मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
मार्च, 2022 सत्र
गुरुवार, दिनांक 10 मार्च, 2022
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
वन
संरक्षण
[वन]
1. ( *क्र. 1118 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कैम्पा अधिनियम के तहत विभाग को प्रश्न-दिनांक तक कुल कितनी राशि आवंटित की गई? आवंटित कुल राशि में से कितनी राशि किन-किन कार्यों में कब-कब किन नियमों के तहत खर्च की गई? वर्षवार पृथक-पृथक ब्यौरा देवें। (ख) कैंपा के तहत आवंटित कुल राशि में से कितनी राशि ऐसे ग्राम पंचायतों में खर्च की गई, जहां विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत पेड़ों की कटाई हुई? ग्राम पंचायतवार, वर्षवार ब्यौरा देवें। (ग) क्या कैंपा अधिनियम के दिशा-निर्देशों के तहत चलाए गये वृक्षारोपण अभियान के संबंध में अनियमितताओं के मामले सामने आए हैं? यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा देवें। (घ) वित्त वर्ष 2018-19 से चालू वर्ष के दौरान वनों के संरक्षण, विकास और संवर्धन के लिए कुल स्रोतों से आवंटित राशि का वर्षवार ब्यौरा देवें। (ड.) जलवायु परिवर्तन पर अनुकूलन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कौन-कौन से कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं? तत्संबंधी ब्यौरा देवें। (च) वन-सर्वेक्षण-रिपोर्ट-2021 के अनुसार प्रदेश में वेरी-डेंस फॉरेस्ट, मोडरेटली-डेंस फॉरेस्ट, ओपन फॉरेस्ट तथा गैर-वन का क्षेत्रफल कितना है? वन-सर्वेक्षण-रिपोर्ट-2019 की तुलना में इन श्रेणियों में कितने की वृद्धि/कमी हुई? श्रेणीवार पृथक-पृथक जानकारी स्क्वॉयर/कि.मी./प्रतिशत में देवें। (छ) वर्ष 2004 से वर्ष 2021 तक कितनी वन भूमि निजी-क्षेत्र एवं उद्योगों को हस्तांतरित की गई? प्रत्येक वर्ष के लिए विभिन्न जिलेवार हस्तांतरित वन भूमि की जानकारी प्रत्येक उद्योग/निजी-क्षेत्र की जानकारी के साथ पृथक-पृथक देवें।
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) कैम्पा अधिनियम के तहत विभाग को प्रश्न दिनांक तक वनमण्डलावार कुल आवंटित राशि एवं व्यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। आवंटित राशि से क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण, एन.पी.व्ही. अंतर्गत मिश्रित वृक्षारोपण, बिगड़े वनों का सुधार, वन विहीन पहाड़ियों का हरा-भरा, मुनारा निर्माण, भवन निर्माण, वनों के संरक्षण विकास एवं संवर्धन अधोसंरचना तथा वन्यप्राणियों हेतु जल स्त्रोतों का विकास आदि कार्य कराये गये हैं। उक्त राशि प्रतिकात्मक वन रोपण निधि नियम, 2018 के अंतर्गत दिये गये प्रावधानों के अनुसार व्यय की गई है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) कैम्पा के तहत आवंटित कुल राशि में से ग्राम पंचायतों में खर्च की गई तथा विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत पेड़ों की कटाई की उक्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) कैम्पा अधिनियम के दिशा-निर्देशों के तहत चलाये वृक्षारोपण अभियान के संबंध में अनियमितताओं के मामले प्रकाश में आये हैं, जिन पर विधि सम्मत कार्यवाही प्रस्तावित की गई है। (घ) प्रश्नाधीन जानकारी निम्नानुसार है :-
वर्ष |
विकास हेतु आवंटित राशि रू. लाख में |
संरक्षण हेतु आवंटित राशि रू. लाख में |
2018-19 |
38775.00 |
2749.03 |
2019-20 |
42445.07 |
2580.73 |
2020-21 |
34843.56 |
2088.92 |
2021-22 |
35000.96 |
1725.98 |
(ड.) जलवायु परिवर्तन पर अनुकूलन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये कैम्पा अंतर्गत पृथक से कोई कार्यक्रम नहीं चलाये जा रहे हैं। (च) वन सर्वेक्षण रिपोर्ट 2021 अनुसार प्रश्नाधीन जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
श्रेणी |
वर्ष 2019 (वर्ग कि.मी.) |
वर्ष 2021 (वर्ग कि.मी.) |
1 |
VDF |
6676 |
6665 |
2 |
MDF |
34341 |
34209 |
3 |
OF |
36465 |
36618 |
TOTAL |
77482 |
77492 |
(छ) प्रश्नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है।
खनिज रॉयल्टी की वापसी
[खनिज साधन]
2. ( *क्र. 1175 ) श्री सुनील सराफ : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 878, दिनांक 22.12.2021 जो कि ग्राम कटकोना से संबंधित है, के प्रश्नांश (ग) के उत्तर में बताया गया है कि रेत का परिवहन ग्राम पंचायत कटकोना बैहाटोला में उपलब्ध मार्ग होने से एवं अन्य मार्ग न होने से परिवहन किया जा रहा है? (ख) क्या प्रश्न क्र. 880, दिनांक 22.12.2021 जो ग्राम कटकोना से ही संबंधित है, के प्रश्नांश (ग) के उत्तर में बताया गया है कि प्रश्नांश अनुसार गांव के भीतर से परिवहन नहीं हो रहा है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश (क) व (ख) में से कौन सा उत्तर सही है, की जानकारी देवें। उत्तर तैयारकर्ता जिले के अधिकारियों पर इस तरह जानकारी देने के लिए शासन कब तक कार्यवाही करेगा? उत्तर देने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित बतावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) माननीय प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्नांश (ग) का उत्तर ग्राम पंचायत कटकोना, बैहाटोला बसाहट एरिया से संबंधित था। (ख) प्रश्नांश (ग) का उत्तर का उत्तर ग्राम पंचायत कटकोना, बैहाटोला बसाहट एरिया से संबंधित न होकर केवल ग्राम कटकोना से संबंधित था। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित ग्राम/क्षेत्रों में भिन्नता होने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नजूल भूमि से मुक्त किये जाने विषयक
[राजस्व]
3. ( *क्र. 1527 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सन् 1917-18 मिसल बंदोबस्त के अनुसार मुलताई नगर के खसरा नंबर 234 की 2.71 एकड़, 235 की 0.10 एकड़, 236 की 0.13 एकड़, 280 की 53.67 एकड़ तथा 573 की 0.16 एकड़ भूमि क्या प्रचलित आबादी की भूमि है एवं जो इसमें निवासरत थे, क्या वह उसके स्वामित्व की भूमि है? स्पष्ट करें। (ख) यदि प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ, है तो प्रदेश में लागू भू-राजस्व संहिता 2 अक्टूबर 1959 एवं आर.बी.सी. खण्ड-04 क्रमांक 1 के अंतर्गत भी भू-स्वामी का हक मिसल बंदोबस्त के खसरा नंबर 234, 2235, 236, 280 एवं 573 को प्राप्त है या नहीं? यदि हाँ, तो वर्तमान में मुलताई नगर की प्रचलित आबादी की उक्त खसरा नंबर 234 की जगह 553, 235 की जगह 554, 236 की जगह 555, 280 की जगह 1087 हो गया, इनके भू-स्वामी कौन-कौन हैं? उनके नाम बताएं। (ग) वर्तमान खसरा नंबर 553, 554, 555, 706 एवं 1087 मुलताई नगर की प्रचलित आबादी की जो भूमि म.प्र. भू राजस्व संहिता 1959 के पूर्व से जो भूमि, भूमिस्वामी अधिकार में दर्ज थी, क्या ऐसी आबादी को प्रक्रियात्मक या तकनीकी त्रुटि की वजह से नजूल घोषित कर दिया गया है? यदि हाँ, तो यह किस वर्ष किया गया? (घ) क्या सरकार अपनी तत्कालीन भूल सुधारते हुये राजस्व पुस्तक परिपत्र के तहत परिपत्र जारी कर म.प्र. भू राजस्व संहिता 1959 के पूर्व की प्रचलित आबादी के वर्तमान खसरा क्रमांक 553, 554, 555, 706 एवं 1087 की भूमि को नजूल भूमि से मुक्त घोषित करने का आदेश जारी करेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मुलताई ग्राम के मिसल बन्दोबस्त वर्ष 1917-18 के खसरा अनुसार खसरा नंबर क्रमश: 234, 235, 236, 280 एवं 573 रकबा क्रमशः 2.71, 0.10, 0.13, 53.67 एवं 0.16 एकड़ भूमि प्रचलित आबादी मद में दर्ज होना पाया गया। मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता की धारा 246 के अंतर्गत 'प्रत्येक ऐसा व्यक्ति जो मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता (संशोधन) अधिनियम, 2018 के प्रवृत्त होने के ठीक पूर्व आबादी में गृहस्थल के रूप में कोई भूमि विधिपूर्वक धारण करता है, भूमिस्वामी होगा।' वर्तमान में उक्त भूमि नजूल में प्रविष्टि अंकित है। (ख) राज्य शासन द्वारा क्रमांक एफ. 6-75/2019/सात/शा-3, दिनांक 24 सितम्बर, 2020 को नगरीय क्षेत्रों की शासकीय भूमि के धारकों के धारणाधिकार के संबंध में परिपत्र जारी किया गया है, जिसकी कंडिका 3.2 अनुसार ''ऐसे भू-भाग जो नगरीय निकाय के गठन अथवा विस्तारण के समय किसी ग्राम की आबादी का भाग रहा है, ऐसे भू-भाग में यथास्थिति निकाय के गठन या विस्तारण की दिनांक या उसके पूर्व के अधिभोगी मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 246 के प्रावधानों के अनुसार उनके अधिभोग के गृहस्थल के भूमिस्वामी हैं। अतएव ऐसे अधिभोगी या उनके उत्तराधिकारी अथवा उत्तरवर्ती अंतरित यदि अपने आवेदन के साथ यदि इस आशय का प्रमाण प्रस्तुत करते हैं कि वे उक्त प्रावधान अनुसार भूमिस्वामी रहे हैं तो सक्षम प्राधिकारी द्वारा परीक्षण कर ऐसी अधिभोगी को अधिभोग के समस्त भू-खण्ड का भूमिस्वामी अधिकार पत्र निर्धारित प्रारूप में दिया जायेगा।'' (ग) जी नहीं। मुलताई नगर के वर्ष 1972-73 के अधिकार अभिलेख अनुसार खसरा नंबर 553, 554, 555, 706 एवं 1087 प्रचलित आबादी मद में दर्ज होना पाया गया। नगरीय क्षेत्र में होने से उक्त सर्वे नं. नजूल घोषित किये गये। नजूल अधिकारी मुलताई के कार्यालय में उपलब्ध रिकॉर्ड अनुसार वर्ष 1979-80 में प्रथम बार नजूल का मेंटनेंस खसरा बनाया गया, जिसमें उक्त खसरे नं. 553, 554, 555, 706 एवं 1087 भूमि शासकीय नजूल दर्ज है। (घ) आवेदकों द्वारा उत्तर (ख) में वर्णित परिपत्र अनुसार सक्षम प्राधिकारी के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किये जाने पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा नियमानुसार आवेदन का निराकरण किया जा सकेगा।
धान उपार्जन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
4. ( *क्र. 1479 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कितनी धान का उपार्जन हुआ तथा इसमें से कितनी धान की मिलिंग की गई तथा कितनी धान मिलिंग हेतु शेष है? (ख) उक्त में से कितनी धान खराब हुई एवं खराब हुई धान का मूल्य क्या था एवं इसके लिए कौन उत्तरदायी है तथा उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) धान की समय पर मिलिंग न होने से उपार्जन एजेंसियों को कितनी हानि हो रही है? वर्षवार, एजेंसीवार जानकारी दें। (घ) धान उपार्जन के संबंध में प्राप्त होने वाले व्ययों के लिए केन्द्र शासन को किस वर्ष तक का हिसाब प्रस्तुत कर दिया गया है एवं कितने वर्षों का हिसाब किन कारणों से प्रस्तुत किया जाना शेष है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
होशंगाबाद में पिचिन की स्वीकृति
[जल संसाधन]
5. ( *क्र. 358 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 370, दिनांक 22.12.2021 के प्रश्नांश (घ) में जानकारी दी गई थी कि पिचिन निर्माण हेतु 6.71 करोड़ का प्राक्कलन राज्य आपदा मोचन निधि से प्रशासकीय स्वीकृति हेतु दिनांक 12.11.2021 को राहत को आयुक्त भेजा गया था? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र राहत आयुक्त कार्यालय को कब प्राप्त हुआ? पत्र की पावती उपलब्ध करावें। (ग) क्या उक्त प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है? यदि हाँ, तो कब? (घ) प्रस्ताव को यदि स्वीकृति नहीं दी गई तो इसके क्या कारण हैं? (ड.) उक्त प्रस्ताव को स्वीकृति कब तक दी जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। राहत आयुक्त भोपाल को प्रेषित प्रस्ताव की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) पावती की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। (ग) से (ड.) जी हाँ। स्वीकृति आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विभाग अंतर्गत संचालित योजनाएं
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
6. ( *क्र. 912 ) श्री मनोज चावला : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अंतर्गत रतलाम जिले में कुल कितने अधिकारी, कर्मचारी कार्यरत हैं, उनका नाम, पद, कर्तव्य स्थल की जानकारी मोबाइल सहित उपलब्ध कराएं? (ख) बताएं कि कार्यरत अधिकारी, कर्मचारी द्वारा वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने-कितने भ्रमण संचालित योजना स्थल, पट्टा धारकों के यहाँ किए गए और भ्रमण के दौरान क्या-क्या टीप/दिशा निर्देश योजना स्थल पर और पट्टा धारकों को दिए गए और क्या प्रतिवेदन विभाग प्रमुख को प्रस्तुत किये गए हैं? प्रतिवेदनों की प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं। (ग) बताएं कि जिले में संचालित योजनाओं हेतु वर्ष 2014-15 से किन-किन स्थलों पर कितनी-कितनी मात्रा में मत्स्य पालन हेतु मछलियां कौन-कौन सी प्रजाति की हैं और उनके लिए आवश्यक सामग्रियां प्रदाय की गईं? इन पर कितना-कितना व्यय किया गया? इस हेतु कौन-कौन से वाहन किस प्रक्रिया से उपयोग किए गए और उन पर कितना खर्च हुआ? वर्षवार बतायें। (घ) क्या संचालित योजनाओं के प्रचार प्रसार हेतु कैंप/बैठक आयोजित किए जाते हैं? यदि हाँ, तो बताएं कि केंद्र एवं राज्य शासन द्वारा संचालित योजनाओं के प्रचार प्रसार हेतु प्रश्न अवधि में कितने-कितने कैंप/बैठक तहसीलवार लगाए गए हैं? इसमें प्रचार प्रसार हेतु क्या कदम उठाए गए और इसमें कितने-कितने हितग्राहियों को योजनाओं की जानकारी दी गई है और कितनी राशि खर्च हुई है? तहसीलवार, वर्षवार जानकारी उपलब्ध कराएं।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा समय-समय पर विभागीय योजनाओं का मत्स्य पालन योग्य जलक्षेत्रों के स्थल का भ्रमण किया जा कर प्रचार प्रसार कर हितग्राहियों को मार्गदर्शन दिया जाता है एवं चयन कार्यवाही उपरांत लाभार्थी बनाया जाकर योजना का लाभ दिया जाता है। (ग) जिले में मत्स्य पालन हेतु भारतीय प्रमुख सफर, कॉमन कार्प पंगास आदि प्रजाति की मछली उपलब्ध हैं, कृषकों द्वारा मत्स्य बीज क्रय कर स्वयं संचयन किया जाता है, अत: विभागीय वाहन की जानकारी निरंक। (घ) मैदानी अमले द्वारा विभागीय योजनाओं का प्रचार-प्रसार हाट बाजारों तथा जिला जनपद स्तर पर आयोजित जन कल्याणकारी शिविरों में किया जाता है।
डीनोटीफाईड की गई वन भूमि
[वन]
7. ( *क्र. 399 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में भा.व.अ. 1927 की धारा 27 व धारा 34अ के अनुसार राजपत्र में किस दिनांक को किस कक्ष क्रमांक की कितनी भूमि एवं कितने राजस्व ग्रामों की समस्त संरक्षित वन भूमि डीनोटीफाईड की गई है? (ख) धारा 27 एवं धारा 34अ में डीनोटीफाईड की गई भूमियों को भा.व.अ. 1927 की धारा 29 एवं धारा 4 में पुनः अधिसूचित करने, नारंगी भूमि सर्वे एवं नारंगी वनखण्ड में शामिल करने, समझे गए वन परिभाषित करने का अधिकार या छूट वन अधिनियम 1927, वनसंरक्षण कानून 1980 की किस धारा में दिया गया है, सर्वोच्च अदालत ने सिविल याचिका क्रमांक 202/95 में किस दिनांक के आदेश में दिया है? (ग) बैतूल जिले में सारनी पावर हाउस एवं पुनर्वास क्षेत्र के लिए किस दिनांक को कितनी-कितनी भूमि किस-किस धारा के तहत डीनोटीफाईड की गई? यह भूमि किस-किस विभाग के मानचित्र एवं अन्य किस-किस शासकीय अभिलेख में किसके नाम पर वर्तमान में दर्ज है? (घ) सारनी पावर हाउस के लिए डीनोटीफाईड की गई भूमियों से संबंधित पटवारी मानचित्र, खसरा पंजी आदि किस वर्ष में तैयार किए गए हैं? खसरा पंजी में भूमि किसके नाम पर दर्ज है?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 27 एवं धारा 34 (अ) में डिनोटिफाईड भूमियों को पुन: धारा 29 एवं धारा 4 में अधिसूचित करने के संबंध में अधिकार या छूट भारतीय वन अधिनियम, 1927, वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 की किसी धारा एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय की याचिका क्रमांक 202/1995 के आदेश में उल्लेखित नहीं है। लेकिन यदि वन संरक्षण अधिनियम, 1980 की धारा-2 अंतर्गत व्यपवर्तित वनभूमियों के एवज में डिनोटीफाईड भूमियां गैर वनभूमि के रूप में वैकल्पिक वृक्षारोपण हेतु प्राप्त होती हैं तो उन्हें भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा-29 एवं धारा-4 में अधिसूचित किया जा सकता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। शेष प्रश्नांश राजस्व विभाग से संबंधित होने से जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) प्रश्नांश राजस्व विभाग से संबंधित होने से जानकारी एकत्रित की जा रही है।
खाद्यान्न वितरण में अनियमितताएं
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
8. ( *क्र. 1384 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) करैरा विधान सभा क्षेत्र के विकासखण्ड नरवर एवं करैरा में कितनी शासकीय उचित मूल्य की दुकानें संचालित हैं एवं किन कर्मचारी एवं किस समूह के द्वारा दुकानों का संचालन किया जा रहा है? (ख) यह भी बतायें कि संचालित दुकानों में किस-किस दुकान पर कितना-कितना खाद्यान्न B.P.L. का कोटा है? (ग) करैरा विधान सभा में 2021-22 में बाढ़ के प्रकोप में किस-किस ग्राम में किस-किस पीड़ित व्यक्ति को कितना-कितना खाद्यान्न दिया गया? नाम एवं ग्रामवार स्पष्ट जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के संदर्भ में करैरा विधान सभा में बाढ़ के दौरान बांटे गए अनाज में काफी अनियमिताएं की गई? खाद्यान्न बांटा ही नहीं गया, उसे अधिकारियों द्वारा हड़प लिया गया है, केवल फाइलों में बांटा गया है, इसकी जांच उच्च स्तरीय लेवल से कराई जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा के विकासखण्ड नरवर में 73 एवं विकासखण्ड करैरा में 84 उचित मूल्य दुकानें संचालित हैं। दुकानों को संचालित करने वाले विक्रेता/संचालक संस्था/समूह की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) तहसील नरवर में 638 हितग्राहियों को गेहूं का आटा प्रदाय किया गया है। उक्तानुसार बाढ़ के दौरान खाद्यान्न वितरित किया गया है। कोई अनियमितता प्रकाश में नहीं आयी है। अत: शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अंतर्राज्यीय बाघ सिंचाई परियोजना
[जल संसाधन]
