाल गौर ) : (क) जी
हाँ। भारत
सरकार द्वारा
जारी शस्त्र
अधिनियम, नियम
एवं समय-समय
पर जारी
निर्देशों के
अनुसार
निर्धारित प्रक्रिया
के तहत्
कार्यवाही की
जाती है। (ख) 55 शस्त्र
लायसेंस
प्रदाय किये
गये जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ’अ’
अनुसार तथा
44 आवेदन
निरस्त किये
गये, जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ’ब’
अनुसार
है।
(ग) 33
शस्त्र
लायसेंसधारियों
के विरूद्ध
अपराधिक
मामले दर्ज
किये गये हैं, जिनके
विरूद्ध
संबंधित
अधिनियमों
में कार्यवाही
की जा रही है।
वित्तीय वर्षों में किए गए व्यय की जानकारी
43. ( क्र. 4229 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में एक अप्रैल 2010 से 31.03.2013 तक किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि व्यय हेतु आवंटित हुई? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार आवंटित राशि किस-किस मद में, कब-कब, कहाँ-कहाँ व्यय की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार किस मद की कितनी-कितनी राशि को दूसरे मद में कब-कब व्यय किया गया? एक मद से दूसरे मद में राशि को व्यय करने हेतु किस सक्षम कार्यालय से अनुमति प्राप्त करना अत्यावश्यक है? क्या अनुमति प्राप्त की गयी? (घ) प्रश्नांश (ग) में अगर अनुमति नहीं ली गयी तो क्या कार्यवाही राज्य शासन किस नाम/पदनाम के विरूद्ध कब क्या करेगा? अगर नहीं तो कारण दें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) 01 अप्रैल 2010 से 31.03.2013 तक मदवार आवंटन एवं व्यय का विवरण जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिस वित्तीय वर्ष में बजट दिया गया उसी वित्तीय वर्ष में, संबंधित मद में ही व्यय किया गया। (ग) किसी भी मद की राशि दूसरे मद में व्यय नहीं की गई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वित्तीय वर्षों में किये गये व्यय की जानकारी
44. ( क्र. 4230 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में एक अप्रैल 2013 से प्रश्नतिथि तक किस-किस मद में कितनी-कितनी व्यय हेतु राशि आवंटित हुई? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार आवंटित राशि किस-किस मद में, कब-कब, कहाँ-कहाँ व्यय की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार किस मद की कितनी-कितनी राशि को दूसरे मद में कब-कब व्यय किया गया? क्या एक मद से दूसरे मद में राशि को व्यय करने हेतु किस सक्षम कार्यालय से अनुमति प्राप्त करना अत्यावश्यक है? क्या अनुमति प्राप्त की गयी? (घ) प्रश्नांश (ग) में अगर अनुमति नहीं ली गयी तो क्या कार्यवाही राज्य शासन किस नाम/पदनाम के विरूद्ध कब तक करेगा? अगर नहीं तो कारण दें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश में पूर्व में संचालित डेनिडा परियोजना
45. ( क्र. 4251 ) श्री तरूण भनोत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा डेनिडा परियोजना कब प्रारंभ की गई तथा यह परियोजना कब तक अस्तित्व में रही? उक्त परियोजना में कितने अधिकारी/कर्मचारियों की नियुक्तियां की गई? (ख) डेनिडा परियोजना कार्यालय बंद होने के समय प्रदेश के किन-किन शहरों में कार्यालय अस्तित्व में थे तथा उस समय कार्यरत तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कितने कर्मचारियों का अन्य शासकीय विभागों में समायोजन/संविलियन किया गया? (ग) वर्णित (क) की परियोजना से जबलपुर जिले में कितने तृतीय-चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का समायोजन/संविलियन किया गया? कितने शेष रह गये? (घ) क्या वर्णित (क) एवं (ग) के संबंध में किसी वेबसाइट पर जानकारी उपलब्ध है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पुलिस विभाग को वित्तीय वर्ष 13-14 एवं 14-15 में आवंटित राशि
46. ( क्र. 4307 ) श्री उमंग सिंघार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 7वीं वाहिनी वि.स.बल भोपाल को वित्तीय वर्ष 2013-14 एवं 14-15 में पुलिस मुख्यालय द्वारा कितनी राशि किन-किन कार्यों हेतु स्वीकृत की गई? वाहिनी परिसर में कितने कार्य निर्माणाधीन हैं व किस एजेंसी द्वारा कार्य किया जा रहा है? (ख) क्वाटर मास्टर शाखा/पायनीयर कंपनी से सेनानी कार्यालय जिम्नेशियम हॉल के बाजू में निर्माण कार्यों हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई? दोनों शाखाओं से कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि से कराये जा रहे हैं? (ग) क्या क्वाटर मास्टर शाखा/पायनियर शाखा द्वारा वाहिनी परिसर में किये गये निर्माण कार्यों का पुलिस मुख्यालय द्वारा ऑडिट कराया गया राशि यदि हाँ, तो कब-कब? (घ) 7वीं वाहिनी क्वाटर मास्टर/पायनियर शाखा से वाहिनी परिसर में कराये गये निर्माण कार्यों हेतु सामग्री किस कंपनी से खरीदी गई क्या उक्त सामग्री हेतु टेण्डर बुलाये गये थे?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ एवं ’ब’ अनुसार है। परिशिष्ट में दर्शित सभी निर्माण कार्य पूर्ण किये जा चुके है। वर्तमान में कोई कार्य निर्माणाधीन नहीं है। (ख) क्वाटर मास्टर शाखा/पायनियर द्वारा निर्माण कार्य हेतु कोई भी राशि स्वीकृत नहीं की जाती हैं। पुलिस मुख्यालय द्वारा सर्वसुविधायुक्त नवीन जिम्नेशियम (6000 वर्गफिट) निर्माण कार्यों के लिए वित्तीय वर्ष 2013-14 में राशि रू. 30,00,000/- तथा वित्तीय वर्ष 2014-15 में राशि रू. 28,39,950/- की स्वीकृति प्रदान की गई। इकाई स्तर पर उक्त निर्माण कार्य राशि रू. 73,39,950/- में पूर्ण किया गया है। (ग) जी हाँ। क्वाटर मास्टर शाखा द्वारा कोई भी निर्माण कार्य नहीं कराये गये है। पायनियर शाखा द्वारा वाहिनी परिसर में वित्तीय वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में किये गये सभी निर्माण कार्यों का कार्यालय प्रधान महालेखाकार (सामान्य एवं सामाजिक क्षेत्र लेखा परीक्षा) म.प्र. ग्वालियर द्वारा दिनांक 01.04.2014 तक लेखा परीक्षण किया गया। पुलिस मुख्यालय द्वारा लेखा परीक्षण अवधि 01.11.2013 से 30.11.2014 दिनांक 19.12.2014 को लेखा परीक्षण किया गया एवं आंतरिक लेखा परीक्षण शासकीय निधि अवधि दिनांक 01.12.2014 से 30.11.2015 का दिनांक 26.11.2015 को किया गया। (घ) जी हाँ। क्वाटर मास्टर शाखा द्वारा कोई निर्माण कार्य नहीं कराया गया। पायनियर शाखा द्वारा वित्तीय वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में निम्नलिखित फर्मों से निर्माण सामग्री क्रय की गई :- 1- नंदनी इण्टरप्राईजेस, शॉप न.316 दुकान राजीव नगर, अयोध्या बायपास रोड, भोपाल। 2- प्रशांत इण्टरप्राईजेस, शॉप न.58 मेन मार्केट जहाँगीराबाद भोपाल। 3- एन.एस.रेफ्रीजीरेशन, शॉप न.-1 पुलबोगदा रायसेन रोड, भोपाल। 4- पवन इण्टरप्राईजेस, 2484 दुर्गा नगर, अरेरा कालोनी, भोपाल। 5- यादव ब्रदर्स, म.न. 157, न्यू टी.टी.नगर भोपाल। 6- ए.के.कंस्ट्रक्शन 108 बागमुगलिया, भोपाल। म.प्र. भण्डार क्रय नियम में निहित प्रावधानों के अंतर्गत टेंडर बुलाकर निर्माण सामग्री क्रय की गई है।
पाटन विधान सभा अंतर्गत घटित अपराध
47. ( क्र. 4351 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वित्त वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कितने अपराध धारा 302 के तहत पंजीबद्ध किये गये? नाम, ग्राम सहित संपूर्ण विवरण देवें एवं इन पंजीबद्ध प्रकरणों में किन-किन को गिरफ्तार किया गया एवं किन-किन प्रकरणों में किस-किस की गिरफ्तारी शेष है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में गठित अपराधों में निर्दोष व्यक्तियों को रंजिश बस फंसाये जाने के अनेक आवेदन माननीय गृह मंत्री, पुलिस महानिर्देशक पुलिस मुख्यालय भोपाल, पुलिस अधीक्षक जबलपुर को कर घटित अपराध की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जाँच कराई जाने की मांग प्रथम सूचना रिपोर्ट में दर्ज व्यक्तियों के परिजनों द्वारा की गई है? शासन द्वारा प्राप्त इन आवेदनों पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या शासन प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित पंजीबद्ध अपराध की पुन: उच्चस्तरीय जाँच कराकर पीडि़त पक्षों को समुचित निष्पक्ष न्याय दिलाने का प्रयास करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से एवं कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में पाटन विधानसभा क्षेत्रांतर्गत थानों में धारा 302 भा.द.वि. के कुल 14 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। प्रश्न के शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उक्त पंजीबद्ध प्रकरणों में से थाना पाटन के अपराध क्रमांक 32/16 धारा 307, 302, 34 भा.द.वि. के आरोपी श्री अनुराज यादव द्वारा घटना की निष्पक्ष जाँच हेतु आवेदन पत्र पुलिस अधीक्षक, जबलपुर को प्रस्तुत किया था, जो जांचाधीन है। थाना मझोली के अपराध क्रमांक 403/15 धारा 302, भा.द.वि. में आरोपी श्री देवराज की पत्नी श्रीमती रामनंदिनी राजपूत द्वारा घटना की उच्च स्तरीय जाँच हेतु आवेदन पत्र माननीय गृह मंत्री एवं पुलिस महानिरीक्षक को प्रस्तुत किये गये थे। आवेदन पत्र में उल्लेखित तथ्य प्रमाणित नहीं पाये गये हैं तथा संबंधित अपराध में चालान दिनांक 21.01.2016 को सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है। जी हाँ। प्रश्नांश ’क’ में घटित अपराधों में से दो प्रकरण अपराध क्रमांक 32/16 तथा 403/15 में निष्पक्ष जाँच की मांग की गई है। उक्त दो प्रकरणों में से अपराध क्रमांक 403/15 में दिनांक 21.01.2016 को चालान सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया गया है। अपराध क्रमांक 32/16 की जाँच अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) पाटन द्वारा की जा रही है। (ग) उत्तरांश ’ख’ अनुसार जाँच प्रक्रिया में है। अन्य किसी जाँच की आवश्यकता नहीं है।
गोटेगांव में अनुविभागीय अधिकारी पुलिस के पद का सृजन
48. ( क्र. 4367 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला नरसिंहपुर में अनुविभागीय अधिकारी पुलिस (एस.डी.ओ.पी.) के पद की पूर्णकालिक स्थापना तहसील स्तर पर है या नहीं? यदि हाँ, तो क्या अनुविभागीय अधिकारी पुलिस (एस.डी.ओ.पी.) कार्यालय गोटेगांव तहसील मुख्यालय में है? यदि नहीं, तो क्यों एवं क्या शासन की कोई ऐसी मंशा है कि गोटेगांव में अनुविभागीय अधिकारी पुलिस (एस.डी.ओ.पी.) की पदस्थापना की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत यदि हाँ, तो कब तक? यदि स्थापना की जाती है तो क्या अनुविभागीय अधिकारी हेतु पूर्णकालिक स्टॉफ की पर्याप्त उपलब्धता की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी नहीं। वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश ‘‘क‘‘ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय आवासगृहों का निर्माण
49. ( क्र. 4436 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में कुल कितने पुलिस थाना और पुलिस चौकी है और ये पुलिस थाना तथा पुलिस चौकी कहाँ-कहाँ हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में पुलिस थानों एवं पुलिस चौकियों में स्वीकृत, कार्यरत एवं रिक्त पदों की जानकारी संवर्गवार बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में पुलिस थानों एवं पुलिस चौकियों में पदस्थ अमले के लिए कहाँ-कहाँ, कितने-कितने शासकीय आवासगृह हैं? इनमें से कितने महिला और पुरूषों के लिये हैं और क्या आवासगृह पर्याप्त हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में संधारित आवासगृहों में से कहाँ-कहाँ के भवन जीर्ण-शीर्ण हो गये हैं और इनकी जगह पर पर्याप्त आवासों का निर्माण कब तक कर दिया जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’स’ अनुसार। एन.जी.ओ. एवं ओ.आर. आवास-गृह महिला एवं पुरूष दोनों पुलिसकर्मियों हेतु है। जी नहीं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’द’ अनुसार। एन.जी.ओ. 56 एवं ओ.आर. 236 कुल 292 पुलिस आवास गृह बनाये जाने का प्रस्ताव विचाराधीन है। यह एक सतत प्रक्रिया है।
महिला चिकित्सक के दुर्व्यवहार
50. ( क्र. 4465 ) श्री चन्दरसिंह सिसौदिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले के गरोठ शासकीय चिकित्सालय में पदस्थ महिला चिकित्सक के दुर्व्यवहार, ईलाज में लेटलतिफी आदि की शिकायतें शासन, पुलिस एवं विभाग को प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो उक्त शिकायतों के आधार पर की गई जाँच एवं चिकित्सकों पर अब तक की गई कार्यवाही का ब्यौरा क्या है? (ख) क्या विगत वर्षों में उक्त महिला चिकित्सक द्वारा बिना सीजर ट्रेनिंग लिए कई ऑपरेशन किए जिनमें कई महिलाओं की मौत हुई है तथा ट्रेनिंग पश्चात् भी डिलेवरी अवस्था में हुई मौतों के लिऐ जिम्मेदार उक्त डॉक्टर पर कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। उपलब्ध अभिलेख अनुसार कार्यवाही संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, सिविल अस्पताल गरोठ में पदस्थ डॉ. श्रीमती रितु शर्मा की लापरवाही से प्रसव के समय सीजर ऑपरेशन के दौरान आज तक किसी भी महिला की मौत नहीं हुई है। डॉ. रितु शर्मा को विभाग द्वारा ईमॉक प्रशिक्षण सितम्बर 2010 से जनवरी 2011 तक एम.जी.एम. मेडिकल कॉलेज इंदौर के द्वारा दिया गया है, तद्पश्चात से ही डॉ. सीजर ऑपरेशन करने में सक्षम है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बुरहानपुर में शास. आयुर्वेद कॉलेज में स्टॉफ
51. ( क्र. 4491 ) श्री राजेन्द्र श्यामलाल दादू : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सी.सी.आई.एम. नई दिल्ली के मापदण्डानुसार शास. स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय हेतु कौन-कौन से पद पर कितने-कितने कर्मचारी नियुक्त होना अनिवार्य है? कितनी भूमि एवं भवन एवं अन्य सुविधाओं के लिए क्या मापदण्ड हैं? (ख) बुरहानपुर शास.आयुर्वेद स्वशासी महाविद्यालय में उक्त मापदण्डानुसार क्या-क्या सुविधाएं हैं? कौन-कौन सी कमियां हैं? अधिकारी कर्मचारियों के कितने-कितने पद स्वीकृत हैं? कितने पद रिक्त हैं? इन्हें कब तक भरा जावेगा? (ग) उक्त महाविद्यालय से कितने अधिकारी कर्मचारी अन्यत्र प्रतिनियुक्ति पर भेजे गये हैं? पदवार नामवार जानकारी दें? (घ) क्या आयुर्वेद स्वशासी महाविद्यालयों के अधिकारी कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति पर नहीं भेजा जा सकता है? यदि हाँ, तो बुरहानपुर स्वशासी आयुर्वेद कॉलेज के अधिकारी कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर शेष वांछित पदों का सृजन कर कॉलेज को शेष वांछित सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए पुन: सुचारू रूप से प्रारंभ किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बतावें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : जानकारी भारत सरकार के राजपत्र दिनांक 18/07/2012 एवं 22/04/2013 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) बुरहानपुर शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय में मापदण्डानुसार उपलब्ध सुविधाएं कमियां एवं अधिकारी/कर्मचारी के स्वीकृत, भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ब’’ अनुसार। पदों की पूर्ति की समय-सीमा बताना संभव नहीं। (ग) शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय बुरहानपुर से अन्य महाविद्यालयों में प्रतिनियुक्ति में भेजे गये अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’स’’ अनुसार। (घ) महाविद्यालयों की मान्यता हेतु पद पूर्ति की दृष्टि से शिक्षकों को अन्य महाविद्यालयों में प्रतिनियुक्तियों पर भेजा जाता है। बुरहानपुर महाविद्यालय को सी.सी.आई.एम. की मान्यता दिलाने हेतु अन्य आवश्यक संसाधन/सुविधाएं पूर्ण होने पर शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर उन्हें पुनः महाविद्यालय में पदस्थ कर महाविद्यालय का सुचारू रूप से संचालन किया जा सकेगा। समयावधि बताना संभव नहीं।
शहीद सैनिक के आश्रितों को सहायता जानकारी प्रदाय करना
52. ( क्र. 4512 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय कमिश्नर रीवा संभाग रीवा द्वारा पत्र क्रमांक एक/सी.एस.टी./15/91 रीवा दिनांक 12 मई, 2015 प्रमुख सचिव मध्य प्रदेश शासन गृह विभाग (सी-अनुभाग) मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल को लिखा गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि हाँ, तो क्या यह पत्र शहीद सैनिक की विधवा से संबंधित है, जिसको दस लाख रूपये के मदद प्रावधान अनुसार प्रदान नहीं किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में यदि हाँ, तो अब तक क्यों नहीं मदद की गई, कारण बतावें, की जावेगी तो कब तक? इसके लिये कौन दोषी है? दोषी के खिलाफ कार्यवाही की गई तो क्या? नहीं की गई तो क्यों? नहीं की जावेगी तो कब तक बतावें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) मध्यप्रदेश शासन गृह विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 31-1/2013/दो-ए (3), दिनांक 19 मार्च 2013 द्वारा नक्सली मुठभेड़ में शहीद हुए सैनिकों अथवा अर्द्धसैनिकों बल के सदस्यों का कारगिल सहायता निधि से सहायता देने के प्रावधान दिनांक 19 मार्च, 2013 से लागू किए गए है। स्वर्गीय श्री उमेश प्रसाद शुक्ला की मृत्यु उक्त निर्धारित तिथि के पूर्व की है। अत: कारगिल सहायता निधि से सहायता की पात्रता नहीं बनती। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
चोरी, डकैती, लूट एवं अपहरण के पंजीबद्ध प्रकरण
53. ( क्र. 4525 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र एवं सिलवानी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले थानों में विगत तीन वर्षों में चोरी, डकैती, लूट, अपहरण, हत्या के कितने प्रकरण पंजीबद्ध किए गए? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कितने प्रकरण पर कार्यवाही की गई? कितने प्रकरण विवेचना में है? (ग) सिलवानी तहसील के बम्होरी थाना के ग्राम खिरकाघाटी में हुई हत्या और लूट की घटना में प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? क्या उक्त घटना के आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है? यदि नहीं, तो, क्यो? कब तक गिरफ्तारी कर ली जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) प्रश्नांकित अवधि (दिनांक 01.01.2013 से दिनांक 31.12.2015 तक) में उदयपुरा एवं सिलवानी विधान सभा क्षेत्र जिला रायसेन क्षेत्रांतर्गत आने वाले थाना बाडी, भारकच्छ, उदयपुरा, बरेली, देवरी, बम्होरी, सिलवानी, सुल्तानगंज एवं बेगमगंज क्षेत्र में हत्या के 62, डकैती का 01, लूट के 12, चोरी के 258 एवं अपहरण के 65, कुल 398 प्रकरण पंजीबद्ध हुए हैं। (ख) प्रश्नांकित अवधि में पंजीबद्ध कुल 398 प्रकरणों में से 384 प्रकरणों का विधि अनुसार विवेचना कर निराकरण किया गया एवं 14 प्रकरण विवेचनाधीन है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में जिला रायसेन, तहसील सिलवानी के थाना बम्होरी क्षेत्रांतर्गत ग्राम खिरकाघाटी में दिनांक 14.01.2016 को हत्या की घटना घटित हुई है। लूट की कोई घटना घटित नहीं हुई है। फरियादी श्री धर्मेन्द्र पिता श्री कन्हैयालाल लोधी की रिपोर्ट पर दिनांक 15.01.2016 को थाना बम्होरी में अपराध क्रमांक 7/2016 धारा 323, 324, 307, 302, 34 भा.द.वि. का अज्ञात आरोपी के विरूद्ध पंजीबद्ध किया गया है। प्रकरण की विवेचना में साक्षी/घायल श्री कन्हैयालाल एवं श्री लक्ष्मीनारायण के सक्षम न्यायालय में धारा 164 द.प्र.सं. के अंतर्गत कथन लेख कराये गये एवं अन्य आवश्यक साक्ष्य संकलित किये गये। विवेचना में आये तथ्यों एवं साक्ष्य के आधार पर आरोपी 1- श्री राजाबाबू उर्फ शुभम त्रिवेदी तथा 2- भाई साहब उर्फ रामकुमार को दिनांक 07.02.2016 को गिरफ्तार कर सक्षम न्यायालय में पेश किया गया है। प्रकरण वर्तमान में विवेचनाधीन है। विवेचना में आये तथ्यों एवं साक्ष्य के आधार पर विधि अनुरूप कार्यवाही की जायेगी।
बैरसिया अंतर्गत उचित मूल्य की दुकान
54. ( क्र. 4534 ) श्री विष्णु खत्री : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हितग्राहियों को रियायती दर पर गेहूँ एवं चावल विभाग के माध्यम से उपलब्ध कराये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो दरों की जानकारी देते हुये इस संबंध में समय-समय पर जारी दिशा निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) बैरसिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत दिनांक 01 अप्रैल 2014 से प्रश्न दिनांक 31.01.2016 तक कितने हितग्राहियों को रियायती दर पर गेहूँ एवं चावल उपलब्ध कराया गया है?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
जुर्माना न भरने के कारण सजा काट रहे कैदी
55. ( क्र. 4537 ) श्री विष्णु खत्री : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैरसिया विधानसभा क्षेत्र के कितने सजायाफ्ता कैदी जुर्माना न भरने के कारण सजा काट रहे है? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में जिन सजायाफ्ता कैदियों को जुर्माना न भरे जाने के कारण छोड़ा नहीं जा सका है उन्हें बिना जुर्माना भरे छोड़े जाने के कोई प्रावधान है अथवा नहीं? यदि प्रावधान है तो प्रति उपलब्ध करावें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) कोई नहीं। (ख) जी नहीं।
फर्जी हस्ताक्षर करके चेक से राशि निकालने की जाँच
56. ( क्र. 4550 ) श्री जय सिंह मरावी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री अखिलेश मिश्रा तत्कालीन अध्यक्ष सेवा सहकारी समिति अमरपाटन जिला-सतना द्वारा श्रीमती रेशमा बेगम कैशियर के विरूद्ध उपाध्यक्ष के फर्जी हस्ताक्षर करके चेक काटने एवं अन्य की गई अनियमितताओं की शिकायत दिनांक 02.08.2015 को थाना अमरपाटन जिला सतना में की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो थाना-प्रभारी अमरपाटन द्वारा क्या कार्यवाही की गई और यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों नहीं की गई?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ। (ख) उपरोक्त आवेदन पत्र की जाँच थाना अमरपाटन से कराई गई जिसमें श्रीमती रेशमा बेगम पत्नी इब्राहिम शाह उम्र 35 वर्ष निवासी पुरानी बस्ती अमरपाटन हाल-कैशियर सेवा सहकारी समिति मर्यादित अमरपाटन जिला सतना के विरूद्ध प्रथम दृष्टया अपराध घटित होने के साक्ष्य पाये जाने पर दि. 23.02.2016 को थाना अमरपाटन में अपराध क्रमांक 87/2016 धारा 420, 467, 468, 471 भा.द.वि. पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। प्रकरण में विवेचना जारी है।
ई.सी.सी.ई. योजना
57. ( क्र. 4573 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन द्वारा ई.सी.सी.ई. नामक कोई योजना संचालित की जा रही है? यदि हाँ, तो योजना के विस्तृत प्रारूप का ब्यौरा दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या योजना सभी जिलों में संचालित की जा रही है? यदि नहीं, तो सभी जिलों में योजना लागू करने की क्या योजना है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार योजना जिन जिलों में संचालित है वहां इसके क्या परिणाम आए हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। ई.सी.सी.ई. अर्थात Early Childhood Care & Education एकीकृत बाल विकास सेवा अंतर्गत एक घटक है। भारत सरकार के द्वारा भारत के राजपत्र भाग 1 खण्ड 1, दिनांक 12 अक्टूबर 2013 के द्वारा नेशनल ई.सी.सी.ई. पॉलिसी घोषित की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। ई.सी.सी.ई. के पाठ्यक्रम का प्रदेश के 8 जिलों की 14 परियोजनाओं में पायलट परीक्षण किया जा रहा हैं। भविष्य में प्रदेश के सभी जिलों में पाठ्यक्रम लागू किया जाना है। (ग) परिणामों की समीक्षा की जानी हैं। तद्उपरांत पाठ्यक्रम में अपेक्षित संशोधन किए जाएंगे। तत्पश्चात् इसे प्रदेश में लागू किया जाएगा।
मुख्य खण्ड चिकित्सा अधिकारी बरेली के विरूद्ध कार्यवाही
58. ( क्र. 4574 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्य खण्ड चिकित्सा अधिकारी बरेली जिला रायसेन के विरूद्ध शासन को कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? प्राप्त शिकायतों के संदर्भ में क्या शासन द्वारा जाँच कराई गई? यदि हाँ, तो जाँच के निष्कर्ष क्या रहे? (ख) क्या मुख्य खण्ड चिकित्सा अधिकारी द्वारा मेडिकोलीगल केस व पोस्मार्टम करने से इनकार किया है? यदि हाँ, तो शासन ने क्या कार्यवाही की? (ग) क्या शासन द्वारा कर्तव्य में लापरवाही करने वाले खण्ड चिकित्सा अधिकारी बरेली जिला रायसेन के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो ब्यौरा दें? यदि नहीं, तो कब तक कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) खण्ड चिकित्सा अधिकारी बरेली जिला रायसेन डॉ. (श्रीमति) नलिनी गौड के विरूद्ध संचालनालय स्तर पर पाँच शिकायतें प्राप्त हुई। जी हाँ प्राप्त शिकायतों में से एक शिकायत की जाँच कलेक्टर, जिला रायसेन द्वारा पूर्ण करते हुये डॉ. नलीनी गौड़ के विरूद्ध संचालनालय को अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु प्रस्ताव प्राप्त होने पर संचालनालय के पत्र दिनांक 28.07.2015 द्वारा डॉ. गौड़ को कारण बताओ सूचना पत्र जारी करते हुये प्रतिवाद उत्तर चाहा गया जो प्राप्त होकर परीक्षणाधीन है। शेष शिकायती पत्रों की छायाप्रति जाँच हेतु संभागीय संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य सेवायें, भोपाल संभाग, भोपाल की ओर पत्र दिनांक 04.02.2016 एवं पत्र दिनांक 24.02.2016 द्वारा भेजते हुये जाँच प्रतिवेदन अभिमत सहित चाहा गया जो अप्राप्त है। (ख) जी हाँ। उक्त कृत्य हेतु डॉ. नलीनी गौड़, मुख्य खण्ड चिकित्सा अधिकारी, सामु.स्वा.केन्द्र, बरेली जिला रायसेन को प्रश्नांश ’’क’’ में वर्णित पत्र दिनांक 28.07.2015 द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। (ग) जी हाँ। जानकारी प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महिला बाल विकास में बजट एवं की गई नियुक्ति
59. ( क्र. 4587 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) टीकमगढ़ जिले में वित्तीय वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक 2 लाख रूपये से ज्यादा राशि के क्या-क्या कार्य, किस-किस स्थान पर किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित जिले में उक्त समयानुसार मेन्टेनेन्स पर किस-किस स्थान पर किस-किस प्रकार के कार्यों पर, कितनी राशि व्यय की गई? प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों में अनियमिततायें की गई है, अगर हाँ, तो किस अधिकारी के द्वारा नाम बतायें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) टीकमगढ़ जिले में वित्तीय वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक 2 लाख रूपये से ज्यादा राशि के कोई भी कार्य स्वीकृत नहीं किये गये है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) वित्तीय वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक 35 आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवनों को आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्र के रूप में विकसित करने के लिये राशि रू. 1.00 लाख प्रति भवन के मान से कुल राशि रू. 35.00 लाख व्यय की गई है। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। इन कार्यों में किसी प्रकार की अनियमितता संबंधी शिकायतें, किसी भी अधिकारी की प्राप्त नहीं हुई है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत खाद्यान्न वितरण
