मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च, 2018 सत्र
गुरुवार, दिनांक 08 मार्च 2018
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
रसोईयों के
मानदेय में
वृद्धि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
1. ( *क्र. 654 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासनादेश के तहत् ग्रामीण क्षेत्रों में शासकीय शालाओं में कार्यरत स्व-सहायता समूहों में रसोईयों को भोजन बनाने, भोजन स्थल की सफाई, बच्चों के हाथ धुलाना, छात्रों को भोजन परोसना, बर्तन साफ करना इत्यादि कार्य रसोईयों द्वारा किया जाता है? इस संबंध में शासनादेश क्या हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में रसोईयों द्वारा किये जाने वाले कार्यों हेतु मासिक मानदेय मात्र एक हजार रूपये दिया जाता है, जबकि इन रसोईयों को सम्पूर्ण शाला समय में उपस्थित रहना होता है, रसोईयों के मानदेय एवं इनकी समयावधि के संबंध में शासनादेश उपलब्ध करायें। (ग) इस मंहगाई के दौर में मात्र एक हजार रूपये मानदेय दिये जाने से परिवार के पालन पोषण में आ रही समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुए क्या इन रसोईयों को शासन द्वारा मानेदय वृद्धि किये जाने के संबंध में आदेश प्रदान किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भवन निर्माण की अनुमति की वैधता अवधि
[नगरीय विकास एवं आवास]
2. ( *क्र. 556 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा भवन निर्माण या नर्सिंग होम निर्माण के लिये जारी की गई अनुमति कितने वर्षों तक वैध रहती है? समयावधि बतावें। (ख) यदि कोई फर्म या व्यक्ति भवन निर्माण एवं नर्सिंग होम निर्माण आदि की दो भाग (ब्लॉक) की अनुमति लेता है एवं उसमें से भवन का केवल एक ही भाग बनाता है तो क्या 8-10 वर्षों के बाद बचे हुए भाग की वापस अनुमति लेना अनिवार्य है? (ग) क्या पूर्व अनुमति प्राप्त बचे हुए भाग (ब्लॉक) के निर्माण की अनुमति नगर पालिका से वापस लेना अनिवार्य है? इस संबंध में शासन के क्या दिशा निर्देश हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) म.प्र. भूमि विकास नियम, 2012 के नियम 23 (i) के प्रावधान अनुसार प्रदाय की गई भवन अनुज्ञा 03 वर्ष तक विद्यमान होती है, जिसे नियम 23 (ii) के अनुसार एक-एक वर्ष की दो लगातार अवधियों के लिये पुनर्विद्यमान कराया जा सकता है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति स्वीकृति के अधिकार
[उच्च शिक्षा]
3. ( *क्र. 1619 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिवासी, अनुसूचित जाति तथा पिछड़ा वर्ग की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति स्वीकृत करने के महाविद्यालय के प्राचार्यों को क्या वित्तीय अधिकार प्रदत्त हैं? अधिकार प्रत्यायोजन की प्रति उपलब्ध करावें। वित्तीय अधिकार पुस्तिका में प्राइवेट कॉलेजों के लिये पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति स्वीकृति के अधिकार किसे प्रदत्त हैं? (ख) क्या अधिकारों के प्रत्यायोजन में शासकीय महाविद्यालय के प्राचार्य को अशासकीय महाविद्यालयों के विद्यार्थियों की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति/आवास भत्ता स्वीकृत करने के भी अधिकार हैं? यदि नहीं, तो वे किस आधार पर नोडल प्राचार्य के रूप में अशासकीय महाविद्यालयों के लिये पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति स्वीकृत कर रहे हैं? (ग) क्या उच्च शिक्षा विभाग के प्रचार्यों को आदिम जाति कल्याण विभाग या जिला कलेक्टर, इस प्रकार से नोडल प्राचार्य के रूप में वित्त विभाग की स्वीकृति के बिना अशासकीय महाविद्यालयों के विद्यार्थियों के लिये पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति/आवास भत्ता स्वीकृत करने हेतु अधिकृत कर सकते हैं? (घ) उज्जैन, इंदौर, भोपाल तथा रीवा जिले के किस-किस शासकीय महाविद्यालय के प्राचार्य को नोडल प्राचार्य होने के कारण लोकायुक्त के द्वारा छात्रवृत्ति स्वीकृति में अनियमितता के लिये अपराधी बनाया है? प्रत्येक का विवरण दें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) आदिवासी, अनुसूचित जाति तथा पिछड़ा वर्ग की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति स्वीकृत करने का अधिकार प्राचार्य शासकीय महाविद्यालय को तथा भुगतान करने का अधिकार जिला कलेक्टर को प्रदत्त है। प्राइवेट कॉलेजों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति स्वीकृत एवं भुगतान के अधिकार जिला कलेक्टर को प्रदत्त हैं। वित्तीय शक्ति पुस्तिका की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति नियम/वित्तीय शक्ति पुस्तिका भाग-दो की कंडिका-6 (बी) अनुसार अशासकीय महाविद्यालय के विद्यार्थियों की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के मंजूरी के अधिकार जिला कलेक्टर को हैं। नवीनीकरण की मंजूरी तथा पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति देयकों पर प्रतिहस्ताक्षर के अधिकार जिला स्तरीय अधिकारी एवं शैक्षणिक संस्था के प्रमुख को है। तत्संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। आवास भत्ता योजना नियम, 2016 की कंडिका 06 (01) के तहत् आवास भत्ता स्वीकृति के अधिकार शासकीय संस्थाओं के प्राचार्य एवं अशासकीय संस्थाओं हेतु संबद्ध शासकीय संस्था के नोडल प्राचार्य को अधिकार प्रत्यायोजित किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (ग) 1. पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति की स्वीकृति के अधिकार के संबंध में प्रश्नांश (क) में दिये गये उत्तर अनुसार 2. आवास सहायता योजना 2016 को (डी.पी.आर. के रूप में) वित्त विभाग द्वारा स्वीकृति प्राप्त है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (घ) उज्जैन, इन्दौर, भोपाल तथा रीवा जिले के किसी भी प्राचार्य को लोकायुक्त संगठन द्वारा छात्रवृत्ति स्वीकृति में अनियमितता के लिए अपराधी नहीं बनाया गया है। जानकारी निरंक है।
मुआवजे का नियमानुसार निर्धारण
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( *क्र. 484 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधान सभा प्रश्न क्रमांक 2569, दिनांक 29.07.2017 के उत्तर के संदर्भ में नगर पंचायत क्षेत्र की निर्धारित दर रूपये 9.30 प्रति वर्ग मी. मान से किसानों की जमीनों का मुआवजा देने का आदेश जारी करावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या किसानों को मुआवजें की राशि में बढ़ोत्तरी के साथ क्या ब्याज का भी भुगतान करने के आदेश जारी करेंगे, जिससे किसानों की क्षति पूर्ति हो सके? (ग) प्रश्नांश (क) पर अंकित बिन्दु अनुसार कार्यवाही कर नवीन दरों से मुआवजे के भुगतान के आदेश जारी करने के साथ क्या नियम विरूद्ध मुआवजे के आदेश जारी कर किसानों को आर्थिक क्षति पहुँचाने के जिम्मेवारों पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर परिषद गुढ़ में राष्ट्रीय राज्य मार्ग 75 रीवा सीधी सड़क निर्माण में सड़क निर्माण हेतु किसानों की अधिग्रहीत की गई भूमि का मुआवजा अनुविभागीय अधिकारी अनुभाग गुढ़ जिला-रीवा द्वारा कलेक्टर गाईड लाईन वर्ष 2015-16 में दिये गये निर्देशों के तहत् न्यूनतम मूल्य के आधार पर तैयार किया गया। किसानों द्वारा मुआवजे संबंधी प्रकरण माननीय न्यायालय आयुक्त (राजस्व) रीवा संभाग रीवा में विचाराधीन है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में न्यायालयीन प्रकरण के निर्णय के उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
नगर परिषद पचोर द्वारा संपादित कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
5. ( *क्र. 1510 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक नगर परिषद पचोर द्वारा निविदा आमंत्रित कर कौन-कौन से निर्माण कराये गये हैं? वर्षवार कार्य का नाम, एजेन्सी का नाम, राशि एवं कार्य की अद्यतन स्थिति की जानकारी से अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत कराये गये निर्माण कार्य का सत्यापन किन-किन तकनीकी अधिकारियों/कर्मचारीयों के द्वारा कराया गया है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक नगर परिषद पचोर द्वारा निविदा आमंत्रित कर कराये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कराये गये निर्माण कार्य का सत्यापन निकाय में पदस्थ उपयंत्रियों द्वारा किया गया है, नाम एवं दिनांक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
जबेरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित मनरेगा योजनाएं
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
6. ( *क्र. 1405 ) श्री प्रताप सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले के जबेरा विधानसभा क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक मनरेगा योजनांतर्गत कौन-कौन से विकास कार्य प्रारंभ होकर अपूर्ण हैं? विकासखण्डवार संख्या बतावें। (ख) कार्यों की पूर्णता के लिए कब-कब कितनी-कितनी राशि का आवंटन शासन से जिले को प्राप्त हुआ है? वर्षवार बतलावें। (ग) क्या वर्ष 2017-18 में पिछले 6 माह की अवधि के दौरान मनरेगा योजना के अन्तर्गत प्रारम्भ विकास कार्यों (सामग्री एवं मजदूरी) हेतु राशि का भुगतान न किये जाने से निर्माण कार्य अवरूद्ध हैं? यदि नहीं, तो प्रारम्भ कार्यों की पूर्णता हेतु कितना आवंटन उल्लेखित अवधि के दौरान जिले को उपलब्ध कराया गया है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत कार्यवार राशि आवंटन का प्रावधान नहीं होने से प्रश्नांकित अवधि में उत्तरांश (क) के कार्यों हेतु जिले को कोई आवंटन नहीं किया गया है। (ग) जी नहीं, वित्तीय वर्ष 2017-18 में 23 जनवरी से भारत सरकार से आवंटन प्राप्त नहीं होने के कारण सामग्री मद में भुगतान लंबित है। इसी प्रकार मजदूरी मद में दिनांक 23.02.2018 से आवंटन उपलब्ध नहीं है। उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रेत का अवैध भण्डारण/निकासी
[खनिज साधन]
7. ( *क्र. 947 ) श्री गिरीश गौतम : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के थाना लौर तहसील मऊगंज अंतर्गत रेत भण्डारण का लायसेंस कितने लोगों को दिया गया है? उनके नाम, पता सहित बतावें कि कितनी क्षमता के भण्डारण का लायसेंस किस तारीख को दिया गया है? (ख) यदि रेत भण्डारण का लायसेंस दिया गया है, तो लायसेंस की शर्तों का पालन किया जा रहा है या नहीं, इसकी जाँच कब-कब, किस-किस अधिकारी ने की है? (ग) क्या देवतालाब रेत के स्टाक को उत्तर प्रदेश के निवासी के लिए भी लायसेंस/परमिट दिया गया? यदि हाँ, तो कब-कब? उ.प्र. के लिए रेत का परिवहन कितने ट्रकों से किया गया? उसकी सूची विवरण के साथ देवें। यदि रेत निकासी का लायसेंस/परमिट नहीं दिया गया, तो प्रतिदिन सैकड़ों की तादाद में ट्रकों से रेत परिवहन किया जाकर शासन के राजस्व का नुकसान पहुँचाए जाने के लिए कौन-कौन अधिकारी जिम्मेवार हैं एवं उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी और रेत की अवैध निकासी को रोके जाने के लिए क्या कार्यवाही की जायेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। शर्तों का पालन किया जा रहा है। भण्डारण स्थलों की जाँच समय-समय पर खनि निरीक्षक द्वारा की जाती है। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। प्रश्नाधीन क्षेत्र की जाँच के दौरान यह पाया गया कि रेत का परिवहन समीपस्थ जिलों में स्वीकृत रेत खदानों/व्यापारिक अनुज्ञप्तियों के अभिवहन पार-पत्रों के माध्यम से किया जाता है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में खनिजों के अवैध भण्डारण तथा अवैध परिवहन के प्रकरण प्रकाश में आने पर इन्हें पंजीबद्ध कर राशि रूपये 2,93,500/- का अर्थदण्ड वसूल किया गया है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। खनिजों के अवैध परिवहन की जाँच किया जाना सतत् प्रक्रिया है, जिसके अधीन प्रकरण प्रकाश में आने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।
प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्वयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
8. ( *क्र. 2427 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत् ग्रामों में आवास किश्त देने के क्या नियम हैं एवं कितने कार्य के लिए कितनी राशि जारी की जाती है? (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में ग्राम पंचायतों के अन्तर्गत ऐसे कितने व्यक्ति हैं, जिन्हें प्रथम किश्त का कार्य पूर्ण होने के बाद दूसरी किश्त एवं दूसरी किश्त का कार्य पूर्ण होने के बाद तीसरी किश्त प्राप्त नहीं हुई है? व्यक्ति के नाम, ग्राम एवं पंचायत के नाम सहित जानकारी देवें। (ग) ऐसे कितने व्यक्ति हैं, जिन्हें माह दिसम्बर 2017 में प्रथम किश्त जारी की गई थी, उसके बाद द्वितीय किश्त जारी नहीं की गई तथा द्वितीय के बाद तृतीय किश्त प्रश्न दिनांक तक जारी नहीं की गई? (घ) जिन व्यक्तियों द्वारा ठण्ड के मौसम में मकान तोड़कर आवास निर्माण करवाया जा रहा है, उन व्यक्तियों को ठण्ड से बचाने हेतु शासन द्वारा क्या-क्या सुविधाएं प्रदान की गईं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अन्तर्गत आवास निर्माण हेतु हितग्राही को वर्तमान में 4 किश्तों में राशि प्रदाय की जाती है। आवास स्वीकृति उपरांत प्रथम किश्त रू. 40,000/- कुर्सी स्तर तक का कार्य पूर्ण होने पर, द्वितीय किश्त रू. 40,000/- छत स्तर तक कार्य पूर्ण होने पर, तृतीय किश्त रू. 25,000/- तथा आवास निर्माण का कार्य पूर्ण होने के पश्चात् रू. 15,000/- की राशि एफ.टी.ओ. के माध्यम से हितग्राही के खाते में हस्तांतरित की जाती है। किश्त का भुगतान आवास निर्माण की निर्धारित प्रगति का जियोटैंग फोटो आवास सॉफ्ट पर अपलोड होने के उपरांत ही देय होती है। (ख) निरंक। निर्धारित कार्य पूर्ण करने पर जियोटैंग करते हुए सभी को समय से राशि जारी की गई। (ग) माह दिसम्बर 2017 में किसी भी हितग्राही को प्रथम किश्त जारी नहीं की गई है। (घ) हितग्राही द्वारा स्वमेव अस्थाई व्यवस्था की गई है।
विभागांतर्गत संचालित योजनाओं का क्रियान्वयन
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
9. ( *क्र. 2163 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा जनता के कल्याण के लिए कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? योजनाओं के नाम सहित विवरण दें। (ख) विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की चयन प्रक्रिया एवं पात्रता क्या होती है तथा आवेदन करने की प्रक्रिया क्या होती है? (ग) चयन प्रक्रिया में कौन-कौन अधिकारी, कर्मचारी सदस्य होते हैं? पदवार/कार्यानुसार स्पष्ट विवरण देवें। (घ) नरसिंहपुर जिले में विभिन्न प्रकार की पेंशनों में किस-किस प्रकार के हितग्राहियों को पेंशन दी जाती है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विभाग द्वारा 21 योजनाएं संचालित हैं। योजनाओं का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (घ) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार जिले में पात्रता मापदण्ड के अनुसार हितग्राही को पेंशन दी जाती है।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना का क्रियान्वयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
10. ( *क्र. 2365 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में बैहर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभागों को केन्द्र एवं राज्य सरकार से वित्तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि किस-किस योजना/कार्य हेतु प्राप्त हुई एवं कितना-कितना व्यय किया गया? (ख) ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग क्र. 1 में बैहर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कौन से निर्माण कार्य किस-किस योजना/मद में किस-किस दर से, किस-किस ठेकेदार से, पुनरीक्षित प्राक्कलन किन-किन कार्यों के बनाए गए एवं तदानुसार कार्य किया गया? प्राक्कलन किस वर्ष के एस.ओ.आर. से बनाया गया? पूर्ण/अपूर्ण सहित जानकारी देवें। (ग) बैहर विधानसभा के मुख्यमंत्री सड़क योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 के स्वीकृत कार्यों की माप पुस्तिका, कार्य प्रारम्भ एवं पूर्ण के पश्चात् की लेबल बुक, प्राक्कलन एवं डिजाईन की जानकारी, किस स्थान से निर्माण कार्य हेतु सामग्री (रेत, मुरूम, गिट्टी एवं मिट्टी) लाई जाकर उपयोग की गई? सभी निर्माण सामग्री की टेस्ट रिपोर्ट की जानकारी, एम.डी.डी., ओ.एम.सी., सी.बी.आर. फील्ड डेनसीटी टेस्ट, बिल माप पुस्तिका सहित उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) बैहर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत सड़कें स्वीकृत नहीं होने से शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते।
नगरीय निकायों में भूमि का आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
11. ( *क्र. 1444 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगरीय निकायों द्वारा दुकान निर्माण हेतु निर्माण से पूर्व नजूल अधिकारी से अनापत्ति लेकर एवं निर्धारित प्रब्याजी एवं भू-भाटक शासन मद में जमा करे बिना ही निर्माण कार्य करने संबंधी विगत 03 वर्षों में आगर एवं शाजापुर जिला अंतर्गत कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं एवं क्या कार्यवाही की गई? शिकायतवार पूर्ण विवरण देवें। (ख) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 3608, दिनांक 26 जुलाई, 2016 के उत्तरांश (ख) में नगर परिषद् नलखेड़ा द्वारा अपने पक्ष में भूमि आवंटन कराए बिना ही निर्माण कार्य कराया जाना बताया गया हैं एवं उत्तरांश (घ) अनुसार परीक्षण उपरांत शीघ्र कार्यवाही किया जाना बताया था? इसके उपरांत क्या कार्यवाही की गई? पूर्ण विवरण देवें। (ग) उज्जैन संभाग अंतर्गत विगत 03 वर्षों में प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अनुसार क्या कोई प्रकरण संज्ञान में आए हैं? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (घ) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत विगत 03 वर्षों में नजूल अधिकारी की अनापत्ति के आधार पर कौन-कौन सी भूमि का आवंटन किया गया है? सर्वे नम्बर वार पूर्ण जानकारी देवें। क्या इसके विपरीत भूमि आवंटन के कोई तथ्य संज्ञान में आए हैं? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्या इसकी समीक्षा की जाकर उचित कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगरीय निकायों द्वारा दुकान निर्माण से पूर्व नजूल अधिकारी से अनापत्ति प्रमाण पत्र एवं निर्धारित प्रब्याजी एवं भू-भाटक शासन मद में जमा किये बिना निर्माण कार्य करने संबंधी विगत् 03 वर्षों में आगर एवं शाजापुर जिला अन्तर्गत कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, परन्तु विधानसभा अता. प्रश्न क्रमांक 3608, जुलाई 2016 के परिप्रेक्ष्य में नगर परिषद् नलखेड़ा में निर्मित दुकानों के संबंध में कार्यालय कलेक्टर जिला आगर में जाँच संबंधी कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) कार्यालय कलेक्टर जिला आगर में नगर परिषद् नलखेड़ा में निर्मित दुकानों के संबंध में जाँच संबंधी कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) नगर परिषद् नलखेड़ा जिला आगर के अतिरिक्त उज्जैन संभाग अन्तर्गत कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है। (घ) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अन्तर्गत विगत् 03 वर्षों में नजूल अधिकारी की अनापत्ति के आधार पर किसी भूमि का आवंटन नहीं किया गया है, शेषांश की जानकारी निरंक है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत स्वीकृत सड़कें
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
12. ( *क्र. 1789 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरदारपुर विधान सभा क्षेत्र में कितनी प्रधानमंत्री सड़कें स्वीकृत हैं, इनमें से कितनी पूर्ण एवं कितनी अपूर्ण हैं? (ख) 250 की आबादी तक के ग्रामों एवं मजरे टोलों को प्रधानमंत्री सड़क से कब तक जोड़ा जायेगा? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा इन सड़कों की गुणवत्ता ठीक न होने एवं रिनीवल कोट की घटिया गुणवत्ता की जाँच की मांग की गई थी? (घ) यदि हाँ, तो क्या विभाग इनकी गुणवत्ता की जाँच क्षेत्रीय विधायक के समक्ष करवायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कुल 86 सड़कें स्वीकृत हैं, इनमें से 78 सड़कें पूर्ण हैं, 03 मार्ग प्रगतिरत एवं 05 मार्ग स्वीकृत होकर निविदा प्रक्रिया में हैं। (ख) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत 250 से कम आबादी के ग्रामों एवं मजरे टोलों को जोड़ने का प्रावधान नहीं है। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हितग्राही पेंशन योजना का भुगतान
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
13. ( *क्र. 1857 ) श्री जतन उईके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले में कितने हितग्राहियों को प्रतिमाह विभिन्न योजनाओं के माध्यम से पेंशन राशि प्रदाय की जाती है? विकासखण्डवार एवं निकायवार योजनावार संख्या बतायें। (ख) उक्त पेंशन प्राप्त कर रहे हितग्राहियों को किस माह तक राशि का भुगतान कर दिया गया है? योजनावार हितग्राहियों की संख्या बतावें। (ग) क्या पेंशन प्राप्त करने वाले हितग्राहियों को एक दो माह के बाद पेंशन प्राप्त हो रही है? इसके लिये कौन जिम्मेदार है, जबकि शासन द्वारा नियमित रूप से पर्याप्त आवंटन उपलब्ध कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब से?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) छिन्दवाड़ा जिला अर्न्तगत विभिन्न पेंशन योजनाओं में प्रतिमाह 114279 हितग्राहियों को पेंशन प्रदाय की जा रही है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) छिन्दवाड़ा जिला अर्न्तगत विभिन्न पेंशन योजनाओं में माह जनवरी 2018 तक 114279 हितग्राहियों को 362.25 लाख रूपये भुगतान कर दिया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लघु एवं सूक्ष्म उद्योग कारखाने की स्थापना
[वन]
14. ( *क्र. 974 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चित्रकूट विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रचुर मात्रा में वनोपज संसाधन जैसे तेन्दूपत्ता, आंवला, चिरायता इत्यादि, उपलब्ध हैं, लेकिन इन संसाधनों के आधार पर कोई भी रोजगार परक लघु एवं सूक्ष्म उद्योग कारखाना नहीं होने से ये संसाधन संग्रहण कराकर बाहर भेज दिया जाता है? क्या इन संसाधनों से जुड़े लघु एवं मध्यम उद्योग आदि मझगवां, बरौंध, जैतवारा, बिरसिंहपुर में स्थापित किये जाने से आर्थिक रूप से कमजोर अनुसूचित जनजाति के लोग, जो रोजगार की तलाश में अन्य प्रदेशों में जाने पर मजबूर होते हैं, को स्थानीय स्तर पर रोजगार के साधन उपलब्ध कराया जा सकेगा? यदि हाँ, तो इस दिशा में सरकार की क्या नीति है? (ख) अनुसूचित जनजाति के लोगों के विकास एवं कल्याण के लिये विगत 4 वर्षों में चित्रकूट विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत किन-किन सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थाओं को किन-किन मुद्दों में कितना-कितना धन दिया गया है तथा इससे कितने लोग लाभान्वित हुए हैं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) चित्रकूट विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत प्रचुर मात्रा में तेन्दूपत्ता, महुआ, आंवला, चिरायता आदि लघु वनोपज उपलब्ध है। तेन्दूपत्ता का क्रय प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के माध्यम से होता है तथा संग्राहकों को पारिश्रमिक के अतिरिक्त इनके व्यापार से प्राप्त लाभ में से वर्तमान में 70 प्रतिशत राशि प्रोत्साहन पारिश्रमिक (बोनस) के रूप में प्रदाय की जाती है। महुआ फूल भी वर्ष 2017 में समितियों के माध्यम से क्रय किया गया तथा संग्राहकों को पारिश्रमिक का भुगतान किया गया। अन्य वनोपज के संग्रहण के पश्चात् स्थानीय व्यापारियों को संग्राहकों के द्वारा बिक्री किया जाता है। लघु एवं मध्यम उद्योग स्थापित करने के संबंध में लघु एवं सूक्ष्म उद्योग विभाग से जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा संचालित योजना के अंतर्गत विगत 04 वर्षों में उपलब्ध करायी गई राशि एवं लाभान्वित व्यक्तियों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
रिंग रोड का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
15. ( *क्र. 288 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जबलपुर शहर में लगातार बढ़ते दबाव को कम करने के लिए तिलवारा से ललपुर ग्वारीघाट एवं गौर तक रिंग रोड निर्माण की प्रक्रिया प्रचलन में है? यदि हाँ, तो उक्त रिंग रोड की चौड़ाई कितनी रखी गई है? (ख) क्या तिलवारा से ग्वारीघाट तक रिंग रोड निर्माण होने से बरगी हिल्स स्थित टेक्नोपार्क के लिये यह रोड अत्यंत उपयोगी साबित होगी? क्या यह रिंग रोड तिलवारा रोड स्थित स्कूल कॉलेजों को जोड़ने के साथ-साथ ललपुर से होते हुये टेक्नोपार्क से जोड़ेगी व टेक्नोपार्क पहुँचने का सफर भी आसान होगा? (ग) यदि वर्णित (क), (ख) सही है तो क्या जनहित हेतु टेक्नोपार्क से गुजरने वाली सड़क की चौड़ाई 60 फीट की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जबलपुर शहर में तिलवाराघाट से ललपुर होकर ग्वारीघाट को जोड़ते हुए ग्राम भटौली में स्थित मंडला-नागपुर बायपास को जोड़ने के लिए रोड बनाए जाने का प्रस्ताव है। इस मार्ग की चौड़ाई जबलपुर विकास योजना 2021 के अनुसार 60 मी. रखे जाने का प्रावधान है। उपरोक्त रोड के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डी.पी.आर.) जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा तैयार की जा रही है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित मार्ग 60 मी. चौड़ी रखे जाने का प्रावधान है, यह सड़क टेक्नोपार्क अथवा किसी स्कूल कॉलेज से लगकर नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खेल संघ के कार्यरत कर्मचारियों का संविलियन/नियुक्ति
[खेल और युवा कल्याण]
16. ( *क्र. 1595 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या दतिया जिले में विभाग के अतिरिक्त खेल संघ कलेक्टर/एस.पी. की अध्यक्षता में गठन किया गया था? यदि हाँ, तो क्या उक्त संघ वर्तमान में भी संचालित है? यदि हाँ, तो जानकारी दें? (ख) संघ में कितने कर्मचारियों की नियुक्तियां की गई थी? नाम/पद/वेतन सहित विवरण दें। (ग) क्या संघ में कार्यरत कर्मचारियों का संविलियन/नियुक्ति विभाग में की गई है? यदि हाँ, तो किन नियमों के अंतर्गत पदस्थ/नियुक्ति की गई है? नाम/पद/वेतन की जानकारी दें।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सरपंच को पद से कार्यमुक्त (पृथक) किया जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
17. ( *क्र. 1823 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परासिया विधान सभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत झुर्रेमाल में अनेक अनियमितताओं व भ्रष्टाचार के संबंध में सरपंच/सचिव के विरूद्ध जाँच रिपोर्ट तैयार कर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) परासिया के द्वारा ग्राम पंचायत अधिनियम की धारा 40 के तहत् कार्यवाही किये जाने हेतु प्रस्ताव तैयार कर मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत छिन्दवाड़ा को भेजा जा चुका है? इन प्रकरणों पर विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) ग्राम पंचायत झुर्रेमाल में अनेक अनियमितताओं व भ्रष्टाचार के संबंध में दोषी पाये गये सरपंच के विरूद्ध ग्राम पंचायत अधिनियम की धारा 40 के तहत् कार्यवाही की जा चुकी है, किन्तु उन्हें अभी तक अपने पद से कार्यमुक्त (पृथक) क्यों नहीं किया गया है? कब तक ग्राम पंचायत झुर्रेमाल के सरपंच को पद से कार्यमुक्त (पृथक) कर दिया जायेगा? (ग) क्या ग्राम पंचायत अधिनियम की धारा 40 के तहत् कार्यवाही के बाद भी ग्राम पंचायत झुर्रेमाल के सरपंच को अभी तक अपने पद से कार्यमुक्त (पृथक) नहीं किया गया है। यदि हाँ, तो क्या इसके लिए विभाग के अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? अगर हाँ तो ऐसे लापरवाह अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। प्रकरण में सरपंच श्रीमती शीतला उईके एवं उप सरपंच श्री कमलेश यादव के विरूद्ध मध्यप्रदेश पंचायत एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40 का प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर कार्यवाही प्रचलित है। (ख) धारा 40 की कार्यवाही प्रचलित होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता। संबंधितों के विरूद्ध जांचोपरांत गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी। (ग) धारा 40 की कार्यवाही प्रचलित होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता। संबंधितों के विरूद्ध जांचोपरांत गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी।
पौधारोपण पर व्यय
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
18. ( *क्र. 2598 ) श्री बाला बच्चन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 02.07.2017 के पौध रोपण के संदर्भ में बड़वानी वि.स. क्षेत्र में ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 2,65,157 पौधे रोपने पर 93,55,000/- रू. एवं राजपुर वि.स. क्षेत्र में 1,97,882 पौध रोपने पर 1,20,12,000/- रू. व्यय किए गए हैं, उसकी मजदूरी एवं सामग्री मद की विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) कारण बतावें कि क्या राजपुर वि.स. क्षेत्र में बड़वानी वि.स. क्षेत्र से कम पौधे रोपने पर अधिक राशि व्यय की गई? (ग) क्या कारण है कि उद्यानिकी विभाग द्वारा इसी कार्यक्रम के तहत् राजपुर वि.स. क्षेत्र में 2,26,811 पौधे रोपने पर 19,56,000/- रू. व्यय किए गए तो ग्रामीण विकास विभाग द्वारा इससे कम पौधे रोपने पर लगभग 6 गुना अधिक राशि व्यय की गई? (घ) प्रश्नांश (ख) व (ग) पौधा रोपण में भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों के पदनाम सहित देवें, इन पर कब तक कार्यवाही होगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्रामीण विकास विभाग द्वारा बड़वानी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत रोपित पौधे 2,65,157, जिसमें अब तक व्यय राशि रू. 1,32,29,521/- तथा राजपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत रोपित पौधे 1,95,699 एवं व्यय राशि रू. 1,31,99,227/- जिले द्वारा प्रतिवेदित है। प्रश्नांश की शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) उद्यानिकी विभाग द्वारा क्रियान्वित की जा रही महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत तैयार की गई निजी खेत में फलोद्यान की परियोजना की प्रथम वर्ष की औसत लागत प्रति पौधा लगभग 275/- रू. निर्धारित है, इसमें पौधे की सुरक्षा व सिंचाई व्यवस्था कृषकों को स्वयं के व्यय से किये जाने के निर्देश हैं। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा ग्राम पंचायतों के माध्यम से क्रियान्वित की जा रही सार्वजनिक/सामुदायिक व निजी खेत की मेढ़ पर परियोजनाओं की प्रथम वर्ष की औसत लागत प्रति पौधा लगभग रू. 455/- प्राक्कलित है, इसमें पौधों की सुरक्षा, सिंचाई व्यवस्था व रख-रखाव हेतु पौध रक्षकों का व्यय परियोजना लागत में शामिल किया गया है। उद्यानिकी विभाग द्वारा रोपित किए गए पौधे में कुछ पौधे विभागीय निर्देशों एवं मापदण्ड के तहत् रोपित किए गए तथा कुछ पौधरोपण नरेगा के निर्देश एवं मापदण्ड के तहत् रोपित किए गए। इस प्रकार नरेगा एवं उद्यानिकी के मापदण्ड पृथक-पृथक हैं। दोनों ही परियोजनाएं प्रगतिरत होकर भुगतान सतत् प्रचलित है। अत: इनकी तुलना की जाना सही नहीं है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता।
फत्तेपुर रेत खदान की जाँच
[खनिज साधन]
19. ( *क्र. 522 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले की चंदला विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत फत्तेपुर रेत खदान में दिनांक 14.11.2016 को एस.डी.एम. राजस्व तह. लवकुशनगर श्री हेमकरण धुर्वे, तहसीलदार श्री वी.डी. नामदेव, आर.आई. राजस्व सूर्यमणि मांझी, थाना प्रभारी गोयरा श्री जादोन एवं उपस्थित जनप्रतिनिधियों व जनता के समक्ष अवैध उत्खनन के संबंध में पंचनामा बनाया गया था? (ख) क्या पंचनामा में अवैध उत्खनन करते 17 एल.एन.टी., 6 जे.सी.बी., 43 लिफ्टर, 348 ट्रक एवं 3 जनरेटर पाये गये हैं? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा लिफ्टर से नदी के पानी से बालू निकालने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो संबंधित अधिकारियों द्वारा ठेकेदार/खदान संचालक के विरूद्ध अभी तक क्या कार्यवाही की गयी? (घ) इस संबंध में आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, तो क्यों? इस विलंब के लिये कौन दोषी है, क्या उक्त अधिकारी पर कानूनी कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नानुसार पंचनामा में उल्लेखित वाहन/मशीन अवैध खनन करते हुए नहीं पाये गये थे। अपितु मौके पर खाली पाये जाने का पंचनामे में लेख है। (ग) जी नहीं। स्वीकृत खदान क्षेत्र में मशीन लगाये जाने, पर्यावरण अनापत्ति, जल एवं वायु की सम्मति की शर्तों का पालन न करने एवं अन्य शर्तों के उल्लंघन के आधार पर कलेक्टर, खनिज शाखा, छतरपुर द्वारा संबंधित ठेकेदार को दिनांक 14.06.2017 को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था, जिस पर ठेकेदार द्वारा दिया गया जबाव असमाधान कारक होने के कारण मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के अंतर्गत व्यापारिक खदान के ठेके के करार की कंडिका-28 के अंतर्गत सुरक्षा राशि रूपये 1,00,000/- सम्पह्रत की गई है। (घ) प्रश्नांश (ग) में दिये गये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मध्यान्ह भोजन वितरण की व्यवस्था
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
20. ( *क्र. 830 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के विधानसभा क्षेत्र सिरोंज के जनपद शिक्षा केन्द्र सिरोंज एवं लटेरी के द्वारा जिला पंचायत नगर पालिका व अन्य से पंजीकृत कितने स्व-सहायता समूहों को कार्यालय अथवा जन शिक्षकों के माध्यम से मध्यान्ह भोजन हेतु खाद्यान्न पर्ची प्रदाय की जाती है? उन समूहों के नाम व संबंधित समूह कहाँ से पंजीकृत हुए, की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जनपद शिक्षा केन्द्र सिरोंज के सिरोंज शहरी क्षेत्र में संचालित शासकीय स्कूलों में कौन-कौन से समूह मध्यान्ह भोजन वितरण कर रहे हैं और कहाँ से पंजीकृत हुए हैं? (ग) क्या पंजीकृत समूह के अध्यक्ष व अन्य सदस्य गरीबी रेखा के अंतर्गत आते हैं? यदि हाँ, तो महामाया स्व-सहायता समूह प्राथमिक शाला सिकन्दरपुर सिरोंज व गणेश स्व-सहायता समूह प्राथमिक शाला रावजी पथ सिरोंज व अन्य के अध्यक्ष व अन्य सदस्यों के बी.पी.एल. कार्ड धारक होने संबंधित जानकारी व गरीबी रेखा क्रमांक क्या हैं? प्रश्नांश (क) अनुसार जनपद शिक्षा केन्द्र सिरोंज के सिरोंज शहरी क्षेत्र में संचालित शासकीय स्कूलों में कौन-कौन से समूह मध्यान्ह भोजन वितरण कर रहे हैं और कहाँ से पंजीकृत हुए हैं? (घ) जनपद शिक्षा केन्द्र सिरोंज के अंतर्गत आने वाले ऐसे कितने शासकीय स्कूल हैं, जिनमें मध्यान्ह भोजन वितरण करने वाले समूह जिला पंचायत नगर पालिका आदि से पंजीकृत नहीं हैं व अपात्र हैं या गरीबी रेखा क्रमांक गलत लिखकर समूह बनाये गये हैं, तो ऐसे अपात्र समूहों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 798 स्व-सहायता समूहों को। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ग) मध्यान्ह भोजन वितरण करने वाले स्व-सहायता समूह के अध्यक्ष, सचिव एवं रसोईयों का नाम बी.पी.एल. सूची में होना अनिवार्य है। महामाया स्व-सहायता समूह शासकीय प्राथमिक शाला सिकंदरपुर, गणेश स्व-सहायता समूह शासकीय कन्या प्राथमिक शाला एवं माध्यमिक शाला रावजीपथ, लोचननारी स्व-सहायता समूह चौड़ाखेड़ी एवं मां भारती स्व-सहायता समूह नयापुरा, सिरोंज के अध्यक्ष एवं एक अन्य सदस्य का नाम बी.पी.एल. सूची में नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख'' अनुसार है। (घ) जनपद शिक्षा केन्द्र अंतर्गत शासकीय प्राथमिक विद्यालय चौंपना में मध्यान्ह भोजन वितरण करने वाला समूह पंजीकृत नहीं है तथा शहरी क्षेत्र के शासकीय प्राथमिक कन्या शाला रावजीपथ, प्राथमिक शाला चौड़ाखेड़ी, नयापुरा, सिकंदरपुरा एवं कन्या माध्यमिक शाला रावजीपथ में संलग्न स्व-सहायता समूहों के अध्यक्ष एवं अन्य सदस्यों के नाम गरीबी रेखा की सूची में नहीं हैं। संबंधित समूहों को मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के संचालन से पृथक कर दिया है।
जांच प्रतिवेदन को पटलित किया जाना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
21. ( *क्र. 1179 ) श्री रामनिवास रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के क्रियान्वयन में हुई अनियमितताओं की जाँच हेतु गठित जाँच आयोग के प्रतिवेदन पर मंत्रिपरिषद समिति का परीक्षण प्रतिवेदन दिनांक 11.07.2013 को सामान्य प्रशासन विभाग में प्राप्त हुआ, जो कि सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा अग्रिम कार्यवाही हेतु दिनांक 27.07.2013 को सामाजिक न्याय एवं निःशक्त जन कल्याण विभाग को भेजा गया है? (ख) यदि हाँ, तो 04 वर्ष से अधिक समय व्यतीत हो जाने के बावजूद विभाग द्वारा जाँच रिपोर्ट का परीक्षण न किये जाने के क्या कारण हैं? यदि परीक्षण कर लिया गया है, तो परीक्षण के निष्कर्ष/रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर पटलित न करने के क्या कारण हैं व कब तक रिपोर्ट पटलित कर दी जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बाताया जाना सभंव नहीं है।
लघु वनोपज संघ से स्वीकृत कार्य
[वन]
22. ( *क्र. 87 ) श्री लखन पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लघु वनोपज संघ के अध्यक्ष विवेकाधीन कोष से पिछले 05 वर्षों में दमोह जिले में कौन-कौन से कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्वीकृत किये गये कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हुए एवं कितने लंबित हैं? लंबित कार्य कब तक पूर्ण किये जावेंगे? (ग) लघु वनोपज संघ से कौन-कौन से कार्य कराये जाने का प्रावधान किया गया है? नियमावली बतावें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) दमोह जिले में लघु वनोपज संघ के अध्यक्ष विवेकाधीन कोष से पिछले 05 वर्षों में स्वीकृत कार्यों व राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। उक्त विवरण में दर्शित लंबित कार्यों को शीघ्र ही पूर्ण करा लिया जावेगा। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है एवं पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'तीन' अनुसार संचालक मंडल की 56 वीं बैठक दिनांक 08.11.2002 के प्रस्ताव क्रमांक 56 : 7 एवं 61 वीं बैठक दिनांक 21.06.2004 अनुसार मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज संघ के अध्यक्ष के विवेकाधीन कोष से कार्य स्वीकृत करने के लिये प्रावधान है।
अधिकारी/कर्मचारियों का संलग्नीकरण
[उच्च शिक्षा]
23. ( *क्र. 2457 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उच्च शिक्षा विभाग में अधिकारी/कर्मचारियों के संलग्नीकरण अपने विभाग के अतिरिक्त अन्य विभागों में किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो उज्जैन संभाग में उच्च शिक्षा विभाग में ऐसे कितने अधिकारी/कर्मचारी हैं, जिनका संलग्नीकरण मूल पद स्थापना के अतिरिक्त अन्य विभाग अथवा अन्य महाविद्यालय/क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक एवं मंत्रालय में किया गया है तथा यह संलग्नीकरण (अटैचमेंट) किस आदेश क्रमांक एवं दिनांक के तहत् किया गया है? आदेश की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। (ग) सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक एफ-6-1/2000/1/9, दिनांक 26.8.2000 के द्वारा संलग्नीकरण (अटैचमेंट) पर पाबंदी लगाने के बावजूद भी अधिकारी/कर्मचारियों का संलग्नीकरण क्यों समाप्त नहीं किया गया है? इनका संलग्नीकरण खत्म कर इनको मूल पदस्थापना पर कब तक भेजा जायेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) उज्जैन संभाग में अराजपत्रित संवर्ग के 03 कर्मचारी का संलग्नीकरण मूल पदस्थापना के अतिरिक्त अन्य महाविद्यालय/क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक कार्यालय एवं अन्य विभाग में किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) संलग्नीकरण समाप्त किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
घाटीगांव जनपद अंतर्गत बंद खदानों का संचालन
[खनिज साधन]
24. ( *क्र. 121 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले के घाटीगांव जनपद अंतर्गत ग्राम महेशवरा मेहंदपुर वन क्षेत्र के वनकक्ष क्र. 492, 348, 356 कुल रकबा 12 हेक्टेयर पर खनिज, फर्शी, पत्थर की खदानें पूर्व में कब तक संचालित रही हैं? (ख) उक्त खदानों को बंद करने के क्या-क्या कारण थे? उक्त खदानों से शासन को वन खनिज से कितना राजस्व प्राप्त होता था? (ग) उक्त खदानों में कितने मजदूरों का नियोजन था? क्या उक्त खदानों को पुन: जनहित में चालू कराने हेतु पूर्व में किस व कितने जनप्रतिनिधियों द्वारा कोई पहल अथवा कार्यवाही की गई है? (घ) जनहित में स्थानीय व्यक्तियों को रोजगार देने हेतु तथा अवैध उत्खनन पर नियंत्रण हेतु उक्त खदानों को पुन: नियमानुसार चालू करने हेतु क्या कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो संबंधित प्रक्रिया वन खनिज राजस्व तथा पर्यावरण संबंधी नियम बतावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र की फर्शी पत्थर खदानें वर्ष 1980 तक संचालित रही हैं। (ख) प्रश्नाधीन खदान वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के प्रभावशील होने के कारण बंद हुईं थीं। ये खदानें चूंकि वर्ष 1980 तक संचालित थीं, अत: इससे प्राप्त होने वाले राजस्व के अभिलेख अत्यंत पुराने होने के कारण वर्तमान में उपलब्ध नहीं हैं। (ग) प्रश्नांश (ख) में लेख अनुसार ये खदानें वर्ष 1980 तक संचालित थीं। अत: इन खदानों में नियोजित मजदूरों की जानकारी संबंधी अभिलेख अत्यंत पुराने होने के कारण वर्तमान में उपलब्ध नहीं हैं। इन खदानों को पुन: चालू किये जाने के संबंध में पूर्व में माननीय विधायक श्री बृजेन्द्र तिवारी (पूर्व विधायक) एवं प्रश्नकर्ता माननीय विधायक द्वारा पहल की गई। (घ) वर्तमान में उल्लेखित प्रस्ताव का वित्तीय दृष्टि से परीक्षण किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्न वर्तमान में उपस्थित नहीं होता।
ग्राम पंचायतों को दिये गये वित्तीय अधिकार
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
25. ( *क्र. 1519 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग (जिला पंचायत) द्वारा ग्राम पंचायतों को निर्माण एजेन्सी के रूप में रू. 15.00 लाख से अधिक के कार्य कराये जाने के अधिकार दिये गये हैं? यदि हाँ, तो संबंधित आदेश उपलब्ध कराएं? (ख) यदि नहीं, तो क्या जिला पंचायत सतना द्वारा विकासखण्ड सोहावल ग्राम पंचायत इटमा में गौण खनिज मद से 15.00 लाख रू. से अधिक के कार्य हेतु ग्राम पंचायत इटमा को निर्माण एजेन्सी बनाया गया है? (ग) यदि हाँ, तो क्या नियम विरूद्ध प्रशासकीय स्वीकृति आदेश जारी कराने वाले जिला पंचायत के शाखा प्रभारी (सहायक परियोजना अधिकारी) के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या उक्त परियोजना अधिकारी जिला पंचायत सतना अतिशेष है? यदि हाँ, तो उन्हें अब तक क्यों नहीं हटाया गया है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) वर्णित कार्यों के लिये ग्राम पंचायत के वित्तीय अधिकार रूपये 15 लाख तक सीमित होने से प्रश्नांश (ख), (ग) एवं (घ) में जाँच की जा रही है।
भाग-2
नियम 46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
बसों के
किराये में
अनियमितताओं
की जाँच
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
1. ( क्र. 13 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नमामि देवी नर्मदे यात्रा के अमरकंटक में माह मई 2017 को समापन कार्यक्रम हेतु निजी बसों का अधिग्रहण किस विभाग के द्वारा किया गया तथा बसों के किरायों का भुगतान किस विभाग के अंतर्गत किसके द्वारा किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) कार्यक्रम हेतु प्रदेश की किस-किस जिले से कितनी-कितनी निजी बसों का अधिग्रहण किया गया था? इन बसों का किराया भुगतान किये जाने के लिए क्या मापदण्ड निर्धारित किये गये थे? क्या मापदण्डों के अनुसार बस ऑपरेटर को बसों के किराये का भुगतान किया गया है? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या अनूपपुर से अमरकंटक की दूरी लगभग 68 किमी. है? यदि हाँ, तो अनूपपुर से अमरकंटक समापन कार्यक्रम हेतु कितनी बसें भेजी गई थी तथा किन-किन बस ऑपरेटरों को प्रति बस आने-जाने का किस-किस दर से भुगतान किया गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में भोपाल से अमरकंटक के लिए प्रति बस से आने-जाने का किराया किस दर से भुगतान किया गया? (ड.) प्रश्नांश (ग) एवं (घ) के परिप्रेक्ष्य में क्या भोपाल से अमरकंट की दूरी लगभग 551 कि.मी. है किन्तु प्रति बस किराया लगभग 50 हजार रूपये का भुगतान किया गया है जबकि अनूपपुर में अमरकंटक का प्रति बस किराया 51 हजार रूपये से अधिक का भुगतान किया गया है? (च) यदि हाँ, तो क्या बसों के किराये के भुगतान में व्यापक आर्थिक अनियमिताएं की जाकर शासन के आर्थिक क्षति पहुंचाई गई है? यदि हाँ, तो क्या इसकी जाँच करायी जाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (च) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
हितग्राहियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन का भुगतान
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
2. ( क्र.
14 ) डॉ.
गोविन्द सिंह
: क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
दिनांक 1 मार्च 2017 को
माननीय वित्त
मंत्री
द्वारा सदन
में अपने बजट
भाषण के बिन्दु
क्रमांक 76 में
सामाजिक
सुरक्षा
पेंशन योजना
के अंतर्गत
पेंशन की राशि
रूपये 150 से बढ़ाकर
रूपये 300 की गई तथा
इसके लिये बजट
में राशि रूपये
1
हजार 501
करोड़ का
प्रावधान है, का
वाचन किया था? (ख) यदि
हाँ, तो
उक्त प्रश्नांश
के
परिप्रेक्ष्य
में भिण्ड
जिले के लहार
एवं रौन
विकासखण्ड
के अंतर्गत
कितनी विधवा
महिलाओं को
कुल कितनी-कितनी
पेंशन कब-कब
से कितनी-कितनी
राशि की प्रश्न
दिनांक तक
भुगतान की गयी?
(ग)
उपरोक्त
प्रश्नांश
के
परिप्रेक्ष्य
में विधानसभा
क्षेत्र लहार के
अंतर्गत लहार
एवं रौन
विकासखण्ड
में
कितने-कितने
पात्र व्यक्ति
एवं महिलाओं
को वृद्धावस्था
पेंशन, निराश्रित
पेंशन, विधवा
पेंशन एवं
नि:शक्तजनों
को सामाजिक
सुरक्षा
पेंशन के
अंतर्गत कितने
पुरूष एवं
महिलाओं को 01
अप्रैल 2017 से प्रश्न दिनांक
तक
किनती-कितनी
राशि भुगतान
की गई?
पंचायत
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव )
: (क) जी
हाँ (ख) भिण्ड
जिला
अन्तर्गत
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार। (ग) भिण्ड
जिला
अन्तर्गत
प्रश्नांश ''ग'' की
जानकारी
उत्तरांश ''ख'' अनुसार।
सरपंच के विरूद्ध कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
3. ( क्र. 33 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक क्या छतरपुर जिले की जनपद पंचायत राजगर की ग्राम पंचायत पाय के सरपंच द्वारा निर्माण कार्यों में कपिलधारा कुओं में राशि आहरण वितरण में गम्भीर अनियमितताएं, नियम कानूनों को दर किनार करने की गंभीर शिकायतें नागरिकों, जनप्रतिनिधियों द्वारा कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं अन्य को की गई है? (ख) यदि हाँ, तो प्राप्त शिकायतों पर शासन एवं प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें। उक्त शिकायतों के जाँचकर्ता अधिकारी कौन-कौन थे। उनके नाम पदनाम सहित बताएं तथा जाँच प्रतिवेदनों की प्रतियां उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के जाँच प्रतिवेदनों अनुसार क्या सरपंच दोषी पाया गया है? यदि हाँ, तो सरपंच को कब तक हटा दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( क्र. 38 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़वाहा विधान सभा क्षेत्र की नगर पालिका बड़वाह एवं सनावद में प्रधानमंत्री आवास योजना में कब सर्वे हुआ है? वार्डवार पात्र व्यक्तियों की संख्या दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार इन पात्र हितग्राही को आवास योजना का लाभ किस प्रकार का दिया गया है. नियम की प्रति उपलब्ध कराई जावे ? (ग) आवास योजना में ऐसे कितने हितग्राही हैं जिन्हें वर्तमान तक आवास योजना का लाभ नहीं मिला है, इन व्यक्तियों को कब तक लाभ मिल जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद्, सनावद में प्रधानमंत्री आवास योजना में माह जनवरी, 2017 में सर्वे हुआ है। वार्डवार पात्र हितग्राही सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। नगर पालिका परिषद्, बड़वाह में प्रधानमंत्री आवास योजना का सर्वेक्षण फरवरी 2017 में किया गया है। वार्डवार पात्र हितग्राही की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) प्रधानमंत्री आवास योजना में नगर पालिका परिषद्, बड़वाह में 286 हितग्राहियों का विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन स्वीकृत किया गया है, सभी 286 हितग्राहियों को राशि आवंटित कर दी गई है। 391 हितग्राहियों की विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन स्वीकृत हुई थी, उनमें 318 पात्र हितग्राहियों के खाते में राशि हस्तांतरित की जा चुकी है। शेष 73 हितग्राही अपात्र होने से उन्हें राशि आवंटित नहीं की गई है।
मुख्यमंत्रीजी ग्रामीण सड़क से वंचित ग्राम
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
5. ( क्र. 92 ) श्री लखन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसी मार्ग की मुख्यमंत्री सड़क योजना में शामिल करने के लिए क्या कोई मापदण्ड/गाइड लाइन बनायी गई है? यदि हाँ, तो क्या? (ख) विधानसभा क्षेत्र पथरिया में मुख्यमंत्री सड़क योजना से कितने ग्रामों को जोड़ा जा चुका है एवं मापदण्ड अनुसार कितने ग्रामों को जोड़ा जाना शेष रह गया है? शेष ग्रामों को कब तक जोड़ा जावेगा? (ग) जो ग्राम मुख्यमंत्री सड़क योजना के मापदण्ड पूरे करते हैं और अभी तक योजना में शामिल नहीं हो पाये इसके लिए दोषी कौन है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लाभ से वंचित जनगणना 2001 के अंतर्गत सामान्य विकासखण्ड के 500 से कम एवं आदिवासी विकासखण्डों के 250 से कम आबादी के ग्रामों को ग्रेवल सड़क के माध्यम से बारहमासी सड़क की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। (ख) विधानसभा क्षेत्र पथरिया में उक्त योजना अंतर्गत 42 ग्रामों को जोड़ा जा चुका है। 07 ग्रामों को जोड़े जाने हेतु सड़कों की स्वीकृति प्राप्त होकर, इन कार्यों की निविदा स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है। शेष 17 ग्रामों को जोड़ने हेतु प्रकरण परीक्षणाधीन है। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उपलब्ध आवंटन पूर्व स्वीकृत कार्यों हेतु आबद्ध होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
सिहोरा के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
6. ( क्र. 97 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिका सिहोरा के भविष्य के विकास की आवश्यकताओं के लिये मास्टर प्लान की क्या रूपरेखा विभाग द्वारा तैयार की गई है? नगर के विकास के लिये तैयार की गई योजना के स्वरूप की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) प्लान के संबंध में नगर तथा ग्राम निवेश जबलपुर द्वारा दिनांक 10.08.16 को नगर पालिका सिहोरा में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें महत्वपूर्ण सुझाव दिये गये थे? क्या दिनांक 30.08.16 को पुन: एक बैठक आयोजित की गई थी, जो नहीं हो सकी? उक्त बैठक में उठाये गये बिन्दुओं की प्रति उपलब्ध करायें। इन बिन्दुओं को प्रश्नांश (क) प्लान में शामिल किया गया है या नहीं? (ग) सिहोरा का मास्टर प्लान पूर्व में कब से कब तक के लिये तैयार किया गया था? इसकी अवधि कब समाप्त हो चुकी है? आगामी मास्टर प्लान अभी तक क्यों नहीं बनाया गया? कब तक तैयार कर लिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। सिहोरा विकास योजना के पुनर्विलोकन के समय गुणदोषों के आधार पर विचार किया जायेगा। (ग) सिहोरा विकास योजना 2011 राजपत्र में दिनांक 13/01/2005 से अंगीकृत होकर वर्तमान में प्रभावशील है। विकास योजना की अवधि समाप्त नहीं हुई है, पुनर्विलोकित विकास योजना लागू होने तक वर्तमान विकास योजना प्रभावशील रहती है। वर्तमान में सिहोरा विकास योजना के पुनर्विलोकन का वार्षिक लक्ष्य न होने के कारण पुनर्विलोकन नहीं हो सका है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कुण्डम में सुलभ कॉम्पलेक्स निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
7. ( क्र. 98 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनपद पंचायत कुण्डम अंतर्गत ग्राम पंचायत कुण्डम आवागमन का मुख्य केन्द्र है तथा जन सुविधा की दृष्टि से लम्बे समय से बस स्टैण्ड में सुलभ कॉम्पलेक्स बनाये जाने की मांग की जा रही है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) मांग की ओर प्रश्नकर्ता द्वारा अनेकों बार कलेक्टर जबलपुर का ध्यान आकर्षित कराया गया है तथा उन्होंने भी इस पर अपनी सहमति जताई है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुरूप सुलभ कॉम्पलेक्स का निर्माण कब तक करा लिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नांकित स्थल पर सामुदायिक स्वच्छता परिसर निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान की गई है। शीघ्र निर्माण कार्य करा लिया जावेगा।
स्वरोजगार योजना अंतर्गत ऋण एवं बैंक गारंटी
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
8. ( क्र. 131 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य शासन द्वारा स्वरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने की कौन-कौन सी योजनाएं चल रही हैं, उसकी सूची दी जावे। (ख) राज्य शासन द्वारा छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कौन सी नई नीति लागू की है? उसकी प्रति देवें। क्या नई नीति में स्वरोजगार के लिए प्रार्थी को आवेदन करने में आवेदक से बैंक गारंटी मांगती है? क्या यह नियम है? यदि हाँ, तो खरगोन जिले में दिनांक 01 अप्रैल 2017 से प्रश्न दिनांक तक ऐसे कितने स्वरोजगार हेतु दिये गए आवेदन हैं जो जिला उद्योग से तो स्वीकृत हो गये किन्तु संबंधित बैंक द्वारा लोन में आवेदक से गारंटी चाही गई? (ग) क्या नवीन स्वरोजगार नीति में आवेदक को आयकर दाता होना चाहिए अथवा नहीं? यदि नहीं, तो फिर बैंक आयकर की फाईल क्यों मांगती है? (घ) बड़वाह विधान सभा क्षेत्र के ऐसे कितने स्वरोजगार आवेदक हैं जिहोंने 01 जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक आवेदन किया है? उसकी सूची देवें। इनमें से कितने आवेदन स्वीकृत हुए एवं कितने अस्वीकृत हुए है? अस्वीकृत होने के क्या कारण रहे हैं? सम्पूर्ण जानकारी देवे।
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) राज्य शासन के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के द्वारा जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्रों के माध्यम से निम्न स्वरोजगार योजनाएं संचालित की जाती है। 1. मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना। 2. मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना। (ख) राज्य शासन द्वारा नवीन संशोधनों के साथ मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना एवं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के संबंघ में दिनांक 16.11.2017 को नवीन परिपत्र जारी किया गया है, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। उक्त जारी आदेश में ऋण गारंटी निधि (CGTMSE) अंतर्गत बैंक ऋण गारंटी के लिए पात्र परियोजनायें ही मान्य की जाती है। अतः बैंक द्वारा किसी प्रकार की कोलेटरल सिक्योरिटी की मांग आवेदक से नहीं की जावेगी। खरगौन जिले में 1 अप्रैल 2017 से प्रश्नांश दिनांक तक स्वीकृत प्रकरणों में संबंधित बैंक द्वारा आवेदक से कोलेटरल सिक्योरिटी गारंटी मांगें जाने की कोई शिकायत कार्यालय को प्राप्त नहीं हुई है। (ग) जी नहीं। इस संबंध में राज्य शासन द्वारा बैंकों को कोई निर्देश नहीं दिये गये हैं। (घ) बड़वाह विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रश्नावधि में प्राप्त आवेदनों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। प्राप्त 352 आवेदनों में 88 आवेदनों में बैंकों से स्वीकृति प्राप्त हुई है 10 आवेदन अस्वीकृत हुये हैं तथा शेष 254 आवेदन लंबित है।
मुख्यमंत्री सड़क योजना में हुई अनियमितताओं के दोषियों पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
9. ( क्र. 141 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह में वर्ष 2013-14 में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के पैकेज क्रमांक 1119 में भारी अनियमितताएं हुई थी तथा इस संबंध में प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न के पश्चात जाँच दल भी गठित किया गया था? यदि हाँ, तो जाँच दल ने क्या जाँच की उसकी रिपोर्ट की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) की गई जाँच के उपरांत भारी अनियमितताएं सामने आई थीं एवं कार्य एजेंसी व पैकेज में संलग्नित अधिकारियों पर वसूली के निर्देश शासन द्वारा दिए गये थे? लेकिन आज दिनांक तक न ही वसूली की गई और न ही संलग्नित अधिकारियों/कर्मचारियों व ठेकेदार पर कार्यवाही हुई? कार्यवाही व रिकवरी की समय-सीमा बतावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। आयुक्त, सागर संभाग द्वारा दिनांक 03.06.2014 को जारी आदेश अनुसार जाँच दल गठित कर जाँच कराई गई। जाँच रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। अधीक्षण यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, मण्डल सागर के पत्र दिनांक 16.01.2017 द्वारा भी उक्त पैकेज की जाँच कराई। जिसकी रिपोर्ट की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जाँच में दोषी पाए गए कार्यपालन यंत्री श्री एच.एन. सक्सेना से रू. 56,800/- अर्थदण्ड की वसूली की गई। अन्य आरोपी सहायक यंत्री श्री जी. लारिया तथा उपयंत्री श्री पी.एल. अवस्थी, श्री वी.एस. राजपूत को परिनिन्दा की शास्ति अधिरोपित की गई। ठेकेदार के देयकों से राशि रू. 34,89,604.00/- वसूली हेतु रोकी गई।
वॉटर शेड परियोजनाओं में लापरवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
10. ( क्र. 142 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह के पटेरा विकासखण्ड में संचालित आई.डब्ल्यू.एम.पी. 06 वॉटर शेड परियोजना के माईक्रो वॉटर शेड ग्राम बर्रट एवं मोहास पटेरिया में वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत हुए एवं शासन द्वारा प्रभारी अधिकारी कौन नियुक्त हुआ? (ख) क्या उक्त कार्यों एवं इनके अलावा अन्य वॉटर शेड के कार्यों में भारी अनियमितताओं की शिकायतें लगातार प्राप्त होने के उपरांत भी उनके विरूद्ध कार्यवाही क्यों नहीं हुई। कार्यवाही कब तक की जाएगी? (ग) क्या विधान सभा क्षेत्र पटेरा व हटा विकासखण्ड में विगत वर्ष 2012-13 से आज दिनांक तक वॉटर शेड योजना के समस्त कार्यों की जाँच प्रदेश स्तरीय टीम बनाकर करायी जाएगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कार्य की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। श्री अजय सिंह को विकासखण्ड समन्वयक एवं श्री कपिल लारिया को विकासखण्ड अभियंता हेतु संविदा पर अनुबंधित किया गया है। (ख) राज्य स्तर से तकनीकी विशेषज्ञ तथा जिला स्तर से कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा ने परियोजना 6 की जाँच की है, जिसमें कार्य संतोषप्रद पाये गये हैं। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) पी.एम.के.एस.वाय.–वाटरशेड विकास की परियोजनाओं के कार्यों का भौतिक सत्यापन एवं गुणवत्ता परीक्षण प्रशासकीय व तकनीकी अधिकारियों का दल बनाकर कराया जा चुका है। अत: पृथक से जाँच की आवश्यकता नहीं हैं।
बालू का अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
11. ( क्र. 156 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 15-16 से प्रश्न दिनांक तक छतरपुर जिले में नदियों से बालू का अवैध रूप से उत्खनन होने की लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही है? (ख) क्या पुलिस विभाग, राजस्व विभाग तथा खनिज विभाग की सांठ-गांठ से बालू का उत्खनन नियम विरूद्ध हो रहा है? इसका जिम्मेदार कौन है? (ग) नदियों से जो बालू लगातार अवैध रूप से निकल रही है इसकी समीक्षा प्रश्नांश (क) अवधि में विभागीय अधिकारियों ने कब-कब की और क्या परिणाम प्राप्त हुए? जिले के जाँचकर्ता अधिकारी कौन-कौन हैं? उनके पदनाम सहित नाम बतायें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। समय-समय पर शिकायतें प्राप्त होती हैं। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में नियमित जाँच के दौरान रेत के अवैध उत्खनन के प्रकरण दर्ज किये जाते हैं। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है।
वाटर शेड परियोजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
12. ( क्र. 157 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में तकनीकी विशेषज्ञ द्वारा वाटर सेट, परियोजना अंतर्गत व्यय राशि के संबंध में वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कितने टूर किये गये तथा टूर प्रोग्राम के तहत निरीक्षण प्रतिवेदन जिला पंचायत को जमा किये गये? (ख) यदि हाँ, तो प्रतिवेदनों की प्रतियां उपलब्ध करावें? वाटर शेड तकनीकी विशेषज्ञ जिला पंचायत छतरपुर द्वारा धरातल पर जो कार्य नहीं हुए क्या उनकी समीक्षा/परीक्षण भ्रमण के दौरान नहीं किया गया? (ग) क्या कैश बुक/देयकों/भंडार क्रय नियमों की समीक्षा तकनीकी विशषज्ञ द्वारा की गई? (घ) यदि हाँ, तो निरीक्षण प्रतिवेदनों की प्रतियों में उल्लेख किया गया? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 96 टूर किये गये। जी हाँ, निरीक्षण प्रतिवेदन जमा किये गये है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। स्वीकृत समस्त कार्य कार्यान्वित हुए है, अत: धरातल पर कार्य नहीं होने एवं शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ।
रोहित नगर फेस-1 में नर्मदा के पानी की सप्लाई
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( क्र. 218 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भोपाल शहर के रोहित नगर फेस-1, वार्ड क्रमांक-52 में नर्मदा पाइप लाइन से जल प्रदाय करने हेतु पाइप लाइन डाल दी गई है? यदि हाँ, तो क्या उक्त कॉलोनी में नर्मदाजी के पानी की सप्लाई की जा रही है? यदि हाँ, तो कब से व किन-किन क्षेत्रों में? विवरण दें। (ख) क्या वार्ड क्रमांक-52 में आवास क्रमांक-176 से आवास क्रमांक 181 तक एवं आवास क्रमांक 161 से 166 तक में नर्मदा पाइप लाइन से जल प्रदाय करने हेतु पाइप लाइन डाल दी गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त आवासों में नर्मदा के पानी की सप्लाई की जा रही है? प्रश्नांकित क्षेत्र के लिये किस ठेकेदार को कार्य सौंपा गया है व कार्य पूर्णता का लक्ष्य/अवधि क्या निर्धारित की गई है? (घ) यदि नहीं, तो इसके लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं एवं दोषी अधिकारियों पर शासन क्या कार्यवाही करेगा एवं उक्त आवासों में नर्मदा के पानी सप्लाई कब तक शुरू की जायेगी? (ड.) प्रश्नांकित ठेकेदार को उक्त क्षेत्र के लिये पाइप लाइन बिछाने व जल प्रदाय करने हेतु कितनी राशि का ठेका दिया गया था? कार्य अपूर्ण होने पर भी कितनी-कितनी राशि का अभी तक भुगतान हुआ है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। रोहित नगर फेस-1 वार्ड क्र. 52 में जल वितरण नलिका बिछा दी गई है, परन्तु बल्क कनेक्शन द्वारा पानी सप्लाई किया जाना है। बल्क कनेक्शन न होने के कारण नर्मदा जी के पानी की सप्लाई नहीं की जा रही है। इस हेतु रोहित नगर हाउसिंग सोसायटी अथवा रहवासी संघ द्वारा आवेदन प्रस्तुत किया जाना है। (ख) जी हाँ। वार्ड क्र. 52 में आवास क्र. 176 से आवास क्र. 181 तक एवं आवास क्र. 161 से 166 तक 75 मीटर जल वितरण नलिका बिछा दी गई है। (ग) जी नहीं। उक्त आवासों में नर्मदा के पानी की सप्लाई की जा रही है, क्योंकि आवासो में जल सप्लाई बल्क कनेक्शन के माध्यम से की जानी है तथा रोहित नगर फेस-1 हाउसिंग सोसायटी या रहवासी संघ द्वारा बल्क कनेक्शन का आवेदन नहीं किया गया है। भोपाल जल वितरण परियोजना के अंतर्गत उक्त वार्ड में ए.डी.बी. परियोजना के अतंर्गत कार्य मेसर्स व्ही.आई.एल.-के.आर.के. सी.पी.एल. (ज्वाइंट वेन्चर) लखनऊ द्वारा किया गया तथा भौतिक रूप से यह कार्य दिसम्बर 2013 में पूर्ण किया गया। इसी प्रकार जे.एन.एन.यू.आर.एम हेतु ठेकेदार मेसर्स लक्ष्मी सिविल इंजीनियरिंग सर्विसेस प्रा.लि. कोल्हापुर को कार्य सौंपा गया था। ठेकेदार का कार्य दिनांक 20.06.2017 को पूर्ण हो गया है। (घ) उक्त कार्य के लिये कोई अधिकारी दोषी नहीं है। उक्त आवासो में बल्क कनेक्शन के माध्यम से नर्मदा के पानी सप्लाई की जायेगी। बल्क कनेक्शन के लिये सोसायटी द्वारा मांग की प्राप्ति होने पर बल्क कनेक्शन दिया जायेगा। रोहित नगर फेस-1 को नगर निगम भोपाल को हस्तांतरित होने की दशा में रहवासियों को जल वितरण नलिकाओं से व्यक्तिगत कनेक्शन प्रदान किये जा सकेंगे। (ड.) ए.डी.बी. परियोजना के अंतर्गत मेसर्स व्ही.आई.एल-के.आर.के. सी.पी.एल. (ज्वाइंट वेन्चर) को मिसरोद, रोहित नगर, कस्तूरबा नगर, गौतम नगर एवं बौद्धविहार क्षेत्र में जल वितरण नलिकाओं बिछाने के लिये क्रमांक 503 दिनांक 13.08.2012 राशि रूपये 19.51 करोड़ का कार्यादेश जारी किया गया था। जे.एन.एन.यू.आर.एम. योजनांतर्गत अनुबंध क्रमांक 21 दिनांक 10.12.2012 द्वारा राशि रूपये 166.07 करोड़ का ठेका दिया गया था। इस अनुबंध अंतर्गत भोपाल के पूर्वी क्षेत्र के पूर्व जोन क्र. 8, 9, 11, 12, 13 तथा 6 (आंशिक) में जल वितरण प्रणाली तथा घरेलू नल कनेक्शन का कार्य दिया गया था, जिसमें उक्त वार्ड 52 का कार्य भी सम्मिलित था। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत ग्रामों का डामरीकरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
14. ( क्र. 232 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र पनागर प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत समस्त सड़कों का डामरीकरण कार्य नहीं हुआ है? (ख) यदि हाँ, तो ऐसी शेष सड़कों का डामरीकरण कब तक किया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के अतिरिक्त ओ.डी.आर. से गुलैदा, सुंदरपुर से छितरी, तिलगवां से गाजर, पड़वारखुर्द से रैयाखेड़ा, बिलखरवा से पड़वारखुर्द सहित 26 सड़कों का डामरीकरण का कार्य गत 01 वर्ष से लंबित है? यदि हाँ, तो कब तक पूर्ण होगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के दिशा निर्देशों के अनुरूप विकासखंड पनागर के सभी पात्र ग्रामों का डामरीकरण कार्य पूर्ण हो चुका है। (ख) उत्तरांश ''क'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत निर्मित 26 ग्रेवल मार्गों के डामरीकरण हेतु निविदा प्रक्रिया प्रचलन में है। पूर्णता की समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
विकासखंड स्तर पर खेलकूद प्रशिक्षक की नियुक्त
[खेल और युवा कल्याण]
15. ( क्र. 249 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जबलपुर एवं अन्य जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में विकासखंड स्तर पर खेलकूद प्रशिक्षक (कोच) की व्यवस्था नहीं है? (ख) यदि हाँ, तो क्या विकासखंड स्तर पर खेलकूद प्रशिक्षक (कोच) की व्यवस्था कराने की योजना है? (ग) यदि हाँ, तो कब की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ, नहीं है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नोत्तर ''ख'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। अभी ऐसी कोई योजना विचाराधीन नहीं है।
विभाग में नियमित कर्मचारियों की पदस्थापना
[खेल और युवा कल्याण]
16. ( क्र. 250 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण विभाग में नियमित कर्मचारी नहीं है? (ख) क्या वर्ष 2006 में पदस्थ किये गये प्रशिक्षक, युवा समन्वयक, ग्राउण्डमेन, सुरक्षाकर्मी आदि संविदा में कार्यरत है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत क्या इन अल्प वेतनभोगी कर्मचारियों से राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार करने की उम्मीद जतायी जा सकती है? (घ) यदि नहीं, तो क्या इन कर्मचारियों को नियमित किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्नोत्तर ''ग'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मदनमहल फ्लाई ओवर निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( क्र. 289 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जबलपुर नगर में यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से बनाये जाने हेतु दमोह नाका से मदनमहल फ्लाई ओवर की निर्धारित चौड़ाई क्या रखी गयी है? उक्त फ्लाई ओवर के नीचे निर्माण किये जाने वाले दोनों और की सर्विस रोडों की चौड़ाई कितनी रखी गई है? क्या पूरे फ्लाई ओवर एवं उसके नीचे की सर्विस रोडों की चौड़ाई एक समान न होकर अलग-अलग रखी गई है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या उक्त फ्लाई ओवर एवं सिर्वस रोडों की चौड़ाई शासन एक समान रखेगा? (ख) क्या निगम प्रशासन जबलपुर द्वारा वर्णित (क) की फ्लाई ओवर निर्माण हेतु रानीताल से दमोह नाका मुख्य मार्ग के व्यवसायी एवं रहवासी नागरिकों को अलग-अलग नोटिस के माध्यम से सड़क निर्माण से प्रभावित भूमि/भवन के भाग को रिक्त करने हेतु नोटिस जारी किया है, जो न्याय एवं तर्क संगत नहीं है? (ग) क्या वर्णित (क) के फ्लाई ओवर को मदनमहल से दमोहनाका तक बनाने की डी.पी.आर. तैयार की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या फ्लाई ओवर बीच शहर में नहीं उतारा जा रहा है? क्या शासन शहर की आबादी को ध्यान में रखते हुये उक्त फ्लाई ओवर को मदनमहल से अधारताल चौक के आगे तालाब तक बनाया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) दमोह नाका से मदनमहल फ्लाई ओवर की चौड़ाई 12.90 मी. प्रस्तावित की गई है। सर्विस रोड की चौड़ाई नगर निगम जबलपुर के मास्टर प्लान 2021 में उपलब्ध भूमि के अनुसार प्रस्तावित है, विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। (ख) जी हाँ। जबलपुर नगर निगम द्वारा रानीताल से दमोह नाका का मुख्य मार्ग के जबलपुर मास्टर प्लान 2021 के अनुसार चौड़ीकरण हेतु म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 305 अंतर्गत दिये गये हैं, जो नियमानुसार हैं। (ग) जी हाँ। दमोह नाका से मदन महल तक फ्लाई ओवर बनाने की डी.पी.आर. तैयार की जा रही है। फ्लाई ओवर को शहर में उतारा जाना प्रस्तावित हैं। जी नहीं। प्रथम स्तरीय प्राक्कलन अनुसार, दमोह नाका से मदनमहल (मेडीकल रोड तक) की ही स्वीकृति प्राप्त हुई है। प्राप्त स्वीकृति अनुसार ही फ्लाई ओवर का निर्माण म.प्र. शासन लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रस्तावित हैं।
ग्राम धनगंवा (शहपुरा) को जोड़ने सड़क निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
18. ( क्र. 305 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1628 दिनांक 30/11/2017 के उत्तर (ख) में बताया था कि शहपुरा विकासखण्ड के ग्राम धनगवां को सड़क मार्ग से जोड़ने सड़क निर्माण का डी.पी.आर. तैयार कराया गया है? तो उक्त सड़क निर्माण के कार्य की तकनीकी एवं प्रशासनिक स्वीकृत की स्थिति क्या है? (ख) उक्त सड़क का निर्माण कब तक प्रारंभ हो सकेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा चुकी हैं। (ख) निविदा की कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं।
घुघरा नाला सिंचाई परि. पर कार्य करने की अनुमति प्रदान करना
[वन]
19. ( क्र. 306 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत निर्माणाधीन लघु सिंचाई योजना घुघरा नाला सिंचाई योजना (हीरापुर) को सेकेन्ड स्टेज वन विभाग की अनुमति कब प्रदान की गयी? (ख) उपरोक्त परियोजना स्थल स्थित वन भूमि को क्लियर कर कार्य करने की अनुमति अब तक क्यों नहीं दी गई वन विभाग द्वारा उक्त साइट पर कार्य करने की अनुमति कब तक सिंचाई विभाग को प्रदान की जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) प्रश्नाधीन सिंचाई योजना (हीरापुर) की प्रथम चरण की सैद्धान्तिक स्वीकृति (सशर्त) भारत सरकार, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, क्षेत्रीय कार्यालय, भोपाल द्वारा दिनांक 21.03.2017 को जारी की गई है। उल्लेखित शर्तों का पालन प्रतिवेदन, जल संसाधन विभाग से प्राप्त होने पर अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (भू-प्रबंध) के पत्र दिनांक 18.01.2018 से भारत सरकार, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, क्षेत्रीय कार्यालय, भोपाल को प्रेषित किया गया। भारत सरकार से औपचारिक स्वीकृति (सेकेण्ड स्टेज) अप्राप्त है। उक्त स्वीकृति प्राप्त होने के पश्चात ही वन भूमि पर जल संसाधन विभाग को परियोजना में प्रस्तावित कार्य करने की अनुमति प्रदान की जावेगी। इस संबंध में निश्चित समय-सीमा बताना सम्भव नहीं है।
पशु शेड निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
20. ( क्र. 332 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सागर अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र बण्डा के वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक जनपद पंचायतवार कितने पशु शेड निर्माण के प्रस्ताव स्वीकृति हेतु प्राप्त हुए थे और उनमें कितने स्वीकृत हुए? (ख) स्वीकृत प्रकरणों में से कितने पशु शेडों को निर्माण के लिए राशि प्रदान की जाकर पूर्ण कराए जा चुके हैं और ऐसे कितने प्रकरण हैं जिनको सभी किश्तें देने के बाद भी अपूर्ण हैं। उन्हें पूर्ण कराने के लिए क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) ऐसे कितने प्रकरण हैं जिनका स्वीकृति के बाद एजेन्सी ने कार्य प्रारंभ कर दिया था और मस्टर तथा सामग्री भुगतान की राशि की फीडिंग होने के बाद भी राशि प्रदान नहीं की गई है? इसका क्या कारण था? (घ) वर्तमान में क्या कंडिका (ग) के अनुसार पूर्ण अथवा प्रगतिरत पशु शेडों को पूर्ण कराने के लिए राशि प्रदान की जावेगी या नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जनपद पंचायत बण्डा में 1287 एवं शाहगढ़ में 612 कुल 1899 पशु शेड के प्रस्ताव प्राप्त। सभी प्रस्ताव स्वीकृत किये गये। (ख) 1038 पशु शेडों का निर्माण कार्य पूर्ण। पशु शेड निर्माण की क्रियान्वयन एजेन्सी ग्राम पंचायत होने के कारण हितग्राहियों को किश्ते देने का प्रावधान नहीं है। अतएव शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) जनपद पंचायत बण्डा अंतर्गत 5 एवं जनपद पंचायत शाहगढ़ अंतर्गत 7 इस प्रकार कुल 12 पशु शेड के प्रकरणों में केवल सामग्री भुगतान के देयकों की त्रुटिपूर्ण प्रविष्टि होने के कारण भुगतान नहीं किया गया। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उत्पन्न होता है। उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में पत्र क्र. पत्र 239/NR-3/SE/MGNREGS-MP/2018 भोपाल, दिनांक 15.01.2018 के अनुसार भुगतान किया जा सकेगा।
माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा उपरांत गरीबी रेखा सूची में नाम जोड़े जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
