मध्यप्रदेश विधान सभा


प्रश्‍नोत्तर-सूची
मार्च, 2022 सत्र


गुरुवार, दिनांक 10 मार्च, 2022


भाग-1
तारांकित प्रश्‍नोत्तर



वन संरक्षण

[वन]

1. ( *क्र. 1118 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                            (क) कैम्पा अधिनियम के तहत विभाग को प्रश्‍न-दिनांक तक कुल कितनी राशि आवंटित की गई? आवंटित कुल राशि में से कितनी राशि किन-किन कार्यों में कब-कब किन नियमों के तहत खर्च की गई? वर्षवार पृथक-पृथक ब्यौरा देवें। (ख) कैंपा के तहत आवंटित कुल राशि में से कितनी राशि ऐसे ग्राम पंचायतों में खर्च की गई, जहां विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत पेड़ों की कटाई हुई? ग्राम पंचायतवार, वर्षवार ब्यौरा देवें। (ग) क्या कैंपा अधिनियम के दिशा-निर्देशों के तहत चलाए गये वृक्षारोपण अभियान के संबंध में अनियमितताओं के मामले सामने आए हैं? यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा देवें। (घ) वित्त वर्ष 2018-19 से चालू वर्ष के दौरान वनों के संरक्षण, विकास और संवर्धन के लिए कुल स्रोतों से आवंटित राशि का वर्षवार ब्यौरा देवें। (ड.) जलवायु परिवर्तन पर अनुकूलन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कौन-कौन से कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं? तत्संबंधी ब्यौरा देवें। (च) वन-सर्वेक्षण-रिपोर्ट-2021 के अनुसार प्रदेश में वेरी-डेंस फॉरेस्ट, मोडरेटली-डेंस फॉरेस्ट, ओपन फॉरेस्ट तथा गैर-वन का क्षेत्रफल कितना है? वन-सर्वेक्षण-रिपोर्ट-2019 की तुलना में इन श्रेणियों में कितने की वृद्धि/कमी हुई? श्रेणीवार पृथक-पृथक जानकारी स्क्वॉयर/कि.मी./प्रतिशत में देवें।                                            (छ) वर्ष 2004 से वर्ष 2021 तक कितनी वन भूमि निजी-क्षेत्र एवं उद्योगों को हस्तांतरित की गई? प्रत्येक वर्ष के लिए विभिन्न जिलेवार हस्तांतरित वन भूमि की जानकारी प्रत्येक उद्योग/निजी-क्षेत्र की जानकारी के साथ पृथक-पृथक देवें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) कैम्‍पा अधिनियम के तहत विभाग को प्रश्‍न दिनांक तक वनमण्‍डलावार कुल आवंटित राशि एवं व्‍यय की गई राशि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। आवंटित राशि से क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण, एन.पी.व्‍ही. अंतर्गत मिश्रित वृक्षारोपण, बिगड़े वनों का सुधार, वन विहीन पहाड़ि‍यों का हरा-भरा, मुनारा निर्माण, भवन निर्माण, वनों के संरक्षण विकास एवं संवर्धन अ‍धोसंरचना तथा वन्‍यप्राणियों हेतु जल स्‍त्रोतों का विकास आदि कार्य कराये गये हैं। उक्‍त राशि प्रतिकात्‍मक वन रोपण नि‍धि नियम, 2018 के अंतर्गत दिये गये प्रावधानों के अनुसार व्‍यय की गई है। नियम की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) कैम्‍पा के तहत आवंटित कुल राशि में से ग्राम पंचायतों में खर्च की गई तथा विभिन्‍न सरकारी योजनाओं के तहत पेड़ों की कटाई की उक्‍त जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) कैम्‍पा अधिनियम के दिशा-निर्देशों के तहत चलाये वृक्षारोपण अभियान के संबंध में अनियमितताओं के मामले प्रकाश में आये हैं, जिन पर विधि सम्‍मत कार्यवाही प्रस्‍तावित की गई है। (घ) प्रश्‍नाधीन जानकारी निम्‍नानुसार है :-

वर्ष

विकास हेतु आवंटित राशि

रू. लाख में

संरक्षण हेतु आवंटित राशि

रू. लाख में

2018-19

38775.00

2749.03

2019-20

42445.07

2580.73

2020-21

34843.56

2088.92

2021-22

35000.96

1725.98

 

(ड.) जलवायु परिवर्तन पर अनुकूलन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये कैम्‍पा अंतर्गत पृथक से कोई कार्यक्रम नहीं चलाये जा रहे हैं। (च) वन सर्वेक्षण रिपोर्ट 2021 अनुसार प्रश्‍नाधीन जानकारी निम्‍नानुसार है :-

क्र.

श्रेणी

वर्ष 2019 (वर्ग कि.मी.)

वर्ष 2021 (वर्ग कि.मी.)

1

VDF

6676

6665

2

MDF

34341

34209

3

OF

36465

36618

TOTAL

77482

77492

 

(छ) प्रश्‍नाधीन जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-04 अनुसार है।

खनिज रॉयल्‍टी की वापसी

[खनिज साधन]

2. ( *क्र. 1175 ) श्री सुनील सराफ : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्र. 878, दिनांक 22.12.2021 जो कि ग्राम कटकोना से संबंधित है, के प्रश्‍नांश (ग) के उत्‍तर में बताया गया है कि रेत का परिवहन ग्राम पंचायत कटकोना बैहाटोला में उपलब्‍ध मार्ग होने से एवं अन्‍य मार्ग न होने से परिवहन किया जा रहा है? (ख) क्‍या प्रश्‍न                                    क्र. 880, दिनांक 22.12.2021 जो ग्राम कटकोना से ही संबंधित है, के प्रश्‍नांश (ग) के उत्‍तर में बताया गया है कि प्रश्‍नांश अनुसार गांव के भीतर से परिवहन नहीं हो रहा है, अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है? (ग) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश (क) (ख) में से कौन सा उत्‍तर सही है, की जानकारी देवें। उत्‍तर तैयारकर्ता जिले के अधिकारियों पर इस तरह जानकारी देने के लिए शासन कब तक कार्यवाही करेगा? उत्‍तर देने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित बतावें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) माननीय प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रश्‍नांश (ग) का उत्‍तर ग्राम पंचायत कटकोनाबैहाटोला बसाहट एरिया से संबंधित था। (ख) प्रश्‍नांश (ग) का उत्‍तर का उत्‍तर ग्राम पंचायत कटकोनाबैहाटोला बसाहट एरिया से संबंधित न होकर केवल ग्राम कटकोना से संबंधित था। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में उल्‍लेखित ग्राम/क्षेत्रों में भिन्‍नता होने के कारण शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

नजूल भूमि से मुक्‍त किये जाने विषयक

[राजस्व]

3. ( *क्र. 1527 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सन् 1917-18 मिसल बंदोबस्‍त के अनुसार मुलताई नगर के खसरा नंबर 234 की 2.71 एकड़, 235 की 0.10 एकड़, 236 की 0.13 एकड़, 280 की 53.67 एकड़ तथा 573 की 0.16 एकड़ भूमि क्‍या प्रचलित आबादी की भूमि है एवं जो इसमें निवासरत थे, क्‍या वह उसके स्‍वामित्‍व की भूमि है? स्‍पष्‍ट करें। (ख) यदि प्रश्‍नांश (क) का उत्‍तर हाँ, है तो प्रदेश में लागू भू-राजस्‍व संहिता 2 अक्‍टूबर 1959 एवं आर.बी.सी. खण्‍ड-04 क्रमांक 1 के अंतर्गत भी भू-स्‍वामी का हक मिसल बंदोबस्‍त के खसरा नंबर 234, 2235, 236, 280 एवं 573 को प्राप्‍त है या नहीं? यदि हाँ, तो वर्तमान में मुलताई नगर की प्रचलित आबादी की उक्‍त खसरा नंबर 234 की जगह 553, 235 की जगह 554, 236 की जगह 555, 280 की जगह 1087 हो गया, इनके भू-स्‍वामी कौन-कौन हैं? उनके नाम बताएं। (ग) वर्तमान खसरा नंबर 553, 554, 555, 706 एवं 1087 मुलताई नगर की प्रचलित आबादी की जो भूमि म.प्र.                                           भू राजस्‍व संहिता 1959 के पूर्व से जो भूमि, भूमिस्‍वामी अधिकार में दर्ज थी, क्‍या ऐसी आबादी को प्रक्रियात्‍मक या तकनीकी त्रुटि की वजह से नजूल घोषित कर दिया गया है? यदि हाँ, तो यह किस वर्ष किया गया? (घ) क्‍या सरकार अपनी तत्‍कालीन भूल सुधारते हुये राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र के तहत परिपत्र जारी कर म.प्र. भू राजस्‍व संहिता 1959 के पूर्व की प्रचलित आबादी के वर्तमान खसरा क्रमांक 553, 554, 555, 706 एवं 1087 की भूमि को नजूल भूमि से मुक्‍त घोषित करने का आदेश जारी करेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) मुलताई ग्राम के मिसल बन्दोबस्त वर्ष 1917-18 के खसरा अनुसार खसरा नंबर क्रमश: 234, 235, 236, 280 एवं 573 रकबा क्रमशः 2.71, 0.10, 0.13, 53.67 एवं 0.16 एकड़ भूमि प्रचलित आबादी मद में दर्ज होना पाया गया। मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता की धारा 246 के अंतर्गत 'प्रत्येक ऐसा व्यक्ति जो मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता (संशोधन) अधिनियम, 2018 के प्रवृत्त होने के ठीक पूर्व आबादी में गृहस्थल के रूप में कोई भूमि विधिपूर्वक धारण करता है, भूमिस्वामी होगा।' वर्तमान में उक्त भूमि नजूल में प्रविष्टि अंकित है। (ख) राज्‍य शासन द्वारा क्रमांक एफ. 6-75/2019/सात/शा-3, दिनांक 24 सितम्बर, 2020 को नगरीय क्षेत्रों की शासकीय भूमि के धारकों के धारणाधिकार के संबंध में परिपत्र जारी किया गया है, जिसकी कंडिका 3.2 अनुसार ''ऐसे भू-भाग जो नगरीय निकाय के गठन अथवा विस्तारण के समय किसी ग्राम की आबादी का भाग रहा है, ऐसे भू-भाग में यथास्थिति निकाय के गठन या विस्तारण की दिनांक या उसके पूर्व के अधिभोगी मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 246 के प्रावधानों के अनुसार उनके अधिभोग के गृहस्थल के भूमिस्वामी हैं। अतएव ऐसे अधिभोगी या उनके उत्तराधिकारी अथवा उत्‍तरवर्ती अंतरित यदि अपने आवेदन के साथ यदि इस आशय का प्रमाण प्रस्तुत करते हैं कि वे उक्त प्रावधान अनुसार भूमिस्वामी रहे हैं तो सक्षम प्राधिकारी द्वारा परीक्षण कर ऐसी अधिभोगी को अधिभोग के समस्त भू-खण्ड का भूमिस्वामी अधिकार पत्र निर्धारित प्रारूप में दिया जायेगा।''                                                 (ग) जी नहीं। मुलताई नगर के वर्ष 1972-73 के अधिकार अभिलेख अनुसार खसरा नंबर 553, 554, 555, 706 एवं 1087 प्रचलित आबादी मद में दर्ज होना पाया गया। नगरीय क्षेत्र में होने से उक्त सर्वे नं. नजूल घोषित किये गये। नजूल अधिकारी मुलताई के कार्यालय में उपलब्ध रिकॉर्ड अनुसार वर्ष 1979-80 में प्रथम बार नजूल का मेंटनेंस खसरा बनाया गया, जिसमें उक्त खसरे नं. 553, 554, 555, 706 एवं 1087 भूमि शासकीय नजूल दर्ज है। (घ) आवेदकों द्वारा उत्तर (ख) में वर्णित परिपत्र अनुसार सक्षम प्राधिकारी के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किये जाने पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा नियमानुसार आवेदन का निराकरण किया जा सकेगा।

धान उपार्जन

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

4. ( *क्र. 1479 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                     (क) विगत तीन वर्षों में न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य पर कितनी धान का उपार्जन हुआ तथा इसमें से कितनी धान की मि‍लिंग की गई तथा कितनी धान मिलिंग हेतु शेष है? (ख) उक्‍त में से कितनी धान खराब हुई एवं खराब हुई धान का मूल्‍य क्‍या था एवं इसके लिए कौन उत्‍तरदायी है तथा उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) धान की समय पर मिलिंग न होने से उपार्जन एजेंसियों को कितनी हानि हो रही है? वर्षवार, एजेंसीवार जानकारी दें। (घ) धान उपार्जन के संबंध में प्राप्‍त होने वाले व्‍ययों के लिए केन्‍द्र शासन को किस वर्ष तक का हिसाब प्रस्‍तुत कर दिया गया है एवं कितने वर्षों का हिसाब किन कारणों से प्रस्‍तुत किया जाना शेष है?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) :  (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

होशंगाबाद में पिचिन की स्‍वीकृति

[जल संसाधन]

5. ( *क्र. 358 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्र. 370, दिनांक 22.12.2021 के प्रश्‍नांश (घ) में जानकारी दी गई थी क‍ि पिचिन निर्माण हेतु 6.71 करोड़ का प्राक्‍कलन राज्‍य आपदा मोचन निधि से प्रशासकीय स्‍वीकृति हेतु दिनांक 12.11.2021 को राहत को आयुक्‍त भेजा गया था? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित पत्र राहत आयुक्‍त कार्यालय को कब प्राप्‍त हुआ? पत्र की पावती उपलब्‍ध करावें। (ग) क्‍या उक्‍त प्रस्‍ताव को स्‍वीकृति दी गई है? यदि हाँ, तो कब? (घ) प्रस्‍ताव को यदि स्‍वीकृति नहीं दी गई तो इसके क्‍या कारण हैं? (ड.) उक्‍त प्रस्‍ताव को स्‍वीकृति कब तक दी जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। राहत आयुक्‍त भोपाल को प्रेषित प्रस्‍ताव की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) पावती की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। (ग) से (ड.) जी हाँ। स्‍वीकृति आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं                                 होता है।

विभाग अंतर्गत संचालित योजनाएं

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

6. ( *क्र. 912 ) श्री मनोज चावला : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अंतर्गत रतलाम जिले में कुल कितने अधिकारी, कर्मचारी कार्यरत हैं, उनका नाम, पद, कर्तव्य स्थल की जानकारी मोबाइल सहित उपलब्ध कराएं? (ख) बताएं कि कार्यरत अधिकारी, कर्मचारी द्वारा वर्ष 2015-16 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितने-कितने भ्रमण संचालित योजना स्थल, पट्टा धारकों के यहाँ किए गए और भ्रमण के दौरान क्या-क्या टीप/दिशा निर्देश योजना स्थल पर और पट्टा धारकों को दिए गए और क्या प्रतिवेदन विभाग प्रमुख को प्रस्तुत किये गए हैं? प्रतिवेदनों की प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं। (ग) बताएं कि जिले में संचालित योजनाओं हेतु वर्ष 2014-15 से किन-किन स्थलों पर कितनी-कितनी मात्रा में मत्स्य पालन हेतु मछलियां कौन-कौन सी प्रजाति की हैं और उनके लिए आवश्यक सामग्रियां प्रदाय की गईं? इन पर कितना-कितना व्यय किया गया? इस हेतु कौन-कौन से वाहन किस प्रक्रिया से उपयोग किए गए और उन पर कितना खर्च हुआ? वर्षवार बतायें। (घ) क्या संचालित योजनाओं के प्रचार प्रसार हेतु कैंप/बैठक आयोजित किए जाते हैं? यदि हाँ, तो बताएं कि केंद्र एवं राज्य शासन द्वारा संचालित योजनाओं के प्रचार प्रसार हेतु प्रश्‍न अवधि में कितने-कितने कैंप/बैठक तहसीलवार लगाए गए हैं? इसमें प्रचार प्रसार हेतु क्या कदम उठाए गए और इसमें कितने-कितने हितग्राहियों को योजनाओं की जानकारी दी गई है और कितनी राशि खर्च हुई है? तहसीलवार, वर्षवार जानकारी उपलब्ध कराएं।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) प्रश्‍नांश की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा समय-समय पर विभागीय योजनाओं का मत्‍स्‍य पालन योग्‍य जलक्षेत्रों के स्‍थल का भ्रमण किया जा कर प्रचार प्रसार कर हितग्राहियों को मार्गदर्शन दिया जाता है एवं चयन कार्यवाही उपरांत लाभार्थी बनाया जाकर योजना का लाभ दिया जाता है।                                       (ग) जिले में मत्‍स्‍य पालन हेतु भारतीय प्रमुख सफर, कॉमन कार्प पंगास आदि प्रजाति की मछली उपलब्‍ध हैं, कृषकों द्वारा मत्‍स्‍य बीज क्रय कर स्‍वयं संचयन किया जाता है, अत: विभागीय वाहन की जानकारी निरंक। (घ) मैदानी अमले द्वारा विभागीय योजनाओं का प्रचार-प्रसार हाट बाजारों तथा जिला जनपद स्‍तर पर आयोजित जन कल्‍याणकारी शिविरों में किया जाता है।

परिशिष्ट - "एक"

डीनोटीफाईड की गई वन भूमि

[वन]

7. ( *क्र. 399 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में भा.व.अ. 1927 की धारा 27 व धारा 34अ के अनुसार राजपत्र में किस दिनांक को किस कक्ष क्रमांक की कितनी भूमि एवं कितने राजस्व ग्रामों की समस्त संरक्षित वन भूमि डीनोटीफाईड की गई है? (ख) धारा 27 एवं धारा 34अ में डीनोटीफाईड की गई भूमियों को भा.व.अ. 1927 की धारा 29 एवं धारा 4 में पुनः अधिसूचित करने, नारंगी भूमि सर्वे एवं नारंगी वनखण्ड में शामिल करने, समझे गए वन परिभाषित करने का अधिकार या छूट वन अधिनियम 1927, वनसंरक्षण कानून 1980 की किस धारा में दिया गया है, सर्वोच्च अदालत ने सिविल याचिका क्रमांक 202/95 में किस दिनांक के आदेश में दिया है? (ग) बैतूल जिले में सारनी पावर हाउस एवं पुनर्वास क्षेत्र के लिए किस दिनांक को कितनी-कितनी भूमि किस-किस धारा के तहत डीनोटीफाईड की गई? यह भूमि किस-किस विभाग के मानचित्र एवं अन्य किस-किस शासकीय अभिलेख में किसके नाम पर वर्तमान में दर्ज है? (घ) सारनी पावर हाउस के लिए डीनोटीफाईड की गई भूमियों से संबंधित पटवारी मानचित्र, खसरा पंजी आदि किस वर्ष में तैयार किए गए हैं? खसरा पंजी में भूमि किसके नाम पर दर्ज है?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 27 एवं धारा 34 (अ) में डिनोटिफाईड भूमियों को पुन: धारा 29 एवं धारा 4 में अधिसूचित करने के संबंध में अधिकार या छूट भारतीय वन अधिनियम, 1927, वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 की किसी धारा एवं माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय की याचिका क्रमांक 202/1995 के आदेश में उल्‍लेखित नहीं है। ले‍किन यदि वन संरक्षण अधिनियम, 1980 की धारा-2 अंतर्गत व्‍यपवर्तित वनभूमियों के एवज में डिनोटीफाईड भूमियां गैर वनभूमि के रूप में वैकल्पिक वृक्षारोपण हेतु प्राप्‍त होती हैं तो उन्‍हें भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा-29 एवं धारा-4 में अधिसूचित किया जा सकता है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। शेष प्रश्‍नांश राजस्‍व विभाग से संबंधित होने से जानकारी एकत्रित की जा रही है।                                    (घ) प्रश्‍नांश राजस्‍व विभाग से संबंधित होने से जानकारी एकत्रित की जा रही है।

खाद्यान्‍न वितरण में अनियमितताएं

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

8. ( *क्र. 1384 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                           (क) करैरा विधान सभा क्षेत्र के विकासखण्‍ड नरवर एवं करैरा में कितनी शासकीय उचित मूल्‍य की दुकानें संचालित हैं एवं किन कर्मचारी एवं किस समूह के द्वारा दुकानों का संचालन किया जा रहा है? (ख) यह भी बतायें कि संचालित दुकानों में किस-किस दुकान पर कितना-कितना खाद्यान्‍न B.P.L. का कोटा है? (ग) करैरा विधान सभा में 2021-22 में बाढ़ के प्रकोप में किस-किस ग्राम में किस-किस पीड़ि‍त व्‍यक्ति को कितना-कितना खाद्यान्‍न दिया गया? नाम एवं ग्रामवार स्‍पष्‍ट जानकारी देवें। (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख), (ग) के संदर्भ में करैरा विधान सभा में बाढ़ के दौरान बांटे गए अनाज में काफी अनियमिताएं की गई? खाद्यान्‍न बांटा ही नहीं गया, उसे अधिकारियों द्वारा हड़प लिया गया है, केवल फाइलों में बांटा गया है, इसकी जांच उच्‍च स्‍तरीय लेवल से कराई जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्‍नांकित विधानसभा के विकासखण्‍ड नरवर में 73 एवं विकासखण्‍ड करैरा में 84 उचित मूल्‍य दुकानें संचालित हैं। दुकानों को संचालित करने वाले विक्रेता/संचालक संस्‍था/समूह की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र  '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र  '' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) तहसील नरवर में 638 हि‍तग्राहियों को गेहूं का आटा प्रदाय किया गया है। उक्‍तानुसार बाढ़ के दौरान खाद्यान्‍न वितरित किया गया है। कोई अनियमितता प्रकाश में नहीं आयी है। अत: शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

अंतर्राज्‍यीय बाघ सिंचाई परियोजना

[जल संसाधन]

9. ( *क्र. 1147 ) कुमारी हिना लिखीराम कावरे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र लांजी के अंतर्गत विषयांकित परियोजना की मुख्‍य केनाल में लाईनिंग कार्य करवाने हेतु प्रश्‍नकर्ता विधायक द्वारा कब-कब पत्राचार किया गया? पत्रों की छायाप्रति सहित जानकारी दें। (ख) विषयांकित परियोजना में मुख्‍य नहर पर लाईनिंग का कार्य कराने हेतु महाराष्‍ट्र शासन से कब-कब पत्राचार किया गया तथा इस बैठक को आयोजित करने के लिए क्‍या प्रयास किये गये? पत्रों की छायाप्रति सहित विस्‍तृत जानकारी दें। (ग) क्‍या शासन को माननीय मुख्‍यमंत्री कार्यालय के A+ मॉनिट पत्र के बाद महाराष्‍ट्र शासन से बैठक आयोजित करने का प्रयास करना चाहिए या प्रश्‍नकर्ता विधायक को तिथि‍ तय न होने की सूचना देकर विषय समाप्‍त करना चाहिए? (घ) महाराष्‍ट्र शासन के साथ सचिव स्‍तर की बैठक कब तक आयोजित कर ली जाएगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विधान सभा क्षेत्र लांजी अन्तर्गत अन्‍तर्राज्‍यीय बाघ सिंचाई परियोजना की दांयी तट मुख्य नहर में लाइनिंग कार्य कराने हेतु मान. सदस्‍य द्वारा लिखे गये पत्रों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1, 2, 3 अनुसार है। (ख) बाघ दांयी तट मुख्‍य नहर में लाइनिंग कार्य कराने हेतु महाराष्ट्र शासन से किए गए पत्राचार की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13 अनुसार है। (ग) एवं (घ) अन्‍तर्राज्‍यीय मामला है। सहमति प्राप्‍त करने का प्रयास किया जा रहा है। बैठक के संबंध में निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

समर्थन मूल्‍य पर खरीदी गई धान का रख-रखाव

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

10. ( *क्र. 685 ) श्री तरूण भनोत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जबलपुर जिले के अंतर्गत समर्थन मूल्‍य पर की गई धान खरीदी उचित रख-रखाव के अभाव में बारिश में गीला होने और सड़ने की शिकायतें मिली हैं? (ख) यदि हाँ, तो तत्‍संबंध में कितने नुकसान का आकलन किया गया है? (ग) क्‍या मौसम विभाग द्वारा लगातार खराब मौसम की संभावनाओं को व्‍यक्‍त करने के बावजूद भी खाद्य विभाग के अधिकारियों एवं समिति प्रबंधकों द्वारा धान की सुरक्षा के लिए तिरपाल एवं अन्‍य कोई व्‍यवस्‍थाएं नहीं की गईं थीं? (घ) यदि हाँ, तो इस नुकसान के जिम्‍मेदार अधिकारियों पर विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जबलपुर जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित धान के उचित रख-रखाव के अभाव में बारिश में गीला होने के कारण सड़ने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। असामयिक वर्षा से आंशिक मात्रा में धान भीगी थी, जिसे सुखाकर जमा करा लिया गया है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित धान के उचित                         रख-रखाव हेतु उपार्जन नीति के प्रावधान अनुसार उपार्जन केन्‍द्रों पर तिरपाल एवं अन्‍य व्‍यवस्‍थाएं की गईं। (घ) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

श्रमिक पंजीयन शिविरों का आयोजन

[श्रम]

11. ( *क्र. 656 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में विगत 4 वर्षों में कितने श्रमिक पंजीयन शिविरों का आयोजन किया गया? विधानसभावार जानकारी दें। (ख) जिले में अब तक कितने श्रमिक पंजीबद्ध हैं? विधानसभावार संख्या बताएं। (ग) क्या कई हितग्राहियों के संबल कार्ड गत शासनकाल में निरस्त कर दिये गये थे, जिसके कारण वह शासन की हितग्राही मूलक योजनाओं के लाभ से वंचित हैं? (घ) क्या खण्डवा जिले में सैकड़ों अपात्र लोगों के श्रमिक पंजीयन हुए हैं? यदि हाँ, तो उनका भौतिक सत्यापन कर उन्हें अपात्र श्रेणी में डालने की कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ड.) जिले में श्रम विभाग अंतर्गत कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी कब से पदस्थ हैं?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) खण्‍डवा जिले में विगत 4 वर्षों में कुल 55 श्रमिक पंजीयन शिविरों का आयोजन किया गया है, जिसकी विधानसभा वार जानकारी निम्‍नानुसार है :-

क्र.

विधानसभा क्षेत्र का नाम

विधान सभा क्षेत्र क्रमांक

शिविरों की संख्‍या

1

मंधाता

175

04

2

हरसूद

176

16

3

खण्‍डवा

177

05

4

पंधाना

178

30

कुल

55

 

(ख) म.प्र. असंगठित शहरी/ग्रामीण कर्मकार कल्‍याण मंडल तथा म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मंडल अंतर्गत खण्‍डवा जिले में पंजीबद्ध श्रमिकों की विधानसभावार जानकारी निम्‍नानुसार है :-

क्र.

विधानसभा क्षेत्र का नाम व क्रमांक

संबल योजनांतर्गत पंजीबद्ध श्रमिकों की संख्‍या

भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कमर्कार कल्‍याण मंडल अंतर्गत पंजीबद्ध श्रमिकों की संख्‍या

योग

1

मंधाता 175

84456

2840

87296

2

हरसूद 176

59705

1800

61505

3

खण्‍डवा177

51275

5711

56986

4

पंधाना 178

101050

5844

106894

कुल

2,96,486

16,195

3,12,681

(ग) जी हाँ, भौतिक सत्‍यापन अभियान चलाया जाकर संबल योजना में पंजीबध्‍द श्रमिकों की पात्रता की जांच कर उन्‍हें नियमानुसार पात्र/अपात्र की कार्यवाही की गई थी। नियमानुसार पात्र हितग्राही, हितग्राही मूलक योजनाओं के लाभ से वंचित नहीं हुए हैं। (घ) संबल योजना में श्रमिकों का पंजीयन स्‍वमेव घोषणा के आधार पर किया जाता है। भौतिक सत्‍यापन में पंजीबध्‍द श्रमिकों की पात्रता की जांच कर उन्‍हें नियमानुसार पात्र/अपात्र की कार्यवाही की जाती है। प्रक्रिया सतत् प्रचलन में है। (ड.) श्रम विभाग अंतर्गत कार्यालय श्रम पदाधिकारी, जिला खण्‍डवा में पदस्‍थ अधिकारी/कर्मचारियों की जानकारी निम्‍नानुसार है :-

क्र.

नाम

पदनाम

श्रम कार्यालयजिला खण्‍डवा में ज्‍वाइनिंग का दिनांक

1

श्री अमर सिंह अलावा

श्रम पदाधिकारी

12.03.2019

2

श्री नवीन कुमार गढ़ेकर

श्रम निरीक्षक

17.07.2019

3

सुश्री चंचल पंवार

श्रम निरीक्षक

31.07.2017

4

सुश्री खूशबू मण्‍डलोई

श्रम निरीक्षक

01.08.2017

5

सुश्री चन्‍दा अवास्‍या

सहायक ग्रेड-3

15.03.2019


सीधी सिंगरौली जिले की नहरों की मरम्‍मत

[जल संसाधन]

12. ( *क्र. 1292 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहावल विधानसभा क्षेत्र सहित सीधी व सिंगरौली जिले की नहरों की सफाई व रख-रखाव के लिए माह जनवरी 2020 से माह जनवरी 2022 तक जल संसाधन विभाग द्वारा कितनी राशि का आवंटन एवं व्‍यय हुआ है? जानकारी की वर्षवार छायाप्रति देवें। (ख) उक्‍त जिलों की नहरें अनेक स्‍थानों पर जर्जर हो गई हैं, इससे नहर का पानी किसानों के खेतों में भर जाता है और फसलें खराब होती हैं व जनहानि की आशंका बनी रहती है? इसकी मरम्‍मत कब तक की जायेगी? (ग) सीधी जिले के महान नहर संभाग के अंतर्गत वर्ष 2012 से 2018 तक जल उपभोक्‍ता संथा बजरंग गढ़, कनकटी संथा, मनकेसर संथा, बढ़ौरा संथा एवं बोकरो संथा का कुल रकबा इस अवधि में किए गये कुल कार्य एवं कुल व्‍यय की जानकारी कार्यवार उपलब्‍ध कराएं। (घ) महान नहर संभाग में उक्‍त अवधि में वास्‍तविक कार्य बहुत कम हुआ है, इस हेतु कोई जांच हुई है? उस समय कौन-कौन से पर्यवेक्षण अधिकारी पदस्‍थ थे? इस संबंध में विभाग के पास अनियमितता एवं भ्रष्‍टाचार की शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं तो उस पर क्‍या कार्यवाही हुई है? जांच प्रतिवेदन की छायाप्रति उपलब्‍ध कराएं।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) प्रश्‍नाधीन जिलों की पूर्व निर्मित लघु सिंचाई परियोजनाओं एवं बाणसागर परियोजना की सिहावल नहर का सुधार कार्य रबी सिंचाई के पूर्व आवश्‍यकतानुसार कराया जाना प्रतिवेदित है। महान परियोजना की नहरें निर्माणाधीन होने से उनके रख-रखाव का कार्य नहरों के पूर्ण होने तक संविदाकार द्वारा किया जाना अनुबंधित है। जहाँ भी नहरें अतिवृष्टि के कारण क्षतिग्रस्‍त हुई थी, उनका सुधार कार्य कराया जाना प्रतिवेदित है। वर्तमान में रबी सिंचाई हेतु जल प्रदाय किया जा रहा है। नहर संचालन के दौरान खेतों में पानी भराव नहीं होने से फसलें खराब होने अथवा जनहानि जैसी स्थिति नहीं है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) महान नहर संभाग सीधी के अन्तर्गत प्रश्‍नाधीन अवधि में कार्य कराते समय                                             भू-अर्जन न होने के कारण एवं निर्माणाधीन कार्य हेतु अधिग्रहीत भूमि के कृषकों द्वारा अवरोध उत्पन्न होने के कारण विलम्ब हुआ है, जिसके निराकरण उपरांत कार्य पूर्ण करा लिया जाना प्रतिवेदित है। कार्यरत अधिकारियों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। विभाग के पास श्री वृजेन्द्र प्रसाद तिवारी की शिकायत कनकटी संथा के कार्यों हेतु प्राप्त हुई थी, जिसकी जाँच विभाग द्वारा 03 सदस्यीय समिति से कराई गई है। जाँच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है।

शासकीय भूमि को भू-माफिया को सौंपना

[राजस्व]

13. ( *क्र. 987 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 704, दिनांक 22 दिसम्बर, 2021 के उत्तर के खण्ड '''' के संदर्भ में बतावें की क्या माननीय उच्च न्यायालय ने आदेश दिनांक 06.01.2011 में शासन को कमि‍श्‍नर उज्जैन के आदेश दिनांक 01.10.2007 को कानून अनुसार चुनौती देने की लिबर्टी दी थी? यदि हाँ, तो उसे फिर उच्चतम न्यायालय में चुनौती क्यों नहीं दी गई? (ख) क्या शासन उपरोक्त प्रकरण में उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगा या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्‍नाधीन भूमि 43/1131/मिन-1 रकबा 0.760 हेक्टेयर के उच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 06.10.2011 के सन्दर्भ में उच्च न्यायालय में दायर अवमानना याचिका क्रमांक 262/2012 के अंतरिम आदेश 25.07.2012 एवं 08.11.2012 में निर्देश के बाद भी जवाब क्यों नहीं फाईल किया गया? (घ) क्या तत्कालीन जिम्मेदार अधिकारि‍यों ने गंभीर लापरवाही कर लगभग राशि रू. 160 करोड़ की बेशकीमती जमीन भूमाफियाओं के नाम कर दी? यदि हाँ, तो बतावें कि इसके लिये कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं तथा उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। न्यायालयीन प्रकरणों में पारित आदेशों के सम्बन्ध में अपील सम्बन्धी कार्यवाही बावत गुण दोष के आधार पर निर्णय किया जाता है।                    (ख) न्यायालयीन प्रकरणों में पारित आदेश के सम्बन्ध में अपील सम्बन्धी कार्यवाही बावत गुण दोष के आधार पर निर्णय किया जाता है। (ग) अवमानना याचिकाओं में मूल आदेश के पालन में की गयी कार्यवाही की जानकारी देनी होती है। मान. उच्च न्यायालय में दायर अवमानना याचिका क्रमांक 262/2012 के अंतरिम आदेश दिनांक 25.07.2012 एवं 08.11.2012 में निर्देश के बाद भी जवाब समय पर प्रस्तुत नहीं हो पाने के सम्बन्ध में, जानकारी एकत्र की जा रही है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

तराना विधानसभा क्षेत्र के किसानों को आर्थिक सहायता

[राजस्व]

14. ( *क्र. 15 ) श्री महेश परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                 (क) प्रश्‍नकर्ता द्वारा दिनांक 22.12.2021 को मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और विभागीय मंत्री जी और सचिव को उक्त विषय में दिये गए पत्र क्रमांक 3063/2021 पर प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई? प्रत्येक स्तर से की गयी कार्यवाही के प्रतिवेदन के साथ की गयी कार्यवाही से अवगत कराएं।                                                                   (ख) क्या उक्त पत्र पर तराना विधानसभा सहित उज्जैन जिले के प्रभावित किसानों को आर्थिक सहायता पहुंचाने के लिए मुआवजा वितरण का आदेश किसी स्तर से किया गया? यदि हाँ, तो प्रतियाँ प्रस्तुत करें और यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ग) प्रश्‍नकर्ता द्वारा दिये गए पत्र पर आलू की फसल के नुकसान का आकलन तराना विधानसभा सहित उज्जैन जिले में हुआ है? यदि हाँ, तो कब-कब? (घ) सरकार और विभाग द्वारा शीतलहर के चलते दिसंबर 2021 में आलू की फसलों को हुए नुकसान को लेकर प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाहियाँ की गयी? (ड.) शासन और विभाग को आलू की फसल के संबंध में कुल कितने मांग पत्र प्राप्त हुए? मांगपत्रों पर विभाग द्वारा शासन स्तर से तराना विधानसभा क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी तराना को क्या-क्या आदेश निर्देश दिये गए? उन निर्देशों के परिपालन में SDM द्वारा की गयी सम्पूर्ण कार्यवाही की प्रतियाँ उपलब्ध कराएं।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्‍नकर्ता द्वारा दिनांक 22.12.2021 को मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और विभागीय मंत्री जी और सचिव को उक्त विषय में प्राप्‍त पत्र क्रमांक 3063/2021 जिले को प्रेषित कर प्रतिवेदन प्राप्‍त किया गया। प्रतिवेदन पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। पत्र में उल्लेखित अवधि में तराना विधानसभा सहित सम्पूर्ण जिले में शीतलहर से आलू की फसल में क्षति नहीं होने से आर्थिक सहायता स्वीकृत नहीं की गई।                                                 (ग) प्रश्‍नकर्ता द्वारा दिये पत्र पर तराना विधानसभा सहित जिले में दिसम्बर 2021 में शीत के कारण आलू फसल में नुकसान के संबंध में उद्यानिकी विभाग, राजस्व विभाग के अधिकारी/कर्मचारी द्वारा तत्‍समय भ्रमण कर क्षति का आकलन किया गया। क्षति की जानकारी निरंक प्रतिवेदित की गई है। (घ) जानकारी उत्‍तरांश '''' अनुसार है। (ड.) प्रश्‍नांकित अवधि में शीत लहर से आलू की फसल को क्षति नहीं होने के कारण कोई मांग पत्र प्राप्‍त नहीं हुआ, परंतु माननीय विधायक                                      श्री महेश परमार का पत्र क्रमांक 3063/2021, दिनांक 22.12.2021 प्राप्त हुआ, जिसके तारतम्‍य में तराना अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) से प्रतिवेदन चाहा गया, जिसके परिपालन में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अनुभाग तराना द्वारा दिये गये प्रतिवेदन की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

धारणाधिकार अधिनियम के तहत पट्टे वितरण

[राजस्व]

15. ( *क्र. 549 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धारणाधिकार अधिनियम 24 सितम्बर, 2020 के तहत वर्ष 2014 से नजूल भूमि पर कब्जा धारियों को निर्माणाधीन मकानों का मालिकाना हक के पट्टे दिए जाने हेतु शासन ने आदेश जारी किये हैं? (ख) यदि हाँ, तो दमोह जिले में कितने नजूल भूमि पर कब्जा धारियों के द्वारा उक्त अधिनियम के तहत पट्टे प्रदाय किए जाने हेतु आवेदन किया गया है? (ग) क्या नजूल की भूमि के सभी आवेदक कब्जा धारियों को पट्टे प्रदान कर दिए गए हैं? (घ) क्या नगरीय क्षेत्र दमोह में नजूल भूमि शीट नं. 68, 69, प्लाट नं. 3897/14 में धारणाधिकार अधिनियम 24 सितम्बर, 2020 के अंतर्गत पट्टे जारी किये जाने हेतु कितने भूमि धारकों द्वारा आवेदन किया गया था? आवेदकों की सूची दें। (ड.) क्या शासन द्वारा पहले भी 1989,1998, 2003, 2008 में पट्टे जारी किए गए हैं? यदि हाँ, तो वर्तमान आदेश के तहत उक्त शीट नम्बर के कब्जाधारियों को पट्टे जारी नहीं करने का क्या कारण है? कारण सहित निरस्त आवेदनों की सूची दें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) दमोह जिले में आवेदकों द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्रों की संख्या 659 है। (ग) जी नहीं। (घ) जी हाँ, 01 आवेदन प्राप्त हुआ है। (ड.) जी हाँ। वर्तमान आदेश के तहत उक्त शीट नं. से संबंधित एक आवेदन पत्र प्राप्त हुआ है, जो न्यायालयीन प्रक्रियाधीन है।

बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सिंचाई योजनाएं

[जल संसाधन]

16. ( *क्र. 1265 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिला अंतर्गत छपरा जलाशय का निर्माण किस सन् में किया गया था? निर्माण के पश्चात इस जलाशय की भण्डारण क्षमता कितनी थी तथा इससे कितने क्षेत्र में सिंचाई होती थी? (ख) वर्तमान समय में इस जलाशय की भण्डारण क्षमता कितनी है तथा इससे कितने क्षेत्र की सिंचाई हो रही है? इस जलाशय से भण्डारण क्षमता कब से कम हो चुकी है तथा इसका क्या कारण है? इसका दोषी कौन है? इतना समय बीत जाने के बाद भी दोषियों पर एफ.आई.आर. दर्ज न करने के क्या कारण हैं? इस जलाशय को पुनर्जीवित करने की विभाग की क्या कार्य योजना है?                           (ग) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्तमान में कौन-कौन से कितनी लागत के निर्माण/सुधार कार्य प्रचलन में हैं, निर्माण कार्यवार/सुधार कार्यवार लागत राशि सहित निर्माण एजेन्सी की नाम सहित सूची देवें। (घ) क्या रीठी तहसील अंतर्गत 1 बोरीना जलाशय 2 इमलिया जलाशय 3 बसुधा जलाशय 4 करहैया जलाशय 5 घिनोची जलाशय अत्यंत प्राचीन जलसंरचनायें हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन इन बांधों एवं उनकी नहरों के सुधार कार्य हेतु एस.डी.एम. फण्‍ड से राशि स्वीकृत कर इनका सुधार कार्य करवायेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) छपरा जलाशय का निर्माण वर्ष 1967 में किया गया था। निर्माण के पश्चात जलाशय की जल भण्डारण क्षमता 1.28 मि.घन.मी. एवं प्रस्‍तावित सिंचाई क्षमता 219 हेक्टर थी। (ख) वस्‍तुस्थिति यह है कि वर्तमान में छपरा जलाशय के कैचमेंट एरिया में काफी गहरी मार्बल माइंस खुल जाने से जलाशय का जल आवक अवरूद्ध होने के कारण जलाशय में जल भराव नहीं हो रहा है। अत: भण्‍डारण क्षमता बताना संभव नहीं है। कैचमेंट एरिया में बांध से 700 मी. दूर अपस्ट्रीम पर माइंस स्थित है। माईनिंग की स्वीकृति जिला प्रशासन कटनी द्वारा दी गई थी। माईनिंग खुदाई होने से बांध की जल भराव क्षमता में विपरीत प्रभाव पड़ा है। बांध के जल भराव क्षमता को क्षति या नुकसान पहुंचाने का किसी का उद्देश्य नहीं था।                                     अत: किसी को दोषी ठहराना उचित नहीं है। योजना को पुनर्जीवित करने का कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) निर्माण/सुधार कार्य की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। रीठी तहसील अंतर्गत एक मात्र बोरीना जलाशय जिसका निर्माण 1918 में किया गया था, अत्यंत प्राचीन जल संरचना है, जिसका सुधार प्राक्कलन डी.एम.एफ. मद अंतर्गत कलेक्टर कटनी को कार्यपालन यंत्री कटनी के पत्र दिनांक 10.12.2021 द्वारा भेजा जाना प्रतिवेदित है। शेष संरचना में डिजाईन एवं जलाशय में जल आवक अनुसार सिंचाई की जाती है।

परिशिष्ट - "दो"

ओला वृष्टि से हुए नुकसान का मुआवज़ा

[राजस्व]

17. ( *क्र. 186 ) श्री लक्ष्‍मण सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                (क) विगत दिनों में हुई बड़े पैमाने पर ओला वृष्टि से प्रदेश में किन-किन जिलों में किस-किस फसल का कितना-कितना रकबा प्रभावित हुआ है? (ख) गुना जिले में अलग-अलग किसानों को कितना-कितना नुकासान होने का अनुमान है? (ग) चांचौड़ा विधानसभा क्षेत्र में अलग-अलग किसानों को कितना-कितना मुआवजा दिया गया है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) विगत दिनों बडे पैमाने पर प्रदेश में ओलावृष्टि से फसल क्षति होने पर कुल 24 जिलों में कुल 125987.559 हे. रकबा प्रभावित हुआ है। जिलेवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) गुना जिले में अलग-अलग किसानों को लगभग 52 करोड़ रूपये के फसल नुकसान का अनुमान है। (ग) चांचौड़ा विधानसभा अंतर्गत सभी 2202 प्रभावित कृषकों को राशि 3,59,99,742/- रूपये की राहत राशि दी गयी है।

परिशिष्ट - "तीन"

जंगलमाल की भूमि का आवंटन

[राजस्व]

18. ( *क्र. 1336 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                     (क) क्‍या संविधान के अनुसार जंगलमाल की भूमि जनहित के विपरीत किसी को आवंटित नहीं किए जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो प्रावधान की प्रति उपलब्‍ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में यह अवगत करावें कि भोपाल जिले में किसी नर्सिंग संस्‍था सहित अन्‍य को जंगलमाल की भूमि आवंटित की गई है? (ग) यदि हाँ, तो प्रावधान के विपरीत जाकर आव‍ंटन करने वाले अधिकारी कौन-कौन हैं तथा उनके विरूद्ध शासन द्वारा क्‍या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता की धारा 1 (2) के अनुसार इसका विस्‍तार सम्‍पूर्ण मध्‍यप्रदेश पर है, किन्‍तु इस संहिता में अन्‍तर्विष्‍ट कोई भी बात, भू-राजस्‍व के भुगतान के लिये भूमि के दायित्‍व, भूमि के उपयोग के प्रति‍ निर्देश से भू-राजस्‍व के निर्धारण,                         भू-राजस्‍व की उगाही से सम्‍बन्धित उपबन्‍धों को छोड़कर, ऐसे क्षेत्रों को लागू नहीं होगी, जिन्‍हें भारतीय वन अधिनियम, 1927 (1927 का सं.16) के अधीन समय-समय पर, आरक्षित या संरक्षित वनों के रूप में गठि‍त किया जाये। प्रावधान की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ख) जिला भोपाल में किसी भी नर्सिंग संस्था को जंगलमाल की भूमि आवंटित नहीं की गई। (ग) प्रश्‍नांश "ख" के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उत्पन्न नहीं होता।

परिशिष्ट - "चार"

भोपाल के बड़े तालाब के कैचमेंट एरिया में अवैध अतिक्रमण

[राजस्व]

19. ( *क्र. 224 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                (क) भोपाल के बड़े तालाब के कैचमेंट एरिया की वर्ष 1958-59 की खसरा खतौनी में किस-किस ग्राम की, किस-किस नाम, के पटवारी हल्‍कों में, कितनी-कितनी भूमि शासकीय रिकॉर्डों में दर्ज थी? (ख) प्रश्‍नतिथ‍ि तक भोपाल के बड़े तालाब के कैचमेंट एरिया की कुल कितनी भूमि                                             किस-किस ग्राम की, किस-किस नाम के पटवारी हल्‍कों में कितनी-कितनी शासकीय रिकॉर्डों में दर्ज है? (ग) भोपाल के बड़े तालाब के कैचमेंट एरिया की किस-किस पटवारी हल्‍कों में,                                                किस-किस नाम के जगह/गांवों की कितनी-कितनी भूमि कम हुई? आराजी क्रमांकवार/रकबेवार/ग्राम या जगह के नाम वार/पटवारी हल्‍केवार जानकारी उपलब्‍ध करायें। (घ) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित कैचमेंट एरिया की 1958-59 के रिकार्डों की भूमियों को                                          किन-किन सक्षम कार्यालयों के, कब-कब के आदेशों के बाद कैचमेंट एरिया से हटाकर किन-किन शासकीय/निजी स्‍वामित्‍व में, किन-किन पटवारी हल्‍कों/ग्रामों/जगहों पर हस्‍तान्‍तरित किया गया? जारी सभी आदेशों की एक-एक प्रति उपलब्‍ध करायें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) भोपाल जिला अन्तर्गत बडे़ तालाब के कैचमेंट एरिया की वर्ष 1958-59 की खसरा खतोनी में कैचमेंट एरिया दर्ज न होने से जानकारी निरंक है। (ख) भोपाल जिला अन्तर्गत बडे़ तालाब के समीपस्थ ग्रामों के राजस्व अभिलेखों में कैचमेंट एरिया के संबंध में काई भी विवरण शासकीय रिकॉर्ड में दर्ज न होने से जानकारी निरंक है। (ग) भोपाल जिला अन्तर्गत बडे़ तालाब के समीपस्थ ग्रामों के राजस्व अभिलेखों में कैचमेंट एरिया के संबंध में कोई भी विवरण शासकीय रिकॉर्ड में दर्ज न होने से जानकारी निरंक है। (घ) उत्तरांश '''' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

बायोफ्यूल का नियम विरूद्ध यात्री बसों में प्रयोग

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

20. ( *क्र. 1425 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह हनी बघेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश में बायोफ्यूल का उपयोग यात्री बसों में ईंधन के रूप में प्रयोग किया जा सकता है? यदि हाँ, तो इस संबंध में जारी आदेश/परिपत्र की जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में यदि उत्‍तर न है तो, शासन द्वारा बायोफ्यूल से संचालित बसों पर क्‍या कार्यवाही की गयी? जिलेवार, प्रकरणवार विस्‍तृत जानकारी प्रदान करें। (ग) भोपाल नगर निगम के जवाहर चौक डिपों में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा दिनांक 27.09.2021 का बी.सी.सी.एल. की गाड़ि‍यों में बायोफ्यूल के उपयोग पर क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में यदि कोई कार्यवाही नहीं की गयी तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

बीना नदी सिंचाई परियोजना की D.P.R. के संबंध में

[जल संसाधन]

21. ( *क्र. 441 ) श्री महेश राय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                    (क) बीना नदी सिंचाई परियोजना एवं हनोता सिंचाई परियोजना में विधानसभा क्षेत्र बीना के पूर्व के डी.पी.आर. में बीना नदी सिंचाई परियोजना में 115 ग्राम और हनोता सिंचाई परियोजना में 110 ग्राम शामिल थे? (ख) यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र बीना के बीना नदी सिंचाई परियोजना में से 27 ग्रामों और हनोता सिंचाई परियोजना में से 22 ग्रामों को नयी डी.पी.आर. में से क्या हटा दिया गया है? (ग) यदि हाँ, तो क्यों? कारण सहित बतावें। क्या नयी डी.पी.आर. में इन ग्रामों को पुनः जोड़ा जा सकता है? (घ) यदि हाँ, तो कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। दिनांक 30.10.2010 को प्रशासकीय स्‍वीकृति प्राप्‍त बीना संयुक्‍त सिंचाई वृहद बहुउद्देशीय परियोजना की डी.पी.आर. में बीना विधानसभा क्षेत्र के सकल सैंच्य क्षेत्र में 115 ग्राम न होकर 142 ग्राम शामिल थे एवं हनौता सिंचाई परियोजना की डी.पी.आर. में विस्तृत सर्वेक्षण न होने के कारण बीना विधानसभा क्षेत्र के सैंच्य क्षेत्र में ग्रामवार निर्धारण नहीं किया गया था। (ख) बीना सिंचाई परियोजना की द्वितीय पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 04.10.2018 अनुसार बीना परियोजना में बीना विधानसभा क्षेत्र के 88 ग्राम सम्मि‍लित किया जाना प्रतिवेदित है एवं हनौता सिंचाई परियोजना के सैंच्य क्षेत्र में ग्रामवार निर्धारण न होने से ग्रामों को हटाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) बीना नदी पर एक अन्य सिंचाई परियोजना यथा हनौता परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति के कारण बीना परियोजना के ग्रामों की संख्या में परिवर्तन होना प्रतिवेदित है। नई डी.पी.आर. का कोई प्रकरण विचाराधीन नहीं होने से शेष प्रश्‍न उत्पन्न नहीं होते हैं।

केन घडियाल अभ्यारण्य में हो रहे शिकार को रोकने के संबंध में

[वन]

22. ( *क्र. 975 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना टाईगर रिज़र्व अन्तर्गत केन घड़ियाल अभ्यारण्य क्षेत्र में दिनांक 01 जनवरी, 2022 से 28 फरवरी, 2022 के मध्य तेंदुए का शिकार हुआ है? यदि हाँ, तो विवरण देवें। (ख) जिन लोगों द्वारा तेंदुए का शिकार किया गया है, उन लोगों के विरूद्ध क्या कार्यवाही हुई? (ग) क्या इससे यह साबित करता है कि पन्ना टाईगर रिर्ज़व पन्ना के अधिकारी/कर्मचारी एवं केन घड़ियाल अभ्यारण्य के अधिकारी/कर्मचारी गैर जिम्मेदार हैं? ऐसे अधिकारी/कर्मचारी पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) उत्‍तरांश '''' के अनुक्रम में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

नगरीय क्षेत्र की शासकीय आबादी भूमि में निवासरत व्यक्तियों को भू स्वामित्व प्रदान करना

[राजस्व]

23. ( *क्र. 439 ) श्री विनय सक्सेना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                        (क) क्या प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों के आबादी भूमि में निवासरत परिवारों को उक्त भूमि का स्वामित्व/पट्टा आदि प्रदान करने की योजना प्रारंभ की गयी है? यदि हाँ, तो योजना से संबंधित समस्त दिशा-निर्देश बतावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जबलपुर जिले अंतर्गत कुल कितने व्यक्तियों द्वारा आवेदन किये गये? कितने व्यक्तियों को भूमि का स्वामित्व/पट्टा जारी किया जा चुका है तथा कितने आवेदन रिजेक्ट किये गये हैं? तहसीलवार बतावें। (ग) क्या ऑनलाइन पोर्टल की कठिनाइयों एवं कतिपय दस्तावेजों के अभाव में बड़ी संख्या में आवेदन रिजेक्ट हो रहे हैं? यदि हाँ, तो इस बाबत सरकार क्या कदम उठा रही है? हितग्राहियों को उक्तानुसार लाभ प्राप्त करने की प्रक्रिया के सरलीकरण के लिए क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) क्या जबलपुर नगरीय क्षेत्र की आबादी भूमि के सर्वे की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है? यदि हाँ, तो समस्त अभिलेख बतावें। यदि नही, तो सर्वे अपूर्ण रहने का क्या कारण हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, जिले में नगरीय क्षेत्रों की शासकीय भूमि में के धारकों के धारणाधिकार के संबंध में कार्यवाही हेतु मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग भोपाल से निर्देश क्रमांक एफ 6-75/2019/सात/शा.3, भोपाल दिनांक 24 सितम्बर, 2020 जारी किया गया है, जिसके अनुसार नगरीय क्षेत्रों में स्थित शासकीय भू-खण्डों के ऐसे अधिभोगियों को, जो उनके अधिभोग में दिनांक 31 दिसम्बर, 2014 या उसके पूर्व निर्विवादित रूप से आधिपत्य में रहे हैं और वर्तमान में भी आधिपत्य में चले आ रहे हैं, चिन्हांकित कर नियमानुसार प्रब्याजी एवं भू-भाटक लेकर उनके अधिभोग के भू-खण्डों के 30 वर्षीय स्थायी पट्टे जारी किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जबलपुर जिले अंतर्गत दिनांक 21.02.2022 तक कुल 11999 व्यक्तियों द्वारा आवेदन किये गये हैं, जिनमें से निरंक आवेदकों को भूमि का पट्टा जारी किया गया है तथा 927 आवेदन रिजेक्ट किये गये हैं, जिनकी तहसीलवार स्थिति निम्न है :- तहसील रांझी, आधारताल, गोरखपुर, पाटनकुल स्वीकृत निरंककुल अस्वीकृत रांझी-422, आधारताल-482, गोरखपुर- 022, पाटन-001 कुल 927. (ग) जी नहीं। पोर्टल की कठिनाइयों या दस्तावेजों के अभाव के कारण आवेदन रिजेक्ट नहीं हो रहे हैं। (घ) जी नहीं। वर्तमान में नगरीय सर्वे कार्य पायलट आधार पर हरसूद नगरीय क्षेत्र हेतु किया जा रहा है। जबलपुर में कार्यालय आयुक्त भू-अभिलेख ग्वालियर के पत्र क्रमांक 1266/11-भू.प्र./नगरीय सर्वेक्षण/2021, ग्वालियर दिनांक 02.12.2021 द्वारा जारी चरणबद्ध मार्गदर्शिका में दिए गए निर्देशानुसार जिला स्तर से जिला स्तरीय समन्वय समिति, नगरीय निकाय (नगर निगम) स्तरीय समन्वय समिति, नगरीय निकाय (नगर पालिका परिषद/नगर परिषद) स्तरीय समन्वय समिति, वार्ड स्तरीय समन्वय समिति का गठन किया गया है।

संबल योजना एवं विवाह सहायता योजना

[श्रम]

24. ( *क्र. 898 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाराजपुर विधान सभा क्षेत्र में दिनांक 01.04.2019 से प्रश्‍न दिनांक तक संबल योजना व विवाह सहायता योजना के कुल कितने आवेदन पत्र प्राप्‍त हुए? इनमें से कितने आवेदन स्‍वीकृत किए गए व किन-किन को सहायता प्रदान की गई? विवरण देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में अस्‍वीकृत किए गए प्रकरणों के मामले में अस्‍वीकृति के कारण सहित विवरण देवें।                                                        (ग) भुगतान हेतु शेष रहे आवेदनों में भुगतान न होने का कारण क्‍या है व कब तक भुगतान                                 किया जावेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) महाराजपुर विधान सभा क्षेत्र में दिनांक 01.04.2019 से प्रश्‍न दिनांक तक संबल योजना के कुल 189 आवेदन प्राप्त हुये। इनमें से 175 आवेदन स्वीकृत किये गये तथा 118 प्रकरणों में सहायता प्रदान की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 01.04.2019 से वर्तमान तक म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल अंतर्गत संचालित विवाह सहायता योजना में कुल 583 आवेदन प्राप्‍त हुये, जिनमें से कुल 557 आवेदन स्वीकृत किये गये एवं कुल 557 आवेदनों में सहायता राशि प्रदान की गई है। स्वीकृत प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में संबल योजनांतर्गत कुल 14 आवेदन अस्वीकृत किये गये हैं। कारण सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में विवाह सहायता के कुल 26 आवेदन अस्‍वीकृत किये गये हैं, जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) संबल योजना के 57 प्रकरण भुगतान हेतु लंबित हैं। पर्याप्त बजट उपलब्धता पर भुगतान किया जायेगा। महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र में म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल की विवाह सहायता योजना अंतर्गत स्‍वीकृत प्रकरणों में से भुगतान हेतु कोई प्रकरण शेष नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

बारना नहर की मरम्‍मत

[जल संसाधन]

25. ( *क्र. 715 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2022 की स्थिति में रायसेन जिले में बारना बांध की मुख्‍य नहर 1 की उपनहर-3 (S.M. 3) तथा मुख्‍य नहर 2 की उपनहर-5 (S.M. 5) में विगत 5 वर्षों में क्‍या-क्‍या कार्य कितनी राशि के किन-किन ठेकेदारों से करवाये गये? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) में करवाये गये कार्य गुणवत्‍तापूर्ण नहीं हैं? यदि हाँ, तो विभाग के अधिकारियों द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्‍नांश (क) के कार्यों का निरीक्षण कब-कब किस-किस अधिकारी ने किया तथा क्‍या-क्‍या अनियमिततायें पाईं गईं? पूर्ण विवरण दें। (घ) प्रश्‍नांश (क) के कार्यों में अनियमितताओं की मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को किन-किन माध्‍यमों से शिकायतें प्राप्‍त हुईं तथा उन पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही                                          की गई?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित नहरों में वर्ष 2017 से 2020 तक कोई कार्य नहीं कराया जाना प्रतिवेदित है। वर्ष 2021 एवं 2022 में लाईनिंग कार्य कराया गया है, जो कि गुणवत्‍तापूर्ण है। अतः किसी अधिकारी पर कार्यवाही करने की स्थिति नहीं है। आर.बी.सी. की वितरिका क्र. 3 की माईनर क्र. 1, 2 एवं माईनर क्र. 3 में वर्ष 2019 में लाईनिंग कार्य कराये गये थे। कार्य गुणवत्ताहीन होने के संबंध में माननीय सदस्‍य द्वारा पत्र प्रेषित किया गया था। कार्यपालन यंत्री द्वारा जांच उपरांत गुणवत्ताहीन लाईनिंग कार्य को तुड़वाकर ठेकेदार से स्‍वयं के व्‍यय पर पुनः लाईनिंग कार्य करा लिया जाना प्रतिवेदित है। (ग) अधिकारियों द्वारा किए गए निरीक्षण की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। कार्य में किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं पाई जाना प्रतिवेदित है।                                            (घ) अभिलेख अनुसार प्रश्‍नाधीन नहरों के निर्माण के संबंध में मान. सदस्‍य द्वारा की गई शिकायत जिसकी जाँच प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर अनुसार करायी गयी है, के अलावा अन्‍य कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "पांच"

 

 

 







भाग-2

नियम 46 (2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्‍नोत्तर के रुप में परिवर्तित तारांकित प्रश्‍नोत्तर


प्रोटोकॉल के उल्‍लंघन पर कार्यवाही

[जल संसाधन]

1. ( क्र. 20 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग क्र.-01 सिवनी के द्वारा राकेश पाल विधायक केवलारी के प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया गया था? दोषी अधिकारी के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या पूर्व तारांकित प्रश्‍न क्र. 265 दिनांक 24.02.2021 प्रश्नांश (ख) एवं (ग) में नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी का उल्लेख किया गया था? यदि हाँ, तो आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या समयावधि व्यतीत होने के उपरांत कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक समयावधि बतावें। (घ) क्या श्री पी.एन.नाग तत्कालीन कार्यपालन यंत्री के द्वारा प्रोटोकॉल के उल्लघंन करने पर निलंबन की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। दोषी अधिकारियों के विरूद्ध दिनांक 28.01.2021 से कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया एवं आदेश दिनांक 15.02.2021 द्वारा तत्‍काल मैदानी पदस्‍थापना से हटाकर सहायक यंत्री (रूपांकन) के पद पर कार्यालय, मुख्‍य अभियंता, बैनगंगा कछार, सिवनी में पदस्‍थ किया गया। (ख) से (घ) जी हाँ। श्री नाग, सहायक यंत्री (प्रभारी कार्यपालन यंत्री) को दोषी पाए जाने पर आदेश दिनांक 28.02.2022 द्वारा एक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी जाकर दंडित किया गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

पीस वर्क पद्धति के कार्य

[जल संसाधन]

2. ( क्र. 24 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्या जल संसाधन विभाग में पीस वर्क पद्धति से कार्य किया जाता है। यदि हाँ, तो यह किन परिस्थितियों में किया जाता है? एक पद्धति से एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम कितनी राशि का कार्य किया जा सकता है? (ख) जल संसाधन विभाग में पिछले 5 वर्षों में कितनी राशि के कार्य मुख्य अभियंतावार, अधीक्षणयंत्री वार एवं संभागवार कराए गए है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। मध्‍यप्रदेश शासन सिंचाई विभाग के पत्र क्र. 15/31/84/मध्‍यम/31, दिनांक 02 सितम्‍बर 1988 द्वारा निम्‍नानुसार निर्देश हैं :- (1) यदि दो बार निविदांए बुलाने पर निविदा न प्राप्‍त हो‍ने के कारण अथवा प्राप्‍त निविदा में उपयुक्‍त दर न होने के कारण सक्षम अधिकारी द्वारा ठेके निर्धारण करना संभव नहीं होता है। इस हालत में सिंचाई विभाग के अधिकारी पीसवर्क/वर्क आर्डर पद्धति से कार्य कराने के लिये सक्षम होंगे।             (2) आपातकालीन स्थिति एवं अपरिहार्य स्थिति में मुख्‍य अभियंता अभिलेख में लिखित रूप से कारण दर्शाते हुए पीस वर्क/वर्क आर्डर पद्धति पर बिना निविदा बुलाए कार्य हाथ में लेने के आदेश दे सकेंगे। (3) उपरोक्‍त कण्डिका 1 एवं 2 में दर्शाई गई व्‍यवस्‍था के अंतर्गत प्रत्‍येक सिंचाई संभाग में वित्‍तीय वर्ष में वर्क/वर्क आर्डर प्रणाली द्वारा कार्य निम्‍नानुसार संपादित कराये जा सकते हैं : (क) कार्यपालन यंत्री अपने संभाग (डिवीजन) में सभी कार्यों में प्रतिवर्ष रूपये 2 लाख तक।              (ख) अधीक्षण यंत्री अपने मण्‍डल के अंतर्गत प्रत्‍येक संभाग/डिवीजन में रूपये 02 लाख तक पीस वर्क/वर्क आर्डर पर कार्य कराने की उपरोक्‍त स्‍वीकृति दे सकेंगे। मध्‍यप्रदेश शासन जल संसाधन विभाग मंत्रालय के पत्र क्र. 4214028/पार्ट-3/मध्‍यम/31/2011/927, दिनांक 04.11.2011 द्वारा उपरोक्‍त वर्णित आदेश दिनांक 02 सितम्‍बर 1988 की कण्डिका 3 में प्रत्‍येक संभाग में रूपये 2 लाख तक पीस वर्क पर कार्य कराने की निर्धारित सीमा को संशोधित कर सिर्फ मध्‍यम एवं वृहद परियोजनाओं के लिए रू. 20 लाख तक किया गया है। तद्नुसार कार्यपालन यंत्री अपने संभाग में अधीक्षण यंत्री की अनुशंसा उपरांत मुख्‍य अभियता की स्‍वीकृति से सभी कार्यों पर प्रतिवर्ष            रू.20 लाख तक के कार्य पीस वर्क पर करा सकेंगे। लघु सिंचाई योजनाओं में एक संभाग अंतर्गत रू.2 लाख तथा वृहद एवं मध्‍यम परियोजनाएं होने की स्थिति में अधिकतम रू. 20 लाख तक के कार्य संपादित कराने की व्‍यवस्‍था है। (ख) जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट  अनुसार है।

अतिवृष्टि से नष्‍ट हुई फसलों के मुआवजा राशि का वितरण

[राजस्व]

3. ( क्र. 29 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वित्‍तीय वर्ष 2019-20 में प्रदेश में अतिवृष्टि के कारण फसले नष्‍ट हुई थी? यदि हाँ, तो किस-किस जिले में कितनी राशि स्‍वीकृति की गई थी? जिलेवार स्‍वीकृत राशि की संख्‍यात्‍मक जानकारी उपलब्‍ध कराये। (ख) प्रश्‍नांश (क) का उत्‍तर यदि हाँ है तो प्रश्‍न दिनांक तक स्‍वीकृत राहत राशि किस-किस जिले में कितने प्रतिशत किसानों को वितरित कर दी गई? वितरित की गई राशि की जिलेवार संख्‍यात्‍मक जानकारी बताएं। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार क्‍या कुछ जिलों में स्‍वीकृत राहत राशि का वितरण बाकी है? यदि हाँ, तो किस-किस जिले में कितनी-कितनी राहत राशि का वितरण बाकी है? जिलेवार संख्‍यात्‍मक जानकारी दें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) अनुसार क्‍या लंबित राहत राशि का भुगतान शासन कर देगा? हाँ तो कब तक समय-सीमा बताएं।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जानकारी संकलित की जा रही है।              (ख) एवं (ग) जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

कृषि उपज का समर्थन मूल्‍य पर उपार्जन

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

4. ( क्र. 58 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) कृषि उपज के उपार्जन में किन-किन शासकीय विभागों/निगमों/मण्‍डलों की सहभागिता होती है? रबी एवं खरीब फसलों के उपार्जन कार्य का नोडल कौन-कौन शासकीय विभाग/निगम/मंडल होता है, तथा किस प्रक्रिया से उपार्जन कार्य किया जाता है? क्‍या उपार्जन कार्य में सहभागिता करने वाले विभागों के शासकीय सेवकों की जिम्‍मेदारी भी निर्धारित है? यदि हाँ, तो विवरण एवं नियम/निर्देश बताएं। (ख) सिवनी जिले में आगामी गेहूँ खरीदी हेतु क्‍या कार्य योजना है? कितने एवं किन-किन स्‍थानों पर उपार्जन केन्‍द्र स्‍थापित किये जा रहे हैं? प्रस्‍तावित/स्‍वीकृत खरीदी केन्‍द्रों का संचालन किन समितियों/समूहों द्वारा किया जाना है? इन समितियों/समूहों के चयन का आधार क्‍या है?              (ग) प्रश्‍नांश (ख) गेहूँ खरीदी हेतु किन-किन विभागों के किस-किस शासकीय सेवक की क्‍या-क्‍या भूमिका एवं जिम्‍मेदारी नियत है? क्‍या विगत 03 वर्षों में उपार्जन में कार्यरत रहे शासकीय सेवकों द्वारा अपने पदीय दायित्‍वों का निर्देशानुसार निर्वहन किया गया? यदि हाँ,तो किस प्रकार? यदि नहीं, तो क्‍या कार्यवाही की गई? प्रश्‍नांकित अवधि में उपार्जन कार्यों में परिलक्षित/ज्ञात अनियमितताओं पर अब तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्‍नांश (क) से (ग) क्‍या उपार्जन में अनियमितता पाये जाने पर संबंधितों की जिम्‍मेदारी निर्धारित करते हुये कोई एकीकृत नीति बनाई जायेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? यदि नहीं, तो स्‍पष्‍ट कीजिए की पूर्व में कई विभागों एवं कार्यालयों के उपार्जन में सम्‍मलित होने से व्‍याप्‍त विसंगतियों और जिम्‍मेदारियों का निर्धारण न होने का क्‍या निदान है?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) समर्थन मूल्‍य पर खाद्यान्‍न दलहन एवं तिलहन उपार्जन कार्य में सहभागिता करने वाले विभागों/निगम/मण्‍डलों के नाम एवं उनके अमले के दायित्‍वों का विवरण  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। समर्थन मूल्‍य पर खाद्यान्‍न उपार्जन हेतु मध्‍यप्रदेश स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज कार्पोरेशन एवं दलहन उपार्जन हेतु मध्‍यप्रदेश राज्‍य सहकारी विपणन संघ नोडल एजेंसी है। समर्थन मूल्‍य पर खाद्यान्‍न दलहन उपार्जन का कार्य उपार्जन नीति अनुसार किया जाता है जिसकी प्रति पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-ब अनुसार है। (ख) सिवनी जिले में रबी विपणन वर्ष 2022-23 में समर्थन मूल्‍य पर गेहूं उपार्जन हेतु 237 एमपी ऑनलाईन कियोस्‍क/सुविधा केन्‍द्र/कामन सर्विस सेन्‍टर/लोक सेवा केन्‍द्र एवं 94 पंजीयन केन्‍द्रों के माध्‍यम से पंजीयन किया जा रहा है। सिवनी जिले में पंजीयन करने वाली संस्‍थाओं/समूहों एवं पंजीयन केन्‍द्रों की सूची पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-स अनुसार है। गेहूं उपार्जन हेतु उपार्जन केन्‍द्र का निर्धारण एवं अन्‍य व्‍यवस्‍थाएं उपार्जन नीति में उल्‍लेखित मापदण्‍ड अनुसार की जाएगी। (ग) समर्थन मूल्‍य पर गेहूं उपार्जन में विभाग/निगम के अधिकारियों की भूमिका का विवरण पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। सिवनी जिले में विगत तीन वर्षों में उपार्जन कार्य में संलग्‍न शासकीय सेवकों द्वारा अपने दायित्‍वों का निर्वहन किया गया है। दायित्‍व निर्वहन में शिथिलता/अनियमितता करने वाले शास‍कीय सेवकों के विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-द अनुसार है। (घ) समर्थन मूल्‍य पर खाद्यान्‍न उपार्जन, परिवहन, भण्‍डारण, भुगतान, बारदाना व्‍यवस्‍था आदि व्‍यवस्‍था करने हेतु एकीकृत उपार्जन नीति जारी की जाती है जिसमें सभी संबंधित संस्‍थाओं एवं उनके अमले का दायित्‍व का निर्धारण किया जाता है। दायित्‍वों के निर्धारण में शिथिलता बरतने वाले कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही भी की जाती है। उपार्जन का कार्य विस्‍तृत स्‍वरूप का होने के कारण एक से अधिक विभागों/एजेंसियों/संस्‍थाओं द्वारा कार्य किया जाता है। उपार्जन व्‍यवस्‍था में विसंगती होने एवं जिम्‍मेदारी का निर्धारण न होने जैसी स्थिति नहीं है। उपार्जन कार्य में अधिक से अधिक तकनीक का उपयोग कर बेहतर व्‍यवस्‍था करने का प्रयास विभाग द्वारा निरन्‍तर किया जा रहा है।

सिवनी जिले में शासकीय लीज भूमि का दुरूपयोग

[राजस्व]

5. ( क्र. 59 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) सिवनी जिले में कितने व्‍यक्ति/संस्‍थाओं को किन प्रयोजन हेतु कितनी भूमि लीज पर कितने वर्षों के लिये आवंटित की गई है? (ख) क्‍या उक्‍त भूमि पर प्रथम लीज आवंटन आदेश के प्रयोजन अनुसार व्‍यक्ति/संस्‍था द्वारा उपयोग किया जा रहा है? यदि नहीं, तो, जिले में किन-किन भूमि का प्रयोजन परिवर्तन करने के आदेश जारी किये गये हैं? (ग) क्‍या चंद पैसों की लीज पर ली गई शासकीय करोड़ों अरबों रूपये की भूमि का मद परिवर्तन कराकर नगर में कालोनी का अवैध व्‍यवसाय किया जा रहा है? यदि हाँ, तो लीज भूमि पर कितनी अवैध कॉलोनियां काटी गई हैं?                 (घ) क्‍या यह शासकीय भूमि को भू-माफियों के हाथों नीलाम की जा रही है? यदि हाँ, तो क्‍या प्रदेश सरकार ऐसी समस्‍त लीज भूमि जिसका उपयोग प्रथम आवंटन आदेशानुसार नहीं हो रहा है, उक्‍त भूमि को वापस शासकीय मद में लेने पर विचार करेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : जिला सिवनी अंतर्गत 4297 व्‍यक्ति/संस्‍थाओं को आवासीय एवं व्‍यवसायिक प्रयोजन हेतु रकबा 1350000 वर्गमीटर नजूल भूमि स्‍थायी लीज पर 30 वर्षों के लिये आवंटित की गई है। (ख) जी नहीं। जिला सिवनी के अंतर्गत आवासीय लीज भूमि को व्‍यवसायिक प्रयोजनों में परिवर्तन के आदेश जारी किये गये है। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

कुण्डालिया परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति

[जल संसाधन]

6. ( क्र. 77 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा पूछे गए तारांकित प्रश्‍न क्र. 172 दिनांक 22 दिसंबर 2021 के प्रश्‍न (क) के उत्तर में बताया गया है कि प्रथम दृष्टया बनाये गये प्रथम स्तरीय प्राक्कलन में लगभग 423 ग्रामों की 1,12,400 हेक्टेयर सैंच्य क्षेत्र को प्रस्तावित किया गया था। तहसीलवार ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है जिसमें सारंगपुर तहसील के 76 ग्रामो को सम्मिलित किया गया था एवं प्रश्‍न (ख) के उत्तर में बताया गया है कि विस्तृत सर्वेक्षण के उपरांत 407 ग्रामों की 1,39,000 हेक्टेयर सैंच्य क्षेत्र में निर्धारित किया गया है जिसकी जानकारी तहसीलवार, ग्रामवार रकबे की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। जिसमें सारंगपुर तहसील के मात्र 16 ग्रामों का सैंच्य क्षेत्र 5743.47 हेक्टेयर निर्धारित किया गया है, जो कि सारंगपुर क्षेत्र के किसानों के साथ विभाग द्वारा राजनैतिक दबाव में आकर परियोजना का बदलाव किया गया है? क्या सारंगपुर के जो 60 ग्राम काटे गये है उन्हें कुण्डालियां परियोजना का लाभ प्राप्त होगा? (ख) प्रश्‍न (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि नहीं, तो सारंगपुर तहसील के छोड़े गये 60 ग्रामों के रकबे को किस सिंचाईं योजना से लाभान्वित किया जावेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी, हाँ। जी हाँ। वस्‍तुस्थिति यह है कि जलाशय में उपलब्ध जल से, प्रचलित मापदण्डों के अनुसार कमाण्ड क्षेत्र का निर्धारण किया गया है। अत: सारंगपुर क्षेत्र के किसानों के साथ विभाग द्वारा राजनैतिक दबाव में आकर परियोजना में बदलाव करने की स्थिति नहीं हैं। भौगोलिक परिस्थिति एवं विस्तृत सर्वेक्षण के उपरांत प्रश्‍नाधीन क्षेत्र को शामिल करना उचित नहीं पाया गया है। साथ ही बांध में अतिरिक्त जल उपलब्ध न होने एवं प्रश्‍नाधीन ग्राम प्रतिकूल ऊंचाई पर स्थित होने के कारण सारंगपुर क्षेत्र के 60 ग्रामों को कुण्डालिया परियोजना में सम्मिलित किया जाना संभव नहीं हैं। (ख) सांरगपुर तहसील के शेष 60 ग्रामों के सिंचाई हेतु वर्तमान में कोई परियोजना विचाराधीन नहीं है।

राजस्व अधिकारी के विरुद्ध चालानी कार्यवाही

[राजस्व]

7. ( क्र. 78 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा पूछे गए तारांकित प्रश्‍न क्र. 171 दिनांक 22 दिसंबर 2021 के उत्तर में राजस्व मंत्री द्वारा बताया गया कि जिला राजगढ़ का तहसीलदार श्री असमनराम चिरामन का प्रकरण अभियोजन के संबंध में विधि विभाग के अभिमत हेतु नस्ती भेजी गई है। यदि हाँ, तो विधि विभाग द्वारा अभियोजन की अनुमति कब तक प्रदान कर दी जावेगी? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि नहीं, तो क्या शासन अधिकारी को संरक्षण दे रहा है? यदि नहीं, तो दोषी अधिकारी के विरुद्ध कब तक आवश्यक कार्यवाही की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) प्रश्‍नांश () के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

पीथमपुर तहसील कार्यालय का भवन निर्माण

[राजस्व]

8. ( क्र. 89 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) पीथमपुर तहसील कार्यालय वर्तमान में कहां स्थापित है तथा क्या उक्त भवन तहसील कार्यालय हेतु पर्याप्त है? (ख) यदि नहीं, तो क्या पीथमपुर में नवीन तहसील कार्यालय निर्माण हेतु राजस्व विभाग द्वारा भूमि का चिन्हांकन कर लिया गया है? (ग) यदि हाँ, तो क्या विभाग पीथमपुर तहसील भवन निर्माण हेतु आवश्यक धनराशि का प्रावधान आगामी बजट में कर, भवन का निर्माण करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) पीथमपुर तहसील कार्यालय वर्तमान में विकास भवन में स्‍थापित है। जी नहीं (ख) जी हाँ (ग) राजस्‍व विभाग के आगामी कार्यालय भवनों का निर्माण मध्‍यप्रदेश शासन,नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग द्वारा दिनांक 20.04.2016 को जारी की गई'' शहरी क्षेत्रों में स्थित शासकीय भवन/परिसरों के लिये पुनर्घनत्‍वीकरण नीति, 2016'' के प्रावधानों के तहत किया जाना है अत: धनराशि का प्रावधान आगामी बजट में किये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

गेहूँ, चावल की खरीदी एवं भुगतान

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

9. ( क्र. 94 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) प्रदेश में वर्ष 2018-2019 एवं 2020-2021 में कितनी मात्रा में गेहूँ, चावल की खरीदी की गई? मात्रा सहित जानकारी दी जावें। केन्द्र शासन द्वारा कितनी राशि एवं मात्रा की खरीदी की स्वीकृति दी गई थी? (ख) क्या वर्ष 2020-2021 में जो गेहूँ खरीदा गया उसे खुले कैम्पों में एवं निजी गोदामों में रखा गया, जिससे काफी मात्रा में गेहूँ खराब हुआ? (ग) क्या वर्ष 2018-2019 में केन्द्र की स्वीकृति से अधिक गेहूँ खरीदी का भुगतान देने से केन्द्र द्वारा असहमति दी गई? कितनी मात्रा का गेहूँ अधिक था? उसका भुगतान कहाँ से किया गया? (घ) क्या रिर्ज़व बैंक द्वारा तय की गई लिमिट के आधार पर राज्य सरकार की गारन्टी पर, खाद्य, नागरिक आपूर्ति निगम, राज्य विपणन संघ जैसी संस्थाओं को दिया गया था। खरीदी एवं भण्डारण का कर्ज वर्ष 2021 तक कितना हो गया है? इसे प्रदेश सरकार कैसे वापस करेगी? राशि की मात्रा सहित पूर्ण जानकारी दी जावे।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) :  (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

समितियों द्वारा बाजरा एवं ज्वार की खरीदी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

10. ( क्र. 95 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) ग्वालियर एवं चम्बल संभाग के जिलों एवं सीहोर, देवास, सागर, पन्ना जिलों में वर्ष 2021 एवं 2022 में कितनी समितियों द्वारा कितना बाजरा, ज्वार खरीदा गया? जिलावार खरीद की मात्रा की जानकारी दी जावे। (ख) क्या उक्त खरीदे गये बाजरा, ज्वार को गोदाम स्तर पर ही नान एफएक्यू बताकर परिवहन नहीं किया गया है, जबकि बाजरा की क्‍वालिटी अन्य वर्षों की तुलना के समान थी क्यों? सबसे अधिक बाजरा, ज्वार किस जिले की किस समिति द्वारा खरीदा गया? (ग) क्या उक्त खरीदी की जानकारी जिलों के जिम्मेदार अधिकारियों की नहीं थी? इतनी मात्रा में हुई खरीद की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा समय पर क्यों नहीं ली गई? जिलों में कौन अधिकारियों की जिम्मेदारी थी? पदनाम सहित जिलावार जानकारी दी जावें। उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) अभी तक कितने जिलों में किसानों के बाजरा, ज्वार की वापसी हो चुकी है? जिलावार मात्रा सहित जानकारी दी जावें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) ग्वालियर एवं चम्बल संभाग के जिले तथा सीहोर, देवास, सागर, पन्ना जिलों में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में समर्थन मूल्‍य पर ज्‍वार एवं बाजरा उपार्जन करने वाली समितियों एवं जिलेवार उपार्जित मात्रा जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-अ  अनुसार है। (ख) भारत सरकार द्वारा निर्धारित एफएक्‍यू मापदण्‍डों के अनुसार मानक स्‍तर का ज्‍वार एवं बाजरा उपार्जन करने का प्रावधान है। प्रदेश में उपार्जित मोटे अनाज का वितरण लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत कराया जाता है। ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीकृत किसानों से एफएक्‍यू गुणवत्‍ता का ज्वार एवं बाजरा उपार्जन कर गोदामों में भण्‍डरित कराया गया है नान एफएक्‍यू स्‍कंध के उपार्जन, परिवहन एवं भण्‍डारण कराने का प्रावधान नहीं है। समर्थन मूल्‍य पर ज्‍वार एवं बाजरा उपार्जन हेतु गुणवत्‍ता परीक्षण उपार्जन केन्‍द्र एवं भण्‍डारण केन्‍द्र पर भारत सरकार द्वारा निर्धारित एफएक्‍यू मापदण्‍ड अनुसार किया जाता है। उपार्जन हेतु विगत वर्षों में उपार्जित ज्‍वार एवं बाजरा की गुणवत्‍ता की तुलना नहीं की जाती है। खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में ग्‍वालियर जिले की प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति तिघारा द्वारा 8183 क्विंटल बाजरा एवं प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति हस्‍तीनापुर द्वारा 27781 क्विंटल ज्‍वार खरीदी गई है, जो कि सर्वाधिक है। (ग) खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में मोटा अनाज (ज्‍वार एवं बाजरा) के उपार्जन की व्‍यवस्‍था की निगरानी हेतु प्रत्‍येक जिले में जिला स्‍तर पर जिला उपार्जन समिति एवं अनुभाग स्‍तर पर अनुविभागीय उपार्जन समिति का गठन किया गया, जिनके द्वारा उपार्जन कार्य की सतत् निगरानी एवं पर्यवेक्षण किया जाता है। उपार्जन समितियों के कर्मचारियों को स्‍कंध के गुणवत्‍ता परीक्षण का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। उपार्जन नीति के प्रावधानों के अनुरूप एफएक्‍यू गुणवत्‍ता को ज्‍वार एवं बाजरा का उपार्जन कराया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।             (घ) उपार्जन केन्‍द्र एवं गोदाम स्‍तर पर गुणवत्‍ता परीक्षण में अमानक पाये गये ज्‍वार एवं बाजरा की किसानों को वापसी की जिलेवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार है।

परिशिष्ट - "छ:"

शासकीय भूमि के संबंध में

[राजस्व]

11. ( क्र. 114 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) प्रश्‍नकर्ता द्वारा विगत कई वर्षों से ग्राम बोरदा बन्‍नाखेड़ा की चौपाटी स्थित भूमि सर्वे नं. 224, 225 एवं 226 को शासकीय भूमि घोषित कर शासनाधीन किये जाने हेतु लगातार पत्रों व सदन में प्रश्‍नों के माध्‍यम से कार्यवाही की जा रही है? (ख) सर्वे नं. 225 एवं 226 का सीमांकन कर इसे शासनाधीन लिया जाकर भूमि स्‍थल पर (यह भूमि शासकीय है) ऐसे साईन बोर्ड लगा दिये गये हैं? (ग) क्‍या सर्वे नं. 225 एवं सर्वे नं. 226 की कुल कितनी-कितनी भूमि रिक्‍त होकर शासनाधीन हुई एवं उक्‍त दोनों सर्वे नं. पर कुल कितना किस-किस प्रकार का अतिक्रमण पाया गया? कार्यवाही का विवरण देवें। (घ) सर्वे नं. 224 जो कि प्रारंभ से लीज भूमि होकर शासन की ही रही, जिसे षडयंत्र पूर्वक कूट रचित दस्‍तावेजों के माध्‍यम से हड़पने का प्रयास किया जा रहा था, विगत वर्षों की नीलामी के आधार पर उस तात्‍कालिक समय में हुई नीलामी को कमिश्‍नर द्वारा निरस्‍त कर शून्‍य कर दिया गया है तो सर्वे नं. 224 को शासनाधीन कब किया जाएगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) अभिलेख अनुसार सर्वे नम्बर 225226 की निजी भूमि छोड़कर शेष शासकीय भूमि का सीमांकन किया जाकर (यह भूमि शासकीय है) का साईन बोर्ड लगाये गये। (ग) सर्वे नम्बर 225 निजी भूमि है। अभिलेख अनुसार 226 के सर्वे नम्बर 226/5 रकबा 0.025, 226/6 रकबा 0.020, 226/7 रकबा 0.017, 226/8 रकबा 0.064,226/1/4 रकबा 0.013 की भूमि निजी दर्ज है। शेष सर्वे नम्बर 226/1/3 रकबा 2.036, 226/2 रकबा 1.012, 226/1/3 रकबा 2.036, 226/3/1 रकबा 0.588, 226/3/2 रकबा 0.044, 226/4 रकबा 0.253 की भूमि शासकीय है। भूमि सर्वे नं. 226/1/3 रकबा 2.036 की भूमि में आफिस के कमरे, क्वार्टर, टीन शेड, फैक्ट्री का पुरानी मशीनें, गोडाउन आदि बने है शेष भूमि मौके पर खुली है। सर्वे नं. 226/2 रकबा 1.012 में प्रियदर्शनी इंदिरा गांधी बस स्टैण्ड, नगर पालिका द्वारा निर्मित दुकाने, ऑटो स्टैण्ड, यातायात चौकी, मंदिर सुलभ कॉम्पलेक्स आदि बने हुए है। सर्वे नम्बर 226/3/1 रकबा 0.588, 226/3/2 रकबा 0.044, 226/4 रकबा - 0.253 की भूमि पर श्रीनगर कॉलोनी स्थित है, उपरोक्त संरचना भूमि शासकीय घोषित होने के पूर्व से बनी हुई है उपरोक्त शासकीय सर्वे नम्बरान का प्रकरण हाई कोर्ट में विचाराधीन है श्रीनगर कॉलोनी रिट पिटीशन 1357/2013 वाद प्रचलित है।          (घ) सर्वे नम्बर 224 की भूमि विक्रय अधिकारी द्वारा बकाया पेटे नीलामी की गई थी, न्यायालय अपर आयुक्त उज्जैन संभाग उज्जैन के प्रकरण क्रमांक 74/2000-2001 निगरानी में विक्रय कर विभाग द्वारा की गई नीलामी कार्यवाही निरस्त की जाकर प्रकरण में पुनः विधिवत उद्घोषणा एवं पृथक-पृथक नीलाम किये जाने हेतु प्रस्ताव किया गया। माननीय राजस्व मण्डल म.प्र. ग्वालियर के प्रकरण क्रमांक निगरानी 2822/तीन-2002 में पारित आदेश दिनांक 21/07/2002 द्वारा न्यायालय अपर आयुक्त उज्जैन संभाग उज्जैन के उक्त प्रकरण क्रमांक 74-2000 -01 निगरानी में पारित आदेश दिनांक 01/07/2002 को विधिसंगत मानते हुए स्थिर रखा गया है। माननीय उच्च न्यायालय म.प्र. खण्डपीठ इन्दौर में प्रचलित रही याचिका क्रमांक रिट पिटीशन 19/2005 प्रीमियर वेजीटेबल आईल मिल प्रोडेक्ट लिमिटेड विरूद्ध म.प्र.शासन आदि में पारित आदेश दिनांक 31/03/2005 एवं 05/07/2006 द्वारा न्यायालय अपर आयुक्त उज्जैन के उक्त प्रकरण क्रमांक 74/2000-01 एवं माननीय राजस्व मण्डल म.प्र. ग्वालियर के प्रकरण क्रमांक आर/1603/आर/2002 के पारित आदेश दिनांक 21/07/2004 के पारित आदेश दिनांक 21/07/2004 को स्थगित रखे जाने का आदेश किया गया है। वर्तमान में इस प्रकरण में रिट पिटीशन क्रमांक 19/2005 माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर में प्रचलित है। भूमि सर्वे नं. 224 रकबा 1.050 हेक्टर भूमि में से भूमि का भाग सेतु निर्माण हेतु अधिग्रहित की गई है, जिसके मुआवजे के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय इन्दौर में रिट पिटीशन 14955/2020 वाद वर्तमान में प्रचलित है। माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर में वाद प्रकरण रिट पिटीशन 1956/2013, रिट पिटीशन 11706/2018, रिट पिटीशन 17643/2021 भी प्रचलित है। मान. न्‍यायालय में प्रकरण प्रचलित होने से अग्रि‍म कार्यवाही किये जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

नीलगाय से हो रही हानि की क्षतिपूर्ति

[वन]

12. ( क्र. 115 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या यह सही है कि मध्‍यप्रदेश में लगातार बढ़ते जा रहे कृषि उत्‍पादन के साथ ही प्रदेश भर में रोजड़ों (नीलगाय) की संख्‍या भी निरंतर बढ़ती जा रही है तो प्रदेश भर के समस्‍त जिलो में रोजड़ों की संख्‍या की गणना किये जाने हेतु शासन/विभाग द्वारा क्‍या किया जाता है? (ख) समस्‍त जिलों में इनकी गणना किये जाने हेतु शासन/विभाग द्वारा किस-किस को अधिकृत रूप से जिम्‍मेदारी सौंप कर यह गणना करवाई जाती है? (ग) संपूर्ण जिलों में जिलावार इनकी संख्‍या कितनी-कितनी है एवं इसी प्रकार संपूर्ण प्रदेश भर में लगभग कितनी संख्‍या इन रोजड़ों (नीलगाय) की है? जिलेवार संख्‍या सहित बताएं? (घ) यह भी सही है कि यह झुण्‍ड के रूप में रहकर खडी फसलों को चबाकर, खाकर एवं रौंदकर पूरी तरह से नष्‍ट कर देते है, इससे संपूर्ण फसलें ही नष्‍ट होकर भारी नुकसान होता है तो कृषकों की इस क्षति का आंकलन किस प्रकार किया जाता है और क्‍या मुआवजा व क्षतिपूर्ति किये जाने हेतु शासन/विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या किया जाता है?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रदेश के कुछ जिलों यथा रतलाम, मंदसौर, नीमच, देवास, छतरपुर, सागर, रीवा, शहडोल, आदि में रोजड़ों (नीलगाय) की संख्‍या में वृद्धि हुई है। वन क्षेत्रों में रोजड़ों की संख्‍या का आंकलन अखिल भारतीय बाघ आंकलन के दौरान किया जाता है। राजस्‍व क्षेत्रों में रोजड़ों की संख्‍या ग्रामीणों एवं पंचायत आदि से प्राप्‍त सूचना पर आधारित मात्र अनुमानित गुणात्‍मक आंकलन है। (ख) वन क्षेत्रों में रोजड़ों (नीलगाय) के गणना हेतु कार्यक्षेत्र में स्‍थानीय वन अमले को जवाबदारी सौंपी जाती है। (ग) वर्ष 2018 के अखिल भारतीय बाघ आंकलन के पश्‍चात भारत शासन द्वारा जारी रिपोर्ट में रोजड़ों (नीलगाय) की उपस्थिति वाले क्षेत्रों को प्रदर्शित करता नक्‍शा तथा टाइगर रिजर्वों में रोजड़ों (नीलगाय) का घनत्‍व प्रतिवर्ग कि.मी. दर्शाया गया है, जो  संलग्‍न परिशिष्‍ट-1 एवं 2 में है। चूंकि लैण्‍डस्‍केप में घनत्‍व का आंकलन है अत: जिलेवार संख्‍या देना संभव नहीं है। (घ) कृषकों की फसल क्षति हानि का आंकलन राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6.4 के प्रावधानों के अंतर्गत राजस्‍व विभाग द्वारा किया जाता है। क्षतिपूर्ति राजस्‍व विभाग द्वारा मध्‍यप्रदेश लोकसेवा गारंटी अधिनियम की सेवा क्रमांक-4.6 ''वन्‍यप्राणियों से फसल हानि का भुगतान (राजस्‍व एवं वनग्रामों में)'' के प्रावधानों के अनुरूप की जाती है।

परिशिष्ट - "सात"

शासकीय परिसम्‍पतियों की भूमि का सीमांकन

[राजस्व]

13. ( क्र. 116 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्‍या यह सही है कि जावरा तहसील एवं पिपलौदा तहसील अन्‍तर्गत दो जनपद पंचायत, एक नगर पालिका, एक नगर परिषद एवं जावरा कृषि उपज मंडी एवं उपमंडियों के साथ ही हाट बाजार तथा महाविद्यालयीन, विद्यालयीन, कृषि विभागों की शासकीय परिसम्‍पत्तियां हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या शासन/विभाग की समस्‍त विभागीय परिसंपतियों के साथ ही उनसे संलग्‍न व उन्‍हें आवंटित भूमियों का सीमांकन कब-कब किया गया? समस्‍त विभागों की विभागीय जानकारी बतावें।         (ग) जावरा नगर एवं पिपलौदा नगर में दोनों की सीमा अन्‍तर्गत (प्रस्‍तावित मास्‍टर प्‍लान क्षेत्र सहित) शासन/विभाग की किन-किन स्‍थानों पर कितनी-कितनी शासकीय राजस्‍व भूमि, नजूल भूमि स्थित होकर कितनी-कितनी है? (घ) क्‍या समस्‍त शासकीय उपरोक्‍तानुसार उल्‍लेखित विभिन्‍न विभागीय व अन्‍य शासकीय भी संपर्ण रूप से शासन के नियंत्रण में है अथवा उन पर अतिक्रमण है तो किन-किन स्‍थानों पर, किस-किस प्रकार का व कितनी भूमि विवादित होकर किस स्थिति में है? संपूर्ण विवरण बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। तहसील जावरा पिपलौदा में शासकीय विभागो की परिसंपत्तियां है। (ख) तहसील जावरा में आवंटित भूमियों का सीमांकन संबंधित विभाग को आवंटन के समय एवं कब्जा प्रदान करते समय किया गया था। तहसील पिपलौदा में सीमांकन करने संबंधी कोई आवेदन प्राप्त नहीं होने से जानकारी निरंक है। (ग) तहसील पिपलौदा अंतर्गत शासकीय राजस्व भूमि 9553 हेक्टर है। पिपलौदा क्षेत्र अंतर्गत नजूल भूमि निरंक है। पिपलौदा नगर में शासन/विभाग की सूची  पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्ट '''' अनुसार। तहसील जावरा नगर (कस्बा जावरा, बन्नाखेडा,कुम्हारी, सुजावता) की सम्पूर्ण क्षेत्रफल में शासन/विभाग की सूची  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '' '' एवं '' 'अनुसार। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-द अनुसार।

पटेरा वि.ख. के प.ह.नं. 13/21 में जमीनी हेरा-फेरी

[राजस्व]