9. ( *क्र. 1147 ) कुमारी हिना लिखीराम कावरे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र लांजी के अंतर्गत विषयांकित परियोजना की मुख्य केनाल में लाईनिंग कार्य करवाने हेतु प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा कब-कब पत्राचार किया गया? पत्रों की छायाप्रति सहित जानकारी दें। (ख) विषयांकित परियोजना में मुख्य नहर पर लाईनिंग का कार्य कराने हेतु महाराष्ट्र शासन से कब-कब पत्राचार किया गया तथा इस बैठक को आयोजित करने के लिए क्या प्रयास किये गये? पत्रों की छायाप्रति सहित विस्तृत जानकारी दें। (ग) क्या शासन को माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय के A+ मॉनिट पत्र के बाद महाराष्ट्र शासन से बैठक आयोजित करने का प्रयास करना चाहिए या प्रश्नकर्ता विधायक को तिथि तय न होने की सूचना देकर विषय समाप्त करना चाहिए? (घ) महाराष्ट्र शासन के साथ सचिव स्तर की बैठक कब तक आयोजित कर ली जाएगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विधान सभा क्षेत्र लांजी अन्तर्गत अन्तर्राज्यीय बाघ सिंचाई परियोजना की दांयी तट मुख्य नहर में लाइनिंग कार्य कराने हेतु मान. सदस्य द्वारा लिखे गये पत्रों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1, 2, 3 अनुसार है। (ख) बाघ दांयी तट मुख्य नहर में लाइनिंग कार्य कराने हेतु महाराष्ट्र शासन से किए गए पत्राचार की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13 अनुसार है। (ग) एवं (घ) अन्तर्राज्यीय मामला है। सहमति प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। बैठक के संबंध में निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान का रख-रखाव
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
10. ( *क्र. 685 ) श्री तरूण भनोत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले के अंतर्गत समर्थन मूल्य पर की गई धान खरीदी उचित रख-रखाव के अभाव में बारिश में गीला होने और सड़ने की शिकायतें मिली हैं? (ख) यदि हाँ, तो तत्संबंध में कितने नुकसान का आकलन किया गया है? (ग) क्या मौसम विभाग द्वारा लगातार खराब मौसम की संभावनाओं को व्यक्त करने के बावजूद भी खाद्य विभाग के अधिकारियों एवं समिति प्रबंधकों द्वारा धान की सुरक्षा के लिए तिरपाल एवं अन्य कोई व्यवस्थाएं नहीं की गईं थीं? (घ) यदि हाँ, तो इस नुकसान के जिम्मेदार अधिकारियों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जबलपुर जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान के उचित रख-रखाव के अभाव में बारिश में गीला होने के कारण सड़ने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। असामयिक वर्षा से आंशिक मात्रा में धान भीगी थी, जिसे सुखाकर जमा करा लिया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान के उचित रख-रखाव हेतु उपार्जन नीति के प्रावधान अनुसार उपार्जन केन्द्रों पर तिरपाल एवं अन्य व्यवस्थाएं की गईं। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
श्रमिक पंजीयन शिविरों का आयोजन
[श्रम]
11. ( *क्र. 656 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में विगत 4 वर्षों में कितने श्रमिक पंजीयन शिविरों का आयोजन किया गया? विधानसभावार जानकारी दें। (ख) जिले में अब तक कितने श्रमिक पंजीबद्ध हैं? विधानसभावार संख्या बताएं। (ग) क्या कई हितग्राहियों के संबल कार्ड गत शासनकाल में निरस्त कर दिये गये थे, जिसके कारण वह शासन की हितग्राही मूलक योजनाओं के लाभ से वंचित हैं? (घ) क्या खण्डवा जिले में सैकड़ों अपात्र लोगों के श्रमिक पंजीयन हुए हैं? यदि हाँ, तो उनका भौतिक सत्यापन कर उन्हें अपात्र श्रेणी में डालने की कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ड.) जिले में श्रम विभाग अंतर्गत कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी कब से पदस्थ हैं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) खण्डवा जिले में विगत 4 वर्षों में कुल 55 श्रमिक पंजीयन शिविरों का आयोजन किया गया है, जिसकी विधानसभा वार जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
विधानसभा क्षेत्र का नाम |
विधान सभा क्षेत्र क्रमांक |
शिविरों की संख्या |
1 |
मंधाता |
175 |
04 |
2 |
हरसूद |
176 |
16 |
3 |
खण्डवा |
177 |
05 |
4 |
पंधाना |
178 |
30 |
कुल |
55 |
(ख) म.प्र. असंगठित शहरी/ग्रामीण कर्मकार कल्याण मंडल तथा म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल अंतर्गत खण्डवा जिले में पंजीबद्ध श्रमिकों की विधानसभावार जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
विधानसभा क्षेत्र का नाम व क्रमांक |
संबल योजनांतर्गत पंजीबद्ध श्रमिकों की संख्या |
भवन एवं अन्य संनिर्माण कमर्कार कल्याण मंडल अंतर्गत पंजीबद्ध श्रमिकों की संख्या |
योग |
1 |
मंधाता 175 |
84456 |
2840 |
87296 |
2 |
हरसूद 176 |
59705 |
1800 |
61505 |
3 |
खण्डवा177 |
51275 |
5711 |
56986 |
4 |
पंधाना 178 |
101050 |
5844 |
106894 |
कुल |
2,96,486 |
16,195 |
3,12,681 |
(ग) जी हाँ, भौतिक सत्यापन अभियान चलाया जाकर संबल योजना में पंजीबध्द श्रमिकों की पात्रता की जांच कर उन्हें नियमानुसार पात्र/अपात्र की कार्यवाही की गई थी। नियमानुसार पात्र हितग्राही, हितग्राही मूलक योजनाओं के लाभ से वंचित नहीं हुए हैं। (घ) संबल योजना में श्रमिकों का पंजीयन स्वमेव घोषणा के आधार पर किया जाता है। भौतिक सत्यापन में पंजीबध्द श्रमिकों की पात्रता की जांच कर उन्हें नियमानुसार पात्र/अपात्र की कार्यवाही की जाती है। प्रक्रिया सतत् प्रचलन में है। (ड.) श्रम विभाग अंतर्गत कार्यालय श्रम पदाधिकारी, जिला खण्डवा में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों की जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. |
नाम |
पदनाम |
श्रम कार्यालय, जिला खण्डवा में ज्वाइनिंग का दिनांक |
1 |
श्री अमर सिंह अलावा |
श्रम पदाधिकारी |
12.03.2019 |
2 |
श्री नवीन कुमार गढ़ेकर |
श्रम निरीक्षक |
17.07.2019 |
3 |
सुश्री चंचल पंवार |
श्रम निरीक्षक |
31.07.2017 |
4 |
सुश्री खूशबू मण्डलोई |
श्रम निरीक्षक |
01.08.2017 |
5 |
सुश्री चन्दा अवास्या |
सहायक ग्रेड-3 |
15.03.2019 |
सीधी
सिंगरौली
जिले की नहरों
की मरम्मत
[जल संसाधन]
12. ( *क्र. 1292 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहावल विधानसभा क्षेत्र सहित सीधी व सिंगरौली जिले की नहरों की सफाई व रख-रखाव के लिए माह जनवरी 2020 से माह जनवरी 2022 तक जल संसाधन विभाग द्वारा कितनी राशि का आवंटन एवं व्यय हुआ है? जानकारी की वर्षवार छायाप्रति देवें। (ख) उक्त जिलों की नहरें अनेक स्थानों पर जर्जर हो गई हैं, इससे नहर का पानी किसानों के खेतों में भर जाता है और फसलें खराब होती हैं व जनहानि की आशंका बनी रहती है? इसकी मरम्मत कब तक की जायेगी? (ग) सीधी जिले के महान नहर संभाग के अंतर्गत वर्ष 2012 से 2018 तक जल उपभोक्ता संथा बजरंग गढ़, कनकटी संथा, मनकेसर संथा, बढ़ौरा संथा एवं बोकरो संथा का कुल रकबा इस अवधि में किए गये कुल कार्य एवं कुल व्यय की जानकारी कार्यवार उपलब्ध कराएं। (घ) महान नहर संभाग में उक्त अवधि में वास्तविक कार्य बहुत कम हुआ है, इस हेतु कोई जांच हुई है? उस समय कौन-कौन से पर्यवेक्षण अधिकारी पदस्थ थे? इस संबंध में विभाग के पास अनियमितता एवं भ्रष्टाचार की शिकायतें प्राप्त हुई हैं तो उस पर क्या कार्यवाही हुई है? जांच प्रतिवेदन की छायाप्रति उपलब्ध कराएं।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन जिलों की पूर्व निर्मित लघु सिंचाई परियोजनाओं एवं बाणसागर परियोजना की सिहावल नहर का सुधार कार्य रबी सिंचाई के पूर्व आवश्यकतानुसार कराया जाना प्रतिवेदित है। महान परियोजना की नहरें निर्माणाधीन होने से उनके रख-रखाव का कार्य नहरों के पूर्ण होने तक संविदाकार द्वारा किया जाना अनुबंधित है। जहाँ भी नहरें अतिवृष्टि के कारण क्षतिग्रस्त हुई थी, उनका सुधार कार्य कराया जाना प्रतिवेदित है। वर्तमान में रबी सिंचाई हेतु जल प्रदाय किया जा रहा है। नहर संचालन के दौरान खेतों में पानी भराव नहीं होने से फसलें खराब होने अथवा जनहानि जैसी स्थिति नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) महान नहर संभाग सीधी के अन्तर्गत प्रश्नाधीन अवधि में कार्य कराते समय भू-अर्जन न होने के कारण एवं निर्माणाधीन कार्य हेतु अधिग्रहीत भूमि के कृषकों द्वारा अवरोध उत्पन्न होने के कारण विलम्ब हुआ है, जिसके निराकरण उपरांत कार्य पूर्ण करा लिया जाना प्रतिवेदित है। कार्यरत अधिकारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। विभाग के पास श्री वृजेन्द्र प्रसाद तिवारी की शिकायत कनकटी संथा के कार्यों हेतु प्राप्त हुई थी, जिसकी जाँच विभाग द्वारा 03 सदस्यीय समिति से कराई गई है। जाँच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है।
शासकीय भूमि को भू-माफिया को सौंपना
[राजस्व]
13. ( *क्र. 987 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 704, दिनांक 22 दिसम्बर, 2021 के उत्तर के खण्ड ''क'' के संदर्भ में बतावें की क्या माननीय उच्च न्यायालय ने आदेश दिनांक 06.01.2011 में शासन को कमिश्नर उज्जैन के आदेश दिनांक 01.10.2007 को कानून अनुसार चुनौती देने की लिबर्टी दी थी? यदि हाँ, तो उसे फिर उच्चतम न्यायालय में चुनौती क्यों नहीं दी गई? (ख) क्या शासन उपरोक्त प्रकरण में उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगा या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नाधीन भूमि 43/1131/मिन-1 रकबा 0.760 हेक्टेयर के उच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 06.10.2011 के सन्दर्भ में उच्च न्यायालय में दायर अवमानना याचिका क्रमांक 262/2012 के अंतरिम आदेश 25.07.2012 एवं 08.11.2012 में निर्देश के बाद भी जवाब क्यों नहीं फाईल किया गया? (घ) क्या तत्कालीन जिम्मेदार अधिकारियों ने गंभीर लापरवाही कर लगभग राशि रू. 160 करोड़ की बेशकीमती जमीन भूमाफियाओं के नाम कर दी? यदि हाँ, तो बतावें कि इसके लिये कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं तथा उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। न्यायालयीन प्रकरणों में पारित आदेशों के सम्बन्ध में अपील सम्बन्धी कार्यवाही बावत गुण दोष के आधार पर निर्णय किया जाता है। (ख) न्यायालयीन प्रकरणों में पारित आदेश के सम्बन्ध में अपील सम्बन्धी कार्यवाही बावत गुण दोष के आधार पर निर्णय किया जाता है। (ग) अवमानना याचिकाओं में मूल आदेश के पालन में की गयी कार्यवाही की जानकारी देनी होती है। मान. उच्च न्यायालय में दायर अवमानना याचिका क्रमांक 262/2012 के अंतरिम आदेश दिनांक 25.07.2012 एवं 08.11.2012 में निर्देश के बाद भी जवाब समय पर प्रस्तुत नहीं हो पाने के सम्बन्ध में, जानकारी एकत्र की जा रही है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तराना विधानसभा क्षेत्र के किसानों को आर्थिक सहायता
[राजस्व]
14. ( *क्र. 15 ) श्री महेश परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 22.12.2021 को मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और विभागीय मंत्री जी और सचिव को उक्त विषय में दिये गए पत्र क्रमांक 3063/2021 पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई? प्रत्येक स्तर से की गयी कार्यवाही के प्रतिवेदन के साथ की गयी कार्यवाही से अवगत कराएं। (ख) क्या उक्त पत्र पर तराना विधानसभा सहित उज्जैन जिले के प्रभावित किसानों को आर्थिक सहायता पहुंचाने के लिए मुआवजा वितरण का आदेश किसी स्तर से किया गया? यदि हाँ, तो प्रतियाँ प्रस्तुत करें और यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा दिये गए पत्र पर आलू की फसल के नुकसान का आकलन तराना विधानसभा सहित उज्जैन जिले में हुआ है? यदि हाँ, तो कब-कब? (घ) सरकार और विभाग द्वारा शीतलहर के चलते दिसंबर 2021 में आलू की फसलों को हुए नुकसान को लेकर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाहियाँ की गयी? (ड.) शासन और विभाग को आलू की फसल के संबंध में कुल कितने मांग पत्र प्राप्त हुए? मांगपत्रों पर विभाग द्वारा शासन स्तर से तराना विधानसभा क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी तराना को क्या-क्या आदेश निर्देश दिये गए? उन निर्देशों के परिपालन में SDM द्वारा की गयी सम्पूर्ण कार्यवाही की प्रतियाँ उपलब्ध कराएं।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 22.12.2021 को मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और विभागीय मंत्री जी और सचिव को उक्त विषय में प्राप्त पत्र क्रमांक 3063/2021 जिले को प्रेषित कर प्रतिवेदन प्राप्त किया गया। प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। पत्र में उल्लेखित अवधि में तराना विधानसभा सहित सम्पूर्ण जिले में शीतलहर से आलू की फसल में क्षति नहीं होने से आर्थिक सहायता स्वीकृत नहीं की गई। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा दिये पत्र पर तराना विधानसभा सहित जिले में दिसम्बर 2021 में शीत के कारण आलू फसल में नुकसान के संबंध में उद्यानिकी विभाग, राजस्व विभाग के अधिकारी/कर्मचारी द्वारा तत्समय भ्रमण कर क्षति का आकलन किया गया। क्षति की जानकारी निरंक प्रतिवेदित की गई है। (घ) जानकारी उत्तरांश ''ख'' अनुसार है। (ड.) प्रश्नांकित अवधि में शीत लहर से आलू की फसल को क्षति नहीं होने के कारण कोई मांग पत्र प्राप्त नहीं हुआ, परंतु माननीय विधायक श्री महेश परमार का पत्र क्रमांक 3063/2021, दिनांक 22.12.2021 प्राप्त हुआ, जिसके तारतम्य में तराना अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) से प्रतिवेदन चाहा गया, जिसके परिपालन में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अनुभाग तराना द्वारा दिये गये प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
धारणाधिकार अधिनियम के तहत पट्टे वितरण
[राजस्व]
15. ( *क्र. 549 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धारणाधिकार अधिनियम 24 सितम्बर, 2020 के तहत वर्ष 2014 से नजूल भूमि पर कब्जा धारियों को निर्माणाधीन मकानों का मालिकाना हक के पट्टे दिए जाने हेतु शासन ने आदेश जारी किये हैं? (ख) यदि हाँ, तो दमोह जिले में कितने नजूल भूमि पर कब्जा धारियों के द्वारा उक्त अधिनियम के तहत पट्टे प्रदाय किए जाने हेतु आवेदन किया गया है? (ग) क्या नजूल की भूमि के सभी आवेदक कब्जा धारियों को पट्टे प्रदान कर दिए गए हैं? (घ) क्या नगरीय क्षेत्र दमोह में नजूल भूमि शीट नं. 68, 69, प्लाट नं. 3897/14 में धारणाधिकार अधिनियम 24 सितम्बर, 2020 के अंतर्गत पट्टे जारी किये जाने हेतु कितने भूमि धारकों द्वारा आवेदन किया गया था? आवेदकों की सूची दें। (ड.) क्या शासन द्वारा पहले भी 1989,1998, 2003, 2008 में पट्टे जारी किए गए हैं? यदि हाँ, तो वर्तमान आदेश के तहत उक्त शीट नम्बर के कब्जाधारियों को पट्टे जारी नहीं करने का क्या कारण है? कारण सहित निरस्त आवेदनों की सूची दें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) दमोह जिले में आवेदकों द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्रों की संख्या 659 है। (ग) जी नहीं। (घ) जी हाँ, 01 आवेदन प्राप्त हुआ है। (ड.) जी हाँ। वर्तमान आदेश के तहत उक्त शीट नं. से संबंधित एक आवेदन पत्र प्राप्त हुआ है, जो न्यायालयीन प्रक्रियाधीन है।
बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सिंचाई योजनाएं
[जल संसाधन]
16. ( *क्र. 1265 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिला अंतर्गत छपरा जलाशय का निर्माण किस सन् में किया गया था? निर्माण के पश्चात इस जलाशय की भण्डारण क्षमता कितनी थी तथा इससे कितने क्षेत्र में सिंचाई होती थी? (ख) वर्तमान समय में इस जलाशय की भण्डारण क्षमता कितनी है तथा इससे कितने क्षेत्र की सिंचाई हो रही है? इस जलाशय से भण्डारण क्षमता कब से कम हो चुकी है तथा इसका क्या कारण है? इसका दोषी कौन है? इतना समय बीत जाने के बाद भी दोषियों पर एफ.आई.आर. दर्ज न करने के क्या कारण हैं? इस जलाशय को पुनर्जीवित करने की विभाग की क्या कार्य योजना है? (ग) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्तमान में कौन-कौन से कितनी लागत के निर्माण/सुधार कार्य प्रचलन में हैं, निर्माण कार्यवार/सुधार कार्यवार लागत राशि सहित निर्माण एजेन्सी की नाम सहित सूची देवें। (घ) क्या रीठी तहसील अंतर्गत 1 बोरीना जलाशय 2 इमलिया जलाशय 3 बसुधा जलाशय 4 करहैया जलाशय 5 घिनोची जलाशय अत्यंत प्राचीन जलसंरचनायें हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन इन बांधों एवं उनकी नहरों के सुधार कार्य हेतु एस.डी.एम. फण्ड से राशि स्वीकृत कर इनका सुधार कार्य करवायेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) छपरा जलाशय का निर्माण वर्ष 1967 में किया गया था। निर्माण के पश्चात जलाशय की जल भण्डारण क्षमता 1.28 मि.घन.मी. एवं प्रस्तावित सिंचाई क्षमता 219 हेक्टर थी। (ख) वस्तुस्थिति यह है कि वर्तमान में छपरा जलाशय के कैचमेंट एरिया में काफी गहरी मार्बल माइंस खुल जाने से जलाशय का जल आवक अवरूद्ध होने के कारण जलाशय में जल भराव नहीं हो रहा है। अत: भण्डारण क्षमता बताना संभव नहीं है। कैचमेंट एरिया में बांध से 700 मी. दूर अपस्ट्रीम पर माइंस स्थित है। माईनिंग की स्वीकृति जिला प्रशासन कटनी द्वारा दी गई थी। माईनिंग खुदाई होने से बांध की जल भराव क्षमता में विपरीत प्रभाव पड़ा है। बांध के जल भराव क्षमता को क्षति या नुकसान पहुंचाने का किसी का उद्देश्य नहीं था। अत: किसी को दोषी ठहराना उचित नहीं है। योजना को पुनर्जीवित करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) निर्माण/सुधार कार्य की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। रीठी तहसील अंतर्गत एक मात्र बोरीना जलाशय जिसका निर्माण 1918 में किया गया था, अत्यंत प्राचीन जल संरचना है, जिसका सुधार प्राक्कलन डी.एम.एफ. मद अंतर्गत कलेक्टर कटनी को कार्यपालन यंत्री कटनी के पत्र दिनांक 10.12.2021 द्वारा भेजा जाना प्रतिवेदित है। शेष संरचना में डिजाईन एवं जलाशय में जल आवक अनुसार सिंचाई की जाती है।
ओला वृष्टि से हुए नुकसान का मुआवज़ा
[राजस्व]