21. ( क्र. 342 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 02 वर्षों में बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत भारत उदय से ग्राम उदय योजनान्तर्गत काटे गए बी.पी.एल./खाद्यान्न सूची में से कितने हितग्राहियों के नाम ग्रामवार जोड़े गए हैं? (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र बण्डा के प्रवास दिनांक 25/11/2017 को मान. मुख्यमंत्री म.प्र. शासन भोपाल द्वारा कलेक्टर महोदय सागर एवं संबंधित क्षेत्रीय अधिकारियों को शीघ्र अतिशीघ्र नाम जोड़े जाने हेतु घोषणा की गई थी। घोषणा दिनांक उपरांत विभाग द्वारा कितने नामों को जोड़ा गया है? ग्रामवार जानकारी दी जाए। (ग) क्या नाम जोड़े गए व्यक्तियों को खाद्यान्न एवं शासन योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। (घ) नाम काटे जाने के फलस्वरूप पुन: नाम जोड़े जाने हेतु कितनी आपत्तियां ग्रामवार प्राप्त हुई है और उनका निराकरण प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं किया गया है। सूची उपलब्ध कराई जाए।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कुल 373 हितग्राहियों के नाम ग्रामवार जोड़े गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। घोषणा दिनांक उपरान्त विभाग द्वारा 1489 हितग्राहियों के नाम जोड़े गये। ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ’ अनुसार है। (ग) जी नहीं। नाम जोड़े गये व्यक्तियों को शासकीय योजनाओं का लाभ पात्रतानुसार मिल रहा है। (घ) नाम काटे जाने के फलस्वरूप पुनः नाम जोड़े जाने हेतु कुल 3491 आपत्तियां ग्रामवार प्राप्त हुई है। 1862 पात्र हितग्राहियों के नाम पुनः जोड़े गये है तथा शेष 1629 हितग्राही अपात्र होने के कारण बी.पी.एल. सूची में उनका नाम नहीं जोड़ा गया। ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
खेल परिसर का निर्माण
[खेल और युवा कल्याण]
22. ( क्र. 346 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या खिलाड़ियों की खेल प्रतिभा उभारने के उद्देश्य से तहसील स्तर पर खेल परिसर बनाये जाने की योजना है? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ तो प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत गंजबासौदा तहसील मुख्यालय या आस-पास खेल परिसर बनाने की योजना है या नहीं? यदि हाँ, तो कितनी लागत का प्रस्तावित है? यदि नहीं, तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तारांश ''क'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधवा बहनों की पेंशन स्वीकृति में बी.पी.एल. का बंधन समाप्त करना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
23. ( क्र. 347 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. स्थापना दिवस (1 नवम्बर 2018) के संदेश ( माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान) के पृष्ठ 6 के अंतिम पैरा में उल्लेखित है कि विधवा बहनों की पेंशन में बी.पी.एल. का बंधन समाप्त कर दिया है? (ख) यदि हाँ, तो विभाग द्वारा उक्त संबंध में अभी तक आदेश प्रसारित क्यों नहीं किये गये हैं, आदेश प्रसारित नहीं किये जाने का क्या कारण है? इसके लिए कौन उत्तरदायी है? (ग) उक्तानुसार कब तक आदेश प्रसारित किए जाने की संभावना है? तिथि बतावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। म.प्र. स्थापना दिवस (1 नवम्बर 2018) के संदेश का अभि प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। एवं (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आवासीय पट्टों का वितरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
24. ( क्र. 364 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासकीय भूमि पर लंबे समय से काबिज लोगों को आवासीय पट्टा जारी किये जाने हेतु शासन द्वारा दिशा निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में सर्वे कर हितग्राहियों को चिन्हित किया गया है? यदि हाँ, तो सागर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसे कितने हितग्राहियों को चिन्हित किया गया है? वार्डवार बतायें। (ग) प्रश्नाधीन विधान सभा क्षेत्रांतर्गत चिन्हित हितग्राहियों को कब तक पट्टा जारी किया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। विभाग द्वारा मध्यप्रदेश नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृति अधिकारों का प्रदान किया जाना) अधिनियम, 1984 के अंतर्गत आवासीय भूमि के पट्टे दिये जाने के संबंध में दिनांक 10.07.2017 को जारी किये गये दिशा-निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '’अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '’ब'' अनुसार है। (ग) एक माह में कार्यवाही पूर्ण कर ली जायेगी।
सागर नगर स्थित लाखा बंजारा झील की डिसिल्टिंग
[नगरीय विकास एवं आवास]
25. ( क्र. 366 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सागर नगर स्थित लाखा बंजारा झील में आस-पास के क्षेत्रों से नालों के माध्यम से आने वाले गंदे पानी से झील का पानी भी गंदा एवं अनुपयोगी हो गया है, जिससे आस-पास के क्षेत्र में बदबू आने लगी है तथा यहां संचालित पर्यटन गतिविधियों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है? (ख) क्या प्रश्नाधीन झील में लंबे समय से गाद जमा हो रही है, जिससे झील की जल संधारण क्षमता भी कम हुई है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में यदि हाँ, तो क्या शासन झील के पानी को उपयोगी एवं झील में जल भराव क्षमता में वृद्धि के लिए, झील की डिसिल्टिंग हेतु शासन के समक्ष कोई योजना विचाराधीन है? यदि हाँ, तो इसकी लागत राशि क्या है एवं इसे कब तक स्वीकृत कर दिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) सागर नगर स्थित लाखा बंजारा झील में आस-पास के क्षेत्रों में प्रदूषण की समस्या है। झील के पानी को उपयोगी बनाने के लिए सागर नगर की लाखा बंजारा झील को नालों में बह रहे जल के प्रदूषण से मुक्त करने के उद्देश्य से सागर शहर के सीवरेज परियोजना की स्वीकृति अमृत योजना के अंतर्गत दी गई है, जिसमें वर्तमान में निर्माण कार्य प्रगतिरत है। इस परियोजना के पूर्ण होने पर शहर के आवासीय क्षेत्रों के मल-जल नालों में नहीं जायेगा जिसके फलस्वरूप लाखा बंजारा झील इस प्रदूषण से मुक्त होगी। (ख) झील की जल संधारण क्षमता बढ़ाने के लिए झील के डिसिल्टिंग कार्य हेतु योजना तैयार की गई है। (ग) जहाँ तक झील की गाद हटाने के लिए डिसिल्टिंग का प्रश्न है, नगर निगम, सागर द्वारा विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार कराया गया है एवं यह प्रतिवेदन परीक्षणाधीन है। अतः लागत बताया जाना संभव नहीं है। इस योजना के लिए वर्तमान में किसी प्रकार की राशि का प्रावधान उपलब्ध नहीं है, अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वन रक्षकों को शासनादेश के पालन में ग्रेड-पे रु. 1900 का भुगतान
[वन]
26. ( क्र. 367 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1584 दिनांक 30.11.2017 के उत्तर में बताया गया था कि वनरक्षकों को नियुक्ति दिनांक से ग्रेड-पे रुपये 1900/- दिये जाने के संबंध में प्रकरण विचाराधीन है। प्रकरण में, वित्त विभाग से अभिमत हेतु विचाराधीन है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वित्त विभाग द्वारा अभिमत दिया गया है? यदि हाँ, तो अभिमत की प्रति उपलब्ध करायें। इस संबंध में वन विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गयी है? (ग) शासनादेश के पालन में वन रक्षकों को कब तक ग्रेड-पे रु. 1900 स्वीकृत कर भुगतान किया जायेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वृक्षारोपण
[वन]
27. ( क्र. 388 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में दक्षिण एवं उत्तर वन मण्डल द्वारा वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कहाँ-कहाँ वृक्षारोपण का कार्य किया गया? (ख) वृक्षारोपण कार्य हेतु विभाग को वर्षवार कब-कब कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ? (ग) वृक्षारोपण कार्य में विभाग/मण्डल द्वारा कहाँ-कहाँ कितनी राशि से वृक्षारोपण कार्य में खर्च की गई? (घ) विभाग या मण्डल द्वारा जहां-जहां वृक्षारोपण कार्य किया गया था, कितने प्रतिशत वृक्षारोपण कार्य सफल हुआ या रहा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नवीन पंचायतों का गठन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
28. ( क्र. 389 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन स्तर पर नई पंचायतों के गठन किए जाने का कोई प्रस्ताव/योजना विभाग में विचाराधीन या लंबित हैं? (ख) नरयावली विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत सागर एवं राहतगढ़ विकासखण्ड अंतर्गत ऐसी कितनी वृहद ग्राम पंचायतें है, जिनमें दो से अधिक ग्राम सम्मिलित हैं? (ग) क्या दो से अधिक ग्रामों की ग्राम पंचायतों का विभाग द्वारा विघटन कर नई पंचायत का गठन किया जावेगा? (घ) यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) नरयावली विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सागर विकासखंड में 12 ग्राम पंचायतें एवं राहतगढ़ विकासखंड में 7 ग्राम पंचायतें ऐसी हैं जिनमें दो से अधिक ग्राम सम्मिलित है। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है।
नवीन गर्ल्स कालेज प्रारम्भ कराना
[उच्च शिक्षा]
29. ( क्र. 437 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर जिला मुख्यालय पर नवीन गर्ल्स कॉलेज की मंजूरी वर्ष 2017-18 में शासन द्वारा केबिनेट की बैठक में दी गई है तत्पश्चात् आगामी शिक्षा सत्र से इसे प्रारंभ कराने हेतु 48 शैक्षणिक व 25 अशैक्षणिक पद भी स्वीकृत कर दिये गये हैं? (ख) क्या उक्त नवीन गर्ल्स कॉलेज हेतु नवीन निर्माणाधीन भवन का कार्य भी आगामी शिक्षा सत्र प्रारंभ होने से पूर्व ही निश्चित रूप से पूर्ण हो जावेगा? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन जिले की छात्राओं के शैक्षणिक हित के मद्देनजर श्योपुर में निश्चित रूप से नवीन गर्ल्स कॉलेज आगामी शिक्षा सत्र से प्रारंभ करने हेतु वर्ष 2018-19 के वार्षिक बजट में इस हेतु आवश्यक धनराशि का प्रावधान करवाएगा व इसे प्रारंभ करवाएगा, यदि नहीं, तो क्यों?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) निर्माण एजेंसी लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू.) श्योपुर द्वारा महाविद्यालय भवन निर्माण कार्य पूर्ण कराने की तिथि 06.06.2018 निर्धारित की है। (ग) वर्तमान सत्र में महाविद्यालय में प्रवेश नहीं हुए है। वर्ष 2018-19 में महाविद्यालय संचालन हेतु बजट प्रावधान विभाग के नियमित बजट अंतर्गत किया जाएगा।
ढोढर में नवीन महाविद्यालय प्रारंभ कराना
[उच्च शिक्षा]
30. ( क्र. 438 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मान. मुख्यमंत्री जी ने दिनांक 25.06.2017 को श्योपुर जिले के ग्राम ढोढर प्रवास के दौरान ग्राम ढोढर में ही नवीन महाविद्यालय स्वीकृत कर आगामी शिक्षा सत्र से इसे प्रारंभ कराने की घोषणा के अनुक्रम में अता.प्र. क्रमांक 610- 7-12-17 के उत्तरांश (ख) के तारतम्य में परियोजना परीक्षण समिति के समक्ष प्रस्ताव कब रखा गया? (ख) महाविद्यालय खोलने के संबंध में प्रकरण की अद्यतन स्थिति क्या है? कब तक महाविद्यालय प्रारंभ हो सकेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा क्रमांक बी. 3570 के अनुसार ग्राम पंचायत ढोढर में शासकीय महाविद्यालय खोले जाने के निर्देश है। स्वीकृति हेतु प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है एवं परियोजना परीक्षण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाना है। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
संलग्नीकरण समाप्त करने एवं जिम्मेवारों पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
31. ( क्र. 487 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विकास आयुक्त कार्यालय के पत्र क्रमांक 4939 दिनांक 28.07.2017 के द्वारा रोजगार गारंटी परिषद् के आधीन प्रतिनियुक्त के अधीन पदस्थ संलग्न तालिका अनुसार अभियंताओं को उनके मूल विभाग में वापस करने के अधीन आदेश जारी किये गये, जिस सूची पर जनपद पंचायत रीवा में प्रतिनियुक्ति/संलग्नीकरण पर मत्स्य पालन विभाग के उपयंत्री का नाम क्यों नहीं था? क्या इनके प्रतिनियुक्ति की जानकारी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को नहीं थी? क्या इनके आदेश नियम विरूद्ध तरीके से जिला पंचायत एवं ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के मिलीभगत से नियम विरूद्ध नहीं किए गये क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आदेश क्रमांक 4098 दिनांक 31.08.2017 के बिन्दु छ: के अनुसार जनपद पंचायतों में तालिका अनुसार अधिक पदस्थ उपयंत्रियों की जानकारी चाही गयी थी, जिसमें श्री प्रेमलाल गर्ग उपयंत्री मत्स्य पालन विभाग की नहीं दी गयी, बल्कि इनका संलग्नीकरण कर मनरेगा के सहायक यंत्री का कार्य जनपद पंचायत रीवा में लिया जा रहा क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पत्र क्रमांक 4100 दिनांक 31.08.2017 द्वारा जनपद पंचायत रीवा में एक सहायक यंत्री मनरेगा का पद स्वीकृत किया गया, जिस पर पूर्व से एक सहायक यंत्री पदस्थ थे, फिर भी श्री गर्ग का बगैर स्वीकृत पद संलग्नीकरण कर कार्य लिया जा रहा क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर कार्यवाही बावत् प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा विकास आयुक्त पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को दिनांक 07.12.2017 को पत्र लिखा गया, जिसमें संलग्नीकरण समाप्त कर नियम विरूद्ध आदेश जारी करने वालों पर कार्यवाही का उल्लेख किया था, लेकिन कार्यवाही लम्बित है, क्यों? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) अनुसार मनमानी नियम विरूद्ध आदेश जारी करने वालों पर क्या कार्यवाही करेंगे? साथ ही श्री गर्ग के संलग्नीकरण/प्रतिनियुक्ति समाप्त करने के आदेश जारी करेंगे? तो कब तक अगर नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी उत्तरांश 'क’ अनुसार है। (घ) प्रश्नकर्ता माननीय विधायक द्वारा विकास आयुक्त को दिनांक 07.12.2017 को पत्र लिखकर प्रतिनियुक्ति/संलग्नीकरण समाप्त करने का लेख किया गया था। प्रश्नांश की शेष जानकारी उत्तरांश 'क’ अनुसार है। (ड.) श्री पी.एल. गर्ग उपयंत्री की सेवाएं उनके मूल विभाग को वापिस की जाने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
खनिज जाँच दल
[खनिज साधन]
32. ( क्र. 523 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय संचालक भौमिकी तथा खनिकर्म म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक 11014 दिनांक 01.07.2016 को छतरपुर जिले की चंदला विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत रेत के अवैध उत्खनन, खेतों के उजड़ने एवं ओवर लोड वाहनों से सड़कों के क्षतिग्रस्त होने हेतु जाँचदल गठित किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो जाँच दल के अधिकारियों ने किन-किन दिनांकों में किन-किन स्थानों में क्या-क्या जाँच की गयी? जाँच प्रतिवेदन एवं पंचनामा की सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या यह भी सही है कि गठित दल को 15 दिवस के अंदर जाँच कर तथ्यात्मक प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के आदेश दिये गये थे? (घ) यदि हाँ, तो जाँच में कौन-कौन खनिज माफिया तथा अधिकारी/कर्मचारी दोषी पाये गये और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) जाँच दल के अधिकारियों द्वारा दिनांक 29.07.2016 को ग्राम पड़वार, बरूआ, परेई, मवईघाट, फत्तेपुर, रामपुर, कंदेला, कुरधना, तहसील गौरिहार एवं ग्राम बगहारी, हर्रई, तहसील चंदला में जाँच की गई। जाँच प्रतिवेदन एवं पंचनामा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (ग) जी हाँ। (घ) जाँच में अवैध उत्खनन/परिवहन नहीं पाया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
33. ( क्र. 537 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश स्टेट माइनिंग कार्पोरेशन भोपाल द्वारा अपने पत्र क्रमांक/रेत-2/W.O./SMC 0189/2017-18/217 दिनांक 09.06.2017 से श्री मुरली कंस्ट्रक्शन-27 ज्योति नगर काटीपुर जिला ग्वालियर को खमरौली-ए की खसरा नम्बर 825 रकबा 15.800 हेक्टर में रेत उत्खनन की समस्त वैधानिक अनुज्ञप्ति प्राप्त होकर कार्य आदेश जारी किए गए हैं? क्या उक्त ठेकेदार को 94800 धन मीटर रेत उत्खनन की पात्रता होगी? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांकित फर्म का खसरा नंबर 285 में रेत उत्खनन की अनुमति दी गई है किन्तु उक्त खसरे से रेत का उत्खनन न कर शासकीय वेण्डर नम्बर 97108 ग्राम अतरैटा की अराजी क्रमांक 31, 34, 94 के रकबा 34-54 हेक्टर तथा ग्राम बुढैरा से लगभग 50,000 धन मीटर रेत का अवैध उत्खनन किया जा चुका है? (ग) प्रश्नांश (ख) के उल्लेखित अवैध उत्खनन की जाँच क्या अधीक्षक भू-अभिलेख दतिया, नायब तहसीलदार बडौनी, तहसीलदार दतिया द्वारा की जाकर जाँच प्रतिवेदन अपर कलेक्टर दतिया को तहसीलदार ने अपने पत्र क्रमांक क्यू/विविध/तह.द./2017 दिनांक 07.12.2017 दिया है जिसके बिन्दु क्रमांक 2 में स्पष्ट उल्लेखित है कि स्वीकृत खदान खसरा नंबर 825 में नदी बह रही है। संपूर्ण उत्खनन सर्वे नं. 31 स्थित ग्राम बुडेराए एवं अन्य सर्वे क्रमांकों पर पाया गया है एवं बिन्दु क्रमांक 3 में उत्खनित क्षेत्र एवं खनिज की मात्रा काफी विस्तृत है? एक दिन में नाप संभव नहीं है पृथक से दल बनाया जाय, क्या ऐसा जाँच प्रतिवेदन में प्रतिवेदित है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या फर्म श्री मुरली कंस्ट्रक्शन द्वारा किए गए भारी मात्रा में अवैध उत्खनन यहाँ तक कि किसानों के खेतों एवं अन्य शासकीय रकबों में भी किया गया है एवं जबरजस्ती पहुँच मार्ग भी बनाए गए हैं जिसकी शिकायत दिनांक 16.11.2017, 21.11.2017 को मुख्य सचिव एवं दिनांक 21.11.2017 को मुख्यमंत्री जी को की गई है? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (घ) के परिप्रेक्ष्य में यदि हाँ, तो क्या उच्च स्तरीय जाँच दल गठित कर अवैध उत्खनन का आंकलन 20 गुना जुर्माना सहित रायल्टी की वसूली की जाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक बताएं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। खसरा क्रमांक 285 पर रेत उत्खनन की कोई अनुमति नहीं दी गई है और न ही प्रश्न में उल्लेखित ग्रामों में रेत का अवैध खनन किया गया है। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। मुख्य सचिव कार्यालय में की गई शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई हैं। (ड.) प्रश्नांश (घ) में उल्लेखित शिकायतों पर जाँच कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराने हेतु संचालक, भौमिकी तथा खनिकर्म द्वारा कलेक्टर, दतिया को पत्र दिनांक 07.02.2018 को लेख किया गया है। वर्तमान में उच्च स्तरीय जाँच दल गठित करने की आवश्यकता नहीं है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर तथ्यों के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही किया जाना संभव हो सकेगा। अत: वर्तमान में इसकी समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नगर परिषद् माण्डव के दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
34. ( क्र. 557 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर परिषद् माण्डव में वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कितने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी/मस्टरकर्मी कार्यरत रहे हैं? उक्त कर्मचारी परिषद् में कब से कब तक कार्यरत रहे हैं? कर्मचारीवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) पिछली परिषद् द्वारा नियुक्त कितने दैनिक वेतन भोगी/मस्टरकर्मीयों को वर्तमान परिषद् द्वारा हटाया गया है तथा कितने नवीन मस्टरकर्मियों को लगाया गया है? उक्त कार्यवाही किस नियम के तहत की गई है? (ग) हटाये गये एवं नवीन लगाये गये मस्टरकर्मियों की जानकारी एवं मस्टरकर्मियों को हटाने व लगाने के अधिकारों संबंधी स्पष्ट दिशा-निर्देश बतावें व निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर परिषद् माण्डव जिला धार में वर्ष 2015-16 में 40 तथा वर्ष 2016-17 में 34 कुल 74 दैनिक वेतन भोगी/मस्टरकर्मी कर्मचारी रखे गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) नगर परिषद् माण्डव की पिछली परिषद् में रखें गये दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों में से 19 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों द्वारा स्वेच्छा से कार्य छोड़ दिया गया है। वर्तमान परिषद् के कार्यकाल में 18 नवीन दैनिक वेतन भोगी/मस्टर कर्मचारी रखे गये है। निकाय में कार्य की आवश्यकता को दृष्टिगत उक्त मस्टरकर्मी रखे गये है। (ग) नगर परिषद् माण्डव जिला धार की पिछली परिषद् में नियुक्त दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों में से 19 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों द्वारा वर्ष 2017 में स्वैच्छिक रूप से कार्य छोड़ दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। वर्तमान परिषद् के कार्यकाल में 18 कर्मचारी दैनिक वेतन भोगी के रूप में लगाये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। दैनिक वेतन भोगी/मस्टर कर्मचारियों की सेवाओं के संबंध में म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग भोपाल द्वारा अपने ज्ञापन क्रमांक सी 5-1-2013-1-3 दिनांक 03.05.2017 से निर्देश जारी किए गये हैं, जिसमें हटाने का प्रावधान किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व नेशनल पार्क में बाघों की असामान्य मृत्यु की जाँच
[वन]
35. ( क्र. 567 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विषयांकित नेशनल पार्क में सन् 2010 से 2018 के मध्य कितने बाघों एवं उनके शावकों की मृत्यु हुई है वर्षवार जन्म एवं मृत्यु का विवरण उपलब्ध करावें। क्या कारण है कि इतनी अधिक संख्या में बाघों की मृत्यु की खबरें लगातार समाचार पत्रों में प्रकाशित होने के बाद भी संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही प्रस्तावित नहीं की गई? (ख) उक्त गंभीर लापरवाही में लिप्त क्षेत्र संचालक के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? राज्य शासन के द्वारा उक्त घटनाओं में अंकुश लगाने संबंधी क्या कार्यवाही की जा रही है? समय-सीमा बतायें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वन क्षेत्र में वन्यजीवों के जन्म का अभिलेख नहीं रखा जाता। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, उमरिया में वर्ष 2010 से 2018 तक 31 बाघों एवं बाघ शावकों की मृत्यु हुई है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। अधिकांश प्रकरणों में प्राकृतिक मृत्यु हुई है। जहां क्षेत्रीय अमले की लापरवाही दृष्टिगोचर हुई वहां जिम्मेदारी का निर्धारण किया गया है। मृत बाघों के संबंध में जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) क्षेत्र संचालक स्तर से कोई लापरवाही नहीं पायी गयी है, अतः उनके विरूद्ध कार्रवाई किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। बाघों के मृत्यु के अधिकांश प्रकरण प्राकृतिक, दो बाघों के बीच लड़ाई, बीमारी आदि से संबंधित है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, उमरिया के अन्तर्गत कोर/बफर में वन्यप्राणियों की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए वन अधिकारियों/कर्मचारियों/स्थाईकर्मी/ई.डी.सी.सुरक्षा श्रमिकों द्वारा रात्रि एवं दिन में गश्ती कर वन क्षेत्र से गुजरने वाली विद्युत लाइनों की चेकिंग, वाटरहोल चेकिंग, बैरियर से निकलने वाहनों की चेकिंग आदि नियमित रूप से की जा रही है। इसके अतिरिक्त क्षेत्र में मानसूनी गश्ती कार्य एवं जगह-जगह पेट्रोलिंग कैम्प बनाकर गश्ती की जा रही है, जिससे टाइगर रिजर्व क्षेत्र में वन्यप्राणी अपराधों पर अंकुश लगा है।
बांधवगढ़ नेशनल पार्क भ्रमण हेतु विधानसभा सदस्यों को दी जाने वाली विशेष सुविधाएं
[वन]
36. ( क्र. 568 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बांधवगढ़ नेशनल पार्क भ्रमण हेतु माननीय विधानसभा सदस्यों हेतु क्या-क्या सुविधाएं दिए जाने का प्रावधान किया गया है? बांधवगढ़ पार्क भ्रमण हेतु कितने प्रवेश द्वार सुनिश्चित किये गये हैं तथा प्रत्येक द्वार में कितने वाहनों को प्रवेश दिये जाने का प्रावधान है? (ख) क्या विधानसभा सदस्यों/संसद सदस्यों को बांधवगढ़ नेशनल पार्क में निःशुल्क प्रवेश की व्यवस्था प्रदाय की जाती है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो प्रशासनिक अधिकारियों को निःशुल्क प्रवेश किस प्रावधान के तहत प्रदाय किया जा रहा है? (ग) बांधवगढ़ नेशनल पार्क में प्रवेश हेतु कितने व्यक्तियों की सीमा निर्धारित की गई है? भीड़ के समय प्रवेश हेतु विधानसभा सदस्यों/संसद सदस्यों/प्रशासनिक अधिकारियों हेतु क्या प्राथमिकताएं निर्धारित की गई हैं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) बांधवगढ़ नेशनल पार्क भ्रमण हेतु माननीय विधान सभा सदस्यों हेतु पृथक से सुविधा दिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। बांधवगढ़ नेशनल पार्क भ्रमण हेतु तीन प्रवेश द्वार कोर क्षेत्र हेतु सुनिश्चित किये गये हैं। तीनों द्वार से प्रवेश करने वाले पर्यटक वाहनों की संख्या तालिकानुसार है :-
क्रमांक |
प्रवेश द्वार |
वाहन संख्या |
|
सुबह |
शाम |
||
(1) |
(2) |
(3) |
(4) |
1 |
ताला |
20 वाहन |
20 वाहन |
2 |
मगधी |
20 वाहन |
20 वाहन |
3 |
खितौली |
16 वाहन |
15 वाहन |
(ख) जी नहीं। मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के आदेश क्रमांक/एफ-14-82/1988/10-2, दिनांक 14.02.2012 के द्वारा वन विभाग के सेवारत तथा सेवानिवृत्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सहपरिवार नि:शुल्क भ्रमण करने की पात्रता प्रदान की गई है। अन्य किन्हीं प्रशासनिक अधिकारियों को पर्यटन हेतु नि:शुल्क प्रवेश की पात्रता नहीं है। (ग) बांधवगढ़ नेशनल पार्क में प्रवेश हेतु व्यक्तियों की संख्या निर्धारित नहीं की गयी है अपितु पर्यटकों हेतु सुबह एवं शाम प्रत्येक द्वार से उपरोक्तानुसार संख्या में कुल 111 वाहन के लिये पर्यटक अनुज्ञा पत्र दिये जाने की सीमा निर्धारित की गई है। उक्त अनुज्ञा पत्रों में से 80 अनुज्ञा पत्र ऑनलाइन बुकिंग के माध्यम से 10 प्रतिशत अनुज्ञा पत्र गेट पर ऑफलाइन बुकिंग के माध्यम से तथा शेष 10 प्रतिशत अनुज्ञा पत्र क्षेत्र संचालक कोटा के अंतर्गत जारी किये जाते हैं। गणमान्य व्यक्तियों, जिनमें माननीय विधायक एवं माननीय सांसद भी सम्मिलित हैं, के द्वारा इस व्यवस्था का उपयोग किया जा सकता है एवं किया भी जाता है। स्वाभाविक है कि क्षेत्र संचालक द्वारा उनके विवेकाधीन 10 प्रतिशत कोटा के अंतर्गत प्राथमिकता का निर्धारण तात्कालिक स्थानीय परिस्थिति के अनुरूप किया जाता है।
गौण खनिज से प्राप्त धनराशि से विकास कार्य
[खनिज साधन]
37. ( क्र. 637 ) श्री कैलाश चावला : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017-18 में नीमच जिले में गौण खनिज से प्राप्त कितनी धनराशि विकास कार्य हेतु उपलब्ध है? (ख) उक्त राशि में से नीमच जिले के जनप्रतिनिधियों के प्रस्ताव कलेक्टर नीमच द्वारा बुलवाकर प्रभारी मंत्री जी के अनुमोदन के बाद स्वीकृति हेतु शासन को किस दिनांक को भेजे गए? (ग) प्रस्ताव वित्त विभाग को स्वीकृति हेतु किस दिनांक को प्राप्त हुए? प्रश्न दिनांक तक वित्त विभाग द्वारा उक्त प्रस्तावों को स्वीकृति न दिए जाने के क्या कारण है? (घ) इन प्रस्तावों को कब तक स्वीकृति दे दी जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) गौण खनिज मद अंतर्गत वित्त विभाग के माध्यम से पंचायत विभाग को बजटीय व्यवस्था के अंतर्गत आवंटन प्राप्त होता है। जिसे जनपद पंचायतों को ग्राम पंचायत सचिवों तथा पंचायत पदाधिकारियों के वेतन भत्तों तथा मानदेय की प्रतिपूर्ति हेतु जारी किया जाता है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लोक सेवा केन्द्र पर प्रतिलिपि शुल्क की वसूली
[लोक सेवा प्रबन्धन]
38. ( क्र. 638 ) श्री कैलाश चावला : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नीमच जिले के विभिन्न लोक सेवा केन्द्र पर हितग्राहियों से प्रतिलिपि प्राप्त करने हेतु 40 रुपए प्रति पेज शुल्क लिया जा रहा है, जिसे संशोधित कर 50 रुपए प्रति प्रकरण किया गया है? (ख) क्या सिविल न्यायालय से प्रतिलिपि प्राप्त करने हेतु प्रति पेज चार रुपए ही लिए जाते हैं? (ग) क्या उक्त संशोधन से 1 व 2 पेज की नकल लेने पर भी हितग्राही को 50 रुपए देने होगें, जो अत्यधिक माना जावेगा? (घ) यदि हाँ, तो क्या इस विसंगति को हल करने हेतु सिविल न्यायालय की दरों के अनुरुप ही चार रुपए प्रति पेज दर निर्धारित करने पर विचार किया जावेगा।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। नीमच जिले के विभिन्न लोक सेवा केन्द्रों पर हितग्राहियों से प्रतिलिपि प्राप्त करने हेतु विभिन्न विभागों के सेवा प्रतिलिपि शुल्क भिन्न-भिन्न है, जो कि लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत जारी परिपत्र के अनुसार लिये जाते है। ऐसी सेवाओं के परिपत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रतिलिपि शुल्क संशोधित कर 50/- रूपये प्रति प्रकरण किये जाने संबंधी कोई आदेश नहीं है। (ख) सिविल न्यायालय से प्रतिलिपि प्राप्त करने हेतु साधारण 2/- (दो रूपये) प्रति पेज एवं शीघ्र प्राप्त करने हेतु 4/- (चार रूपये) प्रति पेज लिये जाते है। (ग) जी नहीं। ऐसा कोई संशोधन प्रभावशील नहीं किया गया है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नर्मदा सेवा यात्रा पर व्यय
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
39. ( क्र. 651 ) श्री रामपाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा नर्मदा सेवा यात्रा निकाल कर नर्मदा नदी को स्वच्छ बनाने की घोषणाएं की गई हैं। (ख) यदि हाँ, तो नर्मदा सेवा यात्रा में शासन की कितनी राशि व्यय की गई है और किस-किस विभाग से सेवा यात्रा के लिये कितनी-कितनी राशि जिलेवार व्यय की गई है एवं व्यय राशि का उपयोग किस-किस कार्य के लिये किया गया है। (ग) नर्मदा सेवा यात्रा उपरांत नर्मदा नदी के विकास हेतु कितने कार्य कराये गये हैं और कितने कार्य प्रस्तावित हैं? प्रत्येक कार्य की लागत राशि, कार्य की भौतिक स्थिति कार्यवार अवगत कराया जावे।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) नर्मदा सेवा यात्रा में जिलेवार एवं मदवार व्यय की गई राशि का विवरण विभागवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1,2,3,4,5,6 एवं 7 अनुसार है। (ग) उद्यानिकी खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा नर्मदा सेवा यात्रा के उपरान्त नर्मदा तट एवं बेसिन क्षेत्र में 50.00 लाख फलदार पौधों के रोपण के लक्ष्य के विरूद्ध वर्तमान तक 24 जिलों में 42.89 लाख फलदार पौधों का रोपण किया गया है। कार्य की लागत राशि एवं भौतिक स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-8 अनुसार है।
कलेक्टर के बनाये जाँच दल द्वारा कार्यवाही
[खनिज साधन]
40. ( क्र. 763 ) श्री अजय सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय कलेक्टर (खनिज शाखा) जिला सतना के पत्र क्रमांक 3265/खनिज/2017 सतना दिनांक 8.11.2017 से जो छह (6) सदस्यीय संयुक्त जाँच दल बनाया गया था, उसके द्वारा गठन दिनांक से प्रश्नतिथि तक तहसील रघुराजनगर के ग्राम रामस्थान में किन-किन दिनांकों को, किन-किन स्थानों पर जाकर अवैध उत्खनन/ई टी पी सिस्टम के उल्लंघन की जाँच/ओवरलोडिंग की जाँच की गयी? अगर जाँच करने कोई भी दल/अधिकारी प्रश्नतिथि तक नहीं गया तो उसके विरूद्ध कलेक्टर सतना ने लिखित में कब व क्या कार्यवाही किन आदेश क्रमांकों एवं दिनांकों से की? एक प्रतिलिपि उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्न क्र. 88 (क्र.1338) दिनांक 30.11.2017 सत्र नवम्बर 2017 में (क) से (घ) तक माना है कि जाँच दल गठित कर उसके प्रतिवेदन पर कार्यवाही की जायेगी तो जाँच दल की रिपोर्ट प्रश्नतिथि तक क्या है? एक प्रति उपलब्ध करायें। (ग) क्या दिनांक 04.07.17 से 07.07.17 तक रामस्थान से पी.सी.एल. तक ओव्हर लोडिंग माल परिवहन करने की सूचना के आधार पर चौकी प्रभारी बाबूपुर ने कंपनी से प्राप्त ई.टी.पी. पर्ची प्राप्त की जिसके आधार पर कार्या. अति. क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी सतना ने अपने पत्र क्र. 959 से 980/अति.क्षे. परि. अधि./75 सतना दिनांक 30.11.17 से 22 लोगों को नोटिस जारी भी किया है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्लेखित दस्तावेजों जो कि कलेक्टर सतना/ए.आर.टी.ओ./चौकी प्रभारी बाबूपुर ने उपलब्ध कराये हैं में क्या यह प्रमाणित नहीं होता है कि गत दस वर्षों से ओव्हर लोडिंग खुलेआम की जा रही है? शासन उक्त प्रकरण में क्या कार्यवाही करेगा? बिन्दुवार विवरण दें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जाँच दल की रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं। जिले में समय-समय पर जाँच के दौरान क्षमता से अधिक भार लेकर चलते वाहनों में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी द्वारा शमन शुल्क रूपये 1,57,800/- वसूल किया गया है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
कलेक्टर के आदेश के बाद आयुक्त नगर पालिक निगम द्वारा कार्यवाही न करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
41. ( क्र. 764 ) श्री अजय सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या आयुक्त नगर पालिक निगम सतना को कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी द्वारा प्रकरण क्र. 156/अ-74/2015-16 आदेश दिनांक 09.02.2017 से आदेश की प्रतिलिपि भेजी है जिसमें उल्लेख है कि 40946 वर्गफुट पर निर्मित कालोनी में नगर पालिक निगम के द्वारा नक्शे के विपरीत कराये गये कार्यों पर कार्यवाही किया जाना था? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कलेक्टर के आदेश में 40946 वर्गफुट में निर्मित कॉलोनी का उल्लेख है? नगर पालिक निगम ने उक्त आराजी क्र. 95/4/1/3, आ. नं. 95/3/3/2ब, आ. नं. 95/4/3/3/2, आ. नं. 95/4/2, आं. नं.2/1/अ, आ.नं. 94/2/2, 95/1/2/2, आ. नं. 94/1/2/2, आ. नं. 95/1/2/6 के कुल कितने रकबे पर पूरी कालेनी का नक्शा कब-कब पास (स्वीकृत) किया? स्वीकृत सभी नक्शों की एक स्वच्छ प्रति दें? क्या 26456 वर्गफुट भूमि का नक्शा स्वीकृत हुआ था? (ग) क्या उक्त कालोनी में नगर पालिक निगम एवं टी एण्ड सी.पी. से स्वीकृत नक्शे के विपरीत गर्ल्स हॉस्टल, अवैध भवन, कई मकान, बॉयज हॉस्टल बना दिये गये? पार्किंग व्यवस्था नहीं है? रेन वाटर हार्वेस्टिंग नहीं है? पार्क गायब हैं? क्या आयुक्त नगर पालिक निगम स्थल का निरीक्षण भौतिक रूप से कर उक्त अवैधनिक रूप से निर्मित कॉलोनी पर कार्यवाही करेंगे? (घ) क्या माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के द्वारा रिट पिटीशन क्र. 3413/2017 में आयुक्त नगर पालिक निगम सतना को अपनी रिपोर्ट 19.03.2016 को सौंपे जाने के आदेश दिये हैं? क्या उक्त रिपोर्ट तय शुदा समय पर सौंपी जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी सतना द्वारा प्रकरण क्र. 156/अ-74/2015-16 आदेश दिनांक 09.02.2017 में उल्लेखानुसार संयुक्त संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश सतना को अनावेदक के विरूद्ध विधिसंगत अभियोजन की कार्यवाही करनी थी। (ख) जी हाँ। जी नहीं, अपितु नगर पालिक निगम, सतना द्वारा मात्र आराजी क्र. 95/4/1/3, आ0न0 95/3/3/2ब, आ0न0 95/4/3/3/2, आ0न0 95/4/2, आ0न0 02/1/अ, कुल रकबा 40946 वर्गफुट पर कॉलोनी विकास एवं भवन अनुज्ञा की अनुमति दिनांक 14.10.2003 को जारी की गई। स्वीकृत नक्शे की स्वच्छ प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित तथ्यों की विधिवत जाँच कराई जाकर जाँच के निष्कर्षों के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) जी नहीं। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा रिट पिटीशन क्र. 3413/17 में आयुक्त नगर पालिक निगम, सतना को अपनी रिपोर्ट पारित आदेश दिनांक 09.01.2018 से 03 माह के अन्दर पेश करने के आदेश दिये गये है। जी हाँ।
प्रधानमंत्री आवास योजना में अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
42. ( क्र. 877 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधान सभा-47 की जनपद पंचायत बल्देवगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत समूचे विकासखण्ड बल्देवगढ़ में अनियमितता कर पात्र हितग्राहियों से अवैध राशि की वसूली की गई है जिसकी मॉनीटिरिंग देख-रेख करने वाले सक्षम अधिकारी भी भ्रष्टाचार के हिस्सेदार बन कर कार्य कर रहे हैं? (ख) क्या विकासखण्ड बल्देवगढ़ कि ग्राम पंचायत पिपरा (विलाई) में पात्र हितग्राही रमका तनय कैंचुआ अहिरवार के नाम से प्रधानमंत्री आवास नरेगा जॉब कार्ड एम.पी.-07-005-031-002/246 स्वीकृत होकर जीरो पर टेग हो गई थी। परंतु रमुआ तनय कैंचुआ का प्रधानमंत्री आवास निर्माण नहीं करते हुये राजकुमार तनय करंजुआ अहिरवार का प्रधानमंत्री आवास निर्माण कर दिया गया है? जबकि राजकुमार तनय करंजुआ अहिरवार का नाम स्वीकृत सूची में नहीं है और स्वीकृत सूची में नाम नहीं होने के बावजूद भी किस सक्षम अधिकारी के द्वारा राजकुमार तनय करंजुआ का प्रधानमंत्री आवास निर्माण कराया गया था? किस सक्षम अधिकारी के द्वारा उसके खाते में राशि डाली गई? क्या इस तरह के फर्जी प्रकरण की जाँच करायेंगे? यदि हाँ, तो समयावधि बताये यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या पात्र हितग्राही रमका तनय कैंचुआ के नाम से स्वीकृत प्रधानमंत्री आवास दूसरे के नाम से बनाये जाने का शासन द्वारा कोई नियमावली तैयार की गई है? उससे अवगत कराये तथा इस प्रकार का कृत्य करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक समयावधि बतायें यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (घ) क्या ग्राम पंचायत पिपरा (विलाई) में पात्र हितग्राहियों के नाम स्वीकृत प्रधानमंत्री आवास की सम्पूर्ण जानकारी से अवगत कराये?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) विकासखण्ड बल्लेदवगढ़ की ग्राम पंचायत पिपरा (बिलाई) में पात्र हितग्राही रमका तनय कैंचुआ अहिरवार (आ.ई.डी.एम.पी. 2687947) की आ.ई.डी. पर राजकुमार तनय करंजुआ अहिरवार का बैंक खाता फीड कर आवास निर्माण की राशि तथा मजदूरी की राशि जारी की गई। उक्त कृत्य के लिए दोषी कर्मचारी श्री कमलेश यादव, ग्राम रोजगार सहायक पिपरा बिलाई की संविदा सेवा समाप्त की जाकर वसूली की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) जी नहीं। अनियमितता किये जाने के कारण ग्राम रोजागर सहायक की संविदा सेवा समाप्त की गई तथा वसूली की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
ऑउटडोर स्टेडियम का निर्माण
[खेल और युवा कल्याण]
43. ( क्र. 1021 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश शासन ने खेलों को बढ़ावा देने व खेल गतिविधियों को आयोजित करने हेतु सर्वसुविधा संपन्न खेल परिसरों का निर्माण कराने हेतु क्या नीति बनाई हैं? (ख) विधान सभा क्षेत्र केंट जबलपुर के तहत कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन से खेल परिसर ऑउटडोर इनडोर स्टेडियम हैं? इनमें किन-किन खेलों से संबंधित खिलाडियों के लिये कौन-कौन सी सुविधाएं, संसाधन और क्या व्यवस्थाएं हैं? संभाग व राज्य स्तरीय कौन-कौन सी खेल गतिविधियां आयोजित करने की क्या सुविधाएं हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में स्थित कौन-कौन से ऑउटडोर इनडोर स्टेडियम बदहाल व खराब स्थित में है एवं क्यों? इनकी उचित देखभाल सुरक्षा रख-रखाव मरम्मत न कराने का क्या कारण है? इनकी देखभाल, सुरक्षा, रख-रखाव आदि पर विगत 3 वर्षों में कितनी राशि व्यय की गई है? (घ) प्रश्नांश (ख) रांझी इनडोर स्टेडियम का विस्तार व ऑउटडोर स्टेडियम का निर्माण कराने हेतु शासन व जिला प्रशासन ने क्या योजना बनाई है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या ऑउटडोर स्टेडियम का निर्माण कराने की आवश्यकता नहीं है? (ड.) जबलपुर जिले में खिलाडियों को प्रशिक्षण देने हेतु किन-किन खेलों से संबंधित कोच की व्यवस्था कहाँ-कहाँ पर हैं? क्या शासन खेलों को बढ़ावा देने व खिलाडियों को प्रशिक्षित करने हेतु रांझी क्षेत्र में प्रशिक्षण केन्द्र खोलना सुनिश्चित करेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ (ख) विधानसभा क्षेत्र केंट जबलपुर के क्षेत्र रांझी में ऑउटडोर मिनी स्टेडियम एवं इंडोर स्टेडियम है। इनमें वॉलीबाल, कबड्डी, खो-खो, हैण्डबाल, बॉक्सिंग जूडो, कराते, वुशू, ताईक्वांडों, बैडमिंटन एवं जिम की सुविधायें व इनके संसाधन उपलब्ध है तथा इन सभी खेलों की संभाग व राज्य स्तरीय खेल गतिविधियां आयोजित करने की सुविधाएं उपलब्ध है। (ग) प्रश्नोत्तर ''ख '' में दर्शित कोई भी ऑउटडोर या इन्डोर स्टेडियम बदहाल व खराब स्थिति में नहीं है। इन स्टेडियमों की देखभाल सुरक्षा, रख-रखाव आदि पर विगत तीन वर्षों में व्यय की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) जी नहीं, इन्डोर व ऑउटडोर स्टेडियम के विस्तार व निर्माण की आवश्यकता नहीं होने के कारण कोई योजना नहीं बनायी गयी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जबलपुर जिले में पदस्थ प्रशिक्षकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। रांझी क्षेत्र में प्रशिक्षण केन्द्र खोले जाने की कोई योजना विचारधीन नहीं है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
44. ( क्र. 1031 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग के किन-किन जिलों के कितने एवं कौन-कौन से ग्रामों व ग्रामपंचायतों को अब तक प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजनांतर्गत एक भी आवास प्राप्त नहीं हुआ है? किस कारण? जिलेवार, पंचायतवार ग्रामवार सकारण ब्यौरा दें। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना के लागू होने के उपरांत भी किस त्रुटिवश प्रश्नांश (क) ग्रामों को योजना का लाभ नहीं मिला? इस हेतु जिम्मेदार कौन है? तत्संबंधी पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) वंचित ग्रामों को योजना का लाभ कब व किस प्रकार प्राप्त होगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन गाँव के परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण से लाभांवित न कर पाने के कारण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) भारत सरकार के निर्देश दिनांक 24.01.2018 के परिप्रेक्ष्य में दिनांक 19.02.2018 को समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायतों को प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की स्थाई प्रतीक्षा सूची में पात्र हितग्राहियों के नाम जोड़े जाने हेतु निर्देशित किया गया है।
नवीन रेत खनन नीति
[खनिज साधन]
45. ( क्र. 1035 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में नवीन रेत खनन नीति कब से लागू की गई? क्या पंचायतों को अपने सीमा क्षेत्र में बिना खदान की घोषणा के नदी/नालों से रेत खनन अधिकार दिये हैं? यदि हाँ, तो क्या? (ख) खनिज विभाग द्वारा घोषित खदानों के अलावा पंचायतें नई खदानें प्रारंभ करने की पात्रता रखती हैं? यदि हाँ, तो किस प्रकार? (ग) क्या नई रेत खनन नीति में अवैध खनन पर कार्यवाही का अधिकार खनिज अधिकारी को है, या पंचायत को? राजस्व अधिकारी को इसमें क्या अधिकार है? (घ) क्या शासन इन नियमों में संशोधन का पक्षधर है? क्या नई नीति से आम नागरिकों में रेत भाव वृद्धि का सामना नहीं करना पड़ रहा है? शासन इस संबंध में क्या कदम उठा रहा है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रदेश में मध्यप्रदेश रेत खनन नीति, 2017 का राज्य शासन द्वारा अनुमोदन दिनांक 14.11.2017 को किया गया है। यह नीति संपूर्ण प्रदेश में लागू हुई है। जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मध्यप्रदेश रेत खनन नीति, 2017 की कंडिका 17 (ब) -6 अनुसार रेत खनिज के अवैध उत्खनन, परिवहन की रोकथाम का संपूर्ण दायित्व पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग/नगरीय निकाय एवं आवास विभाग प्रावधानित है। इसमें खनिज साधन विभाग एवं राजस्व विभाग शामिल नहीं है। (घ) राज्य शासन द्वारा मध्यप्रदेश रेत खनन नीति, 2017 लागू की गई है। जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पंचायत भवनों की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
46. ( क्र. 1046 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विकासखंड शाहगढ़/बण्डा में कितनी ग्राम पंचायतें पंचायत भवन विहीन हैं? विधानसभा क्षेत्र की जानकारी दी जाए। (ख) क्या यह भी सही है ग्राम पंचायत हीरापुर, ग्राम पंचायत बम्होरी जगदीश, तिन्सुआ, हनौता सहावन, चारौधा, गोराखुर्द में कई वर्षों से पंचायत भवन न होने से ग्राम पंचायतों द्वारा मेरी अनुशंसा सहित भवनों की स्वीकृति हेतु मांग की जाती रही है। ऐसी भवन विहीन पंचायतों में कब तक पंचायत भवनों की स्वीकृति प्रदान की जाएगी।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधानसभा क्षेत्र शाहगढ़ में 4 ग्राम पंचायतें पापेट, सादागिर, सांदपुर एवं तिन्सुआ पंचायतें भवन विहीन है। विधानसभा क्षेत्र बंडा में 9 ग्राम पंचायतें मंजला, हनौतासहावन, नीमोन, उल्दन, चारौधा, लरेठी, कलराहो, गोराखुर्द एवं बमूराभेड़ा भवन विहीन है। (ख) जी हाँ। विधानसभा क्षेत्र बंडा की ग्राम पंचायत चारौधा, गोराखुर्द, हनोता सहावन एवं तिन्सुआ में संचालनालय के आदेश क्रमांक 1727 दिनांक 07.02.2018 द्वारा पंचायत भवन स्वीकृत किये गये है। ग्राम पंचायत हीरापुर (शाहगढ़ ) तथा ग्राम पंचायत बम्होरी जगदीश (बंडा) वर्तमान में सामुदायिक भवन में संचालित होने से पृथक पंचायत भवन की आवश्यकता नहीं है।
प्रधानमंत्री आवास/मुख्यमंत्री आवास की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
47. ( क्र. 1098 ) श्री मधु भगत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृपा करेंगे कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में जिला बालाघाट को कितने प्रधानमंत्री आवास एवं मुख्यमंत्री आवास इकाई (संख्या) का लक्ष्य प्राप्त हुआ, जानकारी अलग-अलग दी जावे। क्या इन्हें स्वीकृत करने हेतु शासन की कोई नीति/निर्देश प्रचलन में है, तो छायाप्रति उपलब्ध कराई जावें। (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में परसवाड़ा 110 विधान सभा क्षेत्र जिला बालाघाट अथवा जनपद पंचायत बालाघाट, जनपद पंचायत परसवाड़ा व जनपद पंचायत किरनापुर को उपरोक्त प्रश्नांश (क) में से कितना लक्ष्य प्राप्त हुआ व कुल कितने आवेदन हितग्राहियों से प्राप्त हुये? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में प्राप्त लक्ष्य में से प्रश्न प्रस्तुति दिनांक तक कितने आवास स्वीकृत/प्रक्रियाधीन/अस्वीकृत हुए की जानकारी अलग-अलग दी जावे व स्वीकृत आवासों में से किन-किन हितग्राहियों को आवास स्वीकृत किये, की जानकारी हितग्राही का नाम, पता, स्वीकृत सहित अलग-अलग दी जावें? (घ) क्या उपरोक्त समस्त कार्यप्रणाली में कोई अनियमितता सामने आई और कौन-कौन सी शिकायतें प्राप्त हुई तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? शिकायत की प्रति और की गयी कार्यवाही की प्रति बतायें व इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वित्तीय वर्ष 2017-18 में जिला बालाघाट को प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अन्तर्गत 10,365 तथा वर्ष के प्रारंभ में मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन के अन्तर्गत 1,350 का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, कालान्तर में दिनांक 30.08.2017 तक वितरित ऋण प्रकरणों को छोड़कर शासन द्वारा शेष लक्ष्य वापस ले लिये गए थे। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’स’ अनुसार है। (घ) सी.एम. हेल्पलाईन तथा राज्य स्तर पर प्राप्त शिकायतें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’द’ अनुसार है। शिकायतें जांच हेतु जिले को अग्रेषित की गई है।
रेत खदानों की रायल्टी
[खनिज साधन]
48. ( क्र. 1099 ) श्री मधु भगत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि बालाघाट जिले और सीमावर्ती जिले में रेत की खदानें वर्ष 2014 से किस-किस के पास थी? पट्टेधारी का नाम, खदान का नाम, रकबा, ग्राम बताते हुए यह भी बताये कि उक्त पट्टाधारियों ने कुल कितनी राशि रॉयल्टी के रूप में प्रश्न दिनांक तक जमा की और उस रॉयल्टी की राशि के अनुसार रेत की मात्रा कुल कितने फिट होती है? प्रत्येक पट्टाधारी का अलग-अलग बतायें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : प्रश्नाधीन जिलों में रेत खदान का कोई भी उत्खनिपट्टा स्वीकृत नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला खेल प्रशिक्षक (संविदा) द्वारा निजी महाविद्यालयों में नौकरी करना
[खेल और युवा कल्याण]
49. ( क्र. 1113 ) श्रीमती ममता मीना : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या गुना जिले में पदस्थ जिला खेल प्रशिक्षक-बास्केटवॉल (संविदा) द्वारा गुना जिले के ओमकार कॉलेज एवं मालवा कॉलेज में अपनी वैतनिक सेवाएं दी जाती हैं? यदि नहीं,तो ऐक्सिस बैंक गुना में श्री दुर्गेश सक्सेना पुत्र श्री राजेशचंद सक्सेना, निवासी-विकासनगर, गुना तथा ओमकार कॉलेज गुना का संयुक्त खाता क्रमांक- 911010008266316 में वर्ष 2013 से अगस्त 2017 तक मासिक रूप से निश्चित मानदेय/पारिश्रमिक/वेतन किस नियम एवं किस सक्षम अधिकारी की अनुमति से सेवाएं देते हुऐ प्राप्त किया गया? क्या उक्त कर्मचारी द्वारा निजी महाविद्यालयों से प्राप्त राशि लगभग रूपये 740000/- का वर्ष 2013 से वर्ष 2017 तक पूर्ण रूप से भुगतान प्राप्त कर माह सितम्बर 2017 में प्रश्न में वर्णित खाता बंद कर दिया गया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित श्री सक्सेना के एक्सिस बैंक गुना के खाते में किस प्रयोजन/कारण से संबंधित कॉलेजों द्वारा श्री सक्सेना के खाते में उक्त राशि जमा कराई गई है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार श्री सक्सेना के विरूद्ध मामला संज्ञान में आने पर नियुक्तिकर्ता अधिकारी-जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी गुना तथा संचालनालय भोपाल द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, की गई है,तो क्यों? क्या कलेक्टर जिला गुना द्वारा प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार जाँच कराई गई थी? उक्त जाँच प्रतिवेदन के आधार पर कलेक्टर जिला गुना द्वारा सेवा समाप्ति हेतु प्रस्ताव संचालनालय भोपाल को प्रेषित किया गया था? उक्त प्रस्ताव पर क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही न करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध विभाग क्या कार्यवाही करेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) प्रकरण की जाँच पुलिस अधीक्षक, गुना एवं कलेक्टर गुना द्वारा पृथक-पृथक की गई थी, जो आपस में विरोधाभासी होने के कारण कलेक्टर गुना को संचालनालयीन पत्र क्र.10913, दिनांक 19.02 .2018 द्वारा विस्तृत जाँच कर प्रतिवेदन चाहा गया है, जो अपेक्षित है। पुनरीक्षित जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर ही प्रश्न की जानकारी दी जाना संभव हो सकेगी।
पंचायत सचिवों को छठा एवं सातवां वेतनमान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
50. ( क्र. 1132 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि जिला संवर्ग के पंचायत सचिवों को सहायक अध्यापकों की भांति छठवां एवं सातवां वेतनमान दिये जाने की क्या कार्य योजना बनाई गई है? इन्हें कब तक उक्त वेतनमान दे दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : जी नहीं। ग्राम पंचायत सचिवों को पृथक से नवीन वेतनमान स्वीकृत करने की कार्यवाही विचाराधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
शासकीय महाविद्यालय में पदों की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
51. ( क्र. 1139 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उक्त महाविद्यालय में शैक्षणिक कार्य कराने वाले प्राध्यापक सहायक प्राध्यापक एवं प्राचार्य के कितने पद स्वीकृत हैं? (ख) क्या स्वीकृत पदों के अनुसार उक्त महाविद्यालय में पद पूर्ति कर ली गई है? (ग) क्षेत्र की जरूरत को देखते हुये महाविद्यालय में निरंतर बी.एस.सी., बी.कॉम. तथा एम.ए., एम. कॉम की कक्षाएं प्रारंभ करने की निरंतर मांग की जा रही है? क्या उक्त कक्षाएं प्रारंभ करने की स्वीकृति शासन प्रदान करने वाला है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शासकीय महाविद्यालय निवास में प्राचार्य/प्राध्यापक/सहायक प्राध्यापक के कुल 09 पद स्वीकृत हैं। (ख) जी नहीं। रिक्त पदों पर अतिथि विद्वानों की व्यवस्था की गई है, जिससे शैक्षणिक कार्य सुचारू ढंग से संचालित है। (ग) जी हाँ। वर्तमान में सीमित संसाधनों को दृष्टिगत रखते हुये नवीन कक्षाएं खोले जाने में कठिनाई है।
औद्योगिक केंद्र मनेरी में स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जाना
[उद्योग नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
52. ( क्र. 1140 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मण्डला जिले की औद्योगिक विकास केंद्र मनेरी में लगे उद्योगों में स्थानीय लोगों को काम में लगाने, नौकरी देने जैसी योजना विभाग के पास है? (ख) क्या कुशल और अकुशल श्रमिकों को विभाग द्वारा प्रशिक्षित करने एवं स्थानीय स्तर पर नौकरी प्रदान करने का अवसर प्रदान किया जावेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) एवं (ख) औद्योगिक विकास केन्द्र मनेरी में स्थापित उद्योगों में स्थानीय लोगों को काम में लगाने, नौकरी देने जैसी कोई योजना नहीं हैं। किन्तु सामान्यत: उद्योगों द्वारा आवश्यकता के दृष्टिगत स्थानीय निवासियों को योग्यता अनुसार रोजगार उपलब्ध कराया जाता हैं। जहां तक कुशल व अकुशल श्रमिकों को प्रशिक्षित करने का कार्य हैं, यह विभाग द्वारा नहीं किया जाता हैं।
गृह निर्माण मंडल मंदसौर के मकान पर अवैध कब्जा
[नगरीय विकास एवं आवास]
53. ( क्र. 1142 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मंदसौर के रामटेकरी रेवास देवड़ा रोड स्थित गृह निर्माण मंडल (डबल स्टोरी) भवन क्रमांक 9/38 एवं 7/38 पर किस व्यक्ति का किस दिनांक से कब्जा है? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित भवन कब से आवंटित किया गया था तथा वर्तमान में भवन में निवास करने वाला व्यक्ति किस अधिकार के तहत निवासरत है? क्या विभाग ने उक्त भवन को रिक्त कराने का प्रयास किया? यदि हाँ, तो कब-कब किस-किस प्रक्रिया को अपनाया गया? दिनांकवार जानकारी देवें? (ग) भवन क्रमांक 9/38 किराये पेटे की कितनी राशि प्रश्न दिनांक तक बकाया है? क्या न्यायालयीन प्रक्रिया के दौरान जिला उपभोक्ता फोरम मंदसौर तथा राज्य उपभोक्ता फोरम में कब्जा धारक का वाद निरस्त हुआ है? (घ) क्या अति. जिला न्यायाधीश मंदसौर ने भी मंडल के भवन के सम्बन्ध में प्रस्तुत वाद पर कब्जा धारी के विरुद्ध निर्णय पारित किया था? यदि हाँ, तो कानूनी प्रक्रिया के बाद भी म.प्र गृह निर्माण मंडल अनाधिकृत रूप से कब्जाधारी का कब्जा हटाने में क्यों असमर्थ है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) भवन क्रमांक 9/38 पर श्री विजय कुमार शर्मा को दिनांक 23/04/1983 से किराये पर आवंटित है जबकि भवन क्रमांक 7/38 पर श्रीमती प्रेमलता शर्मा पति श्री विजय शर्मा का सितम्बर 1987 से कब्जा है। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार। म.प्र. गृह निर्माण मंडल अधिनियम 1972 की धारा-55 के अंतर्गत भवन क्रमांक 7/38 में अवैध कब्जा रिक्त कराने हेतु माननीय सक्षम न्यायालय में प्रकरण क्रमांक 63/07 दर्ज किया गया। सक्षम प्राधिकारी द्वारा निष्कासन आदेश दिनांक 04/11/2011 को जारी किया गया था। निष्कासन प्रक्रिया में दिनांक 22/11/11 को सक्षम प्राधिकारी, उज्जैन द्वारा स्थगन आदेश दिया गया। दिनांक 10/02/12 को आवंटन समिति वृत्त उज्जैन की बैठक में भवन क्रमांक 7/38 को श्री विजय कुमार शर्मा को विक्रय करने की अनुशंसा की गई। उपायुक्त द्वारा भवन क्रमांक 7/38 को रिक्त कराने संबंधी प्रकरण नस्तीबद्ध करने के निर्देश दिए गए। (ग) प्रश्न दिनांक तक किराया एवं सरचार्ज के रूप में रूपये 4,17,532/- (रूपये चार लाख सत्रह हजार पाँच सौ बत्तीस केवल) बकाया है। जी हाँ। (घ) जी हाँ। आवंटन समिति द्वारा भवन क्रमांक 7/38 श्री विजय कुमार शर्मा को विक्रय की अनुशंसा करने तथा उपायुक्त द्वारा भवन रिक्त कराने संबंधी प्रकरण निरस्त करने से श्री विजय कुमार शर्मा को बकाया राशि जमा करने हेतु सूचना पत्र जारी किये गये है।
मनरेगा अधिनियम के तहत मजदूरों को क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
54. ( क्र. 1180 ) श्री रामनिवास रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह जनवरी 2016 की स्थिति में प्रदेश में कितने जॉबकार्ड धारी मजदूर थे एवं दिसम्बर 2017 की स्थिति में प्रदेश में कुल कितने जॉबकार्ड धारी मजदूर हैं? जिलेवार संख्या बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जॉबकार्ड धारी मजदूरों में से कितने मजदूरों को कितने-कितने दिन का रोजगार प्रदाय कर कितनी-कितनी राशि मजदूरी के रूप में भुगतान की गयी? मजदूरी की कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया जाना कब से शेष है वर्षवार, जिलेवार बतावें। (ग) क्या मनरेगा अधिनियम की अनुसूची II पैरा 'ख' के प्रावधानों के अनुरूप 15 दिनों से अधिक देरी से किये गए सभी भुगतानों के लिए क्षतिपूर्ति तुरंत दिए जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो जनवरी 2018 की स्थिति में किस-किस वर्ष की कितनी-कितनी राशि क्षतिपूर्ति के रूप में भुगतान किया जाना शेष है? मजदूरी की शेष राशि एवं मजदूरी के भुगतान के विलम्ब की क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वित्तीय वर्ष 2016 की स्थिति में प्रदेश में 2.41 करोड़ जॉब कार्डधारी मजदूर थे एवं वित्तीय वर्ष 2017-18 में अब तक 1.53 करोड़ मजदूर है। जिलेवार संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” अनुसार। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वित्तीय वर्ष 2015-16 में 2.41 करोड़ श्रमिकों में से 51.78 लाख जॉबकार्ड धारी मजदूरों द्वारा कार्य किया जाकर 1237.42 लाख मानव दिवस सृजन किया गया, जिसका कुल भुगतान 1460 करोड़ है। इसी प्रकार वर्ष 2016-17 में 52.05 लाख श्रमिकों द्वारा कार्य किया गया, जिनके द्वारा 11.30 करोड़ मानव दिवस का सृजन किया गया, जिसका कुल भुगतान 2188.52 करोड़ किया गया (विगत वर्ष 2015-16 की देय राशि रू. 532.34 करोड़ एवं मजदूरी दर बढ़ने के कारण) एवं वर्ष 2017-18 में कुल 58.92 लाख श्रमिकों द्वारा 14.91 करोड़ मानव दिवस सृजित किये गये, जिनकों कुल 2521.58 करोड़ रू. भुगतान किया गया। कोई भी एफ.टी.ओ. जारी किये जाने हेतु शेष नहीं है। (ग) जी हाँ। जनवरी 2018 की स्थिति में क्षतिपूर्ति भुगतान योग्य राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र “ब” अनुसार। क्षतिपूर्ति की भुगतान योग्य राशि का भुगतान प्रक्रियाधीन है।
अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
55. ( क्र. 1191 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 फरवरी 2018 की स्थिति में ग्वालियर जिले में खनिज साधन विभाग द्वारा कौन-कौन से खनिज उत्खनन के लिये किस-किस स्थान पर किस-किस प्रकार के खनिज उत्खनन के लिये पट्टे, लीज या अन्य कोई ठेका इत्यादि की स्वीकृति किस दिनांक से किस दिनांक तक के लिये किस-किस व्यक्ति, फर्म, ठेकेदार या एजेन्सी को कितनी-कितनी राशि लीज रेन्ट या ठेका में दी गई है पंचायत का नाम एवं सर्वे न. सम्पूर्ण जानकारी स्पष्ट करें? (ख) 1 जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक खनिज साधन विभाग को उक्त खनिज से कितना-कितना राजस्व प्राप्त हुआ है? 1 जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस खनिज का अवैध उत्खनन करते हुये या खनिज को ले जाते हुये कौन-कौन व्यक्ति तथा वाहन पकड़े गये हैं, उन पर कितना-कितना जुर्माना किया गया है? व्यक्ति/फर्म किस स्थान से अवैध उत्खनन किस खनिज का किस वाहन में ले जाते पकड़ा? वाहन मालिक का नाम, वाहन का प्रकार तथा नम्बर एवं किस कर्मचारी/अधिकारी द्वारा किस दिनांक को पकड़ा गया, उनका नाम, पद बतावें। इन वाहनों में से कौन-कौन वाहन राजसात किये गये हैं? उनका नाम, प्रकार एवं राजसात दिनांक बतावें। (ग) 1 फरवरी 2018 की स्थिति में ग्वालियर जिले में खनिज साधन विभाग में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं? उनका नाम,पद, पदस्थापना दिनांक बतावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) प्रश्नानुसार राजस्व की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब, अवैध उत्खनन एवं परिवहन के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स तथा वाहन को राजसात करने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द पर दर्शित है। (ग) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई पर दर्शित है।
भितरवार विधानसभा क्षेत्रांन्तर्गत उद्योगों की स्थापना
[उद्योग नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
56. ( क्र. 1192 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कौन-कौन से उद्योग धंधे कहाँ-कहाँ स्थापित हैं? (ख) क्या भितरवार विधानसभा क्षेत्र भौगोलिक रूप से ग्वालियर जिले के कुल 6 विधानसभा क्षेत्रों में से अकेला लगभग 45 प्रतिशत क्षेत्र में फैला हुआ है? यदि हाँ, तो क्या भितरवार विधानसभा क्षेत्र में कोई रोजगार के साधन नहीं होने के कारण क्षेत्र के लोगों को रोजगार हेतु अन्य स्थानों पर पलायन करना पड़ता है? यदि हाँ, तो क्या उनके पलायन को रोकने के लिये शासन उक्त क्षेत्र में कोई उद्योग धंधे स्थापित करेगा? यदि हाँ, तो किस-किस स्थान पर, कब तक और कौन-कौन से? (ग) उद्योग नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग में ग्वालियर जिले में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं? उनका नाम, पद, पद स्थापना दिनांक तथा मुख्यालय बतावें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र में वृहद श्रेणी अंतर्गत मात्र एक इकाई मेसर्स पार्वती स्वीटनर, ग्राम सांखनी, तहसील भितरवार में स्थापित हैं। एम.एस.एम.ई. विभाग के अंतर्गत उद्योगों का पंजीयन उद्योग आधार मेमोरेण्डम के जरिये किया जाता हैं। जिसकी सांख्यिकी जानकारी अनुसार दिनांक 20/2/18 की स्थिति में ग्वालियर जिले में कुल 7706 एम.एस.एम.ई. इकाई पंजीकृत हैं। पंजीयन विधानसभावार न होने से विधानसभा क्षेत्र भितरवार की जानकारी दिया जाना संभव नहीं हैं। (ख) विभाग द्वारा उद्योग स्थापित नहीं किये जाते हैं और रोजगार हेतु पलायन की स्थिति नहीं होने से बाकी प्रश्न उत्पन्न नहीं होता हैं। तथापि उद्योग संवर्धन नीति 2014 के प्रावधानों अनुसार आकर्षक एवं सुविधाजनक वातावरण अनेकों प्रकार के प्रोत्साहन एवं सहायता के माध्यम से उद्योग स्थापना हेतु प्रेरित किया जाता हैं। राज्य ने निवेशकों हेतु सशक्त भावी रूप रेखा विकसित की हैं और एक समर्थ औद्योगिक परिवेश के विकास के द्वारा अधिक से अधिक निवेशकों को आकर्षित करना जारी रखेगा, जिससे राज्य में सुस्थिर औद्योगिकरण के साथ आर्थिक समृद्धि सुनिश्चित हो सके। (ग) सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' पर है।
गौरा से गौरी पर्वतीय ग्राम तक मार्ग निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
57. ( क्र. 1225 ) श्री मोती कश्यप : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा के तारांकित प्रश्न संख्या 2 (क्र.652) दिनांक 22-3-2012 के उत्तर में मा. विभागीय मंत्रीजी ने पर्वत शिखर पर बसे शत्-प्रतिशत आदिवासी ग्राम गौरी को ग्रा./ग्रा.पं. गौरा तक जोड़ने के संबंध में आश्वासन दिया है? यदि हाँ, तो कार्य को किन कारणों से अभी तक प्रारंभ नहीं किया गया है? (ख) क्या विभाग द्वारा प्रश्नांश (क) मार्ग निर्माण की दिशा में जबलपुर मण्डल के अधीक्षण यंत्री को कोई कार्यवाही सम्पादित करना निर्देशित किया है? (ग) प्रश्नांश (क) कार्य कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। ग्राम गौरा से गौरी मार्ग स्वीकृति पश्चात् निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रचलन में होने से कार्य प्रारंभ नहीं हुआ। (ख) जी हाँ। (ग) कार्य पूर्णता की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अवैध उत्खनन करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही
[खनिज साधन]
58. ( क्र. 1235 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले की तहसील रघुराजनगर के अंतर्गत ग्राम रामास्थान में श्रवणकुमार पाठक की लीज 80 एकड़ एरिया में संचालित है? यदि हाँ, तो क्या उक्त खदान शासन के नियमों के अनुसार संचालित है? यदि नहीं, तो क्या उच्च न्यायलय के निर्देशों का खुला उल्लंघन कर ओव्हर लोडिंग की जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या खनिज मंत्री उक्त खदान की रजिस्ट्री एवं सेटेलाइट की जाँच राज्यस्तरीय कमेटी बनाकर कराएँगे? क्यों कि उक्त खदान संचालक ने अवैध उत्खनन कर फिलिंग कर साक्ष्य मिटा दिए हैं तथा 6 अ.जा. के व्याक्तियों की जमीन क्रय कर बिना लीज मंजूर कराये उत्खनन किया गया है जिसकी रिपोर्ट भी पूर्व में विधानसभा प्रश्न के जवाब में भेजी गई थी? उक्त घोटाले की जाँच कब तक कराएँगे? (ग) क्या उक्त खदान के ट्रांसपोर्टिंग का काम ए.आर.टी. कम्पनी के संचालक राममनोहर सिंह द्वारा किया जा रहा है? इनके द्वारा विगत 10 वर्षों से 10 चक्का हाईवा में 25 से 30 टन माल प्रिज्म सीमेंट में सप्लाई की जा रही है जबकि खनिज विभाग से एवं आर.टी.ओ. से 16 टन माल पास है? (घ) क्या उच्च न्यायालय के प्रकरण क्रमांक 001, अ67 2013-14 द्वारा साफ-साफ निर्देश दिया गया था कि स्वीकृत क्षेत्र के आस-पास निजी, शासकीय, राजस्व या वन भूमि में किसी प्रकार का अवैध उत्खनन कार्य कदापि न करें इसके बावजूद भी शर्तों का उल्लंघन क्यों किया गया?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। प्रश्नाधीन खदान नियमों के तहत संचालित है। उल्लंघन पाये जाने पर नियमों के तहत कार्यवाही की जाती है। ओवर लोडिंग पाये जाने पर परिवहन विभाग द्वारा नियमानुसार कार्यवाही कर 28 वाहनों में राशि 1,57,800/- का शमन शुल्क वसूल किया गया है। (ख) प्रश्नाधीन खदान के अनुबंध की रजिस्ट्री नियमानुसार हुई है। अत: सेटेलाईट की जाँच का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी नहीं। पूर्व में प्रश्नानुसार जानकारी विधानसभा प्रश्न के जवाब में प्रेषित नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। विगत 10 वर्षों से 10 चक्का हाईवा में 25 से 30 टन माल प्रिज्म सीमेंट में सप्लाई की स्थिति प्रमाणित नहीं होती है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्न में माननीय उच्च न्यायालय के प्रकरण के क्रमांक की स्थिति स्पष्ट न होने के कारण प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमत्री ग्रामीण सड़क की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
59. ( क्र. 1272 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर के अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में मुख्य मार्ग से खोकरिया एवं ग्राम पीपल्दी से भोजपुर तक प्रधानमंत्री सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृति वरिष्ठालय में प्रचलन में होकर वर्तमान तक लंबित है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त मार्गों के निर्माण की स्वीकृति हेतु विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन उक्त वर्णित मार्गों के निर्माण की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव मुख्य बजट 2018-19 में सम्मिलित किया गया है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो उक्त वर्णित मार्गों पर सड़क निर्माण हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी तथा कब तक सड़क निर्माण करा दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पुलिया निर्माण की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
60. ( क्र. 1273 ) कुँवर हजारीलाल दांगी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2017-18 में विधान सभा क्षेत्र खिलचीपुर के अंतर्गत प्रश्नकर्ता द्वारा ग्रामीण मार्गों पर स्थित नदी/नालों पर पुलिया निर्माण हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत राजगढ़ को पत्र लिखे गये हैं? यदि हाँ, तो उक्त पत्रों में वर्णित किन-किन पुलियों के निर्माण की स्वीकृति हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या विकासखण्ड जीरपुर के अंतर्गत ग्राम सनखेड़ी, ग्राम मेलखेड़ी, ग्राम लखोनी स्कूल मार्ग पर ग्राम ब्राहम्णगांव, हायर सेकेण्डरी स्कूल मार्ग पर, ग्राम लखोनी, हाई स्कूल मार्ग पर तथा विकासखण्ड खिलचीपुर अंतर्गत ग्राम मोई में गुंजारी नदी पर, ग्राम कुलीखेड़ा गाडगंगा नदी पर, ग्राम जामोन्या में रूपारेल मार्ग पर, ग्राम पानखेड़ी में मन्नीपुरा मार्ग पर स्थित नदी/नालों पर पुलिया नहीं होने से वर्षाकाल के संपूर्ण काल में आवागमन अवरूद्ध होने से स्कूली छात्र-छात्राओं, मरीजों, व्यापारियों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त वर्णित नदी/नालों पर पुलिया निर्माण की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नकर्ता माननीय विधायक द्वारा माननीय प्रभारी मंत्री जिला राजगढ़ एवं माननीय मंत्री पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को पुलिया निर्माण हेतु वर्ष 2017-18 में पत्र लिखे गये। उक्त पत्र में वर्णित पुलियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। अत्यधिक वर्षा होने पर मार्ग कुछ समय के लिये अवरूद्ध होता है। (ग) उपलब्ध आवंटन स्वीकृत कार्यों हेतु आबद्ध होने से कार्यों की स्वीकृति नहीं हुई। कार्य की स्वीकृति की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
संजय दुबरी टाइगर रिजर्व क्षेत्र के ग्रामों का विस्थापन
[वन]
61. ( क्र. 1298 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के संजय दुबरी टाइगर रिजर्व क्षेत्र के अंतर्गत कितने ग्रामों का विस्थापन किया जाना है एवं कितने ग्रामों का विस्थापन किया जा चुका है? सूची उपलब्ध करायें। किन नियमों एवं प्रावधानों के तहत विस्थापन किया जा रहा है तथा विस्थापन एवं पुनर्वास नीति के तहत विस्थापित परिवारों को कितनी राशि एवं कौन-कौन सी सुविधायें दिये जाने का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विस्थापित परिवारों की सूची मुआवजा राशि सहित उपलब्ध करायें? विस्थापन प्रक्रिया के पूर्व से निवासरत कितने पात्र परिवारों को आपात्र घोषित कर उन्हें विस्थापन, पुनर्वास एवं मुआवजा का लाभ नहीं दिया गया? सूची उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में जिन्हें आपात्र घोषित किया गया है? उनका पुन: परीक्षण कराकर विस्थापित पात्र परिवारों की सूची में जोड़कर मुआवजा राशि का भुगतान किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? परीक्षण उपरांत कितने पात्र हितग्राहियों को सूची में जोड़कर मुआवजे का भुगतान किया गया है? उसकी सूची उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में विस्थापित ग्रामों में प्रभावित परिवारों के जमीन, पेड़, कुआं, घर आदि का मुआवजा का भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो क्यों? कब तक मुआवजा राशि का भुगतान किया जाएगा? विस्थापन प्रक्रिया में अनियमितता की कितने शिकायतें प्राप्त हुई हैं? उन पर क्या कार्यवाही की गई है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) संजय दुबरी टाईगर रिजर्व में टोलों सहित 50 ग्रामों का विस्थापन किया जाना है जिसमें से 8 ग्रामों का विस्थापन किया जा चुका है कुल 50 ग्रामों एवं विस्थापित 8 ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- (1) एवं (2) अनुसार है। संरक्षित क्षेत्रों में प्रभावित परिवारों का विस्थापन मध्यप्रदेश शासन वन विभाग, मंत्रालय वल्लभ भवन, भोपाल के पत्र क्रमांक एफ-3-8/07/10-2/2129 दिनांक 30.10.2008 से पुनर्वास हेतु जारी दिशा-निर्देशों के तहत किया जाता है। पुनर्वासित परिवारों को प्रदाय की जाने वाली राशि एवं सुविधाओं का विवरण भी उक्त पत्र में निहित है। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ख) संजय दुबरी टाईगर रिजर्व से विस्थापित 8 ग्रामों के परिवारों व प्रदाय की गई मुआवजा राशि की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-(4) अनुसार है। विस्थापन के संबंध में पात्रता का निर्धारण कलेक्टर जिला-सीधी द्वारा गठित समिति द्वारा किया गया है। समिति द्वारा 8 ग्रामों के विस्थापन हेतु कुल 423 परिवारों के प्राप्त दावों के परीक्षण उपरांत 197 परिवारों को अपात्र पाया गया। पात्र एवं अपात्र परिवारों की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। इस प्रकार यह सत्य नहीं है कि पात्र परिवारों को अपात्र घोषित कर उन्हें विस्थापन पुनर्वास एवं मुआवजा का लाभ नहीं दिया गया है। अतः पात्र को अपात्र घोषित परिवारों की सूची उपलब्ध कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। पुनर्स्थापन हेतु पात्रता का निर्धारण जिला कलेक्टर द्वारा विस्थापन हेतु गठित त्रिस्तरीय समिति ग्राम सभा, उपखण्ड स्तरीय समिति, की अनुशंसा के पश्चात जिला स्तरीय समिति द्वारा परीक्षण उपरान्त पात्र हितग्राहियों को विस्थापन/पुनर्वास हेतु मुआवजा का लाभ दिया गया है। अतः पुनः परीक्षण कराकर पात्र विस्थापित परिवारों की सूची में नाम जोड़कर मुआवजा दिये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। यदि अपात्र हितग्राही चाहे तो उक्त संबंध में जिला कलेक्टर सीधी को आवेदन पत्र प्रस्तुत कर उसका निराकरण करा सकता है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) मुआवजा राशि की जानकारी में प्रभावित परिवारों की जमीन, पेड़, कुआं, घर आदि परिसम्पत्तियों की राशि सम्मिलित है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। ग्राम आगरझिरिया, दुधमनिया एवं हथिबंधा द्वारा प्रथम विकल्प के भाग (क) का चयन किया गया था, अतः उनके लिये स्वत्वों के मूल्य का पृथक से आंकलन नहीं किया गया। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार राशि का भुगतान किया जा चुका है। उक्त विस्थापित 08 ग्रामों के विस्थापन के संबंध में प्राप्त शिकायत पत्रों एवं उन पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है।
श्रीराम मंदिर का जीर्णोद्धार
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
62. ( क्र. 1299 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सीधी सिंगरौली जिले के अंतर्गत कितने धार्मिक स्थल शासनाधीन हैं? सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सीधी जिले के मझौली में स्थित श्रीराम मंदिर भी शासनाधीन है क्या? यदि हाँ, तो जानकारी उपलबध करायें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में श्रीराम मंदिर जीर्णोद्धार के लिये शासन के द्वारा दिनांक 27 मार्च, 2011 को राशि स्वीकृत की गई थी? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध करायें? (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या स्वीकृत राशि अभी तक जारी नहीं की गई है? कब तक स्वीकृत राशि जारी कर दी जावेगी?