14. ( क्र. 137 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या यह सही है कि तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 428 दिनांक 19.12.2019 जिला दमोह के पटेरा विकासखण्‍ड में छेवलादुबे हल्‍का नंबर 13/21 की बदोंबस्‍त की मिशन, रिनंबरिंग सूची में सन् 1985 से 1999 तक शासकीय अभिलेखों में भारी हेरा-फेरी कर जमीन किसी की किसी के नाम पर की गई थी एवं जिसका शासकीय रिकार्ड आज भी उपलब्‍ध नहीं है जिसकी जानकारी चाही गई थी? क्‍या गलत जानकारी प्रदाय की गई थी एवं सत्‍य जानकारी उपलब्‍ध नहीं करायी गयी थी क्‍यों? (ख) क्‍या उक्‍त संबंध में प्रमुख सचिव राजस्‍व को लेख कि‍या गया था लेकिन आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई न ही रिकार्ड उपलब्‍ध कराया गया? भारी लापरवाहियों की जांच भी नहीं करायी गई एवं कोई वैधानिक कार्यवाही भी नहीं की गई क्‍यों? उक्‍त कार्यवाही एवं जांच कब तक की जावेगी? समय-सीमा बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। दमोह जिले के पटेरा विकासखण्‍ड के ग्राम छेवला दुबे प.ह.नं. 13/21 के संबंध में वांछित अभिलेख में से उपलब्‍ध अभिलेख की वर्ष 1984-85 से वर्ष 1988-89 एवं 1989-90 से 1992-93 तक के खसरों की छायाप्रति एवं राजस्‍व रिकॉर्ड, बंदोबस्‍त की मिशन तथा रीनंबरिंग सूची एवं निस्‍तार पत्रक की छायाप्रति जानकारी प्रदान की गई थी। शेष खसरा अभिलेख 1993-94 से 1999 तक के खसरा हटा तहसील में 2005 में बाढ़ आजाने से नष्‍ट हो जाने के कारण उपलब्‍ध नहीं हो पाये। उपलब्‍ध अभिलेख अनुसार सही जानकारी प्रदान की गई। (ख) इस संबंध में कलेक्‍टर दमोह के द्वारा प्रमुख सचिव को प्रेषित प्रतिवेदन का परीक्षण किया जाकर नियमानुसार कार्यवाही करते हुए, विधानसभा को दिनांक 24/08/2021 को अवगत कराया जा चुका है।

प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य के पत्रों पर कार्यवाही

[श्रम]

15. ( क्र. 175 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 मार्च, 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में मान. मंत्री जी को प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्र किन-किन दिनांकों में प्राप्‍त हुये? मान. मंत्री जी ने किन-किन अधिकारियों को कार्यवाही हेतु कब-कब निर्देशित किया? (ख) प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्रों में उल्‍लेखित समस्‍याओं के निराकरण तथा मान. मंत्री जी के निर्देशों के बाद किन-किन समस्‍याओं का निराकरण किन-किन दिनांकों में हुआ तथा किन-किन समस्‍याओं का निराकरण क्‍यों नहीं हुआ? (ग) प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्रों में उल्‍लेखित समस्‍याओं का निराकरण कब तक होगा? विलम्‍ब के लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? उनके विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्रों में उल्‍लेखित समस्‍याओं के निराकरण उपरांत संबंधित अधिकारियों द्वारा प्रश्‍नकर्ता विधायक को अवगत क्‍यों नहीं कराया तथा इसके लिये कौन-कौन दोषी हैं? उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) 01 मार्च 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में माननीय मंत्रीजी को प्रश्‍नकर्ता विधायक के प्राप्‍त पत्र एवं प्राप्‍त पत्रों पर कार्यवाही हेतु अधिकारियों को निर्देशित किये जाने संबंधी मध्‍यप्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मंडल की जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट  के प्रपत्र- अ अनुसार है एवं मध्‍यप्रदेश असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्‍याण मंडल की जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्रों में उल्‍लेखित समस्‍याओं के निराकरण किये जाने संबंधी मध्‍यप्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मंडल का विस्‍तृत जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ अनुसार है एवं मध्‍यप्रदेश असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्‍याण मंडल की जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब कॉलम 04 में उल्‍लेखित है। माननीय विधायक महोदय के समस्‍त पत्रों में उल्‍लेखित समस्‍याओं का निराकरण सचिव, मध्‍यप्रदेश असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्‍याण मंडल द्वारा किया गया है, मात्र एक प्रकरण श्री भगवान दास रैकवार में भुगतान की कार्यवाही प्रचलन में है, यद्यपि इसमें भी स्‍वीकृति की कार्यवाही पूर्ण है एवं एक पत्र जो कि दिनांक 26.02.2022 को मण्‍डल कार्यालय को प्राप्‍त है निराकरण हेतु मंडल के द्वारा दिनांक 28.02.2022 को श्रम पदाधिकारी मंडीदीप को भेजा गया है। जिस पर कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) माननीय विधायक जी के पत्रों में उल्‍लेखित समस्‍याओं का निराकरण प्रश्‍नांश '' एवं '' के उत्‍तर अनुसार किया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) माननीय विधायक जी को सचिव असंगठित शहरी/ग्रामीण कर्मकार कल्‍याण मंडल एवं सचिव मध्‍यप्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मंडल द्वारा सतत् रूप से अवगत कराया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

लंबित सिंचाई योजनाएं

[जल संसाधन]

16. ( क्र. 176 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी, 2022 की स्थिति में रायसेन जिले में प्रशासकीय स्‍वीकृति प्राप्‍त किन-किन सिंचाई योजनाओं का कार्य क्‍यों अप्रारंभ है? किन-किन सिंचाई योजनाओं की निविदा आमंत्रित नहीं की गई है तथा क्‍यों? कब तक निविदा आमंत्रित की जायेगी? (ख) रायसेन जिले में कौन-कौन सी सर्वेक्षित सिंचाई योजनायें तथा वैराज स्‍वीकृति हेतु किस स्‍तर पर कब से क्‍यों लंबित हैं? उक्‍त योजनाओं की लागत, सिंचाई का रकबा सहित पूर्ण विवरण दें। (ग) रायसेन जिले में किन-किन बाँधों की नहर का निर्माण कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है तथा क्‍यों? अनुबंध अनुसार उक्‍त कार्य कब-तक पूर्ण होना था? विभाग के अधिकारियों द्वारा उक्‍त कार्य पूर्ण करवाने हेतु क्‍या-क्‍या कार्यवाही की? (घ) रायसेन जिले में किन-किन बांध एवं नहर निर्माण में किन-किन किसानों के मुआवजा तथा व्‍यवस्‍थापन की राशि भुगतान के प्रकरण कब से किस स्‍तर पर क्‍यों लंबित हैं? इसके लिये कौन-कौन दोषी हैं तथा कब तक राशि का भुगतान होगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) शासन स्‍तर पर प्रश्‍नाधीन जिले की कोई भी लघु सिंचाई परियोजना स्‍वीकृति हेतु लंबित नहीं है। सर्वेक्षित सिंचाई परियोजनाओं की  अद्यतन स्थिति  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब  अनुसार है। (ग) रायसेन जिले की सालाबर्रू जलाशय के नहर विस्‍तारीकरण का कार्य अपूर्ण होना प्रतिवेदित है। अनुबंध अनुसार कार्य अगस्‍त 2021 तक पूर्ण किया जाना लक्षित था, परन्‍तु कोरोना महामारी एवं वर्षाकाल के कारण कार्य पूर्ण नहीं किया जा सका। रबी फसल कटाई के उपरांत नहर निर्माण कार्य प्रारंभ कर पूर्ण कराया जाना संभव होगा।                         (घ) जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट  के प्रपत्र-स अनुसार है।  किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। भू-अर्जन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

राशन दुकानों में गड़बड़ी पाए जाना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

17. ( क्र. 189 ) श्री लक्ष्‍मण सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) चांचौड़ा विधानसभा क्षेत्र में कुल कितनी राशन की दुकान हैं? (ख) उपरोक्‍त में से 1 जनवरी, 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक उपरोक्‍त में से किस-किस राशन की दुकान की जांच किस अधिकारी द्वारा किस तारीख को की गई? (ग) उपरोक्‍त जांच में किस-किस राशन की दुकान में गड़बड़ी पाई गई? (घ) जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर किस-किस दुकान के संचालक पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 150 उचित मूल्‍य दुकानें हैं। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट  '' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है।

शासकीय भूमि पर अतिक्रमण

[राजस्व]

18. ( क्र. 219 ) श्री महेश परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) तहसील उज्जैन एवं उज्जैन नगर की शासकीय भूमियों के सर्वे नंबर कौन कौन से शासकीय रिकार्ड में दर्ज़ हैं? उन अभिलेखों की सूची उपलब्ध कराएं। (ख) शासकीय रिकार्ड अनुसार तहसील उज्जैन एवं उज्जैन नगर में शासकीय भूमियों का क्षेत्रफल कितना है? (ग) वर्तमान में तहसील उज्‍जैन एवं उज्‍जैन नगर के कौन-कौन सर्वे नंबर की शासकीय भूमियों पर अतिक्रमण कितने मामले प्रचलित हैं? अतिक्रमित भूमियों को मुक्‍त कराने के लिए पिछले एक वर्ष में शासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) तहसील उज्‍जैन एवं उज्‍जैन नगर में अतिक्रमण हटाने के लिए सरकार व प्रशासन वर्तमान में क्या प्रयास कर रहा है? पिछले एक वर्ष में अतिक्रमणमुक्‍त कितनी भूमि मुक्‍त करायी जा चुकी है और उस भूमि का मूल्‍य कितना है? (ड.) तहसील उज्‍जैन एवं उज्‍जैन नगर में पिछले 5 वर्षों में शासकीय भूमि पर अतिक्रमण के कितने प्रकरण दर्ज कराये गये हैं? पृथक-पृथक वर्षवार जानकारी देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) तहसील उज्‍जैन एवं उज्‍जैन नगर की ग्रामवार खसरा/अभिलेख अनुसार शासकीय भूमियों की सूची  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट अनुसार।              (ख) शासकीय रिकार्ड अनुसार तहसील उज्‍जैन में शासकीय भूमि का कुल क्षेत्रफल 4346815 हे. एवं उज्‍जैन नगर में कुल क्षेत्रफल 1812.548 हे. दर्ज है। (ग) वर्तमान में तहसील उज्‍जैन में अतिक्रमण के 25 प्रकरण एवं उज्‍जैन नगर में 5 प्रकरण प्रचलित है। अति‍क्रमित भूमियों को मुक्‍त कराने हेतु म.प्र. भू राजस्‍व संहिता 248 के तहत कार्यवाही न्‍यायाधीन है। (घ) तहसील उज्‍जैन एवं तहसील उज्‍जैन नगर में अतिक्रमण हटाने के लिए म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता संहिता 248 के तहत कार्यवाही की गई है, तहसील उज्‍जैन में पिछले 1 वर्ष में 18.9669 हेक्‍टेयर भूमि अतिक्रमण से मुक्‍त करायी गयी है जिसका मूल्‍य लगभग 297948971/- (रू उन्‍नतीस करोड़ उन्‍नयासी लाख अड़तालीस हजार नौ सौ इकहत्‍तर) है एवं तहसील उज्‍जैन नगर में विगत 1 वर्ष में 44.865 हेक्‍टेयर भूमि अतिक्रमण से मुक्‍त करायी गयी है। जिसका मूल्‍य लगभग 6344724720/- (रू छ: अरब चौंतीस करोड़ सैंतालीस लाख चौबीस हजार सात सौ बीस) है। (ड.) तहसील उज्‍जैन में राजस्‍व वर्ष 2017-18 में 129 प्रकरण, वर्ष 2018-19 में 88 प्रकरण, वर्ष 2019-2020 में 112 प्रकरण, वर्ष 2020-21 में 56 प्रकरण एवं वर्ष 2021-22 में 25 प्रकरण दर्ज कराये गये हैं। तहसील उज्‍जैन नगर के नवीन तहसील होने से वर्ष 2019-2020 में 28 प्रकरण, वर्ष 2020-21 में 08 प्रकरण एवं वर्ष 2021-22 में 05 प्रकरण इस प्रकार कुल 41 प्रकरण दर्ज कराये गये हैं।

खनिजों का अवैध उत्‍खनन एवं परिवहन

[खनिज साधन]

19. ( क्र. 225 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) दिनांक 01.04.2019 से प्रश्‍नतिथि तक सतना/रीवा जिलों में खनन एवं खनिज (विकास तथा विनियम) अधिनियम 1957 की धारा 4 का एवं अन्‍य कई अधिनियमों का उल्‍लंघन करने तथा खनिज तौल के स्‍थापित बेब्रिजों में नापतौल द्वारा सत्‍यापित सील नहीं पाये जाने एवं बिना अग्रिम रायल्‍टी भुगतान खनिज परिवहन का दोषी पाये जाने, अवैध उत्‍खनन किये जाने, खानों में अवैध रूप से डायनामाईट लगाकर लास्टिंग करने एवं अन्‍य अवैध कार्य करने वाले किन-किन स्‍थानों केकिस-किस नाम की सीमेंट कंपनियों एवं अन्‍य को कितनी-कितनी राशि का जुर्माना लगाये जाने के        आदेश/‍ नोटिस कलेक्‍टर (खनिज) के कार्यालयों से जारी हुये? जारी सभी नोटिसों की एक-एक प्रति उपलब्‍ध करायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित समयानुसार बतायें कि जारी नोटिसों में कितनी-कितनी राशि किस-किस नाम से प्रश्‍नतिथि तक वसूल कर शासकीय खजाने में कब-कब जमा करवा दी गई है? माहवार/वर्षवार/प्रकरणवार/राशिवार/कंपनीवार/अन्‍यवार/फर्मवार जानकारी दें। (ग) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित समयानुसार अवैध उत्‍खनन करने/खनिज एवं रेत का अवैध परिवहन करने के किन-किन प्रकरणों में किस नाम एवं पतेवाली फर्मों पर कितनी-कितनी राशि का जुर्माना/पेनाल्‍टी अधिरोपित कर उनसे कितनी राशि शासकीय कोष में जमा करवाई गई? माहवार/वर्षवार/फर्मवार/जुर्माने एवं पेनाल्‍टी की राशिवार की जानकारी दें। (घ) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित समयानुसार किन-किन से जुर्माने की राशि के नोटिस जारी होने के बाद कितनी-कितनी राशि जुर्माने की किस-किस से कितनी कितनी कम की गई? कंपनीवार/माहवार/वर्षवार/राशिवार दें?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) खान एवं खनिज (विकास तथा विनियमन) अधिनियम, 1957 की धारा 4 का उल्‍लंघन करने तथा खनिजों का अवैध परिवहन/अवैध उत्‍खनन करने के संबंध में की गई कार्यवाही की सतना जिले की  जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट  के प्रपत्र-अ 1  तथा रीवा जिले की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ 2 पर दर्शित है। सतना जिले में खनिज तौल के स्‍थापित वेब्रिजों में सत्‍यापित सील न पाये जाने की  जानकारी पुस्‍तकालय  में  परिशिष्‍ट  के प्रपत्र-अ 3  पर दर्शित है। इस संबंध में रीवा जिले में कोई कार्यवाही नहीं हुई है। सतना जिले में सीमेंट कंपनी को जारी कारण बताओ सूचना पत्र की  जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ 4 पर दर्शित है। रीवा जिले में सीमेंट कंपनी को कोई कारण बताओ सूचना पत्र जारी नहीं किया गया है अन्‍य व्‍यक्ति को जारी कारण बताओ सूचना पत्र की  जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्टि के प्रपत्र-अ 5  पर दर्शित है। खानों में अवैध ब्‍लास्टिंग का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। (ख) जिला सतना में जारी कारण बताओ सूचना पत्र के संबंध में की गई कार्यवाही की  जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट  के प्रपत्र-अ 3 पर दर्शित है। रीवा जिले में जारी कारण बताओ सूचना पत्र के विरूद्ध वर्तमान में वसूली नहीं हुई है। (ग) जिला सतना की  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ पर एवं जिला रीवा की  जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ 2 पर दर्शित है। (घ) प्रश्‍नांश अनुसार अधिरोपित जुर्माने की राशि कम नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

ओलावृष्टि से किसानों की फसल नुकसानी का मुआवजा

[राजस्व]

20. ( क्र. 239 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) बड़नगर जिला उज्जैन अन्तर्गत दिनांक 07.01.2022 को ओलावृष्टि से अन्नदाता किसानों की फसल गेहूँ, चना, बटला व मेथी की फसलों में नुकसानी निम्न गांवों में हुई है- ग्राम जलोदिया, असावता, अकोलिया, बंगरेड़,टकरावदा, गुणावद, दौतरू, खेड़ावदा, बड़गावा, माघोपुरा, रूनिजा, मसवाड़िया, गाजीखेड़ी, पिपलू, धतुरिया, मुण्डला, अमलावदकलां, देहटा, केसरपुरा, आदि गाँवों में फसल नुकसानी हुई है। उक्‍त गाँवों का सर्वे कब किया गया? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा भी उक्‍त ग्रामों में पटवारी एवं कृषि विभाग अधिकारी के साथ फसल नुकसानी का जायजा लिया गया था जिसमें माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देशानुसार सर्वे टीम बनाई गई थी सर्वे टीम द्वारा किस-किस गाँव में कितनी-कितनी नुकसानी रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है? गाँववार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रभावि‍त किसानों को फसल नुकसानी का मुआवजा कब तक भुगतान कर दिया जावेगा? वर्तमान समय में किसानों को नुकसानी का 25 प्रतिशत राशि का तत्काल भुगतान किया गया या नहीं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) तहसील बड़नगर में दिनांक 07.01.2022 को हुई ओलावृष्टि के तत्काल बाद जलोदिया, असावता, अकोलिया, बंगरेड़, टकरावदा, गुणावद, दौतरू, खेड़ावदा, बड़गावा, माधोपुरा, रूनिजा, मसवाड़िया, गाजीखेड़ी, पिपलू, धतुरिया, मुण्डला, अमलावदकलां, देहटा, केसरपुरा सहित तहसील के समस्त ग्रामों में प्रभावित फसलों का सर्वे किये जाने हेतु पटवारी एवं कृषि विभाग को दिये गये निर्देशों के परिपालन में सर्वे किया गया। (ख) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में माननीय विधायक महोदय द्वारा भ्रमण किया गया था। जिसमें पटवारी एवं कृषि विभाग के अधिकारी मौके पर मौजूद थे। जिसमें ग्राम बरड़िया, नरसिंगा, असावता, अकोलिया, बंगरेड़ में 15 से 20 प्रतिशत फसल नुकसानी सर्वे दल द्वारा पायी गयी। शेष ग्राम जलोदिया, टकरावदा, गुणावद, दौतरू, खेड़ावदा, बड़गावा, माधोपुरा, रूनिजा, मसवाड़िया, गाजीखेड़ी, पिपलू, धतुरिया, मुण्डला, अमलावदकलां, देहटा, केसरपुरा सहित तहसील के अन्य समस्त ग्रामों में नुकसानी होना नहीं पाया गया। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ग) राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6-4 के मानदण्‍डों के अंतर्गत नुकसानी का प्रतिशत कम होने के कारण राहत राशि स्वीकृत नहीं की गई। अत: प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

परिशिष्ट - "आठ"

राजस्व प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

21. ( क्र. 244 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) बड़नगर तहसील के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में 1 अप्रैल 2019 से 31 जनवरी 2022 तक कितने आवेदन सीमांकन, नामांतरण बटवारे के प्राप्त हुए? कितने आवेदनों के आदेश जारी कर न्यायालय में प्रकरण जारी किया गया? उसमें कितने प्रकरण दर्ज करना शेष है? (ख) प्राप्त आवेदनों में से कितने सीमांकन, नामांतरण बटवारा समय-सीमा में स्वीकृत किया गया? कितने आवेदन अस्वीकृत व विचाराधीन हैं? कारण सहित विवरण दें। (ग) कितने सीमांकन, त्रुटि‍, सुधार, बटवारा, नामांतरण के प्रकरण राजस्व अधिकारी द्वारा समय-सीमा में कार्यवाही नहीं करने के कारण निरस्त हुए हैं? आवेदनकर्ता के नाम कारण सहित विवरण दें। (घ) बड़नगर तहसील, टप्पा कार्यालय इंगोरिया व टप्पा कार्यालय खरसोदकलां में 1 नवम्बर से 15 नवम्बर 2021 तक शासन द्वारा उज्जैन जिले में भू-अभिलेख रिकार्ड शुद्धीकरण अभियान के अन्तर्गत नक्‍शा सबंधित त्रुटियों में सुधार फौती नामांतरण, भूमि सुधार, खसरा रकबा में सुधार व्यपवर्तन डाटा एन्ट्री हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुए? राजस्व अधिकारी द्वारा उसमें कितने प्रकरण का निराकरण कर दिया गया तथा कितने शेष हैं? नाम सहित विवरण दें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) बड़नगर तहसील के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में           1 अप्रैल 2019 से 31 जनवरी 2022 तक सीमांकन के 711, नामांतरण के 11269 बटवारे के 2241 आवेदन प्राप्‍त हुए थे जिनमे सभी में प्रकरण दर्ज किये गए (ख) 1 अप्रैल 2019 से 31 जनवरी 2022 तक सीमांकन के 711, नामांतरण के 11269, बटवारे के 2241 आवेदन प्राप्‍त हुए थे जिनमें से सीमांकन के 695, नामांतरण के 10135 एवं बटवारे के 1989 प्रकरण समय-सीमा में निराकरण किए गये है। कोरोना काल पश्‍चात् न्‍यायालय पूर्ववत चालू होने पर सीमांकन के 12, नामांतरण के 189 एवं बटवारे के 78 प्रकरणों का गुण-दोष के आधार पर निराकरण किया गया है। शेष सीमांकन के 4, नामांतरण के 945 एवं बटवारे के 174 प्रकरण 31 जनवरी 2022 की स्थिति में विचाराधीन है, जिनके निराकरण हेतु कार्यवाही प्रचलित है। कोई भी आवेदन अस्‍वीकृत नहीं किया जाकर गुण-दोष के आधार पर निराकरण किया गया। (ग) कोई भी सीमांकन, त्रुटि, सुधार, बटवारा, नामांतरण के प्रकरण राजस्‍व अधिकारी द्वारा समय-सीमा में कार्यवाही नहीं करने के कारण निरस्‍त नहीं किए गए हैं। आवेदनों का निराकरण गुण-दोष के आधार पर किया गया है। (घ) 1 नवंबर से 15 नवंबर 2021 तक शासन द्वारा उज्‍जैन जिले में भू-अभिलेख रिकार्ड शुद्धिकरण अभियान के अंतर्गत फौती नामांतरण की जानकारी निम्‍नानुसार है:-

          मद

दर्ज आवेदन

निराकृत आवेदन

शेष विचाराधीन    प्रकरण/ आवेदन

न्‍यायालय तहसीलदार बड़नगर

89

89

निरंक

न्‍यायालय अपर तहसीलदार बड़नगर

100

109

निरंक

न्‍यायालय टप्‍पा खरसौदकला

15

15

निरंक

न्‍यायालय टप्‍पाइंगोरिया

63

63

निरंक

                      कुल

276

276

निरंक

तथा भू-अभिलेख रिकॉर्ड शुद्धीकरण अभियान के अन्‍तर्गत नक्‍शा संबंधित त्रुटियों में सुधार, भूमि सुधार, खसरा, व्‍यपवर्तन डाटा एन्‍ट्री सुधार से संबंधित कोई आवेदन प्राप्‍त नहीं हुए हैं।

मंदसौर स्थित गांधीसागर बांध के संबंध में कैग की रिपोर्ट

[जल संसाधन]

22. ( क्र. 274 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में स्थित गाँधीसागर बांध का 1 जनवरी 2000 के पश्चात                 कब-कब, किस-किस एजेंसी ने सुरक्षा ऑडिट किया जिसमें वर्षा ऋतु में जब बांध पूर्ण रूप से भर जाता है तब की जांच भी क्या किसी सक्षम एजेंसी ने की है? यदि हाँ, तो रिपोर्ट की प्रतिलिपि देवें। (ख) गांधी सागर बांध में 1 जनवरी 2000 के पश्चात कब-कब दीवार में क्रेक या क्षतिग्रस्त होने की जानकारी सामने आई? दिनांकवार जानकारी देवें। (ग) प्रदेश के बड़े बांधों की देख-रेख हेतु विभाग द्वारा क्या प्रावधान निर्धारित किए जाते हैं? कब-कब, कितने-कितने अंतराल पर इनका सक्षम एजेंसी से जांच आवश्यक है? (घ) क्या गत दिनों कैग की रिपोर्ट में गांधी सागर बांध के क्षतिग्रस्त होने की शंका जाहि‍र की थी? यदि हाँ, तो रिपोर्ट के संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? क्या उच्च स्तरीय कमेटी द्वारा इसकी जांच कराई जाएगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताएं।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) मंदसौर जिले में स्थित गांधीसागर बांध का  01 जनवरी 2000 के पश्चात् एजेंसियों द्वारा किए गए निरीक्षण की  जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ  एवं रिपोर्ट की  प्रति  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट -1, 2, 3, 4, 5 अनुसार है।         (ख) गांधीसागर बांध में 1 जनवरी 2000 के पश्‍चात् बांध की दीवार में क्रेक/क्षतिग्रस्त होने संबंधी कोई जानकारी मैदानी कार्यालयों के संज्ञान में नहीं होना प्रतिवेदित है। (ग) प्रदेश के बड़े बांधों की देख-रेख हेतु प्रत्येक वर्ष वर्षा पूर्व एवं वर्षा पश्चात्, सक्षम अधिकारियों द्वारा निरीक्षण एवं पुनरीक्षण किया जाता है। कुल बड़े बांधों में से 20 प्रतिशत बांधों का निरीक्षण राज्य बांध सुरक्षा संस्थान द्वारा किया जाता है। बांध सुरक्षा हेतु गठित राष्ट्रीय समिति (NCDS) के निर्देशानुसार 60 मि.घ.मी. से अधिक भंडारण क्षमता वाले बांधों का 10 वर्ष में एक बार, विशेषज्ञों की स्वतंत्र पैनल द्वारा निरीक्षण किया जाता है। इस हेतु राज्य शासन द्वारा डी.एस.आर.पी. का गठन किया गया है।            (घ) तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि कैग (CAG) की रिपोर्ट में गांधीसागर बांध के क्षतिग्रस्त होने की शंकाजाहिर नहीं की गई है, अपितु बांध निर्माण पश्चात् कई बार रूपांकित क्षमता से अधिक जल के आवक होने के कारण, एक अतिरिक्त टनल निर्मित करने का सुझाव निरीक्षण एजेंसियों (DSIP) द्वारा दिया गया था, जिसका CAG द्वारा सितम्‍बर 2019 की बाढ़ के समय बांध से ओवर फ्लो को संदर्भित करते हुए रिपोर्ट में टनल के न बनने से एवं स्पिल में संभावित गड्ढ़ों का उल्लेख कर बांध को खतरा बताया गया है। गांधीसागर बांध का केन्‍द्रीय जल आयोग के विशेष दल द्वारा दिनांक 18.09.2019 को निरीक्षण किया गया था, जिसकी रिपोर्ट केन्‍द्रीय जल आयोग के मुख्‍य अभियंता, बांध सुरक्षा द्वारा 15 अक्‍टूबर 2020 को प्रतिवेदन जारी करते हुए बांध की सुदृढ़ता (Structurally) को एम.डब्‍ल्‍यू.एल. 404.3 मीटर (1326 फीट) तक सुरक्षित बताया गया है। साथ ही CAG के रिपोर्ट प्रकाशन के तुरन्त बाद प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग, भोपाल द्वारा एक उच्च स्तरीय दल जिसमें मुख्य अभियंता बोधी भोपाल के साथ 5 सदस्यीय टीम बनाकर बांध का दिनांक 11.01.2021 एवं 12.01.2021 को निरीक्षण किया गया है। उच्च स्तरीय समिति के 2 दिवसीय दौरे के दौरान दिये गये निर्देशो के पालन में बांध के सुदृढ़णीकरण एवं उन्‍नयन कार्य का प्रस्ताव तत्काल तैयार कर ड्रिप-II योजना में स्वीकृति हेतु केन्‍द्रीय जल आयोग नई दिल्‍ली को भेजा गया है। ड्रिप-II की प्रशासकीय स्वीकृति शासन द्वारा दिनांक 14.02.2022 को प्रदान की गई है। जी नहीं। सभी अभीष्ट स्वीकृति एवं अनुमोदन के पश्चात कार्य प्रारम्भ कराना संभव होगा। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

वन परिक्षेत्रों में वन मार्ग शुल्‍क वसूली

[वन]

23. ( क्र. 286 ) श्री ग्‍यारसी लाल रावत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) बड़वानी जिले के सेंधवा वन मंडल के वन परिक्षेत्रों में वर्ष 2017 से प्रश्‍न दिनांक तक कितना वन मार्ग शुल्‍क वसूल किया गया? वन परिक्षेत्रवार, वर्षवार जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) वनमार्ग शुल्‍क वसूली के शासन के क्‍या नियम, आदेश हैं? नियम आदेश की प्रति उपलब्‍ध करावें। (ग) वन परिक्षेत्राधिकारी द्वारा वन मार्ग शुल्‍क वसूल नहीं किया गया है, तो संबंधित अधिकारी पर क्‍या कार्यवाही होगी?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-2 अनुसार है। (ग) नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।

परिशिष्ट - "नौ"

वन परिक्षेत्र में स्‍वीकृत कार्य

[वन]

24. ( क्र. 287 ) श्री ग्‍यारसी लाल रावत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) बड़वानी जिले के सेंधवा विधान सभा क्षेत्र में किन-किन वन परिक्षेत्र में 1 अप्रैल 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य किस-किस मद से किस-किस पंचायत में किस-किस स्‍थान पर स्‍वीकृत किये गये हैं? कार्य का प्रकार, स्‍वीकृति दिनांक, कार्य हेतु स्‍वीकृत राशि स्‍पष्‍ट करें।          (ख) प्रश्‍नांश (क) में स्‍वीकृत कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हैं तथा कितने आज दिनांक तक अपूर्ण हैं? कार्य के अपूर्ण रहने का क्‍या कारण है? (ग) वन विभाग द्वारा 1 अप्रैल 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक सेंधवा विधान सभा क्षेत्र में कहां-कहां पर वृक्षारोपण कार्य किया गया है? प्रत्‍येक रोपाणी में किस-किस प्रजाति के कितने-कितने पौधे रोपित किये गये हैं? प्रश्‍न दिनांक तक कितने पौधे जीवित हैं तथा कितने नष्‍ट हो गये हैं? पौधे नष्‍ट होने का क्‍या कारण है एवं उन पर कितनी राशि व्‍यय की गई थी? इसके लिए कौन जिम्‍मेदार है? क्‍या विभाग द्वारा जांच कर जिम्‍मेदारों पर कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्‍या? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) क्‍या सेंधवा विधान सभा में जो कर्मचारी/अधिकारी 03 वर्षों से एक ही स्‍थान पर पदस्‍थ है उनको अन्‍यत्र जिले में स्‍थानांतरण किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो कारण स्‍पष्‍ट करें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-1 पर है।             (ग) जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-2 पर है। पौधे प्राकृतिक कारणों से नष्‍ट हुए है। अत: कोई अधिकारी/कर्मचारी जिम्‍मेदार नहीं है। (घ) शासन की स्‍थानांतरण नीति के अनुसार स्‍थानांतरण किये जाते हैं, अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

भू-धारणाधिकार योजना अंतर्गत भू-खण्ड आवंटन

[राजस्व]

25. ( क्र. 338 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत भू-धारणाधिकार के आवेदन प्राप्त किये गये हैं? यदि हाँ, तो योजना प्रारंभ वर्ष 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने आवेदन प्राप्त किये गये? (ख) कितने आवेदनकर्ता पात्र पाये गये? (ग) क्या पात्र पाये गये आवेदकों को भू-खण्ड आवंटन हेतु आदेश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करावें। (घ) यदि नहीं, तो कब तक भू-खण्ड आवंटन किये जायेंगे?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जिले की विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत भू-धारणाधिकार योजना प्रारंभ वर्ष 2020-21 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल 650 आवेदन प्राप्त किये गए है। (ख) आवेदनकर्ताओं के प्राप्त आवेदनों की जांच कार्यवाही गतिशील है। (ग) जी नहीं। स्थायी पट्टे के आवेदन पर कार्यवाही प्रचलित है। (घ) सतत् प्रक्रिया होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

राजस्‍व अभिलेख में नाम दर्ज कराना

[राजस्व]

26. ( क्र. 357 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्‍या यह सच है कि मा. गिरिजाशंकर शर्मा के प्रश्‍न क्रमांक 35 (732) दिनांक 18.11.2009 के प्रश्‍नांश में आबादी की भूमि पर काबिज नागरिकों के नाम राजस्‍व अभिलेख में अंकित किये जाने संबंधी आश्‍वासन दिया गया था? (ख) आश्‍वासनानुसार किन-किन क्षेत्रों के नागरिकों के नाम अंकित किए जाना था? अभी तक किस क्षेत्र के कितने नागरिकों के नाम राजस्‍व अभिलेख में अंकित करा दिये गये हैं एवं कितने क्षेत्रों के शेष हैं? (ग) क्‍या शासन सुनिश्चित करेगा कि आबादी भूमि में बसे नागरिकों में से प्रतिदिन/प्रति सप्‍ताह/प्रतिमाह या प्रतिवर्ष एक व्‍यक्ति का नाम राजस्‍व अभिलेख में अंकित किये जावे ताकि कुछ तो लोगों के नाम राजस्‍व अभिलेख में चढ़ा सके? क्‍या शासन इस संबंध में कोई आदेश देगा? यदि हाँ, तो क्‍या? यदि नहीं, तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) ग्रामों की आबादी का भू-अभिलेख तैयार करने के संबंध में सभी कलेक्टर्स को लिखा गया था। (ख) जिले अन्‍तर्गत ग्रामीण क्षेत्र पर निवारस एवं व्‍यवसायरत नागरि‍क जिनके भवन आबादी भूमि पर निर्मित है उनके पृथक-पृथक नाम हेतु वर्तमान में मध्‍यप्रदेश शासन राजस्‍व विभाग के पत्र क्रमांक 03-04/2020/सात/शा-6 भोपाल दिनांक 07.07.2020 के पालन में जिले में ग्रामीण आबादी में (स्‍वामित्‍व योजना अन्‍तर्गत) ड्रोन सर्वे की कार्यवाही की जा रही है। (ग) वर्तमान में मध्यप्रदेश के समस्त 52 जिलों में आबादी सर्वे की अधिसूचना जारी कर कार्य प्रारंभ है। इस योजना के तहत उन संपत्ति धारकों का अधिकार अभिलेख तैयार किया जायेगा जो मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 यथा संशोधित 2018 के लागू होने की दिनांक 25.9.2018 को आबादी भूमि पर अधिभोगी थे अथवा जिन्हे इस दिनांक के पश्चात विधिपूर्वक आबादी भूमि में भूखण्ड का आवंटन किया गया।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में वितरित खाद्यान्‍न

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

27. ( क्र. 419 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) जिला खाद्य आपूर्ति विभाग जबलपुर को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में कितनी-कितनी मात्रा में गेहूँ, चावल, केरोसिन आदि आवंटित किया गया तथा कितनी-कितनी मात्रा में वितरित किया गया और कितना-कितना अवितरित रहा? वर्ष 2021-22 की माहवार जानकारी दें। (ख) जबलपुर जिले में कार्डधारी कितने हितग्राही उपभोक्ता हैं। इनमें से कितने उपभोक्ताओं को किस मान से        कितनी-कितनी मात्रा में गेहूँ, चावल, केरोसिन का वितरण किया गया एवं कितने उपभोक्ताओं को कितनी-कितनी मात्रा में वितरित नहीं किया गया एवं क्यों? शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों की माहवार पृथक-पृथक जानकारी दें। (ग) जनपद पंचायतों को कितनी-कितनी मात्रा में गेहूँ, चावल, केरोसिन प्रदाय किया गया एवं कितने-कितने कार्डधारी उपभोक्ताओं को कितनी-कितनी मात्रा में वितरित किया गया है और कितने उपभोक्ताओं को कितनी-कितनी मात्रा में वितरित नहीं किया गया है। जनपद पंचायतवार व माहवार जानकारी दें। (घ) पी.डी.एस. के तहत कितनी उचित मूल्य राशन दुकानों को कितनी-कितनी मात्रा में गेहूँ, चांवल, केरोसिन आवंटित किया गया तथा कितने-कितने उपभोक्ताओं को कितनी-कितनी मात्रा में गेहूँ, चांवल, केरोसिन वितरित किया गया तथा कितने उपभोक्ताओं को कितनी-कितनी मात्रा में वितरित नहीं किया गया? ऑनलाइन इसकी कितनी-कितनी मात्रा में फीडिंग की गई हैं? माहवार जानकारी दें। क्या शासन अनाज के वितरण में की गई अनियमितता की जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) :  (क)  से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

निर्माण कार्यों हेतु भूमि का आवंटन

[राजस्व]

28. ( क्र. 420 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) म.प्र.शासन अनुसूचित जाति विकास विभाग, भोपाल द्वारा अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना एवं अन्य किन-किन योजनाओं में पूर्व विधानसभा क्षेत्र क्र. 97 जबलपुर के लिये स्वीकृत किन-किन निर्माण कार्यों के लिये सम्बंधित विभाग व निर्माण एजेंसी ने भूमि का आवंटन करने हेतु जिला प्रशासन जबलपुर को कब-कब पत्र लिखकर अनुरोध किया गया हैं? किन-किन कार्यों हेतु  कब-कब, कितनी-कितनी भूमि का आवंटन, सीमांकन किया गया हैं। किन कार्यों से सम्बंधित कितनी-कितनी भूमि का आवंटन सम्बंधी स्वीकृति अभिलेख नहीं दिये गये हैं एवं क्यों? इस सम्बंध में शासन के क्या निर्देश हैं? प.ह.न. भूमि का ख.न. रकबा व आवंटन दिनांक सहित जानकारी दें। वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक की जानकारी दें। (ख) बाई का बगीचा व हड्डी गोदाम में पॉलीक्लिनिक भवन का निर्माण व जिला निःशक्तजन पुनर्वास केन्द्र (बाई का बगीचा) हेतु कब कितनी-कितनी राशि की प्रशासकीय व वित्‍तीय स्वीकृति दी गई तथा कब कितनी-कितनी राशि आंवटित की है। जिला प्रशासन ने इन कार्यों हेतु कब कहां-कहां पर कितनी-कितनी भूमि आंवटित कर सीमांकन कराया है? सम्बंधित विभाग व निर्माण एजेंसी को भूमि आवंटन कर सीमांकन कराया है? सम्बंधित विभाग व निर्माण एजेंसी को भूमि आवंटन स्वीकृति अभिलेख कब प्रदाय किये गये हैं? यदि नहीं, तो क्यों? भूमि आवंटन का इनका निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कराया जावेगा? वर्तमान में इन कार्यों की क्या कार्य प्रगति हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  '' अनुसार है।          (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट 'अनुसार है।

परिशिष्ट - "दस"

आरोपी अधिकारी को तहसील के प्रभार से हटाये जाना

[राजस्व]

29. ( क्र. 446 ) श्री राकेश मावई : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के तहसील जवा में नायब तहसीलदार के पद पर कौन कब से पदस्‍थ है तथा उसकी प्रथम नियुक्ति कब किस पद एवं तहसील में की गई थी? प्रथम नियुक्ति तिथि से प्रश्‍न दिनांक तक कहां-कहां, किस-किस तहसील में उसकी पदस्‍थापना थी तथा उसके नियम विरूद्ध कार्य व्‍यवहार की कुल सेवाकाल में कितनी शिकायतें शासन/विभाग को प्राप्‍त हुई हैं? प्राप्‍त शिकायतों की जांच किस अधिकारी से कराई गई? (ख) प्रश्‍नांश (क) के नायब तहसीलदार द्वारा अपने जवा पदस्‍थापना अवधि में कुल कितने लोगों का नाम गरीबी रेखा में जोड़ा गया है? यदि व्‍यापक स्‍तर पर आर्थिक लाभ लेकर मापदण्‍ड से अधिक नाम जोड़े गये हैं तो क्‍या यह मानेंगे कि अपात्र लोगों का नाम जोड़कर व्‍यापक अनियमितता की गयी है? यदि हाँ, तो जांच दल गठित कर जांच कराकर कार्यवाही कर देगें। (ग) प्रश्‍नांश (क) तहसील में पदस्‍थ नायब तहसीलदार पन्‍ना जिले के अजयगढ़ तहसील में कितने दिन पदस्‍थ थे? क्‍या 10 लाख रूपये घूस लेते लोकायुक्‍त संगठन द्वारा पकड़ा गया था? यदि हाँ, तो प्रकरण की वर्तमान स्थिति क्‍या है? चालान प्रति के साथ जानकारी देवें? क्‍या तहसील जवा से उक्‍त नायब तहसीलदार का स्‍थानान्‍तरण हो गया है? यदि हाँ, तो कब तक भारमुक्‍त करा देगें? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) यदि सही है तो शासन सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा लोकायुक्‍त में पकड़े गये कर्मचारी/अधिकारियों की पदस्‍थापना एवं प्रभार से संबंधित क्‍या नियम/निर्देश हैं? आदेश नियम की प्रति देते हुये जानकारी देवें। क्‍या ऐसे अधिकारियों को तहसील के प्रभार से मुक्‍त रखा जावेगा। यदि नहीं, तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) रीवा जिले अन्तर्गत तहसील जवा में श्री उमेश तिवारी नायब तहसीलदार दिनांक 01.04.2021 से पदस्थ हैं तथा श्री उमेश तिवारी की प्रथम नियुक्ति म.प्र.शासन राजस्‍व विभाग के आदेश दिनांक 31.3.2018 द्वारा नायब तहसीलदार के पद पर की जाकर पदस्‍थापना जिला पन्ना में की गई। श्री उमेश तिवारी, नायब तहसीलदार के पद पर उपस्थित होने के उपरांत जिला पन्‍ना की तहसील पवई, गुनौर, देवेन्‍द्रनगर, पन्‍ना, अजयगढ, सिमरिया, शाहनगर अमानगंज एवं जिला रीवा की जवा तहसील में पदस्‍थापना की गई है। श्री उमेश तिवारी की कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता। (ख) तहसीलदार तहसील जवा पदस्‍थगी अवधि में कुल 580 नाम गरीबी रेखा सूची में निर्धारित प्रक्रियानुसार जोड़े गये है। शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता। (ग) श्री उमेश तिवारी, नायब तहसीलदार एवं प्रभारी तहसीलदार, तहसील अजयगढ जिला पन्‍ना में दिनांक 30.7.2019 से 16.3.2020 तक एवं दिनांक 09.12.2020 से 20.1.2021 तक कुल लगभग 08 माह 12 दिवस पदस्‍थ रहे। श्री उमेश तिवारी नायब तहसीलदार एवं प्रभारी तहसीलदार अजयगढ को दिनांक 20.1.2021 को पूर्वान्‍ह लोकायुक्‍त दल सागर द्वारा रिश्‍वत लेते ट्रेप किये गये। विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त सागर में श्री उमेश तिवारी, नायब तहसीलदार के विरूद्ध अपराध क्रमांक 15/21, धारा 7 पी.सी.एक्ट 1988 संशो.अधि. 2018 के तहत अपराध पंजीबद्ध होकर विवेचनाधीन है। तहसील जवा से नायब तहसीलदार का स्थानांतरण राजस्व विभाग के आदेश दिनांक 07.01.2022 के द्वारा जिला टीकमगढ़ हो गया है, जिसके परिप्रेक्ष्य में मान. उच्च न्यायालय जबलपुर के डब्लूपी 3205/2022 दिनांक 14.02.2022 द्वारा स्थगन प्राप्त है जिससे कि श्री तिवारी को भारमुक्त नहीं किया गया है। शासन हित में त्वरित प्रभारी अधिकारी नियुक्ति कर मान. उच्च न्यायालय में जबाव प्रस्तुत किया जा चुका है। (घ) सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा लोकायुक्‍त के ट्रेप अथवा छापे के प्रकरणों में आरोपी अधिकारी/कर्मचारियों के संबंध में किसी भी माध्‍यम से सूचना प्राप्‍त होने अथवा संज्ञान में आने के तीन कार्य दिवस की समयावधि के भीतर ऐसे अधिकारी/कर्मचारियों को उस पद पर से जिस पर रहते हुये ट्रेप अथवा छापे की कार्यवाही हुई है, से अन्‍यत्र स्‍थानांतरण किया जाये। निर्देशों की प्रति संलग्न  परिशिष्‍ट  अनुसार है। नियमानुसार वांछित कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "ग्यारह"

वन ग्राम जुगपुरा को राजस्व ग्राम घोषित किया जाना

[राजस्व]

30. ( क्र. 454 ) श्री महेश राय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या यह सही है कि विधानसभा क्षेत्र बीना के वन ग्राम जुगपुरा के किसानों को वन विभाग द्वारा पट्टे की भूमि उपलब्ध करा दी है? लेकिन राजस्व ग्राम घोषित ना होने से एवं राजस्व अभिलेख में दर्ज न होने के कारण शासन की योजनायों का लाभ नहीं मिल पा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त ग्राम को कब तक राजस्व ग्राम घोषित एवं राजस्व अभिलेख में दर्ज किया जायेगा? (ग) वन ग्राम जुगपुरा के किसानों को शासन की योजनाओं का लाभ मिलने लगेगा? (घ) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार समयावधि सहित बतावें?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। यह सही है कि विधानसभा क्षेत्र बीना के वन ग्राम जुगपुरा के किसानों (पट्टाधारियों) को वनाधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत जिला स्तरीय वनाधिकार समिति द्वारा जारी वनाधिकार पत्र की भूमि प्रश्‍न दिनांक के पूर्व से ही उपलब्ध करायी गई है। जारी वनाधिकार पत्रों का विवरण  पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्ट-एक अनुसार है। वनग्राम जुगपुरा राजस्व ग्राम घोषित नहीं है तथापि वनग्राम में निवासरत व्यक्तियों को वन विभाग एवं म.प्र. शासन के अन्य विभागों द्वारा सुविधायें उपलब्ध करायी जाकर योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। (ख) जब वन विभाग भारतीय वन अधिनियम 1927 के प्रावधानों के तहत क्षेत्र डीनोटिफाइड कर राजस्व विभाग को हस्तांतरण करने की अधिसूचना जारी करते है तब राजस्व विभाग म.प्र.भू-राजस्व संहिता 1959 (क्रमांक 20 1959) की धारा 2 की उपधारा (1) खण्ड (य-5) में दिए गए प्रावधान अनुसार राजस्व ग्राम घोषित किये जाने की कार्यवाही प्रारंभ करता है l क्योंकि म.प्र. भू-राजस्व सहिता 1959 धारा 1 उपधारा (2) में वर्णित प्रावधान अनुसार वन भूमि पर संहिता के प्रावधान लागू नहीं हैपुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार है। (ग) वनग्राम जुगपुरा के किसानों को शासन की योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है, शासन द्वारा लागू की गई योजनाओं के अनुसार वन विभाग एवं अन्य विभागों द्वारा उपलब्ध करायी गयी सुविधाओं का विवरण  पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्ट-दो अनुसार है। (घ) वन ग्राम से राजस्व ग्राम निर्मित होने की प्रक्रिया प्रशासकीय व तकनीकी होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

खनिज मात्रा का जांच प्रतिवेदन

[खनिज साधन]

31. ( क्र. 465 ) श्री संजीव सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) तत्कालीन कलेक्टर भिण्ड के द्वारा खनिज विभाग भिण्ड में औचक निरीक्षण किया गया था, क्या निरीक्षण के दौरान कर्मचारी संदेश पिपरौलिया खनिज निरीक्षक एवं विजय चक्रवर्ती खनिज सर्वेयर के द्वारा 140 वाहनों को बिना कलेक्टर के आदेश से मुक्त किया गया था? यदि हाँ, तो क्यों? क्या 140 वाहनों के प्रकरणों में खनिज मात्रा की जांच प्रतिवेदन के अनुसार जुर्माना जमा किया गया है यदि हाँ, तो कितना? यदि नहीं, तो संबंधित कर्मचारियों से 140 प्रकरणों में राजस्व वसूली की कार्यवाही की गई यदि हाँ, तो कितनी? (ख) क्या अनुविभागीय अधिकारी भिण्ड द्वारा उक्त दोनों लोगों के ऊपर कार्यवाही के लिए शासन को लिखा गया था? क्या अपर कलेक्टर भिण्ड के द्वारा विजय चक्रवर्ती पर जारी जांच समाप्त की गई? यदि हाँ, तो किन बिंदुओं के आधार पर एवं क्या विजय चक्रवर्ती से राजस्व के हुए नुकसान की भरपाई की गई? यदि हाँ, तो कितनी और यदि नहीं, तो क्यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। तत्कालीन कलेक्टर भिण्ड द्वारा औचक निरीक्षण किये जाने पर खनि निरीक्षक श्री संदेश पिपलोदिया एवं श्री विजय कुमार चक्रवर्ती खनि सर्वेयर के द्वारा 140 वाहनों को मुक्त किया जाना पाया गया था। जाँच करने पर बिना अधिकारिता क्षेत्र के जप्त खनिज के अवैध/ओवरलोड वाहनों पर जुर्माना आंकलित कर जुर्माना राशि चालान द्वारा जमा कराकर वाहन मुक्ति आदेश पारित किये गये जिसके कारण श्री विजय कुमार चक्रवर्ती खनि सर्वेयर को निलंबित किया गया था एवं उक्त दोनों कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गयी थी। वाहन जाँच के समय अवैध खनिज की जुर्माना राशि को वाहन मालिकों से चालान के माध्यम से उपरोक्त दोनों कर्मचारियों द्वारा तत्समय 140 प्रकरणों में कुल राशि 54,60,000/- खनिज राजस्व मद में जमा कराई गई। शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।          (ख) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) भिण्ड से प्राप्त जानकारी अनुसार दोनों लोगों के ऊपर कार्यवाही के लिए शासन को नहीं लिखा गया है। वस्तुस्थिति यह है कि विभागीय जाँच अधिकारीभिण्ड द्वारा तत्कालीन खनि निरीक्षक श्री संदेश पिपलोदिया का जाँच प्रतिवेदन अयुक्त चम्बल संभागमुरैना को प्रेषित किया गया है तथा तत्कालीन सर्वेयर श्री विजय कुमार चक्रवर्ती का जाँच प्रतिवेदन कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी भिण्ड को प्रस्तुत किया गया। जिसमें विचारोपरांत कलेक्टर भिण्ड द्वारा श्री विजय कुमार चक्रवर्ती को संचयी प्रभाव से एक वेतन वृद्धि रोकने की कार्यवाही से दण्डित किया जाकर विभागीय जाँच समाप्त की गई। उक्त प्रकरणों में वाहन मालिकों द्वारा अर्थदण्ड जमा राजस्व का भुगतान किया है। अतः शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न ही नहीं है।

पट्टे की भूमि का विक्रय

[राजस्व]

32. ( क्र. 500 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) पटवारी हल्‍का नं. 57 कस्‍बा खिलचीपुर में सर्वे क्र. 1127 में पट्टे की भूमि विक्रय हेतु कितने आवेदन प्राप्‍त हुये एवं कितने आवेदकों को अनुमति प्रदान की गई? आवेदन की दिनांक एवं अनुमति की दिनांक सहित पट्टाधारी का नाम स्‍पष्‍ट करें। (ख) क्‍या सर्वे क्र.1127 में पट्टे की भूमि पर राष्‍ट्रीय राजमार्ग (बायपास) निकला है? उक्‍त भूमि के पट्टेधारियों को कितना मुआवजा दिया गया? यदि नहीं, दिया गया तो इसका क्‍या कारण है? (ग) उक्‍त सर्वे नं. में पट्टा भूमि विक्रय की अनुमति संबंधित समस्‍त दस्‍तावेजों एवं प्रतिवेदनों की प्रति उपलब्‍ध कराएं। नक्‍शा तरमीम दर्ज करने हेतु उक्‍त सर्वे नं. में कब आवेदन दिये गए व नक्‍शा तरमीम किस दिनांक में दर्ज की गई? समस्‍त प्रकरणों की जानकारी उपलब्‍ध कराएं। (घ) उक्‍त सर्वे नं. में क्‍या विक्रय अनुमतियां एवं नक्‍शा तरमीम अधिकांश प्रकरणों में एक ही दिनांक में दर्ज होना व पट्टाधारियों द्वारा राष्‍ट्रीय राजमार्ग की मुआवजा राशि न लेना कूटरचना और अधिकारियों की मिलीभगत दर्शाता है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) कस्बा खिलचीपुर स्थित भूमि सर्वे क्रमांक 1127 में पट्टा भूमि विक्रय अनुमति हेतु कुल 15 आवेदन प्राप्त हुये थे, जिसमें से 11 पट्टाधिकारियों को अनुमति जारी की गई थी तथा 04 पट्टाधिकारियों के आवेदन निरस्त किये गये है। पट्टेधारियों के नाम तथा अनुमति दिनांक सहित जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट - अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। उक्त भूमि शासकीय पट्टे की होने से बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के भूमि के क्रय-विक्रय होने से उक्‍त सर्वे क्रमांक 1127/431127/50 की उक्‍त भूमि के पट्टे को निरस्त कर, भूमि को शासकीय घोषित किया गया है, तथा मुआवजा भुगतान पर रोक लगाई गई है। (ग) उक्त सर्वे क्रमांक 1127 में पट्टा भूमि विक्रय से संबंधित दस्तावेजों की प्रतियां  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट- ब अनुसार  है। भूमि सर्वे क्रमांक 1127 की भूमि के बंटाकन 1127/68, 1127/28 रकबा क्रमशः 0.506 हेक्टर, 2.023 हेक्टर की भूमि की तरमीम इस न्यायालय के राजस्व प्रकरण क्रमांक 0005/अ- 3 2016-17, प्रकरण क्रमांक 0003/अ- 3 2016-17, दोनों में पारित आदेश 26/12/2016 से स्वीकृत की गई है, उक्त प्रकरण दिनांक 15/11/2016 को दायरा पंजी में दर्ज किये गये है। भूमि सर्वे क्रमांक 1127/41 में से रकबा 1.011 हे. तथा 1127/41 में से रकबा 1.012 हे. की भूमि की तरमीम न्यायालय तहसीलदार खिलचीपुर के राजस्व प्रकरण क्रमांक 0001/अ-3/2016-17 एवं 0002/अ -3/2016-17 दोनों में पारित आदेश दिनांक 26/12/2016 से नक्शे में तरमीम स्वीकृत की गई है। उक्त दोनों प्रकरण दिनांक 15/11/2016 को दायरा पंजी में दर्ज किये गये है। भूमि सर्वे क्रमांक 1127/12 रकबा 1.076 हे., की भूमि की तरमीम न्यायालय तहसीलदार खिलचीपुर के राजस्व प्रकरण क्रमांक 0005/अ-3/2015-16 को दायरा पंजी में दिनांक 24/08/2016 को दर्ज कर, आदेश दिनांक 26/09/2016 को पारित कर एवं भूमि सर्वे क्रमांक 1127/22 रकबा 2.250 हे. की भूमि की तरमीम न्यायालय तहसीलदार खिलचीपुर के राजस्व प्रकरण क्रमांक 0008/अ-3/2016-17 को दायरा पंजी में दिनांक 28/12/2016 को दर्ज कर, आदेश दिनांक 20/01/2017 को पारित कर, नक्शे में तरमीम स्वीकृत की गई है। भूमि सर्वे क्रमांक 1127/10/1, 1127/10/3 रकबा क्रमशः 0.945, 1.574 हे. की भूमि की तरमीम न्यायालय तहसीलदार खिलचीपुर के राजस्व प्रकरण क्रमांक 0015/अ-3/2019-20 दिनांक 12/03/2020 को आरसीएमएस पोर्टल पर दर्ज कर, आदेश दिनांक 10/06/2020 से नक्शे में स्वीकृत की गई है। भूमि सर्वे क्रमांक 1127/48 रकबा 1.012 हे. की तरमीम न्यायालय तहसीलदार खिलचीपुर के राजस्व प्रकरण क्रमांक 0004/अ-3/2016-17 दिनांक 15/11/2016 को दायरा पंजी में दर्ज कर, आदेश दिनांक 26/12/2016 को स्वीकृत की गई थी, उक्त आदेश को न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी खिलचीपुर-जीरापुर के अपीलीय प्रकरण क्रमांक 0017/अपील/2019-20 में पारित आदेश दिनांक 09/01/2020 के अनुसार, अपास्त कर, उक्त तरमीम को निरस्त किया गया है। भूमि सर्वे क्रमांक 1127/30, 1127/38, 1127/43, 1127/50, 1127/61 एवं भूमि सर्वे क्रमांक 1127/1/2, 1127/1/4 की भूमि की नक्शे में तरमीम बिना किसी सक्षम अधिकारी के आदेश से की गई है। (घ) जी नहीं।

गोदाम निर्माण की स्‍वीकृति

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

33. ( क्र. 501 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राजगढ़ जिले की खिलचीपुर तहसील के ग्राम बावड़ीखेड़ा जागीर में सहकारिता विभाग द्वारा आर.के.वी.आई. योजना अन्‍तर्गत 1000 मैट्रिक टन का गोदाम स्‍वीकृत किया गया था? (ख) यदि हां, तो कब स्‍वीकृत हुआ था? इसमें कितना निर्माण कार्य हुआ है यह कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) :  (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

कार्यालय भवन एवं कचरा संग्रहण केन्द्र हेतु भूमि का आवंटन

[राजस्व]

34. ( क्र. 513 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) जिला रीवा की तहसील जवा अंतर्गत नवगठित नगर परिषद डभौरा के कार्यालय भवन निर्माण हेतु क्या भूमि आरक्षित कर ली गई है? यदि हाँ, तो क्या भूमि आवंटन प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है? यदि नहीं, तो लंबित होने का क्या कारण है, प्रक्रिया कब तक पूर्ण की जा सकेगी? (ख) नगर परिषद डभौरा की साफ-सफाई के उपरांत संग्रहित कचरे को डंप करने कचरा संग्रहण केन्द्र हेतु क्या भूमि आवंटित कर दी गई है? यदि नहीं, तो भूमि आवंटन प्रक्रिया लंबित होने का क्या कारण है? कब तक भूमि आवंटन प्रक्रिया पूर्ण कर नगर परिषद को भूमि सौंपी जा सकेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, रीवा जिले के तहसील जवा अंतर्गत नवगठित नगर परिषद डभौरा के कार्यालय भवन हेतु राजस्‍व निरीक्षक मण्‍डल, तहसील जवा अंतर्गत ग्राम कोटा की म.प्र. शासन की भूमि खसरा नम्‍बर 16 रकवा 11.882 हे. के अंश भाग 1.012 हे. नगर परिषद डभौरा के कार्यालय भवन हेतु आरक्षित की गई है। ऑफलाइन प्रक्रिया के द्वारा भूमि आवंटन की प्रक्रिया तहसीलदार स्‍तर पर पूर्ण कर ली गई है। ऑनलाइन प्रक्रिया हेतु प्रस्‍तुत आवेदन पर RCMS पोर्टल में तकनीकी त्रुटि होने के कारण दिखाई नहीं दे रहा है, जिस हेतु मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी, नगर परिषद डभौरा को पुन: ऑनलाइन आवेदन प्रस्‍तुत करने हेतु निर्देशित किया गया है। (ख) हाँ, नगर परिषद डभौरा की साफ-सफाई के उपरांत संग्रहित कचरे को डंप करने कचरा संग्रहण केन्‍द्र ग्राम कोटा हेतु राजस्‍व निरीक्षक मण्‍डल डभौरा, तहसील जवा की म.प्र. शासन की भूमि खसरा नम्‍बर 34/1 रकवा 11.556 हे. के अंश भाग 2.025 हे. ठोस अपशिष्‍ट प्रबंधन के लिए सुरक्षित की गई है। आनलाइन प्रक्रिया हेतु प्रस्‍तुत आवेदन RCMS पोर्टल में तकनीकी त्रुटि होने के कारण दिखाई नहीं दे रहा है, जिस हेतु मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी, नगर परिषद डभौरा को पुन: आनलाइन आवेदन प्रस्‍तुत करने हेतु निर्देशित किया गया है।

जिला कार्यालय इकाई की स्वीकृति

[परिवहन]

35. ( क्र. 528 ) श्री अनिल जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निवाड़ी जिला 01 अक्टूबर 2018 को अस्तित्व में आने के बाद भी आज दिनांक तक परिवहन विभाग जिला टीकमगढ़ से ही संचालित है? (ख) क्या वर्तमान में भी लोगों को परिवहन संबंधी कार्यों के लिए जिला-टीकमगढ़ में जाना पड़ता है? यदि हाँ, तो जिला निवाड़ी में परिवहन विभाग की जिला इकाई की स्वीकृति, पद स्वीकृति एवं अधिकारियों/कर्मचारियों की पदस्थापना कब तक कर दी जावेगी? क्रमवार समय-सीमा सहित बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। वर्तमान में चालक लायसेंस संबंधी कई सेवाएं फेसलेस हो गयी है जिसके लिए आवेदक को परिवहन कार्यालय जाने की आवश्‍यकता नहीं होती है। परिवहन विभाग जिला निवाडी में अधिकारियों तथा कर्मचारियों की पदस्थापना कार्यालय परिवहन आयुक्त मध्यप्रदेश के पत्र क्रमांक 3292/स्था.ओएस/टीसी/2019 दिनांक 15.07.2019 एवं 1709/स्था.ओएस/टीसी/2021 दिनांक 12.03.2021 द्वारा की जा चुकी है। जानकारी संलग्न  परिशिष्ट अनुसार  है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "बारह"

वन मण्डलाधिकारी भिण्ड, द्वारा लिखे गये पत्र पर कार्यवाही

[वन]

36. ( क्र. 533 ) श्री संजीव सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) वन मण्डलाधिकारी भिण्ड के द्वारा दिनांक 24.08.2021 को जारी अपर प्रधान मुख्य संरक्षक को अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु पत्र लिखा गया। उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही हुई? यदि नहीं, तो कब तक कार्यवाही हो जायेगी? (ख) वन मण्‍डलाधिकारी भिण्ड के द्वारा सुश्री सपना बिसोरिया के खिलाफ उनकी सेवाएं समाप्त करने के संबंध में दिनांक 27.09.2021 को अपर प्रधान वन संरक्षक को पत्र लिखा गया, उस पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक कार्यवाही हो जायेगी?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। वन मण्डलाधिकारी भिण्ड द्वारा सुश्री सपना बिसोरिया, वन क्षेत्रपाल के विरुद्ध लिखे गये पत्र दिनांक 24.08.2021 के तारतम्य में अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं पदेन वन संरक्षक ग्वालियर के पत्र क्रमांक/वि.जां./21/4626 दिनांक 12.11.2021 से मध्य प्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के अन्तर्गत सुश्री सपना बिसोरिया, वनक्षेत्रपाल के विरुद्ध आरोप पत्र जारी किया गया है तथा उक्त आरोपों की विधिवत् विभागीय जांच सम्पन्न करने हेतु आदेश क्रमांक/स्था./वि.जां./22/42 दिनांक 18.01.2022 से वन मण्डलाधिकारी ग्वालियर को जांचकर्ता अधिकारी एवं उप वनमण्डलाधिकारी भिण्ड को प्रस्तुतकर्ता अधिकारी नियुक्त किया गया है। (ख) वन मण्डलाधिकारी भिण्ड के द्वारा सुश्री सपना बिसोरिया के खिलाफ उनकी सेवायें समाप्त करने के संबंध में दिनांक 27.09.2021 को जो पत्र लिखा गया है। इस बावत् प्रश्‍नांश '''' में दर्शाये गये उत्तर अनुसार सुश्री सपना बिसोरिया, वनक्षेत्रपाल के विरुद्ध विभागीय जांच संस्थित की जा चुकी है। विभागीय जांच पूर्ण होने के पश्चात् जांच अधिकारी के द्वारा प्रस्तुत जांच उपपत्ति के परीक्षणोपरांत प्रकरण में गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जावेगा, कार्यवाही अर्द्ध-न्यायिक होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

डीनोटीफाईड कर अंतरित की गई भूमि

[राजस्व]

37. ( क्र. 557 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) बैतूल जिले के उत्तर वनमण्डल के अंतर्गत किस अधिसूचना दिनांक से कितनी भूमि भा.व.अ.1927 की धारा 27 एवं धारा 34अ के अनुसार डीनोटीफाईड कर पुनर्वास विभाग, डब्ल्यू.सी.एल. एवं पॉवर हाउस के लिए वन विभाग ने अंतरित, आवंटित या हस्तांतरित की है?             (ख) धारा 27 एवं धारा 34 अ में डीनोटीफाईड भूमियों को राजस्व विभाग द्वारा अपने किस किस मानचित्र एवं अन्य अभिलेखों में कब-कब दर्ज किया गया? इनमें से कितनी भूमि कोयला कंपनी और पॉवर हाउस प्रबंधन को राज्य सरकार ने किस कानून, किस नियम के तहत लीज पर आवंटित की है या मालिकाना हक पर आवंटित की है? कितनी भूमि पुनर्वास क्षेत्र में कितने किसानों को मालिकाना हक पर सौंपी है? पृथक-पृथक बतावें। (ग) कोयला कंपनी एवं पॉवर हाउस प्रबंधन को सौंपी गई भूमि में से सारनी नगर पालिका को अधोसंरचना विकास के लिए भूमि अंतरित करने या आवंटित करने का क्या प्रावधान वर्तमान में प्रचलित है? यदि इस तरह का कोई प्रावधान नहीं हो तो उसका कारण बतावें। (घ) धारा 27 एवं धारा 34अ में डीनोटीफाईड भूमि में से अधोसंरचना विकास के लिए नगर पालिका सारनी को भूमि आवंटित, अंतरित किए जाने के संबंध में शासन क्या कार्यवाही कर रहा है, कब तक करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) वन मंडलाधिकारी, बैतूल के अनुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट  अनुसार  है। (ख) डब्‍ल्‍यू सी.एल. को आवंटित भूमि का राजस्व अभिलेख नहीं है। पॉवर हाउस हेतु आवंटित भूमि मानचित्र एवं अभिलेख में वर्ष 2013-14 में तैयार किया गया है। राजपत्र दिनांक 05 जनवरी, 1968 द्वारा पॉवर हाउस निर्मित करने हेतु वन विभाग ने हस्तांतरित की है। पुनर्वास विभाग के राजस्व अभिलेख अनुसार वर्ष 1977-78 में तैयार किये गये हैं। राजस्व अभिलेख अनुसार पुनर्वास क्षेत्र में रकबा 4579.546 हे. भूमि पर 2419 कृषकों को पट्टा प्रदाय किया गया है। (ग) कोयला कंपनी एवं पॉवर हाउस प्रबंधन को सौंपी गई भूमि में से सारनी नगर पालिका को अधोसंरचना विकास के लिए भूमि अंतरित करने या आवंटित करने का प्रावधान नहीं है।     (घ) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।

परिशिष्ट - "तेरह"

संबल योजना के लाभ का प्रदाय

[श्रम]

38. ( क्र. 596 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय जनपद पंचायत लवकुशनगर जिला छतरपुर मध्य प्रदेश के पत्र क्रमांक 1605/ज.पं/शिकायत/2021 द्वारा अपर कलेक्टर एवं अपीलीय अधिकारी (संबल योजना) जिला छतरपुर मध्य प्रदेश को पत्र जारी किया गया था? (ख) प्रश्‍नांश (क) यदि हाँ, तो क्या उक्त पत्र में मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजनांतर्गत पंजीकृत श्रमिक श्रीमती कुसुम यादव निवासी ग्राम पंचायत रानीपुर की मृत्यु दिनांक 19/05/2019 को हो गई है? श्री रस्सू यादव मृतक का पति है तथा वैद्य वारिश है, मृतक से आवेदन के संबंध में चाहे गये दस्तावेज आधार कार्ड, बैंक पासबुक, समग्र आईडी, सत्यापित प्रति संलग्न कर आवश्यक कार्रवाई हेतु सादर संप्रेषित है लेख किया गया था(ग) प्रश्‍नांश (ख) यदि हाँ, तो क्या आवेदक को उक्त योजना का लाभ दिया गया था? यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें। (घ) क्या शासन द्वारा आवेदक को उक्त योजना का लाभ दिया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बताएं। यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) आवेदक श्री रस्‍सू यादव को मृतक श्रीमती कुसुमकली यादव की मृत्‍यु हो जाने पर अनुग्रह सहायता का लाभ नहीं दिया गया है, क्‍योंकि श्रीमती कुसुम यादव भौतिक सत्यापन में 'अपात्र' चिन्हित है तथा न्‍यायालय अपर कलेकटर, छतरपुर के प्रकरण क्रमांक 0164 के आदेश दिनांक 26.10.2021 के द्वारा उनकी अपील निरस्‍त कर दी गई है। (घ) जी नहीं, श्रीमती कुसुम यादव, भौतिक सत्यापन में 'अपात्र' चिन्हित है तथा न्यायालय अपर कलेक्टर, छतरपुर द्वारा उनकी अपील अस्वीकार की गई है। अपात्र होने के कारण लाभ दिया जाना संभव नहीं है।

गाँधीसागर वन्य अभयारण्‍य में वन्य जीवों की वृद्धि हेतु कार्य योजना

[वन]

39. ( क्र. 615 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गांधीसागर वन अभयारण्‍य में वर्तमान में कितने-कितने वन्य जीव किस-किस प्रजाति के रजिस्टर्ड हैं? (ख) 1 जनवरी 2015 के पश्चात गांधीसागर वन अभयारण्‍य में शेर,चीते व अन्य अद्भुत प्राणियों की संख्या में वृद्धि करने के लिए तथा वन्य अभयारण्‍य को नवीन तकनीक से जोड़ने के लिए कब-कब क्या-क्या प्रयास किए गए? इस हेतु कब-कब कितनी राशि प्राप्त हुई? दिनांकवार जानकारी देवें। (ग) गांधीसागर वन अभयारण्‍य में वर्तमान में मगरमच्छ की संभावित संख्या कितनी है? उक्त अवधि में इनकी गणना कब-कब की गई? गांधीसागर वन्य अभयारण्‍य में "क्रोकोडाइल पार्क" बनाने की क्या कोई योजना प्रचलन में है? यदि हाँ, तो अवगत कराएँ? यदि नहीं, तो क्या कोई प्रयास किए जाएंगे? (घ) क्या गांधीसागर वन अभयारण्‍य में वर्तमान में अफ्रीका या अन्य प्रदेशों से शेर, चीते वन्य प्रजाति के वन्य जीव लाने की कोई योजना प्रचलन में हैं यदि हाँ, तो पूर्ण जानकारी देवें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) गांधीसागर अभयारण्‍य में वन्‍यप्राणियों की अनुमानित संख्‍या की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट में है। (ख) गांधीसागर अभयारण्‍य में शेर, चीता नहीं पाये जाते हैं। अभयारण्‍य में वन्‍यप्राणियों के संरक्षण एवं वृद्धि हेतु आवश्‍यकतानुसार पशु अवरोधक दीवार, चारागाह विकास, जल स्‍त्रोतों का विकास, गश्‍ती हेतु वन मार्ग का उन्‍नयन, वॉच टॉवर व्‍यवस्‍था, वन्‍यप्राणी रेस्‍क्‍यू हेतु आवश्‍यक उपकरण की व्‍यवस्‍था की गई है। अभयारण्‍य को नवीन तकनीकी से जोड़ने हेतु ट्रैप कैमरा, बायनाकुलर तथा ड्रोन उपकरण व्‍यवस्‍था हेतु वित्‍तीय वर्ष 2021-22 में राशि रूपये 13.25 लाख आवंटित की गई है। (ग) गांधीसागर वन अभयारण्‍य में मगरमच्‍छ की संख्‍या का आंकलन अथवा गणना नहीं की गई है। गांधीसागर अभयारण्‍य में क्रोकोडाइल पार्क बनाने की कोई योजना प्रचलन में नहीं है और कोई योजना प्रस्‍तावित नहीं है। (घ) गांधीसागर वन अभयारण्‍य क्षेत्र में वर्तमान में अफ्रीका या अन्‍य प्रदेशों से शेर, चीते अन्‍य प्रजाति के वन्‍यजीव लाने की कोई योजना प्रचलन में नहीं है।

परिशिष्ट - "चौदह"

ओलावृष्टि से हुए नुकसान पर मुआवजा

[राजस्व]

40. ( क्र. 628 ) श्री सुरेश राजे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डबरा विधानसभा में दिसम्‍बर 21 जनवरी 22 में ओलावृष्टि के बाद सरकार द्वारा करवाए गए सर्वे में कितना प्रतिशत नुकसान अंकित हुआ? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार पीड़ित किसानों को मुआवजा राशि हेतु कुल कितना बजट तय किया गया था? (ग) प्रश्‍नांश (क), (ख) अनुसार अभी तक कितने पीड़ितों को मुआवजा राशि मुहैया करवाई गयी? (घ) फसल बीमा योजना से कितने हितग्राहि‍यों को अभी तक बीमा उपलब्ध हुआ? डबरा विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने हितग्राही हैं? (ड.) अगर अभी तक मुआवजा नहीं दिया गया तो क्यों? कारण बतावेंl

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) डबरा विधानसभा क्षेत्र में माह दिसम्‍बर 21 में कोई ओलावृष्टि नहीं हुई है एवं माह जनवरी 2022 में ओलावृष्टि के बाद सरकार द्वारा करवाए गए सर्वे में 25 प्रतशित से शत-प्रतशित तक पृथक-पृथक नुकसान हुआ है। (ख) डबरा विधानसभा क्षेत्र में प्रश्‍नांश (क) अनुसार 2086 पीड़ि‍त किसानों को 1,94,94,456/- रूपये की आर्थिक अनुदान राशि स्‍वीकृत कर भुगतान किया गया है। (ग) प्रश्‍नांश (क), (ख) अनुसार अभी तक 1830 पीड़ितों को मुआवजा राशि मुहैया करवाई गयी है। (घ) कृषि विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार वर्ष 2021-22 के दावों की गणना प्रच‍लन में है। (ड.) 256 शेष रहे किसानों की भुगतान प्रक्रिया जारी है।

ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन हेतु सुविधा

[परिवहन]

41. ( क्र. 633 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) म.प्र. शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों को तहसील, जिला जनपद आदि कार्यालयों में आवागमन हेतु विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या सुविधायें दी गई है? (ख) उपरोक्‍त संचालन हेतु शासन द्वारा क्‍या कोई गाइड लाईन मार्गदर्शिका का प्रावधान हो तो उसकी प्रति दी जावें। (ग) क्‍या वर्तमान में विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 03 सबलगढ़ जिला मुरैना में शासन की गाइड-लाइन अनुसार ग्रामीणों को सेवाएं उपलब्‍ध कराई जा चुकी हैं? यदि नहीं, तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) मध्यप्रदेश शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों को तहसील, जिला-जनपद आदि कार्यालयों में आवागमन हेतु साधारण मार्ग के अतिरिक्त मध्यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 के नियम 116-'' (दो) के अनुसार ''ग्रामीण मार्ग'' को परिभाषित किया गया है तथा मध्यप्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम 1991 में प्रावधान कर ''ग्रामीण सेवायान जिसकी बैठक क्षमता 3+1 से 7+1 तक है और जो ग्रामीण परिवहन सेवा के लिये दिये गये नियमित अनुज्ञा पत्र के अंतर्गत आते हैं उनका मोटरयान कर अनुज्ञा पत्र की विधिमान्‍यता तक यान के मूल्य का 1 प्रतिशत देय होता है। प्रति  संलग्न  परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ग) वर्तमान में सबलगढ़ विधान सभा क्षेत्र क्रमांक 03 के अंतर्गत 11 यात्री बस ग्रामीण मार्गों पर जनसुविधा हेतु संचालित हैं। ग्रामीण परिवहन हेतु आवेदन प्राप्त होने पर परमिट प्रदाय किये जाते है। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय मुरैना में सबलगढ़ तहसील में ग्रामीण परिवहन सेवा अंतर्गत किसी भी यात्री वाहन संचालक द्वारा अस्थाई परमिट जारी किये जाने हेतु कोई भी आवेदन कार्यालय में प्रस्तुत नहीं हैं।

परिशिष्ट - "पंद्रह"

पी.एम. एवं सी.एम. किसान सम्‍मान निधि का प्रदाय

[राजस्व]

42. ( क्र. 634 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) जिला मुरैना की तहसील सबलगढ़ एवं कैलारस में पी.एम. एवं सी.एम. किसान सम्‍मान निधि में प्रश्‍न दिनांक तक कितने आवेदन प्राप्‍त हुए? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित प्राप्‍त आवेदनों में से कितने किसानों को सम्‍मान निधि शेष होकर उन्‍हें कब तक उपलब्‍ध करा दी जावेगी? उपलब्‍ध न कराने के क्‍या कारण हैं? किस-किस वर्ग के अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? उनके नाम बताते हुए कृषक समुदायों को कब तक उपरोक्‍त सम्‍मान निधियां उपलब्‍ध करा दी जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) पी.एम.किसान पोर्टल की रिपोर्ट दिनांक 28.02.2022 अनुसार प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि एवं मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजना के अंतर्गत जिला मुरैना तहसील सबलगढ़ एवं कैलारस में पंजीकृत हितग्राहियों की संख्‍या क्रमश: 31725 एवं 29911 है। (ख) प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि पोर्टल अनुसार जिला मुरैना तहसील सबलगढ एवं कैलारस में क्रमश: 1253 एवं 1031 हितग्राहियों की जानकारी पोर्टल की सत्‍यापन प्रक्रिया में प्रगतिरत होकर भुगतान से शेष है। मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजना के तहत जिला मुरैना तहसील सबलगढ़ एवं कैलारस में क्रमश: 6089 एवं 5756 हितग्राहियों को लाभ दिया जाना प्रक्रियाधीन है। योजना की किश्‍त हेतु नियत समय-सीमा में लाभ सतत् रूप से प्रदान किया जा रहा है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

संबल योजना के लंबित प्रकरण

[श्रम]

43. ( क्र. 690 ) श्री तरूण भनोत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या संबल योजना के लाभार्थियों को मिलने वाली राशि का भुगतान लंबे समय से लंबित है? (ख) यदि हाँ, तो जबलपुर संभाग के ऐसे लंबित लाभार्थियों का जिलेवार ब्‍यौरा दें। (ग) क्‍या प्रदेश की कई जनकल्‍याणकारी योजनाओं को बजट के अभाव में अस्‍थायी रूप से रोक दिया गया है?           (घ) यदि हाँ, तो उन योजनाओं की विस्‍तृत जानकारी दें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) संबल योजनांतर्गत हितलाभ राशि का भुगतान स्वीकृति पश्चात पात्र हितग्राहियों को बजट उपलब्धता पर किया जाता है। (ख) प्रश्‍नाकिंत की जानकारी  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट  अनुसार है। (ग) जी नहीं। संबल योजना को रोका नहीं गया है। बजट आवंटन होते ही पात्र लाभार्थियों को भुगतान किया जाता है। (घ) प्रश्‍नांश '' के परिपेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

पी.ओ.एस. मशीनों में उपलब्‍ध खाद्यान्‍न आवंटन

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

44. ( क्र. 719 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) 10 फरवरी 2022 की स्थिति में रायसेन जिले की किन-किन शासकीय उचित मूल्‍य की दुकानों में पी.ओ.एस. मशीन में कितना-कितना खाद्यान्‍न स्‍टॉक में उपलब्ध है? (ख) माह फरवरी में 2 माह का खाद्यान्‍न वितरण के बाद शासकीय उचित मूल्‍य की दुकानों में पी.ओ.एस. मशीन में खाद्यान्‍न स्‍टॉक में क्‍यों दिख रहा है? कारण बतायें तथा इसके समाधान हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) पी.ओ.एस. मशीन में खाद्यान्‍न स्‍टॉक में दिखना तथा दुकान में भौतिक रूप से खाद्यान्‍न उपलब्‍ध न होना में सुधार हेतु मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्‍त हुए तथा उन पर  क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्‍नांश (ग) की समस्‍या के निराकरण हेतु राज्‍य, जिला तथा तहसील स्‍तर पर किस-किस अधिकारी की क्‍या-क्‍या जवाबदारी है तथा उक्‍त संबंधित अधिकारियों द्वारा पी.ओ.एस. मशीन में उपलब्‍ध आवंटन में सुधार हेतु कार्यवाही क्‍यों नहीं की? ऐसे अधिकारियों के विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही की जायेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्‍नांकित दिनांक की स्थिति में वांछित  जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ख) जनवरी एवं फरवरी माह के खाद्यान्‍न के वितरण के निर्देश एक साथ होने के कारण जिन हितग्राहियों के द्वारा माह जनवरी, 2022 में खाद्यान्‍न प्राप्‍त नहीं किया गया, उनके खाद्यान्‍न की पात्रता समाप्‍त न होने के कारण स्‍टॉक पी.ओ.एस. मशीन में प्रदर्शित हो रहा था। माह फरवरी, 2022 में भी जनवरी एवं फरवरी, 2022 के राशन का वितरण एक साथ किया गया है। दुकानों में पहुंचायी गई राशन सामग्री का स्‍टॉक उपभोक्‍ता को वितरण न होने तक मशीनों में दिखता है एवं वितरण अनुसार स्‍टॉक घटता जाता है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍नांकित विषय के संदर्भ में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण विभाग को माननीय विधायक श्री रामपाल सिंह, विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 143 सिलवानी, जिला रायसेन का पत्र क्रमांक 535 दिनांक 24.09.2021 प्राप्‍त हुआ था जिसमें माह अक्‍टूबर, 2021 में उपभोक्‍ताओं की संख्‍या के मान से कम खाद्यान्‍न आवंटित होने का उल्‍लेख किया गया था। संचालनालय स्‍तर से दिनांक 06.10.2021 को अतिरिक्‍त आवंटन की प्रविष्टि हेतु जिले को विकल्‍प उपलब्‍ध कराकर अतिरिक्‍त आवंटन जारी किया गया था। इस संबंध में जिला स्‍तर पर कोई पत्र प्राप्‍त नहीं हुआ है। (घ) जिले के लिए उत्‍तरांश '' अनुसार कार्यवाही की गई है। पीओएस मशीन में प्रदर्शित खाद्यान्‍न तथा दुकान में भौतिक रूप से उपलब्‍ध खाद्यान्‍न में अंतर पाये जाने पर जिले के सक्षम अधिकारियों द्वारा संबंधितों के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही करने के पश्‍चात् जिलों की मांग एवं पोर्टेबिलिटी के कारण अतिरिक्‍त आवश्‍यकता होने पर जिलों को अतिरिक्‍त आवंटन जारी किया जाता है, ताकि दुकान में खाद्यान्‍न की अनुपलब्‍धता की स्थिति न हो। खाद्यान्‍न का आवंटन संचालनालय से जारी किया जाता है एवं उसे जिला अधिकारियों को अवलोकन हेतु भेजा जाता है। यदि जिला अधिकारी द्वारा आवंटन में विसंगति संबंधी तथ्‍य संचालनालय के ध्‍यान में लाया जाता है तो उस पर परीक्षण उपरांत कार्यवाही की जाती है। अत: आवंटन के सुधार में कार्यवाही न करने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। दुकान को उपलब्‍ध कराई गई मात्रा में से वितरण पश्‍चात् शेष बची मात्रा दिखाई देती है। अत:किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

पीस वर्क पद्धति से कार्य कराये जाने के नियम

[जल संसाधन]

45. ( क्र. 746 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन विभाग में पीस वर्ष पद्धति से कार्य कराये जाने के क्‍या नियम है? (ख) पीस वर्क पद्धति से एक वित्‍तीय वर्ष में अधिकतम कितनी राशि के कार्य कराये जा सकते है? (ग) क्‍या यह सत्‍य है कि मुख्‍य अभियंता चंबल बेतवा कछार, भोपाल द्वारा विगत 5 वर्षों में जल संसाधन संभाग, भोपाल में लगभग 10 करोड़ राशि के कार्यों को पीसवर्क पद्धति से कराये जाने की अनुमति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो किस के आदेश से प्रमाणित प्रति देवें? (घ) यदि किसी सक्षम अधिकारी द्वारा विभाग द्वारा निर्धारित अधिकतम सीमा से ज्‍यादा राशि के कार्य पीसवर्क पद्धति से कराये गये है? यदि हाँ, तो इस परिस्थिति में विभाग द्वारा उस अधिकारी के विरूद्ध क्‍या दण्‍डात्‍मक कार्यवाही करेगा यदि हाँ, तो कब तक यदि‍ नहीं तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) नियमों की प्रति संलग्‍न  परिशिष्‍ट-1 एवं  2 अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

परिशिष्ट - "सोलह"

मनरेगा से कराए गए निर्माण कार्य

[वन]

46. ( क्र. 750 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) जबेरा विधानसभा क्षेत्र में मनरेगा से वन क्षेत्र में वर्ष 2020 -21 एवं 2021 -22 में कितने तालाब व चेकडेम निर्माण किए गए हैं? उनकी लागत राशि कितनी है उनमें से कितने पूर्ण हैं कितने अपूर्ण हैं या प्रगतिरत हैं? (ख) क्या मनरेगा मद से जो तालाब निर्माण किए गए हैं उनमें मजदूरों के स्थान पर मशीनों से कार्य कराया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या इसकी कोई जांच की गई? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) तालाब एवं चेक डेम निर्माण में मजदूरों से कार्य कराए गए मस्टर किस तिथि में कितने मजदूरों व कितनी धनराशि के जारी किए गए हैं एवं जिन मजदूरों के खाते में भुगतान हुआ है क्या वास्तव में उन मजदूरों ने मजदूरी की है या फर्जी मजदूरों के मस्टर डालकर मजदूरी निकाल ली गई है? क्या इसकी जांच के लिए वन विभाग के अधिकारि‍यों एवं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि को साथ में रखते हुए एक जांच कमेटी बनाएंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-1 पर है। (ख) जी नहीं। मनरेगा योजना अंतर्गत तालाब व चेकडेम निर्माण का कार्य मजदूरों द्वारा ही कराया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) मनरेगा योजना अंतर्गत तालाब एवं चेकडेम निर्माण में मजदूरों से कार्य कराया गया है। मस्‍टर की तिथि, मजदूरों की संख्‍या एवं भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-2 पर है। जिन मजदूरों द्वारा कार्य किया गया है, उन्‍हीं के पक्ष में भुगतान हुआ है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थि‍त नहीं होता है।

पौधरोपण में हुए व्यय एवं प्राप्त लक्ष्य

[वन]

47. ( क्र. 766 ) श्री विनय सक्सेना : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा पौधरोपण के नौवें चरण के संचालन की क्या-क्या कार्य योजना बनायीं गयी थी एवं             क्या-क्या लक्ष्य निर्धारित किये गये थे? (ख) उक्त कार्य हेतु किस-किस वर्ष के लिए कितना-कितना बजट निर्धारित किया गया था? कितना व्यय किया गया है? कितने लक्ष्य हासिल हो चुके हैं?               (ग) उक्त कार्य में अनियमितता की कितनी-कितनी शिकायतें विभाग व अन्य जांच एजेंसियों को मिली हैं? उन पर क्या क्या कार्यवाही की गयी? (घ) क्या निर्धारित किये गये लक्ष्यों को प्राप्त कर लिया गया? यदि नहीं, तो इसके क्या-क्या कारण हैं?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विभाग द्वारा पौधरोपण के नौवें चरण के संचालन नाम की कोई योजना नहीं बनाई गई थी, शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

खनिज प्रतिष्ठान संबंधित संक्रियाओं की जानकारी

[खनिज साधन]

48. ( क्र. 768 ) श्री संजय उइके : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) क्या जिला खनिज प्रतिष्ठान का उद्देश्य खनन से संबंधित संक्रियाओं से प्रभावित व्यक्तियों और क्षेत्रों के हित और फ़ायदे के लिए बनाया गया है? (ख) यदि हाँ, तो बालाघाट जिले में वित्तीय वर्ष 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन से खनन संबंधित संक्रियाओं से कब-कब,                  कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? मण्डल की कब-कब की बैठक में किन-किन कार्यों/वार्षिक/कार्य योजना का अनुमोदन किया गया, अनुमोदन अनुसार किन-किन कार्यों की कब-कब स्वीकृति आदेश जारी किया गया, किन-किन कार्यों का अध्यक्ष जिला खनिज प्रतिष्ठान के बिना अनुमोदन प्रशासकीय स्वीकृति आदेश जारी किया गया? कहाँ-कहाँ, कौन-कौन सी खनन संबंधित संक्रिया है? प्रशासकीय स्वीकृति पत्र सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या म.प्र. जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम 2016 के नियम 12 उपनियम (3) एवं (4) (ड) के अनुसार सूची का संधारण किया गया है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो संधारण किया जाना आवश्यक है या नहीं? क्या उक्त नियम 12 उपनियम (1) (क) के कारण उपनियम (3) एवं (4) (ड) प्रभावहीन हो जाता है?              (घ) जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम 2016 के नियमों के अनुसार स्वीकृत कार्य, कौन-कौन से खनन संक्रिया प्रभावित क्षेत्र में किया गया?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) बालाघाट जिले में वित्‍तीय वर्ष 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक मुख्‍य खनिज/गौण खनिज से संबंधित संक्रियाओं से निम्‍नानुसार राशि वर्षवार प्राप्‍त हुई है:-

वर्ष

डी.एम.एफ. राशि

2019-20

21,09,86,953

2020-21

17,75,26,099

2021-22 (प्रश्‍न दिनांक तक)

21,59,22,579

शेष प्रश्‍नांश की  जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट  के प्रपत्र-अ, , स एवं द   पर दर्शित है। उक्‍त समस्‍त कार्यों का अनुमोदन प्राप्‍त किया गया है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट  के प्रपत्र-ई  पर दर्शित है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ)  जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट  के प्रपत्र-फ  पर दर्शित है।

मरम्मत एवं नवीन निर्माण कार्यों की स्‍वीकृति

[जल संसाधन]

49. ( क्र. 769 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किक्या जबेरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बिलतरा स्टॉप डेम,फुलर स्टॉप डेम, छिरकोना स्टॉप डेम, धोबिया नाला स्टॉप डेम, देवरी तालाब, झापान नाला जलाशय, पीली कगार तिलगुआं जलाशय आदि नवीन कार्य एवं लालपानी जलाशय, भजिया जलाशय, जमनेरा जलाशय, जलहरी घाना जलाशय, पिपरिया जुगराज जलाशय, कलूमर जलाशय,कलरेवा जलाशय आदि मरम्मत कार्यों के प्राक्कलन जल संसाधन विभाग दमोह से प्रशासकीय स्वीकृति एवं अन्य विभागीय कार्यवाही हेतु भोपाल स्तर पर लंबित हैं? यदि हाँ, तो उक्त निर्माण कार्यों एवं मरम्मत कार्यों की स्वीकृति प्रदान कर कब तक निविदा जारी की जाएगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विधानसभा क्षेत्र जबेरा अंतर्गत प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित परियोजनाओं की  अद्यतन स्थिति संलग्न  परिशिष्ट  अनुसार है। वर्तमान में प्रशासकीय स्‍वीकृति दिए जाने की स्थिति नहीं है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता हैं।

परिशिष्ट - "सत्रह"

न्‍यायालय द्वारा परिभाषित वन भूमि

[वन]

50. ( क्र. 811 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) माननीय सर्वोच्‍च अदालत ने सिविल याचिका क्रमांक 202/95 में दिनांक 12 दिसम्‍बर 1996 आई.ए. क्रमांक 791-792 में दिनांक 1 अगस्‍त 2003 को किन-किन मदों में दर्ज जमीनों के संबंध में क्‍या-क्‍या आदेश दिया है? (ख) माननीय न्‍यायालय ने बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल, पहाड़ चट्टान, घास, चरनोई, पड़त, बंजर मद में दर्ज जमीनों को भा.व.अ. 1927 की धारा 29 एवं धारा 4 में अधिसूचित किए जाने, नारंगी भूमि सर्वे, नारंगी वनखण्‍ड एवं वर्किंग प्‍लान में शामिल किए जाने का अधिकार या छूट किस आदेश दिनांक के द्वारा दिया है? आदेश की प्रति सहित बतावें। (ग) बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल, पहाड़ चट्टान, घास, चरनोई, बंजर, पड़त मद में दर्ज जमीनों को वन विभाग किसके आदेश से भा.व.अ. 1927 की धारा 29 एवं धारा 4 में अधि‍सूचित करने, नारंगी भूमि सर्वे एवं नारंगी वनखण्‍ड में शामिल करने की कार्यवाहियां कर रहा है? (घ) बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल, पहाड़ चट्टान, घास, चरनोई, बंजर, पड़त मद में दर्ज जमीन राजस्‍व विभाग के निस्‍तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख में किन-किन सार्वजनिक एवं निस्‍तारी प्रयोजनों के लिए दर्ज जमीन है?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।          (ख) माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा दिनांक 12.12.1996 का पारित अंतरिम आदेश में वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के संदर्भ में ''वन'' को परिभाषित किया है। आदेश दिनांक 01.08.2002 आई.ए. क्रमांक 791-792 में छोटे झाड़ का जंगल, बड़े झाड़ का जंगल की भूमि को वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के तहत संदर्भ में परिभाषित ''वन'' के परिप्रेक्ष्‍य में वन भूमि माना है।              (ग) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 3 अनुसार ''राज्‍य सरकार ऐसी किसी वन-भूमि या पड़त भूमि जो सरकार की सम्‍पत्ति है अथवा जिस पर सरकार के साम्‍पत्तिक अधिकार (Proprietary rights) है-या जिसकी वनोपज की पूरी या किसी भाग पर सरकार की‍ हकदारी है इसमें पश्‍चात् उपबंधित रीति से आरक्षित वन बना सकेगी। '' वन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 5/43/90/10-3 दिनांक 14.05.1996 से जारी निर्देशों की कंडिका-3 अनुसार भूमि सर्वे एवं वनखण्‍ड में शामिल किया गया है। (घ) बड़े झाड़,छोट झाड़ के जंगल,पहाड चट्टान, घास, चरनोई, बंजर, पड़त मद में दर्ज जमीन राजस्‍व विभाग द्वारा उनके निस्‍तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख में निम्‍नलिखित सार्वजनिक एवं निस्‍तारी प्रयोजनों के लिये दर्ज जमीने है :- (क) ईमारती लकड़ी या ईधन के लिये आरक्षित क्षेत्र के लिये। (ख) चारागाह, घास, बीड़ या चारे के लिये आरक्षित क्षेत्र के लिये (ग) कब्रिस्‍तान तथा मशीन भूमि के लिये। (घ) गोठान के लिये। (च) खलिहान के लिये। (छ) बाजार के लिये (ज) खाल निकालने के स्‍थान के लिये। (ड) खाद के गड्ढों के लिये। (ञ) पाठशालाओं, खेल के मैदानों, उद्यानों, सड़कों, गलियों, नालियों जैसे तथा उसी प्रकार के प्रयोजनों के लिये। (ट) किन्‍हीं प्रयोजनों के लिये जो निस्‍तार अधिकार के प्रयोग के लिये विहित किये जायें।

वन भूमि अधिसूचित करना

[वन]

