मध्यप्रदेश
विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई-अगस्त, 2025 सत्र
शुक्रवार, दिनांक 08
अगस्त, 2025
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
पर्यावरण
विभाग का जिला
स्तरीय
कार्यालय
खोला जाना
[पर्यावरण]
1. ( *क्र. 2051 ) श्री
श्रीकान्त
चतुर्वेदी : क्या
राज्य
मंत्री, पर्यावरण
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) नवगठित
जिला मैहर में
पर्यावरण
विभाग द्वारा
संचालित
योजनाओं के समुचित
क्रियान्वयन
की दृष्टि से
जिला स्तरीय
कार्यालय (प्रदूषण
नियंत्रण
बोर्ड एवं
जिला
पर्यावरण समिति)
संचालित
कराये जाने की
प्रक्रिया
क्या अभी तक प्रचलन
में है? यदि
हाँ, तो अभी तक
किस स्तर में
है? जानकारी
दी जावे। यदि
नहीं, तो क्यों? (ख)
प्रश्नांश
(क) के संबंध
में क्या मैहर
औद्योगिक
केन्द्र के रूप
में जाना जा
रहा है, जिससे
यहां
पर्यावरण की
समुचित व्यवस्था
जन सामान्य के
हितों की
दृष्टि से किये
जाने के
मद्देनजर
पर्यावरण
कार्यालय (जिला
स्तरीय
प्रदूषण
नियंत्रण
बोर्ड कार्यालय
तथा जिला
पर्यावरण
समिति) का
संचालन कराया
जाना अति
आवश्यक है? यदि
हाँ, तो जनहित
में उक्त
कार्यालय कब
तक संचालित करा
दिया जावेगा? समयावधि
की जानकारी
दें।
राज्य
मंत्री, पर्यावरण (
श्री दिलीप
अहिरवार ) : (क) जी
नहीं। मध्यप्रदेश
प्रदूषण
नियंत्रण
बोर्ड के
संगठनात्मक
स्वरूप में
जिला स्तरीय
कार्यालयों
की स्थापना
आवश्यकता
तथा उपलब्ध
संसाधनों को
ध्यान में
रखते हुए की
जाती है। वर्तमान
में मैहर जिले
में प्रदूषण
नियंत्रण
बोर्ड का
क्षेत्रीय
कार्यालय
खोलने संबंधी
कोई प्रस्ताव
विभाग के
विचाराधीन
नहीं है, चूंकि
मैहर जिला
बोर्ड के
क्षेत्रीय
कार्यालय
सतना के
अंतर्गत आता
है,
जबकि
पर्यावरण
नियोजन एवं
समन्वय
संगठन (एप्को)
का कोई
कार्यालय
भोपाल से बाहर
नहीं है। (ख) मैहर
जिला मध्यप्रदेश
प्रदूषण
नियंत्रण
बोर्ड के
क्षेत्रीय
कार्यालय सतना
के अंतर्गत आता
है। क्षेत्रीय
कार्यालय
सतना
विद्यमान
होकर संचालित
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
वनों
के अतिक्रमण
पर कार्यवाही
[वन]
2.
( *क्र. 2628 ) श्रीमती
कंचन मुकेश
तनवे : क्या राज्य
मंत्री, वन महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) खंडवा
जिले में विगत
10 वर्ष
पूर्व 2015 की स्थिति
में कितना वन
क्षेत्रफल था
एवं वर्तमान
में कितना वन
क्षेत्रफल है? कम हुआ है
या वृद्धि हुई
है? कम
हुआ है तो
क्या
अतिक्रमण एवं
वन माफियाओं द्वारा
वनों को नष्ट
किया गया या
अन्य कारणों
से हुआ है? विगत 5 वर्षों
में कितने वन
माफिया, वन
भू-माफियाओं के
वाहनों पर
कार्यवाही की
गई? लापरवाही
करने वाले
कितने वन
अधिकारी, कर्मचारियों
पर कार्यवाही
की गई? (ख) विधान सभा
खंडवा एवं
जिले के कितने
क्षेत्रफल
में वन हैं, उनकी
सुरक्षा हेतु
जिले कितने वन
अधिकारी, कर्मचारी
किस-किस
श्रेणी के
पदस्थ हैं? कितने
अपनी मूल
पदस्थापना से
अन्यत्र या
जिला
मुख्यालय के
कार्यालयों
में अटैच हैं? उनके आदेश
एवं
संलग्नीकरण
की नियमावली
आदेश की
प्रमाणित
प्रति उपलब्ध
कराई जावे। (ग) वन
विभाग
अंतर्गत
कितने
अधिकारियों, कर्मचारियों
पर कार्यवाही
प्रचलित है? किस स्तर
पर प्रचलित या
लंबित हैं? कितने
अधिकारी, कर्मचारी
निलंबित हैं? उनके कारण, प्रकरणों
की अवधि एवं
तय सीमा क्या
है? (घ) विगत 5 वर्षों
में वन
उत्पादों, वन संपदा
से कितनी
राजस्व की
प्राप्ति हुई
है? आय
व्यय विगत 5 वर्षों का
प्रस्तुत
करें।
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) : (क) खण्डवा
जिले के
सामान्य
वनमंडल खण्डवा
में 10
वर्ष पूर्व 283723.87 हेक्टेयर
वनक्षेत्र था।
वर्तमान में
वनक्षेत्र 283773.23 हेक्टेयर
है, वन
क्षेत्र में वृद्धि
हुई। विगत 5 वर्ष में
वन अपराधियों/अतिक्रमणकारियों
के विरूद्ध 255 आरोपियों
को धारा-80 अंतर्गत
बेदखली नोटिस, 125 वन अपराध
प्रकरण पंजीबद्ध, 132 वाहन जप्त
किये गये। कुल
2130 हेक्टेयर
वनभूमि को
अतिक्रमण
मुक्त कराया
गया। 163
अतिक्रमणकारियों
के विरूद्ध 17 एफ.आई.आर.
पंजीबद्व की
गई। 14 वन
अपराधियों के विरूद्ध
जिला बदर की
कार्यवाही की
गई है। शेष जानकारी
एकत्रित की जा
रही है। (ख) खण्डवा
विधान सभा में
वन क्षेत्र 11814.05 हेक्टेयर
तथा खंडवा
जिले में 283773.23 हेक्टेयर
वनक्षेत्र है।
जिला खण्डवा
में प्रथम
श्रेणी के
मुख्य वन
संरक्षक एवं वनमण्डलाधिकारी
के 05, द्वितीय
श्रेणी सहायक
वन संरक्षक
एवं वनक्षेत्रपाल
के 32
अधिकारी एवं
तृतीय श्रेणी
के 515
कर्मचारी
उपवनक्षेत्रपाल, वनपाल एवं
वनरक्षक कुल 552
अधिकारी/कर्मचारी
वनसुरक्षा
हेतु कार्यरत हैं।
समस्त
अधिकारी/कर्मचारी
अपनी मूल पदस्थापना
पर पदस्थ हैं।
शेष का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) खंडवा
जिले के
सामान्य
वनमंडल खण्डवा
में वर्तमान
में
कर्मचारी/अधिकारी
के विरुद्ध 3 निलंबित, 15 विभागीय
जांच तथा 16 आरोप
ज्ञापन के
प्रकरण हैं। कर्मचारियों
के विरूद्ध
प्रचलित
अनुशासनात्मक
कार्यवाही के
प्रकरणों में
मध्यप्रदेश
सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण
तथा अपील) नियम, 1966 के तहत
नियमानुसार
कार्यवाही की
जाती है, अत:
समय-सीमा
बताना संभव
नहीं है। (घ) सामान्य
वनमंडल खण्डवा
में प्रश्नाधीन
अवधि में
प्राप्त
राजस्व की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। प्राप्त
राजस्व को
कोषालय में
जमा कराया
जाता है, उससे कोई
व्यय नहीं
किया जाता है।
शिक्षकों
की अन्य स्थान
पर पदस्थापना
[जनजातीय
कार्य]
3.
( *क्र. 1933 ) डॉ. चिंतामणि
मालवीय : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) रतलाम
जिले में
जनजातीय
कार्य विभाग
के प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल
तथा हायर
सेकेण्ड्री
स्कूल के कितने
तथा कौन-कौन
शिक्षक
शैक्षणिक
कार्य को छोड़कर
अन्य शासकीय
कार्यालयों, अनुसूचित
जाति
छात्रावासों, अनुसूचित
जनजाति
छात्रावासों
में अटैच हैं
अथवा पदस्थ हैं? (ख) शैक्षणिक
कार्य से अन्य
कार्य में
अटैच अथवा पदस्थ
किये गये
शिक्षकों की
मूल
पदस्थापना
कौन से
विद्यालय में
हैं? (ग) शैक्षणिक
कार्य से अन्य
कार्य में
कब-कब अटैच किये
गये तथा
अटैचमेंट
अथवा पदस्थी
को कितना समय
हुआ है?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) जनजातीय
कार्य विभाग, रतलाम में
शैक्षणिक
कार्य को
छोड़कर अन्य
शासकीय
कार्यालयों, अनुसूचित
जाति
छात्रावासों, अनुसूचित
जनजाति
छात्रावासों
में पदस्थ
शिक्षकों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) एवं
(ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
जल
जीवन मिशन के
कार्यों की
जानकारी
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
4.
( *क्र. 1817 ) श्री
नारायण सिंह
पट्टा : क्या लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) जल
जीवन मिशन
अंतर्गत
मंडला जिले
में कौन-कौन से
कार्य
कितनी-कितनी
लागत से किये गये
हैं या किये
जा रहे हैं? सभी के
कार्यदेशों
की जानकारी उपलब्ध करायें।
तय समय-सीमा
पूर्ण होने के
बाद भी
कौन-कौन से
कार्य अभी
पूर्ण नहीं
हुए हैं? उसके क्या
कारण हैं? तय अवधि से
ज्यादा समय
होने पर विभाग
द्वारा क्या
पेनल्टी तय की
गई है? अब
तक किन-किन पर
कितनी
पेनल्टी लगाई
जा चुकी है? विस्तृत
जानकारी
प्रदान करें। विभाग
द्वारा क्या
कार्यवाही की
गई है? अब
तक कितने
प्रतिशत
कार्य पूर्ण
हो चुका है
एवं शेष कार्य
कितनी अवधि
में पूर्ण कर
लिया जायेगा? (ख) नियम, शर्तों
अनुसार कार्य
पूर्ण होने के
बाद उक्त कार्यों
का मेंटेनेन्स
संबंधित
ठेकेदारों
द्वारा कितने
समय तक किया
जायेगा? प्रत्येक
कार्य हेतु
मेंटेनेन्स
अवधि की जानकारी
प्रदाय करें। (ग) उक्त
कार्यों के
अंतर्गत वाटर
ट्रीटमेंट
प्लांट कहाँ
कितनी लागत से
व किनके
द्वारा
निर्माण किया
जा रहा है? उक्त
कार्य हेतु अब
तक किये गये
भुगतान की
जानकारी
उपलब्ध करायें।
(घ) क्या
उक्त कार्यों
हेतु संबंधित
कंपनी/ठेकेदार
द्वारा वन
विभाग, लोक
निर्माण
विभाग, एम.पी.आर.डी.सी., नगर परिषद, ग्राम
पंचायत से एन.ओ.सी.
ली गई? यदि
हाँ, तो एन.ओ.सी.
की जानकारी
उपलब्ध करायें? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) उक्त
हेतु संबंधित
ठेका कंपनी
द्वारा कितने प्रशिक्षित
कर्मचारी रखे गये
हैं? सभी
की जानकारी
प्रदाय करें। उक्त
कार्यों में
कितने
किलोमीटर में
पाइप-लाइन
विस्तार किया
जाना है एवं
कितने में हाइड्रो
किया जाना है? विस्तृत
जानकारी
प्रदाय करें। उक्त
कार्यों हेतु
वेरिएशन के
तहत अब तक
कितनी राशि
बढ़ाई गई है? उक्त
कार्यों के संबंध
में अब तक
कितनी
शिकायतें
प्राप्त हुई
हैं? उनमें
क्या
कार्यवाही की
गई है?
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके )
:
(क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र 01, 02 ''अ'', 02 ''ब'' एवं 03 अनुसार है। (ख) एकल ग्राम नल-जल
योजना के नियम
शर्तों
अनुसार 03 महीने का
ट्रायल रन
करने का
प्रावधान है, उक्त के
उपरांत कार्यों
का संधारण
ठेकेदारों
द्वारा किये
जाने का योजना
में प्रावधान
नहीं है। समूह
जल प्रदाय
योजनाओं में
संबंधित
ठेकेदारों
द्वारा 10 वर्ष तक
मेनटेनेंस
किया जाना
प्रावधानित
है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र 04, 05 ''अ'' तथा 05 ''ब'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। उक्त
कार्यों हेतु
विभाग द्वारा
ग्रामों में
कार्य करने
हेतु संबंधित
विभाग से
एन.ओ.सी. ली गई
है, एन.ओ.सी.
की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र 01, 06 ''अ'' एवं 06 ''ब'' अनुसार है।
(ड.) निर्माण
कंपनियों
द्वारा
प्रोजेक्ट
इंजीनियर, सिविल
इंजीनियर (डिग्री/डिप्लोमा), सुपरवाइजर, कुशल/अर्द्धकुशल
श्रमिक रखे
जाने का
प्रावधान है। उक्त
कार्यों में
किये गये पाइप-लाइन
विस्तार एवं
हाईड्रो किये
जाने के कार्यों
हेतु वेरिएशन
के तहत बढ़ाई
राशि, कार्यों
के संबंध में
प्राप्त
शिकायत तथा
उनमें की गई
कार्यवाही संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र 01 अनुसार है।
गोपीकृष्ण
सागर ग्रामीण
समूह जल
प्रदाय योजना
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
5.
( *क्र. 3253 ) श्री ऋषि
अग्रवाल : क्या लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री महोदया
यह बताने की
कृपा करेंगी
कि (क) गुना जिले
की बमोरी
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत
गोपीकृष्ण
सागर ग्रामीण
समूह जल
प्रदाय योजना
के माध्यम से
कुल कितने
किलोमीटर पाइप-लाइन
बिछाने का
कार्य
प्रस्तावित
है,
इसमें से कुल
कितने
किलोमीटर
कार्य पूर्ण
एवं कितने
किलोमीटर शेष
है, कितने
इंटेकबेल, कितने
जलशोधन यंत्र
(W.T.P.),कितने
M.B.R., कितनी
उच्चस्तरीय
टंकियां (O.H.T.) कहां-कहां
प्रस्तावित
है, इन
कार्यों में
से कितने
कार्य पूर्ण
एवं कितने
कार्य अपूर्ण
हैं जानकारी
देवें शेष
कार्यों को
पूर्ण कराये
जाने के लिये
कब-कब कार्य अवधि
बढ़ाई गई और
कार्य अवधि
बढ़ाए जाने के
कारण क्या थे? (ख) प्रश्नांश
(क) के संबंध
में प्रत्येक
अवयववार
कार्य की लागत, कार्य पर
व्यय, कार्य
की भौतिक
स्थिति, कार्य
पूर्ण करने की
अवधि सहित
जानकारी देवें।
(ग) प्रश्नांश
(क) के संबंध
में क्या
भूमिगत पाइप-लाइन
बिछाने के लिये
रोड पर खोदी
गई नालियों का
मरम्मत कार्य
किया गया है? यदि हाँ, तो कौन-कौन
से गांव में
मरम्मत का
कार्य किया गया
है?
जानकारी
देवें। यदि
नहीं, तो
क्यों और कब
तक किया जायेगा।
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके )
:
(क) 2466 कि.मी. पाइप-लाइन
बिछाया जाना
प्रस्तावित
थी, इसमें
से 1278
कि.मी. बिछाई
गई है व 747 कि.मी.
अस्थाई रूप से
विलोपित की गई
है, 441
कि.मी. लाइन
बिछाना शेष है।
जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-01 अनुसार है।
03 बार, दिनांक 11.08.2023,
12.03.2024 व 26.05.2025 को
समयावधि
बढ़ाई गई, अन्य
विभागों से
अनुमति मिलने
में विलंब व
फर्म द्वारा
धीमी गति से
कार्य करने के
कारण समयावधि
बढ़ाई गई है। (ख) जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-03 अनुसार है। शेष
ग्रामों में पाइप-लाइन
की
हाइड्रोटेस्टिंग
उपरांत
मरम्मत कार्य
किया जा सकेगा।
लाख
उत्पादन
प्रशिक्षण सह
सामग्री
वितरण
[वन]
6.
( *क्र. 3330 ) श्री मधु
भगत : क्या
राज्य
मंत्री, वन महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) वर्ष
2017-18 में
आदिवासी उप
योजना विशेष
केंद्रीय
सहायता मद की
राशि से क्या
वन वृत्त
छिंदवाड़ा के
पश्चिम
छिंदवाड़ा सामान्य
वनमंडल/प्रबंध
संचालक जिला
वनोपज सहकारी
यूनियन
पश्चिम मंडल
छिंदवाड़ा द्वारा
लाख उत्पादन
प्रशिक्षण सह
सामग्री वितरण
कार्य किया
गया था, जिसमें
हितग्राहियों
को लगभग 42 लाख 50 हजार रुपए
की राशि से
लाख बीज का
वितरण किया गया
था? (ख) उक्त लाख
बीज क्रय किये
जाने हेतु
दरों का
निर्धारण किस
आधार पर किया
गया था? क्या कोई
निविदा
निकाली गई थी? यदि
निविदा नहीं
निकाली गई थी
तो नियमों की
अनदेखी करने
वाले अधिकारी के
विरुद्ध
सरकार कोई
कार्रवाई
करेगी? (ग) क्या
वन
परिक्षेत्र
दमुआ के नाम
से सादे कागज
पर जिसमें कोई
बिल नहीं था, कोई G.S.T. नंबर
नहीं दर्शित
था, कोई
फर्म का नाम, पता, ठिकाना
नहीं था? मात्र
सादे कागज पर
व्हाउचर
बनाकर पैसे
निकाल लिये गये
हैं? यदि
हाँ, तो
क्यों? क्या गंभीर
वित्तीय
अनियमितता
करने वाले
अधिकारी के
विरुद्ध कोई
कार्यवाही की
जावेगी?
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) : (क) जी
हाँ। (ख) परियोजना
प्रशासक, एकीकृत
आदिवासी
विकास
परियोजना, तामिया
द्वारा
संचालक, आदिम जाति
क्षेत्रीय
विकास
योजनाएं भोपाल
को स्वीकृति
हेतु प्रेषित प्रश्नाधीन
प्रस्ताव में
स्पष्ट रूप से
उल्लेखित लाख
उत्पादन
प्रशिक्षण
हेतु
सामग्री/लाख
बीज की दरों
के आधार पर
दरों का
निर्धारण
किया गया था, कोई
निविदा नहीं
निकाली गई थी।
स्वीकृति
हेतु प्रेषित
परियोजना
प्रस्ताव में
उक्त कार्य
दिव्य सागर
सोसायटी
संस्था के
द्वारा
संपादित करना
प्रस्तावित
था। प्रकरण
में तत्कालीन
वन मन्डल
अधिकारी, सह प्रबंध
संचालक, जिला लघु
वनोपज संघ की
विभागीय जांच
की गई थी, जिसमें
आरोप सिद्ध
नहीं पाये गये।
परियोजना में
प्रस्तावित
सोसाइटी का
चयन संचालनालय
आदिम जाति क्षेत्रीय
विकास योजना
के
दिशा-निर्देश
के अनुरूप
पाया गया है, अत:
विभागीय जांच
बिना किसी
दण्ड के समाप्त
की गई। (ग) जी
नहीं। वन
परिक्षेत्र
दमुआ के नाम
से सादे कागज
पर व्हाउचर
बनाकर पैसे
नहीं निकाले
गये हैं, जिला
यूनियन
द्वारा लाख
बीज का क्रय
नहीं किया गया
था, अपितु
परियोजना
प्रस्ताव
अनुसार दिव्य
सागर सोसायटी
संस्था
द्वारा
हितग्राहियों
को लाख बीज
वितरण किये
जाने के
उपरांत संबंधित
वन समिति
द्वारा लाख
बीज वितरण का
विवरण, पावतियां
तथा संस्था को
भुगतान किये
जाने की अनुशंसा
प्रस्तुत किये
जाने के आधार
पर संस्था को
भुगतान किया
गया। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
प्रधानमंत्री
जल जीवन मिशन
योजना
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
7.
( *क्र. 3332 ) श्री
प्रेमशंकर
कुंजीलाल
वर्मा : क्या लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) सिवनी
मालवा
विधानसभा क्षेत्र
के कितने
ग्रामों में
प्रधानमंत्री
जल जीवन मिशन
योजना
स्वीकृत की गई
है? (ख) कितने
ग्रामों में नल-जल
योजना का
कार्य पूर्ण
हो गया है एवं
ग्राम के हर
घर जल मिलना
शुरू हो गया
है? (ग) कितने
ग्रामों में
योजना का
कार्य अपूर्ण
है तथा यह कब
तक पूर्ण हो
जावेगा? (घ) प्रधानमंत्री
जल जीवन मिशन
योजना
अंतर्गत ग्राम
बघवाड़ा में
योजना की
स्थिति क्या
है, कब
तक पूर्ण होगी, इस कार्य
की टेंडर अवधि
क्या है?
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके )
:
(क) 297. (ख) 146 ग्रामों
में नल-जल
योजना का
कार्य पूर्ण
हो गया है, जिनमें से
वर्तमान में 136 ग्रामों
में हर घर जल
मिल रहा है। (ग) 151, योजनाओं
के कार्य
पूर्ण होने की
निश्चित तिथि
बताया जाना
संभव नहीं है।
(घ) जल
जीवन मिशन
योजना
अंतर्गत
ग्राम
बघवाड़ा की
रेट्रोफिटिंग
नल-जल योजना
राशि रू. 77.05 लाख की
स्वीकृत है, जिसका
कार्य मेसर्स
पार्थ
इंजीनियरिंग
हरदा द्वारा
किया जा रहा
है। ठेकेदार
द्वारा कार्य
धीमी गति से
किये जाने के
कारण उसे
दिनांक 22.10.2024 को काली
सूची में डाला
गया था, जिससे कि
कार्य शीघ्र
पूर्ण कराया
जा सके, वर्तमान में
ग्राम में
संपवेल के
माध्यम से
पेयजल प्रदाय
किया जा रहा
है। योजना की
वर्तमान
भौतिक प्रगति 90.00 प्रतिशत
है। शेष कार्य
प्रगतिरत है। योजना
पूर्ण करने की
निश्चित
समयावधि
बताया जाना
संभव नहीं है।
इस कार्य की
टेण्डर अवधि 06 माह थी।
पथरीली
वन भूमि का
राजस्व भूमि में
आदान-प्रदान
[वन]
8.
( *क्र. 3206 ) श्री अजय
विश्नोई : क्या राज्य
मंत्री, वन महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
जबलपुर जिले
के पाटन
विकासखंड के
ग्राम सहसन
में स्थित वन
भूमि पथरीली
होने के कारण
वन-रोपण के
लिये उपयुक्त
नहीं है? (ख) क्या
विभाग उक्त
भूमि को म.प्र.
शासन को सौंप
कर उसके बदले
वन-रोपण के
लिये उपयुक्त
अन्य राजस्व
भूमि लेने में
सहमत है? (ग) यदि
प्रश्नांश
(ख) का उत्तर
हाँ है तो
उक्त भूमि
अदला-बदली कब
तक कर ली
जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों
नहीं?
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप अहिरवार
) : (क) एवं (ख) जी
हाँ। (ग) बरगी
नहर परियोजना
के निर्माण
हेतु क्षतिपूर्ति
वनीकरण हेतु
जबलपुर जिले
के पाटन विकासखंड
अन्तर्गत
ग्राम सहसन
में खसरा
नम्बर 11 व 68
कुल रकबा 9.23 हेक्टेयर
प्रदायित गैर
वन भूमि
वनीकरण हेतु उपयुक्त
नहीं होने से
इसके बदले
नवीन गैर वन
भूमि प्रदाय
करने हेतु
कलेक्टर, जबलपुर को वन
मंडलाधिकारी, जबलपुर
द्वारा पत्र
दिनांक 01.01.2025, दिनांक 27.01.2025 एवं
दिनांक 29.04.2025 लेख किया
गया है। भूमि
अप्राप्त
होने से
समय-सीमा
बताना संभव
नहीं है।
निविदाओं
में हेर-फेर
एवं
भ्रष्टाचार
[लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
9.
( *क्र. 3281 ) श्री पंकज
उपाध्याय : क्या लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) प्रदेश
में चल रहे
जल-जीवन मिशन
एवं नल-जल योजना
के अंतर्गत
अनुबंध राशि
स्वीकृत होने
के पश्चात
कार्य
समाप्ति के
पश्चात
एस्टीमेट
रिवाइज करने
की आवश्यकता
क्यों है? जिला-मुरैना
में वर्ष 2022-23 से 2024-25 तक कितने
कार्यों का
एस्टीमेट
रिवाइज किया गया
तथा कितने
प्रतिशत राशि
में बढ़ोतरी
हुई एवं कितनी
हानि हुई? किस
अधिकारी के
स्तर पर
मूल्यांकन
स्वीकार किया? जवाबदेय
अधिकारी
कौन-कौन है, उनके
विरुद्ध क्या
कार्यवाही
हुई? संपूर्ण
जानकारी दें। (ख) क्या
श्री
विद्याराम
यादव, अनुभागीय
अधिकारी, उप-खण्ड
सबलगढ़ के
विरुद्ध कोई
विभागीय जांच प्रचलन
में है अथवा
पूर्व में कोई
विभागीय जांच
की गई है? यदि हाँ, तो
जानकारी
प्रदान करें
एवं इनके
द्वारा विगत दो
वर्ष में
जल-जीवन मिशन
एवं नल-जल
योजना के
अंतर्गत
कितने गांवों
में कितने कार्यों
का
पर्यवेक्षण/निरीक्षण/माप
की गई एवं बिल
स्वीकार किये? सभी
योजनाओं की
जानकारी
प्रदान करें। (ग) उप-खण्ड
सबलगढ़, जिला-मुरैना
अंतर्गत वर्ष 2024-25 एवं 2025-26 अंतर्गत
किस-किस योजना
के तहत कितने
डी.टी.एच. एवं
ग्रेबल
बोरवेल खनन किये
गये एवं उनमें
से कितने के
प्राक्कलन
अनुसार राशि
में वृद्धि कर
भुगतान किया
गया? सूचीबद्ध
जानकारी
उपलब्ध करायें।
(घ) जिला-मुरैना
अंतर्गत वर्ष 2023-24 से 2025-26 तक कितनी
सबमर्सिबल
पंप एवं
सामग्री किस
दर से क्रय की
गई एवं किस
स्थान पर किस
प्रयोजन हेतु
जारी की गई? उप-खण्डवार
जानकारी
उपलब्ध करायें।
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके )
: (क) नल-जल
योजनाओं के
प्राक्कलन
पुनरीक्षित
होने के मुख्य
कारण ग्रामों
में नवीन
बसाहट बढ़ना, नवीन
घर/परिवार
संख्या बढ़ना, रेट्रोफिट
योजनाओं में
पूर्व की
योजनाओं में
बिछाई गई पाइप
लाइनों के
क्षतिग्रस्त
होने के कारण
अतिरिक्त
पाइप लाइन की
आवश्यकता, इत्यादि
है। डी.पी.आर.
तैयार करने
हेतु विभागीय
तौर पर उपयंत्री
तथा आउटसोर्स
के माध्यम से
तैयार करने में
अनुबंधित अनुभवी
फर्म/एजेंसी
द्वारा
एस्टीमेट
तैयार किये गये।
प्रश्न
दिनांक की
स्थिति में
मुरैना जिले
में प्रश्नावधि
में 126
कार्यों के
एस्टीमेट
रिवाइज करने
हेतु प्रस्तावित
किये गये हैं, जिनके
अंतर्गत 37.32
प्रतिशत
बढ़ोत्तरी
प्रस्तावित
है, वर्तमान
में इनकी
पुनरीक्षित
प्रशासकीय
स्वीकृति
जारी नहीं की
गई है। योजनाओं
में कार्य का
मूल्यांकन
स्वीकार करने
के लिये
इंजीनियर
इंचार्ज के
रूप में
कार्यपालन
यंत्री
उत्तरदायी/जवाबदेह
है, कराये गये
कार्य
विभागीय
मापदंड एवं
गुणवत्तापूर्ण
पाये जाने पर
ही उनका
मूल्यांकन
एवं भुगतान
किया जाता है, अतः
शासन को हानि
अथवा जवाबदेह
अधिकारी के विरुद्ध
कार्यवाही का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) श्री
विद्याराम
यादव, अनुभागीय
अधिकारी/उपखंड
सबलगढ़ के
विरुद्ध कोई
भी जांच
प्रचलन में
नहीं है और न ही
पूर्व में
विभागीय जांच
की गई है। श्री
विद्याराम
यादव द्वारा
विगत 02 वर्ष
में जल जीवन
मिशन एवं नल-जल
योजना के
अंतर्गत 78
कार्यों का
पर्यवेक्षण/निरीक्षण/माप
की गई, जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-01 अनुसार
है। (ग) उपखंड
सबलगढ़, जिला
मुरैना के
अंतर्गत वर्ष 2024-25
एवं 2025-26 में 59 डी.टी.एच.
एवं रोवल बोर
खनन किये गये
हैं, सभी
कार्य
स्वीकृत
प्राक्कलन
अनुसार किये गये
हैं, सूची पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-02
अनुसार है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) जिला
मुरैना के
अंतर्गत वर्ष 2023-24 से
2025-26 तक 420
सबमर्सिबल
पंप एवं
सामग्री का म.प्र.
लघु उद्योग
निगम द्वारा
निर्धारित
दरों पर पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-03
अनुसार क्रय
किया गया तथा
ग्रामीण
क्षेत्रों
में पेयजल
व्यवस्था
सुचारू रखने
के प्रयोजन
में उपयोग
हेतु उपखंड
सबलगढ़, मुरैना
तथा अम्बाह को पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-04
अनुसार उपखंडवार
दर्शाई गई
मात्रा में
उपलब्ध कराया
गया है।
अपात्रों
की नियुक्तियों
पर कार्यवाही
[उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण]
10.
( *क्र. 2292 ) श्री शरद
जुगलाल कोल : क्या
उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) खाद्य
प्रसंस्करण
विभाग वर्ष 2023 में आई.टी.
मैनेजर
सिस्टम
एनालिस्ट एवं
सहायक
प्रोग्रामर
जैसे तकनीकी
पदों पर
श्रीमती श्वेता
श्रीवास्तव
एवं श्री नवल
किशोर महतो की
नियुक्ति किस
आधार पर किस
प्रक्रिया से
की गई? (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में उक्त पदों
की नियुक्ति
म.प्र.
प्रोफेशनल
एग्जामिनेशन
बोर्ड (एम.पी.पी.ई.वी./व्यापम)
अथवा किसी
अन्य नियोजन
संस्था के
माध्यम से की
गई थी? यदि
हाँ, तो
उसका
विज्ञापन
क्रमांक एवं
तिथि क्या थी? उक्त
परीक्षा में
सम्मिलित सभी
उम्मीदवारों
के नाम, रोल नंबर
अर्जित अंक
एवं रैंकिंग की
सूची क्या रही
है?
उपलब्ध
करावें। (ग) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में उक्त पदों
की सीधी
नियुक्ति (प्रतिनियुक्ति/संविदा/विशेष
आदेश) द्वारा
हुई तो
तत्कालीन
डायरेक्टर/अपर
मुख्य सचिव/माननीय
मंत्री
द्वारा
नियुक्ति के
लिये कौन से
प्रशासनिक
आदेश/निर्देश
जारी किये गये? उन आदेशों
की प्रति
उपलब्ध
करावें। (घ) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में पूर्व में
किस विभाग में
किस पद पर
कार्यरत थे
तथा खाद्य
प्रसंस्करण
विभाग में आने
से पूर्व उनका
कार्य अनुभव, सेवा शर्त
एवं नियुक्ति
प्रक्रिया
क्या रही? क्या
नियुक्ति
प्रकिया
मंत्रालयीन भर्ती
नियमावली, सामान्य
प्रशासन
विभाग की गाइड-लाइन
एवं तकनीकी
नियुक्तियों
के मापदण्ड के
अनुसार की गई
थी?
उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण
मंत्री ( श्री
नारायण सिंह
कुशवाह ) : (क) श्रीमती
श्वेता
श्रीवास्तव
एवं श्री नवल
किशोर महतो की
सेवाएं वर्ष 2023 से
उद्यमिता
विकास केन्द्र
(CEDMAP)
के
माध्यम से
आउटसोर्स पर
ली गई है। (ख) म.प्र.
भण्डार नियम
क्रय तथा नियम
तथा सेवा नियम
उपार्जन नियम 2015 (यथा
संशोधित 2022) के बिन्दु
क्रमांक-06 में उल्लेखित
तालिका के सरल
क्र. 05
शासन द्वारा
अधिकृत संस्था
उद्यमिता
विकास केन्द्र
(CEDMAP)
के
माध्यम से ली
गई है। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) जी
नहीं। आउटसोर्स
के माध्यम से
सेवाएं लेने
के कारण
शेषांश का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) आई.टी.
मैनेजर/सिस्टम
एनालिस्ट के
पद पर कार्यरत
डॉ. श्वेता
श्रीवास्तव
पूर्व में
विभाग
अंतर्गत
आई.टी. कन्सलटेन्ट
के पद पर एवं
सहायक
प्रोग्रामर, श्री नवल
किशोर महतो
विभाग
अंतर्गत
पूर्व में
एम.पी.कॉन के
माध्यम से
कम्प्यूटर
ऑपरेटर के पर
पर कार्यरत
रहें हैं।
वेयरहाउसों
में
खाद्यान्न
भण्डारण की
जानकारी
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
11.
( *क्र. 3293 ) श्री
उमाकांत
शर्मा : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) भोपाल
संभाग में
विभाग द्वारा
खाद्यान्न भंडारण
एवं वितरण में
पारदर्शिता
हेतु ओ.एस.एम.एस. (ऑनलाइन स्टॉक
मैनेजमेंट
सिस्टम) प्रणाली
को लागू किया
गया है? यदि हाँ, तो
जानकारी
उपलब्ध
करावें तथा
भोपाल संभाग में
कितने
वेयरहाउस जे.व्ही.एस. और पी.एम.एस. योजना के
तहत संचालित
हैं? वेयरहाउस
का नाम, मालिकों
के नाम, वेयरहाउस
की क्षमता, स्थान, डब्ल्यू.डी.आर.ए.
रजिस्ट्रेशन
नंबर की
छायाप्रति
उपलब्ध
करावें। (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में दिनांक 01 अप्रैल, 2018 से प्रश्नांकित
अवधि तक कितने
वेयरहाउसों
को भण्डारण हेतु
अनुमतियां दी
गई? किन-किन
वेयरहाउसों
में नॉन एवं
नेफेड द्वारा
कितना-कितना
भण्डारण किया
गया? वेयरहाउस
का नाम, खाद्यान्न
का प्रकार, खाद्यान्न
भण्डारण की
मात्रा सहित
जिलावार, तहसीलवार
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
संदर्भ में
किन-किन
समितियों
द्वारा, कौन-कौन से
वेयरहाउसों
पर
कितना-कितना
उपार्जन किया
गया? समिति
का नाम, वेयरहाउस
का नाम, उपार्जित
खाद्यान्न का
प्रकार सहित
जिलेवार
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (घ) प्रश्नांश
(ग) के संदर्भ
में
वेयरहाउसों
को किराया
भुगतान करने
के नॉन एवं
नेफेड के
क्या-क्या
नियम/निर्देश
हैं? छायाप्रति
उपलब्ध
करावें। वेयरहाउसों
को
कितना-कितना
किराया, कब-कब, किस-किस
खाद्यान्न का
दिया गया? वेयरहाउस
का नाम, भुगतान
किराया, खाद्यान्न
का प्रकार, कटौत्रा
सहित जानकारी
देवें। (ड.) किन-किन
वेयरहाउसों से कब-कब
खाद्यान्न
कहां-कहां
परिवहन किया
गया? एफ.आई.एफ.ओ. की
नीति के तहत
स्टॉक के उठाव
के स्थिति की
जानकारी
वेयरहाउसवार
देवें? यदि एफ.आई.एफ.ओ.
नीति का
उल्लंघन किया
गया, तो
इसके लिये
दोषी कौन है? दोषियों
पर क्या
कार्यवाही की
गई? यदि
नहीं, तो
क्यों?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) जी
नहीं। शेष भाग
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
(ख) एवं
(ग) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
(घ) वेयरहाउसों
को किराया भुगतान
करने के नॉन
एवं नेफेड के
नियम/निर्देश
की
छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र 'स' अनुसार है एवं शेष
भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ड.) प्रश्नांश
में उपार्जन
वर्ष का उल्लेख
नहीं होने से
परिवहन की
जानकारी देने
में भ्रांति है।
फिफो की नीति
के तहत स्टॉक
के उठाव की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
प्रश्नांश
का शेष भाग
उपस्थित नहीं होता
है।
प्रदेश
के पेट्रोल
पंपों की जांच
एवं कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
12.
( *क्र. 3298 ) श्री आतिफ
आरिफ अकील : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
दिनांक 27 जून, 2025 को
रतलाम में
राइस
कॉन्क्लेव
में मान.
मुख्यमंत्री
के कार्यक्रम में
प्रशासनिक
व्यवस्था के लिये
इंदौर की फर्म
मेसर्स
इंपैक्ट
ट्रेवल्स से बुलाई
गई 19
इनोवा वाहन
में मैसेज
शक्ति फ्यूल
पॉइंट डोसीगांव
के पंप से
भरवाए गये डीजल
में पानी की
मिलावट होने
पर पंप के
संचालक के
विरुद्ध एफ.आई.आर.
दर्ज की गई
एवं पंप की
जांच के आदेश
जिला प्रशासन
ने दिए थे? (ख) यदि
हाँ, तो
क्या जांच में
डीजल में पानी
मिलाने की पुष्टि
हुई है? यदि हाँ, तो क्या
कार्रवाई की
गई? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश
के
परिप्रेक्ष्य
में माननीय
मुख्यमंत्री जी
के निर्देश पर
प्रदेश के
पेट्रोल/डीजल/सी.एन.जी.
गैस पंपों की
जांच करने के
आदेश जारी किये
गये हैं? यदि हाँ, तो आदेश की
प्रति संलग्न
करें एवं किस
जिले के कितने
पम्पों की
जांच की गई और
उनमें क्या-क्या
कमियां पाई गई? जानकारी
दें।
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) जी
हाँ। दिनांक 26 जून, 2025 को रतलाम
में मे.
इंपैक्ट
ट्रेवल्स
इंदौर द्वारा
भेजी गई 19 इनोवा
वाहन में मे.
इंपैक्ट
ट्रेवल्स
एजेंसी
द्वारा
मेसर्स शक्ति
फ्यूल पॉइंट डोसीगांव
बी.पी.सी.एल. के
पंप से भरवाये
गये डीजल में
पानी पाये जाने
पर जिला
प्रशासन के
आदेश पर उक्त
पंप की जांच
कर पंप के
संचालक एवं
मालिक के
विरूद्ध दिनांक
27.06.2025 को एफ.आई.आर.
दर्ज कराई गई
है। (ख) जी हाँ। बी.पी.सी.एल.
मांगलिया
इंदौर की
प्रयोगशाला
परीक्षण रिपोर्ट
में जांच के
दौरान पंप से
लिये गये डीजल
के नमूने में
पानी पाये
जाने की
पुष्टि हुई है।
उक्त पंप की जांच
कर पंप के
संचालक एवं
मालिक के
विरूद्ध दिनांक
27.06.2025 को एफ.आई.आर.
दर्ज कराई गई
है। (ग) आयुक्त, खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण
संचालनालय
मध्यप्रदेश
के पत्र क्र. 3791/पेट्रोलियम/2025, भोपाल
दिनांक 27.06.2025 के
निर्देश पर
जिलों के पेट्रोल
पम्पों की
जांच करने के
निर्देश दिये
गये हैं। निर्देश
की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है।
जिलावार
जांच किये गये
पम्पों एवं
उनमें पायी
गयी
अनियमितताओं
का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
वेयर
हाउसों की
जांच
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
13.
( *क्र. 3261 ) डॉ.
रामकिशोर
दोगने : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता
द्वारा हरदा
जिले के समस्त
वेयर हाउसों
की जाँच कराये
जाने के संबंध
में हरदा
कलेक्टर को
प्रेषित किये गये
पत्र क्रमांक/142/विधायक
हरदा/कृषि/16/2025,
हरदा दिनांक 29.03.2025 पर
क्या
कार्यवाही की
गई है? (ख) प्रश्नकर्ता
द्वारा हरदा
जिले के समस्त
वेयर हाउसों
की जाँच कराये
जाने के संबंध
में मुख्य
सचिव, म.प्र.
शासन भोपाल, प्रमुख
सचिव, खाद्य
नागरिक
आपूर्ति
विभाग भोपाल, आयुक्त
नर्मदापुरम
संभाग को
प्रेषित किये गये
पत्र क्रमांक/346/विधायक
हरदा/कृषि/16/2025,
हरदा दिनांक 28.05.2025 पर
क्या
कार्यवाही की
गई है? (ग) हरदा
जिले में
कितने शासकीय
व कितने निजी
वेयर हाउस
संचालित हैं? वेयर
हाउस संचालक
के नाम सहित
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (घ) हरदा
जिला अंतर्गत
स्थित वेयर हाउस
क्या शासन के
निर्धारित
मापदण्ड
अनुसार संचालित
किये जा रहे
हैं? (ड.) क्या
शासन स्तर से
वेयर हाउसों
की जाँच की गई
है? यदि
हाँ, तो कब और
वेयर हाउसों
में क्या-क्या
कमियाँ पाई
गईं? जानकारी
उपलब्ध करावे।
यदि नहीं, तो
कारण स्पष्ट
करें।
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) कार्यालय
उप संचालक
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास, जिला
हरदा के पत्र
क्रमांक-टी-8/2025-26/1712,
हरदा दिनांक 25.07.2025 के
माध्यम से उप
संचालक, किसान
कल्याण तथा
कृषि विकास, जिला
हरदा द्वारा
जिले में
घोटाले
संबंधी कोई
शिकायत एवं
जानकारी
संज्ञान में
नहीं आई है, का
लेख किया गया
है। वेयरहाउसों
में भण्डारित
फसल की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र 'अ' अनुसार
है। (ख) उक्त
पत्र पर आवश्यक
कार्यवाही
हेतु उपायुक्त
नर्मदापुरम
संभाग
कार्यालय की
ओर से कलेक्टर
जिला हरदा को
प्रेषित पत्र
की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र 'ब' अनुसार
है। शेष भाग
की जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ' अनुसार
है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र 'स' अनुसार
है। (घ) हरदा
जिला अंतर्गत
जे.व्ही.एस.
योजना में
प्रस्तावित
वेयरहाउसों
को निरीक्षण
उपरांत निर्धारित
मापदण्ड
अनुसार जे.व्ही.एस.
स्कीम के तहत
संचालित किये
जा रहे हैं। निरीक्षण
रिपोर्ट पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र 'द' अनुसार
है। (ड.) जी हाँ। जांच
में
वेयरहाउसों
के भौतिक सत्यापन
की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र 'इ' अनुसार
है।
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
विभाग में
पदस्थ स्टाफ
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
14.
( *क्र. 3189 ) श्री
हेमंत
सत्यदेव
कटारे : क्या लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) क्या लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
विभाग के
प्रमुख अभियंता
कार्यालय
सहित प्रदेश
के खण्ड व
उपखण्ड
कार्यालयों
में म.प्र. जल
निगम के
माध्यम से
संविदा, आउटसोर्स
के माध्यम से
अथवा
सेवानिवृत्त अधिकारी/कर्मचारी
से कार्य
संपादित
कराया जा रहा
है? यदि
हाँ, तो
में किन-किन
अधिकारी/कर्मचारियों
से? (ख) क्या प्रदेश
कार्यालयों
में
सेवानिवृत्त
कर्मचारी से
वहीं कार्य
कराया जा रहा
जो वह सेवा में
रहते हुये
संपादित कर
रहे थे? यदि हाँ, तो नाम, पदनाम, पदस्थापना
स्थल सहित
बताएं कि क्या
यह
नियमानुसार
उचित है? क्या इससे
अन्य अधीनस्थ
अधिकारी/कर्मचारियों
को कार्य करने
के अवसर से
वंचित नहीं
होना पड़ा? ऐसे
कर्मचारियों
को कब तक
हटाया जायेगा? (ग) लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
विभाग
परिक्षेत्र
ग्वालियर के
अंतर्गत सभी
खण्ड एवं उपखण्ड
कार्यालयों
में कौन-कौन
से
अधिकारी/कर्मचारी
अपने मूल
पदस्थापना
कार्यालय से
अन्यत्र किस
कार्यालय में
कौन से पद पर
कब से कार्यरत
हैं? खण्डवार
अधिकारी
कर्मचारी का
नाम पदभार/कार्यभार, सहित
पूर्ण
जानकारी
उपलब्ध करायी
जाये। क्या यह
परिपाटी शासन
की स्थानांतरण
नीति का
स्पष्ट
उल्लंघन नहीं
है? क्या
ऐसे आदेश
प्रसारित
करने वाले
अधिकारियों को
दण्डित किया
जायेगा? (घ) ग्वालियर
परिक्षेत्र
के सभी उप
खण्ड कार्यालयों
में विभिन्न
पदस्थापना
में पदस्थ, हैण्डपंप
संधारण कार्य
में संलग्न
अन्य पद पर
नियुक्त
शासकीय
हैण्डपंप
संधारण अमले
की खण्ड/उपखण्डवार
सूची उपलब्ध
करायी जाये। जून, 2025 की स्थिति
में विभिन्न
स्थापना में पदस्थ
अमले
हैण्डपंप
तकनीशियन व हेल्पर
की
संख्यात्मक
जानकारी व
उक्त अमले के
वेतन भत्तों
पर प्रतिमाह
होने वाले
व्यय की
जानकारी भी
उपलब्ध करायी
जाये।
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके )
:
(क) जी हाँ, मध्यप्रदेश
जल निगम
द्वारा
आउटसोर्स के
माध्यम से
निगम में
पदस्थ दो
सेवानिवृत्त
कर्मचारियों
को जल निगम के
साथ-साथ
प्रमुख
अभियंता, लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
विभाग में
कार्य करने
एवं समन्वय
हेतु
निर्देशित
किया गया है। दो
कर्मचारी
क्रमशः श्री
राजेंद्र
कटारे, लेखापाल
एवं श्री
गोरेलाल
ठाकुर, सहायक हैं।
(ख) जी
नहीं, शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र 01 के अनुसार
है। जी
नहीं, अधिकारियों/कर्मचारियों
की कमी को
दृष्टिगत
रखते हुए
कार्य की
आवश्यकता
अनुसार
अधिकारियों/कर्मचारियों
द्वारा कार्य
संपादित किया
जा रहा है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र 02 के अनुसार
है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र 03 अनुसार है।
राशन
हेतु पात्रता
पर्ची जारी की
जाना
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
15.
( *क्र. 2840 ) श्री भंवर
सिंह शेखावत : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
प्रदेश में
खाद्यान्न विभाग
द्वारा
पात्रता
पर्ची (राशन
पात्रता
पर्ची) जारी किये
जाने हेतु
नागरिकों से
आवेदन
प्राप्त किये गये
हैं? (ख) प्रश्नांश
(क) यदि हाँ, तो अब तक
कुल कितने
आवेदन
प्राप्त हुए
हैं? (ग) प्राप्त
आवेदनों में
से कितनों को
पात्र मानते
हुए
खाद्यान्न
हेतु पात्रता
पर्ची जारी की
जा चुकी है? (घ) क्या
शेष लंबित
आवेदनों के लिये
पात्रता
पर्ची जारी
करने की कोई
प्रक्रिया प्रचलन
में है? (ड.) प्रश्नांश
(घ) यदि नहीं, तो पात्र
हितग्राहियों
को पात्रता
पर्ची कब तक
जारी की जायेगी? क्या इस
हेतु कोई
निश्चित तिथि
निर्धारित की गई
है? प्रश्नांश
(ख) एवं (ग) अनुसार
संख्यात्मक
जानकारी दें।
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) जी
हाँ। राष्ट्रीय
खाद्य
सुरक्षा
अधिनियम, 2013 के
अंतर्गत
निर्धारित
प्राथमिकता
श्रेणियों
में पात्र
हितग्राहियों
के आवेदन एम
राशन मित्र
पोर्टल पर
दर्ज किये
जाते हैं। (ख) विगत
एक वर्ष में
प्रदेश में
राशन मित्र
पोर्टल पर
पात्रता
पर्ची जारी किये
जाने हेतु कुल
1153444 परिवारों
के आवेदन
प्राप्त
हुये हैं। (ग) एम
राशन मित्र
पोर्टल पर
प्राप्त
पात्र आवेदनों
में से
नियमानुसार
कुल 742285
परिवारों की
पात्रता
पर्ची जारी की
गई है। (घ) जी
हाँ। नवीन
पात्रता
पर्ची हेतु
प्राप्त
आवेदनों का
स्थानीय
निकाय द्वारा
सत्यापन
उपरांत खाद्य
विभाग के
सहायक/कनिष्ठ
आपूर्ति
अधिकारी
द्वारा राशन
दुकान से मैप कर
आवेदन को सत्यापित
किया जाता है, जिसके पश्चात
ई-केवायसी
कराने हेतु
हितग्राहियों
के नाम उचित
मूल्य दुकान
पर लगाई गई POS मशीन पर
प्रदर्शित
कराये गये हैं।
हितग्राही
द्वारा
ई-केवायसी
कराने के
उपरांत
पात्रता
पर्ची जारी की
जाती है। पात्रता
पर्ची जारी
करना एक सतत्
प्रक्रिया है।
(ड.) प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
महाविद्यालयीन
छात्रवृत्ति
का वितरण
[अनुसूचित
जाति कल्याण]
16. ( *क्र. 3301 ) श्री
प्रताप
ग्रेवाल : क्या
अनुसूचित
जाति कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) वर्ष 2015-16 से
2024-25 तक कक्षा 1 से
8, कक्षा 9 से
10, कक्षा 11 से
12 के कितने-कितने
विद्यार्थियों
को कुल कितनी
राशि की
छात्रवृत्ति
दी गई? महाविद्यालयीन
छात्रवृति
कितने
विद्यार्थियों
को कुल कितनी
राशि की दी गई? वर्षवार
कक्षाओं के
उपरोक्त समूह
अनुसार बताएं।
(ख) वर्ष 2015-16 से
2024-25 तक
विदेशों में
शिक्षा
प्राप्त करने
हेतु कितने
विद्यार्थियों
को कितने
शुल्क की
पूर्ति प्रति
वर्ष की गई? हितग्राही
का नाम, पिता
का नाम, उम्र, भारत
में उत्तीर्ण
शिक्षा तथा
उसका वर्ष किस
देश के किस
विश्वविद्यालय
में किस कोर्स
में प्रवेश
लिया है, उसकी
अवधि, वहां
की फीस शुल्क
प्रतिपूर्ति
की राशि तथा अन्य
जानकारी सहित
जानकारी
देवें? अध्ययन
पूर्ण करने के
बाद उन्होंने
जो प्रमाण
पत्र डिग्री
प्राप्त की है? उसकी
प्रति भी
देवें। (ग) क्या
विदेश में
शिक्षा के लिये
जाने वाले
विद्यार्थी
जिस
विश्वविद्यालय
में प्रवेश के
नाम पर राशि
प्राप्त करते
हैं, वहां
जाकर दूसरे
विश्वविद्यालय
में प्रवेश ले
लेते हैं,
जहां शुल्क
बहुत कम होता
है, इसकी
पड़ताल कैसे
की जाती है कि
अध्ययन
नियमानुसार
हो रहा है? (घ)
दैनिक
भास्कर में यह
खबर छपी है कि
कुछ लोगों ने
नकली जाति और
मूल निवासी
प्रमाण पत्र
बनाकर विदेश
शिक्षा के लिये
शुल्क
प्रतिपूर्ति
प्राप्त की है? यदि
हाँ, तो बताएं
कि ऐसे कितने
प्रकरण
संज्ञान में
आए हैं, उनका
नाम, पिता
का नाम, भारत
का पता, दी गई
राशि सहित
जानकारी दें? क्या
उनसे राशि
वापस की
कार्रवाई तथा
प्रकरण दर्ज
कर दिया है?
अनुसूचित
जाति कल्याण
मंत्री ( श्री
नागर सिंह
चौहान ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र 'अ' अनुसार
है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र 'ब' अनुसार
है। (ग) जी नहीं, ऐसे
प्रकरण
उद्भूत नहीं
होने से शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) जी
नहीं, शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
युक्तियुक्तकरण
के नियम एवं
निर्देश
[जनजातीय
कार्य]
17.
( *क्र. 3156 ) श्री
ओमकार सिंह
मरकाम : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जनजातीय
कार्य विभाग
में
युक्तियुक्तकरण
के क्या नियम
निर्देश हैं? मा.शा. एवं
प्राथमिक
शाला तथा हाई
स्कूल, हायर
सेकेण्ड्री, कन्या
शिक्षा परिसर
में किस-किस
श्रेणी के पद
कितने-कितने
स्वीकृत हैं, कब से स्वीकृत
हैं? स्वीकृत
पद के विरूद्ध
कौन-कौन कब से
पदस्थ हैं? शिक्षक
नाम सहित
विषयवार डिण्डौरी
जिला की सभी
संस्थाओं की
जानकारी दें। (ख) युक्तियुक्तकरण
नियम के तहत
अतिशेष
शिक्षकों की
सूची, किस
ने किस आधार
पर बनायी? सूची
तैयार करने
वाले अधिकारी
की पद,
नाम सहित
जानकारी दें
एवं सूची
तैयार करने की
प्रक्रिया की
विस्तृत
जानकारी दें। (ग) युक्तियुक्तकरण
के तहत सहायक
आयुक्त डिण्डौरी
के आदेश
क्रमांक 604, 605,
606
दिनांक 03.07.2025 में सेवानिवृत
शिक्षक श्याम
कुमार गवले, रफीक खान
भृत्य का एवं
विकलांग, विधवा
महिला, पति-पत्नी
बीमार एक वर्ष
से कम की
सेवाकाल की स्थानान्तरण
किया जाना
क्या उचित है? क्या कारण
है तथा मात्र 12 घंटे में
ही सभी को
सहायक आयुक्त
द्वारा क्यों
रिलीव एक तरफा
किया गया, जबकि
रिलीव करने का
अधिकार संकुल
प्रचार्य को 3 दिवस के
अन्दर उसी
आदेश में दिया
गया है? सभी का
कारण बतायें। (घ) प्रश्नांश
(ग) के
आदेशानुसार
उसी संस्था से
अतिशेष मानकर
स्थानान्तरण, वहीं पर
दूसरे की
स्थापना तथा
जब उसी विकासखण्ड
में पद रिक्त
हैं, तो
दूसरे विकासखण्ड
में बहुत
ज्यादा दूरी
में पति-पत्नी
बीमार, विकलांग
महिलाओं के
स्थानान्तरण
के क्या कारण
हैं? स्थानातंरित
शिक्षकवार
जानकारी दें।
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) जनजातीय
कार्य विभाग
अंतर्गत
शिक्षकों के
युक्तियुक्तकरण
करने के नियम-निर्देश
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
प्राथमिक
शाला, माध्यमिक
शाला, हाईस्कूल, हायर
सेकेण्डरी
स्कूल एवं
कन्या
शिक्षा
परिसरों में
श्रेणीवार स्वीकृत
पद, स्वीकृत
वर्ष पद के
विरूद्ध पदस्थ
शिक्षक का नाम
एवं विषय की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
(ख) युक्तियुक्तकरण
के तहत अतिशेष
शिक्षकों की
सूची, युक्तियुक्तकरण
का आधार, सूची
तैयार करने
वाले अधिकारी
का पदनाम एवं
सूची तैयार
करने की
प्रक्रिया की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
(ग) जी
नहीं। प्रश्नांश
में उल्लेखित
ऐसे
त्रुटिपूर्ण
स्थानांतरण
आदेश संज्ञान
में आने पर
तुरंत निरस्त/संशोधित
कर दिये गये
हैं। शैक्षणिक
सत्र प्रारम्भ
होने के कारण
शिक्षण व्यवस्था
के सुचारू
संचालन हेतु
शिक्षकों को
एक पक्षीय
रिलीव किया
गया। (घ) शिक्षकों
के
युक्तियुक्तकरण
हेतु गठित
जिला स्तरीय
समिति के
द्वारा
विकासखण्ड
का रेण्डमाईजेशन
कर दिये जाने
से शिक्षक अन्य
विकासखण्ड
में स्थानांतरित/पदस्थ
हुए हैं। स्थानांतरित
शिक्षकों की जानकारी
पुस्तकालय रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
नियमितीकरण
एवं समयमान
वेतनमान का
लाभ
[अनुसूचित
जाति कल्याण]
18.
( *क्र. 2394 ) इंजीनियर
हरिबाबू राय : क्या
अनुसूचित
जाति कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) म.प्र.
सामान्य
प्रशासन के
ज्ञापन
क्रमांक 44सी-3-6-91-3-1, दिनांक 16.01.1992 के
निर्देशानुसार
म.प्र. राज्य
सहकारी अनुसूचित
जाति वित्त
एवं विकास
निगम भोपाल
मुख्यालय में
एवं उनकी जिला
समितियों में
उक्त नियम के
तहत शुरू से
अभी तक कितने
कर्मचारियों
को लाभ दिया
गया है एवं
उक्त नियम के
तहत जिला
समितियों में
पदस्थ कितने
कर्मचारियों
को इस नियम के
तहत लाभ से
वंचित रखा गया
है,
जिन
कर्मचारियों
को लाभ दिया
गया है, उन
कर्मचारियों
की नाम सहित
सूची एवं जिन
कर्मचारियों
को अभी तक
उक्त नियम के
तहत लाभ नहीं
दिया है, तो किस
कारण से आज
दिनांक तक लाभ
नहीं दिया है? कारण सहित
कर्मचारियों
की सूची एवं
कब तक लाभ
दिया जायेगा। कृपया
समस्त
जानकारी
सत्यापित कर
देवें। (ख) म.प्र.
राज्य सहकारी
अनुसूचित, अनुसूचित
जाति वित्त
एवं विकास
निगम भोपाल
में एवं जिला
समितियों में पदस्थ
दैनिक वेतन
भोगी
कर्मचारियों
को किस नियम
के तहत नियमित
किया है? उस नियम की
कॉपी एवं
दैनिक वेतन
भोगियों को
नियमित किया
है,
उनकी संपूर्ण
कार्यवाही
विवरण एवं
संचालक मण्डल
की बैठक में
प्राप्त
अनुमोदन की
सभी सदस्यों
की
हस्ताक्षरयुक्त
कॉपी एवं सभी
दैनिक वेतन
भोगी
कर्मचारियों
के प्रथम
नियुक्ति पत्र
की छायाप्रति
सत्यापित कर
दें एवं सभी
दैनिक वेतन
भोगी कर्मचारियों
के नाम सहित
सूची देने की
कृपा करें। (ग) म.प्र.
राज्य सहकारी
अनुसूचित
जाति वित्त
एवं विकास
निगम भोपाल
में पदस्थ
वर्तमान स्थापना
अधिकारी का
प्रथम
नियुक्ति
पत्र एवं समस्त
नियुक्ति
संबंधी
दस्तावेज की
सत्यापित जानकारी
देने की कृपा
करें।
अनुसूचित
जाति कल्याण
मंत्री ( श्री
नागर सिंह
चौहान ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
जिस
कर्मचारी को
उक्त नियम के
तहत नियमित
नहीं किया गया, उसका कारण
सहित विवरण जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
(ख) निगम
के संचालक मण्डल
की 50वीं
बैठक दिनांक 22.08.1998 के विषय
क्र. 08 के
अनुमोदन
अनुसार दैनिक
वेतन भोगी
कर्मचारियों
को नियमित
किया गया। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ''द'' में
उल्लेखित
शासन निर्देश
अनुसार
नियमित किया
गया। प्रश्नांश
अनुसार
संचालक मण्डल
की बैठक का
कार्यवाही
विवरण जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र 'ई' अनुसार है।
(ग) जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ''फ'' अनुसार है।
जनजाति
कार्य विभाग
में रिक्त
पदों की की
जानकारी
[जनजातीय
कार्य]
19.
( *क्र. 1903 ) श्रीमती
रीती पाठक : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) विभाग
में वर्तमान
में प्रदेश
स्तर पर कितने
पद रिक्त हैं? कृपया
पदनामवार तथा
जिलावार
जानकारी
उपलब्ध करायें।
(ख) विगत
कितने वर्षों
से विभाग में
कोई नियमित भर्ती
नहीं की गई है? अंतिम
नियुक्ति
प्रक्रिया कब
संपन्न हुई थी? (ग) क्या
विभाग द्वारा
रिक्त पदों की
पूर्ति हेतु
कोई
कार्ययोजना
बनाई गई है? यदि हाँ, तो
प्रक्रिया
किस चरण में
है तथा कब तक
पूर्ण किये
जाने की संभावना
है? (घ) रिक्त
पदों के कारण
जनजातीय
छात्रावास, विद्यालय, छात्रवृत्ति, योजनाओं
आदि के संचालन
में आ रही
बाधाओं का निराकरण
कैसे किया जा
रहा है?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) विभाग
अंतर्गत रिक्त
पदों की जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
(ख) एवं
(ग) सीधी भर्ती
की नियुक्ति
प्रक्रिया
लंबित नहीं है।
सीधी भर्ती के
पद रिक्त होने
पर पदों की
पूर्ति हेतु
विज्ञापन
जारी करने
हेतु मांग
पत्र मध्यप्रदेश
लोक सेवा आयोग, इन्दौर
तथा कर्मचारी
चयन मंडल, भोपाल को
प्रेषित किये
गये हैं। प्रक्रिया
सतत् है। भर्ती
की कार्यवाही
की अद्यतन जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
(घ) विभाग
द्वारा कार्य
सुचारू रूप से
संपादित हो
सके,
इसलिये
कर्मचारियों/अधिकारियों
को उच्च पद
प्रभार सौंपे
गये हैं। जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
जामनी
नदी से समूह
जल प्रदाय
योजना की स्वीकृति
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
20.
( *क्र. 3375 ) श्री
हरिशंकर खटीक
: क्या लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) टीकमगढ़
जिले की जतारा
एवं पलेरा
जनपद
पंचायतों के
अन्तर्गत आने
वाले ग्रामों
एवं नगरों को नल-जल
योजनायें
विभाग समूह जल
प्रदाय योजना
के तहत जल
निगम के
अन्तर्गत
धसान नदी एवं
जामनी नदी से
पानी जाने की
विभाग क्या
योजना बना रहा
है? (ख) ग्राम
एवं नगरों में
ट्यूबवेल खनन
करके जब पानी
नहीं मिल रहा
है, तो
क्या विभाग प्रश्नांश
(क) वर्णित
योजना पर
विचार करेगा? (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
आधार पर
बतायें कि कब
तक धसान नदी
एवं जामिनी
नदी से पानी
लाने की योजना
पर शासन की
कितनी-कितनी
राशि व्यय
होगी? संपूर्ण
जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश
(क),
(ख) एवं (ग) के आधार
पर निश्चित
समय-सीमा सहित
बतायें कि कब
तक विभाग
जनहित के विषय
को गंभीरता से
लेते हुये
धसान नदी एवं
जामिनी नदी के
पानी को ग्राम
एवं नगरों में
लाने के लिये
स्वीकृति
प्रदाय करेगा?
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके )
:
(क) जतारा एवं
पलेरा
विकासखण्डों
के ग्रामों हेतु
बानसुजारा
बांध (धसान
नदी) आधारित
समूह योजना
प्रस्तावित
है। (ख) बानसुजारा
बांध से जल
आवंटन
प्राप्त न
होने के कारण
योजना पर
अग्रिम
कार्यवाही
नहीं की जा सकी
है। जल आवंटन
उपलब्ध होने
पर विचार किया
जा सकेगा। (ग) जल
आवंटन उपलब्ध
होने पर योजना
की डी.पी.आर.
तैयार की जा
सकेगी। वर्तमान
में राशि की
जानकारी दी
जाना संभव नहीं
है। (घ) निश्चित
समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं है।
वनग्रामों
का राजस्व
ग्राम में
संपरिवर्तन
[जनजातीय
कार्य]
21.
( *क्र. 1634 ) श्री
फूलसिंह
बरैया : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) म.प्र.
शासन, जनजातीय
कार्य
मंत्रालय
आदेश
क्रमांक/एफ- 23-2/2021/25-3/384, भोपाल
दिनांक 22 अप्रैल, 2022 के
अनुसूचित
जनजाति और अन्य
परम्परागत
वन निवासी (वनाधिकारों
की मान्यता) अधिनियम
2005 की धारा 3 (1) (ज) प्रावधानान्तर्गत, क्या
प्रदेश के
समस्त
वनग्रामों को
राजस्व ग्राम
में
संपरिवर्तन
किया जा रहा
है? (ख) प्रश्नांश
(क) का उत्तर यदि
हाँ, है तो क्या
उक्त आदेश के
संदर्भ (3) भारत
सरकार
जनजातीय कार्य
मंत्रालय नई
दिल्ली का
पत्र क्रमांक/23011/33/2010/एफ.आर.ए., दिनांक 08.11.2013 में
वनग्रामों का
राजस्व
ग्राम में
संपरिवर्तन
संबंधी जारी
दिशा-निर्देश
का पूर्ण पालन
किया गया है? (ग) यदि
प्रश्नांश
(ख) का उत्तर
हाँ है तो
भारत सरकार
जनजातीय
कार्य मंत्रालय
नई दिल्ली
आदेश दिनांक 08.11.2013 की कंडिका-3 स्पष्टीकरण
कंडिका
क्रमांक-5-पैरा II- The forest villages and
other such villages located inside the Wildlife sanctuaries and National Parks
are also, therefore, required to be converted into revenue villages under
Section 3 (1) (h) of the Act. उपरोक्त
दिशा-निर्देश
के बाद भी
म.प्र. के सभी
राष्ट्रीय
उद्यान व राष्ट्रीय
अभ्यारण
क्षेत्र के
अंदर बसे समस्त
वनग्रामों को
राजस्व
ग्राम में
संपरिवर्तन
की कार्यवाही
क्यों नहीं
की गयी? (घ) यदि
प्रश्नांश
(ख) का उत्तर
हाँ है तो
म.प्र. के सभी
राष्ट्रीय
उद्यान व अभ्यारण
क्षेत्र के
अंदर बसे
कितने
वनग्राम (सूची)
स्थित हैं, जिसका
राजस्व
ग्राम में
संपरिवर्तन
किया गया है? (ड.) यदि
प्रश्नांश
(ख) का उत्तर
नहीं है, तो भारत
सरकार के उक्त
निर्देश के
उल्लंघन के लिये
कौन-कौन उत्तरदायी
हैं? उत्तरदायी
अधिकारियों
पर क्या
कार्यवाही की
जावेगी और कार्यवाही
कब तक की
जावेगी? (च) कान्हा
राष्ट्रीय
उद्यान के
अंतर्गत कोर
क्षेत्र के 6 ग्राम
क्रमश:
वनग्राम
ग्राम मुक्की, छतरपुर, कदला, धनियाझोर
एवं
जगलीखेड़ा को
राजस्व
ग्राम में संपरिवर्तन
हेतु समस्त
ग्रामवासी
एवं
जनप्रतिनिधियों
द्वारा दिनांक
23.12.2022 को
क्षेत्र
संचालक, कान्हा
टाईगर रिजर्व
मण्डला (जिला-मण्डला)
म.प्र. को
वनग्रामों को
राजस्व
ग्राम में
परिवर्तन
विषयक आवेदन
पत्र दिया गया
था। उस पर अभी
तक क्या
कार्यवाही की
गयी? (छ) क्या
प्रश्नांश (च)
पर कोई
कार्यवाही की
गई है अथवा
नहीं? यदि
हाँ, तो
उक्त पत्र की
प्रति उपलब्ध
करावें? यदि नहीं, तो विधिक
कारणों सहित
जानकारी दें?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) जी
नहीं। प्रदेश
के 925
वनग्रामों
में से 827
वनग्रामों का
वन अधिकार
अधिनियम 2006 की धारा 3 (1) (ज) के
प्रावधान
अनुसार राजस्व
ग्राम में
संपरिवर्तन
का निर्णय
लिया गया। (ख) उत्तरांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में भारत
सरकार के दिशा-निर्देश
का पालन किया
गया है। (ग) म.प्र.
शासन, जनजातीय
कार्य
मंत्रालय के
पत्र क्रमांक
एफ-2021/25-3/384,
दिनांक 22 अप्रैल, 2022 द्वारा
अनुसूचित
जनजाति और
अन्य
परम्परागत वन
निवासी (वन
अधिकारों की
मान्यता) अधिनियम, 2006 की धारा 3 (1) (ज) प्रावधानान्तर्गत
प्रदेश के 827
वनग्रामों को
राजस्व
ग्रामों में
संपरिवर्तन
करने का
निर्णय लिया
गया है। इनमें
राष्ट्रीय उद्यान
एवं अभयारण्य
के अंतर्गत
स्थित वन ग्रामों
को सम्मिलित
नहीं किया गया
है। उक्त
निर्देश के
अनुसार
राष्ट्रीय उद्यान
एवं अभयारण्य
में स्थित
वनग्रामों में
उक्त
कार्यवाही
नहीं की गयी
है। 827 वन
ग्रामों में
वनग्राम
कर्माझिरी
शामिल है, जो पूर्व
में पेंच
टाइगर रिजर्व
के बफर क्षेत्र
के अंतर्गत
शामिल था। कर्माझिरी
अभयारण्य गठन
के उपरांत
उक्त ग्राम के
विस्थापन की
कार्यवाही
वर्तमान में
प्रचलित है। भारत
सरकार एवं
मध्यप्रदेश
शासन की
विस्थापन
हेतु जारी
दिशा-निर्देश
के अनुसार
संरक्षित
क्षेत्रों (राष्ट्रीय
उद्यान एवं
अभयारण्य) के
भीतर स्थित
ग्रामों का
ग्रामीणों की
स्वेच्छा से
ग्राम सभा की
सहमति एवं बजट
उपलब्धता अनुसार
नियमानुसार
मुआवजा
प्रदाय कर
विस्थापन की
कार्यवाही
प्रचलित है। संरक्षित
क्षेत्रों
में वर्तमान
में 21
वनग्राम
स्थित है। (घ) राष्ट्रीय
उद्यान एवं
अभयारण्य
क्षेत्र के
अंतर्गत बसे वनग्रामों
में से किसी
भी वनग्राम का
राजस्व ग्राम
में
संपरिवर्तन
नहीं किया गया
है। (ड.) म.प्र.
शासन, जनजातीय
कार्य
मंत्रालय के
पत्र क्रमांक
एफ-23-2/2021/25-3/384
दिनांक 22 अप्रैल, 2022 के
निर्देशों का
उल्लंघन नहीं
किये जाने से
निर्देशों के
उल्लंघन हेतु
उत्तरदायित्व
का निर्धारण
नहीं किया गया।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (च) जी
हाँ। म.प्र.
शासन, जनजातीय
कार्य
मंत्रालय के
पत्र
क्रमांक/एफ-2021/25-3/384, दिनांक 22 अप्रैल, 2022 द्वारा
अनुसूचित
जनजाति और
अन्य
परम्परागत वन
निवासी (वन
अधिकारों की
मान्यता) अधिनियम, 2005 की धारा 3 (1) (ज) प्रावधानान्तर्गत सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
प्रदेश
के 827
वनग्रामों को
राजस्व
ग्रामों में
संपरिवर्तन
करने का
निर्णय लिया
गया है। उक्त
सूची में
कान्हा
राष्ट्रीय
उद्यान के
अंतर्गत
बालाघाट जिले
में स्थित 6
वनग्रामों
क्रमशः
वनग्राम
मुक्की, कदला, धनियाझोर, पटवा, छतरपुर
एवं
जंगलीखेड़ा
का उल्लेख
नहीं किया गया
है। अतः उक्त
आवेदन पत्र के
संबंध में
उत्तरांश "ग"
के
परिप्रेक्ष्य
में कोई
कार्यवाही नहीं
की गई है। (छ) जी
नहीं। उत्तरांश
"ग" के
परिप्रेक्ष्य
में कोई कार्यवाही
नहीं की गई है।
वनकक्ष
इतिहास में
प्रविष्टि
दर्ज की जाना
[वन]
22.
( *क्र. 3316 ) श्री संजय
उइके [श्री
सुनील उईके] : क्या राज्य
मंत्री, वन महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) वन मुख्यालय
वन भवन तुलसी
नगर भोपाल के
पास भा.व.अ.1927 की धारा 29 एवं धारा 34अ के
अनुसार वन
संरक्षण
कानून 1980 लागू होने
तक राजपत्र
में किस
दिनांक को किस
जिले की कितने
ग्रामों की
कितनी भूमि
एवं कितने
ग्रामों की
समस्त भूमि को
अधिसूचित
करने की
अधिसूचना
वर्तमान में
उपलब्ध है? (ख) वन
मुख्यालय
वर्तमान में
कितनी वन भूमि
किस श्रेणी की
प्रतिवेदित
कर रहा है, किस
श्रेणी की
कितनी वन भूमि
वर्किंग
प्लान में
दर्ज है, इनमें से
कितनी भूमि को
1980 तक
अन्तरित, आवंटित कर
कब्जा सौंपने, धारा 34अ में
डीनोटीफाईड
करने की
जानकारी वन
मुख्यालय वन
भवन भोपाल के
पास उपलब्ध है? (ग) वर्किंग
प्लान, एरिया
रजिस्टर, वनकक्ष
इतिहास, वनकक्ष
मानचित्र में
धारा 34अ
के अनुसार
प्रकाशित
अधिसूचना से
संबंधित प्रविष्टी
दर्ज नहीं
करने, 1980
तक अन्तरित, आवंटित, कब्जा
सौंपी गई भूमि
की प्रविष्टी
दर्ज नहीं करने
का क्या-क्या
कारण रहा है? (घ) वन
मुख्यालय ने
वर्किंग
प्लान, एरिया
रजिस्टर, वनकक्ष
इतिहास में
प्रविष्टी
दर्ज करने के
संबंध में
किस-किस
दिनांक को
पत्र जारी कर
क्या-क्या
निर्देश दिये
हैं?
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) : (क) भारतीय
वन अधिनियम 1927 की धारा 29 एवं धारा 34 अ की
अधिसूचनाएं पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) वर्किंग
प्लान में
दर्ज वन
भूमियों की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-2 अनुसार है। वर्ष 1980 तक
अन्तरित
भूमियों की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-3 अनुसार है। धारा 34अ की वन
मुख्यालय
में उपलब्ध
राजपत्र में
प्रकाशित
अधिसूचनाओं
की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) धारा
34 अ की
प्रकाशित
अधिसूचना तथा
अन्तरित
भूमियों की
जानकारी
क्षेत्रीय
कार्यालयों
के वन अभिलेखों
में दर्ज है
तथा अधिसूचना
संधारित है, अतः शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-4 अनुसार है।
जाति
प्रमाण-पत्र
जारी करने के
निर्देश
[अनुसूचित
जाति कल्याण]
23.
( *क्र. 2958 ) श्री
रजनीश हरवंश
सिंह : क्या
अनुसूचित
जाति कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
मध्यप्रदेश
के सिवनी जिले
को छोड़कर
बागरी, बागड़ी के
अनुसूचित
जाति के व्यक्तियों
के
प्रमाण-पत्र
बनाये जाते
हैं? यदि
हाँ, तो
सिवनी जिले के
उपरोक्त
जातियों के
प्रमाण पत्र
क्यों नहीं
बनाये जाते हैं, जबकि 1950 के आधार पर
जाति प्रमाण
पत्र जारी
करने के शासन
के निर्देश
हैं? सामान्य
प्रशासन के
पत्र क्र.एफ 6-6/2019/आ.म./एक, भोपाल
दिनांक 06.07.2019 में बागरी
जाति को मध्यप्रदेश
अनुसूचित
जाति के रूप
में मान्य है? इस जाति के
पात्र व्यक्तियों
को जाति
प्रमाण पत्र
जारी करने से
नहीं रोका जा
सकता? (ख) प्रश्नांश
(क) यदि हाँ, तो
किस नियम के
तहत आवेदन
निरस्त किये
जाते हैं और
यदि वही व्यक्ति
उच्च न्यायालय
अथवा उच्च स्तरीय
छानबीन समिति
से आदेश कराता
है तो सिवनी
जिले के उन्हीं
बागरी समाज के
जाति प्रमाण
पत्र समय-समय
में जारी किये
जा रहें हैं? ऐसा क्यों
किया जा रहा
है? (ग) यदि प्रश्नांश
(ख) हाँ तो
सिवनी जिले के
बागरी जाति के
लोगों का जाति
प्रमाण पत्र
जारी न करने
के लिये कौन-कौन
अधिकारी दोषी
हैं? दोषियों
पर क्या
कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों?
अनुसूचित
जाति कल्याण
मंत्री ( श्री
नागर सिंह
चौहान ) : (क) जी
नहीं। संपूर्ण
म.प्र. में
सामान्य
प्रशासन
विभाग के
निर्देश
दिनांक 06.07.2019 लागू हैं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) उत्तरांश
(क) अनुसार प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। समस्त
पात्र
बागरी/बागड़ी
जाति के व्यक्ति
को संपूर्ण
राज्य में
जाति
प्रमाण-पत्र
जारी किये
जाने के निर्देश
हैं। (ग) जी
नहीं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
आदिवासी
उपयोजना में
हितग्राहियों
का प्रशिक्षण
[जनजातीय
कार्य]
24.
( *क्र. 2684 ) श्री
सुनील उईके : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
वित्तीय वर्ष 2017-18 में
आदिवासी उप
योजना विशेष
केंद्रीय
सहायता मद
अंतर्गत भारत
सरकार द्वारा
स्वीकृत परियोजनाओं
में
छिंदवाड़ा
जिले के
एकीकृत आदिवासी
विकास
परियोजना
तामिया (इंटीग्रेटेड
ट्राईबल
डेवलपमेंट
प्रोजेक्ट) तामिया
परियोजना
क्षेत्र के लिये
लाख उत्पादन एवं
प्रशिक्षण
कार्य हेतु एक
करोड़ रुपए की
राशि स्वीकृत
की गई थी? (ख) किस
विशेष पिछड़े
आदिवासी
समुदाय (Targeted Community) के लिये
उक्त
प्रशिक्षण
कार्य को
स्वीकृति
प्रदान की गई
थी? (ग) उस
स्वीकृति में
कितने समूहों
के कितने हितग्राहियों
के लिये लाख
प्रशिक्षण कार्यक्रम
आयोजित किया
जाना था? (घ) स्वीकृत
कार्य योजना
के अनुसार
कितने दिन का लाख
प्रशिक्षण
कार्यक्रम
किया जाना था?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) जी
हाँ। (ख) स्प्रेडशीट
अनुसार
परियोजना
क्षेत्र के
अधिकतर गोंड
जनजातीय वर्ग
के लिये
प्रशिक्षण
कार्य की स्वीकृति
प्रदान की गई
थी। (ग) 100 समूह के 1500
हितग्राहियों
के लिये लाख
उत्पादन एवं
प्रशिक्षण की
स्वीकृति
प्राप्त हुई
थी। (घ) 02 दिवसीय
प्रशिक्षण
कार्यक्रम
आयोजित किया जाना
था।
जल
जीवन मिशन
अंतर्गत
संचालित
योजनाएं
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
25.
( *क्र. 3350 ) श्री फुन्देलाल
सिंह मार्को : क्या लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) अनूपपुर
जिला अंतर्गत
विधानसभा
क्षेत्र पुष्पराजगढ़
में किन-किन
ग्रामों में
जल जीवन मिशन अंतर्गत
कितनी लागत राशि
की नल-जल
योजनाओं के
निर्माण की
स्वीकृतियां
हुई हैं? उक्त नल-जल
योजनाओं में
कितनी
योजनाओं के
कार्य पूर्ण हो
चुके हैं, कितने
प्रगतिरत हैं, प्रगतिरत
कार्यों के
पूर्ण होने की
अवधि क्या
निर्धारित है, कौन से
कार्य अपूर्ण
अथवा शेष हैं, कार्य कब
तक पूर्ण कर
लिये जायेंगे? जानकारी
विधानसभा
क्षेत्रवार, ग्रामवार
उपलब्ध
करावें। (ख) प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित नल-जल
योजनाओं से
कितनी नल-जल
योजनाओं का
कार्य पूर्ण
होने के
उपरांत हैंडओवर
किया जा चुका
है?
कौन सी
योजनाओं का
कार्य पूर्ण होने
के बाद भी किन
कारणों से हैंडओवर
नहीं हुआ है? कारण
बतावें। हैंडओवर
हो चुकी कौन सी
नल-जल
योजनायें प्रश्न
दिनांक तक
चालू हैं, कौन सी
योजनायें बंद
हैं? सकारण
बतावें। बंद
पड़ी योजना को
कब तक प्रारंभ
कर दिया जायेगा? जानकारी
ग्रामवार, विधानसभा
क्षेत्रवार
बतायें। (ग) पुष्पराजगढ़
विधानसभा के
कितने
ग्रामों, मजरे
टोलों, बसाहटों
में पीने के
पानी की
व्यवस्था किस
योजना के तहत
कर दी गई है, जहां पर
पीने के पानी की
व्यवस्था अभी
तक नहीं हो
पाई है, वहां पर
पानी की
व्यवस्था कब
तक कर दी
जायेगी? ग्रामवार, योजनावार
सूची उपलब्ध
करावें।
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके )
:
(क) 178 एकल ग्राम
नलजल प्रदाय
योजनाओं की
कुल लागत राशि
रु. 104.25
करोड़ की
स्वीकृति दी
गई है, इनमें
से वर्तमान
में 41
योजनाओं के
सभी स्वीकृत
कार्य पूर्ण, 62 योजनाओं
के अनुबंधित
कार्य पूर्ण, 62 योजनाओं
के कार्य
प्रगतिरत तथा 13 योजनाओं
में पर्याप्त
क्षमता के जल
स्त्रोत न
होने से कार्य
अप्रारंभ हैं।
ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-01 अनुसार है।
इसके
अतिरिक्त
समूह जल
प्रदाय
योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 एवं 03 अनुसार है।
(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-01 अनुसार है।
म.प्र. जल
निगम द्वारा
निर्मित समूह
जल प्रदाय
योजनाओं की
क्रियान्वयन
चरण की
पूर्णता
दिनांक से 10 वर्षों तक
पूर्ण रूप से
संचालन/संधारण
का कार्य अनुबंधित
ठेकेदार
द्वारा किया
जाता है, अत: समूह जल
प्रदाय
योजनाओं के
तारतम्य में
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) सभी
ग्रामों एवं
मजरा, टोला, बसाहटों
में स्थापित
विभागीय
हैंडपंपों
तथा 103
ग्रामों में
एकल ग्राम नल-जल
योजनाओं के
अंतर्गत
घरेलू नल
कनेक्शन के
माध्यम से
पेयजल
व्यवस्था
उपलब्ध है। इसके
अतिरिक्त
पुष्पराजगढ़
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत जल
निगम द्वारा
क्रियांवित
की गई समूह जल
प्रदाय योजना
से लाभान्वित
ग्रामों को
उक्त समूह जल
प्रदाय योजना
से पेयजल
व्यवस्था
उपलब्ध है, लाभान्वित
ग्रामों की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-03 अनुसार है। कोई भी
ग्राम, मजरा, टोला, बसाहट
वर्तमान में
पेयजल
व्यवस्था से
वंचित नहीं है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
भाग-2
नियम 46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित प्रश्नोत्तर
जल-जीवन मिशन
योजना
अंतर्गत
स्वीकृत
कार्य
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
1.
( क्र. 30 ) श्री
सोहनलाल बाल्मीक
: क्या लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) क्या
परासिया
विधानसभा
क्षेत्र के
अन्तर्गत विभिन्न
ग्राम/ग्राम
पंचायतों, बसाहटों
में
हैण्डपम्प
खनन कार्य की
स्वीकृति
विभाग द्वारा
प्रदान नहीं
की जा रही है, यदि हाँ, तो क्या
कारण है? प्रश्नकर्ता
द्वारा
विभिन्न
ग्राम/ग्राम
पंचायतों, बसाहटों
में हैण्डपम्प
खनन कार्य किए
जाने की
स्वीकृति के संबंध
में
कार्यपालन
यंत्री लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
विभाग
परासिया (खिरसाडोह)
को पत्र
क्र.वि.स./परासिया/127/2025/242 दिनांक 12.06.2025 को
प्रेषित किया
गया था, जिस पत्र
में उल्लेखित
विभिन्न
बसाहटों में हैण्डपम्प
खनन कार्य की
स्वीकृति
विभाग द्वारा
कब तक प्रदान
कर दी जायेगी? (ख) परासिया
विधानसभा क्षेत्र
अन्तर्गत
जितने भी
कार्यों की जल-जीवन
मिशन योजना के
अन्तर्गत
स्वीकृति
प्रदान की गई
थी, उन
स्वीकृत
कार्यों में
से कितने
कार्य प्रारम्भ
व पूर्ण हो
चुके हैं? कौन-कौन से
कार्य
अप्रारम्भ
हैं? क्या
स्वीकृत
कार्य
निर्धारित
तिथि में पूर्ण
हो रहे हैं? अगर नहीं
तो उसका क्या
कारण है? कई
ठेकेदारों
द्वारा
कार्यों को
समय-सीमा पर
पूर्ण नहीं
किया जा रहा
है और कार्यों
को अपूर्ण छोड़
दिया गया है, ऐसे
ठेकेदारों के
विरूद्ध
विभाग द्वारा
कब तक
कार्यवाही
करते हुये
अपूर्ण
कार्यों को पूर्ण
करा दिया
जायेगा?
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके
) : (क)
स्वीकृति
प्रदान की गई
है, तदनुसार
हैंडपंपों के
लिए वित्तीय
वर्ष 2025-26 में 11
नलकूपों का
खनन् किया गया
है, जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
के
प्रपत्र-01
अनुसार है। प्रश्नांश
में उल्लेखित
पत्र के
संदर्भ में 02 नलकूप
खनन कर
हैंडपंप लगाए
गए हैं, शेष
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
के
प्रपत्र-02
अनुसार है। (ख) एकल ग्राम
नल जल योजनाओं
की जानकारी
विभागीय वेबसाइट-पोर्टल
पर उपलब्ध है,
जिसका
अवलोकन https://www.phed.mp.gov.in/en/Downloads,
पर
किया जा सकता
है, जिन
ठेकेदारों
द्वारा समय-सीमा
में कार्य
पूर्ण नहीं
किए जा रहे
हैं, उन्हें
अनुबंध की
शर्तों के
अंतर्गत नोटिस
देकर शीघ्र
कार्य पूर्ण
करने हेतु निर्देशित
किया गया है। किसी
भी ठेकेदार
द्वारा कार्य
को अपूर्ण नहीं
छोड़ा गया है,
अपितु
योजना में
पर्याप्त
क्षमता के जल
स्रोत विकसित
करने में विलंब
होने एवं
पुनरीक्षण के
कारण कार्य
अपूर्ण थे,
कार्यों
को शीघ्र
पूर्ण कराने
के लिए कार्यवाही
की जा रही है,
पूर्ण
करने की कोई
निश्िचत
तिथि बताया
जाना संभव
नहीं है। उक्त
के अतिरिक्त
माचागोरा
समूह जल
प्रदाय योजना
स्वीकृत है,
जिसका
कार्य प्रगति
पर है, कार्य
निर्धारित
तिथि में
पूर्ण हो रहे
हैं, समूह जल
प्रदाय योजना
के संबंध में
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
शिक्षकीय
संवर्ग से
कार्यपालिक
पदों पर
संविलियन
[जनजातीय
कार्य]
2.
( क्र. 78 ) श्री
बिसाहूलाल
सिंह : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
यह सत्य है
कि मेरे
तारांकित प्रश्न
1601 दिनांक 20.12.2024 के प्रश्नांश
(ख) के उत्तर
श्री संतोष
शुक्ला का व्याख्याता
पद से सहायक
अनुसंधान
अधिकारी के पद
पर संविलियन
किये जाने तथा
सहायक
अनुसंधान
अधिकारी के पद
से अनुसंधान
अधिकारी के पद
पर पदोन्नति
पश्चात में
डिण्डौरी
जिले में
सहायक आयुक्त
पद पदस्थ
होने की
जानकारी दी गई
है किन्तु
चाहे गए अनुसंधान
अधिकारी के पद
पर संविलियन
आदेश तथा अनुसंधान
अधिकारी के पद
की पदोन्नति
आदेश की
छायाप्रतियां
उपलब्ध नहीं
कराई गई? यदि हाँ तो
क्यों? जानकारी
देवें। (ख) प्रश्नांश
(क) के संबंध
में श्री
संतोष शुक्ला
का व्याख्याता
पद से सहायक
अनुसंधान अधिकारी
के पद पर
संविलियन
किये जाने की
आदेश की छायाप्रति
उपलब्ध
करावें। साथ
ही सहायक
अनुसंधान
अधिकारी के पद
से अनुसंधान
अधिकारी के पद
पर श्री संतोष
शुक्ला की गई
पदोन्नति
आदेश की भी
छायाप्रति
उपलब्ध
करावें। (ग) क्या
वर्ष 2004 से
वर्ष 2007-2008
के मध्य श्री
रमेश परमार
एवं श्री
नरेन्द्र
गुप्ता
दोनों सहायक
शिक्षकों का
शिक्षकीय
संवर्ग से पद
परिवर्तन/संविलियन
उपयंत्री के
कार्यपालिक
पद पर किया
गया है? यदि हाँ तो
उक्त दोनों
के पद
परिवर्तन/संविलियन
आदेशों की छायाप्रतियां
उपलब्ध
करावें। (घ) प्रश्नांश
(क),
(ख) एवं (ग) में उल्लेखित
शिक्षकीय
संवर्ग के
कर्मचारियों
के अतिरिक्त
शिक्षकीय
संवर्ग के
किन-किन
कर्मचारियों
के संविलियन
कार्यपालिक
पदों पर किये
गये है। कब-कब
किये गए तथा
किस-किस आदेश
द्वारा किये है।
उक्त सभी
आदेशों की
छायाप्रतियां
उपलब्ध
करावें।
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) जी
हाँ। जी हाँ। तत्समय
प्रति उपलब्ध
नहीं थी। संविलियन
एवं पदोन्नति
आदेश की
प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ग) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार। (घ) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार।
जल-जीवन
मिशन योजना
अंतर्गत राशि
का आवंटन
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
3.
( क्र. 274 ) श्री लखन
घनघोरिया : क्या लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी खण्ड
जिला जबलपुर
को राज्य एवं
केन्द्रीय
शासन की
संचालित योजनान्तर्गत
कितनी-कितनी
राशि आवंटित
की गई एवं कितनी-कितनी
राशि व्यय
हुई? वर्ष
2021-22 से 2025-26 की
जानकारी
देवें? (ख) प्रश्नांश
(क) में जल-जीवन
मिशन योजना
में
कितनी-कितनी
राशि आवंटित
की गई। योजना
के तहत
किस-किस मद
में
कितनी-कितनी
राशि व्यय
हुई? योजानान्तर्गत
कितने
प्रतिशत
कार्य पूर्ण
हो गया हैं
एवं इस पर कुल
कितनी राशि व्यय
हुई? कौन-कौन
सा कार्य
कब से अपूर्ण, निर्माणाधीन
व अप्रारंभ है
एवं क्यों? लक्ष्य
पूर्ति
बतलावें। (ग) जिले
की किन-किन
तहसीलों के
किन-किन विकासखण्डों
की
कितनी-कितनी
ग्राम
पंचायतों में
टंकियों का
निर्माण वाटर
ट्रीटमेंट प्लांट, इंटक वेल
का निर्माण, पाइप-लाइन
बिछाने, नल कनेक्शन
देने का कार्य
कब से
अपूर्ण/निर्माणाधीन
हैं एवं क्यों? (घ) प्रश्नांश
(क) में
निर्मित
कितनी नल-जल
योजनाएं
क्रियांवित
की गई हैं, एवं कहां-कहां
की योजनाएं कब
से बंद हैं
एवं क्यों? कितनी
ग्राम
पंचायतों के
कितने-कितने
गांवों में
शुद्ध पेयजल
की व्यवस्था
नहीं हैं एवं कितने-कितने
ग्रामों में
पेयजल संकट की
समस्या बनी
हुई हैं। विकास
खण्डवार
जानकारी दें। (ड.)
क्या शासन
योजना में
राशि का अपव्यय
घटिया
निर्माण
कार्य व भ्रष्टाचार
की जांच कराकर
दोषी
अधिकारियों
पर कार्यवाही
करेगा?
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके )
:
(क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-01 अनुसार है।
(ख) जबलपुर
जिले में
स्वीकृत एकल
ग्राम नल-जल
योजनाओं के
अंतर्गत 295 एकल ग्राम
नल-जल योजनाओं
का कार्य
शत-प्रतिशत
पूर्ण हैं, एकल ग्राम
नल-जल योजनाओं
पर कुल व्यय
राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है तथा
अपूर्ण/निर्माणाधीन/अप्रारंभ
योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-02 अनुसार है। निविदाकारों
को पाइप विलंब
से प्राप्त
होने, उच्च
स्तरीय टंकी
निर्माण के
स्थल चयन में
विलंब होने
एवं पाइप-लाइन
बिछाने में
व्यवधान इत्यादि
विलंब के
मुख्य कारण
हैं, योजनाओं
को यथाशीघ्र
पूर्ण किए
जाने हेतु सतत्
प्रयास किए जा
रहे हैं, लक्ष्य
पूर्ति की कोई
निश्चित तिथि
बताया जाना
संभव नहीं है।
(ग) एकल
ग्राम नल-जल
योजनाओं एवं
समूह जल
प्रदाय
योजनाओं से संबंधित
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-02 एवं 03 अनुसार है, कोविड-19 महामारी, ठेकेदार
द्वारा
समुचित
संसाधनों का
समय पर नियोजन
न किया जाना
एवं विभिन्न
विभागों से अनुमतियों
में विलंब, वित्तीय
संसाधनों की
कमी आदि
कारणों से
टंकियों का
निर्माण, वाटर
ट्रीटमेंट
प्लांट, इंटेकवेल
का निर्माण
पाइप-लाइन
बिछाने, नल
कनेक्शन देने
का कार्य
अपूर्ण/निर्माणाधीन
है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-02 अनुसार है।
(घ) जल-जीवन
मिशन
कार्यक्रम के
अंतर्गत जिले
में 295
एकल ग्राम नल-जल
योजनाओं का
क्रियान्वयन
पूर्ण किया
गया है, जिले में प्रश्नाधीन
अवधि में 03 समूह जल
प्रदाय
योजनाएं
क्रियान्वित
हैं, जो
प्रगतिरत हैं।
वर्तमान में
कोई भी एकल
ग्राम नल जल
योजना बंद
नहीं हैं, प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। जिले
के समस्त
ग्रामों में
विभाग द्वारा
स्थापित किए
गए हैंडपंपों
से पेयजल
व्यवस्था उपलब्ध
है, साथ
ही नल-जल
प्रदाय
योजनाओं से
लाभान्वित
ग्रामों में
नल से जल की
व्यवस्था भी
उपलब्ध है, वर्तमान
में किसी भी
ग्राम में
पेयजल संकट की
समस्या नहीं
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ड.) विभागीय
मापदंड तथा
गुणवत्तापूर्ण
किए गए कार्य
का ही मापांकन
व भुगतान किया
जाता है, कार्यों
एवं कार्य की
गुणवत्ता
सुनिश्चित करने
के लिए
विभागीय
अधिकारी/कर्मचारियों
तथा तृतीय
पक्ष जांच
एजेंसी द्वारा
नियमित रूप से
कार्यों का
निरीक्षण किया
जाता है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
लाड़ली
बहना योजना के
तहत गैस
रिफिलिंग पर सब्सिडी
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
4.
( क्र. 275 ) श्री लखन
घनघोरिया : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) प्रदेश
में लाड़ली
बहना योजना के
तहत हितग्राही
महिलाओं को
रसोई गैस
कनेक्शन एवं
गैस रीफिलिंग
सब्सिडी देने
का क्या
प्रावधान है। इस
संबंध में
शासन के क्या
निर्देश हैं। गैस
रीफिलिंग
सब्सिडी की कब
से कितनी राशि
प्रदाय की जा
रही है। शासन
ने कितनी
हितग्राही
महिलाओं के
खातों में गैस
रीफिलिंग
सब्सिडी की
कितनी-कितनी
राशि जमा की
हैं? योजना
प्रारंभ
दिनांक से प्रश्न
दिनांक तक की
जानकारी
देवें। (ख) महिला
एवं बाल विकास
जिला जबलपुर
में लाड़ली बहना
योजना के तहत
पंजीकृत
कितनी
हितग्राही महिलाओं
में से कितनी
महिलाओं के स्वयं
के नाम से
रसोई गैस
कनेक्शन हैं
तथा कितनी
महिलाओं के
खाते में गैस
रीफिलिंग
सब्सिडी की
किस मान से
कब-कब
कितनी-कितनी
राशि जमा की
हैं? (ग) जबलपुर
जिले में
पंजीकृत गैस
कनेक्शनधारी
कितनी
हितग्राही
महिलाओं में
से कितनी
महिलाओं ने
गैस रीफिलिंग
कराई हैं। कितनी
हितग्राही
महिलाओं ने
नियमानुसार
गैस रिफिलिंग
नहीं कराई हैं? कितनी गैस
कनेक्शनधारी
हितग्राही
महिलाएं गैस
रीफिलिंग
सुविधा के लाभ
से वंचित हैं?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) प्रदेश
में लाड़ली
बहना योजना के
तहत
हितग्राही
महिलाओं को रसोई
गैस कनेक्शन
दिये जाने का
कोई प्रावधान
नहीं है। प्रदेश
के गैर
प्रधानमंत्री
उज्जवला
योजना श्रेणी
में मुख्यमंत्री
लाड़ली बहना
योजना के
अंतर्गत ऐसी
पंजीकृत लाड़ली
बहने जिनके स्वयं
के नाम से गैस
कनेक्शन है, को रूपये 450/- में गैस
सिलेण्डर
प्रदाय करने
का प्रावधान
है। विभाग के
निर्देश
दिनांक 13 सितम्बर 2023 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है।
योजना
प्रारंभ
दिनांक से प्रश्न
दिनांक तक
हितग्राही
महिलाओं के
खाते में गैस
रिफिलिंग
सब्सिडी की
जमा राशि का
विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट – ''ब'' अनुसार है।
(ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट – ''स'' अनुसार है।
(ग) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–''स'' अनुसार है।
योजना
का लाभ
हितग्राही
महिलाओं
द्वारा रिफिल
कराये जाने पर
ही देय है। संबंधित
माह में रिफिल
कराने वाली
समस्त
हितग्राहियों
को लाभांवित
किया गया है। इस
प्रकार कोई
पात्र
महिलाएं गैस
रीफिलिंग सुविधा
के लाभ से
वंचित नहीं
हैं।
राशन
वितरण
दुकानों में हो
रही अनियमितता
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
5.
( क्र. 892 ) श्रीमती
चंदा
सुरेन्द्र
सिंह गौर : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश
विधान सभा बजट
सत्र दिनांक 18-03-2025 के प्रश्न
क्रमांक 1422 में प्रश्नकर्ता
द्वारा प्रश्न
के माध्यम से
पूछा गया था
कि विकासखण्ड
बल्देवगढ़
में संचालित
राशन की
दुकानों पर
विक्रेताओं
द्वारा
फर्जीवाड़ा
कर
हितग्राहियों
को राशन नहीं
दिया जाता है, जिसमें
भेलसी में
राशन की दुकान
राम लला नागरिक
सहकारी समिति
मर्यादित के
नाम से
संचालित है
उक्त दुकान के
भौतिक सत्यापन
में गेहूं 8.40 क्विंटल, शक्कर 101 क्विंटल
कम पाई गई, इस प्रकार
का उत्तर दिया
गया है। इसके
बावजूद भी
उक्त
विक्रेता को
भेलसी की राशन
दुकान से
क्यों नहीं
हटाया गया? (ख) क्या कैलपुरा
राशन की दुकान
पर भी
विक्रेता
द्वारा भारी
भ्रष्टाचार
करके
हितग्राहियों
को राशन नहीं
दिया जा रहा
है, कालाबजारी
की जा रही है, जिसके
सबंध में
लिखित
शिकायतें
ग्रामीणों द्वारा
की गई एवं
दिनांक 25.6.25 को खण्ड
स्तरीय बैठक
में कनिष्ठ
आपूर्ति अधिकारी, बल्देवगढ़
को दुकानों की
समीक्षा करते
हुये निर्देश दिये
गये थे,परंतु प्रश्न
दिनांक तक
कैलपुरा राशन
की दुकान के
विक्रेता की
जांच कर क्यों
नहीं हटाया
गया और लगातार
कालाबजारी की
जा रही है उस विक्रेता
को कब तक हटा
दिया जावेगा? (ग) क्या विकासखण्ड
बल्देवगढ़
में संचालित
राशन की
कौन-कौन सी
दुकानों पर
राशन कम पाये
जाने से वसूली
की कार्यवाही
प्रस्तावित
है और वसूली
नहीं की गई, इसके क्या
कारण है। सम्पूर्ण
जानकारी से
अवगत करायें
तथा वसूली की
कार्यवाही कब
तक पूर्ण करते
हुये दोषी विक्रेताओं
के विरुद्ध
कार्यवाही
करते हुये विक्रेताओं
को पदों से
हटाये जाने की
कार्यवाही
क्यों नहीं की
जा रही है?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) प्रश्नांश
के संबंध में
रामलला
नागरिक
सहकारी समिति
द्वारा
संचालित
शासकीय उचित
मूल्य दुकान
भेलसी की जांच
में भौतिक सत्यापन
में गेहूं 8.40 क्विंटल
एवं शक्कर 1.01 क्विंटल
कम पाया गया। प्रकरण
में दोषी
समिति के
विक्रेता
चंद्र प्रकाश
सुडेले को उक्त
खाद्यान्न
सामग्री की
वसूली हेतु
पत्र क्रमांक 311/एसडीओ/खाद्य/2024 दिनांक 21-02-2025 जारी किया
गया एवं
अनुविभागीय
अधिकारी के पत्र
क्रमांक 310/एस.डी.ओ./खाद्य/2024 दिनांक 21.02.2025 के माध्यम
से अध्यक्ष/प्रबंधक
रामलला
नागरिक
सहकारी समिति
मर्या. भेलसी
के शासकीय
उचित मूल्य
दुकान के
विक्रेता
श्री चन्द्रप्रकाश
सुडेले को
हटाया जाकर
अन्य
विक्रेता से
दुकान का
संचालन करने
हेतु निर्देशित
कर दिया गया
था जिसके परिपालन
में श्री
चंद्रप्रकाश
सुडेले को
शासकीय उचित
मूल्य दुकान
भेलसी के
विक्रेता के
पद से पृथक कर
दिया गया है। (ख) कनिष्ठ
आपूर्ति
अधिकारी बल्देवगढ़
के द्वारा
शासकीय उचित
मूल्य दुकान
कैलपुरा की
दिनांक 21.07.2025 को जांच कर
प्रतिवेदन
दिनांक 22.07.2025 को अनुविभागीय
अधिकारी बल्देवगढ़
के समक्ष
प्रस्तुत कर
दिया गया है। पत्र
क्रमांक/423/एस.डी.ओ/खाद्य/2025 दिनांक 22.07.2025 के माध्यम
से विक्रेता
शासकीय उचित
मूल्य दुकान
कैलपुरा एवं
समिति
प्रबंधक
प्राथमिक
कृषि साख
सहकारी समिति
मर्या. बल्देवगढ़
को कारण बताओ
सूचना पत्र
जारी कर दिये
गये है। प्रकरण
में अर्धन्यायिक
प्रक्रिया
अन्तर्गत
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है। (ग) प्रश्नांकित
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
07 शासकीय
उचित मूल्य
दुकानों पर कम
राशन पाये
जाने से वसूली
की कार्यवाही
की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है। संबंधित
विक्रेताओं
को पद से पृथक
कर दिया गया
है।
कल्याणी
योजना पेंशन
की स्वीकृति
[सामाजिक
न्याय एवं
दिव्यांगजन
कल्याण]
6.