खेल
और युवा
कल्याण
मंत्री (
श्रीमती
यशोधरा राजे
सिंधिया ) : (क) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) जी हाँ।
सीधी जिले
मझौली स्थित
श्री राम मंदिर
शासनाधीन है। (ग) जी हाँ।
विभाग के
ज्ञाप क्र. एफ 3-7/2010/छैः भोपाल
दिनांक 28.3.2011
से
राम मंदिर
मझौली के
जीर्णोद्धार
हेतु रुपये 5.00 लाख का
आवंटन
प्राप्त हुआ
था, जिसके
अग्रिम आहरण
की स्वीकृत
कार्यालयीन
आदेश क्र. 556/सामान्य/2011 दिनांक 30 मार्च 2011 के द्वारा
दी गई थी।
जिसका
देयक तैयार कर
बी.टी.आर. क्र. 462 दिनांक 30.3.2011 से कोषालय
में लगाया था
किन्तु देयक
निरस्त हो
जाने से राशि
आहरण नहीं की
जा सकी। मंदिर
का निर्माण/जीर्णोद्धार
कार्य
जनसहयोग से
किया जा रहा
हैं। (घ) जी
हाँ, पुर्नआवंटन
प्रस्ताव
कलेक्टर/आयुक्त
के माध्यम से
प्राप्त
होने पर राशि
स्वीकृति
किये जाने पर
विचार किया जा
सकता है।
संजय दुबरी टाइगर रिजर्व क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्रामों का विस्थापन
[वन]
63. ( क्र. 1300 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के संजय दुबरी टाइगर रिर्जव क्षेत्र के अंतर्गत कितने ग्रामों का विस्थापन किया जाना है एवं कितने ग्रामों का विस्थापन किया जा चुका है? सूची उपलब्ध करायें। विस्थापन किन नियमों एवं प्रावधानों के तहत किया जा रहा है तथा विस्थापन एवं पुनर्वास नीति के तहत विस्थापित परिवारों को कितनी राशि एवं कौन-कौन सी सुविधायें दिये जाने का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विस्थापित परिवारों की सूची मुआवजा राशि सहित उपलब्ध करायें। विस्थापन प्रक्रिया के पूर्व से निवासरत कितने पात्र परिवारों को आपात्र घोषित कर उन्हें विस्थापन, पुनर्वास एवं मुआवजा का लाभ नहीं दिया गया? सूची उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या जिन्हें अपात्र घोषित किया गया है? उनका पुन: परीक्षण कराकर विस्थापित पात्र परिवारों की सूची में जोड़कर मुआवजा राशि का भुगतान किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? परीक्षण उपरांत कितने पात्र हितग्राहियों को सूची में जोड़कर मुआवजे का भुगतान किया गया है? उसकी सूची उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या विस्थापित ग्रामों में प्रभावित परिवारों के जमीन, पेड़, कुआ, घर आदि का मुआवजा का भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो क्यों? कब तक मुआवजा राशि का भुगतान किया जाएगा। विस्थापन प्रक्रिया में अनियमितता की कितने शिकायतें प्राप्त हुई हैं? उन पर क्या कार्यवाही की गई है? पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) संजय दुबरी टाईगर रिजर्व में टोलों सहित 50 ग्रामों का विस्थापन किया जाना है जिसमें से 8 ग्रामों का विस्थापन किया जा चुका है सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- (1) एवं (2) अनुसार है। मध्यप्रदेश शासन वन विभाग, मंत्रालय वल्लभ भवन, भोपाल के पत्र क्रमांक एफ-3-8/07/10-2/2129 दिनांक 30.10.2008 से पुनर्वास हेतु जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार पत्र की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ख) संजय दुबरी टाईगर रिजर्व से विस्थापित 8 ग्रामों के परिवारों व प्रदाय की गई मुआवजा राशि की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-(4) अनुसार है। कलेक्टर जिला-सीधी द्वारा गठित समिति द्वारा विस्थापन हेतु पात्र एवं अपात्र परिवारों का निर्धारण किया गया है। समिति द्वारा 8 ग्रामों के विस्थापन हेतु कुल 423 परिवारों के प्राप्त दावों का परीक्षण उपरांत 226 परिवारों को पात्र एवं 197 परिवारों को अपात्र पाया गया। ग्रामवार पात्र एवं अपात्र परिवारों की संख्या जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। इस प्रकार यह सत्य नहीं है कि पात्र परिवारों को अपात्र घोषित कर उन्हें विस्थापन पुनर्वास एवं मुआवजा का लाभ नहीं दिया गया है। अतः पात्र को अपात्र घोषित परिवारों की सूची उपलब्ध कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। पुनर्स्थापन हेतु पात्रता का निर्धारण जिला कलेक्टर द्वारा विस्थापन हेतु गठित त्रिस्तरीय समिति ग्राम सभा, उपखण्ड स्तरीय समिति, की अनुशंसा के पश्चात जिला स्तरीय समिति द्वारा परीक्षण उपरान्त पात्र हितग्राहियों को विस्थापन/पुनर्वास हेतु मुआवजा का लाभ दिया गया है। अतः पुनः परीक्षण कराकर पात्र विस्थापित परिवारों की सूची में नाम जोड़कर मुआवजा दिये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। यदि अपात्र हितग्राही चाहे तो उक्त संबंध में जिला कलेक्टर सीधी को आवेदन पत्र प्रस्तुत कर उसका निराकरण करा सकता है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 में उपलब्ध मुआवजा राशि की जानकारी में प्रभावित परिवारों की जमीन, पेड़, कुआं, घर आदि परिसम्पत्तियों की राशि सम्मिलित है। ग्राम आगरझिरिया, दुधमनिया एवं हथिबंधा द्वारा प्रथम विकल्प के भाग (क) का चयन किया गया था, अतः उनके लिये स्वत्वों के मूल्य का पृथक से आंकलन नहीं किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार राशि का भुगतान किया जा चुका है। उक्त विस्थापित 08 ग्रामों के विस्थापन के संबंध में प्राप्त शिकायत पत्रों एवं उन पर की गई कार्यवाही का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है।
मनरेगा के अन्तर्गत स्वीकृत कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
64. ( क्र. 1311 ) श्री सुदेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सीहोर के अंतर्गत आने वाले पंचायतों में वित्तीय वर्ष 2017-18 में महात्मा गांधी नरेगा से खेल मैदान, शमशान शेडों का निर्माण,शाला भवनों की बाउण्ड्रीवाल,ग्राम पंचायत भवन एवं मंगल भवन के कितने प्रस्ताव प्राप्त हुए तथा प्राप्त प्रस्तावों के विरूद्ध कितने स्थानों पर स्वीकृति उपरांत कार्य प्रारंभ करा दिये गये हैं तथा कितने स्थानों पर कार्य लंबित हैं तथा जो शेष प्रस्ताव लंबित है उनकी स्वीकृति कब तक पूर्ण करा ली जावेगी स्थान सहित सभी कार्यों की? स्थान सहित सभी कार्यों की पृथक-पृथक जानकारी देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। स्वीकृति हेतु प्रस्ताव लंबित नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय कला एवं वाणिज्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय हरदा को प्राप्त बजट
[उच्च शिक्षा]
65. ( क्र. 1336 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय कला एवं वाणिज्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय हरदा को वर्ष 2014-15 से 2017-18 में प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी बजट राशि प्राप्त हुई व प्राप्त राशि व व्यय की गई राशि का मदवार व वर्षवार विस्तृत विवरण दें। (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार उक्त वर्षों में आंवटित की गई बजट राशि से कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये? कार्य स्वीकृत किये जाने हेतु जनभागीदारी समिति द्वारा किस बैठक में किस बिन्दु क्रमांक से किस कार्य का अनुमोदन किया गया है? (ग) स्वीकृत कार्यों में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो गये हैं एवं अपूर्ण कार्यों के लिये कौन जिम्मेदार है व उन पर क्या कार्यवाही की गई? अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जावेंगे? (घ) कार्य में देरी व कार्य अपूर्ण रहने का क्या कारण है व इसके लिये कौन दोषी है व दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) मदवार व वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उक्त वर्षों में कोई भी कार्य स्वीकृत नहीं होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश 'ख' के संदर्भ में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश 'ग' के संदर्भ में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
निविदा समाप्त कर दोषी पर कार्यवाही किए जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
66. ( क्र. 1392 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा आयुक्त, नगर पालिका निगम रीवा को दिनांक 17.01.2018 को पत्र प्रेषित कर चल रहे सीवर लाईन की जानकारी चाही गई थी? यदि हाँ, तो उक्त जानकारी क्यों उपलब्ध नहीं कराई गई? जानकारी उपलब्ध न कराने में कौन-कौन दोषी हैं? उनके विरूद्ध कब क्या कार्यवाही करेंगे तथा कब तक जानकारी उपलब्ध करा देंगे? (ख) यदि प्रश्नांश (क) सही है तो क्या पत्र प्रेषित दिनांक से करीब एक हफ्ते के अंदर उक्त कार्य में लगे श्रमिक की मृत्यु संविदाकार एवं सुपरविजन में लगे निर्माण एजेन्सी के आदमियों की लापरवाही से हो गई है? यदि हाँ, तो संविदाकार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि प्रश्नकर्ता सदस्य के पत्र पर कार्यवाही कर दी गई होती तो क्या उक्त घटना टाली जा सकती थी? मृतक के आश्रितों को/परिवार को उक्त कंपनी/संविदाकार द्वारा कौन सी राहत राशि प्रदान की गई है? शासन स्तर पर कौन सी राहत राशि दी गई है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में उक्त कंपनी को क्या ब्लैक लिस्ट करते हुए निविदा की शर्तों एवं मापदंडों पर कार्य न करने की जानकारी न देने तथा शासन स्तर पर कंपनी पर आर्थिक दंड देंगे तथा निरीक्षण कार्य में लगे शासकीय विभाग के कर्मचारी के विरूद्ध दंडात्मक कार्यवाही करेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर पालिक निगम, रीवा के पत्र क्रमांक 41, रीवा दिनांक 13.02.2018 जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार उपलब्ध कराई जा चुकी है। शेषांश का प्रश्न ही नहीं उठता है। (ख) जी नहीं। नगर निगम, रीवा ने प्रतिवेदित किया है कि उक्त कार्य में लगे श्रमिक की मृत्यु संविदाकार एवं सुपरविजन में लगे निर्माण एजेंसी के आदमियों की लापरवाही के कारण नहीं हुई, बल्कि अचानक मिट्टी धसकने के कारण आकस्मिक दुर्घटना की वजह से मृत्यु हुई थी। (ग) जी नहीं, जानकारी प्रदाय करने तथा उक्त दुर्घटना से कोई संबंध नहीं है। मृतक के आश्रित परिवार में (पत्नी) की कंपनी-संविदाकार द्वारा दाह संस्कार हेतु रू. 50,000/- (पचास हजार) तथा सहायता राशि के रूप में 10.00 लाख (दस लाख रूपये) दिए गए हैं। शासन स्तर पर रू. 4.00 लाख (चार लाख रूपये) की सहायता राशि जारी किया जाना प्रक्रियाधीन है। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार किसी के दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पूर्व सरपंच से राशि की वसूली
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
67. ( क्र. 1394 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला पंचायत सतना के पत्र क्रमांक 6627 दिनांक 15/11/2016 श्रीमती रमा सिंह सरपंच द्वारा ग्राम पंचायत भटनवारा, जनपद पंचायत उचेहरा के द्वारा मध्यां ग्रामीण बैंक भटनवारा में एकल खाता क्रमांक 76 परिवर्तित खाता क्रमांक 8070819961 मध्यां. ग्रामीण बैंक भटनवारा से एकल हस्ताक्षर से 544000/- रूपये का गबन किया जाना जाँच कमेटी के द्वारा पाया गया है? (ख) क्या तहसीलदार उचेहरा के पत्र क्रमांक 13 दिनांक 09/06/2017 के द्वारा पूर्व सरपंच को वसूली का नोटिस जारी किया था? क्या जिला पंचायत सतना के पत्र क्रमांक 5794/1 दिनांक 18/10/2017 एवं पत्र क्रमांक 9334 दिनांक 23/04/2017 द्वारा भी वसूली का नोटिस जारी किया है? (ग) यदि प्रश्नांश (क) हाँ है तो पूर्व सरपंच से गबन की वसूली अब तक न होने के लिए कौन-कौन से अधिकारी जिम्मेदार हैं? क्या शासन द्वारा पंचायत राज अधिनियम की धारा 89 (1) के तहत वसूली कर ली जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? पूर्व सरपंच के भ्रष्टाचार के लिए कब तक आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) प्रकरण क्र. 172/अ89/2017-18 धारा 92 में वसूली हेतु पंजीबद्ध किया गया है। वसूली की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। आगामी तिथि दिनांक 16.03.2018 नियत है। निर्णय के अनुक्रम में संबंधित से वसूली एवं आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की कार्यवाही की जावेगी।
प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्वन
[नगरीय विकास एवं आवास]
68. ( क्र. 1450 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगरीय क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वन एवं हितग्राहियों के चयन हेतु क्या नियम, मापदण्ड एवं प्रक्रिया तय है? हितग्राहियों को कितनी राशि अनुदान के रूप में एवं कितनी राशि ऋण के रूप में दी जाना है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत नगरीय निकायवार, वार्डवार पात्र हितग्राहियों की सत्यापित सूची उपलब्ध करावें। क्या भूमिहीन हितग्राहियों को ऐसी शासकीय भूमि के पट्टे दिये जाने हैं जो अन्य सार्वजनिक या शासकीय प्रयोजन हेतु अनुपयोगी हों? यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र सुसनेर में पट्टे आवंटन की क्या स्थिति है? नगरीय निकायवार पट्टे आवंटन हेतु प्रावधानित, स्वीकृत या सर्वे की गई सूची उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में पात्र हितग्राहियों को आवास/राशि स्वीकृति की क्या स्थिति है एवं निर्माण कार्य प्रारम्भ करने की क्या स्थिति हैं? विवरण देवें। (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा नगरीय क्षेत्र सुसनेर में घुमक्कड़ वर्ग के हितग्राहियों को आवास उपलब्धता हेतु पत्र क्रं. 2048 दिनांक 23.12.17 से कार्यवाही हेतु लेख किया था? पत्र के संबंध में क्या कार्यवाही की गई? तद्संबंधी किए गए पत्राचारों की प्रति उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। पात्र हितग्राही को आवास निर्माण हेतु राशि रू. 2.50 लाख अनुदान दिये जाने का प्रावधान है। ऋण दिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। (ख) विधान सभा क्षेत्र सुसनेर की नगरीय निकाय सुसनेर, सोयतकलां, नलखेड़ा एवं बड़ागांव की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', ''ब'', ''स'', ''द'' अनुसार है। भूमिहीन हितग्राहियों को अनुपयोगी नहीं अपितु हितग्राही जहाँ पर निवास कर रहे हैं अथवा निवास योग्य निवास भूमि का आवंटन किया जाता है। पट्टे आवंटन की स्थिति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''इ'' अनुसार है। (ग) नगर परिषद्, सुसनेर में 399, सोयतकलां में 386, नलखेड़ा में 387 तथा बड़ागांव में 384 हितग्राहियों के लिए आवास स्वीकृत किये गये हैं। नगर परिषद्, सोयतकलां में 384 एवं बड़ागांव में 353 हितग्राहियों को प्रथम किश्त का भुगतान कर दिया गया है। हितग्राहियों के द्वारा निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। नगर परिषद्, सुसनेर एवं नलखेड़ा की राशि भारत सरकार से प्राप्त नहीं होने के कारण उपलब्ध नहीं करायी गई है। (घ) जी हाँ। नगर परिषद्, सुसनेर द्वारा पत्र के सम्बंध में भूमि आवंटन की कार्यवाही हेतु पत्र क्रमांक 2818 दिनांक 30.12.2017 तहसीलदार सुसनेर को प्रेषित किया गया है। पत्राचार की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''फ'' अनुसार है।
शासकीय महाविद्यालयों में नवीन संकाय की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
69. ( क्र. 1451 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविद्यालयों में नवीन संकाय प्रारम्भ करने, स्नातकोत्तर की नवीन कक्षायें प्रारम्भ करने एवं नवीन महाविद्यालय स्वीकृत करने हेतु क्या मापदण्ड हैं? वित्तीय संसाधानों की उपलब्धता के अलावा अन्य मापदण्डों की पूर्ण जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विगत 03 वर्षों में उज्जैन संभाग में किन-किन महाविद्यालयों में नवीन संकाय या कक्षायें प्रारम्भ की गई हैं एवं कौन कौन से नवीन महाविद्यालय स्वीकृत किए गए हैं? सूची उपलब्ध करावे। (ग) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय सुसनेर में कम्प्यूटर साईन्स एवं स्नातकोत्तर कक्षायें प्रारम्भ करने, शासकीय महाविद्यालय नलखेड़ा में विज्ञान संकाय प्रारम्भ करने एवं सोयतकलां में नवीन महाविद्यालय स्वीकृत करने संबंधी कोई प्रस्ताव या मांग प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई एवं स्वीकृति कब तक होगी? (घ) प्रश्नांश (ग) का उत्तर यदि नहीं, है तो क्या स्वप्रेरणा से छात्रहित में परीक्षण करवाकर एवं मापदण्ड अनुसार साध्य होने पर इस ओर विचार कर स्वीकृति दी जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) प्राथमिक परीक्षण के मापदण्ड संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (ग) जी हाँ। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश "ग" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नंदौरा को ग्राम पंचायत बनाया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
70. ( क्र. 1481 ) श्री नथनशाह कवरेती : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र जुन्नारदेव के अंतर्गत नगर पालिका परिषद् दमुआ के वार्ड 18 की जनता एवं प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा विमनीढ़ाना डूंडमंगल, नंदौरा एवं लुक्काढाना चार टोलों को नगर पालिका दमुआ से अलग कर नंदौरा को ग्राम पंचायत बनाकर इन दोनों को ग्राम पंचायत नंदौरा में सम्मिलित किये जाने की मांग की गई है? (ख) यदि हाँ, तो इसी तारतम्य में नगरपालिका दमुआ द्वारा परियोजना अधिकारी को प्रस्ताव प्रेषित किया गया है? इस पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता विधायक को इसकी सूचना दी गई है या नहीं? नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में कब तक कार्यवाही कर नंदौरा को ग्राम पंचायत बनाकर इन दोनों को सम्मिलित कर लिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) नगर पालिका परिषद्, दमुआ के प्रस्ताव अनुसार वार्ड क्रमांक 18 को पृथक करने की प्रारंभिक अधिसूचना का प्रकाशन राजपत्र (भाग-दो) क्रमांक 02, छिन्दवाड़ा, दिनांक 09 जनवरी 2017 को कराया गया था, उक्त अधिसूचना को स्थानीय दैनिक समाचार पत्र में पृथक किये जाने वाले सभी क्षेत्रों/सहगोचर स्थलों पर चस्पा कराया जाकर आम जनता से दावे आपत्ति मांगे गये थे, निर्धारित अवधि में दावे/आपत्ति प्राप्त नहीं होने पर अंतिम/अधिसूचना के प्रकाशन हेतु प्रस्ताव जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है, नगर पालिका परिषद्, दमुआ के निर्वाचन 2017 को दृष्टिगत रखते हुये वार्ड क्र. 18 को पृथक नहीं किया गया है की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है, आम जनता एवं जनप्रतिनिधियों को पृथक्करण की कार्यवाही का समाचार पत्र में प्रकाशन किया जाकर, संबंधित सार्वजनिक स्थलों पर चस्पा कर अवगत कराया गया है, इस कारण से माननीय विधायक महोदय को पृथक से व्यक्तिगत जानकारी नहीं दी गई थी। (ग) नगर पालिका परिषद्, दमुआ का निर्वाचन माह अगस्त 2017 में सम्पन्न हुआ है, निर्वाचित अधिकारिता रखने वाली नगर पालिका परिषद्, दमुआ का कार्यकाल 05 वर्षों का है, पृथक्करण की कार्यवाही गुण-दोष के आधार पर परीक्षणोपरांत की जा सकेगी, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ग्रामीण खेलों को बढ़ावा देने हेतु
[खेल और युवा कल्याण]
71. ( क्र. 1505 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2014-15 से अब तक उज्जैन जिले में ग्रामीण खेलों को बढ़ावा देने के लिये क्या-क्या गतिविधियां संचालित की गई? उन पर विगत वर्षों में वर्षवार कितनी राशि खर्च की गई? क्या उक्त कार्यक्रमों हेतु प्रदाय राशि पर्याप्त है? (ख) क्रिकेट खेल की लोकप्रियता को देखते हुए ग्रामों में विभाग स्तर से क्या गतिविधि संचालन/कीट वितरण कराये जा रहे हैं। यदि हाँ, तो कितने? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या जीत कुन डो खेल को शालेय खेल प्रतियोगिता में शामिल किया गया है? यदि नहीं, तो क्या कारण है कि म.प्र. के अधिकाश जिले में प्रचलित यह खेल प्रतियोगिता में शामिल नहीं किया गया?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अतिथि विद्वान प्रयोगशाला तकनीशियनों एवं प्रयोगशाला परिचालकों का नियमितीकरण
[उच्च शिक्षा]
72. ( क्र. 1506 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उच्च शिक्षा विभाग द्वारा शा.महाविद्यालयों में संचालित स्ववित्तीय पाठयक्रमों में कार्यरत अतिथि विद्वान, प्रयोगशाला तकनीशियन एवं प्रयोगशाला परिचालक को नियमित किये जाने की क्या योजना है? (ख) उज्जैन जिले के किन-किन शा. महाविद्यालयों में यह कोर्स संचालित है वर्तमान में कितना मानदेय दिया जा रहा है? उक्त कर्मचारियों को क्या 29 दिन का वेतन दिया जाता है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या उक्त मानदेय पर्याप्त है? (ग) क्या वर्षों से कार्यरत उक्त कर्मचारियों को नियमित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो उक्त पाठयक्रम संचालित करने का क्या औचित्य है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) उच्च शिक्षा विभाग द्वारा शासकीय महाविद्यालयों में संचालित स्ववित्तीय पाठ्यक्रमों में कार्यरत अतिथि विद्वान, प्रयोगशाला तकनीशियन एवं प्रयोगशाला परिचारकों को नियमित किये जाने की कोई योजना नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। मानदेय का भुगतान संबंधित महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति के अनुमोदन अनुसार अशासकीय धनराशि से किये जाने का प्रावधान है। (ग) उत्तरांश 'क' अनुसार। विद्यार्थी हित में उक्त पाठ्यक्रम महाविद्यालयों की जनभागीदारी समितियों द्वारा अशासकीय धनराशि से संचालित किये जाते हैं।
टाउन हाल का जीर्णोद्धार
[नगरीय विकास एवं आवास]
73. ( क्र. 1520 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सतना शहर के इकलौते टाउन हाल में विगत 5 वर्षों में 1 करोड़ से अधिक राशि जीर्णोद्धार के नाम पर खर्च कर दी गयी है? यदि हाँ, तो किस-किस काम में कितनी-कितनी राशि खर्च की गयी है? किस ठेकेदार द्वारा एवं किस इंजीनियर द्वारा उक्त कार्य कराया गया है? (ख) क्या टाउन हाल के अंदर की हालत अत्यंत जर्जर हो चुकी है, फर्नीचर टूट चुका है, मंच में गड्ढे हो गये हैं? क्या जितनी राशि जोर्णोद्धार में व्यय की गयी है इतनी राशि में नया टाउन हाल बनाया जा सकता था? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) सही है तो इस गुणवत्ताहीन कार्य के लिए दोषी ठेकेदार एवं इंजीनियर के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। सतना शहर स्थित टाउन हॉल में विगत पाँच वर्षों में कार्य की आवश्यकता अनुसार कुल राशि रूपये 58.87 लाख के कार्य कराये गये। कराये गये कार्य तथा व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। कार्य करने वाले ठेकेदारों एवं कराने वाले इंजीनियरों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। टाउन हॉल वर्तमान में अच्छी स्थिति में है। टाउन हॉल में निर्माण के समय से ही फर्नीचर नहीं लगाया गया है। जी नहीं। इतनी राशि में नया टाउन हॉल का निर्माण संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन ग्रामों में पट्टे वितरण
[वन]
74. ( क्र. 1547 ) श्री कल सिंह भाबर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले के अंतर्गत वन विभाग के द्वारा वनभूमि पर काबिज कब्जधारी को पट्टे वितरण की क्या कार्यवाही की जा रही है, यदि की गई है तो विकास खण्डवार, ग्रामवार पट्टे प्राप्तकर्ता, हितग्राहियों की सूची उपलब्ध करावें। (ख) पौधारोपण के द्वारा रोपित पौधे के रख-रखाव हेतु प्रति पौधा कितनी राशि का आवंटन प्राप्त होता है और क्या वह राशि पौधों के रख-रखाव पर खर्च की जाती हैं? यदि हाँ, तो थांदला विधानसभा क्षेत्र के वन परिक्षेत्रानुसार आवंटित राशि एवं रोपित पौधों की जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो प्रतिवर्ष पौधा रोपण की स्थिति क्यों निर्मित होती हैं? विगत 04 वर्षों में थांदला विधानसभा क्षेत्र के वनपरिक्षेत्र में रोपे गये पौधों की परिक्षेत्रवार संख्यात्मक जानकारी उपल्ब्ध करावें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) झाबुआ जिले के अंतर्गत वन विभाग के द्वारा वनभूमि पर काबिज कब्जाधारियों को पट्टे वितरण की कार्यवाही नहीं की जा रही है, अपितु वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत झाबुआ जिले के अन्तर्गत 1241 व्यक्तियों को वितरित वनाधिकार पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) पौधा रोपण के द्वारा रोपित पौधे के रख-रखाव हेतु प्रति पौधा के मान से राशि का आवंटन नहीं प्राप्त होता है अपितु विभिन्न योजनाओं अंतर्गत रख-रखाव की राशि प्राप्त होती है। जिसका उपयोग भी रख-रखाव कार्यों पर किया जाता हैं। पौधों के रख-रखाव पर आवंटित राशि एवं रोपित पौधों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) झाबुआ जिले के अंतर्गत वन क्षेत्र वृक्ष विहीन होने के फलस्वरूप कार्य आयोजना में प्रतिवर्ष पौधा रोपण का प्रावधान होने के कारण रोपण किया जाता है। विगत 4 वर्षों में थांदला विधानसभा क्षेत्र के वनपरिक्षेत्र में रोपे गये पौधो की परिक्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -दो अनुसार है।
बद्री विशाल मंदिर समिति
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
75. ( क्र. 1568 ) श्री कैलाश चावला : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मनासा जिला नीमच में स्थित बद्री विशाल मंदिर के संचालन हेतु समिति में कौन-कौन सदस्य हैं? नाम एवं पद सहित जानकारी देवें। (ख) उक्त मंदिर के पास क्या-क्या चल और अचल संपत्ति है? (ग) उक्त समिति की बैठकें गत पाँच वर्षों में किस-किस दिनांक को हुई व क्या-क्या निर्णय लिए गए? (घ) क्या उक्त मंदिर के बारे में प्रश्नकर्ता द्वारा पूर्व के दो सत्रों में भी ब्रदी विशाल मंदिर के बारे में प्रश्न पूछने के बाद भी उक्त मंदिर समिति की कोई बैठक नहीं बुलाई गई, न ही ऑडिट कराया गया तथा अचल संपत्ति की सुरक्षा हेतु कोई कदम नहीं उठाए गए? यदि हाँ, तो इसका दोषी कौन है व उस अधिकारी पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) बद्रीविशाल मंदिर में वर्तमान में कार्य संचालन समिति के पदाधिकारियों में माहेश्वरी समाज से श्री श्याम समदानी अभिभाषक, श्री सत्यनारायण सारडा है। एवं ब्राहमण समाज से श्री नरेन्द्र शर्मा अभिभाषक है। ये इनके समाज द्वारा नियुक्त है। डिस्ट्रीक जज कोर्ट गरोठ के आदेश दिनांक 30.8.1919 के परिप्रेक्ष्य में तहसीलदार मनासा, खण्डचिकित्सक अधिकारी मनासा पदेन सचिव माना गया है। (ख) मंदिर की अचल संपत्ति में मैजा मनासा स्थित कुल किता 02 रकबा 1.084 हे. एवं कुल किता 06 रकबा 1.796 हे. एवं कुल किता 02 रकबा 0.506 हे. भूमि, ग्राम ढंढेरी में स्थित कुल किता 03 रकबा 4.84 हे. भूमि तथा फोफलिया में कुल किता 2 रकबा 6.37 हे. भूमि स्थित है एवं बद्रीविशाल मंदिर के नाम से बैंक में संचालित खातों में कुल जमा राशि 5,64,542.05/- (पाँच लाख चौसठ हजार पाँच सौ बयालिस रूपये) है। (ग) बद्रीविशाल मंदिर के कार्य संचालक हेतु दिनांक 21.08.2015 को तहसीलदार मनासा द्वारा बैठक आयोजित की गई जिसमें माहेश्वरी एवं ब्राहमण समाज से मनोनीत व्यक्तियों को समिति का सदस्यता दी गई एवं कोषाध्यक्ष नियुक्त किये गये इत्यादि निर्णय लिये गये है। (घ) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1887 के तारतम्य में अनुविभागीय अधिकारी मनासा के पत्र क्रमांक 4980/दिनांक 20.11.2017 के पालन में न्यायालय तहसीलदार मनासा द्वारा न्यायालयीन प्रकरण क्रमांक 301/बी-121/17-18 से बद्री विशाल मंदिर की चल-अचल सम्पत्ति, अनियमितता ऑडिट के संबंध में विधिवत प्रकरण दर्ज किया जाकर जाँच कार्यवाही की जा रही है एवं इसके अतिरिक्त अनुविभागीय अधिकारी मनासा के निर्देश पत्र क्रमांक 4969 दिनांक 20.11.2017 द्वारा बद्रीविशाल मंदिर की चल-अचल सम्पत्ति का अवैध क्रय-विक्रय न हो इस हेतु उपपंजीयक मनासा को निर्देशित किया गया है। इसके अतिरिक्त तहसीलदार मनासा बद्री विशालमंदिर समिति के कोषाध्यक्ष को यह निर्देश जारी किये गये है कि मंदिर की चल-अचल सम्पत्ति से संबंधित समस्त वित्तीय संव्यवहार तहसीलदार मनासा की अनुमति से ही किये जाये।
मनासा विधानसभा क्षेत्र में पंचायतों को आवंटित प्रधानमंत्री आवास
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
76. ( क्र. 1577 ) श्री कैलाश चावला : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनासा विधानासभा क्षेत्र में कुल कितनी पंचायतें है? किस-किस पंचायत में कितने-कितने लोग आवासहीनों की सर्वे सूची में दर्ज किए गए हैं व किस-किस पंचायत को कितने-कितने प्रधानमंत्री आवास आवंटित किए गए हैं? पंचायतवार आवासहीनों की संख्या व आवंटित आवासों की संख्या बतावें। (ख) क्या कुछ पंचायतों को अत्यन्त कम संख्या में आवास आवंटित किए गए हैं व कुछ को अधिक? इस विसंगति के क्या कारण हैं? (ग) पंचायतों को प्रधानमंत्री आवास आवंटित किए जाने के क्या मापदण्ड विभाग द्वारा बनाए गए है? मापदण्डों की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) इस तार्किक एवं असमान आवंटन को दूर करने हेतु विभाग क्या कदम उठाने जा रहे हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मनासा विधानसभा क्षेत्र में कुल 97 ग्राम पंचायतें है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार सर्वप्रथम आवासहीनों को आवास आवंटित किये गए तत्पश्चात एक कक्ष कच्चा श्रेणी में पात्र परिवारों की संख्या एवं वंचितता की तीव्रता के आधार पर किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। (घ) पंचायतों की जनसंख्या एवं आकार की विविधता के कारण पात्र परिवारों की संख्या भी भिन्न-भिन्न होती है। लक्ष्य आवंटन में एकरूपता बनाये रखना संभव नहीं है।
वन भूमि का रिकार्ड
[वन]
77. ( क्र. 1596 ) श्री घनश्याम पिरोनियाँ : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिलों में वन विभाग के अंतर्गत कितनी-कितनी वन भूमि कौन-कौन से सर्वे नम्बरों में उपलब्ध है? (ख) क्या वर्ष 1943-44 में दतिया गिर्द के सभी सर्वे नम्बरों में जंगल दर्ज है? यदि हाँ, तो विवरण प्रकाशित गजट की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) क्या उक्त सर्वे नम्बरों में भूमि सर्वे नम्बर 2206, 2474/4 एवं 257 भी सम्मिलित है? यदि हाँ, तो उक्त सर्वे नम्बरों में वन विभाग के रिकार्ड में वर्ष 1943-44 तथा वर्तमान रिकार्ड में किस श्रेणी की भूमि दर्ज है? कृपया क्षेत्रफल सहित विस्तृत विवरण दें। (घ) क्या उक्त सर्वे नम्बरों के संबंध में वन विभाग द्वारा गजट प्रकाशित किया गया है? यदि हाँ, तो गजट और नक्शा की प्रति उपलब्ध करायें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में स्थानीय निवासियों को नौकरियों में प्राथमिकता
[उद्योग नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
78. ( क्र. 1604 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ए.के.व्ही.एन. द्वारा पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के सेक्टर 1,2,3,4,5 में अभी तक कुल कितने हेक्टर भूमि निजी भूमि कुल कितने परिवारों से जिला प्रशासन के माध्यम से अधिग्रहित की गई है? (ख) पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित उद्योगों में स्थानीय (तहसील धार) निवासियों को नौकरियां दिये जाने हेतु ए.के.व्ही.एन. द्वारा कोई कार्य योजना अथवा दिशा निर्देश उद्योगों को दिये हैं? (ग) यदि हाँ, तो संक्षिप्त जानकारी देवे तथा पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में कितने स्थानीय (धार तहसील) निवासियों को पिछले तीन वर्षों में वर्षवार कितनी नौकरिया प्रदान की गई है तथा इन नौकरियों में से कितने विस्थापित परिवारों के सदस्यों को नौकरिया दी गई है? (घ) यदि नहीं, तो विस्थापित प्रभावित परिवारों एवं स्थानीय निवासियों को पीथमपुर क्षेत्र के उद्योगों में प्राथमिकता के क्रम में नौकरियां दिये जाने के माननीय मुख्यमंत्रीजी की मंच से की गई अपील पर विभाग द्वारा क्या कार्रवाई की जा रही है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के सेक्टर-1,2,3,4,5 में अभी तक 969 कृषकों से कुल रकबा 1854.396 हेक्टेयर निजी भूमि औद्योगिक प्रयोजन हेतु अधिग्रहित की गई हैं, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) जी नहीं। अपितु उद्योग संचालनालय मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा प्रभावित भूमि स्वामियों को रोजगार उपलब्ध कराने की दृष्टि से निर्देश जारी किये हैं। (ग) पिछले तीन वर्षों में औद्योगिक प्रयोजन हेतु कोई निजी भूमि ए.के.व्ही.एन. द्वारा अधिग्रहित नहीं की गयी हैं, अपितु पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित उद्योगों द्वारा विस्थापित परिवार के 75 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध कराया गया हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) विभाग का यह प्रयास रहता हैं कि स्थापित हो रहे उद्योगों में स्थानीय निवासियों को योग्यतानुसार अधिक से अधिक रोजगार प्राप्त हो।
विधायक निधि से स्वीकृत राशि
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
79. ( क्र. 1606 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास निधि में विधायक की अनुशंसा पर तकनीकी प्रतिवेदन में अंकित राशि अनुशंसित कार्य हेतु स्वीकृत की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासकीय निर्माण एजेन्सी कार्य के लिये ऑन लाईन निविदा आमंत्रित करती है तथा क्या जिला प्रशासन संबंधित कार्य हेतु स्वीकृत राशि निर्माण एजेन्सी को जारी करता है? (ग) यदि हाँ, तो निविदा दर 15 से 20 प्रतिशत कम आने पर स्वीकृत राशि से शेष बची राशि क्या निर्माण एजेन्सी द्वारा वापस राज्य योजना अथवा जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय को वापस करती है? (घ) यदि नहीं, तो इस अवशेष राशि का किस प्रकार से किसके द्वारा उपयोग किया जाता है? (ङ) क्या राज्य योजना एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा इस राशि को निर्माण एजेन्सी से पुनः वापस लेकर संबंधित विधानसभा क्षेत्र हेतु आवंटित राशि में समायोजित करने हेतु कोई प्रावधान प्रचलित है? यदि नहीं, तो इस बाबत् प्रावधान निर्मित किये जावेंगे?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) स्वीकृत राशि से शेष राशि बची राशि शासकीय कोषालय में जमा करने के निर्देश है। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड़) ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। इस बाबत् कोई प्रस्ताव नहीं है।
रपटा सह स्टॉप डेम निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
80. ( क्र. 1611 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले के भगवानपुरा विकासखण्ड में परियोजना मद अतंर्गत निर्मित सातमाता मंदिर (धूलकोट) रपटा सह स्टॉप डेम का साईट प्लान, खसरा नक्शा, प्रशासकीय स्वीकृति, पूर्णता प्रमाण-पत्र की प्रति देवें। (ख) क्या उक्त कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति जिस लोकेशन/खसरे के लिए प्राप्त हुई, क्या उसी खसरे पर निर्माण कार्य किया गया है? (ग) सातमाता रपटा निर्माण के स्थल/निर्माण कार्य के समस्त निरीक्षण/रिपोर्ट की प्रति देवें। विगत 4 वर्ष में इस संबंध में प्रश्नकर्ता की शिकायतें एवं उनके जवाब/जाँच प्रतिवेदन की प्रति देवें। (घ) क्या यह जाँच की जावेगी की यह रपटा प्रशासकीय स्वीकृति वाले स्थान पर नहीं बना है? कहाँ बना है या नहीं बना है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जी नहीं। अधीक्षण यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा इंदौर द्वारा स्थल की जाँच की जा चुकी है। जिसमें रपटा सह स्टाप डेम निर्धारित स्थल पर बना है।
अवैध पी.एच.डी. डिग्री की शिकायत
[उच्च शिक्षा]
81. ( क्र. 1620 ) एडवोकेट सत्यप्रकाश सखवार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग के एक अपर संचालक के द्वारा वर्ष 2011-12 में अवैध रूप से जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर से पी.एच.डी. किये जाने की शिकायत पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई है तो क्यों? (ख) क्या कोई डिग्री 25 दिसम्बर क्रिसमस के अवकाश पर जारी हो सकती हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित पी.एच.डी. के लिए जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय नई दिल्ली से माइग्रेशन सार्टिफिकेट कब जारी होकर प्राप्त हुआ? क्या बिना माइग्रेशन के पी.एच.डी. की जाना संभव है? यदि नहीं, तो ऐसी अवैध पी.एच.डी. कराने के लिये कौन कौन दोषी है? (घ) क्या यह संभव है कि उक्त अधिकारी के द्वारा बिना माइग्रेशन के भोपाल यूनिवर्सिटी से समाजशास्त्र में एम.ए. की उपाधि प्राप्त कर ली जाये? यदि नहीं, तो क्या विभाग जाँच कर अपराध दर्ज करायेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) वर्ष 2011-12 में आदिम जाति कल्याण विभाग के एक अपर संचालक (श्री सुरेन्द्र सिंह भण्डारी) द्वारा की गयी पीएच.डी. पर संस्थित जाँच अपर संचालक प्रशासन उच्च शिक्षा भोपाल द्वारा की जा रही है, जो कि प्रक्रियाधीन है। (ख) दिनांक 25.12.2011 को जारी अधिसूचना में उक्त शोधार्थी के अतिरिक्त अन्य दो शोधार्थी भी अधिसूचना में सम्मिलित हैं। विश्वविद्यालय में अवकाश के दिनों में भी गोपनीय कार्य संपादित किया जा सकता है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश ’क’ में प्रक्रियाधीन जाँच पूर्ण होने एवं उसके निष्कर्षों के अनुसार।
टोंकखुर्द के अधूरे कॉलेज भवन
[उच्च शिक्षा]
82. ( क्र. 1651 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र के नगर टोंकखुर्द में महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं के उज्जवल भविष्य के लिए कॉलेज भवन स्वीकृत किया गया था? (ख) क्या ग्राम टोंकखुर्द में कॉलेज भवन स्वीकृत होकर निर्माणकार्य प्रारंभ हुआ था, जिसका कार्य अधूरा ही छोड़ दिया गया, जिसके कारण छात्र-छात्राओं को पढ़ाई करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है? (ग) क्या शासन छात्र-छात्राओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उक्त अधूरे कॉलेज भवन को पूरा करने हेतु राशि स्वीकृत करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। शासकीय महाविद्यालय, टोंकखुर्द के भवन निर्माण हेतु म.प्र. शासन, उच्च शिक्षा विभाग के पत्र क्र. 968/924/2014/38-2, दिनांक 18.07.2014 द्वारा राशि रू. 101.40 लाख स्वीकृत किये गये थे। (ख) लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. द्वारा स्वीकृत राशि रू. 101.40 लाख का पूर्ण उपयोग कर निर्माण कार्य किया गया है, महाविद्यालय भवन अभी अपूर्ण है। वर्तमान में महाविद्यालय, उत्कृष्ट विद्यालय के भवन में संचालित है। (ग) जी हाँ। महाविद्यालय भवन के शेष निर्माण कार्य एवं विद्युतीकरण को पूर्ण करने के लिए निर्माण एजेंसी से राशि रू. 127.05 लाख का अतिरिक्त प्राक्कलन/प्रस्ताव प्राप्त हुआ है, जिस पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। स्वीकृति हेतु समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री सड़क निर्माण में अनियमितता की जाँच कराया जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
83. ( क्र. 1677 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र के मझगवां विकासखण्ड जैतवारा बिरसिंहपुर मार्ग से खांच मार्ग में प्रधानमंत्री रोड निर्माण कार्य चल रहा है, जिसमें अर्थवर्क में सिलेक्टेड स्वायल का प्रयोग नहीं किया गया तथा प्राक्कलन में जिन आइटमों में जो दरें लगाई गई हैं उससे अधिक दर माप पुस्तिका में अंकित कर ठेकेदार को लाभ पहुंचाया गया है? क्या पुलियों में कांक्रीट करने पर ग्रेडेड मटेरियल का उपयोग नहीं किया गया तथा कांक्रीट में गिट्टी 20 एम.एम. की जगह 40 एम.एम. की प्रयोग की जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या श्री चन्द्रशेखर अग्निहोत्री (राजगुरू) द्वारा दिनांक 21.08.2017, 26.09.2017 मुख्य सचिव, मध्यप्रदेश शासन, कलेक्टर सतना को तथा दिनांक 12.12.2017 को पुन: मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन एवं माननीय मुख्यमंत्री जी को शिकायत की गई थी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) यदि हाँ, तो उक्त मार्ग का निर्माण गुणवत्ताविहीन बनाए रखने की जाँच उच्च स्तरीय समिति गठित कर, शिकायतकर्ता को सुना जाकर की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) भारत शासन के निर्देशानुसार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्मित मार्गों की त्रिस्तरीय गुणवत्ता नियंत्रण प्रणाली स्थापित है, जिसमें प्रत्येक मार्ग का नियमित पर्यवेक्षण किया जाता है। अतः पुनः जाँच की आवश्यकता नहीं है।
स्टोन क्रेशर लगाने की अनुमति
[खनिज साधन]
84. ( क्र. 1682 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ में वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक नवीन स्टोन क्रेशर लगाने की अनुमति किसको एवं कब स्वीकृत की गई? क्रेशर मालिक का नाम पता सहित सूची उपलब्ध करायें. क्रेशर स्टोन हेतु नियम की प्रति उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किन-किन ग्रामों में स्टोन क्रेशर स्थापित किये गये. स्थापित स्टोन क्रेशर निजी भूमि पर काबिज हैं अथवा शासकीय भूमि पर? स्टोन क्रेशर संचालन हेतु कितनी भूमि लीज पर दी गई? लीज पर दी गई भूमि के खसरा नंबर की जानकारी भी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने स्टोन क्रेशर संचालक/फर्म के पास में भण्डारण की अनुमति है, कितनों के पास नहीं है? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें तथा स्टोन क्रेशर लगाने के पूर्व पर्यावरण विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र कितनों ने लिया है।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में स्टोन क्रेशर स्थापित करने के लिये अनुमति दिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर अनुसार क्रेशर स्थापना की स्वीकृति के प्रावधान न होने के कारण प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
स्वीकृत निर्माण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
85. ( क्र. 1683 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला अनूपपुर के विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ अंतर्गत पवित्र नगर पंचायत अमरकंटक के विकास के लिये वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री द्वारा किन किन निर्माण कार्यों की घोषणा अथवा भूमिपूजन किया गया? विकास कार्य का नाम सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) विभाग द्वारा पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि के कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत हुये हैं? (ग) उक्त स्वीकृत कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं? सूची उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार निर्माण कार्यों में लगे जिन मजदूरों की मजदूरी का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है, उसके कारण बतायें। मजदूरों की मजदूरी का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जिला अनूपपुर के विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ अंतर्गत पवित्र नगर पंचायत अमरंकटक के विकास के लिये वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा अथवा भूमिपूजन की विकास कार्यों के नाम सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''ब-01'' अनुसार है। (ग) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 01 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक उक्त स्वीकृत कार्यों में से नगरीय क्षेत्र के 25 एवं ग्रामीण क्षेत्र के 24347 कार्य पूर्ण किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' एवं ''स- 01'' अनुसार है। (घ) जी नहीं निर्माण कार्यों में लगे मजदूरों की मजदूरी का भुगतान लंबित नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पाईप लाईनों की मरम्मत
[नगरीय विकास एवं आवास]
86. ( क्र. 1692 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर निगम जबलपुर शहरवासियों को प्रतिदिन कितने एम.एल.डी. पानी वर्तमान में सप्लाई कर रहा हैं? मांग पूर्ति की क्या स्थिति है? किन-किन जल शोधन संयत्रों से किन-किन वार्डों को कितने-कितने एम.एल.डी. पानी की पूर्ति की जा रही हैं। लीकेज/सीवेज से रोजाना कितने प्रतिशत कितने एम.एल.डी. पानी बर्बाद हो रहा हैं? (ख) नगर निगम जबलपुर ने आगामी ग्रीष्मकाल में पेय जल की समुचित आपूर्ति करने पानी की बर्बादी को रोकने व जल प्रबंधन की दिशा में क्या-क्या प्रयास किये हैं? शहर के किन-किन क्षेत्रों में कहाँ-कहाँ पर किस कारण से कितना-कितना पानी बर्बाद हो रहा है? (ग) विगत 3 वर्षों में प्रश्नांश (क) में पाईप लाईनों की मरम्मत, विस्तार व जलशोधन संयत्रों के रख-रखाव मरम्मत, सुधार कार्य पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई हैं। मेन राइजिंग व डिस्ट्रीब्यूशन लाइनों के लीकेज सुधार पर कितनी राशि व्यय हुई? रांझी क्षेत्र की पाईप लाईनों में लीकेज से पानी की बर्बादी को रोकने हेतु क्या प्रयास किये गये है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर निगम जबलपुर के द्वारा शहरवासियों को प्रतिदिन 229 एम.एल.डी. पानी की जलापूर्ति की जा रही है। परियट जलाशय वाले क्षेत्र को छोड़कर शहर की मांग पूर्ति सामान्य है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जल उत्पादन से वितरण तक लगभग 23 एम.एल.डी. पानी लीकेज व जलशुद्धिकरण प्रक्रिया के दौरान खर्च हो रहा है। (ख) इस वर्ष अल्पवर्षा के कारण परियट जलाशय एवं खंदारी जलाशय अपनी पूर्ण क्षमता से नहीं भरा है। इसके लिये दांयी तट नहर से पानी लेने के लिये पंप लगाकर लगभग 25 एम.एल.डी. पानी लिया जा रहा है, जिससे ग्रीष्मकाल में परियट से जलापूर्ति सामान्य रहे। पानी के समुचित उपयोग एवं अपव्यय को रोकने के लिये राईजिंग मेन व वितरण लाइनों में लीकेज संधारण कार्य सतत् जारी है। सामान्यत: शहर में पाईप लाईन के लीकेज आदि के कारण जल का अपव्यय होता है। यह लीकेज नगर निगम, जबलपुर एवं अन्य विभागों द्वारा विभिन्न योजनाओं में चल रहे निर्माण उन्नयन कार्यों, खुदाई कार्यों के कारण लाईन क्षतिग्रस्त होने से होता है। इस कारण से लगभग 11 एम.एल.डी. पानी का अपव्यय होता है, जिसे कम करने के प्रयास हमेशा किये जाते है। (ग) विगत 03 वर्षों में पाईप लाइनों की मरम्मत, विस्तार व जलशोधन संयंत्रों के रख-रखाव, सुधार कार्य में राशि रू. 30.51 करोड़ का व्यय किया गया है, जिसमें से मेन राईजिंग व डिस्ट्रीब्यूशन लाइनों के लीकेज सुधार पर राशि रू. 2.82 करोड़ का व्यय किया गया है। रांझी क्षेत्र की पाइप लाइनों लीकेज की जानकारी प्राप्त होते ही सुधार कार्य कर पानी का अपव्यय रोका जाता है।
मुख्य नगर पालिका अधिकारी पद की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
87. ( क्र. 1701 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर परिषदों में मुख्य नगर पालिका अधिकारी का पद लोक सेवा आयोग वर्ग का होता है? यदि हाँ, तो भोपाल संभाग की किन-किन नगर परिषदों में लोक सेवा आयोग से चयनित अधिकारी पदस्थ है? परिषद्वार ब्यौरा दें। (ख) क्या विभाग द्वारा मुख्य नगर पालिका अधिकारी के पद पर पदोन्नति की प्रक्रिया भी अपनाई जाती है? यदि हाँ, तो क्या प्रक्रिया है? विगत 3 वर्ष के दौरान किन किन अधिकारियों को इस प्रक्रिया के तहत पदोन्नति प्रदान की गई वर्षवार पदोन्नत अधिकारियों के नाम सहित ब्यौरा दें। (ग) क्या जिन नगर परिषदों में लोक सेवा से चयनित अधिकारी नहीं हैं वहां राजस्व उपनिरीक्षक को प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी का प्रभार दिया जाता है, जबकि लेखापाल व यू.डी.सी. की योग्यता राजस्व उपनिरीक्षक की योग्यता से अधिक होती है फिर उन्हें प्रभार क्यों नहीं दिया जाता है? इस संबंध में क्या नियम हैं? उपलब्ध कराएं। (घ) क्या प्रदेश की सभी नगर पालिकाएं और नगर परिषद् ई-नगर पालिका हो चुकी हैं? यदि हाँ, तो क्या प्रदेश की सभी नगर पालिकाओं में पदस्थ मुख्य नगर पालिका अधिकारी ई- नगर पालिका के मापदंड पर खरे उतर रहे है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। मुख्य नगर पालिका अधिकारी के पद पदोन्नति संबंधी प्रस्ताव प्रशासकीय विभाग द्वारा मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग को प्रेषित किए जाते है। प्रेषित प्रस्ताव अनुसार विभागीय पदोन्नत समिति की तिथि निर्धारण उपरांत मुख्य नगर पालिका अधिकारी पद पर पदोन्नति पर विचार किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 की की धारा 89 के प्रावधानों के अनुरूप कर्मचारियों को मुख्य नगर पालिका अधिकारी पद का प्रभार प्रशासनिक दृष्टि से शासन द्वारा दिया जाता है। सामन्यत: नगरीय निकायों के ऐसे कर्मचारी जो मुख्य नगर पालिका अधिकारी के पदोन्नति के चैनल में आते हैं, उन्हें ही प्रभार दिया जाता है। लेखापाल तथा यू.डी.सी. म.प्र. नगर पालिका सेवा (कार्यपालन) नियम 1973 की द्वितीय अनुसूची के अनुसार मुख्य नगर पालिका अधिकारी के पदोन्नति चैनल में न होने के कारण सामान्यत: इन्हें प्रभार नहीं दिया जाता है। द्वितीय अनुसूची की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। नगर पालिका एवं नगर परिषद् में पदस्थ मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं अन्य संबंधित स्टाफ को पूर्व में ई-नगर पालिका के सुचारू क्रियान्वयन हेतु प्रशिक्षण कराया गया है। वर्तमान में भी आवश्यकता अनुसार प्रशिक्षिण संभाग एवं संचालनालय स्तर पर आयोजित किए जा रहे हैं।
साहूकारी लायसेंस
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
88. ( क्र. 1702 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा म.प्र. साहूकारी लायसेंस अधिनियम 1934 के तहत साहूकारी लायसेंस प्रदान किए जाते हैं? यदि हाँ, तो यह लायसेंस प्रदान करने के लिए जिला, ब्लॉक एवं ग्राम पंचायत स्तर पर किस-किस अधिकारी को अधिकार प्रदान किए गए हैं? ब्यौरा दें। (ख) इछावर विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक विगत 3 वर्ष के दौरान कितने लोगों ने साहूकारी लायसेंस के लिये आवेदन किया है वर्षवार, ब्लॉकवार और ग्रामवार ब्यौरा दें? (ग) क्या इछावर विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक विगत 3 वर्ष के दौरान साहूकारी लायसेंस जारी किए गए हैं? यदि हाँ, तो जारी किए साहूकारी लायसेंसी का वर्षवार, ब्लॉकवार और ग्रामवार ब्यौरा दें। यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या इछावर विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत कार्यरत सभी साहूकारों ने अपने कारोबार का लेखा जोखा निर्दिष्ट अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किया है? यदि हाँ, तो वर्षवार, ब्लॉकवार और ग्रामवार ब्यौरा दें। यदि नहीं, तो क्यों तथा अनियमितता करने वालों पर क्या कार्रवाई की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। मध्यप्रदेश साहूकार अधिनियम, 1934 की धारा 2 के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में अपने-अपने पंचायत क्षेत्र में रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी ग्राम/जनपद/जिला पंचायत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) निरंक। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गरीबी रेखा से नाम काटने पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
89. ( क्र. 1705 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरीबी रेखा में जीवन यापन करने वाले व्यक्तियों को गरीबी रेखा में नाम जोड़ने एवं काटने के क्या नियम हैं? नियम की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) दिनांक 01 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कितने व्यक्तियों के नाम गरीबी रेखा में जोड़े गये तथा कितने काटे गये? (ग) प्रश्नांश की कंडिका (क) अनुसार क्या उपलब्ध शासकीय नियम में गरीबी रेखा से नाम काटने से पूर्व नोटिस अथवा हितग्राही को सूचना देने का नियम है? यदि हाँ, तो प्रश्न की कंडिका (ख) अनुसार गरीबी रेखा में काटे गये हितग्राहियों को क्या नोटिस जारी किया गया था तथा सुनवाई का अवसर दिया गया था। (घ) प्रश्नांश की कंडिका (ग) में दिये गये उत्तर अनुसार क्या प्रश्न की कंडिका (क) में बताये गये शासकीय नियम का पालन हुआ? यदि नहीं, तो इस अनियमितता के लिए शासन क्या किस पर एवं कब तक कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट अनुसार है। (ख) दिनांक 01 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक नरसिंहगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 401 व्यक्तियों के नाम गरीबी रेखा में जोड़े गये तथा 1182 नाम काटे गये। (ग) जी नहीं। सक्षम कार्यालय के निर्णय से सहमत न होने की स्थिति में आवेदक के पास अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के समक्ष अपील करने का विकल्प उपलब्ध है। (घ) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर पंचायत बोडा द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग के नियमों का उल्लघन संबंधी
[नगरीय विकास एवं आवास]
90. ( क्र. 1709 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश, जिस में निर्वाचित विधायक को उसकी विधानसभा क्षेत्र में होने वाले भूमिपूजन/उद्घाटन/लोकापर्ण में आंमत्रित करने का नियम है, नगर पंचायत बोडा पर भी लागू होता है? (ख) यदि हाँ, तो क्या नगर पंचायत बोडा में दिनांक 23/12/2017 को आयोजित हुये कार्यक्रम में प्रश्नकर्ता विधायक को भी सामान्य प्रशासन विभाग के दिये गये निर्देश के अनुरूप आंमत्रित किया गया था? यदि हाँ, तो जानकारी दें व नगर पंचायत के आंमत्रण पत्र की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) यदि निर्वाचित विधायक को सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश अनुसार आंमत्रित नहीं किया तो शासन इस संबंध में विभाग क्या कार्यवाही कब तक करेगा? कार्यवाही नहीं करेगा? तो क्यों नहीं, कारण बतावें? (घ) क्या इस संबंध में प्रश्नकर्ता विधायक आयुक्त नगरीय विकास को पत्र क्रमांक 5060/MLA/18 दिनांक 5/01/2018 को आपत्ति दर्ज की? हाँ तो इस पर क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश ’ख’ के परिप्रेक्ष्य में प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर परिषद् बोड़ा द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों का पालन नहीं करने के कारण संचालनालय के पत्र क्रमांक 3934 भोपाल, दिनांक 20.02.2018 के द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। (घ) जी हाँ, उत्तरांश ’ग’ के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगर पंचायत कुरावर द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग के नियमों का उल्लंघन
[नगरीय विकास एवं आवास]
91. ( क्र. 1710 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश जिस में निर्वाचित विधायक को उसकी विधानसभा में होने वाले भूमिपूजन/उद्घाटन/लोकापर्ण में आंमत्रित करने का नियम है? यदि हाँ, तो वह नगर पंचायत कुरावर पर भी लागू होता है? (ख) यदि हाँ, तो क्या नगर पंचायत कुरावर में दिनांक 01 अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक आयोजित हुये कार्यक्रमों में प्रश्नकर्ता विधायक को भी सामान्य प्रशासन विभाग के दिये गये निर्देशों के अनुरूप आंमत्रित किया गया? यदि हाँ, तो जानकारी दें व नगर पंचायत के आंमत्रण पत्रों की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश की कंडिका (ख) की जानकारी अनुसार यदि निर्वाचित विधायक को सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशानुसार आंमत्रित नहीं किया गया तो शासन इस संबंध में विभाग क्या कार्यवाही कब तक करेगा? कार्यवाही नहीं करेगा तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) नगर परिषद् कुरावर द्वारा 01 अप्रैल, 2015 से प्रश्न दिनांक तक भूमि पूजन एवं अन्य कार्यक्रम स्थानीय स्तर पर रखे गये जिसमें नगर परिषद् के पार्षदगणों एवं स्थानीय नागरिकों को सूचना दी गई उक्त कार्यक्रम हेतु कोई आमंत्रण पत्र निकाय द्वारा नहीं छपवाये गये इस कारण माननीय विधायक महोदय को आमंत्रण पत्र प्रेषित नहीं किया गया। (ग) उत्तरांश ’ख’ के परिप्रेक्ष्य में प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर परिषद् कुरावर द्वारा निर्वाचित विधायक को सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों का उल्लंघन कर, आमंत्रित नहीं किये जाने के लिये संचालनालय के पत्र क्रमांक 3917 भोपाल, दिनांक 20/02/2018 के द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है।
स्वच्छ भारत अभियान अंतर्गत शौचालय निर्माण का भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
92. ( क्र. 1717 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत वर्ष 2014-15 से 2017-18 तक शौचालय निर्माण हेतु कितना लक्ष्य निर्धारित किया गया था? लक्ष्य अनुसार किन-किन जनपद पंचायतों एवं ग्राम पंचायतों के द्वारा शौचालय के निर्माण करा लिये गये हैं? किन-किन ग्राम पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त पंचायत घोषित किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में निर्मित शौचालय किन-किन मदों से कितनी-कितनी संख्या में निर्मित कराए गए? पृथक-पृथक विवरण देवें। निर्मित शौचालयों में से कितने शौचालयों का निर्माण स्वयं हितग्राहियों द्वारा किया गया एवं कितने निर्माण अन्य एजेन्सियों द्वारा कराया गया, का विवरण जनपद पंचायतवार देवें। (ग) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 3249 के तारतम्य में राज्य कार्यक्रम अधिकारी, राज्य स्वच्छ भारत (ग्रामीण) भोपाल के पत्र क्र 5021/22/स्था./जि.ज./SBM/2017 भोपाल, दिनांक 27/11/2017 को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सिवनी को लेख कर प्रतिवेदन चाहा गया था? यदि हाँ, तो प्रतिवेदन की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (घ) क्या सिवनी विधान सभा की ग्राम पंचायत बीझावाड़ा के 47 शौचालयों का निर्माण मानक अनुरूप नहीं होने के कारण भुगतान लंबित है? यदि हाँ, तो उक्त पंचायत को ओ.डी.एफ. क्यों घोषित किया गया? कारण स्पष्ट करें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) शौचालय निर्माण के लक्ष्य एवं पूर्ति की जानकारी तथा खुले में शौच से मुक्त ग्राम पंचायत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' एवं '2' अनुसार है। (ख) शौचालय निर्माण, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रा.) अंतर्गत निर्मित किये गये हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '3' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '4' अनुसार है। (घ) जी हाँ। ग्राम पंचायत बीझावाड़ा में निर्मित शौचालयों के उपयोग करने एवं ग्राम पंचायत बीझावाड़ा में सार्वजनिक शौचालय के उपयोग किये जाने के कारण ग्राम पंचायत बीझावाड़ा को ओ.डी.एफ. घोषित किया गया है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा शासकीय वाहनों का दुरूपयोग
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
93. ( क्र. 1718 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 30/11/2017 के तारांकित प्रश्न क्रमांक 1160 के उत्तर में भ्रामक और असत्य जानकारी उपलब्ध कराने पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सिवनी को सत्य जानकारी उपलब्ध कराने हेतु प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा पत्र प्रेषित किया गया है? (ख) क्या सी.ई.ओ. श्री स्वरोचिष सोमवंशी जिला पंचायत सिवनी द्वारा अनुबंधित वाहन क्रमांक MP66-T-3565, सफारी वाहन मालिक श्री कपिल कुमार पिता खानचंदा, राजपूत कॉलोनी, सिवनी, वाहन को श्री सोमवंशी द्वारा जिला रायसेन की पदस्थापना के दौरान भी अनुबंधित कर किराये पर लगाया गया था? यदि हाँ, तो क्या शासन प्रकरण की सम्पूर्ण जाँच करायेगा? यदि नहीं, तो, कारण स्पष्ट करें। (ग) तारांकित प्रश्न क्रमांक 1160 दिनांक 30/11/2017 के उत्तर में जिला पंचायत सिवनी द्वारा अनुबंधित वाहन क्रमांक MP66-T-3565, सफारी वाहन मालिक श्री कपिल कुमार पिता खानचंदा का स्थायी पता राजपूत कॉलोनी, सिवनी, बताया गया है, जबकि उक्त नाम का कोई भी व्यक्ति दर्शित पते पर वर्तमान में निवासरत् नहीं है और उत्तर में बताया गया व्यक्ति MIG-126 नवजीवन बिहार, विद्यानगर, सिंगरौली का निवासी है और वाहन भी जिला सिंगरौली आर.टी.ओ. कार्यालय से पंजीबद्ध है, जो टैक्सी परमिट पैड नहीं है? यदि हाँ, तो संबंधित दोषी अधिकारी के विरूद्ध शासन कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जी हाँ। जाँच कराई जाकर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी।
प्रस्तावित एवं लंबित कार्यों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
94. ( क्र. 1739 ) श्री सचिन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के द्वारा विभागवार कितने कार्य प्रगतिरत हैं? कितने कार्य अप्रांरभ हैं? कितने कार्यों के प्रस्ताव प्रस्तावित हैं? कितने लंबित हैं और क्यों? वर्तमान में उनकी अद्यतन स्थिति क्या है? प्रश्नांकित दिनांक तक की स्थिति में विकासखण्डवार एवं ग्रामवार जानकारी दें। (ख) उक्त क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान में किस-किस सड़क मार्ग एवं पुल-पुलियों का निर्माण कार्य किया जाना है? कितनी जीर्ण-शीर्ण हैं? प्रश्नांकित दिनांक तक की स्थिति में विकासखण्डवार एवं ग्रामवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ प्रश्नकर्ता द्वारा प्राप्त पत्र में से कितने कार्य कब-कब प्रस्तावित किये गये? इनमें से वर्तमान में कितने कार्यों के प्रस्ताव प्रस्तावित हैं? कितने अप्रस्तावित हैं और क्यों? कितने स्वीकृत हैं, कितने लंबित हैं और क्यों? कितने कार्य प्रगतिरत हैं, कितने कार्य प्रांरभ हैं और क्यों? प्रश्नांकित दिनांक तक की स्थिति में विकासखण्डवार एवं ग्रामवार जानकारी दें। (घ) उपरोक्त लंबित निर्माण कार्यों में विलंब के क्या कारण हैं? इन प्रस्तावों की स्वीकृति कब तक जारी कर दी जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्र में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा कराये जा रहे प्रगतिरत, अप्रारंभ कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा अंतर्गत कार्य स्वीकृति हेतु प्रस्तावित नहीं हैं। (ख) उक्त क्षेत्रान्तर्गत कराये जा रहे समस्त निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। कार्य जीर्ण-शीर्ण नहीं हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उपलब्ध राशि विभाग अंतर्गत पूर्व स्वीकृत कार्यों हेतु आबद्ध होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) जानकारी उत्तरांश (ग) अनुसार है।
सड़कों के निर्माण कार्यों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
95. ( क्र. 1740 ) श्री सचिन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा प्रश्न क्रमांक-1560 दिनांक 30.11.2017 के विभागीय उत्तरों के तारतम्य में ग्राम मगरखेड़ी बामंदी मुख्य मार्ग से नीमबेड़ी लंबाई 1.5 किलोमीटर, कसरावद खरगोन मुख्य मार्ग से नवलपुरा, लंबाई लगभग 03 किलोमीटर, सिपटान से मेहलबेड़ी लंबाई लगभग 03 किलोमीटर, उटावद से कालीकराय लंबाई लगभग 04 कि.मी. एवं बिटनेरा गोगावा से बडि़या सहेजला लंबाई लगभग 03 कि.मी. तक की प्रस्तावित सड़कों के निर्माण कार्यों को कब-कब किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों की देख-रेख में किया गया? वर्तमान में इन सड़क मार्गों की वस्तुस्थिति क्या है? (ख) क्या उक्त सड़क मार्ग पूर्ण संधारित होकर आवागमन योग्य है? यदि हाँ, तो प्रश्नांकित दिनांक तक की स्थिति में उक्त मार्गों का निरीक्षण कर तत्संबंध में जानकारी दें तथा संबंधित निरीक्षणकर्ता अधिकारी/कर्मचारियों के पदनाम सहित जानकारी भी दें। (ग) उक्त सड़क मार्गों का निर्माण कार्य समय पर नहीं करने के क्या कारण हैं और इन पर कब से निर्माण कार्य नहीं हुआ है? दिनांकवार, सड़क मार्गवार जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (क) में दर्शित प्रश्न के विभागीय उत्तरों में उल्लेखित मार्गों की वस्तु स्थिति का निरीक्षण किन-किन संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा किया गया? तत्समय की रिपोर्ट सहित जानकारी दें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मगरखेड़ी बामंदी मुख्य मार्ग से नीमबेड़ी सड़क का निरीक्षण कार्यपालन यंत्री श्री जे.सी.पवार, सहायक यंत्री श्री आर.पी. मेहरा एवं श्री रविकांत पाराशर, उपयंत्री तथा कसरावद खरगोन मुख्य मार्ग से नवलपुरा सड़क का निरीक्षण श्री आर.पी.मेहरा, सहायक यंत्री एवं श्री शोभाराम बेनल, उपयंत्री द्वारा कार्यपालन यंत्री सहित किया गया। निरीक्षण प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत सड़कों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
96. ( क्र. 1790 ) श्री वेलसिंह भूरिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सरदारपुर जिला धार में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत कितनी सड़कें स्वीकृत हैं? इनमें से कितनी पूर्ण एवं कितनी अपूर्ण हैं? (ख) 100 की आबादी तक के ग्रामों एवं मजरे-टोलों को मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना से कब तक जोड़ा जायेगा? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा इन सड़कों की गुणवत्ता ठीक न होने व घटिया गुणवत्ता की जाँच की मांग की गई थी? (घ) यदि हाँ, तो क्या विभाग इनकी गुणवत्ता की जाँच क्षेत्रीय विधायक के समक्ष करवायेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) उक्त विधान सभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत 20 सड़कें स्वीकृत हैं, इनमें से 15 सड़कें पूर्ण एवं 05 सड़कें अपूर्ण हैं। (ख) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत राजस्व ग्रामों को जोड़े जाने का प्रावधान है, अतः मजरे-टोलों को इस योजनांतर्गत नहीं जोड़ा जा सकता। (ग) प्रश्नकर्ता का गुणवत्ता की शिकायत के संबंध में पत्र संज्ञान में नहीं है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय एवं निजी विश्वविद्यालयों की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
97. ( क्र. 1810 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कुल कितने शासकीय एवं निजी विश्वविद्यालय हैं? इनमें से कितने शासकीय विश्वविद्यालयों में कुलपति के पद रिक्त हैं? विश्वविद्यालयवार विवरण दें। रिक्त कुलपति के पदों पर वर्तमान में कौन-कौन अधिकारी-कर्मचारी प्रभारी कुलपति के रूप में कार्य कर रहे हैं? इन प्रभारी कुलपतियों के खिलाफ 1 जनवरी, 2015 के बाद कब-कब, किस-किस प्रकार की शिकायत विभाग को प्राप्त हुई? विभाग द्वारा उस पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) मानव संसाधन विभाग द्वारा जारी वर्ष 2016-2017 की रिपोर्ट में प्रदेश के कितने विश्वविद्यालय देश के टॉप 25 में शामिल किये गये? यदि नहीं, तो क्या कारण रहे? (ग) क्या प्रदेश के सभी निजी/शासकीय विश्वविद्यालयों को नेक से सम्बद्धता/ग्रेडिंग लेने के आदेश 2017 में जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो कितने विश्वविद्यालयों को क्या-क्या ग्रेडिंग प्राप्त हुई? प्राथमिकतावार सूची उपलब्ध करायें। विभाग से आदेश के बाद भी कितने शासकीय/अशासकीय विश्वविद्यालय, महाविद्यालयों ने नेक से सम्बद्धता स्थापित नहीं कर ग्रेडिंग नहीं ली? सूची उपलब्ध करायें। ऐसे विश्वविद्यालय, महाविद्यालय के ग्रेडिंग नहीं लेने के क्या कारण थे? (घ) प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों पर फीस नियंत्रण को लेकर विभाग की क्या योजना है? इन निजी विश्वविद्यालयों की विभिन्न गतिविधियों का कब-कब किस-किस सक्षम अधिकारी ने 1 जनवरी, 2016 के बाद निरीक्षण किया? निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) उच्च शिक्षा विभाग के अधीन प्रदेश में शासकीय 13 एवं निजी 29 विश्वविद्यालय हैं। जी नहीं। धारा 44 के तहत एक विश्वविद्यालय (डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान वि.वि. महू) में अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा को अपने दायित्वों के साथ-साथ कुलपति पद पर नियुक्त किया गया है। कोई शिकायत प्राप्त नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) कोई विश्वविद्यालय नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। समय-समय पर निर्देश दिये गये हैं। ग्रेडिंग प्राप्त शासकीय/अशासकीय विश्वविद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार। ग्रेडिंग प्राप्त महाविद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार। वर्तमान समय में मापदण्ड पूर्ण न करने के कारण नेक से संबद्धता प्राप्त नहीं की जाने वाले विश्वविद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार। ग्रेडिंग प्राप्त न करने वाले महाविद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार। ग्रेडिंग के संबंध में मापदण्ड पोर्टल पर उपलब्ध है, जिसके अनुसार संस्थाओं को 6 वर्ष पश्चात नेक से संबद्धता/ग्रेडिंग कराना अपेक्षित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ध' अनुसार। (घ) म.प्र. निजी विश्वविद्यालय अधिनियम 2007 की धारा 36 (10) (ख) में दिये गए प्रावधानों के अध्यधीन संस्था में लागत के आधार पर निर्धारित शुल्क की समीक्षा आयोग द्वारा की जाती है। शेष सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ई' अनुसार।
प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत आवासों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
98. ( क्र. 1811 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी सिंगरौली जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत विकासखण्डवार कितने आवास स्वीकृत गये हैं? कितने पूर्ण हो चुके हैं? कितने आवास किस स्तर पर अधूरे हैं? अधूरे आवासों को कब तक पूर्ण कराया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नवीन आवास हेतु वर्तमान में कितना लक्ष्य प्राप्त हुआ है? क्या आवास स्वीकृति की कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है? कितने पात्र एवं कितने अपात्र हुए हैं? (ग) पूर्व में स्वीकृत इंदिरा आवास के तहत स्वीकृत आवासों में से कितने हितग्राहियों को द्वितीय किश्त देना शेष है? कारण सहित बतायें। कब तक संपूर्ण हितग्राहियों को भुगतान करा दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। आवास निर्माण का कार्य हितग्राहियों द्वारा किया जाता है। समय-सीमा निर्धारित किया जाना संभव नहीं है। (ख) सीधी तथा सिंगरौली जिले को वर्ष 2018-19 हेतु प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अन्तर्गत क्रमश: 7412 तथा 6868 आवासों का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। आवास स्वीकृति की कार्यवाही प्रकियाधीन है। हितग्राहियों का सत्यापन किया जा रहा है, सत्यापन पश्चात पात्र एवं अपात्र हितग्राहियों की संख्या बताई जा सकेगी। (ग) पूर्व में स्वीकृत इंदिरा आवास के तहत सीधी एवं सिंगरौली में क्रमश: 2105, 1230 हितग्राहियों को द्वितीय किश्त देना शेष है। इसका मुख्य कारण मापदण्ड अनुसार निर्धारित स्तर तक हितग्राहियों द्वारा आवास निर्माण नहीं कराया जाना है। जिन आवासों में निर्धारित स्तर तक कार्य पूर्ण होते जा रहे हैं, उन्हें आगामी किश्त जारी की जा रही है।
शासन एवं हितग्राहियों द्वारा शौचालय निर्माण की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
99. ( क्र. 1812 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी सिंगरौली जिले में विकासखण्डवार योजना प्रारंभ के समय कुल कितने शौचालय निर्मित थे? इसके पश्चात शासन द्वारा कितने शौचालय बनवाये गये एवं हितग्राहियों द्वारा स्वयं कितने शौचालय बनवाये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने शौचालयों का भुगतान हो चुका है? कितने का भुगतान होना शेष है? कब तक भुगतान करा दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी संकलित की जा रही है।
खनिज परिवहन की जानकारी
[खनिज साधन]
100. ( क्र. 1815 ) श्री मुकेश नायक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले के ग्राम भानपुर तह. अजयगढ़ के खसरा क्र. 81, 83/2 पर स्वीकृत उत्खनिपट्टा से दिनांक 14/08/2017 से दिनांक 14/10/2017 तक कितनी मात्रा का खनिज परिवहन किया गया? (ख) उपरोक्त खदान में इस अवधि में किस खनिज के अभिवहन प्रमाण-पत्र जारी किये गये? (ग) उपरोक्त खदान में क्या परिवहन किये गये? खनिज का नाम म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 में अधिसूचित है? (घ) यदि उपरोक्त खनिज अधिसूचित नहीं है, तब इसकी परिवहन की अनुमति इस खनिज को पट्टे में जोड़े जाने को अनुमति दिये जाने के विरूद्ध क्या शासन जाँच करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में प्रश्नाधीन क्षेत्र से दिनांक 14.08.2017 को 518.55 घन मीटर खनिज मात्रा का परिवहन किया गया है। शेष अवधि में खनिज परिवहन नहीं किया गया है। (ख) ग्रेनाईट चार्ट चूरा खनिज के अभिवहन पास जारी किये गये हैं। (ग) जी नहीं। (घ) जी हाँ। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित उत्खनिपट्टा मुरम खनिज हेतु स्वीकृत किया गया था। मुरम खनिज विभिन्न प्रकार की चट्टानों के अपक्षय से निर्मित खनिज होता है। इसी प्रकार ग्रेनाईट चार्ट चूरा, ग्रेनाईट चट्टान के अपक्षय से निर्मित होने वाला खनिज है। जिसे मुरम की श्रेणी में मान्य करने संबंधी आदेश संचालक, भौमिकी तथा खनिकर्म द्वारा तकनीकी परीक्षण उपरांत आदेश दिनांक 06.01.2018 से दिये गये हैं। अत: वर्तमान में इसकी जाँच किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शौचालय निर्माण कार्य में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
101. ( क्र. 1824 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) परासिया विधान सभा क्षेत्र की नगरपालिका परासिया में शौचालय निर्माण में अनियमितताओं व भ्रष्टाचार के संबंध में विधान सभा सत्र नवम्बर-दिसम्बर 2017 में तारांकित प्रश्न क्र.334 के जवाब में बताया गया था कि शौचालय निमाण कार्य में क्रियान्वयन एजेंसी के द्वारा अनियमितता नहीं बरती गई है और न ही गुणवत्ताहीन सामग्री का प्रयोग किया गया है। क्या शौचालय निर्माण अनियमिततओं व भ्रष्टाचार के संबंध में जिला कलेक्टर छिन्दवाड़ा के द्वारा जो जाँच कराई गई और उस जाँच में शौचालय निर्माण व भ्रष्टाचार के संबंध में अनेक अनियमिततायें पाई गई और नगरपालिका परासिया की अध्यक्ष एवं मुख्य नगरपालिका अधिकारी परासिया को दोषी पाया गया और उनके विरूद्ध जाँच रिपोर्ट तैयार कर जिला कलेक्टर छिन्दवाड़ा के द्वारा नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 41-क के तहत कार्यवाही किये जाने हेतु प्रस्ताव तैयार कर शासन स्तर पर भेजा जा चुका है? प्रस्ताव पर विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) नगरपालिका परासिया में अनेक अनियमितताओं व भ्रष्टाचार के संबंध में दोषी पाई गई नगरपालिका परासिया की अध्यक्ष को नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 41-क के तहत कार्यवाही की प्रक्रिया को पूर्ण करते हुए, कब तक अध्यक्ष के पद से पृथक कर दिया जायेगा? (ग) नगरपालिका परासिया में अनेक अनियमितताओं व भ्रष्टाचार के संबंध में नगरपालिका परासिया की अध्यक्ष एवं मुख्य नगरपालिका अधिकारी के विरूद्ध विभाग द्वारा अभी तक क्या-क्या जाँच कराई गई है? जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शौचालय निर्माण अनियमितताओं व भ्रष्टाचार के संबंध में विधान सभा सत्र नवम्बर-दिसम्बर 2017 में तारांकित प्रश्न क्र. 334 के जवाब में जिन अधिकारियों के द्वारा गलत जानकारी प्रदान की गई थी। ऐसे लापरवाह अधिकारी के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। तत्समय विभागीय जानकारी के आधार पर तांराकित प्रश्न क्रमांक 334 का उत्तर दिया गया था। जी हाँ, कलेक्टर छिन्दवाड़ा का जाँच प्रतिवेदन दिनांक 27.01.2018 विभाग को 15.02.2018 को प्राप्त हुआ है। उक्त जाँच प्रतिवेदन परीक्षणाधीन है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार जाँच प्रतिवेदन वर्तमान में परीक्षणाधीन है, अत: किसी कार्यवाही की समय-सीमा नियत किया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश (क) के अनुसार कलेक्टर छिंदवाड़ा द्वारा जाँच की जाकर प्रतिवेदन विभाग को उपलब्ध कराया गया है। (घ) जी नहीं, उल्लेखित प्रश्न क्रमांक 334 में तत्समय उपलब्ध विभागीय जानकारी के आधार पर उत्तर प्रस्तुत किया गया था। ऐसी स्थिति में किसी के उत्तरदायी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रेत की घोषित खदानों की जानकारी
[खनिज साधन]
102. ( क्र. 1858 ) श्री जतन उईके : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले की पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र एवं सौंसर विधान सभा क्षेत्र में ऐसी कितनी रेत की खदाने हैं, जो घोषित हैं? इन खदानों को पिछले 3 वर्ष में कब-कब नीलाम किया गया है? वर्षवार ठेकेदार के नाम सहित जानकारी दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि खदानें नीलाम नहीं की गई, तो इसके क्या कारण रहे हैं? घोषित खदानें कितने वर्षों से नीलाम नहीं हुई हैं? खदानों की नीलामी न होने से शासन को प्रतिवर्ष कितना राजस्व का नुकसान हुआ है? इन घोषित खदानों में नीलामी होने के दिनांक से अब तक कितना अवैध खनन हुआ है? कितने प्रकरण दर्ज किये गये हैं, उस पर कितना अर्थदण्ड आरोपित किया गया है? वर्षवार जानकारी दी जावे। (ग) क्या क्षेत्र की ऐसी कितनी नदियां है, जहां पर रेत होने से जिला प्रशासन को रेत की खदान घोषित करने में विलंब हुआ है? ऐसी नदियों का नाम बतावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर अनुसार सभी रेत खदाने नीलाम की गई हैं। घोषित खदानों की नीलामी होने के कारण शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) क्षेत्र में ऐसी कोई नदियां नहीं हैं, जहां पर रेत होने से जिला प्रशासन को इसकी खदान घोषित करने में विलंब हुआ है।
उपयंत्रियों की पदोन्नति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
103. ( क्र. 1904 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के ऐसे कितने उपयंत्रियों को पदोन्नति दी गयी हैं, जिन्होंने बी.ई. सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री पत्राचार पाठ्यक्रम से प्राप्त की है? (ख) क्या सुप्रीम कोर्ट द्वारा पत्राचार पाठ्यक्रमों को संचालित करने वाले अनेकों विश्वविद्यालयों द्वारा दी गयी डिग्रियों को अमान्य कर दिया गया था? सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति जिनमें ऐसे विश्वविद्यालयों के नाम हैं, उपलब्ध कराएं? (ग) ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के उपयंत्रियों की 2006 से अब तक कितनी डी.पी.सी. की गई हैं। क्या सुप्रीम कोर्ट द्वारा अमान्य डिग्रियों के आधार पर दी गयी पदोन्नति को डी.पी.सी. की समीक्षा कर निरस्त किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं किया गया और कब तक कर दिया जाएगा? (घ) अमान्य डिग्रियों के आधार पर अब तक प्रमोशन का लाभ देने हेतु दोषी अधिकारियों पर विभाग क्या कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्रामीण यांत्रिकी सेवा अंतर्गत पत्राचार पाठ्यक्रम के माध्यम से सिविल इंजीनियरिंग की बी.ई. डिग्री प्राप्त करने वाले कुल 48 उपयंत्रियों को पदोन्नति दी गई। (ख) विभाग में उपलब्ध माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के उपयंत्रियों की 2006 से अब तक कुल 04 डी.पी.सी. की गई है। जी नहीं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के परिप्रेक्ष्य में योग्य जाँच कर यथोचित निर्णय लिया जाएगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश (ग) में उल्लेखित जाँच उपरांत यथासमय यथोचित निर्णय लिया जावेगा।
योजना आयोग के नाम में परिवर्तन तथा विधायक विकास निधि
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
104. ( क्र. 1905 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री भारत सरकार द्वारा योजना आयोग का नाम बदलकर नीति आयोग कर देने के बावजूद म.प्र. में अब तक योजना आयोग के नाम में परिवर्तन नहीं किया गया हैं। यदि हाँ, तो उनका कारण बताते हुए यह भी बताएं कि इसे कब तक नीति आयोग कर दिया जाएगा? (ख) विधायक विकास निधि द्वारा शासकीय भवनों के मरम्मत हेतु अधिकतम एक लाख रूपये खर्च करने के प्रावधान कब किये गये थे? क्या शासन इनकी सीमा बढ़ाते हुए एस.ओ.आर. को देखते हुए दस लाख रूपये अधिकतम तक करने पर विचार करेगा? (ग) शासकीय कार्यालयों में फर्नीचर की भारी कमी तथा एक बार फर्नीचर देने के बाद कई वर्षों तक फर्नीचर उपलब्ध न कराने से हो रही अव्यवस्था को देखते हुए क्या विषयांकित निधि से शासकीय कार्यालयों के लिए फर्नीचर देने हेतु प्रावधान किये जाएंगे? (घ) क्या विधायक विकास निधि तथा विधायक स्वेच्छानुदान की राशि बढ़ाने पर शासन विचार करेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ, प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है। नीतिगत विषय होने के कारण कोई समय-सीमा निर्धारित करना संभव नहीं है। (ख) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजनान्तर्गत शासकीय भवनों के मरम्मत हेतु अधिकतम एक लाख रूपये खर्च करने के प्रावधान 12.03.1998 को किये गये। जी नहीं। वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। (ग) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव न होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) वित्तीय वर्ष 2016-17 में योजनान्तर्गत राशि में वृद्धि की गई है। वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है।
शासन संधारित मंदिरों एवं घाटों का जीर्णोद्धार
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
105. ( क्र. 1920 ) श्री राजेश सोनकर : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सांवेर विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत धार्मिक धर्मस्व विभाग द्वारा क्षिप्रा नदी के तट पर प्राचीन मंदिर व नदी पर घाट को सौंदर्यीकरण किये जाने हेतु क्या प्रश्नकर्ता द्वारा कोई पत्र प्रेषित किये गये थे? क्या शासन अनुसूचित जाति/जनजाति क्षेत्र में स्थित शासन संधारित मंदिरों का जीर्णोद्धार हेतु सांवेर अनुसूचित विधान सभा २११ अन्तर्गत मंदिरों के साथ प्राचीन घाटों को भी शामिल कर सौंदर्यीकरण करायेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो धार्मिक धर्मस्व विभाग द्वारा क्या प्रश्नकर्ता के पत्र पर मध्यप्रदेश हाउसिंग बोर्ड को जिला कलेक्टर इन्दौर के माध्यम से निर्माण कार्य कराये जाने हेतु कोई पत्र प्रेषित किया गया था? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में यदि हाँ, तो म.प्र. हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? हाउसिंग बोर्ड के अधिकारी द्वारा प्रश्नकर्ता से सौंदर्यीकरण व घाट निर्माण हेतु कोई विचार-विमर्श किया गया या नहीं? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या उक्त अतिप्राचीन मंदिरों व नदी किनारे घाटों को पर्यटन कि दृष्टि से विकसित किये जाने हेतु विभाग कोई योजना तैयार कर घाटों व मंदिरों का सौंदर्यीकरण करेगा? यदि हाँ, तो कब तक निर्माण प्रारंभ करेगा और किस ऐजेन्सी माध्यम से निर्माण कराया जायेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। विभागीय पत्र क्रमांक 2479/2327/2017/छै. दिनांक 7.10.2017 द्वारा प्रस्ताव प्राप्त करने हेतु कलेक्टर इंदौर को लिखा गया, प्रस्ताव अप्राप्त है। (ख) एवं (ग) जी नहीं। (घ) निरंक।
प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन हेतु जारी दिशा-निर्देश
[नगरीय विकास एवं आवास]
106. ( क्र. 1931 ) डॉ. मोहन यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत कार्य करने के संबंध में नगर निगम एवं नगरपालिका को प्रदत्त दिशा-निर्देश एवं जारी आदेशों तथा निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को बैठकों में बुलाने तथा प्रोटोकॉल का पालन करने के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों एवं आदेशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार जारी आदेशों के पालन में नगर निगम उज्जैन द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन के संबंध में आहूत की गई बैठक तथा बनाई गई कार्य योजना के संबंध में प्रोटोकॉल का पालन करते हुये जनप्रतिनिधियों को दी गई सूचना की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) की जानकारी अनुसार क्या नगर निगम उज्जैन द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के संबंध में विभाग द्वारा जारी निर्देशों की अवहेलना करते हुये प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगरीय क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के क्रियान्वयन हेतु जारी दिशा-निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के क्रियान्वयन के लिए निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को बैठक में बुलाये जाने तथा प्रोटोकॉल के संबंध में कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किये गये हैं। म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक 22 मार्च 2011 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार प्रोटोकॉल निर्धारित है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध कॉलोनियों के संबंध में एफ.आई.आर. तथा राजस्व वसूली
[नगरीय विकास एवं आवास]
107. ( क्र. 1933 ) डॉ. मोहन यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) १ जनवरी २०१५ से प्रश्न दिनांक तक नगर निगम उज्जैन एवं जिले की समस्त नगरपालिकाओं एवं जिला शहरी विकास अभिकरण उज्जैन के कार्यालय में अनुविभागीय अधिकारी महोदय द्वारा जाँच में अवैध कॉलोनी के संबंध में एफ.आई.आर. एवं राजस्व वसूली के संबंध में आदेश पारित किये गये हैं एवं पारित किये गये आदेश एवं निर्देश का पालन नहीं करने के संबंध में स्मरण पत्र जारी किये गये हैं? इस संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई?। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार अनुविभागीय अधिकारी महोदय द्वारा एफ.आई.आर. का आदेश पारित करने एवं स्मरण पत्र जारी करने के बाद दो वर्ष से अधिक समयावधि व्यतीत होने के पश्चात भी एफ.आई.आर. नहीं करने तथा न्यायालय के आदेश की अवहेलना करने के लिए कौन अधिकारी दोषी है? दोषी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी तथा आदेश के पालन में कब तक एफ.आई.आर. कर दी जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) 01 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक नगर निगम, उज्जैन में अनुविभागीय अधिकारी द्वारा अवैध कॉलोनी के संबंध में आदेश जारी नहीं किये गये हैं, उज्जैन जिले की नगरपालिका परिषद्, खाचरौद के अंतर्गत अनुविभागीय अधिकारी, खाचरौद द्वारा की गई जाँच में अवैध कॉलोनी के संबंध में 04 प्रकरणों में एफ.आई.आर. के आदेश दिये गये है। जी हाँ, आदेश एवं स्मरण पत्र जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित अनुविभागीय अधिकारी द्वारा परित आदेश एवं स्मरण पत्र के पालन में मुख्य नगरपालिका अधिकारी, खाचरौद द्वारा दिनांक 21/02/2018 को पुलिस थाना खाचरौद में एफ.आई.आर. दर्ज करने हेतु पत्र प्रेषित किये गये है। विलम्ब का कारण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। एफ.आई.आर. हेतु पत्र प्रेषित कर दिये जाने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महाविद्यालय के भवन निर्माण की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
108. ( क्र. 1949 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री महोदय की घोषणा दिनांक 31 जनवरी 2017 के परिपालन में राजगढ़ जिले के नगर सुठालिया में शासकीय महाविद्यालय की अधिसूचना जारी हो चुकी है? साथ ही कलेक्टर राजगढ़ द्वारा विभाग द्वारा चाही गई वांछित भूमि का आवंटन भी किया जा चुका है? यदि हाँ, तो क्या महाविद्यालय भवन निर्माण हेतु संभागीय परियोजना यंत्री लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू.) जिला राजगढ़ द्वारा राशि रूपये 651.00 लाख का प्राक्कलन शासन को प्रेषित किया जा चुका है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक भवन निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदान कर दी गई है अथवा नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या शासन उक्त महाविद्यालय के भवन निर्माण की स्वीकृति मुख्य बजट 2018-19 में प्रदान करेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक एफ 23-1/2016/38-2 दिनांक 14.09.2017 द्वारा राजगढ़ जिले के सुठालिया में नवीन शासकीय महाविद्यालय की स्वीकृति जारी की जा चुकी है। महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु मानक प्राक्कलन अनुमोदित होने से पृथक से प्राक्कलन की आवश्यकता नहीं है। जिला कलेक्टर से भूमि आवंटन आदेश अप्राप्त है। भवन निर्माण स्वीकृति हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कन्या छात्रावास की स्वीकृति हेतु लंबित कार्यवाही
[उच्च शिक्षा]
109. ( क्र. 1950 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1392 दिनांक 30 नवम्बर 2017 के उत्तर में बताया गया था कि नेताजी सुभाषचन्द्र बोस शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, ब्यावरा, जिला राजगढ़ में 100 सीटर कन्या छात्रावास निर्माण हेतु यू.जी.सी. से स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई है। आयुक्त, उच्च शिक्षा के अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक 1030, दिनांक 27.07.2017 द्वारा सचिव, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली एवं कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1275, दिनांक 11.09.2017 द्वारा अतिरिक्त सचिव, क्षेत्रीय कार्यालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, भोपाल को 100 सीटर कन्या छात्रावास निर्माण की स्वीकृति हेतु लिखा गया है, तो क्या प्रश्न दिनांक तक यू.जी.सी. से स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन निर्धन एवं मध्यम वर्ग की छात्राओं को आवासीय सुविधा देने हेतु 100 सीटर कन्या छात्रावास की स्वीकृति यू.जी.सी. अथवा राज्य मद से प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। यू.जी.सी. से स्वीकृति अप्राप्त है। कार्यालयीन पत्र कमांक 16/429/आउशि/निर्माण/शाखा-6/16, दिनांक 09.01.2018 द्वारा सचिव, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली को पुनः लिखा गया है। (ख) राज्य शासन में छात्रावास निर्माण का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
शासकीय महाविद्यालय में कार्यालयीन पदों की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
110. ( क्र. 1957 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उच्च शिक्षा विभाग द्वारा शासकीय स्नातक महाविद्यालयों में विभाग द्वारा कार्यालयीन स्टॉफ के सेटअप में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कौन-कौन से व कितने-कितने पद स्वीकृत किये जाते हैं? जानकारी पद व संख्यावार उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या पोहरी विधान सभा क्षेत्र के शासकीय स्नातक महाविद्यालय पोहरी में शासन द्वारा स्नातक महाविद्यालयों में स्वीकृत कार्यालयीन सेटअप के अनुरूप ही तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पद स्वीकृत हैं? यदि हाँ, तो कितने-कितने व कौन-कौन से पद स्वीकृत हैं? यदि नहीं, तो क्यों स्वीकृत नहीं किये गए? कारण सहित उत्तर दें व किस दिनांक तक शासकीय स्नातक महाविद्यालयों की भॉति निर्धारित सेटअप के अनुरूप ही शासकीय स्नातक महाविद्यालय पोहरी में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद स्वीकृत कर दिए जाएंगे?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) महाविद्यालय प्रारंभ करने के प्रस्ताव का परीक्षण करते हुये समय-समय पर मापदण्डों में परिवर्तन किया जाता रहा है। वर्तमान में कार्यालयीन स्टॉफ के सेटअप में नियमित पद मुख्य लिपिक 01, लेखापाल 01, सहायक ग्रेड 2 - 01, आउट सोर्स के पद सहायक वर्ग 3 - 01, बुक लिफ्टर 01, भृत्य 01, स्वीपर 01, चौकीदार 01 एवं आवश्यकतानुसार प्रयोगशाला तकनीशियन तथा प्रयोगशाला परिचारक के पद स्वीकृत किये जाते हैं। (ख) जी नहीं। शासकीय महाविद्यालय पोहरी वर्ष 1970 में स्थापित किया गया था एवं तद्समय के अनुसार सहायक ग्रेड-2 एवं बुक लिफ्टर के 01-01 पद स्वीकृत किये गये थे। आदेश क्रमांक एफ 23-1/2016/38-2 दिनांक 14.09.2017 के द्वारा तृतीय श्रेणी में प्रयोगशाला तकनीशियन के 04 आउट सोर्स पद एवं चतुर्थ श्रेणी में प्रयोगशाला परिचारक के 04 आउट सोर्स के पद स्वीकृत किये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री आवास आवंटन सूची की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
111. ( क्र. 1959 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 1551 दिनांक 20.7.2017 के उत्तर में पोहरी विधान सभा क्षेत्र के प्रधानमंत्री आवास (ग्रामीण) आवंटन की सूची में छूटे 20 ग्रामों के नाम भारत सरकार के आवास सॉफ्टवेयर पर प्रदर्शित किए जाने हेतु अनुरोध किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग द्वारा आवास पोर्टल पर 20 ग्रामों के नाम प्रदर्शित किए जाने हेतु प्रश्न दिनांक तक किन-किन दिनांकों को क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा भारत सरकार की ओर से विभाग के पत्राचार पर क्या जबाब दिया गया? पत्राचार की प्रतियां उपलब्ध करवायें। इन ग्रामों के नाम किस दिनांक तक आवास साफ्टवेयर पर प्रदर्शित होंगे? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न के उत्तर में ग्राम पंचायत निजामपुर विकासखण्ड नरवर में सही मैपिंग न होने से ग्राम के समस्त हितग्राहियों के नाम प्रधानमंत्री आवास आवंटन सूची से रिजेक्ट किए गए थे? विभाग द्वारा ग्राम पंचायत निजामपुर की सही मैपिंक किए जाने हेतु कब-कब व क्या-क्या कार्यवाही की गई? किए गए पत्राचार की प्रतियां उपलब्ध करावें। ग्राम पंचायत निजामपुर की सही मैपिंग किस दिनांक तक कर पात्र हितग्राहियों को आवास आवंटन की स्वीकृति कर दी जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। प्रश्नाधीन ग्रामों में SECC-2011 की सर्वे सूची में एक भी परिवार एक कक्ष कच्चा आवास श्रेणी में नहीं होने के कारण इन ग्रामों के हितग्राहियों के नाम आवास सॉफ्ट में प्रदर्शित नहीं होंगे। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। भारत सरकार द्वारा अपेक्षित कार्यवाही के आभाव में आवास स्वीकृत किये जाने हेतु समय-सीमा निर्धारित किया जाना संभव नहीं है।
मंदिर के प्रबंधक पर कार्यवाही
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
112. ( क्र. 2005 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जिला टीकमगढ़ के ओरछा स्थित रामराजा मंदिर के प्रबंधन में कार्यरत श्री मुन्नालाल तिवारी लोकसेवक को नियम विरूद्ध अनियमितताएं और भ्रष्टाचार इत्यादि करने की शिकायत पर प्रथम दृष्ट्या दोषी पाया गया था और उसके विरूद्ध अमानत में खयानत जैसी गैर जमानती धाराओं में पुलिस में केस दर्ज किया गया था? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन की प्रति बताएं। यदि नहीं, तो मुन्नालाल तिवारी के विरूद्ध किन-किन मामलों में अनुशासनिक कार्यवाही चल रही है? (ख) क्या मुन्नालाल तिवारी को वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा उसे संरक्षण दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? नहीं तो जिले के कलेक्टर, एस.डी.एम. और तहसीलदार के द्वारा तत्काल कार्यवाही श्री मुन्नालाल तिवारी के खिलाफ क्यों नहीं की गई? इसमें दोषी कौन है? (ग) क्या मुन्नालाल तिवारी यथावत मंदिर प्रशासन के कार्य में दखल दे रहा है और सांठ-गांठ के चलते अपनी जाँच को प्रभावित कर रहा है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन दोषी है? यदि नहीं, तो उसके विरूद्ध आज दिनांक तक कोई सजा न दिये जाने के लिए कौन दोषी है? उसका नाम बताएं। (घ) क्या सरकार मुन्नालाल तिवारी के मामले की जाँच कर उसके खिलाफ तत्काल सजा देने के निर्देश जारी करेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। ओरछा स्थित रामराजा मंदिर के प्रबंधन में कार्यरत श्री मुन्नालाल तिवारी लोक सेवक के विरूद् अनियमितताएं एवं भ्रष्टाचार इत्यादि करने की शिकायत पर एस.डी.एम. जतारा, तहसीलदार पृथ्वीपुर सहायक कोषालय अधिकारी टीकमगढ़ के संयुक्त जाँच प्रतिवेदन पर प्रथम दृष्ट्या दोषी पाये जाने पर श्री मुन्नालाल तिवारी पुत्र चिन्तामन तिवारी लिपिक, श्री रामराजा सरकार मंदिर ओरछा के द्वारा मंदिरों पर कब्जा, मंदिर संपत्ति का दुरूपयोग कर अवैध संपत्ति जोडना, भ्रष्टाचार करना, कैश बुक में अनियमितताएं मंदिर दुकानों की किराये की रसीद पर फर्जी हस्ताक्षर अमानत में ख्यानत आदि करना पाया गया जो जाँच रिपोर्ट पर अपराधिक प्रकरण क्र. 258/17 धारा 409, 425, 420, 467, 471, 493, 497 ताहि. का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण अभी विवेचना में है। आरोपी को माननीय उच्च न्यायालय के आदेश क्रमांक/16520/17 दिनांक 13.10.2017 के आदेश से प्रकरण में दिनांक 18.2.2017 को गिरफतार कर जमानत मुचलका पर रिहा किया गया। जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मुन्नालाल तिवारी को किसी भी वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा कोई संरक्षण नहीं दिया जा रहा है। कलेक्टर टीकमगढ़ के द्वारा मुन्नालाल तिवारी के खिलाफ शिकायत प्राप्त होने पर तत्काल अनुविभागीय अधिकारी जतारा की अध्यक्षता में संयुक्त जाँच टीम गठित की गयी थी। और जाँच के आधार पर श्री मुन्नालाल के विरूद् कार्यवाही किये जाने हेतु लिखा गया इसमें कोई दोषी नहीं है। (ग) मुन्नालाल तिवारी के द्वारा वर्तमान में मंदिर प्रशासन के कार्य में कोई दखल नहीं किया जा रहा है, चूंकि मुन्नालाल तिवारी के विरूद्ध शिकायत की जाँच की जा चुकी है। मुन्नालाल तिवारी के विरूद्ध जाँच के आधार पर माननीय व्यवहार न्यायालय ओरछा एवं माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रकरण विचाराधीन है। (घ) प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।
विधायक निधि से कराये गये कार्य
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
113. ( क्र. 2018 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधायक निधि से विधान सभा क्षेत्र नरेला जिला भोपाल में दिनांक 01/01/2015 से 31/12/2017 के दौरान कितनी-कितनी राशि, किस-किस कार्य हेतु, किस-किस स्थान पर, कब-कब व्यय की गई? प्रत्येक कार्यवार/राशिवार/स्थानवार/माहवार/वर्षवार/मदवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसर उक्त राशि से भोपाल नगरपालिका निगम क्षेत्रान्तर्गत क्या-क्या कार्य, किस निर्माण/अन्य एजेंसी के द्वारा कितनी-कितनी लागत के किये गये? वार्ड क्रमांकवार/एजेंसी के नामवार/कार्यवार/लागत मूल्यवार/माहवार/वर्षवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार उक्त कराये गये कार्यों को किस-किस के द्वारा पूर्ण कराया गया? किस कार्य का, कितना भुगतान किसको, कब किया गया? कार्य का गुणवत्ता एवं उपयोगिता प्रमाण-पत्र किस नाम/पदनाम के द्वारा जारी किया गया? सभी गुणवत्ता एवं उपयोगिता प्रमाण पत्रों की कार्यवार/माहवार/वर्षवार प्रमाण पत्रों की कार्यवार/माहवार/वर्षवार/स्थानवार जानकारी देते हुये एक-एक प्रति उपलब्ध करायें। (घ) क्या उक्त सभी कार्यों का शिलान्यास एवं उद्घाटन हुआ? विधायक निधि से कराये गये सभी उद्घाटन एवं शिलान्यास समारोह किस-किस दिनांक को कहाँ-कहाँ हुये? उक्त कार्य क्या अभी भौतिक रूप से स्थल पर हैं? कार्यवार जानकारी दें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजनान्तर्गत जारी मार्गदर्शी निर्देशों में विधायक निधि से कराये गये कार्यों का उद्घाटन एवं शिल्यान्यास समारोह कराये जाने का प्रावधान नहीं होने के कारण प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी संकलित की जारी है।
विधायक निधि अंतर्गत कार्यों की जानकारी
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
114. ( क्र. 2019 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधायक निधि से विधान सभा क्षेत्र नरेला जिला भोपाल दिनांक 01/01/2012 से 31/12/2014 के दौरान कितनी-कितनी राशि, किस-किस कार्य हेतु किस-किस स्थान पर कब-कब व्यय की गई? प्रत्येक कार्यवार/राशिवार/स्थानवार/माहवार/वर्षवार/मदवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार उक्त राशि से भोपाल नगर पालिक निगम क्षेत्रांर्गत क्या-क्या कार्य, किस निर्माण/अन्य एजेन्सी के द्वारा कितनी-कितनी लागत के किये गये? वार्ड क्रमांकवार/एजेन्सी के नामवार/कार्यवार/ लागत मूल्यवार/माहवार/वर्षवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार उक्त कराये गये कार्यों को किस-किस के द्वारा पूर्ण कराया गया? किस कार्य का कितना भुगतान किसको कब किया गया? कार्य की गुणवत्ता एवं उपयोगिता प्रमाण-पत्र किस नाम/पदनाम के द्वारा जारी किया गया? सभी गुणवत्ता एवं उपयोगिता प्रमाण पत्रों की कार्यवार/माहवार/वर्षवार प्रमाण पत्रों की कार्यवार/माहवार/वर्षवार/स्थानवार जानकारी देते हुए एक-एक प्रति उपलब्ध करायें। (घ) क्या उक्त सभी कार्यों का शिलान्यास एवं उद्घाटन हुआ? विधायक निधि से कराये गये सभी उद्घाटन एवं शिलान्यास समारोह किस-किस दिनांक को कहाँ कहाँ हुये? उक्त कार्य क्या अभी भौतिक रूप से स्थल पर हैं? कार्यवार जानकारी दें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजनान्तर्गत जारी मार्गदर्शी निर्देशों में विधायक निधि से कराये गये कार्यों का उद्घाटन एवं शिल्यान्यास समारोह कराया जाने का प्रावधान नहीं होने के कारण प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी संकलित की जा रही है।
स्वेच्छानुदान के तहत दिये गये चेकों की जानकारी
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
115. ( क्र. 2021 ) श्री रामपाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधायक निधि से विधान सभा क्षेत्र नरेला जिला भोपाल में 01.01.2015 से 31.12.2017 के दौरान विधायक की स्वेच्छानुदान निधि से किस-किस नाम/पते वाले/नगर पालिक निगम भोपाल के वार्ड क्रमांक वाले लोगों को कितनी-कितनी राशि दी गई? नामवार/पतावार/वार्डवार/राशिवार/माहवार/ वर्षवार जानकारी दें। (ख) विधायक निधि से दी गई राशि के हितग्राहियों को किस चैक क्रमांकों एवं दिनांकों से राशि दी गई? राशि प्राप्त हितग्राही क्या अति गरीबी रेखा/गरीबी रेखा के कार्ड धारक थे? प्रकरणवार/माहवार/वर्षवार/राशिवार जानकारी दें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) नामवार, पिता/पति का नाम, राशि, आदेश क्रमांक/दिनांक एवं भुगतान का चैक/ई-पेमेन्ट का क्रमांक एवं दिनांक का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। योजनान्तर्गत वार्डवार स्वीकृति नहीं होने से जानकारी अभिलिखित नहीं होती हैं। (ख) हितग्राहीवार चैक/ई-पेमेन्ट क्रमांक एवं दिनांक का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम-5 में दिया गया है। स्वेच्छानुदान योजना में अति गरीबी/गरीबी रेखा का बंधन नहीं होने से अनुशंसा एवं स्वीकृति में जानकारी अभिलिखित नहीं होती है। प्रकरणवार/दिनांकवार/राशिवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
स्वेच्छानुदान निधि के तहत व्यय की जानकारी
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
116. ( क्र. 2022 ) श्री रामपाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधायक निधि से विधान सभा क्षेत्र नरेला जिला भोपाल में 01.01.2012 से 31.12.2014 के दौरान विधायक की स्वेच्छानुदान निधि से किस-किस नाम/पते वाले/नगरपालिका निगम भोपाल के वार्ड क्रमांक वाले लोगों को कितनी-कितनी राशि दी गई? नामवार/पतावार/वार्डवार/राशिवार/माहवार/ वर्षवार जानकारी दें। (ख) विधायक निधि से दी गई राशि के हितग्राहियों को किस चैक क्रमांकों एवं दिनांकों से राशि दी गई? राशि प्राप्त हितग्राही क्या अति गरीबी रेखा/गरीबी रेखा के कार्ड धारक थे? प्रकरणवार/माहवार/वर्षवार/राशिवार जानकारी दें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) नामवार, पिता/पति का नाम, राशि, आदेश क्रमांक/दिनांक एवं भुगतान का चैक/ई-पेमेन्ट का क्रमांक एवं दिनांक का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। योजनान्तर्गत वार्डवार स्वीकृति नहीं होने से जानकारी अभिलिखित नहीं होती है। (ख) हितग्राहीवार चैक/ई-पेमेन्ट क्रमांक एवं दिनांक का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम-5 में दिया गया है। स्वेच्छानुदान योजना में अति गरीबी/गरीबी रेखा का बंधन नहीं होने से अनुशंसा एवं स्वीकृति में जानकारी अभिलिखित नहीं होती है। प्रकरणवार/दिनांकवार/राशिवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नियम विरूद्ध पदस्थापना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
117. ( क्र. 2028 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के पत्र क्र. 1331 दिनांक 01.12.2017 को मा. मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश एवं मुख्य सचिव को पत्र क्र. 1332 दिनांक 01.12.2017 को लिखकर जिला पंचायत छतरपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के द्वारा नियम विरूद्ध पदस्थापना आदेश जारी किये जाने के संबंध में पत्र प्राप्त हुए? पत्रों की प्रति देवें। (ख) क्या मा. मुख्यमंत्री कार्यालय की जावक क्रमांक 3235 दिनांक 13.12.2017 को अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को आगामी कार्यवाही हेतु आदेशित किया है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति देवें। (ग) क्या अवर सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पृष्ठांकन क्र. 1011 भोपाल दिनांक 29.12.2017 में संयुक्त आयुक्त (समन्यवय) विकास आयुक्त कार्यालय म.प्र. भोपाल से शिकायत की जाँच कराकर बिन्दुवार जाँच प्रतिवेदन अपने स्पष्ट अभिमत सहित तत्काल भेजने के आदेश दिए थे? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन की प्रति देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के जाँच प्रतिवेदन में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दोषी पाए जाने पर क्या निलंबित करते हुए विभागीय जाँच कराकर सेवा समाप्ति की कार्यवाही प्रस्तावित करते हुए पूर्व में जारी किये गए पदस्थापना आदेश निरस्त करने की कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जाँच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, अत:वर्तमान में प्रतिवेदन का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शौचालय निर्माण में अनियमितताओं की उच्च स्तरीय जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
118. ( क्र. 2038 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या महाराजपुर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत समस्त नगरीय निकाय को शासन द्वारा शौचालय निर्माण हेतु विभाग द्वारा किस समय-सीमा में पूर्ण किए जाने हेतु लक्ष्य निर्धारित किया गया था? (ख) उक्त नगरीय निकायों के समस्त वार्डों में शौचालय निर्माण हेतु कितने हितग्राहियों से राशि जमा कराई गई हैं एवं प्रश्न दिनांक तक कितने शौचालय पूर्ण किये गये तथा शौचालय निर्माण हेतु क्रियान्वयन एजेंसी को शौचालयों के भौतिक सत्यापन के बाद कितनी राशि का भुगतान किया जा चुका है? जानकारी पृथक-पृथक उपलब्ध करायें। (ग) क्या नगरीय निकायों द्वारा जिन हितग्राहियों के घरों में क्रियान्वयन एजेंसी के द्वारा शौचालय का निर्माण कार्य किया गया है? उन शौचालयों के निर्माण कार्य में क्रियान्वयन एजेंसी द्वारा काफी अनियमितता बरती गई है और शौचालयों के निर्माण में गुणवत्ताहीन सामग्री का उपयोग किया गया है तथा कई शौचालयों का निर्माण कार्य भी अपूर्ण है? क्या विभाग द्वारा शौचालय निर्माण कार्य में बरती गई अनियमितताओं की उच्च स्तरीय जाँच कराई जायेगी? (घ) क्या शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्य एवं समय-सीमा के अनुसार नगरीय निकायों द्वारा शौचालयों निमाण के कार्य को पूर्ण किया जा रहा है? अगर नहीं तो इसका क्या कारण है? इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी के ऊपर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु निकाय स्थानीय स्तर पर निविदा के माध्यम से निर्धारित समय-सीमा में व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण विहित प्रावधानों अंतर्गत करवाती है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, अपितु शौचालय अपूर्ण न कहा जाकर निर्माणाधीन है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं, हितग्राही अंशदान जमा न होने के कारण निर्माण प्रभावित हुआ है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सड़क निर्माण एवं स्वीकृति हेतु मापदण्ड निर्देश
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
119. ( क्र. 2058 ) श्री संजय शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत पात्रता के उपरांत भी किन-किन ग्रामों में सड़कें स्वीकृत क्यों नहीं की गई? ग्रामवार कारण बतायें। (ख) उक्त ग्रामों में सड़कें कब तक स्वीकृत की जायेगी? फरवरी 18 की स्थिति में स्वीकृत किन-किन सड़कों का कार्य अपूर्ण है तथा क्यों? सड़कवार कारण बतायें। कार्य कब तक पूर्ण होगा? (ग) स्वीकृत किन-किन सड़कों का कार्य अप्रारंभ है तथा क्यों? सड़कवार कारण बतायें। कार्य कब तक प्रारंभ होगा? किन-किन सड़कों में वन व्यवधान है? वन विभाग से अनुमति प्राप्त करने हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) PMGSY II, III, IV में सड़कें स्वीकृत करने के संबंध में क्या-क्या मापदण्ड निर्देश हैं? कितनी सड़कें किस आधार पर स्वीकृत हुई? उनका कार्य कब तक प्रारंभ होगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में पात्रता अनुसार केवल तीन ग्राम ऐसे हैं, जिनको जोड़ने के लिये सड़क निर्माण की स्वीकृति जारी नहीं हो सकी। इसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में ग्राम की न्यूनतम जनसंख्या की पात्रता का कोई मापदण्ड निर्धारित नहीं है अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वन विभाग से सड़क की निर्माण की अनुमति प्राप्त होने के उपरांत स्वीकृति की जा सकेगी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। कार्य पूर्ण होने की निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) पी.एम.जी.एस.वाय.-II के अंतर्गत स्वीकृत करने के संबंध में दिशा-निर्देश जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। पी.एम.जी.एस.वाय.-III एवं पी.एम.जी.एस.वाय.-IV के कोई मापदंड निर्देश वर्तमान में प्राप्त नहीं है। रायसेन जिले में 11 सड़कें पी.एम.जी.एस.वाय.-II के दिशा-निर्देशों के अनुसार स्वीकृत की गई है तथा उनकी निविदा प्रक्रिया प्रचलन में है। एजेंसी निर्धारण उपरांत कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा।
प्रधानमंत्री आवास से संबंधित समस्याओं का निराकरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
120. ( क्र. 2061 ) श्री संजय शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन एवं नरसिंहपुर जिले में ऐसे कौन-कौन से ग्राम हैं जिनमें प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत एक भी आवास स्वीकृत नहीं हुआ है तथा क्यों? उक्त ग्रामों में भी आवास स्वीकृत हो, इस हेतु आज दिनांक तक जिला व राज्य स्तर के अधिकारियों ने क्या -क्या कार्यवाही की उक्त जिलों में एस.ई.सी.सी. डाटा 2011 में नाम जोड़ने, मजदूरी का भुगतान करने प्रधानमंत्री आवास से संबंधित अन्य समस्याओं के निराकरण हेतु मान. मत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को किन-किन सांसद विधायकों के कब-कब पत्र प्राप्त हुए? (ख) उक्त पत्रों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? उक्त जिलों में ऐसे कौन-कौन हितग्राही हैं जिन्हें प्रथम किश्त के बाद द्वितीय किश्त का भुगतान नहीं हुआ तथा क्यों कारण बतायें। (ग) विभाग के अधिकारियों ने प्रश्नांश (ख) के कारणों के निराकरण हेतु क्या-क्या कार्यवाही की? पूर्ण विवरण दें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकाल में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’अ’ अनुसार है। भारत सरकार के निर्देश दिनांक 24.01.2018 के परिप्रेक्ष्य में दिनांक 19.02.2018 को समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायतों को प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की स्थाई प्रतीक्षा सूची में पात्र हितग्राहियों के नाम जोड़े जाने हेतु निर्देशित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन पत्रों पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’ब’ अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’स’ अनुसार है। (ग) राज्य स्तर से नियमित साप्ताहिक समीक्षा की जाकर मुख्य कार्यपालन जिला पंचायत तथा जनपद पंचायत को ऐसे प्रकरणों को प्रथमिकता पर लेकर यथासमय किश्त का भुगतान किया जाना सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया गया हैं। पात्र हितग्राहियों से भेंट कर आवास निर्माण प्रारंभ करने हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है।
सोन चिड़िया अभयारण्य की जानकारी
[वन]
121. ( क्र.