51. ( क्र. 812 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 237 (1) में सार्वजनिक एवं निस्‍तारी प्रायोजनों के लिये आरक्षित भूमियों में से किन-किन प्रयोजनों के लिये आरक्षित भूमियों को वन विभाग भा.व.अ. 1927 की धारा 29 एवं धारा 4 में अधिसूचित कर सकता है, नारंगी भूमि सर्वें, नारंगी वनखण्‍ड एवं वर्किंग प्‍लान में शामिल कर सकता है? (ख) राजस्‍व विभाग के पटवारी मानचित्र, निस्‍तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख में बड़े झाड़, छोटे झाड़ का जंगल, पहाड़ चट्टान, घांस, चरनोई, गोचर, बंजर, पड़त मद में दर्ज जमीनों में से किस-किस मद में दर्ज जमीनों को धारा 29 एवं धारा 4 में अधिसूचित करने, नारंगी भूमि सर्वे, नारंगी वनखण्‍ड में शामिल करने का वन विभाग को क्‍या-क्‍या अधिकार किस धारा में दिया गया है? (ग) वन संरक्षण कानून 1980 के तहत वन भूमि की दी जाने वाली अनुमतियों के बदले वैकल्पिक वृक्षारोपण के लिये राजस्‍व ग्रामों की भू‍मि उपलब्‍ध करवाए जाने से संबंधित कितने प्रस्‍ताव वर्तमान में वन विभाग के किस स्‍तर पर लंबित है? उनमें कितने ग्रामों की कितनी सरकारी भूमि प्रस्‍तावित की गई है? जिलेवार बतावें। (घ) प्रस्‍तावित सरकारी भूमि निस्‍तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख में किस-किस मद और किस-किस प्रयोजन के लिये दर्ज है? इसकी जांच किसके द्वारा की जाती है?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रश्‍नाधीन धाराओं के अंतर्गत वनभूमि अधिसूचित करने और मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा-237 (1) का परस्‍पर कोई संबंध नहीं है। (ख) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की संगत धाराओं में राज्‍य सरकार अधिकृत है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) प्रस्तावित सरकारी भूमि निस्तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख (राजस्व अभिलेख) में ईमारती लकड़ी या ईधन के लिए आरक्षित क्षेत्र, चारागाह, घास, बीज या चारे के लिए आरक्षित पहाड़ चट्टान क्षेत्र इत्‍यादि प्रयोजन के लिए दर्ज रहती है। इसकी जांच राजस्‍व विभाग द्वारा की जाती है।

परिशिष्ट - "अठारह"

कृषि उपज का उपार्जन, परिवहन एवं भंडारण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

52. ( क्र. 836 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) समर्थन मूल्‍य पर खाद्यान्‍न उपार्जन के क्‍या नियम/निर्देश एवं नीति वर्तमान में लागू हैं और पन्‍ना जिले में विगत 03 वर्षों में किस-किस खरीदी केन्‍द्र से कितने किसानों से कितनी कृषि उपज की खरीदी की गई और किन-किन भंडार ग्रहों में भंडारित की गई? (ख) प्रश्‍नांश (क) के तहत खरीदी केन्‍द्रों के कौन-कौन प्रभारी रहे एवं गुणवत्‍ता निरीक्षण हेतु कौन-कौन कार्यरत रहे और खरीदी कार्य का किस-किस नाम पदनाम के किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा कब-कब निरीक्षण किया और क्‍या-क्‍या प्रतिवेदन दिये गए? (ग) पन्‍ना और कटनी जिले में खाद्यान्‍न के उपार्जन एवं भंडारण और परिवहन में अनियमितताओं के कौन-कौन से प्रकरण विगत 03 वर्षों में प्रश्‍न दिनांक तक, किस जांच एवं निरीक्षण में ज्ञात हुये? क्‍या प्रतिवेदन दिये गये? प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्‍नांश (ग) जिलों में विगत 03 वर्षों में परिवहनकर्ता ठेकेदारों द्वारा नियत अवधि में खाद्यान्‍न का परिवहन किया गया? यदि हां, तो कैसे विवरण बतायें? यदि नहीं, तो क्‍या कोई कार्यवाही की गई और नियमानुसार पेनाल्‍टी लगाई गई? यदि हां, तो किस नाम पदनाम के किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा किस परिवहनकर्ता ठेकेदार पर किन कारणों से कितनी-कितनी पेनाल्‍टी अधिरोपित की गई एवं किस नाम पदनाम के किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा पेनाल्‍टी माफ किए जाने की किस आधार पर अनुशंसा की गई और किस सक्षम प्राधिकार द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? (ड.) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में खाद्यान्‍न के उपार्जन, परिवहन और भंडारण में ज्ञात अनिय‍मितता पर की गई कार्यवाही नियमानुसार है? यदि हां, तो कैसे स्‍पष्‍ट करें? यदि नहीं, तो क्‍या विभाग/शासन स्‍तर से इसका संज्ञान लिया जाकर कार्यवाही की जायेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

वन क्षेत्र में खनिजों का अवैध उत्‍खनन और परिवहन

[वन]

53. ( क्र. 839 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्‍ना और कटनी जिले में वन विभाग के अधीन कितनी-कितनी और कहाँ-कहाँ भूमि हैं, भूमियों का वर्तमान में क्‍या उपयोग किया जा रहा हैं और क्‍या वन विभाग की किन्‍हीं भूमियों पर खनिज उत्‍खनन की अनुमति और खनिज पट्टे के बदले में वन विभाग को दी गयी हैं? यदि हाँ, तो           किस-किस स्‍थान पर किन सक्षम आदेशों से? किस पट्टा धारक को वन भूमि प्रदाय की गयी और किस पट्टाधारक द्वारा भूमि बदले में दी गयी? (ख) प्रश्‍नांश (क) जिलों में वन भूमि में खनिज पट्टे के बदले में विभाग को दी गयी भूमि का क्‍या उपयोग किया जा रहा हैं और क्‍या वर्तमान में भूमियों को अनुबंध अनुसार विकसित किया गया हैं? यदि हाँ, तो विकास के किए गए कार्यों का विवरण बतायें? यदि नहीं, तो क्‍या कार्यवाही की जायेंगी? (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (क) जिलों में विगत 03 वर्षों में वन भूमि क्षेत्र में अवैध उत्‍खनन और वन भूमि से अवैधानिक तरीके से खनिजों के परिवहन के मामले/प्रकरण विभाग को ज्ञात हुये हैं? यदि हाँ, तो किस प्रकार और क्‍या कार्यवाही की गयी? प्रकरणवार बतायें। (घ) प्रश्‍नांश (क) जिलों के जिन वन क्षेत्रों में अवैध उत्‍खनन पाया गया क्‍या उस क्षेत्र में नियुक्‍त शासकीय सेवकों की भूमिका की जांच कर कार्यवाही की गयी? यदि हाँ, तो कार्यवाही का विवरण बताइये, यदि नहीं, तो कारण बताइयें। (ड.) प्रश्‍नांश (ग) वन क्षेत्र में अवैध उत्‍खनन तथा वन भूमि से खनिजों का परिवहन बंद करने और रोकने के लिए विगत 02 वर्षों में क्‍या-क्‍या प्रयास और कार्यवाही की गयी एवं इसके क्‍या परिणाम रहे और क्‍या किए गए प्रयासों/कार्यों से अवैध उत्‍खनन एवं परिवहन बंद हो गया? यदि नहीं, तो क्‍यों और इसके लिए क्‍या कार्यवाही किस प्रकार की जायेगी?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रश्‍नाधीन जिले में वन विभाग के अधीन वन भूमि का विवरण  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। इन वन भूमियों का प्रबंधन कार्य आयोजना के प्रावधानों के अनुसार किया जा रहा है। इन जिलों में वन भूमियों पर खनिज उत्‍खनन की अनुमति के बदले वन विभाग को दी गई भूमि का विवरण  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-2 अनुसार है। वन क्षेत्र में खनिज उत्‍खनन की अनुमति भारत सरकार द्वारा वन संरक्षण अधिनियम, 1980 के प्रावधानों के तहत दी गई है। (ख) खनिज उत्‍खनन हेतु दी गई वन भूमि के विरूद्ध प्राप्‍त गैर वन भूमि पर भारत सरकार द्वारा दी गई स्‍वीकृति की शर्तों के अनुसार रोपण का कार्य किया गया है। किये गये रोपण कार्य का विवरण  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-3 अनुसार है। (घ) अवैध उत्‍खनन में किसी शासकीय सेवक की भूमिका न होने के कारण किसी भी शासकीय कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गई है।            (ड.) वन क्षेत्रों में अवैध उत्‍खनन तथा खनिजों का परिवहन रोकने के लिये शासन के निर्देशानुसार टास्‍क फोर्स का गठन किया गया है। वनकर्मियों द्वारा वनक्षेत्र में सतत् गस्‍ती कर अवैध उत्‍खनन एवं खनिजों का अवैध परिवहन पर अंकुश लगाया गया है।

उपार्जन केन्‍द्रों द्वारा खाद्यान्‍न का भण्‍डारण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

54. ( क्र. 840 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) विगत 03 वर्षों में पन्‍ना एवं कटनी जिले की जिला उपार्जन समि‍तियों में किस नाम पदनाम के शासकीय सेवक शामि‍ल रहे और समि‍ति‍ द्वारा क्‍या-क्‍या अनुशंसायें की गई और क्‍या उपार्जन  समि‍तियों द्वारा उपार्जन कार्यों की समीक्षा भी की गयी? यदि हाँ, तो समीक्षा के निष्‍कर्ष बतायें। यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) प्रश्‍नांश (क) जिलों में विगत 02 वर्षों में किस सक्षम प्राधिकारी के किन आदेशों से किन-किन उपार्जन केन्‍द्रों के खाद्यान्‍न को कहां-कहां भंडारित किया गया? उपार्जन केन्‍द्रों से भंडार ग्रहों/कैंपों की दूरी कितनी थी और क्‍या खाद्यान्‍न को करीब के भंडार गृहों के बजाय अधिक दूरी के भंडार गृहों में भंडारित किया गया एवं अन्‍य जिलों में भेजा गया? जिसके परिणाम स्‍वरूप परिवहन में अधिक राशि व्‍यय की गई? (ग) प्रश्‍नांश (ख) यदि हाँ, तो कारण बताइये, यदि नहीं, तो प्रश्‍नांकित जिलों के विगत 02 वर्षों में खाद्यान्‍न के परिवहन और भंडारण का प्रश्‍नकर्ता की सहभागिता में परीक्षण एवं जांच कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?           (घ) प्रश्‍नांश (क) जिलों में विगत 03 वर्षों में धान की मिलिंग का कार्य किन-किन राइस मिलर्स द्वारा किया गया? इन्‍हें कितनी-कितनी धान प्रदाय की गयी? कितना चावल अब तक वापस प्राप्‍त हुआ? कितना चावल अमानक पाया गया? कितना चावल प्राप्‍त करना क्‍यों शेष है? मिलर्सवार बताइये। (ड.) प्रश्‍नांश (घ) अंतर्गत विगत 03 वर्षों में प्रश्‍न दिनांक तक धान मिलिंग में अनियमितताओं के किन-किन प्रकरणों में किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा कब-कब जांच की गयी? जांच के क्‍या परिणाम रहे? क्‍या प्रतिवेदन दिये गये? क्‍या कार्यवाही अब तक की गई? प्रकरणवार बताइये? (च) क्‍या प्रश्‍नांश (क) जिलों में भंडारित धान बड़ी मात्रा में खराब हुयी है? यदि हाँ, तो कहां-कहां भंडारित कितनी-कितनी धान किन कारणों से खराब हुई? क्षतिग्रस्‍त हुई धान का मूल्‍य क्‍या था? इसके लिये कौन जिम्‍मेदार है? इस पर क्‍या कार्यवाही की गयी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (च) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

भूमिहीन पट्टेधारियों की भूमि शासकीय रिकार्ड में दर्ज दिया जाना

[राजस्व]

55. ( क्र. 863 ) श्री के.पी. सिंह कक्‍काजू : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वर्ष 2002 में शासन द्वारा प्रदेश के भूमिहीन अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों को भूमि के पट्टे वितरित कराए गए थे? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या शिवपुरी जिले के विधानसभा क्षेत्र पिछोर के 867 पट्टेधारियों द्वारा बार-बार आवेदन करने के बाद भी आज दिनांक तक पट्टों का अमल नहीं किया जा रहा है एवं पट्टेधारियों द्वारा पट्टे की भूमि की नकल निकलवाने पर भूमि शासकीय दर्ज है? (ग) क्‍या यह भी सही है कि प्रधानमंत्री जी द्वारा घोषित किसान सम्‍मान निधि का लाभ भी पट्टेधारियों को नहीं मिल पा रहा है? क्‍या शासन उक्‍त पट्टेधारियों की भूमि को शासकीय रिकार्ड में अमल दर्ज कराएगा? यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) शिवपुरी जिले के पिछोर विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों को वर्ष 2002 में भूमि के पट्टे वितरित किये गये थे, जिनका तत्‍समय अमल किया जा चुका है। तकनीकी कारणों से वर्तमान अभिलेख में जिन पट्टों पर शासकीय लिखा आ रहा है, ऐसे 10 प्रकरण अमल हेतु प्रचलित है, जिनमें से 08 प्रकरणों में मूल अभिलेख इसी माह संबंधित तहसीलदार से प्राप्‍त हुआ है। उक्‍त प्रकरणों का परीक्षण कर विधि समस्‍त कार्यवाही शीघ्रता से संपादित की जा रही है। (ग) जिन पट्टेधारियों के पट्टों का अमल शासकीय अभिलेख में किया गया है, पात्र हितग्राहियों को प्रधानमंत्री द्वारा घोषित किसान सम्‍मान निधि का लाभ दिया जा रहा है। शेष पट्टेधारियों के पट्टों का परीक्षण कर विधि अनुसार कार्यवाही की जा रही है। पात्र होने पर प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि का लाभ दिया जावेगा।

जिले में संचालित योजनाओं की स्थिति

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

56. ( क्र. 913 ) श्री मनोज चावला : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) रतलाम जिले में विभाग अंतर्गत राज्य शासन द्वारा और केंद्र शासन द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जाती है? सभी संचालित योजनाओं की विस्तृत जानकारी की प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं। (ख) रतलाम जिले में वर्ष 2014-15 से प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन सी योजनाएं संचालित है और इसमें कितना अनुदान किस किस वर्ष किन किन योजनाओं में प्राप्त हुआ है(ग) वर्ष 2014-15 से प्रश्‍न दिनांक तक रतलाम जिले की सभी तहसीलों में कितने-कितने पट्टे मछली पालन हेतु प्रदाय किए गए हैं? तहसीलवार, वर्षवार सभी हितग्राहियों की सूची उपलब्ध कराएं और बताएं कि इन हितग्राहियों को कब-कब कौन-कौन सा प्रशिक्षण दिया गया? इन प्रशिक्षणों पर कितना कितना व्यय हुआ वर्ष वार जानकारी उपलब्ध कराएं। (घ) बताएं कि रतलाम जिले के सभी तहसीलों में प्रश्‍न अवधि में पट्टा धारकों को शासन स्तर से कितना कितना अनुदान प्रदाय किया गया। तहसीलवार सभी अनुदान प्राप्तकर्ता हितग्राहियों की सूची उपलब्ध कराएं। (ड.) इस समय अवधि में विभाग द्वारा प्राप्त लक्ष्‍य और कोई उपलब्धि प्राप्त की हो तो उसकी भी जानकारी उपलब्ध कराएं।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) रतलाम जिले में विभाग अंतर्गत राज्‍य शासन एवं केन्‍द्र शासन की संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट- एक अनुसार(ख) जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट- दो अनुसार(ग) प्रश्‍नांश जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट- तीन एवं चार अनुसार(घ) एवं (ड.) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-पांच अनुसार।

अरूणाम घोष स्टेडियम का विस्तारीकरण

[राजस्व]

57. ( क्र. 967 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्र. 929 दिनांक 17 जुलाई 2019 में अवगत कराया गया था कि अरूणाम घोष स्टेडियम के विस्तारीकरण के संबंध में कराये गये सर्वे में 75 परिवार प्रभावित पाये जाने से उनके विस्थापन की कार्यवाही प्रचलित है। प्रश्‍न दिनांक तक काफी समय बीत जाने के बाद भी विस्थापन की कार्यवाही क्यों नहीं की गई क्‍योंकि खेल प्रतिभावों की मांग के अनुरूप स्टे‍डियम का विस्तारीकरण नहीं हो पा रहा है? (ख) कब तक प्रभावित परिवारों का विस्थापन कर स्टेडियम का विस्तारीकरण कर दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जिला जबलपुर के अन्तर्गत नगर पालिका सिहोरा के अधीन अरूणाम घोष स्‍टेडियम के विस्तारीकरण के अन्तर्गत लगभग 75 प्रभावित परिवारों का व्‍यवस्‍थापन किया जाना है। जिसके सम्बन्ध में ग्राम-सिहोरा प.ह.न.-6, रा.नि.मं.-खितौला में उक्त प्रभावित 75 परिवारों को विस्थापित किये जाने हेतु शासकीय आबादी भूमि उपलब्ध न होने से ग्राम-मनसकरा की भूमि खसरा नंबर 522/1 मद-पहाड़-चट्टान जो नगर तथा ग्राम निवेश मास्टर प्लान के अनुसार सिहोरा विकास योजनान्तर्गत भूमि का उपयोग कृषि भूमि (ग्रीन बेल्ट) दर्ज है। दिनांक 26.02.2021 को संचालनालय नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा राजपत्र में प्रकाशन कर अनुमति/अनुज्ञा प्रदान कर दी गई तदोपरांत ग्राम मनसकरा की भूमि ख.नं. 522/1 एवं ग्राम सिहोरा की भूमि खसरा नंबर 1360 मद पहाड़ चट्टान को आबादी मद में परिवर्तन हेतु ग्राम सिहोरा का रा.प्र.क्र. 0002/अ-59/2021-22 एवं ग्राम मनसकरा का रा.प्र.क्र. 0001/अ-59/2021-22 न्यायालय तहसीलदार सिहोरा में प्रकरण दर्ज कर आबादी घोषित करने की कार्यवाही प्रचलित है।                (ख) न्यायालय में गतिशील है अविलम्ब कार्यवाही पूर्ण कर विस्थापन कार्यवाही की जाकर स्टेडियम का विस्तारीकरण कर दिया जायेगा।

पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में पर्यटकों को भ्रमण की अनुमति

[वन]

58. ( क्र. 976 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना राष्ट्रीय उद्यान के अन्दर विभिन्न ऐतिहासिक अतिप्राचीन धार्मिक स्थलों को पर्यटकों को घुमाने हेतु योजना तैयार की जा रही है? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों? (ख) क्या पन्ना राष्ट्रीय उद्यान के अन्दर अतिप्राचीन स्वर्गेश्‍वर महादेव एवं झलारिया महादेव स्थलों तक पर्यटकों के जाने से पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा? (ग) उक्त ऐतिहासिक प्राचीन स्थलों पर पर्यटकों को ले जाने हेतु विभागीय प्रतिबंध कब समाप्त किया जावेगा?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। राष्‍ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण, नई दिल्‍ली की गाइडलाइन के प्रावधानों के अनुसार पन्‍ना टाइगर रिजर्व के अंतर्गत विभिन्‍न ऐतिहासिक अतिप्राचीन स्‍थल पर्यटन जोन से बाहर स्थित है। (ख) पन्‍ना राष्‍ट्रीय उद्यान के टाइगर कंजर्वेशन प्‍लॉन में अतिप्राचीन स्‍वर्गेश्‍वर महादेव एवं झ‍लारिया महादेव स्‍थल पर्यटन क्षेत्र से बाहर रखा गया है। अत: राष्‍ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण, नई दिल्‍ली द्वारा जारी गाइडलाइन प्रावधानों के अनुसार पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) ऐतिहासिक प्राचीन स्‍थल पर्यटन क्षेत्र से बाहर होने के कारण विभागीय प्रतिबंध समाप्‍त होने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

सोनपुर मध्‍यम परियोजना

[जल संसाधन]

59. ( क्र. 984 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) सागर जिले की देवरी विधान सभा की सोनपुर मध्यम परियोजना अंतर्गत कितने हेक्टेयर तथा किन ग्रामों के किसानों को सिंचाई सुविधा दी जाना प्रस्तावित है तथा अब तक कितने हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा प्रदाय की जा रही है? (ख) क्या जल संसाधन संभाग क्र. 02 जिला सागर द्वारा सोनपुर मध्यम परियोजना के तहत विकासखण्ड देवरी अंतर्गत उपनहरों के निर्माण हेतु           भू-अर्जन प्रकरण गठित किये गये थे? यदि हाँ, तो अब तक इनमें क्या-क्या कार्यवाही की गई है?         (ग) क्या शासन द्वारा प्रश्‍नांश '''' वर्णित परियोजना अंतर्गत कितनी उपनहरों एवं मायनर नहरों के निर्माण हेतु गठित प्रकरणों में भू-अर्जन कर निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है एवं कितने शेष है? शेष कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) सोनपुर मध्यम परियोजना से कुल 7000 हे. सैच्‍य क्षेत्र में सिंचाई किया जाना प्रस्तावित है। लाभान्वित ग्रामों की  सूची संलग्न  परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ अनुसार  है। वर्ष 2021-22 में 5000 हे. क्षेत्र में रबी सिंचाई की जाना प्रतिवेदित है।              (ख) सोनपुर मध्यम परियोजना के तहत् विकासखण्ड देवरी अंतर्गत 3 उपनहरों के निर्माण हेतु          भू-अर्जन प्रकरण तैयार किया जाना प्रतिवेदित है। भू-अर्जन प्रकरणों की  अद्यतन स्थिति संलग्न  परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) सोनपुर मध्यम परियोजना अंतर्गत 07 उपनहरों के निर्माण हेतु भू-अर्जन की प्रक्रिया पूर्ण कर निर्माण कार्य दिनांक 30.06.2022 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। भू-अर्जन एवं कार्य की   अद्यतन स्थिति संलग्न  परिशिष्ट  के ''प्रपत्र-स'' अनुसार है।

परिशिष्ट - "उन्नीस"

वन विभाग के कर्मचारियों को शस्त्र लायसेंस का प्रदाय

[वन]

60. ( क्र. 985 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के वन विभाग में पदस्थ कर्मचारियों को आत्मरक्षा के लिये आग्नेय शस्त्र रखने हेतु शासन स्तर पर शस्त्र लायसेंस जारी कराये जाने के कोई आदेश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो अब तक कितने कर्मचारियों को शस्त्र लायसेंस जारी करा दिये गये हैं? जिलेवार एवं परिक्षेत्रवार विवरण सहित बताएँ। (ख) यदि नहीं, तो अब तक क्या कार्यवाही प्रचलन में है तथा कब तक इन्हें आत्मरक्षा हेतु शस्त्र लायसेंस जारी करा दिये जायेंगे?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। प्रदेश में अब तक 85 अधिकारी/कर्मचारियों को शस्‍त्र लायसेंस जारी करा दिये गये हैं। जिलेवार एवं परिक्षेत्रवार जारी किये गये शस्‍त्र लायसेंस की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट पर है। (ख) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "बीस"

शासकीय भूमि को निजी हाथों में सौंपना

[राजस्व]

61. ( क्र. 988 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 704 दिनांक 22.12.2021 के उत्तर '''' के संदर्भ में बतावें कि भूमि सर्वे क्रमांक 122 तथा 123 रकबा 1.2 हेक्टेयर में माननीय उच्च न्यायालय में रेवेन्यु बोर्ड के आदेश को 10 वर्ष बाद क्यों चुनौती दी गई? इसके लिये कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं? (ख) क्या माननीय उच्च न्यायालय के अपने आदेश दिनांक 16 दिसम्बर 2014 पिटिशन क्रमांक 4685/2014 के पैरा 16 में राज्य शासन द्वारा इस प्रकरण पर गंभीर लापरवाही करने का उल्लेख किया है? यदि हाँ, तो बतावें कि इसके लिये कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार है? (ग) क्या माननीय उच्च न्यायालय ने पैरा 15 में पटवारी के अनैतिक कार्य पर FA No. 112/1977 के खिलाफ माननीय उच्च न्यायालय में वाद दायर नहीं करने पर गंभीर टिपणी की है? (घ) क्या तत्कालीन अधिकारि‍यों द्वारा माननीय उच्च उच्चतम न्यायालय में दायर प्रकरण में समय पर उपस्थित न होकर गंभीर लापरवाही की इसके लिये कौन अधिकारी जिम्मेदार है? माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश की प्रति देवें।  (ड.) उपरोक्त '''' से '''' से स्पष्ट है कि उक्त 300 करोड़ रू की 1.5 लाख वर्ग फीट भूमि को निजी नाम पर करने का षडयंत्र किया गया। क्या शासन इसके लिये जिम्मेदार पर कार्यवाही करेगा तथा माननीय उच्चतम न्यायालय में रिव्यु पिटीशन दाखिल करेगा।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) न्यायालयीन प्रकरणों में पारित आदेशों के सम्बन्ध में अपील सम्बन्धी अग्रिम कार्यवाही बावत प्रकरण के तथ्यों के प्रकाश में गुणदोष के आधार पर निर्णय किया जाता है जिसमे सक्षम प्राधिकारी की अनुमति उपरान्त अपील की जाती है। अपील के अनुमति प्राप्ति शासकीय प्रकिया है जिसमें विलम्ब हेतु कोई अधिकारी जिम्मेदार नहीं है।           (ख) यद्यपि माननीय उच्च न्यायालय ने अपने आदेश दिनांक 16 दिसम्बर 2014 पिटिशन क्रमांक 4685/2014 के पैरा 16 में प्रकरण को लेकर टिप्पणी की है, तथापि अंत में अपने आदेश में, मान. न्यायालय ने शासन को विधि अनुसार आदेश को चुनौती देने की भी लिबर्टी दी है। (ग) माननीय उच्च न्यायालय ने पिटिशन क्रमांक 4685/2014 में पारित आदेश दिनांक 16 दिसम्बर 2014 के पैरा 15 में कोई विपरीत टिपणी नहीं की है। (घ) माननीय उच्चतम न्यायालय में दायर प्रकरण में अधिकारियों के उपस्थित न होने बावत मान न्यायालय द्वारा कोई टिप्पणी नहीं की गई है।            (ड.) न्यायालयीन प्रकरणों के आदेश के सम्बन्ध में गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की गयी है।

विक्रय पत्र के आधार पर पेश नामांतरण के प्रकरण

[राजस्व]

62. ( क्र. 1003 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्र. 82 (क्र 1114) दिनांक 25/02/2021 के उत्तरांश "ख" में बताया गया है कि "पीठासीन अधिकारि‍यों द्वारा स्वविवेक से न्याय निर्णयन में सहायक पूर्व के वर्षों के अभिलेखों का भी अवलोकन किया जाता है। इसकी कोई निश्चित प्रक्रिया म.प्र. भू-राजस्व सहिंता में निर्धारित नहीं है" निश्चित प्रक्रिया एवं निर्धारित वर्ष नहीं होने से अलग-अलग अधिकारियों द्वारा        अलग-अलग वर्षों की खसरा नक़ल मांगी जाती है? (ख) प्रश्‍नांश "क" के अनुक्रम में छतरपुर जिले में अलग-अलग अधिकारियों द्वारा नामांतरण के प्रकरणों में अलग-अलग वर्षों की खसरा नकल मांगने से क्‍या न्‍याय में एकरूपता रहेगी? यदि हाँ, तो कैसे? यदि नहीं, तो इसे कैसे न्‍यायोचित किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। यह सत्‍य है कि प्रश्‍न क्रमांक 1114 सत्र फरवरी मार्च 2021 कं उत्‍तरांश '''' में यह उल्‍लेख किया गया था कि म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 110 (4) के अनुसार जांच आवश्‍यक होने की दशा में पीठासीन अधिकारियों द्वारा स्‍व-विवेक से न्‍याय निर्णयन में स‍हायक पूर्व के वर्षों के अभिलेखों का भी अवलोकन किया जाता है इसकी कोई निश्चित प्रक्रिया म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता में निर्धारित नहीं है। अपितु पटवारी तथा अभिलेखागार में उपलब्‍ध रिकार्ड का आवश्‍यकतानुसार अवलोकन किया जाता है। (ख) म.प्र.           भू-राजस्‍व संहिता की धारा 110 की उपधारा (4) के अनुसार तहसीलदार द्वारा हितबद्ध व्‍यक्तियों को सुनवाई का युक्तियुक्‍त अवसर देने के पश्‍चात और ऐसी जांच, जो वह करना आवश्‍यक समझे, करने के पश्‍चात भूअभिलेखों में नामांतरण सम्‍बन्‍धी कार्यवाही की जाने का प्रावधान है।

शासकीय भूमि पर निजी व्यक्ति का नाम दर्ज कराना

[राजस्व]

63. ( क्र. 1006 ) श्री राकेश गिरि : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले की टीकमगढ़ तहसील के उप पंजीयक कार्यालय में दिनांक 02.05.1995 को          श्री बाबूलाल यादव आत्मज श्री पन्नालाल यादव के द्वारा निष्पादित किसी वसीयत नामा विलेख का पंजीयन हुआ है? यदि हाँ, तो वसीयत के लाभार्थी का नाम तथा प्रति उपलब्ध करायें।               (ख) प्रश्‍नांश '''' का उत्तर यदि नहीं, है तो क्या, श्री बाबूलाल यादव के वसीयत विलेख दिनांक 02.05.1995 के आधार पर राजस्व विभाग द्वारा टीकमगढ़ तहसील के पटवारी हल्का ग्राम तखा मजरा की भूमि खसरा नम्बर 22, 39, 52/1, 57/1 पर नामांतरण कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो नामांतरण आवेदन एवं आदेशों की प्रतियां उपलब्ध करायें। वर्ष 1985 से 2015 के बीच उक्त भूमियां किस-किस के नाम दर्ज रही, रकवा सहित विवरण दें। (ग) प्रश्‍नांश '''' अनुसार शासकीय भूमि पर फर्जी अंतरण कार्यवाही में कौन-कौन अधिकारी सम्मिलित/दोषी है? उनके नाम, पदनाम तथा उनके विरुद्ध अब तक की गई अथवा की जाने वाली कार्यवाही का विवरण व समयावधि बतायें। (घ) प्रश्‍नांश '''' अनुसार क्या श्री बाबूलाल यादव की फर्जी वसीयत के आधार पर की गई नामांतरण कार्यवाहियां निरस्त की जाकर वसीयत में संलिप्त तथाकथित वसीयतकर्ता/प्रतिरूपणकर्ता (निष्पादक), साक्षी, हितग्राही की पहचान की जाकर, दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो समयावधि बतायें। यदि नहीं, तो कारण बतायें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) टीकमगढ़ जिले की टीकमगढ़ तहसील के उप पंजीयक कार्यालय में दिनांक 02.05.1995 को श्री बाबूलाल यादव आत्मज श्री पन्नालाल यादव के द्वारा निष्पादित किसी वसीयतनामा विलेख का पंजीयन नहीं हुआ है। (ख) जी हाँ। वसीयत विलेख दिनांक 02.05.1995 के आधार पर टीकमगढ़ तहसील के पटवारी हल्का ग्राम तखा मजरा की भूमि खसरा नम्बर 22, 39, 52/1, 57/2 पर नामान्तरण कार्यवाही न्यायालय तहसीलदार तहसील टीकमगढ़ द्वारा की गई है। नामान्तरण आवेदन  पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्ट-एक अनुसार  एवं आदेश की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्ट-दो  अनुसार है। वर्ष 1985 से 2015 के बीच उक्त भूमियां           किस-किस के नाम दर्ज रही, रकबा सहित विवरण  पुस्तकालय में रखे  परिशिष्ट - तीन  अनुसार है। (ग) एवं (घ) उत्‍तरांश (ख) में उल्लेखित प्रकरण में की गयी कार्यवाही की वैधता,वरिष्ठ अपीलीय न्यायालय स्तर पर परीक्षाणाधीन है जिसके निष्कर्षों के अनुसार विधि अनुसार कार्यवाही प्रावधानित है।

मछुआ सहकारी समितियों द्वारा मत्‍स्‍य पालन हेतु दिये गये पट्टे

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

64. ( क्र. 1008 ) श्री राकेश गिरि : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) टीकमगढ़ जिले के टीकमगढ़ नगर स्थित महेन्द्रसागर एवं कारी नगर स्थित दीपसागर तालाबों के क्या मत्स्य पालन पट्टे दिये गये हैं? यदि हाँ, तो पट्टों की प्रतियां दें। (ख) प्रश्‍नांश '''' अनुसार मत्स्य पालन समितियों के पदाधिकारियों एवं सदस्यों की सूचियां दें? क्या समिति के सदस्यों से मत्स्याखेट कार्य लिया जाता है? यदि हाँ, तो विगत तीन वर्षों में किन सदस्यों से आखेट कार्य लिया और किन से नहीं? (ग) क्या समितियों द्वारा किसी निजी ठेकेदार से अमानत/ऋण लिया गया है? यदि हाँ, तो ठेकेदार का नाम सहित ऐसे नियम/शर्त/प्रावधानों का ब्यौरा दें। समितियों के लाभांश का वितरण उनके सदस्यों को खातों के माध्यम से किया गया है? यदि हाँ, तो विगत तीन वर्षों में वितरित राशि तथा सदस्यों के खातों का विवरण दें। यदि नहीं, तो लाभांश कैसे वितरित किया गया? (घ) क्या समितियों द्वारा पट्टे की शर्तों का अक्षरशः पालन किया गया है? यदि नहीं, तो उसके लिये कौन दोषी है? पट्टा शर्तों का उल्लंघन करने, सदस्यों से आखेट कार्य न लेने, खातों के माध्यम से लाभांश वितरित न करने के विरूद्ध, क्या समितियों को व्यतिक्रमी घोषित कर तालाब छीनकर पुनः पट्टा देने की कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताये। यदि नहीं, तो कारण बतायें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। महेन्‍द्रसागर एवं दीप सागर जलाशय पट्टे पर आवंटित है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट- अ अनुसार(ख) सदस्‍य सूची एवं ऑडिट रिपोर्ट की जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट -ब अनुसार। (ग) जी हाँ। समिति द्वारा समिति अध्‍यक्ष/संचालक/सदस्‍यों द्वारा निजी राजाफिश कम्‍पनी से अमानत राशि ली गई है समिति सदस्‍यों को लांभाश वितरण की जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट-स अनुसार। (घ) शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

लंबित सिंचाई परियोजनाएं

[जल संसाधन]

65. ( क्र. 1011 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या टीकमगढ़ जिले में वान सुजारा बांध, हरपुरा नहर सिंचाई परियोजना, पराई नदी पर परेवा बांध एवं सतघारा बांध परियोजना स्‍वीकृत है? कृपया सभी का प्रश्‍न दिनांक तक की अद्यतन स्थिति से अवगत कराएं? (ख) क्‍या वान सुजारा बांध का पानी निवौरा ग्राम तक पहुँचने एवं         जगह-जगह पाइप-लाइन फूटने के कारण निवौरा से आगे के गांवों के किसानों को पानी नहीं मिल पा रहा है जिससे ग्रामीण में भारी रोष व्‍याप्‍त है? अगर हाँ, तो कब तक बम्‍होरी कला, कनेरा, टीला, नरैनी, मौथी, बांबई, भगवंत नगर एवं अनेकों ग्रामों में जो इस योजना में स्‍वीकृत थे, उन ग्रामों के किसानों को पानी कब तक मिलने लगेगा? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि दिनांक 14.09.2021 को माननीय मुख्‍यमंत्री महोदय द्वारा जिले के मोहनगढ़ ग्राम में की गई घोषणा के आधार पर कब तक हरपुरा सिंचाई परियोजना का फेस-2 का बंद पड़ा काम पुन: चालू कर दिया जावेगा? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि पराई नदी पर परेवा बांध का काम कब से प्रारंभ होगा एवं सतधारा बांध का बंद काम कब तक पुन: प्रारंभ कराकर पूर्ण कर दिया जावेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) परेवा लघु सिंचाई परियोजना को छोड़कर प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित शेष परियोजनाओं की प्रशासकीय स्‍वीकृति प्राप्‍त है। बान सुजारा सूक्ष्‍म सिंचाई परियोजना का निर्माण कार्य अंतिम चरण में होना प्रतिवेदित है। हरपुरा नहर सिंचाई एवं तालाब जोड़ों परियोजना के तहत नहर निर्माण का कार्य 100 प्रतिशत पूर्ण होना प्रतिवेदित है। सतधारा तालाब योजना में बांध का कार्य 42 प्रतिशत एवं नहर कार्य 65 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है किन्‍तु डूब क्षेत्र में 39 हेक्‍टेयर वन भूमि प्रभावित होने के कारण निर्माण कार्य अगस्‍त 2021 से बंद होना प्रतिवेदित है। परेवा तालाब योजना की डी.पी.आर. तैयार कर प्रमुख अभियंता कार्यालय को प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है। वर्तमान में प्रशासकीय स्‍वीकृति दिए जाने की स्थिति नहीं है।             (ख) बानसुजारा परियोजना की पाइप-लाइन, टेस्टिंग एवं कमिशनिंग कार्य के दौरान संपूर्ण कमाण्‍ड क्षेत्र (75000 हेक्‍टेयर) में रबी सिंचाई जारी है। कमाण्‍ड क्षेत्र के कुछ कृषकों द्वारा पाइप-लाइन को कई जगह क्षतिग्रस्‍त करने के कारण टेस्टिंग एवं कमिशनिंग के दौरान सिंचाई कार्य बाधित होना प्रतिवेदित है जिससे कमाण्‍ड क्षेत्र के अंतिम छोर के ग्राम निवोरा, कनेरा, टीला नरेनी एवं मोथी में पर्याप्‍त पानी नहीं मिल पाया किन्‍तु वर्तमान में इन ग्रामों में सिंचाई हेतु पानी उपलब्‍ध कराया जा रहा है। भगवंत नगर एवं बम्‍होरीकला को पानी दिया गया है एवं पुन: पानी पहुँचाने का कार्य प्रगतिरत है। (ग) माननीय मुख्‍यमंत्री जी द्वारा दिनांक 14.09.2021 को टीकमगढ़ जिले के मोहनगढ़ ग्राम में हरपुरा नहर का पुनर्निमाण कर स्‍ट्रक्‍चर लाइनिंग का कार्य कराने की घोषणा की गई है। हरपुरा वियर के अपस्‍ट्रीम में जामनी नदी पर उत्‍तरप्रदेश द्वारा भोराट बांध निर्मित कर लेने से हरपुरा नहर में पानी की उपलब्‍धता फेस-1 के 10 तालाबों को भरने की रह गई है। अतिरिक्‍त तालाबों को भरने हेतु पानी की उपलब्‍धता नहीं होने के कारण हरपुरा फेस-2 का कार्य कराना तकनीकी रूप से औचित्‍यपूर्ण नहीं है। (घ) परेवा लघु सिंचाई परियोजना की डी.पी.आर. शासन को प्राप्‍त होने पर प्रशासकीय स्‍वीकृति के संबंध में निर्णय लिया जाना संभव होगा तथा सतधारा तालाब का कार्य वन विभाग से स्‍वीकृति प्राप्‍त होने के पश्‍चात कराना संभव होगा।  समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

भोपाल स्थित खसरा क्र. 959/1 के भूमि का आवंटन

[राजस्व]

66. ( क्र. 1012 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) म.प्र. गृह निर्माण मंडल को अरेरा हिल्‍स स्थित खसरा क्रमांक 959/1 में से रकबा 5.15 एकड़ भूमि का आवंटन (ग्रीन मेडोज) हेतु म.प्र. शासन राजस्‍व विभाग, भोपाल द्वारा के पत्र क्र. एफ            6-7/2007/सात/नजूल भोपाल दिनांक 07.07.2017 कलेक्‍टर जिला भोपाल को विसंगति किन आधारों पर निर्मित हुई पूछा गया था? उसका प्रश्‍न दिनांक तक कलेक्‍टर भोपाल ने क्‍या-क्‍या निराकरण किया? स्‍पष्‍ट एवं संपूर्ण जानकारी छायाप्रतियां सहित प्रदाय करें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर बताऍ कि जब यह भूमि आवंटित हुई है तब उपरोक्‍त भूमि का सीमांकन किस-किस अधिकारी एवं कर्मचारियों के द्वारा किस-किस की उपस्थिति में किया गया था? सभी के नाम, पद बताएं एवं यह भी बतायें कि प्रश्‍न दिनांक तक आज भी विसंगति क्‍यों बनी हुई है? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर यह भी बताएं कि शहर भोपाल के खसरा क्र. 959/1 कुल रकबा 62.92 एकड़ प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस को, किस कार्य हेतु कितनी-कितनी भूमि आवंटित की जा चुकी है और कितनी भूमि आज भी शासन की राजस्‍व विभाग की सरकारी है? (घ) प्रश्‍नांश (क) (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि उपरोक्‍त कालोनी ग्रीन मेडोज के उत्‍तर की ओर संपूर्ण राजस्‍व की भूमि किस खसरा नंबर की कितनी-कितनी भूमि किस कार्य हेतु आवंटित कब और किसको दी गई है? ऐसे आदेशों की सभी छायाप्रतियां प्रदाय कर यह भी बताएं कि इसी कालोनी के पीछे स्थित ग्रीनलैण्‍ड की भूमि में वर्षों से स्थित पेड़ों को क्‍यों काटा जा रहा है? पेड़ों को काटने से पर्यावरण को नुकसान एवं कालोनी को स्‍वच्‍छ हवा कैसे मिलेगी? इन पेड़ों को काटने से रोका जावेगा तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) गृह निर्माण मंडल का खसरा क्रमांक 958 में से 0.78 एकड़ पर ग्रीन मेडोज के आवास निर्मित कर कब्जा पाये जाने पर संशोधित आवंटन आदेश जिसमें खसरा क्रमांक 959/1 में से 4.37 एकड़ तथा खसरा क्रमांक 958/1/1 में से 0.78 एकड़ कुल 5.15 एकड़ भूमि का संशोधित आवंटन आदेश जारी करने हेतु राजस्व विभाग को कार्यालय कलेक्टर जिला भोपाल के पत्र क्रमांक 353/न.अ.श./2016 दिनांक 05.12.2016 से प्रस्ताव भेजा गया है। प्रस्ताव की जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्ट-अ  अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश '' की आवंटित भूमि का अग्रिम आधिपत्य दिनांक 24.08.2006 को दिया गया था। अग्रिम आधिपत्य सीमांकन के साथ ही प्रदाय किया जाता है। उपरोक्त कार्यवाही के दौरान तहसीलदार तथा सहायक यंत्री हाउसिंग बोर्ड, राजस्व निरीक्षक उपस्थित थे। जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्ट-ब  अनुसार है। विसंगती के कारणो को प्रश्‍नांश ''  में उल्‍लेखित किया गया है। (ग) पंचायत भवन, सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया, म.प्र. राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक मौसम विभाग भवन, किसान भवन म.प्र. स्टेट एग्रीकल्चर बोर्ड, म.प्र. गृह निर्माण मंडल की आवासीय कॉलोनी, ग्रीन मेंडोज बंगले, इन्द्रा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्व विद्यालय, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र भोपाल, स्टेट बैंक ऑफ इंदौर भवन, इंडियन आयकर भवन, उद्यमिता विकास केन्द्र म.प्र., मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी भारत सरकार संचनालय भौमिकी तथा खनिज, म.प्र. पाठय पुस्तक निगम स्पीट पोस्ट ऑफिस, एयर कम्युनिकेशन केन्द्र सम्प्रेक्षण भवन बाल अवधि गृह यूको बैंक कार्यालय महिला एवं बाल विकास विभाग कार्यालय लोक निर्माण विभाग, राहत आयुक्त कार्यालय, वाणिज्य, उद्योग म.प्र. ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट फेसेलिटेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड तथा म.प्र. औद्योगिक केन्द्र विकास निगम भोपाल एवं नगरीय विकास एवं आवास विभाग को मेट्रो रेल परियोजना आदि को आवंटित/हस्तांतरित की गयी है। (घ) ग्रीन मेडोज कालोनी के उत्तर दिशा में स्थित ग्राम शहर भोपाल की शासकीय भूमि नगरीय विकास एवं आवास विभाग को मेट्रो रेल परियोजना हेतु खसरा क्रमांक 943, 959/1, 960, 961, 962 में 27.495 हेक्ट भूमि हस्तांतरित की गई है जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्ट-'अनुसार है। उक्त भूमि पर स्थित किसी भी पेड़ को नहीं काटा गया है। शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

भितरवार विधानसभा क्षेत्र के ग्राम ककरधा में सीमांकन कराना

[राजस्व]

67. ( क्र. 1061 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम जखा ग्राम पंचायत सिमरियाटांका विधानसभा क्षेत्र भितरवार जिला ग्वालियर के कृषक शिवराम सिंहरावत पुत्र श्री अनंतसिंह रावत द्वारा दिनांक 16/09/2020 को ग्राम पंचायत ककरधा मौजा-भीमवाड़ा में रास्ते के संबंध में सीमांकन कराए जाने बाबत आवेदन सरपंचगणों ग्राम पंचायत सिमरियाटांका, चैत, ककरधा, रास्ते के अक्श की नकल एवं ग्राम ककरधा, सूरजपुर, हुकुमगढ़, चैत एवं सिमरियाटांका के पंचगणों के द्वारा लिखा हुआ पंचनामा एस.डी.एम. भितरवार को दिया था? यदि हाँ, तो आवेदन एवं अन्य संलग्न दस्तावेजों की फोटो प्रति दें? (ख) क्या इस आवेदन पत्र के बाद आवेदक कृषक श्री शिवराम सिंह रावत द्वारा पुनः दिनांक 21/12/2021 को कलेक्टर ग्वालियर को विषय मौजा-भीमवाड़ा के कृषकों को अपनी जमीन जोतने जाने वाले रास्ते पर अतिक्रमण हटाने बाबत पूर्व में दिए आवेदन संलग्न सभी दस्तावेजों के साथ आवेदन दिया, फिर दिनांक 2/3/2021 को तहसीलदार चीनौरको पूर्व में दिए दस्तावेजों के साथ आवेदन दिया था? पुनः दिनांक 11/01/2022, 18/01/2022, 25/01/2022 एवं 08/02/2022 को लगातार जनसुनवाई में ग्वालियर कलेक्टर को आवेदन पूर्ण संलग्न दस्तावेजों के साथ बार-बार देकर रास्ता खुलवाने हेतु निवेदन किया था (ग) यदि हाँ तो उपरोक्त पत्रों की छायाप्रतियां दें? क्या उक्त आवेदन पत्रों पर एस.डी.एम. भितरवार एवं तहसीलदार चीनौर द्वारा घोर लापरवाही एवं भ्रष्टाचार कर कोई कार्यवाही नहीं करना अनुशासनहीनता एवं भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है यदि हाँ, तो ऐसे भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के विरूद्ध कोई कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जावेगी यदि हाँ, तो क्या और कब तक? अब कब तक सीमांकन कराकर रास्ता खुलवा दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी, हाँ। आवेदन की छायाप्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट 'अनुसार है। (ख) जी, हाँ। दस्‍तावेजों की छायाप्रति पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्‍ट 'अनुसार  है। (ग) उक्‍त आवेदन के संबंध में ग्राम पंचायत ककरधा मौजा भीमबाडा में आवेदक शिवराम के उपस्थिति में रास्‍ता खुलवाया जा चुका है। आवेदन पर कार्यवाही के संबंध में संबंधित अधिकारियों द्वारा लापरवाही व अनुशासनहीनता नहीं की गई है।

बाढ़ पीड़ितों को आर्थिक सहायता वितरण में अनियमितता

[राजस्व]

68. ( क्र. 1062 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह अगस्त 2021 में ग्वालियर जिले के विधानसभा क्षेत्र भितरवार एवं डबरा में आई बाढ़ से कितनी-कितनी जनधन एवं पशुधन की हानि हुई एवं कितने हेक्टेयर क्षेत्र की फसल नष्ट हो गई तथा शासकीय संपत्ति को कितना-कितना नुकसान पहुंचा? पंचायतवार पूर्ण विवरण दें। (ख) उक्त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्य में शासन/प्रशासन द्वारा बाढ़ से हुए नुकसान का सर्वे कराकर कितने हितग्राहियों को कितनी आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई? पंचायतवार पूर्ण जानकारी दें। (ग) क्या शासन द्वारा बाढ़ में हुए वास्तविक नुकसान का आंकलन करने हेतु जांच दल/अध्ययन दल का गठन किया गया था? यदि हाँ तो क्या जांच दल द्वारा जांच प्रतिवेदन शासन को सौंप दिया गया है? यदि हाँ, तो जांच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो कब-तक सौंपा जायेगा?             (घ) क्या बाढ़ पीड़ितों को क्षतिपूर्ति मुआवजा वितरण में अनियमितता बरती जाकर वास्तविक हितग्राहियों को राहत राशि/आर्थिक सहायता उपलब्ध नहीं कराई जाने की शिकायतें शासन/प्रशासन को प्राप्त हुई? यदि हाँ, तो उन शिकायतों की जांच कराकर जिम्मेदार कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित पूर्ण विवरण दें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) ग्‍वालियर जिले के विधानसभा क्षेत्र भितरवार एवं डबरा में माह अगस्त, 2021 में आई बाढ़ से हुई क्षति की पंचायतवार जानकारी परिशिष्‍ट-'''' एवं '''' पुस्‍तकालय  में रखे अनुसार है। (ख) शासन/प्रशासन द्वारा हितग्राहियों को उपलब्‍ध कराई गई आर्थिक सहायता संबंधी जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट -'''' अनुसार है। (ग) जी नही, बाढ़ से वास्‍तविक नुकसान के आंकलन हेतु तहसील स्‍तर पर अंर्तविभागीय सर्वे दल का गठन किया गया था। जांच प्रतिवेदन तत्‍समय जिले में सौंप दिया गया था। जांच प्रतिवेदन की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे अनुसार परिशिष्‍ट-'''' है। (घ) बाढ़ पीड़ि‍तों को मुआवजा वितरण में अनियमितता संबंधी शिकायतों का प‍रीक्षण कर प्रभावितों को नियमानुसार राहत राशि प्रदाय की गई है। अत: शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

फसल क्षतिपूर्ति व बीमा राशि का भुगतान

[राजस्व]

69. ( क्र. 1066 ) श्री हर्ष यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में फसलों के नुकसान होने से फसल क्षतिपूर्ति सर्वे कराया गया था? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार प्राप्त सर्वे रिपोर्ट के आधार पर क्षतिपूर्ति राशि की स्वीकृति शासन द्वारा जारी की गई थी? यदि हाँ, तो सागर जिले अन्तर्गत देवरी विधानसभा क्षेत्र के कुल कितने किसानों को कुल कितनी राशि की स्वीकृति प्रदान की गई थी? वर्षवार किसानों की संख्या, ग्रामों की संख्या व राशि बतावें। (ग) सागर जिले अन्तर्गत देवरी विधानसभा क्षेत्र के कुल कितने किसान मुआवजा राशि से वंचित हैं? वर्षवार, ग्रामवार जानकारी दें। (घ) मुआवजा राशि से वंचित कृषकों को कब तक भुगतान किया जायेगा। मुआवजा के विलंब से भुगतान होने में दोषी अधिकारी/कर्मचारियों पर क्‍या कार्यवाही की गई हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) उत्‍तरांश  (क) अनुसार फसल क्षति हेतु राहत राशि की स्‍वीकृति के अधिकारी राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6-4 में दिये मापदण्‍ड अनुसार वित्‍तीय सीमा के आधार पर कमिश्‍नर, कलेक्‍टर, उपखण्‍ड अधिकारी (राजस्‍व), तहसीलदार को है। देवरी विधानसभा अंतर्गत स्वीकृत फसल क्षतिपूर्ति राशि की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट पर है। (ग) सागर जिला अंतर्गत देवरी विधानसभा में सर्वे रिपोर्ट के आधार पर पात्र कृषकों को मुआवजा राशि वितरित की जा चुकी है। कोई भी कृषक मुआवजा वितरण से शेष नहीं है। (घ) मुआवजा की राशि के वितरण से कोई भी कृषक वंचित नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

परिशिष्ट - "इक्कीस"

खाद्यान्न वितरण में अनियमितता

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

70. ( क्र. 1067 ) श्री हर्ष यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2021 की स्थिति में सागर जिले में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में कहाँ-कहाँ शासकीय उचित मूल्य की दुकानें किन-किन व्यक्तियों/संस्थाओं द्वारा संचालित की जा रही है? सूची उपलब्ध करावें।            (ख) 01 जनवरी 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक जिले के निकायों को कितना-कितना खाद्यान्‍न एवं केरोसिन तेल, किस-किस माह में किस-किस योजना में आवंटित किया गया तथा परिवहनकर्ता द्वारा किन-किन माहों में किन-किन निकायों में क्‍या-क्‍या सामग्री कितनी-कितनी मात्रा में पहुँचाई? (ग) उक्त दुकान संचालकों द्वारा उपभोक्ताओं को किस-किस माह में क्या-क्या सामग्री किस-किस दर से प्रदान की गई? क्या प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का निःशुल्क राशन वितरित नहीं किया गया? यदि हाँ, तो कारण बतायें। (घ) किस-किस दुकान संचालक द्वारा खाद्यान्न एवं केरोसिन तेल विक्रय की राशि जमा नहीं की है तथा क्यों? इसके लिए विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? पूर्ण विवरण दें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) :  (क) से  (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

संयुक्त वन प्रबन्धन समितियों को आवंटित लाभांश

[वन]

71. ( क्र. 1075 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) मण्डला, डिण्डोरी एवं बैतूल जिले में गत दो वर्षों में किस-किस संयुक्त वन प्रबन्धन समिति को लाभांश मद की कितनी-कितनी राशि एवं सुरक्षा मद की कितनी-कितनी राशि उपलब्ध करवाई गई? इसमें से कितनी-कितनी राशि समितियों के खाते में प्रश्‍नांकित दिनांक को जमा रही है?                 (ख) लाभांश मद की कितनी-कितनी राशि किस दिनांक को किस कार्य पर खर्च की गई? सुरक्षा मद की राशि से यह किस माह में कितने सुरक्षा कर्मियों को किस दर से कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ग) समिति द्वारा खर्च की गई राशि एवं भुगतान की गई राशि का अनुमोदन या स्वीकृति, या अनुमति वन मण्डलाधिकारी, उप वन मण्डलाधिकारी, वन परिक्षेत्र अधिकारी ने                किस-किस दिनांक को दिया?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) समितियों को प्रदत्‍त राशि का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। समिति के खाते की राशि की जानकारी वन विभाग द्वारा संकलित नहीं की जाती है। (ख) शासनादेशानुसार वन समितियां लाभांश एवं सुरक्षा मद की राशि स्‍वयं खर्च करने के लिए अधिकृत है। समिति खाते की राशि लोक धन नहीं होने से शेष जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

खनिज प्रतिष्ठान मद से कराये गये कार्य

[खनिज साधन]

72. ( क्र. 1076 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में प्रश्‍न दिनांक तक पिछले तीन वर्षों में खनिज प्रतिष्ठान मद में कितनी राशि जमा हुई? उक्त राशि के उपयोग की नियमावली क्या है? (ख) विगत तीन वर्षों में खनिज प्रतिष्ठान मद की राशि से जिले में कौन-कौन से निर्माण कार्य किए गए तथा विधायकों द्वारा दिए गए निर्माण कार्यों के प्रस्ताव में कितनी खनिज प्रतिष्ठान मद की राशि का उपयोग किया गया? (ग) इस अवधि में जिला कलेक्टर द्वारा खनिज प्रतिष्ठान मद से किन-किन निर्माण कार्यों के लिए कितनी-कितनी राशि जारी की गई? (घ) यदि कोई राशि जारी नहीं की गई तो इसके लिए कौन दोषी है तथा दोषी अधिकारी पर की गई कार्यवाही से अवगत करावें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मण्‍डला जिले में प्रश्‍न दिनांक तक पिछले तीन वर्षों में खनिज प्रतिष्‍ठान मद में 6,17,16,276/- (छ: करोड़ सत्रह लाख सोलह हजार दो सौ छिहत्‍तर रूपये) राशि जमा हुई। उक्‍त राशि के उपयोग हेतु म.प्र. जिला खनिज प्रतिष्‍ठान नियम 2016 के प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जाती है। (ख) विगत तीन वर्षों में खनिज प्रतिष्‍ठान मद की राशि से कराये गये निर्माण कार्य की जानकारी निरंक है तथा विधायकों के कोई निर्माण कार्यों के प्रस्‍ताव प्राप्‍त न होने से शेष प्रश्‍नांश की जानकारी निरंक है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में दिये गये उत्‍तर के संदर्भ में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जिला खनिज प्रतिष्‍ठान की बैठक में किये गये विचार अनुसार जिला चिकित्‍सालय मण्‍डला एवं सिविल अस्‍पताल नैनपुर में ऑक्‍सीजन प्‍लांट की स्‍थापना हेतु नवीन जनरेटर सेट 250 के.वी.ए. के कार्य किये जाने हेतु निर्णय लिया गया था परन्‍तु बैठक के पश्‍चात म.प्र. शासन लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक एफ 12-17/2020-21/सत्रह/मेडि-3 भोपाल दिनांक 19.07.2021 से उक्‍त चिकित्‍सालयों में पी.एस.ए. प्‍लांट आ‍धारित ऑक्‍सीजन उत्‍पादन संयत्र में डेडीकेडेट ट्रांसफार्मर स्‍थापना कार्य एवं डी.जी. सेट स्‍थापना कार्य हेतु प्रशासकीय स्‍वीकृति का पत्र प्राप्‍त होने के कारण इस अवधि में जिला कलेक्‍टर द्वारा खनिज प्रतिष्‍ठान मद से निर्माण कार्यों के लिये राशि जारी नहीं की गई। अत: इसके लिये कोई अधिकारी दोषी नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

उद्योगों में कार्यरत मजदूरों की सुरक्षा एवं मजदूरी का भुगतान

[श्रम]

73. ( क्र. 1080 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्योगों में कार्य करने वाले मजदूरों की सुरक्षा एवं मजदूरी भुगतान हेतु शासन द्वारा क्या प्रावधान किये गये हैं? समय-समय पर दिशा-निर्देशों की प्रति बतावें। (ख) मण्ड‍ला जिले के मनेरी औद्योगिक क्षेत्र में कितने उद्योग संचालित हैं? इनमें कितने-कितने मजदूर कार्यरत हैं? नाम, पता सहित उद्योगवार पृथक-पृथक बतावें। (ग) क्या यह सच है कि उद्योगों में कार्यरत मजदूरों को शासन द्वारा निर्धारित दर अनुसार मजदूरी का भुगतान नहीं किया जाता? यदि हाँ तो उद्योग संचालकों पर अ‍भी तक क्या कार्यवाही की गई है? प्रतिवेदन सहित बतावें। यदि नहीं, तो क्यों?             (घ) क्या उपरोक्त उद्योगों में कार्य करने वाले मजदूरों का ई.पी.एफ. की राशि की कटौती की जाती है? यदि हाँ तो मजदूरों की सूची सहित तथा इसके क्या प्रावधान है? विस्तृत विवरण बतावें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) कारखाना अधिनियम, 1948 के अंतर्गत संगठित होने वाले कारखानों में कार्य करने वाले श्रमिकों के लिए कारखाना अधिनियम, 1948 सपठित मध्‍यप्रदेश कारखाना नियम 1962 में स्‍वास्‍थ्‍य, सुरक्षा एवं कल्‍याण संबंधी प्रावधान किये गये हैं। साथ ही श्रमिकों की मजदूरी भुगतान हेतु वेतन भुगतान अधिनियम, 1936 में प्रावधान किये गये हैं। (ख) मण्‍डला जिले के औद्योगिक विकास केन्‍द्र एवं फूड पार्क मनेरी में 89 उद्योग संचालित है। जिसमें 2064 के व्‍यक्तियों को रोजगार प्राप्‍त है। औ़द्योगिक क्षेत्र में कारखाना अधिनियम, 1948 के अंतर्गत पंजीकृत कारखानों के नाम तथा इन कारखानों में अधिकतम अनुज्ञप्‍त श्रमिक संख्‍या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) मनेरी स्थित उद्योगों में कार्यरत मजदूरों को शासन द्वारा निर्धारित दर से कम मजदूरी का भुगतान नहीं करने पर 31 उद्योग संचालकों के विरूद्ध न्‍यायालयीन कार्यवाही की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) प्रश्‍नांश (घ) में चाही गई जानकारी कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन से प्राप्‍त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

विशेष पैकेज की स्‍वीकृति

[जल संसाधन]

74. ( क्र. 1085 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 587 दिनांक 22.12.2021 के उत्‍तर अनुसार मुख्‍य अभियंता चंबल बेतवा कछार जल संसाधन विभाग भोपाल द्वारा प्रमुख अभियंता को पत्र दिनांक 09.03.2021 द्वारा पुनरीक्षित पैकेज प्रस्‍ताव प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है? यदि हाँ तो क्‍या प्रश्‍न दिनांक तक पुनरीक्षित पैकेज प्रस्‍ताव को शासन द्वारा स्‍वीकृति प्रदान कर दी गई हैं? यदि हाँ तो संपूर्ण विवरण सहित बतावें। यदि नहीं, तो उक्‍त संबंध में क्‍या कार्यवाही किन कारणों से किस स्‍तर पर कब से लंबित हैं? (ख) क्‍या प्रश्‍नकर्ता सहित डूब क्षेत्र प्रभावित परिवारों द्वारा भी समय-समय पर अनेकों बार माननीय मुख्‍यमंत्री महोदय एवं माननीय विभागीय मंत्री महोदय को 20 लाख रूपये प्रति हेक्‍टेयर के मान से मुआवजा हेतु विशेष पैकेज स्‍वीकृत करने की मांग की जा चुकी हैं? यदि हाँ तो क्‍या शासन उक्‍त अनुसार विशेष पैकेज की स्‍वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जी नहीं। तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि समस्‍त भू-अर्जन की कार्यवाही भूमि अर्जन, पुनर्वासन एवं पुनर्व्‍यवस्‍थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम-2013 के प्रावधान अनुसार किया जा रहा है। वर्तमान में विशेष पैकेज दिए जाने की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्‍न उत्पन्न नहीं होते हैं।

निविदा आमंत्रण की अद्यतन स्थिति

[जल संसाधन]

75. ( क्र. 1086 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जल संसाधन विभाग संभाग नरसिंहगढ़ जिला राजगढ़ अंतर्गत ग्राम अमलार में स्‍वीकृत बैराज निर्माण कार्य की प्रश्‍न दिनांक तक विभाग द्वारा निविदा आमंत्रित कर ली गई हैं? यदि हाँ तो प्रति सहित बतावें। यदि नहीं, तो उक्‍त संबंध में अद्यतन स्थिति क्‍या हैं तथा कब तक निविदा आमंत्रित की जावेगी? (ख) क्‍या जल संसाधन संभाग नरसिंहगढ़ अंतर्गत पार्वती डेम साइड सड़क निर्माण कार्य की निविदा आमंत्रित करने की कार्यवाही भी प्रश्‍न दिनांक तक लंबित हैं? यदि हाँ तो इसके क्‍या कारण हैं तथा कब तक उक्‍त कार्य की निविदा आमंत्रित कर कार्य प्रारंभ किया जावेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) अमलार बैराज के निर्माण कार्य की निविदा दिनांक 22.02.2022 को आमंत्रित की जाना प्रतिवेदित है। आमंत्रित निविदा की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। पार्वती परियोजना अंतर्गत सड़क निर्माण कार्य की निविदा दिनांक 23.02.2022 को आमंत्रित की जाना प्रतिवेदित है। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "बाईस"

कन्हान प्रोजेक्ट अंतर्गत कराये गये कार्य

[जल संसाधन]

76. ( क्र. 1093 ) श्री सुनील उईके : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य शासन ने किसानों की निजी भूमि को संकेत करने हेतु कन्हान प्रोजेक्ट की स्वीकृति मिली है। इस योजना में आज दिनांक तक कितना-कितना खर्च हुआ है? (ख) स्वीकृत राशि से परियोजना क्षेत्र में क्या-क्या काम कराए गए एवं कितनी राशि व्यय हुई है? (ग) वर्तमान में इस योजना का प्रभारी अधिकारी कौन है? योजना की प्रगति की जानकारी प्रदान करें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) कन्‍हान प्रोजेक्‍ट न होकर छिंदवाड़ा सिंचाई कॉम्पलेक्स परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 02.03.2019 को रू. 5470.95 करोड़ की 1,90,500 हेक्‍टर सैच्‍य क्षेत्र हेतु प्रदान की गई है। परियोजना में सूक्ष्‍म सिंचाई पद्धति से सिंचाई हेतु सामग्री पर रूपये 496.62 करोड़, सर्वेक्षण कार्य में रूपये 2.36 करोड़ व्यय किया जाना तथा भू-अर्जन के भुगतान हेतु रूपये 144.47 करोड़ भू-अर्जन अधिकारी के पी.डी. खाते में जमा किया जाना प्रतिवेदित है। (ग) वर्तमान में श्री एस.एस. मोकासदार (प्रभारी कार्यपालन यंत्री) प्रभारी अधिकारी है। परियोजना की प्रगति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "तेईस"

आदिवासियों की भूमि खरीदने का अधिकार

[राजस्व]

77. ( क्र. 1094 ) श्री सुनील उईके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) राजस्व भूमि पर खड़े वृक्षों की अनुमति देने का अधिकार राजस्व विभाग के तहसीलदार को मिला है। इसका लाभ छिंदवाड़ा जिले में कितने किसानों को TP प्राप्त हुई है एवं किसानवार मिली राशि की जानकारी प्रदान करें। (ख) छिन्‍दवाड़ा जिले के कितने किसानों एवं नागरिकों ने आदिवासियों की जमीन को खरीद कर ग्वालियर न्यायालय से अनुमति प्राप्त की है? क्या आदिवासियों की जमीन खरीदने का अधिकार किसी भी सामान्य वर्ग को है? अगर नहीं है तो फिर छिन्‍दवाड़ा जिले में कैसे जमीन खरीदी गई? (ग) राजस्व विभाग में खड़े वृक्षों की स्व-सहायता समूह को देने की कोई योजना है? अगर है तो छिंदवाड़ा जिले में कितने हितग्राहियों को इस का लाभ मिला है? (घ) क्‍या मध्यप्रदेश सरकार ने आदिवासियों का कर्ज माफ करने की योजना बनाई है? मध्यप्रदेश सरकार ने साहूकारों से लिए गए ऋण को माफ करने की योजना आदिवासियों के लिए बनाई है लेकिन कितने आदिवासियों को आज तक इस योजना का लाभ मिला है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। प्रश्‍नांश की शेष जानकारी निरंक है।   (ख) राजस्व मंडल ग्वालियर द्वारा वर्ष 2018 से वर्तमान तक कुल 17 प्रकरणों में पुनरीक्षणकर्तागणों की निगरानी स्वीकार कर अनुमति प्रदान की गई है। मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा-165 में अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्तियों की भूमि, अन्य वर्ग के व्यक्तियों को विक्रय किये जाने की वैधानिक अनुमति प्रदान किये जाने संबंधी प्रावधान निहित है। (ग) जी नहीं। (घ) राज्‍य सरकार द्वारा राज्‍य के अनुसूचित क्षेत्रों में निवासरत मध्‍यप्रदेश की अनुसूचित जनजातियों के सदस्‍यों को ऋण ग्रस्‍तता से राहत के लिए मध्‍यप्रदेश अनुसूचित जनजाति ऋण विमुक्‍त अधिनियम 2020 दिनांक 26 सितम्‍बर 2020 से प्रवृत्‍त किया है। उक्‍त अधिनियम की धारा 5 में उल्‍लेखित शीर्ष के अध्‍ययीन आने वाले दायित्‍वों को छोड़कर अधिनियम की धारा 3 के अंतर्गत अनुसूचित जनजाति के सदस्‍य जो अनुसूचित क्षेत्र में निवासरत है उनके दिनांक 15 अगस्‍त 2020 तक दिये गये समस्‍त ऋण (ब्‍याज सहित) उन्‍मोचित हो जाएंगे।

खनिज प्रतिष्ठान मद की राशि से कराये गये निर्माण कार्य

[खनिज साधन]

78. ( क्र. 1109 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में प्रश्‍न दिनांक तक खनिज प्रतिष्ठान मद में कितनी राशि जमा है? (ख) विगत तीन वर्षों में खनिज प्रतिष्ठान मद की राशि से जिले में कौन-कौन से निर्माण कार्य किए गए तथा विधायकों द्वारा दिए गए निर्माण कार्यों के प्रस्ताव में कितनी खनिज प्रतिष्ठान मद की राशि का उपयोग किया गया? (ग) इस अवधि में जिला कलेक्टर द्वारा खनिज प्रतिष्ठान मद से किन-किन निर्माण कार्यों के लिए कितनी-कितनी राशि जारी की गई? (घ) यदि कोई राशि जारी नहीं की गई तो इसके लिए कौन दोषी है तथा दोषी अधिकारी पर क्या कार्यवाही की जायेगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद में राशि रूपये 1078.11 लाख जमा है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट पर दर्शित है।              (घ) प्रश्‍नांश (ख) में दिये गये उत्‍तर अनुसार राशि जारी की गई है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

आदिवासी की जमीन गैर आदिवासी को विक्रय

[राजस्व]

79. ( क्र. 1111 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) धारा 165 में आदिवासी की जमीन गैर आदिवासी में विक्रय की अनुमति में प्रमुख शर्तें           क्या-क्या हैं? क्या यह देखा जाता है कि आदिवासी की जमीन कम न हो, या नहीं देखा जाता है? (ख) वर्ष 2005 से 2021 के मध्य आदिवासी की गैर आदिवासी को बिक्रीत जमीन की इन्दौर तथा उज्जैन संभाग में रकबा कितना-कितना है तथा इनके एवज में आदिवासियों ने कितनी जमीन क्रय की? (ग) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्र. 602 दिनांक 11.08.2021 के उत्तर में बताया गया की विभाग यह जानकारी संधारित नहीं करता कि आदिवासी ने अपनी जमीन गैर आदिवासी को बेची तो उसके एवज में उसने कितनी जमीन खरीदी, क्या अनुमति देते वक्त यह देखा नहीं जाता है? (घ) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्र. 2889 दिनांक 04 मार्च 2021 के संदर्भ में जिन जमीन का डायवर्सन किया गया उनके क्रेता-विक्रेता का नाम, गांव, खसरा रकबा, रजिस्ट्री की दिनांक, डायवर्सन की दिनांक सहित सूची देवें। (ड.) जनवरी 2020 से जून 2022 तक इन्दौर उज्जैन संभाग में कितने प्रकरणों में धारा 165 (6) के तहत कितनी रकबा भूमि के विक्रय की अनुमति दी गई? जिलेवार जानकारी देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 165 की उपधारा 6 आदिम जनजातीय क्षेत्र (एबोरिजिनल ट्राइब एरिया) से भिन्‍न क्षेत्र में आदिवासी की भूमि को गैर आदिवासी को विक्रय की अनुमति प्रदान करने की अधिकारिता दी गई है। इस धारा में शर्तों का पृथक से कोई उल्‍लेख नहीं है किन्‍तु आदिवासी समुदाय के हितों का संरक्षण, स्‍थानीय तौर पर तात्‍कालिक परिस्थिति अनुसार सुविधा के संतुलन को दृष्टिगत रखते हुए सामान्‍य शर्तें अधिरोपित की जाती है। (ख) प्रश्‍नांकित अवधि में संभाग इंदौर के जिला इंदौर में 224.295 हेक्‍टेयर, धार में 154.474 हेक्‍टेयर, बुरहानपुर में 196.408 हेक्‍टेयर, खण्‍डवा में 284.271 हेक्‍टेयर, खरगोन में 14.277 हेक्‍टेयर तथा संभाग उज्‍जैन के जिला उज्‍जैन में 179.171 हेक्‍टेयर, देवास में 148.91 हेक्‍टेयर, रतलाम में 350.59 हेक्‍टेयर, शाजापुर में 84.142 हेक्‍टेयर, आगर मालवा में 15.612 हेक्‍टेयर, मंदसौर में 77.02 हेक्‍टेयर, नीमच में 341.438 हेक्‍टेयर आदिवासियों की भूमि गैर आदिवासियों को विक्रय की अनुमति दी गई। संभाग इंदौर जिला झाबुआ, बड़वानी एवं अलीराजपुर की जानकारी निरंक है। संहिता की धारा 165 की उपधारा 6 में ऐसा कोई प्रावधान न होने के कारण जनजातीय वर्ग के व्‍यक्ति के द्वारा इसके एवज में कितनी भूमि क्रय की गई, की जानकारी संधारित नहीं की जाती। (ग) जी हाँ। । संहिता की धारा 165 की उपधारा 6 में ऐसा कोई प्रावधान न होने के कारण जनजातीय वर्ग के व्‍यक्ति के द्वारा इसके एवज में कितनी भूमि क्रय की गई, की जानकारी संधारित नहीं की जाती। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार एवं जिला इंदौर, धार, खरगोन, खण्‍डवा, देवास, रतलाम एवं नीमच की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार। जिला झाबुआ, बड़वानी, बुरहानपुर, अलीराजपुर, शाजापुर, आगर मालवा की जानकारी निरंक है। (ड.) प्रश्‍नांकित अवधि में संभाग इंदौर के जिला धार में 6.059 हेक्‍टेयर, बड़वानी में 51.562 हेक्‍टेयर, खण्‍डवा में 1.91 हेक्‍टेयर, संभाग उज्‍जैन जिला देवास में 6.92 हेक्‍टेयर, शाजापुर में 16.920 हेक्‍टेयर, आगर मालवा में 2.58 हेक्‍टेयर, मंदसौर में 3.85 हेक्‍टेयर, नीमच में 61.957 हेक्‍टेयर भूमि के विक्रय की अनुमति दी गई। दोनों संभाग के शेष जिलों की जानकारी निरंक है।

मनावर को जिला बनाने की घोषणा

[राजस्व]

80. ( क्र. 1117 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि    (क) क्या कार्यालय कलेक्टर भू-अभिलेख जिला धार द्वारा सचिव राजस्व विभाग म.प्र. शासन को प्रेषित अभिमत क्रमांक 1565/भू.अ.रा.नि.वर्कलोड/2021 धार, दिनांक 01/09/2021 में मनावर को जिला बनाने के लिए उपयुक्त बताया है? यदि हाँ तो मनावर को जिला बनाने के लिए शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? (ख) क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री महोदय को प्रेषित पत्र क्र. 48, दिनांक 09 फरवरी 2022 द्वारा मनावर को जिला बनाने के आवश्यकताओं, लोगों की समस्याओं एवं मापदंडों के संबंध में अवगत कराया है? (ग) क्या धार जिला मुख्यालय की दूरी डही, कुक्षी, मनावर, गंधवानी तहसील क्षेत्र से 100 से 140 कि.मी. तक होने के कारण लोगों को काफी आर्थिक, मानसिक नुकसान उठाना पड़ता है? क्या मनावर को जिला बनाने से लोगों को इन समस्याओं से निजात मिल सकती है? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में मनावर को जिला बनाने की क्या कार्यवाही की जा रही है? मनावर को जिला बनाने की घोषणा कब की जाएगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) कलेक्‍टर जिला धार के पत्र क्र. 1565/भू.अ.रा.नि. वर्कलोड/2021, दिनांक 01-09-2021 द्वारा प्रस्‍ताव भेजा गया जो अभी परीक्षणाधीन है।             (ख) प्रश्‍नागत पत्र विभाग में प्राप्‍त नहीं हुआ है। (ग) उत्‍तरांश '''' के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्‍तरांश '''' के प्रकाश में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

संबल योजनांतर्गत स्वीकृत अनुग्रह राशि

[श्रम]

81. ( क्र. 1137 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संबल योजना अंतर्गत संबल कार्ड धारियों को शासन द्वारा संबल कार्डधारी की मृत्यु उपरांत आर्थिक सहायता तथा मजदूरी कार्डधारी परिवार को विवाह सहायता प्रदान की जाती है? यदि हाँ तो जानकारी देवें। (ख) क्या नगर पालिका परिषद् मकरोनिया अंतर्गत वर्ष 2018-19,     19-20 एवं 20-21 में उपरोक्त योजनांतर्गत हितग्राहियों के कितने प्रकरण स्वीकृत किये गये एवं कितने प्रकरणों में राशि स्वीकृति उपरांत समायोजित/हितग्राही के खाते में जमा की गई है? वर्षवार/योजनावार सम्पूर्ण जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍नांश '''' में स्वीकृत राशि हितग्राहियों के बैंक खाता में जमा नहीं की गई है तो कारण सहित जानकारी देवें एवं राशि कब तक जमा की जायेगी? (घ) यदि प्रश्‍नांश '''' में हितग्राही/परिवार के सदस्य के खाते में राशि की प्रथम किश्‍त/योजना के तहत राशि समायोजित की गई है तो शेष राशि के लिए हितग्राही का प्रकरण अस्वीकृत प्रदर्शित किया जा रहा है तो क्यों? कारण सहित जानकारी देवें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। संबल योजनांतर्गत संबल कार्ड धारियों को शासन द्वारा संबल कार्डधारी की मृत्यु उपरान्त आर्थिक सहायता दी जाती है। संबल योजनांतर्गत संबल कार्ड धारियों को विवाह सहायता दिये जाने का प्रावधान नहीं है। (ख) (1) संबल योजना के अन्‍तर्गत संबल कार्ड धारियों की मृत्‍यु उपरान्‍त आर्थिक सहायता की जानकारी :-

क्र.

वर्ष

स्‍वीकृत प्रकरण

1

2018-19

52

2

2019-20

26

3

2020-21

37

कुल

115

115 प्रकरणों में से 83 प्रकरणों में हितग्राही के खाते में राशि दी गयी है। (ग) पर्याप्‍त बजट उपलब्‍ध नहीं होने से भुगतान हेतु प्रकरण लंबित हैं। पर्याप्त बजट उपलब्ध होने पर राशि का वितरण किया जा सकेगा। (घ) मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना के अंतर्गत स्वीकृत प्रकरणों में किश्‍तवार राशि नहीं दी जाती। अतः प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

ग्रामों में सिंचाई सुविधा

[जल संसाधन]

82. ( क्र. 1138 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृपा करेंगे कि नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सागर एवं राहतगढ़ विकासखंड के किन-किन ग्रामों में सिंचाई सुविधा जल संसाधन विभाग द्वारा प्रदाय की जा रही है/प्रस्तावित है? ग्रामों के नाम सहित जानकारी देवें। (ख) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्तमान में कौन-कौन सी सिंचाई परियोजनाएं/स्टॉप डेम/जलाशय स्थापित हैं/निर्माणधीन हैं/प्रस्तावित हैं? (ग) सागर जिला अंतर्गत किन-किन प्रस्तावित सिंचाई परियोजनाओं में नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्रामों में परियोजना का डूब क्षेत्र आ रहा है? (घ) यदि उक्त परियोजना से नरयावली विधानसभा क्षेत्र के ग्राम डूब क्षेत्र में आ रहे हैं तो नरयावली विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों को भी सिंचाई परियोजना से सिंचाई सुविधा हेतु सम्मिलित किया जायेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ/1 एवं अ/2 अनुसार है। (ख) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कड़ान मध्‍यम सिंचाई परियोजना निर्माणाधीन है। निर्मित परियोजनाओं की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ/1 अनुसार है। निर्माणाधीन/सर्वेक्षित/चिन्हित लघु सिंचाई परियोजनाओं की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।

परिशिष्ट - "चौबीस"

बसोड़ों को बसोड़ बही पर दिये जा रहे बांस

[वन]

83. ( क्र. 1148 ) कुमारी हिना लिखीराम कावरे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में कुल कितनी बसोड़ बही बनी हुई हैं तथा उसमें प्रतिमाह कितने बांस देने के प्रावधान है? वन परिक्षेत्र अनुसार जानकारी दें। क्‍या बसोड़ों को नियमित रूप से बांस दिये जा रहे हैं? विगत एक वर्ष में बसोड़ों को बसोड़ बही पर दिये गये बांसों की जानकारी वन परिक्षेत्र अनुसार उपलब्‍ध कराएं। (ख) काष्‍ठ डिपों में शवदाह हेतु कम से कम कितनी लकड़ियां रखने के प्रावधान हैं? क्‍या यह सही है कि शवदाह हेतु आमजन को लकड़ियों के लिए परेशान होना पडता है तथा लकड़ियां डिपों में उपलब्‍ध नहीं होती? (ग) बसोड़ों को नियमित रूप से बांस मिले तथा शवदाह हेतु नियमानुसार निर्धारित मापदण्‍ड के अनुसार लकड़ियां उपलब्‍ध हों यह सुनिश्चित करने के लिए शासन क्‍या उपाय करेगा?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) बालाघाट जिले के अन्तर्गत उत्तर सा. वनमंडल बालाघाट में 31 तथा दक्षिण सा. वनमंडल बालाघाट में 670 कुल 701 बसोड़ बही बनी है। प्रत्येक बसोड़ परिवार को प्रतिवर्ष उपलब्धता के आधार पर 1500 बांस दिये जाने का प्रावधान है। विगत एक वर्ष में बसोड़ों को बसोड़ बही पर उत्तर सा. वनमंडल बालाघाट के अंतर्गत 6515 बांस तथा दक्षिण सा. वनमंडल बालाघाट के अंतर्गत 1,53,065 बांस प्रदाय किया गया है। बसोड़ों को बसोड़ बही पर दिये गये बांसों की परिक्षेत्रवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रचलित निस्तार नीति में शवदाह हेतु जलाऊ लकड़ी उपभोक्ता दर पर उपलब्ध कराने के प्रावधान है। लेकिन लकड़ी की मात्रा का उल्लेख नहीं है। जी नहीं, उपभोक्ता डिपो में जलाऊ लकड़ी उपलब्ध रहती है एवं मांग अनुसार शवदाह हेतु तत्काल प्रदाय किया जाता है। (ग) प्रचलित निस्तार नीति अनुसार प्रति बसोड़ परिवार को प्रति वर्ष उपलब्धता के आधार पर 1500 बांस तक प्रदाय करने तथा शवदाह हेतु जलाऊ लकड़ी उपभोक्ता दर पर उपलब्ध कराने का प्रावधान है, जिसका पालन हो रहा है।

परिशिष्ट - "पच्चीस"

नि:शुल्‍क खाद्यान्‍न का वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

84. ( क्र. 1155 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) उचित मूल्‍य की दुकान झिलपनी ढाना के झिलपनी, ढाना, मलकुही, हाड़ीकाट के ग्रामों में कितने हितग्राहियों को फ्री राशन उपलब्ध कराया जाता है? (ख) उक्त उचित मूल्‍य की दुकानों में कोरोना काल में वर्ष 2020-2021 में कितने हितग्राहियों को कितने माह तक फ्री राशन उपलब्ध कराया गया है? (ग) उक्त उचित मूल्‍य की दुकानों में कितने हितग्राहियों को फ्री निर्धारित आवंटित राशन उपलब्ध नहीं कराया गया है? (घ) क्या आवंटित राशन उपलब्ध न कराने के लिये कौन दोषी है? क्या उक्त राशन से वंचित हितग्राहियों को राशन उपलब्ध कराया जावेगा? (ड.) क्या उक्त उचित मूल्‍य की दुकानों में राशन वितरण में अनियमितताएं की गई? यदि हाँ तो अनियमिततायें करने वाले दोषियों पर कोई कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत सम्मिलित पात्र परिवारों को प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजनांतर्गत नि:शुल्‍क खाद्यान्‍न का वितरण कराया गया है। वर्तमान में उचित मूल्‍य दुकान ढाना (कोड क्रमांक 2405001) के ग्राम झिलपनी, ढाना, मलकुही के 278 एवं उचित मूल्‍य हाड़ीकाट (कोड क्रमांक 2405002) के ग्राम हाड़ीकाट के 63 पात्र परिवारों को प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना अंतर्गत नि:शुल्‍क खाद्यान्‍न उपलब्‍ध कराने हेतु आवंटन जारी किया जा रहा है। (ख) वर्ष 2020-2021 में कोरोना काल में प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना अंतर्गत नि:शुल्‍क खाद्यान्‍न प्राप्‍त करने वाले परिवार एवं वितरित मात्रा की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। (ग) उक्‍त ग्रामों में माह अप्रैल, 2020 से दिसम्‍बर, 2021 तक राशन प्राप्‍त करने से शेष परिवारों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब अनुसार है। (घ) पात्र परिवारों को राशन उपलब्‍ध न कराने के लिए श्री वीरन सिंह विक्रेता उचित मूल्‍य दुकान ढाना एवं श्री विष्‍णु अवस्‍थी प्रबंधक सेवा सहकारी समिति मुर्गाखेडा उत्‍तरदायी है। उनके विरूद्ध मध्‍यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश, 2015 के तहत प्रकरण निर्मित किया गया है जिस पर कार्यवाही अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व), नरसिंहपुर द्वारा की जा रही है। उचित मूल्‍य दुकान के विक्रेता एवं समिति प्रबंधक द्वारा अपयोजित खाद्यान्‍न सामग्री की राशि रूपये 3,59,944 की वसूली की जाकर संबंधित पात्र परिवारों को राशन/राशि उपलब्‍ध कराई जा सकेगी। (ड) जी हाँ। शेष प्रश्‍न (घ) के उत्‍तर अनुसार। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

बिना बिल प्रस्‍तुत किए भुगतान की जानकारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

85. ( क्र. 1160 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍न क्र. 4028 दि. 24.07.2019 के '' उत्‍तर के परिशिष्‍ट '' में प्रभारी महाप्रबंधक (उपा. एवं मि.) ने नोट में स्‍वीकारा है कि होशंगाबाद जिले में मिलर्स द्वारा बिल प्रस्‍तुत नहीं किए गए फिर इन्‍हें भुगतान किस आधार पर कर दिया गया? क्‍या इन्‍होंने बाद में बिल दिए? इन सभी फर्मों के द्वारा प्रस्‍तुत बिलों की छायाप्रति देवें। (ख) उज्‍जैन जिले के राइस मिलर्स द्वारा दि. 01.06.19 से 31.01.22 तक धान की कस्‍टम मिलिंग हेतु कहाँ-कहाँ से धान प्राप्‍त की? इनके द्वारा प्रोसेस उपरांत धान मिलिंग एवं परिवहन देयक के बिलों की छायाप्रति देवें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अवधि के भुगतान की जानकारी फर्म नाम, भुगतान राशि, टी.डी.एस. कटौत्रा राशि, बैंक नाम, बैंक खाता नंबर सहित देवें। (घ) प्रश्‍नांश (क) अनुसार बिना बिल प्रस्‍तुत किए भुगतान करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

महिदपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित आरा मशीनें

[वन]

86. ( क्र. 1163 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में कितनी आरा मशीनें संचालित हैं? फर्म नाम, संचालक नाम, जी.एस.टी. नंबर सहित जानकारी देवें। जी.एस.टी. विधान लागू होने के पूर्व इनके टिन नंबर भी देवें। (ख) विगत 3 वर्षों में (दि. 01.02.19 से 31.01.22 तक) इनके द्वारा समस्‍त विक्रय की जानकारी फर्मवार, वर्षवार देवें। इनके विक्रय बिलों की छायाप्रति भी देवें। इस अवधि के इन फर्मों की जी.एस.टी. विवरणिका की छायाप्रतियां भी फर्मवार देवें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अवधि में इन्‍होंने लकड़ी का क्रय कहाँ-कहाँ से कितना-कितना किया? दि. 01.01.18 से 31.01.19 तक के क्रय की भी जानकारी देवें। समस्‍त फर्मों के उपरोक्‍त अवधि के क्रय दस्‍तावेजों की छायाप्रतियां देवें। इनके      क्रय-विक्रय का निरीक्षण प्रश्‍नांश (ख) अवधि में किन-किन अधिकारियों ने किया? निरीक्षण टीप की प्रमाणित प्रतियों सहित देवें। वन विभाग की टी.पी. भी फर्मवार देवें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) अनुसार निरीक्षण टीप पर कब-कब, क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जाएगी?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में 22 आरा मशीनें हैं। मध्‍यप्रदेश काष्‍ठ चिरान (विनियमन) अधिनियम 1984 अंतर्गत आरा मशीन पंजीयन हेतु जी.एस.टी./टिन की बाध्‍यता नहीं है। मध्‍यप्रदेश वनोपज ( व्‍यापार विनियम) अधिनियम 1969 अंतर्गत मात्र एक फर्म ने व्‍यापारी पंजीयन कराया है, जिसका जी.एस.टी. एवं टिन नम्‍बर संलग्‍न परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। शेष 21 आरा मशीन धारकों का व्‍यापारी पंजीयन हे‍तु आवेदन प्राप्‍त नहीं होने से जानकारी निरंक है। प्रश्‍नांश की शेष जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। (ख) प्रश्‍नाधीन अवधि में व्‍यापार हेतु एक मात्र पंजीकृत फर्म द्वारा कोई विक्रय नहीं किया। अत: शेष प्रश्‍न ही उपस्थि‍त नहीं होता।        (ग) प्रश्‍नाधीन अवधि में लकड़ी क्रय नहीं की गई है, अत: क्रय दस्‍तावेजों का प्रश्‍न निहित नहीं है। प्रश्‍नाधीन अवधि में आरा मशीनों का निर्धारित रोस्‍टर अनुसार निरीक्षण हुआ है। प्रश्‍नांश की शेष जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-2 एवं ''3'' में है। फर्म को कोई टी.पी. जारी नहीं हुई है। (घ) उत्‍तरांश '''' के अनुक्रम में उक्‍त निरीक्षणों में अनुज्ञप्ति में दर्ज क्षमता से अधिक वनोपज पाए जाने के कारण प्रकरण पंजीबद्ध किए गए है एवं नियम अनुसार अर्थदण्‍ड भी अधिरोपित किया गया है।

परिशिष्ट - "छब्बीस"

वन ग्रामों का विद्युतीकरण

[वन]

87. ( क्र. 1169 ) श्री सचिन सुभाषचन्‍द्र यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद में कितने वनग्राम हैं? इन वनग्रामों में निवासरत कितने परिवार है? (ख) उपरोक्त वनग्रामों में शत्-प्रतिशत विद्युतीकरण हुआ है या नहीं? नहीं तो क्यों? (ग) उपरोक्त वनग्रामों में निवासरत परिवारों को वन अधिकार पट्टे प्रदान किये गये हैं? अगर किये गये हैं तो कितने परिवारों को दिये गये हैं एवं कितने शेष हैं? शेष परिवारों को पट्टे कब तक दिये जावेंगे?      (घ) ऐसे कितने वनग्राम हैं जिनमें विद्युतीकरण कार्य स्वीकृत होने के उपरांत भी विभाग से अनुमति नहीं होने के कारण विद्युतीकरण कार्य नहीं किया गया है और कब तक कर दिया जाएगा?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विधान सभा क्षेत्र कसरावद के अन्तर्गत कोई भी वनग्राम स्थित नहीं है। अतः शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) उत्तरांश '''' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

निचली बस्तियों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर बसाने की कार्ययोजना

[राजस्व]

88. ( क्र. 1170 ) श्री सचिन सुभाषचन्‍द्र यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में क्या नर्मदा किनारे निचली बस्तियों में बसे लोगों को अन्यत्र सुरक्षित स्थानों पर बसाने की कोई कार्ययोजना है? (ख) उक्त कार्ययोजना के अंतर्गत कसरावद विधानसभा की कितनी बस्तियों को चिन्हित किया गया है? स्थानवार जानकारी दें नहीं तो क्यों? कारण सहित जानकारी दें। (ग) विधानसभा क्षेत्र कसरावद अंतर्गत तहसील भीकनगांव के 21 और तहसील कसरावद के 55 मजरे-टोलों को कब तक आबादी ग्राम घोषित किये जावेंगे? (घ) क्या सरकार द्वारा विधानसभा क्षेत्र कसरावद में नई आबादी बसाने के लिए सर्वे किया गया है? यदि हाँ तो किन-किन ग्रामों में कितने क्षेत्र में सर्वे किया गया है? यदि हाँ तो विवरण दें और बताएं कि विधानसभा क्षेत्र कसरावद के कितने मजरे-टोलों और फाल्‍यों को भी आबादी ग्राम घोषित किया जायेगा या नहीं? नहीं तो क्‍यों? (ड.) विधानसभा क्षेत्र कसरावद के राजस्‍व ग्रामों में पूर्व में अन्तिम बार कब-कब पट्टे वितरण किये गये? दिनांक और ग्रामवार विवरण देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) खरगोन जिले में नर्मदा किनारे निचली बस्तियों में बस लोगों को वर्षाकाल में अधिक वर्षा एवं बाढ़ की स्थिती होने की संभावना पर अस्‍थाई रूप से अन्‍यत्र सुरक्षित स्‍थानों पर ठहराया जाता है। (ख) प्रश्‍नांश (क) में वांछित स्‍थानों की सूची संलग्न परिशिष्‍ट '''' अनुसार है। (ग) मजरे-टोले को आबादी ग्राम घोषित करने का कोई प्रावधान नहीं है। निर्धारित मापदण्‍डों में आने पर मजरे-टोलों को पृथक राजस्‍व ग्राम घोषित किया जाता है। म.प्र.    भू-राजस्‍व संहिता 1959 (म.प्र. अधिनियम क्र. 23 सन 2018 द्वारा यथा संशोधित दिनांक                   27-07-2018) की धारा 243 के प्रावधानों के तहत जहां आबादी के लिये आरक्षित क्षेत्र, कलेक्‍टर की राय में अपर्याप्‍त हो, वहां वह ग्राम की दखलरहित भूमि में से ऐसा और क्षेत्र आरक्षित करेगा जैसा वह ठीक समझे। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ड) विधानसभा क्षेत्र कसरावद के राजस्‍व ग्रामों में पूर्व में पट्टे वितरण संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्‍टब अनुसार है।

परिशिष्ट - "सत्ताईस"

परिवहन का भुगतान

[राजस्व]

89. ( क्र. 1176 ) श्री सुनील सराफ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) प्रश्‍न क्रमांक 1198 दिनांक 25/02/2021 के उत्‍तर '''' में जिन बसों को भुगतान किया गया है, उनमें कई जिलों में टी.डी.एस. की राशि नहीं काटी गई है? ऐसा क्‍यों? ऐसा करके बस मालिकों को लाभ पहुंचाने वाले संबंधित जिले के अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देवें। (ख) उपरोक्‍तानुसार ऐसे अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही कर अ‍ार्थिक एवं प्रशासनिक रूप से इन्‍हें दंडित करेगा? (ग) उपरोक्‍त प्रश्‍नानुसार भोपाल, ग्‍वालियर, झाबुला, होशंगाबाद, रतलाम एवं सीहोर जिलों के बस क्रमांक, वाहन मालिक का नाम, भुगतान की गई राशि, भुगतान का दिनांक, बैंक खाता नंबर सहित देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) टी.डी.एस. राशि कटौत्रा के विषय में सक्षम स्‍तर से निर्णय लिया जाता है। इस हेतु अनुपालन की कार्यवाही सुनिश्चित करने जिलों को निर्देशित किया है। (ख) उत्‍तरांश (क) अनुसार। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

बाढ़ राहत राशि एवं सामग्री का वितरण

[राजस्व]

90. ( क्र. 1188 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह अगस्त 2021 में जौरा विधानसभा में कितने गांव, मजरा, टोला बाढ़ प्रभावित हुए एवं उनमें कितनी-कितनी जनधन, पशुधन एवं कितनी हेक्टेयर फसल नष्ट हुई और बाढ़ राहत में कितनी मुआवजा राशि एवं राहत सामग्री वितरण की गयी? हितग्राहियों के नाम सहित अवगत करावें। (ख) क्या बाढ़ राहत एवं सामग्री के वितरण में अनियमितताओं संबंधी विभाग को शिकायतें प्राप्त हुई की वास्तविक बाढ़ प्रभावितों को राहत उपलब्ध नहीं करायी गयी है? यदि हाँ तो शिकायतों के निराकरण कर वंचित बाढ़ प्रभावितों को राहत राशि प्रदाय कर दी गयी है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या विभाग द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बसे उन गांवों के लोगों को सुरक्षित स्थान पर बसाहट के लिए सुरक्षित जगह उपलब्ध करायी जावेगी? यदि हाँ तो इस संबंध में विभाग की क्या योजना है? यदि नहीं, तो बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जनधन, पशुधन हानि की भविष्य की आशंका से कैसे रोकथाम की जा सकेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) माह अगस्त 2021 में जौरा विधानसभा में आने वाले तहसील जौरा के 30 तथा तहसील कैलारस के 08 गांव, मजरा, टोला बाढ़ से प्रभावित हुए I उक्त प्रभावित 38 ग्रामों में जनधन, पशुधन, फसल क्षति, राहत राशि एवं राहत सामग्री की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट–'''' अनुसार है एवं हितग्राहियों के नाम सहित सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट–'''' अनुसार है। (ख) जी हाँ, प्राप्त शिकायतों का तत्समय तत्काल नियमानुसार निराकरण किया गया हैI अत: शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (ग) बाढ़ आपदा के दौरान प्रभावित क्षेत्र में बसे व्यक्ति सुरक्षित स्थान पर आ जाते हैं, स्थिति सामान्य होने पर पुनः अपने मूल स्थान पर वापिस लौट जाते हैंI प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावित व्यक्तियों की बसाहट की व्यवस्था हेतु मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजनान्तर्गत आवेदन पत्र लिये जाकर नियमानुसार आवास हेतु भू-खण्ड आवंटित किया जाना प्रक्रियाधीन हैI