( क्र. 982 ) श्री
सुशील कुमार तिवारी
: क्या
सामाजिक न्याय
एवं दिव्यांगजन
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विधानसभा
क्षेत्र
पनागर के
अंतर्गत क्या
गीता बाई सदस्य
आईडी 194188476, खेमा
बाई 127867083, सुनीता
सिंह गौर 310824433, दुर्गा
बाई यादव 300725313 सहित अन्य
19 हितग्राहियों
की कल्याणी
पेंशन लगभग 6 माह से
लंबित है? (ख) यदि
हाँ तो क्यों? (ग) प्रश्नांश
(क) के
अंतर्गत कब तक
पेंशन स्वीकृत
की जावेगी?
सामाजिक
न्याय एवं
दिव्यांगजन
कल्याण
मंत्री ( श्री
नारायण सिंह
कुशवाह ) : (क) श्रीमती
गीताबाई
सदस्य आई डी 194188476, श्रीमती
खेमाबाई 127867083, श्रीमती
दुर्गाबाई
यादव 300725313
के अलावा
विधानसभा
क्षेत्र
पनागर
अंतर्गत 19
हितग्राहियों
की कल्याणी
पेंशन के कोई
आवेदन लंबित
नहीं है। (ख) 03 प्रकरणों
में एसपीआर
समग्र पोर्टल
पर विधवा के
स्थान पर
वैवाहिक
स्थिति दर्ज
होने के कारण।
(ग) एसपीआर (समग्र
पोर्टल) पर
महिला
हितग्राही की
प्रोफाइल
अपडेट होने के
उपरांत पेंशन
स्वीकृति की
कार्यवाही की
जाएगी।
राशि
वसूली एवं
आपराधिक
प्रकरण दर्ज
किया जाना
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
7.
( क्र. 1341 ) श्री अभय
मिश्रा : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
वर्ष 2019-20
एवं 2020-21
में उपार्जन
परिवहनकर्ताओं
को निर्धारित
दूरी से अधिक
दूरी का
भुगतान किये
जाने के संबंध
में प्राप्त
शिकायत पर
जांच
प्रतिवेदन
दिनांक 07.08.2022 में
उपार्जन
परिवहन
कर्ताओं एवं
एलआरटी परिवहन
कर्ताओं को
कुल रूपये 5,97,75,146.00
(पांच
करोड़ सतानवे
लाख पचहत्तर
हजार एक सौ
छियालिस
रूपये) का
अधिक भुगतान
कर गंभीर
लापरवाही के
साथ अमानत में
खयानत श्री
अनिल मिश्र
तत्कालीन
लेखापाल एवं
वर्तमान
प्रबंधक
सिविल सप्लाई
कारपोरेशन
रीवा द्वारा
किया गया का
उल्लेख जांच
समिति द्वारा
प्रतिवेदन
में किया गया
जिस पर राशि
वसूली के साथ
आपराधिक
प्रकरण शासकीय
राशि गबन पर
दर्ज नहीं
कराया गया क्यों? अपराध
दर्ज कराने
एवं
संबंधितों से
राशि वसूली
बाबत् क्या
निर्देश
देंगे? अगर नहीं
तो क्यों? (ख) प्रश्नांश
(क) के
प्रभारी जिला
प्रबंधक
सिविल सप्लाई
कारपोरेशन
रीवा द्वारा
वर्ष 2022-23
में कटनी जिले
में पदस्थी
के दौरान धान
मिलर्स को
अधिक भुगतान
से कारपोरेशन
को भी क्षति
पर पत्र
क्रमांक 261153/2023/3365 दिनांक 10.10.23 एवं रीवा
जिले में
रूपये 5,97,75,146.00 (पांच
करोड़ सतानवे
लाख पच्चहत्तर
हजार एक सौ
छियालिस
रूपये) के अधिक
भुगतान पर
निलंबित किया
गया। फिर भी
बार-बार
निलंबन एवं
शासकीय राशि
के गबन के बाद
भी म.प्र. स्टेट
सिविल सप्लाई
कारपोरेशन के
आदेश 1742
दिनांक 25.02.25 द्वारा
प्रभारी जिला
प्रबंधक जिला
रीवा के पद पर
श्री मिश्र को
पदस्थ किया
गया क्यों? बतावें। इनको
प्रभार से
मुक्त करने
एवं अधिक राशि
के भुगतान की
वसूली के साथ
आपराधिक
प्रकरण दर्ज
कराये जाने के
क्या
निर्देश
देंगे? बतावे। अगर
नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश
(ख) के जिला
प्रबंधक
द्वारा रीवा
जिले में पदस्थी
के दौरान
एफडीआर/बैंक
गारंटी शासन
के निर्देशों
से हटकर ली
जाकर राईस
मिलरों को धान
प्रदान किये
जाने, मिलिंग
नीति का उल्लंघन
करने एवं माह
फरवरी 2025 से प्रश्नांश
दिनांक के
दौरान कतिपय
राईस मिलरों
की व्यक्िगत
हितपूर्ति कर
भुगतान किये
जाने अन्य को
भुगतान से
वंचित रखने कि
उच्च स्तरीय
समिति बनाकर
जांच कराने के
साथ कार्यवाही
बाबत् क्या
निर्देश
देंगे? बतावें। अगर
नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश
(क),
(ख) एवं (ग) में उल्लेखित
अनुसार
संबंधितों से
राशि वसूली
एवं शासकीय
राशि के गबन
पर आपराधिक
प्रकरण दर्ज
कराने व जिला
प्रबंधक
सिविल सप्लाई
कारपोरेशन के
पद से मुक्त
बावत क्या
निर्देश
देंगे? बतावें। अगर
नहीं तो क्यों?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) मध्यप्रदेश
स्टेट सिविल
सप्लाईज
कार्पोरेशन
के जिला
कार्यालय
रीवा अंतर्गत
वर्ष 2019-20 एवं
2020-21 में
उपार्जन
परिवहनकर्ताओं
को निर्धारित
दूरी से अधिक
दूरी का
भुगतान करने
की प्राप्त
शिकायत की
जांच
प्रतिवेदन
प्राप्त
होने के
उपरांत
कार्पोरेशन
के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार कर्मियों
के विरूद्ध
कार्यवाही की
गई है। (ख) प्रशासनिक
आवश्यकता के
दृष्टिगत
श्री अनिल मिश्रा, लेखापाल
मुख्यालय
भोपाल को आदेश
क्रमांक 1742 दिनांक 25/02/2025 से
प्रभारी जिला
प्रबंधक रीवा
के पद पर
पदस्थ किया
गया। अधिक
राशि के
भुगतान के
संबंध में
प्रकरण में विभागीय
जांच प्रचलन
में है। कटनी
जिले के संबंधित
मिलर्स से
अधिक भुगतान
की गई राशि
रूपये 6,97,394/- की वसूली
कटनी जिले के
संबंधित
मिलर्स से कर
ली गई है। (ग) मध्यप्रदेश
स्टेट सिविल
सप्लाईज
कार्पोरेशन
मुख्यालय
जिला भोपाल
द्वारा
प्रकरण में
क्षेत्रीय
प्रबंधक रीवा
को पत्र
प्रेषित कर
शिकायत के
समस्त बिन्दुओं
की जांच कर
प्रतिवेदन
प्रेषित करने
हेतु पत्र
जारी किया गया।
उक्त प्रकरण
में प्राप्त
प्रतिवेदन के
आधार पर श्री
अनिल मिश्रा
लेखापाल/प्रभारी
जिला प्रबंधक
रीवा को मध्यप्रदेश
स्टेट सिविल
सप्लाईज
कार्पोरेशन
मुख्यालय
जिला भोपाल
द्वारा आरोप
पत्र जारी
किये गये है। (घ) प्रश्नांश
(क),
(ख) एवं
(ग) में उल्लेखित
उत्तर
अनुसार
कार्यवाही की
गई है। मध्यप्रदेश
स्टेट सिविल
सप्लाईज
कार्पोरेशन
मुख्यालय
जिला भोपाल के
आदेश क्रमांक 2468 दिनांक 03/07/2025 द्वारा
श्री अनिल
मिश्रा, लेखापाल/प्रभारी
जिला प्रबंधक
रीवा को मुख्यालय
भोपाल पदस्थ
किया गया है।
समय
पर मजदूरी
भुगतान न करने
पर कार्यवाही
[वन]
8.
( क्र. 1342 ) श्री अभय
मिश्रा : क्या राज्य
मंत्री, वन महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) रीवा
संभाग के
जिलों में माह
जून 2023 से
अक्टूबर 2024 तक विभिन्न
वन परिक्षेत्रों
में मजदूरी
भुगतान किस-किस
मद से कितनी-कितनी
राशि की की गई? मजदूरी
भुगतान बावत
शासन के क्या
निर्देश है
प्रति देते
हुये बतावें? वन
परिक्षेत्रों
से मजदूरी
भुगतान हेतु
भेजे गये
प्रमाणकों का
जावक क्रमांक, दिनांक क्या
हैं? इस
बाबत तैयार
पत्र की प्रति
देते हुये
बतावें। (ख) प्रश्नांश
(क) के तारतम्य
में उपमण्डल
कार्यालय में
वन
परिक्षेत्र
से भेजे गये प्रमाणकों
के आवक
क्रमांक दिनांक क्या
हैं? उपमण्डल
से मण्डल
कार्यालय को
भेजे गये
प्रमाणक का
जावक क्रमांक
दिनांक क्या
हैं? संबंधित
पत्रों की
प्रति देते
हुये बतावे। वनमण्डल
कार्यालय में
उपमण्डल
कार्यालय से
भेजे गये
प्रमाणकों के
आवक क्रमांक
कोषालय में
भेजे गए। प्रमाणकों
का जावक
क्रमांक
दिनांक के साथ
इस हेतु तैयार
पत्र की प्रति
देते हुए
बतावें। प्रमाणक
क्या कोषालय
में शासन के
निर्देशानुसार
प्रस्तुत किए
गए। यदि नहीं
तो जिम्मेदारों
के पद नाम के
साथ
कार्यवाही के
क्या
निर्देश
देंगे बतावें
नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
तारतम्य में
वनमण्डल
रीवा अंतर्गत
जनवरी 2021 से जून 2025 तक
परिक्षेत्रवार
दी गई मजदूरों
की मजदूरी भुगतान
फेल हो
गयी राशि
खाते में नहीं
पहुंची इसके
लिये जिम्मेदारों
के पदनाम के
साथ
परिक्षेत्रवार
की गई
कार्यवाही का
विवरण देवें।
प्रश्नांश
(क) एवं (ख) में उल्लेखित
अनुसार
प्रमाणक
कोषालय में
प्रस्तुत
नहीं करने एवं
अन्य
अनियमितताओं
पर कार्यवाही
के क्या
निर्देश
देंगे बतावें अगर
नहीं तो क्यों।
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) : (क) से (ग) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
उचित
मूल्य के
दुकानदारों
को कमीशन की
राशि का
भुगतान
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
9.
( क्र. 1396 ) श्री
सोहनलाल बाल्मीक
: क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) खाद्य
विभाग
मंत्रालय के
आदेश क्रमांक
एफ 3-49/2012/29-2
भोपाल दिनांक 22.01.2018 के माध्यम
से उचित मूल्य
की दुकानों के
कमीशन का
पुनर्निर्धारण
किया गया था
जिसके अनुसार परासिया
विधानसभा
क्षेत्र के
राशन दुकानदारों
को माह मार्च 2014 से जून 2016 तक कमीशन
प्रदान किया
जाना था, जिसमें
मार्च 2014 से मार्च 2015 तक का
कमीशन कुल 13 माह का
दिया जा चुका
है बाकि
अप्रैल 2015 से जून 2016 तक शेष 15 माह का
कमीशन अभी तक
भुगतान नहीं
किया गया है। जिसका
क्या कारण है? कब तक राशन
दुकानदारों
को कमीशन की
शेष राशि का
भुगतान कर
दिया जायेगा? (ख) खाद्य
विभाग के आदेश
पत्र क्रमांक 3-49/2012/29-1 भोपाल
दिनांक 30.12.2022 के माध्यम
से पात्र
परिवारों को
माह जनवरी 2023 में
सशुल्क
खाद्यान्न को
राशन दुकानदारों
से निःशुल्क
वितरण कराया
गया, उस
सशुल्क राशि
का समायोजन
राशन
दुकानदारों
को नहीं किया
गया। जबकि
आदेश की
कंडिका 5 में
स्पष्ट
उल्लेख था कि
निःशुल्क
खाद्यान्न
वितरण की जाने
वाली मात्रा
पर देय राशि
का समायोजन MPSCSC द्वारा
पृथक से किया
जायेगा और
राशन दुकानदारों
सशुल्क
खाद्यान्न की
राशि का
भुगतान किया
जायेगा? परन्तु आज
दिनांक तक
परासिया
विकासखण्ड के
राशन
दुकानदारों
को सशुल्क
राशि का
भुगतान नहीं
किया गया है? जिसका
क्या कारण है? कब तक राशन
दुकानदारों
को राशि का
भुगतान कर दिया
जायेगा?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) :(क) जी
हाँ। परासिया
विधानसभा
क्षेत्र
संचालित उचित
मूल्य
दुकानों को
राष्ट्रीय
खाद्य
सुरक्षा
अधिनियम, 2013 अंतर्गत
माह अप्रैल, 2015 से जून, 2016 तक वितरित
खाद्यान्न
पर आंशिक
कमीशन राशि का
भुगतान किया
गया है। शेष
देय राशि का
परीक्षण
उपरांत
पात्रता होने
पर भुगतान की
कार्यवाही की जाएगी।
(ख) प्रधानमंत्री
गरीब कल्याण
अन्न
योजनांतर्गत
माह जनवरी, 2023 से पात्र
परिवारों को
नि:शुल्क
खाद्यान्न
का वितरण
प्रारम्भ
किया गया है। परासिया
विधानसभा
क्षेत्र के
उचित मूल्य
दुकान
संचालकों
द्वारा
खाद्यान्न
प्राप्ति
हेतु पूर्व व्यवस्था
अनुसार माह
जनवरी, 2023 से मध्यप्रदेश
स्टेट सिविल
सप्लाईज
कार्पोरेशन
के वर्चुअल
खाते में जमा
राशि के
प्रमाणीकरण
उपरांत राशि
का समायोजन/वापसी
की कार्यवाही
शीघ्र की
जाएगी।
बिना
टेंडर
प्रक्रिया कर
अनुचित लाभ
दिया जाना
[उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण]
10.
( क्र. 1454 ) श्री विजय
रेवनाथ चौरे : क्या
उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
एम.पी. एग्रो
द्वारा चैनल
पार्टनर के
माध्यम से
सीहोर एवं
मंडला जिलों
में वेयर हाउसिंग
कॉर्पोरेशन को
प्रदाय की गई सेग्रीगेशन
मशीनें (with de-stoner) के लिए
टेंडर
प्रक्रिया का
पालन किया गया
है? (ख) यदि नहीं
तो इसका क्या
कारण है तथा
किस आधार पर
इन मशीनों का
क्रय मूल्य
निर्धारित
किया गया? (ग) क्या
यह क्रय मूल्य
शासन से
अनुमोदित हैं? यह मशीनें
पहले से
उपलब्ध
मशीनों से किस
प्रकार भिन्न
हैं तथा उनका
प्रति यूनिट
मूल्य कितना
है? (घ) क्या
उपरोक्त
मशीनों की
गुणवत्ता
अत्यंत खराब
होने के कारण
कृषकों को
तकनीकी
समस्याओं, आर्थिक
हानि एवं
मानसिक
प्रताड़ना का
सामना करना
पड़ा है? (ड.) यदि
हाँ, तो
कृपया स्पष्ट
करें कि ये
मशीनें चैनल
पार्टनर की
वर्कशॉप में
बनाई गई हैं
या एम.पी.एग्रो
की खुद की
वर्कशॉप में बनाई गई।
उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण
मंत्री ( श्री
नारायण सिंह
कुशवाह ) : (क) एम.पी.
एग्रो द्वारा
चैनल पार्टनर
के माध्यम से
सीहोर एवं
मण्डला जिले
में वेयर
हाउसिंग कार्पोरशन
को प्रदाय की
गयी सेग्रीगेशन
मशीनें (with de-stoner) प्रो-प्राईटरी
मद के अंतर्गत
आता है, क्योंकि
यह कार्य निगम
की अधिकृत
वर्कशाप में
तैयार कर
अधिकृत चैनल
पार्टनर के
माध्यम से कराया
गया है। अत:
इसमें टेण्डर
प्रक्रिया
आवश्यक नहीं
है। (ख) प्रो-प्राईटरी
मद का आयटम
होने के कारण
टेंडर प्रकिया
आवश्यक नहीं
है। इन मशीनों
की दरों के
निर्धारण के
लिए पी.डब्ल्यू.डी.
एस.ओ.आर. के
आधार पर तैयार
प्राक्कलन, एम.एस.एम.ई.
ट्रेनिंग
सेंटर, अचारपुरा
द्वारा तैयार
प्राक्कलन
एवं मैकेनिकल
इंजीनियरिंग
विभाग
बरकतउल्ला
यूनिवर्सिटी
द्वारा तैयार
प्राक्कलन का
गठित समिति
द्वारा तुलनात्मक
अध्ययन कर
दरों का
निर्धारण
किया गया है। (ग) मशीन
का क्रय मूल्य, शासन के
विभाग
पी.डब्ल्यू.डी.
एस.ओ.आर. के
आधार पर तैयार
प्राक्कलन, एम.एस.एम.ई.
ट्रेनिंग
सेंटर, अचारपुरा
द्वारा तैयार
प्राक्कलन
एवं मैकेनिकल
इंजीनियरिंग
विभाग
बरकतउल्ला
यूनिवर्सिटी
द्वारा तैयार
प्राक्कलन का
गठित समिति
द्वारा तुलनात्मक
अध्ययन कर
निर्धारण
किया गया है। पहले
से उपलब्ध
मशीनों के
संबंध में
निगम को जानकारी
नहीं है। सीड
सेग्रीगेशन
मशीन (with de-stoner) का
प्रति यूनिट
मूल्य राशि
रू. 5,17,350/- है।
(घ) मशीनों
के गुणवत्ता
को लेकर कृषकों
को तकनीकी
समस्याओं, आर्थिक
हानि एवं
मानसिक
प्रताड़ना के
संबंध में आज
दिनांक तक
निगम को कोई
शिकायत
प्राप्त नहीं
हुई है। (ड.) उत्तरांश
(घ) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। मशीन का
उत्पादन निगम
एवं चैनल
पार्टनर के मध्य
किये गये
अनुबंध की कंडिका
क्र. 3 (3.2) के
अनुसार चैनल
पार्टनर की
वर्कशॉप में
तैयार की गयी
है।
चैनल
पार्टनर
व्यवस्था से
निगम को लाभ-हानि
[उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण]
11.
( क्र. 1455 ) श्री विजय
रेवनाथ चौरे : क्या
उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
विभाग
अंतर्गत
एम.पी. एग्रो
में चैनल पार्टनर
नामक कोई नवीन
व्यवस्था
अपनाई गई है? यदि हाँ तो
इसके लक्ष्य
एवं उद्देश्य
क्या है तथा
इसे किसके
आदेश/अनुमोदन
के बाद लागू
किया गया है? (ख) प्रश्नांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में क्या किसी
अन्य विभाग
में भी इस
प्रकार की
व्यवस्था है
और क्या उसका
अध्ययन किया
गया है? यदि हाँ तो
कब एवं किसके
द्वारा
अध्ययन किया
गया और क्या-क्या
संभावित
लाभ-हानि
परिणाम
प्राप्त हुए? (ग) उपरोक्तानुसार
क्या चैनल
पार्टनर बनाई
गई कंपनी को
एम.पी. एग्रो
मुख्यालय में
ऑफिस दिया गया
है? यदि
हाँ तो क्या
इसका
प्रावधान है
तथा कम्पनी से
कितना किराया
किन नियमों के
तहत तय किया
गया है?
उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण
मंत्री ( श्री
नारायण सिंह
कुशवाह ) : (क) जी
हाँ। निगम
द्वारा
विधिवत
निविदा के
माध्यम से चैनल
पार्टनर का
चयन किया गया
है, जो
निगम के साथ
बेहतर समन्वय
स्थापित कर
अपने खर्च से
एक आधुनिक
एन.ए.बी.एल.
एप्रूव्हड
इंजीनियरिंग
लैब स्थापित
करेगा, जिसमें
सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, केमिकल, फूड, मृदा, प्लास्टिक, रबर, ग्रीन
एनर्जी टेस्ट
एवं समस्त
प्रकार की
सुविधाएं हो। यह
शासकीय विभागों
में जाकर ऐसे
उत्पाद का
सर्वे करेगा जिसकी
विभागों को
आवश्यक्ता है
एवं निगम के लिये
वह उत्पाद
बिल्कुल नया
हो, उस
उत्पाद को
विकसित करेगा
एवं उसकी
टेस्टिंग
कॉस्ट
इवैल्यूएशन
शासन से
अधिकृत
संस्था से
करवाकर निगम
को देगा। इसे
निगम के
संचालक मंडल
की 194वीं
बैठक दिनाक 24.03.2022 में
प्राप्त
अनुमोदन के
बाद लागू किया
है। (ख) अन्य
विभागों में
इस प्रकार की
व्यवस्था की जानकारी
निगम को नहीं
है। अतः शेष
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) जी
हां। चैनल
पार्टनर एवं
निगम के मध्य
टेंडर की शर्तों
के अनुसार
अनुबंध की
कंडिका क्र. 7.5 (C) के अनुसार
निगम
मुख्यालय में
स्टॉफ बैठक
व्यवस्था एवं
परियोजनाओं
के समन्वय हेतु
स्थान उपलब्ध
कराया गया है।
भोपाल
गैस पीड़ितों
का उपचार
[भोपाल गैस
त्रासदी राहत
एवं पुनर्वास]
12.
( क्र. 1493 ) श्री अजय
अर्जुन सिंह : क्या
भोपाल गैस
त्रासदी राहत
एवं पुनर्वास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रश्न
दिनांक तक
भोपाल गैस
त्रासदी से
पीड़ित लोगों
की कुल संख्या
कितनी है? (ख) उपरोक्त
में से प्रश्न
दिनांक तक
कितने गैस
पीड़ितों के
आयुष्मान कार्ड
बन गये हैं, कितने गैस
पीड़ित के
आवेदन
विचाराधीन हैं
और कितने
आवेदन निरस्त
कर दिए गये
हैं? (ग) सभी गैस
पीड़ितों
पूरी जानकारी
शासन के पास है
फिर सभी को
आयुष्मान
कार्ड जारी
करने में विलम्ब
का क्या कारण
है? (घ) विगत पांच
वर्ष में प्रश्न
दिनांक तक
आयुष्मान
योजना के
अंतर्गत
प्रदेश के
कितने कार्ड
धारकों ने प्रदेश
से बाहर किन-किन
स्थानों पर
उपचार कराया
तथा इसके लिए
राज्य सरकार
द्वारा
कितना-कितना
भुगतान किया
गया? (ड.) क्या जिन
स्थानों पर
उपचार कराया
गया वहां प्रदेश
से बेहतर
स्वास्थ्य
सुविधाएँ
उपलब्ध हैं? (च) उपरोक्त
अवधि में
आयुष्मान
योजना के
अंतर्गत
प्रदेश के बाहर
के कितने
कार्ड धारकों
ने प्रदेश के
किन-किन
स्थानों पर
उपचार कराया
तथा इसके लिए
संबंधित
राज्य सरकार
द्वारा
कितना-कितना
भुगतान किया गया?
भोपाल
गैस त्रासदी
राहत एवं
पुनर्वास
मंत्री ( डॉ.
कुंवर विजय
शाह ) : (क) भोपाल
गैस त्रासदी
से पीड़ितों
की कुल संख्या
5,74,386 है। (ख) संचालक, कमला
नेहरू चिकित्सालय, गैस
राहत, भोपाल
के कार्यालय
द्वारा 39,984 गैस
पीड़ित एवं
उनके बच्चों
का डाटा स्टेट
हेल्थ एजेंसी, आयुष्मान
निरामयम्, भोपाल
को भेजा गया
था में से
प्रश्न
दिनांक तक
पात्र गैस
पीड़ित एवं
उनके बच्चों
के कुल 28,818 आयुष्मान
कार्ड बनाये
जा चुके है। (ग) विभाग
में उपलब्ध
गैस पीड़ितों
की जानकारी
में समग्र
आई.डी. एवं
आधार कार्ड
नंबर तथा आधार
लिंक्ड
मोबाईल नंबर
उपलब्ध नहीं
हैं जो आयुष्मान
कार्ड बनाने
की प्रकिया
हेतु
अनिवार्य हैं।
आवेदक को गैस
राहत संस्थाओं
में स्वयं
उपस्थित होकर
जानकरी प्रस्तुत
करना होती
हैं। गैस
पीड़ित
द्वारा उक्त
जानकरी प्रस्तुत
न करने के
कारण आयुष्मान
कार्ड बनाने
में विलंब
होता है। (घ) प्रश्नाधीन
अवधि में
आयुष्मान
योजना के
अंतर्गत
कार्ड धारकों
द्वारा प्रदेश
से बाहर कराये
गये उपचार एवं
उस पर हुए व्यय
के भुगतान की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट अनुसार। (ड.)
जी नहीं। (च)
उक्त अवधि
में आयुष्मान
योजना के
अंतर्गत
प्रदेश के
बाहर कितने कार्ड
धारकों ने
किन-किन स्थानों
पर उपचार
कराया गया है
तथा भुगतान
संबंधी
जानकारी राज्य
स्वास्थ्य
एजेंसी, मध्यप्रदेश
के पास संकलित
नहीं की जाती
है।
शासन
की राशि का
दुरूपयोग
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
13.
( क्र. 1716 ) श्री संजय
सत्येन्द्र
पाठक : क्या लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) क्या
कटनी जिले के
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
विभाग द्वारा
जल-जीवन मिशन
के अंतर्गत 01.04.2024 से एन.जी.ओ.
के माध्यम से
ग्राम
पंचायतों में
हितग्राहियों
का एक दिवसीय
प्रशिक्षण
कार्यक्रम
कराया जाकर
प्रचार-प्रसार
किया जाना था? (ख) उक्त
योजना के
अंतर्गत
विजयराघवगढ़
विधानसभा
क्षेत्र में
कहां-कहां
प्रशिक्षण
शिविर आयोजित
किये गये एवं
कब-कब ग्रामवार, दिनांकवार
सूची प्रदान
करें? (ग) प्रश्नाधीन
शिविरों हेतु
किन-किन
एन.जी.ओ. को
कितनी राशि
प्रदान की गई
एवं कब-कब किन
माध्यमों से? ब्यौरा
दें। (घ) क्या
उक्त
योजनांतर्गत
विभागीय
अधिकारियों
द्वारा शासन की
मंशा अनुसार
शिविरों का
आयोजन नहीं
किया गया और
एन.जी.ओ. से
मिली भगत कर
राशि का बंदर-बांट
किया गया है? यदि हाँ तो
कौन-कौन दोषी
हैं? दोषियों
के विरूद्ध
क्या
कार्यवाही की
जावेगी? नहीं तो
क्यों?
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके )
:
(क) जी हाँ। (ख) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
(ग) उत्तरांश
(ख) अनुसार जल-जीवन
मिशन के
अंतर्गत
एन.जी.ओ. दक्ष
फाउण्डेशन को
एक दिवसीय
प्रशिक्षण
आयोजित करने
हेतु विभाग
द्वारा कुल
रु. 5,70,000.00 (रुपये
पांच लाख
सत्तर हजार) का
भुगतान
दिनांक 16.10.2024 को जल-जीवन
मिशन के मद से
पी.एफ.एम.एस. (PFMS) के माध्यम
से किया गया। (घ) उत्तरांश
(ख) तथा (ग) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
जल-जीवन
मिशन का क्रियान्वयन
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
14.
( क्र. 1787 ) श्री
नितेन्द्र
बृजेन्द्र
सिंह राठौर : क्या लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) जल-जीवन
मिशन अंतर्गत
जिला टीकमगढ़
के तहसील मोहनगढ़
अन्तर्गत
ग्राम पंचायत
नदनवारा तालाब
पर लगभग 85 गांव को
पानी सप्लाई
हेतु पम्प
हाउस का निर्माण
किया गया है
जिससे आज भी
सम्बंधित
गांव में पानी
नहीं पहुंच
रहा है क्या
कारण है? साथ ही इस
योजना में
नदनवारा
ग्राम पंचायत
को सम्मिलित
क्यों नहीं
किया गया? जबकि उक्त
पम्प हाउस
नदनवारा में
ही बनवाया गया
है? (ख) जल-जीवन
मिशन अंतर्गत
जिला टीकमगढ़
में तहसील मोहनगढ़
में लगभग सभी
ग्राम
पंचायतों में
पानी नहीं
पहुंच रहा है
क्या कारण है? कुछ
पंचायत में तो
अभी पाइप-लाइन
भी नहीं डाली
गई है जबकि
कुछ पंचायत
में पाइप-लाइन
डाली गई है पर
पानी नहीं
पहुंच रहा है।
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके )
:
(क) जी हां, जी नहीं, योजना
अंतर्गत
समस्त 80 ग्रामों
में पेयजल
प्रदाय किया
जा रहा है। योजना
पृथ्वीपुर
विकासखण्ड के 80 ग्रामों
को लक्षित कर
तैयार की गई
है। नंदनवारा
ग्राम की एकल
ग्राम नल-जल
योजना
स्वीकृत है, अतः
नंदनवारा
ग्राम समूह
जलप्रदाय
योजना में
सम्मिलित
नहीं है। (ख) जी
नहीं। अप्रारंभ
योजनाओं में
पाइप-लाइन
नहीं डाली गई
है, प्रगतिरत
योजनाओं में
पाइप-लाइन
डाली गई योजना
के शेष अवयवों
का कार्य प्रगतिरत
होने के कारण
जल प्रदाय
अप्रारंभ है।
ग्रामीण
अंचलों में
पेयजल की
आपूर्ति
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
15. ( क्र. 1900 ) श्री
मुकेश
मल्होत्रा : क्या
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) जिला
श्योपुर के
समस्त
ग्रामीणांचलों
में ट्यूवेल, हैण्डपम्प
बोर वैल न
होने के कारण
ग्रामीण लोग
आज भी नदी, झरनों, कुआँ,बावड़ी
तालाबों का
गंदा पानी
पीने को मजबूर
है? नल जल
योजना पूरी
तरह से फेल है? नल
जल योजना और phe विभाग
में
ठेकेदारों
द्वारा बड़े
स्तर पर भ्रष्टाचार
किया गया है? इसकी
जांच की
जावें। (ख) तहसील
विजयपुर, वीरपुर
एवं कराहल
क्षेत्र के सैकड़ों
ग्रामों में
आज भी पेयजल
संकट उत्पन्न हो
रहा है? क्या
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकीय
विभाग श्योपुर
के अधिकारी
कर्मचारी
पेयजल समस्या
के निदान पर
कोई ध्यान
नहीं दे रहे
हैं? (ग) तहसील
विजयपुर
वीरपुर एवं
कराहल
क्षेत्र के किन-किन
गांवों में
कितनी-कितनी
क्षमता की नई
पानी टंकियों
का निर्माण
किया गया है
और कितनी चालू
अवस्था में है? जानकारी
ग्राम
पंचायतवार
पृथक-पृथक
उपलब्ध करावें।
(घ) प्रश्नांश
(क), (ख) एवं (ग) की
जानकारी सही
है तो क्या
विभाग व
ठेकेदार और
दोषी
कर्मचारी
अधिकारियों
के विरुद्ध
कानूनी
कार्रवाई
करेंगे? यदि
नहीं तो क्यों
नहीं कारण
बतावें?
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके
) : (क) जी नहीं।
श्योपुर जिले
के ग्रामीण
क्षेत्रों
में स्थापित 6466
हैंडपंपों
एवं 224 एकल
ग्राम नल-जल
योजनाओं से
पेयजल उपलब्ध
है। नल-जल
योजनाओं के
अंतर्गत
ठेकेदार एजेंसियों
के विभागीय
मापदंडानुसार
तथा गुणवत्तापूर्ण
कार्यों का ही
मापांकन करके
भुगतान की
कार्यवाही की
जाती है, अतः
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) जी
नहीं।
विधानसभा
क्षेत्र
विजयपुर की
तहसील
विजयपुर, वीरपुर
एवं कराहल
क्षेत्र के
ग्रामों में
वर्तमान में
पेयजल का संकट
नहीं है।
विभाग द्वारा
विभागीय
अधिकारियों/कर्मचारियों
के सुपरविजन
में प्रश्नांकित
क्षेत्र में
पेयजल
व्यवस्था पर
सतत् निगरानी
करते हुए
हैंडपंप
संधारण का
कार्य नियमित
रूप से कराया
जा रहा है, शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग)
जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-01
एवं 02
अनुसार है। (घ) उत्तरांश
(क), (ख) एवं (ग)
के
परिप्रेक्ष्य
में विभाग के
अधिकारियों/कर्मचारियों
अथवा
ठेकेदारों के
विरुद्ध कानूनी
कार्यवाही का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
अनापत्ति
प्रमाण पत्र
जारी किये
जाने की समय-सीमा
[वन]
16.
( क्र. 1916 ) श्री साहब
सिंह गुर्जर : क्या राज्य
मंत्री, वन महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विभाग
द्वारा
ग्रामीण
क्षेत्र में
विकास परियोजनाओं
एवं
सार्वजनिक
हित के कार्य
जैसे सड़क
निर्माण का
कुछ क्षेत्र
वन क्षेत्र
में आने के
कारण विभाग
द्वारा
अनापत्ति
प्रमाण पत्र
जारी किये जाने
की क्या
समय-सीमा
निर्धारित की
गई है? (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
विधानसभा
क्षेत्र के
अंतर्गत सड़क
निर्माण
कार्य (1) फूले का
पुरा से
जमरोहा की ओर (2) तिघरा
वाटर फिल्टर
प्लांट से
सुजवाया की ओर
(3)
बेहट
मालनपुर
मार्ग का लगभग
2.5 किलोमीटर
भाग जो कि
ग्राम आरोरा
में आता है, विभाग
द्वारा
अनापत्ति
प्रमाण पत्र
जारी किये
जाने में देरी
के कारण सड़क
मार्ग शुरू
नहीं हो सके
हैं, विभाग
द्वारा उक्त
सड़क कार्यों
हेतु कब तक अनापत्ति
प्रमाण पत्र
जारी किया
जावेगा, समय-सीमा
बतावें? (ग) विभाग
द्वारा
अनापत्ति
प्रमाण पत्र
जारी किये जाने
की प्रक्रिया
में विलम्ब
हेतु कौन-कौन
उत्तरदायी
हैं? सम्बन्धितों
के विरूद्ध
विभाग द्वारा
क्या कार्यवाही
की गई है और यदि
नहीं की गई है
तो क्यों?
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) : (क) भारत
सरकार, पर्यावरण, वन एवं
जलवायु
परिवर्तन
मंत्रालय
द्वारा दिनांक
29.12.2023 से वन (संरक्षण
एवं संवर्धन) नियम, 2023 की
गाइड-लाइन में
ऑनलाईन
प्राप्त
आवेदनों की
समय-सीमा निर्धारित
की गई है, जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) फूले
का पुरा से
जमरोहा की ओर
तथा तिघरा
वाटर फिल्टर
प्लांट से
सुजवाया की ओर
मार्गों हेतु
विभाग को
परिवेश
पोर्टल पर कोई
ऑनलाईन आवेदन
प्राप्त नहीं
हुए हैं। शेष
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। प्रश्नाधीन
बेहट-मालनपुर
मार्ग के
संबंध में
परिवेश पोर्टल
के माध्यम से
प्राप्त
प्रस्ताव पर
विभाग द्वारा
नियमानुसार
कार्यवाही की
गई। आवेदक
संस्था
द्वारा
वैकल्पिक
वृक्षारोपण
हेतु गैर वन भूमि
उपलब्ध न
कराने से भारत
सरकार द्वारा
आपत्ति ली गई
है। प्रकरण
वर्तमान में
आवेदक संस्थान
स्तर पर आपत्ति
निराकरण में
है। अतः शेष
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) उत्तरांश
(ख) के आलोक
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
नल-जल
योजना का
कार्य
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
17.
( क्र. 1920 ) श्री
राजेश कुमार
वर्मा : क्या लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) क्या
जल-जीवन मिशन
के तहत गुनौर
विधानसभा में
संचालित नल-जल
योजनाओं के
संबंध में
विधानसभा
सत्र मार्च 2025 के
तारांकित प्रश्न
क्रमांक 2167 के उत्तर
के साथ संलग्न
परिशिष्ट – प्रपत्र-1 में कुल 93 ग्रामों
में से 83 ग्रामों
की नल-जल
योजनाओं का
कार्य
समयावधि में
पूर्ण न होने
की जानकारी दी
गई है? यदि
हाँ तो क्या 90 प्रतिशत
कार्य
समयावधि में
पूर्ण न होने
पर उत्तर दायित्व
का निर्धारण
कर क्या
संबंधितों पर
कोई
कार्यवाही की
गई है? यदि
नहीं तो क्या
कार्य के
प्रति
उदासीनता एवं
पदीय कर्तव्यों
का पालन न
करना सिविल
सेवा आचारण
नियमों के
विपरीत होकर
कचारण नहीं है? यदि हाँ तो
कब तक और क्या
कार्यवाही की
जावेगी?
(ख) प्रश्नांश (क) में
उल्लिखित नल-जल
योजनाओं के निर्माण
के समय जिन
रोडों को पाइप-लाइन
बिछाने के समय
तोड़ा गया है
उन्हें पुन:
सभी ग्रामों
में नहीं
बनाया गया है? क्या
अनुबंध के
आधार पर कार्य
न करने वाले
ठेकेदारों को
भुगतान किया
गया है यदि
हाँ, तो
कब और स्वीकृत
राशि के
विरूद्ध
कितना भुगतान
किया गया है?
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके )
:
(क) योजनाओं
का कार्य
समयावधि में
पूर्ण न होने
की जानकारी दी
गई थी। कार्यों
को समय-सीमा
में पूर्ण न
किए जाने पर
संबंधित
ठेकेदारों के
देयकों पर
अनुबंधानुसार
समयावृद्धि
के विरुद्ध
निर्धारित
राशि को रोक
कर ही उनके
देयकों का
भुगतान किया
गया है। इसके
उपरांत भी समय
पर कार्य न
करने वाले
ठेकेदारों के 19 अनुबंधों
को निरस्त
करने की
कार्यवाही भी
की गई है। शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) 93 योजनाओं
में से 86 योजनाओं
में रोड
रेस्टोरेशन
का कार्य किया
जा चुका है
एवं 7
ग्रामों में
रोड
रेस्टोरेशन
का कार्य
वर्तमान में
शेष है, किए गए रोड
रेस्टोरेशन
कार्य का ही
मापांकन करके
भुगतान किया
गया है। अनुबंध
अनुसार
निर्धारित
मापदण्ड से
भिन्न कार्य
किए जाने पर
ऐसे कार्य का
मापांकन तथा भुगतान
ठेकेदार को
नहीं किया
जाता है, शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता है।
स्थानीय
विधायक की
अनुशंसा पर
स्वीकृत विकास
कार्य
[अनुसूचित
जाति कल्याण]
18.
( क्र. 1952 ) श्री फूलसिंह
बरैया : क्या
अनुसूचित
जाति कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) अनुसूचित
जाति विकास
विभाग द्वारा
संचालित अनु.जाति
बस्ती विकास
योजना के क्या
नियम है, संलग्न
करें। इसमें 40 प्रतिशत
अनु.जाति वर्ग
की जनसंख्या
के आधार पर
स्थानीय
विधायक की अनुशंसा
पर विकास
कार्य
स्वीकृत किये
जाते है? यदि हाँ तो? (ख) दतिया
जिले में
कार्या.
कलेक्टर (आदिम
जाति कल्याण
शाखा) जिला
दतिया के आदेश
क्रमांक 580/आ.जा.के./बस्ती
विकास/2024-25 दतिया
दिनांक 10.03.2025 के द्वारा
कौन-कौन से
कार्य कितनी
राशि के स्वीकृत
किये है? विधानसभावार
बतायें तथा
कुल आवंटन
कितना था? (ग) क्या
उक्त निर्माण
कार्यों की
स्थानीय
विधायक
द्वारा
अनुशंसा की गई
है? यदि
हाँ तो विभाग
की स्वीकृति
हेतु प्रस्तुत
की गई नोटशीट की
छायाप्रति
संलग्न करें।
(घ) क्या
शासन के
निर्देश है कि
एक ही
विधानसभा में 80 प्रतिशत
आवंटन खर्च
किया जाये, यदि हाँ तो
आदेश की प्रति
संलग्न करें, यदि नहीं
तो दतिया जिले
को प्राप्त
आवंटन एक ही
विधानसभा में 80 प्रतिशत
बजट उन
ग्रामों में
व्यय करना जो
उस परिधि में
नहीं आते हैं, इसके लिये
जिम्मेदार
अधिकारी के
विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
जायेगी? यदि हाँ तो
कब तक?
अनुसूचित
जाति कल्याण
मंत्री ( श्री
नागर सिंह
चौहान ) : (क) अनुसूचित
जाति बस्ती
विकास योजना
नियम 15 मई 2018 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। कार्यों की
स्वीकृति
नियम कंडिका 4.3 के अनुसार
प्रभारी
मंत्री जी की
अध्यक्षता
में गठित
समिति द्वारा
की जाती है। नियम
कंडिका 4.3 एवं 4.4 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''ब'' अनुसार है। (ख) अनुसूचित
जाति बस्ती
विकास योजना
अंतर्गत जिले
को 42.38
लाख का आवंटन
प्राप्त हुआ
था। विधानसभावार
कार्यों का
विवरण की
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
''द'' अनुसार है।
शेष प्रश्न
उद्भूत नहीं
होता। (घ) नहीं, योजना
नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है। प्राप्त
आवंटन का 80 प्रतिशत
बजट एक ही
विधानसभा में
व्यय नहीं
किया गया है। शेष
प्रश्न ही
उद्भूत नहीं
होता।
खेतों
में पेड़ लगाकर
बड़े होने पर
विक्रय करने की
योजना
[वन]
19.
( क्र. 2017 ) श्रीमती
नीना विक्रम
वर्मा : क्या राज्य
मंत्री, वन महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
भारत सरकार के
पर्यावरण
विभाग द्वारा
लकड़ी पर वनों
की निर्भरता
को कम करने के
उद्देश्य से
किसानों को
अपने खेतों की
निजी भूमि में
पेड़ लगाने तथा
बड़े होने पर
उन्हें
विक्रय कर लाभ
कमाने की योजना
बनायी गई है? (ख) यदि
हाँ, तो
इस हेतु क्या
प्रावधान
किये गये है
तथा क्या
प्रदेश सरकार
मध्यप्रदेश
में भी उक्त
प्रावधानों
को लागू करने
जा रही है या
लागू कर चुकी
है? यदि
हाँ तो
किसानों को
इसकी जानकारी
उपलब्ध
करवाने हेतु
नियम तथा
प्रक्रिया
संबंधी
जानकारी प्रदान
करने का कष्ट
करें। (ग) क्या
इस योजना में
पूर्व के उन
किसानों को
लाभ मिल सकेगा, जिन्होंने
ने अपने खेतों
में पेड़ लगाये
है? यदि
हाँ तो धार
जिले में कुछ
किसानों
द्वारा अपने
खेतों में बड़ी
संख्या में
सागवान के
वृक्ष की फसल, लगभग दस
वर्ष पूर्व
लगायी थी, किसान इन
पेड़ों को
काटकर विक्रय
करने हेतु प्रयासरत
है किन्तु
उन्हें
अनुमति नहीं
मिल पा रही है।
क्या उन्हें
इस योजना में
सम्मिलित कर
अनुमति, विभाग
प्रदान करेगा? (घ) यदि
हाँ तो
प्रक्रिया
क्या रहेगी? यदि नहीं
तो उक्त
किसानों को
अनुमति किस
प्रकार
प्राप्त हो
सकेगी?
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) : (क) भारत
सरकार के
पर्यावरण
विभाग द्वारा
इस तरह की कोई
योजना बनाये
जाने की
जानकारी
प्रकाश में नहीं
आई है। (ख) उत्तरांश
''क'' के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) उत्तरांश
''क'' के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता, धार
जिले के प्रश्नाधीन
कृषकों द्वारा
लगाये गये
सागौन
वृक्षों के पतन
हेतु
मध्यप्रदेश
लोक वानिकी
अधिनियम, 2001 तथा उसके
तहत बने नियम
तथा भू-राजस्व
संहिता 1959 की धारा 240 एवं 241 के
प्रावधानों
के तहत अनुमति
प्राप्त की जा
सकती है। (घ) उत्तरांश
''ग'' अनुसार।
जिला
मैहर में जिला
स्तरीय
अधिकारी एवं
स्टाफ की
पदस्थापना
[सामाजिक
न्याय एवं
दिव्यांगजन
कल्याण]
20.
( क्र. 2052 ) श्री
श्रीकान्त
चतुर्वेदी : क्या
सामाजिक न्याय
एवं दिव्यांगजन
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) नवगठित
जिला मैहर में
क्या सामाजिक
न्याय एवं
दिव्यांगजन
विभाग के जिला
स्तरीय
अधिकारी की मय
स्टॉफ पदस्थापना
कराये जाने की
प्रक्रिया
शासन स्तर में
प्रचलन में है? यदि हाँ, तो
जानकारी दी
जावे। यदि
नहीं तो क्यों कारण सहित
स्पष्ट किया
जावे। (ख) प्रश्नांश
(क) के प्रकाश
में क्या नवगठित
जिला मैहर के
अस्तित्व में
आने के बाद सुव्यवस्थित
प्रशासन
संचालन की
दृष्टि से उक्त
व्यवस्था कब
तक प्रारम्भ
करा दी जावेगी, समयावधि
बताएं? यदि नहीं
तो कारण सहित
जानकारी दी
जावें?
सामाजिक
न्याय एवं
दिव्यांगजन
कल्याण
मंत्री ( श्री
नारायण सिंह
कुशवाह ) : (क) जी
हाँ। नवगठित
जिला मैहर में
01 पद उप
संचालक, 01 पद सहायक
वर्ग-II एवं
03 पद सहायक
वर्ग-III के
नियमित पद स्वीकृत
किये जाने
हेतु
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
(ख) उत्तरांश
(क) के प्रकाश
में समयावधि
बताया जाना
संभव नहीं है।
शासन द्वारा
निर्धारित
प्रक्रिया का
पालन किया जा
रहा है।
नल-जल
योजना का
क्रियान्वयन
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
21.
( क्र. 2111 ) श्री
नितेन्द्र
बृजेन्द्र
सिंह राठौर : क्या लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) पृथ्वीपुर
विधानसभा में
जल जीवन मिशन
अंतर्गत नल-जल
योजना में
किस-किस गाँव
के लिये उक्त
योजना के तहत
कितनी-कितनी
राशि स्वीकृत
हुई? (ख) उक्त
योजना के
अंतर्गत
किस-किस गावों
में कार्य
कितने
प्रतिशत हुआ? किन-किन
गाँव में
कार्य पूर्ण
होकर घरों में
पानी मिलने
लगा? (ग) क्या कई
जगह केवल
पाइप-लाइन
बिछा कर छोड़
दिया गया तथा
कई जगह टंकी
का निर्माण ही
नहीं हुआ? (घ) कई
गांवों में
सम्पूर्ण
कार्य करने के
बाद नलकूप
खोदा गया जिसमें
पानी नहीं
निकला उसके
बाद उसे वैसे
ही छोड़ दिया? इसके लिये
कौन
जिम्मेदार है? क्या शासन
निष्पक्ष
जांच करायेगा?
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती संपतिया
उइके ) : (क) एकल
ग्राम नल-जल
योजनाओं एवं
समूह जल
प्रदाय
योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र- 01 एवं 02 अनुसार है।
(ख) एकल
ग्राम नल-जल
योजनाओं की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है।
समूह
जल प्रदाय
योजनांतर्गत
ग्रामवार
कार्य का
प्रतिशत
बताया जाना
संभव नहीं है, शेष जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-02 अनुसार है।
(ग) जी
नहीं, जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष
प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता है।
वन
विभाग द्वारा
भारत सरकार से
प्राप्त राशि का
उपयोग
[वन]
22.
( क्र. 2139 ) चौधरी
सुजीत मेर
सिंह : क्या राज्य
मंत्री, वन महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) वर्ष 2022-23 से प्रश्न
दिनांक तक आदिवासी
उप योजना
विशेष
केंद्रीय
सहायता मद जनजातीय
कार्य विभाग, भारत
सरकार की राशि
से वन विभाग
द्वारा किन-किन
वनमंडलों में
लाख उत्पादन
एवं
प्रशिक्षण तथा
मधुमक्खी
पालन और शहद
विपणन जैसे हितग्राही
मूलक
प्रशिक्षण
कार्य करवाए
गए हैं? (ख) कितनी-कितनी
राशि प्रश्नांश
(क) वर्णित
कार्यों में
व्यय की गई है? (ग) क्या
इन प्रशिक्षण
कार्यक्रमों
में प्रशिक्षण
हेतु किसी
एनजीओ को
चयनित किया
गया था? यदि हाँ तो
उसका नाम एवं
उसके चयन की
प्रक्रिया की
जानकारी दी
जावें। (घ) प्रश्नांश
(क) वर्णित
प्रशिक्षण
कार्यक्रमों
के बाद
लाभान्वित
हितग्राहियों
को क्या-क्या
लाभ हुआ?
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) : (क) प्रश्नाधीन
अवधि में किसी
भी वनमंडल में
आदिवासी उपयोजना
विशेष केन्द्रीय
सहायता मद जनजातीय
कार्य विभाग, भारत
सरकार की राशि
से लाख
उत्पादन एवं
प्रशिक्षण
तथा मधुमक्खी
पालन और शहद
विपणन जैसे हितग्राही
मूलक
प्रशिक्षण
कार्य नहीं
करवाये गये है।
(ख) से
(घ) उत्तरांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
रिश्वतखोरी
की शिकायत एवं
जांच संचालन
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
23.
( क्र. 2140 ) चौधरी
सुजीत मेर
सिंह : क्या लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह बताने
की कृपा
करेंगी कि (क) म.प्र.
विधानसभा के
पूर्व सदस्य
श्री किशोर
समरीते
द्वारा जल-जीवन
मिशन के
कार्यों में
भ्रष्टाचार
एवं रिश्वतखोरी
के सम्बन्ध
में माननीय
प्रधानमंत्री
जी से शिकायत
की थी जिसकी
जांच हेतु
मुख्य सचिव
कार्यालय को
पत्र भेजा गया
था। क्या मुख्य
सचिव
मध्यप्रदेश
के कार्यालय
से लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
विभाग के
प्रमुख सचिव
को या अवर
सचिव को
प्रतिवेदन
हेतु
निर्देशित
किया गया था? यदि हाँ तो
उस पत्र की
प्रति, साथ ही
प्रधानमंत्री
कार्यालय से
लिखे गए पत्र
की भी
छायाप्रति
साथ ही किशोर
समरीते द्वारा
की गई शिकायत
की भी प्रति
उपलब्ध कराने
का कष्ट करेंगे।
(ख) क्या
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
विभाग के कई ई.एन.सी.
द्वारा
विभागीय
मंत्री के
विरुद्ध शिकायत
की जांच हेतु
कोई पत्र लिखा
गया है? यदि हां, तो उसकी
प्रति उपलब्ध
कराएं। (ग) उक्त
शिकायत में
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
विभाग के
पूर्व
ई.एन.सी.श्री
बी.के.
सोनगरिया एवं
अकाउंटेंट
महेन्द्र खरे
के ऊपर भी
गंभीर आरोप
हैं तो क्या
लोक
स्वास्थ्य यांत्रिकी
विभाग के
द्वारा उनके
विरुद्ध भी कोई
जांच संस्थित
की गई है? (घ) केंद्र
सरकार द्वारा
जल जीवन मिशन
योजना लागू
होने के बाद
से आज दिनांक
तक कितनी राशि
मध्यप्रदेश को
प्रदान की गई
है? प्रदान
की गई राशि की
वर्षवार
जानकारी
उपलब्ध
प्रदान करने
की कृपा करें।
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके )
:
(क) एवं (ख) जी
नहीं। शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) उत्तरांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
वन
विभाग की भूमि
का राजस्व भूमि
में अंतरण
[वन]
24.
( क्र. 2180 ) डॉ. योगेश
पंडाग्रे : क्या राज्य
मंत्री, वन महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रश्नकर्ता
को प्रश्न
क्रमांक 654 दिनांक 18 मार्च 2025 के संलग्न
परिशिष्ट में
बताई गई
अनुपयुक्त भूमि
या वनखण्डों
के बाहर छोड़ी
गई भूमि में
से कितनी भूमि
एवं वनखण्डों
में शामिल
बताई गई भूमि
में से कितनी
भूमि वन विभाग
ने वर्ष 1965 एवं वर्ष 1971 एवं वर्ष 1975 तथा वर्ष 1990 में
राजस्व विभाग
को अन्तरित की
गई? (ख) वर्ष 1965 वर्ष 1966 वर्ष 1971 एवं वर्ष 1975 में
राजस्व विभाग
को अन्तरित की
गई कितनी भूमि
को किन-किन
कारणों से
राजपत्र में
भा.व.अ.1927 की
धारा 34अ
के अनुसार प्रश्नांकित
दिनांक तक भी डिनोटिफाइड
नहीं किया गया, डिनोटिफाइड
नहीं करने का
क्या कारण रहा
है? (ग) वर्ष 1965 वर्ष 1966 वर्ष 1971 वर्ष 1975 एवं वर्ष 1990 में
राजस्व विभाग
को अन्तरित
कितनी भूमि की
प्रविष्टि, एरिया
रजिस्टर, वनकक्ष
इतिहास, वनकक्ष
मानचित्र में
किन-किन
कारणों से प्रश्नांकित
दिनांक तक भी
दर्ज नहीं की
गई है? (घ) श्री मनोज
अग्रवाल
पी.सी.सी.एफ.
वर्किंग
प्लान ने पत्र
817 दिनांक 6 मई 2025 से
अन्तरित, आवंटित
जमीनों की
प्रविष्टि
दर्ज करने बाबत्
क्या
निर्देश दिए
है।
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) : (क) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-एक
में है। (ख) मध्यप्रदेश
शासन, वन
विभाग के अर्ध
शासकीय पत्र
क्रमांक 14470/10/65 दिनांक 23.10.1965 एवं
क्रमांक/1705/10/71 दिनांक 02.04.1971 के अनुसार
क्रमश: "अधिक
अन्न उपजाऊ
योजना" एवं
"कृषि योग्य
वनक्षेत्र
योजना" के
अंतर्गत
तत्समय वनभूमि
राजस्व
विभाग को
अंतरित किए
जाने से
डिनोटिफाई
नहीं की गई
हैं। (ग) राजस्व
विभाग को
अंतरित
वनभूमि की
जानकारी वन
अभिलेखों में
संधारित है। अतः
शेष का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-दो
में है।
वनमडंल
द्वारा प्रस्तुत
की जाने वाली
अपील
[वन]
25.
( क्र. 2181 ) डॉ. योगेश
पंडाग्रे : क्या राज्य
मंत्री, वन महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) अनुविभागीय
अधिकारी एवं
पदेन वन
व्यवस्था पन
अधिकारी
इटारसी के
द्वारा ग्राम
खटामा की निजी
भूमि को पृथक
करने के आदेश
की अपील भा.व.अ.1927 की धारा 18 के अनुसार
किस दिनांक को
किसके समक्ष
प्रस्तुत की
गई, अपील
प्रस्तुत
करने की कानून
में क्या
समय-सीमा दी
गई है। (ख) ग्राम
खटामा के
किसानों
द्वारा ऑनलाइन
विधानसभा प्रश्न
क्रमांक 359 दिनांक 20/12/2024 की प्रति
संलग्न कर
कलेक्टर
नर्मदापुरम
के समक्ष किस
दिनांक को
क्या-क्या
आवेदन दिया है, उस आवेदन
पर कलेक्टर
नर्मदापुरम
ने किस दिनांक
को क्या आदेश
किया प्रश्न
क्रमांक 359 में पटल पर
क्या-क्या
जानकारी दी गई।
(ग) कलेक्टर
नर्मदापुरम
को निजी भूमि
से संबंधित
पत्र क्र. 974/एफ 25-08/2015/10-3 दि. 01/06/2015 पत्र
क्रमांक एफ. 25-08/2015/10-3 दि.
04/06/2015,
पत्र
क्रमांक एफ-09-0001/2023/10-3/8
दि. 08/01/2024 की प्रति
किस-किस
दिनांक को
मिली इन
पत्रों में
क्या निर्देश
शासन ने दिए
उनका पालन
कलेक्टर
नर्मदापुरम
द्वारा नहीं
करने का क्या
कारण है। (घ) वनखण्ड
के बाहर की गई
निजी भूमि को
कलेक्टर किस
आधार पर वन
भूमि मानकर
वर्तमान में
सुनवाई एवं
कार्यवाही कर
रहे है।
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) : (क) भारतीय
वन अधिनियम, 1927 की धारा 18 के तहत
अपील का
प्रावधान
नहीं है, अपितु
धारा 17
में अपील का
प्रावधान है। प्रश्नाधीन
भूमि के वनखंड
से पृथक करने
का आदेश प्राप्त
होने के
उपरांत
दिनांक 05/08/2024 को
वनमंडलाधिकारी
सामान्य
वनमंडल, नर्मदापुरम
ने कलेक्टर नर्मदापुरम
के समक्ष अपील
प्रस्तुत की
है, भारतीय
वन अधिनियम, 1927 की धारा 17 में तीन
माह की
समय-सीमा
निर्धारित है।
(ख) एवं
(ग) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है। (घ) कलेक्टर
नर्मदापुरम
अपील की विधिक
व्यवस्था के
आधार पर
सुनवाई कर रहे
है। भारतीय वन
अधिनियम 1927 की धारा 4 के
अधिसूचित वनखंड
का आंशिक वन
व्यवस्थापन
आदेश जारी
किया गया है, अतः पूर्ण
वनखंड का वन
व्यस्थापन का
आदेश जारी
करने हेतु
अनुविभागीय
अधिकारी
राजस्व एवम पदेन
वन
व्यवस्थापन
अधिकारी, इटारसी को
राज्य शासन
द्वारा
निर्देशित
किया गया है।
वन
मंडलाधिकारी
के विरूद्ध
कार्यवाही
[वन]
26.
( क्र. 2182 ) डॉ. योगेश
पंडाग्रे : क्या राज्य
मंत्री, वन महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
प्रश्न
क्रमांक 359 दिनांक 20/12/2024 में दी गई
स्पष्ट
जानकारी के
बाद भी ग्राम
खटामा की निजी
भूमि में
संबंधित आदेश
दिनांक 06/06/2022 बाबत् गलत
शपथ पत्र दिया
जाकर 26
माह बाद अपील
कर भा.व.अ.1927 की धारा 18 का भी
उल्लंघन के
विरूद्ध वन
मुख्यालय एवं
राज्य
मंत्रालय ने प्रश्नांकित
दिनांक तक भी
कोई
अनुशसनात्मक
कार्यवाही भी
नहीं की है। (ख) दिनांक
06/06/2022 के आदेश की
प्रति वनमंडल
को दिनांक 08/06/2022 को उपलब्ध
हो जाने के
बाद भी 26 माह बाद
अपील किए जाने
का क्या कारण
रहा है, अपील से
संबंधित धारा 18 का
उल्लंघन करने
का क्या कारण
रहा है, इस संबंध
में वन
मुख्यालय एवं
राज्य
मंत्रालय ने
अपील करने
वाले
वनमंडलाधिकारी
के विरूद्ध कब
और क्या
कार्यवाही की
है किस दिनांक
को पत्र जारी
कर
स्पष्टीकरण
मांगा है। (ग) ग्राम
खटामा की निजी
भूमि से काटी
गई वनोपज के
कितने मूल्य
का भुगतान
वनमंडलाधिकारी
ने क्षेत्रीय
वनवृत
नर्मदापुरम
एवं वन
मुख्यालय
भोपाल के किस
पत्र दिनांक
के कारण नहीं
किया, कब
तक लकड़ी का
भुगतान किसान
को कर दिया
जावेगा?
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) : (क) जी
नहीं। (ख) ग्राम
खटामा की प्रश्नाधीन
भूमि वनखंड
खोरी का भाग
है जिसका
आंशिक व्यवस्थापन
किया गया है, पूर्ण वन
व्यवस्थापन
नहीं किया है, इस कारण
भारतीय वन
अधिनियम 1927 की धारा 17 के तहत
अपील की गई है, अत: शेष का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) काष्ठ
के मूल्य की
राशि रूपये 51,88,924/- वनमंडल के
शासकीय पी.डी.
खाता में जमा
है। वन
व्यवस्थापन
अधिकारी ने प्रश्नाधीन
वनखंड का
पूर्ण वन
व्यवस्थापन
नहीं कर आंशिक
वन
व्यवस्थापन
किया है। अतः
राज्य शासन, वन विभाग
ने उन्हें वनखंड
का पूर्ण वन
व्यवस्थापन
करने हेतु निर्देशित
किया है। वन
व्यवस्थापन
की कार्यवाही अर्द्ध-न्यायिक
जांच में है। अत:
समय-सीमा
बताना संभव
नहीं है।
मध्यप्रदेश
राज्य अनु. जनजाति
आयोग में
नियुक्तियां
[जनजातीय
कार्य]
27.
( क्र. 2240 ) श्री अजय
अर्जुन सिंह : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश
राज्य
अनुसूचित
जनजाति आयोग
में अध्यक्ष
तथा सदस्यों
के कितने पद
हैं? (ख) उपरोक्त
में से
कौन-कौन से पद
रिक्त किस-किस
दिनांक से
रिक्त हैं? (ग) इस
आयोग में वर्ष
20-21 से वर्ष 2024-25 और चालू
वर्ष में प्रश्न
दिनांक तक
कितनी-कितनी
शिकायतें/आवेदन
प्राप्त हुए
हैं? (घ) क्या
राज्य
अनुसूचित
जनजाति आयोग
में अध्यक्ष
तथा सदस्यों
के पद रिक्त
होने के कारण
आयोग में अपनी
शिकायत लेकर
जाने वाले
पीड़ितों की
सुनवाई पूरी
तरह बंद है? (ड.) यदि
हाँ तो कब तक
इस आयोग में
रिक्त पदों पर
नियुक्ति की
जायेगी?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) मध्यप्रदेश
राज्य अनुसूचित
जनजाति आयोग
में अध्यक्ष
तथा सदस्यों
के निम्नानुसार
पद है:-
अशासकीय :- अध्यक्ष
– 01
पद, सदस्य
- 02
पद, शासकीय
सदस्य:-
आयुक्त
जनजातीय
कार्य (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट -
'अ'
अनुसार
है।
(ग) जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट- 'ब'
अनुसार
है।
(घ) जी नहीं। आयोग
के अध्यक्ष
तथा सदस्यों
की
अनुपस्थिति में
सुनवाई आयोग
के सचिव
द्वारा की
जाती है। (ड.) मध्यप्रदेश
राज्य
अनुसूचित
जनजाति आयोग
अधिनियम 1995 अतंर्गत
गठन किया जाता
है।
आदिवासी
समुदाय के देव
स्थलों का
संरक्षण
[जनजातीय
कार्य]
28. ( क्र.
2257 ) श्रीमती
गंगा सज्जन
सिंह उईके : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
म.प्र. शासन
द्वारा
आदिवासी
समुदाय के देव
स्थलों को
संरक्षित
करने की योजना
बनाई रही है
अथवा योजना है?
(ख) यदि
हाँ तो किस-किस
जिले में देव
स्थलों का चयन
किया जा चुका
है। सूची
देवें। (ग) बैतूल
जिले में गौड़
समुदाय के
देवस्थलों को
संरक्षित
करने हेतु
क्या प्रयास
किये गये तथा
आगामी क्या
योजना है
जानकारी दें।
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) :
(क) जी हां,
विभाग
अंतर्गत योजना
क्रमांक 9853
अनुसूचित
जनजाति संस्कृति
का परिरक्षण
विकास एवं
देवठान योजना
संचालित है। (ख) जिलों से
देवस्थलों
की सूची
संबंधी जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट
अनुसार
है। (ग) विभाग
द्वारा योजना
क्रमांक 9853
अनुसूचित
जनजाति संस्कृति
का परिरक्षण विकास
एवं देवठान
योजना
अंतर्गत लघु
निर्माण
कार्य मद का
प्रावधान
नहीं होने से
बैतूल जिले
में गौड़
समुदाय के
देवस्थलों
को संरक्षित
करने की कोई
कार्य योजना
तैयार नहीं की
गई, शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
गोदाम
के किराये का
भुगतान
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं उपभोक्ता
संरक्षण]
29.
( क्र. 2299 ) श्री
देवेन्द्र
कुमार जैन : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जिला
शिवपुरी में
म.प्र.वेयर
हाउसिंग एण्ड
लॉजिस्टिक
कार्पोरेशन
द्वारा
संयुक्त
भागीदारी
योजनांतर्गत
वर्ष 2021-22
में गेहूँ का
भण्डारण करने
हेतु किन-किन
वेयरहाउस
संचालकों से
किराये का
अनुबंध किया
गया था? उक्त
अनुबंध कितनी
समयावधि हेतु
किस दर पर किया
गया था? सूची
उपलब्ध
करावें। (ख) प्रश्नांश
(क) के अनुसार
अनुबंध के
अनुरूप
वेयरहाउस
संचालकों को
निर्धारित
अवधि में कुल
कितनी-कितनी किराये
की राशि का
भुगतान किया
जाना निश्िचत
किया गया था? प्रश्न
दिनांक तक किन-किन
वेयरहाउस
संचालकों को
कितनी-कितनी
राशि का
भुगतान किया
जा चुका है
तथा किन-किन
की कितनी-कितनी
राशि का
भुगतान किया
जाना शेष है? सूची
उपलब्ध
करावें। (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) अनुसार
अभी तक किराये
की बकाया/शेष
राशि का भुगतान
क्यों नहीं
किया गया
सकारण उत्तर
दें तथा जानकारी
दे कि किस निश्िचत
समयावधि में
बकाया/शेष
राशि का
भुगतान
संबंधितों को
कर दिया जावेगा?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) से
(ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
शासकीय
उचित मूल्य
दुकानों के
विरूद्ध
निर्मित
प्रकरण
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
30. ( क्र. 2314 ) कुँवर
अभिजीत शाह : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जिला
हरदा में विगत
03 वर्षों
में किन-किन
उचित मूल्य
दुकानों के विरूद्ध
प्रकरण
निर्मित किये
गये हैं? दुकान
का नाम, पता, दोषी
का नाम, प्रकरण
की वर्तमान
स्थिति, अधिरोपित
जुर्माना/अर्थदण्ड, कारावास
(यदि हो तो) की
जानकारी तथा
सक्षम
प्राधिकारी
द्वारा जारी
अंतिम आदेश की
प्रति सहित जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ख) प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित
प्रकरणों में
से किन-किन
प्रकरणों में
अंतिम आदेश
पारित होना
शेष है? इन
प्रकरणों की
प्रकरण
निर्मित
दिनांक की जानकारी
भी प्रदान की
जावे। प्रकरण
निर्मित किये
जाने के
अधिकतम कितने
दिनों में
सक्षम
प्राधिकारी
द्वारा अंतिम
आदेश पारित
किये जाने का
प्रावधान है? (ग)
प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित
प्रकरणों में
से किन प्रकरणों
में सक्षम
प्राधिकारी
द्वारा आदेश पारित
किये जाने के
उपरांत भी
दोषी द्वारा
अर्थदण्ड/जुर्माना
शासन हित में
जमा नहीं किया
गया है? (घ) प्रश्नांश
(ग) में
उल्लेखित
प्रकरणों में
सक्षम प्राधिकारी
द्वारा क्या
दोषी की
संपत्ति से
कुर्की किये
जाने हेतु कोई
कार्यवाही की
गई है? यदि
हाँ तो कब तक
नीलामी कर
राशि शासन हित
में जमा करा
दी जावेगी? यदि
नहीं तो क्यों?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) जिला
हरदा में विगत
03 वर्षों में
जिन उचित मूल्य
दुकानों के
विरूद्ध
प्रकरण
निर्मित किये
गये है उसकी
ब्लॉकवार
जानकारी तथा
सक्षम
प्राधिकारी
द्वारा जारी
अंतिम आदेश की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है।
(ख) प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित
प्रकरणों में
से ब्लॉक
हरदा के 02 प्रकरण
में अंतिम
आदेश पारित
होना शेष हैं।
उक्त प्रकरण
दिनांक 02.05.2025 को
निर्मित किया
गया है जिस पर
कार्यवाही
प्रचलन में है।
म.प्र.
सार्वजनिक
वितरण
प्रणाली के (नियंत्रण)
आदेश 2015 के
अन्तर्गत 3 माह में
अंतिम आदेश
पारित किये
जाने का प्रावधान
है। (ग) प्रश्नांश
(क) में उल्लेखित
प्रकरणों में
से जिन
प्रकरणों में
सक्षम
प्राधिकारी
द्वारा आदेश
पारित किये
जाने के
उपरांत भी
दोषी द्वारा
अर्थदण्ड/जुर्माना
शासन हित में
जमा नहीं किया
गया है जिसकी जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश
(ग) में
उल्लेखित
प्रकरणों में
सक्षम
अधिकारी
द्वारा उचित
मूल्य
दुकानों पर
पाई गयी
अनियमितता के
कारण दण्ड
राशि
अधिरोपित की
गई है। पंजीबद्ध
प्रकरणों में
जिनके द्वारा
राशि जमा किये
जाने के अवसर
प्रदान करने
के बाद भी
राशि जमा नहीं
की गई है, उनके
विरूद्ध
कुर्की की
कार्यवाही की
जा रही है। निश्िचत
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
वन
मित्र पोर्टल
एवं वनाधिकार
समिति
[जनजातीय
कार्य]
31.
( क्र. 2315 ) कुँवर
अभिजीत शाह : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मध्य
प्रदेश सरकार
ने व्यक्तिगत
दावों के लिए
वन मित्र
पोर्टल पर
दावे दाखिल
करने हेतु क्या
कार्यवाही की
है? पिछले
एक वर्ष में
कुल कितने
दावे दाखिल
हुए है? क्या
सरकार व्यक्तिगत
दावों को
पोर्टल पर
दाखिल करने की
प्रक्रिया को
बंद करने जा
रही है? (ख) वन
अधिकार
अधिनियम के
तहत मध्य
प्रदेश में अब
तक कितने
ग्रामों में
वन अधिकार
समितियों (FRCs) का गठन हुआ
है, जिसमें
दो-तिहाई
सदस्य
आदिवासी
समुदाय से है? (ग) वन
अधिकार
समितियों की
कार्यवाही
(प्रोसिडिंग) का
रिकॉर्ड
किसके पास रखा
जाता है और
इसकी निगरानी
कौन करता है? (घ) मध्य
प्रदेश में वन
मित्र पोर्टल
व्यक्तिगत दावों
के लिए कितने
दिनों तक खुला
रहता है, और क्या
सरकार इसे
नियमित रूप से
उपलब्ध रखने की
योजना बना रही
है।
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) वन
अधिकार के व्यक्तिगत
दावे वनमित्र
पोर्टल
ऑनलाईन दर्ज किये
जाने की
सुविधा उपलब्ध
है। मध्यप्रदेश
शासन जनजातीय
कार्य विभाग
के पत्र दिनांक
07.04.2025 के द्वारा
दावेदार की
सुविधा
अनुसार ऑफलाइन
दावे स्वीकार
करने तथा उनको
संबंधित
ग्राम पंचायत
के सचिव/रोजगार
सहायक के
द्वारा
पोर्टल पर ऑनलाइन
किये जाने के
दिये गये
निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट – एक अनुसार
है। पिछले
एक वर्ष में
दर्ज दावों की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट – दो अनुसार
है। जी
नहीं। (ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट – तीन
अनुसार है। वन अधिकार
अधिनियम 2006 के
अंतर्गत
निर्मित वन
अधिकारों की
मान्यता
नियम 2008 के
नियम 3 के
प्रावधान
अनुसार वन
अधिकार
समितियों का गठन
किया गया है। (ग) यथा
स्थिति ग्राम
वन अधिकार
समिति, उपखण्ड
स्तर समिति
एवं जिला स्तर
समिति के सचिव
के पास
रिकॉर्ड रखा
जाता है एवं
इसकी निगरानी
समिति करती है।
(घ) वनमित्र
पोर्टल
नियमित रूप से
खुला रहता है
एवं नियमित
रूप से उपलब्ध
है। मध्यप्रदेश
राज्य इलेक्ट्रॉनिक
विकास निगम के
द्वारा नवीन
पोर्टल का निर्माण
कराया जा रहा
है।
राशन
माफियाओं पर
कार्यवाही
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
32.
( क्र. 2328 ) श्री जगन्नाथ
सिंह रघुवंशी
: क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) वर्ष
2020 से प्रश्न
दिनांक चन्देरी
विधानसभा की
समस्त
शासकीय उचित
मूल्य की
दुकानों का वितरण
का प्रतिशत
देवें। दुकान
के संचालक का
नाम व समिति
प्रबंधक का नाम
अथवा समूह का
नाम का विवरण
भी देवें। (ख) प्रश्नांश
(क) में
दुकानों के
कितने उपभोक्ताओं
द्वारा सेल्समेन
द्वारा राशन
वितरण न करने, राशन की
कालाबाजारी व
दुकान बंद
रखने की शिकायत
की गई है तथा उन
पर क्या
कार्यवाही की
गई है संपूर्ण
कार्यवाही के विवरण
की छायाप्रति
देवें। (ग) प्रश्नांश
(ख) में कितने
सेल्समेन
दोषी पाये गये
है। सभी की
सूची देवें
एवं क्या
राशन की
कालाबाजारी
करने वाले
सेल्समेनो
पर वसूली की
कार्यवाही
प्रचलित में
है यदि हाँ, तो कितनी
वसूली प्रश्न
दिनांक तक की
गई है। (घ) वर्ष-2020 से प्रश्न
दिनांक चन्देरी
विधानसभा की
समस्त
शासकीय उचित
मूल्य की
दुकानों के
सेल्समेन के
नाम मोबाईल नं. व सहकारी
समिति व समूह
का नाम जिसके
द्वारा दुकान
संचालित की जा
रही है। अन्य
पंचायतों में
संलग्न की गई
उचित मूल्य
की दुकानों की
जानकारी देवें।
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) अशोकनगर
जिले की
चंदेरी
विधानसभा की
उचित मूल्य
दुकानों से
वर्ष 2020 से प्रश्न
दिनांक तक
दुकानवार
खाद्यान्न
वितरण का
प्रतिशत, दुकान
संचालक/समिति
प्रबंधक का नाम, दुकान
संचालन करने
वाला संस्था/समूह
के नाम की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–अ अनुसार
है। (ख) वर्ष 2020 से प्रश्न
दिनांक तक
राशन का वितरण
न करने, कालाबाजारी
करने, दुकान
बंद रखने की
प्राप्त
शिकायत एवं उन
पर की गई
कार्यवाही की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–ब अनुसार
है। (ग) वर्ष 2020 से प्रश्न
दिनांक तक
राशन का वितरण
न करने, कालाबाजारी
करने, दुकान
बंद रखने के
प्रकरणों में
दोषी पाए गए विक्रेताओं
एवं
कालाबाजारी
की गई मात्रा
की वसूली योग्य
राशि एवं वसूल
की गई राशि की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–स अनुसार
है। (घ) चंदेरी
विधानसभा में
वर्ष 2020 से प्रश्न
दिनांक तक
सहकारी समिति
एवं समूहवार
द्वारा संचालित
उचित मूल्य
दुकानों पर
कार्यरत
विक्रेता के
नाम एवं मोबाइल
नंबर की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–द अनुसार
है। अन्य
ग्राम पंचायत
में संलग्न
की गई उचित
मूल्य
दुकानों की
जानकारी
निरंक है।
मक्का
खरीदी
केन्द्र खोला
जाना
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
33.
( क्र. 2346 ) श्री जयंत
मलैया : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि दमोह
जिले में
पिछले कुछ
वर्षों से
मक्का
उत्पादन में
वृद्धि हुई है।
प्रश्नकर्ता
ने दमोह जिले
में मक्का
खरीदी
केन्द्र खोले
जाने हेतु
आपको
पत्राचार
किया था। परन्तु
आज दिनांक तक
जानकारी
प्राप्त नहीं
हुई। इस संबंध
में क्या
कार्यवाही की
जा रही है?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : जी हाँ। दमोह
जिले में विगत
खरीफ विपणन
वर्ष 2023
एवं 2024 की
क्षेत्राच्छादन, उत्पादन
उत्पादकता
की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
प्रदेश
में खरीफ
विपणन वर्ष 2016-17 तक समर्थन
मूल्य पर
मक्का
उपार्जन किया
गया है। भारत
सरकार की नीति
अनुसार
समर्थन मूल्य
पर उपार्जित
मक्का को
लक्षित सार्वजनिक
वितरण
प्रणाली
अंतर्गत
पात्र परिवारों
को वितरण की
अनिवार्यता, सरप्लस
मक्का को
केन्द्रीय
पूल में
प्राप्त न
करने, मक्का
की सेल्फ लाईफ
सीमित होना
तथा मक्का उपार्जन
अनुसार
लक्षित
सार्वजनिक
वितरण प्रणाली
में खपत न
होने के कारण
मक्का का
उपार्जन नहीं
किया जा रहा
है। जिले में
मक्का
उपार्जन केन्द्र
खोले जाने का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
धान
खरीदी केन्द्र
की जानकारी
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
34.
( क्र. 2350 ) श्री
सिद्धार्थ
सुखलाल
कुशवाहा [डॉ.
राजेन्द्र
कुमार सिंह] : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) सतना
जिले में
विपणन वर्ष 2024-25 में धान
खरीदी के
कितने केंद्र
बनाए गए थे? (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
क्या धान
उपार्जन नीति
के तहत जारी Sop की कंडिका 7.1 के किसी
खंड में पूर्व
वर्षों की
किसी अपात्र
संस्था या
उसके उपार्जन
केंद्र
प्रभारियों को, जिस पर
पूर्व वर्षों
की राशि बकाया
हो, उपार्जन
देने का
प्रावधान था? यदि हाँ तो
नियमावली की
प्रति दें। यदि
नहीं तो क्या
सीईओ
डीसीसीबी
सतना द्वारा अनियमितता
में संलिप्त
कर्मचारियों
से पोस्ट
डेटेड चेक
लेकर उपार्जन
कार्य दिया
गया? यदि
हाँ तो कितनी
संस्थाओं से
कितने नाम पर
चेक लेकर उपार्जन
कर दिया गया? क्या
उपार्जन नीति
में ऐसा
प्रावधान था? यदि हाँ तो
नियम की प्रति
दें। (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
परिप्रेक्ष्य
में क्या आज
दिनांक तक ऐसे
पोस्ट डेटेड
चेकों की राशि
की वसूली हो
गई? यदि
हाँ तो कब-कब, कितनी-कितनी
राशि की वसूली
हुई और यदि
नहीं हुई तो
क्यों? कारण सहित
जानकारी दी
जावे। (घ) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
परिप्रेक्ष्य
में क्या
उपार्जन नीति
के विरुद्ध
धान खरीदी
केंद्र बनाने
की अनुशंसा
करने वाले
जिम्मेदार
अधिकारियों
के विरुद्ध
अनुशासनात्मक
कार्यवाही की
जावेगी? यदि हाँ तो
कब तक में
समयावधि
बताएं। यदि
नहीं तो क्यों?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) सतना
जिले में खरीफ
विपणन वर्ष 2024-25 में
समर्थन मूल्य
पर धान
उपार्जन हेतु 106 खरीदी
केन्द्र
निर्धारित
किए गए थे। (ख) जी
नहीं। उपार्जन
नीति के तहत
पूर्व वर्षों
की किसी अपात्र
संस्था एवं
अपात्र संस्था
के उपार्जन
केन्द्र
प्रभारी को
उपार्जन
कार्य देने का
प्रावधान
नहीं था। खरीफ
विपणन वर्ष 2024-25 में जारी
उपार्जन नीति
की कंडिका 7.1 के
प्रावधान के
अनुसार विगत 4 सीजन (विगत 2 खरीफ एवं 2 रबी) में
उपार्जित
मात्रा एवं स्वीकृत
मात्रा में 0.5 प्रतिशत
से अधिक के
अंतर नहीं
होने से पात्र
सेवा सहकारी
संस्थाओं को
उपार्जन का
कार्य दिया
गया है। उपार्जन
केन्द्र
निर्धारण के
दौरान अतिरिक्त
सुरक्षा की
दृष्टि से 05 संस्थाओं
के विगत 04 सीजन के
पूर्व वर्षों की
शार्टेज की
राशि जमा हो
सके इस हेतु
संबंधित संस्थाओं
से शपत्र पत्र
एवं पोस्टडेटेड
चेक मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी, जिला
सहकारी केन्द्रीय
बैंक सतना
द्वारा जमा
कराया जाकर
उपार्जन
समिति के
समक्ष प्रस्तुत
किया गया। पूर्व
वर्षों में
अनियमितता
में संलिप्त
व दोषी पाए
जाने वाली
किसी संस्था
के कर्मचारी, प्रबंधक/ऑपरेटर
को उपार्जन
कार्य में
संलग्न नहीं
किया गया। (ग) उत्तरांश
(क) एवं (ख) के
प्रकाश में
उपार्जन अवधि
समाप्त हो
जाने के
उपरांत पूर्व
वर्षों की
शार्टेज मात्रा
की राशि जमा
हो सके, इस हेतु
संबंधित संस्थाओं
से जमा कराए
गए पोस्ट
डेटेड चेक के
विरूद्ध सेवा
सहकारी समिति, मढ़ीकला
द्वारा राशि
रू.4
लाख एवं सेवा
सहकारी समिति, दलदल
द्वारा रू. 5 लाख एवं
सेवा सहकारी
समिति कोठी रू.3 लाख की
राशि जमा कराई
जा चुकी है। शेष
शार्टेज राशि
जमा कराए जाने
की कार्यवाही
प्रचलित है। (घ) सतना
जिले में खरीफ
विपणन वर्ष 2024-25 में जारी
उपार्जन नीति
अनुसार जिला
उपार्जन समिति
द्वारा
उपार्जन केन्द्रों
का निर्धारण
किया गया है। उपार्जन
नीति के
विपरीत किसी
संस्था को
उपार्जन
कार्य का
दायित्व
नहीं दिया गया
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
भील
समाज द्वारा
पृथक राज्य
भील प्रदेश की
माँग
[जनजातीय
कार्य]
35.
( क्र. 2548 ) श्री कमलेश्वर
डोडियार : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) राज्य
सरकार को भील
समाज द्वारा
पृथक राज्य भील
प्रदेश की
माँग किए जाने
की जानकारी है? यदि हाँ, तो राज्य
सरकार द्वारा
इस संबंध में
अब तक क्या
कार्यवाही की
गई है? राज्य
सरकार ने इस
मांग के
संदर्भ में
कोई रिपोर्ट
या प्रस्ताव
केंद्र सरकार
को भेजा है? (ख) प्रश्नकर्ता
विधायक
द्वारा एक नए
राज्य भील
प्रदेश बनाए
जाने के लिए
माननीय
मुख्यमंत्री
मध्यप्रदेश
शासन भोपाल को
पत्र लिखे गए
थे? यदि
हाँ तो प्रश्नकर्ता
विधायक
द्वारा लिखे
गए पत्र पर उत्तर
प्रस्तुत
करने की
दिनांक तक
क्या कार्यवाही
की गई? (ग) सरकार
आदिवासी
समुदाय की
मांग को
सामाजिक, ऐतिहासिक
एवं
संवैधानिक
पृष्ठभूमि की
समीक्षा करने
हेतु कोई
समिति गठित
करने पर विचार
कर रही है? सरकार का
पृथक भील
प्रदेश राज्य
के गठन की मांग
पर क्या
स्पष्ट रुख है? (घ) क्या
सरकार की मंशा
भील समुदाय के
ऐतिहासिक, सामाजिक व
सांस्कृतिक
अधिकारों की
रक्षा हेतु
पृथक राज्य
"भीलप्रदेश"
के गठन की है? यदि हाँ, तो इसके
लिए अब तक
क्या
कार्यवाही की
गई है?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) जी
हाँ, नये
राज्य का गठन
भारत के
संविधान के
अनुच्छेद 3 के अनुसार
संसद द्वारा
किया जाता है, शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) एवं
(घ) उत्तरांश
(क) अनुसार।
औद्योगिक
इकाइयों से
पर्यावरणीय
नुकसान
[पर्यावरण]
36.
( क्र. 2579 ) श्री
दिनेश गुर्जर
: क्या राज्य
मंत्री, पर्यावरण
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
पर्यावरण
विभाग के
संज्ञान में
है कि मुरैना
विधानसभा
क्षेत्र में
संचालित कुछ
फैक्ट्रियाँ
दिन-रात ऐसा
धुआँ उगल रही
हैं मानो बादल
फैक्ट्री खुल
गई हो, जिससे
न केवल हवा
जहरीली हो रही
है, रसायन
और ठोस
अपशिष्ट
लगातार वायु, जल और भूमि
को प्रदूषित
कर रहा है, जिससे
स्थानीय
जनजीवन, खेतों की
उपज और
जलस्रोतों पर
प्रतिकूल
प्रभाव पड़
रहा है? (ख) क्या
मुरैना
क्षेत्र की इन
औद्योगिक
इकाइयों को
मिली
पर्यावरणीय
मंज़ूरी, अपशिष्ट
प्रबंधन, और
उत्सर्जन
मानकों की
अंतिम तकनीकी
रिपोर्ट कब
बनाई गई थी? क्या वह
निरीक्षण
केवल कागज़ पर
हुआ या
ज़मीनी जाँच
भी हुई? निरीक्षण
रिपोर्ट
प्रस्तुत
करें। (ग) क्या
कुछ
फैक्ट्रियाँ
बिना किसी
प्रभावी प्रदूषण
नियंत्रण
यंत्रों के
काम कर रही
हैं? ऐसे
दोषी
संस्थानों की
नामवार सूची
और उन पर की गई
कार्यवाही की
जानकारी
उपलब्ध
कराएं। (घ) क्या
विभाग यह
सुनिश्चित
करेगा कि
मुरैना क्षेत्र
में सभी
फैक्ट्रियों
की स्वतंत्र
एजेंसी से
पुनः जाँच
कराई जाए, साथ ही
प्रदूषण
नियंत्रण
हेतु CCTV निगरानी, ऑनलाइन
उत्सर्जन
रजिस्टर, और
जन-सहभागिता
समिति की
व्यवस्था
लागू की जाएगी? क्या उक्त
फैक्ट्रियों
में ECIP (इलेक्ट्रॉनिक
कंट्रोल और
इंस्ट्रूमेंटेशन
पैनल) या
क्लीन-इन-प्लेस
(CIP)
सिस्टम
का उपयोग किया
जा रहा है यदि
नहीं तो क्यों
नहीं?
राज्य
मंत्री, पर्यावरण (
श्री दिलीप
अहिरवार ) : (क) मध्यप्रदेश
प्रदूषण
नियंत्रण
बोर्ड द्वारा समय-समय
पर किये गये
निरीक्षणों
में वायु
प्रदूषण करने
वाली इकाइयों
के विरूद्ध
कार्यवाही की
गई है। वर्तमान
में ऐसी
स्थिति नहीं
है। (ख) नियमानुसार
निरीक्षण
किया गया है। जानकारी
पुस्तकालय (पेन
ड्राइव) में
रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय (पेन
ड्राइव) में
रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (घ) आवश्यकता
नहीं है। सत्रह
प्रकार के अत्यंत
प्रदूषणकारी
उद्योगों में
पीटीजेड कैमरा, ऑनलाईन
उत्सर्जन
मॉनिटरिंग
उपकरण स्थापित
किये जाने का
प्रावधान
निहित होता
है। जन सहभागिता
समिति की व्यवस्था
का कोई
प्रावधान जल
(प्रदूषण
निवारण तथा
नियंत्रण)
अधिनियम, 1974 एवं वायु
(प्रदूषण
निवारण तथा
नियंत्रण)
अधिनियम, 1981 में नहीं
है। उद्योगों
की श्रेणी के
आधार पर उपयोग
किया जा रहा
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
वन
अपराधों में
नियमानुसार
कार्यवाही
[वन]
37.
( क्र. 2583 ) श्री
यादवेन्द्र
सिंह : क्या राज्य
मंत्री, वन महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि
(क) क्या उप
वनमंडल
अधिकारी
"मामौन गेट"
टीकमगढ़
म.प्र. द्वारा
पत्र क्र. 2024/284 टीकमगढ़
दिनांक 13.02.2024 वन
परिक्षेत्र
अधिकारी
जतारा को
प्रेषित किया
था? (ख) यदि हाँ तो
क्या प्रश्नांश
(क) में
वर्णित
अपराधों में
बिना डी.एफ.ओ.
या एस.डी.ओ. की
अनुमति बगैर
चालान
न्यायालय में
प्रस्तुत कर
दिये, क्यों? (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) में
वर्णित
अपराधों का
नियमानुसार
निपटारा न
करने से विभाग
को कितनी हानि
हुई? बतावें। (घ) प्रश्नांश
(ग) की हानि के
लिए कौन-कौन
उत्तरदायी है? उनके
विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
जावेगी?
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) : (क) जी
हाँ। जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट-1 पर
है। (ख) जी हाँ।
बिना डी.एफ.ओ.
या एस.डी.ओ. की
अनुमति बगैर
चालान न्यायालय
में प्रस्तुत
कर दिये गये
हैं। प्रकरण
में प्रधान
मुख्य वन
संरक्षक (संरक्षण)
के पत्र
क्रमांक 3248 दिनांक 18.07.2025 के माध्यम
से कार्य
आयोजना
अधिकारी, कार्य
आयोजना वृत्त, छतरपुर को
जांच हेतु
निर्देशित
किया गया है, प्रति
संलग्न
परिशिष्ट-2 पर
है। (ग) जांच
रिपोर्ट
प्राप्त होने
पर हानि की
गणना की
जावेगी। (घ) जांच
रिपोर्ट
प्राप्त होने
पर संबंधित के
विरूद्ध
नियमानुसार
अनुशासनात्मक
कार्यवाही की
जावेगी।
जनप्रतिनिधियों
के पत्रों पर
कार्यवाही
[जनजातीय
कार्य]
38.
( क्र. 2584 ) श्री
यादवेन्द्र
सिंह : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) टीकमगढ़
जिले को विगत
दो वर्ष में
किन-किन मदों
में कितनी
राशि शासन
द्वारा
प्रदत्त की गई? (ख) प्रश्नांश
(क) में वर्णित
राशि का आवंटन
किस प्रकार
किस-किस
पंचायत एवं
किस-किस
हितग्राही को
किया गया? क्या प्रश्नकर्ता
के द्वारा
जिला संयोजक, जनजातीय
कार्य विभाग, टीकमगढ़
को 80
प्रतिशत
जनजातीय
जनसंख्या वाले
ग्रामों में
बस्ती विकास
योजना
अंतर्गत विकास
कार्य किये
जाने हेतु
पत्र लिखा था? (ग) प्रश्नांश
(ख) में वर्णित
पत्र पर क्या
कार्यवाही
हुई? कार्यवाही
न होने का
कारण बतावें। यह
भी जानकारी
दें कि शासन
की योजनाओं
में जनप्रतिनिधि
के पत्र पर
कार्यवाही
क्यों नहीं की
जाती? (घ) प्रश्नांश
(क),
(ख) एवं (ग) में
वर्णित
पत्रों पर कब
तक कार्यवाही
कर प्रश्नकर्ता
द्वारा लिखे
गये विकास
कार्यों को
स्वीकृति
प्रदान कर दी
जावेगी?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) टीकमगढ़
जिले को विगत
दो वर्षों में
मदवार प्राप्त
राशि का विवरण
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है।
(ख) राशि
का आवंटन
पंचायत एवं
हितग्राही को
किए जाने की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
जी
हाँ। (ग) प्रस्तुतकर्ता
द्वारा
अनुसूचित
जनजाति बस्ती
विकास योजना
अंतर्गत
प्राप्त
प्रस्ताव के
कार्यों को
वित्तीय
वर्ष 2024-25
की
कार्ययोजना
में सम्मिलित
किया गया था, जिसमें
समिति द्वारा
अनुमोदन
प्रदाय नहीं किए
जाने के कारण
कार्य स्वीकृत
नहीं किया गया।
समिति से
अनुमोदन एवं
जिले को योजना
अंतर्गत प्राप्त
आवंटन की सीमा
में कार्य स्वीकृत
किए जाते है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) जिले
को वित्तीय
वर्ष 2025-26
में प्रश्नकर्ता
के प्रस्तावित
कार्य को कार्ययोजना
में सम्मिलित
किया गया है, योजना
अंतर्गत
उपलब्ध बजट
की सीमा में
अनुसूचित
जनजाति बस्ती
विकास नियम 2018 अनुसार
कार्य स्वीकृत
किए जाते हैं।
समय-सीमा बताया
जाना संभव
नहीं है।
अ.ज.जा.
वर्ग के
कल्याण हेतु
निर्धारित
बजट
[जनजातीय
कार्य]
39.
( क्र. 2614 ) डॉ.
विक्रांत
भूरिया : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) विगत
5 वर्षों
में 2019 से 2025 तक प्रति
वित्तीय वर्ष
में अनुसूचित
जनजाति (आदिवासी)
समाज के
कल्याण हेतु कितना
बजट
निर्धारित
रहा? कौन-कौन
सी योजना और
कार्य पर
कितना व्यय
किया गया? प्रतिवर्ष
की जानकारी दी
जाए। (ख) प्रदेश
में 21%
जनसंख्या (ST) अ.ज.जा. की
होने के बाद
भी "ट्रायबल
सब-प्लान" (TSP) का बजट विगत
5 वर्ष से
कितनी वृद्धि
और कमी की गई? अपने मद के
अन्यत्र कौन-कौन
से मद और
कार्य पर (TSP) राशि खर्च की
गई?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) एवं
(ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है।
अनुसूचित
जनजाति का
जाति प्रमाण-पत्र
जारी किया
जाना
[जनजातीय
कार्य]
40.
( क्र. 2634 ) डॉ.
हिरालाल
अलावा : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
माननीय मुख्यमंत्री
जी द्वारा
श्योपुर जिले
में निवासरत
आदिवासी भील, भिलाला, पटेलिया
जनजाति के
स्थायी जाति प्रमाण-पत्र
जिला श्योपुर
से ही जारी
करने की घोषणा
की गई थी? प्रश्न दिनांक
तक भी जाति-प्रमाण-पत्र
जारी नहीं
करने का कारण
बताएं। (ख) श्योपुर
जिले में
निवासरत भील, भिलाला, पटेलिया
समुदाय के
लोगों को
अनुसूचित
जनजाति के
स्थायी जाति प्रमाण-पत्र
वर्ष 2010 तक
हस्तलिखित और
वर्ष 2014 तक
ऑनलाइन
डिजिटल जारी
किए जाते थे? वर्ष
2014 के बाद
जाति
प्रमाण-पत्र
जारी नहीं
करने का विधिसम्मत
कारण बताएं। (ग) श्योपुर
जिले में
निवासरत
आदिवासी भील, भिलाला, पटेलिया
जनजाति को
श्योपुर से
स्थायी जाति प्रमाण-पत्र
जारी करने के
संबंध में
किस-किस ने
किस दिनांक को
किन-किन
विषयों से
पत्र प्रेषित
किए? किन-किन
के किस दिनांक
के किस पत्र
पर क्या जांच, क्या
कार्यवाही, क्या
आवेदन/ प्रतिवेदन/पत्र/परिपत्र
जारी किए? प्रति
सहित बतावें। (घ) प्रश्नकर्ता
ने किस-किस
दिनांक को
पत्र लिखे? प्रश्नकर्ता
के पत्रों पर
की गई जांच
एवं
कार्यवाही का
प्रतिवेदन
देवें। यदि
जांच या
कार्यवाही
नहीं की गई तो
कारण बतावें। (ड.)
श्योपुर जिले
में निवासरत
भील, भिलाला, पटेलिया
समुदाय के
लोगों को
अनुसूचित
जनजाति के
स्थायी जाति प्रमाण-पत्र
श्योपुर जिले
से ही कब तक
जारी किए
जाएंगे? यदि जारी
नहीं किए
जाएंगे तो
विधिसम्मत
कारण बतावें।
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) जी
हाँ। सामान्य
प्रशासन
विभाग
मंत्रालय
भोपाल के पत्र
क्रमांक एफ 7-42/2012/आ.प्र./एक
भोपाल दिनांक 13 जनवरी 2014 में जाति प्रमाण-पत्र
जारी किये
जाने का
प्रावधान है। उक्त
के बिन्दु
क्रमांक 5.1 अनुसार
अनुसूचित
जाति/ अनुसूचित
जनजाति के
मामले में
आवेदक/उसके
परिवार की
वर्ष 1950 या
उससे पूर्व
मध्यप्रदेश
में निवास की
पुष्टि होना
आवश्यक है। श्योपुर
जिले में
वर्तमान में
निवासरत भील, भिलाला
तथा पटेलिया
अनुसूचित
जनजाति के आवेदकों
के वर्ष 1950 या पूर्व
की स्थिति में
अन्य जिलों
का निवासी
होने संबंधी
पुष्टि पर संबंधित
जिलों के
अनुविभागीय
अधिकारी
द्वारा जाति प्रमाण-पत्र
जारी किये जा
रहे हैं। (ख) जी
हाँ। वर्ष 2014 में
सामान्य
प्रशासन
विभाग
मंत्रालय
भोपाल का पत्र
क्रमांक एफ 7-42/2012/आ.प्र./एक
भोपाल दिनांक 13 जनवरी 2014 द्वारा
अनसूचित जाति, अनुसूचित
जनजाति और अन्य
पिछड़े वर्ग
को जाति प्रमाण-पत्र
जारी किये
जाने संबंधी
निर्देशों के
पालन में
बिन्दु
क्रमांक 5.1 अनुसार
अनुसूचित
जाति/अनुसूचित
जनजाति के
मामले में
आवेदक/उसके
परिवार की
वर्ष 1950 या
उससे पूर्व
म.प्र. में
निवास की
पुष्टि अनिवार्य
है। वर्तमान
में भील, भिलाला, पटेलिया
जाति के
आवेदकों के
आवेदन जिले
में लोक सेवा
केन्द्रों
के माध्यम से
प्राप्त
किये जाते हैं।
सामान्य
प्रशासन
विभाग के उक्त
निर्देशानुसार
वर्ष 1950 या
उससे पूर्व
मध्यप्रदेश
में निवास की
पुष्टि हेतु
आवेदन
संबंधित जिलों
के
अनुविभागीय
अधिकारियों
को प्रेषित किए
जाते हैं, पुष्टि
होने के
उपरांत
संबंधित
अनुविभागीय अधिकारी
द्वारा जाति प्रमाण-पत्र
जारी किए जाते
हैं। आज
दिनांक तक
श्योपुर जिले
से भील, भिलाला, पटेलिया
जाति के 6831 आवेदन
ऑनलाइन के
माध्यम से
संबंधित जिले
धार, अलीराजपुर
एवं झाबुआ को
प्रेषित किये
गये, जिनमें
से संबधित
जिलों के
अनुभाग
द्वारा 4080 जाति प्रमाण-पत्र
ऑनलाइन बनाकर
श्योपुर जिले
को वापिस भेजे
गये, जिनके
प्रिन्ट
निकालकर
संबधित
हितग्राही को
वितरित किये
जा चुके है। (ग) पत्रों
की छायाप्रति
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है। (घ) जनप्रतिनिधियों
से प्राप्त पत्रों
पर नियमानुसार
कार्यवाही की
जाती है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ड.) सामान्य
प्रशासन
विभाग, मंत्रालय
भोपाल का पत्र
क्रमांक एफ 7-42/2012/आ.प्र./एक
भोपाल, दिनांक 13 जनवरी 2014 द्वारा
अनसूचित जाति, अनुसूचित
जनजाति और अन्य
पिछड़े वर्ग
को जाति प्रमाण-पत्र
जारी किये
जाने संबंधी
निर्देशों के
पालन में
बिन्दु
क्रमांक 5.1 अनुसार
अनुसूचित
जाति/अनुसूचित
जनजाति के मामले
में
आवेदक/उसका
परिवार की
वर्ष 1950 या
उससे पूर्व
म.प्र. में
निवास की
पुष्टि होने
पर पात्रता
अनुसार
आवेदकों के
जाति के प्रमाण-पत्र
जारी किये
जाते हैं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
वृक्षारोपण
कार्य में
अनियमितताएं
[वन]
41.
( क्र. 2713 ) श्री बृज
बिहारी
पटैरिया : क्या राज्य
मंत्री, वन महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) देवरी
विधानसभा के अंतर्गत
वन क्षेत्र
एवं अन्य
सामाजिक
वानिकी के अंतर्गत
कितने
क्षेत्र में
वृक्षारोपण
किया जा रहा है? ग्राम/वन
क्षेत्र का
नाम हेक्टेयर
सहित बतायें। (ख) वृक्षारोपण
में किस-किस
तरह के पौधों
का रोपण किया
जा रहा है? कहाँ-कहाँ
हो चुका है? (ग) वृक्षारोपण
के उपरांत
रख-रखाव के
क्या नियम हैं? किस मद में
कितनी-कितनी
राशि का बजट
किस-किस वन
परिक्षेत्र
को आवंटित
किया गया? ब्यौरा
देवें। (घ) विगत
वर्ष किस-किस
वन क्षेत्र
एवं अन्य
क्षेत्र में
वृक्षारोपण
किया गया था? उस पर
किस-किस मद
में कितना
व्यय किया गया
था? वर्तमान
में उस किये
गये रोपण में
कितने वृक्ष
सुरक्षित हैं? कितने
नष्ट हो गये? नियम
विरूद्ध किये
गये व्यय के
लिये कौन दोषी
है?