60. ( क्र. 4601 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. के गुना जिले में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू किया गया है यदि हाँ, तो किस दिनांक से और कौन उनका पालन करता है? (ख) क्या खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत खाद्यान्न लेने के लिये किस वर्ग के लोग पात्र है इस अधिनियम के तहत कौन से कूपन पर राशन मिलता है क्या समान्य वर्ग और पिछड़ा वर्ग की जातियों को भी इस बिल के तहत राशन देने का नियम है? (ग) राशन दिलाने की पात्रता को प्रमाणित कौन करता है गुना जिले में कितने प्रतिशत लोग खाद्य सुरक्षा अधिनियम के राशन लेने के लिए घोषित है? क्या घोषित राशन की पात्रता अनुसार खाद्यान्न का आवंटन किया जा रहा है तथा पात्रता रखने वाले प्रति व्यक्ति को कौन सा राशन कितनी मात्रा में मिलता है?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। गुना जिला सहित पूरे प्रदेश में 01 मार्च, 2014 से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 लागू किया गया है। (ख) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत खाद्यान्न प्राप्त करने के लिए 24 श्रेणी के परिवारों को पात्र परिवार श्रेणी में सम्मिलित किया गया है। जिसकी सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इन परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापित किये जाने के उपरांत जारी पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) के आधार पर राशन सामग्री प्रदाय की जाती है। सामान्य या पिछड़े वर्ग के जो भी परिवार इन श्रेणियों में आते हैं, उनको लाभ दिया जाता है। (ग) पात्र परिवार में सम्मिलित परिवारों का स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन किया जाता है। गुना जिले में 66.57 प्रतिशत जनसंख्या राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवार के रूप में सत्यापित किए जाकर राशन सामग्री प्राप्त करने हेतु पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की गई है। सत्यापित पात्र परिवार की पात्रतानुसार राशन सामग्री का आवंटन जारी किया जा रहा है। अन्त्योदय अन्न योजना के परिवारों को 35 किलोग्राम (30 किलोग्राम गेहूं, 5 किलोग्राम चावल) एवं प्राथमिकता परिवारों को 5 किलोग्राम (4 किलोग्राम गेहूं, 1 किलोग्राम चावल) प्रति सदस्य के मान से तथा समस्त पात्र परिवारों को नमक 1 किलोग्राम, शक्कर 1 किलोग्राम, केरोसीन अन्त्योदय अन्न योजना के परिवारों को 5 लीटर एवं प्राथमिकता परिवारों को 4 लीटर प्रतिमाह वितरण किया जा रहा है।
ट्रामा सेंटर में विशेष सुविधायें
61. ( क्र. 4629 ) श्रीमती गायत्री राजे पवार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देवास में ट्रामा सेंटर का निर्माण पूर्ण हो चुका है, लेकिन ट्रामा सेंटर में आवश्यक उपकरण व आवश्यक स्टाफ की कमी है? (ख) यदि हाँ, तो आवश्यक उपकरण, मशीन आदि कब तक उपलब्ध हो जावेगी? (ग) क्या समस्त आवश्यक टेक्निकल स्टॉफ की पदस्थापना सिंहस्थ के पूर्व पूरी होकर ट्रामा सेंटर पूर्ण रूप से कार्य करने लगेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। संचालनालय द्वारा ट्रामा सेन्टर को उपलब्ध संसाधन द्वारा क्रियाशील करने के निर्देश दिये गये। उपकरणों व आवश्यक स्टाफ की व्यवस्था की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) आवश्यक मशीन तथा उपकरण उपलब्ध कराने की कार्यवाही प्रचलन में है। यथा संभव शीघ्र। (ग) उपलब्ध संसाधनों द्वारा ट्रामा सेन्टर को क्रियाशील करने के निर्देश जारी कर दिये गये है। अतिरिक्त टेक्निकल स्टाफ उपलब्ध कराने की कार्यवाही प्रचलन में है।
बहुउद्देशीय कार्यकर्ताओं की मैदानी सेवा
62. ( क्र. 4672 ) श्री अंचल सोनकर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय सेठ गोविंददास जिला चिकित्सालय जबलपुर में ब्लड बैंक में कितने कर्मचारी कब से पदस्थ हैं सूची देवें? जिला चिकित्सालय में ऐसे कितने कर्मचारी संलग्न है जिनकी पदस्थापना मैदानी है किन्तु कार्य अस्पताल में संलग्न रह, कर रहें हैं? नाम सहित सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) बहुउद्देशीय कार्यकर्त्ता श्री अविनाश तोमर को वर्तमान में पद के अनुरूप क्या कार्य लिया जा रहा है? क्या उन्हें बहुउद्देशीय कार्यकर्त्ता की हैसियत से मैदानी कार्य कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो उनके द्वारा विगत तीन वर्षों में क्या-क्या कार्य संपादित किये बतावें? (ग) क्या बहुउद्देशीय कार्यकर्ताओं को जिला चिकित्सालय में संलग्न कर कार्यालयीन कार्य कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या इनकी पद के अनुरूप कार्य की आवश्यकता नहीं है? यदि हाँ, तो क्यों न ऐसे बहुउद्देशीय कार्यकर्ताओं को प्रदेश में आवश्यकतानुसार पदस्थ कर दिया जावें एवं शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुँचाया जावें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वेतन विसंगति
63. ( क्र. 4702 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एन.यू.एच.एम. के अंतर्गत जबलपुर जिले में कितने लैब-टेक्नीशियन, एवं फर्मासिस्ट वर्तमान में कार्यरत हैं? उक्त लैब-टेक्नीशिन, फर्मासिस्टों की नियुक्ति संबंधी विज्ञापन में कितना मानदेय/वेतन दर्शाया गया था? (ख) वर्तमान में उक्त दोनों पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को कितना मानेदय/वेतन दिया जा रहा है? अंतर क्यों है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एन.यू.एच.एम. के अंतर्गत जबलपुर जिले में 10 लैब टेक्नीशियन एवं 03 फार्मासिस्ट कार्यरत है। भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त होने की प्रत्याशा में लैब टेक्नीशियन एवं फार्मासिस्ट के लिए मानदेय रूपये 15,000/- दर्शाया गया था। (ख) वर्तमान में लैब टेक्नीशियन को 8800/- एवं फार्मासिस्ट को 12,000/- मानदेय दिया जा रहा है। विज्ञापन में भारत सरकार से स्वीकृति की प्रत्याशा में रूपये 15,000/- मानदेय दर्शाया गया था। वर्तमान में भारत सरकार द्वारा स्वीकृत मानदेय दिया जा रहा है।
फार्मासिस्ट, स्टोर कीपर के रिक्त पद
64. ( क्र. 4703 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले के विभिन्न चिकित्सालयों, सिविल सर्जन सह अधीक्षक कार्या. में स्टोरकीपर, फार्मासिस्ट के कितने-कितने पद स्वीकृत हैं? (ख) इन पदों पर कौन-कौन कितने-कितने वर्षों से कार्यरत हैं? (ग) किन-किन चिकित्सालयों, सिविल सर्जन कार्या. में स्टोरकीपर, फार्मासिस्ट के पद रिक्त हैं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
चिकित्सालयों में गरीबों, मजदूरों का उपचार
65. ( क्र. 4704 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की स्वा. योजनाओं के अंतर्गत जैसे राज्य बीमारी सहायता निधि, श्रमिक कार्ड, कैंसर रोग उपचार योजना, मुख्यमंत्री बाल ह्दय रोग योजनांतर्गत उपचार हेतु म.प्र. शासन द्वारा जबलपुर जिले के किन-किन हॉस्पिटलों को मान्यता प्रदान की है? (ख) जबलपुर जिले के उपरोक्त हास्पिटलों में विगत 2 वर्षों में, गरीबी रेखा, अतिगरीबी रेखा, श्रमिक कार्डधारी, मुख्यमंत्री बाल ह्दय रोग एवं कैंसर रोगियों के उपचार हेतु शासन द्वारा अस्पतालवार कितनी राशि का भुगतान वर्षवार किया गया? (ग) उक्त राशि किन-किन मरीजों के किस रोग के उपचार हेतु दी गयी? नाम, पते सहित विवरण दें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मेडिकल कॉलेज जबलपुर में उन्नयन एवं सुदृढ़ीकरण कार्य
66. ( क्र. 4705 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्य पालन यंत्री एन.एच.एम. भोपाल द्वारा निविदा क्र. 03 /NHM/2015-16/627, दिनांक 27.06.2015 के द्वारा जबलपुर मेडिकल कॉलेज के मदर वार्ड कंगारू वार्ड में उन्नयन एवं लेबर रूम के सुदृढ़ीकरण के कार्यों की निविदा कब किस दर पर स्वीकृत की गयी? उपरोक्त कार्य किन-किन ठेकेदारों को प्राप्त हुये? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित तीनों निर्माण कार्यों का मद वार आयटमवार कितना-कितना कार्य अब तक हो चुका है? कितना-कितना कार्य शेष है? किये गये कार्यों का कितना-कितना भुगतान किन-किन ठेकेदारों को अब तक किया गया? भुगतान किये गये कार्यों का भौतिक सत्यापन, मापन एवं मूल्यांकन किन-किन अधिकारी/कर्मचारी द्वारा किया गया? तीनों कार्यों की अलग-अलग जानकारी दें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) निविदा स्वीकृत दिनांक 31/07/2015 दर 2121 प्रतिशत एस.ओ.आर. से कम एवं ठेकेदार मेसर्स सिंह एण्ड सिंह। (ख) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। सभी कार्य DFID मद के अंतर्गत स्वीकृत है, भौतिक सत्यापन कार्यपालन यंत्री व सहायक यंत्री द्वारा किया गया तथा मापन व मूल्यांकन उपयंत्री द्वारा किया गया।
आयुर्वेद औषधालय में रिक्त पदों की पूर्ति
67. ( क्र. 4741 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में आयुर्वेद औषधालयों में विशेषज्ञों की कमी है? यदि हाँ, तो कब तक पदस्थापना होगी? (ख) सीधी सिंगरौली जिलों में कितने आयुर्वेद औषधालय है? औषधालयवार विशेषज्ञों एवं स्टाफ की जानकारी दें एवं रिक्त पदों पर कब तक नियुक्तियां होगी समय-सीमा बताएं?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। आयुर्वेद औषधालय में विशेषज्ञों के पद सृजित नहीं हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं।
आंगनवाड़ी के केंद्रों में पौष्टिक आहार
68. ( क्र. 4757 ) श्री अनिल जैन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) टीकमगढ़ जिले में कुल कितने आंगनवाड़ी केंद्र संचालित हैं? इनमें से कितने केंद्र स्वयं के निजी भवनों/किराये के भवनों में एक कमरे के भवन में संचालित है? इनमें कितने बच्चे पंजीकृत हैं? (ख) प्रश्नांकित संचालित आंगनवाड़ी केंद्रों को संचालित किन-किन योजनांतर्गत कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई एवं कितनी राशि का पौष्टिक आहार प्रदाय किया गया? वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी दें? (ग) प्रश्नांकित आंगनवाड़ी केंद्रों पर निर्धारित भोजन में मीनू के अनुसार पौष्टिक आहार का प्रदाय न करने की वर्ष 2015 में प्राप्त शिकायतों पर कब किसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क) में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के तहत कितने स्व-सहायता समूहों को ग्रेडिंग के अनुसार कार्य दिया गया तथा किन-किन स्व-सहायता समूहों द्वारा कितनी-कितनी आंगनवाड़ी केंद्रों को कितनी-कितनी मात्रा में कौन-कौन सा पोषण आहार सामग्री आदि का प्रदाय किया गया? इसकी गुणवत्ता की जाँच कब, किसने की है? वर्ष 2014-15 से अब तक की जानकारी देवें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) टीकमगढ़ जिले में कुल संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों एवं किराये के भवनों में संचालित एवं पंजीकृत बच्चों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) टीकमगढ़ जिले में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में योजनावार दी गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ पर एवं पौष्टिक आहार प्रदाय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स’’ अनुसार है। (ग) टीकमगढ़ जिले की आंगनवाड़ी केन्द्रों में निर्धारित मीनू अनुसार पौष्टिक आहार एवं भोजन वितरण में अनियमितता संबंधी प्राप्त शिकायतों के विरूद्ध की गई कार्यवाही का वर्षवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘द’’ अनुसार है। (घ) मध्यान्ह भोजन में संलग्न स्व-सहायता समूहों को आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार प्रदाय हेतु अनुबंधित किया गया है। समूहों का चयन ग्रामीण विकास विभाग द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व की अध्यक्षता में गठित खण्ड स्तरीय समिति द्वारा किया जाता है। समूह द्वारा प्रदाय खाद्य सामग्री की गुणवत्ता की जाँच आंगनवाड़ी केन्द्र पर स्थानीय निगरानी समिति द्वारा की जाती है, जिसका पंचनामा तैयार किया जाकर आंगनवाड़ी केन्द्र पर संधारित किया जाता है। इसके अतिरिक्त परियोजना अधिकारी/पर्यवेक्षक द्वारा भी समय-समय पर खाद्य सामग्री की मात्रा एवं गुणवत्ता की जाँच की जाती है। स्व-सहायता समूहों को आवंटित आंगनवाड़ी केन्द्र की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘'ई’’ पर एवं प्रदाय पोषण आहार सामग्री की मात्रा एवं मीनू का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘फ’’ पर है।
पुलिस थानों में दर्ज प्रकरणों पर की गई कार्यवाही
69. ( क्र. 4762 ) श्री अनिल जैन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में विगत दो वर्षों में हत्या, डकैती, लूट एवं चोरी के कितने प्रकरण पंजीबद्ध हुए हैं इनमें से कितने प्रकरणों में पुलिस बल को क्या-क्या सफलता मिली है? (ख) प्रश्नांश (क) के अपराधों में किन-किन थानों में गिरावट आई है तथा किन-किन थानों में तुलनात्मक वृद्धि हुई है? जिले के जिन प्रथम पाँच थानों में गिरावट आई है वहां के पुलिस बल स्टाफ को प्रोत्साहित करने हेतु जिला प्रशासन द्वारा क्या-क्या प्रयास किए गए हैं एवं ऐसे पाँच थानों में जहां अपराधों में वृद्धि हुई है वहां पर जिला प्रशासन द्वारा क्या-क्या कदम उठाये जा रहे हैं? (ग) जिले में डायल 100 सेवायें कब से और कितने थानों में प्रारंभ की गई हैं तथा प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक थानावार कितने प्रकरणों में कॉल प्राप्त हुए हैं और कितने प्रकरणों पर कार्यवाही की गई है? थानावार जानकारी दी जावे? (घ) टीकमगढ़ जिलांतर्गत प्रश्न दिनांक को थानों में पुलिस बल के कितने पद स्वीकृत एवं कितने पद भरे एवं रिक्त हैं? रिक्त पदों को कब तक भरा जा सकेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) प्रश्नांकित अवधि (दि. 01.01.2014 से 31.12.2015) में जिला टीकमगढ़ के समस्त थानों में हत्या, डकैती, लूट एवं चोरी के कुल 583 अपराध पंजीबद्ध हुए हैं जिनमें हत्या के 93, डकैती 01, लूट 61 एवं चोरी के 428 प्रकरण हैं। हत्या के 93 में से 70 प्रकरणों में अभियोग पत्र सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किये गये हैं। डकैती, लूट एवं चोरी के 490 प्रकरणों में से 202 प्रकरणों में आरोपीगणों को गिरफ्तार कर एवं संपत्ति बरामद कर अभियोग पत्र सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किये गये हैं। (ख) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। अपराध नियंत्रण के संबंध में संबंधित थानों के कार्य की समीक्षा अनुसार समय-समय पर प्रोत्साहन हेतु उक्त अवधि में 68 अधिकारियों/कर्मचारियों को नगद पुरस्कार एवं 17 अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रशंसा दी गई है। अपराध नियंत्रण के संबंध में थाना प्रभारियों को वाहन चैकिंग, रात्रि गश्त एवं लघु अधिनियम की प्रभावी कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देशित किया गया है। (ग) प्रश्नांश की जानकरी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। जिला टीकमगढ़ में डायल 100 सेवा दिनांक 19.01.2016 से जिले के सभी 21 थानों में प्रारम्भ की गई है। दिनांक 19.01.2016 से दिनांक 20.02.2016 तक प्राप्त कुल कॉल्स की संख्या 2512 रही तथा कार्यवाही योग्य प्रकरणों पर एफ.आर.वी. रवाना किये जाने की संख्या 2428 रही। जिला टीकमगढ़ में डायल 100 से प्राप्त कॉल के आधार पर 11 थानों पर 07 अपराध पंजीबद्ध कर 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया तथा 20 प्रकरणों में 25 आरोपीगणों के विरूद्ध प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जाकर इस प्रकार 35 आरोपीगणों को सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। (घ) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’स’ अनुसार है। पुलिस बल के उक्त रिक्त पदों की आगामी समय में पदोन्नति/सीधी भर्ती द्वारा अधिकारियों की उपलब्धता के आधार पर पूर्ति की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
महिला कार्यकर्ताओं की नियुक्ति
70. ( क्र. 4773 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) श्योपुर जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा दिनांक 01.01.2015 से वर्तमान तक किन-किन आंगनवाड़ी केन्द्रों के रिक्त पदों पर महिला कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की? इस हेतु जारी विज्ञप्ति एवं नियुक्तियों हेतु अमल में लाई गई प्रक्रिया का विवरण उपलब्ध करावें? (ख) क्या विभाग द्वारा उक्त नियुक्तियां करने के उपरांत जारी अंतिम सूची में नगर पालिका श्योपुर के वार्ड क्रमांक 12 के केन्द्र के रिक्त पद पर रेहाना अंसारी का नाम वरीयता क्रमांक एक पर अंकित था के संबंध में समीम बानो द्वारा आपत्ति दर्ज कराई थी? (ग) यदि हाँ, तो रेहाना अंसारी का नियुक्ति पत्र जारी करने के पूर्व उक्त आपत्ति का निराकरण जिला स्तरीय चयन समिति से कराकर अनुमोदन करा लिया गया था? यदि हाँ, तो किस दिनांक को? यदि नहीं, तो बिना अनुमोदन रेहाना अंसारी का नियुक्ति आदेश किस आधार पर, किसके द्वारा कैसे जारी किया गया? (घ) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित अवधि में की गई नियुक्तियों में कई पात्र आवेदिकाओं को अनदेखा कर अपात्र आवेदिकाओं की नियुक्ति अनियमित रूप से की गई? यदि नहीं, तो क्या शासन उक्त नियुक्तियों में बरती गई अनियमितताओं की जाँच करवायेगा तथा पात्र आवेदिकाओं को नियुक्ति का अवसर देगा? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) श्योपुर जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा दिनांक 01.01.2015 से वर्तमान तक 08 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं 09 सहायिका तथा 02 उप आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विज्ञप्ति जारी कर आवेदन पत्र प्राप्त किये गये तथा खंड स्तरीय चयन समिति द्वारा प्राप्त आवेदनों का परीक्षण कर अंतिम सूची जारी की गई है। जिस पर नियमानुसार प्राप्त दावे/आपत्ति की जाँच कराई गई है। दावे/आपत्तियों के निराकरण हेतु जिला स्तरीय समिति की बैठक होना शेष है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) रेहाना अंसारी का नियुक्ति आदेश अभी जारी नहीं किया गया है। जिला स्तरीय दाव आपत्ति निराकरण समिति की बैठक होना शेष है। निराकरण उपरान्त ही नियुक्ति आदेश जारी किया जाएगा। (घ) जी नहीं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाओं के शासन द्वारा निर्धारित नियुक्ति निर्देशानुसार ही नियुक्ति प्रक्रिया का पालन किया गया है। अतः शेष का प्रश्न ही नहीं होता।
अधिकारी/कर्मचारियों का स्थानांतरण
71. ( क्र. 4778 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) श्योपुर जिले में संचालित जिला महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत किन-किन अधिकारी/कर्मचारियों के स्थानांतरण शासन/आयुक्त महिला एवं बाल विकास, भोपाल द्वारा वर्ष 2012-13 में किस-किस दिनांक को कहाँ-कहाँ किये गये? (ख) उक्त अवधि में स्थानांतरित किन-किन अधिकारी/कर्मचारियों को किस-किस दिनांक को कार्यमुक्त कर दिया गया? किन-किन को कार्यमुक्त नहीं किया गया? इसके क्या कारण हैं? (ग) उक्त अधिकारी/कर्मचारियों को कार्यमुक्त न करके शासन/विभागीय आयुक्त के आदेश की अवहेलना के लिये कौन दोषी है? उसके विरूद्ध कार्यवाही करते हुए, कब तक शेष रहे अधिकारी/कर्मचारियों को शासन/विभाग के आदेशानुसार कार्यमुक्त कर दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) श्योपुर जिले में संचालित जिला महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत शासन/आयुक्त, एकीकृत बाल विकास सेवा द्वारा वर्ष 2012-13 में किये गये स्थानांतरण की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उक्त अवधि में स्थानांतरित अधिकारियों/कर्मचारियेां को भारमुक्त करने संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कॉलम क्रमांक-6 पर अंकित है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति
72. ( क्र. 4810 ) श्रीमती योगिता नवलसिंग बोरकर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भर्ती नियम में ग्राम की क्या परिभाषा मानी गई है? क्या फाल्या, टोली, बस्ती या ग्राम पंचायत को माना गया है? (ख) यदि नहीं, तो ऐसे अन्य आवेदन प्रथम दृष्टि में निरस्त क्यों नहीं कर दिये जाते हैं? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता सदस्य की विधान सभा पंधाना की ग्राम कालंका से लगे खारी फाल्या में पात्र उम्मीदावार लाड़की बाई मांगीलाल की नियुक्ति जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा क्यों रोकी गई है? (घ) क्या माह जुलाई 2015 में 28 में से 27 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की गई है? यदि हाँ, तो केवल एक खारीफाल्या की नियुक्ति को पूर्ण पात्र होते हुए भी आज तक परिभाषा की आड़ लेकर सहायक संचालक खण्डवा द्वारा क्यों रोका जा रहा है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) भारत सरकार द्वारा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र हेतु 150-400 की जनसंख्या पर तथा आदिवासी क्षेत्र हेतु 150-300 की जनसंख्या वाले ग्रामों में मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने का प्रावधान किया गया है। इसी अनुसार क्षेत्र तथा आबादी वाले ग्रामों में भारत सरकार द्वारा प्राप्त स्वीकृति अनुसार मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाते हैं। (ख) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/उप कार्यकर्ता तथा सहायिका की नियुक्ति के लिये आवेदिका केा संबधित ग्राम/नगरीय क्षेत्र के वार्ड का स्थायी निवासी होना आवश्यक है। आवेदिका के स्थाई निवासी न होने की दशा में आवेदन पत्र निरस्त किये जाने के प्रावधान है। (ग) श्रीमती लाड़की बाई मांगीलाल द्वारा आवेदन पत्र के साथ प्रस्तुत दस्तावेजों में ग्राम कालंका का निवासी होने के कारण जिला स्तरीय आपत्ति निवारण समिति द्वारा उन्हें चयन के लिये अपात्र घोषित किया गया है। जारी विज्ञप्ति में ग्राम नानखेड़ा-खारी फाल्या हेतु थी। (घ) जी हाँ। जिला आपत्ति निवारण समिति के निर्णय पर आवेदक एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा आपत्ति लेने से विवाद की स्थिति बनने पर ग्राम नानखेड़ा के खारी फालिया में पुनः नियुक्ति की कार्यवाही की जा रही है।
पूरक पोषण आहार वितरण
73. ( क्र. 4835 ) श्री रामसिंह यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बदरवास एवं कोलारस विकासखण्ड के अंतर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से पूरक पोषण आहार उपलब्ध कराया जाता है? यदि हाँ, तो पूरक पोषण आहार हेतु वर्ष 2015 में किए गए सर्वेक्षण में कितने परिवारों को चिन्हित किया गया? (ख) पूरक पोषण आहर के तहत किन-किन को क्या-क्या, कितना-कितना दिया जाता है? क्या मीनू अनुसार पूरक पोषण आहार आंगनवाड़ी केन्द्रवार वितरित किया गया है? यदि हाँ, तो बदरवास एवं कोलारस विकासखण्ड के अंतर्गत वितरित किए गए पूरक पोषण आहार का सत्यापन किन-किन के द्वारा कब-कब किया गया? (ग) क्या असत्य जानकारी के आधार पर पूरक पोषण आहार के उक्त दोनों विकासखण्डों के गलत आंकड़ें देकर दलालों, बिचौलियों एवं विभाग के गठबंधन द्वारा शासकीय राशि हड़पने का फर्जीवाड़ा किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्या जनहित एवं शासनहित में इसकी जाँच कराई जाएगी? (घ) क्या बदरवास एवं कोलारस विकासखण्ड के अंतर्गत दलालों एवं बिचौलियों के एक ही नाम के कई समूह आंगनवाड़ी केन्द्रों में कार्य कर रहे हैं? यदि हाँ, तो ऐसे कौन-कौन से समूह है जो एक आंगनवाड़ी से अधिक आंगनवाडि़यों में कार्य कर रहे हैं? समूहों के नाम, पता तथा अध्यक्ष/सचिव के नाम, पिता/पति के नाम सहित जानकारी देवें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2015 में विकासखण्ड बदरवास अन्तर्गत पूरक पोषण आहार हेतु किये गये सर्वेक्षण में 29661 परिवारों को तथा कोलारस विकासखण्ड में 31471 परिवारों को चिन्हित किया गया है। (ख) पूरक पोषण आहार के तहत 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों एवं गर्भवती, धात्री माताओं को टेकहोम राशन प्रति मंगलवार को निर्धारित मीनू अनुसार प्रदाय किया जाता है। मीनू एवं प्रदायित मात्रा का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ पर है। 03 से 06 वर्ष के बच्चों एवं मंगलवार के दिन 06 माह से 03 वर्ष के बच्चों, गर्भवती/धात्री माताओं को सांझा चूल्हा कार्यक्रम अन्तर्गत स्व-सहायता समूहों के माध्यम से निर्धारित मात्रा में मीनू अनुसार ताजा, गर्म नाश्ता एवं भोजन प्रदाय किया जाता है मीनू एवं प्रदायित मात्रा का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ पर है। आंगनवाड़ी केन्द्रों पर स्व-सहायता समूहों द्वारा प्रदाय नाश्ता एवं भोजन का प्रतिदिन पंचनामा तैयार किया जाता है। पंचनामा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, स्व-सहायता समूह के प्रतिनिधि अथवा रसोईया, पालक/माता-पिता तथा स्कूल परिसर में आंगनवाड़ी केन्द्र होने पर प्रधानाध्यापक द्वारा नामांकित प्रतिनिधि द्वारा पंचनामें पर हस्ताक्षर किया जाकर प्रतिदिन पूरक पोषण आहार का सत्यापन किया जाता है। (ग) जी नहीं। शासकीय राशि हड़पने का कोई फर्जीवाड़ा नहीं किया जा रहा है। शेष का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता।
आंगनवाड़ी केन्द्रों में कार्यरत समूहों के बैंक खाता
74. ( क्र. 4836 ) श्री रामसिंह यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कोलारस विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत बदरवास विकासखण्ड में कौन-कौन से समूह किन-किन आंगनवाड़ी केन्द्रों में कार्यरत है? उक्त समूहों के बैंक खाते कौन-कौन सी बैंकों की किस शाखा में खोले गए है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित कई ऐसे समूह हैं जिनके कार्य क्षेत्रों के समीप राष्ट्रीयकृत एवं अन्य बैंकों की शाखाएं है, परन्तु कार्य क्षेत्र से लगभग 25-30 कि.मी. की दूरी पर स्थित बैंक में समूहों के खाते खोले गए हैं? यदि हाँ, तो ऐसे कौन-कौन से समूह हैं जिनके वर्णित दूरी की कौन से बैंक की किस शाखा में खाते खोले गए हैं? इन्हें समीप की बैंक में कब तक खोला जाएगा? (ग) क्या बदरवास विकासखण्ड के ग्राम गरगटूसानी के आंगनवाड़ी केन्द्र में कार्यरत् समूह के खाते में वर्ष 2012 से वर्ष 2015 तक कोई राशि जमा की है? यदि हाँ, तो कितनी राशि कब जमा की? उक्त राशि किस-किस व्यक्ति के हस्ताक्षर द्वारा कब-कब, कितनी-कितनी निकाली गई? (घ) क्या ग्राम गरगटूसानी के आंगनवाड़ी केन्द्र में कार्यरत समूह के अध्यक्ष/सचिव वर्ष 2012 से वर्ष 2015 की अवधि में बदले गए हैं? यदि हाँ, तो पूर्व अध्यक्ष/सचिव एवं वर्तमान अध्यक्ष/सचिव के नाम सहित जानकारी दें कि उक्त समूह किसके किस आदेश से कब एवं क्यों बदले गए? बदले गए अध्यक्ष/सचिव के सक्षम अनुमोदनकर्ता अधिकारी का अनुमोदन संलग्न कर जानकारी दें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) कोलारस विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत संचालित एकीकृत बाल विकास परियोजना बदरवास के आंगनवाड़ी केन्द्रों पर सांझा चूल्हा कार्यक्रम अंतर्गत समूहों, उनके द्वारा खोले गये खातों के बैंक का नाम, बैंक खाता क्रमांक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) विकासखण्ड बदरवास के गरगटूसानी के आंगनवाड़ी केन्द्र में कार्यरत कंकाली स्व-सहायता समूह के खाते में वर्ष 2012 से 2015 तक निम्नानुसार राशि जमा की गई -
क्रमांक
वर्ष जमा
की गई राशि (रू.)