17. ( *क्र. 186 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत दिनों में हुई बड़े पैमाने पर ओला वृष्टि से प्रदेश में किन-किन जिलों में किस-किस फसल का कितना-कितना रकबा प्रभावित हुआ है? (ख) गुना जिले में अलग-अलग किसानों को कितना-कितना नुकासान होने का अनुमान है? (ग) चांचौड़ा विधानसभा क्षेत्र में अलग-अलग किसानों को कितना-कितना मुआवजा दिया गया है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विगत दिनों बडे पैमाने पर प्रदेश में ओलावृष्टि से फसल क्षति होने पर कुल 24 जिलों में कुल 125987.559 हे. रकबा प्रभावित हुआ है। जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) गुना जिले में अलग-अलग किसानों को लगभग 52 करोड़ रूपये के फसल नुकसान का अनुमान है। (ग) चांचौड़ा विधानसभा अंतर्गत सभी 2202 प्रभावित कृषकों को राशि 3,59,99,742/- रूपये की राहत राशि दी गयी है।
जंगलमाल की भूमि का आवंटन
[राजस्व]
18. ( *क्र. 1336 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संविधान के अनुसार जंगलमाल की भूमि जनहित के विपरीत किसी को आवंटित नहीं किए जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो प्रावधान की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि भोपाल जिले में किसी नर्सिंग संस्था सहित अन्य को जंगलमाल की भूमि आवंटित की गई है? (ग) यदि हाँ, तो प्रावधान के विपरीत जाकर आवंटन करने वाले अधिकारी कौन-कौन हैं तथा उनके विरूद्ध शासन द्वारा क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र. भू-राजस्व संहिता की धारा 1 (2) के अनुसार इसका विस्तार सम्पूर्ण मध्यप्रदेश पर है, किन्तु इस संहिता में अन्तर्विष्ट कोई भी बात, भू-राजस्व के भुगतान के लिये भूमि के दायित्व, भूमि के उपयोग के प्रति निर्देश से भू-राजस्व के निर्धारण, भू-राजस्व की उगाही से सम्बन्धित उपबन्धों को छोड़कर, ऐसे क्षेत्रों को लागू नहीं होगी, जिन्हें भारतीय वन अधिनियम, 1927 (1927 का सं.16) के अधीन समय-समय पर, आरक्षित या संरक्षित वनों के रूप में गठित किया जाये। प्रावधान की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला भोपाल में किसी भी नर्सिंग संस्था को जंगलमाल की भूमि आवंटित नहीं की गई। (ग) प्रश्नांश "ख" के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
भोपाल के बड़े तालाब के कैचमेंट एरिया में अवैध अतिक्रमण
[राजस्व]
19. ( *क्र. 224 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल के बड़े तालाब के कैचमेंट एरिया की वर्ष 1958-59 की खसरा खतौनी में किस-किस ग्राम की, किस-किस नाम, के पटवारी हल्कों में, कितनी-कितनी भूमि शासकीय रिकॉर्डों में दर्ज थी? (ख) प्रश्नतिथि तक भोपाल के बड़े तालाब के कैचमेंट एरिया की कुल कितनी भूमि किस-किस ग्राम की, किस-किस नाम के पटवारी हल्कों में कितनी-कितनी शासकीय रिकॉर्डों में दर्ज है? (ग) भोपाल के बड़े तालाब के कैचमेंट एरिया की किस-किस पटवारी हल्कों में, किस-किस नाम के जगह/गांवों की कितनी-कितनी भूमि कम हुई? आराजी क्रमांकवार/रकबेवार/ग्राम या जगह के नाम वार/पटवारी हल्केवार जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कैचमेंट एरिया की 1958-59 के रिकार्डों की भूमियों को किन-किन सक्षम कार्यालयों के, कब-कब के आदेशों के बाद कैचमेंट एरिया से हटाकर किन-किन शासकीय/निजी स्वामित्व में, किन-किन पटवारी हल्कों/ग्रामों/जगहों पर हस्तान्तरित किया गया? जारी सभी आदेशों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) भोपाल जिला अन्तर्गत बडे़ तालाब के कैचमेंट एरिया की वर्ष 1958-59 की खसरा खतोनी में कैचमेंट एरिया दर्ज न होने से जानकारी निरंक है। (ख) भोपाल जिला अन्तर्गत बडे़ तालाब के समीपस्थ ग्रामों के राजस्व अभिलेखों में कैचमेंट एरिया के संबंध में काई भी विवरण शासकीय रिकॉर्ड में दर्ज न होने से जानकारी निरंक है। (ग) भोपाल जिला अन्तर्गत बडे़ तालाब के समीपस्थ ग्रामों के राजस्व अभिलेखों में कैचमेंट एरिया के संबंध में कोई भी विवरण शासकीय रिकॉर्ड में दर्ज न होने से जानकारी निरंक है। (घ) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बायोफ्यूल का नियम विरूद्ध यात्री बसों में प्रयोग
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
20. ( *क्र. 1425 ) श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में बायोफ्यूल का उपयोग यात्री बसों में ईंधन के रूप में प्रयोग किया जा सकता है? यदि हाँ, तो इस संबंध में जारी आदेश/परिपत्र की जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि उत्तर न है तो, शासन द्वारा बायोफ्यूल से संचालित बसों पर क्या कार्यवाही की गयी? जिलेवार, प्रकरणवार विस्तृत जानकारी प्रदान करें। (ग) भोपाल नगर निगम के जवाहर चौक डिपों में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा दिनांक 27.09.2021 का बी.सी.सी.एल. की गाड़ियों में बायोफ्यूल के उपयोग पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में यदि कोई कार्यवाही नहीं की गयी तो क्यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बीना नदी सिंचाई परियोजना की D.P.R. के संबंध में
[जल संसाधन]
21. ( *क्र. 441 ) श्री महेश राय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बीना नदी सिंचाई परियोजना एवं हनोता सिंचाई परियोजना में विधानसभा क्षेत्र बीना के पूर्व के डी.पी.आर. में बीना नदी सिंचाई परियोजना में 115 ग्राम और हनोता सिंचाई परियोजना में 110 ग्राम शामिल थे? (ख) यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र बीना के बीना नदी सिंचाई परियोजना में से 27 ग्रामों और हनोता सिंचाई परियोजना में से 22 ग्रामों को नयी डी.पी.आर. में से क्या हटा दिया गया है? (ग) यदि हाँ, तो क्यों? कारण सहित बतावें। क्या नयी डी.पी.आर. में इन ग्रामों को पुनः जोड़ा जा सकता है? (घ) यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। दिनांक 30.10.2010 को प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त बीना संयुक्त सिंचाई वृहद बहुउद्देशीय परियोजना की डी.पी.आर. में बीना विधानसभा क्षेत्र के सकल सैंच्य क्षेत्र में 115 ग्राम न होकर 142 ग्राम शामिल थे एवं हनौता सिंचाई परियोजना की डी.पी.आर. में विस्तृत सर्वेक्षण न होने के कारण बीना विधानसभा क्षेत्र के सैंच्य क्षेत्र में ग्रामवार निर्धारण नहीं किया गया था। (ख) बीना सिंचाई परियोजना की द्वितीय पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 04.10.2018 अनुसार बीना परियोजना में बीना विधानसभा क्षेत्र के 88 ग्राम सम्मिलित किया जाना प्रतिवेदित है एवं हनौता सिंचाई परियोजना के सैंच्य क्षेत्र में ग्रामवार निर्धारण न होने से ग्रामों को हटाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) बीना नदी पर एक अन्य सिंचाई परियोजना यथा हनौता परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति के कारण बीना परियोजना के ग्रामों की संख्या में परिवर्तन होना प्रतिवेदित है। नई डी.पी.आर. का कोई प्रकरण विचाराधीन नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
केन घडियाल अभ्यारण्य में हो रहे शिकार को रोकने के संबंध में
[वन]
22. ( *क्र. 975 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना टाईगर रिज़र्व अन्तर्गत केन घड़ियाल अभ्यारण्य क्षेत्र में दिनांक 01 जनवरी, 2022 से 28 फरवरी, 2022 के मध्य तेंदुए का शिकार हुआ है? यदि हाँ, तो विवरण देवें। (ख) जिन लोगों द्वारा तेंदुए का शिकार किया गया है, उन लोगों के विरूद्ध क्या कार्यवाही हुई? (ग) क्या इससे यह साबित करता है कि पन्ना टाईगर रिर्ज़व पन्ना के अधिकारी/कर्मचारी एवं केन घड़ियाल अभ्यारण्य के अधिकारी/कर्मचारी गैर जिम्मेदार हैं? ऐसे अधिकारी/कर्मचारी पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' के अनुक्रम में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
नगरीय क्षेत्र की शासकीय आबादी भूमि में निवासरत व्यक्तियों को भू स्वामित्व प्रदान करना
[राजस्व]
23. ( *क्र. 439 ) श्री विनय सक्सेना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों के आबादी भूमि में निवासरत परिवारों को उक्त भूमि का स्वामित्व/पट्टा आदि प्रदान करने की योजना प्रारंभ की गयी है? यदि हाँ, तो योजना से संबंधित समस्त दिशा-निर्देश बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जबलपुर जिले अंतर्गत कुल कितने व्यक्तियों द्वारा आवेदन किये गये? कितने व्यक्तियों को भूमि का स्वामित्व/पट्टा जारी किया जा चुका है तथा कितने आवेदन रिजेक्ट किये गये हैं? तहसीलवार बतावें। (ग) क्या ऑनलाइन पोर्टल की कठिनाइयों एवं कतिपय दस्तावेजों के अभाव में बड़ी संख्या में आवेदन रिजेक्ट हो रहे हैं? यदि हाँ, तो इस बाबत सरकार क्या कदम उठा रही है? हितग्राहियों को उक्तानुसार लाभ प्राप्त करने की प्रक्रिया के सरलीकरण के लिए क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) क्या जबलपुर नगरीय क्षेत्र की आबादी भूमि के सर्वे की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है? यदि हाँ, तो समस्त अभिलेख बतावें। यदि नही, तो सर्वे अपूर्ण रहने का क्या कारण हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, जिले में नगरीय क्षेत्रों की शासकीय भूमि में के धारकों के धारणाधिकार के संबंध में कार्यवाही हेतु मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग भोपाल से निर्देश क्रमांक एफ 6-75/2019/सात/शा.3, भोपाल दिनांक 24 सितम्बर, 2020 जारी किया गया है, जिसके अनुसार नगरीय क्षेत्रों में स्थित शासकीय भू-खण्डों के ऐसे अधिभोगियों को, जो उनके अधिभोग में दिनांक 31 दिसम्बर, 2014 या उसके पूर्व निर्विवादित रूप से आधिपत्य में रहे हैं और वर्तमान में भी आधिपत्य में चले आ रहे हैं, चिन्हांकित कर नियमानुसार प्रब्याजी एवं भू-भाटक लेकर उनके अधिभोग के भू-खण्डों के 30 वर्षीय स्थायी पट्टे जारी किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जबलपुर जिले अंतर्गत दिनांक 21.02.2022 तक कुल 11999 व्यक्तियों द्वारा आवेदन किये गये हैं, जिनमें से निरंक आवेदकों को भूमि का पट्टा जारी किया गया है तथा 927 आवेदन रिजेक्ट किये गये हैं, जिनकी तहसीलवार स्थिति निम्न है :- तहसील रांझी, आधारताल, गोरखपुर, पाटन, कुल स्वीकृत निरंक, कुल अस्वीकृत रांझी-422, आधारताल-482, गोरखपुर- 022, पाटन-001 कुल 927. (ग) जी नहीं। पोर्टल की कठिनाइयों या दस्तावेजों के अभाव के कारण आवेदन रिजेक्ट नहीं हो रहे हैं। (घ) जी नहीं। वर्तमान में नगरीय सर्वे कार्य पायलट आधार पर हरसूद नगरीय क्षेत्र हेतु किया जा रहा है। जबलपुर में कार्यालय आयुक्त भू-अभिलेख ग्वालियर के पत्र क्रमांक 1266/11-भू.प्र./नगरीय सर्वेक्षण/2021, ग्वालियर दिनांक 02.12.2021 द्वारा जारी चरणबद्ध मार्गदर्शिका में दिए गए निर्देशानुसार जिला स्तर से जिला स्तरीय समन्वय समिति, नगरीय निकाय (नगर निगम) स्तरीय समन्वय समिति, नगरीय निकाय (नगर पालिका परिषद/नगर परिषद) स्तरीय समन्वय समिति, वार्ड स्तरीय समन्वय समिति का गठन किया गया है।
संबल योजना एवं विवाह सहायता योजना
[श्रम]
24. ( *क्र. 898 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाराजपुर विधान सभा क्षेत्र में दिनांक 01.04.2019 से प्रश्न दिनांक तक संबल योजना व विवाह सहायता योजना के कुल कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुए? इनमें से कितने आवेदन स्वीकृत किए गए व किन-किन को सहायता प्रदान की गई? विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अस्वीकृत किए गए प्रकरणों के मामले में अस्वीकृति के कारण सहित विवरण देवें। (ग) भुगतान हेतु शेष रहे आवेदनों में भुगतान न होने का कारण क्या है व कब तक भुगतान किया जावेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) महाराजपुर विधान सभा क्षेत्र में दिनांक 01.04.2019 से प्रश्न दिनांक तक संबल योजना के कुल 189 आवेदन प्राप्त हुये। इनमें से 175 आवेदन स्वीकृत किये गये तथा 118 प्रकरणों में सहायता प्रदान की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 01.04.2019 से वर्तमान तक म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत संचालित विवाह सहायता योजना में कुल 583 आवेदन प्राप्त हुये, जिनमें से कुल 557 आवेदन स्वीकृत किये गये एवं कुल 557 आवेदनों में सहायता राशि प्रदान की गई है। स्वीकृत प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संबल योजनांतर्गत कुल 14 आवेदन अस्वीकृत किये गये हैं। कारण सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विवाह सहायता के कुल 26 आवेदन अस्वीकृत किये गये हैं, जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (ग) संबल योजना के 57 प्रकरण भुगतान हेतु लंबित हैं। पर्याप्त बजट उपलब्धता पर भुगतान किया जायेगा। महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र में म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल की विवाह सहायता योजना अंतर्गत स्वीकृत प्रकरणों में से भुगतान हेतु कोई प्रकरण शेष नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बारना नहर की मरम्मत
[जल संसाधन]
25. ( *क्र. 715 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2022 की स्थिति में रायसेन जिले में बारना बांध की मुख्य नहर 1 की उपनहर-3 (S.M. 3) तथा मुख्य नहर 2 की उपनहर-5 (S.M. 5) में विगत 5 वर्षों में क्या-क्या कार्य कितनी राशि के किन-किन ठेकेदारों से करवाये गये? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में करवाये गये कार्य गुणवत्तापूर्ण नहीं हैं? यदि हाँ, तो विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के कार्यों का निरीक्षण कब-कब किस-किस अधिकारी ने किया तथा क्या-क्या अनियमिततायें पाईं गईं? पूर्ण विवरण दें। (घ) प्रश्नांश (क) के कार्यों में अनियमितताओं की मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को किन-किन माध्यमों से शिकायतें प्राप्त हुईं तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित नहरों में वर्ष 2017 से 2020 तक कोई कार्य नहीं कराया जाना प्रतिवेदित है। वर्ष 2021 एवं 2022 में लाईनिंग कार्य कराया गया है, जो कि गुणवत्तापूर्ण है। अतः किसी अधिकारी पर कार्यवाही करने की स्थिति नहीं है। आर.बी.सी. की वितरिका क्र. 3 की माईनर क्र. 1, 2 एवं माईनर क्र. 3 में वर्ष 2019 में लाईनिंग कार्य कराये गये थे। कार्य गुणवत्ताहीन होने के संबंध में माननीय सदस्य द्वारा पत्र प्रेषित किया गया था। कार्यपालन यंत्री द्वारा जांच उपरांत गुणवत्ताहीन लाईनिंग कार्य को तुड़वाकर ठेकेदार से स्वयं के व्यय पर पुनः लाईनिंग कार्य करा लिया जाना प्रतिवेदित है। (ग) अधिकारियों द्वारा किए गए निरीक्षण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। कार्य में किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं पाई जाना प्रतिवेदित है। (घ) अभिलेख अनुसार प्रश्नाधीन नहरों के निर्माण के संबंध में मान. सदस्य द्वारा की गई शिकायत जिसकी जाँच प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार करायी गयी है, के अलावा अन्य कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
प्रोटोकॉल
के उल्लंघन
पर कार्यवाही
[जल संसाधन]
1. ( क्र. 20 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग क्र.-01 सिवनी के द्वारा राकेश पाल विधायक केवलारी के प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया गया था? दोषी अधिकारी के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या पूर्व तारांकित प्रश्न क्र. 265 दिनांक 24.02.2021 प्रश्नांश (ख) एवं (ग) में नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी का उल्लेख किया गया था? यदि हाँ, तो आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या समयावधि व्यतीत होने के उपरांत कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक समयावधि बतावें। (घ) क्या श्री पी.एन.नाग तत्कालीन कार्यपालन यंत्री के द्वारा प्रोटोकॉल के उल्लघंन करने पर निलंबन की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। दोषी अधिकारियों के विरूद्ध दिनांक 28.01.2021 से कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया एवं आदेश दिनांक 15.02.2021 द्वारा तत्काल मैदानी पदस्थापना से हटाकर सहायक यंत्री (रूपांकन) के पद पर कार्यालय, मुख्य अभियंता, बैनगंगा कछार, सिवनी में पदस्थ किया गया। (ख) से (घ) जी हाँ। श्री नाग, सहायक यंत्री (प्रभारी कार्यपालन यंत्री) को दोषी पाए जाने पर आदेश दिनांक 28.02.2022 द्वारा एक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी जाकर दंडित किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पीस वर्क पद्धति के कार्य
[जल संसाधन]
2. ( क्र. 24 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जल संसाधन विभाग में पीस वर्क पद्धति से कार्य किया जाता है। यदि हाँ, तो यह किन परिस्थितियों में किया जाता है? एक पद्धति से एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम कितनी राशि का कार्य किया जा सकता है? (ख) जल संसाधन विभाग में पिछले 5 वर्षों में कितनी राशि के कार्य मुख्य अभियंतावार, अधीक्षणयंत्री वार एवं संभागवार कराए गए है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन सिंचाई विभाग के पत्र क्र. 15/31/84/मध्यम/31, दिनांक 02 सितम्बर 1988 द्वारा निम्नानुसार निर्देश हैं :- (1) यदि दो बार निविदांए बुलाने पर निविदा न प्राप्त होने के कारण अथवा प्राप्त निविदा में उपयुक्त दर न होने के कारण सक्षम अधिकारी द्वारा ठेके निर्धारण करना संभव नहीं होता है। इस हालत में सिंचाई विभाग के अधिकारी पीसवर्क/वर्क आर्डर पद्धति से कार्य कराने के लिये सक्षम होंगे। (2) आपातकालीन स्थिति एवं अपरिहार्य स्थिति में मुख्य अभियंता अभिलेख में लिखित रूप से कारण दर्शाते हुए पीस वर्क/वर्क आर्डर पद्धति पर बिना निविदा बुलाए कार्य हाथ में लेने के आदेश दे सकेंगे। (3) उपरोक्त कण्डिका 1 एवं 2 में दर्शाई गई व्यवस्था के अंतर्गत प्रत्येक सिंचाई संभाग में वित्तीय वर्ष में वर्क/वर्क आर्डर प्रणाली द्वारा कार्य निम्नानुसार संपादित कराये जा सकते हैं : (क) कार्यपालन यंत्री अपने संभाग (डिवीजन) में सभी कार्यों में प्रतिवर्ष रूपये 2 लाख तक। (ख) अधीक्षण यंत्री अपने मण्डल के अंतर्गत प्रत्येक संभाग/डिवीजन में रूपये 02 लाख तक पीस वर्क/वर्क आर्डर पर कार्य कराने की उपरोक्त स्वीकृति दे सकेंगे। मध्यप्रदेश शासन जल संसाधन विभाग मंत्रालय के पत्र क्र. 4214028/पार्ट-3/मध्यम/31/2011/927, दिनांक 04.11.2011 द्वारा उपरोक्त वर्णित आदेश दिनांक 02 सितम्बर 1988 की कण्डिका 3 में प्रत्येक संभाग में रूपये 2 लाख तक पीस वर्क पर कार्य कराने की निर्धारित सीमा को संशोधित कर सिर्फ मध्यम एवं वृहद परियोजनाओं के लिए रू. 20 लाख तक किया गया है। तद्नुसार कार्यपालन यंत्री अपने संभाग में अधीक्षण यंत्री की अनुशंसा उपरांत मुख्य अभियता की स्वीकृति से सभी कार्यों पर प्रतिवर्ष रू.20 लाख तक के कार्य पीस वर्क पर करा सकेंगे। लघु सिंचाई योजनाओं में एक संभाग अंतर्गत रू.2 लाख तथा वृहद एवं मध्यम परियोजनाएं होने की स्थिति में अधिकतम रू. 20 लाख तक के कार्य संपादित कराने की व्यवस्था है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