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) : (क) एवं
(ख) जानकारी संलग्न
परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) वृक्षारोपण
उपरांत
रख-रखाव हेतु
कोई नियम नहीं
है। अपितु
योजनाओं में
निहित
प्रावधानों
अनुसार
रख-रखाव कार्य
कराया जाता है।
जानकारी संलग्न
परिशिष्ट-2 अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न
परिशिष्ट-3 अनुसार है। उक्त
वृक्षारोपण
क्षेत्रों
में नियम
विरुद्ध कोई
व्यय नहीं पाया
गया। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
बालाघाट
वन मण्डल/वन
निगम के
द्वारा
वृक्षारोपरण
[वन]
42.
( क्र. 2808 ) श्री गौरव
सिंह पारधी : क्या राज्य
मंत्री, वन महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) वन निगम
बालाघाट के
किस-किस रेंज
में वृक्षारोपण
का कितना
लक्ष्य था
एवं कितना
पूर्ण किया
गया, विगत
पांच वर्ष में? वर्षवार
एवं रेंजवार
जानकारी
उपलब्ध
करायें। (ख) प्रश्नांश
(क) में
वर्णित उक्त
वृक्षारोपण
में किन-किन प्रजातियों
का किस-किस
रेंज में
कितना वृक्षारोपण
कराया गया? (ग) प्रश्नांश
(क) में
वर्णित
वृक्षारोपण
में वर्षवार
एवं रेंजवार
कितना
वृक्षारोपण
जीवित अवस्था
में है? उसकी
जानकारी
उपलब्ध करायें।
(घ) वन
निगम में
कार्यरत दैनिक
कर्मचारियों
के सिलेक्शन
के आधार नियमों
से अवगत करायें।
राज्य
मंत्री, वन (
श्री दिलीप
अहिरवार ) : (क) मध्यप्रदेश
राज्य वन
विकास निगम के
लामटा
परियोजना मण्डल
बालाघाट
अंतर्गत विगत
पांच वर्ष में
वर्षवार एवं
रेंजवार
लक्ष्य तथा
वृक्षारोपण
पूर्ण की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-2
अनुसार है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-3
अनुसार है। (घ) मध्यप्रदेश
राज्य वन
विकास निगम
अंतर्गत
दैनिक कर्मचारियों
के सिलेक्शन
का कोई नियम
नहीं है। मजदूरों
को कार्य की
आवश्यकता एवं
बजट की उपलब्धता
को दृष्टिगत
रखते हुऐ
श्रमायुक्त
कार्यालय इन्दौर
की निर्धारित
स्वीकृत दर के
अनुसार मजदूरी
पर लगाया जाता
है।
पात्रताधारी
के परिवार को
खाद्यान्न
का वितरण
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
43.
( क्र. 2837 ) सुश्री
रामश्री (बहिन
रामसिया
भारती) राजपूत
: क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
प्रदेश में
पात्रताधारियों
के परिवार के
जिन सदस्यों
की
बायोमैट्रिक पी.ओ.एस.
मशीन से
शासकीय उचित
मूल्य
दुकानों या
मोबाइल
एप्लीकेशन
में फेस के.वाई.सी.
न होने पर
उक्त सदस्य का
गेहूँ नहीं
दिया जा रहा
है? (ख) यदि हाँ तो
जिन सदस्यों
का
बायोमैट्रिक पी.ओ.एस.
मशीन एवं
मोबाइल
एप्लीकेशन
में प्रयास
करने पर भी के.वाई.सी.
सक्सेसफुल
नहीं हो रही
है, जिन
सदस्यों का
आधार कार्ड
अपडेट नहीं हो
रहा है एवं
आधार कार्ड
सेंटर की
संख्या कम
होने पर भीड़
अधिक होने के
कारण 12
घंटे से अधिक
समय लग रहा है
तो कौन जवाबदेह
है? (ग) क्या
एकल खिड़की
कलेक्ट्रेट
एवं सी.एम. हेल्पलाइन
में शिकायत
दर्ज कराने पर
सक्षम अधिकारी
द्वारा
संतुष्टिपूर्वक
निराकरण नहीं
करने पर
कलेक्टर से
प्रमुख सचिव
एवं मुख्य
सचिव तक के
अधिकारियों
के संज्ञान में
आने के उपरांत
अधीनस्थ
अधिकारियों
के विरुद्ध
कार्यवाही की
जाती है? (घ) यदि
हाँ तो क्या
एकल खिड़की
कलेक्ट्रेट
छतरपुर एवं इन्दौर
में आवक पंजी
रजिस्टर में
दर्ज क्रमांक 2457, 2501, 2506,
वर्ष 2025 एवं सी.एम.
हेल्पलाइन
नंबर 31807419, 31807101, 31874734, 30428046 में दर्ज
शिकायत का
संतुष्टिपूर्वक
निराकरण किया
गया है? यदि नहीं
तो क्यों? (ड.) क्या
उक्त शिकायत, उक्त प्रश्न
के माध्यम से, कलेक्टर
से प्रमुख
सचिव एवं
मुख्य सचिव तक
के अधिकारियों
के संज्ञान
में आने के
उपरांत अधीनस्थ
अधिकारियों
के विरुद्ध
कार्यवाही करने
के आदेश पारित
या जांच करने
के निर्देश
देगा? यदि
नहीं तो क्यों?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) भारत
सरकार द्वारा
राष्ट्रीय
खाद्य सुरक्षा
अधिनियम, 2013 के
अंतर्गत
सम्मिलित
समस्त पात्र
हितग्राहियों
की पहचान
सुनिश्चित करने
हेतु ई-के.वाय.सी.
करने के
निर्देश दिए
गए हैं, जिसकी प्रति
संलग्न
परिशिष्ट-अ अनुसार
है, जिससे
राष्ट्रीय
खाद्य
सुरक्षा
अधिनियम, 2013 के
अंतर्गत
सम्मिलित
हितग्राहियों
में से मृत/दोहरे/स्थाई
रूप से पलायन
करने वाले
हितग्राहियों
को पोर्टल से
विलोपन किया
जा सके। उचित
मूल्य दुकानों
पर लगाई गई पी.ओ.एस.
मशीन एवं मेरा
ई-के.वाय.सी. एप
के माध्यम से
पात्र
हितग्राहियों
की ई-के.वाय.सी.
करने की
सुविधा उपलब्ध
कराई गई है। (ख) राष्ट्रीय
खाद्य
सुरक्षा
अधिनियम, 2013 के
अंतर्गत
सम्मिलित
हितग्राहियों
में से 90.30 प्रतिशत
पात्र
हितग्राहियों
के ई-के.वाय.सी.
किए जा चुके
हैं। 5
वर्ष से कम
उम्र के बच्चों, वृद्धजन, दिव्यांग
एवं कुष्ठ
रोगियों के ई-के.वाय.सी.
में कठिनाई को
दृष्टिगत
रखते हुए उनको
ई-के.वाय.सी.
करने से
शिथिलता
प्रदान की गई
है। प्रदेश
में रजिस्ट्रार
के माध्यम से
कुल 5, 426
आधार केन्द्र
संचालित किए
जा रहे हैं, जिनकी
संख्या
पर्याप्त है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) सी.एम.
हेल्पलाइन
पोर्टल पर
दर्ज
शिकायतों के
नियमित
समीक्षा कर
निराकरण की
कार्यवाही की
जाती है। दर्ज
शिकायतों के
निराकरण में
अप्रत्याशित
विलम्ब एवं
लापरवाही किए
जाने पर ही
नियमानुसार
कार्यवाही की
जाती है। (घ) जिला
छतरपुर एवं
इंदौर में
सिंगल विंडो
एवं सी.एम.
हेल्पलाइन
पोर्टल पर
दर्ज
शिकायतों एवं
उन पर की गई
कार्यवाही की
स्थिति संलग्न
परिशिष्ट-ब अनुसार
है। (ड.) उत्तरांश
(घ) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
अनुसूचित
जनजातीय
कार्य विभाग
में प्रतिनियुक्ति
[जनजातीय
कार्य]
44.
( क्र. 2959 ) श्री
रजनीश हरवंश
सिंह : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) सिवनी
जिला अंतर्गत
कितने
शिक्षाकर्मियों
को अनुसूचित
जनजातीय
कार्य विभाग
की प्रतिनियुक्ति
में रखा गया है
व कितने
वर्षों से रखा
गया है? विकासखण्डवार
जानकारी देवें। (ख) क्या
विभाग द्वारा 3 वर्ष के
बाद
शिक्षाकर्मियों
की
प्रतिनियुक्ति
निरस्त कर
पुन: विभाग
में पदस्थ कर
दिया जाता है? यदि हाँ तो
वर्ष 2025
में कितने
शिक्षकों की
प्रतिनियुक्ति
निरस्त कर, पुन: विभाग
में पदस्थ
किया गया? यदि नहीं
किया गया तो
क्यों? जानकारी देवें।
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) सिवनी
जिला अंतर्गत
शिक्षाकर्मियों
को जनजातीय
कार्य विभाग
में
प्रतिनियुक्ति
पर नहीं रखा
गया है। (ख) प्रतिनियुक्ति
अवधि समाप्त
होने पर
शिक्षकों की
सेवाएं उनके
मूल विभाग में
वापस की जाती
हैं। म.प्र.
शासन, जनजातीय
कार्य विभाग
के आदेश
क्रमांक 1564/1629354/2023/25/1 दिनांक 06/10/2023 के द्वारा
प्रतिनियुक्ति
पर पदस्थ
शिक्षक
संवर्ग के लोक-सेवकों
की
प्रतिनियुक्ति
अवधि में 02 वर्ष की
वृद्धि की गयी
है। प्रतिनियुक्ति
पर पदस्थ 02 शिक्षकों
के द्वारा
प्रस्तुत
आवेदन के आधार
पर मूल विभाग (शिक्षा
विभाग) में वापस
किया गया है।
दिव्यांग
पुनर्वास
केन्द्र के
कर्मचारियों का
वेतन
निर्धारण
[सामाजिक
न्याय एवं
दिव्यांगजन
कल्याण]
45.
( क्र. 2998 ) श्री
राजेन्द्र
भारती : क्या
सामाजिक न्याय
एवं दिव्यांगजन
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला दिव्यांग
पुनर्वास
केन्द्र की
स्थापना
प्रत्येक
जिले में किस वर्ष
में की गई और
कितने
वेतनमान एवं
किस आधार पर की
गई? संविदा
या नियमित
आधार पर विवरण
स्पष्ट उल्लेख
करें। जिला
दिव्यांग
पुनर्वास
केन्द्र के
कर्मचारियों
का वेतनमान
कितनी बार बढ़ाया
गया और कितने
प्रतिशत
कर्मचारियों
को इसका लाभ
मिला? स्थापना
से लेकर आज
दिनांक तक
बढ़ाये हुये
वेतन एवं
मिलने वाले
लाभ का विवरण
एवं कितने
कर्मचारियों
द्वारा अभी तक
त्याग पत्र
दिया गया हैं? (ख) सामान्य
प्रशासन
विभाग
मंत्रालय
भोपाल के पत्र
क्रमांक सी-5-2/ 2018/1/3 भोपाल
दिनांक 22 जुलाई 2023 के अनुसार
मध्यप्रदेश
के समस्त
विभागों में
कार्यरत
संविदा
कर्मचारियों नियमित
पद के
समकक्षता
निर्धारण कर
नियमित कर्मचारियों
के समान वेतन
अवकाश अन्य
समस्त लाभ
प्रदाय किये
जाकर शासन में
नियमित पदों पर
नियुक्ति के
अवसर प्रदान
किये जाते हैं
एवं म.प्र. के
समस्त
विभागों में
कार्यरत
संविदा
कर्मचारियों को
लाभ प्रदाय
किये गये हैं? यदि हाँ तो
जिला दिव्यांग
पुनर्वास
केन्द्र में
कार्यरत
संविदा
कर्मचारियों
को उपरोक्त
आदेश के पालन
में आदेश जारी
क्यों नहीं किये
गये? कृपया
जानकारी देते
हुए बतायें कि
समस्त जिलों
में भर्ती का
प्रकार एवं वर्ष
तथा उनको आज
दिनांक तक
संविदा/नियमितीकरण
का लाभ क्यों
नहीं मिला? विवरण का स्पष्ट
उल्लेख
करें। 10 साल से
कार्यरत
कर्मचारियों
एवं उससे कम
वर्ष से
कार्यरत
कर्मचारियों
का विवरण एवं
एक ही वेतनमान
पर कितने वर्षों
से कार्यरत
हैं?
कृपया विवरण
देते हुए
बतायें तथा
संविदा का लाभ
क्यों नहीं दिया
गया?
यदि हाँ तो स्पष्ट
उल्लेख करें।
नहीं तो स्पष्ट
विवरण दें। जिला
दिव्यांग
पुनर्वास
केन्द्र में
अल्प वेतन पर
कार्यरत
कर्मचारियों
के वेतन लाभ, अवकाश लाभ
एवं अन्य हेतु
सामान्य
प्रशासन
विभाग, वित्त
विभाग, सामाजिक
न्याय एवं
दिव्यांग सशक्तिकरण
विभाग के
नियमावली का
उल्लेख करें। (ग) माननीय
सर्वोच्च न्यायालय
नई दिल्ली से
प्राप्त
आदेश क्रमांक 19.03.2024 के संबंध
में सामान्य
प्रशासन
विभाग, सामाजिक
न्याय एवं
दिव्यांगजन
सशक्तिकरण
विभाग द्वारा
क्या
प्रक्रिया की
गई तथा
सामाजिक न्याय
विभाग एवं
जिला दिव्यांग
पुनर्वास
केन्द्र में कार्यरत
संविदा
कर्मचारियों
की विशेष
नियमावली है? (घ) जिला
दिव्यांग
पुनर्वास
केन्द्र में
कार्यरत
वरिष्ठ
भौतिक चिकित्सक
कितने जिलों
में एवं कितने
सालों से पदस्थ
हैं तथा किस
वेतनमान में
एवं उनका
कितनी बार
वेतन बढ़ाया गया? वरिष्ठ
भौतिक चिकित्सक
दूसरे
विभागों में
जैसे - स्वास्थ्य
विभाग आदि में
कितने
वेतनमान एवं
किस आधार पर
इनकी
नियुक्ति हैं
एवं कितनी बार
वेतन बढ़ाया
गया? शासन
में वरिष्ठ
भौतिक चिकित्सक
के वेतन
संबंधी
एकरूपता क्यों
नहीं हैं? स्पष्ट
उल्लेख करें।
भविष्य में
वरिष्ठ
भौतिक चिकित्सक
के लिये विभाग
द्वारा वेतन
संबंधी एवं
शासन के लाभ व
उनके पद की
वरिष्ठता के
लिए विभाग
द्वारा क्या
नियमावली है? अगर है तो
स्पष्ट उल्लेख
करें। नहीं है
तो विवरण स्पष्ट
उल्लेख करें।
सामाजिक
न्याय एवं
दिव्यांगजन
कल्याण
मंत्री ( श्री
नारायण सिंह
कुशवाह ) : (क) प्रदेश
में दिव्यांगजन
अधिकार
अधिनियम के
तहत भारत
सरकार की अम्ब्रेला
स्कीम सिपडा
योजनान्तर्गत
सम्पूर्ण
प्रदेश में
जिला दिव्यांग
पुनर्वास
केन्द्र की
स्थापना सन् 2000 से
पृथक-पृथक
वर्षों में की
गई। मानदेय के
आधार पर
पृथक-पृथक
कर्मचारियों
का मानदेय
निर्धारित
किया गया।
डी.डी.आर.सी के
कर्मचारियों
के मानदेय में
प्रारंभिक
वर्ष 2003, 2010, 2014 एवं 2024
में बढ़ोतरी
की गई, जिसका
लाभ
शत्-प्रतिशत
कर्मचारियों
को प्राप्त
हुआ। स्थापना
को लेकर
पृथक-पृथक
पदों का
अद्यतन निर्धारित
मानदेय का विवरण
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार।
जिलों से
प्राप्त
जानकारी
अनुसार जिला
दिव्यांग
पुनर्वास
केन्द्रों
के कुल 156
कर्मचारियों
द्वारा त्याग-पत्र
दिया गया। (ख) सामान्य
प्रशासन
विभाग
मंत्रालय
भोपाल का पत्र
क्रमांक/सी-5-2/2018/1/3
भोपाल दिनांक 22
जुलाई 2023
अनुसार मध्यप्रदेश
के समस्त
विभागों में
कार्यरत
संविदा
कर्मचारियों के
नियमित पद के
समकक्षता
निर्धारण के
संबंध में है
जबकि दिव्यांगजन
अधिकार अधिनियम
के तहत भारत
सरकार की अम्ब्रेला
स्कीम सिपडा
योजनान्तर्गत
सम्पूर्ण
प्रदेश में
जिला दिव्यांग
पुनर्वास
केन्द्र की
स्थापना एवं
संचालन का
प्रावधान है।
साथ ही डी.डी.आर.सी.
के
कर्मचारियों
को निश्चित
मानदेय
आधारित
नियुक्ति की
जाती है एवं मानदेय
का निर्धारण
भी भारत सरकार
द्वारा किया
गया है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) माननीय
सर्वोच्च न्यायालय
का निर्णय
दिनांक 19-03-2024
शासकीय
विभागों में
संविदा
कर्मचारियों
के समकक्षता
वेतन
निर्धारण के
संबंध में है
जबकि दिव्यांगजन
अधिकार
अधिनियम के
तहत भारत सरकार
की अम्ब्रेला
स्कीम सिपडा
योजनान्तर्गत
सम्पूर्ण
प्रदेश में
जिला दिव्यांग
पुनर्वास
केन्द्र की
स्थापना एवं
संचालन का
प्रावधान है
साथ ही डी.डी.आर.सी.
के
कर्मचारियों
की मानदेय
आधारित नियुक्ति
एवं मानदेय का
निर्धारण भी
भारत सरकार द्वारा
किया गया है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) भारत
सरकार की अम्ब्रेला
स्कीम सिपडा
योजनान्तर्गत
सम्पूर्ण
प्रदेश में
जिला दिव्यांग
पुनर्वास
केन्द्र के
संचालन हेतु
जारी
मार्गदर्शिका
अनुसार वरिष्ठ
भौतिक चिकित्सक
के पद का
प्रावधान
नहीं है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
खाद्यान्न
वितरण में
अनियमितता
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
46.
( क्र. 2999 ) श्री
राजेन्द्र
भारती : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह बताने
की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
म.प्र. शासन
द्वारा
आवंटित
खाद्यान्न
का वितरण
ग्रामीण
क्षेत्रों
तथा शहरी क्षेत्रों
में उचित मूल्य
की दुकानों
द्वारा किया
जाता हैं तथा
ग्रामीण तथा
शहरी
क्षेत्रों
में वितरण की क्या-क्या
व्यवस्थाएं
हैं? कृपया
अलग-अलग
जानकारी
प्रदान करें। (ख) खाद्य
सुरक्षा
अधिनियम 2013 के
अंतर्गत
कितनी
श्रेणियों के
पात्र व्यक्तियों
को खाद्य
सामग्री दी
जाती है? खाद्य
सामग्री में क्या-क्या
खाद्य
सामग्री
सम्मिलित हैं? जानकारी
प्रदान करें। क्या
प्रदेश सरकार
द्वारा गरीब
परिवार को
खाद्यान्न
वितरण
प्रतिमाह
किया जा रहा
है? यदि
हाँ तो क्या
अप्रैल, मई एवं जून 2025 का
खाद्यान्न
उपभोक्ताओं
को एक साथ
दिये जाने के
आदेश दिये गये
हैं? यदि
हाँ तो उक्त
आदेशों के
पालन में कितना-कितना
खाद्यान्न
जिलावार
आवंटित किया
गया है? (ग) दतिया
जिला सहित म.प्र.
में शासकीय
उचित मूल्य
की दुकानों पर
कालाबाजारी, अनियमितताओं, गड़बड़ियों, गबन, घोटालों
के संबंध में आपराधिक
मामले दर्ज
किये गये हैं? यदि हाँ तो प्रश्न
दिनांक तक कितने-कितने
मामले
पंजीबद्ध हैं? पंजीबद्ध
प्रकरणों में
अद्यतन
स्थिति स्पष्ट
करते हुए बतायें
कि
कितने-कितने
मामलों में
सक्षम न्यायालय
द्वारा
दोषियों को
सजायें दी गई
हैं तथा कितने
मामलों में
निर्दोष माना
गया है? क्या
शासन/प्रशासन
द्वारा उक्त
पी.डी.एस.
संचालकों एवं
कर्मचारियों
को पद से पृथक
किया गया है? यदि नहीं तो
क्यों और यदि
हाँ तो कितने
को पद से पृथक
किया गया हैं?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) जी
हाँ।
प्रधानमंत्री
गरीब कल्याण
अन्न
योजनांतर्गत
शहरी एवं
ग्रामीण
क्षेत्रों में
अन्त्योदय
अन्न योजना
के परिवारों
हेतु 35
किलोग्राम
एवं
प्राथमिकता
श्रेणी के
परिवारों
हेतु 5 किलोग्राम
प्रति सदस्य
प्रतिमाह के
मान से
खाद्यान्न
का वितरण
कराया जा रहा
है। (ख) राष्ट्रीय
खाद्य
सुरक्षा
अधिनियम, 2013 के
अंतर्गत
सम्मिलित 29
श्रेणियों के
वैध पात्रता
पर्चीधारी
परिवारों को
खाद्यान्न
का वितरण किया
जाता है।
पात्र
परिवारों को गेहूँ
एवं चावल का
वितरण मासिक
आधार पर किया
जाता है। भारत
सरकार के
निर्देशानुसार
माह जून, जुलाई
एवं अगस्त, 2025 का
एकमुश्त
खाद्यान्न
वितरण माह जून
एवं जुलाई, 2025
में किया जा
रहा है, निर्देश
की प्रति
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-अ अनुसार
है। जिलेवार
आवंटित
खाद्यान्न मात्रा
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-ब अनुसार
है। (ग) दतिया
जिले सहित
प्रदेश के अन्य
जिलों में
उचित मूल्य
दुकानों से
कालाबाजारी, अनियमितता, गड़बड़ी, गबन
घोटाले के
संबंध में
दर्ज आपराधिक
प्रकरण, वर्तमान
स्थिति, सक्षम
न्यायालय
में पाए गए
दोषी/दोषमुक्त
तथा पद से
पृथक किए गए
दुकान
संचालकों एवं
कर्मचारियों
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-स अनुसार
है।
अनुसूचित
जनजातीय वर्ग
के लोगों की
भूमि का क्रय-विक्रय
[अनुसूचित
जाति कल्याण]
47.
( क्र. 3033 ) श्री सचिन
सुभाषचंद्र
यादव : क्या
अनुसूचित
जाति कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) अनुसूचित
जनजातीय वर्ग
के किसानों की
आवासीय एवं
कृषि भूमियों
को अन्य वर्ग
के लोगों को
विक्रय किये
जाने के क्या
मापदंड हैं? (ख) म.प्र.
में अनुसूचित
जनजाति वर्ग
के किसानों की
वर्ष 2013 से प्रश्न
दिनांक तक
कौन-कौन से
जिलों में
कितनी आवासीय
एवं कृषि भूमियां
विक्रय की गई? संपत्ति
विक्रय की
दिनांक, मूल्य, क्रेता का
नाम, चुकाई
गई स्टॉम्प
ड्यूटी के
विवरण सहित
तहसीलवार
जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश
(ख) अनुसार ऐसी
कौन-कौन सी
आवासीय एवं
कृषि भूमि की
संपत्तियां
हैं जिन्हें
कलेक्टर गाइड-लाइन
से कम मूल्य
पर विक्रय की
गयी? (घ) अनुसूचित
जनजाति वर्ग
के
व्यक्तियों
की संपत्तियों
को किसी अन्य
वर्ग को क्रय
करने के लिए
कलेक्टर की
अनुमति
आवश्यक है? अगर हाँ तो
ली गई
अनुमतियों की
जिलेवार
जानकारी दें।
अनुसूचित
जाति कल्याण
मंत्री ( श्री
नागर सिंह
चौहान ) : (क) से
(घ) जानकारी
संकलित की जा
रही है।
प्रदाय
केन्द्र से
उचित मूल्य
दुकान तक राशन
सामग्री का परिवहन
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
48.
( क्र. 3045 ) श्री नीरज
सिंह ठाकुर : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जबलपुर
जिले में
विकासखंडवार, राशन
दुकानवार, वर्गवार
कितने-कितने
हितग्राहियों
को केंद्र और
मध्यप्रदेश
सरकार द्वारा
कितना-कितना राशन
दिया जा रहा
है? (ख) जबलपुर
जिले में राशन
विकासखंडवार
कैसे और किसके
द्वारा दुकान
तक पहुंचाया
जा रहा है? (ग) उक्त
प्रश्नांश 'ख' में
किस-किस
विकासखंड में
कौन-कौन से
वाहन द्वारा
राशन का
दुकानों तक
परिवहन किया
जा रहा है? विकासखंडवार
वाहन क्रमांक, वाहन
मालिक सहित
समस्त
जानकारी
प्रदान करें।
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) भारत
सरकार द्वारा
प्रधानमंत्री
गरीब कल्याण
अन्न
योजनांतर्गत
प्रदेश को
राष्ट्रीय
खाद्य
सुरक्षा
अधिनियम, 2013 अंतर्गत
सम्मिलित अन्त्योदय
अन्न योजना
के परिवारों
हेतु 35
किलोग्राम
एवं
प्राथमिकता
श्रेणी के
परिवारों
हेतु 5
किलोग्राम
प्रति सदस्य
प्रतिमाह के
मान से
खाद्यान्न का
आवंटन जारी
किया जाता है।
जबलपुर जिले
के
विकासखंडवार, राशन
दुकानवार, पात्र
परिवारों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-अ एवं
आवंटित
खाद्यान्न
मात्रा की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-ब अनुसार
है। (ख) जबलपुर
जिले के
विकासखंडों
में प्रदाय
केन्द्र से
उचित मूल्य
दुकान तक राशन
का प्रदाय
मुख्यमंत्री
युवा अन्नदूत
योजनांतर्गत
अनुबंधित
परिवहनकर्ताओं
द्वारा किया
जा रहा है। परिवहनकर्ताओं
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-स अनुसार है।
(ग) जबलपुर
जिले के
प्रदाय केन्द्र
से उचित मूल्य
दुकान तक राशन
सामग्री
परिवहन कार्य
में
विकासखंडवार
संलग्न वाहन
क्रमांक एवं
मालिक की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-स अनुसार है।
वन
विभाग द्वारा
एन.ओ.सी. जारी की
जाना
[वन]
49.
( क्र. 3112 ) श्री कालु
सिंह ठाकुर : क्या राज्य
मंत्री, वन महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे कि
(क) क्या धार
जिले की
धरमपुरी
विधानसभा में
भीलतलवाड़ा
से भवालिया के
बीच की खराब
सड़क का कुछ
हिस्सा वन
विभाग
अंतर्गत आता
है? (ख) क्या उक्त
सड़क के
निर्माण हेतु
लोक निर्माण विभाग
द्वारा
एन.ओ.सी. की
कार्यवाही
हेतु वन विभाग
धार में आवेदन
किया गया है? (ग) प्रश्नांश
(ख) अनुसार
यदि हाँ तो वन
विभाग द्वारा
उक्त कार्य की
कब तक स्वीकृति
प्रदान कर दी
जावेगी? समय-सीमा
बतावें और यदि
नहीं तो क्यों?
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) : (क) जी
हाँ। (ख) जी
हाँ। लोक
निर्माण
विभाग, धार
द्वारा
दिनांक 24.04.2025 से एन.ओ.सी.
हेतु आवेदन
दिया गया है। (ग) उत्तरांश
'ख' के
आलोक में लोक
निर्माण
विभाग द्वारा
एन.ओ.सी. हेतु
किए गए आवेदन
की जांच वन
परिक्षेत्र
अधिकारी, धार से
कराई गई। जांच
उपरांत
प्रस्तावित
मार्ग में 2.25 हेक्टेयर
वनक्षेत्र
प्रभावित
होने के कारण लोक
निर्माण
विभाग को वन (संरक्षण
एवं संवर्धन) अधिनियम, 1980 के
अन्तर्गत ऑनलाइन
आवेदन करने
हेतु दिनांक 16.07.2025 से
निर्देश दिए
गए हैं, ऑनलाइन
आवेदन
अप्राप्त है, आवेदन
होने पर
नियमानुसार
स्वीकृति की
कार्यवाही
सम्भव है, शेषांश का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
जल-जीवन
मिशन अंतर्गत
कराये गये
कार्यों में
अनियमितता
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
50.
( क्र. 3147 ) श्री
ब्रजेन्द्र
प्रताप सिंह : क्या लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) पन्ना
विधानसभा में
जल जीवन मिशन
अंतर्गत कितने
स्कूलों एवं आंगनवाड़ी
केन्द्रों
में पेयजल
व्यवस्था
हेतु कार्य
कराया गया था? उनमें से
कितने स्कूलों
एवं आंगनवाड़ी
केन्द्रों
में पेयजल
व्यवस्था
चालू है एवं कितने
में बंद पड़ी
है? बंद
होने का क्या
कारण है एवं
कब से बंद पड़ी
है? विवरणवार
जानकारी
उपलब्ध करावें। (ख) क्या
उक्त योजना
अंतर्गत
ठेकेदार
द्वारा
गुणवत्ता
पूर्ण कार्य न
करने के कारण
विभिन्न
स्कूलों एवं आंगनवाड़ी
केन्द्रों
में पेयजल
व्यवस्था
हेतु कराये
गये बोरवेल एवं
मोटर प्रारंभ
होने के साथ
ही खराब हो गई
जैसी जानकारी
समाचार
पत्रों के
माध्यम से
प्रकाशित की
गई है? यदि
हाँ तो उक्त
संबंध में
कराये गये
कार्यों की जाँच
कराकर
दोषियों के
विरूद्ध
कार्यवाही की
जावेगी? यदि हाँ तो
कब तक? यदि
नहीं तो क्यों? कारण बतावें। (ख) पन्ना
विधानसभा
अंतर्गत
कितनी नल-जल
योजनायें
स्वीकृत की गई
थीं? उनमें
से कितनी
योजनायें
संचालित हैं
एवं कितनी बंद
पड़ी हुई हैं? बंद होने
का क्या कारण
है? पंचायतवार
जानकारी देवें। कब तक बंद
पड़ी हुई नल-जल
योजनाओं को
प्रारंभ किया
जावेगा?
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके
) :
(क) पन्ना
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
जल जीवन मिशन
में 438
स्कूलों एवं 134 आंगनवाड़ी
केन्द्रों
में कार्य
स्वीकृत किए
गए हैं, वर्तमान
में 402
स्कूलों तथा 131
आंगनवाड़ी
केन्द्रों के
पेयजल कार्य
पूर्ण कर
संबंधित
स्कूल/आंगनवाड़ी
संस्था को
हस्तांतरित
किए जा चुके
हैं एवं
वर्तमान में 36 स्कूलों
तथा 03
आंगनवाड़ी
केन्द्रों के
कार्य
प्रगतिरत है। कार्य
पूर्ण कर
संबंधित
स्कूल/आंगनवाड़ी
संस्था को
हस्तांतरित
की जा चुकी
पेयजल व्यवस्था
का
संचालन-संधारण
कार्य लोक
स्वास्थ्य यांत्रिकी
विभाग द्वारा
किया जाना
प्रावधानित
नहीं है, अपितु
संबंधित
स्कूल/आंगनवाड़ी
संस्था
द्वारा उक्त
पेयजल व्यवस्था
का संचालन तथा
रख-रखाव किया
जाना है। शाला/आंगनवाड़ी
की पेयजल
व्यवस्था के
चालू/बंद होने
की जानकारी
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
विभाग द्वारा
संधारित नहीं
की जाती है, तथापि
कार्यपालन
यंत्री
द्वारा जल
प्रदाय चालू/बंद
की संबंधितों
से संकलित की
गई जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है।
(ख) जल
जीवन मिशन के
अंतर्गत शाला/आंगनवाड़ी
पेयजल
योजनाओं के
कार्य
विभागीय मापदंडानुसार
एवं
गुणवत्तापूर्ण
किए जाने की
स्थिति में ही
ठेकेदार को
भुगतान किया
गया है, तदनुसार
पेयजल
व्यवस्था का
कार्य
जहां-जहां
पूर्ण कर लिया
गया है, उसे
उत्तरांश ''क'' अनुसार
संबंधित
संस्था को
संचालन तथा
रख-रखाव के
लिए
हस्तांतरण कर
दिया गया है, हस्तांतरण
उपरांत
सुचारू
संचालन तथा
रख-रखाव एवं
आने वाली
खराबी की
मरम्मत कराये
जाने का कार्य
संबंधित शाला/आंगनवाड़ी
संस्था
द्वारा किया
जाता है। शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) पन्ना
विधानसभा
क्षेत्र में 20 एकल ग्राम नल-जल
योजनाओं एवं 02 समूह जल
प्रदाय
योजनाओं की
स्वीकृति
प्राप्त है। एकल
ग्राम नल-जल
योजनाओं की
वर्तमान में
चालू/बंद की
स्थिति, योजना बंद
होने के कारण की
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-03 अनुसार है। 20
एकल योजनाओं
में से 19 योजनाओं
के कार्यों को
पूर्ण कर
योजनाएं संबंधित
ग्राम पंचायत
को
हस्तांतरित
की जा चुकी हैं, जिसका
संचालन-संधारण
संबंधित
ग्राम पंचायत द्वारा
ही किया जाता
है, ग्राम
पंचायत
द्वारा माँग
किए जाने पर
विभाग द्वारा
तकनीकी
सहायता
उपलब्ध कराई
जाती है। अजयगढ़
विकासखण्ड के
समस्त
ग्रामों हेतु
मझगांय समूह
जल प्रदाय
योजना को वर्ष
2021 में पूर्ण
कर लिया गया
है, किंतु
योजना का
स्त्रोत
मझगांय बांध
का निर्माण
कार्य
प्रगतिरत है। पन्ना
विकासखण्ड के
समस्त
ग्रामों के
लिए सिधौरा-2 समूह
जलप्रदाय
योजना का
कार्य
प्रगतिरत है, योजना के
कार्य मार्च 2026 तक पूर्ण
किया जाना
संभावित है। शेष
प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता है।
शिक्षक
विहीन शालाओं की
जानकारी
[जनजातीय
कार्य]
51. ( क्र.
3163 ) श्री
विवेक विक्की
पटेल : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
जनजातीय
कार्य विभाग
बालाघाट
द्वारा माध्यमिक
शिक्षक वर्ग-2 एवं
प्राथमिक
शिक्षक वर्ग-3 का
जिले से जिले
में
स्थानांतरण
किया गया है?
(ख) यदि
हाँ तो
किन-किन
शिक्षकों को कहाँ-कहाँ
से कहाँ-कहाँ
स्थानांतरण
किया गया है?
स्थानांतरण
आदेश उपलब्ध कराएं।
(ग)
क्या
स्थानांतरण
से कई शालाएं
शिक्षक विहीन हो
गई हैं? यदि
हाँ तो उनकी
सूची शाला में
दर्ज
संख्यावार बताएं।
बैहर
विधानसभा
क्षेत्र के
प्राथमिक/माध्यमिक
एवं एकीकृत
शाला में
शालावार दर्ज छात्रों
की संख्या की
जानकारी
उपलब्ध कराएं।
(घ)
बालाघाट
जिले में
माध्यमिक
शिक्षक वर्ग-2 एवं
प्राथमिक
शिक्षक वर्ग-3 की
भर्ती रोस्टर
अनुसार
अनुसूचित
जनजाति, अनुसूचित
जाति, अन्य
पिछड़ा वर्ग,
अन्य
वर्गवार जिले
में पदस्थ
शिक्षकों की
जानकारी, भर्ती
रोस्टर की
प्रति, संलग्न
शिक्षकों के
नाम, पदस्थापना
स्थान, संलग्न
किए गए शाला
का नाम सहित
जानकारी
उपलब्ध कराएं।
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) :
(क) जी हाँ।
(ख)
प्रश्नांश
(क) के
अनुक्रम में
स्थानांतरित
शिक्षकों के
स्थानांतरण की
जानकारी पुस्तकालय
रखे परिशिष्ट 'एक' अनुसार
है। (ग) जी नहीं। बैहर
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत
संचालित प्राथमिक/माध्यमिक
एवं एकीकृत
शाला में
शालावार दर्ज
छात्रों की
संख्या की जानकारी
पुस्तकालय
रखे परिशिष्ट 'दो' अनुसार
है। (घ) बालाघाट
जिले में माध्यमिक
शिक्षक एवं
प्राथमिक
शिक्षकों के
अनुसूचित
जनजाति, अनुसूचित
जाति, अन्य
पिछड़ा वर्ग
एवं अन्य
वर्ग के पदस्थ
शिक्षकों की
जानकारी एवं
प्राथमिक
शिक्षक का
भर्ती रोस्टर
की जानकारी
पुस्तकालय
रखे परिशिष्ट 'तीन' अनुसार
है। माध्यमिक
शिक्षकों का
भर्ती रोस्टर
राज्य
स्तरीय होने
से जिला
कार्यालय
द्वारा संधारित
नहीं किया
जाता है। संलग्न
शिक्षकों के
नाम, पदस्थापना
स्थान, संलग्न
शाला की नाम
सहित जानकारी
पुस्तकालय
रखे परिशिष्ट 'चार'
अनुसार
है।
अनुसूचित
जाति कल्याण
विभाग के
छात्रावासों
का संचालन
[अनुसूचित
जाति कल्याण]
52.
( क्र. 3170 ) श्री
दिनेश राय
मुनमुन : क्या
अनुसूचित
जाति कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सिवनी
जिले में
अनुसूचित
जाति एवं
अनुसूचित जनजाति
के छात्रों
एवं छात्राओं
के कहाँ-कहाँ, कितनी
क्षमता वाले
छात्रावास/हॉस्टल
एवं आश्रम,
शालाएं/अन्य
कब-कब से
संचालित किये
जा रही हैं? सूची
उपलब्ध
करावें। किस-किस
स्थान पर
कितनी संख्या
में छात्र एवं
छात्राएं रह
रहे हैं? स्थानवार
सूची छात्र/छात्रावार
दें। (ख) प्रश्नांश
(क) में उल्लेखित
स्थानों में
छात्रावासों
में रहने वाले
प्रत्येक
छात्र को
प्रतिदिन
सुबह नाश्ता, दोपहर के
खाने, शाम
का नाश्ता/चाय
एवं रात के भोजन
में क्या-क्या
देने के
मापदण्ड/नियम
हैं? किस-किस
छात्रावासों
में किस
नाम/पदनाम के
अधिकारी/कर्मचारी
पदस्थ हैं? किस नाम/पदनाम
के
अधिकारी/कर्मचारी
छात्रावासों
की बाउन्ड्रीवॉल
के अंदर ही
स्थित
घरों/कमरों
में स्थाई
रूप से निवास
करते हैं? छात्रावासवार
स्थायी एवं
अस्थायी
कर्मचारीवार प्रश्न
तिथि तक की
जानकारी
उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश
(क) में
वर्णित जिले
में छात्राओं
के छात्रावासों
में किस-किस
स्थान पर
छात्रावासों
की बाउन्ड्रीवॉल
के अंदर बने
घरों में रहने
वाले
कर्मचारियों के
घरों में
पुरूष रह रहे
हैं या पुरूष
कर्मचारी ही
निवासरत हैं? उक्त सभी
पुरूष
कर्मचारियों
के नाम/पदनाम
दें। कारण
बतायें कि किस
नियम/मापदण्डों
के तहत
छात्राओं के
छात्रावास
में रह रहे हैं? कब तक इन
पुरूषों को
बालिका
छात्रावासों
से बाहर किया
जावेगा?
अनुसूचित
जाति कल्याण
मंत्री ( श्री
नागर सिंह
चौहान ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-'अ' अनुसार है।
(ख) जनजातीय
कार्य विभाग
द्वारा
संचालित
छात्रावासों
के समान
अनुसूचित
जाति कल्याण
विभाग के
छात्रावासों
में निवासरत
प्रत्येक
छात्र को
प्रतिदिन
सुबह नाश्ता, दोपहर के
खाने, शाम
का नाश्ता/चाय
एवं रात का
भोजन दिया
जाता है। नियम
की प्रति पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-'ब' अनुसार है।
शेष प्रश्नांश
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-'स' अनुसार है।
(ग) जिले
में संचालित
कन्या
छात्रावासों/आश्रमों
के परिसर में
निर्मित
अधीक्षक
निवास में अधीक्षक
के परिवार (पति/पुत्र)
के अतिरिक्त
अन्य कोई भी
पुरूष निवास
नहीं करता है।
जल
जीवन मिशन
अंतर्गत लक्ष्य
की पूर्ति
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
53.
( क्र. 3173 ) श्री उमंग
सिंघार : क्या लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) क्या
वर्ष 2021-22, 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 में जल
जीवन मिशन के
तहत राशि की माँग
की गई थी? यदि हाँ तो माँग
अनुसार राशि
केन्द्र से
प्राप्त हुई? यदि नहीं
तो क्यों? (ख) क्या
केन्द्र
सरकार से उक्त
योजना को
पूर्ण करने
हेतु राशि की माँग
वर्ष 2025
में की गई है? यदि हाँ तो
प्राप्त राशि की
जानकारी दें। (ग) क्या
धनराशि के
अभाव में जल
जीवन मिशन का
कार्य लक्ष्य
की पूर्ति
नहीं कर पा
रहा है? यदि हाँ तो
इस दिशा में
क्या प्रयास
किये गये हैं?
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके )
:
(क) जी हाँ। वर्ष
2021-22,
2022-23 एवं 2023-24 में माँग
अनुसार केन्द्र
से राशि
प्राप्त हुई, वर्ष 2024-25 में माँग
अनुसार
अनुपातिक
राशि प्राप्त
नहीं हुई। (ख) जी
हाँ। केन्द्र
सरकार से राशि
प्राप्त
होना
प्रक्रियाधीन
है। (ग) जी नहीं। धनराशि
के अभाव में
जल जीवन मिशन
का कार्य
लक्ष्य
प्रभावित
नहीं हो रहा
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
एकल
नल-जल योजनाओं
के संचालन/संधारण
की जानकारी
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
54.
( क्र. 3174 ) श्री उमंग
सिंघार : क्या लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) प्रदेश
में जल जीवन
मिशन के
अन्तर्गत एकल नल-जल
योजनाओं के
संचालन एवं
संधारण के
लिये क्या कोई
नीति तैयार की
जा रही है? (ख) क्या
नीति को अंतिम
रूप दिया जा
चुका है? (ग) एक
नल-जल योजनाओं
के माध्यम से
कितने गांवों
को पानी की
सप्लाई की
जानी है? (घ) जल
जीवन मिशन के
अन्तर्गत
कार्य पूर्ण
होने की अवधि
क्या तय की थी? कब तक
कार्य पूर्ण
कर दिये
जायेंगे?
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके )
:
(क) जी हाँ। (ख) जी
नहीं। (ग) एकल
ग्राम नल-जल
योजना से एक
ग्राम को तथा
समूह जल
प्रदाय योजना
से एक से अधिक गाँव
में पानी की
सप्लाई की
जाती है। (घ) भारत
सरकार द्वारा
जल जीवन मिशन
की अवधि वर्ष 2024 तक नियत की
गई थी, जिसमें
वृद्धि की
कार्यवाही
भारत सरकार स्तर
पर प्रचलित है।
अपूर्ण
कार्यों के
पूर्ण होने की
समयावधि बताया
जाना संभव
नहीं है।
नल-जल
योजनांतर्गत अनियमितता
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
55.
( क्र. 3182 ) श्री
जयवर्द्धन
सिंह : क्या लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) गुना
जिले के आरोन
नगर के जनपद
पंचायत आरोन
में नल-जल
योजना का
कार्य कब से
प्रारंभ हुआ
हैं? उक्त
कार्य किस फर्म/एजेंसी
को दिया गया
है? एजेंसी
का नाम, पता, मोबाइल नं., अनुबंध की
प्रति, बैंक
गारंटी, नियम, मापदण्ड
सहित समस्त
जानकारी दें। (ख) उपरोक्त
के अनुक्रम
में उक्त
कार्य किस-किस
ग्राम में
किया गया? ग्राम का
नाम, कार्य
की लंबाई, नल कनेक्शन, चैम्बर, पाइप-लाइन
की गहराई, वॉल, पाइप लाइन
की मोटाई सहित
समस्त
मापदण्ड
बतायें। (ग) ग्राम
खिरिया दांगी, कस्बा
मढी, पहारूआ, हाजीपुर, पनवाडी
हाट, सगा
बरखेड़ा प्यासी, बरखेड़ा
हाट, मूंडराखुर्द, टंक
सुनगयाई
शहरोक
कंचनपुरा टंग
शाजीपुर एवं मूंडराखुर्द
में उक्त
मापदण्डों
का पालन कर
कितनी राशि के
देयक भुगतान
प्रस्तुत
किये गये? क्या कार्य का
मूल्यांकन (फिजिकल
वेरिफिकेशन)
कराया गया है? यदि हाँ तो
कब और किसके
द्वारा? यदि नहीं
तो क्यों? कारण सहित
बतायें। (घ) उपरोक्त
के संबंध में
कभी कोई
शिकायत प्राप्त
हुई है? उस पर कब और
क्या
कार्यवाही की
गई? अनियमितता
पर विभागीय
अधिकारियों
एवं कर्मचारियों
के साथ
ठेकेदार के
विरूद्ध कोई
कार्यवाही की
जायेगी, कब तक? यदि नहीं
तो क्यों? योजना की
अद्यतन
स्थिति क्या
है? कब
तक कार्य
पूर्ण हो
जायेगा?
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके )
:
(क) जनपद
पंचायत आरोन
में जल जीवन
मिशन अंतर्गत
एकल ग्राम नल-जल
योजनाओं का
कार्य माह
सितम्बर, 2020 से
प्रारंभ हुआ
है, शेष
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-01 अनुसार है।
इसके
अतिरिक्त
मध्यप्रदेश
जल निगम
द्वारा
राजघाट समूह
जल प्रदाय
योजना का कार्य
वर्ष 2020-21
में प्रारंभ
किया गया है, मध्यप्रदेश
जल निगम
द्वारा उक्त
कार्य
संविदाकार मेसर्स
एल.एण्ड.टी., चैन्नई
को दिया गया
है, जिसका
पता मैसर्स
लार्सेन एण्ड
टुर्बो, माउंट, पूनामल्ली
रोड, मनापक्काम, पी.बी. नं. 979, चैन्नई- 600079 मोबाइल नं. 7966525200 है, अनुबंध की प्रति
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-02 अनुसार है।
(ख) एकल
ग्राम नल-जल
योजनाओं की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-01 अनुसार है।
इसके
अतिरिक्त
जनपद पंचायत
आरोन अंतर्गत
राजघाट समूह
जल प्रदाय
योजना में
सम्मिलित ग्रामों
एवं उनमें किए
जाने वाले
कार्यों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-03 अनुसार है।
(ग) ग्राम
खिरियादांगी, कस्बामढ़ी, पहारुआ, दादीपुर, पनवाडीहाट, सगाबरखेड़ा, प्यासी, बरखेड़ाहाट, मूंडराखुर्द, टंकपरवरिया, सुनगयाई, सहरोक, सहरोग
मजरा
कंचनपुरा, टंकपरवरिया
मजरा शाजीपुर
एवं मूंडराखुर्द
में
निर्धारित
मापदण्डों का
पालन कर राशि
रुपये 649.06 लाख के
देयक
प्रस्तुत/भुगतान
किये गये हैं।
कार्य का
मूल्यांकन जल
जीवन मिशन
अंतर्गत नियुक्त
थर्ड पार्टी
एजेंसी
मैसर्स फोर्टस
इन्फ्राकोन
लिमिटेड थाणे
(महाराष्ट्र) एवं
विभागीय
उपयंत्री, सहायक
यंत्री, कार्यपालन
यंत्री
द्वारा भी
समय-समय पर
फिजिकल
वेरिफिकेशन
किया गया है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-01 अनुसार है।
(घ) जी
नहीं, कोई
तथ्यात्मक
शिकायत
प्राप्त नहीं
हुई है, शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। विकासखण्ड
आरोन की 34 एकल ग्राम
योजनाओं में
से वर्तमान
में 30
पूर्ण एवं 4 प्रगतिरत
हैं, प्रगतिरत
कार्य
यथाशीघ्र
पूर्ण कराए
जाने के
प्रयास किए जा
रहे हैं, पूर्ण
करने की कोई
निश्चित तिथि
बताया जाना संभव
नहीं है।
मध्यप्रदेश
प्रदूषण
नियंत्रण
मंडल में
अनियमितताएं
[पर्यावरण]
56.
( क्र. 3188 ) श्री
हेमंत
सत्यदेव
कटारे : क्या राज्य
मंत्री, पर्यावरण
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) श्री
अच्युतानंद
मिश्रा मध्यप्रदेश
प्रदूषण
नियंत्रण
मंडल में
कितनी अवधियों
में (दिनांक
से दिनांक तक) सदस्य
सचिव के रूप
में पदस्थ रहे
हैं? क्या
इन्हें पूर्व
में सदस्य
सचिव के पद से
शिकायती आधार
पर हटाया गया
था? यदि
हाँ तो किस
शिकायती
प्रकरण में? मण्डल में
अन्य अनुभवी व
वरिष्ठ
अधिकारी उपलब्ध
होने के
बाबजूद भी
श्री मिश्रा
को पुनः उसी
पद (सदस्य
सचिव) पर
पदस्थ करने का
क्या आधार है? (ख) क्या
प्रदेश में
यू.के. के
टायरों को
स्क्रेप कर
तेल निकालने
वाली यूनिटों
से हो रहे
भारी प्रदूषण
को रोकने हेतु
मान. सर्वोच्च
न्यायालय
द्वारा एस.ओ.पी.
बनाकर निदान
कराने के
निर्देश दिये
गये थे? यदि हाँ तो
न्यायालय
निर्देशों की अवहेलना
करने हेतु कौन
दोषी है? क्या
न्यायालय
आदेश उपरान्त
कटनी जिले में
नई यूनिटों की
स्थापना की
अनुमति
प्रदान की गई है? यदि हाँ तो
क्या इसमें
मा. सर्वोच्च
न्यायालय
आदेश का पालन
हुआ? यदि
नहीं तो क्या
दोषी के
विरुद्ध
कार्यवाही की
जायेगी? (ग) क्या
वर्तमान में
मध्यप्रदेश
प्रदूषण
नियंत्रण
मण्डल एवं
राज्य स्तरीय
पर्यावरण
समाधान
निर्धारण
प्राधिकरण (सिया)
की स्टेट
एक्सपर्ट अप्रेजल
कमेटी के
सदस्य सचिव पद
पर एक ही
व्यक्ति श्री
अच्युतानंद
मिश्रा का
पदस्थ होना प्रशासकीय
दृष्टि से
उचित है? यदि नहीं
तो क्या एक पद
से हटाया
जायेगा तथा
इसके लिये कौन
जिम्मेदार है? (घ) मध्यप्रदेश
प्रदूषण
नियंत्रण
बोर्ड के अधीन
वर्तमान में
कितने पर्यावरणविद्
सलाहकार के
रूप में
कार्यरत हैं? कार्यरत
सलाहकारों के
विरुद्ध
अनियमितताओं/भ्रष्ट्राचार
की शिकायतें
शासन को
प्राप्त हुई? नाम, पता सहित
सूची उपलब्ध
करायी जाये। किन
सलाहकारों
द्वारा दी गयी
सलाह को मान्य
कर
पर्यावरणीय
अनुमति जारी
की गयी? नाम सहित
जानकारी दी
जाये? (ड.)
क्या
शासन श्री
अच्युतानंद
मिश्रा को
सेवा वृद्धि
देने व मण्डल
का अध्यक्ष
बनाने पर विचार
कर रहा है? यदि हाँ तो
आर्थिक अपराध
संबंधी गंभीर
शिकायतें
होने, अपराध
पंजीबद्ध
होने व जाँचें
लंबित रहने के
बावजूद भी
सेवा वृद्धि
देना नियमों
का उल्लंघन
नहीं है?
राज्य
मंत्री, पर्यावरण (
श्री दिलीप
अहिरवार ) : (क) दिनांक
05/03/2014 से दिनांक 29/06/2019, दिनांक 30/05/2020 से दिनांक 07/11/2022 एवं
दिनांक 16/03/2024 से निरंतर।
जी नहीं। जल (प्रदूषण
निवारण तथा
नियंत्रण) अधिनियम
1974 की धारा-4 में निहित
प्रावधान के
अनुसार। (ख) जी
नहीं। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) भारत
सरकार की
अधिसूचना
क्रमांक 134 (अ) दिनांक 07 जनवरी 2025 द्वारा
राज्य स्तरीय
विशेषज्ञ
मूल्यांकन
समिति के सदस्य
सचिव के पद पर
नियुक्त
किया गया है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) कोई
नहीं। बोर्ड
के अधीन
वर्तमान में पर्यावरणविद्
सलाहकार के
रूप में
कार्यरत नहीं
है। अत: शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ड.) ऐसा
कोई प्रस्ताव
वर्तमान में
विचाराधीन
नहीं है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
आदिवासियों
को कृषि हेतु
पट्टे दिये
जाने की कार्यवाही
[जनजातीय
कार्य]
57.
( क्र. 3198 ) श्री
केदार
चिडाभाई डावर
: क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) म.प्र.
में वन अधिकार
अधिनियम 2005 के तहत वन
ग्रामों में
वर्षों से
निवासरत आदिवासी
कृषकों को
काबिज भूमि पर
कृषि हेतु वन
अधिकार पत्र (पट्टे)
दिये जाने की
कार्यवाही
लगातार चल रही
है। (ख) क्या वन अधिकार
अधिनियम के
तहत प्राप्त
वन अधिकार पत्रों
से काबिज आदिवासी
कृषकों को
शासन की
सुविधाओं का
अच्छा लाभ मिल
रहा है, जिससे
उनके परिवार
की आर्थिक
स्थिति ठीक हो
रही है? (ग) क्या
उक्त
अधिनियम के
तहत खरगोन
जिले के वि.स.
क्षेत्र भगवानपुरा
के वन ग्रामों
में निवासरत
काबिज
आदिवासी
कृषकों को भी
वन अधिकार
पत्र दिये
जाने की कार्यवाही
चल रही है? (घ) यदि
हाँ तो
भगवानपुरा
वि.स. क्षेत्र
में वर्ष 2018 से मार्च 2025 तक कितने
वन अधिकार
पत्र दिये गये
हैं तथा कितने
पात्र काबिज
सर्वेयुक्त
वन अधिकार
पत्र दावे
लंबित है। लंबित
होने का कारण
क्या है एवं कब
तक दे दिये
जावेंगे? देरी का
कारण क्या है? कृपया
ग्रामवार
दिये गये एवं
लंबित वन
अधिकार
पत्रों की
जानकारी देने
का कष्ट
करेंगे?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) से
(ग) जी
हाँ। (घ) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है।
गैस
राहत एवं पुनर्वास
विभाग में स्वीकृत
एवं रिक्त
पदों की
जानकारी
[भोपाल गैस
त्रासदी राहत
एवं पुनर्वास]
58.
( क्र. 3199 ) श्री आरिफ
मसूद : क्या
भोपाल गैस
त्रासदी राहत
एवं पुनर्वास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) संचालनालय
गैस राहत एवं पुनर्वास
एवं उसकी अधीनस्थ
कार्यालयों
एवं चिकित्सा
संस्थाओं आदि
में कितने पद
किस-किस
संवर्ग के
स्वीकृत हैं? (ख) स्वीकृत
पदों में से
कौन-कौन से पद
किस-किस
संवर्ग के
किन-किन
कार्यालयों
एवं चिकित्सालयों
आदि के कब से
रिक्त हैं? (ग) रिक्त
पदों की
संवर्गवार
पूर्ती हेतु
विभाग द्वारा
कब-कब
क्या-क्या
प्रभावी
कार्यवाही की
गई? उसके
क्या परिणाम
निकले? (घ) क्या
शासन/विभाग
रिक्त पदों के
कारण
कार्यालयों
एवं
चिकित्सालयों
आदि का कार्य
प्रभावित
होने को ध्यान
में रखते हुए रिक्त
पदों की
पूर्ति
तत्काल किया
जाना
सुनिश्चित
करेगा? यदि हाँ तो
कब तक?
यदि नहीं तो
क्यों?
भोपाल
गैस त्रासदी
राहत एवं
पुनर्वास
मंत्री ( डॉ.
कुंवर विजय
शाह ) : (क) भोपाल
गैस त्रासदी
राहत एवं
पुनर्वास
विभाग के अधीनस्थ
कार्यालयों
एवं चिकित्सा
संस्थाओं में
संवर्गवार
स्वीकृत पदों
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-'अ' अनुसार। (ख) स्वीकृत
पदों में से
प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं
चतुर्थ
श्रेणी के
रिक्त पदों की
संस्थावार जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-'ब' अनुसार। (ग) भोपाल गैस
त्रासदी राहत
एवं पुनर्वास
विभाग द्वारा समय-समय
पर अन्य
शासकीय
विभागों से
प्रथम एवं
द्वितीय श्रेणी
के
अधिकारियों
की सेवाएं
प्रतिनियुक्ति/संविदा
आधार पर लेने
की कार्यवाही
की जाती है। विभाग
के अंतर्गत
तृतीय श्रेणी
के पद की पूर्ति
हेतु संचालक, कमला
नेहरू चिकित्सालय, गैस राहत, भोपाल के
पत्र दिनांक 12.12.2024 द्वारा
मध्यप्रदेश
कर्मचारी चयन
मण्डल, भोपाल को
प्रस्ताव
प्रेषित किया
गया है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-'स' अनुसार। (घ) जी हाँ। रिक्त
पदों की
पूर्ति की
कार्यवाही
निरंतर की जा
रही है जो कि
सतत्
प्रक्रिया है।
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
लंबित
प्रश्नों के
आश्वासन एवं
अपूर्ण उत्तर
पूर्ण किये
जाने के लंबित
प्रकरण
[भोपाल गैस
त्रासदी राहत
एवं पुनर्वास]
59.
( क्र. 3200 ) श्री आरिफ
मसूद : क्या
भोपाल गैस
त्रासदी राहत
एवं पुनर्वास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) भोपाल
गैस त्रासदी
राहत एवं पुनर्वास
विभाग के
अंर्तगत
विधान सभा प्रश्नों
के कितने
आश्वासन एवं
पूर्ण/अपूर्ण
उत्तर लंबित
हैं? (ख) प्रश्नांश
"क" के
परिप्रेक्ष्य
में विधानसभा प्रश्नों
के आश्वासन
एवं
पूर्ण/अपूर्ण
उत्तरों की
जानकारी प्रश्नवार
कब से क्यों
लंबित है? (ग) लंबित
प्रश्नों के
आश्वासन एवं
पूर्ण/अपूर्ण
उत्तर जून 2025 तक नहीं दिये
जाने के क्या
कारण हैं? दोषी कौन
है? क्या
दोषियों को
बचाने की नियत
से जानबूझकर
लंबित रखे जा
रहे हैं? (घ) क्या
शासन/विभाग
जानबूझकर
लंबित रखने
वाले दोषियों
पर कठोर अनुशासनात्मक
कार्यवाही
करते हुए
लंबित प्रश्नों
के आश्वासनों
एवं
पूर्ण/अपूर्ण
उत्तरों को
तत्काल दिया
जाना
सुनिश्चित
करेगा? यदि हाँ तो
कब तक? यदि
नहीं तो क्यों?
भोपाल
गैस त्रासदी
राहत एवं
पुनर्वास
मंत्री ( डॉ.
कुंवर विजय
शाह ) : (क) एवं
(ख) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ग) जांच की
कार्यवाही
प्रचलन में
होने एवं राजस्व
विभाग से
जानकारी
प्राप्त न
होने के कारण
लंबित प्रश्नों
के आश्वासन
एवं अपूर्ण
उत्तर पूर्ण
नहीं किये जा
सके हैं। जाँच
प्रतिवेदन
प्राप्त
होने पर
नियमानुसार
कार्यवाही की
जावेगी। (घ) जाँच
प्रतिवेदन
प्राप्त
होने पर
नियमानुसार
कार्यवाही की
जावेगी।
निर्माण
कार्यों हेतु
प्राप्त
राशि की
जानकारी
[जनजातीय
कार्य]
60.
( क्र. 3232 ) श्री चैन
सिंह वरकड़े : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
सहायक आयुक्त
जनजातीय
कार्य विभाग
मंडला को विगत
वर्ष 2021-22, 2022-23, 2023-24, 2024-25 एवं 2025-26 को मध्यप्रदेश
शासन एवं
केंद्र सरकार
से निर्माण कार्य
(नवीन एवं
मरम्मत व अन्य
सामग्री क्रय)
के लिए मदवार
कितनी राशि
प्राप्त हुई
है? (ख) यदि हाँ तो
उक्त प्राप्त
राशि से
कौन-कौन से निर्माण
कार्य, नवीन/मरम्मत
कार्य व अन्य
सामग्री क्रय
की गई है जिसमें
निविदा
प्रक्रिया
में शासकीय
प्रक्रिया का
पालन किया गया
है व कार्यों
की भौतिक व
वित्तीय स्थिति
क्या है? (ग) क्या
पूर्व में किए
गए कार्य, जिनकी
जांच लंबित है, का भी
भुगतान सहायक
आयुक्त, मंडला के
द्वारा किया
गया है? (घ) उपरोक्त
अनुसार
निविदाकारों की
जानकारी
प्रदान करें।
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) जी
हाँ, प्रश्नाधीन
अवधि में
म.प्र. शासन
एवं
केन्द्रीय
सरकार से
निर्माण
कार्य हेतु
प्राप्त
आवंटन का विवरण
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है।
(ख) प्रश्नांश
"ख" के संबंध
में प्राप्त
आवंटन से नवीन
एवं मरम्मत
कार्यों की
स्वीकृति की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है तथा
निर्माण
कार्यों हेतु
सामग्री क्रय की
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
स्वीकृत
कार्यों की
निविदा व
स्वीकृति की
प्रक्रिया
शासकीय
नियमानुसार
की गई है, कार्यों की
भौतिक व
वित्तीय
प्रगति की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''अ'' अनुसार है।
(ग) जी
नहीं, शेष
प्रश्नांश
का प्रश्न ही
उत्पन्न नहीं
होता। (घ) प्रश्नांश
"घ" के संबंध
में
निविदाकारों की
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''ब'' अनुसार है।
समर्थन
मूल्य पर उपार्जित
गेहूँ का
भंडारण एवं
संधारण
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
61.
( क्र. 3236 ) डॉ. सतीश
सिकरवार : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) दिनांक
1 जनवरी 2024 से 30 अप्रैल 2025 तक जिला
ग्वालियर के
अंतर्गत
समर्थन मूल्य
पर
कितनी-कितनी
मात्रा का गेहूँ
खरीदा गया है? जानकारी
दी जावे। (ख) प्रश्नांश
'क' की
अवधि में
खरीदे गये गेहूँ
को वेयर
हाउसों में
रखने के लिये
कितने किराये
का भुगतान किस
दर से किया
गया? राशि
एवं दर सहित
जानकारी दी
जावे। (ग) समर्थन
मूल्य पर
खरीदे गये गेहूँ
के भण्डारण व
संधारण हेतु
शासन ने
क्या-क्या मानक
तय किये हैं? क्या
मानकों के
अनुरूप गेहूँ
का भण्डारण
किया गया? नियम सहित
जानकारी देवें।
(घ) प्रश्नांश
'क' की
अवधि में
गोदाम में रखे
गये गेहूँ में
से कितना गेहूँ
खराब होने से
शासन को
कितनी-कितनी
आर्थिक क्षति
हुई है? (ड.) बड़ी
मात्रा में गेहूँ
खराब होने के
क्या-क्या कारण
रहे एवं इसके
लिये कौन-कौन
अधिकारी दोषी
थे? शासन
द्वारा
दोषियों के
विरूद्ध
क्या-क्या कार्यवाही
की गई? नाम
सहित जानकारी
दी जावे।
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) ग्वालियर
जिले में
दिनांक 1 जनवरी 2024 से 30 अप्रैल 2025 तक 732498.77 क्विंटल गेहूँ
का उपार्जन
किया गया है। समितिवार
उपार्जित गेहूँ
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट–अ अनुसार
है। (ख) ग्वालियर
जिले में
दिनांक 1 जनवरी 2024 से 30 अप्रैल 2025 तक
उपार्जित गेहूँ
के भंडारण पर
गोदाम
संचालकों को
भुगतान की गई
राशि एवं दर की
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट–ब अनुसार
है। (ग) समर्थन
मूल्य पर
उपार्जित
गेहूँ का
भण्डारण एवं
संधारण
निर्धारित
उपार्जन
नीति में दिए
गए मानक
अनुरूप किया
जाता है, जिसकी प्रति
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट–स अनुसार
है। उपार्जित
गेहूँ का
भंडारण
निर्धारित
मानक अनुसार
किया गया है। (घ) प्रश्नांश
'क' की
अवधि में
भंडारित गेहूँ
के खराब होने
का प्रकरण
प्रकाश में
नहीं आया है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ड.) उत्तरांश
(घ) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
निःशक्तजनों
को उपकरणों का
प्रदाय
[सामाजिक
न्याय एवं दिव्यांगजन
कल्याण]
62. ( क्र.
3238 ) डॉ.
सतीश सिकरवार
: क्या
सामाजिक न्याय
एवं दिव्यांगजन
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रदेश
में किस-किस
श्रेणी के
निःशक्तजनों
को कौन-कौन से
उपकरण प्रदाय
किये जाते हैं?
पात्रता
के नियम
उपलब्ध कराये जावें।
(ख)
जिला
ग्वालियर में
वर्ष 2023-24 से प्रश्न
दिनांक तक
आवश्यक उपकरण
वितरित किये
जाने हेतु
कितनी-कितनी
राशि प्रदाय
की गई? इस राशि से
कौन-कौन से
उपकरण क्रय
किये गये?
(ग) चयन की
प्रक्रिया
पूर्ण होने के
बाद संबंधित को
कितने दिनों
के अन्दर
उपकरण उपलब्ध करा
दिये जाते हैं?
जिला
ग्वालियर में
वर्षवार
किस-किस
विकासखण्ड
में किन-किन
हितग्राहियों
को कौन-कौन से
उपकरण प्रदाय
किये गये?
वर्तमान
में कितने
प्रकरण
सामग्री
वितरण के लम्बित
हैं? विकासखण्डवार
जानकारी दी
जावे। (घ) प्रश्नांश
(ग) के
परिप्रेक्ष्य
में जनप्रतिनिधियों
के द्वारा
अनुशंसित
प्रकरणों में
से कितनों का
निराकरण किया
गया तथा कितने
लम्बित हैं?
लम्बित
होने का कारण
बतायें एवं
लम्बित प्रकरणों
का निराकरण कब
तक कर दिया
जायेगा? यदि
नहीं तो क्यों?
सामाजिक
न्याय एवं
दिव्यांगजन
कल्याण
मंत्री ( श्री
नारायण सिंह कुशवाह
) :
(क)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जिला
ग्वालियर
में वर्ष 2023-24 से प्रश्न
दिनांक तक
आवश्यक
उपकरण वितरित
किये जाने
हेतु कोई राशि
प्रदान नहीं
की गई है। अत:
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) चयन
की प्रक्रिया
पूर्ण होने के
बाद
संबंधितों को 30 दिवस के
अन्दर भारत
सरकार के
उपक्रम
ऐलिमको
द्वारा शिविर
का आयोजन कर
संबंधितों को
उपकरण प्रदान
किये जाते हैं।
ऐडिप योजना के
तहत भारत
सरकार के
उपक्रम ऐलिम्को
द्वारा दिव्यांगजनों
का परीक्षण
एवं सहायक
उपकरण वितरण की
जानकारी
विकासखण्डवार/वार्डवार पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है।
दिव्यांगजनों
का परीक्षण, चिन्हांकन
एवं सहायक
उपकरण वितरण
सतत्
प्रक्रिया के
अंतर्गत आता
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) ग्वालियर
जिले में
जनप्रतिनिधियों
के द्वारा अनुशंसित
प्रकरणों में
से 20
प्रकरण लंबित
है। उक्त 20 प्रकरणों
का निराकरण
हेतु आगामी
चयन शिविर का
आयोजन किया
जाकर वितरण
शिविर में
सहायक उपकरण
प्रदान किये
जायेंगे। भारत
सरकार की ऐडिप
योजनान्तर्गत
भारत सरकार के
उपक्रम ऐलिम्को
द्वारा दिव्यांगजनों
का परीक्षण
सहायक उपकरण
वितरण किया
जाना एक सतत
प्रक्रिया के
अंतर्गत आता
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
विभिन्न
योजनाओं में लाभान्वित
किसानों का
ब्यौरा
[उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण]
63.
( क्र. 3240 ) श्री
भूपेन्द्र
सिंह : क्या
उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) खुरई
विधानसभा
क्षेत्र में
विभाग द्वारा
संचालित
विभिन्न
योजनाओं
अंतर्गत वर्ष 2022-23, 2023-24,
वर्ष 2024-25 एवं चालू
वित्तीय वर्ष
में किस-किस
वर्ग के कितने-कितने
किसानों को लाभान्वित
किया गया? वर्षवार, योजनावार
व विकासखंडवार
ब्यौरा दें। क्या
लक्ष्य
अनुरूप
किसानों को
लाभ प्रदान किया
गया? (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
वर्तमान में
इन योजनाओं का
लाभ प्राप्त
करने हेतु
कितने किसान
पंजीकृत हैं? उपरोक्तानुसार
वर्षों में
इनमें से अभी
तक कितने-कितने
किसानों
द्वारा
किस-किस योजना
में लाभ प्राप्त
किया गया है? योजनावार
संख्यात्मक
ब्यौरा दें।
उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण
मंत्री ( श्री
नारायण सिंह
कुशवाह ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-01 अनुसार है।
जी
हाँ। (ख) जानकारी
एवं वर्ष 2022-23
2023-24, 2024-25 एवं
चालू वित्तीय
वर्षों में लाभान्वित
किसानों का
योजनावार
संख्यात्मक जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-02 अनुसार है।
चकरपुर
एवं उल्दन
बांध का
निर्माण
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
64.
( क्र. 3241 ) श्री
भूपेन्द्र
सिंह : क्या लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि
खुरई
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
चकरपुर एवं
उल्दन बांध से
जल प्रदाय
हेतु बांध स्थलों
पर पम्प हाउस
सहित अन्य
निर्माण
कार्यों को कब
तक पूर्ण कर
लिया जावेगा? इस हेतु
विभाग द्वारा
की जा रही
कार्यवाही का ब्यौरा
क्या है? पेयजल
योजनाओं को जल
प्रदाय किये
जाने हेतु
निर्धारित
समय-सीमा क्या
है?
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके )
: खुरई
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
चरकपुर एवं उल्दन
बांध से समूह
जल प्रदाय
योजना (बीना-खुरई
एवं मालथौन) में
पंप हाउस सहित
अन्य निर्माण
कार्यों को पूर्ण
करने की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार है। विभाग
द्वारा
योजनाओं के
कार्यों का
सतत पर्यवेक्षण
तथा अपूर्ण
कार्यों को
पूर्ण करने हेतु
आवश्यक
कार्यवाही की
जा रही है। उक्त
पेयजल
योजनाओं से जल
प्रदाय किए
जाने हेतु
निर्धारित
समय-सीमा की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है।
पेयजल
समस्याओं का
निराकरण
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
65.
( क्र. 3246 ) श्री साहब
सिंह गुर्जर : क्या लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) विधानसभा
क्षेत्र ग्वालियर ग्रामीण
अंतर्गत नल-जल
योजना में
मात्र
खानापूर्ति
की गई है तथा
पेयजल
आपूर्ति नहीं
हो रही है। नल-जल
योजना के तहत
गांव की सड़कों
को खोद दिया गया
है। ग्रामीणों
को कनेक्शन
प्रदाय करने
के नाम पर शासकीय
धन का
दुरूपयोग
किया गया है। विभाग
द्वारा
किन-किन
ग्रामों में
नल-जल योजना
संचालित हैं? कितनी
नल-जल योजनाएं
ग्राम
पंचायतों को
स्थानांरित
की गई है? क्या
उपयोगिता है? प्रमाणिक
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ख) प्रश्नांश
(क) में
वर्णित स्थान
अंतर्गत ऐसे
मजरे-टोले
जहां पर नल-जल
योजना संचालित
नहीं हैं, लक्ष्य
बढ़ाया जाकर
पर्याप्त
संख्या में
उत्खनन कराये
जाना चाहिए परन्तु
ऐसा नहीं किया
जा रहा है, वहां कब तक
नवीन
हैण्डपंप खनन
का बढ़ा हुआ
लक्ष्य
निर्धारित कर
खनन करवाये
जावेंगे? (ख) विधान
सभा क्षेत्र
ग्वालियर
ग्रामीण में
हैण्डपंपों
का खराब होना, हैण्डपंपों
में पाइप बढ़वाये
जाने संबंधी
कार्य लंबित
हैं। इसमें
होने वाली
देरी के लिए
कौन-कौन
अधिकारी/कर्मचारी
दोषी हैं? इस संबंध
में क्या
कार्यवाही की
गई? जानकारी
देवें। (ग) नवीन
बोर उत्खनन
करवाये जाने
के संबंध में
पत्र क्रमांक 452 ग्वालियर
दिनांक 09.05.2025 के द्वारा 9 स्थलों पर
नवीन उत्खनन
करवाये जाने
हेतु लेख किया
गया था परन्तु
मात्र 3 ग्रामों
में ही नलकूप
खनन का कार्य
कराया गया, शेष रहने
का कारण बतावें। नवीन
लक्ष्य बढ़ाया
जाकर कब तक
नवीन नलकूप
उत्खनन कराये
जावेंगे?
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके )
:
(क) जी नहीं, जो
योजनायें
पूर्ण हो रही
हैं उनमें
पेयजल की आपूर्ति
हो रही है।
पाइप-लाइन
कार्य हेतु
गांव की खोदी
गई सी.सी. को
पुनः यथास्थिति
में किया गया
है। ग्रामीणों
को कनेक्शन
प्रदान करने
के नाम पर शासकीय
धन का दुरुपयोग
नहीं किया गया
है। शेष प्रश्नांश
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है।
(ख) जी
नहीं, मजरे-टोले
जहाँ नल-जल
योजना नहीं है, उनमें
हैण्डपंप के
माध्यम से
पेयजल उपलब्ध
कराया जा रहा
है। जिले को
वर्ष 2025-26
में 35
हैण्डपंप
हेतु नलकूप
खनन का लक्ष्य
प्राप्त हुआ
है। आवश्यकतानुसार
नवीन हैंडपंप
खनित कराये जायेंगे।
विभागीय
मापदण्ड
अनुसार कोई
मजरा/पारा/टोला
पेयजल विहीन
नहीं है। शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता। (ग) खराब
हैण्डपंपों
को नियमित रूप
से संधारित किया
जा रहा है, जहाँ
राईजर पाइप की
आवश्यकता है
उनमें राईजर
पाइप बढ़ाये
जा रहे हैं, शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) पत्र
क्रमांक 452 दिनांक 09.05.2025 में
उल्लेखित
ग्रामों में
जहाँ
आवश्यकता थी उनमें
से इस पत्र के 02 ग्रामों
एवं विधायक
महोदय की
सहमति से अन्य
01 ग्राम में, कुल 03 नलकूप
खनित किये गये
हैं। अन्य
ग्रामों में
पेयजल उपलब्ध
हो रहा है। शेष
प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता है।
विद्यालयों
में आधारभूत
सुविधाओं
हेतु राशि का आवंटन
[जनजातीय
कार्य]
66.
( क्र. 3250 ) श्री बाबू
जन्डेल : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जनजातीय
कार्य विभाग
द्वारा
श्योपुर जिले
में जनजाति
वर्ग के
उत्थान हेतु कौन-कौन
सी योजनाएं
चलाई जा रही
हैं तथा
जनजातीय
क्षेत्रों
में जनजातीय
कार्य विभाग
के द्वारा
उक्त अवधि में
प्रश्न
दिनांक तक कौन-कौन
से मद से किस-किस
कार्य हेतु
राशि जारी की
गई है एवं
कितना-कितना
व्यय किया गया
है? मदवार
जानकारी
उपलब्ध करावें।
(ख) जनजातीय
कार्य विभाग
द्वारा
छात्रावासों, कन्या
शिक्षा
परिसरों, एकलव्य
विद्यालयों, उत्कृष्ट विद्यालयों
में किन-किन
कार्यों के
लिए छात्रों
की सुविधा एवं
अन्य प्रोत्साहन
हेतु राशि
आवंटित की
जाती है? पृथक-पृथक
जानकारी
उपलब्ध करावें। (ग) क्या
शासन स्तर से
जिले में
जनजातीय
कार्य विभाग
अंतर्गत
संचालित
समस्त विद्यालयों, छात्रावासों, कन्या
परिसरों, एकलव्य विद्यालयों
एवं मॉडल विद्यालयों
में सामग्री, फर्नीचर
पुस्तक व
गणवेश एवं
व्यय-क्रय
हेतु शासन
द्वारा राशि
आवंटित की
जाती है? मदवार
पृथक-पृथक किये
गये व्यय की
जानकारी
उपलब्ध करावें
तथा क्या जिले
के समस्त
उपरोक्त विद्यालयों
में
उपरोक्तानुसार
सामग्रियों
को सप्लायरों
के माध्यम से
सप्लाई की
जाती है? यदि हाँ तो
सप्लायरों की
जानकारी वर्ष 2019-20 से प्रश्न
दिनांक तक
उपलब्ध कराई
जावे। (घ) प्रश्नांश
(ख) एवं (ग) के
अनुसार शासन
द्वारा
प्राप्त
मदवार उपरोक्त
राशियों के आय
एवं व्यय की
जानकारी प्रश्नकर्ता
को कब-कब दी गई
है? प्राप्ति
अभिस्वीकृति
बतावें तथा
जानकारी
उपलब्ध करावें।
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'अ' अनुसार है।
(ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'ब' अनुसार है।
(ग) जी
हाँ। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'स' अनुसार है।
(घ) जनप्रतिनिधियों
द्वारा चाहे
जाने पर जानकारी
उपलब्ध करायी
जाती है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार है।
राजघाट
समूह जल
प्रदाय योजना
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
67.
( क्र. 3254 ) श्री जगन्नाथ
सिंह रघुवंशी
: क्या लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) L&T द्वारा
किये जा रहे
राजघाट-बांध
समूह
जल-प्रदाय
योजना का
कार्य किस वर्ष
से प्रारंभ
किया गया है? अनुबंध की
जानकारी देवें। कार्य पूर्ण
करने हेतु
कितनी बार समय
बढ़ाया गया है, के आदेशों
की छायाप्रति
देवें। (ख) क्या
L&T
कंपनी
द्वारा योजना
के प्रथम-चरण
का कार्य
जिसके
अंतर्गत समस्त
एम.बी.आर. तक
मेन-लाइन बिछाई
जानी थी, प्रश्न दिनांक
तक कार्य
पूर्ण नहीं किया
है। यदि हाँ
तो कारण स्पष्ट
करें। (ग) जिला
अशोकनगर एवं
जिला-गुना के
कितने-ग्रामों
की लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
विभाग द्वारा
चालू नल-जल
योजनाओं को L&T कंपनी
द्वारा मेन लाइन
से जोड़कर जल
सप्लाई करना
था? बतावें।
क्या यह सत्य
है कि L&T कंपनी
द्वारा उक्त
ग्रामों को भी
मेन लाइन से
नहीं जोड़ा
गया है? यदि हाँ तो
कारण स्पष्ट
करें। (घ) क्या
अधिकतर
ग्रामों में पाइप-लाइन
बिछाने के पश्चात
हाउस सर्विस
कनेक्शन L&T कंपनी
द्वारा नहीं दिये
गये हैं? यदि, हाँ तो
कनेक्शन कब तक
दिये जायेंगे? (ड.) ग्रामों
का राजघाट
समूह
जल-प्रदाय
योजना में सम्मलित
होने के नाम
पर पेयजल हेतु
हैंडपंप उत्खनन
नहीं किये
जाते। ग्रामीणजन
पेयजल हेतु
परेशान होते
हैं। इस समस्या
का शासन क्या
समाधान करेगी? प्रश्नांश
(ख) एवं (ग) में
विलंब करने पर
क्या शासन L&T कंपनी पर
पेनल्टी
लगायेगी? यदि, हाँ तो कब
तक?
यदि नहीं तो
कंपनी को
संरक्षण देने
का कारण स्पष्ट
करें।
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके )
:
(क) वर्ष 2020-21 से प्रारंभ
किया गया। अनुबंध
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-01 अनुसार है। 02
बार
समयावृद्धि
दी गई है। समयावृद्धि
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-02 अनुसार है।
(ख) जी
हाँ, अन्य
विभागों से
अनुमति मिलने
में विलंब एवं
कंपनी द्वारा
धीमी गति से
कार्य करने के
कारण कार्य
पूर्ण नहीं
किये जा सके
हैं। (ग) जिला
अशोकनगर में 201 ग्राम एवं
गुना में 196 ग्रामों
में चालू नल-जल
योजनाओं हेतु
बल्क जल
उपलब्ध कराया
जाना है। जी हाँ, कार्य
प्रगतिरत है। (घ) जी
हाँ, कार्य
प्रगति पर है, दिसम्बर 2025 तक कार्य
पूर्ण किया
जाना लक्षित
है। (ड.) राजघाट
समूह जल
प्रदाय योजना
में सम्मिलित
गुना एवं
अशोकनगर जिले
के ग्रामों
जहां समूह योजना
से पेयजल
प्रदाय
उपलब्ध नहीं
है, उन
ग्रामों में
विद्यमान
पेयजल
व्यवस्था अपर्याप्त
होने की
स्थिति में
आवश्यकतानुसार
पेयजल हेतु नए
हैंडपंप लगाए
गए हैं। कार्य
पूर्ण होने पर
गुणदोष के
आधार पर L&T कंपनी पर
अनुबंध के
प्रावधान
अनुसार
लिक्वीडिटी
डैमेज
पेनल्टी
निर्धारित की
जायेगी। शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता है।
शासकीय
परिसंपत्तियों
की जानकारी
[लोक
परिसम्पत्ति
प्रबंधन]
68.
( क्र. 3264 ) श्री
शैलेन्द्र
कुमार जैन : क्या लोक
परिसम्पत्ति
प्रबंधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मध्यप्रदेश
शासन के लोक
परिसंपत्ति
प्रबंधन
विभाग
अंतर्गत सागर
विधानसभा
क्षेत्र में कितनी
शासकीय
परिसंपत्तियां
(भवन, भूमि)
हैं, इनमें
किन-किन
परिसंपत्तियों
का उपयोग किया
जा रहा है एवं
कितनी रिक्त
है? रिक्त
परिसंपत्तियों
की देखरेख या
सुरक्षा हेतु
शासन द्वारा
क्या
व्यवस्था की
गई है? (ख) सागर
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
रिक्त शासकीय
परिसंपत्तियों
को पी.पी.पी.
मॉडल पर देने
की कोई योजना
है? यदि
हाँ तो कितनी
शासकीय
परिसंपत्तियों
को चिन्हित
एवं उनका
मूल्यांकन कर
व्यावसायिक
उपयोग हेतु
दिये जाने की
कार्यवाही
प्रचलन में है? विवरण
सहित उपलब्ध करायें।
(ग) वर्ष
2021 से प्रश्न
दिनांक तक
सागर
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
कितनी
परिसंपत्तियों
को शासन के
अधिकतम लाभ के
लिये विक्रय
किया गया?
लोक
परिसम्पत्ति
प्रबंधन
मंत्री ( डॉ.
कुंवर विजय
शाह ) : (क) सागर
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत लोक
परिसम्पत्ति
प्रबंधन
विभाग के स्वामित्व
की कोई परिसम्पत्ति
नहीं है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) जी
नहीं। विभाग
द्वारा वर्तमान
में पी.पी.पी.
मॉडल पर कोई
योजना प्रस्तावित
नहीं है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) सागर
विधानसभा
क्षेत्र में 05 परिसम्पत्तियों
का निर्वर्तन
किया गया है।
दिव्यांग
पुनर्वास
केन्द्र का
संचालन
[सामाजिक
न्याय एवं
दिव्यांगजन
कल्याण]
69.
( क्र. 3265 ) श्री
शैलेन्द्र
कुमार जैन : क्या
सामाजिक न्याय
एवं दिव्यांगजन
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मध्यप्रदेश
शासन के
सामाजिक
न्याय एवं
दिव्यांगजन
कल्याण विभाग
द्वारा सागर
में संचालित
दिव्यांग
पुनर्वास
केन्द्र में
कौन-कौन से
कितने पद
स्वीकृत है, इनमें
कितने पद भरे
तथा कितने
रिक्त हैं? (ख) सागर
में संचालित
दिव्यांग
पुनर्वास
केन्द्र
द्वारा विगत 3 वर्षों
में कितने
दिव्यांगों
को कौन-कौन सी
सुविधाओं का
लाभ दिया गया
है? विवरण
देवें। (ग) क्या
दिव्यांग
पुनर्वास
केन्द्र सागर
में दिव्यांगों
के लिये
कृत्रिम अंग
बनाये जाने
एवं इनके
मरम्मत/सुधार
कार्य किये
जाने का कोई
प्रावधान है? (घ) यदि
नहीं तो क्या
शासन
दिव्यांग
पुनर्वास केन्द्र
सागर अंतर्गत
दिव्यांगों
के लिये कृत्रिम
अंग बनाये
जाने की
व्यवस्था
सुनिश्चित करेगा
तथा कब तक?
सामाजिक
न्याय एवं
दिव्यांगजन
कल्याण
मंत्री ( श्री
नारायण सिंह
कुशवाह ) : (क) जानकारी संलग्न
परिशिष्ट-'अ' अनुसार है। (ख) जिला
दिव्यांग
पुनर्वास
केन्द्र जिला
सागर द्वारा
प्रदान की
जाने वाली
सुविधायें
निम्नानुसार
हैं:-
दिव्यांग प्रमाण-पत्र
प्रदान करना, यू.डी.आई.डी.
जनरेट करना, फिजियोथेरेपी, मानसिक
रूप से
दिव्यांग
व्यक्तियों
को थेरेपी/परीक्षण, सुनने की
जाँच एवं
स्पीच/भाषा थेरेपी, बौद्धिक
दिव्यांग
बच्चों को
विशेष शिक्षा, दृष्टि
बाधित
दिव्यांग
बच्चों को
गतिशील प्रशिक्षण, कृत्रिम
अंग उपकरण
निर्माण
कार्य एवं
मरम्मत कार्य, दिव्यांगजनों
को मिलने वाली
शासकीय
सुविधाओं एवं
रोजगार पुनर्वास
से संबंधित
जानकारी/प्रशिक्षण
प्रदान करना, श्रवण
बाधित
व्यक्तियों
को सांकेतिक
भाषा का
प्रशिक्षण
देना एवं
समय-समय पर
एलिम्को के माध्यम
से सहायक
उपकरण
परीक्षण एवं
वितरण शिविर
आयोजित करना। दिव्यांगजनों
को विगत तीन
वर्षों में
जिला दिव्यांग
पुनर्वास
केन्द्र
सागर द्वारा
प्रदाय सहायक
उपकरण की सूची
संलग्न
परिशिष्ट-'ब' अनुसार है। (ग) जी
हाँ,
सागर सहित
प्रदेश के
समस्त जिला
दिव्यांग
पुनर्वास
केन्द्र में
दिव्यांगजनों
के लिये
प्रदाय किये गये
सहायक उपकरण
एवं कृत्रिम
अंगों के
प्राथमिक स्तर
पर निर्माण, रिपेयरिंग
एवं फिटिंग
हेतु
प्रारंभिक स्तर
पर राशि रूपये
दो लाख
प्रतिवर्ष
प्रति जिला
दिव्यांग
पुनर्वास
केन्द्र के
लिये
प्रावधान
किया गया है। (घ)
जिला दिव्यांग
पुनर्वास
केन्द्र, जिला सागर
में दिव्यांगजनों
के लिये
प्रदाय किये
गये सहायक उपकरण
एवं कृत्रिम
अंगों के
प्राथमिक स्तर
पर निर्माण
एवं
रिपेयरिंग पर
राशि रूपये दो
लाख
प्रतिवर्ष
प्रति जिला
दिव्यांग
पुनर्वास
केन्द्र के
लिये
प्रावधान
किया गया है। साथ
ही कृत्रिम
अंग निर्माण, रिपेयरिंग
एवं फिटिंग
हेतु सीनियर
प्रोस्थेटिक
एवं प्रोस्थेटिक
टेक्नीशियन
भी नियुक्त
हैं। अत:
कृत्रिम अंग
बनाये जाने की
व्यवस्था
सागर जिले में
की गई है। जिला
अपने स्तर से
कच्चा माल
खरीदकर
कृत्रिम अंग
निर्माण कर
सकता है।
निर्माणाधीन
सीवर
प्रोजेक्ट
कार्य की
स्थिति
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
70.
( क्र. 3273 ) श्री
कैलाश
कुशवाहा : क्या लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) क्या
शिवपुरी नगर
में
निर्माणाधीन
सीवर
प्रोजेक्ट
कार्य पूर्ण
हो गया है? यदि हाँ तो
कब? यदि
नहीं तो, उक्त
प्रोजेक्ट कब
एवं कितनी
राशि का
स्वीकृत हुआ? योजनांतर्गत क्या-क्या
कार्य कराये
जाने थे? उसमें से
कौन-कौन से
कार्य प्रश्न
दिनांक तक
कितनी-कितनी
राशि से पूर्ण
कराये जा चुके
हैं? शेष
कौन-कौन से
कार्य कितनी
राशि से कब तक
पूर्ण कराये
जाएंगे? योजना की डी.पी.आर.
की जानकारी दें। (ख) क्या
योजनांतर्गत
शिवपुरी नगर
के कई क्षेत्र
में प्रश्न
दिनांक तक कोई
सीवर पाइप
लाइन नहीं
डाली गई है? यदि हाँ तो
क्यों? उक्त
क्षेत्र पाइप
लाइन से कैसे
एवं कब तक
जोड़े जाएंगे? (ग) क्या
शिवपुरी नगर
की
निर्माणाधीन
प्रोजेक्ट के
अंडर ग्राउंड चैम्बर
जो सड़कों के
बीच में बने
हुए हैं, उनका
निर्माण
कार्य अत्यंत
घटिया है जिससे
गंभीर
दुर्घटना की
संभावना बनी
हुई है? शासन
सर्वे कराकर
त्रुटि का
निराकरण कब तक
करेगा? (घ) क्या
निर्माणाधीन
सीवर
प्रोजेक्ट का
कार्य डी.पी.आर.
के अनुसार
किया गया है? यदि हाँ तो
प्रोजेक्ट की
जानकारी दें। उक्त
प्रोजेक्ट का
कार्य
निर्धारित
अवधि में
पूर्ण न कराये
जाने के लिए
कौन-कौन
अधिकारी दोषी
है? दोषियों
के विरूद्ध
शासन क्या
कार्यवाही कब तक
करेगा?
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके
) : (क) जी नहीं।
राष्ट्रीय
झील संरक्षण
परियोजना के
तहत शिवपुरी
झील संरक्षण
परियोजना
अंतर्गत
शिवपुरी नगर
में
निर्माणाधीन
सीवर प्रोजेक्ट
का कार्य
डिपोजिट मद
में किया जा
रहा है, जिसमें
कुछ स्थानों
पर इंटरकनेक्शन
कार्य किये
जाने शेष हैं।
कार्य
डी.पी.आर. अनुसार
कराए गए, शेष जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-01
अनुसार है।
स्वीकृत
डी.पी.आर.
विभागीय
वेबसाइट
पोर्टल पर
लिंक https://www.phed.mp.gov.in/en/Downloads
पर
उपलब्ध है। (ख) जी
हाँ। शिवपुरी
नगर में कुछ
स्थानों पर
संकरी गलियाँ
एवं सेप्टिक
टैंक होने के
कारण पी.एच.ई.
विभाग द्वारा
सीवर लाइन
नहीं डाली गई
है, शिवपुरी
नगर में शेष
रहे
क्षेत्रों
में सीवर लाइन
जोड़ने का
कार्य नगर
पालिका
परिषद् शिवपुरी
द्वारा अमृत-2.0
योजना
अंतर्गत
कराया जाना
प्रस्तावित है।
(ग) शिवपुरी
नगर की
निर्माणाधीन
प्रोजेक्ट के
अंतर्गत कुछ
स्थानों पर
सीवर
चैम्बरों को
सड़कों के बीच
में अंडर
ग्राउण्ड
निर्माण
कराया गया है, सीवर
प्रोजेक्ट के
अंतर्गत सीवर
चैम्बरों का
निर्माण
अनुबंध के
स्पेसिफिकेशन
के अनुसार
गुणवत्ता को
ध्यान में
रखते हुये ही
कराया गया है, कार्य
का समय-समय पर
विभागीय
अधिकारियों
द्वारा
निरीक्षण
किया गया है।
शिवपुरी नगर
में सीवर
प्रोजेक्ट के
तहत तत्कालीन
समय पर रोड का जो
लेवल था, उसी
लेवल के हिसाब
से सीवर
चैम्बरों का
निर्माण
कराया गया था, बाद
में लोक
निर्माण
विभाग एवं नगर
पालिका
शिवपुरी
द्वारा कराये
गये पुनः सड़क
निर्माण के
दौरान सीवर
प्रोजेक्ट के
कुछ सीवर चैम्बर
रोड लेवल से
ऊँचे/नीचे हो
गये हैं, सर्वे
कर चैम्बर को
रोड लेवल में
कराये जाने का
कार्य सीवर
प्रोजेक्ट की
ठेकेदार
एजेंसी द्वारा
कराया जा रहा
है। (घ) जी हाँ, निर्माणाधीन
प्रोजेक्ट
का निर्माण
डी.पी.आर.
अनुसार कराया
गया है, जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-02
अनुसार है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
पॉलीहाउस
का निर्माण
[उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण]
71.
( क्र. 3274 ) श्री
दिनेश राय
मुनमुन : क्या
उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जनवरी 2019 के पश्चात
सिवनी जिले
में विभाग की
ओर से कुल
कितने पॉलीहाउस, किस-किस व्यक्ति/कृषक
की भूमि पर कहाँ-कहाँ
लगाये गये? इसके लिये किस-किस
कृषक को कुल
कितनी-कितनी
सब्सिडी विभाग
द्वारा दी गई, प्रत्येक
पॉलीहाउस की
कुल लागत
कितनी थी? वर्षवार
जानकारी
देवें। (ख) प्रश्नांश
(क) संदर्भित
क्या
वर्तमान में
प्रदेश में
पॉलीहाउस
विभाग द्वारा लगाये
जा रह हैं? यदि हाँ, तो
वर्तमान में
कुल कितनी
सब्सिडी
पॉलीहाउस पर
दी जा रही है? पॉलीहाउस
निर्माण के
लिये प्रदेश
में कौन-कौन सी
कंपनियां
वर्तमान में
कार्यरत हैं? (ग) उक्त
पॉलीहाउस
निर्माण वाली
कितनी
कंपनियों को उक्त
अवधि में
किस-किस कारण
से ब्लैक लिस्ट
किया गया तथा
किस प्रकार की
कार्यवाही
निर्माणकर्ता
कंपनी के
खिलाफ की गई? (घ) क्या
म.प्र. के
अधिकांश
जिलों का मौसम
पॉलीहाउस के
अनुकूल नहीं है? यदि नहीं, तो उक्त
अवधि में
सैंकडों
पॉलीहाउस
सिवनी जिले
में क्षतिग्रस्त
होने के क्या
कारण रहे हैं? क्या
पॉलीहाउस
निर्माण
कंपनी द्वारा
जिस प्लास्टिक
शेड का
निर्माण किया
जा रहा है वह
अनुबंध के
अनुसार है? इस संबंध
में किस-किस
कृषक ने
किस-किस कंपनी
के खिलाफ, कहाँ-कहाँ
शिकायत की और
उसका क्या
समाधान किया
गया?
उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण मंत्री
( श्री नारायण
सिंह कुशवाह ) : (क) निरंक।
जनवरी 2019 के पश्चात
सिवनी जिले
में विभागीय
योजनातंर्गत पॉलीहाउस
का निर्माण
नहीं किया गया
है। (ख) जी
हाँ। वर्तमान
में भारत शासन
की एकीकृत
बागवानी विकास
मिशन योजना के
प्रावधान
अनुसार राशि
रूपये 1000/वर्गमीटर (> 1008 वर्गमीटर
से 2500
वर्गमीटर तक) के
पॉली हाउस पर
लागत का
अधिकतम 50 प्रतिशत
अनुदान दिया
जा रहा है। वर्तमान
में पॉलीहाउस
निर्माण के
लिये प्रदेश
में एम.पी.
एग्रो
इंडस्ट्रीज
कॉर्पोरेशन लि.
के अंतर्गत
पंजीकृत
कार्यरत कंपनियों
की जानकारी संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है। (ग) पॉलीहाउस
निर्माण वाली 03 कंपनियां, जिसमें 1. मेसर्स
मध्यप्रदेश
पॉली हाउस
भोपाल को ब्लैक
लिस्ट करने
का कारण एवं
की गई
कार्यवाही - शेडनेट
निर्माण
कार्य में
लापरवाही
बरतने के कारण
अनुबंध
निरस्त करते
हुए तीन वर्ष
के लिए निगम
के माध्यम से
प्रदाय हेतु
वंचित किया
गया है। 2. मेसर्स
एरोग्रीन
हाउस प्रा.लि., इंदौर को ब्लैक
लिस्ट करने
का कारण एवं
की गई
कार्यावाही - वॉक
इन टनल
निर्माण में
लापरवाही
बरतने के कारण
अनुबंध
निरस्त करते
हुए तीन वर्ष
के लिए निगम
के माध्यम से
प्रदाय हेतु
वंचित किया
गया है। 3. मेसर्स
किसान
एग्रोटेक
छतीसगढ़ को ब्लैक
लिस्ट करने
का कारण एवं
की गई
कार्यावाही - शेडनेट
निर्माण
कार्य में
लापरवाही के
कारण विभाग
में कार्य
करने हेतु
प्रतिबंधित
किया गया है। (घ) जी
नहीं। ऐसा
कहना उचित
नहीं है कि
म.प्र. के
अधिकांश जिलों
का मौसम
पॉलीहाउस के
अनुकूल नहीं है।
प्रश्नांश
(क) के उत्तर
के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
विदेश
में उच्च
शिक्षा हेतु
लाभान्वित
छात्रों की जानकारी
[जनजातीय
कार्य]
72.
( क्र. 3278 ) डॉ.
विक्रांत
भूरिया : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) विभाग
का अनुसूचित
जनजाति के
छात्रों को
विदेश में उच्च
शिक्षा हेतु
प्रतिवर्ष
कितना बजट पिछले 10 वर्ष में रखा
गया? वर्ष
2015 से 2025 तक कौन-कौन
से कोर्स हेतु
कितनी
छात्रवृत्ति
रही। विस्तृत
जानकारी दी
जाए। (ख) प्रश्नांश
(क) के संबंध
में वर्ष 2015 से 2025 तक कितने
आदिवासी
छात्र विदेश
उच्च शिक्षा के
अध्ययन के लिए
गए?
जिलेवार
जानकारी दें। प्रतिवर्ष
अनुसार
लाभार्थी
छात्रों की
जानकारी
प्रदान करें। (ग) पिछले
10 वर्ष में कितने
स्कूल/कॉलेज
में छात्रों
को उच्च
शिक्षा हेतु
शासन की
योजनाओं की
जानकारी के
लिए कैम्प
लगाये गए?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क)
|
क्र. |
वर्ष |
बजट
प्रावधान |
|
1 |
2020-21 |
220.00 |
|
2 |
2021-22 |
220.00 |
|
3 |
2022-23 |
220.00 |
|
4 |
2023-24 |
600.00 |
|
5 |
2024-25 |
600.00 |
|
6 |
2025.26 |
600.00 |
शेष जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। (ग) योजना
के प्रचार
प्रसार हेतु
जनसंपर्क
विभाग के माध्यम
से समाचार
पत्रों में
विज्ञप्ति
प्रकाशित की
जाती है।
अनुसूचित
जाति/जनजाति
विकास योजना
अंतर्गत
कराये गए
कार्य
[अनुसूचित
जाति कल्याण]
73.
( क्र. 3279 ) डॉ.
रामकिशोर
दोगने : क्या
अनुसूचित
जाति कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) वर्ष 2020 से प्रश्न
दिनांक तक
अनुसूचित
जाति/जनजाति विकास
योजना मद
अंतर्गत शासन
से कितनी राशि
हरदा
विधानसभा
क्षेत्र के
लिए प्राप्त
हुई है? वर्षवार
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ख) वर्ष
2020 से प्रश्न
दिनांक तक
विभाग द्वारा
अनुसूचित
जाति/जनजाति
विकास योजना
अंतर्गत हरदा
विधानसभा क्षेत्र
की अनुसूचित
जाति/जनजाति बस्तियों
में कौन-कौन
से विकास
कार्य कराये
गए है? वर्षवार, ग्रामवार
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ग) अनुसूचित
जाति/जनजाति
विकास योजना
अंतर्गत अनुसूचित
जाति/जनजाति
बस्ती में जो
विकास कार्य
कराये गए हैं
उसमें
कितनी-कितनी
राशि व्यय हुई? (घ) वित्तीय
वर्ष 2025-26
में अनुसूचित
जाति/जनजाति
विकास योजना
मद अंतर्गत शासन
से कितनी राशि
प्राप्त हुई
है व प्राप्त राशि
से प्रश्न
दिनांक तक
कौन-कौन से
कार्य
कहाँ-कहाँ पर
कराये गए है?