किसानों की भूदान जमीन पर वन विभाग का कब्‍जा

[राजस्व]

91. ( क्र. 1190 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्र.क्र. 1052 (तारांकित) दिनांक 22.07.2016 को उत्तरांश में अपेक्षित जानकारी एकत्रित कर ली गयी है? यदि हाँ तो एकत्रित जानकरी एवं समस्या समाधान के प्रति की गयी अब तक की कार्यवाही से अवगत करावें। (ख) क्या यह सही है कि जौरा तहसील के ग्राम रकैरा में दिनांक 08.04.1976 को भूदान यज्ञ भोपाल द्वारा लगभग 240 बीघा जमीन किसानों को कृषि हेतु दी गयी? जिस पर वर्ष 1980-81 के समय वन विभाग ने अवैध कब्जा कर लिया है और किसानों को खेती नहीं करनी दी जा रही है, ऐसा क्यों? (ग) क्या यह सही है कि प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में तत्कालीन माननीय मंत्री द्वारा सदन में समुचित कार्यवाही कर किसानों को जमीन दिलाये जाने संबंधी आश्वासन दिया गया था? यदि हाँ तो इस संबंध में किसानों के पक्ष में अब तक कोई भी कार्यवाही नहीं की गयी है। विगत चार वर्षों से इस प्रकरण में उदासीनता के क्या कारण हैं? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में वन विभाग द्वारा उक्त जमीन पर किया गया कब्जा कब तक हटाकर किसानों को कृषि उपयोग हेतु दिलवाई जावेगी? समय-सीमा निश्चित करें यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँI विधानसभा प्र.क्र. 1052 (तारांकित) दिनांक 22.07.2016 के परिप्रेक्ष्य में संयुक्त जांच दल (राजस्व एवं वन विभाग) गठित किया गयाI संयुक्त जांच दल (राजस्व एवं वन विभाग) के प्रतिवेदन आवश्यक कार्यवाही हेतु मुख्य वन संरक्षक ग्वालियर को प्रेषित किया गयाI मुख्य वन संरक्षक ग्वालियर वृत ग्वालियर के कार्यालयीन पत्र क्रमांक/मा.चि/17/3913-14 दिनांक 13/06/2017 से ग्राम रकैरा के अधिसूचित सर्वे नम्बरों में भू-दान के पट्टे निरस्त करने एवं वन व्यवस्थापन की कार्यवाही पूर्ण करने हेतु आयुक्त चम्बल संभाग मुरैना, जिला कलेक्टर मुरैना को लेख किया गया I न्यायालय कलेक्टर जिला मुरैना द्वारा प्रकरण क्रमांक 04/2016-17/निगरानी मध्यप्रदेश शासन एवं मुख्य वन संरक्षक ग्वालियर (आवेदक) बनाम अजुद्दी वेवा हाकिम आदि (अनावेदक) पंजीबद्ध कर दिनांक 05/09/2019 को आदेश पारित किया गया कि वन व्यवस्थापन अधिकारी द्वारा धारा 6 लगायत 19 की कार्यवाही किये जाने के पश्चात् ही पट्टेधारियों के पट्टे बाबत निर्णय लिया जाना उचित बताया। (ख) यह सही है कि ग्राम रकैरा तहसील जौरा जिला मुरैना के 30 किसानों को भू-दान बोर्ड भोपाल द्वारा दिनांक 08/04/1976 को कुल सर्वे नंबर 34 कुल रकवा 48.072 हेक्टर (240 बीघा भूमि) दी गई किन्तु यह सही नहीं है कि वर्ष 1980-81 के समय वन विभाग ने उक्‍त भूमि पर अवैध कब्जा कर लिया क्योंकि उक्त भूमि भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 29 के तहत अधिसूचना क्रमांक 1101/203 (54) दिनांक 03/03/1955 से अधिसूचित संरक्षित वन में संरक्षित थीI सर्वे डिमार्केशन उपरांत वन विभाग द्वारा प्रश्नाधीन भूमि म.प्र. राजपत्र में अधिसूचना दिनांक 22 सितम्बर 1966 से रकैरा वनखण्ड अधिसूचित किया गया फलस्वरूप 22 सितम्बर 1966 से वन विभाग का वैधानिक अधिपत्य है, जिस पर खैर एवं अन्य प्रजाति के वन विद्यमान हैंI (ग) विधानसभा प्रश्‍न क्र 1052 दिनांक 22.7.2016 के संबंध में ऐसे प्रकरणों की नियमानुसार जांच कमेटी से कराये जाने का उल्‍लेख किया गया था। इस संबंध में सा.प्र.वि. के पत्र क्र. एफ 19-44/2019/1/4 दिनांक 29. 6.2019 के द्वारा गठित टास्‍क फोर्स की रिपोर्ट 6/2/2020 के अनुसार कार्यवाही परीक्षणाधीन है। (घ) उत्‍तरांश (ग) अनुसार कार्यवाही परीक्षणाधीन है।

अभिवहन पास की जांच

[खनिज साधन]

92. ( क्र. 1192 ) श्री बाला बच्चन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.01.15 से 31.12.18 तक श्री अजय यादव जुलवानिया, जिला बड़वानी को कार्यालय कलेक्‍टर खनिज शाखा द्वारा कितने अभिवहन पास जारी किये? प्रत्‍येक अभिवहन पास की प्रमाणित प्रति देवें। क्‍या कारण है कि इसमें समय अंकित नहीं है जबकि इसी पास की अंकित टिप्‍पणी 03 में दर्शाया है कि समय का उल्‍लेख न करना दंडनीय है? (ख) उपरोक्‍त अवधि में माँ गायत्री कंस्‍ट्रक्‍शन, यादव कंस्‍ट्रक्‍शन, विजय यादव ग्राम जुलवानिया, जिला बड़वानी के अभिवहन पास की प्रमाणित प्रतियां देवें। क्‍या कारण है कि इनके अभिवहन पास में भी समय का उल्‍लेख नहीं है? गायत्री कंस्‍ट्रक्‍शन जुलवानिया के संबंध में भी बतावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) व (ख) अनुसार दि. 01.04.2020 से 10.02.2022 तक अभिवहन पासों की प्रमाणित प्रतियां देवें। अभिवहन पासों में समय का उल्‍लेख न करके अवैध खनन एवं परिवहन करवाने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देवें। इसके लिए इन पर कब तक कार्यवाही की जाएगी? (घ) अभिवहन पास में अधिकारियों से मिलीभगत कर अवैध खनन एवं परिवहनकर्ताओं पर शासन कितनी पेनाल्‍टी लगाएगा एवं कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण बतावें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) 1. प्रश्नाधीन जिले में श्री अजय यादव, जुलवानिया को स्वीकृत उत्खनिपट्टा ग्राम जुलवानिया तहसील राजपुर के भूमि सर्वे क्रं 139/2 रकबा 1.690 हे. में जारी खनिज अभिवहन पास की मैन्युअल प्रति कुल 100 पृष्ठ की दो अभिवहन पास पुस्तिका दिनांक 01.04.2015 को जारी की गयी थी, जिसकी द्वितीय प्रति वर्तमान में जिला कार्यालय में उपलब्ध नहीं है। 2. द्वितीय उत्खनिपट्टा ग्राम निहाली तहसील राजपुर सर्वे नंबर 125/3 रकबा 2.000 हे. में ई-खनिज पोर्टल से जारी खनिज अभिवहन पास की कुल 1-42 प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। 3. खनिज पत्थर बोल्डर हेतु स्वीकृत परिवहन अनुज्ञा में, प्रति 100 पृष्‍ठ कुल 15 मैन्युअल खनिज अभिवहन पास पुस्तिका दिनांक 28.05.2016 से दिनांक 28.03.2017 के बीच जारी की गयी थी, जिसकी द्वितीय प्रति वर्तमान में जिला कार्यालय में उपलब्ध नहीं है। 4. माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक द्वारा मेन्युअल अभिवहन पार पत्र की टिप्पणी 3 का उल्लेख प्रश्‍न में किया गया है। मेन्युअल अभिवहन पार पत्र की व्यवस्था, इलेक्ट्रॉनिक अभिवहन पार पत्र की व्यवस्था स्‍वीकृत उत्‍खनिपट्टा में 01 अप्रैल 2017 से लागू होने से समाप्त कर दी गयी है। जिला कार्यालय में वर्तमान में द्वितीय प्रति उपलब्ध न होने के कारण प्रश्नानुसार जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (ख) बड़वानी जिले से प्राप्त जानकारी अनुसार माँ गायत्री कंस्ट्रक्शन एवं यादव कंस्ट्रक्शन के नाम से जिला बड़वानी में कोई उत्खनिपट्टा स्वीकृत नहीं है। विजय यादव, जुलवानिया के नाम से ग्राम रेहलवाखुर्द खनिज पत्थर बोल्डर हेतु स्वीकृत परिवहन अनुज्ञा में 05 मैन्युअल अभिवहन पार पत्र दिनांक 28.03.2018 को जारी किये गये थे। जिसकी द्वितीय प्रति वर्तमान में जिला कार्यालय में उपलब्ध नहीं है। उत्खनिपट्टा ग्राम निहाली तहसील राजपुर सर्वे नंबर 125/4 एवं 125/6 रकबा 0.810 हे. अन्य में जारी खनिज अभिवहन पास का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब में तथा ग्राम जाहू तहसील राजपुर सर्वे नंबर 488/1 रकबा 4.000 हे. में जारी खनिज अभिवहन पास की प्रतियां 1-205 का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। (ग) जिले से प्राप्त जानकारी अनुसार दिनांक 01 अप्रैल 2017 से ऑनलाइन रॉयल्टी जारी होने से प्रश्‍न (क) व (ख) अनुसार दिनांक 01.04.2020 से 10.02.2022 तक जारी ऑनलाइन अभिवहन पासों की प्रमाणित प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं '''' पर दर्शित है। ई.टी.पी. में समय अंकित है। मैन्युअल टी.पी. की द्वितीय प्रति उपलब्ध होने पर परीक्षण उपरांत अनियमितता पाये जाने पर कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न उपस्थित होगा। (घ) प्रश्‍नांश अनुसार प्रकरण संज्ञान में आने पर जांच कराये जाने के उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।

नर्मदा सेवा यात्रा की बसों का भुगतान

[परिवहन]

93. ( क्र. 1193 ) श्री बाला बच्चन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) प्रश्‍न क्रमांक 869 दिनांक 22-12-2021 के '''' उत्‍तर अनुसार जिन 32 जिला कलेक्‍टर को कार्यालय परिवहन आयुक्‍त मध्‍यप्रदेश ग्‍वालियर के पत्र क्रमांक/2215/विस./बजट/टीसी/2021 ग्‍वालियर दिनांक 30-06-2021 से पत्र प्रेषित किया गया, उसके प्रति उत्‍तर में 32 जिला कलेक्‍टर द्वारा क्‍या जानकारी दी गई? प्रत्‍येक प्रति उत्‍तर की प्रमाणित प्रति देवें। (ख) क्‍या कारण है कि विभाग द्वारा दिनांक 30-06-2021 के बाद कलेक्‍टरों को कोई स्‍मरण पत्र नहीं भेजा गया? क्‍या कारण है कि इस विषय पर दिनांक 08-10-2021 के पश्‍चात कोई बैठक आयोजित नहीं की गई? क्‍या कारण है कि प्रश्‍न क्रमांक 1093 दिनांक 29-11-2017 के (क) व (ख) उत्‍तर में बसों को भुगतान राशि लंबित राशि तो दर्शा रहा है लेकिन किसे यह राशि भुगतान की गई? चार वर्ष बाद भी नहीं बता पा रहा है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार जो जिले 4 वर्ष बाद भी इस राशि की जानकारी नहीं दे पा रहे हैं उनके अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही का साहस विभाग के उच्‍चाधिकारी क्‍यों नहीं कर पा रहे हैं? (घ) कब तक इसकी पूर्ण जानकारी उपलब्‍ध हो जाएगी जिसमें बस नंबर, बस मालिक नाम, बैंक नाम, बैंक खाता नंबर स्‍पष्‍ट हो?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) प्राप्त जानकारी के अनुसार बजट उपलब्ध न होने के कारण पूर्ण भुगतान नहीं हो पा रहा है। 32 जिला कलेक्टरों की ओर से प्राप्‍त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (ख) दिनांक 30.06.2021 के पश्चात् परिवहन आयुक्त के अर्द्धशासकीय पत्रों दिनांक 18.02.2022 द्वारा जिला कलेक्टरों को नामजद स्मरण पत्र प्रेषित किये गये हैं। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। दिनांक 08.10.2021 के पश्चात मुख्यालय स्तर पर आंतरिक बैठक का आयोजन हुआ है एवं विषय के परिप्रेक्ष्य में निरंतर संबंधित अधिकारियों को जानकारी भेजने हेतु पत्र प्रेषित किये गये हैं। प्रदेश की वाहन अधिग्रहण नीति के अनुसार अधिग्रहित की गई वाहनों का शासन द्वारा निर्धारित दर पर किराया भुगतान संबंधित जिला कलेक्टरों द्वारा किया जाता है। सभी जिलों से पूर्ण जानकारी अभी भी अपेक्षित होने से। (ग) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर अनुसार जिला कलेक्टरों की ओर से प्राप्त जानकारी में उल्लेख किया गया है कि बजट आवंटन न होने के कारण भुगतान लंबित है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) समस्त जिलों से पूर्ण भुगतान होने की जानकारी मिलने पर ही जानकारी उपलब्ध कराया जाना संभव हो सकेगा। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।

जांच प्रतिवेदन पर कार्यवाही

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

94. ( क्र. 1204 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्रकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 3549 दिनांक 24/07/2019 को उत्तर दिया था कि मूल दस्तावेज एवं नस्ती का परीक्षण करने हेतु कलेक्टर को लिखा गया लेख किया था? (ख) क्या सक्षम अधिकारी द्वारा समस्त प्रश्नों के बिंदुओं पर दस्तावेज एवं नस्ती का परीक्षण हेतु कलेक्टर को लिखा गया था? यदि हाँ तो पत्र की प्रति उपलब्ध कराई जाए। (ग) क्या तत्कालीन तहसीलदार के विरुद्ध विभागीय जांच या नोटिस जारी किया गया था? यदि हाँ तो क्या उक्त कार्रवाई को पूर्ण कर लिया गया है? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (घ) क्या शासन समय-सीमा पर कार्रवाई न करने वाले अधिकारी के विरुद्ध दंडात्मक एवं विभागीय जांच की कार्रवाई करेगा? यदि हाँ तो समय-सीमा बताएं। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

शासकीय भूमि का डायवर्सन

[राजस्व]

95. ( क्र. 1214 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) कस्बा बड़नगर जिला उज्जैन स्थित सर्वे नंबर 1556, 1557, 1558, 1559 कुल रकबा 0.470 हेक्टर जो कि शासकीय है। उक्त भूमि का डायवर्सन किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब एवं किन-किन अभिलेखों के आधार पर किया गया है? संपूर्ण अभिलेख उपलब्ध करावें। (ख) उक्त भूमि पर वर्तमान में कौन काबिज है एवं किसके द्वारा व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है? क्या व्यवसायिक उपयोग करने वाले के नाम से भूमि‍ है? यदि भूमि का व्यवसायिक उपयोग करने वाले के नाम से है तो कितने सर्वे नंबर की एवं कितनी भूमि का उपयोग कर रहा है? यदि नहीं, तो वह किस हैसियत से व्यवसायिक उपयोग कर रहा है? यदि नियम विरूद्ध उपयोग किया जा रहा है तो प्रशासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में उक्त भूमि में शासन का हित होने के बाद भी डायवर्सन क्यों किया गया? नियम विरूद्ध डायवर्सन करने वाले अधिकारी के ऊपर शासन द्वारा क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) कस्बा बड़नगर जिला उज्जैन स्थित सर्वे क्रमांक 1556, 1557, 1558, 1559 कुल रकबा 0.470 हेक्टर भूमि वर्तमान राजस्व रिकार्ड में भूमि निजी स्वत्व की है। उक्त भूमि का डायवर्सन तत्कालीन राजस्व निरीक्षक भूमि परिवर्तन श्री कुंवरलाल कैहरिया, अधीक्षक भू-अभिलेख श्री रामसेवक यादव के प्रतिवेदन के आधार पर तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी श्री जयपाल सिंह सलूजा के द्वारा खसरा, पंजीकृत विक्रय पत्र, संयुक्त संचालक नगर एवं ग्राम निवेश उज्जैन, नगर पालिका परिषद् बड़नगर के प्रतिवेदन एवं अभिलेख के अनुसार किया गया है। भूमि स्वामी रामजीदास गुरू पिता प्रहलाद दास निवासी बड़नगर कस्बा के नाम खसरे में दर्ज है। उक्त भूमि में से प्रकरण क्रमांक 168/अ-2/2000-01 आदेश दिनांक 31.10.2000 से भूमि सर्वे क्रमांक 1557 में से 0.020, 1558 में से 0.005, 1559 में से 0.028 हेक्टर कुल 530.35 वर्गमीटर पर राकेश पिता शांतिलाल, रूकमणी देवी पति शांतिलाल का व्यावसायिक डायवर्सन तत्समय अनुविभागीय अधिकारी, बड़नगर द्वारा स्वीकृत हुआ था। सम्पूर्ण अभिलेख पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार। (ख) प्रश्‍नांश '' के उत्तर अनुसार उक्त भूमि निजी स्वामी स्वत्व की है। मौके पर राकेश पिता शांतिलाल, रूकमणी देवी पति शांतिलाल काबिज है जिनके द्वारा व्यवसायिक भूमि परिवर्तन कराया जाकर मांगलिक भवन के रूप में भूमि सर्वे क्रमांक 1556 रकबा 0.42, 1557, रकबा 0.23, 1558, रकबा 0.031, 1559, रकबा 0.115 हेक्टर भूमि का उपयोग किया जा रहा है। उक्त भूमि निजी स्वामी स्वत्व की होने से तथा अनुमति उपरांत परिवर्तन कराये जाने से कार्यवाही की आवश्‍यकता नहीं है। (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित भूमि निजी स्वामी स्वत्व की होने से न्यायालयीन प्रकरण क्रमांक 168/अ-2/2000-01 में पारित आदेश दिनांक 31.10.2000 के संबंध में डायवर्सन करने वाले पीठासीन अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की आवश्‍यकता नहीं है।

गेहूँ/बाजरा उपार्जन केन्द्रों के निर्धारण में अनियमितताएं

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

96. ( क्र. 1221 ) कुँवर रविन्‍द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिला अंतर्गत समर्थन मूल्यों पर वर्ष 2020-21,2021-22 में गेहूँ/बाजरा उपार्जन केन्द्रों के निर्धारण में शासन द्वारा निर्धारित मापदण्डों का अक्षरश: पालन न करते हुये निर्धारण किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि हाँ, तो प्रत्येक निर्धारित केन्द्रवार पात्रता के बिंदु स्पष्ट करें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार उपार्जन केन्द्र आवंटन में पूर्वागृह से प्रेरित होकर कुछ समितियों को सभी पात्रतायें धारित करने के बावजूद भी कार्यक्षेत्र के बहाने केन्द्र आवंटन से वंचित क्यों किया गया? वहीं दूसरी ओर कार्यक्षेत्र से बाहर की समितियों को उपार्जन केन्द्र आवंटित किये गए क्यों?                 (ग) द्वेषपूर्ण उपार्जन केन्द्र आवंटन के लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी उत्तरदायी है? इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो समितियों को उनके कार्यक्षेत्र में ही उपार्जन केन्द्र आवंटित किये गये हैं? समि‍तिवार स्पष्टीकरण देवें। (घ) गेहूँ/बाजरा उपार्जन केन्‍द्र के निर्धारण में अनि‍यमितता व कृषकों में व्‍याप्‍त आक्रोश को दूर करने हेतु विभाग क्या कार्यवाही कब तक करेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जिला मुरैना में रबी विपणन वर्ष 2020-21 एवं खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्‍य पर गेहूँ/बाजरा उपार्जन हेतु जारी नीति के प्रावधानों के अनुरूप उपार्जन केन्‍द्रों का निर्धारण किया गया है। रबी विपणन वर्ष 2020-21 एवं खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में उपार्जन केन्‍द्रों के स्‍थापना हेतु निर्धारित मापदण्‍डों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। रबी विपणन वर्ष 2020-21 एवं खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्‍य पर गेहूँ/बाजरा उपार्जन हेतु जारी नीति के प्रावधानों के अनुरूप स्‍थानीय आवश्‍यकता एवं कृषकों की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए जिला उपार्जन समिति द्वारा उपार्जन केन्‍द्र निर्धारण किया गया है। किसी भी अपात्र संस्‍था को उपार्जन का कार्य आवंटित नहीं किया गया है।                 (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जिला मुरैना में समर्थन मूल्‍य पर गेहूँ/बाजरा उपार्जन केन्‍द्र के निर्धारण में कोई अनि‍यमितता परिलक्षित नहीं हुई है। उपार्जन केन्‍द्र निर्धारण से कृषकों में आक्रोश व्‍याप्‍त होने जैसी स्थिति नहीं होने के कारण कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

बाणसागर डूब क्षेत्र के हितग्राहियों को मुआवजा

[जल संसाधन]

97. ( क्र. 1237 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बाणसागर डूब क्षेत्र अंतर्गत उबरा, कुटेश्वर, हरदुआ, गोहावल, मड़वा, घुड़हर एवं अन्य गांव जिनकी जमीन, पेड़ पौधे, घर, कुआं डूब क्षेत्र में आ गये थे, उनका मुआवजा दिये जाना लंबित है। इस संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा समय-समय पर विभागीय अधिकारी एवं कमिश्नर के साथ कृषकों की बैठक वर्ष 2017-18 में कराई गई एक बैठक में कमिश्नर रीवा उपस्थित हुये और बाणसागर के अधिकारियों को निर्देशित किया कि एक माह के अंदर दावे आपत्तियों का निराकरण किया जाये। इस प्रकरण में अभी तक क्या-क्या कार्यवाही हुई? कृषकवार, हितग्राहीवार, ग्रामवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अभी तक कार्यावाही पूर्ण कर भुगतान न करने के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी तथा यह भी बतायें कि संबंधित के लंबित प्रकरणों का कब तक निराकरण कर भुगतान किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? क्या वे अपात्र हैं? यदि उन्हें विभाग द्वारा अपात्र किया गया है तो कृषकवार, हितग्राहीवार सूची देवें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। कुछ प्रकरण लंबित होना प्रतिवेदित है। बाणसागर परियोजना के डूब क्षेत्रान्‍तर्गत ग्राम उबरा, कुटेश्‍वर, हरदुआ, गोहावल, मड़वा, घुड़हर एवं अन्‍य ग्रामों के जमीन, पेड़, मकान, कुंआ जो परियोजना के डूब क्षेत्र के अंदर थे, उन ग्रामों का मुआवजा भुगतान एफ.आर.एल. लाइन के अनुसार किया जा चुका है। प्रश्‍नाधीन ग्रामों के प्रभावित कृषकों की समस्‍याओं के निराकरण हेतु तत्‍कालीन माननीय मंत्री जी, सूक्ष्‍म, लघु, मध्‍यम, उद्यम (स्‍वतंत्र प्रभार) उच्‍च शिक्षा एवं सामाजिक न्‍याय विभाग तथा विभागीय अधिकारियों सहित दिनांक 30.07.2017 को ग्राम इटौरा एवं दिनांक 09.09.2018 को ग्राम गैरतलाई में शिविर आयोजित किये गये थे, जिसमें क्रमश: 105 एवं 159 कुल 264 आवेदन प्राप्‍त हुये थे। जिनमें से 08 आवेदन                      भू-अर्जन से संबंधित नहीं थे तथा 186 आवेदन अपात्र पाए गए। इसके उपरांत शेष आवेदनों में से 20 कृषकों का निराकरण कर भुगतान किया जा चुका है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। शेष 50 आवेदन एवं अन्‍य कुछ कृषकों की भूमि जो ग्राम उबरा, कुटेश्‍वर, जारारोड़ा एवं घंघरोटा से संबंधित थे, उनमें से ग्राम उबरा, कुटेश्‍वर में एफ.आर.एल. लाइन में विसंगति होने के कारण अतिरिक्‍त भूमियों के अर्जन की स्थिति उत्‍पन्‍न हुई, जिसमें भू-अर्जन की प्रक्रिया धारा-19 तक की जा चुकी है। ग्राम घंघरोटा एवं जारारोड़ा के छूटे हुए रकबों के भू-अर्जन की कार्यवाही धारा-11 तक कर ली जाना प्रतिवेदित है। (ख) भू-अर्जन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। भुगतान हेतु निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। अपात्रों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' एवं '' अनुसार है। कोविड महामारी के कारण भू-अर्जन की कार्यवाही में विलम्‍ब होना प्रतिवेदित है।

खरीदी केन्‍द्रों को घटिया बारदानों का प्रदाय

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

98. ( क्र. 1238 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में वर्ष 2021-22 धान उपार्जन के लिए नागरिक आपूर्ति विभाग कटनी संबंधित विभाग द्वारा कितने केन्द्र बनाये गये? उपार्जन हेतु जिले में कुल कितने बारदाना (बोरे) खरीदे गये तथा उपार्जन केन्द्रों में कितने-कितने बारदाना (बोरे) प्रदाय किये गये? क्या बारदाना (बोरे) नवीन अथवा उपयोग किये गये बारदाना (बोरे) क्रय कर संबंधित केन्द्रों को उपलब्ध कराये गये? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ, तो खरीदी केन्द्रों में फटे/क्षतिपूर्ण बोरे जिनमें धान नहीं भरी गई, कितने बारदाना (बोरे) खरीदी केन्द्रों में शेष हैं? उन्हें क्या विभाग वापस लेगा? यदि हाँ तो कब तक? क्या प्रदाय किये गये क्षतिपूर्ण बोरों की नगद राशि संबंधित विभाग द्वारा खरीदी केन्द्र प्रभारियों से वसूली जा रही है? यदि हाँ तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में घटिया बोरा खरीदने के लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? दोषी अधिकारियों पर क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) कटनी जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्‍य पर धान उपार्जन हेतु 92 उपार्जन केन्‍द्र स्‍थापित किये गये। उपार्जन केन्‍द्र हेतु जिला स्‍तर पर नया बारदाना क्रय करने की कार्यवाही नहीं की जाती। मध्‍यप्रदेश स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज़ कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा मुख्‍यालय स्‍तर पर जूट कार्पोरेशन से क्रय किये गये नये बारदानों में से कटनी जिले में धान उपार्जन हेतु एस.बी.टी. नये बारदाने 5956 गठान तथा 11205 गठान एक भरती पुराना बारदाना मिलर्स से एवं अन्‍य जिलों से प्राप्‍त किये जाकर उपार्जन केन्‍द्रों पर उपलब्‍ध कराये गये। उपार्जन केन्‍द्रवार एस.बी.टी. नये बारदाने एवं एक भरती पुराने बारदाने प्रदाय की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। (ख) कटनी जिले में धान उपार्जन के उपरांत 56,304 कटे-फटे/क्षतिग्रस्‍त बारदानों में धान की भराई नहीं की गई है, जिन्‍हें राईस मिलर्स द्वारा वापस प्राप्‍त कर लिया गया है। मिलर्सवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब अनुसार है। खरीदी केन्‍द्रों पर कटे-फटे/क्षतिग्रस्‍त बारदाना शेष नहीं होने से वापसी का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। उपार्जन केन्‍द्रों को प्रदाय कटे-फटे/क्षतिग्रस्‍त बारदानों की राशि खरीदी केन्‍द्र प्रभारियों से वसूल नहीं की जाती है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) कटनी जिले में कटे-फटे/क्षतिग्रस्‍त बारदाने मिलर्स को वापस कर दिए गए हैं एवं उनमें धान की भरती भी नहीं की गई है, इसलिए किसी अधिकारी के दोषी होने अथवा किसी प्रकार की कोई कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

ई.पी.एफ. कटौती एवं नियमितीकरण की जानकारी

[वन]

99. ( क्र. 1244 ) श्री तरबर सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 6411, दिनांक 24 मार्च 2021 में विधानसभा में प्रेषित की गयी जानकारी जिसमें सागर वन वृत के अंतर्गत कार्यरत जॉबदर/दैनिक दर पर कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटरों को 208 घंटे का भुगतान किया जाना बताया गया हैं। वर्तमान जनवरी से प्रश्‍न दिनांक तक कम्प्यूटर ऑपरेटरों को कितने घंटे एवं किस दर से कितना भुगतान किया गया? कम्प्यूटर ऑपरेटरों का पृथक-पृथक बताया जावें। (ख) वन विभाग में कार्यरत जॉबदर कम्प्यूटर ऑपरेटर/दैनिक श्रमिकों को श्रम विभाग की नीति के तहत ई.पी.एफ. न काटे जाने का करण बतावें। (ग) म.प्र. के विभिन्न वन वृत्तों के अंतर्गत कार्यरत जॉबदर कम्प्यूटर ऑपरेटरों/दैनिक श्रमिकों को दी जाने वाले पारिश्रमिक भुगतान में भिन्नता का कारण बतावें। (घ) म.प्र. के विभिन्न वन वृतों में 10 से 15 वर्षों से कार्यरत जॉबदर कम्प्यूटर ऑपरेटरों/दैनिक श्रमिकों के प्रति भविष्य को लेकर विभाग या शासन की क्या नीति एवं योजना हैं? (ड.) यदि विभाग या शासन द्वारा जॉबदर कम्प्यूटर ऑपरेटरों/दैनिक श्रमिकों के प्रति कोई नीति या योजना तैयार की गई हो तो उस नीति या योजना के तहत कब तक जॉबदर कम्प्यूटर ऑपरेटरों/दैनिक श्रमिकों को नियमित किया जावेगा?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। वन वृत सागर अंतर्गत आने वाले वनमण्डलों में माह जनवरी से प्रश्‍न दिनांक तक कम्प्यूटर ऑपरेटरों को घंटे एवं दर अनुसार किये गये भुगतान का पृथक-पृथक विवरण संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। माह फरवरी 2022 में जॉबदर पर कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटरों द्वारा किये गये कार्य घण्टों की पारिश्रमिक राशि का भुगतान माह मार्च 2022 में देय होगा। (ख) वन विभाग अंतर्गत कम्प्यूटर संचालन का कार्य जॉबदर पर कराया जा रहा है, जिससे किये गये कार्य की घंटों में गणना कर पारिश्रमिक राशि का भुगतान किया जाता है। जिस कारण कम्प्यूटर ऑपरेटर/दैनिक श्रमिकों की ई.पी.एफ. कटौती नहीं की जा रही है। (ग) वन वृत अंतर्गत विभिन्‍न कार्यों हेतु जॉबदर निर्धारित करने हेतु मुख्‍य वन संरक्षक स्वतः सक्षम है। वन वृतों के अंतर्गत कार्यरत जॉबदर कम्प्यूटर ऑपरेटरों/दैनिक श्रमिकों के लिए निर्धारित प्रति घंटे जॉबदर अनुसार किये गये कार्यों के घंटे के आधार पर भुगतान किये जाने के कारण भिन्‍नता है। (घ) जी नहीं। (ड.) प्रश्‍नांश (घ) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "अट्ठाईस"

शराब परिवहन हेतु अनुमति

[परिवहन]

100. ( क्र. 1246 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में परिवहन विभाग में गुरुकृपा कंपनी के कौन-कौन से वाहन पंजीकृत कराये हैं? पंजीकृत वाहनों में कौन-कौन से नंबरों को किन शर्तों के आधार पर अनुमति प्रदान की गयी है? उन सभी वाहनों के नाम, नंबर, अनुमति दिनांक, अनुमति की शर्त सहित प्रमाणित दस्तावेज देवें।               (ख) क्या पंजीकृत वाहनों को गुरुकृपा कंपनी ने शराब के परिवहन के लिए परिवहन विभाग के किन-किन स्थानों पर आवागमन करने के लिए कौन-कौन से वाहनों को पंजीकृत कराया है? क्या व्यावसायिक दृष्टिकोण से उक्त वाहनों को शराब का परिवहन करने और शराब बेचने की अनुमति भी गुरुकृपा कंपनी द्वारा ली गयी है? यदि हाँ, तो पूर्ण जानकारी देवें। (ग) गुरुकृपा कंपनी के पूर्व और वर्तमान दोनों प्रकार के वाहन जो निरस्त किए जा चुके है और जो उपयोग में लाये जा रहे हैं, दोनों प्रकार के वाहनों के पंजीकृत अनुमतियों की जानकारी देते हुए पूर्ण जानकारी प्रदान करें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) से (ग) उज्‍जैन जिले में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय उज्‍जैन के अंतर्गत गुरूकृपा कंपनी के नाम से कोई वाहन पंजीकृत नहीं है, जहां तक वाहनों में शराब परिवहन की अनुमति का प्रश्‍न है, परिवहन विभाग द्वारा ऐसी कोई अनुमति दिये जाने का प्रावधान नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

भूमिगत खनन एवं विस्‍तारण हेतु दी गई अनुमति

[वन]

101. ( क्र. 1260 ) श्री संजय उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कान्हा टाईगर रिजर्व अंतर्गत 10 कि.मी. की परिधि में हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड मलाजखण्ड तहसील बिरसा, जिला बालाघाट के भूमिगत खनन एवं विस्तारण हेतु भारत सरकार पर्यावरण एवं वन मंत्रालय विभाग द्वारा जारी की गई अनुमति लगाई गई एवं प्रस्तावित क्षेत्र के 10 कि.मी. की परिधि में पाये जाने वाले फ़्लोरा एवं फौना के संरक्षण हेतु कराये जाने वाले कार्यों के लिये प्रावधानित राशि हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड द्वारा दी गई है? (ख) यदि हाँ तो वित्तीय वर्ष 2010-11 से प्रश्‍न दिनांक तक प्रतिवर्ष कितनी-कितनी राशि कब-कब दी गई? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्लेखित प्रावधानुसार जारी की गई राशि से कहाँ-कहाँ एवं कौन-कौन से कार्य, कितनी-कितनी लागत के   कब-कब प्रस्तावित किये गये हैं? प्रस्तावानुसार कब-कब, किन-किन कार्यों की स्वीकृति जारी की गई? उसकी प्रति सहित जानकारी उपलब्ध करावे। जिन कार्यों की स्वीकृति जारी नहीं की गई है, वह कब तक की जावेगी? (घ) उक्त प्रावधानों में प्राप्त राशि के व्यय करने संबंधी दिशा-निर्देशों की प्रति एवं मलाजखण्ड कॉपर प्रोजेक्ट, हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड को भूमिगत खनन एवं विस्तारण भारत सरकार पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा जारी की गई अनुमति की प्रति उपलब्ध करावें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) हिन्‍दुस्‍तान कॉपर लिमिटेड, जिला बालाघाट के भूमिगत खनन एवं विस्‍तारण के पर्यावरणीय अनुमति के प्रकरण में भारत सरकार के पत्र दिनांक 29 मार्च, 2011 से जारी टी.ओ.आर. की कंडिका 9 अनुसार पर्यावरणीय स्‍वीकृति के पूर्व वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 एवं वन्‍यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत आवश्‍यक अनुमतियां प्राप्‍त करने एवं टी.ओ.आर. की कंडिका 13 अनुसार वन एवं वन्‍यजीवों के संरक्षण की एक योजना वित्‍तीय अनुमान सहित प्रस्‍तुत करने के निर्देश के अनुपालन में तैयार की गई योजना में राशि रूपये 10.78 करोड़ के प्रावधान के विरूद्ध राशि रूपये 6.37 करोड़ जमा कराई गई है। (ख) हिन्‍दुस्‍तान कॉपर लिमिटेड, जिला बालाघाट द्वारा दिनांक 18-03-2017 को राशि रूपये 1.37 करोड़, दिनांक 07-07-2020 को राशि रूपये 3 करोड़ एवं दिनांक 28-12-2020 को राशि रूपये 2 करोड़ जमा कराई गई है। (ग) उत्‍तरांश '' में प्राप्‍त राशि से कराये जाने वाले प्रस्‍तावित कार्यों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। उत्‍तरांश '' में भारत सरकार के टी.ओ.आर. के बिंदुओं के पालन में मुख्‍य वन्‍यप्राणी अभिरक्षक के पत्र दिनांक 15-01-2015 द्वारा वन्‍यप्राणी अनापत्ति सहित वन्‍यप्राणी संरक्षण योजना की अनुमति जारी की जा चुकी है, जिसकी प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 अनुसार है। प्रकरण में वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के तहत आवश्‍यक अनुमति भारत सरकार से प्राप्‍त नहीं होने के कारण कार्यवार स्‍वीकृति जारी नहीं की गई है। भारत सरकार से अनुमति प्राप्‍त होने पर ही स्‍वीकृति जारी करना संभव है। (घ) प्राप्‍त राशि से कराये जाने वाले कार्यों के व्‍यय के संबंध में दिशा-निर्देश पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-3 अनुसार है। भूमिगत खनन एवं विस्‍तारण के पर्यावरणीय अनुमति के प्रकरण में भारत सरकार के पत्र दिनांक 29 मार्च, 2011 से जारी टी.ओ.आर. की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-4 अनुसार है। वन संरक्षण अधिनियम के तहत अनुमति प्राप्‍त नहीं होने से उसकी प्रति दिया जाना संभव नहीं है।

पयस्‍वनी नदी का संरक्षण

[राजस्व]

102. ( क्र. 1275 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि     (क) सतना जिले के चित्रकूट में विभाग द्वारा पयस्‍वनी नदी के किनारों को सुरक्षित करने की दृष्टि से कब-कब नाप की गई? साथ ही पृथक-पृथक तिथियों में की गई नाप की पृथक-पृथक रिपोर्ट भी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में चिन्हित अतिक्रमणकारियों की सूची रिपोर्टवार स्‍थल पंचनामा की रिपोर्ट सहित देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) की पयस्‍वनी नदी की ही तर्ज पर क्‍या चित्रकूट की जीवनदायिनी मंदाकिनी नदी के नाप की भी योजना है? यदि हाँ तो कब तक नाप होगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) पयस्वनी नदी के किनारे को सुरक्षित करने की दृष्टि से अनुविभागीय अधिकारी मझगवां के पत्र क्रमांक 439/उप.मजि./2021 मझगवां दिनांक 01/12/2021 के पालन में दिनांक 08/12/2021 से 11/12/2021 तक पयस्वनी नदी की नाप की गई है। सीमांकन रिपोर्ट पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट -अ अनुसार। (ख) चिन्हित अतिक्रमणकारियों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार व स्थल पंचनामा की पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-ब एवं '''' अनुसार(ग) वर्तमान में मंदाकिनी नदी के नाप सम्बन्धी कार्यवाही प्रचलित नहीं होकर, विचाराधीन नहीं है। भविष्य में परिस्थितियों के अनुसार यथोचित निर्णय लिया का सकेगा।

आवासीय पट्टे का वितरण

[राजस्व]

103. ( क्र. 1276 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) क्‍या सतना जिले के चित्रकूट विधान सभा क्षेत्रांतर्गत ग्राम पंचायत तिघरा में वर्ष 1979-80 में आवासहीनों को घर बनाने हेतु जमीन का बंटन किया गया था? यदि हाँ तो कितने लोगों को बंटन किया गया था? वर्तमान में वहां कितने परिवार घर बनाकर रह रहे हैं? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) के हितग्राहियों को न तो आवास के पट्टे दिए गए न ही उक्‍त भूमि को आबादी ही घोषित किया गया? (ग) प्रश्‍नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या शासन के पास उक्‍त भूमि आबादी घोषित का प्रस्‍ताव/आवेदन प्राप्‍त हुआ? यदि हाँ तो अभी तक इस दिशा में क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? विवरण सहित बतायें तथा यह भी बतायें कि इस कार्य को कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, सतना जिले के चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत तिघरा में तहसील में मौजूद दायरा पंजी वर्ष 1979-80 अनुसार ग्राम तिघरा में चार व्यंक्तियों को आवासीय पट्टे वितरित किये गये थे। वर्तमान में एक परिवार घर बनाकर रह रहे हैं। शेष तीन परिवार आवास हेतु भूमि का उपयोग नहीं कर रहे हैं। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार वर्तमान खसरे में हितग्राही भूमि स्वामी के रूप में दर्ज है। (ग) उपरोक्तारनुसार कार्यवाही पूर्व से ही पूर्ण पायी गयी है। कार्यवाही शेष नहीं है।

अनाधिकृत धान मिलिंग

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

104. ( क्र. 1294 ) श्री भूपेन्द्र मरावी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) क्‍या सरकार को जानकारी है कि डिण्‍डोरी जिले में धान को मिलिंग के लिए नागरिक आपूर्ति निगम में पंजीकृत धान मिलों द्वारा उन्‍हें शासन द्वारा आवंटित धान को अनाधिकृत रूप से महाराष्‍ट्र भेजा जा रहा है? (ख) क्‍या यह भी जानकारी है कि इन मिल मालिकों द्वारा उत्‍तरप्रदेश से घटिया चावल लाकर उन्‍हें मिलिंग के लिए दी गई धान के बदले में नागरिक आपूर्ति निगम में जमा किया जा रहा है? (ग) यदि हाँ तो सरकार द्वारा किस-किस धान मिल की जांच की गई और किस-किस मिल मालिक तथा इस गड़बड़ी में अधिकारी पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी नहीं। डिण्‍डोरी जिले में धान को मिलिंग के लिए नागरिक आपूर्ति निगम में पंजीकृत मिलर्स को मिलिंग हेतु आवंटित धान मिलर्स द्वारा अनाधिकृत रूप से महाराष्‍ट्र भेजे जाने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। (ख) जी नहीं। डिण्‍डोरी जिले में मिल मालिकों द्वारा उत्‍तर प्रदेश से घटिया चावल लाकर उन्‍हें मिलिंग हेतु दी गई धान के बदले में नागरिक आपूर्ति निगम में चावल जमा किये जाने संबंधी कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

रीवा जिलांतर्गत सीमांकन के मामले

[राजस्व]

105. ( क्र. 1297 ) श्री निलेश पुसाराम उईके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के तहसील हुजूर, पटवारी हल्‍का-सगरा में खसरा क्रमांक 664/8 के सीमांकन के नक्‍शे का सत्‍यापन किस तारीख को किया गया? उक्‍त सीमांकन के समय हल्‍का में पदस्‍थ पटवारी, राजस्‍व निरीक्षक एवं तहसीलदार कौन है एवं वर्तमान में वे कहाँ पदस्‍थ है? खसरा क्रमांक 664/8 के सीमांकन से संबंधित बनाये गए समस्‍त स्‍थल पंचनामा की प्रति दें। (ख) प्रश्‍नांकित क्षेत्र के नक्‍शा (शीट) में खसरा क्र. 664 के बटांक 664/8 का अधिकतम भू-भाग खसरा क्र. 667/1 के सम्‍मुख है एवं खसरा क्र. 668 के सम्‍मुख उससे न्‍यून भाग दर्शित है लेकिन विभाग से दिसम्‍बर, 2021 सत्र में पूछे गए परिवर्तित तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 497, दिनांक 22 दिसम्‍बर, 2021 के उत्‍तर (क) में खसरा क्र. 664/8 के सीमांकित नक्‍शे के परिशिष्‍ट-1 अनुसार खसरा क्र. 667/1 के सम्‍मुख से अधिक भाग खसरा क्र. 668 के सामने सीमांकित है, क्‍यों जबकि खसरा क्र. 668 की नाप क्‍यों नहीं दर्शाई गई है, न ही स्‍थल पर सीमाएं निर्धारित की गई, क्‍यों? क्‍या जांच कराई जावेगी? (ग) रीवा जिले में तहसील हुजूर में कितने राजस्‍व प्रकरण निजी भूमि पर अतिक्रमण के वर्ष 2020 एवं 2021 में दर्ज हैं? उक्‍त प्रकरणों की जानकारी दें। (घ) क्‍या रीवा जिले में रोवर मशीन (टोटल इलेक्‍ट्रॉनिक मशीन) से सीमांकन हो रहा है? यदि नहीं, तो क्‍यों? क्‍या रीवा जिले में सीमांकन के सर्वाधिक मामले पेंडिंग हैं? यदि हाँ तो क्‍यों? रीवा जिले में जमीन विवाद के सीमा विवाद के कितने मामले दर्ज हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) रीवा जिले के तहसील हुजूर पटवारी हल्का सगरा में खसरा क्रमांक 664/8 के सीमांकन के नक्शे का सत्यापन (वक्त) सीमांकन दिनांक 13.07.2020 को स्थल पर किया गया। उक्त सीमांकन के समय पटवारी हल्का सगरा में श्री संदीप शुक्ला पटवारी, श्री नारायण सिंह रा.नि. एवं श्री आर.पी. त्रिपाठी तहसीलदार पदस्थ थे तथा वर्तमान में              श्री संदीप शुक्ला पटवारी हल्का खौर में श्री नारायण सिंह, रा.नि. नजूल में एवं श्री आर.पी. त्रिपाठी तहसीलदार, तहसील हुजूर-नगर में पदस्थ हैं। खसरा क्रमांक 664/8 के सीमांकन के संबंधित बनाये गय स्थल पंचनामा की प्रमाणित प्रतिलिपि पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार(ख) प्रश्‍नांकित क्षेत्र के नक्शा (शीट) में खसरा क्रमांक 664 के बटांक 664/8 का अधिकतम भू-भाग खसरा क्रमांक 667/7 के सम्मुख नहीं है। बल्कि खसरा क्रमांक 667/3 के सम्मुख है। खसरा क्रमांक 667/1 के सम्मुख खसरा क्रमांक 664/8 का कोई भी भू-भाग नहीं है 667/1 का कोई भी भू-भाग 668 के सम्मुख नहीं दर्शाया गया है। दिसम्बर 2021 सत्र में पूछे गये तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 497 दिनांक 22.12.2021 के उत्तर (क) में खसरा क्रमांक 664/8 के सीमांकित नक्शे के परिशिष्ट-1 अनुसार खसरा क्रमांक 667/1 के सम्मुख से अधिक भाग 668 के सामने सीमांकित नहीं है। आवेदित खसरा क्रमांक 664/8 के सीमांकन बाबत् आवेदन पत्र प्रस्तुत किये जाने पर सीमांकन किया गया है। खसरा क्रमांक 668 के नाप व सीमा निर्धारण किये जाने तथा जांच कराने की आवश्‍यकता नहीं है।               (ग) रीवा जिले में तहसील हुजूर अंतर्गत वर्ष 2020-21 में निजी भूमि पर अतिक्रमण के कुल 111 प्रकरण दर्ज हैं। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब अनुसार(घ) जी नहीं। रीवा जिले में ई.टी.एस. मशीन से सीमांकन हो रहा है। जिले में सीमांकन के कुल 5350 प्रकरण एवं भूमि विवाद (धारा 250) के कुल 2621 प्रकरण लंबित है।

खाद्यान्‍न की गुणवत्‍ता का परीक्षण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

106. ( क्र. 1312 ) श्री कमलेश जाटव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) क्‍या शासकीय उचित मूल्‍य की दुकानों से बी.पी.एल. कार्ड धारकों एवं मजदूरी तथा अन्‍य सभी प्रकार के कार्ड धारकों को जो राशन वितरित किया जाता है उस खाद्यान्‍न को क्‍या सरकार स्‍वयं उगाती है या किसी अज्ञात समर्थन मूल्‍य पर किसानों से चोरी छुपे खरीदा जाता है, या फिर किसान शासकीय उचित मूल्‍य की दुकानों के लिये सबसे घटिया एवं निम्‍न स्‍तर का खाद्यान्‍न सरकार को दान में देते हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार यदि नहीं, तो फिर जो खाद्यान्‍न विभागीय मंडियों एवं सहकारी समितियों द्वारा किसानों से समर्थन मूल्‍य पर खरीदा जाता है, उसका मापदण्‍ड घटिया एवं निम्‍न स्‍तर का है? यदि वास्तव में ऐसा कुछ नहीं है तो शासकीय उचित मूल्‍य की दुकानों पर वह घटिया एवं निम्‍न स्‍तर का राशन कहाँ से लगातार प्राप्‍त हो रहा है? क्‍या यह गम्‍भीर जांच का विषय नहीं है? (ग) शासकीय उचित मूल्‍य की दुकानों पर हितग्राहियों को बांटे जाने वाले राशन की जांच किया जाना आवश्‍यक है। क्‍या शासकीय गोदामों एवं वेयर हाउसों से निकले अच्‍छी किस्‍म के राशन को गरीबों के पास पहुंचने से पहले घटिया राशन से बदलने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों की उच्‍च स्‍तरीय जांच प्रस्‍तावित की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) शासकीय उचित मूल्‍य दुकान से बी.पी.एल. राशनकार्डधारी परिवारों को वितरित किया जाने वाला खाद्यान्‍न (गेहूँ, मक्‍का, बाजरा, चना) समर्थन मूल्‍य पर रबी एवं खरीफ विपणन मौसम में किसानों से उपार्जित किया जाता हैं। (ख) समर्थन मूल्‍य पर, केन्‍द्र सरकार द्वारा निर्धारित एफ.ए.क्‍यू. मापदण्‍डों के अनुरूप खाद्यान्‍न का उपार्जन किया जाता हैं, उपार्जन के समय खाद्यान्‍न की गुणवत्‍ता परीक्षण के लिए उपार्जन केन्‍द्र पर तथा उपार्जित मात्रा जमा करते समय भण्‍डारण केन्‍द्र पर गुणवत्‍ता परीक्षक (सर्वेयर) की व्‍यवस्‍था की जाती हैं। (ग) गोदाम स्‍तर से पी.डी.एस राशन के वितरण हेतु गुणवत्‍ता परीक्षण के लिए समिति निर्धारित हैं। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

 

शासकीय भूमि को लीज अथवा पट्टे पर दिये जाने का प्रावधान

[राजस्व]

107. ( क्र. 1313 ) श्री कमलेश जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्‍या सूक्ष्‍म एवं लघु एवं मध्‍यम उद्यमों तथा मछली पालन तथा देशी औषधियों की खेती तथा अन्‍य किसी कार्य हेतु उक्‍त कार्यों में दक्षता रखने वाले अनुभवी भूमिहीन किसानों, युवाओं को रोजगारोन्‍मुखी बनाए जाने तथा प्रदेश की योग्‍य एवं अनुभवी कम उम्र में विधवा हुई बेटियों तथा वृद्ध व निराश्रित लोगों एवं सामाजिक क्षेत्र में कार्य कर रही संस्‍थाओं को तथा महिला स्‍व-सहायता समूहों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाए जाने हेतु सालों से बेकार पड़ी शासकीय भूमि को लीज पर दिये जाने का कोई प्रावधान है? यदि हाँ, तो नियम निर्देशों के साथ जानकारी उपलब्‍ध करावें।               (ख) क्‍या सदियों से प्रदेश की नदियों के किनारे बसे निचले क्षेत्र के उन ग्रामीण भूमिहीन मजदूर किसान जो कि प्रतिवर्ष आने वाली बाढ़ में बेघर होकर भारी जान माल की मार सहते आ रहे तथा जीवन यापन का कोई अन्‍य स्‍त्रोत नहीं होने के कारण नदियों के बीहड़ों तथा भरकों में विगत कई सालों से शासकीय भूमि पर खेती करते आ रहे हैं? उनको उक्‍त शासकीय भूमि लीज अथवा पट्टे पर दिये जाने का प्रदेश सरकार का कोई प्रावधान है? यदि हाँ, तो नियम एवं निर्देश तथा पात्रता की जानकारी प्रदाय करें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अनुसार यदि नहीं, तो क्‍या प्रदेश सरकार इस संबंध में भविष्‍य में कोई योजना बनायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) नजूल निर्वर्तन नियम 2020 के अध्‍याय तीन, भाग-च में राज्‍य शासन औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्‍साहन विभाग सुक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उघम विभाग, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग, पर्यटन विभाग, पशुपालन विभाग और अन्‍य विभाग (जो भविष्‍य में मंत्रि-परिषद् के अनुमोदन से उनकी विभागीय नीति जारी किये जाने पर शामिल होगा) राजस्‍व विभाग के द्वारा उपरोक्‍त विभागों को, उनकी मांग प्राप्‍त होने पर, विहित प्रक्रिया अनुसार भूमि हस्‍तांतरित करता है। नियम-निर्देश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) लोक हित में निर्णय लिया जाता है।

सरकारी एवं निजी कार्यों हेतु रेत की आपूर्ति

[खनिज साधन]

108. ( क्र. 1314 ) श्री के.पी. सिंह कक्‍काजू : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के ऐसे कितने जिले हैं जिनमें वर्ष 2021-22 में रेत की नीलामी उपरांत ठेकेदारों द्वारा ठेका समर्पण कर दिया है? जिलेवार, ठेकेदारों की सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) ऐसे जिले जिनमें ठेकेदारों द्वारा रेत का कार्य छोड़ दिया गया है, इन जिलों में सरकारी एवं निजी कार्यों हेतु रेत की आपूर्ति किस प्रकार हो रही है? (ग) क्‍या पिछले कई महीनों से शासन को राजस्‍व की हानि होकर कतिपय व्‍यक्तियों द्वारा की जा रही रेत की चोरी के व्‍यवसाय को बढ़ावा मिल रहा है?                 (घ) क्‍या पिछले कई महीनों से शासन को राजस्‍व की हानि होकर कतिपय व्‍यक्तियों द्वारा की जा रही रेत की चोरी के व्‍यवसाय को बढ़ावा मिल रहा है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट पर दर्शित है।            (ख) संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार भिण्‍ड, पन्‍ना एवं रतलाम जिलों के ठेकेदारों द्वारा रेत का कार्य छोड़ देने पर सरकारी एवं निजी कार्यों हेतु रेत की आपूर्ति अन्‍य समीपवर्ती जिलों के वि‍धिमान्‍य ठेकेदारों द्वारा की जा रही हैं। (ग) जी नहीं। वस्‍तुस्थिति यह है कि, जिले में रेत के अवैध उत्‍खनन, परिवहन पर सतत् निगरानी रखी जा रही है और रेत चोरी के संबंध में खनिज, राजस्‍व एवं पुलिस विभाग द्वारा संयुक्‍त रूप से कार्यवाही की जा रही है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के उत्‍तर में जानकारी उल्‍लेखित है।

परिशिष्ट - "उनतीस"

खनिज सम्‍पदा की जानकारी

[खनिज साधन]

109. ( क्र. 1319 ) श्रीमती कल्पना वर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिला अन्‍तर्गत रैगांव विधान सभा क्षेत्र में कितनी खनिज सम्‍पदा क्षेत्र है? रकवा एवं स्‍थान सहित सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) कितना क्षेत्र लीज में किन-किन व्‍यक्तियों एवं किन व्‍यवसायियों को कितने वर्ष के लिये दी गई है? नाम, पता, रकवा एवं वर्ष सहित सूची उपलब्‍ध करावें। (ग) रैगांव विधान सभा क्षेत्र अन्‍तर्गत खनिज के माध्‍यम से कितना राजस्‍व प्राप्‍त होता है एवं इस राशि को किन-किन योजनाओं में खर्च किया गया? पिछले 5 वर्षों का विवरण सहित सूची उपलब्‍ध करावें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नाधीन विधान सभा क्षेत्र में पाये जाने वाले खनिज एवं इसके आधार पर स्‍वीकृत खनि रियायत की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट पर दर्शित है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट पर दर्शित है। (ग) विधान सभावार खनिज राजस्‍व प्राप्ति की जानकारी संधारित किये जाने का प्रावधान नहीं है। प्राप्‍त खनिज राजस्‍व राज्‍य की संचित निधि में जमा किया जाता है, इसका व्‍यय किसी योजना में किये जाने का प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "तीस "

नक्‍शा विहीन गांवों की जानकारी

[राजस्व]

110. ( क्र. 1321 ) श्रीमती कल्पना वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सतना जिले में 250 सौ से अधिक गांवों के नक्‍शे नहीं होने से यह गांव नक्‍शा विहीन है? नक्‍शा विहीन गांवों की संख्‍या और नाम सहित सूची उपलब्‍ध करायें। (ख) गांव में कितने नक्‍शे होते हैं और वे कहाँ और किसके पास रखे जाते हैं? ये नक्‍शे कैसे गायब हुए और इसका दोषी कौन है? पटवारी के पास से नक्‍शे कैसे गायब हो गये? इतना महत्‍वपूर्ण शासकीय अभिलेख गायब होने पर क्‍या कार्यवाही होगी? चार्ज सौंपने में नक्‍शा एक से दूसरे पटवारी को सौंपा जाता है? फिर किस पटवारी से ये नक्‍शा नहीं मिला? इस पर एफ.आई.आर. क्‍यों नहीं हुई? कारण स्‍पष्‍ट करें। (ग) सतना जिले के नक्‍शा विहीन गांवों के नक्‍शे कब तक बन जायेंगे? (घ) रैगांव विधानसभा क्षेत्र में एक नये राजस्‍व गांव की घोषणा पी.एम. ने की है लेकिन नक्‍शा विहीन गांव की वजह से उसका विभाजन नहीं हो पा रहा है। यह घोषणा कब तक पूरी हो जायेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जिला सतना अंतर्गत कुल 380 ग्राम नक्‍शा विहीन हैं। जिसमें से 70 ग्राम बाणसागर पूर्ण डूब क्षेत्र में है एवं 152 ग्राम आंशिक नक्‍शा विहीन हैं। नक्‍शा विहीन की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' एवं आंशिक नक्‍शा विहीन की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार है। (ख) म.प्र. भू-अभिलेख नियमावली भाग-1 अध्‍याय-8‍ नियम-6 में वर्णित अनुसार प्रत्‍येक गांव के लिये म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 ( संशोधित अधिनियम 2018) की धारा 107 की उपधारा (1) के अधीन क्षेत्र नक्‍शे की दो प्रतियां तैयार की जावेगी। एक प्रति जिला कार्यालय के अभिलेखागार में संदर्भ हेतु रखी जायेगी और वह संदर्भ नक्‍शे के रूप में जानी जावेगी। दूसरी प्रति पटवारी को बंदोबस्‍त के पश्‍चात् हुए परिवर्तनों के ब्‍यौरे दर्शाने हेतु उसके द्वारा समय-समय यथा अपेक्षित परिवर्तन किये जाने के लिये प्रदाय की जावेगी और यह कार्यकारी नक्‍शे के रूप में जानी जावेगी। सतना जिले में बंदोबस्‍त लगभग 100 साल बीत जाने से अभिलेखागारों में उपलब्‍ध नक्‍शे जीर्ण-शीर्ण हो गये। पटवारी की कार्यकारी प्रति भी कालांतर में अत्‍यंत जीर्ण-शीर्ण हो चुकी हैं जिस करण उनके आधार पर दिशा नवीनीकरण किया जाना संभव नहीं पाया गया। (ग) कलेक्टर भू-अभिलेख सतना के पत्र क्रमांक 1425 दिनांक 27/09/2021 से नक्शा विहीन/जीर्ण-शीर्ण ग्रामों के नक्‍शे बनाए जाने हेतु प्रस्ताव आयुक्‍त भू-अभिलेख को प्रेषित किये गये थे जिनके परीक्षण उपरान्‍त अतिरिक्‍त जानकारी जिले से चाही गयी है। तत्‍पश्‍चात कार्ययोजना तैयार कर नक्‍शे बनाए जाने की कार्यवाही प्रस्‍तावित है। कार्य के मैदानी और वृहद स्‍वरूप को देखते हुए निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) रैगांव विधानसभा अंतर्गत मजरा-टोला नारायणपुर, बठिया टोला, चितिया, बठेर राजस्‍व ग्राम बनाये जाने की घोषणा माननीय मुख्‍यमंत्री महोदय द्वारा रैगांव क्षेत्र के भ्रमण के दौरान की गई है। जिसके क्रम में नक्‍शा बनाये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

मजरा एवं टोला को ग्राम में परिवर्तन हेतु निर्धारित मापदण्‍ड

[राजस्व]

111. ( क्र. 1326 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विदिशा जिला अन्‍तर्गत तहसील बासौदा, त्‍योंदा एवं ग्‍यारसपुर में विभिन्‍न ग्रामों के मजरा एवं टोला हैं? यदि हाँ तो किन-किन ग्रामों के मजरा एवं टोला हैं? उनके नाम एवं वर्तमान जनसंख्‍या तहसीलवार पृथक-पृथक बतावें। (ख) क्‍या शासन द्वारा मजरा एवं टोला को ग्राम में परिवर्तित करने के लिये कोई मापदण्‍ड निर्धारित है? यदि हाँ तो क्‍या-क्‍या? बतावें। (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (क) में वर्णित मजरा एवं टोला को प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर में वर्णित निर्धारित मापदण्‍डों के अनुसार शासन द्वारा ग्राम का दर्जा दिया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) विदिशा जिला अंतर्गत तहसील बासौदा एवं ग्‍यारसपुर में कोई मजरा एवं टोला नहीं है। तहसील त्‍योंदा में राजस्‍व ग्रामों के कुल 09 मजरे-टोले हैं, जो निम्‍नानुसार है

क्रमांक

राजस्‍व ग्राम का नाम

ग्राम का मजरा टोला

जनसंख्‍या

मूल ग्राम से दूरी

1

सौसेरा

सौरेरा चक्‍क

241

1 कि.मी.

2

करारी

वेहलोट

256

1 कि.मी.

3

सिरनोटा

सिरनोटाचक्‍क

496

1 कि.मी.

4

आबूपुरकुचौली

चक्‍क सालेरी

135

1 कि.मी.

5

पधार

नहारिया वनभूमि

272

वन भूमि

6

दैलवाडा

खजूरी वनभूमि

676

वन भूमि

7

भिलाय

कालापाठा वनभूमि

317

वन भूमि

8

उकायला

धुवयाइरू

141

2 कि.मी से कम

9

लगधा

लगधा चक्‍क

199

  1. कि.मी.

(ख) शासन द्वारा मजरे-टोले को राजस्व ग्राम बनाये जाने संबंधी नियम मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता (भू-सर्वेक्षण तथा भू-अभिलेख) नियम 2020 के अंतर्गत बनाये गये हैं, जिसके भाग (घ) के नियम 43 में ग्रामों की विरचना, समामेलन तथा विभाजन के नियम भी बनाए गये हैं। नियम की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित मजरे-टोले, प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर में वर्णित मापदण्‍डों के अनुरूप न होने से उन्‍हें से राजस्‍व ग्रामों का दर्जा नहीं दिया जा सकता।

परिशिष्ट - "इकतीस"

रेत का अवैध उत्‍खनन

[खनिज साधन]

112. ( क्र. 1337 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या माननीय मुख्‍यमंत्री जी की मंशानुसार प्रदेश में बालूरेत का अवैध खनन पर रोक लगाने हेतु सख्‍त निर्देश जारी किए? (ख) यदि हाँ तो क्‍या रेत माफियाओं द्वारा रेत का अवैध खनन कार्य धड़ल्‍ले से चलाने हेतु पुलिस थानों को भी खरीदने के मामले प्रकाश में आए हैं? (ग) यदि हाँ तो वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में किस-किस जिले में रेत के अवैध खनन पर रोक लगाने के नाम पर पुलिस व जिला प्रशासन सहित खनिज विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों को गोली चालान, मारपीट सहित हत्‍या के मामले प्रकाश में आए हैं? यदि हाँ तो किस-किस जिले में कुल कितनी-कितनी घटनाएं घटित हुईं और उनके विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्‍नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में जिलेवार यह अवगत करावें कि अवैध खनन एवं रॉयल्टी चोरी से शासन को प्रतिवर्ष कुल कितनी-कितनी वित्‍तीय हानि होती है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। वीडियो कान्‍फ्रेंसिंग एवं अन्‍य बैठकों में निर्देश दिये गये हैं। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्‍नांश अनुसार 11 जिलों में मामले प्रकाश में आये हैं। जिसकी जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट पर दर्शित है। शेष जिलों की जानकारी निरंक है। (घ) प्रश्‍नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में वित्‍तीय हानि का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "बत्तीस"

चम्‍बल नदी से रेत का अवैध उत्‍खनन

[खनिज साधन]

113. ( क्र. 1350 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला मुरैना चम्‍बल नदी में से अवैध रेत उत्‍खनन हो रहा है? यदि हो रहा है तो प्रशासन को कई बार अवगत कराने के बाद भी कार्यवाही क्‍यों नहीं की गई? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार यदि कार्यवाही की गई तो प्रश्‍न दिनांक तक कितने ट्रेक्‍टरों/ट्रकों को राजसात करने की कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही की गई है तो कितनी वसूली की गई है तथा कितनों पर कानूनी कार्यवाही की गई है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र में अवैध उत्खनन के प्रकरण प्रकाश में आने पर जिला प्रशासन पुलिसवन विभागखनिज विभाग के संयुक्त रूप से रणनीति तैयार कर अवैध उत्खनन पर रोक लगाने के हर संभव प्रयास किये जाते हैं। तत्संबंध में वन विभाग द्वारा चंबल नदी में हो रहे अवैध उत्खनन की रोकथाम हेतु सतत गश्ती की जा रही है। (ख) वर्ष 2021 में अवैध उत्खनन एवं परिवहन संज्ञान में आने पर कुल 182 वन अपराध प्रकरण दर्ज कर वाहनों के संबंध में राजसात प्रक्रिया आरंभ की गई हैजिसमें से 69 वाहनों को राजसात किया गया है। चंबंल अभयारण्य अंतर्गत उपरोक्त प्रकरणों में वसूली का प्रावधान नहीं है। वर्ष 2021 में 74 आरोपियों के विरूद्ध माननीय न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किये जा चुके हैं।

उप तहसीलों का संचालन

[राजस्व]

114. ( क्र. 1351 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुमावली विधान सभा क्षेत्र 05 के अंतर्गत 2 तहसील व 2 उप तहसील हैं। क्‍या उप तहसील सुमावली एवं बांगचीनी वर्तमान में संचालित है? यदि हाँ तो कब से? यदि नहीं, तो क्‍यों? उप तहसील सुमावली का कार्य क्षेत्र बहुत बड़ा है‍ जिसके कारण आमजन को अधिक परेशानी आ रही है। क्‍या आमजन की परेशानी को दूर करने हेतु प्रशासन कोई कदम उठायेगा? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार उप तहसील सुमावली एवं बांगचीनी कब तक संचालित कर दी जाएगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। कलेक्टर जिला मुरैना के आदेश क्रमांक 815/भू-अभि./व.लो./2016 दिनांक 26/03/2016 के परिपालन में ग्राम सुमावली के पशु चिकित्सालय मेला मैदान में प्रति सप्ताह मंगलवार एवं शुक्रवार टप्पा तहसील सुमावली संचालित होती है तथा कलेक्टर जिला मुरैना के आदेश क्रमांक 815/भू-अभि./व.लो./2016 दिनांक 26/03/2016 के परिपालन में टप्पा तहसील बांगचीनी प्रति सप्ताह मंगलवार एवं शुक्रवार संचालित होती थी जो कलेक्टर जिला मुरैना के आदेश क्रमांक 1113/भू-अभि./व.लो./2018 दिनांक 12/07/2018 एवं संशोधित आदेश क्रमांक 1289/भू-अभि./व.लो./2018 दिनांक 03/08/2018 के परिपालन में अब प्रति सप्ताह गुरुवार एवं शुक्रवार को संचालित होती है। (ख) टप्पा तहसील सुमावली प्रति सप्ताह मंगलवार एवं शुक्रवार तथा टप्पा बांगचीनी प्रति सप्ताह गुरुवार और शुक्रवार को संचालित होती है।

वनमंडल कार्यालयों द्वारा कराये गए कार्य

[वन]

115. ( क्र. 1358 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि    (क) जिला शहडोल एवं रीवा के वनमंडल कार्यालयों को शासन द्वारा वर्ष 2017 से प्रश्‍न दिनांक तक कब-कब, कितनी-कितनी राशियां किन-किन मदों एवं कार्यों हेतु प्रदान की गई, का विवरण वर्षवार, माहवार, जिलावार देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार प्राप्‍त राशियों के व्‍यय बाबत् शासन के क्‍या निर्देश थे? प्रति देते हुए बतावें कि इन राशियों से कितने निर्माण कार्य एवं कितने वृक्षारोपण एवं अन्‍य कार्य कराये गये, का विवरण वर्षवार, कार्यवार, अनुविभागवार जिलों का देवें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार कराये गये कार्यों का सत्‍यापन कब-कब, किन-किन सक्षम अधिकारियों द्वारा किया गया, का विवरण कार्यवार, माहवार, वर्षवार जिलों का देवें। सत्‍यापन के दौरान किस वाहन का उपयोग किया गया? लाग बुक की प्रति देते हुए बतावें। कार्यों की भौतिक स्थिति सत्‍यापन के समय क्‍या थी? (घ) प्रश्‍नांश (क) के कार्य कितनी-कितनी लागत व प्राक्‍कलन के थे? कार्य प्राक्‍कलन व तक‍नीकी स्‍वीकृति अनुसार क्‍या कराये गये? इनके निर्माण से संबंधित से कार्य कहाँ-कहाँ कराये गये? इस हेतु राशियां कब-कब जारी की गई एवं कितनी किन-किन कार्यों में शेष है? (ड.) प्रश्‍नांश (क) अनुसार प्राप्‍त राशियों का प्रश्‍नांश (ख) अनुसार कार्य जो कराये गये, गुणवत्‍ता विहीन व मौके पर नहीं हुये, राशि का फर्जी बिल वाउचर तैयार कर आहरित कर ली गई, जिसका सत्‍यापन प्रश्‍नांश (ग) के जिम्‍मेदारों द्वारा नहीं किया गया। प्रश्‍नांश (घ) के कार्य गुणवत्‍ता रहित कराये गये इनके लिए किन-किन को जिम्‍मेदार मानकर कार्यवाही वसूली के साथ अन्‍य राशि गबन करने प्रस्‍तावित करेंगे? अगर नहीं तो क्‍यों?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) से (ड.) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।

न्‍यायालय के आदेशों का पालन

[राजस्व]

116. ( क्र. 1359 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विधानसभा प्रश्‍न क्र. 274 दिनांक 11.08.2021 के उत्‍तर में माननीय उच्‍च न्‍यायालय में अपील प्रस्‍तुत करने की अवधि 90 दिवस निर्धारित है, दिया गया था साथ ही ऋण पुस्तिका अधिकार पत्र व नामान्‍तरण किये जाने की जानकारी भी दी गई थी। (ख) यदि प्रश्‍नांश (क) हाँ तो विधानसभा प्रश्‍न क्र. 804 दिनांक 22.12.2021 के उत्‍तर में माननीय उच्‍च न्‍यायालय में अपील विचाराधीन है व वर्णित न्‍याय दृष्‍टान्‍त का परिसीमन किया जाना माननीय न्‍यायालय के क्षेत्राधिकार में है बताया गया था। क्‍या कलेक्‍टर, न्‍यायालय की हैसियत से कार्य नहीं करते हैं? यदि करते हैं तो न्‍याय दृष्‍टांत का पालन करना क्‍या उनकी नैतिक जिम्‍मेदारी नहीं रहती? (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार 90 दिवस अपील हेतु समय निर्धारित किया गया, बताया गया तो रामस्‍वरूप द्विवेदी बनाम शासन के प्रकरण में अपील माननीय उच्‍च न्‍यायालय में कितने अवधि बाद दायर की गई? वर्तमान में अपील की स्थिति क्‍या है? अगर अपील मान्‍य की गई हो तो, उच्‍च न्‍यायालय में रोक आदेश के अभाव में नामान्‍तरण आदेश उचित है का उल्‍लेख म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता नामान्‍तरण नियम में दिया गया है। इसका पालन कर क्‍या कम्‍प्‍यूटर में दूसरे के नाम दर्ज कराई बाबत् आदेश देंगे। (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में विधान सभा प्रश्‍न क्र. 6276 दिनांक 23.03.2017 में नामान्‍तरण किया जाने ऋण पुस्तिका प्रदान किये जाने व पत्र क्र. 619 दिनांक 14.08.2018 द्वारा प्रमुख राजस्‍व आयुक्‍त का कम्‍प्‍यूटर फीडिंग में रोक होने के पश्‍चात भी द्विवेदी का नाम कम्‍प्‍यूटर में फीडिंग कराने का उल्‍लेख किया गया था लेकिन फीडिंग कराकर द्विवेदी का नाम दर्ज नहीं कराया गया क्‍यों जबकि प्रश्‍नांश (ग) अनुसार अगर रोक नहीं तो नामान्‍तरण व अपील लंबित रहते हुये कम्‍प्‍यूटर में फीडिंग कराई जा सकती है? अगर माननीय उच्‍च न्‍यायालय द्वारा रोक नहीं तो फिर नाम दर्ज क्‍यों नहीं किया जा रहा है? (ड.) प्रश्‍नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) में उल्‍लेखित तथ्‍यों व न्‍याय दृष्‍टिगत नामान्‍तरण नियम के पालन में द्विवेदी का नाम कम्‍प्‍यूटर में दर्ज कराये जाने क्‍या निर्देश देंगे जिससे न्‍यायालय के आदेश की गरिमा कायम रहे?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्‍नांश के अनुसार परिसीमा अधिनियम 1969 में विभिन्न कारणों से पीठासीन अधिकारी द्वारा समय अवधि में छूट दिए जाने का प्रावधान है। संदर्भित प्रकरण क्रमांक SA 402/2021 शासन की और से तहसीलदार गुढ़ द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में दायर किया गया है जो कि विचाराधीन है प्रस्तुत प्रकरण में शासन हित निहित है। (घ) फीडिंग की कार्यवाही शासन का हित निहित होने से पूर्ण जांच कर न्‍यायालयीन आदेशों के बाद की जा सकेगी। (ड.) प्रश्‍नांश (क), (ग), (घ) के प्रकाश में, प्रकरण न्यायाधीन होने से, समय-सीमा निर्धारित किये जाने में कठिनाई है।

वन विभाग द्वारा लगाये गये पौधों की जानकारी

[वन]

117. ( क्र. 1390 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर में कितने क्षेत्र में वन है? यह कुल भूमि का कितना प्रतिशत है? पिछले 5 वर्षों में कितने प्रतिशत वृद्धि या कमी हुई है? अनूपपुर जिले के पुष्‍पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कितनी भूमि पर वन हैं, तथा पिछले पांच वर्षों में इस क्षेत्र में कितने पौधे वन विभाग द्वारा लगाये गये हैं? (ख) अनूपपुर जिले में पिछले 5 वर्षों में कुल कितने पौधे लगाये गये तथा उन पर कुल खर्च कितना हुआ? लगाये गये पौधों की क्षेत्रवार वर्षवार जानकारी दें। उक्‍त पौधों में से कितने जीवित हैं? (ग) पुष्‍पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में विगत पांच वर्षों में वन विभाग द्वारा कितने किलोमीटर क्षेत्र में तार फेन्सिंग कहाँ-कहाँ की गई? उस पर कुल कितना खर्च हुआ? उक्‍त क्षेत्र में फेन्सिंग की वर्तमान स्थिति क्‍या है? (घ) पुष्‍पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में वन विभाग के वर्तमान में कौन-कौन से प्रोजेक्‍ट कितनी राशि के चल रहे हैं? अद्यतन स्थिति सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वनमण्‍डल अनूपपुर में 89,964 हेक्‍टेयर क्षेत्र में वन है जो अनूपपुर जिले के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 23.05 प्रतिशत है। विगत 5 वर्षों में अनूपपुर वनमण्‍डल के कुल वनक्षेत्र में 21 हेक्‍टेयर अर्थात् 0.0234 प्रतिशत की कमी परिलक्षित हुई है। पुष्‍पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 501.52 वर्ग किलोमीटर वनक्षेत्र हैं एवं पिछले पांच वर्षों में 1835547 पौधे रोपित किये गये हैं। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-3 अनुसार है।

वन भूमि क्षेत्रों में कराये गये विकास कार्य

[वन]

118. ( क्र. 1391 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग के द्वारा अनूपपुर जिले के वन भूमि क्षेत्रों में विभिन्‍न विकास कार्य कराये गये हैं? यदि हाँ तो वित्‍तीय वर्ष 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन सी योजनाओं में किन-किन कार्यों के क्‍या लक्ष्‍य थे? कार्यवार, स्‍वीकृत राशि, उपयोग की गई राशि और कितनी राशि लैप्‍स हुई है? योजनवार एवं क्षेत्रवार विवरण उपलब्‍ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्राप्‍त लक्ष्‍य के अनुसार विधानसभा क्षेत्र पुष्‍पराजगढ़ में किये गये कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हो चुके, कितने कार्य अपूर्ण हैं? कार्यों के अपूर्ण रहने के कारणों सहित ग्रामवार जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ग) पुष्‍पराजगढ़ विधानसभा अंतर्गत वनखण्‍डों का नाम एवं रकवेवार जानकारी उपलब्‍ध करावें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। प्रश्‍नांश की शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 अनुसार है।

वाहन पंजीकरण से प्राप्‍त राजस्‍व

[परिवहन]

119. ( क्र. 1396 ) श्री जितु पटवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) प्रदेश में दो पहिया, तीन पहिया, कार, ट्रक तथा अन्‍य वाहनों से पंजीकृत में वर्ष 2015 से 2021 तक कितना-कितना शुल्‍क लिया गया? वर्षवार वाहन की कैटेगरी अनुसार जानकारी उपलब्‍ध करावें तथा 31/01/2022 स्थिति में प्रदेश में पंजीकृत वाहन की संख्‍या कैटेगरी अनुसार बतावें। (ख) प्रदेश में 2015 से 2021 तक वर्षवार निजी बसों को राज्‍य के बाहर तथा राज्‍य के अंदर परिवहन हेतु कितने परमिट दिये गये तथा उनसे कितना राजस्‍व प्राप्‍त हुआ? (ग) इंदौर में अटल ट्रान्‍सपोर्ट कंपनी को चाटर्ड तथा अन्‍य बस चलाने हेतु परमिट किस नियम से दिया गया तथा उन्‍हें सामान के परिवहन की अनुमति किस नियम से दी गई? (घ) प्रदेश के सभी जिले में आर.टी.ओ. कार्यालय में 31 जनवरी 2022 की स्थिति में कितने-कितने अधिकारी और कर्मचारी कार्यरत हैं तथा कार्यालय में अनाधिकृत कर्मचारी द्वारा कार्य करने की कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) वर्ष 2015 से 2021 तक उल्लेखित वाहनों के पंजीयन से वसूल किये गये शुल्क की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। 31.01.2022 स्थिति में प्रदेश में पंजीकृत वाहनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (ग) इंदौर में अटल ट्रांसपोर्ट कंपनी को चाटर्ड तथा अन्य बस चलाने हेतु परमिट केन्द्रीय मोटरयान अधिनियम, 1988 की धारा 72, धारा 74, धारा 87 (1), धारा 88 (8) एवं धारा 88 (9) के अंतर्गत विहित प्रावधानों के अनुसार दिये जाते है। मध्यप्रदेश मोटरयान नियम, 1994 के नियम 78 एवं नियम 80 में मंजिली गाड़ी पर माल परिवहन किये जाने के प्रावधान विहित है पृथक से अनुमति लेने का नियमों में प्रावधान नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है।

राशन वितरण में अनियमितता

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

120. ( क्र. 1397 ) श्री जितु पटवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) प्रदेश की उचित मूल्‍य की दुकानों पर लगाई गई POS मशीन किस कम्‍पनी द्वारा किस वर्ष से लगाई गई है तथा उसे किस अनुसार भुगतान किया जाता है तथा अभी तक प्रतिवर्ष कितना-कितना भुगतान किया गया? (ख) वर्ष 2015 से 2021 तक माह दिसम्‍बर अनुसार पात्र परिवार तथा पात्र सदस्‍य संख्‍या की जानकारी दें तथा बतावें कि सदस्‍य संख्‍या में प्रतिवर्ष जिलेवार कितने प्रतिशत वृद्धि या कमी हुई? कारण क्‍या है? (ग) वर्ष 2015 से 2021 तक प्रदेश में कितनी राशन की दुकानों पर फर्जीवाड़ा पाया गया तथा उन पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई तथा किस-किस दुकान पर कितने काल्‍पनिक हितग्राही पाये गये? वर्षवार जानकारी उपलब्‍ध करावें। (घ) राशन दुकानों के माध्‍यम से प्रतिवर्ष कितना गेहूँ, चावल तथा मोटा अनाज कितनी-कितनी मात्रा में वितरित किया गया? वर्ष 2015-16 से 2021-22 अनुसार बतावें तथा बतावें कि प्रति व्‍यक्ति औसत प्रति वर्ष कितना-कितना गेहूँ, चावल तथा मोटा अनाज प्राप्‍त हुआ? (ड.) वर्ष 2015-16 से 2021-22 तक राशन की दुकानों पर बिकने वाले गेहूँ तथा चावल की अफरा-तफरी के कितने प्रकरण किस-किस जिले में पाये गये तथा किस-किस अधिकारी व व्‍यापारी पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? वर्षवार जानकारी उपलब्‍ध करावें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

निर्माण एजेन्‍सी को किये गये भुगतान की जानकारी

[जल संसाधन]

121. ( क्र. 1402 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल 2018 से विदिशा जिले में विभाग द्वारा किन-किन ठेकेदारों (निर्माण एजेन्‍सी) को कितना-कितना भुगतान किया गया? सिंचाई परियोजनावार जानकारी उपलब्‍ध करावें। क्‍या विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों की मिलीभगत से सिंचाई परियोजना के निर्माण कार्य किये बिना राशि का भुगतान कर दिया गया है? भुगतान राशि, ठेकेदार, फर्म का नाम, भुगतान अधिकारी का नाम, सिंचाई परियोजना का नाम सहित वर्षवार जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में बिना निर्माण किये सिंचाई परियोजनाओं का भुगतान करने वाले अधिकारियों की जांच किस एजेन्सी द्वारा करवाई गई है? जांच प्रतिवेदन की छायाप्रति उपलब्‍ध करावें। कौन-कौन अधिकारी दोषी पाये गये? यदि जांच नहीं की गई है तो किस जांच ऐजेन्‍सी से एवं कब तक जांच करवा दी जावेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) प्रश्‍नांश (क), (ख) के संदर्भ में क्‍या ऐसी जन चर्चा है कि बिना निर्माण कार्य किये तत्‍कालीन अपर मुख्‍य सचिव जल संसाधन विभाग की मिलीभगत से भुगतान किया गया था? बतलावें। यदि हाँ, तो विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? क्‍या विभाग द्वारा उक्‍त संबंध में जांच कमेटी गठित की गई है? यदि हाँ तो इसमें कौन-कौन जांच अधिकारी हैं? जांच प्रतिवेदन की छायाप्रति उपलब्‍ध करावें एवं प्रतिवेदन पर क्‍या कार्यवाही की गई है? यदि जांच नहीं की गई है तो जांच कब तक करवा दी जावेगी? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के संबंध में एडवांस भुगतान करने वाले दोषी अधिकारियों पर एफ.आई.आर. कब तक दर्ज करवाई गई? दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों का नाम, पदनाम सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें तथा दोषी अधिकारियों पर निलं‍बन की कार्यवाही कब तक की जावेगी? यदि नहीं, तो इसके लिये दोषी कौन है? दोषियों के विरूद्ध कब तक एफ.आई.आर. करवा दी जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विदिशा जिले में दिनांक 01 अप्रैल 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक निर्माण एजेंसियों को संपादित कार्यों के विरूद्ध किये गये भुगतान की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-''-1 एवं ''-2 अनुसार है। वस्‍तुस्थिति यह है कि अन्‍य परियोजनाओं में सिर्फ निर्माण कार्य एवं कोठा बैराज वृहद परियोजना के अंतर्गत सामग्री के विरूद्ध एवं कार्य पर ठेकेदार को भुगतान किया गया है। वर्तमान में परियोजनाओं का निर्माण कार्य प्रगतिरत है। (ख) से (घ) किसी भी परियोजना में निर्माण एजेंसी को कोई भी अग्रिम भुगतान नहीं किया गया है, अपितु सामग्री के विरूद्ध भुगतान किये जाने के फलस्‍वरूप प्रकरण शासन के संज्ञान में आने पर राज्य शासन द्वारा निर्माणाधीन सिंचाई परियोजनाओं में सामग्री के विरूद्ध किये गये भुगतान की अनियमितताओं की जांच हेतु अपर सचिव, जल संसाधन विभाग की अध्‍यक्षता में समिति गठित की गयी थी जिसमें मुख्य अभियंता बोधी तथा अधीक्षण यंत्री, प्रशासन सदस्य हैं। जांच समिति से जांच प्रतिवेदन अपेक्षित है। जांच प्रतिवेदन प्राप्‍त होने पर जांच निष्कर्ष के आधार पर उत्तरदायियों के विरूद्ध नियमानुसार आगामी कार्यवाही संभव होगी। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्‍न उत्पन्न नहीं होते हैं।

परिशिष्ट - "तैंतीस"

सिंचाई परियोजनाओं में विलंब एवं कार्य में लापरवाही

[जल संसाधन]

122. ( क्र. 1403 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में टेम सिंचाई परियोजना तहसील लटेरी, सेमरखेड़ी सिंचाई परियोजना तहसील लटेरी, सेमलखेड़ी तीर्थ परियोजना तहसील सिरोंज, बरखेड़ा हरगन सिंचाई परियोजना तहसील सिरोंज कब-कब स्‍वीकृत की गई? प्रशासकीय स्‍वीकृति एवं डी.पी.आर. की छायाप्रति उपलब्‍ध करावें। इन सिंचाई परियोजनाओं से कितने हेक्‍टेयर भूमि सिंचित होगी? सिंचाई परियोजनाओं में कितने हेक्‍टेयर राजस्‍व भूमि एवं वन भूमि डूब रही है? वन भूमि के बदले राजस्‍व विभाग द्वारा कौन-कौन से ग्रामों में कौन-कौन से खसरा नंबर भूमि वन विभाग को दी गई है एवं वन विभाग ने राजस्‍व विभाग की भूमि स्‍वीकार अधिग्रहण कर ली है? यदि नहीं, तो क्‍या? विलंब के लिए उत्‍तरदायी कौन है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में क्‍या टेम सिंचाई परियोजना लटेरी एवं सेमलखेड़ी तीर्थ परियोजना का ठेकेदारों एवं अधिकारियों की मिलीभगत से गुणवत्‍ता विहीन कार्य किया जा रहा है एवं निर्धारित मापदंडो अनुसार कार्य नहीं किया जा रहा? यदि हाँ तो बतलावें तथा विभाग द्वारा वरिष्‍ठ अधिकारियों से जांच कब तक करवा दी जावेगी। क्‍या इसकी शिकायत प्राप्‍त हुई? यदि हाँ तो किसके द्वारा जांच की गई है? तो दोषी ठेकेदारों एवं प्रभारी कार्यपालन अधिकारी गंजबासौदा पर कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में सेमरखेड़ी सिंचाई परियोजना लटेरी एवं बरखेड़ा हरगन सिंचाई परियोजना सिरोंज निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा? यदि समय पर प्रारंभ होकर पूर्ण नहीं हुई है तो इसके लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी है एवं शासन को कितने राजस्‍व की हानि हुई है? दोषियों पर क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) टेम सिंचाई परियोजना लटेरी एवं सेमलखेड़ी तीर्थ क्षेत्र सिंचाई परियोजना सिरोंज एवं सेमरखेड़ी सिंचाई परियोजना लटेरी जिला विदिशा का भुगतान ठेकेदार/निर्माण एजेन्‍सी को कब-कब और कितनी राशि का किया गया है? क्‍या सेमलखेड़ी तीर्थ क्षेत्र सिंचाई परियोजना में क्‍या कुछ निर्माण कार्य किये बिना ही निर्माण कार्यों की राशि का भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो कितनी राशि का भुगतान कब-कब किया गया है एवं इसके लिए दोषी कौन है? दोषी अधिकारियों पर क्‍या एवं कब तक कार्यवाही की जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। टेम मध्‍यम परियोजना, सेमलखेड़ी तीर्थ, बरखेड़ा हरगन एवं सेमरखेड़ी परियोजना की प्रशासकीय स्‍वीकृति की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1, 2, 3, 4 अनुसार तथा डी.पी.आर. की प्रति क्रमश: पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 5, 6, 7, 8 अनुसार है। जी हाँ। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। टेम मध्यम सिंचाई योजना एवं सेमलखेड़ी तीर्थ योजना के कार्य निर्धारित मापदण्डों के अनुसार कराये जा रहे हैं तथा अभिलेख अनुसार कोई शिकायत प्राप्त नहीं होना प्रतिवेदित है। जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) सेमरखेड़ी तालाब एवं बरखेड़ा हरगन तालाब में वन भूमि व्‍यपवर्तन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होना प्रतिवेदित है। दोनों परियोजनाओं में वन प्रकरण की प्रथम चरण की स्‍वीकृति प्राप्‍त होने के पश्‍चात निर्माण कार्य प्रारंभ कराना संभव होगा। निर्माण कार्य प्रारंभ करने हेतु निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। बरखेड़ा हरगन परियोजना में वन विभाग एवं राजस्‍व विभाग के मध्‍य प्रभावित भूमि की सीमा विवाद के कारण वन प्रकरण निराकरण में विलंब हुआ है। सेमरखेड़ी लघु सिंचाई परियोजना के वन प्रकरण की स्‍टेज-1 की स्‍वीकृति प्रक्रियाधीन होना प्रतिवेदित है। वन प्रकरण की स्‍वीकृति प्राप्‍त होने के उपरांत पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति एवं निविदा आंमत्रित किये जाने की कार्यवाही की जाना संभव होगा। पुनरीक्षित प्रशासकीय स्‍वीकृति का प्रकरण मैदानी कार्यालयों में तैयार किया जाना प्रतिवेदित है। किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। (घ) प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित सिंचाई परियोजनाओं में ठेकेदारों को किये गये भुगतान की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। सेमलखेड़ी तीर्थ सिंचाई परियोजना में निर्माण कार्य किये बिना ही निर्माण कार्यों की राशि का भुगतान नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। अतः शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

तितली पार्क की जानकारी

[वन]

123. ( क्र. 1408 ) श्री उमंग सिंघार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या धार जिले में पर्यटन नगरी माण्‍डव में तत्‍कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा 78.00 लाख रूपये लागत राशि का तितली पार्क स्‍वीकृत किया गया था? राशि स्‍वीकृति के पश्‍चात प्रथम किश्‍त 31,64,800/- राशि जारी की गई थी? विभाग द्वारा तितली पार्क हेतु 723 वर्गमीटर में तालाब किनारे फ्लेग स्‍टोन पेचिंग कार्य हेतु 2,34,926/- राशि 5650 वर्गमीटर में लैण्‍ड स्‍केपिंग कार्य हेतु 34,183/- राशि, 885 वर्गमीटर में फेंसिंग कार्य हेतु 7,60,301/- राशि, 500 वर्गमीटर में पार्किंग हेतु 5,97,122/- राशि, पौधा रोपण हेतु 2750 पौधे लगाने हेतु 2,58,464/- राशि तथा कंसल्‍टेन्‍सी फीस की 3 प्रतिशत राशि 35,068/- राशि का मिलाकर कुल राशि 19,20,064/- राशि खर्च की गई थी? (ख) प्रश्‍नांकित (क) अनुसार यदि हाँ, तो इतनी राशि खर्च करने के बाद सरकार द्वारा उक्‍त पार्क को विधानसभा क्षेत्र हरसूद में क्‍यों शिफ्ट किया गया? (ग) क्‍या इतनी राशि खर्च करने के बाद उक्त पार्क मवेशियों के लिये चारागाह में तब्‍दील हो गया है? सारे पौधे नष्‍ट होकर मैदान में तब्‍दील हो गये है? इसका जिम्‍मेदार कौन है एवं जिम्‍मेदार पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक कार्यवाही की जायेगी एवं यदि नहीं, तो क्‍यों?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) राज्‍य शासन द्वारा प्रश्‍नाधीन पार्क को हरसूद शिफ्ट करने का कोई आदेश नहीं किया गया है। (ग) जी नहीं, क्षेत्र का फैंसिंग से घेराव किया गया है। 2750 रोपित पौधों में से 1307 पौधे जीवित हैं। पौध रोपण में मौसमी पौधे होने एवं सिंचाई का प्रावधान नहीं होने से पौधे मृत हुये हैं। इसके लिए कोई जिम्‍मेदार नहीं है, अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

क्रशर प्‍लांट की लीज निरस्‍त किया जाना

[खनिज साधन]

124. ( क्र. 1409 ) श्री उमंग सिंघार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या धार जिले की गंधवानी विधान सभा में विकासखण्‍ड तिरला के ग्राम पंचायत जलोख्‍या के ग्राम गोलपुरा में क्रशर प्‍लांट संचालित हो रही है? यदि हाँ तो उक्‍त प्‍लांट किस फर्म या व्‍यक्ति के नाम से संचालित हो रही है? आदेश की छायाप्रति उपलब्‍ध करावें। क्‍या उक्‍त प्‍लांट की स्‍वीकृति हेतु ग्राम सभा में अनुमोदन किया था? यदि हाँ तो ग्राम सभा का ठहराव प्रस्‍ताव की प्रमाणित छायाप्रति उपलब्‍ध करावें। क्‍या राजस्‍व विभाग एवं वन विभाग द्वारा अनुमति हेतु जांच प्रतिवेदन लिया गया था? यदि हाँ तो राजस्‍व विभाग एवं वन विभाग के जांच प्रतिवेदन की प्रमाणित छायाप्र‍ति उपलब्‍ध करावें। (ख) क्‍या उक्‍त प्‍लांट की लीज तत्‍काल निरस्‍त करने के संबंध में ग्रामवासियों द्वारा एवं प्रश्‍नकर्ता द्वारा कलेक्‍टर धार को शप‍थ पत्र व शिकायत पत्र के माध्‍यम से शिकायत की गई थी कि ब्‍लास्टिंग किये जाने से गांव में पत्‍थर उड़कर आते हैं तथा मकान क्षतिग्रस्‍त हो रहे हैं व जानमाल को हमेशा खतरा बना रहता है, बच्‍चे डर से बाहर नहीं निकलते एवं स्‍कूल जाने में भी डरते हैं जिससे उनका भविष्‍य खराब हो रहा है? डेम व तालाबों में दरारे पड़ रही हैं व फूट रहे हैं एवं तालाबों का पानी जमीन में उतर जाता है, जिससे पानी की समस्‍या का भी सामना करना पड़ता हैं? (ग) प्रश्‍नांकित (ख) यदि हाँ तो शिकायत पत्र की छायाप्रति उपलब्‍ध करावें एवं यह भी बतावें कि उक्‍त शिकायतों के संबंध में की गई जांच का जांच प्रतिवेदन की छायाप्रति भी उपलब्‍ध करावें तथा यह भी बतावें‍ कि उक्‍त प्‍लांट की लीज कब तक निरस्‍त कर दी जायेगी एवं यदि नहीं, तो कारण स्‍पष्‍ट करें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) वस्तुस्थिति यह है कि प्रश्नाधीन ग्राम गोलपुरा में क्रशर प्लांट से गिट्टी बनाने हेतु गौण खनिज पत्थर की खदानें स्वीकृत हैं। ग्रामसभा का अभिमत प्राप्त किया गया है साथ ही राजस्व एवं वन विभाग के प्रतिवेदन/अनापत्ति भी प्राप्त है। प्रश्‍नांश में चाही गई समस्त जानकारी की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। ग्राम गोलपुरा में स्वीकृत 5 खदानों में से केवल 3 खदानों का संचालन हो रहा है तथा 2 खदानों पर क्रशर मशीन स्थापित नहीं होने से खदान संचालन पूर्णतः बंद है। (ख) ग्रामवासियों द्वारा की गई शिकायत माननीय प्रश्‍नकर्ता के पत्र दिनाँक 21/03/2021 से कलेक्टर जिला धार एवं जिला खनि अधिकारी धार को प्रेषित की गई हैजिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के           प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) प्राप्त शिकायत के संबंध में खनिज निरीक्षक जिला धार से जाँच कराकर माननीय प्रश्‍नकर्ता को कार्यालय कलेक्टर (खनिज शाखा) जिला धार द्वारा पत्र दिनाँक 01/06/2021 से जाँच प्रतिवेदन भेजा गया है जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। कार्यालय कलेक्टर (खनिज शाखा) जिला धार से प्राप्त जानकारी अनुसार शिकायत का मुख्य कारण खदानों तथा खदानों के आसपास शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करना है। शिकायत निराधार पायी गई है। खदानें समस्त औपचारिकताऐं पूर्ण करने के उपरांत ही स्वीकृत की गई हैं जिससे शासन को राजस्व प्राप्त होता है। उपरोक्त बिन्दुओं के प्रकाश में खदान निरस्त करने का प्रश्‍न ही नहीं उठता।