2074 ) श्री
सत्यपाल
सिंह सिकरवार
: क्या वन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) ग्वालियर, शिवपुरी
जिलों में सोन
चिड़िया अभयारण्य
का कितना
क्षेत्रफल है
तथा फरवरी 2018 तक
कितनी सोन
चिडि़यों की
संख्या हैं? अलग-अलग
स्थानों की
क्षेत्रफल, सोन
चिडि़यों की
संख्या सहित
पूर्ण
जानकारी दी
जावे। (ख) उक्त
अभ्यारणों
में सोन चिड़िया
संरक्षण पर
वर्ष 2016,
2017
व फरवरी 2018 तक कितनी
राशि खर्च की
गई है तथा
कितने
अधिकारी, कर्मचारी
तैनात किये
गये? अलग-अलग
स्थानों की
पद सहित संख्या
बताई जावे। (ग) क्या
ग्वालियर
घाटीगाँव, अभयारण्य
क्षेत्र में
खनिज चोरी के
प्रकरणों के
कारण,
बारूदी
धमाकों के
कारण सोन चिड़िया
के रहन-सहन पर
प्रतिकूल
प्रभाव पड़ता
है, जिससे
संख्या में
निरंतर कमी
आती जा रही है? शासन
इसे रोकने
हेतु क्या
प्रभावी
कार्यवाही कर
रहा है? उक्त अवधि
में की गई
कार्यवाही की
जानकारी दी
जावे।
वन
मंत्री ( डॉ.
गौरीशंकर
शेजवार ) : (क) ग्वालियर
जिले के
अंतर्गत सोन चिड़िया
अभयारण्य
घाटीगाँव का
कुल क्षेत्रफल
512
वर्ग कि.मी. है।
इसमें वर्ष 1983 से
फरवरी, 2018 तक पाई गई
सोन चिड़िया
की जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
के प्रपत्र-1
अनुसार है। इसी
प्रकार
शिवपुरी जिले
में स्थित
करैरा अभयारण्य, करैरा
का कुल
क्षेत्रफल 202.21
वर्ग कि.मी.
राजस्व
क्षेत्र है। इसमें
वर्ष 1994 से
अभी तक सोन चिड़िया
नहीं देखी गई
है। अत: फरवरी, 2018 में
करैरा
अभयारण्य
में सोन चिड़िया
की संख्या
निरंक है। (ख) व्यय
की गई राशि का
वर्षवार
विवरण निम्नानुसार
है :-
वित्तीय वर्ष |
व्यय राशि रूपये |
|
सोन चिड़िया अभयारण्य घाटीगाँव ग्वालियर |
करैरा अभयारण्य शिवपुरी |
|
2015-16 |
4700687/- |
956348/- |
2016-17 |
8272393/- |
1362721/- |
2017-18 (प्रश्न दिनांक तक) |
5117962/- |
1488215/- |
सोनचिड़िया अभयारण्य घाटीगाँव, ग्वालियर एवं करैरा अभयारण्य, करैरा में दिनांक 15.02.2018 की स्थिति में निम्नानुसार अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ हैं।
क्र. |
पदनाम |
सोन चिड़िया अभयारण्य घाटीगाँव ग्वालियर |
करैरा अभयारण्य शिवपुरी |
संख्या |
संख्या |
||
1 |
अधीक्षक |
0 |
01 (अतिरिक्त प्रभार) |
2 |
गैम रेंजर |
01 |
01 (अतिरिक्त प्रभार) |
3 |
उप वनक्षेत्रपाल |
03 |
- |
4 |
वनपाल |
08 |
- |
5 |
वनरक्षक |
30 |
05 |
6 |
स्थायी कर्मी |
09 |
- |
(ग) क्षेत्र में अवैध खनिज उत्खनन के प्रयास से सोन चिड़िया के रहवास पर आंशिक रूप से प्रभाव पड़ने की संभावना रहती है। विभाग द्वारा खनिज चोरी के प्रकरण में नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जाती है। विगत 02 वर्षों में अवैध उत्खनन के विरूद्ध पंजीबद्ध वन अपराध प्रकरण एवं जप्त वाहनों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
मोरों का संरक्षण एवं संवर्धन
[वन]
122. ( क्र. 2075 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर, मुरैना जिले में वर्ष 2015, 2016, 2017 व फरवरी 2018 तक राष्ट्रीय पक्षी मोरों की कितनी मृत्यु हुई है? यदि हाँ, तो स्थानों के नाम, समय, दिनांक, मोरों की संख्या सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ख) उक्त घटनाओं पर स्थल निरीक्षण कब-कब किन अधिकारियों द्वारा किया गया? स्थल पर प्राकृतिक मृत्यु, जहरीले अनाज, शिकारियों की स्थिति सहित निरीक्षण कार्य करने वाले अधिकारियों के नाम सहित घटना के तथ्यों की पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) क्या लगातार राष्ट्रीय पक्षी मोर की हो रही मृत्यु पर अधिकारियों के संवेदनहीन बने रहने से मृत्यु शिकार की घटनाओं पर अंकुश नहीं लगाया जा पा रहा है? शासन इसकी रोकथाम के लिये क्या उचित व्यवस्था कर रहा है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। ग्वालियर, मुरैना जिले में वर्ष 2015, 2016, 2017 व फरवरी 2018 तक राष्ट्रीय पक्षी मोरों की विभिन्न कारणों से मृत्यु हुई है, विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) राष्ट्रीय पक्षी मोर की मृत्यु रोकने हेतु वनक्षेत्र में वनकर्मियों द्वारा निरंतर गश्ती एवं निगरानी की जा रही है। जन जागरूकता अभियान एवं ग्राम वन समितियों के माध्यम से ग्रामीणों की बैठक लेकर उनको मोरों के संरक्षण एवं संवर्धन के संबंध में समझाया जाता है। शिकार की घटनाओं पर अंकुश लगाने हेतु अपराधियों के विरूद्ध वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के अंतर्गत वन अपराध पंजीबद्ध किया जाकर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।
जल आवर्धन योजना में बैराज निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
123. ( क्र. 2105 ) श्री चेतराम मानेकर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आमला नगर की जल आवर्धन योजना कब स्वीकृत की गई? जल आवर्धन योजना की लागत राशि कितनी है? (ख) जल संग्रहण के लिए क्या योजना में बैराज का निर्माण होना है? बैराज निर्माण पर कितनी राशि खर्च होना है? (ग) आज दिनांक तक बैराज निर्माण पर कितनी राशि खर्च कर दी गई है? बैराज निर्माण के कार्य की प्रगति का विवरण देवें। (घ) बैराज निर्माण कर उसमें जल संग्रहण कब तक कर दिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) आमला नगर की जल आवर्धन योजना दिनांक 17.08.16 को स्वीकृत की गई है, जल आवर्धन योजना की लागत राशि रू. 27.51 करोड़ है। (ख) जी हाँ। बैराज निर्माण पर राशि रू. 4.80 करोड खर्च होना संभावित है। (ग) प्रश्न दिनांक तक बैराज निर्माण पर व्यय की राशि निरंक है। बैराज निर्माण कार्य हेतु ड्राइंग, डिज़ाईन परीक्षण का कार्य प्रगति पर है। (घ) निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है।
जल आवर्धन योजनांतर्गत पाईप लाईन पर व्यय की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
124. ( क्र. 2107 ) श्री चेतराम मानेकर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आमला नगर की जल आवर्धन योजना में पाईप लाईन पर कितनी राशि खर्च होना हैं? (ख) योजना में लगने वाले पाईप का साईज, व्यास, लम्बाई वगैरह का एवं कीमत का पूर्ण विवरण देवें। (ग) आज दिनांक तक पाईप पर कितनी राशि खर्च की जा चुकी है? (घ) योजना सुचारू रूप से कब तक पूर्ण कर दी जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) आमला नगर की जल आवर्धन योजना में पाईप लाईन पर राशि रु. 16.62 करोड़ व्यय होना अनुमानित है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्न दिनांक तक आमला नगर की जल आवर्धन योजना में पाईप पर रु. 46,87,470/- की राशि खर्च की जा चुकी है। (घ) निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है।
बी.पी.एल. सूची से नाम काटे जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
125. ( क्र. 2123 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सुरखी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत दिनांक 1 अप्रैल 2017 से प्रश्न दिनांक तक अनेकों ग्रामों के ऐसे व्यक्तियों के नाम बी.पी.एल सूची से काट दिये गये हैं, जो वास्तव में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार की श्रेणी अंतर्गत आते हैं और कई तो अति गरीबी रेखा से नीचे वाले भी है? (ख) यदि हाँ, तो विधान सभा क्षेत्र सुरखी अंतर्गत राहतगढ़ तहसील में बी.पी.एल.सूची से काटे गये नामों के लिये कौन दोषी है? क्या पुन: सर्वे कराकर जो वास्तव में बी.पी.एल. हेतु पात्र हितग्राही हैं, उनके नाम जोड़े जाने की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो किसकी निगरानी में और कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों का नियमितीकरण
[वन]
126. ( क्र. 2134 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विकास निगत अंतर्गत वर्तमान समय में प्रदेश में कितने दैनिक वेतन भोगी लगातर कार्यरत हैं वर्तमान समय में उनको किस दर से पारिश्रमिक का भुगतान किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित दैनिक वेतन भोगी श्रमिक क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के पत्र क्रमांक/एफ 5-1/2013/1/3 भोपाल, दिनांक 07 अक्टूबर 2016 के अनुसार स्थाई कर्मी के पद पर विनियमित होने की पात्रता रखते हैं? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उन्हें उक्त सुविधा का लाभ प्रदान न करने के क्या कारण हैं? विलंब का दोषी कौन है? (ग) विधान सभा में पूछे गये प्रश्न क्रमांक 4077 बैठक 07 मार्च 2017 एवं प्रश्न क्रमांक 2379 बैठक दिनांक 27 जुलाई 2017 के उत्तर में प्रस्ताव परीक्षणाधीन हैं, बतलाया गया था। तत्संबंध में आगे की गई कार्यवाही से अवगत करावें एवं यह भी बतलावें कि तत्संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा लिखे गये पत्र क्रमांक/163/17-18/151 दिनांक 11.08.2017 का प्रति उत्तर शासन द्वारा प्रदान न करने का क्या करण है? इसका दोषी कौन है? (घ) बार-बार दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों द्वारा स्थाई कर्मियों के पद पर विनियमितीकरण की मांग करने तथा विधान सभा में कार्यवाही प्रचलन में है का आश्वासन प्रदान करने के बाद भी वन विकास निगम द्वारा बार-बार वन विभाग मध्यप्रदेश शासन से केवल मात्र पत्राचार कर मामले को लंबित रखने का दोषी कौन है? तत्संबंध में वन विभाग मध्यप्रदेश शासन के पत्र क्रमांक/1055/609/2017/10-1/भोपाल, दिनांक 24.05.2017 द्वारा प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम मध्यप्रदेश शासन भोपाल को लिखे गये पत्र की छायाप्रति देवें एवं यह भी बतलावें कि स्पष्ट आदेश होन के बाद भी दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों के साथ लगातार अन्याय का दोषी कौन है? क्या शासन इसकी जाँच कराकर अविलंब इन दैनिक वेतन भोगियों को शासन की मंशा अनुरूप स्थाई कर्मी के पद पर विनियमितीकरण कर लाभ प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वन विकास निगम के अंतर्गत माह जनवरी, 2018 की स्थिति में कुल 1203 दैनिक वेतन भोगी श्रमिक लगातार कार्यरत हैं। श्रमायुक्त इन्दौर द्वारा श्रमिकों के लिये निर्धारित की गई दरों के अनुसार भुगतान किया जा रहा है। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ प्रश्नांश में उल्लेखित दिनांक 27 जुलाई 2017 के पश्चात निगम के कार्यरत दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को स्थाई कर्मी के रूप में विनियमित करने हेतु निगम की गठित समिति द्वारा पात्रता का परीक्षण दिनांक 17.11.2017 को किया जाकर, पात्रता रखने वाले 378 श्रमिकों को स्थाई कर्मी के रूप में विनियमित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। इस संबंध में वित्त विभाग के परामर्श अनुसार म.प्र. शासन वन विभाग के पत्र दिनांक 13.02.2018 से निगम श्रमिकों के लिये प्रभावशाली आदेश (Standing Order) के परिप्रेक्ष्य में परीक्षण कर प्रस्ताव चाहे गये हैं। प्रश्नकर्ता का पत्र क्रमांक 151 दिनांक 11.08.2017 अभिलेखों में उपलब्ध होना नहीं पाया गया। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को स्थाई कर्मी के रूप में विनियमितीकरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। विभाग के पत्र क्र./1055/609/2017/10-1 भोपाल दिनांक 24.05.2017 की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। पृथक से जाँच की आवश्यकता नहीं है। निश्चित समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है।
मनरेगा अंतर्गत सड़क निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
127. ( क्र. 2164 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत विभाग द्वारा एक गाँव को दूसरे गाँव से जोड़ने हेतु एवं गाँव के किसानों को अपनी फसल लाने ले जाने हेतु गाँव के गोहो एवं मेढ़ों में क्या कोई सड़क बनाने की योजना है? यदि हाँ, तो ऐसी कौन-कौन सी योजनाएं हैं? (ख) मनरेगा के अंतर्गत सड़कों के निर्माण हेतु क्या मशीन से काम कराने हेतु विभाग अनुमति देता है? यदि मशीनों की अनुमति होती है तो कार्य सही रूप में हो जायेगा, इसके लिये क्या विभाग विचार करेगा? (ग) किसानों की सुविधा हेतु फसल लाने ले जाने एवं अन्य कृषि कार्य हेतु सड़क निर्माण की कोई योजना बनाकर क्या विभाग संपूर्ण गाँव की अपेक्षित सड़कें बनाये जाने हेतु विचार करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। महात्मा गाँधी नरेगा अंतर्गत सुदूर ग्राम सम्पर्क व खेत सड़क उपयोजना लागू है। उपयोजना के निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) मनरेगा अंतर्गत ग्रेवल सड़कों के निर्माण में अनुमत मशीनरी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) व (ख) अनुसार उपयोजना लागू होने से पृथक से विचार की आवश्यकता नहीं है।
शासकीय महाविद्यालय की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
128. ( क्र. 2174 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत पिपलौदा नगर में विगत कई वर्षों से छात्र-छात्राओं, जनता एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने की लगातार मांग शैक्षणिक कठिनाईयों को दृष्टिगत रखते हुए माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा जावरा नगर में दिनांक 29 नवम्बर 2017 को आने वाले सत्र से पिपलौदा नगर में शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ कर दिये जाने की घोषणा की है? (ख) यदि हाँ, तो आने वाले शैक्षणिक सत्र 2018 से शासकीय महाविद्यालय को प्रारंभ किये जाने हेतु शासन विभाग द्वारा कॉलेज भवन निर्माण हेतु भूमि स्थान का चयन भूमि की स्वीकृति, भवन निर्माण का बजट, विद्युतीकरण, फर्नीचर, स्टॉफ इत्यादि संबंधित क्या-क्या कार्य पूर्ण कर लिये हैं, जिससे समय पर महाविद्यालय प्रारंभ हो सके? (ग) इस हेतु माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा दिनांक 29 नवम्बर 2017 के पश्चात शासन विभाग द्वारा एवं जिला तथा स्थानीय अनुविभागीय प्रशासन द्वारा किस-किस प्रकार की क्या-क्या कार्यवाही अब तक निश्चित निर्धारित कर पूर्ण की है, जिससे आने वाले सत्र में महाविद्यालय घोषणा अनुसार प्रारंभ किया जा सके? संपूर्ण स्थिति से अवगत कराएं।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। घोषणा क्रमांक 4095 के अनुसार पिपलौदा में आगामी शिक्षा सत्र से महाविद्यालय प्रारंभ किए जाने के निर्देश हैं। (ख) शासकीय महाविद्यालय की स्थापना होने के पश्चात संबंधित जिला कलेक्टर द्वारा भूमि का चयन कर भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटन की जाती है। भूमि आवंटित होने के पश्चात भवन निर्माण संबंधी कार्यवाही कर विभाग द्वारा निर्माण कार्यों हेतु बजट प्रावधानानुसार बजट की राशि निर्माण एजेंसी के बी.सी.ओ. कोड में हस्तांतरित की जाती है। भवन निर्माण हेतु महाविद्यालयवार राशि उपलब्ध नहीं कराई जाती है। घोषणा के अनुपालन में नगर पिपलौदा में महाविद्यालय प्रारंभ करने के संबंध में डी.पी.आर. तैयार कर लिया गया है। आगामी कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) नवीन महाविद्यालय की स्थापना हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
फूड प्रोसेसिंग पार्क की योजना
[उद्योग नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
129. ( क्र. 2175 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा नगर स्थित रेल्वे स्टेशन के पास शुगर मिल की भूमि के परिसर में फूड प्रोसेसिंग पार्क स्थापित/प्रारंभ किये जाने हेतु शासन/विभाग द्वारा विगत वर्ष कार्ययोजना बनाकर इस कार्य को स्वीकृति प्रदान की है? (ख) यदि हाँ, तो क्या जावरा नगर रेल्वे स्टेशन से शुगर मिल परिसर के भीतर तक पुरानी रेल्वे लाईन भी डली हुई है, साथ ही रेल्वे स्टेशन से रतलाम जक्शन मात्र 30 कि.मी. की दूरी पर है तथा शुगर मिल भूमि से फोर-लेन मात्र आधा कि.मी. की दूरी पर लगता है? (ग) यदि हाँ, तो शासन/विभाग द्वारा इस कार्ययोजना को पूर्ण किये जाने हेतु अपनी विभागीय कार्यवाही को प्रारंभ करते हुए इस हेतु कार्ययोजना को क्रियान्वित करने के लिये विभागीय एजेंसी भी निश्चत कर दी है? (घ) यदि हाँ, तो अवगत कराएं कि शासन/विभाग द्वारा निर्धारित एजेंसी के द्वारा निर्देश दिये जाने के बाद अब तक किस प्रकार की क्या-क्या कार्ययोजना बनाई जाकर तब से लेकर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या विभागीय कार्यवाहियां की हैं, जिससे फूड प्रोसेसिंग पार्क योजना का कार्य प्रारंभ हो सके? संपूर्ण स्थिति से अवगत कराएं।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। अपितु, शुगर मिल परिसर में मध्यप्रदेश औद्योगिक केन्द्र विकास निगम उज्जैन द्वारा बहुउत्पाद औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की योजना हैं। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। जावरा स्थित शुगर मिल परिसर की 107.977 हेक्टेयर भूमि मध्यप्रदेश औद्योगिक केन्द्र विकास निगम उज्जैन के क्षेत्रान्तर्गत हैं। ए.के.व्ही.एन. उज्जैन द्वारा इस क्षेत्र में बहुउत्पाद औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की योजना है। (घ) बहुउत्पादन औद्योगिक क्षेत्र की कार्ययोजना क्रियान्वित करने हेतु विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार करने के लिये ए.के.व्ही.एन. उज्जैन द्वारा कन्सलटेंट नियुक्त किया गया हैं। चयनित कन्सलटेंट मेसर्स वाप्कोस लि. को दिनांक 25.10.2017 को डी.पी.आर. तैयार करने हेतु कार्यादेश जारी किया गया है। माह मार्च-2018 तक डी.पी.आर. बनाने का कार्य पूर्ण होना संभावित है। तदोपरांत प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्राप्त करने के लिये आवश्यक कार्यवाही की जावेगी।
तहसील स्तर पर शासकीय महाविद्यालय की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
130. ( क्र. 2200 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उच्च शिक्षा हेतु शासन द्वारा शासकीय महाविद्यालयों की स्थापना की जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या शासकीय महाविद्यालय तहसील स्तर पर खोलने की योजना नहीं है? ग्रामीण अंचल में रीठी तहसील से जुड़े गाँव के छात्र-छात्राओं को शासकीय महाविद्यालय की सुविधा न मिलने का क्या कारण है? शासकीय महाविद्यालय खोलने हेतु क्या मापदण्ड है? नियम निर्देशों की प्रतियाँ सहित विवरण दें। (ग) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा प्रेषित पत्र के अनुक्रम में मुख्यमंत्री कार्यालय भोपाल द्वारा प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा विभाग को आगामी कार्यवाही के लिये जावक क्र. 1302/CMS/MLA/094/2016 दिनांक 02.06.2016 पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? तिथिवार, कार्यवाहीवार विवरण दें। (घ) क्या विगत समय न्यूनतम दूरी के अंदर, नियमों की अनदेखी कर, विधान सभा क्षेत्र बड़वारा के अंतर्गत 03 नवीन शासकीय महाविद्यालय खोले गये हैं? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन दोषी है?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रत्येक तहसील स्तर पर शासकीय महाविद्यालय खोले जाने की कोई योजना नहीं है। रीठी तहसील के आस-पास अशासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय रीठी, लगभग 30 कि.मी. पर कटनी में दो शासकीय एवं तीन अशासकीय महाविद्यालय संचालित हैं। इसके अतिरिक्त सत्र 2016-17 में सिलोडी, ढीमरखेड़ा एवं उमरियापान में भी शासकीय महाविद्यालय खोले गये हैं जो कटनी जिले में स्थित है। वर्तमान में सीमित संसाधनों के कारण रीठी में महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है। प्राथमिक परीक्षण हेतु मापदण्ड संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1207/130/ सीएमएस/आउशि/यो./2017 दिनांक 30.12.2017 के द्वारा माननीय विधायक को अवगत कराया गया है कि उत्तरांश (क) में वर्णित स्थितियों के कारण रीठी में वर्तमान सीमित संसाधनों को दृष्टिगत रखते हुये नवीन महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है। (घ) जी नहीं, मापदण्ड का निर्धारण प्राथमिक परीक्षण के लिये है, आवश्यकतानुसार महाविद्यालय प्रारंभ किये जाते हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
किश्त की राशि के आहरण पर होल्ड
[नगरीय विकास एवं आवास]
131. ( क्र. 2216 ) पं. रमेश दुबे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के नगरीय निकायों में कुल कितने प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुए हैं? नगरीय निकायवार जानकारी दें। विधान सभा क्षेत्र चौरई के नगर परिषद् चांद की जानकारी हितग्राहीवार देते हुए तिथिवार उनके बैंक खाते में प्रथम अथवा द्वितीय किश्त की राशि के भुगतान भी ब्यौरा दें। (ख) क्या नगर चांद जिला छिन्दवाड़ा में प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रथम किश्त की राशि हितग्राहियों के बैंक खातों में अंतरित करने के तत्काल पश्चात मुख्य नगरपालिका अधिकारी चांद द्वारा राशि के आहरण पर होल्ड लगा दिया गया था? यदि हाँ, तो कितने हितग्राहियों की राशि आहरण होल्ड की गयी थी? हितग्राहियों के नाम, पता एवं बैंक का नाम सहित जानकारी दें। (ग) क्या हितग्राहियों के खाते में प्रधानमंत्री आवास की प्रथम किश्त की राशि अंतरित करने के पश्चात राशियों के आहरण करने पर होल्ड लगाने का कोई शासनादेश/निर्देश प्रसारित किये गये हैं? यदि हाँ, तो संलग्न करें और यदि नहीं, तो मुख्य नगरपालिका अधिकारी चांद जिला छिन्दवाड़ा के द्वारा किस आधार पर प्रधानमंत्री आवास की प्रथम किश्त की राशि के आहरण करने पर होल्ड लगाया गया? कौन दोषी है? (घ) नगर चांद में प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों द्वारा प्रथम किश्त की राशि का आवास निर्माण में उपयोग कर लेने के पश्चात द्वितीय किश्त की राशि जारी क्यों नहीं की जा रहे है? क्या शासन नगर चांद में प्रधानमंत्री आवास योजना का समय पर हितग्राहियों को लाभ न मिलने, नियम विरूद्ध राशि पर होल्ड लगाने, द्वितीय किश्त की राशि जारी नहीं करने की जाँच करवाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही का आदेश देगा? नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : क) छिंदवाड़ा जिले की 17 नगरीय निकायों में कुल 11630 आवास स्वीकृत हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। नगर परिषद् चांद की जानकारी हितग्राहीवार आवंटित राशि संबंधित बैंक खाते तथा प्रथम एवं द्वितीय किश्त की राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जी हाँ। हितग्राहियों को राशि आहरण होल्ड का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) जी नहीं। मुख्य नगरपालिका अधिकारी ने कार्यालय के पत्र क्र 1215 दिनांक 10.11.2017 से संबंधित बैंक को खाते की राशि का उपयोग निर्धारित मद में ही करने के उद्देश्य से यह कार्यवाही की गई थी। अत: किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। नगर परिषद् चांद द्वारा हितग्राहियों के खातों में जमा राशि को फ्री करने हेतु निकाय द्वारा संबंधित बैंक को पृथक–पृथक दिनांक को पत्र जारी किये गये पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (घ) प्रथम किश्त की राशि उपयोग कर लिन्टल लेवल तक निर्माण किये जाने एवं हितग्राहियों द्वारा द्वितीय किश्त की मांग करने पर द्वितीय किश्त उपलब्ध करायी जाती है। हितग्राही द्वारा द्वितीय किश्त की मांग अभी नहीं की गई है, मांग करने पर उपलब्ध करायी जायेगी। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनांतर्गत गुणवत्ताहीन निर्माण की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
132. ( क्र. 2217 ) पं. रमेश दुबे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों में छिन्दवाड़ा जिले के विकासखण्ड चौरई एवं विछुआ में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनांतर्गत कुल कितनी सड़कों का निर्माण कब-कब कराया गया है? कितनी निर्माणधीन हैं? कितनी स्वीकृति हेतु प्रक्रियाधीन हैं? किन-किन सड़कों का पुनर्निर्माण कराया गया है? किन-किन सड़कों का चौड़ीकरण कराया जा रहा है? सड़क का नाम निर्माण अवधि, सड़क निर्माण प्रारंभ और पूर्ण होने का दिनांक सहित जानकारी दें। (ख) विकासखण्ड चौरई के ग्राम तितरी से बतरी सड़क का निर्माण किस पैकेज में शामिल था? इस सड़क का निर्माण किस एजेन्सी द्वारा किया गया है? इस सड़क की लागत क्या है? कितना खर्च हुआ और इस पैकेज में शामिल सड़कों के निर्माण के पश्चात इस पैकेज में कुल कितनी राशि बची है? (ग) क्या उक्त सड़क का निर्माण होते से ही सड़क के उखड़ने गुणवत्ताहीन निर्माण होने, डामर और गिट्टी की क्वालिटी ठीक न होने के संबंध में ग्रामीणों ने एवं प्रश्नकर्ता ने लिखित ओर मौखिक शिकायत माननीय पंचायत मंत्री के साथ साथ कलेक्टर छिन्दवाड़ा एवं महाप्रबंधक, परियोजना क्रियान्वयन इकाई क्रमांक-4 को किया है? यदि हाँ, तो इन शिकायतों पर अब तक क्या कार्यवाही की गयी है? नहीं तो क्यों? (घ) उक्त सड़क का गुणवत्तायुक्त निर्माण कराने के लिए मौके पर निरीक्षण व परीक्षण हेतु कौन-कौन अधिकारी नियुक्त थे? क्या गुणवत्ताहीन निर्माण के लिए शासन उन्हें दोषी मानता है? यदि हाँ, तो उनके विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? क्या शासन उक्त निर्मित गुणवत्ताहीन सड़क को पुन: उखाड़कर ठेकेदार के खर्च पर ही पुन: गुणवत्तायुक्त सड़क निर्माण कराये जाने का आदेश देगा? नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब', 'स', 'द' एवं 'ई' अनुसार है। (ख) विकासखण्ड चौरई के ग्राम ''तितरी से बतरी'' सड़क का निर्माण पैकेज क्र. MP-07274 अंतर्गत शामिल है, इस मार्ग का निर्माण ठेकेदार श्री ओ.पी. कालिया, प्रोफेसर कॉलोनी, चक्कर रोड, छिन्दवाड़ा द्वारा किया जा रहा है। मार्ग की लागत (निविदा दर सहित) रू. 65.81 लाख है एवं इस मार्ग पर अभी तक रू. 46.75 लाख खर्च हो चुका है। चूंकि पैकेज के मार्गों का निर्माण प्रगतिरत् है, अतः वर्तमान में कुल बचत राशि बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्राप्त शिकायत की जाँच श्री के.के. विश्वकर्मा स्टेट क्वालिटी मॉनीटर से करवाई गई। मार्ग गुणवत्तापूर्ण पाया गया। संबंधित जाँच के संबंध में माननीय विधायक महोदय को भी अवगत कराया गया है। (घ) गुणवत्तापूर्ण निर्माण कराने के लिए मौके पर निरीक्षण व परीक्षण हेतु कंसलटेंसी टीम (टीम लीडर श्री अशोक झाडे आई.डी.सी. भोपाल), महाप्रबंधक श्री व्ही.के. विज, सहायक प्रबंधक श्री प्रदीप गढवाल, उपयंत्री श्री संजय वर्मा नियुक्त थे। जी नहीं। प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
मार्ग निर्माण एवं स्वीकृति की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
133. ( क्र. 2218 ) श्री कमलेश शाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अमरवाड़ा वि.स. पंचायत क्षेत्र की नादानवाड़ी से सोनपुर सड़क अभी तक क्यों नहीं बनी? (ख) यह सड़क कब तक पूर्ण होगी? (ग) रंगपुर से सगोनिया तक की सड़क कब तक स्वीकृत कर दी जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सोनपुर से नादनवाड़ी मार्ग का निर्माण दिनांक 30.08.2009 को पूर्ण हो गया है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत ग्राम रंगपुर को रंगपुर-सोनपुर मार्ग द्वारा तथा सगोनिया को सगोनिया धनौरा मार्ग द्वारा जोड़ा गया है। इस प्रकार दोनों ग्रामों को पृथक-पृथक संपर्कता प्राप्त है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार किसी भी ग्राम को बहुसंपर्कता देने का प्रावधान न होने के कारण इन योजना अंतर्गत रंगपुर से सगोनिया मार्ग स्वीकृत किया जाना संभव नहीं है।
रेत खनिज का अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
134. ( क्र. 2229 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला शिवपुरी विधान सभा क्षेत्र 23 करैरा में केवल जैतपुर रेत खदान वैधानिक होकर उससे रेत निकाला जाना चाहिये था, जबकि इस खदान से रेत न निकालते हुये धवारा, आमोलपठा, दिदावली, साबौली, सोन्हर आदि स्थानों से रेत निकाला जा रहा है, जबकि रॉयल्टी की रसीद जैतपुर खदान की दी जा रही है? (ख) उपरोक्त अवैध उत्खनन को लेकर प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा लगातार कई बार, तीन वर्ष से संबंधित विभाग के अधिकारियों से पत्र व्यवहार, मौखिक चर्चा की जाकर विधान सभा प्रश्न आदि के माध्यम से अवगत भी कराया जा चुका है, परन्तु प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है, जिससे राजस्व हानि होकर खनिज माफियाओं के हौंसले बुलंद हो रहे हैं? (ग) क्या मध्यप्रदेश शासन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा प्रश्नकर्ता के समक्ष मौके पर जाँच करायेगा, जिससे अवैध उत्खनन रोका जा सके व शासन को राजस्व हानि न हो?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। प्रश्न में उल्लेखित स्थानों के संबंध में तहसीलदार एवं खनिज निरीक्षक से जाँच कराई गई। जाँच प्रतिवेदन अनुसार इन स्थानों से रेत खनिज का अवैध उत्खनन करते हुए कोई नहीं पाया गया न ही कोई व्यक्ति जैतपुर रेत खदान की अभिवहन पास जारी करते पाया गया। (ख) माननीय प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 27.01.2017 को रेत खदान जैतपुर की रॉयल्टी पर्ची अन्य स्थानों से काटे जाने के संबंध में शिकायत की थी। जिसके संबंध में जाँच उपरांत कलेक्टर कार्यालय द्वारा पत्र दिनांक 21.02.2017 से माननीय विधायक महोदय को अवगत कराया गया था। विधायक महोदय द्वारा पत्र दिनांक 14.03.2017 से करैरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत तहसील नरवर के ग्रामों में रेत खनिज का अवैध उत्खनन होना लेख किया गया था। इसके संबंध में जिला प्रशासन द्वारा कार्यवाही करते हुए करैरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सिन्ध नदी से 20 डम्पर एवं 01 एल.एन.टी. मशीन को मौके से जप्त किया गया था। इस कार्यवाही से माननीय विधायक को कलेक्टर कार्यालय द्वारा पत्र दिनांक 24.03.2017 के माध्यम से अवगत कराया गया है। माननीय विधायक द्वारा की गई शिकायतों पर जिला प्रशासन द्वारा कार्यवाही की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में दिये उत्तर अनुसार कार्यवाही की गई है एवं सतत् रूप से कार्यवाही की जाती है। अत: पृथक से कार्यवाही की वर्तमान में आवश्यकता नहीं है।
प्रतिनियुक्ति समाप्त कर मूल विभाग में पदस्थापना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
135. ( क्र. 2238 ) सुश्री मीना सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग जिला उमरिया में कितने उपयंत्री/एस.डी.ओ. जल संसाधन विभाग से प्रतिनियुक्ति पर हैं? 1 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक जानकारी उनके नामवार, पदवार एवं संपादित किये जा रहे कार्य सहित बतायें। (ख) क्या मध्यप्रदेश शासन, जल संसाधन विभाग के आदेश के तहत पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ सभी उपयंत्री/एस.डी.ओ. की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर मूल विभाग जल संसाधन विभाग में वापस किये जाने हेतु निर्देश हैं? (ग) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, जिला उमरिया में ऐसे कितने उप यंत्री/सहायक यंत्री है जिन्हें शासन के आदेश के बावजूद अभी तक उनको मूल विभाग में वापस नहीं किया गया है? मूल विभाग में वापस न भेजे जाने के क्या कारण हैं तथा कब तक शेष रहे उप यंत्री/सहायक यंत्री को मूल विभाग में वापस भेज दिया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत उमरिया जिले में उपयंत्री एवं सहायक यंत्री के पद रिक्त होने से एवं निर्माण कार्यों के पर्यवेक्षण को दृष्टिगत रखते हुए प्रशासनिक कारणों से इनकी सेवाएं मूल विभाग में नहीं सौंपी गई है। ग्रामीण विकास विभाग में उपयंत्री एवं सहायक यंत्रियों के रिक्त पदों की पूर्ति होने पर इनकी सेवाएं मूल विभाग में वापस की जावेगी, निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वर्तमान कार्यों की स्थिति
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
136. ( क्र. 2239 ) सुश्री मीना सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक विधायक विकास निधि से विधान सभा क्षेत्र मानपुर, जिला उमरिया में कितने कार्य स्वीकृत किये गये? प्रश्न दिनांक की स्थिति में कौन-कौन से कार्य अप्रारंभ, प्रगतिरत एवं पूर्ण थे? (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत कार्यों में से प्रश्न दिनांक की स्थिति में किन-किन कार्यों की राशि खर्च न होने के कारण सरेन्डर की गई? उक्त अवधि में प्रगतिरत् एवं अप्रारंभ कार्यों की वर्तमान में क्या स्थिति है? क्या सभी कार्यों को पूर्ण कर लिया गया है तथा ठेकेदारों को भुगतान हो गया है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो कारण सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) उपरोक्त कार्यों का भुगतान न होने तथा कार्य में विलंब होने की स्थिति में दोषी कौन-कौन हैं? क्या दोषी लोगों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक विधान सभा क्षेत्र मानपुर में 152 कार्य स्वीकृत किये गये थे जिनमें से 150 कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं, 02 कार्य प्रगतिरत हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) किसी भी कार्य की राशि समर्पित नहीं की गई है। उक्त अवधि में स्वीकृत 152 कार्यों के विरूद्ध 150 कार्य पूर्ण कर लिये गये है 02 कार्य प्रगति पर हैं। वर्ष 2016-17 में कार्य एजेन्सी द्वारा उपयोग नहीं करने के कारण राशि लैप्स हो गई थी, जिसके कारण ठेकेदारों को भुगतान नहीं किया जा सका। विभाग द्वारा अब राशि कार्य एजेन्सी को प्रदाय कर दी गई है। (ग) कोई दोषी नहीं है अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विधायक निधि द्वारा स्वीकृत कार्यों की राशि
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
137. ( क्र. 2278 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय विधायकों द्वारा विधायक निधि द्वारा अनुशंसित कार्य प्रशासकीय स्वीकृति के बाद जिलों द्वारा राशि योजना एवं आर्थिक सांख्यिकीय विभाग भोपाल भेज दी जाती है? (ख) यदि हाँ, तो क्या यह राशि संबंधित क्रियान्वयन एजेंसी को एक लम्बे समय में प्राप्त होती है, जिससे निर्माण कार्य विलंब होकर कभी-कभी यह राशि वित्तीय वर्ष के अंत में वापस भी हो जाती है? (ग) क्या पूर्व में राशि प्रशासनिक स्वीकृति के बाद प्रस्तावित क्रियान्वयन एजेंसी को जिलों द्वारा इनके खातों में भेज दी जाती थी व निर्माण कार्य समय पर होकर राशि वित्तीय वर्ष के अंत में वापसी होने की संभावना नहीं रहती थी? (घ) यदि हाँ, तो योजना आर्थिक सांख्यिकीय विभाग पूर्व की भॉति क्रियान्वयन एजेंसी के खाते में सीधी राशि भेजने हेतु गाईड-लाईन में संशोधन करेगा व कब तक?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) बी.सी.ओ. पर प्राप्त राशि को सामान्यतः एक सप्ताह की अवधि में संबंधित क्रियान्वयन ऐजेन्सी के बी.सी.ओ. को राशि अंतरित कर दी जाती है। वर्षान्त में राशि लैप्स हो जाती है। (ग) जी हाँ। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अन्त्योदय मेलों का आयोजन
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
138. ( क्र. 2279 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र दिमनी जिला मुरैना में जनवरी 2014 से जनवरी 2018 तक ग्रामीण क्षेत्र में कितने अन्त्योदय मेलों/कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, की जानकारी वर्षवार, स्थानवार दिनांक सहित दी जावे? (ख) उपरोक्त आयोजित मेलों में जन समुदाय द्वारा कितनी समस्याओं से अवगत कराया गया व विभाग द्वारा कितनी विभागीय योजनाओं का लाभ कितने लोगों को किन कार्यों हेतु राशि दी गई? जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के सदंर्भ में ग्रामीण समुदाय द्वारा मेलों में प्रस्तुत प्रस्तावों पर क्या-क्या गतिविधियां हुई? क्या कोई गतिविधि अपूर्ण है? तो उसे कब तक पूर्ण करा लिया जाएगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधान सभा क्षेत्र दिमनी जिला मुरैना में जनवरी 2014 से जनवरी 2018 तक ग्रामीण क्षेत्र में अन्त्योदय मेलों/कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जनगणना में छूटे ग्रामों का सर्वे
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
139. ( क्र. 2293 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले में शासन द्वारा सामाजिक, आर्थिक जाति जनगणना वर्ष 2011 करायी गई थी? यदि हाँ, तो उक्त जनगणना किसके द्वारा की गयी थी? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या उक्त सर्वे में राजगढ़ जिले के कुछ ग्राम पंचायतों के ग्राम छूट गये थे? यदि हाँ, तो कौन-कौन से ग्राम सर्वे से छूट गये थे? छूटने के कारण सहित सर्वे में छूटे ग्रामों के नाम बतावें। (ग) क्या उक्त ग्रामों में सर्वे न होने के कारण पात्र व्यक्ति शासन की कई महत्वपूर्ण योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री आवास, उज्जवला गैस कनेक्शन आदि के लाभ से वंचित हो गये हैं? (घ) क्या शासन उक्त सर्वे से छूटे हुये ग्रामों में सर्वे करवाकर पात्र हितग्राहियों हेतु अलग से प्रधानमंत्री आवास का कोटा आवंटित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। भारत सरकार द्वारा नियुक्त आई.टी.आई. लिमिटेड द्वारा कराया गया था। आदेश की प्रति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शपथ ग्रहण समारोह की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
140. ( क्र. 2313 ) श्रीमती ममता मीना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गुना जिले में जनवरी 2018 में सम्पन्न राधौगढ़ नगरपालिका चुनाव उपरांत दिनांक 27.01.2018 को नवीन परिषद् के शपथ ग्रहण समारोह को किस प्रशासनिक अधिकारी द्वारा आहूत किया गया था? नव निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को शपथ ग्रहण कराने हेतु जिला प्रशासन द्वारा किस अधिकारी को आदेशित किया गया था? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार आहूत शपथ ग्रहण समारोह में म.प्र. नगरपालिका अधिनियम 1956 के अनुसार शपथ कराने हेतु संबंधित क्षेत्र के विधायक अधिकृत हैं अथवा नहीं? यदि नहीं, तो संबंधित विधायक द्वारा किस नियम एवं प्रावधानों के अनुसार नव निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को शपथ दिलाई गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) कुल 56 निर्माण कार्यों के कार्यादेश जारी किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) नगर परिषद् बिजावर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं नगर परिषद् सटई की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
सड़कों के निर्माण की वित्तीय स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
141. ( क्र. 2350 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र कोलारस में वित्त वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना अंतर्गत सड़कों के निर्माण की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो वर्षवार, राशिवार, कार्य पूर्णता की समय-सीमा सहित विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो स्वीकृत सड़कों में से कितनी सड़कों का निर्माण पूर्ण हो चुका है? कितनी सड़कें अपूर्ण हैं, की सूची सड़क का नाम, ठेकेदार का नाम, पूर्णता वर्ष, अपूर्ण के कारण सहित प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जो सड़कें अभी तक अपूर्ण हैं उनके अपूर्ण होने का क्या कारण है? (घ) जो सड़कें अपनी समय-सीमा में पूर्ण नहीं हुई उनके अपूर्ण होने का उत्तरदायित्व किसका है? क्या शासन समय-सीमा में पूर्ण नहीं हो पाई सड़कों के लिए जवाबदेह अधिकारी/ठेकेदार के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या एवं कब तक कार्यवाही करेगा? (ड.) क्या जिन सड़कों का निर्माण पूर्ण हो चुका है अथवा निर्माणाधीन हैं, का कार्य नियमानुसार प्राक्कलन अनुसार किया जा रहा है? यदि हाँ, तो यहां 1-2 वर्ष पूर्व निर्मित सड़कों की स्थिति वर्तमान में चलने लायक क्यों नहीं है? क्या शासन वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक निर्मित सड़कों की जाँच करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) स्वीकृत 45 सड़कों में से 41 सड़कों का निर्माण पूर्ण हो चुका है एवं 04 सड़कें अपूर्ण है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (घ) सड़क अपूर्ण रहने का उत्तरदायित्व ठेकेदार का है। जी हाँ। मुख्यालय स्तर पर सुनवाई के उपरांत अनुबंधानुसार विलंब हेतु राशि वसूल की जाती है। (ड.) जी हाँ। 01 मार्ग ए.बी. रोड से रिजोदी भारी वाहनों के परिवहन के फलस्वरूप क्षतिग्रस्त हुआ हैं, जिसके उन्नयनीकरण की कार्यवाही प्रचलन में है। अन्य मार्ग संतोषजनक स्थिति में है। योजनान्तर्गत समस्त मार्गों पर भारत शासन के निर्देशानुसार त्रिस्तरीय गुणवत्ता नियंत्रण प्रणाली स्थापित होने से पृथक से जाँच की आवश्यकता नहीं है।
विकास निधि से कार्यों की स्वीकृति
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
142. ( क्र. 2352 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र कोलारस में वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में विधान सभा क्षेत्र विकास निधि से कितने कार्यों की स्वीकृति जिला योजना एवं सांख्यिकीय विभाग द्वारा प्रदान की गई? वर्षवार, राशिवार, कार्यवार, पंचायतवार, कार्य एजेंसीवार विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिन कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई उनमें से कितने कार्य पूर्ण, अपूर्ण एवं अप्रारंभ हैं, की सूची वर्षवार, राशिवार, कार्यवार, पंचायतवार प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जिनका निर्माण पूर्ण हो चुका है, क्या समस्त कार्य शासन के तय मापदण्ड अनुसार किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) जिन कार्यों का निर्माण अपूर्ण एवं अप्रारंभ है उसके लिए कौन जिम्मेदार है? क्या शासन इसकी जाँच कर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) समस्त कार्य शासन के तय मापदण्ड के अनुसार संपादित किये जाते है। तय मापदण्ड का पालन नहीं करने का कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है। (घ) अपूर्ण एवं अप्रारम्भ कार्यों में निर्धारित एजेन्सियों की लापरवाही का कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है। अतः अधिकारियों पर कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सामुदायिक भवन निर्माण की राशि का आवंटन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
143. ( क्र. 2383 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर जिले में वर्ष 2016-17 में सामुदायिक भवनों की राशि ग्राम पंचायतों को आवंटित की गई थी? यदि हाँ, तो किन-किन ग्राम पंचायतों को राशि आंवटित की गई है? विधान सभा क्षेत्रवार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सामुदायिक भवनों की स्वीकृत राशि कितनी-कितनी थी? उनमें से आज दिनांक तक कितनी-कितनी राशि ग्राम पंचायतों के खातों में हस्तांतरित की जा चुकी है? शेष राशि का हस्तांतरण पंचायतों के खातों में क्यों नहीं किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सामुदायिक भवनों में से ग्राम पंचायत मोहम्मदपुर मछनई, लसुडलिया मलक विकासखण्ड कालापीपल एवं हड़लायकलॉ विकासखण्ड शुजालपुर की स्वीकृत राशि की शेष राशि कब तक पंचायतों के खातों में हस्तांतरित कर दी जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष राशि जिला पंचायत के एकल खाते से ग्राम पंचायत को हस्तांतरित करने हेतु संचालनालय के पत्र क्रमांक 1805 दिनांक 08.02.2018 द्वारा जिला पंचायत को निर्देशित किया गया है। (ग) संबंधित ग्राम पंचायतों के द्वारा 70 प्रतिशत भवन निर्माण कार्य पूर्ण होने के उपरांत जिला पंचायत में प्रस्ताव प्राप्त होने पर ग्राम पंचायतों को यथा समय राशि जिला पंचायत द्वारा जारी की जावेगी।
अनुपूरक सूची के हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास का लाभ
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
144. ( क्र. 2386 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में प्रधानमंत्री आवास मिशन के तहत भवनों का निर्माण किया जा रहा है, उसका सर्वे का कार्य कौन से वर्ष में किया गया था? क्या उस सर्वे सूची का ग्राम सभा में सत्यापन आवंटन के पूर्व किया गया है? क्या उसमें से अपात्र हितग्राहियों के नाम हटा दिये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित सर्वे के अलावा भी क्या कई पात्र हितग्राहियों के नाम ग्राम सभा के अनुमोदन से जोड़ने की प्रक्रिया ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के तहत की गई थी? क्या उस अनुपूरक सूची के हितग्राहियों को मकान का लाभ दिये जाने की योजना है? यदि हाँ, तो उन्हें कब तक लाभ दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सामाजिक आर्थिक एवं जाति जनगणना-2011 का सर्वे वर्ष 2011-12 में किया गया है। जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ। समय-सीमा निर्धारित किया जाना संभव नहीं है।
ग्राम पंचायतों में पंच परमेश्वर निधि के कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
145. ( क्र. 2393 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र गुनौर अन्तर्गत जनपद पंचायत गुनौर एवं पन्ना की ग्राम पंचायतों में पंच परमेश्वर निधि से वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक कितने विकास कार्य कितनी-कितनी राशि के कराये गये? ग्राम पंचायतवार, कार्यवार, राशिवार सहित जानकारी देवें। (ख) क्या वर्तमान में म.प्र. शासन द्वारा पन्ना जिले को मध्यम वर्गीय सूखाग्रस्त माना गया है? यदि हाँ, तो क्या पेयजल संकट के मद्देनजर पंच परमेश्वर निधि की राशि को पेयजल व्यवस्था यथा नल-जल, हैण्डपम्प सुधार, नवीन हैण्डपम्पों की स्थापना में व्यय नहीं किया जा सकता है? (ग) क्या पंच परमेश्वर निधि से जो निर्माण कार्य कराये गये हैं उनमें भारी भ्रष्टाचार किया गया है जिससे गुणवत्ताहीन कार्य हुये हैं? क्या जो निर्माण कार्य कराये गये उनकी जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग पन्ना गुनौर विधान सभा क्षेत्र की प्रत्येक ग्राम पंचायत में पेयजल व्यवस्था नहीं दे पा रहा है? यदि नहीं, तो नलजल योजनाएं एवं हैण्डपम्प बंद क्यों हैं? क्या पंच परमेश्वर निधि की राशि से पेयजल व्यवस्था को सुदृढ़ कराया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधान सभा क्षेत्र गुनौर अन्तर्गत जनपद पंचायत गुनौर एवं पन्ना की ग्राम पंचायतों में पंच परमेश्वर निधि से वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक 754 विकास कार्य राशि रू. 2599.73 लाख के कराये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। पंच परमेश्वर योजना अन्तर्गत पेयजल व्यवस्था संबंधी कार्य हेतु वर्ष में प्राप्त कुल राशि का 10 प्रतिशत व्यय का प्रावधान है। नवीन हैण्डपम्पों की स्थापना एवं हैण्डपम्प सुधार कार्य लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा किये जो पंच परमेश्वर योजना में अनुमत्य नहीं है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। लोक स्वास्थ्य विभाग पन्ना गुनौर विधान सभा क्षेत्र की प्रत्येक ग्राम पंचायत में पेयजल व्यवस्था दी जा रही है। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। जी हाँ, पंच परमेश्वर निधि की राशि से उत्तरांश (ख) अनुसार पेयजल व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सकता है।
नि:शक्तजन कल्याण की योजनाएं
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
146. ( क्र. 2394 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले की गुनौर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2011 से प्रश्न दिनांक तक कितने निःशक्तजन, समाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग पन्ना द्वारा पंजीकृत किये गये हैं तथा वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार कितने निःशक्तजन हैं? (ख) विभाग पन्ना द्वारा गुनौर विधान सभा क्षेत्र में कितने निःशक्तजनों को प्रमाण-पत्र वितरित किये गये हैं एवं कितने शेष हैं? शेष बचे निःशक्तजनों को कब तक प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराये जाएगें? ग्रामवार संख्यात्मक विवरण देवें। (ग) समाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग पन्ना द्वारा निःशक्तजनों के कल्याण के लिये कौन-कौन सी योजनाएं चलाई जा रही हैं? इन योजनाओं से विगत 3 वर्षों में कितने निःशक्तजनों को क्या-क्या लाभ दिया गया है? योजनावार, लाभान्वितों की संख्या बताएं। (घ) क्या निःशक्तजनों के कल्याण के लिए विभाग की योजनाओं से निःशक्तजनों को लाभान्वित करने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर कैम्प लगाने का प्रावधान हैं? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ पर कैम्प लगाये गये तथा कितने निःशक्तजन को लाभान्वित किया गया? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) गुनौर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2011 की जनगणना अनुसार 1610 नि:शक्तजन है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '’अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '’ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '’स'' अनुसार है। (घ) ग्राम पंचायत स्तर पर कैम्प लगाने का प्रावधान नहीं है।
नगर पंचायत की बैठकों का आयोजन
[नगरीय विकास एवं आवास]
147. ( क्र. 2397 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगरपालिका अधिनियम के अनुसार नगर परिषद् के निर्वाचिन के उपरांत कितने तरह की समितियाँ, उप समितियाँ, सामान्य सभा आदि के गठन का प्रावधान है? नियमावली उपलब्ध करावें। (ख) नगर परिषद् सटई जिला छतरपुर में निर्वाचन उपरांत कौन-कौन पार्षद व अध्यक्ष निर्वाचित हुये हैं? परिषद् का गठन कब हुआ है? पार्षद एवं अध्यक्ष की सामान्य बैठकों के क्या नियम हैं? क्षेत्रीय सांसद, विधायक की बैठकों में उपस्थिति का क्या नियम है? (ग) नियमानुसार सामान्य बैठकों की सूचना, बैठकों की कार्यवाही, बैठकों में उपस्थिति के क्या नियम हैं? नियमावली उपलब्ध करावें। क्या नगर परिषद् सटई जिला छतरपुर में क्षेत्रीय सांसद एवं विधायक को प्रत्येक बैठक में आमंत्रित किया गया? कब और कैसे आमंत्रित किया गया है? प्रमाण देवें। कितनी बैठकों में वे पहुंचे? (घ) वर्तमान में गठित नगर परिषद् सटई जिला छतरपुर में गठन से लेकर जनवरी 2018 तक नियमानुसार कितनी बैठकें होना प्रावधानित थी? कुल कितनी बैठकें सम्पन्न हुई हैं? प्रत्येक बैठक की सूचना पंजी, उपस्थिति पंजी, कार्यवाही पंजी का विवरण उपलब्ध करायें एवं प्रमाणित जानकारी उपलब्ध करायें कि बैठकें कब और कहाँ सम्पन्न हुई हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) नगर परिषद् सटई जिला छतरपुर में निर्वाचन उपरांत निर्वाचित पार्षद एवं अध्यक्ष की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। परिषद् का गठन दिनांक 22.12.2014 को हुआ है। पार्षद एवं अध्यक्ष की सामान्य बैठकों के नियम जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। क्षेत्रीय सांसद/विधायक की बैठक में उपस्थिति का नियम जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (ग) नियमानुसार सामान्य बैठकों की सूचना बैठकों की कार्यवाही बैठकों में उपस्थिति के नियम जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ई' अनुसार है। जी हाँ, क्षेत्रीय सांसद एवं विधायक को बैठक की सूचना डाक एवं निकाय के कर्मचारी के माध्यम से दी जाकर आमंत्रित किया गया। उपस्थिति निरंक है। (घ) नगर परिषद् सटई जिला छतरपुर में वर्तमान परिषद् गठन से लेकर जनवरी 2018 तक नियमानुसार 18 बैठकें होना प्रावधानित थी, जिसमें 13 बैठकें सम्पन्न हुई। निकाय की समस्त बैठकें निकाय के सभाकक्ष में हुई। प्रत्येक बैठक की सूचना पंजी, उपस्थिति पंजी एवं बैठक की कार्यवाही पंजी की प्रमाणित प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार है।
नगर पंचायत द्वारा अधिग्रहित भवन
[नगरीय विकास एवं आवास]
148. ( क्र. 2398 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत नगर पंचायत क्षेत्र सटई में म.प्र. पुलिस के कितने भवन हैं? उनमें से कितने भवनों को नगर पंचायत सटई ने अधिग्रहित किया है? किस प्रयोजन के लिये अधिग्रहण हुआ है? भवनों की अनुमानित कीमत क्या है? (ख) क्या नगर पंचायत सटई ने म.प्र. पुलिस विभाग को नये भवन बना कर दिए हैं? उनकी संख्या कितनी है? लागत राशि कितनी है? (ग) नगर पंचायत सटई ने किस मद से म.प्र. पुलिस हेतु भवनों का निर्माण कराया है? नगरपालिका अधिनियम के किस प्रावधान के अंतर्गत इस राशि का उपयोग किया गया है? (घ) यदि किसी नगर परिषद् में किसी प्रकार की राशि के अपव्यय की पुष्टि होती है तो नियमानुसार क्या कार्यवाही की जाती है? नियमावली की प्रति उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पंचायत क्षेत्र सटई में म.प्र. पुलिस से संबंधित कुल 09 भवन हैं, नगर परिषद् सटई द्वारा कोई भी भवन अधिग्रहित नहीं किया गया है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ, नगर परिषद् सटई द्वारा 02 भवनों का निर्माण किया गया है, जिनकी लागत राशि रूपये 18.40 लाख है। (ग) निकाय निधि से उक्त भवनों का निर्माण कार्य किया गया है। मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 100 (1) (छ) के प्रावधानुसार इस राशि का उपयोग किया गया है, नियम संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 315 के प्रावधानानुसार नगरपालिका की सम्पत्ति के अपव्यय की पूर्ति किये जाने का प्रावधान है नियम संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
अवैध उत्खनन पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
149. ( क्र. 2405 ) श्री सतीश मालवीय : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले के घट्टिया विधान सभा क्षेत्र में विगत चार वर्षों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत सड़कों एवं अन्य सड़कों के निर्माण कार्यों में किस-किस ठेकेदार द्वारा मुरम एवं मिट्टी हेतु खनिज विभाग से उत्खनन हेतु कितने आवेदनों पर स्वीकृति कहाँ-कहाँ दी गई है? (ख) उज्जैन जिले के घट्टिया विधान सभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं अन्य योजना के तहत सड़कों एवं अन्य के निर्माण के लिए अवैध उत्खनन के कितने प्रकरण खनिज विभाग द्वारा पंजीबद्ध किये गये हैं एवं कितने प्रकरणों में कितना-कितना जुर्माना किस-किस एजेन्सी पर किया गया है? कितनी राशि की वसूली की गई है एवं कितनी राशि वसूल किया जाना शेष है? (ग) खनिज विभाग द्वारा घट्टिया विधान सभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री सड़क एवं अन्य योजनाओं हेतु उत्खनन अनुमति के पश्चात कितने सर्वे नं. एवं रकबा नं. में कितनी मात्रा में कहाँ-कहाँ उत्खनन किया गया? सर्वे नं. एवं रकबा नं. वार संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नानुसार खनिज विभाग द्वारा कोई अनुमति जारी नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं अन्य योजना के तहत सड़कों एवं अन्य के संबंध में खनिज विभाग द्वारा कोई प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सामुदायिक भवन का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
150. ( क्र. 2416 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जौरा विधान सभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत बर्रेड के मजरा भोजपुरा में सामुदायिक भवन स्वीकृत किया गया है? स्वीकृत राशि क्या है एवं निर्माण एजेन्सी किस को बनाया गया है? निर्माण कार्य की समयावधि क्या है? (ख) क्या स्वीकृत सामुदायिक भवन का निर्माण कार्य प्रश्न दिनांक तक आरम्भ नहीं किया गया है? निर्माण कार्य बंद है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के तारतम्य में निर्माण कार्य आरम्भ न होने पर विभाग द्वारा कार्य आरम्भ करने के लिये क्या-क्या कार्यवाहियां की गई हैं? (घ) वर्तमान की स्थिति को देखते हुए क्या निर्धारित समय अवधि में निर्माण कार्य पूर्ण कराया जाना सम्भव होगा? यदि हाँ, तो कैसे? यदि नहीं, तो जनहित में विभाग की निर्माण कार्य पूर्ण करने के लिये क्या योजना है? निर्माण कार्य कब तक आरम्भ हो जायेगा? तिथि निर्धारित की जा सकेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। स्वीकृत राशि रूपये 10.00 लाख है। निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत को नियुक्त किया गया है। निर्माण कार्य की स्वीकृति अनुसार समयावधि छः माह है। (ख) जी हाँ। ग्राम पंचायत को राशि प्राप्त नहीं होने एवं ग्राम भोजपुरा में पर्याप्त शासकीय भूमि उपलब्ध न होने के कारण सामुदायिक भवन के निर्माण का कार्य प्रारंभ नहीं हो सका। (ग) ग्राम पंचायत को चैक क्रमांक 772233 दिनांक 16.05.2017 प्रदत्त राशि रूपये 4.00 लाख का आहरण जिला पंचायत के केनरा बैंक का खाता बंद होने से ग्राम पंचायत के द्वारा नहीं किया जा सका। अतः जिला पंचायत के द्वारा ग्राम पंचायत के खाते में पुनः दिनांक 02.02.2018 को राशि अंतरित की गई एवं कार्य प्रारंभ करने हेतु पत्र क्रमांक 18726 दिनांक 19.12.2017 द्वारा सरपंच/सचिव बर्रेड को नोटिस दिया गया। (घ) जी नहीं। जिला पंचायत के द्वारा माननीय विधायक महोदय से ग्राम पंचायत बर्रेड में सामुदायिक भवन के निर्माण हेतु पर्याप्त शासकीय भूमि उपलब्ध न होने के कारण ग्राम पंचायत के अन्य ग्राम डबोखरी अथवा आसनपुर में निर्माण करने हेतु पत्र क्रमांक 1155 दिनांक 02.02.2018 के द्वारा स्थल परिवर्तन का विकल्प चाहा गया है। माननीय विधायक महोदय से विकल्प प्राप्त होने के उपरांत सामुदायिक भवन का निर्माण आरंभ किया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कटायेघाट सुरम्य पार्क का संचालन
[नगरीय विकास एवं आवास]
151. ( क्र. 2423 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी नगर के कटायेघाट सुरम्य पार्क में निर्मित स्वीमिंग पुल (तरणताल) का निर्माण कितनी लागत से कब किया गया? क्या उक्त स्वीमिंग पुल वर्तमान में बंद होकर उपयोग में नहीं है? यदि हाँ, तो किन कारणों से कब से बंद है? (ख) क्या कटायेघाट सुरम्य पार्क में व्यायाम शाला भी निर्मित है एवं इसका निर्माण कितनी लागत से किया गया? क्या यह व्यायाम शाला भी वर्तमान में बंद है? यदि हाँ, तो किन कारणों से कब से बंद है? (ग) प्रश्नांश (क) से (ग) के तहत स्वीमिंग पुल एवं व्यायाम शाला का संचालन कब प्रारंभ हुआ? इनका लोकार्पण किन महापौर के कार्यकाल में किन जनप्रतिनिधियों द्वारा कब किया गया एवं सुरम्य पार्क के संचालन अवधिकाल में नगर पालिक निगम कटनी को कितनी आय प्राप्त हुई? माहवार, मदवार बतायें। वर्तमान में कितनी आय की क्षति संस्था को कब से हो रही है? पृथक-पृथक बतायें। (घ) कटायेघाट सुरम्य पार्क में नागरिकों हेतु अन्य क्या-क्या सुविधायें एवं संसाधन कब से उपलब्ध थे? वर्तमान में कौन-कौन सी सुविधायें एवं सामग्री उपलब्ध है? सुरम्य पार्क के संरक्षण एवं विकास के लिये विगत तीन वर्षों में क्या-क्या प्रयास एवं क्या-क्या कार्य किये गये? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में क्या स्वीमिंग पुल एवं व्यायाम शाला एवं अन्य सुविधाओं का संचालन पुन: प्रारंभ कर नागरिकों को सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) कटनी नगर के कटायेघाट सुरम्य पार्क में निर्मित स्वीमिंग पुल का निर्माण रू. 87.79 लाख लागत से वर्ष 2009-2010 में कराया गया है। जी हाँ। स्वीमिंग पुल के संचालन हेतु सक्षम एजेन्सी द्वारा टेण्डर में भाग नहीं लिये जाने एवं नगर निगम में प्रशिक्षित स्टॉफ नहीं होने के कारण जून 2015 से बंद है। (ख) जी हाँ। व्यायाम शाला के निर्माण की लागत स्वीमिंग पुल निर्माण की लागत में ही सम्मिलित है। जी हाँ। उत्तरांश (क) अनुसार तत्समय से ही उक्त कारणों से व्यायाम शाला भी बंद है। (ग) स्वीमिंग पुल एवं व्यायाम शाला का लोकार्पण दिनांक 03.10.2009 को हुआ है। तत्कालीन महापौर श्री संदीप जायसवाल के कार्यकाल में माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा दिनांक 03.10.2009 को प्रभारी मंत्री मान. डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया, शिक्षा मंत्री मान. श्रीमती अर्चना चिटनिस, सांसद मान. श्री जितेन्द्र सिंह बुन्देला, विधायक मान. श्री मोती कश्यप, विधायक मान. श्री गिरिराज किशोर पोद्दार, महापौर श्री संदीप जायसवाल एवं अध्यक्ष, नगर निगम कटनी श्री लोकनाथ गौतम की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ था। सुरम्य पार्क के संचालन अवधि काल में नगर पालिक निगम कटनी को राशि रू 8,81,797/- की आय प्राप्त हुई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में सुरम्य पार्क का संचालन, विभागीय रूप से किया जा रहा है। इसमें किसी भी प्रकार की क्षति नहीं हुई है। (घ) सुरम्य पार्क में पूर्व में नौका बिहार, मिनी ट्रेन, स्केटिंग ग्राउण्ड व स्केट्स, वॉटर फॉल, फाउण्टेन, जिम, स्वीमिंग पूल आदि की सुविधायें उपलब्ध थी। वर्तमान में भी उक्त सुविधाएं उपलब्ध हैं परन्तु मिनी ट्रेन, ट्रेन ट्रेक, नौकाऐं आदि अत्याधिक पुरानी होने से उन्हें बदला जाना आवश्यक है, इसके लिये अमृत योजना में सुरम्य पार्क के संरक्षण एवं विकास के लिए अमृत योजना अंतर्गत राशि रू. 117.00 लाख की डी.पी.आर तैयार कराई गई है, जिसका अनुमोदन राज्य स्तरीय तकनीकी समिति से प्राप्त हो गया है, उक्त कार्य की निविदा आमंत्रित करने की कार्यवाही प्रचलन में है। यही प्रयास विगत तीन वर्षों से किये गये हैं। (ड.) जी हाँ। स्वीमिंग पुल, व्यायाम शाला एवं अन्य सुविधाओं का संचालन किये जाने हेतु अमृत योजना अंतर्गत कार्य पूर्ण होने के उपरांत आम नागरिकों को सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
कचरा संग्रहण एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन
[नगरीय विकास एवं आवास]
152. ( क्र. 2424 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा प्रश्न क्रमांक-2946 दिनांक-27/07/2017 के संदर्भ में बतायें कि एम.एस.डब्यू मैनेजमेंट प्राईवेट लिमिटेड द्वारा कटनी नगर एवं अन्य - 04 नगरीय निकायों के सीमा क्षेत्र के घरों/प्रतिष्ठानों से कचरा के संग्रहण एवं निष्पादन का कार्य, दिन में कितनी बार एवं किस प्रकार किये जाने का प्रावधान है तथा समस्त गतिविधियों की मॉनिटरिंग हेतु नियुक्त इन्फ्रा इन (इण्डिया) प्राईवेट लिमिटेड द्वारा कार्य का निष्पादन किस प्रकार किया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) कचरा संग्रहण एवं निष्पादन हेतु कितने एवं कौन-कौन वाहन तथा किन संसाधनों का उपयोग नियत था वर्तमान में कितने एवं कौन-कौन से वाहन एवं संसाधन कार्य हेतु उपयोग में हैं? क्या शासनादेशों/अनुबंधानुसार समस्त कार्यवाही एवं गतिविधियां अब तक पूर्ण हो चुकी हैं? यदि हाँ, तो विवरण देवें। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) कचरा-संग्रहण कार्य में अनियमितताओं की कौन-कौन सी शिकायतें नगर निगम कटनी में कब-कब प्राप्त हुई? शिकायतों पर क्या जाँच कार्यवाही की गई? शिकायतवार बतायें और क्या योजना प्रारंभ दिनांक से कचरा संग्रहण रोजाना किया गया? यदि हाँ, तो विवरण देवें। यदि नहीं, तो क्यों एवं क्या कार्यवाही की गई? (घ) एम.एस.डब्ल्यू कंपनी को अब तक किस-किस मद से कितना-कितना भुगतान, कब-कब किया गया और किन कमियों एवं प्रतिवेदनों/अनुशंसाओं के आधार पर भुगतान में कब-कब एवं कितनी-कितनी राशि की कटौती की गई? भुगतान में कटौती के किस सक्षम प्राधिकारी द्वारा क्या आदेश किये गये? (ड.) प्रश्नांश (ख) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में क्या एकीकृत-ठोस अपशिष्ट प्रबंधन योजना में अनियमितताओं की शासन स्तर से समीक्षा एवं जाँच करायी जायेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक? यदि नहीं, तो कारण बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) परियोजना क्षेत्र अंतर्गत कचरे के संग्रहण एवं निष्पादन कार्य के संबंध में प्रावधान निष्पादित अनुबंध दिनांक 07.05.15 की कण्डिका क्रमांक (02) में वर्णित अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। मॉनिटरिंग हेतु नियुक्त इन्फ्रा इन (इण्डिया) प्राईवेट लिमिटेड के दायित्व कार्य क्षेत्र का विवरण निष्पादित अनुबंध दिनांक 29.01.16 की कण्डिका क्रमांक (03) अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) कचरा संग्रहण एवं निष्पादन हेतु वाहन व संसाधन के संबंध में जानकारी योजना के डी.पी.आर. अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। वर्तमान में उपयोग में लाये जा रहे वाहनों से संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। जी नहीं पर्यावरण की स्वीकृति एवं ट्रांसफर स्टेशन विकास हेतु भूमि की उपलब्धता समय-सीमा में न होने के कारण कार्य विलंबित हुआ है। वर्तमान में कार्य प्रगति पर है। (ग) कचरा संग्रहण कार्य में अनियमितताओं के संबंध में प्राप्त शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'इ' अनुसार है। जी हाँ। योजना का प्रारंभ जन निजी भागीदारी के द्वारा चरणबद्ध रूप में किया गया है। दिनांक 11.05.17 दिनांक 05.01.18, 06.01.18, 07.01.18, 08.01.18, 24.01.18 एवं 25.01.18 को कटनी एम.एस.डब्ल्यू मैनेजमेंट प्राईवेट लिमिटेड के प्राथमिक संग्रहण कार्य में संलग्न कर्मचारियों द्वारा हड़ताल के कारण उक्त तिथियों को छोड़कर रोजाना कचरा संग्रहण का कार्य किया गया है। उक्त अवधि में निकाय द्वारा स्वयं के संसाधनों से कचरा संग्रहण कार्य किया गया है। (घ) कटनी एम.एस.डब्ल्यू मैनेजमेंट प्राईवेट लिमिटेड को अभी तक किये गए भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एफ' अनुसार है। किये गये भुगतान में कटौती का विवरण निरंक है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) उत्तर (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आवास किश्तें देने हेतु नियम
[नगरीय विकास एवं आवास]
153. ( क्र. 2428 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नगरीय क्षेत्रों में आवास किश्तें देने के क्या नियम हैं एवं कितने कार्य के लिए कितनी राशि जारी की जाती है? (ख) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में नगरीय क्षेत्रों (शामगढ, सीतामऊ एवं सुवासरा) के अन्तर्गत ऐसे कितने व्यक्ति हैं जिन्हें प्रथम किश्त का कार्य पूर्ण होने के बाद दूसरी एवं दूसरी किश्त का कार्य पूर्ण होने के बाद तीसरी किश्त प्राप्त नहीं हुई है? व्यक्ति के नाम एवं नगर पंचायत के नाम सहित जानकारी देवें। (ग) ऐसे कितने व्यक्ति हैं जिन्हें माह दिसम्बर 2017 में प्रथम किश्त दी गई थी? उसके बाद द्वितीय किश्त जारी नहीं की गई तथा द्वितीय के बाद तृतीय किश्त प्रश्न दिनांक तक जारी नहीं की गई? (घ) जिन व्यक्तियों द्वारा ठण्ड के मौसम में मकान तोड़कर आवास निर्माण करवाया जा रहा है, उन व्यक्तियों के ठण्ड से बचने हेतु शासन द्वारा क्या-क्या सुविधाएं प्रदान की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगरीय क्षेत्र में शहरी गरीबों को आवास उपलब्ध कराये जाने के मार्गदर्शी सिद्धांत एवं दिशा-निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। कार्य के अनुपात में राशि दिये जाने की जानकारी संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास से दिनांक 15.09.2017 को जारी दिशा-निर्देश की कण्डिका 7.24 के अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास निर्माण (बी.एल.सी.) घटक के अंतर्गत निर्माण के समय हितग्राही के निवास हेतु प्रथक से राशि दिये जाने का प्रावधान नहीं है। हितग्राही को स्वयं अथवा निर्माण हेतु दी जाने वाली राशि से प्रबंध करना होता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
154. ( क्र. 2442 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र जौरा में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कितने आवेदन प्राप्त हुए और कितने आवेदन स्वीकृत एवं अस्वीकृत किये गये हैं? ग्रामवार हितग्राहियों के नाम सहित अवगत कराये? अस्वीकृत किये जाने के क्या कारण हैं? (ख) क्या निरस्त किये गये आवेदनों में ऐसे कई आवेदक हैं, जिनके पास आवास नहीं हैं? उनकी परिवार आई.डी. पृथक है किंतु आवास विहीन होने कारण वह अपने परिवारजनों के आवासों में निवासरत् हैं। इसी वजह से कुछ आवेदकों के आवेदन निरस्त कर दिये गये हैं? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो निरस्त किये गये आवेदनों को पुन: विचार कर भौतिक स्थिति की जाँच करवाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो अति गरीब हितग्राहियों के साथ अन्याय नहीं होगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत आवेदन प्राप्त करने का प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री ग्रामीण हाट बाजार योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