अतिवृष्टि से नष्ट हुई फसलों के मुआवजा राशि का वितरण
[राजस्व]
3. ( क्र. 29 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रदेश में अतिवृष्टि के कारण फसले नष्ट हुई थी? यदि हाँ, तो किस-किस जिले में कितनी राशि स्वीकृति की गई थी? जिलेवार स्वीकृत राशि की संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध कराये। (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ है तो प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत राहत राशि किस-किस जिले में कितने प्रतिशत किसानों को वितरित कर दी गई? वितरित की गई राशि की जिलेवार संख्यात्मक जानकारी बताएं। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या कुछ जिलों में स्वीकृत राहत राशि का वितरण बाकी है? यदि हाँ, तो किस-किस जिले में कितनी-कितनी राहत राशि का वितरण बाकी है? जिलेवार संख्यात्मक जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार क्या लंबित राहत राशि का भुगतान शासन कर देगा? हाँ तो कब तक समय-सीमा बताएं।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) एवं (ग) जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कृषि उपज का समर्थन मूल्य पर उपार्जन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
4. ( क्र. 58 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि उपज के उपार्जन में किन-किन शासकीय विभागों/निगमों/मण्डलों की सहभागिता होती है? रबी एवं खरीब फसलों के उपार्जन कार्य का नोडल कौन-कौन शासकीय विभाग/निगम/मंडल होता है, तथा किस प्रक्रिया से उपार्जन कार्य किया जाता है? क्या उपार्जन कार्य में सहभागिता करने वाले विभागों के शासकीय सेवकों की जिम्मेदारी भी निर्धारित है? यदि हाँ, तो विवरण एवं नियम/निर्देश बताएं। (ख) सिवनी जिले में आगामी गेहूँ खरीदी हेतु क्या कार्य योजना है? कितने एवं किन-किन स्थानों पर उपार्जन केन्द्र स्थापित किये जा रहे हैं? प्रस्तावित/स्वीकृत खरीदी केन्द्रों का संचालन किन समितियों/समूहों द्वारा किया जाना है? इन समितियों/समूहों के चयन का आधार क्या है? (ग) प्रश्नांश (ख) गेहूँ खरीदी हेतु किन-किन विभागों के किस-किस शासकीय सेवक की क्या-क्या भूमिका एवं जिम्मेदारी नियत है? क्या विगत 03 वर्षों में उपार्जन में कार्यरत रहे शासकीय सेवकों द्वारा अपने पदीय दायित्वों का निर्देशानुसार निर्वहन किया गया? यदि हाँ,तो किस प्रकार? यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की गई? प्रश्नांकित अवधि में उपार्जन कार्यों में परिलक्षित/ज्ञात अनियमितताओं पर अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) क्या उपार्जन में अनियमितता पाये जाने पर संबंधितों की जिम्मेदारी निर्धारित करते हुये कोई एकीकृत नीति बनाई जायेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? यदि नहीं, तो स्पष्ट कीजिए की पूर्व में कई विभागों एवं कार्यालयों के उपार्जन में सम्मलित होने से व्याप्त विसंगतियों और जिम्मेदारियों का निर्धारण न होने का क्या निदान है?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न दलहन एवं तिलहन उपार्जन कार्य में सहभागिता करने वाले विभागों/निगम/मण्डलों के नाम एवं उनके अमले के दायित्वों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न उपार्जन हेतु मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन एवं दलहन उपार्जन हेतु मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ नोडल एजेंसी है। समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न दलहन उपार्जन का कार्य उपार्जन नीति अनुसार किया जाता है जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ख) सिवनी जिले में रबी विपणन वर्ष 2022-23 में समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन हेतु 237 एमपी ऑनलाईन कियोस्क/सुविधा केन्द्र/कामन सर्विस सेन्टर/लोक सेवा केन्द्र एवं 94 पंजीयन केन्द्रों के माध्यम से पंजीयन किया जा रहा है। सिवनी जिले में पंजीयन करने वाली संस्थाओं/समूहों एवं पंजीयन केन्द्रों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। गेहूं उपार्जन हेतु उपार्जन केन्द्र का निर्धारण एवं अन्य व्यवस्थाएं उपार्जन नीति में उल्लेखित मापदण्ड अनुसार की जाएगी। (ग) समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन में विभाग/निगम के अधिकारियों की भूमिका का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। सिवनी जिले में विगत तीन वर्षों में उपार्जन कार्य में संलग्न शासकीय सेवकों द्वारा अपने दायित्वों का निर्वहन किया गया है। दायित्व निर्वहन में शिथिलता/अनियमितता करने वाले शासकीय सेवकों के विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है। (घ) समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न उपार्जन, परिवहन, भण्डारण, भुगतान, बारदाना व्यवस्था आदि व्यवस्था करने हेतु एकीकृत उपार्जन नीति जारी की जाती है जिसमें सभी संबंधित संस्थाओं एवं उनके अमले का दायित्व का निर्धारण किया जाता है। दायित्वों के निर्धारण में शिथिलता बरतने वाले कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही भी की जाती है। उपार्जन का कार्य विस्तृत स्वरूप का होने के कारण एक से अधिक विभागों/एजेंसियों/संस्थाओं द्वारा कार्य किया जाता है। उपार्जन व्यवस्था में विसंगती होने एवं जिम्मेदारी का निर्धारण न होने जैसी स्थिति नहीं है। उपार्जन कार्य में अधिक से अधिक तकनीक का उपयोग कर बेहतर व्यवस्था करने का प्रयास विभाग द्वारा निरन्तर किया जा रहा है।
सिवनी जिले में शासकीय लीज भूमि का दुरूपयोग
[राजस्व]
5. ( क्र. 59 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में कितने व्यक्ति/संस्थाओं को किन प्रयोजन हेतु कितनी भूमि लीज पर कितने वर्षों के लिये आवंटित की गई है? (ख) क्या उक्त भूमि पर प्रथम लीज आवंटन आदेश के प्रयोजन अनुसार व्यक्ति/संस्था द्वारा उपयोग किया जा रहा है? यदि नहीं, तो, जिले में किन-किन भूमि का प्रयोजन परिवर्तन करने के आदेश जारी किये गये हैं? (ग) क्या चंद पैसों की लीज पर ली गई शासकीय करोड़ों अरबों रूपये की भूमि का मद परिवर्तन कराकर नगर में कालोनी का अवैध व्यवसाय किया जा रहा है? यदि हाँ, तो लीज भूमि पर कितनी अवैध कॉलोनियां काटी गई हैं? (घ) क्या यह शासकीय भूमि को भू-माफियों के हाथों नीलाम की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या प्रदेश सरकार ऐसी समस्त लीज भूमि जिसका उपयोग प्रथम आवंटन आदेशानुसार नहीं हो रहा है, उक्त भूमि को वापस शासकीय मद में लेने पर विचार करेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : जिला सिवनी अंतर्गत 4297 व्यक्ति/संस्थाओं को आवासीय एवं व्यवसायिक प्रयोजन हेतु रकबा 1350000 वर्गमीटर नजूल भूमि स्थायी लीज पर 30 वर्षों के लिये आवंटित की गई है। (ख) जी नहीं। जिला सिवनी के अंतर्गत आवासीय लीज भूमि को व्यवसायिक प्रयोजनों में परिवर्तन के आदेश जारी किये गये है। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कुण्डालिया परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति
[जल संसाधन]
6. ( क्र. 77 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पूछे गए तारांकित प्रश्न क्र. 172 दिनांक 22 दिसंबर 2021 के प्रश्न (क) के उत्तर में बताया गया है कि प्रथम दृष्टया बनाये गये प्रथम स्तरीय प्राक्कलन में लगभग 423 ग्रामों की 1,12,400 हेक्टेयर सैंच्य क्षेत्र को प्रस्तावित किया गया था। तहसीलवार ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ'' अनुसार है जिसमें सारंगपुर तहसील के 76 ग्रामो को सम्मिलित किया गया था एवं प्रश्न (ख) के उत्तर में बताया गया है कि विस्तृत सर्वेक्षण के उपरांत 407 ग्रामों की 1,39,000 हेक्टेयर सैंच्य क्षेत्र में निर्धारित किया गया है जिसकी जानकारी तहसीलवार, ग्रामवार रकबे की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “ब'' अनुसार है। जिसमें सारंगपुर तहसील के मात्र 16 ग्रामों का सैंच्य क्षेत्र 5743.47 हेक्टेयर निर्धारित किया गया है, जो कि सारंगपुर क्षेत्र के किसानों के साथ विभाग द्वारा राजनैतिक दबाव में आकर परियोजना का बदलाव किया गया है? क्या सारंगपुर के जो 60 ग्राम काटे गये है उन्हें कुण्डालियां परियोजना का लाभ प्राप्त होगा? (ख) प्रश्न (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि नहीं, तो सारंगपुर तहसील के छोड़े गये 60 ग्रामों के रकबे को किस सिंचाईं योजना से लाभान्वित किया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी, हाँ। जी हाँ। वस्तुस्थिति यह है कि जलाशय में उपलब्ध जल से, प्रचलित मापदण्डों के अनुसार कमाण्ड क्षेत्र का निर्धारण किया गया है। अत: सारंगपुर क्षेत्र के किसानों के साथ विभाग द्वारा राजनैतिक दबाव में आकर परियोजना में बदलाव करने की स्थिति नहीं हैं। भौगोलिक परिस्थिति एवं विस्तृत सर्वेक्षण के उपरांत प्रश्नाधीन क्षेत्र को शामिल करना उचित नहीं पाया गया है। साथ ही बांध में अतिरिक्त जल उपलब्ध न होने एवं प्रश्नाधीन ग्राम प्रतिकूल ऊंचाई पर स्थित होने के कारण सारंगपुर क्षेत्र के 60 ग्रामों को कुण्डालिया परियोजना में सम्मिलित किया जाना संभव नहीं हैं। (ख) सांरगपुर तहसील के शेष 60 ग्रामों के सिंचाई हेतु वर्तमान में कोई परियोजना विचाराधीन नहीं है।
राजस्व अधिकारी के विरुद्ध चालानी कार्यवाही
[राजस्व]
7. ( क्र. 78 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पूछे गए तारांकित प्रश्न क्र. 171 दिनांक 22 दिसंबर 2021 के उत्तर में राजस्व मंत्री द्वारा बताया गया कि जिला राजगढ़ का तहसीलदार श्री असमनराम चिरामन का प्रकरण अभियोजन के संबंध में विधि विभाग के अभिमत हेतु नस्ती भेजी गई है। यदि हाँ, तो विधि विभाग द्वारा अभियोजन की अनुमति कब तक प्रदान कर दी जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि नहीं, तो क्या शासन अधिकारी को संरक्षण दे रहा है? यदि नहीं, तो दोषी अधिकारी के विरुद्ध कब तक आवश्यक कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पीथमपुर तहसील कार्यालय का भवन निर्माण
[राजस्व]
8. ( क्र. 89 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पीथमपुर तहसील कार्यालय वर्तमान में कहां स्थापित है तथा क्या उक्त भवन तहसील कार्यालय हेतु पर्याप्त है? (ख) यदि नहीं, तो क्या पीथमपुर में नवीन तहसील कार्यालय निर्माण हेतु राजस्व विभाग द्वारा भूमि का चिन्हांकन कर लिया गया है? (ग) यदि हाँ, तो क्या विभाग पीथमपुर तहसील भवन निर्माण हेतु आवश्यक धनराशि का प्रावधान आगामी बजट में कर, भवन का निर्माण करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) पीथमपुर तहसील कार्यालय वर्तमान में विकास भवन में स्थापित है। जी नहीं (ख) जी हाँ (ग) राजस्व विभाग के आगामी कार्यालय भवनों का निर्माण मध्यप्रदेश शासन,नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग द्वारा दिनांक 20.04.2016 को जारी की गई'' शहरी क्षेत्रों में स्थित शासकीय भवन/परिसरों के लिये पुनर्घनत्वीकरण नीति, 2016'' के प्रावधानों के तहत किया जाना है अत: धनराशि का प्रावधान आगामी बजट में किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गेहूँ, चावल की खरीदी एवं भुगतान
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
9. ( क्र. 94 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2018-2019 एवं 2020-2021 में कितनी मात्रा में गेहूँ, चावल की खरीदी की गई? मात्रा सहित जानकारी दी जावें। केन्द्र शासन द्वारा कितनी राशि एवं मात्रा की खरीदी की स्वीकृति दी गई थी? (ख) क्या वर्ष 2020-2021 में जो गेहूँ खरीदा गया उसे खुले कैम्पों में एवं निजी गोदामों में रखा गया, जिससे काफी मात्रा में गेहूँ खराब हुआ? (ग) क्या वर्ष 2018-2019 में केन्द्र की स्वीकृति से अधिक गेहूँ खरीदी का भुगतान देने से केन्द्र द्वारा असहमति दी गई? कितनी मात्रा का गेहूँ अधिक था? उसका भुगतान कहाँ से किया गया? (घ) क्या रिर्ज़व बैंक द्वारा तय की गई लिमिट के आधार पर राज्य सरकार की गारन्टी पर, खाद्य, नागरिक आपूर्ति निगम, राज्य विपणन संघ जैसी संस्थाओं को दिया गया था। खरीदी एवं भण्डारण का कर्ज वर्ष 2021 तक कितना हो गया है? इसे प्रदेश सरकार कैसे वापस करेगी? राशि की मात्रा सहित पूर्ण जानकारी दी जावे।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
समितियों द्वारा बाजरा एवं ज्वार की खरीदी
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
10. ( क्र. 95 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर एवं चम्बल संभाग के जिलों एवं सीहोर, देवास, सागर, पन्ना जिलों में वर्ष 2021 एवं 2022 में कितनी समितियों द्वारा कितना बाजरा, ज्वार खरीदा गया? जिलावार खरीद की मात्रा की जानकारी दी जावे। (ख) क्या उक्त खरीदे गये बाजरा, ज्वार को गोदाम स्तर पर ही नान एफएक्यू बताकर परिवहन नहीं किया गया है, जबकि बाजरा की क्वालिटी अन्य वर्षों की तुलना के समान थी क्यों? सबसे अधिक बाजरा, ज्वार किस जिले की किस समिति द्वारा खरीदा गया? (ग) क्या उक्त खरीदी की जानकारी जिलों के जिम्मेदार अधिकारियों की नहीं थी? इतनी मात्रा में हुई खरीद की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा समय पर क्यों नहीं ली गई? जिलों में कौन अधिकारियों की जिम्मेदारी थी? पदनाम सहित जिलावार जानकारी दी जावें। उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) अभी तक कितने जिलों में किसानों के बाजरा, ज्वार की वापसी हो चुकी है? जिलावार मात्रा सहित जानकारी दी जावें।
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) ग्वालियर एवं चम्बल संभाग के जिले तथा सीहोर, देवास, सागर, पन्ना जिलों में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में समर्थन मूल्य पर ज्वार एवं बाजरा उपार्जन करने वाली समितियों एवं जिलेवार उपार्जित मात्रा जानकारी संलग्न परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) भारत सरकार द्वारा निर्धारित एफएक्यू मापदण्डों के अनुसार मानक स्तर का ज्वार एवं बाजरा उपार्जन करने का प्रावधान है। प्रदेश में उपार्जित मोटे अनाज का वितरण लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत कराया जाता है। ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीकृत किसानों से एफएक्यू गुणवत्ता का ज्वार एवं बाजरा उपार्जन कर गोदामों में भण्डरित कराया गया है नान एफएक्यू स्कंध के उपार्जन, परिवहन एवं भण्डारण कराने का प्रावधान नहीं है। समर्थन मूल्य पर ज्वार एवं बाजरा उपार्जन हेतु गुणवत्ता परीक्षण उपार्जन केन्द्र एवं भण्डारण केन्द्र पर भारत सरकार द्वारा निर्धारित एफएक्यू मापदण्ड अनुसार किया जाता है। उपार्जन हेतु विगत वर्षों में उपार्जित ज्वार एवं बाजरा की गुणवत्ता की तुलना नहीं की जाती है। खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में ग्वालियर जिले की प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति तिघारा द्वारा 8183 क्विंटल बाजरा एवं प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति हस्तीनापुर द्वारा 27781 क्विंटल ज्वार खरीदी गई है, जो कि सर्वाधिक है। (ग) खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में मोटा अनाज (ज्वार एवं बाजरा) के उपार्जन की व्यवस्था की निगरानी हेतु प्रत्येक जिले में जिला स्तर पर जिला उपार्जन समिति एवं अनुभाग स्तर पर अनुविभागीय उपार्जन समिति का गठन किया गया, जिनके द्वारा उपार्जन कार्य की सतत् निगरानी एवं पर्यवेक्षण किया जाता है। उपार्जन समितियों के कर्मचारियों को स्कंध के गुणवत्ता परीक्षण का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। उपार्जन नीति के प्रावधानों के अनुरूप एफएक्यू गुणवत्ता को ज्वार एवं बाजरा का उपार्जन कराया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उपार्जन केन्द्र एवं गोदाम स्तर पर गुणवत्ता परीक्षण में अमानक पाये गये ज्वार एवं बाजरा की किसानों को वापसी की जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट–ब अनुसार है।
शासकीय भूमि के संबंध में
[राजस्व]