1. 2012-13 25708
2. 2013-14 14429
3. 2014-15 21397
4. 2015-16 0
ग्राम गरगटूसानी में संचालित उक्त समूह के द्वारा पोषण आहार वितरण नहीं किये जाने से वर्ष 2015-16 में राशि जमा नहीं की गई। वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है। शेष प्रश्नांश संबंधित नहीं। (घ) जी नहीं। ग्राम गरगटूसानी के आंगनवाड़ी केन्द्र में कार्यरत समूह के अध्यक्ष/सचिव वर्ष 2012 से 15 की अवधि में नहीं बदले गये हैं। पूर्व एवं वर्तमान अध्यक्ष/सचिव के नाम निम्नानुसार हैः- अध्यक्ष का नाम - श्रीमती रामबाई, सचिव का नाम - श्रीमती राजकुमारी शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बाल कल्याण समिति की जाँच
75. ( क्र. 4885 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर जिले में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष एवं सदस्य की जाँच मान. मंत्री महोदय के आदेश पर विभाग द्वारा कब-कब हुई थी? क्या जाँच पूर्ण कर ली गई है? (ख) क्या जाँच उपरांत कलेक्टर प्रतिवेदन में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष एवं सदस्य दोषी पाये गये हैं एवं जाँच में अध्यक्ष एवं सदस्यों को हटाने का प्रस्ताव प्रतिवेदन में दिया गया है? (ग) यदि प्रतिवेदन में हटाने का प्रस्ताव है तो शासन द्वारा अध्यक्ष एवं सदस्यों को प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं हटाया गया एवं कब तक हटाया जावेगा? (घ) बाल कल्याण समिति सागर का कार्यालय सागर में कहाँ पर स्थित है एवं इसकी बैठकें किस-किस दिनांक में कहाँ पर हुई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) सागर जिले में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष एवं सदस्य की जाँच कलेक्टर सागर द्वारा दिनांक 18/02/2014 से 13/03/2015 के बीच कराई गई थी। जाँच पूर्ण कर ली गई है। (ख) जी हाँ। (ग) कलेक्टर द्वारा प्रेषित प्रतिवेदन का परीक्षण किया जा रहा है। परीक्षण उपरांत उचित विधि संगत कार्रवाई की जावेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) बाल कल्याण समिति सागर का कार्यालय संप्रेक्षण गृह परिसर, मेनपानी रोड, तिली, सागर में स्थित है। बाल कल्याण समिति की बैठकें प्रत्येक सोमवार एवं गुरूवार को संप्रेक्षण गृह सागर में आयोजित की जाती है।
सी.टी. स्केन एवं एम.आर.आई. मशीन की सुविधा
76. ( क्र. 4889 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज सागर में सी.टी. स्केन एवं एम.आर.आई. सुविधा मरीजों को उपलब्ध कराई जाती है? (ख) यदि नहीं, तो सी.टी. स्केन एवं एम.आर.आई. सुविधा कब तक शुरू की जावेगी? (ग) सी.टी.स्केन एवं एम.आर.आई. सुविधा वर्तमान में यदि मरीज के लिये आवश्यक है तो कहाँ से कराई जा रही है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय, सागर में मरीजों के लिये सी.टी. स्केन मशीन की सुविधा वर्तमान में उपलब्ध हैं तथा चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध चिकित्सालय में एम.आर.आई. की सुविधा मरीजों के लिये उपलब्ध नहीं हैं। (ख) बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय, सागर से संबद्ध चिकित्सालय में एम.आर.आई. की सुविधा यथाशीघ्र उपलब्ध कराई जाएगी निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं हैं। (ग) मरीजों को एम.आर.आई. हेतु शासकीय स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय जबलपुर रेफर किया जाता है।
खाद्य पर्ची वितरण में अनियमितता
77. ( क्र. 4918 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के प्रावधान अंतर्गत सार्वजनिक वितरण के प्राथमिकता परिवार श्रेणी में प्रदेश के समस्त अनुसूचित जाति/जनजाति के परिवार आते हैं, जो आयकर दाता के श्रेणी में न हो? (ख) यदि हाँ, तो रीवा जिले सहित गुढ़ विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कितने अनुसूचित जाति/जनजाति के परिवारों को खाद्य पर्ची जारी की गई? अगर खाद्य पर्चियां जारी नहीं की गई तो कितने ऐसे परिवार हैं जिनको चिन्हांकित कर खाद्य पर्चियां जारी करा दी जावेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में अगर खाद्य पर्चियां प्रश्नांश दिनांक तक पात्र अनुसूचित जाति/जनजाति के परिवारों को नहीं जारी की गई, खाद्यान्न से वंचित रखा गया, इसके लिये कौन-कौन जवाबदार होंगे, उनकी पहचान कर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं करेगे तो क्यों? इसके लिए किनको दोषी मानते हुए किन-किन पर कब तक किस तरह की कार्यवाही करेंगे? साथ ही क्या यह भी सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी प्रश्नांश (क) का परिवार खाद्य पर्ची विहीन न रह जाये?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के तहत प्रदेश के समस्त अनुसूचित जाति/जनजाति के परिवारों को (प्रथम/द्वितीय/तृतीय श्रेणी के अधिकारी/कर्मचारी तथा आयकर दाता को छोड़कर) प्राथमिकता परिवार श्रेणी में सम्मिलित किया गया है। (ख) रीवा जिले में अनुसूचित जाति/जनजाति के 27,193 एवं गुढ़ विधान सभा क्षेत्र में 3,158 परिवारों का प्राथमिकता परिवार के रूप में सत्यापन किया जाकर पात्रता पर्ची जारी की गई है। शेष रहे 405 अनुसूचित जाति/जनजाति के परिवारों का सत्यापन स्थानीय निकाय द्वारा किया जा चुका है जिनकी पात्रता पर्ची माह मार्च, 2016 में जारी की जाएगी। पात्र परिवारों का सत्यापन एवं उनको पात्रता पर्ची जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है। (ग) अनुसूचित जाति/जनजाति के परिवारों को प्राथमिकता परिवार के रूप में सत्यापित करने हेतु माह जून, 2014 में खाद्य सुरक्षा पर्व के नाम से विशेष अभियान चलाया गया जिसमें घर-घर जाकर अनुसूचित जाति/जनजाति के परिवार होने का स्व-घोषणा पत्र भरवाया गया, जिसके आधार पर उन्हें प्राथमिकता परिवार के रूप में सत्यापित किया जाकर पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की गई है। स्थानीय निकाय द्वारा पात्र परिवारों का सत्यापन एवं उन्हें पात्रता जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
78. ( क्र. 4919 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा संभाग अंतर्गत खाद्य सुरक्षा अधिकारियों का पदांकन खाद्य एवं औषधि प्रसाधन विभाग द्वारा किया गया है? इनकी पदांकन तिथि एवं संख्या के साथ कार्य क्षेत्र का विवरण देवें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संबंधितों का उत्तरदायित्व एवं कार्य निर्धारण किया गया है? इनके द्वारा पदांकित दिनांक से अब तक में कितनी दुकानों का निरीक्षण किया गया तथा किन-किन पर क्या कार्यवाही की गई, का विवरण प्रश्नांश दिनांक तक का देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में अगर संबंधितों द्वारा शासन से निहित उत्तरदायित्वों का निर्वहन नहीं किया गया तथा सतत् दुकानों का निरीक्षण नियमानुसार नहीं किया गया तो इसके लिए संबंधितों को दोषी मानते हुए क्या कार्यवाही करेंगे? साथ ही इनके जिम्मेदार अधिकारियों के उत्तरदायित्व का भी निर्धारण कर कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। शेष प्रश्नांश से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्नांश से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) प्रश्नांकित अधिकारियों द्वारा शासन द्वारा निहित उत्तरदायित्वों का निर्वहन नियमानुसार किये जाने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अपराधियों के विरूद्ध कार्यवाही
79. ( क्र. 5031 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के अंतर्गत थाना सिटी कोतवाली में पंजीबद्ध अपराध क्रमांक 625/15 दिनांक 01.12.15 धारा 302, 307, 341, 294 व 341 भा.द.वि. में संलग्न किन-किन आरोपियों को पुलिस द्वारा गिरफ्त में लेकर उनके विरूद्ध चालान माननीय न्यायालय में प्रस्तुत कर दिये गये हैं? यदि नहीं, तो आरोपियों की गिरफ्तारी न होने व उनके विरूद्ध माननीय न्यायालय में चालान प्रस्तुत नहीं किये जाने के क्या कारण हैं तथा कब तक इस संबंध में कार्यवाही की जावेगी? (ख) क्या अपराध से जुड़े आरोपी जिन्हें प्रश्न दिनांक तक पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी है? उनके द्वारा निरंतर मृतक के परिवार को डराने, धमकाने तथा जान से मारने की धमकियां मिलने से मृतक के परिवार द्वारा संरक्षण व शीघ्र कार्यवाही हेतु शासन-प्रशासन एवं गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को 24 दिसम्बर 2015 को आवेदन दिये गये थे तथा क्या माननीय गृह मंत्री जी के आश्वासन अनुरूप आरोपियों व उनके संबंधितों के शस्त्र लायसेंस निलंबित कर कब्जे में ले लिये गये हैं? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक इस संबंध में कार्यवाही की जावेगी? (ग) उपरोक्तानुसार क्या मृतक के परिवार के सदस्यों को आत्म रक्षार्थ शस्त्र लायसेंस जारी किये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) थाना सिटी कोतवाली जिला भिण्ड में पंजीबद्ध अपराध क्रमांक 625/15 धारा 302, 307, 341, 294, 34 भा.द.वि. में कुल 04 आरोपी 1- अश्विनी पुरोहित, 2- लक्की शास्त्री, 3- मजनू उर्फ छोटू शर्मा 4- अन्ना पंडित हैं। आरोपी मजनू उर्फ छोटू शर्मा को दिनांक 04.12.2015 को गिरफ्तार किया गया है। शेष 03 आरोपी फरार हैं, जिनकी गिरफ्तारी हेतु प्रयास किये जा रहे हैं। गिरफ्तारी हेतु प्रत्येक फरार आरोपी पर 15,000--15,000/- हजार रूपये के इनाम की घोषणा की गई है। विधि अनुसार विवेचना में आये साक्ष्य के आधार पर विवेचना उपरांत माननीय न्यायालय में अंतिम प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाएगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ख) फरार आरोपी अश्विनी पुरोहित के परिजन 1- जगदंबा पुरोहित, 2- ओम पुरोहित, 3- मुरारी पुरोहित, 4- श्याम पुरोहित द्वारा मृतक के चाचा फरियादी श्री जयराज सिंह चौहान निवासी ग्राम गढ़ी थाना मेहगांव से राजीनामा करने हेतु दिनांक 16.02.2016 को धमकाया गया था जिस पर फरियादी श्री जयराज सिंह की रिपोर्ट पर थाना कोतवाली, जिला भिण्ड में अपराध क्रमांक 104/16 धारा 506 बी, 34 भा.द.वि. का प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। फरार आरोपी के परिजन 1- जगदंबा पुरोहित, 2- ओम पुरोहित निवासीगण ग्राम लावन, जिला भिण्ड एवं भीमशंकर शर्मा निवासी आर्य नगर, जिला भिण्ड के शस्त्र लायसेंस जिला दण्डाधिकारी, भिण्ड के आदेश क्रमांक क्यू/14/आरडीएम/283/16, भिण्ड दिनांक 09.02.2016 के तारतम्य में निलंबित किये जाने पर उक्त तीनों के शस्त्र थाना सिटी कोतवाली में जमा करा लिये गये हैं। जिला दण्डाधिकारी, भिण्ड के आदेश क्रमांक क्यू/14/रीडीएम/2016/394 दिनांक 26.02.2016 के द्वारा प्रकरण में फरार आरोपी अश्विनी पुरोहित के परिजन 1- राघवेन्द्र उर्फ गिर्राज, 2- देवेन्द्र उर्फ मुरारी, 3- भूपेन्द्र उर्फ राम, 4- धर्मेन्द्र उर्फ श्याम के शस्त्र लायसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित किये गये हैं। इस संबंध में आवेदन पत्रों की जाँच नगर पुलिस अधीक्षक, भिण्ड द्वारा की जा रही है। (ग) मृतक के परिजन द्वारा शस्त्र लायसेंस के लिये जिला दण्डाधिकारी को आवेदन पत्र दिया गया था जिसमें से उदयराज सिंह, जयराज सिंह, भारत भूषण सिंह को शस्त्र लायसेंस जारी किये गये हैं।
म.प्र. पुलिस हाउसिंग कारर्पोरेशन में घटिया निर्माणों की शिकायत
80. ( क्र. 5085 ) श्री के.पी. सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दैनिक भास्कर सामाचर पत्र जिला सागर द्वारा दि. 27.11.2015, 03.12.2015 एवं 11.12.2015 को म.प्र. पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन द्वारा सागर में किये जा रहे घटिया निर्माणों के संबंध में प्रमुखता से सामाचार प्रकाशित हुआ था? क्या उक्त समाचार पत्र में कार्पोरेशन के प्रबंधन संचालक ने टीम भेजकर जांचोपरांत दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही का आश्वासन दिया था? घटिया निर्माणों के संबंध में विगत 5 वर्षों में और कितनी शिकायतें किन-किन माध्यम से प्राप्त हुई? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक प्राप्त शिकायतों एवं प्रकाशित समाचार तथा प्रबंध संचालक द्वारा दिये गये जांच व कार्यवाही के आश्वासन पर क्या-क्या कार्यवाही कब-कब, किस-किस के द्वारा की गई? उसके क्या निष्कर्ष निकले? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या दैनिक हरिइच्छा समाचार पत्र भोपाल द्वारा भी दिनांक 13.01.2016 को पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन में भारी भ्रष्टाचार शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया गया था? प्रकाशित समाचार पत्र पर कब व क्या प्रभावी कार्यवाही किस-किसके द्वारा की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या शासन/विभाग प्रश्नांश (क) से (ग) में उल्लेखित बिन्दुओं की गंभीरता को देखते हुये घटिया निर्माण के संबंध में प्राप्त शिकायतों एवं प्रकाशित समाचार पत्रों एवं प्रबंध संचालक द्वारा दिये गये आश्वासन को दृष्टिगत रखते हुये संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों को तत्काल हटाते हुये उनकी सेवायें उनके मूल विभाग में वापस कर घटिया निर्माण कार्यों की उच्च स्तरीय जाँच कर दोषियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांश में अंकित दिनांक 27.11.2015, 03.12.2015 एवं दिनांक 11.12.2015 को प्रकाशित समाचार पत्र के संबंध में परियोजना यंत्री संभाग-सागर से प्रतिवेदन प्राप्त किया गया था। कार्य सही पाया गया। अतः कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता। विगत 05 वर्षों में सागर संभाग की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ख) उत्तरांश ’’क’’ अनुसार। (ग) दिनांक 13.01.2016 को पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन में भारी भ्रष्टाचार शीर्षक से संबंधित समाचार विभाग को आज दिनांक तक प्राप्त नहीं हुआ है। इसलिये कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ’क’, ’ख’, ’ग’ के आलोक में प्रश्न उपस्थित नहीं।
भर्ती नियमों में फेरबदल कर पदोन्नति
81. ( क्र. 5109 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा तृतीय श्रेणी/चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की डी.पी.सी. वर्ष में कितने व किस स्थिति में करने के निर्देश हैं? क्या बुंदेलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय सागर में 05 वर्ष पूर्ण होने वाले कर्मचारियों की डी.पी.सी. नियमों का परीक्षण कर डीन एवं डी.पी.सी. सदस्यों द्वारा की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या विभाग पर लागू भर्ती नियमों में भृत्य से वाहन चालक के पद पर पदोन्नति का प्रावधान है? फिर नियमों के विपरीत उक्त पदोन्नति व्यक्तिगत स्वार्थ से प्रदान की गई? उक्त पदोन्नति आदेश कब तक निरस्त हो सकेगा यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या विभागाध्यक्ष एवं उसके अधीनस्थ कार्यरत कर्मियों की वरीयता सूची एवं बी.एम.सी. डीन द्वारा तृतीय व चतुर्थ श्रेणी की वर्षवार (वर्ष 2012 से 2015 तक) बदल-बदल कर वरीयता सूची जारी की जाती रही है? विभागाध्यक्ष एवं अधीनस्थ संस्था में कार्यरत कर्मियों की वरीयता सूची में (बी.एम.सी. सागर) दिशा निर्देशों में भिन्नता क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही होगी? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वरीयता सूची में फेरबदल
82. ( क्र. 5110 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य प्रदेश शासन के कर्मचारियों की वरीयता सूची हर वर्ष बदले जाने के नियम है? हाँ, या नहीं? स्वास्थ्य विभाग के भर्ती नियमों का पालन चिकित्सा शिक्षा विभाग प्रश्न प्राप्त होने तक करता आ रहा है? हाँ या नहीं? (ख) क्या चिकित्सा शिक्षा संचालनालय में कार्यरत चिकित्सकों की वरीयता सूची वर्ष 2015 तक की स्थिति में जारी की गई तो किस आधार पर? क्या बुंदेलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय सागर के डीन द्वारा (एल.डी.सी./भृत्य) प्रत्येक वर्ष (2012 से 2015 तक) बदल-बदल कर किसी व्यक्ति विशेष को लाभांवित करने हेतु किया जाता रहा? इसका उत्तरदायित्व/दोषी कौन है? (ग) क्या तत्कालीन डीन द्वारा अपने कार्यकाल में जबलपुर एवं सागर में पद परिवर्तन एवं स्वास्थ्य सेवायें के भर्ती नियमों के विपरीत तृतीय/चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को पदोन्नति से नवाज़ा गया है? क्या उच्च स्तरीय छानबीन समिति गठित होकर जाँच होगी अथवा नहीं तो क्यों? क्या शासन को क्षति पहुंचाने पर उक्त अधिकारी दण्डित होंगे? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या वर्ष 2015 में बुंदेलखण्ड मेडिकल कॉलेज सागर में वर्ष 2014-15 में (एल.डी.सी./भृत्य) जारी वरिष्ठता सूची में पैसे का लेन-देन कर नियम विरूद्ध पदोन्नति प्रदान कर अपने चहेतों को पुरस्कृत किया गया? अगर प्रश्नांश (क) अनुसार तो क्या वर्ष 2015-16 में पुन: जारी चतुर्थ श्रेणी की वरीयता सूची में फिर हेरा-फेरी कर लाभांवित करने की कार्यवाही की जा रही है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मेडिकल कॉलेज सागर में हुयी भर्ती की जाँच
83. ( क्र. 5111 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कि बी.के. मेडिकल कॉलेज सागर में वर्ष 2008-09 में हुयी भर्ती पर माननीय नेता प्रतिपक्ष (श्रीमती जमुना देवी) द्वारा शिकायत की गई थी? उक्त पत्र में किन बिन्दुओं पर जाँच करने का उल्लेख किया गया है? (ख) क्या शेष पदों पर हुई भर्ती का उल्लेख उक्त शिकायत पत्र में हैं? क्या अन्य पदों पर भर्ती शिकायती बिन्दु जोड़कर जानबूझकर शासन की छवि धूमिल करने हेतु की गई? यदि हाँ, तो दोषी के विरूद्ध कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ग) बुंदलेखण्ड मेडिकल कॉलेज सागर में कार्यकारिणी की बैठक में क्या निर्णय लिया गया है? अब तक उक्त पर क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांश में उल्लेखित शिकायत संचालनालय चिकित्सा शिक्षा के पत्र दिनांक 07/05/2010 के माध्यम से प्राप्त हुई थी। शिकायत का जाँच प्रतिवेदन अधिष्ठाता, चिकित्सा सागर की टीप दिनांक 21/05/2010 द्वारा संचालनालय को प्रेषित किया गया हैं। जाँच प्रतिवेदन की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यालय सागर की कार्यकारिणी समिति की बैठक दिनांक 18/09/2013 को लिये गये निर्णय अनुसार समस्त लैब टेक्नीशियन की सेवायें समाप्त कर दी गई थी। लैब टेक्नीशियन द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में दायर याचिकाओं में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा पारित आदेश दिनांक 21/09/2015 के परिपालन में पुनः लैब टेक्नीशियन्स का कार्यभार ग्रहण कराया गया हैं।
एन.एच.एम. योजना में नियम विरूद्ध नियुक्तियों पर कार्यवाही
84. ( क्र. 5202 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एन.एच.एम. के अन्तर्गत स्टेट कम्यूनिटी मॉनिटरिंग सलाहकार पद के चयन हेतु मापदण्ड नियत है? यदि हाँ, तो क्या इन नियत मापदण्डों के अनुसार ही वर्तमान में कम्यूनिटी मॉनिटरिंग सलाहकार के पद पर कार्यकर्ता की नियुक्ति की गई है? यदि नहीं, तो उक्त अनियमितता के लिये उत्तरदायी कौन है? (ख) क्या एन.एच.एम. के द्वारा एम.पी.सी. मैनेजमेंट सर्विस से स्टेट कम्यूनिटी मॉनिटरिंग के पद पूर्ति हेतु विज्ञापन जारी कर कार्यवाही किये जाने का निर्णय लिया गया था जिसमें केन्द्र शासन की शर्तें नियत थी? यदि हाँ, तो उन शर्तों को बदलने की कार्यवाही किन कारणों से की गई एवं इसका उत्तरदायित्व किसका है? क्या संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में स्टेट कम्यूनिटी मॉनिटरिंग कॉडिनेटर के रिक्त पद की पूर्ति हेतु निर्धारित मापदण्डों का पालन करते हुये नियम अनुसार कब तक पद भरने की कार्यवाही की जावेगी एवं चयन के लिए निर्धारित मापदण्डों का पालन किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के द्वारा एस.पी.सी. में सर्विस से स्टेट कम्यूनिटी मॉनिटरिंग कॉडिनेटर के पद की पूर्ति हेतु विज्ञापन जारी किया गया था, इसमें केन्द्र शासन द्वारा कोई शर्त नियत नहीं की थी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) यथा संभव शीघ्र। जी हाँ।
सी.सी.टी.वी. सर्विलेंस सिस्टम की स्थापना
85. ( क्र. 5241 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंत्री परिषद द्वारा जुलाई 2015 में बारहवीं पंचवर्षीय योजना के तहत प्रदेश में नगरों के साथ कटनी में भी सी.सी.टी.वी. कैमरे सर्विलेंस सिस्टम स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो इसकी कार्ययोजना क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) में कटनी नगर के किन-किन स्थानों पर सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाने का प्रस्ताव तैयार किया गया और किन-किन स्थानों पर सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाये जा रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में सी.सी.टी.वी. कैमरे किस कंपनी/संस्था द्वारा लगाये जा रहे हैं? कार्य की क्या रूपरेखा तैयार की गई है? कितनी-कितनी लागत से कौन-कौन से उपकरण क्रय कर कहाँ-कहाँ स्थापित किये जायेंगे? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में कटनी के ऐसे अन्य कौन-कौन से महत्वपूर्ण स्थान चिन्हित किये गये हैं जहां कैमरे लगाये जाने है? इन स्थानों पर कैमरे कब तक स्थापित किये जायेंगे?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ। कार्ययोजनानुसार प्रथम चरण में कटनी के 30 स्थानों पर सी.सी.टी.वी. कैमरे सर्विलेंस सिस्टम स्थापित करने की योजना के तहत कैमरे स्थापित करने की स्वीकृति दी है। 30 जून 2016 तक कार्य पूर्ण होना है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार। (ग) कटनी नगर में सी.सी.टी.वी. कैमरे मेसर्स हनीवेल ऑटोमेशन इण्डिया लिमिटेड, पुणे से लगवाये जा रहे हैं। जिनकी कुल लागत रू. 6,50,28,585/- है। उपकरणों एवं कार्य की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार। (घ) ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
धान परिवहन में अपव्यय