155. ( क्र. 2471 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के विधान सभा क्षेत्र सिरोंज एवं लटेरी विकासखण्ड में दिनांक 31.03.2011 से 31.03.2017 तक ग्रामीण उत्पादों के विक्रय की बेहतर व्यवस्था और ग्रामीण शिल्पियों तथा कारीगरों को कारोबार के लिए सुव्यवस्थित स्थान उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना के तहत किन-किन ग्राम पंचायतों में कब-कब कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है? मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना हेतु मापदंड एवं स्वीकृति के नियम क्या हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना के मापदंड न होते हुए भी जनपद पंचायत लटेरी में क्या हाट बाजार हेतु चयन किया गया है? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? ऐसे कौन-कौन सी ग्राम पंचायंत हैं जो पूर्व में हाट बाजार न लगते हुए भी हाट बाजार में शामिल की गयी हैं? क्या उस ग्राम पंचायत के सचिव/सरपंच के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं? उनमें से कितने कार्य पूर्ण हुए एवं कितने कार्य अपूर्ण हैं? स्वीकृत कार्य में से कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है? भुगतान हेतु शेष राशि कितनी है? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण किया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार मुख्यमंत्री ग्रामीण हाट बाजार योजनांर्गत स्वीकृत ग्राम पंचायतों में से किस-किस ग्राम पंचायत का ऑडिट हुआ है? क्या ऑडिट रिपोर्ट में भ्रष्टाचार होना पाया गया है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विदिशा जिले के विधान सभा क्षेत्र सिंरोज अंतर्गत सिंरोज एवं लटेरी विकासखंड में स्वीकृत मुख्यमंत्री हाट बाजारों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। मापदंड एवं स्वीकृति के नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जी हाँ। जनपद पंचायत लटेरी क्षेत्रान्तर्गत 02 ग्राम पंचायतों में पूर्व में हाट बाजार न लगते हुए हाट बाजारों का चयन किया गया था। जिनके नाम ग्राम पंचायत भटोली एवं ईसरवास है। दोषियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही 15 दिवस में की जावेगी। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश-क अनुसार मुख्यमंत्री ग्राम हाट बाजार योजनान्तर्गत स्वीकृत ग्राम पंचायत दनवास, महोटी, कालादेव, आंनदपुर, मुरवास, उनारसीकला, भटोली, ईसरवास, भौरिया, मुगलसराय में ऑडिट दल द्वारा ऑडिट किया जा चुका है। ऑडिट रिपोर्ट अनुसार भ्रष्टाचार होना नहीं पाया गया। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क कार्यों की स्थिति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
156. ( क्र. 2473 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के सिरोंज विधान सभा क्षेत्रांतर्गत विगत 5 वर्षों में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत कितने कार्य कहाँ से कहाँ तक कितनी-कितनी लागत के स्वीकृत किये गये हैं? कितने कार्य अभी तक पूर्ण किये गये एवं कितने अपूर्ण हैं? वर्तमान में कितनी सड़कों के निर्माण कार्य प्रगति पर हैं एवं कितने कार्य अभी तक अप्रारंभ हैं? कार्य अप्रारंभ रहने के क्या कारण हैं? कब तक कार्य प्रारंभ किया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कौन-कौन से ग्राम मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना से स्वीकृत होने के बाद भी अभी तक उनमें सड़क का कार्य प्रारंभ नहीं किया गया हैं? क्या कारण है? कब तक प्रारंभ किये जाने की संभावना है? कार्य प्रारंभ न करने का क्या कारण हैं? विलम्ब के लिए जिम्मेदार कौन है? (ग) क्या विदिशा जिले के सिरोंज विधान सभा क्षेत्रांतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत स्वीकृत सड़क को वर्ष 2017-18 में डामरीकरण कार्य हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है? डामरीकरण का कार्य कब से प्रारंभ किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। डामरीकरण का कार्य मार्च 2018 में प्रारंभ करने का लक्ष्य है।
डीजल घोटले की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
157. ( क्र. 2489 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 भोपाल नगर निगम में डीजल-ईंधन का कोटा बजट में कितना प्रावधानित किया गया था तथा यह भी अवगत करावें कि वर्ष 2017-18 में डीजल कोटा 32 करोड़ रूपये की राशि का प्रावधानित किया गया था? यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 की तुलना में डीजल कोटे में लगभग 12 करोड़ रूपये अधिक राशि का प्रावधान किया गया? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण थे? (ख) क्या माह अगस्त 2017 को निगम आयुक्त द्वारा औचक निरीक्षण कर डीजल टैंक पर छापामार कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो माह अगस्त 2017 के पश्चात प्रश्न दिनांक की स्थिति में निगम द्वारा प्रतिमाह कितने-कितने टैंकर डीजल क्रय किए? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में अवगत करावें कि निगम की लगभग 10 करोड़ से अधिक राशि का भ्रष्टाचार उजागर होने के पश्चात निम्न स्तर के एक कर्मचारी के विरूद्ध निलंबन की कार्यवाही की गई? क्या करोड़ों का घोटाला एक व्यक्ति द्वारा ही किया गया था और अन्य निगम के कोई अधिकारियों की संलिप्तता नहीं पाई गई? यदि हाँ, तो क्या शासन निष्पक्ष वरिष्ठ अधिकारी से जाँच संलिप्त अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय एवं वैधानिक कार्यवाही करते हुए भ्रष्टाचार की राशि की वसूली की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) वित्तीय वर्ष 2015-16 में 26 करोड़ रूपये एवं 2016-17 में 30 करोड़ रूपये का डीजल/ऑयल/पेट्रोल में प्रावधान किया गया था। वर्ष 2017-18 में 36 करोड़ रूपये का डीजल/ऑयल/पेट्रोल का प्रावधान किया गया था। कोलार नगरपालिका का नगर निगम भोपाल में विलय एवं निगम सीमा का विस्तार तथा नगर निगम में वाहनों की संख्या (2015-16 में 649, 2016-17 में 857 तथा 2017-18 में 944) में बढ़ोत्तरी से डीजल की खपत बढ़ी है। डीजल कीमतों में वृद्धि के कारण डीजल/ऑयल/पेट्रोल की राशि का प्रावधान किया गया। (ख) जी हाँ। निगम आयुक्त द्वारा अगस्त माह में डीजल टैंक का औचक निरीक्षण किया गया था। अगस्त 2017 में 24 टैंकर, सितम्बर 2017 में 23 टैंकर, नवंबर 2017 में 24 टैंकर, दिसम्बर, 2017 में 23 टैंकर तथा जनवरी 2018 में 25 टैंकर डीजल क्रय किया गया। 20 फरवरी 2018 तक 18 टैंकर डीजल क्रय किया गया। (ग) जी हाँ। श्री मधुसूदन तिवारी प्रभारी निगम डीजल टैंक एवं तत्कालीन प्रभारी कोलार जल-प्रदाय हाईडेंट को निलंबित किया गया है। प्रकरण की विभागीय जाँच प्रचलित है।
स्मार्ट पोल की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
158. ( क्र. 2490 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) स्मार्ट सिटी भोपाल द्वारा कहाँ-कहाँ और कितने स्मार्ट पोल लगाये जाने थे? क्या समय-सीमा में सभी पोल स्थापित हो गये हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) स्मार्ट पोल से कौन-कौन सी सेवाएं नि:शुल्क/सशुल्क प्राप्त होनी थी? कौन सी सेवाएं अब तक प्रारंभ नहीं हो सकी हैं? विलंब के लिए कौन उत्तरदायी है? (ग) अनुबंधानुसार सेवाएं न देने पर संबंधित कंपनी को कितनी पेनाल्टी लगाई गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा तकनीकी आवश्यकता अनुसार चरणबद्ध तरीके से भोपाल शहर की नगर निगम सीमा के भीतर कुल 400 स्मार्ट पोल लगाये जाने हैं। इसके अतिरिक्त इस परियोजना में लगभग 20 हजार स्मार्ट लाईट्स में बदलना, 200 कि.मी. तक ऑप्टिकल फायबर केबल (ओ.एफ.सी.) बिछाना, 100 स्थानों पर वाय-फॉय हॉटस्पॉट बनाना, 100 स्थानों पर इन्वायरमेंटल सेंसर, 100 स्मार्ट पोल्स पर कैमरे, 50 स्थानों पर ई.वी. चार्जिंग, स्मार्ट पोल पर डिजिटल बिल बोर्ड, कन्वेंशनल पोल पर एडवरटाईजमेंट पैनल लगाना व इन सबको नियंत्रण और प्रचालन के लिए केन्द्रीयकृत प्रणाली को विकसित करना शामिल है। अनुबंध के अनुसार 1 वर्ष परियोजना क्रियान्वयन व 15 वर्षों तक प्रचालन व संरक्षण जन निजी भागीदारी (पी.पी.पी.) आधार पर किया जाना है। सम्पूर्ण परियोजना के संरचनात्मक क्रियान्वयन की अवधि नवम्बर 2017 यदि राईट ऑफ वे (आर.ओ.डब्ल्यू)/स्थल निर्बाध रूप से उपलब्ध कराये जाने की स्थिति के आधार पर तय की गई थी। शहर में चरणबद्ध तरीके से सम्पूर्ण परियोजना का क्रियान्वयन नियमानुसार प्रगति पर है। परियोजना का प्रमुखतः संबंध शहर में ओ.एफ.सी. बिछाने, स्मार्ट लाईट बदलने व स्मार्ट पोल लगाने का है, जिसकी निर्भरता अन्य शासकीय एजेंसियों के द्वारा निर्बाध रूप से कार्य करने की सहमति/अनुमति पर मुख्यतः निर्भर करती है, उनके द्वारा समय-समय पर आर.ओ.डब्ल्यू प्रदान किये जा रहे हैं। शीघ्र ही परियोजना का क्रियान्वयन जून 2018 तक पूर्ण कर लिया जायेगा। (ख) इस परियोजना से नागरिकों/शहर को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से स्मार्ट लाईट, इन्वायरमेंट सेंसर, 4 कोर ओ.एफ.सी. एवं 20 मिनट तक निःशुल्क वाय-फाय पर इंटरनेट की सुविधा, कुछ एडवरटाईजमेंट का समय प्राप्त होगी। वर्तमान तक 15 हजार स्मार्ट लाईट, 90 स्मार्ट पोल, 90 कैमरे, 90 इन्वायरमेंटल सेंसर, 30 वाय-फॉय हॉटस्पॉट, 100 कि.मी. ओ.एफ.सी. बिछाने का कार्य संरचनात्मक रूप से पूर्ण कर लिया गया है। परियोजना की बाधाओं को दूर कर शीघ्र ही शेष कार्य पूरा कर लिया जायेगा। (ग) उत्तरांश (क) व (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनुबंध पुनर्जीवित एवं निरस्त की कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
159. ( क्र. 2553 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र मऊगंज के हनुमना विकासखण्ड में पी.एम.जी.एस.वाई. अंतर्गत 12वें चरण के पैकेज क्र. एम.पी.-32143 में शिवगढ़ से बन्ना महात्मान मार्ग एवं प्रतापगंज से गोरमा मार्ग स्वीकृत किये गये थे? यदि हाँ, तो पैकेज का कार्यादेश दिनांक 26.09.2013 को जारी कर कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा 25.09.2014 निर्धारित की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में कार्य न करने के कारण पैकेज का अनुबंध प्रथम बार दिनांक 24.04.2015 को निरस्त किया गया? यदि हाँ, तो दिनांक 24.07.2015 को अनुबंध पुनर्जीवित किया गया? यदि हाँ, तो अनुबंध पुन: द्वितीय बार दिनांक 17.10.2016 को निरस्त किया गया? यदि हाँ, तो पुन: संविदाकार द्वारा अनुबंध की धारा 24 के अंतर्गत पैकेज को पुन: पुनर्जीवित करने हेतु आवेदन किया गया था? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में पैकेज के पूर्ण करने की समय-सीमा 2014 थी? यदि हाँ, तो 2017 समाप्त होने के पश्चात भी कार्य पूर्ण नहीं किया गया? यदि हाँ, तो बार-बार अनुबंध पुनर्जीवित एवं निरस्त की कार्यवाही संविदाकार को राहत एवं समय जानबूझकर विभाग द्वारा क्यों दिया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में उपरोक्त पैकेज का निराकरण कब तक किया जावेगा? देरी के कारण जनता को सुविधा नहीं मिल पाने के लिये कौन-कौन दोषी है? क्या दोषी को चिन्हित कर कार्यवाही की जोवगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। कार्यवाही की गई तो बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। (ग) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं पैकेज अंतर्गत प्रथम मार्ग शिवगढ़ से बन्ना महात्मान मार्ग के डामरीकरण का कार्य जून-2017 में पूर्ण किया गया। द्वितीय मार्ग प्रतापगंज से गोरमा मार्ग का निर्माण जी.एस.बी. स्तर पर था, किन्तु इस मार्ग पर सीधी एवं सिगरौली जिले में आने वाले भारी वाहनों के परिवहन के कारण मार्ग के क्रस्ट उन्नयनीकरण की कार्यवाही प्रचलित होने से मुख्य महाप्रबंधक की अनुशंसा पर इस मार्ग को जी.एस.बी. स्तर पर ही फाईनल करने का निर्णय लिया गया। उसके पश्चात् प्रतापगंज से गोरमा मार्ग का उन्नयन प्रस्ताव स्वीकृत कर एजेन्सी का निर्धारण दिनांक 11.01.2018 को किया जा चुका है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) पैकेज का निराकरण किया जा चुका है। ठेकेदार एवं भारी वाहनों का परिवहन। ठेकेदार द्वारा अनुबंधित समय-सीमा में पूर्ण न करने के कारण चल देयकों से परिनिर्धारित क्षति हेतु कुल राशि रू. 1550000.00 की कटौती की गई है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
मंदिरों का जीर्णोद्धार
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
160. ( क्र. 2554 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 411 उत्तर दिनांक 30 नवम्बर 2017 एवं प्रश्न संख्या 33 (क्र. 414) के उत्तर में जानकारी एकत्रित की जा रही है, बताया गया था तो क्या जानकारी एकत्रित की जा चुकी है? यदि हाँ, तो उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में मंदिरों के जीर्णोद्धार हेतु राशि उपलब्ध कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? समय-सीमा बतावें। यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। भेदभाव के लिए कौन जिम्मेदार है? स्पष्ट करें। मंदिरों के शासन संधारित की कार्यवाही की प्रगति से अवगत करावें। कार्यवाहियों की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। मंदिर शासन संधारित (व्यवस्थापक कलेक्टर) नहीं होने के कारण राशि स्वीकृत की जाना संभव नहीं है। शासन संधारित मंदिर एक ऐतिहासिक स्थिति का परिणाम होते हैं, न कि कराए जाते हैं।
प्रदेश में बाघों की सुरक्षा
[वन]
161. ( क्र. 2575 ) श्री जितू पटवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2003 में मध्यप्रदेश में बाघों (शेरों) की संख्या कितनी थी एवं प्रश्न दिनांक तक कितनी है? अन्य संरक्षित वन जीवों की सुरक्षा के लिए सरकार प्रति वर्ष कितने रूपये खर्च करती है? (ख) जनवरी 2013 से प्रश्न दिनांक तक मध्यप्रदेश के किन-किन अभ्यारणों पार्कों टाईगर रिजर्व में कितने बाघों की मौतें शिकार से, प्राकृतिक मौत अथवा अन्य कारणों से हुई है? जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) की अवधि में बाघों का अवैध शिकार करने पर कितने शिकारियों पर किन-किन धाराओं में केस दर्ज किया गया? प्रश्न दिनांक तक प्रकरण की क्या स्थिति है? अवगत करायें। (घ) बाघों की सुरक्षा, टाईगर रिजर्व की सुरक्षा आदि के लिए प्रतिवर्ष कितनी धन राशि का प्रावधान किया गया है और वर्ष 2003 से जनवरी 2018 तक वर्षवार कितना-कितना बजट आवंटन हुआ? किस-किस मद से खर्च किया गया? (ड.) बाघों की सुरक्षा के लिए किस-किस प्रकार के मापदंड, सुरक्षा का स्तर कितने कर्मचारी लगाये गये हैं? कर्मचारियों को इस सुरक्षा के लिए किस प्रकार से प्रशिक्षण दिया जाता है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जनवरी, 2003 में मध्यप्रदेश राज्य में बाघों का कोई आंकलन नहीं किया गया था। अत: तत्सयम की बाघों की संख्या बताया जाना संभव नहीं है। अखिल भारतीय बाघ आंकलन वर्ष 2014 के अनुसार प्रदेश में बाघों की संख्या 308 आंकलित थी। वर्ष 2018 में अखिल भारतीय बाघ आंकलन की रिपोर्ट भारत सरकार से वर्ष 2019 में प्राप्त होना संभावित है। बाघों एवं अन्य संरक्षित जीवों की सुरक्षा के लिए वर्ष 2003 से 2017-18 (प्रश्न दिनांक तक) व्यय की गई राशि की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी एवं कारण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ड.) बाघों की सुरक्षा हेतु विभिन्न अभयारण्यों/राष्ट्रीय उद्यानों/टाईगर रिजर्व्स/वनवृत्त स्तर पर 6008 कर्मचारी/अधिकारी कार्यरत हैं। बाघों एवं अन्य वन्यप्राणियों की सुरक्षा के लिए नियमित गश्ती की व्यवस्था है। मुखबिर तंत्र का विकास किया गया है। वन्यप्राणी सुरक्षा को प्रभावी बनाने के लिए प्रदेश में 11 डॉग स्क्वाड कार्यरत हैं तथा 2 डॉग स्क्वाड प्रशिक्षण में हैं। इसके अतिरिक्त बाघों एवं अन्य वन्यप्राणियों की सुरक्षा के लिए प्रदेश में स्टेट टाईगर स्ट्राईक फोर्स का गठन किया गया है, जिसकी 06 क्षेत्रीय इकाईयां कार्य कर रही हैं। इसके साथ बाघों की सुरक्षा में अन्य राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय सुरक्षा एजेन्सियां, पुलिस, वाइल्ड लाइफ क्राइम कन्ट्रोल ब्यूरो आदि का भी सहयोग लिया जा रहा है। वन्यप्राणियों की सुरक्षा में संलग्न अमले/कर्मचारियों को नियमित रूप से कार्यशाला के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाता है।
नर्मदा, एकात्म यात्रा एवं शैव महोत्सव पर व्यय
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
162. ( क्र. 2576 ) श्री जितू पटवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-17 में आयोजित नर्मदा यात्रा एवं वर्ष 2017-18 आयोजित एकात्म यात्रा तथा शैव महोत्सव में तीनों को मिलाकर कुल कितनी राशि का व्यय हुआ? व्यय राशि का प्रावधान किस मूल बजट या अनुपूरक में किस मद में लिया गया था? यदि नहीं, तो वित्त विभाग से किस-किस दिनांक को इसकी स्वीकृति प्राप्त हुई? उसकी प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित खर्च राशि का ऑडिट किया जा चुका है? यदि हाँ, तो ऑडिट विभाग की कोई आपत्ति हो तो उसकी जानकारी देवें। (ग) नर्मदा यात्रा आयोजन का कार्य प्रारंभ में किस विभाग में था लेकिन इसे बाद में नगरीय निकाय में स्थानांतरित कर दिया गया? यदि हाँ, तो यह किसके निर्देश पर एवं किसकी स्वीकृति पर किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित तीनों आयोजन के संबंध में जारी शासन आदेश से अवगत कराने का कष्ट करें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) नर्मदा यात्रा में कुल व्यय राशि रूपये 1837.28 लाख एवं एकात्म यात्रा में कुल व्यय राशि रूपये 973.93 लाख का व्यय हुआ। इस प्रकार दोनों यात्राओं में कुल व्यय राशि रूपये 2811.21 लाख व्यय हुआ। वर्ष 2016-17 में आयोजित नर्मदा यात्रा में मूल बजट से राशि रूपये 900.75 लाख, राशि रूपये 500.00 लाख पुनर्विनियोजन मद दिनांक 16.03.2017 से (पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है) व वर्ष 2017-18 में राशि रूपये 1600.00 लाख मूल बजट से दिनांक 05.05.2017 से (पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है) इस प्रकार कुल राशि रूपये 3000.75 लाख शासन से प्राप्त हुई थी। वर्ष 2017-18 में एकात्म यात्रा हेतु आकस्मिता निधि से राशि रूपये 1047.67 लाख दिनांक 15.11.2017 से (पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है) प्राप्त हुई थी। शैव महोत्सव योजना विभाग से संबंधित नहीं है। (ख) नर्मदा यात्रा व एकात्म यात्रा हेतु राशि का व्यय जिला कलेक्टरों के माध्यम से किया गया। खर्च रजिस्टर की जानकारी परिषद् से संबंधित नहीं है। वर्ष 2016-17 में अंकेक्षण रिपोर्ट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। अंकेक्षण के दौरान ली गई आपत्तियों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। अंकेक्षण द्वारा ली गई आपत्तियों का निराकरण कराया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है। (ग) नर्मदा यात्रा के आयोजन के कार्य हेतु नोडल विभाग योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग (म.प्र. जन अभियान परिषद्) द्वारा सम्पादित किया गया। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-7 अनुसार है। (घ) मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिनांक 15.08.2016 की लाल परेड ग्रांउण्ड, भोपाल में नमामि देवि नर्मदे यात्रा की घोषणा की गई। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-8 अनुसार है। म.प्र. जन अभियान परिषद् द्वारा एकात्म यात्रा में सहयोगी के रूप में कार्य किया। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-9 अनुसार है।
बड़ा राम मंदिर प्रकरण की अद्यतन स्थिति
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
163. ( क्र. 2581 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्र.क्र. 873 दिनांक 30.11.17 के (क) उत्तर में वर्णित बड़ा राम मंदिर झारड़ा प्रकरण की अंतिम सुनवाई कब थी/है? बतावें। (ख) क्या प्रकरण में फैसला दिया जा चुका है? यदि हाँ, तो इसकी प्रमाणित प्रति देवें। (ग) विगत 3 माह में इसमें शासन की ओर से नियुक्त वकील व रिस्पोंडेड वकील कब-कब उपस्थित/अनुपस्थित रहे? बतावें।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर के समक्ष द्वितीय अपील क्रमांक 72/2001 अंतिम सुनवाई 19.02.2018 को थी। (ख) नहीं। (ग) माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर के समक्ष द्वितीय अपील क्रमांक 72/2001 में तीन माह की अवधि में निम्नानुसार पेशियाँ दिनांक 04.12.2017, 11.12.2017, 15.01.2018, 22.01.2018, 29.01.2018 एवं 05.02.2018 एवं 12.02.2018 अंतिम बहस हेतु नियत की गई थी। जिसमें शासन की ओर से नियुक्त वकील व रिस्पोंडेड वकील उपस्थित हुए।
पंजीयन व डायवर्सन शुल्क वसूली
[नगरीय विकास एवं आवास]
164. ( क्र. 2583 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में रेरा के तहत कितनी कॉलोनियों का पंजीकरण किया गया है? स्थान, नाम, संचालक का नाम सहित देवें। (ख) जिन कॉलोनाईजर ने ''रेरा'' में पंजीयन नहीं कराया उन पर विभाग ने अब तक क्या कार्यवाही की है? (ग) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में कॉलोनियों का कितना डायवर्सन शुल्क प्रश्न दिनांक तक लंबित है? कॉलोनाईजर का नाम, स्थान, लंबित राशि सहित देवें। यह कब तक वसूल कर ली जायेगी? (घ) डायवर्सन शुल्क वसूली में विलंब के दोषी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश विधान सभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक रेरा के तहत किसी कॉलोनी का पंजीकरण नहीं कराया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जिन कॉलोनाईजर ने रेरा में पंजीयन नहीं कराया है, उन पर मध्यप्रदेश भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण द्वारा रियल स्टेट (रेग्यूलेशन एण्ड डेव्हलपमेंट) एक्ट, 2016 के नियम-59 एवं 60 के तहत कार्यवाही की जाती है। (ग) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में कॉलोनियों का डायवर्सन शुल्क प्रश्न दिनांक तक लंबित की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कॉलोनाईजर का नाम, स्थान, लंबित राशि एवं कब तक वसूल कर ली जायेगी की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) डायवर्सन शुल्क वसूली की कार्यवाही प्रचलन होने से अधिकारियों पर कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पंचायत विभाग द्वारा पौधारोपण कार्यक्रम में भ्रष्टाचार
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
165. ( क्र. 2590 ) श्री कमलेश शाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला पंचायत खरगोन द्वारा दि. 02.07.17 के पौधारोपण कार्यक्रम में जो 7,87,39,000=00 रू. राशि व्यय की गई? (ख) क्या कारण है कि इसी कार्यक्रम के तहत उद्यानिकी विभाग द्वारा बड़वानी वि.स. क्षेत्र में 1,94,432 पौधे रोपने पर 1,40,000 रू. राशि व्यय की, लेकिन ग्रामीण विकास विभाग द्वारा बड़वानी वि.स. क्षेत्र में 2,65,157 पौधे रोपने पर 93,55,000=00 रू. राशि व्यय की गई। (ग) उपरोक्तानुसार राजपुर वि.स. क्षेत्र में भी ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 1,97,882 पौधे रोपने पर 1,20,12,000=00 रू. राशि व्यय की गई तो लगभग बराबर पौधे रोपने पर भी विभाग ने उद्यानिकी विभाग से 85 गुना अधिक व्यय क्यों किया? (घ) प्रश्नांश (ख) व (ग) अनुसार भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) उद्यानिकी विभाग द्वारा क्रियान्वित की जा रही महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत तैयार की गई निजी खेत में फलोद्यान की परियोजना की प्रथम वर्ष की औसत लागत प्रति पौधा लगभग 275/- रू. निर्धारित है, इसमें पौधे की सुरक्षा व सिंचाई व्यवस्था कृषकों को स्वयं के व्यय से किये जाने के निर्देश हैं। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा ग्राम पंचायतों के माध्यम से क्रियान्वित की जा रही सार्वजनिक/सामुदायिक व निजी खेत की मेढ़ पर परियोजनाओं की प्रथम वर्ष की औसत लागत प्रति पौधा लगभग रू. 455/- प्राक्कलित है, इसमें पौधों की सुरक्षा, सिंचाई व्यवस्था व रख-रखाव हेतु पौध रक्षकों का व्यय परियोजना लागत में शामिल किया गया है। उद्यानिकी विभाग द्वारा रोपित किये गये पौधों में कुछ पौधे विभागीय निर्देशों एवं मापदण्ड के तहत रोपित किये गये तथा कुछ पौध रोपण नरेगा के निर्देश एवं मापदण्ड के तहत रोपित किये गये। इस प्रकार नरेगा एवं उद्यानिकी के मापदण्ड पृथक-पृथक हैं। दोनों ही परियोजनाएं प्रगतिरत होकर भुगतान सतत् प्रचलित है। अतः इनकी तुलना की जाना सही नहीं है। (ग) राजपुर विधान सभा क्षेत्र में ग्रामीण विकास विभाग द्वारा रोपित 1,95,699 पौधों पर अब तक राशि रू. 1,31,99,227 व्यय किये गये हैं, जो परियोजना लागत सीमा अंतर्गत है। उत्तरांश (ख) अनुसार निर्धारित परियोजना लागत की सीमा में व्यय होने से अधिक व्यय की स्थिति परिलक्षित नहीं हुई है। (घ) उत्तरांश (ख) व (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता।
पौधारोपण कार्यक्रम में भ्रष्टाचार
[वन]
166. ( क्र. 2599 ) श्री बाला बच्चन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्रमांक 1726 दिनांक 30/11/2017 के (क) व (ख) उत्तर में वर्णित वन विभाग बड़वानी/सेंधवा द्वारा 12,57,500 पौधे रोपने पर जो 2,78,24,000.00 रू. राशि व्यय दर्शायी है, उनकी समस्त भुगतान की जानकारी व्यक्ति/फर्म नाम पता, बैंक खाता नम्बर भुगतान/लंबित राशि, टी.डी.एस. कटौत्रा राशि सहित देवें। (ख) उपरोक्तानुसार जानकारी सामान्य वनमण्डल खरगोन द्वारा 9,46,500 पौधे रोपने पर 3,45,02,917.00 रूपये तथा सामान्य वन मण्डल बड़वाह द्वारा 7,54,080 पौधे रोपने पर 4,10,66,959.00 रूपये के व्यय के संदर्भ में भी देवें। (ग) क्या कारण है कि बड़वानी/सेंधवा वन विभाग से कम मात्रा में पौधे रोपने पर भी सामान्य वन मण्डल खरगोन एवं बड़वाह द्वारा अधिक राशि व्यय की गई? इसके जिम्मेदार अधिकरियों के नाम, पदनाम देवें। (घ) इस अनियमितता एवं भ्रष्टाचार के लिए शासन इन पर कब तक कार्यवाही करेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) वनमण्डल बड़वानी, सेंधवा, खरगोन एवं बड़वाह में पौधा रोपण में व्यय स्वीकृत प्रोजेक्ट अनुसार निर्धारित नार्मस के अन्तर्गत ही किया गया है। प्रश्न क्रमांक 1726 के उत्तर में बड़वानी वनमण्डल का व्यय तत्समय दिनांक 10.11.2017 तक का 224.66 लाख लिया गया था। दिनांक 10.11.2017 के पश्चात् राशि रू. 298.16 लाख का भुगतान और किया गया अर्थात कुल 522.82 लाख का भुगतान किया गया है। प्रश्नाधीन वनमण्डलों में प्रति पौधा पर किया गया व्यय निम्नानुसार हैः-
वनमण्डल का नाम |
प्रति पौधा व्यय (राशि रू.में ) |
खरगोन |
36.47 |
बड़वाह |
54.45 |
बड़वानी |
45.36 |
सेंधवा |
51.03 |
स्थल विशेष प्रोजेक्ट रिर्पोट होने के फलस्वरूप व्यय की गई राशि का कम या ज्यादा होना स्वभाविक है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध रेत खनन एवं अर्थदण्ड के प्रकरण
[खनिज साधन]
167. ( क्र. 2611 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले की जनपद पंचायत पलेरा एवं जतारा में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने अवैध रेत उत्खनन के प्रकरण दर्ज किये गये? वर्षवार ग्रामवार, उत्खननकर्ता के नाम बतावें एवं उन पर किस अधिनियम के तहत क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित व्यक्तियों (अवैध रेत उत्खननकर्ताओं) वाहन/मशीनरी किस-किस स्थल से कब-कब जप्त किये गये? वाहन/मशीनरीवार बतायें एवं जप्त वाहन/मशीनरी में किस-किस वाहन/मशीनरी को राजसात किया गया? नामवार वर्षवार, बतावें। (ग) अनुविभागीय अधिकारी जतारा द्वारा रेत फर्मों पर कब-कब, कितनी-कितनी राशि का जुर्माना/अर्थदण्ड लगाया गया? प्रकरणवार बतावें। कौन-कौन सी फर्मों द्वारा पूर्ण जुर्माना/दण्ड जमा किया गया? अगर नहीं तो क्यों? इसके लिये कौन दोषी है? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) लिखित अवैध रेत खननकर्ताओं पर शासन के द्वारा वर्तमान में क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है एवं जिन फर्मों के द्वारा पूर्ण जुर्माना/दण्ड प्रश्न दिनांक तक जमा नहीं किया गया, इन फर्मों से कब तक जुर्माना जमा करा लिया जावेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र में प्रश्नाधीन अवधि में दर्ज प्रकरणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। यह प्रकरण मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 53 के तहत दर्ज कर सक्षम न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किये गये हैं। (ख) जानकारी प्रश्नांश (क) के साथ संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। दर्शित प्रकरणों का निराकरण वर्तमान में नहीं हुआ है। अत: जप्त वाहन/मशीनरी को राजसात करने की कार्यवाही नहीं की गई है। (ग) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), जतारा द्वारा प्रश्नाधीन अवधि में कोई प्रकरण दर्ज नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) में संलग्न परिशिष्ट अनुसार में की जा रही कार्यवाही दर्शित है। प्रकरण का निराकरण वर्तमान में नहीं हुआ है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
अवैध रेत खदानों की माप
[खनिज साधन]
168. ( क्र. 2612 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में कुल कितनी शासकीय खदानें संचालित हैं? निविदित खदानों का रकबा, अवधि, फर्म का नाम, स्थलवार बताएं। (ख) निविदित खदानें (वजरी) क्या निविदित स्थानों पर चल रही हैं? वर्तमान स्थिति में ग्राम (1) पैतपुरा (2) चंदेरा (3) वीरपुरा (4) बूदोर (5) पुएपोजय पुरा (6) खैरा (पलेरा) (7) चिनगुवां (8) पठारी में नदियों से प्रतिदिन रेत का उत्खनन किस आधार पर जारी है? (ग) क्या निविदित खदानों के अलावा प्रश्नांश (ख) में लिखित ग्रामों की नदी के किए गए उत्खनन का माप कराया जाए तो करोड़ों की राजस्व चोरी उजागर होगी? अवैध संचालित खदानों की माप कब कराएंगे?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में 76 उत्खनिपट्टे तथा 01 नीलाम खदान संचालित हैं। जिले में निविदा के माध्यम से आवंटित कोई भी खदान नहीं है। मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम तथा कलेक्टर द्वारा ई-नीलामी के माध्यम से आवंटित खदानों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रश्न में उल्लेखित खदान वीरपुरा, पठारी एवं खैरा में ई-नीलामी के माध्यम से आवंटित खदानों में नियमानुसार खदान का संचालन किया जा रहा है। प्रश्न में उल्लेखित शेष ग्रामों में कोई उत्खनन नहीं हो रहा है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र की जाँच दिनांक 26.02.2018 को की गई। जाँच के दौरान कोई भी उत्खनन करते हुए इस क्षेत्र पर नहीं पाया गया। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा सड़कों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
169. ( क्र. 2627 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर विधान सभा क्षेत्र में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितनी लागत के मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत कौन-कौन सी ग्रेवल सड़कों का निर्माण कराया गया है? योजनावार सड़कों की जानकारी, दूरी, लागत का विवरण दें व वर्तमान भौतिक स्थिति बतावें। प्रस्तावित सड़कों की जानकारी भी दें। (ख) मैहर विधान सभा क्षेत्र में विभाग द्वारा वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी लागत से भवन निर्माण कार्य किये गये हैं? लागत सहित जानकारी दें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। योजनांतर्गत सड़कें प्रस्तावित नहीं हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्रज्ञब अनुसार है।
नवीन महाविद्यालयों की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
170. ( क्र. 2630 ) श्री हर्ष यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देवरी विधान सभा क्षेत्र के छात्र-छात्राओं, पालकों क्षेत्रीय नागरिकों एवं जनप्रतिनिधियों तथा प्रश्नकर्ता द्वारा भी गौरझामर नगर में शासकीय महाविद्यालय एवं देवरी नगर में कन्या महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने की लगातार मांग की जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो क्या क्षेत्र में लगातार छात्र-छात्राओं की रूचि के कारण उनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जिसके कारण क्षेत्र के अन्य महाविद्यालयों के माध्यम से पूर्ति नहीं हो पा रही है? (ग) यदि हाँ, तो क्या प्रवेश की निर्धारित छात्र संख्या होने के कारण एवं अन्य महाविद्यालय में प्रवेश की पूर्ति नहीं होने से सैकड़ों छात्र-छात्राओं को अन्यत्र दूरस्थ स्थानों पर जाना पड़ता है अथवा वे उच्च शिक्षा से वंचित हो जाते हैं? (घ) यदि हाँ, तो क्या उच्च शिक्षा हेतु नवीन महाविद्यालय देवरी नगर एवं शासकीय महाविद्यालय गौरझामर नगर में प्रारंभ किये जाने हेतु शासन/विभाग कब तक इन्हें स्वीकृति/अनुमति प्रदान करेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। गौरझामर में शासकीय महाविद्यालय एवं देवरी में कन्या छात्रावास की मांग है। (ख) गौरझामर से 18 कि.मी. दूर स्थित शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय देवरी में प्रवेश हेतु आवेदन करने वाले समस्त विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया है तथा महाविद्यालय में कुल 594 स्थान प्रवेश हेतु रिक्त हैं। अतः प्रवेश की मांग की पूर्ति नहीं होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
फोर-लेन मार्ग पर वृक्षारोपण
[वन]
171. ( क्र. 2631 ) श्री हर्ष यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में एन.एच. 26 फोर-लेन सड़क से प्रभावित वृक्षों के स्थान पर वृक्षारोपण कार्य किस एजेंसी द्वारा कराया गया है? (ख) दक्षिण वन मंडल सागर द्वारा फोर-लेन मार्ग के दोनों ओर कुल कितने पौधे रोपित किये गये हैं? वर्तमान में उनमें से जीवित पौधों की संख्या कितनी है? अधिकांश पौधे सूख जाने का क्या कारण है? क्या पौधेरोपण में कार्य निर्धारित मापदण्डों की पालन कर गुणवत्तापूर्ण कराया गया था? यदि हाँ, तो इसका सत्यापन किस अधिकारी ने किया? यदि नहीं, तो सत्यापन क्यों नहीं किया गया? (ग) उक्त कार्य में गुणवत्ताहीन पौधे लगाने, फैंसिंग जाली इत्यादि का घटिया कार्य कराने, देख-रेख का अभाव व अनियमितता पूर्ण कार्य हेतु कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार है? (घ) उक्त कार्य कितनी राशि का कराया गया था? फैंसिंग जाली पर कितना खर्च किया गया? पौधों पर कितना खर्च किया गया? घटिया औपचारिक कार्य करके शासन को करोड़ों की आर्थिक हानि पहुंचाने के लिए दोषी अधिकारी पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वृक्षारोपण कार्य वन विभाग द्वारा कराया गया है। (ख) दक्षिण वन मंडल सागर के अंतर्गत फोर-लेन मार्ग के दोनों ओर कुल 62,300 पौधे रोपित कराये गये हैं। जिनमें से वर्तमान में 60,341 पौधे जीवित है। मात्र 1959 पौधे सूखने का मुख्य कारण अल्प वर्षा, दीमक प्रकोप है। पौधे के रोपण कराने में निर्धारित मापदण्डों का पालन कर गुणवत्तापूर्ण कार्य कराया गया है एवं उक्त कार्यों का सत्यापन तत्समय में पदस्थ उप वनमंडल अधिकारियों द्वारा किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) वनमंडल दक्षिण सागर के अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक कुल राशि रूपये 7,81,63,283/- व्यय की गई है। कुल व्यय की गई राशि में से फ्रैसिंग जाली को क्रय एवं फ्रैसिंग कराने पर राशि रूपये 2,33,35,000/- व्यय की गई है एवं पौधों के क्रय, रोपण एवं सुरक्षा पर कुल राशि रूपये 69,78,973/- व्यय की गई है। उक्त कार्य गुणवत्तापूर्ण कराया गया है, जिससे शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रेत खनन हेतु आवंटित खदानों की जानकारी
[खनिज साधन]
172. ( क्र. 2638 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के सीहोर, हरदा, होशंगाबाद, रायसेन, नरसिंहपुर और जबलपुर जिले में 01 जनवरी से 31 जनवरी, 2018 तक कौन-कौन सी रेत खदानें किन-किन संस्थाओं और व्यक्तियों को किस लीज अवधि के लिये आवंटित की थी? (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में किस-किस खदान से शासन को कितनी रेत खनन पर कितनी रॉयल्टी प्राप्त हुई? खदानवार बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में कितनी खदानों में आवंटित स्थल से हटकर रेत खनन करने के प्रकरण दर्ज किये गये? कितना जुर्माना लगाया एवं वसूला गया? वर्षवार बतायें। (घ) प्रश्नांश (क) अवधि में कितनी खदानों में निर्धारित मात्रा से ज्यादा रेत खनन के प्रकरण दर्ज किये गये? कितने अवैध रेत खनन के प्रकरण दर्ज किये गये? कितनी राशि जुर्माने में वसूली गई? कितने वाहन राजसात किये? जिलावार बतायें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में प्रश्नाधीन जिलों में कोई रेत खदान किसी को आवंटित नहीं की गई है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (घ) प्रश्नाधीन अवधि में खदानों से निर्धारित मात्रा से अधिक रेत खनन का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। शेष वांछित जानकारी प्रश्नांश (ग) में दर्शित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
जन अभियान
परिषद् के
आवंटित राशि
का आडिट
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
1. ( क्र. 29 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद् का गठन किन-किन उद्देश्यों एवं कार्यों को लेकर कब किया गया था? (ख) परिषद् के गठन के बाद परिषद् के किन-किन उद्देश्यों को बढ़ाया गया या उद्देश्यों को समाप्त किया गया? पूर्ण विवरण दें। (ग) वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में जन अभियान परिषद् को किन-किन कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि किस-किस मद से किस-किस कार्य हेतु आवंटित की गई है? (घ) क्या उक्त आवंटित राशि के व्यय के संबंध में नियमानुसार ऑडिट कराया गया है? यदि हाँ, तो वर्ष 2016-17 में ऑडिट आपत्तियां क्या हैं? उन आपत्तियों का निराकरण हेतु क्या कार्यवाही की गई है? (ड.) जन अभियान परिषद् की प्रदेश में कहाँ-कहाँ पर अचल-सम्पत्तियां कितनी-कितनी राशि की है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद का गठन, उद्देश्यों एवं कार्यों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के गठन के उपरान्त परिषद के उद्देश्यों में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया गया है। (ग) वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 के दौरान परिषद को प्राप्त राशि का मदवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जी हाँ वर्ष 2016-17 में परिषद को प्राप्त राशियों के व्यय का नियमानुसार अंकेक्षण कराया गया है। अंकेक्षण प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। वर्ष 2016-17 में अंकेक्षण द्वारा अंकेक्षण के दौरान ली गई आपत्तियों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। अंकेक्षण द्वारा ली गई आपत्तियों का निराकरण कराया गया है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। (ड.) जानकारी निरंक है।
मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
2. ( क्र. 48 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना कब से प्रारंभ की गई है तथा इसमें अभी तक कहाँ-कहाँ की यात्राएं करवाई जा चुकी हैं तीर्थ स्थानों का नाम प्रदान करें। (ख) उज्जैन जिले की बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में उक्त योजना प्रारंभ होने से अभी तक कितने लोगों के द्वारा मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना का लाभ प्राप्त किया गया है? (ग) कितने तीर्थ यात्रियों को कहाँ-कहाँ की यात्राएं कराई गई हैं? उनके नाम एवं पते प्रदान करें।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना नियम 2012 दिनांक 26 जून 2012 को म.प्र. राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 292 में प्रकाशन से मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना प्रारंभ हुई है। उज्जैन जिले में यात्रा प्रारंभ होने के दिनांक से दिनांक 15/2/2018 तक कुल 8 तीर्थ स्थान रामेश्वरम्, जगन्नाथपुरी, द्वारकापुरी, तिरूपति, वैष्णोदेवी, अजमेरशरीफ, काशी-वाराणसी, कामाख्यादेवी की यात्रायें कराई गई। (ख) उज्जैन जिले की बडनगर विधानसभा क्षेत्र में योजना प्रारंभ होने से दिनांक 15/2/2018 तक कुल 1675 (ग्रामीण क्षेत्र से 1067 एवं नगरीय क्षेत्र से 618) व्यक्तियों के द्वारा मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना का लाभ प्राप्त किया गया है। (ग) उज्जैन जिले की बडनगर विधानसभा क्षेत्र में कराई गई तीर्थ यात्राओं की तीर्थस्थानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है तथा नाम पते की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
आल इण्डिया सर्वे आन हायर एजुकेशन
[उच्च शिक्षा]
3. ( क्र. 80 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आल इण्डिया सर्वेआंन हायर एजुकेशन (ए.आई.एस.एच.ई.) की ताजा रिपोर्ट के आधार पर पिछले 3 वर्षों में प्रदेश में उच्च शिक्षा में छात्राओं का नामांकन ४०% बढ़ा है? यदि नहीं, तो भोपाल, उज्जैन, इन्दौर संभाग में कुल कितने प्रतिशत् छात्राओं का नामांकन (1 जुलाई 2015 के पश्चात्) किस-किस जिले में कितना बढ़ा है वर्षवार जानकारी देवें। (ख) क्या उक्त संभागों में समेकित नामांकन अनुपात बढ़ाने में छात्राओं की भूमिका अधिक है? यदि हाँ, तो छात्राओं की हिस्सेदारी कितनी है? क्या उक्त संभागों में पिछड़े माने जाने वाले आदिवासी बाहुल्य इलाके में भी छात्राओं का नामांकन उच्च शिक्षा में बढ़ा है, यदि हाँ, तो क्या एस.सी., एस.टी. व अन्य पिछड़ा वर्ग की छात्राओं का नामांकन भी उच्च शिक्षा में बढ़ा है? यदि हाँ, तो कितने प्रतिशत् उक्त अवधि की जानकारी वर्ष वार देवें? (ग) उक्त संभागों में स्नातक, स्नातकोत्तर परीक्षा उत्तीर्ण करने में छात्र/ छात्राओं का अलग-अलग प्रतिशत् कितना है? कुल कितने प्रतिशत् छात्र-छात्राओं ने प्रथम श्रेणी में परीक्षा उतीर्ण की? उक्त अवधि की जानकारी प्रतिशत् में छात्र-छात्राओं की अलग-अलग देवें? छात्राओं की संख्या में प्रथम वर्ष में प्रवेश के पश्चात स्नातक स्तर तक परीक्षा उत्तीर्ण करने में कितने प्रतिशत् की कमी आई है? कमी के क्या कारण हैं? इसका आंकलन उक्तावधि में विभाग द्वारा कब-कब किया गया?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। वर्ष 2016-17 के सर्वे अनुसार वर्ष 2014-15 की तुलना में छात्राओं के नामांकन में वृद्धि का प्रतिशत् 4.08 है। वर्ष 2015-16 की तुलना में वर्ष 2016-17 में छात्राओं के नामांकन की जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रदेश में सकल नामांकन अनुपात बढ़ाने में छात्र एवं छात्राओं दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका है। वर्ष 2014-15 में प्रदेश का सकल नामांकन अनुपात 19.6 प्रतिशत् था, जिसमें छात्राओं का योगदान 17.3 प्रतिशत् एवं छात्रों का 21.6 प्रतिशत् था एवं वर्ष 2016-17 में सकल नामांकन अनुपात 20 प्रतिशत् है, जिसमें छात्राओं का अनुपात 19 प्रतिशत् एवं छात्रों का 20.9 प्रतिशत् है। छात्राओं का सकल नामांकन अनुपात 1.7 प्रतिशत् बढ़ा है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। प्रथम वर्ष में प्रवेश के पश्चात् स्नातक स्तर तक परीक्षा उत्तीर्ण करने में होने वाली कमी सम्बन्धी जानकारी AISHE द्वारा संधारित नहीं की जाती है, जो कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा आयोजित सर्वेक्षण है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विधायक विकास निधि के कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( क्र. 108 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में नगर पालिका सिहोरा को विकास कार्यों के लिये विधायक विकास निधि से कब-कब, कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई वर्षवार सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने-कितने कार्य कराये जा चुके हैं? कितने अपूर्ण हैं एवं क्यों? अपूर्ण कार्य की पूर्ति कब तक करा ली जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) वर्ष 2015-16 में 4 विकास कार्यों हेतु रू.3.50 लाख एवं वर्ष 2016-17 में 9 कार्यों हेतु रू. 7.92 लाख स्वीकृत किए गए हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' पर है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों में से 7 कार्य पूर्ण कराये जा चुके हैं। शेष 6 कार्य अपूर्ण हैं। विलंब के कारण एवं कार्य पूर्ण कराने की अवधि संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
छात्रावास हेतु पदों की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
5. ( क्र. 112 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय श्याम सुंदर महाविद्यालय सिहोरा में नव निर्मित कन्या छात्रावास हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 917 दिनांक 09/09/2017 को पदों की स्वीकृति एवं बाउण्ड्रीवॉल निर्माण की स्वीकृति के संबंध में ज्ञापन दिया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार छात्रावास के सफल संचालन हेतु कर्मचारियों की पदस्थापना कब तक कर दी जावेगी तथा बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण कब तक करा लिया जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जमीन हस्तांतरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
6. ( क्र. 113 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर पालिका सिहोरा अंतर्गत रेग्यूलेटर के अधीन रकबा 2.50 हेक्टेयर भूमि है। जल संसाधन विभाग द्वारा नगर पालिका सिहोरा को पार्क निर्माण के लिये भूमि स्थानांतरित किये जाने की सहमति कलेक्टर जबलपुर द्वारा दिनांक 14/02/2017 को प्रदान की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) हस्तांतरित भूमि का नामांतरण कब किया गया? प्रति उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो क्यों? अत्यधिक विलंब के लिये कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही क्यों नहीं की गई? भूमि का हस्तांतरण कब तक कर दिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। हस्तांतरण की केवल सैद्धांतिक सहमति दी है। हस्तांतरण के पूर्व भूमि राजस्व विभाग के अंतर्गत वापिस लेने की कार्यवाही अंतिम चरण में होकर राजस्व विभाग के नाम भूमि वापिस आने के उपरांत भूमि आवंटन का प्रस्ताव आवंटन आदेश हेतु राजस्व विभाग को भेजा जावेगा। आवंटन आदेश प्राप्त होने के उपरांत ही हस्तांतरण विधिवत संभव हो सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
किसान की जमीन पर जबरन कब्जा करना
[वन]
7. ( क्र. 166 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा प्रश्न क्रमांक 808 दिनांक 30 नवम्बर 2017 के उत्तर के संदर्भ में बतावें कि क्या किसान को गुमराह कर वन विभाग के अधिकारियों ने एक सादा कागज पर हस्ताक्षर करा लिए तथा किसान की जमीन पर वास्तविक रूप में नाप तौल नहीं की जा रही है और वन विभाग के अधिकारी गंभीरता से प्रकरण को नहीं निपटा रहे है? (ख) क्या अनुविभागीय अधिकारी राजस्व छतरपुर के पत्र क्रमांक 19/बी-121/16-17 छतरपुर दिनांक 28/04/17 द्वारा लेख किया गया है कि वन विभाग द्वारा किसान की भूमि पर कब्जा वन विभाग द्वारा नहीं छोड़ा जा रहा है? (ग) क्या राजस्व विभाग एवं वन विभाग डी.एफ.ओ. संयुक्त टीम गठित कर किसान हित में मौके पर जमीन की जो वास्तविक खसरा नम्बर 120/2 रकबा 2.177 है, भूमि की नापतौल करेंगे और कब तक?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश ''क'' एवं ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वाटर शेड योजनाओं में अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
8. ( क्र. 181 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा प्रश्न क्र. 1323 दिनांक 29 जुलाई 2016 के प्रश्नांश (ग) के उत्तर में 327 कार्यों के पूर्णता प्रमाण पत्र जो जारी किये गये उनका धरातल पर परीक्षण डब्ल्यू डी.टी. के टीम लीडर टीम सदस्य (सिविल) अनुविभागीय अधिकारी तथा कार्यपालन यंत्री द्वारा किन-किन तिथियों में किया गया? टूर प्रोग्राम के तहत स्पष्ट करें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या टूर डायरी में उल्लेख किया गया दौरा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा अनुमोदित है? (ग) यदि हाँ, तो अनुमोदित टूर की प्रतियां अवधिवार उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 तथा 2 अनुसार है। (ख) टूर डायरी सत्यापित की गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
सी.एम. हेल्पलाईन में प्राप्त शिकायतों का निराकरण
[लोक सेवा प्रबन्धन]
9. ( क्र. 244 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत सी.एम. हेल्पलाईन में विगत 3 वर्ष में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? कितनी निराकृत एवं लंबित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत विभागवार संख्यात्मक जानकारी देवें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) विधान सभा क्षेत्र पनागर अंतर्गत सी.एम. हेल्पलाईन में विगत 03 वर्षों में कुल प्राप्त शिकायतें-10,414 है, जिसमें निराकृत शिकायतें 10,249 एवं कुल 165 लंबित है। (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत विभागवार संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
शासकीय महाविद्यालयों के स्टॉफ के लिये आवास योजना
[उच्च शिक्षा]
10. ( क्र. 251 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर एवं प्रदेश के समस्त शासकीय महाविद्यालयों में प्राचार्य एवं स्टाफ के लिये शासकीय आवास की सुविधा उपलब्ध है? (ख) यदि नहीं, तो क्या शासकीय आवास उपलब्ध कराने की योजना है? (ग) प्रदेश के कितने शासकीय महाविद्यालय हैं जहां शासकीय आवास की सुविधा नहीं है? संख्यात्मक जानकारी देवें? (घ) क्या जबलपुर के शासकीय महाविद्यालय बरेला, पनागर, कुंडम, मझौली, पाटन, सिहोरा, रांझी, खम्हरिया, मानकुंवर बाई महिला महाविद्यालय, शासकीय होमसाइंस महाविद्यालय आदि में आवास योजना स्वीकृत की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में प्राचार्य एवं स्टाफ के लिए कहीं भी पूर्णत: पर्याप्त शासकीय आवास की सुविधा नहीं है। (ख) से (घ) वर्तमान नीति अनुसार राज्य शासन द्वारा समस्त शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक शासकीय कर्मचारियों को नियमानुसार आवास भत्ता की पात्रता है। सीमित संसाधन एवं शैक्षणिक गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए वर्तमान में प्राथमिकता पर शैक्षणिक भवनों की अधोसंरचना निर्माण की योजना प्रचलित है एवं नवीन आवास गृहों को स्वीकृत करने की कोई कार्यवाही विचाराधीन नहीं है।
जबलपुर एवं प्रदेश के अन्य जिलों में खेल सामग्री हेतु बजट व्यवस्था
[खेल और युवा कल्याण]
11. ( क्र. 252 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जबलपुर एवं प्रदेश के अन्य जिलों में प्रतिवर्ष खेल सामग्री हेतु बजट की व्यवस्था की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2017-18 में कितनी राशि जिलेवार आवंटित की गई? (ग) क्या जबलपुर जिले में चालू वर्ष में खेल सामग्री वितरित की गई है? यदि हाँ, तो कहाँ पर कितनी दी गई है? (घ) सामग्री वितरण के क्या मापदंड है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। (घ) खेल सामग्री का वितरण, विभागीय खेल प्रशिक्षण केन्द्र को तथा जिला स्तर पर संचालित खेल संघों, क्लबों को स्थानीय खेल अधोसरंचना व प्रशिक्षण की उपलब्धता को दृष्टिगत रखते हुए उपलब्ध बजट अनुसार किया जाता है।
मुख्य मार्ग निर्माण अतिशीघ्र करवाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
12. ( क्र. 298 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्न क्र. 3084 दिनांक 7.3.17 को बताया गया था कि त्रिपुरी चौक से गढ़ा बाजार मुख्य मार्ग निर्माण की निविदा 27.12.16 को बुलाई गई थी एवं अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही प्रचलन में है तो आज दिनांक तक उक्त सड़क निर्माण की भौतिक स्थिति क्या है? क्या सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ करवा दिया गया है? यदि नहीं, तो इसके विलंब के क्या कारण है? उक्त सड़क निर्माण जनहित में कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (ख) क्या प्रश्नकर्ता के बार-बार विधानसभा प्रश्न लगाने के पश्चात भी उक्त सड़क निर्माण कार्य की क्या अनदेखी क्या की जा रही है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, कार्य की निविदा प्रक्रिया उपरांत दिनांक 06/07/2017 को अनुबंध निष्पादित कर दिनांक 07/07/2017 को कार्य आदेश दिया जा चुका है। अतिक्रमण, बाधायें विस्थापित होना है एवं सीवर लाइन बिछाई कार्य किया जाना शेष है। सीवर लाईन बिछाई, प्रापर्टी चेम्बर निर्माण कार्य पूर्ण होने के पूर्व नवीन प्रस्तावित सड़क का निर्माण कार्य संभव नहीं है। जनहित में सीवर लाईन का कार्य भी आवश्यक है। सीवर लाइन, प्रापर्टी चेम्बर निर्माण के पश्चात ही प्रश्नांकित सड़क निर्माण कार्य स्थल पर प्रारंभ कराया जा सकेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं, प्रश्नांकित सड़क निर्माण सीवर लाईन के कार्य स्वीकृत होने से वर्तमान पुरानी सड़क की खुदाई भी होगी। सीवर लाईन, प्रापर्टी चेम्बर निर्माण पूर्ण होने पर प्रश्नांकित प्रस्तावित नवीन सड़क निर्माण कार्य उसके ऊपर निर्मित किया जाना संभव हो सकेगा। परिस्थिति जन्य विलंब के कारण अनदेखी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शहपुरा तहसील मुख्यालय में कॉलेज की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
13. ( क्र. 307 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बरगी विधान सभा क्षेत्र के तहसील मुख्यालय एवं 85-90 ग्रामों का केन्द्र शहपुरा में महाविद्यालय स्थापित करने की मांग क्षेत्रीय जनता द्वारा अनेक वर्षों से की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो विधान सभा क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा मुहैया कराने शासन शहपुरा जिला जबलपुर महाविद्यालय की स्थापना की स्वीकृति कब तक प्रदान करेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) शहपुरा में महाविद्यालय स्थापना की मांग प्राप्त हुई है, परन्तु शहपुरा के निकट अशासकीय देवीसिंह केशरवानी महाविद्यालय शहपुरा स्थित है। वर्तमान में सीमित संसाधनों के कारण शहपुरा में नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ करने में कठिनाई है।
खेलों के प्रोत्साहन हेतु किये गये कार्य
[खेल और युवा कल्याण]
14. ( क्र. 308 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा खेलों के विकास हेतु जबलपुर जिले में विगत तीन वर्षों में क्या-क्या कार्य, आयोजन, प्रतियोगिताएं स्थानवार वर्षवार आयोजित की गयी? उक्त आयोजनों पर मदवार कितना-कितना व्यय किया गया वर्षवार विधानसभा, क्षेत्रवार जानकारी दें। (ख) विभाग द्वारा जबलपुर जिले में खेलों हेतु विगत 3 वर्षों में वर्षवार कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुयी? उक्त राशि को मदवार कहाँ-कहाँ व्यय किया गया? जिले में कितनी खेल सामग्री विगत 3 वर्षों में क्रय कर कहाँ-कहाँ वितरित की गयी? विगत 3 वर्षों की जानकारी विधान सभा क्षेत्रवार वर्षवार दें।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जबलपुर जिले में विगत तीन वर्षों में किये गये कार्य, आयोजन एवं प्रतियोगिताओं में स्थान की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन समय अवधि में खेल समाग्री से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है।
हाट बाजार प्रारम्भ करना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
15. ( क्र.
319 ) श्री
कुँवरजी
कोठार : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
राजगढ़
अंतर्गत
कितनी ग्राम
पंचायतों में
कितनी-कितनी
लागत के हाट
बाजार
स्वीकृत किये
गये हैं? स्वीकृत
हाट बाजार में
से कितने हाट
बाजार के निर्माण
कार्य समय-सीमा
में पूर्ण हो
चुके हैं एवं
शेष अपूर्ण
हाट बाजारों
को कब तक
पूर्ण करा
लिया जावेगा? निर्माण
कार्य की
विधानसभा
क्षेत्रवार
अद्यतन
जानकारी
देवें? (ख) क्या
हाट बाजारों
के निर्माण
में गुणवत्ता
का पूर्ण
ध्यान रखा गया
है? हाट
बाजार
निर्माण से
संबंधित
अधिकारी/कर्मचारी
एवं
ठेकेदारों की
जानकारी दें? गुणवत्ता
का ध्यान नहीं
रखने वाले
संबंधित अधिकारी/कर्मचारी
एवं
ठेकेदारों पर
विभाग कोई
कार्यवाही
करेगा? यदि नहीं, तो
क्यों नहीं? कारणों
से अवगत
करावें? (ग) क्या
निर्मित हाट
बाजार स्थान
पर साप्ताहिक या
दैनिक हाट
बाजार लगता है? यदि
नहीं, तो
नवीन हाट
बाजार स्थान
पर कब से हाट
बाजार चालू
करवाये
जावेंगे? (घ) यदि
निर्मित
स्थान पर हाट
बाजार नहीं
लगाया जाता है
तो क्या
संबंधितों के
विरूद्ध कार्यवाही
की जावेगी? यदि
हाँ, तो
कब तक?
यदि
नहीं, तो
क्यों नहीं?
पंचायत
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार। (ख) जी
हाँ। हाट
बाजार
निर्माण से
संबंधित
अधिकारी/कर्मचारी
एवं
ठेकेदारों की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) जी
हाँ। शेष
प्रश्नांश की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब
अनुसार। (घ) उतरांश-(ग)
के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
16. ( क्र. 330 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या विभाग द्वारा मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना संचालित की जा रही है? यदि हाँ, तो सारंगपुर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत में उक्त योजनाओं अंतर्गत वर्ष 2013-14 से 2017-18 तक कितने व्यक्तियों को लाभांवित किया गया? योजनावार वर्षवार कितनी राशि स्वीकृत कर उसके विरुद्ध कितनी राशि का अनुदान दिया गया?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : जी हाँ। सारंगपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत में उक्त योजनाओं में प्रश्नांकित अवधि में कुल 488 व्यक्तियों को लाभांवित किया गया। योजनावार वर्षवार स्वीकृत राशि एवं अनुदान राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
प्रधानमंत्री आवास योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( क्र. 348 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगरपालिका परिषद गंजबासौदा अन्तर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना की सर्वे सूची में कितने हितग्राहियों के नाम दर्ज थे? वार्डवार सर्वे सूची की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सर्वे सूची में से कितने हितग्राहियों का चयन किया गया है, कितने हितग्राहियों का चयय किस कारण नहीं किया गया है? चयनित एवं अचयनित हितग्राहियों की सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित चयनित हितग्राहियों में से कितने हितग्राहियों को आवास योजना का लाभ दिया गया है एवं कितने हितग्राहयों को किस कारण प्रश्नांकित तिथि तक लाभ नहीं दिया गया है? की जानकारी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद, गंजबासौदा में प्रधानमंत्री आवास योजना 2022 (शहरी) की सर्वे सूची में 2758 नाम दर्ज है। वार्डवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) प्रथम चरण में बी.एल.सी. घटक के अंतर्गत 703 हितग्राहियों का चयन किया गया। शेष 2055 हितग्राहियों, जिनकी पात्रता का परीक्षण किया जा रहा है, पात्र पाए जाने पर हितग्राहियों को द्वितीय चरण में लाभ दिया जाएगा। चयनित 703 हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शेष 2055 हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) उल्लेखित चयनित 703 हितग्राहियों में से आवास योजना का लाभ 147 हितग्राहियों को दिया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। शेष हितग्राहियों के भूमि स्वामित्व का परीक्षण किया जा रहा है, कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत हितग्राहियों को लाभ दिया जाएगा।
पंच परमेश्वर योजना से सी.सी. एवं पक्की नाली निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
18. ( क्र.
349 ) श्री
निशंक कुमार
जैन : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
तत्कालीन
विकास आयुक्त
द्वारा
प्रेषित किये
(समस्त
कलेक्टर, मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जिला
पंचायत/जनपत पंचायत)
गये पत्र
क्रमांक 7418/22/वि-10/ग्रायांसे/2016, भोपाल
दिनांक 24.12.2016 में पंच
परमेश्वर
योजना से
सी.सी. एवं
पक्की नाली
बनाने के लिए
विस्तृत दिशा
निर्देश
प्रसारित
किये गये हैं? (ख) यदि
हाँ, तो
उक्त निर्देश
के अनुसंलग्न
परिशिष्ट-1 में
प्रश्नकर्ता
के विधानसभा
क्षेत्र बासौदा
अन्तर्गत आनी
वाली कितनी
ग्राम पंचायत
के कितने
ग्रामों में
सी.सी. एवं पक्की
नाली बनाने का
डी.पी.आर.
तैयार किया
गया है? (ग) प्रश्नांश
(ख) में
उल्लेखित
डी.पी.आर. के
आधार पर कितने
कार्यों की
प्रशासकीय
स्वीकृति
परिशिष्ट -2 पर
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जिला
पंचायत विदिशा
एवं मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी जनपद
पंचायत
बासौदा एवं ग्यारसपुर
ने जारी की है? यदि
नहीं,
जारी की गई तो
कारण बतावें? (घ) प्रश्नांश
(ग) में
उल्लेखित
प्रशासकीय
स्वीकृति के
अनुसार कितने
कार्य पूर्ण
हो गये हैं
एवं
कितने
शेष हैं? पूर्ण
कार्यों में
से कितने
कार्य के
कार्यपूर्णता
प्रमाण पत्र
जारी कर दिए
गये हैं? शेष कार्य
कब तक पूर्ण
किये जा रहे
हैं?
पंचायत
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क) जी
हाँ। (ख) विधान
सभा क्षेत्र
बासौदा
अंतर्गत सभी 104 ग्राम
पंचायतों के
ग्रामों में
डी.पी.आर. तैयार
किये गये है। (ग)
कुल 2084
कार्यों की
प्रशासकीय
स्वीकृति
जारी की गई है।
शेष प्रश्न ही
उपस्थित नहीं
होता। (घ) प्रशासकीय
स्वीकृति
अनुसार 174 कार्य
पूर्ण हो गये
है एवं 1894 कार्य शेष
है। पूर्ण
कार्यों में
से 40
कार्यों के
कार्य
पूर्णता
प्रमाण पत्र
जारी कर दिए
गए है। शेष
कार्य राशि की
उपलब्धता अनुसार
पूर्ण कराया
जाना लक्षित
है।
विधायक स्वेच्छानुदान योजना
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
19. ( क्र. 395 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधायक स्वेच्छानुदान राशि के प्रदाय के संबंध में म.प्र. शासन द्वारा हितग्राही को राशि किस माध्यम से प्रदाय किए जाने के संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं? (ख) यदि विभाग द्वारा हितग्राही के लिए चैक द्वारा राशि प्रदाय किए जाने के निर्देश हैं तो किन-किन जिलों में राशि का प्रदाय चैक द्वारा किया जा रहा है? (ग) यदि विभाग द्वारा चैक से हितग्राहियों को आर्थिक/बीमारी सहायता प्रदाय किए जाने के निर्देश हैं तो सागर जिले में यह व्यवस्था लागू क्यों नहीं है? (घ) स्वेच्छानुदान के हितग्राहियों को चैक द्वारा राशि प्रदाय किए जाने के संबंध में क्या विभाग कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) म.प्र. शासन, वित्त विभाग के आदेश क्रमांक एफ 1-2/ 2016/1-नियम/चार, दिनांक 05.05.2016 से स्वेच्छानुदान मद से हितग्राहियों को राशि भुगतान प्रणाली से मुक्त रखने के निर्देश जारी किये है। (ख) प्रदेश में विधायक स्वेच्छानुदान निधि योजनान्तर्गत 26 जिलों द्वारा चैक से 09 जिलों द्वारा ई-पेमेन्ट एवं 16 जिलों द्वारा चैक/ई-पेमेन्ट से हितग्राहियों को भुगतान किया जा रहा है। जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) सागर जिले में जिन हितग्राहियों के बैंक खाते है उनकों ई-पेमेन्ट एवं जिन हितग्राहियों के बैंक खाते नहीं है उनको चैकों के माध्यम से भुगतान किया जाता है (घ) जी नहीं। विभाग द्वारा पूर्व से ही निर्देश प्रसारित है।
खनिज रायल्टी की वसूली
[खनिज साधन]
20. ( क्र. 412 ) श्री लखन पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय उच्चतम न्यायालय, नई दिल्ली द्वारा दिनांक 2.8.17 को खान एवं खनिज (विकास एवं विनिमय) अधिनियम 1957 की धारा 21 के संबंध में कोई आदेश/निर्णय जारी किये हैं? खनिज के संबंध में उक्त धारा 21 के बिन्दु 5 के तहत दमोह जिले में कुल कितनी बाजार मूल्य की राशि की वसूल की गई? अगर नहीं की गई तो कारण बतायें? (ख) यह कि मा. सर्वोच्च न्यायालय ने यह आदेशित किया है कि पर्यावरणीय अनापत्ति के बिना रायल्टी चुकाकर जो खनिज उपभोग प्रदाय विक्रय किया गया है उसमें रायल्टी वसूल न कर खनिज के बाजार मूल्य की राशि वसूल की जावे तो दमोह जिले में ऐसे कितने खनिज उपभोक्ता है जिन्होंने बिना पर्यावरणीय आपत्ति के सिर्फ रायल्टी चुकाकर खनिज का उपयोग किया गया है? उनकी सम्पूर्ण सूची उपलब्ध कराये और क्या उनसे बाजार मूल्य वसूल किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) दमोह जिले की हाईडलबर्ग/डायमण्ड सीमेंट को जिन लीजधारियों ने चूना पत्थर विक्रय किया है, क्या यह अवैध रूप से विक्रय किया गया है? यदि हाँ, तो कलेक्टर द्वारा बाजार मूल्य की गणना कर वसूली की क्या कार्यवाही सीमेंट संयंत्र से की गई? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक की जायेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। प्रश्नाधीन जिले में कार्यवाही वर्तमान में परीक्षणाधीन है। परीक्षण उपरांत ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर अनुसार प्रश्नाधीन जिले में कार्यवाही परीक्षणाधीन है। परीक्षणोपरांत स्थिति स्पष्ट होगी। अत: वर्तमान में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नाधीन सीमेंट कंपनी को वर्ष 1995 से वर्ष 2017 की अवधि में जिन पार्टियों द्वारा चूना पत्थर प्रदान किया गया है। उसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। चूंकि प्रकरण परीक्षणाधीन है। अत: शेष प्रश्न वर्तमान में उपस्थित नहीं होता।
ग्राम पंचायत भवनों के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
21. ( क्र.
461 ) श्री
दुर्गालाल
विजय : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) श्योपुर
विधान सभा
क्षेत्रान्तर्गत
ग्राम
चकबमूलिया, आमल्दा
सहित कौन सी
ग्राम
पंचायतें
भवनविहीन हैं व
क्यों। (ख) ग्राम
पंचायत
दांतरदा, रतोदन, लुहाड़, नारायणपुरा, भिलवाडि़या, इन्द्रपुरा
सहित कौन-कौन
सी ग्राम
पंचायतें ऐसी हैं
जिनके भवन
वर्तमान में
जीर्णशीर्ण
होकर पूर्णत:
अनुपयोगी हो
चुके हैं, इन्हें
कण्डम घोषित
कर इनके स्थान
पर नवीन भवन
स्वीकृत न
करने के क्या
कारण हैं। (ग) वर्ष
2014-15 से
वर्तमान तक
वर्षवार
किन-किन ग्राम
पंचायतों
हेतु नवीन भवन
स्वीकृत
किये गये? इनमें
से कौन-कौन से
भवनों का
निर्माण
कार्य निर्धारित
अवधि में
पूर्ण हुआ, कौन-कौन
से भवन स्थल
अभाव/विवाद/अतिक्रमण
व अन्य
कारणों से
अप्रारंभ/अपूर्ण
पड़े हैं? इन
समस्याओं का
समाधान कर इन्हें
प्रारंभ, पूर्ण
कराने हेतु
संबंधित
विभागीय अमले
द्वारा क्या
कार्यवाही की
गई? यदि
नहीं, तो
क्यों? (घ) क्या
उपरोक्त सभी
पंचायतों में
भवनों के अभाव
में समस्त
पंचायती
शासकीय
कार्यों को
सम्पादित
करने में
कठिनाइयां आ
रही हैं? यदि हाँ, तो क्या
शासन अब
प्रश्नांश (क), (ख) में
वर्णित
पंचायतों में
नवीन भवन
शीघ्र स्वीकृत
करवाएगा तथा
प्रश्नांश (ग) में
वर्णित
पंचायतों के
भवन निश्चित
समय-सीमा में
पूर्ण
करवाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव
) : (क) श्योपुर
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
जनपद पंचायत
श्योपुर की
ग्राम पंचायत
चकबमूल्या, आमल्दा
सहित बागल्दा, बर्धाबुजुर्ग, भिलवाडिया, कुडायथा, ज्वालापुर, मानपुर, रतोदन, सोंठवा, बाजरली, लुहाड़, नागदा
एवं तेहखंड
भवनविहीन
पंचायतें है, जिनमें
पंचायत भवन
नहीं हैं।
वित्तीय
संशाधनों की
उपलब्धता
अनुसार
पंचायत भवनों
की स्वीकृतियां
जारी की जाती
है। (ख) ग्राम
पंचायत आसीदा, ढोंढर, रतोदन, नारायणपुरा, भिलवाडिया, जावेदश्वर, जैनी, कनापुर, राडेप, अजापुरा
में पूर्व से
निर्मित
पंचायत भवन जीर्णशीर्ण
होकर
अनुपयोगी की
श्रेणी में होने
से उक्त ग्राम
पंचायतों में
नवीन पंचायत
भवन
पंचायतराज
संचालनालय, म.प्र.