11. ( क्र. 114 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा विगत कई वर्षों से ग्राम बोरदा बन्नाखेड़ा की चौपाटी स्थित भूमि सर्वे नं. 224, 225 एवं 226 को शासकीय भूमि घोषित कर शासनाधीन किये जाने हेतु लगातार पत्रों व सदन में प्रश्नों के माध्यम से कार्यवाही की जा रही है? (ख) सर्वे नं. 225 एवं 226 का सीमांकन कर इसे शासनाधीन लिया जाकर भूमि स्थल पर (यह भूमि शासकीय है) ऐसे साईन बोर्ड लगा दिये गये हैं? (ग) क्या सर्वे नं. 225 एवं सर्वे नं. 226 की कुल कितनी-कितनी भूमि रिक्त होकर शासनाधीन हुई एवं उक्त दोनों सर्वे नं. पर कुल कितना किस-किस प्रकार का अतिक्रमण पाया गया? कार्यवाही का विवरण देवें। (घ) सर्वे नं. 224 जो कि प्रारंभ से लीज भूमि होकर शासन की ही रही, जिसे षडयंत्र पूर्वक कूट रचित दस्तावेजों के माध्यम से हड़पने का प्रयास किया जा रहा था, विगत वर्षों की नीलामी के आधार पर उस तात्कालिक समय में हुई नीलामी को कमिश्नर द्वारा निरस्त कर शून्य कर दिया गया है तो सर्वे नं. 224 को शासनाधीन कब किया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) अभिलेख अनुसार सर्वे नम्बर 225 व 226 की निजी भूमि छोड़कर शेष शासकीय भूमि का सीमांकन किया जाकर (यह भूमि शासकीय है) का साईन बोर्ड लगाये गये। (ग) सर्वे नम्बर 225 निजी भूमि है। अभिलेख अनुसार 226 के सर्वे नम्बर 226/5 रकबा 0.025, 226/6 रकबा 0.020, 226/7 रकबा 0.017, 226/8 रकबा 0.064,226/1/4 रकबा 0.013 की भूमि निजी दर्ज है। शेष सर्वे नम्बर 226/1/3 रकबा 2.036, 226/2 रकबा 1.012, 226/1/3 रकबा 2.036, 226/3/1 रकबा 0.588, 226/3/2 रकबा 0.044, 226/4 रकबा 0.253 की भूमि शासकीय है। भूमि सर्वे नं. 226/1/3 रकबा 2.036 की भूमि में आफिस के कमरे, क्वार्टर, टीन शेड, फैक्ट्री का पुरानी मशीनें, गोडाउन आदि बने है शेष भूमि मौके पर खुली है। सर्वे नं. 226/2 रकबा 1.012 में प्रियदर्शनी इंदिरा गांधी बस स्टैण्ड, नगर पालिका द्वारा निर्मित दुकाने, ऑटो स्टैण्ड, यातायात चौकी, मंदिर सुलभ कॉम्पलेक्स आदि बने हुए है। सर्वे नम्बर 226/3/1 रकबा 0.588, 226/3/2 रकबा 0.044, 226/4 रकबा - 0.253 की भूमि पर श्रीनगर कॉलोनी स्थित है, उपरोक्त संरचना भूमि शासकीय घोषित होने के पूर्व से बनी हुई है उपरोक्त शासकीय सर्वे नम्बरान का प्रकरण हाई कोर्ट में विचाराधीन है श्रीनगर कॉलोनी रिट पिटीशन 1357/2013 वाद प्रचलित है। (घ) सर्वे नम्बर 224 की भूमि विक्रय अधिकारी द्वारा बकाया पेटे नीलामी की गई थी, न्यायालय अपर आयुक्त उज्जैन संभाग उज्जैन के प्रकरण क्रमांक 74/2000-2001 निगरानी में विक्रय कर विभाग द्वारा की गई नीलामी कार्यवाही निरस्त की जाकर प्रकरण में पुनः विधिवत उद्घोषणा एवं पृथक-पृथक नीलाम किये जाने हेतु प्रस्ताव किया गया। माननीय राजस्व मण्डल म.प्र. ग्वालियर के प्रकरण क्रमांक निगरानी 2822/तीन-2002 में पारित आदेश दिनांक 21/07/2002 द्वारा न्यायालय अपर आयुक्त उज्जैन संभाग उज्जैन के उक्त प्रकरण क्रमांक 74-2000 -01 निगरानी में पारित आदेश दिनांक 01/07/2002 को विधिसंगत मानते हुए स्थिर रखा गया है। माननीय उच्च न्यायालय म.प्र. खण्डपीठ इन्दौर में प्रचलित रही याचिका क्रमांक रिट पिटीशन 19/2005 प्रीमियर वेजीटेबल आईल मिल प्रोडेक्ट लिमिटेड विरूद्ध म.प्र.शासन आदि में पारित आदेश दिनांक 31/03/2005 एवं 05/07/2006 द्वारा न्यायालय अपर आयुक्त उज्जैन के उक्त प्रकरण क्रमांक 74/2000-01 एवं माननीय राजस्व मण्डल म.प्र. ग्वालियर के प्रकरण क्रमांक आर/1603/आर/2002 के पारित आदेश दिनांक 21/07/2004 के पारित आदेश दिनांक 21/07/2004 को स्थगित रखे जाने का आदेश किया गया है। वर्तमान में इस प्रकरण में रिट पिटीशन क्रमांक 19/2005 माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर में प्रचलित है। भूमि सर्वे नं. 224 रकबा 1.050 हेक्टर भूमि में से भूमि का भाग सेतु निर्माण हेतु अधिग्रहित की गई है, जिसके मुआवजे के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय इन्दौर में रिट पिटीशन 14955/2020 वाद वर्तमान में प्रचलित है। माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर में वाद प्रकरण रिट पिटीशन 1956/2013, रिट पिटीशन 11706/2018, रिट पिटीशन 17643/2021 भी प्रचलित है। मान. न्यायालय में प्रकरण प्रचलित होने से अग्रिम कार्यवाही किये जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नीलगाय से हो रही हानि की क्षतिपूर्ति
[वन]
12. ( क्र. 115 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि मध्यप्रदेश में लगातार बढ़ते जा रहे कृषि उत्पादन के साथ ही प्रदेश भर में रोजड़ों (नीलगाय) की संख्या भी निरंतर बढ़ती जा रही है तो प्रदेश भर के समस्त जिलो में रोजड़ों की संख्या की गणना किये जाने हेतु शासन/विभाग द्वारा क्या किया जाता है? (ख) समस्त जिलों में इनकी गणना किये जाने हेतु शासन/विभाग द्वारा किस-किस को अधिकृत रूप से जिम्मेदारी सौंप कर यह गणना करवाई जाती है? (ग) संपूर्ण जिलों में जिलावार इनकी संख्या कितनी-कितनी है एवं इसी प्रकार संपूर्ण प्रदेश भर में लगभग कितनी संख्या इन रोजड़ों (नीलगाय) की है? जिलेवार संख्या सहित बताएं? (घ) यह भी सही है कि यह झुण्ड के रूप में रहकर खडी फसलों को चबाकर, खाकर एवं रौंदकर पूरी तरह से नष्ट कर देते है, इससे संपूर्ण फसलें ही नष्ट होकर भारी नुकसान होता है तो कृषकों की इस क्षति का आंकलन किस प्रकार किया जाता है और क्या मुआवजा व क्षतिपूर्ति किये जाने हेतु शासन/विभाग द्वारा क्या-क्या किया जाता है?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रदेश के कुछ जिलों यथा रतलाम, मंदसौर, नीमच, देवास, छतरपुर, सागर, रीवा, शहडोल, आदि में रोजड़ों (नीलगाय) की संख्या में वृद्धि हुई है। वन क्षेत्रों में रोजड़ों की संख्या का आंकलन अखिल भारतीय बाघ आंकलन के दौरान किया जाता है। राजस्व क्षेत्रों में रोजड़ों की संख्या ग्रामीणों एवं पंचायत आदि से प्राप्त सूचना पर आधारित मात्र अनुमानित गुणात्मक आंकलन है। (ख) वन क्षेत्रों में रोजड़ों (नीलगाय) के गणना हेतु कार्यक्षेत्र में स्थानीय वन अमले को जवाबदारी सौंपी जाती है। (ग) वर्ष 2018 के अखिल भारतीय बाघ आंकलन के पश्चात भारत शासन द्वारा जारी रिपोर्ट में रोजड़ों (नीलगाय) की उपस्थिति वाले क्षेत्रों को प्रदर्शित करता नक्शा तथा टाइगर रिजर्वों में रोजड़ों (नीलगाय) का घनत्व प्रतिवर्ग कि.मी. दर्शाया गया है, जो संलग्न परिशिष्ट-1 एवं 2 में है। चूंकि लैण्डस्केप में घनत्व का आंकलन है अत: जिलेवार संख्या देना संभव नहीं है। (घ) कृषकों की फसल क्षति हानि का आंकलन राजस्व पुस्तक परिपत्र 6.4 के प्रावधानों के अंतर्गत राजस्व विभाग द्वारा किया जाता है। क्षतिपूर्ति राजस्व विभाग द्वारा मध्यप्रदेश लोकसेवा गारंटी अधिनियम की सेवा क्रमांक-4.6 ''वन्यप्राणियों से फसल हानि का भुगतान (राजस्व एवं वनग्रामों में)'' के प्रावधानों के अनुरूप की जाती है।
शासकीय परिसम्पतियों की भूमि का सीमांकन
[राजस्व]
13. ( क्र. 116 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि जावरा तहसील एवं पिपलौदा तहसील अन्तर्गत दो जनपद पंचायत, एक नगर पालिका, एक नगर परिषद एवं जावरा कृषि उपज मंडी एवं उपमंडियों के साथ ही हाट बाजार तथा महाविद्यालयीन, विद्यालयीन, कृषि विभागों की शासकीय परिसम्पत्तियां हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन/विभाग की समस्त विभागीय परिसंपतियों के साथ ही उनसे संलग्न व उन्हें आवंटित भूमियों का सीमांकन कब-कब किया गया? समस्त विभागों की विभागीय जानकारी बतावें। (ग) जावरा नगर एवं पिपलौदा नगर में दोनों की सीमा अन्तर्गत (प्रस्तावित मास्टर प्लान क्षेत्र सहित) शासन/विभाग की किन-किन स्थानों पर कितनी-कितनी शासकीय राजस्व भूमि, नजूल भूमि स्थित होकर कितनी-कितनी है? (घ) क्या समस्त शासकीय उपरोक्तानुसार उल्लेखित विभिन्न विभागीय व अन्य शासकीय भी संपर्ण रूप से शासन के नियंत्रण में है अथवा उन पर अतिक्रमण है तो किन-किन स्थानों पर, किस-किस प्रकार का व कितनी भूमि विवादित होकर किस स्थिति में है? संपूर्ण विवरण बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। तहसील जावरा पिपलौदा में शासकीय विभागो की परिसंपत्तियां है। (ख) तहसील जावरा में आवंटित भूमियों का सीमांकन संबंधित विभाग को आवंटन के समय एवं कब्जा प्रदान करते समय किया गया था। तहसील पिपलौदा में सीमांकन करने संबंधी कोई आवेदन प्राप्त नहीं होने से जानकारी निरंक है। (ग) तहसील पिपलौदा अंतर्गत शासकीय राजस्व भूमि 9553 हेक्टर है। पिपलौदा क्षेत्र अंतर्गत नजूल भूमि निरंक है। पिपलौदा नगर में शासन/विभाग की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। तहसील जावरा नगर (कस्बा जावरा, बन्नाखेडा,कुम्हारी, सुजावता) की सम्पूर्ण क्षेत्रफल में शासन/विभाग की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' ब'' एवं '' स 'अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार।
पटेरा वि.ख. के प.ह.नं. 13/21 में जमीनी हेरा-फेरी
[राजस्व]
14. ( क्र. 137 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि तारांकित प्रश्न क्रमांक 428 दिनांक 19.12.2019 जिला दमोह के पटेरा विकासखण्ड में छेवलादुबे हल्का नंबर 13/21 की बदोंबस्त की मिशन, रिनंबरिंग सूची में सन् 1985 से 1999 तक शासकीय अभिलेखों में भारी हेरा-फेरी कर जमीन किसी की किसी के नाम पर की गई थी एवं जिसका शासकीय रिकार्ड आज भी उपलब्ध नहीं है जिसकी जानकारी चाही गई थी? क्या गलत जानकारी प्रदाय की गई थी एवं सत्य जानकारी उपलब्ध नहीं करायी गयी थी क्यों? (ख) क्या उक्त संबंध में प्रमुख सचिव राजस्व को लेख किया गया था लेकिन आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई न ही रिकार्ड उपलब्ध कराया गया? भारी लापरवाहियों की जांच भी नहीं करायी गई एवं कोई वैधानिक कार्यवाही भी नहीं की गई क्यों? उक्त कार्यवाही एवं जांच कब तक की जावेगी? समय-सीमा बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। दमोह जिले के पटेरा विकासखण्ड के ग्राम छेवला दुबे प.ह.नं. 13/21 के संबंध में वांछित अभिलेख में से उपलब्ध अभिलेख की वर्ष 1984-85 से वर्ष 1988-89 एवं 1989-90 से 1992-93 तक के खसरों की छायाप्रति एवं राजस्व रिकॉर्ड, बंदोबस्त की मिशन तथा रीनंबरिंग सूची एवं निस्तार पत्रक की छायाप्रति जानकारी प्रदान की गई थी। शेष खसरा अभिलेख 1993-94 से 1999 तक के खसरा हटा तहसील में 2005 में बाढ़ आजाने से नष्ट हो जाने के कारण उपलब्ध नहीं हो पाये। उपलब्ध अभिलेख अनुसार सही जानकारी प्रदान की गई। (ख) इस संबंध में कलेक्टर दमोह के द्वारा प्रमुख सचिव को प्रेषित प्रतिवेदन का परीक्षण किया जाकर नियमानुसार कार्यवाही करते हुए, विधानसभा को दिनांक 24/08/2021 को अवगत कराया जा चुका है।
प्रश्नकर्ता सदस्य के पत्रों पर कार्यवाही
[श्रम]
15. ( क्र. 175 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 मार्च, 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में मान. मंत्री जी को प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र किन-किन दिनांकों में प्राप्त हुये? मान. मंत्री जी ने किन-किन अधिकारियों को कार्यवाही हेतु कब-कब निर्देशित किया? (ख) प्रश्नकर्ता विधायक के पत्रों में उल्लेखित समस्याओं के निराकरण तथा मान. मंत्री जी के निर्देशों के बाद किन-किन समस्याओं का निराकरण किन-किन दिनांकों में हुआ तथा किन-किन समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं हुआ? (ग) प्रश्नकर्ता विधायक के पत्रों में उल्लेखित समस्याओं का निराकरण कब तक होगा? विलम्ब के लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नकर्ता विधायक के पत्रों में उल्लेखित समस्याओं के निराकरण उपरांत संबंधित अधिकारियों द्वारा प्रश्नकर्ता विधायक को अवगत क्यों नहीं कराया तथा इसके लिये कौन-कौन दोषी हैं? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) 01 मार्च 2020 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में माननीय मंत्रीजी को प्रश्नकर्ता विधायक के प्राप्त पत्र एवं प्राप्त पत्रों पर कार्यवाही हेतु अधिकारियों को निर्देशित किये जाने संबंधी मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ अनुसार है एवं मध्यप्रदेश असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मंडल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) प्रश्नकर्ता विधायक के पत्रों में उल्लेखित समस्याओं के निराकरण किये जाने संबंधी मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल का विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है एवं मध्यप्रदेश असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मंडल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब कॉलम 04 में उल्लेखित है। माननीय विधायक महोदय के समस्त पत्रों में उल्लेखित समस्याओं का निराकरण सचिव, मध्यप्रदेश असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा किया गया है, मात्र एक प्रकरण श्री भगवान दास रैकवार में भुगतान की कार्यवाही प्रचलन में है, यद्यपि इसमें भी स्वीकृति की कार्यवाही पूर्ण है एवं एक पत्र जो कि दिनांक 26.02.2022 को मण्डल कार्यालय को प्राप्त है निराकरण हेतु मंडल के द्वारा दिनांक 28.02.2022 को श्रम पदाधिकारी मंडीदीप को भेजा गया है। जिस पर कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) माननीय विधायक जी के पत्रों में उल्लेखित समस्याओं का निराकरण प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' के उत्तर अनुसार किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) माननीय विधायक जी को सचिव असंगठित शहरी/ग्रामीण कर्मकार कल्याण मंडल एवं सचिव मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा सतत् रूप से अवगत कराया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लंबित सिंचाई योजनाएं
[जल संसाधन]
16. ( क्र. 176 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी, 2022 की स्थिति में रायसेन जिले में प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त किन-किन सिंचाई योजनाओं का कार्य क्यों अप्रारंभ है? किन-किन सिंचाई योजनाओं की निविदा आमंत्रित नहीं की गई है तथा क्यों? कब तक निविदा आमंत्रित की जायेगी? (ख) रायसेन जिले में कौन-कौन सी सर्वेक्षित सिंचाई योजनायें तथा वैराज स्वीकृति हेतु किस स्तर पर कब से क्यों लंबित हैं? उक्त योजनाओं की लागत, सिंचाई का रकबा सहित पूर्ण विवरण दें। (ग) रायसेन जिले में किन-किन बाँधों की नहर का निर्माण कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है तथा क्यों? अनुबंध अनुसार उक्त कार्य कब-तक पूर्ण होना था? विभाग के अधिकारियों द्वारा उक्त कार्य पूर्ण करवाने हेतु क्या-क्या कार्यवाही की? (घ) रायसेन जिले में किन-किन बांध एवं नहर निर्माण में किन-किन किसानों के मुआवजा तथा व्यवस्थापन की राशि भुगतान के प्रकरण कब से किस स्तर पर क्यों लंबित हैं? इसके लिये कौन-कौन दोषी हैं तथा कब तक राशि का भुगतान होगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) शासन स्तर पर प्रश्नाधीन जिले की कोई भी लघु सिंचाई परियोजना स्वीकृति हेतु लंबित नहीं है। सर्वेक्षित सिंचाई परियोजनाओं की अद्यतन स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) रायसेन जिले की सालाबर्रू जलाशय के नहर विस्तारीकरण का कार्य अपूर्ण होना प्रतिवेदित है। अनुबंध अनुसार कार्य अगस्त 2021 तक पूर्ण किया जाना लक्षित था, परन्तु कोरोना महामारी एवं वर्षाकाल के कारण कार्य पूर्ण नहीं किया जा सका। रबी फसल कटाई के उपरांत नहर निर्माण कार्य प्रारंभ कर पूर्ण कराया जाना संभव होगा। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। भू-अर्जन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
राशन दुकानों में गड़बड़ी पाए जाना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
17. ( क्र. 189 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चांचौड़ा विधानसभा क्षेत्र में कुल कितनी राशन की दुकान हैं? (ख) उपरोक्त में से 1 जनवरी, 2021 से प्रश्न दिनांक तक उपरोक्त में से किस-किस राशन की दुकान की जांच किस अधिकारी द्वारा किस तारीख को की गई? (ग) उपरोक्त जांच में किस-किस राशन की दुकान में गड़बड़ी पाई गई? (घ) जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर किस-किस दुकान के संचालक पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 150 उचित मूल्य दुकानें हैं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण
[राजस्व]
18. ( क्र. 219 ) श्री महेश परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील उज्जैन एवं उज्जैन नगर की शासकीय भूमियों के सर्वे नंबर कौन कौन से शासकीय रिकार्ड में दर्ज़ हैं? उन अभिलेखों की सूची उपलब्ध कराएं। (ख) शासकीय रिकार्ड अनुसार तहसील उज्जैन एवं उज्जैन नगर में शासकीय भूमियों का क्षेत्रफल कितना है? (ग) वर्तमान में तहसील उज्जैन एवं उज्जैन नगर के कौन-कौन सर्वे नंबर की शासकीय भूमियों पर अतिक्रमण कितने मामले प्रचलित हैं? अतिक्रमित भूमियों को मुक्त कराने के लिए पिछले एक वर्ष में शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) तहसील उज्जैन एवं उज्जैन नगर में अतिक्रमण हटाने के लिए सरकार व प्रशासन वर्तमान में क्या प्रयास कर रहा है? पिछले एक वर्ष में अतिक्रमणमुक्त कितनी भूमि मुक्त करायी जा चुकी है और उस भूमि का मूल्य कितना है? (ड.) तहसील उज्जैन एवं उज्जैन नगर में पिछले 5 वर्षों में शासकीय भूमि पर अतिक्रमण के कितने प्रकरण दर्ज कराये गये हैं? पृथक-पृथक वर्षवार जानकारी देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) तहसील उज्जैन एवं उज्जैन नगर की ग्रामवार खसरा/अभिलेख अनुसार शासकीय भूमियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) शासकीय रिकार्ड अनुसार तहसील उज्जैन में शासकीय भूमि का कुल क्षेत्रफल 4346815 हे. एवं उज्जैन नगर में कुल क्षेत्रफल 1812.548 हे. दर्ज है। (ग) वर्तमान में तहसील उज्जैन में अतिक्रमण के 25 प्रकरण एवं उज्जैन नगर में 5 प्रकरण प्रचलित है। अतिक्रमित भूमियों को मुक्त कराने हेतु म.प्र. भू राजस्व संहिता 248 के तहत कार्यवाही न्यायाधीन है। (घ) तहसील उज्जैन एवं तहसील उज्जैन नगर में अतिक्रमण हटाने के लिए म.प्र. भू-राजस्व संहिता संहिता 248 के तहत कार्यवाही की गई है, तहसील उज्जैन में पिछले 1 वर्ष में 18.9669 हेक्टेयर भूमि अतिक्रमण से मुक्त करायी गयी है जिसका मूल्य लगभग 297948971/- (रू उन्नतीस करोड़ उन्नयासी लाख अड़तालीस हजार नौ सौ इकहत्तर) है एवं तहसील उज्जैन नगर में विगत 1 वर्ष में 44.865 हेक्टेयर भूमि अतिक्रमण से मुक्त करायी गयी है। जिसका मूल्य लगभग 6344724720/- (रू छ: अरब चौंतीस करोड़ सैंतालीस लाख चौबीस हजार सात सौ बीस) है। (ड.) तहसील उज्जैन में राजस्व वर्ष 2017-18 में 129 प्रकरण, वर्ष 2018-19 में 88 प्रकरण, वर्ष 2019-2020 में 112 प्रकरण, वर्ष 2020-21 में 56 प्रकरण एवं वर्ष 2021-22 में 25 प्रकरण दर्ज कराये गये हैं। तहसील उज्जैन नगर के नवीन तहसील होने से वर्ष 2019-2020 में 28 प्रकरण, वर्ष 2020-21 में 08 प्रकरण एवं वर्ष 2021-22 में 05 प्रकरण इस प्रकार कुल 41 प्रकरण दर्ज कराये गये हैं।
खनिजों का अवैध उत्खनन एवं परिवहन
[खनिज साधन]