कोविड अनुदान योजना के आवेदनों का निराकरण

[राजस्व]

125. ( क्र. 1424 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह हनी बघेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन को कुक्षी विधानसभा से कितने आवेदन कोविड अनुदान योजना के प्राप्‍त हुए? आवेदनकर्ता का नाम, पता, दूरभाष, आवेदन दिनांक इत्‍यादि की विस्‍तृत जानकारी प्रदान करें।                 (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में कितने प्रकरणों का निराकरण कर दिया गया और कितने प्रकरणों का निराकरण लंबित है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रकरणों के लंबित होने के कारणों की प्रकरणवार जानकारी प्रदान करें। क्‍या प्रकरणों के निराकरण में दोषी अधिकारियों पर कोई कार्यवाही करेगा/की जाएगी? यदि हाँ, तो क्‍या? विस्‍तारपूवर्क जानकारी प्रदान करें। यदि नहीं, तो कारण स्‍पष्‍ट करें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) धार जिले के कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में कोविड अनुग्रह योजना के कुल 93 आवेदन प्राप्त हुए हैं। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है। (ख) कोविड अनुग्रह योजना के दिनांक 22.02.2022 तक प्राप्त 93 आवेदन पत्रो में से 75 हितग्राहियों की राशि स्वीकृत की गई है तथा 18 हितग्राहियों के आवेदन पत्रों में पात्रता नहीं आने से निरस्त किये गए है। (ग) धार जिला अतंर्गत कुक्षी विधान सभा क्षेत्र के समस्त आवेदन पत्रों का निराकरण किया गया था। कोई भी आवेदन लंबित नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

शासकीय भूमि पर भू-माफियाओं का अतिक्रमण

[राजस्व]

126. ( क्र. 1435 ) श्री राकेश मावई : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) नगर परिषद् जौरा के वार्ड क्रमांक 17 माधव नगर के शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 191, 192 की लगभग 0.21 हेक्‍टेयर भूमि पर भू-माफियाओं द्वारा अतिक्रमण करने की कितनी शिकायतें             कहाँ-कहाँ पर किस-किस के द्वारा की गई तथा उन शिकायतों पर अतिक्रमण हटाने के लिये क्‍या कार्यवाही की गई? शिकायतों की प्रतियां सहित सम्‍पूर्ण जानकारी देवें। यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) अनुसार शासकीय भूमि से भू-माफियाओं का अतिक्रमण हटवाने बाबत् प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 844/2022 दिनांक 08.02.2022 प्रमुख सचिव राजस्‍व म.प्र. शासन भोपाल को दिया गया है? यदि हाँ तो पत्र पर क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) क्‍या तत्‍कालीन एस.डी.एम. जौरा द्वारा पत्र क्रं./रीडर/शिका./2021/1488 एवं 1489 दिनांक 27.07.2021 द्वारा तहसीलदार जौरा एवं अनुविभागीय अधिकारी जल संसाधन विभाग जौरा को विवादित भूमि का राजस्‍व नक्‍शे एवं नहर के नक्‍शे से मिलान कर सीमांकन करवा कर सीमांकन की कार्यवाही का पालन प्रतिवेदन सुनिश्चित कराने के लिये लिखा गया? यदि हाँ तो इन पत्रों पर क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों? इसके लिये कौन-कौन दोषी है? क्‍या दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) क्‍या              भू-माफियाओं की भूमि सर्वे क्रमांक 174/1 एवं 175/1 नहर के पूर्वी भाग में है तथा शासकीय भूमि सर्वे क्र. 191, 192 नहर के पश्चिम भाग में स्थित है? दोनों के बीच 90 फुट चौड़ाई नहर की जमीन है? यदि हाँ तो भू-माफिया शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करके बिक्री कैसे कर रहे हैं? राजस्‍व विभाग एवं सिंचाई विभाग द्वारा मिलकर दोनों नक्‍शों का मिलान करके कब तक विवादित शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 191, 192 का सीमांकन करवाकर भू-माफियाओं का अतिक्रमण हटाया जायेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) अनुविभागीय अधिकारी जौरा के माध्यम से टीकाराम, लोकेन्द्र द्वारा की गई दो शिकायतें तहसीलदार जौरा को प्राप्त हुई है। प्राप्त शिकायतों की जांच कराई गई। जांच उपरान्त तहसीलदार जौरा द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन अनुसार सर्वे क्र. 191, 192 में पूर्व घनी आबादी जिसमें विगत 30 वर्ष पूर्व से मकानात बने हुये हैं तथा नवीन कोई अतिक्रमण उक्त सर्वे नम्बरों में नहीं है। शिकायत की प्रति संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है।            (ख) जी हाँ। विभागीय पत्र क्रमांक 696/667/सात-एक दिनांक 18/02/2022 द्वारा कलेक्‍टर मुरैना से प्रतिवेदन चाहा गया है। (ग) तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी जौरा द्वारा प्रश्‍नांकित पत्र क्रमांक 1488, 1489 दिनांक 27.07.2021 में भूमि सर्वे क्र. 174, 175 का सीमांकन हेतु लेख किया गया है। न्यायालय तहसीलदार के प्रकरण क्र. 11/2020-21/अ-12 द्वारा सीमांकन किया गया जिसे न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी जौरा के प्रकरण क्रमांक/31/2021-22/1818 जौरा द्वारा यथावत रखा गया। (घ) सर्वे क्र. 174 एवं 175 अभिलेख मुताबिक निजी भूमि है जिसमें भूमि स्‍वामियों द्वारा विक्रय किया जा रहा है। उक्‍त सर्वे नंबर में होकर नहर निकली है, जिसके पूर्व एवं पश्चिम दिशा में सर्वे क्रमांक 174175 के अंशभाग की भूमि है तथा सर्वे क्रमांक 174175 के अंशभाग के पश्चिम दिशा की सीमा से लगा हुआ सर्वे क्रमांक 191192 है। भूमि सर्वे क्रमांक 191, 192 पर विगत 30 वर्ष पूर्व से मकान बनाकर सघन आबादी बसी हुई है। मध्‍यप्रदेश शासन, राजस्‍व विभाग मंत्रालय वल्‍लभ भवन भोपाल के पत्र क्रमांक एफ 6-75/2019/सात/शा-3 भोपाल दिनांक 24 सितम्‍बर 2020 के पालन में आवेदक द्वारा नगरीय क्षेत्र में धारणाधिकार प्रदाय किये जाने एवं म.प्र. भू राजस्‍व संहिता 19'59 की धारा 233 एवं 233 क में निहित प्रावधानों के अंतर्गत उक्‍त सर्वे नंबरों में मकान बनाकर रह रहे निवासरत परिवारों से आवेदन प्राप्‍त होने पर पात्रता अनुसार धारणाधिकार प्रदाय किये जाने की कार्यवाही की जायेगी।

परिशिष्ट - "चौंतीस"

वन मण्‍डलाधिकारी छतरपुर की प्रताड़ना

[वन]

127. ( क्र. 1442 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वनमण्‍डल छतरपुर के अंतर्गत वन मण्‍डलाधिकारी छतरपुर की प्रताड़ना के कारण क्षेत्रीय अमला वनरक्षक से वन क्षेत्रपाल तक लगभग 250 कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर दिनांक 01.02.2021 से गये थे एवं क्‍या वर्तमान में एक वनरक्षक की मृत्‍यु भी हुई थी? (ख) प्रशासन के वरिष्‍ठ अधिकारी द्वारा वनमण्‍डल छतरपुर के अवकाश पर गये कर्मचारियों में सामंजस्य बनाने के लिये दिनांक 05.02.2022 को छतरपुर में बैठक ली गई जिसमें सूक्ष्‍म जांच में वन मण्‍डलाधिकारी छतरपुर को दोषी मानकर तत्‍काल प्रभाव से श्री अनुराग कुमार वन मण्‍डलाधिकारी छतरपुर को प्रभार से हटाया गया और अन्‍य वनमण्‍डल से वन मण्‍डलाधिकारी से प्रभार में रखा गया, तो फिर दोषी को कब हटाया गया? (ग) श्री अनुराग कुमार वन मण्‍डलाधिकारी छतरपुर को उक्‍त पद से कब तक हटाया जायेगा? (घ) परिक्षेत्र छतरपुर के अंतर्गत कैमाहा बैरियर से टी.पी. परिवर्तन का कार्य अनावश्‍यक पद बनाकर वन क्षेत्रपाल द्वारा टी.पी. जारी की जा रही है जबकि जारी करने वाले अधिकारी की पद स्थिति परिक्षेत्र छतरपुर में न होकर अन्‍य परिक्षेत्र में है। ऐसी अनि‍यमितता में दोषी कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी, नहीं। वनमण्डल छतरपुर के अंतर्गत दिनांक 01.02.2022 से 04.02.2022 तक की अवधि के दौरान पृथक-पृथक तिथियों में कुल 195 कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश के आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे। 30 जनवरी 2022 को एक वनरक्षक की हृदय गति रूकने से मृत्यु हुई है। (ख) वन मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी द्वारा दिनांक 05.02.2022 को बैठक ली गई थी। श्री अनुराग कुमार, वन मण्डलाधिकारी छतरपुर के पिता जी का स्वर्गवास हो जाने के कारण दिनांक 04.02.2022 से अवकाश पर जाने से वन मण्डलाधिकारी, दक्षिण पन्ना (सा.) वनमण्डल को छतरपुर वन मण्डल का अतिरिक्त प्रभार दिया गया। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है। (घ) म.प्र. अभिवहन (वनोपज) नियम 2000 की धारा-4 में प्रदत्त शक्ति अनुसार वन मण्डलाधिकारी टी.पी. (अभिवहन पास) जारी करने हेतु वनपाल से अनिम्न किसी वन कर्मचारी को अधिकृत कर सकते हैं। प्रकरण में वन मण्डलाधिकारी द्वारा उक्त नियम के तहत कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

डूब प्रभावितों का व्‍यवस्‍थापन

[जल संसाधन]

128. ( क्र. 1444 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहपुर बैराज की भूमि किस वर्ष से डूब में आयी? (ख) सिंहपुर बैराज जिला छतरपुर के अंतर्गत ग्राम मुखर्रा सिंहपुर के डूब वाले क्षेत्र में कितने किसानों की कितने हेक्‍टेयर भूमि तथा आवासीय मकान आये हैं? (ग) डूब में आने वाली भूमि एवं मकानों कितने किसानों को मुआवजे की कितनी राशि का भुगतान किया गया है तथा जिन लोगों के मकान डूब में आये थे उनके व्‍यवस्‍थापन की क्‍या कार्यवाही की गयी है? (घ) जिन लोगों के मकान डूब में आये थे उनको व्‍यवस्‍थापन में कहाँ जमीन प्रदाय की गयी है? यदि नहीं, तो इसके लिये कौन दोषी है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) वर्ष 2016 में। (ख) सिंहपुर बैराज अंतर्गत मुखर्रा ग्राम के 105 कृषकों की 116.341 हे. भूमि एवं सिंहपुर के 246 कृषकों की 265.49 हे. भूमि डूब से प्रभावित है। परियोजना के F.T.L. से M.W.L. के मध्य डूब क्षेत्र में ग्राम मुखर्रा के 92 आवासीय मकान प्रभावित होना प्रतिवेदित है। (ग) डूब क्षेत्र से प्रभावित सिंहपुर एवं मुखर्रा ग्राम के कुल 351 कृषकों को रु. 1963.77 लाख राशि का भुगतान किया गया है। F.T.L. से M.W.L. के मध्य 92 मकान प्रभावित हुए हैं, जिसका नियमानुसार भुगतान किया जाना प्रतिवेदित है। व्यवस्थापन की कार्यवाही नहीं की गई है। (घ) प्रभावित मकान F.T.L. से M.W.L. के मध्य होने के कारण नियमानुसार व्यवस्थापन नहीं किया गया है। किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है।

अवैध उत्‍खनन के प्रकरणों का निराकरण

[खनिज साधन]

129. ( क्र. 1449 ) श्री संजय यादव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर के कितने अवैध खनिज के प्रकरणों को प्रश्‍न दिनांक से एक माह के भीतर जुर्माने की राशि निराकृत की गई? प्रत्‍येक मामले को निराकृत करने के विधि सम्‍मत कारण क्‍या हैं? क्‍या उक्‍त अवधि में जिला कलेक्‍टर का स्‍थानांतरण भी हुआ? स्‍थानांतरण के दिवस से उसके 5 दिन पूर्व तक कितने प्रकरणों को तय जुर्माने से कम अथवा बिना जुर्माना वसूले निराकृत किया है? सूची उपलब्‍ध करावें। कितना वसूलना था एवं कितना वसूला गया? (ख) जिला जबलपुर में बांगड़ कंपनी द्वारा ग्राम मनकेड़ी में अवैध खनन कर तालाब बना दिया, उस तालाब से ग्रामीणों को खतरा है फिर भी तालाब को भर्ती करने के लिए कोई कार्यवाही क्‍यों नहीं की गई? बांगड़ कंपनी पर उक्‍त अवैध खनन पर कितना जुर्माना वसूलना था एवं कितना वसूला गया? बिना जांच किये प्रकरण को निराकृत करने के कारण क्‍या हैं? (ग) जबलपुर जिले में प्रश्‍न दिनांक तक खनिज प्रतिष्‍ठान मद एवं गौंण खनिज मद में कितनी राशि जमा है? विगत तीन वर्षों में खनिज प्रतिष्‍ठान मद की राशि से जिले में कौन-कौन से निर्माण कार्य किए गए तथा विधायकों द्वारा दिए गए निर्माण कार्यों के प्रस्‍ताव में कितनी खनिज प्रतिष्‍ठान मद की राशि का उपयोग किया गया? कितने प्रस्‍ताव लंबित रखे गए? इस अवधि में जिला कलेक्‍टर द्वारा खनिज प्रतिष्‍ठान मद से किन-किन निर्माण कार्यों के लिए कितनी-कितनी राशि जारी की गई? (घ) जिला खनिज मद की राशि के उपयोग एवं स्‍वीकृति के क्‍या नियम शर्ते हैं? किस क्षेत्र में उपयोग हो सकता है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जबलपुर जिले में प्रश्‍न दिनांक से 01 माह के भीतर अवैध उत्खनन के 01 प्रकरण का निराकरण किया गया हैजिसमें न्यायालय कलेक्टर द्वारा 2,10,00,000/- रूपये का अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया हैवसूली की कार्यवाही प्रचलन में है। प्रकरण का निराकरण खनिज नियमों के अंतर्गत किया गया है। जी हाँ उक्त अवधि में जिला कलेक्टर का स्थानांतरण भी हुआ है। स्थानांतरण के दिवस से उसके 05 दिन पूर्व तक अवैध उत्खनन के 01 प्रकरण का निराकरण तय जुर्माने अनुसार ही किया गया हैप्रश्‍नांश अवधि में बिना जुर्माने का अवैध उत्खनन के कोई भी प्रकरण का निराकरण नहीं किया गया है। (ख) जिला जबलपुर में बांगड़ कंपनी द्वारा ग्राम-मनकेड़ी में अवैध खनन कर तालाब नहीं बनाया गया है अपितु अनुविभागीय अधिकारी राजस्व शहपुरा द्वारा प्रदान की गई अनुमति के आधार पर खनन कार्य किया गया है। ग्रामीणों को तालाब निर्माण से कोई खतरा नहीं होने के कारण तालाब को भराई करने की कार्यवाही नहीं की गई। अवैध खनन पर 11,55,000/- रूपये का प्रकरण दर्ज किया गया था। माननीय न्यायालय कलेक्टरजबलपुर द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण कार्य में मिट्टी/मुरूम पर रायल्टी के छूट के प्रावधान एवं अनुविभागीय अधिकारी से अनुमति प्राप्त कर तालाब निर्माण से निकले खनिज को उपयोग किये जाने के कारण जुर्माना वसूल नहीं किया गया है। (ग) जबलपुर जिले में प्रश्‍न दिनांक तक जिला खनिज प्रतिष्ठान मद में 50.68 करोड़ राशि जमा है तथा गौण खनिज मद में 0.21 करोड़ राशि जमा है। विगत 03 वर्षों में जिला खनिज प्रतिष्ठान मद में उपयोग की गई राशि का विवरण संलग्‍न परिशिष्ट पर दर्शित है। माननीय विधायकों एवं विभागों से 98 प्राप्त प्रस्ताव विचाराधीन हैं तथा इस अवधि में जिला कलेक्टर द्वारा जिला खनिज प्रतिष्ठान मद से निर्माण कार्यों के लिये जारी की गई है राशि का विवरण संलग्‍न परिशिष्ट पर दर्शित है। (घ) मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम 2016 अधिसूचित है।

परिशिष्ट - "पैंतीस"

राशन दुकान एवं पात्र परिवारों की जानकारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

130. ( क्र. 1455 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) कालापीपल विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2015 से 2022 तक, 31 जनवरी की स्थिति में कुल कितनी राशन की दुकान, पात्र परिवार, कुल हितग्राही की संख्‍या वर्षवार बतावें। (ख) वर्ष 2018 से जनवरी 2022 तक किस-किस दिनांक को किस-किस राशन की दुकान पर जांच किस अधिकारी द्वारा किस तारीख को की गई? नाम सहित जानकारी देवें। (ग) उपरोक्‍त जांच में किस-किस राशन की दुकान में किस प्रकार की क्‍या-क्‍या अनियमितता पाई गई? (घ) जांच की गड़बड़ी पाए जाने पर किस-किस दुकान के संचालक पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है। (ग) राशन की दुकान समय पर न खुलने, समस्‍त दिनों में दुकान नहीं खुलने एवं माह की 07 तारीख को अन्‍नोत्‍सव नहीं मनाने संबंधी अनियमितताएं पायी गईं। 01 दुकान उचोद पर राशन वितरण की गड़बड़ी संबंधी अनियमितता पायी गई। उचित मूल्‍य दुकान धुवौटी पर राशन नहीं बांटने संबंधी अनियमितता पायी गई। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है।

विभिन्न योजनाओं की जानकारी

[श्रम]

131. ( क्र. 1456 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला विदिशा एवं शाजापुर में वर्ष 2015-16 से 2020-21 तक विवाह सहायता योजना, प्रसूति सहायता योजना, अंत्‍येष्टि सहायता तथा अनुग्रह भुगतान योजना, कौशल प्रशिक्षण योजना, सायकल अनुदान योजना में वर्षवार कितना-कितना भुगतान किया गया तथा हितग्राही की संख्‍या क्‍या है? (ख) हाल ही में EOW द्वारा सिरोंज में विवाह सहायता योजना में जो प्रकरण दर्ज किया है, उस प्रकरण में विभागीय स्‍तर पर जांच की गई या नहीं? उसकी रिपोर्ट से अवगत करावें। (ग) मण्‍डल द्वारा संचालित 10 योजनाओं में पिछले 05 वर्षों में जिला विदिशा एवं शाजापुर में किस-किस जनपद पंचायत में कितने-कितने हितग्राही को कुल कितनी राशि का लाभ दिया गया? (घ) प्रश्‍नकर्ता विधायक के कालापीपल विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2017 से 2021 तक 10 योजनाओं में से           किस-किस योजना में वर्षवार कुल कितने-कितने हि‍तग्राही को कुल कितनी राशि का लाभ दिया गया? हितग्राही की सूची निवास के पते सहित देवें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मंडल अंतर्गत जिला विदिशा एवं शाजापुर में वर्ष 2015-16 से 2020-21 तक प्रश्‍न में वर्णित योजनाओं में वर्षवार किये गये भुगतान एवं हितग्राही संख्‍या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1 (1) '' एवं ''1 (2) '' अनुसार है। जिला विदिशा अंतर्गत मुख्‍यमंत्री जन कल्‍याण योजनांतर्गत अंत्‍येष्टि सहायता तथा अनुग्रह भुगतान योजना में वर्षवार किये गये भुगतान तथा हितग्रा‍ही की संख्‍या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। जिला शाजापुर अंतर्गत मुख्‍यमंत्री जन कल्‍याण संबल योजनांतर्गत अंत्‍येष्टि सहायता तथा अनुग्रह भुगतान योजना में वर्षवार किये गये भुगतान तथा हितग्रा‍ही की संख्‍या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है। म.प्र. श्रम कल्‍याण मंडल की संचालित योजना विवाह सहायता, अंत्‍येष्टि सहायता योजना त‍था अनुग्रह भुगतान योजना में भुगतान संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''4'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल आर्थिक अपराध प्रकोष्‍ठ, भोपाल द्वारा जनपद पंचायत, सिरोंज जिला विदिशा में विवाह सहायता योजना में दर्ज प्रकरण के संबंध में विभागीय स्‍तर पर जांच की गई है। जांच समिति द्वारा प्रस्‍तुत जांच प्रतिवेदन दिनांक 07.01.2022 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''5'' अनुसार है। (ग) म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों हेतु संचालित योजनाओं अंतर्गत जिला विदिशा एवं शाजापुर में विगत 05 वर्षों में लाभान्वित हितग्राहियों की संख्‍या एवं राशि की जिलावार/जनपद पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''6 (1) '' एवं ''6 (2)'' अनुसार है। म.प्र असंगठित शहरी/ग्रा‍मीण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''7'' एवं ''8'' अनुसार है। (घ) जिला शाजापुर अंतर्गत कालापीपल विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2017 से 2021 तक म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण अंतर्गत संचालित योजनाओं में 220 हितग्राहियों को कुल राशि रू. 94,29,800/- का लाभ प्रदान किया गया है। विस्‍तृत जानकारी एवं हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''9'' अनुसार है। कालापीपल विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2017 से 2021 तक म.प्र. असंगठित शहरी/ग्रामीण कर्मकार कल्‍याण मंडल के अंतर्गत अंत्‍येष्टि स‍हायता तथा अनुग्रह सहायता योजना में वर्षवार हितग्राहियों की सूची निवास के पते सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''10'' अनुसार है।

नहरों का रख-रखाव एवं अनुरक्षण के कार्यों में अनियमितता

 [जल संसाधन]

132. ( क्र. 1467 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वर्ष 2017 में तत्‍कालीन प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग, द्वारा जल संसाधन विभाग की एकीकृत दर सूची एवं विशेष अध्‍याय 09 वार्षिक रख-रखाव अथवा अनुरक्षण एवं मरम्‍मत के अन्‍तर्गत नहरों की श्रेणी के आधार पर प्रति किलोमीटर लम्‍बाई के हिसाब से मरम्‍मत या अनुरक्षण की दरें तय की गई थी? (ख) यदि हाँ तो नहरों के रख-रखाव एवं अनुरक्षण (मरम्‍मत) मद हेतु श्रेणीवार प्रति किलोमीटर क्‍या-क्‍या दरें निर्धारित की गई थी? (ग) क्‍या मुख्‍य अभियंता यमुना कछार, जल संसाधन विभाग ग्‍वालियर द्वारा विशेष अध्‍याय 09 वार्षिक रख-रखाव एवं अनुरक्षण के प्रावधानों के विपरीत खरीफ सिंचाई वर्ष 2021-22 एवं वर्षा काल से पूर्व हरसी नहर प्रणाली की नहरों/संरचनाओं की मशीन से सफाई व मरम्‍मत मद के अन्‍तर्गत कराने हेतु 2.50-2.50 लाख की सीमा तक के कार्यों को स्‍वीकृतियां प्रदान की हैं? (घ) यदि हाँ तो मई-जून 2021 में हरसी नहर प्रणाली की किन-किन नहरों की सफाई/मरम्‍मत हेतु कब-कब कितनी-कितनी राशि के प्रस्‍तावों पर अनुमति/स्‍वीकृतियां दी गई? माहवार विवरण दें। (ड.) क्‍या वर्ष 2017 में तत्‍कालीन प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग द्वारा जारी निर्देशों के विपरीत नहरों की सफाई एवं मरम्‍मत के कार्य कराए जाने से शासन को करोड़ों रूपए की क्षति पहुंचाई गई है? यदि हाँ तो क्‍या इसकी जांच कराई जाकर उत्‍तरदायी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। यू.एस.आर. 2017 प्रचलन में है, जिसमें नहरों की सफाई हेतु प्रति कि.मी. की दरें अध्‍याय नं. 9 में आयटम क्रमांक 9.14 से 9.17 तक निर्धारित हैं। दरों की सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) जी नहीं। नियमों के विपरीत कोई स्‍वीकृति प्रदान नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होते हैं।               (ड.) जी नहीं। शासन निर्देशों के विपरित न तो कोई स्‍वीकृति प्रदान की गई है और न ही कोई कार्य कराए गए हैं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "छ्त्तीस"

ओला, पाला एवं अतिवर्षा का मुआवजा वितरण

[राजस्व]

133. ( क्र. 1474 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में ओला, पाला, अतिवर्षा के कारण प्रदेश में कौन-कौन से जिले प्रभावित हुये हैं? (ख) उपरोक्‍त के संबंध में प्रश्‍न दिनांक तक गुना, अशोकनगर एवं शिवपुरी जिले सर्वे का काम पूर्ण किया जा चुका है? जिलेवार बतायें। (ग) उक्‍त सर्वे रिपोर्ट शासन को भेजी गई है? उक्‍त रिपोर्ट के अनुसार किस-किस जिले के कितने-कितने कृषकों की फसलों को नुकसान हुआ है एवं राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6 (4) के अनुसार पीड़ि‍त किसानों को किस प्रक्रिया अनुसार मुआवजा उक्‍त किस-किस जिलों में स्‍वीकृत किया गया? (घ) उक्‍त रिपोर्ट के आधार पर कितना-कितना मुआवजा स्‍वीकृत हुआ है? जिलेवार बतायें। (ड.) क्‍या सभी पीड़ित किसानों को संबंध में मुआवजा का वितरण कर दिया गया है? जिलेवार बतायें। यदि नहीं, तो विलंब के क्‍या कारण हैं? कब तक कार्यवाही पूर्ण कर ली जाकर मुआवजा का वितरण कर दिया जायेगा? कार्यवाही की वर्तमान अद्यतन स्थिति क्‍या है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में ओला, पाला, अतिवर्षा के कारण प्रदेश के प्रभावित जिलों की सूची वर्षवार पृथक-पृथक पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट ''''  अनुसार है। (ख) प्रश्‍न दिनांक तक गुना, अशोकनगर एवं शिवपुरी जिले में सर्वे का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। (ग) सर्वे रिपोर्ट के आधार पर निर्धारित प्रारूप में राहत राशि आवंटन/वितरण की अनुमति हेतु मांग पत्र शासन को प्रेषित किया गया है। राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6-4 के प्रावधान अनुसार प्राकृतिक आपदा से फसल क्षति होने पर राजस्‍व, कृ‍षि, उद्यानिकी, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों का संयुक्‍त अंतर्विभागीय दल गठन कर सर्वेक्षण पूर्ण उपरांत सर्वे रिपोर्ट में उल्‍लेखित क्षति के प्रतिशत एवं प्रति हेक्‍टेयर दर अनुसार देय राशि के आधार पर वित्‍तीय सीमा के अनुसार कमिश्‍नर, कलेक्‍टर, उपखण्‍ड अधिकारी (राजस्‍व), तहसीलदार द्वारा राहत राशि स्‍वीकृत की जाती है। जिलेवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-''''  अनुसार है। (घ) जिलेवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-''''  अनुसार है। (ड.) ओला पाला से प्रभावित कृषकों को वर्ष 2021-22 की संपूर्ण राहत राशि का वितरण किया जा चुका है।

नियम विरूद्ध कार्यादेश

[जल संसाधन]

134. ( क्र. 1480 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यपालन यंत्री लाईट मशीनरी (वि/यां) जल संसाधन संभाग दतिया द्वारा 1/09/2020 से 30.09.2020 तक महुअर बांध के जनरेटर एवं वाहन हेतु एच.एस.डी. डीजल के कितनी-कितनी राशि के देयकों का भुगतान किस-किस दिनांक को किस-किस फर्म/संस्‍था को किया गया? पूर्ण विवरण दें। (ख) क्‍या कार्यपालन यंत्री लाईट मशीनरी (वि/यां) जल संसाधन संभाग दतिया द्वारा उक्‍त समयावधि में डीजल के देयकों का भुगतान अनुविभागीय अधिकारी के सत्‍यापन के बिना स्‍वयं ही कर दिए गए? (ग) क्‍या कार्यपालन यंत्री लाईट मशीनरी (वि/यां) जल संसाधन संभाग दतिया द्वारा वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में अपने अधीनस्‍थ अनुविभागीय अधिकारियों से विभिन्‍न कार्यों के कार्यादेश जारी कराए गए, किन्‍तु कराए गए कार्यों के देयकों के लगभग राशि रू. 75 लाख एवं जनरेटर/वाहनों के डीजल देयकों राशि रू. 50 लाख के पास नहीं किया गया? यदि नहीं, तो क्‍या नियम विरूद्ध अनुविभागीय अधिकारियों से वर्क आर्डर जारी कराने एवं अकारण ही जानबूझकर देयकों को पास न करने वाले जिम्‍मेदार अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) जी हाँ। कार्यपालन यंत्री, लाइट मशीनरी (वि./यां.) दतिया द्वारा प्रश्‍नाधीन अवधि में अनुविभागीय अधिकारी से बिना सत्‍यापन कराए देयक पारित कर किए गए भुगतान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ग) तत्‍कालीन प्रभारी कार्यपालन यंत्री, लाइट मशीनरी (वि./यां.) दतिया द्वारा वर्ष 2020-21 में अपने अधीनस्‍थ अनुविभागीय अधिकारियों से विभिन्‍न कार्यों के मौखिक आदेश/निर्देशानुसार कार्यादेश जारी कराया जाना प्रतिवेदित है। कार्य आदेशों की कुल राशि रू. 75 लाख न होकर रू. 7.93 लाख है, जिसे तत्‍कालीन प्रभारी कार्यपालन यंत्री द्वारा पारित नहीं किया गया है। इसी प्रकार जनरेटर व वाहनों के डीजल के देयक राशि रू. 50 लाख न होकर रू. 33.36 लाख लंबित हैं, इनके भी देयक न तो पारित किया गया है और न ही भुगतान किया जाना प्रतिवेदित है। इससे शासन को कोई आर्थिक हानि नहीं हुई है। प्रक्रियात्‍मक अनियमितता के लिए तत्‍कालीन प्रभारी कार्यपालन यंत्री को मुख्‍य अभियंता (वि./यां.) जल संसाधन विभाग, भोपाल द्वारा दिनांक 23.02.2022 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। गुणदोष के आ‍धार पर निर्णय लिया जाना संभव होगा।

परिशिष्ट - "सैंतीस"

राहत राशि वितरण में अनियमितता

[राजस्व]

135. ( क्र. 1483 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 979 उत्‍तर दिनांक 22.12.2021 के संदर्भ में क्‍या ग्‍वालियर चंबल संभाग में बेमौसम बारिश से हुई क्षति की राहत राशि का भिण्‍ड जिले में अपात्रों को वितरण किया गया एवं शिकायत होने पर वापस राशि जमा कराई थी? (ख) यदि हाँ तो इसके लिये किन-किन उत्‍तरदायित्‍वों पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 979 उत्‍तर दिनांक 22.12.2021 के संदर्भ में चंबल संभाग में बेमौसम बारिश से भिण्‍ड जिले में फसलों को कोई नुकसान नहीं हुआ था। अत: शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उदभूत नहीं होता।

क्षतिपूर्ति मुआवजा वितरण में अनिय‍मितता

[राजस्व]

136. ( क्र. 1490 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) भिण्‍ड जिले की तहसील गोहद में वर्ष 2020 में ओलावृष्टि से नष्‍ट हुई फसल का क्षतिपूर्ति मुआवजा वितरण में बरती गई अनियमितता एवं भ्रष्‍टाचार की शिकायत दिनांक 31 दिसंबर 2021 तक किन-किन व्‍यक्तियों के द्वारा कलेक्‍टर भिण्‍ड एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) गोहद को कब-कब की गई? शिकायतकर्ताओं के नाम] पता तथा दिनांक सहित बताएं। (ख) मध्‍यप्रदेश शासन राजस्‍व विभाग द्वारा गोहद तहसील के किन-किन ग्रामों में ओलावृष्टि से नष्‍ट हुई फसलों के क्षतिपूर्ति मुआवजा हेतु कितनी-कितनी राशि स्‍वीकृत की गई? ग्रामवार बताएं। (ग) क्‍या गोहद तहसील के ग्राम खरौआ, कनीपुरा एवं छरैटा (करवास) में ओलावृष्टि न होने के बावजूद भी अनेक किसानों को एक से अधिक बार लाखों रूपए का वितरण कर दिया गया है? हितग्राहियों के नाम पता सहित बताएं। (घ) क्‍या उक्‍त ग्रामों में फर्जी रूप से मुआवजा वितरण के लिए जिम्‍मेदार अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) गोहद, तहसीलदार, राजस्‍व निरीक्षक एवं पटवारी के विरूद्ध कार्यवाही नहीं कर उन्‍हें बचाने का प्रयास किया गया है? यदि हाँ, तो वर्ष 2020 में ओलावृष्टि से नष्‍ट हुई फसल का क्षतिपूर्ति मुआवजा राशि के वितरण में की गई अनिय‍मितता/भ्रष्‍टाचार की निष्‍पक्ष जांच कराई जाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?                    (ड.) ओलावृष्टि में हुई अनियमितता एवं भ्रष्‍टाचार के संबंध किन-किन व्‍यक्तियों ने लोक सूचना अधिकारी अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व (गोहद) एवं तहसीलदार गोहद के कार्यालय में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी बाबत् विधिवत आवेदन प्रस्‍तुत किए गए? क्‍या आवेदकों को निर्धारित समयावधि में जानकारी दी गई? यदि नहीं, तो जानकारी न देने वाले अधिकारियों के नाम एवं पद बताएं एवं क्‍या उनके विरूद्ध सूचना के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी?               (च) क्‍या बिना फसल नष्‍ट हुए किसानों के बैंक खातों में फर्जी राशि डालने का गबन उजागर होने पर पुन: गबन की राशि उप कोषालय गोहद में जमा कराने वालों के विरूद्ध अभी तक कार्यवाही न करने का कारण बताएं।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट–''''  अनुसार है। (ख) फसल क्षति हेतु राहत राशि की स्‍वीकृति के अधिकारी राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6-4 में दिये मापदण्‍ड अनुसार वित्‍तीय सीमा के आधार पर कमिश्‍नर, कलेक्‍टर, उपखण्‍ड अधिकारी (राजस्‍व), तहसीलदार को है। तहसील गोहद में वर्ष 2020 में 46 ग्रामों में ओलावृष्टि हुई थी। स्‍वीकृत राशि की ग्रामवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट–''''  अनुसार है। (ग) वर्ष 2020 में ग्राम खरौआ, छरैटा (करवास) एवं कनीपुरा में कोई ओलावृष्टि नहीं हुई किन्‍तु पटवारियों द्वारा उक्‍त ग्रामों के निवासी (असं‍बंधित व्‍यक्तियों) के बैंक खाते भुगतान हेतु प्रस्‍तुत किये गए जिसके आधार पर उक्‍त असंबंधित व्‍यक्तियों को ओलावृष्टि मुआवजा राशि का भुगतान हुआ है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट–''''  अनुसार है। (घ) जांच दल के प्रतिवेदन के आधार पर हल्‍का सर्वा एवं तुकेड़ा के तत्‍कालीन पटवारी श्री कुलदीप एवं हल्‍का बरौना के तत्‍कालीन पटवारी निशांत खरे द्वारा वर्ष 2020 में हुई ओलावृष्टि राहत राशि वितरण में हुई अनियमितता के संबंध में थाना गोहद में प्राथमिकी नं. 0256 दिनांक 29.07.2021 दर्ज कराई गयी है तथा पटवारी संजीव दीक्षित, पटवारी रामनिवास लोहिया, पटवारी संजय जरारिया का नाम पूर्व से दर्ज प्राथमिकी की विवेचना में शामिल करने हेतु थाना प्रभारी गोहद को पत्र दिनांक 01.10.2021 के माध्‍यम से निर्देशित किया जा चुका है। प्रकरण पुलिस विवेचना में है। ओलावृष्टि में हुई अनि‍यमितता के संबंध में उक्‍त पटवारियों की विभागीय जांच अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) द्वारा संस्थित की जा चुकी है। (ड.) तहसील गोहद में ओलावृष्टि में हुई अनियमितता एवं भ्रष्‍टाचार के संबंध में दिलीप सिंह पुत्र कम्‍मोद निवासी तुकेड़ा द्वारा जानकारी चाही गयी थी। आर.टी.आई. से चाही गयी जानकारी का विधिवत निराकरण समय-सीमा में किया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (च) पुलिस थाना गोहद में दिनांक 29.07.2021 को ओलावृष्टि 2020 में हुई आर्थिक अनियमितता के संबंध में प्राथमिकी नं. 0256 दिनांक 29.07.2021 दर्ज कराई गयी है।

चम्‍बल माइक्रो सिंचाई परियोजना

[जल संसाधन]

137. ( क्र. 1491 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन संभाग श्‍योपुर जिला श्‍योपुर के अंतर्गत चम्‍बल माइक्रो सिंचाई परियोजना कब एवं कितनी लागत की स्‍वीकृति प्रदान की गई थी एवं अनुबंधानुसार कितनी समयावधि में योजना का कार्य पूर्ण किया जाना था तथा योजना हेतु कब एवं कितनी राशि की प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रदान की गई? (ख) क्‍या उक्‍त योजना पर 160 करोड़ रूपए व्‍यय करने के बाद भी 100 हेक्‍टेयर कृषि क्षेत्र में सिंचाई नहीं की जा रही है जबकि लगभग 16000 हेक्‍टेयर क्षेत्र में सिंचाई किया जाना प्रस्‍तावित था एवं माननीय मंत्री जल संसाधन विभाग द्वारा अक्‍टूबर 2021 में 12000 हेक्‍टेयर क्षेत्र में सिंचित किए जाने की घोषणा भी की थी? (ग) क्‍या उक्‍त योजना में अनुबंधानुसार जल संग्रहण हेतु 7000 लाख लीटर क्षमता का ओव्‍हर हेड/ग्राउण्‍ड लेबल पर वाटर टेंक बनाया जाना था? यदि हाँ तो क्‍या योजना का कार्य पूर्ण होने के उपरांत भी अभी तक वाटर टेंक का निर्माण नहीं कराए जाने एवं योजना का कार्य गलत डिजाइन के आधार पर कराए जाने से योजना की निर्धारित क्षमता 16000 हेक्‍टेयर के स्‍थान पर 100 हेक्‍टेयर क्षेत्र में भी सिंचाई नहीं हो पा रही है? (घ) यदि हाँ तो उपरोक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या उच्‍च स्‍तरीय जांच कराई जाकर जिम्‍मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) चम्‍बल माइक्रो सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्‍वीकृति दिनांक 27.07.2018 को रू.167.58 करोड़ की 12000 हेक्‍टर सैच्‍य क्षेत्र हेतु प्रदान की गई है। अनुबंध अनुसार कार्य पूर्ण करने की अवधि 03 वर्ष नियत थी। (ख) तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि परियोजना पर प्रश्‍न दिनांक तक 120.74 करोड़ राशि व्‍यय किया जाना प्रतिवेदित है। जी नहीं, 12,000 हेक्टर प्रस्तावित है। मान. मंत्री जी, जल संसाधन विभाग द्वारा प्रश्‍नानुसार सिंचित करने संबंधी कोई घोषणा अभिलेख अनुसार मैदानी कार्यालय/शासन स्‍तर पर होना नहीं पाया गया है। (ग) जी नहीं, अनुबंधानुसार 8,14,000 लीटर क्षमता का ओवर हेड टैंक स्वीकृत डिजाइन/ड्राइंग अनुसार बनाया जा रहा है। परियोजना पूर्ण होने पर 12,000 हेक्टर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा प्राप्‍त होगी। कोविड महामारी एवं अतिवृष्टि के कारण परियोजना का कार्य प्रभावित होना प्रतिवेदित है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता हैं।

नामांतरण एवं बंटवारे के प्रकरण

[राजस्व]

138. ( क्र. 1509 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच विधान सभा क्षेत्रांतर्गत नामांतरण, बंटवारे के कितने प्रकरण कब से लंबित हैं? तहसीलवार, प्रकरणवार जानकारी दें। (ख) उक्‍त में से कितने प्रकरण विवादित हैं और कितने अविवादित हैं? पृथक-पृथक जानकारी दें। (ग) इन प्रकरणों के लंबित होने का क्‍या कारण हैं? कब तक उनका निराकरण कर दिया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) नीमच विधानसभा क्षेत्रांतर्गत स्थित राजस्व न्यायालयों में अविवादित नामांतरण के 658, विवादित नामांतरण के 26 अविवादित बंटवारा 117 एवं विवादित बंटवारा के 18 प्रकरण प्रचलित हैं। प्रश्‍नांश के शेष भाग की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रकरणों के न्यायालय में प्रचलित होकर, न्‍यायाधीन होने से निराकरण की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। अविवादित नामांतरण प्रकरणों के लिए 30 कार्य दिवस तथा अवि‍वादित बंटवारा प्रकरणों के निराकरण के लिये 90 कार्य दिवस की अवधि निर्धारित है।

सर्विस रोड पर अतिक्रमण

[राजस्व]

139. ( क्र. 1510 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जय भवानी सोयायटी ई-8, बावड़ियाकला, भोपाल (म.प्र.) फेस-1 में भू-खण्‍ड A-17 एवं A-19 के बीच में कॉलोनी की सर्विस रोड पर अद्यतन स्थिति में किसका अतिक्रमण है? (ख) क्‍या उक्‍त अतिक्रमण के संबंध में कई बार मौखिक/लिखित शिकायत के बाद भी आज भी अतिक्रमणकारी कब्‍जा किये हुए हैं? (ग) यदि हाँ, तो कब तक उक्‍त अतिक्रमण को संज्ञान में लेकर उक्‍त सर्विस रोड पर काबिज अतिक्रमणकारी को बेदखल किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों? नियम/कारण बताएं।               (घ) क्‍या कब्‍जा न हटाने का कारण यह तो नहीं है कि अतिक्रमणकारी ने न्‍यायालय में वाद दायर किया है? यदि हाँ, तो ऐसी स्थिति में कॉलोनी वासियों के आम निस्‍तार के लिये वैकल्पिक व्‍यवस्‍था करने हेतु शासन क्‍या कार्यवाही कब तक करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जय भवानी गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्या. भोपाल द्वारा दी गई जानकारी अनुसार कालोनी का भू-खण्ड क्रमांक ए-17 एवं ए-19 (फेस-1) के बीच में कालोनी की सर्विस रोड पर वर्तमान में श्री रवि निगम द्वारा तार फेंसिंग कर अतिक्रमण किया गया है। (ख) जी, नहीं। उक्त अतिक्रमण के संबंध में कार्यालय को मौखिक/लिखित शिकायत आज दिनांक तक प्राप्त नहीं हुई है। (ग) उक्त अतिक्रमण के संबंध में संस्था अभिलेखों के आधार पर जांच की जाकर अतिक्रमणकारी को बेदखल किये जाने की नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) अतिक्रमणकारी द्वारा न्यायालय में वाद दायर किये जाने संबंधित जानकारी नहीं है।

निर्माण कार्यों में व्‍यय राशि

[वन]

140. ( क्र. 1528 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के कन्‍नौद परिक्षेत्र में दिनांक 01 जनवरी, 2021 से प्रश्‍न दिवस तक में किन-किन परियोजना अंतर्गत डबरी खुदाई, कन्‍टूर, चेक डेम तथा तालाबों के निर्माण कार्य कराये गये हैं? उक्‍त निर्माण कार्यों में कितनी राशि व्‍यय की गई? व्‍यय की गई राशि के बिल वाउचरों की छायाप्रति दें।                (ख) प्रश्‍नांकित वन परिक्षेत्र में सोनखेड़ी बीट के कक्ष क्र. 275 कूप IWC-VIII में वर्ष 2019-20 में परियोजना अनुसार कौन-कौन से कार्य कितनी राशि से कराये गये? उन कार्यों के बिल वाउचरों की छायाप्रति दें। (ग) प्रश्‍नांकित वन परिक्षेत्र में वन चौकी सिया के विस्‍तारीकरण कार्य हेतु वर्ष             2019-20 में स्‍वीकृत परियोजना अनुसार कौन-कौन से कार्य कराये गये? उक्‍त कार्यों के बिल वाउचरों की छायाप्रति दें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। बिल व्‍हाउचरों की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-3 अनुसार है। बिल व्‍हाउचरों की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-4 अनुसार है।                 (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-3 अनुसार है। बिल व्‍हाउचरों की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-5 अनुसार है।

 

 

 


 


भाग-3

अतारांकित प्रश्‍नोत्तर


पौधारोपण करने के नियम

[वन]

1. ( क्र. 41 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वन विभाग द्वारा पौधारोपण करने का नियम है? यदि हाँ, तो नियम सहित जानकारी दें। (ख) कंडिका (क) का उत्‍तर यदि हाँ, है तो जिला वनमण्‍डल अधिकारी राजगढ़ द्वारा वित्तीय वर्ष 2016-17 से वित्‍तीय वर्ष 2020-21 तक राजगढ़ जिले में कितने क्षेत्र में पौधारोपण किया है? (ग) कंडिका (ख) अनुसार किये गये पौधारोपण में चैनलिंक जाली बारवेड वायर सिमेंट पौल उर्वरक मानव श्रम तथा अन्‍य समस्‍त में कितना व्‍यय किस बीट/रेंज में कब-कब हुआ? रेंज/बीट अनुसार हुए व्‍यय की जानकारी वित्‍तीय व्‍यय अनुसार उपलब्‍ध करायें? (घ) प्रश्‍न की कंडिका (क), (ख) एवं (ग) अनुसार प्रश्‍न दिनांक तक कितने पौधे किस-किस प्रजाति के जीवित हैं? जानकारी दें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) कार्य आयोजना के प्रावधान अनुसार पौधा रोपण कार्य कराया जाता है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 पर है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 पर है।

साध्‍यता दर्ज योजनाएं की जानकारी

[जल संसाधन]

2. ( क्र. 42 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                              (क) राजगढ़ विधान सभा क्षेत्र अन्‍तर्गत कितनी लघु/सूक्ष्‍म सिंचाई परियोजनाओं की साध्‍यता दर्ज योजना हेतु जल संसाधन विभाग राजगढ़ ने वरिष्‍ठ कार्यालय/शासन को प्रस्‍ताव प्रेषित किये है? दिनांक 01 अप्रैल 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक साध्‍यता दर्ज योजनाओं की सूची साध्‍यता दर्ज दिनांक/ लागत/सिंचाई क्षमता सहित जानकारी दें? (ख) प्रश्‍नांश (क) का उत्‍तर यदि हाँ है तो साध्‍यता योजना क्‍यों स्‍वीकृत नहीं हुई?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) दिनांक 01 अप्रैल 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक 15 योजनाओं के साध्‍यता प्रस्‍ताव विभागीय वेबसाइट पर अपलोड किए गए हैं। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार है।

परिशिष्ट - "अड़तीस"

मोहनपुरा वृ‍हद् परियोजना के डूब क्षेत्र का विस्‍थापन

[जल संसाधन]

3. ( क्र. 43 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                      (क) क्‍या मोहनपुरा डेम के डूब क्षेत्र में आने वाले शासकीय भवन, आंगनवाड़ी, पंचायत भवन, स्‍कूल अन्‍य जगह बन गये हैं? उनकी सूची उपलब्‍ध करायें। (ख) क्‍या मोहनपुरा डेम के डूब क्षेत्र में आने वाले समस्‍त विस्‍थापितों को आंगनवाड़ी, स्‍कूल, पंचायत भवन की सुविधा उपलब्‍ध हो गई है?                                    (ग) प्रश्‍न की कंडिका (ख) के कुछ विस्‍थापितों को स्‍कूल आंगनवाड़ी आदि की सुविधा नहीं मिली है तो क्‍या शासन उनको समुचित सुविधाएं उपलब्‍ध करायेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) मोहनपुरा परियोजना के डूब क्षेत्र में आने वाले ग्रामों के विस्‍थापितों के पुनर्वास हेतु विकसित की गई 04 पुनर्वास कॉलोनियों में स्‍कूल, आंगनवाड़ी, पंचायत भवन (यदि प्रभावित ग्राम पंचायत मुख्‍यालय है तो) एवं सामुदायिक भवन आदि की सुविधाएं प्रदान की गई हैं। सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि मोहनपुरा परियोजना हेतु शासन द्वारा स्‍वीकृत विशेष पुनर्वास पैकेज के अनुसार जिन विस्‍थापितों द्वारा पुनर्वास कॉलोनी में प्‍लॉट का विकल्‍प चुना गया था उन्‍हें पुनर्वास कॉलोनी में स्‍कूल, आंगनवाड़ी तथा पंचायत भवन इत्‍यादि की सुविधा उपलब्‍ध हो गई है। जिन विस्‍थापितों द्वारा पुनर्वास कॉलोनी में प्‍लॉट के विकल्‍प के स्‍थान पर एकमुश्‍त रूपये 05.00 लाख का पुनर्वास अनुदान प्राप्‍त करने का विकल्‍प चुना गया था, उन्‍हें स्‍कूल, आंगनवाड़ी तथा पंचायत भवन इत्‍यादि की सुविधा पृथक से उपलब्‍ध नहीं कराई गई है। शासन द्वारा स्‍वीकृत विशेष पुनर्वास पैकेज के तहत प्रस्‍तावित विकल्‍प के चयन का अधिकार विस्‍थापित होने वाले परिवारों को है। अत: जिन परिवारों ने एकमुश्‍त पुनर्वास अनुदान का विकल्‍प चुना है तथा पुनर्वास कॉलोनी में निवासरत नहीं है उन्‍हें स्‍कूल, आंगनवाड़ी तथा पंचायत भवन इत्‍यादि की सुविधा पृथक से उपलब्‍ध कराए जाने का प्रावधान विशेष पुनर्वास पैकेज में नहीं है।

परिशिष्ट - "उनतालीस"

अवैध रेत उत्‍खनन की जानकारी

[खनिज साधन]

4. ( क्र. 60 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक सिवनी, बालाघाट व जबलपुर जिलों में कितनी रेत खदानें किस-किस स्‍थान पर, किस-किस दर पर कितने समय के लिये कितनी जगह पर आवंटित की गई? जिलेवार पृथक-पृथक बतायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में विभाग के जारी दिशा-निर्देशों के विपरीत अवैध खनन होने की कितनी शिकायतें, कब-कब, किस-किस को प्राप्‍त हुई? शिकायतों की प्रति उपलब्‍ध करावें। (ग) उपरोक्‍त के संबंध में शिकायतों पर कब-कब, क्‍या-क्‍या कार्यवाही, किस-किस के विरूद्ध की गई? (घ) उपरोक्‍त के संबंध में लोक सेवा प्रबंधन विभाग से कितने प्रकरण विभाग को प्राप्‍त हुये? कितने प्रकरण कितनी अवधि में निराकृत हुये हैं? कितने प्रकरण किस कारण से लंबित है? लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जायेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''  अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' पर है। (ग) प्रश्‍नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' पर है।                                                         (घ) प्रश्‍नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' पर है।

ओव्‍हर लोडिंग परिवहन के दर्ज प्रकरण

[परिवहन]

5. ( क्र. 61 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                (क) 01 अप्रैल 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में जबलपुर संभाग में यात्री परिवहन, अवैध रेत परिवहन और ओव्‍हर लोडिंग के कितने प्रकरण दर्ज किये गये? प्रकरणवार, दिनांकवार, कार्यवाहीवार विवरण दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकरणों में क्‍या यह जांच की गई की ओव्‍हर लोडिंग परिवहनकर्ता इस तरह का कृत्‍य कब से कर रहे हैं तथा इस ओव्‍हर लोडिंग यात्री परिवहन एवं अवैध रेत परिवहन से शासन को कितनी राजस्‍व हानि हुई है? जिलेवार जानकारी उपलब्‍ध कराई जावे। (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (ख) में किया गया अवैध ओव्‍हर लोडिंग, रेत परिवहन जो कि उत्‍तर प्रदेश, छत्‍तीसगढ़ एवं महाराष्ट्र की सीमाओं से किया जाता है और जो राजस्‍व प्राप्‍त होता है वह एक जुर्माने के रूप में वसूल किया गया है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) यदि हाँ, तो शासन म.प्र. सीमा पर अवैध ओव्‍हर लोडिंग यात्री परिवहन और रेत परिवहन रोकने और राजस्‍व आय बढ़ाने के लिये एक नीति निर्धारित करेगा? यदि नहीं, तो कारण बताएं।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) 01 अप्रैल 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक जबलपुर संभाग के अन्तर्गत आने वाले जिले बालाघाट, छिंदवाड़ा, डिण्डौरी, जबलपुर, कटनी, मण्डला, नरसिंहपुर, सिवनी में यात्री परिवहन, रेत ओव्हर लोडिंग पर प्रकरणवार, दिनांकवार की गई कार्यवाही की  जानकारी  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ओव्हर लोडिंग परिवहनकर्ता कब से इस कृत्य को कर रहे हैं। इससे संबंधित जानकारी परिवहन विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। परिवहन विभाग द्वारा समय-समय पर अवैध रूप से संचालित वाहनों पर कार्यवाही की जाती है। ओव्हर लोडिंग यात्री परिवहन एवं अवैध रेत परिवहन से कितनी राजस्व की वास्तविक हानि हुई, का आंकलन संभव नहीं है। अतएव शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं महाराष्ट्र की सीमाओं से मध्यप्रदेश की सीमाओं में प्रवेश के दौरान प्रदेश की सीमा पर स्थित परिवहन चैकपोस्टों पर ओव्हरलोड पाये जाने पर नियमानुसार समझौता शुल्क वसूल किया जाता है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

क्षेत्रीय जल संरचनाओं का निर्माण

[जल संसाधन]

6. ( क्र. 124 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा लगातार पिपलौदा तहसील अंतर्गत ग्राम मचून में डेम, ग्राम इन्‍द्रपुरी (धामेडी) में डेम व खोडाना तालाब को शासनाधीन कर नहर परियोजना बनाएं जाने हेतु पत्राचार आदि के द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ तो बताएं कि प्रश्‍नकर्ता द्वारा विगत वर्षों से लगातार पत्रों, सदन में प्रश्‍नों के माध्‍यम से भी उपरोक्‍तानुसार शासन/विभाग से क्षेत्रीय जन आवश्‍यकता की पूर्ति हेतु प्रयास किये जा रहे हैं यदि हाँ तो क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) जानकारी दें कि खोडाना तालाब कार्य योजना मचून डेम व इन्‍द्रपुरी डेम की कार्ययोजना क्‍या शासन/विभाग द्वारा बनाई गई है? (घ) साथ ही बताएँ कि पिपलौदा तहसील भूजल स्‍तर अत्‍यधिक नीचे चले जाने के कारण वर्षभर क्षेत्र में गंभीर जल संकट बना रहकर क्षेत्र को डार्क जोन एरिया भी घोषित किया हुआ है तो इन्‍हें स्‍वीकृति कब दी जा सकेंगी तथा प्रस्‍तावित कार्यों के कार्य कब प्रारंभ किये जा सकेंगे?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार है। (घ) केन्‍द्रीय भू-जल बोर्ड की रिपोर्ट वर्ष 2017 (प्रकाशन वर्ष 2019) के आधार पर पिपलौदा तहसील अतिदोहित (डार्कजोन) क्षेत्र घोषित है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार है।

परिशिष्ट - "चालीस"

उचित मूल्‍य की दुकानों को खोले जाने के नियम 

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

7. ( क्र. 134 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                            (क) वर्तमान में देवास जिला अंतर्गत खातेगांव विधानसभा क्षेत्र में राशन वितरण हेतु कितनी उचित मूल्‍य दुकानें कार्य कर रही हैं? संख्‍या, पंचायतवार स्‍पष्‍ट करें। इनमें कितनी जगह स्‍वयं सहायता समूहों को राशन वितरण कार्य दिया गया है? समूह का नाम एवं आवंटित ग्राम/नगर का नाम उल्‍लेख करें। (ख) विभाग के नियमों के अनुरूप ऐसी कितनी दुकानें हैं जिसमें नागरिकों को 5 कि.मी. से अधिक की दूरी राशन लाने के लिये तय करना पड़ती है? ऐसे गांव और सम्‍बद्ध दुकानों के नाम एवं लाभान्वित क्षेत्र की दूरी स्‍पष्‍ट करें। (ग) क्‍या खातेगांव विधानसभा क्षेत्र में नागरिकों के द्वारा राशन दुकान से अधिक दूरी होने पर उपकेन्‍द्र खोले जाने की मांग समय-समय पर शासन से की गई है? यदि हाँ तो कितने स्‍थानों से मांग आयी है? (घ) क्‍या विभाग 5 कि.मी. से अधिक दूरी के गांवों/क्षेत्रों के लिये एवं एक समिति के पास 1 से अधिक दुकानें होने पर नवीन स‍मिति को दुकान आवंटन कर सकेगा? साथ ही राशन 5 कि.मी. से कम दूरी पर उपलब्‍ध हो ऐसी व्‍यवस्‍था करेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्रांतर्गत राशन सामग्री वितरण हेतु 109 उचित मूल्‍य दुकानें कार्य कर रही है। पंचायतवार संख्‍या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है। उक्‍त दुकानों में से 21 उचित मूल्‍य दुकानें स्‍व-सहायता समूहों को आवंटित की गई हैं। शेष भाग की  जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है। (ख) वर्तमान में खातेगांव में 12 उचित मूल्‍य दुकानें हैं जिसमें नागरिकों को 05 कि.मी. से अधिक की दूरी तय करनी पड़ती है। ऐसे गांव एवं संबंधित दुकानों के नाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है। (ग) जी हां। खातेगांव विधानसभा क्षेत्र में नागरिकों के द्वारा राशन दुकान से अधिक दूरी होने पर उपकेंद्र खोले जाने के लिए एक दुकान सागोनिया के ग्राम रिछीखो में उपकेंद्र खोले जाने की मांग मौखिक रुप से की गई है। (घ) वर्तमान में प्रत्‍येक पंचायत में एक उचित मूल्‍य की दुकान खोलने का प्रावधान है। ग्रामीण क्षेत्र में एक समिति के पास एक से अधिक दुकान होने पर उसे नवीन समिति को आवंटित करने का प्रावधान नहीं है। वर्तमान में 05 कि.मी. से कम दूरी पर उचित मूल्‍य दुकान आवंटित करने के संबंध में कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है।

 

 

 

तेंदूपत्‍ता की 20/15 प्रतिशत शुद्ध आय का उपयोग

[वन]

8. ( क्र. 152 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                  (क) जिला दमोह अंतर्गत कितनी वन समितियां गठित है एवं वन समितियों के गठन हेतु शासन के क्‍या निर्देश है? जिला दमोह की वर्तमान स्थिति में वन समितियों की सूची नाम पतावार व समिति प्रबंधक के नाम मोबाइल नंबर सहित बतावें? (ख) जिला दमोह में वर्ष 2018-19, 2019-202020-21 में वन समितिवार तेंदूपत्‍ता व्‍यापार की शुद्ध आय 20/15 प्रतिशत की कितनी-कितनी राशि प्राप्‍त हुई उस राशि का क्‍या उपयोग किया गया? कितनी राशि वर्तमान में उपलब्‍ध है। तेंदूपत्‍ता की 20 प्रतिशत राशि से उक्‍त तीन वर्ष में क्‍या-क्‍या कार्य कितनी-कितनी राशि से कराये गये स्‍थलवार बतावें एवं कार्यों की क्‍या स्थिति है?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जिला दमोह के अन्तर्गत कुल 364 वन समितियां गठित है। वन समितियों के गठन के संबंध में शासन का संकल्प क्रमांक एफ-16-91-दस-2 दिनांक 22.10.2001 द्वारा जारी निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। वन समितियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है इनमें प्रबंधक का पद नहीं होता। अतः शेष जानकारी का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) तेन्दूपत्ता व्यापार की शुद्ध आय (20/15 प्रतिशत) की राशि वन समितिवार दिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। उक्त राशि प्राथमिक लघु वनोपज समितियों को दी जाती है। दमोह जिले में वर्ष 2018-19, 2019-202020-21 में प्राथमिक लघु वनोपज समितियों को प्राप्त एवं उपलब्ध राशि तथा उक्त तीन वर्षों में कराये गये कार्यों का विवरण स्थलवार, राशि तथा कार्य की स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है।

प्राकृतिक आपदा से प्रभावित फसलें एवं जनहानि

[राजस्व]

9. ( क्र. 166 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी, 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक म.प्र. में हुई ओला वृष्टि एवं प्राकृतिक आपदा से प्रदेश में किन-किन जिलों में जनहानि व किस-किस फसल का कितना-कितना रकबा प्रभावित हुआ है, जिलावार जानकारी देवें? (ख) उपरोक्‍त जिलों में जनहानि व किसानों को कितना-कितना नुकसान होने का अनुमान है? (ग) उपरोक्‍त जिलों में किसानों को कितना-कितना मुआवजा दिया गया है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) 01 जनवरी, 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक म.प्र. में हुई ओला वृष्टि एवं प्राकृतिक आपदा से कुल 10 जनहानि हुई है तथा कुल 126107.47 हे. रकबा प्रभावित हुआ है। जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

 

 

नामांतरण, सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

10. ( क्र. 181 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                           (क) फरवरी, 2022 की स्थिति में रायसेन जिले में नक्‍शा सुधार कार्य, अ.जा. एवं अ.ज.जा. वर्ग के व्‍यक्तियों को शासन के द्वारा पट्टे पर दी गई भूमि कम्‍प्‍यूटर रिकार्ड में दर्ज करवाने, ही में नाम सुधारने, बंटवारा, नामांतरण, सीमांकन एवं डायवर्सन के कितने प्रकरण किन-किन राजस्‍व न्‍यायालयों में लंबित हैं? उनका कब तक निराकरण होगा? (ख) प्रश्‍नांश (क) से संबंधित समस्‍याओं के निराकरण हेतु प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्र जिले के किन-किन अधिकारियों को कब-कब प्राप्‍त हुये तथा उन पर आज दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्र में उल्‍लेखित किन-किन समस्‍याओं का निराकरण कब-कब हुआ तथा किन-किन समस्‍याओं का निराकरण क्‍यों नहीं हुआ? उनका निराकरण कब तक होगा? (घ) प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्रों के जबाव कब-कब दिये तथा किन-किन पत्रों का जबाव क्‍यों नहीं दिये? पत्रों के जवाब कब तक देंगे?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) फरवरी 2022 की स्थिति में रायसेन जिले में नक्‍शा सुधार कार्य अ.जा. एवं अ.ज.जा. वर्ग के व्‍यक्तियों को शासन के द्वारा पट्टे पर दी गई भूमि कम्‍प्‍यूटर रिकार्ड में दर्ज करवाने बही में नाम सुधारने बंटवारा नामान्‍तरण सीमांकन एवं डायवर्सन के राजस्‍व न्‍यायालयों में लंबित प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-एक अनुसार। प्रकरण न्‍यायालयों में प्रचलित होने से निराकरण की निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) प्रश्‍नांश '' से संबंधित समस्‍याओं के निराकरण हेतु माननीय विधायक के पत्र प्राप्‍त होने एवं उन पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-दो अनुसार(ग) प्रश्‍नकर्ता माननीय विधायक के पत्र में उल्‍लेखित समस्‍याओं के निराकरण हेतु पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 अनुसार प्राप्‍त पत्रों में से क्रमांक 1, 3, 4, 5, 6, 7 का निराकरण किया जा चुका है। क्रमांक 2 के पत्र के संदर्भ में 11 ग्रामों की श्‍मशान भूमियों के सीमांकन का कार्य फसल कटने के पश्‍चात किया जाना प्रस्‍तावित है। (घ) प्रश्‍नकर्ता माननीय विधायक के पत्रों के जवाब दिये जाने की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-3 अनुसार।

वन विभाग द्वारा कराये गये कार्य

[वन]

11. ( क्र. 184 ) श्री रामपाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में कौन-कौन से वनमार्ग हैं तथा उनके निर्माण, मरम्‍मत कार्य पर वित्‍तीय वर्ष 2020-21 से प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन स्‍थानों पर कितनी-कितनी राशि व्‍यय की गई? (ख) वित्‍तीय वर्ष                                                                                            2020-21 से प्रश्‍न दिनांक तक वन समितियों द्वारा जिले में क्‍या-क्‍या कार्य कहां करवाये तथा उन पर कितनी राशि व्‍यय हुई? कार्य स्‍थल पर सूचना पटल क्‍यों नहीं लगवाया तथा कब तक लगवायेंगे? (ग) फरवरी, 2022 की स्थिति में किस-किस समिति के पास कितनी-कितनी राशि है तथा उक्‍त राशि व्‍यय क्‍यों नहीं की जा रही है तथा कब तक राशि व्‍यय की जायेगी? (घ) फरवरी, 2022 की स्थिति में किन-किन तेंदूपत्‍ता श्रमिकों को बोनस तथा मजदूरी की राशि का भुगतान क्‍यों नहीं किया गया तथा कब तक राशि का भुगतान होगा?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) रायसेन जिले के अंतर्गत सामान्‍य वनमण्‍डल रायसेन एवं औबेदुल्‍लागंज है। वनमण्‍डलों के अंतर्गत आने वाले वनमार्गों पर वित्‍तीय वर्ष 2020-21 से प्रश्‍न दिनांक तक निर्माण पर कोई व्‍यय नहीं किया गया केवल वनमार्गों की मरम्‍मत पर व्‍यय किया गया है। वन मार्ग की सूची एवं किये गये व्‍यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-01 अनुसार है। (ख) रायसेन जिले के अंतर्गत आने वाले सामान्‍य वनमण्‍डल रायसेन एवं औबेदुल्‍लागंज अंतर्गत समितियों के द्वारा वित्‍तीय वर्ष 2020-21 से प्रश्‍न दिनांक तक कराये गये कार्यों एवं किये गये व्‍यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-02 अनुसार है। वनमण्‍डल सामान्‍य औबेदुल्‍लागंज में कार्य स्‍थल पर सूचना पटल लगाये जाने हेतु राशि का प्रावधान कार्य प्राक्‍कलन में न होने से सूचना पटल नहीं लगाये गये हैं। यदि समिति ठहराव प्रस्‍ताव पारित कर सूचना पटल हेतु नया प्राक्‍कलन अनुमोदन हेतु भेजती है तभी अनुमोदन पश्‍चात् सूचना पटल लगाया जाना संभव हो सकेगा एवं रायसेन सामान्‍य वनमण्‍डल में व्‍यय सुरक्षा कार्य से संबंधित है। अत: सूचना पटल नहीं लगाये गये। (ग) रायसेन जिले के अंतर्गत आने वाले सामान्‍य वनमण्‍डल रायसेन एवं औबेदुल्‍लागंज अंतर्गत फरवरी, 2022 की स्थिति में समितियों के पास शेष राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-03 में है। (घ) जिला यूनियन रायसेन एवं औबेदुल्‍लागंज अंतर्गत फरवरी, 2022 की स्थिति में समस्‍त तेन्‍दूपत्‍ता श्रमिकों को बोनस एवं मजदूरी की राशि का भुगतान किया जा चुका है, किसी भी तेन्‍दूपत्‍ता श्रमिक की मजदूरी एवं बोनस की राशि का भुगतान शेष नहीं है।

सुठालिया में निर्माणाधीन पार्वती डेम

[जल संसाधन]

12. ( क्र. 204 ) श्री रामचन्‍द्र दांगी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ब्यावरा विधानसभा के सुठालिया में पार्वती नदी पर डेम बनाया जा रहा है जिसमें किसानों को क्या पैकेज दिया जाएगा? सूची मदवार उपलब्ध करावें। (ख) उक्त परियोजना को पूर्ण होने में कुल कितनी लागत लगेगी जिससे कुल कितनी भूमि सिंचित होगी? (ग) सुठालिया पार्वती परियोजना डेम में जिन किसानों की जमीन डूब में व गांव डूब में जा रहे हैं उन्हें कहां विस्थापित किया जाएगा व शासकीय परिसंपत्तियों जैसे भवन आदि की क्या कार्ययोजना बनाई गई है? (घ) सुठालिया पार्वती परियोजना निर्माण में जिन किसानों का नुकसान हो रहा है उन किसानों द्वारा विशेष पैकेज की मांग की गई है? उस अनुसार उन्हें कब तक लाभ दिया जाएगा या नहीं? शासन की आगामी क्या कार्य योजना है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) ब्‍यावरा विधानसभा क्षेत्र में पार्वती नदी पर निर्माणाधीन सुठालिया सिंचाई परियोजना से प्रभावित कृषकों को भूमि अर्जन, पुनर्वासन एवं पुनर्व्‍यवस्‍थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 में किए गए प्रावधान अनुसार मुआवजा भुगतान किया जाना प्रतिवेदित है। अधिनियम की शर्त पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-एक अनुसार है। (ख) उक्‍त परियोजना की प्रशासकीय स्‍वीकृत राशि रूपये 1375.24 करोड़ है। परियोजना से 49800 हेक्‍टेयर कृषि भूमि सिंचित होनी है। (ग) सुठालिया परियोजना से राजगढ़ एवं गुना जिले के प्रभावित कृषकों को तहसील सुठालिया के ग्राम मऊ एवं बड़ाबादला में पुनर्बसाहट कराए जाने हेतु भूमि आवंटन हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन होना प्रतिवेदित है। भूमि आवंटन पश्‍चात भू-अर्जन अधिनियम, 2013 में किए गए प्रावधान अनुसार आवंटित भूमि में अधोसंरचनात्‍मक एवं मूलभूत सुविधाओं का विकास किया जाना लक्षित है। (घ) किसानों से विशेष पैकेज के लिए मांग पत्र प्राप्‍त हुआ है। सुठालिया सिंचाई परियोजना के डूब प्रभावित किसानों को विशेष पैकेज दिए जाने के संबंध में निर्णय नहीं हुआ है। सुठालिया परियोजना के लिए भू-अर्जन की समस्‍त कार्यवाही भूमि अर्जन, पुनर्वासन एवं पुनर्व्‍यवस्‍थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 में किए गए प्रावधान अनुसार किया जाना प्रतिवेदित है।

बी.पी.एल. कार्डधारकों को अपात्र घोषित करना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

13. ( क्र. 214 ) श्री महेश परमार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक उज्जैन नगर निगम क्षेत्र में बी.पी.एल. कार्डधारकों को अपात्र घोषित करने की कार्यवाही की गयी है? यदि हाँ, तो अपात्र घोषित किए गए कार्डधारकों की सूची एवं पात्र कार्डधारकों की वार्डवार संख्‍या उपलब्ध कराएं। (ख) क्या विभाग द्वारा की गयी कार्यवाही में अपात्र घोषित करने के क्या आधार रखे गए? यह कार्यवाही कब-कब और किसके निर्देश पर संचालित की गयी? अपात्र घोषित करने के उपरांत वर्तमान में विभाग द्वारा आगे की क्या कार्यवाही किए जाने का प्रस्ताव है? (ग) अपात्र परिवारों एवं पात्र परिवारों में कौन-कौन से स्तर का मूल्यांकन करके जारी किए गए थे? जारी करने के दौरान जारी करने वाले अधिकारी के द्वारा कौन-कौन सी शर्तों को देखकर उक्त कार्ड दिये जाने की स्वीकृति दी गयी? इस संबंध में विभाग ने दोषी अधिकारी पर जांच उपरांत क्या कार्यवाही की? प्रतिवेदन सहित अभिमत प्रस्तुत करें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व सिटी उज्‍जैन द्वारा अपात्र घोषित 21218 कार्डधारकों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है। नगर निगम उज्‍जैन में संधारित सर्वे सूची में बी.पी.एल. पात्र परिवारों की कुल संख्‍या 74172 है, जिसकी वार्डवार संख्‍यात्‍मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है। (ख) राजस्‍व विभाग द्वारा अपात्र करने की कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट  '' अनुसार। छ: परीक्षक बिन्‍दु को आधार बनाया गया है। अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व उज्‍जैन शहर द्वारा कलेक्‍टर उज्‍जैन के आदेश क्रमांक/7803 दिनांक 27.10.2020255 दिनांक 08.01.2021 के अनुसार दल गठित कर कार्यवाही की गई है। अपात्र घोषित करने के उपरांत वर्तमान में संबंधित विभागों द्वारा विभिन्‍न योजनाओं में बी.पी.एल. की पात्रता श्रेणी से हटाने की कार्यवाही की जा रही है। (ग) तत्‍समय लागू बी.पी.एल. की पात्रता की शर्तों के अनुरूप मूल्‍यांकन कर बी.पी.एल. कार्ड सक्षम अधिकारी द्वारा जारी किये गये थे। बी.पी.एल. के मापदण्‍ड के शर्तों के अनुसार पात्र परिवारों को बी.पी.एल. कार्ड जारी करने की स्‍वीकृति सक्षम अधिकारी/अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व द्वारा स्‍वीकृति दी गई थी। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

 

 

प्रवासी मजदूरों को लाने ले जाने की व्यवस्था

[परिवहन]

14. ( क्र. 217 ) श्री महेश परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 219 दिनांक 23/09/2020 में चाहे गए उत्तरों की जानकारी एकत्रित हो चुकी है? यदि हाँ, तो क्या कारण है कि अभी तक उक्त जानकारी उपलब्ध नहीं करायी गयी? इसके लिए उत्तरदायी अधिकारी कौन-कौन हैं और उन पर अभी तक विलंब के लिए क्या कार्यवाहियाँ की गयी है? (ख) क्या परिवहन विभाग द्वारा प्रवासी मजदूरों को लाने ले जाने की व्यवस्था के लिए चाही गयी जानकारियाँ उपलब्ध कराने के लिए उदासीन रहना उचित है? यदि नहीं, तो विभाग के शीर्ष कार्यालय द्वारा इस कृत्य पर संबंधित अधिकारियों से कारण बताओ सूचना पत्र के माध्यम से विलंब के कारणों पर स्पष्टीकरण लिया गया है? यदि हाँ, तो कारण बताओ सूचना पत्रों की प्रति तथा प्राप्त स्पष्टीकरण की प्रतियाँ देवें। (ग) सामान्य प्रशासन के नियमानुसार प्रत्येक विभाग को प्रोटोकॉल अनुसार नियत अवधि में सूचनाएँ देना आवश्‍यक है जबकि 23/09/2020 से प्रश्‍न दिनांक तक सूचना नियत अवधि में न दी जाने पर प्रोटोकाल उल्‍लंघन पर कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ तो कब तक? उक्त प्रश्‍न की एकत्रित जानकारी से मुझे अवगत कब तक कराया जाएगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जी नहीं, जानकारी एकत्रित की जा रही है। प्रदेश के समस्‍त जिलों के परिवहन अधिकारियों द्वारा संबंधित कार्यालयों से वांछित जानकारी प्राप्‍त करने हेतु अपने जिला कलेक्‍टर को पत्र द्वारा अवगत कराया गया है। विभिन्‍न जिला कलेक्‍टर से अपूर्ण जानकारी प्राप्‍त हुई है अथवा जानकारी प्राप्‍त नहीं हुई है। पूर्ण जानकारी प्राप्‍त करने हेतु सतत प्रयास किया जा रहा है। उपरोक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) वांछित जानकारी एकत्रित की जा रही है। पूर्ण जानकारी समस्‍त जिला कलेक्‍टर से प्राप्‍त होने पर अविलंब उपलब्‍ध कराई जा सकेगी।

जुर्माने की राशि की वसूली

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

15. ( क्र. 234 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा एवं सतना जिलो में दिनांक 01.04.19 से प्रश्‍नतिथि तक कार्यालय कलेक्‍टर (खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति) के द्वारा किस-किस नाम/जगह के खाद्यान्‍न परिवहन के ठेकेदारों पर निविदा की शर्तों का उल्‍लंघन करने पर कितनी-कितनी राशि की पेनाल्‍टी अधिरोपित करने के आदेश/नोटिस जारी किये गये? जारी सभी आदेशों की एक-एक प्रति उपलब्‍ध करायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित समयानुसार एवं स्‍थानों पर जारी पेनाल्‍टी/जुर्माने की नोटिस जारी होने के बाद प्रश्‍नतिथि त‍क कितनी राशि शासकीय खजाने में जमा करवाई जा चुकी है? प्रकरणवार जानकारी दें। क्‍या पेनाल्‍टी/जुर्माने के आदेश/नोटिस जारी होने के बाद पेनाल्‍टी/जुर्माने की राशि कम की गई? कितनी कम की गई? क्‍यों कम की गई? क्‍या पेनाल्‍टी/जुर्माना अधिरोपण के पूर्व गणना नहीं की गई? जुर्माना/पेनाल्‍टी किस आधार पर किस-किस सक्षम अधिकारियों की अनुशंसा पर लगाई गई थी? प्रकरणवार जानकारी दें। (ग) क्‍या पहले पेनाल्‍टी लगाई गई? फिर पेनाल्‍टी की राशि कम कर या स्‍थगित कर सांठ-गांठ की गई? अगर नहीं तो प्रश्‍नतिथि तक जारी जुर्माने/पेनाल्‍टी की जो राशियां नोटिसों/आदेशों में जारी किये गये थे वे क्‍यों अब तक शासकीय खजाने में जमा नहीं करवाये गये हैं? कम कर दिये गये हैं, कारण एवं नियमों की एक प्रति दें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) रीवा जिले में दिनांक 01.04.2019 से प्रश्‍न तिथि तक कार्यालय कलेक्‍टर के द्वारा खाद्यान्‍न परिवहन के ठेकेदारों पर निविदा की शर्तों का उल्‍लंघन किये जाने संबंधित कोई नोटिस जारी नहीं किया गया, न ही पेनाल्‍टी अधिरोपित की गई हैं एवं सतना जिले में दिनांक 01.04.2019 से प्रश्‍न तिथि तक कलेक्‍टर के अनुमोदन अनुसार रबी विपणन वर्ष 2021-22 में आयी कमी पर परिवहनकर्ता से निम्‍नानुसार राशि की वसूली की गई:-

परिवहनकर्ता का नाम

मात्रा (क्विं. में)

पेनाल्‍टी राशि (लाख में)

ए.के.आर.एल.

1225.31

2419987

दिलीप जैसवाल

975.97

1927536

योग

2201.28

4347523

उक्‍त पेनाल्‍टी के अलावा म.प्र. स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज कॉर्पोरेशन जिला सतना मध्‍यप्रदेश कार्यालय द्वारा द्वार प्रदाय योजना के अनुबंधित परिवहनकर्ता द्वारा समय पर खाद्यान्‍न का परिवहन न करने पर परिवहनकर्ताओं को नोटिस जारी कर पेनाल्‍टी अधिरोपित की गई। विवरण निम्‍नानुसार हैं।

परिवहनकर्ता का नाम

पेनाल्‍टी राशि (लाख में)

विकास जैसवाल

115509

विशाल जैसवाल

137241

योग

252750

जारी सभी आदेशों/नोटिस की प्रति  पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के पृष्‍ठ 1 से 7 अनुसार है।

(ख) रीवा जिले की जानकारी निरंक हैं एवं सतना जिले में प्रश्‍नांश (क) में वर्णित समय अनुसार एवं स्‍थानों पर जारी पेनाल्‍टी/जुर्माने की नोटिस जारी होने के बाद प्रश्‍न तिथि तक राशि 4600273.00 (राशि छियालिस लाख दो सौ तिहत्‍तर रूपये) की वसूली परिवहनकर्ता के देयकों से की गई। पेनाल्‍टी/जुर्माने के आदेश/नोटिस जारी होने के बाद पेनाल्‍टी/जुर्माने की राशि कम नहीं की गई हैं। पेनाल्‍टी/जुर्माना अधिरोपण के पूर्व गणना उपरांत ही परिवहनकर्ता पर पेनाल्‍टी अधिरोपित की गई है। जुर्माना/पेनाल्‍टी कलेक्‍टर की अनुशंसा पर शासन निर्देशानुसार लगाई गई। (ग) रीवा जिले की जानकारी निरंक है एवं सतना जिले में पेनाल्‍टी की राशि कम नहीं की गई। पेनाल्‍टी की राशि परिवहनकर्ता के देयकों से कटोत्रा कर शासकीय मद में जमा किया गया हैं।

 

 

शासकीय रिकार्ड में दर्ज आराजी की जानकारी

[राजस्व]

16. ( क्र. 238 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                      (क) तहसील मझगवां जिला सतना में नया गांव पटवारी हल्‍का नया गांव सर्किल ग्राम रजौला पटवारी हल्‍का कामता सर्किल, नगर पंचायत चित्रकूट में म.प्र. शासन एवं सार्वजनिक निस्‍तार के कितने-कितने रकवे की भूमि 1958-59 शासकीय रिकार्ड में दर्ज थी? पटवारी हल्‍कों के नाम, रकवे की कुल जानकारी आराजी क्रमांकवार उपलब्‍ध करायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित भूमियों में से कुल कितनी-कितनी भूमि प्रश्‍नतिथि तक शासकीय दस्‍तावेजों में बची है? कितनी-कितनी भूमि पर अवैध कब्‍जा या लिखित में हस्‍तांतरण हो चुका है? तहसील मझगवां के पटवारी हल्‍कावार/आराजी क्रमांकवार/रकवेवार/अवैध कब्‍जाधारियों के नाम/पतेवार/अवैध हस्‍तांतरणकर्ताओं के नाम/पतेवार जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ग) नयागांव पटवारी हल्‍का, नयागांव सर्किल चित्रकूट की आराजी क्रमांक 516 एवं 518 में वर्ष 1958-59 की जमाबंदी खतौनी में चरनोई की भूमि दर्ज थी? प्रश्‍नतिथि तक उक्‍त भूमि किसके नाम पर दर्ज है? किस नाम/पदनाम के अधिकारी के आदेश पर उक्‍त भूमि शासकीय से निजी स्‍वामित्‍व में बदल गई? जारी आदेशों की एक प्रति दें। (घ) प्रश्‍नतिथि तक क्‍या जिला प्रशासन ने अवैध अतिक्रमणकारियों एवं शासकीय भूमि को कूटरचना दस्‍तावेजों में कर निजी स्‍वामित्‍व में हस्‍तांतरित करने वालों को चिन्हित किया गया है? अगर हाँ तो सूची दें। क्‍या कार्यवाही शासन शासकीय भूमि को निजी स्‍वामित्‍व करने वालों के विरूद्ध करेगा? पुन: अवैध रूप से निजी भूमि कब तक शासकीय घोषित होगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) वर्ष 1958-59 में म.प्र. शासन एवं सार्वजनिक निस्तार पंचायत चित्रकूट में तहसील मझगवां अंतर्गत पटवारी हल्का नयागांव नं. 34 में ग्राम नयागांव में 925.305 हे. एवं पटवारी हल्का कामता में ग्राम रजौला में 2509.675 हे. भूमि वर्ष 1958-59 खतौनी में दर्ज थी। रकवे की कुल जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट - अ अनुसार। (ख) प्रश्‍नांश (क) में ग्राम नयागांव में कुल रकवा 925.306 एवं ग्राम रजौला में 2509.675 हे. थी। प्रश्‍नतिथि तक शासकीय दस्तावेज में ग्राम नयागांव में 897.369 हे. एवं ग्राम रजौला में 2268.923 हे. वर्तमान में शासकीय दर्ज है। भूमियों की सूची  पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट - ब अनुसार है। ग्राम नयागांव में 27.937 हे. एवं ग्राम रजौला में 240.752 हे. भूमि बंटन/व्यवस्थापन से हस्तांतरण हो चुका है। (ग) नयागांव की आराजी नं. 516 एवं 518 वर्ष 1958-59 जमाबंदी खतौनी में भैरम वल्द मथुरा प्रसाद कौम अग्रवाल के नाम दर्ज थी। वर्ष 1958-59 खतौनी की छायाप्रति संलग्न है। उपरोक्त भूमियां वर्ष 1958-59 में शासकीय दर्ज ना होने से निजी स्वामित्व में बदलने का प्रश्‍न ही नहीं उठता। आ.न.516 एवं 518 में वर्तमान भूमिस्वामियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-स अनुसार। (घ) शासन से प्राप्त भूमियों को हस्तांतरित करने वालों को चिन्हित किया गया है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है। शासकीय भूमियाँ जो अवैध रुप से हस्तांतरित हुई है उनकी जांच प्रक्रियाधीन है।



समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

17. ( क्र. 262 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में गेहूं उपार्जन हेतु प्रति हेक्‍टेयर कृषक को कितने गेहूं उपार्जन की सीमा तय की गई है? (ख) क्या शासन किसानों की सुविधा हेतु कृषकों को अपनी सुविधा अनुसार गेहूं, चना, मसूर समर्थन मूल्य पर विक्रय हेतु कृषि उपज अपनी आवागमन की सुविधा अनुसार किसी भी पास के उपार्जन केन्द्र पर तुलवाने की अनुमति प्रदान करेगा? यदि हाँ तो इस संबंध में दिशा-निर्देशों से अवगत कराने का कष्ट करें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) समर्थन मूल्‍य पर गेहूं उपार्जन हेतु तहसीलवार प्रति हेक्‍टेयर उत्‍पादकता का निर्धा‍रण फसल कटाई प्रयोग के आधार पर निर्धारित की जाती है। किसान पंजीयन में गिरादावरी डाटा के आधार पर कृषक द्वारा बोई गई फसल के रकबे एवं संबंधित तहसील की उत्‍पादकता के आधार पर कृषक द्वारा विक्रय योग्‍य गेहूं की अधिकतम मात्रा का निर्धारण ऑनलाईन पोर्टल पर किया जाता है। (ख) समर्थन मूल्‍य पर स्‍कंध उपार्जन हेतु केन्‍द्र से संलग्‍न पंचायतों के केन्‍द्र बिन्‍दु में उपार्जन केन्‍द्र स्‍थापित किये जाते है ताकि कृषकों को समान्‍यता 25 किलोमीटर से अधिक दूरी उपज विक्रय करने हेतु तय न करना पड़े। किसानों की सुविधा की दृष्टि से एक उपार्जन केन्‍द्र से दूसरे उपार्जन केन्‍द्र पर पंजीयन स्‍थानांतरण की सुविधा भी जिला स्‍तर पर उपलब्‍ध कराई जाती है। रबी विपणन मौसम 2022-23 में समर्थन मूल्‍य पर गेहूं उपार्जन हेतु उपार्जन केन्‍द्रों के चयन की सुविधा कृषकों को देने पर विचार किया जा रहा है। इस संबंध में जारी निर्देश की प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

वृक्षारोपण की जानकारी

[वन]

18. ( क्र. 268 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                             (क) बैतूल जिले के उत्‍तर वनमंडल एवं दक्षिण वनमंडल में वित्‍तीय वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में वृक्षारोपण के कार्य कहां-कहां, कितनी लागत के कितने पौधे लगाए गए हैं? उनमें से कितने पौधे वर्तमान में जीवित है, कार्यवार, बीटवार लागत उपलब्ध करावें। (ख) उक्त दोनों वनमंडलों में उक्त समयावधि में अवैध कटाई के कितने प्रकरण (पी.ओ.आर.) दर्ज किए गए, दर्ज प्रकरणों पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) उक्त दोनों वनमंडलों में उक्त समयावधि में मुनारे कहां-कहां एवं कितनी-कितनी लागत के बनाए गए उनकी संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 पर है।                                         (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-3 पर है।

 

 

मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना की जानकारी

[श्रम]

19. ( क्र. 270 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम जेबराखेड़ा तहसील जिला मुरैना के किसान छोटेलाल कुशवाह उर्फ ल्होरी कुशवाह की मृत्यु हो जाने से एवं बी.पी.एल. कार्डधारी हो जाने से उसे अंतिम संस्कार के लिये कितनी राशि‍ दी गई है? मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना 2018 में किसानों की सहायता हेतु क्या प्रावधान है? क्या उक्त योजना के तहत कार्यवाही की गई है? (ख) मृतक की पत्नी द्वारा ग्राम पंचायत जेबरखेड़ा के माध्यम से शासन की नया सवेरा योजना के तहत दिनांक 27.05.2018 ऑनलाईन आवेदन क्रमांक 7089391219 प्रस्तुत किया था, उस पर क्या कार्यवाही हुई? (ग) क्या मृत्यु के समय गरीब किसान छोटेलाल कुशवाह की उम्र आधार कार्ड के तहत (58) वर्ष थी जिसके आधार पर उसका श्रमिक पंजीयन किया था तथा मृत्यु दिनांक तक पंजीयन वैध था मृतक को कितनी राशि देय थी जो फरवरी 2022 तक नहीं दी गई है? इस हेतु कौन दोषी हैं? मृतक की पत्नी को कब तक यह राशि उपलब्ध करा दी जावेगी? (घ) उक्त सड़क दुर्घटना में मृतक छोटेलाल कुशवाह को मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना के तहत सहायता का क्या प्रावधान है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) ग्राम जेबराखेड़ा के मृतक किसान छोटेलाल कुशवाह उर्फ ल्होरी कुशवाह का बी.पी.एल. कार्ड में नाम नहीं है। छोटेलाल कुशवाह उर्फ ल्होरी कुशवाह की मृत्यु के समय आयु 60 वर्ष से अधिक थी। श्रम विभाग द्वारा जारी आदेश क्रमांक 589/पी.एस./श्रम/2018 भोपाल, दिनांक 29/05/2018 के अनुक्रम में अंत्येष्टि सहायता का लाभ राशि रूपये 5000/- अंतिम संस्कार हेतु ग्राम पंचायत द्वारा प्रदाय किये गये हैं। (ख) मृतक ल्होरी कुशवाह की पत्नी द्वारा अपने पति की मृत्यु पश्चात संबल योजनांतर्गत अनुग्रह सहायता राशि हेतु जनपद पंचायत, मुरैना में आवेदन प्रस्तुत किया गया था। जनपद पंचायत, मुरैना द्वारा स्वीकृति पूर्व जाँच करने पर दुर्घटना दिनांक को मृतक छोटेलाल कुशवाह उर्फ ल्होरी कुशवाह की आयु वोटर कार्ड अनुसार 71 वर्ष होने से जनपद पंचायत द्वारा आयु 60 वर्ष से अधिक पाये जाने से योजना के नियमानुसार प्रकरण को निरस्त किया गया। (ग) मृतक छोटेलाल कुशवाह उर्फ ल्होरी कुशवाह का पंजीयन स्व-घोषणा के आधार पर दिनांक 27/05/2018 को जनपद पंचायत, मुरैना द्वारा किया गया था। मृत्यु उपरांत स्वीकृति पूर्व संबंधित पंचायत समन्वय अधिकारी से कराई गई जाँच अनुसार दुर्घटना दिनांक को मृतक छोटेलाल की आयु वोटर कार्ड अनुसार 71 वर्ष होने से जनपद पंचायत द्वारा आयु 60 वर्ष से अधिक पाये जाने से योजना के नियमानुसार प्रकरण को निरस्त किया गया। (घ) मृतक छोटेलाल कुशवाह उर्फ ल्होरी कुशवाह की उम्र 60 वर्ष से अधिक होने से नियमानुसार पदाभिहित अधिकारी द्वारा अंत्येष्टि सहायता के अतिरिक्त अन्य कोई सहायता प्रदाय नहीं की गई। मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजनांतर्गत पात्र हितग्राही को सामान्य मृत्यु पर 02 लाख तथा दुर्घटना मृत्यु होने पर 04 लाख सहायता राशि का प्रावधान है।

 

 

स्वामित्व योजना का हितग्राहियों को लाभ

[राजस्व]

20. ( क्र. 273 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन संभाग में "स्वामित्व योजना" एवं "धारणा अधिकार योजना" प्रचलन में है? यदि हाँ तो 1 जनवरी 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक विभिन्न जिलों में उक्त योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए कितने आवेदन कहाँ-कहाँ के लिए प्राप्त हुए, उनमें कितनों का निराकरण किया जा कर अधिकार के दस्तावेज प्रदान किए गए? संख्‍या उपलब्ध कराएँ। (ख) प्रश्‍नांश "क" संदर्भित वे व्यक्ति जिनको "स्वामित्व योजना" एवं "धारणा अधिकार योजना" का लाभ मिलना है या मिल गया है, उनके नाम, शहर/गाँव का नाम सहित सूची उपलब्ध कराएँ। (ग) "स्वामित्व योजना" एवं "धारणा अधिकार योजना" का लाभ प्राप्त करने की क्या गाइड लाइन है? नियमों की प्रतिलिपि देवें।                                                    (घ) मंदसौर जिले की नगर पंचायत नगरी तथा ग्राम पंचायत दालौदा में कौन-कौन से क्षेत्र के हितग्राहियों को "स्वामित्व योजना" एवं "धारणा अधिकार योजना" में शामिल किया है? कितने हितग्राही किन-किन कारणों से वर्तमान में वंचित किये गये हैं? सम्पूर्ण सूची नाम सहित उपलब्ध कराएँ।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हां। स्‍वामित्‍व योजना अंतर्गत आबादी भूमि का सर्वे कर संपत्ति धारको का अधिकार अभिलेख तैयार किया जा रहा है। इस योजना में पृथक से आवेदन पत्र प्राप्‍त करने की आवश्‍यकता नहीं है। धारणाधिकार योजना में दिनांक 15 फरवरी 22 की स्थि‍ति में प्राप्‍त जिलावार आवेदन पत्र एवं निराकरण का पत्रक  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अनुसार है। (ख) स्‍वामित्‍व योजना अंतर्गत आबादी भूमि का सर्वे कर संपत्ति धारकों का अधिकार अभिलेख तैयार किया जा रहा है, जो म.प्र. राजस्‍व भू संहिता (यथासंशोधित 2018 ) के लागू होने दिनांक 25/9/18 को आबादी भू‍मि पर अधिभोगी थे। संभाग उज्‍जैन के सभी जिलों में योजना प्रक्रियाधीन है। धारणाधिकार योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अनुसार है। (ग) निर्देश की प्रति  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  'अनुसार है। (घ) तहसील दलोदा के अंतर्गत नगर पंचायत नगरी नगरीय क्षेत्र होने से स्वामित्व योजनांतर्गत नहीं आता है। ग्राम पंचायत दलोदा के खदान, मगरा, बानीखेडी रोड (अटल नगर), गोतम नगर, चूना भट्टा, स्टेशन रोड क्षेत्र स्वामित्व योजना में सम्मिलित किये गये है। धारणाधिकार योजनांतर्गत नगर पंचायत नगरी क्षेत्र में 287 आवेदन अपात्र किये गये, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अनुसार है।

प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण योजना अंतर्गत खाद्यन्‍न वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

21. ( क्र. 305 ) श्री ग्‍यारसी लाल रावत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                 (क) जिला बड़वानी अंतर्गत प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना अंतर्गत वर्ष 2018-19 से आज दिनांक तक कितना राशन जिले को प्राप्‍त हुआ एवं प्राप्‍त राशन कितनी राशन दुकानों को कितना प्रदाय किया गया एवं कितने हितग्राहियों को कितना वितरण किया गया? (ख) विगत दो वर्षों में कितनी शिकायतें प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण योजना के वितरण में जिले को या अनुभाग स्‍तर पर प्राप्‍त हुई शिकायतवार क्‍या कार्यवाही प्रशासन के द्वारा की गई? की गई कार्यवाही एवं दण्डित किये गये सेल्‍समेन व सहायक विक्रेताओं की जानकारी बतावें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्‍नांकित योजना अप्रैल, 2020 के पूर्व लागू नहीं थी। अत: अप्रैल, 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक जिले की दुकानों को आवंटित खाद्यान्‍न, प्रदायित मात्रा एवं हितग्राहियों को वितरित मात्रा की  जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  '' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  '' अनुसार है।

परिशिष्ट - "इकतालीस"

स्‍वीकृत प्रस्‍तावित बांध एवं स्‍टाप डेम

[जल संसाधन]

22. ( क्र. 306 ) श्री ग्‍यारसी लाल रावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सेंधवा जिला बड़वानी में वर्ष जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने बांध एवं स्‍टाप डेम प्रस्‍तावित, स्‍वीकृत हैं? पूर्ण विवरण बतावें। (ख) वर्ष 2019 के बाद स्‍वीकृत बांध एवं स्‍टाप डेम की प्रक्रिया किस स्‍तर में है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सेंधवा में जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक 04 बांध एवं 09 बैराज प्रस्‍तावित हैं। इनमें से कोई योजना स्वीकृत नहीं है। विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ख) वर्ष 2019 के बाद किसी बांध अथवा स्‍टॉप डेम की स्‍वीकृति प्रदान नहीं की गई है अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "बयालीस"