भोपाल के आदेश
क्र. 1737
दिनांक 07.02.2018 द्वारा
स्वीकृत किये
गये है। ग्राम
पंचायत दांतरदा
में पूर्व
स्वीकृत
सामुदायिक
भवन में
पंचायत भवन
संचालित है।
अतः पृथक भवन
की आवश्यकता
नहीं है। (ग) वर्ष
2016-17 में
एक ग्राम
पंचायत भवन
सोईकलां में
स्वीकृत किया
गया है। स्थल
विवाद के कारण
भवन का कार्य प्रारंभ
नहीं हुआ है, जिसके
निराकरण की
कार्यवाही
प्रकियाधीन
है। वर्ष 2017-18 में 22 ग्राम
पंचायत में
संचालनालय के
आदेश क्रमांक1737
दिनांक 07.2.2018 द्वारा
भवन स्वीकृत
किये गये है।
भवन निर्माण
पूर्ण करने की
समय-सीमा 31
दिसंबर 2018 निर्धारित
की गई है।
स्वीकृत
सामुदायिक
भवनों की
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) जी
नहीं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
खिलाडि़यों को टी-शर्टों का वितरण
[खेल और युवा कल्याण]
22. ( क्र. 462 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या श्योपुर जिले में खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा दिनांक 01.05.2017 से 30.05.2017 तक 8 से 19 वर्ष तक के स्कूली खिलाडि़यों का ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविर ग्राम सोंईकला में आयोजित किया था? (ख) प्रशिक्षण पूर्ण होने के उपरांत प्रशिक्षणार्थियों को टी-शर्टों को वितरण करने हेतु खेल अधिकारी श्योपुर द्वारा टी-शर्टें क्रय की गई थीं। (ग) क्या टी-शर्टें वितरण करने के पूर्व खेल अधिकारी द्वारा समस्त प्रशिक्षणार्थियों से आवेदन मय मार्कशीट के मांगे गये थे तथा प्रशिक्षणार्थियों द्वारा तत्समय ही खेल अधिकारी के कार्यालय में जमा कर दिये गये थे। (घ) यदि हाँ, तो खेल अधिकारी द्वारा वर्तमान तक समस्त प्रशिक्षणार्थियों को टी-शर्टों का वितरण क्यों नहीं किया गया? क्या शासन टी-शर्टों के वितरण में हुए विलम्ब के कारणों की जाँच करवाएगा व दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा तथा अविलम्ब टी-शर्टों का वितरण करवाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (घ) जानाकारी एकत्रित की जा रही है।
रोजगार गारंटी परिषद के दिशा निर्देशों का पालन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
23. ( क्र. 488 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश रोजगार गारंटी परिषद के जारी दिशा निर्देश 2008 के पैरा 5-4 अनुसार रोजगार प्राप्त करने के लिए लिखित आवेदन हितग्राही से प्राप्त कर उसकी प्रविष्टि निर्धारित आवेदन पत्र के प्रारूप में देकर रोजगार पंजी. में दर्ज किये जाने के निर्देश हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में योजना अंतर्गत रोजगार की मांग की पावती के 15 दिवस बाद आवेदक को रोजगार उपलब्ध न कराये जाने की स्थिति में वह हितग्राही/आवेदक का बेरोजगारी भत्ते का हकदार हो जाता है, इस आधार पर रीवा संभाग अंतर्गत वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदन किन-किन पंचायतों द्वारा प्राप्त कर रोजगार दिये गये एवं रोजगार न मिलने पर बेरोजगारी भत्ता दिया गया, का विवरण जनपदवार संभाग का देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या फरवरी 2013 में विभाग द्वारा जिले के संबंधितों को रोजगार हेतु आवेदन लेकर हितग्राही को पावती देने के निर्देश भी जारी किए गये थे? क्या आदेश का पालन संबंधितों द्वारा कराया जाकर बेरोजगारी भत्ता एवं रोजगार दिलाये गये? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) पर कार्यवाही करते हुए पंचायतों द्वारा बेरोजगार हितग्राहियों से रोजगार बावत् आवेदन प्राप्त कर पावती नहीं दी गयी, बेरोजगार को बेरोजगारी भत्ता एवं रोजगार से वंचित हुए इसके लिए जिम्मेवारों की पहचान कर क्या कार्यवाही करेंगे? साथ ही जारी निर्देशों के पालन बावत् क्या निर्देश एवं कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। भारत सरकार की ऑपरेशनल गाईड लाईन 2008 के दिशा-निर्देश के बिन्दू क्र. 5.4 में उल्लेखित है। (ख) जी हाँ। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। परिषद के आदेश अनुसार संबंधितों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। (ग) जी हाँ। परिषद के आदेश अनुसार संबंधितों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। (घ) उत्तरांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वृक्षारोपण के संबंध में
[वन]
24. ( क्र. 498 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन मण्डला अधिकारी सामान्य वन मण्डल रीवा द्वारा पत्र क्रमांक 427 दिनांक 18/02/2016 द्वारा प्रश्नकर्ता को शहरी क्षेत्र में कराये गये, वृक्षारोपण की जानकारी दी गयी व वन समितिओं से संबंधित जानकारी परिक्षेत्रों से एकत्रित कर प्रेषित किये जाने की बात कही गयी थी? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हां, तो रीवा शहर के अंदर वर्ष 2009,2010,2011,2012,2013,2014 एवं 2015 में रोपित पौधों की जानकारी में एक ही रकबा व रोपित पौधों की संख्या प्रत्येक वर्षों में एक ही जगह बार-बार बतायी गयी, क्या बार-बार उन्हीं जगहों व रकवों पर वृक्षारोपण के कार्य कराये गये वर्ष 2015 से प्रश्नांश तक में किन-किन जगहों पर वृक्षारोपण के कार्य कितनी-कितनी लागत से कराये गये? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में रोपित पौधों में से कितने पौधे जीवित व मौके पर मौजूद हैं एवं कितने मृत हो चूके है? इनके रोपण में कितनी राशि कब-कब किन-किन मदों पर खर्च की गयी, का विवरण भी देवें। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार क्या रोपण की जानकारी भ्रामक एवं गलत दी गयी मौके पर रोपण नहीं किये गये, उन्हीं जगहों पर बार-बार रोपण की जानकारी देकर फर्जी बिल बाउचर तैयार कर राशि आहरित कर ली गयी, प्रश्नांश (ग) अनुसार पौधे मौके पर नहीं है यदि हाँ, तो क्या इसके लिए जिम्मेवारों की पहचान कर राशि की वसूली के साथ क्या गठन का प्रकरण पंजीबद्ध करायेंगे? अगर हाँ तो कब तक अगर नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कराये गये वृक्षारोपण कार्य एवं लागत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जी नहीं। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नियम विरूद्ध संलग्नीकरण करने वालों पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
25. ( क्र. 501 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पत्र क्रमांक 56 दिनांक 08/01/2018 द्वारा प्रश्नकर्ता सदस्य ने मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन वल्लभ भवन भोपाल को पत्र लिखकर शासन के जारी निर्देशों के विपरीत संलग्नीकरण/ प्रतिनियुक्ति के आदेश जारी करने वालों पर कार्यवाही के साथ संलग्नीकरण समाप्त करने का लेख किया था? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अपर मुख्य सचिव एवं मुख्य अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा म.प्र. भोपाल के पत्रों का हवाला देकर मत्स्य पालन विभाग के उपयंत्री का संलग्नीकरण/प्रतिनियुक्ति का आदेश जिले के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा जारी कर जनपद पंचायत रीवा में मनरेगा के सहायक यंत्री का कार्य नियम विरूद्ध वगैर पद स्वीकृत लिया जा रहा है, लेकिन आज तक कार्यवाही अपेक्षित है, क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में आयुक्त राजस्व रीवा संभाव रीवा को भी लेख किया गया, जिस पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा को आदेशों के पालन में कार्यवाही कर अवगत करने के निर्देश दिए गये, लेकिन जिला पंचायत एवं कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग क्रमांक-01 के द्वारा अपने उत्तदायित्वों का निर्वहन न कर कार्यवाही से बचने का प्रयास कर रहे हैं, क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार कार्यवाही न करने, विधि विरूद्ध आदेश जारी करने के जिम्मेवारों पर क्या कार्यवाही करेंगे? साथ ही संलग्नीकरण समाप्त किए जाने बाबत निर्देश कब तक जारी करेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) उत्तरांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। श्री पी.एल. गर्ग उपयंत्री की सेवाएं उनके मूल विभाग को वापिस की जाने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
26. ( क्र. 545 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के विकासखण्ड नागौद के ग्राम पंचायत मढ़ी के ग्राम कठवरिया नई बस्ती निवासी बलीराम लोधी तनय, हरप्रसाद लोधी पी.एम.आर.वाय. सर्वे सूची 2011 में नाम दर्ज था? यदि हाँ, तो उक्त वर्ष की सर्वें सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के निवासी बलीराम की पत्नी उक्त ग्राम की मूल निवासी मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र में सहायिका के पद पर कार्यरत रहते हुए अपने खेत में कच्चा मकान में निवास करती है? सरपंच द्वारा बी.एल.ओ. से सांठ-गांठ कर उक्त का नाम वोटर लिस्ट से कटवा दिया गया, जिसके कारण उक्त को प्रधानमंत्री आवास से वंचित होना पड़ा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) की भांति क्या इसी तरह के अनेकों प्रकरणों की शिकायतें पूरे जिले की कलेक्टर सतना एवं जिला पंचायतों के पास विगत 5 वर्षों में प्राप्त हुई है? ऐसे प्रकरणों की जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी साथ ही ऐसे व्यक्ति जिनके कच्चे मकान हैं, पात्र हितग्राहियों को उक्त योजना के तहत कब तक आवास स्वीकृत किए जावेंगे? (घ) सतना जिले के अंतर्गत ऐसे कितने हितग्राही हैं जिनके आवास स्वीकृत थे और उनके द्वारा स्वयं की मेहनत किसी तरह ईंट की दीवाल 4 से 6 फिट तक धीरे-धीरे बना लिया था? ऐसे छतविहीन आवासों को आवास की गणना कर पक्के मकान की श्रेणी में लेकर उनको प्रधानमंत्री आवास से क्यों वंचित कर दिया? इसकी सूची उपलब्ध करावे और उनको छतविहीन की श्रेणी में मानकर उक्त योजना का लाभ दिया जावेगा? यदि हाँ, तो कब-तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अन्तर्गत मतदाता सूची में नाम न होना अयोग्यता का कारण नहीं है। (ग) एवं (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सामुदायिक भवन निर्माण कार्य रोकना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
27. ( क्र. 546 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के विकासखण्ड नागौद के ग्राम पंचायत कपुरी के ग्राम बहेरवा उमरी की आराजी खसरा नम्बर 180, मद मरघट और आरजी नम्बर 906,907 में शासकीय तालाब मद दर्ज है? यदि हाँ, तो क्या उक्त आराजी बंदोबस्त के दौरान ग्राम पंचायत माल्हन विकासखण्ड गुनौर जिला पन्ना में लेप करता है? (ख) क्या मरघट या शासकीय तालाब मद की भूमि पर सामुदायिक भवन का निर्माण किया जा सकता है? यदि नहीं, तो माल्हन ग्राम के सरपंच द्वारा सामुदायिक भवन का निर्माण क्या कराया जा रहा है? क्या ग्वालियर रेवेन्यू बोर्ड से निर्माण कार्य में स्थगन देने के बाद भी सरपंच द्वारा निर्माण कार्य नहीं रोका है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में शासन संयुक्त सीमांकन कराकर सामुदायिक भवन का कार्य तत्काल निरस्त करते हुए दोषी सरपंच/सचिव के विरूद्ध कार्यवाही कर अभी तक के किए गए व्यय की वसूली दोषियों से कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) सतना जिले के तहसील नागौद अंतर्गत पटवारी हल्का कपुरी राजस्व निरीक्षक मंडल जसो के ग्राम उमरी की आराजी क्र. 180 रकबा 0.648 है, मध्यप्रदेश शासन मरघट दर्ज खसरा अभिलेख है। खसरा नं. 907 पन्ना जिले में स्थित है। जिसमें शासकीय तालाब मद दर्ज है। नये राजस्व नक्शा एवं मौके की स्थिति अनुसार उक्त आराजी ग्राम पंचायत माल्हन विकासखंड गुन्नौर जिला पन्ना में स्थित है। (ख) जी नहीं। ग्राम पंचायत माल्हन का सामुदायिक भवन निर्माण शासकीय तालाब आराजी क्रमांक 907 रकबा 3.42 हेक्ट. में सड़क के किनारे ऐसे स्थान पर किया जा रहा है, जहां जल भराव नहीं होता तथा पूर्व में ही आंगनवाड़ी भवन, ग्राम स्वराज भवन और पंचायत भवन निर्मित है। ग्वालियर रेवेन्यु बोर्ड से निर्माण कार्य में स्थगन प्राप्त होने के बाद सरपंच द्वारा निर्माण कार्य रोक दिया गया है। (ग) जी नहीं। उत्तरांश (ख) अनुसार ग्वालियर रेवन्यु बोर्ड के निर्णय अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जावेगी। प्रकरण में सरपंच का कोई दोष प्रतीत नहीं होता।
नगरीय निकायों में पाँच वर्षों में मदवार किये गये व्यय की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
28. ( क्र. 558 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धार जिले की धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र की नगर परिषद् माण्डव में विगत 03 वर्षों में कितना-कितना व्यय किया गया है? वर्षवार, कार्यवार व्यय राशि की सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में स्थापना व्यय सहित कितनी राशि अन्य मदों की अन्य कार्यों पर व्यय की गई है? कार्यवार, व्यय राशि की सम्पूर्ण मदवार कार्यवार वर्षवार जानकारी देवें? (ग) उक्त व्यय की गई राशि में कितने कार्य 2.00 लाख रूपये से अधिक लागत के रहे हैं? उन्हें किस-किस फर्म को टेण्डर पर किस-किस दर पर दिये गये हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अन्य गैर सरकारी संस्थाओं को प्रदाय आवंटन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
29. ( क्र. 565 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र की जनपद पंचायत धरमपुरी एवं नालछा क्षेत्र में विगत 03 वर्षों में वाटरशेड, की परियोजना कार्यान्वयन एजेंसियों और वाटरशेड समितियों को कितना आवंटन दिया गया तथा उनके द्वारा वर्षवार कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी लागत के करवायें गये हैं? कार्यवार जानकारी दें? (ख) उपरोक्त संस्थाओं द्वारा उक्त अवधि में स्वीकृत कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं तथा कितने शेष हैं, निर्माण एजेंसीवार जानकारी देवें। लम्बित अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण किये जावेंगे तथा राशि का अन्य कार्यों पर उपयोग कर लेने अथवा निर्धारित कार्य नहीं करने वाली किन-किन संस्थाओं की शाखाओं के विरूद्ध अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 1 व 2 अनुसार है। राशि का उपयोग निर्धारित मद के कार्यों पर किया गया है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
नगर परिषद सिरमौर में सड़क निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
30. ( क्र. 573 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के सिरमौर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत नगर परिषद सिरमौर में आंतरिक सड़कों के निर्माण के संबंध में सत्र 2017-18 में कितने प्रस्ताव स्वीकृत किये गये हैं? कितनी आंतरिक सड़कों का निर्माण पूर्ण हो चुका है तथा कितने मार्गों का निर्माण अधूरा है? (ख) क्या कारण है कि सिरमौर नगर परिषद अधीन वार्ड क्रं. 7 बजरहा टोला से क्योंटी मुख्य मार्ग तक की आंतरिक सड़क निर्माण हेतु निविदा स्वीकृत होने के उपरांत भी अभी तक कार्य प्रारंभ नहीं हो सका? उक्त निर्माण कार्य कब तक पूर्ण हो सकेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) प्रश्नकर्ता के सिरमौर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत नगर परिषद सिरमौर में आंतरित सड़कों के निर्माण में सत्र 2017-18 में कुल 11 प्रस्ताव स्वीकृत किये गये हैं। सत्र 2017-18 के स्वीकृत आंतरित सड़क निर्माण कार्य में कोई भी कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) नगर परिषद सिरमौर में वार्ड क्र. 07 बजरहा टोला से क्योटी मुख्य मार्ग तक आंतरित सड़क निर्माण की निविदा आमंत्रित नहीं की गई है। कलेक्टर रीवा से कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति चाही गई है। प्रशासकीय स्वीकृति उपरांत नियमानुसार कार्य कराया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अतिक्रमणकारियो से मुक्त की गई भूमि पर बाउण्ड्रीवाल निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
31. ( क्र. 747 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर निगम मुरैना के वार्ड क्र. 46 में एल.आई.जी. क्वार्टर क्र. 385 के सामने वाली पार्क के भू भाग पर किया गया अतिक्रमण मुक्त करा लिया गया है? यदि हाँ, तो वर्तमान में उक्त भूमि को नगर निगम को हस्तांतरण कर दी गई है? (ख) क्या उक्त भूमि अतिक्रमण कार्यों से बचाने हेतु विभाग उसकी बाउड्रीवाल करवायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो अतिक्रमणकारियों द्वारा पुन: अतिक्रमण किये जाने की पूर्ण आशंका बनी रहेगी जिसके लिये कौन जिम्मेदार होगा? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त भूमि पर अतिक्रमणकारियों द्वारा विभाग के विरूद्ध कोई न्यायालयीन कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा अपना पक्ष रखा गया है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) नगर निगम द्वारा बाउण्ड्रीवाल का निर्माण कराया जावेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। अतिक्रमणकर्ताओं द्वारा माननीय उच्च न्यायालय ग्वालियर में आर.पी.-586/17 लगाई गई है। म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल द्वारा अपना पक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है।
टी. एण्ड सी.पी. की अनुमति के बगैर हुये निर्माण पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
32. ( क्र. 779 ) श्री अजय सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या रिट पिटीशन क्र. 3413 आफॅ 2017 में दिये गये आदेशों के तहत नगर तथा ग्राम निवेश विभाग को दिनांक 19.03.2018 को अपनी जाँच रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है? (ख) जिला दंडाधिकारी एवं कलेक्टर सतना के द्वारा प्रकरण क्र. 156/अ-74/2015-16 आदेश दिनांक 09.02.2017 से जो आदेश दिया गया उसकी एक प्रतिलिपि क्या नगर तथा ग्राम निवेश विभाग को प्रश्नतिथि तक प्राप्त हुई? अगर हाँ तो किस दिनांक को? प्रश्नतिथि तक टी. एण्ड सी.पी. ने क्या कार्यवाही कब-कब, किस आदेश क्रमांक एवं दिनांक से कितनी-कितनी बार की? जारी सभी पत्रों की एक प्रति दें। कब स्थल का भौतिक सत्यापन अपने पूर्व में पारित नक्शे का किया उसकी रिपोर्ट कलेक्टर या उच्च कार्यालय को दी उसकी एक प्रति उपलब्ध करायें? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित आदेश में जो विवरण अनुविभागीय अधिकारी (रा.) रघुराजनगर ने अपने स्थल में भौतिक निरीक्षण करते हुये सत्यापित किया फिर कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी ने उसे अपने आदेश में लिखित किया और संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश को भेजा। उसके पश्चात् माननीय उच्च न्यायालय ने पुन: उक्त रिपोर्ट 19.03.2018 को बुलाई? टी. एण्ड सी.पी. विभाग के किस अधिकारी ने स्थल का भौतिक निरीक्षण कर अपने द्वारा स्वीकृत नक्शे के विपरीत क्या क्या प्रश्नतिथि तक पाया? जाँच रिपोर्ट की एक प्रति दें। (घ) टी एण्ड सी पी के द्वारा स्वीकृत नक्शे के विपरीत हुये निर्माण पर विभाग क्या कार्यवाही करता है? बिन्दुवार विवरण दें? क्या आपराधिक प्रकरण दर्ज करवाया जाता है? अगर हाँ तो क्या विभाग इस प्रकरण में दर्ज करवायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। दिनांक 21/02/17 को प्राप्त। उपसंचालक, नगर तथा ग्राम निवेश सतना द्वारा पत्र क्रमांक 77/नग्रानि/स्था/ 2018 एवं पत्र क्रमांक 82/नग्रानि/स्था/2018 दिनांक 13/02/18 द्वारा निर्माणकर्ता को सूचना पत्र जारी किया गया है। छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार है। दिनांक 26/09/16 एवं 14/10/16 को तहसीलदार तहसील रघुराज नगर की उपस्थिति में स्थल का भौतिक सत्यापन किया गया, जिसका प्रतिवेदन दिनांक 15/11/16 द्वारा अनुविभागीय अधिकारी, रघुराज नगर जिला सतना को दिया गया। छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ग) जी हाँ। कार्यालय उपसंचालक, नगर तथा ग्राम निवेश जिला कार्यालय सतना के वरिष्ठ भूमापक श्री प्रकाश विश्वकर्मा, संयुक्त भौतिक निरीक्षण में सम्मिलित थे, निरीक्षण के समय स्वीकृत नक्शें के विपरीत एक कालोनी के पार्क में भवन का निर्माण तथा दूसरी कालोनी के मार्ग में मंदिर का निर्माण एवं आवासीय भूखंड में होस्टल का निर्माण पाया गया है। छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा स्वीकृत नक्शें के विपरीत किये गये निर्माण पर म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम-1973 की धारा 36 एवं 37 के तहत अभियोजन की कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है। स्थल पर किये गये अवैध निर्माण का सर्वप्रथम स्थल पंचनामा तैयार कर अवैध निर्माण हटाने हेतु अधिनियम की धारा 37 (1) के तहत निर्माणकर्ता को सूचना दी जाती है। सूचना का अनुपालन ना किये जाने की स्थिति में म.प्र. नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, 1973 की धारा 37 (6) (क) के तहत अभियोजन की कार्यवाही की जाती है। अभियोजन की कार्यवाही के तहत अभियोग पत्र (अपराधिक प्रकरण) न्यायालय में प्रस्तुत किया जाता है। जी हाँ, धारा 37 (1) के तहत जारी सूचना पत्र का अनुपालन न किये जाने की स्थिति में अधिनियम के प्रावधानों एवं वैधानिक प्रक्रिया के तहत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया जायेगा।
स्टेडियम का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
33. ( क्र. 847 ) श्री अनिल जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन द्वारा प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में एक सर्वसुविधा युक्त ग्रामीण स्टेडियम स्वीकृत किये जाने की कोई योजना संचालित है? यदि हाँ, तो योजना प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में कुल कितने स्टेडियम स्वीकृत किये गये है? (ख) प्रश्नगत योजना में क्या विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी के अंतर्गत वर्षवार एक स्टेडियम की स्वीकृति दी गई है? यदि हाँ, तो स्वीकृति स्थान, ग्राम, स्वीकृत राशि एवं स्टेडियम निर्माण की स्थिति पूर्ण अपूर्ण विवरण सहित बतायी जावे और यदि वर्षवार एक स्टेडियम स्वीकृत नहीं किया गया है तो उसका कारण बताया जावे। साथ ही यह भी बतावें कि ऐसी स्थिति में लंबित स्टेडियम कब तक और कहा-कहाँ स्वीकृत किये जायेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। प्रदेश के विधान सभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2014-15 में ग्रामीण क्षेत्रों में एक-एक खेल मैदान (स्टेडियम) की योजना संचालित की गई थी। योजना अंतर्गत कुल 207 खेल मैदान (स्टेडियम) स्वीकृत किये गये है। (ख) जी हाँ। वर्ष 2014-15 में विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत नेनुआ में खेल मैदान (स्टेडियम) राशि रूपये 80.00 लाख का स्वीकृत होकर पूर्ण हो चुका है। वर्षवार खेल मैदान (स्टेडियम) स्वीकृति की कोई योजना नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महिदपुर के बड़ा राम मंदिर प्रकरण की स्थिति
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
34. ( क्र. 867 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि महिदपुर विधान सभा क्षेत्र के बड़ा राम मंदिर के उच्च न्यायालय खंडपीठ इन्दौर में लंबित प्रकरण में विगत 02 माह में इसमें कितनी तारीखें लगी? इनमें शा. अधिवक्ता कब-कब उपस्थित/अनुपस्थित रहे।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर में प्रचलित द्वितीय अपील क्रमांक 72/2001 में विगत 02 माह में 07 तारीख पेशीयां नियत हुई हैं, जो निम्नानुसार है, 04.12.2017, 11.12.2017, 15.01.2018, 22.01.2018, 29.01.2018, 05.02.2018 एवं 19.02.2018 लगी थी, इसमें शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर प्रत्येक तारीख पर उपस्थित रहे हैं।
वन अधिकार कानून में लघु वनोपज संबंधी प्रावधान
[वन]
35. ( क्र. 968 ) श्री आरिफ अकील : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून, 2006 पैसा कानून, 1996 एवं भारतीय संविधान की 11वीं अनुसूचि में किस-किस लघु वनोपज के संबंध में क्या प्रावधान दिए हैं? विभाग ने इस संबंध में किस दिनांक को आदेश निर्देश एवं अधिसूचना जारी की है? प्रति सहित बतावें। (ख) वन अधिकार कानून 2006, पैसा कानून 1996 एवं संविधान की 11वीं अनुसूचि में किस-किस लघु वनोपज के संग्रहण विपणन, भण्डारण एवं परिवहन पर प्रतिबंध लगाए जाने एवं वन अपराध पंजीबद्ध किए जाने का अधिकार किस-किस को प्रदान किया गया है? (ग) जनवरी 2008 से दिसम्बर 2017 तक किस-किस लघु वनोपज के संग्रहण विपणन भण्डारण एवं परिवहन पर प्रतिबंध लगाया गया? कितने वन अपराध लघु वनोपज के पंजीबद्ध किए गए? जिलेवार बतावें। (घ) लघु वनोपज से संबंधित प्रतिबंध लगाए जाने एवं वन अपराध पंजीबद्ध किए जाने के संबंध में जिला वनाधिकार समिति ने किसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की है? यदि कार्यवाही नहीं की हो तो उसका कारण बतावें? कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार अधिनियम अधिनियम, 2006 पैसा कानून, 1996 एवं भारतीय संविधान की 11वीं अनुसूची में लघु वनोपज से संबंधित प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। इस संबंध में जारी परिपत्र दिनांक 25 जनवरी 2001 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ख) कतिपय लघु वनोपज को भण्डारण करने के लिये जैव विविधता अधिनियम 2002 के अन्तर्गत रजिस्ट्रेशन का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार तेन्दूपत्ता एवं अन्य विनिर्दिष्ट वनोपज के भण्डारण एवं परिवहन के विनियमन हेतु मध्यप्रदेश तेन्दूपत्ता नियम 1964 एवं मध्यप्रदेश वनोपज (व्यापार विनियमन) अधिनियम, 1969 तथा अन्य लघु वनोपज हेतु भारतीय वन अधिनियम, 1927 में प्रावधान किये गये हैं। जैव विविधता अधिनियम 2002 के प्रावधानों के उल्लंघन हेतु वन अपराध पंजीबद्ध करने के लिये परिक्षेत्राधिकारी तथा मध्यप्रदेश तेन्दूपत्ता (व्यापार विनियमन) अधिनियम 1964, मध्यप्रदेश वन उपज (व्यापार विनियमन) अधिनियम, 1969 एवं भारतीय वन अधिनियम 1927 में समस्त वन अधिकारी अधिकृत है। (ग) जनवरी 2008 से दिसम्बर 2017 तक पन्ना, खण्डवा, भोपाल, बैतूल एवं छतरपुर जिलों के आंवला, अचार गोंद, तेन्दूपत्ता, महुआ फल, सागौन बीज, हर्रा फल, बेल फल लघु वनोपज के विपणन, भण्डारण एवं परिवहन पर अस्थाई रूप से प्रतिबंध लगाया गया है। लघु वनोपज के पंजीबद्ध वन अपराध प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) वन अपराध प्रकरण भारतीय वन अधिनियम, 1927 जैव विधिता अधिनियम, 2002, मध्यप्रदेश तेन्दूपत्ता (व्यापार विनियमन) अधिनियम, 1964 मध्यप्रदेश वन उपज (व्यापार विनियमन) अधिनियम 1969 के अन्तर्गत लघु वनोपज से संबंधित वन अपराध पंजीबद्ध किये जाते हैं, अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शांतिधाम प्रोजेक्ट
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
36. ( क्र. 996 ) श्री अरूण भीमावद : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 167 में कितने शांतिधाम प्रोजेक्ट स्वीकृत किये गये हैं? (ख) स्वीकृत प्रोजेक्ट में से कितने पूर्ण एवं कितने अपूर्ण हैं पंचायतों के नाम सहित बतायें? (ग) कितने शांतिधामों में पेयजल की व्यवस्था की गई तथा कितनों में पेयजल व्यवस्था शेष है? (घ) कब तक शेष बचे शांतिधामों में पेयजल की व्यवस्था की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 169 शांतिधाम के कार्य स्वीकृत किये गये हैं। (ख) 50 कार्य पूर्ण एवं 119 कार्य अपूर्ण हैं। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) 49 शांतिधामों में पेयजल की व्यवस्था की गई एवं 120 में शेष है। (घ) शेष शांतिधाम पूर्ण होने पर मनरेगा अंतर्गत सार्वजनिक कूप एवं पंच परमेश्वर की 10 प्रतिशत् राशि से पेयजल व्यवस्था करने हेतु संबंधित पंचायतों को जिला स्तर से निर्देशित किया गया है। चूंकी मनरेगा मांग आधारित योजना है तथा स्वीकृति एवं निर्णय का अधिकार ग्राम पंचायत का है, अतः सीमित वित्तीय संसाधान को देखते हुये समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
परफार्मेंस ग्राण्ट की राशि की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
37. ( क्र. 997 ) श्री अरूण भीमावद : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2016-17 में 14वें वित्त आयोग अंतर्गत परफार्मेंस ग्राण्ट की राशि विभिन्न प्रयोजन हेतु जनपद पंचायतों को उपलब्ध कराई गई है? (ख) यदि हाँ, तो शाजापुर एवं मो. बड़ोदिया जनपद पंचायतों को कितनी-कितनी राशि, किस-किस प्रयोजन हेतु उपलब्ध कराई गई है? (ग) जनपद पंचायत शाजापुर एवं मो. बड़ोदिया के अधीन आने वाली ग्राम पंचायतों में कितनी राशि व्यय हुई तथा कितने शेष है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
ग्राम उदय से भारत उदय अभियान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
38. ( क्र. 998 ) श्री अरूण भीमावद : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 14 अप्रैल से दिनांक 31 मई, 2016 तक ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम उदय से भारत उदय अभियान चलाया गया था? (ख) क्या उक्त अभियान के अंतर्गत शाजापुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम संसद आयोजित कर ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यक संरचनाओं के निर्माण हेतु संबंधित विभागों द्वारा कार्य योजना बनाकर आवश्यक निर्माण कार्य जैसे पुलिया-सड़के की तकनीकी प्राक्कलन बनाये गये थे? (ग) यदि हाँ, तो उनके क्रियान्वयन हेतु अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (घ) यदि हाँ, तो उक्त कार्यों के पूर्ण करने हेतु क्या प्रक्रिया प्राथमिकता के आधार पर निर्धारित की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) ग्रामोदय से भारत उदय अभियान अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम संसद आयोजित की गई, जिसमें ग्राम पंचायत विकास योजनान्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यक संरचनाओं के निर्माण हेतु संबंधित विभागों द्वारा कार्ययोजना बनायी गयी थी, तकनीकी प्राक्कलन नहीं बनाये गये। (ग) कार्ययोजना अंतर्गत विभिन्न विभागों एवं योजनाओं आदि में प्राप्त आवंटन के आधार पर कार्यों का क्रियान्वयन किया जा रहा है। (घ) कार्यों का निर्धारण ग्रामसभा द्वारा प्राथमिकता के आधार पर ग्राम पंचायत विकास योजनान्तर्गत किया गया है।
सड़क विहीन गांवों तक सड़के
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
39. ( क्र. 999 ) श्री अरूण भीमावद : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 1330 दिनांक 21/03/2017 के अनुसार शासन द्वारा मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना प्रस्तावित है तथा क्रियान्वय हो रहा है तो विधानसभा क्षेत्र शाजापुर के सड़क विहीन गांवों को मुख्य सड़क मार्गों से जोड़ने की क्या योजना है? (ख) क्या (1) कांजाखेड़ा से बंजारों का डेरा (2) लोंदिया मुख्य सड़क से पाण्डूखोरा (3) गोपीपुर से साफ्टी (4) भेरूखेड़ा से करेड़ी मार्ग (5) नया समाजखेड़ा (पिपलिया इंदौर) से बेरछा मार्ग (6) छायन से प्रधानमंत्री सड़क मार्गों को सम्मिलित किया जावेगा? (ग) यदि हाँ, तो उक्त मार्ग आगामी वित्तीय वर्ष 2018-19 में सड़क विहीन गांव मुख्य सड़क मार्गों से जुड़ पायेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लाभ से वंचित जनगणना 2001 के अंतर्गत सामान्य विकासखण्ड के 500 से कम एवं आदिवासी विकासखण्डों के 250 से कम आबादी के ग्रामों को ग्रेवल सड़क के माध्यम से बारहमासी सड़क की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। विधानसभा क्षेत्र शाजापुर में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत शेष छूटे हुए 04 ग्रामों की स्वीकृति जारी कर कार्य प्रारंभ करने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित मार्ग मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत पात्र नहीं होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होते हैं।
कर्मचारियों की सेवा समाप्ति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
40. ( क्र. 1023 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत जबलपुर में राज्य शासन व केन्द्र प्रवर्तित किन-किन योजनांतर्गत संविदा पर कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी कब से किस पद पर कहाँ पर पदस्थ हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में भारत स्वच्छता मिशन के तहत विकासखण्ड समन्वयक (संविदा) व अन्य किन-किन योजनांतर्गत पदस्थ किन-किन कर्मचारियों/अधिकारियों को कब किस आरोप में सेवा से पृथक निलंबित तथा किस-किस की वेतन वृद्धि रोकी गई है। इनकी सेवाएं समाप्ति के पूर्व कब क्या संवैधानिक प्रक्रिया अपनाई गई है? यदि नहीं, तो क्यों वर्ष 2014-15 से 2017-18 तक की जानकारी दें। (ग) प्रश्नांकित सेवा से पृथक किये गये किन-किन कर्मचारियों द्वारा मा. म.प्र. उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रस्तुत याचिका पर कब पारित स्थगन/स्टे आदेश के परिपालन में जिला पंचायत जबलपुर ने कब किस-किस कर्मचारी की सेवा में बहाली कर इन्हें कब ज्वाईन कराया है? यदि नहीं, तो क्यों? इसके फलस्वरूप किन-किन कर्मचारियों की कब मृत्यु हो गई है। किस-किस ने आत्मदाह करने इच्छा मृत्यु की मांग की है? क्या शासन इसकी जाँच कराकर दोषी सी.ई.ओ. जिला पंचायत जबलपुर के विरूद्ध कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं 'स' अनुसार है। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जिला पंचायत जबलपुर द्वारा किसी भी कर्मचारी की मृत्यु नहीं होने तथा किसी ने आत्मदाह करने इच्छा मृत्यु की मांग संबंधी कोई जानकारी संज्ञान में नहीं होना प्रतिवेदित किया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगरीय सड़क मार्ग निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
41. ( क्र. 1036 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या आलोट जिला रतलाम में जावरा आलोट मार्ग से रामसिंह दरबार, आई.टी. आई. विद्यालय व अन्य शिक्षा केन्दों के पहुंचमार्ग सड़क की हालत जर्जर है तथा जिसका निर्माण अब तक नहीं हो पाने से आम जन परेशान है, यदि हाँ, तो इस सड़क का डामरीकरण अब तक क्यों लंबित है? (ख) इस जर्जर सड़क का डामरीकरण कब तक कर दिया जायगा? (ग) क्या पूर्व में उक्त सड़क निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ की गई थी? यदि हाँ, तो कब? कार्य रोकने का आदेश किसने दिया? पुनः निर्माण प्रक्रिया क्योंनहीं अपनाई गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। आलोट जिला-रतलाम में जावरा आलोट मार्ग से रामसिंह दरबार आई.टी.आई. विद्यालय तक पहुच मार्ग का डामरीकरण लोक निर्माण विभाग संभाग रतलाम द्वारा वर्ष 2011-12 में कराया गया था, जिसका अधिकांश भाग वर्तमान में जर्जर हालत में है। जी हाँ। यह मार्ग नगर परिषद् आलोट की सीमा क्षेत्र के बाहर ग्रामीण क्षेत्र में आता है एवं नगर परिषद् आलोट के क्षेत्राधिकार में नहीं है। नगर परिषद् आलोट क्षेत्र के अन्य शिक्षा केन्द्र के पहुच मार्ग पूर्व से निर्मित हैं, जो वर्तमान में सही हालत में हैं। (ख) इस मार्ग के डामरीकरण का कार्य नगर परिषद् आलोट के क्षेत्राधिकार में नहीं है। निर्माण हेतु लोक निर्माण से समन्वय किया जावेगा, समय-सीमा बतलाना संभव नहीं है। (ग) नगर परिषद, आलोट में निर्माण कार्य की प्रक्रिया प्रारंभ नहीं की है कयोंकि यह कार्य नगर परिषद, के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगरीय निकाय को प्रदाय राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
42. ( क्र. 1037 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष २०१७ में रतलाम जिले की किन-किन नगर पालिकाओं, नगर निगमों, नगर परिषदों को स्वच्छता, गंदीबस्ती उन्मूलन, अनु.जाति विकास, पेयजल व अन्य विकास कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि/अनुदान आवंटित किया? मदवार-निकायवार पूर्ण ब्यौरा दें? (ख) प्रश्नांश (क) जिले की नगरीय निकायों में किस कारण कहाँ-कहाँ अब तक प्रभारी सी.एम.ओ. पदस्थ हैं? क्या प्रभारी सी.एम.ओ. के हेड क्वार्टर नगरीय निकाय स्थल हैं? क्या वे प्रतिदिन निकाय में कार्य संपादित कर रहे हैं? यदि नहीं, तो कार्य प्रभावित ना हो इस दिशा में स्थायी सी.एम.ओ. पद स्थापना क्यों नहीं हैं? यदि की जाएगी कब तक? (ग) नगरीय निकायों में विकास कार्यों हेतु राशि आवंटन के क्या प्रावधान अपनाये गये हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। कार्य सम्पादित कर रहे हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) नगरीय निकायों को विकास कार्यों हेतु राशि का आवंटन 2011 की जनसंख्या के मान से एवं योजनाओं के दिशा निर्देशानुसार किया जाता है।
लंबित आवेदनों का निराकरण
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
43. ( क्र. 1045 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सामाजिक सुरक्षा पेंशन, वृद्धावस्था, विकलांग पेंशन के कितने हितग्राहियों को लाभ दिया जा रहा है? जनपदवार संख्यात्मक जानकारी दी जाए। (ख) उक्त योजनान्तर्गत प्रश्नांश (क) अनुसार विगत वर्ष 2017-18 एवं प्रश्न दिनांक तक योजना का लाभ लेने हेतु कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुए हैं एवं कितने हितग्राहियों को लाभ दिया गया? (ग) शेष कितने हितग्राहियों को आवेदन प्राप्त होने के बाद भी शासन योजना का लाभ नहीं दिया गया है? क्या कारण है? आवेदनों की संख्या एवं नामवार सूची दी जाए।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सामाजिक सुरक्षा पेंशन अन्तर्गत 20659 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। जनपद पंचायतवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) योजनान्तर्गत वर्ष 2017-18 में योजना का लाभ लेने हेतु 2460 आवेदन प्राप्त हुए जिनमें से 2314 हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) शेष 146 हितग्राहियों के प्राप्त आवेदनों में अपात्रता के कारण लाभ नहीं दिया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार।
कार्य योजनाओं की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
44. ( क्र. 1105 ) श्री मधु भगत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत विभाग के अन्तर्गत विकास की कौन-कौन से योजनाएं संचालित है? बालाघाट जिले में उक्त योजनाओं के लिये वर्ष 2015-16 से 2017-18 तक में कितना बजट प्राप्त हुआ? मदवार प्राप्त आवंटन एवं व्यय की जानकारी दें? (ख) क्या स्वीकृत कार्यों का भुगतान कार्य पूर्णत: प्रमाण पत्र जारी होने के बाद किया गया था? (ग) विभाग के जो उत्तरदायित्व एवं कार्य है उनके अनुसार परसवाड़ा विधान सभा में कितने कार्य बाकी है उनके लिये क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) पंचायत विभाग अंतर्गत समस्त योजनाओं के कुल 6136 कार्य बाकी है, उनकी प्रगति हेतु जिला एवं जनपद स्तर पर सतत् रूप से सघन मॉनीटरिंग की जा रही है।
पौधरोपण कार्यों की जानकारी
[वन]
45. ( क्र. 1108 ) श्री मधु भगत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 02.07.2017 को जबलपुर संभाग में हुए पौधारोपण की जानकारी जिलेवार कलेक्टर द्वारा भेजी रिपोर्ट की छायाप्रति सहित देवें। जिन विभागों से समन्वय करके पौधारोपण कार्य किया गया था उनके रिपोर्ट की छायाप्रति भी देवें। (ख) इनके संरक्षण के लिए कितनी राशि किस जिले को कब-कब प्रदान की गई या शासन द्वारा राशि की स्वीकृति कर जिलों को दी गई, उसके व्यय की जानकारी जिलावार देवें। प्रश्न दिनांक तक कितने पौधे जीवित हैं की जानकारी भी जिलावार देवें? (ग) पौधे किस दर पर कहाँ से कितनी मात्रा में क्रय किए गए, पूरी जानकारी सप्लायर एजेंसी द्वारा प्रस्तुत बिलों की छायाप्रति सहित देवें। (घ) बालाघाट जिले में संरक्षण के लिए नोडल एजेंसी वन विभाग ने पौधारोपण के बाद प्रश्न दिनांक तक कितने दौरे कर पौधों के संरक्षण के लिए कार्य किया प्रत्येक दौरे की निरीक्षण टीप सहित जानकारी देवें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) पौधारोपण की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है एवं जिला कलेक्टर/मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की रिपोर्ट की छायाप्रतियॉ जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जबलपुर जिले में वन संरक्षक, जबलपुर नोडल होने के कारण वन संरक्षक, जबलपुर की रिपोर्ट की छायाप्रति भी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) वन विभाग द्वारा विभाग के ही अनुसंधान एवं विस्तार वानिकी वृत्तों की रोपणियों से पौधे प्राप्त किये गये हैं। केवल बफर जोन कान्हा, मण्डला द्वारा 4000 पौधे रू. 10 प्रति पौधे की दर पर हालोन रोपणी सिझौरा से क्रय किये गये हैं। अन्य विभागों की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
फर्नाखेड़ी औद्योगिक क्षेत्र में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
46. ( क्र. 1133 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय मुख्यमंत्री महोदय के दिनांक 10.01.216 को खाचरौद प्रवास के दौरान यह घोषणा कि थी कि ग्राम फर्नाखेड़ी में जो शासकीय भूमि है उसे औद्योगिक क्षेत्र घोषित कर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जावेगी? (ख) यदि हाँ, तो इस क्षेत्र को कब तक पूर्ण विकसित कर बिजली, सड़क, पानी जैसी मुलभूत सुविधायें उपलब्ध करा दी जावेगी?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जी हाँ। (ख) सर्वे डिमार्केशन एवं अभिन्यास हेतु दिनांक 28-12-2017 को राशि रूपये 1.35 लाख तथा एप्रोच रोड एवं वाह्य विद्युतीकरण कार्य हेतु दिनांक 27-12-2017 को राशि रूपये 461.66 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर राशि रूपये 300.00 लाख की वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी गई है।
लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
47. ( क्र. 1147 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि जिला अनूपपुर अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर में अप्रैल 2016 से दिसम्बर 2017 तक पेंशन (विकलांग, विधवा, वृद्धावस्था, कन्या अभिभावक) प्राप्त करने वाले हितग्राहियों की जनपद पंचायतवार संख्यात्मक जानकारी एवं देय पेंशन की राशि की जानकारी प्रदाय करें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : जिला अनूपपुर अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर में अप्रैल 2016 से दिसम्बर 2017 तक पेंशन (विकलांग, विधवा, वृद्धावस्था, कन्या अभिभावक) प्राप्त करने वाले हितग्राही की जनपद पंचायतवार संख्यात्मक जानकारी एवं देय पेंशन की राशि की वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
योजना के तहत स्वीकृत कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
48. ( क्र. 1182 ) श्री रामनिवास रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा पञ्च परमेश्वर, 13वां एवं 14वां वित्त आयोग एवं परफोर्मेंस ग्रांट योजना के तहत वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में प्रश्नांकित दिनांक तक श्योपुर जिले की कराहल एवं विजयपुर जनपद की ग्राम पंचायतों में किस-किस कार्य हेतु कितनी राशि उपलब्ध करायी गई है? कृपया वर्षवार, ग्राम पंचायतवार, जनपद पंचायतवार बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि के स्वीकृत कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण, कितने अपूर्ण एवं कितने अप्रारम्भ हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? कितनी-कितनी राशि किन-किन ग्राम पंचायतों में शेष है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार।
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजनांतर्गत आवास आवंटन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
49. ( क्र. 1193 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजनांतर्गत आवास निर्माण की योजना किस दिनांक से संचालित है? (ख) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में आने वाली घाटीगाँव एवं भितरवार जनपद पंचायतों के प्रत्येक ग्राम पंचायतों में कितने परिवारों को उक्त योजना का लाभ योजना प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक दिया गया है? प्रत्येक लाभान्वित हितग्राही की जानकारी उसके आवास की भौतिक तथा वित्तीय स्थिति की जानकारी सहित उपलब्ध करायी जावें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार योजना से संबंधित कितने हितग्राहियों को प्रत्येक जनपद पंचायतों में योजना का लाभ देकर प्रथम किश्त प्रदाय उपरांत अपात्र घोषित कर उन्हें किन कारणों से योजना से वंचित किया गया है? ऐसे अपात्र किये गये व्यक्तियों की ग्राम पंचायतवार सूची दें? प्रत्येक जनपद पंचायतवार हितग्राहियों के वितरण सहित की गई कार्यवाही सहित जानकारी उपलब्ध करायी जावे? (घ) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में भितरवार एवं घाटीगाँव जनपद पंचायतों कार्यालयों एवं फील्ड में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं उनका नाम, पद, मुख्यालय, पद स्थापना दिनांक बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्वालियर जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण 01/04/2016 से संचालित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जनपद पंचायत घाटीगांव में निरंक तथा जनपद पंचायत भितरवार में 18 व्यक्तियों को अपात्र किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
हितग्राहियों को पेंशन का नियमित भुगतान
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
50. ( क्र. 1194 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले की भितरवार विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कितने हितग्राहियों को सामाजिक सुरक्षा निराश्रित वृद्धावस्था, विकलांग, विधवा पेंशन का भुगतान प्रतिमाह कितनी राशि का किया जा रहा है? जनपद पंचायतवार संख्यात्मक जानकारी दी जाए। (ख) 1 अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को किस-किस माह तक का पेंशन भुगतान हो गया है? पेंशन का भुगतान किस माध्यम से किया गया है एवं कितने हितग्राहियों को पेंशन का भुगतान नहीं किया है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) ग्वालियर जिले की भितरवार विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं का 1 अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को किस माह तक का भुगतान कर दिया गया है और कितने माह का पेंशन भुगतान किन-किन कारणों से लंबित है? लंबित प्रकरणों का हितग्राहियों को कब-तक भुगतान कर दिया जावेगा? (घ) सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग में ग्वालियर जिले में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक तथा मुख्यालय बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्वालियर जिला अन्तर्गत भितरवार विधानसभा क्षेत्र में हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) 01 अप्रैल 2016 से प्रश्न दिनांक तक 11068 हितग्राहियों की को माह जनवरी 2018 तक पेंशन का भुगतान किया गया है। पेंशन का भुगतान डी.बी.टी. के माध्यम से किया गया है। 264 हितग्राहियों को जनवरी 2018 की पेंशन का भुगतान डी.बी.टी के अन्तर्गत बैंक खाते असफल होने से भुगतान नहीं हो पाया हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (ग) ग्वालियर जिला अन्तर्गत भितरवार विधानसभा क्षेत्र में हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (घ) ग्वालियर जिला अन्तर्गत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार।
ग्रेवल रोड पर रोक
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
51. ( क्र. 1199 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अपर मुख्य सचिव द्वारा दिनांक 01.02.2018 की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सम्पूर्ण मध्यप्रदेश की ग्रामपंचायतों में डलने वाली ग्रेवल रोड पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी गयी है? क्यों कारण सहित बतायें। (ख) क्या सरकार ग्रामों में ग्रेवल रोड का विकास नहीं करवाना चाहती है? क्या सरकार के पास मनरेगा की मजदूरी और बिल का बजट नहीं है? (ग) क्या सम्पूर्ण मध्य प्रदेश के सरपंच इस तरह के आदेश से परेशान होकर सामूहिक इस्तीफा सरकार को दे? (घ) ग्रेवल रोड पुनः कब तक चालू होंगी और रोड बंद होने से पूर्व के बिल की मजदूरी का भुगतान कब तक किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। केवल ग्रेवल सड़क के नवीन कार्य लेने पर रोक है। प्रदेश में वर्तमान (दिनांक 24.02.2018 तक) में कुल 72,473 सड़क के कार्य प्रगतिरत हैं। इन कार्यों को प्राथमिकता से पूर्ण करने पर ग्रेवल सड़क के कार्य लिए जा सकेंगे। (ख) से (घ) उत्तरांश ''क'' के परिपेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
पंचपरमेश्वर योजना में ग्रामों की जनसंख्या कम दर्ज करने संबंधित
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
52. ( क्र. 1201 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ईसागढ़ जनपद एवं चन्देरी जनपद पंचायत अंतर्गत ऐसी कितनी ग्राम पंचायतें हैं जिन्होंने पंच परमेश्वर एवं 14वें वित्त की राशि से ग्राम में कार्य करवा दिए गए है और उनके खाते में नवीन कार्य करवाने राशि नहीं बची है? नई राशि कब तक ग्रामपंचायतों को मिल सकेगी जिससे वह नवीन कार्य करवा सके? (ख) क्या पंच परमेश्वर पोर्टल पर ईसागढ़ जनपद की बहुत सी ऐसी बड़ी पंचायतें हैं जिनकी जनसंख्या अधिक है? लेकिन शासन के पोर्टल पर जनसंख्या कम दर्शायी गयी है? जिससे उन ग्राम पंचायतों को शासन द्वारा कम राशि प्राप्त होती है। (ग) पंचपरमेश्वर पोर्टल पर वर्तमान ग्राम की जनसंख्या कब तक सही करवा दी जावेगी जिससे ग्राम में अधिक विकास कार्य हो सके? समय-सीमा बताएं। (घ) पंच परमेश्वर एवं 14वें वित्त की राशि कब तक ग्राम पंचायतों को प्राप्त हो जावेगी? समय-सीमा बताएं। राशि समय से प्राप्त ना होने से दोषी कर्मचारी अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बताते हुए उन कर्मचारियों के नाम सहित बताएं? (ड.) पंच परमेश्वर पोर्टल पर ग्रामों की गलत जनसंख्या क्यों दर्ज की गयी है? उसके लिए किन-किन कर्मचारियों को दण्डित किया जावेगा? उनके नाम सहित समय-सीमा बताएं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जनपद पंचायत ईसागढ़ एवं चन्देरी अंतर्गत ऐसी कोई भी ग्राम पंचायत नहीं है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जनपद पंचायत ईसागढ़ की ग्राम पंचायतों की जनसंख्या पोर्टल पर दर्ज जनसंख्या अनुसार ही है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार। (घ) उत्तरांश 'क' अनुसार। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता हैं। (ड़) उत्तरांश 'ख' अनुसार।
गरीब मुक्त पंचायत
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
53. ( क्र. 1202 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र चंदेरी अंतर्गत चन्देरी एबं ईसागढ़ जनपद अंतर्गत कितनी ग्राम पंचायते गरीब मुक्त पंचायतों में आती हैं? (ख) गरीब मुक्त फार्म भरे जाने के बाद भी आज दिनांक तक हितग्राही को ना ही लाभ दिया गया और ना ही आवेदन पोर्टल पर ऑनलाइन किये गए हैं, इसमें लापरवाही बरतने वाले अधिकारी के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? (ख) ईसागढ़ जनपद में कितनी ग्राम पंचायतों ने गरीब मुक्त आवेदन जनपद में जमा करवा दिए हैं? फिर भी ना ही लाभ दिया गया और ना ही पोर्टल पर ऑनलाइन किये गए है। लापरवाही बरतने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है। ? (ग) यदि लाभ दिया ही नहीं जा रहा है तो आवेदन क्यों लिए जा रहे हैं? हितग्राही को गुमराह क्यों किया जा रहा है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मिशन अंत्योदय हेतु प्रश्नाधीन जनपद की ग्राम पंचायतों की संख्या निरंक है। (ख) से (घ) फार्म नहीं भराये गये। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते।
प्रधानमंत्री आवास योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
54. ( क्र. 1205 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्गी राजा) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चन्देरी एवं ईसागढ़ की जनपद पंचायतों के अंतर्गत आने वाले समस्त ग्राम पंचायतों में ग्राम उदय से भारत उदय अंतर्गत संसद में दिनांक 14 अप्रैल 2017 से 31 मई 2017 तक ग्रामपंचायतों में जो संसद चली थी क्या उस संसद में ग्रामपंचायतों में प्रधानमंत्री आवास योजना के आवेदन हितग्राहियों ने जमा किये थे। उन आवेदनों को ग्रामपंचायतों ने जनपद में जमा करवा दिए हैं या नहीं? (ख) प्रश्न दिनांक तक ईसागढ़ एवं चन्देरी जनपद में कितने आवेदन जमा हुये एवं कितने आवेदन जनपद के कर्मचारियों द्वारा अभी तक पोर्टल पर ऑनलाइन किये गए हैं एवं कितने नहीं किये गये? यदि नहीं, किये गये तो क्यों नहीं किये गये? इसमें दोषी कौन है? क्या दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जनपद चंदेरी एवं ईसागढ़ में क्रमश: 2554 एवं 3338 आवेदन प्राप्त हुए है। जनपद चंदेरी में 872 तथा ईसागढ़ में 545 आवेदन अपात्र पाये गए है। शेष पात्र हितग्राहियों के आवेदन पोर्टल पर ऑनलाईन किये जा चुके है। कोई भी कर्मचारी दोषी नहीं है इस लिए किसी कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गई है।
पर्वतीय ग्राम गौरी को कटनी व जबलपुर मुख्यालय से जोड़ना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
55. ( क्र. 1226 ) श्री मोती कश्यप : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पर्वत शिखर पर बसे ग्राम गौरी से हलका होकर सिलौंडी से कुण्डम मार्ग की दूरी कितने कि.मी. है और सिलौंडी (जिला कटनी) एवं कुण्डम (जिला जबलपुर) की तहसील/वि.खं./थाना की दूरी कितने कि.मी. है? (ख) प्रश्नांश (क) ग्राम गौरी से खमरिया (जिला कटनी), पटना होकर बघराजी (जिला जबलपुर) के कस्बे की दूरी कितने कि.मी. है? (ग) ग्राम गौरी से गौरा होकर जिला मुख्यालय कटनी तथा खमरिया, पटना, कस्बा बघराजी होकर जबलपुर के संभागीय मुख्यालय, रेल्वे स्टेशन, हाईकोर्ट आदि प्रमुख केन्द्रों की दूरी कितने कि.मी. है? (घ) क्या प्रश्नांश (क) ग्राम गौरी को कटनी एवं जबलपुर मुख्यालयों तक मार्ग का सर्वेक्षण कराकर निर्माण किया जाकर आदिवासी ग्रामीणजनों को सुगम आवागमन की सुविधा प्रदान की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्राम गौरी की सिलौड़ी कुण्डम मार्ग से 7.00 कि.मी. दूरी है। ग्राम सिलौड़ी का थाना, तहसील तथा विकासखण्ड ढीमरखेड़ा है एवं इसकी सिलौड़ी से दूरी 22.00 कि.मी. है। सिलौड़ी की कुण्डम से दूरी 22.00 कि.मी. है। (ख) ग्राम गौरी से खमरिया-पटना होकर बघराजी की दूरी लगभग 16.00 कि.मी. है। (ग) गौरा से गौरी की जिला मुख्यालय कटनी से दूरी लगभग 90.00 कि.मी. है तथा जबलपुर के रेलवे स्टेशन एवं हाईकोर्ट से दूरी 69.00 किमी. है। (घ) ग्राम गौरा से गौरी को ग्रेवल मार्ग से जोड़े जाने हेतु मार्ग स्वीकृत किया गया है। ग्राम गौरी को कटनी एवं जबलपुर मुख्यालय से जोड़े जाने हेतु सर्वेक्षण किए जाने की कोई योजना नहीं है।
प्राचीन मंदिरों के जीर्णोद्धार
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
56. ( क्र. 1251 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या माननीय मंत्री खेल और युवा कल्याण, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व ने पत्र क्रमांक 6470 दिनांक 25.10.2017 द्वारा प्रश्नकर्ता को भिण्ड जिले के नारदेश्वर मंदिर ग्राम मडोरी तथा श्री हनुमान मंदिर अचलपुरा के मंदिरों के जीर्णोद्धार हेतु कलेक्टर भिण्ड को आयुक्त के माध्यम से शीघ्र प्राक्कलन भेजने के निर्देश दिये जाने के संबंध में सूचित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या कलेक्टर भिण्ड ने पत्र क्रमांक क्यू/3/माफी/2017/6910 दिनांक 22.07.2017 आयुक्त चंबल संभाग मुरैना को भेजकर प्रतिलिपि सचिव म.प्र. शासन धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग को अंकित कर मूल प्राक्कलन अनुसार राशि स्वीकृत करने हेतु प्रेषित किया गया था? यदि हाँ, तो सचिव धर्मस्व न्यास एवं धर्मस्व के कार्यालय में पत्र मूल प्राक्कलन सहित कब प्राप्त हुआ? (ग) माह जुलाई-अगस्त 2017 में शासन को प्राक्कलन प्राप्त होने के बाद भी उपरोक्त दोनों मंदिरों के जीर्णोद्धार हेतु राशि स्वीकृत नहीं करने के क्या कारण हैं तथा राशि स्वीकृत कर, लोक निर्माण विभाग को कब तक आवंटित कर दी जावेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। (ख) आयुक्त चम्बल संभाग के माध्यम से प्राक्कलन प्रस्ताव दिनांक 2/8/2017 को विभाग में प्राप्त हुआ है। (ग) शासन संधारित मंदिरों कों मंदिरों के जीर्णशीर्ण होने की अवस्था में कलेक्टर/संभागायुक्त के माध्यम से प्राक्कलन प्रस्ताव विभाग में प्राप्त होने पर आवश्यकतानुसार उपलब्ध बजट के आधार पर राशि स्वीकृत की जाती है। यह एक सतत् प्रकिया है। निश्चित समय-सीमा दी जाना संभव नहीं है।
खिलाडि़यों की प्रोत्साहन योजना
[खेल और युवा कल्याण]
57. ( क्र. 1253 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिवनी जिले में खिलाडि़यों की खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिये कोई योजना है? यदि हाँ, तो योजना का सम्पूर्ण विवरण देवें। वर्ष 2014-15 में प्रश्न दिनांक तक खेलों हेतु कितनी राशि आवंटित की गई है वर्षवार खेलवार सूची देवें। (ख) क्या जिले में उत्कृष्ट खिलाडि़यों को विभिन्न खेलों में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु सम्मानित किया जाता है? पुरस्कारों के नाम प्रोत्साहन राशि खिलाडि़यों के नाम तथा खेल का नाम सहित जानकारी दें। (ग) क्या शासन द्वारा खेलों में ग्रामीण क्षेत्र के खिलाडि़यों के लिये प्रोस्ताहन हेतु कोई प्रभावी योजना बनाई है या भविष्य में बनाया जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्राम पंचायत घंसौर विकासखण्ड घंसौर को नगर पंचायत बनाने के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
58. ( क्र. 1258 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत पाँच वर्षों में ग्राम पंचायत घंसौर विकासखण्ड घंसौर जिला सिवनी को नगर पंचायत बनाने हेतु विभाग में कितने प्रस्ताव जनप्रतिनिधियों द्वारा तथा कलेक्टर द्वारा विभाग को भेजे गये हैं? क्या ग्राम पंचायत घंसौर को नगर पंचायत घोषित किये जाने हेतु प्रस्ताव शासन स्तर पर विचाराधीन है? (ख) सिवनी जिले की कौन-कौन सी ग्राम पंचायतें नगर पंचायत घोषित की गई हैं? उनकी जानकारी दी जावे तथा ग्राम पंचायत की जनसंख्या का ब्यौंरा भी दिया जावे। (ग) ग्राम पंचायत घंसौर को नगर पंचायत घोषित किये जाने हेतु क्या नियम हैं तथा शासन आदेश द्वारा क्या-क्या गाइड लाइन तय की गई हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जिला पंचायत, सिवनी की सामान्य सभा एवं सामान्य प्रशासन समिति की बैठक दिनांक 17/08/2016 द्वारा ग्राम पंचायत घंसौर को नगर परिषद् बनाये जाने का निर्णय लिया गया था जिसके अनुपालन में परियोजना अधिकारी, जिला शहरी विकास अभिकरण, सिवनी ने पत्र क्रमांक @114/ग्रा.पं.घंसौर@श.वि./2016-17, सिवनी, दिनांक 27/10/2016 के द्वारा ग्राम पंचायत घंसौर को नगर परिषद् बनाये जाने हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत घंसौर से प्रस्ताव चाहा गया है जो कि अप्राप्त है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) सिवनी जिले की ग्राम पंचायत छपारा को नगर परिषद् घोषित किया गया है इसकी जनसंख्या 20289 है, इसके अन्तर्गत आने वाले ग्रामों का विवरण इस प्रकार है, ग्राम छपारा 15330, ग्राम छपारा खुर्द 708, ग्राम देवरी कलां 685, ग्राम छपारा कलां 666, ग्राम गहना नाला 494, ग्राम पिंडरई 361, ग्राम चंदेनी 555, ग्राम तिन्सा 1088, ग्राम घोघरीमाल 174 एवं ग्राम जामुनपानी 228 कुल जनसंख्या 20289 है। (ग) किसी भी संक्रमणशील क्षेत्र अथवा ग्रामीण क्षेत्र को नगर परिषद् घोषित किये जाने के प्रावधान मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1961 की धारा 5 तथा मध्यप्रदेश शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग की अधिसूचना दिनांक 27 दिसम्बर 2011 में दिये गये हैं परन्तु ग्राम पंचायत घंसौर को नगर परिषद् बनाये जाने का प्रस्ताव शासन को अप्राप्त है।
शासकीय महाविद्यालय की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
59. ( क्र. 1325 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में किन-किन स्थानों पर शासकीय महाविद्यालय की स्वीकृति (अंतिम 30 स्वीकृति) किस स्तर पर प्रदान की गई? स्थान का नाम व विधानसभा क्षेत्र का नाम, प्रथम सत्र से वर्तमान सत्र तक दर्ज संख्या, महाविद्यालय की अनुशंसा पत्र जारी कर्ता के नाम व पद सहित सूची देवें। नवीन महाविद्यालय की समीपस्थ शासकीय महाविद्यालय से दूरी कितनी है? स्वीकृतिवार बतायें। (ख) क्या उक्त सभी महाविद्यालय स्वीकृतियां शासन की इस संबंधी गाईड लाईन अनुसार ही हैं? यदि नहीं, हैं तो किन कारणों से स्वीकृतियां प्रदान की गई? (ग) भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्र से किन-किन स्थानों पर शासकीय महाविद्यालय के प्रस्ताव किसी भी स्तर पर यदि प्राप्त हुए हैं तो प्रस्तावकर्ता के नाम व पद सहित सूची देवें। इन प्रस्तावों पर की गई कार्यवाही की जानकारी देवें। (घ) उक्त बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्र के छात्र/छात्राओं के शैक्षणिक विकास हेतु कुछ नियमों को शिथिल करते हुए सेंगाव एवं भगवानपुरा में शासकीय महाविद्यालय की स्वीकृति प्रदान कर सकेंगे?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शासकीय महाविद्यालय की स्वीकृति राज्य शासन द्वारा जारी की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) महाविद्यालय स्वीकृत करना नीतिगत निर्णय है तथापि प्राथमिक परीक्षण के लिये निर्धारित मापदण्ड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) भगवानपुरा विधान सभा क्षेत्र के सेगांव एवं भगवानपुरा में शासकीय महाविद्यालय खोले जाने संबंधी प्रस्ताव की सूची, प्रश्न में समयावधि का उल्लेख नहीं होने से दिया जाना संभव नहीं है परन्तु वर्तमान सत्र 2017-18 में माननीय विधायक द्वारा प्रेषित विधान सभा ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक-339 प्राप्त हुई है, जिसका उत्तर प्रेषित किया जा चुका है। उक्त उत्तर में यह उल्लेखित है कि सेगांव एवं भगवानपुरा में नवीन महाविद्यालय खोले जाने हेतु निर्धारित प्रारंभिक मापदण्डों की पूर्ति नहीं हो रही है। निकटवर्ती शासकीय पी.जी. महविद्यालय खरगौन में यहाँ के विद्यार्थी अध्ययन कर सकते हैं। (घ) उत्तरांश "ग" के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
धुलकोट नगर परिषद बनाने की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
60. ( क्र. 1326 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में किन-किन ग्राम पंचायतों को नगर परिषद बनाने संबंधी स्वीकृति (अंतिम 20 स्वीकृति) किस स्तर पर प्रदान की गई। ग्राम पंचायत का नाम व विधानसभा क्षेत्र का नाम, तत्समय ग्राम पंचायत की जनसंख्या, नगर परिषद बनाने की अनुशंसा पत्र, जारीकर्ता के नाम व पद सहित सूची देवें। (ख) क्या उक्त सभी नगर परिषद बनाने की स्वीकृतियां शासन की इस संबंधी गाईड लाईन पर अनुसार ही है। यदि नहीं, है तो किन कारणों से स्वीकृतियां प्रदान की गई? (ग) भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्र से किन-किन ग्राम पंचायतों को नगर परिषद बनाने के प्रस्ताव किसी भी स्तर पर यदि प्राप्त हुए हैं तो प्रस्तावकर्ता के नाम व पद सहित सूची देवें। इन प्रस्तावों पर की गई कार्यवाही की जानकारी देवें। (घ) उक्त बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए इंदौर संभाग की सबसे अधिक जनसंख्या वाली ग्राम पंचायत धुलकोट, जनपद भगवानपुरा, जिला खरगोन को उचित विकास हेतु कुछ नियमों को शिथिल करते हुए नगर परिषद बनाने की स्वीकृति प्रदान कर सकेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, स्वीकृति शासन स्तर से प्रदान की गई है। (ख) जी नहीं, माननीय मुख्यमंत्रीजी की घोषणाओं के परिप्रेक्ष्य में ऐसी नगर परिषद् जो गाइड लाइन के अनुसार नहीं हैं, उन्हें मंत्रिपरिषद् के अनुमोदन उपरांत नगर परिषद् के रूप में अधिसूचित किया गया है। (ग) भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम धूलकोट को नगर परिषद् का दर्जा दिये जाने हेतु माननीय श्री विजय सिंह सोलंकी विधायक विधानसभा क्षेत्र भगवानपुरा द्वारा दिनांक 11.03.2015 को जिला योजना समिति बैठक में प्रस्ताव सम्मिलित करते हुये ग्राम पंचायत धूलकोट को नगर परिषद् का दर्जा दिलवाये जाने की मांग की गई है इस संबंध में मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 5 में निहित प्रावधानानुसार किसी संक्रमणशील क्षेत्र को मापदण्ड पूर्ण न करने एवं ग्राम पंचायत धूलकोट का मांग, ठहराव प्रस्ताव प्राप्त नहीं होने से कलेक्टर खरगोन द्वारा नगर परिषद् का दर्जा दिये जाने का प्रस्ताव शासन को नहीं भेजा गया है साथ ही ग्राम पंचायत बिस्टान को नगर परिषद् का दर्जा दिये जाने हेतु कलेक्टर खरगोन के पत्र क्रमांक 4037/17 दिनांक 12.01.2018 से राजपत्र में प्रथम प्रकाशन हेतु अधिसूचना का हिन्दी/अंग्रेजी प्रारूप प्राप्त हुआ है जिस पर नियमानुसार कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) कलेक्टर खरगोन से ग्राम पंचायत धूलकोट को नगर परिषद् का दर्जा दिये जाने का प्रस्ताव प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
अपूर्ण/अप्रारंभ कार्यों की सुरक्षा निधि की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
61. ( क्र. 1328 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क अंतर्गत भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्र में विगत 5 वर्षों में स्वीकृत कार्यों की स्थिति, कार्य का नाम, लागत राशि, व्यय राशि, कार्य की वर्तमान स्थिति सहित सूची देवें। (ख) अप्रारंभ/अपूर्ण कार्यों की कार्यवार कारण सहित सूची देवें। इन कार्यों से संबंधित ठेकेदार के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी देवें। (ग) उक्त अपूर्ण/अप्रारंभ कार्यों की सुरक्षा निधि की जानकारी कार्यवार, राशि की वर्तमान स्थिति सहित देवें। (घ) भगवानपुरा विधानसभा में वर्तमान में समस्त प्रधानमंत्री ग्राम सड़क की सूची उनके प्रारंभ स्थान, अंतिम स्थान, दूरी, लागत वर्तमान में मेंटेनेंस की स्थिति सहित सूची देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
मंदिर की भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराये जाने हेतु
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
62. ( क्र. 1359 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले के ग्राम मुहारा में मंदिर की भूमि खसरा क्र. 1398/1 रकबा 0.113 हे. भूमि श्री राम चन्द्र जी महाराज के स्वामित्व की भूमि है और उक्त मंदिर के प्रबंधक कलेक्टर टीकमगढ़ हैं? क्या उक्त भूमि शासकीय मंदिर की है जिस पर ग्राम के कुछ लोगों द्वारा कब्जा कर अतिक्रमण कर लिया गया है? जिसके संबंध में ग्रामीणों द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जतारा को आवेदन भी दिया गया था और माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा भी आदेश पारित किया गया था कि शीघ्र उक्त अवैध अतिक्रमण को हटाया जाय परंतु प्रश्न दिनांक अतिक्रमण हटाये जाने की कार्यवाही क्यों नहीं की गई? संपूर्ण जानकारी से अवगत करायें। (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा उक्त अतिक्रमण को हटाये जाने हेतु प्रश्न क्र. 1732 के दिनांक 28/02/2017 के उत्तर में दिया गया था कि वर्षाकाल समाप्त होने के उपरांत अतिक्रमण हटा दिया जावेगा उक्त शासकीय मंदिर की भूमि से अतिक्रमण क्यों नहीं हटाया गया? कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या उक्त अतिक्रमण को हटाये नहीं जाने में जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा जानबूझकर लापरवाही की गई? उक्त शा. मंदिर की भूमि से अतिक्रमण कब तक हटा दिया जावेगा? क्या लापरवाह जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? कारण स्पष्ट करें।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। तहसील जतारा अंतर्गत ग्राम मुहारा स्थित भूमि खसरा नंबर 1398/1 रकबा 0.113 हे. भूमि श्री रामचन्द्र जी महराज प्रबंधक कलेक्टर टीकमगढ़ के नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज है। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जतारा के कार्यालय में अवैध कब्जा करने वालों के विरूद् ग्रामवासियों द्वारा आवेदन दिया गया था और माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर याचिका क्रमांक 15553/2015 में पारित आदेश दिनांक 16.9.2015 में दिये गये निर्देशों के पालन में तहसीलदार जतारा ने प्रकरण क्रमांक/01/ अ-68/2014-15 पारित आदेश दिनांक 20.1.2015 को अवैध कब्जाधारियों को बेदखली का आदेश पारित किया गया है। जिससे व्यथित होकर अपीलार्थीगण शांति देवी वेवा हरिश्चन्द्र यादव एवं अन्य 04 निवासी मुहारा द्वारा इस न्यायालय में अपील प्रकरण क्रमांक 85/अपील/2015-16 दायर की गयी जिसका निराकरण सुनवाई उपरांत गुणदोषों के आधार पर दिनांक 19.7.2016 को किया जाकर अपीलार्थीगण की अपील अस्वीकार की गई है एवं मूल प्रकरण अग्रिम कार्यवाही हेतु तहसीलदार जतारा की ओर भेजा गया है। (ख) वर्तमान में अतिक्रामकों द्वारा राजस्व न्यायालय के आदेश से व्यथित होकर माननीय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 जतारा के न्यायालय में प्रश्नाधीन अरजी पर स्वत्व घोषणा हेतु वाद प्रकरण क्रमांक/67अ/2016 दायर किया गया, माननीय न्यायालय में वाद दायर होने से कोई भी कार्यवाही राजस्व न्यायालय द्वारा स्थगित रखी गयी है। (ग) माननीय न्यायालय में वाद प्रकरण क्रमांक 67/अ/2016 दायर किया है, जिससे कोई भी कार्यवाही राजस्व न्यायालय द्वारा स्थगित रखी गयी है। जिससे लापरवाह अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तावित करने का प्रश्न ही नहीं है।
नियुक्तियों को सेवा में लिया जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
63. ( क्र. 1365 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूरे म.प्र. में म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय भोपाल का पत्र क्र./9262/एन.आर.3/टे./2016, दिनांक 20.09.2016 एवं म.प्र. राज्य गारंटी परिषद भोपाल के पत्र क्र. - 10055। एन.आर./3/टे./2016, दिनांक 05.10.16 के अनुसार सम्पूर्ण म.प्र. में जॉब कार्डधारियों की जिला स्तर पर लिखित परीक्षा ली गई थी, जिसमें उत्तीर्ण लोगों को 90 दिन का प्रशिक्षण भी कराया गया था? साथ ही ए.एस.सी.आई. भारत सरकार के द्वारा ऑनलाईन परीक्षा भी ली गई? उत्तीर्ण छात्रों को सर्टिफिकेट भी दिये गये ऐसे प्रशिक्षित बी.एफ.टी. उत्तीर्ण छात्रों को मनरेगा योजना में सहायक यंत्री/उपयंत्री के सहयोग हेतु प्रत्येक ग्राम पंचायतों में नियुक्त किया जाना था, परन्तु प्रश्न दिनांक इन उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की नियुक्ति सेवा हेतु किन कारणों से नहीं की गई? इनकी नियुक्ति किये जाने के आदेश जारी कब तक कर दिये जावेंगे? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ख) क्या उक्त वी.एफ.टी. पदों पर उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की नियुक्तियां कर्नाटक, झारखण्ड, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा आदि राज्यों में हो चुकी हैं, मध्यप्रदेश में किये जाने हेतु कितना समय लगेगा? कब इन अभ्यर्थियों की नियुक्ति कर शासन की सेवा में ले लिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) भारत सरकार के कौशल विकास कार्यक्रम के तहत बेयरफुट टेक्नीशियन को 90 दिवसीय प्रशिक्षण उपरांत एग्रीकल्चर सेक्टर काउन्सिल ऑफ इण्डिया द्वारा ली गयी परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को प्रमाण-पत्र दिलाया गया है। मनरेगा योजना अंतर्गत इनकी नियुक्ति का कोई प्रावधान नहीं है। अभ्यर्थी अपनी योग्यता का प्रदर्शन कर सार्वजनिक/निजी क्षेत्र की निर्माण कम्पनियों व निर्माण विभागों में पंजीकृत ठेकेदारों के यहां रोजगार हासिल करने का प्रयास कर सकते हैं। (ख) अन्य राज्यों से संबंधित होने के कारण जानकारी नहीं दी जा सकती है। उत्तरांश ''क'' अनुसार।
ग्राम पंचयत के कार्यों कि जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
64. ( क्र. 1404 ) श्री प्रताप सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के तहत् ग्राम पंचायतों में प्रारम्भ विकास कार्यों जैसे - हितैषी कपिलधारा कूप (मनरेगा), सीमेन्ट कांक्रीट सड़क एवं नाली निर्माण के लिये भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए मानक प्राक्कलन की राशि शासन स्तर से निर्धारित की गई हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रदेश एवं जिलास्तर पर कतिपय स्थलों की भौगोलिक स्थिति में भिन्नता के फलस्वरूप निर्माण कार्य की लागत बढ़ जाने से ग्राम पंचायतें विकास कार्य कराने के लिए तैयार नहीं हो रही है? (ग) क्या शासन प्रश्नांश (क) में बतलायी गई समस्या को ध्यान में रखते हुए निर्धारित प्राक्कलन राशि में जिलेवार भौगोलिक स्थिति के अनुसार पृथक-पृथक दरें निश्चित किये जाने हेतु पुनः विचार करेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। स्थल विशेष की भौगोलिक स्थिति अनुसार लागत बढ़ जाने से विकास कार्य नहीं होने संबंधी जानकारी संज्ञान में नहीं है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों की मानक प्राक्कलन राशि में वर्तमान में परिवर्तन किया जाना विचाराधीन नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम पंचायतों को रेत उत्खनन पट्टों के अधिकार सौंपे जाना
[खनिज साधन]
65. ( क्र. 1452 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रेत उत्खनन पट्टे ग्राम पंचायतों के अधिकार क्षेत्र में सौंपे जाने हेतु प्रस्ताव प्रक्रियाधीन हैं/स्वीकृत किया जा चुका हैं? यदि हाँ, तो इसके लिये क्या नियम, प्रक्रिया एवं मापदण्ड तय किए गए हैं? विवरण देवें? (ख) जिला आगर एवं शाजापुर अंतर्गत कौन-कौन से रेत उत्खनन पट्टे पूर्व से अनुमत्य हैं? सर्वे नम्बरवार पूर्ण जानकारी देवें। प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कौन से नवीन पट्टे जारी किए जाने हैं या किए गए हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर की सम्पूर्ण विवरणात्मक जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) विगत 03 वर्षों में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत अवैध रेत उत्खनन के कितने मामले संज्ञान में आए हैं एवं इनमें क्या कार्यवाही की गई हैं एवं कितनी राजस्व आय कार्यवाही के दौरान प्राप्त हुई है? प्रकरणवार पूर्ण विवरण देवें। खनिज रायल्टी से प्राप्त आय का जिला आगर अंतर्गत कहाँ-कहाँ उपयोग किया गया? क्या इसके उपयोग हेतु जनप्रतिनिधियों से अनुशंसा या प्रस्ताव प्राप्त किये जाने का प्रावधान हैं? यदि हाँ, तो क्या इसका पालन हो रहा हैं? यदि नहीं, तो क्या ऐसे प्रावधान किये जावेंगे?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। प्रश्न के संबंध में मध्यप्रदेश रेत खनन नीति, 2017 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ पर है, जिसमे प्रश्नानुसार जानकारी दर्शित है। (ख) प्रश्नाधीन जिलों में गौण खनिज रेत के उत्खनिपट्टे पूर्व से स्वीकृत नहीं है। प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नवीन उत्खनिपट्टे जारी नहीं किये गये हैं। (ग) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र में रेत के उत्खननपट्टे स्वीकृत नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विगत 03 वर्षों में प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत रेत के अवैध उत्खनन के 08 प्रकरण दर्ज किये जाकर अर्थदण्ड राशि रूपये 383800/- की वसूली की गई है। प्रकरणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। गौण खनिज मद अंतर्गत वित्त विभाग के माध्यम से पंचायत विभाग को बजटीय व्यवस्था के अंतर्गत आवंटन प्राप्त होता है। जिसे जनपद पंचायतों को ग्राम पंचायत सचिवों तथा पंचायत पदाधिकारियों के वेतन-भत्तों तथा मानदेय की प्रति पूर्ति हेतु जारी किया जाता है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
पंचायत भवनों की उपलब्धता व कार्य पूर्णता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
66. ( क्र. 1453 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कुल कितनी ग्राम पंचायतें भवन विहीन हैं एवं कितने पंचायत भवन जर्जर अवस्था में हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विगत 3 वर्षों में किन-किन ग्राम पंचायतों के भवन स्वीकृत किए गए हैं? स्वीकृत भवनों की प्रशासकीय स्वीकृति, तकनीकि स्वीकृति, जारी विज्ञप्ति आदि की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) एवं (क) में उल्लेखित ग्राम पंचायतों अनुसार शेष ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन उपलब्धता हेतु प्रस्ताव किस स्तर पर प्रचलित हैं? स्वीकृति कब तक होगी? (घ) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रं. 374 दिनांक 20.05.17 द्वारा 34 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवनों की स्वीकृति हेतु अनुरोध किया था? क्या उक्तानुसार ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन शीघ्र स्वीकृत किये जावेगे? यदि हाँ, तो कब तक एवं कार्य कब प्रारम्भ होगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। स्वीकृत भवनों की प्रशासकीय स्वीकृति, तकनीकी स्वीकृति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) भवन विहीन ग्राम पंचायतों में भवन स्वीकृत किये गये है। जीर्णशीर्ण भवनों को वित्तीय संसाधनों के अनुसार सुधार किया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। भवन विहीन पंचायतों के संबंध में जिला पंचायत से परीक्षण कर गूगल शीट पर प्राप्त प्रस्ताव अनुसार संचालनालय के आदेश दिनांक 07.02.2018 द्वारा जिला आगर मालवा के 16 भवनविहीन पंचायतों में पंचायत भवन स्वीकृत किये जा चुके है। भवन निर्माण का कार्य यथाशीघ्र प्रारंभ किये जा रहे है।
उद्योग स्थापना बावत्
[उद्योग नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
67. ( क्र. 1469 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत गेरू, रामरज, छूही व बाक्साइट भारी मात्रा में पाया जाता है? इन खनिजों से बनने वाले उत्पाद जैसे पेंट, लोहा, सीमेंट का निर्माण होता है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो इससे संबंधित उद्योग जैसे पेंट बनाने की फैक्ट्री, सीमेंट की फैक्ट्री, रंग बनाने की फैक्ट्री, रेतमार, कागज तैयार करने की फैक्ट्री चित्रकूट क्षेत्र में स्थापित करने हेतु शासन द्वारा उद्योग संवर्धन नीति के तहत कोई कार्ययोजना तैयार की जा रही है? यदि हाँ, तो विवरण दें, यदि नहीं, तो कब तक की जायेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। इन खनिजों से कई उत्पादों का निर्माण हो सकता हैं। (ख) शासन द्वारा स्वयं उद्योग स्थापित नहीं किये जाते हैं, अपितु राज्य शासन द्वारा उद्योग स्थापनार्थ उद्यमियों को उद्योग संवर्धन नीति 2014 के प्रावधानों अनुसार आकर्षक एवं सुविधाजनक वातावरण अनेक प्रकार के प्रोत्साहन एवं सहायता के माध्यम से प्रेरित किया जाता हैं। राज्य ने निवेशकों हेतु सशक्त भावी रूपरेखा विकसित की हैं और एक समर्थ औद्योगिक परिवेश के विकास द्वारा अधिक से अधिक निवेशकों को आकर्षित करना जारी रखेगा जिससे राज्य में सुस्थिर औदयोगीकरण के साथ आर्थिक समृद्धि सुनिश्चित हो सके।
खनिज पट्टों का प्रदाय
[खनिज साधन]
68. ( क्र. 1470 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत किन-किन खनिजों के खनिज-पट्टा कब किस फर्म को जारी किये गये हैं, उनके संचालक के नाम, रकबा, खसरा सहित विवरण दें। (ख) गौड़ खनिज मद में कितनी राशि प्रश्न दिनांक तक जमा है? उक्त मद से चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन से कार्य कितनी राशि के प्रस्तावित किये गये हैं? कितने कार्य, कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किये गये हैं? विवरण दें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन जिले की प्रश्नाधीन विधानसभा के अंतर्गत फर्मों को जारी खनिपट्टा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। प्रश्नांश की शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) गौण खनिज में वित्तीय वर्ष 2017-18 में दिनांक 31.01.2018 तक कुल 11,46,31,233/- रूपये जमा हैं। गौण खनिज मद से प्राप्त राशि का संवितरण का प्रावधान मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 56 में प्रावधानित है। गौण खनिज मद से प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र में कराये गये कार्य एवं प्रस्तावित राशि की जानकारी एवं राशिवार स्वीकृत कार्यों की संख्या निरंक है।
योजनांतर्गत किए गए कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
69. ( क्र. 1532 ) श्री उमंग सिंघार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले की गंधवानी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जनपद पंचायत गंधवानी की ग्राम पंचायत जीराबाद एवं खोजाकुआं में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना, 14वां वित योजना, जन भागीदारी योजना अंतर्गत किये गये कार्यों में मशीन का उपयोग कर भ्रष्टाचार किया गया? (ख) प्रश्नांकित (क) अनुसार क्या मजदूरी भुगतान में धांधली की गई है एवं मजदूरों के खाते बदलकर फर्जी हस्ताक्षर कर फर्जी भुगतान निकाला गया? यदि हाँ, तो इसकी जाँच कब तक की जाएगी? समय-सीमा बतावे? (ग) 1 अप्रैल, 2014 से 31 जनवरी, 2018 तक ग्राम पंचायत जीराबाद एवं खोजाकुआं में मनरेगा एवं 14 वित्त योजना जनभागीदारी योजना के अन्तर्गत किये गये कार्यों की तकनीकी स्वीकृति प्रशासकीय स्वीकृति एवं पूर्ण,अपूर्ण की स्थिति एवं व्यय राशि की जानकारी दी जाए?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। मजदूरी भुगतान संबंधित मजदूरों के खाते में किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जनपद पंचायत में गंधवानी की ग्राम पंचायत जीरावाद एवं खोजाकुआं में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक रोजगार गारंटी योजना, 14वां वित्त योजना एवं जनभागीदारी योजना अंतर्गत कराए गए कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1,2,3 अनुसार है।
ग्रामीण यांत्रिकी विभाग द्वारा स्वीकृत कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
70. ( क्र. 1572 ) श्री कैलाश चावला : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मनासा विधानसभा क्षेत्र में विगत 03 वर्षों में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किए गए हैं? स्वीकृत कार्य का नाम स्वीकृति दिनांक, राशि, कार्य की वर्तमान स्थिति वर्षवार मदवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों में कितने कार्य लंबित हैं तथा लंबित कार्य कब तक पूर्ण कर लिए जावेंगे। कितने कार्य वर्तमान में किया जाना प्रस्तावित है एवं प्रस्तावित कार्यों को कब तक स्वीकृत कर लिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में कार्य स्वीकृति हेतु प्रस्तावित नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
खेल-युवक कल्याण विभाग द्वारा व्यय राशि
[खेल और युवा कल्याण]
71. ( क्र. 1598 ) श्री घनश्याम पिरोनियॉं : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2013 से 2018 (जनवरी) तक विभाग द्वारा दतिया जिले को कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई वर्षवार-मदवार आय-व्यय की राशि का ब्यौरा दें? (ख) दतिया जिले में विभाग द्वारा कितने स्टेडियम का निर्माण कर संचालन किया जा रहा है? तीनों ब्लाकों में कितनी-कितनी राशि उक्त वर्षों में किस-किस मद में कितनी-कितनी, कब-कब दी गई है? (ग) क्या उक्त वर्षों में विभाग द्वारा दतिया जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों में खेल-कूद की गतिविधियां संचालित हो रही हैं? यदि हाँ, तो बतायें कि क्रिकेट सहित अन्य प्रतियोगिताओं पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है। वर्षवार विवरण उपलब्ध करायें।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा दतिया जिले में किसी भी स्टेडियम का निर्माण नहीं किया गया केवल दतिया स्टेडियम का संचालन किया जा रहा है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है।