19. ( क्र. 225 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.04.2019 से प्रश्नतिथि तक सतना/रीवा जिलों में खनन एवं खनिज (विकास तथा विनियम) अधिनियम 1957 की धारा 4 का एवं अन्य कई अधिनियमों का उल्लंघन करने तथा खनिज तौल के स्थापित बेब्रिजों में नापतौल द्वारा सत्यापित सील नहीं पाये जाने एवं बिना अग्रिम रायल्टी भुगतान खनिज परिवहन का दोषी पाये जाने, अवैध उत्खनन किये जाने, खानों में अवैध रूप से डायनामाईट लगाकर लास्टिंग करने एवं अन्य अवैध कार्य करने वाले किन-किन स्थानों के, किस-किस नाम की सीमेंट कंपनियों एवं अन्य को कितनी-कितनी राशि का जुर्माना लगाये जाने के आदेश/ नोटिस कलेक्टर (खनिज) के कार्यालयों से जारी हुये? जारी सभी नोटिसों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार बतायें कि जारी नोटिसों में कितनी-कितनी राशि किस-किस नाम से प्रश्नतिथि तक वसूल कर शासकीय खजाने में कब-कब जमा करवा दी गई है? माहवार/वर्षवार/प्रकरणवार/राशिवार/कंपनीवार/अन्यवार/फर्मवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार अवैध उत्खनन करने/खनिज एवं रेत का अवैध परिवहन करने के किन-किन प्रकरणों में किस नाम एवं पतेवाली फर्मों पर कितनी-कितनी राशि का जुर्माना/पेनाल्टी अधिरोपित कर उनसे कितनी राशि शासकीय कोष में जमा करवाई गई? माहवार/वर्षवार/फर्मवार/जुर्माने एवं पेनाल्टी की राशिवार की जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार किन-किन से जुर्माने की राशि के नोटिस जारी होने के बाद कितनी-कितनी राशि जुर्माने की किस-किस से कितनी कितनी कम की गई? कंपनीवार/माहवार/वर्षवार/राशिवार दें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) खान एवं खनिज (विकास तथा विनियमन) अधिनियम, 1957 की धारा 4 का उल्लंघन करने तथा खनिजों का अवैध परिवहन/अवैध उत्खनन करने के संबंध में की गई कार्यवाही की सतना जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ 1 तथा रीवा जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ 2 पर दर्शित है। सतना जिले में खनिज तौल के स्थापित वेब्रिजों में सत्यापित सील न पाये जाने की जानकारी पुस्तकालय में परिशिष्ट के प्रपत्र-अ 3 पर दर्शित है। इस संबंध में रीवा जिले में कोई कार्यवाही नहीं हुई है। सतना जिले में सीमेंट कंपनी को जारी कारण बताओ सूचना पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ 4 पर दर्शित है। रीवा जिले में सीमेंट कंपनी को कोई कारण बताओ सूचना पत्र जारी नहीं किया गया है अन्य व्यक्ति को जारी कारण बताओ सूचना पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टि के प्रपत्र-अ 5 पर दर्शित है। खानों में अवैध ब्लास्टिंग का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। (ख) जिला सतना में जारी कारण बताओ सूचना पत्र के संबंध में की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ 3 पर दर्शित है। रीवा जिले में जारी कारण बताओ सूचना पत्र के विरूद्ध वर्तमान में वसूली नहीं हुई है। (ग) जिला सतना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ 1 पर एवं जिला रीवा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ 2 पर दर्शित है। (घ) प्रश्नांश अनुसार अधिरोपित जुर्माने की राशि कम नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ओलावृष्टि से किसानों की फसल नुकसानी का मुआवजा
[राजस्व]
20. ( क्र. 239 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर जिला उज्जैन अन्तर्गत दिनांक 07.01.2022 को ओलावृष्टि से अन्नदाता किसानों की फसल गेहूँ, चना, बटला व मेथी की फसलों में नुकसानी निम्न गांवों में हुई है- ग्राम जलोदिया, असावता, अकोलिया, बंगरेड़,टकरावदा, गुणावद, दौतरू, खेड़ावदा, बड़गावा, माघोपुरा, रूनिजा, मसवाड़िया, गाजीखेड़ी, पिपलू, धतुरिया, मुण्डला, अमलावदकलां, देहटा, केसरपुरा, आदि गाँवों में फसल नुकसानी हुई है। उक्त गाँवों का सर्वे कब किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा भी उक्त ग्रामों में पटवारी एवं कृषि विभाग अधिकारी के साथ फसल नुकसानी का जायजा लिया गया था जिसमें माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देशानुसार सर्वे टीम बनाई गई थी सर्वे टीम द्वारा किस-किस गाँव में कितनी-कितनी नुकसानी रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है? गाँववार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रभावित किसानों को फसल नुकसानी का मुआवजा कब तक भुगतान कर दिया जावेगा? वर्तमान समय में किसानों को नुकसानी का 25 प्रतिशत राशि का तत्काल भुगतान किया गया या नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) तहसील बड़नगर में दिनांक 07.01.2022 को हुई ओलावृष्टि के तत्काल बाद जलोदिया, असावता, अकोलिया, बंगरेड़, टकरावदा, गुणावद, दौतरू, खेड़ावदा, बड़गावा, माधोपुरा, रूनिजा, मसवाड़िया, गाजीखेड़ी, पिपलू, धतुरिया, मुण्डला, अमलावदकलां, देहटा, केसरपुरा सहित तहसील के समस्त ग्रामों में प्रभावित फसलों का सर्वे किये जाने हेतु पटवारी एवं कृषि विभाग को दिये गये निर्देशों के परिपालन में सर्वे किया गया। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में माननीय विधायक महोदय द्वारा भ्रमण किया गया था। जिसमें पटवारी एवं कृषि विभाग के अधिकारी मौके पर मौजूद थे। जिसमें ग्राम बरड़िया, नरसिंगा, असावता, अकोलिया, बंगरेड़ में 15 से 20 प्रतिशत फसल नुकसानी सर्वे दल द्वारा पायी गयी। शेष ग्राम जलोदिया, टकरावदा, गुणावद, दौतरू, खेड़ावदा, बड़गावा, माधोपुरा, रूनिजा, मसवाड़िया, गाजीखेड़ी, पिपलू, धतुरिया, मुण्डला, अमलावदकलां, देहटा, केसरपुरा सहित तहसील के अन्य समस्त ग्रामों में नुकसानी होना नहीं पाया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के मानदण्डों के अंतर्गत नुकसानी का प्रतिशत कम होने के कारण राहत राशि स्वीकृत नहीं की गई। अत: प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
राजस्व प्रकरणों का निराकरण
[राजस्व]
21. ( क्र. 244 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर तहसील के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में 1 अप्रैल 2019 से 31 जनवरी 2022 तक कितने आवेदन सीमांकन, नामांतरण बटवारे के प्राप्त हुए? कितने आवेदनों के आदेश जारी कर न्यायालय में प्रकरण जारी किया गया? उसमें कितने प्रकरण दर्ज करना शेष है? (ख) प्राप्त आवेदनों में से कितने सीमांकन, नामांतरण बटवारा समय-सीमा में स्वीकृत किया गया? कितने आवेदन अस्वीकृत व विचाराधीन हैं? कारण सहित विवरण दें। (ग) कितने सीमांकन, त्रुटि, सुधार, बटवारा, नामांतरण के प्रकरण राजस्व अधिकारी द्वारा समय-सीमा में कार्यवाही नहीं करने के कारण निरस्त हुए हैं? आवेदनकर्ता के नाम कारण सहित विवरण दें। (घ) बड़नगर तहसील, टप्पा कार्यालय इंगोरिया व टप्पा कार्यालय खरसोदकलां में 1 नवम्बर से 15 नवम्बर 2021 तक शासन द्वारा उज्जैन जिले में भू-अभिलेख रिकार्ड शुद्धीकरण अभियान के अन्तर्गत नक्शा सबंधित त्रुटियों में सुधार फौती नामांतरण, भूमि सुधार, खसरा रकबा में सुधार व्यपवर्तन डाटा एन्ट्री हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुए? राजस्व अधिकारी द्वारा उसमें कितने प्रकरण का निराकरण कर दिया गया तथा कितने शेष हैं? नाम सहित विवरण दें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) बड़नगर तहसील के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में 1 अप्रैल 2019 से 31 जनवरी 2022 तक सीमांकन के 711, नामांतरण के 11269 बटवारे के 2241 आवेदन प्राप्त हुए थे जिनमे सभी में प्रकरण दर्ज किये गए (ख) 1 अप्रैल 2019 से 31 जनवरी 2022 तक सीमांकन के 711, नामांतरण के 11269, बटवारे के 2241 आवेदन प्राप्त हुए थे जिनमें से सीमांकन के 695, नामांतरण के 10135 एवं बटवारे के 1989 प्रकरण समय-सीमा में निराकरण किए गये है। कोरोना काल पश्चात् न्यायालय पूर्ववत चालू होने पर सीमांकन के 12, नामांतरण के 189 एवं बटवारे के 78 प्रकरणों का गुण-दोष के आधार पर निराकरण किया गया है। शेष सीमांकन के 4, नामांतरण के 945 एवं बटवारे के 174 प्रकरण 31 जनवरी 2022 की स्थिति में विचाराधीन है, जिनके निराकरण हेतु कार्यवाही प्रचलित है। कोई भी आवेदन अस्वीकृत नहीं किया जाकर गुण-दोष के आधार पर निराकरण किया गया। (ग) कोई भी सीमांकन, त्रुटि, सुधार, बटवारा, नामांतरण के प्रकरण राजस्व अधिकारी द्वारा समय-सीमा में कार्यवाही नहीं करने के कारण निरस्त नहीं किए गए हैं। आवेदनों का निराकरण गुण-दोष के आधार पर किया गया है। (घ) 1 नवंबर से 15 नवंबर 2021 तक शासन द्वारा उज्जैन जिले में भू-अभिलेख रिकार्ड शुद्धिकरण अभियान के अंतर्गत फौती नामांतरण की जानकारी निम्नानुसार है:-
मद |
दर्ज आवेदन |
निराकृत आवेदन |
शेष विचाराधीन प्रकरण/ आवेदन |
न्यायालय तहसीलदार बड़नगर |
89 |
89 |
निरंक |
न्यायालय अपर तहसीलदार बड़नगर |
100 |
109 |
निरंक |
न्यायालय टप्पा खरसौदकला |
15 |
15 |
निरंक |
न्यायालय टप्पाइंगोरिया |
63 |
63 |
निरंक |
कुल |
276 |
276 |
निरंक |
तथा भू-अभिलेख रिकॉर्ड शुद्धीकरण अभियान के अन्तर्गत नक्शा संबंधित त्रुटियों में सुधार, भूमि सुधार, खसरा, व्यपवर्तन डाटा एन्ट्री सुधार से संबंधित कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुए हैं।
मंदसौर स्थित गांधीसागर बांध के संबंध में कैग की रिपोर्ट
[जल संसाधन]
22. ( क्र. 274 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में स्थित गाँधीसागर बांध का 1 जनवरी 2000 के पश्चात कब-कब, किस-किस एजेंसी ने सुरक्षा ऑडिट किया जिसमें वर्षा ऋतु में जब बांध पूर्ण रूप से भर जाता है तब की जांच भी क्या किसी सक्षम एजेंसी ने की है? यदि हाँ, तो रिपोर्ट की प्रतिलिपि देवें। (ख) गांधी सागर बांध में 1 जनवरी 2000 के पश्चात कब-कब दीवार में क्रेक या क्षतिग्रस्त होने की जानकारी सामने आई? दिनांकवार जानकारी देवें। (ग) प्रदेश के बड़े बांधों की देख-रेख हेतु विभाग द्वारा क्या प्रावधान निर्धारित किए जाते हैं? कब-कब, कितने-कितने अंतराल पर इनका सक्षम एजेंसी से जांच आवश्यक है? (घ) क्या गत दिनों कैग की रिपोर्ट में गांधी सागर बांध के क्षतिग्रस्त होने की शंका जाहिर की थी? यदि हाँ, तो रिपोर्ट के संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? क्या उच्च स्तरीय कमेटी द्वारा इसकी जांच कराई जाएगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताएं।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) मंदसौर जिले में स्थित गांधीसागर बांध का 01 जनवरी 2000 के पश्चात् एजेंसियों द्वारा किए गए निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं रिपोर्ट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -1, 2, 3, 4, 5 अनुसार है। (ख) गांधीसागर बांध में 1 जनवरी 2000 के पश्चात् बांध की दीवार में क्रेक/क्षतिग्रस्त होने संबंधी कोई जानकारी मैदानी कार्यालयों के संज्ञान में नहीं होना प्रतिवेदित है। (ग) प्रदेश के बड़े बांधों की देख-रेख हेतु प्रत्येक वर्ष वर्षा पूर्व एवं वर्षा पश्चात्, सक्षम अधिकारियों द्वारा निरीक्षण एवं पुनरीक्षण किया जाता है। कुल बड़े बांधों में से 20 प्रतिशत बांधों का निरीक्षण राज्य बांध सुरक्षा संस्थान द्वारा किया जाता है। बांध सुरक्षा हेतु गठित राष्ट्रीय समिति (NCDS) के निर्देशानुसार 60 मि.घ.मी. से अधिक भंडारण क्षमता वाले बांधों का 10 वर्ष में एक बार, विशेषज्ञों की स्वतंत्र पैनल द्वारा निरीक्षण किया जाता है। इस हेतु राज्य शासन द्वारा डी.एस.आर.पी. का गठन किया गया है। (घ) तथ्यात्मक स्थिति यह है कि कैग (CAG) की रिपोर्ट में गांधीसागर बांध के क्षतिग्रस्त होने की शंकाजाहिर नहीं की गई है, अपितु बांध निर्माण पश्चात् कई बार रूपांकित क्षमता से अधिक जल के आवक होने के कारण, एक अतिरिक्त टनल निर्मित करने का सुझाव निरीक्षण एजेंसियों (DSIP) द्वारा दिया गया था, जिसका CAG द्वारा सितम्बर 2019 की बाढ़ के समय बांध से ओवर फ्लो को संदर्भित करते हुए रिपोर्ट में टनल के न बनने से एवं स्पिल में संभावित गड्ढ़ों का उल्लेख कर बांध को खतरा बताया गया है। गांधीसागर बांध का केन्द्रीय जल आयोग के विशेष दल द्वारा दिनांक 18.09.2019 को निरीक्षण किया गया था, जिसकी रिपोर्ट केन्द्रीय जल आयोग के मुख्य अभियंता, बांध सुरक्षा द्वारा 15 अक्टूबर 2020 को प्रतिवेदन जारी करते हुए बांध की सुदृढ़ता (Structurally) को एम.डब्ल्यू.एल. 404.3 मीटर (1326 फीट) तक सुरक्षित बताया गया है। साथ ही CAG के रिपोर्ट प्रकाशन के तुरन्त बाद प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग, भोपाल द्वारा एक उच्च स्तरीय दल जिसमें मुख्य अभियंता बोधी भोपाल के साथ 5 सदस्यीय टीम बनाकर बांध का दिनांक 11.01.2021 एवं 12.01.2021 को निरीक्षण किया गया है। उच्च स्तरीय समिति के 2 दिवसीय दौरे के दौरान दिये गये निर्देशो के पालन में बांध के सुदृढ़णीकरण एवं उन्नयन कार्य का प्रस्ताव तत्काल तैयार कर ड्रिप-II योजना में स्वीकृति हेतु केन्द्रीय जल आयोग नई दिल्ली को भेजा गया है। ड्रिप-II की प्रशासकीय स्वीकृति शासन द्वारा दिनांक 14.02.2022 को प्रदान की गई है। जी नहीं। सभी अभीष्ट स्वीकृति एवं अनुमोदन के पश्चात कार्य प्रारम्भ कराना संभव होगा। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
वन परिक्षेत्रों में वन मार्ग शुल्क वसूली
[वन]
23. ( क्र. 286 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले के सेंधवा वन मंडल के वन परिक्षेत्रों में वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक कितना वन मार्ग शुल्क वसूल किया गया? वन परिक्षेत्रवार, वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) वनमार्ग शुल्क वसूली के शासन के क्या नियम, आदेश हैं? नियम आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) वन परिक्षेत्राधिकारी द्वारा वन मार्ग शुल्क वसूल नहीं किया गया है, तो संबंधित अधिकारी पर क्या कार्यवाही होगी?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।
वन परिक्षेत्र में स्वीकृत कार्य
[वन]
24. ( क्र. 287 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिले के सेंधवा विधान सभा क्षेत्र में किन-किन वन परिक्षेत्र में 1 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य किस-किस मद से किस-किस पंचायत में किस-किस स्थान पर स्वीकृत किये गये हैं? कार्य का प्रकार, स्वीकृति दिनांक, कार्य हेतु स्वीकृत राशि स्पष्ट करें। (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हैं तथा कितने आज दिनांक तक अपूर्ण हैं? कार्य के अपूर्ण रहने का क्या कारण है? (ग) वन विभाग द्वारा 1 अप्रैल 2020 से प्रश्न दिनांक तक सेंधवा विधान सभा क्षेत्र में कहां-कहां पर वृक्षारोपण कार्य किया गया है? प्रत्येक रोपाणी में किस-किस प्रजाति के कितने-कितने पौधे रोपित किये गये हैं? प्रश्न दिनांक तक कितने पौधे जीवित हैं तथा कितने नष्ट हो गये हैं? पौधे नष्ट होने का क्या कारण है एवं उन पर कितनी राशि व्यय की गई थी? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? क्या विभाग द्वारा जांच कर जिम्मेदारों पर कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या सेंधवा विधान सभा में जो कर्मचारी/अधिकारी 03 वर्षों से एक ही स्थान पर पदस्थ है उनको अन्यत्र जिले में स्थानांतरण किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 पर है। पौधे प्राकृतिक कारणों से नष्ट हुए है। अत: कोई अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार नहीं है। (घ) शासन की स्थानांतरण नीति के अनुसार स्थानांतरण किये जाते हैं, अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भू-धारणाधिकार योजना अंतर्गत भू-खण्ड आवंटन
[राजस्व]
25. ( क्र. 338 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत भू-धारणाधिकार के आवेदन प्राप्त किये गये हैं? यदि हाँ, तो योजना प्रारंभ वर्ष 2021 से प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदन प्राप्त किये गये? (ख) कितने आवेदनकर्ता पात्र पाये गये? (ग) क्या पात्र पाये गये आवेदकों को भू-खण्ड आवंटन हेतु आदेश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करावें। (घ) यदि नहीं, तो कब तक भू-खण्ड आवंटन किये जायेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जिले की विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत भू-धारणाधिकार योजना प्रारंभ वर्ष 2020-21 से प्रश्न दिनांक तक कुल 650 आवेदन प्राप्त किये गए है। (ख) आवेदनकर्ताओं के प्राप्त आवेदनों की जांच कार्यवाही गतिशील है। (ग) जी नहीं। स्थायी पट्टे के आवेदन पर कार्यवाही प्रचलित है। (घ) सतत् प्रक्रिया होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
राजस्व अभिलेख में नाम दर्ज कराना
[राजस्व]
26. ( क्र. 357 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सच है कि मा. गिरिजाशंकर शर्मा के प्रश्न क्रमांक 35 (732) दिनांक 18.11.2009 के प्रश्नांश में आबादी की भूमि पर काबिज नागरिकों के नाम राजस्व अभिलेख में अंकित किये जाने संबंधी आश्वासन दिया गया था? (ख) आश्वासनानुसार किन-किन क्षेत्रों के नागरिकों के नाम अंकित किए जाना था? अभी तक किस क्षेत्र के कितने नागरिकों के नाम राजस्व अभिलेख में अंकित करा दिये गये हैं एवं कितने क्षेत्रों के शेष हैं? (ग) क्या शासन सुनिश्चित करेगा कि आबादी भूमि में बसे नागरिकों में से प्रतिदिन/प्रति सप्ताह/प्रतिमाह या प्रतिवर्ष एक व्यक्ति का नाम राजस्व अभिलेख में अंकित किये जावे ताकि कुछ तो लोगों के नाम राजस्व अभिलेख में चढ़ा सके? क्या शासन इस संबंध में कोई आदेश देगा? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) ग्रामों की आबादी का भू-अभिलेख तैयार करने के संबंध में सभी कलेक्टर्स को लिखा गया था। (ख) जिले अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र पर निवारस एवं व्यवसायरत नागरिक जिनके भवन आबादी भूमि पर निर्मित है उनके पृथक-पृथक नाम हेतु वर्तमान में मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग के पत्र क्रमांक 03-04/2020/सात/शा-6 भोपाल दिनांक 07.07.2020 के पालन में जिले में ग्रामीण आबादी में (स्वामित्व योजना अन्तर्गत) ड्रोन सर्वे की कार्यवाही की जा रही है। (ग) वर्तमान में मध्यप्रदेश के समस्त 52 जिलों में आबादी सर्वे की अधिसूचना जारी कर कार्य प्रारंभ है। इस योजना के तहत उन संपत्ति धारकों का अधिकार अभिलेख तैयार किया जायेगा जो मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 यथा संशोधित 2018 के लागू होने की दिनांक 25.9.2018 को आबादी भूमि पर अधिभोगी थे अथवा जिन्हे इस दिनांक के पश्चात विधिपूर्वक आबादी भूमि में भूखण्ड का आवंटन किया गया।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में वितरित खाद्यान्न
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