86. ( क्र. 5252 ) श्री मधु भगत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के अंतर्गत 2015 में धान खरीदी के केंद्र कहाँ-कहाँ बनाये गये, इन केंद्रों पर कितनी धान खरीदी गई? इन केंद्रों के अंतर्गत जो ग्राम थे? क्या उन्हीं ग्रामों की उपज खरीदी गई या अन्य बाहर के ग्राम की धान भी खरीदी गई? (ख) कौन-कौन से केंद्र की धान को कितनी दूर स्थित किस स्थान पर गोदाम में संग्रहित किया गया, धान की मात्रा जो ले जाई गई तथा परिवहन व्यय के रूप में व्यय की गई/की जाने वाली राशि बतायें? (ग) वर्ष 2014 में बालाघाट जिले की धान जिले से बाहर कहाँ-कहाँ कितनी-कितनी मात्रा में रखी गई? उसके परिवहन में कितनी राशि व्यय की गई? तत्पश्चात् उस धान को मिलिंग के लिये जिले की कौन सी मिल्स को और जिले से बाहर कौन-कौन जिले में किस स्थान पर कितनी मात्रा में मिलिंग के लिये भेजा गया, परिवहन में व्यय राशि बतायें? (घ) मिलिंग के पश्चात् कौन-कौन से वेयर हाउस गोदाम में चावल को रखा गया, स्थान मात्रा, परिवहन हेतु चली गई दूरी, परिवहन में तय की गई राशि बतायें?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) बालाघाट जिले में वर्ष 2015-16 में धान उपार्जन हेतु बनाये गये उपार्जन केन्द्रों एवं उपार्जित धान की केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। ई-उपार्जन परियोजनांतर्गत समर्थन मूल्य पर धान विक्रय हेतु उपार्जित केन्द्र पर पंजीकृत किसानों से धान का उपार्जन किया गया है। किसान पंजीयन में उपार्जन संस्था के कार्यक्षेत्र का बंधन नहीं है।, (ख) खरीफ विपणन वर्ष 2015-16 में बालाघाट जिले में समितिवार उपार्जित धान कौन-कौन से गोदाम में जमा की गई एवं उपार्जन केन्द्र से गोदाम के मध्य की दूरी जानकारी संकलित की जा रही है। उपार्जित धान को जिन गोदामों में जमा कराया गया है, उसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। उपार्जित धान के परिवहन पर लगभग रू. 8.25 करोड़ का व्यय हुआ है।, (ग) बालाघाट जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2014-15 में उपार्जित धान में से 8739.45 क्विंटल धान मण्डला जिले के नैनपुर स्थित एस.डब्ल्यू.सी. गोदाम में भण्डारित की गई थी। इस धान के परिवहन पर राशि रू. 155644.00 व्यय हुआ। मण्डला जिले में भण्डारित धान की मिलिंग मण्डला जिले की राईस मिल्स से कराये जाने हेतु प्रदाय की गई थी। मिलर्सवार प्रदाय धान की मात्रा एवं परिवहन व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) बालाघाट जिले में उपार्जित धान जिसे मण्डला जिले में भण्डारित की गई थी उसकी मिलिंग उपरांत चावल मण्डला जिले के वेयर हाउस में जमा कराई गई। गोदामवार जमा चावल मात्रा, दूरी तथा परिवहन पर हुए व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है।
भ्रष्ट लिपिक की पदस्थापना
87. ( क्र. 5253 ) श्री मधु भगत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाद्य शाखा कलेक्ट्रेट होशंगाबाद में कौन-कौन से कितने पद स्वीकृत हैं, उन पर कौन-कौन कब से पदस्थ है इसमें पद विरूद्ध कौन पदस्थ है, उसका मूल पद क्या है? (ख) क्या स्थानान्तरण नीति के अनुसार, स्वीकृत पद पर, उसी पद के कर्मचारी की पदस्थापना की जायेगी? पद विरूद्ध पदस्थापना नहीं होगी, इस संबंध में वित्त विभाग ने भी निर्देश जारी किये हैं और शासन के निर्देश है कि स्थापना का कार्य, करने वालों को 3 वर्ष पश्चात बदला जावें? यदि हाँ, तो क्या लेखापाल के पद के विरूद्ध, सहायक वर्ग-2, पदस्थ कब से है? इस स्थानान्तरण नीति/शासनादेशों के पालन में अन्यत्र, पदस्थापना की जावेंगी? (ग) क्या उक्त कर्मचारी द्वारा पत्रों/आवेदनों को नष्ट या गायब किया/करवाया जाता है? यदि नहीं, तो 15/04/2014 से 31/12/14 के बीच कलेक्ट्रेट की मुख्य आवक शाखा से जो पत्र खाद्य शाखा में अग्रेषित किये गये थे उनमें से वे कौन-कौन से हैं, जो न तो आवक पंजी में दर्ज किये गये नहीं संबंधित नस्ती में नोटशीट पर प्रस्तुत किये गये, बतायें? यदि किये गये तो पत्र क्रमांक, संबंधित नस्ती क्रमांक (विषय) बतायें? (घ) क्या उक्त लिपिक की शिकायत पूर्व कलेक्टर के समय स्थानीय, विधायक ने भी की थी जो पत्र नस्ती से गायब है? जिसमें लेख था कि दीर्घ अवधि से पदस्थ रहने से, दुकानदारों, दलालों से मिलकर अनियमित कार्य करते हैं?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) खाद्य शाखा कलेक्ट्रेट होशंगाबाद में जिला आपूर्ति नियंत्रक-01, सहायक आपूर्ति अधिकारी-03, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी-10, लेखपाल-01, स्टेनो-टायपिस्ट-01, सहायक ग्रेड-दो-02, सहायक ग्रेड-तीन-02, एवं भृत्य के 03 पद स्वीकृत हैं। पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों के नाम एवं पदस्थापना दिनांक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। खाद्य शाखा में पद विरूद्ध कोई अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ नहीं है। (ख) जी हाँ। खाद्य शाखा कलेक्ट्रेट होशंगाबाद में लेखापाल के पद पर कोई कर्मचारी पदस्थ न होने के कारण दिनांक 10.09.2003 से खाद्य शाखा में पदस्थ श्रीमती सावित्री गौड़, सहायक ग्रेड-2 से लेखापाल का कार्य कराया जा रहा है। खाद्य शाखा कलेक्ट्रेट होशंगाबाद में लेखापाल के पद पर पदस्थापना होने के उपरांत श्रीमती सावित्री गौड़, सहायक ग्रेड-2 को लेखापाल के कार्य से पृथक किया जा सकेगा। (ग) जी नहीं। दिनांक 15.04.2014 से 31.12.2014 तक कलेक्ट्रेट की मुख्य आवक शाखा से खाद्य शाखा को प्राप्त 316 पत्रों का विषय, नस्ती क्रमांक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जी नहीं। संबंधित लिपिक के विरूद्ध पूर्व कलेक्टर के समक्ष स्थानीय विधायक का कोई पत्र कलेक्ट्रेट की मुख्य शाखा में संधारित पंजी में दर्ज होना नहीं पाया गया है।
साग-सब्जी एवं फलों में हानिकारक दवाओं का प्रयोग
88. ( क्र. 5310 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फल एवं साग सब्जी की फसलों में पैदावार बढ़ाने एवं समय से पूर्व पकाने व वजन वृद्धि आदि हेतु जिन दवाओं का प्रयोग किया जाता है, क्या वह जनसमुदाय के स्वास्थ्य के लिये हानिकारक होकर विभिन्न बीमारियों को जन्म देती है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) के प्रकाश में जिला प्रशासन विभागीय व खाद्य विभाग, जिला मुरैना द्वारा सब्जी मंडी प्रांगण अम्बाह एवं मुरैना व खेतों पर जाकर कभी जाँच पड़ताल की गई? यदि हाँ, तो विगत एक वर्ष में कब-कब? यदि नहीं, तो कारण क्या है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मुरैना जिले से फल एवं सब्जियों के 42 सर्विलेंस नमूने जाँच हेतु भेजे गये थे। जाँच उपरांत किसी भी नमूने की जाँच रिपोर्ट में हानिकारक रसायन एवं पेस्टीसाइड पाये जाने की पुष्टि नहीं हुई है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 व नियम 2011, विनियम 2011 के अंतर्गत सीधे खेत/फार्म पर जाकर कार्यवाही करने का प्रावधान नहीं है। सब्जी मण्डी प्रांगण से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
कर्मचारियों की क्रमोन्नति एवं पदोन्नति
89. ( क्र. 5341 ) श्री दिनेश राय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राज्य शासन के आदेशानुसार समेकित बाल संरक्षण योजना अंतर्गत सामाजिक न्याय विभाग से महिला एवं बाल विकास में कितनी संस्थाओं का अंतरण कब किया गया है? (ख) शासन निर्देशानुसार शासकीय कर्मचारी/अधिकारियों की वरिष्ठता सूची प्रकाशन प्रतिवर्ष 1 अप्रैल की स्थिति में किया जाता है? सामाजिक न्याय विभाग से अंतरित कर्मचारी/अधिकारी की वरिष्ठता सूची का प्रकाशन महिला एवं बाल विभाग द्वारा किया गया है या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों कारण बतावें? (ग) शासन निर्देशानुसार वर्ष में दो बार विभागीय पदोन्नति की बैठक आयोजित कर अधिकारी/कर्मचारियों को समय पर पदोन्नत करने के निर्देश हैं? सामाजिक न्याय विभाग में अंतरित अधिकारी/कर्मचारियों की पदोन्नति की गई है या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) शासन निर्देशानुसार समयमान वेतनमान या क्रमोन्नत वेतनमान कर्मचारियों की पात्रतानुसार दिये जाने के निर्देश है? सामाजिक न्याय से अंतरित अधिकारी/ कर्मचारियों को योजना अनुसार लाभांवित किया गया या नहीं? यदि नहीं, किया गया है तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) शासकीय संस्थाएं 26 एवं अशासकीय संस्थाएं 22 कुल 48 संस्थाओं का अंतरण आदेश दिनांक 27 अक्टूबर, 2010 द्वारा किया गया। (ख) सामाजिक न्याय विभाग से अंतरित अधिकारियों की वरिष्ठता सूची का प्रकाशन किया गया। कर्मचारियों की वरिष्ठता सूची का प्रकाशन किये जाने की प्रक्रिया प्रचलन में है। (ग) जी हाँ। सामाजिक न्याय विभाग से अंतरित अधिकारियों की पदोन्नति की कार्यवाही प्रचलन में है। यह कार्यवाहियां माननीय उच्च न्यायालय में लंबित याचिका 2436/2015 एवं 4692/2015 के अन्तिम आदेश के अध्याधीन की जावेगी। कर्मचारियों की पदोन्नति हेतु भर्ती नियम प्रकाशित किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) सामाजिक न्याय से अंतरित अधिकारी/कर्मचारियों को समयमान वेतनमान या क्रमोन्नत वेतनमान दिए जाने की कार्यवाही प्रचलन में है।
शासकीय आवास आवंटन
90. ( क्र. 5384 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल के कोटरा सुल्तानाबाद स्थित शासकीय आवासों में एच-टाईप के कितने आवास हैं? कितने आवास आवंटित हैं, तथा कितने ऐसे आवास हैं जो रिक्त हैं? (ख) क्या ऐसे भी आवास हैं जिनमें शासकीय कर्मचारी जिनको आवास आवंटित हैं वे नहीं रह रहे हैं तथा उन्होंने आवासीय प्रयोजन हेतु किसी गैर शासकीय व्यक्ति को मकान दे रखा है? ऐसे शासकीय आवास के आवंटितों से शासन शासकीय आवास शीघ्र रिक्त कराकर आवासीय गतिविधियों का संचालन करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) भोपाल के कोटरा सुल्तानाबाद क्षेत्र में सामान्य पूल के एच-टाईप के 124 आवास है। इनमें से 120 आवास आवंटित हैं और 4 आवास रिक्त्ा हैं। (ख) सामान्य पूल के 124 आवासों के सर्वे पश्चात् 2 आवासों में अनधिकृत आधिपत्यधारी निवासरत पाये गये हैं। इनके विरूद्ध लोक परिसर बेदखली अधिनियम, 1974 के अन्तर्गत कार्यवाही की जा रही है।
सिंहस्थ के दौरान स्वीकृत कार्यों के निर्माण लागत में वृद्धि
91. ( क्र. 5396 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्थ महापर्व के दौरान लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये? स्वीकृति के समय उक्त कार्यों की लागत कितनी थी? उक्त कार्य कब तक पूर्ण होना थे? कार्यवार की पृथक जानकारी प्रदान करें? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी के पश्चात स्वीकृत कार्यों में से किन-किन कार्यों के लागत मूल्य में कितने प्रतिशत की वृद्धि की गई? उक्त वृद्धि किनके आदेश पर की गई? क्या नियमानुसार विज्ञप्ति जारी किये जाने एवं अनुबंध, किये जाने के पश्चात लागत मूल्य में वृद्धि की जा सकती है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत, नियमों की प्रति उपलब्ध करावें? वृद्धि की गई राशि की वित्तीय स्वीकृति कब प्राप्त की गई? यदि नहीं, की गई तो बिना वित्तीय स्वीकृत के लागत मूल्य में वृद्धि किये जाने एवं भुगतान किये जाने के क्या नियम हैं? नियमों की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) की जानकारी अनुसार यदि लागत मूल्य में वृद्धि की गई है तो पूर्व में डी.पी.आर., स्टीमेट, तकनीकी स्वीकृति, वित्तीय स्वीकृति प्राप्त करते समय कम राशि स्वीकृति प्राप्त करने के लिए कौन अधिकारी दोषी हैं? दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्न भाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) 450 बिस्तरीय मातृ शिशु भवन निर्माण कार्य में लगभग 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई। विभागीय पत्र क्रमांक एफ 12-48/ 1/2015/सत्रह/मेडि. 73 दिनांक 9.10.2015 द्वारा पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई। जी हाँ। प्रशासनिक पुनरीक्षित अनुमोदन लोक निर्माण विभाग के मेनुअल के चेप्टर ।। सेक्शन 1 के पैरा 2.005 एवं 2.131 के अनुसार, नियम की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। दिनांक 09.10.2015 को। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) लागत मूल्य में वृद्धि मुख्यतः निर्माण स्थल की स्थिति के कारण हुई है। कार्य स्थल पर खुदाई करते समय आवश्यक भारवहन क्षमता की मिट्टी निर्धारित से अधिक गहराई पर मिलने से अधिक नींव की खुदाई करनी पडी एवं भूमि के अंदर भूमिगत जल का स्त्राव अधिक होने से भवन के स्ट्रक्चरल डिजाईन में परिवर्तन किया गया एवं कम भार क्षमता की मिट्टी के कारण स्ट्रक्चरल (कॉलम, बीम, छत आदि ) में लोहे की मात्रा अधिक लगानी पडी जिसके कारण लागत मूल्य में वृद्धि हुई है, अतः कोई दोषी नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जन-स्वास्थ्यरक्षकों को प्रोत्साहन राशि का वितरण
92. ( क्र. 5422 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के 50 हजार जन-स्वास्थ्य रक्षकों को केन्द्र शासन/राज्य शासन द्वारा 6 माह का प्रशिक्षण दिया जाकर उनकी सेवायें ग्रामीण जनता को घर-घर जाकर दी जा रही हैं? (ख) यदि हाँ, तो विगत वर्ष में संचालनालय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा जो कार्ययोजना बनाकर प्रस्ताव पारित किया गया एवं उसके लिये केन्द्र शासन एवं प्रदेश शासन द्वारा जो बजट प्राप्त हुआ उसकी पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध कराई जावे? (ग) उक्त प्रस्ताव के बिन्दु क्या थे एवं उक्त प्रस्ताव के परिप्रेक्ष्य में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा जन स्वास्थ्य रक्षकों को जो प्रोत्साहन राशि दी जानी थी जिसकी सहमति वित्त विभाग से 2000/- रू. प्रतिवर्ष प्रस्तावित थी आज दिनांक तक क्यों नहीं दी गई? (घ) इतनी महत्वपूर्ण एवं महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत करोड़ों रूपये की राशि का वितरण नहीं किये जाने की स्थिति में कौन-कौन अधिकारी दोषी है? उनके ऊपर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक 50 हजार जन स्वास्थ्य रक्षकों को राशि का वितरण किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। ये पूर्णतः स्वैच्छिक कार्यकर्ता थे, वर्तमान में इनकी सेवायें नहीं ली जा रही है। (ख) प्रश्नांश ‘‘क‘‘ के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) -----तदैव-----
परीक्षार्थियों को किराया भुगतान में अनियमितता
93. ( क्र. 5441 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुष विभाग के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी पदों की भर्ती के लिए व्यापम द्वारा वर्ष 2013 परीक्षा आयोजित की गई थी? यदि हाँ, तो म.प्र. शासन द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के परीक्षार्थियों को आने जाने की यात्रा का किराया भुगतान किया गया था? (ख) क्या केन्द्र प्रभारी द्वारा कई परीक्षार्थियों को एक ही तरफ का किराया दिया गया है, अगर हाँ तो ऐसे कितने परीक्षार्थियों को? परीक्षार्थी नामवार, जिलेवार बतायें? केन्द्र प्रभारी का नाम बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में वर्णित किराये भुगतान में केन्द्र प्रभारी के द्वारा वित्तीय अनियमिततायें की गई हैं, अगर हाँ तो प्रश्न दिनांक तक उसके विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की गई? अगर नहीं की गई तो क्यों और की जायेगी तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) 1. भोपाल जिले के परीक्षार्थियों को किराया भुगतान के संबंध में शिकायत प्राप्त होने पर विभाग द्वारा जाँच कराई गई थी एवं जाँच प्रतिवेदन के निष्कर्षों अनुसार किराया भुगतान में अन्य अनियमितताओं संबंधी बिन्दु यथा साधारण किराये के स्थान पर स्लीपर का किराया भुगतान किया जाना, टिकिट में यात्री संख्या एक से अधिक होने पर भी टिकिट पर अंकित राशि का भुगतान एक ही व्यक्ति को किया जाना इत्यादि प्रमाणित पाए जाने पर 48 केन्द्र प्रभारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित किए जाने हेतु आरोप पत्र जारी किए गए थे। उक्त 48 केन्द्र प्रभारियों द्वारा भुगतान की गई अधिक राशि उनसे वसूल की जाकर उनके विरूद्ध संस्थित विभागीय जाँच समाप्त की गई है। 2. किराया भुगतान में केन्द्र प्रभारी के द्वारा की गई वित्तीय अनियमितता के संबंध में किसी परीक्षार्थी को एक ही तरफ का किराया दिए जाने संबंधी विभाग में कोई शिकायत प्राप्त नहीं होने के कारण ऐसे किसी बिन्दु पर जाँच नहीं कराई गई। विधान सभा प्रश्न के संदर्भ में इस बिन्दु से संबंधित जानकारी एकत्रित की जा रही है। जानकारी प्राप्त होने के पश्चात गुण दोष के आधार पर उपयुक्त कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
बैकलॉग के नियमित पदों पर संविदा नियुक्ति
94. ( क्र. 5636 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. के लोक स्वा. परिवार कल्याण विभाग में बैकलॉग आरक्षण अधिनियम प्रचलन में है और बैकलॉग के नियमित पदों में नियमित नियुक्ति किये जाने का प्रावधान है? क्या बैकलॉग के नियमित पदों की पूर्ति संविदा नियुक्त से किये जाने के शासन से निर्देश हैं? यदि हाँ, तो शासनोदेशों की छायाप्रति उपलब्ध करायें? (ख) क्या मण्डला जिले में मुख्य स्वा. एवं चिकित्सा अधिकारी द्वारा दिनांक 08/06/2006 को रोजगार और निर्माण में बैकलॉग के पदों की पूर्ति हेतु विज्ञापन दिया गया? जिसे दिनांक 31/07/2006 के रोजगार निर्माण संशोधित विज्ञापन प्रकाशित किया गया जिसमें संविदा में नियुक्त किये जाने लेख किया गया? (ग) उक्त संशोधित विज्ञापन में म.प्र. शासन लोक स्वा. परिवार कल्याण विभाग मंत्रालय के पत्र क्र. 2/अविज्ञप्त/सेल-2/2006/2037 आर दिनांक 27/06/2006 का हवाला देकर बैकलॉग के नियमित पदों को संविदा में बदल दिया गया जबकि उस पत्र में कहीं पर भी ऐसे निर्देश नहीं है? क्या यह विभागीय त्रुटि है यदि हाँ, तो अब तक सुधार क्यों नहीं किया गया? (घ) प्रश्न (ख) की अवधि में म.प्र. के अन्य जिलों में बैकलॉग के नियमित पदों पर संविदा नियुक्ति की गयी थी? उन्हें भूल सुधार कर नियमित नियुक्ति दे दी गयी किन्तु मण्डला जिले में क्यों नहीं की गयी और कब तक मण्डला जिले में नियुक्त बैकलॉग पद के कर्मचारियों को नियमित कर दिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। राज्य शासन निर्णय उपरांत विभाग के अधीन पैरामेडिकल के रिक्त पदों की पूर्ति राजपत्र में प्रकाशित ’’मध्यप्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अलिपिकीय संवर्ग संविदा सेवा (नियुक्ति तथा सेवा की शर्तें) नियम 2002’’ के तहत किये जाने का निर्णय लिया गया। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) जी हाँ। उत्तरांश (क) में उल्लेखित अनुसार संविदा नियमों के तहत नियुक्तियां की गई हैं। जी नहीं। (घ) विभाग के अधीन प्रदेश के अन्य जिलो में भी मध्यप्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अलिपिकीय संवर्ग संविदा सेवा (नियुक्ति तथा सेवा की शर्तें) नियम 2002 के तहत संविदा आधार पर नियुक्ति की गई है। जिन जिलो में मध्यप्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अलिपकीय संवर्ग संविदा सेवा (नियुक्ति तथा सेवा की शर्तें) नियम 2002 के तहत नियुक्त संविदा कर्मचारियों को नियमित किया गया है। उनके संबंध में नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नर्सिंग कॉलेज संचालित
95. ( क्र. 5645 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर संभाग में कौन-कौन से कुल कितने नर्सिंग कॉलेज (प्राइवेट) हैं, उनके नाम/पता/संचालनकर्ता समीति/संचालक का नाम/मान्यता प्राप्ती के दिनांक की जानकारी उपलब्ध कराई जावें? (ख) उक्त कॉलेज निजी भवन से संचालित हो रहे हैं या किराये के भवन से, क्या इन भवनों से नर्सिंग कॉलेज ही संचालित होता है अथवा अन्य कॉलेज जैसे B.Ed., D.Ed., B.Sc., M.Sc., या Public School भी संचालित हो रहे हैं? क्या इन कालेजों में स्टापिंग पैटर्न अनुसार अधिकारी कर्मचारी कार्य कर रहे हैं? भवन के संबंध में शासन के क्या नियम हैं? स्टापिंग पैटर्न एवं इसके अनुसार नियुक्त कर्मचारियों की सूची कॉलेजवार उपलब्ध कराई जावें? (ग) उक्त नर्सिंग कालेजों की मान्यता प्रदान करने के समय शासन की समस्त आवश्यक शर्तें इन संस्थाओं द्वारा पूरी की गई थी या उनमें से कुछ बाद में पूर्ती की जायेगी के आधार पर मान्यता प्रदान की गई थी, यदि बाद में पूर्ति के आधार पर दी जावे तो क्या इनके द्वारा बाद में पूर्ति की गई अथवा नहीं? (घ) क्या नर्सिंग कॉलेज संचालन हेतु कॉलेज परिसर में निजी अस्पताल होना आवश्यक है यदि हाँ, तो कौन-कौन से कालेजों में अस्पताल हैं तथा कौन-कौन नहीं है सूची उपलब्ध कराई जावे? नियम के साथ जानकारी उपलब्ध कराये कि जो कॉलेज नियम विरूद्ध संचालित हो रहे हैं, उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गुना जिले के राजस्व अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही
96. ( क्र. 5681 ) श्रीमती ममता मीना : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक गुना जिले के तत्कालीन कलेक्टर, एस.डी.एम. गुना तत्कालीन तहसीलदार एवं तत्कालीन नायब तहसीलदारों आदि तहसील गुना के विरूद्ध पुलिस थाना कोतवाली, गुना आर्थिक अपराध ब्यूरो भोपाल एवं लोकायुक्त भोपाल तथा राजस्व, विधि एवं सामान्य प्रशासन विभाग भोपाल में कोई शिकायतें लंबित हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित तथ्यों पर उपरोक्त के विरूद्ध विभाग की इन सभी एजेंसियों ने कोई कार्यवाही या अपराध दर्ज किया है? यदि नहीं, तो क्या कारण है? कब तक दर्ज करायेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के तथ्यों में वर्णित राजस्व लोक सेवकों के विरूद्ध क्या विधि विभाग भोपाल द्वारा धारा 197 भा.द.वि. के तहत अनुमति दी है? यदि हाँ, तो क्या विभाग प्रश्नांश (क) में वर्णित लोक सेवकों के विरूद्ध अपराध दर्ज ना करने वालों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित लोक सेवकों के विरूद्ध महेश सिंह द्वारा (क) में वर्णित विभागों में की गई शिकायत पर विभाग द्वारा अपराध दर्ज कराकर विवेचना निष्पक्ष करायी जावेगी? कब तक अभी तक क्या किया है?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
संक्रमण बीमारी की सामग्री का प्रदाय