तवा बांध की गाद हटाना

[जल संसाधन]

23. ( क्र. 369 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या यह सच है कि प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रं.31 (440) दिनांक 20.12.2019 के प्रश्‍नांश (अ) में जानकारी दी गई थी कि मंत्रिपरिषद द्वारा दिनांक 09.08.2019 को लिये गये निर्णय अनुसार होशंगाबाद जिले में तवा बांध में जम रही गाद को हटाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है? (ख) तवा बांध से गाद निकालने का काम कब से किस फर्म द्वारा किया जावेगा। (ग) क्‍या शासन तवा बांध से निकाली गई गाद के पोषक तत्‍वों की जांच करावेगा ताकि गादयुक्‍त पानी के सिंचित कृषि भूमि एवं फसल पर प्रभाव की जानकारी मिल सके। यदि हाँ तो कब एवं किससे?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। तवा बांध से गाद निकालने के कार्य की निविदा आमंत्रित की गई है निविदा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने के कारण फर्म का नाम एवं कार्य प्रारंभ करने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ, जलाशय से निकाली जाने वाली गाद की जांच का दायित्‍व ठेकेदार का होगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

 

कोविड से मृत नागरिकों को मुआवजा

[राजस्व]

24. ( क्र. 373 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                 (क) क्‍या उच्‍चतम न्‍यायालय के निर्देशानुसार कोविड से मृत नागरिकों के परिजनों को एक नियत समय-सीमा में 50 हजार का भुगतान किया जाना था? (ख) कोविड से मृत नागरिकों के कितने परिजनों द्वारा होशंगाबाद/इटारसी तहसील में आवेदन किया गया? इनमें कितने ऑफ लाईन थे एवं कितने आन लाईन। तहसीलवार संख्‍या की जानकारी दें। (ग) कितने ऑफ लाईन आवेदकों को मुआवजा दिया गया, कितनों को नहीं दिया गया? (घ) मुआवजा हेतु ऑन लाइन आवेदन करने वाले होशंगाबाद/इटारसी तहसील के कितने आवेदकों को भुगतान किया गया? कितनों को अभी तक भुगतान नहीं किया गया? तहसीलवार जानकारी दें। (ड.) मुआवजा भुगतान में विलंब के क्‍या कारण है? भुगतान कब तक किया जावेगा? (च) कितने प्रकरण जांच समिति के पास गये। समिति द्वारा कितने प्रकरणों को निरस्‍त किया एवं कितनों को राशि देने की अनुशंसा की? दोनों की नाम सहित जानकारी दें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट ''''अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार है।                                                             (घ) ऑनलाईन आवेदनों की तहसीलवार जानकारी निरंक है। (ड.) मृतक के वारिसान द्वारा कोविड-19 के निम्‍न दस्तावेज RTPCR/RAT/FORM-4/FORM-4A की पूर्ति नहीं करने के कारण विलंब होता है। आवेदक द्वारा उक्त की पूर्ति किये जाने पर भुगतान किया जाता है। (च) जांच समिति के पास कुल 149 आवेदन गये। जिसमें से 138 प्रकरणों में समिति द्वारा अनुशंसा की गई तथा 11 प्रकरणों को निरस्‍त किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार है।

एथेनॉल के प्‍लांट लगाना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

25. ( क्र. 375 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                     (क) प्रदेश में विक्रय किये जा रहे पेट्रोल में कितने प्रतिशत एथेनॉल मिलाया जा रहा है।                                            (ख) एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल पर समान दर से कर (जी.एस.टी./वेट आदि) लिया जा रहा है या पृथक-पृथक दर से। (ग) क्‍या केन्‍द्र सरकार द्वारा म.प्र. सहित सभी राज्‍यों को एथेनॉल का उत्‍पादन बढ़ाये जाने का निर्देश दिया गया था। यदि हाँ तो राज्‍य एवं केन्‍द्र द्वारा जारी निर्देशों का विवरण देवें? (घ) विगत एक वर्ष में प्रदेश में एथेनॉल का उत्‍पादन बढ़ाये जाने के उद्देश्‍य से कहॉं-कहॉं, कितनी-कितनी लागत के प्‍लांट लगाये गये हैं। संभागवार जानकारी देते हुये होशंगाबाद जिले की पृथक जानकारी देवें?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

 

 

समर्थन मूल्य पर गेहूँ/धान का उपार्जन

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

26. ( क्र. 421 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                             (क) जबलपुर संभाग के तहत समर्थन मूल्य पर किस दर पर कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि का गेहूँ, धान का उपार्जन किया गया? इसकी सुरक्षा देखभाल, रख-रखाव, परिवहन व भण्डारण पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक की जिलावार जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांकित किन-किन जिलों में शासकीय एवं अशासकीय वेयर हाउसों ओपन कैप में कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि का उपार्जित गेहूँ, धान का भण्डारण किया गया? परिवहन व किराये पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? वे मौसम वर्षा तथा अन्य किन कारणों से कहां-कहां पर रखा हुआ उपार्जित कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि का गेहूँ, धान खराब हुआ सड़ गया हैं। इसके लिये शासन ने दोषी अधिकारियों पर कब क्या कार्यवाही की हैं? वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी दें। (ग) प्रश्‍नांकित किन-किन जिलों में कब से किस-किस अवधि का उपार्जित कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि का गेहूँ, धान रखा हुआ हैं। इसमें से कहां-कहां पर कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि का गेहूँ, धान खराब हो गया सड़ गया है, चोरी हुआ हैं? शासन ने कितनी-कितनी मात्रा में किस दर पर कितनी-कितनी राशि का गेहूँ, धान का विक्रय किया हैं? निविदा के माध्यम से कितनी मात्रा में कितनी राशि का विक्रय किया हैं? इससे शासन को कितनी-कितनी राशि का नुकसान हुआ है। वर्षवार पृथक-पृथक जानकारी दें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

वृक्षारोपण, वनों का संरक्षण सुधार व सुरक्षा

[वन]

27. ( क्र. 422 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                     (क) वनमण्डल (सामान्य एवं उत्पादन) जबलपुर को राज्य एवं केन्द्र प्रवर्तित संचालित किन-किन योजनान्तर्गत वृक्षारोपण बिगड़े वनों का सुधार, संरक्षण, सुरक्षा, रखरखाव व निर्माण कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित की है एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में किन-किन परिक्षेत्रों में कितने-कितने क्षेत्रफल में कब-कब किस-किस प्रजाति के कितने-कितने पौधों का रोपण कार्य किसने कितनी-कितनी राशि में कराया हैं? पौधों का क्रय परिवहन, भण्डारण, सुरक्षा, देखभाल, सिंचाई, फैंसिंग आदि पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? इसका सत्यापन कब किसने किया हैं? कितने प्रतिशत पौधे जीवित हैं? (ग) किन-किन वन परिक्षेत्रों में कितने-कितने क्षेत्रफल में बिगड़े वनों का सुधार कार्य कब किसने कितनी राशि में कराया है? इसकी जांच किसने की है? (घ) प्रश्‍नांश (क) में कौन-कौन से निर्माण एवं विकास कार्य कब-कब, कहां-कहां पर किसने किस एजेंसी से कितनी-कितनी राशि में कराये गये है? इनकी गुणवत्ता की जांच किसने की है? क्या शासन इसमें भ्रष्टाचार, अनियमितता राशि का दुरूपयोग की जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है।                                      (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 एवं 3 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-4 अनुसार है। (घ) प्रश्‍नांश '''' में उल्‍लेखित विकास कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 एवं 4 तथा निर्माण कार्य संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-5 अनुसार है।

वन्य प्राणियों के हमले से हुई मौतें

[वन]

28. ( क्र. 440 ) श्री विनय सक्सेना : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन्य प्राणियों के हमलों के कारण प्रदेश में विगत पांच वर्षों में कितने लोगों की मौत हुई है? मृतकवार बतावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के तारतम्य में क्या मृतकों के परिवारजनों को मुआवजा राशि दी गयी है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि किन-किन व्यक्तियों को दी गयी है? (ग) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त घटनाओं में रोकथाम हेतु सरकार द्वारा क्या-क्या कदम उठाये गये हैं?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वन्‍यप्राणियों के हमलों से प्रदेश में विगत 5 वर्षों में 1 जनवरी, 2017 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल 285 लोगों की मृत्‍यु हुई। मृतकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ख) जी हां। समस्‍त मृतकों के परिजनों को मुआवजा राशि का भुगतान किया गया है। भुगतान की गई राशि तथा भुगतान प्राप्‍त करने वाले व्‍यक्तियों की जानकारी उत्‍तरांश '''' के पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ग) वन्‍यप्राणियों से जनहानि, जनघायल की घटनाओं की रोकथाम हेतु विभाग द्वारा निम्‍नानुसार कार्यवाही की जाती है :-

1.      प्रदेश स्‍तर पर वन्‍यप्राणियों से मानव जीवन की सुरक्षा हेतु 15 रीजनल रेस्‍क्‍यू स्‍क्‍वाड एवं वनमंडल स्‍तर पर सभी वनमंडलों में रेस्‍क्‍यू स्‍क्‍वाड का गठन किया गया है। मानव-वन्‍यप्राणी द्वंद की समस्‍या उत्‍पन्‍न होने पर अन्‍यत्र वन क्षेत्रों/चिडि़याघर में स्‍थानांतरित किया जाता है।

2.      मानव-वन्‍यप्राणी द्वंद को कम करने हेतु संरक्षित क्षेत्रों के आसपास के गांव में जागरूकता अभियान चलाया जाता है।

3.      वन्‍यप्राणियों को वन क्षेत्रों में रोकने हेतु एवं गांवों के मवेशियों को वन क्षेत्र में आवश्‍यकतानुसार क्षेत्रों में गेमप्रूफ वाल, फेंसिंग का निर्माण किया गया है।

4.      वन्‍यप्राणियों को पेयजल की तलाश में ग्रामों के जलस्रोतों तक आने से रोकने के लिये वन क्षेत्र के भीतर सॉसर एवं छोटे तालाब बनाये जाते हैं।

5.      वन्‍यप्राणियों से जनहानि होने पर इलाज पर हुऐ वास्‍तविक व्‍यय एवं 4.00 लाख रूपये की क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान किया जाता है।

 

 

 

वन अधिकार पत्र के संबंध में

[वन]

29. ( क्र. 458 ) श्री राकेश मावई : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 1269 उत्‍तर दिनांक 1.3.2021 में (क) एवं (ख) के उत्‍तर में वन परिक्षेत्र डभौरा के 598 एवं वन परिक्षेत्र अतरैला में 388 तथा गेदुरहा में 59 वन अधिकार पत्र दिये गये है? यदि हाँ तो वितरित वन अधिकार पत्रों की प्रमाणित छायाप्रति के साथ सूची वन परिक्षेत्र व ग्रामवार देवें तथा यह भी बतायें कि अधिकारी पत्र देने के बाद भी मौके से कितने लोग कब्‍जे से वंचित है? सहपत्रों के साथ जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) हाँ तो (ग) का उत्‍तर ग्राम गेदुरहा के कक्ष क्रमांक आर. एफ 259 में 931 अनुसूचित जाति आदिवासी एवं सामान्‍य वर्ग के लोगों द्वारा पन्‍नी लगाकर अतिक्रमण करना बताया गया है? यदि हाँ तो उक्‍त 931 लोगों की सूची उपलब्‍ध कराते हुये यह बताये कि वन नियम के तहत पी.यू.आर. की कार्यवाही की गई है? यदि हाँ तो किस-किस के ऊपर की गई है? की गई कार्यवाही की प्रति के साथ सूची देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क), (ख) के परिक्षेत्र अन्‍तर्गत ग्राम धुरकुच, गर्भे, ओवरी, कोलुहा, बन्‍डे, गढुअई, नोमारी, लफदा, जतरी मोड प्‍लाट, मोहनईया, चौरी डाढ़ी, चौखण्‍डी पहाड़, हरदोली प्‍लाट, जरहईया की बस्तियां वन भूमि में बसी हैं? यदि हाँ तो इन बस्‍ति‍यों में बसे लोगों को उजाड़ने व अतिक्रमण हटाने व वन अधिनियम के तहत कार्यवाही क्‍यों नहीं की गई? (घ) यदि प्रश्‍नांश (ग) हाँ तो ग्राम गेदूरहा, पोगल्‍ला के बसे लोगों को वन विभाग क्‍यों परेशान कर रहा है? क्‍या विभाग को शासन द्वारा आदेश दिये जावेंगे कि वन भूमियों में बसी सभी बस्तियों के साथ समतुल्‍य व्‍यवहार एवं कार्यवाही करें। यदि हाँ तो आदेश की प्रति के साथ जानकारी देवें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हां। प्रश्‍नांकित वन अधिकार पत्रों की प्रमाणित छायाप्रति अनुसूचित जाति एवं जानजातीय कार्य विभाग रीवा से संकलित की जा रही है जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। जिला संयोजक अनुसूचित जाति एवं जनजातीय कार्य विभाग रीवा के पत्र दिनांक 21.02.2021 के अनुसार गेदुरहा के 59 सहित परिक्षेत्र डभौरा के 598 तथा परिक्षेत्र अतरैला के 388 कुल 986 वन अधिकार वितरित किये जा चुके है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हां। वन परिक्षेत्र डभौरा के कक्ष क्रमांक-259 में 931 लोगों द्वारा अवैध अतिक्रमण किया गया है, जिनके विरूद्ध भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-66 (क) के तहत वन अपराध प्रकरण क्रमांक-261/06 दिनांक 31.01.2021 पंजीबद्ध किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (ग) जी नहीं। वन परिक्षेत्र डभौरा एवं अतरैला के वनक्षेत्रों में कोई भी बस्ती नहीं बसी हुई है। अपितु वन अधिकार अधिनियम, 2006 के तहत पात्र अतिक्रमणकारी दावेदारों को वन अधिकार पत्र प्रदाय किये गये है। (घ) उत्तरांश '''' अनुसार। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

एक से अधिक बार खनिज मात्रा के जांच प्रतिवेदन

[खनिज साधन]

30. ( क्र. 466 ) श्री संजीव सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                             (क) क्या खनिज विभाग भिण्ड में माह जनवरी 2021 से दिसंबर 2021 तक कितने अवैध रेत एवं गिट्टी के प्रकरणों में एक से अधिक बार खनिज मात्रा के जांच प्रतिवेदन दिए गए हैं? यदि हाँ तो क्यों? क्या एक से अधिक बार दिए गए जांच प्रतिवेदनों की जांच में उक्त वाहनों को मुक्त किया गया है? यदि हाँ तो कितने वाहनों का विवरण देवें। क्या ये पुनः जांच प्रतिवेदन भ्रष्टाचार की नीयत से लगाये जाते हैं यदि नहीं, तो एक से अधिक बार जांच प्रतिवेदन लगाने वाले अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हां। खनिज विभाग भिण्ड में माह जनवरी 2021 से दिसम्बर 2021 तक अवैध रेत के एवं गिट्टी के एक-एक प्रकरण में दो बार जांच प्रतिवेदन दिए गए हैं। वाहन क्रमांक UP84-T-9608 खनिज रेत के प्रकरण क्रमांक 30/21-22 में खनि निरीक्षक ने प्रथम दृष्टया जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया था। जिसके अवलोकन उपरांत प्रभारी अधिकारी खनिज शाखा भिण्ड द्वारा खनि निरीक्षक भिण्‍ड को पुन: प्रतिवेदन देने हेतु आदेशित किया गया जिसके पालन में खनि निरीक्षक द्वारा मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम, 2019 के अनुसार अर्थदण्ड/प्रशमन हेतु द्वितीय बार प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। खनि निरीक्षक द्वारा प्रस्तुत दोनों प्रतिवेदनों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे  परिशिष्ट  के प्रपत्र-'' पर है। खनिज गिट्टी के प्रकरण क्रमांक 92/20-21 में वाहन क्रमांक MP04-HB-8514 के संबंध में खनि निरीक्षक द्वारा मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 53 के अनुसार प्रथम बार अवैध परिवहन करना पाये जाने से, प्रथम बार का अर्थदण्ड/प्रशमन राशि प्रस्तावित की गई परन्तु प्रकरण की जांच कार्यालयीन अभिलेखों में पुन: किये जाने पर पाया गया कि उक्त‍ प्रकरण में जप्तशुदा वाहन द्वारा द्वितीय बार खनिज गिट्टी का अवैध परिवहन किया गया है। इस सूचना को प्रभारी अधिकारी खनिज शाखा भिण्ड के संज्ञान में लाया जाकर पुन: प्रतिवेदन देने हेतु आदेश प्राप्त किया गया जिसमें उक्त जप्तशुदा वाहन पर द्वितीय बार का अर्थदण्ड/प्रशमन राशि जमा कराने हेतु प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। खनि निरीक्षक द्वारा प्रस्तुत दोनों प्रतिवेदनों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब पर है। उक्‍त दोनों वाहनों में नियमानुसार अर्थदण्ड/प्रशमन राशि वाहन मालिकों से जमा कराकर वाहन मुक्ति पत्र जारी किये गये। ऐसे जारी पत्रों व जमा राशि की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-स पर है। उक्‍त दोनों प्रकरणों में किसी भी प्रकार से शासन के राजस्व की हानि नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

अतिक्रमण हटाने व दोषियों पर कार्यवाही

[राजस्व]

31. ( क्र. 470 ) श्री योगेन्‍द्र सिंह (बाबा) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्‍व विभाग सारंगपुर, जिला-राजगढ़ द्वारा श्री पवन पुष्‍पद, जीवन पुष्‍पद पिता श्री बंशीलाल पुष्‍पद, वार्ड क्रमांक-16 तलेनी, सारंगपुर, जिला-राजगढ़ में भूमि सर्वे नंबर 13/2/2 तथा 170/1/1 में आवासीय प्‍लाट का पट्टा कब आवंटित किया गया है? (ख) कर्मचारी गृह निर्माण सहकारी समिति तलेनी को शासन द्वारा आवंटित करने तथा समिति के सदस्‍यों को प्‍लाट आवंटित करके रजिस्‍ट्री करवायी गई थी? प्‍लाट क्रमांक 78, 79 तथा 80 पर एवं 30 फीट चौड़ी सड़क जो कि गृह निर्माण सहकारी समिति तलेनी के आधिपत्‍य में है, अतिक्रमण करके प्रधानमंत्री आवास की गाइडलाइन का स्‍पष्‍ट उल्‍लंघन कर रजिस्‍ट्री प्‍लाट, सड़क पर फर्जी रूप से प्रधानमंत्री आवास के निर्माण करवाने, अतिक्रमण करने के दोषियों के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज किया जायेगा? (ग) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व), तहसीलदार एवं मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी, सारंगपुर, जिला-राजगढ़ को दिनांक 04.02.2022 से अभी तक अतिक्रमण हटाने के लिये कितने अभ्‍यावेदन प्राप्‍त हुये हैं? उन अभ्‍यावेदनों पर क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना में आवास स्‍वीकृत करने, राशि का दुरूपयोग करने तथा दूसरों को आवंटित भूमि सड़क तथा प्‍लाट पर अतिक्रमण करने का अपराधिक प्रकरण दर्ज करके अतिक्रमण कब तक हटाया जायेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) राजस्व विभाग द्वारा श्री पवन पुष्पद, जीवन पुष्पद, पिता बंशीलाल पुष्पद को आवासीय प्‍लाट का पटटा आवंटित नहीं किया गया। (ख) जी, हॉं, श्री पवन पुष्पद, जीवन पुष्पद, पिता बंशीलाल पुष्पद निवासी वार्ड क्र. 16 ग्राम तलेनी सारंगपुर जिला राजगढ़ को ग्राम तलेनी जनपत पंचायत सारंगपुर द्वारा वर्ष 1999 में अधिकार पत्र क्रमांक 04 भूमि खसरा नं. 170/1 (पवन पुष्पद) तथा अधिकार पत्र क्रमांक 05 खसरा नं. 170/1 ग्रामीण आवास योजना अन्तर्गत स्‍वीकृत किया गया। जिसके आधार पर नगर पालिका सारंगपुर द्वारा हितग्राही को प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना स्वीकृत की गई। 2- संबंधित हितग्राही श्री पवन पिता बंशीलाल का डी.पी.आर. सरल क्र. 1664 के सरल क्र. 236 पर तथा जय पिता बंशीलाल डी.पी.आर. सरल क्र. 1664 के सरल क्र. 241 पर नाम दर्ज है, जिसे सर्वे सूची में अनुमोदन किया गया है। 3. संबंधित दोनों हितग्राहियों को आवास योजनान्तर्गत प्रथम किश्‍त राशि 1.00 लाख का भुगतान हो चुका है 4. उक्त हितग्राहियों के निर्माण स्थल की प्रथम एवं द्वितीय जियोटेंगिंग की जा चुकी है। संबंधित द्वारा किये जा रहे आवास निर्माण कार्य को जांच पूर्ण होने तक यथास्थिति बनाये रखने हेतु सूचना पत्र जारी किया गया है। (ग) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व)/तहसीलदार सारंगपुर एवं मुख्‍य नगर पालिका सारंगपुर को अतिक्रमण हटाने हेतु 4.2.2022 से अभी तक एक-एक आवेदन पत्र प्राप्त हुये थे जो नगरीय क्षेत्र से संबंधित होने के कारण आगामी कार्यवाही हेतु मुख्‍य नगर पालिका सारंगपुर को प्रेषित किये गये है। अतिक्रमण हटाने हेतु प्राप्‍त आवेदन के संदर्भ में संबंधित हितग्राहियों को प्रकरण में जांच होने तक निर्माण कार्य बन्द रखने हेतु सूचना पत्र जारी किये गये है। (घ) जांच पूर्ण होने के पश्‍चात, जांच निष्‍कर्षों के अनुसार विधिवत कार्यवाही प्रावधानित है।

ओला वृष्टि से प्रभावित फसलों का नुकसान

[राजस्व]

32. ( क्र. 480 ) श्री विशाल जगदीश पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत जनवरी 2022 में हुई बड़े पैमाने पर ओला वृष्टि से इंदौर संभाग के किन-किन जिलों में किस-किस फसल का कितना-कितना रकबा प्रभावित हुआ है? (ख) उपरोक्त जिलों में कितने किसानों को कितना-कितना नुकसान होने का अनुमान है? (ग) उपरोक्त जिलों में किसानों को कितना-कितना मुआवजा दिया गया है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) विगत जनवरी 2022 में इंदौर संभाग के झाबुआ जिले में ओलावृष्टि से गेहूं फसल का रकबा 58.92 हे. एवं मटर फसल का रकबा 2.89 हे. इस प्रकार कुल रकबा 61.81 हे. प्रभावित हुआ है। शेष जिले इन्‍दौर, धार, खंडवा, अलीराजपुर, बड़वानी, बुरहानपुर एवं खरगौन में ओलावृष्टि से फसल क्षति नहीं हुई है। (ख) झाबुआ जिले की तहसील पेटलावद में 323 किसानों का कुल रकबा 61.81 हेक्टर में नुकसान हुआ है। (ग) झाबुआ जिले की तहसील पेटलावद में किसानों को कुल राशि रूपये 18,10,445/- राहत राशि का वितरण किया गया है।

मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना

[श्रम]

33. ( क्र. 490 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला रीवा के विकासखण्ड सिरमौर एवं जवा में जॉबकार्डधारी मजदूरों का मुख्यमंत्री मजदूर योजना एवं मध्यप्रदेश भवन संनिर्माण कर्मकार योजना अंतर्गत पंजीयन कराया गया है? यदि हाँ तो कुल कितने पंजीकृत मजदूर हैं ग्रामवार संख्‍यात्‍मक जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या शासन द्वारा विकासखण्ड सिरमौर एवं जवा के जॉबकार्डधारी मजदूरों का शत-प्रतिशत पंजीयन करा लिया गया है? यदि नहीं, तो कब तक पंजीयन कार्य पूर्ण करा लिया जावेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जिला रीवा के विकासखण्‍ड सिरमौर एवं जवा में म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल अंतर्गत कुल पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की ग्रामवार संख्‍यात्‍मक जानकारी संलग्न  परिशिष्ट  अनुसार है। भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार के पंजीयन हेतु निर्धारित शर्तों की पूर्ति करने वाले सभी श्रमिकों का पात्रता अनुसार पंजीयन संबंधित पदाभिहित अधिकारियों द्वारा किया जाता है। (ख) म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल के अंतर्गत पंजीयन हेतु आवेदनकर्ता श्रमिकों का पात्रता अनुसार पंजीयन संबंधित पदाभिहित अधिकारियों द्वारा किया जाता है। जॉब कार्डधारी मजदूरों का शत-प्रतिशत पंजीयन किये जाने संबंधी कोई निर्देश मण्‍डल स्‍तर से जारी नहीं किये गये हैं।

परिशिष्ट - "तैंतालीस"

गैर बी.पी.एल. कार्डधारी गरीबों को खाद्यान्न उपलब्ध कराना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

34. ( क्र. 497 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                         (क) मध्यप्रदेश में गरीब परिवारों को मिलने वाले राशन की पात्रता के क्या नियम हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित नियमानुसार क्या गैर बी.पी.एल. कार्डधारक गरीब परिवार को राशन उपलब्ध करवाए जाने का नियम है? यदि हाँ तो प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जनपदवार, पंचायतवार एवं नगर परिषदवार कितने गैर बी.पी.एल. कार्डधारक हितग्राहियों को राशन दिया जा रहा है?                                      (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अनुक्रम में प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र के पात्र हितग्राही जिनका बी.पी.एल. कार्ड नहीं बना है क्या उन्हें कैम्प के माध्यम से अथवा पंचायत या जनपद स्तर पर आवेदन लेकर राशन की पात्रता दी जाएगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? पृथक-पृथक जानकारी देवें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित 28 श्रेणी के पात्र परिवारों के पोर्टल पर सत्‍यापन उपरांत जारी पात्रता पर्ची के आधार पर राशन सामग्री वितरण किया जाता है। पात्रता श्रेणी के परिवारों एवं उनके सत्‍यापन की प्रक्रिया की जानकारी पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) गरीबी रेखा की सूची में सम्मिलित परिवारों के अतिरिक्‍त 27 अन्‍य पात्रता श्रेणी के परिवारों को भी सत्‍यापन उपरांत जारी पात्रता पर्ची के आधार पर राशन सामग्री का वितरण किया जाता है। रीवा जिले की सिरमौर विधानसभा क्षेत्र में जनपदवार, पंचायतवार एवं नगर परिषदवार बी.पी.एल. श्रेणी के अतिरिक्‍त अन्‍य श्रेणी में सम्मिलित पात्र परिवारों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब अनुसार है। (ग) सिरमौर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2011 के जनगणना अनुसार 282034 जनसंख्‍या में से 221878 हितग्राहियों को पात्र परिवारों के रूप में सम्मिलित कर राशन का वितरण किया जा रहा है, जिसमें से बी.पी.एल. श्रेणी अंतर्गत 89375 हितग्राही सम्मिलित हैं। विगत एक वर्ष में बी.पी.एल. श्रेणी अंतर्गत 3964 नवीन हितग्राहियों को पात्रता पर्ची जारी की गई है। बी.पी.एल. श्रेणी अंतर्गत पात्र परिवारों के नाम जोड़ने एवं अपात्र परिवारों के नाम हटाना एक सतत् प्रक्रिया है, इस कारण बी.पी.एल. श्रेणी में नाम जोड़ने हेतु केम्‍प लगाने अथवा पंचायत स्‍तर पर आवेदन लेने की कार्यवाही करने की आवश्‍यकता प्रतीत नहीं होती है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सार्वजनिक खाद्यान्‍न प्रणाली अंतर्गत खाद्यान्‍न वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

35. ( क्र. 507 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                       (क) राजगढ़ जिले की जीरापुर तहसील के ग्राम गोपालपुरा, ग्राम पंचायत महाराजपुरा में कितने दिनों में सार्वजनिक खाद्यान्‍न प्रणाली (पी.डी.एस.) अंतर्गत खाद्यान्‍न उपलब्‍ध नहीं करवाया गया है? (ख) क्‍या इस हेतु ग्रामीणों द्वारा खाद्यान्‍न नहीं बंटने का शिकायती आवेदन पत्र दिया गया? य‍दि हां, तो उस पर क्‍या कार्यवाही की गई? हितग्राहियों को खाद्यान्‍न कब तक उपलब्‍ध करवाया जाएगा?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्‍नांकित जिले की प्रश्‍नांकित‍ तहसील के ग्राम गोपालपुरा, ग्राम पंचायत महाराजपुरा के पात्र परिवारों को शासकीय उचित मूल्‍य दुकान जीरापुर (3201069) से सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत प्रतिमाह खाद्यान्‍न उपलब्‍ध कराया जा रहा है। (ख) जी हां। प्राप्‍त आवेदन पत्र के आधार पर 48 पात्र परिवारों को पोर्टल पर शासकीय उचित मूल्‍य दुकान जीरापुर (3201069) से जोड़ दिया गया है। पात्र परिवारों को वन नेशन वन राशनकार्ड अंतर्गत किसी भी उचित मूल्‍य दुकान से राशन सामग्री प्राप्‍त करने हेतु पोर्टेबिलिटी की सुविधा भी उपलब्‍ध है। इस संबंध में ग्राम गोपालपुरा के पात्र परिवारों को अवगत भी कराया गया है। हितग्राहियों हेतु खाद्यान्‍न दुकान पर उपलब्‍ध है।

गागोरनी बैराज निर्माण की स्‍वीकृति

[जल संसाधन]

36. ( क्र. 508 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                      (क) क्‍या राजगढ़ जिले की जीरापुर तहसील के अंतर्गत ग्राम गागोरनी में बैराज निर्माण बजट में शामिल किया गया था? (ख) यदि हां, तो इसकी टेण्‍डर प्रक्रिया कब तक पूर्ण की जाएगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी हाँ, राजगढ़ जिले की जीरापुर तहसील के अंतर्गत ग्राम गागोरनी में बैराज निर्माण बजट में शामिल किया गया था। गागोरनी बैराज के निर्माण कार्य का टेण्‍डर दिनांक 02.02.2022 को आमंत्रित किया गया है। टेण्‍डर प्रक्रिया पूर्ण करने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

संबल योजना के संबंध में

[श्रम]

37. ( क्र. 529 ) श्री अनिल जैन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                        (क) संबल योजना में निवाड़ी विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2018 से आज दिनांक तक कितने संबल हितग्राही पंजीकृत किये गये तथा उनमें कितने हितग्राहियों को सत्यापन का बहाना लेकर अपात्र किया गया? (ख) प्रश्‍नांश '' के परिप्रेक्ष्य में अपात्र हितग्राहियों में से पुनः सत्यापित कर उन्हें कब तक योजना का लाभ प्राप्त हो जायेगा तथा इस अपात्रता की समयावधि में जो भी आर्थिक नुकसान हितग्राही का हुआ है इस हेतु क्या योजना है? (ग) प्रश्‍नांश '' के परिप्रेक्ष्य में संबल योजनांतर्गत कितने हितग्राहियों को शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त हुआ है? वर्षवार, योजनावार एवं हितग्राहियों की संख्‍यात्‍मक जानकारी देवें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) संबल योजना में निवाड़ी विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2018 से आज दिनांक तक 91634 संबल हितग्राही पंजीकृत किये गये। म.प्र. शासन मंत्रालय, वल्लभ भवन, भोपाल के पत्र क्रमांक 869/595/2019/ए-16 भोपाल दिनांक 02/07/2019 द्वारा संबल योजना में पंजीकृत श्रमिकों के भौतिक सत्यापन हेतु निर्देश जारी किये गये थे। जिसके अनुक्रम में भौतिक सत्यापन की कार्यवाही में विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी में 20174 व्यक्ति पंजीयन हेतु अपात्र पाये गये। (ख) म.प्र. शासन मंत्रालय भोपाल पत्र क्रमांक 211/1581/2020/ए-16 भोपाल दिनांक 12/02/2020 एवं क्रमांक 1044/1518/2020/ए-16 भोपाल दिनांक 26/11/2020 द्वारा भौतिक सत्यापन में अपात्र हितग्राहियों हेतु अपील का प्रावधान किया गया है। अपील में पात्र पाये जाने की दशा में हितग्राही को हितलाभ प्रदान किया जाता है। समस्त स्वीकृत एवं डिजीटली साइन्ड प्रकरणों में हितलाभ का भुगतान बजट उपलब्धता अनुसार मृत्यु दिनांक की प्राथमिकता के आधार पर प्रदान किया जाता है। श्रम विभाग अंतर्गत मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना में पात्र हितग्राही को मृत्यु उपरांत अंत्येष्टि एवं अनुग्रह सहायता दिये जाने का प्रावधान है। अतः अपात्र रहने की स्थिति में आर्थिक नुकसान का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) निवाड़ी विधानसभा क्षेत्र में संबल योजना की विभिन्न योजनाओं अंतर्गत कुल 1344 हितग्राहियों को लाभांवित किया गया है। जिसकी वर्षवार, योजनावार, जानकारी निम्नानुसार हैः-

क्र.

वर्ष

अंत्येष्टि

सामान्य मृत्यु

दर्घटना मृत्यु

सथाई अपंगता

आंशिक अपंगता

1.

2018

131

86

28

1

0

2.

2019

286

158

29

0

3

3.

2020

198

138

19

0

0

4.

2021

93

150

17

0

0

5.

2022

0

5

2

0

0

योग

708

537

95

1

3

 

 

मत्‍स्‍य पालकों को पुरस्‍कृत किया जाना

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

38. ( क्र. 530 ) श्री अनिल जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                    (क) निवाड़ी जिले में विभाग के मार्गदर्शन में कितने मत्स्य पालन तालाब पट्टे पर कार्यरत हैं, तालाब का नाम, ग्राम, रकवा, पट्टाधारी का नाम, पट्टे की अंतिम तिथि, वार्षिक मत्स्य उत्पादन तथा तालाब में भागीदार मत्स्य पालकों मछुआरों की संख्या की जानकारी दी जावे। (ख) क्या सर्वोत्तम मछुआरों मत्स्य पालकों को प्रतिवर्ष पुरस्कृत किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ तो वर्ष 2021-2022 में क्या लक्ष्य था और अब तक कितनों को पुरस्कृत किया जा चुका है? शेष मछुआ मत्स्यपालकों को कब तक पुरस्कृत किया जा सकेगा ? (ग) क्या निवाडी जिले में विभाग का जिला कार्यालय एवं जिला कार्यालय प्रमुख अधिकारी कार्यालय के पदों की स्वीकृति शासन द्वारा दे दी गई है? यदि हाँ तो आदेश दिनांक से अवगत कराया जावे और यदि नहीं, तो विभाग के विभिन्न कार्यालयों द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी कार्यालयवार देते हुए अद्यतन स्थिति से अवगत कराया जावे।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विभाग के मार्गदर्शन में निवाडी जिले के 35 तालाब पट्टे पर आवंटित है जिनकी मछुआ सदस्‍य संख्‍या 1662 है। तथा वार्षिक मत्‍स्‍य उत्‍पादन 530-87 मे. टन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। कलेक्‍टर निवाडी के अर्द्ध शासकीय पत्र क्रमांक 972 दिनांक 17.12.2020 से विभाग की योजनाओं के क्रियान्‍वयन के संबंध में लेख किया था तदनुसार संचालनालय के आदेश क्र. 3611 दिनांक 02.02.2020 से तृतीय श्रेणी के 02 एवं चतुर्थ श्रेणी के 03 कर्मचारियों की डियूटी लगाई गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र- ब अनुसार

स्व-सहायता समूह द्वारा धान खरीदी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

39. ( क्र. 554 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                    (क) क्‍या वर्ष 2021-2022 में शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर धान खरीदी स्व-सहायता समूह के माध्यम से की गई थी। दमोह जिले में धान खरीदी के लिए कितने समूह के द्वारा आवेदन किए गए थे? विधानसभावार, खरीदी केंद्रवार, किये गए आवेदन पत्र की दस्तावेजों सहित सूची देवें।                                      (ख) क्या धान खरीदी के लिए स्व-सहायता समूह का चयन किया जाना था? चयन के क्या निर्धारित मापदंड थे? तो उसकी प्रति देवें। समूह का चयन किस आधार पर किया गया? (ग) क्या जबेरा विधानसभा अंतर्गत तेंदूखेड़ा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत पूरा बैरागढ़ धान खरीदी केंद्र पर किस स्व-सहायता समूह के द्वारा धान खरीदी की गई है? समिति का नाम, समिति द्वारा धान खरीदी पश्चात भंडारा कहां पर किया गया, वेयर हाउस के नाम सहित, कितनी बोरी धान खरीदी गई की जानकारी देवें। (घ) क्या प्रश्‍नांश (ग) में समिति द्वारा खरीदी केंद्र पर खरीदी गई अमानक धान की गुणवत्ता की जांच की जा सकती है? यदि हाँ तो कब तक?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हां। जिला दमोह में खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्‍य पर धान खरीदी हेतु 109 स्‍व-सहायता समूहों द्वारा आवेदन किए गए थे। उपार्जन कार्य हेतु स्‍व-सहायता समूहों द्वारा प्रस्‍तुत आवेदनों की विधानसभावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट- '' अनुसार है। (ख) जी हां। खरीफ विपणन वर्ष 2021-2022 में समर्थन मूल्‍य पर धान उपार्जन हेतु NRLM की पंजीकृत स्‍व-सहायता समूह को पंजीयन/उपार्जन का कार्य आवंटित निर्धारित मापदण्‍ड अनुसार ही किया गया है। स्‍व-सहायता समूह को पंजीयन/उपार्जन कार्य आवंटित करने के संबंध में निर्धारित मापदण्‍ड हेतु जारी निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट- '' अनुसार है। (ग) जबेरा विधानसभा अंतर्गत तेंदूखेड़ा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत पूरा बैरागढ़ में बाके बिहारी स्‍व-सहायता समूह द्वारा 23,043 क्विंटल धान की खरीदी की गई है। समूह द्वारा उपार्जित धान की भंडारित मात्रा एवं जिस गोदाम में उपार्जित धान का भंडारण किया गया उसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट– '' अनुसार है। (घ) खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्‍य पर धान उपार्जन के समय केन्‍द्र पर एवं भंडारण स्‍थल पर गुणवत्‍ता की जांच की जाती है एवं स्‍कन्‍ध एफ.ए.क्‍यू. गुणवत्‍ता की फसल पाए जाने पर ही वेयर हाउस में भण्‍डारण कराया जाता है। गोदाम में भंडारित धान की पुन: जांच की आवश्‍यकता प्रतीत नहीं होती है। कोई विशेष शिकायत/तथ्‍य प्रकाश में आने पर ही गुणवत्‍ता की जांच की कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

बैतूल जिले के रैयतवारी ग्राम

[राजस्व]

40. ( क्र. 556 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                      (क) बैतूल जिले के 1303 राजस्व ग्रामों में से कौन सा ग्राम रैयतवारी ग्राम है? वर्ष 2018-19 की गिरदावरी के समय 1303 ग्रामों में से किस ग्राम में गैर खाते की किस-किस मद में कितनी भूमि दर्ज होना पाया गया है? (ख) गैर खाते की भूमि राजस्व विभाग निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख, खसरा पंजी में किस-किस जंगल मद एवं गैर जंगल मद में और किस-किस सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजन के लिये दर्ज करता है? इन भूमियों के संबंध में भू-राजस्व संहिता 1959 के अध्याय 18 की किस धारा में क्या प्रावधान दिया गया है? (ग) गैर खाते की निस्तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख में दर्ज कितने ग्रामों की कितनी भूमि कितने संरक्षित वन कक्ष एवं नारंगी वन कक्षों में शामिल की गई है? इसमें से कितनी भूमि वर्किंग प्लान में भी वन विभाग ने शामिल कर ली है? (घ) गैर खाते की सार्वजनिक प्रयोजनों के लिए दर्ज जमीनों को वर्किंग प्लान में शामिल करने की अनुमति कलेक्टर बैतूल या मध्यप्रदेश शासन, राजस्व विभाग भोपाल ने किस दिनांक को दी है? प्रति सहित बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) बैतूल जिले के रैयतवारी ग्रामों की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट – '''' अनुसार है। वर्ष 2018-19 में 1303 राजस्‍व ग्राम जो वर्तमान में 1358 ग्राम बन चुके है जिनकी गैर खाते की भूमि की मदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट – '''' अनुसार है। (ख) गैर खाते की भूमि राजस्व विभाग निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख, खसरा पंजी में बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल मद एवं पहाड़-चट्टान, रास्‍ता, चरनोई, पानी के नीचे, आबादी गौठान मद में इमारती लकड़ी या ईंधन,चारागाह, घास, कब्रस्तान तथा श्मशान भूमि, गोठान, शिविर भूमि, खलिहान, बाजार, पाठशालाओं, खेल के मैदानों, उद्यानों, सड़कों, गलियों, नालियों जैसे लोक प्रयोजनों के लिए दर्ज की जाती है। म.प्र.भू-राजस्व संहिता 1959 के अध्याय 18 की धारा- 234 में निस्‍तार पत्रक तैयार किये जाने के संबंध में निर्देश है, धारा – 235 एवं 236 में निस्‍तार पत्रक में उपबंध के संबंध में प्रावधान है धारा- 237 में दखलरहित भूमि को निस्तारी प्रयोजन हेतु पृथक रखे जाने के संबंध में निर्देश एवं प्रावधान है। (ग) वनमंडलाधिकारी (सा.) उत्‍तर, दक्षिण एवं पश्चिम के प्रतिवेदन अनुसार उत्तर बैतूल (सा.) वनमंडल के अंतर्गत भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा - 4 (1) के तहत 114 वनखण्‍डों (वन विकास निगम बैतूल को हस्तांतरित 16 वनखंड भी शामिल) में शामिल 112 ग्रामों की 16332.444 हे. भूमि 145 संरक्षित वनकक्षों एवं भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 4 (1) में प्रस्तावित 51 वनखंडों में शामिल 34 ग्रामों की 1425.778 हे. भूमि 51 वनकक्षों में शामिल की गई है। उल्लेखित भूमि वनमंडल एवं वन विकास निगम बैतूल की प्रचलित कार्य आयोजना में शामिल है। दक्षिण बैतूल (सा.) वनमंडल के अन्तर्गत भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-4 (1) के तहत् अधिसूचित 292 सीमांकित संरक्षित वनखण्डों में 248 ग्रामों की 34657.192 हे. भूमि वनभूमि 320 संरक्षित वनकक्षों में शामिल की गई है। उल्लेखित भूमि वनमंडल की प्रचलित कार्य आयोजना में शामिल है। पश्चिम बैतूल (सा.) वनमंडल के अंतर्गत भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा – 4 (1) के तहत 156 वनखंडों में शामिल 117 ग्रामों की 23578.00 हे. भूमि 179 वनकक्षों में एवं भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा-4 (1) में प्रस्तावित 56 वनखंडों में शामिल 23 ग्रामों की 1795.101 हे. भूमि 55 वनकक्षों में शामिल की गई है। (घ) गैर खाते की सार्वजनिक प्रयोजनों के लिए दर्ज जमीनों को वर्किंग प्लान में शामिल करने की अनुमति कलेक्टर बैतूल या राजस्‍व विभाग के द्वारा नहीं दी गई।

राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना

[खनिज साधन]

41. ( क्र. 562 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजपत्र दिनांक 6 सितम्बर 2013 में ''परन्तु राज्य सरकार के सार्वजनिक उपक्रम, प्राधिकरण, मण्डल, स्थानीय निकाय अथवा राज्य के सरकारी विभागों के अधीन किए गए और किए जाने वाले समस्त निर्माण कार्यों के लिये साधारण मिट्टी और मुरम पर रॉयल्टी देय नहीं होगी'' का प्रावधान किया गया था? (ख) यदि हाँ तो इस अधिसूचना में किस-किस दिनांक को राजपत्र में संशोधन प्रकाशित कर ''रायल्टी देय नहीं होगी के स्थान पर प्रति क्यूबिक मीटर रॉयल्टी की क्या दर निर्धारित की गई है? यह रॉयल्टी राज्य सरकार के किस-किस उपक्रम, प्राधिकरण, मण्डल, स्थानीय निकाय अथवा सरकारी विभाग के अधीन करवाए गए किन-किन निर्माण कार्यों में देय होगी? (ग) निजी भूमि के समतलीकरण, तालाब निर्माण एवं गहरीकरण, कुआं निर्माण आदि से मिट्टी एवं मुरम का खनन किए जाने, उनका भण्डारण किए जाने और उनका उसी निजी भूमि पर उपयोग किए जाने पर किस-किस की अनुमति लिए जाने और किस दर से रॉयल्टी जमा करवाए जाने की अधिसूचना राजपत्र में किस दिनांक को प्रकाशित की गई? प्रति सहित बतावें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्‍नांश (क) में दिये उत्‍तर अनुसार इस अधिसूचना में प्रश्‍नानुसार संशोधन नहीं किये गये हैं। प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित अधिसूचना स्‍वयं स्‍पष्‍ट है। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। प्रश्‍नानुसार कोई अधिसूचना प्रकाशित नहीं की गई है।

खनिज खदानों की नीलामी

[खनिज साधन]

42. ( क्र. 572 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में रेत खदानों की नीलामी कब से नहीं की गयी है? शासन के अधीन रेत खदानें किस दिनांक से हैं? शासन के अधीन दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक रेत खदानों से कितनी-कितनी मात्रा में रेत का उत्खनन हुआ है एवं उसके विरुद्ध कितनी-कितनी राशि शासन को प्राप्त हुई है? तहसीलवार, खदानवार, उत्खनन रेत की मात्रा एवं वसूली गयी रायल्टी की राशि से अवगत करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि रेत खनन नहीं हुआ है तो क्षेत्र के शासकीय एवं अशासकीय निर्माण कार्य के लिए कहां से रेत आ रही है? (ग) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में रेत खदानों की नीलामी न होने के कारण शासन को कितनी राशि की क्षति हुई है एवं क्षति के लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है? उत्तरदायी अधिकारी के विरुद्ध शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गयी है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) राजगढ़ जिले में संचालनालय, भौमिकी तथा खनिकर्म के आदेश दिनांक 24/06/2021 से आवंटित रेत समूह का ठेका निरस्‍त किया गया। जिला रेत खदान समूह की पुन: नीलामी, ई-निविदा के माध्‍यम से दिनांक 18/01/2022 से प्रारंभ की गई है तथा दिनांक 21/02/2022 से सफल निविदाकार को सूचना पत्र जारी किया गया है। जिला रेत खदान समूह का ठेका निरस्‍ती उपरांत रेत खदानें प्रश्‍न दिनांक तक शासन के अधीन है तथा उत्‍खनन की अनुमति ना होने राजस्‍व के संबंध में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जिला राजगढ़ की खनिज रेत की नीलामी ना होने के कारण क्षेत्र के शासकीय एवं अशासकीय निर्माण के लिए समीपवर्ती अन्‍य जिलों के विधिमान्‍य ठेकेदारों द्वारा खनिज रेत की आपूर्ति की जा रही है। (ग) जिले से प्राप्‍त जानकारी अनुसार रेत खदानों की नीलामी न होने की अवधि में शासकीय एवं अशासकीय निर्माण कार्यों के लिए अन्‍य जिलों के विधिमान्‍य ठेकेदारों से रेत की आपूर्ति किये जाने से शासन को राजस्‍व हानि‍ की स्थिति निर्मित नहीं होती है। अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थि‍त नहीं होता है।

परिवहन विभाग में अटैच वाहनों में अनियमितता

[परिवहन]

43. ( क्र. 613 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन, इंदौर संभाग में परिवहन विभाग में कुल कितने निजी वाहन किस-किस वाहन मालिक के कहाँ-कहाँ अटैच हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) संदर्भित अटैच वाहनों के फिटनेस, बीमा, प्रेस विज्ञप्ति व अन्य दस्तावेजों की प्रतिलिपि 1 जनवरी 2018 के पश्चात की जानकारी देवें। क्या उक्त अवधि में सभी जगह निविदा आनलाइन की गई थी? यदि नहीं, तो क्यों? निविदा ऑनलाइन/आफ़लाईंन के संबंध में विभाग के क्या नियम हैं? (ग) उक्त संभागों में 1 जनवरी 2018 के पश्चात विभिन्न निविदा में कुल कितने आवेदकों ने भाग लिया? क्या उक्त संभागों में संबंधित विभागों में सिंडीकेट बनाकर विभाग के परिवारजन के नाम पर वाहनों को अटैच कर, खुद ही बिल पास कर रहे है? इस संबंध में कितनी शिकायत उच्च अधिकारियों को प्राप्त हुई उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या विभाग में अटैच वाहन, जिसका निविदा में चयन हो गया है उस वाहन को 2 माह पश्चात बदला जा सकता है? यदि हाँ तो किस नियम के तहत? नियम की प्रतिलिपि देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) उज्जैन, इंदौर संभाग में परिवहन विभाग में कुल अटैच निजी वाहन संख्या एवं वाहनों मालिकों की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) संदर्भित अटैच वाहनों के वांछित समयावधि के फिटनेस, बीमा, प्रेस विज्ञप्ति व अन्य दस्तावेजों की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब अनुसार है। परिवहन आयुक्त द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति/वाहन व्यय की अधिकतम सीमा निर्धारित की गई है जिसके आधार पर उक्त अवधि में परिवहन कार्यालयों द्वारा ऑफलाईन, पारदर्शी तरीके से प्रेस विज्ञप्ति प्रकाशित की जाकर निविदा आमंत्रित की गई है अथवा जिला कलेक्टर के आदेश पर वाहन अटैच किये गए। मध्यप्रदेश भण्डार क्रय उपार्जन नियम, 2015 के प्रावधान अनुसार रू. पांच लाख से अधिक व्यय की स्थिति में ऑनलाईन निविदा एवं रू. पांच लाख से कम व्यय की स्थिति में ऑफलाईन निविदा आमंत्रित करने का नियम है। (ग) उक्त संभागों में 1 जनवरी 2018 के पश्‍चात् विभिन्न निविदा में भाग लेने वाले आवेदकों की संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। 1 जनवरी 2018 के पश्चात उक्त संभागों के विभिन्न कार्यालयों में समाचार पत्रों के माध्यम से प्रकाशित की गई विज्ञप्ति के द्वारा खुली निविदायें आमंत्रित की जाकर निविदा में भाग लेने वाले निविदाकारों में से नियमानुसार चयनित वाहन अटैच किये गये हैं जिनके बिल परिवहन आयुक्त द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति/वाहन व्यय की अधिकतम निर्धारित सीमा के आधार पर किया जाता है। अटैच वाहनों के वाहन स्वामी विभाग के किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के परिवारजन नहीं है। इस संबंध में उच्च अधिकारियों को प्राप्त शिकायतों की जानकारी निरंक है। (घ) निविदा में चयनित निविदाकार से किये गये अनुबंध की शर्तों के आधार पर वाहन में यांत्रिक/तकनीकी खराबी होने की स्थिति में वाहन स्वामी के द्वारा अन्य वाहन वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में उपलब्ध कराया जाता है।

नामांतरण, बंटवारा के प्रकरणों की जानकारी

[राजस्व]

44. ( क्र. 642 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                           (क) मुरैना जिले की तहसील कैलारस व सबलगढ़ में अप्रैल 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने आवेदन नामांतरण, बटवारें, सीमांकन के प्राप्‍त हुए, की जानकारी ग्रामवार दी जावें। (ख) क्‍या प्राप्‍त आवेदनों में से शासन के नियमों, निर्देशानुसार निराकरण की क्‍या समय-सीमा निर्धारित है?                                         (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (क) में प्राप्‍त आवेदन समय-सीमा में निराकृत हो चुके हैं अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण बताते हुए कब तक उनका निराकरण कर दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) मुरैना जिले की तहसील कैलारस व सबलगढ़ में अप्रैल 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक नामांतरण, बटवारें एवं सीमांकन के प्राप्‍त आवेदनों की जानकारी निम्नानुसार है :-

 

तहसील

नामांतरण

बंटवारा

सीमांकन

सबलगढ़

3027

206

68

कैलारस

3956

289

30

योग

6983

495

98

ग्रामवार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट  अनुसार हैI (ख) जी हाँI नामांतरण, बटवारें एवं सीमांकन के प्राप्‍त आवेदनों की निर्धारित समय-सीमा निम्नानुसार हैI 1-अविवादित नामांतरण - 30 कार्य दिवस 2-अविवादित बंटवारा - 90 कार्य दिवस 3-सीमांकन - 45 कार्य दिवस 4-विवादित नामांतरण - 05 माह 5-विवादित बंटवारा - समय-सीमा नियत नहींI (ग) प्रश्‍नांश (क) में प्राप्‍त आवेदनों के निराकरण/शेष की जानकारी निम्नानुसार है :-

तहसील नामांतरण बंटवारा सीमांकन

निराकृत शेष निराकृत शेष निराकृत शेष

सबलगढ़ 2322 705 108 98 68 0

कैलारस  3290 666 198 91 26 4

योग       5612 1371 306 189 94 4

उक्त शेष प्रकरण उनके समय-सीमा में निराकरण हेतु संबंधित राजस्‍व न्‍यायालयों में प्रचलित है।

ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में संचालित दुकानें

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

45. ( क्र. 643 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                  (क) जिला मुरैना की तहसील कैलारस व सबलगढ़ में शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में कितनी उचित मूल्‍य की दुकानें संचालित हैं? यह जानकारी शहर एवं ग्रामीण की अलग-अलग दी जावें।                                                                  (ख) उपरोक्‍त में से कितनी उचित मूल्‍य की दुकानों के अनियमितता होने की शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं व कितनी शिकायतों की जांच हो चुकी है? जांचकर्ता अधिकारी के नाम पद बताते हुये जांच प्रतिवेदन से अवगत करावें। (ग) ग्रामीण इलाकों में कितनी ऐसी उचित मूल्‍य की दुकानें हैं जहां गरीब परिवारों को राशन लेने के लिये पांच किलोमीटर व इससे ज्‍यादा दूरी के लिये राशन प्राप्‍त करने लिये आना/जाना पढ़ता है? इस हेतु विभाग क्‍या व्‍यवस्‍था उपलब्‍ध करायी गयी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है। (ग) तहसील सबलगढ़ में 05 एवं तहसील कैलारस में 13 पंचायतों में उपभोक्‍ताओं को 5 किलो‍मीटर से अधिक दूरी पर खाद्यान्‍न लेने जाना पड़ता है। ऐसे स्‍थानों पर पंचायतवार नवीन उचित मूल्‍य दुकानें खोले जाने की प्रक्रिया प्रचलित है।

रिसोर्ट/लॉज निर्माण हेतु अनुमति

[वन]

46. ( क्र. 650 ) श्री संजय उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कान्हा राष्ट्रीय उद्यान मंडला में उद्यान के कोर एवं बफ़र क्षेत्र में रिसोर्ट/लॉज निर्माण हेतु स्थानीय सलाहकार मंडल से अनुमति प्राप्त करनी पड़ती है? (ख) यदि हाँ तो कौन-कौन से रिसोर्ट/लॉज के मालिकों ने स्थानीय सलाहकार मंडल से अनुमति कब-कब प्राप्त किया है? उसकी सूची एवं कौन-कौन से रिसोर्ट/लॉज ने अनुमति प्राप्त नहीं किया है, उसकी सूची उपलब्ध करावें। (ग) कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के कोर एवं बफ़र क्षेत्र में कौन-कौन से रिसोर्ट/लॉज कब-कब से संचालित किए जा रहे हैं? उसकी सूची उपलब्ध करावें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हां। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-1 में है।                                        (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-2 में है।

परिशिष्ट - "चौवालीस"

संबल-कर्मकार मंडल अनुग्रह राशि

[श्रम]

47. ( क्र. 728 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2022 की स्थिति में रायसेन जिले में मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण (संबल) योजना तथा मध्‍यप्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार मण्‍डल में पंजीकृत श्रमिकों की मृत्‍यु के उपरांत अनुग्रह सहायता राशि भुगतान के कितने प्रकरण किस स्‍तर पर कब से क्‍यों लंबित हैं? (ख) उक्‍त लंबित प्रकरणों का कब तक निराकरण होगा तथा संबंधित के परिजनों को राशि का भुगतान कब तक होगा? (ग) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में माननीय मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को 1 जनवरी 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्‍त हुए तथा उन पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) माननीय विधायकों के पत्रों में उल्‍लेखित किन-किन समस्‍याओं का निराकरण हुआ तथा किन-किन समस्‍याओं का निराकरण क्‍यों नहीं हुआ? कारण बतायें तथा निराकरण कब तक होगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) रायसेन जिले में फरवरी 2022 की स्थिति में मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना के अंतर्गत पंजीकृत श्रमिकों की मृत्यु उपरांत अनुग्रह सहायता राशि के 608 प्रकरण बजट अनुपलब्‍धता के अभाव में लंबित है। रायसेन जिले में फरवरी 2022 की स्थिति में म.प्र. भवन संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मंडल अंतर्गत सहायता के भुगतान हेतु कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। (ख) म.प्र. शहरी/ग्रामीण असंगठित कर्मकार मंडल की (संबल) योजना के अंतर्गत पंजीकृत श्रमिकों की मृत्‍यु उपरांत अनुग्रह सहायता राशि के लंबित प्रकरणों में पर्याप्‍त आवंटन प्राप्‍त होने पर अनुग्रह सहायता का भुगतान किया जा सकेगा। (ग) म.प्र. शहरी/ ग्रामीण असंगठित कर्मकार मंडल (संबल) योजना माननीय मंत्री महोदय जी को प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय द्वारा 01 मार्च 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में प्रेषित पत्रों के संबंध में वांछित जानकारी  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र 01 के कॉलम 02 एवं 03 अनुसार है। म.प्र. भवन एवं संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मंडल तथा विभाग के अधिकारियों को 1 जनवरी 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में रायसेन जिले के विधायकों से 01 पत्र प्राप्‍त है। उक्‍तानुसार प्राप्‍त पत्र पर की गई कार्यवाही संबंधी जानकारी  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र 02 अनुसार है। (घ) म.प्र. शहरी/ग्रामीण असंगठित कर्मकार मंडल (संबल) माननीय विधायकों के पत्रों में उल्लेखित लंबित भुगतान की समस्या के संबंध में किये गये निराकरण की जानकारी  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र 01 के कॉलम 04 अनुसार है। माननीय विधायक महोदय के समस्‍त पत्रों में उल्‍लेखित समस्‍याओं का निराकरण किया गया है, मात्र एक प्रकरण श्री भगवान दास रैकवार में भुगतान की कार्यवाही प्रचलन में है, यद्यपि इसमें भी स्‍वीकृति की कार्यवाही पूर्ण है एवं एक पत्र जो कि दिनांक 26.02.2022 को मण्‍डल कार्यालय को प्राप्‍त है, निराकरण हेतु दिनांक 28.02.2022 को श्रम पदाधिकारी मण्‍डीदीप को भेजा गया है। जिस पर कार्यवाही प्रचलन में है। म.प्र. भवन एवं संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मंडल माननीय विधायक महोदय के पत्रों में उल्‍लेख समस्‍यओं के निराकरण की जानकारी  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र 02 अनुसार है।

अनुग्रह राशि का भुगतान

[राजस्व]

48. ( क्र. 729 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                          (क) रायसेन जिले में कोविड-19 संक्रमण से मृत्‍यु पर अनुग्रह राशि भुगतान हेतु नवम्‍बर 21 से 10 फरवरी 22 तक की अवधि में कितने आवेदन पत्र प्राप्‍त हुये? विकासखण्‍डवार संख्‍या बतायें।                                                    (ख) कितने प्रकरणों में अनुग्रह राशि का भुगतान किया गया? विकासखण्‍डवार संख्‍या बतायें तथा किन-किन के प्रकरण राशि भुगतान हेतु किस स्‍तर पर कब से क्‍यों लंबित हैं तथा कब तक राशि का भुगतान होगा? (ग) किन-किन प्रकरणों को क्‍यों निरस्‍त किया गया? प्रकरणवार कारण बतायें तथा संबंधित व्‍यक्तियों को प्रकरण निरस्‍त की सूचना किस माध्‍यम से कब दी गई? (घ) कोविड-19 संक्रमण से मृत्‍यु पर अनुग्रह राशि भुगतान के आवेदन पत्र अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व द्वारा संबंधित के परिजनों को संबंधित अस्‍पताल से लिखवाकर लाने को बाध्‍य क्‍यों किया जा रहा है तथा आवेदन पत्र जमा क्‍यों नहीं किये जा रहे हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) विकासखण्‍डवार  जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट–'''' अनुसार है। (ख) रायसेन जिले में कुल 201 प्रकरणों में अनुग्रह राशि का भुगतान किया गया है तथा कुल 28 प्रकरणों में अनिवार्य दस्‍तावेज/अभिलेख प्रस्‍तुत नहीं किये जाने के कारण लंबित है। विकासखण्‍डवार  जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट–'''' अनुसार है। (ग) एक प्रकरण में मृतक जिला रीवा का निवासी होने से निरस्‍त किया गया। आवेदक को डाक द्वारा तथा दूरभाष के माध्‍यम से सूचित किया। (घ) संबंधित के परिजनों को अस्‍पताल से लिखवाकर लाने के लिए बाध्‍य नहीं किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

परिशिष्ट - "पैंतालीस"

 

राशन दुकानों की जांच

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

49. ( क्र. 742 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                  (क) सिंहावल विधानसभा क्षेत्र में कुल कितनी राशन की दुकानें हैं? (ख) 1 जनवरी, 21 से प्रश्‍न दिनांक तक सिंहावल विधानसभा क्षेत्र की किस-किस राशन दुकान की जांच किस अधिकारी द्वारा किस तारीख को की गई? (ग) उपरोक्‍त जांच में किस राशन की दुकान में गड़बड़ी पाई गई?                                                    (घ) जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर किस दुकान के संचालक पर क्‍या कार्यवाही की गई?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) सिंहावल विधानसभा क्षेत्र में सीधी जिले में 92 एवं सिंगरौली जिले में 42 शासकीय उचित मूल्‍य दुकानें संचालित हैं। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट '' अनुसार है। (ग) सिंगरौली जिले में जांच में कोई गड़बड़ी नहीं पायी गई। सीधी जिले की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  '' अनुसार है। (घ) सीधी जिले के जनपद पंचायत सिंहावल क्षेत्र के अंतर्गत उचित मूल्‍य दुकान महुआर के विक्रेता को 5,000 रुपये की प्रति‍भूति राशि राजसात की गई। उचित मूल्‍य दुकान सिहौलिया के विक्रेता को सार्वजनि‍क वितरण प्रणाली के दायित्‍व से पृथक किया गया एवं उचित मूल्‍य दुकान बिठौली के विक्रेता को पद से पृथक कर दिया गया है। सिंगरौली जिले में कोई गड़बड़ी नहीं पाये जाने के कारण कोई कार्यवाही नहीं की गई है।

परिशिष्ट - "छियालीस"

बी.पी.एल. परिवारों की खाद्यान्न पर्ची का वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

50. ( क्र. 761 ) श्री संजीव सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                  (क) विधानसभा क्षेत्र भिण्ड अंतर्गत वर्ष 2018-19 से प्रश्‍न दिनांक तक गरीबी रेखा में नाम जोड़ने हेतु कितने हितग्राहियों के आवेदन प्राप्त हुए हैं? उनके विरुद्ध कितने पात्र हितग्राहियों के नाम गरीबी रेखा में जोड़ते हुए बी.पी.एल. कूपन जारी किये गये? नगरवार, ग्रामपंचायतवार, संख्यावार जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों की श्रेणियों के हितग्राहियों के विरुद्ध कितने हितग्राहियों को खाद्यान्न पर्ची जारी कर दी गई है एवं कितनों की शेष हैं? वर्षवार, नगरवार/वार्डवार, ग्रामपंचायतवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) अंतर्गत शेष बी.पी.एल. कूपनधारी एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों की श्रेणियों के हितग्राहियों को कब तक खाद्यान्न पर्ची जारी कर दी जावेगी? विलंब करने वाले अधिकारी/के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र भिण्ड के अंतर्गत वर्ष 2018-19 से प्रश्‍न दिनांक तक गरीबी रेखा के नाम जोड़ने हेतु 8753 हितग्राहियों के आवेदन प्राप्त किये गये, उनके विरूद्ध 3473 पात्र हितग्राहियों के नाम गरीबी रेखा में जोड़ते हुए बी.पी.एल. कूपन (राशनकार्ड) जारी किये गये नगरवार, ग्रामपंचायतवार, संख्‍या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों की श्रेणियों के हितग्राहियों के विरुद्ध सभी हितग्राहियों को खाद्यान्न पर्ची जारी कर दी गई है। कोई शेष नहीं है। वर्षवार/नगरवार/वार्डवार/ग्रामपंचायतवार संख्‍या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट  '' अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश (क) अंतर्गत प्रश्‍नांकित अवधि में बी.पी.एल. कूपनधारी एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र परिवारों की श्रेणियों के हितग्राहियों की खाद्यान्‍न पर्ची जारी करने हेतु शेष नहीं है। पोर्टल पर सभी पर्चियां अपडेट कर दी गयी है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

राशन दुकानों की जांच व कार्यवाही

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

51. ( क्र. 767 ) श्री विनय सक्सेना : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                 (क) विधानसभा क्षेत्र क्र. 98, जबलपुर उत्‍तर में कुल कितनी राशन की दुकान हैं? (ख) 1 जनवरी, 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक उपरोक्त में से किस-किस राशन की दुकान की जांच, किस अधिकारी द्वारा किस तारीख को की गई? (ग) उपरोक्त जांच में किस-किस राशन की दुकान में गड़बड़ी पाई गई? (घ) जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर किस-किस दुकान के संचालक एवं अन्य जिम्मेदारों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र में कुल 122 शासकीय उचित मूल्‍य की दुकानें हैं। (ख) से (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "सैंतालीस"

राशन दुकानों की जाँच करना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

52. ( क्र. 784 ) श्री विशाल जगदीश पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देपालपुर विधानसभा 203 क्षेत्र में कुल कितनी राशन की दुकान हैं? (ख) 1 जनवरी, 21 से प्रश्‍न दिनांक तक उपरोक्त में से किस-किस राशन की दुकान जांच किस अधिकारी द्वारा किस तारीख को की गई? (ग) उपरोक्त जांच में किस-किस राशन की दुकान में गड़बड़ी पाई गई? (घ) जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर किस-किस दुकान के संचालक पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र में कुल 73 उचित मूल्‍य की दुकानें संचालित हैं। (ख) प्रश्‍नांकित अवधि में राशन दुकानों की जांच की अधिकारीवार एवं दिनांकवार  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है। (घ) जांच में अनियमितता पाये जाने पर उचित मूल्‍य दुकान संचालकों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये हैं।

शिकायत पत्र की जांच

[वन]

53. ( क्र. 797 ) श्री संजय उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्‍नकर्ता द्वारा वन सुरक्षा समिति जमुनिया, वन परिक्षेत्र बिरसा/दमोह के बैंक खाते से अवैधानिक रुप से राशि आहरण कर गबन करने की जांच बावत पत्र क्रमांक 466/2021-22 दिनांक 17-11-2021 एवं पत्र क्रमांक 519/2021-22 दिनांक 14-12-2021 को लिखा गया था? (ख) यदि हाँ तो प्रश्‍नकर्ता के पत्रों में उल्लेखित विषयों की जांच किन कारणों से नहीं कराई गई एवं कब तक जांच करवाई जावेगी?
वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हां। (ख) प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य के पत्र में उल्‍लेखित विषयों की जांच करा ली गई है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

ग्राम मोयदा का सीमांकन

[वन]

54. ( क्र. 827 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वाह वनमण्‍डल द्वारा अप्रैल 2021 में ग्राम मोयदा के सेटलमेंट रिकार्ड 1980-81 के आधार पर किए सीमांकन में किस खसरा नम्‍बर के कितने रकबे पर किस-किस किसान का नाम दर्ज पाया? उसमें से किस पर किसान का कब्‍जा पाया? किस पर वन विभाग ने किस वर्ष में किए वृक्षारोपण पर कितनी राशि खर्च किया जाना पाया है? (ख) मोयदा आरक्षित वन कक्ष क्रमांक 263 का अक्षांश देशांश क्‍या है? मोयदा के पटवारी मानचित्र वर्ष 1980-81 का अक्षांश देशांश क्‍या है? पटवारी मानचित्र में दर्ज भूमि वनमण्‍डल के किस आरक्षित वन खण्‍ड का हिस्‍सा है? (ग) बड़वाह वनमण्‍डल में उपलब्‍ध मिसल बन्‍दोबस्‍त वर्ष 1948-49 एवं खतौनी पंजी वर्ष 1980-81 में दर्ज भू-स्‍वामी हक की निजी भूमियों को आरक्षित वन अधिसूचित करने के संबंध में वन विभाग ने भा.व.अ. 1927 की धारा 3 से 19 तक में दी गई किस-किस प्रक्रिया का पालन किया? यदि किसी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया हो तो उसका कारण बतावें। (घ) सेटलमेन्‍ट रिकार्ड 1980-81 में किसानों के नाम पर दर्ज निजी भूमि पर वन विभाग ने किस प्रावधान के अनुसार वर्ष 2014-15 में वृक्षारोपण किया? वृक्षारोपण के पूर्व भूमि का सीमांकन किसके द्वारा किया गया?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक पर है। वन विभाग द्वारा परिक्षेत्र बड़वाह के वन कक्ष क्रमांक 263 में वर्ष 2019-20 में 10 हेक्टेयर वनक्षेत्र में ऊर्जावान वृक्षारोपण कार्य हेतु 7,82,031/- रूपये खर्च किये गये एवं 10 हेक्टेयर वनक्षेत्र में जलाऊ वृक्षारोपण कार्य हेतु 8,59,511/- खर्च किये गये। (ख) सामान्य वनमंडल बड़वाह की प्रचलित कार्य आयोजना अनुसार वनग्राम मोयदा के आरक्षित वन कक्ष क्रमांक 263 अक्षांश E-76001'40", 76001'20",देशांश 22016'20", 22018'20", के मध्य स्थित है। पटवारी मानचित्र में दर्ज आरक्षित वनभूमि, वनकक्ष क्रमांक 263 वनखंड मेन विंध्या का हिस्सा है। (ग) बड़वाह वनमंडल में उपलब्ध मिसल बन्दोबस्त वर्ष 1948-49 एवं खतौनी पंजी वर्ष 1980-81 में दर्ज आरक्षित वन फॉरेस्ट एण्ड ट्रायबल वेलफेयर डिपार्टमेंट, ग्वालियर की अधिसूचना क्रमांक/1623/एक्स-एफ/114 (54) दिनांक 09.10.1954, राजपत्र दिनांक 21.10. 1954 से आरक्षित वन घोषित किया गया। अतः भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 3 से 19 की कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) वन विभाग द्वारा परिक्षेत्र बड़वाह अन्तर्गत वनकक्ष क्रमांक 263 में स्थित वनग्राम मोयदा के सेटेलमेन्ट रिकार्ड 1980-81 में किसानों के नाम पर दर्ज आरक्षित वनभूमि पर वर्ष 2014-15 में वृक्षारोपण का कार्य नहीं किया गया है।

 

वैकल्पिक वृक्षारोपण के लिये भूमि

[वन]

55. ( क्र. 828 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन संरक्षण कानून 1980 के अनुसार वन भूमि से संबंधित गैर वानिकी गतिविधियों की दी गई अनुमतियों के बदले वैकल्पिक वृक्षारोपण के लिये कितनी-कितनी भूमि वन विभाग किन प्रावधानों के अनुसार प्राप्‍त करता है? (ख) वैकल्पिक वृक्षारोपण के लिये भा.व.अ. 1927 की धारा 27 एवं धारा 34अ के अनुसार डीनोटीफाईड भूमि और धारा 29 के तहत संरक्षि‍त वन अधिसूचित भूमि प्राप्‍त किये जाने का क्‍या-क्‍या प्रावधान, अधिकार एवं छूट वन विभाग को किस कानून, किस नियम, किस न्‍यायालीन आदेश एवं किस शासकीय अधिसूचना से प्राप्‍त हुआ है? प्रति सहित बतावें।                                         (ग) वैकल्पिक वृक्षारोपण के लिये म.प्र.भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 237 (1) में सार्वजनि‍क प्रयोजन के लिये आरक्षित, निस्‍तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख में दर्ज किन-किन मदों और प्रयोजनों की भूमि प्राप्‍त करने का वन विभाग को क्‍या-क्‍या अधिकार किसने प्रदान किया है?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के तहत समय-समय पर भारत सरकार द्वारा जारी गाईड लाईन के अनुसार केन्‍द्र सरकार के प्रस्‍तावों को छोड़कर शेष प्रस्‍तावों में प्रभावित वन भूमि के समतुल्‍य गैर वनभूमि क्षतिपूर्ति वनीकरण के लिए आवेदक संस्‍था द्वारा उपलब्‍ध कराई जाती है। यदि क्षतिपूर्ति वनीकरण के लिए उपलब्‍ध कराई जाने वाली भूमि राजस्‍व वन है तो इसे प्रभावित वनभूमि के दुगना उपलब्‍ध कराया जाता है। इसके अतिरिक्‍त 1 हेक्‍टेयर से कम वन भूमि प्रभावित होने वाले प्रस्‍तावों में क्षतिपूर्ति वनीकरण के लिए समतुल्‍य गैर वनभूमि लिए जाने की आवश्‍यकता नहीं है। (ख) वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के तहत भारत सरकार द्वारा जारी गाईड लाईन में प्रभावित वनभूमि के समतुल्‍य ऐसी भूमि लिए जाने के निर्देश है, जो किसी भी अभिलेखों में वन के रूप में दर्ज नहीं है। क्षतिपूर्ति वनीकरण के लिए आवेदक संस्‍था द्वारा उपलब्‍ध कराई जाने वाली भूमि यदि किसी राजस्‍व अभिलेखों में वन के रूप में दर्ज है तो इसे प्रभावित वनभूमि के दुगना उपलब्‍ध कराया जाता है। (ग) वन विभाग राजस्‍व विभाग द्वारा दी जाने वाली समस्‍त भूमियां प्राप्‍त कर सकता है, जो वनीकरण के उपयुक्‍त है।

इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री

[परिवहन]

56. ( क्र. 834 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                        (क) भोपाल, इंदौर, जबलपुर एवं ग्‍वालियर जिले में प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में कुल कितनी इलेक्ट्रिक वाहन बिक्री होकर पंजीकृत हैं? जिलेवार संख्‍या बताई जाये। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित जिलों में जनवरी 2022 तक कितने इलेक्ट्रिक व्‍हीकल चार्जिंग स्‍टेशन स्‍थापित करने का लक्ष्‍य निर्धारित किया गया एवं उसके विरूद्ध कितने स्‍टेशन स्‍थापित होकर क्रियाशील हो गये हैं? जिलेवार विवरण दिया जाये। (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित जिलों में इलेक्ट्रिकल व्‍हीकल चार्जिंग स्‍टेशन स्‍थापित करने का कार्य किन-किन एजेंसियों को क्‍या-क्‍या कार्य दिये गये है? उन एजेंसियों का नाम, कार्य का विवरण कार्य की लागत एवं कार्य पूर्ण करने की तिथि सहित जानकारी दी जाये?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी निम्नानुसार है:-

क्र.

जिले का नाम

वाहनों की संख्‍या

1

भोपाल

4505

2

इंदौर

4722

3

जबलपुर

1614

4

ग्‍वालियर

3504

 (ख) जानकारी निम्नानुसार है:-

क्र.

जिले का नाम

स्‍टेशन स्‍थापित करने का लक्ष्‍य

क्रियाशील

1

भोपाल

53

06

2

इंदौर

118

निरंक

3

जबलपुर

30

निरंक

4

ग्‍वालियर

निरंक

निरंक

 (ग) जानकारी जिलेवार निम्नानुसार है:- 1. भोपाल - केन्द्र शासन, भारी उद्योग विभाग द्वारा फेम -2 स्कीम के तहत इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिग स्टेशन स्थापित करने हेतु बी.सी.एल.एल. अंतर्गत अधिकृत राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम लिमिटेड (NTPC) द्वारा 26 चार्जिंग स्टेशन एवं राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स एण्ड इन्स्ट्रूमेन्टस लिमिटेड, (REFL) द्वारा 37 इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का कार्य किया जाना है। उक्त दोनों एजेन्सियों को पी.पी.पी. मोड पर कार्य दिया गया है। जिसमें केन्द्र शासन के भारी उद्योग विभाग से सब्सिडी प्राप्त होगी एवं निकाय का अंश शून्य है। भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमि. अंतर्गत एनर्जी एफिशियेन्‍सी सर्विसेज लिमिटेड (EESL) द्वारा 21 इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का कार्य किया जाना है। उक्त एजेंसियों द्वारा स्टेशन स्थापित किया जाकर संपूर्ण संचालन एवं संधारण किया जाना है। उक्त कार्य माह दिसम्बर 2022 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। 2. इंदौर - ए.आई.सी.टी.एस.एल. के अंतर्गत व्हीकल चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए तीन एजेंसियों मेसर्स टाटा मोटर्स प्रा.लि., मेसर्स रोड़ ग्रिफ्ड इंडिया प्रा.लि. (पी.पी.पी. मॉडल के तहत) तथा मेसर्स राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक इन्स्टूमेंट लिमिटेड (डी.एच.आई. भारत सरकार के तहत) को अधिकृत किया गया है। कार्य:- मेसर्स टाटा मोटर्स प्रा.लि., द्वारा 05 चार्जिंग स्टेशन, मेसर्स रोड ग्रिफ्ड इंडिया प्रा.लि. द्वारा 55 फास्ट चार्जिंग स्टेशन एवं 21 स्लो चार्जिंग स्टेशन तथा मेसर्स राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक इन्स्टूमेंट लिमिटेड के द्वारा 27 फास्ट चार्जिंग एवं 10 स्लो चार्जिंग स्टेशन स्थापित किये जाना हैं। उक्त कार्य 6 माह में पूर्ण किया जाना लक्षित है। लागत मेसर्स टाटा मोटर्स प्रा.लि. द्वारा बसों के अनुबंध के आधार पर, मेसर्स रोड ग्रिफ्ड इंडिया प्रा.लि. द्वारा 15 करोड़ तथा मेसर्स राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक इन्स्टूमेंट लिमिटेड द्वारा 08 करोड़ लागत होगी। 3. जबलपुर:- इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिये दो एजेंसी मेसर्स एन.टी.पी.सी., नई दिल्ली एवं मेसर्स राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक इन्स्टूमेंट्स लिमिटेड, जयपुर को कार्य दिया गया है। कार्य:- 09 फास्ट इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन एवं 21 स्लो इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन स्थापित करना एवं उसका संपूर्ण मेन्टीनेन्स करना है। उक्त कार्य दिसम्बर 2022 तक पूर्ण किया जाना है। लागत उक्त दोनों एजेंसिंयों को पी.पी.पी. मोड पर कार्य दिया गया है। जिसमें भारत सरकार से सब्सिडी प्राप्त होगी व निकाय का अंश शून्य है। 4. ग्वालियर: - जानकारी निरंक है।

खाद्यान्‍न का उपार्जन, भंडारण एवं वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

57. ( क्र. 849 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                      (क) मध्‍यप्रदेश में खाद्यान्‍न का उपार्जन किन्‍हीं नियम या अधिनियम के बजाय नीति के तहत किए जाने का कारण बतायें और वर्ष 2021 की विभागीय समीक्षा बैठक में उपार्जन का कड़ा कानून बनाए जाने हेतु लिए गए निर्णय पर अब तक की गई कार्यवाही से अवगत करायें। (ख) क्‍या खरीदी केन्‍द्रों पर खाद्यान्‍न की गुणवत्‍ता परखने की जिम्‍मेदारी आउटसोर्स से नियुक्‍त सर्वेयरों की होती हैं, फिर भी यदि भंडारण और वितरण के दौरान खाद्यान्‍न अमानक पाया जाता है, तो इसके लिए कौन जिम्‍मेदार होगा? स्‍पष्‍ट करें। (ग) विगत 03 वर्षों से पन्‍ना जिले के किन-किन खरीदी केन्‍द्रों से कितना-कितना अमानक खाद्यान्‍न खरीदा जाना पाया गया और किन-किन भंडार ग्रहों में अमानक खाद्यान्‍न भंडारित होना पाया गया? इन अनियमितताओं के लिए कौन जिम्‍मेदार पाया गया और क्‍या कार्यवाही की गयी? प्रकरणवार बतायें। (घ) सार्वजनिक वितरण प्रणाली से वितरित होने वाले खाद्यान्‍न की गुणवत्‍ता परीक्षण के क्‍या नियम/निर्देश हैं एवं इसकी क्‍या प्रक्रिया अपनायी जाती हैं? इसके लिए कौन-कौन शासकीय सेवक जिम्‍मेदार होते हैं तथा क्‍या प्रश्‍नांश (ग) जिले में भंडारग्रहों से सार्वजनिक वितरण प्रणाली में प्रतिमाह वितरण हेतु प्राप्‍त खाद्यान्‍न की गुणवत्‍ता का परीक्षण नियत प्रक्रिया से किया जा रहा हैं? (ड.) प्रश्‍नांश (घ) यदि हाँ तो विगत 02 वर्षों में माहवार किन-किन भंडारगृहों/केंपों से पी.डी.एस. हेतु किस-किस अनाज की निकासी कब-कब की गयी एवं अनाज की गुणवत्‍ता का परीक्षण किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा कब-कब किया गया और क्‍या परीक्षण प्रतिवेदन दिये गए? खाद्यान्‍न की गुणवत्‍ता परीक्षण के प्रतिवेदन उपलब्‍ध कराये? (च) प्रश्‍नांश (क) से (ड.) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या शासन/विभाग स्‍तर से इन अनियमितताओं का संज्ञान लेते हुये जांच एवं कार्यवाही के निर्देश दिये जायेंगे? यदि हाँ तो क्‍या कार्यवाही कब तक की जायेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (च) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

राजस्‍व विभाग की अधिसूचित सेवायें

[राजस्व]

58. ( क्र. 850 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक सेवाओं के प्रदाय की गारंटी अधिनियम के तहत राजस्‍व विभाग की कौन-कौन सी सेवाएं अधिसूचित हैं? सेवायें प्राप्‍त करने के क्‍या नियम एवं आवेदन करने की क्‍या प्रक्रिया नियत है एवं क्‍या सभी सेवाओं के निराकरण में समय-सीमा लागू है? (ख) पन्‍ना जिले में विगत 03 वर्षों में राजस्‍व विभाग की किन-किन सेवाओं के कितने-कितने आवेदन लोक सेवा केन्‍द्रों के माध्‍यम से एवं आर.सी.एम.एस. पोर्टल पर दर्ज कर तथा सीधे कार्यालय में प्राप्‍त हुये? कितने प्रकरणों/आवेदनों की सेवायें प्रदान की गयी? कितने आवेदनों को अमान्‍य/निरस्‍त किया गया? जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) क्‍या प्रदाय की गयी सेवाओं का निराकरण एवं सेवाओं का प्रदाय नियत अवधि में किया गया? यदि हाँ तो संख्‍या प्रदान करें। क्‍या कार्यवाही की गई? जानकारी उपलब्‍ध करायें। यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) प्रश्‍नांश (ख) आवेदनों को निरस्‍त/अमान्‍य करने के क्‍या कारण रहे और क्‍या लोक सेवा केन्‍द्रों से प्राप्‍त तथा निरस्‍त किये गए तथा समय बाह्य आवेदनों की समीक्षा की गयी? यदि हाँ तो क्‍या तथ्‍य ज्ञात हुए? क्‍या कार्यवाही की गयी? (ड.) क्‍या प्रश्‍नांश (घ) अंतर्गत विगत 03 वर्षों में नामांतरण/सीमांकन/बंटवारा के अनेक प्रकरण/आवेदन कार्यालय में मूल दस्‍तावेज प्रस्‍तुत न करने का कारण दर्शाकर निरस्‍त/अमान्‍य किए गए? यदि हाँ तो किन सक्षम प्राधिकारियों द्वारा, जबकि लोक सेवा केन्‍द्रों में आवेदन जमा करने के दौरान ही सभी आवश्‍यक दस्‍तावेज जमा किए जाते हैं। क्‍या इस अनियमितता पर कोई कार्यवाही की जायेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट - '' अनुसार। जी हां। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट - '' अनुसार। 249802 प्रकरणों/आवेदनों में सेवायें प्रदान की गई। 5400 आवेदनों को अमान्‍य/निरस्‍त किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट - '' अनुसार। (ग) जी हां, राजस्‍व विभाग की सेवाओं के 208980 आवेदनों में सेवा प्रदाय की गयी है जिसमें से 195171 आवेदनों का निराकरण नियत अवधि में किया गया तथा 4941 आवेदनों में तकनी‍की कारणों से विलम्‍ब से सेवा प्रदाय की गयी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट - '' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट - '' अनुसार है। जिला स्‍तर पर प्राप्‍त एवं निराकृत आवेदनों तथा समय-सीमा बाहर आवेदनों में द्वितीय अपीलीय अधिकारी जिला कलेक्‍टर द्वारा प्रत्‍येक टी.एल. बैठकों, राजस्‍व अधिकारियों की बैठकों में समीक्षा की जाकर प्रकरणों में संबंधित पदाभिहित अधि‍कारियों को कारण बताओ नोटिस, चेतावनी पत्र जारी किये जाकर कार्यवाही की गयी है। (ड) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

प्रमुख सचिव राजस्‍व के निर्देशों का पालन

[राजस्व]

59. ( क्र. 894 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                           (क) क्‍या म.प्र. शासन राजस्‍व विभाग मंत्रालय, वल्‍लभ, भवन भोपाल का पत्र क्रमांक 24/1408/ 2018/सात/शा-7 भोपाल दिनांक 05 जनवरी 2019 एवं पत्र क्रमांक एफ-2-5/2019/सात/शा-7/37 भोपाल दिनांक 16 जनवरी 2020 में प्रमुख सचिव राजस्‍व के निर्देशों का पालन करना समस्‍त अधिनस्‍थ न्‍यायालयों के लिए बाध्‍यकारी है एवं उसी निर्देशों के अनुसार कार्यवाही किया जाना बंधनकारी है? (ख) क्‍या अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व राजपुर के पत्र क्रमांक 5136 दिनांक 20 दिसम्‍बर 2017 को रा.प्र.क्र. 44-अ-2/2016-17 के जांच प्रतिवेदन में धारा 165- (6ड.ड.) का उल्‍लंघन एवं नियम विरूद्ध व्‍यपवर्तन पाया था तथा दिनांक 07 मई 2018 को कलेक्‍टर जिला बड़वानी के द्वारा धारा 172 उपधारा (5) तथा (6) के प्रावधानों के तहत कार्यवाही के निर्देश दिए एवं तत्‍पश्‍चात दिनांक 26 जुलाई 2018 को कलेक्‍टर जिला-बड़वानी के द्वारा पुन: धारा 172 उपधारा (5) तथा (6) के प्रावधानों के तहत कार्यवाही के निर्देश दिए? (ग) क्‍या म.प्र. शासन, राजस्‍व विभाग, मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक एफ 21-27/2019 सात, भोपाल दिनांक 3 फरवरी 2020 द्वारा संहिता कि धारा 172 (5) तथा (6) अंतर्गत नियमानुसार कार्यवाही करने का मार्गदर्शन कलेक्‍टर बड़वानी को दिया गया था, यदि हाँ तो निर्देश के पालन में कलेक्‍टर बड़वानी द्वारा रा.प्र. क्र. 44-अ-2/2016-17 में कारण बताओं सूचना पत्र क्रमांक 3040 दिनांक 05.09.2020 जारी किया जाना सही है एवं प्रश्‍नांश (क) के नियमों के अनुसार पूर्णत: सही है? (घ) क्‍या प्रश्‍नांश (ख) के राजस्‍व प्रकरण में मध्‍यप्रदेश भू राजस्‍व संहिता 1959 में हुए संशोधन दिनांक 25.09.2018 के प्रावधान लागू नहीं होंगे? (ड.) प्रश्‍नांश (क) से (घ) यदि सही है तो क्‍या न्‍यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) राजपुर का प्र.क्र./ 0012/अ-74/2020-21 दिनांक 07.01.2021 को पारित आदेश शासन के दिशा-निर्देशों के विपरीत है? यदि हाँ तो क्‍या प्रमुख सचिव राजस्‍व अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए दूषित आदेश को निरस्‍त कर संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही के आदेश जारी किए जाएंगे या नहीं? हाँ तो कब तक नहीं तो क्‍यों नहीं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) न्‍यायालय को विधि और संहिता के प्रावधनों के प्रकाश में निर्णय करना होता है। (ख) जी हां। (ग) कलेक्‍टर जिला बड़वानी के पत्र क्रमांक 1300/ रीडर/2020 बड़वानी दिनांक 02.03.2020 अनुसार अनुभाग राजपुर के कुल 06 प्रकरणों में म.प्र.शासन राजस्‍व विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ–21-27/2019/सात-7 दिनांक 03.02.2020 अनुसार मार्गदर्शन के अनुक्रम में पुनर्विलोकन की अनुमति अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व राजपुर को प्रदान की गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। उक्‍तानुसार पुनर्विलोकन की अनुमति प्राप्‍त होने पर न्‍यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) राजपुर में रा.प्र.क्र. 44अ-2/2016-17 के सन्‍दर्भ में पुनर्विलोकन सम्‍बंधी प्रकरण क्रमांक 12अ-74/2020-21 दर्ज कर न्‍यायालयीन कार्यवाही प्रारंभ की गई, जिसमें सम्‍बंधित पक्षकारों को सूचना पत्र क्रमांक 3040/रीडर/2020/राजपुर दिनांक 05.09.2020 जारी किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 अनुसार  जिसमें अनावेदक विनय पिता कमलचंद सोनी अध्‍यक्ष संत सिंघाजी शिक्षा समिति को प्रश्‍नाधीन व्‍यपवर्तन प्रकरण क्रमांक 44/अ-2/2016-17 में म.प्र. भूराजस्‍व संहिता 1959 की धारा 165 (6डड) के उल्‍लंघन किये जाने से प्रकरण में संहिता की धारा 172 (5) (6) के तहत कार्यवाही की जाकर व्‍यपवर्तन आदेश निरस्‍त किया जाकर भूमि को पूर्ववत किये जाने संबंधी कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था। (घ) जी नहीं। प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित प्रश्‍नाधीन राजस्‍व प्रकरण 44/अ-2/2016-1 में म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 संशोधन 2018 के प्रवधान अनुसार कार्यवाही की गई है। (ड.) न्‍यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) राजपुर में रा.प्र.क्र. 12/अ-74/2020-21 में वरिष्‍ठ न्‍यायालय से पुनर्विलोकन की अनुमति प्राप्‍त कर विधिक प्रक्रिया के अनुसार प्रचलित प्रावधानों के तहत प्रकरण का निराकरण कर आदेश दिनांक 07.01.2021 पारित किया गया। न्‍यायालय आदेश होने से, उसकी वैधता की जांच हेतु वरिष्‍ठ न्‍यायालय ही सक्षम है।

मत्‍स्‍य पालन एवं मछुआ कल्याण की योजनाएं

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

60. ( क्र. 923 ) श्री कमलेश जाटव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में जिला मुरैना अंतर्गत आपके विभाग द्वारा मत्‍स्‍य पालन एवं मछुआ कल्याण की कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। उक्त योजनाओं के नियम निर्देश एवं उक्त योजनाओं में हितग्राहियों द्वारा प्रतिभागी बनने हेतु क्‍या-क्‍या पात्रताएं हैं। समस्त अभिलेखों की छायाप्रति संलग्न कर जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) जिला मुरैना में वर्ष जनवरी 2018 से आज दिनांक तक विभागीय योजनाओं का लाभ लिये जाने हेतु विभाग को किस-किस ब्लॉक से किन-किन हितग्राहियों द्वारा आवेदन किया गया है एवं किस-किस हितग्राही को किस-किस योजना में लाभान्वित किया गया है तथा कौन-कौन हितग्राही अपात्रता की श्रेणी में आया है। जानकारी ब्लाकवार, वर्षवार, योजनाओं के नामवार, हितग्राहियों के नाम, पता, मोबाइल नंबर, आधार नम्बर, योजना की कुल लागत, कार्य स्थल का पता, विभिन्न योजनाओं में पात्र तथा अपात्र आवेदनों अनुसार पृथक-पृथक उपलब्ध करावें। (ग) क्‍या वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक जिला मुरैना एवं विभाग के वरिष्ठ कार्यालयों में उक्त योजनाओं के संचालन में विभागीय किसी अधिकारी एवं कर्मचारी द्वारा किसी भी प्रकार से कोई अनियमितताएं किये जाने की कोई शिकायत प्राप्त हुई एवं उक्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? समस्त शिकायती पत्रों के साथ की गई कार्यवाही की छायाप्रति के साथ जानकारी उपलब्ध करावें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) वर्तमान में विभाग अंतर्गत जिला मुरैना में संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट -अ अनुसार(ख) प्रश्‍नांश की  पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट -ब अनुसार(ग) शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

कृषि विभाग की योजनाऍ

[राजस्व]

61. ( क्र. 939 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                (क) प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि एवं मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजना के तहत योजना प्रारंभ से सीधी जिले में कितने किसानों को सीधे खाते में लाभ दिया गया है? तहसीलवार जानकारी दें। (ख) कृषि विभाग द्वारा चुरहट विधानसभा में विभिन्‍न योजनाओं के माध्‍यम से कितने किसानों को योजनाओं का लाभ मिला है? योजनावार जानकारी देवें?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट–'''' अनुसार है।                          (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट– '''' अनुसार है।

परिशिष्ट - "अड़तालीस"

वनखण्‍ड एवं वर्किंग प्‍लान में शामिल निजी भूमि

[वन]

62. ( क्र. 983 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वनखण्ड एवं वर्किंग प्लान में शामिल निजी भूमि के संबंध में वन विभाग राज्य मंत्रालय भोपाल ने दिनांक 11 जुलाई 2008 एवं दिनांक 4 जून 2015 को क्या आदेश दिए? मुख्य सचिव कार्यालय ने दिनांक 1 जून 2015 को क्या आदेश दिए? इनका पालन किए जाने के संबंध में छतरपुर वनमण्डल द्वारा प्रश्‍नांकित दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) निजी भूमि को वर्किंग प्लान, पी.एफ. एरिया रजिस्टर, पी.एफ. वनकक्ष मानचित्र एवं संरक्षित वन के आंकड़ों में शामिल करने का अधिकार या छूट वन विभाग को भा.व.अ. 1927, वन संरक्षण कानून 1980 एवं फॉरेस्ट मैनुअल में कब प्रदान किया गया है? (ग) यदि कानून और मैनुअल में वन विभाग को कोई अधिकार या छूट नहीं दी हो तो निजी भूमि को वर्किंग प्लान, एरिया रजिस्टर, वनकक्ष मानचित्र एवं संरक्षित वन के आंकड़ों में शामिल करने का कारण बतावें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वनमंडल छतरपुर कार्यालय में उपलब्ध अभिलेख (डी.सी.आर.पंजी) अनुसार निजी भूमि का उल्लेख नहीं है, न ही कार्य-आयोजना में निजी भूमि का उल्लेख किया गया है। अतः शेष प्रश्‍न का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 3 अनुसार ''राज्य सरकार ऐसी किसी वन-भूमि या पड़त भूमि जो सरकार की सम्पत्ति है अथवा जिस पर सरकार के साम्पत्तिक अधिकार (Proprietary rights) हैं या जिसकी वनोपज की पूरी या किसी भाग पर सरकार की हकदारी है उसमें पश्चात् उपबंधित रीति से आरक्षित वन बना सकेगी'' (ग) उत्तरांश '' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न ही उपस्थिति नहीं होता।

वनखण्डों में शामिल निर्वनीकृत भूमि

[वन]