अनुसूचित
जाति कल्याण
मंत्री ( श्री
नागर सिंह
चौहान ) : (क) अनुसूचित
जाति/जनजातीय
विकास
योजनाओं में राशि
सम्पूर्ण
जिले को
प्रदान होती
है, न
कि
विधानसभावार।
अत: जिला हरदा
को प्राप्त
राशि का विवरण
की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-''01'' एवं ''02'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-''01''
एवं ''02''
अनुसार है। (घ) वित्तीय
वर्ष 2025-26
में अनुसूचित
जाति बस्ती
विकास योजना
मद अंतर्गत
राशि रूपये 39.00 लाख एवं
अनुसूचित
जनजातीय
विकास योजना
मद अंतर्गत
राशि रूपये 50.04 लाख
प्राप्त हुए
है। उक्त
योजनांतर्गत
कार्यों के
चयन हेतु
कार्यवाही
प्रचलन में
हैं।
सार्वजनिक
वितरण
प्रणाली की
जानकारी
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
74. ( क्र. 3282 ) श्री
पंकज
उपाध्याय : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) केन्द्र
ने खाद्य
सुरक्षा के
लिए प्रदेश की
2011 की
जनगणना 7.3 करोड़
अनुसार 75% की
सीमा 5,46,42,214 तय की
है? जबकि
वर्तमान
आबादी 8.50 करोड़
के 75% से 6.4
करोड़ की सीमा
क्यों नहीं है? जबकि
लाखों पात्र
परिवार
सार्वजनिक
वितरण प्रणाली
में नाम
जुड़वाने के
लिए भटक रहे
हैं। (ख) वर्ष 2022 से
2025 तक
सार्वजनिक
वितरण
प्रणाली में
पात्र कुल परिवारों
को खाद्यन्न
वितरण की
वर्षवार
जानकारी दें। (ग) क्या
अंत्योदय
परिवार के लिए
सीमा 1.85 लाख
परिवार के
विरुद्ध
दिसंबर 2024 को 13.96
लाख परिवार है? अंत्योदय
में 1.85 लाख
परिवार की
सीमा होने के
बाद भी नाम
क्यों नहीं
जोड़े जा रहे
है? (घ) केन्द्र
द्वारा
अंत्योदय तथा
प्राथमिकता
परिवार एवं
सदस्यों के
मान से
क्या-क्या
सीमा तय की गई
है? क्या
यह सही है कि
अत्यधिक गरीब
अंत्योदय परिवार
के 1.85 लाख
परिवारों के
स्थान पर
प्राथमिकता
परिवारों को
लाभ दिया जा
रहा है? (ड.) क्या
शासन अत्यधिक
गरीब 1.85 लाख
परिवारों को
केंद्र की तय
सीमा अनुसार
लाभ देगा? जनगणना
2011 के स्थान
पर वर्तमान
जनसंख्या के
मान से 75%
अनुसार सीमा 6.40
करोड़ तय
कराने के लिए
प्रयास करेगा?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) राष्ट्रीय
खाद्य
सुरक्षा
अधिनियम, 2013 अंतर्गत
भारत सरकार
द्वारा वर्ष 2011 की जनसंख्या
अनुसार
प्रदेश की 75% आबादी, 546.42 लाख को
लाभांवित
करने की सीमा
निर्धारित की
गई है। जिसमें
वर्तमान में 532.38 लाख
हितग्राहियों
को लाभांवित
किया जा रहा
है। भारत
सरकार द्वारा
निर्धारित
सीमा के अंतर्गत
14.32 लाख और
नवीन
हितग्राहियों
को जोड़ा जा
सकता है। नवीन
आवेदकों को
जोड़कर
पात्रता
पर्ची जारी
करना एक सतत्
प्रक्रिया
है। भारत
सरकार द्वारा NFSA अन्तर्गत
निर्धारित
सीमा के कारण
कोई नवीन परिवार
पात्रता
पर्ची से
वंचित नहीं
है। (ख) वर्ष 2022 से 2025 तक
सार्वजनिक
वितरण
प्रणाली में
कुल पात्र परिवारों
को खाद्यान्न
वितरण की
वर्षवार जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है। (ग) जी हाँ, केन्द्र
सरकार द्वारा
राष्ट्रीय
खाद्य
सुरक्षा
अधिनियम 2013 के
अंतर्गत
अंत्योदय श्रेणी
अंतर्गत 1581600 परिवारों
को लांभावित
करने की सीमा
निर्धारित की
गई है,
जिसके
परिपालन में
पात्रता
अनुसार
वर्तमान में 1376791 अंत्योदय
परिवारों को
लाभांवित
किया जा रहा
है। भारत
सरकार द्वारा
जारी
सार्वजनिक
वितरण
प्रणाली
(नियंत्रण) आदेश
2015 की कंडिका 3 (3) में दिये
गए प्रावधान
अनुसार राज्यवार
अंत्योदय
गृहस्थियों
की संख्या
राज्य में स्वीकृत
अंत्योदय
गृहस्थियों
की संख्या से
अधिक नहीं
होगी। परन्तु
जब कोई अंत्योदय
परिवार राज्य
से बाहर
प्रवास के
कारण, सामाजिक
या आर्थिक
परिस्थिति
में सुधार, मृत्यु
आदि के कारण
अपात्र हो
जाता है तो उस
राज्य में
किसी नए अन्त्योदय
परिवार की
पहचान नहीं की
जायेगी और उस
सीमा तक कुल
अंत्योदय
परिवार कम हो जायेंगे।
अंत्योदय
गृहस्थियों
की संख्या
में कमी होने
पर राज्य में
विहित अधिकतम
सीमा के अधीन
रहते हुए प्राथमिकता
श्रेणी में व्यक्तियों
के कवरेज को
उस सीमा तक
बढ़ा सकेंगे। (घ) भारत
सरकार द्वारा
राष्ट्रीय
खाद्य
सुरक्षा
अधिनियम 2013 अंतर्गत
प्रदेश को कुल
5,46,42,214
हितग्राहियों
को लाभांवित
करने की
अधिकतम सीमा
निर्धारित है
जिसमें से अन्त्योदय
श्रेणी
अंतर्गत 1581600 परिवारों
को लाभांवित
करने की
अधिकतम सीमा
है। शेष उत्तरांश
(ग) अनुसार है। (ड.) भारत
सरकार द्वारा जारी
सार्वजनिक
वितरण
प्रणाली
(नियंत्रण) आदेश
2015 की कंडिका 3 (3) में दिये
गए प्रावधान
अनुसार
अंत्योदय
गृहस्थियों
को लाभ दिया
जा रहा है।
राष्ट्रीय
खाद्य
सुरक्षा अधिनियम
2013 अंतर्गत
हितग्राहियों
को लांभावित
करने की अधिकतम
सीमा भारत
सरकार द्वारा
निर्धारित की
जाती है।
पात्र
हितग्राहियों
को
प्राथमिकता
श्रेणी के
अंतर्गत
नियमानुसार
चिन्हांकित
कर पात्रता
पर्ची जारी
करना एक सतत्
प्रक्रिया
है। शेष प्रश्न
उत्पन्न
नहीं होता।
उद्यानिकी
विभाग
अंतर्गत
संचालित नर्सरियों
की जानकारी
[उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण]
75.
( क्र. 3287 ) श्री चन्द्रशेखर
देशमुख : क्या
उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) वर्तमान
में मुलताई
विधानसभा
अंतर्गत उद्यानिकी
विभाग की
कितनी नर्सरी
है? (ख) नर्सरी
में कितने
प्रकार के
पौधे उपलब्ध
है? नर्सरी
में पौधों से
विगत 3
वर्षों में
कितने रुपयों
की आय हुई? (ग) विभाग
द्वारा
संचालित
योजना का विगत
2 वर्षों
में कितने
किसानों को
लाभ हुआ है? जानकारी
देवें? (घ) विभाग
द्वारा
संचालित
विभिन्न
योजनाओं की जानकारी
किसानों को कब
दी जाती है? जानकारी
देवें?
उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण
मंत्री ( श्री
नारायण सिंह
कुशवाह ) : (क) मुलताई
विधानसभा
अंतर्गत
विभाग की 02
नर्सरियाँ
हैं। (ख) नर्सरियों
में कलमी, बीजू, रूटस्टॉक, वानिकी
एवं शोभायमान
पौधे उपलब्ध
हैं। नर्सरियों
में पौधों से
विगत 03
वर्षों में
कुल रूपये 13,68,729/- की आय हुई
है। (ग) विभाग
द्वारा
संचालित
योजनाओं में
विगत 02
वर्षों में लाभान्वित
कुल कृषकों की
जानकारी
निम्नानुसार
है-
|
वर्ष |
लाभान्वित
कृषक संख्या |
|
2023-24 |
1428 |
|
2024-25 |
3367 |
(घ) विभाग
द्वारा
संचालित
विभिन्न
योजनाओं की जानकारी
कार्यशाला, प्रशिक्षण, समाचार
पत्रों एवं
विभागीय
पोर्टल पर
पंजीकृत
किसानों के
मोबाईल नम्बर
पर SMS के
माध्यम से दी
जाती है।
जल-जीवन
मिशन द्वारा
कराये गए
कार्यों की
जानकारी
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
76.
( क्र. 3288 ) श्री चन्द्रशेखर
देशमुख : क्या लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) मुलताई
विधानसभा में
जल जीवन मिशन
योजना अंतर्गत
कितने गांवों
में पाइप-लाइन
एवं नल कनेक्शन
का कार्य किया
जा रहा है? जानकारी
देवें? (ख) घोघरी
जलाशय एवं
वर्धा जलाशय
से पाइप-लाइन
जमीन में
कितने फीट
गहराई तक
दबायी जाती है? जानकारी
देवें तय
मापदंड के
अनुसार कार्य
नहीं किया गया
हो तो किस
अधिकारी के विरुद्ध
कार्यवाही की
जावेगी? (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) में
प्रश्नांकित
कार्यों को
कराने की
समय-सीमा
बतावें।
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके
) :
(क) एकल ग्राम
नल-जल योजनाओं
के अंतर्गत 166 ग्रामों
में एवं समूह
जल प्रदाय
योजनाओं के अंतर्गत
74 ग्रामों
में। (ख) घोघरी
एवं वर्धा
समूह जल
प्रदाय
योजनांतर्गत
बिछाये जा रहे
पाइप लाइन को
अनुबंध
अनुसार
पाइपों को कम
से कम 1.00
मीटर गहराई तक
दबाया जाता है
और जहाँ 01 मीटर
गहराई तक
खुदाई करना
संभव न हो
वहाँ पाइपों
के चारों और 1:2:4 (एम-20) कंक्रीट का
आवरण किया
जाता है।
योजनांतर्गत
क्रियान्वित
किये जा रहे
कार्यों को
अनुबंधानुसार
निर्धारित
मापदण्ड एवं
गुणवत्ता से
किया गया है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) घोघरी
समूह जल
प्रदाय योजना
का कार्य
दिसम्बर 2025 तक एवं
वर्धा समूह जल
प्रदाय योजना
का कार्य
मार्च-2026 तक पूर्ण
किया जाना
संभावित है।
एकल ग्राम नल-जल
योजनाओं के
कार्यों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट अनुसार
है।
विभाग
की योजनाओं पर
व्यय
[वन]
77.
( क्र. 3289 ) श्री मोहन
सिंह राठौर : क्या राज्य
मंत्री, वन महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रश्नकर्ता
के विधानसभा
प्रश्न क्रमांक 2091 दिनांक 18.03.2025 के उत्तर
में विभाग
द्वारा वर्ष 2022-23 से 2024-25 तक
ग्वालियर
जिले को
विभिन्न
योजना में
प्राप्त राशि
का विवरण दिया
गया है? क्या
प्रश्नांकित
जिले को रू. 17.87 करोड़, 19.44 करोड़, 32.48 करोड़ राशि
प्राप्त हुई
है? (ख) प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित
वर्षों में
प्राप्त
आवंटन से कौन-कौन
से कार्य
कराये गए? कितनी-कितनी
राशि के एवं
कहां-कहां, वर्षवार, कार्यवार, स्थानवार, प्रावधानित
राशिवार, व्यय
राशिवार जानकारी
दें। (ग) प्रश्नांश
(ख) में कराये
गये सिविल
वर्क, तकनीकी
वर्क, अर्थवर्क
कौन-कौन से हैं
एवं कहां-कहां
कराये गए? इनका
तकनीकी परीक्षण
कर एम.बी.
किसके द्वारा
तैयार की गई, जिसके
आधार पर
भुगतान किया
गया? उस
अधिकारी का
नाम, पदनाम, योग्यता
सहित जानकारी
दें। (घ) प्रश्नांकित
वर्षों में
कराये गये
कार्यों की
गुणवत्ता
परीक्षण, भौतिक
सत्यापन
भोपाल
मुख्यालय से
समिति बनाकर
कराया जायेगा? यदि हाँ तो
कब तक? यदि
नहीं तो क्यों?
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) : (क) जी
हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। (घ) प्रश्नांकित
वर्षों में
कराये गये
कार्यों में
अनियमितता
संबंधी कोई भी
शिकायत
प्राप्त
नहीं होने से
मुख्यालय से
समिति बनाकर
कार्यों की
गुणवत्ता परीक्षण, भौतिक
सत्यापन
कार्य नहीं
कराया गया है।
अत: शेष का
प्रश्न उपस्थित
नहीं होता है।
बजट
आवंटन एवं
विकास कार्य
[वन]
78.
( क्र. 3290 ) श्री मोहन
सिंह राठौर : क्या राज्य
मंत्री, वन महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
विधानसभा
प्रश्न
क्रमांक 2091 दिनांक 18.03.2025 के उत्तर
में ग्वालियर
जिले को बजट
आवंटन, विभागीय स्तर
पर कराये
कार्य को
वित्त विभाग
के ज्ञापन दिनांक
30 जून 2023 के अनुसार
कराने एवं
कार्यों के
निरीक्षण/परीक्षण
के संबंध में
जानकारी दी गई
थी? (ख) यदि हाँ तो
वित्त विभाग
के प्रश्नांश
(क) ज्ञापन
में दिए गए
प्रावधानों
के पालन में
प्रश्नांकित
वर्षों में कराये
गये कार्यों, व्यय करने
की स्वीकृति
वित्त विभाग
से कब-कब प्राप्त
की गई? वर्षवार, कार्यवार, वित्त
विभाग की
स्वीकृति वार
जानकारी दें। (ग) क्या
वन विभाग के
पास तकनीकी
अमला नहीं है? यदि हाँ तो
विभागीय
कार्यों का
निरीक्षण, माप
पुस्तिका किस
प्रकार
संधारित की गई? (घ) क्या
विभाग
विभागीय
योजनाओं पर
राशि वित्त विभाग
के नियमों के
अनुसार व्यय
की गई है? क्या
विभागीय
अंकेक्षण, महालेखाकार
का अंकेक्षण
विगत 05
वर्षों में
कराया गया है? यदि हाँ तो
विभागीय
अंकेक्षण एवं
महालेखाकार
द्वारा किये
गये अंकेक्षण
में व्यय राशि
में कोई
अनियमितता
पाई गई? यदि हाँ तो
कौन-कौन सी? अंकेक्षण
रिपोर्ट की
प्रति उपलब्ध
करायें।
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) : (क) जी
हाँ। (ख) म.प्र
वित्त विभाग
के ज्ञापन
दिनांक 30/06/2023 में
वर्णित वन
विभाग की
योजनाओं
अंतर्गत प्रावधानित
राशि का आहरण
एवं छूट
अनुमति
संबंधी आदेश
की प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। (ग) जी
नहीं। वन
विभाग के पास
तकनीकी अमला
उपलब्ध है। वन
विभाग के समस्त
अधिकारियों
तथा
कार्यपालिक
कर्मचारियों को
तकनीकी
प्रशिक्षण
भारत
सरकार/राज्य
सरकार
विभिन्न
संस्थानों में
प्रशिक्षण
सफलतापूर्वक
पूर्ण करने के
उपरांत ही
उन्हें
क्षेत्रीय
कार्यालयों/परिक्षेत्रों
के बीटों में
पदस्थ किया
जाता है। इन
तकनीकी रूप से
दक्ष
अधिकारियों/कर्मचारियों
द्वारा
विभागीय
वानिकी
कार्यों एवं
निर्माण
कार्यों के
क्रियान्वयन
का माप
पुस्तिकाओं
में संधारण
किया जाता है।
(घ) विभागीय
योजनाओं पर
व्यय राशि
वित्त विभाग के
नियमों के
अनुसार की गई
है। वनमंडल ग्वालियर
के अंतर्गत
महालेखाकार
दल द्वारा अंतिम
अंकेक्षण
कार्य वर्ष 2019-20 तक का वर्ष 2020-21 में किया
गया है, जिसका
प्रतिवेदन पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है। प्रश्नाधीन
अवधि में
विभागीय
अंकेक्षण
नहीं कराया
गया है।
वृक्षारोपण
की जानकारी
[वन]
79.
( क्र. 3294 ) श्री
उमाकांत
शर्मा : क्या राज्य
मंत्री, वन महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) भोपाल
संभाग में
विभाग द्वारा
किन-किन
योजनांतर्गत, किन-किन एजेन्सियों
द्वारा 1 अप्रैल 2022 से प्रश्नांकित
अवधि तक कितने
पौधों का रोपण
किया गया? वन
मंडलवार
परिक्षेत्रवार, वर्षवार
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में पौधारोपण
कितने-कितने
हेक्टेयर में
किया गया? वन
परिक्षेत्रवार
बतावें तथा
पौधारोपण हेतु
कितनी-कितनी
राशि, किन-किन
मदों एवं
योजनाओं में
प्राप्त हुई? किन-किन
मदों में राशि
व्यय की गई? परिक्षेत्रवार
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के संदर्भ
में विदिशा
जिले में
कहां-कहां, कब-कब, कितने
हेक्टेयर में
पौधारोपण
हेतु कितना-कितना
लक्ष्य
निर्धारित
किया गया था? लक्ष्य के
विरुद्ध
कितना
पौधारोपण
कितने
हेक्टयर भूमि
में किया गया? कितने
पौधे रोपित
किए गए? संख्या
एवं पौधे की
प्रजाति, क्रय राशि
सहित जानकारी
देवें तथा
रोपित पौधों
में से कितने
पौधे जीवित
हैं? कितने
पौधे नष्ट हो
गए? बीटवार
जानकारी
देवें। (घ) प्रश्नांश
(क) के
संदर्भ में
पौधारोपण, गड्ढे
करना, तार
फेसिंग एवं
अन्य कार्यों
में विदिशा
जिले में
किन-किन
योजनाओं एवं
मदों में राशि
प्राप्त हुई? किन-किन
व्यक्तियों/कम्पनियों/फर्मों
को भुगतान
किया गया? (ड.)
क्या
वनपरिक्षेत्र
अधिकारी, वनपाल, वनरक्षक
आदि द्वारा
पौधारोपण में
अनियमितताओं
की कितनी
शिकायतें
विगत 04
वर्षों में
प्राप्त हुई
हैं? छायाप्रति
उपलब्ध
करावें। क्या
कार्यवाही की
गई? किन-किन
अधिकारियों
द्वारा जांच
की गई? जांच
में क्या कमियां
पाई गई? दोषी
अधिकारी/कर्मचारियों
पर क्या-क्या
कार्यवाही की
गई? बीटवार
जानकारी
देवें तथा यदि
नहीं, तो
क्यों तथा
कब-तक
कार्यवाही की
जावेगी? (च)
क्या विभाग
रोपित पौधे के
सत्यापन हेतु
वरिष्ठ
अधिकारी, जनप्रतिनिधियों
की समिति
बनाकर जांच
करवाएगा? यदि हां, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित
बतावें।
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''3'' अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''4'' अनुसार है।
प्राप्त
शिकायतों की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''5'' अनुसार है। (च) वन
विभाग में
रोपित पौधों
के सत्यापन
एवं मूल्यांकन
राजपत्रित
अधिकारियों
से कराने की
स्थायी व्यवस्था
है, अत: पृथक
से समिति
बनाकर जांच
कराने की आवश्यकता
नहीं है। शेष
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
सीवेज
मेंटेनेंस के
कार्य की जांच
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
80.
( क्र. 3299 ) श्री आतिफ
आरिफ अकील : क्या लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) विभाग
अंतर्गत
राजधानी
परियोजना खंड-02 भोपाल
द्वारा सीवेज
मेंटेनेंस के
कार्य विगत 5 वर्षों
में
कितनी-कितनी
राशि का कार्य
किस-किस
ठेकेदार/फर्म
से कराया जाकर
कितनी-कितनी
राशि का
नियमानुसार
भुगतान किया
गया? जानकारी
वित्तीय
वर्षवार दें। (ख)
क्या
उपरोक्त
कार्य की
विभाग के
मैनुअल के प्रावधानों
के अनुरूप
तकनीकी
अनुमति ली गई
थी? यदि
हाँ तो किस-किस
वित्तीय वर्ष
में कितनी
राशि के कार्य
की अनुमति ली
गई? यदि
नहीं तो क्यों? (ग) उपरोक्त
प्रश्नांश
के
परिप्रेक्ष्य
में क्या
विभाग के प्रमुख
अभियंता को
उक्त कार्यों
में
कार्यपालन यंत्री
द्वारा वर्ष 2024-25 में कराए
काम की तकनीकी
स्वीकृति
नियमानुसार
कार्यपालन
यंत्री
द्वारा नहीं
लेने एवं बिना
अनुमति के
करोड़ों की
राशि व्यय
करने की शिकायत
अधीक्षण
यंत्री ने की
थी? (घ) यदि हाँ तो
क्या विभागीय
अभियंता ने
इसकी जांच
कराई थी? यदि हाँ तो
जांच
निष्कर्ष के
आधार पर क्या
कार्रवाई की
गई? यदि
नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके
) :
(क)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''01'' एवं ''02'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''02'' अनुसार है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) जी
हाँ। (घ) उत्तरांश
(ख) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
स्थानांतरण
नीति 2025
[जनजातीय
कार्य]
81.
( क्र. 3304 ) श्री
प्रताप
ग्रेवाल : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) सहायक
आयुक्त धार
द्वारा
स्थानांतरण
नीति 2025 के
विरुद्ध
व्याख्याता
विकलांग, परिवीक्षा
कर्मचारी, 1 वर्ष में
सेवानिवृत्त
होने वाले
कर्मचारी, पंजीकृत
कर्मचारी
संगठन के
पदाधिकारी
आदि के
स्थानांतरण
के संदर्भ में
माननीय
मुख्यमंत्री
जी को लिखे
पत्र क्रमांक 333/2025 दिनांक 26/6/2025 एवं 338/2025 दिनांक 26/06/2025 में विभाग आयुक्त
भोपाल पर की
गई कार्रवाई
से अवगत करावें।
(ख) जनजाति
कार्य विभाग
धार में वर्ष 2025 के लिए किए
गए
स्थानांतरण
की सूची एवं
अनुमोदन वाली
समस्त नोटशीट, कर्मचारी
का नाम, पद
वर्तमान
पदस्थापना, नई
पदस्थापना
स्थानांतरण
का कारण सहित
सूची देवें
एवं
प्रशासकीय
स्थानांतरण
किसकी अनुशंसा
पर किया गया
पत्र की प्रति
देवें तथा इनमें
से किन-किन के
स्थानांतरण
क्यों निरस्त
किए गए? क्या
सहायक आयुक्त
ने आर्थिक
प्रलोभन के तहत
स्थानांतरण
किये है? (ग) क्या
स्थानांतरण
नीति 2025
अनुसार
विकलांग, एक वर्ष
में
सेवानिवृत्त
होने वाले, तीन वर्ष
की परिवीक्षा
अवधि पूर्ण
होने के पहले
मान्यता
प्राप्त
कर्मचारी
संगठन के पदाधिकारीगण
के
स्थानांतरण
नहीं किये जा
सकते यदि हाँ
तो प्रश्नांश
(ख) में
उल्लेखित
सूची में
उपरोक्त
अनुसार
कौन-कौन कर्मचारी
है तथा उनके
स्थानांतरण
क्यों किए गए
एवं कितने
अभ्यावेदन
प्राप्त हुए
उनकी प्रति
एवं उन पर की
गई कार्यवाही
की प्रति
देवें। (घ) क्या
विकासखंड
सरदारपुर के
शा.मा.वि. बिमरोड
में चार
शिक्षक में से
दो का
स्थानांतरण
तथा एक का
अन्य
कार्यालय में
संलग्नीकरण
कर दिया गया? यदि हाँ तो
मात्र एक
शिक्षक कक्षा
एक से आठ में
अध्यापन
कार्य कैसे
करायेगा एवं
धार जिले में
स्थानांतरण
से कितनी
संस्था
शिक्षक विहीन
हुई क्या यह
स्थानांतरण
नीति के विरुद्ध
हैं यदि हाँ
तो दोषी अधिकारी
पर क्या
कार्यवाही की
जाएगी?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) प्रश्नांश
में उल्लेखित
पत्र क्रमांक 333/2025 दिनांक 26/6/2025 प्राप्त
हुआ है। उक्त
पत्र में उल्लेखित
अनुसार व्याख्याता
विकलांग का स्थानांतरण
नहीं किया गया
है। 01 वर्ष
में
सेवानिवृत्त
होने वाले 02, परिवीक्षा
अवधि वाले 01 कर्मचारी
का
स्थानांतरण
निरस्त किया
गया है। राज्य
शासन से
पत्राचार
करने की मान्यता
प्राप्त
कर्मचारी
संगठनों के
अध्यक्ष/सचिव/कोषाध्यक्ष
का
स्थानांतरण
नहीं किया गया
है। (ख) जनजातीय
कार्य विभाग
जिला धार
अंतर्गत स्थानांतरण
नीति वर्ष 2025 के अनुसार
किये गए स्थानांतरण
की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। नोटशीट, कर्मचारी
का नाम, पद, वर्तमान पदस्थापना, नई पदस्थापना
एवं स्थानांतरण
का कारण सहित जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है तथा
अनुशंसा
संबंधी पत्र
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। 01 वर्ष में
सेवानिवृत्त
होने वाले 02, परिवीक्षा
अवधि वाले 01 कर्मचारी
के
स्थानांतरण
निरस्त किये
गये हैं। जी
नहीं। (ग) जनजातीय
कार्य विभाग
जिला धार
अंतर्गत 01 दिव्यांग
प्राथमिक
शिक्षक का स्वैच्छिक
स्थानांतरण
किया गया है। 01 दिव्यांग
प्रधानपाठक
एवं 01
दिव्यांग
प्राथमिक
शिक्षक, 01 वर्ष में
सेवानिवृत्त
होने वाले 02 एवं
परिवीक्षा
अवधि वाले 01 कर्मचारी
का
स्थानांतरण
किया गया था, जिसे
सहायक आयुक्त
जनजातीय कार्य
विभाग धार
द्वारा
निरस्त कर
दिया गया है।
राज्य शासन से
पत्राचार
करने की मान्यता
प्राप्त
कर्मचारी
संगठनों के
अध्यक्ष/सचिव/कोषाध्यक्ष
के
स्थानांतरण
नहीं किये गये
हैं। स्थानांतरण
के विरुद्ध
प्राप्त अभ्यावेदन
एवं उन पर की
गई कार्यवाही
की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार है। (घ) शा.मा. वि. बिमरोड
के चार
शिक्षकों में
से दो
शिक्षकों का
स्थानांतरण
किया गया, किन्तु
छात्र संख्या
एवं शिक्षकों
की कमी को
दृष्टिगत
रखते हुए स्थानांतरित
एक शिक्षक को
अभी
कार्यमुक्त
नहीं किया गया
है तथा संलग्नीकृत
शिक्षक को तत्काल
उसकी मूल संस्था
में वापस कर
दिया गया है, साथ ही
संकुल केन्द्र
अंतर्गत दो
शिक्षकों को
अध्यापन
कार्य हेतु स्थानीय
स्तर से
आदेशित किया
गया है। धार
जिले में स्थानांतरण
से कोई संस्था
शिक्षक विहीन
नहीं हुई है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
जर्जर
छात्रावास
भवन के स्थान
पर नवीन
निर्माण
[जनजातीय
कार्य]
82.
( क्र. 3305 ) श्री
कमलेश्वर
डोडियार : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जिला
रतलाम में
वर्तमान में
जनजातीय
कार्य विभाग
द्वारा
संचालित
छात्रावासों
की कुल संख्या
कितनी है? प्रत्येक
छात्रावास की
स्थिति (जिला, विकासखंड, तहसीलवार), उसकी
क्षमता (सीटर)
एवं संचालित
संस्था (शासकीय/निजी/अन्य)
की जानकारी
उपलब्ध करावें।
(ख) क्या
प्रश्नकर्ता
विधायक
द्वारा प्रश्नांश
(क) में
वर्णित के
सम्बन्ध में
अपने पत्र
क्रमांक 289/VIP/2025 दिनांक 10/07/2025 को आयुक्त, जनजातीय
कार्य विभाग
मध्यप्रदेश
शासन भोपाल को
लिखा गया था।
यदि हाँ तो
बतावें कि
उत्तर दिनांक
तक क्या
कार्यवाही
हुई? यदि
नहीं तो क्यों
नहीं जानकारी
दें। (ग) क्या
विगत 5
वर्षों में
किसी
छात्रावास की
स्थिति जर्जर घोषित
की गई है? यदि हाँ, तो उनके
स्थान पर नवीन
छात्रावास
निर्माण की क्या
योजना है? (घ) क्या
जिला रतलाम
में भविष्य
में और नए
छात्रावासों
की स्थापना की
कोई योजना है? यदि हाँ, तो स्थान
एवं सीटर
संख्या सहित
जानकारी उपलब्ध
करावें।
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर विजय
शाह ) : (क) रतलाम
जिले में
जनजातीय
कार्य विभाग
द्वारा 68
छात्रावास/आश्रम
संचालित है
एवं 05
अशासकीय
अनुदान
प्राप्त
संस्थायें
संचालित है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) प्रश्नांश
में उल्लेखित
पत्र दिनांक 10.07.2025
उत्तर
प्रेषित किये
जाने के
दिनांक 22.07.2025 तक
कार्यालय के
आवक में
प्राप्त
नहीं है। अत:
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) जी
नहीं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) जी
नहीं।
फैक्ट्रियों
के जहरीले
केमिकल से
प्रदूषण
[पर्यावरण]
83.
( क्र. 3306 ) श्री
कमलेश्वर डोडियार
: क्या राज्य
मंत्री, पर्यावरण
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
जिला रतलाम
तथा झाबुआ में
वर्ष 2020 से
प्रश्न
दिनांक तक
रतलाम स्थित इप्का
फैक्ट्री तथा
जिला झाबुआ के
मेघनगर SEZ क्षेत्र
से भारी
मात्रा में
खतरनाक
केमिकल एवं
जहरीले
अपशिष्ट निकल
रहे हैं, जिससे
आदिवासी
बाहुल्य
क्षेत्रों
में गंभीर
पर्यावरणीय
एवं
स्वास्थ्य
संकट उत्पन्न
हो रहा है? जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ख) इप्का
फैक्टरी
(रतलाम) एवं
मेघनगर SEZ (झाबुआ) से
निकलने वाले
रासायनिक
अपशिष्टों की
प्रकारवार
जानकारी एवं
उनकी मात्रा
क्या है? इन
औद्योगिक
इकाइयों
द्वारा
पर्यावरणीय
मानकों के
उल्लंघन की अब
तक कितनी
शिकायतें
प्राप्त हुई
हैं तथा उन पर
विभाग द्वारा
क्या
कार्यवाही की
गई? क्या
पर्यावरण
विभाग द्वारा
इन इकाइयों का
समय-समय पर
निरीक्षण एवं
परीक्षण किया
जाता है? यदि हाँ, तो वर्ष 2020 से प्रश्न
दिनांक तक की
निरीक्षण
रिपोर्ट
उपलब्ध करावें।
(ग) क्या
इन क्षेत्रों
में रहने वाले
आदिवासी समुदायों
पर रासायनिक
प्रदूषण के
दुष्प्रभावों
को लेकर क्या
कोई
स्वास्थ्य
सर्वेक्षण या अध्ययन
कराया गया है? विभाग
द्वारा इन
इकाइयों पर
जुर्माना, चेतावनी
या संचालन बंद
करने जैसी कोई
कार्यवाही
प्रस्तावित
है, या
की गई है? यदि हाँ, तो उसकी
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (घ) क्या
जिला रतलाम व
झाबुआ में
भविष्य में इन
क्षेत्रों के
पर्यावरणीय
संरक्षण एवं
जनस्वास्थ्य
सुरक्षा हेतु
विभाग द्वारा
कौन-कौन से ठोस
कदम उठाए जा
रहे हैं?
राज्य
मंत्री, पर्यावरण (
श्री दिलीप
अहिरवार ) : (क) जी
नहीं। जिला
झाबुआ के
मेघनगर में SEZ स्थापित
नहीं है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख)
जानकारी पुस्तकालय (पेन
ड्राइव) में
रखे परिशिष्ट-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार
है। जी
हां, निरीक्षण
प्रतिवेदन पुस्तकालय (पेन
ड्राइव) में
रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। शेषांश
उत्तरांश (क) अनुसार
है। (ग) जी
नहीं, शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। शेषांश
उत्तरांश (क) अनुसार
है। (घ) पर्यावरण
(संरक्षण)
अधिनियम 1986, जल
(प्रदूषण
निवारण तथा
नियंत्रण)
अधिनियम 1974 तथा वायु
(प्रदूषण निवारण
तथा नियंत्रण)
अधिनियम 1981 के
प्रावधानों
के अनुसार।
समर्थन
मूल्य पर उपज
का विक्रय एवं
भण्डारण
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
84.
( क्र. 3309 ) डॉ. राजेन्द्र
पाण्डेय : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) शासन/विभाग
द्वारा
समर्थन मूल्य
से किस-किस उपज
की खरीदी की
जा रही है
वर्ष 2020-21
से लेकर प्रश्न
दिनांक तक
रतलाम जिले
में कहां-कहां
खरीदी के लिए
केंद्र बनाए
गए हैं। उन
खरीदी केन्द्रों
की परिधि में
कितने-कितने
ग्रामों को
सम्मिलित
किया गया है? उपजवार
एवं केंद्र
वार जानकारी
दें। (ख) वर्ष
2020-21 से लेकर
प्रश्न
दिनांक तक
समर्थन मूल्य
में किस-किस
उपज को कितनी-कितनी
खरीदी कर
कहां-कहां
भंडारण किया
गया? ब्लॉकवार
जानकारी दें। (ग) जिले
में किन-किन
स्थानों पर
शासकीय एवं
निजी वेयरहाउस
होकर उन्हें
किस-किस उपज
हेतु कितने
किराए पर
अधिकृत किए गए? जिले में
कितने
वेयरहाउस/गोदाम
के आवेदनों में
से कितनों को
आवंटित किए गए? ब्लॉकवार
जानकारी दें। (घ) जिले
के
वेयरहाउसों/गोदाम
में वर्ष 2020-21 से लेकर
प्रश्न
दिनांक तक
किस-किस उपज
के खराब
होने/सड़ने जैसी
गंभीर शिकायतें
प्राप्त हुई, जिस पर
विभाग ने क्या
कार्यवाही
करते हुए दोषी
अधिकारी/कर्मचारी
पर क्या
कार्यवाही की
एवं कितनी राशि
की उपज खराब
हुई?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) प्रदेश
में समर्थन
मूल्य एवं
प्राइस
सपोर्ट स्कीम
अंतर्गत
गेहूं, धान, चना, मसूर, सरसों, सोयाबीन
एवं मोटे अनाज
का उपार्जन
किया जाता है।
रतलाम जिले
में वर्ष 2020-21 से लेकर
प्रश्न
दिनांक तक
उपजवार बनाए
गए खरीदी केन्द्रों, उपार्जन
केंद्रों से
संलग्न
ग्रामों की
संख्या की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–''अ'' अनुसार है। (ख) रतलाम
जिले में वर्ष
2020-21 से लेकर
प्रश्न
दिनांक तक
समर्थन मूल्य
पर उपार्जित
उपज की
विकासखण्डवार
एवं गोदामवार
भंडारण की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–''ब'' अनुसार है। (ग) गोदामों
में उपार्जित
स्कन्ध के
भंडारण हेतु
किराए पर लेने
के लिए गोदामों
के प्राप्त
आवेदन, किराए पर
लिए गए गोदाम
एवं भंडारण
शुल्क की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
''स'' अनुसार है। (घ) रतलाम
जिले में वर्ष
2020-21 से लेकर
प्रश्न
दिनांक तक
गोदामों में
भंडारण किए स्कन्ध
के खराब/सड़ने
जैसी
शिकायतों का
प्रकरण प्रकाश
में नहीं आया
है। जिले में
वर्ष 2023-24
में से
उपार्जित स्कन्ध
में से 563 मे.टन
मात्रा
पीएमएस
एजेंसी
द्वारा
अनुरक्षण में
लापरवाही के
कारण गुणवत्ता
खराब हुई है, जिसके
निष्पादन की
कार्यवाही
प्रचलित है।
कार्यवाही पूर्ण
होने के
उपरांत राशि
की गणना की जा
सकेगी। मध्य
प्रदेश
वेयरहाउसिंग
एंड
लॉजिस्टिक्स
कॉर्पोरेशन द्वारा
गोदाम संचालक
एवं पीएमएस
एजेंसी के भंडारण
देयक भुगतान
से रोक दिए गए
हैं। खराब स्कन्ध
के निष्पादन
उपरांत राशि
की वसूली की
कार्यवाही की
जा सकेगी।
जल प्रदाय
हेतु विभिन्न
योजनाओं का
क्रियान्वयन
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
85.
( क्र. 3310 ) डॉ. राजेन्द्र
पाण्डेय : क्या लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) क्या
शासन/विभाग
द्वारा जावरा
विधानसभा क्षेत्र
अंतर्गत जल की
व्यवस्था
हेतु विभिन्न
योजनाओं के
माध्यम से
कार्य किये जा
रहे हैं? (ख) यदि
हाँ तो वर्ष 2020-21 से लेकर
प्रश्न
दिनांक तक
जावरा
विधानसभा
क्षेत्र में
जलप्रदाय की
योजनाएं
किस-किस ग्राम
में कितनी लागत
से स्वीकृत की
गई, उनमें
से कितनी
योजनाएं
पूर्ण होकर
हैंड ओवर हुई, कितनी
योजनाएं
अपूर्ण/प्रगतिरत
है एवं कितनी
योजनाएं
अप्रारंभ है
तो किस कारण
से? किन-किन
योजनाओं में
अभी भी पूर्ण
तरह जलप्रदाय
की स्थिति
नहीं है तो
किस कारण से? (ग) जल
जीवन मिशन के
तहत जावरा
विधानसभा
क्षेत्र के
किन-किन
ग्रामों में
कितनी-कितनी
लागत की
योजनाएं
स्वीकृत की जा
कर कार्य किया
जा रहा है, उनमें से
कितने स्थान
पर नए सिरे से
पाइपलाइन
डाली जा रही
है, कितने
स्थान पर
पाइपलाइन के
लिए सड़क खोदी
गई है। इन
क्षतिग्रस्त
सड़कों को
मरम्मत नहीं किए
जाने की
शिकायत
प्राप्त हुई
है, कितने
स्थान पर
पाइपलाइन का
कार्य किया जा
रहा है? (घ) विभाग
द्वारा आंगनवाड़ी
केंद्रों एवं
विद्यालयों
में पेयजल व्यवस्था
हेतु
पाइपलाइन/टंकी/नलकूप
आदि की व्यवस्था
की गई थी
उनमें से
कितनी
चलायमान है और
कितनी बंद है
तो किन कारणों
से? योजना
किन-किन
स्थानों पर
स्वीकृत की गई
थी? स्थानवार
जानकारी दें।
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके
) :
(क) जी हाँ। (ख) एकल
ग्राम नल-जल
प्रदाय
योजनाओं की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''01'' अनुसार है। समूह
जल प्रदाय
योजनांतर्गत
ग्रामवार
लागत बताया
जाना संभव
नहीं है, समूह जल
प्रदाय
योजनाओं से संबंधित जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''02'' अनुसार है, समूह जल
प्रदाय
योजनाओं के
कार्य
प्रगतिरत हैं।
अत: समूह जल
प्रदाय
योजनाओं के
परिप्रेक्ष्य
में शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'', ''02'' एवं ''03'' अनुसार है।
क्षतिग्रस्त
सड़कों को
मरम्मत नहीं
किए जाने की
शिकायतों का
निराकरण किया
गया है, वर्तमान
में कोई
शिकायत लंबित
नहीं है। (घ) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के
प्रपत्र-''04'' अनुसार है। शाला/आंगनवाड़ी
में जल जीवन
मिशन अंतर्गत
पेयजल कार्य
पूर्ण कराये
जाकर संबंधित
शाला/आंगनवाड़ी
संस्था को
हस्तांतरित
किए गए हैं, लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
विभाग द्वारा
संचालन-संधारण
का कार्य
कराया जाना
प्रावधानित नहीं
है, तथापि
शाला/आंगनवाड़ी
में पेयजल
व्यवस्था की
वर्तमान
स्थिति की
जानकारी
संबंधित
विभाग के
स्थानीय
कार्यालयों
से प्राप्त की
गई है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''05'' अनुसार है।
सामुदायिक
वन संसाधन के
मान्य दावे
[जनजातीय
कार्य]
86.
( क्र. 3318 ) श्री संजय
उइके : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
वन
विभाग/जनजाति
कार्य विभाग
के उपर मुख्य
सचिव एवं
प्रमुख सचिव
के सयुंक्त
हस्ताक्षर से
वनाधिकार
कानून 2006 मान्यता
दावें भरवाने
एवं स्वीकृत
करने के वित्तीय
वर्ष 2024
में दिशा
निर्देश/आदेश
सभी जिला
कलेक्टरों/वन
मंडलाधिकारियों
के लिए जारी किये
गये थे? (ख) यदि
हाँ तो प्रश्न
दिनांक तक
व्यक्तिगत/सामुदायिक
वन अधिकार/सामुदायिक
वन संसाधन के
कितने
मान्यता दावे प्राप्त
हुये कितने
स्वीकृत हुये
कितने अस्वीकृत
किये गये
जिलेवार
जानकारी
देवें? क्या
सामुदायिक वन
संसाधनों के
मान्यता दावे
चरणबद्ध
कार्यक्रम
समय-सीमा में
पूर्ण करने का
निर्देश जारी
किया गया है? हाँ तो
प्रति उपलब्ध
करावें? नहीं तो
क्या तत् विषय
में आदेश जारी
किया जावेगा? (ग) क्या
विभाग के
आदेश/परिपत्र
क्र. /एफ-25-43/2006/10-3/1424 दिनांक 25/07/2024 के कंडिका 3 में
सामुदायिक
अधिकार के लिए
पृथक-पृथक से
सामुदायिक
अधिकार का
दावा करने का
उल्लेख किया
गया है? हाँ तो
अनुसूचित
जनजाति और
अन्य परम्परागत
वन निवासी (वन
अधिकारों की
मान्यता) अधिनियम
2006 एवं नियम 2008 संशोधित
नियम 2012
में पृथक-पृथक
मान्यता दावा
प्रस्तुत
करने का किस
धारा एवं
नियम/प्रोफार्मा
में उल्लेख
किया गया है
और क्या
उल्लेख किया
गया है?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) जी
हाँ। (ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट–''एक'' अनुसार है।
सामुदायिक वन
संसाधनों के
संरक्षण एवं प्रबंधन
के दावों की
मान्यता
हेतु मध्यप्रदेश
शासन जनजातीय
कार्य विभाग
के पत्र क्रमांक/I/401549/2025 दिनांक 30-07-2025 के द्वारा
जारी किये गये
निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''दो'' अनुसार है। (ग) जी
हाँ।
अनुसूचित
जनजाति और अन्य
परम्परागत
वन निवासी (वन
अधिकारों की
मान्यता)
अधिनियम 2006 एवं नियम 2008 संशोधित
नियम 2012
में यद्यपि
सामुदायिक
अधिकार के
दावे पृथक-पृथक
लिये जाने का
उल्लेख नहीं
है तथापि
कालांतर में
वनग्रामों की वनभूमि
का
डीनोटिफिकेशन
होना है। वन
ग्रामों के
अभिलेख
राजस्व
ग्रामों की
भांति तैयार भी
किये जाने है।
इस दृष्टिकोण
से वन ग्रामों
सामुदायिक वन
अधिकार के
दावे
पृथक-पृथक
लिये जाने के
निर्देश दिये
गये है। वन
अधिकार
अधिनियम 2006 की धारा 3 (1) में उल्लेखित
सामुदायिक
अधिकार पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-''तीन'' अनुसार एवं
सामुदायिक
दावे का
प्रारूप (ख) पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-''चार'' अनुसार
है।
उपार्जन
केन्द्रों पर
धान, गेहूँ एवं
सरसों खरीदी
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
87.
( क्र. 3322 ) श्री
कैलाश
कुशवाहा : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) शिवपुरी
जिले के
अंतर्गत
कितने
उपार्जन
केन्द्रों
द्वारा धान, गेहूँ एवं
सरसों की
खरीदी की गई
थी? यदि
हाँ तो वर्ष 2022-23 से 2024-25 तक में
उपार्जन
केन्द्रवार
एवं क्रय
एजेंसीवार
क्रय की गई
मात्रा की
जानकारी
उपलब्ध करायें।
(ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में क्रय की गई
धान, गेहूँ
एवं सरसों की
मात्रा को
नागरिक
आपूर्ति निगम
के गोदाम में
भण्डारण हेतु
कितनी मात्रा
में जमा की गई
थी? वर्ष
2022-23 से 2024-25 तक की
जानकारी
उपार्जन
केन्द्रवार, एजेंसीवार
उपलब्ध
करायें। क्रय
एजेंसी द्वारा
धान, गेहूँ
एवं सरसों की
खरीदी एवं जमा
की गई मात्रा
के अंतर की
जानकारी
वर्षवार, उपार्जन
केन्द्रवार
उपलब्ध
करायें। (ग) प्रश्नांश
(ख) के संदर्भ
में उपार्जन
केन्द्रों के द्वारा
नागरिक
आपूर्ति निगम
को क्रय एवं
जमा की गई
मात्रा के
अंतर मात्रा
के लिये
कौन-कौन अधिकारी, कर्मचारी
उत्तरदायी
हैं? वर्षवार/उपार्जन
केन्द्रवार/कर्मचारी/अधिकारियों
के नाम सहित
सूची उपलब्ध
करायें।
उत्तरदायिओं
से अंतर
मात्रा की
राशि वसूली के
लिये क्या कार्यवाही
की गई? वसूली
राशि जमा नहीं
किये जाने पर
क्या एफ.आई.आर.
की कार्यवाही
की गई हैं? यदि नहीं
तो क्यों? (घ) प्रश्नांश
(ग) के संदर्भ
में उपार्जन
केन्द्रों
में क्रय किये
जाने के लिये
जो अधिकारी व
कर्मचारी
दोषी पाये गये? उन
कर्मचारियों
से वसूली किये
जाने के बजाय
क्या उपार्जन
केन्द्रों को
ही अपात्र कर
उपार्जन
केन्द्र बंद
कर दिया गया? हाँ तो
क्यों?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) शिवपुरी
जिले में वर्ष
2022-23 से 2024-25 तक समर्थन
मूल्य पर
उपार्जित धान, गेहूं एवं
सरसों
उपार्जन करने
वाले केन्द्र
संख्या की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–''अ'' अनुसार है एवं केन्द्रवार
एवं उपार्जन
एजेंसीवार क्रय
की गई धान, गेहूं एवं
सरसों की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–''ब'' अनुसार
है। (ख) शिवपुरी
जिले में वर्ष
2022-23 से 2024-25 तक धान, गेहूं एवं
सरसों की
उपार्जित
मात्रा में से
गोदामों में
जमा मात्रा की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–''स'' अनुसार
है। उपार्जन
केन्द्रवार
उपार्जित, जमा एवं
अंतर मात्रा
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–''स'' अनुसार
है। (ग) वर्ष 2022-23 में
उपार्जित एवं
जमा मात्रा
में 0.5
प्रतिशत से
अधिक का अंतर
नहीं पाया गया
है। वर्ष 2023-24 में सेवा
सहकारी समिति, भोती, बामोरकला
एवं वर्ष 2024-25 में सेवा सहकारी
संस्था, कोटा, खोड़, थनरा, समौहा, मोहारीकला
एवं
कांकरखेड़ा
में उपार्जित
एवं जमा
मात्रा में
मानक अंतर 0.5 प्रतिशत
अधिक पाए जाने
के लिए उत्तरदायी
अधिकारी/कर्मचारी
से अंतर
मात्रा की वसूली
एवं शेष की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार
है। शेष
राशि की वसूली
की कार्यवाही
उपायुक्त, सहकारिता
एवं
महाप्रबंधक, जिला केन्द्रीय
सहकारी बैंक
द्वारा पृथक
से की जा रही है
एवं उत्तरदायी
समिति
प्रबंधकों को
संस्था से
हटाया गया है।
उत्तरदायी
अधिकारी/कर्मचारी
को संस्था से
हटाने एवं
वसूली की
कार्यवाही
प्रचलित होने
के कारण
एफआईआर दर्ज
नहीं कराई गई
है। (घ) शिवपुरी
जिले में खाद्यान्न
उपार्जित
मात्रा के
विरुद्ध
क्षति की
वसूली के आधार
पर किसी
उपार्जन केन्द्र
को उपार्जन
केन्द्र
बनाने के लिए
अपात्र नहीं
किया गया है।
आयरन
प्लांट का
संचालन
[पर्यावरण]
88.
( क्र. 3324 ) इंजीनियर
प्रदीप
लारिया : क्या राज्य
मंत्री, पर्यावरण
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
औद्योगिक
क्षेत्र
सिदगुवां में
आयरन प्लांट
स्थापित है? यदि हाँ तो
विस्तृत
जानकारी
देवें तथा
बोर्ड द्वारा
एनओसी/अनापत्ति
प्रमाण पत्र
जारी किया गया
है? यदि
हाँ तो किन
शर्तों के साथ
जानकारी
देवें। (ख) प्रश्न
(क) में वर्णित
प्लांट कितने
वर्षों से
संचालित है
एवं विभाग
द्वारा कब-कब
एनओसी/अनापत्ति
प्रमाण पत्र
जारी की गई? (ग) क्या
बोर्ड द्वारा
प्लांट का
निरीक्षण
किया गया है? यदि हाँ तो
कब-कब जानकारी
देवें तथा
क्या बोर्ड
द्वारा
रात्रिकालीन
समय में भी
कभी निरीक्षण
किया गया? यदि हाँ तो
जानकारी
देवें। (घ) क्या
आयरन प्लांट
से
चिंगारी/धुआं/चमक
आदि की बोर्ड
को शिकायत
संबंधी आवेदन
प्राप्त हुए हैं।
यदि हाँ तो
जानकारी
देवें एवं
बोर्ड द्वारा
रात्रिकालीन
में प्लांट
संचालित न हो
इस हेतु कोई
कार्यवाही की
गई है यदि हाँ
तो जानकारी
देवें।
राज्य
मंत्री, पर्यावरण (
श्री दिलीप
अहिरवार ) : (क) जी
हाँ। मध्यप्रदेश
प्रदूषण
नियंत्रण
बोर्ड द्वारा
उद्योगों को
एनओसी/अनापत्ति
प्रमाण पत्र
जारी नहीं किये
जाते हैं
अपितु सम्मति
जारी की जाती
हैं। जिला
सागर
क्षेत्रान्तर्गत
स्थापित सिदगुवां
औद्योगिक
क्षेत्र में
कुल 2
आयरन प्लांट
स्थापित हैं, जो
निम्नानुसार
हैं :-1. मेसर्स
मीनाक्षी
मेटल
इंडस्ट्रीज
एलएलपी, प्लॉट नं. 60-64, सेक्टर के, औद्योगिक
क्षेत्र
एकेव्हीएन सिदगुवां, जिला सागर
(म.प्र.)। 2. मेसर्स
भगत इस्पात
(रोलिंग मिल), प्रोप.
मीना पटेल, प्लॉट नं. 65, 66, 67 औद्योगिक
क्षेत्र
एकेव्हीएन सिदगुवां, जिला सागर
(म.प्र.)। उक्त
दोनों इकाइयों
को बोर्ड
द्वारा जारी
सम्मति
शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार
है। (ख)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार
है। (ग) जी
हां, जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार
है। जी
नहीं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) जी
हां, जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार है।
जी
नहीं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
छात्रावास
में क्रय
सामग्री
[अनुसूचित
जाति कल्याण]
89.
( क्र. 3325 ) इंजीनियर
प्रदीप
लारिया : क्या
अनुसूचित
जाति कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सागर
जिला अंतर्गत
कितने
छात्रावास
विभाग द्वारा
संचालित किये
जा रहे है? विकासखण्डवार
/ विधानसभावार
जानकारी
देवें। (ख) प्रश्न
(क) में वर्णित
छात्रावासों
में वर्ष 2023-24, 2024-25, 2025 से प्रश्न
दिनांक तक
कौन-कौन सी
सामग्री क्रय
की गई,
विधानसभावार/विकासखण्डवार/छात्रावास
की जानकारी
देवें तथा
जिला स्तर से
क्या-क्या
सामग्री क्रय
की गई? (ग) प्रश्नांश
(क) में वर्णित
क्रय की गई
सामग्री में
शासन के दिशा-निर्देशानुसार/अनुमोदन
उपरांत
सामग्री क्रय
की गई है? यदि हाँ तो
फोटो प्रति
उपलब्ध
करायें। (घ) प्रश्न
(ग) में वर्णित
शासन के
दिशा-निर्देशानुसार
निर्वाचित
जनप्रतिनिधि
की
अनुशंसा/अनुमोदन
विभाग ने
कराया है? यदि हाँ तो
जानकारी
देवें।
अनुसूचित
जाति कल्याण
मंत्री ( श्री
नागर सिंह
चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। छात्रावासों
के लिये स्थाई
स्कंध
विधानसभावार/विकासखण्डवार/छात्रावासवार
नहीं खरीदा
जाने से शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार है। (घ) छात्रावासों
हेतु सामग्री
क्रय की
कार्यवाही मध्यप्रदेश
भण्डार क्रय
तथा सेवा उपार्जन
नियम 2025 (यथा
संशोधित 2022) में
प्रावधान
अनुसार किये
जाने से शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। नियम की
प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार है।
जे.व्ही.
योजनांतर्गत
भण्डारित गेहूँ
की प्रतिभूति
राशि का
भुगतान
[खाद्य, नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
90.
( क्र. 3326 ) श्री
देवेन्द्र
कुमार जैन : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
शिवपुरी में
म.प्र.वेयर
हाउसिंग एण्ड
लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन
द्वारा
जे.व्ही.
योजना के
अंतर्गत वर्ष 2021-22 में पदमा
वेयरहाउस, सक्षम
वेयहाउस, शिल्पा
वेयरहाउस तथा
देवेन्द्र
जैन वेयर हाउस
में गेहूँ का
भण्डारण किया
गया था? शिवपुरी
जिले में अन्य
कितने
गोदामों में
उक्त अवधि में
गेहूँ का
भण्डारण किया
गया था? (ख) प्रश्नांश
(क) के अनुसार
क्या उक्त
अवधि में भण्डारित
गेहूँ म.प्र.वेयर
हाउसिंग एण्ड
लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन
शाखा शिवपुरी
द्वारा जारी
लॉस/गेन पत्रक
के आधार पर 01 प्रतिशत
गेन से भी
अधिक रहा? यदि हाँ तो
कितनी-कितनी
मात्रा में
अधिक था? क्या उक्त
अवधि में
भण्डारित गेहूँ
की 01
प्रतिशत
प्रतिभूति
राशि का
भुगतान लॉस/गेन
पत्रक के आधार
पर नहीं किया
जाकर अपेक्षित
राशि से कम
राशि का
भुगतान किया
गया है? क्यों? सकारण
उत्तर दें। (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) अनुसार
उक्त अवधि में
भण्डारित गेहूँ
की 01
प्रतिशत
प्रतिभूति
राशि का
भुगतान म.प्र.वेयर
हाउसिंग एण्ड
लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन
शाखा शिवपुरी
द्वारा जारी
किये गए
लॉस/गेन पत्रक
के आधार पर कब
तक कर दिया
जावेगा?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) जी
हाँ, प्रश्नांकित
जिले में अन्य
जिन गोदामों
में उक्त
अवधि में
गेहूँ का भण्डारण
किया गया था, की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार
है। (ख) हाँ। उक्त
अवधि में
भंडारित गेहूँ
मध्यप्रदेश
वेअरहाउसिंग
एण्ड
लॉजिस्टिक्स
में 01
प्रतिशत से
अधिक गेन पाया
गया है, गेन/कमी के
संबंध में
जानकारी 01 प्रतिशत
प्रतिभूति
राशि का
भुगतान मध्यप्रदेश
वेअरहाउसिंग
एण्ड
लॉजिस्टिक्स
कॉर्पोरेशन
क्षेत्रीय
प्रबंधक ग्वालियर
द्वारा
संबंधित
गोदाम संचालक
को कर दिया
गया है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार
है। गेहूँ
में 1
प्रतिशत गेन
पूर्ण प्राप्त
हुआ है किन्तु
धान में 2 प्रतिशत
से अधिक कमी
आने के कारण
राशि रूपये 3,87,917/- एवं
भारतीय खाद्य
निगम के कार्य
में गोदाम संचालक
द्वारा व्यवधान
उत्पन्न
करने के कारण
भारतीय खाद्य
निगम द्वारा
राशि रूपये 2,11,162/- का
कटौत्रा किया
गया है। इस
प्रकार कुल
राशि रूपये 5,99,079/- का
कटौत्रा शिल्पा
जैन वेयरहाउस
से किया गया
है व राशि रूपये
2,54,147/-
धान
शार्टेज का
समायोजन पदमा
जैन वेयरहाउस
से किया गया
है। (ग) प्रश्नांश
(ख) के उत्तर
के संदर्भ में
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
वन
विभाग की जमीन
पर हुये सड़क
निर्माण की
जानकारी
[वन]
91.
( क्र. 3328 ) श्री
सिद्धार्थ
सुखलाल
कुशवाहा : क्या राज्य
मंत्री, वन महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि क्या मैहर
जिले के
अमरपाटन
विधानसभा के
ग्राम भरतपुर
(भैंसरहा) से
गोविन्दगढ़
होते हुये
जिगना तक MPRDC द्वारा वन
विभाग की जमीन
पर सड़क बनाई
गई है? क्या
उक्त
निर्मित सड़क
पर वन भूमि (वन
क्षेत्र) से
गुजरती है? यदि हाँ तो
क्या वन भूमि
पर रोड
निर्माण हेतु
फॉरेस्ट क्लीयरेंस
दी गई थी? यदि नहीं
तो बिना
फारेस्ट क्लीयरेंस
के वन भूमि पर
सड़क कैसे बनी? क्या उस
पर POR काटा
गया है? यदि नहीं
तो क्यों? सरकारी
खजाने को
कितना नुकसान
हुआ? बिना
फारेस्ट क्लीयरेंस
के रोड बनाये
जाने का दोषी
कौन है? क्या
दोषियों पर
कार्यवाही की
जायेगी? यदि हाँ तो
कब तक यदि
नहीं तो क्यों?
राज्य
मंत्री, वन (
श्री दिलीप
अहिरवार ) : प्रश्नाधीन
सड़क वर्ष 1980 के
पूर्व से
निर्मित है, जिसका
उन्नयन कार्य
किया गया है।
कुछ स्थलों पर
अतिरिक्त वनभूमि
पर शोल्डर का
निर्माण किया
गया है। सड़क
वनक्षेत्र से
गुजरती है।
आवेदक विभाग
द्वारा
ऑनलाईन आवेदन
किया था, जिसकी
सैद्धांतिक
स्वीकृति
दिनांक 18.07.2025 से
भारत सरकार से
प्राप्त हुई
है। अंतिम
स्वीकृति
प्राप्त होना
शेष है। बिना
कार्य अनुमति
आवेदक
संस्थान द्वारा
कार्य
प्रारम्भ किए
जाने के कारण
महाप्रबंधक, मध्यप्रदेश
सड़क विकास
निगम, रीवा
के विरुद्ध वन
अपराध प्रकरण
क्रमांक/106/24
एवं 111/07
दिनांक 17.04.2025 से
पंजीबद्ध
किया गया है।
सैद्धांतिक
स्वीकृति में
अधिरोपित
शर्तों के
पालन में
वैकल्पिक
वृक्षारोपण
एवं नेट
प्रेजेन्ट
वैल्यू की
राशि आवेदक
संस्थान से
जमा किए जाने
हेतु
मांगपत्र
दिनांक 23.07.2025 से
जारी किया गया
है। इस प्रकार
सरकारी खजाने
में कोई
नुकसान नहीं
है। वन अपराध
प्रकरण पंजीबद्ध
किया गया है, जो
जांच में है,
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
केंद्रीय
सहायता मद से
प्राप्त राशि
से लाख
उत्पादन प्रशिक्षण
[वन]
92. ( क्र. 3331 ) श्री
मधु भगत : क्या
राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) वर्ष
2017-18 आदिवासी
उप योजना
विशेष
केंद्रीय
सहायता मद से
क्या लाख बीज
खरीदी के पहले
प्रधान मुख्य
वन संरक्षक, अनुसंधान
एवं विस्तार
की अनुमति ली
जानी थी एवं
क्या उक्त लाख
बीज खरीदी
हेतु
गुणवत्ता निर्धारण
हेतु
गुणवत्ता
प्रमाण पत्र
लिया जाना
आवश्यक था? यदि
हाँ तो नियम
की अनदेखी
करने वाले
अधिकारी के
विरुद्ध
सरकार कोई
कार्रवाई
करेगी? (ख) क्या
उक्त लाख बीज
वितरण कार्य
में ग्राम वन
समितियों/वन
सुरक्षा समितियों
जो अपना
स्वतंत्र
अस्तित्व
रखती हैं को
लाख बीज वितरण
दर्शाकर एक
अन्य स्वतंत्र
संस्था
प्रबन्ध
संचालक, जिला
वनोपज सहकारी
यूनियन
पश्चिम
छिंदवाड़ा के
द्वारा
भुगतान किया
जाना दिखाया
गया है क्या
यह
नियमानुसार
सही है? (ग) उक्तानुसार
किस आधार पर
काम तो ग्राम
वन समितियों/वन
सुरक्षा
समितियों के
हितग्राहियों
को किया जाना
बताया गया और
भुगतान
प्रबंध संचालक
जिला वनोपज
सहकारी
यूनियन
पश्चिम छिंदवाड़ा
के द्वारा
किया गया? यदि
यहां भी
नियमों की
अवहेलना की गई
है तो क्या
शासन आदिवासी
कल्याण की
राशि में हेरा
फेरी करने वाले
दोषी अधिकारी
के विरुद्ध
कार्यवाही
करेगा?
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) : (क) जिला
यूनियन
पश्चिम
छिन्दवाड़ा
के अंतर्गत वर्ष
2017-18 आदिवासी
उपयोजना
विशेष
केन्द्रीय
सहायता मद से
लाख बीज खरीदी
के पहले प्रधान
मुख्य वन
संरक्षक, अनुसंधान
एवं विस्तार
की अनुमति लिए
जाने एवं लाख
बीज खरीदी
हेतु
गुणवत्ता
निर्धारण हेतु
गुणवत्ता
प्रमाण पत्र
लिए जाने के
संबंध में कोई
भी दिशा
निर्देश
प्रधान मुख्य
वन संरक्षक, अनुसंधान
एवं विस्तार
कार्यालय से
जारी नहीं है।
शेष का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) जिला
यूनियन पश्चिम
छिन्दवाड़ा
के अंतर्गत
उक्त लाख बीज
वितरण कार्य
में ग्राम वन
समितियों/वन
सुरक्षा समितियों
के सदस्यों को
स्वीकृत
प्रोजेक्ट के
अनुसार लाख
बीज उपलब्ध
कराया गया था
एवं ग्राम वन
समितियों की
अनुशंसा के
उपरांत प्रबंध
संचालक जिला
वनोपज सहकारी
यूनियन
पश्चिम वनमंडल
छिन्दवाड़ा
के द्वारा
भुगतान किया
गया था। (ग) जिला
यूनियन
पश्चिम छिन्दवाड़ा
के अंतर्गत
ग्राम वन
समितियों/वन
सुरक्षा
समितियों एवं
एनजीओ दिव्य
सागर सोसायटी
भोपाल के मध्य
संपादित
अनुबंध के
अनुसार ग्राम
वन समितियों/वन
सुरक्षा
समितियों के
सदस्यों को
लाख बीज
प्रदाय किया
गया एवं ग्राम
वन समितियों/वन
सुरक्षा
समितियों की
अनुशंसा के
उपरांत ही भुगतान
प्रबंध
संचालक जिला
यूनियन
पश्चिम छिन्दवाड़ा
के द्वारा
किया गया।
प्रकरण में
तत्कालीन
वनमंडलाधिकारी
पश्चिम
वनमंडल छिन्दवाड़ा
के विरुद्ध
विभागीय जाँच
संस्थित की
गई। जाँच में
कोई
अनियमितता
नहीं पाये
जाने पर विभागीय
जाँच बिना
किसी शास्ति
के समाप्त
करते हुए
नस्तीबद्ध की
गई। शेष का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
वन
विभाग के
क्षेत्र में
सड़क निर्माण
की स्वीकृति
[वन]
93.
( क्र. 3333 ) श्री
प्रेमशंकर
कुंजीलाल
वर्मा : क्या राज्य
मंत्री, वन महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) वन
विभाग के
क्षेत्र में
स्वीकृत
केसला विकासखंड
के अंतर्गत
वित्तीय वर्ष 2021-22 एवं वर्ष 2022-23 में
स्वीकृत
मार्ग
बारासेल से
खोरा एवं कोहदा, रांझी, भातना, नयागांव, पीपलकोटा
मार्ग की
स्वीकृति
निर्माण के
लिए प्रश्न
दिनांक तक
प्रदान नहीं
की गई है इसके
लिए जिम्मेदार
कौन है? स्वीकृति
प्रदान नहीं
करने का कारण
क्या है? (ख) जनहित
में सड़क
निर्माण किया
जा सके इसके
लिए वन विभाग
द्वारा कब तक
स्वीकृति
प्रदान की जावेगी?
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) : (क) बारासेल
से खोरा मार्ग
निर्माण की
भारत सरकार
द्वारा
दिनांक 29.04.2025 से 7.977 हेक्टेयर
की
सैद्धांतिक
स्वीकृति
अधिरोपित
शर्तों के तहत
जारी की गई
है।
सैद्धांतिक
स्वीकृति में
अधिरोपित
शर्तों का
पालन प्रतिवेदन
लोक निर्माण
विभाग द्वारा
ऑनलाईन
परिवेश
पोर्टल में अपलोड
नहीं करने के
कारण आगे की
कार्यवाही
नहीं हुई है।
कोहदा, रांझी, भातना, नयागांव, पीपलकोटा
मार्ग
निर्माण की
भारत सरकार
द्वारा
दिनांक 29.05.2025 से 22.230 हेक्टेयर
की
सैद्धांतिक
स्वीकृति
अधिरोपित
शर्तों के तहत
जारी की गई
है। अधिरोपित
शर्तों के
पालन में
वनमण्डल
अधिकारी, नर्मदापुरम
ने पत्र
दिनांक 21.07.2025 से आवेदक
संस्थान को
वैकल्पिक
वृक्षारोपण एवं
नेट प्रेजेंट
वैल्यू एवं
मार्ग के
किनारे रोपण
की राशि जमा
करने एवं
सैद्धांतिक
स्वीकृति में
अधिरोपित
शर्तों का
शर्तवार पालन
प्रतिवेदन
ऑनलाईन
पोर्टल में
अपलोड करने पर
स्वीकृति की
कार्यवाही
सम्भव है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) उत्तरांश
(क) के
आलोक में लोक
निर्माण
विभाग
उल्लेखित मार्गों
में
सैद्धांतिक
स्वीकृति में
अधिरोपित
शर्तों का
पालन
प्रतिवेदन
ऑनलाईन
पोर्टल में
अपलोड करने के
उपरांत भारत
सरकार द्वारा
अंतिम चरण की
स्वीकृति
प्रदान की
जाना संभव
होगी। समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
शासकीय
कर्मचारियों/अधिकारियों
की अचल
संपत्ति का
विवरण
[जनजातीय
कार्य]
94.
( क्र. 3335 ) श्रीमती
कंचन मुकेश
तनवे : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
मध्य प्रदेश
सिविल सेवा
(आचरण) 1965 के
नियम 19 (1) के
पालन में
प्रत्येक शास.
सेवक को पहली
बार नियुक्त
होने पर तथा
प्रतिवर्ष
सक्षम प्राधिकारी
को 31
जनवरी की
पूर्व अचल
संपत्ति का
विवरण प्रस्तुत
किए जाने का
प्रावधान है
यदि हां, तो उसकी
तथा सामान्य
प्रशासन
विभाग से इस
संबंध में
समय-समय पर
जारी नियमों
की प्रति
उपलब्ध करावें।
(ख) प्रति
वर्ष अचल
संपत्ति का
विवरण
प्रस्तुत करने
में असफल होने
पर सक्षम
प्राधिकारी
द्वारा अवचार
मानते हुए
दंडात्मक
कार्रवाई का
प्रावधान है
यदि हां, तो दंड के
प्रावधान की
प्रति देवें। (ग) जिले
में विभाग में
प्रश्न
दिनांक की
स्थिति में
पदस्थ
अधिकारी, कर्मचारी
का नाम पदनाम
नियुक्ति
दिनांक सहित
सूची अचल
संपत्ति का
प्रथम
नियुक्ति
दिनांक से
प्रश्न
दिनांक का
विवरण कितने
शासकीय
कर्मचारी ने दिया
है और कितने
कर्मचारियों
ने नहीं दिया? प्रथम अचल
संपत्ति का
विवरण तथा
पिछले 5 वर्षों के
अचल सम्पत्ति
के विवरण
पत्रक की
प्रतियां
उपलब्ध करावें।
(घ) खंडवा
जिले के समस्त
अधिकारी और
कर्मचारियों
द्वारा अचल
संपत्ति
खरीदी से
पूर्व कितने के
द्वारा सक्षम
प्राधिकारी
से अनुमति कब-कब
प्राप्त की गई
है। ऐसे कितने
अधिकारी कर्मचारी
हैं
जिन्होंने
गणना पत्रक
में संपत्ति
दिखाई है
परंतु अनुमति
नहीं ली है
ऐसी स्थिति
में सक्षम
प्राधिकारी
द्वारा दोषी
शासकीय सेवक
पर
अनुशासनात्मक
कार्रवाई की
है। यदि हां, तो
दंडात्मक
कार्रवाई की
प्रति उपलब्ध
करावें।
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) जी
हाँ। जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार
है। (ख)
जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार
है। (ग) जिला
खंडवा में
विभाग
अंतर्गत
प्रश्न
दिनांक की
स्थिति
अधिकारी/कर्मचारियों
की सूची
क्रमशः सहायक
आयुक्त
कार्यालय जनजातीय
कार्य विभाग
खंडवा की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार तथा
कार्यालय
अंतर्गत
शैक्षणिक
संस्थाओं के
अधिकारी/कर्मचारियों
(प्राचार्य, व्याख्याता, उ.श्रे.शि., सहायक
शिक्षक, प्राथमिक
शिक्षक, माध्यमिक
शिक्षक, उच्च
माध्यमिक
शिक्षक एवं
प्रधान पाठक)
की जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार
है। पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट
''ब'' में दर्शित
कार्यालयीन
अधिकारी/कर्मचारियों
दवारा विगत
पांच वर्षों
के अचल
संपत्ति के
विवरण पत्रक
की प्रतियों की
जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार
है। जिन
अधिकारी/ कर्मचारियों
द्वारा अचल
संपत्ति के
विवरण पत्रक
प्रस्तुत
नहीं किये गये
है, उन्हें
अचल संपत्ति
विवरण पत्रक
प्रस्तुत किये
जाने के
निर्देश दिये
गये है। (घ) मध्यप्रदेश
सिविल सेवा
(आचरण) नियम, 1965 अनुसार
शासकीय सेवक
से विक्रेता
का पदीय संव्यवहार
नहीं होने से
अचल संपत्ति
खरीदी से पूर्व
सक्षम
प्राधिकारी
से अनुमति का
प्रावधान नहीं
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
घोड़ारोज़
की संख्या कम
करने के उपाय
[वन]
95.
( क्र. 3336 ) श्री
विपीन जैन : क्या राज्य
मंत्री, वन महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
घोड़ारोज/रोजड़े
से लगातार हो
रही फसल बर्बादी
और दुर्घटनाओं
पर सरकार
द्वारा अंकुश
क्यों नहीं
लगाया जा रहा
है? (ख) ट्रेंकुलाइजर
गन (बेहोश
करने वाली
बंदूक), इनफर्टिलिटी
केमिकल युक्त
गोलियों वाली
बंदूक
किसानों को
प्रदान कर
उन्हें बेहोश
करके अभ्यारण
में छोड़ा जा
सकता है वही
बंदूक के
माध्यम से इनफर्टिलिटी
केमिकल युक्त
गोलियों वाली
बंदूक से भी
इनकी संख्या
को नियंत्रित
किया जा सकता
है (ग) क्या
विभाग इस और
ध्यान देकर
उनकी संख्या
को सीमित करने
की कार्यवाही
करेगी यदि हाँ
तो कब तक?
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) : (क) घोड़ारोज/रोजड़े
(नीलगाय)
द्वारा
किसानों की फसलों
को नुकसान
पहुंचाये
जाने पर
सहायता राशि
का भुगतान यथा
संशोधित
राजस्व पुस्तक
परिपत्र खण्ड
छ: क्रमांक-4 के
प्रावधानों
के तहत किया
जाता है।
किसानों की
फसलों को
नुकसान करने
वाली
घोड़ारोज/रोजड़े
को आखेट करने
की अनुमति
जारी करने के
लिए
मध्यप्रदेश
के समस्त अनुविभागीय
अधिकारी
राजस्व
अपने-अपने
अधिकार क्षेत्र
की सीमाओं के
भीतर
प्राधिकृत
अधिकारी
घोषित है।
घोड़ारोज
(नीलगाय) से
सड़क हादसों
के रोकथाम के
लिए आम जन को
जागरूक करने
हेतु सड़कों
पर स्पीड
ब्रेकर एवं
सड़क किनारे
वन्यजीवों की
उपस्थिति के
सूचक बोर्ड
लगाये गये हैं।
(ख) ट्रेंकुलाइजर
गन से
घोड़ारोज
(नीलगायों) को
पकड़ा जाना
व्यवहारिक
नहीं है। इनफर्टिलिटी
केमिकल युक्त
गोलियों के
माध्यम से घोड़ारोज
की संख्या को
नियंत्रित
करने हेतु भारत
सरकार/राज्य
सरकार द्वारा
कोई मान्यता
प्राप्त
प्रोटोकॉल/मानक
प्रक्रिया
उपलब्ध नहीं
है। रोजड़ा की
संख्या को
नियंत्रित
करने हेतु 70 से 80% रोजड़ों
की आबादी को
इनफरटाईल
करना होगा जो
व्यवहारिक
नहीं है। (ग) विभाग
द्वारा
रोजड़ो की
संख्या को
नियंत्रित
करने के विकल्प
के स्थान पर
इन्हें बोमा
विधि से पकड़कर
अन्यत्र
छोड़ने हेतु
कार्यवाही
पूर्व में की
गई है।
वर्तमान में
शाजापुर जिले
से 100
नीलगाय
स्थानांतरित
करने की
अनुमति भारत
सरकार से
प्राप्त है।
दक्षिण
अफ्रीका के
विशेषज्ञों
के सहयोग से
नीलगायों को
अन्यत्र
स्थानांतरित
करने की यह
कार्यवाही
प्रायौगिक
तौर पर माह
अक्टूबर 2025 में की
जाना
निर्धारित
है। उक्त
प्रयोग के सफल
परिणाम
प्राप्त
होने पर
अन्यत्र
घोड़ारोज
(नीलगाय)
उपस्थिति
वाले
क्षेत्रों
में भी लागू
करने की
कार्यवाही
गुण-दोष के
आधार पर की
जाना सम्भव
है।
हैण्डपम्पों/मोटरपम्पों
की स्थापना हेतु
आमंत्रित
निविदा
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
96.
( क्र. 3342 ) श्री भैरो
सिंह बापू : क्या लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) वर्ष
2023 से प्रश्न
दिनांक तक
जिला
आगर-मालवा में
विभाग को नवीन
हैण्डपम्प
खनन कार्य
(मोटर पंप
सहित समस्त
सामग्री) हेतु
कितनी
सामग्री
उपलब्ध कराई
गई? वर्षवार
सामग्री की
सूची उपलब्ध
करावें तथा
विकासखण्डवार
नलकूप
खनन/हैण्डपम्प
खनन/स्थापना
हेतु निविदायें
आमंत्रित कर
कितना खनन तथा
स्थापना
कार्य करवाया
गया? पृथक-पृथक
सूचियों में
वर्षवार
जानकारी उपलब्ध
करावें। (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
प्रश्नकर्ता
की विधानसभा
क्षेत्र में
विभाग द्वारा
कौन-कौन सी
ग्राम
पंचायतों में
मोटरपम्प
सेट प्रदाय
किया गया? कहाँ-कहाँ
हैण्डपम्प
खनन कर स्थापित
किये? जानकारी
वर्षवार
देवें तथा
शासन से विभाग
को प्राप्त
सामग्री को
किस नियम आदेश
अनुसार
विकासखण्डों
में प्रदाय की
गई? (ग) जल जीवन
मिशन अंतर्गत
सुसनेर
विधानसभा की
कितनी ग्राम
पंचायतों में
जल प्रदाय
प्रारंभ कर
दिया गया है? कितनी में
नहीं? प्रश्न
दिनांक तक
ग्राम
पंचायतवार
रिपोर्ट
अभिलेख सहित
देवें। (घ) प्रश्नांश
(ग) अनुसार जल
जीवन मिशन
अंतर्गत
सुसनेर
विधानसभा में
कार्यरत
एजेन्सी/ठेकेदार
ग्राम
पंचायतवार
जानकारी
देवें। कितनी
ग्राम
पंचायतों में
समय अनुबंध
अनुसार
समय-सीमा में
कार्य पूर्ण
नहीं हुआ है? इसके लिए
कौन दोषी है? निर्माणाधीन
कार्यों की
गुणवत्ता का
कार्य किस-किस
अधिकारियों
की निगरानी में
किया जा रहा
है? योजना
प्रारंभ
दिनांक से
प्रश्न
दिनांक तक
अधिकारियों
द्वारा किये
गए परीक्षण की
रिपोर्ट की
सत्यापित
प्रति देवें।
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके
) :
(क)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''01'' एवं ''02'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''03'' एवं ''04'' अनुसार है। विभाग
द्वारा
ग्रीष्मऋतु
में भूजल स्तर
में गिरावट
होने से
हैंडपंपों के
आंशिक
अनुपयोगी हो
जाने पर पेयजल
संकट के
समाधान हेतु
प्रचलित
प्रक्रिया के
अंतर्गत ऐसे
ग्रामों में
प्रभावित
हैंडपंपों के
नलकूपों पर
सिंगलफेस
मोटरपंप स्थापना
का कार्य
आवश्यकता
अनुसार किया
गया है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) विधानसभा
क्षेत्र
सुसनेर में जल
जीवन मिशन
अंतर्गत क्रियान्वित
की गई एकल
ग्राम नल जल
योजनाओं के अंतर्गत
47 ग्राम
पंचायतों के 50 ग्रामों
में पेयजल
प्रारंभ कर
दिया गया है, किसी भी
योजना से
पेयजल
प्रारंभ किया
जाना शेष नहीं
है, ग्राम
पंचायतवार जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''05'' अनुसार है। इसके
अतिरिक्त
क्रियान्वित
की जा रही
समूह जल
प्रदाय योजनाओं
से पेयजल
प्रदाय
संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''06'' अनुसार
है। (घ)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''05'' एवं ''06'' अनुसार है। एकल ग्राम
नल-जल योजनाओं
के अंतर्गत
समयावधि में
कार्य पूर्ण न
करने पर
संबंधित
निर्माण
एजेंसी को नोटिस
जारी किए गए
हैं। समूह जल
प्रदाय योजना
का कार्य
निर्धारित
समय-सीमा में
किया जा रहा
है। सुसनेर
विधानसभा
क्षेत्र में
क्रियान्वित
किए गए कार्यों
का नियमित रूप
से निरीक्षण
कार्यपालन
यंत्री, सहायक
यंत्री, उपयंत्रियों, मध्यप्रदेश
जल निगम की
परियोजना
क्रियान्वयन
इकाई के
अधिकारी, सुपरविजन
एवं क्वालिटी
कंट्रोल के
अधिकारी तथा
तृतीय पक्ष निरीक्षण
संस्था
(टी.पी.आई.)
द्वारा किया
जाता है, परीक्षण/निरीक्षण
रिपोर्ट की
जानकारी
विभागीय
वेबसाइट-पोर्टल
पर https://www.phed.mp. gov.in/en/Downloads URL पर उपलब्ध
है।
कर्मचारियों
का स्थानांतरण
एवं संलग्नीकरण
[जनजातीय
कार्य]
97.
( क्र. 3344 ) श्री
दिनेश जैन बोस
: क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) उज्जैन
संभाग
अंतर्गत
जनजातीय
कार्य विभाग अंतर्गत
वर्ष 2023-24 में
अन्य जिले से
कितने
कर्मचारी
स्थानांतरण
होकर आए? सूची
देवें। (ख) प्रश्नांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में
स्थानांतरण
में आए कर्मचारियों
को कहाँ-कहाँ, किस
दिनांक को
पदस्थ किया? (ग) शासन
के नियमों के
विपरीत
उज्जैन, रतलाम व
मंदसौर जिले
में जिला
कार्यालय व
अन्य
संस्थाओं में
संलग्नीकरण
किया गया? क्या इन
कर्मचारियों
का संलग्नीकरण
समाप्त किया
गया है? किया गया
है तो कब और
कहां? ब्यौरा
देवें एवं
संलग्नीकरण
समाप्ति किए
जाने का
शासन/विभाग को
भेजे गये
प्रमाण पत्र
की प्रति
उपलब्ध करावें।
(घ) नियम
विरुद्ध
संलग्नीकरण
किये गये
अधिकारियों
के विरुद्ध
क्या कार्यवाही
की गईं? झूठा
प्रमाण पत्र
जारी किये
जाने वाले
अधिकारियों
के विरुद्ध कब
और क्या
कार्यवाही की
जावेगी?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर विजय
शाह ) : (क) एवं
(ख) जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (घ) आयुक्त, जनजातीय
कार्य भोपाल
के पत्र
क्रमांक/स्था.1/डी.2/2024/23950 दिनांक 16.12.2024 के द्वारा
कारण बताओं
सूचना पत्र
जारी किया गया
है। कार्यालय
में उपलब्ध
अभिलेख
अनुसार झूठा
प्रमाण पत्र
प्रस्तुत
करने वाले कोई
भी अधिकारी
नहीं होने से
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
जल-जीवन
मिशन की
जानकारी
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
98.
( क्र. 3346 ) श्री बाला
बच्चन : क्या लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) बड़वानी
जिले में जल
जीवन मिशन के
तहत प्रश्न
दिनांक की
स्थिति में नल
जल योजना के कितने
कार्य अपूर्ण
हैं? स्थान
नाम, लागत, आहरित
राशि, निर्माणकर्ता
नाम, कार्य
अपूर्ण
प्रतिशत सहित
विधानसभावार
देवें? (ख) इस
संबंध में
कार्यालय लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
खंड, बड़वानी
का आदेश क्र. 23 बड़वानी, दिनांक 15-07-2023 के अनुसार
गठित जांच दल
के प्रतिवेदन
की प्रमाणित
प्रति देवें।
यदि जांच
पूर्ण नहीं
हुई है तो
इसमें विलंब
करने वाले
संबंधित
जांचकर्ताओं
पर विभाग कब
तक कार्यवाही
करेगा? (ग) क्या
कारण है कि 02 वर्ष बाद
तक भी जांच पूर्ण
नहीं हो पा
रही है जिसके
कारण अपूर्ण
कार्य करने
वाले को
विभागीय
संरक्षण
प्राप्त हो
रहा है? कारण स्पष्ट
करें। जिन स्थानों
पर कार्य बंद
है प्रश्नांश
(क) अनुसार
उनकी सूची भी विधानसभावार
देवें? (घ) अपूर्ण
कार्य कब तक
पूर्ण होंगे? कार्यवार
बतावें। बंद
कार्यों के
उत्तरदायी
अधिकारियों व
निर्माणकर्ताओं
पर विभाग कब
तक कार्यवाही
करेगा?
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके
) :
(क) 76 एकल ग्राम
नलजल योजनाएं
प्रगतिरत हैं, जिनकी शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''01'' अनुसार है। इसके
अतिरिक्त
म.प्र. जल निगम
अंतर्गत 02 समूह नल जल
योजनाओं के
कार्य
प्रगतिरत है, जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''02'' एवं ''03'' अनुसार
है। (ख) लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी, खण्ड
बड़वानी
द्वारा जारी
आदेश क्रमांक 23 दिनांक 15.07.2023 की जांच
पूर्ण कर ली
गई है। गठित
जांच दल के प्रतिवेदन
की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''04'' अनुसार है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) जांच
पूर्ण की जाकर
जांच रिपोर्ट
वरिष्ठ स्तर
पर
परीक्षणाधीन
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-''01'' अनुसार
है। (घ) एकल ग्राम
नलजल योजनाओं
की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01'' अनुसार
है। समूह
जल प्रदाय
योजनाओं के
कार्य मार्च 2026 तक पूर्ण
किया जाना
लक्षित है। जल
जीवन मिशन के
तहत स्वीकृत
एकल ग्राम
योजनाएं जो
वर्तमान में
प्रगतिरत/अपूर्ण
हैं, उनके
कार्यों को
शीघ्र पूर्ण
करने के लिए
विभागीय
अधिकारी तथा
ठेकेदार
एजेंसियों
द्वारा सतत
प्रयास किए जा
रहे हैं, शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
वन
अधिकार
अधिनियम 2006 के तहत
पट्टा वितरण
[जनजातीय
कार्य]
99.
( क्र. 3347 ) श्री बाला
बच्चन : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) वन
अधिकार
अधिनियम 2006 के तहत प्रदेश
में पट्टों के
कितने आवेदन
लंबित है? जिलावार, संख्या
देंवे। (ख) बड़वानी
जिले में इस
अधिनियम के
तहत पट्टा प्राप्त
कितने
हितग्राहियों
को दिनांक 30.06.2025 तक
प्रधानमंत्री
आवास प्रदान
किये गये की
जानकारी
विधानसभावार
देंवे। (ग) प्रश्नांश
(क) अनुसार ये
लंबित आवेदन
कब तक निराकृत
कर पट्टे
प्रदान कर
दिये जाएंगे? (घ) इसके
विलंब के उत्तरदायी
अधिकारियों
पर विभाग कब
तक कार्यवाही
करेगा? यदि नहीं
तो क्यों?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-''एक'' अनुसार
है। (ख) जानकारी संलग्न
परिशिष्ट-''दो'' अनुसार है। (ग) वन
अधिकार के
दावों के
निराकरण की
प्रक्रिया अर्द्धन्यायिक
स्वरूप की
है। वन अधिकार
के दावों का
निराकरण त्रिस्तरीय
वन अधिकार
समितियों के
द्वारा किया
जाता है तथा
दावेदार को
उपखण्ड एवं
जिला स्तर पर
अपील का
प्रावधान
होने से दावों
का निराकरण की
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(घ) उतरांश (ग) अनुसार।
कोई उत्तरदायी
नहीं हैं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
राज्य
एवं केन्द्र
प्रवर्तित
योजनाओं की
जानकारी
[उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण]
100.
( क्र. 3351 ) श्री फुन्देलाल
सिंह मार्को : क्या
उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) उद्यानिकी
एवं खाद्य
प्रसंस्करण
विभाग द्वारा
जिला अनूपपुर
के 1 जनवरी 2022 से प्रश्न
दिनांक तक
राज्य एवं
केन्द्रीय
शासन प्रवर्तित
संचालित
योजनाओं में
कितनी-कितनी
राशि आवंटित
की गई एवं
कितनी राशि
व्यय हुई।
किन-किन
योजनाओं से
संबंधित राशि
कब से आवंटित
नहीं की गई
एवं क्यों? (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में संचालित
योजनान्तर्गत
सामग्री, खाद, बीज, पुष्प, फल-फूल आदि
के पौधों का
क्रय एवं रोपण
कार्य पर
कितनी राशि
व्यय हुई
किन-किन
नर्सरियों को
किस मद से
कितनी राशि कब
प्रदान की गई, रोपणी
कार्य, नर्सरियों
का रख रखाव, देखभाल, सुरक्षा
आदि पर कितनी
राशि व्यय
हुई। (ग) हितग्राही
मूलक संचालित
किन-किन
योजनाओं में
लाभान्वित
कितने
हितग्राहियों
को, किस
मान से अनुदान
की कितनी राशि
का भुगतान किया
गया, योजनावार
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (घ) राष्ट्रीय उद्यानिकी
मिशन के तहत
उद्यानिकी
फसलों के लिये
कितनी राशि
प्राप्त हुई, कितने
हितग्राहियों
को वित्तीय
सहायता प्रदान
की गई, क्या
इस योजना के
तहत
हितग्राहियों
को अनुदान
दिया गया है, यदि हाँ तो
हितग्राहियों
की सूची
उपलब्ध करावें।
उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण
मंत्री ( श्री
नारायण सिंह
कुशवाह ) : (क) योजनावार
वर्षवार जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''01'' अनुसार है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''01'' एवं ''02'' अनुसार है। (ग) योजनावार
वर्षवार
जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-''01'' अनुसार है। (घ) राष्ट्रीय
उद्यानिकी
मिशन के
अंतर्गत वित्तीय
वर्ष 2024-25
तक अनूपपुर
जिला
सम्मिलित
नहीं था।
वर्तमान वित्तीय
वर्ष 2025-26
में जिले को
राष्ट्रीय
उद्यानिकी
मिशन योजना
अंतर्गत
सम्मिलित
किया गया है।
शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
हितग्राहियों
को उपकरणों का
प्रदाय
[उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण]
101.
( क्र. 3354 ) डॉ. राजेन्द्र
कुमार सिंह : क्या
उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) दिनांक 01.04.2015 से 31.03.2025 के दौरान
रीवा संभाग
में किन-किन
हितग्राहियों
को, किन-किन
योजना के तहत
उपकरणों को
किन शर्तों/नियमों/मापदण्डों
के तहत वितरित
किया गया? इन
योजनाओं में
किस नाम/पते
वाली
कंपनियों ने उपकरणों
की सप्लाई की।
जिलेवार/तहसीलवार/योजनावार/माहवार/वर्षवार/हितग्राहीवार/नियमवार/शर्तोंवार/
मापदण्डवार/कंपनियों
के नाम व
पतेवार
जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश
(क) में वर्णित
समयानुसार
किस-किस
हितग्राहियों
के बैंक
स्टेटमेंटों
को जमा करवाकर
उन्हें किस
योजना का लाभ
दिया गया? (ग) क्या
विभाग ने उक्त
बैंक
स्टेटमेंटों
का संबंधित
बैंको से
सत्यापन
कराया? अगर नहीं
तो क्यों? क्या शासन
उक्त बैंक
स्टेटमेंटों
का सत्यापन
कराये तो बहुत
बड़ा फ्रॉड
सामने आयेगा? (घ) प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित
समयानुसार
किस-किस पते/नाम
की कंपनियों
को
कितना-कितना
भुगतान किया
गया? कंपनीवार/राशिवार/भुगतानवार/माहवार/योजनावार/वर्षवार
जानकारी दें?
उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण
मंत्री ( श्री
नारायण सिंह
कुशवाह ) : (क) जिलेवार जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''01'' अनुसार है। (ख) योजना
के
दिशा-निर्देश
में बैंक
स्टेटमेंटों
को जमा कराने
का प्रावधान
नहीं है। (ग) योजना
के
दिशा-निर्देश
में बैंक
स्टेटमेंटों
को जमा कराने
का प्रावधान
नहीं होने से
शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''02'' अनुसार
है।
वन
भूमि पर अवैध
कब्जा
[वन]
102. ( क्र. 3355 ) डॉ.
राजेन्द्र
कुमार सिंह : क्या
राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मैहर
जिले में मैहर
सीमेंट कम्पनी
सरलानगर ने
प्रश्न तिथि
तक वन भूमि पर
जो अवैध कब्जा
कर रखा है उसे
प्रश्न तिथि
तक वन विभाग
ने क्यों
नहीं हटाया और
कंपनी के जिम्मेदार
अधिकारियों
के विरुद्ध
आपराधिक प्रकरण
क्यों
पंजीबद्ध
नहीं किया है? कारण
दें। नियम
बतायें। (ख) क्या
विभाग ने
लिखित में यह
माना है कि
प्रश्नांश
(क) में
वर्णित कंपनी
ने वन भूमि पर
कब्जा/अवैध
अतिक्रमण कर
स्थायी एवं
अस्थाई
निर्माण
कार्य कर लिये
हैं? (ग) प्रश्नतिथि
तक उक्त भूमि
जो वन विभाग
की है, की विभाग
व कंपनी में
सांठ-गांठ हो
गयी है जिसके बाद
उक्त भूमि को
वन विभाग कंपनी
को देने की
तैयारी में
प्रस्ताव
तैयार कर रहा
है? (घ) क्या
वन भूमि को
कंपनी को देने
के लिये केन्द्र
सरकार से
अनुमति/एन.ओ.सी.
की आवश्यकता
पड़ती है? अगर
हाँ तो क्या
ली गयी?
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) : (क) प्रश्नाधीन
सीमेंट कंपनी
द्वारा काबिज
वन भूमि की
वैधानिक
अनुमति हेतु
वन (संरक्षण
एवं संवर्धन)
अधिनियम, 1980 के तहत
आवेदन कर दिया
है। कंपनी एवं
कंपनी के जिम्मेदार
अधिकारियों
के विरुद्ध
भारतीय वन
अधिनियम, 1927 की धारा 33 (1) (ग) के तहत
वन अपराध
प्रकरण
क्रमांक 31/12 दिनांक 24.02.2024 पंजीबद्ध
किया गया है।
अत: शेष का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) जी
हाँ। (ग) जी
नहीं, अपितु
आवेदक संस्था
द्वारा स्वीकृति
प्राप्त
करने के लिये
वन (संरक्षण
एवं संवर्धन)
अधिनियम, 1980 के तहत
परिवेश
पोर्टल पर
आवेदन किया है, आवेदन
आपत्ति में
है। (घ) जी हाँ। वन (संरक्षण
एवं संवर्धन)
अधिनियम, 1980 के तहत
प्रकरण
आपत्ति में
है।
वायु
गुणवत्ता
में सुधार
[पर्यावरण]
103.
( क्र. 3359 ) डॉ. अभिलाष
पाण्डेय : क्या राज्य
मंत्री, पर्यावरण
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जिला
जबलपुर का गत 6 माह में AQI और PM 2.5/PM 10 स्तर क्या
रहा, और यह
कितना
स्वीकृत
मानकों से
ऊपर/नीचे है? गत 6 माह में AQI और PM 2.5/PM 10 स्तर की
जानकारी देते
हुए बताएं कि
इसका माहवार
बच्चों एवं
बुजुर्गों के
लिए स्वास्थ्य
के अनुकूल है
या प्रतिकूल
घातक प्रभाव
वाला रहा? (ख) वर्ष
2020-2025 के दौरान
जबलपुर में
वायु
गुणवत्ता में
क्या ट्रेंड
रहा-क्या सुधार
या बिगड़ाव
हुआ? यदि
बिगड़ा हुआ है
तो इसके पीछे
के कारण पता करने
हेतु कोई
सर्वेक्षण
किया गया है? यदि हाँ तो
उसकी
सर्वेक्षण
रिपोर्ट की
प्रति दें। (ग) प्रश्नांश
(ख) के संदर्भ
में वायु
गुणवत्ता में
सुधार लाने हेतु
स्थानीय
प्रशासन
द्वारा वायु
प्रदूषण नियंत्रण
हेतु अब तक
कौन-कौन से
ठोस कदम उठाए गए
हैं, और
उनके प्रभाव
का मूल्यांकन
कैसे किया गया
है? (घ) जबलपुर
की गत 5
वर्षों की
वायु
गुणवत्ता में
आए परिवर्तन
को देखते हुए
वर्ष 2030 तक
शहर के वायु
गुणवत्ता
मानक
अनुमानित
क्या हो सकते
हैं? अनुमानित
इनका बच्चों
एवं
बुजुर्गों के
स्वास्थ्य पर
क्या प्रभाव
पड़ने की
संभावना है?
राज्य
मंत्री, पर्यावरण
( श्री दिलीप
अहिरवार ) : (क)
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट- ''अ'' अनुसार
है।
मानक
संतोषजनक
पाये गये हैं।
अत: शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख)
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट- ''ब'' अनुसार
है।
सुधार हुआ
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग)
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट- ''स'' अनुसार
है।
भारत सरकार
द्वारा स्वच्छ
वायु
सर्वेक्षण के
अंतर्गत वर्ष 2023-24
में जबलपुर
शहर को
द्वितीय स्थान
पर मूल्यांकित
किया गया है। (घ) सतत्
परिवेशीय
वायु गुणवत्ता
मापन स्टेशन
(सी.ए.ए.क्यू.एम.एस.)/परिवेशीय
वायु गुणवत्ता
मापन यंत्र
(पी.एम.10 एवं
पी.एम. 2.5) द्वारा
विद्यमान/उपलब्ध
वायु गुणवत्ता
का ही मापन
किया जाता है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
योजनाओं
के अंतर्गत
भौतिक एवं
वित्तीय लक्ष्य
[उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण]
104.
( क्र. 3361 ) श्री
देवेन्द्र
पटेल : क्या
उद्यानिकी तथा
खाद्य
प्रसंस्करण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) रायसेन
जिले में
उद्यानिकी
विभाग के
माध्यम से
विगत तीन
वर्षों में किन-किन
योजनाओं के
अंतर्गत
भौतिक एवं
वित्तीय
लक्ष्य प्रदान
किये गये? योजनावार
राशि उनके
घटकों व संपादित
होने वाले
कार्यों का
विवरण दें। (ख) प्रश्नांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में वर्षवार, योजनावार
व्यय राशि व
प्राप्त राशि
से किये
गये कार्यों
का विवरण
स्थलवार दें। (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
परिप्रेक्ष्य
में वर्षवार
लाभान्वित किसानों/हितग्राहियों
की जानकारी
दें व बतावें
कि किस प्रकार
इन्हें लाभ
प्रदाय किया
गया है? (घ) क्या
विगत तीन
वर्षों में
जिले में
योजनाओं के
क्रियान्वयन
के संबंध में
शिकायतें
प्राप्त हुई
हैं? यदि
हाँ तो शिकायतों
का स्वरूप
क्या है, किसके
सम्बंध में है? इन
शिकायतों पर
क्या-क्या
जांच व क्या
कार्यवाही की
गई? शिकायतवार
विवरण दें।
उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण
मंत्री ( श्री
नारायण सिंह
कुशवाह ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''01'' अनुसार है। (ख) वर्षवार, योजनावार
व्यय राशि व
प्राप्त राशि
से किये गये
कार्यों का
स्थलवार
विवरण की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''02'' अनुसार है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-''03'' अनुसार है। (घ) जी
नहीं। शेषांश प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
वन
विभाग द्वारा
कराये गए
निर्माण
कार्य
[वन]
105.
( क्र. 3362 ) श्री
देवेन्द्र
पटेल : क्या राज्य
मंत्री, वन महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
रायसेन जिले
के समस्त
वनमंडलों को
केन्द्र व
राज्य सरकार
की किन-किन
योजनाओं में
कितनी-कितनी राशि
वर्षवार विगत
तीन वर्षों
में प्राप्त
हुई है? प्राप्त
राशि से वन
परिक्षेत्रवार
कहां-कहां, क्या-क्या
कार्य कराये
गये है? बतावें। (ख) प्रश्नांश
(क) उल्लेखित
क्षेत्र में
वृक्षारोपण, बिगड़े
वनों का सुधार, भू-जल
संवर्धन/संरक्षण, वन्य
जीवों की
पेयजल व्यवस्था
व अन्य कार्य
कहां-कहां, कितनी-कितनी
लागत से कराए
गए? वर्षवार
परिक्षेत्रवार, स्थलवार
जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) में उल्लेखित
कार्यों की
वर्तमान
भौतिक स्थिति
क्या है? जानकारी
दें। उक्त
निर्माण
कार्यों का
भौतिक सत्यापन
कब-कब, किन-किन
अधिकारियों
द्वारा किया
गया? जानकारी
दें। (घ) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) में
उल्लेखित
कार्यों के
संबंध में
विगत तीन
वर्षों में
प्राप्त
शिकायतों, जांच व की
गई कार्यवाही
का विवरण दें?
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश
(क) एवं
(ख) में
उल्लेखित
कार्यों के
संबंध में
विगत 3
वर्षों में
कोई शिकायत
प्राप्त नहीं
हुई है। शेष
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
वन
विभाग द्वारा
नियमों के विरुद्ध
वाहन क्रय
[वन]
106.
( क्र. 3365 ) श्री
जयवर्द्धन
सिंह : क्या राज्य
मंत्री, वन महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) वन
विभाग में कुल
कितने वाहन है? वाहनों के
प्रकार, उपयोग, कार्यालय
का नाम, पता, आवंटी का
नाम, पदनाम, मो.नं. मेकिंग
वर्ष, कितने
ऑपरेटिव, कितने इन ऑपरेटिव, कितने
कंडम है? समस्त
जानकारी का
कार्यालयवार
गौशवारा
बनाकर बतायें।
(ख) वन
विभाग में 216 नये वाहन
क्रय किये गये
है? उनका
प्रकार, मूल्य, क्रय की
प्रक्रिया, प्रदायकर्त्ता
एजेन्सी का
नाम, पता, प्राप्त
देयक, भुगतान, वाहनों के
पंजीयन नं., वाहन कब और
किसे आवंटित, आवंटी का
नाम, पदनाम, कार्यालय
का पता, मो.नं., वेतनमान, अधिकारी
को वाहन की
पात्रता है या
नहीं, वाहन
का उपयोग सहित
समस्त
दस्तावेजों
की प्रति के
साथ
कार्यालयवार
गौशवारा
बनाकर बतायें।
(ग) क्या
सतपुड़ा
टाईगर रिजर्व
वन
परिक्षेत्र
अधिकारी
पश्चिम में
जिप्सी
संचालन की
अनुमति दी गई है? जिसकी
रसीद वन विभाग
द्वारा जारी
की जाती है
यदि हाँ तो जिप्सी का
नंबर, मालिका
का नाम, पता, गाड़ी की
मेकिंग वर्ष, वनक्षेत्र
में संचालन की
अनुमति, पीयूसी, बीमा सहित
आवश्यक सभी
अनुमति की
प्रति के साथ
गाड़ीवार
गौशवारा
बनाकर बतायें।
(घ) प्रश्नांश
(ग) के परिक्षेत्र
में कितने
अधिकारी/कर्मचारी
एवं अन्य
स्टॉफ
कार्यरत है, उनके
उत्तरदायित्व
क्या है? किस स्तर
के आयोजन हेतु
वन विभाग की
अनुमति आवश्यक
है? 01
जनवरी 2025 से प्रश्न
दिनांक तक कब
और कितनी
अनुमति किस
प्रयोजन से
किसे, किन
नियम शर्तों
में जारी की
गई? आवेदन
पत्र, अनुमति
की प्रति सहित
बतायें।
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) : (क) वन
विभाग में कुल
1662 वाहन है।
शेष जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-''1'' अनुसार है। (ख) वन
विभाग में 217 वाहन क्रय
किये गये है
जिसमें स्कॉर्पियो
-68 नग, सियाज-4 नग, टाटा ट्रक-10 नग, बोलेरो
नियो-108 नग, बोलेरो बी
सिक्स-27 नग। शेष जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-''2'' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''3'' अनुसार है।
दिव्यांगजनों
के नियम 2017 का
क्रियान्वयन
[सामाजिक
न्याय एवं
दिव्यांगजन
कल्याण]
107.