97. ( क्र. 5682 ) श्रीमती ममता मीना : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिला चिकित्सालय एवं जिले में संचालित अन्य स्वास्थ्य केंद्रों पर (आई.टी.सी.) एकीकृत परामर्श एवं जाँच केंद्र कब से संचालित है? उनमें माहवार औसतन कितने मरीजों का उपचार प्रतिदिन होता है? (ख) क्या उक्त चिकित्सा केंद्रों पर संक्रमण बीमारियों एवं एच.आई.व्ही. एड्स की जाँच एवं उचार की पर्याप्त सुविधा है? क्या केंद्रों में पदस्थ काउंसलर एवं टेक्नीशियन में से I.C.T.C. के लिये कौन जिम्मेदार होता है, बतायें? (ग) क्या कोई पीडि़त मरीज जाँच एवं उपचार हेतु पहुंचता है, तो उन्हें यह कहकर मना कर दिया जाता हैं कि किट एवं दवा उपलब्ध नहीं है? क्या गत दो वर्षों में MPSACS एवं नार्को द्वारा इन केंद्रों में किट नहीं दी? यदि दी है तो माहवार कितना एवं प्रतिदिन कितने मरीजों का उपचार एवं जाँच इन केंद्रों में होती है एक वर्ष की जानकारी देवें? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित तथ्यों पर कार्य करने वाले लोक सेवक उपलब्ध है? यदि हाँ, तो उनका केंद्रों में जाँच तथा उपचार करने का कौन सा घोषित समय है? यदि घोषित समय में उक्त लोक सेवक उपस्थित नहीं रहते और रहते हैं, तो जाँच और उपचार करने का मना करते हैं, तो क्या विभाग उन पर कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जिला चिकित्सालय गुना में वर्ष 2003 से एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, आरोन में फरवरी, 2014 से एकीकृत परामर्श एवं जाँच केन्द्र (आई.सी.टी.सी.) संचालित हैं। जिला चिकित्सालय में स्थापित केन्द्र में प्रतिमाह औसतन 629 व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, आरोन में स्थापित केन्द्र में प्रतिमाह औसतन 437 एच.आई.व्ही. जाँच की जाती है। जिला चिकित्सालय, गुना में स्थापित आई.सी.टी.सी. केन्द्र को लिंक ए.आर.टी. केन्द्र भी बनाया गया है, जहां से विगत 01 वर्ष में माहवार उपचार प्राप्त कर रहे व्यक्तियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र -02 अनुसार है। (ख) जी हाँ, राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन, भारत सरकार के दिशा-निर्देशानुसार एकीकृत परामर्श एवं जाँच केन्द्र (आई.सी.टी.सी.) गुना एवं आरोन में एच.आई.व्ही. रोगियों की जाँच व परामर्श की सुविधा उपलब्ध है। एच.आई.व्ही. धनात्मक पाये जाने पर रोगी का उपचार एण्टी रेट्रोवायरल ट्रीटमेंट केन्द्र (ए.आर.टी. केन्द्र) ग्वालियर, शिवपुरी, भोपाल में किया जाता है एवं रोगी का उपचार आरंभ होने के उपरांत राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन के दिशा-निर्देशानुसार उपचार की निरंतरता लिंक ए.आर.टी. केन्द्र पर हो सकती है। एकीकृत परामर्श एवं जाँच केन्द्रों (आई.सी.टी.सी.) में पदस्थ परामर्शदाता एच.आई.व्ही. परामर्श व लैब टेक्निशियन एच.आई.व्ही. जाँच के लिए जिम्मेदार हैं। (ग) जी नहीं। विगत 02 वर्षों में प्रदान की गई किट का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''01'' अनुसार है एवं विगत 01 वर्ष में माहवार की गई एच.आई.व्ही. जाँच व उपचार का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''02'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। अस्पताल समय प्रातः 08 बजे से दोपहर 01 बजे व सायं 05 बजे से 06 बजे तक परामर्श व जाँच कार्य करते हैं। अस्पताल/केन्द्र में आने वाले समस्त हितग्राहियों को परामर्श एवं जाँच सेवायें प्रदान की जाती है। अतः कार्यवाही का कोई प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिले में स्वास्थ्य योजना
98. ( क्र. 5702 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग, केन्द्र/राज्य प्रवर्तित अनेक स्वास्थ्य योजनाओं का क्रियान्वयन प्रदेश के साथ ही रतलाम जिले में भी कर रहा है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14, वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 के प्रश्न दिनांक तक जननी सुरक्षा योजना, ब्लड बैंक एवं ब्लड स्टोरेज सेंटर हेतु जिला अंतर्गत विभिन्न योजनाओं के माध्यम से क्रियान्वयन हेतु कितना-कितना बजट स्वीकृत हुआ? (ग) साथ ही उपरोक्त वर्षों में उपरोक्त योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु स्वीकृत बजट में से कितना-कितना व्यय हुआ, कितने जननी वाहन होकर किस मॉडल के किस स्थिति में है? (घ) रतलाम जिला अंतर्गत कितने ब्लड बैंक एवं ब्लड स्टोरेज सेंटर होकर उनकी क्या स्थिति है तथा क्या मरीजों/परिजनों से ब्लड हेतु शुल्क भी निर्धारित किया गया है? यदि हाँ, तो कितना?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्न भाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। रतलाम जिले में वर्ष 2013-14 में 19 ए 2014-15 में 20 एवं 2015-16 में 21 वाहन मॉडल मारूती ओमनी सुचारू हालत में है। (घ) रतलाम जिले में 1 ब्लड बैंक एवं 2 ब्लड स्टोरेज सेंटर क्रियाशील हैं। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पोषण आहार, खेल सामग्री, उपकरण एवं रंगरोगन मरम्मत
99. ( क्र. 5703 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा केंद्र/राज्य प्रवर्तित महिलाओं एवं बाल विकास हेतु अनेक कल्याणकारी योजनाओं/कार्यों का क्रियान्वयन किया जा रह है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14, वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 के प्रश्न दिनांक तक रतालम जिले में योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु कितना-कितना बजट स्वीकृत होकर किए गए व्यय की जानकारी दें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
क्रय की जाने वाली दवाओं की जाँच एवं गुणवत्ता
100. ( क्र. 5727 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय अस्पतालों में क्रय की जाने वाली दवाईयों को उपयोग में आने के पूर्व गुणवत्ता की जाँच कराने के लिये क्या निर्देश हैं एवं प्रदेश में कौन-कौन सी लेबोरेट्री में यह जाँच की जाती है? (ख) 01 जनवरी 2014 से आज दिनांक तक क्रय की गई सभी दवाओं के वितरण के पूर्व शत्-प्रतिशत जाँच किन-किन प्रयोगशालाओं में कराई गई एवं उसके क्या परिणाम थे? (ग) दवा वितरण के पूर्व जाँच में कौन-कौन सी दवा कितनी मात्रा में अमानक पायी गई एवं उन दवाओं के भुगतान की राशि की वसूली संबंधित दवा कंपनी से की गई एवं दोषी दवा कंपनियों को ब्लेक लिस्ट करने हेतु कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो विवरण दिया जावे?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़
101. ( क्र. 5733 ) श्री मधु भगत : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ड्रग इंस्पेक्टर के कर्तव्य, उत्तरदायित्व, अधिकार, उनको क्रियान्वयन की प्रक्रिया इत्यादि के संबंध में कोई नियम, अधिनियम, निर्देश, नीति, परिपत्र है? यदि हाँ, तो जो प्रभावशील एवं लागू हो उनकी प्रति बतायें? (ख) बालाघाट जिले में ड्रग (दवाईयां) कारोबार से संबंधित लायसेंस, अनुमति, किन-किन को है? क्या कारोबारी लायसेंस/शर्तों अनुमति की पूर्ति/पालन कर रहे हैं? (ग) जिले में सेल काउंटर, मेडिकल स्टोर गोदाम, फुटकर, विक्रेता सेमी होल सेल, होलसेल, दवाईयों/उपकरण/ट्रेडर्स/ करोबार, लायसेंस की शर्तों की पूर्ति सुनिश्चित करने हेतु क्या प्रति वर्ष नियमित रूप से और आकस्मिक निरीक्षण करने का नियम निर्देश हैं? यदि हाँ, तो वर्ष 2014-15 में किन-किन का निरीक्षण किया गया? (घ) क्या जिले में अमानक दवाईयों के बेचे जाने के मामले पिछले 3 वर्षों में संज्ञान में आये थे? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही किस के विरूद्ध की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) ड्रग इंस्पेक्टर के कर्तव्य एवं उत्तरदायित्व औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियमवाली 1945, के नियम 51 में वर्णित है तथा शक्तियां औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 की धारा 22 अनुसार हैं तथा इसी अधिनियम की धारा 23 में औषधि निरीक्षक द्वारा औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 एवं नियमवाली, 1945 के क्रियान्वयन की प्रक्रिया वर्णित है। संबंधित धाराओं एवं नियम की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) आवेदक के द्वारा लायसेंस की शर्तों की पूरी करने के उपरांत ही उसे लायसेंस दिया जाता है। बालाघाट जिले में कुल 688 दवा विक्रेता है। जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है तथा लायसेंस की शर्तों की पूर्ति हेतु दवा दुकानों के नियमित निरीक्षण किये जाते हैं। (ग) औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियमावली, 1945 के नियम 51 (1), नियम में औषधि विक्रय संस्थानों के लिये नियुक्त निरीक्षकों के निरीक्षण संबंधी दायित्व उल्लेखित हैं। संबंधित नियम की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। साथ ही इस संबंध में खाद्य एवं औषधि प्रशासन मध्यप्रदेश द्वारा जारी किये गये निर्देशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘द’ अनुसार हैं। लायसेंस की शर्तों की पूर्ति सुनिश्चित करने के लिये नियमित निरीक्षण किये जा रहे है। वर्ष 2014-15 में बालाघाट जिले में औषधि निरीक्षक द्वारा किये गये निरीक्षणों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार है। (घ) पिछले 3 वर्षों में बालाघाट जिले में अमानक दवाईयों के बेचे जाने का कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है।
शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में वितरित राशन
102. ( क्र. 5750 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा बी.पी.एल. के हितग्राहियों के अलावा भी कुछ और भी श्रेणियों के उपभोक्ताओं को शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से 1 रूपये किलो गेहूँ व दो रूपये किलो चावल व सस्ती दर पर शक्कर, मिट्टी का तेल दिये जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो बी.पी.एल. के अलावा अन्य कौन सी श्रेणियां है? उन श्रेणियों के हितग्राहियों का चिन्हांकन व सत्यापन कौन करेगा? (ग) क्या पात्र चिन्हांकित उपभोक्ताओं की पर्ची जारी नहीं हो पाने की दशा में खाद्यान्न देने की वैकल्पिक व्यवस्था के निर्देश है? यदि हाँ, तो निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? (घ) खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के निर्देशों के बावजूद यदि विक्रेता हितग्राही को खाद्यान्न से वंचित करते है, तो क्या विक्रेता के विरूद्ध कार्यवाही की जाती है? यदि हाँ, तो विगत एक वर्ष में गुनौर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितने विक्रेताओं के विरूद्ध कार्यवाही की गई है?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बी.पी.एल. हितग्राहियों के अलावा 22 अन्य श्रेणी के परिवारों को पात्र परिवार में सम्मिलित किया गया है, जिन्हें रू. 1 प्रति किलो की दर से खाद्यान्न, रू. 13.50 प्रति किलो की दर से शक्कर तथा कलेक्टर द्वारा निर्धारित दर पर केरोसीन दिए जाने का प्रावधान है। (ख) बी.पी.एल. के अतिरिक्त अन्य श्रेणी के जिन परिवारों को पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित किया गया है, उनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। पात्र परिवारों के सत्यापन का कार्य स्थानीय निकायों द्वारा किया जाता है।, (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।, (घ) जिन पात्र परिवारों को सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की गई है, ऐसे परिवारों को विक्रेता द्वारा राशन सामग्री वितरण से वंचित करने पर उनके विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रावधान है। विगत एक वर्ष में गुनौर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत खाद्यान्न सामग्री के वितरण में अनियमितताएं पाई जाने पर चार विक्रेताओं के विरूद्ध कार्यवाही की गई है, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
पौष्टिक आहार भत्ता
103. ( क्र. 5751 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में मध्यप्रदेश में पुलिस के जवानों को कितना पौष्टिक आहार भत्ता दिया जाता है? (ख) क्या पुलिस के जवानों के आहार भत्ता में बढ़ोत्तरी की जाना है? यदि हाँ, तो कितनी और कब तक? क्या पुलिस जवानों के वर्तमान में दिया जाने वाला आहार भत्ता पर्याप्त है?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) वर्तमान में रू. 650/- प्रतिमाह पौष्टिक आहार भत्ता दिया जाता है। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं। जी हाँ।
मनमाने तरीके से वाहन किराये पर लेना
104. ( क्र. 5769 ) श्री हर्ष यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन द्वारा सागर संभाग अंतर्गत पदस्थ बाल संरक्षण अधिकारी (आई.सी.पी.एस.) को वाहन सुविधा प्रदान की गई है? (ख) यदि बाल संरक्षण अधिकरी द्वारा वाहन किराये पर लिया गया हो तो वित्त/परिवहन विभाग के किस नियम से? क्या वाहन किराये से लेने के लिये विज्ञापन प्रकाशित कराया? (ग) वाहन किराये पर लेने और अनुबंध पर किसका कब-कब अनुमोदन लिया गया? वाहन पर हुए व्यय की जानकारी उपलब्ध करावें? (घ) बिना विज्ञापन के वाहन किराये पर लेकर पद का दुरूपयोग किसके द्वारा किया गया? नाम एवं पद की जानकारी दें? दोषी के खिलाफ अब तक क्या कार्यवाही की गई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) मध्यप्रदेश शासन, वित्त विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 11-16/2012/नियम/चार, भोपाल दिनांक 06 अक्टूबर, 2012 में प्रदत्त निर्देशों के तहत वाहन किराये पर लिया गया है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वाहन किराये पर लेने अथवा निविदाकर्ता से अनुबंध करने हेतु कलेटर से अनुमोदन प्राप्त किया गया है। वाहन पर हुये व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी छतरपुर को विज्ञापन जारी कर स्थाई रूप से वाहन किराये पर लेने के निर्देश जारी किये जा रहे हैं।
लापरवाह एवं भ्रष्ट लोक-सेवकों के खिलाफ कार्यवाही
105. ( क्र. 5770 ) श्री हर्ष यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिनांक 01 जनवरी 2015 से दिनांक 15 फरवरी 2016 के मध्य क्या जिला रायसेन के उदयपुरा में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की भरती हेतु विज्ञापन प्रकाशित किया गया था? यदि हाँ, तो विज्ञापन की प्रति? दोनों पदों के आवेदकों की संख्या तथा नियुक्त अभ्यर्थियों की सूची एवं नियुक्ति दिनांकवार जानकारी दें? (ख) क्या विज्ञापन प्रकाशन के छह माह उपरान्त भी कई आंगनवाड़ी केन्द्रों पर आवेदन लेने के बाद भी नियुक्ति नहीं दी गई है? यदि हाँ, तो कारण बतावें? (ग) आज दिनांक तक चयन सूची जारी नहीं होने के क्या कारण हैं? चयन सूची कब तक जारी की जायेगी? (घ) विलम्ब के दोषियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। विज्ञप्ति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। आंगनवाड़ी कार्यकता एवं सहायिका के आवेदनों की संख्यावार तथा नियुक्त अभ्यर्थियों की सूची एवं दिनांकवार नियुक्ति संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स‘ अनुसार है। (ग) आंगनवाड़ी केन्द्र चंदली में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति हेतु अनन्तिम सूची का प्रकाशन दिनांक 22.09.2015 को किया गया। जिसमें श्रीमती कृषण लोधी का चयन आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में किया गया था। उक्त चयन के संबंध में एक अन्य अभ्यर्थी श्रीमती फिरोजा बी द्वारा आपत्ति लगाई कि उन्हें कक्षा 12वीं अंक प्रदाय नहीं किये गये हैं। श्रीमती फिरोजा बी द्वारा प्रस्तुत कक्षा 12वीं की अंक सूची पतान्जलि संस्कृत संस्थान की होने से जिला स्तरीय आपत्ति निराकरण समिति द्वारा निर्णय लिया गया कि पतान्जलि संस्कृत संस्थान की मान्यता के संबंध में माध्यमिक शिक्षा मण्डल से जानकारी प्राप्त करें। माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्यप्रदेश के पत्र क्र./विधो/741/2016/ दिनांक 02.01.2016 द्वारा जारी विज्ञप्ति क्रमांक 560 दिनांक 26.02.2005 अनुसार मध्यप्रदेश संस्कृत बोर्ड की पूर्व मध्यमा एवं उत्तर मध्यमा परीक्षा को मण्डल की क्रमश: हाई स्कूल एवं हायर सेकण्डरी परीक्षाओं के समकक्ष मान्यता है। उक्तानुसार प्राप्त जानकारी के आधार पर जिला स्तरीय समिति की बैठक दिनांक 29.02.2016 में निर्णय लिया गया कि श्रीमती फिरोजा बी का नाम नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल किया जा कर पुनः अनन्तिम सूची जारी की जावे। मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खुरसुरू में आवेदिकाओं द्वारा आवेदन में बी.पी.एल. क्रमांक का मिलान जनपद पंचायत के कम्प्यूटर शाखा में दर्ज बी.पी.एल. क्रमांक से मिलान न होने के कारण नियुक्ति पर निर्णय लिया जाना संभव नहीं था अतः विकासखंड चयन समिति द्वारा निर्णय लिया गया कि आवेदिकाओं के द्वारा प्रस्तुत बी.पी.एल. क्रमांक के सत्यापन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत से कराये जाने के उपरान्त प्राप्त जानकारी के आधार पर दिनांक 04.03.2016 को आयोजित विकासखंड स्तरीय चयन समिति की बैठक में नियुक्ति संबंधी निर्णय लिया जाएगा। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी होने से शेष का प्रश्न ही नहीं।
जयारोग्य अस्पताल में 1000 बिस्तरों के लिये भवन निर्माण
106. ( क्र. 5803 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा ग्वालियर में एक हजार बिस्तरों के लिये अस्पताल निर्माण की घोषणा एवं शिलान्यास किया था? यदि हाँ, तो कब दिनांक एवं वर्ष बतावें? इस अस्पताल के लिये कब-कब कितना-कितना वित्तीय आवंटन प्रदाय कराया गया है राशि तथा प्रदाय वर्ष स्पष्ट करें? अभी तक अस्पताल की निर्माण प्रक्रिया कहाँ तक पहुँची है इस घोषणा (अस्पताल निर्माण) को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? अभी तक विलम्ब होने का क्या कारण रहा? (ख) 1 जनवरी 2016 को जिस भवन में मरीजों का उपचार किया जा रहा है? क्या उस भवन को लोक निर्माण विभाग द्वारा जर्जर घोषित किया गया था? क्य उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी है कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है? क्या लोक निर्माण विभाग द्वारा स्पष्ट चेतावनी के बाद भी अस्पताल उसी भवन में चल रहा है? यदि हाँ, तो काई दुर्घटना होने पर इसके लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी होंगे उसके नाम एवं पद स्पष्ट करें? क्या कोई वैकल्पिक व्यवस्था कराई जा रही है? यदि हाँ, तो किस भवन में और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों कारण बतावें? (ग) 1 जनवरी 2016 की स्थिति में ग्वालियर जयारोग्य चिकित्सालय में कौन-कौन डॉक्टर/अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ है, उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक स्पष्ट करें? इतने लम्बे समय से एक ही स्थान पर पदस्थ रखने की शासन की क्या मजबूरी है? शासन की स्थानांतरण नीति क्या है? क्या लम्बे समय से एक ही स्थान पर पदस्थ डॉक्टरों/अधिकारियों/कर्मचारियों को स्थानांतरण किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित स्पष्ट करें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। 04 नवम्बर, 2009 को शिलान्याश किया गया था। वर्ष 2014-15 के बजट में रूपये 120 लाख प्रमुख अभियंता, लोक निर्माण विभाग, सतपुड़ा भवन, भोपाल के बी.सी.ओ. कोड 1902 को आवंटित किया गया था। पूर्व में संचालनालय चिकित्सा शिक्षा द्वारा कोषालय सर्वर में मद क्रमांक 4210-03-105-0101-7158-व्ही-64-001 में रूपये 50 लाख प्राप्त हुये हैं, जो परियोजना क्रियान्वयन इकाई को चालान द्वारा कोषालय में जमा कराये गये एवं पी.आई.यू. द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर दिनांक 02.03.2015 को रूपये 30 लाख का अतिरिक्त आवंटन और दिया गया हैं। 1000 बिस्तर के निर्माण कार्य की पुनरीक्षित डी.पी.आर. पी.आई.यू. द्वारा रूपये 290.14 करोड़ की प्रस्तुत की गई हैं। जो प्रक्रियाधीन है। कार्य यथाशीघ्र पूर्ण किया जाएगा निश्चित समयावधि दी जाना संभव नहीं है। (ख) लोक निर्माण विभाग द्वारा चेतावनी दी गई हैं, अस्पताल उसी भवन में संचालित हैं। अधिष्ठाता एवं अधीक्षक उत्तरदायी होंगे वैकल्पिक भवन के रूप में 1000 बिस्तर के अस्पताल निर्माण की स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
रिक्त पदों की पूर्ति
107. ( क्र. 5828 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राजगढ़ जिले के अंतर्गत महिला एवं बाल विकास परियोजना ब्यावरा एवं सुठालिया में कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पद के विरूद्ध कौन-कौन से पद किन-किन कारणों से कब से रिक्त हैं? प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा रिक्त पदों की पूर्ति हेतु क्या कोई ठोस कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? (ख) क्या परियोजना ब्यावरा एवं सुठालिया में लम्बे समय से लगभग 70 प्रतिशत पद रिक्त होने से विभाग की महत्वाकांक्षी योजनाओं का क्रियान्वयन सुचारू रूप से नहीं हो पा रहा है? जिससे कि महिलाओं एवं बच्चों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन यथाशीघ्र रिक्त पदों की पूर्ति करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) राजगढ़ जिले के अंतर्गत महिला एवं बाल विकास परियोजना ब्यावरा एवं सुठालिया में स्वीकृत पद, पद की निक्तता की अवधि एवं कारण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। पर्यवेक्षक की पदपूर्ति हेतु ब्यावरा एवं सुठालिया में पदस्थापना की गई थी, किन्तु पर्यवेक्षक के कार्य पर उपस्थित नहीं होने के कारण दोनों ही परियोजनाओं में पर्यवेक्षक का एक पद रिक्त है। (ख) जी नहीं। सुठालिया में परियोजना अधिकारी का पद रिक्त होने के कारण अन्य अधिकारी को अतिरिक्त प्रभार सौंपकर तथा परियोजना ब्यावरा एवं सुठालिया में पर्यवेक्षक के रिक्त पद का प्रभार अन्य पर्यवेक्षक को देकर महिलाओं एवं बच्चों को विभागीय योजनाओं का लाभ दिलाया जा रहा है। (ग) पदोन्नति, स्थानांतरण एवं सेवानिवृत्ति से पदों की रिक्ति एवं पूर्ति निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। अत: समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
शासकीय चिकित्सकों के छापामार कार्यवाही
108. ( क्र. 5844 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोकायुक्त पुलिस संगठन द्वारा 1998 से लेकर वर्ष 2000 तक किस-किस शासकीय चिकित्सकों के यहां छापामार कार्यवाही की गई है तथा छापे में भ्रष्टाचार में लिप्त किन-किन चिकित्सकों को निलंबित किया गया है? (ख) निलंबित चिकित्सकों को गांधी चिकित्सा महाविद्यालय के प्रशासन ने 1998 में छापे कि दिनांक से पहले की दिनांक में इस्तीफा कैसे स्वीकृत किया गया तथा ऐसे बर्खास्त चिकित्सकों को गांधी चिकित्सा महाविद्यालय अधीक्षक द्वारा क्या पेंशन का भुगतान किया गया? (ग) इस नियम विरोधी कार्यवाही के लिए क्या अधीक्षक पर कोई कार्यवाही की गई है यदि हाँ, तो जानकारी प्रदान करें? (घ) लोकायुक्त कार्यवाही में बर्खास्त चिकित्सक की वर्तमान में न्यायालय द्वारा क्या आदेश दिए गए है तथा इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त पुलिस संगठन द्वारा वर्ष 1998 से लेकर वर्ष 2000 के मध्य वर्ष 1998 में डॉ. पी.सी.मनोरिया, विभागाध्यक्ष हदय रोग विभाग गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल तथा वर्ष 2000 में डॉ. रणछोड़ सिंह चौहान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला उज्जैन के यहां छापामार कार्यवाही की गई। छापामार कार्यवाही के दौरान चिकित्सा शिक्षा विभाग, मंत्रालय के आदेश दिनांक 23 फरवरी 1998 जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक द्वारा डॉ. मनोरिया, प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष, ह्दय रोग विभाग, गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल को निलंबित किया गया तथा डॉ. रणछोड़ सिंह चौहान जो दिनांक 31.12.2001 को सेवानिवृत्त हो जाने के परिप्रेक्ष्य में उनकी निलंबन की कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) यह कि शासन द्वारा मनोरिया को बर्खास्त किये जाने संबंधी आदेश गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल को प्राप्त नहीं होने तथा मध्यप्रदेश शासन चिकित्सा शिक्षा विभाग, मंत्रालय के आदेश क्रमांक. एफ-2-49/98/55/चिकित्सा शिक्षा/एम/दिनांक 07.04.1998 के द्वारा दिनांक 27.02.1998 जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार अपरान्ह से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति प्रदान की गई थी। गांधी चिकित्सा महाविद्यालय द्वारा डॉ. मनोरिया का पेंशन प्रकरण संयुक्त संचालक, कोष एवं लेखा एवं पेंशन कार्यालय भोपाल को दिनांक 26.11.1998 द्वारा भेजा गया किंतु संबंधित चिकित्सक का पी.पी.ओ. आदेश चिकित्सा महाविद्यालय को प्राप्त नहीं होने के कारण यह बताया जाना संभव नहीं है कि संबंधित चिकित्सक को पेंशन का भुगतान हो रहा है अथवा नहीं। (ग) प्रश्नांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल की न्यायालय शाखा में दस्तावेज उपलब्ध नहीं होने के परिणाम स्वरूप शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्राप्त बजट के विरूद्ध औषधि सामग्री की खरीदी