63. ( क्र. 990 ) कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्‍न क्रमांक 4147 दिनांक 15/3/2016 के उत्तर में प्रश्‍न क्रमांक 1270 में निर्वनीकृत भूमि की जानकारी में धारा 4 (1) के अन्तर्गत वनखण्डों के बाहर छूट 151375.665 हेक्टयर भूमि दर्शाई गई थी। जिसमें वनखण्डों के अन्दर की 28743.295 हेक्टयर निर्वनीकृत भूमि शामिल नहीं थी'' की जानकारी दी गई है? (ख) यदि हाँ तो किस वनखण्ड में शामिल 28743.295 हेक्टयर भूमि राजपत्र में किस दिनांक को निर्वनीकृत की गई उसे वनखण्ड एवं वर्किंग प्लान से कब पृथक किया गया, यदि निर्वनीकृत 28743.295 हेक्टयर भूमि वनखण्डों से पृथक नहीं की गई हो तो उसका कारण बतावें। (ग) छतरपुर जिले के लिए राजपत्र में किस दिनांक को भा.व.अ. 1927 की धारा 34अ के तहत कितने ग्रामों की कितनी संरक्षित वन भूमि एवं कितने ग्रामों की समस्त संरक्षित वन भूमि निर्वनीकृत की गई इन भूमियों को डी.सी.आर. पंजी में किस दिनांक को संशोधित किया गया।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

मिसल बन्दोबस्त, निस्तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख की जानकारी

[राजस्व]

64. ( क्र. 1004 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                             (क) जिला अभिलेखागार छतरपुर में जिले के कितने राजस्व ग्रामों में से कितने ग्रामों की मिसल बन्दोबस्त, निस्तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख उपलब्ध है एवं कितने ग्रामों के कौन से अभिलेख उपलब्ध नहीं है? (ख) छतरपुर जिले में गत दो वर्षों में राजस्व विभाग ने कितने ग्रामों की कितनी निजी भूमि, कितने ग्रामों में किस-किस मद में कितनी-कितनी भूमि एवं कितने ग्रामों की कितनी वन भूमि होना प्रतिवेदित एवं प्रकाशित किया है? इनमें से कितनी भूमि भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 (1) के तहत आरक्षित भूमि है? (ग) राजस्व अभिलेखों में दर्ज निजी भूमि एवं गैरखाते की दखल रहित भूमि को भा.व.अ. 1927 की धारा 29 एवं धारा 4 में अधिसूचित करने, वन विभाग को वृक्षारोपण के लिए आवंटित करने का प्रावधान भू-राजस्व संहिता 1959 की किस-किस धारा में दिया गया है? (घ) गत पांच वर्षों में कलेक्टर छतरपुर ने कितने ग्रामों की कितनी भूमि किस आदेश क्रमांक दिनांक से वन विभाग को किस-किस प्रयोजन के लिए आवंटित की है? आदेश की प्रति सहित बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) छतरपुर जिले के जिला अभिलेखागार में 1260 राजस्व ग्रामों में से 1083 ग्रामों की मिसल बन्दोबस्त एवं 124 ग्रामों के निस्तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख उपलब्ध है। 133 ग्रामों के मिसल बंदोवस्‍त जिला अभिलेखागार में उपलब्‍ध नहीं है। (ख) जानकारी निरंक है। (ग) निजी भूमि को आवंटित करने का प्रावधान नहीं है तथा वन विभाग को वृक्षारोपण के लिए भूमि आवंटन भू-राजस्‍व संहिता 1959 की किसी धारा के अंतर्गत नहीं बल्कि शासन, द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों के पालन में किया जाता है l (घ) गत 05 वर्षों में कलेक्‍टर छतरपुर द्वारा कुल 02 ग्रामों की रकवा 556.059 हे. भूमि वन विभाग को वैकल्पिक वनीकरण एवं वन रक्षक नाका हेतु अभिहस्‍तांतरित/आरक्षित की गई। आदेश की प्रति  पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट  अनुसार है।

गैर खाते की दखल रहित भूमि का आवंटन

[राजस्व]

65. ( क्र. 1005 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                               (क) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 के अध्याय 18 में बताई गई दखल रहित भूमियों में से किन-किन मदों और किन-किन प्रयोजनों की भूमियों को किन-किन योजनाओं, कार्यों के लिए शासकीय, अर्द्धशासकीय विभागों, निजी क्षेत्रों को आवंटित करने के वर्तमान में क्या-क्या प्रावधान प्रचलित हैं? प्रति सहित बतावें। (ख) गत तीन वर्षों में भोपाल एवं छतरपुर जिले के किस ग्राम की किस-किस मद और किस-किस प्रयोजन के लिए दर्ज कितनी-कितनी भूमि किस कार्य के लिए किसे आवंटित किए जाने से संबंधित कलेक्टर एवं अपर कलेक्टर के स्तर पर कार्यवाही की गई है? राज्य मंत्रालय भोपाल के स्तर पर कार्यवाही की गई है? (ग) बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल, पहाड़ चट्टान, घांस, चरनोई, पड़त, बंजर मद की भूमियों को वैकल्पिक वृक्षारोपण के लिए वन विभाग को अन्तरित करने या आवंटित करने या भा.व.अ. 1927 की धारा 29 में अधिसूचित करने का अधिकार या छूट भू-राजस्व संहिता 1959 की किस-किस धारा में किसे प्रदान किया गया है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 237 की उपधारा 3 एवं 4 तथा मध्‍यप्रदेश नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश 2020 के अध्‍याय 3 की कंडिका 19 में दखल रहित भूमियों को विभिन्‍न प्रयोजनों हेतु व्‍यपवर्तित या आवंटित करने की अधिकारिता दी गई है। नियम/निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट 'अनुसार है। (ख) जिला भोपाल के लिए कलेक्टर जिला भोपाल द्वारा जारी आवंटन आदेश निम्नानुसार है:- 1. औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग भोपाल के पक्ष में ग्राम कल्याणपुर तह. हुजूर जिला भोपाल स्थित 7.000 हे. भूमि (बाह्य नजूल मद) की भूमि औद्योगिक प्रयोजन हेतु हस्तांतरित की गई है। 2. औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग भोपाल के पक्ष में ग्राम पातालपुर विरान तह. बैरसिया जिला भोपाल निवेश क्षेत्र के बाहर होने के कारण 26.590 हे. (चरनोई भूमि 2 प्रतिशत से अधिक सुरक्षित रखते हुये) भूमि औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने हेतु हस्तांतरित की गई है। 3. औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग भोपाल के पक्ष में ग्राम करारिया तह. बैरसिया जिला भोपाल निवेश क्षेत्र के बाहर होने के कारण 7.023 हे. (काबिल कास्त मद) भूमि औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने हेतु हस्तांतरित की गई है। जिला छतरपुर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट 'अनुसार है। जी हाँ। (ग) प्रश्‍नांश के संबंध में मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता 1959 की किसी भी धारा में कोई भी प्रावधान नहीं है।

निस्तारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराना

[राजस्व]

66. ( क्र. 1007 ) श्री राकेश गिरि : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले की टीकमगढ़ विधानसभा क्षेत्र में गौचर, शमशान तथा कब्रिस्तानों के लिये निस्तारी भूमि आरक्षित की गई है? यदि हाँ तो नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में इकाईवार आरक्षित भूमि का खसरा नम्बर तथा रकवा की सूची उपलब्ध कराये। (ख) प्रश्‍नांश '''' अनुसार क्या आरक्षित सभी निस्तारी भूमियां पूर्णतः अतिक्रमण मुक्त होकर सार्वजनिक उपयोग में हैं? यदि नहीं, तो अतिक्रमित ग्रामों की, अतिक्रमणकर्ताओं के नाम सहित अतिक्रमित खसरा एवं रकवा की सूची दें। (ग) प्रश्‍नांश '''' अनुसार क्या निस्तारी भूमियों को अतिक्रमण से मुक्त कराया जायेगा? यदि हाँ तो समय-सीमा बताये। (घ) प्रश्‍नांश '''' अनुसार क्या ग्राम पंचायत भैसवारी, ऊमरी, बकपुरा एवं गुदनवारा के शमशान एवं गौचर भूमि पर से पूर्व में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई थी? यदि हाँ तो क्या सम्पूर्ण निस्तारी भूमि अतिक्रमण से मुक्त होकर सार्वजनिक उपयोग में है? यदि नहीं, तो विशेष रूप से गौधन के लिये चारागाह व पोषण/संरक्षण हेतु कब तक अतिक्रमण हटाया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हां। विधानसभा क्षेत्र टीकमगढ़ के नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में गौचर, श्मशान, तथा कब्रिस्तान के लिये आरक्षित भूमि की ग्रामवार, खसरा नंबर तथा रकवा की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ख) जी नहीं। सभी आरक्षित भूमियां पूर्णतः अतिक्रमण मुक्त नहीं हैं। अतिक्रमित भूमियों का ग्रामवार अतिक्रमणकर्ताओं के नाम सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक अनुसार है। (ग) जी हां। निस्तारी भूमियों से अतिक्रमण हटाया जाना नियमित प्रक्रिया है। (घ) जी हां। ग्राम पंचायत भेंसवारी, ऊमरी, बकपुरा एवं गुदनवारा के श्मशान एवं गौचर भूमियों पर से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही पूर्व में की गई थी। जिस पर यदि पुनः अतिक्रमण कर लिया गया है तो अतिक्रमण हटाये जाने हेतु म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता की धारा 248 के अंतर्गत, नियमित कार्यवाही प्रावधानित है।

वन अधिकार हक प्रमाण पत्रों का प्रदाय

[वन]

67. ( क्र. 1013 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा तारांकित प्रश्‍न क्र. 6563, दिनांक 24.03.2021 जंगलों की जमीन पर किए गए अतिक्रमण हटाए जाने बाबत् किया गया था? अगर हाँ तो जतारा विधान सभा में प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस का अतिक्रमण हैं? कृपया उनके नाम, पिता/पति का नाम, जाति, पता सहित कितनी भूमि पर कब से अतिक्रमण हुए हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर बताएं कि वर्षवार किस-किस को इनमें से वन अधिकार हक प्रमाण पत्र दिए जा चुके हैं एवं किस-किस को दिया जाना शेष है? निश्चित समय-सीमा सहित बताएं कि कब तक वन अधिकार हक प्रमाण-पत्र पात्रता के आधार पर दे दिए जावेंगे? सम्‍पूर्ण जानकारी दें। प्रश्‍न दिनांक तक पूरे जिले में यह किसको दिए जा चुके हैं? कृपया नाम, पिता/पति, जाति, पता एवं रकबा सहित जानकारी दें। वन अधिकार हक प्रमाण-पत्र देने से शासन के क्‍या-क्‍या नियम हैं? कृपया सभी आदेश की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि कब तक जिले में पात्रता के आधार पर वन अधिकार हक प्रमाण-पत्र प्रदाय कर दिये जावेंगे?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। शेष प्रश्‍नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक पर है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर विधान सभा क्षेत्र जतारा अंतर्गत 145 वन अधिकार पत्र दिये जा चुके हैं, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो पर है। शेष अतिक्रमणकारियों के दावों की जांच प्रचलन में है। जांच पूर्ण होने उपरांत पात्र दावेदारों को वन अधिकार हक प्रमाण-पत्र शीघ्र वितरित किये जावेंगे, जिसमें निश्चित समय-सीमा नहीं बताई जा सकती है। प्रश्‍न दिनांक तक पूरे जिले में 766 वन अधिकार पत्र दिये जा चुके हैं, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन पर है। वन अधिकार हक प्रमाण-पत्र देने के शासन के नियम एवं आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-चार पर है। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर दावों की जांच की कार्यवाही पूर्ण होने उपरांत पात्रता अनुसार वन अधिकार पत्र वितरण किये जावेंगे निश्चित समय-सीमा नहीं बताई जा सकती है।

संचालित खदानों को पात्र व्‍यक्तियों को प्रदाय करना

[खनिज साधन]

68. ( क्र. 1014 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़, निवाड़ी एवं छतरपुर जिले में प्रश्‍न दिनांक तक मुरम, गिट्टी खण्‍डा, ग्रेनाईट, डायस्‍पोर, क्‍वारडंजाइड, क्‍वार्डज एवं अन्‍य गौड़ खनिज की खदानें कहां-कहां किस खसरा नंबर के कितने-कितने रकबा में किस-किस के नाम संचालित है और यह कब और किसके द्वारा कितने समय के लिए आवंटित की गई है? जानकारी दें एवं यह भी बताएं कि कैसे लीज पर दिये जाने का नवीन प्रावधान है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर बताएं कि जनवरी 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक कहां-कहां, किस-किसने अपने आवेदन विभाग में दिए हैं कि शासकीय भूमि उपरोक्‍त कार्य कराने लीज पर दी जावे। संपूर्ण जानकारी दें। यह भी बताएं कि उसमें से प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन सी खदानें किसके नाम स्‍वीकृत की जा चुकी है और कितनी लंबित रखी हैं। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर यह भी बताएं कि इन जिलों में कौन-कौन सी खदानें जिनके ऑनलाईन आवेदन मंगाए गए थे, विज्ञप्ति भी जारी हुई थी आवेदन भी हो चुके हैं? इसके उपरांत आवेदकों के द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र विभाग में जमा होने के बावजूद लीज देने की प्रक्रिया से प्रश्‍न दिनांक तक अधूरी है, क्‍यों और कब से? क्‍या इसमें राजस्‍व का नुकसान नहीं हो रहा है? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि प्रश्‍न दिनांक तक जिनकी विभाग द्वारा समस्‍त प्रक्रियाएं पूर्ण कराने के बावजूद भी उन्‍हें लीज आदेश जारी क्‍यों नहीं किए जा रहे हैं एवं अन्‍य व्‍यक्ति द्वारा वह खदानें अवैध रूप से संचालित क्‍यों की जा रही है और किसके द्वारा? अवैध रूप से संचालित लोगों की खदाने बंद कराकर कब तक पात्रों को दे दी जावेंगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) टीकमगढ़ जिले की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट  के प्रपत्र-अ के पर है। निवाड़ी जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ के एवं छतरपुर जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ के पर है। यह खदानें मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में प्रदत्‍त शक्तियों के अनुसार यथास्थिति कलेक्‍टर एवं संचालक द्वारा स्‍वीकृत की गई हैं। खनिज पायरोफ्लाईट/डायस्‍पोर की खदान राज्‍य शासन द्वारा स्‍वीकृत की गई है। प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित खनिजों की खदानें मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के अंतर्गत स्‍वीकृत की जाती हैं। यह नियम अधिसूचित नियम है। (ख) टीकमगढ़ जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब के 1, निवाड़ी जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब के एवं छतरपुर जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट  के प्रपत्र-ब के पर है। (ग) टीकमगढ़ जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स के 1, निवाड़ी जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स के एवं छतरपुर जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स के पर है। खनिज का राजस्‍व खदान संचालन के पश्‍चात् प्राप्‍त होता है। खदान संचालन न होने से राजस्‍व हानि का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) खदान की लीज की स्‍वीकृति एक सतत् प्रक्रिया है। प्रश्‍नाधीन जिलों में अवैध रूप से खदान संचालन किये जाने का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

रपटा कम काजवे निर्माण कार्य

[जल संसाधन]

69. ( क्र. 1031 ) श्रीमती रक्षा संतराम सरोनिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या भाण्‍डेर विधानसभा क्षेत्र के उनाव में रपटा कम काजवे प्रस्‍तावित है? (ख) यदि हाँ तो कब तक कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा? (ग) क्‍या परियोजना को पूर्ण करने की समय-सीमा निर्धारित की गई है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। भाण्‍डेर विधानसभा क्षेत्र के उनाव में पहुज नदी पर उनाव स्‍टॉप डेम कम कॉजवे प्रस्‍तावित है। परियोजना की डिज़ाइन, ड्राइंग एवं सी.एस.आर. की दरों में संशोधन होने के कारण परियोजना की प्रशासकीय स्‍वीकृत राशि में वृद्धि होने के कारण परियोजना की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्‍वीकृति की कार्यवाही शासन स्‍तर पर प्रक्रियाधीन है। पुनरीक्षित प्रशासकीय स्‍वीकृति पश्‍चात निविदा की कार्यवाही पूर्ण किए जाने के पश्‍चात ही परियोजना का कार्य प्रारंभ होता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं, निविदा में परियोजना को पूर्ण करने की समय-सीमा निर्धारित होती है।

बांधो की गहरीकरण एवं पक्‍की नहरों का निर्माण

[जल संसाधन]

70. ( क्र. 1038 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में ऐसे कितने बांध हैं जिनका जब से निर्माण हुआ तब से प्रश्‍न दिनांक तक विभाग द्वारा गहरीकरण नहीं करवाया गया है? इनके नाम बताइये। (ख) अल्‍प वर्षा होने से कई बांध ऐसे हैं जिनकी पूर्व की क्षमता से आज की स्थिति में भराव कम होता है जिसके कारण कई हेक्‍टेयर कृषि भूमि असिंचित रह जाती है इस हेतु शासन की क्‍या योजना है? (ग) देवास जिले के ऐसे कितने बांध हैं जिनकी नहरें अभी तक पक्‍की नहीं बनाई गई हैं? जिसके कारण पानी का अपव्‍यय होता है? (घ) अभी तक पक्‍की नहरें नहीं बनाई जाने का क्‍या कारण है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विभाग द्वारा निर्मित किए गए बांधों का गहरीकरण का कार्य नहीं कराया जाता है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) अल्‍प वर्षा होने के कारण बॉंधों में उनकी जल संग्रहण क्षमता से कम जल भराव की स्थिति में जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक में सहमति से कम पानी की फसलें लगाए जाने हेतु ऐलान किए जाने का निर्णय लिया जाता है। (ग) एवं (घ) देवास जिले की 29 परियोजनाओं में पक्‍की नहरें नहीं बनाई गई है। समय-समय पर इन परियोजनाओं की नहरों की मरम्‍मत एवं रख-रखाव का कार्य किए जाने के कारण नहरों के पक्‍के न होने के उपरांत भी पानी का अपव्‍यय नहीं होना तथा परियोजनाओं से पूर्ण रूपांकित क्षेत्र में पर्याप्‍त सिंचाई किए जाने के कारण नहरों के पक्‍कीकरण की आवश्‍यकता प्रतिपादित नहीं होना प्रतिवेदित है।

बैराज डेम निर्माण का कार्य

[जल संसाधन]

71. ( क्र. 1039 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खातेगांव विधानसभा क्षेत्र लघु एवं मध्‍यम सिंचाई परियोजना कि कितनी डी.पी.आर. तैयार कराई गई है? स्‍थानवार सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) क्‍या विभाग के पास विक्रमपुर, पटरानी, सातल, हरणगांव जियागांव, पलासी में बैराज डेम बनाने की कोई योजना है? यदि हां तो कब तक निर्माण कार्य प्रारंभ किये जा सकेंगे? (ग) यदि नहीं, तो क्‍या इन क्षेत्रों में बैराज डेम निर्माण पर विभाग द्वारा विचार किया जा सकेगा? (घ) क्‍या इन क्षेत्रों सिंचाई का संकट है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (घ) इन क्षेत्रों में सिंचाई सुविधा की आवश्‍यकता, प्रतिवेदित है।

परिशिष्ट - "उन्चास"

निर्माण कार्यों की अद्यतन स्थिति

[जल संसाधन]

72. ( क्र. 1063 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में 1 जनवरी, 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक जल संसाधन विभाग द्वारा कौन-कौन से निर्माण कार्य, मेन्टेनेन्स कार्य कितनी-कितनी राशि से किस-किस स्थान पर स्वीकृत कराकर किस ठेकेदार/एजेन्सी द्वारा किस-किस यंत्री के सुपरविजन में कराये गये हैं तथा कराये जा रहे हैं। दिनांक 10/2/2022 की स्थिति में उनकी भौतिक तथा वित्तीय स्थिति क्या है? सम्पूर्ण जानकारी दें।           (ख) 10 फरवरी, 2022 की स्थिति में ग्वालियर जिलों में ऐसे कौन-कौन से नवीन निर्माण कार्य या मेन्टेनेन्स के कार्य प्रस्ताव हैं जो शासन स्तर पर स्वीकृति हेतु लंबित है? कार्य का नाम, लागत राशि, प्रस्ताव भेजने का दिनांक, कार्य का स्थान, लंबित रहने का कारण सहित पूर्व विवरण दें। (ग) ग्वालियर जिले में जल संसाधन विभाग में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्‍थ हैं? उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक, वर्तमान पद पर पदस्‍थ दिनांक एवं मुख्यालय बतावें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजनांतर्गत खाद्यान्न वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

73. ( क्र. 1064 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) जिला ग्वालियर अंतर्गत प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अंतर्गत 1 जनवरी, 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक कितना-कितना राशन जिले को प्राप्‍त हुआ एवं प्राप्‍त राशन का कितना राशन दुकानों को प्रदाय किया गया एवं कितने हितग्राहियों को कितना-कितना वितरण किया गया? राशनवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) विगत दो वर्षों में कितनी शिकायतें प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के वितरण में जिले को या अनुभाग स्तर पर प्राप्‍त हुई? शिकायतकर्ता का नाम, पता तथा शिकायत की छायाप्रति दें। शिकायतवार क्या-क्या कार्यवाही प्रशासन के द्वारा की गई? की गई कार्यवाही एवं दण्डित किये गये सेल्समेन व सहायक विक्रेताओं की सम्पूर्ण जानकारी दें। (ग) खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग में ग्वालियर जिले में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं? उनका नाम, पद, पद स्थापना दिनांक, वर्तमान पद एवं स्थान पर पदस्थ दिनांक, मुख्यालय एवं मोबाइल नंबर सहित जानकारी दें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना अप्रैल, 2020 के पूर्व लागू नहीं थी। अप्रैल, 2020 से फरवरी, 2022 तक की अपेक्षित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'' अनुसार है।

सीमांकन, बंटवारा एवं नामांतरण के लंबित प्रकरण

[राजस्व]

74. ( क्र. 1065 ) श्री हर्ष यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                        (क) जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र देवरी में कितने प्रकरण नामांतरण, बंटवारा एवं सीमांकन हेतु प्राप्‍त हुए? कितने निराकृत हुए तथा कितने प्रकरण लंबित है? समस्त प्रकरणों की पृथक-पृथक सूची ग्राम पंचायतवार, नामवार, पटवारी हल्का एवं प्रकरण के लंबित रहने के कारण सहित देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार यदि हितग्राही के नामांतरण, बंटवारा एवं सीमांकन करने हेतु कोई कागजी कमी होती है तो हितग्राही को अवगत कराया जाता है? यदि हाँ, तो किस माध्यम से कराया जाता है? उसकी छायाप्रति देवें और नहीं तो हितग्राही को इस बारे में कैसे जानकारी मिलेगी? (ग) क्या सीमांकन, बंटवारा एवं नामांतरण की प्रक्रिया में आवश्‍यक रुप से लंबित रखे जाने की शिकायतें किसी भी माध्यम से प्रश्‍नांश (क) की अवधि में प्राप्‍त हुई है? यदि हाँ, तो प्राप्‍त शिकायतों का विवरण एवं उन पर की गई कार्यवाही का विवरण दें। (घ) मध्यप्रदेश शासन के नियमानुसार सीमांकन, बंटवारा एवं नामांतरण आवेदन प्रस्तुत करने के उपरांत समय-सीमा में प्रकरण के निराकरण करने का प्रावधान है? नियम की प्रति उपलब्ध करावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) सागर जिला अंतर्गत देवरी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत तहसील देवरी, केसली के नामांतरण, बंटवारा एवं सीमाकंन के प्राप्‍त प्रकरण, निराकृत प्रकरणों का विवरण प्रश्‍न दिनांक तक निम्नानुसार हैः-

तह.

नामांतरण

बटवारा

सीमांकन

दर्ज

निराकृत

लंबित

दर्ज

निराकृत

लंबित

दर्ज

निराकृत

लंबित

देवरी

8236

8154

82

1677

1661

16

372

372

0

केसली

4338

4124

214

880

834

46

480

480

0

योग

12574

12278

296

2557

2495

62

852

852

0

प्रकरणों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार हैं। (ख) नामांतरण, बंटवारा एवं सीमांकन प्रकरणों में हितग्राहियों को पेशी दिनांक पर समक्ष न्यायालय में आहूत कर आवेदक को प्रकरण में किसी भी प्रकार की कागजी कमी होने पर हितग्राही को पीठासीन अधिकारी/रीडर के द्वारा आवेदक/अनावेदक को समक्ष में अवगत कराया जाता है। (ग) जी नहीं। (घ) जी हाँ। लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत् नियमानुसार सीमांकन बंटवारा प्रकरण निराकृत करने की समय-सीमा निर्धारित है। प्रावधान की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब अनुसार है। मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता, 1959 की धारा 110 की उपधारा (4) में नामांतरण के प्रकरण निराकृत करने की समय-सीमा निर्धारित है। प्रावधान की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-स अनुसार है।

वन सुरक्षा श्रमिकों को मानदेय/पारिश्रमिक का भुगतान

[वन]

75. ( क्र. 1068 ) श्री हर्ष यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वनों एवं रोपणियों की सुरक्षा के लिए विभाग द्वारा वन समितियों के माध्यम से वनों एवं वृक्षारोपण स्थलों पर वन सुरक्षा श्रमिकों की तैनाती की जाती है? यदि हाँ तो उनकी नियुक्ति की क्या प्रक्रिया है? उनके मानदेय का निर्धारण एवं भुगतान किस प्रकार किया जाता है? उनसे क्या-क्या कार्य कराये जाते हैं? प्रतिदिवस उनका ड्यूटी शेड्यूल क्या तय किया गया है? (ख) क्या प्रदेश में तैनात वन सुरक्षा श्रमिकों के मानदेय/पारिश्रमिक में एकरूपता है? यदि हाँ तो विभाग द्वारा उनके लिए कितना भुगतान निर्धारित किया गया है? यदि नहीं, तो समान कार्य के लिए तैनात वन सुरक्षा श्रमिकों को देय भुगतान में विभेद क्यों है? वर्तमान में तैनात सुरक्षा श्रमिकों को कितना भुगतान किया जा रहा है? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्या वन सुरक्षा श्रमिकों को विभाग द्वारा प्रदत्त भुगतान के निर्धारण में शासन द्वारा तय दैनिक मजदूरी संबंधी निर्देशों का पालन किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त श्रमिकों को किस निर्धारित दर से भुगतान किया जा रहा है? साथ ही क्या विभाग उन्हें कुशल श्रमिक मानता है? यदि नहीं, तो वन सुरक्षा श्रमिकों को देय भुगतान का निर्धारण किस प्रकार किया गया है?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं, राज्‍य शासन के संकल्‍प 22 अक्‍टूबर, 2001 एवं राज्‍य शासन के परिपत्र एफ 22-72/2011/10-2 दिनांक 28-01-2012 के अनुसार वन समितियां वनों की सुरक्षा स्‍वयंसेवी, मानसेवी या सुरक्षा श्रमिकों के माध्‍यम से कराने, चयन मानदेय का निर्धारण, अपेक्षित कार्य निर्धारण एवं भुगतान करने के लिए स्‍वतंत्र है। (ख) वन विभाग द्वारा कार्य पर लगाए गए सुरक्षा श्रमिकों को श्रम आयुक्‍त द्वारा निर्धारित पारिश्रमिक के अनुसार भुगतान किया जाता है। अत: भुगतान विभेद का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। प्रश्‍नांश की शेष जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट में है। (ग) विभाग द्वारा दैनिक श्रमिकों का भुगतान श्रम आयुक्‍त द्वारा निर्धारित दर से किया जा रहा है। विभाग सुरक्षा श्रमिकों को कुशल श्रमिक नहीं मानता है। शेष उपरोक्‍तानुसार।

परिशिष्ट - "पचास"

वन विभाग को प्राप्‍त अधिकार

[वन]

76. ( क्र. 1074 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) भा.व.अ. 1927 की धारा 27 एवं धारा 34अ के अनुसार राजपत्र में वन विभाग द्वारा डीनोटीफाईड की गई भूमियों को धारा 29 एवं धारा 4 में अधिसूचित करने का अधिकार या छूट वन विभाग को किस कानून, किस नियम या किस न्यायालयीन आदेश के अनुसार दिए गए हैं। (ख) धारा 27 एवं धारा 34अ में अधिसूचित भूमियों को धारा 29 एवं धारा 4 में अधिसूचित किए जाने के संबंध में शासन ने क्या-क्या प्रक्रिया निर्धारित कर किन-किन जानकारियों का उल्लेख किया जाना किस प्रारूप में आवश्यक किया है? प्रारूप की प्रति सहित बतावें। (ग) धारा 27 एवं धारा 34अ में अधिसूचित कितनी भूमियों को धारा 29 एवं धारा 4 में अधिसूचित किए जाने से संबंधित कितने प्रस्ताव वर्तमान में वन मुख्यालय सतपुड़ा भवन भोपाल एवं राज्य मंत्रालय भोपाल के स्तर पर लम्बित है? जिलेवार बतावें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) राज्‍य सरकार ऐसी किसी वनभूमि या पड़त भूमि को जो सरकार की संपत्ति है या जिस पर सरकार का सांपत्तिक अधिकार है या जिसकी पूरी वनोपज या उस उपज के किसी भाग की सरकार हकदार है तथा वनिकरण के योग्‍य है को उपबंधित रीति से भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-29 एवं धारा-4 में अधिसूचित कर सकती है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार प्राप्‍त भूमियों को भारतीय वन अधिनियम, 1927 को संगत धारा में अधिसूचित किया जाता है। पृथक से कोई निर्देश नहीं हैं। (ग) वर्तमान में प्रश्‍नाधीन कार्यालयों में कोई प्रस्ताव लंबित नहीं हैं।

क्रेशर एवं डोलोमाइट की खदानों की जानकारी

[खनिज साधन]

77. ( क्र. 1079 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में कितने क्रेशर एवं डोलोमाइट की खदानें स्वीकृत हैं? कितने अवैध हैं? क्रेशर एवं खदान मालिक के नाम एवं खसरा नं. सहित सूची प्रदान करें। (ख) क्या ये सभी क्रेशर एवं खदानें पर्यावरण सुरक्षा की दृष्टि से वन विभाग एवं पॉलूशन कंट्रोल बोर्ड के मानक अनुसार हैं? यदि हाँ तो किस आधार पर एनओसी प्रदान की गई है? (ग) माईनिंग अधिकारी द्वारा पिछले तीन वर्ष से प्रश्‍न दिनांक तक के निरीक्षण उपरांत कितने क्रेशर एवं खदाने फिट अनफिट पाये गये? निरीक्षण प्रतिवेदन की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (घ) यदि क्रेशर एवं खदान निरीक्षण में निर्धारित मापदण्डों पर सही नहीं पाये जाने पर खदान संचालक पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मण्‍डला जिले में 59 क्रेशर आधारित पत्‍थर/गिट्टी के उत्‍खनिपटटा एवं डोलोमाइट के 43 खदानें स्‍वीकृत है। कोई अवैध खदान नहीं है। शेष प्रश्‍नांश की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) ये सभी क्रेशर एवं खदानें पर्यावरण सुरक्षा की दृष्टि से वन विभाग एवं पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मानक अनुसार है। म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों द्वारा खदानों के निरीक्षण उपरांत स्‍थल उपयुक्‍त पाये जाने पर जल (प्रदूषण का नियंत्रण एवं निवारण) एक्‍ट, 1974 एवं वायु (प्रदूषण का नियंत्रण एवं निवारण) एक्‍ट, 1981 के प्रावधानों के अनुरूप अनापत्ति जारी की गई है। वन विभाग द्वारा म.प्र. शासन वन विभाग मंत्रालय के परिपत्र क्रमांक एफ 5/16/81/10-3 भोपाल दिनांक 07/10/2002 से जारी परिपत्र से जारी निर्देश अनुसार वन विभाग के अधिकारी द्वारा स्‍थल निरीक्षण उपरांत उपयुक्‍त पाये जाने पर एन..सी. प्रदान की गई है। (ग) म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 में क्रेशर एवं खदानों के फिट अथवा अनफिट मापदण्‍ड के आधार पर जाँच किये जाने के प्रावधान नहीं है। समय-समय पर किये गये निरीक्षण प्रवितेदन की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (घ) पिछले तीन वर्षों में जाँच के दौरान क्रेशर एवं खदानों में निर्धारित मापदण्‍ड पर सही नहीं पाये जाने पर विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है।

शासकीय उचित मूल्‍य दुकान

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

78. ( क्र. 1087 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 2872 दिनांक 04.03.2021 के उत्‍तर कंडिका (ख) अनुसार विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत 8 पंचायतें जिनमें शासकीय उचित मूल्‍य दुकान नहीं हैं, उन पंचायतों में ऑनलाइन आवेदन पत्र पुन: आमंत्रित किया जाना है, संबंधी जानकारी दी गई थी? यदि हाँ तो क्‍या प्रश्‍न दिनांक तक उक्‍त पंचातयों में ऑनलाइन आवेदन पत्र पुन: आमंत्रित कर लिये गये हैं? यदि हाँ तो कब? विवरण सहित बतावें। यदि नहीं, तो उक्‍त संबंध में क्‍या कार्यवाही किन कारणों से किस स्‍तर पर कब से लंबित हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या विभाग उक्‍त पंचायतों में शासकीय उचित मूल्‍य दुकान प्रारंभ करने हेतु ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित करेगा? यदि हाँ तो कब तक?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र की जिन पंचायतों में दुकान नहीं है, उनमें ऑनलाइन आवेदन पत्र आमंत्रित किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है।               (ख) जी हाँ। प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर अनुसार।

 

मजरे-टोले को राजस्‍व ग्राम बनाया जाना

[राजस्व]

79. ( क्र. 1088 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) शासन द्वारा मजरे-टोले को राजस्‍व ग्राम बनाए जाने संबंधी नियम क्‍या हैं? प्रति सहित बतावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत ग्राम व पंचायत बडोदिया तालाब का मजरा-टोला कॉछीपुरा की जनसंख्‍या लगभग 500 एवं मूल ग्राम से 2 कि.मी. की दूरी पर स्थित होकर पृथक राजस्‍व ग्राम बनाए जाने की समस्‍त पात्रता धारण करता हैं? यदि हाँ तो क्‍या शासन उक्‍त मजरा-टोला कॉछीपुरा को पृथक राजस्‍व ग्राम बनाए जाने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) शासन द्वारा मजरा-टोले को राजस्व ग्राम बनाये जाने संबंधी नियम मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता (भू सर्वेक्षण तथा भू-अभिलेख) नियम 2020 के अंतर्गत बनाये गये है जिसके भाग घ के नियम 43 में ग्रामों की विरचना, समामेलन तथा विभाजन के नियम भी बनाए गये है। नियम की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में राजगढ़ जिले की विधानसभा नरसिहगढ़ अंतर्गत ग्राम व पंचायत बडोदिया तालाब का मजरा-टोला काछीपुरा की जनसंख्या 1120 है तथा मूल ग्राम से 2 किलो मीटर की दूरी पर स्थित है परन्तु उक्त मजरा टोला का क्षेत्रफल 60 हेक्टेयर होने से तथा वर्तमान में विद्यमान ग्राम मजरा-टोला का प्रबंधन सुविधापूर्वक होने से उक्त मजरा टोला, म.प्र. भू-राजस्व संहिता (भू सर्वेक्षण तथा भू-अभिलेख) नियम 2020 के भाग '' (ग्रामों तथा सेक्टरों की विरचना, समामेलन तथा विभाजन नियम 43 (3) के अंतर्गत पृथक राजस्व गांव हेतु पात्रता श्रेणी में नहीं आता है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "इक्यावन"

स्वीकृत वनरोपणी, पौधों की जानकारी

[वन]

80. ( क्र. 1095 ) श्री सुनील उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                       (क) तेन्‍दूपत्‍ता के वानिकी विकास मद से वन विभाग छिन्दवाड़ा जिले में क्षेत्रीय वन मंडलों में वर्ष 2018 से आज दिनांक तक मनरेगा, कैम्पा, आईएपी मद एवं अन्य मदों से स्वीकृत वनरोपणी की जानकारी परिक्षेत्रवार, स्थलवार तैयार पोधे, विभाग में उपयोग पौधे एवं शेष पौधों की जानकारी एवं किये गये वर्षवार व्‍यय की जानकारी देवें। (ख) मध्यप्रदेश शासन एवं क्षेत्रीय मुख्यालय ने क्षेत्रीय वनमंडलों को रोपणी तैयार न करने हेतु निर्देशित किया था? निर्देशों की अवहेलना करने हेतु जिले के कौन-कौन से अधिकारी दोषी हैं? वर्ष 2018 से आज दिनांक तक नामवार जानकारी देवें।                (ग) जिले में विभिन्न मदों से सड़कों के दोनों ओर स्वीकृत सड़क किनारे वृक्षारोपण की जानकारी स्थलवार, वर्षवार रोपित पौधे, जीवित पौधों की जानकारी एवं इन वृक्षारोपण पर आज तक किये गये व्यय की जानकारी देवें। (घ) कैम्पा, आईएपी, बकरलिप केन्द्रीय राज्य योजना से प्राप्‍त वर्षवार बांस रोपण का स्थलवार लक्ष्य, स्वीकृत राशि, व्‍यय राशि एवं लगाये गये व जीवित वर्ष 2018 से आज दिनांक तक बांस पौधों की संख्या बतायें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 में है। (ख) पश्चिम छिन्‍दवाड़ा वनमंडल में जो रोपणी तैयार की गई है, वह स्‍वीकृत योजना के तहत सक्षम अधिकारी के निर्देशों के अनुरूप ही है। अत: निर्देशों की अवहेलना नहीं की गई है, शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 में है। (घ) छिन्‍दवाड़ा वनवृत्‍त के पूर्व/पश्चिम/ दक्षिण छिन्‍दवाड़ा वनमंडल में कैम्‍पा, आईएपी, बकरलिप योजना अंतर्गत बांस रोपण नहीं किया गया है। बांस मिशन के अंतर्गत बांस रोपण की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-3 में है।

श्रमिकों को निर्धारित दैनिक मजदूरी का भुगतान

[श्रम]

81. ( क्र. 1096 ) श्री सुनील उईके : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्रमिकों को दैनिक निर्धारित श्रम आयुक्त इंदौर की निर्धारित मजदूरी दर से शासकीय विभागों द्वारा पूर्ण भुगतान नहीं कर मनरेगा की भारत सरकार द्वारा निर्धारित दर से मजदूरी का श्रमिकों को भुगतान किया जा रहा है? (ख) क्या विभागीय अधिकारियों द्वारा कराये जा रहे कार्यों में 338 रूपये की दैनिक निर्धारित मजदूरी का भुगतान कराने की कृपा करेगें? क्‍या छिन्दवाड़ा जिले में भी सभी विभागीय अधिकारियों द्वारा मनरेगा की निर्धारित मजदूरी दर का भुगतान किया जा रहा है? जांच करवाकर पूर्ण भुगतान की कार्यवाही करने का कष्ट करें।              (ग) मजदूरी के कल्याण के लिए संचित एक प्रतिशत राशि से जुन्नारदेव विधानसभा में क्या-क्या कल्याणकारी कार्य करवाये गये एवं विगत 5 वर्षों में कितनी राशि संचित हुई है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) शासकीय विभागों द्वारा कराए जा रहे कार्यों में राज्‍य शासन द्वारा निर्धारित न्‍यूनतम वेतन दर से भुगतान किया जाता है एवं मनरेगा के अंतर्गत जो कार्य कराए जाते है उनमें मनरेगा की मजदूरी दर जो कि केन्‍द्र शासन स्‍तर से तय की जाती है, उसका भुगतान किया जाता है। (ख) शासकीय विभागों द्वारा कराए जा रहे विभागीय कार्यों में राज्‍य शासन द्वारा निर्धारित न्‍यूनतम वेतन दर से भुगतान किया जाता है। मनरेगा के कार्यों में मनरेगा की दर पर मजदूरी भुगतान किया जाता है। कम मजदूरी भुगतान के संबंध छिंदवाड़ा कार्यालय में कोई भी शिकायत कार्यालय में लंबित नहीं है। (ग) म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण उपकर अधिनियम, 1996 अंतर्गत निर्माण कार्यों से प्राप्‍त 1 प्रतिशत उपकर राशि से जिला छिन्‍दवाड़ा अंतर्गत जुन्‍नारदेव विधानसभा में विगत पांच वर्षों में मण्‍डल द्वारा संचालित विभिन्‍न योजनाओं में लाभान्वित हितग्राहियों को प्रदाय की गई सहायता राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। छिंदवाड़ा जिले से विगत 05 वर्षों में कुल राशि रूपये 15.41 करोड उपकर के रूप में प्राप्‍त हुई है। विस्‍तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।

परिशिष्ट - "बावन"

 

 

 

छोटे घास की जमीन

[राजस्व]

82. ( क्र. 1097 ) श्री राम दांगोरे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि पंधाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सघन वन एवं छोटे घास के मैदान व पहाड़ चट्टान का कुल अलग-अलग रकबा कितना है? क्या छोटे घाट की जमीन को मुक्त करने की कोई योजना है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : खंडवा जिले के पंधाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वनमंडल खंडवा सामान्य का कुल वन क्षेत्र 22317.78 हेक्टेयर है। जिसमें से 4672.32 हेक्टेयर वन विकास निगम खंडवा को हस्तांतरित की गई है एवं छोटे झाड़ के जंगल की भूमि 10,142 हेक्टेयर पहाड़ चट्टान की भूमि 4,186 हेक्टेयर की भूमि दर्ज है। छोटे झाड़ के जंगल की जमीन को मुक्त करने हेतु, अतिक्रमण पाए जाने पर उसके विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही सतत् प्रक्रिया है।

वन विभाग की जमीन पर चेक डेम एवं छोटे तालाबों का निर्माण

[वन]

83. ( क्र. 1098 ) श्री राम दांगोरे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग की जमीनों पर चेक डेम एवं छोटे व बड़े तालाब मनरेगा के माध्यम से बनाने की प्रक्रिया क्या है? बताने का कष्ट करें। (ख) यदि कोई प्रक्रिया नहीं है तो फिर भी वन भूमियों में मनरेगा से चेक डेम व छोटे तालाब बिना किसी अनुमति के बन रहे हैं इसमें अधिकारियों की सांठगांठ नजर आती है, क्या आपके द्वारा इस पर कोई कार्यवाही की जाएगी?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वन विभाग की जमीनों पर चेक डेम, छोटे तालाब एवं बड़े तालाब का निर्माण मनरेगा के माध्‍यम से करने हेतु वन मण्‍डल अधिकारी द्वारा प्रस्‍ताव जिला पंचायत को प्रेषित कर प्रशासकीय स्‍वीकृति प्राप्‍त की जाती है। (ख) मनरेगा अंतर्गत कार्य निर्धारित प्रक्रिया से हो रहे है। शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

प्रवासी मजदूरों के लिये लगाई गई बसें

[राजस्व]

84. ( क्र. 1112 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) प्रवासी मजदूरों के लिये वर्ष 2021 में मार्च से जून माह में किस-किस जिलो में                  कितनी-कितनी बसे लगाई गई थी? प्रदेश में कुल कितनी बसें लगाई गई? (ख) प्रवासी मजदूरों के परिवहन हेतु लगाई गई बसों का जिलेवार देय भाड़ा बतावें तथा कितना भुगतान कर दिया गया है तथा कितना शेष है? प्रदेश में कुल कितना भाड़ा देय है तथा कितना भुगतान किया गया?                                  (ग) प्रवासी मजदूरों के परिवहन हेतु लगाई गई बसों के जिलेवार बस क्रमांक मालिक का नाम तथा देय भाड़ा बतावें। (घ) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित बसों के माध्यम से कुल कितने प्रवासी मजदूरों को परिवहन का लाभ मिला? (ड.) प्रश्‍नांश (ख) में उल्लेखित बस भाड़ा किस मद से भुगतान किया।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) राजस्‍व विभाग से प्रदेश में प्रवासी मजदूरों के लिये वर्ष 2021 में मार्च से जून माह में कोई भी बस नहीं लगाई गयी है। (ख) से (ड.) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

डिनोटिफाईड की गई भूमि

[वन]

85. ( क्र. 1119 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) भा.व.अ. 1927 की धारा 27 एवं धारा 34अ में किन भूमियों के डि‍नोटिफिकेशन का क्या-क्या प्रावधान दिया गया है, डि‍नोटि‍फाईड भूमियों को वन भूमि प्रतिवेदित किए जाने का अधिकार या छूट भा.व.अ. 1927 की किस-किस धारा में किसे दिया गया है? (ख) धारा 27 एवं धारा 34अ के अनुसार राजपत्र में शासन द्वारा अधिसूचना प्रकाशित कर डि‍नोटि‍फाईड की गई आरक्षित वन एवं संरक्षित वन भूमियों को भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 29 एवं धारा 4 में पुनः अधिसूचित करने का अधिकार किसे किस-किस धारा में दिया गया है? (ग) धारा 27 एवं धारा 34अ के अनुसार राजपत्र में डि‍नोटि‍फाईड कर दी गई भूमियों को धारा 29 एवं धारा 4 में पुनः अधिसूचित करने की अनुमति वर्तमान में वन मुख्यालय सतपुड़ा भवन भोपाल की किस-किस शाखा के द्वारा किन-किन कारणों से प्रदान की जा रही है? (घ) धारा 29 एवं धारा 4 के तहत अधिसूचना हेतु अनुमति दिए जाने के पूर्व धारा 27 एवं धारा 34अ के तहत प्रकाशित अधिसूचनाओं से मिलान नहीं किए जाने का क्या कारण है?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रावधान जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक पर है। डिनोटिफाईड भूमियों के संबंध में भारतीय वन अधिनियम, 1927 में कोई प्रावधान नहीं है।                          (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो पर है। (ग) भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 27 एवं धारा 34 (अ) में डिनोटिफाईड भूमियों को पुनः भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 29 एवं धारा 4 के तहत अधिसूचित किया जा सकता है। यह कार्य प्रशासकीय विभाग द्वारा किया जाता है। (घ) उत्‍तराशं (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

भूमिहीनों को भूमि का बंटन

[राजस्व]

86. ( क्र. 1120 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) म.प्र. में ग्रामों की दखल रहित भूमि के कृषीकरण का अधिनियम 1970 में धारा 5 किस दिनांक को जोड़ी जाकर धारा 5 में क्या-क्या प्रावधान किया गया है? (ख) धारा 5 में किए गए प्रावधानों के अनुसार राजपत्र में भा.व.अ. 1927 की धारा 34अ के अनुसार डिनोटिफाईड भूमियों के वितरण से संबंधित शासन ने किस-किस दिनांक को पत्र, परि‍पत्र, आदेश, निर्देश जारी किए हैं? प्रति सहित बतावें। (ग) धारा 5 में किए गए प्रावधानों के अनुसार धारा 34अ में डिनोटिफाईड भूमियों का प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी वितरण नहीं किए जाने का क्या-क्या कारण रहा है? (घ) धारा 5 के अनुसार भूमियों का वितरण कब तक किया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित संदर्भित अधिनियम अस्तित्व में नहीं है l (ख) से (घ) प्रश्‍नांश (क) अनुसार प्रश्‍न ही उद्भूत नहीं होता l

अवैध रेत उत्‍खनन

[खनिज साधन]

87. ( क्र. 1124 ) श्री संजय शुक्ला : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कहाँ-कहाँ पर रेत खनन के लिये खदानें आवंटित की गई है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक इन्‍दौर संभाग अन्‍तर्गत किन-किन जिलों में किस-किस विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन सी नदी के सर्वे क्रमांक में से कितनी-कितनी मात्रा का आंकलन कर नीलामी की गई? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में किन-किन एजेन्सि‍यों को कब तक के लिये किस दिनांक से रेत खनन हेतु अनुमति प्रदान की गई? एजेन्सियों द्वारा कब से खनन प्रारंभ किया गया? उक्‍त अवधि में कितनी मात्रा में खनन किया गया? एजेन्सियों द्वारा कितनी-कितनी रायल्टी जमा कराई गई? विवरण दें। एजेन्सी द्वारा अनुबंध अनुसार कितनी राशि कब-कब विभागों में जमा कराई गई? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में क्या कई ठेकेदारों द्वारा रायल्‍टी की राशि कम जमा कराई गई? यदि हाँ तो विभाग द्वारा ठेकेदारों पर क्या कार्यवाही की गई?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) आवंटित रेत खदानों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब एवं स पर दर्शित है।            (घ) पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स पर प्रस्‍तुत जानकारी अनुसार राजस्‍व राशि जमा कराई गई है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

खाद्य सुरक्षा कानून

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

88. ( क्र. 1149 ) कुमारी हिना लिखीराम कावरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विषयांकित कानून के तहत केन्‍द्र सरकार द्वारा प्रति परिवार अथवा प्रति सदस्‍य पर कितना गेहूँ, चावल तथा मोटा अनाज देने का प्रावधान है? (ख) म.प्र. शासन द्वारा केन्‍द्र सरकार को BPL परिवारों की कितनी संख्‍या भेजी गयी है तथा वर्तमान में प्रदेश में कितने परिवारों के BPL कार्ड होने की जानकारी विभाग के पास है? क्‍या यह केन्‍द्र को भेजे गये BPL परिवारों की संख्‍या तथा वर्तमान में BPL परिवारों की प्रदेश में वास्‍तविक संख्‍या में अंतर होने के कारण ऐसे अनेक परिवार हैं जिन्‍हें पात्रता पर्चियां जारी नहीं की जा रही है? पात्रता पर्चियों से वंचित परिवारों की जिलेवार संख्‍या बताएं। (ग) प्रदेश में PDS (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) की दुकानों में चावल, गेहूँ तथा मोटा अनाज उसी मात्रा में दिया जाता है जैसा केन्‍द्र सरकार से प्राप्‍त होता है या उसकी मात्रा कम कर दी जाती है? (घ) पात्र परिवारों को पात्रता पर्ची कब तक जारी कर दी जाएगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

 

 

टैक्‍स चोरी रोके जाना

[परिवहन]

89. ( क्र. 1150 ) कुमारी हिना लिखीराम कावरे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विषयांकित जांच चौकी में विगत तीन वर्षों में राजस्‍व प्राप्तियों की प्रतिमाह जानकारी उपलब्‍ध कराएं? (ख) क्‍या विगत कुछ माहों से नहर वाली रोड से रेत का परिवहन कर सीधी टैक्‍स की चोरी की जा रही है? यदि हाँ तो इस संबंध में टैक्‍स चोरी को रोकने के लिए विभाग ने क्‍या कदम उठाए हैं? (ग) क्‍या विभाग द्वारा जल संसाधन विभाग को पत्र लिखकर नहर के किनारे भारी वाहनों के चलने पर रोक लगाने हेतु कोई पत्राचार किया गया है? यदि हाँ तो पत्र की प्रति उपलब्‍ध कराएं? यदि नहीं, तो क्‍या विभाग जल संसाधन विभाग को ऐसा पत्र लिखेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) एकीकृत चैक पोस्ट रजेगॉव की तीन वित्तीय वर्षों की राजस्व प्राप्तियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) परिवहन विभाग द्वारा समय-समय पर की गयी वाहन चैकिंग के दौरान नहर वाली रोड से किसी भी प्रकार के अवैध वाहनों का संचालन होना नहीं पाया गया है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संबंध में जानकारी निरंक होने से परिवहन विभाग द्वारा जल संसाधन विभाग से कोई पत्राचार नहीं किया गया है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "तिरेपन"

खनिज पदाधिकारियों पर कार्यवाही

[खनिज साधन]

90. ( क्र. 1164 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍न क्र. 892 दिनांक 22.12.2021 के '' उत्‍तर में जिन 03 पदाधिकारियों को 21.01.19 को कारण बताओं नोटिस जारी किए गए थे उनके 30 दिवस में जवाब अप्राप्‍त होने पर भी विभाग ने कोई कार्यवाही क्‍यों नहीं की? तत्‍कालीन से वर्तमान अधिकारी तक इसका जवाबदेही कब तक तय की जाएगी? (ख) इन 03 पदाधिकारियों का पद कब तक निरस्‍त किया जाएगा? यदि नहीं, तो इन्‍हें 03 वर्ष से संरक्षण देने का कारण बतावें। (ग) विगत 03 वर्षों में इनके खनन को अवैध खनन मानते हुए इन पर कार्यवाही कब तक की जाएगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍न क्रमांक 892 दिनांक 22/12/2021 के (ग) उत्‍तर में जिन 03 पट्टेधारियों को 21/01/2019 को कारण बताओं नोटिस जारी किये गये थे उन पर नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित कर उनके पक्ष में स्‍वीकृत उत्‍खनिपट्टों को पर्यवसित (निरस्‍त) किये जाने की कार्यवाही की गई है। जारी आदेशों की प्रतियां पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट पर दर्शित है। उपरोक्‍त कार्यवाही के आलोक में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्‍नांश (क) में दिए उत्‍तर अनुसार तीनों पट्टाधारियों के उत्‍खनन पट्टे निरस्‍त किए जा चुके हैं। उपरोक्‍त कार्यवाही के आलोक में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) स्‍वीकृत क्षेत्र होने से नियमों/पट्टा शर्तों/अनुबंध की शर्तों का उल्‍लंघन पाया जाने पर नियमानुसार पट्टा पर्यवसित (निरस्‍त) किये जाने की कार्यवाही की गई।

राजस्‍व प्रकरणों की जानकारी

[राजस्व]

91. ( क्र. 1165 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नांश क्र. 895 दिनांक 22.12.2021 के (क) उत्‍तर अनुसार जो 132 प्रकरण पटवारी रिपोर्ट के कारण लंबित हैं? की अद्यतन स्थिति देवें। प्रकरणवार, पटवारी हल्‍का नंबर, पटवारी नाम सहित लंबित स्थिति की जानकारी देवें। (ख) क्‍या कारण है कि कई प्रकरणों में 3 माह या उससे अधिक समय से पटवारी रिपोर्ट प्राप्‍त न होने से प्रकरण लंबित हैं? इनकी सूची पटवारी हल्‍का नंबर, पटवारी नाम सहित देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित प्रश्‍नानुसार (ख) उत्‍तर में जो प्रकरण लंबित हैं उनकी अद्यतन स्थिति‍ देवें। इनका निराकरण कब तक होगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्‍नांश क्र. 895 दिनांक 22.12.2021 के उत्तर (क) अनुसार जो 132 प्रकरण पटवारी रिपोर्ट के कारण तहसील महिदपुर एवं झारडा के न्यायालय में लंबित थे, उनका निराकरण कर दिया गया है। जिसकी सूची न्यायालयवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) उत्तर '' के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है।

नदियों को पुनर्जीवित करने

[जल संसाधन]

92. ( क्र. 1168 ) श्री सचिन सुभाषचन्‍द्र यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार की नदियों को पुनर्जीवित करने की कोई कार्य योजना है? यदि हाँ तो विवरण सहित बतावें। (ख) उपरोक्तानुसार खरगोन जिले की प्रमुख नदियां बोराड़, वंशावली, अम्बक, साटक, कुंदा, वेदा और निमगुल की नदियों को पुनर्जीवित करने की कोई कार्य योजना बनाई गई है, हाँ तो विस्तृत विवरण देवें। (ग) उक्त कार्य योजनाओं को कब तक स्वीकृति प्रदान की जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) नदियों को पुनर्जीवित करने के संबंध में जल संसाधन विभाग द्वारा वर्तमान में कोई योजना लागू नहीं है, अतएव शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

सार्वजनिक वितरण प्रणाली

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

93. ( क्र. 1171 ) श्री सचिन सुभाषचन्‍द्र यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र कसरावद में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की कितनी दुकानें वर्तमान में संचालित हैं? उक्त दुकानों में कौन-कौन से ग्राम सम्मिलित हैं? सम्मिलित ग्रामों की दुकान से कितनी दूरी है? दुकानवार, पंचायतवार उपभोक्ताओं का विवरण देवें। (ख) क्या सरकार की पंचायतवार शासकीय उचित मूल्य की दुकानें प्रारंभ करने की कोई योजना है? यदि हाँ तो कब तक प्रारंभ की जावेगी? (ग) उपरोक्तानुसार संचालित सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों में पंजीकृत उपभोक्ताओं के अनुपात में राशन पहुँच रहा है या नहीं? नहीं तो क्यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में 95 उचित मूल्‍य दुकानें संचालित हैं। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हां। योजना प्रचलन में है। (ग) जी हां। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

संबल योजनांतर्गत मृतक सहायता के लंबित प्रकरण

[श्रम]

94. ( क्र. 1172 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कारण है कि फरवरी 2021 से जनपद पंचायत खरगोन, जनपद पंचायत गोगावा एवं नगर पालिका खरगोन में निवासरत संबल कार्ड धारकों को मृतक सहायता का लाभ नहीं मिल पा रहा है? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार ऐसे कितने हितग्राही हैं जिनके प्रकरण स्वीकृति के बाद भी अभी तक राशि‍ नहीं मिली है? नहीं मिलने के क्या कारण हैं? कब तक राशि‍ हितग्राहि‍यों को मिलेंगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) फरवरी 2021 से जनपद पंचायत, खरगौन में 34 प्रकरणों में, जनपद पंचायत, गोगावां में 191 प्रकरणों में एवं नगर पालिका, खरगौन में 44 प्रकरणों में संबल कार्ड धारकों को मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजनांतर्गत हितलाभ भुगतान किया गया है। अतः प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार स्वीकृति के बाद हितलाभ भुगतान हेतु लंबित प्रकरणों की जानकारी निम्नानुसार हैः-

क्र.

निकाय का नाम

भुगतान हेतु लंबितप्रकरणों की संख्‍या

1

जनपदपंचायत खरगौन

93

2

जनपदपंचायत गोगावां

54

3

नगरपालिका परिषद खरगौन

73

योग

220

बजट उपलब्‍धता के आधार पर प्राथमिकता से भुगतान किया जाता है।

कोतमा विधानसभा क्षेत्र में वेयर हाउस चबूतरा निर्माण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

95. ( क्र. 1179 ) श्री सुनील सराफ : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) कोतमा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम दारसागर में वेयर हाउस चबूतरा निर्माण कार्य जिस कम्‍पनी द्वारा किया जा रहा है, उसके द्वारा प्रस्‍तुत बिलों की प्रमाणित प्रति देवें। इन्‍हें अब तक कितनी राशि का भुगतान किया जा चुका है? (ख) इस कम्‍पनी द्वारा रेत, गिट्टी, सीमेण्‍ट, सरिया जहां से क्रय किया गया है की जानकारी क्रय बिलों की छायाप्रति सहित देवें। इस निर्माण कार्य स्‍थल पर कितने मजदूर, चौकीदार, सुपरवाइजर कार्य कर रहे हैं? उनके नाम, पता, मोबाइल नंबर सहित देवें।                (ग) स्‍वीकृति से अभी तक किन-किन अधिकारियों ने इसका निरीक्षण किया, प्रत्‍येक निरीक्षण की टीप सहित देवें। इस निर्माण कार्य में रेत के स्‍थान पर धूल-डस्‍ट-मिट्टी का प्रयोग करने पर अधिकारियों ने संबंधित कम्‍पनी पर क्‍या कार्यवाही की है? यदि नहीं, की है, तो इस सांठ-गांठ का कारण बतावें। (घ) क्‍या चबूतरे निर्माण के तुरंत बाद इस पर कई टन वजनी धान की बोरियां चढ़ा दी जाती हैं? क्‍या ऐसा करने से नव निर्माण चबूतरा क्षतिग्रस्‍त नहीं होगा? ऐसी जल्‍दबाजी के क्‍या कारण हैं? क्‍या धूल-डस्‍ट का प्रयोग करने पर भुगतान में कटौती की जावेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

भूमि अधिग्रहण के नाम पर कब्‍जा

[राजस्व]

96. ( क्र. 1180 ) श्री सुनील सराफ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) क्‍या तहसील कोतमा, राजस्‍व निरीक्षक-बिजुरी-मौजा बिजुरी की भूमि खसरा क्र. 109 मोहन पाव पिता झूला पाव के नाम दर्ज अभिलेख है? (ख) क्‍या उक्‍त भूमि S.E.C.L. बिजुरी उपक्षेत्र द्वारा कोल माइंस के रीजनल वर्कशाप/स्‍टोर निर्माण हेतु अधिगृहि‍त की गई है? (ग) क्‍या S.E.C.L द्वारा आदिवासी व्‍यक्ति की उक्‍त भूमि को अधिग्रहण के नाम पर कब्‍जा लेकर गैर आदिवासियों को कब्‍जा करवा दिया गया है? यदि उक्‍त अवैध कब्‍जा करवाया गया है तो क्‍या यह नियमानुसार है? यदि नहीं, तो कब्‍जा कब तक खाली कराया जाएगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जी हां। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

फसल क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान

[राजस्व]

97. ( क्र. 1183 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगौन जिले में वित्‍तीय वर्ष 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक फसलों के नुकसान होने से कितने किसानों को फसलों की क्षतिपूर्ति राशि स्‍वीकृत की गई थी? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार जिन किसानों को स्वीकृत राशि से कम राशि अभी तक प्राप्‍त हुई है बाकी बची राशि कब तक किसानों को प्राप्‍त हो जावेगी? तहसीलवार जानकारी देवें एवं अभी तक नहीं मिलने का क्या कारण है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) खरगौन जिले में वित्‍तीय वर्ष 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक स्‍वीकृत फसल क्षति की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) शासन स्‍तर से लिये निर्णय अनुसार खरगौन जिले में वित्‍तीय वर्ष 2019-20 में कुल स्‍वीकृत राशि का 25 प्रतिशत राहत राशि एवं वर्ष 2020-21 में कुल स्‍वीकृत 66 प्रतिशत राहत राशि का पूर्ण भुगतान किया जा चुका है। अत: शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

परिशिष्ट - "चउवन"

मुआवजा राशि का भुगतान

[राजस्व]

98. ( क्र. 1185 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि खरगोन जिले में आरबीसी 6 (4) के अंतर्गत क्‍या कोई प्रकरण लंबित है? उक्त लंबित प्रकरणों में राहत राशि मुआवजा राशि का भुगतान कब तक होगा? लंबित प्रकरणों की जानकारी नाम, पता, मोबाइल नंबर स्वीकृत मुआवजा राशि सहित देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : जी नहीं। खरगोन जिले में आरबीसी 6 (4) के अंतर्गत कोई प्रकरण लंबित नहीं हैं। अत: शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

भू-दान की जमीन किसानों को दिलवाये जाना

[राजस्व]

99. ( क्र. 1189 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम रकैरा तहसील जौरा जिला मुरैना के गरीब किसानों को भू-दान यज्ञ भोपाल द्वारा दिनांक 08.04.1976 को दी गयी 240 बीघा जमीन की वर्तमान में वस्तु स्थिति क्या है? क्या वन विभाग द्वारा किसानों को कृषि से वंचित कर अवैध कब्जा कर लिया गया है? यदि हाँ तो क्यों? (ख) क्या वन विभाग द्वारा शासन/प्रशासन से भू-दान की जमीन पर कब्जा करने की अनुमति ली है? अनुमति की प्रति देवें। अगर अनुमति नहीं ली है तो क्या वन विभाग द्वारा उन किसानों की भू-दान की जमीन से कब्जा हटाकर उन किसानों को दिलवायी जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? समय-सीमा निश्चित करें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) ग्राम रकैरा तहसील जौरा जिला मुरैना के 30 किसानों को भू-दान बोर्ड भोपाल द्वारा दिनांक 08/04/1976 को कुल सर्वे नंबर 34 कुल रकवा 48.072 हेक्टेयर (240 बीघा भूमि) दी गई भूमि वर्तमान में राजस्व अभिलेख में भू-दानधारी दर्ज है वन मण्डलाधिकारी, सामान्य वनमण्डल मुरैना द्वारा पत्र क्रमांक/मा.चि./22/784 मुरैना, दिनांक 21/02/2022 के प्रतिवेदन अनुसार प्रश्‍नाधीन भूमि भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 29 के तहत अधिसूचना क्रमांक 1101/203 (54) दिनांक 03/03/1955 से संरक्षित वन घोषित थीI सर्वे डिमार्केशन उपरांत धारा 4 (1) के तहत अधिसूचना दिनांक 22 सितम्बर, 1966 से रकैरा वनखण्ड अधिसूचित किया गया फलस्वरूप 22 सितम्बर, 1966 से वन विभाग के अधिपत्य में हैI उक्त वन भूमि पर खैर एवं अन्य प्रजाति के वन विद्यमान हैं तथा वन विभाग के आधिपत्य में हैI वन विभाग द्वारा किसानों को कृषि से वंचित कर अवैध कब्ज़ा नहीं किया गया हैI (ख) प्रश्‍नाधीन भूमि भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 29 के तहत जारी अधिसूचना क्र.1101/एक्स/एफ/203 (54) दिनांक 03/03/1955 से अधिसूचित संरक्षित वन में सम्मिलित थीI सर्वे डिमार्केशन उपरान्त धारा 4 (1) अधिसूचना दिनांक 22 सितम्बर, 1966 से रकैरा वनखण्ड अधिसूचित किया हैI उक्त भूमि वन भूमि होने से भूमि भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 4 (1) के तहत आरक्षित वन बनाये जाने हेतु अधिसूचित किये जाने से धारा 5 के तहत कोई नया अधिकार सृजित नहीं किया जा सकता हैI वर्तमान में प्रश्‍नाधीन भूमि का वैधानिक स्‍वरूप संरक्षित वन होने से कोई भी गैर वानिकी कार्य हेतु उक्‍त भूमि भारत सरकार की अनुमति के बिना नहीं दी जा सकती हैI

कैम्पा मद में उपलब्ध राशि की जानकारी

[वन]

100. ( क्र. 1191 ) श्री बीरेन्‍द्र रघुवंशी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) मध्यप्रदेश में कैम्पा मद में कुल कितनी राशि जमा है? कैम्पा निधि से व्यय के लिए निर्धारित मार्गदर्शी नियमावली क्या है? नियमावली की स्वच्छ प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में कैम्पा निधि से पिछले पांच में कुल कितनी राशि प्रदेश में व्यय की गई है? सम्पूर्ण व्यय राशि की मदवार, जिलावार जानकारी दें। (ग) क्या वर्तमान में कैम्पा निधि से व्यय हेतु प्रस्ताव लंबित हैं? यदि हाँ तो लंबित प्रस्तावों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराते हुए बताएं कि इन प्रस्तावों को कब तक स्वीकृत कर दिया जावेगा?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) मध्‍यप्रदेश में कैम्‍पा मद में कुल 6068.14 करोड़ राशि जमा है। मध्‍यप्रदेश प्रतिकरात्‍मक वन रोपण प्रबंधन नियम, 2018 के अनुसार व्‍यय हेतु मार्गदर्शिका दी गई है। उक्‍त नियमावली की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 (अ) एवं (ब) में है।                          (ख) पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 में है। (ग) कैम्‍पा निधि से व्‍यय हेतु प्रतिवर्ष APO बनाकर भारत सरकार से स्‍वीकृति ली जाती है और तदनुसार व्‍यय किया जाता है। भारत सरकार से चालू वर्ष तक की स्‍वीकृति प्राप्‍त हो चुकी है, अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

इंदौर वन वृत्‍त अंतर्गत पौधारोपण एवं भुगतान

[वन]

101. ( क्र. 1194 ) श्री बाला बच्चन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍न क्र. 873 दिनांक 22.12.2021 के (क) उत्‍तर में जिन्‍हें भुगतान किया गया है उनके नाम, राशि, बैंक नाम, बैंक खाता नंबर सहित देवें। (ख) उत्‍तर में दर्शाये भुगतान प्राप्‍तकर्ताओं की जानकारी भी इसी अनुसार देवें। (ख) तक्षशिला परिसर देवी अहिल्‍या विश्‍वविद्यालय इंदौर, डी.आर.पी. लाइन इंदौर, महारानी लक्ष्‍मीबाई स्‍नातकोत्‍तर महाविद्यालय इंदौर तक्षशिला रहवासी संघ इंदौर, पुलिस प्रशिक्षण केन्‍द्र महाविद्यालय इंदौर, पंचदीप भवन इंदौर, 15वीं बटालियन इंदौर में दिनांक 01.01.18 से 31.01.2022 तक कितने पौधे रोपे गये वर्षवार स्‍थान नाम सहित देवें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अवधि में इंदौर वन मण्‍डल में उपरोक्‍त स्‍थानों के अतिरिक्‍त किन-किन स्‍थानों पर कितने पौधे रोपे गए की जानकारी स्‍थान नाम, रोपित पौधो की संख्‍या सहित वर्षवार देवें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रश्‍न क्रमांक 873 दिनांक 22-12-2021 के उत्‍तरांश (क) के पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 में भुगतान प्राप्‍तकर्ता का नाम एवं राशि की जानकारी दी गई है। राशि संबंधित के बैक खाते में दी गई है। प्रश्‍नांश की शेष जानकारी व्‍यक्तिगत होने से प्रकटन करना संभव नहीं है। उत्‍तरांश (ख) में भुगतान प्राप्‍तकर्ता की भी उपरोक्‍तानुसार जानकारी दी गई है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 में है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 में है।

शासकीय भूमि पर अवैध खनन

[खनिज साधन]

102. ( क्र. 1195 ) श्री बाला बच्चन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय कलेक्‍टर खनिज शाखा बड़वानी की प्रथम सूचना पत्र क्रमांक 177/खनिज/2022 बड़वानी दिनांक 24.01.2022 की प्रेस नोट की विज्ञप्ति एवं नोटशीट आवेदक द्वारा ऑन लाइन किए आवेदन पत्र की प्रति देवें। विगत 4 वर्षों में आवेदक द्वारा कितने गिट्टी खनन की रायल्‍टी जमा की गई है? विक्रय फार्म की प्रमाणित प्रतियां वर्षवार देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) की विज्ञप्ति के पूर्व क्‍या विज्ञापित शासकीय भूमि पर खनिज पट्टा/अनुज्ञा पत्र जारी किया गया था? यदि हाँ तो इससे संबंधित समस्‍त दस्‍तावेज एवं निरीक्षण प्रतिवेदन की प्रतियां देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित शासकीय खसरा नंबर की भूमि पर प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में ड्रोन कैमरे से लिए वीडियो फुटेज, G.P.S. लोकेशन से लिए गए चारों दिशाओं के फोटोग्राफ्स जिसमें जिला खनिज अधिकारी एवं तहसीलदार की उपस्थिति हो देवें। (घ) ड्रोन कैमरे से लिए वीडियों एवं फुटेज से स्‍पष्‍ट है कि इस भूमि पर पूर्व से अवैध खनन किया जा रहा है इसके जिम्‍मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देकर बतावें कि इसके लिए विभाग इन अधिकारियों एवं अवैध खननकर्ता पर कब तक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो अवैध खनन को संरक्षण देने का कारण देवें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जिले से प्राप्‍त जानकारी अनुसार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ, ब एवं स पर दर्शित है। विगत चार वर्षों में आवेदक द्वारा गिट्टी खनन की रॉयल्‍टी जमा करने का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-द पर दर्शित है। विक्रय फार्म का खनिज नियमों में प्रावधान नहीं है। (ख) जिले से प्राप्‍त जानकारी प्रश्‍नांश (क) की विज्ञप्ति के पूर्व विज्ञापित शासकीय भूमि पर खनिज पट्टा/अनुज्ञा पत्र जारी नहीं किया गया था। किन्‍तु आवेदित क्षेत्र के समीप ही आवेदित क्षेत्र की अतिरिक्‍त शासन भूमि पर पूर्व से क्रेशर आधारित उत्‍खनिपट्टा पत्‍थर (गिट्टी) स्‍वीकृत है। जिसका विवरण निम्‍नानुसार है:-

क्र.

नाम

ग्राम/तहसील

सर्वे नं.

रकबा (हे.)

अवधि दिनांक

1

2

3

4

5

6

1

विजय यादव निवासी जुलवानिया

जाहुर/राजपुर

488/21

4.000

24/06/2021 से 23/06/2031

(संबंधित दस्‍तावेज एवं निरीक्षण प्रतिवेदन की प्रतियां पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ई पर दर्शित है।) (ग) प्रश्‍नानुसार कोई कार्यवाही न होने के कारण प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जिले से प्राप्‍त जानकारी अनुसार प्रश्‍नांश (क) अनुसार आवेदित क्षेत्र पर कोई अवैध उत्‍खनन नहीं किया जा रहा है। खसरा क्रमांक 488/21 में पूर्व में कोई अवैध उत्‍खनन का प्रकरण दर्ज नहीं किया गया है।

अधिग्रहण भूमि का मुआवजा

[राजस्व]

103. ( क्र. 1206 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर अनुविभाग छतरपुर एवं नौगांव के कितना रकबे मिसल बंदोबस्‍त में शासकीय भूमि के रूप में दर्ज था? (ख) क्या हल्का मौजा बगौता के खसरा नंबर 1731 एवं 1783 में 1958 के उपरांत शासन के नियम के तहत मध्यप्रदेश शासन की भूमि निजी दर्ज की गई थी? यदि नहीं, तो क्या विभाग उच्च न्यायालय के आदेश के संबंध में वरिष्ठ न्यायालय में अपील करेगा? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ग) जिला तहसील हल्का मौजा छतरपुर के वर्ष 1958 में खसरा नंबर 3004 में किस-किस के नाम दर्ज थे? उल्लेख करें। क्या उक्त खसरा नंबर 3004 में पुलिस लाइन का कब्जा होने के कारण निजी भूमि स्वामी का नाम विलोपित कर वर्ष 1980-85 में शासन दर्ज किया गया था? यदि हाँ तो क्या सक्षम अधिकारी के आदेश से शासन दर्ज किया गया था? यदि हाँ तो क्या उक्त भूमि का अधिग्रहण किया गया था? यदि हाँ तो अधिग्रहण की प्रति उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, तो क्यों उक्त भूमि स्वामी का नाम विलोपित कर शासन दर्ज किया गया था? कारण स्पष्ट करें। (घ) क्या उक्त अधिग्रहित भूमि-स्वामी को भूमि का मुआवजा दिया गया था? यदि हाँ तो कब किसको कितना दिया था? प्रमाण प्रस्तुत करें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) छतरपुर जिले के अनुभाग छतरपुर में 92982.16 एकड एवं अनुभाग नौगांव में 68313.84 एकड रकवा मिसल बंदोबस्त में शासकीय भूमि के रूप में दर्ज था। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश ही उद्भूत नहीं होता। (ग) तहसील छतरपुर के हल्का मौजा छतरपुर के वर्ष 1958 में खसरा नम्बर 3004 रकवा 1.29 एकड भूमि जमुना प्रसाद पिता गुढल बरई के नाम दर्ज था। जी हाँ उक्त प्रश्‍नाधीन खसरा नम्बर वर्ष 1974-75 के खसरा पंचशाला में कैफियत में भूमि कब्जा पुलिस लाईन शासकीय दर्ज है। सक्षम अधिकारी तहसीलदार छतरपुर द्वारा वर्ष 1974-75 की खतौनी के खाता क्रमांक 78 में पंजी क्रमांक 121, प्रकरण क्रमांक 193/अ-6/72-73 में पारित आदेश दिनांक 26/03/1972 के द्वारा म.प्र. शासन, पुलिस विभाग के नाम प्रविष्टि दर्ज की गयी। भूमि का अधिग्रहण नहीं किए जाने से शेष का प्रश्‍न ही उद्भूत नहीं होता है। (घ) उक्त भूमि का अधिग्रहण नहीं किए जाने से मुजावजा नहीं दिया गया।

शीघ्रलेखकों का पद नाम परिवर्तन

[राजस्व]

104. ( क्र. 1210 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मार्च 2021 में आयोजित विधानसभा सत्र के दौरान प्रश्‍नकर्ता द्वारा विधानसभा प्रश्‍न कमांक 3375 के माध्यम से सामान्य प्रशासन विभाग (वेतन आयोग प्रकोष्ठ के आदेश क्र. एफ-1-6/1/ वेआप्र/91 दिनांक 11 नवम्बर, 1997 द्वारा जारी आदेश के संदर्भ में सचिवालेयत्तर विभाग अंतर्गत शासन के सभी विभागों, समस्त संभागीय आयुक्त कार्यालयों एवं कलेक्टर कार्यालयों के शीघ्रलेखक संवर्ग के कर्मचारियों के पदनाम परिवर्तन के संबंध में प्रश्‍न पूछा गया था, इस प्रश्‍न के उत्तर में माननीय राजस्व मंत्री द्वारा उक्त संबंध में सदन को कार्यवाही प्रचलित होना अवगत कराया गया था। क्या अब यह कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है तथा संशोधित सेवा भर्ती नियम जारी हो चुके हैं? यदि हाँ तो कृपया आदेश की प्रति उपलब्ध कराने का कष्ट करें। (ख) यदि अभी तक उक्त संबंध में कोई कार्यवाही नहीं हुई है तो यह कार्यवाही कब तक पूर्ण कराकर सदन को अवगत कराया जाएगा तथा कार्यवाही नहीं करने वाले दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जाएगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। कार्यवाही प्रचलित है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

मार्गों पर वाहनों की संख्या

[परिवहन]

105. ( क्र. 1222 ) कुँवर रविन्‍द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चम्बल संभाग में जिलावार जनवरी 2011 में श्रेणीवार (दो पहिया वाहन, तीन पहिया, चार पहिया कार/जीप, बस व ट्रक/डम्फर) कुल कितने पंजीकृत वाहन थे? (ख) जनवरी 2011 से जनवरी 2021 तक वर्षवार श्रेणीवार कुल कितने वाहन पंजीकृत किये गये? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्लेखित अ‍वधि में वाहन पंजीकृत से कितना राजस्व मिला? वर्षवार बतावें। (घ) चम्बल संभाग के वि‍भिन्न शहरों के आन्तरिक मार्गों की यथा स्थिति एवं वाहन पंजीकृत की तेजी से बढ़ती संख्या के कारण मार्गों पर लग रहे जाम से नागरिकों को परिवहन में हो रही असुविधा को कम करने हेतु विभाग कार्यवाही करेगा? यदि हां, तो क्या?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) से (ग) चम्बल संभाग में 01 जनवरी, 2011 के प्रारम्भ में जिलावार कुल पंजीकृत वाहनों की संख्या निम्नानुसार थी:-

वाहन श्रेणी

मुरैना

भिण्‍ड

श्‍योपुर

दो पहिया

52277

39209

15660

तीन पहिया

436

440

344

चार पहिया (कार/जीप)

4305

2482

745

ट्रक

5717

3213

805

अन्‍य वाहन

10143

6925

3330

यात्री वाहन

756

551

152

कुल योग

73634

52820

21036

चम्बल संभाग के अन्तर्गत जिला परिवहन कार्यालय भिण्ड/मुरैना/श्योपुर में वर्ष 2011 से जनवरी 2021 तक प्रश्‍नांश अनुसार कुल पंजीकृत वाहनों की संख्‍या एवं राजस्‍व की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) चम्बल संभाग के विभिन्न शहरों के आन्तरिक मार्गों पर वाहनों के कारण लगने वाले जाम को खुलवाकर यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से जारी रखने का कार्य गृह (पुलिस) विभाग की यातायात शाखा (Traffic Police) द्वारा नियमित रूप से किया जाता है। शहरों में वैकल्पिक मार्गों का सर्वे एवं निर्माण जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जाता है। पृथक से परिवहन विभाग द्वारा इस संबंध में कार्यवाही नहीं की जाती है।

परिशिष्ट - "पचपन"

शासन द्वारा खरीदे गये गेहूँ में व्यय राशि

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

106. ( क्र. 1239 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 69 दिनाक 22.12.2021 के संदर्भ में बतावें कि वर्ष 2016-17 से 2020-21 तक कितना-कितना गेहूँ की मात्रा की गुणवत्ता प्रभावित हुई? वह कुल खरीदी का कितना-कितना प्रतिशत है? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित प्रभावित गुणवत्ता वाले गेहूँ का निष्पादन किस प्रक्रिया से किया गया? उसे किस फर्म ने किस मूल्य पर खरीदा तथा उससे शासन को लागत से कितनी कम राशि प्राप्‍त हुई? वर्षवार बतावें। (ग) वर्ष 2016-17 से 2020-21 तक खरीदे गये गेहूँ की मात्रा, परिवहन, बारदान, हम्माली, वेयर हाउस खर्च, अन्य खर्च मिलाकर कुल कितनी लागत आयी तथा इससे प्रतिवर्ष विभाग को कुल मिलाकर कितना लाभ तथा हानि‍ हुई? (घ) पीपी बारदान जब 23.75 रू में उपलब्ध है तो फिर जूट बारदान 54.14 रू प्रति बारदान के क्यों खरीदे गये? संबंधित आदेश की प्रति देवें तथा बतावें कि वर्ष 2016-17 से 2020-21 तक कितने-कितने नग (गठान का उल्लेख नकरे) जुट, पीपी,तथा एक भर्ती बारदान किस दर से खरीदे गये? कितने उस वर्ष में उपयोग हुये, कितने अगले वर्ष में उपयोग हुये तथा कितने खराब होकर अनुपयोगी रहे? (ड.) वर्ष 2016-17 से 2020-21 तक खरीदे गये गेहूँ की मात्रा के मान से कुल कितने बारदान की आवश्यकता थी तथा उससे कितने कम अथवा ज्यादा खरीदी गये?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

बिना सक्षम स्वीकृति के शासकीय भूमि‍ का निजी नाम पर नामान्तरण

[राजस्व]

107. ( क्र. 1240 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 706 दिनांक 22.12.2021 के संदर्भ में बतावें कि वर्ष 2010 से 2020 तक इन्दौर तथा उज्जैन संभाग में न्यायालय तहसीलदार ने शासकीय भूमि को निजी नाम पर करने के आदेश दिये। सारे आदेश की प्रति देवे तथा बतावें कि क्या यह आदेश वैधानिक है? (ख) क्या कलेक्टर के आदेश पर न्यायालय तहसीलदार शासकीय भूमि को निजी नाम पर दर्ज करने के आदेश प्रदान कर सकता है? यदि हाँ तो इस नियम की प्रति देवें। (ग) इन्दौर, उज्जैन संभाग में वर्ष 2010 से 2020 तक शासकीय जमीन की निजी नाम पर करने के किसी न्यायालयीन आदेश को आगे सक्षम न्यायालय में चुनौती नहीं दी गई तथा उसे निजी नाम पर कर दिया गया। उसकी सूची जमीन का सर्वे क्रमांक, रकबा, गांव, जिनके नाम की गई, दिनांक, किस न्यायालय के किस आदेश पर की गई सहित देवें? (घ) प्रश्‍नांश (ग) में उल्लेखित प्रकरण में क्या शासन के निर्देश की गंभीर अवहेलना हुई है? यदि हाँ तो किस-किस प्रकरण में कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार है तथा उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ड.) क्या प्रश्‍नांश (ग) में उल्लेखित प्रकरणों में आगे सक्षम न्यायालय में चुनौती दी जायेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-अ एवं ब अनुसार(ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता। (घ) जी नहीं। (ड) प्रश्‍नांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

शासकीय नियमों की अनदेखी

[राजस्व]

108. ( क्र. 1249 ) श्री मनोज चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) शासन द्वारा जारी निर्देश का पालन नहीं किए जाने पर जिसमें राज्य धन की भारी मात्रा में हानि होने की संभावना रहती है क्या कार्यवाही नियम प्रक्रिया के तहत प्रस्तावित है? उसका नियम क्‍या है तथा शासन इस प्रकार की कार्यवाही के आदेश देने हेतु कौन अधिकारी सक्षम है? (ख) क्या अहस्तांतरणीय गैर कृषि शासकीय जमीन को येन केन प्रकरण कृषि में परिवर्तित कर पट्टा कृषक के नाम पर हस्तांतरणीय करने का मामला संज्ञान में है? क्या इसकी उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर या ई.ओ.डब्ल्यू. से जांच करवाई जाएगी? (ग) क्या शासकीय जमीन को निजी नाम पर किया जाने के न्यायालय आदेश के विरुद्ध अगले सक्षम न्यायालय में बाद दायर करना चाहिए क्या शासन के इस आदेश का पालन करना सक्षम अधिकारी की इच्छा पर निर्भर है या उसका प्रशासकीय दायित्व है? (घ) क्या रतलाम जिले में कई प्रकरणों में जानबूझकर अगले सक्षम न्यायालय में 5 से 10 साल बाद दायर किया गया जिसमें लगभग 1000 करोड़ से ज्यादा की शासकीय भूमि निजी नाम पर दर्ज हो गई? क्या इन प्रकरणों में जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय कर कार्यवाही प्रचलन में आवेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 एवं म.प्र. वित्‍त संहिता का उल्‍लंघन पाए जाने पर म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के तहत कार्यवाही किये जाने के प्रावधान है। (ख) जी नहीं। ऐसा कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं है। (ग) शासकीय भूमि/सम्‍पतियों से संबंधित मामलों का प्रबंधन मध्‍यप्रदेश राज्‍य मुकदमा प्रबंधन नीति, 2018 के अनुसार किया जाता है। (घ) प्रकरण संज्ञान में लाये जाने पर विधिसम्‍मत कार्यवाही की जायेगी।

राशन की दुकान पर फर्जीवाड़ा

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

109. ( क्र. 1250 ) श्री मनोज चावला : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) रतलाम शहर में वर्ष 2014 से 2021 तक कुल कितने काल्पनिक हितग्राही पाए गए?          किस-किस दिनांक को किस-किस कंट्रोल दुकान से कितने काल्पनिक हितग्राही के नाम सूची में से हटाए गए? (ख) जिन काल्पनिक हितग्राही के नाम हटाए गए हैं उनके नाम से कुल कितना राशन निकाला गया? उनका बाजार मूल्य उस वक्त अनुसार कितना होगा? (ग) क्या काल्पनिक हितग्राही के नाम से राशन निकालना फर्जीवाड़े की श्रेणी में आता है या सामान्य प्रक्रिया में चूक माना गया? यदि फर्जीवाड़ा की श्रेणी में आता है तो उस कंट्रोल दुकान पर कितनी पेनल्टी लगाई जा सकती हैं या पुलिस में प्रकरण दर्ज किया जा सकता है? (घ) रतलाम में कंट्रोल दुकान पर काल्पनिक हितग्राही के नाम पर राशन निकालने पर मात्र दुकान की सूची में से नाम हटा दिया जाए तथा दुकानदार पर कोई कार्यवाही न की जाए। दूसरा दुकान पर शास्ति आरोपित की जाए तथा तीसरा पुलिस में फर्जीवाड़े का प्रकरण दर्ज किया जाए, इन तीनों में से किस की दुकान पर क्या-क्या कार्यवाही की गई हैं? सूची देवें। (ड) प्रश्‍नांश (घ) में प्रस्तावित तीन कार्यवाही में से कौन से कार्यवाही की जाए? इसका निर्णय लेने की अधिकारिता किस अधिकारी की है तथा इस संदर्भ में कार्यवाही के बारे में स्पष्ट निर्देश क्यों नहीं हैं? यदि हैं तो उसके प्रति देवें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) रतलाम शहर में वर्ष 2014 से 2021 तक 21202 परिवार जो छ: माह से राशन नहीं ले रहे थे उन्‍हें अप्रैल 2018 में पोर्टल से NIC भोपाल द्वारा माह मार्च 2018 के आवंटन से सीधे सूची से हटाये गये, सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है।            (ख) उत्‍तरांश (क) के काल्‍पनिक हितग्राही के नाम से राशन वितरण नहीं किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हां। यदि किसी कन्‍ट्रोल पर उक्‍त प्रकार का फर्जीवाड़ा पाया जाता है तो उस पर निकाले गये राशन की मात्रा अनुसार प्रचलित बाजार भाव से पेनल्‍टी लगाई जा सकती है तथा पुलिस में प्राथमिकी भी दर्ज कराई जा सकती है। (घ) रतलाम में अपात्र हितग्राही के नाम से राशन निकालने पर 8 दुकानों के संचालकों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई तथा उचित मूल्‍य दुकानें निलंबित की गई जिसकी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है।             (ड.) प्रश्‍नांश (घ) में प्रस्तावित तीन कार्यवाही में से कौन सी कार्यवाही की जाए इसका निर्णय लेने के लिए म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 की कण्डिका 16 (2) अनुसार दुकान मासिक आवंटन की 10 प्रतिशत से अधिक मात्रा का प्रतिस्‍थापन, व्‍यपवर्तन अथवा अपमिश्रण पाने पर आवश्‍यक वस्‍तु अधिनियम 1955 की धारा 7 के अंतर्गत अभियोजन की कार्यवाही अनिवार्य रूप से किये जाने का प्रावधान है तथा कण्डिका 16 (8) अनुसार उचित मूल्‍य दुकान के संचालन में अनियमितता पाए जाने पर आवश्‍यक वस्‍तु अधिनियम 1955 के अंतर्गत कलेक्‍टर द्वारा अभियोजन की कार्यवाही हेतु आदेश दिए जाते है। म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है।

शासकीय जमीन को निजी नाम दर्ज करना

[राजस्व]

110. ( क्र. 1251 ) श्री मनोज चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) रतलाम जिले में पिछले 5 वर्षों में जिन 10-15 जमीनों की अदला बदली शासन/कलेक्टर के आदेश से की गई उन जमीनों के सर्वे नंबर, रकबा, गांव का नाम, जमीन का प्रकार, कलेक्टर गाइड लाइन अनुसार मूल्य, व्यक्ति का नाम सहित सूची देवें तथा आज दिनांक को अदला बदली हुई दोनों जमीनों की खाते की नकल की प्रति देवें। (ख) जिले में पिछले 5 वर्षों में जिन 10-15 जमीनों को अहस्तांतरणीय से हस्तांतरण किया गया उसके आदेश की प्रति देवें तथा बतायें कि यह आदेश देने की अधिकारिता किस न्यायालय की है? (ग) जिले में पिछले 5 वर्षों में जिन शासकीय जमीनों को नि‍जी नाम पर दर्ज किया गया उस संबंध में न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश जिसके आधार पर नामांतरण किया गया उस आदेश की प्रति देवें। क्या वह जमीन 1956-57 के बंदोबस्त में अहस्तांतरणीय तथा गैर कृषि कार्य के रूप में शासन के नाम दर्ज थी? (घ) वर्ष 1956-57 के बंदोबस्त में उन जमीनों की सूची देवें जो तत्कालीन महाराजा द्वारा 99 वर्ष की लीज पर गैर कृषि कार्य के लिए दी गई थी? उन जमीनों की लीज अवधि किस दिनांक को समाप्त हो गई या होने वाली है तथा 31 जनवरी, 2022 की स्थिति में शासकीय रिकॉर्ड में वह जमीन किसके नाम पर दर्ज है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) रतलाम जिले में प्रश्‍नांश (क) की जानकारी निरंक है। (ख) आदेश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार। यह अधिकारिता कलेक्टर न्‍यायालय को है। (ग) एवं (घ) जानकारी निरंक है।

लदेरा बाँध का निर्माण

[जल संसाधन]

111. ( क्र. 1253 ) श्री सुरेश राजे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) विगत 70 वर्षों से प्रतीक्षारत इस परियोजना की वर्तमान प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति की स्थिति क्या है? (ख) इस योजना पर आज दिनांक तक कितनी धनराशि‍ व्यय की जा चुकी है? विवरण दें l (ग) जिगनीया-बारकारी नहर के निर्माण में आज दिनांक तक किस व्यक्ति/एजेंसी/ संस्था को कितना भुगतान किस मद में किया जा चुका है? विवरण दें l पाइप लाइन के लिए किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है, इसके लिए क्या अभी तक कोई मुआवजा प्रदान किया गया है या किया जाने का कोई प्रावधान है? (घ) हरसी नहर उन्‍नयनीकरण परियोजना में डबरा विधान सभा क्षेत्र की किन-किन नहरों का उन्‍नयनीकरण पूर्ण हो चूका है व किस-किस का होना प्रस्तावित है? इसके लिए कितनी राशि अभी तक व्यय की जा चुकी है व कुल कितनी प्रस्तावित है? (ड.) हरसी बाँध से पिछोर तक नहर के पहुँच मार्ग की जर्जर स्थिति के सुधार हेतु कोई कार्ययोजना है? विगत वर्ष में इस मार्ग पर कोई कार्य किया गया है? यदि हाँ तो कितनी धनराशि व्यय की गयी है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) डबरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत लदेरा लघु सिंचाई परियोजना को वर्ष 1979 में राशि रूपये 24.23 लाख की प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रदान की गई थी। परियोजना में 52.10 हेक्‍टेयर वनभूमि प्रभावित होने के कारण परियोजना की प्रति हेक्‍टेयर लागत निर्धारित मापदण्‍ड से अधिक होने के कारण दिनांक 10.11.2014 को परियोजना की प्रशासकीय स्‍वीकृति निरस्‍त की गई। (ख) परियोजना पर आज दिनांक तक राशि रूपये 84.72 लाख व्‍यय की जा चुकी है। (ग) मॉं रतनगढ़ बहुउद्देश्‍यीय परियोजना के अंतर्गत डिस्‍ट्रब्‍यूसन नेटवर्क अंतर्गत जिगनिया-वारकारी नहर भी आती है। वितरण प्रणाली हेतु मेसर्स मंटेना वाशिष्‍ठता माइक्रो जे.व्‍ही. हैदराबाद को सामग्री हेतु राशि रूपये 41250.56 लाख का भुगतान किया गया है। मध्‍यप्रदेश भूमिगत पाइप लाइन, केबल एवं डक्‍ट (भूमि की उपयोक्‍ता के अधिकारों का अर्जन) अधिनियम, 2012 के अनुसार पाइप लाइन कार्य हेतु भू-अर्जन का प्रावधान है जिसके अंतर्गत किसानों की सहमति से पाइप लाइन बिछाने का कार्य किया जाता है, भूमि अधिग्रहण हेतु कोई भुगतान नहीं किया गया है। (घ) हरसी नहर उन्‍नयनीकरण योजना में डबरा विधानसभा क्षेत्र की हरसी मुख्‍य नहर के कि.मी. 53 से 65 एवं डी-15, डी-16, डी-17 तथा एसआर नहर का उन्नयनीकरण का कार्य एम.पी.डब्‍ल्‍यू.एस.आर.पी. मद में अधिकांशत: पूर्ण कर लिया गया है। उक्‍त कार्य पर अभी तक राशि रूपये 4875.01 लाख व्‍यय की गई है। इन नहरों के मध्‍य छूटे हुए कुछ स्‍थानों के लाइनिंग के शेष कार्य की निविदा पुन: आमंत्रित की जाकर कार्य प्रगतिरत है। जिस पर प्रश्‍न दिनांक तक रूपये 603 लाख का व्‍यय किया गया है। शेष कार्यों हेतु राशि रूपये 510 लाख का प्रावधान है। उक्‍त शेष कार्य अप्रैल 2023 तक पूर्ण करना प्रस्‍तावित है। (ड.) हरसी बॉंध से पिछौर तक नहर किनारे स्थि‍त पहुँच मार्ग के स्‍थान पर हरसी से टेकनपुर तक हरसी मुख्‍य नहर की सर्विस रोड के पुनर्निर्माण हेतु रूपये 8627.88 लाख का प्राक्‍कलन प्रशासकीय स्‍वीकृति हेतु शासन स्‍तर पर प्राप्‍त है। उक्‍त सर्विस रोड का निर्माण जल संसाधन विभाग अथवा लोक निर्माण विभाग में से किस विभाग द्वारा किया जाना है इस संबंध में अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। विगत वर्ष इस मार्ग पर कोई कार्य नहीं कराया गया है अत: शेषांश प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

कोरोना (कोविड-19) से मृत व्‍यक्ति के परिवारों को अनुग्रह राशि प्रदाय

[राजस्व]

112. ( क्र. 1261 ) श्री संजय उइके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) क्या यह सही है कि वैश्विक महामारी कोरोना (कोविड-19) से मृत एवं व्यक्तियों के परिवारों को अनुग्रह राशि प्रदाय किये जाने हेतु भारत सरकार/राज्य सरकार द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए गये है? यदि हाँ तो दिशा-निर्देशों की प्रति बतावें? (ख) कोरोना महामारी (कोविड-19) के दौरान बालाघाट जिले के प्रत्येक विकासखण्डवार, कितने व्यक्तियों की मृत्यु कोरोना महामारी (कोविड-19) हुई है? (ग) अनुग्रह राशि हेतु बालाघाट जिले के विकासखण्डों के कितने ग्रामों के मृत व्यक्तियों के कितने परिवार वालो ने आवेदन किया है? किन-किन व्यक्तियों को पात्रतानुसार अनुग्रह राशि स्वीकृत किया गया है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। दिशा-निर्देश की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार है।                (ग) अनुग्रह राशि हेतु बालाघाट जिले के विकासखण्डों के मृत व्यक्तियों के 928 परिवार वालों ने आवेदन किया है। ग्रामवार आवेदनों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' एवं '''' अनुसार है। पात्र व्यक्तियों को अनुग्रह स्वीकृत की गयी राशि पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार है।