( क्र. 3366 ) श्री
जयवर्द्धन
सिंह : क्या
सामाजिक न्याय
एवं दिव्यांगजन
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) म.प्र.
दिव्यांग
नियम 2017 की
धारा 3 की
उपधारा 3 (ग)
एवं
दिव्यांगजन
अधिकार
अधिनियम 2016 की धारा 80 (ख) क्या है? आदेश, नियम की
प्रति सहित
बतायें। इसके
पालन हेतु
विभाग द्वारा
कब और क्या
कार्यवाही की
गई? (ख) स्थानांतरण
नीति 2025
में किन
विभागों में
कितने
स्थानांतरण
आवेदन
प्राप्त हुये? उन पर कब और
क्या
कार्यवाही की
गई? विभागवार
आवेदन की
प्रति, आवेदक का
नाम, पदनाम, पता, मो.नं.
समस्त
जानकारी का
गौशवारा
बनाकर बतायें।
यदि
स्थानांतरण
नहीं हुये है
तो विभागवार जिम्मेदारी
निर्धारित
करते हुये
बतायें क्या
कार्यवाही की
जायेगी? यदि नहीं
तो क्यों? स्थानांतरण
कब तक हो जायेंगे
निश्चित
समयावधि
बतायें? (ग) प्रश्नांश
(क) को
स्थानांतरण
नीति 2025
में सम्मिलित
कराने हेतु
विभाग ने कब
और क्या
कार्यवाही की? यदि नहीं
तो क्यों, कारण सहित
स्पष्ट करें। (घ) प्रश्नकर्ता
का पत्र क्र. 213 दिनांक 12/05/25 उच्च
शिक्षा
मंत्री एवं
आयुक्त
निःशक्तजन का
पत्र क्र. 897 दिनांक 27/07/23 आयुक्त
उच्च शिक्षा
को भेजा गया
है क्या? प्रति
दें। सा.प्र.वि.
के आदेश
दिनांक 22/03/11 एवं 19/07/19 के पैरा के
अन्तर्गत
कार्यवाही
नहीं होने पर निलंबन
की कब और क्या
कार्यवाही की
गई? यदि
नहीं तो क्यों?
सामाजिक
न्याय एवं
दिव्यांगजन
कल्याण
मंत्री ( श्री
नारायण सिंह
कुशवाह ) : (क) म.प्र.
दिव्यांग
नियम 2017 की
धारा 3 की
उपधारा 3 (ग) में कोई
प्रावधान
नहीं है एवं
दिव्यांगजन
अधिकार
अधिनियम 2016 की धारा 80 (ख) अनुसार-राज्य
आयुक्त दिव्यांगजन, स्वप्रेरणा
से या अन्यथा
दिव्यांगजनों
को अधिकारों
से वंचित करने
और उन विषयों
के संबंध में
उन्हें उपलब्ध
सुरक्षा
उपायों की
जांच करेगा
जिनके लिए
राज्य सरकार
समुचित सरकार
है और
सुधारकारी
कार्रवाई के
लिए समुचित
प्राधिकारियों
के पास मामले
को उठाएगा, का
प्रावधान है।
अधिकार
अधिनियम 2016 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार
है। इसके
पालन में
आयुक्त दिव्यांगजन
कार्यालय
द्वारा की गई
कार्यवाही की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार है। (ख) सामाजिक
न्याय एवं
दिव्यांगजन
सशक्तिकरण
विभाग की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार
है। अन्य
विभागों से जानकारी
संकलित की जा
रही है। (ग) स्थानांतरण
नीति 2025 की
कंडिका 26 में
प्रावधान है
कि जिनकी दिव्यांगता
40% या अधिक हो, के सामान्य
स्थानांतरण
न किये जाये।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) आयुक्त
नि:शक्तजन
कार्यालय से
आयुक्त उच्च
शिक्षा विभाग
को प्रेषित
पत्र दिनांक 27.07.2023 जिसमें
दिव्यांग
आवेदक श्री
देवेन्द्र
सिंह धाकड़, सहायक प्राध्यापक
शाड़ौरा जिला
अशोकनगर के स्थानांतरण
से संबंधित है, जिसकी
प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार
है। आयुक्त
उच्च शिक्षा
से कृत
कार्यवाही का
पालन
प्रतिवेदन
प्राप्त
किया जा रहा
है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
आदिवासी
समाज का कल्याण
बोर्ड
प्राधिकरण
[जनजातीय
कार्य]
1. ( क्र. 293 ) श्री
लखन घनघोरिया
: क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) प्रदेश
में आदिवासी
वर्ग के कल्याण
विकास एवं उत्थान
से संबंधित
कौन-कौन से
निगम मण्डल
बोर्ड, प्राधिकरण
गठित संचालित
हैं। इनका मूल
उद्देश्य
लक्ष्य क्या
हैं। शासन ने
इनके लिये
कितनी-कितनी
राशि आवंटित
की हैं एवं
कितनी-कितनी
राशि विकास
कार्यों में
व्यय हुई हैं? (ख) प्रश्नांश
(क) में
आदिवासी समाज
से जुड़े सहरिया,
भूरिया
और काले विकास
प्राधिकरण का
गठन कब किस
मूल उद्देश्य
से किया गया।
इसके अध्यक्ष/उपाध्यक्ष
पद पर कब से
कौन-कौन पदस्थ
हैं। इनका
कार्यकाल क्या
हैं। शासन ने
इन्हें
कौन-कौन सी
सुविधाएं,
संसाधन
एवं अन्य क्या-क्या
व्यवस्थाएं
उपलब्ध कराई
हैं। स्वीकृत
एवं पदस्थ स्टाफ
एवं
कार्यालयीन
व्यवस्था
क्या हैं। इस
पर किस-किस मद
में
कितनी-कितनी
राशि व्यय
हुई? वर्ष 2022-24 से 2025-2026 तक की
जानकारी
देवे। (ग) प्रश्नांकित
किन-किन विकास
प्राधिकरण को
किस-किस मद
में
कितनी-कितनी
राशि आवंटित
की गई एवं
क्रियांवित
किन-किन
योजनाओं, विकास
कार्यों में
कितनी-कितनी
राशि व्यय
हुई हैं। इनके
अध्यक्षों/उपाध्यक्षों
को क्या-क्या
अधिकार दिये
गये हैं।
शासकीय
योजनाओं के क्रियान्वयन
समीक्षा
बैठकों
आदिवासी
आयोजनों में
इनकी क्या
भूमिका
निर्धारित की
गई हैं? यदि
नहीं तो क्यों?
ऐसे
प्राधिकरणों
में गठन का
औचित्य क्या
हैं?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) :
(क) प्रदेश
में आदिवासी
वर्ग के कल्याण
विकास एवं उत्थान
से संबंधित
प्राधिकरण की जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट-एक एवं दो अनुसार है। इसके
अंतर्गत
विकास
कार्यों हेतु
राशि का आवंटन
नहीं है। अत:
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट-एक,
दो, तीन
एवं
चार अनुसार है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट - दो अनुसार है। इन
योजनाओं में
विकास
कार्यों हेतु
राशि का आवंटन
नहीं है। अत:
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -पांच एवं छ: अनुसार है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
छात्रवृत्ति
एवं आवासीय
राशि की
जानकारी
[अनुसूचित
जाति कल्याण]
2. ( क्र. 294 ) श्री
लखन घनघोरिया
: क्या
अनुसूचित
जाति कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रदेश
में अनुसूचित
जाति जनजाति
वर्ग के छात्र-छात्राओं
के आवास कल्याण,
शिक्षा,
रोजगार
से संबंधित
राज्य शासन
एवं केन्द्रीय
शासन की
संचालित
किन-किन
योजनान्तर्गत
कितनी-कितनी
राशि आवंटित
की गई एवं कितनी-कितनी
राशि व्यय
हुई।
कितनी-कितनी
राशि आवंटित
नहीं की गई एवं
क्यों? किन-किन
योजनाओं की
कितनी-कितनी
राशि का उपयोग
नहीं किया गया
एवं क्यों?
वर्ष
2021-22 से
2025-26
तक की जानकारी
देवें। (ख) प्रश्नांश
(क) में पोस्ट
मैट्रिक
छात्रवृत्ति
योजना एवं
आवास सहायता
योजना के तहत
समूह 1,2,3 के
पाठ्यक्रमों
में प्रवेशित
छात्र-छात्राओं
को किस मान से
कितनी-कितनी
राशि वितरित
की गई एवं
कितने-कितने
छात्र-छात्राओं
को कितनी राशि
का वितरण नहीं
किया गया एवं
क्यों? (ग) प्रश्नांश
(क) में गैर
आवासीय
छात्रावासों
एवं किराये के
भवनों में
प्रवेशित/अध्ययन
निवासरत्
कितने
विद्यार्थियों
को आवासीय
सहायता योजना
की किस मान से
स्वीकृत
कितनी राशि
वितरित की गई।
कितने विद्यार्थियों
को कितनी राशि
का भुगतान
नहीं किया गया
एवं क्यों?
क्या
शासन
छात्रवृत्ति
एवं आवास
सहायता राशि के
भुगतान में
वित्तीय
अनियमितता,
फर्जीवाड़ा एवं
भ्रष्टाचार
की जांच कराकर
दोषी
अधिकारियों
पर कार्यवाही
करेगा?
अनुसूचित
जाति कल्याण
मंत्री ( श्री
नागर सिंह
चौहान ) : (क) अनुसूचित
जाति एवं
अनुसूचित
जनजाति वर्ग
के विद्यार्थियों
हेतु संचालित
योजनाओं में
वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक आवंटन,
व्यय
एवं शेष राशि
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार
है।
आवश्यकता
अनुसार बजट
उपलब्ध
कराया जाकर व्यय
किया गया है,
शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख)
जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट 'ब' एवं
'स'
अनुसार
है। छात्रवृत्ति
वितरण सतत्
प्रक्रिया है
तथा भुगतान
नियमित रूप से
किया जा रहा
है, शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) योजना
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
'स'
एवं 'द' अनुसार
है।
आवास सहायता
योजना
अंतर्गत
प्राप्त
आवेदनों को
शासन नियम
अनुसार सत्यापन
कर भुगतान
किया जाता है,
विवरण पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। सतत
रूप से भुगतान
किया जा रहा
है। जी हाँ।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
स्थानांतरण
उपरांत शिक्षक
विहिन शालाएं
[जनजातीय
कार्य]
3. ( क्र. 1056 ) श्री
मोंटू सोलंकी
: क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) बड़वानी
जिले के
विधानसभा
क्षेत्र 187 सेंधवा
अन्तर्गत
स्थानांतरण
नीति वर्ष 2025 में
विकासखण्ड
सेंधवा में
कितने
शिक्षकों का स्थानांतरण
विभाग द्वारा
किया गया है
प्रमाणित
सूची उपलब्ध
करावें? क्या
उक्त
स्थानांतरण
में नीति का
पालन नहीं किया
जाकर तय
संख्या से
अधिक
स्थानांतरण
किए गये यदि
हाँ तो क्यों?
(ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
सेंधवा
विधानसभा में
विभाग द्वारा
स्थानांतरण
किए गऐ
शिक्षकों के
स्थान पर अन्य
शिक्षकों की
पदपूर्ति की गई
यदि हाँ तो
प्रमाणित
सूची उपलब्ध
करावें यदि
नहीं तो क्यों
नहीं? (ग) सेन्धवा
विधानसभा
अन्तर्गत
कितनी शालाए
शिक्षकविहीन
है सूची देवें
तथा
स्थानांतरण
नीति पश्चात्
भी अधिक
संख्या में
शालाएं शिक्षकविहीन
है क्यों जानकारी
देवें? शासन
द्वारा
शिक्षकविहीन
शालाओं में कब
तक पदपूर्ति
कर दी जावेगी?
(घ) क्या
विभाग के पास
पूर्व से
पदस्थ अतिथि
शिक्षकों के
नियमितिकरण
की कोई योजना
है? यदि हाँ तो
कब तक अतिथि
शिक्षकों को
नियमित किया
जावेगा
जानकारी
देवें?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) :
(क) विधानसभा
क्षेत्र 187 सेंधवा
अन्तर्गत स्थानांतरण
नीति वर्ष 2025 में
विकासखण्ड
सेंधवा में 114
शिक्षकों को
स्थानांतरण
का स्थानांतरण
किया गया है।
प्रमाणित
सूची की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार
है। उक्त स्थानांतरण
में स्थानांतरण
नीति 2025 का पालन
किया गया है
तथा
निर्धारित
संख्या से
अधिक स्थानांतरण
नहीं किये गये
है। (ख) सेंधवा
विधानसभा
क्षेत्र की
शालाओं में
शिक्षक पदस्थ
होने के कारण
उनके स्थान
पर शिक्षकों
के स्थानांतरण
कर पदपूर्ति
नहीं की गई
है। (ग) सेंधवा विधानसभा
क्षेत्र अन्तर्गत
शिक्षकविहीन
शालाओं की
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार
है। कुछ
शिक्षकविहीन
शालाओं में
प्रशासकीय स्थानांतरण
किये गये है।
शिक्षकविहीन
शालाओं में
अतिथि
शिक्षकों के
माध्यम से
शालाओं का
संचालन किया
जा रहा है।
शिक्षकों की
नियुक्ति
प्रक्रिया
प्रचलन में है,
पदपूर्ति
की समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(घ) जी
नहीं।
वनमण्डल
में पदस्थ
अमले,
निर्माण एवं
मरम्मत की
जानकारी
[वन]
4. ( क्र. 1599 ) श्री
प्रहलाद लोधी
: क्या
राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मार्च
2020 से
दक्षिण वनमण्डल
पन्ना
अंतर्गत
कितनी रेंज
आती हैं? उक्त
सभी कार्यालय
में कितना
अमला पदस्थ है? कार्यालय
का नाम, पदनाम
कब से पदस्थ
हैं। संपूर्ण
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ख) मार्च
2020 से
प्रश्न
दिनांक तक दक्षिण
वनमण्डल
पन्ना के
निर्माण
कार्यों/मरम्मत
के संधारण के
लिए क्या
प्रक्रिया
अपनाई जाती है? विभाग में
संधारण
कार्यों की
टेंडर
प्रक्रिया
अंतिम बार कब
किस-किस
सामग्री के
लिए, किस
फर्म को, किस
दर पर, कितनी
अवधि के लिए
अधिकृत किया
गया था। (ग) उपरोक्त
अवधि में कुल
कितने
निर्माण/मरम्मत
कार्य, कितनी
लागत, किस
फर्म से
कोटेशन लेकर
कितनी दर, कितनी
सामग्री के
लिए किए गए
हैं बताएं।
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) :
(क) प्रश्नाधीन
अवधि में
दक्षिण वनमण्डल
पन्ना के
अन्तर्गत 06 रेंज हैं।
उक्त सभी
रेंज कार्यालय
में 177
अमला पदस्थ
है।
कार्यालयवार जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन
अवधि में
दक्षिण वनमण्डल
पन्ना के
निर्माण
कार्यों/मरम्मत
के संधारण
हेतु
प्राक्कलन
तैयार कर
सक्षम अधिकारी
से स्वीकृति
के उपरान्त
निर्माण एवं
मरम्मत के
कार्य में
विभागीय
प्रक्रिया
अपनाई जाकर कार्य
कराये जाते
हैं। दक्षिण
वनमण्डल पन्ना
में संधारण
कार्यों के
लिए सामग्री
क्रय की अंतिम
निविदा वर्ष 2024-25 में भण्डार
क्रय एवं सेवा
उपार्जन नियम 2015 यथा
संशोधित 2022 के
अनुसार की गई
थी, जिसका
विवरण
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) उपरोक्त
अवधि में
कराये गये
निर्माण/ मरम्मत
के कार्य किसी
भी फर्म से
कोटेशन एवं
निविदा लेकर
नहीं कराये
गये हैं। सभी
कार्य विभागीय
तौर पर कराए
गए हैं ऐसी
स्थिति में
किसी फर्म से
देयक प्राप्त
होने एवं उनके
ऑडिट तथा
भुगतान किये
जाने का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
पाईप
लाईन विस्तार
में तोड़ी गई
सड़कों का निर्माण
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
5. ( क्र. 1718 ) श्री
संजय
सत्येन्द्र
पाठक : क्या
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि
(क) जल जीवन
मिशन योजना के
अंतर्गत जिन
ग्रामों में
संबंधित
ठेकेदारों
द्वारा पाइप
लाईन विस्तारीकरण
का कार्य करने
के दौरान
ग्रामों में
पूर्व से
निर्मित
सी.सी. रोड
तोड़कर कार्य
किया गया था।
क्या उन तोड़ी
गई सी.सी. रोड
का पुनर्निर्माण
संबंधित ठेकेदारों
द्वारा करा
दिया गया है।
यदि हाँ तो ग्रामवार
सूची उपलब्ध
करायें। (ख) उक्त
कार्य पूर्ण
नहीं कराये
जाने से पूर्व
प्रश्नाधीन
योजना ग्राम
पंचायत को
हस्तांतरित
की जा चुकी
है। ऐसे
ग्रामों की
सूची उपलब्ध
करायें। (ग) यदि
ठेकेदार
द्वारा ग्राम
पंचायत की पाईपलाईन
विस्तारीकरण
के दौरान तोड़ी
गई रोड का पुनर्निर्माण
प्रश्न
दिनांक नहीं
किया गया है
तो कब करा
दिया जायेगा?
(घ) प्रश्नांश
(क), (ख) एवं
(ग) के
परिप्रेक्ष्य
में
ठेकेदारों
द्वारा तोड़ी
गई रोडों का
निर्माण
कराये जाने से
पूर्व योजना
ग्राम पंचायत
को
हस्तांतरित
कर दी गई है?
इस
अपूर्ण कार्य
के लिए
कौन-कौन दोषी
है तथा उनके
विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
जायेगी? नहीं तो
क्यों?
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके
) : (क) जी हां,
जानकारी
संकलित की जा
रही है। (ख) जानकारी
विभाग की
वेबसाइट
पोर्टल लिंक https://www.phed.mp.gov.in/en/Downloads
पर
उपलब्ध है। (ग) नल-जल
योजनाओं में
प्रगतिरत
पाइप-लाइन के
कार्य पूर्ण
करने के बाद
पाइप-लाइन की
हाइड्रो टेस्टिंग
उपरांत रोड
रेस्टोरेशन
का कार्य किया
जाना
प्रावधानित
है, कोई
निश्चित तिथि
बताया जाना
संभव नहीं है।
(घ) पाइप-लाइन
कार्य हेतु
काटी गई ग्राम
की सी.सी. रोड को
पाइप-लाइन
कार्य पूरा
करके
टेस्टिंग के
पश्चात उक्त
काटी गई सी.सी.
रोड का
आवश्यकतानुसार
रेस्टोरेशन
(पुनर्निर्माण)
कराया गया है,
शेष
जानकारी
विभाग की
वेबसाइट
पोर्टल पर लिंक
https://www.phed.mp.gov.in/en/Downloads पर
उपलब्ध है।
विद्यालय
एवं
छात्रावास
भवन तथा
अनुकंपा नियुक्ति
की जानकारी
[जनजातीय
कार्य]
6. ( क्र. 1734 ) श्री
मधु भगत : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) बालाघाट
जिले में
विभाग में 1 जनवरी 2023 से
प्रश्न
दिनांक तक कुल
कितने
विद्यालय भवन
एवं
छात्रावास
भवन है? कॉलमवार
जानकारी
उपलब्ध
करावें? साथ ही
उपरोक्त
भवनों में
जर्जर भवनों
के नाम एवं
भौतिक स्थिति
बताये? भवनविहिन
विद्यालय एवं
छात्रावास की
सूची उपलब्ध
करावे? (ख) विगत दो
वर्षों में
विभाग को
बालाघाट जिले
में किस-किस
मद से कितनी
राशि आवंटित
हुई? उक्त राशि
से क्या-क्या
कार्य किसके
द्वारा कराये
गये तथा किसकी
अनुशंसा पर
कराये गए?
प्राक्कलन,
तकनिकी
स्वीकृति,
विज्ञापन,
टेण्डर
प्रक्रिया के
दस्तावेज
सहित भुगतान
के बिल, व्हाऊचर,
दर,
बिड
की सत्यापित
प्रतियां
उपलब्ध
करावें। (ग) जर्जर
भवनों की मरम्मत
तथा भवनविहिन
विद्यालय एवं
छात्रावास भवनों
के नवीन
निर्माण की स्वीकृति
कब तक प्रदाय
की जावेगी?
(घ) समस्त
बालाघाट जिले
में
लोकसेवकों के
रिक्त पदों
पर भर्ती कब
तक की जावेगी
तथा अनुकंपा नियुक्ति
के कितने
प्रकरण लंबित
है कब तक कार्यवाही
की जावेगी?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) प्रश्नाधीन
अवधि में
विद्यालय भवन,
छात्रावास
भवन, जर्जर
भवनों की
भौतिक स्थिति,
भवनविहीन
विद्यालय एवं
छात्रावास की
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट ''अ'' अनुसार
है। (ख) विगत 2 वर्षों
में विभाग को
बालाघाट जिले
में मदवार
प्रदाय राशि
का विवरण की
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार
है। प्राप्त
राशि से कराए
गए कार्यों का
विवरण एवं
अनुशंसा की
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
''ब''
अनुसार
है। प्राक्कलन,
तकनीकी
स्वीकृति,
विज्ञापन,
टेंडर
प्रक्रिया के
दस्तावेज,
भुगतान
के बिल व्हाउचर,
दर,
बिड,
की
सत्यापित
प्रतियों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार
है। (ग) जर्जर
भवन की मरम्मत
तथा भवनविहीन
विद्यालय एवं
छात्रावास भवन
निर्माण की स्वीकृति
विभाग में बजट
उपलब्धता की
सीमा में
नियमानुसार
प्रदाय की
जाती है,
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(घ) "मध्यप्रदेश
लोक सेवा
आयोग" एवं
"कर्मचारी चयन
मण्डल के
माध्यम'' से सीधी
भर्ती के
रिक्त पदों की
पूर्ति की कार्यवाही
निरंतर है।
बालाघाट जिले
में अनुकंपा
नियुक्ति के
कुल 14 प्रकरण
लंबित है।
इनमें से 04 प्रकरण
जिला स्तर पर
लंबित, 02 प्रकरण
चतुर्थ
श्रेणी के पद
पर नियुक्ति
हेतु अन्य
जिलों को
प्रेषित, 04
प्रकरणों में
विभाग में पद
रिक्त न होने
का प्रमाण
पत्र जारी कर
अन्य विभाग
में नियुक्ति प्रदान
करने हेतु
कलेक्टर जिला
बालाघाट को सामान्य
प्रशासन
विभाग के
परिपत्र
क्रमांक सी 3-12/2013/1/3 दिनांक 29.09.2014 की कण्डिका
क्रमांक 7.8 में
निहित
प्रावधान
अनुसार
कार्यवाही
किये जाने
हेतु प्रेषित
किए गए हैं।
शेष 4 प्रकरणों
में विभाग
अंतर्गत पद
रिक्त न होने
का प्रमाण
पत्र जारी
किये जाने
हेतु कार्यवाही
की जा रही है,
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
जल
जीवन मिशन
योजना में
अनियमितता
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
7. ( क्र. 1812 ) श्री
सुरेश राजे : क्या
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि
(क) डबरा
विधानसभा
क्षेत्र में
जल जीवन मिशन
योजना
प्रारम्भ से
प्रश्न
दिनांक तक
किस-किस ग्राम
में नल-जल
योजना कितनी-कितनी
राशि की
स्वीकृत है? इनका
कार्य पूर्ण
करने की अवधि
कब तक है? किस
फर्म/कंपनी/ठेकेदार
एवं किस
उपयंत्री की देखरेख
में कार्य
किये गए? प्रत्येक
पर कितनी राशि
व्यय हो चुकी
है? कार्य
पूर्ण, अनुबंध
अवधि निकलने
पर एजेंसी के
विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
गई? यदि
नहीं की गई तो
क्यों? (ख) प्रश्नांश
(क) के अनुसार
उक्त ग्रामों
में पाइप-लाइन
बिछाने हेतु
सी.सी. सड़क
मशीनों से
अथवा मजदूरों
से खुदाई करने
का प्रावधान
है एवं खोदी
हुई सड़क का
पुनर्निर्माण
किस-किस ग्राम
में करवाया
गया? शेष
कार्य को कब
तक करवाया
जायेगा? (ग) प्रश्नांश
(क) के अनुसार
कार्य पूर्ण
नल-जल योजनाओं
के सभी भवनों
के नल में
टोंटी लगाकर
किस दिनांक से
जल प्रदाय
किया जा रहा
है? यदि
नहीं तो प्रत्येक
योजना के
ग्राम में
कितने-कितने
भवनों के नल
में टोंटी
लगना शेष है? उक्त
कार्यों का
निरीक्षण
सहायक
यंत्री/कार्यपालन
यंत्री
द्वारा
किस-किस
दिनांक को किया?
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके
) : (क)
जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट
अनुसार
है। (ख) जी हां, ग्रामों
में पाइप-लाइन
बिछाने के
कार्य हेतु खोदी
गई सड़क के
पुनर्निर्माण एवं शेष
बचे सड़क
पुनर्निर्माण
की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार
है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार
है।
सामुदायिक
वन अधिकार को मान्यता
[जनजातीय
कार्य]
8. ( क्र. 1904 ) श्री
निलेश
पुसाराम उईके
: क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
प्रमुख सचिव
के पत्र
क्रमांक
व.अधि./08/1047 दिनांक 10 जून 2008 के
अनुसार
छिन्दवाड़ा,
पांढुर्णा
एवं बैतूल
जिले के
निस्तार पत्रक,
अधिकार
अभिलेख एवं
खसरा पंजी में
दर्ज बड़े झाड़,
छोटे
झाड़ के जंगल
मद की जमीनों
से संबंधित सामुदायिक
वन अधिकार को
मान्यता दिए
जाने की कार्यवाही
प्रश्नांकित
दिनांक तक भी
नहीं की गई?
(ख) यदि हाँ
तो पत्र
दिनांक 10 जून 2008 में
किन-किन
अभिलेखों में
दर्ज भूमियों
को लेकर
क्या-क्या
निर्देश दिए
गए उसके तहत
छिन्दवाड़ा,
पांढुर्णा
एवं बैतूल
जिले के किस
ग्राम में दर्ज
कितने-कितने
बड़े झाड़,
छोटे
झाड़ के जंगल
मद की कितनी
जमीनों के
सामुदायिक वन
अधिकार दावे
मान्य किए?
(ग) छिन्दवाड़ा,
पांढुर्णा
एवं बैतूल
जिले की किस
ग्राम के
निस्तार
पत्रक, अधिकार
अभिलेख में
बड़े झाड़,
छोटे
झाड़ के जंगल
मद की कितनी
भूमि दर्ज है?
इन
पर कब तक
सामुदायिक वन
अधिकारों को
पत्र दिनांक 10 जून 2008 के
अनुसार
मान्यता दे दी
जावेगी
समय-सीमा सहित
बताने का कष्ट
करें।
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) :
(क) जी
नहीं। जिला
छिंदवाड़ा,
पांढुर्णा
एवं बैतूल में
कार्यवाही की
गयी है। (ख) उत्तरांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) छिंदवाड़ा,
पांढुर्णा
एवं बैतूल
जिले के निस्तार
पत्रक, अधिकार
अभिलेख में
बड़े झाड़,
छोटे
झाड़ के जंगल
मद की दर्ज
भूमि एवं
मानरू किये
गये
सामुदायिक वन
अधिकार की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट
अनुसार
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
अवैधानिक
रूप से दिये
गये उच्च पद
का प्रभार एवं
समयमान
[जनजातीय
कार्य]
9. ( क्र. 1966 ) श्री
देवेन्द्र
पटेल : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जिन
लोकसेवकों के
विरूद्ध
विभागीय जांच,
लोकायुक्त
जांच//ई.ओ.डब्ल्यू.
जांच चल रही
हो, जिनके
विरूद्ध न्यायालय
में आपराधिक
चालान पेश हो
चुका हो, उन्हें
सामान्य प्रशासन
विभाग के किस
नियम/निर्देश/परिपत्र
के पालन में
पदोन्नति/उच्च
पद
प्रभार/समयमान
दिए जा सकते
हैं? (ख) जब
विभागीय
जांच/लोकायुक्त
जांच/आपराधिक
चालान वाले
लोकसेवकों को
पदोन्नति/
समयमान/उच्च
पद प्रभार
देना वर्जित
है, तो म.प्र.
शासन, जनजातीय
कार्य
विभाग/आयुक्त,
जनजातीय
कार्य ने वर्ष
2023,
वर्ष 2024, वर्ष 2025 में
विभागीय
जांच/लोकायुक्त
जांच/आपराधिक
चालान वाले
किन-किन मंडल
संयोजक, क्षेत्र
संयोजक, जिला
संयोजक, सहायक
आयुक्त, उपायुक्त
को गलत तरीके
से पदोन्नति/समयमान/उच्च
पद प्रभार का
लाभ दिया गया?
किन-किन
को इसका लाभ
किस आधार पर
नहीं दिया गया?
(ग) विभागीय
जांच/लोकायुक्त
जांच/आपराधिक
चालान की
जानकारी
छिपाकर लोकसेवकों
को पदोन्नति/समयमान/उच्च
पद प्रभार
दिलवाने में
सहयोग करने
वाले अधिकारियों
और
कर्मचारियों
के नाम और पद
बतावें? (घ) अवैधानिक
रूप से
समयमान/उच्च
पद प्रभार का
लाभ देने वाले
आदेश कब तक
निरस्त किए
जाएंगे? नहीं तो
क्यों?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) :
(क) जी
नहीं। जिन
लोकसेवकों के
विरूद्ध
विभागीय जांच
तथा न्यायालय
में चालान
प्रस्तुत
किया जा चुका
हैं, को पदोन्नति/उच्च
पद प्रभार एवं
समयमान नहीं
दिया जा सकता
है। (ख) जी
हाँ। वर्ष 2023 में 01
अधिकारी श्री
सतीश कुमार
तिवारी मूलपद
मंडल संयोजक
को क्षेत्र
संयोजक/विकासखण्ड
अधिकारी का
उच्च पद
प्रभार शासन
आदेश क्रमांक 1129/158
5479/2023/25/1भोपाल,
दिनांक
28.08.2024
द्वारा दिया
गया था। श्री
तिवारी के
विरूद्ध प्रचलित
विभागीय जांच
की कार्यवाही
संज्ञान में
आने के उपरांत
शासन आदेश
क्रमांक 1710/15854
79/2023/1/25
भोपाल, दिनांक 19.12.2024 द्वारा
श्री सतीश
कुमार तिवारी
को दिये गये उच्च
पद प्रभार
संबंधी आदेश
निरस्त किया
गया है।
पात्रता/नियमानुसार
लाभ दिया गया
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग)
श्री प्रवीण
शूरकर सहायक
संचालक एवं
श्री नवीन
कुमार गुप्ता
सहायक ग्रेड-3
कार्यालय
आयुक्त
जनजातीय
कार्य म.प्र.
भोपाल को कारण
बताओं सूचना
पत्र जारी
किया गया है। (घ)
कार्यवाही की
जा चुकी है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
अपूर्ण
नल-जल योजना
को पूर्ण किया
जाना
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
10. ( क्र. 1972 ) श्री
विजयपाल सिंह
: क्या
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि
(क) प्रश्नकर्ता
के विधानसभा
क्षेत्र
सोहागपुर के
अंतर्गत वर्ष 2020 से आज
दिनांक तक कुल
कितनी नल-जल
योजना स्वीकृत
हुई हैं।
उनमें कितनी
पूर्ण हो चुकी
है और कितनी
अपूर्ण हैं?
ग्रामवार
एवं
विकासखंडवार
जानकारी
उपलब्ध करावें?
(ख) नल-जल
योजना में
निविदा का
क्या
प्रावधान था और
निविदा
स्वीकृत एवं
वर्क ऑर्डर के
बाद कितने समय
में कार्य
पूर्ण किया
जाना था? (ग) जो नल-जल
योजना प्रश्नकर्ता
के क्षेत्र
में बनाई गई
है उसकी गुणवत्ता
ठीक नहीं है
और कार्य बहुत
ही घटिया हुआ
है, जगह-जगह
ठेकेदार
द्वारा
सड़कों पर
गड्ढे किये
गये है तथा कई
जगह से लाइन
भी टूट गई है
और विभाग
द्वारा योजना
पूर्ण बताकर
राशि भी निकाल
ली गई है, उसमें
संबंधित
विभाग द्वारा
क्या
कार्यवाही की
गई है? पूर्ण
जानकारी
उपलब्ध कराई
जाये और उक्त
घटिया
निर्माण में
दोषी पाये गये
अधिकारी/ठेकेदार
के विरूद्ध
विभाग द्वारा
क्या
कार्यवाही की
जायेगी? विस्तृत
विवरण उपलब्ध
करावें।
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके
) : (क) 291,
शेष
जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट
अनुसार
है। (ख)
जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट
अनुसार
है। (ग) जो नल-जल
योजना प्रश्नकर्ता
के क्षेत्र
में बनाई गई
हैं एवं
जिनमें कार्य
पूर्ण/प्रगतिरत
हैं, उनमें मोटर
पंप एवं
पाइप-लाइन
इत्यादि
सामग्री का
थर्ड पार्टी
एजेंसी जैसे
सीपेट राईट इत्यादि
द्वारा
निरीक्षण
होने के
पश्चात ही गुणवत्तापूर्ण
सामग्री का
उपयोग किया
गया है/किया
जा रहा है।
ठेकेदारों
द्वारा सड़कों
पर पाइप-लाइन
बिछाने हेतु
ट्रेंच खोदी
गई है, जिसमें
पाइप-लाइन
बिछाई जाकर
टेस्टिंग
कार्य उपरांत
ट्रेंच को भर
दिया जाता है।
तदुपरांत रोड
रेस्टोरेशन
का कार्य
संबंधित
ठेकेदारों
द्वारा पूर्ण
किया जाता है,
जिसका
निरीक्षण
समय-समय पर
विभाग के
अधिकारी एवं
जिला प्रशासन
द्वारा टीम
गठित कर भी
कराया जाता है,
विभाग
द्वारा योजना
पूर्ण होने पर
ही राशि का भुगतान
किया जाता है,
इसलिए
कार्यवाही का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
वर्ष 2023 से
किसानों को
भुगतान न होना
[खाद्य,
नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
11. ( क्र. 2011 ) डॉ.
राजेन्द्र
कुमार सिंह : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मैहर
जिले में
विधानसभा
क्षेत्र
अमरपाटन के लक्ष्मी
स्व-सहायता
समूह खुलखमा
अरगट में वर्ष
2023 की
गेंहू की फसल
खरीदी में
किस-किस
नाम/पते के किसानों
का पंजीयन हुआ?
पंजीयन
क्रमांक सहित
सूची दें?
उक्त
सभी पंजीकृत
किसानों
द्वारा
कितनी-कितनी
मात्रा में
अपना-अपना
गेंहू अन्य
खरीदी केंद्र
में बेंचा/जमा
किया? किसानों का
कोड क्रमांक
सहित नामवार,
खाद्यान्न
की
मात्रावार/दिनांकवार
सूची दें?
(ख) प्रश्नांश
(क) में
वर्णित खरीदी
केंद्र में
वर्णित
समयानुसार
किस-किस
किसानों का कितनी-कितनी
मात्रा में
गेंहू का
परिवहन समूह द्वारा
नहीं किया गया?
किस-किस
का
कितनी-कितनी
मात्रा में
आंशिक परिवहन
किया गया?
मात्रावार/किसान
कोड
क्रमांकवार/
नामवार/खाद्यान्नवार/बोरेवार
जानकारी दें?
(ग) प्रश्नांश
(क) में
वर्णित
समयानुसार
एवं उक्त
खरीदी केंद्र
से प्रश्नतिथि
तक किस-किस
किसान कोड
क्रमांक में
उसके द्वारा
बेंचा/जमा
किया गया?
कितनी
मात्रा के
खाद्यान्न
का कितना पैसा
(रकम) किस
क्रमांक के
बैंक खातों
में कब-कब आया?
कम
आया की ज्यादा?
सूची
नामवार दें?
(घ) उक्त
खरीदी केंद्र
में पंजीकृत
किसानों के
अलावा किस-किस
खातों में
दूसरे
किसानों की
राशि आई? किस-किस
किसानों को
अभी तक पूरी
राशि का भुगतान
नहीं हुआ?
राशिवार
किसानवार
सूची दें?
राज्य
शासन उक्त
किसानों के
भुगतान हेतु
कब तक आदेश
जारी करेगा?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) :
(क) रबी
विपणन वर्ष 2023-24 में
समर्थन मूल्य
पर गेहूं
उपार्जन के
लिए किसान
पंजीयन हेतु लक्ष्मी
स्व-सहायता
समूह सुलखमा
अरगट को
पंजीयन केन्द्र
नहीं बनाया
गया था। रबी
विपणन वर्ष 2023-24 में
समर्थन मूल्य
पर गेहूं
उपार्जन केन्द्र
का संचालन
लक्ष्मी स्व-सहायता
समूह सुलखमा
अरगट द्वारा
किया गया है।
समूह द्वारा
दिनांकवार,
किसानवार
उपार्जित
गेहूं की
मात्रा की
जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार
है। (ख) लक्ष्मी
स्व-सहायता
समूह सुलखमा
अरगट द्वारा
उपार्जित
गेहूं में से
किसानवार
परिवहन नहीं
किए गए गेहूं
की
मात्रावार/किसान
कोडवार/नामवार/खाद्यान्नवार/बोरेवार
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार
है। (ग) लक्ष्मी
स्व-सहायता
समूह सुलखमा
अरगट द्वारा
उपार्जन केन्द्र
पर किसानों
द्वारा विक्रय
मात्रा, किसान
कोड, बैंक खाता
क्रमांक, भुगतान
राशि एवं अंतर
राशि की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार
है। (घ) लक्ष्मी
स्व-सहायता
समूह सुलखमा
अरगट द्वारा
संचालित उपार्जन
केन्द्र पर
उपज विक्रय
करने वाले
किसानों के
अलावा किसी
अन्य खाते
में राशि का
भुगतान नहीं
किया गया है।
लंबित भुगतान
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार
है। समर्थन
मूल्य पर
गेहूं
उपार्जन में
लक्ष्मी स्व-सहायता
समूह द्वारा
कारित
अनियमितताएं
प्रकाश में
आने से जांच
कर संस्था के
उत्तरदायियों
के विरूद्ध पुलिस
प्राथमिकी
दर्ज कराई गई
है। प्रकरण में
आरोपी कु.
कोमल गुप्ता
के अतिरिक्त
अन्य सभी
आरोपियों को
गिरफ्तार
किया गया
जिसमें विवेचना
उपरांत पुलिस
द्वारा
माननीय सत्र न्यायालय,
रामनगर
में चालान
प्रस्तुत
किया गया,
जिसमें
से एक आरोपी
की अग्रिम
जमानत तथा शेष
आरोपियों की
माननीय उच्च
न्यायालय से
जमानत हो गई
है। लक्ष्मी
स्व-सहायता
समूह के उत्तरदायिओं
से राशि रू. 56,98,187.50 की
वसूली की
कार्यवाही
हेतु आर.आर.सी.
जारी की गई
है।
छात्रावासों
की जानकारी
[जनजातीय
कार्य]
12. ( क्र. 2037 ) श्री
पन्नालाल
शाक्य : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जिला
गुना में
कितने
छात्रावास
है। इनके अधीक्षक
कौन है और किस
दिनांक से
पदस्थ है
सारणीवार,
कार्यालयवार
जानकारी
देवें। (ख) प्रश्नांश
(क) में
वर्णित
पृथक-पृथक
छात्रावासों
में सत्र 2021-22 से प्रश्न
दिनांक तक
छात्रों की
संख्या, कक्षावार,
माहवार,
सारणीवार
जानकारी
देवें। (ग) छात्रावासों
को राशि देने
का क्या
प्रावधान है।
नियम उपलब्ध
करावे। (घ) प्रश्नांश
(क) में
वर्णित
छात्रावासों
में प्रतिमाह
कितनी राशि व्यय
की जाती है।
पृथक-पृथक
छात्रावासों
को प्रदाय
राशि माहवार
सारणीवार
जानकारी
देवें तथा
पृथक-पृथक
छात्रावासों
के अधीक्षक
द्वारा प्रस्तुत
संपूर्ण राशि
के उपयोगिता
प्रमाणपत्र की
जानकारी
देवें।
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) :
(क) गुना
जिले अंतर्गत
जनजातीय
कार्य विभाग
के 09 छात्रावास
संचालित है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार
है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार
है। (ग) छात्रावासों
को प्रदाय किए
जाने वाली
राशि MPTAASC पोर्टल के
माध्यम से
सीधे संस्था
के खाते में
उपलब्ध कराई
जाती है।
प्रावधान की
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार
है। (घ) छात्रावासों
में प्रतिमाह
व्यय हेतु
राशि
निर्धारित
नहीं है, प्रतिमाह
छात्रों की
उपस्थिति के
आधार पर शिष्यवृत्ति
एवं
बिजली/पानी के
बिलों पर राशि
व्यय की जाती
है। छात्रावासों
में प्रदाय की
जाने वाली
राशि की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार
है।
छात्रावासों
में क्रय की
गई सामग्री
[जनजातीय
कार्य]
13. ( क्र. 2038 ) श्री
पन्नालाल
शाक्य : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जिला
गुना में
जनजातीय
कार्य विभाग
एवं छात्रावासों
में वर्ष 2020 से
कितनी
सामग्री क्रय
की गई है राशि
की जानकारी
वर्षवार
देवें। (ख) प्रश्नांश
(क) में क्रय
की गई सामग्री
क्रय करने में
भण्डार क्रय
नियमों का
पालन किया गया
है। यदि हाँ
तो क्रय करने
हेतु जारी
टेंडर की
छायाप्रति
उपलब्ध
करावे। (ग) प्रश्नांश
(ख) में क्रय
की गई सामग्री
का भौतिक-सत्यापन
हेतु गठित की
गई समितियों
के आदेशो एवं प्रस्तुत
रिपोर्ट की
जानकारी
उपलब्ध
करावे।
सामग्री सप्लाई
करने वाली
एजेंसियों के
नाम बतावे और
उनको भुगतान
की गई राशि की
जानकारी
देवे। (घ) प्रश्नांश
(क) में क्रय
की गई सामग्री
के भुगतान के
व्यय-व्हाउचर,
क्रय
की गई सामग्री
वर्तमान में
भौतिक रूप से उपलब्ध
नहीं है यदि
है तो जिला
संयोजक, आदिम
जाति कल्याण
विभाग जिला
गुना के
काउंटर साईन
से भौतिक रूप
से उपलब्ध
सामग्री की
डिटेल बतावें।
यदि नहीं है,
तो
संबंधितों पर
क्या
कार्यवाही की
जावेगी और
कब-तक?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) :
(क) प्रश्नांकित
अवधि में
जनजातीय
कार्य विभाग
अन्तर्गत
जिला गुना में
सामग्री क्रय
नहीं की गई।
छात्रावासों
में क्रय
सामग्री की
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार
है। (ख) जी हाँ।
छात्रावासों
में वर्ष 2022-23 में
सोलर गीजर
क्रय की
कार्यवाही
सीमित निविदा
प्रक्रिया
द्वारा की गई।
छात्रावासों
में क्रय की
गई अन्य
सामग्री का
मूल्य कम
होने से भण्डार
क्रय नियमों
के अनुसार
टेन्डर जारी
करने की आवश्यकता
नहीं थी। (ग) क्रय
की गई सामग्री
का भौतिक सत्यापन
छात्रावास
पालन समिति
द्वारा किया
जाता है जो जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार
है। सामग्री
प्रदाय एजेन्सी
का नाम भुगतान
की गई राशि की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार
है। (घ) छात्रावास
द्वारा क्रय
की गई सामग्री
छात्रावासों
में उपलब्ध
है। क्रय की
गई सामग्री की
उपलब्धता की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
तेंदूपत्ता
खरीदी की
जानकारी
[वन]
14. ( क्र. 2039 ) श्री पन्नालाल
शाक्य : क्या
राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) वर्ष
2020 से
प्रश्न
दिनांक तक
जिला गुना में
तेंदूपत्ता
क्रय किस फर्म
द्वारा किया
जा रहा है।
अनुबंध की स्पष्ट
छायाप्रति
उपलब्ध
करावें। उक्त
फर्म ने
तेंदूपत्ता
क्रय करने का
कितना भुगतान
संबंधित
तेंदूपत्ता
संकलन करने
वाले व्यक्तियों
को किया है और
किस दर से
भुगतान किया
गया है।
वर्षवार एवं
सारणीवार
जानकारी देवें।
(ख) प्रश्नांश
(क) में
तेंदूपत्ता
क्रय करने
हेतु जिला
गुना में
कितने फड़ मुंशी
नियुक्त
करने की शासन
की क्या प्रक्रिया
है और वर्ष 2020 से
प्रश्न
दिनांक तक
वनमण्डलाधिकारी
जिला गुना
द्वारा
नियुक्त
किये गये फड़
मुंशियों के
नियुक्ति
आदेशों एवं वन
समितियों के
प्रस्ताव की
छायाप्रति
उपलब्ध
करावें। (ग) वर्ष 2020 से
प्रश्न
दिनांक तक
विधानसभा
गुना में
तेंदूपत्ता
खरीदी की
मॉनिटरिंग
करने वाले
अधिकारी का
नाम व पदनाम
बतावें, साथ ही
कम दर से
तेंदूपत्ता
क्रय करने की
कितनी
शिकायतें
प्राप्त हुई
है सारणीवार,
नामवार
एवं वर्षवार
जानकारी
देवें और इन
पर क्या
कार्यवाही की
गई? संपूर्ण
कार्यवाही
विवरण सहित
जानकारी उपलब्ध
करावें।
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) :
(क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1
अनुसार तथा
अनुबंध पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट-2 अनुसार
है। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट-3 एवं 4
अनुसार है। (ग)
जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट-5
अनुसार है।
गुना
जिले में वन
विभाग की भूमि
पर कब्जा
[वन]
15. ( क्र. 2040 ) श्री
पन्नालाल
शाक्य : क्या
राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) गुना
जिले में वन
विभाग की वर्ष
2015 में
कितनी भूमि थी
एवं वर्तमान
में कितनी भूमि
है। (ख) प्रश्नांश
(क) में दर्शित
भूमि में कब्जाधारियों
द्वारा किस
ग्राम में वन
विभाग की कितनी
भूमि पर कब्जा
कर निर्माण
किये गये है
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ग) प्रश्नांश
(ख) में अंकित
वन विभाग की
भूमि को अवैध
कब्जाधारियों
से मुक्त
कराने हेतु वन
विभाग गुना के
द्वारा क्या
प्रयास किये
गये यदि हाँ
तो अवगत
करावें यदि
नहीं तो क्यों
नहीं किये गये,
ऐसी
स्थिति में क्या
दोषी
अधिकारियों
के विरूद्ध
कार्यवाही प्रस्तावित
की जावेगी।
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) :
(क) गुना
जिले के
अंतर्गत गुना
(सा) वनमंडल
में कार्य
आयोजना अनुसार
वन विभाग की
वर्ष 2015 में 221466.299 हेक्टेयर
वन भूमि थी
एवं वर्तमान
में 221553.253 हेक्टेयर
भूमि है। (ख)
जानकारी संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ग)
वन विभाग
द्वारा अवैध
कब्जाधारियों
के विरूद्ध
भारतीय वन
अधिनियम 1927 की धारा 80
'अ'
के
अंतर्गत
विधिसम्मत
बेदखली की
नोटिस जारी
है। शेष का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
वन
परिक्षेत्र
में फेंसिंग
[वन]
16. ( क्र. 2118 ) श्रीमती
अनुभा
मुंजारे : क्या
राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
वन
परिक्षेत्र
अंतर्गत
सोनवानी
(लालबर्रा) वन
परिक्षेत्र
(जंगलों) में
कंटीले तारों
की फेंसिंग की
जा रही है?
यदि
हाँ तो उक्त
कार्य हेतु
जारी किए गए
आदेश की प्रति,
उक्त
कार्य हेतु
प्राप्त
आवंटन, व्यय
की गई धनराशि
की जानकारी
प्रदान करें। (ख) क्या
प्रश्नांकित
वन क्षेत्र
में विविध
प्रकार के
वन्य जीव पाए
जाते हैं?
यदि
हाँ तो
फेंसिंग के
कारण वन्य जीव
संघर्ष से
होने वाले
नुकसान के लिए
दोषी
अधिकारियों पर
की गई
कार्रवाई की
दस्तावेज
सहित जानकारी
प्रदान करें। (ग) क्या
प्रश्नांश “क”
में
उल्लेखित वन
क्षेत्र में
फेंसिंग के
संबंध में
प्रश्नकर्ता
द्वारा विभाग
से पत्राचार
किया गया है?
यदि
हाँ तो कब तथा
उक्त पर विभाग
द्वारा की गई कार्यवाही
के दस्तावेज
सहित जानकारी
देवें। (घ) प्रश्नांश
“क” में
उल्लेखित
सोनवानी
(लालबर्रा) के
वनक्षेत्र
में विगत 4 वर्ष
में कराए गए
समस्त
निर्माण
कार्यों की जानकारी
प्रदान करें
तथा उक्त
संबंध में
जारी वर्कआर्डर,
निविदाओं
की समाचार
पत्रों में
जारी प्रशासन,
व्यय
की जानकारी
दस्तावेज
सहित प्रदान
करें। (ड.)
बालाघाट जिले
के सोनेवानी
वन क्षेत्र को
कंजर्वेशन
रिजर्व घोषित
किए जाने के
शासन द्वारा
क्या
कार्यवाही की
गई हैं? समस्त
अभिलेख
देवें।
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) :
(क) वर्तमान
में सोनवानी
(लालबर्रा) वन
परिक्षेत्र
(जंगलों) में कटीले
तारों की
फेंसिंग नहीं
की जा रही है
अतः शेष का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) प्रश्नांकित
क्षेत्र में
विविध प्रकार
के वन्यजीव
पाये जाते
हैं। फेंसिंग
से वन्यजीवों
के संघर्ष से
कोई नुकसान
प्रकाश में
नहीं आया है।
अत: शेष का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित वन
क्षेत्र में
फेंसिंग के
संबंध में
प्रश्नकर्ता
का विभाग में
पत्र प्राप्त
नहीं है। अत:
शेष का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) लालबर्रा
वन
परिक्षेत्र
में विगत 4 वर्ष में
विभाग द्वारा
कराए गए समस्त
निर्माण
कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है।
कार्य
विभागीय रूप
से कराया गया
है अतः शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ड.) बालाघाट
जिले के
सोनवानी वन
क्षेत्र को
कंजर्वेशन
रिजर्व घोषित
किये जाने के
संबंध में मध्यप्रदेश
राज्य
वन्यप्राणी
बोर्ड की 29वीं
बैठक दिनांक 21/05/2025 में
निर्णय लिया
गया कि ''बालाघाट
जिले में 163.195 वर्ग
कि.मी.
सोनवानी
आरक्षित
वनक्षेत्र को
कंजर्वेशन
रिजर्व के रूप
में गठन के
प्रस्ताव की
बोर्ड द्वारा
अनुशंसा की
गई। राज्य
शासन द्वारा
कंजर्वेशन
रिजर्व के गठन
की अधिसूचना जारी
करने के पूर्व
यह जांच कर ले
कि बालाघाट
जिले में
स्थित
मैंगनीज
अयस्क भण्डार
इस क्षेत्र
में तो नहीं आ
रहे हैं।
उपरोक्त
अनुसार
परीक्षण
उपरांत
समन्वय में
माननीय मुख्यमंत्री
जी के अनुमोदन
के उपरांत
अधिसूचना जारी
करने की
कार्यवाही की
जाये। उक्त
अनुसार
प्रकरण जांच
में है, अतः
शेष प्रश्न उपस्थित
नहीं होता है।
म.प्र.राज्य
लघु वनोपज
सहकारी संघ
में अर्दली
भत्ता
[वन]
17. ( क्र. 2143 ) डॉ.
हिरालाल
अलावा : क्या
राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मध्य
प्रदेश राज्य
लघु वनोपज
सहकारी संघ
भोपाल के
द्वारा अधिकारियों
को अर्दली भत्ते
का भुगतान किस
दिनांक से
किसके आदेश से
बन्द किया
जिस दिनांक को
अर्दली भत्ता
दिया जाना बन्द
किया उससे संघ
में पदस्थ
किस-किस
अधिकारी को
भुगतान की जाने
वाली कितनी
राशि की संघ
को बचत हुई?
(ख) सहकारिता
विभाग के
द्वारा
किस-किस
श्रेणी के
अधिकारियों
को किस-किस दर
से अर्दली भत्ता
भुगतान की किस
पत्र क्रमांक
दिनांक से स्वीकृति
प्रदान की गई
थी, संघ ने
किस-किस दर से
किस-किस
श्रेणी के
अधिकारी को
अर्दली भत्ता
का भुगतान
किया? (ग) सहकारिता
विभाग द्वारा
स्वीकृति
अर्दली भत्ते
की राशि से
हटकर, बढ़कर
अर्दली भत्ते
की भुगतान की
गई राशि की
वसूली का
सरचार्ज प्रकरण
प्रश्नांकित
दिनांक तक भी
सहकारिता
विभाग द्वारा
नहीं बनाए
जाने का क्या
कारण रहा है?
(घ) सहकारिता
विभाग की स्वीकृति
के बिना
भुगतान की गई
अर्दली भत्ते
की राशि की
वसूली हेतु
सहकारिता
विभाग क्या
कार्यवाही कर
रहा है, कब तक
करेगा
समय-सीमा सहित
बतावे।
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) :
(क) म.प्र.
राज्य लघु
वनोपज संघ
द्वारा
दिनांक 01/03/2024 से म.प्र.
शासन, वन विभाग के
आदेश क्रमांक 1/2/1/0001/2024/Sec-4-10 दिनांक 01/03/2024 के
अनुसार
अर्दली भत्ते
का भुगतान बंद
किया गया है।
माह फरवरी-2024 तक
वेतनमान के
आधार पर पात्र
07
अधिकारियों
को अर्दली
भत्ते की देय
राशि रूपए 68775/-
की
प्रतिमाह बचत
हुई। (ख) आयुक्त
सहकारिता एवं
पंजीयक
सहकारी
संस्थाएं
म.प्र. के पत्र
क्रमांक/
विप/वनो/99/3466 दिनांक 15/09/1999 के
द्वारा संघ
में तत्कालीन
वेतनमान रूपए 2650-4200 के
वर्तमान/तत्कालीन
प्रबंधक पद
श्रेणी तक एवं
इससे ऊपर के
वेतनमान पाने
वाले
अधिकारियों
को कलेक्टर
द्वारा अकुशल
श्रमिकों के
लिये समय-समय
पर स्वीकृत दर
से अर्दली
भत्ते का
भुगतान करने
की स्वीकृति
प्रदान की गई
एवं भुगतान
किया गया। (ग) सहकारिता
विभाग द्वारा
स्वीकृत
अर्दली भत्ते
की राशि से
हटकर, बढ़कर
अर्दली भत्ते
का भुगतान
नहीं किया गया
है। अतः वसूली
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
अधीक्षक
के पद पर पदस्थी
[जनजातीय
कार्य]
18. ( क्र. 2169 ) सुश्री
रामश्री (बहिन
रामसिया
भारती) राजपूत
: क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जिला
छतरपुर के
जनपद बक्स्वाहा
में उच्चतर
कन्या
छात्रावास
बक्स्वाहा
में श्रीमती
सुषमा सिंह
उच्च श्रेणी
शिक्षक
प्रभारी
अधीक्षक के पद
पर पदस्थ है।
यदि हाँ तो कब
से? (ख) क्या कन्याओं
के छात्रावास
होने के बाद
भी इनके प्रति
पूरी देखभाल
कर रहे हैं।
यदि कोई
अप्रिय घटना होगी
तो इसके लिये
कौन जिम्मेदार
होगा। (ग) क्या
श्रीमती
सुषमा सिंह के
प्रभार में
तीन छात्रावास
है जिनकी
देखरेख और व्यवस्था
संबंधी
शिकायतें
प्राप्त
होती रहती है
क्या बच्चियों
पर प्रभारी
द्वारा
अनावश्यक
दबाव डाल कर
शिकायतों को
दबाया जाता है?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) :
(क) जी हाँ।
श्रीमती
सुषमा सिंह
दिनांक 07.08.2021 से पदस्थ
हैं। (ख) श्रीमती
सुषमा सिंह
प्रभारी
अधीक्षिका के
पति के द्वारा
छात्रावास की
देखभाल करने
संबंधी
शिकायत
प्राप्त
नहीं हुई है। (ग) जी हाँ।
छात्रावास की
व्यवस्था
एवं बच्चियों
पर अनावश्यक
दबाव डालने की
शिकायत
प्राप्त
नहीं हुई है।
पौधारोपण
हेतु प्राप्त
आवंटन/व्यय की
जानकारी
[उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण]
19. ( क्र. 2177 ) डॉ.
रामकिशोर
दोगने : क्या
उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) हरदा
जिले में
विभाग द्वारा
विगत 05 वर्षों में
कितने एवं
कौन-कौन से
पौधों का कहाँ-कहाँ
रोपण किया गया
है और विभाग
द्वारा कितने
पौधे, किस किस्म
एवं प्रजाति
के कहाँ से
एवं किस कीमत
पर क्रय किये
गये? रोपणवार
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ख) क्या
शासकीय
रोपणियों
(नर्सरियों)
में पौधे उत्पादन
का कार्य नहीं
किया जाता?
यदि
हाँ, तो क्यों?
यदि
नहीं, तो शासकीय
रोपणियों से
पौधे क्यों
प्राप्त नहीं
किये गये और
हरदा जिले में
कहाँ-कहाँ
शासकीय
रोपणियां
संचालित है?
विगत
05
वर्षों में
कितना-कितना
व्यय कर
किस-किस प्रजाति
के
कितने-कितने
पौधे
उत्पादित
किये गये?
इससे
कितनी आय हुई?
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ग) पौधारोपण
हेतु शासन
द्वारा किन
योजनाओं के तहत
अनुदान
प्रदान किया
जाता है? विगत 05 वर्षों
में
कितना-कितना
अनुदान कितने
कृषकों को
प्रदान किया
गया? जानकारी
देवें। (घ) विगत 05 वर्षों
में किए गए
पौधारोपण में
से कितने पौधे
जीवित बचे है
तथा कितने
पौधे मृत हो
गये? जानकारी
उपलब्ध
करावें।
उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण
मंत्री ( श्री
नारायण सिंह
कुशवाह ) :
(क)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''क'' अनुसार है। (ख) जी
नहीं। शासकीय
रोपणियों से
पौधे प्राप्त
किये गये।
अनुपलब्धता
की स्थिति में
विभाग की नोडल
एजेंसी एम.पी.
एग्रो से पौधे
क्रय किये
गये। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ख'' अनुसार है। (ग) विभाग
द्वारा
योजनाओं के
अनुदान
संबंधित जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट ''ग'' अनुसार है। (घ)
जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट ''घ'' अनुसार है।
जनजातीय
समुदाय के
हितों की
रक्षा
[जनजातीय
कार्य]
20. ( क्र. 2178 ) डॉ.
रामकिशोर
दोगने : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मध्य
प्रदेश शासन
द्वारा बिरसा
मुंडा
पुरस्कार
प्रश्न
दिनांक तक
घोषित क्यों
नहीं किया गया
है? शासन यह
पुरस्कार कब
घोषित करेगी
एवं इसकी राशि
कितनी होगी?
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ख) शासन
द्वारा मध्य
प्रदेश में
कोल विकास
संस्थान
(प्राधिकरण)
का गठन है। इस
संस्थान का जब
से गठन हुआ है,
तब
से शासन
द्वारा कोल
विकास हेतु
कितनी राशि
स्वीकृत की गई
है और स्वीकृत
राशि कितनी और
कहाँ खर्च हुई
है? (ग) जनजातीय
समुदायों के
भूमि
अधिकारों की
रक्षा, वनों पर
उनका अधिकार,
पुनर्वास
जनजातीय
क्षेत्रों
में स्वास्थ्य
सुविधा, रोजगार
के अवसर एवं
जनजातीय
संस्कृति,
भाषा
और परम्पराओं
के संरक्षण के
लिए शासन की
क्या कार्य
योजना है?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) :
(क) वर्तमान
में इस संबंध
में कोई प्रस्ताव
विचाराधीन
नहीं है। शेष
प्रश्न नहीं
उठता। (ख)
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट 'अ' अनुसार
है।
(ग)
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट 'ब' अनुसार
है।
बैतूल
जिले के वन
मण्डलों की
जानकारी
[वन]
21. ( क्र. 2263 ) श्रीमती
गंगा सज्जन
सिंह उईके : क्या
राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) बैतूल
जिले के
विधानसभा
क्षेत्र
घोड़ाडोंगरी
अन्तर्गत आने
वाले वन मण्डल
के परिक्षेत्र,
संरक्षित
क्षेत्र, वन
ग्राम में
वर्तमान
पदस्थ
अधिकारी एवं
कर्मचारियों
की जानकारी
देवें। (ख) विधानसभा
क्षेत्र
घोड़ाडोंगरी
के वन मण्डलों
में ग्रीन
इंडिया मिशन के
तहत वर्षवार
विगत 3 वर्ष में
किये गये
कार्यों की
जानकारी
आवंटित राशि,
व्यय
राशि एवं
कार्यों की
वर्तमान
स्थिति की जानकारी
दें। (ग) विधानसभा
क्षेत्र
घोड़ाडोंगरी
के वन मण्डलों
में
प्लानटेशन
हेतु विगत 3 वर्षों
में आवंटित
राशि, व्यय राशि
एवं
प्लानटेशन के
सक्सेस
प्रतिशत की
जानकारी
देवें। (घ) विधानसभा
क्षेत्र
घोड़ाडोंगरी
के वन मण्डलों
में वन लाभांश
की प्रदत्त
राशि विरूद्ध
किये गये
जनकल्याणकारी
कार्यों की
जानकारी दें।
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) :
(क) बैतूल जिले
के विधानसभा
क्षेत्र
घोड़ाडोंगरी
में वन विभाग
के पदस्थ
अधिकारियों/कर्मचारियों
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। वन
विकास निगम से
संबंधित जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ख) ग्रीन
इंडिया मिशन
योजना
अंतर्गत विगत 03 वर्षों
में आवंटित
राशि, व्यय एवं
कार्यों की
वर्तमान
स्थिति की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। (ग) विधान
सभा क्षेत्र
घोड़ाडोंगरी
के वनमण्डलों
में
वृक्षारोपण
से संबंधित वन
विभाग की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है। वन
विकास निगम की
जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट-5 अनुसार है। (घ) विधान
सभा क्षेत्र
घोड़ाडोंगरी
में आने वाले
वन मण्डलों
में किये गये
कार्यों की जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट-6 अनुसार है। वन
विकास निगम से
संबंधित जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-7 अनुसार है।
जल
जीवन मिशन
योजना का
क्रियान्वयन
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
22. ( क्र. 2264 ) श्रीमती
गंगा सज्जन
सिंह उईके : क्या
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि
(क) क्या
म.प्र. में जल
जीवन मिशन
योजना
संचालित है।
यदि हाँ तो कब
से योजना की
नियमावली
देवें। (ख) योजनांतर्गत
बैतूल जिले
में विगत 03 वर्षों
में कितने
कार्य
कितनी-कितनी
राशि के हुए
है? विवरण दें। (ग) जिले के
घोड़ाडोंगरी
विधानसभा
क्षेत्र में किस-किस
ग्राम में
विगत 03 वर्ष में
कितनी-कितनी
राशि के कार्य
हुए है? वर्तमान
में कार्य की
स्थिति क्या
है क्या किये
गये कार्यों
से आमजन को
लाभ पहुंच रहा
है?
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके
) : (क) जी हाँ।
वर्ष 2019 में जल जीवन
मिशन की घोषणा
की गई, तत्पश्चात
प्रदेश में
इसे लागू किया
गया, नियमावली
विभागीय वेबसाइट
पोर्टल पर
लिंक https://www.phed.mp.gov.in/en/Downloads पर
उपलब्ध है। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट
के
प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार
है। (ग) एकल
ग्राम नल-जल
प्रदाय
योजनांतर्गत
किए गए कार्यों
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-03 अनुसार
है। जी हाँ।
तृतीय
समयमान
वेतनमान दिया
जाना
[सामाजिक
न्याय एवं
दिव्यांगजन
कल्याण]
23. ( क्र. 2271 ) श्री
मुकेश टंडन : क्या
सामाजिक न्याय
एवं दिव्यांगजन
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
म.प्र. उच्च
न्यायालय
जबलपुर के प्रकरण
क्रमांक डब्ल्यू.पी.-11870-2016 में
याचिका
द्वारा
प्रमुख सचिव
सामाजिक न्याय
एवं नि:शक्तजन
कल्याण
(द्वारा
सामान्य
प्रशासन
विभाग)
मंत्रालय,
भोपाल
को प्रतिवादी-1 बनाया
गया था उक्त
याचिका पर
निर्णय
दिनांक 22 जुलाई 2024 को हुआ
है? (ख) प्रश्नांश
(क) का उत्तर
यदि हाँ तो क्या
उक्त निर्णय
में
म.प्र.शासन
वित्त विभाग
के परिपत्र
दिनांक
30.09.2024
के अनुसार
याचिकाकर्ताओं
को मंत्रालय
के सहायक
ग्रेड-3 के समान
तृतीय समयमान
वेतनमान दिये
जाने के आदेश
दिये गये हैं?
यदि
हाँ तो क्या
उक्त आदेश के
क्रम में
संबंधितों को
लाभ दिया गया
है? यदि नहीं तो
क्यों? (ग) क्या
प्रश्नांश
(ख) के उत्तर
के क्रम में
माननीय उच्च
न्यायालय के
निर्णय 22 जुलाई 2024 के
अनुसार विभाग
द्वारा स्पीकिंग
आदेश जारी
किया जावेगा?
यदि
हाँ तो निश्चित
समय-सीमा
बतावें।
सामाजिक
न्याय एवं
दिव्यांगजन
कल्याण
मंत्री ( श्री
नारायण सिंह
कुशवाह ) :
(क) जी हाँ।
जी हाँ। (ख) उक्त पारित
निर्णय के
पालन में
याचिकाकर्ता
को वित्त
विभाग के आदेश
दिनांक 30 सितम्बर, 2014 के
अनुसार तृतीय
समयमान वेतन
का लाभ दिया
गया है। वित्त
विभाग के
मंत्रालय
संवर्ग के
समान अन्य
संवर्ग को
समयमान
वेतनमान दिये
जाने के निर्देश
नहीं है। (ग) माननीय
उच्च
न्यायालय
जबलपुर के
पारित निर्णय
दिनांक 22.07.2024 के
पालन में श्री
राजकुमार
मिश्रा, को
तृतीय समयमान
वेतनमान
स्वीकृत किये
जाने के संबध
में दिनांक 30.07.2025 को
प्रकरण के
संबंध में
अवगत कराया
गया है। साथ
ही संयुक्त
संचालक जिला
रीवा द्वारा
श्री मिश्रा
के द्वारा
प्रस्तुत
अभ्यावेदन
दिनांक 05.08.2024 के
संबंध में
दिनांक 27.08.2024 को
उन्हें तृतीय
समयमान
वेतनमान का
लाभ एवं एरीयर्स
राशि का
भुगतान किया
जाकर अवगत
कराया जा चुका
है। विभाग
द्वारा प्रकरण
का निराकरण
किया जा चुका
है। अत: समय-सीमा
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
बाघों
की अद्यतन
लोकेशन एवं
व्यय की
जानकारी
[वन]
24. ( क्र. 2284 ) श्री
देवेन्द्र
कुमार जैन : क्या
राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) माधव
टाईगर रिजर्व
शिवपुरी में
वर्तमान में
कुल कितने बाघ
हैं? क्या उक्त
सभी बाघों की
लगातार लाइव
लोकेशन को
ट्रेक किया
जाता है? यदि हाँ
तो टाईगर
रिजर्व में
उपस्थित सभी
बाघों के नाम
एवं अंतिम
ट्रेकिंग
लोकेशन की
जानकारी
उपलब्ध
करावें और यदि
ट्रेकिंग
नहीं की जा
रही तो क्यों?
(ख) माधव टाईगर
रिजर्व में
बाघों की
पुनर्स्थापन
एवं बाघों के
रखरखाव सहित
अन्य कार्यों पर
वर्ष 2022 से प्रश्न
दिनांक तक कुल
कितनी-कितनी
राशि किस-किस
कार्य हेतु
व्यय की गई है?
व्यय
की गई राशि की
सम्पूर्ण
जानकारी
कार्यवार
प्रदान करें।
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप अहिरवार
) : (क) माधव
टाईगर रिजर्व
शिवपुरी में
वर्तमान में कुल
05
वयस्क बाघ
एवं 02 शावक बाघ
है। उक्त 05 वयस्क
बाघों में से 02 बाघों
की लाइव
लोकेशन को
ट्रेक किया
जाता है। माधव
टाइगर रिजर्व
में उपस्थित
बाघों के नाम MT-1,
MT-2, MT-3, MT-4, MT-5, है, उनमें से बाघ
MT-4, MT-5, की
सेटेलाइट
कॉलर होने से
लाइव लोकेशन
ट्रेक की जाती
है। MT-1, MT-2, MT-3, के
सेटेलाइट
कॉलर कार्य न
करने से उनकी
लाइव लोकेशन
ट्रेक नहीं की
जाती है।
बाघों की
निगरानी एवं
सतत्
मॉनिटरिंग
हेतु जिन
बाघों की लाइव
ट्रेकिंग
नहीं की जाती
है, उनकी जानकारी
अप्रत्यक्ष
प्रमाण जैसे
पगमार्ग, खरोंच
आदि, कैमरा
ट्रैप से
प्राप्त की
जाती है। (ख)
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार
है।
आदिवासी
बस्ती विकास
हेतु बजट
आवंटन
[जनजातीय
कार्य]
25. ( क्र. 2296 ) श्री
शरद जुगलाल
कोल : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) शहडोल
जिले में
जनजातीय
कार्य विभाग
द्वारा आदिवासी
बस्ती विकास
हेतु विगत 5 वर्षों
में कितना बजट
स्वीकृत किया
गया है? उक्त
राशि में जिले
में किन-किन
निर्माण कार्यों
को स्वीकृति
दी गई है तथा
कार्यान्वयन
की स्थिति
क्या है? (ख) शहडोल
जिले
अन्तर्गत
विकासखण्ड
जयसिंहनगर अन्तर्गत
कब-कब कितनी
राशि स्वीकृत
की गई है तथा
किन-किन
स्थानों में
कार्य कराये
गये, उसकी जानकारी
उपलब्ध
करायें। (ग) प्रश्नांश
(ख) के संदर्भ
में
विकासखण्ड
अन्तर्गत किस
स्थान पर
कितने बजट से
किस तिथि
कौन-कौन से
निर्माण
कार्य पूर्ण
एवं प्रारंभ
किया गया है?
स्थानवार,
कार्यवार,
वर्षवार
जानकारी
उपलब्ध
करायें।
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) :
(क) शहडोल
जिले में
आदिवासी बस्ती
विकास हेतु
विगत पांच
वर्षों में
प्राप्त बजट,
स्वीकृत
निर्माण
कार्य एवं
क्रियान्वयन
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है। (ख) स्वीकृत
राशि, स्थान की
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है। (ग) तिथि, कार्य
पूर्ण, प्रारंभ
स्थानवार,
कार्यवार,
वर्षवार
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
अनुसार
है।
वनाधिकार
पट्टों का
वितरण
[जनजातीय
कार्य]
26. ( क्र. 2297 ) श्री
शरद जुगलाल
कोल : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) शहडोल
जिले के
अन्तर्गत
विकासखण्ड
ब्यौहारी एवं
जयसिंहनगर
में वर्ष 2018 से अब तक
किन-किन
व्यक्तियों/परिवारों
को वनाधिकार
पट्टा प्रदान
किया गया है?
उसकी
जानकारी
प्राप्तकर्ता
का
नाम/पात्रता का
वर्ष/ग्राम/पंचायत/स्थान
तथा प्रदान
किये गये भूमि
रकबे सहित
विवरण उपलब्ध
कराया जाये। (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में इन दोनों
विकासखण्डों
में कितने
वनाधिकार
पट्टा प्रकरण
लंबित है,
उनका
कब तक निराकरण
किया जायेगा?
क्या
शासन द्वारा
कोई समय-सीमा
या विशेष नियम
कार्य योजना
निर्धारित की
गई है? (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
संदर्भ में
वनाधिकार
भूमि का
टोपोसीट से उस
भूमि को पृथक
कर दिया गया
है या इसके
लिये शासन
द्वारा क्या
नियमावली है?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक
अनुसार है। (ख)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है।
वन अधिकार के
दावों के
निराकरण की
प्रक्रिया
अर्द्धन्यायिक
स्वरूप की
होने से
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(ग) वन
अधिकार
अधिनियम 2006 के
प्रावधानों
के तहत वन
भूमि पर पात्र
काबिजों को
जीवकोपार्जन
हेतु वन
अधिकार पत्र
दिये जाने का
प्रावधान है।
वन अधिकार की
भूमि का
वैधानिक स्वरूप
''वन भूमि'' होने के
कारण टोपोशीट
से पृथक किये
जाने का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। इन
वन अधिकार
पत्रों का उल्लेख
कार्यआयोजना
में तथा वन
कक्ष इतिहास
में किया जाता है।
लघु
वनोपज संघ
द्वारा
अर्दली भत्ते
का भुगतान
[वन]
27. ( क्र. 2317 ) कुँवर
अभिजीत शाह : क्या
राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
मध्यप्रदेश
लघु वनोपज
सहकारी संघ
भोपाल के
द्वारा
सहकारिता
विभाग की
अनुमति के बिना
ही
अधिकारियों
को कलेक्टर
रेट से किए गए
अर्दली भत्ते
के भुगतान से
संबंधित
सरचार्ज का
प्रकरण प्रश्नांकित
दिनांक तक भी
नहीं बनाया?
(ख) मध्यप्रदेश
सहकारी संघ की
उपविधि में
अधिकारियों
को अर्दली
भत्ते के
भुगतान से
संबंधित क्या
प्रावधान था?
सहकारिता
विभाग ने अपने
किस पत्र
क्रमांक, दिनांक
से किन
अधिकारियों
के लिए कितना
अर्दली भत्ता
भुगतान की
अनुमति दी थी?
इनका
पालन लघु
वनोपज संघ
भोपाल द्वारा
किन कारणों से
नहीं किया गया?
(ग) मध्यप्रदेश
लघु वनोपज
सहकारी संघ ने
किस दिनांक से
अर्दली भत्ते
का भुगतान
शासन के किस
पत्र के कारण
बन्द किया?
यह
भुगतान बन्द
किए जाने का
क्या कारण रहा
है? (घ) सहकारिता
विभाग कब तक
भुगतान किए गए
अर्दली भत्ते
की राशि के
सरचार्ज का
प्रकरण बनाकर
प्रकरण
पंजीबद्ध
करेगा?
समय-सीमा सहित
बतावें।
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) :
(क) जी, नहीं।
सहकारिता
विभाग की
स्वीकृति
प्राप्त है। (ख) मध्यप्रदेश
सहकारी संघ की
उपविधि में
अधिकारियों
को अर्दली
भत्ते के
भुगतान
करने/नहीं
करने के संबंध
में कोई
उल्लेख नहीं
है। आयुक्त
सहकारिता एवं
पंजीयक, सहकारी
संस्थाएँ,
म.प्र.
के पत्र
क्रमांक/विप/वनो/99/3466 दिनांक 15.09.1999 के
द्वारा संघ
में तत्कालीन
वेतनमान रूपए 2650-4200 के
वर्तमान
प्रबंधक पद श्रेणी
तक एवं इससे
उपर के
वेतनमान पाने
वाले अधिकारियों
को कलेक्टर
द्वारा अकुशल
श्रमिकों के
लिये समय-समय
पर स्वीकृत
दर से अर्दली
भत्ते का
भुगतान करने
की स्वीकृति
प्रदान की गई।
जिसका पालन
लघु वनोपज संघ
द्वारा किया
गया। (ग) म.प्र.
राज्य लघु
वनोपज संघ
द्वारा
दिनांक 01.03.2024 से म.प्र.
शासन, वन विभाग के
आदेश क्रमांक 1/2/1/0001/2024-Sec-4-10
(FOR) दिनांक
01.03.2024
के अनुसार
अर्दली भत्ते
का भुगतान बंद
किया गया है।
शासन
निर्देशानुसार
यह भुगतान बंद
कर दिया गया। (घ) उत्तरांश
''ख''
के
संदर्भ में
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
ऑनलाइन
वितरण एवं
उपार्जन
कार्य में
अनियमितता
[खाद्य,
नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
28. ( क्र. 2400 ) इंजीनियर
हरिबाबू राय : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) वर्ष
2024-2025 व 2025-2026 के
अंतर्गत
अशोकनगर जिले
में गेंहू,
मसूर,
सरसों
की शासकीय
खरीद उपार्जन
कार्य में अनियमिततायें
करने के कारण
किन-किन खरीदी
केन्द्र/वेयर
हाउस समूह के
खिलाफ
कार्यवाही
प्रचलित है?
जानकारी
दें। (ख) प्रश्नांश
संबंधित
किन-किन के
खिलाफ
प्राथमिकी दर्ज
की जा चुकी
है। किन-किन
के खिलाफ नहीं
कारण सहित नामवार
जानकारी
देवें। (ग) अशोकनगर
विधानसभा में
गरीब
उपभोक्ताओं
को शा.उ.मू.
दुकानदारों
द्वारा 3 माह का
एक साथ राशन
वितरण में 2 माह की
सामग्री देकर
अनियमितता के
कितने प्रकरण/शिकायतें
प्राप्त हुई
हैं बतावें।
दोषियों के खिलाफ
क्या
कार्यवाही की
है? क्या
उपभोक्ताओं
को प्रदाय
चावाल शा.उ.मू.
दुकान पर ही
खरीद कर बाद
में चावल की
कालाबाजारी कर
रहे है। इस
संबंध में
प्रशासन जांच
व कार्यवाही
कब करेगा?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) :
(क) वर्ष 2024-25 एवं 2025-26 में
अशोकनगर जिले
में गेंहू,
मसूर,
सरसों
के उपार्जन
कार्य में
अनियमितता
संबंधी
प्रकरण की
जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट 'अ' एवं 'ब' अनुसार
है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' एवं
'ब' अनुसार
है। (ग) अशोकनगर
विधानसभा में 03 माह के
एक साथ राशन
वितरण में 02 माह की
सामग्री दिये
जाने की
शिकायतें
प्राप्त
नहीं हुई है।
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
अशोकनगर
विधानसभा अंतर्गत
इस प्रकार का
मामला सामने
नहीं आया है।
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
वेजिटेबल
एक्सीलेंस
सेन्टर की स्थापना
[उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण]
29. ( क्र. 2459 ) श्री
सोहनलाल बाल्मीक
: क्या
उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) छिंदवाड़ा
जिले में
सब्जी व मसाला
वाली फसलों का
उत्पादन
बहुतायत में
हो रहा है,
यह
उत्पादन अन्य
प्रदेशों में
भेजा जाता है,
किसानों
को अच्छी
गुणवत्ता की
सागभाजी उत्पादन
के लिये जिले
वेजिटेबल
एक्सीलेंस
सेन्टर की
आवश्यकता है,
ताकि
जिले के
किसानों को
उच्च
गुणवत्ता के
बीज, नर्सरी व
प्रशिक्षण
प्राप्त हो
सके। क्या विभाग
द्वारा जिले
में वेजिटेबल
एक्सीलेंस सेन्टर
खोले जाने के
संबंध में
आवश्यक कार्यवाही
की जायेगी?
(ख) छिंदवाड़ा
जिले में
विभिन्न
कंपनियों
द्वारा आलू की
अनुबंधित
खेती की जा
रही है, पेप्सिको
हाईफन व अन्य
कम्पनी जिले
में काम कर
रही है, इन्होंने
कितने
किसानों से
अनुबंध किया
है? क्या
किसानों से
अनुबंध के
अनुसार
उत्पन्न
किया आलू
कम्पनी ने
खरीदा? क्या
कम्पनी पर
क्या शासन का
कोई नियंत्रण
है? (ग) प्रधानमंत्री
सूक्ष्म
उद्यम योजना
में खाद्य
प्रसंस्करण
की इकाइयां
स्थापित की जा
रही है, विगत 3 वर्षों
में कितनी
इकाई स्थापित
की गई? कितने को
अनुदान दिया
गया? वर्तमान
में कितनी
इकाई संचालित
है और कितनी
इकाई बंद हो
गई हैं? बंद
होने का क्या
कारण है? जो
इकाइयां
संचालित नहीं
हैं, उनके
विरूद्ध
विभाग द्वारा
क्या
कार्यवाही की
गई है?
उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण
मंत्री ( श्री
नारायण सिंह
कुशवाह ) :
(क) जिला
छिंदवाड़ा
में नींबू
वर्गीय Centre of excellence की स्थापना
की जा रही है,
जिसके
माध्यम से
किसानों को
नींबू वर्गीय
फसल के उच्च
गुणवत्ता के
बीज/रोपण
सामग्री, नर्सरी
व प्रशिक्षण
प्राप्त हो
सकेगा। भारत
सरकार के पत्र
क्रमांक F.NO.
45-23/2016-Hort दिनांक
08.08.2019
के अनुसार एक
जिले में एक
ही उत्कृष्टता
केंद्र स्थापित
किया जा सकता
है। जी नहीं। (ख) छिंदवाड़ा
जिले में
विभिन्न
कंपनियों
द्वारा आलू की
अनुबंधित
खेती की जा
रही है।
अनुबंधित
कृषकों की
जानकारी निम्नानुसार
है:-
|
क्र. |
कंपनी का
नाम |
अनुबंधित
कृषक संख्या |
|
1 |
पेप्सिको |
509 |
|
2 |
मैकेन |
160 |
|
3 |
फाल्कन |
150 |
|
4 |
हाईफन |
120 |
|
5 |
बालाजी
इस्कॉन |
100 |
|
|
योग |
1039 |
मंडी
बोर्ड से
प्राप्त
जानकारी
अनुसार मंडी
प्रांगण के
बाहर क्रय-विक्रय
किये जाने से
आलू पर मंडी
के कृषि उपज के
विपणन
नियंत्रण
लागू नहीं है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) जी हां,
छिंदवाड़ा
जिले में विगत
03 वर्षों में
प्रधानमंत्री
सूक्ष्म
खाद्य उद्यम
उन्नयन
योजना
अंतर्गत स्थापित
इकाइयों, अनुदान
प्राप्त एवं
संचालित व बंद
इकाइयों का
विवरण निम्नानुसार
है:-
|
स्थापित
इकाइयां |
अनुदान
प्राप्त
इकाइयां |
संचालित
इकाइयां |
बंद इकाइयां |
इकाई
बंद होने का
कारण |
|
206 |
124 |
204 |
2 |
1. हितग्राही
का पलायन
करना। 2. हितग्राही
की शासकीय
नौकरी लगना। |
जो
इकाइयां
संचालित नहीं
हैं, उनकी
अनुदान राशि
जारी नहीं की
जायेगी।
वृक्षारोपण
के सम्बन्ध
में आवश्यक
जानकारी
[वन]
30. ( क्र. 2521 ) श्री
भंवर सिंह
शेखावत : क्या
राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
धार जिले में
वन विभाग
द्वारा वर्ष 2018-19 से
वर्तमान वर्ष
तक विभिन्न
स्थानों पर
पौधारोपण
किया गया है?
(ख) प्रश्नांश
(क) यदि हाँ,
तो
कृपया
निम्नलिखित
बिंदुओं पर
वर्षवार जानकारी
उपलब्ध कराए
- 1. वर्ष
2018-19
से 2024-25 तक लगाए गए
पौधों की
संख्या, वर्षवार
विवरण। 2. पौधारोपण
किए गए
स्थानों की
जानकारी– ग्राम/वन
परिक्षेत्रवार
विवरण। 3. रोपित
पौधों की
प्रजातियों
के नाम। 4. रोपण
किए गए पौधों
में से जीवित
पौधों की संख्या
एवं औसत
सर्वाइवल
प्रतिशत। 5.
रोपण
किए गए पौधों
के रखरखाव
हेतु वर्षवार
और स्थानवार
किया गया
व्यय।
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) :
(क) जी हाँ। (ख)
जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है।
वृक्षारोपण
एवं प्रचलित
विभागीय
कार्यों का
भुगतान
[वन]
31. ( क्र. 2534 ) श्री नितेन्द्र
बृजेन्द्र
सिंह राठौर : क्या
राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) विधानसभा
क्षेत्र
पृथ्वीपुर
अन्तर्गत वन विभाग
द्वारा कितनी
लागत से, कितनी
जगह में किन
स्थानों पर
वृक्षारोपण
किया गया?
विवरण
सहित बताये?
(ख) क्या वन
विभाग द्वारा
वर्तमान में
पृथ्वीपुर
क्षेत्र
अन्तर्गत कार्य
चल रहे है?
यदि
हाँ तो कितनी
लागत से कितने
कार्य चल रहे है
एवं किन
कार्यों का
कितना भुगतान
किया गया है
विवरण सहित
जानकारी दे। (ग) क्या
कार्यों की
प्राकल्लन को
तकनीकी स्वीकृति
प्राप्त है?
यदि
हाँ तो
स्वीकृति
कहाँ से हुई?
क्या
कार्यों का
मुल्यांकन
कराया गया है?
यदि
हाँ तो किस
एजेन्सी
द्वारा नाम
बताये? यदि
नहीं, तो क्या
बिना
मूल्यांकन के
भुगतान किया
गया?
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) :
(क) विधानसभा
क्षेत्र
पृथ्वीपुर
अंतर्गत वर्ष 2025-26 में
कराये गये
वृक्षारोपण
की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-1
अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-2
अनुसार है। (ग) जी
हाँ। जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-3 अनुसार है।
कार्य
विभागीय तौर
पर कराये गये
हैं और कार्यों
का मूल्यांकन
प्रचलित
प्रक्रियानुसार
संबंधित
वनाधिकारियों
द्वारा किये
जाने के
उपरांत
भुगतान किया
गया है।
मुरैना
क्षेत्र में
पानी की
अव्यवस्थित
आपूर्ति
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
32. ( क्र. 2578 ) श्री
दिनेश गुर्जर
: क्या
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि
(क) क्या
सरकार के
संज्ञान में
है कि मुरैना
विधानसभा
क्षेत्र के
ग्रामीण
क्षेत्रों
में गत ग्रीष्मकाल
(अप्रैल-जून 2025)
में
जनता ने पेयजल
के लिए
लंबी-लंबी
कतारें लगाईं,
कुओं
की तलहटी में
बाल्टियाँ
फेंकी और नल से
हवा
खींचते-खींचते
हिम्मत जवाब
दे गई परंतु
सरकार का जवाब
अब तक नहीं
आया? एवं
वर्तमान में
बरसात के कारण
पीले एवं अशुद्ध
जल पीने को
मजबूर हैं?
यदि
नहीं तो सरकार
वास्तविकता
का पता लगाने
व्यापक सर्वे
कर जानकारी
जुटाएगी? (ख) क्या
वर्तमान में
मुरैना
क्षेत्र में
कितनी नल-जल
योजनाएँ, हैंडपंप,
बोरवेल
और जल टंकियाँ
संचालित हैं?
कृपया
इन सभी की
स्थिति
रिपोर्ट, विफल
योजनाओं की
सूची एवं इन
पर गत वित्तीय
वर्ष सहित इस
वित्तीय वर्ष
में खर्च की
गई राशि की
जानकारी
प्रस्तुत
करें।
ग्रामवार सूची
देवें। (ग) क्या
विभाग
स्वीकार करता
है कि लगातार
दो वर्षों से
पानी की
आपूर्ति
अव्यवस्थित
रही है, जिससे
लोगों में
भारी जन
आक्रोश है?
यदि
हाँ तो कई
जगहों पर
पंचायतों के
सामने विरोध
प्रदर्शन तक
हुए, क्या उन
क्षेत्रों की
सूची व
शिकायतों की
प्रति उपलब्ध
कराई जाएगी?
(घ) क्या
मुरैना
क्षेत्र में
भविष्य में जल
संकट की गंभीरता
को लेकर कोई
भूजल/पर्यावरणीय
सर्वेक्षण
कराया गया है?
यदि
हाँ, तो उसकी
रिपोर्ट, संकटग्रस्त
गाँवों की
सूची और
स्थायी
समाधान हेतु
आगामी कार्य
योजना प्रस्तुत
की जाएगी?
यदि
नहीं तो कब तक
सर्वेक्षण
कराया जाएगा? समय-सीमा
निर्धारित
करें।
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके
) : (क) जी नहीं,
मुरैना
विधानसभा के
ग्रामीण
क्षेत्रों
में गत
ग्रीष्मकाल
(अप्रैल-जून,
2025) में
पेयजल की
समस्या नहीं
हुई। शेष
प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) वर्तमान
में मुरैना
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
37 एकल
ग्राम नल-जल
योजनाएं, 1533
हैंडपंप
बोरवेल एवं 16 जल
टंकियां
संचालित हैं।
समूह योजनाओं
की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार
है।
विफल योजनाओं
का विवरण
निरंक है,
शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) जी नहीं,
शेष
प्रश्न उपस्थित
नहीं होता है।
(घ) मुरैना
जिले में
भूगर्भीय
स्थिति के
संदर्भ में
पूर्व में
वैज्ञानिक
सर्वेक्षण
किया गया था,
जिसके
आधार पर
हाइड्रोजियोमार्फोलॉजिकल
(HGM) मानचित्र
तैयार कराए गए
हैं, अतः
वर्तमान में
कोई अन्य
सर्वे कराए
जाने की प्रासंगिकता
नहीं है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
वन
का क्षेत्रफल
एवं
वनरक्षकों को
आवास सुविधा
[वन]
33. ( क्र. 2589 ) श्री
यादवेन्द्र
सिंह : क्या
राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह बताने
की कृपा
करेंगे कि
(क) टीकमगढ़
वनमंडल में
कुल कितना
क्षेत्र रिजर्व
वन एवं कितना
सामान्य वन
भूमि का
क्षेत्रफल है?
(ख) टीकमगढ़
परिक्षेत्र
अंतर्गत कुल
कितने फॉरेस्ट
बीट है जहां
वनरक्षक को
निवास करने की
सुविधा है?
(ग) क्या
जिले में
पर्याप्त
वनरक्षक व वन
स्टाफ कम होने
से वनभूमि पर
अतिक्रमण व वन
अपराधों में वृद्धि
हो रही है?
(घ) यदि हाँ
तो प्रश्नांश
"ख" में
वर्णित
सुविधा एवं
प्रश्नांश
(ग) में
वर्णित स्टाफ
की पद पूर्ति
कब तक कर दी जावेगी?
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप अहिरवार
) : (क) वनण्डल
टीकमगढ़
अंतर्गत
रिजर्व वन 42356.751 हेक्टेयर
एवं संरक्षित
वन 39437.131 हेक्टेयर
है। (ख) वन
परिक्षेत्र
टीकमगढ़
अंतर्गत 20 वन बीट
में
वनरक्षकों को
निवास करने की
सुविधा है। (ग) जी
नहीं। वनमण्डल
टीकमगढ़ में
पर्याप्त
वनरक्षक व अन्य
वन अमला है। (घ) उत्तरांश
(ख)
एवं (ग) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
वरिष्ठ
अधिकारियों
के आदेशों की
अवेहलना
[वन]
34. ( क्र. 2590 ) श्री
यादवेन्द्र
सिंह : क्या
राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
कार्यालय
प्रधान मुख्य
वन संरक्षक
एवं वन बल
प्रमुख
सतपुड़ा भवन,
भोपाल
के द्वारा
पत्र
क्र/नारंगी/2019/708 भोपाल
दिनांक 14.05.2019 जारी
किया गया था?
(ख) क्या
जिला
टीकमगढ़ में
प्रश्नांश
(क) में वर्णित
परिपत्र में
उल्लेखित
नियमों में
छूट दे दी गई
है? (ग) यदि
नहीं तो
टीकमगढ़ में
वन
मंडलाधिकारी
से अधिकृत
कर्मचारी
द्वारा भूमि
संबंधी
प्रमाण पत्र
"अनापत्ति"
जारी किये है।
यदि हाँ तो कितने?
विस्तृत
विवरण दें। (घ) प्रश्नांश
(ग) में
वर्णित दोषी
कर्मचारी के
विरूद्ध
प्रश्नांश
(क) में
वर्णित परिपत्र
के बिन्दु-3 अनुसार
कार्यवाही न
होने के लिये
कौन दोषी है?
दोषियों
के विरूद्ध कब
तक कार्यवाही
की जावेगी?
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) :
(क) जी हाँ। (ख)
जी नहीं।
अपितु प्रश्नांश
'क'
में
वर्णित मुख्यालय
के निर्देशों
का पालन किया
जा रहा है। (ग) वनमंडलाधिकारी
टीकमगढ़
द्वारा किसी
भी कर्मचारी
को भूमि
संबंधी
अनापत्ति
प्रमाण पत्र पर
हस्ताक्षर
करने हेतु
अधिकृत नहीं
किया गया है।
कर्मचारी
द्वारा भूमि
संबंधी
अनापत्ति
प्रमाण
पत्रों पर
अनाधिकृत रूप
से हस्ताक्षर
कर प्रकरणों
में अनापत्ति
प्रमाण पत्र
जारी किये गये
है। जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (घ)
दोषी
कर्मचारी को
आदेश क्रमांक/381 दिनांक 23.04.2025 से
निलंबित किया
जाकर विभागीय
जांच पत्र क्रमांक
2577
दिनांक 02.06.2025 से संस्थापित
की गयी है,
अत:
शेष का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
वन
क्षेत्र के
संरक्षण एवं
वन पर्यटन का
विस्तार
[वन]
35. ( क्र. 2591 ) श्री
दिनेश गुर्जर
: क्या
राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मुरैना
जिले में वन
क्षेत्र के
संरक्षण एवं विस्तार
हेतु वर्ष 2020 से 2025 में
प्रश्न
दिनांक तक
क्या-क्या
योजनाएं
क्रियान्वित की
गई हैं? (ख) जिले
में वन पर्यटन
की वर्तमान
स्थिति क्या है?
कितनी
वन पर्यटन
योजनाओं को
प्रारंभ
कराया गया है?
क्षेत्र
में पर्यटन
विकसित करने
हेतु आगामी
क्या योजनाएं
हैं, क्या वन
ग्रामों में
रात्रि
विश्राम हेतु
रेस्ट हाउस
बनाए जाने पर
विचार किया
जाएगा जिससे
उक्त
क्षेत्रवासियों
के आय बढ़े?
(ग) क्या
मुरैना जिले
में
वृक्षारोपण
एवं हरित क्षेत्र
बढ़ाने हेतु
कोई विशेष
योजना प्रस्तावित
है? यदि हाँ,
तो
उसके अंतर्गत
किन-किन
क्षेत्रों
में वृक्षारोपण
किया जाएगा
तथा लक्ष्य
क्या निर्धारित
किया गया है?
(घ) क्या
मुरैना जिले
में
वन्यजीवों की
सुरक्षा हेतु
गश्ती दल या
निगरानी
तंत्र की
व्यवस्था है?
यदि
हाँ, तो उसका
विवरण दें।
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) :
(क) मुरैना
जिले में वन
क्षेत्र के
संरक्षण एवं विस्तार
हेतु वर्ष 2020 से 2025 में
प्रश्न
दिनांक तक
प्रशासन
सुदृढ़ीकरण,
पर्यावरण
वानिकी, कैम्पा,
कार्य
आयोजना का
क्रियान्वयन,
क्षतिपूर्ति
वनीकरण, एन.पी.वी.
एवं यमुना नदी
पुनर्जीवन
योजनाएं
क्रियांवित
की गई है। (ख) वन
मण्डल मुरैना
में वन पर्यटन
योजना में गेमरेंज
देवरी
अंतर्गत ईको
सेंटर देवरी
पर घड़ियाल
प्रजनन
केंद्र एवं
राजघाट चंबल
सफारी संचालित
है। क्षेत्र
में पर्यटन
विकसित करने हेतु
बाबू सिंह घेर
क्षेत्र में
चंबल सफारी विकसित
करने की योजना
है। वन
ग्रामों में
रात्रि
विश्राम हेतु
वर्तमान में
रेस्ट हाउस
बनाये जाने का
कोई प्रस्ताव
नहीं है। (ग) मुरैना
जिले में
वृक्षारोपण
एवं हरित
क्षेत्र
बढ़ाने हेतु
उत्तरांश
(क) अनुसार
योजनाएं
संचालित है,
पृथक
से विभाग की
कोई विशेष
योजना
प्रस्तावित
नहीं है। शेष
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) मुरैना
वन मण्डल
अंतर्गत
वन्यजीवों की
सुरक्षा हेतु
प्रभावी
निगरानी
व्यवस्था
कार्यरत है।
वन
परिक्षेत्र
एवं गेमरेंज
स्तर पर पदस्थ
वन
अधिकारी/कर्मचारियों
उपलब्ध
एस.ए.एफ. बल के
साथ नियमित
रूप से गश्ती
कार्य किया
जाता है। इसके
अतिरिक्त
आवश्यकता
अनुसार विशेष
गश्ती दल गठित
कर संवेदनशील
क्षेत्रों
में सतत्
निगरानी की
जाती है।
वन्यजीव
सुरक्षा हेतु
बीट/घाट प्रणाली
व्यवस्थाएं
भी प्रभावशील
रूप से संचालित
की जा रही
हैं।
वन
विभाग द्वारा
अतिक्रमण
हटाया जाना
[वन]
36. ( क्र. 2596 ) चौधरी
सुजीत मेर
सिंह : क्या
राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) चौरई
विधान सभा के
चौरई और बिछुआ
विकासखंड के कितने
ग्रामों में
वन विभाग
द्वारा
अतिक्रमण
हटाने की
कार्यवाही की
जावेगी
पृथक-पृथक जानकारी
देवें। (ख) जिन
ग्रामों में
अतिक्रमण
हटाने की
कार्यवाही की
गई क्या उन
किसानों या
निवासियों को
पूर्व सूचना
दी गई थी? (ग) वन
विभाग द्वारा
हटाए जा रहे
अतिक्रमणों
की स्पष्ट
परिभाषा और
मानक क्या हैं?
(घ) क्या कई
वर्षों से
काबिज या
निवासरत को वन
विभाग द्वारा
वनाधिकार
पट्टा दिया
जावेगा? (ड.) आदिवासियों
को पट्टा देने
पर क्या विभाग
विचार कर रहा
है जो लंबे
समय से काबिज
हैं एवं क्या
सरकार वन
अधिकार
अधिनियम 2006 और
आदिवासी
हितों का पालन
कर रही है?
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) :
(क) चौरई
विधानसभा के
वनक्षेत्रों
में लगे 03
ग्रामों एवं
बिछुआ
विकासखण्ड
के
वनक्षेत्रों
से लगे 06
ग्रामों में
अतिक्रमण
हटाने की
कार्यवाही की
गई। (ख)
जी हाँ। (ग) भारतीय
वन अधिनियम,
1927 की
धारा 26 (1) (च) एवं 33 (1) (ग) में
प्रावधान
दिया गया है
कि कोई व्यक्ति,
जो
खेती या अन्य
प्रयोजन के
लिये किसी
भूमि को साफ
करेगा या भूमि
तोड़ेगा या
किसी अन्य
रीति में किसी
भूमि पर खेती
करेगा या खेती
करने का
प्रयास करेगा,
वनों
में प्रसिद्ध
कार्य है एवं
ऐसा करना दण्डनीय
अपराध है। (घ) अनुसूचित
जनजाति एवं
अन्य परम्परागत
वन निवासी (वन
अधिकारों की
मान्यता) अधिनियम,
2006 के
प्रावधानों
के तहत दिनांक
13/12/2005
की स्थिति में
वनभूमि पर
काबिज पात्र
दावेदारों को
वन अधिकार
पत्र दिया जा
चुका है। (ड.) आदिवासियों
को वन भूमि पर
वन पट्टा देने
की वर्तमान
में कोई योजना
नहीं है, प्रश्नांश
की शेष
जानकारी उत्तरांश
(घ) अनुसार
है।
अनुशासनात्मक
कार्यवाही की
जानकारी
[भोपाल
गैस त्रासदी
राहत एवं
पुनर्वास]
37. ( क्र. 2603 ) श्री
आरिफ मसूद : क्या
भोपाल गैस
त्रासदी राहत
एवं पुनर्वास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मुख्य
चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य
अधिकारी, गैस
राहत, भोपाल
द्वारा
जून-जुलाई 2025 में
कितने संविदा
चिकित्सा
अधिकारियों
की सेवावृद्धि
निरस्त की गई
है तथा
सेवावृद्धि निरस्त
करने एवं
सेवावृद्धि
समाप्त करने
के एक माह
पूर्व संविदा
चिकित्सा
अधिकारी को
सूचना-पत्र
जारी किया गया
था अथवा एक
माह का वेतन
प्रदान किया
गया था? स्पष्ट
करें। (ख) प्रश्नांश
(क)
अनुसार
संविदा
चिकित्सा
अधिकारियों
की सेवा
समाप्ति करने
से एक माह
पूर्व सूचना-पत्र
अथवा एक माह
वेतन प्रदान
नहीं करने पर
मुख्य
चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य
अधिकारी, गैस
राहत, भोपाल
द्वारा नियम विरूद्ध
सेवा समाप्ति
करने पर उनके
विरूद्ध कार्यवाही
की जाएगी?
स्पष्ट
करें। (ग) संविदा
चिकित्सा
अधिकारी के
नियुक्ति
आदेश में
बिन्दु क्र.-15 में
स्थानांतरण
की पात्रता
नहीं होने के
उल्लेख होने
के बावजूद भी
संविदा
चिकित्सा
अधिकारियों
के
स्थानांतरण
करने के दोषी
एवं पद का
दुरूपयोग
करने पर
मु.चि.एवं
स्वा.अधि., गैस
राहत, भोपाल के
विरूद्ध
कार्यवाही कर
पद से हटाया जाएगा?
स्पष्ट
करें। (घ) मुख्य
चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य
अधिकारी, गैस
राहत, भोपाल
द्वारा अपने
पद का
दुरूपयोग
करते हुए संविदा
चिकित्सा
अधिकारियों
को सूचना-पत्र
का जवाब देने
के पूर्व ही
पुरानी तिथि
में स्थानांतरण
निरस्त करने
तथा नियम
विरूद्ध सेवा समाप्ति
के आदेश
प्रदान करने
पर दोषियों पर
कार्यवाही की
जाएगी? जानकारी
दें।
भोपाल
गैस त्रासदी
राहत एवं
पुनर्वास
मंत्री ( डॉ.