धार्मिक स्थलों को दी जाने वाली सुविधा
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
72. ( क्र. 1666 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन द्वारा प्राचीन मंदिरों व अन्य धर्म स्थानों का जीर्णोद्धार कराया जाता है? क्या शासन द्वारा प्रदेश के धार्मिक स्थलों को कोई सहायता या सुविधा प्रदान की जाती है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी सहायता किस प्रकार किस योजना के माध्यम से दी जाती है? इसकी प्रक्रिया क्या है? पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) सोनकच्छ विधान सभा में ऐसी सुविधा प्राप्त कितने स्थल हैं और उनको विगत 3 वर्षों में किन योजनाओं के अंतर्गत किस प्रकार की सहायता प्रदान की गई है? उपलब्ध करावें। (ग) सोनकच्छ विधान सभा के ऐसे कितने धार्मिक स्थल हैं जहां शासन द्वारा उनकी देखभाल करने वाले या पूजा पाठ करने वाले व्यक्तियों को भी सहायता या सुविधा दी जाती है वह किस प्रकार व किस योजना के अंतर्गत दी जाती है? इसकी प्रक्रिया क्या है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) शासन संधारित मंदिरों के जीर्णशीर्ण होने की अवस्था में जीर्णोद्धार हेतु प्राक्कलन प्रस्ताव कलेक्टर/संभागायुक्त के माध्यम से प्राप्त होने पर आवश्यकतानुसार उपलब्ध बजट के आधार पर राशि स्वीकृत की जाती है। (ख) विधानसभा सोनकच्छ क्षेत्र में 311 शासन संधारित मंदिर है। मां. चामुण्डा मंदिर देवास को राशि रूपये 20.00 लाख स्वीकृत किये गये है। (ग) विधानसभा सोनकच्छ क्षेत्र में 311 शासन संधारित मंदिर है। जिनके पुजारियों को विभाग के निर्देशानुसार निर्धारित मानदेय राशि नियमानुसार प्रदान की जाती है।
सड़क योजनाओं की प्रगति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
73. ( क्र. 1684 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क सड़क योजना, ग्राम सुदूर सड़क संपर्क योजना एवं खेत सड़क मार्ग निर्माण योजना वर्तमान में संचालित है? यदि हाँ, तो 1 अप्रैल, 2016 से प्रश्न दिनांक तक अनूपपुर जिले में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत किस-किस विकासखंड में कितने कितने कार्य कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में कितने कार्य पूर्ण हुये, कितने कार्यों के पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किये गये एवं कितने कार्य वर्तमान में अपूर्ण हैं? अपूर्ण रहने के क्या कारण हैं? क्या अधूरे कार्यों को यथास्थिति पर ही बंद कर दिया गया है एवं उन्हें पूर्ण बताया जाकर उनके पूर्णता पत्र जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो ऐसे कितने कार्य किस-किस विकासखंड में है? (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में मुख्यमंत्री के ग्राम संपर्क सड़क योजना, ग्राम सुदूर संड़क सम्पर्क योजना एवं खेत सड़क मार्ग निर्माण योजना के अंतर्गत जनप्रतिनिधियों एवं प्रश्नकर्ता द्वारा कब कब कौन कौन से कार्यों के लिये प्रस्ताव दिये गये? उन प्रस्तावों में विभाग द्वारा कितने कार्य स्वीकृत किये गये, कितने कार्य वर्तमान में स्वीकृति की प्रत्याशा में लंबित हैं एवं लंबित रहने का क्या कारण है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश अंतर्गत निर्माण कार्यों के प्रस्ताव प्राप्त न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते हैं।
ग्राम पंचायतों के विकास कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
74. ( क्र. 1685 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों में कौन-कौन से ग्राम सम्मिलित हैं? सभी पंचायतों के ग्रामों की जनसंख्या सहित सूची उपलब्ध करायें. (ख) पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र की उक्त ग्राम पंचायतों में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक मदवार स्वीकृत कार्यों की संख्या एवं राशि की जानकारी दें? (ग) उक्त स्वीकृत कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण एवं कितने अपूर्ण हैं संख्या देवें? (घ) अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण किये जायेंगे समय-सीमा बतायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ के अंतर्गत जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ एवं जैतहरी की कुल 143 ग्राम पंचायतों में 315 ग्राम शामिल है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) मदवार स्वीकृत कार्यों की संख्या एवं राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) स्वीकृत कार्यों में से 14691 कार्य पूर्ण एवं 5801 कार्य अपूर्ण है। (घ) अपूर्ण कार्य 15 जून 2018 तक पूर्ण करने की समय-सीमा तय की गई है।
लघु वनोपज पर नियंत्रण एवं अधिकार
[वन]
75. ( क्र. 1703 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायती राज व्यवस्था को किस-किस लघु वनोपज पर नियंत्रण, प्रबंधन एवं अधिकार के संबंध में क्या-क्या प्रावधान संविधान की 11 वीं अनुसूची वन अधिकार कानून 2006 एवं राज्य मंत्रालय वन विभाग भोपाल के 25 जनवरी 2001 के आदेशानुसार सौंपे गए हैं? (ख) पंचायतीराज व्यवस्था को लघुवनोपज पर नियंत्रण, प्रबंधन एवं अधिकार के संबंध में विभाग ने किस-किस दिनांक को आदेश, निर्देश अधिसूचना जारी कर क्या-क्या अधिकार सौंपे हैं तथा आदेश की प्रति उपलब्ध कराएं। (ग) किस-किस लघु वनोपज के संग्रहण, विपणन, भण्डारण एवं परिवहन के संबंध में राज्य में वर्तमान में किस कानून, किस नियम के कौन-कौन से प्रावधान प्रचलित हैं, इनमें से किस प्रावधान के अनुसार लघु वनोपज के संग्रहण, विपणन, भण्डारण एवं परिवहन की किस धारा में अपराध पंजीबद्ध करने का किसे अधिकार है? (घ) किस-किस लघु वनोपज पर प्रश्नांकित दिनांक तक भी पंचायती राज व्यवस्था को नियंत्रण, प्रबंधन एवं अधिकार किन कारणों से नहीं सौंपे गए हैं, यह सौंपे जाने के संबंध में शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? ब्यौरा दें। यदि नहीं, तो कब तक की जाएगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 3 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) उत्तरांश 'क' एवं 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हकूक रजिस्टर के संबंध में
[वन]
76. ( क्र. 1704 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल, सीहोर एवं रायसेन जिले के ग्रामों के हकूक रजिस्टर में दर्ज जमीनों को आरक्षित वन, संरक्षित वन आदेशित करने के बाद भी हकूक रजिस्टर में दर्ज सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजन वन विभाग ने एरिया रजिस्टर, कम्पार्टमेंट हिस्ट्री एवं वर्किंग प्लान में प्रश्नांकित दिनांक तक भी दर्ज नहीं किए गए हैं। (ख) शासन के पास भोपाल, सीहोर एवं रायसेन जिले के कितने ग्रामों के हकूक रजिस्टर उपलब्ध हैं, उनमें किन-किन मदों में दर्ज जमीनों को किस आदेश एवं किस अधिसूचना से आरक्षित वन आदेशित, अधिसूचित किया गया है? (ग) शासन आरक्षित वन एवं संरक्षित वन आदेशित, अधिसूचित भूमियों पर हकूक रजिस्टर में कौन कौन से सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजन दर्ज हैं, इन्हें प्रश्नांकित दिनांक तक भी एरिया रजिस्टर एवं कम्पार्टमेंट हिस्ट्री में दर्ज नहीं किए जाने का क्या कारण रहा? ब्यौरा दें। (घ) सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजनों को एरिया रजिस्टर एवं कम्पार्टमेंट हिस्ट्री में दर्ज किए जाने के संबंध में वन विभाग द्वारा क्या कार्रवाई की जा रही हैं तथा कब तक कार्रवाई की जाएगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में विभागीय पत्र क्रमांक-एफ-25-36/2005/10-3 दिनांक 10.04.2015 द्वारा समस्त कलेक्टर म.प्र. को भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-29 के अन्तर्गत अधिसूचित संरक्षित वन एवं धारा 4 (1) के अन्तर्गत अधिसूचित प्रस्तावित आरक्षित वन भूमियों पर तत्समय राजस्व अभिलेखों में दर्ज व्यक्ति एवं समुदाय के अधिकारों को सक्षम राजस्व विभाग के अधिकारियों से अभिलेखित करवाकर संबंधित वनमण्डलाधिकारी को उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किये गये हैं। उक्त कार्यवाही वृहद् स्वरूप की होने से समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है।
नगर पंचायत कुरावर द्वारा खरीदी गई सामग्री
[नगरीय विकास एवं आवास]
77. ( क्र. 1711 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राजगढ़ जिले की नगर पंचायत कुरावर द्वारा दिनांक 01 अप्रैल 2015 से प्रश्न दिनांक तक विद्युत/स्वच्छता/जलप्रदाय/वाहन आदि कौन-कौन सी सामग्री कितनी-कितनी राशि की खरीदी गई? (ख) प्रश्न की कंडिका (क) की उपलब्ध जानकारी अनुसार खरीदी गई सामग्री हेतु किस माध्यम से कब टेंडर प्रक्रिया अपनाई गई?? (ग) प्रश्न की कंडिका (क), (ख) की जानकारी अनुसार खरीदी गई सामग्री का किस-किस फर्म को कितना-कितना भुगतान किया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सूचना के अधिकार अधिनियम
[नगरीय विकास एवं आवास]
78. ( क्र. 1712 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भारत सरकार सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग पर भी लागू होता है? (ख) यदि हाँ, है तो कार्यालय आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग में आर.टी.आई. के अंतर्गत दिनांक 14/12/2017 को कितने आवेदन प्रस्तुत किये गये? (ग) कंडिका (ख) अनुसार उपलब्ध जानकारी में कितने आवेदनों में समय-सीमा में जानकारी दे दी है तथा कितने आवेदनों में आर.टी.आई की धारा 19 (1) के अंतर्गत प्रथम अपील प्रस्तुत की गई? (घ) कंडिका (ग) अनुसार यदि समय-सीमा में जानकारी नहीं दी गई तो क्या लोक सूचना अधिकारी ने भारत सरकार के आर.टी.आई. अधिनियम के अंतर्गत अपने कर्तव्य का समुचित पालन नहीं किया? क्या शासन लोक सूचना अधिकारी पर कोई कार्यवाही करेगा? हाँ तो क्या? कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) दो आवेदन प्रस्तुत किए गए। (ग) दोनों आवेदनों में समय-सीमा में जानकारी उपलब्ध न कराए जाने के कारण सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 19 (1) के अंतर्गत प्रथम अपील प्रस्तुत की गई। (घ) प्रथम अपील की सुनवाई के दौरान दोनों प्रकरणों में अपीलार्थी को जानकारी उपलब्ध करा दी गई है, अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होती है।
जिला पंचायत सी.ई.ओ. की पदस्थापना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
79. ( क्र. 1719 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में जिला पंचायत सिवनी में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर कार्यरत श्री स्वरोचिष सोमवंशी की शासकीय सेवाएं मध्यप्रदेश शासन द्वारा कब-कब, किस-किस पद पर ली हैं? पदस्थापनावार, आदेशों की छायाप्रति सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में श्री सोमवंशी द्वारा अपनी पदस्थापना के दौरान वाहन क्रमांक MP66C3565 को अनुबंधित कर कहाँ-कहाँ, किस-किस कार्य के लिये लगाया गया था?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सिवनी जिले में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के पद पर रहते हुए वाहन क्रमांक एम.पी.66 सी 3565 को अनुबंधित कर ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं की मॉनिटरिंग हेतु उपयोग किया गया।
जंगली जानवरों द्वारा फसलों को नुकसान
[वन]
80. ( क्र. 1720 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01/04/2014 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र सिवनी के अंतर्गत वन क्षेत्रों से लगे हुये ग्रामीण क्षेत्र में किसानों की फसल को जंगली जानवर द्वारा नुकसान पहुंचाने संबंधित कितनी शिकायतें किस स्तर पर, किस-किस के द्वारा कब-कब प्रस्तुत की गई? उसका विवरण प्रस्तुत करें। (ख) क्या सिवनी विधानसभा क्षेत्र में पेंच वन क्षेत्र से लगे हुये ग्रामों से लगी हुई कृषि भूमि में किसानों की फसलों को जंगली जानवरों द्वारा नुकसान पहुंचाया जाता है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) अवधि में तत्संबंध में विभाग द्वारा कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) सिवनी विधान सभा क्षेत्र में वन क्षेत्रों से लगे हुये ग्रामों में किसानों की फसलों को जंगली जानवरों द्वारा नुकसान नहीं किये जाने के संबंध में क्या कार्ययोजना तैयार की गई है? क्या शासन की योजना अंतर्गत जंगली सुअरों, हिरण आदि से रोकधाम/जंगली सुअरों को वन जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के शेडयूल 5 में रखे जाने संबंधित किसी प्रकार की कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो इस संबंध में जानकारी दी जावे। यदि नहीं, तो किस कारण से नहीं किया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई एवं किसानों के राजस्व विभाग द्वारा मुआवजा प्रकरण तैयार किये गये?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में प्रश्नाधीन क्षेत्र में वन विभाग के किसी भी कार्यालय में कोई भी शिकायत किसी के भी द्वारा प्रस्तुत नहीं की गई है। विदित हो कि वर्ष 2013-4 से जंगली जानवरों द्वारा फसल नुकसानी की क्षतिपूर्ति योजना राजस्व विभाग को हस्तांतरित की जा चुकी है। (ख) पेंच टाइगर रिजर्व सिवनी के अंतर्गत आने वाले वन क्षेत्र से लगे ग्रामीण क्षेत्र विधान सभा क्षेत्र सिवनी में नहीं आते हैं एवं न ही विधान सभा क्षेत्र सिवनी के अंतर्गत वनक्षेत्रों से लगे हुए ग्रामीण क्षेत्रों में प्रश्नाधीन अवधि में जंगली जानवरों द्वारा किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाने संबंधी शिकायतें प्राप्त हुई हैं। शासन निर्देशानुसार जंगली जानवरों द्वारा फसलों को नुकसान से संबंधित क्षतिपूर्ति मुआवजा राजस्व पुस्तक परिपत्र के खण्ड छ: क्रमांक-4 के परिशिष्ट-1 में दिये गये प्रावधानों के अनुसार राजस्व विभाग द्वारा दिया जाता है। (ग) दक्षिण सिवनी वनमंडल की प्रचलित कार्य आयोजना (अवधि 2015-16 से 2024-25) द्वारा- श्री चितरंजन त्यागी, भा.व.से. मुख्य वन संरक्षक, कार्य आयोजना छिन्दवाड़ा के आलेख भाग-2 के पैरा 7.8.3 में वन्यप्राणियों से होने वाली फसल हानि के संबंध में निम्नानुसरार प्रबंधन सुनिश्चित किये जाने का लेख किया गया है :-
1. जहां संभव हो वहां महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से समन्वय करके कृषि क्षेत्र के चारों ओर गेम-प्रूफ दीवार का निर्माण किया जावेगा।
2. ईको
विकास
कार्यक्रम के
अंतर्गत किये
जाने वाले
कार्यों में
कृषि क्षेत्र
को सुरक्षित रखने
के लिए चेनलिंक
फेंसिंग का
निर्माण किया
जावेगा। चेनलिंक/कांटेदार
बाड़को पतली
लकड़ी/बांस
अथवा छोटी
डगालों से इस
प्रकार ढका
जायेगा कि वन्यप्राणियों
को उनके
आर-पार दिखाई
न दे।
3. विशेषज्ञों
की मदद से ऐसी
फसलों का
प्रचार-प्रसार
किया जावेगा, जिनकों
वन्य
प्राणियों से हानि
नहीं पहुंचती
हो।
4. फसल
हानि के
मुआवजे का त्वरित
भुगतान करने
की व्यवस्था
की जायेगी।
जंगली
सुअरों, हिरण आदि को
वन्यप्राणी
(संरक्षण)
अधिनियम, 1972 के
शेडयूल 5 में रखे
जाने संबंधित
कोई
कार्यवाही
वर्तमान में
प्रचलित नहीं
है। (घ) वन
विभाग सिवनी
में प्रश्नांकित
क्षेत्र से
कोई
शिकायत/आवेदन
प्राप्त न
होने के कारण
प्रश्न ही
उपस्थित नहीं
होता।
सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
81. ( क्र. 1746 ) श्री सचिन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामाजिक सुरक्षा विधवा/परित्यक्ता पेंशन योजनान्तर्गत कसरावद विधासभा क्षेत्रान्तर्गत कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है और कितने वंचित हैं? प्रश्नांकित दिनांक तक की स्थिति में जानकारी दें? (ख) उक्त वंचित हितग्राहियों को अब तक लाभान्वित नहीं करने के क्या कारण हैं। इन्हें कब तक लाभान्वित किया जायेगा? (ग) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी ने विधवा पेंशन योजना अंतर्गत पात्रता के मापदण्डों में संशोधन/छूट प्रदान करने की घोषणा की है? यदि हाँ, तो तत्संबंध में क्या दिशा निर्देश जारी किये गये है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद अंतर्गत सामाजिक सुरक्षा, विधवा/परित्यक्ता पेंशन योजना में समस्त पात्र 1995 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। कोई भी पात्र हितग्राही वंचित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी उत्तरांश ''क'' अनुसार (ग) जी हाँ। दिशा निर्देश जारी नहीं किये गये है।
रिक्त पदों की पूर्ति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
82. ( क्र. 1747 ) श्री सचिन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला खरगोन की कसरावद विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितनी ग्राम पंचायतों में पंचायत सचिव एवं रोजगार सहायक के पद कब से रिक्त हैं और क्यों? (ख) क्या उक्त रिक्त पदों की पूर्ति नहीं किये जाने के कारण संबंधित ग्राम पंचायतों के कार्य प्रभावित हो रहे हैं? यदि हाँ, तो उक्त पदों की पूर्ति हेतु प्रश्नांकित दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? नहीं तो उक्त कार्यों को किस-किस के द्वारा संपादित किया जा रहा है? (ग) उक्त रिक्त पदों की पूर्ति हेतु किस-किस के द्वारा कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई? उक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र अंतर्गत 12 ग्राम पंचायतों में पंचायत सचिव के पद अगस्त 2017 से सचिवों के स्थानांतरण होने से रिक्त है एवं 11 ग्राम पंचायतों में वर्ष 2015 से ग्राम रोजगार सहायक के पद, भर्ती नहीं होने से रिक्त है। (ख) जी नहीं। प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक सचिव अथवा सहायक सचिव की व्यवस्था की गई है। अत: कार्य प्रभावित नहीं हो रहे है। प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्राम रोजगार सहायक/सचिव जो भी पदस्थ है वह पंचायत के समस्त दायित्व का निर्वहन कर रहे है। (ग) ग्राम पंचायत सचिव के रिक्त पदों पर नियुक्ति वर्तमान में प्रतिबंधित है। वर्तमान में ग्राम रोजगार सहायक की नई नियुक्ति प्रतिबंधित है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चौकीदारों को एक सामान वेतनमान देना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
83. ( क्र. 1755 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के अन्दर ग्रामपंचायतों में कार्यरत चौकीदारों को विभाग द्वारा कोई मानदेय निर्धारित नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो क्या इनका प्रतिमाह मानदेय निर्धारित किया जायेगा? (ख) क्या पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय भोपाल द्वारा आदेश दिनांक 15/12/2016 को पंचपरमेश्वर योजना वर्ष 2016-17 से आवंटन उपलब्ध कराते हुए तालिका क्रमांक 01 में चौकीदार तथा ग्रामों की सड़कों तथा सार्वजानिक स्थानों की सफाई व्यवस्था एवं पारिश्रमिक सामग्री हेतु संसाधन शामिल करते हुए वेतन व्यवस्था हेतु समस्त कलेक्टर एवं समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला/जनपद पंचायत को निर्देशित किया गया था? (ग) क्या कलेक्टर सतना द्वारा आदेश दिनांक 04/10/2016 से अनुसूची "क" में म.प्र. के विभिन्न शासकीय विभाग में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों एवं कर्मचारियों के मासिक वेतन एवं दैनिक दरें निर्धारित कर क्रमशः अकुशल को प्रतिदिन 232, अर्धकुशल को 260, कुशल को 306 एवं उच्च कुशल को 350 रुपये भुगतान करने के निर्देश श्रम विभाग के आदेशानुसार जारी किये गए थे? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ, तो क्या ग्राम पंचायतों में पदस्थ चौकीदारों को श्रम विभाग के निर्देशों के अनुसार पारिश्रामिक दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो इन्हें कौन से श्रमिक वर्ग में रखा गया है? यदि नहीं, रखा गया तो क्यों? कारण सहित बताएं। क्या शासन स्तर से इनका प्रतिमाह मानदेय निर्धारित किया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जी नहीं ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं। निर्माण कार्यों की देखभाल हेतु चौकीदार यथा आवश्यकता अनुसार विभिन्न अवधि/समय अंतराल अंशकालीन आदि के लिये रखे जाते हैं, जिनके पारिश्रमिक का प्रावधान उत्तरांश (ख) में उल्लेखित प्रावधान अनुसार है।
राजस्व ग्राम के कृषकों के भांति सुविधा प्रदान करना
[वन]
84. ( क्र. 1767 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के बागली विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने वन ग्राम हैं, इन वन ग्रामों में कुल कितने कृषक अ.जा., अ.ज.जा., पि.वर्ग व सामान्य वर्ग के हैं? ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में इन वन ग्रामों के कृषकों को कौन-कौन सी सुविधाएं, सहकारी बैंकों, राष्ट्रीय बैंकों, कृषि बैंकों से दी जा रही है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में कौन-कौन से ग्रामों के कितने कृषकों को लाभ दिया गया है। अगर नहीं तो कब तक सुविधाएं दी जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्नाधीन विधान सभा क्षेत्र में 10 वनग्राम स्थित हैं। वनग्रामवार शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' में उल्लेखित वनग्रामों के जो मूल पट्टेधारी/कृषक हैं जिन्हें शासन निर्देशानुसार वनमण्डल से ऋण पुस्तिकाऐं प्रदान की गयी है, इन वनग्राम में से वनग्राम पटाडीपाला के 15, धोबघट्टा के 5, पुतलीपुरा के 15, मगरादेह के 40, जबलपुर के 19, सिंगलादेह के 36 एवं तुमड़ीखेड़ा के 6 कृषकों को सहकारी बैंकों द्वारा खाद, बीज एवं कृषि कार्य हेतु ऋण सुविधाएं प्रदाय की जा रही है। इसके अतिरिक्त वर्ष 2015 में वनग्राम मगरादेह में 46 कृषकों को रूपये 409000 एवं वनग्राम पुतलीपुरा में 19 कृषकों को रूपये 174000 फसल हानि मुआवजा वितरण किया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तेन्दूपत्ता बोनस राशि से ग्राम व वन विकास
[वन]
85. ( क्र. 1772 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा तेन्दूपत्ता संग्राहकों को मुनाफा (बोनस) दिया जाता है? अगर हाँ तो लाभ का कितना भाग दिया जाता है? (ख) क्या लाभ का कुछ भाग (अंश) ग्राम विकास पर भी व्यय किये जाने का प्रावधान है? अगर हाँ तो विगत 2013 से बागली विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्रामों में कितनी-कितनी राशि का लाभ (अंश) हुआ वन परिक्षेत्र वार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में प्राप्त मुनाफा (बोनस) का कितना-कितना अंश कौन-कौन से वनपरिक्षेत्र के कौन-कौन से ग्राम में कौन-कौन से कार्य पर, कितनी-कितनी राशि का व्यय किया गया? कार्यवार जानकारी उपलब्ध करायें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। विभागीय परिपत्र दिनांक 10.02.2012 के अनुसार तेंदूपत्ता व्यापार से अर्जित शुद्ध लाभ की राशि का 70 प्रतिशत् भाग संग्राहकों को उनके द्वारा संग्रहित मात्रा के अनुपात में प्रोत्साहन पारिश्रमिक (बोनस) के रूप में वितरित किया जाता है। (ख) जी हाँ। अर्जित शुद्ध लाभ की 15 प्रतिशत् राशि ग्रामों के अधोसंरचना तथा मुलभूत सुविधाओं के विकास एवं संग्राहकों के लिए लघु वनोपज संघ द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु लघु वनोपज संघ के निर्देशानुसार व्यय करने का प्रावधान है। ग्राम विकास मद के लाभांश की राशि की गणना ग्रामवार न की जाकर समितिवार की जाती है। वर्ष 2013 से 2016 तक बागली विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले वन परिक्षेत्रों की प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के ग्राम विकास की देय राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) बागली विधान सभा क्षेत्र में उत्तरांश (ख) में उल्लेखित वर्षों के ग्राम विकास मद की राशि से कोई कार्य नहीं करवायें गये हैं। लेकिन पूर्व के वर्षों से अर्जित ग्राम विकास मद की राशि से वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में कार्य कराये गये है। जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
इको पर्यटन विकास बोर्ड से स्वीकृत क्षेत्र
[वन]
86. ( क्र. 1773 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में जितने वन क्षेत्र हैं, जितने वनों में पर्यटन क्षेत्र हैं, उनमें सबसे अधिक बागली विधान सभा क्षेत्र में हैं तथा क्या शासन अगर इस और ध्यान देता है, तो अ.ज.जा. वर्ग को रोजगार के साथ-साथ क्षेत्र का आर्थिक विकास भी होता, क्या यहाँ 90 प्रतिशत् पर्यटन के स्थल वन क्षेत्रों में आते हैं? यदि हाँ, तो क्या इको पर्यटन विकास बोर्ड ने पर्यटन को विकसित व सुविधाएं प्रदान करने हेतु कोई योजना बनाई है? अगर हाँ तो कौन-कौन से वनपरिक्षेत्रों में कौन-कौन से स्थान पर्यटन के लिए विकसित करने हेतु लिये गये हैं? (ख) क्या सिहावन क्षेत्र (उदयनगर तहसील) महानगर इन्दौर से लगा है फिर भी विभाग की उदासीनता से पर्यटन को प्रोत्साहन नहीं मिल पा रहा है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) उज्जैन संभाग में कुल 4560.07 वर्ग कि.मी. वन क्षेत्र है जिसमें से 1227.31 वर्ग कि.मी. वन क्षेत्र बागली विधानसभा अंतर्गत आता है। शासन द्वारा उज्जैन संभाग में ईकोपर्यटन विकसित करने की ओर समुचित ध्यान दिया जा रहा है तथा अभी तक संभाग के 6 स्थलों को मनोरंजन क्षेत्र के रूप में अधिसूचित किया जा चुका है। बागली विधानसभा क्षेत्र के 90 प्रतिशत् पर्यटन के स्थल वनक्षेत्रों में आने बावत् कोई अध्ययन प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं है। म.प्र. शासन द्वारा आरक्षित वन क्षेत्र में ईकोपर्यटन विकसित किये जाने हेतु म.प्र. वन (मनोरंजन एवं वन्यप्राणी अनुभव) नियम, 2015 बनाये गये हैं जिसके तहत् मनोरंजन क्षेत्र/वन्यप्राणी अनुभव क्षेत्र अधिसूचित किये जाते हैं। बागली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत उदयनगर परिक्षेत्र के कावडि़या पहाड़ (पोटला) क्षेत्र को मनोरंजन क्षेत्र के रूप में अधिसूचित किये जाने हेतु चिन्हांकित किया गया है। (ख) देवास वनमंडल अंतर्गत उदयनगर तहसील का सिहावन क्षेत्र नामक कोई वन क्षेत्र इन्दौर महानगर की सीमा से लगा हुआ नहीं है।
सामुदायिक वन अधिकार पत्र का वितरण
[वन]
87. ( क्र. 1794 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनवरी 2008 से लागू वन अधिकार कानून 2006 की धारा 3 (1) (ख) के अनुसार वर्किंग प्लान में शामिल धारा 5 से 19 तक की जाँच के लिये लम्बित भूमियों पर राजस्व अभिलेखों में दर्ज अधिकारों एवं प्रयोजनों के ''सामुदायिक वन अधिकार पत्र'' वितरित किए जाने की कार्यवाही आज तक प्रारंभ नहीं की गई? (ख) यदि हाँ, तो उसका क्या कारण है? (ग) कब तक प्रश्नांश (क) अनुसार ''सामुदायिक वन अधिकार पत्र'' का वितरण कर दिया जावेगा? (घ) यदि नहीं, तो उसका क्या कारण है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं, अपितु प्रश्नांश में उल्लेखित वनभूमियों पर अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 की धारा-3 (1) (ख) में दिये गये प्रावधान अनुसार जिला स्तरीय समिति द्वारा मान्य किये गये सामुदायिक वन अधिकार पत्रों के वितरण की कार्यवाही प्रचलित है। (ख) से (घ) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम पंचायतों को राशि की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
88. ( क्र. 1813 ) श्री कमलेश्वर पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले की ग्राम पंचायतों को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की पंच परमेश्वर योजना के तहत कितनी-कितनी राशि प्रदाय की जाती है? एक वित्तीय वर्ष में कितनी किश्तों में राशि प्रदाय किये जाने का प्रावधान है? विगत वर्षों की रूकी हुई किश्त की राशि क्यों नहीं दी जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) भवन विहीन ग्राम पंचायतों में भवन का निर्माण क्यों नहीं कराया जा रहा है? क्या राज्य स्तर से इसकी स्वीकृति दी जा चुकी है? सिंहावल क्षेत्रांतर्गत कितनी पंचायतों में पंचायत भवन नहीं हैं? कब तक इन पंचायतों के भवन की स्वीकृति जारी की जाकर भवन निर्माण कराया जावेगा? (ग) ग्राम पंचायत द्वारा किये गये ई.पी.ओ. को राज्य स्तर से किन नियमानुसार क्यों निरस्त किया जा रहा है? ई.पी.ओ. बनाये जाने के बाद कितने दिवस में भुगतान होने का प्रावधान है? भुगतान में महीनों का समय क्यों लग रहा है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ख) भवन विहीन ग्राम पंचायतों में भवन निर्माण हेतु राज्य स्तर से स्वीकृति दी जा चुकी है। सिंहावल विधानसभा क्षेत्रांतर्गत जनपद पंचायत सिहावल की 5 तथा जनपद पंचायत देवसर की 4 ग्राम पंचायतों में भवन नहीं है। पंचायतों के भवन निर्माण की जारी स्वीकृति अनुसार भवन निर्माण किया जाना लक्षित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। (ग) ग्राम पंचायतों द्वारा किये गये ई.पी.ओ. में प्रस्तावित केवल ऐसे भुगतान जो वित्तीय मापदण्ड तथा पंच परमेश्वर योजना के दिशा-निर्देशों के अनुरूप नहीं होते है उन्हें ही निरस्त किया जाता है। बैंक के सर्वर पर पहुंचने के बाद उसी दिन या अधिकतम अगले दिन ई.पी.ओ. का भुगतान हो जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
व्यापारिक अनुज्ञप्ति की स्वीकृति में अनियमितता
[खनिज साधन]
89. ( क्र. 1816 ) श्री मुकेश नायक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम सलेहा कटरा, तहसील गुनौर जिला पन्ना के खसरा क्रमांक 1035 रकबा 0.17 हेक्टेयर पत्थर के लिये व्यापारिक अनुज्ञप्ति स्वीकृत की गई है, यह अनुज्ञप्ति किस आदेश से किस दिनांक तक स्वीकृत है? (ख) यह स्वीकृत किसके अधिपत्य की भूमि पर दी गई है? (ग) क्या उपरोक्त स्वीकृति संबंधित समस्त अनापत्ति प्राप्त करने के उपरांत की गई है? स्थल का निरीक्षण कब एवं किसके द्वारा किया गया? क्या जिस स्थल पर स्वीकृति दी गई है, उस स्थल पर भंडारण पाया गया है? (घ) यदि कोई अनियमितता या नियम विरूद्ध कार्यवाही नहीं है तो वे नियम बतायें जिसके आधार पर किसी अन्य के कब्जे की भूमि पर अनुमति दी जा सकती है? यदि नहीं, तो क्या अनुमति निरस्त की जायेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। अत: प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खनिज क्रय
[खनिज साधन]
90. ( क्र. 1817 ) श्री मुकेश नायक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के ग्राम भरौली मैहर से स्थित रिलॉयंस सीमेन्ट द्वारा दिनांक 18.04.2017 के आस-पास अभिवहन पार पत्र क्रमांक ई.टी.पी.-1700119904 के माध्यम से परिवहित किसी खनिज का क्रय किया गया है। (ख) यह खनिज कौन सा था तथा किस खनिज के नाम से कंपनी द्वारा इसका भुगतान किया गया? कंपनी से जानकारी प्राप्त कर जानकारी उपलब्ध करावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खनन की अनुमति, अनुज्ञप्ति, माइनिंग लीज एवं पीएल
[खनिज साधन]
91. ( क्र. 1818 ) श्री मुकेश नायक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले के अतंर्गत शासन, विभागाध्यक्ष और कलेक्टर/खनिज अधिकारी द्वारा जो खनन की अनुमति, अनुज्ञप्ति, माइनिंग लीज, पी.एल. तथा जो भी अनुमतियां अथवा लाईसेंस जारी किये जाते हों उनमें से कौन-कौन से वर्तमान में लागू, प्रचलित एवं प्रभावशील हैं उनके संबंध में जारी औपचारिक आदेशों की प्रति सहित बतायें। (ख) पवई शाहनगर ब्लाक के अंतर्गत उपरोक्त में से ऐसी कौन-कौन सी माईनिंग लीज, अनुमतियाँ हैं, जो कि आदिवासियों की अथवा अनुसूचित जन-जाति के व्यक्ति की उसकी निजी भूमि पर अनुमतियाँ/लाईसेंस/एम.एल./पी.एल./खनिज पट्टे इत्यादि दिये गये है ग्रामवार उनके नाम खसरा क्रमांक रकबा बतायें तथा जिन्हें दी गई हैं उनके नाम पते बतायें। (ग) यदि अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों से सहमति पत्र लेकर किसी अन्य नाम पर अनुमतियॉं/पट्टे आवंटित किये गये हैं अथवा खनन की अनुमति दी गई है तो किन शर्तों और नियमों के आधार पर दी गई है, उनको संदर्भित करते हुए सहमति पत्र की प्रति के साथ-साथ नियमों शर्तों की प्रति बतायें। (घ) क्या उपरोक्त प्रकार की कार्यवाही से भूस्वामियों अथवा जिन आदिवासियों की भूमि पर खनन किया जा रहा है अथवा अनुमति दी गई है, उन्हें क्या लाभ हुआ और लाभ का प्रमाण क्या है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कर्मचारियों की नियुक्ति के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
92. ( क्र. 1829 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या छिन्दवाड़ा जिले की नगर परिषद बिछुआ के अतर्गत 07 पदों पर सीधी भर्ती प्रक्रिया को नगरीय प्रशासन विकास विभाग द्वारा पूर्व में निरस्त किया जा चुका है? अगर हाँ तो आदेश पत्र की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ख) जिन कर्मचारियों की नियुक्ति नगर परिषद बिछुआ में 07 पदों पर सीधी भर्ती के अन्तर्गत की गई थी, नियुक्ति निरस्त होने के बाद भी वे कर्मचारी नगर परिषद बिछुआ में आज भी कार्यरत हैं। ये सातों कर्मचारी नियुक्ति निरस्त होने के बाद भी किस ओदश/प्रावधान के तहत नगर परिषद बिछुआ में कार्य कर रहे हैं? (ग) नगर परिषद बिछुआ के मुख्य नगरपालिका अधिकारी के द्वारा नियुक्ति निरस्त होने के बाद भी इन सभी सातों कर्मचारियों से निरंतर महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कराया जा रहा है, जो पूर्णत शासन के दिशा निर्देशों के विपरीत है। क्या ऐसे कृत्य के लिये मुख्य नगरपालिका अधिकारी दोषी हैं? अगर हाँ तो ऐसे दोषी अधिकारी के विरूद्ध विभाग द्वारा कया कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर परिषद बिछुआ जिला छिंदवाड़ा में 07 पदों की भर्ती के संबंध में संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. के कारण बताओ सूचना पत्र क्र. शि./6/शा./लोका 46/2/36/16/17876 दिनांक 21.11.2016 में दिये गये निर्देशानुसार 07 कर्मचारियों के नियुक्ति आदेश को निलंबित किया था। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) निकाय द्वारा जारी निलंबन आदेश दिनांक 15.02.2017 के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर याचिका क्रमांक डब्ल्यू.पी. 2871/2017 के तहत दिनांक 07/04/2017 को सुनवाई पर 07 कर्मचारियों को निकाय द्वारा जारी निलंबन आदेश पर स्थगन प्राप्त हुआ है। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा जारी स्थगन आदेश के परिपालन में कर्मचारियों द्वारा निकाय में कार्य किया जा रहा है। (ग) निकाय द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा पारित स्थगन आदेश के परिपालन में 07 कर्मचारियों से कार्य लिया जा रहा है। वर्तमान में प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में विचाराधीन है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अध्यक्ष को पद से हटाया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
93. ( क्र. 1830 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या छिन्दवाडा जिले के अंतर्गत नगर परिषद बिछुआ में अनेक अनियमितताओं के संबंध में नगर परिषद बिछुआ की अध्यक्ष के विरूद्ध उप सचिव, नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 41-क के तहत कार्यवाही की जाना प्रस्तावित हैं, जिसमें काफी विलम्ब किया जा रहा हैं? विलम्ब का क्या कारण हैं? जबकि अनेक अनियमितताओं व भ्रष्टाचार के संबंध में नगर परिषद बिछुआ की अध्यक्ष को जाँच में दोषी पाया गया हैं? (ख) नगर परिषद बिछुआ में अनेक अनियमितताओं व भ्रष्टाचार के संबंध में दोषी पाई गई नगर परिषद बिछुआ की अध्यक्ष को नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 41-क के तहत कार्यवाही की प्रक्रिया को पूर्ण करते हुए, कब तक अध्यक्ष के पद से पृथक कर दिया जायेगा? (ग) नगर परिषद बिछुआ में अनेक अनियमितताओं व भ्रष्टाचार के संबंध में नगर परिषद बिछुआ की अध्यक्ष एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी के विरूद्ध विभाग द्वारा अभी तक क्या-क्या जाँच कराई गई है? सम्पूर्ण जाँच रिपोर्ट का विवरण उपलब्ध करायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ, विभाग के पत्र क्रमांक एफ 11-61/2017/18-3 दिनांक 30.10.2017 द्वारा अनियमितताओं के संबंध में कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। जिस पर कार्यवाही प्रचलित है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' अनुसार अध्यक्ष के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही प्रचलित है। अध्यक्ष एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी के विरूद्ध कराये गये जाँच का जाँच प्रतिवेदन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। प्रकरण में दोषी पाये गये तत्कालीन प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री कामता प्रसाद बघेल, श्री लेखराम सूर्यवंशी एवं श्री आर.के.सोनी के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई है। आदेश की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
वनीकरण हेतु प्राप्त राशि
[वन]
94. ( क्र. 1859 ) श्री जतन उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गैर वानिकी कार्य हेतु दी जाने वाली वन भूमि के बदले वन लगाने हेतु प्रदेश को विगत 03 वर्षों में केन्द्र शासन द्वारा कितनी-कितनी राशि दी गयी है वर्षवार जानकारी देवें? (ख) छिंदवाड़ा जिले के लिए वन भूमि के बदले वन लगाने हेतु प्राप्त राशि से कहाँ-कहाँ वनीकरण के कार्य किये गये हैं तथा इसके लिये कितनी राशि प्राप्त हुई? (ग) क्या वनीकरण के लिए प्राप्त राशि का उपयोग विभाग ने वाहनों की खरीदी में किया है? इस राशि को खर्च करने हेतु जो गाईड लाइन दी गई है, उसकी प्रति उपलब्ध करायें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) विगत 03 वर्षों में केन्द्र शासन से वर्षवार प्राप्त राशि की जानकारी निम्नानुसार हैः-
(राशि लाख रुपये में)
वित्तीय वर्ष |
प्राप्त राशि की दिनांक |
एड-हॉक कैम्पा से प्राप्त राशि |
2015-16 |
25.05.2015 |
21300.00 |
2016-17 |
24.11.2016 |
14000.00 |
2017-18 |
17.11.2017 |
20000.00 |
योग |
55300.00 |
(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी नहीं। गाईड लाईन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
समान वेतनमान देना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
95. ( क्र. 1860 ) श्री जतन उईके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा 24 मार्च 2013 को एम.बी.एम. ग्राउण्ड भोपाल में घोषणा क्रमांक 3142 में पंचायत सचिवों को सहायक अध्यापक के समान वेतन देने की घोषणा की गई थी यदि हाँ, तो उक्त घोषणा को आज दिनांक तक कार्य रूप में वर्णित क्यों नहीं किया गया? क्या घोषणा अनुसार सहायक अध्यापक के समान पंचायत सचिवों को कब तक वेतन दिया जायेगा? (ख) क्या प्रदेश में पंचायत सचिवों के लिये अंशदायी पेंशन योजना चलाई जा रही है? यदि हाँ, तो छिन्दवाड़ा जिले में यह योजना कब लागू की गई है और इसमें कितने सचिवों को लाभ मिला है? यदि लागू नहीं की गई है तो क्यों? (ग) क्या शासन ने पंचायत सचिवों के लिये अनुकम्पा नियुक्ति का प्रावधान लागू किया है? यदि हाँ, तो वर्तमान तक छिंदवाड़ा जिले में कितने परिवारों के व्यक्तियों को नौकरी प्रदाय की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? इसे कब तक लागू किया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। घोषणा क्रमांक 3142 के तारतम्य में मध्यप्रदेश शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आदेश क्रमांक 2/9/2013/22/पं.-1 दिनांक 24.07.2013 के अनुसार दस वर्ष तक की सेवा पूर्ण करने वाले पंचायत सचिवों को वेतन बैंड रूपये 3500-10000 ग्रेड पे 1100/- तथा दस वर्ष से अधिक की सेवा पूर्ण कर चुके पंचायत सचिवों को वेतन बैंड रूपये 3500-10000 ग्रेड पे 1200/- प्रदाय किया गया। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय भोपाल के परिपत्र क्रमांक एफ-2/7/ 2013/2/पी-1, भोपाल दिनांक 20.07.2013 से प्रदेश के सभी जिलों में लागू की गई है। छिंदवाड़ा जिले में कुल 693 सचिवों को अंशदायी पेंशन का लाभ प्रदाय किया जा रहा है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। अनुकंपा नियुक्ति प्रदाय किये जाने हेतु 04 प्रकरण प्राप्त हुये हैं, जिन पर कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
ग्राम पंचायत को निर्माण कार्य हेतु रेत परिवहन की अनुमति
[खनिज साधन]
96. ( क्र. 1906 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायतों को शासकीय निर्माण कार्य हेतु रेत के परिवहन की अनुमति हेतु कुछ रेत घाटों को ही चिन्हित किया गया है? (ख) क्या स्वयं पंचायतों के अधीन रेत घाट होने या पंचायतों के करीब रेत घाट होने के बावजूद चिन्हित रेत घाटों से ही रेत लाने की अनुमति मिलने के कारण करीब में रेत की उपलब्धता होने के बावजूद पंचायतों को दूर से रेत लाने पर मजबूर होना पड़ रहा हैं? (ग) पंचायतों के सामने प्रश्नांश (क) में वर्णित समस्या को देखते हुए पंचायतों के निवेदन पर निकटतम रेत घाटों से शासकीय निर्माण कार्यों हेतु रेत परिवहन की अनुमति देने पर शासन विचार करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में रेत घाटों को रेत परिवहन की अनुमति हेतु चिन्हित किये जाने का प्रावधान नहीं है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
97. ( क्र. 1909 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में शासन की ओर से मिलने वाली राशि का कितना भुगतान लंबित हैं? जनपद पंचायत अनुसार जानकारी दें? यदि भुगतान बाकी है तो यह भुगतान कब तक कर दिया जाएगा? (ख) विधवा पेंशन दिये जाने हेतु क्या गरीबी रेखा में नाम शामिल होने की बाध्यता है? क्या माननीय मुख्यमंत्री जी की विधानसभा में विधवा पेंशन में गरीबी रेखा में शामिल होने की बाध्यता को समाप्त करने की घोषणा के बावजूद अब तक इस पर अमल नहीं किया गया है? कारण बताते हुए यह भी बताए कि इस संबंध में जिला तथा जनपद पंचायतों को कब तक सूचित कर दिया जाएगा ताकि मुख्यमंत्री जी की घोषणा पर अमल हो सके?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) बालाघाट जिला अन्तर्गत मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में आयोजित सामूहिक विवाह में किसी भी विवाहित कन्या को शासन से मिलने वाली राशि का भुगतान लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी के पद पर राजस्व निरीक्षकों की पदस्थापना
[नगरीय विकास एवं आवास]
98. ( क्र. 1915 ) श्री राजेश सोनकर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगरीय प्रशासन विभाग इन्दौर सभाग में पिछले ०३ वर्षों में मुख्य नगर पालिका अधिकारी/सी.एम.ओ.को कब-कब नगर परिषदों में स्थानांतरित किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इन्दौर संभाग में कितने मुख्य नगर पालिका अधिकारी/सी.एम.ओ. के स्थानांतरण उनकी सीनियरटी के आधार पर किये गये व कितने राजस्व निरीक्षकों को प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी/सी.एम.ओ. का दायित्व सौंपा गया? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कहाँ-कहाँ पर राजस्व निरीक्षकों को स्थानांतरित कर मुख्य नगर पालिका अधिकारी/सी.एम.ओ. बनाया गया? क्या कहीं सीनियर राजस्व निरीक्षकों के स्थान पर जूनियर राजस्व निरीक्षकों को प्रभारी अधिकारी के पद पर पदस्थ करने में वरियता क्रम अनदेखा किया गया है? यदि हाँ, तो क्या कारण।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) मुख्य नगरपालिका अधिकारियों के स्थानांतरण उनकी सीनियरटी के आधार पर न किए जाकर प्रशासनिक आवश्यकता के अनुरूप किए जाते है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। म.प्र. नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 89 के प्रावधानों के अनुरूप पात्रताधारी कर्मचारियों को मुख्य नगरपालिका अधिकारी पद का प्रभार प्रशासनिक दृष्टि से शासन द्वारा दिया जाता है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वच्छता अभियान
[नगरीय विकास एवं आवास]
99. ( क्र. 1932 ) डॉ. मोहन यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) स्वच्छता अभियान के तहत अप्रैल, २०१५ से प्रश्न दिनांक तक नगर निगम उज्जैन एवं उज्जैन जिले की नगर पालिकाओं को कुल कितना आवंटन प्राप्त हुआ है? स्वच्छता अभियान के तहत नगर निगम के कर्मचारियों द्वारा कार्य किया जा रहा है अथवा किसी ठेकेदार द्वारा कार्य किया जा रहा है? उपरोक्त जानकारी नगर निगम एवं नगर पालिकावार वित्तीय वर्ष अनुसार पृथक-पृथक उपलब्ध करावे? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार प्राप्त आवंटन के व्यय तथा क्रय की गई सामग्री डस्टबिन इत्यादि के संबंध में व्यय की जानकारी नगर निगम उज्जैन एवं नगर पालिका वार जानकारी उपलब्ध करावे? (ग) प्रश्नांश (ख) की जानकारी अनुसार क्या स्वच्छता अभियान के तहत संबंधित कार्यालय के द्वारा बाजार मूल्य से कई गुना अधिक दर पर सामग्री क्रय कर अनियमितता की है? यदि हाँ, तो उसके लिए कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
पोर्च निर्माण के संबंध मे
[नगरीय विकास एवं आवास]
100. ( क्र. 1934 ) डॉ. मोहन यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) १ जनवरी २०१५ से प्रश्न दिनांक तक पोर्च निर्माण के संबंध में नगर निगम उज्जैन को कितने आवेदन प्राप्त हुये? प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदनों पर पोर्च निर्माण की अनुमति प्रदान की गई है? कितने आवेदन निरस्त किये गये है? (ख) पोर्च निर्माण अनुमति के संबंध में विभाग के क्या नियम हैं? नियमों की प्रतिलिपि उपलब्ध कराते हुये स्वीकृत एवं अस्वीकृत अनुमति आवेदन की सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार क्या नगर निगम द्वारा पोर्च निर्माण के संबंध में नियमों के विरूद्ध कार्यवाही कर आमजन को परेशान किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन अधिकारी दोषी है? दोषी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) दिनांक 01.01.2015 से प्रश्न दिनांक तक पोर्च निर्माण के संबंध में नगर निगम उज्जैन को कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुये है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) पोर्च निर्माण अनुमति के संबंध में पृथक से कोई नियम नहीं है। पोर्च का निर्माण भवन निर्माण में ही सम्मिलित होता है, इस संबंध में म.प्र. भूमि विकास नियम, 2012 के नियम 2 (55) में स्पष्ट किया गया है, जो जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। भवन निर्माण अनुमति संबंधित नगरीय निकायों द्वारा प्रदान की जाती है पृथक से पोर्च निर्माण अनुमति जारी नहीं करने से सूची उपलब्ध कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। कोई दोषी नहीं है। उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री आवास से वंचित ग्राम
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
101. ( क्र. 1951 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 7543 दिनांक 28 मार्च 2017 के उत्तर की कंडिका (घ) में बताया गया था कि विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत 07 ग्रामों के आंकड़े SECC-2011 में नहीं है। अधिकारी स्तर पर चर्चा में भारत सरकार ने SECC-2011 में प्रदेश के जिन ग्रामों के नाम छूटे हैं, उनकी एकजाई जानकारी चाही है। जानकारी संकलित कर भेजने के उपरांत आवश्यक निर्णय भारत सरकार स्तर से अपेक्षित है? क्या प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित ग्रामों को योजना में सम्मिलित कर लिया गया है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित ग्रामों के गरीब व्यक्तियों को योजना में सम्मिलित करने हेतु कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या और कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। सामाजिक आर्थिक एवं जाति जनगणना-2011 की सूची में प्रश्नाधीन 7 गांव में एक भी परिवार आवासहीन, शून्य कक्ष तथा एक कक्ष कच्चा आवास में वर्गीकृत नहीं है। फलस्वरूप इन गांवों को सूची से छूटा हुआ माना गया। ये सभी गांव सामाजिक आर्थिक एवं जाति जनगणना-2011 की सूची में सम्मिलित है। (ख) भारत सरकार के निर्देश दिनांक 24.01.2018 के परिप्रेक्ष्य में दिनांक 19.02.2018 को राज्य स्तर से समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायतों को प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की स्थाई प्रतीक्षा सूची में पात्र हितग्राहियों के नाम जोड़े जाने हेतु निर्देशित किया गया है।
सेमीनार हॉल एवं अध्यापन कक्ष स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
102. ( क्र. 1952 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1394 दिनांक 30 नवम्बर 2017 के उत्तर में बताया गया था कि प्राचार्य को लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू.) से महाविद्यालय में सेमीनार हॉल व अतिरिक्त अध्यापन कक्ष निर्माण हेतु तकनीकी स्वीकृति, ब्लूप्रिंट नक्शा, के साथ विधिवत पूर्ण प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है? तो क्या प्राचार्य, शासकीय महाविद्यालय ब्यावरा द्वारा उपरोक्त वांछित दस्तावेज संलग्न कर विधिवत पूर्ण प्रस्ताव शासन को गत माह प्रेषित किया जा चुका है? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक महाविद्यालय में सेमीनार हॉल एवं अतिरिक्त अध्यापन कक्ष निर्माण की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो उक्त संबंध में विलंब के क्या कारण हैं तथा कार्य विलंब होने के लिये कौन दोषी है? (ग) उपरोक्तानुसार क्या विभाग द्वारा छात्र-छात्राओं को सेमीनार हॉल एवं अतिरिक्त अध्यापन कक्ष की सुविधाएं प्रदान करने हेतु कोई ठोस कार्यवाही की जाकर स्वीकृतियां प्रदान की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) प्राप्त प्रस्ताव पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार।
विधवा पेंशन की पात्रता में बी.पी.एल. की बाध्यता को समाप्त करना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
103. ( क्र. 1960 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा विधवा पेंशन स्वीकृत किए जाने हेतु गरीबी रेखा की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है तथा इस हेतु कोई आदेश जारी किए गए हैं? यदि हाँ, तो आदेश की स्वच्छ प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो क्या विधवा पेंशन स्वीकृति में गरीबी रेखा के राशन कार्ड की बाध्यता को समाप्त किए जाने हेतु कोई योजना बनाई जा रही है? यदि हाँ, तो इसके नियम कब तक लागू कर दिए जावेंगे? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार विधवा पेंशन में गरीबी रेखा की अनिवार्यता की समाप्ति की तरह ही क्या वृद्धावस्था पेंशन तथा विकलांग पेंशन स्वीकृति में गरीबी रेखा की अनिवार्यता को समाप्त किए जाने हेतु कोई कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो कब तक नियम बना लिए जाऐंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वाणिज्य संकाय की स्वीकृति किए जाने के संबंध में
[उच्च शिक्षा]
104. ( क्र. 1961 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पोहरी विधानसभा क्षेत्र के पोहरी में संचालित एक मात्र शासकीय महाविद्यालय में वाणिज्य संकाय प्रारंभ किए जाने हेतु कोई कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हाँ, तो कार्यवाही का विवरण उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो क्यों तथा किस दिनांक तक शासकीय स्नातक महाविद्यालय पोहरी में वाणिज्य संकाय की स्वीकृति प्रदाय कर दी जावेगी? (ख) क्या पोहरी विधानसभा क्षेत्र के शासकीय महाविद्यालय नरवर में भी वाणिज्य तथा विज्ञान संकाय प्रारंभ किये जाने हेतु कोई कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हाँ, तो कब तक स्वीकृति आदेश जारी कर दिए जाऐंगे?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। पोहरी के आसपास संचालित स्कूलों में 12 वीं कक्षा के वाणिज्य संकाय में अध्ययनरत विद्यार्थियों की संख्या निरंक होने से शासकीय महाविद्यालय पोहरी में वाणिज्य संकाय प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित नहीं है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नियमों के विपरीत प्राचार्य द्वारा आदेश जारी किया जाना
[उच्च शिक्षा]
105. ( क्र. 2025 ) श्री रामपाल सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय विवेकानंद महाविद्यालय मैहर जिला सतना में पूर्णकालिक कम्प्यूटर ऑपरेटर के पद पर श्री बिहारीलाल कुशवाह एवं सुश्री साधना वर्मा द्वारा महाविद्यालय में कब से कब तक सेवाएं प्रदान की गई? दोनों की नियुक्ति एवं सेवाओं से पृथक किस अधिकारी के आदेश पर किया गया? क्या नियुक्ति एवं सेवा से पृथक करने में महाविद्यालय जन भागीदारी समिति का अनुमोदन प्राप्त किया गया था? जारी सभी आदेशों की एक-एक प्रति उपलब्ध करावें? (ख) वर्तमान दिनांक तक कितने कम्प्यूटर ऑपरेटर महाविद्यालय में पदस्थ हैं एवं उन्हें कब से कब तक कितनी राशि प्रश्नतिथि तक वेतन के रूप में दी गई? (ग) क्या वर्तमान में प्रभारी प्राचार्य के द्वारा अपने पद का दुरूपयोग करते हुए अपने पुत्र को कम्प्यूटर ऑपरेटर के पद पर नियुक्ति किया गया है? शिकायत के आधार पर क्या इसकी जाँच अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व, मैहर के द्वारा की गई है? यदि हाँ, तो दोषी पाए जाने पर प्रभारी प्राचार्य एवं उनके पुत्र के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई है? (घ) अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मैहर के द्वारा कलेक्टर सतना को दी गई जाँच रिपोर्ट एवं कलेक्टर सतना द्वारा प्राचार्य के विरूद्ध आयुक्त उच्च शिक्षा को 17/03/2017 को जो पत्र भेजा गया उस पर आयुक्त उच्च शिक्षा द्वारा प्रश्नतिथि तक किन आदेश क्रमांक एवं दिनांकों से क्या कार्यवाही की गई? अगर नहीं की गई तो क्यों? यदि कार्यवाही की गई है तो जारी आदेशों की प्रति प्रदान करें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शा. विवेकानंद महाविद्यालय मैहर में श्री चन्द कुशवाहा आत्मज श्री बिहारी लाल कुशवाहा को पूर्णकालिक कम्प्यूटर के पद पर नहीं बल्कि कम्प्यूटर जाब वर्क हेतु दिनांक 04.10.2008 से मार्च 2017 तक एवं सुश्री साधना वर्मा ने भी कम्प्यूटर जाब वर्क हेतु दिनांक 02.06.2014 से मार्च 2017 तक सेवाऐं प्रदान की। दोनों की नियुक्ति जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष की अनुमति से हुई। जी हाँ। नियुक्ति का अनुमोदन जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष द्वारा किया गया था। बैठक के कार्यवाही विवरण की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। आयुक्त कार्यालय के आदेश क्रमांक 187/114/ शिका/आउशि/17 दिनांक 09.02.2017 के तहत इनकी सेवाएं निरंतर नहीं रखी गई। नियुक्ति जनभागीदारी समिति के सचिव के द्वारा ही गई नियुक्ति आदेशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 (i) एवं 2 (ii) अनुसार। (ख) वर्तमान में इस महाविद्यालय में कोई कम्प्यूटर आपरेटर पदस्थ नहीं है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जी हाँ। कलेक्टर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मैहर के जाँच प्रतिवेदन के आधार पर प्रभारी प्राचार्य को दिनांक 22.2.17 को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया एवं उनके पुत्र को कम्प्यूटर आपरेटर के पद से दिनांक 30.06.17 को हटा दिया गया। (घ) अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मैहर के द्वारा कलेक्टर सतना को दी गई जाँच रिपोर्ट एवं कलेक्टर सतना द्वारा प्राचार्य के विरूद्ध दिनांक 17.03.17 को पत्र आयुक्त को न भेजकर अतिरिक्त संचालक रीवा को भेजा गया। अतिरिक्त संचालक रीवा से प्राप्त जाँच प्रतिवेदन में संलग्न अनुविभागीय अधिकारी सतना द्वारा कलेक्टर सतना को सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर प्राचार्य के विरूद्ध विभागीय जाँच का निर्णय लेकर विभागीय जाँच की कार्यवाही प्रचलन में है।
शा. महाविद्यालय आरंभ किये जाना
[उच्च शिक्षा]
106. ( क्र. 2026 ) श्री रामपाल सिंह : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा जून 2017 में नगर परिषद उन्हेल, विधानसभा क्षेत्र घट्टिया, जिला उज्जैन में शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ करने संबंधी घोषणा की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो घोषणा के संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या शासकीय भूमि अर्जित कर भवन निर्माण किया जायेगा अथवा अन्य किसी शासकीय या अशासकीय भवन में महाविद्यालय प्रारंभ करने हेतु वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी? (घ) यदि हाँ, तो क्या सत्र 2018-19 में विद्यार्थियों को प्रवेश प्राप्त हो सकेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। घोषणा क्रमांक बी-3630 दिनांक 15.06.2017 के अनुसार नगर पंचायत उन्हेल में शासकीय महाविद्यालय खोले जाने के निर्देश है। (ख) घोषणा के पालन में प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है। (ग) शासकीय महाविद्यालय हेतु उपयुक्त शासकीय भूमि आवंटित होने पर भवन निर्माण किया जाता है। भूमि अर्जन का कोई प्रावधान नहीं है। स्वीकृति प्रक्रियाधीन होने से अस्थाई रूप से प्रारंभ करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला छतरपुर के नगरीय निकाय में स्वीकृत भवन
[नगरीय विकास एवं आवास]
107. ( क्र. 2040 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महाराजपुर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाली समस्त नगरीय निकायों में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन मदों से कितने-कितने भवन स्वीकृत हुए, कार्य की लागत, निर्माण एजेंसी सहित जानकारी देवें। (ख) क्या कार्यालय कलेक्टर छतरपुर के पृष्ठांकन क्रमांक 12/ शिकायत-2/2017 दिनांक 09.01.2018 में नगर पालिका महाराजपुर के गुणवत्ताहीन कार्य की जाँच कराए जाने के संबंध में परियोजना अधिकारी शहरी विकास अभिकरण छतरपुर को आदेशित किया था? यदि हाँ, तो पत्र की प्रति देवें। (ग) क्या गुणवत्ताहीन भवन की जाँच कराकर 7 दिवस में कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को सूचित करने के आदेश कलेक्टर छतरपुर को दिये गए थे? यदि हाँ, तो आदेश के पालन में जाँच प्रतिवेदन से क्यों नहीं अवगत कराया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) में निर्देशों की अवहेलना करने पर क्या परियोजना अधिकारी के विरूद्ध निलंबन की कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जिला छतरपुर की निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ संदर्भित पत्र की छायाप्रति निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ, परियोजना अधिकारी जिला शहरी विकास अभिकरण कार्यालय में कोई तकनीकी अमला न होने के कारण उक्त भवन की जाँच हेतु कलेक्टर छतरपुर द्वारा पत्र दिनांक 30.01.2018 से जाँच करने हेतु कार्यपालन यंत्री नगरीय प्रशासन एवं विकास सागर संभाग को लेख किया गया है। जाँच पूर्ण नहीं होने से मान. विधायक जी को अवगत नहीं कराया जा सका। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में जाँच प्रचलित है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजनान्तर्गत आवास आवंटन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
108. ( क्र. 2043 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजनान्तर्गत आवास निर्माण की योजना संचालित है? (ख) यदि हाँ, तो जनपद पंचायत नौगांव, गौरिहार, लवकुश नगर के प्रत्येक ग्राम पंचायतों में कितने परिवारों को उक्त योजना का लाभ योजना प्रारंभ दिनांक से दिया गया है? प्रत्येक लाभान्वित हितग्राही की जानकारी उसके आवास की भौतिक स्थिति की जानकारी सहित उपलब्ध करायी जावे। (ग) प्रश्नांश (क) मुताबिक योजना से संबंधित कितने हितग्राहियों को प्रत्येक जनपद पंचायतों में योजना का लाभ देकर प्रथम किश्त प्रदाय उपरांत अपात्र घोषित कर उन्हें योजना से वंचित किया गया है? प्रत्येक जनपद पंचायतवार हितग्राहियों के विवरण सहित की गई कार्यवाही सहित जानकारी उपलब्ध करायी जावे।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
अपूर्ण तथा अप्रारंभ कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
109. ( क्र. 2062 ) श्री संजय शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले की ग्राम पंचायतों में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक में किस-किस योजना में कितने कार्य स्वीकृत अपूर्ण तथा अप्रारंभ है उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (ख) RES द्वारा कराये जा रहे कितने कार्य अप्रारंभ तथा अपूर्ण हैं? कारण बतायें? उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (ग) वाटरशेड में स्वीकृत कितने कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है? कारण बतायें। उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (घ) शासन के निर्देशों के बाद भी कार्य स्थल पर बोर्ड (सूचना पटल) क्यों नहीं लगवाये गये तथा कब तक लगवायेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) सूचना पटल कार्य प्रारंभ होने के समय कार्य स्थल पर लगाये गये है। शेष कार्यों में जहां सूचना पटल नहीं है वहां तत्काल बोर्ड लगाने के निर्देश दिये गये है।
खेल स्टेडियम का निर्माण
[खेल और युवा कल्याण]
110. ( क्र. 2080 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुरैना जिले में वर्तमान में कितने खेल स्टेडियम निर्माणाधीन हैं? कितनों पर कार्य प्रारंभ नहीं किया जा सका है? पूर्ण जानकारी विधानसभावार दी जावे तथा स्थलों के नाम बताये जावें। (ख) मुरैना जिले के निर्माणाधीन खेल स्टेडियमों को किस-किस संस्था, कंपनी द्वारा बनाया जा रहा है, जिले में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के खेल स्टेडियमों पर कितनी राशि खर्च हो रही है? (ग) जिन खेल स्टेडियमों का कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है उसके क्या कारण हैं? विभाग द्वारा अभी तक निर्माणाधीन कार्यों के संबंध में क्या-क्या प्रयास किये हैं? (घ) विलंब के लिये कौन जिम्मेदार है? उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) मुरैना जिले में कोई भी विभागीय स्टेडियम निर्माणाधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) से (घ) प्रश्नांश ''क'' के प्रकाश में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मंदिरों का जीर्णोद्धार
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
111. ( क्र. 2081 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सुमावली विधानसभा क्षेत्र मुरैना के कितने गांवों में शासकीय मंदिर है तथा उनसे कितनी कृषि भूमि है? मंदिरों के नाम, ग्रामों के नाम जमीन सहित पूर्ण जानकारी दी जावे। (ख) उक्त मंदिरों में से कितने मंदिर जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं? उनकी मरम्मत पर कितनी राशि खर्च होने का अनुमान है? शासन कब तक इनकी मरम्मत करायेगा? (ग) शासन द्वारा उक्त मंदिरों के रख-रखाव पर प्रतिवर्ष कितनी राशि खर्च करने की नीति है? क्या शासन ऐसी कोई नीति बनायेगा जिससे मंदिरों का समय रहते जीर्णोद्धार हो सके?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कार्यालय कलेक्टर जिला मुरैना से प्राप्त जानकारी अनुसार कुल 13 मंदिर जीर्णशीर्ण अवस्था में है। इन मंदिरों के जीर्णोद्धार में लगभग 50 लाख की राशि खर्च होने का अनुमान है। निश्चित समय-सीमा दी जाना संभव नहीं है। (ग) वर्तमान में ऐसी कोई नीति नहीं है और न ही प्रचलन है। समय-समय पर कलेक्टर/संभागायुक्त के माध्यम से प्राप्त प्राक्कलन प्रस्ताव पर मंदिर के जीर्णशीर्ण होने की स्थिति में आवश्यकतानुसार जीर्णोद्धार हेतु राशि स्वीकृत की जाती है। यह एक सतत् प्रक्रिया है।
अवैध रेत उत्खनन
[खनिज साधन]
112. ( क्र. 2092 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 491 दिनांक 27-7-2017 के अनुसार क्या वाहन को खनिज सर्वेयर को छोड़ने का अधिकार है? यदि नहीं, तो अधिकार के बिना वाहन क्यों छोड़े गये? इसके लिए कौन दोषी है? क्या कार्यवाही की गई? छायाप्रति सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में परिशिष्ट-'स' में सरल क्र. 932 से 1014 तक कार्यवाही प्रचलन में है? प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई? जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) में पकड़े गये वाहन को कौन-कौन को मुक्त करने तथा शास्ती आरोपित करने का अधिकार है? छायाप्रति सहित जानकारी दें। (घ) खनिज विभाग भिण्ड द्वारा अप्रैल, 15 से प्रश्न दिनांक तक कौन से वाहन पकड़े? किस अधिकारी ने कितने राजस्व की प्राप्ति के साथ मुक्त किए?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। खनिज सर्वेयर को अधिकार न होने के पश्चात भी वाहन छोड़ने के कारण कलेक्टर, भिण्ड द्वारा संबंधित खनिज सर्वेयर को निलंबित कर दिया गया है। निलंबन आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) प्रश्नाधीन प्रश्न के साथ परिशिष्ट-स संलग्न नहीं किया गया था। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नानुसार मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 53 में अधिकार प्रावधानित हैं। यह नियम अधिसूचित नियम है। (घ) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है।
सारणी जल आवर्धन योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
113. ( क्र. 2108 ) श्री चेतराम मानेकर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सारणी नगर की जल आवर्धन योजना में पाईप लाईन पर कितनी राशि खर्च होना है? (ख) योजना में लगने वाले पाईप का साईज, व्यास, लम्बाई एवं कीमत, का पूर्ण विवरण देवें। (ग) आज दिनांक तक पाईप पर कितनी राशि खर्च की जा चुकी है? (घ) योजना सुचारू रूप से कब तक पूर्ण कर दी जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) सारणी नगर की जलआवर्धन योजना में पाईप लाईन पर राशि रु. 40.88 करोड़ व्यय होना संभावित है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्न दिनांक तक पाईप पर कोई राशि खर्च नहीं की गई है। (घ) निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है।
सारणी जल आवर्धन योजना में फिल्टर प्लांट निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
114. ( क्र. 2113 ) श्री चेतराम मानेकर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सारणी नगर की जल आवर्धन योजना कब स्वीकृत की गई है? जल आवर्धन योजना की लागत राशि कितनी है? (ख) योजना में पीने के पानी को शुद्ध किये जाने के लिये क्या फिल्टर प्लांट का निर्माण होना है? फिल्टर प्लांट निर्माण पर कितनी राशि खर्च होना है? (ग) आज दिनांक तक फिल्टर प्लांट निर्माण पर कितनी राशि खर्च कर दी गई है? फिल्टर प्लांट निर्माण के कार्य की प्रगति का विवरण देवें। (घ) फिल्टर प्लांट का निर्माण कब तक कर दिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) सारणी नगर की जल आवर्धन योजना दिनांक 17.08.2016 को स्वीकृत की गई है। जल आवर्धन योजना की लागत राशि रु. 65.23 करोड़ है। (ख) जी हाँ। फिल्टर प्लांट निर्माण पर राशि रु. 6.00 करोड़ व्यय होना संभावित है। (ग) प्रश्न दिनांक तक फिल्टर प्लांट निर्माण पर कोई राशि खर्च नहीं की गई है। फिल्टर प्लांट निर्माण के ड्राइंग एवं डिजाईन का कार्य प्रगति पर है। (घ) निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री आवास से पात्र हितग्राहियों को लाभ दिलाया जाये
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
115. ( क्र. 2131 ) श्री दिनेश कुमार अहिरवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना से कितने पात्र हितग्राहियों को क्षेत्र जतारा के नगरीय क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्रों में लाभ दिया गया? नगर परिषद लिधौरा खास में वर्ष 2016-17 में कितने पात्र हितग्राही लाभान्वित हुए? (ख) प्रश्नांश (क) ग्रामीण क्षेत्रों में जिनके पास रहने के लिए मकान नहीं हैं, क्या पंचायत विभाग ऐसे व्यक्तियों का सर्वे करायेगा? (ग) क्या मंत्री महोदय एस.सी., एस.टी. परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना से लाभ दिलायेंगे, जिनके पास रहने लायक घर नहीं है? शासन ने पात्रता सूची किस आधार पर बनाई? क्या मापदण्ड रहा? क्या कोई स्पष्ट दिशा निर्देश है? (घ) विधानसभा क्षेत्र जतारा के ग्राम पंचायतों में निर्मित प्रधानमंत्री आवास से निर्मित मकानों की व्यक्तियों को एक किश्त मिली, दूसरी तीसरी किश्त कब मिलेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अन्तर्गत 3455 पात्र हितग्राहियों को लाभांवित किया गया। नगर परिषद लिधौरा खास में वर्ष 2016-17 में किसी भी हितग्राही को लाभ नहीं दिया गया है। अपितु वर्ष 2017-18 में अब तक 110 पात्र हितग्राहियों को लाभांवित किया गया है। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। पात्रतानुसार लाभांवित किया जायेगा। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अन्तर्गत पात्रता सामाजिक आर्थिक एवं जाति जनगणना-2011 की सूची से वंचितता की तीव्रता अनुसार प्राथमिकता क्रम के आधार पर पात्र हितग्राहियों को लाभांवित किया गया है। जी हाँ। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अन्तर्गत पात्र हितग्राहियों को प्रथम किश्त प्राप्त होने के बाद द्वितीय किश्त का भुगतान कुर्सी स्तर तक कार्य पूर्ण करने पर जियौटेग फोटो आवास सॉफ्ट पर अपलोड करने के उपरांत किया जाता है।
स्थाईकर्मी के पद पर नियमितीकरण
[उच्च शिक्षा]
116. ( क्र. 2140 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय मानकुंवर बाई कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय जबलपुर में कौन-कौन से दैनिक वेतन श्रमिक कब से कार्यरत हैं? नाम एवं नियुक्ति दिनांक सहित सूची देवें। (ख) म.प्र.शासन सामान्य प्रशासन विभाग का पत्र क्रमांक एफ 5-1/2013/1/3/भोपाल, दिनांक 07 अक्टूबर 2016 के दिशा निर्देशों के अनुसार क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शासकीय मानकुंवर बाई कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय जबलपुर में कार्यरत दैनिक वेतन श्रमिक स्थाईकर्मी के पद पर विनियमित करने की पात्रता रखते हैं? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित दैनिक वेतन श्रमिकों को स्थायीकर्मी की श्रेणी प्रदान न किये जाने के क्या कारण हैं? क्या इन्हें स्थाईकर्मी की श्रेणी में समायोजित कर शासन द्वारा निर्धारित मानदेय प्रदान किया जावेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) शासकीय मानकुंवर बाई कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में कुल 28 दैनिक वेतन श्रमिक कार्यरत हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) म.प्र. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्र. एफ 5-1/2013/1/3 भोपाल, दिनांक 7 अक्टूबर, 2016 की कंडिका क्रमांक 1.8 एवं कंडिका क्रमांक 3 के अधीन उत्तर 'क' वर्णित कार्यरत कुल 28 दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों में से कुल 08 दैनिक वेतन श्रमिक स्थाईकर्मी के पद पर विनियमित करने की पात्रता रखते हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) शेष 20 दैनिक वेतन श्रमिकों का प्रकरण नियमानुसार नहीं होने से स्थायीकरण नहीं किया गया है एवं प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। माननीय न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन होने के कारण शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
जबलपुर नगर निगम अंतर्गत अतिक्रमण
[नगरीय विकास एवं आवास]
117. ( क्र. 2141 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्तमान समय में जबलपुर नगर निगम अंतर्गत सुभद्रा कुमारी चौहान वार्ड अंतर्गत कितने अवैध निर्माण चिन्हित हैं? सूची देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के उत्तर में उल्लेखित अवैध निर्माणों की सूची में विधानसभा में पूछे गये प्रश्न क्रमांक 1085 बैठक दिनांक 28/07/2005 के उत्तर में उल्लेखित पुराने बस स्टेण्ड राईट टाउन के आस-पास के 25 अवैध निर्माण शामिल है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में उल्लेखित अवैध निर्माण हटाने के संबंध में कब किसके द्वारा क्या कार्यवाही की गई? इन अवैध निर्माणों को प्रश्न दिनांक तक अलग न करने के क्या कारण हैं? इन अवैध निर्माण को किस प्रकार से कब तक अलग कर दिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जबलपुर नगर निगम अंतर्गत सुभद्रा कुमारी चौहान वार्ड हेतु अवैध निर्माण चिन्हित ऐसी कोई विशिष्ट सूची तैयार नहीं की गई है। तथापि अवैध निर्माण की शिकायत/जानकारी प्राप्त होने पर निगम द्वारा समय-समय पर निरंतर कार्यवाही की जाती है। (ख) प्रश्न क्रमांक 1085 के प्रत्युत्तर में तत्समय 25 अवैध निर्माणों की सूची प्रेषित की गई थी तथापि प्रकरण से संबंधित पश्चातवर्ती विधानसभा प्रश्न क्रमांक 2606 दिनांक 16.11.2010 में प्रेषित प्रत्युत्तर में यह स्पष्ट उल्लेखित किया गया था कि जबलपुर मुख्य बस स्टैण्ड के चिन्हित अवैध निर्माणों के प्रकरणों में सुनवाई उपरांत तत्कालीन आयुक्त नगर निगम जबलपुर द्वारा निर्णय लिया गया है कि 40 वर्ष पूर्व निर्मित दुकानों को अवैध निर्माण मानकर हटवाने के पीछे मकान मालिक किरायेदार विवाद मुख्य है प्रस्तुत दस्तावेजों तथा ब्यानों के आधार कथित अवैध निर्माण हटाने की कार्यवाही नहीं की जा सकती है प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में उल्लेखित कथित अवैध निर्माण हटाने की कार्यवाही नहीं की गई है। प्रश्नाधीन अवैध निर्माणों में सम्मिलित एक दुकानदार श्री गुरूचरण सिंह छावडा के द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में दायर याचिका पर माननीय न्यायालय द्वारा जारी निर्देश के परिपालन में संबंधितों को बुलाकर नगर निगम कार्यालय में दिनांक 11.03.2005 को सुना गया एवं बयान दर्ज किये गये प्रकरण में दिनांक 20.12.2006 को नगर निगम द्वारा निर्णय किया गया कि 40 वर्ष पूर्व की निर्मित दुकानों को अवैध निर्माण मानकर हटवाने के पीछे किरायेदार मकान मालिक विवाद मुख्य है। प्रस्तुत दस्तावेजों तथा ब्यानों के आधार पर कथित अवैध निर्माण को हटाने की कार्यवाही नहीं की जा सकती है। प्रकरण नस्तीबद्ध होने के कारण कोई कार्यवाही नहीं की गई है तथा भविष्य में भी कोई कार्यवाही नहीं होना है।
मनोनीत पार्षदों को मानदेय
[नगरीय विकास एवं आवास]
118. ( क्र. 2170 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में कितनी नगर पालिका एवं कितनी नगर पंचायत कार्यरत हैं? प्रत्येक नगर पालिका एवं नगर पंचायत में कितने पार्षद शासन द्वारा मनोनीत किये गये हैं? (ख) क्या उन मनोनीत पार्षदों को विभाग द्वारा प्रत्येक माह कुछ मानदेय दिया जाता है? यदि हाँ, तो कितना? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शासन मनोनीत पार्षदों को भविष्य में मानदेय दिये जाने पर विचार करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में एक नगर पालिका परिषद गाडरवारा एवं तीन नगर परिषद क्रमश: चीचली, सांईखेडा एवं सालीचौका है। नगर पालिका परिषद गाडरवारा में 04, नगर परिषद चीचली, सांईखेडा एवं सालीचौका में 2-2 पार्षद (एल्डरमेन) शासन द्वारा मनोनीत किये गये है। (ख) जी हाँ। नियम की प्रति जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में स्टेडियम निर्माण
[खेल और युवा कल्याण]
119. ( क्र. 2171 ) श्री गोविन्द सिंह पटेल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत गाडरवारा शहर में स्टेडियम निर्माण हेतु क्या विभाग की कोई योजना है? (ख) क्या इसके लिये समय-समय पर जन प्रतिनिधियों द्वारा विभाग को आवेदन दिया गया है? इस पर विभाग ने अभी तक क्या कार्यवाही की? (ग) क्या नगर में खेल की गतिविधियों के संचालन हेतु एवं खिलाडि़यों की मांग को देखते हुये खेल परिसर एवं स्टेडियम का निर्माण आवश्यक है? यदि हाँ, तो स्टेडियम निर्माण की स्वीकृति लेकर कब तक कार्य प्रारंभ किया जाएगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। गाडरवारा में नगर पालिका के स्वामित्व का मैदान दिनांक 15.09.2015 को विभाग को हस्तांतरित किया गया है। इस स्टेडियम की शेष बाउण्ड्रीवाल का निर्माण एवं पुरूष/महिला खिलाडि़यों के उपयोग हेतु पृथक-पृथक प्रसाधन कक्ष (सुविधा कक्ष) का निर्माण विभाग द्वारा करवाया गया है। (ग) जी नहीं। उत्तरांश ''ख'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जनपद अंतर्गत किये गये ग्राम पंचायतों के कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
120. ( क्र. 2178 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत दो जनपद क्षेत्र आकर पिपलौदा जनपद क्षेत्र अंतर्गत 52 ग्राम पंचायतें सम्मिलित हैं तथा जावरा जनपद क्षेत्र अंतर्गत 38 ग्राम पंचायतें आती हैं? इस प्रकार कुल 90 ग्राम पंचायतों का दोनों जनपदीय क्षेत्र होता है? (ख) क्या ग्रामीण विकास के द्वारा केन्द्र एवं राज्य प्रवर्तित विभिन्न योजनाओं को क्रियान्वयन किया जाता है यदि हाँ, तो ग्रामीण विकास द्वारा वर्ष 2015-16 में योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों मदवार कितनी राशि स्वीकृत एवं व्यय की गई बतावें? (ग) विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों कितने कार्य स्वीकृत किये गये कितने कार्य पूर्ण एवं कितने कार्य अपूर्ण है एवं कितने कार्य अप्रारंभ है? (घ) उक्त कार्यों का भौतिक सत्यापन कराया गया है अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण किये जायेंगे समय-सीमा बतायें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नगरीय क्षेत्र के विकास कार्यों एवं योजनाओं का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
121. ( क्र. 2179 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा केन्द्र/राज्य प्रवर्तित विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ ही अनेक विकास के कार्य भी किये जा रहे हैं तथा स्थानीय नगरीय निकायों की निधि के माध्यम से भी तत्संबंधी अनेक कार्य किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2014-15 से लेकर प्रश्न दिनांक तक विभिन्न प्रकार के माध्यमों से वर्षवार, जावरा विधान सभा क्षेत्र की नगर पालिका परिषद जावरा एवं नगर परिषद पिपलौदा अन्तर्गत कुल कितना-कितना बजट स्वीकृत होकर कितना व्यय हुआ? (ग) उपरोक्त वर्षों में विभिन्न माध्यमों से प्राप्त बजट का व्यय सदन में पारित संकल्पों के माध्यम से एवं पी.आई.सी. के माध्यम से तथा सक्षम अधिकारी के माध्यम से दोनों निकायों में किस-किस प्रकार किन नियमों के अन्तर्गत किया गया? (घ) उपलब्ध बजट में से दोनों निकायों में किस-किस प्रकार के क्या-क्या निर्माण विकास कार्य पूर्ण हुए, अपूर्ण रहे या अप्रारंभ हैं, साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना अन्तर्गत कितने पात्र हितग्राहियों को आवास स्वीकृत होकर पूर्ण हुए, अपूर्ण रहे एवं आगामी वर्षों में और कितने आवासों का निर्माण किया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 एवं इसके अंतर्गत बनाये गये म.प्र. नगर पालिका लेखानियम 1971 एवं म.प्र. नगर पालिका (प्रेसिडेंट-इन-काउसिंल के काम-काज का संचालन तथा प्राधिकारियों की शक्तियां एवं कर्तव्य नियम) 1998 में विहित प्रावधानों के अतंर्गत किया गया है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। प्रधानमंत्री आवास योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
पंचपरमेश्वर योजना अंतर्गत सी.सी. रोड का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
122. ( क्र. 2196 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंच परमेश्वर योजना अंतर्गत सी.सी. रोड निर्माण के संबंध में विकास आयुक्त भोपाल के पत्र दिनांक 24/12/2016 की कंडिका 3:5 में क्या प्रावधान दिया है? पत्र दिनांक 4 जनवरी 2017 की कंडिका क्रमांक 4:1 कंडिका 4:3 कंडिका 8:2 में क्या प्रावधान दिया है? (ख) हरदा जिलान्तर्गत वर्ष 2017 में किस-किस ग्राम पंचायत में कितनी लागत की कितनी सी.सी. रोड स्वीकृत की गई, उनकी निगरानी के लिए एवं मूल्यांकन के लिए किस-किस की समिति बनाई गई, किस-किस मार्ग के लिए कितने क्यूब बनाए गए कितने पाईप डाले गए? (ग) वर्ष 2017 में किस कार्यपालन यंत्री एवं किस ए.ई. या एस.डी.ओ. ने किस सी.सी. मार्ग का निरीक्षण किस दिनांक को किया, उसमें क्या क्या निर्देश दिए गए, (घ) वर्ष 2017 में सी.सी. मार्ग निर्माण से संबंधित कंडिका 3:5 कंडिका 4:1 कंडिका 4:3 एवं कंडिका 8:2 का पालन नहीं करने वालों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, की गई तो कारण बतावें। कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) प्रश्नांकित वर्ष में कराये गये सीमेंट कांक्रीट के कार्य ग्राम पंचायत के माध्यम से कराये जाकर कंडिका 3.5 एवं 4.1 का पालन किया गया है। कंडिका 4.3 एवं 8.2 का आंशिक पालन होने से ग्राम पंचायतों को निर्देशों का पूर्णत: पालन किये जाने हेतु निर्देश पत्र क्रमांक 1025 दिनांक 24.02.2018 को जारी किये गये हैं।
वन सीमा के अंतर्गत आवागमन विस्तारीकरण
[वन]
123. ( क्र. 2201 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन विभाग अंतर्गत वन सीमा से जुड़े ग्रामों के आवागमन के लिये पगडन्डी रास्ता का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या पूर्व से बने पगडन्डी रास्ते की मरम्मत चौड़ीकरण/विस्तारीकरण का प्रावधान वन अधिनियम में नहीं है? क्या वनवासियों को आवागमन की सुविधा से वंचित किया जाना वैधानिक है? यदि नहीं, तो क्या कटनी जिले की तहसील रीठी की ग्राम पंचायत नैगवां के ग्राम सूखा, रमपुरा, कुडाई, खुसरा को आवागमन के लिये सीधा मार्ग हेतु पगडन्डी मार्ग का विस्तारीकरण वन सुरक्षा को देखते हुये, व्यवस्था के तौर पर कराया जा सकता है? (ग) प्रश्नांश (ख) के तारतम्य में प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा प्रेषित पत्र क्रमांक 1351, दिनांक 21.12.2017, क्र. 1361 दिनांक 22.12.2017, क्र. 1414 दिनांक 30.12.2017 के अनुक्रम में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? पत्रवार, तिथिवार, कार्यवाहीवार विवरण दें। (घ) प्रश्नांकित मामले में प्रश्नकर्ता सदस्य एवं अन्य क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों तथा आम नागरिकों द्वारा कब-कब पत्र प्रस्तुत किये गये हैं? प्राप्त पत्रों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? पत्रवार, तिथिवार, कार्यवाहीवार पृथक-पृथक विवरण दें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वन सीमा से जुड़े ग्रामों के आवागमन के लिये वनक्षेत्रों में पूर्व से निर्मित पगडन्डी के उपयोग करने हेतु वन विभाग से अनुमति की आवश्यकता नहीं है। (ख) पूर्व से निर्मित पगडन्डी मार्गों की मरम्मत वन विभाग की अनुमति उपरांत करवाये जा सकते है। पूर्व से निर्मित पगडन्डी मार्गों के चौड़ीकरण/विस्तारीकरण के लिये वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के तहत भारत सरकार की पूर्व अनुमति की आवश्यकता होगी। प्रश्नाधीन क्षेत्र के इस कार्य की स्वीकृति हेतु संबंधित निर्माण एजेन्सी को वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के अन्तर्गत ऑन लाईन आवेदन अथवा पात्रता अनुसार अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के अन्तर्गत निर्धारित प्रपत्र पर आवेदन करना होगा। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
नगर पालिक निगम कटनी अंतर्गत बाजार में बैठकी की नीलामी
[नगरीय विकास एवं आवास]