27. ( क्र. 419 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला खाद्य आपूर्ति विभाग जबलपुर को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में कितनी-कितनी मात्रा में गेहूँ, चावल, केरोसिन आदि आवंटित किया गया तथा कितनी-कितनी मात्रा में वितरित किया गया और कितना-कितना अवितरित रहा? वर्ष 2021-22 की माहवार जानकारी दें। (ख) जबलपुर जिले में कार्डधारी कितने हितग्राही उपभोक्ता हैं। इनमें से कितने उपभोक्ताओं को किस मान से कितनी-कितनी मात्रा में गेहूँ, चावल, केरोसिन का वितरण किया गया एवं कितने उपभोक्ताओं को कितनी-कितनी मात्रा में वितरित नहीं किया गया एवं क्यों? शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों की माहवार पृथक-पृथक जानकारी दें। (ग) जनपद पंचायतों को कितनी-कितनी मात्रा में गेहूँ, चावल, केरोसिन प्रदाय किया गया एवं कितने-कितने कार्डधारी उपभोक्ताओं को कितनी-कितनी मात्रा में वितरित किया गया है और कितने उपभोक्ताओं को कितनी-कितनी मात्रा में वितरित नहीं किया गया है। जनपद पंचायतवार व माहवार जानकारी दें। (घ) पी.डी.एस. के तहत कितनी उचित मूल्य राशन दुकानों को कितनी-कितनी मात्रा में गेहूँ, चांवल, केरोसिन आवंटित किया गया तथा कितने-कितने उपभोक्ताओं को कितनी-कितनी मात्रा में गेहूँ, चांवल, केरोसिन वितरित किया गया तथा कितने उपभोक्ताओं को कितनी-कितनी मात्रा में वितरित नहीं किया गया? ऑनलाइन इसकी कितनी-कितनी मात्रा में फीडिंग की गई हैं? माहवार जानकारी दें। क्या शासन अनाज के वितरण में की गई अनियमितता की जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
निर्माण कार्यों हेतु भूमि का आवंटन
[राजस्व]
28. ( क्र. 420 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.शासन अनुसूचित जाति विकास विभाग, भोपाल द्वारा अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना एवं अन्य किन-किन योजनाओं में पूर्व विधानसभा क्षेत्र क्र. 97 जबलपुर के लिये स्वीकृत किन-किन निर्माण कार्यों के लिये सम्बंधित विभाग व निर्माण एजेंसी ने भूमि का आवंटन करने हेतु जिला प्रशासन जबलपुर को कब-कब पत्र लिखकर अनुरोध किया गया हैं? किन-किन कार्यों हेतु कब-कब, कितनी-कितनी भूमि का आवंटन, सीमांकन किया गया हैं। किन कार्यों से सम्बंधित कितनी-कितनी भूमि का आवंटन सम्बंधी स्वीकृति अभिलेख नहीं दिये गये हैं एवं क्यों? इस सम्बंध में शासन के क्या निर्देश हैं? प.ह.न. भूमि का ख.न. रकबा व आवंटन दिनांक सहित जानकारी दें। वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक की जानकारी दें। (ख) बाई का बगीचा व हड्डी गोदाम में पॉलीक्लिनिक भवन का निर्माण व जिला निःशक्तजन पुनर्वास केन्द्र (बाई का बगीचा) हेतु कब कितनी-कितनी राशि की प्रशासकीय व वित्तीय स्वीकृति दी गई तथा कब कितनी-कितनी राशि आंवटित की है। जिला प्रशासन ने इन कार्यों हेतु कब कहां-कहां पर कितनी-कितनी भूमि आंवटित कर सीमांकन कराया है? सम्बंधित विभाग व निर्माण एजेंसी को भूमि आवंटन कर सीमांकन कराया है? सम्बंधित विभाग व निर्माण एजेंसी को भूमि आवंटन स्वीकृति अभिलेख कब प्रदाय किये गये हैं? यदि नहीं, तो क्यों? भूमि आवंटन का इनका निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कराया जावेगा? वर्तमान में इन कार्यों की क्या कार्य प्रगति हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
आरोपी अधिकारी को तहसील के प्रभार से हटाये जाना
[राजस्व]
29. ( क्र. 446 ) श्री राकेश मावई : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के तहसील जवा में नायब तहसीलदार के पद पर कौन कब से पदस्थ है तथा उसकी प्रथम नियुक्ति कब किस पद एवं तहसील में की गई थी? प्रथम नियुक्ति तिथि से प्रश्न दिनांक तक कहां-कहां, किस-किस तहसील में उसकी पदस्थापना थी तथा उसके नियम विरूद्ध कार्य व्यवहार की कुल सेवाकाल में कितनी शिकायतें शासन/विभाग को प्राप्त हुई हैं? प्राप्त शिकायतों की जांच किस अधिकारी से कराई गई? (ख) प्रश्नांश (क) के नायब तहसीलदार द्वारा अपने जवा पदस्थापना अवधि में कुल कितने लोगों का नाम गरीबी रेखा में जोड़ा गया है? यदि व्यापक स्तर पर आर्थिक लाभ लेकर मापदण्ड से अधिक नाम जोड़े गये हैं तो क्या यह मानेंगे कि अपात्र लोगों का नाम जोड़कर व्यापक अनियमितता की गयी है? यदि हाँ, तो जांच दल गठित कर जांच कराकर कार्यवाही कर देगें। (ग) प्रश्नांश (क) तहसील में पदस्थ नायब तहसीलदार पन्ना जिले के अजयगढ़ तहसील में कितने दिन पदस्थ थे? क्या 10 लाख रूपये घूस लेते लोकायुक्त संगठन द्वारा पकड़ा गया था? यदि हाँ, तो प्रकरण की वर्तमान स्थिति क्या है? चालान प्रति के साथ जानकारी देवें? क्या तहसील जवा से उक्त नायब तहसीलदार का स्थानान्तरण हो गया है? यदि हाँ, तो कब तक भारमुक्त करा देगें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) यदि सही है तो शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा लोकायुक्त में पकड़े गये कर्मचारी/अधिकारियों की पदस्थापना एवं प्रभार से संबंधित क्या नियम/निर्देश हैं? आदेश नियम की प्रति देते हुये जानकारी देवें। क्या ऐसे अधिकारियों को तहसील के प्रभार से मुक्त रखा जावेगा। यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) रीवा जिले अन्तर्गत तहसील जवा में श्री उमेश तिवारी नायब तहसीलदार दिनांक 01.04.2021 से पदस्थ हैं तथा श्री उमेश तिवारी की प्रथम नियुक्ति म.प्र.शासन राजस्व विभाग के आदेश दिनांक 31.3.2018 द्वारा नायब तहसीलदार के पद पर की जाकर पदस्थापना जिला पन्ना में की गई। श्री उमेश तिवारी, नायब तहसीलदार के पद पर उपस्थित होने के उपरांत जिला पन्ना की तहसील पवई, गुनौर, देवेन्द्रनगर, पन्ना, अजयगढ, सिमरिया, शाहनगर अमानगंज एवं जिला रीवा की जवा तहसील में पदस्थापना की गई है। श्री उमेश तिवारी की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (ख) तहसीलदार तहसील जवा पदस्थगी अवधि में कुल 580 नाम गरीबी रेखा सूची में निर्धारित प्रक्रियानुसार जोड़े गये है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (ग) श्री उमेश तिवारी, नायब तहसीलदार एवं प्रभारी तहसीलदार, तहसील अजयगढ जिला पन्ना में दिनांक 30.7.2019 से 16.3.2020 तक एवं दिनांक 09.12.2020 से 20.1.2021 तक कुल लगभग 08 माह 12 दिवस पदस्थ रहे। श्री उमेश तिवारी नायब तहसीलदार एवं प्रभारी तहसीलदार अजयगढ को दिनांक 20.1.2021 को पूर्वान्ह लोकायुक्त दल सागर द्वारा रिश्वत लेते ट्रेप किये गये। विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त सागर में श्री उमेश तिवारी, नायब तहसीलदार के विरूद्ध अपराध क्रमांक 15/21, धारा 7 पी.सी.एक्ट 1988 संशो.अधि. 2018 के तहत अपराध पंजीबद्ध होकर विवेचनाधीन है। तहसील जवा से नायब तहसीलदार का स्थानांतरण राजस्व विभाग के आदेश दिनांक 07.01.2022 के द्वारा जिला टीकमगढ़ हो गया है, जिसके परिप्रेक्ष्य में मान. उच्च न्यायालय जबलपुर के डब्लूपी 3205/2022 दिनांक 14.02.2022 द्वारा स्थगन प्राप्त है जिससे कि श्री तिवारी को भारमुक्त नहीं किया गया है। शासन हित में त्वरित प्रभारी अधिकारी नियुक्ति कर मान. उच्च न्यायालय में जबाव प्रस्तुत किया जा चुका है। (घ) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा लोकायुक्त के ट्रेप अथवा छापे के प्रकरणों में आरोपी अधिकारी/कर्मचारियों के संबंध में किसी भी माध्यम से सूचना प्राप्त होने अथवा संज्ञान में आने के तीन कार्य दिवस की समयावधि के भीतर ऐसे अधिकारी/कर्मचारियों को उस पद पर से जिस पर रहते हुये ट्रेप अथवा छापे की कार्यवाही हुई है, से अन्यत्र स्थानांतरण किया जाये। निर्देशों की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। नियमानुसार वांछित कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन ग्राम जुगपुरा को राजस्व ग्राम घोषित किया जाना
[राजस्व]
30. ( क्र. 454 ) श्री महेश राय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि विधानसभा क्षेत्र बीना के वन ग्राम जुगपुरा के किसानों को वन विभाग द्वारा पट्टे की भूमि उपलब्ध करा दी है? लेकिन राजस्व ग्राम घोषित ना होने से एवं राजस्व अभिलेख में दर्ज न होने के कारण शासन की योजनायों का लाभ नहीं मिल पा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त ग्राम को कब तक राजस्व ग्राम घोषित एवं राजस्व अभिलेख में दर्ज किया जायेगा? (ग) वन ग्राम जुगपुरा के किसानों को शासन की योजनाओं का लाभ मिलने लगेगा? (घ) प्रश्नांश (क) के अनुसार समयावधि सहित बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। यह सही है कि विधानसभा क्षेत्र बीना के वन ग्राम जुगपुरा के किसानों (पट्टाधारियों) को वनाधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत जिला स्तरीय वनाधिकार समिति द्वारा जारी वनाधिकार पत्र की भूमि प्रश्न दिनांक के पूर्व से ही उपलब्ध करायी गई है। जारी वनाधिकार पत्रों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। वनग्राम जुगपुरा राजस्व ग्राम घोषित नहीं है तथापि वनग्राम में निवासरत व्यक्तियों को वन विभाग एवं म.प्र. शासन के अन्य विभागों द्वारा सुविधायें उपलब्ध करायी जाकर योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। (ख) जब वन विभाग भारतीय वन अधिनियम 1927 के प्रावधानों के तहत क्षेत्र डीनोटिफाइड कर राजस्व विभाग को हस्तांतरण करने की अधिसूचना जारी करते है तब राजस्व विभाग म.प्र.भू-राजस्व संहिता 1959 (क्रमांक 20 1959) की धारा 2 की उपधारा (1) खण्ड (य-5) में दिए गए प्रावधान अनुसार राजस्व ग्राम घोषित किये जाने की कार्यवाही प्रारंभ करता है l क्योंकि म.प्र. भू-राजस्व सहिता 1959 धारा 1 उपधारा (2) में वर्णित प्रावधान अनुसार वन भूमि पर संहिता के प्रावधान लागू नहीं हैl पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार है। (ग) वनग्राम जुगपुरा के किसानों को शासन की योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है, शासन द्वारा लागू की गई योजनाओं के अनुसार वन विभाग एवं अन्य विभागों द्वारा उपलब्ध करायी गयी सुविधाओं का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (घ) वन ग्राम से राजस्व ग्राम निर्मित होने की प्रक्रिया प्रशासकीय व तकनीकी होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
खनिज मात्रा का जांच प्रतिवेदन
[खनिज साधन]
31. ( क्र. 465 ) श्री संजीव सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तत्कालीन कलेक्टर भिण्ड के द्वारा खनिज विभाग भिण्ड में औचक निरीक्षण किया गया था, क्या निरीक्षण के दौरान कर्मचारी संदेश पिपरौलिया खनिज निरीक्षक एवं विजय चक्रवर्ती खनिज सर्वेयर के द्वारा 140 वाहनों को बिना कलेक्टर के आदेश से मुक्त किया गया था? यदि हाँ, तो क्यों? क्या 140 वाहनों के प्रकरणों में खनिज मात्रा की जांच प्रतिवेदन के अनुसार जुर्माना जमा किया गया है यदि हाँ, तो कितना? यदि नहीं, तो संबंधित कर्मचारियों से 140 प्रकरणों में राजस्व वसूली की कार्यवाही की गई यदि हाँ, तो कितनी? (ख) क्या अनुविभागीय अधिकारी भिण्ड द्वारा उक्त दोनों लोगों के ऊपर कार्यवाही के लिए शासन को लिखा गया था? क्या अपर कलेक्टर भिण्ड के द्वारा विजय चक्रवर्ती पर जारी जांच समाप्त की गई? यदि हाँ, तो किन बिंदुओं के आधार पर एवं क्या विजय चक्रवर्ती से राजस्व के हुए नुकसान की भरपाई की गई? यदि हाँ, तो कितनी और यदि नहीं, तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। तत्कालीन कलेक्टर भिण्ड द्वारा औचक निरीक्षण किये जाने पर खनि निरीक्षक श्री संदेश पिपलोदिया एवं श्री विजय कुमार चक्रवर्ती खनि सर्वेयर के द्वारा 140 वाहनों को मुक्त किया जाना पाया गया था। जाँच करने पर बिना अधिकारिता क्षेत्र के जप्त खनिज के अवैध/ओवरलोड वाहनों पर जुर्माना आंकलित कर जुर्माना राशि चालान द्वारा जमा कराकर वाहन मुक्ति आदेश पारित किये गये जिसके कारण श्री विजय कुमार चक्रवर्ती खनि सर्वेयर को निलंबित किया गया था एवं उक्त दोनों कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गयी थी। वाहन जाँच के समय अवैध खनिज की जुर्माना राशि को वाहन मालिकों से चालान के माध्यम से उपरोक्त दोनों कर्मचारियों द्वारा तत्समय 140 प्रकरणों में कुल राशि 54,60,000/- खनिज राजस्व मद में जमा कराई गई। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) भिण्ड से प्राप्त जानकारी अनुसार दोनों लोगों के ऊपर कार्यवाही के लिए शासन को नहीं लिखा गया है। वस्तुस्थिति यह है कि विभागीय जाँच अधिकारी, भिण्ड द्वारा तत्कालीन खनि निरीक्षक श्री संदेश पिपलोदिया का जाँच प्रतिवेदन अयुक्त चम्बल संभाग, मुरैना को प्रेषित किया गया है तथा तत्कालीन सर्वेयर श्री विजय कुमार चक्रवर्ती का जाँच प्रतिवेदन कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी भिण्ड को प्रस्तुत किया गया। जिसमें विचारोपरांत कलेक्टर भिण्ड द्वारा श्री विजय कुमार चक्रवर्ती को संचयी प्रभाव से एक वेतन वृद्धि रोकने की कार्यवाही से दण्डित किया जाकर विभागीय जाँच समाप्त की गई। उक्त प्रकरणों में वाहन मालिकों द्वारा अर्थदण्ड जमा राजस्व का भुगतान किया है। अतः शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही नहीं है।
पट्टे की भूमि का विक्रय
[राजस्व]
32. ( क्र. 500 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पटवारी हल्का नं. 57 कस्बा खिलचीपुर में सर्वे क्र. 1127 में पट्टे की भूमि विक्रय हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुये एवं कितने आवेदकों को अनुमति प्रदान की गई? आवेदन की दिनांक एवं अनुमति की दिनांक सहित पट्टाधारी का नाम स्पष्ट करें। (ख) क्या सर्वे क्र.1127 में पट्टे की भूमि पर राष्ट्रीय राजमार्ग (बायपास) निकला है? उक्त भूमि के पट्टेधारियों को कितना मुआवजा दिया गया? यदि नहीं, दिया गया तो इसका क्या कारण है? (ग) उक्त सर्वे नं. में पट्टा भूमि विक्रय की अनुमति संबंधित समस्त दस्तावेजों एवं प्रतिवेदनों की प्रति उपलब्ध कराएं। नक्शा तरमीम दर्ज करने हेतु उक्त सर्वे नं. में कब आवेदन दिये गए व नक्शा तरमीम किस दिनांक में दर्ज की गई? समस्त प्रकरणों की जानकारी उपलब्ध कराएं। (घ) उक्त सर्वे नं. में क्या विक्रय अनुमतियां एवं नक्शा तरमीम अधिकांश प्रकरणों में एक ही दिनांक में दर्ज होना व पट्टाधारियों द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग की मुआवजा राशि न लेना कूटरचना और अधिकारियों की मिलीभगत दर्शाता है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कस्बा खिलचीपुर स्थित भूमि सर्वे क्रमांक 1127 में पट्टा भूमि विक्रय अनुमति हेतु कुल 15 आवेदन प्राप्त हुये थे, जिसमें से 11 पट्टाधिकारियों को अनुमति जारी की गई थी तथा 04 पट्टाधिकारियों के आवेदन निरस्त किये गये है। पट्टेधारियों के नाम तथा अनुमति दिनांक सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट - अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। उक्त भूमि शासकीय पट्टे की होने से बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के भूमि के क्रय-विक्रय होने से उक्त सर्वे क्रमांक 1127/43 व 1127/50 की उक्त भूमि के पट्टे को निरस्त कर, भूमि को शासकीय घोषित किया गया है, तथा मुआवजा भुगतान पर रोक लगाई गई है। (ग) उक्त सर्वे क्रमांक 1127 में पट्टा भूमि विक्रय से संबंधित दस्तावेजों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ब अनुसार है। भूमि सर्वे क्रमांक 1127 की भूमि के बंटाकन 1127/68, 1127/28 रकबा क्रमशः 0.506 हेक्टर, 2.023 हेक्टर की भूमि की तरमीम इस न्यायालय के राजस्व प्रकरण क्रमांक 0005/अ- 3 2016-17, प्रकरण क्रमांक 0003/अ- 3 2016-17, दोनों में पारित आदेश 26/12/2016 से स्वीकृत की गई है, उक्त प्रकरण दिनांक 15/11/2016 को दायरा पंजी में दर्ज किये गये है। भूमि सर्वे क्रमांक 1127/41 में से रकबा 1.011 हे. तथा 1127/41 में से रकबा 1.012 हे. की भूमि की तरमीम न्यायालय तहसीलदार खिलचीपुर के राजस्व प्रकरण क्रमांक 0001/अ-3/2016-17 एवं 0002/अ -3/2016-17 दोनों में पारित आदेश दिनांक 26/12/2016 से नक्शे में तरमीम स्वीकृत की गई है। उक्त दोनों प्रकरण दिनांक 15/11/2016 को दायरा पंजी में दर्ज किये गये है। भूमि सर्वे क्रमांक 1127/12 रकबा 1.076 हे., की भूमि की तरमीम न्यायालय तहसीलदार खिलचीपुर के राजस्व प्रकरण क्रमांक 0005/अ-3/2015-16 को दायरा पंजी में दिनांक 24/08/2016 को दर्ज कर, आदेश दिनांक 26/09/2016 को पारित कर एवं भूमि सर्वे क्रमांक 1127/22 रकबा 2.250 हे. की भूमि की तरमीम न्यायालय तहसीलदार खिलचीपुर के राजस्व प्रकरण क्रमांक 0008/अ-3/2016-17 को दायरा पंजी में दिनांक 28/12/2016 को दर्ज कर, आदेश दिनांक 20/01/2017 को पारित कर, नक्शे में तरमीम स्वीकृत की गई है। भूमि सर्वे क्रमांक 1127/10/1, 1127/10/3 रकबा क्रमशः 0.945, 1.574 हे. की भूमि की तरमीम न्यायालय तहसीलदार खिलचीपुर के राजस्व प्रकरण क्रमांक 0015/अ-3/2019-20 दिनांक 12/03/2020 को आरसीएमएस पोर्टल पर दर्ज कर, आदेश दिनांक 10/06/2020 से नक्शे में स्वीकृत की गई है। भूमि सर्वे क्रमांक 1127/48 रकबा 1.012 हे. की तरमीम न्यायालय तहसीलदार खिलचीपुर के राजस्व प्रकरण क्रमांक 0004/अ-3/2016-17 दिनांक 15/11/2016 को दायरा पंजी में दर्ज कर, आदेश दिनांक 26/12/2016 को स्वीकृत की गई थी, उक्त आदेश को न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी खिलचीपुर-जीरापुर के अपीलीय प्रकरण क्रमांक 0017/अपील/2019-20 में पारित आदेश दिनांक 09/01/2020 के अनुसार, अपास्त कर, उक्त तरमीम को निरस्त किया गया है। भूमि सर्वे क्रमांक 1127/30, 1127/38, 1127/43, 1127/50, 1127/61 एवं भूमि सर्वे क्रमांक 1127/1/2, 1127/1/4 की भूमि की नक्शे में तरमीम बिना किसी सक्षम अधिकारी के आदेश से की गई है। (घ) जी नहीं।
गोदाम निर्माण की स्वीकृति
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
33. ( क्र. 501
) श्री
प्रियव्रत
सिंह : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
राजगढ़ जिले
की खिलचीपुर
तहसील के
ग्राम बावड़ीखेड़ा
जागीर में
सहकारिता
विभाग द्वारा
आर.के.वी.आई.
योजना अन्तर्गत
1000 मैट्रिक
टन का गोदाम
स्वीकृत
किया गया था? (ख) यदि
हां, तो कब स्वीकृत
हुआ था? इसमें
कितना
निर्माण
कार्य हुआ है
यह कार्य कब
तक पूर्ण कर
लिया जाएगा?