कुंवर विजय
शाह ) : (क) जी हाँ।
संचालनालय,
गैस राहत
एवं पुनर्वास,
भोपाल
के पत्र
दिनांक 01.07.2025 द्वारा
डॉ. महेन्द्र
सिंह धाकड़
संविदा
चिकित्सा
अधिकारी, अशोका
गार्डन, औषद्यालय,
गैस
राहत, भोपाल के
कार्य एवं
मूल्यांकन
पत्रक के आधार
पर भोपाल गैस
त्रासदी राहत
एवं पुनर्वास
विभाग संविदा
सेवा (नियुक्ति
तथा सेवा की
शर्ते) नियम 2003 में उल्लेखित
नियुक्ति की
शर्तों के
अनुसार
दिनांक 07.07.2025 से सेवा
समाप्त होने
के कारण
सेवावृद्धि
नहीं की गई।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है। (ख) उत्तरांश
'क'
अनुसार
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं होता।
(ग) सामान्य
प्रशासन
विभाग द्वारा
जारी स्थानांतरण
नीति-2025 की कण्डिका-12 में स्पष्ट
उल्लेख है कि
एक ही मुख्यालय
पर स्थित एक
कार्यालय से
उसी मुख्यालय
पर स्थित
दूसरे
कार्यालय में
प्रशासकीय
दृष्टि से स्थानीय
परिवर्तन
सक्षम
अधिकारियों
द्वारा किया
जा सकता है।
यह एक स्थानीय
व्यवस्था
है, जिसे स्थानांतरण
की श्रेणी में
नहीं रखा
जाएगा। मुख्य
चिकित्सा
एवं स्वास्थ्य
अधिकारी, गैस
राहत, भोपाल
द्वारा
चिकित्सालयीन
कार्य व्यवस्था
को दृष्टिगत
रखते हुए एक
ही मुख्यालय
के चिकित्सीय
संस्थान से
दूसरे चिकित्सीय
संस्थान में
संविदा
चिकित्सकों
को कार्य करने
हेतु
निर्देशित
किया गया है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) उत्तरांश
'क'
'ख'
एवं 'ग' के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
जल
जीवन मिशन में
घोटाले की
जांच
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
38. ( क्र. 2604 ) श्री
आरिफ मसूद : क्या
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि
(क) लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
विभाग में जल
जीवन मिशन के
अंतर्गत
कितनी लागत
राशि की कितनी
योजनाएं
पुनरीक्षित
की गई और
क्यों
(जिलेवार सूची
प्रदान करें)?
डी.पी.आर.
तैयार करने
हेतु
नियमानुसार
किस पद या
योग्यता के
अधिकारी/एजेंसी
को पात्र माना
जाता है? (ख) इन
पुनरीक्षित
योजनाओं की
मूल योजना की
स्वीकृति के
पूर्व सभी
जांचों के लिए
विभाग के
प्रमुख
अभियंता कार्यालय
में किस
विभागीय
अधिकारी को
मुख्य प्रभारी
अधिकारी का
कार्य सौंपा
गया है? उनका
नाम और पद
क्या है? (ग) क्या
उक्त मुख्य
प्रभारी
अधिकारी ने
सभी योजनाओं
की डी.पी.आर. की
जांच सही
तरीके से की
थी? यदि हाँ तो
इन योजनाओं को
पुनरीक्षित
करने की
आवश्यकता
क्यों पड़ी?
क्या
मूल योजनाओं
का
क्रियान्वयन
फील्ड में स्वीकृति
अनुसार ही
किया गया?
यदि
हाँ तो
पुनरीक्षण की
क्या
आवश्यकता है?
यदि
नहीं तो कौन
दोषी है, क्या
दोषियों को
दायित्व
मुक्त किया
गया? इस
लापरवाही के
कारण क्या
बढ़ी राशि की
वसूली प्रमुख
अभियंता
कार्यालय के दोषी
अधिकारी से की
जायेगी? (घ) क्यों न
जल जीवन मिशन
की नवीन
योजनाओं के
पुनरीक्षण को
लगभग रू. 7200 करोड़
का घोटाला
मानते हुए
म.प्र. सरकार
गंभीरता से
इसकी सी.बी.आई.
जांच कराए?
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके
) : (क)
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है।
योजनाओं के
पुनरीक्षित
होने के मुख्य
कारण ग्रामों
में नवीन
बसाहट बढ़ना,
नवीन
घर/परिवार
संख्या बढ़ना,
रेट्रोफिट
योजनाओं में
पूर्व की
योजनाओं में
बिछाई गई पाइप
लाइनों के
क्षतिग्रस्त
होने के कारण
अतिरिक्त
पाइप लाइन की
आवश्यकता,
इत्यादि
है। डी.पी.आर.
तैयार करने
हेतु विभागीय
तौर पर
संबंधित
उपयंत्री,
सहायक
यंत्री तथा
आउटसोर्स के
माध्यम से तैयार
करने में
अनुबंधित
अनुभवी
फर्म/एजेंसी। (ख) पुनरीक्षित
तथा मूल
योजनाओं की
स्वीकृति के पूर्व
उनकी तकनीकी
साध्यता तथा
प्राक्कलनों
की जांच
तकनीकी
स्वीकृति
प्रदान करने
वाले
प्राधिकारी
यथा खण्ड
कार्यालय के
कार्यपालन
यंत्री, मण्डल
कार्यालय के
अधीक्षण
यंत्री तथा
परिक्षेत्र
कार्यालय के
मुख्य
अभियंता
द्वारा उनको
प्रदत्त
वित्तीय
अधिकारों की
सीमा में की
जाती है, न कि
प्रमुख अभियंता
कार्यालय
अथवा इसमें
पदस्थ किसी
अधिकारी द्वारा,
अतः
स्वीकृति के
पूर्व
डी.पी.आर. की
जांच करने हेतु
प्रमुख
अभियंता
कार्यालय में
प्रभारी अधिकारी
नियुक्त करने
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) उत्तरांश
''ख''
के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। पुनरीक्षित
होने के कारण
उत्तरांश ''क'' अनुसार
हैं। मूल
योजनाओं का
क्रियान्वयन
मूल स्वीकृति
अनुसार किया
गया है।
पुनरीक्षित किये
जाने का कारण
उत्तरांश ''क'' अनुसार
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) उत्तरांश
''क''
के संदर्भ
में योजनाओं
का पुनरीक्षण
परिस्थितिजन्य
आवश्यकता
अनुरूप एवं
नियमानुसार
किया गया है
अतः शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
शासकीय
शालाओं के
भवनों का जर्जर
होना
[जनजातीय
कार्य]
39. ( क्र. 2638 ) श्री
कालु सिंह
ठाकुर : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
धार जिले की
धरमपुरी
विधानसभा में
कई शासकीय
शालाओं के भवन
जर्जर स्थिति
में है? यदि है
तो कौन-कौन से
भवन जर्जर
स्थिति में है?
शालावार
सूची उपलब्ध
करवाए? (ख) क्या
धरमपुरी
विधानसभा में
विकासखंड
नालछा में
प्राथमिक
विद्यालय
बेक्लिया और
प्राथमिक
विद्यालय आली
की स्थिति
जर्जर है?
यदि
हाँ इन भवनों
की स्वीकृति
कब तक हो
जावेगी?
समय-सीमा
बतावे और यदि
नहीं तो किस
कारण से? स्पष्ट
करे?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) :
(क) जी हाँ।
जर्जर शाला
भवनों की
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है। शालावार
सूची जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है। (ख) जी नहीं,
प्राथमिक
विद्यालय
बेक्लिया एवं
प्राथमिक विद्यालय
आली के भवन
जर्जर स्थिति
में न होकर
मरम्मत के
योग्य हैं।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
ठोस
अपशिष्ट
वेस्ट को
डिस्पोज
किया जाना
[पर्यावरण]
40. ( क्र. 2677 ) श्री
विपीन जैन : क्या
राज्य
मंत्री, पर्यावरण
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
उद्योग
द्वारा अपने
जल की पूर्ति
हेतु स्थानीय
क्षेत्रों से
संग्रहित
घरेलू
अपशिष्ट जल को
इनहॉउस
एस.टी.पी. में
उपचारित करना
बताया जाता है?
यदि
हाँ तो कितने
घरों/क्षेत्र
का पानी का
उपयोग किया
जाता है? क्षमता
बढ़ेगी तो
पानी तो उतना
ही रहेगा विपरित
आंकड़े क्यों
पेश किए जा
रहे है? (ख) क्या
उद्योग
द्वारा ठोस
अपशिष्ट और
हेजार्डस
वेस्ट को
उद्योग के
अन्दर भूमि
में डिस्पोज कर
दिया जाता है
हजार से अधिक
फीट के किए गए
बोर खनन को
भूमिगत कर
अण्डर
ग्राउण्ड
ड्रेनेज
सिस्टम के
माध्यम से
प्रदूषित जल
को भूमि में
उतार दिया
जाता है व
नालियों में
बहा दिया जाता
है जिससे कि
भूमिगत जल
स्त्रोत व
चम्बल नदी
प्रदूषित हो
गए है? जिसके कारण
टकरावदा, पारदी,
मेहतवास
कैंसर जोन,
हार्ट
अटैक, फेफड़े,
सांस
लेने में
तकलीफ, अस्थमा,
एलर्जी,
विकलांगता
आदि के
क्षेत्र बन गए
है? प्रदूषण
विभाग द्वारा
इनके खिलाफ
क्या कार्यवाही
की गई है? (ग) क्या
लैंक्सेस
उद्योग का
बायो पावर
प्लांट का
संचालन
सुरक्षा
नियमों का
उल्लंघन कर
चलाया जा रहा
है? यदि हाँ तो
प्लांट की
चिमनी कम
ऊंचाई पर होने
के कारण आसपास
की कॉलोनियों
में बायो
फ्लाई ऐश की
परत जम जाती
है जो मानव
स्वास्थ्य के
लिए हानिकारक
है विवरण दें।
राज्य
मंत्री, पर्यावरण
( श्री दिलीप
अहिरवार ) :
(क) जी हाँ।
मेसर्स
लैंक्सेस
इंडिया प्रा.
लिमि., नागदा से
प्राप्त जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है। उद्योग
द्वारा लगभग 3000 से 4000 घरों के
घरेलू
अपशिष्ट को इन
हाउस एस.टी.पी.
में उपचारित
किया जाता है।
वर्तमान में 1000 से 1200 किलो
लीटर/दिन
घरेलू
अपशिष्ट जल का
3500
किलो लीटर/दिन
क्षमता के
सीवेज
ट्रीटमेंट प्लांट
में उपचार
पश्चात्
औद्योगिक
प्रक्रिया
में उपयोग
किया जा रहा है
जोकि उपलब्ध
कुल मात्रा का
40 से 45
प्रतिशत ही
है। अतः शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) एवं (ग) जी नहीं।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
उद्योग
द्वारा
उत्पादन
क्षमता
विस्तार
[पर्यावरण]
41. ( क्र. 2678 ) श्री
विपीन जैन : क्या
राज्य
मंत्री, पर्यावरण
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) लैंक्सेस
उद्योग
द्वारा 01
सितम्बर 2009 को
ग्वालियर
कैमिकल नागदा
के अधिग्रहण
के समय उद्योग
में किन-किन
रसायनों की
क्या-क्या
उत्पादन
क्षमता थी?
वर्ष
2025 में
कितनी है?
विवरण
दें। (ख) क्या
लैंक्सेस
उद्योग
द्वारा
संचालन सम्मति
- क्षमता
विस्तार, स्थापना
सम्मति हेतु
आवेदन क्र.
जीसीआईएल/2009-10/888 दिनांक 29/07/2009,
51489 दि. 16/11/2011,
57960 दि. 06/09/2012,
1100098 दि. 08/11/2021,
1105660 दि. 15/02/2022,
1384421 दि. 16/07/2024,
1404137 दि. 08/02/2025 द्वारा
आवेदन किया
गया था? उपरोक्त
आवेदनों के
संबंध में
जनसुनवाई,
दावें/आपत्ति आमंत्रित
क्यों नहीं
किए गए? क्या
जनसुनवाई
अनिवार्य
नहीं थी? प्रत्येक
आवेदन पर किस
उत्पादन हेतु
कितनी क्षमता
हेतु किन
शर्तों के साथ
क्षमता
विस्तार की
सम्मति
प्रदत्त की गई
है? दिए आवेदन व
स्वीकृति
आदेश की
छायाप्रति
सहित विवरण
दें। (ग) लैंक्सेस
उद्योग
द्वारा
फैलाये जा रहे
वायु, जल प्रदूषण,
बेरोजगारी
व अन्य कारणों
से
प्रस्तावित
उत्पादन
क्षमता
विस्तार हेतु
पर्यावरण
स्वीकृति के
संबंध में लोक
जनसुनवाई दिनांक
07/03/2020
को स्वीकृति
नहीं देने के
संबंध में
किन-किन लोगों
द्वारा लिखित
आपत्तियां दी
गई है? आपत्तियों
में विभिन्न
बिन्दुओं/मुद्दों
पर प्रदूषण
विभाग द्वारा
गंभीरता से
विश्लेषण
नहीं किया गया
व न औपचारिक
निराकरण किया
गया न ही
लैंक्सेस
उद्योग से इस
हेतु स्पष्टीकरण
लिया गया?
समस्त
आपत्तियों का
बिन्दुवार
किए गए निराकरण
की छायाप्रति
उपलब्ध कराते
हुए विवरण दें।
राज्य
मंत्री, पर्यावरण
( श्री दिलीप
अहिरवार ) :
(क)
जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-''अ'' (पेन
ड्राइव) अनुसार
है। (ख) जी हाँ।
मेसर्स
लैंक्सेस
इंडिया
प्रा.लिमि.,
नागदा
द्वारा प्रश्न
में उल्लेखित
क्षमता
विस्तार
स्थापना सम्मति
एवं संचालन
सम्मति हेतु
आवेदन जल
(प्रदूषण
निवारण तथा
नियंत्रण)
अधिनियम, 1974, वायु
(प्रदूषण
निवारण तथा
नियंत्रण)
अधिनियम, 1981 एवं
परिसंकटमय
एवं अन्य
अपशिष्ट
(प्रबंधन एवं
सीमापार संचलन)
नियम, 2016 के
प्रावधानों
के अनुपालन
में प्रस्तुत
किये गये थे।
उक्त
अधिनियमों
एवं नियमों
में सम्मति/प्राधिकार
प्रदाय करने
हेतु जन
सुनवाई कराये
जाने अथवा
दावे/आपत्ति
आमंत्रित
किये जाने का
प्रावधान
नहीं है। अतः
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-''ब'' (पेन
ड्राइव)
अनुसार है। (ग)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' (पेन
ड्राइव) अनुसार
है।
जन सुनवाई
उपरान्त
प्रकरण
निर्णय हेतु
मध्यप्रदेश
प्रदूषण नियंत्रण
बोर्ड के पत्र
क्रमांक 1455 दिनांक 21/08/2020 के
माध्यम से
पर्यावरण,
वन
एवं जलवायु
परिवर्तन
मंत्रालय
भारत सरकार को
प्रेषित किया
गया।
दावे/आपत्तियों
के आधार पर
निराकरण करने
अथवा उनके
संबंध में कोई
निर्णय लेने
का अधिकार
मध्यप्रदेश
प्रदूषण नियंत्रण
बोर्ड में
वैष्ठित न
होकर भारत
सरकार में
हैं। अत: शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
डी.एफ.ओ.
की शिकायत एवं
कार्यवाही
[वन]
42. ( क्र. 2685 ) श्री
सुनील उईके : क्या
राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
दिसंबर 2020 में अपर
प्रधान मुख्य
वन संरक्षक,
प्रशासन
एक (1) सतपुड़ा
भवन, भोपाल मध्य
प्रदेश के
पत्र क्र.
शिकायत/छिंदवाड़ा/शासन/68/20/3283 भोपाल
दिनांक 10-12-2020 से
पश्चिम
छिंदवाड़ा
सामान्य
वनमंडल की
डी.एफ.ओ. रह
चुकी श्रीमती
किरण बिसेन के
विरूद्ध प्राप्त
शिकायत की
जांच किए जाने
हेतु मुख्य वन
संरक्षक वन
वृत्त छिंदवाड़ा
को निर्देशित
किया गया था। (ख) क्या
मुख्य वन
संरक्षक वन
वृत्त
छिंदवाड़ा
द्वारा अपने
पत्र क्रमांक 2020/163/छिंदवाड़ा
दिनांक 24-12-2020 के
माध्यम से
पश्चिम
छिंदवाड़ा
सामान्य वनमण्डल
की तत्कालीन
डी.एफ.ओ.
श्रीमती किरण
बिसेन के
विरूद्ध
प्राप्त
शिकायत की जांच
किए जाने हेतु
एक जांच समिति
का गठन किया गया
था, जिसमें
वनमण्डल
अधिकारी
पश्चिम
छिंदवाड़ा
सामान्य वनमण्डल
श्री आलोक
पाठक I.F.S. को जांच
समिति का
अध्यक्ष
बनाया गया था
एवं राज्य वन
सेवा के
अधिकारी
श्री आर.एस.
धुर्वे, संलग्न
अधिकारी, छिंदवाड़ा
वन वृत्त को
जांच समिति का
सदस्य बनाए
गया था। क्या
उक्त जांच
समिति में
असिस्टेंट
कमिश्नर जन
जातीय कार्य
विभाग, श्री
एन.एस. वरकड़े
परियोजना
प्रशासक
एकीकृत आदिवासी
विकास
परियोजना
तामिया के भी
सदस्य थे। (ग) क्या वन
विभाग द्वारा
इस जांच समिति
द्वारा किरण
बिसेन के
विरूद्ध
प्रस्तुत
जांच प्रतिवेदन
को ना मानते
हुए एक
सदस्यीय
विभागीय जांच संस्थापित
की थी जो
राज्य वन सेवा
के अधिकारी रहे
कमल अरोरा
द्वारा की गई
है।
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) :
(क) जी हाँ। (ख) प्रश्नाधीन
आदेश द्वारा
गठित जांच
समिति में
वनमण्डलाधिकारी,
पश्चिम
छिंदवाड़ा
(सा.) वनमण्डल
को अध्यक्ष
तथा संलग्नाधिकारी
छिंदवाड़ा वन
वृत्त को
सदस्य बनाया
गया था। तैयार
किये गये
प्रारम्भिक जांच
प्रतिवेदन
में श्री
एन.एस.बरकड़े,
परियोजना
प्रशासक, एकीकृत
आदिवासी
विकास
परियोजना,
तामिया
को शामिल किया
गया। (ग) जांच
समिति ने तथ्य
जानने के लिए
प्रारंभिक
जांच की थी,
जिसके
आधार पर
नियमानुसार
आरोप पत्र
जारी कर विभागीय
जांच में
जांचकर्ता
अधिकारी के
रूप में
अपचारी
अधिकारी से
वरिष्ठ
अधिकारी श्री
कमल अरोरा,
वन
संरक्षक को
अखिल भारतीय
सेवायें
(अनुशासन एवं
अपील) नियम,
1969 के
नियम 8 (2) के अंतर्गत
जांच अधिकारी
नियुक्त
किया गया था,
जो
भारतीय वन
सेवा के
अधिकारी हैं।
तकनीकी
कार्यों की
प्रशासनिक स्वीकृति
[वन]
43. ( क्र. 2698 ) श्री
हरिशंकर खटीक
: क्या
राज्य मंत्री,
वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) टीकमगढ़
जिले में वित्तीय
वर्ष 01 अप्रैल 2022 से 2024-25 तक
कितनी-कितनी
राशि किस-किस
मद में, किस-किस
कार्य हेतु
केन्द्र एवं
प्रदेश सरकार
द्वारा भेजी
गई है? कृपया
वर्षवार, मदवार
प्राप्त सम्पूर्ण
राशि की स्पष्ट
एवं सम्पूर्ण
जानकारी
प्रदाय करें। (ख)
प्रश्नांश
(क) के आधार पर
बतायें कि
वर्षवार राशि
जिले के किस-किस
वन
परिक्षेत्रों
में कब-कब और
कितनी-कितनी
राशि किस
प्रयोजनार्थ
भेजी गई है?
(ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
आधार पर बताये
कि किस-किस
कार्य पर
कितनी-कितनी राशि
व्यय की गई
है? (घ) प्रश्नांश
(क), (ख)
एवं (ग) के आधार
पर बतायें कि
वह कौन-कौन से
कार्य है जिसकी
विभाग द्वारा
तकनीकी स्वीकृति
तो हो गयी है
लेकिन राशि के
अभाव में प्रश्न
दिनांक तक
वित्तीय एवं
प्रशासनिक स्वीकृति
जारी नहीं हो
पा रही है एवं
अन्य निर्माण
कार्य भी राशि
के अभाव में
लंबित है क्यों?
कब
तक तकनीकी स्वीकृत
कार्यों को
कराने विभाग
राशि कितनी-कितनी
भेजकर वित्तीय
एवं
प्रशासनिक स्वीकृति
जारी कर देगा?
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) :
(क)
जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) एवं
(ग)
जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (घ) टीकमगढ़
जिला अंतर्गत
वित्तीय वर्ष 01 अप्रैल 2022 से 2024-25 तक की
अवधि का कोई
भी ऐसा कार्य
नहीं है, जिसकी
वन विभाग
द्वारा
तकनीकी स्वीकृति
तो हो गयी है
लेकिन राशि के
अभाव में प्रश्न
दिनांक तक
वित्तीय एवं
प्रशासनिक
स्वीकृति जारी
नहीं हो पा
रही है एवं
अन्य निर्माण
कार्य भी राशि
के अभाव में
लंबित है। अत:
शेष का प्रश्न
उपस्थित नहीं
है।
खोदी
गई सड़कों का
मरम्मतीकरण
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
44. ( क्र. 2728 ) श्री
नरेन्द्र
प्रजापति
[इंजीनियर] : क्या
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि
(क) मनगवां 73
विधानसभा
क्षेत्र के
अन्तर्गत लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
विभाग के
द्वारा कितनी
योजनाएं हर घर
नल से जल में
शामिल हैं?
(ख) किन-किन
संविदाकारों
द्वारा कार्य
किया जा रहा है?
उन
कार्यों को कब
तक पूरा कर
लिया जाएगा?
निर्धारित
समय-सीमा से
अवगत कराएं। (ग) जिन
संविदाकारों
द्वारा कार्य
निर्धारित समय-सीमा
में नहीं पूरे
किए गए, उनके
विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
गई? यदि नहीं तो
क्यों? कब तक
कार्यवाही की
जायेगी? समय
अवधि बतलाने
की कृपा करें।
(घ) जल जीवन
मिशन द्वारा
कंदैला समूह
में कई गांवों
में कार्य
किया गया है,
जो
आज भी अधूरा
है और जिन
सड़कों के
किनारे नाली
बनाकर मिट्टी
सड़क पर ला दी
गई है उनका
मरम्मतीकरण
नहीं किया गया
है, जिसके कारण
आवागमन बाधित
है एवं बरसात
के कारण
सड़कें कीचड़
से सराबोर हैं,
जिस
कारण आवागमन
बाधित है,
स्कूल
जाने वाले
छात्र-छात्राओं
को भारी परेशानी
हो रही है,
जिसे
पूरा कराया
जाना
अतिआवश्यक
है। साथ ही सड़क
की मरम्मत कब
तक कराई
जायेगी? समय-सीमा
बतलाने की
कृपा करें। (ड.) जल
जीवन मिशन
द्वारा
मनगवां 73
विधानसभा
क्षेत्रान्तर्गत
जिन
संविदाकारों
द्वारा कार्य
किया जा रहा
है, उसकी
रूपरेखा का
कोई निर्धारण
किया गया है?
इसकी
जानकारी दें।
साथ ही
संविदाकार
द्वारा समय-सीमा
में कार्य
नहीं पूरे किए
गए, उनके खिलाफ
क्या
कार्यवाही की
गई? निर्धारित
कंपनियों
द्वारा कब तक
कार्य पूरे
किए जावेंगे?
समय-सीमा
बतलाने की
कृपा करें।
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके
) : (क) एकल
ग्राम नल-जल
योजनाओं के
अंतर्गत
सिविल संकाय
द्वारा
क्रियान्वयन
हेतु 44 एवं
मैकेनिकल
संकाय द्वारा
क्रियान्वयन
हेतु 73 योजनाएं जल
जीवन मिशन
अंतर्गत स्वीकृत
है, जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-01 अनुसार
है। इसके
अतिरिक्त
मध्यप्रदेश
जल निगम
द्वारा
क्रियान्वित
की जा रही
समूह जल
प्रदाय
योजनाओं की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-02 अनुसार
है। (ख) अनुबंधित
संविदाकारों
द्वारा सिविल
संकाय की 44
योजनाओं में
पूर्व
स्वीकृत
बी.ओ.क्यू.
अनुसार 16
योजनाओं का
कार्य पूर्ण
किया है एवं
पुनरीक्षित
योजनाओं का
कार्य कराया
जा रहा है।
जिन संविदाकारों
द्वारा पूर्व
स्वीकृत
बी.ओ.क्यू. का
कार्य पूर्ण
नहीं किया गया
है, उन्हें
पूर्व
स्वीकृत
बी.ओ.क्यू. एवं
पुनरीक्षित
स्वीकृत
बी.ओ.क्यू. के
कार्य दिसम्बर
2025 तक
पूर्ण किए
जाने हेतु
अंतिम तिथि
लक्षित है।
मैकेनिकल
संकाय की 72
योजनायें
पूर्ण तथा 01 योजना
प्रगति पर है।
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
के
प्रपत्र-01 अनुसार
है। समूह
योजनाओं की
जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-02 अनुसार
है। (ग) एकल ग्राम
नल-जल प्रदाय
योजनाओं के
अंतर्गत जिन
संविदाकारों
द्वारा कार्य
निर्धारित समय-सीमा
में पूर्ण
नहीं किए गए
उनके विरूद्ध
विभाग द्वारा
अंतिम नोटिस
जारी किया गया
एवं जिन्होंने
उसके उपरांत
भी कार्य
समय-सीमा में
पूर्ण नहीं
किया एवं 02
निविदाकारों
को अनुबंध की
शर्तों के
अनुसार काली
सूची में डाला
गया है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) कंदैला
समूह जल
प्रदाय योजना
के कार्य
प्रगतिरत हैं,
पाइप-लाइन
टेस्टिंग के
उपरांत सड़क
को पूर्वानुसार
कर दिया
जायेगा। निश्चित
समयावधि
बताया जाना
संभव नहीं है।
(ड.) जल जीवन
मिशन अंतर्गत
संविदाकारों
को अनुबंध की
शर्तों के
अनुसार कार्य
आवंटित किया
जाता है, कार्य
समय-सीमा में
पूर्ण न किए
जाने पर संबंधित
संविदाकारों
को
अनुबन्धानुसार
नोटिस जारी
किया गया है
तथा
अनुबन्धानुसार
प्रगति न
प्राप्त होने
पर
उच्चाधिकारियों
द्वारा एकल
ग्राम नल-जल
योजनाओं के 02
संविदाकारों
को काली सूची
में डाला गया
है, यह एक सतत्
प्रक्रिया
है। समूह जल
प्रदाय योजनाओं
के कार्य वर्ष
2026 तक
पूर्ण किया
जाना लक्षित
है, योजनाओं के
कार्य
प्रगतिरत हैं,
कार्य
पूर्ण होने पर
गुणदोष के
आधार पर
कार्यवाही की
जावेगी। शेष
जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-02 अनुसार
है।
शिकायतों
की जांच एवं
कार्यवाही
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
45. ( क्र. 2735 ) श्री
योगेन्द्र
सिंह (बाबा) : क्या
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि
(क) भोपाल
जिले में
स्थित समस्त
विभागीय खंड,
मंडल
और
परिक्षेत्र
कार्यालय में
वर्तमान में
कार्यरत
किन-किन
उपयंत्रियों
की भर्ती
विकलांग अथवा
नि:शक्तजन
अथवा पी.डब्ल्यू.डी.
श्रेणी में
हुई थी उनके
नाम, वर्तमान
पदस्थापना और
भर्ती जिन
नियमों से हुई
थी? (ख) विकलांग/
नि:शक्तजन
अथवा
पी.डब्ल्यू.डी.
श्रेणी की
अर्हता हेतु 40% या उससे
अधिक जन्मजात
विकलांगता
होना आवश्यक
है। फर्जी
विकलांगता की
शिकायतों
वाले उपयंत्रियों
की जन्मजात
वास्तविक
विकलांगता की
जाँच राज्य
स्तरीय अथवा
अन्य उपयुक्त
उच्चस्तरीय
मेडिकल बोर्ड
से कब तक कराई
जाएगी। यदि
नहीं तो क्यों?
(ग) प्रश्नांश
(क) के
उपयंत्रियों
द्वारा
नियुक्ति के
समय दिए गए
अर्हता
संबंधी
शैक्षणिक और
विकलांगता संबंधी
प्रमाण पत्र
की प्रति
उपलब्ध
करायें तथा
प्रश्नांश
(क) अनुसार
प्राप्त
शिकायतों पर विभाग
द्वारा की गई
कार्यवाही की
जानकारी उपलब्ध
करायें। यदि
शिकायतों पर
कार्यवाही नहीं
की गई है तो
क्यों और
शिकायतों पर
कार्यवाही न
करने वाले
अधिकारियों
पर कब तक
कार्यवाही की
जाएगी? (घ) किन-किन
उपयंत्रियों
की शिकायतें
प्राप्त हुई
हैं, शिकायत पर
आज दिनांक तक
क्या
कार्यवाही की
गई है?
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके
) : (क)
जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-01 अनुसार
है। (ख) जी हाँ।
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-02 एवं 03 अनुसार
है। शेष
जानकारी
उत्तरांश
(ख) अनुसार।
शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता है।
(घ) शिकायत
संबंधी
जानकारी
उत्तरांश
(ख)
अनुसार है।
गांधीसागर
जल प्रदूषण
[पर्यावरण]
46. ( क्र. 2746 ) श्री
चन्दरसिंह
सिसौदिया : क्या
राज्य
मंत्री, पर्यावरण
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
सेंट्रल पोल्यूशन
बोर्ड ने विगत
वर्षों में
नागदा स्थित चंबल
नदी के
प्रदूषण की
जांच की थी?
उक्त
जांच में नदी
जल में मरक्यूरी
एवं क्लोराइडस
की मात्रा
निर्धारित
मापदण्ड से
अधिक पाई थी?
उक्त
जांच पश्चात
नागदा स्थित
उद्योगों को
नोटिस भी जारी
किये गये थे?
उक्त
संबंध में
पूर्ण
जानकारी दें। (ख) सेन्ट्रल
पोल्यूशन
बोर्ड की जांच
के बाद म.प्र.
प्रदूषण नियंत्रण
मंडल ने क्या
कार्यवाही की?
(ग) प्रश्नकर्ता
द्वारा
गांधीसागर
डेम के डूब
क्षेत्रों
में पानी
प्रदूषित
होने संबंधी
शिकायत की गई
थी। उक्त
संबंध में क्या
जांच व
कार्यवाही की
गई? ब्यौरा
दें। अब तक
ठोस
कार्यवाही
नहीं करने का
क्या कारण है?
राज्य
मंत्री, पर्यावरण
( श्री दिलीप
अहिरवार ) :
(क) एवं
(ख) जी हाँ।
केन्द्रीय
प्रदूषण
नियंत्रण
बोर्ड द्वारा
नागदा
क्षेत्र के
जनवरी, 2020 में
किये गये
निरीक्षण के
आधार पर
दिनांक 19/02/2020 को
मध्यप्रदेश
प्रदूषण
नियंत्रण
बोर्ड को जल
(प्रदूषण
निवारण तथा
नियंत्रण)
अधिनियम, 1974 की धारा-18
(1) (बी)
के अन्तर्गत
निर्देश जारी
किये गये थे।
उक्त
निर्देशों के
परिप्रेक्ष्य
में मध्यप्रदेश
प्रदूषण
नियंत्रण
बोर्ड द्वारा
नागदा स्थित
मेसर्स
ग्रेसिम
इण्डस्ट्रीज
लिमि. (स्टेपल
फाईबर डिवीजन
एवं केमिकल डिवीजन),
मेसर्स
लैंक्सेस
इंडिया
प्रा.लिमि.,
मुख्य
नगर पालिका
अधिकारी, नगर
पालिका परिषद,
नागदा
तथा
कार्यपालन
यंत्री, लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
विभाग, नागदा
को जल
(प्रदूषण
निवारण तथा
नियंत्रण)
अधिनियम, 1974 की धारा-33
'क'
के
अन्तर्गत
दिनांक 13/05/2020 को
निर्देश जारी
किये गये थे। विवरण पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
(पेन
ड्राइव)
अनुसार है। (ग) माननीय
सदस्य की ऐसी
कोई शिकायत
मध्यप्रदेश
प्रदूषण नियंत्रण
बोर्ड में
पंजीकृत नहीं
हुई है। अतः
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
नेशनल
पार्क और
टाइगर रिजर्व
में स्टाफ में
कमी
[वन]
47. ( क्र. 2784 ) श्री
नीरज सिंह
ठाकुर : क्या
राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) म.प्र.
में कौन-कौन
से राष्ट्रीय
उद्यान एवं टाइगर
रिजर्व हैं?
सफारी
और अन्य
स्त्रोत से
उक्त रिजर्व
में क्या आय
विगत 3 वित्तीय
वर्षों में
हुई? उक्त
राष्ट्रीय
उद्यान और
टाइगर रिजर्व
में कितने बीट
गार्ड, वनपाल
के पद स्वीकृत
हैं? (ख) प्रश्नांश
'क'
अनुसार
स्वीकृत पदों
को भरने में
विभाग द्वारा
क्या नीति
बनाई गई है?
क्या
उक्त पदों को
भरने में अन्य
क्षेत्र अथवा
परिक्षेत्र
की तुलना में
प्राथमिकता
दी जाती है?
यदि
हाँ तो शेष
रिक्त पदों को
कब तक भरा
जायेगा? यदि
नहीं तो क्या
भविष्य में
प्राथमिकता
के आधार पर
उक्त पदों को
भरने की कोई
नीति विभाग द्वारा
बनाई जायेगी?
उक्त
स्वीकृत पदों
पर कब तक
पदस्थापना
होगी?
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) :
(क) मध्यप्रदेश
के अंतर्गत
स्थित
राष्ट्रीय उद्यान
एवं टाइगर
रिजर्व की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-1 पर है।
टाइगर रिजर्व
में सफारी और
अन्य स्त्रोत से
विगत 3
वर्षों में
प्राप्त आय की
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-2 पर है।
उक्त
राष्ट्रीय उद्यान
और टाइगर
रिजर्व में
पदस्थ बीट
गार्ड, वनपाल
आदि
कर्मचारियों
के स्वीकृत पद
की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट-3 पर है। (ख) मध्यप्रदेश
कर्मचारी चयन
मंडल भोपाल के
माध्यम से वन
रक्षकों के 1173 पदों पर
नियुक्ति
पत्र जारी हो
चुके हैं।
टाईगर रिजर्व
एवं
राष्ट्रीय
उद्यान के
रिक्त पदों को
भरने की
प्राथमिकता
दी गई है।
भर्ती की
प्रक्रिया
सतत् स्वरूप
की है। उप वन
क्षेत्रपाल
एवं वनपाल का
पद पदोन्नति
का पद है।
वर्तमान में
पदोन्नति पर बने
नियम माननीय
उच्च
न्यायालय में
विचारण में
है।
योजनाओं,
पेंशन
आवेदनों की
स्थिति,
और
परिवार
सहायता राशि
[सामाजिक
न्याय एवं
दिव्यांगजन
कल्याण]
48. ( क्र. 2791 ) श्री
मोंटू सोलंकी
: क्या
सामाजिक न्याय
एवं दिव्यांगजन
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) सेंधवा
विधानसभा
क्षेत्र में
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय
वृद्धावस्था
पेंशन योजना
और इंदिरा
गांधी
राष्ट्रीय
विधवा पेंशन
योजना के तहत
वर्ष 2021 से प्रश्न
दिनांक तक
कितने आवेदन
प्राप्त हुए
हैं नाम, ग्राम
का नाम सहित
प्रमाणित
सूची उपलब्ध
करावे। कितने
आवेदन
स्वीकृत हुये
हैं और कितने
आवेदन
पेंडिंग हैं?
प्रमाणित
सूची उपलब्ध
करावे। (ख) सेंधवा
विधानसभा
क्षेत्र में
मुख्यमंत्री संबल
योजना के तहत
प्राप्त वर्ष 2021 से
प्रश्न
दिनांक तक
कितने आवेदन
प्राप्त हुये
है नाम, ग्राम
का नाम सहित
प्रमाणित
सूची उपलब्ध
करावे और
कितने आवेदन
पेंडिंग है?
प्रमाणित
सूची उपलब्ध
करावे। (ग) सेंधवा
विधानसभा
क्षेत्र में
राष्ट्रीय परिवार
सहायता योजना
के तहत जनपद
पंचायत सेंधवा
द्वारा मृतक
के परिजनों को
कितनी सहायता
राशि वितरित
की जाती है?
वर्ष
2021 से
प्रश्न
दिनांक तक
कितने आवेदन
प्राप्त हुये
हैं नाम, ग्राम
का नाम सहित
प्रमाणित
सूची उपलब्ध
करावे। कितने
आवेदन
स्वीकृत हुए,
कितने
पेंडिंग हैं,
और
पेंडिंग होने
के कारण सहित
प्रमाणित
सूची उपलब्ध
करावे। (घ) सेंधवा
विधानसभा
क्षेत्र में
सामाजिक सुरक्षा
योजनाओं
(वृद्धावस्था
पेंशन, विधवा
पेंशन, और
परिवार
सहायता) के
लिए वित्तीय
वर्ष 2023-24 और 2024-25 में कितनी
धनराशि
स्वीकृत और
व्यय की गई है?
योजनावार
और वर्षवार
विवरण प्रदान
करें।
सामाजिक
न्याय एवं
दिव्यांगजन
कल्याण
मंत्री ( श्री
नारायण सिंह
कुशवाह ) :
(क) सेंधवा
विधानसभा
क्षेत्र में
वर्ष 2021 से प्रश्न
दिनांक तक
इंदिरा गांधी
राष्ट्रीय
वृद्धावस्था
पेंशन योजना
अंतर्गत 3727 प्रकरण
प्राप्त
हुये एवं 3695 स्वीकृत
हुए है।
जिसमें से 32 प्रकरण
वर्तमान में
लंबित है एवं
इंदिरा गांधी
राष्ट्रीय
विधवा पेंशन
योजना
अंतर्गत 3100 प्रकरण
प्राप्त
हुये, 3057 स्वीकृत
हुये जिसमें
से 43 प्रकरण
वर्तमान में
लंबित है। नाम,
ग्राम
का नाम सहित
प्रमाणित सूची
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'अ' अनुसार
है। (ख) सेंधवा
विधान सभा
क्षेत्र में
मुख्यमंत्री संबल
योजना के तहत
वर्ष 2021 से प्रश्न
दिनांक तक 554 आवेदन
प्राप्त हुए,
476
प्रकरण स्वीकृत
किए गए एवं 48 प्रकरण
वर्तमान में
लंबित है। नाम,
ग्राम
का नाम सहित
प्रमाणित
सूची
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'ब' अनुसार
है। (ग)
सेंधवा
विधानसभा
क्षेत्र में
राष्ट्रीय
परिवार
सहायता योजना
के अंतर्गत
जनपद पंचायत
सेंधवा में
मृतक के
परिजनों को
प्रति प्रकरण 20,000/-
रूपये
के मान से
प्रदान किया
गया है। जनपद
पंचायत
सेंधवा में
राष्ट्रीय
परिवार
सहायता के 296 आवेदन
प्राप्त हुए
समस्त
प्रकरण स्वीकृत
किए गए हैं। नाम,
ग्राम
का नाम सहित
प्रमाणित सूची
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट 'स' अनुसार
है। (घ) सेंधवा
विधानसभा
क्षेत्र में
सामाजिक सुरक्षा
योजनाओं
(वृद्धावस्था
पेंशन, विधवा
पेंशन) राज्य
स्तर से
सिंगल क्लिक (DBT)
के
माध्यम से
पेंशन का
भुगतान किया
जाता है।
विधानसभा
क्षेत्र
सेंधवा जिला
बड़वानी में
सामाजिक
सुरक्षा
योजनाएं
क्रमश: इंदिरा
गांधी राष्ट्रीय
वृद्धावस्था
पेंशन, इंदिरा
गांधी राष्ट्रीय
विधवा पेंशन
एवं राष्ट्रीय
परिवार
सहायता योजना
में वर्ष 2023-24 एवं
वर्ष 2024-25 में स्वीकृत
राशि एवं व्यय
राशि की जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार
है।
जनजाति
कार्य विभाग
के
अधिकारी/कर्मचारियों
की जानकारी
[जनजातीय
कार्य]
49. ( क्र. 2821 ) श्री
सुरेन्द्र
सिंह हनी बघेल
: क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
धार जिले में
वित्तीय
वर्ष 2021-22 से
प्रश्न दिनांक
तक उक्त
विभाग एवं
जिला शिक्षा
अधिकारी को
कार्यालय
आयुक्त कोष
एवं लेखा के
संबंध में
कितनी जांच चल
रही है उनकी
प्रतिलिपि
उपलब्ध
करवाएं। (ख) प्रश्नांश
(क) के अनुसार
विभाग की जांच
के पश्चात
कितने लोगों
पर एफ.आई.आर.
करने के आदेश
दिए गए एवं
कितने पर एफ.आई.आर.
की गई कितने
शेष है, शेष
रहने का कारण
क्या रहा?
साथ
ही एफ.आई.आर. की
कॉपी उपलब्ध
करवाएं। (ग) धार
जिले में वर्ष
2025 में
जनजातीय
कार्य विभाग
के कितने
कर्मचारी का
स्थानांतरण
किया गया था?
उन
विद्यालय में
दर्ज छात्र-छात्राओं
की संख्या,
पदस्थ
शिक्षकों की
संख्या, विद्यालय
का नाम, कितने
दिव्यांग
कर्मचारी का
स्थानांतरण
किया गया
प्रतिलिपि
उपलब्ध
करवायें।
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) :
(क)
जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार
है। (ख) कार्यालय
विकासखण्ड
शिक्षा
अधिकारी
निसरपुर जिला
धार में जॉंच
के पश्चात 07
कर्मचारियों
पर एफ.आई.आर. दर्ज
की गई। शेष की
जॉंच प्रचलन
में है। एफ.आई.आर. की
प्रति की
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार
है। (ग) वर्ष 2025 में 263
शिक्षक/कर्मचारियों
के स्थानांतरण
किए गए है। 03 दिव्यांग
कर्मचारियों
के स्थानांतरण
किये गये। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार
है।
खरीदी गई सामग्री
की जानकारी
[वन]
50. ( क्र. 2824 ) श्री
नारायण सिंह
पट्टा : क्या
राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) वर्ष
2022-23
से प्रश्न
दिनांक तक
विभाग
अंतर्गत
मंडला जिले के
समस्त वन
मंडलों टाइगर
रिजर्वो के वन
मंडलों द्वारा
गई समस्त
प्रकार की
खरीदी के
बिलों की छायाप्रतियाँ
उपलब्ध कराएं?
सोलर
पैनल, मोबाइल,
बैटरी,
लीफ
ब्लोवर, ग्रास
कटर आदि
सामग्री की
खरीदी किस
प्रक्रिया से
की गई है? क्या यह
सही है कि अधिकतर
कार्यालयों
द्वारा एक ही
फर्म या एक ही
व्यक्ति की
अलग- अलग
फर्मों से
खरीदी की गई
है? क्या यह सही
है कि खरीदी
गई सामग्री के
मूल्य सामान्य
बाजार के
मूल्य से अधिक
हैं? (ख) उक्त
खरीदी में
किन-किन के
द्वारा खरीदी
प्रक्रिया का
पालन नहीं
किया गया है?
क्या
अधिकतर वन
मंडलो के
द्वारा 2.5 लाख से
ऊपर की खरीदी
में भी टेंडर
प्रक्रिया का
पालन नहीं
किया गया है?
बिना
टेंडर
प्रक्रिया के 2.5 लाख
रूपए से
ज्यादा से की
जितनी भी
खरीदी जिन-जिन
के द्वारा की
गई है, उसके बिलों
की छायाप्रति
व भुगतान की
जानकारी
उपलब्ध
करावें? (ग) उत्तर
सामान्य
वनमण्डल
बालाघाट जिला
लघु वनोपज संघ
उत्तर बालाघाट
में एवन
कंस्ट्रक्शन
कम्पनी को
डी.एफ.ओ. अभिनव
पल्लव द्वारा
नियम विरूद्ध
लाभ पहुंचाने के
सम्बन्ध में
कोई जाँच की
गई है? यदि हाँ तो
जाँच
प्रतिवेदन
उपलब्ध कराएं?
संबंधित
डी.एफ.ओ. व एवन
कंस्ट्रक्शन
कम्पनी के
विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
जा रही है?
वन
सुरक्षा
समिति लामता
के अध्यक्ष
शत्रुघ्न
असाटी के
शिकायत पत्र व
जाँच
प्रतिवेदन भी
उपलब्ध कराएं?
(घ) क्या यह
सही है कि वन
क्षेत्रपालों
म.प्र. शासन वन
विभाग की
अधिसूचना
क्रमांक/एफ3-47195110-1,
दिनांक
07-07-1997
द्वारा
राजपत्रित
अधिकारी
घोषित किया
गया है? क्या
उनकी सेवा
शर्तें म.प्र.
तृतीय श्रेणी
(अलिपिकीय) वन
सेवा भर्ती
नियम 1967 से शासित
हैं? क्या वन
क्षेत्रपालों
की सेवा
शर्तें बनाई जा
रही हैं? यदि हाँ
तो कब तक यदि
नहीं तो क्यों?
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) :
(क) प्रथम
भाग की जानकारी
संकलित की जा
रही है। सोलर
पैनल, मोबाईल,
बैटरी,
लीफ
ब्लोवर, ग्रास
कटर सामग्री
यथा संशोधित
म.प्र. भण्डार
क्रय तथा सेवा
उपार्जन नियम 2015 के
प्रावधान
अनुसार क्रय
की गई है।
फर्म का चयन
निविदा से
प्राप्त
न्यूनतम दर के
आधार पर क्रय
समिति द्वारा
प्रचलित
बाजार दरों का
परीक्षण कर
अनुशंसा के
आधार पर किया
गया है, अत: शेष
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) उक्त
क्रय की गई
सामग्री
म.प्र. भण्डार
क्रय तथा सेवा
उपार्जन नियम 2015 के
अनुसार किया
गया है। रूपये
2.5 लाख
से अधिक राशि
की सामग्री का
क्रय टेंडर
प्रक्रिया का
पालन कर किया
गया है। शेष
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) जी हाँ।
संबंधित वन
मण्डलाधिकारी
के विरूद्ध
राज्य शासन के
पत्र दिनांक 10/07/2025 से आरोप
पत्र जारी
किया गया है।
अनुशासनात्मक
कार्यवाही
पूर्ण होने पर
कार्यवाही गुण-दोष
के आधार पर
निर्भर है।
प्रश्नांश
की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में है। (घ) जी हाँ।
सेवा शर्तें
म.प्र. तृतीय
श्रेणी सेवा
(अलिपिकीय) वन
सेवा भर्ती 1967 में
शासित है। वन
क्षेत्रपालों
की सेवा शर्तें
संबंधी नियम
बनाने की
प्रक्रिया
में है, समय-सीमा
बताना संभव
नहीं है।
रोड
मुवेंट एवं
रैकपाइंट
[खाद्य,
नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
51. ( क्र. 2838 ) सुश्री
रामश्री (बहिन
रामसिया
भारती) राजपूत
: क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) प्रदेश
में वर्ष 1 जनवरी, 2022 से
प्रश्न
दिनांक तक
नागरिक
आपूर्ति
विभाग एवं
अन्य विभागों
द्वारा कब-कब,
किस-किस
जिला से
किन-किन
वाहनों से रोड
मुवेंट एवं
रैकपॉइंट से
कितना-कितना
वजन गेहूं,
चावल,
शक्कर
एवं नमक का
उठाव कर
नागरिक
आपूर्ति विभाग
एवं एफसीआई
एवं अन्य
विभागों को
भेजा गया है? उक्त
भेजे गए गेहूं
एवं चावल को
कब-कब किस जिले
का एफसीआई एवं
अन्य विभागों
द्वारा
रिजेक्ट किया
गया है, क्यों?
(ख) क्या
अन्य जिलों से
जिला छतरपुर
में रैकपॉइंट
एवं रोड
मुवेंट से
भेजा गया
गेहूं एवं
चावल की
गुणवत्ता की
जांच कर
वेयरहाउस में
भण्डारण किया
जाता है? यदि हाँ
तो क्या उक्त
भण्डारण को
शासकीय उचित मूल्य
दुकान में
प्रदाय किया
जाता है? (ग) यदि हाँ
तो क्या शासन
के नियम
अनुसार
वेयरहाउस में
लगे स्टेक की
जांच कमेटी या
कनिष्ठ आपूर्ति
अधिकारी
द्वारा गेहूं
एवं चावल की
गुणवत्ता एवं
नमी मापक
यंत्र से नमी
का परीक्षण या
जांच करने के
उपरांत
शासकीय उचित
मूल्य
दुकानों में
भेजा जाता है?
यदि
हाँ तो क्या
जांच एवं
परीक्षण किया
गया है? यदि
नहीं तो क्यों?
यदि
हाँ तो वर्ष
दि. 01 जनवरी, 2022 से
प्रश्न
दिनांक तक की
गई जांच एवं
परीक्षण
प्रतिवेदन की
प्रति उपलब्ध
कराई जाए।
संदेह होने पर
वेयरहाउस में
रखे नमी मापक
यंत्र एवं
गुणवत्ता की
जांच कब कौन
कर सकता है?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क) से
(ग)
जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
अजजा
बाहुल्य में
कन्या आश्रम
का निर्माण
[जनजातीय
कार्य]
52. ( क्र. 2839 ) श्री
भंवर सिंह
शेखावत : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
जनजातीय
कार्य विभाग
द्वारा
विधानसभा क्षेत्र
बदनावर, जिला
धार अंतर्गत
दीर्घावधि से
लंबित अजजा बाहुल्य
ग्राम, ग्राम
ईमलीपाडा,
छायन
या अन्य
नजदीकी स्थान
तहसील बदनार,
जिला
धार में कन्या
आश्रम का
निर्माण किया
जाना
प्रस्तावित
है तथा इस
संबंध में
सहायक आयुक्त,
जनजातीय
कार्य विभाग,
धार
द्वारा पत्र
क्रमांक 9426,
दिनांक
04.08.2023
को आयुक्त,
जनजातीय
कार्य भोपाल
को प्रेषित
किया गया था?
(ख) यदि हाँ,
तो
उक्त ग्राम
में कन्या
आश्रम का
निर्माण
कार्य कब
प्रारंभ होगा?
(ग) क्या इस
निर्माण हेतु
स्वीकृति एवं
बजट आवंटन
प्राप्त हो
चुका है? (घ) यदि
नहीं, तो निर्माण
में देरी का
कारण क्या है
तथा इसे कब तक
प्रारंभ किया
जाएगा?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) :
(क) जी हां,
कन्या
आश्रम भवन
ईमलीपाड़ा
भवन निर्माण
की नवीन स्वीकृति
का प्रस्ताव
जिले से
प्राप्त हुआ
है, छायन में
आश्रम भवन
संचालित नहीं
है। (ख) कन्या
आश्रम
ईमलीपाड़ा
नवीन भवन
निर्माण स्वीकृत
किए जाने की
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है, भवन
निर्माण
प्रारंभ किए
जाने की समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(ग) जी
नहीं। (घ) विभाग
में योजनान्तर्गत
उपलब्ध
आवंटन की सीमा
में भवन
निर्माण
कार्य स्वीकृत
किये जाते है
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
पी.एम.
जनमन योजना का
क्रियान्वयन
[जनजातीय
कार्य]
53. ( क्र. 2843 ) श्री
प्रणय प्रभात
पांडे : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) पी.एम.
जनमन योजना
क्या है? इसके
अंतर्गत कटनी
जिले के
कौन-कौन से
ग्राम सम्मिलित
किये गये हैं?
ग्रामों
की सूची
देवें। (ख) प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित
योजनान्तर्गत
क्या कटनी
जिले के विशेष
पिछड़ी जनजाति
बैगा के
हितग्राहीमूलक
योजनान्तर्गत
आधारकार्ड
एवं आयुष्मान
भारत कार्ड
बनाये गये हैं?
यदि
हां, तो
ग्रामवार
हितग्राहियों
के नाम सहित
सूची देवें,
यदि
नहीं बनाये
गये हैं, तो कब तक
बनाये
जावेंगे, बतलावें?
(ग) पी.एम. जनमन
योजनान्तर्गत
कटनी जिले में
कहां-कहां पर कितने
बहुउद्देशीय
केन्द्र
(एम.पी.सी.) एवं
आंगनवाड़ी
स्वीकृत हैं,
बतलावें?
सूची
देवें, यदि
नहीं बनाये
गये हैं, तो कब तक
बनाये
जायेंगे, बतलावें?
(घ) क्या
विशेष पिछड़ी
जनजाति
बैगा-भारिया-सहरिया
को
मध्यप्रदेश
शासन की योजना
आहार अनुदान
योजनान्तर्गत
1500/- प्रतिमाह
दिया जाता है,
यदि
हां, तो कटनी
जिले में बैगा
महिला मुखिया
को उक्त योजना
के लाभ से
क्यों वंचित
रखा गया है?
कटनी
जिले की बैगा
महिला मुखिया
को इस योजना का
लाभ कब से
प्राप्त हो
सकेगा?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) :
(क) विशेष
रूप से कमजोर
जनजातीय
समूहों
(पीवीटीजी) के
परिवारों और
बस्तियों को
बुनियादी
सुविधाओं और
सेवाओं से
परिपूर्ण
करके उनकी
सामाजिक-आर्थिक
स्थिति में
सुधार लाने के
उद्देश्य से
भारत सरकार,
जनजातीय
कार्य
मंत्रालय नई
दिल्ली
द्वारा विशेष
पिछड़ी
जनजातियों के
लिए पीएम जनमन
योजना प्रारम्भ
की गई है।
कटनी जिले के
सम्मिलित
ग्रामों की
सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–एक
अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन अनुसार है। (घ) जी
हाँ। प्रदेश
के पीवीटीजी
बाहुल्य
जिले- शहडोल,
उमरिया,
अनूपपुर,
डिण्डोरी,
मंडला,
बालाघाट,
छिन्दवाड़ा,
ग्वालियर,
शिवपुरी,
गुना,
अशोकनगर,
दतिया,
श्योपुर,
मुरैना
एवं भिण्ड
में आहार
अनुदान योजना
अन्तर्गत 1500/-प्रतिमाह
भुगतान किया
जा रहा है।
कटनी सहित प्रदेश
के अन्य
जिलों में भी
विशेष पिछड़ी
जनजाति की सभी
पात्र महिला
मुखियाओं को
आहार अनुदान
योजना का लाभ
दिये जाने का
प्रस्ताव
निर्णित नहीं
हुआ। समय-सीमा
बताया जाना संभव
नहीं है।
आदिवासी
क्षेत्र के
विद्यालयों
में शिक्षा का
आधुनिकीकरण
[जनजातीय
कार्य]
54. ( क्र. 2906 ) श्री
कमलेश्वर
डोडियार : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जिला
रतलाम के
सैलाना
विधानसभा
क्षेत्र में आदिवासी
बाहुल्य
ग्रामों के
शासकीय
विद्यालयों
में आधुनिक
युग के अनुसार
स्मार्ट
क्लास एवं
अंग्रेजी
माध्यम की
शिक्षा व्यवस्था
की कोई योजना
शासन के पास
है? जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ख) क्या
सरकार द्वारा
शिक्षकों को
स्मार्ट क्लास
संचालन एवं
अंग्रेजी
माध्यम की
शिक्षा हेतु
विशेष
प्रशिक्षण
दिया गया है?
यदि
हाँ, तो कितने
शिक्षकों को
प्रशिक्षण
दिया गया
जानकारी
बतावें? आदिवासी
विद्यार्थियों
की शैक्षणिक
गुणवत्ता
सुधारने हेतु
शासन द्वारा
भविष्य में और
कौन-कौन सी
डिजिटल एवं
शैक्षिक
योजनाएं प्रस्तावित
हैं? जानकारी
बतावें।
(ग) क्या
सैलाना
विधानसभा
क्षेत्र, जो कि
आदिवासी
बाहुल्य
क्षेत्र है,
वहां
अभी तक
स्मार्ट
क्लास एवं
अंग्रेजी
माध्यम की
शिक्षा की
समुचित
व्यवस्था
नहीं की गई है?
यदि
हां, तो इसका
क्या कारण है
कि आधुनिक युग
में भी आदिवासी
विद्यार्थियों
को इस प्रकार
की बुनियादी
और
गुणवत्तापूर्ण
शिक्षा से
वंचित रखा जा
रहा है? (घ) क्या
सरकार की कोई
योजना है,
जिसके
अंतर्गत
आदिवासी
बाहुल्य
क्षेत्रों के
विद्यालयों
में स्मार्ट
क्लास, डिजिटल
शिक्षा व
अंग्रेजी
माध्यम की
पढ़ाई सुनिश्चित
की जाएगी?
यदि
हां, तो उसकी
विस्तृत
जानकारी
उपलब्ध
करावें।
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) :
(क) जिला
रतलाम के सैलाना
विधानसभा
क्षेत्र में
आदिवासी
बाहुल्य
ग्रामों के
शासकीय हाई
स्कूल/हायर
सेकेण्डरी
विद्यालयों
में आधुनिक
युग के अनुसार
शिक्षा विभाग
के द्वारा
जनजातीय
कार्य विभाग
के 18
विद्यालयों
में सूचना और
संचार
प्रौद्योगिकी
लेब स्थापित
किए गए है,
इसके
अन्तर्गत
प्रति
विद्यालय 10
कम्प्यूटर
युक्त लेब एवं
01
स्मार्ट टी.वी
की स्थापना की
गई है। इसी
प्रकार 08
विद्यालयों
में स्मार्ट
क्लास की
स्थापना की गई
है, इसके
अन्तर्गत
प्रति
विद्यालय 02
कक्षाओं को
स्मार्ट
क्लास में
परिवर्तित किया
गया है।
वर्तमान में
विभाग
अंतर्गत
अंग्रेजी
माध्यम से
शिक्षा व्यवस्था
संबंधी कोई
योजना नहीं
है। (ख) जी हां, स्मार्ट
क्लास संचालन
हेतु रतलाम
जिले के सैलाना
विधानसभा
क्षेत्र में
आदिवासी
बाहुल्य
ग्रामों के
शासकीय
विद्यालयों
में कुल 08
शिक्षको को स्मार्ट
क्लास
संचालन हेतु
प्रशिक्षण
दिया गया है।
अंग्रेजी
माध्यम से
शिक्षा व्यवस्था
संबंधी कोई
योजना नहीं
है। आदिवासी
विद्यार्थियों
की शैक्षणिक
गुणवत्ता
सुधारने हेतु
जनजातीय
कार्य विभाग
एवं शिक्षा
विभाग के
द्वारा
शिक्षकों को
प्रशिक्षित
किया जाता है।
नवीन शिक्षा
नीति के
अनुसार शिक्षा
विभाग द्वारा
निर्धारित
पाठ्यक्रम
अनुसार
योजनाएं
संचालित हैं।
। (ग) उत्तरांश
(क) के अनुसार।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) उत्तरांश
(क) एवं (ख) अनुसार।
नल-जल
योजना का
क्रियान्वयन
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
55. ( क्र. 2918 ) डॉ.
विक्रांत
भूरिया : क्या
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि (क) झाबुआ-अलीराजपुर-रतलाम
जिले में 2015-2025 तक
कितनी योजना
आवंटित हुई?
प्रत्येक का
कितना बजट रहा?
(ख) प्रश्नांश
(क) के
संबंध में
क्या (100%) शत्-प्रतिशत
घर-घर जल
पहुँचने का
लक्ष्य
प्राप्त हो
गया है क्या?
कितनी
योजनाएं
पूर्ण और
अपूर्ण है?
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके
) : (क) योजनाएं
आवंटित नहीं
की जाती हैं,
अपितु
जिलों को
विभागीय
योजनाओं के मद
में विभागीय
बजट से राशि
आवंटित की
जाती है।
प्रश्नाधीन
अवधि में
झाबुआ, अलीराजपुर
तथा रतलाम
जिलों में लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
विभाग द्वारा
प्रत्येक
जिले को
विभागीय बजट
से योजनाओं के
लिये प्रश्नांकित
अवधि में
आवंटित राशि
की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है। (ख) जी नहीं।
शत-प्रतिशत
घर-घर जल
पहुँचाने के
लिये जल जीवन
मिशन के
अंतर्गत
स्वीकृत की गई
नल-जल योजनाओं
की जानकारी
भारत सरकार के
पोर्टल पर प्रविष्टि
कराई गई है जो
निम्नांकित
लिंक पर उपलब्ध
है https://ejalshakti.gov.in/JJM/
JJMReports/SchemeVerification/JJMRep _Schemereport_PWS.aspx
वायु
गुणवत्ता का
सूचकांक
[पर्यावरण]
56. ( क्र. 2925 ) श्री
सुरेश राजे : क्या
राज्य
मंत्री, पर्यावरण
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) डबरा
विधानसभा
क्षेत्र के
बिलौआ स्थित
क्रेशर
मार्किट एवं
उससे सटे हुए
गाँव, वार्ड, दफाई का
वायु
गुणवत्ता
सूचकांक क्या
है? (ख) क्या इन
क्षेत्र का
वायु
गुणवत्ता
सूचकांक सामान्य
है या सीमा के
अंतर्गत है?
यदि
सामान्य नहीं
है तो क्या
कारण है? (ग) क्या
क्रेशर
मार्केट
द्वारा एवं
मार्केट से निकलते
वाहनों
द्वारा अधिक
मात्रा में
उत्पन्न हुई
धूल, मिटटी, धुआं की
शिकायत
पर्यावरण
विभाग को
प्राप्त हुई?
यदि
हाँ तो क्या
कार्यवाही की
गई? यदि
कार्यवाही
नहीं की गई तो
क्यों? यदि
शिकायत
प्राप्त नहीं
हुई तो कब-कब,
किस-किस
दिनांक को
सक्षम
अधिकारी
द्वारा इस क्षेत्र
का दौरा कर
पर्यावरणीय
क्षति का जायजा
लिया गया?
जांच
रिपोर्ट की
प्रति उपलब्ध
करवाएं।
राज्य
मंत्री, पर्यावरण
( श्री दिलीप
अहिरवार ) :
(क) दिनांक 05/07/2025 को
सूचकांक 119 था। (ख) मध्यम
श्रेणी का है,
जिसका
कारण स्टोन
क्रेशर्स,
गिट्टी/बोल्डर
की खदानें एवं
वाहनों का
यातायात है। (ग)
जी हाँ।
इकतीस स्टोन
क्रेशर्स को
संचालन बन्द
करने के
निर्देश जारी
किये गये हैं।
इस संबंध में
माननीय राष्ट्रीय
हरित अधिकरण
सेन्ट्रल
ज़ोन, भोपाल में
भी प्रकरण
क्रमांक ओ.ए. 197/2024
चलायमान है।
शेष प्रश्न
उपस्थित
नहीं होता।
नलकूप
खनन एवं
हेण्डपम्प
मेंटेनेंस
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
57. ( क्र. 2933 ) श्री
निलेश
पुसाराम उईके
: क्या
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह बताने
की कृपा
करेंगी कि
(क) प्रदेश
के जोनल
कार्यालय-जबलपुर
के अंर्तगत जिलों
में वर्ष 2023 से आज
दिनांक तक
हेण्डपम्प
मेंटेनेंस,
नलकूप
खनन, बन्द नलजल
योजना, जल जीवन
मिशन व अन्य
मदों में
प्राप्त राशि
की मदवार,
वर्षवार
जानकारी
देवें। (ख) क्या
प्रश्नांश
(क) में वर्णित
जिलों में
ग्रेवल पेक्ट
ट्यूबवेल खनन
किया गया हैं?
यदि
हाँ तो उनकी
जानकारी जिला
व स्थानवार,
प्रति
नलकूपवार
व्यय राशि एवं
इस बाबत प्राप्त
अनुमति की
जानकारी
देवें। क्या
उक्त ग्रेवल
पेक्ट
अधिकत्तर
ट्यूबवेल के
स्थान पर साधारण
नलकूप खनित हो
सकते थे? यदि हाँ
तो ऐसा क्यों
नहीं किया गया?
क्या
ऐसा न करने
वाले अधिकारी
के विरुद्ध
शासन/विभाग
द्वारा
कार्यवाही की
जावेगी? (ग) क्या
वर्ष 2024 से आज
दिनांक तक
विभाग के
प्रदेश
प्रमुख अधिकारी
ENC व
शासन प्रमुख
अधिकारी PS
के
विरुद्ध
शासन/विभाग
में कोई शिकायत/पत्र
जनप्रतिनिधियों
व अन्य के
द्वारा प्राप्त
हुए है? यदि हाँ
तो उनकी
जानकारी नाम व
तिथि सहित
देवें। क्या
उस पर शासन
द्वारा कोई
कार्यवाही की
गई? (घ) क्या
जिला
पांढुर्ना/छिंदवाड़ा
में वर्तमान सत्र
में हैंडपंप
मेंटेनेंस,
जल
जीवन मिशन,
बन्द
नल-जल योजना
का संधारण व
अन्य मदो में
मांग के
विरुद्ध
शासन/विभाग
द्वारा
पर्याप्त
राशि स्वीकृत
की गई है? यदि
नहीं तो कब तक
स्वीकृत कर दी
जावेगी?
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके
) : (क)
से (घ) जानकारी
संकलित की जा
रही है।
प्रधानमंत्री
जनमन योजना का
क्रियान्वयन
[जनजातीय
कार्य]
58. ( क्र. 3004 ) श्री
राजेन्द्र
भारती : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
जनजाति
विभाग के
अंतर्गत
आदिवासियों
के विकास तथा
मूलभूत आवश्यकताओं
से संबंधित
विकास कार्य
किये जाते है यदि
हाँ तो प्रधानमंत्री
जनमन योजना की
सभी
गतिविधियों भी
शामिल है? यदि हाँ
तो अलग-अलग
संपूर्ण
जानकारी
प्रदान करें। (ख) दतिया
जिला में
सहरिया जाति
एवं अन्य
आदिवासी
जातिया निवास
करती है? यदि हाँ
तो चिन्हित स्थानों,
ग्राम,
मोहल्लों
बस्तियों तथा
शहरी
क्षेत्रों के
वार्डों का
उल्लेख करते
हुए बताएं कि
उक्त स्थानों
पर विभाग
द्वारा क्या-क्या
कार्य किये
गये है तथा
कौन-कौन से
कार्य प्रस्तावित
हैं? क्या जिला
प्रशासन
द्वारा
आवासहीन-आदिवासियों
को
प्रधानमंत्री
जनमन योजना
में आवास स्वीकृत
किये गये हैं?
यदि
नहीं तो क्यों?
कृपया
कारण सहित
बताये तथा यदि
हाँ तो आवास
कब तक दिये
जायेगे? (ग) क्या
प्रश्नकर्ता
द्वारा शासन
प्रशासन को
पत्र क्रमांक 154/2024 दि. 25-09-24, वडा/2025 दि.29-03-25,
566/2025 दि. 5-4-25,
990/2025, दि.10-04-25,
1074/2025 दि. 26-04-2025,
1337/2025 दि. 03-07-25,
1317, 1318/2025 दि. 27-06-25,
1209, 1210,1211, 1212/2025 दि.24-05-25, द्वारा
अनु.जाति एवं
अनु.जनजाति
वर्ग की समस्याओं
एवं आवश्यकताओं
तथा मांगों के
संबंध में
प्रेषित किये
गये हैं? यदि हाँ
तो विभाग
द्वारा उक्त
समस्याओं के
निराकरण में
क्या
कार्यवाही की गई
हैं? कृपया
अद्यतन
जानकारी
प्रदान करते
हुए बतायें कि
वर्ष 2025-26 वित्तीय
वर्ष में उक्त
समस्याओं का
निराकरण कर
मांगों को
पूरा किया
जायेगा? यदि
नहीं तो क्यों
कारण सहित
बतायें और यदि
हाँ तो कब तक?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) :
(क) जी हां,
परन्तु
पीएम जनमन
योजना अन्तर्गत
सभी जनजाति
नही, अपितु
विशेष पिछड़ी
जनजाति यानि
बैगा, भारिया एवं
सहरिया
जनजातियों को
लाभान्वित किया
जा रहा है।
लाभान्वित की
जाने वाली
गतिविधियों
की जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्टि-एक अनुसार है। (ख) दतिया
जिले में सहरिया
जनजाति निवास
करती है, जो चिन्हित
79
ग्रामों/बसाहटों
में निवास
करती है। जनमन
योजना अन्तर्गत
9
विभागों की 11
गतिविधियां
संचालित है।
दतिया जिले
में कराये
गये/प्रस्तावित
कार्यों का
विवरण पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-दो अनुसार है।
प्रधानमंत्री
जनमन योजना अंतर्गत
जिला प्रशासन
द्वारा
आवासहीन सहरिया
आदिवासियों
को आवास स्वीकृत
किए गए है। अत:
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) मान.
प्रश्नकर्ता
द्वारा लिखे
गये पत्र क्र. 1074,
दि. 26.4.25, क्र. 990 दिनांक 26.4.25,
क्र. 1337 दि. 3.7.25 एवं क्र. 1209 दि. 24.5.25
संबंधितों को
आवश्यक
कार्यवाही
हेतु भेजे गये
है तथा
समय-समय पर स्मरण
भी कराया गया
है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-तीन अनुसार है।
वन
भूमि पर कब्जाधारियों
को पट्टा दिया
जाना
[जनजातीय
कार्य]
59. ( क्र. 3005 ) श्री
राजेन्द्र
भारती : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) वन
विभाग की भूमि
पर वर्ष 1980 और उससे
पूर्व से
प्रश्न
दिनांक तक रहे
कब्जाधारियों
को सरकार
द्वारा पट्टा
देने की योजना
हैं? यदि नहीं तो
क्यों? कृपया
कारण सहित
बताएं तथा
शासन द्वारा
कार्यवाही की
जा रही हैं।
यदि हाँ तो
अवगत कराते
हुए बताएं कि
पट्टे कब तक
प्रदान किये
जायेंगे? कृपया
म.प्र. में
जिलावार कब्जाधारियों
की संख्या
बताते हुए
दतिया जिला के
कब्जाधारियों
के नाम, पता,
सहित
संपूर्ण
जानकारी दें। (ख) क्या
वन विभाग
द्वारा दतिया
जिले में
सामाजिक वानिकी
के अंतर्गत 2020 से 2025 तक
पौधारोपण
किया गया है?
यदि
हाँ तो वर्ष 2020 से 2025 तक स्थान
एवं लगाये गए
पौधों की संख्या
और आज दिनांक
में जीवित
पौधों की संख्या
सहित वर्षवार
व्यय हुई
राशि की
अलग-अलग
जानकारी
प्रदान करें। (ग) क्या
दतिया जिला
में राजस्व
एवं वन विभाग
की भूमि के
विवाद हैं?
यदि
हाँ तो
तहसीलदार-ग्रामवार
अलग-अलग उल्लेख
करते हुए
बतायें तथा
उनके निराकरण
के लिए वन
विभाग एवं
राजस्व
विभाग द्वारा
अभी तक क्या
कार्यवाही की
गई? (घ) क्या
वन
विभाग-राजस्व
विभाग भूमि के
विवाद न्यायालयों
में भी
विचाराधीन
हैं? क्या वन
विभाग
अंतर्गत
घूघसी, हिनैतिया,
डिडोरा,
डगराकुआ,
सेवढा
और भाण्डेर
में वन भूमि
से किये जा
रहे अवैध रेत
उत्खन्न को
रोकने के
संबंध में वन
विभाग द्वारा
हुए अवैध उत्खनन
की
क्षतिपूर्ति
और वसूली के
लिए तकनीकी तरीके
से जांच आदि
कराई गई हैं?
यदि
नहीं तो क्यों?
कारण
सहित बताएं।
क्या विभाग
पर्यावरण एवं
नदी के जलस्तर
बनाये रखने के
लिए और
शासन/जनता के
हितों को
देखते हुए
जांच करायेगा?
यदि
हाँ तो कब तक?
कृपया
जांच रिपोर्ट
प्रस्तुत
करें।
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) :
(क) वन भूमि
पर वर्ष 1980 और उससे
पूर्व के कब्जाधारियों
को पात्रता
अनुसार वन
अधिकार अधिनियम
2006 के
अंतर्गत वन
अधिकार पत्र
दिये जाते है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। वन
अधिकार पत्र
दिये जाने की
प्रक्रिया
अर्ध न्यायिक
स्वरूप की
है। वन अधिकार
के दावों का
निराकरण त्रि-स्तरीय
वन अधिकार
समितियों के
द्वारा किया
जाता है।
दावेदार को
उपखंड एवं
जिला स्तर पर
अपील का
प्रावधान
होने से दावों
के निराकरण की
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
जिलेवार कब्जाधारियों
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''एक'' पर तथा
दतिया जिले के
कब्जाधारियों
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''तीन''
अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट- ''चार''
अनुसार है। (घ) जी हाँ।
वनमंडल दतिया
अंतर्गत
घुघसी, हिनौतिया,
डंगराकुऑ,
सेंवढ़ा
और भाण्डेर
में वनभूमि से
कोई अवैध रेत
उत्खनन नहीं
किया गया है।
अवैध रेत उत्खनन
के प्रयास को
तत्समय ही
विफल कर दिया
जाता है। अत:
अवैध उत्खनन
की
क्षतिपूर्ति
और वसूली के
लिये तकनीकी तरीके
से जांच कराये
जाने एवं शेष
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
वृद्धाश्रमों
की जानकारी
[सामाजिक
न्याय एवं
दिव्यांगजन
कल्याण]
60. ( क्र. 3035 ) श्री
सचिन
सुभाषचंद्र
यादव : क्या
सामाजिक न्याय
एवं दिव्यांगजन
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) खरगोन
जिले में
वृद्धाश्रम
संचालित किये
जा रहे हैं?
अगर
हाँ तो
विधानसभावार
विवरण दें। (ख) इन
आश्रमों का
संचालन एवं
संधारण विभाग
द्वारा किया
जा रहा है या
किसी निजी
संस्थान/एजेन्सी
द्वारा किया
जा रहा है,
अगर
निजी संस्था
द्वारा किया
जा रहा है तो
कब से? विवरण दें। (ग) वृद्धाश्रमों
में
वृद्धजनों को
क्या-क्या सुविधाएं
मुहैया करवाई
गई है? क्या इस पर
होने वाला
व्यय शासन
द्वारा दिया जाता
है, अगर हाँ तो
वर्ष 2013 से प्रश्न
दिनांक तक
प्रदाय की गई
राशि का
आश्रमवार विवरण
दें? (घ) विधानसभा
क्षेत्र
कसरावद के
नगरीय
क्षेत्र कसरावद
में अंध, मूक-बधिर
शाला प्रारंभ
किये जाने का
कोई प्रस्ताव
है? यदि हाँ तो
कब तक
स्वीकृति
प्रदान की
जावेगी?
सामाजिक
न्याय एवं
दिव्यांगजन
कल्याण
मंत्री ( श्री
नारायण सिंह
कुशवाह ) :
(क) जी हाँ।
खरगोन जिले
में 03
वृद्धाश्रम
संचालित है,
विधानसभा
क्षेत्र
महेश्वर-01-नगर
परिषद महेश्वर,
विधानसभा
क्षेत्र
कसरावद-01 सरस्वती
साहित्य
संगम महेश्वर
शाखा
खलबुजुर्ग,
विधानसभा
क्षेत्र
खरगोन-01 सेवा
भारती खरगोन
द्वारा
संचालित। (ख) 02
वृद्धाश्रमों
का संचालन
स्वयं सेवी
संस्थाओं
(एन.जी.ओ.) -सरस्वती
साहित्य
संगम महेश्वर
आशा निकेतन
वृद्धाश्रम
खलबुजुर्ग-कसरावद
02 मार्च
2015, आनंदधाम
वृद्धाश्रम
खरगोन सेवा
भारती शाखा खरगोन
01
अप्रैल, 2023 एवं
आनंद बसेरा
वृद्धाश्रम
महेश्वर नगर
परिषद महेश्वर
द्वारा 29 मार्च, 2013 से किया
जा रहा है। (ग) वृद्धाश्रमों
में
वृद्धजनों को
भोजन, आवास, चिकित्सा,
पेंशन
की सुविधा
उपलब्ध कराई
जा रही है।
उक्त पर होने
वाला व्यय
शासन की निराश्रित
निधि से किया
जाता है। वर्ष
2013 से
प्रश्न
दिनांक तक
(एन.जी.ओ.)
द्वारा
संचालित
वृद्धाश्रमों
में होने वाले
व्यय की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार
हैं। आनंदधाम
वृद्धाश्रम
खरगोन सेवा
भारती को कोई
अनुदान शासन द्वारा
नहीं दिया
गया। (घ) जी
नहीं। विभाग
द्वारा
शासकीय
दृष्टि एवं श्रवण
वाधितार्थ
उच्चतर माध्यमिक
विद्यालय
खरगोन में
संचालित होने
के कारण
कसरावद
क्षेत्र में
पृथक
विद्यालय की
आवश्यकता
नहीं हैं।
पेयजल
आपूर्ति के
लिये हैण्डपम्पों
की मरम्मत
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
61. ( क्र. 3036 ) श्री
सचिन
सुभाषचंद्र
यादव : क्या
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि
(क) खरगोन
जिले अंतर्गत
कसरावद
विधानसभा
क्षेत्र में
ऐसे कितने ग्राम
है जिनमें
हैण्डपंप तो
लगे हुए है
परन्तु हैण्डपम्प
खराब होने के
कारण
ग्रामीणों को
पेयजल नहीं
मिल रहा है?
(ख) क्या
विधानसभा
क्षेत्र
कसरावद में
पेयजल व्यवस्था
के सुचारू
संचालन हेतु
विभाग पास
पर्याप्त
सिंगल फेस मोटर
पंप, पाईप और
अन्य उपकरण
उपलब्ध हैं?
अगर
हाँ तो ग्राम
हतोला में
खराब हुए
हैण्डपम्प को
सुधारा क्यों
नहीं गया?
(ग) विधानसभा
क्षेत्र
कसरावद में
हैण्डपम्प मैकेनिकों
और सहायकों के
कितने पद हैं?
कितने
रिक्त हैं, कितने
भरे गये हैं?
(घ) हैण्डपम्प
मरम्मत का
कार्य इन
विभागीय
मैकेनिकों से
कराया जा रहा
है या किसी
अन्य
एजेन्सी/ठेकेदार
के द्वारा
किया जा रहा
है? अगर हाँ तो
ठेकेदार का
नाम सहित
विवरण दें।
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके
) : (क) खरगोन
जिले
अन्तर्गत
कसरावद
विधानसभा
क्षेत्र में
ऐसे कोई भी
ग्राम नहीं है,
जहाँ
स्थापित
हैण्डपंपों
के खराब होने
के कारण ग्रामीणों
को पेयजल नहीं
मिल रहा है। (ख) जी हां,
ग्राम
हतोला ग्राम
पंचायत मलतार,
विकासखण्ड
कसरावद, विधानसभा
क्षेत्र
कसरावद के
पाटीदार
मोहल्ले में
स्थित
हैण्डपम्प का
पैडस्टल
टूटने के कारण
बंद हो गया था,
पैडस्टल
में वेल्डिंग
एवं आवश्यक
मरम्मत कर हैंडपंप
चालू कराया जा
चुका है। (ग) विधानसभा
क्षेत्रवार
मैकेनिकों और
सहायकों के पद
स्वीकृत नहीं
किए जाते हैं,
वर्तमान
में विधानसभा
क्षेत्र
कसरावद में 02
हैंडपंप
मैकेनिक
कार्यरत हैं।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) हैण्डपंप
मरम्मत का
कार्य
विभागीय
मैकेनिकों की
मॉनिटरिंग
में किया जा
रहा है, विधानसभा
क्षेत्र
कसरावद के
अन्तर्गत
विकासखण्ड
कसरावद एवं
भीकनगांव में
एजेंसी मेसर्स
जगताप
इंजीनियरिंग
वर्कशाप, खण्डवा
द्वारा
हैण्डपंपों
के लघु एवं
वृहद् सुधार
कार्य हेतु
मानव संसाधन
उपलब्ध कराये
जा रहे हैं।
माझी
जनजाति को
अनुसूचित
जनजाति के
प्रमाण-पत्र
[जनजातीय
कार्य]
62. ( क्र. 3042 ) डॉ.
हिरालाल
अलावा : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
विधानसभा-प्रश्न
क्र.-1121
उत्तर-दिनांक 13/03/2023 द्वारा
मध्यप्रदेश
अनुसूचित
जनजाति माझी के
पर्याय केवट,
मल्हार,
भोई,
ढीमर
होना स्वीकार 07.01.1950 के
अनुसार किया
गया है? (ख) क्या
सर्वोच्च
न्यायालय के
निर्देश
उपरांत गठित
जनजाति-छानबीन
समिति के
निर्णय
दिनांक-18.03.2019
कार्यालय
जनजाति
आयुक्त
जनजाति कार्य
विभाग
मध्यप्रदेश पत्र-क्रमांक
जा.प्र.स./1475/2014/8802 दिनांक-05.04.2019 अनुसार
मध्यप्रदेश
अनुसूचित
जनजाति मांझी जाति
का परंपरागत
व्यवसाय
बिंदु क्र.8
(घ) में
जल कृषि, मजदूरी
नाव चलाना एवं
बिंदु क्र. 11.2 में मूल
धंधा मछली
पकड़ना स्वीकार
किया गया है?
यदि
हाँ तो
प्रमाणित
प्रति उपलब्ध
कराएं। (ग) प्रदेश के
संपूर्ण माझी
जनजाति के
परंपरागत धंधा
मछली पकड़ना, नाव
चलाने वाले
समुदाय को
अनुसूचित
जनजाति के
जाति
प्रमाण-पत्र
क्यों जारी
नहीं किये जा
रहे हैं? (घ) दिनांक 06/08/2018 को
माननीय
तत्कालीन मंत्री
श्री
अंतरसिंह
आर्य की
अध्यक्षता में
मंत्रिमंडलीय
समिति ने पाया
कि ढीमर, केवट,
कहार,
भोई,
निषाद,
मल्लाह
जातियां माझी
अनुसूचित
जनजाति में समाहित
है तथा इनमें
प्राकृतिक
रूप से भिन्नता
नहीं है? यदि हाँ
तो वह रिपोर्ट
पूरे
दस्तावेज के
साथ देवें। (ड.) 06/08/2018 के
पूर्व समस्त
समितियों जो
ढीमर, केवट, कहार,
भोई,
मल्लाह
आदि जातियों
को माझी
अनुसूचित
जनजातियों के
साथ जोड़ने के
संबंध में
गठित समस्त समितियां
की रिपोर्ट
उपलब्ध
देवें। (च)
राज्य सरकार
द्वारा माझी
जनजाति और
उसकी उपजातियों
को अनुसूचित
जनजाति के लाभ
देने के लिए
अभी तक केंद्र
सरकार से किए
गए पत्राचार
की समस्त प्रतियां
देवें?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) :
(क) जी हां। (ख) जी
नहीं। राज्य
उच्च स्तरीय
छानबीन समिति
द्वारा पारित
निर्णय दिनांक
18.03.2019
में अनावेदक
द्वारा
प्रारूप-7 में दी
गई जानकारी
अनुसार
अनावेदक के
परंपरागत व्यवसाय
का उल्लेख
किया गया है। (ग) मध्यप्रदेश
राजपत्र
(असाधरण)
दिनांक 05 अप्रैल, 1997 पिछडा
वर्ग एवं अल्पसंख्यक
कल्याण
विभाग
मंत्रालय वल्लभ
भवन भोपाल
द्वारा
दिनांक 02 अप्रैल, 1997 द्वारा
पिछडा वर्ग की
जातियों के
संबंध में
परंपरागत व्यवसाय
एवं कैफियत के
संबंध में
नोटिफिकेशन जारी
किया गया है,
जिसमें
मध्यप्रदेश
के लिए अन्य
पिछड़ा वर्ग
की सूची
क्रमांक 12 पर
अधिसूचित
जाति ''ढीमर, भोई,
कहार,
कहरा,
धीवर/मल्लाह/नावड़ा/तुरहा,
केवट,
(कश्यप,
निषाद,
रायकवार,
बाथम),
कीर
(भोपाल, रायसेन,
सीहोर
जिलों को
छोड़कर)
व्रितिया
(वृतिया) सिंगरहा,
जालारी
(जालारनलु बस्तर
जिले में)
सोंधिया'' जातियों
के संबंध में
परंपरागत व्यवसाय
मछली पकड़ना,
पालकी
ढोना, घरेलु
नौकरी करना,
सिंघाड़ा
व कमल गट्आ
उगाना, पानी
भरना, नाव चलाना
बताया गया है।
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार
है। मध्यप्रदेश
शासन सामान्य
प्रशासन
विभाग आरक्षण
प्रकोष्ठ
द्वारा
अनुसूचित
जाति, अनुसूचित
जनजाति और अन्य
पिछड़े वर्ग
को जाति
प्रमाण-पत्र
जारी करने के
निर्देश
परिपत्र
क्रमांक एफ 7-42/2012/आ.प्र./एक,
दिनांक
13
जनवरी, 2014 द्वारा
जाति
प्रमाण-पत्र
जारी करने के
निर्देश
प्रदान किये
गये है। उक्त
नियमों/निर्देशों
के आधार पर
जाति प्रमाण-पत्र
जारी करने का
प्रावधान है। (घ)
जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार
है। (ड.) कार्यालय स्तर
पर उपलब्ध
अभिलेख
अनुसार गठित
समितियां
संबंधित
रिपोर्ट की। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार
है। (च) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार
है।
दर्ज
जमीनों को
वनखंड में
अधिसूचित
किया जाना
[वन]
63. ( क्र. 3043 ) डॉ.
हिरालाल
अलावा : क्या
राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) भा.व.अ.
1927 की
धारा 4 में बड़े
झाड़, छोटे झाड़
के जंगल, पहाड़
चट्टान, घास
चरनोई मद में
दर्ज जमीनों
को वनखंड में
अधिसूचित
करने, आरक्षित वन
बनाने के लिए
प्रस्तावित
करने का क्या-क्या
कारण रहा है,
यह
कार्यवाही
धारा में दिए
किस प्रावधान
के अनुसार की
गई है? (ख) धारा 4 में
अधिसूचित
बड़े झाड़,
छोटे
झाड़ के जंगल,
पहाड़
चट्टान, घास,
चरनोई
मद में दर्ज
जमीनों को
वर्किंग
प्लान, एरिया
रजिस्टर, वनकक्ष
इतिहास, वनकक्ष
मानचित्र में
दर्ज कर
आरक्षित वन
बनाने के लिए
प्रस्तावित
भूमि
प्रतिवेदित
करने की बजाय
संरक्षित वन
भूमि
प्रतिवेदित
करने का क्या
कारण है, ऐसा किस
प्रावधान के
अनुसार किया
जा रहा है?
(ग) जिला
धार में
भारतीय वन
अधिनियम 1927 की धारा 4 में
अधिसूचित
बड़े झाड़,
छोटे
झाड़ के जंगल,
पहाड़
चट्टान, घास,
चरनोई
आदि मद की कुल
कितनी भूमि
वर्तमान
वर्किंग प्लान,
एरिया
रजिस्टर, वनकक्ष
इतिहास, वनकक्ष
मानचित्र में
दर्ज है की
जानकारी उपलब्ध
करायें।
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) :
(क) प्रश्नांश
में उल्लेखित
मद में दर्ज
भूमि पूर्व से
विभिन्न
अधिसूचनाओं से
संरक्षित वन
के रूप में
अधिसूचित है।
जिनको राज्य
सरकार द्वारा
भारतीय वन
अधिनियम, 1927 की धारा-3 में
प्रदत्त
शक्तियों का
प्रयोग करते
हुए संरक्षित
वन में
विद्यमान
अधिकारों के
विनश्चियन
हेतु धारा-4 के तहत
अधिसूचना
जारी की गई। (ख) भारतीय
वन अधिनियम,
1927 की
धारा 29 में
अधिसूचित तथा
धारा 20 (अ) से शासित
होने के कारण
संरक्षित वन
भूमि प्रतिवेदित
की गई है, शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
है।
लोक
परिसंपत्तियों
के विक्रय
[लोक
परिसम्पत्ति
प्रबंधन]
64. ( क्र. 3097 ) श्री
सुरेश राजे : क्या
लोक
परिसम्पत्ति
प्रबंधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रदेश
में
मध्यप्रदेश
लोक
परिसंपत्ति
प्रबंधन
विभाग की
स्थापना के
बाद से प्रश्न
दिनांक तक
अलग-अलग जिलों
में कौन-कौन
सी शासकीय एवं
उपक्रमों की
संपत्ति
बेचीं गई?
संपत्ति
बेचने का
दिनांक, विक्रय
मूल्य, क्रेता
का नाम तथा इस
पर चुकाई गई
स्टाम्प ड्यूटी
की पूर्ण
जानकारी
उपलब्ध
करवाएं।
(ख) प्रश्नांश
(क) के अनुसार
उपरोक्त में
से ऐसी
कौन-कौन सी
संपत्ति हैं
जिन्हें
कलेक्टर गाइड
लाइन से कम
मूल्य पर बेचा
गया? (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
अनुसार क्या
मध्यप्रदेश
लोक
परिसंपत्ति प्रबंधन
विभाग द्वारा
बेची जाने
वाली शासकीय
एवं उपक्रमों
की संपत्ति के
लिए कलेक्टर
गाइड लाइन व
स्टाम्प
ड्यूटी में
छूट दी गई थी?
यदि
हाँ तो
किन-किन
मामलों में
कितनी-कितनी
छूट दी गई?
(घ) शासकीय
व उपक्रमों की
संपत्ति
बेचने के लिए
कलेक्टर गाइड
लाइन और
स्टाम्प
ड्यूटी में
छूट देने के
कारण शासन को
कितनी आर्थिक
क्षति हुई?
लोक
परिसम्पत्ति
प्रबंधन
मंत्री ( डॉ.
कुंवर विजय
शाह ) : (क) विभाग
द्वारा 101
परिसम्पत्तियों
का निर्वर्तन
किया गया है,
जिनमें
से 5
परिसम्पत्तियां
अक्रियाशील
संयंत्रों के प्लांट
एण्ड मशीनरी
के स्क्रैप
हैं जिनमे रजिस्ट्री
की आवश्यकता
नहीं है एवं 6
परिसंपत्तियों
में
निविदाकार
द्वारा रजिस्ट्री
संपादित नहीँ
की गई।
महानिरीक्षिक
पंजीयन
कार्यालय के
पत्र क्रमांक CT/13/0021/2025-STAT-IGRS
दिनांक
22/07/2025
द्वारा दी गयी
90
परिसम्पत्तियों
की स्टाम्प
ड्यूटी एवं
पंजीयन शुल्क
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला
कलेक्टर के
प्रस्ताव पर
आवासीय/
व्यावसायिक/मिश्रित
भू-उपयोग का
निर्धारण
विभाग की
साधिकार/कार्यपालिक
समिति द्वारा
किया जाता है।
तदनुसार जिला
कलेक्टर से
कलेक्टर गाइड
लाइन अनुसार प्रति
वर्ग मीटर दर
प्राप्त कर,
मंत्री-परिषद
द्वारा
अनुमोदित
रिज़र्व मूल्य
निर्धारण
नीति
मापदंडों के
अनुसार रिज़र्व
मूल्य
निर्धारित
किया जाता है।
परिसम्पत्ति
के विक्रय
मूल्य की
कलेक्टर गाइड
लाइन के मूल्य
से तुलना नहीं
की जाती। (ग) जी
नहीं, विभाग
द्वारा
निर्वर्तित
की गईं
परिसम्पत्तियों
में से किसी
भी
परिसम्पत्ति
पर कलेक्टर
गाइड लाइन एवं
स्टाम्प
ड्यूटी में
छूट प्रदान
नहीं की गई
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) उत्तरांश
(ग) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
इलेक्ट्रिक
सायकिल का
प्रदाय
[सामाजिक
न्याय एवं
दिव्यांगजन
कल्याण]
65. ( क्र. 3109 ) श्री
जगन्नाथ
सिंह रघुवंशी
: क्या
सामाजिक न्याय
एवं दिव्यांगजन
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
अशोकनगर में
सामाजिक न्याय
एवं नि:शक्तजन
कल्याण
विभाग में
कितनी
योजनाएं
संचालित की जा
रही है?
सारणीवार
जानकारी
देवें एवं
पात्रता के
नियम भी
बतावें। (ख) वर्ष 2020 से
कितने
हितग्राहियों
को
इलेक्ट्रिक
सायकल प्रदाय
की गई है? नामवार
एवं वर्षवार
जानकारी
देवें एवं सभी
के दिव्यांग
प्रमाण-पत्र
की छायाप्रति
देवें। इलेक्ट्रिक
सायकल प्राप्त
करने हेतु
दिव्यांग
प्रमाण-पत्र
में 80 प्रतिशत
दिव्यांगता
होनी
अनिवार्य है।
क्या शासन इस
प्रतिशत को
सर्वे कराकर
कम करेगा? यदि हाँ
तो कब तक यदि
नहीं तो क्यों
नहीं? (ग) जिला
अशोकनगर में
वर्ष 2020 से विभिन्न
योजनाओं में
कितनी खरीदी
की गई है?
वर्षवार एवं
सामग्री की
नामवार
जानकारी, दर एवं
राशि की
जानकारी
देवें।
सामाजिक
न्याय एवं
दिव्यांगजन
कल्याण
मंत्री ( श्री
नारायण सिंह
कुशवाह ) :
(क)
जानकारी पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार
है। (ख)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -'ब' अनुसार
है।
वर्ष 2020 एवं 2021 में
कोविड-19 की
समयावधि होने
के कारण उपकरण
वितरण शिविरों
का आयोजन नहीं
किया गया है।
दिव्यांगजनों
को वर्ष 2022 से
प्रश्न
दिनांक तक
वितरित की गई
इलेक्ट्रिक
ट्रायसाईकिल
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार
है।
दिव्यांगता
प्रमाण-पत्रों
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार
है।
भारत सरकार की
दिव्यांगजन
सहायक उपकरण
वितरण योजना
एडिप अनुसार
दिव्यांगजनों
को मोटराइज्ड
ट्रायसायकिल
का लाभ लेने
के लिये न्यूनतम
दिव्यांगता
प्रतिशत 80
प्रतिशत होना
अनिवार्य है
लेकिन राज्य
सरकार द्वारा
स्कूल/महाविद्यालय
में अध्ययनरत
विद्यार्थियों
के लिये दिव्यांग
शिक्षा
प्रोत्साहन
योजना अंतर्गत
न्यूनतम
दिव्यांगता
प्रतिशत 60
प्रतिशत रखा
गया है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार
है।
नल-जल
योजनाओं के
कार्य एवं
अनुबंध
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
66. ( क्र. 3110 ) श्री
जगन्नाथ
सिंह रघुवंशी
: क्या
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि
(क) मध्यप्रदेश
शासन द्वारा
जल जीवन मिशन योजना
किस वर्ष
प्रारंभ की गई
है? योजना के
प्रारंभ से
जिला अशोकनगर
में कितनी ग्राम
पंचायतों के
विभिन्न
ग्रामों में नल-जल
योजनाएं
कार्य पूर्ण
हो चुके है और
कितनी ग्राम
पंचायतों में
कार्य
प्रगतिरत है?
सारणीवार
जानकारी
देवें। (ख) जिला
अशोकनगर में
पूर्ण एवं
प्रगतिरत नल-जल
योजनाओं का
कार्य किन-किन
एजेंसियों को
दिया गया था?
सभी
एजेंसियों के
अनुबंध की
जानकारी
उपलब्ध करावें
एवं भुगतान की
गई राशि की
जानकारी देवें।
(ग) प्रत्येक
ग्राम पंचायत
की नल-जल
योजना की
टेस्टिंग
करने वाले
अधिकारी का
नाम, पदनाम की
जानकारी
देवें। प्रश्नांश
(ख) में
वर्णित नल-जल
योजनाओं में
से वर्तमान
में कितनी
योजनाएं कार्यरत
हैं? जानकारी
उपलब्ध करावें।
बन्द पड़ी
योजनाओं को
पुन: चालू
करने हेतु
शासन क्या
कार्यवाही कर
रही है?
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके
) : (क) वर्ष 2019 में जल
जीवन मिशन की
घोषणा की गई,
तत्पश्चात
प्रदेश में
इसे लागू किया
गया। जिला
अशोकनगर में
ग्रामों की पूर्ण
एवं प्रगतिरत
नलजल योजनाओं
की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार
है। (ख) एकल ग्राम नल-जल
प्रदाय
योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-03 अनुसार
है। राजघाट
समूह जल
प्रदाय योजना,
जिला
अशोकनगर एवं
गुना का कार्य
मैसर्स
एल.एण्ड.टी.
चैन्नई को
दिया गया है।
अनुबंध की
प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-04 अनुसार
है। राजघाट
समूह जल
प्रदाय
योजनान्तर्गत
राशि रुपये 1114.00 करोड़
का भुगतान
किया गया है। (ग) एकल
ग्राम
योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-05 अनुसार
है।
उत्तरांश (ख) अंतर्गत
उल्लेखित एकल
ग्राम नल-जल
योजनाओं में
से वर्तमान
में 119 नल-जल
योजनाएं
कार्यरत हैं।
नलजल योजना का
कार्य पूर्ण
किया जाकर
विभाग द्वारा
योजना ग्राम
पंचायत को
संचालन-संधारण
हेतु
हस्तांतरित
कर दी जाती है,
बंद
होने की
स्थिति में
आवश्यक सुधार
कार्य कराना
ग्राम पंचायत
का
उत्तरदायित्व
है, ग्राम
पंचायत
द्वारा मांग
किए जाने पर
विभाग द्वारा
तकनीकी
सहायता दी
जाती है। समूह
जल प्रदाय
योजनान्तर्गत
टेस्टिंग का
कार्य फर्म एस.क्यू.सी.
वॉप्कोस एवं
टी.पी.आई.ए. थीम
इंजीनियरिंग
सर्विसेस के
डिप्टी टीम
लीडर/आर.ई./ए.ई./फील्ड
इंजीनियरों
एवं डिप्टी
मैनेजर
पी.आई.यू. के
अधिकारियों
की उपस्थिति
में किया जाता
है, नाम, पदनाम
की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-06 अनुसार
है। समूह जल
प्रदाय योजना
का कार्य
प्रगतिरत है। शेष
प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता है।
नल
कूप खनन की
जानकारी
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
67. ( क्र. 3113 ) श्री
कालु सिंह
ठाकुर : क्या
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि
(क) क्या
धार जिले में
पीएचई विभाग
को वर्ष 2025 में
नलकूप खनन एवम
सिंगल फेस
मोटर पंप के
लिए कितना
आवंटन
प्राप्त हुआ
है? (ख) प्राप्त
आवंटन में से
धरमपुरी
विधानसभा में कितने
नलकूप खनन
किये गए और
कितने मोटर
पंप प्रदाय
किये गए है?
ब्लाकवार,
पंचायतवार,
ग्रामवार,
फलियावार
जानकारी
उपलब्ध
करावें।
(ग) खनन
किये गए नलकूप
में से कितने
सफल हुए और
कितने असफल
हुए है, साथ ही
यह भी बतावें
की
कितनी-कितनी
गहराई में
नलकूप खनन
किये गए है?
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके
) : (क) प्रश्नांकित
अवधि में
नलकूप खनन
हेतु रू. 865.08 लाख एवं
सिंगल फेस
मोटरपंप के
लिये रु. 82.74 लाख का
आवंटन
प्राप्त हुआ
है। (ख) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट के
प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार
है। (ग) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट के
प्रपत्र-01 अनुसार
है।
लघु
वन समितियों
का संचालन
[वन]
68. ( क्र. 3132 ) श्री
ठाकुर दास
नागवंशी : क्या
राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
विधानसभा
क्षेत्र
पिपरिया जिला
नर्मदापुरम
अन्तर्गत
लघु वन उपज
समितियां
संचालित हैं?
(ख) प्रश्नांश
(क) का उत्तर
यदि हाँ है तो
विगत तीन
वर्षों के
संचालित लघु
वन उपज
समितियों के
नाम उनके तत्कालीन
अध्यक्ष,
सचिवों
व
पदाधिकारियों
के नाम व
मोबाईल नं. सहित
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ग) प्रश्नांश
(ख) अनुसार
संचालित
समितियों के
लाभांश, (वित्तिय
वर्ष 2022-23, 23-24 एवं 24-25)
की
सम्पूर्ण आय व्यय
की प्रमाणित
प्रति उपलब्ध
कराएं। (घ) प्रश्नांश
(ग) अनुसार लघु
वन उपज
समितियों के
लाभांश से हो
रहे निर्माण
कार्यों की
जानकारी भी
उपलब्ध
करायी जावें
तथा क्या
संबंधित
समितियों के
सभी बैंक
खातों की पासबुक
की छायाप्रति
व संधारित की
जा रही केशबुक
की छायाप्रति
भी उपलब्ध
करायी जावें।
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) :
(क) जी हां। (ख)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2
अनुसार है। (घ) लघु
वनोपज
समितियों के
लाभांश से हो
रहे निर्माण
कार्यों की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3
अनुसार है।
समितियों के
बैंक खातों की
पासबुक/केशबुक
की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 अनुसार है।
वृक्षारोपण
कार्यों की
जानकारी
[वन]
69. ( क्र. 3138 ) श्री
मथुरालाल
डामर : क्या
राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह बताने
की कृपा
करेंगे कि (क) विभाग
द्वारा रतलाम
जिले में विगत
5
वर्षों में
कितना और
कहां-कहां
वृक्षारोपण किया
गया तथा इसके
साथ किन-किन
परिक्षेत्रों
में विभाग
द्वारा
वृक्षारोपण
के साथ-साथ और
कौन-कौन से
कार्य किये
गये? (ख) उपरोक्त
कार्य में
कितना आवंटन
प्राप्त हुआ?
वन
परिक्षेत्रवार
राशिवार
सम्पूर्ण
जानकारी
देवें। (ग) रतलाम
ग्रामीण
अन्तर्गत वन
परिक्षेत्र
में विभाग
द्वारा लगाये
गये वृक्षों
में विगत 5 वर्षों
में कितने
जीवित अवस्था
में हैं तथा कितने
नहीं है?