124. ( क्र. 2206 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर पालिक निगम कटनी एवं नगर पंचायतों द्वारा बाजार में बैठकी की नीलामी कर दी जाती है? यदि हाँ, तो कटनी जिले के अंतर्गत नगरपालिक निगम कटनी एवं नगर पंचायतों द्वारा कब-कब कितनी-कितनी राशि सड़क पर बैठने वाले/हाथ ठेले/भवन एवं अन्य स्थाई एवं अस्थाई स्थानों से वसूल की गई है वर्ष 2016-17 से वर्षवार, निकायवार, पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के कार्यों हेतु विभाग द्वारा कब-कब निविदा जारी की गई? किस फर्म/व्यक्ति को बाजार बैठकी की नीलामी कितनी राशि पर कितनी अवधि के लिये की गई? पृथक-पृथक विवरण दें। (ग) क्या बाजार में बैठकी की राशि लेने के बावजूद भी उन्हें उस स्थान से बेदखल कर सामान उठाना, जुर्माना करना एवं तराजू जप्त कर ली जाती है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) अवधि में कितने दुकानदारों को बेदखल, सामान उठाना आदि से दंडित किया गया? (घ) प्रश्नकर्ता सदस्य के पत्र क्रमांक 1049 दिनांक 27.09.17, क्र. 1100 दिनांक 17.10.17, क्र. 1130 दिनांक 26.10.17, क्र. 1148 दिनांक 30.10.17 एवं क्र. 1214 दिनांक 22.11.17 में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? पत्रवार, तिथिवार, कार्यवाहीवार विवरण दें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
शा.स्नातक महाविद्यालय करैरा में रिक्त पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
125. ( क्र. 2232 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय स्नातक महाविद्यालय करैरा, जिला शिवपुरी में लम्बे समय से कई पद रिक्त होकर शैक्षणिक व अन्य कार्य में व्यवधान हो रहा है जिस हेतु प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा शासन को पत्रों एवं मौखिक व विधानसभा प्रश्न के माध्यम से शासन को अवगत कराया गया? (ख) यदि हाँ, तो इस हेतु प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक कोई भी कार्यवाही शासन एवं प्रशासन द्वारा नहीं की गई जो शासन के नियमों का उल्लंघन है? (ग) क्या शासकीय स्नातक महाविद्यालय करैरा के पदों की शासन द्वारा पद पूर्ति हेतु प्राचार्य करैरा को अधिकृत भी कर दिया गया था परन्तु कोई कार्यवाही नहीं हुई? इसके क्या कारण हैं? (घ) क्या माननीय मुख्यमंत्री की घोषणा अनुसार शैक्षणिक कार्य के कार्यों को प्राथमिकता दी जायेगी? यदि हाँ, तो (क) में उल्लेखित पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी नहीं। शैक्षणिक संवर्ग अंतर्गत रिक्त पदों पर अतिथि विद्वान पदस्थ होने एवं अराजपत्रित संवर्ग अंतर्गत 07 कर्मचारी पदस्थ होने से व्यवधान उत्पन्न नहीं हो रहा है। जी हाँ। (ख) शैक्षणिक संवर्ग अंतर्गत रिक्त पद की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। अराजपत्रित संवर्ग के आउटसोर्स के पदों की पूर्ति हेतु चार बार निविदा विज्ञापन जारी किया गया किंतु निर्धारित मापदंडों के अनुरूप न होने से/एकल निविदा प्राप्त होने के कारण पद पूर्ति नहीं की जा सकी। पुनः नीति नियमों में संशोधन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। संशोधित नीति जारी होने के पश्चात निविदा विज्ञापन जारी कर पद पूर्ति की जा सकेगी। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शासन द्वारा पत्र क्रमांक एफ-30-63/2015 दिनांक 26.11.2016 द्वारा प्राचार्य को अधिकृत किया गया था जिसके अंतर्गत समाचार पत्रों में विज्ञापन जारी किया गया किंतु निविदा निर्धारित मापदंडों के अनुरूप न होने के कारण पद पूर्ति नहीं की जा सकी। (घ) जी हाँ। निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
मनरेगा योजना के कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
126. ( क्र. 2233 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2014 से जनवरी 2018 तक जिला शिवपुरी में ग्रामीण यांत्रिकीय सेवा (आर.ई.एस.) विभाग द्वारा मनरेगा योजना के तहत कितने कार्य विभाग द्वारा कराये गये, की जानकारी कार्य विवरण, राशि कार्य वर्ष आदि सहित दी जावें। (ख) क्या उपरोक्त कार्यों में नाम मात्र के निर्माण कार्य किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्य समय-सीमा में न करने के क्या कारण हैं व इस हेतु कौन-कौन अधिकारी-कर्मचारी जिम्मेदार हैं, की क्या जाँच शासन स्तर से वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की जावेगी? कितने कार्य अपूर्ण हैं? उनका भी कार्य विवरण जानकारी स्थान स्वीकृत राशि आदि सहित दी जावे।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) मनरेगा श्रम मांग आधारित योजना है, श्रमिकों की उपलब्धता समय पर न होने से कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं हुये। अत: अधिकारी-कर्मचारी जिम्मेदार नहीं होने से जाँच का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। प्रश्नांश की शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
पहुँच मार्ग निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
127. ( क्र. 2242 ) सुश्री मीना सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला उमरिया अंतर्गत मानपुर विधान सभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री सड़क योजना/प्रधानमंत्री सड़क योजना के मापदंडों के अंतर्गत कितने ग्रामों एवं मजरे टोलों को पहुंच मार्गों के निर्माण कार्य कर मुख्य सड़कों से जोड़ा जाना शेष है? जिला स्तरीय अधिकारियों/कर्मचारियों से सर्वे कराकर प्रश्न दिनांक तक पहुंच मार्गवार जानकारी उपलब्ध करायें। उक्त योजनाओं के मापदंडों के अंतर्गत कितने छूटे हुये एवं कितने ग्रामों को डबल कनेक्टिविटी कर जोड़ा जाना आवश्यक है और कितने ग्रामों एवं मजरे टोलों को मुख्य मार्गों से जोड़ा जाना आवश्यक है? (ख) क्या उक्त विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्रामों एवं मजरे टोलों को मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिये पहुंच मार्ग निर्माण कार्यों के लिये विभाग के समक्ष कितने-कितने प्रस्ताव जिला स्तर से शासन के निर्देश पर स्वीकृति हेतु पिछले वित्तीय दो वर्षों में प्राप्त हुये और उस पर प्रश्न दिनांक तक की अद्यतन स्थिति क्या है? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित प्रस्तावों में कौन-कौन से पहुंच मार्गों की स्वीकृति जारी की गई और उनके निर्माण कार्य कब तक करा दिये जायेंगे? शेष की स्वीकृति आदेश कब तक जारी कर इसी वित्तीय बजट में निर्माण कार्य कब तक करा दिये जायेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जिला उमरिया के मानपुर विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के 06 ग्राम तथा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के 19 ग्रामों के पहुंच मार्गों के निर्माण कर मुख्य सड़कों से जोड़ा जाना शेष है। मार्गवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। योजनांतर्गत मजरे टोले जोड़े जाने एवं डबल कनेक्टिविटी दिए जाने का प्रावधान नहीं है। (ख) पिछले 02 वित्तीय वर्ष में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत जिले से 06 प्रस्ताव प्राप्त हुए जिसकी प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 23.10.2017 को जारी की गई एवं प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत 05 मार्गों की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव भारत शासन को भेजे गए हैं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत सड़कों की स्वीकृति जारी हो चुकी है। वन विभाग से अनुमति प्राप्त करने की कार्यवाही प्रचलित होने से कार्य प्रारंभ नहीं किए गए हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत प्रस्ताव भारत शासन को स्वीकृति हेतु प्रेषित किए गए हैं, अतः निर्माण कार्य प्रारंभ कराए जाने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सी.सी. रोड का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
128. ( क्र. 2243 ) सुश्री मीना सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला उमरिया अंतर्गत मानपुर विधानसभा क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 15 में नगर पालिका, बिरसिंहपुर पाली द्वारा दफाई मोहल्ला से पार्वती बैगा के घर तक सी.सी. रोड के निर्माण हेतु सड़क निर्माण की निविदा कब बुलाई गई थी वर्तमान में सी.सी. रोड की क्या स्थिति है? सड़क की लागत कितनी है? (ख) उक्त सी.सी. रोड का निर्माण किस एजेंसी के द्वारा कराया गया तथा निर्माण हेतु कितना भुगतान किसको किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अपूर्ण सी.सी. रोड का निर्माण कब तक करा दिया जायेगा तथा विलंब के लिये दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्या शासन कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जिला उमरिया अंतर्गत मानपुर विधानसभा क्षेत्र के वार्ड क्र. 15 में नगर परिषद बिरसिंहपुर पाली द्वारा दफाई मोहल्ला से पार्वती बैगा के घर तक सी.सी. रोड निर्माण की निविदा आमंत्रित नहीं की गई। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री रोड निर्माण से संबंधित निर्देश
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
129. ( क्र. 2285 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा मुख्यमंत्री रोड निर्माण बाबत् क्या गाइड लाइन/आदेश/निर्देश ज्ञापन निर्मित किये गये हैं का विवरण उपलब्ध कराऐं? (ख) विधान सभा क्षेत्र दिमनी जिला मुरैना में जनवरी 2014 से जनवरी 2018 तक कितनी रोड निर्माण किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में स्वीकृत कार्य विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में किये गये हैं? निर्माण कार्य के मद एवं स्वीकृत वर्ष प्राक्कलन राशि आदि की जानकारी दी जावे? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? क्या सभी कार्य पूर्ण हो चुके हैं अथवा शेष हैं व शेष कार्य कब तक पूर्ण कर लिए जाएंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लाभ से वंचित जनगणना 2001 के अंतर्गत सामान्य विकासखण्ड के 500 से कम एवं आदिवासी विकासखण्डों के 250 से कम आबादी के ग्रामों को ग्रेवल सड़क के माध्यम से बारहमासी सड़क की सुविधा मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत उपलब्ध कराई जाती है। (ख) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र दिमनी में जनवरी 2014 से जनवरी 2018 तक 14 सड़क स्वीकृत हुए जिनमें से 13 कार्य पूर्ण एवं 01 कार्य अपूर्ण है। (ग) एवं (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सहायक विस्तार अधिकारी जनपद राजगढ़ की पदस्थापना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
130. ( क्र. 2292 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री आर. सी. गौतम, सहायक विस्तार अधिकारी के पद पर जनपद पंचायत राजगढ़ जिला राजगढ़ में पदस्थ है? यदि हाँ, तो कब से पदस्थ है तथा वर्तमान में किस स्थान पर, किस पद पर, किस दिनांक और आदेश से पदस्थ है? (ख) क्या संयुक्त आयुक्त, विकास आयुक्त कार्यालय मध्यप्रदेश भोपाल के आदेश क्रमांक 8387/22/वि-2/स्था./127 दिनांक 7.7.2017 द्वारा श्री आर. सी. गौतम, सहायक विस्तार अधिकारी जनपद पंचायत राजगढ़ जिला राजगढ़ का प्रशासनिक स्थानान्तरण, स्थानान्तरण नीति वर्ष 2017-18 के कम में जनपद पंचायत सिरमोर जिला रीवा किया गया था? (ग) उपरोक्त स्थानान्तरण होने के बाद भी श्री आर.सी. गौतम, सहायक विस्तार अधिकारी जनपद पंचायत राजगढ़ को स्थानान्तरित जनपद पंचायत सिरमोर जिला रीवा हेतु तत्काल भारमुक्त क्यों नहीं किया गया? (घ) क्या श्री आर.सी. गौतम, सहायक विस्तार अधिकारी जनपद पंचायत राजगढ़ जिला राजगढ़ का जनपद पंचायत सिरमोर जिला रीवा किया गया स्थानान्तरण निरस्त कर दिया गया है? यदि हाँ, तो निरस्त किये जाने का कारण बतावें और यदि नहीं, तो आज दिनांक तक कार्यमुक्त नहीं किये जाने का क्या कारण है बतावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। दिनांक 03.11.2014 से पदस्थ हैं। विकास आयुक्त कार्यालय के पत्र क्र. 11282/22/वि-2/स्था./17, दिनांक 14.09.2017 से सहायक परियोजना अधिकारी के रिक्त पद पर कार्य करने की अनुमति के आधार पर जिला पंचायत राजगढ़ में कार्य कर रहे हैं। (ख) जी हाँ। (ग) आयुक्त, पंचायतराज संचालनालय के आदेश क्र. स्था 1/पं.रा./351/ 2015/16902, दिनांक 27.11.2015 से श्री गौतम को पंचायतराज संचालनालय द्वारा संचालित योजनाओं के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाने व उनके स्थान पर अन्य नोडल अधिकारी की नियुक्ति नहीं होने से श्री गौतम को तत्काल भारमुक्त नहीं किया गया। (घ) जी हाँ। जिला पंचायत राजगढ़ में परियोजना अधिकारी/सहायक परियोजना अधिकारी के सभी पद रिक्त होने के कारण स्थानांतरण निरस्त किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्रामीण खेल मैदान महेशपुरा जिला गुना में स्टेडियम निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
131. ( क्र. 2315 ) श्रीमती ममता मीना : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामीण खेल मैदान महेशपुरा विकासखण्ड चांचोड़ा का कार्य विगत 2 वर्षों से किन कारणों से बंद है? पूर्व में कार्य कर रहे ठेकेदार का अनुबंध किन कारणों से निरस्त किया गया एवं ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ख) मुख्यमंत्री महोदय की महत्वाकांक्षी योजनांतर्गत निर्मित होने वाले खेल मैदान को निर्माण में अवांछित विलंब के लिये कौन-कौन से अधिकारी जिम्मेदार हैं? जिम्मेदार अधिकारियों/ठेकेदार के विरूद्ध कब तक दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्रामीण खेल मैदान (स्टेडियम महेशपुरा) का कार्य पूर्व ठेकेदार द्वारा अधूरा छोड़े जाने से ठेका निरस्त कर पूर्व ठेकेदार की जमा धरोहर राशि एवं शेष कार्य की 10 प्रतिशत राशि राजसात करने की कार्यवाही अनुबंध के प्रावधानानुसार की गई। पुन: निविदा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से कार्य में विलंब हुआ है। (ख) कार्य में विलंब ठेकेदार द्वारा कार्य अधूरा छोड़े जाने से हुआ, इनके विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण उत्तरांश (क) अनुसार है। अत: कार्य में विलंब हेतु अधिकारी जिम्मेदार नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
ग्रामीण यांत्रिकी विभाग की निविदाओं में अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
132. ( क्र. 2316 ) श्रीमती ममता मीना : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में अप्रैल 2017 के पश्चात् किन-किन कार्यों की निविदा कब-कब आमंत्रित की गई एवं सक्षम स्वीकृति कब प्राप्त हुई? स्वीकृति पश्चात ठेकेदारों को अनुबंध हेतु पत्र कब-कब जारी किये गये? शासन के नियमानुसार निर्धारित अवधि में किन-किन कार्यों का अनुबंध किया गया? (ख) गुना जिले में निर्धारित अवधि पश्चात् किन नियमों के तहत अनुबंध किये गये? इस कृत्य से किन ठेकेदारों को लाभ पहुंचाया गया? अनियमितता के लिये जिम्मेदार अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शासन द्वारा जारी निविदा प्रपत्र की शर्त (कंडिका 23.1) अनुसार न्यूनतम दर वाले ठेकेदार से अनुबंध किये गये। अनुबंध करने के पूर्व ठेकेदार द्वारा कार्य की लागत का 5 प्रतिशत परफारमेन्स सेक्यूरिटी के रूप में फिक्स डिपाजिट/बैंक गारंटी जमा की जाती है जिसका सत्यापन बैंक से कराया जाकर अनुबंध संपादित किया जाता है। गुना जिले में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा अंतर्गत आनलाईन प्रक्रिया से निविदाये पूर्ण पारदर्शिता के साथ आमंत्रित की गई एवं न्यूनतम दर वाले ठेकेदार का अनुबंध किया गया। ठेकेदारों को अनुचित लाभ नहीं पहुँचाये जाने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
मुख्यमंत्री सड़क योजना का निर्माण एवं संधारण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
133. ( क्र. 2349 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र कोलारस में वित्त वर्ष 2014-15, 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में कितनी मुख्यमंत्री संडकों की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है वर्षवार, राशिवार, कार्य पूर्णता की समय-सीमा सहित विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत सड़कों में से कितनी सड़कों का निर्माण पूर्ण हो चुका है? कितनी सड़कें अपूर्ण हैं, की सूची सड़क का नाम, ठेकेदार का नाम, पूर्णतः वर्ष, अपूर्ण कारण सहित प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जो सड़कें अभी तक अपूर्ण हैं उनके अपूर्ण होने का क्या कारण है? स्पष्ट कारण सहित जानकारी देवें। (घ) जो सड़कें अपनी समय-सीमा में पूर्ण नहीं हुई उनके अपूर्ण होने का उत्तरदायित्व किसका है? क्या शासन समय-सीमा में पूर्ण नहीं हो पाई सड़कों के लिए जवाबदेह अधिकारी/ठेकेदार के विरूध अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या एवं कब तक कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) वन भूमि/भूमि विवाद के कारण सड़कें समय-सीमा में पूर्ण नहीं हुईं, अतः अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं होता। ठेकेदार के स्तर से विलंब होने पर उनके देयकों से राशि रोकी गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुंगवानी आदिवासी जनपद पंचायत का गठन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
134. ( क्र. 2353 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में विगत 10 वर्षों में कितनी नवीन जनपद पंचायतों का गठन किया गया है? (ख) नवीन जनपद पंचायत गठन किये जाने की क्या प्रक्रिया है? निर्देशिका उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2014 में मुंगवानी आदिवासी जनपद पंचायत के गठन हेतु प्रस्ताव शासन की ओर भेजा गया था? उस प्रस्ताव पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या म.प्र. शासन द्वारा नवीन जनपद पंचायतों के गठन हेतु केन्द्र शासन को कोई प्रस्ताव भेजा गया है? यदि हाँ, तो उसमें मुंगवानी का नाम दर्ज है या नहीं? यदि हाँ, तो मुंगवानी को आदिवासी जनपद पंचायत का दर्जा कब तक मिल जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) विगत 10 वर्षों में एक भी नवीन जनपद पंचायतों का गठन नहीं किया गया है। (ख) नवीन जनपद पंचायत बनाये जाने की प्रक्रिया म.प्र. पंचायतराज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 की धारा 10 के अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लघु वनोपज से संबंधित अधिसूचना एवं आदेश
[वन]
135. ( क्र. 2363 ) श्री संजय उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लघु वनोपज के संबंध में संविधान की 11 वीं अनुसूची, पैसा कानून 1996 एवं वन अधिकार कानून 2006 के अनुसार मध्यप्रदेश वन विभाग ने प्रश्नांकित दिनांक तक भी आवश्यक अधिसूचनाओं का राजपत्र में प्रकाशन नहीं किया? (ख) संविधान की 11 वी अनुसूची, पैसा कानून 1996 एवं वन अधिकार कानून 2006 में क्या-क्या प्रावधान किस लघु वनोपज के संबंध में दिया गया है? इसके अनुसार भारतीय वन अधिनियम 1927 एवं म.प्र. वनोपज विनियमन 1969 की किस-किस धारा के संबंध में किस दिनांक को राजपत्र में किस लघु वनोपज के संबंध में अधिसूचना प्रकाशित की गई है? (ग) संविधान की 11 वीं अनुसूची, पेसा कानून 1996 एवं वन अधिकार कानून 2006 में भारतीय वन अधिनियम 1927, म.प्र. वनोपज व्यापार विनियमन 1969 की किस धारा में किस लघु वनोपज के संग्रहण, विपणन, परिवहन पर प्रतिबन्ध लगाने वन अपराध पंजीबद्ध किए जाने का अधिकार वन विभाग के अधिकारियों को दिया गया है? (घ) लघु वनोपज से संबंधित अधिकार, नियंत्रण एवं प्रबंधन प्रश्नांकित दिनांक तक भी पंचायती राज व्यवस्था को सौंपे नहीं जाने का क्या-क्या कारण रहा है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) प्रश्न के संदर्भ में जारी परिपत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) प्रावधानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-41 एवं मध्यप्रदेश वनोपज (व्यापार विनियमन) अधिनियम, 1969 की धारा-1 के तहत लघु वनोपज से संबंधित प्रकाशित अधिसूचना पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) कतिपय लघु वनोपज को भण्डारण करने के लिये जैव विविधता अधिनियम 2002 के अन्तर्गत रजिस्ट्रेशन का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार तेन्दूपत्ता एवं अन्य विनिर्दिष्ट वनोपज के भण्डारण एवं परिवहन के विनियमन हेतु मध्यप्रदेश तेन्दूपत्ता नियम 1964 एवं मध्यप्रदेश वनोपज (व्यापार विनियमन) अधिनियम, 1969 तथा अन्य लघु वनोपज हेतु भारतीय वन अधिनियम 1927 में प्रावधान किये गये हैं। जैव विविधता अधिनियम 2002 के प्रावधानों के उल्लंघन हेतु वन अपराध पंजीबद्ध करने के लिये परिक्षेत्राधिकारी तथा मध्यप्रदेश तेन्दूपत्ता (व्यापार विनियमन) अधिनियम 1964 मध्यप्रदेश वन उपज (व्यापार विनियमन) अधिनियम 1969 एवं भारतीय वन अधिनियम 1927 में समस्त वन अधिकारी अधिकृत है। (घ) उत्तरांश 'क' एवं 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
136. ( क्र. 2387 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र कालापीपल के नगरीय क्षेत्र पोलायकलां में मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना की स्वीकृति प्रदान की गयी है? (ख) यदि हाँ, तो योजना का कार्य कब तक प्रारंभ किया जावेगा एवं कितने समय में पूर्ण होगा? योजना की क्रियान्वयन एजेंसी कौन रहेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं, अपितु पोलायकलां जिला शाजापुर नगर की पेयजल योजना ए.डी.बी. सहायतित म.प्र. अर्बन सर्विस एम्प्रूवमेंट प्रोजेक्ट के अंतर्गत द्वितीय चरण में प्रस्तावित है। (ख) यह योजना ए.डी.बी. सहायतित म.प्र. अर्बन सर्विस एम्प्रूवमेंट प्रोजेक्ट में प्रस्तावित है समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। इस योजना की क्रियान्वयन एजेंसी म.प्र. अर्बन डेवलपमेंट कं. लि. रहेगी।
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान की जानकारी
[वन]
137. ( क्र. 2395 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में विभिन्न प्रजाति के वन्यप्राणी तथा राष्ट्रीय उद्यान के वन्यप्राणी राष्ट्रीय उद्यान की सीमा से बाहर न जाएं, इस बावत विभाग द्वारा क्या व्यवस्था की गई है तथा क्या उस व्यवस्था में विभाग सफल रहा है? (ख) क्या पन्ना राष्ट्रीय उद्यान के वन्यप्राणी जैसे बाघ, भालू आदि के सीमा से बाहर आने के कारण पालतू पशुओं को नुकसान पहुंचाया जा रहा है तथा ग्रामीणों में भय व्याप्त है एवं नीलगाय व अन्य इसी प्रकार के जानवरों द्वारा फसलों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है वन्यप्राणियों द्वारा फसल क्षति किये जाने पर कितने किसानों को विगत 3 वर्षों में आर्थिक सहायता दी गई? ग्रामवार, तहसीलवार संख्या बतावें? (घ) क्या पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में वन्यप्राणियों के सुरक्षा एवं आमजन की सुविधा की दृष्टि से सीमा पर बाउण्ड्रीवॉल बनवाये जाने का प्रावधान हैं? यदि हाँ, तो कितनी सीमा में निर्माण कर लिया गया है एवं कितनी सीमा शेष हैं? यह निर्माण कार्य कब तक पूरा कर लिया जावेगा? पन्ना राष्ट्रीय उद्यान की सीमा पर बाउण्ड्रीवॉल जैसे निर्माण बावत वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि प्राप्त हुई एवं कितनी राशि का कहाँ-कहाँ व्यय किया गया?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में विभिन्न प्रजाति के वन्यप्राणी उद्यान की सीमा से बाहर न जाये इस बावत् विभाग द्वारा संवेदनशील क्षेत्र में वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार पत्थर दीवाल निर्माण, चैनलिंक फेंसिंग के कार्य किये गये हैं एवं वहां फसल/ पशुहानि कम परिलक्षित हुई है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। जी हाँ। पन्ना टागर रिजर्व के बफर में स्थित एवं कोर सीमा से लगे कुछ ग्रामों में वन्यप्राणियों द्वारा कभी-कभी पालतू पशुओं को नुकसान पहुंचाया जाता है। वन्यप्राणियों द्वारा पालतू पशुओं को नुकसान (घायल/मृत्यु) पहुंचाने पर पशु मालिकों को नियमानुसार क्षतिपूर्ति का भुगतान विभाग द्वारा किया जाता है। अत: ग्रामीणों में इससे किसी प्रकार का भय व्याप्त नहीं है। नीलगाय एवं अन्य वन्यप्राणियों द्वारा सीमा पर स्थित ग्रामों में कुछ स्थानों पर फसलों को नुकसान पहुंचाया जाता है। वन्यप्राणियों द्वारा फसल नुकसान किये जाने पर राजस्व विभाग द्वारा प्रभावित व्यक्ति को निर्धारित प्रावधानों के अनुसार क्षतिपूर्ति राशि प्रदाय की जाती है। विगत तीन वर्षों में वन्यप्राणियों द्वारा फसल क्षति किये जाने पर 105 किसानों को आर्थिक सहायता दी गई है, जिसका ग्रामवार, तहसीलवार विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (घ) जी हाँ। प्रबंध योजना/टाइगर कंजरवेशन प्लान में निहित प्रावधान एवं वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक ग्रामों से लगी हुई राष्ट्रीय उद्यान की सीमा में 16,096 रनिंग मीटर फसल सुरक्षा दीवाल का निर्माण कार्य कराया जा चुका है। कुल लगभग 205 कि.मी. लम्बाई में दीवाल निर्माण कराया जाना शेष है। शेष निर्माण कार्य बजट उपलब्धता अनुसार कराया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। पन्ना राष्ट्रीय उद्यान की सीमा पर फसल सुरक्षा दीवाल निर्माण कार्य हेतु वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त एवं व्यय की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है।
किये जाने वाले आयोजन एवं बजट की जानकारी
[खेल और युवा कल्याण]
138. ( क्र. 2396 ) श्री महेन्द्र सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या पन्ना जिले में विभाग द्वारा खेल एवं युवा विकास से संबंधित गतिविधियों का आयोजन किया जाता है? पन्ना जिले में वित्तीय वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक खेल गतिविधियों के आयोजन हेतु कितन बजट आवंटन प्राप्त हुआ एवं किस-किस गतिविधि में कहाँ-कहाँ, कितना व्यय किया गया? (ख) क्या विधानसभा गुनौर अंतर्गत जनपद पंचायत स्तर, तहसील स्तर, ग्राम पंचायतों एवं स्कूलों में खेल एवं युवा गतिविधि का आयोजन किया गया? यदि हाँ, तो किस-किस ग्राम के कितने प्रतिभागियों ने किस-किस खेल में भाग लिया तथा कहाँ-कहाँ, किसकी निगरानी में खेल आयोजित किये गये? (ग) क्या पन्ना जिले में विभाग द्वारा युवाओं को ग्रामीण क्षेत्रों में खेल सामग्री दी जा रही है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ, किस-किस खेल से संबंधित सामग्री प्रदाय की गई? यदि नहीं, तो क्या प्रावधान नहीं हैं?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है।
मुख्यमंत्री अधोसंरचना के कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
139. ( क्र. 2399 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुख्यमंत्री अधोसंरचना के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत नगर पंचायत सटई में क्या–क्या कार्य होना प्रस्तावित हुआ है? ये कार्य किस बैठक में प्रस्तावित हुआ? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में कुल कितनी–कितनी राशि के कार्य हैं? इन कार्यों की कब निविदा आमंत्रित की गई? कुल कितनी निर्माण एजेंसी निविदा में सम्मिलित हुई? किसका कार्यादेश जारी किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में उक्त कार्य में से कितना कार्य हो चुका है, कितना शेष है? इस कार्य का कितना भुगतान किया जा चुका है, कितना शेष है? (घ) उक्त कार्य की गुणवत्ता की देख-रेख कौन अधिकारी, कर्मचारी कर रहे हैं? क्या इसमें अभी तक कही कोई कमी पाई गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। नगर परिषद सटई द्वारा कार्य के मूल्यांकन अनुसार भुगतान किया गया है वर्तमान में कोई भी भुगतान शेष नहीं है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। जी नहीं।
नगर पंचायत सटई द्वारा किए कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
140. ( क्र. 2400 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत नगर पंचायत सटई में वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने निर्माण कार्यों का कार्यादेश जारी किया गया? सूची प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में प्रश्न दिनांक तक कुल कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं, कितने अपूर्ण है? सभी कार्यों की वर्तमान भौतिक स्थिति क्या है? कुल कितनी राशि का भुगतान किया गया। (ग) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कितने अस्थाई कर्मचारी कार्यरत रहे हैं? प्रत्येक के नाम एवं उनके द्वारा किए जाने वाले कार्यों का विवरण प्रदाय करें। (घ) नगर पंचायत सटई में वर्तमान में कितने कर्मचारी कार्यरत हैं? क्या–क्या कार्य कर रहे हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) कुल 56 निर्माण कार्यों के कार्यादेश जारी किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) नगर परिषद बिजावर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं नगर परिषद सटई की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
वन समितियों द्वारा किये जाने वाले कार्य
[वन]
141. ( क्र. 2406 ) श्री सतीश मालवीय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले के वन मण्डल में कितनी वन समितियां गठित की गई हैं? इन समितियों के माध्यम से वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी लागत के कौन-कौन से कार्य करवाये गये हैं? परिक्षेत्रवार जानकारी देवें। (ख) उज्जैन जिले में वन समितियों द्वारा किये गये कार्यों एवं विभागीय तौर पर किये जाने वाले कार्यों के निरीक्षण, भौतिक सत्यापन एवं मूल्यांकन हेतु विभाग के क्या मापदण्ड हैं एवं किन सक्षम अधिकारियों द्वारा वन परिक्षेत्र अन्तर्गत किये गये कार्यों के निरीक्षण, भौतिक सत्यापन एवं मूल्यांकन कब-कब किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में वन परिक्षेत्र अन्तर्गत किये गये कार्यों के निरीक्षण, भौतिक सत्यापन एवं मूल्यांकन में अनियमितता पाई गई है तो दोषियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) 21 ग्राम वन समितियां गठित हैं। इन समितियों के माध्यम से वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक परिक्षेत्रवार कराये गये कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) वन समितियों द्वारा किये गये कार्यों एवं विभागीय तौर पर किये जाने वाले कार्यों हेतु सामग्री क्रय संबंधी कार्यवाही म.प्र. भण्डार क्रय नियम एवं वित्तीय अधिकार पुस्तिका में वर्णित मापदण्ड अनुसार की जाती है। अन्य क्षेत्रीय कार्य वन वृत्त के मुख्य वन संरक्षक द्वारा निर्धारित मापदण्ड द्वारा सम्पादित किये जाते हैं। निरीक्षण, भौतिक सत्यापन एवं मूल्यांकन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) परिक्षेत्र अंतर्गत किये गये कार्यों के निरीक्षण, भौतिक सत्यापन एवं मूल्यांकन में किसी प्रकार की अनियमितता नहीं पाई गयी है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
एस.बी.एम. पोर्टल पर शून्य प्रदर्शित ग्रामों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
142. ( क्र. 2413 ) श्री हरवंश राठौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रश्नकर्ता के अतांराकित प्र.क्र. 936 दि. 30/11/2017 में बण्डा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत स्वच्छ भारत अभियान अंतर्गत एस.बी.एम. पोर्टल पर शून्य प्रदर्शित/आनलाईन प्रदर्शित नहीं हो रहे, ग्राम पंचायतें हिण्डोरिया, चकेरी शाहगढ़, जालमपुर, पुरा शाहगढ़ के ग्रामों को पोर्टल से हटाने एवं आबाद ग्राम को पोर्टल पर एक्टिवेट करने संबंधी क्या कार्यवाही की गई है एवं कितने हितग्राहियों को प्रश्न दिनांक तक उक्त ग्राम पंचायतों में लाभ मिला है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) अंतर्गत एस.बी.एम. पोर्टल पर शून्य प्रदर्शित/ऑन लाईन प्रदर्शित नहीं हो रहे ग्राम पंचायत हिण्डोरिया, चकेरी शाहगढ़, जालमपुर एवं पुरा शाहगढ़ के ग्रामों को पोर्टल से हटाने एवं आबाद ग्राम को पोर्टल पर एक्टिवेट करने की कार्यवाही पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा की जाती है। विभाग द्वारा उक्त कार्यवाही किये जाने का अनुरोध पत्र भारत सरकार को प्रेषित किया गया है। ग्राम पंचायत चकेरी शाहगढ़, जालमपुर, पुराशाहगढ़ के अंतर्गत हितग्राहियों को दिये गये लाभ की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
कटनी नगर में सार्वजनिक सुविधाओं की उपलब्धता
[नगरीय विकास एवं आवास]
143. ( क्र. 2419 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या कटनी नगर के 24 स्थानों पर सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण वर्तमान में किया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस सक्षम प्राधिकारी के किन आदेशों एवं स्वीकृति से, कितनी लागत एवं किस मद से, किन-किन स्थानों पर, किस मांग एवं प्रस्ताव के आधार पर इन शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) निर्माणाधीन शौचालयों के निर्माण के स्थल के चयन एवं उपयोगिता में अवैध कालोनी क्षेत्र तथा जनसंख्या का ध्यान रखा गया? यदि हाँ, तो किस प्रकार? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) निर्माणाधीन शौचालयों के निर्माण स्थल के ले-आउट प्लान तैयार कर स्वीकृत किये गये और कितने नागरिकों द्वारा इनका उपयोग किया जायेगा, इसका आंकलन किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) कटनी नगर के किन-किन स्थानों पर सार्वजनिक सुविधाओं एवं शौचालयों की आवश्यकता परिलक्षित हुई है? क्या इनको चिन्हित कर शौचालय एवं सार्वजनिक सुविधाओं की उपलब्धता के प्रयास किये गये? यदि हाँ, तो किन-किन स्थानों पर क्या निर्मित किया जाना प्रस्तावित है? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में क्या शौचालयों का निर्माण सर्वाधिक उपयोगिता के स्थलों पर किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? इन शौचालयों के निर्माण के क्या शासनादेश एवं मार्गदर्शी निर्देश हैं? क्या शासनादेशों/विभागीय निर्देशों का पालन किया गया? यदि हाँ, तो किस प्रकार? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। निर्माणाधीन एवं निर्मित कराये जाने वाले शौचालयों के स्थल का चयन नगर पालिक निगम क्षेत्र में खुले में शौच से मुक्त की स्थिति बनाये रखे जाने हेतु एवं स्वच्छ सर्वेक्षण में पूर्व वर्ष में दिये गये निर्देशों को ध्यान में रखते हुए मेयर-इन-काउंसिल, क्षेत्रीय प्रतिनिधियों द्वारा सुझायें गये स्थलों एवं क्षेत्रीय वार्ड दरोगा/उपयंत्री द्वारा चयन किया गया है, उक्त निर्माणाधीन एवं निर्मित कराये जाने वाले शौचालय अवैध कालोनी क्षेत्र में नहीं है, स्थलों का चयन, चयनित स्थल से लगी हुई आबादी की जनसंख्या का ध्यान रखा गया है, जिससे चयनित स्थल के शौचालय का उपयोग अधिक संख्या में नागरिक उपयोग कर सके। शौचालयों का निर्माण चयनित स्थल/बस्ती में उपलब्ध स्थल पर कराया जा रहा है। निर्माण स्थलवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। अनुमानित आंकलन संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तर (ख) अनुसार स्थलों का चयन उपयोगिता के आधार पर किया गया है। जी हाँ जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) जी हाँ। शौचालय का निर्माण उपयोगिता के आधार पर स्थल का चयन किया गया है, जिसके आंकलन का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शौचालयों के निर्माण में शासनादेश एवं मार्गदर्शी निर्देशों तथा विभागीय निर्देशों का पालन किया जाता है। राहगीरों एवं स्थानीय नागरिकों को तत्समय आवश्यकता होने पर उपयुक्त स्थल पर सार्वजनिक शौचालय का निर्माण आवश्यक है।
प्रयोगशाला तकनीशियनों को यू.जी.सी. वेतनमान
[उच्च शिक्षा]
144. ( क्र. 2425 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन के उच्च शिक्षा विभाग अंतर्गत शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक शासकीय सेवकों को यू.जी.सी. वेतनमान प्रदान किया जा रहा है? यदि हाँ, तो किन–किन निर्मित पदों के अंतर्गत? पदवार जानकारी प्रदान करें। (ख) उच्च शिक्षा विभाग द्वारा यू.जी.सी. वेतनमान के अतिरिक्त और कौन-कौन से वेतनमान विभागीय शासकीय सेवकों को प्रदान किये जा रहे हैं? पदवार वेतनमानों की सूची प्रदान करें। (ग) क्या एक ही विभाग में कार्यरत शासकीय सेवकों को दो प्रकार के वेतनमान दिए जा रहे हैं जिससे प्राप्त होने वाले वेतन व संरचना में काफी अंतर व भेदभाव प्रदर्शित होता है? क्या उच्च शिक्षा विभाग में स्वीकृत अन्य पदों (जैसे प्रयोगशाला तकनीशियन व अन्य पद) हेतु यू.जी.सी. वेतनमान में उनके समकक्ष पदों का प्रावधान नहीं है? यदि है तो विभाग द्वारा इस विसंगति को दूर करने हेतु आज तक क्या पहल की गई है? कोई प्रस्ताव शासन को यदि भेजा गया है तो उसकी प्रति उपलब्ध कराये। यदि नहीं, तो क्यों नहीं भेजा गया? (घ) प्रश्नांश (ग) के सन्दर्भ में, क्या विभाग द्वारा इस विसंगति को दूर करने के सम्बन्ध में कोई प्रयास किये जा रहे हैं? कोई कार्य-योजना विभाग द्वारा तैयार की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) एवं (ख) शैक्षणिक एवं अशैक्षणिक संवर्ग में मात्र शैक्षणिक संवर्ग अंतर्गत यू.जी.सी. द्वारा अनुशंसित एवं राज्य शासन द्वारा देय स्वीकृत वेतनमान प्रदान किया जा रहा है। पदवार विवरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ (शैक्षणिक) एवं संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' (गैर शैक्षणिक) पर है। (ग) उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत शैक्षणिक संवर्ग को यू.जी.सी. वेतनमान तथा अशैक्षणिक संवर्ग को राज्य शासन द्वारा निर्धारित वेतनमान दिये जा रहे है। शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक पदों के स्वरूप में भिन्नता होने से भेदभाव का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विसंगति नहीं होने के फलस्वरूप शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास से वंचित ग्राम
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
145. ( क्र. 2429 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा प्रधानमंत्री आवास हेतु हितग्राहियों की दूसरी सूची जारी की गई है? यदि हाँ, तो सुवासरा विधानसभा क्षेत्र की पंचायतों एवं ग्रामों में स्वीकृत नाम बतावें। (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने ग्राम है जिनमें एक भी आवास स्वीकृत नहीं हुआ है? (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने ग्राम हैं जहां 5 आवास से कम स्वीकृत हुए हैं? (घ) वंचित ग्रामों एवं व्यक्तियों के नाम जोड़ने हेतु क्या कार्यवाही की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) शासन द्वारा सूची जारी नहीं की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में ऐसे 15 ग्राम है जिनमें एक भी आवास स्वीकृत नहीं हुआ है। (ग) सुवासरा विधानसभा में 37 ग्रामों में 5 आवास से कम स्वीकृत किये गए है। (घ) भारत सरकार के निर्देश दिनांक 24.01.2018 के परिप्रेक्ष्य में दिनांक 19.02.2018 को समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायतों को प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की स्थाई प्रतीक्षा सूची में पात्र हितग्राहियों के नाम जोड़े जाने हेतु निर्देशित किया गया है।
नाहरगढ़ में परफार्मेन्स-ग्रांट मद से खेल मैदान निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
146. ( क्र. 2432 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मन्दसौर जिले में वर्ष 2014-15 में शासन द्वारा परफार्मेन्स ग्रांट मद से किन-किन ग्रामों में खेल मैदान निर्माण हेतु विधायकों की अनुशंसा पर ग्रामों का चयन किया गया था? विधानसभा क्षेत्रवार ग्रामों की जानकारी देवें? (ख) शासन द्वारा सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम नाहरगढ़ में परफार्मेन्स ग्रांट मद से खेल मैदान निर्माण हेतु क्या-क्या प्रयास किए गए हैं? (ग) ग्राम पंचायत नाहरगढ़ में परफार्मेन्स ग्रांट से खेल मैदान निर्माण नहीं होने के कारण की पूर्ण जानकारी देवें। (घ) किन-किन विधानसभा क्षेत्रों में परफार्मेन्स ग्रांट मद से खेल मैदानों का निर्माण हो चुका है तथा किन-किन विधानसभा क्षेत्रों में निर्माण नहीं हुआ? वंचित विधानसभा में खेल मैदानों के निर्माण हेतु स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मंदसौर जिले में विधानसभा क्षेत्र मल्हारगढ़ में ग्राम पंचायत बुढ़ा, मंदसौर में ग्राम पंचायत दलौदा, गरोठ में ग्राम पंचायत फुलखेड़ा में खेल मैदान का चयन किया गया है। विधानसभा क्षेत्र सुवासरा के ग्राम नाहरगढ़ में शासकीय भूमि उपयुक्त न होने से चयन नहीं किया गया है। (ख) विभाग द्वारा अनुभागीय अधिकारी (राजस्व) को कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के पत्र क्रमांक 254 दिनांक 19.03.2015 द्वारा शासकीय भूमि आवंटन करने हेतु लिखा गया है। ग्राम नाहरगढ़ में सर्वे नं. 10/1 रकबा 16.500 हेक्ट. में से 3.00 हेक्ट. भूमि खेल एवं युवा कल्याण विभाग मंदसौर को आवंटित किया गया था। स्थल निरीक्षण करने पर आवंटित भूमि अत्यधिक स्लोप में होने से इसके समतलीकरण में लगभग 30.00 लाख का व्यय होगा। जो अनुमानित लागत रूपये 80.00 में किया जाना संभव नहीं है। इसके लिये कार्यपालन यंत्री के पत्र क्रमांक 1014 दिनांक 9.9.2015 द्वारा अन्य स्थल में भूमि आवंटन हेतु जिला खेल अधिकारी मंदसौर को पत्र लिखा गया है। (ग) ग्राम पंचायत नाहरगढ़ में उपलब्ध शासकीय भूमि समतल न होने एवं खेल मैदान हेतु उपयुक्त नहीं होने से डी.पी.आर. नहीं बनाया गया है। एवं खेल मैदान निर्माण हेतु तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति भी नहीं जारी की गई है। (घ) मंदसौर जिले में विधानसभा क्षेत्र मल्हारगढ़ में ग्राम पंचायत बुढ़ा एवं मंदसौर में ग्राम पंचायत दलौदा में खेल मैदान का कार्य पूर्ण हो चुका है। वि.सभा क्षेत्र गरोठ में ग्राम पंचायत फुलखेड़ा में खेल मैदान का कार्य पूर्णता पर है। विधानसभा क्षेत्र सुवासरा के ग्राम नाहरगढ़ में शासकीय भूमि उपयुक्त न होने से कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बाबा गरीबनाथ मेला आयोजन व्यवस्था हेतु राशि का आवंटन
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
147. ( क्र. 2456 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शाजापुर जिले के ग्राम अवन्तिपुर बड़ोदिया में लगने वाले बाबा गरीबनाथ मेला को मेला प्राधिकरण में सम्मिलित किया गया है? यदि हाँ, तो कब से? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मेलों की व्यवस्था धर्मस्व विभाग द्वारा कि जाती है? यदि हाँ, तो विगत 5 वर्षों से प्रतिवर्ष मेला व्यवस्था के लिए कितनी राशि कब से दी जा रही है वर्षवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मेले की व्यवस्था जिला प्रशासन एवं धर्मस्व विभाग द्वारा नहीं की जा रही है तो व्यवस्था कि जवाबदारी किसकी है? यदि नहीं, तो उक्त मेले को मेला प्राधिकरण में सम्मिलित करने का औचित्य क्या है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) प्राधिकरण की सूची में वर्ष 2013 से सम्मिलित है। (ख) निरंक। (ग) कलेक्टर से प्रस्ताव प्राप्त होने पर राशि स्वीकृत की जावेगी।
विभाग के अतिशेष अधिकारी/कर्मचारी की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
148. ( क्र. 2458 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में उच्च शिक्षा विभाग में ऐसे कितने अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत हैं जिनका वेतन अपने मूल पद से आहरित न होकर के अन्य पद से आहरित किया जा रहा है? उनका नाम, पद और विभाग/कार्यालय का नाम, जहां व्यक्ति कार्यरत हैं तथा कार्यालय का नाम, जहां से वेतन आहरित किया जा रहा है, बतावें। (ख) उक्त अधिकारी/कर्मचारियों का वेतन किस विषय के विरूद्ध एवं किस पद के विरूद्ध आहरित किया जा रहा है? (ग) क्या प्रदेश में ऐसे कई महाविद्यालयों हैं जहां पद रिक्त हैं यदि हाँ, तो ऐसी स्थिति में ऐसे अतिशेष लोगों को कब रिक्त पदों पर भेजा जायेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। अतिशेष लोगों को यथासमय रिक्त पदों पर भेजा जायेगा। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
विभाग द्वारा स्वीकृत राशि
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
149. ( क्र. 2459 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में पिछले पाँच सालों में विभाग द्वारा कितनी-कितनी राशि की स्वीकृति प्रदान की गई है? (ख) उपरोक्त राशि किस-किस योजना के अंतर्गत स्वीकृत की गई है? (ग) क्या स्वीकृत राशि का पूर्ण उपयोग किया जा चुका है या राशि का समर्पण करना पड़ा है और राशि का समय पर उपयोग न किये जाने का क्या कारण है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) बड़नगर विधानसभ क्षेत्र में मंदिरों के जीर्णोद्धार हेतु पिछले पाँच वर्षों में विभाग द्वारा राशि रूपये 34,82,500/- स्वीकृत किये गये है। (ख) जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. |
मंदिर का नाम |
ग्राम का नाम |
स्वीकृत राशि |
1 |
श्री राम जानकी मंदिर |
लिम्बास |
297500/- |
2 |
श्री महादेव मंदिर |
मुण्डत |
254000/- |
3 |
श्री राम मंदिर |
खरसोदखुर्द |
450000/- |
4 |
श्री राम मंदिर |
घरेरी |
450000/- |
5 |
श्री राम मंदिर |
नाहरखेडी |
1513000/- |
6 |
श्री राम मंदिर |
उडसिंगा |
518000/- |
|
योग |
|
34,82,500/- |
(ग) प्रश्नांश
(ख) के अनु. क्रं. 1 एवं 2 की
राशि रूपये 551500/- का
उपयोग किया जा
चुका है, अनु. क्र0 3 से 6 की
राशि 2931000/-
में
से राशि रूपये
1532400/-का
उपयोग किया
गया तथा शेष
राशि रूपये 1398000/- का
वित्तीय वर्ष
समाप्त होने
के कारण राशि
स्वत: समर्पित हो
गई पुन: कलेक्टर
उज्जैन
द्वारा राशि
की मांग करने
पर विभाग
द्वारा राशि
का आवंटन वित्तीय
वर्ष 2017-18
में कलेक्टर
जिला उज्जैन
को किया गया।
कलेक्टर
जिला उज्जैन
से प्राप्त
जानकारी
अनुसार
कोषालय के
नवीन साफ्टवेयर
में अंतरण की
सुविधा नहीं
होन से डी.डी.ओ.
स्तर पर राशि
का अंतरण नहीं
होने से स्वीकृत
राशि पुन:
समर्पित कर दी
गई।
तालाब सौंदर्यीकरण कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
150. ( क्र. 2476 ) श्री गोवर्धन उपाध्याय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिरोंज विधान सभा क्षेत्र के नगर पालिका सिरोंज एवं नगर परिषद लटेरी में 1 अक्टूबर, 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने निर्माण कार्य कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी लागत के स्वीकृत किये गये हैं? कितने कार्य पूर्ण हुए एवं कितने कार्य अपूर्ण हैं? (ख) क्या नगर पालिका सिंरोज के अंतर्गत तालाब सौंदर्यीकरण के लिए राशि स्वीकृत हुई थी? यदि हाँ, तो किस वर्ष कब-कब और कितनी-कितनी राशि की स्वीकृति प्रदान की गई है? प्राप्त राशि? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार क्या तालाब सौंदर्यीकरण के कार्य पूर्ण हो चुके हैं? यदि नहीं, तो अब तक कार्य पूर्ण क्यों नहीं हुआ है? क्या क्या निर्माण कार्य शेष बचे हैं? कब तक पूर्ण होंगे? कितनी राशि शेष है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। नगर पालिका सिरोंज को तालाब सौंदर्यीकरण के लिये शासन द्वारा वित्तीय वर्ष 2015-16 में राशि रूपये 217.20 लाख स्वीकृत की गई है। प्राप्त राशि रूपये 217.20 लाख है। (ग) जी नहीं। तालाब में पानी भरा रहने के कारण निर्माण पूर्ण नहीं हो पाया। पिचिंग वर्क, रिटेनिंग वाल, टो वाल रेलिंग, बाउण्ड्रीवॉल, पाथ वे, घाट निर्माण, पार्क एवं फर्नीचर आदि कार्य शेष है। शेष कार्य मई 2018 तक पूर्ण होना लक्षित है राशि रूपये 174.20 लाख की राशि शेष है।
अपूर्ण तथा अप्रारंभ कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
151. ( क्र. 2486 ) श्री संजय शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) फरवरी 18 की स्थिति में रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों में स्वीकृत कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं? कार्यवार कारण बतायें। उक्त कार्य कब तक पूर्ण होगें? (ख) उक्त निकायों में पूर्ण किन-किन कार्यों का अंतिम मूल्यांकन क्यों नहीं हुआ? कार्यवार कारण बतायें। अंतिम मूल्यांकन कब तक होगा? (ग) फरवरी 2018 की स्थिति में उक्त निकायों के पास किस-किस मद योजना की कितनी राशि हैं? उक्त राशि व्यय करने की क्या-क्या योजना हैं? उक्त राशि कब तक व्यय होगी? (घ) उक्त निकायों में कहाँ-कहाँ व्यक्ति झुग्गी बनाकर कब से रह रहे हैं? उनकों पट्टा क्यों नहीं दिया तथा कब तक पट्टा देगें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) निकायों में पूर्ण कार्यों के अंतिम मूल्यांकन नहीं होने का कार्यवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) फरवरी 2018 की स्थिति में निकायों के पास मदवार राशि एवं व्यय करने की योजना तथा समय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) निकायों में झुग्गी बनाकर रहने वाले व्यक्तियों के स्थान, रहने की अवधि तथा पट्टा ना मिलने के कारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
केरवा एवं कोलांस नदी से कोलार क्षेत्र में जलप्रदाय
[नगरीय विकास एवं आवास]
152. ( क्र. 2493 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर पालिक निगम भोपाल द्वारा केरवा एवं कोलांस नदी से कोलार क्षेत्र में जल प्रदाय करने की योजना तैयार की गई है? यदि हाँ, तो योजना के नाम और योजना का क्रियान्वयन हेतु बजट में कितनी राशि का प्रावधान किया गया और प्रश्न दिनांक की स्थिति में किस निर्माण एजेंसी द्वारा कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य संपन्न किए जा चुके हैं तथा और कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य होना शेष हैं? योजना का कार्य किस कन्सलटेंसी द्वारा कितनी राशि में किया जाना है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अवगत करावें कि क्या योजना तैयार करने के पूर्व यह सर्वे करा लिया था कि केरवा एवं कोलांस नदी से कोलार क्षेत्र को पानी सप्लाय किए जाने हेतु पर्याप्त पानी उपलब्ध है? यदि हाँ, तो क्या वर्तमान समय में उक्त दोनों स्त्रोतों में आवश्यकता अनुसार पानी उपलब्ध नहीं है? यदि हाँ, तो अरबों रूपये की योजना अदूरदर्शितापूर्वक किस आधार पर तैयार की गई? इस लापरवाही के लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं? उनके विरूद्ध शासन द्वारा क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) केरवा-कोलांस नदी से कोलार को पानी उपलब्ध कराने वाली योजना हेतु निविदा क्रमांक 4381, दिनांक 30 अगस्त, 2016 को जारी की गई, जिसमें 1000 एम.एम. से 1650 तक एम.एम. तक के एम.एस. पाईप डाले जाना प्रस्तावित था, जिसकी लम्बाई 27130 मीटर थी, क्या इस निविदा के विरूद्ध स्थल पर 600 एम.एम. के डी.आई.के.-9 पाई डाले गये हैं? यदि नहीं, तो शासन जाँच कराकर भ्रष्टाचारियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। कोलार क्षेत्र में जलप्रदाय हेतु (केरवा बांध स्त्रोत), यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. योजना के अंतर्गत स्वीकृति प्राप्त हुई थी। योजना के क्रियान्वयन हेतु बजट में राशि रू. 51.80 करोड़ स्वीकृत है। उक्त योजना का क्रियान्वयन मेसर्स तापी प्रीस्ट़्रेस्ड प्रोडक्ट लि. जलगांव महाराष्ट्र द्वारा किया जा रहा है। योजना के अंतर्गत संपन्न किये गये कार्यों एवं शेष कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। योजना का कार्य कंसलटेंट मेसर्स वास्तुशिल्पी भोपाल द्वारा राशि रू. 51.80 लाख में किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। सर्वे उपरांत सबसे उपयुक्त जल स्त्रोत पर योजना तैयार की गई है तथा कोलार क्षेत्र की दो लाख की जनसंख्या के लिए 29 एम.एल.डी. जल केरवा बांध से दिया जाना है, जिसका जल उपलब्धता प्रमाण-पत्र जिला जल उपयोगिता समिति की अनुशंसा उपरांत राज्य उपयोगिता प्रमाण-पत्र प्राप्त किया गया है। केरवा बांध में योजना के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। केरवा जल स्त्रोत में पर्याप्त जल उपलब्ध होने से कोई भी अधिकारी दोषी नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) निविदा क्रमांक 4381 दिनांक 30.07.2016 को आमंत्रित की गई थी न कि दिनांक 30.8.16 को। अमृत योजना में शामिल इस निविदा के अंतर्गत कोलार जलप्रदाय योजना (34.00 एम.जी.डी.) की पी.एस.सी. ग्रेविटी मेन तथा फीडर मेन को एम.एस. पाईप से बदला जाना है, क्योंकि यह पी.एस.सी की ग्रेविटी मेन तथा फीडर मेन बार-बार लीकेज तथा बस्ट होती है, जिससे अत्याधिक पानी व्यर्थ बहता है, साथ ही संपूर्ण शहर की जलप्रदाय व्यवस्था बाधित होती है। इस निविदा के अंतर्गत किये जा रहे कार्य बीओक्यू दर्शाये गये कार्यों के अनुरूप अर्थात 1650 एवं 1000 मि.मी. व्यास के एम.एस पाईप बिछाने का कार्य प्रगति पर है। कोलार उपनगर की पेयजल योजना क्रियान्वयन के लिए यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. योजनान्तर्गत 600 मि.मी.व्यास के डीआई के-9, पाईप बिछाये गये है। योजना का कार्य अनुबंध एवं बीओक्यू के अनुरूप किया जा रहा है। इसके लिए कोई अधिकारी दोषी नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अधिकारियों को वापिस नहीं किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
153. ( क्र. 2494 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रतिनियुक्ति पर एक ही व्यक्ति/अधिकारी को एक ही विभाग में एक से अधिक कितनी बार और कितनी-कितनी अवधि में भेजने तथा निरंतर कितनी अवधि के लिए भेजने का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि किस-किस विभाग से भोपाल नगर निगम में कौन-कौन अधिकारी कब-कब से प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हैं, इसमें से कौन-कौन अधिकारी एक से अधिक बार कितनी-कितनी अवधि के पश्चात कितनी-कितनी बार पुन: प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हैं? उनके नाम व पद सहित बतावें। (ग) क्या प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ कुछ अधिकारियों की सेवाएं मर्ज की गई हैं और उन्हें पदोन्नति दी गई? यदि हाँ, तो किन-किन अधिकारियों की सेवाएं नगर निगम भोपाल में मर्ज की गई और पदोन्नति दी गई है? उनके नाम व पद सहित बतावें। (घ) क्या प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ कुछ अधिकारियों के विरूद्ध भ्रष्टाचार एवं अनियमितता किए जाने संबंधी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो किन-किन के विरूद्ध क्या-क्या शिकायतें हुईं और प्रश्न दिनांक की स्थिति में किन-किन के विरूद्ध (मूल विभाग में भेजने जैसी) क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 की धारा 58 के प्रावधानों के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा प्रतिनियुक्ति की कार्यवाही की जाती है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
परिक्षेत्र रीवा एवं शहडोल में प्राप्त आवंटन एवं व्यय
[वन]
154. ( क्र. 2528 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परिक्षेत्र (कन्जरवेशन) रीवा एवं शहडोल में वर्ष 2014 से वर्ष 2017 तक किन-किन मद में कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ है वर्षवार जिलावार जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्राप्त आवंटन के व्यय की वर्षवार जिलावार, योजनावार, जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) के योजनावार व्यय में हुये भ्रष्टाचार की कितनी शिकायतें किन-किन से प्राप्त हुई, शिकायतकर्तावार जिलावार जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में भ्रष्टाचार में लिप्त वन अधिकारियों के विरूद्ध कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही की गई हैं? अधिकारीवार जानकारी देवें तथा दोषी अधिकारी एवं उनके विरूद्ध जाँच न करने वाले जाँचकर्ता अधिकारी के विरूद्ध कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही कब तक की जावेगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
रीवा नगर की विन्ध्या विहार कालोनी के विकास
[नगरीय विकास एवं आवास]
155. ( क्र. 2543 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रीवा नगर में गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल द्वारा विकसित विन्ध्या विहार कालोनी का हस्तांतरण नगर पालिका निगम रीवा को किस दिनांक को किया गया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कालोनी में स्थित यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारियों के आवास के सामने स्थित पार्क के विकास हेतु धनराशि नगर पालिका निगम रीवा को बैंक द्वारा दी गई है? (ग) नगर पालिका निगम रीवा को उक्त कालोनी में पार्क के विकास हेतु यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया द्वारा कितनी-कितनी धनराशि दी गई एवं उक्त धनराशि से निगम द्वारा क्या-क्या कार्य कराये गये?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) रीवा नगर में गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल द्वारा विकसित विन्ध्या विहार कालोनी का हस्तांतरण नगर पालिका निगम, रीवा को दिनांक 01.11.2014 को किया गया है। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भोपाल के भानपुर खंती में आगजनी की घटना की जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
156. ( क्र. 2544 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या माह जनवरी, फरवरी 2018 में भानपुर खंती भोपाल में भीषण आग लगी थी? यदि हाँ, तो आग लगने की घटना को दिनांक सहित बताया जाये। (ख) क्या नगर पालिका निगम भोपाल द्वारा भानपुर खंती में आगजनी की घटना की जाँच करवाई गई है? क्या घटना की एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है? (ग) भानपुर खंती में आगजनी की घटन को रोकने के लिये निगम द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। दिनांक 30.01.2018 को रात्रि 12:25 बजे फायर स्टेशन फतेहगढ़ को भानपुर खंती में आग लगने की सूचना प्राप्त हुई थी। (ख) जी हाँ। भानपुर खंती में आग लगने की घटना की जाँच हेतु दिनांक 31.01.2018 को पत्र क्रमांक 5641-5642 भोपाल, दिनांक 31.01.2018 द्वारा एफ.आई.आर. दर्ज करने हेतु प्रेषित किया गया है। (ग) भानपुर खंती में आगजनी की घटना को रोकने हेतु विशेषज्ञों के सुझाव अनुसार 4 अतिरिक्त हाईडेंट, कचरे में स्थित मीथेन गैस को निकालने हेतु आठ स्थानों पर बोर कर वेंट पाईप स्थापित किये गये है एवं खंती की सतत् निगरानी हेतु कार्यकारी एजेंसी द्वारा गार्ड लगा दिये गये है तथा वॉच टॉवर भी स्थापित किये गये है। इसके साथ ही सी.सी.टी.व्ही. कैमरे भी संस्थापित करने की कार्यवाही प्रचलन में है। भानपुर खंती को वैज्ञानिक तरीके से स्थाई रूप से बंद करने हेतु एजेंसी नियुक्त की जा चुकी है एवं उनके द्वारा कार्य भी प्रारम्भ कर दिया गया है।
स्मार्ट सिटी योजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
157. ( क्र. 2545 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भोपाल सहित प्रदेश के किन-किन महानगरों/नगरों में स्मार्ट सिटी का विकास किया जा रहा है? (ख) स्मार्ट सिटी के विकास हेतु किन-किन महानगरों/नगरों में कितनी-कितनी शासकीय एवं निजी भूमि की आवश्यकता का आंकलन किया गया है एवं इसमें कितनी-कितनी शासकीय एवं निजी भूमि स्मार्ट सिटी के विकास हेतु उपलब्ध कराई गई है? पृथक-पृथक बताया जाए? (ग) स्मार्ट सिटी के विकास हेतु किन-किन वर्षों में कितनी-कितनी धनराशि केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई? पृथक-पृथक बताया जाए। (घ) प्रदेश के किन-किन नगरों में स्मार्ट सिटी का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है एवं प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या विकास कार्य किये गये? (ड.) स्मार्ट सिटी के निर्माण का कार्य कब तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) स्मार्ट सिटी योजना अन्तर्गत भोपाल सहित इन्दौर, जबलपूर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर एवं सतना शहर में स्मार्ट सिटी का विकास किया जा रहा है। (ख) स्मार्ट सिटी भोपालः- स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत क्षेत्र आधारित विकास हेतु भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉपोर्रेशन लिमिटेड को शासन द्वारा नॉर्थ एवं साउथ टी.टी. नगर में 342 एकड़ शासकीय भूमि हस्तांतरित की गई है। स्मार्ट सिटी इन्दौर:- स्मार्ट सिटी के विकास कार्य हेतु एम.ओ.जी. लाईन के क्षेत्र आधारित विकास के आधार पर चयनित क्षेत्र की वर्तमान में कुल 24.08 हेक्टर शासकीय भूमि का आंकलन किया गया है। इंदौर में कोई भी शासकीय अथवा निजी भूमि आवंटित नहीं की गई है। स्मार्ट सिटी जबलपुरः- जबलपुर स्मार्ट सिटी द्वारा स्मार्ट सिटी प्रस्ताव अनुसार वर्तमान में कुल 334.7 हेक्टर शासकीय भूमि का आंकलन किया गया है। जबलपुर स्मार्ट सिटी को अभी कोई भी शासकीय एवं निजी भूमि आवंटित नहीं की गई है। स्मार्ट सिटी ग्वालियरः- ग्वालियर स्मार्ट सिटी स्मार्ट सिटी प्रस्ताव अनुसार वर्तमान में कुल 23.474 हेक्टर शासकीय भूमि का आंकलन किया गया है। ग्वालियर स्मार्ट सिटी को अभी कोई भी शासकीय एवं निजी भूमि आवंटित नहीं की गई है। स्मार्ट सिटी उज्जैनः- उज्जैन स्मार्ट सिटी के विकास हेतु स्मार्ट सिटी प्रस्ताव अनुसार योजना क्रियान्वयन हेतु कुल 63.081 हेक्टेयर शासकीय भूमि का आंकलन किया गया है। उज्जैन स्मार्ट सिटी के अंतर्गत अभी कोई भी शासकीय एवं निजी भूमि आवंटित नहीं की गई है। स्मार्ट सिटी सागर:- वर्तमान में स्मार्ट सिटी के विकास हेतु शासकीय एवं निजी भूमि का आंकलन प्रक्रियाधीन है। सागर स्मार्ट सिटी के अंतर्गत अभी कोई भी शासकीय एवं निजी भूमि आवंटित नहीं की गई है। स्मार्ट सिटी सतना:- स्मार्ट सिटी योजना अन्तर्गत 325.83 एकड़ शासकीय भूमि एवं 336 एकड़ निजी भूमि का आंकलन किया गया है। सतना स्मार्ट सिटी के अंतर्गत अभी कोई भी शासकीय एवं निजी भूमि आवंटित नहीं की गई है। (ग) स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत वर्षवार धनराशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) स्मार्ट सिटी भोपाल के विकास कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। स्मार्ट सिटी इन्दौर के विकास कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। स्मार्ट सिटी जबलपुर के विकास कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। स्मार्ट सिटी ग्वालियर के विकास कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार एवं स्मार्ट सिटी उज्जैन के विकास कार्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है। सागर एवं सतना शहरों का चयन स्मार्ट सिटी योजना के तृतीय चरण में हुआ है। दोनों शहरों द्वारा स्पेशल परपस व्हीकल (एस.पी.वी.) का गठन किया जाकर मिशन के क्रियान्वयन हेतु प्रोजेक्ट मैनेजमेन्ट कन्सलटेन्ट के चयन की प्रक्रिया प्रचलन में है। (ड.) स्मार्ट सिटी परियोजना से संबंधित कार्य भोपाल, इन्दौर एवं जबलपुर में वर्ष 2021 तक, ग्वालियर एवं उज्जैन में 2022 तक तथा सागर एवं सतना में वर्ष 2023 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़कों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
158. ( क्र. 2559 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र मऊगंज-71 में अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा वर्ष 2010-11 में पूर्ण पैकेज क्रमांक एम.पी.-3240 गाड़ा से दादर (काजिन) एन.एच.-7 से धरमपुा, पहाड़ी से बसिगड़ा, पटेहरा से हर्दिहाई, पैकेज क्रमांक एम.पी.-2341 मऊगंज सीतापुर नरैनी का कार्य दिनांक 05.09.2011 को पूर्ण कर लिया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि हाँ, तो क्या उपरोक्त मार्गों की गारंटी अवधि समाप्त हो गई है? यदि हाँ, तो इन मार्गों के पुनर्निमाण की क्या प्रक्रिया संचालित है? प्रत्येक का पृथक-पृथक विवरण देवें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में पुर्ननिर्माण का कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (घ) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में रिक्त पदों पर पदस्थापना कब तक की जावेगी? यदि नहीं, की जावेगी तो कारण स्पष्ट करें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत मार्गों के पुनर्निर्माण का प्रावधान न होकर संधारण किया जाता है शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में प्रश्न अप्रासांगिक है।
अनियमितता की जाँच कर दोषी के खिलाफ कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
159. ( क्र. 2560 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 410, दिनांक 30.11.2017 के प्रश्नांश (क) से (घ) तक में जनपद पंचायत मऊगंज जिला रीवा में तत्कालीन पदस्थ सहायक यंत्री श्री संतोष तिवारी द्वारा भारी भ्रष्टाचार एवं अनियमितता की जाँच तथा कार्यवाही हेतु मांग की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्राप्त उत्तर में बताया गया था कि वर्ष 2001-02 एवं 2007-08 की अवधि के है निर्माण कार्य स्थल का भौतिक, तकनीकी, अभिलेखीय साक्ष्यों का निरीक्षण कर प्रतिवेदन देने एवं जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही का निर्णय लिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में जाँच अधिकारी द्वारा वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया? यदि हाँ, तो जाँच की समस्त प्रति उपलब्ध करावें? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में जाँच पूर्ण की जा चुकी है? यदि हाँ, तो सम्पूर्ण अभिलेख उपलब्ध करावें? गुण-दोष के आधार पर कौन-कौन जिम्मेदार है बतावें? क्या कार्यवाही की गई बतावें? यदि नहीं, की गई तो क्यों कारण स्पष्ट करें? की जावेगी तो कब तक समय लेट लतीफी के लिये कौन जिम्मेदार है बतावें? जिम्मेदार के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। जाँच कार्य पूर्ण हो चुका है, जाँच प्रतिवेदन संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश उत्तर (ग) अनुसार जाँच पूर्ण की जा चुकी है, जाँच में किसी प्रकार की अनियमितता की पुष्टि नहीं होने से शेष प्रश्नांश अनुसार किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
वन भूमि का हस्तांतरण
[वन]
160. ( क्र. 2579 ) श्री जितू पटवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन द्वारा इन्दौर जिले की महू तहसील स्थित ग्राम बेक की वन भूमि डूबत में आने के कारण वन विभाग को ग्राम चिखली तहसील महू स्थित सर्वे क्र. 45/35 की वन भूमि हस्तांतरित किये जाने के आदेश प्रदान किये गये हैं? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) यदि हाँ, तो प्रश्न क्रमांक (क) अनुसार प्रदत्त भूमि हेतु वन विभाग के अधिकारियों द्वारा वन भूमि का निरीक्षण किया जाकर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है तो निरीक्षणकर्ता अधिकारी द्वारा प्रस्तुत प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार प्रदत्त की जाने वाली समस्त भू-माफियाओं का कब्जा होने से लगभग 400 फुट गहराई वाली वन भूमि विभाग को सौंपे जाने हेतु दबाव बनाया जा रहा है, जो कि वन उपयोग की नहीं होकर अनुपयोगी भूमि है? यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा कब्जा प्राप्त किया गया है अथवा प्राप्त किया जा रहा है? (घ) विभाग द्वारा समतल भूमि का कब्जा कब तक प्राप्त कर लिया जावेगा?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजस्व वसूली में विलंब पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
161. ( क्र. 2586 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनेश पिता मांगीलाल जैन निवासी महिदपुर रोड जिला उज्जैन के प्रकरण में केवियट न लगाने के विधि और विधायी कार्य विभाग में प्र.क्र. 583 दिनांक 24.07.17 में श्री महेन्द्र पटेल खनिज अधिकारी उज्जैन को जिम्मेदार बताया है, इस पर शासन ने अब तक क्या कार्यवाही की है? (ख) यदि नहीं, की है तो कब तक कार्यवाही की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्न में उल्लेखित प्रश्न क्रमांक 583 दिनांक 24.07.2017 में प्रश्न में उल्लेखित अधिकारी को जिम्मेदार नहीं बताया गया है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में गरीब वर्ग को भूमि संबंधी
[नगरीय विकास एवं आवास]
162. ( क्र. 2587 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक कितनी कालोनियों में गरीब वर्ग को आरक्षित भूमि का विक्रय किया गया? विगत 3 वर्षों के विषय में वर्षवार बतावें। (ख) जिन लोगों को उपरोक्त आरक्षित भू-खण्ड विक्रय किये गये उनके नाम, पता, कालोनी नाम देवें। (ग) यदि उपरोक्त प्रक्रिया नहीं की गई है तो कब तक की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं, विगत तीन वर्षों में महिदपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कालोनी विकास की अनुमति नहीं दी गई हैं और न ही गरीब वर्ग को आरक्षित भूमि का विक्रय किया गया हैं। (ख) उतरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (ग) म.प्र. ग्राम पंचायत कॉलोनी विकास नियम 2014 की धारा 15 के अनुसार विक्रय की स्वीकृति सक्षम प्राधिकारी द्वारा ली जाती हैं। इस संबंध में कोई आवेदन कलेक्टर कार्यालय में लंबित नहीं है। म.प्र. नगर पालिका कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण निर्बन्धन तथा शर्ते नियम 1998 के नियम 10 के उपनियम 12 में उल्लेखित विहित रीति अनुसार विक्रय के अधिकार संबंधित कॉलोनाईजर को प्रदान किये गये हैं। इस संबंध में कोई सूची कलेक्टर कार्यालय को प्राप्त नहीं हुई हैं।
खेल मैदान/स्टेडियम निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
163. ( क्र. 2592 ) श्री कमलेश शाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा भगवानपुरा वि.स. के ग्राम धूलकोट में निर्मित खेल मैदान/ स्टेडियम की प्रशासनिक एवं तकनीकि स्वीकृति, साइट प्लान, D.P.R. की जानकारी देवें। (ख) इस स्टेडियम के पूर्णता प्रमाण-पत्र की जानकारी देवें। पूर्णता प्रमाण-पत्र देने के बाद क्या-क्या रिपेयरिंग या निर्माण कब-कब किया गया? कार्यवार सूची देवें। (ग) उक्त निर्माण संबंधी कब-कब, किसके द्वारा जिला स्तर पर क्या-क्या शिकायतें की गई? जानकारी देवें। शिकायत पर जवाबी कार्यवाही की जानकारी देवें। जाँच प्रतिवेदन की प्रमाणित जानकारी देवें। (घ) उक्त निर्माण कार्यों के कब-कब किस के द्वारा निरीक्षण/मूल्यांकन कार्य किया गया की रिपोर्टिंग की जानकारी देवें। समतलीकरण, कमरों में कोटा/टाईल्स, बाहर खेल चित्रण की वर्तमान स्थिति के भौतिक सत्यापन की प्रमाणित जानकारी देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्राम धूलकोट में निर्मित खेल मैदान/स्टेडियम की प्रशासकीय स्वीकृति रू. 80.00 लाख की जिला कलेक्टर एवं तकनीकी स्वीकृति रू. 92.83 लाख की अधीक्षण यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा इंदौर द्वारा प्रदान की गई थी। कार्य का डी.पी.आर. एवं साईट प्लान आदि कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा खरगौन द्वारा तैयार किया गया। (ख) कार्य का पूर्णता प्रमाण-पत्र कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा खरगौन द्वारा दिनांक 16.07.2017 को जारी किया गया। पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी करने के पश्चात कोई भी रिपेयरिंग का कार्य नहीं कराया गया। अतिरिक्त निर्माण कार्य के रूप में रेलिंग का कार्य दिनांक 26.10.2017 को कराया गया। (ग) उक्त कार्य की शिकायत माननीय विधायक द्वारा जिला कलेक्टर खरगौन को दि. 23.10.2017 को की थी। कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा खरगौन द्वारा सहायक यंत्री को कार्य में पाई गई कमियों के सुधार हेतु लिखा गया एवं उनका प्रतिवेदन भी लिया गया। (घ) उक्त निर्माण कार्य का निरीक्षण/मूल्यांकन समय-समय पर कार्यपालन यंत्री एवं सहायक यंत्री स्तर के अधिकारियों द्वारा किया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। खेल मैदान का समतलीकरण, फर्श में कांक्रीट फलोरिंग का कार्य किया गया। बाहर खेल चित्रण का प्रावधान नहीं होने से, नहीं कराया गया।
पौधारोपण कार्यक्रम में भ्रष्टाचार
[वन]
164. ( क्र. 2603 ) श्री बाला बच्चन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 1725 दिनांक 30/11/2017 में बड़वानी में 26.27 लाख पौधे एवं खरगोन में 51.62 लाख पौधे रोपित करना बताया लेकिन इसी दिनांक 30/11/2017 को प्रश्न क्रमांक 1726 में बड़वानी में 25,60,131 पौधे एवं खरगोन में 50,30,138 पौधे रोपित करना बताया इनमें सही जानकारी कौन सी है? (ख) उपरोक्तानुसार बड़वानी में लगभग 67 हजार एवं खरगोन में लगभग 1.32 लाख पौधे कम कैसे हो गये? पौधे की संख्या अधिक दर्शाकर व्यय राशि में भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित दवें? (ग) इन पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (घ) प्र.क्रमांक 1725 दिनांक 30/11/2017 में बतायें गये 7.08 करोड़ पौधे कहाँ से क्रय किये गए? सप्लायर फर्म का नाम सहित देवें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) जानकारी बृहद स्वरूप की है अत: जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जिला पंचायत बड़वानी की समय पर बैठक न होना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
165. ( क्र. 2604 ) श्री बाला बच्चन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत बड़वानी की दिनांक 01/04/2015 से 31/01/2018 तक कितनी बैठके हुई? समीक्षा बैठक, प्रशासनिक, उप समिति की बैठक की जानकारी माहवार, बैठकवार पृथक-पृथक दिनांक सहित देवें? (ख) इनमें जो अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे उनके नाम, पदनाम प्रश्नांश (क) अनुसार देवें? (ग) क्या कारण है कि विगत कुछ समय से समीक्षा बैठकें 2 से 4 माह के अंतराल पर की जा रही हैं अन्य बैठकें भी काफी समय तक नहीं होती, क्यों? ऐसा किसके आदेश या लापरवाही से हो रहा है? अधिकारी के नाम, पदनाम सहित देवें। (घ) इन पर शासन कब तक कार्यवाही कर नियमित बैठकों की व्यवस्था सुनिश्चित करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार। (ग) बैठक प्रतिमाह आयोजित किये जाने के पूर्ण प्रयास किये जाते है, अपरिहार्य कारण होने की दशा में बैठक स्थगित/ आयोजित नहीं की जाती है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) मध्यप्रदेश शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आदेश क्रमांक/एफ-1-1/22/पं-1/2015/12102 दिनांक 14.08.2015 एवं पत्र क्रमांक/एफ-2-2/22/पं-1/2015 दिनांक 20.10.2015 से प्रतिमाह स्थायी समितियों की बैठक आयोजन के निर्देश जारी किये गये हैं।
कुक्षी वि.स. के कार्यों की वर्तमान स्थिति
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
166. ( क्र. 2609 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुक्षी वि.स. क्षेत्र में विभाग द्वारा दिनांक 01/01/2014 से 31/01/2018 तक कितने कार्य किन मदों योजनाओं, निधियों आदि में स्वीकृत किये गए की जानकारी कार्य का नाम, मद, योजना, निधि/ अन्यवार, राशि दिनांक सहित वर्षवार स्थान के नाम सहित दवें? (ख) उपरोक्त में कितने कार्य पूर्ण अपूर्ण हैं? (ग) अपूर्ण कार्यों में आहरित राशि भी देवें। यह कब तक पूर्ण होगें?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश अनुसार 255 कार्य पूर्ण है 48 कार्य अपूर्ण है। (ग) अपूर्ण कार्यों हेतु 182.64 लाख की राशि आहरित की जा चुकी है। कार्य पूर्णता का दिनांक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के अंतिम कॉलम में अंकित है।
हितग्राही योजनाओं के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
167. ( क्र. 2610 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुक्षी वि.स. क्षेत्र में दि. 01.01.16 से 31.01.18 तक विभाग की मनरेगा योजनांतर्गत कितने हितग्राहियों को लाभांवित किया गया? देय राशि वर्षवार बताएं? (ख) उपरोक्त अवधि में कितने कार्य स्वीकृत किए गए? कार्य नाम, लागत कार्य पूर्ण/अपूर्ण स्थिति सहित बतावें। (ग) अपूर्ण कार्यों में प्रश्न दिनांक तक आहरित राशि भी देवें। ये कार्य कब तक पूर्ण होंगे।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) 6517 हितग्राही लाभान्वित। वर्ष 2016-17 में व्यय राशि रू. 390.71 लाख एवं वर्ष 2017-18 प्रश्न दिनांक तक व्यय राशि रू. 422.07 लाख। (ख) 6517 कार्य स्वीकृत। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) अपूर्ण कार्यों में व्यय राशि रू. 812.78 लाख। मनरेगा योजना मांग आधारित होने से कार्यों की पूर्णता जॉब कार्डधारियों द्वारा काम की मांग पर निर्भर होने से राज्य स्तर से कार्य पूर्ण कराने की निश्चित समय-सीमा नियत नहीं की जा सकती है।
मोहनगढ़ में नवीन डिग्री कॉलेज की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
168. ( क्र. 2615 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले के विधान सभा क्षेत्र पृथ्वीपुर के मोहनगढ़ में नवीन डिग्री कॉलेज खोलने हेतु क्या कोई कार्यवाही प्रचलित है? अगर हाँ तो क्या-क्या कार्यवाही प्रचलित है? विवरण देवें। (ख) क्या मुख्यमंत्री जी के पृथ्वीपुर आगमन पर नवीन डिग्री कॉलेज खोलने की घोषणा की गई थी? अगर हाँ तो कब तक मोहनगढ़ में डिग्री कॉलेज खोल दिया जायेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा क्रमांक बी. 4258 के अनुपालन में मोहनगढ़ में महाविद्यालय स्थापित करने हेतु डी.पी.आर. तैयार करने संबंधी कार्यवाही प्रकियाधीन है। (ख) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
एक ही जगह पदस्थ अधिकारियों का स्थानांतरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
169. ( क्र. 2616 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत सागर संभाग में कौन-कौन से सहायक प्रबंधक 8 वर्ष से अधिक समय से एक जिले में पदस्थ हैं? (ख) इन सहायक प्रबंधकों में से कितने सहायक प्रबंधक उपयंत्री के पद से सहायक प्रबंधक के पद पर पदोन्नत किये जाकर उसी जिले में पदस्थ किये गये हैं जहाँ वह पिछले उपयंत्री के पद पर पदस्थ थे? (ग) 8 वर्ष से अधिक समय से एक ही जिले में ऐसे कौन-कौन से सहायक प्रबंधक हैं जो गृह जिले में पदस्थ हैं एवं सहायक प्रबंधक पर पदोन्नत होने के पूर्व भी गृह जिले में ही पदस्थ थे? (घ) शासन के नियमानुसार उपयंत्री के पद से सहायक प्रबंधक के पद पर पदोन्नति उपरांत उसी जिले में या गृह जिले में 8 वर्ष से अधिक समय से नियम विरूद्ध तरीके से पदस्थ सहायक प्रबंधकों को क्या तत्काल स्थानांतरित किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत संभाग सागर में सहायक प्रबंधक के पद पर पिछले 8 वर्ष से अधिक समय से एक जिले में श्री अनिल कुमार अग्रवाल, सहायक प्रबंधक पदस्थ है। (ख) प्राधिकरण में पदोन्नति का प्रावधान नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी निरंक एवं पदोन्नति का प्रावधान न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) ख के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खेल प्रमाण-पत्रों का पुष्टिकरण
[खेल और युवा कल्याण]
170. ( क्र. 2628 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विक्रम, एकलव्य एवं द्रोणाचार्य पुरस्कारों हेतु प्रस्तुत खेल प्रमाण-पत्रों का पुष्टिकरण किन संस्थाओं से कराया जाता है? (ख) प्रदेश में किन खेलों हेतु किन संस्थाओं को खेल विभाग द्वारा संबद्धता प्रदान की गई है? (ग) मध्यप्रदेश खेल विभाग की सूची अनुसार पॉवरलिफ्टिंग खेल की राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त संस्था कौन सी है? संस्था का पता बतावें।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) विक्रम एवं एकलव्य पुरस्कारों हेतु प्राप्त आवेदन पत्रों में संलग्न खेल प्रमाण-पत्रों की पुष्टि मूल प्रमाण-पत्रों से शासन द्वारा इस हेतु गठित समिति द्वारा किया जाता है। द्रोणाचार्य पुरस्कार हेतु प्रदेश सरकार द्वारा आवेदन आमंत्रित नहीं किए जाते है। अतः उनके प्रमाण-पत्रों की पुष्टि का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) खेल और युवा कल्याण विभाग द्वारा किसी भी संस्था को सम्बद्धता प्रदान नहीं की गई है। (ग) उत्तरांश ''ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगरीय निकायों का गठन एवं पुनर्गठन
[नगरीय विकास एवं आवास]
171. ( क्र. 2632 ) श्री हर्ष यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश सरकार ने गत 5 वर्ष में कितने नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों का गठन, पुनर्गठन एवं विस्तार किया है? (ख) कुल कितने गांवों का नगरीय निकायों के गठन पुनर्गठन एवं विस्तार में समायोजन किया गया है? (ग) उपरोक्त जानकारी निकायवार प्रदान करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) गत 05 वर्ष में 23 नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों का गठन, पुर्नगठन एवं विस्तार किया गया है। (ख) नगरीय निकायों के गठन, पुर्नगठन एवं विस्तार में कुल 260 गांवों का समायोजन किया गया है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है।
जी.एस.डी.पी. संबंधी जानकारी
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
172. ( क्र. 2633 ) श्री हर्ष यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश की प्रति व्यक्ति वार्षिक आय गत 5 वर्ष में कितनी रही? जिलेवार गत 5 वित्त वर्ष की जानकारी दें। (ख) मध्यप्रदेश की जी.एस.डी.पी. पिछले 5 वर्ष में कितनी रही है? जिलेवार जानकारी दें। (ग) मध्यप्रदेश में कृषि का जी.एस.डी.पी. में कुल योगदान की जिलेवार जानकारी दें।
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) मध्यप्रदेश की प्रति व्यक्ति वार्षिक आय (प्रति व्यक्ति निवल राज्य घरेलु उत्पाद) गत 5 वर्ष में प्रचलित भाव पर वर्ष 2012-13 में 44931 रूपये वर्ष 2013-14 में 52129 रूपये वर्ष 2014-15 में 56093 रूपये वर्ष 2015-16 में (प्रावधिक) 61204 रूपये एवं वर्ष 2016-17 (त्वरित) में 73268 रूपये तथा स्थिर (2011-12) भाव पर वर्ष 2012-13 में 41287 रूपये वर्ष 2013-14 में 42778 रूपये वर्ष 2014-15 में 44357 रूपये वर्ष 2015-16 (प्रावधिक) में 46324 रूपये एवं वर्ष 2016-17 (त्वरित) में 52406 रूपये रही। आधार वर्ष परिवर्तित होने कारण नवीन आधार वर्ष 2011-12 पर जिलेवार अनुमान उपलब्ध नहीं है। (ख) मध्यप्रदेश की जी.एस.डी.पी. गत 5 वर्ष में प्रचलित भाव पर वर्ष 2012-13 में 38092480 लाख रूपये वर्ष 2013-14 में 43948344 लाख रूपये वर्ष 2014-15 में 48012133 लाख रूपये वर्ष 2015-16 (प्रावधिक) में 53044261 लाख रूपये एवं वर्ष 2016-17 (त्वरित) 63921967 लाख रूपये तथा स्थिर (2011-12) भाव पर वर्ष 2012-13 में 35168262 लाख रूपये वर्ष 2013-14 में 36513394 लाख रूपये वर्ष 2014-15 में 38410515 लाख रूपये वर्ष 2015-16 (प्रावधिक) में 40797001 लाख रूपये एवं वर्ष 2016-17 (त्वरित) में 46513553 लाख रूपये रही है। आधार वर्ष परिवर्तित होने कारण नवीन आधार वर्ष 2011-12 पर जिलेवार अनुमान उपलब्ध नहीं है। (ग) आधार वर्ष परिवर्तित होने कारण नवीन आधार वर्ष 2011-12 पर जिलेवार अनुमान उपलब्ध नहीं है।
वृक्षारोपण के संबंध में
[वन]
173. ( क्र. 2640 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में 1 अप्रैल, 2014 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार कितने पौधों का रोपण किया गया वर्षवार कुल संख्या बतायें। (ख) प्रदेश में वर्ष 2017 में वन विभाग द्वारा किस-किस जिले में कितने पौधे कितनी लागत से रोपित किये गये थे और किन संस्थाओं से किस दर पर क्रय किये गये? जिलावार संख्या बतायें। (ग) वन विभाग द्वारा वर्ष 2017 में रोपित कितने पौधे जनवरी, 2018 की स्थिति में जीवित है जिलावार संख्या बतायें। भौतिक सत्यापन कब-कब और किस अधिकारी द्वारा किया गया?? (घ) प्रश्नांश (क) अवधि में पौधारोपण में अनियमितताएं की कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? उन पर क्या कार्यवाही की गई?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) प्रश्न की जानकारी वृहद स्वरूप की है अतः जानकारी एकत्रित की जा रही है।