खाद्य
मंत्री ( श्री
बिसाहूलाल
सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
कार्यालय भवन एवं कचरा संग्रहण केन्द्र हेतु भूमि का आवंटन
[राजस्व]
34. ( क्र. 513 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रीवा की तहसील जवा अंतर्गत नवगठित नगर परिषद डभौरा के कार्यालय भवन निर्माण हेतु क्या भूमि आरक्षित कर ली गई है? यदि हाँ, तो क्या भूमि आवंटन प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है? यदि नहीं, तो लंबित होने का क्या कारण है, प्रक्रिया कब तक पूर्ण की जा सकेगी? (ख) नगर परिषद डभौरा की साफ-सफाई के उपरांत संग्रहित कचरे को डंप करने कचरा संग्रहण केन्द्र हेतु क्या भूमि आवंटित कर दी गई है? यदि नहीं, तो भूमि आवंटन प्रक्रिया लंबित होने का क्या कारण है? कब तक भूमि आवंटन प्रक्रिया पूर्ण कर नगर परिषद को भूमि सौंपी जा सकेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, रीवा जिले के तहसील जवा अंतर्गत नवगठित नगर परिषद डभौरा के कार्यालय भवन हेतु राजस्व निरीक्षक मण्डल, तहसील जवा अंतर्गत ग्राम कोटा की म.प्र. शासन की भूमि खसरा नम्बर 16 रकवा 11.882 हे. के अंश भाग 1.012 हे. नगर परिषद डभौरा के कार्यालय भवन हेतु आरक्षित की गई है। ऑफलाइन प्रक्रिया के द्वारा भूमि आवंटन की प्रक्रिया तहसीलदार स्तर पर पूर्ण कर ली गई है। ऑनलाइन प्रक्रिया हेतु प्रस्तुत आवेदन पर RCMS पोर्टल में तकनीकी त्रुटि होने के कारण दिखाई नहीं दे रहा है, जिस हेतु मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर परिषद डभौरा को पुन: ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया है। (ख) हाँ, नगर परिषद डभौरा की साफ-सफाई के उपरांत संग्रहित कचरे को डंप करने कचरा संग्रहण केन्द्र ग्राम कोटा हेतु राजस्व निरीक्षक मण्डल डभौरा, तहसील जवा की म.प्र. शासन की भूमि खसरा नम्बर 34/1 रकवा 11.556 हे. के अंश भाग 2.025 हे. ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए सुरक्षित की गई है। आनलाइन प्रक्रिया हेतु प्रस्तुत आवेदन RCMS पोर्टल में तकनीकी त्रुटि होने के कारण दिखाई नहीं दे रहा है, जिस हेतु मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर परिषद डभौरा को पुन: आनलाइन आवेदन प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया है।
जिला कार्यालय इकाई की स्वीकृति
[परिवहन]
35. ( क्र. 528 ) श्री अनिल जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निवाड़ी जिला 01 अक्टूबर 2018 को अस्तित्व में आने के बाद भी आज दिनांक तक परिवहन विभाग जिला टीकमगढ़ से ही संचालित है? (ख) क्या वर्तमान में भी लोगों को परिवहन संबंधी कार्यों के लिए जिला-टीकमगढ़ में जाना पड़ता है? यदि हाँ, तो जिला निवाड़ी में परिवहन विभाग की जिला इकाई की स्वीकृति, पद स्वीकृति एवं अधिकारियों/कर्मचारियों की पदस्थापना कब तक कर दी जावेगी? क्रमवार समय-सीमा सहित बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। वर्तमान में चालक लायसेंस संबंधी कई सेवाएं फेसलेस हो गयी है जिसके लिए आवेदक को परिवहन कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं होती है। परिवहन विभाग जिला निवाडी में अधिकारियों तथा कर्मचारियों की पदस्थापना कार्यालय परिवहन आयुक्त मध्यप्रदेश के पत्र क्रमांक 3292/स्था.ओएस/टीसी/2019 दिनांक 15.07.2019 एवं 1709/स्था.ओएस/टीसी/2021 दिनांक 12.03.2021 द्वारा की जा चुकी है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वन मण्डलाधिकारी भिण्ड, द्वारा लिखे गये पत्र पर कार्यवाही
[वन]
36. ( क्र. 533 ) श्री संजीव सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन मण्डलाधिकारी भिण्ड के द्वारा दिनांक 24.08.2021 को जारी अपर प्रधान मुख्य संरक्षक को अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु पत्र लिखा गया। उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही हुई? यदि नहीं, तो कब तक कार्यवाही हो जायेगी? (ख) वन मण्डलाधिकारी भिण्ड के द्वारा सुश्री सपना बिसोरिया के खिलाफ उनकी सेवाएं समाप्त करने के संबंध में दिनांक 27.09.2021 को अपर प्रधान वन संरक्षक को पत्र लिखा गया, उस पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक कार्यवाही हो जायेगी?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। वन मण्डलाधिकारी भिण्ड द्वारा सुश्री सपना बिसोरिया, वन क्षेत्रपाल के विरुद्ध लिखे गये पत्र दिनांक 24.08.2021 के तारतम्य में अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं पदेन वन संरक्षक ग्वालियर के पत्र क्रमांक/वि.जां./21/4626 दिनांक 12.11.2021 से मध्य प्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के अन्तर्गत सुश्री सपना बिसोरिया, वनक्षेत्रपाल के विरुद्ध आरोप पत्र जारी किया गया है तथा उक्त आरोपों की विधिवत् विभागीय जांच सम्पन्न करने हेतु आदेश क्रमांक/स्था./वि.जां./22/42 दिनांक 18.01.2022 से वन मण्डलाधिकारी ग्वालियर को जांचकर्ता अधिकारी एवं उप वनमण्डलाधिकारी भिण्ड को प्रस्तुतकर्ता अधिकारी नियुक्त किया गया है। (ख) वन मण्डलाधिकारी भिण्ड के द्वारा सुश्री सपना बिसोरिया के खिलाफ उनकी सेवायें समाप्त करने के संबंध में दिनांक 27.09.2021 को जो पत्र लिखा गया है। इस बावत् प्रश्नांश ''क'' में दर्शाये गये उत्तर अनुसार सुश्री सपना बिसोरिया, वनक्षेत्रपाल के विरुद्ध विभागीय जांच संस्थित की जा चुकी है। विभागीय जांच पूर्ण होने के पश्चात् जांच अधिकारी के द्वारा प्रस्तुत जांच उपपत्ति के परीक्षणोपरांत प्रकरण में गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जावेगा, कार्यवाही अर्द्ध-न्यायिक होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
डीनोटीफाईड कर अंतरित की गई भूमि
[राजस्व]
37. ( क्र. 557 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के उत्तर वनमण्डल के अंतर्गत किस अधिसूचना दिनांक से कितनी भूमि भा.व.अ.1927 की धारा 27 एवं धारा 34अ के अनुसार डीनोटीफाईड कर पुनर्वास विभाग, डब्ल्यू.सी.एल. एवं पॉवर हाउस के लिए वन विभाग ने अंतरित, आवंटित या हस्तांतरित की है? (ख) धारा 27 एवं धारा 34 अ में डीनोटीफाईड भूमियों को राजस्व विभाग द्वारा अपने किस किस मानचित्र एवं अन्य अभिलेखों में कब-कब दर्ज किया गया? इनमें से कितनी भूमि कोयला कंपनी और पॉवर हाउस प्रबंधन को राज्य सरकार ने किस कानून, किस नियम के तहत लीज पर आवंटित की है या मालिकाना हक पर आवंटित की है? कितनी भूमि पुनर्वास क्षेत्र में कितने किसानों को मालिकाना हक पर सौंपी है? पृथक-पृथक बतावें। (ग) कोयला कंपनी एवं पॉवर हाउस प्रबंधन को सौंपी गई भूमि में से सारनी नगर पालिका को अधोसंरचना विकास के लिए भूमि अंतरित करने या आवंटित करने का क्या प्रावधान वर्तमान में प्रचलित है? यदि इस तरह का कोई प्रावधान नहीं हो तो उसका कारण बतावें। (घ) धारा 27 एवं धारा 34अ में डीनोटीफाईड भूमि में से अधोसंरचना विकास के लिए नगर पालिका सारनी को भूमि आवंटित, अंतरित किए जाने के संबंध में शासन क्या कार्यवाही कर रहा है, कब तक करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) वन मंडलाधिकारी, बैतूल के अनुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) डब्ल्यू सी.एल. को आवंटित भूमि का राजस्व अभिलेख नहीं है। पॉवर हाउस हेतु आवंटित भूमि मानचित्र एवं अभिलेख में वर्ष 2013-14 में तैयार किया गया है। राजपत्र दिनांक 05 जनवरी, 1968 द्वारा पॉवर हाउस निर्मित करने हेतु वन विभाग ने हस्तांतरित की है। पुनर्वास विभाग के राजस्व अभिलेख अनुसार वर्ष 1977-78 में तैयार किये गये हैं। राजस्व अभिलेख अनुसार पुनर्वास क्षेत्र में रकबा 4579.546 हे. भूमि पर 2419 कृषकों को पट्टा प्रदाय किया गया है। (ग) कोयला कंपनी एवं पॉवर हाउस प्रबंधन को सौंपी गई भूमि में से सारनी नगर पालिका को अधोसंरचना विकास के लिए भूमि अंतरित करने या आवंटित करने का प्रावधान नहीं है। (घ) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
संबल योजना के लाभ का प्रदाय
[श्रम]
38. ( क्र. 596 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय जनपद पंचायत लवकुशनगर जिला छतरपुर मध्य प्रदेश के पत्र क्रमांक 1605/ज.पं/शिकायत/2021 द्वारा अपर कलेक्टर एवं अपीलीय अधिकारी (संबल योजना) जिला छतरपुर मध्य प्रदेश को पत्र जारी किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या उक्त पत्र में मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजनांतर्गत पंजीकृत श्रमिक श्रीमती कुसुम यादव निवासी ग्राम पंचायत रानीपुर की मृत्यु दिनांक 19/05/2019 को हो गई है? श्री रस्सू यादव मृतक का पति है तथा वैद्य वारिश है, मृतक से आवेदन के संबंध में चाहे गये दस्तावेज आधार कार्ड, बैंक पासबुक, समग्र आईडी, सत्यापित प्रति संलग्न कर आवश्यक कार्रवाई हेतु सादर संप्रेषित है लेख किया गया था? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो क्या आवेदक को उक्त योजना का लाभ दिया गया था? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें। (घ) क्या शासन द्वारा आवेदक को उक्त योजना का लाभ दिया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बताएं। यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) आवेदक श्री रस्सू यादव को मृतक श्रीमती कुसुमकली यादव की मृत्यु हो जाने पर अनुग्रह सहायता का लाभ नहीं दिया गया है, क्योंकि श्रीमती कुसुम यादव भौतिक सत्यापन में 'अपात्र' चिन्हित है तथा न्यायालय अपर कलेकटर, छतरपुर के प्रकरण क्रमांक 0164 के आदेश दिनांक 26.10.2021 के द्वारा उनकी अपील निरस्त कर दी गई है। (घ) जी नहीं, श्रीमती कुसुम यादव, भौतिक सत्यापन में 'अपात्र' चिन्हित है तथा न्यायालय अपर कलेक्टर, छतरपुर द्वारा उनकी अपील अस्वीकार की गई है। अपात्र होने के कारण लाभ दिया जाना संभव नहीं है।
गाँधीसागर वन्य अभयारण्य में वन्य जीवों की वृद्धि हेतु कार्य योजना
[वन]
39. ( क्र. 615 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गांधीसागर वन अभयारण्य में वर्तमान में कितने-कितने वन्य जीव किस-किस प्रजाति के रजिस्टर्ड हैं? (ख) 1 जनवरी 2015 के पश्चात गांधीसागर वन अभयारण्य में शेर,चीते व अन्य अद्भुत प्राणियों की संख्या में वृद्धि करने के लिए तथा वन्य अभयारण्य को नवीन तकनीक से जोड़ने के लिए कब-कब क्या-क्या प्रयास किए गए? इस हेतु कब-कब कितनी राशि प्राप्त हुई? दिनांकवार जानकारी देवें। (ग) गांधीसागर वन अभयारण्य में वर्तमान में मगरमच्छ की संभावित संख्या कितनी है? उक्त अवधि में इनकी गणना कब-कब की गई? गांधीसागर वन्य अभयारण्य में "क्रोकोडाइल पार्क" बनाने की क्या कोई योजना प्रचलन में है? यदि हाँ, तो अवगत कराएँ? यदि नहीं, तो क्या कोई प्रयास किए जाएंगे? (घ) क्या गांधीसागर वन अभयारण्य में वर्तमान में अफ्रीका या अन्य प्रदेशों से शेर, चीते वन्य प्रजाति के वन्य जीव लाने की कोई योजना प्रचलन में हैं यदि हाँ, तो पूर्ण जानकारी देवें।
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) गांधीसागर अभयारण्य में वन्यप्राणियों की अनुमानित संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट में है। (ख) गांधीसागर अभयारण्य में शेर, चीता नहीं पाये जाते हैं। अभयारण्य में वन्यप्राणियों के संरक्षण एवं वृद्धि हेतु आवश्यकतानुसार पशु अवरोधक दीवार, चारागाह विकास, जल स्त्रोतों का विकास, गश्ती हेतु वन मार्ग का उन्नयन, वॉच टॉवर व्यवस्था, वन्यप्राणी रेस्क्यू हेतु आवश्यक उपकरण की व्यवस्था की गई है। अभयारण्य को नवीन तकनीकी से जोड़ने हेतु ट्रैप कैमरा, बायनाकुलर तथा ड्रोन उपकरण व्यवस्था हेतु वित्तीय वर्ष 2021-22 में राशि रूपये 13.25 लाख आवंटित की गई है। (ग) गांधीसागर वन अभयारण्य में मगरमच्छ की संख्या का आंकलन अथवा गणना नहीं की गई है। गांधीसागर अभयारण्य में क्रोकोडाइल पार्क बनाने की कोई योजना प्रचलन में नहीं है और कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। (घ) गांधीसागर वन अभयारण्य क्षेत्र में वर्तमान में अफ्रीका या अन्य प्रदेशों से शेर, चीते अन्य प्रजाति के वन्यजीव लाने की कोई योजना प्रचलन में नहीं है।
ओलावृष्टि से हुए नुकसान पर मुआवजा
[राजस्व]
40. ( क्र. 628 ) श्री सुरेश राजे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डबरा विधानसभा में दिसम्बर 21 जनवरी 22 में ओलावृष्टि के बाद सरकार द्वारा करवाए गए सर्वे में कितना प्रतिशत नुकसान अंकित हुआ? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पीड़ित किसानों को मुआवजा राशि हेतु कुल कितना बजट तय किया गया था? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) अनुसार अभी तक कितने पीड़ितों को मुआवजा राशि मुहैया करवाई गयी? (घ) फसल बीमा योजना से कितने हितग्राहियों को अभी तक बीमा उपलब्ध हुआ? डबरा विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने हितग्राही हैं? (ड.) अगर अभी तक मुआवजा नहीं दिया गया तो क्यों? कारण बतावेंl
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) डबरा विधानसभा क्षेत्र में माह दिसम्बर 21 में कोई ओलावृष्टि नहीं हुई है एवं माह जनवरी 2022 में ओलावृष्टि के बाद सरकार द्वारा करवाए गए सर्वे में 25 प्रतशित से शत-प्रतशित तक पृथक-पृथक नुकसान हुआ है। (ख) डबरा विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नांश (क) अनुसार 2086 पीड़ित किसानों को 1,94,94,456/- रूपये की आर्थिक अनुदान राशि स्वीकृत कर भुगतान किया गया है। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) अनुसार अभी तक 1830 पीड़ितों को मुआवजा राशि मुहैया करवाई गयी है। (घ) कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार वर्ष 2021-22 के दावों की गणना प्रचलन में है। (ड.) 256 शेष रहे किसानों की भुगतान प्रक्रिया जारी है।
ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन हेतु सुविधा
[परिवहन]
41. ( क्र. 633 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों को तहसील, जिला जनपद आदि कार्यालयों में आवागमन हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या सुविधायें दी गई है? (ख) उपरोक्त संचालन हेतु शासन द्वारा क्या कोई गाइड लाईन मार्गदर्शिका का प्रावधान हो तो उसकी प्रति दी जावें। (ग) क्या वर्तमान में विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 03 सबलगढ़ जिला मुरैना में शासन की गाइड-लाइन अनुसार ग्रामीणों को सेवाएं उपलब्ध कराई जा चुकी हैं? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) मध्यप्रदेश शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों को तहसील, जिला-जनपद आदि कार्यालयों में आवागमन हेतु साधारण मार्ग के अतिरिक्त मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 के नियम 116-'क' (दो) के अनुसार ''ग्रामीण मार्ग'' को परिभाषित किया गया है तथा मध्यप्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम 1991 में प्रावधान कर ''ग्रामीण सेवायान जिसकी बैठक क्षमता 3+1 से 7+1 तक है और जो ग्रामीण परिवहन सेवा के लिये दिये गये नियमित अनुज्ञा पत्र के अंतर्गत आते हैं उनका मोटरयान कर अनुज्ञा पत्र की विधिमान्यता तक यान के मूल्य का 1 प्रतिशत देय होता है। प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्तमान में सबलगढ़ विधान सभा क्षेत्र क्रमांक 03 के अंतर्गत 11 यात्री बस ग्रामीण मार्गों पर जनसुविधा हेतु संचालित हैं। ग्रामीण परिवहन हेतु आवेदन प्राप्त होने पर परमिट प्रदाय किये जाते है। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय मुरैना में सबलगढ़ तहसील में ग्रामीण परिवहन सेवा अंतर्गत किसी भी यात्री वाहन संचालक द्वारा अस्थाई परमिट जारी किये जाने हेतु कोई भी आवेदन कार्यालय में प्रस्तुत नहीं हैं।
पी.एम. एवं सी.एम. किसान सम्मान निधि का प्रदाय
[राजस्व]
42. ( क्र. 634 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना की तहसील सबलगढ़ एवं कैलारस में पी.एम. एवं सी.एम. किसान सम्मान निधि में प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदन प्राप्त हुए? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्राप्त आवेदनों में से कितने किसानों को सम्मान निधि शेष होकर उन्हें कब तक उपलब्ध करा दी जावेगी? उपलब्ध न कराने के क्या कारण हैं? किस-किस वर्ग के अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? उनके नाम बताते हुए कृषक समुदायों को कब तक उपरोक्त सम्मान निधियां उपलब्ध करा दी जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) पी.एम.किसान पोर्टल की रिपोर्ट दिनांक 28.02.2022 अनुसार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि एवं मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के अंतर्गत जिला मुरैना तहसील सबलगढ़ एवं कैलारस में पंजीकृत हितग्राहियों की संख्या क्रमश: 31725 एवं 29911 है। (ख) प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि पोर्टल अनुसार जिला मुरैना तहसील सबलगढ एवं कैलारस में क्रमश: 1253 एवं 1031 हितग्राहियों की जानकारी पोर्टल की सत्यापन प्रक्रिया में प्रगतिरत होकर भुगतान से शेष है। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत जिला मुरैना तहसील सबलगढ़ एवं कैलारस में क्रमश: 6089 एवं 5756 हितग्राहियों को लाभ दिया जाना प्रक्रियाधीन है। योजना की किश्त हेतु नियत समय-सीमा में लाभ सतत् रूप से प्रदान किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
संबल योजना के लंबित प्रकरण
[श्रम]
43. ( क्र. 690 ) श्री तरूण भनोत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संबल योजना के लाभार्थियों को मिलने वाली राशि का भुगतान लंबे समय से लंबित है? (ख) यदि हाँ, तो जबलपुर संभाग के ऐसे लंबित लाभार्थियों का जिलेवार ब्यौरा दें। (ग) क्या प्रदेश की कई जनकल्याणकारी योजनाओं को बजट के अभाव में अस्थायी रूप से रोक दिया गया है? (घ) यदि हाँ, तो उन योजनाओं की विस्तृत जानकारी दें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) संबल योजनांतर्गत हितलाभ राशि का भुगतान स्वीकृति पश्चात पात्र हितग्राहियों को बजट उपलब्धता पर किया जाता है। (ख) प्रश्नाकिंत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। संबल योजना को रोका नहीं गया है। बजट आवंटन होते ही पात्र लाभार्थियों को भुगतान किया जाता है। (घ) प्रश्नांश 'ग' के परिपेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पी.ओ.एस. मशीनों में उपलब्ध खाद्यान्न आवंटन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
44. ( क्र. 719 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 10 फरवरी 2022 की स्थिति में रायसेन जिले की किन-किन शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में पी.ओ.एस. मशीन में कितना-कितना खाद्यान्न स्टॉक में उपलब्ध है? (ख) माह फरवरी में 2 माह का खाद्यान्न वितरण के बाद शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में पी.ओ.एस. मशीन में खाद्यान्न स्टॉक में क्यों दिख रहा है? कारण बतायें तथा इसके समाधान हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) पी.ओ.एस. मशीन में खाद्यान्न स्टॉक में दिखना तथा दुकान में भौतिक रूप से खाद्यान्न उपलब्ध न होना में सुधार हेतु मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) की समस्या के निराकरण हेतु राज्य, जिला तथा तहसील स्तर पर किस-किस अधिकारी की क्या-क्या जवाबदारी है तथा उक्त संबंधित अधिकारियों द्वारा पी.ओ.एस. मशीन में उपलब्ध आवंटन में सुधार हेतु कार्यवाही क्यों नहीं की? ऐसे अधिकारियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की जायेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्नांकित दिनांक की स्थिति में वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जनवरी एवं फरवरी माह के खाद्यान्न के वितरण के निर्देश एक साथ होने के कारण जिन हितग्राहियों के द्वारा माह जनवरी, 2022 में खाद्यान्न प्राप्त नहीं किया गया, उनके खाद्यान्न की पात्रता समाप्त न होने के कारण स्टॉक पी.ओ.एस. मशीन में प्रदर्शित हो रहा था। माह फरवरी, 2022 में भी जनवरी एवं फरवरी, 2022 के राशन का वितरण एक साथ किया गया है। दुकानों में पहुंचायी गई राशन सामग्री का स्टॉक उपभोक्ता को वितरण न होने तक मशीनों में दिखता है एवं वितरण अनुसार स्टॉक घटता जाता है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांकित विषय के संदर्भ में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग को माननीय विधायक श्री रामपाल सिंह, विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 143 सिलवानी, जिला रायसेन का पत्र क्रमांक 535 दिनांक 24.09.2021 प्राप्त हुआ था जिसमें माह अक्टूबर, 2021 में उपभोक्ताओं की संख्या के मान से कम खाद्यान्न आवंटित होने का उल्लेख किया गया था। संचालनालय स्तर से दिनांक 06.10.2021 को अतिरिक्त आवंटन की प्रविष्टि हेतु जिले को विकल्प उपलब्ध कराकर अतिरिक्त आवंटन जारी किया गया था। इस संबंध में जिला स्तर पर कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। (घ) जिले के लिए उत्तरांश 'ग' अनुसार कार्यवाही की गई है। पीओएस मशीन में प्रदर्शित खाद्यान्न तथा दुकान में भौतिक रूप से उपलब्ध खाद्यान्न में अंतर पाये जाने पर जिले के सक्षम अधिकारियों द्वारा संबंधितों के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही करने के पश्चात् जिलों की मांग एवं पोर्टेबिलिटी के कारण अतिरिक्त आवश्यकता होने पर जिलों को अतिरिक्त आवंटन जारी किया जाता है, ताकि दुकान में खाद्यान्न की अनुपलब्धता की स्थिति न हो। खाद्यान्न का आवंटन संचालनालय से जारी किया जाता है एवं उसे जिला अधिकारियों को अवलोकन हेतु भेजा जाता है। यदि जिला अधिकारी द्वारा आवंटन में विसंगति संबंधी तथ्य संचालनालय के ध्यान में लाया जाता है तो उस पर परीक्