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) :
(क) रतलाम
जिले अंतर्गत
विगत 5 वर्षों में
किये गये पौधा
रोपण की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं अन्य
कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ख) जानकारी
उत्तरांश
(क) के परिशिष्ट में है। (ग) रतलाम
ग्रामीण
अन्तर्गत वन
परिक्षेत्र
रतलाम में
विभाग द्वारा
विगत 5 वर्षों में
कुल 1,35,900 पौधे लगाये
गये जिसमें से
1,21,123
पौधे जीवित है
एवं 14,777 पौधे मृत
है।
संचालित
योजनाओं की
जानकारी
[उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण]
70. ( क्र. 3139 ) श्री
मथुरालाल
डामर : क्या
उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण
विभाग द्वारा
रतलाम जिले
में कौन-कौन
सी योजना
किसानों के
लिए चलाई जा
रही है तथा
विगत तीन
वर्षों में
कितने किसान
इन योजनाओं से
लाभान्वित
हुए है? घटकवार,
ग्रामवार,
नाम,
पते
सहित
सम्पूर्ण
जानकारी
देवें। (ख) प्रधानमंत्री
किसान सिंचाई
योजना से
रतलाम जिले
में कितने
किसान
लाभान्वित
हुए? विगत तीन
वर्षों की
जानकारी
ग्रामवार,
नाम,
पते
सहित देवें। (ग) प्रश्नाशं (क) और (ख) के
संबंध में
उक्त योजनाओं
पर कितनी राशि
व्यय की गयी?
ग्रामवार
विवरण देवें।
उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण
मंत्री ( श्री
नारायण सिंह
कुशवाह ) :
(क) रतलाम
जिले में
एकीकृत
बागवानी
विकास मिशन,
राष्ट्रीय
कृषि विकास
योजना, प्रधानमंत्री
कृषि सिंचाई
योजना, राज्य
योजना एवं
प्रधानमंत्री
सूक्ष्म
खाद्य उद्यम
उन्नयन योजना
किसानों के
लिए चलाई जा
रही हैं। विगत
तीन वर्षों
में 4105 किसान इन
योजनाओं से
लाभान्वित
हुये हैं। घटकवार,
ग्रामवार,
नाम,
पते
सहित
सम्पूर्ण जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट– ''क'' अनुसार
है। (ख) विगत 03 वर्षों
में
प्रधानमंत्री
किसान सिंचाई
योजना से रतलाम
जिले में 587 किसान
लाभान्वित
हुए।
ग्रामवार,
नाम,
पते
सहित जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार
है। (ग) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ख'' अनुसार
है।
नल-जल
योजना का
क्रियान्वयन
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
71. ( क्र. 3140 ) श्री
मथुरालाल
डामर : क्या
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि
(क) रतलाम
जिले में जल
निगम द्वारा
किन-किन ग्रामों
में नल-जल
योजनाएं
संचालित की जा
रही है? योजना
के अन्तर्गत
कितना कार्य
पूर्ण हुआ है और
कितना कार्य
शेष है? (ख) जल निगम
द्वारा
ग्रामीण
पेयजल (हर घर
नल, हर घर जल)
योजना
अन्तर्गत
ठेकेदारों को
कितना भुगतान
किया गया तथा
कितना भुगतान
शेष है, ग्रामवार
जानकारी
देवें? (ग) क्या
पिछले 2 माह से
गुणावद समूह
योजना के सभी
ग्रामीण दूषित
पेयजल का सेवन
कर रहे है यदि
हाँ तो निगम
द्वारा क्या
कार्यवाही की
गयी? (घ) रतलाम
ग्रामीण
अन्तर्गत
पेयजल योजना
के संबंध में
कितनी
शिकायतें
प्राप्त हुई
और कितने का
निराकरण किया
गया? यदि नहीं
किया गया तो
इसके लिए कौन
दोषी है?
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके
) : (क)
जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट
अनुसार
है। (ख) समूह जल
प्रदाय
योजनान्तर्गत
ग्रामवार भुगतान
की राशि बताया
जाना संभव
नहीं है।
योजनान्तर्गत
भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार
है। (ग) जी नहीं।
शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) कोई
तथ्यात्मक
शिकायत
प्राप्त नहीं
हुई है। शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता है।
विभागीय
जांच का
निर्धारण
[वन]
72. ( क्र. 3149 ) चौधरी
सुजीत मेर
सिंह : क्या
राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) किरण
बिसेन (भा.वन
सेवा) की
विभागीय जांच
में मुख्य वन
संरक्षक वन
वृत्त
छिंदवाड़ा
द्वारा भा.वन
सेवा के
अधिकारी आलोक
पाठक की
अध्यक्षता
में बनी जांच
समिति के
द्वारा कराई
गई जांच के
कौन-कौन से
बिंदु
विभागीय जांच
में शामिल किए
गए थे? (ख) आलोक
पाठक की
अध्यक्षता
वाली जांच
समिति द्वारा
की गई जांच
में कौन-कौन
से बिंदु सही
पाए गए थे
जिन्हें
विभागीय जांच
में शामिल
नहीं किया गया?
प्रमाणित
दोषसिद्ध
बिंदुओं की
उपेक्षा क्यों
की गई? (ग) क्या
सही पाए गए
बिंदुओं में
से एक बिंदु
विशेष
केंद्रीय
सहायता मद की
हितग्राही
मूलक योजना की
राशि डीबीटी
योजना
अंतर्गत
हितग्राहियों
के बैंक खाते
में राशि
डालने का था,
यदि
हाँ तो इसे
विभागीय जांच
में शामिल
क्यों नहीं
किया जबकि यह
गंभीर
अनियमितता थी?
(घ) किरण
बिसेन के
विरुद्ध आलोक
पाठक की
अध्यक्षता
में जांच
समिति से कराई
गई प्राथमिक
जांच का
प्रतिवेदन
एवं वन विभाग
द्वारा किरण
बिसेन के
विरुद्ध
आईएफएस
अधिकारी कमल
अरोरा से
करवाई गई
विभागीय जांच
का संपूर्ण
प्रतिवेदन,
साक्षी
बयान दोष
मुक्ति आदेश
की कॉपी के
साथ प्रदान
करें।
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) :
(क) विभागीय
जांच में जांच
समिति के
प्रारंभिक जांच
प्रतिवेदन को
आरोप पत्र का
दस्तावेज
बनाकर
विभागीय जांच
में शामिल
किया गया है,
इस
प्रकार
प्रारंभिक
जांच
प्रतिवेदन के
समस्त बिंदु
शामिल है। (ख) उत्तरांश
(क) के अनुक्रम
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) जी हाँ।
प्रश्नांकित
विभागीय जांच
में जांच
समिति के प्रारंभिक
जांच
प्रतिवेदन को
आरोप पत्र का
दस्तावेज
बनाकर विभागीय
जांच में
शामिल किया
गया है। (घ)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
अनुसार है।
स्थानांतरण
की जानकारी
[जनजातीय
कार्य]
73. ( क्र. 3159 ) श्री
ओमकार सिंह
मरकाम : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
सहायक आयुक्त
डिण्डौरी के
आदेश क्र. 604,605,
606
दिनांक 3/7/25 द्वारा
सेवानिवृत्त
शिक्षक, सेवानिवृत्त
मृत्य
विकलांग, बीमार
पति-पत्नी का
एक वर्ष से कम
का सेवाकाल
शेष आदि का स्थानान्तरण
किया गया है?
अगर
हाँ तो श्री
श्याम कुमार
गवले, श्री रफीक
खान, भृत्य आदि
बीमार लोगों
का नाम सूची
में किसने
लिखा है? (ख) स्थानांतरण
निरस्त करने
के लिए
कौन-कौन
जनप्रतिनिधि
ने कब-कब
आवेदन दिया?
उनके
आवेदन में
क्या
कार्यवाही
हुई? अगर
कार्यवाही
हुई तो की गई
कार्यवाही की
जानकारी दें।
अगर
कार्यवाही
नहीं हुई तो
क्यों? कार्यवाही
नहीं हुई तो
कारण बतावें। (ग) स्थानान्तरण
निरस्त हेतु
कौन-कौन से
शिक्षकों ने
कब-कब आवेदन
दिये? उनके आवेदन
पर क्या-क्या
कार्यवाही
हुई?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) :
(क) जी हाँ।
प्रश्नांश
में अंकित
आदेश क्रमांक 604,
605, 606
दिनांक 03.07.2025
युक्तियुक्तकरण
से संबंधित है,
स्थानांतरण
से संबंधित
नहीं हैं।
श्री श्याम
कुमार गवले,
प्राथमिक
शिक्षक का स्थानांतरण
युक्तियुक्तकरण
के तहत
विकासखण्ड
शिक्षा
अधिकारी डिण्डौरी
के प्रस्ताव
पर किया गया
था, जिसे सहायक
आयुक्त डिण्डौरी
के
कार्यालयीन
आदेश क्रमांक/744 दिनांक 11.07.2025 के
द्वारा निरस्त
कर दिया गया
हैं तथा श्री
रफीक खान सेवा
निवृत्त
भृत्य का नाम
प्रशासनिक स्थानांतरण
में माननीय
प्रभारी
मंत्री जी द्वारा
प्रस्तावित
होने से
त्रुटिवश
इनका आदेश
जारी हुआ था,
जिसे
सहायक आयुक्त
डिण्डौरी के
कार्यालयीन
आदेश क्रमांक/865 दिनांक 24.07.2025 द्वारा
निरस्त कर
दिया गया है। (ख) स्थानांतरण
निरस्त करने
के लिए
जनप्रतिनिधियों
से प्राप्त
पत्र एवं उक्त
पत्रों पर की
गयी
कार्यवाही की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) प्रश्नांश
(क) में
अंकित
युक्तियुक्तकरण
आदेशों के
विरूद्ध
शिक्षकों
द्वारा प्रस्तुत
आवेदन और एवं
उन पर की गयी
कार्यवाही की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार
है।
भारतीय
वन सेवा के
अधिकारी की
जाँच
[वन]
74. ( क्र. 3160 ) श्री
ओमकार सिंह
मरकाम : क्या
राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) भारतीय
वन सेवा की
अधिकारी
श्रीमति किरण
विसेन
सामान्य वन
मण्डल
पश्चिम
छिन्दवाड़ा
में कब से कब
तक पदस्थ थी?
(ख) मुख्य
संरक्षक वन
वृत्त
छिन्दवाड़ा
द्वारा श्रीमति
किरण विसेन के
विरुद्ध जाँच
समिति बनाई गई
थी, जाँच समिति
के प्रतिवेदक
की सत्यापित
जानकारी दें। (ग) क्या
उक्त जांच
प्रक्रियाधीन
है या निर्णय
हो चुका है
उसकी जानकारी
दें अगर
निर्णय हो गया
होगा तो
निर्णय की
सत्यापित
जानकारी दें। (घ) श्रीमति
किरण विसेन के
उपर क्या
शिकायत थी
जिसके लिए
जांच समिति
बनाई गयी थी
मूल शिकायत की
विस्तृत
जानकारी दें?
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) :
(क) प्रश्नाधीन
अधिकारी
वनमण्डल
सामान्य
पश्चिम
छिंदवाड़ा
में दिनांक 08/04/2016 से 05/08/2019 तक
पदस्थ रही
हैं। (ख) जी हाँ।
शेष जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक
अनुसार है। (ग) विभागीय
जांच में
निर्णय हो
चुका है, जिसकी
प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-दो
अनुसार है। (घ)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-तीन
अनुसार है।
शिकायतों
पर कार्यवाही
[खाद्य,
नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
75. ( क्र. 3161 ) श्री
कैलाश
कुशवाहा [डॉ.
राजेन्द्र
कुमार सिंह] : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मार्च,
2025
सत्र के
अतारांकित
प्रश्न
क्रमांक 2043 दिनांक 18.3.2025 के
विभागीय
उत्तर (ग) में
विभाग को 04
शिकायतें
प्राप्त होने
एवं उनके गठित
जाँच दल
द्वारा
स्थापना को
प्रस्तुत
प्रतिवेदन की
प्रतियां दें?
उक्त
प्रतिवेदनों
पर क्या
कार्यवाही की
गई? की जानकारी
एवं आगामी
कार्यवाही की
रुपरेखा की
जानकारी दी
जाये? (ख) प्रश्नांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में विभाग को
प्राप्त शिकायतों
में सामग्री
क्रय का
भुगतान उक्त
सामग्री का
क्रय न किये
जाने के बाद
भी किये जाने
की शिकायत की
गई थी? यदि नहीं तो
क्या जाँच की
गई? संबंधितों
द्वारा कितनी
राशि का गबन
फर्जी सामग्री
क्रय दिखाकर
किया गया है?
जानकारी
दें। (ग) क्या
राज्यमंत्री
परिषद में
खाद्य विभाग
के सहायक
ग्रेड-2/अभिलेखापाल/लेखापाल
के पद को
समकक्ष माने
जाने के लिये
गये निर्णय के
परिप्रेक्ष्य
में जारी
शासनादेशों
के
क्रियान्वयन
का दायित्व किसका
है एवं विभाग
के द्वारा
राज्यमंत्री
परिषद के
निर्णय का
क्रियान्वयन
किये जाने की क्या
व्यवस्था है?
(घ) प्रश्नांश
(ग) के
परिप्रेक्ष्य
में लगभग 25 वर्षों
से लोक हितेशी
जनकल्याणकारी
राज्यमंत्री
परिषद के
निर्णय एवं
शासनादेश का
क्रियान्वयन
रोकने वाले
अधिकारियों
पर क्या कार्रवाई
की गई है एवं
यदि नहीं तो
क्या
कार्यवाही की
जावेगी? क्या
प्रश्नांश (ग) संबंधी
मंत्री परिषद
के निर्णय को
समाप्त किये
जाने की कोई
कार्यवाही की
गई है? यदि हाँ तो
जानकारी दें?
यदि
नहीं क्यों?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) : (क)
से (घ)
जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
सरकारी
परिसम्पत्ति
की जानकारी
[लोक
परिसम्पत्ति प्रबंधन]
76. ( क्र. 3177 ) श्री
उमंग सिंघार : क्या
लोक
परिसम्पत्ति
प्रबंधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रदेश
में म.प्र. लोक
सम्पत्ति
प्रबंधन
विभाग की
स्थापना के
बाद से प्रश्न
दिनांक तक
अलग-अलग जिलों
में कौन-कौन
सी सरकारी
सम्पत्ति
बेची गई? सम्पत्ति
बेचने का
दिनांक, विक्रय,
क्रेता
का नाम तथा इस
पर चुकाई गई
स्टाम्प ड्यूटी
का विवरण सहित
जानकारी
उपलब्ध कराएं?
(ख) प्रश्नांश
(क) के प्रकाश
में ऐसी
कौन-कौन सी
सम्पत्ति है
जिन्हें
कलेक्टर गाइड
लाइन से कम
मूल्य पर बेचा
गया? (ग) क्या
मध्यप्रदेश
लोक सम्पत्ति
प्रबंधन
विभाग द्वारा
बेची जाने वाली
सरकारी
सम्पत्ति के
लिए कलेक्टर
गाइड लाइन और
स्टाम्प
ड्यूटी में
छूट दी गई थी?
यदि
हाँ तो
किन-किन
मामलों में
कितनी-कितनी
छूट दी गई?
(घ) सरकारी
सम्पत्ति
बेचने के लिए
कलेक्टर गाइड लाइन
और स्टाम्प
ड्यूटी में
छूट देने के
कारण शासन को
कितनी आर्थिक
क्षति हुई?
लोक
परिसम्पत्ति
प्रबंधन
मंत्री ( डॉ.
कुंवर विजय
शाह ) : (क) विभाग
द्वारा 101
परिसम्पत्तियों
का निर्वर्तन
किया गया है,
जिनमें
से 5
परिसम्पत्तियां
अक्रियाशील
संयंत्रों के प्लांट
एण्ड मशीनरी
के स्क्रैप
हैं जिनमे रजिस्ट्री
की आवश्यकता
नहीं है एवं 6
परिसंपत्तियों
में
निविदाकार
द्वारा रजिस्ट्री
संपादित नहीँ
की गई।
महानिरीक्षिक
पंजीयन
कार्यालय के
पत्र क्रमांक CT/13/0021/2025-STAT-IGRS
दिनांक
22/07/2025
द्वारा दी गयी
90
परिसम्पत्तियों
की स्टाम्प
ड्यूटी एवं
पंजीयन शुल्क
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला
कलेक्टर के
प्रस्ताव पर
आवासीय/
व्यावसायिक/मिश्रित
भू-उपयोग का
निर्धारण
विभाग की साधिकार/कार्यपालिक
समिति द्वारा
किया जाता है।
तदनुसार जिला
कलेक्टर से
कलेक्टर गाइड लाइन
अनुसार प्रति
वर्ग मीटर दर
प्राप्त कर,
मंत्री-परिषद
द्वारा
अनुमोदित
रिज़र्व मूल्य
निर्धारण
नीति
मापदंडों के
अनुसार रिज़र्व
मूल्य
निर्धारित
किया जाता है।
परिसम्पत्ति
के विक्रय
मूल्य की
कलेक्टर गाइड
लाइन के मूल्य
से तुलना नहीं
की जाती। (ग) जी
नहीं, विभाग
द्वारा
निर्वर्तित
की गईं
परिसम्पत्तियों
में से किसी
भी
परिसम्पत्ति
पर कलेक्टर गाइड
लाइन एवं
स्टाम्प
ड्यूटी में
छूट प्रदान
नहीं की गई
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) उत्तरांश
(ग) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
वन
भूमि वापस
किये जाने की
कार्यवाही
[वन]
77. ( क्र. 3178 ) श्री
उमंग सिंघार : क्या
राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
माननीय
सर्वोच्च
न्यायालय ने
मध्यप्रदेश
की वनभूमि जो
वन विभाग के
कब्ज़े से
बाहर है उसे
वापस लेने के
संबंध में
निर्णय पारित
किया है? तो कब
स्पष्ट करें?
(ख) उक्त
निर्णय के
प्रकाश में वन
विभाग ने क्या
कार्यवाही की
है? (ग) कुल
कितनी भूमि वन
विभाग को
प्राप्त करनी
है?
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) :
(क) जी हाँ।
माननीय
सर्वोच्च न्यायालय
द्वारा आदेश
दिनांक 15/05/2025 से
निर्णय दिया
गया है कि वन
विभाग के
प्रबंधन के
बाहर
अधिसूचित वन
भूमि जो राजस्व
विभाग के कब्जे
में है या
जिसे राजस्व
विभाग द्वारा
निजी व्यक्तियों/संस्थाओं
को आवंटित
किया गया है
या जिस पर
अवैध अतिक्रमण
किया गया है,
को
आदेश दिनांक
से एक वर्ष के
भीतर वन विभाग
को वापस दिया
जाना है।
परंतु जो वन
भूमियां
विभिन्न
उद्देश्यों
एवं
प्रयोजनों के
लिये
नियमानुसार
राजस्व
विभाग को
दिनांक 24/10/1980 के
पूर्व हस्तान्तरित
की गई हैं,
उन्हें
वापस नहीं
लिया जाना है।
(ख) माननीय
सर्वोच्च न्यायालय
के आदेश
दिनांक 15.05.2025 के
परिपालन में
मध्यप्रदेश
शासन, वन विभाग
द्वारा पत्र
दिनांक 05.06.2025 से समस्त
संभागायुक्त,
समस्त
कलेक्टर एवं
प्रधान मुख्य
वन संरक्षक
एवं वन बल
प्रमुख, मध्य
प्रदेश को
निर्धारित
समय अवधि में
पालन करने के
निर्देश दिये
गये हैं। (ग) चूंकि
मध्यप्रदेश
में वन
प्रबंधन हेतु
अधिसूचित वन
भूमियों को
राजस्व विभाग
को आवंटित नहीं
किया गया है
तथा राजस्व
विभाग से वापस
ली जाने वाली
आवंटित
अधिसूचित वन
भूमियों का चिन्हांकन
अभी नहीं हुआ
है, अत: बताया
जाना संभव
नहीं है।
संचालित
अनुसूचित
जाति/जनजाति
छात्रावासों
की जानकारी
[अनुसूचित
जाति कल्याण]
78. ( क्र. 3192 ) श्री
हेमंत
सत्यदेव
कटारे : क्या
अनुसूचित
जाति कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रदेश
में वर्तमान
में किस-किस
जिले में कहां-कहां
अनुसूचित
जाति/ जनजाति
वर्ग के
छात्रों हेतु
छात्रावास
संचालित किये
जा रहे हैं?
प्रश्न
दिनांक की
स्थिति में
प्रत्येक
जिले में संचालित
वर्गवार
छात्रावासों
की संख्या
बतायी जावे। (ख) प्रदेश
में संचालित
किये जा रहे
छात्रावासों
के संबंध में
प्रश्न
दिनांक की
स्थिति में
वर्गवार
जानकारी जिसमें
जिले का नाम,
छात्रावास
का पता, शासकीय/निजी
भवन, यदि निजी
भवन किराये पर
लिया है तो
मासिक किराया,
छात्रावास
हेतु
निर्धारित
छात्र संख्या,
उपलब्ध
छात्र संख्या,
रिक्त
स्थान उपलब्ध
सुविधाओं का
विवरण प्रदाय
की जाय। (ग) क्या
प्रदेश में
संचालित
छात्रावासों
के संचालन
हेतु सामग्री
क्रय करने में
भण्डार क्रय
नियमों का पालन
नहीं होने व
अनियमितताएं
होने संबंधी
अन्य शिकायतें
विभाग को
प्राप्त हुई?
यदि
हाँ तो
शिकयतों पर
क्या
कार्यवाही की
गई? जिलावार,
वर्गवार
जानकारी दी
जाये।
अनुसूचित
जाति कल्याण
मंत्री ( श्री
नागर सिंह
चौहान ) : (क)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-'अ' अनुसार
है। (ख) शासकीय
भवन/अन्य
विभाग के भवन
में संचालित
छात्रावासों
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-'ब' अनुसार
है एवं किराये
के भवन में
संचालित
छात्रावासों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-'स' अनुसार
है। (ग) जिला भिण्ड
एवं दमोह की जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-'द' अनुसार
है एवं शेष
जिलों की
जानकारी
निरंक है।
वृक्षारोपण
कार्य हेतु
चयनित
प्रजाति
[वन]
79. ( क्र. 3203 ) श्री
रजनीश हरवंश
सिंह : क्या
राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
विभाग द्वारा
वर्ष 2024-25 से आज दिनांक
तक केवलारी
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत वृक्षारोपण
कार्य किया
गया? यदि हाँ तो
कहां व
किस-किस
प्रजाति के
वृक्ष लगाये
गए यदि नहीं
तो क्यों? (ख) वर्ष 2025-26 में
केवलारी
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत कहां-कहां
वृक्षारोपण
कार्य कराया
जाना प्रस्तावित
एवं किस-किस
प्रजाति के
वृक्ष लगाये
जायेंगे?
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) :
(क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख)
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार है।
वन्य
प्राणियों के
हमले से
मृतकों की
जानकारी
[वन]
80. ( क्र. 3204 ) श्री
रजनीश हरवंश
सिंह : क्या
राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता
के केवलारी
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत वर्ष 2018 से आज
दिनांक तक
वन्य
प्रणियों
द्वारा किये
गए हमले से कितने
लोगों की
मृत्यु हुई व
कितने केस
दर्ज किए गए व
कहां-कहां के
केस दर्ज किए
गए? (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में वन्य
प्राणियों के
हमले से
मृतकों के
कितने परिवार
को
कितनी-कितनी सहायता
राशि प्रदान
की गई? वर्षवार जानकारी
देवें। (ग) प्रश्नकर्ता
के केवलारी
विधानसभा
क्षेत्र
अंतर्गत
कितने ऐसे केस
है, जो वन्य
प्राणियों के
हमले से पालतु
पशुओं की
मृत्यु के केस
दर्ज किए गए व
किन-किन पशु
पालकों को
सहायता राशि
प्रदान की गई?
वर्षवार
जानकारी
देवें।
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) :
(क) केवलारी
विधानसभा
क्षेत्र के
अंतर्गत वर्ष 2018 से
प्रश्न
दिनांक तक वन्यप्राणी
द्वारा किये
गये हमलों में
10
जनहानि हुई
है। प्रश्नांश
की शेष जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। (ख) वन्यजीवों
के हमलों से
मृतकों के
परिजनों को भुगतान
की गई
क्षतिपूर्ति
राशि का
वर्षवार जानकारी
उत्तरांश (क) के परिशिष्ट में है। (ग) केवलारी
विधानसभा
क्षेत्र के
अंतर्गत वन्यजीवों
के हमले से
पशुहानि के
वर्ष 2018 से प्रश्न
दिनांक तक कुल
2981
दर्ज किये गये
प्रकरणों एवं
पशु पालकों को
भुगतान की गई
क्षतिपूर्ति
राशि की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है।
ग्राम
पंचायत स्तर
पर राशन दुकान
के भवन एवं कर्मचारी
[खाद्य,
नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
81. ( क्र. 3209 ) श्री
अजय विश्नोई
: क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
विभाग ग्राम
पंचायत स्तर
पर कार्यरत भवन
विहीन राशन
दुकानों के
लिये के भवन
बनाने की कोई
योजना बना रहा
है? यदि हाँ, तो
कृपया योजना
से अवगत
करायें। (ख) क्या
विभाग राशन
वितरण की
उपयुक्त
व्यवस्था के
लिये
प्रत्येक
राशन दुकान के
संचालन के
लिये
पृथक-पृथक
कर्मचारी
अथवा SHG की
व्यवस्था कर
रहा है अथवा
करेगा?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) :
(क) जी
नहीं। विभाग
स्तर पर
ग्राम पंचायत
स्तर पर
कार्यरत भवन
विहीन राशन
दुकानों के
लिये भवन
बनाने की कोई
योजना
विचाराधीन
नहीं है। (ख) प्रत्येक
ग्राम पंचायत
में उचित मूल्य
दुकान स्थापित
करने का
प्रावधान
म.प्र.
सार्वजनिक
वितरण
प्रणाली
नियंत्रण
आदेश 2015 में है,
जिसके
अनुक्रम में
सहकारी संस्थाओं,
महिला
स्व-सहायता
समूहों एवं
संयुक्त वन
प्रबंधन
समितियों को
दुकान चलाने
की पात्रता
है। उचित मूल्य
दुकान संचालन
हेतु
कर्मचारी की
नियुक्ति संबंधित
संस्थाओं
द्वारा की
जाती है।
जल-जीवन
मिशन योजना का
क्रियान्वयन
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
82. ( क्र. 3237 ) डॉ. सतीश
सिकरवार : क्या
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि
(क) जल जीवन
मिशन योजना
मध्यप्रदेश
में किस वर्ष में
शुरू की गई
एवं इस योजना
को प्रारम्भ
करने का क्या
उद्देश्य है? शासन
नियम सहित
जानकारी दी
जावे। (ख) जिला
मुरैना में
प्रश्न
दिनांक तक जल
जीवन मिशन
योजना के
अंतर्गत कितनी
ग्राम
पंचायतों को
शामिल किया
गया है? विकासखण्डवार
ग्राम के नाम
सहित जानकारी
दी जावे। (ग) उक्त
योजना लागू
किये जाने के
दिनांक से
जिला मुरैना
को
कितना-कितना
आवंटन दिया
गया? वर्षवार
जानकारी दी
जावे। (घ) प्रश्नांश
(ख) के
संबंध में
योजना में
शामिल कितनी
ग्राम पंचायतों
में उक्त
योजना के तहत
कार्य पूर्ण
कर लिया गया
है एवं शेष पंचायतों
में कब तक
कार्य पूर्ण
कर लिया
जायेगा?
जानकारी दी
जावे। (ड.) क्या
उक्त कार्य को
पूर्ण किये
जाने हेतु शासन
द्वारा कोई
अवधि तय की गई
थी? यदि हां, तो
कार्य
निर्धारित
अवधि में
पूर्ण किये
गये, यदि नहीं तो
क्यों? कारण
सहित जानकारी
दी जावे।
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके
) : (क) भारत
सरकार द्वारा
जल जीवन मिशन
की घोषणा वर्ष
2019 में
की गई, दिसम्बर 2019 में जल
जीवन मिशन की
मार्गदर्शिका
जारी की गई,
तद्नुसार
वर्ष, 2020 में प्रदेश
में जल जीवन मिशन
के अंतर्गत
योजनाएं
स्वीकृत कर
कार्य प्रारंभ
किए गए। भारत
सरकार की
मार्गदर्शिका
लिंक https://www.phed.mp.gov.in/en/manuals पर
उपलब्ध है। (ख)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार
है। (ग) एकल
ग्राम नल-जल
योजनाओं के
क्रियान्वयन
हेतु जिला
मुरैना को दिए
गए आवंटन की
वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-03 अनुसार
है।
समूह जल
प्रदाय
योजनाओं के
क्रियान्वयन
में जिलेवार
आवंटन नहीं
दिया जाता है।
(घ) प्रश्नांश
(ख) के संदर्भ
में 364 ग्रामों की
एकल नल-जल
योजनाओं को
पूर्ण कर लिया
गया है। 341
प्रगतिरत एकल
नलजल योजनाओं
को मार्च,
2026 तक
पूर्ण किया
जाना
प्रावधानित
है। एकल ग्रामों
की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र-01 अनुसार
है।
दतेहरा समूह
जल प्रदाय
योजनांतर्गत 21
ग्रामों में
कार्य
प्रगतिरत है।
कार्य अगस्त 2025 तक पूर्ण
किया जाना
संभावित है।
(ड.) जी हाँ।
मुरैना जिले
में 705 ग्रामों के
लिए स्वीकृत
एकल ग्राम नल-जल
योजनाओं में
से वर्तमान
में 364 पूर्ण तथा 341 के
कार्य
प्रगतिरत
हैं। एकल
ग्राम नल-जल
योजनाओं के
क्रियान्वयन
में विलंब के
कारण, स्त्रोत
विकसित करने
में अधिक समय
लगना, टंकी
इत्यादि के
स्थल चयन में
सहमति में
विलम्ब, स्वीकृत
कार्य की
मात्रा में
योजना
क्रियान्वयन
के दौरान
अतिरिक्त
कार्य की
आवश्यकता परिलक्षित
होना, अन्य
विभागों से
अनुमति मिलने
में विलंब इत्यादि
प्रमुख कारण
है, योजनाओं के
मूल स्वीकृत
कार्यों में
वृद्धि होने
के कारण
योजनाओं को
पुनरीक्षित
किया जाकर
स्वीकृति की
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है। दतेहरा
समूह जल
प्रदाय योजना
का कार्य अनुबंधानुसार
18 माह
की अवधि में
पूर्ण किया
जाना
निर्धारित था,
कार्य
समयावधि में
पूर्ण नहीं
हुआ है, अन्य
विभागों से
अनुमति मिलने
में विलंब व
फर्म द्वारा
धीमी गति से
कार्य करने के
कारण
अनुबंधित
अवधि बढाई गई
है।
लोक
परिसम्पत्ति
के भवनों का
विक्रय
[लोक
परिसम्पत्ति
प्रबंधन]
83. ( क्र. 3239 ) डॉ. सतीश
सिकरवार : क्या
लोक
परिसम्पत्ति
प्रबंधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) ग्वालियर-चंबल
संभाग में लोक
परिसम्पत्ति
के कितने भवन
कहां-कहां
स्थित है?
भवन/स्थान/जिलेवार
जानकारी दी
जावे। (ख) प्रश्नांश
(क) में अंकित
भवनों का
उपयोग
वर्तमान में
किस-किस
प्रयोजन हेतु
किया जा रहा
है? जानकारी दी
जावे। (ग) उक्त
भवनों में
कितने भवन
जर्जर स्थिति
में है, क्या
ऐसे जर्जर
स्थिति के
भवनों के
जीर्णोद्धार
का कार्य
कराया जायेगा?
यदि
नहीं तो
क्यों। (घ) क्या
प्रश्नांश
(ग) में अंकित
भवनों को
विक्रय करने
की कार्यवाही
प्रचलित है?
यदि
हाँ तो क्या
विक्रय के
लिये कोई गाइड
लाइन
निर्धारित की
गई है। गाइड
लाइन के निर्धारण
की प्रक्रिया
की जानकारी
नियम सहित दी
जावे। (ड.) प्रश्नांश
(ग) के
संबंध में
जर्जर भवनों
के
जीर्णोद्धार
के लिये
कितनी-कितनी
राशि वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में
आवंटित की गई
है एवं
क्या-क्या
कार्य कराये
गये? वर्षवार
जानकारी दी
जावे।
लोक
परिसम्पत्ति
प्रबंधन
मंत्री ( डॉ.
कुंवर विजय
शाह ) : (क) ग्वालियर-चंबल
संभाग में लोक
परिसम्पत्ति
प्रबंधन
विभाग के स्वामित्व
का कोई भी भवन
स्थित नहीं
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) से
(ड.) उत्तरांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
नलकूप
खनन एवं बंद
नलकूपों की
जानकारी
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
84. ( क्र. 3242 ) श्री
भूपेन्द्र
सिंह : क्या
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि
(क) खुरई
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
विभाग द्वारा
वर्ष 2024-25 एवं चालू
वित्तीय वर्ष
में विकासखण्डवार
किन-किन
ग्रामों में
कब-कब नलकूप
खनन कराये गये?
इनमें
सफल एवं असफल
का ब्यौरा
दें। (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
उक्त अवधि में
किस-किस
विकासखण्ड
के किन-किन
ग्रामों में
किन-किन
कारणों से नलकूप
बंद हुये
जानकारी दे।
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके
) : (क)
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है। (ख) प्रश्नाधीन
अवधि में खनित
कराए गए
नलकूपों में
से बंद हुए
नलकूपों की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है।
विभिन्न
परिक्षेत्रों
में
वृक्षारोपण
[वन]
85. ( क्र. 3243 ) श्री
भूपेन्द्र
सिंह : क्या
राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि खुरई
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
विभिन्न परिक्षेत्रों
में वर्ष 2024-25 एवं
चालू वित्तीय
वर्ष में
प्राप्त
आवंटन एवं
व्यय का
ब्यौरा दें?
उक्त
अवधि में
विभिन्न
परिक्षेत्रों
में कराये गये
वृक्षारोपण
की भी जानकारी
दें।
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) : खुरई
विधानसभा
विभिन्न
परिक्षेत्रों
में वर्ष 2024-25 एवं
चालू वित्तीय
वर्ष में
प्राप्त
आवंटन एवं
व्यय का
ब्यौरे की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-1
अनुसार है तथा
उक्त अवधि
में विभिन्न
परिक्षेत्रों
में कराये गये
वृक्षारोपण कार्यों
की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार है।
अधिकारियों/कर्मचारियों
का स्थानांतरण
[जनजातीय
कार्य]
86. ( क्र. 3247 ) श्रीमती
अनुभा
मुंजारे : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
जनजातीय
कार्य विभाग
बालाघाट
द्वारा माह जनवरी
2025 से
प्रश्न
दिनांक तक
अधिकारी/
कर्मचारियों
के
स्थानांतरण
किस नियम के
तहत किये गये?
नियम
अनुसार कितने
प्रतिशत
स्थानांतरण
करने के
प्रावधान है? नियम
शर्तों कि
प्रति उपलब्ध
करावें।
(ख) विभाग
अंतर्गत
स्थानांतरण
किए गए
कर्मचारी/अधिकारियों
की संख्या
सहित बतावें
की क्या यह
स्थानांतरण
शासन के नियम
निर्देश
अनुसार किये
गये है?
संबंधित
आदेशों कि
प्रति उपलब्ध
करावें। (ग)
यदि
स्थानांतरण
नियम अनुसार
नहीं किये गये
तो संबंधित
मनमानी करने
वाले दोषी
अधिकारियों
पर क्या
कार्यवाही की
जावेगी और कब
तक? यदि नहीं तो
क्यों? (घ)
जनजातीय
कार्य विभाग
बालाघाट से 72
सेवानिवृत्त
शिक्षकों के
द्वारा पत्र
क्रमांक 1424 दिनांक 05.04.2023,
2417
दिनांक 03.07.2024 एवं 5617 दिनांक 13.02.2025 द्वारा
विभाग को भेजा
गया है, आज
दिनांक तक किस
कारण से
स्वीकृत नहीं
किया गया है?
जानकारी
देवें। (ड.)
शिक्षा विभाग
में 6 माह में 77 शिक्षकों
की
कार्योत्तर
स्वीकृति
भोपाल से
प्रदान कर दी
गई, किन्तु
जनजातीय
कार्य विभाग
में तीन
वर्षों में भी
स्वीकृति
नहीं भेजी गई
क्या कारण है?
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (च)
प्रश्नांश
(घ) एवं (ड.) अनुसार
जानकारी दें
कि
सेवानिवृत्त
शिक्षकों की
कार्योत्तर
स्वीकृति कब
तक प्रदान की
जावेगी?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) :
(क) जनजातीय
कार्य विभाग
बालाघाट
अंतर्गत अधिकारियों/कर्मचारियों
के
स्थानांतरण
मध्यप्रदेश
शासन सामान्य
प्रशासन
विभाग के पत्र
क्रमांक एफ 6-1/2024/एक/9 दिनांक 29 अप्रैल, 2025 के
द्वारा जारी
स्थानांतरण
नीति 2025 के
प्रावधानों
के तहत स्थानांतरण
पर प्रतिबंध
शिथिल अवधि
में किये गये
हैं। राज्य
शासन द्वारा
जारी स्थानांतरण
नीति 2025 की कंडिका 13 अनुसार
प्रत्येक
पद/संवर्ग में
किये जाने
वाले स्थानांतरण
का प्रतिशत
तथा नियम
शर्तों की प्रति
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार
है। (ख) जनजातीय
कार्य विभाग
बालाघाट
अंतर्गत स्थानांतरण
नीति वर्ष 2025 के
प्रावधानों
के तहत स्थानांतण
किये गये
कर्मचारी/अधिकारियों
की संख्या की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार
है। जी हॉं, स्थानांतरण
आदेशों की
प्रतियॉं पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार
है। (ग) जनजातीय
कार्य विभाग
बालाघाट
अंतर्गत स्थानांतरण
राज्य शासन
द्वारा जारी
स्थानांतरण
नीति वर्ष 2025 के
अनुसार किये
जाने के कारण
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) प्रश्नांश
में उल्लेखित
पत्रों से
बालाघाट जिले
के शिक्षक संवर्ग
के अर्जित
अवकाश की
कार्योत्तर
स्वीकृति के
प्रस्ताव
प्राप्त हुए
हैं। उक्त
प्रकरण में स्वीकृति/अस्वीकृति
एवं लंबित
रहने के कारण
की जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार
है। (ड.) सहायक
आयुक्त, जनजातीय
कार्य जिला
बालाघाट से
प्राप्त
प्रकरणों में
अपूर्ण
अभिलेख
प्राप्त
होने के कारण
स्वीकृति
आदेश जारी
नहीं किये जा
सके। (च) जिले
से
नियमानुकूल
अभिलेख तथा
औचित्यपूर्ण
प्रस्ताव
प्राप्त
होने पर ही स्वीकृति
जारी की जा
सकेगी।
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
वन्यजीवों
की पेयजल व्यवस्था
[वन]
87. ( क्र. 3248 ) श्री
मधु भगत : क्या
राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
बालाघाट
जिले के
विधानसभा
परसवाड़ा अन्तर्गत
वन
परिक्षेत्र
में 1 अप्रैल, 2022 से
प्रश्न
दिनांक तक
वृक्षारोपण,
भूजल
संवर्धन, भू-जल
संरक्षण एवं
वन्यजीवों को
पेयजल की उपलब्धता
के उद्देश्य
से कितने
निर्माण
कार्य किस मद
एवं योजना से
स्वीकृत किये
गए है एवं कितने
कार्य पूर्ण
किये गए है?
कार्यवार
विस्तृत
जानकारी
उपलब्ध कराये। (ख) प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित
कार्यों में
से कितनी राशि
किस कार्य
हेतु व्यय की
गई कितनी राशि
शेष है? भुगतान
के बिल, व्हाऊचर,
लेजर
की प्रतिलिपि
उपलब्ध
करावें? (ग) क्या
भुगतान से
पहले इन
कार्यों का
भौतिक सत्यापन
कराया गया यदि
हाँ तो
विस्तृत
दस्तावेज
उपलब्ध कराये?
यदि
नहीं तो कारण
बताये?
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) :
(क)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। (ख) जानकारी
उत्तरांश
(क) के
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-1 में है।
भुगतान के बिल
व्हाऊचर की
प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है।
कोषालयीन
प्रक्रिया से
भुगतान होने
के कारण लेजर
संधारित नहीं
किया जाता है।
(ग) जी हाँ।
भुगतान करने
के पूर्व इन
कार्यों का भौतिक
सत्यापन
कराया गया है।
भौतिक सत्यापन
का
प्रमाण-पत्र
भुगतान व्हाऊचर
उत्तरांश (ख) के पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-2 में है।
वृक्षारोपण
कार्य में
अनियमितता की
जांच
[वन]
88. ( क्र. 3249 ) श्री
बाबू जन्डेल
: क्या
राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) श्योपुर
जिले में
सामान्य/कूनो वनमण्डल
में अनेकों
स्थानों पर
वृक्षारोपण के
कार्य किये
गये है? यदि
हां तो वर्ष 2021-22 से
प्रश्न
दिनांक तक
किन-किन
स्थानों पर
कितने-कितने पौधे
लगाये गये है? पृथक-पृथक
कार्यों पर
किये गये? व्यय की
जानकारी
वर्षवार
गौशवारा
बनाकर दें। (ख) श्री
वीरेन्द्र
सिंह
पिरोनिया
रेंजर श्योपुर
जिले में कब
से पदस्थ है तथा वे
इस अवधि में
कहां-कहां,
कितने-कितने
समय पदस्थ रहे? श्री
पिरोनिया के
सम्पूर्ण
कार्यकाल में
उनके द्वारा
क्षेत्र में
कौन-कौन से
कार्य कितनी-कितनी
राशि से कराये
गये, कार्य
का मूल्यांकन, सत्यापन किन-किन
अधिकारियों
द्वारा किया
गया है? जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ग) वर्ष
2021-22 से
प्रश्न
दिनांक तक
पर्यटकों के
लिए टेन्टशूट
निर्माण पर
कितना व्यय
किया गया? जानकारी
उपलब्ध
करावें। (घ) क्या
प्रश्नांश
(ख) में
वर्णित
अधिकारी के
सेसईपुरा वन
क्षेत्र में
पदस्थी के
दौरान
वृक्षारोपण
के लिए पूर्व
से निर्मित
सेसईपुरा
केम्प में
पत्थरों की
दीवाल के
पत्थरो को
ट्रेक्टर
ट्राली से उठवाया
जाकर उन्हीं
पत्थरो से
पर्यटको के लिए
टेन्टशूट
चबूतरो का
निर्माण
कराया गया है
तथा फर्जी
व्यय बताकर
अपने
चहेतो/परिचितो
के बैंक खाते
में राशि
जमाकर उनसे
वापिस लेकर
राशि का
प्रभक्षण
किया गया है? यदि हां
तो श्री
पिरोनिया के
विरूद्ध
कार्यवाही की
जावेगी, यदि
हां तो क्या, यदि
नहीं तो क्यों?
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) : (क) जी हाँ,
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) श्री
वीरेन्द्र
सिंह
पिरोनिया
रेंजर, कूनों
वन्यप्राणी
वनमंडल
श्योपुर में
दिनांक 13.10.2018 से आज
दिनांक तक
पदस्थ है उक्त
अवधि की जानकारी
निम्नानुसार
है:-
|
क्र. |
वन
परिक्षेत्र |
वन
परिक्षेत्र
प्रभार का
विवरण कब से
कब तक |
|
1 |
पालपुर
पूर्व |
13.10.2018 से 16.05.2020 15.10.2020 से 25.10.2021 07.05.2022 से 17.05.2022 |
|
2 |
पालपुर
पश्चिम |
16.08.2019 से 02.04.2020 17.06.2020 से 15.10.2020 |
|
3 |
विस्थापन
क्षेत्र
अगरा |
30.04.2020 से 06.07.2020 |
|
4 |
अगरा |
12.05.2021 से 27.05.2021 |
|
5 |
मोरावन
पूर्व |
01.11.2021 से प्रश्न
दिनांक तक |
शेष प्रश्नांश
की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2
अनुसार है। (ग) कूनो
वन्यप्राणी
वनमण्डल
श्योपुर
अंतर्गत पर्यटकों
के लिये टेंट
शूट निर्माण
हेतु कोई योजना
प्रस्तावित
नहीं थी। ईको
पर्यटन अधोसंरचना/गतिविधियों
के विकास
अंतर्गत
कैम्पिंग
कॉटेज निर्माण
के लिये
पर्यटकों की
सुविधा हेतु 10
नग चबूतरों का
निर्माण
कराया गया है।
जिस पर राशि
रूपये 11.94 लाख का
व्यय हुआ है
जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3
अनुसार है। (घ) किसी भी
प्रकार की
अनियमितता
नहीं पाई गई
है। अतः शेष
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
कार्यभारित
स्टोर क्लर्क
का
स्थानांतरण
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
89. ( क्र. 3256 ) श्री
दिलीप सिंह
परिहार : क्या
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि
(क) क्या
नीमच लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
विभाग के
कार्यभारित
स्टोर क्लर्क का
स्थानांतरण 22 मई, 2025 को नीमच
से राजगढ़
किया गया था?
यदि
हाँ, तो उक्त
क्लर्क का
संपूर्ण
शासकीय सेवा
में कितनी बार
और किन-किन
कारणों से
स्थानांतरण
किया गया?
(ख) प्रश्नांश
(क) संदर्भित
क्लर्क स्तर
के शासकीय
सेवक के स्थानांतरण
संबंधी
विभागीय
नियमों की जानकारी
दें। (ग) क्या
प्रश्नांश
(क) संदर्भित
उक्त
कार्यभारित
स्टोर क्लर्क
का विभागीय
स्थानांतरण
किया गया था,
जिसके
उपरांत
माननीय
न्यायालय ने
उक्त प्रकरण
में क्लर्क को
स्थगन (स्टे)
प्रदान किया
है? यदि हाँ,
तो
माननीय
न्यायालय के
निर्देशों का
पालन नहीं
करते हुए
इन्हें नीमच
में ही पदस्थ
क्यों नहीं
किया जा रहा
है तथा इनका
वेतन का आहरण
क्यों नहीं किया
जा रहा है?
जानकारी
प्रदान करें।
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके
) : (क) जी हाँ। जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है। (ख) शासकीय
सेवक का स्थानांतरण
विभागीय नियम
से न होकर
समय-समय पर
सामान्य
प्रशासन
विभाग द्वारा
जारी
स्थानांतरण
नीति अनुसार
किया जाता है।
(ग) जी हाँ।
राज्य एवं
जिला स्तर पर
अधिकारियों/कर्मचारियों
की
स्थानांतरण
नीति 2025 के अनुसार
प्रशासनिक
आधार पर
स्थानांतरण
किया गया था।
जी हाँ माननीय
उच्च
न्यायालय
खंडपीठ इंदौर
द्वारा अभ्यावेदन
का निराकरण
होने तक स्थगन
प्रदान किया
गया है।
माननीय उच्च
न्यायालय के
निर्देशानुसार
श्री गणेशराम
सोलंकी को
नीमच में पुनः
कार्य पर लिया
गया है। लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
खण्ड राजगढ़
स्थानांतरण
के फलस्वरूप
माननीय न्यायालय
के निर्णय के
पूर्व ही श्री
गणेशराम
सोलंकी को
कार्यमुक्त
कर इनकी सेवा
पुस्तिका,
एम्प्लायी
कोड, जी.पी.एफ.
पासबुक
इत्यादि खण्ड
राजगढ़
प्रेषित कर दी
गयी थी, उक्त
समस्त
दस्तावेज
पुनः नीमच में
प्राप्त किये
जाकर वेतन
भुगतान की
कार्यवाही की
जा रही है।
अधिकारियों,
कर्मचारियों
की विभागीय
जांच
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
90. ( क्र. 3258 ) श्री
दिलीप सिंह
परिहार : क्या
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि
(क) उज्जैन,
इंदौर
संभाग में 1 जनवरी, 2020 से लोक
स्वास्थ
यांत्रिकी (PHE)
विभाग
में पदस्थ
अधिकारी-कर्मचारियों
के खिलाफ चल
रही विभागीय
एवं जांच
एजेंसी के
द्वारा की जा
रही जांच का
विवरण देवें।
जांच में दोषी
पाए गए
अधिकारी-कर्मचारियों
के प्रकरण का
विवरण, प्रतिवेदन,
अंतिम
निराकरण आदेश
की प्रतिया
देवें। (ख) प्रश्नांश
(क) संदर्भित
विभाग के
ठेकेदारों
द्वारा उक्त अवधि
में
अनियमितता
आदि करने पर
विभाग द्वारा की
जा रही
कार्यवाही का
विवरण कारण
सहित देवें। (ग) प्रश्नांश
(ख) संदर्भित
उक्त अवधि से
प्रश्न
दिनांक तक जिन
ठेकेदारों पर
विभाग ने अर्थ
दंड लगाया गया
है या ब्लैक
लिस्टेड किया
गया है या
अन्य दंड से
दंडित किया है
उन आदेशों की
प्रतियां
सहित
प्रकरणों का
विवरण देवें।
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके
) : (क)
जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट अनुसार
है। (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में जानकारी
निरंक है। (ग) प्रश्नांश
(ख) के संदर्भ
में जानकारी
निरंक है।
घोडारोज
और नील गाय से
फसलों को
नुकसान
[वन]
91. ( क्र. 3267 ) श्री
कालु सिंह
ठाकुर : क्या
राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
धार जिले में
प्रतिवर्ष
घोडारोज और
नील गाय के
द्वारा भारी
मात्रा में
फसलों का नुकसान
किया जाता है?
(ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
यदि हाँ तो
फसलो को
नुकसान होने
से बचने हेतु
सरकार द्वारा
क्या प्रयास
किये जा रहे
है और यदि
नहीं तो क्यों?
(ग) क्या
घोडारोज और
नील गाय के
संबंध में
किसानों
द्वारा कई बार
ज्ञापन के
द्वारा जिले
स्तर और राज्य
स्तर पर अवगत
कराया गया था?
यदि
हाँ तो इस
संबंध में
विभाग द्वारा
क्या कार्यवाही
की गई है?
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) :
(क) धार
जिले में
घोड़ा रोज
(नीलगाय) से
किसानों की
फसलों को
नुकसान की
घटनाएं
यदा-कदा
प्रकाश में आई
हैं। (ख) घोड़ारोज
(नीलगाय)
द्वारा
किसानों की
फसलों को
नुकसान
पहुंचाये
जाने पर
सहायता राशि
का भुगतान यथा
संशोधित
राजस्व पुस्तक
परिपत्र खण्ड
छ: क्रमांक-4 के
प्रावधानों
के तहत किया
जाता है।
किसानों की
फसलों को
नुकसान करने
वाली नीलगाय
को आखेट करने
की अनुमति जारी
करने के लिए
मध्यप्रदेश
के समस्त
अनुविभागीय
अधिकारी
राजस्व
अपने-अपने
अधिकार क्षेत्र
की सीमाओं के
भीतर
प्राधिकृत
अधिकारी घोषित
है। वर्तमान
में शाजापुर
जिले से 100 नीलगाय
स्थानांतरित
करने की
अनुमति भारत
सरकार से
प्राप्त है,
जिसके
अनुसार
नीलगायों को
अन्यत्र
स्थानांतरित
करने की
कार्यवाही
प्रायौगिक
तौर पर करने
की योजना है
जिसके सफल
परिणाम
प्राप्त होने
पर अन्यत्र
नीलगाय
उपस्थिति
वाले क्षेत्रों
में भी लागू
करने की
कार्यवाही गुण-दोष
के आधार पर की
जाना सम्भव
है। (ग) प्रश्नांश
से संबंधित
कुल 10 पत्र
प्राप्त
हुए।
घोड़ारोज
(नीलगाय) से
फसल हानि का
मुआवजा तथा
उन्हें आखेट
की अनुमति
राजस्व
विभाग द्वारा
दिये जाने के
कारण वनमण्डलाधिकारी,
धार
ने आवेदन
कलेक्टर
जिला धार तथा
किसान कल्याण
एवं कृषि
विकास विभाग
को विधि सम्मत
कार्यवाही
हेतु भेजा है।
दिव्यांगों
को
भेदभाव-रहित
पेंशन और
सशक्तिकरण
[सामाजिक
न्याय एवं
दिव्यांगजन
कल्याण]
92. ( क्र. 3270 ) श्री
महेश परमार : क्या
सामाजिक न्याय
एवं दिव्यांगजन
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश
में
दिव्यांगों
को मात्र ₹600
प्रतिमाह
पेंशन दी जा
रही है? जबकि
आंध्रप्रदेश
में ₹6000
प्रतिमाह
प्रदान दिये
जा रहे हैं?
यदि
हाँ, तो इस
भेदभाव के
कारण क्या हैं?
(ख) दिव्यांगजन
अधिकार
अधिनियम की
धारा 24 (1) के अनुसार,
मध्यप्रदेश
में किसी भी
सामाजिक
योजना की
सर्वाधिक
पेंशन राशि से
कम से कम 25% अधिक
राशि
दिव्यांगों
को देना
अनिवार्य है?
यदि
हाँ, तो
मध्यप्रदेश
सरकार इस
प्रावधान के
पालन हेतु
क्या कदम उठा
रही है? विस्तृत
प्रतिवेदन
प्रस्तुत
करें। (ग) मध्यप्रदेश
में
दिव्यांगों
के सशक्तिकरण और
सामाजिक
पेंशन
योजनाओं के
लिए किन
अधिनियमों
(जैसे दिव्यांगजन
अधिकार
अधिनियम 2016,
निःशक्त
व्यक्ति
अधिनियम 1995)
की
किन धाराओं का
प्रावधान है?
इन
धाराओं का
विवरण और
संबंधित
दस्तावेजों की
प्रतियाँ
प्रदान करें। (घ) दिनांक 16 जून, 2025 तक
मध्यप्रदेश
में 30 लाख से अधिक
दिव्यांगों
में से केवल 9,49,000 के पास UDID
कार्ड
हैं? यदि हाँ,
तो
शेष 20,51,000
दिव्यांगों
के लिए UDID कार्ड
कब तक तैयार
किए जाएँगे?
समय-सीमा
सहित विवरण
दें। (ड.) क्या
जनवरी 2017 से 10 जुलाई 2025 तक
मध्यप्रदेश
सरकार ने
सामाजिक
पेंशन योजना
और सशक्तिकरण
हेतु
प्रत्येक
दिव्यांग को
प्रतिवर्ष
कितनी राशि
प्रदान की?
वर्तमान
में
मध्यप्रदेश
में
दिव्यांगों
की कुल संख्या
कितनी है?
क्या
₹6000 प्रतिमाह
पेंशन लागू
करने की कोई
समय-सीमा निर्धारित
है?
सामाजिक
न्याय एवं
दिव्यांगजन
कल्याण
मंत्री ( श्री
नारायण सिंह
कुशवाह ) :
(क) जी हाँ।
प्रत्येक
राज्य अपने
उपलब्ध वित्तीय
संसाधन
अनुसार पेंशन
राशि
निर्धारित करता
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) जी
हॉ। दिव्यांगजन
अधिकार
अधिनियम 2016 की धारा 24
(1) में
सामाजिक
सुरक्षा
अंतर्गत
संचालित योजनाओं
की अपेक्षा 25
प्रतिशत अधिक
राशि दिये
जाने के संबंध
में समस्त
विभागो को
दिशा-निर्देश
जारी किये गये
हैं। (ग) दिव्यांगजन
अधिकार
अधिनियम 2016 की धारा 24
(1) के
अनुसार
सामाजिक
सुरक्षा का
उल्लेख किया
गया है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार है। (घ) प्रदेश
में 16 जून 2025 की
स्थिति में
जनगणना 2011 के
अनुसार दिव्यांगजनों
की संख्या 15,51,931 है एवं
प्रदेश में
वर्तमान तक 9,59,184 दिव्यांगजनों
के यूडीआईडी
कार्ड बन चुके
हैं। शेष 5,92,747 दिव्यांगजनों
के यूडीआईडी
कार्ड स्वास्थ्य
विभाग द्वारा
भारत सरकार के
निर्धारित
प्रक्रिया के
अनुसार
परीक्षण
उपरांत बनाए
जा रहे है। जो
यह एक निरंतर
प्रक्रिया
हैं। (ड.) जनवरी,
2017 से
फरवरी, 2019 तक दिव्यांगजनों
को प्रति
हितग्राही,
प्रतिमाह
राशि रूपये 300/-
की
दर से पेंशन
प्रदाय की
जाकर मार्च 2019 से
प्रति
हितग्राही,
प्रतिमाह
राशि रूपये 600/-
की
दर से पेंशन
प्रदाय की जा
रही है।
वर्तमान में
राज्य में
जनगणना 2011 के
अनुसार दिव्यांगजनों
की कुल संख्या
15,51,931
है एवं इनमें
से 40 प्रतिशत से
अधिक दिव्यांगता
वाले एवं
केंद्र एवं
राज्य की
दिव्यांगता (40
प्रतिशत से
अधिक) एवं आय
(केन्द्रीय
योजना के लिए
बीपीएल एवं
राज्य की
योजना के लिए
आयकर दाता ना
होना) संबंधी
पात्रता
पूर्ण करने
वाले कुल 7,24,493 दिव्यांगजनों
को 600/- प्रति माह
प्रति
हितग्राही
प्रदान की जा
रही है। राज्य
शासन द्वारा
उपलब्ध
संशाधनों के
अंतर्गत इस
प्रकार की
वृद्धि का निर्णय
लिया जाता है।
अत: समय-सीमा
निर्धारित नहीं
की जा सकती।
वन
विभाग द्वारा
पौधारोपण
[वन]
93. ( क्र. 3272 ) श्री
महेश परमार : क्या
राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश
वन विभाग ने
उज्जैन में 'हरित
मध्यप्रदेश',
'नमामि
गंगे', और 'एक पेड़ माँ
के नाम' योजनाओं
के तहत किन
स्थानों पर
पौधारोपण किया?
क्या
ये अभियान
जुलाई–सितंबर
और 15 अगस्त के
आसपास हुए?
2018–2023 में
प्रत्येक
वर्ष कितने और
किन योजनाओं
के तहत
कार्यक्रम
आयोजित हुए?
(ख) 2018 से 2023 तक उज्जैन
में
प्रतिवर्ष
कितने पौधे
लगाए गए? क्या
पीपल, नीम, बरगद,
आम,
शीशम और
औषधीय पौधे
शामिल थे?
वर्षवार
और योजनावार
संख्या दें। (ग) क्षिप्रा
नदी तट, महाकाल
वन क्षेत्र,
स्कूल
(जैसे
जयसिंहपुरा),
कॉलेज,
पार्क,
स्मार्ट
सिटी सड़कें,
611
पंचायतों/1101 गाँवों
में प्रत्येक
वर्ष कितने
पौधे लगाए गए?
स्थानवार
और वर्षवार
विवरण दें। (घ) 'हरित
मध्यप्रदेश',
'नमामि
गंगे', 'स्मार्ट
सिटी मिशन',और NGO/स्कूल
सहयोग से
कितने पौधे
लगाए गए? क्या
जियो-टैगिंग
हुई? यदि हाँ,
तो
कितने पौधों
की और कितनी
बार? वर्षवार और
योजना-वार
रिकॉर्ड दें।
(ड.) उज्जैन में
पौधारोपण के
बाद कब-कब
सत्यापन हुआ?
कितने
पौधे
सुरक्षित और
नष्ट पाए गए?
नष्ट
पौधों की लागत
क्या थी? जिम्मेदार
अधिकारी (DFO,
रेंजर)
कौन थे? दोषियों
पर क्या
कार्रवाइयाँ
(निलंबन, जांच)
हुईं? वर्षवार
विवरण दें। (च)
नर्मदा नदी
किनारे 'वृक्षारोपण
महाअभियान'
में
कितने करोड़
पौधे लगाए गए,
कितने
वृक्ष बने?
सत्यापन
एजेंसी/अधिकारी,
पौधों
की संख्या,
भुगतान
राशि, खरीद दर
और
वृक्षों की
स्थिति का
वर्षवार
विवरण दें।
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) :
(क) वनमण्डल
उज्जैन के
अन्तर्गत "एक
पेड़ माँ के
नाम"
कार्यक्रम
में वित्तीय
वर्ष 2024-25 में रोपण
कार्य किया
गया, यह अभियान
वर्षा ऋतु 2024 में
जुलाई से
सितम्बर के
मध्य हुआ था,
शेष
विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है।
हरित
मध्यप्रदेश,
नमामि
गंगे और एक
पेड़ माँ के
नाम योजनाओं
के तहत कोई
कार्यक्रम
आयोजित नहीं
किए गए है। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट-2 में है। (ग)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 में है। (घ) उत्तरांश
(क) अनुसार
वनमण्डल
उज्जैन के
अन्तर्गत "एक
पेड़ माँ के
नाम"
कार्यक्रम
में पौधा रोपण
किया गया है,
रोपित
पौधों के
जियो-टैगिंग
नहीं की गई है,
अतः
शेष का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ड.) पौधारोपण
के पश्चात्
प्रति वर्ष वन
वृत्त स्तर
द्वारा अन्य
वनमण्डल के उप
वनमण्डलाधिकारी
से वर्षा ऋतु
पूर्व माह मई
एवं वर्षा ऋतु
पश्चात् माह
अक्टूबर की
स्थिति में
रोपण का
सत्यापन
करवाया जाता
है।
वृक्षारोपण
निगरानी
प्रणाली
सत्यापन के
आधार पर पौधा
रोपण क्षेत्र
शासकीय मानक
एवं जीवितता
प्रतिशत के तहत
असफल की
श्रेणी में
नहीं पाए गए,
जिससे
कोई
अधिकारी/कर्मचारी
दोषी नहीं है।
पौधों की
जीवितता का
प्रतिशत
उत्तरांश
(ख) के परिशिष्ट में है। (च)
वनमण्डल
उज्जैन
अंतर्गत
नर्मदा नदी
किनारे वृक्षारोपण
अभियान
अंतर्गत कोई
पौधारोपण नहीं
किया गया है,
अतः
शेष का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
शासकीय
गोदामों में
धान, गेहूं,
चना
का भण्डारण
[खाद्य,
नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
94. ( क्र. 3275 ) श्री
दिनेश राय
मुनमुन : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) वर्तमान
वित्तीय
वर्ष में
जबलपुर संभाग
के निजी एवं
शासकीय गोदाम
एवं ओपन केम्प
कितनी-कितनी
मात्रा, कौन-कौन
से अनाज भण्डारित
किया गया तथा
उठाव हुआ
जिलेवार, गोदामवार
जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार भण्डारित
अनाज में
कितना घटी एवं
सड़न के कारण
अनुपयोगी
रहा।
गोदामवार
मात्रा सहित
जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश
(ख) अनुसार घटी
एवं सड़न कितनी
राशि की क्षति
हुई? गोदामवार
जानकारी दें। (घ) घटी एवं
सड़न के क्या
कारण थे?
गोदामवार जानकारी
दें।
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) :
(क) वित्तीय
वर्ष 2025-26 में जबलपुर
संभाग के निजी
एवं शासकीय
गोदाम एवं ओपन
केम्प में
भंडारित
मात्रा एवं
उठाव की
जिलेवार एवं
गोदामवार
जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार
है। (ख) वित्तीय
वर्ष 2025-26 में जबलपुर
संभाग के
जिलों में
भंडारित स्कन्ध
का पूर्ण उठाव
नहीं होने से
भंडारित स्कन्ध
में घटी/कमी
की मात्रा
आंकलन निरंक
है। जबलपुर
संभाग के
जिलों में
कहीं भी
गोदाम/केप में
सड़न के कारण
स्कन्ध
अनुपयोगी
नहीं हुआ है। (ग) प्रश्नांश
(ख) के उत्तर
के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) गोदामों/केपों
में स्कन्ध
जमा के दौरान
अतिरिक्त
नमी का होना
एवं
प्राकृतिक
सूखत के कारण
स्कन्ध की
मात्रा में
कमी होने का
मूल कारण है
तथा स्टेकों
की नीचे की
लेयर में नमी
की अधिकता के
कारण
गोदाम/केप में
स्कन्ध के
सड़न की
स्थिति
निर्मित होती
है। जबलपुर संभाग
में वित्तीय
वर्ष 2025-26 में
उपार्जित स्कन्ध
के घटी/सड़न
की प्रकरण
संज्ञान में
नहीं आए हैं।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
निजी
वन क्षेत्रों
में विभागीय
योजनाएं
[वन]
95. ( क्र. 3276 ) श्री
दिनेश राय
मुनमुन : क्या
राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) विभाग
द्वारा
किसानों की
निजी भूमि पर
पौधरोपण को
बढ़ावा देने के
संबंध में
कौन-कौन सी
योजनाएं
संचालित की जा
रही है? योजनावार
जानकारी दें।
विगत 3 वर्षों में
इन योजनाओं
में किसानों
की निजी भूमि
पर कितने पौधो
का रोपण हुआ
है? वनमंडलवार
जानकारी दें। (ख) क्या
विभाग द्वारा
बांस उत्पादन
को बढ़ावा देने
हेतु अनुदान
पर पौधे उपलब्ध
कराये जाने
संबंधित कोई
योजना चलाई जा
रही है? यदि
हां, तो योजना का
विस्तृत विवरण
दें और बताएं
की गत 03 वर्षों में
उक्त योजना
के अंतर्गत
कितने
किसानों/हितग्राहियों
को लाभ प्रदान
किया गया?
(ग) गत 3 वर्षों
में वन
क्षेत्र में
वनों की कटाई
की कितनी
शिकायतें
जबलपुर संभाग
अंतर्गत
प्राप्त हुई
है? क्या
विभाग के पास
पदस्थ अमला
पर्याप्त मात्रा
में है, जिससे
वनों की कटाई
पर रोकथाम दी
जा सके? यदि हॉ,
तो
वनों की कटाई
पर विराम क्यों
नहीं लग पा
रहा है? (घ) यदि
विभाग के पास
पर्याप्त
अमला नहीं है,
तो
वनरक्षकों की
नवीन भर्ती पर
कब तक वनों की रक्षा
में पदस्थ
किया जायेगा?
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) :
(क) विभाग
द्वारा
किसानों की
भूमि पर
पौधारोपण को
बढ़ावा देने
के संबंध में
मध्यप्रदेश
राज्य बांस
मिशन के
माध्यम से
राष्ट्रीय
बांस मिशन की
केन्द्र
प्रवर्तित
योजना का
क्रियान्वयन
किया जा रहा
है। इस योजना
में कृषकों की
निजी कृषि
भूमि पर बांस
पौध रोपण के
लिये अनुदान
दिया जाता है।
प्रश्नांश
की शेष जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
में है। (ख) उत्तरांश
(क) अनुसार
योजना
संचालित है।
इस योजना में
"पौध रोपण"
हेतु
एक्रीडिटेड/अनुमोदित
रोपणियों से
पौधा लेकर
किसानों की
निजी भूमि पर
बांस रोपण के
लिये मिशन
द्वारा दो
वर्षों में
रु. 150 प्रति पौधा
अनुदान दिया
जाता है।
प्रथम वर्ष में
दो किश्तों
में रु. 90 तथा
द्वितीय वर्ष
में रु. 60 का
अनुदान योजना
के अनुरूप
जीवितता
प्रतिशत के
आधार पर किया
जाता है। इस
योजना के
अंतर्गत विगत
तीन वर्षों
में 11,241 किसानों को
लाभ पहुँचाया
गया। (ग) जबलपुर
संभाग में,
मध्य
वन वृत्त
जबलपुर के
अंतर्गत आने
वाले क्षेत्रीय
वनमण्डलों
में प्रश्नांश
की अवधि में
वनों की कटाई
से संबंधित
कुल-33 शिकायतें
प्राप्त हुई।
क्षेत्रीय
वनमण्डलों
में वर्तमान
में
वनरक्षकों के
शासन द्वारा
स्वीकृत पदों
के अनुसार पर्याप्त
अमला पदस्थ
है।
वनक्षेत्रों
में पदस्थ
क्षेत्रीय
अमलों द्वारा
सतत् प्रयास
कर नियंत्रण
किया जा रहा
है, सतत् बीट
नियंत्रण
किया जाता है
तथा अवैध कटाई
का प्रकरण
संज्ञान में
आने पर विधि
सम्मत कार्यवाही
की जाती है। (घ) उत्तरांश
"ग" के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
अनुसूचित
जाति के विकास
कार्य
[अनुसूचित
जाति कल्याण]
96. ( क्र. 3280 ) श्री
बाबू जन्डेल
: क्या
अनुसूचित
जाति कल्याण
मंत्री महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) विधानसभा
क्षेत्र क्र. 01
श्योपुर
अंतर्गत
अनुसूचित
जाति बाहुल्य
कितने ग्राम
है, जानकारी से
अवगत करावें?
उक्त
ग्रामों एवं
ग्राम
पंचायतों में
इंफ्रास्ट्रक्चर
के विकास के
लिए केन्द्र
और राज्य की
कौन-कौन सी
योजनाएं है?
इन
वित्त पोषित
योजनाओं में
वित्तीय वर्ष 2018 से
प्रश्न
दिनांक तक
प्रतिवर्ष
प्राप्त
आवंटन एवं खर्च
की जानकारी
गौशवारा
बनाकर देवें। (ख) प्रश्नांश
(क) के
परिप्रेक्ष्य
में विभाग
द्वारा
अनुसूचित
जाति विकास
योजना
अंतर्गत
कौन-कौन से
मूलभूत विकास
कार्य करवाए
गये है? यदि हां,
तो
वर्ष 2018 से प्रश्न
दिनांक तक
किस-किस ग्राम
में क्या-क्या कार्य
कराये गये है?
ग्रामवार,
कार्यवार
जानकारी
गौशवारा
बनाकर देवें। (ग) विधानसभा
क्षेत्र क्र. 01
श्योपुर
क्षेत्र में
उल्लेखित
वर्ष 2019 से प्रश्न
दिनांक तक
सार्वजनिक
कार्य एवं
हितग्राही मूलक
कौन-कौन से
कार्यों को
कितनी आर्थिक
सहायता राशि
स्वीकृत की गई?
स्वीकृत
सहायता से
क्या कार्य
कराये गये?
गौशवारा
बनाकर देवें।
अनुसूचित
जाति कल्याण
मंत्री ( श्री
नागर सिंह
चौहान ) : (क) अनुसूचित
जाति बाहुल्य
ग्रामों की
सूची की
जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''अ'' अनुसार
है।
उक्त
ग्रामों के
विकास के लिये
केन्द्र एवं
राज्य
योजनाएं
अनुसूचित
जाति बस्ती
विकास एवं
प्रधानमंत्री
आदर्श ग्राम
योजना
संचालित है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''ब'' एवं
''स''
अनुसार
है। (ख) जी हां। जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'ब' एवं ''स'' अनुसार
है। (ग)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार
है।
कल्याणकारी
योजनाओं की
जानकारी
[सामाजिक
न्याय एवं
दिव्यांगजन
कल्याण]
97. ( क्र. 3283 ) श्री
पंकज
उपाध्याय : क्या
सामाजिक न्याय
एवं दिव्यांगजन
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) समस्त
कल्याणकारी
योजना में
वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक व्यय
राशि तथा
हितग्राहियों
की संख्या,
पुरुष
एवं महिला
अनुसार
बतावें।
किन-किन योजनाओं
में पंजीयन
निरंतर जारी
है, किसमे
बंद कर दिया
गया है? (ख) प्रश्नांश
(क) में उल्लेखित
योजना में
किस-किस आयु
वर्ग के
हितग्राही को
प्रतिमाह
केंद्र एवं
राज्यांश
मिलाकर कितनी
राशि दी जाती
है? यह राशि
राजस्थान,
गुजरात,
महाराष्ट्र
राज्य की
तुलना में
कितनी कम अथवा
ज्यादा है? (ग) प्रश्नांश
(क) में
उल्लेखित
योजनाओं में
उम्र की
न्यूनतम और
अधिकतम सीमा
क्या है? उम्र की
अधिकतम सीमा
क्यों तय की
गई? उस सीमा के
बाद
हितग्राही के
जीवित रहने पर
उसका जीवन
यापन कैसे
होगा? क्या शासन
उम्र की सीमा
हटाकर जीवन
पर्यंत करेगा?
यदि
नहीं तो क्यों?
(घ) क्या
समस्त
कल्याणकारी
योजनाओं का सोशल
ऑडिट कराया
जाता है? यदि
नहीं तो क्या
कराया जाएगा?
सामाजिक
न्याय एवं
दिव्यांगजन
कल्याण
मंत्री ( श्री
नारायण सिंह
कुशवाह ) :
(क) विभाग
में क्रियान्वयन
की जा रही
जनकल्याणकारी
योजनाओं की
वर्ष 2020-21 से
वर्ष 2024-25 तक
पुरूष महिला
हितग्राही की
संख्या एवं
व्यय राशि
एवं योजनाओं
में पंजीयन की
निरंतरता सतत्
प्रक्रिया के
अंतर्गत है, अत: बंद
किये जाने का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार
है। (ख) उत्तरांश
(क) में उल्लेखित
योजनाओं में
आयुवार भारत
सरकार की योजनाओं
में
हितग्राहियों
को केंन्द्रांश
एवं राज्यांश
की राशि
मिलाकर दी
जाने वाली
राशि की स्थिति
एवं राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र
एवं अन्य
राज्यों में
प्रदाय की जा
रही पेंशन की
स्थिति जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब'अनुसार
है। (ग)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार
है। आयु
सीमा का
निर्धारण
भारत सरकार
द्वारा किया
गया है एवं
राज्य सरकार
की योजनाओं
में
निर्धारित
आयु सीमा की
स्थिति राज्य
सरकार द्वारा
तय की गई है।
वृद्धावस्था
पेंशन के लिये
अधिकतम आयु
सीमा तय नहीं
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) भारत
सरकार की
संचालित उक्त
योजनाओं का
पायलेट
प्रोजेक्ट
के तहत मध्यप्रदेश
ग्रामीण
विकास विभाग
सामाजिक संपरीक्षा
समिति, भोपाल
को आदेश जारी
कर सोशल ऑडिट
हेतु राशि भी
जारी की गई है, साथ ही
उक्त
योजनाओं में
लाभ प्राप्त
करने वाले
हितग्राहियों
का समग्र
पोर्टल पर
भौतिक एवं दस्तावेजों
का सत्यापन
किया जाकर
आधार
ई-केवायसी का
भी कार्य कराया
गया है। जी
नहीं।
पात्रता
पर्चियों की
जानकारी
[खाद्य,
नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
98. ( क्र. 3284 ) श्री
पंकज
उपाध्याय : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह बताने
की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
राष्ट्रीय
खाद्य
सुरक्षा
अधिनियम 2013 अनुसार
राज्य के लिए
राशन प्राप्त
करने हेतु पात्र
हितग्राहियों
का लक्ष्य
निर्धारण किया
गया है? क्या
उपरोक्त
लक्ष्य
अनुसार
व्यक्ति को
खाद्यान्न
उपलब्ध कराया
जा रहा है?
यदि
हाँ तो क्या
लक्ष्य
प्राप्ति के
उपरांत कोई भी
पात्र
व्यक्ति राशन
प्राप्ति से
वंचित नहीं है?
(ख) क्या
खाद्य
सुरक्षा
अधिनियम 2013 अनुसार
निर्धारित
हितग्राहियों
के लक्ष्य प्राप्ति
के उपरांत शेष
पात्र
हितग्राहियों
को पात्रता
पर्ची जारी
किये जाने के
लिए निर्धारित
संख्या में
वृद्धि किए
जाने हेतु सरकार
विचार कर रही
है? यदि हाँ तो
सविस्तार
जानकारी दें। (ग) क्या
पात्रता
पर्ची हेतु
आवेदन किये
जाने के 15 दिवस
में पात्रता
पर्ची जारी
किए जाने का
प्रावधान है?
यदि
हाँ तो जिला
मुरैना अंतर्गत
ऐसे कितने
आवेदन है,
जो
निर्धारित
अवधि व्यतीत
होने के
उपरांत भी
लंबित है?
सूची
नगरीय निकाय
एवं जनपद
पंचायतवार
उपलब्ध
कराएं।
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) :
(क) भारत
सरकार द्वारा
राष्ट्रीय
खाद्य
सुरक्षा
अधिनियम, 2013 के
अंतर्गत
प्रदेश को 5.46 करोड़
हितग्राहियों
को लाभांवित
करने की अधिकतम
सीमा दी गई
है। वर्तमान
में पात्रता
अनुसार चिन्हांकित
5.32
करोड़
हितग्राहियों
को NFSA अंतर्गत
खाद्यान्न
उपलब्ध
कराया जा रहा
है। भारत
सरकार द्वारा
निर्धारित
सीमा के
अंतर्गत 14.32 लाख और
नवीन
हितग्राहियों
को जोड़ा जा
सकता है। नवीन
आवेदकों को
जोड़कर
पात्रता
पर्ची जारी
करना एक सतत्
प्रक्रिया है।
भारत सरकार
द्वारा NFSA अन्तर्गत
निर्धारित
सीमा के कारण
कोई नवीन परिवार
पात्रता
पर्ची से
वंचित नहीं
है। (ख) वर्तमान
में भारत
सरकार द्वारा
राष्ट्रीय
खाद्य
सुरक्षा अधिनियम,
2013 के
अंतर्गत
प्रदेश को 5.46 करोड़
हितग्राहियों
को लाभांवित
करने की अधिकतम
सीमा है।
वर्तमान में
पात्रता
अनुसार चिन्हांकित
5.32
करोड़
हितग्राहियों
को NFSA अंतर्गत
खाद्यान्न
की पात्रता
पर्ची जारी की
गई है।
लाभांवित किये
जा रहे
हितग्राहियों
की संख्या
भारत सरकार
द्वारा तय
किये गये सीमा
के अंदर है।
शेष
हितग्राहियों
को पात्रता
अनुसार पात्रता
पर्ची जारी
करना एक सतत्
प्रकिया है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) जी हाँ।
लोक सेवा
गांरटी
अधिनियम, 2010 के
अंतर्गत
हितग्राही
द्वारा
पात्रता पर्ची
जारी करने हेतु
समस्त
कार्यवाही
पूर्ण करवाने
के पश्चात 15 दिवस
में पात्रता
पर्ची जारी
करने का
प्रावधान है।
जिला मुरैना 11587
आवेदकों को
पात्रता
पर्ची जारी
किया जाना प्रक्रियाधीन
है निकायवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार
है। परिवार के
समस्त सदस्यों
द्वारा स्वयं
ई-केवाईसी
करवाने के
उपरांत
पात्रता पर्ची
जारी करने का
प्रावधान है।
उचित
मूल्य
दुकानों से
खाद्य
सामग्री का
वितरण
[खाद्य,
नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
99. ( क्र. 3285 ) श्री
चन्द्रशेखर
देशमुख : क्या खाद्य
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि
(क) मुलताई
विधानसभा
अंतर्गत उचित
मूल्य की कितनी
दुकानें
संचालित है? (ख) प्रत्येक
दुकान से
कौन-कौन से
अनाज का वितरण
किया जाता है? (ग) क्या
वितरण किया
जाने वाला
अनाज
गुणवत्तापूर्ण
होता है? (घ) खाद्य
अधिकारी
द्वारा उचित
मूल्य दुकानों
का कब-कब
निरीक्षण
किया जाता है? (ड.) खाद्य
अधिकारी
द्वारा मार्च 2025 से जून 2025 तक
मुलताई
विधानसभा
अंतर्गत
संचालित
किस-किस उचित
मूल्य
दुकानों का
निरीक्षण
किया गया है? जानकारी
उपलब्ध
करावें।
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) :
(क) विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
146
शासकीय उचित
मूल्य की
दुकानें
संचालित है। (ख) प्रत्येक
शासकीय उचित
मूल्य की
दुकानों से
प्राथमिकता
परिवार के
हितग्राहियों
को गेहूं,
फोर्टीफाईड
चावल एवं नमक
तथा अन्त्योदय
परिवारों के
हितग्राहियों
को गेहूं,
फोर्टीफाईड
चावल, नमक एवं शक्कर
का वितरण किया
जाता है। (ग) जिले के
प्रत्येक
प्रदाय केन्द्र
में गठित स्टॉक
चयन समिति
द्वारा
गोदामों में
भण्डारित
अनाजों के स्टेकों
का चयन कर
गुणवत्ता
पूर्ण अनाज ही
दुकानों पर
भिजवाकर
वितरण करवाया
जाता है। (घ) मध्यप्रदेश
सार्वजनिक
वितरण
प्रणाली
(नियंत्रण)
आदेश 2015 के
प्रावधानों
के तहत 03 माह में
एक बार
दुकानों का
निरीक्षण
किया जाना
प्रावधानित
है। (ड.) विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
खाद्य विभाग
के अधिकारी
द्वारा मार्च 2025 से जून 2025 तक 82 शासकीय
उचित मूल्य
की दुकानों का
निरीक्षण
किया गया है। जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है।
उपभोक्ता
संरक्षण
नियमों का
पालन
[खाद्य,
नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
100. ( क्र. 3286 ) श्री
चन्द्रशेखर
देशमुख : क्या खाद्य
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे कि
(क) खाद्य
विभाग द्वारा
उपभोक्ता
संरक्षण हेतु कौन-कौन
से कार्य किए
जाते है? जानकारी
देवें।
(ख) मुलताई
विधानसभा में
उपभोक्ता
संरक्षण हेतु
पदस्थ
अधिकारियों
द्वारा
कौन-कौन से
कार्य किए गए?
जानकारी
उपलब्ध
करावें।
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) :
(क) खाद्य
विभाग द्वारा
उपभोक्ता
संरक्षण हेतु प्रत्येक
वर्ष 15 मार्च को
"विश्व
उपभोक्ता
अधिकार दिवस"
एवं 24 दिसम्बर को
"राष्ट्रीय
उपभोक्ता
दिवस" का आयोजन
कर
उपभोक्ताओं
को जागरूक
किये जाने हेतु
राज्य/जिला
उपभोक्ता विवाद
प्रतितोषण
आयोग के
पदाधिकारी
एवं उपभोक्ताओं
के हित से
जुडे विभिन्न
संगठनों के पदाधिकारी
एवं विभिन्न
विभागों के
स्टाल लगाकर
उपभोक्ताओं
को उनके
अधिकार के
संबंध में जानकारी
उपलब्ध
करवाकर
जागरूक किये
जाने हेतु
कार्यशाला/परिचर्चा
का आयोजन किया
जाता है। कार्यशाला/परिचर्चा
में उपभोक्ता
अपने अधिकारों
को कैसे
पहचाने, ठगी का
शिकार न हो
एवं वस्तु के
इस्तेमाल में कोई
नुकसान होने
पर जिला
उपभोक्ता
आयोग, राज्य
उपभोक्ता
आयोग एवं
राष्ट्रीय
उपभोक्ता
आयोग में भी
शिकायत कर
मामला साबित
होने पर
क्षतिपूर्ति
भी हासिल कर
सकते है, की
जानकारियों
से
उपभोक्ताओं
को अवगत कराया
जाता है। (ख) मुलताई
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
पदस्थ कनिष्ठ
आपूर्ति
अधिकारी एवं
अखिल भारतीय
ग्राहक
पंचायत बैतूल
के द्वारा 24
दिसम्बर 2024 को
उपभोक्ताओं
को उनके
अधिकारों के
प्रति जागरूक
किये जाने
हेतु शासकीय
महाविद्यालय,
मुलताई
में शिविर का
आयोजन कर
उपभोक्ताओं
को उनके
अधिकार के
प्रति जागरूक
किया गया।
शिविर में
उपभोक्ताओं
को अवगत कराया
गया कि वस्तु के
इस्तेमाल में
कोई नुकसान
होने पर जिला
उपभोक्ता
आयोग, राज्य
उपभोक्ता
आयोग एवं
राष्ट्रीय
उपभोक्ता
आयोग में भी
शिकायत कर
मामला साबित
होने पर
क्षतिपूर्ति
भी प्राप्त की
जा सकती है।
विभिन्न
संगठनों के
द्वारा भी
समय-समय पर
उपभोक्ताओं
को जागरूक
किये जाने
हेतु शिविर का
आयोजन कर
उपभोक्ताओं
को जागरूक
किया जाता है।
छात्रावासों
में
शिष्यवृत्ति
का व्यय
[अनुसूचित
जाति कल्याण]
101. ( क्र. 3291 ) श्री
मोहन सिंह
राठौर : क्या
अनुसूचित
जाति कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रदेश
में अनुसूचित
जाति के कितने
छात्रावास
संचालित है?
इनमें
कितनी सीट्स
स्वीकृत है?
वर्ष
2023-24
एवं 2024-25 में कितनी
सीट्स भरी थी?
कितनी
रिक्त? जिलेवार
जानकारी दें। (ख) विभाग
के
छात्रावासों
में प्रश्नांकित
वर्षों में
कितनी-कितनी
शिष्यवृत्ति
की राशि
प्रावधानित
थी एवं कितनी
राशि व्यय की
गई? जिलेवार
जानकारी दें। (ग) ग्वालियर
जिले में
संचालित
छात्रावासों
में प्रश्नांश
(क) वर्षों
में कितने
विद्यार्थी
निवास करते थे?
छात्रावासवार,
वर्षवार,
स्वीकृत
सीट्स एवं भरी
सीट की
जानकारी दें।
इन पर कितना
व्यय
शिष्यवृत्ति
मद में दिया
गया? छात्रावास
वार जानकारी
दें। (घ) ग्वालियर
जिले में
छात्रावासों
में कन्टजेन्सी
मद, मरम्मत
व्यय, रंगाई
पुताई हेतु
कितनी राशि
प्रश्नांकित
वर्षों में
उपलब्ध कराई
गई? कितनी व्यय
की गई? छात्रावासवार
जानकारी दें।
अनुसूचित
जाति कल्याण
मंत्री ( श्री
नागर सिंह
चौहान ) : (क)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार
है। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-'ब' अनुसार
है। (ग)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार
है। (घ)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-'द' अनुसार
है।
स्वीकृत
कार्यों की
जानकारी
[जनजातीय
कार्य]
102. ( क्र. 3292 ) श्री
मोहन सिंह
राठौर : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह बताने
की कृपा
करेंगे कि (क) बस्ती
विकास योजना
में 2023-24 से प्रश्न
दिनांक तक
कितना-कितना
बजट प्रावधान
रखा गया था/है?
वर्षवार
जानकारी दें।
प्रावधानित
बजट किन-किन
कार्यों के
लिए था? कार्यवार
विवरण दें।
कार्य
स्वीकृत करने
एवं व्यय के
क्या नियम है?
(ख) प्रश्नांकित
वर्षों में
ग्वालियर
जिले को
कितनी-कितनी
राशि आवंटित
की गई? आवंटित
राशि से
कौन-कौन से
कार्य किस-किस
मापदण्ड के
आधार पर
स्वीकृत किये
गए? (ग) क्या
ग्वालियर
जिले की
भितरवार
विधानसभा क्षेत्र
में अन्य
विधानसभा
क्षेत्रों से
अधिक सहरिया
जनजाति निवास
करती है? यदि हां
तो क्या
भितरवार
विधानसभा
क्षेत्र में
अन्य
क्षेत्रों से
कम राशि योजना
अंतर्गत आवंटित
की गई है? यदि हां,
तो
क्यों? इसके
लिए कौन दोषी
है? (घ) वर्ष 2025-26 में
बस्ती विकास
योजना
अन्तर्गत
भितरवार विधानसभा
क्षेत्र में
कौन-कौन से
कार्य सम्मिलित
किये गये है/किये
जा रहे है?
कार्यवार
जानकारी दें।
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) :
(क) बस्ती
विकास योजना
में वित्तीय
वर्ष 2023-24 में राशि
रूपए 60.00 करोड़, वर्ष 2024-25 में
राशि रूपए 60.00 करोड़
एवं वर्ष 2025-26 में
राशि रूपए 60.00
करोड़
का प्रावधान
किया गया है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार
है। अनुसूचित
जनजाति बस्ती
विकास एवं
विद्युतीकरण
योजना नियम 2018
अंतर्गत नियम
प्रावधानित
कार्य स्वीकृत
किए जाते हैं।
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार
है। (ख) जिला ग्वालियर
को प्रश्नाधीन
अवधि में
प्रदाय राशि
का विवरण जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट ''ब'' अनुसार
है। अनुसूचित
जनजाति बस्ती
विकास एवं
विद्युतीकरण
नियम 2018 में उल्लेखित
मापदंड
अनुसार कार्य
स्वीकृत किए
गए हैं। (ग) अनुसूचित
जनजाति बस्ती
विकास एवं
विद्युतीकरण
नियम 2018 में
प्रावधान
अनुसार योजना
अंतर्गत
उपलब्ध बजट
को जिले की
अनुसूचित
जनजाति की
जनसंख्या
तथा प्रदेश की
कुल जनसंख्या
के अनुपात में
जिलों को बजट
आवंटित किया
जाता है, विधानसभावार
बजट आवंटन किए
जाने के
प्रावधान
नहीं है।
प्रश्नांश
का शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) वर्ष 2025-26 में
जिले को
प्राप्त
आवंटन की सीमा
में अनुसूचित
जनजाति बस्ती
विकास एवं
विद्युतीकरण
नियम 2018 अनुसार
कार्य स्वीकृत
किए जाते है,
शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
सहायक
कृत्रिम
उपकरण वितरण
की जानकारी
[सामाजिक
न्याय एवं
दिव्यांगजन
कल्याण]
103. ( क्र. 3295 ) श्री
उमाकांत
शर्मा : क्या
सामाजिक न्याय
एवं दिव्यांगजन
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मध्यप्रदेश
दिव्यांगजनों
को जीवन सहायक
उपकरण एवं
कृत्रिक अंग
प्रदान करने
हेतु 1 अप्रैल,
2018 से
प्रश्नांकित
अवधि तक
कितने-कितने
दिव्यांगजनों
का
चिन्हांकिन
किया गया?
जिलेवार
जानकारी
देवें, शेष
दिव्यांगजनों
का चिन्हांकन
कब तक कर लिया
जावेगा? (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में भारत
सरकार की एडिप
योजनांतर्गत
दिव्यांगजनों
को कौन-कौन से
सहायक उपकरण एवं
कृत्रिम अंग
प्रदान किए गए
हैं? विदिशा के
विकासखण्डवार
वर्षवार
जानकारी देवें
तथा
दिव्यांगजनों
को सहायक
उपकरण एवं कृत्रिम
अंग कब तक
प्रदान कर दिए
जावेंगे?
समय-सीमा
बतावें।
विदिशा जिले
में कितने पात्र
दिव्यांगजनों
को मोटराइज्ड
ट्रायसायकिल
वितरण लक्ष्य
था? उसके विरूद्ध
कितने पात्र
दिव्यांगजनों
को मोटराइज्ड
ट्रायसायकिल
वितरित की गई
तथा कितनी वितरित
की जाना शेष
है? इसके लिए
दोषी कौन है
तथा कब तब
वितरित कर दी
जावेगी? विकासखण्डवार
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ग) प्रश्नांश
(क), (ख) के
संदर्भ में
शेष
दिव्यांगजनों
को सहायक उपकरण
एवं कृत्रिम
अंग प्रदान
करने हेतु
भारत सरकार को
कब-कब पत्र
प्रेषित किए
गए हैं एवं भारत
सरकार से
कौन-कौन से
पत्र प्राप्त
हुए हैं? छायाप्रति
उपलब्ध
करावें। (घ) विदिशा
जिले में एडिप
योजनांतर्गत 1 अप्रैल, 2018 से
प्रश्नांकित
दिनांक तक
कितने-कितने
सहायक उपकरण
प्राप्त हुए
एवं कितने
सहायक उपकरण
वितरण किए गए
हैं? दिव्यांगजनों
के नाम, वितरित
उपकरण सहित
विकासखण्डवार
जानकारी उपलब्ध
करावें तथा
कितने सहायक
उपकरण वितरण शेष
है? कब तक
उपकरणों को
वितरित किया
जावेगा? विकासखण्डवार
बतावें।
सामाजिक
न्याय एवं
दिव्यांगजन कल्याण
मंत्री ( श्री
नारायण सिंह
कुशवाह ) :
(क) भारत
सरकार की एडिप
योजनांतर्गत
भारत सरकार के
उपक्रम ऐलिम्को
द्वारा दिव्यांगजन
परीक्षण
शिविर आयोजित
कर दिनांक 1 अप्रैल, 2018 से
प्रश्नांकित
अवधि तक
जिलावार चिन्हांकित
दिव्यांगजनों
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार
है। प्रदेश में
दिव्यांगजनो
की संख्या
में निरंतर
परिवर्तन/वृद्धि
होती रहती है।
अत: उनका
परीक्षण एवं
चिन्हांकन
एक सतत्
प्रक्रिया के
अंतर्गत आता
है। (ख) भारत
सरकार की एडिप
योजनांतर्गत
भारत सरकार के
उपक्रम ऐलिम्को
द्वारा
विदिशा जिले
में दिव्यांगजन
परीक्षण
शिविर आयोजित
कर कृत्रिम अंग,
सहायक
उपकरण की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार
है। विदिशा में
दिव्यांगजनों
को वितरित
किये गये
सहायक उपकरण
एवं कृत्रिम
अंग की
विकासखण्डवार
वर्षवार जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार
है।
दिव्यांजनों
का चिन्हांकन
एवं सहायक
उपकरण वितरण
एक सतत्
प्रक्रिया
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) दिव्यांगजनों
को सहायक
उपकरण एवं
कृत्रिम अंग
प्रदान करने
हेतु भारत
सरकार उपक्रम
को लिखे गये
पत्र एवं भारत
सरकार उपक्रम
के प्रति उत्तर
में जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''द'' अनुसार
है। (घ) विदिशा
जिले के
विकासखण्ड
लटेरी, सिरोंज,
कुरवाई
एवं
ज्ञारसपुर
में 591 सहायक
उपकरण वितरित
होना शेष है
जिन्हें
माननीय
जनप्रतिनिधयों
से परामर्श कर
वितरण की
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है, जो एक सतत्
प्रक्रिया के
अंतर्गत आता
है। विदिशा जिले
में 1 अप्रैल, 2018 से
वितरित किये
गये सहायक
उपकरण के
संबंध में
दिव्यांगजनों
के नाम, उपकरण
सहित
विकासखण्डवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार
है।
विभाग
में संचालित
योजनाएं
[उद्यानिकी
तथा खाद्य प्रसंस्करण]
104. ( क्र. 3296 ) श्री
उमाकांत
शर्मा : क्या
उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विदिशा
जिले में
विभाग द्वारा
कृषि उत्पादनों
के
प्रसंस्करण,
मूल्य
संवर्धन एवं
विपणन को
बढ़ावा देने के
लिए तथा
किसानों को
पारम्परिक
खेती के स्थान
पर उद्यानिकी
फसलों की ओर प्रोत्साहन
हेतु कौन-कौन सी
योजनाएं
संचालित हैं?
कौन-कौन सी
योजनाओं
में
कितने
हितग्राहियों
को लाभांवित
किया गया?
(ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में विभाग
द्वारा 1 अप्रैल, 2021 से
प्रश्नांकित
अवधि तक
कौन-कौन से
कार्य
कितनी-कितनी
राशि के
स्वीकृत हुए?
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ग) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ में
विभाग द्वारा
किन-किन
प्रमुख
उद्यानिकी फसलों
(जैसे फल, फूल,
मसाले,
सब्जियाँ
आदि) के लिए
अनुदान/प्रोत्साहन
योजनाएं
संचालित हैं?
इन
योजनाओं के
अंतर्गत
किसानों को 1 अप्रैल, 2021 से
प्रश्नांकित
अवधि तक
कितना-कितना
अनुदान
वितरित किया
गया तथा
लाभान्वित
किसानों की
संख्या सहित
जिलावार
जानकारी
देवें। (घ) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में विभाग
द्वारा
किन-किन
योजनाओं के
अंतर्गत
प्रसंस्करण
इकाइयों को
अनुदान या ऋण
सहायता
प्रदान की गई?
जानकारी
देवें तथा
कितने
उद्यमियों/स्वयंसेवी
संस्थाओं/एफपीओ
(एफपीओ) को लाभ
प्राप्त हुआ?
अनुदान
या ऋण की
जानकारी
उपलब्ध
करावें। ऋण वितरण
के विरूद्ध
विभाग द्वारा
ऋण लेने वाले
से कितने ऋण
की पूर्ति की
गई? किन-किन पर,
कितना-कितना
ऋण शेष है?
(ड.) विदिशा
जिले में
विभाग द्वारा
तकनीकी
मागदर्शन,
ड्रिप
सिंचाई, पॉलीहाउस
या कोल्ड
स्टोरेज की
सुविधा हेतु किन-किन
व्यक्ति/फर्म/कम्पनियों
को अनुदान अथवा
ऋण उपलब्ध
कराया गया?
जानकारी
देवें।
विदिशा जिले
में कितने
फलोद्यान
स्थापित हैं?
किन-किन
मदों में
कितनी-कितनी
राशि आवंटित
की गई? कितना राशि
का व्यय
किन-किन
कार्यों में
किया गया?
आय-व्यय
की जानकारी
फलोद्यानवार
उपलब्ध करावे।
उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण
मंत्री ( श्री
नारायण सिंह
कुशवाह ) :
(क)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''क'' अनुसार
है। (ख)
जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट- ''ख'' अनुसार
है। (ग) विभाग
द्वारा
प्रमुख
उद्यानिकी
फसलों (जैसे फल,
फूल,
मसाले,
सब्जियाँ
आदि) के लिए
अनुदान/
प्रोत्साहन
योजनाएं
संचालित हैं।
इन योजनाओं के
अंतर्गत किसानों
को 1 अप्रैल, 2021 से
प्रश्नांकित
अवधि तक
वितरित
अनुदान तथा
लाभान्वित
किसानों की
संख्या सहित जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''ग'' अनुसार
है। (घ) विभाग
द्वारा
प्रधानमंत्री
सूक्ष्म
खाद्य उद्यम
उन्नयन
योजनान्तर्गत
प्रसंस्करण
इकाइयों को
अनुदान या ऋण
सहायता
प्रदान की गई।
उद्यमियों/स्वयंसेवी
संस्थाओं/एफपीओ
को दिये गये
लाभ, अनुदान या
ऋण की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''घ'' अनुसार है। शेषांश
कार्यवाही
विभाग द्वारा
नहीं की जाती
है। (ड.)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-
''ड.''
अनुसार
है। विदिशा
जिले में
कृषकों के
प्रक्षेत्र
पर स्थापित
फलोद्यान,
मदवार
आवंटित राशि,
व्यय
राशि का विवरण
कार्य अनुसार
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-
''च''
अनुसार
है। कृषकों के
प्रक्षेत्र
पर स्थापित
फलोद्यान के
आय-व्यय की
जानकारी
विभाग द्वारा
संकलित नहीं
की जाती है।
पीडीएस
के अनाज का
खुले बाजार
में विक्रय
[खाद्य,
नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
105. ( क्र. 3297 ) श्री
आतिफ आरिफ
अकील : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
मार्च 2025 के
अंतिम सप्ताह
में भोपाल के
भैंसाखेड़ी
अनाज मंडी के
व्यापारी के
यहां जिला
खाद्य एवं आपूर्ति
विभाग के
खाद्य
नियंत्रक ने
पीडीएस के
फोर्टिफाइड
चावल जब्त कर
जांच
प्रतिवेदन
कलेक्टर
भोपाल को
प्रेषित किया
था? यदि हाँ तो
जांच
प्रतिवेदन के
निष्कर्ष के
आधार पर क्या
कार्रवाई की
गई? यदि नहीं तो
क्यों? (ख) उपरोक्त
प्रश्नांश
के
परिप्रेक्ष्य
में भोपाल
जिले में पीडीएस
का चावल एवं
गेहूं खुले
बाजार में
बेचे जाने के
कितने मामलों
में किस-किस
उपभोक्ता भंडार
एवं राशन
खरीदने वाले
दलाल/व्यापारियों
पर क्या-क्या
कार्रवाई की
गई? (ग) क्या
गरीबों के नाम
पर जारी अनाज
खुले बाजार में
विभागीय
अधिकारी/कर्मचारियों
की मिलीभगत से
लंबे समय से
विक्रय किया
जाकर गरीबों
को अनाज नहीं मिल
रहा है? क्या
इसकी सूक्ष्म
जांच कराई
जाकर ठोस
कार्यवाही की
जावेगी?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) :
(क) जी हाँ।
मेसर्स विजय
ऑयल मिल
बैरागढ़, के प्रोप्राइटर
श्री गौरव
आसवानी के
विरूद्ध
प्रकरण दर्ज
कर माननीय
कलेक्टर न्यायालय
में प्रस्तुत
किया गया था।
कलेक्टर न्यायालय
के आदेश
दिनांक 22.05.2025 द्वारा
श्री गौरव
आसवानी के
विरूद्ध राशि
रूपये 30000/- का दण्ड
अधिरोपित
करते हुये
भविष्य के
लिये चेतावनी
दी गई। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) जिले
में माह मार्च
2025 से
पीडीएस का
चावल खुले
बाजार में
बेचे जाने के
संबंध में कुल
03
प्रकरण यथा
जिले के
मेसर्स विजय
ऑयल मिल बैरागढ,
मेसर्स
महालक्ष्मी
ग्रेन
मर्चेन्ट
बजरंग
मार्केट
बैरसिया रोड
करोंद के प्रोप्राइटर
श्री रिजवानी
एवं मेसर्स
राजकुमार
ट्रेडर्स
आईसीआईसी
बैंक बैरागढ़
के प्रोप्राइटर
श्री रतन
आसवानी के
विरूद्ध दर्ज
किये गये। इनमें
से मेसर्स
विजय ऑयल मिल
बैरागढ के प्रोप्राइटर
के विरूद्ध
राशि रूपये 30000/-
का
दण्ड
अधिरोपित
करते हुये
भविष्य के
लिये चेतावनी
दी गई। शेष 02 प्रकरण
माननीय कलेक्टर
न्यायालय
में प्रचलित
है। जिले में
पीडीएस के
गेहूं के खुले
बाजार में
बेचने
संबंधित कोई
प्रकरण प्रकाश
में नहीं आया
है। (ग) जी नहीं।
पात्र
हितग्राहियों
को पीओएस मशीन
के माध्यम से
उनके आधार सत्यापन
के उपरांत ही
राशन सामग्री
प्रदाय की जाती
है। शेष प्रश्नांश
उपस्थित नहीं होता।
गैस
राहत
चिकित्सा
संस्थानों
में लोकल परचेस
की दवाएं क्रय
किया जाना
[भोपाल
गैस त्रासदी
राहत एवं
पुनर्वास]
106. ( क्र. 3300 ) श्री
आतिफ आरिफ
अकील : क्या
भोपाल गैस
त्रासदी राहत
एवं पुनर्वास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) गैस
राहत
चिकित्सा संस्थानों
में लोकल
परचेस की
दवाएं अप्रैल 2022 से
प्रश्न
दिनांक तक
किन-किन
एजेंसियों से
क्रय की गई है?
वित्तीय
वर्षवार
एजेंसियों को
किए गए भुगतान
की जानकारी
पृथक पृथक
कार्यालयों
एवं चिकित्सा
संस्थावार
बताते हुए
उपलब्ध करावे?