109. ( क्र. 5846 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला भोपाल को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना अन्तर्गत वर्ष 2015-16 में कितना-कितना बजट किस-किस मद में प्राप्त हुआ? (ख) उपरोक्तानुसार बजट के विरूद्ध कौन-कौन सी औषधि-सामग्री इत्यादि किस-किस शासकीय एजेंसी/प्रदायकर्ताओं से क्रय की गई? (ग) क्या उपरोक्तानुसार प्राप्त बजट के उपयोग हेतु राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा दिये गए दिशा निर्देशों की अवहेलना करते हुए बिना किसी मांग-पत्र के लगभग चार करोड़ रूपये के कन्ज्यूमेबल (किट्स)/केमिकल्स की खरीदी विशेष फर्म से की गई। जिसकी शिकायत प्राप्त होने पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा रिकार्ड जब्त कर जाँच की जा रही है। (घ) जाँच का स्तर क्या है, उपरोक्त अनियमित खरीदी के लिए प्रथम दृष्ट्या दोषी कौन है एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ’ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब’ अनुसार। (ग) जी नहीं। जी नहीं। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वास्थ्य मिशन योजना से सामग्री की खरीदी
110. ( क्र. 5849 ) श्री कमल मर्सकोले : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, भोपाल को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजनांतर्गत सामग्री खरीदी मद में वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में कितना बजट प्राप्त हुआ? (ख) उपरोक्तानुसार बजट के विरूद्ध कौन-कौन सी सामग्री क्रय हेतु कहाँ-कहाँ से मांग पत्र प्राप्त हुए? उक्त मांग पत्रों के आधार पर क्रय की गई सामग्री का नाम, मात्रा, दर एवं प्रदायकर्ता का नाम तथा क्रय नियम बतां? (ग) क्या मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल द्वारा बिना किसी मांग पत्र के नियम विरूद्ध करोड़ों रूपयों की अनियमित खरीदी की गई तथा प्राप्त सामग्री को अन्य चिकित्सालयों में बिना मांग के भेजा गया? (घ) क्या शासन/विभाग उपरोक्त करोड़ों रूपयों की नियम विरूद्ध अनियमित खरीदी करने वाले स्टोर कीपर को तत्काल निलंबित करते हुए उच्च स्तरीय जाँच करवाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वर्ष 2014-15 में राशि रूपये 2,59,75,450/- एवं 2015-16 में राशि रूपये 6,29,46,000/-है। (ख) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘एक’ अनुसार है। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘दो’ अनुसार है, उक्त क्रय भण्डार क्रय नियमों के तहत किया गया है। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थिति नहीं होता है।
चिकित्सा महाविद्यालयों में स्टॉफ का वेतनमान
111. ( क्र. 5893 ) सुश्री उषा ठाकुर : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के चिकित्सा महाविद्यालयों में संचालित हो रहे स्ववित्त फिजियोथैरेपी (स्नातक एवं स्नात्कोत्तर पाठ्यक्रम) विभागों में कार्यरत प्राध्यापकों एवं अन्य शैक्षणिक स्टॉफ को क्या म.प्र. के शासकीय विद्यालयों में संचालन स्ववित्त पाठ्यक्रमों/संस्थानों में कार्यरत प्राध्यापकों एवं अन्य शैक्षणिक स्टॉफों की तुलना में समकक्ष वेतन प्राप्त होना है? (ख) इन स्ववित्त फिजियोथैरेपी विभागों को समान विद्यार्थियों एवं रोगियों के हित में पूर्ण शासकीय अनुदान देते हुए स्वतंत्र कॉलेज के रूप में चिकित्सा शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत संचालित करना क्या उचित नहीं है अथवा क्यों नहीं है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) चिकित्सा महाविद्यालय इन्दौर एवं जबलपुर में स्व-वित्तीय योजना के अन्तर्गत स्वशासी संस्था द्वारा पैरामेडिकल पाठ्यक्रम प्रारंभ है तथा वहां पदस्थ स्टॉफ को निश्चित वेतन समिति द्वारा दिया जा रहा है शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी भवन विहीन
112. ( क्र. 5910 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरसिंहपुर जिले में वर्ष 2010 से कितनी आंगनवाड़ी भवन विहीन है? आंगनवाड़ी केन्द्रों को प्रतिमाह कितना किराया दिया जाता है? (ख) क्या वर्तमान में दी जाने वाली राशि से आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित करने हेतु भवन नहीं मिल पा रहे हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा जब तक भवन निर्मित नहीं कर लिये जाते तब तक आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये किराये बढ़ाने हेतु विचार किया जायेगा? (ग) जो आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन है उनके लिये शासकीय भवन बनवाये जाने हेतु शासन की क्या नीति है, क्या क्रमवार भवन निर्माण हेतु शासन विचार करेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नरसिंहपुर जिले में कुल 1067 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं जिनमें विभागीय भवनों में 269 आंगनवाड़ी केन्द्र, अन्य शासकीय भवनों में 579 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं किराये के भवनों में 219 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। कोई भी आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन नहीं है। आंगनवाड़ी केन्द्रों में वर्तमान में शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में 750/- प्रतिमाह अधिकतम एवं शहरी क्षेत्र में 3000/- प्रतिमाह अधिकतम किराया देने का प्रावधान है। (ख) जी नहीं, वर्तमान में दी जाने वाली राशि से आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित करने हेतु भवन उपलब्ध है। अतः शेष का प्रश्न ही नहीं है। (ग) भवनविहीन (किराये/अन्य शासकीय भवनों में) संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिए, ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा योजना के अभिसरण से (आई.पी.पी.ई./गैर आई.पी.पी.ई. विकासखंड में) आंगनवाड़ी भवन निर्माण की कार्य-योजना विचाराधीन हैं एवं शहरी क्षेत्र में राज्य आयोजना मद में राशि उपलब्ध होने पर आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति दिए जाने की योजना हैं। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता हैं। अतः समय-सीमा दी जाना संभव नहीं हैं।
स्वास्थ्य केन्द्रों द्वारा किये गये आय-व्यय
113. ( क्र. 5929 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को शासन द्वारा विगत दो वर्षों में कितनी राशि प्राप्त हुई एवं कितनी राशि व्यय की गई कार्य का नाम एवं राशि बतावें? (ख) विधान सभा क्षेत्र सुवासरा में विगत दो वर्षों में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को शासन मद के अतिरिक्त रोगी कल्याण समिति के माध्यम से विगत दो वर्षों में कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? अलग-अलग स्वास्थ्य केन्द्रवार राशि बतावें? (ग) क्षेत्र में स्वास्थ्य केन्द्रों पर रोगी कल्याण समिति के माध्यम से विगत दो वर्षों में कौन-कौन से कार्य किये गये स्वास्थ्य केन्द्र का नाम, कार्य का नाम एवं व्यय राशि की जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांकित दिनांक को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में रोगी कल्याण समिति के खाते में कितनी राशि जमा है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार।
जिला चिकित्सालय रीवा की जाँच
114. ( क्र. 5969 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालक स्वास्थ्य सेवायें का पत्र क्र./01 विज्ञापन/सेल 05/2015/1383 भोपाल दिनांक 15.09.15 द्वारा स्वास्थ्य विभाग में समस्त प्रकार के संलग्नीकरण समाप्त कर समस्त चिकित्सा अधिकारी कर्मचारियों के लिये आदेश जारी किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में (क) आदेश के विरूद्ध रीवा जिले के सी.एम.एच.ओ. द्वारा कितने अधिकारी व कर्मचारियों को संलग्नीकरण के आदेश व निर्देश दिये हैं आदेश व निर्देश की प्रति उपलब्ध कराते हुये संलग्न कर्मचारी अधिकारियों की सूची एवं आदेश की प्रति के साथ जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के संदर्भ में रीवा जिले के सी.एम.एच.ओ. द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन म.प्र. भोपाल के पत्र क्र./एन.एच.एस./एच.आर./2015/1319 भोपाल दिनांक 16.06.15 के अनुसार वर्ष 2015-16 में स्वीकृति जिला/खंड स्तरीय स्टॉफ नर्स संविदा पदों की पूर्ति हेतु चयन समिति का गठन किया गया था एवं सभी गाईड लाईन के नियमों का पालन किया था? यदि हाँ, तो गाईड लाईन एवं गठित समिति की प्रति उपलब्ध कराते हुये जानकारी दें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के संदर्भ में चयनित नर्स पुष्पा शुक्ला सरल क्र. 1 नम्बर में है तो उसके पदांकन आदेश में नाम अंकित क्यों नहीं है? इस प्रकार से और कितने नाम किस कारण से छोड़े गये हैं और क्यों इसमें कौन दोषी है, दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई, की गई कार्यवाही के प्रति के साथ सम्पूर्ण आदेशों की प्रति उपलब्ध करायें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मेडिकल कॉलेज में बायो मेडिकल इंजी. की पदस्थापना
115. ( क्र. 5978 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय मेडिकल कॉलेज रीवा, जबलपुर, ग्वालियर, इंदौर, भोपाल, उज्जैन में हृदय रोग, गुर्दा रोग, कैंसर रोग, सिटी स्कैन, के जाँच हेतु कौन-कौन सी मशीनें स्थापित हैं उनकी वर्तमान स्थिति क्या है कॉलेजवार मशीनवार स्थिति की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त मशीनों के रख-रखाव व मरम्मत में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है, की जानकारी कॉलेजवार, वर्षवार देवें? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के संदर्भ में उक्त मशीनों के संचालन, संधारण, मरम्मत व रख-रखाव के लिये कितने बायोमेडिकल इंजीनिजर पदांकित किये गये हैं कि जानकारी कॉलेजवार देवें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के संदर्भ में स्वास्थ्य विभाग के कॉलेजों व चिकित्सालायों में उपरोक्त मशीनों के संधारण हेतु शासन द्वारा कितने पद स्वीकृत किये गये हैं, यदि नहीं, तो उक्त टीम की एवं अनिवार्य मशीनों के संचालन हेतु शासन विभाग द्वारा बायोमेडिकल इंजीनियरों की पदांकन हेतु कब तक कितने पद स्वीकृत कर पदों की पूर्ति की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। चिकित्सा महाविद्यालय इंदौर से संबद्ध एम.वाय. चिकित्सालय इंदौर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। सी.टी. स्केन की 128 स्लाईड की अत्याधुनिक मशीन इंदौर में स्थापित है। कैंसर अस्पताल इंदौर में आने वाले मरीजों के जाँच एवं निदान हेतु कोबाल्ट मशीन, ब्रेकीथेरापी मशीन, 3 डी. ट्रीटमेंट प्लानिंग सिस्टम, एक्स-रे मशीनें उपलब्ध हैं। जी.आर. कॉलेज मेडिकल कॉलेज ग्वालियर के रेडियोलाजी विभाग में एक्स-रे मशीन अल्ट्रासाउण्ड, डी.एस.ए. एवं सी.टी. स्केन मशीनें उपलब्ध है तथा वर्तमान में सभी मशीनें चालू स्थिति में है। रेडियोथेरापी विभाग में कोबाल्ट टी.पी.एस. एवं एच.डी.आर. मशीने स्थापित है, एच.डी.आर. मशीन बंद है। 7 डायलेसिस मशीनें स्थापित है, जिसमें से 4 मशीने कार्यरत है एवं डायलेसिस की सेवायें प्रदान की जा रही है। विभाग में 10 वेंटीलेटर, 8 कार्डियेक मॉनिटर कार्यरत हैं। 6 डिफिबिलेटर कार्यरत हैं ई.सी.जी. मशीन 10 कार्यरत हैं 02 परीक्षण हेतु पत्राचार में है। कार्डियोलाजी विभाग में ई.सी.जी., बी.पी.एल. तीनों मशीनें कार्यशील हैं। डिफिबिलेटर मॉनिटर 2 कार्यरत हैं टी.एम.टी. मशीन 1 कार्यशील है, ईको कार्डियोग्राफी 1 कार्यशील है। कार्डियेक मॉनीटर 18 कार्यशील है। वेंटीलेटर 02 कार्यशील है। नेताजी सुभाषचन्द्र बोस चिकित्सा महाविद्यालय जबलपुर में स्थापित मशीनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार। एस.एस. मेडिकल कॉलेज रीवा में कम्प्यूटराईज्ड टी.एम.टी. मॉडल एक्स-स्क्राईब (1 यूनिट), टी.एम.टी. स्कीलर (1 यूनिट), इकोकार्डियोग्राफी तोशिबा (1 यूनिट), फिलिप्स (1 यूनिट), एडल्ट ए.एस.सी.एल. वेंटीलेटर कार्निया, ड्रेगर मॉडल न. 0053 (1 यूनिट), वेंटीलेटर सेविना (1 यूनिट), बेड साईड कार्डियेक मॉनीटर मल्टी चैनल, एच.पी. 78352 (1 यूनिट), सेंट्रल मॉनीटर मॉडल न. 08901.60501 (1 यूनिट), सिम्पिल बेडसाईड कार्डियेक मॉनीटर बीएम-5384 (1 यूनिट), पल्स जनरेटर (पेसिंग बेटरी), (1 यूनिट), पल्स जनरेटर (पेसिंग बेटरी), (1 यूनिट), पेसमेकर इण्डस 1 एस.एस.बी. 100 (1 यूनिट), हेमोडायलेसिस कोब सेन्ट्री 2, पल्स आक्सीमीटर सी.एस.आई. 502 डी.एक्स. (1 यूनिट), पल्स आक्सीमीटर मॉडल न. 560 (1 यूनिट), आटो पल्स बी.पी. रिकार्डर (एनआईबीपी) मॉडल न. 506 (1 यूनिट), मल्टी चैनल मॉनीटर क्रिटीकेयर मॉडल न. 507 ई. (1 यूनिट), मक्ल्टी चेनल मॉनीटर मॉडल न. 5 (1 यूनिट), होल्टर सिस्टम (1 यूनिट), ईवेन्ट रिकार्डर (1 यूनिट), होल्टर कार्डियक मॉनीटर सिस्टम (मॉडल हाटविन) एस.एन.12 के.49 विथ स्टेण्ड (1 यूनिट), ई.सी.जी. मशीन ई.एल.आई. 100 (1 यूनिट), ई.सी.जी. कार्डियेक 6208 (1 यूनिट), ई.सी.जी. बी.पी.एल. 108 (1 यूनिट), ई.सी.जी. मशीन 3 चैनल (निशान) (226225) (1 यूनिट), डिफिबिलेटर 2509 (ए.बी.एम.डी.4के-748,1749) (1 यूनिट), डिफिबिलेटर 2509 (बीएक्सएमए5के-1287,1284,1260) (1 यूनिट), डिफिबिलेटर यूएमडीएनएसएसएमई 115910 27006347), (2764034) (1 यूनिट), पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट मशीन टाईप न. ई.एम. 06 (रिपेयर्ड आन नव. 08) (1 यूनिट), एबीजी मशीन (आईटम कोड 232 मॉडल न. एसटीएटी प्रोफाईल क्रिटीकल केयर एक्सप्रेस) (1 यूनिट), पोर्टेबल यूएसजी मशीन मॉडल न. आरएमएस 8300 विथ कनवेक्स प्रोब (1 यूनिट), ईईजी (डिजिटल) मॉडल जेस्ट 32 चेनल (1 यूनिट), ईएमजी मशीन मॉडल न . 27 मेक 81 मॉडल आरएमएस एलेन 201 (1 यूनिट), इन्फयूजन पम्प (1 यूनिट), हेमोडायलेसिस मशीन मेक बी ब्रोन मॉडल डायलाग+ (1 यूनिट), डेस्कटाप कम्प्यूटर विथ प्रिटंर (1 यूनिट), लेरिंगस्कोप विथ विडियो (1 यूनिट), वेंटीलेटर हेमीलटन मॉडल सी.एल. सीरियल न. 7081, 7082, 7083, 8085, अम्बूबेग किट मॉडल मेप एडल्ट, अलाईड सेरिन्ग 200 सेरिन्ग इन्फयूजन पम्प, ई.सी.जी. मशीन 6 चैनल मॉडल एलेन्जर्स पीस-ए-106, बी.पी.एल. डिफिबिलेटर 2617 आर विथ एईबी एण्ड रिकार्डर मॉडल न. 16 बी.पी.एल. सीरियल न. 1 इडीएमई-58 1208 सीरियल न. 4 इडीएमई-5 बी-1174, वेंटीलेटर न्यूपोर्ट सी 360 ईएसवायन एन, पल्स आक्सीमीटर, पीएफटी मशीन कम्प्यूटराईज्ड स्पीरोमीटर स्पीरोएक्सल सीरियल न. 715518, एलेन्जर्स मॉनीटर पीआईएससीईएस 106-1, वर्तमान में उपरोक्त सभी मशीन कार्यशील है। कोबाल्ट टेलीथेरेपी एवं गामा मेड (एचडीआर) ब्रेकीथेरापी मशीन आउट सोर्स के माध्यम से वर्तमान समय में चालू स्थिति में हैं। 64 स्लाईज सीटी स्केन मशीन आउट सोर्स के माध्यम से वर्तमान समय में चालू स्थिति में हैं। उज्जैन में शासकीय मेडिकल कॉलेज स्थापित नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) 1- गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल में वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त मशीनों के रख-रखाव व मरम्मत में व्यय की राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार। 2- चिकित्सा महाविद्यालय इंदौर से संबद्ध म.य.चिकित्सालय इंदौर में वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक मशीनों के रख-रखाव व मरम्मत में वर्षवार व्यय की गई राशि निम्नानुसार हैं :-
वित्तीय वर्ष |
व्यय |
2012-13 |
17,00,000/- |
2013-14 |
29,50,000/- |
2014-15 |
14,72,000/- |
2015-16 (जनवरी 2016 तक) |
24,61,000/- |
कैन्सर अस्पताल इंदौर में सभी मशीनें कार्यरत है, जिसके रख-रखाव पर किये गये व्यय की जानकारी निम्नानुसार है :-
स.क्र. |
मशीन का नाम |
वर्ष |
रख-रखाव पर व्यय |
1 |
कोबाल्ट मशीन |
2012 |
143045 |
|
2013 |
320575 |
|
|
2014 |
352632 |
|
|
2015 |
193948 |
|
2 |
बे्रकीथेरापी मशीन |
2012 |
170878 |
|
2013 |
165148 |
|
|
2014 |
0 |
|
|
2015 |
0 |
|
3 |
एक्स-रे मशीन |
2012 |
17000 |
|
2013 |
18000 |
|
|
2014 |
20000 |
|
|
2015 |
22000 |
|
4 |
3-डी ट्रीटमेंट प्लानिंग सिस्टम |
मशीन की स्थापना वर्ष 2015 में होने के कारण वारंटी में है। |
3- चिकित्सा महाविद्यालय ग्वालियर से सम्बद्ध जयारोग्य चिकित्सालय समूह में स्थापित मशीनों के रख-रखाव व मरम्मत में वर्ष 2012 से प्रश्न दिनांक तक रूपये 51,77,535/- (इक्यावन लाख सततर हजार पाँच सौ पैंतीस मात्र) की राशि व्यय की गई। 4-चिकित्सा महाविद्यालय जबलपुर और सम्बद्ध अस्पताल में मशीनों के रख-रखाव व मरम्मत में राशि व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। 5- चि. महा. रीवा :- जानकारी निरंक है। (ग) चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल, इन्दौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा में बायोमेडिकल इंजीनियर के कोई पद स्वीकृत नहीं होने से पदांकित नहीं किये गये। (घ) वर्तमान में चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा में बायोमेडिकल इंजीनियर का पद स्वीकृत नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय अस्पतालों में स्टॉफ नर्स के रिक्त पद
116. ( क्र. 5993 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल एवं बैरागढ़ के कौन-कौन से अस्पताल हैं, जिनमें स्टॉफ नर्स के पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पदों में से कितने पद मई 2015 में रिक्त थे? अस्पतालवार जानकारी देवें? (ख) 1 जून 2015 से 31 जनवरी 2016 तक कितने पद भरे गये व किस प्रक्रिया द्वारा भरे गये? वर्तमान में कितने पद रिक्त हैं? अस्पतालवार जानकारी देवें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) भोपाल एवं बैरागढ़ में निम्नानुसार अस्पताल संचालित हैं, उक्त संस्थाओं में स्टाफ नर्स के स्वीकृत पद एवं स्वीकृत पदों में से मई 2015 में रिक्त पदों की स्थिति चिकित्सा संस्थाओं के सम्मुख दर्शित की गई है।
स.क्र. |
चिकित्सा संस्था का नाम |
स्वीकृत स्टाफ नर्स के पद |
भरे स्टाफ नर्स के पद |
मई 2015 की स्थिति में रिक्त स्टाफ नर्सों के पद |
1 |
सि.अ. बैरागढ़ |
25 |
25 |
निरंक |
2 |
क्षय चिकित्सालय भोपाल |
39 |
39 |
निरंक |
3 |
डॉ.के.एन.के. चिकि. भोपाल |
15 |
13 |
02 |
4 |
जय प्रकाश चिकि. भोपाल |
100 |
93 |
07 |
5 |
सि.डि. आनन्दनगर |
01 |
01 |
निरंक |
6 |
सि.डि. बरखेड़ा पठानी |
01 |
01 |
निरंक |
7 |
सि.डि. बागसेवनिया |
01 |
01 |
निरंक |
8 |
सि.डि. कोटरा |
01 |
01 |
निरंक |
9 |
सि.डि. पंचशील नगर |
02 |
02 |
निरंक |
10 |
सि.डि. 1100 क्वार्टर |
02 |
02 |
निरंक |
11 |
सि.डि. वल्लभ भवन |
01 |
01 |
निरंक |
12 |
सि.डि. सतपुड़ा भवन |
01 |
01 |
निरंक |
13 |
सि.डि. विंध्याचल भवन |
01 |
01 |
निरंक |
14 |
सि.डि. राजभवन |
01 |
01 |
निरंक |
15 |
सि.डि. सेवनिया गौड़ |
01 |
01 |
निरंक |
16 |
सा.स्वा.के. कोलार |
06 |
06 |
निरंक |
(ख) विभाग द्वारा 1 जून 2015 से 31 जनवरी 2016 तक शासन/संचालनालय स्तर पर स्थानान्तरण प्रक्रिया के अंतर्गत रिक्त पदों की पूर्ति की गई। वर्तमान में डॉ. के.एन.के. चिकित्सालय भोपाल में एक पद रिक्त है।
सहायक ग्रेड-3 सह डाटा एन्ट्री ऑपरेटरों का ग्रेड-पे
117. ( क्र. 5994 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या डाटा एन्ट्री ऑपरेटर/कम्प्यूटर ऑपरेटर की ग्रेड-पे 2400-2800 रूपये है? यदि हाँ, तो क्या महिला सशक्तिकरण विभाग में लाड़ली लक्ष्मी योजनांतर्गत नियुक्त सहा.ग्रेड-3 सह डाटा एन्ट्री ऑपरेटरों को भी उक्त ग्रेड-पे अनुसार ही भुगतान किया जा रहा है? यदि नहीं, तो ग्रेड-पे भुगतान में अंतर का क्या कारण है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित डाटा एन्ट्री ऑपरेटरों को म.प्र. के अन्य विभागों के डाटा एन्ट्री ऑपरेटरों के समान ग्रेड-पे का भुगतान किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो इनके पदों में सह डाटा एन्ट्री ऑपरेटर अंकित करने का क्या औचित्य है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) विभाग में डाटा एन्ट्री ऑपरेटर की ग्रेड-पे 2400/- है। संचालनालय, महिला सशक्तिकरण में लाड़ली लक्ष्मी योजनांतर्गत नियुक्त सहायक ग्रेड-3 सह डाटा एन्ट्री ऑपरेटर को ग्रेड-पे 1900/- का भुगतान किया जा रहा है। उक्त पद मूलत: सहायक ग्रेड-3 का होने के कारण सहायक ग्रेड-3 सह डाटा एन्ट्री ऑपरेटरों को 1900/- ग्रेड-पे का भुगतान किया जा रहा है। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों में मध्यान्ह भोजन
118. ( क्र. 5998 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्वालियर नगर निगम क्षेत्र में कौन-कौन स्व. सहायता समूह किस-किस दिनांक से कार्यरत हैं तथा कितने आंगनवाड़ी केन्द्र किस-किस स्थान पर संचालित हैं? उन आंगनवाड़ी केन्द्रों पर कितने बच्चों के नाम दर्ज हैं? इन केन्द्रों पर कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं? क्या आंगनवाड़ी पर दर्ज बच्चों का नाम अनुसार बच्चे उपस्थित हो रहे हैं? (ख) क्या शासन के नियमानुसार सही गुणवत्ता का भोजन केन्द्र पर रजिस्ट्रर में दर्ज बच्चों की संख्या अनुसार पूरी मात्रा में उपलब्ध कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो माह दिसम्बर 2015 एवं जनवरी 2016 (विगत 2 माह) में किस-किस कर्मचारी/अधिकारी द्वारा किस-किस आंगनवाड़ी केन्द्र पर निरीक्षण किया है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार ऐसे भी आंगनवाड़ी केन्द्र हैं जहां भोजन प्राप्त ही नहीं किया जा रहा? सिर्फ कागजों में प्राप्ति दिखाकर पूरी मात्रा का भोजन या रिजस्टर में दर्ज बच्चों की संख्या की 25 प्रतिशत से भी कम उपस्थिति अनुसार झूठी पूरी हाजिरी दिखाकर बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है? क्या संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों का भोपाल से टीम गठित कर प्रश्नकर्ता विधायक के साथ निरीक्षण कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) ग्वालियर नगर निगम क्षेत्र में 1 जनवरी 2016 की स्थिति में महिला एवं बाल विकास विभाग में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं? उनका नाम, पद सहित स्पष्ट करें?