लंबित प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

113. ( क्र. 1268 ) श्री राजेश कुमार शुक्‍ला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नामांतरण, फौती नामांतरण, अविवादित बटवारे, खसरा सुधार, बरिसाना, सीमांकन आदि के प्रकरण कितनी समय-सीमा में निराकृत करने के निर्देश है? (ख) बिजावर विधानसभा क्षेत्र में उक्त कितने प्रकरण कितने समय से लंबित हैं? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में किन कारणों से उक्त प्रकरण तय समय-सीमा में निराकृत नहीं हो सके?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) अविवादित नामांतरण जिसमें फौती नामांतरण भी शामिल है 30 दिवस, विवादित नामांतरण 05 माह, अविवादित बंटवारा 90 दिवस एवं सीमांकन 45 दिवस में निराकृत करने के निर्देश है। (ख) विधानसभा क्षेत्र में तहसील बिजावर अंतर्गत नामांतरण-357 जिनमें 346 समय-सीमा में है और शेष 11 समय-सीमा बाहर है एवं बंटवारा 141 जिनमें 127 समय-सीमा में है एवं 14 समय-सीमा के बाहर है (ग) प्रश्‍नांश (ख) में वर्णित समय-सीमा के बाहर के प्रकरण न्‍यायालयीन स्‍वरूप के हैं जो पीठासीन अधिकारी की कमी, साक्ष्‍यों की समय पर उपस्थित न होना, जैसे कारणों से समय-सीमा में निराकृत नहीं हो सकें हैं।

गौण खनिज मद की प्राप्‍त राशि

[खनिज साधन]

114. ( क्र. 1287 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला गौण खनिज मद (डी.एम.एफ.) अन्‍तर्गत सतना जिले के चित्रकूट विधान सभा क्षेत्र अन्‍तर्गत संचालित खदानों में विगत 10 वर्षों में कितनी राशि जमा हुई? वर्षवार मदवार राशिवार बतायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में विगत 10 वर्षों में गौण खनिज मद से चित्रकूट विधान सभा अन्‍तर्गत कौन-कौन से कार्य कितने-कितने लागत के किस-किस स्‍थान पर स्‍वीकृत हैं या कराये गये हैं? कार्यवार, राशिवार जानकारी दें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो चुके हैं? कौन-कौन से शेष हैं व कितने कार्यों को अनुपयोगी पाया गया है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जिला गौण खनिज मद के नाम से कोई भी मद नहीं है। जिला खनिज प्रतिष्‍ठान की राशि सभी खनिजों से प्राप्‍त होती है, जिसकी जानकारी विधानसभावार संधारित नहीं किया जाता है। मध्‍यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्‍ठान नियम 2016 वर्ष 2016 से लागू हुआ है। जिले से प्राप्‍त राशि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है।

उचित मूल्‍य की दुकानें

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

115. ( क्र. 1308 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                              (क) भोपाल दक्षिण पश्चिम विधान सभा क्षेत्र में बी.पी.एल. राशनकार्ड धारियों की जनसंख्‍या के अनुपात में उचित मूल्‍य की दुकानों की संख्‍या में वृद्धि करने की योजना है? यदि हाँ तो दुकानों में वृद्धि कब तक होगी और यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) भोपाल दक्षिण पश्चिम स्थित उचित मूल्‍य की दुकानों पर राशनकार्ड धारियों को पर्याप्‍त मात्रा, गुणवत्‍तापूर्ण खाद्य सामग्री दिये जाने का क्‍या प्रावधान है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) उचित मूल्‍य की दुकानों में सामग्री प्रदाय किये जाने के लिये पूर्व व्‍यवस्‍था परिवार के मुखिया को ही परिवार का संपूर्ण खाद्य सामग्री प्रदाय करने की व्‍यवस्‍था को कब तक बहाल किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) उचित मूल्‍य की दुकानों पर राशन कार्ड धारकों का मशीन पर नाम नहीं आने का क्‍या कारण है एवं ऐसे कार्डधारकों को खाद्य सामग्री प्रदाय किये जाने की क्‍या व्‍यवस्‍था है?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के प्रावधान अनुसार किसी नगरीय निकाय में उचित मूल्‍य दुकानों की अधिकतम संख्‍या की गणना सुनिश्‍चित करने के लिए पात्र गृहस्थियों की कुल संख्‍या 800 से भाग देकर ज्ञात की जाती है। प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में 47 उचित मूल्‍य की दुकानें संचालित हैं। उक्‍त मापदंड के अनुसार प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र में एक नवीन शासकीय उचित मूल्‍य दुकान खोली जा सकती है। दुकान खोलने की कार्यवाही सक्षम अधिकारी के यहां प्रचलित है। (ख) प्रश्‍नांकित क्षेत्र की उचित मूल्‍य दुकानों से राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 अंतर्गत जारी किये जाने वाले आवंटन में प्राथमिकता परिवारों के हितग्राहियों को प्रतिमाह 05 किग्रा. खाद्यान्‍न प्रति सदस्‍य, 01 किग्रा. आयोडीन नमक प्रति परिवार एवं अंत्‍योदय परिवारों को प्रति परिवार 35 किग्रा. खाद्यान्‍न, 01 किग्रा. नमक एवं 01 किग्रा. शक्‍कर देने का प्रावधान है। इसके अतिरिक्‍त प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना अंतर्गत कोविड-19 की अवधि में सभी पात्र परिवारों को प्रति सदस्‍य 05 किग्रा. खाद्यान्‍न नि:शुल्‍क प्रतिमाह प्रदाय किया जा रहा है। खाद्यान्‍न सामग्री FAQ गुणवत्‍ता की वितरित की जा रही है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) उपभोक्‍ताओं की सुविधा की दृष्टि से परिवार का कोई भी सदस्‍य उचित मूल्‍य दुकान से संपूर्ण परिवार की सामग्री प्राप्‍त कर सकता है। मुखिया को ही राशन देने की व्‍यवस्‍था करने का कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है। अत: शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जिन परिवारों को पात्रता पर्ची माह की 01 से 25 तारीख तक स्‍वीकृत किया जाता है, ऐसे परिवारों का नाम एवं पात्रता तत्‍काल मशीन पर प्रदर्शित न होकर आगामी माह की 01 तारीख से प्रदर्शित होती है एवं उस माह से वह परिवार राशन प्राप्‍त कर सकता है।

धान खरीदी में अनियमितता

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

116. ( क्र. 1323 ) श्रीमती कल्पना वर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) सतना जिले में धान खरीदी सीजन वर्ष 2021-22 में तहसीलदार स्‍तर पर बाहर/अन्‍य प्रान्‍त व्‍यापारियों की संदिग्‍ध कितनी धान पकड़ी गई और इस पर उन्‍होंने क्‍या कार्यवाही की? इन मामलों को एस.डी.एम./कलेक्‍टर के पास भेजा गया या नहीं? अगर नहीं तो क्‍यों? अगर भेजा गया तो इस पर क्‍या कार्यवाही हुई? प्रकरण सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) क्‍या जिले में तहसीलदार/एस.डी.एम. ने कई व्‍यापारियों के गोदामों पर छापा डालते हुए सील बन्‍द किया? तहसीलवार ब्‍यौरा उपलब्‍ध करावें। (ग) क्‍या मझगवां और बिरसिंहपुर तहसील में खदान सहित व्‍यापारिक परिसरों में धान की बोनी दिखाते हुए समर्थन मूल्‍य पर धान बेची गई? इस पर दोषी कौन-कौन पाये गये और क्‍या कार्यवाही की गई? इन पर एफ.आई.आर. की गई या नहीं? अगर नहीं तो क्‍यों? क्‍या बिरसिंहपुर के भिटारी सोम की आराजी 44/2 में भी ऐसे गलत गिरदावरी से व्‍यापारी को लाभ पहुँचाने का खेल हुआ, इस पर दोषी पर क्‍या कार्यवाही की जायेगी? गलत गिरदावरी न हो, इसके लिये क्‍या प्रावधान किये जा रहे हैं?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) सतना जिले में धान खरीदी सीजन वर्ष 2021-22 में तहसीलदार महोदय द्वारा जिले में बाहर/अन्‍य प्रांत के व्‍यापारियों की संदिग्‍ध धान 3296 क्वि. जप्‍त की गई उक्‍त 10 प्रकरण कलेक्‍टर न्‍यायालय सतना में विचाराधीन हैं। प्रकरणों में कार्यवाही चल रही हैं। वि‍वरण की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार हैं। (ख) सतना जिले में तहसील अमरपाटन एवं तहसील मैहर में तहसीलदार/एस.डी.एम. महोदय द्वारा 06 व्‍यापारियों के गोदामों पर छापा डालते हुए सील बन्‍द किया तहसीलवार ब्‍यौरा की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार हैं(ग) जी हाँ, मझगॅवा तहसील अंतर्गत मौजा बरूई पटवारी हल्‍का देवरा की आराजी नं.61/2 रकवा 2.258 हे. पर हल्‍का पटवारी द्वारा गलत गिरदावरी दर्ज करने के कारण, न्‍यायालय कलेक्‍टर सतना के रा.प्र.क्र./2774/2021-22 में पारित आदेश दिनांक 25.01.2022 के पालन में विपिन बंसल पिता बसंतलाल बंसल द्वारा विक्रय की गई धान रूपयें 187792/- (एक लाख सतासी हजार सात सौ बानवे रूपये) राशि वसूली की कार्यवाही की जा रही हैं। एफ.आई.आर. की कार्यवाही नहीं की गई पटवारी के विरूद्ध कलेक्‍टर कार्यालय सतना से कार्यवाही की जा रही हैं। तहसील बिरसिंहपुर अंतर्गत मौजा भिटारी सोमवंसियान की आराजी नं.-44 के कई बटांकन है। भिटारी सोमवंसियान की आ.नं.-44 एवं मौजा डेंहुट की आराजी नं.-223, 224 की सीमा एक-दूसरे से लगी है। उक्‍त आराजी के पूर्व तरफ मौजा भिटारी सोमवंसियान की आराजी नं.- 44 है, जिसके कई बटांकन होने के कारण अन्‍य भू-स्‍वामियों की आराजियों में मौके पर धान की फसल बोयी गई थी। कई बटांकन होने के कारण आ.नं.-44/2, 44/3/2 में भूलवश धान की फसल गिरदावरी करते समय दर्ज हो गई हैं। आराजी नं.-44 नक्‍शा में न ही तरमीम है, न ही मौके पर अलग-अलग भूमि स्‍वामियों के खेत है। पूरी आराजी पर एक ही खेत बना हैं। किसी भी व्‍यापारियों को लाभ नहीं पहुँचाया गया। एफ.आई.आर. की कार्यवाही नहीं की गई। कोई दोषी पाया ही नहीं गया है, तो कार्यवाही की आवश्‍यकता ही नहीं हैं। गिरदावरी गलत न हो, इसके लिए शासन द्वारा फसल गिरदावरी नीति में समय-समय पर सुधार किए जाते हैं।

राशन दुकान का संचालन निर्धारित मापदण्‍ड

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

117. ( क्र. 1330 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश राज्‍य अन्‍तर्गत विभाग द्वारा राशन वितरण हेतु दुकाने संचालित है? यदि हाँ तो विदिशा जिले में कुल कितनी दुकानें संचालित हैं? तहसीलवार अलग-अलग बतावें। (ख) क्‍या इन दुकानों के संचालन के लिये शासन द्वारा कोई निश्चित मापदण्‍ड निर्धारित है? यदि हाँ तो क्‍या-क्‍या? (ग) क्‍या इन दुकानों पर राशन वितरण अंगूठा निशानी के माध्‍यम से किया जाता है? यदि हाँ तो एक एवं दो सदस्‍यीय बुजुर्ग हितग्राही जिनका अंगूठा घिस जाने के कारण मशीन पर काम नहीं करता उन हितग्राहियों को शासन द्वारा राशन वितरण की क्‍या सुविधा प्रदान की गई है? (घ) यदि उपरोक्‍त हितग्राहियों को कोई वैकल्पिक सुविधा प्रदान नहीं की गई तो ऐसे हितग्राहियों को राशन वितरण कैसे किया जावेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है। (ख) म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 की कंडिका 10 के अंतर्गत उचित मूल्‍य दुकानों के संचालन के मापदंड निर्धारित हैं। आदेश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '' अनुसार है। (ग) जी हाँ। एक एवं दो सदस्‍यीय बुजुर्ग हितग्राही जिनका अंगूठा घिस जाने के कारण मशीन पर काम नहीं करता, उन हितग्राहियों के नॉमिनी बनाये जाकर राशन वितरण किया जाता है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के उत्‍तर अनुसार।

किसानों से धान खरीदी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

118. ( क्र. 1344 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्‍या प्रदेश में किसानों से धान नहीं खरीदने का मामला प्रकाश में आया है? यदि नहीं, तो यह अवगत करावें कि प्रदेश में धान के कितने पंजीयन हुए हैं और कितने किसानों से किस-किस कीमत में धान खरीदी गई? यदि नहीं, तो इस लापरवाही के लिए कौन-कौन जिम्‍मेदार है उनके विरूद्ध प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में क्‍या कार्यवाही की गई? जिलेवार बतावें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : जी नहीं। खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्‍य पर धान विक्रय हेतु पंजीकृत कुल 837181 में से 660980 किसानों द्वारा 45.82 लाख मेट्रिक टन धान का विक्रय किया गया है। जिलेवार पंजीकृत, विक्रेता कृषक एवं उपार्जित मात्रा की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। उल्‍लेखनीय है कि खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में विगत वर्ष से 8.56 लाख मेट्रिक टन अधिक धान का उपार्जन किया गया है। समर्थन मूल्‍य पर धान उपार्जन हेतु दिनांक 29.11.2021 से दिनांक 15.01.2022 तक की अवधि निर्धारित की गई थी इसके पश्‍चात भी धान विक्रय से शेष रहे किसानों से धान का उपार्जन किया गया है। कृषकों से धान ग्रेड-ए रूपये 1960 प्रति क्विंटल तथा धान ग्रेड-बी रूपये 1940 प्रति क्विंटल समर्थन मूल्‍य की दर से उपार्जन किया गया है। ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीकृत किसानों में से उपार्जन केन्‍द्र पर लाई गई एफएक्‍यू गुणवत्‍ता की समस्‍त धान का उपार्जन किये जाने के कारण किसी के द्वारा लापरवाही करने एवं कार्यवाही करने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "छप्पन"

फसलों का सही मुआवजा दिया जाना

[राजस्व]

119. ( क्र. 1345 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) क्‍या माह जनवरी 2022 में बेमौसम बारिश/ओलावृष्टि होने से किसानों की रबि फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई? यदि हां, तो राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र के प्रावधान अनुसार आर्थिक सहायता की जाती है? (ख) यदि हां, तो प्रदेश के किस-किस जिले में कुल कितने-कितने किसानों की सर्वे में कितनी-कितनी फसल बर्बाद हुई और कितनी-कितनी राशि की सहायता प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में की गई और कितने शेष हैं उन्‍हें कब तक सहायता प्रदान कर दी जावेगी? जिलेवार बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) माह जनवरी 2022 में बेमौसम बारिश/ओलावृष्टि होने से प्रदेश के कुल 27 जिले प्रभावित हुए है। जी हाँ, राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6-4 के प्रावधान अनुसार आर्थिक सहायता दी जाती है। (ख) जिलेवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। शेष प्रभावित कृषकों को राहत राशि वितरण की कार्यवाही निरंतर प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

ग्रीन इंडिया मिशन के अंतर्गत कराये गये कार्य

[वन]

120. ( क्र. 1354 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) जिला शिवपुरी के वन मण्‍डल की सतनवाड़ा रेंज में ग्रीन इण्डिया मिशन के तहत कितने कार्य किये गये? कार्य कराये गये तो कार्य के प्रोजेक्‍ट की छायाप्रति उपलब्‍ध करावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार यदि कार्य कराये गये हैं तो रेंज के किन-किन कक्ष क्रमांकों में कराये गये हैं? क्‍या कार्य प्रोजेक्‍ट के अनुसार किया गया है? छायाप्रति उपलब्‍ध करावें। (ग) विभाग के द्वारा जो कार्य कराया गया है उसमें निर्माण कार्य एजेंसी कौन थी और निर्माण की गुणवत्‍ता क्‍या है? विभाग के द्वारा ग्रीन इण्डिया मिशन के अनुसार ग्रामीणों को क्‍या सामग्री उपलब्‍ध कराई गई?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 एवं  2 में है।                           (ख) कार्य कराये गये कक्षों की सूची उत्‍तरांश (क) के जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 में है। कार्य प्रोजेक्‍ट अनुसार कराये गये हैं। प्रोजेक्‍ट की छायाप्रति उत्‍तरांश (क) के जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 में है। (ग) वन मण्‍डल शिवपुरी में ग्रीन इण्डिया मिशन अंतर्गत वृक्षारोपण कार्य कराये गये हैं, परन्‍तु कोई निर्माण कार्य नहीं कराया गया है, वृक्षारोपण का कार्य मापदण्‍ड अनुसार है। वन मण्‍डल शिवपुरी के अंतर्गत ग्रीन इण्डिया मिशन के अनुसार ग्रामीणों को प्रेशर कूकर उपलब्‍ध कराया गया है।

दायित्‍वों का निर्वहन न करने के जिम्‍मेदारों पर कार्यवाही

[परिवहन]

121. ( क्र. 1366 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परिवहन विभाग द्वारा जिला शहडोल व रीवा में वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक में कितने राजस्‍व की वसूली किन-किन मदों से की गई? का विवरण वर्षवार देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के तारतम्‍य में विभाग के प्रमुख दायित्‍व क्‍या हैं? दायित्‍व के निर्वहन बाबत् प्रश्‍नांश (क) की अवधि अनुसार किन-किन अधिकारी/कर्मचार‍ियों द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही अपने स्‍तर से की गई, का विवरण पृथक-पृथक देवें।                (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में कितने अनुज्ञा पत्र कब-कब किनकों जारी किये गये? उनमें से कितने अस्‍थाई एवं कितने स्‍थाई का विवरण पृथक-पृथक देवें। दोनों से कितने राजस्‍व की प्राप्ति हुई? पृथक-पृथक बतावें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के अनुसार कितने अवैध परिवहन के संचालन पर किन-किन पर कब-कब, क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? इससे कितने राजस्‍व की प्राप्ति हुई व क्‍या कार्यवाही किन-किन पर की गई? (ड.) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार राजस्‍व की वसूली धीमी रही, शासन को क्षति पहुँचाई गई? प्रश्‍नांश (ख) अनुसार अपने दायित्‍वों का निर्वहन व शासन के निर्देश का पालन कर कार्यवाही नहीं की गई प्रश्‍नांश (ग) एवं (घ) अनुसार परमिट/अनुज्ञा पत्र में व्‍यापक अनि‍यमितता की गई? अवैध वाहनों के संचालन पर रोक नहीं लगाई गई, इसके लिये किन-किन को जिम्‍मेदार मानकर क्‍या कार्यवाही हुई?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्‍नाधीन अवधि में शहडोल एवं रीवा जिले में वसूल की गई राशि की मदवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-(अ), (ब), (स) एवं (द) अनुसार है।              (ख) उत्तरांश (क) के तारतम्य में विभाग के प्रमुख दायित्व 1-मोटरयान अधिनियम, 1988, 2, केन्द्रीय मोटरयान नियम, 1989, 3, मध्यप्रदेश मोटरयान नियम, 1994, 4, मध्यप्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम व नियम, 1944 में निहित प्रावधानों के अनुसार सड़क परिवहन से संबंधित कार्यों का संपादन किया जाना है। परिवहन कार्यालयों में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा मोटरयान अधिनियम, 1988 तथा उसके अधीन निर्मित विधि नियमितियों के तहत ही कार्यवाही की जाती है। किसी भी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा स्वयं के स्तर पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में 1- क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी रीवा के स्थाई/अस्थाई परमिटों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-(क) अनुसार है। 2- क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी शहडोल के स्थाई/अस्थाई परमिटों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-(ख) अनुसार है। (घ) 1- क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय रीवा द्वारा अवैध परिवहन संचालन पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-(ग) अनुसार है। 2- क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय शहडोल द्वारा अवैध परिवहन संचालन पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-(घ) अनुसार है। (ड.) प्रश्‍नांश (क), (ख), (ग) तथा (घ) के संबंध में अनियमितता बरते जाने के संबंध में कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है और किसी भी अधिकारी को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है।

खाद्यान्‍न की काला बाजारी की उच्‍च स्‍तरीय जांच कराकर कार्यवाही

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

122. ( क्र. 1369 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल एवं रीवा जिले में वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक में कितना-कितना खाद्यान्‍न        किन-किन दुकानों में किस-किस दिनांक को पहुँचाया गया, का विवरण दुकानवार दिनांकवार जिलेवार देंवे। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार दुकानों में पहुँचाये गये खाद्यान्‍न में से नि:शुल्‍क वितरण करने वाले खाद्यान्‍न की मात्रा कितनी-कितनी थी एवं मूल्‍य लेकर बिक्री करने वाले खाद्यान्‍न की मात्रा      कितनी-कितनी क्‍यों थी का विवरण पृथक-पृथक वर्षवार व माहवार निकायवार देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अनुसार खाद्यान्‍न कितना-कितना, कब-कब, किन-किन दुकानों से बिक्री किया गया एवं कितनी-कितनी मात्रा में खाद्यान्‍न दुकानों में शेष बचा का विवरण दुकानवार, वर्षवार, जिलेवार देवें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) अनुसार बचे खाद्यान्‍न का उपयोग कब-कब, किन-किन हितग्राहियों को वितरण किया गया एवं कितना शेष किन-किन दुकानों में बचा है, का विवरण दुकानवार जिलेवार देवें। इसका सत्‍यापन कब-कब, किन सक्षम अधिकारियों द्वारा किया गया? अगर नहीं किया तो सत्‍यापन के दौरान किस वाहन का उपयोग किया गया लॉक बुक की प्रति देते हुए बतावे एवं किस दुकान पर क्‍या कार्यवाही प्रस्‍तावित की जा रही? (ड.) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अनुसार खाद्यान्‍न का वितरण नहीं किया गया नि:शुल्‍क खाद्यान्‍न दिया गया, जो खाद्यान्‍न नि:शुल्‍क वितरण करना था नहीं किया गया फर्जी आधार पर विक्रय दिखाकर खाद्यान्‍न की कालाबाजारी की गई इसके लिये कौन-कौन जबाबदार है? इसकी उच्‍च स्‍तरीय जांच कराकर क्‍या कार्यवाही किन-किन पर करेंगे? अगर नहीं तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

शिवपुरी जिले के दतिया जिला में विलय ग्रामों की जानकारी

[राजस्व]

123. ( क्र. 1389 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                          (क) शिवपुरी जिला से दतिया जिला में वर्ष 2012 में जो ग्राम विलय हुये उन ग्रामों का राजस्‍व रिकार्ड एवं अन्‍य कागजी रिकार्ड प्रश्‍नांश दिनांक तक उपलब्‍ध क्‍यों नहीं हो सका? स्‍पष्‍ट करें। (ख) क्‍या विलय ग्रामों को अपना रिकार्ड लेने में काफी परेशानी होती है? (ग) क्‍या वर्ष 2012 में शिवपुरी जिले के विलय ग्रामों के लोग शिवपुरी एवं दतिया के चक्‍कर लगाते-लगाते काफी परेशानी का सामना एवं संबंधित रिकार्ड के अभाव में लोग अपना कार्य सुचारू रूप से नहीं कर पा रहे हैं? शिवपुरी जिला से दतिया जिला रिकार्ड भेजा जाएगा? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में शिवपुरी से दतिया में रिकार्ड पहुँचाने में कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) शिवपुरी जिले से दतिया जिले में विलय हुये 28 ग्रामो का राजस्‍व रिकार्ड दिनांक 20-02-22 को जिला-दतिया को प्राप्‍त हो चुका है। (ख) विलय हुये ग्रामों का अभिलेख जिला अभिलेखागार दतिया में उपलब्ध होने से अब परेशान होने का प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है l (ग) शिवपुरी जिले से दतिया में विलय हुये ग्रामों के अभिलेख जिला अभिलेखागार दतिया में उपलब्ध हो चूका है (घ) विलय हुये ग्रामों के अभिलेख जिला अभिलेखागार दतिया में उपलब्ध हो चुका है जिसके प्रकाश में अब वर्तमान में किसी का दोष प्रमाणित नहीं है।

नामांतरण बंटवारे के लंबित प्रकरण

[राजस्व]

124. ( क्र. 1392 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में अविवादित नामांतरण एवं बंटवारे के कितने प्रकरण निर्धारित समय-सीमा 30 दिवस से अधिक समय से लंबित हैं। विधान सभावार जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) निर्धारित समय-सीमा में प्रकरणों का निराकरण न करने पर दोषियों के विरूद्ध क्‍या विभाग कोई कार्यवाही करेगा? (ग) अनूपपुर जिले अंतर्गत निजी भूमि एवं शासकीय भूमि में अतिक्रमण की कितनी शिकायत सी.एम. हेल्‍पलाईन में लंबित हैं सूची उपलब्‍ध करायें। समय-सीमा में सी.एम. हेल्‍पलाईन में शिकायतों का निराकरण नहीं करने पर विभाग क्‍या कार्यवाही करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) अनूपपुर जिला अन्तर्गत विधान सभा क्षेत्र अनूपपुर, कोतमा, पुष्पराजगढ़ में 30 दिवस से अधिक लंबित अविवादित नामांतरण एवं बटवारा के प्रकरणो की संख्या निरंक है। (ख) निर्धारित समय-सीमा में प्रकरणों का निराकरण हो रहा है समय-सीमा बाहय प्रकरण निरंक होने से कार्यवाही करने का सवाल नहीं उठता। (ग) अनूपपुर जिला अन्तर्गत निजी भूमि पर अतिक्रमण की 91 शिकायत एवं शासकीय भूमि पर अतिक्रमण की 56 शिकायते लंबित है, सूची संलग्न। सी.एम. हेल्पलाईन में लंबित शिकायतो के समयसीमा बाहर होने पर यदि संतोषप्रद निराकरण दर्ज नहीं ​है तो संबंधित अधिकारियों को कारण बताओं नोटिस जारी किये गयें है व ऐसी शिकायतें जिनमे समय-सीमा में निराकरण दर्ज नहीं है उन पर अर्थदण्ड अधिरोपित किया जाता है।

प्राकृतिक आपदा से हुई जन हानि

[राजस्व]

125. ( क्र. 1393 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्‍तीय वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में प्रश्‍न दिनांक तक अनूपपुर जिले में प्राकृतिक प्रकोपों जैसे अतिवृष्टि, बाढ़, पाला, शीतलहर, कीटप्रकोप, इल्‍ली, टिड्डी आंधी तूफान, सूखा एवं अग्नि दुर्घटनाओं से जनहानी, फसल नुकसानी, पशुहानी, मकान क्षति, सर्पदंश से मृत्‍यु होने के कितने प्रकरण सामने आये हैं? गौंशवारा बनाकर तहसीलवार जानकारी दें। (ख) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश के तारतम्‍य में नुकसानी, जनहानि‍ और पशुहानि होने पर संपूर्ण मुआवजा राशि का वितरण कर दिया गया है? यदि हां, तो कितनी राशि का भुगतान किस तरह से हितग्राही/आवेदक को किया गया? तहसीलवार पृथक-पृथक गौशवारा बनाकर बतायें। (ग) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में क्‍या कारण हैं, जिसमें कितने हितग्राहियों को मुआवजा वितरण नहीं हो सका? शेष हितग्राहियों को कब तक भुगतान कर दिया जायेगा?                                                 (घ) उपरोक्‍त के संबंध में विभाग में कौन-कौन सी शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं एवं जिम्‍मेदारी तय होने पर किस के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों तथा कब तक कार्यवाही की जायेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) वित्‍तीय वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 से प्रश्‍न दिनांक तक अनूपपुर जिलें में प्राकृतिक प्रकोपों जैसे अतिवृष्टि, बाढ़, पाला, शीतलहर, कीट प्रकोप, इल्ली, टिड्डी आंधी तूफान, सूखा एवं अग्नि दुर्घटनाओं से जनहानि, फसल नुकसानी, पशुहानि, मकान क्षति, सर्पदंश से मृत्यु होने पर कुल 8,742 प्रकरण दर्ज किये गये है। प्रश्‍नांश के शेष भाग की तहसीलवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। उत्‍तरांश (क) में पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार स्वीकृत राशि का भुगतान आवेदक/हितग्राहियों को कोषालय से ई-पेमेंट के माध्यम से कर दिया गया है। तहसीलवार पृथक-पृथक जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में हितग्राहियों को मुआवजा वितरण करना शेष नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है। (घ) उपरोक्त के संबंध में सी.एम. हेल्प लाईन के माध्यम से कुल 09 शिकायतें प्राप्‍त हुई है, जिनका निराकरण किया जा चुका है। अत: शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है।

-टेंडर घोटाले की जानकारी

[जल संसाधन]

126. ( क्र. 1398 ) श्री जितु पटवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ई-टेंडर घोटाले में विभाग में कितने प्रकरण दर्ज हुए? जिस टेंडर में घोटाला हुआ वह किस सिंचाई योजना का था? घोटाले की क्‍या विभाग स्‍तरीय जांच की गई या नहीं? यदि नहीं, तो क्‍यों व यदि हाँ तो उसकी रिपोर्ट की प्रति देवें। (ख) वर्ष 2015 जनवरी से जनवरी 2021 तक विभाग में किस-किस कार्य के लिए टेंडर आमंत्रित किये गये तथा न्‍यूनतम किस दर पर किस फर्म के टेंडर स्‍वीकृत किये गये? वर्षवार सूची देवें। (ग) प्रमुख अभियंता स्‍तर पर पिछले पांच वर्षों में कितने शिकायती प्रकरण समाप्‍त किये गये? उनकी जानकारी देवें। (घ) 31 दिसम्‍बर 2021 की स्थिति में विभिन्‍न न्‍यायालय में विभाग के विरूद्ध कितने प्रकरण चल रहे हैं? हजारों की संख्‍या में न्‍यायालयीन प्रकरण क्‍या विभाग की कार्य व्‍यवस्‍था पर प्रश्‍न चिन्‍ह नहीं है? वर्ष 2015 से 2021 तक विभिन्‍न न्‍यायालयों में चल रहे प्रकरण पर कितना-कितना कुल व्‍यय किया गया? वर्षवार बतावें। (ड.) आगामी वित्‍तीय वर्ष में 5 करोड़ से अधिक की कितनी योजना इंदौर व उज्‍जैन संभाग में प्रस्‍तावित है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) ई-टेण्‍डर घोटाले में विभाग में कोई भी प्रकरण दर्ज नहीं हुआ है। तथापि ई-टेण्‍डरों में टेंपरिंग से विभाग की परियोजनाओं यथा मोहनपुरा परियोजना एवं कारम सिंचाई परियोजना के प्रकरण आर्थिक अपराध प्रकोष्‍ठ भोपाल में पंजीबद्ध है। जी नहीं। ई-टेण्‍डर घोटाले की जाँच विभाग द्वारा न की जाकर आर्थिक अपराध प्रकोष्‍ठ भोपाल द्वारा की जा रही है। (ख) वर्ष 2015 जनवरी से जनवरी 2021 तक विभाग अंतर्गत स्‍वीकृति टेण्‍डरों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार है। (ग) प्रमुख अभियंता स्‍तर पर पिछले पाँच वर्षों में 34 शिकायती प्रकरण समाप्‍त किए गए हैं। (घ) 31.12.2021 की स्थिति में विभिन्‍न न्‍यायालयों में 5459 प्रकरण चल रहे हैं। जी नहीं। वर्ष 2015 से 2021 तक प्रत्‍येक प्रकरण में हुए न्‍यायालयीन व्‍यय की जानकारी पृथक-पृथक प्रकरणवार दी जाना संभव नहीं है। हालांकि डिक्रीधन मद एवं अभिभाषक की फीस मद में हुए वर्षवार व्‍यय की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '''' अनुसार है। (ड.) आगामी वित्‍तीय वर्ष में 05 करोड़ से अधिक की 47 योजना इंदौर एवं 24 योजना उज्जैन संभाग में प्रस्‍तावित है।

लगाये गये पौधों की जानकारी

[वन]

127. ( क्र. 1399 ) श्री जितु पटवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान 2 जुलाई, 2017 को कितने पौधे रोपित किये गये वन विभाग द्वारा लगाये गये पौधों की संख्‍या तथा दिसम्‍बर 2021 की स्थि‍ति में जीवित पौधे की संख्‍या बतावें। (ख) वर्ष 2016-17 से 2021-22 फरवरी तक प्रतिवर्ष कितने-कितने पौधे रोपित किये गये तथा उन पर कितना खर्च हुआ तथा प्रति पौधे कितना खर्च आया? वर्षवार जानकारी देवें। (ग) वर्ष 2016-17 से 2021-22 तक पौधे के रख-रखाव पर प्रतिवर्ष कितना खर्च किया गया तथा प्रति पौधे खर्च की राशि क्‍या है?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) दिनांक 2 जुलाई, 2017 को वन विभाग द्वारा वन विकास निगम सहित 3,32,37,026 पौधों का रोपण किया गया था जिसमें 2,89,21,972 पौधे विभागीय योजनाओं के तहत रोपित किये गए थे एवं 43,15,054 पौधे कृषकों द्वारा निजी भूमि पर रोपित किए गए थे। विभागीय रोपण में रोपित किए गये कुल पौधे 2,89,21,972 में से दिसम्‍बर, 2021 की स्थिति में 1,53,97,144 पौधे जीवित हैं। कृषकों द्वारा निजी भूमि पर रोपित किए गए पौधों में जीवित पौधों की गणना करने का कोई प्रावधान नहीं है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट में है।

परिशिष्ट - "सत्तावन"

नहरों की मरम्‍मत किए बिना भुगतान किया जाना

[जल संसाधन]

128. ( क्र. 1404 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल, 2014 से विदिशा जिले की कौन-कौन सी सिंचाई परियोजनाओं एवं नहरों के रख-रखाव एवं मरम्‍मत एवं अन्‍य निर्माण कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि स्‍वीकृत की गई है? सिंचाई परियोजनावार एवं वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में परियोजनाओं एवं नहरों के रख-रखाव एवं मरम्‍मत हेतु कौन-कौन से कार्य किये गये हैं? कार्य का मूल्‍यांकन कौन-कौन से अधिकारियों द्वारा किया गया? ठेकेदारों एवं अधिकारियों की मिलीभगत से गुणवत्‍ताविहीन एवं निर्धारित मापदण्‍डों अनुसार कार्य नहीं किया गया था, इसकी जांच विभाग के वरिष्‍ठ अधिकारियों के द्वारा कब कराई गई है? यदि नहीं, तो जांच कब तक करा दी जावेगी तथा दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही कब तक कर दी जावेगी? (ग) प्रश्‍नांश (क), (ख) के संदर्भ में           कौन-कौन से ठेकेदार एवं समितियों को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? सिंचाई परियोजनावार, वर्षवार, ठेकेदार का नाम सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें। (घ) रूसिया सिंचाई परियोजना तह. लटेरी की प्रशासकीय स्‍वीकृति का विवरण उपलब्‍ध करावें तथा इस परियोजना में कितने किलोमीटर नहर का निर्माण किया गया है? नहर से कितने ग्रामों के कृषकों की कितने हेक्‍टेयर भूमि की सिंचाई हो रही है? यदि नहर प्रारंभ नहीं हुई है अथवा पानी नहीं पहुंच रहा है तो इसके लिये दोषी कौन है? (ड.) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में 25-07-2021 से सगड़ मध्‍यम सिंचाई परियोजना एवं जिले की अन्‍य सिंचाई परियोजना के नहरों के रख-रखाव एवं मरम्‍मतों के लिए कितना-कितना भुगतान किया गया? क्‍या नहरों से मरम्‍मत कार्य किये बिना भुगतान किया गया है? क्‍या इसकी शिकायत प्राप्‍त हुई है? यदि हाँ तो भुगतान करने वाले दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही कब तक कर दी जावेगी? बतावें। (च) इस वर्ष रबी सीजन में विदिशा जिले में क‍ितनी सिंचाई परियोजनाओं की नहरें टूटी हैं? क्‍या सभी टेल (अंतिम छोर) तक पानी पहुंच चुका हैं? यदि समय पर टेल क्षेत्र में पानी नहीं पहुंचा है तो इसके लिए कौन दोषी है? क्‍या इसकी जांच कराई गई है? यदि हाँ तो क्‍या कार्यवाही की गई एवं नहीं तो क्‍या जांच कराई जावेगी? दोषियों पर कार्यवाही कब तक कर दी जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-''अ/अ-1'' अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में परियोजनाओं एवं नहरों के रख-रखाव तथा मरम्‍मत हेतु कराए गए कार्यों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-''ब/ब-1'' अनुसार है। कार्यों का मूल्‍यांकन संबंधित उपयंत्री, अनुविभागीय अधिकारी एवं कार्यपालन यंत्री द्वारा किया गया है। समस्‍त कार्य गुणवत्‍तापूर्ण निर्धारित मापदंड अनुसार कराये गये हैं। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-''स/स-1'' अनुसार है। (घ) रूसिया सिंचाई परियोजना तहसील लटेरी की राशि रू. 292.21 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति शासन द्वारा दिनांक 22 मई-2002 को प्रदान की गईविवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1'' अनुसार है। इस परियोजना में दायीं तट एवं बायीं तट की कुल 4.50 किलोमीटर नहरों का निर्माण किया गया है। इन नहरों से 03 ग्रामों के कृषकों की कुल 154.527 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हो रही है। नहर प्रारंभ हो चुकी है तथा पानी पहुंच रहा है। नहर एवं नाले से पानी लिफ्ट कर सिंचाई की जा रही है। अतः किसी के दोषी होने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-''द/द-1'' अनुसार है। नहरों में मरम्‍मत कार्य किए बिना कोई भुगतान नहीं किया जाना एवं इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं होना प्रतिवेदित है। अत: किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। शेषांश प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (च) इस वर्ष रबी सीजन में संजय सागर परियोजना की मुख्य नहर अतिवृष्टि एवं रबी फसल में सिंचाई के दौरान ब्रीच हो गई थी। मुख्य नहर में दिनांक 17.11.2021 को पानी छोड़ा गया एवं अंतिम छोर तक पानी समय से पहुंच चुका है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

सिंचाई परियोजना में डूब भूमि की जानकारी

[राजस्व]

129. ( क्र. 1405 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                         (क) विदिशा जिले में टेम सिंचाई परियोजना तहसील लटेरी, सेमरखेड़ी सिंचाई परियोजना तहसील लटेरी, समलखेड़ी तीर्थ परियोजना तहसील सिरोंज, बरखेड़ा हरगन सिंचाई परियोजना तहसील सिरोंज में कितने हेक्‍टेयर राजस्‍व विभाग, वन विभाग की भूमि एवं निजी एवं अन्‍य भूमि डूब क्षेत्र में आ रही है तथा वन भूमि के बदले राजस्‍व विभाग द्वारा कौन-कौन से ग्रामों में कितने हेक्‍टेयर भूमि राजस्‍व विभाग ने वन विभाग को कब हस्‍तांतरित की और वह वन विभाग ने कब स्‍वीकार की? छायाप्रति उपलब्‍ध करावें। यदि राजस्‍व भूमि अभी तक वन विभाग को हस्‍तांतरित नहीं हुई है तो इसके लिए दोषी कौन हैं? कब तक भूमि हस्‍तांतरण की जावेगी? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में उक्‍त सिंचाई परियोजनाओं में कितनी भूमि का भू-अर्जन, अधिग्रहण किया गया है एवं कितना-कितना मुआवजा वितरण कब-कब किया गया है? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में उक्‍त सिंचाई परियोजनाओं में वन भूमि के डूब भूमि के बदले में राजस्‍व विभाग द्वारा कौन-कौन से सर्वे नंबर एवं कौन-कौन से ग्रामों में राजस्‍व भूमि वन विभाग को हस्‍तांतरित की गई है? क्‍या वन विभाग ने वन भूमि के बदले में राजस्‍व विभाग द्वारा दी गई भूमि लेने की सहमति व्‍यक्‍त की थी? यदि हाँ तो कब? सहमति पत्र की छायाप्रति उपलब्‍ध करावें। यदि वन विभाग द्वारा सहमति नहीं दी गई तो राजस्‍व विभाग को कब सूचित किया गया? छायाप्रति उपलब्‍ध करावें और राजस्‍व विभाग ने पुन: कब भूमि आवंटित या हस्‍तांतरित की? पत्राचार की छायाप्रति उपलब्‍ध करावें। यदि नहीं, तो क्‍यों? यदि इसमें त्रुटि हुई है तो तत्‍कालीन अधिकारियों पर क्‍या कार्यवाही की गई? बतावें यदि नहीं, तो कब तक कर दी जावेगी? (घ) यदि प्रश्‍नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में उक्‍त सिंचाई परियोजना में वन विभाग को भूमि नहीं दी गई है तो कब तक भूमि उपलब्‍ध करा दी जावेगी? समय पर वन विभाग को भूमि हस्‍तांतरित न होने के कारण सिंचाई परियोजना के निर्माण में विलंब के लिए दोषी कौन है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) 01- विदिशा जिले की तहसील लटेरी अंतर्गत टेम सिंचाई परियोजना हेतु राजस्व विभाग की 277.047 हे. भूमि, वन विभाग की 9.504 हे. भूमि एवं 450.218 हे. निजी भूमि इस प्रकार कुल 736.769 हे. भूमि डूब क्षेत्र में आ रही है। प्रभावित वन भूमि के बदले राजस्व विभाग द्वारा 05 ग्रामों में आवंटित 113.843 हे. राजस्व विभाग की शासकीय भूमि हस्तांतरित की गई है जिसमें से 107.040 हे. भूमि का कब्जा वन विभाग को दिया जा चुका है। वन विभाग द्वारा राजस्व भूमि प्राप्‍त करना स्वीकार किया गया है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार। 02- विदिशा जिले की तहसील सिरोंज में सेमलखेडी तीर्थ सिचाई परियोजना तहसील सिरोज में ग्राम सेमलखेडी की कुल रकबा 49.820 हे. व ग्राम कांजीखेडी की रकबा 14.247 हे. निजी भूमि एवं रकबा 79.099 हे. वन भूमि, बरखेडा हरगन सिचाई परियोजना तहसील सिरोज में ग्राम बरखेडा हरगन की 8.254 हे. डूब क्षेत्र में आ रही है। वन भूमि के बदले ग्राम धर्मपुर की रकबा 21.252 हे. एवं ग्राम सांकलोन की रकबा 57.847 हे. कुल रकबा 70.000 हे. राजस्व भूमि वन विभाग को दिनांक 10/10/2017 से हस्तांतरण की गई है उक्त भूमि में से दिनांक 23/10/2021 को ग्राम धर्मपुर में रकबा 05.279 हे. दिनांक 16/11/2021 को ग्राम सांकलोन में 35.520 हे. कुल रकबा 40.799 हे. वन विभाग को वृक्षारोपण हेतु मौके पर कब्जा सौंपा जा चुका है शेष 29.201 हे. भूमि अन्य ग्राम सरेखो, काजीखेडी में प्रदाय किये जाने की कार्यवाही गतिशील है। बरखेडा हरगन सिचाई परियोजना सिरोज में रकबा 9.500 हे. वन भूमि प्रभावित हुई है जबकि वन विभाग द्वारा विभाग के पोर्टल पर अपलोड वनकक्षो की सीमाओ के अनुसार लगभग 14.500 हे. वन भूमि प्रभावित होना बताया है, जिसके संबंध में जल ससाधन विभाग एवं वन विभाग द्वारा दिनाक 29/03/2019 को संयुक्त निरीक्षण किया गया है। (ख) 01- विदिशा जिले की तहसील लटेरी अंतर्गत टेम सिंचाई परियोजना अंतर्गत 450.218 हे. निजी भूमि का एवं 286.551 हे. शासकीय भूमि का अधिग्रहण किया गया है एवं डूब प्रभावित क्षेत्र के नागरिक कृषकों के नाम, पिता का नाम, पता, प्रभावित रकबा एवं भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब अनुसार। 02- विदिशा जिले की तहसील सिरोंज में प्रश्‍नांश (क) के सदर्भ में सिचाई परियोजना में ग्राम सेमलखेडी की कुल रकबा 49.820 हे. व ग्राम कांजीखेडी की रकबा 14.247 हे. निजी भूमि एवं रकबा 79.099 हे. वन भूमि, ग्राम बरखेडा हरगन की 8.254 हे. डूब क्षेत्र में आ रही है। ग्राम सेमलखेडी क मुआवजा पत्रक सरल क्रमाक 2, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 14, 16, 18, 19, 20, 21, 22, 23, 24, 25, 26, 27, 28, 29, 30, 31, 33, 34, 35, 36, कुल 30 एवं ग्राम कांजीखेडी के सरल क्रमाक 01, 02, 03, 04, 05, 06, 07, 08, कुल 8 इस प्रकार कुल 8 कृषको को 55637604, रूपये का विक्रय पत्र अनुसार राशि का भुगतान किया गया है। (ग) 01- विदिशा जिले की तहसील लटेरी अंतर्गत टेम सिंचाई परियोजना से संबंधित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-स अनुसार। 02- प्रश्‍नांश (क), (ख) के संदर्भ में तहसील सिरोज में वन भूमि के डूब भूमि के बदले में राजस्व विभाग द्वारा ग्राम धर्मपुर की रकबा 21.252 हे. एवं ग्राम सांकलोन की रकबा 57.847 हे. कुल रकबा 70.000 हे. राजस्व भूमि वन विभाग को हस्तांतरण की गई है। राजस्व विभाग द्वारा ग्राम धर्मपुर में रकबा 5.279 हे., ग्राम सांकलोन में 35.520 हे. कुल 40.799 हे. का वन विभाग को वृक्षारोपण हेतु मौके पर कब्जा सौंपा जा चुका है। शेष रकबा 29.201 हे. अन्य ग्राम सरेखो, कांजीखेडी, में वन विभाग एवं राजस्व द्वारा मौका निरीक्षण कर भूमि देख ली है, भूमि प्रदाय किये जाने के संबंध में कार्यवाही गतिशील है। 03-बरखेडा हरगन सिंचाई परियोजना सिरोंज, में रकबा 9.500 हे. वन भूमि प्रभावित हुई है जिसके कक्ष क्रमांक पी-537 एवं पी-538 है। जबकि वन विभाग द्वारा विभाग के पोर्टल पर अपलोड वनकक्षो की सीमाओ के अनुसार परियोजना में लगभग 14.500 हे. वन भूमि प्रभावित होना बताया है। वास्तविकता की जांच हेतु कार्यवाही गतिशील है। (घ) 01- विदिशा जिले की तहसील लटेरी अंतर्गत टेम सिंचाई परियोजना हेतु वन विभाग को 113.843 हे. में से 107.040 हे. भूमि का कब्जा दिया जा चुका है। 02- विदिशा जिले की तहसील सिरोंज में प्रश्‍नांश (ख), (ग) के संदर्भ में प्रचलित कार्यवही पूर्ण होने पर शीघ्र भूमि उपलब्ध करा दी जावेगी।

न्यायालयीन आदेशों का पालन करवाकर दोषियों पर कार्यवाही

[राजस्व]

130. ( क्र. 1438 ) श्री राकेश मावई : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                            (क) क्‍या जिला मुरैना में ग्राम मुंगावली के भूमि सर्वे क्र. 2190, 2191, 2192 के संबंध में म.प्र. उच्‍च न्‍यायालय खण्‍डपीठ ग्‍वालियर के डब्‍लू.पी. नं. 3377/2014 में पारित आदेश दिनांक 10-7-2014 एवं डब्‍लू.पी. नं. 3374/2015 में पारित आदेश दिनांक 13-12-2017 के निर्णय में कलेक्‍टर मुरैना के राजस्‍व प्रकरण क्र. 80/2013-14 बी 121 आदेश दिनांक 27-2-2015 को एस.डी.एम. मुरैना को न्‍यायालयीन आदेश का पालन कराने हेतु आदेशित किया गया था? (ख) यदि प्रश्‍नांश (क) हाँ तो न्‍यायालयीन आदेश एवं कलेक्‍टर मुरैना के आदेश का पालन एस.डी.एम. मुरैना द्वारा कराया गया? यदि नहीं, तो क्‍यों? आदेशों का पालन न कराने का दोषी कौन है? दोषी के विरूद्ध कार्यवाही क्‍यों नहीं की गई? क्‍या उक्‍त न्‍यायालयीन आदेशों का पालन सुनिश्चित करा दिया जायेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍न दिनांक तक प्रश्‍नांश (क) अनुसार याचिकाकर्ता एवं कलेक्‍टर न्‍यायालय मुरैना में प्रस्‍तुत अपील के आवेदक द्वारा कुल कितनी शिकायतें कहां-कहां पर दी गई तथा उन शिकायतों पर कार्यवाही क्‍यों नहीं की गई? कारण सहित जानकारी देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँI (ख) न्यायालय कलेक्टर के प्रकरण क्रमांक 80/2013-14/बी.121 आदेश दिनांक 27.02.2015 के बिंदु क्रमांक 7 के निर्देश में सम्बंधित अनावेदक पर अनुविभागीय अधिकारी मुरैना के न्यायालयीन प्रकरण क्रमांक 670/2016-17/अ-2 (59) में पारित आदेश दिनांक 30.10.2017 से डायवर्सन किया जाकर अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया जिसकी कुल राशि 2126/- रूपये अनावेदक द्वारा जमा की जा चुकी है तथा सम्बंधित द्वारा भवन निर्माण अनुमति संबंधी आवेदन दिनांक 20.01.2022 में ग्राम पंचायत मुंगावली में प्रस्तुत किया हैI कलेक्टर न्यायालय के प्रकरण में दिए गए निर्देशानुसार कार्यवाही की गई हैI अतः कोई दोषी नहीं हैI                        (ग) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में याचिकाकर्ता द्वारा कलेक्टर मुरैना को 05 एवं महामहिम राष्ट्रपति महोदय को 01 शिकायत की गई है। जो अनुविभागीय अधिकारी मुरैना को प्राप्‍त हुई। प्राप्‍त 06 शिकायतों पर तत्समय नियमानुसार कार्यवाही की गईI

नक्‍शा विहीन ग्रामों के संबंध में

[राजस्व]

131. ( क्र. 1446 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विधान सभा क्षेत्र महाराजपुर जिला छतरपुर के ग्राम धीरजपुर, बरेट, सड़ेरी, हीरापुर एवं पन्‍नपुरा नक्‍शा विहीन है? यदि हाँ तो क्‍यों? इन ग्रामों के नक्‍शे तैयार करने में विलम्‍ब के क्‍या कारण हैं? (ख) इन ग्रामों के नक्‍शे कब तक तैयार किये जावेंगे? समय-सीमा बताएं एवं कब-तक कम्‍प्‍यूटर पर ऑनलाईन प्राप्‍त होंगे?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।                       (ख) ग्राम धीरजपुर एवं पन्‍नपुर के नक्‍शे आनलाइन उपलब्‍ध है। बरठ सडेरी एवं हीरापुर के नक्‍शे पुन: डिजीटाइज्‍ड की प्रक्रिया प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

बरगी क्षेत्र में डेम व स्‍टॉप डेम निर्माण

[जल संसाधन]

132. ( क्र. 1451 ) श्री संजय यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधान सभा क्षेत्रांतर्गत पटीचरगवां एवं टेमर नदी पर स्‍टॉप डेम कम रपटा निर्माण की स्‍वीकृति के संबंध में मा. विभागीय मंत्री जी के कार्यालयीन पत्र क्रमांक 852 दिनांक 06-03-21 द्वारा प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग को भेजे गये पत्र पर प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई है? (ख) बरगी विधान सभा क्षेत्रांतर्गत पटी-चरगवां डेम निर्माण की स्‍वीकृति हेतु मा. विभागीय मंत्री जी के कार्यालयीन पत्र क्रमांक 850, दिनांक 06-03.21 द्वारा प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग को भेजे गये पत्र पर प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संबंध में लेख है कि मा. मंत्री जी के निर्देशों के पालन में उक्‍त दोनों निर्माण कार्यों को कब तक स्‍वीकृति प्रदान की जावेगी एवं दोनों निर्माण कार्यों के संबंध में किये गये पत्राचार की प्रति उपलब्‍ध करावें। (घ) प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग को प्रेषित पत्र क्रमांक 172/वि.बरगी/2022 दिनांक 09/02/22 पर क्‍या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही से अवगत कराते हुए किये गये पत्राचार की प्रति उपलब्‍ध करावें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) बरगी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पटीचरगवां एवं टेमर नदी पर स्‍टॉप डेम कम रपटा के निर्माण की स्‍वीकृति के संबंध में प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित पत्र क्रमांक क्रमश: 852 दिनांक 06.03.2021 तथा पत्र क्रमांक 850 दिनांक 06.03.2021 के परिप्रेक्ष्‍य में तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि पटीचरगवां जलाशय की दिनांक 02.03.2019 को राशि रूपये 1194.39 लाख की प्रशासकीय स्‍वीकृति प्राप्‍त है। पटीचरगवां जलाशय की राशि रूपये 1260.54 लाख की पुनरीक्षित तकनीकी स्‍वीकृति अधीक्षण यंत्री, जबलपुर द्वारा प्रदान की गई एवं दिनांक 24.02.2022 को पटीचरगवां जलाशय की राशि रूपये 666.99 लाख की निविदा आमंत्रित की गई है। टेमर स्‍टॉप डेम कम रपटा की दिनांक 02.03.2019 को राशि रूपये 195.70 लाख की प्रशासकीय स्‍वीकृति प्राप्‍त है। कार्यपालन यंत्री, हिरण जल संसाधन संभाग, जबलपुर द्वारा दिनांक 25.01.2020 को प्रमुख अभियंता कार्यालय को टेमर स्‍टॉप डेम कम रपटा के निर्माण कार्य की प्रेषित निविदा का प्रकाशन तत्‍समय कोवि‍ड-19 तथा वित्‍त विभाग द्वारा नियत निविदा सूचकांक अधिक्रमित होने के कारण नहीं किया जा सका। तदोपरांत यूसीएसआर की दरों में संशोधन होने के कारण पुनरीक्षित प्रशासकीय स्‍वीकृति का प्रस्‍ताव संभाग स्‍तर पर तैयार किया जा रहा है। दोनों परियोजनाएं प्रशासकीय स्‍वीकृति प्राप्‍त हैं। पत्राचार की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट–''एक'' (पृ.1 से 13) अनुसार है। (घ) प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य द्वारा प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग को प्रेषित दिनांक 09.02.2022 में उल्‍लेखित पटीचरगवां जलाशय की दिनांक 24.02.2022 को राशि रूपये 666.99 लाख की निविदा आमंत्रित की जाकर वस्‍तुस्थिति से प्रमुख अभियंता के पत्र दिनांक 24.02.2022 द्वारा मान. सदस्‍य को अवगत कराया गया है। पत्राचार की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट–''एक-13'' में दर्शित है।

शहपुरा भिटौनी को राजस्‍व अनुभाग घोषित किये जाना

[राजस्व]

133. ( क्र. 1452 ) श्री संजय यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) शहपुरा तहसील को राजस्‍व अनुभाग घोषित करने के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्र क्रमांक 951 दिनांक 01/11/2021 एवं मुख्‍यमंत्री सचिवालय का पत्र क्रमांक 260/सीएमएस/ एमएलए/096/2022 विभाग का प्राप्‍त हो गये हैं? पत्र दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक उक्‍त पर की गई कार्यवाही से अवगत करावें एवं किये गये पत्राचार/नस्‍ती/प्रस्‍तावों की प्रति उपलब्‍ध करावें।          (ख) विभाग में उक्‍त शहपुरा राजस्‍व अनुभाग बनाने का प्रस्‍ताव कब से प्रस्‍तावित है? इतने समय तक लंबित रखे जाने का स्‍पष्‍ट कारण देवें। विभाग कब तक उपरोक्‍त प्रस्‍ताव को स्‍वीकृति प्रदान करेगा? (ग) शहपुरा अनुभाग घोषित करने एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व शहपुरा भिटौनी के पद का सृजन कर पद स्‍वीकृति एवं नवीन भवन की स्‍वीकृति हेतु प्रश्‍न दिनांक तक शासन द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? पत्राचार/नस्‍ती उपलब्‍ध करावें। (घ) विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक 1287 दिनांक 25/02/2021 के उत्‍तर में उक्‍त शहपुरा अनुभाग के संबंध में कलेक्‍टर जबलपुर से प्रस्‍ताव नहीं आने का कारण बताया गया है, तो क्‍या इतने लंबे समय (दो वर्ष) तक कलेक्‍टर द्वारा शासन के निर्देशों का पालन नहीं करने पर कितने स्‍मरण पत्र कब-कब जारी किये गये एवं स्‍मरण पत्रों के जवाब कब-कब प्राप्‍त हुए? क्‍या इसी प्रकार कलेक्‍टर द्वारा आगामी अनेक वर्षों तक जानकारी नहीं भेजी गई तो प्रस्‍ताव ऐसे ही लंबित रखा जावेगा? कलेक्‍टर को प्रस्‍ताव भेजने की कोई बाध्‍यता/समय-सीमा निर्धारित क्‍यों नहीं की गई है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। विभाग द्वारा दिनांक 18.02.2022 को कलेक्टर, जबलपुर को लिखा गया है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट '' अनुसार है। (ख) कलेक्टर, जबलपुर द्वारा दिनांक 11.07.2019 में शाहपुरा तहसील में अनुभाग बनाये जाने बाबत प्रस्ताव प्राप्‍त हुआ था जिस बाबत स्पष्ट और अतिरिक्त जानकारी हेतु उन्‍हें दिनांक 28.08.2019 को लिखा गया। प्रस्ताव परीक्षणाधीन होकर नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है। (ग) कलेक्टर, जबलपुर द्वारा दिनांक 11.07.2019 में शाहपुरा तहसील में अनुभाग बनाये जाने बाबत प्रस्ताव प्राप्‍त हुआ था जिस बाबत स्पष्ट और अतिरिक्त जानकारी हेतु उन्हें दिनांक 28.08.2019 को लिखा गया है। (घ) दिनांक 23.03.2021 को कलेक्टर, जबलपुर को पत्र लिखा गया है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट '''' अनुसार है। वांछित जानकारी अपेक्षित है। प्रकरण में नियमानुसार कार्यवाही प्रचलन में है।

परिशिष्ट - "अट्ठावन"

प्रवासी मजदूरों के संबंध में

[राजस्व]

134. ( क्र. 1459 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) अप्रैल 2020 से जून 2020 तक भोपाल संभाग में प्रवासी मजदूरों के लिए कुल कितनी बस तथा अन्‍य वाहन अधिकृत की गई तथा कुल कितना किराया दिया गया? जिलेवार संख्‍या तथा राशि बतावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित बस व अन्‍य वाहन के क्रमांक ट्रेवल्‍स तथा मालिक का नाम, गणतव्‍य स्‍थान यात्रियों की संख्‍या दूरी कुल भाड़ा जानकारी दें। (ग) अप्रैल 2020 से फरवरी 2022 तक भोपाल संभाग में प्रवासी मजदूरों को छोड़कर अन्‍य शासकीय आयोजन के लिए कितनी-कितनी बस तथा अन्‍य वाहन अधिकृत किये गये? आयोजनानुसार बस क्रमांक मालिक तथा ट्रेवल्‍स का नाम दूरी, उनका देय भाड़ा भुगतान की जानकारी देवें। (घ) 31 जनवरी, 2022 की स्थिति में अधि‍ग्रहित बस तथा अन्‍य वाहन हेतु किस-किस बस मालिक को कितना-कितना भुगतान किया जाना शेष है? भुगतान अभी तक न किये जाने के क्‍या कारण है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जिलेवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है। (ख) जिलेवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है।                  (ग) जिलेवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है। (घ) जिलेवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-'''' अनुसार है।

शासकीय डायरी कैलेण्‍डर के संबंध में

[राजस्व]

135. ( क्र. 1477 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                    (क) क्‍या प्रदेश सरकार प्रदेश के अधिकारियों/कर्मचारियों/जनसामान्‍य को सुविधा की दृष्टि से शासकीय डायरी, कैलेण्‍डर का प्रकाशन करती है? यदि हां, तो यह कार्य कब से, किस नियम/निर्देशों के तहत प्रारंभ किया गया है एवं वर्ष 2019-20, 20-21 एवं 21-22 में क्‍या अद्यतन स्थिति है? जनवरी 2022 हेतु प्रदेश के समस्‍त विभागों सहित आवश्‍यक कार्यालयों से डायरी के प्रयोजन से जानकारी मंगाई गई है? यदि हां, जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या विभाग द्वारा डायरी कैलेण्‍डर विभाग द्वारा नि:शुल्‍क वितरित किये जाते है? यदि नहीं, तो डायरी कैलेण्‍डर का मुद्रण विभाग द्वारा किस कारणों से और क्‍यों बंद कर दिया गया है? संबंधित निर्देशों की प्रति उपलब्‍ध करायें। क्‍या उपरोक्‍त वर्षों में डायरी एवं कैलेण्‍डर का प्रकाशन किया गया है? यदि हां, तो कितनी डायरी एवं कितने कैलेण्‍डर किस आकार एवं कितने प्रकार के? डायरी एवं कैलेण्‍डर के मुद्रण की कुल संख्‍या, किस दर पर किस एजेन्‍सी से किस कार्यादेश पर कितनी दर पर, जानकारी दें। क्‍या निजी फर्मों द्वारा कैलेण्‍डर का मुद्रण कर विक्रय किया जा रहा है? विभाग का इस पर क्‍या नैतिक दायित्‍व है? स्‍पष्‍ट करे। (ग) वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 विभाग में उक्‍त कार्यों के अतिरिक्‍त और कौन-कौन से मुद्रण कार्य, किस-किस विभाग के, कितनी-कितनी संख्‍या में, कब-कब प्राप्‍त हुये है? जानकारी उपलब्‍ध करायें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हां। मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों के अनुसार प्रति वर्ष शासकीय डायरी/कैलेण्डर का प्रकाशन नियंत्रक, मुद्रण तथा लेखन सामग्री मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा किया जाता है। कैलेण्डर वर्ष 2019 एवं 2020 तक पुर्वानुसार ही डायरी कैलेण्डर का मुद्रण किया गया। कैलेण्डर वर्ष 2021 एवं 2022 में शासकीय डायरी/कैलेण्डर डिजिटल स्वरूप में प्रकाशित किया। वर्ष 2022 में शासकीय डायरी में समस्त विभागों/कार्यालयों से अद्यतन जानकारी (नाम, पता, दूरभाष/मोबाईल नंबर, फैक्स, ई-मेल आदि) मंगाई जाकर समावेश किया गया है। उक्त जानकारी वर्ष 2022 की शासकीय डायरी डिजीटल स्वरूप में MPGovt.Diary (App) पर उपलब्ध है। जनसामान्य एवं अधिकारी/कर्मचारियों की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए उक्त जानकारी संकलित की जाती है। (ख) जी नहीं। डायरी कैलेण्डर का प्रकाशन बंद नहीं किया गया, बल्कि वर्ष 2021 एवं 2022 में डायरी कैलेण्डर का प्रकाशन का डिजिटल स्वरूप में किया गया। वर्ष 2020, 2021 एवं 2022 में शासकीय डायरी कैलेण्डर मुद्रण का कार्यादेश संख्या दर एवं फर्म की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। जी नहीं शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।                (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है।

निगरानी प्रकरणों में अनियमितता

[राजस्व]

136. ( क्र. 1478 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                   (क) राजस्‍व विभाग अंतर्गत निगरानी प्रकरणों की व्‍याख्‍या कीजिए कि यह क्‍या होते हैं, किस-किस प्रकरणों में किस-किस स्‍तर पर, किन-किन कारणों से निगरानी प्रकरणों में सम्मिलित किया जाता है? निगरानी प्रकरणों के निराकरण हेतु क्‍या नियम, क्‍या कार्यवाही कितने समय में होती है? स्‍पष्‍ट करें। (ख) उपरोक्‍त के संबंध में वर्ष 2010 से कितने प्रकरण मंत्रालय में‍ निगरानी प्रकरणों की श्रेणी में प्राप्‍त हुये हैं? प्राप्‍त प्रकरणों में से कितने प्रकरणों का निराकरण कर दिया गया है एवं कितने किस कारण से लंबित हैं? वर्षवार पृथक-पृथक बतायें। (ग) निगरानी प्रकरणों में प्रकरणों के निराकरण के लिये बैठक आहूत की गई है? यदि हाँ तो कब, किस प्रकरण में किस-किस की उपस्थिति में? (घ) निगरानी प्रकरणों के निराकरण में विलंब के लिये कौन-कौन जिम्‍मेदार है? जिम्‍मेदारों पर कब और क्‍या कार्यवाही की जायेगी? (ड.) उपरोक्‍त के संबंध में विभाग में कोई कार्यवाही नहीं करने से विभाग द्वारा अनावश्‍यक निगरानी प्रकरणों के माध्‍यम से प्रकरणों के निराकरण में विलंब किया गया है? यदि हाँ तो निगरानी प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जायेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता की धारा 50 के अंतर्गत पुनरीक्षण के प्रावधान है जिसके अनुसार राजस्व मंडल, आयुक्त, कलेक्टर या जिला सर्वेक्षण अधिकारी किसी भी समय स्वसप्रेरणा से या पक्षकार के आवेदन किये जाने पर किसी मामले का, जो कि विनिश्चित किया जा चुका हो या किन्ही भी ऐसी कार्यवाहियों का, जिसमें उसके अधिनस्थि क्रमश: आयुक्त, कलेक्टर या जिला सर्वेक्षण अधिकारी, किसी राजस्व अधिकारी द्वारा संहिता के अधीन आदेश पारित किया गया हो, अभिलेख मंगा सकेगा और यदि यह प्रतीत होता है कि अधीनस्थे राजस्व अधिकारी ने (1) ऐसी अधिकारिता का प्रयोग किया है, जो कि इस संहिता द्वारा उसमें निहित न की गई हो या (2) इस प्रकार निहित की गई अधिकारिता के प्रयोग करने में असफल रहा हो या (3) अपनी अधिकारिता का अविधिपूर्ण प्रयोग किया है या सारवान अनियमितता की है तो मंडल या आयुक्त या कलेक्टर या जिला सर्वेक्षण अधिकारी मामले में ऐसा आदेश कर सकेगा जैसा की वह उचित समझे। निगरानी प्रकरणों में आदेश की तारीख से या पक्षकार को इसकी संसूचना की तारीख से 45 दिन, जो भी पश्चासत का हो, के भीतर प्रस्तुत नहीं किये जाने पर, ग्रहण नहीं की जाती। (ख) तत्समय प्रचलित राजस्व पुस्तक परिपत्र क्रमांक-चार खण्ड -3 की कंडिका-30 अतंर्गत निगरानी प्रकरण मंत्रालय स्तर पर सुनवाई होती थी, वर्ष 2010 से 2022 तक कुल 170 प्रकरण प्राप्‍त हुए हैं। प्राप्‍त प्रकरणों में से 106 प्रकरणों का पूर्व में निराकरण हो चुका था। (ग) से (ड.) वर्तमान में प्रचलित मध्यप्रदेश नजूल निर्वर्तन निर्देश 2020 के अध्या य सात में भूमिस्वामी हक में कृषि प्रयोजन के लिए भूमि आवंटन के प्रावधान प्रवृत्त हैं। मध्यप्रदेश नजूल निर्वर्तन निर्देश, 2020 की कंडिका 148 (1) के खण्ड (छ) के अनुसार निर्देशों के द्वारा इससे पूर्व के परिपत्रों के संदर्भ में समय-समय पर राज्य1 शासन द्वारा जारी किए गए निर्देश, हिदायतें या परिपत्र, चाहे वे उक्त परिपत्रों के विषय में उन्हें स्पष्ट करने के लिए जारी किए गए हों या उनमें संशोधन, परिवर्तन या परिवर्धन करने के लिये जारी किए गए हों, निरसित किये जा चुके हैं। जिसके परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में राजस्व‍ पुस्तक परिपत्र क्रमांक-चार खण्डह-3 की कंडिका-30 अतंर्गत निगरानी प्रकरण के संबंध में सुनवाई के अधिकार शासन स्तर पर प्रदत्त नहीं है।

वन्‍य जीवों का संरक्षण एवं संवर्द्धन की कार्यवाही

[वन]

137. ( क्र. 1481 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) वन्‍य जीवों के संरक्षण एवं संवर्द्धन हेतु प्रदेश में कौन-कौन सी योजनाओं पर कार्य चल रहे हैं? वर्ष 2019 -2020, 2020-21 एवं 2021-22 में योजनाओं का नाम, प्रयोजन, आवंटित बजट, व्‍यय बजट का उपयोगिता प्रमाण-पत्र सहित संपूर्ण जानकारी दें। (ख) उपरोक्‍त के संबंध में कितने वन्‍य जीवों की गणना की गई? वन्‍य जीवों गणना की वर्षवार तुलनात्‍मक संख्‍यात्‍मक आंकड़ों सहित बतायें। वृद्धि के लिये क्‍या कारण है एवं कमी के क्‍या कारण है? स्‍पष्‍ट करें। (ग) संरक्षित स्‍थल होने के बावजूद कैसे वन्‍य जीवों का शिकार हो रहा है? विभाग के पास पर्याप्‍त संसाधन है? स्‍पष्‍ट करें। यदि नहीं, तो कौन-कौन से संसाधनों की कमी है? संसाधनों की पूर्ति विभाग द्वारा कब तक ली जायेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) उपरोक्‍त के संबंध मैदानी स्‍तर पर कार्य करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों के साथ जंगल में तीहरे संकट (वन्‍य जीवों से, शिकारियों/अवैध/कटाई/माफियाओं से, प्राकृतिक प्रकोप से) का सामना करना पड़ता है? यदि हाँ तो उपरोक्‍त अवधि में कितनी घटनायें घटित हुई है? कितने अधिकारी, कर्मचारी इससे आहत एवं प्रभावित हुये है? विभाग द्वारा उनकी किस तरह से और क्‍या सहायता की गई है?                 (ड.) क्‍या विभाग अपने मैदानी स्‍तर के कर्मचारियों की सुरक्षा हेतु कोई बीमा करायेगा? यदि हाँ तो कितने लोगों के लिये कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 में है। केन्‍द्र प्रवर्तित योजना से संबंधित उपयोगिता प्रमाण-पत्र पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 में है। (ख) प्रदेश के संरक्षित क्षेत्रों, टाइगर रिजर्वस एवं क्षेत्रीय वनमण्‍डलों में वन्‍यप्राणी का आंकलन प्रतिवर्ष न करते हुये प्रत्‍येक चार वर्ष में अखिल भारतीय बाघ सह परभक्षी एवं शाकाहारी वन्‍यप्राणी का आंकलन किया जाता है। प्रश्‍नांश की शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-3 में है। वन्‍यप्राणियों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु किये जाने वाले प्रबंधन कार्यों यथा वन्‍यप्राणी एवं उनके रहवास की सुरक्षा एवं विकास, पेयजल उपलब्‍ध कराना, व्‍यवधानमुक्‍त रहवास उपलब्‍ध कराने हेतु ग्रामों का व्‍यवस्‍थापन, संयुक्‍त वन प्रबंधन गति‍विधियों द्वारा वन्‍यप्राणी रहवास पर दबाव कम करना, नागरिकों को वन्‍यप्राणी संरक्षण हेतु जागरूक करना आदि को दक्षता एवं गुणवत्‍तापूर्वक निष्‍पादन के फलस्‍वरूप मध्‍यप्रदेश में वन्‍यप्राणियों की संख्‍या में वृद्धि हो रही है। (ग) संरक्षित क्षेत्र किसी सुरक्षात्‍मक दीवार अथवा फेंसिंग से घेरकर अवरूद्ध नहीं होते हैं फलस्‍वरूप ऐसे क्षेत्रों की सीमा पर रहने वाले ग्रामीण कई अवसरों पर क्षेत्र में प्रवेश कर जाते हैं। वन्‍यप्राणी भी संरक्षित क्षेत्रों के बाहर स्‍वछंद विचरण करते हैं, इन्‍हीं में से कुछ अवसरों पर वन्‍यप्राणियों का शिकार हो जाता है। विभाग के पास समुचित संसाधन हैं। प्रश्‍नांश की शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-4 में है। (घ) जी हां। प्रश्‍नाधीन अवधि में चाही गई जानकारी निम्‍नानुसार है :-

वित्‍तीय वर्ष

अवैघ कटाई की घटनाओं की संख्‍या

हमले में आहत अधिकारी/कर्मचारियों की संख्‍या

घायल

मृत

2019-20

44892

1

0

2020-21

48035

5

1

2021-22

42313

1

0

कर्मचारियों की सहायता हेतु नियंत्रणकर्ता अधिकारियों द्वारा पुलिस को सूचित करते हुये प्राथमिकी दर्ज कराई गई है एवं अपराधियों को नियमानुसार दंडित करने की कार्यवाही करवाई जा रही है। विभाग द्वारा निम्‍नानुसार सहायता प्रदान की जाती है :-

  1. घायल होने पर इलाज का वास्‍तविक व्‍यय।
  2. गंभीर रूप से घायल होने पर रूपये 2,000/- तक तात्‍कालिक सहायता राशि एवं इलाज का वास्‍तविक व्‍यय तथा चिकित्‍सक की सलाह अनुसार बैड रस्‍ट तक का पारिश्रमिक/वेतन।
  3. स्‍थाई अपंग होने पर रूपये 50,000/- तथा इलाज का वास्‍तविक व्‍यय।
  4. हमले की घटना में शहीद होने पर रूपये 10.00 लाख की सहायता।
  5. मृत कर्मचारी के परिवार के पात्र एक सदस्‍य को अनुकम्‍पा नियुक्ति।

प्रश्‍नांकित अवधि में घायल हुये। (ड.) कर्मचारियों के वेतन से जी.आई.एस. (बीमा) की निश्चित राशि की कटौत्री प्रतिमाह की जाती है। पृथक से मैदानी स्‍तर के कर्मचारियों के लिये कोई बीमा योजना प्रस्‍तावित नहीं है।

 

न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य पर खरीदी के देयकों राशि की कटौती

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

138. ( क्र. 1482 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) नागरिक आपूर्ति निगम एवं मार्कफेड द्वारा वर्ष 2020-21 से 2021-22 में न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य पर खरीदी गई कृषि उपज के संबंध में समितियों द्वारा प्रस्‍तुत देयकों में से कितनी राशि का किन-किन मदों कटौती की गई? वर्षवार जिलेवार जानकारी दें। (ख) उक्‍त अवधि में एफ.सी.आई. द्वारा उक्‍त एजेन्सियों के देयकों में कितनी-कितनी कटौती की गई? (ग) क्‍या उपार्जन एजेन्सियों के देयकों से बिना किसी आधार के कटौती की जा रही है? यदि हाँ तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

कार्यपालन यंत्री द्वारा अधिकार क्षेत्र से बाहर कार्य की समय वृद्धि

[जल संसाधन]

139. ( क्र. 1487 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन संभाग (वि/यां) दतिया के अन्‍तर्गत मढ़ीखेड़ा बांध के गेट की सील निर्माण हेतु कब एवं कितनी लागत की निविदा कब आमंत्रित की गई एवं किस फर्म/ठेकेदार की निविदा स्‍वीकृत कर किस दिनांक को कार्यादेश जारी किए गए? (ख) क्‍या तत्‍कालीन कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग (वि/यां) दतिया ने निविदाकार द्वारा अभी तक कार्य प्रारंभ नहीं किए जाने के उपरांत भी कार्य की अवधि में 06 माह की वृद्धि की गई है? (ग) यदि हाँ तो क्‍या किसी भी निर्माण कार्य की समय वृद्धि का अधिकार कार्यपालन यंत्री को न होकर मुख्‍य अभियंता को है? यदि हाँ तो क्‍या अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर नियम विरूद्ध कार्य की समय वृद्धि करने वाले तत्‍कालीन कार्यपालन यंत्री (वि/यां) के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार है।                     (ख) एवं (ग) तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि मड़ीखेड़ा बांध के गेट की सील के निर्माण हेतु कार्यादेश जारी करने के पश्‍चात शिवपुरी एवं ग्‍वालियर क्षेत्र में अतिवृष्टि होने के कारण मड़ीखेड़ा बॉंध में पानी भरने से तत्‍समय उक्‍त कार्य प्रारंभ नहीं किया जा सका। निविदा अनुबंध के ''ए-जनरल'' के स.क्र. 14 (समयवृद्धि) की कण्डिका-14.3 में किए गए प्रावधान के अनुसार तत्‍कालीन कार्यपालन यंत्री, लाइट मशीनरी एवं वि./यां. संभाग, दतिया द्वारा दिनांक 03.09.2021 को दिनांक 04.12.2021 तक की समयवृद्धि प्रदान की गई। अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर नियम विरूद्ध समयवृद्धि प्रदान करने की स्थिति नहीं होने के कारण तत्‍कालीन कार्यपालन यंत्री, लाइट मशीनरी एवं वि./यां. संभाग, दतिया के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "उनसठ"

खसरा पंचशाला (कम्‍प्‍यूटर) में नाम इन्‍द्राज नहीं करने से उत्‍पन्‍न स्थिति

[राजस्व]

140. ( क्र. 1488 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                      (क) भिण्‍ड जिले की गोहद लहार, मिहोना एवं रौन तहसीलों में वर्तमान में किसानों द्वारा खसरे पंचशाला (कम्‍प्‍यूटर) में नाम इन्‍द्राज कराने हेतु अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व को 01 जनवरी 2019 से 06 मार्च 2022 तक कितने आवेदन धारा-115 म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता के तहत प्रस्‍तुत किए गए? तहसीलवार संख्‍या बताऍ। (ख) उपरोक्‍त अवधि में किन-किन आवेदनों का निराकरण किया गया? नाम, पता सहित बताएं तथा कितने प्रकरण किन-किन कारणों से शेष हैं? (ग) क्‍या राजस्‍व अधिकारियों द्वारा जानबूझकर सुधार न करने से किसानों को किसान सम्‍मान निधि एवं ऋण नहीं मिल पाया है तथा भूमि का विक्रय नहीं कर पाए हैं? यदि हाँ तो समय-सीमा में प्रकरणों का निराकरण न करने वाले जिम्‍मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) भिण्‍ड जिले की गोहद लहार, मिहोना एवं रौन तहसीलों में वर्तमान में किसानों द्वारा खसरे पंचशाला (कम्‍प्‍यूटर) में नाम इन्‍द्राज कराने हेतु अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व को 01 जनवरी, 2019 से 06 मार्च, 2022 तक कुल 2916 आवेदन धारा-115 म.प्र. भू.राजस्‍व संहिता के तहत प्रस्‍तुत किए गए। तहसीलवार आवेदन संख्‍या निम्‍नानुसार है क्रमांक तहसील आवेदन संख्‍या 1. लहार 1121, 2. मिहोना 290, 3. रौन 216, 4. गोहद 817, 5. मौ 472 (ख) भिण्‍ड जिले में उपरोक्‍त अवधि में कुल 1683 आवेदनों का निराकरण किया गया। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। शेष 1233 प्रकरण/आवेदन भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 115 के प्रावधानों के अनुसार न्‍यायालयीन प्रक्रिया के तहत जाँच, सुनवाई व साक्ष्‍य की कार्यवाही पूर्ण नहीं होने से प्रचलित है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

बिना कार्य कराये ठेकेदार की एफ.डी.आर. रिलीज करना

[जल संसाधन]

141. ( क्र. 1496 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यपालन यंत्री लाईट मशीनरी (वि/या) जल संसाधन संभाग दतिया द्वारा दिनांक अप्रैल 2020 से सितम्‍बर 2021 तक किस-किस फर्म को कब-कब, कितनी-कितनी राशि के कार्यादेश पीस वर्क के आधार पर कराने हेतु जारी किए गए? विवरण दें। (ख) क्‍या कार्यपालन यंत्री लाईट मशीनरी (वि/यां.) जल संसाधन संभाग दतिया द्वारा अपनी चहेती कंपनी मेसर्स कंसल रेफ्रीजिरेशन को पीस वर्क के ढाई-ढाई लाख रूपए के कार्यादेश जारी किए गए एवं उक्‍त फर्म द्वारा कार्य नहीं कराए जाने पर भी उनकी एफ.डी.आर. रिलीज कर दी गई? (ग) क्‍या किसी भी ठेकेदार/फर्म द्वारा निर्धारित समयावधि में कार्य नहीं कराए जाने पर उस ठेकेदार/फर्म की एफ.डी.आर. की राशि राजसात करने का नियम है? यदि हाँ तो बिना कार्य कराए ही ठेकेदार/फर्म की एफ.डी.आर. रिलीज करने वाले संबंधित अधिकारी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।            (ख) तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि प्रश्‍नाधीन अवधि में कार्यपालन यंत्री, लाइट मशीनरी एवं वि./यां. संभाग, दतिया द्वारा पीसवर्क हेतु जारी किए गए कार्यादेश अपनी चहेती कंपनी को नहीं दिए गए हैं अपितु स्‍थानीय स्‍तर पर उक्‍त कार्य को करने वाली उपलब्‍ध फर्म को जारी किए गए हैं। उक्‍त फर्म द्वारा उन्‍हें प्रदत्‍त 09 कार्यादेशों में से 03 कार्य पूर्ण नहीं किए जाने के उपरांत भी कार्यपालन यंत्री द्वारा उक्‍त फर्म को एफडीआर रिलीज़ कर दी गई है। विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट में दर्शित है। (ग) जी हॉं, कार्य पूर्ण कराए बिना ही ठेकेदार/फर्म की एफडीआर रिलीज करने वाले तत्‍कालीन कार्यपालन यंत्री, लाइट मशीनरी एवं वि./यां. संभाग, दतिया से वर्तमान कार्यपालन यंत्री, लाइट मशीनरी एवं वि./यां. संभाग दतिया द्वारा दिनांक 09.11.2021 एवं 17.02.2022 को स्‍पष्‍टीकरण चाहा गया। स्‍पष्‍टीकरण प्राप्‍त न होने पर तत्‍कालीन कार्यपालन यंत्री, लाइट मशीनरी एवं वि./यां. संभाग, दतिया को दिनांक 23.02.2022 को मुख्‍य अभियंता, वि./यां., जल संसाधन विभाग, भोपाल द्वारा ''कारण बताओ सूचना'' पत्र जारी किया गया है।

परिशिष्ट - "साठ"

शिकायतों पर की गई कार्यवाही

[राजस्व]

142. ( क्र. 1497 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) ग्राम बघेड़ी विकासखण्‍ड लहार, जिला भिण्‍ड में शासकीय भूमि पर सर्वे क्र. 82/0.09 हेक्‍टेयर पर निर्मित प्राचीन हनुमान मंदिर के परिसर से पीपल, बरगद एवं पाखर के पेड़ों को काटे जाने के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी लहार जिला भिण्‍ड को कब-कब, किस-किस के द्वारा शिकायतें की गई? शिकायतकर्ताओं के नाम, पता सहित विवरण दें। (ख) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या प्रश्‍नकर्ता ने ग्राम बघेड़ी के ग्रामवासियों के संयुक्‍त शिकायती पत्र को अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व लहार जिला भिण्‍ड को तथ्‍यों की जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु दिनांक 23.05.2021 को पत्र लिखा था? (ग) यदि हाँ तो उक्‍त पत्र के संबंध में प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस के विरूद्ध कार्यवाही की गई तथा प्रश्‍नकर्ता को की गई कार्यवाही से अवगत कराया गया? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) म.प्र. शासन सामान्‍य प्रशासन विभाग के आदेश क्र. एफ 19-76/2007/1/4 भोपाल दिनांक 12.11.2021 के आदेशानुसार जिम्‍मेदार अधिकारी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍या शासन के आदेश का पालन न होने पर आदेश वापिस लिया जाएगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) मौजा बघेड़ी के शासकीय भूमि पर सर्वे क्र. 82/0.09 हेक्‍टेयर पर स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर के परिसर से पीपल के हरे पेड़ों को पुजारी द्वारा काटे जाने के संबंध में शिकायतकर्ता द्वारा शिकायत की गई है जिसकी जानकारी हेतु  संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। जी हां। (ख) जी हां। प्रश्‍नकर्ता द्वारा इस संबंध में दिनांक 23.05.2021 को पत्र लिखा गया था।               (ग) प्रकरण की जांच नायब तहसीलदार दबोह से जांच गयी। जांच में पाया गया कि उपरोक्त सर्वे नम्‍बर की भूमि पर 38 वृक्ष मौजूद है एवं वृक्ष काटे जाने का कोई प्रमाण परिलक्षित नहीं हो रहा है। । अत: किसी के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई। इस संबंध में प्रश्‍नकर्ता को तथ्‍यों से अवगत करा दिया गया है। (घ) एवं (ग) के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "इकसठ"

खनिज मद की राशि का व्‍यय

[खनिज साधन]

143. ( क्र. 1500 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने जिला खनिज प्रतिष्‍ठान में एकत्रित गौण खनिज व मुख्‍य खनिज मद की संपूर्ण राशि को खनन प्रभावित क्षेत्रों में ही व्‍यय करने संबंधी निर्देश दिये है? यदि हां, तो क्‍या-क्‍या? (ख) खनिज विभाग द्वारा माननीय उच्‍च न्‍यायालय के आदेश के परिपालन में अब तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की है? विवरण दें। अब तक क्‍या नियम निर्देश तय किये गये है?                        (ग) सतना जिले में जिला खनिज मद में सर्वाधिक राशि किस तहसील/क्षेत्र से आती है? (घ) कब तक माननीय न्‍यायालय के निर्देश के परिपालन में उक्‍त राशि का व्‍यय खनन प्रभावित क्षेत्रों में व्‍यय करने की योजना बनाई जायेगी? यदि हां, तो कब तक?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) संज्ञान में नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) माननीय उच्‍च न्‍यायालय के प्रश्‍न के संबंध में कोई आदेश संज्ञान में न होने के कारण कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। खनन प्रभावित क्षेत्र के विकास हेतु मध्‍यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्‍ठान नियम, 2016 अधिसूचित हैं। (ग) जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद में जिले में मैहर तहसील से सार्वजनिक राशि प्राप्‍त होती है। (घ) खनन प्रभावित क्षेत्रों में जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद से राशि व्‍यय करने के संबंध में मध्‍यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्‍ठान नियम, 2016 अधिसूचित हैं।

समितियों/समूहों को दिये जाने वाले पट्टे

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

144. ( क्र. 1511 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मछली पालन नीति 2008 अनुसार 1000 हेक्‍टेयर के जलाशयों/तालाबों को ऐसी समितियों/समूह को पट्टे पर नहीं दिया जा सकता जिन समितियों का संचालन बिचौलियों द्वारा किया जाता है इसलिये शासन द्वारा नीलामी प्रथा से पट्टा प्रक्रिया को पृथक रखा गया है?                        (ख) मछली मार्केट इतवारा में नगर निगम द्वारा अलाटमेंट नं. L0000057, 58, 67 दुकानें किसको अलॉट की गई है? नाम, पिता का नाम तथा किस व्‍यवसाय के लिये दी गई है, स्‍पष्‍ट बताएं।                               (ग) उक्‍त दुकानों को संचालित करने वाले किस मछली पालन सहकारी संस्‍था के सदस्‍य हैं और संस्‍था का संचालन कर दोहरा लाभ कमा रहे हैं? (घ) क्‍या इसी संस्‍था द्वारा भोपाल के छोटे तालाब में जहरीले पदार्थ डालकर पर्यावरण को दूषित किया गया था? इसी कड़ी में विधानसभा के तारांकित प्रश्‍न क्र. 900 दिनांक 11.08.2021 में स्‍पष्‍ट रूप से दोषी संस्‍था के विरूद्ध शासन द्वारा पुन: पट्टा न दिये जाने का निर्णय लिया गया है? यदि हां, शासन क्‍या कार्यवाही करेगा, स्‍पष्‍ट बतायें एवं दोषी संस्‍था के विरूद्ध एफ.आई.आर. कब दर्ज करायी जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) मछुआ नीति 2008 के अनुसार जलाशयों/तालाबों का मत्‍स्‍य पालन पटटा आवंटन की कार्यवाही की जाती है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार(ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार। श्री राकेश बाथम एवं श्री राजेश बाथम पुत्र श्री सत्‍य नारायण बाथम आदर्श मत्‍स्‍योद्योग संस्‍था मर्यादित भोपाल पंजीयन क्रमांक ए.आर.बी/242 दिनांक 28.05.86 के सदस्‍य है उपायुक्‍त सहकारिता जिला भोपाल के पत्र क्रमांक 464 दिनांक 28.02.2022 द्वारा दिये गये अभिमत अनुसार म.प्र.सहकारी सोसायटी अधिनियम-धारा 19 (क) (सी-ग) अनुसार कोई भी व्‍यक्ति ऐसा कारोबार करता है जो सोसायटी द्वारा करे जा रहे कार्यों के समरूप हो वह संस्‍था के सदस्‍य के लिए पात्र नहीं होगा। उक्‍त दोनों सदस्‍यों द्वारा दोहरा लाभ कमाया जा रहा है। (घ) पुन: लीज पर नहीं दिये जाने का प्रशासक संकल्‍प कमांक 401 दिनांक 20.10.2020 से पारित किया गया इस संबंध में मा. उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर में डब्‍ल्‍यू पी नंबर 18732/20 विचाराधीन है।

परिशिष्ट - "बासठ"

मत्‍स्‍य पालन नीति अंतर्गत पट्टों का आवंटन

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

145. ( क्र. 1512 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगरीय निकाय के अधिकार क्षेत्र के तालाबों को मछली पालन हेतु पट्टे पर मत्‍स्‍य पालन नीति 2008 के तहत ही दिये जाने का नियम है? (ख) क्‍या मत्‍स्‍य पालन नीति के भाग-1 के बिंदु क्रमांक 1.2 में मत्‍स्‍य उद्योग विभाग की अनुशंसा के बिना पट्टे आवंटन मान्‍य नहीं हैं तथा यदि अनुशंसा प्रस्‍तुत करने के 30 दिवस के अंदर यदि सक्षम संस्‍था द्वारा उक्‍त अनुशंसा का अनुमोदन नहीं किया जाता है, तो सक्षम प्राधिकारी सीधे अनुमोदन कर पट्टा दे सकता है(ग) यदि हां, तो फिर भोपाल नगर पालिका का छोटा तालाब को पट्टे पर देने के लिये मत्‍स्‍य उद्योग विभाग की अनुशंसा प्रस्‍तुत करने के 06 माह के बाद भी सक्षम प्राधिकारी द्वारा पट्टा आवंटन भ्रष्‍टाचार के कारण तथा मत्‍स्‍य पालन नीति की अवहेलना के कारण रोका गया है?                       (घ) क्‍या छोटा तालाब के पट्टा आवंटन की कार्यवाही मत्‍स्‍य विभाग के जिला अधिकारी द्वारा की गई अनुशंसा अनुसार की जावेगी? यदि हां, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों? मत्‍स्‍य पालन नीति का पालन न करने वाले उक्‍त दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी हां। (ग) नगर पालिका निगम की नोटशीट पृष्‍ठ क्रमांक 39-40 दिनांक 30.12.2021 अनुसार कार्यक्षेत्र का निर्णय म.प्र. राज्‍य कॉपरेटिव ट्रिब्‍यूनल द्वारा होने पर आगामी कार्यवाही होगी। (घ) (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में कार्यवाही की जावेगी।

अभ्‍यारण्‍यों में किये गये कार्य

[वन]

146. ( क्र. 1529 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के वन परिक्षेत्र खिवनी अभ्यारण्‍य तथा हरसपुर अभ्यारण्‍य में विगत 5 वर्षों में कितने सुरक्षाकर्मी/मजदूर पदस्‍थ हैं, उनको कितना वेतन दिया जा रहा है? उनके खाता क्र. एवं मो.नं. सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्‍नांकित वन परिक्षेत्र खिवनी अभ्‍यारण्‍य में वर्ष 2019 में निवारदी घाट सड़क के निर्माण में कितनी राशि व्‍यय की गई? किस एजेंसी/ठेकेदार के माध्‍यम से राशि व्‍यय की गई? (ग) वन परिक्षेत्र खिवनी एवं हरसपुर अभ्यारण्‍य अंतर्गत वर्ष 2019 से 2021 तक कौन-कौन से तालाब बनाये गये? तालाबों की सूची एवं उन पर वर्षवार व्‍यय राशि का ब्‍यौरा दें। (घ) क्‍या प्रश्‍नांकित वन क्षेत्रों में मजदूरों को मनरेगा के तहत जॉबकार्ड बनाकर मजदूरी का भुगतान किया गया? यदि हां, तो जॉब कार्ड एवं मजदूरों के खाता क्र. अनुसार दी गई राशि की जानकारी प्रदान करें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वनमण्‍डल क्षेत्रीय देवास के अंतर्गत खिवनी अभ्यारण्‍य अंतर्गत खिवनी एवं हरसपुर वन परिक्षेत्र में विगत 05 वर्षों में सुरक्षाकर्मी/मजदूर एवं उनको प्रदाय वेतन/मजदूरी की जानकारी निम्‍नानुसार है :-

क्र.

वित्‍तीय वर्ष

सुरक्षा श्रमिक/मजदूरों की संख्‍या

प्रदाय राशि (रू. लाख में)

1

2017-18

40

31.50

2

2018-19

40

34.14

3

2019-20

40

32.03

4

2020-21

42

34.83

5

2021-22

42

33.28

खाता क्रमांक एवं मोबाईल नंबर ना‍गरिकों की निजी जानकारी होने के कारण देना संभव नहीं है। (ख) वनमण्‍डल क्षेत्रीय देवास के अंतर्गत खिवनी अभ्यारण्‍य में वर्ष 2019 में निवारदी घाट सड़क के निर्माण कार्य में स्‍वीकृत प्राक्‍क्‍लन अनुसार राशि रूपये 12.87 लाख का व्‍यय हुआ है। उक्‍त कार्य वन परिक्षेत्र अधिकारी खिवनी/हरसपुर द्वारा करवाया गया है। (ग) वनमंडल क्षेत्रीय देवास के अंतर्गत वन परिक्षेत्र खिवनी/हरसपुर के अंतर्गत तालाब निर्माण वर्ष 2019 से 2021 तक की जानकारी निम्‍नानुसार है :-

क्र.

वर्ष

विवरण

स्‍थल

व्‍यय राशि (लाख रू. में)

  1.  

2018-2019

तालाब निर्माण

बीट खिवनी पश्चिम कक्ष 204-

7.92

  1.  

2019-2020

तालाब निर्माण

नंदाडाई कक्ष क्र. 194

5.00

  1.  

2019-2020

तालाब निर्माण

कालीबाई कक्ष क्र- 201

5.00

  1.  

2019-2020

तालाब निर्माण

भिलाई कक्ष क्र.-187

5.00

  1.  

2019-2020

तालाब निर्माण

बीट बडकोला कक्ष क्र.-167

6.00

  1.  

2019-2020

तालाब निर्माण

बीट छापर कक्ष क्र.-170

6.00

  1.  

2019-2020

तालाब निर्माण

बीट रूगनाथपुरा कक्ष क्र.-पी-209

9.00

  1.  

2019-2020

तालाब निर्माण

कुण्‍डीखाल कक्ष क्र.-200

5.00

  1.  

2019-2020

तालाब निर्माण

बडकोला कक्ष क्र.-165

5.00

  1.  

2019-2020

तालाब निर्माण

बीट छापर कक्ष क्र.-170

2.00

  1.  

2019-2020

तालाब निर्माण

रूगनाथपुरा कक्ष क्र.-पी-209

2.00

  1.  

2019-2020

तालाब निर्माण

बीट खिवनी पश्चिम कक्ष क्र.-204-

5.00

  1.  

2019-2020

तालाब निर्माण

बीट पटरानी कक्ष क्र.-217

5.00

  1.  

2019-2020

तालाब निर्माण

बीट भिलाई कक्ष क्र.-185

4.00

  1.  

2020-2021

तालाब निर्माण

बीट नंदाडाई कक्ष क्र.-194

5.00

(घ) वनमण्‍डल क्षेत्रीय देवास के अंतर्गत वन परिक्षेत्र खिवनी/हरसपुर में मनरेगा में कोई कार्य नहीं कराया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।