वर्तमान
में
प्रदायकर्ता
एजेंसी से
विभाग द्वारा
किए गए अनुबंध
के बिंदुओं की
जानकारी देते
हुए अनुबंध की
प्रति उपलब्ध
करावें? (ख) लोकल
परचेस की दवाई
मंगाई जाने की
क्या समय-सीमा
निर्धारित की
गई है? रोगियों को
दवायें
समय-सीमा में
प्रदान नहीं किए
जाने के क्या
कारण है? क्या
लोकल परचेस की
दवाई डॉक्टर
के लिखे
अनुसार नहीं
प्रदान करने
एवं निम्न
गुणवत्ता की
घटिया दवाएं
संबंधित
अधिकारियों/कर्मचारियों
और प्रदायकर्ता
एजेंसी की
मिली भगत के
कारण रोगियों
की जान से
खिलवाड़ करते
हुए उच्च
गुणवत्ता की दवाओं
के नाम पर
लाखों रुपयों
का
भ्रष्टाचार कर
अपना निजी स्वार्थ
सिद्ध किया जा
रहा है? (ग) क्या
विभाग इस
गंभीर प्रकरण
पर तत्काल
समुचित
कार्रवाई
करते हुए
अप्रैल 2022 से
प्रश्न
दिनांक तक
लोकल परचेस से
संबंधित क्रय
की गई दवाओं
के भौतिक
सत्यापन करते
हुए उच्च
स्तरीय जांच
कर संबंधित
दोषियों एवं
प्रदायकर्ता एजेंसी
के विरुद्ध
अनुशासनात्मक
एवं
दण्डात्मक
कार्यवाही
सुनिश्चित
करेगा? यदि
नहीं तो क्यों?
भोपाल
गैस त्रासदी
राहत एवं
पुनर्वास
मंत्री ( डॉ.
कुंवर विजय
शाह ) : (क)
जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-‘’अ’’ अनुसार एवं
अनुबंध की
प्रति जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘’ब’’
अनुसार। (ख) अनुबंध
में
निर्धारित
शर्तों के
अनुरूप लोकल
परचेस के माध्यम
से मरीजों को
दवाएं उपलब्ध
कराई जाती है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) उत्तरांश
(क) एवं (ख)
के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
परिसंकटमय
अपशिष्ट से जल
प्रदूषण
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
107. ( क्र. 3303 ) श्री
प्रताप
ग्रेवाल : क्या
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि
(क) रतलाम
के आसपास
कितने वर्ग
किलोमीटर में
परिसंकटमय
अपशिष्ट से
भूमिगत जल
दूषित हो गया
है? किस-किस
गांव में ट्यूबवेल
में लाल पानी
आ रहा है।
रतलाम शहर के
किस-किस वार्ड
में तथा किस
किस औद्योगिक
क्षेत्र में
ट्यूबवेल में
लाल पानी निकल
रहा है? पानी की
लेटेस्ट जांच
रिपोर्ट देवें तथा
बतावे कि
किस-किस
पैरामीटर की
लिमिट क्या है
और रिजल्ट
क्या है? (ख) रतलाम
स्थित सज्जन कैमिकल, जयंत
विटामिंस तथा
बोरदिया कैमिकल्स
में प्रारंभ
में कितना
अपशिष्ट था,
जून 2025 के अनुसार
कितना है।
अपशिष्ट की
मात्रा में अंतर
क्यों है?
अपशिष्ट
का निष्पादन
अनुमति से या
बिना अनुमति
के किया गया।
जिम्मेदार पर
क्या
कार्रवाई की
गई? (ग) रतलाम
शहर, औद्योगिक
क्षेत्र तथा
गांव मिलकर
कितनी आबादी
लाल पानी से
प्रभावित हो
रही है? लाल
पानी
सेसोशियो-इकानिमिक
इफेक्ट
स्वास्थ्य
में गिरावट, जमीन की
उपजाऊ में कमी
उत्पादित फसल
के गुणवत्ता
में कमी या
पशुओं को हानि
का अध्ययन
कब-कब किया
गया? उसकी
लेटेस्ट
रिपोर्ट देवें।
(घ) लगभग 25 से 30 वर्ष की
अवधि होने के
बाद भी
परिसंकटमय
अपशिष्ट का उचित
निष्पादन
क्यों नहीं
किया गया?
800 फीट
नीचे तक
भूमिगत जल को
खराब क्यों
होने दिया गया?
उसे
कैसे ठीक
करेंगे? कब तक
निष्पादन कर
दिया जाएगा?
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके
) : (क) ग्रामीण
क्षेत्र में
ट्यूबवेलों
में लाल पानी
की वर्तमान
में शिकायत
नहीं है। शेष
जानकारी
मध्यप्रदेश
प्रदूषण
नियंत्रण
बोर्ड, नगरपालिक
निगम, रतलाम एवं
किसान कल्याण
तथा कृषि
विभाग, पशुपालन
एवं डेयरी
विभाग के
स्थानीय
रतलाम जिले
में स्थित
कार्यालयों से
प्राप्त की गई
है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) से (घ) प्रश्नांश
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
विभाग से संबंधित
नहीं है, संबंधित
विभाग से
प्राप्त की गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार
है।
जिला
रतलाम
अंतर्गत लोक
परिसम्पत्ति
प्रबंधन
[लोक
परिसम्पत्ति
प्रबंधन]
108. ( क्र. 3307 ) श्री
कमलेश्वर
डोडियार : क्या
लोक
परिसम्पत्ति
प्रबंधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
रतलाम में
वर्ष 2018 से प्रश्न
दिनांक तक लोक
परिसंपत्ति
प्रबंधन
विभाग (Public Asset Management
Department) के
अंतर्गत
संपत्तियों
के उपयोग, रख-रखाव,
आवंटन
एवं राजस्व
अर्जन से
संबंधित
जानकारी वर्तमान
में जिला
रतलाम में लोक
परिसंपत्ति प्रबंधन
विभाग के
स्वामित्व
में कुल कितनी
शासकीय
परिसंपत्तियाँ
(भवन, भूमि, आवासीय
परिसर, कार्यालय,
वाणिज्यिक
परिसरों आदि)
स्थित हैं?
सूची
सहित विवरण
दिया जावे। (ख) क्या
जिला रतलाम
में प्रश्न
दिनांक तक में
इनमें से
कितनी
परिसंपत्तियों
का निजीकरण,
लीज
पर आवंटन,
नीलामी
या अन्य किसी
रूप में उपयोग
किया गया है?
उसका
राजस्व अर्जन
कितना हुआ?
जानकारी
पृथक-पृथक
वर्षवार
अनुसार
उपलब्ध करावें।
(ग) क्या
जिले में ऐसी
कोई
परिसंपत्तियाँ
हैं जो वर्षों
से अनुपयोगी,
परित्यक्त
अथवा विवादित
स्थिति में
हैं? यदि हाँ,
तो
उनके पुनः
उपयोग या
निपटान हेतु
विभाग द्वारा
क्या
कार्यवाही की
गई है? क्या किसी
निजी संस्था,
एनजीओ
या ठेकेदार को
विभागीय
परिसंपत्तियों
का उपयोग करने
की अनुमति दी
गई है? यदि हाँ,
तो
उसकी शर्तें
एवं स्वीकृति
की प्रक्रिया
क्या रही?
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (घ) भविष्य
में जिला
रतलाम में लोक
परिसंपत्तियों
के प्रभावी
उपयोग एवं
संरक्षण हेतु
विभाग द्वारा
कौन-कौन सी
योजनाएं या
सुधार
प्रस्तावित
हैं?
लोक
परिसम्पत्ति
प्रबंधन
मंत्री ( डॉ.
कुंवर विजय
शाह ) : (क) लोक
परिसम्पत्ति
प्रबधन विभाग
द्वारा केवल
उन परिसम्पत्तियों
का
प्रबंधन/निर्वर्तन
किया जाता है,
जो
विभागीय
पोर्टल पर
विभाग/जिले
द्वारा इन्द्राज
की जाती हैं।
लोक परिसम्पत्ति
प्रबंधन
विभाग के स्वामित्व
की जिला रतलाम
में कोई
परिसम्पत्ति
नहीं है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) लोक
परिसम्पत्ति
प्रबंधन
विभाग द्वारा
जिला रतलाम
में वर्ष 2022 में 01 एवं 2023 में 02 परिसम्पत्तियां
निर्वर्तित
की गई जिनसे
प्राप्त कुल
राजस्व
क्रमश: राशि
रूपये 2,32,56,000/- एवं
राशि रूपये 4,78,18,000/-
है। (ग) जी
नहीं। विभाग
द्वारा ऐसी
कोई जानकारी
संधारित नहीं
की जाती है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) जिला
रतलाम में
विभाग द्वारा
भविष्य में
कोई योजना
प्रस्तावित
नहीं है।
वन
विभाग की गतिविधियों
की जानकारी
[वन]
109. ( क्र. 3308 ) श्री
कमलेश्वर
डोडियार : क्या
राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जिला
रतलाम में वन
विभाग (Forest
Department) अंतर्गत
संचालित
योजनाओं, वन
क्षेत्र की
स्थिति एवं
वन्यजीव
संरक्षण से
संबंधित
वर्तमान में
जिला रतलाम
में कुल वन
क्षेत्र
(आरक्षित, संरक्षित
एवं सामाजिक
वानिकी सहित)
की स्थिति
क्या है? विकासखंडवार
जानकारी
उपलब्ध करावें।
(ख) विगत
पाँच वर्षों
में वन विभाग
द्वारा वृक्षारोपण, पौधारोपण
अभियान, वन
विकास एवं
संरक्षण हेतु
किए गए
कार्यों की जानकारी
उपलब्ध करावें।
(ग) क्या
जिले में
वनभूमि पर
अतिक्रमण की
कोई घटनाएं
सामने आई हैं? यदि हाँ, तो
अतिक्रमित
क्षेत्र का
विवरण एवं उन
पर की गई
कार्यवाही की
जानकारी
उपलब्ध करावें।
(घ) जिला
रतलाम में
वन्यजीवों की
सुरक्षा हेतु
वन विभाग
द्वारा
स्थापित
चौकियों, गश्त
दलों एवं अन्य
संसाधनों की
जानकारी
उपलब्ध करावें।
जिले के
आदिवासी
बाहुल्य
क्षेत्रों
में सामुदायिक
वन प्रबंधन, वनाधिकार
अधिनियम (FRA) के
अंतर्गत
अधिकार पत्र
(पट्टे) जारी
किए गए हैं? यदि हाँ, तो
ग्रामवार
जानकारी
उपलब्ध करावें।
भविष्य में
जिले में वनों
के संरक्षण, संवर्धन
एवं जैव
विविधता बनाए
रखने हेतु
कौन-कौन सी
योजनाएं
प्रस्तावित
हैं?
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) :
(क) जिला
रतलाम के
सामान्य
वनमंडल रतलाम
अंतर्गत
समस्त
विकासखण्डों
में मुख्य
रूप से कैम्पा
एन.पी.व्ही, कैम्पा
सी.ए. कार्य
आयोजना का
क्रियान्वयन, बांस मिशन
आदि योजना
संचालित है।
शेष जानकारी पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-‘’1’’ अनुसार
है। (ख) वन
विकास एवं
संरक्षण हेतु
सामान्य
वनमंडल रतलाम
अंतर्गत
अग्नि पट्टी
जलाई, कटाई, सफाई
सुरक्षा एवं
रख-रखाव, वन्यप्राणी
रेस्क्यू, मानसून
गश्ती आदि
कार्य समय-समय
पर किए जाते
हैं। शेष जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-‘’2’’ अनुसार
है। (ग) वनमंडल
रतलाम
अंतर्गत
वर्तमान में 2917.567
हेक्टेयर
भूमि में
अतिक्रमण है, जिसमें से 780.191
हेक्टेयर
अतिक्रमण
बेदखल किये
गये। शेष अतिक्रमण
में भारतीय वन
अधिनियम 1927 की धारा 80-A अनुसार
बेदखल हेतु
नोटिस जारी
है। (घ) सामान्य
वनमंडल रतलाम
अंतर्गत
वनमंडल
स्तरीय उड़नदस्ता
दल गठित है, जो गश्ती
के साथ-साथ
वन्यप्राणी
के रेस्क्यू का
कार्य भी
संपादित करता
है।
उड़नदस्ता दल
हेतु पृथक से
वाहन उपलब्ध
है। साथ में
रेस्क्यू/गश्ती
कार्य हेतु
आवश्यक
संसाधन जैसे
पिंजड़ा, जाल, रस्सा, टार्च, हेलमेट, सेफ्टी
जूते, सेफ्टी
ग्लब्स आदि
उपलब्ध है।
प्रश्नांश
की शेष जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट-‘’3’’ एवं ‘’4’’ अनुसार
है। आगामी
वर्ष 2026 में
वनमंडल रतलाम
अंतर्गत वन
संवर्धन एवं
जैव विविधता
बनाए रखने
हेतु कैम्पा
एन.पी.व्ही., कैम्पा
सी.ए कार्य
आयोजना का
क्रियान्वयन
योजना आदि
योजनाएं
प्रस्तावित
है।
केन्द्र
से राज्य
प्रवर्तित
योजनाओं का
क्रियान्वयन
[अनुसूचित
जाति कल्याण]
110. ( क्र. 3311 ) डॉ.
राजेन्द्र
पाण्डेय : क्या
अनुसूचित
जाति कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
रतलाम जिले
में
शासन/विभाग
द्वारा केंद्र/राज्य
प्रवृर्तित
योजना का
क्रियान्वयन किया
जा रहा है?
(ख) यदि हाँ
तो वर्ष 2020-21 से लेकर
प्रश्न
दिनांक तक
रतलाम जिले
में अनुसूचित
जाति वर्ग
विशेष के
परिवारों पर
अत्याचार
जैसी कितनी
घटनाएं हुई,
जिस
पर कितने ऐसे
परिवारों को
कितनी राशि की
सहायता एवं
अत्याचार
निवारण हेतु
क्या-क्या किया
गया? वर्षवार
एवं ब्लाकवार
जानकारी दें। (ग) रतलाम
जिले में
शासन/विभाग की
किन-किन
योजनाओं के
तहत बस्ती
विकास एवं
ग्राम एवं
क्षेत्र में
मूलभूत
सुविधा
प्रदान करने
के अलावा कृषि
पंप, विद्युतीकरण,
पेयजल
व्यवस्था आदि
के कितने
कार्य वर्ष 2020-21 से लेकर
प्रश्न
दिनांक तक
स्वीकृत किए,
उनमें
से कितने
कार्य पूर्ण
हो गए कितने
अपूर्ण एवं
कितने
अप्रारंभ हैं?
ब्लॉकवार, ग्रामवार
स्थिति से
अवगत करायें। (घ) विभागीय
योजना
अंतर्गत
कितने
अनुसूचित जाति
वर्ग के
छात्र-छात्राओं
को उच्च
अध्ययन एवं विशेष
परीक्षा की
तैयारी के लिए
कोचिंग आदि की
व्यवस्था
हेतु कितने
छात्रों को
चयनित कर कितनी
कितनी
छात्रवृत्ति
किस-किस योजना
अंतर्गत
प्रदान की गई
जा रही है?
वर्ष
2020-21
से प्रश्न
दिनांक तक ब्लॉकवार
जानकारी दें।
अनुसूचित
जाति कल्याण
मंत्री ( श्री
नागर सिंह
चौहान ) : (क) जी हां। (ख) राहत स्वीकृति
की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार
है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
''ब''
अनुसार
है। (घ) रतलाम जिले
में विशेष
परीक्षा की
तैयारी के लिए
कोचिंग की कोई
योजना
संचालित नहीं
है। उच्च अध्ययन
हेतु संचालित
पोस्ट
मैट्रिक
छात्रवृत्ति
की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''स'' अनुसार
है।
खाद्य
प्रसंस्करण
योजनाओं का
क्रियान्वयन
[उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण]
111. ( क्र. 3312 ) डॉ.
राजेन्द्र
पाण्डेय : क्या
उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
शासन/विभाग
द्वारा
केंद्र/राज्य
प्रवर्तित
विभिन्न
योजनाओं के
माध्यम से
उद्यानिकी
एवं खाद्य
प्रसंस्करण
योजना का
रतलाम जिले
में
क्रियान्वयन
किया जा रहा
है? (ख) यदि हाँ
तो वर्ष 2020-21 से लेकर
प्रश्न
दिनांक तक
रतलाम जिले के
किन-किन
स्थानों पर
केंद्र/राज्य
परिवर्तित
योजना के
माध्यम से कितने-कितने
कृषकों को
योजनागत रूप
से लाभ प्रदान
करते हुए
अनुदान/ऋण
प्रदान किया
गया? कितने स्थान
पर, किस-किस
योजना के
अंतर्गत
कितने-कितने
कृषकों को
प्रशिक्षण
दिया गया?
(ग) जिले
में फल, फूल,
औषधि
पौधे, बागवानी,
उद्यानिकी
फसलों के लिए
कौन-कौन से
क्षेत्र अधिसूचित
किये जाकर
विभाग द्वारा
किस-किस योजना
के अंतर्गत
क्या कार्य
किया गया?
इस
हेतु कितनी
बजट राशि
स्वीकृत होकर
कितना व्यय
किया गया?
इन
फसलों की
मार्केटिंग
एवं फूड
प्रोसेसिंग यूनिट
के लिए भी कोई
कार्ययोजना
बनाकर स्वीकृति
दी गई, तो किस
स्थान पर
कितनी राशि से
स्वीकृति दी
गई? (घ) एक जिला
एक उत्पाद के
तहत पूर्व में
जिस उद्यानिकी
फसल को जीआई
टैग दिया गया,
उसके
पश्चात उस फसल
की
मार्केटिंग
के लिए विभाग
ने अब तक
क्या-क्या
किया एवं वर्ष
2024-25
में योजना के
अंतर्गत किस
उत्पाद को
चयनित कर
कार्य योजना
बनाई है? संपूर्ण
स्थिति की
जानकारी दें।
उद्यानिकी
तथा खाद्य
प्रसंस्करण
मंत्री ( श्री
नारायण सिंह
कुशवाह ) :
(क) जी हाँ। (ख)
जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट- ''अ'' अनुसार है। विभिन्न
योजनान्तर्गत
जिले में वर्ष
2020-21
से प्रश्न
दिनांक तक 69 स्थान
पर कृषकों को
प्रशिक्षण
दिया गया।
योजनावार
कृषकों को दिये
गये
प्रशिक्षण की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''ब'' अनुसार है। (ग) फल, फूल,
औषधि
पौधे, बागवानी,
उद्यानिकी
फसलों से
संबंधित
योजनाएं सम्पूर्ण
जिले में
क्रियान्वित
की जाती है,
जिले
में कोई विशेष
क्षेत्र इन
फसलों के लिये
अधिसूचित
नहीं है।
विभाग द्वारा
इन फसलों के लिये
योजनाओं में
किये गये
कार्य, स्वीकृत
बजट राशि तथा
व्यय की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''स'' अनुसार है। विभाग
में संचालित
योजनाओं में
इन फलसों की मार्केटिंग
के लिये
अनुदान का
प्रावधान
नहीं है।
रतलाम जिले
में इन फसलों
की फूड
प्रोसेसिंग
यूनिट की स्थापना
हेतु कार्ययोजना
स्वीकृत की
गई है, स्थान एवं
राशि अनुसार जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
''द'' अनुसार है। (घ) एक जिला
एक उत्पाद के
तहत रतलाम की
रियावन लहसून
फसल को जीआई
टैग मिलने के
बाद फसल की
मार्केटिंग
प्रोत्साहन
के लिये 02 जिला स्तरीय
सेमिनार, 01 किसान
मेला, रीजनल
इंडस्ट्री
स्किल एंड एम्पलॉयमेंट
कॉन्क्लेव
दिनांक 27.06.2025 को
आयोजित, बायर
सेलर मीट
दिनांक 30.07.2024 को
आयोजित एवं
सोशल मीडिया
तथा राज्य के
बाहर एवं अंदर
कृषक
प्रशिक्षण सह
भ्रमण के माध्यम
से
प्रचार-प्रसार
किया गया।
वर्ष 2024-25 में रतलाम
जिले की बालम
ककड़ी एवं
गराडू फसल के
जीआई टैग हेतु
रजिस्ट्री
ऑफिस चेन्नई
में आवेदन
प्रस्तुत
किये गये है।
जल
जीवन मिशन एवं
जल गुणवत्ता
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
112. ( क्र. 3313 ) श्री
नागेन्द्र
सिंह : क्या
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि
(क) जल जीवन
मिशन
कार्यक्रम
अंतर्गत एकल
ग्राम जल
प्रदाय योजना
से रीवा जिले
में
विकासखण्ड रीवा
एवं रायपुर
कर्चुलियान
के ग्रामों
में योजना
लागू दिनांक
से प्रश्न
दिनांक तक
कितने कार्य
स्वीकृत किये
गए? कार्यदेशों
की जानकारी
उपलब्ध करायें,
कितने
कार्य पूर्ण
किये गये?
पूर्णता
प्रमाण
पत्रों, ग्राम
पंचायतों से
प्राप्त
हस्तांतरण
एवं हर घर जल
प्रमाण
पत्रों की
जानकारी
उपलब्ध करायें।
(ख) क्या
रीवा जिले में
जल गुणवत्ता
अनुश्रवण एवं
निगरानी
कार्यक्रम
अंतर्गत जिला
एवं उपखंड
स्तरीय
प्रयोगशालाओं
में प्रतिमाह
निर्धारित
संख्या में जल
गुणवत्ता
परीक्षण किये
जाते हैं?
यदि
हाँ तो वर्ष 2023-24 से
प्रश्न
दिनांक तक
जिला एवं
उपखंड स्तरीय
प्रयोगशालाओं
में किये गये
परीक्षणों से
सम्बंधित जल गुणवत्ता
परीक्षण
रिपोर्ट की
जानकारी उपलब्ध
करायें। जल
गुणवत्ता
परीक्षण एवं
दूषित जल
स्त्रोतों के
उपचार हेतु
आवश्यक
सामग्री के
कितने
मांगपत्र खंड
कार्यालय से
जारी किये गए?
कितने
क्रयादेश
जारी किये गये?
प्राप्त
सामग्री के
स्टाक एवं
वितरण तथा किये
गए भुगतान
संबंधी
जानकारी
उपलब्ध करायें।
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके
) : (क) एवं (ख)
जानकारी
संकलित की जा
रही है।
हैण्डपंप
स्थापना के
कार्यों का
विभागीय
अधिकारियों
द्वारा
निरीक्षण
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
113. ( क्र. 3314 ) श्री
नागेन्द्र
सिंह : क्या
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि
(क) रीवा
जिले में वर्ष
2023 – 24
से प्रश्न
दिनांक तक
नवीन हैंडपंप
स्थापना हेतु
किस – किस मद से
कहाँ– कहाँ कितने
बोरवेल खनन
किये गए, कितने
हैंडपंप/सबमर्सिबल
पंप स्थापित
किये गए? हैंडपंप/सबमर्सिबल
पंप स्थापना
के स्थान,
अनुशंसाकर्ता
के नाम एवं व्यय
राशि से
सम्बंधित
जानकारी
उपलब्ध करायें।
(ख) वर्ष 2023–24 से
प्रश्न
दिनांक तक
उपखंड रीवा
एवं रायपुर
कर्चुलियान
अंतर्गत
कितने
हैंडपंप
मरम्मत के
कार्य कराये
गये, मरम्मत में
क्या–क्या
सामग्री
उपयोग की गई?
विवरण
उपलब्ध
करायें।
संधारण हेतु
अनुबंधित
एजेंसी/ठेकेदार
एवं उनके
कर्मचारियों
की जानकारी। हैंडपंप
मरम्मत हेतु
आवश्यक
सामग्री के
कितने
मांगपत्र खंड
कार्यालय से
जारी किये गए?
जानकारी
उपलब्ध करायें। कितने
कार्यादेश जारी
किये गये?
प्रतियाँ
उपलब्ध करायें।
प्राप्त
सामग्री के
स्टाक तथा
किये गए भुगतान
संबंधी जानकारी
उपलब्ध करायें।
(ग) क्या
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी,
खंड
रीवा में
पदस्थ
कार्यपालन
यंत्री द्वारा
कार्यक्षेत्र
में शासन के
दिशा
निर्देशों के
अनुसार
भ्रमण/निरीक्षण
किया जाता है?
यदि
हाँ तो
वर्तमान में
पदस्थ
कार्यपालन
यंत्री की
पदस्थापना
दिनांक से
प्रश्न दिनांक
तक शासकीय
कार्यों हेतु
उपयोग किये जा
रहे वाहन की
दैनन्दिनी
भ्रमण डायरी,
भ्रमण/निरीक्षण
प्रतिवेदन,
पाई
गई
अनियमितताओं
में की गई
कार्यवाही से
सम्बंधित
जानकारी
उपलब्ध
करायें।
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके
) : (क) से (ग)
जानकारी संकलित
की जा रही है।
मुख्यमंत्री
कन्या
सामूहिक
विवाह योजना
में सेवा
प्रदाता का चयन
[सामाजिक
न्याय एवं
दिव्यांगजन
कल्याण]
114. ( क्र. 3315 ) श्री
नागेन्द्र
सिंह : क्या
सामाजिक न्याय
एवं दिव्यांगजन
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
रीवा जिला अन्तर्गत
समस्त जनपद
पंचायत में
मुख्यमंत्री
कन्या
सामूहिक
विवाह/निकाह
कार्यक्रम
आयोजन वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में
आवश्यक
सेवाएं करने
तथा दर एवं
फर्म के
निर्धारण हेतु
निविदा
आमंत्रित की
गई थीं? यदि हाँ
तो किन–किन स्थानीय
हिन्दी/अंग्रेजी
समाचार
पत्रों में
निवादाएं
आमंत्रित की गईं?
उनकी
वर्षवार
प्रति उपलब्ध
करायें। (ख) प्रश्नांक
(क) के
संदर्भ में
निविदा
प्रदाताओं,
फर्मों/निविदाकारों
द्वारा
निविदा
प्रपत्र के
साथ संलग्न
किए गए
निर्धारित
राशि में टर्म
डिपॉजिट जमा
रसीद की
प्रति/वर्षवार
उपलब्ध कराई
जावे? (ग) क्या
जनपद पंचायत,
रायपुर
कर्चुलियान
में प्रश्नांक
(क) के
संदर्भ में
मात्र एक
फर्म/निविदाकार
इंदौर वाला
शाप की निविदा
वैध थी? यदि हां,
तो क्या एकल
वैध निविदा स्वीकृत
किया जाना
नियमत: सही था?
यदि
नहीं तो क्या
एकल वैध
निविदा स्वीकृत
भुगतान करने
वाले अधिकारी
के विरूद्ध
कार्यवाही की
जावेगी? यदि हाँ
तो समय-सीमा
बतायें। यदि
नहीं तो क्यों?
(घ) क्या
पंचायत राज
संचालनालय,
भोपाल
के पत्र क्र. 1141 दिनांक 17/01/2025 पं.रा.
शिकायत/CMS/PUB.जनपद
रीवा/रायपुर
में हुए
सामूहिक
विवाह के भ्रष्टाचार
संबंधी वर्ष 2023-24 की
शिकायत की गई
थी। यदि हां,
तो इस शिकायत
में क्या
कार्यवाही
हुई? नहीं हुई तो
क्यों।
सामाजिक
न्याय एवं
दिव्यांगजन
कल्याण
मंत्री ( श्री
नारायण सिंह
कुशवाह ) :
(क) जी हाँ।
स्थानीय स्तर
पर हिन्दी के
समाचार पत्र
में निविदा
आमंत्रित की
गई थी।
वर्षवार जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-''अ'' अनुसार
है। (ख)
प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में वर्षवार
टर्म डिपॉजिट
जमा रसीद की
प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार
है। (ग)
जी नहीं।
वर्ष 2023-24 एवं वर्ष 2024-25 में
फर्मों से बंद
लिफाफे में
निविदा
प्राप्त हुई
थी। वर्षवार
फर्मों से
प्राप्त
निविदा का
निविदा समिति
के
परीक्षणोपरान्त
इंदौर वाला
शाप की निविदा
न्यूनतम दर
पर पायी जाने
से नियमत: सही
था। एकल निविदा
स्वीकृत
नहीं की गई
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) जी
हाँ। शिकायत
के संबंध में
जांच
प्रतिवेदन की
प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार
है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
कान्हा
टाईगर रिजर्व
को प्राप्त
राशि
[वन]
115. ( क्र. 3317 ) श्री
संजय उइके : क्या
राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
क्या कान्हा
टाईगर रिजर्व
को
राज्य/केन्द्र
सरकार की
योजना एवं
पर्यटन से
राशि प्राप्त
होती है? (ख) यदि हाँ
तो कान्हा
टाईगर रिजर्व
के कोर एवं बफर
जोन वनमंडल
में वित्तीय
वर्ष 2022-23 से प्रश्न
दिनांक तक
प्राप्त राशि
से किन-किन
योजना में
कितनी-कितनी
राशि के
किस-किस
एजेंसी से
कौन-कौन से
उपकरण चैनलिंक
फेंसिग, सोलर
पैनल खरीदे
गये? जानकारी
उपलब्ध
करावें? (ग) कान्हा
टाईगर रिजर्व
के कोर/बफर
वनमंडल में वित्तीय
वर्ष 2022-23 से प्रश्न
दिनांक तक
निर्माण
कार्य में
प्रयुक्त गिट्टी
एवं रेत तथा रॉयल्टी
वसूली की
वर्षवार
जानकारी
उपलब्ध
करावें?
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) :
(क) जी हाँ। (ख)
जानकारी संलग्न
परिशिष्ट-‘’1’’ अनुसार है। (ग)
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-‘’2’’ अनुसार
है।
कोटवाल
समुदाय को
अनुसूचित
जनजाति की
सूची में
शामिल किया
जाना
[जनजातीय
कार्य]
116. ( क्र. 3320 ) श्री
मोंटू सोलंकी
: क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
जनजातीय
कार्य विभाग
कोटवाल
(कोतवालिया)
समुदाय को
अनुसूचित
जाति की
उपजाति (बलाई)
की सूची से
विलोपित कर
अनुसूचित
जनजाति की
सूची में
शामिल करने
हेतु भारत
सरकार को
प्रस्ताव प्रेषित
करने पर विचार
कर रहा है?
यदि
हां, तो इसकी
प्रगति क्या
है? (ख) उपरोक्त
समानताओं और
विशेषताओं के
आधार पर आदिवासी
समाज की समस्त
संस्कृति,
परंपरा,
रीति
रिवाज, भाषा
शैली और
सामाजिक
परिवेश के
आधार पर
कोटवाल
समुदाय को
अनुसूचित
जनजाति का
दर्ज Blockquote दर्जा
प्रदान करने
हेतु विभाग
द्वारा अब तक
क्या कदम उठाए
गए हैं और इस
प्रक्रिया को
पूर्ण करने की
समय-सीमा क्या
है? (ग) यदि
गुजरात, महाराष्ट्र
और कर्नाटक
में कोतवाल
(कोतवालिया)
समुदाय को
अनुसूचित
जनजाति का
दर्जा प्राप्त
है, तो
मध्यप्रदेश
में इस समुदाय
को समान दर्जा
प्रदान करने
में क्या
बाधाएं हैं?
(घ) क्या
विभाग कोटवाल
समुदाय को वन
अधिकार पत्र,
शैक्षणिक
और रोजगार
आरक्षण तथा
जनजातीय
कल्याण
योजनाओं का
लाभ प्रदान
करने हेतु कोई
विशेष
कार्ययोजना
तैयार कर रहा
है? यदि हां,
तो
इसका विवरण
क्या है?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) :
(क) भारत
सरकार द्वारा
म.प्र0 राज्य
के लिये जारी
अनुसूचित
जाति की सूची
में क्रमांक 04 पर
बलाही, बलाई
अधिसूचित है।
इस सूची में
क्रमांक 04 पर बलाई,
बलाही
के अलावा अन्य
कोई जाति नाम
अधिसूचित
नहीं है। अत:
उक्त के
परिप्रेक्ष्य
में कोटवाल
(कोतवालिया)
समुदाय के
अनुसूचित जाति
बलाई से
विलोपित किये
जाने प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) किसी
जाति/समुदाय
को अनुसूचित
जाति एवं
अनुसूचित
जनजाति सूची
में शामिल किये
जाने का
आधार/मापदण्ड
पृथक-पृथक हैं,
जिनके
आधार पर किसी
जाति/समुदाय
को अनुसूचित जाति/अनुसूचित
जनजाति में
शामिल करने
अथवा न करने
का
क्षेत्राधिकार
भारत सरकार को
है। अत: समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(ग) अनुसूचित
जातियां तथा
अनुसूचित
जनजातियां
आदेश संशोधन
(अधिनियम) 1976 के तहत
भारत सरकार
द्वारा म.प्र.
राज्य के
लिये जारी
अनुसूचित
जाति सूची में
क्रमांक 32 पर
कोतवाल (Kotwal-भिण्ड,धार,
देवास,
गुना,
ग्वालियर,
इंदौर,
झाबुआ,
खरगौन,
मंदसौर,मुरैना,
राजगढ़,
रतलाम,
शाजपुर,
शिवपुरी,
उज्जैन,
और
विदिशा जिलों
में)
क्षेत्रीय
बंधन के साथ अनुसूचित
जाति सूची में
अधिसूचित है,
सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
अनुसार है।
कोतवालिया
नाम से कोई
जाति आरक्षित
वर्ग की अनुसूचित
जाति, अनुसूचित
जनजाति एवं
अन्य पिछड़ा
वर्ग की तीनों
सूचियों में
से किसी भी
सूची में
अधिसूचित/दर्शित
नहीं हैं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है (घ) वन
अधिकार
अधिनियम 2006
अनुसार समस्त
पात्रों हेतु
वन अधिकार
पत्र जारी
करने की
कार्यवाही की
जाती है।
शैक्षणिक एवं
रोजगार
आरक्षण के संबंध
में कोतवाल
समुदाय को
उत्तरांश
(ग) में
उल्लेखित 16
जिलों में
अनुसूचित
जाति विभाग
अंतर्गत
योजनाओं को
पात्रता
अनुसार लाभ
दिया जाता है।
उत्तरांश
(ग) के
परिप्रेक्ष्य
में शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता
राशन
की दुकानों पर
भ्रष्टाचार
[खाद्य,
नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
117. ( क्र. 3321 ) श्री
मोंटू सोलंकी
: क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) सेंधवा
विधानसभा
क्षेत्र में
संचालित शासकीय
राशन दुकानों
एवं
स्व-सहायता
समूहों पर दिनांक
01/01/2020
से 31/12/2024 तक
भ्रष्टाचार
के संबंध में
कितनी
दुकानों पर
वसूली
अधिरोपित की
गई? प्रत्येक
दुकान के लिए
अधिरोपित
वसूली की राशि
और कारण सहित
प्रमाणित
सूची देवें। (ख) उपरोक्त
अवधि में
शासकीय राशन
दुकानों एवं स्व-सहायता
समूहों पर
वसूली
अधिरोपित के
मामलों में
कितने
सेल्समैन और
मैनेजर के
खिलाफ कार्यवाही
एवं FIR दर्ज किये
गये? इनकी
प्रमाणित
सूची उपलब्ध
कराएं। साथ ही,
जिन
सेल्समैन और
मैनेजर के
खिलाफ
कार्यवाही या FIR
दर्ज
नहीं की गई,
उनके
कारण सहित
प्रमाणित
सूची देवें। (ग) शासकीय
राशन दुकानों
एवं
स्व-सहायता
समूहों पर
वसूली
अधिरोपित के
मामलों में
जिन सेल्समैन
और मैनेजर के
खिलाफ FIR दर्ज की
गई, उनके कारण
क्या थे? जिनके
खिलाफ FIR दर्ज
नहीं की गई
उनके कारण
सहित जानकारी
देवें। (घ) ग्राम
चाचरियापाटी
के सेल्समैन
पर दिनांक 20/12/2022 को
वसूली
अधिरोपित के
सम्बन्ध में FIR
दर्ज
की गई। वहीं,
दिनांक
13/01/2024
को उसी संस्था
के सेल्समैन और
मैनेजर दोनों
पर वसूली
अधिरोपित के
सबंध में FIR
दर्ज
की गई। किन्तु
इसी संस्था
में दिनांक 20/12/2022 को उक्त
वसूली
अधिरोपित के
मामले में
सेल्समैन के
कार्यकाल में
तीन मैनेजर थे
उनके खिलाफ FIR
दर्ज
क्यों नहीं की
गई?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) :
(क)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'अ' अनुसार
है। (ख) उपरोक्त
अवधि में सेल्समैन
11 एवं 2 मैनेजर
के खिलाफ FIR
दर्ज
की गई जिनके
विरूद्ध
एफ.आई.आर की
गयी उनकी जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- 'ब' अनुसार
है। जिन
दुकानों के
विरूद्ध
एफ.आई.आर दर्ज
नहीं की गई है
उनके कारणों
के संबंध में संबंधित
सक्षम
अधिकारी से
जानकारी
प्राप्त की
जायेगी।
जिनके
विरूद्ध
एफ.आई.आर. दर्ज
नहीं की गई है
उनकी जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट- 'स' अनुसार
है। (ग) जिन सेल्समैन
और मैनेजर के
विरूद्ध
एफ.आई.आर दर्ज
की गयी है,
उनके
द्वारा
अनियमितताएं
प्रतिवेदित
की गयी है।
प्रश्नांश (ख) के
उत्तरांश
अनुसार है। (घ) माननीय
मुख्यमंत्री
महोदय, के
चाचरियापाटी
भ्रमण के
दौरान उचित
मूल्य दुकान
चाचरियापाटी
के विक्रेता
के नाम से शिकायत
प्राप्त
होने से
शिकायत के
आधार पर कलेक्टर
बड़वानी
द्वारा जांच
दल गठित कर जांच
करवाई गई,
जिसमें
अनियमितताएं
पाये जाने से
विक्रेता के
विरुद्ध
दिनांक 20/12/2022 को
प्राथमिकी
दर्ज करवाई
गई। इसी
प्रकार दिनांक
13.01.2024
को प्रबंधक
एवं विक्रेता
के नाम से
शिकायत प्राप्त
होने से
प्रबंधक एवं
विक्रेता के समक्ष
जांच की गई
जिसमें
अनियमितता
पाये जाने से,
कलेक्टर
के अनुमोदन
उपरांत जिला
आपूर्ति
अधिकारी जिला
बड़वानी के
पत्र क्रमांक/69/खाद्य 2024 बड़वानी
दिनांक 12.01.2024 के आधार
पर उचित मूल्य
दुकान
चाचरियापाटी
के प्रबंधक
एवं विक्रेता
पर प्राथमिकी
दर्ज करवाई गई
हैं। जांच
दिनांक तक
प्रश्न में
उल्लेखित
तीन
प्रबंधकों के
नाम से किसी
प्रकार की कोई
शिकायत
प्राप्त
नहीं हुई है
एवं जांच समय
प्रबंधक एवं
विक्रेता
द्वारा इस
संबंध में कोई
जानकारी नहीं
दी गई थी। अत:
उनके विरूद्ध
एफ.आई.आर. नहीं
की गयी है।
उचित
मूल्य की दुकानों
के सेल्समैन
का वेतन
भुगतान
[खाद्य,
नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
118. ( क्र. 3323 ) श्री
कैलाश
कुशवाहा : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) शिवपुरी
जिले में कुल
कितनी उचित
मूल्य की दुकाने
संचालित हैं
तथा किन-किन
संस्थाओं एवं
स्व-सहायता
समूह द्वारा
संचालित की जा
रही है? प्रत्येक
उचित मूल्य की
दुकान के
अध्यक्ष/प्रबंधक/सेल्समैन
एवं संस्था का
नाम सहित जानकारी
दी जावे। (ख) क्या
शिवपुरी जिले
में उचित
मूल्य की
दुकान के
संस्था
प्रमुख/अध्यक्ष/प्रबंधक
एवं सेल्समैन
को शासन स्तर
से
कितना-कितना
कमीशन दिया जा
रहा है? नियम
एवं निर्देश
की प्रति
संलग्न कर
जानकारी दें। (ग) क्या
शिवपुरी जिले
में वर्ष
जनवरी 2023 से जून 2025 तक
संस्था
प्रमुख/अध्यक्ष/प्रबंधक
द्वारा सेल्समैन
को माहवार
वेतन दिया जा
रहा है? यदि हाँ
तो
कितनी-कितनी
राशि कब-कब,
किस-किस
बैंक खाते में
दी गई एवं
संस्थावार,
सेल्समैनवार
जानकारी एवं
बैंक खाते की
प्रति संलग्न
कर जानकारी
दें। यदि
सेल्समैन को
संबंधित
संस्था
द्वारा
वेतन/मानदेय
नहीं दिया जा
रहा है तो
क्यों? संस्था
प्रमुख
द्वारा
सेल्समैन को
वेतन न दिये
जाने के कारण
उचित मूल्य की
दुकानों पर
खाद्यान्न
वितरण में
अनियमितता
किये जाने की
शिकायतें
प्राप्त हो
रही है? (घ) प्रश्नांश
(ख) एवं (ग) के
क्रम में शासन
स्तर से इस
संबंध में
कार्यवाही की
जावेगी तो कब
तक? नहीं तो क्यों?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) :
(क) प्रश्नांकित
जिले में 687 शासकीय
उचित मूल्य
दुकानें
संचालित है।
शेष भाग की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट –‘अ' अनुसार है। (ख) शिवपुरी
जिले की नगरीय
क्षेत्र में
प्रधानमंत्री
गरीब कल्याण
अन्न योजना
(पीएमजीकेएवाई)
द्वारा
खाद्यान्न
वितरण पर उचित
मूल्य
दुकानों को
रूपये 90 प्रति
क्विंटल की दर
से कमीशन दिया
जायेगा तथा
ग्रामीण क्षेत्र
में 200 या 200 से अधिक
राशन कार्ड
वाली प्रत्येक
दुकान को केवल
खाद्यान्न
वितरण पर 10,500/-
रूपये
प्रतिमाह/प्रतिदुकान
कमीशन दिया
जाना
निर्धारित
है। यह कमीशन
पृथक (पूर्णकालिक)
विक्रेता
रखने पर ही
देय होगा अन्यथा
एक विक्रेता
द्वारा एक से
अधिक दुकान का
संचालन करने
पर अतिरिक्त
दुकानों के
लिए मात्र 3,000
प्रतिमाह,
प्रति
दुकान कमीशन
देय होगा।
ग्रामीण
क्षेत्र की
ऐसी दुकानें
जिनमें 200 से कम
राशनकार्ड है
एवं उनमें
पृथक (पूर्णकालिक)
विक्रेता
होने पर कमीशन
रूपये 6,000
प्रतिमाह/प्रति
दुकान देय है।
(ग)
जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट - 'ब' अनुसार है। सेल्समैन
को संबंधित
संस्था
द्वारा
वेतन/मानदेय
नहीं दिये
जाने के संबंध
में कोई
शिकायत
संज्ञान में
नहीं आयी है। (घ) उत्तरांश
(ख) एवं (ग) के
अनुसार।
स्वीकृत
नल-जल योजनाओं
का ग्राम
पंचायतों को हस्तांतरण
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
119. ( क्र. 3327 ) श्री
देवेन्द्र
कुमार जैन : क्या
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि
(क) शिवपुरी
विधानसभा
क्षेत्र में
कौन-कौन सी नल-जल
योजनाओं का
निर्माण
कार्य पूर्ण
होने के उपरांत
भी नल-जल
योजनाएं आज
दिनांक तक
किन-किन कारणों
से ग्राम
पंचायतों को
हस्तांतरण
नहीं हो सकी
हैं? इस हेतु कौन-कौन
जिम्मेदार
हैं? उनके नाम
बतायें तथा
ऐसी समस्त
नल-जल योजनाओं
की ग्राम व
ग्राम
पंचायतवार
जानकारी
प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश
(क) के अनुसार
ग्राम
पंचायतों को
हस्तांतरण
नहीं होने
वाली नल-जल
योजनाओं के
निर्माण की
स्वीकृति कब-कब
हुई थी तथा
उनके निर्माण
की लागत राशि
कितनी-कितनी
थी? उक्त योजना
के निर्माण
कार्य की
अद्यतन स्थिति
क्या है? यदि
योजना का
कार्य अपूर्ण
हैं, तो कौन-कौन
सा कार्य
कितना- कितना
अपूर्ण है व
कब तक पूर्ण
होगा? ठेकेदारों
को अब तक
कितनी-कितनी
राशि का भुगतान
किया जा चुका
है तथा कितना
शेष है? उक्त
में से
कौन-कौन सी
नल-जल योजना
वर्तमान में
चालू होकर
किसके द्वारा
संचालित हो
रही हैं तथा
कौन-कौन सी
योजना आज
दिनांक तक
संचालित नहीं है?
(ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) अनुसार
प्रश्न
दिनांक तक
ग्राम
पंचायतों को
हस्तांतरण नहीं
होने वाली
नल-जल योजनाएं
संबंधित
ग्राम पंचायतों
को कब तक
हस्तांतरण हो
जावेंगी? स्पष्ट
समयावधि
बतायें।
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके
) : (क) शिवपुरी
विधानसभा
क्षेत्र के
अंतर्गत 29 एकल
ग्राम नल-जल
योजनाओं का
कार्य पूर्ण
किया जा चुका
है, उक्त सभी
योजनाएं
संबंधित
ग्राम
पंचायतों को
हस्तांतरित
की जा चुकी
हैं। कोई भी
पूर्ण योजना हस्तांतरण
हेतु शेष नहीं
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) एवं (ग) विधानसभा
क्षेत्र
शिवपुरी के
अंतर्गत कोई भी
पूर्ण योजना
हस्तांतरण
हेतु शेष नहीं
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
स्थानांतरण,
राशि
का व्यय एवं
वन्य जीवों की
सुरक्षा
[वन]
120. ( क्र. 3334 ) श्रीमती
कंचन मुकेश
तनवे : क्या
राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) सामान्य
वन मंडल, खंडवा
में दिनांक 10 जुलाई, 2025 की
स्थिति में
पदस्थ समस्त
अधिकारियों/कर्मचारियों
के नाम, पदनाम,
स्थापना
दिनांक की
जानकारी दें।
स्थानांतरण
आदेश पश्चात,
कार्य
मुक्त नहीं किए
गए तथा
स्थानांतरण
निरस्त या
यथावत किए गए
की जानकारी
देवें? (ख) वित्तीय
वर्ष 2024-25 में
सामान्य वन
मंडल, वन
परिक्षेत्र,
उप-वन
परिक्षेत्र,
ग्राम
वन समिति,
और
वन विकास
अभिकरण
द्वारा
विभिन्न
संस्थाओं/ठेकेदारों
को किए गए
समस्त व्यय का
संस्थावार और
राशिवार
विस्तृत
विवरण
प्रस्तुत
करें। व्यय के
संबंध में बजट
आवंटन, उपयोग,
और
शेष राशि की
जानकारी
प्रदान करें। (ग) वन
संरक्षण, वृक्षारोपण,
और
वन्यजीव
संरक्षण से
संबंधित
योजनाओं के लिए
स्वीकृत और
व्यय की गई
राशि का विवरण,
उक्त
अवधि में
सामान्य वन
मंडल, खंडवा में
वित्तीय वर्ष 2024-25 में
भ्रष्टाचार
वित्तीय
अनियमितता या
कदाचार से
संबंधित कुल
कितनी
शिकायतें प्राप्त
हुई और कितनी
निराकृत हुई
बतायें। (घ) उक्त
अवधि में
सामान्य वन
मंडल, खंडवा
द्वारा किए गए
वृक्षारोपण,
वन
संरक्षण, और
वन्यजीव
संरक्षण
कार्यों की
प्रगति बतावें
जिसमें
पौधारोपण की
संख्या, जीवित
पौधों का
प्रतिशत और
संबंधित व्यय
शामिल हो।
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) :
(क) सामान्य
वनमण्डल खण्डवा
में दिनांक 10 जुलाई, 2025 की
स्थिति में
कुल 447 अधिकारी
एवं कर्मचारी
पदस्थ हैं,
उनके
नाम, पदनाम, स्थापना
दिनांक की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘’1’’ अनुसार
है।
स्थानांतरण
आदेश के पश्चात्
कार्यमुक्त
नहीं किये गये
तथा स्थानांतरण
निरस्त या
यथावत किए गए
अधिकारी/कर्मचारियों
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘’2’’ अनुसार
है। (ख)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘’3’’ अनुसार
है। (ग) सामान्य
वनमण्डल खण्डवा
के अंतर्गत
वित्तीय
वर्ष 2024-25 में वन
संरक्षण
वृक्षारोपण
एवं वन्यजीव
संरक्षण से
संबंधित
योजनाओं के
लिए स्वीकृत
एवं व्यय की
राशि की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘’4’’ अनुसार
है।
वित्तीय
वर्ष 2024-25 में सामान्य
वनमण्डल खण्डवा
में भ्रष्टाचार,
वित्तीय
अनियमितता या
कदाचार से
संबंधित कोई
शिकायत
प्राप्त
नहीं हुई है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) उक्त
अवधि में
सामान्य
वनमण्डल खण्डवा
के अंतर्गत
वृक्षारोपण,
वन संरक्षण
एवं वन्यजीव
संरक्षण से
संबंधित
योजनाओं की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-‘’5’’ अनुसार
है।
रोपित पौधों
की संख्या 5,90,000 एवं
जीवित पौधों
की संख्या 5,39,491 है, जिसके
जीवितता का
प्रतिशत 91 है।
छात्रों
के कल्याण
हेतु योजनाएं
[अनुसूचित
जाति कल्याण]
121. ( क्र. 3337 ) श्री
विपीन जैन : क्या
अनुसूचित
जाति कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) अनुसूचित
जाति विभाग
द्वारा
छात्रों के
लिए कौन-कौन
सी योजनाएं,
स्कॉलरशिप,
विदेश
अध्ययन, कोचिंग
इत्यादि
प्रदाय की
जाती हैं?
पृथक-पृथक
विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश
(क) अंतर्गत
संचालित
जनकल्याणकारी
योजनाओं का लाभ
लेने के लिए
क्या
प्रक्रियाएं
अपनाई जाती
हैं? सभी की
योजनावार
पृथक-पृथक
जानकारी दें।
अनुसूचित
जाति कल्याण
मंत्री ( श्री
नागर सिंह
चौहान ) : (क) एवं
(ख) अनुसूचित
जाति कल्याण
विभाग द्वारा
छात्रों के
लिए संचालित
योजनाओं की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''अ'' एवं
नियम की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार
है।
मल्टी
विलेज स्कीम
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
122. ( क्र. 3338 ) श्री
राजन मण्डलोई
: क्या
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि
(क) बड़वानी
जिले में
कितनी मल्टी
विलेज स्कीम या
समूह जल
योजनाएं चल
रही हैं? उनके
नाम तथा
प्रोजेक्ट की
लागत राशि, अभी तक
हुई व्यय राशि,
ठेकेदार फर्म
के नाम,पते,
लाभ
प्राप्त
ग्रामों के
नाम, विभागीय
क्षेत्रवार
प्रभारी
कर्मचारी-अधिकारियों
के नाम, पदनाम
की जानकारी
देवें। (ख) बड़वानी
जिले में चल
रही मल्टी
विलेज स्कीम या
समूह जल
योजनाओं के
लिए प्राप्त “पर्यावरणीय
स्वीकृति” की
छायाप्रति
देवें। (ग) बड़वानी
जिले में चल
रही मल्टी
विलेज स्कीम या
समूह जल
योजनाओं के
लिए निर्माण
एजेंसी को “पर्यावरणीय
स्वीकृति” की शर्तों
का पालन करने
की
मॉनिटरिंग/पर्यवेक्षण
की
जिम्मेदारी
किस अधिकारी
की होती है?
निर्माण
एजेंसी
द्वारा “पर्यावरणीय
स्वीकृति” की शर्तों
का पालन नहीं
करने पर
निर्माण एजेंसी
पर क्या
कार्यवाही हो
सकती है, नियम
सहित बतायें। (घ) बड़वानी
जिले में चल
रही मल्टी
विलेज स्कीम या
समूह जल
योजनाओं के
लिए निर्माण
एजेंसी द्वारा
“पर्यावरणीय
स्वीकृति” की शर्तों
का पालन ना
करने विषयक
विभिन्न माध्यमों
से कितनी
शिकायतें
प्राप्त हुईं
और उन पर की गई
कार्यवाही की
सत्यापित
छायाप्रतियां
देवें।
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके
) : (क) बड़वानी
जिले में 03 समूह जल
प्रदाय
योजनाएं चल
रही है, शेष जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
के प्रपत्र-01,
02 एवं 03 अनुसार
है। (ख) समूह जल
प्रदाय
योजनाओं में
पर्यावरणीय
स्वीकृति
प्रावधानित
नहीं है। शेष
प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश
''ख''
के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
वनीकरण
कार्यों की
जानकारी
[वन]
123. ( क्र. 3339 ) श्री
राजन मण्डलोई
: क्या
राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि बड़वानी
वनमंडल
सामान्य
अंतर्गत वर्ष 2021-22 से आज
दिनांक तक
स्वीकृत
ग्रीन इंडिया
मिशन, इको
टूरिज्म
बोर्ड योजना,
नगर
वन योजना
अंतर्गत
समस्त
योजनाओं में
प्राप्त आवंटन
पत्र स्वीकृति,
कार्यपूर्णता
प्रमाणपत्र
प्रोजेक्टवार
उपलब्ध
करावें।
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) : वन मण्डल
सामान्य
बड़वानी
अंतर्गत
प्रश्नाधीन जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट अनुसार
है।
प्रश्नाधीन
अवधि में ईको
टूरिज्म
बोर्ड द्वारा
कोई योजना
स्वीकृत नहीं
की गई है।
एनओसी
जारी की जाना
[वन]
124. ( क्र. 3340 ) श्री
ब्रजेन्द्र
प्रताप सिंह : क्या
राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि पन्ना
विधानसभा
अन्तर्गत किन-किन
विकास
कार्यों के
निर्माण की
स्वीकृति,
एनओसी
हेतु वन विभाग
में लंबित है?
लंबित
रहने का क्या
कारण है? कब तक
निर्माण
कार्यों की
एनओसी प्रदाय
की जावेगी?
समय-सीमा
बतावें?
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) : पन्ना
विधान सभा
अंतर्गत
उत्तर पन्ना
वनमण्डल एवं
पन्ना टाईगर
रिजर्व के वन
(संरक्षण एवं
संवर्धन)
अधिनियम, 1980 के तहत
परिवेश
पोर्टल पर
प्राप्त
प्रकरणों की
अद्यतन
स्थिति संलग्न
परिशिष्ट- 01 एवं 02 अनुसार
है।
उत्तर पन्ना
वनमण्डल
अंतर्गत
अनुसूचित जनजाति
एवं अन्य
परंपरागत वन
निवासी (वन
अधिकारों की
मान्यता)
अधिनियम, 2006 की धारा 3
(2) के
अंतर्गत कुल 16 प्रकरण
अनुमति हेतु
विचार में है
जो संलग्न
परिशिष्ट-03 अनुसार
है। संलग्न परिशिष्ट-2 अनुक्रमांक-8 का
प्रकरण स्वीकृति
हेतु भारत
सरकार स्तर
पर है। परिवेश
पोर्टल पर शेष
अन्य प्रकरण
आवेदक संस्था
पर
शर्तों/कमियों
की पूर्ति
हेतु दर्शित है।
अनुसूचित
जनजाति एवं
अन्य परंपरागत
वन निवासी (वन
अधिकारों की
मान्यता)
अधिनियम, 2006 की धारा 3
(2) के
अंतर्गत
आवेदित
प्रकरणों में
आवेदक संस्थान
द्वारा स्थल
निरीक्षण में
उपस्थित न
होने के कारण
विचाराधीन है.
अतः समय-सीमा
बताना सम्भव
नहीं है।
दिव्यांगों
की सीधी भर्ती
एवं पदोन्नति
में आरक्षण
[सामाजिक
न्याय एवं
दिव्यांगजन
कल्याण]
125. ( क्र. 3341 ) श्री
बाबू जन्डेल
: क्या
सामाजिक न्याय
एवं दिव्यांगजन
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) श्योपुर
जिले में
कितने
दिव्यांगजन
(शारीरिक रूप
से) हैं? नाम एवं
पतेवार सूची
उपलब्ध
करावें।
इनमें से
कितने
दिव्यांगजनों
को किस योजना
के तहत लाभान्वित
किया गया है?
जानकारी
देवें। (ख) दिव्यांग
(विकलांग)
व्यक्तियों
के अधिकार अधिनियम
2016 की
धारा 36 में सीधी
भर्ती और
पदोन्नति में
दिव्यांगजनों
को आरक्षण का
लाभ देने का
क्या
प्रावधान है
एवं इस संबंध
में
केन्द्रीय
शासन, नई दिल्ली
ने कब क्या
दिशा-निर्देश
जारी किये हैं?
अधिनियम
एवं
दिशा-निर्देश
की छायाप्रति
उपलब्ध
करावें। (ग) प्रश्नांकित
एक्ट के तहत
प्रदेश में
दिव्यांग
व्यक्तियों
को सीधी भर्ती
एवं पदोन्नति
में
कितने-कितने
प्रतिशत
आरक्षण देने
का क्या
प्रावधान है?
(घ) श्योपुर
जिले में
विभागवार
दिव्यांग
व्यक्तियों
के लिये सीधी
भर्ती एवं
पदोन्नति के
कितने-कितने
पदों की
पूर्ति की गई
है? वर्ष 2019 से प्रश्न
दिनांक तक की
जानकारी
देवें। (ड.) श्योपुर
जिले में
दिव्यांग
व्यक्तियों
के लिये सीधी
भर्ती में
आरक्षित
कितने-कितने
रिक्त पदों की
भर्तियां कब
की गई हैं?
किन-किन
विभागों में
आरक्षित
कितने-कितने
रिक्त पदों की
भर्तियां एवं
पदोन्नति के
आरक्षित
कितने-कितने पद
कब से नहीं
भरे गये हैं
एवं क्यों?
सामाजिक
न्याय एवं
दिव्यांगजन
कल्याण
मंत्री ( श्री
नारायण सिंह
कुशवाह ) :
(क) श्योपुर
जिले में स्पर्श
पोर्टल
अनुसार 7034 दिव्यांगजन
है। नाम एवं
पतेवार सूची पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-'अ' अनुसार
है।
योजनावार लाभांवित
हितग्राहियों
की जानकारी
पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट-'ब' अनुसार
है। (ख)
दिव्यांगजन
अधिकार
अधिनियम 2016 की धारा 36 में
नहीं, धारा 34 में
सीधी भर्ती
में
दिव्यांगजनों
को 4% आरक्षण और
पदोन्नति में
आरक्षण दिये
जाने का
प्रावधान है।
अधिनियम एवं
दिशा-निर्देश पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट-'स' अनुसार
है। (ग) दिव्यांगजन
अधिकार
अधिनियम 2016 में
सीधी भर्ती
में दिव्यांगजनों
के लिए 4% आरक्षण
का प्रावधान
है, जबकि
मध्यप्रदेश
दिव्यांगजन
अधिकार नियम 2017 के तहत
सीधी भर्ती
में दिव्यांगजनों
को 6% आरक्षण
देने का
प्रावधान है।
प्रश्नांकित
एक्ट में
पदोन्नति
में आरक्षण
ऐसे अनुदेशों
के अनुसार
होगा जो
समय-समय पर
समुचित सरकार
द्वारा जारी
किए जाते है, संबंधी
प्रावधान है। (घ)
जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'द' अनुसार
है। (ड.) जिला श्योपुर
में दिव्यांगजनों
के भर्ती की जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'द' अनुसार
है। विभागवार
सीधी भर्ती के
दिव्यांगजनों
के पदों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-'इ' अनुसार
है।
खदानों
के संचालन
हेतु प्रदान
की गई अनुमति
[पर्यावरण]
126. ( क्र. 3343 ) डॉ.
विक्रांत भूरिया
: क्या
राज्य
मंत्री, पर्यावरण
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) वर्ष
2010 से 2025 की अवधि
में झाबुआ,
अलीराजपुर
जिलों में
मेजर एवं माइनर
मिनरल की
खदानों के
लिये
पूर्वेक्षण,सर्वे,
पी.एल.,
एम.एल.,
सी.एल
हेतु, केटेगिरी ए
एवं बी में
कितने
प्रोजेक्ट को पर्यावरण
मंजूरी
कौन-कौन सी
कम्पनी/समूह/व्यक्ति
को कब-कब दी
गयी, इसकी वैधता
कब तक की है?
जानकारी
दें। (ख) क्या
पर्यावरण की
मंजूरी के
बिना
पूर्वेक्षण
कार्य की
अनुमति दी जा
सकती है? यदि हाँ
तो कौन से
नियम के
अंतर्गत यदि
नहीं तो किस
प्रकार की
कार्यवाही
किस-किस फर्म
पर कि गई।
राज्य
मंत्री, पर्यावरण
( श्री दिलीप
अहिरवार ) :
(क) प्रश्नाधीन
अवधि एवं
जिलों में ''बी'' केटेगरी
में मेजर
मिनरल के 12 एवं
माइनर मिनरल
के 133 प्रकरणों
में
पर्यावरणीय
मंजूरी राज्य
स्तरीय
पर्यावरण
समाघात
निर्धारण
प्राधिकरण (सिया)
द्वारा प्रदान
की गई जबकि ''ए'' केटेगरी
की
परियोजनाओं
की
पर्यावरणीय
मंजूरी भारत
सरकार, पर्यावरण,
वन
एवं जलवायु
परिवर्तन
मंत्रालय
द्वारा प्रदान
की जाती है।
सिया द्वारा
जारी
मंजूरियों का
विवरण सिया की
वेबसाइट ( https://www.mpseiaa.nic.in/mpseiaa_applicationstatus_case01-300.html )
तथा
भारत सरकार
पर्यावरण,
वन
एवं जलवायु
परिवर्तन
मंत्रालय
द्वारा दी गई
मंजूरियां
भारत सरकार के
परिवेश
पोर्टल ( https://parivesh.nic.in/newupgrade/#/trakYourProposal )
पर
उपलब्ध हैं। (ख)
जी हां, भारत
सरकार
पर्यावरण और
वन मंत्रालय
की अधिसूचना
क्रमांक का.आ. 1533
(अ)
दिनांक 14 सितंबर, 2006
यथासंशोधित
अधिसूचना
क्रमांक का.आ. 3067
(अ)
दिनांक 1 दिसंबर, 2009 में
निहित
प्रावधान
अनुसार। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
इंदौर
के रालामंडल अभयारण्य
की अनुमति
[वन]
127. ( क्र. 3348 ) श्री
बाला बच्चन : क्या
राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) भारत
सरकार के
पर्यावरण वन
और जलवायु
परिवर्तन
मंत्रालय
द्वारा
दिनांक 02/11/2023 को जारी
राजपत्र में
इंदौर के
रालामंडल वन्यजीव
अभयारण्य को
ईको सेंसेटिव
जोन घोषित
करते हुए 100 मीटर
दायरे की गाइड
लाइन बनाने के
बाद इस सीमा
के अंदर कितने
निर्माण
कार्य हो रहे
है/हुए है की
जानकारी
कार्यवार
देवें। (ख) इनमें
अनुमति
प्राप्त
कार्यों व
बिना अनुमति
प्राप्त
कार्यों की
सूची सर्वे
नंबर, निर्माणकर्ता
नाम सहित
पृथक-पृथक
देवें। (ग) इन
निर्माणों की
अनुमति किस
आधार पर दी गई
प्रत्येक
अनुमति के
संदर्भ में
बतावें।
प्रश्नांक
(क) अनुसार
बतावें कि ये
अनुमतियां किस
तरह वैध है?
(घ) कब तक ये
अनुमतियां
निरस्त कर दी
जाएगी व बिना
अनुमति
निर्माण
कार्य कब तक
ध्वस्त कर
दिए जायेंगे?
अनुमति
देने वाले व
बिना अनुमति
निर्माण कार्यों
के उत्तरदायी
अधिकारियों
पर विभाग कब
तक कार्यवाही
करेगा?
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप अहिरवार
) : (क) भारत
सरकार, पर्यावरण,
वन
एवं जलवायु
परिवर्तन,
मंत्रालय
द्वारा
रालामण्डल
अभयारण्य के पारिस्थितिकी
संवेदी जोन की
अधिसूचना
पर्यावरण
संरक्षण
अधिनियम, 1986 के
अंतर्गत
दिनांक 02 नवम्बर, 2023 को जारी
की गई है।
अधिसूचित
पारिस्थितिकी
संवेदी जोन की
100 मीटर
की सीमा के
भीतर निर्माण
कार्य/अधोसंरचनाओं
की कार्यवार जानकारी
संलग्न परिशिष्ट अनुसार
है। (ख) उत्तरांश
(क) के संलग्न परिशिष्ट में
वर्णित
निर्माण
कार्यों की
अनुमति प्राप्त
नहीं की गई
है। (ग) उत्तरांश (ख)
के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) भारत
सरकार द्वारा
रालामण्डल
अभयारण्य के पारिस्थितिकी
संवेदी जोन की
अधिसूचना के
बिन्दु क्र.-4-भू
उपयोग संबंधी
उपाय के उप
बिन्दु क्र.-1 एवं
बिन्दु क्र.-21 के (ख)
विनियमित
क्रियाकलापों
के बिन्दु
क्र.-10 संनिर्माण
क्रियाकलाप
में उल्लेखित
स्थानीय
निवासियों को
सूचीबद्ध
क्रियाकलापों
सहित इनके उपयोग
के लिये उनकी
भूमि में
स्थानीय
निवासियों की
आवासीय
आवश्यकताओं
को पूरा करने
के लिये संनिर्माण
करने की
अनुमति
प्रदान करने
का अधिकार
निगरानी
समिति को
प्रदत्त है।
अतः वन विभाग
द्वारा
निर्माणाधीन
अधोसंरचनाओं
की अनुमति
निरस्त करने,
ध्वस्त
करने एवं बिना
अनुमति
निर्माण
कार्यों के
उत्तरदायी
अधिकारियों
पर कार्यवाही
करने का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
योजनाओं
की जानकारी
[जनजातीय
कार्य]
128. ( क्र. 3349 ) श्री
बाला बच्चन : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) दिनांक
01.04.2022
से 30.06.2025 तक
अनुसूचित
जनजाति बस्ती
विकास योजना
के तहत
बड़वानी जिले
में किये गये
कार्यों की
सूची
विधानसभावार
देवें। कार्य
नाम, स्थान नाम,
लागत,
निर्माणकर्ता
एजेंसी, कार्य
पूर्ण/अपूर्ण
स्थिति
सहित देवें। (ख) इन
कार्यों के
संबंध में जो
अनुशंसाएं की
गई, उनकी
छायाप्रति भी
देवें।
बड़वानी जिले
में 275 (1) के तहत जो
राशि व्यय की
गई उसकी
जानकारी भी
प्रश्नांश
(क) अनुसार
देवें। इसमें
चयनित फर्मों
की चयन
प्रक्रिया की
जानकारी भी
देवें। (ग) प्रश्नांश
(क) व (ख) अनुसार
जो कार्य
अपूर्ण हैं वे
कब तक पूर्ण
होंगे?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) :
(क) प्रश्नाधीन
अवधि में
अनुसूचित
जनजाति बस्ती
विकास योजना
अंतर्गत
बड़वानी जिले
में
विधानसभावार
स्वीकृत
कार्यों की
सूची पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट- 'अ' अनुसार
है। कार्य का
नाम, स्थान नाम,
लागत,
निर्माणकर्ता
एजेंसी, कार्य
पूर्ण अपूर्ण
की स्थिति पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार
है। (ख) प्रश्नांश
(क) में स्वीकृत
कार्यों की
अनुसंशा की
छायाप्रति पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट- 'ब' अनुसार
है। बड़वानी
जिले में
अनुच्छेद 275
(1) के
अंतर्गत कोई
राशि व्यय
नहीं की गई,
स्वीकृत
कार्यों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट- 'स' अनुसार
है। ऑनलाईन
निविदा एवं
जेम पोर्टल के
माध्यम से
फर्मों का चयन
किया जाता है।
(ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख)
में
स्वीकृत
अपूर्ण कार्य
शीघ्र पूर्ण
किए जाने की समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
नि:शक्तजनों
को संचालित
योजना का लाभ
दिलाया जाना
[सामाजिक
न्याय एवं
दिव्यांगजन
कल्याण]
129. ( क्र. 3352 ) श्री
फुन्देलाल
सिंह मार्को : क्या
सामाजिक न्याय
एवं दिव्यांगजन
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) शहडोल
संभाग में
विभाग द्वारा
नि:शक्तजनों
को क्या-क्या
सामग्री
प्रदान किये
जाने के
प्रावधान है?
उनकी
क्या अर्हताएं-शर्तें
हैं, निर्देशों
की प्रति
उपलब्ध
करावें। क्या
नि:शक्तजनों
को ट्राई मोटर
साइकिल, शिक्षा,
स्वास्थ्य
और आर्थिक
सहायता आदि
देने की योजना
है, यदि हाँ तो
उक्त संभाग
में 1 जनवरी, 2022 से
प्रश्न
दिनांक तक
किन-किन योजना
के अंतर्गत
कितने आवेदन
प्राप्त
हुये, किनको सहायता
प्रदान की गई,
क्या
सामग्री
वितरीत की गई,
वितरीत
की गई सामग्री
कहां से क्रय
की गई, कितने में
क्रय की गई,
कितना
व्यय किया
गया, हितग्राही
का नाम, पता
सहित, विधानसभा
क्षेत्रवार
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ख) विकलांग
व्यक्तियों
के अधिकार
अधिनियम 2016 की धारा 36 में
सीधी भर्ती और
पदोन्नति
में दिव्यांगजनों
को आरक्षण के
क्या
प्रावधान हैं
इस संबंध में
केन्द्र
शासन ने कब क्या
निर्देश जारी
किये, निर्देशों
की प्रति
उपलब्ध
करावें तथा
बतावें कि इन
वर्ग के लोगों
को सीधी भर्ती
एवं पदोन्नति
में कितने
प्रतिशत आरक्षण
देने का
प्रावधान है,
प्रदेश
में दिव्यांगज
व्यक्तियों
हेतु पदोन्नति
एवं भर्ती के
कितने पदों की
पूर्ति प्रश्नावधि
में की गई है,
कितने
पद रिक्त हैं,
उनको
कब तक भरा
जावेगा?
सामाजिक
न्याय एवं
दिव्यांगजन
कल्याण
मंत्री ( श्री
नारायण सिंह
कुशवाह ) :
(क) जी हां।
दिव्यांगजनों
को प्रदान की
जाने वाली
कृत्रिम अंग,
सहायक
उपकरण की
सामग्री की
जानकारी एवं
नियम-निर्देशों
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-''अ'' अनुसार
है।
जी हां। शहडोल
संभाग में 1 जनवरी,
2022 से
प्रश्न
दिनांक तक
दिव्यांगजनों
के लिये संचालित
योजनाओं में
प्राप्त
आवेदन, दी गई
सहायता
वितरित की गई
सामग्री की
सूची, हितग्राही
के नाम पता
सहित
विधानसभा
क्षेत्रवार जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब'' अनुसार
है। (ख)
दिव्यांगजन
अधिकार
अधिनियम 2016 की धारा 36 में
नहीं,धारा 34 में
सीधी भर्ती
में
दिव्यांगजनों
को 4% आरक्षण और
पदोन्नति में
आरक्षण दिये
जाने का
प्रावधान है।
अधिनियम एवं
दिशा-निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'स' अनुसार
है।
दिव्यांगजन अधिकार
अधिनियम 2016 में
सीधी भर्ती
में दिव्यांगजनों
के लिए 4% आरक्षण
का प्रावधान
है, जबकि
मध्यप्रदेश
दिव्यांगजन
अधिकार नियम 2017 के तहत
सीधी भर्ती
में दिव्यांगजनों
को 6% आरक्षण
देने का
प्रावधान है।
प्रश्नांकित
एक्ट में
पदोन्नति
में आरक्षण
ऐसे अनुदेशों
के अनुसार
होगा जो
समय-समय पर
समुचित सरकार
द्वारा जारी
किए जाते है, संबंधी
प्रावधान है।
सीधी भर्ती के
पदों पर दिव्यांगजनों
के चिन्हांकित,
भरे
एवं रिक्त
पदों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट-'द' अनुसार
है।
नल-जल
योजना
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
130. ( क्र. 3353 ) श्री
फुन्देलाल
सिंह मार्को : क्या
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री महोदया
यह बताने की
कृपा करेंगी
कि (क) अनूपपुर
जिले में
पीएचई विभाग
एवं जल निगम
द्वारा जल
जीवन मिशन
योजना के
अंतर्गत कौन-कौन
से, कितनी लागत
के कार्यों की
स्वीकृति
प्रदान की गई
थी। स्वीकृत
कार्यों में
से कितने
कार्यों के वर्क
आर्डर जारी
किये जा चुके
हैं। उन कार्यों
को प्रारंभ
एवं पूर्ण
करने की तिथि
क्या है। क्या
वे कार्य
विभाग द्वारा
निर्धारित
समय-सीमा में
संबंधित
ठेकेदार
द्वारा
प्रारंभ करके
पूर्ण किये जा चुके
हैं, अगर नहीं तो
क्या कारण हैं? कई
ठेकेदारों
द्वारा
कार्यों को तय
समय-सीमा में
कार्य पूर्ण
नहीं करने पर
क्या निर्देश
विभाग द्वारा
दिये जायेंगे।
कब तक अधूरे
कार्यों को
पूर्ण किया
जायेगा? (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में जल जीवन
मिशन अंतर्गत
स्वीकृत कार्यों
में संबंधित
ठेकेदार
द्वारा घटिया किस्म
की सामग्री के
उपयोग संबंधी
एवं अनियमितता
संबंधी
शिकायतों
स्थानीय
लोगों द्वारा
विभाग को दी
गई हैं? शिकायतों
पर क्या
कार्यवाही की
गई है? (ग) पुष्पराजगढ़
विधानसभा के
कितने
ग्रामों में
पीने के पानी
की व्यवस्था
किस योजना के
तहत कर दी गई
है, जहां पर
पीने के पानी
की व्यवस्था
अभी तक नहीं
हो पाई है
वहां पर पानी
की व्यवस्था
कब तक कर दी
जायेगी? ग्रामवार,
योजनावार
सूची उपलब्ध
करावें।
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके
) : (क)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के
प्रपत्र - 01 एवं 02 अनुसार
है। निर्धारित
समयावधि में
कार्य पूर्ण न
होने पर
अनुबंधानुसार
संबंधित
ठेकेदार पर
विलंब
विश्लेषण के
उपरांत विलम्ब
हेतु
उत्तरदायी
पाए जाने पर
दण्डात्मक कार्यवाही
की जाती है।
वर्तमान
प्रगतिरत/अधूरे
कार्यों को
यथाशीघ्र किए
जाने के लिए
सतत प्रयास
किए जा रहे
हैं, एकल ग्राम
नल-जल योजनाओं
के कार्य
यथासंभव दिसम्बर,
2025 तक
पूर्ण किए
जाने हेतु
निर्देश है,
शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) जी
नहीं।
विभागीय
मापदंड तथा
गुणवत्तापूर्ण
किए गए कार्य
का ही मापांकन
व भुगतान किया
जाता है, कार्यों
की गुणवत्ता
सुनिश्चित
करने के लिए विभागीय
अधिकारी/कर्मचारियों
तथा तृतीय पक्ष
जांच एजेंसी
द्वारा
नियमित रूप से
कार्यों का
निरीक्षण
किया जाता है।
शेष प्रश्न
उत्पन्न नहीं
होता है।
अनूपपुर जिले
के संबंध में
कोई
तथ्यात्मक
शिकायत
प्राप्त नहीं
हुई है, शेष
प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) 103
ग्रामों में
एकल ग्राम
नल-जल योजना,
द्वारा
नल कनेक्शन के
माध्यम से
पेयजल प्रदाय
किया जा रहा
है। प्रगतिरत,
अप्रारम्भ
एवं स्वीकृति
हेतु शेष
ग्रामों में
विभागीय
हैण्डपम्पों
के माध्यम से
पेयजल प्राप्त
हो रहा है,
वर्तमान
में कोई भी
ग्राम, मजरा,
टोला,
बसाहट
पेयजल विहीन
नहीं हैं।
इसके
अतिरिक्त पुष्पराजगढ़
विधानसभा क्षेत्र
के अंतर्गत
समूह जल
प्रदाय योजना
द्वारा आच्छादित
किए गए 110
ग्रामों में
समूह जल
प्रदाय योजना
से पेयजल व्यवस्था
उपलब्ध है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
नल-जल
योजनान्तर्गत
लाभ
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
131. ( क्र. 3358 ) श्री
फूलसिंह
बरैया : क्या
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि
(क) क्या
दतिया, ग्वालियर
ग्रामीण
क्षेत्रों
में नल-जल
योजना
अंतर्गत पानी
के कनेक्शन
प्राप्त हुए
है? जानकारी
देवें। (ख) ग्वालियर
के डबरा
अंतर्गत
ग्राम
ब्रिजपुर में
नल-जल योजना
का कार्य
प्रश्न
दिनांक तक
कितना हुआ है
कितने
ग्रामीणों को लाभ
पहुंचाया जा
चुका है? स्पष्ट
एवं संपूर्ण
जानकारी दें। (ग)
दतिया के
भाण्डेर
विकासखण्ड
में विभाग
द्वारा प्रश्न
दिनांक तक
कितने
ग्रामों में
ग्रामवासियों
को नल-जल
योजना से लाभ
हुआ है? लाभार्थियों
की संख्या
उपलब्ध
करावें। (घ) ग्वालियर
जिले के
अंतर्गत
ग्राम
ओढ़पुरा में
नल-जल योजना
कहां तक पूर्ण
हो गई है? जानकारी
दें।
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके
) : (क) जी हाँ।
दतिया जिले
में 95,359 एवं
ग्वालियर
जिले में 99,182
परिवारों को
ग्रामीण
क्षेत्रों
में नल-जल
योजना
अंतर्गत पानी
के कनेक्शन
दिए गए हैं। (ख) ग्राम
ब्रिजपुर,
नगर
पालिका
क्षेत्र-डबरा
के
कार्यक्षेत्र
में होने के
कारण विभाग
अंतर्गत
योजना स्वीकृत
नहीं है। शेष
प्रश्नांश
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) दतिया
जिले की
विकासखण्ड
भाण्डेर में 65
ग्रामों की
नल-जल योजना
से 33,773
ग्रामवासियों
को लाभ
प्राप्त हुआ
है। (घ) ग्वालियर
जिले के
अंतर्गत
ग्राम ओढपुरा,
साडा
समूह नल-जल
योजना
अंतर्गत
स्वीकृत हैं जिसमें
उच्च स्तरीय
टंकी निर्माण,
पाइप लाइन
एवं घरेलू नल
कनेक्शन के
औसतन कार्य
लगभग 50.00 प्रतिशत
पूर्ण हो चुके
हैं। वर्तमान
में योजना के
कार्य
प्रगतिरत
हैं।
लंबित
विभागीय जांच
[खाद्य,
नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण]
132. ( क्र. 3363 ) श्री
देवेन्द्र
पटेल : क्या
खाद्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) प्रदेश
में खाद्य,
नागरिक
आपूर्ति एवं
उपभोक्ता
संरक्षण
विभाग के
अंतर्गत
किन-किन जिला
आपूर्ति/सहायक
आपूर्ति/कनिष्ठ
आपूर्ति
अधिकारियों
की विभागीय
जांच हेतु आरोप
पत्र आदि जारी
कर विभागीय
जांच प्रचलन में
है? प्रत्येक
की अद्यतन
स्थिति का
विवरण दें। (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
अधिकारियों
की जारी
विभागीय जांच
के संबंध में
बतावें की कब
से जांच शुरू
की गई है व
जांच अधिकारी
कौन है उनका
नाम, पदनाम
बतावें। (ग) सामान्य
प्रशासन
विभाग की
विभागीय जांच,
उसकी
समय-सीमा एवं
जांच के दौरान
आरोपी की पदस्थापना
के संबंध में
क्या नीति,
नियम,निर्देश
है? प्रति दें व
बतावें कि
नियमानुसार
समय-सीमा में
जांच न करने
वाले जांच
अधिकारी के
विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
जाती है? क्या
प्रश्नांश
(ख) के संबंध
में उक्त
कार्यवाही की
गई? (घ) प्रश्नांश
(क) उल्लेखित
आरोपी
अधिकारियों
की पदस्थापना
उक्त जिलों
में कब से है?
क्या
इन्हें वहां
से हटाया जाकर
निष्पक्ष
विभागीय जांच
समय-सीमा में
कराई जावेगी?
खाद्य
मंत्री ( श्री
गोविन्द सिंह
राजपूत ) :
(क)
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट- ''अ'' अनुसार
है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''ब''' अनुसार
है। (ग) सामान्य
प्रशासन
विभाग के
अंतर्गत जारी
मध्यप्रदेश
सिविल सेवा
(वर्गीकरण,
नियंत्रण
तथा अपील)
नियम 1966 के तहत
कार्यवाही की
जाती है, जानकारी
पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट- ''स''' अनुसार
है। सामान्य
प्रशासन
विभाग के
परिपत्र
क्रमांक सी 6-1-17-3 एक
दिनांक 16 मार्च,
2017 के
अनुसार
अनुशासनात्मक
कार्यवाही के
निर्देश जारी
किये गये है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ''द'' अनुसार
है। नियमानुसार
कार्यवाही की
जाती है।
राष्ट्रीय
पेंशन योजना
[वन]
133. ( क्र. 3364 ) श्री
देवेन्द्र
पटेल : क्या
राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
वन विभाग में
राष्ट्रीय
पेंशन योजना
लागू है? क्या
योजना की
अधिसूचना
जारी होने के
दिनांक के पूर्व
कार्मिकों की
भर्ती हेतु विज्ञापित
पदों के
सापेक्ष
भर्ती किए गए
कार्मिकों को
पुरानी पेंशन
योजना का लाभ
दिये जाने का
विकल्प दिया
गया है? यदि हाँ
तो
मध्यप्रदेश
शासन/वन विभाग
उक्त लाभ
प्रदेश/वन
विभाग के
कर्मचारियों
को कब तक देगा?
नहीं
तो क्यों कारण
बतायें? (ख) क्या वन
विभाग के
विभिन्न
कर्मचारी
संगठनों द्वारा
पुरानी पेंशन योजना
की बहाली की
मांग की गई है?
यदि
हाँ तो
विभाग/शासन द्वारा
इनके मांग
पत्रों पर अब
तक क्या कार्यवाही
की है? जानकारी
दें। (ग) पुरानी
पेंशन बहाली
के संबंध में
कर्मचारियों
द्वारा
माननीय उच्च
न्यायालय
जबलपुर में दायर
रिट याचिका के
संबंध में क्या
शासन द्वारा
नियुक्त
प्रभारी
अधिकारी
द्वारा उत्तर
प्रस्तुत कर
दिया गया है?
यदि
नहीं तो क्यों?
विलम्ब
के लिए कौन उत्तरदायी
है?
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) :
(क) जी हाँ।
वन विभाग
अंतर्गत
दिनांक 01.01.2005 के पश्चात्
भर्ती
कार्मिकों पर
शासन की
अधिसूचना अनुसार
राष्ट्रीय
पेंशन योजना
लागू है तथा
भर्ती किये गये
कार्मिकों को
पुरानी पेंशन
योजना का लाभ
दिये जाने का
विकल्प नहीं
दिया गया है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख) जी हाँ।
पुरानी पेंशन
योजना की
बहाली का निर्णय
नीतिगत एवं
राष्ट्रीय
स्तर का होने
के कारण वन
विभाग के
अधिकार
क्षेत्र में
नहीं है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) प्रभारी
अधिकारी
द्वारा
दिनांक 06.01.2023 को
जवाबदावा
प्रस्तुत कर
दिया है, शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
नर्सिंग
एवं
पैरामेडिकल
छात्रों को
छात्रवृत्ति
[जनजातीय
कार्य]
134. ( क्र. 3367 ) श्री
जयवर्द्धन
सिंह : क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) कलेक्टर
जिला भोपाल का
पत्र क्र. 4400, दिनांक 31/01/25 आयुक्त
जनजाति कार्य
को किस
प्रयोजन से
भेजा गया?
पत्र
के पालन में
विभाग ने क्या
कार्यवाही करते
हुये कलेक्टर
जिला भोपाल को
भेजी गई
जानकारी की
प्रति एवं एकल
नस्ती की
प्रति दें। (ख) सहायक
आयुक्त, जनजाति
कार्य का पत्र
क्र. 2881, दिनांक 03/02/25 जो
एमपीएसईडीसी
को किस
प्रयोजन से
भेजा गया?
पत्र
पर विभाग ने
क्या
कार्यवाही
करते हुये क्या
जानकारी भेजी
है? जानकारी
उपलब्ध करायें।
पत्र के
परिप्रेक्ष्य
में सत्र 2021-22 के लिये
जो आवेदन
बुलाये गये थे,
कितने
आवेदन
प्राप्त हुये?
आवेदन
की प्रति,
जिलेवार
छात्र का नाम,
पता,
मो.नं. क्या
अध्ययनरत थे सहित
समस्त
जानकारी का
गौशवारा
बनाकर बतायें।
(ग) सत्र 2019-20 से 2024-25 तक
जनजाति विभाग द्वारा
कितने
नर्सिंग एवं
पैरामेडिकल
कॉलेजों के
छात्रों को
कितनी
स्कॉलरशिप
किस-किस सत्र
की कब दी गई?
यदि
नहीं दी गई है
स्पष्ट करें
कितने
छात्रों को
कितने सत्र की
कितनी
छात्रवृत्ति?
जिलेवार,
कॉलेजवार,
छात्रों
के नाम, पता,
मो.नं.
पाठ्यक्रम,
सत्र
गौशवारा
बनाकर बतायें।
कब तक
छात्रवृत्ति
जारी कर दी
जायेगी?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( डॉ. कुंवर
विजय शाह ) :
(क) प्रश्नांकित
पत्र कलेक्टर
भोपाल के
द्वारा रजिस्ट्रार
मध्यप्रदेश
नर्सेस रजिस्ट्रेशन
कौंसिल भोपाल
को भेजा गया
था। पत्र आयुक्त
जनजातीय
कार्य को केवल
पृष्ठांकित
था। अत: शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख)
सहायक आयुक्त,
जनजातीय
कार्य का पत्र
क्र. 2881, दिनांक 03/02/25 के
द्वारा MPTAASC पोर्टल
में शैक्षणिक
सत्र 2021-22 हेतु
पीएमएस एवं
आवास योजना के
अंतर्गत विद्यार्थियों
को पोर्टल पर
ऑनलाईन आवेदन
करने की तिथि
को बढ़ाकर
दिनांक 15/02/2025 तक किये
जाने का
अनुरोध किया
गया था।
विद्यार्थियों
से पोर्टल पर
ऑनलाईन आवेदन
किये जाने की
सुविधा उपलब्ध
कराई गयी थी
आवेदन पत्र
कार्यालय में
नहीं बुलाये
गये थे। अत:
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) वर्ष
2019-20
से 2024-25 तक जनजाति
विभाग द्वारा
कितने
नर्सिंग एवं
पैरामेडिकल
कॉलेजों में
प्रदाय
छात्रवृत्ति
की जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र– “अ” अनुसार है। शेष
जानकारी पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के प्रपत्र-
“ब” एवं “स” अनुसार
है। अशासकीय
नर्सिंग
महाविद्यालयों
की सीबीआई
जांच प्रचलित
है एवं न्यायालयीन
प्रकरण लंबित
है जिसके कारण
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
कार्बन
उत्सर्जन के
मापन की व्यवस्था
न होना
[पर्यावरण]
135. ( क्र. 3368 ) श्री
जयवर्द्धन
सिंह : क्या
राज्य
मंत्री, पर्यावरण
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) पीसीबी
द्वारा सीटीई
और सीटीओ की मान्यता
कितने
अस्पताल और
क्लिनिक को दी
गई? मान्यता
प्राप्ति के
लिये अस्पताल
एवं क्लिनिक
द्वारा दिये
गये दस्तावेज
की प्रति दें।
कितने
अस्पतालों
में ईटीपी
प्लांट और
जनरेटर कितनी
क्षमता एवं
लागत के है और
कब निरीक्षण
किया गया है?
जिलेवार,
अस्पतालवार
समस्त
दस्तावेज
निरीक्षण
रिपोर्ट एवं
उपरोक्त
समस्त
जानकारी का
गौशवारा
बनाकर
बतायें। (ख) पर्यावरण
दिवस के लिये
विभाग द्वारा
कितना बजट
प्रस्तावित
किया गया?
उसे
कब और किस
कार्य पर
कितना व्यय
किया गया?
(ग) विभाग
के प्रशासकीय प्रतिवेदन
वर्ष 2023-24 के पृष्ठ
क्र. 62 में क्र. 3
यूएनडीपी के
सहयोग से नेट
जीरो
उर्त्सजन परियोजना
अन्तर्गत
स्वास्थ्य
केन्द्रों पर
सौर ऊर्जा
पैनल एवं सोलर
कोल्ड
स्टोरेज के
कॉलम में
क्रमशः 597. 87 टन तथा 119.57 टन
कार्बन
प्रतिवर्ष
उत्सर्जन में
कमी आयेगी का लेख
किया है? स्पष्ट
करें कि सोलर
पैनल लगने से
पहले इस क्षेत्र
में इतने
कार्बन का
उत्सर्जन हो
रहा था? विभाग
कार्बन की
मापन किस
प्रकार करता
है उसके उपकरण,
पैरामीटर,
परिणाम,
कार्बन
के मानव जीवन
पर
दुष्परिणाम
उदाहरण सहित
बतायें।
जनवरी 25 से
प्रश्न
दिनांक तक राघौगढ़
में गेल, एनएफएल
से कितना
कार्बन
उत्सर्जन हो
रहा है प्रतिदिन
गौशवारा
बनाकर बतायें।
राज्य
मंत्री, पर्यावरण
( श्री दिलीप
अहिरवार ) :
(क) अस्पतालों
से संबंधित जानकारी
पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट
(पेन ड्राइव) अनुसार
है। क्लीनिक
हेतु म.प्र.
प्रदूषण
नियंत्रण
बोर्ड द्वारा
सीटीई एवं
सीटीओ की न तो
सम्मति जारी
की जाती है न
ही मान्यता
दी जाती है। (ख) वर्ष
2025-26
में पर्यावरण
दिवस हेतु
विभाग द्वारा
कोई बजट
आवंटित नहीं
किया गया। अत:
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) जी
हाँ। सौर
ऊर्जा पैनल
एवं कोल्ड स्टोरेज
लगने से पहले
इस क्षेत्र
में कार्बन उत्सर्जन
की गणना नहीं
की गई है।
विभाग की
अधीनस्थ
संस्थाओं
म.प्र.प्रदूषण
नियंत्रण
बोर्ड तथा
पर्यावरण
नियोजन एवं
समन्वय
संगठन (एप्को)
द्वारा
कार्बन उत्सर्जन
के मापन का
कार्य नहीं
किया जाता है।
अत: शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
आरा
मशीनों से
संबंधित
त्रैमासिक
(एसएलसी)
बैठकों का
आयोजन
[वन]
136. ( क्र. 3369 ) श्री
योगेन्द्र
सिंह (बाबा) : क्या
राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) सिवनी,
बालाघाट,
छिंदवाड़ा
एवं मंडला में
कितनी आरा
मशीनें पंजीकृत
है तथा कितनी
चालू है और
कितनी बंद है?
(ख) वर्तमान
में नामांतरण
एवं
स्थानान्तरण
के कितने
आवेदन आये है
और कितने हो
गये कितने
लंबित है,
सिवनी,
छिंदवाड़ा,
बालाघाट,
मण्डला
तथा कब तक हो
जाऐंगे। (ग) राज्य
स्तरीय समिति
की कितनी
बैठकें वर्ष
में होनी
चाहिए और विगत
तीन वर्षों
में कितनी
बैठकें हुई
है। यदि कम
हुई है तो
क्यों और इसके
लिये कौन दोषी
है? (घ) सिवनी,
छिंदवाड़ा,
बालाघाट,
जबलपुर
एवं मण्डला
में कितने
प्रकरण लंबित
है? जानकारी दें।
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) :
(क) सिवनी,
बालाघाट,
छिंदवाड़ा
एवं मण्डला
जिले में 186 आरा
मशीनें
पंजीकृत हैं,
जिनमें
160
चालू और 26 बंद
हैं। (ख) सिवनी-06,
छिन्दवाड़ा-02,
बालाघाट-03,
जबलपुर-10 कुल 21 प्रकरण
जिलों में
प्राप्त
हुये जिसमें
से नामान्तरण
एवं स्थानान्तरण
हेतु राज्य
स्तरीय
समिति के
समक्ष सिवनी- 01,
छिन्दवाड़ा-
01, बालाघाट-
01 कुल 03 प्रकरण
प्राप्त
हुये, जिसे समिति
की आगामी बैठक
में
नियमानुसार
निर्णय हेतु
रखा जायेगा। (ग)
राज्य
स्तरीय समिति
की सामान्यतः
प्रत्येक 03 माह में
बैठक आयोजित
की जाती हैं।
विगत 03 वर्षों में 09 बैठकें
हुई हैं, जिसमें
वर्ष 2023 एवं 2024 में
निर्वाचन
आचार संहिता
लागू होने के
कारण कुछ
बैठकें
आयोजित नहीं
की जा सकी।
साथ ही राज्य
स्तरीय समिति
के सदस्य सचिव
का स्थानांतरण
होने के कारण
बैठक आयोजित
नहीं की जा
सकी। अतः शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) उत्तरांश
(ख) अनुसार।
कृषकों
की लकड़ी कटाई
एवं बिक्री
[वन]
137. ( क्र. 3370 ) श्री
योगेन्द्र
सिंह (बाबा) : क्या राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) संपूर्ण
म.प्र. में
निजी भूमि के
वृक्ष कटाई के
अधिकार
पंचायतों को
दिये गये हैं, योजना
से विगत तीन
वर्षों में
सिवनी, बालाघाट, छिंदवाड़ा, जबलपुर
एवं मण्डला
जिलों में
कितनी लकड़ी
की टी.पी. जारी
की गई? (ख) कृषकों
की लकड़ी के
इस कानून से
सर्वाधिक फलदार
आम के हरे भरे
वृक्षों को
अत्यधिक काटा
गया है सिवनी
एवं बालाघाट
में आम की
लकड़ी की कितनी
टी.पी. इन्दौर
के लिये काटी
गई और क्या
विभाग इसके
दुरूपयोग की
समीक्षा एवं
नियंत्रण करेगा? (ग) कृषकों
की इमारती
लकड़ी डिपो से
बिक्री नहीं हो
पा रही है
क्यों? क्या
विभाग पुरानी
नीलामी की ऑफलाईन
प्रक्रिया
प्रारंभ
करेगा? जिससे
व्यापारी
भौतिक रूप से
डिपो से लाट
का निरीक्षण
कर क्रय कर
सकेगा?
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) : (क) संपूर्ण
म.प्र. में गैर
आदिवासी निजी
भूमि के वृक्ष
कटाई के
अधिकार
पंचायतों को
दिये गये हैं
तथा
आदिवासियों
की निजी
भूमियों के
वृक्षों की
कटाई की
अनुमति संबंधित
जिला कलेक्टर
द्वारा दी
जाती है।
प्रश्नानांश
की शेष जानकारी
संलग्न परिशिष्ट-‘’1’’ अनुसार है।
(ख) जी
नहीं। विगत
तीन वर्षों
मेंआम की
लकड़ी की सिवनी
जिले में 555 नग टी.पी.
एवं बालाघाट
जिले में 239 नग टी.पी.
इन्दौर के
लिये जारी की
गई है। जारीटी.पी.
के दुरूपयोग
की जानकारी
प्रकाश में
नहीं आई है।
जारी निर्देश
की जानकारी संलग्न परिशिष्ट-2 अनुसार है।
(ग) जी
नहीं।
वर्तमान में 3 बार
ई-नीलाम के
पश्चात
काष्ठागारों
में अविक्रित
लॉटस हेतु
वर्ष में
अधिकतम 4 बार
प्रत्येक
डिपो में
भौतिक नीलाम
किये जाने की
प्रक्रिया
निर्धारित
है। ई-नीलाम
के पूर्व
व्यापारियों
द्वारा डिपो
में लॉट का निरीक्षण
कर काष्ठ का
क्रय किया
जाता है।
नल-जल
योजनाओं का
कार्य पूर्ण
कराना
[लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी]
138. ( क्र. 3376 ) श्री
हरिशंकर खटीक
: क्या
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री
महोदया यह
बताने की कृपा
करेंगी कि
(क) टीकमगढ़
जिले के जतारा
एवं पलेरा
जनपद पंचायतों
के प्रत्येक
ग्राम पंचायत
के प्रत्येक ग्रामों
मजरा टोलों
में कहां-कहां
पानी की टंकी
कितने लीटर की
कितनी लागत की
बनाने हेतु
एवं
कितनी-कितनी
पाइप लाइन कितने-कितने
किलोमीटर की
कितनी-कितनी
लागत की बनाने
हेतु जनवरी 2021 से
प्रश्न
दिनांक तक माध्यम
नल-जल योजना
का कार्य
कब-कब कुल
कितनी-कितनी
राशि से
स्वीकृत किया
गया था? जानकारी
प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश
(क) के आधार पर
बतायें कि
उपरोक्त नल-जल
योजना की
स्वीकृति के
पूर्व
कार्ययोजना
का प्राक्कलन
किसने बनाया
था एवं तकनीकी
एवं
प्रशासनिक
एवं वित्तीय
स्वीकृति
किसके द्वारा
प्रदाय की गई
थी? स्वीकृत
कार्य का
टेण्डर कब
बुलाया गया था
और किस-किस
ठेकेदार को
किस दर पर
कार्य कब तक
की समय-सीमा
में पूर्ण
कराने का
अनुबंध कराकर
कार्य आदेश
दिया गया था?
समस्त
आदेशों की
सम्पूर्ण
जानकारी प्रदाय
करें। (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
आधार पर बतायें
कि प्रत्येक
ग्राम की
नल-जल योजना
का कितना-कितना
कार्य
संबंधित
ठेकेदार
द्वारा किया
जा चुका है?
किस-किस
ग्राम का बंद
है, बतायें एवं
किस उपयंत्री
द्वारा
कितना-कितना
बिल बनाकर
संबंधित ठेकेदार
को
कितना-कितना
भुगतान प्रश्न
दिनांक तक
किया जा चुका
है, प्रश्न
दिनांक तक
इसके अलावा
नलकूप खनन में
भी कितना-कितना
भुगतान किया
जा चुका है?
(घ) प्रश्नांश
(क), (ख)
एवं (ग) के आधार
पर निश्चित
समय-सीमा सहित
बतायें कि कब
तक नल-जल
योजना का
सम्पूर्ण
कार्य पूर्ण
करवा दिया
जावेगा? संबंधित
ठेकेदार के
विरुद्ध
विभाग ने
प्रश्न
दिनांक तक
क्या-क्या
कार्यवाही की
है? ऐसे कौन-कौन
से ग्राम है
जिनमें गड्ढे
खुदे पड़े है
इन ग्रामों
में खुदे गड्ढों
को भरा जावेगा
तो कब तक और
नहीं तो क्यों?
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री (
श्रीमती
संपतिया उइके
) : (क) जानकारी पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट अनुसार
है। (ख)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार
है। कार्य
आदेशों की
छायाप्रतियां
विभागीय वेबसाइट
पोर्टल
निम्नांकित
लिंक पर
अवलोकन हेतु
उपलब्ध हैं:- https://www.phed.mp.gov.in/en/Downloads (ग)
जानकारी पुस्तकालय
में
रखे परिशिष्ट अनुसार
है। (घ) पर्याप्त
जल क्षमता के
स्त्रोत
विकसित करने, योजनान्तर्गत
स्वीकृत
टंकियों तथा
सम्पवेल के
लिए ग्रामों
में उपयुक्त
स्थल चयन में
देरी, ठेकेदार
एजेंसियों के
द्वारा कार्य
में की गई
देरी इत्यादि
विलम्ब के
मुख्य कारण
हैं, कार्य
यथाशीघ्र
पूरा कराये
जाने के लिए
सतत प्रयास
किए जा रहे
हैं। संबंधित
ठेकेदारों के विरूद्ध
की गई
कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार
है। ग्रामों
में योजनाओं
का कार्य करने
वाले ठेकेदार
द्वारा पाइप लाइन
इत्यादि
कार्य के लिए
खोदे गए
ट्रेंच में
पाइप लाइन
कार्य पूर्ण
होने एवं
टेस्टिंग के
उपरांत उसका
भराव करके रोड
रेस्टोरेशन
का कार्य अनुबंध
के अंतर्गत
किया जा रहा
है। निश्चित
समयावधि
बताया जाना
संभव नहीं है।
नवीन
वन समितियों
का गठन
[वन]
139. ( क्र. 3377 ) श्री
हरिशंकर खटीक
: क्या
राज्य
मंत्री, वन
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) टीकमगढ़
जिले वर्तमान
में जिले में
एवं अन्य कहाँ-कहाँ
वन समितियाँ
कार्यरत हैं?
इन
वन समितियों
में कौन-कौन,
किस-किस
पदों पर कब से
पदस्थ हैं?
कृपया
उनका नाम,
पिता/पति
का नाम, जाति,
पता
एवं पद सहित
जानकारी
प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश
(क) के आधार पर
बतायें कि इन
वन समितियों
का गठन कैसे
और कब-कब किया
जाता है? वर्तमान
में गठन से
संबंधित एवं
सभी के अधिकारों
सहित सभी
नियमों/आदेशों
की
छायाप्रतियाँ
प्रदाय करें। (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) के
आधार पर
बतायें कि
वर्षों से
कार्यरत इनको हटाने
के आदेश भी
क्या शासन ने
बनाये हैं?
ऐसे
आदेशों एवं
नियमों की
छायाप्रतियाँ
प्रदाय करें। (घ) प्रश्नांश
(क), (ख)
एवं (ग) के आधार
पर बतायें कि
जो निष्क्रिय
एवं लापरवाह वन
समितियों के
पदाधिकारी
हैं, क्या उन
समितियों को
भंग कर, मिटाकर
अन्य
समितियों का
गठन किया
जावेगा तो कब
तक?
राज्य
मंत्री, वन ( श्री
दिलीप
अहिरवार ) :
(क)
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ‘’1’’ अनुसार
है। (ख) म.प्र.
शासन, वन
विभाग द्वारा
जारी संकल्प
दिनांक 22 अक्टूबर,
2001 के नियम 5.1 के
अनुसार
समितियों का
गठन किया जाता
है। गठित
समितियों के
अधिकार संकल्प
के नियम 11.1 में
उल्लेखित
है। संकल्प की
प्रति पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट- ‘’2’’ अनुसार
है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिशिष्ट में
संकल्प की
कंडिका 12.1.4 में
समिति को भंग
करने के नियम
हैं। (घ) वनमण्डल
टीकमगढ़/निवाड़ी
अंतर्गत गठित
ग्राम वन/वन
सुरक्षा/ईको
विकास
समितियों में
ऐसी कोई समिति
निष्क्रिय
नहीं हैं।
किसी
पदाधिकारी के विरूद्ध
लापरवाही
संबंधी किसी
प्रकार की कोई
गम्भीर
अनियमितता को
लेकर शिकायतें
प्राप्त
नहीं हुई हैं, इसलिये
पदाधिकारियों
को हटाये जाने
अथवा समितियों
को भंग करने
एवं उनके स्थान
पर अन्य
समितियां गठन
करने का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।