महिला
एवं बाल विकास
मंत्री (
श्रीमती माया
सिंह ) : (क) ग्वालियर
नगर निगम
क्षेत्र में
निम्नानुसार
आंगनवाड़ी
केन्द्र
संचालित है।
क्र. परियोजना
का नाम केन्द्रों
की संख्या
1.
ग्वालियर
शहरी-1 110
2. ग्वालियर
शहरी-2 84
3. ग्वालियर
शहरी-3 100
4. ग्वालियर
शहरी-4 100
5. ग्वालियर
शहरी-5 101
6. गिर्द 35
7. मुरार 33
योगः-
563
स्व-सहायता समूहों के नाम की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ’’ पर एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों की सूची, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं के नाम एवं बच्चों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब’’ अनुसार है। जी हाँ नियमानुसार पात्र बच्चे उपस्थिति हो रहे है। (ख) जी हाँ। प्रत्येक केन्द्र पर प्रतिदिन संबंधित कार्यकर्ता/ सहायिका द्वारा सत्यापन कर पंचनामा तैयार किया जाता है। जिला कार्यक्रम अधिकारी/ सहायक संचालक/परियोजना अधिकारी/पर्यवेक्षक के द्वारा माह दिसम्बर एवं जनवरी 2016 विगत 2 माह में किये गये भ्रमण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स’’ अनुसार है। (ग) जी नहीं। समस्त केन्द्रों पर नियमानुसार उपस्थिति अनुसार पूरक पोषण आहार प्रदाय किया जा रहा है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) ग्वालियर नगर निगम क्षेत्र में 1 जनवरी 2016 की स्थिति में महिला एवं बाल विकास विभाग में पदस्थ है, कि सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘द’’ अनुसार है।
स्वास्थ्य केन्द्रों की जानकारी
119. ( क्र. 6014 ) श्री संजय पाठक : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में कितने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, कितने उप स्वास्थ्य केन्द्र, किन-किन विकासखंडों में संचालित है तथा उन केन्द्रों में कितने डॉक्टर व कितने अन्य स्टॉफ के पद स्थायी एवं संविदा में स्वीकृत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित स्वास्थ्य केन्द्रों में कितने डॉक्टर एवं कितने अन्य स्टॉफ के पद भरे हुये हैं? वर्गवार पदवार जानकारी देवें तथा रिक्त पद कब तक भरे जावेंगे? (ग) विधान सभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ में स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने वर्षों से खाली है तथा मैदानी अमला अपने निर्धारित मुख्यालय में निवास कर रहा है, यदि नहीं, तो किस नियम के तहत मकान किराया दिया जा रहा है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अधिकारी - कर्मचारियों का संलग्नीकरण
120. ( क्र. 6025 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन अंतर्गत शासकीय कार्यालयों एवं शिक्षण संस्थाओं में किसी भी प्रकार के संलग्नीकरण/आसंजित/अटेचमेंट प्रतिबंधित हैं? आदेश की प्रति देवें? (ख) यदि हाँ, तो सागर जिले के अंतर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत कितने और कौन-कौन से कार्यालयों में किस-किस कार्यालय से कौन-कौन कर्मचारी एवं अधिकारी संलग्नीकरण/आसंजित/अटेचमेंट पर कब से कार्य कर रहे हैं? कार्यालयवार, नामवार, पदवार सूची उपलब्ध करावें? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्णित कर्मचारियों एवं अधिकारियों को केवल खानापूर्ति के लिये स्थानांतरित कर ज्वाईनिंग के बाद जिस कार्यालय से स्थानांतरित होते हैं, उसी कार्यालय में वापिस आसंजित कर लिया जाता है? जिसके कारण उस कार्यालय का शासकीय कार्य अत्यधिक प्रभावित होता है, जहां के लिये इन्हें स्थानांतरित किया गया था? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में ऐसे आसंजित कर्मचारियों एवं अधिकारियों को आसंजन आदेश को निरस्त कर, अपने मूल पदस्थापना वाले कार्यालय में कब तक उपस्थित कराया जाना सुनिश्चित किया जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सुरक्षा एवं सफाई का ठेका
121. ( क्र. 6029 ) श्री के.पी. सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिकायतकर्ता के शिकायती पत्र दिनांक 05/12/2015 के द्वारा संचालक गैस राहत एवं पुर्नवास को स्पीड पोस्ट सेवा भारत सरकार के माध्यम से भेजकर दिसम्बर 2015 के विधान सभा सत्र अंतर्गत प्रश्न क्रमांक 2445 दि. 18 दिसम्बर, 2015 की जानकारी उन्हें असत्य एवं गुमराह दिये जाने के संबंध में अवगत कराते हुए प्रश्न का उत्तर दस्तावेजी साक्ष्यों व सत्यता के आधार पर दिये जाने का अनुरोध किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो प्राप्त शिकायत के संक्षिप्त बिंदुओं का बिन्दुवार उल्लेख करते हुए उन बिंदुओं पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या प्रभावी कार्यवाही किस-किसके द्वारा कब-कब की गई? उसके क्या निष्कर्ष निकले? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? क्या दोषियों को बचाने हेतु कार्यवाही नहीं की जा रही है? (ग) क्या शासन/विभाग प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्न क्रमांक 2445 के प्रश्नांशों व इस संबंध में प्रश्न का असत्य उत्तर दिये जाने पर प्राप्त शिकायतों की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए कार्यरत श्रमिकों के आर्थिक व मानसिक शोषण से बचाये जाने हेतु तत्काल प्रभावी कार्यवाही करते हुए प्रश्नांशों का उत्तर दोषियों पर कार्यवाही सहित संचालक गैस राहत एवं पुर्नवास से अभिमत के साथ दिया जाना सुनिश्चित करेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) प्राप्त शिकायत का परीक्षण कराया गया। विधान सभा ताराकिंत प्रश्न क्रमांक 2445 का उत्तर कार्यालय तथा चिकित्सा इकाईयों में उपलब्ध अभिलेख एवं जानकारी के आधार पर भेजा गया है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अपराधियों के फिंगर प्रिंट का रिकार्ड गुम करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही
122. ( क्र. 6039 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार देश के किसी भी कोने में अपराधियों द्वारा अपना नाम व हुलिया बदलकर अपराध करने वाले अपराधियों को पहचानने हेतु उनके फिंगर प्रिंट को सी.सी.टी.एन.एस. के जरिये क्रास चैक कर पहचानने हेतु रिकार्ड संधारित किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो सी.सी.टी.एन.एस. का उपयोग कब से किया जा रहा है और क्या अपराधियों के फिंगर प्रिंट का रिकार्ड सी.सी.टी.एन.एस. की तकनीकी खराबी के कारण गुम/मिस/डिलीट हो गया और वह पुन: अपलोड भी नहीं हो सकेगा? (ग) यदि हाँ, तो इस लापरवाही के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? उनके विरूद्ध शासन द्वारा क्या तथा कब तक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्या शासन मामले की उच्च स्तरीय जाँच कराकर अपराधियों को लाभ पहुंचाने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय एवं वैधानिक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) वर्तमान संचालित सी.सी.टी.एन.एस. सिस्टम में अपराधियों की पहचान करने हेतु फिंगर प्रिंट क्रास चैक करने की सुविधा नहीं है। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अपराधियों के विरूद्ध कार्यवाही
123. ( क्र. 6040 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस मुख्यालय की अपराध शाखा में प्रदेश में घटित घटनाओं एवं अपराधों की जानकारी जिलेवार संकलित की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में भोपाल संभाग अन्तर्गत नाबालिग बच्चों के साथ दुष्कर्म, बच्चों पर अत्याचार, महिलाओं को जिंदा जलाने, बलात्कार, फायरिंग एवं अपहरण, लूट आदि की कब-कब कितनी-कितनी घटनाएं घटित हुई? जिलेवार, वर्षवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में कितने प्रकरणों में कितने अपराधियों को गिरफ्तार किया गया तथा कितने अपराधियों को गिरफ्तार करना शेष है?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ, राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो, पुलिस मुख्यालय, भोपाल में प्रदेश में घटित अपराधों की संख्यात्मक जानकारी निर्धारित अपराध शीर्षवार संकलित की जाती है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को वेतन भुगतान
124. ( क्र. 6042 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नरसिंहपुर जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं को कितने माह से वेतन का भुगतान नहीं किया गया है? इसके क्या कारण हैं? (ख) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं को प्रतिमाह नियमित वेतन प्राप्त होना सुनिश्चित हो इस हेतु विभाग की क्या योजना है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जिले की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं का माह जनवरी 2016 तक मानदेय का भुगतान किया गया है। (ख) माह नवम्बर 2014 से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका को प्रतिमाह नियमित मानदेय प्राप्त हो इस हेतु विभाग द्वारा एम.आई.एस. के माध्यम से उपस्थिति सुनिश्चित कर जिला स्तर से भुगतान ई-पेमेन्ट द्वारा किया जा रहा है।
कारावास के दौरान मृत्यु पर सहायता राशि
125. ( क्र. 6081 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कारावास के दौरान कैदियों की मृत्यु हो जाने पर उसके परिजन/आश्रितों को अनुग्रह/अनुदान राशि दिए जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो तद्संबंधी आदेशों/निर्देशों की प्रति देवें? (ख) विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत उपजेल सुसनेर में गैलाना के किसी कैदी की मृत्यु हुई थी? यदि हाँ, तो क्या विभाग को अनुग्रह राशि भुगतान का विधिवत प्रस्ताव प्राप्त हुआ था? यदि हाँ, तो भुगतान किया गया या नहीं? यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या प्रश्नकर्ता ने प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित प्रकरण के निराकरण हेतु विभाग को पत्र लिखा था? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्या प्रकरण पर जाँच की जाकर स्व-प्रेरणा से निराकरण किया जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। बंदी द्वारा आत्मग्लानी के कारण फांसी लगाकर आत्महत्या की गई। कलेक्टर, आगर-मालवा ने प्रतिकर दिये जाने की अनुशंसा की थी। जेल मुख्यालय स्तर से परीक्षण पर आयोग की अनुशंसा दिनांक 07/12/2009 स्वीकार योग्य प्रतीत नहीं होने के कारण अनुशंसा नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। बंदी द्वारा आत्मग्लानी के कारण फांसी लगाकर आत्महत्या की गई और मृतक बंदी के संबंध में अनुशंसा इसलिये मान्य नहीं की गई कि इससे आत्महत्या की प्रवृत्ति को प्रोत्साहन मिलेगा।
खाद्य निरीक्षक स्वास्थ्य के निर्धारित दिशा निर्देश
126. ( क्र. 6082 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खाद्य निरीक्षक स्वास्थ्य द्वारा किए जाने वाले निरीक्षकों व कार्यवाही के लिए कोई दिशा-निर्देश निर्धारित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या निरीक्षण में बड़े दुकानदारों व छोटे दुकानदारों के लिए अलग-अलग मानक है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्या विश्लेषण कर अलग-अलग यथोचित मानक तय किए जावेंगे? (ग) जिला आगर अन्तर्गत विगत 02 वर्षों में प्रश्नांश (क) अनुसार क्या कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो विवरण देवें? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित कार्यवाही की मॉनिटरिंग उच्च स्तर से की गई? यदि हाँ, तो कार्यवाही सही पाई गई? यदि नहीं, तो उच्च स्तर से मॉनिटरिंग की क्या व्यवस्था है? व्यवस्था अनुसार मॉनिटरिंग कब की गई है?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006, विनियम, 2011 में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा किये जाने वाले निरीक्षणों व कार्यवाही के लिये दिशा निर्देश निर्धारित हैं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ, जिलों से प्रतिमाह मासिक प्रतिवेदन, निरीक्षण प्रतिवेदन, अग्रिम दौरा कार्यक्रम, दैनिक दैनंदिनी मुख्यालय भोपाल भेजे जाते हैं, जिनके माध्यम से मुख्यालय भोपाल द्वारा समय-समय पर मॉनीटरिंग की जाती है।
आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण
127. ( क्र. 6087 ) श्री सचिन यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मनरेगा के अभिसरण से आई.पी.पी.ई. विकासखण्ड/स्नीप जिले में आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु वर्ष 2015-16 के लिए खरगोन जिले से कसरावद परियोजना में 16 एवं भीकनगांव परियोजना में 2 कुल 18 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं? यदि हाँ, तो उस पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) उक्त आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु कब तक राशि आवंटित कर भवनों के निर्माण की स्वीकृति जारी की जायेगी तथा कितने आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने की स्वीकृति प्राप्त हुई है और कितनी शेष है? स्थान व ग्रामवार जानकारी दें? (ग) उक्त प्राप्त प्रस्तावों के उपरांत भारत सरकार से कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई है? राशिवार एवं दिनांकवार जानकारी प्रश्न दिनांक तक दें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। भारत सरकार से इस योजना मद में राशि प्राप्त नहीं होने से अभी तक आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृतियां जारी नहीं की गई हैं। (ख) एवं (ग) भारत सरकार से इस योजना मद में राशि प्राप्त होने की उपरांत ही आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृतियां जारी की जा सकेगी। भारत सरकार द्वारा इस योजनांतर्गत आई.पी.पी.ई./स्निप जिले में वर्ष 2015-16 में 5000 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की सहमति दी गई है। योजनांतर्गत किसी भी आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति जारी नहीं की गई है। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
थानों को सुविधाजनक बनाया जाना
128. ( क्र. 6088 ) श्री सचिन यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्रांतर्गत पुलिस थानों में प्रश्नांकित दिनांक तक कितने पद किस-किस थाने में स्वीकृत हैं एवं कितने-कितने रिक्त हैं? क्या आबादी के अनुसार पुलिस बल पर्याप्त मात्रा में पदस्थ है? यदि हाँ, तो बतायें नहीं तो कारण दें? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित थानों को सुविधाजनक बनाये जाने हेतु कितना बजट किस-किस थाने के जीर्णोद्धार के लिए स्वीकृत किया गया है? हाँ, तो थानावार जानकारी दें? नहीं तो उक्त कार्यों का स्थल निरीक्षण कर कब तक उक्त कार्यों को पूर्ण कर लिया जायेगा? (ग) उक्त थानों पर स्टॉफ रूम की सुविधा के लिए पुलिस विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है? थानावार जानकारी दें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। थाना मेनगांव कसरावद, बलकवाड़ा एवं गोगांवा में कुल 20 पदों की बल वृद्धि का प्रस्ताव विचाराधीन है। (ख) थाने के भवन अच्छी अवस्था में होने से वित्तीय वर्ष 2015-16 में कोई बजट आवंटित नहीं किया गया है। बजट के अभाव में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उपरोक्त सभी थानों में स्टॉफ रूम में पर्याप्त सुविधा उपलब्ध हैं।
दर्ज आपराधिक प्रकरण पर कार्यवाही
129. ( क्र. 6107 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस अधीक्षक राजगढ़ द्वारा पत्र क्र. पुअ/राज/44/15 दिनांक 13.12.2015 से आयुक्त चिकित्सा स्वास्थ्य सेवायें सतपुड़ा भवन भोपाल को जिला चिकित्सालय राजगढ़ में अपराध क्रमांक 153/09 के दर्ज होने की सूचना दी गई थी? जिसकी प्रति जिला चिकित्सालय अधिकारी राजगढ़ को भी दी थी? (ख) प्रश्न की कंडिका (क) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा किस-किस शासकीय अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध शासकीय नियमों के अनुरूप क्या-क्या कार्यवाही की? (ग) प्रश्नांश की कंडिका (ख) की उपलब्ध जानकारी अनुसार किसी अधिकारी/ कर्मचारी को निलंबित क्यों नहीं किया? (घ) क्या इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी राजगढ़ को भी पुलिस अधीक्षक राजगढ़ के पत्र के आधार पर वरिष्ठ कार्यालय/शासन को प्रतिवेदन भेजना था? यदि हाँ, तो क्या प्रतिवेदन भेजा जानकारी दें?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सहायता राशि की स्वीकृत
130. ( क्र. 6124 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य बीमारी सहायता कोष से छतरपुर जिले में 01.04.2014 से प्रश्न दिनांक तक के मध्य कितने मरीजों को कब, कितनी-कितनी राशि किस उपचार हेतु जिले से, शासन से स्वीकृत की गई है? ऐसे मरीज का नाम, पिता/पति का नाम, पता सहित जानकारी प्रदाय करें? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि ऐसे मरीजों का इलाज का प्राक्कलन कब कितनी राशि का एवं किस चिकित्सालय का था? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि प्रश्न दिनांक किस मरीज के इलाज हेतु स्वीकृत राशि की प्रत्याशा में कहाँ प्रकरण लंबित रखे हैं? वह स्वीकृत किये जावेगें तो कब तक और नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) उत्तर (क) में समाहित है। (ग) किसी भी मरीज का प्रकरण स्वीकृति हेतु राशि के अभाव में लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जेलों के रिक्त पदों की पूर्ति
131. ( क्र. 6125 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ एवं छतरपुर जिलों की जेलों एवं उपजेलों में कितने-कितने कैदियों को रखे जाने का प्रावधान हैं और ऐसे कैदियों को जेल में क्या-क्या सुविधायें प्रदान की जाती हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बतायें कि कहाँ-कहाँ इन जेलों में उपजेलों में कितना जेल विभाग का अमला स्वीकृत है कितने पदस्थ हैं एवं कितने पद रिक्त हैं? इन रिक्त पदों की पूर्ति जेल विभाग करेगा तो कब तक और नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि इन जेलों एवं उपजेलों में कहाँ-कहाँ, कब-कब, किसके द्वारा क्या-क्या स्वेच्छा से, जनभागीदारी से प्रदाय कर कैदियों को सुविधायें मुहैया कराई जा रही हैं? ऐसे स्वेच्छा से प्रदाय जनभागीदारी से प्रदाय दान-दाताओं के नाम सहित जानकारी दें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) टीकमगढ़ एवं छतरपुर जिलों के जेलों की बंदी आवास क्षमता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। कैदियों को जेल में दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) इन जेलों में स्वीकृत, भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
अधिकारियों/कर्मचारियों का स्थानांतरण
132. ( क्र. 6127 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के ऐसे आदेश हैं कि लगातार तीन वर्ष तक एक ही स्थान पर कार्यतर अधिकारियों एवं कर्मचारियों को महत्वपूर्ण पदों को हटा देना चाहिये? (ख) यदि हाँ, तो हमीदिया चिकित्सालय भोपाल के केन्द्रीय औषधि भंडार में इन्जेक्शन (Injection) एवं I.V. flood का प्रभार किन फार्मासिस्ट के पास है क्यों इनके विरूद्ध न्यायालय में चालान पेश हो गया है यदि हाँ, तो इनको कब तक निलंबित किया जायेगा? क्या इनको तीन वर्ष होगा? (ग) क्या हमीदिया प्रबंधन द्वारा इनको लगातार संरक्षण दिया जा रहा है क्या कारण कि भंडार का प्रभारी एवं क्रय का प्रभार एक ही डॉक्टर को विगत पाँच वर्षों से दे रहे हैं क्या प्रबंधन के पास कोई योग्य डॉक्टर नहीं है? (घ) क्या विभाग /शासन ऐसे भ्रष्टाचारी डॉक्टर एवं फार्मासिस्ट को निलंबित करेगा जिनके कारण म.प्र. सरकार की छवि लगातार खराब हो रही है? यदि इनके भ्रष्टाचार को विभाग प्रोत्साहन देगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) हमीदिया चिकित्सालय भोपाल के केन्द्रीय औषधि भण्डार की इंजेक्शन शाखा में श्री सूरती वर्मा, फार्मासिस्ट ग्रेड-2 एवं श्री अलकेन्द्र दुबे, फार्मासिस्ट ग्रेड-2 आई.व्ही.फ्लूड शाखा के प्रभारी हैं। इन दोनों कर्मचारियों के विरूद्ध न्यायालय में चालान पेश किये जाने की जानकारी अभिलेखों में उपलब्ध नहीं है और न ही उत्तरांश में उल्लेखित कर्मचारियों के विरूद्ध कोई शिकायत प्राप्त हुई हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। क्रय एवं भण्डार शाखा संवेदनशील प्रभार हैं, जिसमें योग्य एवं अनुभावी अधिकारियों का रहना अतिआवश्यक है। डॉ. आरिफ खान, सहायक अधीक्षक की पदस्थापना अधीक्षक हमीदिया चिकित्सालय प्रबंधन द्वारा केन्द्रीय औषधि भण्डार में दिनांक 21/02/2010 से तथा क्रय शाखा में दिनांक 08/01/2012 से प्रभारी अधिकारी के रूप में की गई हैं। इनके विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) पदस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध किसी भी स्तर पर शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्व-वित्तीय आधार पर संचालित पाठ्यक्रम
133. ( क्र. 6132 ) श्री जितू पटवारी : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय इंदौर, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस चिकित्सा महाविद्यालय जबलपुर देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर तथा बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल के अंतर्गत कौन-कौन से पाठ्यक्रम स्व-वित्तीय आधार पर संचालित किये जा रहे हैं? (ख) उक्त स्व-वित्तीय पाठ्यक्रमों में कार्यरत सहायक प्राध्यापक, प्राध्यापक एवं डिमान्सट्रेटरों को क्या वेतनमान/वेतन दिया जाता है? क्या ये अध्यापक संविदा नियुक्ति पर है? (ग) उक्त चार संस्थानों में स्व-वित्तीय पाठ्यक्रमों में कार्यरत शैक्षणिक स्टॉफ को क्या छठे वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है अथवा नहीं? कृपया संपूर्ण चार संस्थानों की सूची पाठ्यक्रम सहित उपलब्ध करवायें? (घ) उक्त चार संस्थानों में संचालित स्व-वित्तीय पाठ्यक्रमों में कार्यरत शैक्षणिक स्टॉफ को क्या प्रोविडेंट फंड मेडिकल अवकाश तथा प्रसूति अवकाश (वेतन सहित) का लाभ दिया जाता है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो किन महिला शैक्षणिक स्टॉफ को जो उक्त संस्थाओं के स्व-वित्तीय पाठ्यक्रम में कार्यरत थी, प्रसूति अवकाश वेतन सहित का लाभ नहीं दिया गया?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) नेताजी सुभाष चन्द्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर में बी.पी.टी.- 04 वर्षीय पाठ्यक्रम, सर्टिफिकेट कोर्स-01 वर्षीय, ओ.टी. टेक्नीशियन, हेल्थ इंस्पेक्टर, ई.सी.जी. टेक्नीशियन, डिप्लोमा कोर्स, एक्स-रे टेक्नीशियन, मेडिकल लैब टेक्नीशियन, नेत्र सहायक, एनेस्थीसिया टेक्नीशियन, डायलिसिस टेक्नीशियन, ब्लड ट्रांसफ्यूजन पाठ्यक्रम स्व-वित्तीय योजनांतर्गत संचालित है। चिकित्सा महाविद्यालय, इंदौर में स्वशासी संस्था के अंतर्गत स्व-वित्तीय पोषित आधार पर बी.पी.टी. साढ़े चार वर्षीय डिग्री पाठ्यक्रम दो वर्षीय एम.पी.टी. पाठ्यक्रम संचालित हैं। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इन्दौर एवं बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) चिकित्सा महाविद्यालय जबलपुर में स्व-वित्तीय पाठ्यक्रमों के तहत संचालित डी.पी.टी. पाठ्यक्रम में 11 माह की संविदा पर नियुक्त सहायक प्राध्यापक, प्राध्यापक को निश्चित वेतन रूपये 21,000/- एवं डिमोस्ट्रेटर (फिजियो) को रूपये 18,000/- दिया जाता हैं। अन्य स्व-वित्तीय पैरामेडिकल पाठ्यक्रम में संबंधित विभाग में पदस्थ नियमित शासकीय चिकित्सकों द्वारा अध्यापन का कार्य किया जाता हैं, जिसके ऐवज में उन्हें मानदेय का भुगतान किया जाता हैं। एम.जी.एम. चिकित्सा महाविद्यालय इन्दौर की स्वशासी संस्था के अंतर्गत संचालित उत्तरांश ‘‘क’’ में उल्लेखित स्व-वित्तीय पाठ्यक्रमों में निश्चित वेतन पर नियुक्ति का प्रावधान हैं। स्वशासी संस्था की सामान्य परिषद् की दिनांक 27/01/2002 को आयोजित बैठक के एजेण्डा बिन्दु क्रमांक 25 की अनुशंसा अनुसार छठवें वेतन आयोग की अनुशंसाओं को दृष्टिगत रखते हुये 01 अप्रैल 2011 से इन पाठ्यक्रमों के संचालन हेतु पदस्थ प्राध्यापक को रूपये 35,000/- सहायक प्राध्यापक को रूपये 25,000/- तक तथा प्रदर्शक को रूपये 15,000/- निश्चित वेतन प्रतिमाह दिया जा रहा हैं। समस्त अध्यापक/कर्मचारी स्ववित्त पोषित संस्था फिजियोथेरेपी विभाग में तीन वर्षीय पदावधि पर संविदा नियुक्ति के अंतर्गत कार्यरत हैं। कार्य संतोषप्रद होने पर पुनः नियुक्ति की अवधि बढ़ाई जाती हैं। (ग) स्व-वित्तीय पाठ्यक्रमों में नियुक्तियां संविदा पर निश्चित वेतन पर निर्धारित समयावधि के लिये की जाती हैं। अतः छठवें वेतनमान का लाभ दिये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। संविदा पर नियुक्त चिकित्सा संवर्ग के चिकित्सकों को बढ़ते वेतनमान की पात्रता नहीं हैं। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लाड़ली लक्ष्मी योजना में अनियमितता
134. ( क्र. 6133 ) श्री जितू पटवारी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत राज्य शासन एवं पोस्ट ऑफिस विभाग के मध्य क्या अनुबंध हुआ है? (ख) प्रश्नांक (क) के तारतम्य में, उपरोक्त योजना के प्रारंभ होने से लेकर प्रश्न दिनांक तक राज्य शासन द्वारा एन.एस.सी. के लिये कितनी राशि पोस्ट ऑफिस को प्रदान की गई है? (ग) राज्य शासन किस आधार पर हितग्राहियों से एन.एस.सी. वापस लेकर प्रमाण पत्र दे रहा है? शासन इनका क्या उपयोग कर रहा है एवं राज्य शासन द्वारा विगत वर्ष में कितने एन.एस.सी. कितनी राशि के वापस लिये है? (घ) लाड़ली लक्ष्मी योजना प्रारंभ होने के दिनांक से प्रश्न दिनांक तक इस योजना में कितने हितग्राही शामिल हो चुके हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। ( ख) योजना प्रारंभ से अब तक रूपए 3118.96 करोड़ राशि एन. एस. सी. क्रय करने हेतु पोस्ट ऑफिस में निवेशित की गयी। (ग) विभाग के आदेश क्र. एफ- 3-11/ 2007/50-2 दिनांक 24/12/2014 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार प्रमाण पत्र जारी किये जा रहे हैं. एन.एस.सी. को परिपक्वता उपरांत डाकघर में प्रस्तुत करते हुए प्राप्त राशि को लाड़ली लक्ष्मी योजना निधि में अंतरित की जा रही है, विगत वर्ष 2014-15 में वापस ली गई एन.एस.सी. की संख्या निरंक है। (घ) लाड़ली लक्ष्मी योजना प्रारम्भ होने के प्रश्न दिनांक तक इस योजना में 21,73,785 हितग्राही शामिल हो चुके है।
पोषण आहार के लंबित भुगतान
135. ( क्र. 6141 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में दि. 01.01.12 से 31.12.15 तक पूरक पोषण आहार हेतु कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ तथा कितनी राशि किस तरह व्यय की गई? मदवार पूरी जानकारी देवें? (ख) क्या इसके संबंध में भुगतान लंबित हैं? यदि हाँ, तो कब से? लंबित रहने के कारण बतावें? (ग) ये भुगतान कब तक कर दिए जाएंगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में उज्जैन जिले की निम्न 03 बाल विकास परियोजनाओं के निम्नानुसार केन्द्र आते हैः-
क्र. परियोजना
का नाम केन्द्रों
की संख्या
1. महिदपुर-1 144
2. महिदपुर-2 138
3. खाचरौद-2 29
योगः-
311
पूरक पोषण आहार व्यवस्था हेतु आवंटन जिला स्तर पर प्राप्त होता है। महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में उक्त 03 परियोजनाओं के लिए प्रश्नाधीन अवधि में जिला स्तर से प्राप्त आंवटन राशि एवं उसके विरूद्ध जिला स्तर से व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार तथा परियोजना स्तर से टेकहोम राशन के परिवहन पर व्यय हुई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। सांझा चूल्हा कार्यक्रम अंतर्गत पूरक पोषण आहार प्रदायकर्ता समूहों को नाश्ता/ भोजन प्रदाय की राशि का भुगतान एवं पोषण आहार निर्माण हेतु रसोईयों का पारिश्रमिक राशि के भुगतान जिला स्तर से कोषालय के माध्यम से सीधे संबंधितों के बैंक खातों में राशि ई-पेमेन्ट द्वारा अंतरित की जाती है। इसी प्रकार परियोजनाओं के द्वारा भी पोषण आहार (टेकहोम राशन) परिवहन राशि भी कोषालय के माध्यम से सीधे संबंधितों के बैंक खातों में ई-पेमेन्ट द्वारा अंतरित की जाती है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश ‘‘ख’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पोषण आहार भुगतान
136. ( क्र. 6143 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बैतूल जिले में वर्ष 2013-14 से माह-दिसम्बर, 2015 तक पूरक पोषण आहार हेतु कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ तथा कितनी राशि व्यय की गई? (ख) क्या पोषण आहार के संबंध में कोई भुगतान लंबित है? यदि हाँ, तो कब से तथा लंबित रहने के क्या कारण है? (ग) इसका भुगतान कब तक कर दिया जायेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) बैतूल जिले में वर्ष 2013-14 से माह दिसम्बर,2015 तक पूरक पोषण आहार हेतु प्राप्त आवंटन एवं व्यय की राशि का विवरण निम्नानुसार हैः-
क्र. वर्ष
प्राप्त
आवंटन (रू) व्यय
राशि (रू.)
1 2013-14 5,62,10,422.00 5,62,10,417.00
2 2014-15
7,73,10,234.00 7,29,96,051.00
3 2015-16
7,12,68,676.00 7,12,68,676.00
(दिसम्बर
15
तक)
कुल योग :- 20,47,89,332.00 20,04,75,144.00
(ख) माह दिसम्बर 2015 तक के प्राप्त समस्त देयकों का भुगतान किया जा चुका है। कोई भी देयक भुगतान हेतु शेष नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
राज्य बीमारी सहायता निधि अंतर्गत प्राप्त आवेदन
137. ( क्र. 6152 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में राज्य बीमारी सहायता निधि अंतर्गत कितने हितग्राहियों के आवेदन प्राप्त हुये है? प्राप्त आवेदनों में कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है? उक्त योजनांतर्गत कितने का लक्ष्य प्रतिवर्ष जिले को प्राप्त होता है? वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार विकासखंडवार बताएं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किन-किन अस्पताल से इलाज हेतु अनुबंध हुआ है? क्या अनुबंधित स्वास्थ्य संस्थाएं इस्टीमेट के अनुसार उपचार कर रही है? इनका सत्यापन भी कराया जाता है? यदि हाँ, तो उपचारित कितने हितग्राहियों का सत्यापन किसके द्वारा कब किया गया है? नाम, पदनाम सहित बताएं? (ग) प्रश्नांकित योजनांतर्गत बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र के किस-किस बीमारी से ग्रसित पीडि़तों का किस स्वास्थ्य संस्था से उपचार कराया गया है? (घ) क्या प्राप्त आवेदनों में से सभी का इलाज हो गया है? यदि नहीं, तो कितने हितग्राहियों के इलाज हेतु अभी तक सहायता नहीं प्राप्त हुई है? इन्हें कब तक सहायता दिलाई जावेगी? अब तक सहायता न मिलने के लिये कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) कटनी जिले में राज्य बीमारी सहायता निधि अन्तर्गत 287 हितग्राहियों के आवेदन प्राप्त हुये है। प्राप्त आवेदनों में 215 हितग्राहियों को लाभाविन्त किया गया है। उक्त योजनांतर्गत लक्ष्य निर्धारित नहीं है। वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार विकासखंडवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। निर्धारित पैकेज के अनुसार उपचार किये जाने का प्रावधान है। जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (घ) जी नहीं। कुल शेष बचे 72 आवेदनों में से 7 प्रकरण पात्र न होने के कारण निरस्त हुये हैं। शेष 65 हितग्राहियों को योजनांतर्गत स्वीकृति का आदेश जारी कर दिये गये हैं। बजट उपलब्ध होने पर भुगतान की कार्यवाही कर दी जाऐगी।
उप-स्वास्थ्य केन्द्र प्रारंभ करना
138. ( क्र. 6153 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र के ग्राम मोहतरा में उप-स्वास्थ्य केन्द्र भवन का निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो क्या इसको स्वास्थ्य विभाग को सौंपकर केन्द्र प्रारंभ किया जा चुका है? (ख) प्रश्नांश (क) में उप-स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण किस विभाग एजेंसी द्वारा कितनी लागत से कब प्रारंभ किया गया? भवन विभाग को कब सौंपा गया था? (ग) प्रश्नांश (क) में केन्द्र का निर्माण कब पूर्ण हो गया था और प्रश्न दिनांक तक केन्द्र प्रारंभ न होने के क्या-क्या कारण रहे? (घ) स्वास्थ्य केन्द्र भवन वर्तमान में किस स्थिति में है? इसे कब तक प्रारंभ कर क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) में भवन निर्माण में अनियमितताओं और स्वास्थ्य केन्द्र अब तक प्रारंभ न होने का कौन जिम्मेदार है? क्या इन पर कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) निर्माण कार्य म.प्र. हाउसिंग बोर्ड मण्डल कटनी द्वारा लागत राशि रुपये 7.00 लाख दिनांक 20.03.2008 को प्रारंभ किया गया। भवन का हस्तांतरण अपेक्षित है। (ग) दिनांक 30.05.2009 को। बाहरी विद्युत कनेक्शन कार्य नहीं होने के कारण। (घ) भवन निर्माण का कार्य पूर्ण है, खिडकियों में कांच लगाया जाना एवं विद्युत का कार्य होना शेष है। यथाशीघ्र, निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है। (ड.) निर्माण एजेंसी म.प्र हाउसिंग बोर्ड मण्डल कटनी। जी हाँ।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मुलताई हेतु दान
139. ( क्र. 6157 ) श्री चन्द्रशेखर देशमुख : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मुलताई में जनता द्वारा हॉस्पिटल के लिये सामान दान दिया गया था? वर्ष 2001 से आज दिनांक तक क्या सामग्री कौन-कौन से दान-दाताओं ने दी? (ख) क्या ऑपरेशन थियेटर का पुराना सामान एवं अन्य सामग्री 10 नवम्बर 2015 को अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा मुलताई के कबाड़ी को दी गई थी? यदि हाँ, तो किस कर्मचारी द्वारा बिना परमिशन के कैसे दी? यदि नहीं, तो जनता की शिकायत पर 12.11.2015 को क्या कार्यवाही की गई? (ग) स्थानीय पार्षद एवं जनता द्वारा शिकायत करने पर भी चोरी की एफ.आई.आर. प्रभारी या अधिकारियों द्वारा क्यों नहीं की गई थी? (घ) क्या एफ.आई.आर. हेतु सी.एच.एम.ओ. बैतूल द्वारा स्थानीय अधिकारी को निर्देशित किया गया था? यदि हाँ, तो अधिकारी द्वारा आदेश की अवहेलना क्यों की गई? इनके लिये क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो सी.एच.एम.ओ. बैतूल द्वारा इस संबंध में कार्यवाही क्यों नहीं की गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2001 से 2013 तक किसी भी दानदाता ने कोई सामग्री दान नहीं दी। वर्ष 2014 में श्री राहुल अग्रवाल, निवासी भगतसिंह वार्ड मुलताई द्वारा 01 नग पलंग एवं 01 नग गद्दा व वर्ष 2015 में भारतीय स्टेट बैंक मुलताई द्वारा 2 नग व्हील चेयर एवं 2 नग स्ट्रेचर ट्राली सामग्री दान में दी। (ख) जी हाँ। जाँच समिति गठित कर जाँच कराई जा रही है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) तत्समय कलेक्टर महोदय बैतूल द्वारा उक्त प्रकरण में जाँच कर विभागीय कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किये गये है, जिसके तहत् जिला स्तर से जाँच समिति बनाकर जाँच कराई जा रही है। जाँच उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) जी हाँ। तत्समय कलेक्टर महोदय बैतूल द्वारा उक्त प्रकरण में जाँच कर विभागीय कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किये गये हैं, जिसके तहत् जिला स्तर से जाँच समिति बनाकर जाँच कराई जा रही है। जाँच में दोषी पाये जाने पर गुण दोष के आधार पर अधिकारी/कर्मचारी पर वैधानिक कार्यवाही की जावेंगी। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महिला व बालकों के विकास हेतु केन्द्र शासन की योजनायें
140. ( क्र. 6168 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास द्वारा महिला व बालाकों के विकास हेतु केन्द्र सरकार द्वारा क्या-क्या अनुदान योजनाएं स्वयं सेवी संस्थाओं के माध्यम से संचालित की जाती हैं? (ख) योजनाओं के संचालन हेतु किन-किन संस्थाओं को पात्रता होकर क्या-क्या कार्य किन-किन नियमों के तहत व कहाँ से अनुदान दिया जाता है? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित चंबल संभाग मुरैना में कौन-कौन सी संस्थाएं क्या-क्या कार्य कब-कब से संचालित कर रही हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा निम्नलिखित अनुदान योजनाएं स्वयं सेवी के माध्यम से संचालित की जा रही है:- 1. कामकाजी महिला वसति गृह 2. स्वाधार गृह योजना 3. उज्जवला योजना 4. समैकित बाल संरक्षण योजना (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' पर है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' पर है।
राज्य बीमारी सहायता निधि अन्तर्गत इलाज
141. ( क्र. 6183 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा जनवरी 2015 से प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक राज्य बीमारी सहायता मद से सभी प्रकार की बीमारियों के इलाज हेतु प्रस्तुत किये गये? पत्रों पर फरवरी 2016 तक क्या-क्या कार्यवाही हुई से भी अवगत करावें? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या माननीय सांसद व विधायकों के प्रस्ताव/अनुशंसित पत्रों की प्राप्ती एवं की गई कार्यवाही से अवगत कराने के सामान्य प्रशासन विभाग मध्यप्रदेश के सख्त आदेश व निर्देश भी हैं? यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता द्वारा प्रस्तुत पत्रों की प्राप्ती व कार्यवाही की सूचना निर्धारित अवधि में भेजी गई? (ग) यदि हाँ, तो प्राप्ती की जानकारी प्रमाण सहित बतावें? यदि नहीं, तो पत्रों के उत्तर न देने के क्या कारण हैं व संबंधित अधिकारी के खिलाफ कब तक अनुशासनात्मकहीनता कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जनवरी 2015 से प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक माननीय विधायक महोदया विधान सभा क्षेत्र करैरा से राज्य बीमारी सहायता निधि अन्तर्गत इलाज हेतु कोई पत्र मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला शिवपुरी कार्यालय को प्राप्त नहीं हुआ। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। माननीय विधायक महोदया करैरा से कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ हैं। अतः कार्यवाही से अवगत कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्टेट कोटे की सीट में बाहरी छात्रों को प्रवेश
142. ( क्र. 6185 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में संचालित प्रायवेट मेडिकल कॉलेजों की स्टेट कोटे की सीटों पर प्रदेश के बाहरी छात्र/छात्राओं को प्रवेश दिये जा रहे है? (ख) यदि हाँ, तो क्या बाहरी प्रान्तों के छात्र/छात्राओं को प्रवेश देने से मध्यप्रदेश के होनहार बच्चे प्रवेश से वंचित रहकर बेरोजगार तो होते ही हैं, व साथ-साथ डॉक्टरों की भी कमी दिन प्रतिदिन बढ़ती चली जा रही है जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर भी असर पड़ रहा है? (ग) यदि हाँ, तो क्या मध्यप्रदेश शासन प्रायवेट मेडिकल कॉलेजों में मध्यप्रदेश के बच्चों को ही प्रवेश देने का निर्णय लिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) निजी चिकित्सा महाविद्यालय के स्टेट कोटे की अनारक्षित सीटों पर प्रवेश हेतु मध्यप्रदेश का निवासी होना आवश्यक नहीं। (ख) निजी चिकित्सा महाविद्यालयों की स्टेट कोटे की सीटें प्रवेश हेतु मध्यप्रदेश के मूल निवासी को ही आवंटित की जा रही हैं, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के परिपालन में निजी चिकित्सा महाविद्यालयों की स्टेट कोटे की अनारक्षित सीट्स पर प्रदेश के छात्रों के साथ अन्य राज्यों के छात्रों को भी प्रवेश देने की पात्रता हैं। इससे छात्र बेरोजगार नहीं होते हैं तथा चिकित्सकों की कमी एवं पूर्ति निरंतर प्रक्रिया है नये चिकित्सा महाविद्यालय प्रारंभ करने की कार्यवाही भी प्रक्रियाधीन है। नये चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना से मध्यप्रदेश में चिकित्सा शिक्षा के स्नातक पाठ्यक्रम के छात्रों को प्रवेश हेतु पर्याप्त सीट्स उपलब्ध होने से भविष्य में और अधिक छात्रों को प्रवेश प्राप्त हो सकेगा। (ग) माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के परिपालन में वर्तमान व्यवस्था में कोई परिवर्तन फिलहाल संभव नहीं है।
मोबाईल लॉस्ट यूनिट में दर्ज शिकायतें
143. ( क्र. 6193 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल के एम.पी. नगर थाने से सायबर सेल के मोबाईल लास्ट यूनिट अंतर्गत 1 जुलाई 2015 से 31 दिसम्बर 2015 तक कितने मोबाईल फोन गुम होने की शिकायतें दर्ज हुई हैं? (ख) क्या प्रश्नांकित मोबाईल फोन सर्विलांस से सर्च करने की कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो अब तक कितने मोबाईल फोन ढूंढे जा सके है? (ग) प्रश्नांकित अवधि के गुम अथवा चोरी हुए मोबाईल फोन किन-किन अपराधियों से जब्त हुए तथा संबंधित शिकायतकर्ताओं को कब-कब उपलब्ध कराये गये? (घ) यदि मोबाईल फोन गुमने अथवा चोरी जाने की शिकायतों पर गंभीरता से कार्यवाही नहीं की जाती है तो दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) एम.पी. नगर स्थित पुलिस अधीक्षक (दक्षिण) भोपाल के कार्यालय भवन में थाना क्राइम ब्रांच भोपाल के पर्यवेक्षण में संचालित मोबाईल लॉस्ट यूनिट के अंतर्गत 01 जुलाई, 2015 से 31 दिसम्बर 2015 तक कुल 3014 मोबाईल फोन गुम होने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं। (ख) जी हाँ। प्रश्नांकित अवधि में गुम कुल 3014 मोबाईल फोन में से कुल 141 मोबाईल फोन एवं चोरी के 08 अपराधिक प्रकरणों में बरामद कुल 12 मोबाईल फोन बरामद किये गये हैं। (ग) प्रश्नांश से संबंधित विवरण में चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ एवं प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। (घ) मोबाईल फोन गुमने अथवा चोरी जाने की शिकायतों पर गंभीरता से विधि अनुरूप कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं।
जिला एवं राज्य उपभोक्ता फोरम में अशासकीय सदस्यों की नियुक्ति
144. ( क्र. 6196 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला एवं राज्य उपभोक्ता फोरम में कितने लाख रूपये तक के वादों तक की सुनवाई की जा सकती है? (ख) जिला उपभोक्ता फोरम में कितने अशासकीय सदस्यों की नियुक्ति की जा सकती है? उसकी नियम व प्रक्रिया व योग्यता बतलाई जावें? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के अनुसार राज्य उपभोक्ता फोरम में अशासकीय सदस्यों के नियम योग्यता प्रक्रिया बतलाई जावें? (घ) उपरोक्त सदस्यों की नियुक्ति कितने वर्ष के लिए की जा सकती है एवं उन्हें हटाये जाने की क्या प्रक्रिया है?
खाद्य मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के प्रावधानों के तहत जिला उपभोक्ता फोरम में रूपये 20.00 लाख तक तथा म.प्र. राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग में रूपये 20.00 लाख से रूपये 1.00 करोड़ तक के परिवादों की सुनवाई की जाती है। (ख) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 10 के अन्तर्गत प्रत्येक जिला उपभोक्ता फोरम में अध्यक्ष के अतिरिक्त दो अशासकीय सदस्यों की नियुक्ति किये जाने का प्रावधान है, जिनमें से एक महिला होना अनिवार्य है अधिनियम, धारा 10 (1) (ख) के अनुसार सदस्यों की योग्यता निम्नानुसार निर्धारित है :-(1) उम्र 35 वर्ष से कम न हो, (2) मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हो, (3) योग्यता, सत्यनिष्ठा और अटलता धारित व्यक्ति हो। व्यवसायिक, विधि, वाणिज्य, लेखांकन, उद्योग, सार्वजनिक कार्यकलाप अथवा प्रशासन की समस्याओं के साथ कार्य करने में लगभग 10 वर्षों की पर्याप्त जानकारी और अनुभव हो। सदस्य के पद के रिक्त होने पर अथवा रिक्त होने के पूर्व समाचार पत्रों में विज्ञापन का प्रकाशन कराया जा कर इच्छुक उम्मीदवारों से आवेदन पत्र आहूत किये जाते हैं। ऐसे आवेदन जिला स्तर पर गठित छानबीन समिति से छानबीन पश्चात प्राप्त होने पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 10 (1-क) के प्रावधान अन्तर्गत गठित चयन समिति की अनुशंसा पर शासन द्वारा सदस्यों की नियुक्ति की जाती है। (ग) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 16 तथा मध्यप्रदेश उपभोक्ता संरक्षण नियम 1987 के नियम 5-ए के अनुसार मध्यप्रदेश राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग में अध्यक्ष के अतिरिक्त तीन अशासकीय सदस्य नियुक्त किये जाने का प्रावधान है। धारा 16 के अनुसार सदस्यों की योग्यता निम्नानुसार है :- (1) उम्र 35 वर्ष से कम न हो, (2) मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हो, (3) योग्यता, सत्यनिष्ठा और अटलता धारित व्यक्ति हो और व्यवसायिक, विधि, वाणिज्य, लेखांकन, उद्योग, सार्वजनिक कार्यकलाप अथवा प्रशासन की समस्याओं के साथ कार्य करने में लगभग 10 वर्षों की पर्याप्त जानकारी और अनुभव हो। सदस्य के पद के रिक्त होने पर अथवा रिक्त होने के पूर्व समाचार पत्रों में विज्ञापन का प्रकाशन कराया जाकर इच्छुक उम्मीदवारों से आवेदन पत्र आहूत किये जाते हैं। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 10 के प्रावधान अन्तर्गत गठित चयन समिति की अनुशंसा पर शासन द्वारा सदस्यों की नियुक्ति की जाती है। (घ) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा 10 के अनुसार जिला उपभोक्ता फोरम के सदस्य की नियुक्ति 5 वर्ष अथवा 65 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो, तक के लिये की जा सकती है। इसी प्रकार धारा 16 के अन्तर्गत मध्यप्रदेश राज्य उपभोक्ता आयोग में सदस्य की नियुक्ति 05 वर्ष अथवा 67 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो, तक के लिये की जा सकती है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा 10 अथवा 16 में क्रमश: जिला उपभोक्ता फोरम एवं म.प्र. राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग में सदस्य पद पर नियुक्ति के लिये अयोग्यताएं वर्णित की गई है। इसी प्रकार उपभोक्ता संरक्षण नियम, 1987 के नियम 3 (5) के अन्तर्गत जिला उपभोक्ता फोरम के सदस्य को पद से हटाये जाने का प्रावधान है तथा नियम 6 (5) के अन्तर्गत राज्य उपभोक्ता फोरम के सदस्य को पद से हटाये जाने का प्रावधान है। अधिनियम अथवा नियम में प्रक्रिया का उल्लेख नहीं है।
चिकित्सालयों में संविदा नियुक्ति एवं साफ-सफाई के ठेके
145. ( क्र. 6197 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला चिकित्सालयों में ऐसे कौन-कौन से पद है उनकी संविदा नियुक्ति के क्या प्रावधान है? (ख) क्या संविदा पर नियुक्त कर्मचारियों को नियमित करने की कोई अवधि नियत है? यदि हाँ, तो क्या है? (ग) क्या चिकित्सालयों में साफ-सफाई हेतु ठेके पर दिये जाने का प्रावधान है यदि हाँ, तो क्या नियम है? (घ) वर्तमान में छतरपुर जिले के चिकित्सालयों में साफ-सफाई के ठेकों/टेन्डर में क्या प्रक्रिया अपनायी गई?
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत जिला चिकित्सालयों में स्वीकृत संविदा पदों की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। इन पदों पर संविदा नियुक्ति संविदा मानव संसाधन मैनुअल में प्रावधान अनुसार की जाती है। मैन्युअल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। संचालनालय स्तर से अस्पताल प्रशासन शाखा द्वारा जारी दिशा-निर्देश अनुसार निविदा प्रक्रिया आयोजित कर चयनित ऐजेन्सी/कंपनी से साफ-सफाई सेवायें लिये जाने का प्रावधान है। दिशा-निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (घ) छतरपुर जिले के चिकित्सालयों में साफ-सफाई के ठेकों/टेन्डर हेतु संचालनालय से जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार जनसम्पर्क कार्यालय भोपाल के माध्यम से समाचार पत्रों में विज्ञप्ति जारी कर निविदाएं आमंत्रित कर न्यूनत्म दरें प्रस्तुत करने करने वाली एजेंसी को कार्य आदेश जारी कर साफ-सफाई की सेवाएं ली जा रही है।